Professional Documents
Culture Documents
CB VIII Hindi Phool Aur Kante
CB VIII Hindi Phool Aur Kante
Std: VIII
काटँ ा िकसी क भी उगँ ली म चभु जाता है और अगर िकसी के कपड़े म फँस जाए
तो कपड़े भी फट जाते ह । काटँ ा फूल पर बैठने वाली िततिलय के भी पर फाड़
देता है और भ र के काले शरीर को भी नक ु ले शरीर से घायल कर देता है और
दसू री तरफ फूल है जो िक िततिलय व भ र को अपना रस चूसने दते ा है ।
अपनी खशु बू और िनराले रगं से वह हमारे मन क काली को िखला देता है । काटँ ा
जो िक सबक आख ँ म हमेशा खटकता रहता है । फूल अपने सदाचरण से हमेशा
देवताओ ं के िसर पर सशु ोिभत होता है । िजस कार फूल म सभी अ छे गणु है
उसी कार हम मनु य वग को भी अ छे गणु अपनाने चािहए तािक हम भी फूल
क तरह अपना नाम रोशन कर सके ।