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प्रेમ का धर्म -Dec17, 2021
प्रेમ का धर्म -Dec17, 2021
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"ेम का धम(
!ह#द-ू मिु *लम -ववाह
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________________________________________________________________
Library and Archives Canada Cataloguing in Publication
Amin, Dilip, author
Interfaith marriage: share and respect with equality
/ Dilip Amin, Ph.D.
Includes bibliographical references and index.
Issued in print and electronic formats.
ISBN 978-1-988207-20-9 (softcover).--ISBN 978-1-988207-19-3 (Kindle)
1. Interfaith marriage. 2. Interfaith marriage--Anecdotes.
I. Title.
HQ1031.A48 2017 306.84'3 C2017-901813-2
C2017-901814-0
________________________________________________________________
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book.
ISBN 978-1-988207-20-9
खण्ड ३.२८: मेरी पत्नी मुझे कािफर कहती है... मैं मर जाना चाहता
हूँ .............................................................................................. 105
खण्ड ३.२९: जीवन दुष्कर होता जा रहा है... ..................................... 107
खण्ड ३.३०: वह मुझे जब तब पीटने लगता था.................................. 109
खण्ड ३.३१: मैं अब एक िहं दू हूँ : एक भूतपूवर् मुसलमान के जीवन अनुभव
................................................................................................. 112
vi
(म-सच
ू ी
खण्ड ३.३२: मैं कॉलेज में एक मुिस्लम युवक से प्रेम कर बैठी... भगवान की
कृपा से मैं बच गई। ..................................................................... 115
खंड ३.३३: सैफ और करीना का अंतर-धािमर् क िववाह ........................ 134
अध्याय ४: िसख मुिस्लम की प्रेम कहािनयां ......................................... 140
खण्ड ४.१: समानता पर आधािरत िसख-मुिस्लम िववाह ..................... 142
खण्ड ४.२: एक िसख युवती और एक मुिस्लम का १० वषोर्ं का साथ .... 145
खण्ड ४.३: मैं अपने प्रेमी से इस्लाम अपनाने के िलए नहीं कह सकती ... 148
अध्याय ५: जैन-मुिस्लम की प्रेम कहािनयां ........................................... 150
खण्ड ५.१: एक जैन िहं दू युवती का एक मुिस्लम युवक से प्रेम ............ 152
खण्ड ५.२: एक मुिस्लम युवती का एक जैन युवक से कनाडा में प्रेम ..... 154
खण्ड ५.३: एक जैन युवती की मुिस्लम से िववाह की योजना .............. 156
खण्ड ५.४: एक मुिस्लम युवक और एक जैन युवती का प्रेम ................ 157
खण्ड ५.५: मैं एक जैन युवती हूँ और एक मुिस्लम से प्रेम करती हूँ ....... 159
खण्ड ५.६: एक मुिस्लम: मैं जैन धमर् अपनाना चाहता हूँ ...................... 160
अध्याय ६: धमर्ग्रन्थ .......................................................................... 162
खंड ६.१: धमर्ग्रन्थ और अंतर-धािमर् क िववाह .................................... 164
खण्ड ६.२: गीता और अब्राहम-पंथी................................................. 167
खण्ड ६.३: कुरान और िहन्दू ........................................................... 171
अध्याय ७: िनयम और कानून ............................................................ 176
७.१: अंतर-धािमर् क िववाह एवं तलाक़ संबंधी कानून .......................... 178
पिरिशष्ट अ: शब्दकोष ..................................................................... 188
पुस्तक का अनुमोदन......................................................................... 202
अनुक्रमिणका .................................................................................. 205
vii
!ेમ का धम'
viii
भूिमका
म/ने अपने जीवन म5 धम' म5 कोई 89च नह;ं ल; >क?तु धम' का महBव तब मालम
ू
हुआ जब मेरे बFचे Gववाह योIय हुए। म/ िजस बहुलतावाद; (pluralist) संXकारY
के साथ बड़ा हुआ उसम5 मेरे ]लए अ?य लोगY के Gव]श`टवाद; (exclusivist)
GवचारY को हज़म करना मिु gकल था।
मझ
ु े iात हुआ >क मेरे कुछ सkबि?धयY व ]मlY ने Gववाह करने हे तु अपना
धम'पmरवत'न कर ]लया है । वे या तो शहादा कo क़सम उठाकर मिु Xलम हो गए ह/
अथवा 9गmरजाघर (चच') म5 Gववाह-पव
ू ' होने वाले अनब
ु ंध पर हXताsर करके उ?हYने
अपने भावी बFचY को भी ईसाई बनाना Xवीकार कर ]लया है । वे मझ
ु े अ9धक
GवXतत
ृ जानकार; दे ने से बचते रहे और मेरे सवालY को वे उनके wनजी जीवन म5
दखल मानते थे। ऐसे म5 सच कo खोज के ]लए म/ने अपने आस पास नज़र दौड़ाने
कo जगह वैिgवक Xतर पर खोज श8
ु कo और २००९ म5 इंटरनेट-आधाmरत एक
संगठन (Interfaithshaadi.org) श8
ु >कया जो समानता पर आधाmरत अंतर-
धा]म'क (interfaith) Gववाह के Gवषय पर उ?मˆ
ु त चचा' और जानकार; के ]लए
था।
अनम
ु ानतः १२०० से अ9धक यव
ु ाओं को उनके अंतर-धा]म'क !ेम के बारे म5 परामश'
दे कर म/ने एक समानता पर आधाmरत अंतर-धा]म'क Gववाह का स?दे श दे ने का
!यास >कया है । मेरे Gवचारो और परामश' का अनस
ु रण कर इन यव
ु ाओं ने मझ
ु े
संबल •दया है >क म/ सह; राह पर हूँ।
!ेમ का धम'
इस पX
ु तक के साथ म/ परू े Gवgव भर म5 धा]म'क बहुलतावाद और एक दस ू रे कo
आXथाओं के !wत आदर भाव रखने का संदेश दे ना चाहता हूँ। म/ने यव
ु ाओं और
1
उनके माता-Gपता के ]लए कई य™
ू यब
ू वी•डयो संदेश •दए ह/ और आशा है >क
आपको यह उपयोगी लग5 गे।
इस पX
ु तक म5 कई –यिˆतयY का !šयs एवं अ!šयs योगदान है । पहले पहल
तो म/ उन सभी ५००० से अ9धक लोगY का ध?यवाद करना चाहूंगा िज?हYने
समानता पर आधाmरत अंतर-धा]म'क Gववाह से सkबं9धत अपने Gवचार हमारे मंच
(interfaithshaadi.org) पर रखे। म/ उन १२०० से अ9धक अंतर-धा]म'क !े]मयY
का भी ध?यवाद करना चाहूंगा िज?हYने अपने wनजी अनभ
ु व मेरे साथ साझा >कये।
ऐसे संदेशY और अनभ
ु वY ने ह; मेर; इस पX
ु तक को आकार और Xव›प •दया है ।
इनम5 ४५ से •यादा •ह?द-ू मिु Xलम यव
ु कY के !ेम अनभ
ु वY या !ेम कहाwनयY को
इस पX
ु तक म5 भी रखा गया है । हम5 नह;ं पता >क कई !ेम कहाwनयY म5 आगे
ˆया हुआ ˆयY>क यव
ु ाओं ने बाद म5 हमसे और –यिˆतगत Gववरण पर चचा' नह;ं
कo है ।
1
https://www.youtube.com/user/InterfaithShaadi/videos.
2
अमेज़न, पोथी और गGड़ Iकाशन पर उपलOध है ।
x
अध्याय १: प्रस्तावना
यह पX
ु तक समानता (equality) पर आधाmरत अंतर-धा]म'क Gववाह को बढ़ावा दे ने
के ]लए ]लखी गई है । यह अंतर-धा]म'क संबंधY म5 आने वाल; समXयाओं पर
!काश डालती है िजससे >क अंतर-धा]म'क यग
ु ल और उनके माता-Gपता लाभाि?वत
हो सक5। अंतर-धा]म'क GववाहY के बारे म5 जाग8कता फैलाकर लेखक चाहते ह/ >क
Gवgव म5 धा]म'क बहुलतावाद (pluralism) और स´लाव (सहनशीलता, true
respect for other faiths) को बढ़ावा ]मले।
यह पX
ु तक अंतर-धा]म'क Gववाह के बारे म5 कोई हवाई बात5 अथवा लµफ़ाज़ी नह;ं
करती। अपनी बातY और तक° को ]स´ध करने के ]लए लेखक ने žंथY, ऐwतहा]सक
पmर!े·यY एवं अंतर-धा]म'क GववाहY से सkबं9धत कानन
ू Y आ•द कo सहायता ल; है ।
इसके अwतmरˆत ४५ से •यादा •ह?द-ू मिु Xलम यव
ु कY के जीवन अनभ
ु व भी इस
पX
ु तक म5 सिkम]लत >कये गए ह/।
धा]म'क आXथा से wनतांत अन]भi होते ह/ यहाँ तक >क अपने धम' के बारे म5 भी
उनका iान आधा-अधरू ा ह; होता है ।
3
https://www.interfaithshaadi.org/the-changing-landscape-of-hindus-in-america-an-
interfaith-marriages-survey/.
4
https://www.interfaithshaadi.org/the-changing-landscape-of-muslims-in-america-a-
survey-of-interfaith-marriages/.
2
!Xतावना
इस पX
ु तक का !मख
ु उ´दे gय •ह?द-ू मिु Xलम सkब?ध म5 ]लŽत यव
ु ाओं का
संवेदनशील धा]म'क म´
ु दY पर माग'दश'न करना है । >क?तु लेखक सभी अंतर-
धा]म'क !ेमी जनY और उनके पmरवारY को सावधान करना चाहते ह/ >क अंतर-
धा]म'क Gववाह कo पगडÁडी पर चलना आसान नह;ं है ।
3
!ेમ का धम'
4
!Xतावना
सह; अथवा गलत का wनधा'रण करना नह;ं है अGपतु ऐसे !ेमी जोड़Y को वह Gवषय
उपलÊध कराना है िजस पर चचा' कर वे एक सझ
ू -बझ
ू भरा wनण'य ले सकते ह/।
लेखक कo कामना है >क आपका अंतर-धा]म'क Gववाह द;घा'यु हY, चाहे आप धा]म'क
Xवतंlता को कैसे भी पmरभाGषत कर5 ।
लोग कहते ह/ >क *ेम का कोई धम2 नह5ं होता। हमने पाया >क धम' !ारं ]भक !ेम
अवXथा म5 wछपा रहता है , ले>कन wनयोिजत Gववाह से ठÍक पहले धम' एक बड़ी
ताकत लेकर सामने आता है । अंतमे, बFचे के ज?म के बाद, !ेम –यावहाmरक 8प
से गायब हो जाता है और केवल धम' ह; बचता है ।
लेखक का अनभ
ु व कहता है >क !ारkभ म5 सभी यव
ु ा अपने !ेम म5 सहनशील होते
ह/ और अपने साथी के धम' के साथ सहज होते ह/ >क?तु धीरे -धीरे अपने माता-
Gपता अथवा समाज के तिु `टकरण के ]लए अस•ह`णु हो जाते ह/। अंत म5 लेखक
को यह; अनभ ु व हुआ >क अ9धकतर अंतर-धा]म'क !ेमी एक "समानता पर आधाmरत
अंतर-धा]म'क Gववाह" के ]लए तैयार नह;ं थे।
इस पX
ु तक के साथ लेखक कo यह; कामना है >क धा]म'क Gव]श`टवाद के !wत
जाग8कता बढे ˆयY>क यह; धमाÏधता (bigotry) !ेमी और Gववा•हत अंतर-धा]म'क
यग
ु लY म5 पीड़ा का कारण बनती है । लेखक का एक माl ¸येय धा]म'क स´भाव
और बहुलतावाद को बढ़ावा दे ना है ।
5
https://www.youtube.com/user/InterfaithShaadi/videos.
5
अध्याय २: िहन्दू -मुिस्लम िववाह
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
7
!ेમ का धम'
हाँ, संभव है । अ9धकतर मामलY म5 दोष धम'žंथY का नह;ं होता अGपतु उस –यिˆत
Gवशेष ने उन žंथY का ˆया अथ' लगाया और ˆˆया सीखा वह दोषपण
ू ' है ।
क़ुरान के अनस
ु ार, "तम
ु (मस
ु लमान) >कसी मश
ु mरक Xlी (जो मwू त' पज
ू क हो
अथवा अÂलाह के अलावा >कसी और को भगवान मानती हो) से Gववाह नह;ं करोगे
जब तक >क वह इXलाम कबल
ू न कर ले। एक अÂलाह को मानने वाल; गल
ु ाम
म•हला एक मश
ु mरक Xlी से •यादा बेहतर ह/ हालां>क मश
ु mरक Xlी तk
ु हे •यादा
मो•हत करे गी।"8,9
•हंद ु मत के अनस
ु ार Gववाह एक पGवl बंधन है जब>क इXला]मक wनकाह (Gववाह)
अÂलाह कo आiानस
ु ार एक अनब
ु ंध (contract) है । एक गैर-मिु Xलम को wनकाह
से पहले शहादा कo कसम उठानी होती है । शहादा एक घोषणा है >क अÂलाह के
अलावा कोई और भगवान नह;ं है और पैगkबर मह
ु kमद ह; उनके दत
ू ह/। अÂलाह
के समकs >कसी और को भगवान मानना, मwू त'यY को पज
ू ना अथवा >कसी भी
जीGवत अथवा मत
ृ कo !ाथ'ना करना सबसे बड़ा पाप है । शहादा कo कसम और
धमा'?तरण के Ëबना कोई भी इमाम wनकाह नह;ं पढ़वाएगा10 तथा एक •ह?द ू Gववाह
इXलामी कानन
ू Y म5 मा?य नह;ं है । एक प›
ु ष और Xlी का wनकाह के Ëबना ]मलन
इXलाम म5 –य]भचार माना गया है िजसकo सज़ा मšृ यु है वह भी पšथर मार-मार
6
http://www.academia.edu/6606072/Inter-Religious_Marriage_from_Socio-
Historial_Islamic_Perspectives.
7
https://www.interfaithshaadi.org/the-changing-landscape-of-muslims-in-america-a-
survey-of-interfaith-marriages/.
8
क़ुरान २:२२१।
9
पढ़e ”कुरान और gहhद”ू (खंड ६.३)।
10
एक अपवाद िजसका हमe wान है : http://interfaithshaadi.org/ismaili-hindu-marriage/.
8
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
11
xयzभचार पर पढ़e बख
ु ार~ 6:60:79 (बख
ु ार~ हद~थ के Iथम संकलक€ मe से एक है ।)
12
पैग•बर मह
ु •मद ने कहा है "जो भी अपना मिु ƒलम धम„ बदलता है , उसे मार दो।" (बख
ु ार~
9:84:57)
13
http://www.academia.edu/6606072/Inter-Religious_Marriage_from_Socio-
Historic_Islamic_Perspectives.
9
!ेમ का धम'
इXलाम म5 Gववाह के ]लए काफo कठोर शतÔ ह/ और यह शतÔ सनातन साथी (बौ´ध,
जैन, ]सख और •ह?द)ू के ]लए ईसाई और यहूद; (पX ु तक मानने वाले लोग,
अ¹ाह]मक) साथी कo तल
ु ना म5 •यादा कठोर ह/। अ9धकतर संबंधY म5 , एक सनातनी
–यिˆत को, जो एक मिु Xलम के साथ !ेम संबंध म5 है , इन सब शत° का पता
Gववाह से ठÍक पहले लगता है । ऐसे समय म5 और इतने वष° के !ेम संबंधY के
बाद चाहे अनचाहे इन शत° को मानने के अलावा संबंध बचाने का कोई और चारा
नह;ं रह जाता।
10
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
अंतर-धा]म'क Gववाह एक दस
ू रे कo आXथाओं के परXपर सkमान पर आधाmरत
होने चा•हए एवं ऐसे Gववाह एक दस
ू रे पर अपनी धा]म'क अपेsाओं को लादे Ëबना
संप?न होने चा•हए। Gववाहोपरांत, दोनY सा9थयY कo आXथाओं का परXपर सkमान
होना चा•हए एवं पाmरवाmरक जीवन और संतानY के लालन-पालन म5 भी दोनY धम°
को महšव ]मलना चा•हए। अंत म5 बFचे Xवयं ह; ऐसी Gवरोधी Gवचारधाराओं के
साथ जीने का Xवयं ह; हल wनकाल ल5गे।
11
!ेમ का धम'
इXलामी कानन
ू एक प›
ु ष को चार Gववाह करने कo अनम
14
ु wत दे ता है >क?तु वे
सभी िXlयां अ¹ाह]मक (मिु Xलम, ईसाई अथवा यहूद;) होनी चा•हए एवं Gववाह से
उšप?न बFचY का लालन पालन भी मिु XलमY कo तरह होना चा•हए।15 >क?तु एक
•ह?द ू (]सख, जैन और बौ´ध समेत) और मस
ु लमान के म¸य इXलामी wनकाह नह;ं
हो सकता। इसी कारण, •ह?द ू से शहादा कo कसम लेने को कहा जाता है । इXलाम
म5 धम' पmरवत'न कo !>(या माl २ ]मनट कo होती है िजसके बाद मिु Xलम वर
और मिु Xलम वधू का wनकाह हो सकता है ।
शहादा
:नकाहनामा
wनकाह एक अनब
ु ंध है कोई पGवl बंधन नह;ं। यह अनब
ु ंध तोड़ा जा सकता है
य•द प›
ु ष तलाक़ कo !>(या श8
17
ु करे अथवा Xlी खल
ु ा कo मांग करे । शाद; का
18
14
क़ुरान ४:३।
15
http://en.wikepedia.org/wiki/Interfaith_marriage_in_Islam.
16
http://www.albalagh.net/kids/understanding_deen/Shahadah_shtml.
17
http://en.wikepedia.org/wiki/Divorce_(Islamic).
18
http://en.wikepedia.org/wiki/Khula.
12
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
चँ >ू क •हंद ू साथी के धमा'?तरण के बाद यह एक मिु Xलम-मिु Xलम wनकाह माl रह
जाता है , ऐसी Gववाह म5 य•द तलाक़ कo िXथwत बनती है तब बFचY का संरsण
•ह?द ू के ]लए एक पेचीदा मामला हो जाता है । अब वह पव
ू -' •ह?द ू साथी य•द अपने
बFचY को •ह?द ू कo तरह पालना चाहता/चाहती है तब उसे अपने बFचY का अ9धकार
पाने के ]लये बड़ी समXयाओं का सामना करना पड़ता है ।
समानता
“आप ऐसा पछ
ू 5 गे >क समानता का इतना महBव ˆयY है ?
—Love is Respect.org
13
!ेમ का धम'
१. खानपान: मिु Xलम सामा?यतः माँसाहार; होते ह/। इसका कारण है >क इXलाम
के अनस
ु ार अÂलाह ने पौधY और जानवरY को मानव जाwत के फायदे के ]लए
बनाया है तथा मस
ु लमानY को हर खाया जा सकने वाला जानवर खाना चा•हए।
अब य•द कोई मांस नह;ं खाना चाहता तब भी वह गैर-मिु Xलम नह;ं हो जाता।
एक शाकाहार; –यिˆत भी सFFचा मX
ु लमान हो सकता है । पर?तु य•द >कसी
मस
ु लमान को मांस खाने से इस]लए रोका जाता है ˆयY>क अ?य –यिˆत कo
मा?यता के अनस
ु ार जानवर पGवl होते ह/ और उ?ह5 मारना और खाना पाप है
तब यह एक समXया है । अÂलाह ने पहले ह; यह कहा है >क उनके अलावा कुछ
भी पGवl नह;ं है । अतः अगर आप मांस खाना >कसी अ?य कo धा]म'क मा?यता
के कारण छोड़ते ह/ तब आप अवgय ह; इXला]मक ]स´धांतY के Gव8´ध जा रहे
ह/।
२. Bववाह समारोह: एक मिु Xलम Gववाह ह; अÂलाह के सामने वैध माना जाता है
और वह भी तब जब एक इXला]मक wनकाह के रXमो-mरवाज़ से संप?न हुआ हो।
>कसी दस
ू रे धा]म'क Gववाह म5 शा]मल होना जैसे >क •ह?द ू अथवा ईसाई रXमY से
14
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
४. मGदरा सेवन: एक मिु Xलम के ]लए शराब परोसना अथवा उसका सेवन दोनY
ह; विज'त ह/। अतः य•द एक मिु Xलम लड़कo जो एक गैर-मिु Xलम से Gववा•हत है
तथा उसका पwत शराब पीता है तब यह माना जाता है >क वह उसको शराब
परोसने के ]लए भी कह सकता है । अब य•द वह मिु Xलम लड़कo अपने पwत को
शराब पीने से नह;ं रोकती तब भी वह पाप कo भागीदार मानी जाएगी।
५. म:ू त2 पज
ू ा: >कसी भी मwू त', 9च?ह अथवा तXवीर कo पज
ू ा करना इXलाम म5 पाप
माना गया है तथा इसके ]लए कोई माफ़o नह;ं है । यह इXलाम म5 सबसे बड़ा पाप
माना जाता है । कहा जाता है >क अÂलाह ]शक' के अलावा हर गलती कo sमा दे
सकते ह/। अतः य•द आपका गैर-मिु Xलम पwत भगवान राम अथवा भगवान कृ`ण
के समs ]शक' कर रहा तब मिु Xलम लड़कo का यह उÜरदाwयšव है >क वह उसे
रोके अथवा वह भी ]शक' कo भागीदार होगी। अब य•द आप अपने •ह?द ू साथी को
ईgवर कo मwू त' कo पज
ू ा करने से रोकते ह/ तब भी ऐसे Gववाह म5 समानता नह;ं
रह जाती।
६. अं:तम संMकार: ˆया आपके पा9थ'व शर;र का •ह?द ू र;wत से अंwतम संXकार
होगा अथवा आप इXला]मक र;wत से दफनाए जाय5गे? इXलाम के अनस
ु ार >कसी
भी –यिˆत को >कसी दस
ू रे –यिˆत, जीGवत अथवा मत
ृ , को जलाने का अ9धकार
नह;ं है । अÂलाह ने शैतान को आग से पैदा >कया था और अÂलाह नह;ं चाहते
>क आग >कसी मानव शर;र को छुए।
15
!ेમ का धम'
है । या तो •ह?द ू को धमा'?तरण कर मस
ु लमान बनना होगा अथवा मिु Xलम साथी
को समझौते करने पड़5गे, जो तकनीकo (क़ुरान के अनस
ु ार) 8प से उसे इXलाम से
बाहर ले जायेगा। —मैक
मेरे िलए िकसी बच्चे का बपितस्मा (या अन्य लेबिलं ग) करना उसे ठप्पा लगाने के
समान है, क्योंिक उसे नहीं पता िक क्या हो रहा है। और वह उस बपितस्मा के साथ
आजीवन रहेगा। जैसे िक एक व्यिक्त िकसी दू सरे व्यिक्त को उसके नाम से प्रेम
करता है उसे उस नाम से पहचानता है, ठीक उसी प्रकार उसके धमर् से भी उसकी
पहचान होती है। िकन्तु इस तरह हमारा िवकास सीिमत हो जाता है क्योंिक हम अपने
जन्म के धमर् के अनुसार प्रचिलत मान्यताओं के अनुसार ही व्यवहार करते हैं। एक
िवभाजक दीवार हमेशा खड़ी रहती है िजसे तोड़ना बहुत मुिश्कल होता है।
—कल्पेश गाजीवाला
(http://www.patheos.com/Resources/Additional-
Resources/Bindis-and-Baptism.html)
16
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
>कसी अ¹ाहम-पंथी (ईसाई, मिु Xलम और यहू•दयY) के ]लए >कसी सनातनी पmरवार
के साथ सामंजXय बैठना क•ठन हो सकता है । यहाँ उठाए गए कुछ Ëबंद ु अ¹ाहम-
पं9थयY के ]लए आपGÜजनक हो सकते ह/।
अनम
ु ानत: ३८% अमेmरकन सनातनी >कसी अ¹ाहम-पंथी से Gववाह करते ह/।
सामा?यतः •ह?द ू बहुदेववाद; होते ह/ एवं अÂलाह को ईgवर एवं यीशु को तारणहार
मानने के !gन पर >कसी भी और धम' से अ9धक उदार-9चÜ होते ह/। इसके
अwतmरˆत •ह?दओ
ु ं को मिXजद अथवा 9गmरजाघर जाने म5 भी कोई आपGÜ नह;ं
होती एवं वे इसे दस
ू रे धम° को जानने के अवसर कo तरह लेते ह/। इतना ह; नह;ं,
एक •ह?द ू साथी को अपनी संतान को दस
ू रे धम° का iान दे ने म5 भी कोई आपGÜ
नह;ं होती, यहाँ तक >क वह अपने बFचे कo बपwतXमा, स?
ु नत अथवा बार]मšXवा
जैसी रXमY के ]लए भी तैयार हो जाता/जाती है । अपने साथी का खल
ु ापन,
स•ह`णत
ु ा एवं एक Ëबलकुल नया धम' और संXकृwत जैसी Gवशेषताएं आपको
(मिु Xलम को) एक •ह?द ू –यिˆत से Gववाह करने के ]लए लालाwयत कर सकती
ह/, >क?तु एक •ह?द ू को अपना जीवन साथी बनाने से पहले आपका •ह?दओ
ु ं के
बारे wनkन बात5 जानना आवgयक हो जाता है :
17
!ेમ का धम'
४. एकजट
ु पTरवार: •ह?द ू सामा?यतः GवXतत
ृ पmरवार म5 Gवgवास रखते ह/ जहाँ
दरू के सkब?धी भी आपके साथ रहते ह/। Gववाह-पgचात नवGववा•हत दं पGÜ को
सभी अपने घर आमंËlत करते ह/ और यह ]सल]सला हµतY तक चलता है । अब
यह आपके सामने तो नह;ं कहा जायेगा >क?तु एक मिु Xलम को अपने पmरवार के
भीतर पाकर वे कुछ संशयी तो अवgय हYगे य•द आप उन पर धा]म'क 8पांतरण
के ]लए !यास कर5 , एवं आपको यह पmरिXथwतयो को सहन करना ह; होगा।
५. म:ू त2-पज
ू ा: Gववाह पgचात आपको अलग-अलग समयY पर बहुत सारे पज
ू ा
काय'(मY म5 म•दरY और घरY पर आमंËlत >कया जायेगा जहाँ पर अलग-अलग
दे वY और दे GवयY का पज
ू न >कया जाता है । आप ऐसे आमंlणY को हमेशा के ]लए
नह;ं नकार सकते एवं आपका •ह?द ू साथी भी आपके घर म5 भी पज
ू ा घर बनाने
कo िज़द करे गा। य•द आपका साथी आपके (इXलाम) धम' के सभी संXकारY म5
उपिXथत था तब आपका मwू त'-पज
ू ा का Gवरोध करना, टकराव पैदा कर सकता है ।
८. मनोभाव^ म_ बदलाव: अपने बFचY को मिु Xलम बनाने के ]लए आप अपने •ह?द ू
साथी को श8
ु म5 मना तो सकते ह/ >क?तु हो सकता है >क बाद म5 वो उलाहने
•दए जाएं जैसे >क “मिXजद म5 आ(ामक बात5 कह; जाती ह/ जो बFचे के ]लए
अFछा नह;ं है ”। यह भी कहा जा सकता >क “बFचा कह;ं घम
ू ने->फरने अथवा कुछ
Gवiान सीखने के Xथान पर कुरान ˆयY पठता है ?”
18
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
कोई भी यग
ु ल जो एक अंतर-धा]म'क Gववाह (मिु Xलम और •ह?द ू के बीच) करना
चाहता है , उसे इन सभी दस Ëबंदओ
ु ं पर भल;-भांwत Gवचार कर लेना चा•हए।
Gववाह-पव
ू ' ऐसे मतभेदY पर >कया गया 9चंतन भGव`य म5 हYने वाले टकराव, शोक
और दःु ख को टाल सकता है । यह भी संभव है >क दोनY !ेमी अपने अFछे भGव`य
के ]लए अंतर-धा]म'क Gववाह और अपने !ेम संबंधY को, दोनY को ह; पण
ू ' Gवराम
लगा द5 । एकेgवरवाद, बहुदेववाद, और बFचY का धम' जैसे !gन उठाना ऐसे अंतर-
धा]म'क संबंधY पर !gन-9च?ह लगा सकता है । वह;ं दस
ू र; ओर, एक दसू रे के धम°
के !wत जाग8कता और मतभेद का आपसी wनपटान, एक सफल और सख
ु द अंतर-
धा]म'क Gववाह कo पहल; सीढ़; बन सकते ह/।
19
एकम सत •वIा बहुधा वदिhत (ऋ•वेद १.१६४.४६), अथा„त, स•य एक है : िजसे ब‘ ु ’धमान
•वzभhन नाम€ से बल
ु ाते ह“। अhय इसे बहुदे ववाद~ (बत
ु परƒत, pagan) के •प मe xया–या कर सकते
ह“।
19
!ेમ का धम'
भावनाओं म5 बहकर ]लया गया एक wनण'य, िजसम5 कुछ भी भला बरु ा न सोचा
गया हो, भGव`य के सख
ु द या दख
ु द पmरणामY पर Gवचार नह;ं >कया गया हो, ऐसा
wनण'य आपका जीवन न`ट कर सकता है । सkब?ध-GवFछे द (तलाक़), Gवशेषकर
संतानोšपGÜ के उपरांत, बहुत ह; कäकारक होता है अतः अFछा यह; है >क सFचाई
समय रहते ह; पता लग जाये अथा'त Gववाह पव ू ' सभी तÝयY पर भल;-भाँती Gवचार
कर ]लया जाना चा•हए।
आपको परू ; पX
ु तक पढ़ने कo आवgयकता नह;ं है >क?तु आप इसे एक स?दभ'
सामžी कo तरह उपयोग कर सकते ह/। स?दभ' सामžी से हमारा ताšपय' है >क
>कसी पmरXथwत-Gवशेष के ]लए हम इस पX
ु तक म5 उपलÊध उदाहरणY कo सहायता
ले सकते ह/। इस पX
ु तक म5 ४५ अंतर-धा]म'क यग
ु लY के जीवन अनभ
ु व •दए गए
ह/ और आप अपनी पmरिXथती अनस
ु ार उन अनभ
ु वY को पढ़ सकते ह/। आपसे
अनरु ोध है >क धम'žंथY पर आधाmरत खÁड ६ एवं Gववाह और सkब?ध-GवFछे द
कानन
ू Y पर आधाmरत खÁड ७ अवgय पढ़5 ।
अगर आप wनkन अव9ध अथा'त छोटे छोटे वी•डयो संदेशY के मा¸यम से समझना
चाहते ह/ तब wनkन वी•डयो दे ख5:
कृपया अपने भावी जीवन साथी के साथ wनkन १० समझौता (खंड २.५.१ ओर खंड
२.५.२) पर अवgय परामश' कर5 । >कसी भी संवेदनशील !ë पर संकोच ना कर5 ,
इस समय आपका भGव`य आपके ]लए सबसे संवेदनशील Gवषय होना चा•हए।
इसके उपरांत, दोनY ओर के माता-Gपता अथवा अ]भभावकY को भी अपने wनण'य
20
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
यहाँ पर •ह?द ू और मिु Xलम दोनY ह; सा9थयY को अपना ÐGäकोण सवîपmर रखना
चा•हए। हो सकता है >क अ?य पs आपसे सहमत ना हY >क?तु सभी पहलओ
ु ं पर
चचा' आवgयक है ।
21
!ेમ का धम'
१. wनकाह के ]लए तk
ु ह5 मस
ु लमान बनना होगा और अपना एक मिु Xलम नाम
रखना होगा।
☐ सहमत ☐ असहमत
•टŽप•णयाँ:
२. म/ (मिु Xलम साथी) आपके •ह?द ू Gववाह समारोह का •हXसा नह;ं बन सकता/
सकती।
☐ सहमत ☐ असहमत
•टŽप•णयाँ:
३. धमा'?तरण के उपरा?त तम
ु (•ह?द ू साथी) •ह?द ू मं•दरY म5 नह;ं जा सकते/
सकती और •ह?द ू šयौहार भी नह;ं मना सकते/सकती।
☐ सहमत ☐ असहमत
•टŽप•णयाँ:
22
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
५. तk
ु हे मांस पकाना होगा और बकर;द जैसे šयोहारY का •हXसा बनना ह;
होगा।
☐ सहमत ☐ असहमत
•टŽप•णयाँ:
६. तk
ु हे पांचY वïत कo नमाज़ पढ़नी ह; होगी।
☐ सहमत ☐ असहमत
•टŽप•णयाँ:
८. हमारे पl
ु Y और तk
ु ह5 (•ह?द ू प›
ु ष साथी) को खतना कराना ह; होगा।
☐ सहमत ☐ असहमत
•टŽप•णयाँ:
23
!ेમ का धम'
24
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
६. म/ घर पर •ह?द ू दे वY कo पज
ू ा क›ँ गा/क›ँ गी तथा हमार; बैठक म5 भगवान
गणेश कo मwू त' भी रखग
ंू ा/रखंग
ू ी।
☐ सहमत ☐ असहमत
•टŽप•णयाँ:
८. म/ (•ह?द ू प›
ु ष साथी) और हमारे पl
ु अपना खतना नह;ं करवाएंगे।
☐ सहमत ☐ असहमत
•टŽप•णयाँ:
१०. मेरे और मेरे बFचY के मšृ योपरांत, हमारा •ह?द ू Gव9ध Gवधान से अंwतम
संXकार होगा।
☐ सहमत ☐ असहमत
•टŽप•णयाँ:
25
अध्याय ३: िहन्दू -मुिस्लम प्रेम कहािनयां
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
27
!ेમ का धम'
सीमा का Gवgवास है >क मेजर wनदाल हसन20 ´वारा फोट' हुड टे ˆसास म5 >कया
गया नरसंहार उनकo एक अमेmरकo ]सपाह; और एक मिु Xलम के तौर पर Gवभािजत
wन`ठाओं का पmरणाम था। मेजर wनदाल हसन को लगता था >क दोनY पmरिXथwतयY
एक दस
ू रे से अलग ह/। ऐसी ह; कुछ दGु वधा भारतीय मस
ु लमानY के समs भी
रहती है , ˆयY>क कुछ मस
ु लमान तो अपने आप को एक भारतीय पहले मानते ह/,
वह;ं दस
ू र; तरफ Xवदे शी मिु Xलम आतंकवाद; भी ह/ जो केवल खद
ु कo बात करते
ह/।
20
https://en.wikepedia.org/wiki/Nidal_Malik_Hasan.
28
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
य•द ६२ साल पहले सीमा के पmरवार ने पा>कXतान जाने का wनण'य ]लया होता
तो सीमा ने भी भारतीय गौरव से ओत!ोत India Abroad को यह पl न ]लखा
होता और wनिgचत ह; उनका Gववाहोपरांत उपनाम माहे gवर; न होता। —सीमा
माहे gवर;
ु र:
लेखक (Gदल5प अमीन) का *Zयk
अब हम सभी, मस
ु लमान और •ह?द,ू जो अब अमेmरका म5 बस चक
ु े ह/, एक नई
ु ौती का सामना कर रहे ह/, इस बार साk!दाwयक Gवभाजन नह;ं अGपतु अगल;
चन
पीढ़; म5 होने वाले अंतर-धा]म'क Gववाह हमारे ]लए चन
ु ौती बन कर खड़े ह/। हमार;
खोज यह दशा'ती है >क ३८%21 •ह?द ू और ४५%22 मस
ु लमान अपने धम' से बाहर
Gववाह करते ह/ एवं इनम5 से कई Gववाह •ह?द ू और मस
ु लमान के बीच होते ह/।
21
https://www.interfaithshaadi.org/the-changing-landscape-of-hindus-in-america-an-
interfaith-marriages-survey/.
22
https://www.interfaithshaadi.org/the-changing-landscape-of-muslims-in-america-a-
survey-of-interfaith-marriages/.
29
!ेમ का धम'
य•द हम मेजर wनदाल हसन कo बजाय सीमा माहे gवर; को एक !ेरणा öोत मान5,
तब यह आशा कo जा सकती है >क अंतर-धा]म'क यग
ु ल और उनके पmरवार एक
दस
ू रे के धम° के !wत स•ह`णत
ु ा का पmरचय दे सकते ह/ तथा धमा'?तरण जैसी
!थाओं को अपने नवीन संबंधY से दरू रख सकते ह/। —•दल;प अमीन
30
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
खंड ३.२: एक िहन्दू : अंततः मुझे अिनच्छा से इस्लाम स्वीकार करना पड़ा
आयेशा (पव
ू 2 नाम द5पा) कहती ह>:
23
मस
ु लमान€ का मानना है —क हर जhम लेने वाला ब˜चा मिु ƒलम होता है । इसी कारण जब एक
गैर-मिु ƒलम इƒलाम क़बल
ू करता है तब वे शOद "धमा„hतरण" के ƒथान पर "इƒलाम मe लौटना" का
Iयोग करते ह“।
31
!ेમ का धम'
मेरे सभी दXतावेज़ जैसे >क पासपोट' और वोटर काड' पर अब मेर; नई पहचान है ।
मेरा मिु Xलम नाम आयेशा भी राशन काड' म5 जोड़ •दया गया है और म/ने इसी
नाम से आधार काड' के ]लए भी आवेदन कर •दया है । मेर; परु ानी पहचान परू ;
तरह से ]मटा द; गई है , और वह केवल मेर; यादY म5 जीGवत है ।
एकमाl अFछÍ बात है , मेरे पwत। उनके –यवहार म5 कोई बदलाव नह;ं आया है ।
वह अभी भी मझ
ु े वैसे ह; Žयार करते ह/ हालां>क वो कभी-कभी सझ
ु ाव दे ते ह/ >क
मझ
ु े इXलाम को बेहतर तर;के से जानने के ]लए मदरसे जाना चा•हए िजससे मेरा
जीवन इस नए धम' म5 आसान हो जाये >क?तु ऐसा करने का दबाव नह;ं डालते।
जो भी एक मिु Xलम से Gववाह करने जा रहे ह/ उ?ह5 यह ¸यान रखना चा•हए >क
ऐसे अंतर-धा]म'क GववाहY म5 जीवन आसान नह;ं होता तथा बहुधा आपको (•ह?द ू
32
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
मेरा अब >कसी धम' अथवा आXथा से लगाव नह;ं ह/। म/ इXलाम का अनस
ु रण
केवल •दखावे माl के ]लए कर रह; हूँ। —आयेशा
मझ
ु े यह पता था >क मेर; सास मझ
ु े आसानी से Xवीकार नह;ं कर5 गी, अगर म/
इXलाम म5 आयी (धम' पmरवत'न नह;ं >कया होता) नह;ं होती तब हमारा वैवा•हक
जीवन एक अथवा दो साल म5 ह; समाŽत हो जाता। अब मझ
ु े आशा है >क मेरा
Gववाह मेर; उkमीद के मत
ु ाËबक़ ह; चलेगा। अब मझ
ु े कोई ]शकायत नह;ं है ।
इXलाम म5 लौटना (धम' पmरवत'न) मेरे ]लए •हतकार; रहा ˆयY>क म/ अब इXलाम
और उसकo परkपराओं के अनक
ु ू ल हो चक ु हूँ। —आयेशा
ु o हूँ। म/ अब खश
33
!ेમ का धम'
म/ एक •ह?द ू ¹ाÒमण लड़कo हूँ। म/ अमेmरका म5 रहती हूँ और म/ने काफo समय
कनाडा म5 भी गज़ु ारा। म/ कुछ •दनY के ]लए एक पा>कXतानी यवु क को पसंद भी
करती थी। वह काफo खल
ु े GवचारY वाला था, कंŽयट
ू र साइंस म5 Xनातक भी था
और उसके पास एक अFछÍ नौकर; भी थी। उसका पmरवार भी Gवदे श म5 रहता था
और संभवतः थोड़ा स•ह`णु भी था।
२. हमारे सkब?ध म5 थोड़े •दनY के बाद, उसने कहा >क म/ जो चाहूँ वैसे ह; रह
सकती हूँ (•ह?द ू अथवा मिु Xलम) >क?तु होने वाले बvचे मिु Mलम ह5 ह^गे। यह
मेरे साथ उ9चत नह;ं था। मेरा सोचना है >क य•द आप एक अंतर-धा]म'क सkब?ध
म5 ह/ तब आपको अपने साथी कo मा?यताओं के !wत स•ह`णु होना चा•हए। म/
चाहती थी >क मेरे बFचे दोनY ह; धम° के बारे म5 जाने और एक –यापक समझ
से साथ बड़े हY। हमारे बेटा/बेट; मेरे पmरवार के साथ •ह?द ू भी हY और उसके
पmरवार के साथ उतने ह; मिु Xलम भी हY। >क?तु वह (मिु Xलम साथी) बहुलतावाद
का ]स´धांत समझने और मानने को सहमत नह;ं हुआ।
३. मझ
ु े नह;ं लगता >क वह हमारे घर म5 एक पज
ू ा घर बनाने को लेकर सहज
24
https://www.youtube.com/watch?v=L4dQ-4irCEY.
34
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
जहाँ तक तk
ु हार; (•डंपल) कहानी कo बात है :
१. अगर तk
ु हारा साथी एक 8•ढ़वाद; पmरवार से है , तk
ु ह5 उसे अभी छोड़ दे ना
चा•हए। इससे कोई फक' नह;ं पड़ता >क वह तk
ु ह5 >कतना !ेम करता है पर?तु वह
तk
ु ह5 अपने पmरवार से •यादा Žयार नह;ं कर सकता। अब य•द उसका पmरवार
खल
ु े •दमाग वाला और क™टर धा]म'क नह;ं है तब शायद बात बन सकती है ।
३. अगर तम
ु अब भी इस –यिˆत के साथ रहना चाहती हो, तब तk
ु ह5 wनkन काय'
करने हYगे: १. अपने आ9थ'क एवं –यावसाwयक 8प से समथ' होने तक !तीsा
करो। अगर पmरिXथwतयां Gवपर;त हो जाती ह/ तब तk
ु ह5 दोनY ह; मोच° पर सरु sा
कo आवgयकता होगी। ऐसे करने तक तम
ु और भी बड़ी एवं पmरपˆव हो जाओगी।
२. यह सब अपनी >कशोरावXथा म5 मत करो, २५-३० वष' कo आयु तक !तीsा
करो। मझ
ु े नह;ं लगता >क लोग २३ वष' कo आयु तक wन`पs और पmरपˆव होते
35
!ेમ का धम'
ह/। ३. मझ
ु े लगता है >क मझ
ु े यह नह;ं कहना चा•हए >क?तु मझ
ु े यह सब कहना
ह; होगा। कृपया करके भावनाओं म5 न बह5 और >कसी भी !कार के शार;mरक
सkब?ध को बढ़ावा न द5 । सीधे शÊदY म5 कहूं तो कोई शार;mरक सkब?ध ना रख5।
अगर एक बार ऐसा हो गया, तब अचानक से सारा !भाव और ताक़त लड़के के
पास Xवतः ह; चल; जाएगी। यह सब तk
ु ह5 भावानाšमक और मान]सक 8प से
Gववश कर दे गा >क तम
ु उसके साथ ह; जीवन Ëबताओ और वह भी Ëबना पmरणाम
कo 9चंता >कये।
शांत रहना सबसे अFछा है और कोई भी wनण'य लेने से पहले •यादा लगाव न
रखो। म/ यह Ëबलकुल नह;ं मानती >क केवल Žयार के सहारे वैवा•हक जीवन
–यतीत >कया जा सकता है । एक बार जब wनराशा घेर लेती ह/ तब !ेम •खड़कo
से बाहर चला जाएगा।
यह सब कहने के बाद भी म/ मिु XलमY के Gव›´ध नह;ं हूँ। मेरे बहुत से अ]भ?न
]मl मिु Xलम ह/। म/ बस यह मानती हूँ >क Gववाह का wनण'य लेने से पहले सभी
!कार कo अपेsाओं का Xप`ट;करण आवgयक है । उससे भी अ9धक आवgयक है
>क आप अपने ]स´धांतY पर अटल रह5 और अपना Xवा]भमान बनाये रख5।
इसके अwतmरˆत यह मा?यता >क Žयार के आगे कुछ भी महšव नह;ं रखता,
सरासर गलत है । आप यह दे खकर आgचय'च>कत रह जाय5गे >क भावनाएं >कतनी
तेजी से बदलती ह/।
चं>ू क म/ने सkब?ध GवFछे द कर ]लया है , इसका अथ' यह नह;ं म/ हमेशा कंु वार;
रहूंगी। वैसे भी इतने लkबे सkब?ध के बाद हम अFछे ]मl तो बन ह; सकते ह/।
—अiेयवाद;
एडxमन का कहना है :
आ]मर खान से >कया गया !gन25: "एक •ह?द ू Xlी र;ना दÜा और उसके बाद
>करण राव से Gववाह करने के बाद ˆया कभी आपने धा]म'क असमंजस का सामना
25
http://ssmusiq.blogspot.in/2010/08/my-wives-may-be-hindu-but-my-kids-will.html.
36
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
>कया?" आ]मर खान ने उÜर •दया, "नह;ं, ऐसा कुछ भी नह;ं हुआ। हमने कभी
एक दसू रे के धम' का अनस
ु रण नह;ं >कया और ना ह; हमने एक दसू रे को ऐसा
करने के ]लए बा¸य >कया। >क?त,ु XवाभाGवक है , म/ने ये Ëबलकुल Xप`ट कर
•दया था >क मेरे बFचे इXलाम का अनस
ु रण ह; कर5 गे"।
लेखक यह आशा करते हैं िक िहन्दू -मुिस्लम सम्बन्ध शुरू करने वाले युगलों धािमर् क
िभन्नताओं पर अिधक से अिधक ध्यान दे। अंतर-धािमर् क संबंधों को सीधे सीधे
सुलझाएं (िबना िकसी लाग लपेट के)... उन्हें कल के िलए न छोड़ें। यह मान कर न
चलें िक शादी के कुछ िदनों बाद ये समस्याएं आप स्वयं सुलझा लेंगे। िववाह-पूवर्
समस्याएं अिधकतर िववाह के बाद िवकराल रूप धारण कर लेती हैं।
37
!ेમ का धम'
सव'!थम बहुत बहुत ध?यवाद, ऐसा मंच दे ने के ]लए जहाँ म/ अपनी भावनाओं को
–यˆत कर सकती हूँ।
38
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
और हां, उसने Gपछले साल मेरे साथ द;वाल; भी मनाई और हम दोनY महाल·मी
मं•दर भी गए, हालां>क उसे पज
ू ा करना नह;ं आता था पर उसने मं•दर म5 !वेश
>कया और दे वी के सामने ]सर भी झुकाया। >क?तु म/ जानती हूँ >क मझ
ु े Gववाह
के बाद यह सब करने कo अनम ु wत नह;ं होगी।
म/ उससे !ेम करती हूँ >क?तु सšय यह है >क उसके माता-Gपता मझु े एक •ह?द ू
कo तरह कभी Xवीकार नह;ं कर5 गे और म/ उसके !ेम को पाने के ]लए Xवयं को
बदल नह;ं सकती। *ेम का कोई धम2 नह5ं होता —माधवी
म/ एक मिु Xलम यव
ु क से Gववाह करने वाल; थी ले>कन यह पढ़ने के बाद म/ने
26
२. केवल िXlयY को ह; बक
ु ा' और •हजाब पहनना होता है , प›
ु षY को ˆयY नह;ं?
३. केवल प›
ु षY को ह; बहुGववाह कo अनम
ु wत है , िXlयY को नह;ं।
४. अÂलाह दस
ू रे धम° को महšव ˆयY नह;ं दे ते जब>क •हं?द ू धम' कहता है >क
सभी ईgवर और धम' समान ह/।
26
https://www.interfaithshaadi.org/why-i-came-back-to-hinduism/.
39
!ेમ का धम'
जब आपका िववाह हो जाता है, तब रोमांस और सामंजस्य गौण हो जाते हैं —शाशा
(खंड ३.५)
40
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
धम' अथवा संXकृwत एक २० साल के युवा के ]लए •यादा महšव नह;ं रखते >क?तु
पmरपˆव होने के साथ –यिˆत अपनी जड़Y कo ओर लौटता है । आइए मुिXलम
लडकo साशा के जीवन अनुभवY के बारे म5 पढ़5 ।
अज़ीज़ा,
हम सभी तkु हार; आयु म5 Xवयं को !ेम कo अwनिgचतता म5 wघरा हुआ पाते ह/,
िजसके wनkन कारण ह/: १) यह वह समय होता है जब हम यव ु ावXथा म5 कदम
रखते ह/ और हमार; भावनाएं भी तीû होती ह/ ˆयY>क अब हम अपनी >कशोरावXथा
से अ9धक !गाढ़ संबंध बनाने लगते ह/। २) यह; वह आयु है जब हम अपने Gववाह
और भGव`य के बारे म5 सोचने लगते ह/। इसी कारण जब हम >कसी ऐसे शानदार
–यिˆत से ]मलते ह/ तब हम5 लगता है >क हम !ेम म5 ह/।
41
!ेમ का धम'
42
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
तk
ु ह5 भी यह सब सोचने कo ज8रत है । म/ भी तk
ु हारे जैसी ह; थी। म/ भी उससे
ह; Gववाह करना चाहती थी और लगता था उसके Ëबना नह;ं रह सकती। >कं तु अब
म/ अपने पwत से Žयार करती हूं। इस बात से भी Žयार करती हूं >क मेरा पmरवार
खशु है । मझ
ु े अनभ
ु व हुआ >क मेर; भावनाएं उस समय इतनी तीû थीं >क य•द
हम Gववाह कर लेते तो म/ कभी संत`ु ट नह;ं हो पाती।
एक और महšवपण
ू ' बात है तk
ु हारे साथी कo जीवन म5 िXथरता। >कसी भी संबंध
म5 इसका बहुत बड़ा !भाव पड़ता है अतः इसके बारे म5 भी सोचना होगा। हालां>क
मझु े लगता है वह भी अभी काफo यवु ा होगा। म/ जानती हूं यह >कतना भावक ु
समय है । अगर तम ु सभी भावनाओं को हटाकर तÝयY पर ¸यान दो तब wनण'य
Xवयं ह; आसान हो जाएगा। य•द तम
ु सच म5 ह; अपना जीवन उसके Ëबना नह;ं
सोच सकती और तk
ु ह5 लगता है >क तk
ु हारे मÂ
ू य, ]स´धांत, भGव`य कo योजनाएं
सब एक ह/, तब तkु ह5 लड़ाई के ]लए तैयार हो जाना चा•हए िजसके ]लए बहुत
सा संयम भी बरतना होगा।
अजीजा, मेर; दआ
ु एं तk
ु हारे साथ ह/ —साशा
43
!ेમ का धम'
म/ एक मिु Xलम यव
ु ती के साथ कई मह;ने तक थोड़े गंभीर संबंध म5 था। म/ने
थोड़ा गंभीर पर •यादा जोर •दया ˆयY>क म/ सच बोलना चाहता हूं, और हम सभी
जानते ह/ यह >कस •दशा म5 जा रहा था। !ारं भ म5 यह सब एक आपसी आकष'ण
से श8
ु हुआ, हमेशा साथ म5 समय Ëबताना अFछा लगता था और वह; सब मीठÍ-
मीठÍ बात5 । >फर हम जैसे-जैसे आगे बढ़े , हम भावनाšमक 8प से जड़
ु गए, तब
उसने धमाÏतरण के बारे म5 बात करना श8
ु >कया। Xप`ट था >क धमाÏतरण मझ
ु े
करना था, उसे नह;ं। !ारं भ म5 इसे हं सी म5 उड़ा दे ना आसान था >कं तु वह; !gन
बार-बार उठता रहा।
मेरा लालन-पालन एक बहुत ह; धा]म'क •हंद ू पmरवार म5 हुआ था, >कं तु म/ने कभी
अपने आप को एक आ¸यािšमक •हंद ू नह;ं माना—>कं तु इसम5 कोई समXया भी
नह;ं थी। समXया उसके पmरवार के साथ थी, जो मझ
ु े कभी पसंद नह;ं करते। उसने
अपने पmरवार को मेरे बारे म5 कभी नह;ं बताया (ना ह; म/ने अपने पmरवार को
बताया), और >फर हमारे राXते अलग होने लगे। >फर धीरे -धीरे हमारा संबंध खšम
हो गया >कं तु इस सब म5 बहुत सारा तनाव और गX
ु सा शा]मल रहा।
श(
ु है >क हम दोनY को अपने नए साथी अपनी-अपनी धा]म'क प`ृ ठभ]ू म से ]मले
और हम दोनY अFछे दोXत बने रहे । कहानी का सार यह है —य•द कोई भी सनातनी
>कसी मिु Xलम के साथ गंभीर संबंध म5 है तो एक बार पन
ु ः सोच5 >क आप कहां
जा रहे ह/। आप ह; हYगे िजसको धमाÏतरण के ]लए कहा जाएगा, अपने अिMतZव
44
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
45
!ेમ का धम'
शहादा कo कसम तk
ु हारे जीवन म5 एक नया मोड़ साËबत होगी। हालां>क वह तम
ु से
कहे गा "मझ
ु े ऐसा कुछ नह;ं पता था", "मेरे Gपता कo खश
ु ी के ]लए ऐसा कर लो",
"बस कहने भर के ]लए कर लो" और कुछ भी, >क?तु शहादा कo कसम तk
ु हारा
जीवन परू ; तरह से बदल दे गी। सच कह5 >क तk
ु हारा इXलाम म5 धमा{तरण उसके
xलए उसके त}
ु हारे *:त *ेम से ~यादा महZवपण
ू 2 है । अगर तम
ु धमाÏतरण के ]लए
मना करोगी, तब वह Ëबना •हचक तk
ु हारे जीवन से चला जाएगा। कह;ं ऐसा तो
नह;ं >क तम
ु एक लव-िजहाद; के !ेम जाल म5 फँस चक
ु o हो?
27
खंड ३.२९।
46
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
¸यान रहे >क शहादा कo कसम उठाना एकतरफा राXता है । Xवधम' šयाग के बारे
म5 आपको ]मö के नए कानन
ू Y कo समझ भी ले लेनी चा•हए। याद रहे >क यह
कानन
ू तब भी लागू हYगे जब आपके पwत कo ४ पिšनयां हY अथवा आपका तलाक
हो जाता है । अलकाफ28 ने ˆया कहा है यह भी पढ़ना चा•हए, " का>फर (कुÿ) कo
तरफ वापस मत जाओ ˆयY>क अगर तम
ु पकड़े गए तो मारे जाओगे। अब तk
ु ह5
का>फर (•हंद)ू पmरवारY से नह;ं ]मलना चा•हए"। ˆया तम
ु इन सब के ]लए तैयार
हो?
भत
ू काल म5 •हंदओ
ु ं म5 भी जाwत !था कo एक बड़ी समXया थी जहां एक जाwत
का ठŽपा एक –यिˆत के कम' और उसके संसार म5 >कए गए योगदान से •यादा
महšव रखता था। महाšमा गांधी ने इस पर बहुत काम >कया और इस –यवXथा
को हटाने कo परू ; को]शश कo। इसी तरह कोई भी –यिˆत ˆयY एक नई जाwत
–यवXथा को Xवीकार करे गा जहां एक धम' को दस
ू रे धम' से ®े`ठ माना जाए?
मस
ु लमानY का Gवgवास है >क य•द आप शहादा कo कसम लेते ह/ और मस
ु लमान
बन जाते ह/, अÂलाह आप को ज?नत द5 गे। ठÍक इसी !कार ईसाई भी Gवgवास
रखते ह/ >क य•द आपने पGवl पानी म5 डुबकo ल; और अपना बपwतXमा कराया
यीशु आपके सारे पाप धो द5 गे और आपको मोs कo !ािŽत होगी। यहूद; भी >कसी
अंतर-धा]म'क संतान के ˹स कo रXम होने तक चप
ु नह;ं बैठते और उस पर यहूद;
28
https://www.interfaithshaadi.org/i-will-get-converted-to-islam-and-be-
circumcized/#comment-28739.
47
!ेમ का धम'
होने का ठŽपा लगवाना ज8र; हो जाता है । ˆया ऐसा नह;ं लगता >क आपका
भाIय आपके कम° से ]स´ध होता है ना >क आपके ऊपर लगे धम' के ठŽपे से?
जहां तक आपके संबंध कo बात है , आपके साथी ने Gपछले ५ साल म5 आपसे धम'
पmरवत'न के बारे म5 ˆयY नह;ं कहा? अपने मिु Xलम साथी से पwू छए >क आपके
धमाÏतरण से आपके !ेम संबंध का ˆया लेना दे ना है ?
—बुद्ध
48
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
खंड ३.८: मुसलमान साथी तभी िववाह करेगी जब मैं धमार्ंतरण करूँगा
Gपछले पांच वष° से म/ने उसे बहुत !ेम >कया है , म/ उसे अपनी पšनी मानने लगा
हूँ। ˆया आपको लगता है >क वह मझ ु े सFचा !ेम करती है ? अथवा तो म/ एक
मख ू ' हूँ जो उसे इतना !ेम करता हूँ और वह इसी बात का फायदा उठाकर मझ
ु े
मिु Xलम बनाना चाहती है ? मझ ु े समझ नह;ं आता म/ ˆया क8ँ। ˆया आप कोई
सलाह दे सकते ह/? —डॉ मनु
डॉ मन,ु
49
!ेમ का धम'
सबसे महšवपण
ू ' Gवषय जो आपकo साथी ने उठाया वह है "संतान”, वह चाहती है
>क सभी संतानY का लालन पालन एक मिु Xलम कo तरह हो। >फर इसी तरह
आपकo और उनकo संतान5 ऐसे ह; और •ह?दओ
ु ं का धमा'?तरण कर5 गी? अब इसकo
इwत®ी कहाँ जाकर होगी? शायद तब तक जब कोई •ह?द,ू ]सख और सनातनी
धमा'?तरण के ]लए रह न जाये। ˆया यह; आपकo बाल आकांsा अथवा जीवन
उ´दे gय था? यह पmरवत'न का समय है और वह पmरवत'न आपके सह; कदम के
साथ आएगा।
50
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
आप धमर् अथवा आस्था के साथ जन्म नहीं लेते, अिपतु धमर् अथवा आस्था
आपके माता-िपता और आपके पिरवेश के द्वारा आपके अंदर स्थािपत िक
जाती है।
51
!ेમ का धम'
खंड ३.९: मैं हर नमाज़ में उसके मुिस्लम बनने की दु आ करती हूँ
इXलाम म5 Gववाह-पव
ू ' !ेम सkब?ध !wतबं9धत है >क?तु मेरा मानना है >क सFचा
!ेम अÂलाह के ]लए Xवीकाय' है । >कं तु समXया है हमारे माता-Gपता कo Xवीकृwत
और Gववाह के पgचात ् हमारा वैवा•हक जीवन। म/ आशा करती हूँ >क हमार; भी
संतान5 हY और हम उ?ह5 •ह?द ू और इXला]मक दोनY ह; ]शsाए द5 । >फर उनके
धम' का wनण'य उनके पmरपˆव हो जाने पर उ?ह;ं पर छोड़ द5 । मझ
ु े Gवgवास है
>क अगर उ?ह5 इXला]मक ]शsा ]मल; तो वे wनgचय ह; इXलाम के अनय
ु ायी
हYगे।
अब अगर एक पl
ु वधु होने के नाते मझ
ु से कुछ रXम और mरवाज़ करने को कहा
जायेगा, तब म/ उसे कर तो दं ग
ू ी पर बे•दल; से। मेरे पास भी धा]म'क म´
ु दY को
लेकर अपने तक' ह/। >क?तु म/, Ëबना अपने संबंधY को Ëबगाड़े, उ?ह5 (ससरु ाल;जनY
को) कैसे Gवgवास •दलाऊँगी >क इXलाम ह; एकमाl सFचा धम' है ? >क?तु य•द
वह मझ
ु े न ]मला तो म/ संभवतः कभी Gववाह नह;ं क›ँ गी।
ˆया ऐसा कोई उपाय है >क अपने संबंधY को Ëबगाड़े Ëबना म/ उसको यह सब
52
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
ईमान,
तम
ु ने कहा >क वह एक अFछा लड़का है और संभवतः सैकड़Y मिु Xलम लड़कY से
भी अFछा। तk
ु हे वह •ह?द ू >कसी कारण से ह; अFछा लगता है । जरा सोचो >क
तk
ु ह5 अपने जीवन म5 ]मलने वाले >कसी भी मिु Xलम लड़के से !ेम नह;ं हुआ।
इसका कारण है >क एक मिु Xलम पwत, शmरया के अनसु ार (wनkन]ल•खत 9चl को
दे ख5) बहुत सी पिšनयां रख सकता है , तk
ु हे यदा-कदा पीट भी सकता है और तk
29
ु हे
कभी भी तलाक़ दे सकता है । अब यह सब जानते हुए तम ु एक ¹ाÒमण को
मिु Xलम बनाकर उसे यह सब नए GवकÂप ˆयY दे ना चाहती हो? अगर तम
ु
समझदार हो और उससे सFचा !ेम करती हो, उससे ऐसे ह; Gववाह करो जैसा वह
है । अब यह दआ
ु करने कo बजाय ">क वह मस
ु लमान हो जाये," तk
ु ह5 अÂलाह का
श>ु (या अदा करना चा•हए >क वह एक •ह?द ू ¹ाÒमण होने के नाते शmरया के
कानन
ू का पालन नह;ं कर सकता।
29
क़ुरान ४:३४ तथा http://www.timesofisrael.com/egyptian-cleric-advises-men-beat-your-
wife-so-she-will-mend-her-ways/.
53
!ेમ का धम'
तम
ु ने बहुत ह; अFछे तर;के से अपनी बहुलवाद; सोच का भी !दश'न >कया >क
"म/ चाहती हूँ >क हमार; संतान5 हY और म/ उ?ह5 इXलाम और •ह?द ू दोनY ह;
]शsाएं दँ ।ू " ऐसा ह; होना चा•हए। अपनी संतानY पर ह; छोड़ दे ना चा•हए के वे
>कस धम' को अनस
ु रण कर5 गे।
तम
ु ने कहा, "अगर एक पl
ु वधु होने के नाते मझ
ु से कुछ रXम और mरवाज़ करने
को कहा जायेगा, तब म/ उसे कर तो दं ग
ू ी पर बे•दल; से," हाँ अपने साथी के ]लए
इतना भर करना भी ठÍक ह; होगा। तk
ु हार; आXथा तk
ु हारे ]लए •यादा महšवपण
ू '
है ।
तम
ु ने यह भी कहा >क "उसका पmरवार भी संकoण' मान]सकता रखता है " तब तk
ु ह5
ह; उ?ह5 ]श‘sत करना होगा। >क?तु तम
ु ने भी धमा'?तरण का म´
ु दा उठाकर अपनी
30
अ’धक जानकार~ के zलए इस वी¢डयो को दे खe:
https://www.youtube.com/watch?v=RiWLGEKusIg.
54
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
हम5 आपके कथन "म/ने इXलाम को परू ; तरह से समझ ]लया है " पर भी आपGÜ
है । अगर तम
ु ने इसे अFछÍ तरह समझा होता तब तम
ु हर9गज़ भी एक •हंद ू
¹ाÒमण यव
ु क से !ेम नह;ं करतीं।
!ेम करना आसान नह;ं है , अगर आप सFचा Žयार करती ह/ तो उसकo कú कर5 ।
उसे वैसे ह; !ेम कर5 जैसा वह है और उसे जबरदXती बदलने कo को]शश न कर5
जैसा वह कभी नह;ं हो सकता। अब एक लव-िजहाद; कo तरह बता'व करने कo
बजाय य•द आप उससे सFचा !ेम कर5 गी तब शायद आप उसकo अ?य मस
ु लमानY
के !wत सोच को भी बदल सकती ह/। तब वह िXथwत दोनY के ]लए ह; लाभ!द
होगी।
अंतर-धािमर् क िववाह एक ऊँचे दांव वाले तीन पत्ती (gambling) के खेल की तरह है।
िजस तरह इस खेल में आपको नहीं पता होता िक सामने वाले के पास क्या पत्ते हैं,
उसी तरह अंतर-धािमर् क िववाह में आप नहीं समझ सकते िक आपके ससुरालीजन,
पड़ोसी, िमत्रगण आपके िलए क्या सोच रहे हैं —रौन
55
!ेમ का धम'
G!य अÂपा,
हम तk
ु हार; पीड़ा समझ सकते ह/। यह दभ
ु ा'Iयपण
ू ' है >क उनका !थम ¸येय तk
ु ह5
मस
ु लमान बनाना है । वे यह नह;ं दे ख सकते >क तम
ु एक अFछÍ इंसान हो। उनका
अंwतम ¸येय है इXलाम का !सार। यह बात तk
ु ह5 Xप`ट होनी चा•हए >क य•द
तम
ु ने धमा'?तरण नह;ं >कया, तk
ु हारा साथी तk
ु ह5 अवgय ह; छोड़ दे गा।
56
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
तk
ु हारा धमा'?तरण से डरना सह; है । धमा'?तरण तभी करना जब तk
ु हे आशा हो
>क तम
ु अFछÍ मस
ु लमान बन सकती हो। ¸यान रहे >क •दखावे का धमा'?तरण
आपका और आपके जीवन साथी का जीवन बबा'द कर सकता है । अतः अपने भावी
पwत, सkबि?धयY, उनके इमामY और परू े मिु Xलम समद
ु ाय को मख
ू ' बनाने कo
को]शश न कर5 । अतः कृपया •दखावे का धमा'?तरण न कर5 । शभ
ु कामनाओं स•हत
—एड]मन
कृपया िकसी भी प्रकार के शारीिरक सम्बन्ध को बढ़ावा न दें। अगर ऐसा एक बार हो
जाता है तब सारा प्रभुत्व और शिक्त पुरुष के हाथों में चली जाती हैं। यह सब तुम्हें
भावुक और मानिसक रूप से उसके साथ रहने को िववश कर देगा िफर चाहें उसका
पिरणाम कुछ भी हो —अज्ञेयवादी (खंड ३.३)
57
!ेમ का धम'
फाÂगन
ु ी,
आपने एक बहुत ह; महšवपण ू ' जानकार; नह;ं द; है , ˆया आपका साथी और उसके
माता-Gपता आपसे धम' पmरवत'न कo अपेsा रखते ह/? इस बात से कोई अंतर नह;ं
पड़ता >क वह ˆया बहाना बनाते ह/; जो बात सबसे महšवपण
ू ' है वह है >क ˆया
आपको धमा'?तरण करना पड़ेगा?
58
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
हाँ, उसने मझ
ु से कहा था >क य•द मझ
ु े उससे Gववाह करना है तब मझ
ु े धमा'?तरण
करना होगा ˆयY>क एक मिु Xलम यव
ु क का एक मिु Xलम यव
ु ती से ह; wनकाह
संभव है । पर?तु उसने यह भी कहा >क मझ
ु े •ह?द ू मं•दरY म5 जाने कo छूट होगी
और म/ अपने दे वी दे वताओं कo मwू त'यां भी अपने साथ रख सकती हूँ। >क?तु अब
म/ उसे कहूँगी >क म/ >कसी भी कoमत पर अपना धम' नह;ं बदलंग ू ी। दे खते ह/ >क
वह मझ
ु े ऐसे ह; Xवीकार करता है या नह;ं। बहरहाल, आपके अमÂ
ू य परामश' के
]लए ध?यवाद। म/ wनिgचत ह; माग'दश'न के ]लए आपसे संपक' क8ँगी —फाÂगुनी
इसके उलट जो औरत अपनी िजं दगी फख्र और शान से जीती है उसे इस िजंदगी में
जन्नत नसीब होती है।
59
!ेમ का धम'
अब दो वष' हो चक
ु े ह/ जब म/ने अपने Xकूल के •दनY के एक ]मl से ]मलना श8
ु
>कया जो एक मिु Xलम समद
ु ाय से है । वह Xवयं इतना धा]म'क नह;ं है और हम
दोनY का Ðि`टकोण भी एक ह; है (एक अFछा इंसान बनना और अFछÍ बातY का
अनस ु रण करना •यादा महšवपण ू ' है )। हम दोनY ह; बहुत दयाल,ु उदार और दानी
!वGृ Ü के ह/। उसकo माता ह; पmरवार म5 सबसे अ9धक धा]म'क ह/ और उसके माता-
Gपता भी हमारे सkब?ध को Xवीकार करने के ]लए तैयार ह/। >क?तु म/ जानती हूँ
>क यह समाचार मेरे Gपता का •दल तोड़ दे गा। मझ
ु े पˆका Gवgवास है >क मेरा
अपने साथी से Gववाह करने का wनण'य एक दम सह; है और मझ
ु े ख़श
ु ी होगी य•द
मेरे माता-Gपता भी मेर; इस ख़श
ु ी म5 भागीदार हY।
मझु े Gवgवास है >क मेरे माता-Gपता उन सभी के साथ बड़े हुए िजनको वह; ]शsा
]मल; जैसा आप (®ीwनवास) कहते ह/, अतः म/ उ?ह5 दोष नह;ं दं ग ू ी। >क?तु म/
चाहती >क हूँ वे यह Xवीकार कर5 >क ईgवर ने ह; हर आदमी को बनाया है और
हम सभी को इस संसार म5 साथ रहना होगा।
31
https://www.interfaithshaadi.org/puja-i-will-not-convert/comment-page-1/#comment-
40032.
60
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
मानेगा ˆयY>क म/ धमा'?तरण नह;ं क›ँ गी अतः ऐसा (इXला]मक wनकाह) हो नह;ं
पायेगा।
मेरा साथी •ह?द ू र;wत mरवाज़ के ]लए भी तैयार है । जहाँ तक संतानY का !gन है
जब हम दोनY ह; ना तो मिXजद जाय5गे और ना ह; मं•दर तो कोई समXया खड़ी
ह; नह;ं होगी। हालां>क म/ उ?ह5 इ?ह;ं दो धम° के बारे म5 ह; नह;ं बताऊँगी अGपतु
सभी धम° कo ]शsा दं ग
ू ी। अगर म/ भGव`य म5 कभी मं•दर जाने का wनण'य लेती
हूँ, तब म/ उनको भी अनभ
ु व के ]लए अपने साथ ले जाऊंगी।
आपने एक wन`पs राय के ]लए कहा है , च]लए सभी जानकाmरयY को सामने रखते
ह/ ता>क आप एक wनण'य ले सक5 जो आपके ]लए सह; हो।
32
https://www.interfaithshaadi.org/ten-points-of-interfaith-dating/.
33
खंड २.४.२; https://www.interfaithshaadi.org/ten-points-dating-hindu/.
34
खंड ४.१।
35
https://www.interfaithshaadi.org/hindu-muslim-marriage-1-hindu-girl/.
61
!ेમ का धम'
उस ३० सl
ू ी सच
ू ी से न घबराएं। य•द वह अमर;का म5 रहता है और धम' को
मानने वाला –यिˆत नह;ं है , तब उनम5 से कोई भी Ëबंद ु लागू नह;ं होगा। कृपया
हम5 अवgय बताएं >क ˆया हुआ। शभ
ु कामनाओं स•हत —एड]मन
वेदांत पाप को महत्व नहीं देता अिपतु त्रुिट को देता है। वेदांत कहता है िक सबसे बड़ी
त्रुिट है यह मानना है िक आप कमजोर हैं, पापी हैं, िनम्न हैं अथवा आपके भीतर कोई
शिक्त नहीं है और आप कुछ भी करने में समथर् नहीं है —स्वामी िववेकानंद
36
४८ I¬तशत से अ’धक Iथम •ववाह तलाक़ पर समा-त होते ह“ अथवा २० वष„ मe यग
ु ल अलग हो
जाते ह“: http://www.avvo.com/legal-guides/ugc/marriage-divorce-statistics.
62
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
खंड ३.१३: क्या मैं औपचािरकता मात्र के िलए धमर् पिरवतर्न कर सकता हूँ ?
63
!ेમ का धम'
आपके !gन का बहुत सीधा सा जवाब है : कभी भी झूठा धम' पmरवत'न ना कर5 ।
मझ
ु े sमा कर5 ऐसा सीधा जवाब दे ने के ]लए पर?तु यह; सच है । ˆया आप ऐसे
–यिˆत ह/ जो अÂलाह से, अपने माता-Gपता से, अपने •ह?द ू समद
ु ाय से, इमाम
से और सबसे महšवपण
ू ' अपने आप से झूठ बोल5गे? ऐसा झूठा धम' पmरवत'न आप
दोनY का जीवन और दोनY के पmरवारY को बबा'द कर सकता है । अगर आप एक
बार मस
ु लमान कहने भर के ]लए भी बन जाते ह/ तब भी आपका •ह?द ू र;wत
mरवाजY का पालन करना पाप ह; माना जाएगा। बाद म5 य•द आप वापस •ह?द ू
बनना चाह5 तब उसे Xवधम' šयाग कहा जाएगा िजसकo सजा Gवgव म5 कुछ जगहY
पर मšृ यद
ु ं ड है । अतः झूठा धम' पmरवत'न करने कo जगह, इXलाम के बारे म5 जान5
और अगर आपको अFछा लगता है तब सच म5 धम' पmरवत'न कर ल5। >क?तु य•द
आप इXलाम से सहमत नह;ं ह/, तब यह Xप`ट कर द5 >क आप धम' पmरवत'न
नह;ं कर5 गे और अपने ह; धम' के अनय
ु ायी रह5 गे जैसा >क आप पहले भी कह चक
ु े
ह/। अब माता-Gपता कo समXया उ?ह;ं तक रहने द5 और आपको उनकo अXवीकृwत
से दरू ; बनाने का कोई न कोई हल wनकालना होगा, य•द वे वाXतव म5 आपके
साथ नह;ं आते ह/।
एक सम्बन्ध में वषोर्ं तक साथ रहने के बाद अपने साथी से िववाह हेतु धमर् पिरवतर्न के
िलए कहना धमार्न्तरण का एक बहुत बुरा रूप है।
64
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
मेर; बहन एक मिु Xलम –यिˆत के साथ वष° से !ेम सkब?ध म5 है , हालां>क मझ
ु े
यह सkब?ध आगे बढ़ता नज़र नह;ं आ रहा। मेरे भाई ने एक मिु Xलम लड़कo से
Gववाह >कया था और मेरे भाई ने धम' पmरवत'न भी नह;ं >कया ˆयY>क वह मिु Xलम
म•हला एक धम' wनरपेs और धनी पmरवार से थी।
मेरा Gववाह एक मिु Xलम लड़कo से हुआ और म/ने उसके माता-Gपता कo संतिु `ट
के ]लए •दखावे का धम' पmरवत'न >कया। अब म/ वापस •ह?द ू हो गया हूँ। य´यGप
म/ने उसे कभी धम' पmरवत'न के ]लए नह;ं कहा, >क?तु हमारे •ह?द ू र;wत mरवाज़Y
का पालन करने म5 उसे कोई आपGÜ नह;ं है जब तक >क म/ उसे बा¸य न क8ँ।
ˆया यह सब अ´भत
ु नह;ं है ? वह अपने तर;के से !ाथ'ना करती है और म/ कोई
आपGÜ नह;ं करता।
त›ण,
आपने झठ
ू और धोखे को अपने वैवा•हक जीवन का आधार ˆयY बनाया? अगर
आपकo मिु Xलम बनने कo कोई मंशा नह;ं थी तब आपने झूठÍ शहादा कo क़सम
65
!ेમ का धम'
ˆयY खाई और झूठा धम' पmरवत'न ˆयY >कया? ˆया यह उसके धम' का, उसके
माता-Gपता, इमाम और इXलाम का अपमान नह;ं है ?
जीवन कभी भी एक गुलाबों की बिगया नहीं है, यिद है भी तो गुलाब में काँटे भी हैं।
66
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
म/ एक •ह?द ू हूँ और मेरा साथी एक मिु Xलम है । म/ने अपने Gववाह के ]लए घर
छोड़ने का मन बना ]लया है । म/ अपना धम' और अपना नाम नह;ं बदलंग
ू ी, मेरे
साथी को भी इससे कोई समXया नह;ं है । जहाँ तक इXलाम म5 धमा'?तरण कo
बात है , मेरा साथी और उसकo मां नह;ं चाहते >क म/ सच म5 धमा'?तरण क8ँ।
वह बहुत सहयोगी ह/। हम wनकाह नह;ं कर5 गे और Xपेशल मैmरज एˆट १९५४ के
अंतग'त Gववाह कर5 गे। मेरे बFचे मस
ु लमान हYगे। म/ इसम5 कुछ नह;ं कर सकती,
>क?तु •हंदšु व भी जीवन का एक •हXसा होगा ˆयY>क म/ अपने सभी •हंद ू र;wत
mरवाज़Y का ऐसे ह; पालन क›ँ गी जैसे म/ अभी करती हूँ। ˆया आपके पास मेरे
]लए कोई सझ
ु ाव है ? —तोरल
नमXकार तोरल,
हम5 ख़श
ु ी है >क आपके साथी कo मां आपके धमा'?तरण न करने और आपका
Gववाह Xपेशल मैmरज एˆट १९५४ के अंतग'त करने को राज़ी ह/। >क?तु उसके Gपता
और अ?य सkबि?धयY के इस पर ˆया Gवचार ह/? ˆया आपने उनसे –यिˆतगत
भ5 ट कर उनसे चचा' कo है अथवा आपने अपने साथी के कहने भर से मान ]लया
>क आपको धमा'?तरण करने कo कोई आवgयकता नह;ं है ? अब य•द आपके साथी
के Gपता और अ?य घwन`ठ सkब?धी नह;ं मानते ह/ तब आपके साथी के सरु भी
आपके Gववाह कo wत9थ पास आने पर बदलने लग5 गे।
आप अपने माता-Gपता को छोड़कर एवं भागकर Gववाह ˆयY करना चाहती ह/? यह
संभव है >क ऐसा कदम उठाने के बाद आपके अपने माता-Gपता और सkबि?धयY
से mरgते ह; खšम हो जाएँ। अब य•द भGव`य म5 आपके वैवा•हक जीवन मे कोई
समXया आती है (जो एक अंतर-धा]म'क Gववाह म5 संभव है ), तब आप कहाँ जाएँगी
67
!ेમ का धम'
और >कसकo मदद ल5गी? अFछा होगा >क आप वापस लौटने के सभी ´वार बंद
न कर5 । अपने माता-Gपता को सार; सFचाई बता द5 और डांट का सामना कर5 । उ?ह5
सँभलने और आपके साथ खड़ा होने के ]लए समय द5 और आप दे ख5गी >क आपके
माता-Gपता आपके समथ'न म5 खड़े हYगे। ˆया आप घर से केवल इसी]लए भागना
चाहती ह/ ˆयY>क आप Gवरोध का सामना नह;ं करना चाहती? >क?तु यह एक
कायरता से भरा कृšय लगता है ।
68
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
मां ईसाई थीं, उनका लालन पालन भी दोनY ह; धम° म5 हुआ। जब वह कॉलेज म5
थे तब उ?हYने अपना बपwतXमा कराने का wनण'य ]लया। अपनी संतान को धम'
कo Xवतंlता दे ने म5 बरु ाई ह; ˆया है ? अभी आप अपनी संतान पर मस
ु लमान का
ठŽपा लगाने पर सहमwत न द5 ।
इसम5 एक कानन
ू ी प5 च भी है —य•द आप अपनी संतान के मस
ु लमान होने कo
सहमwत के साथ Gववाह का अनब
ु ंध करती ह/, तब तलाक कo अनचाह; िXत9थ
अगर >कसी कारण से wन]म'त होने पर अपने बFचे का कानन
ू ी संरsण लेने म5
आप Gवषम पmरिXथwतयY म5 फँस सकती ह/। एक ?यायाधीश एक मिु Xलम बFचे
का संरsण एक •ह?द ू माता को नह;ं दे गा ˆयY>क आपने Xवयं ह; उसके मस
ु लमान
बनने पर सहमwत द; थी। अब य•द आप बFचे को दोनY धमî के साथ बड़ा करती
ह/ तब आपको उसका कानन
ू ी संरsण ]मल सकता है ।
ˆया आपको पता है >क एक मिु Xलम बFचे को कैसे पाला जाता है ? ˆया आप
कभी >कसी मिXजद अथवा मदरसे गई ह/? य•द नह;ं तो एक बार अवgय जाएं
और कुछ घंटे Ëबताएं। सीख5 >क वहां बFचY को ˆया पढ़ाया जाता है ˆयY>क आपको
भी अपने मस
ु लमान बFचे को वह सब पढ़ाना पड़ेगा। ˆया अपने क़ुरान पढ़; है ?
ˆया अपने बFचे के !wत•दन क़ुरान पढ़ने से आपको कोई समXया नह;ं है ? आस
पास के मिु XलमY से बात कर5 और जान5 >क वे •ह?दओ
ु ं और •ह?द ू भगवानY के
बारे म5 ˆया सोचते ह/।
कृपया मझ
ु े भी बताएं >क एक •ह?द-ू मस
ु लमान संतान कo बजाय एक मस
ु लमान
संतान कo मां कहलाने म5 आपको ˆया !ाŽत होगा? कृपया GवXतार से समझाएं।
—एड]मन
मझ
ु े अपने बFचY को मस
ु लमान बनाने से कोई आपGÜ नह;ं है । उसके Gपता को
भी हमारे Gववाह से कोई आपGÜ नह;ं है तथा उ?ह5 अपने सkबि?धयY कo भी कोई
परवाह नह;ं है । एक बार मेरे घर म5 भगवान सšयनारायण कo पज
ू ा थी, अगले
•दन म/ने उनके घर जाकर सभी को !साद •दया और मझ
ु े ख़श
ु ी है >क सभी ने
!साद ]लया। बिÂक उ?हYने कहा >क अगल; बार पज
ू ा हो तो >फर से दे ना।
69
!ेમ का धम'
मझ
ु े पैग}बर मह
ु }मद अvछे नह5ं लगते ˆयY>क उ?हYने लोगY को जो राXता
•दखाया वह मझ
ु े पसंद नह;ं है । मझ
ु े उससे नफरत है , वह म‰
ु य अपराधी और
झूठा है ।37 —तोरल
(अल्लाह के अलावा कोई भगवान नहीं है, और मुहम्मद उसके अंितम दू त हैं)
37
तोरल °बना पैग•बर मह
ु •मद का इƒलाम मe मह•व जाने, अपने ब˜च€ को मस
ु लमान बनाने पर
राज़ी हो गई।
70
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
सज
ु ान कहते ह>:
उसका पmरवार उसका wनकाह उसके चचेरे भाई से करने कo योजना बना रहा है ।
हम दोनY एक दस
ू रे से बहुत !ेम करते ह/ और म/ने उसे वचन •दया है >क म/
>कसी भी कoमत पर उसी से Gववाह क8ँगा। म/ अपने Gपता का इकलौता पl ु हूँ।
म/ने इXलाम अपनाने का wनण'य कर ]लया है ता>क उसके माता-Gपता मझ
ु े अपना
ल5। यहाँ Xप`ट कर दँ ू >क म/ कोई झठ
ू ा धमा'?तरण नह;ं क8ँगा।
G!य सज
ु ान,
71
!ेમ का धम'
हमार; दस
ू र; •टŽपणी है : यह पˆका कर ल5 >क आप अपनी !े]मका के !ेम के
अ?य इXलामीक आXथाओं और अपेsाओं को समझते ह/ और उनसे सहमत भी
ह/।
इXलाम बहुत लोगY के ]लए एक महान धम' है और इXलाम उ?ह5 बहुत कुछ
]सखाता भी है । >क?तु आप अपनी !े]मका के ]लए अपने धम', िजसम5 आपने
ज?म ]लया है , को šयागने का wनण'य ना ल5। अगर वह ]सख होती तब ˆया आप
]सख धम' अपना लेते?... इसी !कार अगर वह ईसाई होती तब ˆया आप अपना
बपwतXमा करवाते? यह पˆका कर ल5 >क आप इXलाम को उसकo अFछाईओं और
अपनी इXलामी समझ के कारण अपनाएं ना >क इस]लए >क वह आपकo !े]मका
का धम' है । ˆया यह सह; है >क आप धमा'?तरण केवल उसके पmरवार कo Gववाह
के ]लए रज़ामंद; के ]लए कर रहे ह/? अगर वह यव
ु ती आपके जीवन म5 न होती
तब ˆया आप कभी मिु Xलम बनने के बारे म5 सोचते?
अगर आप कार खर;दने जाएं तो ˆया आप सबसे महँगी कार इस]लए खर;द ल5गे
ˆयY>क कार डीलर, जो आपके पmर9चत ह/, उसी महँगी कार को लेने कo िज़द कर
रहे ह/। ˆया आप दस
ू रे डीलर से उस कार का मÂ
ू य नह;ं पता कर5 गे? इसी !कार
आपने अब तक इXलाम के अwतmरˆत >कतने धम° को समझा है ? ˆया आपने
कभी क़ुरान, बाइËबल, गीता अथवा बौ´ध धम' से सkबं9धत ž?थ पढ़े ह/? यह
सभी महान धम'ž?थ ह/; तब आपने यह wनण'य कैसे ले ]लया >क इXलाम ह;
38
https://www.interfaithshaadi.org/blog/?cat=9.
72
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
ˆया आप हम5 ५ ऐसी कुरान कo ]शsाएं अथवा इXलाम से सkबं9धत बात5 बता
सकते ह/ जो आपको अFछÍ लगीं तथा जो आपको •ह?द ू धम' म5 नह;ं ]मल;ं। ˆया
आप यह भी बता सकते ह/ >क ˆया आपको Gवgवास है >क ईgवर ने यह सkपण
ू '
संसार २+४ •दनY म5 बनाया था और डाGव'न का Gवकासवाद (Darwin’s Law of
Evolution) का ]स´धांत गलत है ? ˆया आप मानते ह/ >क पैगkबर मह
ु kमद
ईgवर के अंwतम दत
ू थे? ˆया आप यह भी मानते ह/ >क केवल इXलाम ह; एक
माl सFचा धम' है तथा ईसाई, जैन, •ह?द ू एवं और सभी धम' सFचे नह;ं ह/? ˆया
आपको Gवgवास है >क !लय के •दन (Judgment Day), अÂलाह सभी के भाIय
का फैसला माl एक घंटे म5 कर द5 गे और सभी •ह?द,ू जैसे >क आप, आपके माता-
Gपता अथवा महाšमा गाँधी, नक' कo आग म5 जल5गे ˆयY>क वे का>फर ह/ अथा'त
मस
ु लमान नह;ं है ? ˆया आप मानते ह/ >क ईgवर केवल सऊद; अरब कo •दशा म5
ह; ]मल5गे तथा उनका Xमरण भी उसी •दशा म5 खड़े होकर >कया जाना चा•हए?
ˆया एक •दन आप अपने बFचY और उनके बFचY को •ह?दओ
ु ं से !ेम करने द5 गे
ता>क उनका धमा'?तरण >कया जा सके और यह तब तक होता रहे गा जब तक
>क कोई •ह?द ू धमा'?तरण के ]लए ना बचे?
आपने पछ ू ा था, "ˆया म/ सह; •दशा म5 जा रहा हूँ?" मेरा उÜर है >क यह wनभ'र
करता है ... य•द आप केवल अपने ]लए और अपनी इXलाम म5 सFची आXथा के
कारण धमा'?तरण कर रहे ह/, तब वह सह; राXता होगा। आपको अपने !ेम और
अपने धम' पmरवत'न के wनण'य को अलग-अलग करना होगा।
शभ
ु कामनाएं —एड]मन
सज
ु ान कहते ह>:
आप सभी को परे शान करने के ]लए sमा!ाथþ हूँ और आप सभी को मेर; मदद
करने के ]लए ध?यवाद। >क?तु मझ
ु े लगता है >क हमारा सkब?ध अब ख़šम हो
चक
ु ा है । म/ने अपने ]मl से जाना >क उसका जबरदXती और गुŽत तर;के से उसके
चाचा के लड़के से wनकाह कर •दया गया है । अब ऐसा लगता है >क हमारे •दल
और •दमाग को कभी सक
ु ू न नह;ं ]मलेगा।
73
!ेમ का धम'
म/ने अब वह सब भल
ु ाने का मन बना ]लया है और अपनी उFच ]शsा के ]लए
Gवदे श जाने का wनण'य कर ]लया है ।
मेर; सहायता के ]लए पनु ः ध?यवाद। आशा करता हूँ आप मेरे उ•जवल भGव`य
कo भी कामना कर5 गे। अनेकानेक ध?यवाद —सज
ु ान
एक िविशष्टवादी कहेगा "मैं अपने बच्चों को दो धमोर्ं के साथ भ्रिमत नहीं करना
चाहता"। मूल रूप से वह कहना चाहता है "केवल एक ही ईश्वर है और वह मेरा वाला
है।"
74
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
मेरे साथ भी यह; समXया है —मेरा !ेमी एक मिु Xलम है और म/ एक •ह?द ू हूँ—म/
उससे Gववाह करने के ]लए कोई धमा'?तरण नह;ं क›ँ गी। हम wनकाह भी कर5 गे
और •ह?द ू Gववाह भी। म/ एक •ह?द ू हूँ और आजीवन •ह?द ू ह; रहूंगी। —wनशा
wनशा,
म/ आपको आपके साथी के !ेम कo वाXतGवकता बताना चाहता हूँ। उसके !ेम का
असल; उ´दे gय आपको मिु Xलम बनाना है । यह एक ऐसी सािजश है िजसम5 आपको
पता भी नह;ं चलता >क आपका धमा'?तरण हो गया है । wनkन म5 से सभी अथवा
कोई एक बहाना आपके धमा'?तरण के ]लए बनाया जायेगा:
१. तk
ु ह5 धम' पmरवत'न करने कo ज8रत नह;ं है । बस शहादा कo क़सम को दोहरा
दे ना और wनकाहनामे पर हXताsर कर दे ना, यह सब wनकाह के ]लए ज8र;
औपचाmरकता भर है ।
३. मझ
ु े तk
ु हारे धम' से कोई आपGÜ नह;ं है >क?तु मेरे माता-
Gपता/पmरवार/सkबि?धयY कo तसÂल; के ]लए तk
ु हे शहादा कo क़सम बस दोहरानी
है ।
39
Interfaithshaadi.org के पर एक अ¬त’थ सलाहकार।
75
!ेમ का धम'
žंथY के अनस
ु ार पण
ू त
' ः इXलाम सkमत भी है । इसका अथ' है वे >कसी गैर-मिु Xलम
को धमा'?तmरत करने के ]लए कोई भी गैर-इXलामी सा लगने वाला तर;क़ा अपनाने
के ]लए Xवतंl ह/। वे इसके ]लए •ह?द ू म•दरY म5 जा सकते ह/ और !साद भी खा
सकते ह/, जो इXलाम म5 wनGष´ध है ।
अपने भGव`य का फैसला आपको Xवयं करना ह/। >क?तु एक बार wनकाह हो गया
तब आपके ]लए बहुत से GवकÂप उपलÊध नह;ं रह5 गे। अतः एक मिु Xलम से शाद;
से पहले सौ बार अवgय सोच ल5। —सšयेन
76
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
म/ एक •ह?द ू लड़कo हूँ और एक मिु Xलम यव ु क से !ेम करती हूँ। अब हमने Gववाह
करने का wनण'य ले ]लया है । मेरे साथी का wनण'य है >क हम पहले •ह?द ू समारोह
म5 Gववाह कर5 गे >फर मिु Xलम wनकाह का समारोह होगा। मेरे साथी के इमाम के
अनस
ु ार, वह •ह?द ू धम' के सभी अन`ु ठान कर सकता है ]सवाय अिIन के चारY
ओर सात फेरY के। >क?तु म/ अपने साथी को समझा रह; हूँ >क सात फेरे एक
•ह?द ू Gववाह के ]लए आवgयक ह/ और उसे ऐसा करना ह; होगा। कृपया उ9चत
परामश' द5 । —•डंपल
नमXकार •डंपल,
अब आपको wनण'य लेना है >क इXलाम आपके ]लए उ9चत धम' है अथवा नह;ं।
अगर आप इXलाम क़ुबल
ू करती ह/ तब आपको यह सwु निgचत करना होगा >क
ऐसा आप •दल से कर रह; ह/ और आप एक आiाकार; मिु Xलम पšनी और
मिु Xलम मां बनना चाहती ह/। अगर आपको इसम5 लेशमाl भी शंका है तो अपने
साथी को खश
ु करने के ]लए झठ
ू ा धमा'?तरण करने कo भल
ू कभी ना कर5 । यह
इमाम और अ?य लोगY को खश
ु करने के ]लए >कया गया झूठा धमा'?तरण ना
77
!ेમ का धम'
केवल आपका अGपतु आपके साथी और दोनY पmरवारY का जीवन तहस नहस कर
सकता है ।
अपने साथी से पछ
ू 5 >क आपके !ेम का धमा'?तरण से ˆया लेना दे ना है ? अगर
आप अपनी आXथा पmरवत'न को लेकर wनिgचत नह;ं ह/ तब अFछा होगा >क आप
Xपेशल मैmरज एˆट १९५४ के अंतग'त Gववाह कर ल5। —एड]मन
मझ
ु े आgचय' है >क कैसे हमारे मिु Xलम यव
ु क •ह?दओ
ु ं से Gववाह कर रहे ह/।
लगता है आपके माता-Gपता आपसे !ेम नह;ं करते और आपको एक मिु Xलम से
Gववाह करने कo अनम
ु wत दे रहे ह/। आप जैसी •ह?द ू लड़>कयां तF
ु छ होती ह/। मझ
ु े
आशा है >क आप सच समझ ल5गी और अपने फ़ालतू धम' को छोड़कर मिु Xलम
बन जाएंगी। म/ अपनी बेट; को एक •ह?द ू से Gववाह करने कo इजाज़त कभी नह;ं
दं ग
ू ी। —फराह
ठÍक है , मझ
ु े सšय का एहसास हो रहा है , बहुत-बहुत ध?यवाद —•डंपल
78
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
खंड ३.१९: मैंने उसे कह िदया है िक मैं धमर् पिरवतर्न नहीं करूंगी
म/ने अभी अपने बFचY के बारे म5 कोई wनण'य नह;ं ]लया है । अगर वे इXला]मक
संXकृwत को अपनाएंगे तब भी मझ
ु े कोई परे शानी नह;ं है । म> नह5ं चाहती †क वे
दो धम• के बीच म_ •xमत ह^ >कं तु यह ज8र चाहती हूँ >क वे दोनY धम° का आदर
कर5 ।
अभी वह भारत से बाहर नौकर; करने गया है । जाने से पहले उसने मेर; मां से
शाद; कo बात कo >कं तु माँ ने इ?कार कर •दया। मेर; मां उसे बहुत पसंद करती
ह/ >कं तु वह समाज और !wत`ठा के कारण उसे अपनाने से डरती ह/। उ?ह5 लगता
है >क उससे शाद; करके म/ अपने पmरवार को श]मÏदा क8ंगी तथा उसके बाद कोई
भी मेर; बहन से Gववाह नह;ं करे गा। अभी मेर; बहन के mरgते कo बात भी चल
रह; है ।
79
!ेમ का धम'
>कसी से !ेम और >कसी अ?य से Gववाह करना सह; नह;ं है । म/ अपने !ेमी को
जानती हूँ और मझ
ु े Gवgवास है >क वह मझ
ु े कभी धोखा नह;ं दे गा, >कं तु म/ नह;ं
जानती >क म/ ˆया क8ं। म/ अपने !ेम और अपनी मां के बीच म5 फँस गई हूँ।
म/ अभी २० साल कo हूँ और मझ
ु े अभी तक अपने भGव`य का wनण'य लेने का
अ9धकार नह;ं है । कृपया हमारे ]लए !ाथ'ना कर5 और अपने सझ
ु ाव भी द5 । —उवþ
G!य उवþ,
आपकo पmरिXथwत जानकर दख ु हुआ। म/ आपसे सहमत हूँ >क अपने !ेमी को
समाज और !wत`ठा के कारण छोड़ दे ना बहुत बरु ा है , साथ म5 बहुत क•ठन भी
होता है । कभी-कभी आपको सह; •दशा म5 जाने के ]लए कठोर wनण'य लेने पड़ते
ह/। भाIयवश आपके पास सभी तÝयY को जानने तथा एक सह; wनण'य लेने के
]लए कुछ मह;ने का समय है । ऐसी बहुत सी लड़>कयां ह/ िज?हYने एक मिु Xलम
यवु क से शाद; कo और बरबाद हो गई, पर म/ आशा करता हूँ >क आपका !ेमी ऐसा
नह;ं होगा।
सव'!थम आप उससे समानता पर आधाmरत एक •हंद-ू मिु Xलम Gववाह के ]लए कह5 ।
कह द5 >क आप अपना धम' कभी नह;ं बदल5गीं (यह अFछÍ बात है >क वह पहले
ह; सहमत है ; >कं तु उसके माता-Gपता का सहमत होना भी अšयंत आवgयक है )।
आपको यह भी कहना होगा >क आप इXला]मक wनकाह नह;ं कर5 गी (िजसके ]लए
धमाÏतरण कo ज8रत है और कोई राXता नह;ं है ) और सबसे ज8र; उससे यह भी
80
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
कह5 >क होने वाल; संतान केवल मिु Xलम नह;ं होगी बिÂक •हंद-ू मिु Xलम होगी जो
“ईgवर अÂलाह तेरो नाम” के राXते पर चलेगी। कृपया उसके पmरवार से जÂद ह;
भ5 ट कर5 और यह पˆका कर5 >क वे आपकo सभी मांगY से सहमत ह/। अगर आपको
लगता है >क आपके साथी के कहने और उसके माता-Gपता तथा समाज कo
अपेsाओं के बीच Gवरोधाभास है तब समझ ल5 >क एक बड़ी मस
ु ीबत आपका
इंतजार कर रह; है ।
आपकo कुछ बात5 भी हमारे ]लए 9चंताजनक ह/। यह बात5 शंकाएं पैदा करती ह/ >क
कह;ं वह कोई लव-िजहाद; तो नह;ं है ? आपके कथन जैसे >क “वह •हंदšु व के बारे
म5 मझ
ु से •यादा जानता है ”, “म/ मwू त' पज
ू ा म5 Gवgवास नह;ं करती” और “बFचे दो
धम° के बीच Õ]मत हो जाएंगे” जैसे कथन 9चंता पैदा करते ह/। यह सभी कथन
एक दस
ू रे से जड़
ु े हुए ह/ और इन पर GवXतार से चचा' आवgयक है ।
ˆया •हंदšु व म5 उसकo 89च आपकo •हंद ू आXथाओं म5 कमी wनकालने के ]लए है
िजससे >क आप Õ]मत हो जाएं और एक मिु Xलम बनने के ]लए राजी हो जाएं?
कृपया उसकo •हंदšु व म5 ›9च के पीछे के उ´दे gय का पता लगाएं।
मwू त' पज
ू ा म5 अGवgवास और बFचे दो धम° के बीच Õ]मत हो जाएंगे जैसे कथन
अ¹ािÒमक Gवचारधारा को !द]श'त करते ह/ और यह सब उनके अस•ह`णु धम'žंथY
कo ]शsाओं का फल है ।40 ˆया वह आपको एक अस•ह`णु मिु Xलम बनाने के ]लए
आपका मत पmरवत'न अथवा ¹ेनवाश तो नह;ं कर रहा है ? एक •हंद ू होने के कारण
आप जानती ह/ >क ईgवर कo !ाथ'ना अनेकY 8प से कo जाती है और अपने बFचY
को इन सभी !ाथ'ना के 8पY को महšव दे ना ]सखाया जा सकता है । अंततः बड़े
होकर वे धम' और आXथा का wनण'य भी Xवयं ह; कर5 गे।
40
अ²याय ६.३ और https://www.interfaithshaadi.org/idol-worshipper-who-is-and-who-is-
not/.
81
!ेમ का धम'
>कया गया हो? ईसाई भी अनेक धम' 9च?ह जैसे लकड़ी और सोने के सल;ब, बाल
ईसामसीह कo मwू त'यां, मेर;, जॉन, पॉल, पीटर और सांता इšया•द का !योग करते ह/।
मिु Xलम धम' 9च?हY म5 काबा, कुरान, पैगंबर मोहkमद, मˆका, संतY कo दरगाह,
अयातÂ
ु लाह, फारसी लेख, और पšथर को चम
ू ने जैसे अनेक उदाहरण ह/। ˆयY
मस
ु लमान सऊद; अरब कo •दशा म5 सर झक
ु ाते ह/ >कं तु अपनी मातभ
ृ ]ू म के सामने
सर झुकाने से इनकार करते ह/?
41
ख³ड ६.३।
82
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
कानन
ू ी Gववाह के बारे म5 उनसे चचा' कर5 , उ?ह5 यह भी बताएं >क आप धमाÏतरण
नह;ं कर5 गीं और आपकo संतान २१ वष' कo आयु के बाद अपने धम' का चन
ु ाव
Xवयं करे गी। (३) अगर वह इन सब से सहमत होते ह/ तब कानन
ू ी Gववाह कर ल5।
जहाँ तक आपकo बहन कo बात है , उ?ह5 अपने जीवन का हल Xवयं ह; ढूंढना
होगा। (४) >कं तु य•द मिु Xलम !ेमी और उसके माता-Gपता इन सब बातY पर
सहमत नह;ं होते (Gवशेषकर बFचY के धम' के बारे म5 ) तब सचेत हो जाएं। अपना,
अपनी बहन का और अपने पmरवार का जीवन >कसी अGवgवसनीय –यिˆत के
]लए खतरे म5 ना डाल5। अनेक शभ
ु कामनाओं के साथ —एड]मन
83
!ेમ का धम'
सव'!थम:
१. तम
ु ने कहा >क तम
ु आईआईट; कo पर;sा म5 सफल होना चाहते हो। तब मेरे
अनम
ु ान के अनस
ु ार तम
ु १७ या १८ साल के हो। Žयार को भल
ू जाओ। ˆया तk
ु ह5
पता है >क तk
ु हार; सोच ४ वष' के बाद कैसी होगी? आईआईट; कo पर;sा भी
कम चन
ु ौतीपण
ू ' नह;ं है । जब म/ आईआईट; कo पर;sा दे रह; थी तब सोते-जागते,
उठते-बैठते, खाते-पीते म/ आईआईट; के बारे म5 ह; सोचती थी। एक तरह से
आईआईट; मेरा धम' बन चक
ु ा था। >कसी भी तरह से आप ऐसे संबंध के साथ
आईआईट; कo पर;sा पास नह;ं कर सकते। मेर; बात ¸यान से सन
ु ो—सब कुछ
भल
ू जाओ और पढ़ाई करो।
42
ख³ड ३.३।
84
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
३. अगर वह तk
ु ह5 Xवीकार नह;ं कर रह; है तो इसका संभाGवत कारण है >क वह
आने वाल; चन
ु ौwतयY का सामना करने के ]लए तैयार नह;ं है । उसके चन
ु ाव का
आदर करो, तk
ु ह5 भी कोई कदम उठाने से पहले सोचना चा•हए। यह सब आसान
नह;ं है । जब तक >क तम
ु दोनY एक दस
ू रे को Xवीकार नह;ं करते और धम' से
संबं9धत म‰
ु य Ëबंदओ
ु ं पर गंभीर Gवचार नह;ं करते तk
ु ह5 इस ओर एक भी कदम
आगे नह;ं बढ़ना चा•हए। इस उý म5 तk
ु हारे माता-Gपता भी तk
ु ह5 गंभीरता से नह;ं
ल5गे। सभी •हंद ू माता-Gपता इस उý म5 ]शsा पर •यादा जोर दे ते ह/। पहले तk
ु ह5
उनकo अपेsाओं को परू ा करना चा•हए।
और अगर भाIय म5 तम
ु दोनY का ]मलना ]लखा है तो >फर वह >कसी भी तरह
होकर रहे गा और अगर भGव`य म5 ऐसा होता है तब तम
ु अ9धक पmरपˆव होगे
और इस संबंध म5 आने वाल; ज•टल समXयाओं का wनXतारण आसानी से कर
सकोगे —अiेयवाद;
85
!ेમ का धम'
म/ एक २१ वष' कo भारतीय मिु Xलम लड़कo हूँ। म/ एक •हंद ू यवु क से !ेम करती
हूँ। वह भी मझ
ु े सFचा !ेम करता है >कं तु मेरे माता-Gपता इस संबंध को कभी
नह;ं Xवीकार5 गे। अब वे मेरा Gववाह >कसी अFछे मिु Xलम लड़के से जÂद से जÂद
करना चाहते ह/। मेरे !ेमी के पास अभी कोई नौकर; नह;ं है । मेरे पास अFछÍ
नौकर; है और म/ उसे नौकर; ]मलने कo !तीsा कर रह; हूँ। म/ अपने माता-Gपता
को इस संबंध के बारे म5 नह;ं बता सकती। कृपया इस समXया का कोई हल बताएं
—अिज़ज़ा
अिज़ज़ा,
यह कहना बड़ा आधwु नक सा लगता है >क !ेम Gववाह पारं पmरक (arranged)
Gववाह से अFछे होते ह/। आजकल के यव
ु ा तो यह तक भी सोचने लगे ह/ >क अगर
आपका !ेम सFचा है तो अंतर-धा]म'क Gववाह करना भी उ9चत है । हालां>क अंतर-
धा]म'क Gववाह सबके ]लए नह;ं होते। आप पढ़;-]लखी और पेशव
े र ह/ अतः आपको
सभी संभावनाओं पर Gवचार करके ह; अपने जीवन का सबसे बड़ा wनण'य लेना
चा•हए।
आपने बताया >क आपके माता-Gपता आपके ]लए एक उ9चत वर कo तलाश म5 ह/।
तब उ?ह5 थोड़ा समय द;िजए और उनके ´वारा चन
ु े गए लड़कY से मल
ु ाकात कoिजए
43
ख³ड ३.२६।
86
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
और बात कoिजए। अगर आपको भाIयवश कोई ऐसा लड़का ]मलता है िजसे आप
पसंद करने लग5 और जो आपके •हंद ू !ेमी के जैसा हो तब आप wनgचय ह; उस
मिु Xलम लड़के से Gववाह कर5 । >कं तु य•द सभी लड़कY से ]मलने के बाद भी आपको
अपना •हंद ू !ेमी •यादा बेहतर लगता है तब >फर अपने !ेमी से ह; Gववाह कर5 ।
आपको पता होगा >क एक मिु Xलम लड़कo के ]लए एक •हंद ू लड़के से Gववाह
करना बहुत मिु gकल है । तब भी ˆया आप अपने माता-Gपता, भाई-बहन, संबं9धयY,
इमाम और जो भी कुरान44 •हंदओ ु ं के बारे म5 कहती है सभी के •खलाफ जाना
चाहती ह/? ˆया अपने •हंद ू !ेमी से Gववाह करने के ]लए आप इन सभी समXयाओं
का सामना करने को तैयार ह/?
अगर आप यह आशा कर रह; ह/ >क आपका !ेमी मिु Xलम हो जाएगा और उसके
शहादा कo कसम लेने के बाद आपका इXला]मक wनकाह संभव है , तब आप
wनgचय ह; एक लव-िजहाद; ह/। कृपया >कसी भी •हंद ू को इXलाम म5 झठ
ू ा धमाÏतरण
करने को ना कह5 । ना ह; उसे मिु Xलम बनाने के ]लए अपने !ेम का सहारा ल5।
ऐसे Gववाह िजसम5 धमाÏतरण झूठ बोलकर और !ेम के दबाव म5 >कया जाता है
•यादा सफल नह;ं होते। आज के समय और पmरिXथwतयY म5 तो इसकo कÂपना
भी ना कर5 ।
44
ख³ड ६.३।
87
!ेમ का धम'
िववाह हेतु धमार्ंतरण करना क्यों आवश्यक है? क्या भगवान पहले आपके प्रेम को
स्वीकार कर लेते हैं िकंतु आपके भगवान िववाह के िलए तैयार नहीं होते क्योंिक
आपकी साथी धमर् पिरवतर्न नहीं करती। यह िववाह हेतु धमार्ंतरण सही नहीं है —नीना
88
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
ु ती हूँ और एक •हंद ू यव
म/ इंIल/ड म5 रहने वाल; एक भारतीय मिु Xलम यव ु क से
!ेम करती हूँ। वह भी इंIल/ड म5 रहता है और म/ उसे Gपछले ५ वष° से जानती
हूँ। हम दोनY के बीच सब कुछ अFछा है , हम दोनY के पmरवार भी लगभग समान
ह/, दोनY कo मातभृ ाषा गुजराती है और हम एक दस ू रे को बहुत खश
ु रखते ह/।
मेरा >कसी मिु Xलम यव ु क से ऐसा संबंध कभी नह;ं बन पाया और म/ अपने •हंद ू
साथी को सFचा !ेम करती हूँ। हम दोनY अपने धम° का बहुत आदर करते ह/ और
उसी धम' म5 रहना चाहते ह/। ना तो म/ उससे धमाÏतरण कo अपेsा करती हूँ और
ना ह; म/ खद
ु धमाÏतरण क8ंगी।
89
!ेમ का धम'
म/ सोच रह;ं हूँ >क म/ उसके पmरवार से ]मलँ ू और उ?ह5 अपने बारे म5 बताऊं। >कं तु
म/ wनण'य नह;ं ले पा रह; ˆयY>क म/ उसे खोना नह;ं चाहती। वह मेरे जीवन का
अ]भ?न अंग हो चक
ु ा है और म/ उसके Ëबना जीGवत नह;ं रह सकती।
मझ
ु े आपकo >कसी भी सलाह अथवा मदद कo !तीsा रहे गी। ध?यवाद —नौर;न
नौर;न,
90
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
से ]मलती रह5 और उ?ह5 आदर भी दे ती रह5 । आपको उनका भरोसा जीतने म5 कुछ
वष' तो अवgय लग5 गे >कं तु यह संभव है ।
सलाम एड]मन,
म/ यह तो पˆका जानती हूँ >क म/ उसके साथ अपना जीवन –यतीत करना चाहती
हूँ। मझ
ु े पता है >क म/ अभी यव
ु ा हूं >कं तु अब उसके पmरवार को भी हमारे संबंध
के बारे म5 पता है अतः हम5 जÂद ह; कुछ करना होगा। उसका पmरवार खश ु नह;ं
है ˆयY>क म/ एक मिु Xलम हूँ। म/ने अपने साथी को भी नह;ं बताया >क म/ उसके
माता-Gपता से ]मलना चाहती हूँ। मझ ु े लगता है >क मझ
ु े उनसे ]मलना चा•हए
ता>क उ?ह5 मझु े समझने का मौका ]मल सके और उ?ह5 पता लगे >क म/ उनके
ु के बारे म5 बहुत गंभीर हूँ और उसी के साथ अपना भGव`य दे खती हूँ।
पl
91
!ेમ का धम'
जैसे एक कटोरे में सलाद होता है जहां टमाटर टमाटर ही रहता है और खीरा खीरा ही
रहता है, ठीक इसी प्रकार एक दू सरे में घुलिमल जाओ और एक दू सरे की आस्थाओं का
आदर करो। िकसी को धमार्ंतिरत होने की आवश्यकता नहीं है। अंतर-धािमर् क िववाह का
आनंद दोनों ही आस्थाओं में समानता के साथ उठाओ।
92
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
InterfaithShaadi.com पर सबसे •यादा पूछे जाने वाला !gन है "म/ अपने माता-
Gपता को कैसे समझाऊं?" >क?तु अपने माता-Gपता को मनाने से पहले युवाओं को
Xवयं को समझाना चा•हए >क वे >कस •दशा म5 जा रहे ह/। अगले तीन खÁड ऐसे
ह; तीन अनुभवY पर आधाmरत ह/।
93
!ेમ का धम'
आपने कहा है "य•द मेर; साथी मेरे धम' म5 सFची आXथा नह;ं रखती तब म/
केवल Gववाह के ]लए अपने साथी का धम' पmरवत'न नह;ं चाहता।" तब ˆया उसके
àदय म5 इXलाम कo आXथा जगाने के ]लए आप उसे !ेम कo दह
ु ाई दे कर उसे
बहकाने कo को]शश तो नह;ं कर5 गे? ˆया आप उसे बार-बार यह समझाने कo
को]शश तो नह;ं कर5 गे >क इXलाम ह; एकमाl सFचा धम' है । अंत म5 य•द वह
धमाÏतरण नह;ं करती है तब ˆया आप उसे इXलाम और अपने पmरवार के ]लए
छोड़ द5 गे?
45
ख³ड ३.२६।
46
ख³ड ४.१।
47
ख³ड ३.१।
48
https://www.youtube.com/watch?v=gvZSqdmnxKM.
49
ची¶ २।
94
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
अपने माता-Gपता को पछ
ू 5 >क य•द आपकo !े]मका आपसे •हंद ू होने के ]लए कहे गी
तब उ?ह5 कैसा लगेगा?
िहं दुओ ं की पूजा और मुिस्लमों के रमजान, सभी कुछ साथ में करना आपको एक सूत्र
में बांधता है। दो संस्कृितयों, धमोर्ं तथा दो असंतुष्ट पिरवारों के साथ जीवन बताने के
िलए अदम्य साहस की आवश्यकता होती है। —शाशा (खण्ड ३.५)
95
!ेમ का धम'
म/ एक ¹ाÒमण लड़कo हूँ और एक ]शया मिु Xलम यव ु क से !ेम करती हूँ। म/ उसे
बहुत Žयार करती हूँ और अपना परू ा जीवन उसी के साथ Ëबताना चाहती हूँ। >कं तु
ना तो मेरे और ना ह; उसके माता-Gपता हम5 Gववाह करने द5 गे। अतः आप बताएं
मझ
ु े ˆया करना चा•हए —गीता
आप Indian Xपेशल मैmरज एˆट १९५४ के अंतग'त Gववाह कर सकती ह/। ऐसे
Gववाह के कई लाभ हYगे जैसे >क:
96
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
दस *“न:
१. आप Gववाह कैसे कर5 गे? •हंद ू Gववाह, इXला]मक wनकाह अथवा कानन
ू ी Gववाह?
या >फर तीनY?
२. ˆया Gववाह हे तु आपको शहादा के ´वारा धमाÏतरण करना ह; होगा अथवा नह;ं?
४. ˆया आपको अपने नए मिु Xलम घर म5 कुछ •हंद ू दे वी दे वताओं कo मwू त'यां
रखने कo छूट होगी? ˆया आप मिु Xलम घर म5 •हंद ू पज
ू ा कर सक5गे? (वैसे आपके
घर म5 काबा का 9चl भी होगा।)
५. ˆया आपका मिु Xलम साथी और उसका पmरवार आपके साथ •हंद ू मं•दर म5
जाएंगे तथा आपके माता-Gपता के घर होने वाल; सšयनारायण कo पज
ू ा म5 भाग
ल5गे? (आपके माता-Gपता भी मिXजद जाकर अपना दाwयšव wनभाएंगे।)
६. ˆया आपको मिु Xलम šयोहार जैसे >क बकर;द पर गोgत खाना पड़ेगा?
८. ˆया आपके पl
ु को खतना करवाना ह; होगा?
कुछ भी मान कर ना चल5 बिÂक सšय का पता लगाएं। यह पता होना आप दोनY
के ]लए ह; आवgयक है >क आप ˆया करने जा रहे ह/।
ऐसे GववाहY म5 तलाक के पीछे सबसे बड़ा कारण होता है >क आपका “साथी Gववाह
के बाद बदल गया है ।” सच कह5 तो कोई बदलता नह;ं है बस हम !ेम म5 अंधे
होकर >कसी के वाXतGवक चmरl को नह;ं पहचान पाते। हम5 पता है आप एक
अFछा wनण'य तभी ले पाएंगे य•द वह समझ-बझ
ू से भरा होगा। हम कामना करते
ह/ >क आपका Gववाह एक सख
ु ी और द;घ'का]लक (लkबा) ¹ाÒमण-मिु Xलम Gववाह
हो जो परXपर समानता पर आधाmरत हो। शभ
ु कामनाओं स•हत –-एड]मन
97
!ेમ का धम'
म/ अपने •हंद ू !ेमी से Gववाह करना चाहती हूँ >कं तु अपने माता-Gपता को कैसे
समझाऊं >क यह संबंध इXलाम के Gव›´ध नह;ं है । म/ने इस बारे म5 इंटरनेट पर
जांच पड़ताल कo है और मझ
ु े यह; पता लगा है >क कुरान एक मिु Xलम को एक
गैर-मिु Xलम से शाद; करने कo इजाजत नह;ं दे ती।
G!य नाजल;,
अपने माता-Gपता को समझाने से पहले, आपको Xवयं समझना होगा। आपने बहुत
ह; Gवरोधाभासी बात5 कo ह/। आप एक तरफ कहती ह/ >क "म/ अपने •हंद ू !ेमी से
शाद; करना चाहती हूं" वह;ं दस
ू र; तरफ यह भी कहती ह/ >क "यह इXलाम के
Gव›´ध नह;ं है " और "उ?ह5 9चंता होगी >क म/ अÂलाह कo मजþ के •खलाफ जा
रह; हूं।"
अगर आपका म‰
ु य उ´दे gय अÂलाह को खश
ु करना है तब कुरान का अनस
ु रण
कर5 । िजसका अथ' है >क कभी भी एक बत
ु परXत का>फर •हंद ू से Gववाह ना कर5 ,
यहां तक >क इस बारे म5 सोच5 भी नह;ं। इसके बजाय एक सFचा मिु Xलम साथी
ढूंढ5 जो पांचY वˆत कo नमाज पढ़ता हो, यह; अÂलाह को खश
ु करने का राXता
है और जैसा >क इXलाम कहता है >क, इस तरह, आपको इस जीवन म5 सख
ु न
भी ]मले >क?तु परलोक म5 तk
ु ह5 Xवग'-सख
ु अवgय ह; ]मलेगा।
हमारा मानना है >क सबसे गलत होगा >क आप अपने •हंद ू साथी से झूठा धमाÏतरण
करने के ]लए कह5 । यह झूठा धमाÏतरण ना केवल आप दोनY अGपतु दोनY ह; ओर
के पmरवारY के जीवन को तहस-नहस कर दे गा।
50
ख³ड ४.१
98
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
सभी मुिस्लम शरणाथीर् और अप्रवासी नागिरक दू सरे ग़ैर मुिस्लम-बहुल देशों में
धािमर् क स्वतंत्रता की मांग तो करते हैं िकंतु वहीं मुिस्लम-बहुल देशों में ईसाई एवं
अन्य गैर-मुिस्लम अल्पसंख्यकों को हािशए पर लाने के िलए कानून बनाए जाते हैं।
(िववरण के लीये मलेिशया खण्ड, ७.१.३ और
https://youtu.be/MPDuYFv2dqM)
51
ख³ड ३.२६।
99
!ेમ का धम'
म/ जमीला हूँ और एक मिु gकल से wघर; हुई हूँ। मेरा !ेमी एक •हंद ू है और मेरे
माता-Gपता को मेरा उससे बात करना भी पसंद नह;ं है । यहां तक >क वे मझ ु पर
एक मिु Xलम लड़के, उमर, से wनकाह का दबाव डाल रहे ह/। म/ •दन-रात रो रह;
हूँ ˆयY>क म/ केवल Gवजय से ह; Gववाह करना चाहती हूँ और उसी के साथ अपना
जीवन Ëबताना चाहती हूँ। >कं तु इस Gववाह के ]लए मेरे पmरवार म5 मेरे साथ कोई
नह;ं है ˆयY>क वह दस
ू रे धम' का है और म/ नह;ं चाहती >क वह धमाÏतरण करे ।
सलाम,
52
ख³ड ५.१।
100
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
नमXते ®ीwनवास,
मझ
ु े अÊदल
ु जैसे लोगY से घण
ृ ा है जो इXलाम कo गलत –या‰या करते ह/। ऐसे
लोग चाहते ह/ >क दwु नया म5 सभी इXलाम कबल
ू कर ल5 अ?यथा वे बेवकूफ ह/।
वह एक संकoण' मान]सकता वाला –यिˆत है । म/ >कसी (ाइवर अथवा Ëबजल;
]मXlी से Gववाह नह;ं करना चाहती। म/ Gवजय से !ेम करती हूँ और वह भी मझ ु े
!ेम करता है । वह मझु े मिु Xलम ह; Xवीकार करता है । म/ने यह Xप`ट कर •दया
है >क म/ •हंद ू नह;ं बनंग
ू ी >कं तु •हंद ू धम' का उतना ह; सkमान क8ंगी िजतना
इXलाम का करती हूँ। म/ Gवजय के ]लए कुछ भी क8ंगी। य•द मेरा पmरवार उसे
नक
ु सान पहुंचाता है तब म/ Gवजय का साथ दं ग
ू ी और प]ु लस कo मदद लंग
ू ी। —
जमीला
101
!ेમ का धम'
सभी को सलाम,
102
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
मेर; मां इस mरgते को परू ; तरह नकारती ह/ और मेरे Gपता भी इसे Xवीकार नह;ं
कर5 गे ˆयY>क वह एक क™टर धा]म'क मस
ु लमान ह/। वे (Gपता) अवgय ह; मझ
ु से
सkब?ध तोड़ द5 गे और हर संभव !यास कर5 गे >क म/ अपने •ह?द ू !ेमी के साथ
ना रह पाऊं। मेरे पmरवार कo मान]सकता को लेकर मझ ु े बहुत दःु ख होता है । म/
अपने पmरवार को मस ु ीबत म5 डाले Ëबना बस अपने !ेमी के साथ रहना चाहती हूँ।
अपने माता-Gपता के कारण म/ कभी-कभी Xवयं को दोषी मानती हूँ >क म/ एक
गैर-मिु Xलम के साथ सkब?ध म5 हूँ।
मझु े इXलाम म5 Gवgवास है और मेरे माता-Gपता को भी, >क?तु म/ चाहती हूँ >क
वे मेर; एक •ह?द ू –यिˆत के साथ जीवन Ëबताने कo इFछा का सkमान कर5 ।
मझ
ु े ईgवर म5 Gवgवास है >क?तु धम' का पालन नह;ं करती ˆयY>क मझ
ु े नह;ं
लगता >क मझ ु े उसकo आवgयकता है । म/ >कसी धम' के Gव›´ध नह;ं हूँ और
चाहती हूँ >क मेरे बFचे सभी धमî के बारे म5 सीख5 और >फर अपने ]लये धम' का
चयन Xवयं कर5 ।
103
!ेમ का धम'
मझ
ु े आशा है >क मेरे और मेरे !ेमी के साथ भGव`य म5 सब कुछ अFछा होगा।
म/ अपने जैसी समXया से wघर; मिु Xलम लड़>कयY के ]लए भी यह; आशा करती
हूँ। मझ
ु े पता है >क यह सब >कतना मिु gकल है >क?तु य•द आपका साथी बहुत
अFछा है और आपको खश ु रखता है तब उसका साथ कभी न छोड़5, ˆयY>क आज
के समय म5 अFछा लड़का, चाहे >कसी भी धम' का ˆयY ना हो, ढूंढना बहुत
मिु gकल है ।
>फर कहना चाहती हूँ >क म/ >कसी धम' के Gव›´ध नह;ं हूँ। म/ सभी धम° का और
ईgवर म5 आXथा रखने वालY का आदर करती हूँ। म/ •ह?द ू धम' अपनाने नह;ं जा
रह; हूँ और ना ह; अपेsा करती हूँ >क मेरा पwत मस
ु लमान बन जाये। ध?यवाद
—मिु Xलमाह
मैं उन सभी प्राचीन धमोर् का आदर करता हूँ और उनके अनुयाियओं के साथ प्राथर्ना भी
करता हूँ । मैं तो उनके ईश्वर की प्राथर्ना करता हूँ िफर वह चाहे िकसी भी रूप में हो।
104
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
खण्ड ३.२८: मेरी पत्नी मुझे कािफर कहती है... मैं मर जाना चाहता हूँ
मेरा आधा जीवन अपनी पšनी और बFचY के साथ गुजर गया है । म/ उसे Žयार
>कया करता था >कं तु उसे ऐसा बनाने के ]लए म/ इXलाम धम' को दोषी मानता
हूँ और अब इस धम' से घण ृ ा करने लगा हूँ। मेरे बFचे मझु से कहते ह/ >क वे
मिु Xलम ह/ और •हंद ू धम' म5 Gवgवास नह;ं करते। अब मझ ु े ˆया करना चा•हए?
यह पीड़ा मेरे àदय को कचोट रह; है और म/ मर जाना चाहता हूँ। काश >क म/ने
एक •हंद ू से Gववाह >कया होता।
मेरा जीवन एक झूठ है , म/ने अपने माता-Gपता से झूठ बोला >क मेरे बFचे •हंद ू
हYगे और मांस नह;ं खाएंगे। ऐसा लगता है जैसे >क म/ गत' म5 डूबता जा रहा हूँ
और मझ ु े बाहर wनकालने वाला कोई नह;ं है । जब भी •हंद ू शÊद का िज( होता है
तभी मझु े का>फर कहा जाता है । म/ ४० वष' कo आयु म5 कैसा हो गया हूँ! मेरा
ु े लगता है >क म/ नाकारा हूँ और मझ
ˆया दोष है ? मझ ु े मर जाना चा•हए इससे
पहले >क मेरे माता-Gपता ऐसा कर5 । मझ
ु े पता है >क मेरे बेटे अथवा मेर; पšनी
मेरे अंwतम संXकार म5 भी नह;ं आएंगे। मझ
ु े नह;ं पता मझ
ु े ˆया करना चा•हए, म/
बहुत दख
ु ी हूँ —gयाम
105
!ेમ का धम'
मझ
ु े बहुत बरु ा लग रहा है और मेरे •दन और रात बहुत लंबे होते जा रहे ह/। मेर;
पšनी इXलाम को मझ ु से कह;ं ऊंचा दजा' दे ती है ˆयY>क म/ उसकo नजर म5 •हंद ू
या कह5 का>फर हूँ। म/ केवल अपनी साथी और अपने तीन बFचY के ]लए जी रहा
हूँ। मन करता है >क मर जाऊं। म/ अपने पmरवार अथवा उसके पmरवार के साथ
भी खश ु नह;ं रह सकता। ऐसा जीवन जीने का ˆया फायदा? मझ ु े दमा का रोग
है और हर •दन आशा करता हूँ >क मेर; िXथwत गंभीर हो जाए और म/ मर जाऊं।
म/ Xवयं से भी पछ ू ता हूँ >क ˆया म/ का>फर हूँ? ˆया म/ इतना 9गरा हुआ हूँ?
मेर; मां कहती ह/ >क ऐसा नह;ं है और तम ु एक ¹ाÒमण हो।
मझ
ु े लगता है >क मझ
ु े आšमहšया कर लेनी चा•हए >कं तु अपने बFचY को दे खकर
साहस नह;ं कर पाता। जीवन इतना क•ठन ˆयY है ? मेरे सभी wनकट संबं9धयY से
संवाद बंद हो चक
ु ा है और मेरे जीवन म5 मšृ यु के अलावा कुछ नह;ं बचा। अब म/
और !तीsा नह;ं कर सकता।
म/ अपने माता-Gपता के पास !ाण šयागना चाहता हूँ ता>क वह मेरा अंwतम संXकार
कर सक5। तभी मझ ु े मिु ˆत ]मलेगी। झूठ और परे शाwनयY से भरे जीवन का ˆया
फायदा, अतः ऐसे संबंधY म5 ना पड़5।
106
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
म/ने अपने मिु Xलम पwत से Gववाह से पहले Gव]भ?न लोगY के Gव]भ?न Gवचार
सन
ु े थे। अंत म5 म/ने अपनी मन कo बात मानी जो कहता था >क जब तक आप
दोनY खश
ु ह/ सब अFछा है , धम' के अंतर के बारे म5 ना सोच5 । यह १० वष' पहले
हुआ था।
अब वे बड़े हो गए ह/ और मझ
ु े उ?ह5 इबादत करते और कुरान पढ़ते दे खना पड़ता
है । म/ उ?ह5 अपने बचपन के और जीवन के अनभ
ु व नह;ं सन
ु ा सकती, तरह-तरह
के पकवान, नए कपड़े, होल;, •दवाल;, ज?म•दन समारोह, तXवीर5 लेना, ˆयY>क
यह सब मेरे मस
ु लमान घर म5 !wतबं9धत है ।
म/ अलग-थलग पड़ गई हूँ और सोचती हूँ >क शायद जीवन कुछ अलग हो सकता
था। म/ चाहती हूँ >क यह संदेश आप (गीता) सभी तक पहुंचे इससे पहले >क आप
अपनी जीवन को बदलने वाला wनण'य ल5। याद रहे >क केवल आपका जीवन ह;
नह;ं बदलेगा अGपतु आपके माता-Gपता, भाई-बहन, और सभी wनकट संबं9धयY के
जीवन पर भी इसका असर पड़ेगा। मेरा पmरवार अब मझ
ु से कुछ भी ]शकायत नह;ं
करता >कं तु उनके चेहरे और हाव-भाव से मझ
ु े सब पता लग जाता है । —9चlा
107
!ेમ का धम'
अनीता,
मेरा अपने पwत कo ]शsाओं के साथ सहयोग करने का जोश ठं डा पड़ता जा रहा
है । अपने पwत के –यवहार से मझ
ु े लगता है >क उ?ह5 भी यह बात पता चल चक
ु o
है । अब वे मेरे बFचY को जानबझ
ू कर मझ
ु से अलग रखते ह/ और उ?ह5 कहते ह/
>क जो इXलाम पर सवाल खड़े करते ह/ वे –यिˆत पापी ह/ और उ?ह5 ऐसे –यिˆतयY
से घण
ृ ा करनी चा•हए। वे बFचY को यह भी ]सखाते ह/ >क मस
ु लमान सभी गैर-
मिु XलमY, िजसम5 म/ भी शा]मल हूँ, से सवîपmर ह/।
अब मझ
ु े अपने बFचY के –यवहार म5 भी अंतर नजर आने लगा है । जब कभी
>कसी बFचे को चोट लगती है अथवा भख
ू लगती है तब ˆया वह अपनी मां के
पास नह;ं जाता? >कं तु मेरे बFचे अपनी सभी ज8रतY के ]लए अपने Gपता को
फोन करते ह/। वे अपने Gपता के सामने मझ
ु से Žयार से बात करने म5 भी डरते
ह/। अपने बाप कo आवाज़ सन
ु ते ह; बFचY कo मX
ु कान तक बदल जाती है ।
मझ
ु े बहुत दख ू ती हूँ >क इन सब बातY से >कसको
ु होता है जब म/ Xवयं से पछ
सबसे •यादा मान]सक आघात पहुंचता है । मेरे पwत को लगता है >क वह उन
जेहा•दयY म5 से एक है िजनके ऊपर इXलाम का !चार !सार करने कo िजkमेदार;
है और वे अपने जीवन भर यह; करते रह5 गे, और चाह5 गे >क उनके बFचे भी ऐसा
ह; कर5 ।
108
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
कुछ वष° पहले मेर; भ5 ट एक मिु Xलम यव ु क से हुई और हम5 !ेम हो गया। वह
हमेशा से धा]म'क था >कं तु !ारं भ म5 बहुत स•ह`णु था और हम एक दस ू रे के धम'
के बारे म5 बात5 >कया करते थे। वह मझ
ु े मं•दर भी ले जाया करता था और अंततः
एक वष' के बाद हमने •हंद ू र;wत-mरवाजY से पं•डत, मेर; मां और उसके ]मlY के
समs Gववाह >कया। यहां से मेर; शार;mरक शोषण कo कहानी श8
ु होती है (वह
एकमाl –यिˆत था िजसके साथ म/ शार;mरक संबंध म5 थी वह भी भगवान ]शव
के समs Gववाह करने के बाद)।
जÂद ह; म/ने पाया >क यह Gववाह उसके ]लए कोई मायने नह;ं रखता था और
शायद यह उसका मझ
ु से शार5Tरक संबंध बनाने का एक साधन भर था। Gववाह
के दो-तीन मह;नY के पgचात वह मझ
ु से इXलाम कबल
ू करने के ]लए दबाव डालने
लगा, जो म/ने नह;ं >कया। अगला धˆका तब लगा जब वह मझ
ु े मिु Xलम GववाहY
और समारोहY म5 ले जाने लगा। म/ वहां कुछ भी नह;ं खा सकती थी। वहां बस
गाय-भ/स का मांस, 9चकन, इšया•द ]मलता था जो म/ने अपने जीवन म5 कभी नह;ं
दे खा था। अगला झटका था >क वह चाहता था >क म/ अपना ]सर हमेशा ढक कर
रख।ूँ
109
!ेમ का धम'
संवरना भी बंद कर •दया। >कं तु म/ने मांसाहार के ]लए ËबÂकुल मना कर •दया
और अपना सािšवक जीवन जीती रह;। मेरा कुÜा (मेरे ]लए पl
ु समान) मेरे ]लए
सबसे महšवपण
ू ' था... यहां तक >क Xवयं से भी महšवपण
ू ।' म/ने उसे वैसे ह; !ेम
>कया जैसे एक मां अपनी संतान से करती है । >फर म/ने पाया >क वह और उसका
पmरवार मझ
ु े मेरे बेटे से अलग करना चाहते ह/। म/ने Gवरोध >कया ˆयY>क म/ कुरान
पढ़ने के बाद भी उनकo उस wनर;ह जानवर को लेकर आपGÜयां नह;ं समझ पाई।
>फर हमारे धम' को लेकर झगड़े होने लगे। वह मेरे धम' और दे वी दे वताओं कo
मwू त'यY का अपमान करता था, यहां तक >क एक Ëबंद; लगाने पर भी उसे आपGÜ
थी। य•द म/ एक छोटा सा भी संXकृत का शÊद भी !योग करती तब वे मंह
ु बनाने
लगते। >फर म/ने ह9थयार डाल •दए और धमाÏतरण करने का wनgचय ]लया...
ˆयY>क म/ धम' से •यादा भगवान ]शव को मानती थी जो हमेशा मेरे àदय म5 थे।
म/ मस
ु लमान बन गई और उसे खश
ु रखने का हर संभव !यास >कया, >कं तु म/ने
अपना सािšवक जीवन, अपनी मां और अपने गूफo (कुÜा) का ब]लदान नह;ं •दया।
म/ àदय से हमेशा ह; •हंद ू थी, स•ह`णु थी और संवेदनशील भी थी।
उसे मेरे भगवान ]शव के !wत !ेम का आभास है और उसे यह भी पता है >क म/
मर जाऊंगी >कं तु ]शवराËl पर ûत अवgय रखंग
ू ी। मेरे धमाÏतरण के बाद वह मेर;
पहल; ]शवराËl थी और जैसा उसे लग रहा था वैसा ह; हुआ, म/ने ûत रखा। उसने
परू ा •दन मझ
ु पर नजर रखी और म/ जैसे ह; मं•दर म5 घस ु ी उसने मझ
ु े बहुत
पीटा। >फर यहां से मारपीट कo श›
ु आत हुई और वह मझ ु े जब-तब पीटने लगा।
मझ
ु े धीरे -धीरे घट
ु न होने लगी और >फर एक •दन म/ने उसे कह •दया >क म/ अब
ु हूँ। हमारे बीच
यह नाटक •यादा •दन नह;ं कर सकती और म/ अपने धम' से खश
भीषण लड़ाई हुई। अ?तत: एक मह;ने के बाद वह वापस आया। >कं तु दो वष° के
]लए मेरा जीवन नक' के समान हो चक
ु ा था। वह हमेशा इXलाम कo बात5 >कया
करता था और बताता था >क जो कुरान को नह;ं मानते उ?ह5 सजा ज8र ]मलेगी।
बाद म5 एक •दन वह मेरे घर आया और हमार; बहुत लड़ाई हुई... जब उसने मझ
ु े
और मेर; मां को पज
ू ा करते दे खा तब वह पागल हो गया।
हम तीन मह;ने के ]लए अलग रहे >फर साथ रहने लगे और >फर अलग हो गए।
—चेतना
110
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
अब म/ बहुत सखु ी और िXथर जीवन जी रह; हूँ। म/ भाIयशाल; हूँ >क घटनाएं
बड़ी तेजी से और मेरे पs म5 हु#। >कं तु यह सब Interfaithshaadi और आप
सभी के सहयोग के Ëबना संभव नह;ं था। खास तौर से सšयेन भाई जो हमेशा
मेरे साथ रहे और एड]मन जो बहुत ह; दयालु ह/ —चेतना
111
!ेમ का धम'
मेरा ज?म अमेmरका के एक बहुत ह; क™टर मिु Xलम पmरवार म5 हुआ। म/ने जब
होश संभाला तभी से कुरान पढ़नी श8
ु कर द; थी। म/ हमेशा इस Õम म5 थी >क
अगर म/ अÂलाह के बताए राXते पर नह;ं चलंग
ू ी तो मझ
ु े सजा ]मलेगी। मझ
ु े यह
भी बताया गया था >क अगर म/ परू े शर;र को ढाँकने वाले कपड़े नह;ं पहनती तब
मै पापी कहलाई जाऊंगी। म/ने छुटपन से ह; •हजाब पहनना श8
ु कर •दया था।
जब मेरे ]मl मेरे •हजाब पहनने का कारण पछ
ू ते थे तब म/ कहती थी >क ऐसा
अÂलाह चाहता है ।
मझ
ु े याद है बकर;द पर जहां हमारा परू ा पmरवार wनर;ह जानवरY को मारने के बाद
ख]ु शयां मनाता था, वह; म/ और मेर; मां कमरे म5 बंद हो कर रोया करते थे। मेरा
और मेर; मां का घर म5 कोई महšव नह;ं था बस हम अपने ह; घर म5 बंद; थे।
म/ने अपनी मां को मेरे Gपता और उनके पmरवार के अपशÊद और Gपटाई सहते
दे खा है ।
112
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
मेरे अ9धकतर दोXत गैर-मिु Xलम थे। म/ सभी धम° के दोXत जैसे >क •हंद,ू ]सख,
ईसाई, सभी के साथ सहज थी। >कं तु जब मेर; दाद; को पता चला, तब उ?हYने
मेर; मां को बहुत डांटा और मझ
ु से कहा >क हम5 का>फरY के साथ दोXती बढ़ाने
कo इजाजत नह;ं है । जब म/ने कारण पछ ू ा तो उ?हYने बताया >क •हंद ू अपGवl
होते ह/, यहूद; और ईसाई तो बंदरY और सअ ु र के समान ह/ और यह सभी इंसान
नह;ं ह/, ˆयY>क वे शैतान को पज
ू ते ह/। म/ बहुत आgचय'च>कत थी।
जब म/ १४ वष' कo हुई तब म/ने जाना >क म/ने अपने जीवन म5 ˆया-ˆया खो •दया
है । मेरे Gपता का आदे श था >क मझ
ु े पांच वˆत नमाज पढ़नी है और कोई भी
खेल नह;ं खेलना ˆयY>क हर खेल शैतान कo तरफ ले जाता है । एक •दन जब म/
अपने माता-Gपता से अपने कॉलेज के बारे म5 बात कर रह; थी तब मेरे Gपता ने
कहा >क म/ कॉलेज नह;ं जा सकती। उ?हYने मेरे Gववाह के ]लए एक लड़का पसंद
कर ]लया था और १८ वष' कo होते ह; मेर; शाद; कर द; जाएगी। म/ है रान थी...
यह सन ु कर मेर; मां रोते हुए कमरे से बाहर चल; गयी। म/ने अपने Gपता से बहुत
!ाथ'ना कo >क वह मझ ु े कॉलेज जाने द5 पर उ?हYने साफ मना कर •दया। कारण
पछ
ू ने पर वह बोले >क मिु Xलम औरत5 ना तो पढ़ाई करती ह/ और ना ह; बाहर
काम पर जाती ह/। मिु Xलम औरतY से बस अFछÍ पšनी होने कo अपेsा कo जाती
है जो सदै व अपने पwत का कहना मानती ह/ और एक अFछÍ म•हला बनकर रहती
ह/। मझ
ु े यह सन
ु कर Gवgवास नह;ं हुआ >क मेरे Gपता अभी भी 8•ढ़वाद; सोच रखते
ह/।
अगले •दन म/ Xकूल के बाद अपनी मिXजद के मौलवी साहब से ]मल; और उ?ह5
अपने Gपता के भेदभावपण
ू ' –यवहार के बारे म5 बताया >कं तु वह भी मेरे Gपता से
सहमत थे। उ?हYने तो यहां तक कहा >क हमारे समाज कo अFछाई के ]लए सभी
मस
ु लमानY को मेरे Gपता कo तरह सोचना चा•हए।
म/ भ)चˆकo रह गई और मझ
ु े नह;ं पता था >क मझ
ु े ˆया करना चा•हए। म/ परू ;
रात इस बारे म5 सोचती रह; और >फर आधी रात को मेर; मां मेरे कमरे म5 आई
और मझु े रोता हुआ पाया। उ?हYने बताया >क वह Xवयं भी एक पढ़; ]लखी •हंद ू
म•हला (डॉˆटर) थीं जो भारत म5 मेरे Gपता से !ेम करने लगीं। मेर; मां ने बताया
>क !ारं ]भक •दनY म5 मेरे Gपता ने उ?ह5 कहा था >क वह बहुत खल
ु े GवचारY वाले
–यिˆत ह/ और वे Gववाह के ]लए मेर; मां का धमाÏतरण नह;ं चाहते। मेर; मां ने
अपने माता-Gपता कo मजþ के Gव›´ध शाद; कo और अपनी होने वाल; सास को
खश
ु करने के ]लए wनकाह भी >कया। बस वह; से उनका दःु XवŽन श8
ु हो गया।
113
!ेમ का धम'
जब म/ने यह सब सन
ु ा तब म/ अपने Gपता और इXलाम से घण
ृ ा करने लगी। तब
म/ने वादा >कया >क म/ अपनी मां को इन पmरिXथwतयY से बाहर wनकालंग
ू ी। जब
म/ १८ वष' कo हुई तब एक वकoल कo मदद से मेर; मां और मेरे Gपता का तलाक
करवाया। मेर; मां >फर Xकूल जाने लगी और अब वे एक !]स´ध डॉˆटर बन गई
ह/।
जहां तक मेरा !gन है , म/ भी •हंद ू धम' म5 लौट आई हूँ। म/ने अपना नाम भी
बदल ]लया है (इXलाम šयाग का दÁड कšल के कारण अपना असल; नाम
छुपाया)। अब म/ एक !ेम से भरपरू जीवन जी रह; हूँ और ऐसे भगवान को मानती
हूँ जो दस
ू रY से नफरत कo ]शsा नह;ं दे ता अGपतु iान अिज'त करने और wनभþक
जीवन जीने कo !ेरणा दे ता है ।
२३ वष' कo आयु म5 मेरा Gववाह मेरे •हंद ू !ेमी से हुआ और अब हमार; एक बहुत
संद
ु र सी बेट; है । मेरे पwत बहुत अFछे ह/ और उ?हYने मझ ु े संपण
ू ' आजाद; और
सभी अ9धकार •दए ह/ जो मेरे Gपता ने मेर; मां और मझ
ु े कभी नह;ं •दए। मेरे
पwत का पmरवार मझ
ु े अपनी बेट; मानता है और यहां तक >क मेर; मां को भी
अपने पmरवार का •हXसा मानता है । इस सब के ]लए भगवान का ध?यवाद —
मद;हा
114
खण्ड ३.३२: मैं कॉलेज में एक मुिस्लम युवक से प्रेम कर बैठी... भगवान की
कृपा से मैं बच गई।
यहाँ पर अ•दwत अपने जीवन के १७-२१ वष' कo आयु के •दनY का वण'न कर रह;
ह/। य•द आप भी इसी आयु के ह/ और >कसी से !ेम करते ह/ तब आपको अ•दwत
के अनुभवY को अवgय ह; पढ़ना चा•हए, अ•दwत कo आपबीती पढ़कर आप अपने
द;घ' एवं सुखी वैवा•हक जीवन के ]लए सह; wनण'य ले पाएंगे।
एक •दन म/ने अपने बाल कुछ अलग तरह से सँवारे और उसने कहा >क म/ बहुत
अFछÍ लग रह; हूँ। >फर वह आये •दन मेर; >कसी न >कसी बात पर तार;फ5 करने
लगा। म/ ऐसे वातावरण म5 पल; बढ़; थी जहाँ मझ
ु े कोई महšव नह;ं दे ता था।
उसकo !शंसा से मझ
ु े अपने –यिˆतšव का अहसास होने लगा और म/ उसकo और
आकGष'त होती गई। मझ
ु े उसका मेर; छोट;-छोट; बातY को महšव दे ना भाने लगा
ˆयY>क उसके पास मेर; तार;फ़Y के अलावा कोई काम न था।
•ह?द ू >कसी भी सkब?ध म5 पहले १००% समानता कo अपेsा करते ह/। वे अपने
घरY म5 बहुलवाद और स•ह`णत ु ा का वातावरण दे खते ह/, जहाँ Gव]भ?न पmरवारजन
Gव]भ?न दे वी दे वताओं कo पज
ू ा अच'ना करते ह/; हो सकता है >क Gपता राम भˆत
हY और माता कृ`ण को मानती हY, आ•द। घर म5 कोई ]शव भिˆत म5 सोमवार
का उपवास रखता ह/ तो कोई हनम
ु ान जी कo ®´धा म5 मंगलवार को अ?न छोड़
दे ता है अथा'त उपवास रखता है और सभी पmरवारजन ऐसा करने म5 एक दस
ू रे कo
मदद भी करते ह/। इसी कारण •ह?द ू को मिु XलमY के šयौहार के समय अपनी
इFछा से शा]मल होने मे कोइ तकल;फ नह;ं होती है , इस]लए म/ने भी रोज़े रखे
थे।
•ह?द ू साथी अपने मिु Xलम साथी कo इXला]मक परं पराओं के ]लए अपना पज
ू ा
पाठ न करने के ]लए भी सहमत हो जाते ह/।
116
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
परे शाwनयां तब श8
ु होती ह/ जब •ह?द ू साथी से !šयेक इXला]मक र;wत mरवाज़ म5
शा]मल होने कo अपेsा कo जाती है । यह अपेsा पहले मान मनौ–वल के 8प म5
होती है जो बाद म5 अwनवाय'ता का 8प ले लेती है । जब ऐसा मेरे साथ भी होने
लगा तब म/ने mरgता तोड़ने कo को]शश कo >क?तु वह हर बार मझ
ु े मना लेता
और कहता >क वह मेरे Ëबना नह;ं रह सकता। >फर हम दोनY कुछ न कुछ
समझौता कर लेते और >फर ऐसा ह; चलता रहा। अंततः म/ने सkब?ध GवFछे द
का Gवचार ह; šयाग •दया।
53
अ’धक जानकार~ के zलए इसे दे खe https://www.youtube.com/watch?v=KHvvvxcVKUs.
117
!ेમ का धम'
>क?तु वह मेरे šयोहारY पर ऐसा कुछ नह;ं करता था, जैसे >क ज?मा`टमी जैसे
पव' पर मं•दर जाना इšया•द, जब>क मझ
ु े ऐसे šयौहार के अवसर पर मं•दर जाना,
भजन सनु ना और šयौहार कo रौनक दे खना अFछा लगता है । अगर सच कहूं तो
वह ऐसा करने के ]लए सोचता भी नह;ं था ˆयY>क ऐसा करना उसके धम' म5
विज'त था।
म/ सभी इXलामी र;wतयY म5 भाग लेती थी ˆयY>क ऐसा करने के ]लए मेरे धम' म5
कोई मनाह; नह;ं है , म/ भी अपने साथी से मेरे •ह?द ू अन`ु ठानY म5 सिkम]लत होने
कo अपेsा नह;ं करती थी ˆयY>क मझ
ु े पता था >क उसके पास ऐसा न करने का
धा]म'क बंधन है ।
हमारे सkब?ध श8
ु होने के २-३ वष° तक मझ
ु े लगता था >क मझ
ु े इस सkब?ध
म5 नह;ं पड़ना चा•हए। >क?तु म/ जब भी अलग होने का !यास करती तो वह मझ
ु े
मना लेता, कहता >क वह मेरे Ëबना जीGवत नह;ं रह सकता अथवा कहता >क हम
कोई न कोई हल wनकाल ल5गे। आ•ख़रकार म/ने सkब?ध GवFछे द का Gवचार ह;
šयाग •दया। अगर वह सFचा !ेम होता तो वह मझ
ु े समानता का अ9धकार दे ता
या उसके बंधन से मˆ
ु त कर दे ता।
मझ
ु े अब !तीत होता है वह मेरे साथ इस]लए रहना चाहता था ˆयY>क म/ ह; इस
Gवgव म5 अकेल; –यिˆत थी जो उसकo ना ख़šम होने वाल; इXला]मक ]शsाओं
और उनके सह; होने कo वजहY का पाठ सन
ु ती रहती थी। हमार; अ9धकतर
मल
ु ाक़ातY म5 यह; इXलाम-सkब?धी बात5 होती थीं और >फर धीरे -धीरे एक दस
ू रे
को जानने और समझने वाला श› ु आती समय भी बीत गया। म/ एक बहुत अFछÍ
®ोता हूँ और म/ हर –यिˆत कo बात बड़े ¸यान और चाव से सन
ु ती हूँ, शायद इस
सkब?ध म5 यह; मेरे Gव8´ध रहा।
118
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
इस !gन ने मझ
ु े तब भी परे शान >कया था और म/ अभी भी इस !gन का उÜर
ढूँढ रह; हूँ। मझ
ु े लगता है >क उसने एक लड़कo को दे खा (अथा'त मझ
ु )े , जो उसे
पसंद आई और >फर उसे !भाGवत करने के ]लए उसने तार;फ़Y के पल ु बाँधने श8 ु
कर •दए।
मझ
ु े ऐसा लगने लगा था >क वह मझ
ु े wनयंËlत करने का !यास कर रहा है ˆयY>क
हमारे हर वाता'लाप म5 •ह?द ू जीवन प´धwत का अपमान >कया जाता और मिु Xलम
Gवचारधारा, िजसके अनस
ु ार Xlी प›
ु षY के समान अ9धकार नह;ं !ाŽत कर सकती,
को हमेशा सवîFच रखा जाता। अगर वह मझ
ु े >कसी अ?य प›
ु ष से बात5 करते
दे ख लेता तब वह असरु ‘sत महसस
ू करने लगता और परे शान हो जाता। म/ने
उसकo ख़श
ु ी के ]लए सभी लड़कY से बात करना भी बंद कर •दया था। तब मझ
ु े
भी समझ आ गया था >क उसकo और मेर; दwु नया बहुत अलग अलग है ।
जब म/ने उससे बक
ु ½ के बारे म5 बात कo तब उसने समझाने कo को]शश कo बरु का
पहनना ˆयY सह; है और वह चाहता है >क उसकo भावी जीवनसाथी भी बरु का
पहने। उसकo 8•ढ़वाद; सोच को दे खते हुए यह साफ़ था >क मझ
ु े कॉलेज म5 भी
119
!ेમ का धम'
एक बार उसने यह भी कहा >क िXlयY के गवाह; पर इस]लए Gवgवास नह;ं >कया
जा सकता ˆयY>क िXlयां भावक
ु ता से !ेmरत होती ह/, जब>क प›
ु ष तक' पर चलते
ह/। उसके अनस
ु ार आधwु नक Gवiान ने यह ]स´ध भी कर •दया है ।
आ™खरत बनाम पन
ु ज2fम:
तब म/ने !gन >कया वह ज?नत के बारे म5 इतना wनिgचत ˆयY है ˆयY>क •ह?द ू
धम' म5 तो पन
ु ज'?म म5 Gवgवास >कया जाता है । ऐसा सन
ु कर उसने मझ
ु े डांटते
120
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
काश मझ
ु े तब •ह?द ू धम' का इतना iान होता। तब म/ उसे बता पाती >क •ह?द ू
धम' मानव और जानवर के जीवन के बारे म5 ˆया कहता है और मन`ु य जीवन
´वारा ह; कोई !ाणी मोs कo !ािŽत कर सकता है । दःु ख कo बात है >क तब मेरे
पास उसके !gनY का उÜर नह;ं था।
म/ने अपने साथी के साथ कभी भी •ह?द ू धम' को लेकर कोई चचा' नह;ं कo, >क?तु
उसका Gवgवास था >क •ह?द ू Gवचारधारा और र;wतयां गलत ह/। उदाहरण के ]लए
य•द म/ मं•दर के सामने से गुजरते समय चलते चलते !भु को !णाम कर लेती
तब वह कहता >क ईgवर कo पज
ू ा चलते-चलते नह;ं कo जाती। Xप`ट था >क उसे
मwू त'-पज
ू ा म5 कोई Gवgवास नह;ं था (िजसे वो बत
ु परXती कहते ह/)।
मझ
ु े Gवgवास है वह मझ
ु े सच म5 पसंद करता था >क?तु मेरा उसकo पšनी बनना
इस बात पर wनभ'र था >क म/ इXलामी जीवन प´धwत को >कतने अFछे से अंगीकार
करती हूँ। वह मेरे साथ ऐसा पmरवार चाहता था जो बहुत इXला]मक और अÂलाह
के बताये राXते पर चलने वाला हो। उसने मझ ु े ऐसा बनाने का हर संभव !यास
भी >कया।
121
!ेમ का धम'
वह;ं दस
ू र; ओर मेरा !ेम हमार; आXथाओं पर wनभ'र नह;ं था, म/ उससे तब भी
Gववाह कर लेती जब वह मं•दर म5 एक पैर भी न रखता।
[•ह?दओ
ु ं को मस
ु लमानY से कम अपेsाएं ˆयY रहती ह/?]
यह सभी जीवन मÂ
ू य मेरे भीतर आšमसात थे >क?तु मझ
ु े उनकo –या‰या करना
नह;ं आता था। म/ उन •दनY बहुत असहज थी >क?तु उसका कारण मझ
ु े पता नह;ं
था।
मझ
ु े उसके तक' इस]लए अFछे लगते थे ˆयY>क उसे इXलाम के बारे म5 सब कुछ
Xप`ट था जैसे उसने अपने जीवन के १८ वष' इXलाम को पढ़ा, समझा और िजया
हो। उसकo इXलाम के !wत Xप`टता मेरे अपने धम' के iान के Ëबलकुल उलट
थी। म/ इतने वष° के वाद Gववाद म5 कभी उससे नह;ं जीत पाई। जब एक –यिˆत
को wनरं तर गलत ठहरा •दया जाता है तब यह सोचना XवाभाGवक है >क दस
ू रा
–यिˆत अथवा उसका धम' आपसे ®े`ठ है ।
य•द मेरा •दमाग उसके तक° को मान भी लेता तब भी मेरा मन इस सबसे सहमत
नह;ं था। मेरा •ह?द ू धम' का iान GववादY से भरा था और म/ Xवयं को wनःसहाय
महससू कर रह; थी। मझु े •ह?द ू धम' से बहुत लगाव था >क?तु कुछ चीज़5 मझु े
Xप`ट नह;ं थीं। और एक बड़ा !gन "म/ >कस पर Gवgवास क8ँ?" मझ ु े •दन रात
कचोटने लगा।
मझ
ु े द बू जीवन जीने के xलए तैयार †कया जाने लगा:
मेरे पmर9चतY को मेरे ऊपर मेरे साथी का !भाव •दखाई दे ने लगा था। म/ने अपने
पस?द के Gवपर;त कपड़े पहनना श8
ु कर •दया था। म/ कम बोलने लगी और मेर;
122
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
मझ
ु े सभी से अलग कर Gदया गया:
123
!ेમ का धम'
>क?तु अब सच
ू ना का भंडार सोशल मी•डया पर उपलÊध ह/ अतः िXथwतयां धीरे -
धीरे बदल रह; ह/।
124
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
अनस
ु ार एक मिु Xलम यव
ु क को हमेशा िXlयY के समs नज़र नीची करके और
उनसे बच कर चलना चा•हए।54 य•द वह कहता है >क वह एक सFचा मिु Xलम ह/
तब ˆया वह त>क़*या (धा]म'क आXथाओं का चालाकo भरा उÂलंघन) अथवा लव-
िजहाद के फेर म5 है ? उसे क़ुरान कo आयत २:२२१ भी याद •दलाएं, िजसके अनस
ु ार
"तम
ु एक बत
ु परXत औरत से wनकाह नह;ं करोगे जब तक >क वह इXलाम कबल
ू
न करे । एक अÂलाह को मानने वाल; गुलाम म•हला एक मश
ु mरक Xlी से •यादा
बेहतर ह/ हालां>क वह बत
ु परXत औरत तk
ु हे •यादा मो•हत करे गी।"]
अतः मझ
ु े नह;ं लगता >क वह ऐसा –यिˆत है िजसके अंदर कुछ कु•टल मंशाएं
थीं। वह वाXतव म/ अपनी आXथा म5 Gवgवास रखता था और चाहता था >क म/
ू य को समझँ।ू [एड]मन के लव-िजहाद पर Gवचार
भी इXलाम के उस जीवन मÂ
जानने के ]लए यहाँ जाएं – https://youtu.be/-Y19i0dCeq4]
54
https://www.interfaithshaadi.org/true-muslim-fall-love-non-muslim/.
125
!ेમ का धम'
अगर अब म/ उस सबको याद क8ं तो म/ कहूँगी >क जो कुछ मेरे साथ घ•टत हुआ
वह बौ´9धक-िजहाद और लव-िजहाद का एक ]म9®त !यास था।
लव-िजहाद ‡या है ?
55
"च$ ६: अFछे मस
ु लमान और लव-िजहाद; म5 फक'।
55
•ववरण के zलए दे खe https://youtu.be/OowpHeHN7lc.
126
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
मेर; कहानी से Xप`ट हो जाता है >क ]श‘sत मिु Xलम िज?ह5 सभी अ9धक उदार,
wन`पs और धम'wनरपेs समझ5गे वह; सबसे अ9धक क™टर और िज़´द; हो सकते
ह/। अपने wनजी अनभ ु व के आधार पर म/ कह सकती हूँ >क असल; समXया यह
है >क अ9धकतर मिु Xलम यव ु क बहुGववाह, समाज म5 िXlयY के Xथान और अ9धक
बFचे पैदा करना जैसे GवषयY पर क़ुरानी आयतY को ह; मानते ह/ और उ?ह5 ह;
सह; ठहराते ह/। मेरे सkब?ध म5 भी आप दे ख सकते ह/ >क मेरे पव
ू ' !ेमी के Gवचार
भी क़ुरानी आयतY और कानन
ू Y से परू ; तरह !भाGवत थे।
हम यह भी दे ख सकते है >क >कस तरह भारत का मिु Xलम समाज मिु XलमY के
]लए शmरया कानन
ू Y के हटाने का परु जोर Gवरोध करता है । वे आज भी म•हलाओं
के साथ >कये जाने वाले भेदभाव का समथ'न करते ह/।
क़ुरान २:२२३ तk
ु हार; Xlी तk
ु हार; जमीन के समान है , उसे जैसे चाहो जोत सकते
हो।
क़ुरान २:२२८ प›
ु ष का Xथान म•हला से ऊँचा है ।
क़ुरान २:२८२ एक प›
ु ष कo गवाह; दो म•हलाओं कo गवाह; के बराबर है ।
क़ुरान ४:३ अपनी पसंद कo एक, दो, तीन, अथवा चार िXlयY से Gववाह करो।
क़ुरान ४:१५ बलाšकार को ]स´ध करने के ]लए चार गवाह पेश करो।
क़ुरान ४:२४ तम
ु शाद;शद
ु ा म•हला से Gववाह नह;ं कर सकते, >क?तु अपनी दासी
के साथ अलग बात है ।
क़ुरान २४:४ अगर वे अपने समथ'न म5 चार गवाह पेश नह;ं कर सकतीं तब उ?ह5
कोड़े मारे जाने चा•हए।]
127
!ेમ का धम'
उनके wनजी जीवन म5 भी, कोई –यिˆत अथवा उसका सkब?धी (माँ-बाप) क़ुरान
म5 जस का तस Gवgवास रखता है । वे !ारkभ म5 तो बड़े आकष'क लग सकते ह/
>क?तु आने वाले समय म5 वे आपका धम' पmरवत'न करने के ]लए कोई भी तर;का
अपना सकते ह/ और कुछ भी कर सकते ह/।
इसके अwतmरˆत सबसे अ9धक ]श‘sत मिु Xलम पmरवार म5 आपके ऊपर अनेक
बं•दश5 लगाई जाएँगी जैसे >क •हजाब, खान-पान, पहनावा, पmरवार के प›
ु षY से भी
बात करने पर !wतब?ध।
इससे अFछा यह है >क आप ऐसी संXकृwत म5 Gववाह कर5 जहाँ आप अपनी मज़þ
और सkमान से कुछ भी कर सक5।
कुछ –यिˆत कह सकते ह/ >क य•द एक •ह?द ू नािXतक है तब एक मिु Xलम साथी
´वारा Gववाह करने के ]लए धमाÏतरण करना धमाÏतरण नह;ं है । अगर एक •ह?द ू
–यिˆत नािXतक (not same as atheist) है तब भी वह •ह?द ू तो है ह;: एक
नािXतक •ह?द ू –यिˆत तब भी अपने संXकारY तथा जड़Y से जड़
ु ा होता है ।
मझ
ु े †कसने बचाया?
मझ
ु े मेर; ]शsा-द;sा और लालन-पालन ने बचाया। मझ
ु े कॉलेज के स‰त wनयम
वाले वातावरण ने भी बचाया जहाँ बाहर जाने और वापस लौटने के कड़े wनयम
थे, वो wनयम आजकल के छाlावासY म5 नदारद ह/।
128
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
हाँ, यह सह; है >क मेरे यादY के इस झरोखे म5 केवल कड़वी याद5 और अनभ
ु व ह/
>क?तु म/ जब भी इस झरोखे म5 झाँकने का !यास करती हूँ म/ Xवयं को दwु नया
का सबसे मखू ' !ाणी पाती हूँ। म/ जब अपने आप इस मिु gकल म5 पाती हूँ म/ Xवयं
को कृतiता के साथ >फर से खड़ा करती हूँ और उन सभी उपलिÊधयY के बारे म5
सोचती हूँ जो म/ने अपने जीवन म5 !ाŽत कo ह/।
[बFचY को ये पढ़ाना गलत है कo सभी धम' समान ह/, ˆयY>क यह सšय नह;ं है ।]
जीवन का महZवपण
ू 2 मोड़
129
!ेમ का धम'
मेरे !ेम सkब?ध ने मेरे भीतर यह कूट-कूट कर भर •दया था >क अगर म/ Gववाह
क8ंगी तो केवल पारkपmरक (arranged marriage) तर;के से।
इसी कारण जब मेरे माता-Gपता ने मेरे कॉलेज के बाद वर ढूंढना !ारkभ >कया
तब मझ
ु े पता था >क मझ
ु े अपने जीवनसाथी म5 ˆया चा•हए। म/ ऐसा साथी चाहती
थी जो मझ
ु े जस का तस Xवीकार करे और मझ
ु े पmरवwत'त करने का !यास न
करे । मझ
ु े ख़श
ु ी है >क म/ ऐसा साथी दे ख रह; थी जो मझ
ु े wनयि?lत न करे अGपतु
मेरा सहयोग करे ।
मेरे •ह?द ू पwत म5 वह सभी गुण ह/ जो म/ अपने साथी म5 ढूंढ रह; थी। अब ३०
वष° बाद भी वे वह; ह/ जैसा म/ने उ?ह5 तब सोचा था।
मझ
ु े Mवतं$ता, स}मान सब कुछ *ा¤त हुआ:
म/ एक झठ
ू Í नामकo •ह?द ू यव
ु ती जो एक समय एक मिु Xलम से Gववाह करने के
चरम पर थी से १०० !wतशत •ह?द ू बन चक ु o हूँ। म/ आज भी बहुत पज
ू ा पाठ
नह;ं करती, जो मेरे सास-ससरु को अFछा भी नह;ं लगता। >क?तु मझ
ु े अपने पwत
130
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
को पज
ू ा पाठ करते दे खना अFछा लगता है । म/ने भी अपने मन कo शांwत के ]लए
योग और ¸यान कo शरण ले ल; है ।
मझ
ु े पता है >क •ह?द ू धम' माl कम'कांड नह;ं ह/ अGपतु वे तो इसका एक •हXसा
भर ह/। इसके बहुत से माग' ह/ >क?तु अन`ु ठान अलग-अलग ह/। •ह?द ू धम' कo
संद
ु रता यह है >क !šयेक –यिˆत अपने ]लए अलग माग' चन ु सकता है और
हमारे अनेकY गु› हम5 उस माग' पर ले जा सकते ह/। यह एक ऐसा आनंद है िजसे
एक •ह?द ू ह; भोग सकता है ।
इस iान ने मझ
ु े जीवन म5 अनेक माग° पर जाने के ]लए !ेmरत >कया। म/ ऐसे
महानभ
ु ावY से भी ]मल; जो •ह?द ू धम' का गहराई से अ¸ययन कर रहे थे और
इसके समs आने वाल; चन
ु ौwतयY को पहचानने म5 जट
ु े थे। मझ
ु े अनेक धा]म'क
गु›ओं का सšकार करने का भी अवसर ]मला िजनसे म/ने धम'žंथY के अ´भत
ु
iान के बारे म5 जाना।
56
>क?तु वष° पव
ू ' मेरे जीवन म5 एक और मोड़ आया जब म/ने स´गु› के बारे म5
जाना और उनके वी•डयो दे खे। मझु े iात हुआ >क एक Xवयं कo खोज का माग'
भी है जहाँ कोई आXथा नह;ं होती, मेरा जीवन बदल गया। म/ने जाना >क हम तो
केवल साधक ह/ और तब मझ
ु े पता लगा मझ
ु े >कस माग' का अनस
ु रण करना है ।
अब मेरे बFचे पज
ू ा करते ह/, म?lY का उFचारण करते ह/ और उनका अथ' भी
समझते ह/। माता-Gपता को भी चा•हए >क वे बFचY को समझ5, सkमान और Žयार
द5 , सकाराšमक अनश
ु ासन अFछा है >क?तु अšय9धक wनयंlण उÂटा पड़ सकता
है । हम5 अपने बFचY को कुछ करने से पहले Gवचार Gवमश' कo ]शsा दे नी चा•हए।
यह मेरे बचपन और त›णाई के समय से ]भ?न है जहाँ माता-Gपता का wनण'य
अंwतम होता था एवं यह मेरे पव
ू ' !ेमी के वीचार कo इXलाम वैiाwनक है , से भी
अलग है ।
आज म/ अपना जीवन अपने अनस ु ार जीने के ]लए Xवतंl हूँ िजसम5 मेरे पwत मेरे
समान भागीदार ह/। मझ
ु े ख़श
ु ी है >क अब मेर; डोर मेरे माता-Gपता अथवा मेरे
मिु Xलम पव
ू ' !ेमी के हाथY म5 नह;ं है । मेरे अपने माता-Gपता से सkब?ध भी बेहतर
56
Sadhguru (https://isha.sadhguru.org/us/en)
131
!ेમ का धम'
हो चले ह/ ˆयY>क अब मझ
ु े सीमाओं का iान है और मझ
ु े Gवचार Gवमश' कo महÜा
का भी iान है ।
मेरे माता-Gपता को संभवतः इसका कोई iान नह;ं है । उ?ह5 पता है >क वह मेर;
]मl मंडल; म5 से एक था >क?तु उससे अ9धक कुछ नह;ं। उस समय मेरा अपने
माता-Gपता से वाता'लाप केवल पढाई और आने वाल; पर;sाओं और छु™•टयY को
लेकर ह; होता था। उनके साथ अपने !ेम सkब?ध के बारे म5 बात करने का कोई
औ9चšय नह;ं था।
मझ
ु े अब पता लगा है >क मेरा पव
ू ' !ेमी अब एक अFछÍ नौकर; करता है और
उसकo पšनी के पास सभी सGु वधाएं ह/ >क?तु वह बक
ु ½ म5 बंद रहती है ।
श(
ु है >क म/ बच गई और अब मेरे पास अपना जीवन है जो आदर और समानता
पर आधाmरत है । म/ सोचती हूँ >क अगर मझ
ु े तब अंतर-धा]म'क Gववाह से सkबं9धत
समXयाओं के बारे म5 पता होता तब वे ४ वष' बबा'द न हुए होते और मेरा •दल
भी ना टूटा होता।
अGद:त का :नजी सझ
ु ाव:
132
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
133
!ेમ का धम'
मंसरू अल; ख़ान पटौद; िज?हे 'टाइगर' भी कहा जाता है , भारतीय >(केट ट;म के
कŽतान भी रह चक
ु े थे। वह पटौद; mरयासत के नव5 और आ•खर; नवाब थे। वह
१९७१ तक पटौद; के नवाब रहे िजसे बाद म5 भारतीय सरकार ने भारतीय संGवधान
के २६व5 संशोधन के आधार पर सभी राजसी और शाह; पदGवयY को समाŽत कर
•दया। श]म'ला और मंसरू कo तीन संतान5 हु#: सैफ अल; खान, जो एक >फ़Âमी
134
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
अ]भनेता ह/, सोहा अल; खान, जो एक >फ़Âमी अ]भनेlी ह/ एवं सबा अल; खान
जो एक आभष
ू ण •डज़ाइनर ह/।
सैफ अपनी पटौद; mरयासत, भोपाल म5 पले बढे । चँ >ू क उनकo माता भी मिु Xलम
हो चक
ु o थीं अतः उनका लालन पालन भी मिु Xलम र;wत mरवाज़ से हुआ। यहां
तक >क उ?हYने अपने नाना-नानी, जो एक •ह?द ू थे, से भी धम'-सkबं9धत कोई
चचा' नह;ं कo। उनके दाद; कo दे ख-रे ख म5 मिु Xलम वातावरण म5 उनका पालन
हुआ। उनकo दाद; ह; उ?ह5 बचपन म5 क़ुरान पढ़ाया करती थीं। उनके घर म5 सभी
सेवक भी मिु Xलम ह; थे। जब सैफ को पढ़ने के ]लए इंIल/ड के GवंचेXटर कॉलेज
भेजा गया तब उनकo दाद; को यह; डर था कo सैफ कह;ं ईसाई न बन जाएं।
इंIल/ड म5 Xकूल जाने से पहले सभी Gव´या9थ'यY को आधे घंटे के ]लए 9गरजाघर
जाना पड़ता था। सैफ !धाना¸यापक के पास गए और कहा >क वे एक मिु Xलम
ह/ अतः 9गरजाघर नह;ं जा सकते। अ?ततः !धाना¸यापक ने Xकूल के दो मिु Xलम
Gव´या9थ'यY के ]लए एक मौलवी का !बंध >कया। अतः Xप`ट है >क सैफ अल;
खान एक सFचे मस
ु लमान ह/।
सन १९९१ म5 सैफ अल; खान ने अपने से १२-साल बड़ी >फ़Âम अ]भनेlी अमत
ृ ा
]संह से परू े मिु Xलम र;wत mरवाज़ के साथ wनकाह >कया। Gववाह के सkब?ध म5
कहा जाता है >क "सैफ ने Ëबलकुल Xप`ट >कया था >क अमत
ृ ा को wनकाह ह;
करना होगा।" एक महšवपण
ू ' wनणा'यक Ëबंद ु म5 उसने एक !कार से यह नवाबी
शान •दखाई।57 अब एक •ह?द ू अथवा ]सख –यिˆत के ]लए wनकाह कo पहल;
शत' है धम'-पmरवत'न, िजसम5 आपको शहादा कo क़सम उठानी होगी एवं एक
मिु Xलम नाम रखना होगा। सन २००४ म5 अमत
ृ ा और सैफ अलग हो गए और
अंततः उनका तलाक़ हो गया। अभी यह Xप`ट नह;ं है >क उनके तलाक़ का कारण
धम' था या नह;ं। उनकo संतानY के मिु Xलम नाम रखे गए जो (मशः सारा और
इ¹ा•हम ह/ और दोनY बFचे अपनी मां के साथ रहते थे जब>क सैफ का एक
इतालवी संद
ु र; रोसा केटलनो से !ेम सkब?ध हो गया।
57
http://www.telegraphindia.com/1090705/jsp/7days/story_11198177.jsp.
135
!ेમ का धम'
शkमी कपरू , श]श (जेनेफेर के साथ) कपरू , चाचा ऋGष (नीतू ]संहके साथ) कपरू
ृ वीराज कपरू , और बËबता का
और राजीव कपरू सभी सफल अ]भनेता रहे ह/। पÝ
पmरवार बंटवारे के समय पा>कXतान से भागकर भारत आये थे, ˆयY>क वे •ह?द ू
थे।58
कर;ना के Gपता रणधीर कपरू अपनी बे•टयY को लेकर बड़े संवेदनशील थे तथा वह
Ëबलकुल नह;ं चाहते थे >क उनकo बे•टयां अ]भनय कर5 । उनका मत था उनकo
बे•टयां कपरू पmरवार कo अ?य लड़>कयY कo तरह Gववाह कर5 और घर संभाल5।
रणधीर कपरू कo इस सोच का पmरवार म5 नकाराšमक !भाव पड़ा और उनके
अपनी पšनी से सkब?ध खराब होते गए और उनका तलाक़ हो गया। दोनY बहन5
रणधीर कपरू को छोड़कर अपनी माँ के साथ रहने चल; ग#।
अपने भावी पwत के बारे म5 कर;ना का Gवचार था, "म/ एक ऐसा पwत चाहती हूँ
िजसे म/ ]सफ' अपना कह सकँू । म/ उस –यिˆत को >कसी के साथ बांटना नह;ं
चाहूंगी। अगर मझु े पता लगा >क वो मझ
ु े धोखा दे रहा है तो Ëबना >कसी शोर-
शराबे या रोने-धोने के म/ उसकo जान ले लंग ू ी।" !šयs 8प से कर;ना एक
Xवा]भमानी लड़कo ह/। वह गुŽत 8प से सैफ के साथ काफo •दन रह;ं >फर २००७
अˆटूबर म5 लॅ ˆमे फैशन अवा.'स म5 उ?हYने अपना सkब?ध साव'जwनक कर •दया।
कर;ना एक •ह?द ू पmरवार म5 पल; बढ़;ं ह/ तथा बहुधा वह शाकाहार; भी ह/। उ?ह5
ू र; ओर, सैफ एक मिु Xलम ह/। साधारणतया एक
योग करना भी पसंद है । वह;ं दस
मिु Xलम से wनकाह करने के ]लए एक गैर मिु Xलम को मिु Xलम बनना पड़ता है ।
>क?तु सैफ के इस समय Gवचार अलग थे और वे अपने धा]म'क र;wत-mरवाज़ अपने
साथी पर थोपने म5 Gवgवास šयाग चक
ु े थे। ऐसा ह; कुछ स?दे श अनेक >फÂमY
के मा¸यम से भी •दया गया जैसे >क जोधा-अकबर, ग़दर और नमXते लंदन।
>फ़Âमी ]सतारे जैसे >क ऋwतक रोशन, फरद;न खान और आ]मर खान ने भी
अपनी पिšनयY पर धम'-पmरवत'न का दवाब नह;ं डाला। सभी ने धा]म'क अन`ु ठानY
के Xथान पर कानन
ू न शाद; कo। यहाँ तक >क सैफ कo ब•हन सोहा अल; खान ने
भी कुणाल खेमू जो एक •ह?द ू ह/ से शाद; कo है । ये सभी धम'-पmरवत'न Ëबना
Gववाह एक !शंसनीय कृšय ह/।
58
http://narainkataria.blogspot.com/2008/03/indian-american-intellectualsforum-41.html.
136
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
59
http://www.sabrang.com/cc/comold/august98/saif.htm.
60
http://saifamrita.blogspot.com/.
61
http://zeenews.india.com/exclusive/what-sharmila-couldnt-do-in-her-timekareena-
manages-easily_5725.html; https://www.youtube.com/watch?v=gvZSqdmnxKM.
62
http://indianexpress.com/article/opinion/columns/intermarriage-is-not-jihad-itis-india/.
63
https://www.cnn.com/videos/tv/2018/10/11/talk-asia-saif-ali-khan-c-block.cnn.
137
!ेમ का धम'
यह मानते हुए >क हमारा समाज Gपत-ृ !धान है , सैफ के धम' कo कर;ना के धम'
पर !धानता समझ म5 आती है , >क?तु ऐसी समXया सैफ कo ब•हन सोहा के
पmरवार म5 नह;ं है । सोहा ने एक •ह?द ू पmरवार म5 Gववाह >कया और अपनी पl
ु ी
का नाम रखा इनाया, जो >क क़ुरान से !ेmरत है [इनाया का नौमी उपनाम रखा
गया ˆयY>क वह महानवमी के •दन पैदा हुई थी (]सतkबर २९, २०१७)]।
यह बात ¸यान म5 रखते हुए >क तैमरू को हम गणेश पज ू ा और होल; म5 भाग लेते
हुए दे खते ह/ और सैफ ने कहा भी है >क "तैमरू को लगता है >क वह ®ी राम है ,
रामायण कुछ उसकo ह; कहानी जैसी है ," इन सब बातY से लगता है >क सैफ-
कर;ना तैमरू को दोनY ह; धम° के साथ पाल रहे ह/। वह;Û सोहा-कुणाल कo पl
ु ी
इनाया भी गायlी मंl का उFचारण कर सकती है , वह तैमरू को राखी भी बांधती
है तथा उसकo आया भी •ह?द ू है । यह कहा जा सकता है >क सैफ के बचपन के
Gवपर;त, सैफ और सोहा अपने बFचY को दोनY धम° कo ]शsा दे रहे ह/, जो >क
Xवागत योIय कदम है ।
64
(https://www.ndtv.com/entertainment/taimur-ali-khan-saif-revisits-controversy-over-
name-meanwhile-a-pic-is-viral-1658921)
65
(https://tribune.com.pk/story/1388994/wanted-muslim-name-son-reflect-culture-saif-
ali-khan)
138
•ह?द-ू मिु Xलम Gववाह
धमर् के मूल में आस्था है, और आस्था में कोई तकर् नहीं होता।
139
अध्याय ४: िसख मुिस्लम की प्रेम कहािनयां
]सख मिु Xलम कo !ेम कहाwनयां
141
!ेમ का धम'
142
]सख मिु Xलम कo !ेम कहाwनयां
तब म/ने उसे कहा था >क उसकo आXथा मेर; आXथा से अलग नह;ं है और मझ
ु े
उनम5 कोई टकराव •दखाई नह;ं दे ता। हम दोनY ह; एक ईgवर म5 Gवgवास रखते
ह/, हमार; ज?मभ]ू म और भाषा भी एक ह/। मेरे अनस
ु ार सभी महान धम° का
आधार है एक अFछा इंसान बनाना और मानवता का !चार करना।
मेरे माता-Gपता ने मेर; पšनी को वैसे ह; Xवीकार >कया जैसे वह थी। मेरे Gपता
जो बहुत धा]म'क ह/, रोज कुरान पढ़ते ह/ और पांच वˆत के नमाज़ी भी ह/, मेर;
पšनी के साथ बैठते ह/ और उसे अपनी बेट; के समान ह; Žयार करते ह/। मेर;
पšनी को ऐसा ना लगे >क उसका धम' और वह मेरे पmरवार म5 Xवीकाय' नह;ं है ,
मेरे Gपता उसे गु›´वारे भी ले जाते ह/। वह मेर; पšनी को अÂलाह हा>फज अथवा
कुछ और उद' ू म5 कहने कo बजाय रब राखा कहते ह/ जो मेर; पšनी के धम' के
अनस
ु ार है । मझ
ु े कभी-कभी आgचय' होता है >क मेरे माता-Gपता ने उसे >कतने
Žयार से Xवीकार कर ]लया है । मेरे माता-Gपता बहुत धा]म'क ह/ >कं तु >फर भी
अपनी ]सख पl ु वधू को अपनी बेट; कo तरह Žयार करते ह/। मझु े नह;ं लगता >क
इXलाम ने उ?ह5 >कसी भी तरह कo (ूरता कo ]शsा द; है । सच कहूं तो मेरे Gपता
जो बहुत धा]म'क ह/ वह; मेर; पšनी से •यादा घल
ु े ]मले हुए ह/।
म/ यहां यह नह;ं कहूंगी >क जाओ और अपने धम' से बाहर Gववाह करो। म/ बस
यह कहना चाहती हूँ >क >कसी भी अंतर-धा]म'क Gववाह को >कसी धम' Gवशेष का
अपमान समझना बहुत गलत है । म/ हमेशा मानती हूं >क सभी भगवानY से ऊपर
है आपसी !ेम, मेर; Xवयं कo आXथा के अनस
ु ार केवल एक ह; ईgवर है और वह
सब का है , >कसी –यिˆत Gवशेष अथवा संXकृwत का नह;ं।
एक और बात, मझ
ु े आgचय' होता है >क हमार; संतान के ]लए लोग 9चंwतत ˆयY
ह/? म/ और मेरे पwत अपने बFचY के साथ खश
ु ह/ और आपकo संकoण' मान]सकता
के Gवपर;त हम सभी एक ह; घर म5 रहते ह/ और एक ह; भाषा बोलते ह/। मेरे
143
!ेમ का धम'
पmरवार ने मेरे पwत को Xवीकार कर ]लया है ˆयY>क मेरा पmरवार उ?ह5 काफ़o
पहले से जानता था और उ?ह5 पता है >क वह बहुत मेहनती और दयालु इंसान है ।
ˆयY एक –यिˆत को पहचानने के ]लए उसके धम' कo ओर दे खा जाता है और
उसकo अ?य Gवशेषताएं नकार द; जाती ह/?
अंतर-धा]म'क Gववाह तो मग
ु लY के समय से होते आ रहे ह/, यह कोई नई बात
नह;ं है । >कं तु आजकल समाज दो पsY म5 बंट गया है ... या तो वे बहुत स•ह`णु
और दयालु ह/ या >फर बहुत क™टर और अस•ह`ण।ु शायद >कसी को अFछा ना
लगे >कं तु अब दwु नया बदल रह; है और आज के यव
ु ा सामािजक बरु ाइयY को दरू
करने कo को]शश कर रहे ह/।
144
]सख मिु Xलम कo !ेम कहाwनयां
म/ने ऐसे ह; हं गामे कo वजह से अपने पmरवार को अपने मिु Xलम !ेमी के बारे म5
नह;ं बताया है । >कं तु अब Gववाह का दबाव बढ़ता जा रहा है और म/ >कसी भी
अ?य –यिˆत से Gववाह नह;ं करना चाहती। मझ ु े नह;ं पता >क म/ उ?ह5 दख
ु पहुंचाए
Ëबना सब कुछ कैसे बताऊं। मेरे !ेमी ने अपने पmरवार का थोड़ा बहुत समथ'न तो
!ाŽत कर ]लया है >कं तु उसे अब मेरे पmरवार के समथ'न कo !तीsा है । ˆया
>कसी और ने भी ऐसी समXया का सामना >कया है , म/ सन
ु ना चाहूंगी। ध?यवाद।
—सmु र?दर
आपके माता-Gपता यह सब सन
ु कर दख
ु ी तो अवgय हYगे >कं तु उ?ह5 यह सब सहन
करना ह; होगा। सबसे ज8र; है यह wनण'य लेना >क आपके भGव`य के ]लए ˆया
सह; है । आपको एक समझ-बझ
ू से भरा wनण'य लेने कo आवgयकता है अतः तÝयY
पर ¸यान द5 और भावक
ु ËबÂकुल ना हो। आपको एक सख
ु ी और 9चरXथायी
वैवा•हक जीवन के ]लए समानता पर आधाmरत ]सख-मिु Xलम Gववाह कo
आवgयकता है , िजसम5 आपके पmरवार कo भी सहमwत हो।
आपने कहा "उसने पmरवार का थोड़ा बहुत समथ'न !ाŽत कर ]लया है "। अब यह
Xप`ट करना होगा >क वह समथ'न शहादा कo कसम के साथ है अथवा नह;ं। अ?य
शÊदY म5 कह5 तो ˆया आपको मस
ु लमान बनना होगा या नह;ं? वाXतGवकता म5
तो आपको अपने !ेमी से Gपछले १० वष° म5 wनkन १० !gनY के उÜर ले लेने
चा•हए थे।
अपने मिु Xलम !ेमी और उसके पmरवार से wनkन !gनY के उÜर अवgय पता कर5 ।
145
!ेમ का धम'
७. ˆया आपके पl
ु को स?
ु नत अथवा खतने से गज
ु रना होगा?
146
]सख मिु Xलम कo !ेम कहाwनयां
अपने माता-Gपता को बताएं >क आपका !ेमी कोई लव-िजहाद; नह;ं है अGपतु
आजाद,66 सीमा67 और शाह›ख खान68 कo तरह एक स•ह`णु –यिˆत है , जो
अपने साथी के धम' का आदर करते ह/ और एक समानता पर आधाmरत अंतर-
धा]म'क Gववाह म5 Gवgवास रखते ह/। शभ
ु कामनाओं के साथ —एड]मन
व्यिक्त के िवचार और उसके शब्द शस्त्रों से अिधक तेज होते हैं , जोिक बहुत सुंदर
और पिवत्र सच्चे प्रेम को बबार्द कर सकते हैं। —डेिवड
66
ख³ड ४.१।
67
ख³ड ३.१।
68
http://www.youtube.com/watch?v=Py7sFkIGi-k.
147
!ेમ का धम'
खण्ड ४.३: मैं अपने प्रेमी से इस्लाम अपनाने के िलए नहीं कह सकती
मेरे Gवचार म5 एक दस
ू रे के धम' को नीचा •दखाने कo को]शश करना बहुत ह; गंद;
मान]सकता है । म/ एक मिु Xलम म•हला हूँ और एक ]सख से !ेम करती हूँ। हालां>क
मझ
ु े डर है >क भGव`य म5 ˆया होगा और हम दोनY साथ कैसे रह पाएंगे >कं तु
म/ने wनण'य ले ]लया है >क म/ लोगY अथवा समाज कo परवाह नह;ं क8ंगी। कुरान
कहती है >क एक मिु Xलम जब चाहे और िजससे चाहे wनकाह कर सकता है बशत½
>क साथी मस
ु लमान हो। म/ अपने !ेमी से केवल मेरे ]लए इXलाम अपनाने के
]लए नह;ं कह सकती। >कं तु अगर वह मेरे धम' के बारे म5 जानेगा तब ह; उसे
अFछे से समझ पाएगा और अगर तब वह मस
ु लमान बनने का wनण'य लेता है
तब म/ अÂलाह कo बहुत श(
ु गुजार रहूंगी। म/ भी उसके धम' को सीखना और
समझना चाहती हूं।
148
!ेમ का धम'
150
जैन-मिु Xलम कo !ेम कहाwनयां
151
!ेમ का धम'
पन
ु ीता कहती ह>:
म/ एक जैन •हंद ू यवु ती हूँ और एक Ëबहार; मिु Xलम यवु क के साथ !ेम संबंध म5
हूँ। हम दोनY एक दस ू रे से बहुत !ेम करते ह/ और उसका पmरवार बहुत ह; Xवतंl
Gवचार का है । मेरे !ेमी कo बहन ने भी एक •हंद ू से शाद; कo है । हम दोनY एक
दस
ू रे से !ेम करते ह/ और Gववाह करना चाहते ह/ >कं तु मेर; मां राजी नह;ं है और
यह सब म/ अभी अपने Gपता को नह;ं बता सकती। उसका पmरवार हम5 साथ दे खना
चाहता है >कं तु मेरे पmरवारजन उसे Xवीकार नह;ं कर5 गे। कृपया मेर; सहायता कर5 ।
—पन
ु ीता
69
Interfaithshaadi.org के पर एक अ¬त’थ सलाहकार (ख³ड ३.१)।
152
जैन-मिु Xलम कo !ेम कहाwनयां
Gपता को खोया अGपतु अपने चाचा, मामा, चाची, चचेरे भाई बहन, सभी को खो
•दया। ˆया यह ठÍक रहा? —सीमा
153
!ेમ का धम'
तबMसम
ु कहती ह>:
मेर; 9चंता उसके पmरवार को लेकर है । म/ उनसे अभी तक नह;ं ]मल; हूँ और ना
यह जानती हूँ >क एक मिु Xलम पl ु वधू को लेकर उनका ˆया रवैया होगा। मेरा
!ेमी अपने माता-Gपता को बहुत महšव दे ता है और म/ अपने !ेमी को बहुत महšव
दे ती हूँ।
म/ जानना चाहती हूँ >क एक जैन पmरवार म5 Gववाह करने पर ˆया होता है ? हमने
अपने धम° के बारे म5 भी चचा' कo है और हमम5 से कोई भी बहुत धा]म'क नह;ं
है । >कं तु म/ अभी २१ वष' कo हूँ और मझ
ु े लगता है >क आने वाले समय म5 म/
इXलाम को और अ9धक अपना लंग
ू ी। मझ
ु े पता है >क हम दोनY एक दस
ू रे से !ेम
करते ह/ जो नह;ं बदलेगा अतः !तीsा करने कo कोई आवgयकता नह;ं •दखाई
दे ती। —तबXसम
ु
तबMसम
ु आगे कहती ह>:
एड]मन आपके सझ
ु ाव का श>ु (या। हम दोनY ने कनाडा म5 ह; रहने कo योजना
बनाई है ˆयY>क वह यहां नौकर; करता है और म/ भी पढ़ाई करने के बाद नौकर;
क8ंगी। हमने wनण'य ]लया है >क हम कानन
ू ी Gववाह कर5 गे और उसके बाद अपने
दोXतY और संबं9धयY के ]लए एक छोटा सा समारोह होगा।
154
जैन-मिु Xलम कo !ेम कहाwनयां
उसने अपने पmरवार के ]लए भारत म5 एक जैन Gववाह करने कo भी योजना बनाई
है । म/ उसके पmरवार और धम' का आदर करती हूँ और यह सब करने म5 मझ
ु े
कोई समXया नह;ं है बशत½ मझ
ु े धमाÏतरण ना करना पड़े।
अभी म/ अपनी मां के साथ कुछ वष° से कनाडा म5 रह रह; हूँ। मझ ु े नह;ं लगता
>क मेर; मां इस Gववाह को लेकर Gवरोध कर5 गी ˆयY>क उ?ह5 हमारे संबंध के बारे
म5 पता है और उ?हYने इसका कभी Gवरोध नह;ं >कया। जहां तक मेरे Gपता के
पmरवार का संबंध है वह थोड़ा •यादा धा]म'क है और मझ
ु े नह;ं पता वह इस संबंध
को कैसे Xवीकार कर5 गे। अभी वह म¸य-पव
ू ' के एक दे श म5 रहते ह/। मझ
ु े आशा
है >क अंततः वह भी हम5 समझ5गे। वे मेरे Gपता ह/ और हम5 उनकo आशीवा'द कo
भी आवgयकता है ।
हमने wनण'य ]लया है >क हम अपने-अपने धम° का पालन करते रह5 गे। मेरे !ेमी
का कहना है >क !ेम एक वैिgवक धम' है िजसम5 धम', जाwत, Xथान का कोई
महšव नह;ं है । म/ आशा करती हूँ >क धम' को लेकर आने वाले समय म5 हम5 कोई
समXया नह;ं होगी और हम ऐसे ह; खश ु रह5 गे। —तबXसम
ु
महात्मा गांधी ने िहं दू धमर् से जाित प्रथा समाप्त करने के िलए किठन प्रयास िकए।
अब कोई िकसी अलग प्रकार की जाित प्रथा का पालन क्यों करेगा जहां एक धमर्
(यहाँ इस्लाम) को ही सवोर्च्च माना जाता है?
155
!ेમ का धम'
जहां तक बFचY कo बात है हमने wनण'य ]लया है >क बFचY के उपनामY म5 मेरे
और उसके उपनाम हYगे तथा उनका कोई अरबी अथवा मिु Xलम नाम नह;ं होगा।
हम दोनY ह; ]श‘sत ह/ और उसने कभी भी मझ
ु े उसके धम' से संबं9धत कोई भी
काम करने के ]लए नह;ं कहा। अGपतु वह Xपेशल मैmरज एˆट १९५४ के अंतग'त
ह; Gववाह करना चाहता है ।
बेहद सरल और सीधी सी बात है ... !ेम सभी धम° से बढ़कर है । Ëबना समझे
कुछ ना कर5 और –यवहाmरक रह5 और कोई भी wनण'य लेने के ]लए समय ल5। —
त?वी
नमXकार त?वी,
156
जैन-मिु Xलम कo !ेम कहाwनयां
आपके >कसी भी सझ
ु ाव का Xवागत है ˆयY>क मझ
ु े आपकo सहायता कo
आवgयकता है । वह अपने पmरवार के Gव›´ध मेरे साथ रहना चाहती है >कं तु उसके
राजनीwतi चाचा सबसे बड़ी समXया है । कृपया मेर; सहायता कर5 । —नद;म
नद;म,
तम
ु ने कहा >क तमु नह;ं चाहते >क वह अपना धम' बदले। यह एक बहुत ह;
!शंसनीय Gवचार है >कं तु ˆया आपको इसका अथ' मालम
ू है । ˆया आप इXला]मक
wनकाह नह;ं कर5 गे िजसम5 धम' पmरवत'न होता है ? अगर आपकo !े]मका धमाÏतरण
>कए Ëबना आप से Gववाह कर5 गी तब कुरान और अ?य इXला]मक ]शsाओं के
अनस
ु ार वह Gववाह वैध नह;ं होगा? ˆया आप सभी इXलामी ]स´धांतY के Gव›´ध
जाने को तैयार ह/? ˆया आपने अपने पmरवार और अपने इXलामी समद
ु ाय से
अपनी योजना कo चचा' कo है ?
70
एक जैन बत
ु परXत यव
ु ती से Gववाह करके आप ˆया कर5 गे? कृपया त?वी के
अनभ
ु वY के बारे म5 पढ़5 । त?वी और उनका !ेमी wनकाह और धमाÏतरण कo बजाए
कानन
ू ी Gववाह कर5 गे। उनका !ेमी उनके आस-पास होने पर मांसाहार šयागने को
भी तैयार है । वह अभी से जैन मं•दरY म5 जाता है और भगवान के सामने नतमXतक
भी होता है , और Gव]भ?न जैन संXकारY का पालन भी करता है । उस मिु Xलम
यव
ु क के बFचY का कोई अरबी नाम नह;ं होगा और वे दोनY धम° के बFचे हYगे
70
खÁड ४.३।
157
!ेમ का धम'
और उ?ह5 दोनY ह; धम° कo ]शsा ]मलेगी। आपको शायद आgचय' हो रहा होगा
>क ˆया वह सचमच
ु म5 एक मस
ु लमान है । आप अपने नए जैन पmरवार को खश
ु
करने के ]लए ˆया कर सकते ह/?
हम आपको यह नह;ं बताते >क आपको ˆया करना चा•हए और ˆया नह;ं।
71
ख³ड ३.२६।
72
ख³ड ३.१।
73
ख³ड ४.१।
74
http://www.youtube.com/watch?v=Py7sFkIGi-k.
158
जैन-मिु Xलम कo !ेम कहाwनयां
खण्ड ५.५: मैं एक जैन युवती हूँ और एक मुिस्लम से प्रेम करती हूँ
मझ
ु े उस पर परू ा Gवgवास है । मझ
ु े पता है >क उसके साथ मेरा भGव`य अFछा
होगा ˆयY>क वह कभी मझ
ु े सीमाओं म5 नह;ं बांधता और मझ
ु े हमेशा अपनी ल·य
ू करती हूँ और
!ािŽत के ]लए !ेmरत करता है । म/ उसके साथ बहुत सहज महसस
आशा करती हूँ >क भGव`य म5 भी ऐसा ह; होगा।
मझ
ु े पता है >क मझ
ु े एक मिु Xलम पmरवार के साथ सामंजXय बैठाने म5 क•ठनाई
होगी >कं तु य•द आप एक •हंद ू यव
ु क से Gववाह करते ह/ और वह आपको !ेम नह;ं
करता तब भी आपका जीवन सख
ु द नह;ं होगा। आने वाले समय का कोई भरोसा
नह;ं है और म/ यह मानती हूँ >क आपके भाIय म5 जो है उसका सामना तो आपको
करना ह; पड़ेगा।
मेरे अनस
ु ार !ेम से बड़ा कुछ नह;ं है । यह सšय है >क ऐसे संबंध म5 समझौते
करने पड़ते ह/ >कं तु य•द आप एक दस
ू रे को अFछÍ तरह समझते ह/ तब सब कुछ
आसान हो जाता है और धम' कोई महšव नह;ं रखता। —gवेता
159
!ेમ का धम'
मिु XलमY को उनके धम' कo वजह से इतना सkमान नह;ं ]मलता िजतना अ?य
धम° के लोगY को ]मलता है । म/ एक मिु Xलम हूँ और >फर भी यह सब कह रहा
हूँ िजसके ]लए मझ
ु े द`ु पmरणाम भग
ु तने पड़ सकते ह/।
160
जैन-मिु Xलम कo !ेम कहाwनयां
161
अध्याय ६: धमर्ग्रन्थ
धम'ž?थ
163
खंड ६.१: धमर्ग्रन्थ और अंतर-धािमर्क िववाह
75
मै½यू २२:३९।
76
कुरान ५:४८ और https://www.interfaithshaadi.org/pluralism-islamic-thinking/.
77
गीता ११:५५।
धम'ž?थ
• तोराह और •ह?द78,79
ू
80
• बार ]मšXवा और •ह?द?
ू
81,82
• बाइËबल और •ह?द?
ू
78
लेखक ने "gहhद"ू शOद का Iयोग सनातनी (िजसमे gहhद,ू जैन, बौ‘ध, zसख भी सि•मzलत ह“)
आƒथा के zलये —कया है ।
79
https://www.interfaithshaadi.org/torah-on-hindus-2/.
80
https://www.interfaithshaadi.org/bar-mitzvah-for-hindus/.
81
https://www.interfaithshaadi.org/bible-on-hindus/.
82
https://www.interfaithshaadi.org/बाइ°बल-gहhदओ
ु -ं पर-bible-hindus/.
83
https://www.interfaithshaadi.org/koran-on-hindus/.
84
अगर इन सभी छं द€/आयत€/प‘य€ को सच
ू ीब‘ध करने से —कसी कÁ धाzम„क भावनाएं आहत हुई
ह“, उसके zलए लेखक ÂमाIाथÃ ह“। उनका Iथम उ‘दे Äय अंतर-धाzम„क यग
ु ल€ को उनके आगामी
वैवाgहक जीवन मe आने वाल~ मिु Äकल€ के बारे मe zशÅÂत करना था।
165
!ेમ का धम'
85
https://www.interfaithshaadi.org/idol-worshipper-who-is-and-who-is-not/.
86
खंड ३.१९।
166
धम'ž?थ
सामा?यतया •ह?द ू बहुलवाद; होते ह/ (ईgवर अÂलाह तेरो नाम अथा'त ईgवर के
अनेकY नाम ह/87)। लेखक को भी गीता म5 ऐसे gलोक बहुतायत म5 नह;ं ]मले ह/
िजनम5 •ह?द ू धम' को ®े`ठतावाद; अथवा Gव]श`टवाद; बताया गया हो। इसके
अwतmरˆत गीता म5 न तो अंतर-धा]म'क GववाहY का कोई वण'न है और न ह; अ?य
धम° कo आलोचना कo गई है ; इसका संभाGवत कारण हो सकता है >क •ह?द ू
धम'žंथY कo रचना अ?य धम° के उ´भाव से पहले कo गई थी। >क?तु >फर भी
लेखक को कुछ ऐसे gलोक ]मले ह/ जो अ¹ाहम-पंथी (यहूद;, इसाई, मस
ु लमान)
–यिˆत अथवा उसके •ह?द ू !ेमी के ]लए आपGÜजनक हो सकते ह/। एक •ह?द-ू
मस
ु लमान यग
ु ल को एक साथ बैठकर यह gलोक पढ़ने चा•हए और अपने वैवा•हक
जीवन के स?दभ' म5 उनका अथ' समझना चा•हए।
• ४.११: जैसा >क सभी मेरे सामने समप'ण करते ह/, म/ उ?ह5 उसी के अनस
ु ार
परु Xकृत करता हूँ, ˆयY>क सभी मन`ु य सब !कार से मेरे ह; माग' का अनस
ु रण
करते ह/। [ˆया यहाँ "सभी मनु`य" म5 ईसाई, मुिXलम, यहूद; और नािXतक
भी सिkम]लत ह/?]
87
लेखक ने अपने एक सवÆÂण मe एक gहhद ू मंgदर मe उपिƒथत भÇत€ से पछ
ू ा "Çया ईसामसीह,
महावीर, अÈलाह, बुद्ध, गणेश... सभी भगवान ह“?" तब लेखक ने पाया कÁ ८६% लोग यह मानते है
कÁ ये सभी भगवान ह“, िजसमे अÈलाह और ईसामसीह भी सि•मzलत ह“।
88
यहाँ भगवन कृÌण को एक xयिÇत नह~ं अ•पतु भगवान, ÍÎम, अथवा परम अिƒत•व माना गया
है । (गीता ९:११)
89
Ïीम‘भगव‘गीता, साधारण भाषा ट~का, गीता Iेस, गोरखपरु ।
167
!ेમ का धम'
• ६.४७: सkपणू ' यो9गयY म5 भी जो ®´धावान योगी मझु म5 लगे हुए, अ?तराšमा
से मझ
ु को wनर?तर भजता है , वह योगी मझ ु े परम ®े`ठ मा?य है ।
• ७.७: हे धनंजय! मझ
ु से ]भ?न कोई भी दस
ू रा परम कारण नह;ं है । यह सkपण
ू '
जगत सl ु ा हुआ है । [>क?तु भगवन कृ`ण के
ु म5 गँथ
ू म5 म•णयY के सÐश मझ
स?दे श के Gवपर;त ईसामसीह कहते ह/ "कोई भी ईgवर के पास मेरे ´वारा ह;
जा सकता है ।" (जॉन १४:६) और अÂलाह ने कहा है "जो भी इXलाम अपनाता
है वह सह; राXते पर है " (कुरान ३.१९ और ७२.१३)। अंतर-धा]म'क युगलY को
यह चचा' अवgय करनी चा•हए >क ˆया यह सभी ईgवर के दत ू एक ह; स?दे श
दे रहे ह/ अथवा ]भ?न-]भ?न।]
• ९.११: मढ
ू लोग मन`ु य का शर;र धारण करने वाले मझ
ु उÜमोÜम ईgवर को
तF
ु छ समझते ह/ अथा'त अपनी योगमाया से संसार के उ´धार के ]लए मन`ु य
ु परमेgवर को साधारण मन`ु य मानते ह/। [कुछ यहू•दयY
8प म5 Gवचरते हुए मझ
और मुिXलमY को ईgवर के मनु`य 8प को Xवीकार करने म5 आपGÜ हो सकती
है ।]
• ९.२३: हे अजन
ु' ! य´यGप ®´धा से यˆ
ु Ü जो सकाम भˆÜ दस
ु रे दे वताओं को
पज
ू ते ह/, वे भी मझ
ु को ह; पज
ू ते है ; >क?तु उनका वह पज
ु न अGव9ध पव
ू क
'
अथा'Ü ् अiान पव ' है । [आगे, तोराह,90 बाइËबल91 और कुरान (खÁड ६.३),
ू क
म5 भी यह; !gन उठाया गया है >क "ईgवर कौन है ?" और ’अ?य’ ईgवर से
90
https://www.interfaithshaadi.org/torah-on-hindus-2/.
91
https://www.interfaithshaadi.org/बाइ°बल-gहhदओ
ु -ं पर-bible-hindus/.
168
धम'ž?थ
ˆया ताšपय' है ?" ऐसे कथन अंतर-धा]म'क युगलY को Õ]मत कर सकते ह/ >क
वे कौन से धम'ž?थ का पालन कर5 और >कस ईgवर को मान5। यहाँ यह याद
रहे >क भगवन कृ`ण ने कह;ं भी अपने भˆतY को ऐसे लोगY के !wत •हंसा
करने के ]लए कभी नह;ं कहा जो उ?ह5 नह;ं मानते, अथवा अ?य ईgवरY म5
Gवgवास रखते ह/ अथवा नािXतक ह/।]
• १०.२०: हे अजन ु' ! म/ सब जीवY से àदय म5 िXथत सबका आšमा हूँ तथा
सkपणू ' जीवY का आ•द, म¸य और अ?त भी म/ ह; हूँ।
• ११.५५: हे अजन
ु' ! जो प›
ु ष केवल मेरे ह; ]लये सkपण
ू ' कत'–य कम° को करने
वाला ह/, मेरे परायण है , मेरा भˆÜ ह/, आसिˆतर•हत है और सkपण
ू ' !ा•णयY
म5 वैर भाव से र•हत है वह अन?य भिˆत यˆ
ु त प›
ु ष मझ
ु को ह; !ाŽत होता
ह/। [कोई भी दो –यिˆत एक ह; आयत/gलोक/छं द कo –या‰या अलग-अलग
!कार से कर सकते ह/। उदाहरण के ]लए "सkपूण' !ा•णयY म5 वैर भाव से
र•हत है " एक wनिgचत ह; बहुलवाद; और समावेशी स?दे श है , >क?तु उनका
एक अ?य स?दे श "मेरे ह; ]लये सkपूण' कत'–य कम° को करने वाला ह/" >कसी
अ?य धम' वाले के ]लए अस•ह`णु हो सकता है । ठÍक इसी !कार ईसामसीह
ने भी बाइËबल ऐसे परXपर Gवरोधभासी स?दे श •दए ह/। वह कहते ह/ "अपने
पडोसी से !ेम करो",92 "जो मेरे साथ नह;ं वह मेरे Gव›´ध है ",93 "यह मत
मानो >क म/ इस जगत म5 शांwत Xथापना के ]लए आया हूँ अGपतु म/ शांwत
नह;ं संघष' के ]लए आया हूँ"94 अब य•द कोई –यिˆत "म/" शÊद >क –या‰या
परम Gपता परमेgवर (भगवान ्, अÂलाह, फादर) के 8प म5 करता है तब >कसी
भी धम'ž?थ >क –या‰या म5 कोई टकराव नह;ं होगा, >क?तु "म/" कo –या‰या
एक –यिˆत Gवशेष अथवा wनजी ईgवर के 8प म5 करना गलत होगा।]
92
मै½यू २२:३९।
93
मै½यू १२:३०।
94
मै½यू १०:३४; Èयक
ू १२:५१।
169
!ेમ का धम'
• १२.८: मझ
ु म5 मन को लगा और मझ
ु म5 ह; ब´
ु 9ध को लगा; इसके उपरा?त
तू मझ
ु म5 ह; wनवास करे गा, इसम5 कुछ भी संशय नह;ं है । [मस
ु लमानY को
कृ`ण पर नह;ं, अÂलाह पर ¸यान दे ने म5 मÂ
ू य •दखाई दे सकता है ।]
• १८.६५: हे अजन
ु' ! तू मझ
ु म5 मन वाला हो, मेरा भˆÜ बन, मेरा पज
ू न करने
वाला हो और मझ
ु को !णाम कर। ऐसा करने से तू मझ
ु े ह; !ाŽत होगा, यह
म/ तझ
ु से सšय !wतiा करता हूँ; ˆयY>क तू मेरा अšय?त G!य है ।
95
• १८.६६: सkपण
ू ' धम° को šयाग कर तू केवल एक मझ
ु सव' शिˆÜमान ्
सवा'धार परमेgवर कo ह; शरण म5 आ जा। म/ तझ
ु े सkपण
ू ' पापY से मˆ
ु Ü कर
ू ा, तू शोक मत कर। [ˆया भगवान कृ`ण यहाँ अ¹ाह]मक धम' को šयागने
दं ग
के ]लए कह रहे ह/?]
मुिस्लम-बहुल देशों में अंतर-धािमर् क िववाह संबंधी कानून केवल इस्लाम का पक्ष लेते
हैं जो अन्य अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और अन्याय पूणर् है।
95
वाƒत•वक शOद धम„ (dharma and not religion) है । धम„ कÁ xया–या के zलए शOदकोष
(पÐरzशÌट ए) दे खe।
170
धम'ž?थ
• २.१९३: तम
ु उनसे लड़ो जब तक >क उšपीड़न का खाšमा न हो जाए और
अÂलाह का द;न ह; शेष रह जाए।
96
कुरान कÁ कई xया–याएं ह“। पाठक€ को सलाह द~ जाती है —क इन आयत€ कÁ ƒपÌट xया–या
और पण
ू „ संदभ„ को समझने के zलए कुरान के कुछ संƒकरण पढ़e । ये उ‘धरण एन. जे. दाऊद,
पe गुइन बÇ
ु स, https://qoran.com और https://tanzil.net (Hindi: फा•ख खान & अहमद) सgहत
कई Öोत€ से zलए गए ह“। उ‘धत
ृ प‘य सं–या अनम
ु ा¬नत हो सकती है ।
171
!ेમ का धम'
• ४.९१: अब तम
ु कुछ ऐसे लोगY को भी पाओगे, जो चाहते ह/ >क तk
ु हार; ओर
से wनिgच?त होकर रह5 और अपने लोगY कo ओर से भी wनिgच?त होकर रह5 ।
पर?तु जब भी वे फ़साद और उपúव कo ओर फेरे गए तो वे उसी म5 औंधे
जा 9गरे । तो य•द वे तम
ु से अलग-थलग न रह5 और तk
ु हार; ओर सल
ु ह का
हाथ न बढ़ाएँ, और अपने हाथ न रोक5, तो तम
ु उ?ह5 पकड़ो और क़Zल करो,
जहाँ कह;ं भी तम
ु उ?ह5 पाओ। उनके Gव›´ध हमने तk
ु ह5 खल
ु ा अ9धकार दे
रखा है ।
172
धम'ž?थ
• ९.६२: वे तम
ु लोगY के सामने अÂलाह कo क़सम5 खाते ह/, ता>क तk
ु ह5 राज़ी
कर ल5, हालाँ>क य•द वे मो]मन (believer) ह/ तो अÂलाह और उसका रसल
ू
जो इसके òयादा हक़दार ह/, वो उनको राज़ी कर5 ।
173
!ेમ का धम'
अFछÍ बात है । अÂलाह को उसकo परू ; ख़बर रहती है , जो कुछ वे >कया करते
है । [मुिXलम पु›षY को एक म•हला कo तरफ कामुक wनगाहY से दे खने कo
अनुमwत नह;ं है । अगर वे >कसी म•हला को दे खते ह/ तो उ?ह5 चा•हए >क वे
नज़र5 नीची कर ल5 और वहाँ से wनकल जये।97 मले]शया के इXला]मक खलावत
(wनकटता) कानून के बारे म5 खÁड ७.१.३ म5 पढ़5 । लव-िजहाद के ]लए बनाये
गए संबंधY के अलावा >कसी भी सFचे मुिXलम के ]लए अंतर-धा]म'क सkब?ध
संभव नह;ं ह/। वष° तक एक !ेम सkब?ध म5 रहने के बाद अपने साथी से
Gववाह हे तु धम' पmरवत'न के ]लए कहना धमाÏतरण का एक Gवकृत 8प है ।]
• ४२.२३: म/ने त?
ु ह5 केवल अपने भाई-बहनY और mरgतेदारY से !ेम करने को
कहा है ।
• ४४.४५-५४: तेल कo तलछट जैसा, वह पेटY म5 खौलता होगा, जैसे गम' पानी
खौलता है । "पकड़ो उसे, और भड़कती हुई आग के बीच तक घसीट ले जाओ,
>फर उसके ]सर पर खौलते हुए पानी को उं डेल दो! ओर कहो ‘मज़ा चख, तू
तो बड़ा बलशाल;, स•जन और आदरणीय था! यह; तो सचाई है िजसके Gवषय
म5 तम
ु संदेह करते थे।’" wनXसंदेह डर रखनेवाले wनिgच?तता कo जगह हYगे,
बाग़Y और öोतY म5 बार;क और गाढ़े रे शम के वXl पहने हुए, एक-दस
ू रे के
आमने-सामने उपिXथत हYगे। ऐसा ह; उनके साथ मामला होगा और हम साफ़
गोर;, बड़ी नेlYवाल; िXlयY से उनका Gववाह कर द5 गे।
97
https://www.interfaithshaadi.org/true-muslim-fall-love-non-muslim/.
174
धम'ž?थ
उनका हाल ठÍक कर दे गा। और उ?ह5 ज?नत म5 दा•ख़ल करे गा, िजससे वह
उ?ह5 पmर9चत करा चक
ु ा है ।
• ४७.२२: य•द तम
ु अपने धम' से पलट गए (leave Islam) तो तम
ु wनgचय
ह; धरती पर पाप करोगे और अपने नातY-mरgतY को काट डालोगे। [मुहkमद
ने कहा: "जो कोई भी अपना इXलाम छोड़ता है , तो उसे मार डालो।" (बुखार;
९.८४.५७)]
• ४८.२९: मह
ु kमद अÂलाह के रसल
ू ह/ और जो लोग उनके साथ ह/, वे मश
ु mरकY
पर भार; ह/ >क?तु आपस म5 दयालु ह/।
• ६०.४: हम तम
ु से और अÂलाह से हटकर िज?ह5 तम
ु पज
ू ते हो उनसे Gवरˆत
ह/। हमने तk
ु हारा इनकार >कया और हमारे बीच सदै व के ]लए वैर और Gव´वेष
!कट हो चक
ु ा है जब तक अकेले अÂलाह पर तम
ु ईमान न लाओ।
• ६६.५: इसकo बहुत सkभावना है >क य•द वह (मस ु लमान आदमी) तk ु ह5 तलाक़
दे दे तो उसका रब तk
ु हारे बदले म5 तम
ु से अFछÍ पिšनयाँ उसे !दान करे —
मिु Xलम, ईमानवाल;, आiाकाmरणी, तौबा करनेवाल;, इबादत करनेवाल;,
(अÂलाह के माग' म5 ) सफ़र करनेवाल;, Gववा•हता और कँु वाmरयाँ भी।
175
!ेમ का धम'
176
धम'ž?थ
177
७.१: अंतर-धािमर्क िववाह एवं तलाक़ संबंधी कानून
अ9धकांश धम° म5 अंतर-धा]म'क Gववाह को लेकर कठोर wनयम ह/। सभी सनातन
धम° म5 , समाज ऐसे wनयमY को कड़ाई से लागू नह;ं करता एवं कोई ना कोई
वैकिÂपक –यवXथा का !ावधान भी होता है । कुछ ईसाई पंथY म5 , जैसे >क कैथो]लक
पंथ म5 , दस
ू रे पंथ अथवा धम' के साथी को Gववाह पव
ू ' या तो धम' पmरवत'न अथवा
98
अनब
ु ंध करना होता है >क भावी संतान को एक कैथो]लक कo तरह ह; पाला
जाएगा। यहां तक >क कुछ 9गरजाघर तो अंतर-धा]म'क Gववाह करने वाले एक
कैथो]लक को अपने माता-Gपता के अंwतम संXकार कo अनम
ु wत भी नह;ं दे ते एवं
ऐसे –यिˆत को समाज से ब•ह`कृत कर दे ते ह/।99 इसी तरह इXलाम म5 कोई भी
इमाम अथवा मौलवी एक •ह?द-ू मिु Xलम Gववाह नह;ं करे गा जब तक >क गैर-
मिु Xलम साथी इXलाम कबल
ू करके मिु Xलम ना बन जाए। एक अ¹ाह]मक (ईसाई
और यहू•दयY) से धमाÏतरण के Ëबना wनकाह संभव है >क?तु होने वाल; संतान को
मिु Xलम कo तरह ह; पाला जाएगा।
एक औपचाmरक धमाÏतरण (चाहे वह wनकाह माl के ]लए >कया गया झूठा धमाÏतरण
ह; हो) अथवा Gववाह हे तु >कया गया कोई भी अनब
ु ंध, तलाक़ कo िXथwत म5 संतान
संरsण कo •दशा म5 बहुत बड़ा रोड़ा बन सकता है ।
98
https://www.interfaithshaadi.org/3-4-church-marriage-contract/.
99
https://www.interfaithshaadi.org/christian-church-final-rite/.
100
https://www.youtube.com/watch?v=RiWLGEKusIg.
wनयम और कानन
ू
101
•ह´दशु (Hiddush ) ने अपने सव½sण म5 पाया >क इजरायल (यहूद; दे श) म5
Gववाह से संबं9धत कड़े wनयम ह/, इसी !कार मिु Xलम-बहुल दे शY (६२%; ३३/५३)
तथा ईसाई-बहुल दे शY (७%; ८/१२०) म5 भी Gववाह से संबं9धत कठोर !wतबंध लागू
ह/। >क?तु बौ´ध और •ह?द ू दे शY म5 ऐसे कोई wनयम अथवा !wतबंध (०%; ०/१४)
नह;ं ह/। इस खंड म5 ]भ?न-]भ?न दे शY के Gववाह और तलाक़ से संबं9धत कानन
ू
पर !काश डाला गया है , जैसे >क ˹टे न (यन
ू ाइटे ड >कं गडम) को पिgचमी दे शY के
!wतwन9ध के आधार पर ]लया गया है , इसी !कार इजरायल (यहूद; दे श), मले]शया
(एक मिु Xलम दे श) एवं भारत के Gववाह एवं तलाक़-संबंधी कानन
ू Y का अ¸ययन
>कया गया है ।
101
http://marriage.hiddush.org.
102
http://www.legislation.gov.uk/ukpga/Geo6/12-13-14/76/contents.
103
http://www.legislation.gov.uk/ukpga/1973/18.
104
http://www.echr.coe.int/Documents/Convention_ENG.pdf.
105
लेखक सभी ज़•र~ और वैधा¬नक जानकार~ उपलOध करने के zलए िजमी का धयवाद करते ह“।
यह सभी जानकार~ इस खंड मe •वƒतत
ृ •प से Iयोग कÁ गई है ।
(https://www.interfaithshaadi.org/malaysia-uk-marriage-laws/)
179
!ेમ का धम'
इजरायल; कानन
ू म5 केवल धा]म'क GववाहY का !ावधान है तथा कानन
ू ी Gववाह कo
कोई मा?यता नह;ं है । यहूद; लोगY के अनस ु ार, म‰
ु य रॅबाय ् (rabbi), जो परं परावाद;
यहूद; मानकY के अनस ु ार काय' करते ह/, का Gववाह के मामलY म5 एका9धकार है ।
इजराइल म5 केवल यहूद; (जो कo परं परागत कानन
ू Y ´वारा !मा•णत ह/) ह; Gववाह
कर सकते ह/। दस
ू रे धम° के –यिˆत अपने ह; धम° म5 Gववाह कर सकते ह/ वह
भी अपने धम' के !मा•णत संXथान ´वारा। इसका अथ' यह है >क इजरायल म5
अंतर-धा]म'क एवं गैर-धा]म'क Gववाह मा?य नह;ं ह/। तथाGप इजरायल का गह
ृ
मंlालय Gवदे श म5 हुए कानन
ू ी (अंतर-धा]म'क या धा]म'क) GववाहY को मा?यता दे ता
है तथा उ?ह5 पंजीकृत भी करता है ।106
106
http://marriage.hiddush.org.
107
https://en.wikipedia.org/wiki/Islam_in_Malaysia.
108
मलेzशया के सं•वधान के अनस
ु ार, हर मलय को मिु ƒलम होना ह~ चाgहए, चाहे वह —कसी भी
जातीय परं परा का पालन करते ह€, अhयथा वे मलय नह~ं ह“।
(https://en.wikipedia.org/wiki/Islam_in_Malaysia).
109
https://www.interfaithshaadi.org/blog/?cat=112.
110
एक धम„¬नरपे •ववाह zसंगापरु मe संभव है । Øयादा जानकार~ के zलए पढ़e :
https://en.wikipedia.org/wiki/Matrimonial_law_of_Singapore.
180
wनयम और कानन
ू
111
http://confinder.richmond.edu/admin/docs/malaysia.pdf.
112
http://www2.esyariah.gov.my/esyariah/mal/portalv1/enakmen2011/Eng_act_lib.nsf/858a
0729306dc24748257651000e16c5/1d314361e2750042482569810025f0fc?OpenDocum
ent.
113
Laws of Malaysia, Act 164
(https://unstats.un.org/unsd/vitalstatkb/KnowledgebaseArticle50620.aspx).
114
डॉ ज़ा—कर नाइक क़ुरान (२४:३०) कÁ xया–या कÁ है —क जब भी एक मिु ƒलम पG
ु ष एक मgहला
को दे खता है तब उस पG
ु ष को चाgहए —क वह अपनी ¬नगाह€ को नीचे कर अपनी नÛता gदखाए।
अ’धक जानकार~ के zलए दे खe: https://www.youtube.com/watch?v=foLbqR6fBf8.
115
http://www.themalaymailonline.com/malaysia/article/what-happens-duringkhalwat-
raids-uk-roadcaster-joins-malaysias-religious.
116
https://www.youtube.com/watch?v=-JpTXzvZVl4.
181
!ेમ का धम'
के बीच शाद; मले]शया म5 अवैध है ।117 हालां>क कुछ Gवशेष पmरिXथwतयY म5 कुछ
अपवाद संभव ह/। एक मिु Xलम प›
ु ष को एक >कताËबया (People of Book) से
शाद; कo अनम
ु wत है । एक >कताËबया वह ईसाई Xlी होती है िजसके पव
ू ज
' पैगkबर
मह
ु kमद कo पैगंबर; (!वत'न) से पहले भी ईसाई थे; वह एक यहूद; Xlी भी हो
सकती है िजसके पवू ज
' ईसामसीह के पहले भी यहूद; थे। कई और भी !wतबंध ह/
िजसके चलते एक गैर-मिु Xलम को मले]शया म5 अपनी शाद; को पंजीकृत कराने
के ]लए धमाÏतरण करना ह; पड़ता है ।
कहा जाता है >क इXलाम म5 कोई !wतबंध नह;ं है ,118 >क?तु –यावहाmरक 8प से
दे ख5 तो अंतर-धा]म'क यग
ु लY के ]लए Gववशता है >क या तो वे धमाÏतरण कर5
अथवा अपने वष° परु ाने !ेम संबंध को wतलांज]ल दे द5 ।
117
क़ुरान २:२२१; मलेzशया के Islamic Family Law (Federal Territory) Act 1984 के खंड १०
(अhय धमà के xयिÇत) के अनस
ु ार: (१) कोई भी पG
ु ष —कसी गैर मिु ƒलम से ¬नकाह नह~ं करे गा
zसवाय —कता°बया के और (२) कोई ƒ¶ी भी —कसी गैर मिु ƒलम से ¬नकाह नह~ं करे गी।
118
क़ुरान २:२५६।
119
https://en.wikipedia.org/wiki/Malaysian_identity_card.
120
http://www.jpn.gov.my/en/informasi/aplikasi-utama/.
121
http://www.jpn.gov.my/en/perkhidmatan/pendaftaran-semulaperkahwinan-bagi-
pasangan-bukan-islam-yang-telah-didaftarkan-mengikutundang-undang-negara-asing-
pada-atau-selepas-01-03-1982/.
182
wनयम और कानन
ू
दस
ू रे धम° Gवशेषकर मिु Xलम साथी से !ेम संबंध म5 ]लŽत –यिˆत को यह जानना
बहुत आवgयक है >क इXलाम म5 धम' पmरवत'न एक ह; •दशा म5 जाने वाला राXता
है , दस
ू रे शÊदY म5 कह5 तो मिु Xलम होने के बाद >कसी दस
ू रे धम' म5 पmरवत'न
wनतांत असंभव है ।123 इसी !कार मले]शया म5 MyKad म5 अपना धम' मिु Xलम
से >कसी अ?य धम' म5 पmरवwत'त कराना भी पण
ू त
' या असंभव है (एक •ह?द ू रे वती
मसोसाई के बारे म5 पढ़5 124)। एक –यिˆत जो मिु Xलम कo तरह मले]शया म5
पंजीकृत है अब चाहे वह कोई भी धम' का पालन करता हो, वह Gववाह केवल
मिु Xलम धम' के –यिˆत से कर सकता है । (जर;ना के बारे म5 पढ़5 125 जहां एक
122
http://www.loyarburok.com/2008/07/10/muslim-nonmuslim-marriages-in-malaysia/.
123
पैग•बर मह
ु •मद ने कहा, "जो भी (मिु ƒलम) अपना धम„ पÐरवत„न करता है , उसे मार gदया जाये"
(बख
ु ार~ ९.८४.५७). http://www.jihadwatch.org/2010/12/malaysiaislamic-agency-vows-to-
enforce-islamic-apostasy-law ओर
http://www.wikiislam.net/wiki/Persecution_of_Ex-Muslims. यहाँ तक —क एक गैर मिु ƒलम कÁ
एक मिु ƒलम के साथ शाद~ "तलाक़ तलाक़ तलाक़" कहने से टूट जाती है , —कhतु अब उस xयिÇत,
िजसने एक मिु ƒलम से •ववाह के zलए धम„ पÐरवत„न —कया था, के पास —कसी दस
ू रे गैर मिु ƒलम से
शाद~ करने का अ’धकार नह~ं रह जाता।
124
रे वती मसोसाई का जhम एक पÐरव¬त„त मिु ƒलम€ के घर हुआ और उसे एक मिु ƒलम नाम भी
gदया गया, —कhतु उसका लालन पालन एक gहhद ू —क तरह उसकÁ दाद~ ने —कया तथा रे वती ने सभी
gहhद ू पर•पराओं का पालन —कया। —कhतु मलेzशया के इƒलाzमक कानन
ू के अनस
ु ार एक मिु ƒलम
माता-•पता कÁ संतान मिु ƒलम ह~ होगी अतः ऐसे xयिÇत को अपना धम„ पÐरव¬त„त करने कÁ अनम
ु ¬त
नह~ं है और न ह~ वह —कसी गैर मिु ƒलम से शाद~ कर सकता है । —कhतु रे वती ने एक gहhद ू से २००४
मe •ववाह —कया तथा इन दं प•å कÁ एक बेट~ भी है । जब जनवर~ २००७ मe hयायालय मe ¬नवेदन —कया
कÁ उसे एक gहhद ू घो•षत —कया जाये, —कhतु उसे ’गरæतार कर zलया गया तथा इƒलाzमक पन
ु वा„स
कeç भेज gदया गया। उनका कारावास दो बार ६ मह~ने के zलए बढ़ाया गया, इस अव’ध मe रे वती के
अनस
ु ार धाzम„क अ’धकाÐरय€ ने उhहe नमाज़ पढ़ने और gहज़ाब पहनाने का Iयास —कया। —कhतु वह
gहhद ू होने पर अड़ी रह~ं। इस बीच, रे वती और उनकÁ बेट~ को रे वती के मिु ƒलम माता-•पता को सèप
gदया गया। (http://news.bbc.co.uk/2/hi/asia-pacific/6278568.stm)
125
ज़र.ना के माता-•पता gहhद ू थे। बाद मe उनके •पता मिु ƒलम हो गए और अपने ब˜च€ को भी
मिु ƒलम नाम दे gदए। —कhतु ज़र~ना का लालन पालन एक gहhद ू कÁ तरह हुआ। ज़र~ना ने जब
अपने gहhद ू Iेमी से •ववाह करने का ¬नण„य zलया, मलेzशयन पzु लस उhहe gहhद ू •ववाह समारोह के
183
!ेમ का धम'
184
wनयम और कानन
ू
129
७.१.४.१: भारतीय žयि‡तगत Bववाह कानन
ू
Gहfदओ
ू ं (िजसम5 जैन, ]सख, और बौ´ध भी सिkम]लत ह/) म5 Gववाह •ह?द ू Gववाह
अ9धwनयम १९५५ के अ?तग'त होते ह/।130,131 इस कानन
ू के अ?तग'त दोनY पs
•ह?द ू अथवा जैन, ]सख और बौ´ध होने चा•हए। ]सख यग
ु लY का Gववाह •ह?द ू
Gववाह अ9धwनयम कo अपेsा आनंद Gववाह अ9धwनयम १९०९ (२०१२ म5 संशो9धत)
के अ?तग'त पंजीकृत होता है ।
128
यह जानकार~ •वzभhन ƒ¶ोत€ पर उपिƒथत सच
ू नाओं का सारांश है , यह ƒ¶ोत ¬न•न ह“
Legalight.in, SudhirLaw, Wikipedia, Indiankanoon.org। यहाँ पर द~ गई सभी जानकार~
zशÂण उ‘दे Äय के zलए है । अंतर-धाzम„क यग
ु ल को अपने दे श के सं•वधान और कानन
ू कÁ जानकार~
के zलए —कसी अ’धवÇता (वकÁल) से कानन
ू ी परामश„ लेना चाgहए।
129
यह जGर पढे https://www.esamskriti.com/e/National-Affairs/Ideas-ad-Policy/What-
Every-Hindu-Girl-Marrying-A-Muslim-Should-Know,-Marriage-Laws-In-India-1.aspx.
130
http://indiankanoon.org/doc/590166/.
131
http://en.wikipedia.org/wiki/Hindu_Marriage_Act.
185
!ेમ का धम'
भारत के कोई भी नागmरक (•ह?द,ू मिु Xलम, ईसाई, पारसी) जो Xपेशल मैmरज
एˆट १९५४ (The Special Marriage Act, 1954; िजसे कानन
ू ी Gववाह भी कहते
ह/) के अ?तग'त Gववाह करता है तब वह Gववाह इस कानन
ू के अंतग'त पंजीकृत
होता है ।
132
http://indiankanoon.org/doc/1458498/.
133
http://indiankanoon.org/doc/122564/.
134
http://indiankanoon.org/doc/1166543/.
135
http://indiankanoon.org/doc/4234/.
186
wनयम और कानन
ू
है िजस पर दोनY पsY तथा तीन गवाहY के हXताsर होते ह/। इस पंजीकरण अथवा
कानन
ू ी Gववाह के बाद Gववाह तथा भGव`य म5 होने वाल; संतानY को भी वैध माना
जाता है । >कसी भी •ह?द,ू ]सख, जैन और बौ´ध पmरवार के सदXय का इस
अ9धwनयम के अ?तग'त Gववाह उस –यिˆत के अपने पmरवार से पथ
ृ क होने का
कारण भी बन सकता है । अतः यह अ9धwनयम गंभीर समXयाओं जैसे संवध
ै ाwनक
अ9धकारY के हनन, Gववाह को अवैध करार दे ना एवं तलाक़ म5 कानन
ू ी हल भी
!दान करता है । इस कानन
ू म5 Gववाह पgचात गज़
ु ारा भÜा के ]लए भी कानन
ू ी
!ावधान है ।
अंतर-धा]म'क Gववाह म5 यग
ु ल को भांwत-भांwत के वैवा•हक समारोहY म5 भाग लेना
पड़ जाता है ˆयY>क दोनY तरफ के पmरवारY को संत`ु ट जो करना है । कानन
ू ी बातमे
म5 सबसे पहले पंजीकृत होने वाले वैवा•हक समारोह को ह; वैध माना जाता है ।
िकसी भी तलाक के पीछे मुख्य कारण होता है िक वह (दू सरा साथी) िववाह के बाद
बदल गया है। वास्तव में बदलता कोई नहीं है िकंतु हम प्रेम के मोहपाश में िकसी
व्यिक्त का असली चिरत्र नहीं पहचान पाते।
187
पिरिशष्ट अ: शब्दकोष
मोxमन (believer): मस
ु लमान प›
ु ष।
आयत: क़ुरान का एक छं द
ई“वर अ€लाह तेरो नाम: एक ईgवर के ]भ?न ]भ?न नाम। यह महाšमा गाँधी का
G!य भजन था। यह ]सने जगत म5 नया राXता >फÂम (१९७०) का एक गीत भी
है िजसे मोहkमद रफ़o और अ?य ने गाया था।
एडxमन: इस पX
ु तक के लेखक, डॉ. •दल;प अमीन, इसी नाम (एड]मन) से
interfaithShaadi.org पर उपलÊध ह/।
केतब
ु ाह (]लखा हुआ, Ketubia): यह एक Gवशेष !कार का यहूद; Gववाह-पव ू '
अनब ु ंध है । यह पारkपmरक यहूद; Gववाह का एक आवgयक अंग है । यह एक वर
के वधु के !wत कत'–यY और अ9धकारY को बताता है ।
189
!ेમ का धम'
गीर5जाधर: चच'
190
पmर]श`ट अ: शÊदकोष
दआ
ु : !ाथ'ना।
धम2 पTरवत2न: >कसी अ?य धम' के –यिˆत को अपने धम' म5 पmरवwत'त करने का
कृšय।
136
धम2 (Dharma): धम' एक Gवशेष समद
ु ाय अथवा आXथा नह;ं है । धम' का मल
ू
संXकृत शÊद "ध"ृ ह/ िजसका अथ' है "जो संभालता है " अथवा "जो ¹ÒमाÁड को
चलायमान रखता है "। “िजसके Ëबना कुछ भी •टका न रह सकता" या "वह जो
¹ÒमाÁड कo िXथरता और स´भाव को बनाये रखता है "। धम' का –या‰या कानन
ू
और आiाओं के 8प म5 कo जाती है िजनके ´वारा यह ¹ÒमाÁड जीGवत रहता है ।
धम2:नरपे• (secular): ऐसी >(याएं अथवा मनोभाव िजसम5 कोई धा]म'क अथवा
आ¸यािšमक आधार नह;ं होता।
नकाब: मिु Xलम म•हलाओं ´वारा अपने चेहरे को ढं कने के ]लए !योग >कया जाने
वाला झीना वXl।
नमाज़: मिु Xलम !ाथ'ना, इसे अरबी म5 सलात भी कहा जाता है । यह इXलाम के
पांच XतkभY (फ़ज़') म5 से एक है और यह !šयेक मX
ु लमान के ]लए अwनवाय' है ।
यह !ाथ'ना एक शार;mरक, मान]सक और आ¸यािšमक कृšय है िजसे wनयत समयY
पर •दन म5 पांच बार >कया जाता है ।
136
राजीव मÈहो¶ा से धम„ पर और अ’धक पढ़e
http://rajivmalhotra.com/library/articles/dharma-religion/.
191
!ेમ का धम'
पज
ू ा: !ाथ'ना संXकार, !ाथ'ना करने का कृšय। इसम5 भगवान कo मwू त'यY कo
!ाथ'ना कo जाती है और उनको जल, फल, फूल, भोग अGप'त >कया जाता है ।
फेरे : •ह?द ू Gववाह समारोह म5 बहुत सारे संXकार >कये जाते ह/ िजसमे सबसे
महšवपण ू ' ह/ "सात फेरे " अथवा Gववाह के सात चरण।
बप:तMमा: इसका शािÊदक अथ' है साफ़ करने अथवा पGवl करने वाला संXकार,
ईसाई धम' के अनस
ु ार अपने परु ाने पापY को धोने का कृšय। ऐसी कसम अथवा
!wतiा लेकर एक –यिˆत अपने परु ाने धम' और आXथाओं को wतलांज]ल दे ने पर
सहमत होता है और आजीवन ईसामसीह के राXते पर चलने कo क़सम खाता है ।
बालBवहार: •ह?दओ
ु ं का साŽता•हक Gव´यालय।
¨बंद5: यह पारं पmरक 8प से •ह?द ू और जैन म•हलाओं ´वारा धारण >कया जाने
वाला लाल Ëबंद ु है िजसे वह माथे के बीचYबीच लगाती ह/।
192
पmर]श`ट अ: शÊदकोष
¥-मांड: इस परू े जगत का सार जहाँ से सभी चीज़5 उšप?न हुई ह/ और जहाँ पर
सभी का अंत भी है । यह एक सव'–याŽत सšय है । यह अनंत और शाgवत है ।
¨¥स ् (Bris): यहूद; धम' म5 ज?म से आठव5 •दन >कया जाने वाला खतना, यह
बालक का यहूद; धम' म5 औपचाmरक !वेश माना जाता है ।
भगवान: ईgवर के ]लए !योग >कया जाने वाला Gवशेषण। ऐसे •ह?द ू जो ईgवर म5
Gवgवास तो रखते ह/ >क?तु >कसी दे व अथवा दे वी को नह;ं मानते, उनके ]लए
भगवान wनराकार ह/।
मश
ु Tरक: मwू त' पज
ू क अथवा अÂलाह को ना मानने वाला
म:ू त2: कोई भी आकार, !wत8प अथवा ठोस वXतु िजसे >कसी •ह?द ू भगवान अथवा
–यिˆत का !wत8प माना जाता है । ऐसा माना जाता है >क >कसी मwू त' कo !ाण
!wत`ठा करने से वह भगवान के समान हो जाती है ।
म:ू त2पज
ू ा: मwू त' कo पज
ू ा करना। ये बत
ु परXत नह; है ।
बत
ु परMत: !wतमापज
ू क, pagan, heathen or Idol-worshipper.
193
!ेમ का धम'
शाद5: Gववाह
सGहœणत
ु ा (Tolerance): यह >कसी के !wत सहनशील होने का गुण है । इसका
एक नकाराšमक अथ' भी हो सकता है िजसका अथ' है ">कसी को सहना"।
सf
ु नत/खतना/ख®द(बा]लका): मिु Xलम खतना समारोह।
194
पmर]श`ट अ: शÊदकोष
Gहंसा: यह शÊद संXकृत शÊद "•हंस" से ]लया गया है िजसका अथ' है : मारना;
ु सान पहुँचाना। अ•हंसा इसका Gवलोम शÊद
अतः •हंसा का अथ' है चोट अथवा नक
है िजसका अथ' है >कसी को हाwन नह;ं पहुँचाना अथवा >कसी बड़ी •हंसा को कम
करना। •ह?द ू धम' के अनस
ु ार अ•हंसा सभी जीGवत !ा•णयY के ]लए है िजसम5
जानवर भी सिkम]लत ह/।
195
पिरिशष्ट ब: InterfaithShaadi.org पर प्राप्त समथर्न
आGद: मझ
ु से पन
ु ः संपक' करने के ]लए ध?यवाद, एड]मन। आपको यह स?दे श
]लखते हुए म/ यह भी बताना चाहता हूँ >क मझ
ु े अपने माता-Gपता का ह; चन
ु ाव
करना है ।
138
ऐ“वया2: मझ
ु े समझ आ गया है >क यह वी•डयो ˆया स?दे श दे ना चाहता है ।
काश यह वी•डयो म/ने जीवन म5 पहले ह; दे ख ]लया होता, शायद ३-४ वष' पव
ू ।'
यह वेबसाइट लोगY को जाग8क करने का अFछा !यास कर रह; है । मझ
ु े आशा
ु ाओं तक १७ से २१ वष' के आयु म5 पहुँच जाये ता>क
है >क यह स?दे श हमारे यव
उ?ह5 समय रहते यह पता लग जाये >क ऐसे संबंधY म5 वे अपने जीवन के साथ
ˆया करने जा रहे ह/। अ?यथा यह सब उ?ह5 अपने अंतर-धा]म'क सkब?ध के वष°
बाद पता लगेगा और तब दोनY ह; पsY को घोर क`ट होगा।
137
इन सभी gट-पìणय€ मe gदए गए नाम पƒ
ु तक हे तु लेखक ‘वारा बदले गए ह“ अथवा ƒवयं
xयिÇत •वशेष ‘वारा चन
ु े गए ह“। लेखक ने —कसी भी Oलॉगर कÁ पहचान स•या•पत नह~ं कÁ है ।
पाठक€ से ¬नवेदन है —क वे लेखक ‘वारा संदzभ„त लेख€ को अवÄय पढ़e (िजनका zलंक ¬न•नzलìखत
है )।
https://www.interfaithshaadi.org/blog/?p=4919.
138
https://www.youtube.com/watch?v=hlAuY85RlcE.
पmर]श`ट ब: InterfaithShaadi.org पर !ाŽत समथ'न
अमत
ृ श
े : म/ इस वेबसाइट पर !ेGषत कo गई सभी पोXट और ÊलोIस को पढ़ती
हूँ... म/ अपनी भावनाओं का शÊदY म5 वण'न नह;ं कर सकती।
"चत: G!य एड]मन, आपको ऐसा मंच उपलÊध कराने के ]लए ध?यवाद दे ता हूँ।
मझ
ु े अपने पोXट पर भरपरू !wत>(या ]मल;। आपका अनेकानेक ध?यवाद।
डेBवड (इसाई): मझ
ु े आपके Gवचार और दश'न पसंद ह/।
197
!ेમ का धम'
माTरया (कैथो]लक): म/ बहुत !स?न हूँ >क म/ने इस वेबसाइट को सह; समय पर
दे खा। एड]मन को Gवशेष ध?यवाद, आपके GवचारY से मझ ु े अपना पs रखने का
बल ]मला।
198
पmर]श`ट ब: InterfaithShaadi.org पर !ाŽत समथ'न
नौर5न (मिु Xलम): म/ इतने वष° तक सहयोग करने के ]लए ध?यवाद दे ना चाहती
हूँ। (खंड ३.२२)
र5मा: मझ
ु े अपना बहुमÂ
ू य समय दे ने और मेरे !gनY का उÜर दे ने के ]लए
ध?यवाद। यह वेबसाइट इस Gवषय पर iान !ाŽत करने का अFछा साधन है और
आप बहुत सराहनीय काय' कर रहे ह/।
साGदया (मिु Xलम): G!य एड]मन आपके परामश' और आपके GवचारY के ]लए
ध?यवाद।
139
https://www.interfaithshaadi.org/blog/?p=3510&cpage=1#comment-34354.
199
!ेમ का धम'
सZयेन: म/ एड]मन का आभार; हूँ >क उ?हYने सšय का !चार करने के ]लए यह
मंच बनाया ता>क कुछ गलत लोग भोले-भाले लोगY को अपना ]शकार न बना
सक5।
सम
ु (मिु Xलम): इस मंच पर मेरे GवचारY को आवाज़ दे ने का Gवचार अFछा है
ˆयY>क इससे जीवन म5 अंतर-धा]म'क Gववाह से आने वाल; चन
ु ौwतयY और फायदY
को जानने म5 सहायता होगी।
सईदा: मझ
ु े एड]मन का !šयÜ
ु र अFछा लगा। आपके परामश' से अFछा कुछ भी
नह;ं हो सकता था। इस सkपण
ू ' Gवgव को धम' कo जगह मानवता पर अ9धक
¸यान दे ना होगा।
तनीषा: G!य एड]मन, जो कुछ भी हुआ उससे म/ उšसा•हत हूँ और शांत भी हूँ।
आपके सहयोग के ]लए ध?यवाद।
200
पmर]श`ट ब: InterfaithShaadi.org पर !ाŽत समथ'न
201
पुस्तक140 का अनुमोदन
"उ?माद भरे यग
ु म5 जहाँ ‘मेरा धम' सबसे सFचा है ' यह पX
ु तक यट
ू ोGपयन
(काÂपwनक) सोच के ]लए !यास करती है , ‘सभी धा]म'क Gवìास अFछे और समान
ह/'। यह पX
ु तक उन लोगY ´वारा अवgय पढ़; जानी चा•हए जो सामा?य 8प से
एक समतावाद; समाज कo कÂपना करते ह/ और उन जोड़Y के ]लए आंख5 खोलने
वाल; ह/ जो Gवशेष 8प से एक अंतरधा]म'क Gववाह म5 !वेश करने कo योजना
बनाते ह/।"
—हाना खान, लेखक: द फेथ िXÑं Iस
“यह पX
ु तक धमाÏतरण, ससरु ाल वालY के साथ –यवहार, एक या दोनY धम° म5
बFचY कo परवmरश और पज
ू ा !थाओं को साझा करने स•हत GवषयY के ]लए एक
गाइड !दान करती है । वाXतGवक लोग उन 9चंताओं, चन
ु ौwतयY और ख]ु शयY को
साझा करते ह/ जो उनके अंतर-धा]म'क संबंध म5 मौजद
ू ह/ और यह एक बहुत ह;
उपयोगी पX
ु तक के ]लए मÂू यवान योगदान ह/। य•द आप एक अंतधा']म'क Gववाह
पर Gवचार कर रहे ह/, तो यह पX
ु तक अवgय पढ़5 ।"
140
Interfaith Marriage: Share and Respect with Equality, Mount Meru Publication,
2017 के पीछे का पhना।
पmर]श`ट ब: InterfaithShaadi.org पर !ाŽत समथ'न
"यह पX
ु तक >कसी के ]लए भी एक अFछा संसाधन है , Gवशेष 8प से कॉलेज-आयु
वग' के ]लए, जो एक अलग धम' से डेट-मेट के साथ गंभीर हो रहे ह/।"
203
!ेમ का धम'
यह पX
ु तक तÝयY पे आधाmरत है । लेखक ने कई ऐसी चीज़Y को उज9गर >कया
है जो >क हम अˆसर !ेम म5 नज़र अंदाज़ कर दे ते ह/। बहुत सारे उदाहरण कo
सहायता से लेखक ने बहुत ह; सरलता से Gवgलेषण >कया। म/ यह यक़oन के
साथ कह सकती हु कo यह पXु तक कई लड़के लड़>कयY कo जीवन बादल सकती
है । आप सभी यह पX
ु तक अवgय पढ़5 ।
--सारा खान (लेखक, मी•डया से]ल˹ट;)
204
अनुक्रमिणका
िज़ना पयष
ू' ण
िजहाद पा>कXतान
जैन पारसी
झूठा धमाÏतरण पाmरवाmरक Gववाह
डेरासर (जैन मि?दर) पन
ु ज'?म
तक*या पज
ू ा
तलाक़ !लय अथवा फैसले का •दन
तोराह !साद
दश'न !ेम Gववाह
दस धमा'देश !ोटै Xटै ?ट
द;वाल; फेरे
दआ
ु बंगाल;
दे वता बपwतXमा
दे वता और दे Gवयाँ बहुदेववाद
दे वी बहुलवाद
दे सी बहुGववाह करने वाला –य•6
•7तीय धमा'देश बाइबल
धम' बार ]मšज़वाह
धम' wनरपेs बालGवहार
धम' पmरवत'न Ëब?द;
धम' पmरवत'न बख
ु ार;
नमाज़ ब8
ु
नाम संXकार बक
ु ा'
नािXतकता बौ8
wनक़ाह बौ8 धम'
पिÁडत ¹ा9मण
परमGपता परमेìर ˹स
पदा', नक़ाब भ•6
206
Index
भगवान वेद
भारत शmरया
म¸य-पव
ू ' शहादा
मि?दर शाह›ख ख़ान
मले]शया ]शया
महावीर ]शक'
माता Gपता सऊद; अरब
मश
ु mरक सनातनी
मिु Xलम समानता
मwू त' समावेशवाद
मwू त' और मwू त' पज
ू ा सkब?ध GवFछे द
मोs सलाह
मोज़ेज़ संशयवाद;
मोहkमद संXकार
य›शलम ]सख
यहूद; स?
ु नत
यहोवा स?
ु नी
रमज़ान सैफ अल; ख़ान
रोज़ा Xवधम' šयाग
लव िजहाद हद;स
वापस लौटना हराम
Gववाह •हज़ाब
Gववाह अनब
ु ?ध •ह?द ू
Gववाह कानन
ू •हंसा
Gववाह पव
ू '
Gववेकान?द
Gव]शäतावाद;
Gवशेष Gववाह अ9धwनयम
207
लेखक के बारे में