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नेपोिलयन बोनापाट

िवमल कमार
तावना
शायद नेपोिलयन बोनापाट क जीवन का सबसे आकषक पहलू था, उनक साधारण शु आत। उ ह ने ांसीसी
ांित क एक जनरल से लेकर स ा नेपोिलयन बोनापाट तक का सफर तय िकया। वे 11 नवंबर, 1799 से लेकर
18 मई, 1804 तक च रप लक क पहले काउिसल क प म ांस क शासक रह। 18 मई, 1804 से लेकर 6
अ ैल, 1814 तक वे नेपोिलयन थम क प म ांस क स ा और इटली क राजा थे। 20 माच से 22 जून,
1815 क बीच थोड़ से समय क िलए उ ह िफर से स ा क पदवी िमली। नेपोिलयन का सामा य जीवन से स ा
तक का सफर वा तव म भावशाली था। उनक सै य श य और इ छाश क मजबूती ने एक ढ़
इ छाश वाले तथा ितभाशाली य व का उ थान देखा, िजसक ुिटयाँ आिखरकार उनक पतन का कारण
बन ।
िकसी भी भूिमका म वे प म क इितहास क अब तक क सबसे यश वी य व म से एक ह। वे ांसीसी
रा य क सै य िव तार क िलए समिपत थे, िजसक िलए उ ह ने सै य संगठन और िश ण म ांित ला दी। उ ह ने
िश ा म सुधार लाने का यास िकया और रोमन चच क साथ दीघकालीन समझौता कायम िकया।
नेपोिलयन क कई सुधार ने ांस क सं थान और प मी यूरोप क अनेक िह स पर अिमट छाप छोड़ी। कई
देश ने अपनी नाग रक िविध संिहताएँ बनाते समय नेपोिलयिनक कोड को आदश प म अपनाया। हालाँिक उ ह ने
अंत म ांस क सीमाएँ पहले से छोटी कर द , लेिकन अपने जीवनकाल म उ ह ने ब त स मान अिजत िकया
और इसीिलए उ ह इितहास का एक महान नायक माना गया।
नेपोिलयन ने खुद कछ नए सै य योग िकए, जैसे—िम म तैनात िडिवजनल ायर और तोप को समूह म
रखना। इसक अलावा उ ह ने ब त से ोत से बेहतरीन रणनीितयाँ सीख और आधुिनक कत ांसीसी सेना का
इ तेमाल करते ए कछ बड़ी जीत हािसल क । दुिनया भर क सै य अकादिमय म उनक अिभयान का अ ययन
िकया जाता ह और उ ह सामा यतः अब तक का एक महानतम कमांडर माना जाता ह। उ ह ने िसफ दस वष से
कछ अिधक समय म यूरोप क लगभग सभी श शाली देश से लड़ाई क । उ ह ने यूरोप क अिधकांश प मी
तथा म य मु यभूिम पर क जा िकया। नेपोिलयन ने स तक लड़ाई या गठबंधन ारा अपना िव तार जारी रखा।
अ ूबर, 1812 म, लीपिजग क लड़ाई म नेपोिलयन को पराजय िमली और उ ह ग ी छोड़ने क िलए िववश
होना पड़ा। कई महीने बाद उ ह िनवािसत करक ए बा ीप भेज िदया गया। उ ह ने नाटक य ढग से वापसी क ,
जो ह ड डज क प म िस ह, लेिकन िफर से वे 18 जून, 1815 को वाटरलू क लड़ाई म बुरी तरह परा त
ए। इसक कछ ही समय बाद उ ह ने अं ेज क सामने आ मसमपण कर िदया, तब उ ह िनवािसत करक सट
हलेना ीप पर भेज िदया गया, जहाँ छह वष बाद उनका िनधन हो गया। अपनी सै य उपल धय क अलावा
नेपोिलयन को नेपोिलयिनक कोड क थापना क िलए भी याद िकया जाता ह। कछ लोग क नजर म ‘ बु
तानाशाह’ रह नेपोिलयन ने भाई-भतीजावाद क सु यव थत नीित अपनाई। उ ह ने बोनापाट प रवार क ब त से
सद य को अपने अधीन देश का राजा बना िदया। उ ह ने नजदीक िम को सरकार म मह वपूण पद स पे,
लेिकन नेपोिलयन क पतन क बाद इनम से कोई भी लंबे समय तक स ा म नह रह सका। कवल एक भतीजे
नेपोिलयन तृतीय ने बाद म उ ीसव सदी म ांस पर शासन िकया।
आरिभक जीवन
नेपोिलयन का ज म 15 अग त, 1769 को कोरिसका क अजेिशयो शहर म आ था। ांस ने स 1768 म एक
इटािलयन ीप कोरिसका को अपनी सीमा म िमला िलया था, इसिलए एक इटािलयन क प म ज म लेने क
बावजूद नेपोिलयन आिधका रक प से ांसीसी नाग रक थे। उनक माता-िपता ब त संप तो नह थे, लेिकन वे
अिभजात वग से संबंध रखते थे।
नेपोिलयन द बोनापाट क प म ज मे नेपोिलयन ने बाद म अिधक ांसीसी लगने वाला नाम ‘नेपोिलयन
बोनापाट’ अपना िलया। वे एक वक ल काल बोनापाट क चौथी संतान थे, िज ह स 1778 म ांस क लुई
सोलहव क अदालत म कोरिसका का ितिनिध बनाया गया था। उनक प नी मा रया लेिटिजया रमोिलनो का
नेपोिलयन क बचपन पर काफ भाव रहा। वे एक िव ोही, अ यव थत, उ ंड और मुँहजोर बालक थे, िजसक
िलए उ ह ‘रबुिलयन’ यानी तोड़-फोड़ करनेवाले का उपनाम िदया गया। कवल उनक माँ का स त अनुशासन ही
उ ह कछ सीमा तक बांध सकता था।
एक कलीन और कछ भावशाली प रवार क काल बोनापाट ने खूबसूरत और ढ़ इ छाश क वािमनी
लेिटिजया से उस समय िववाह िकया था, जब वे िसफ 14 वष क थ । उ ह ने साथ िमलकर ब त मु कल समय
म आठ ब का पालन-पोषण िकया। हालाँिक नेपोिलयन ने अपने अभाव त और संघषशील शु आती जीवन क
बार म एक म बनाने का यास िकया, लेिकन वे उस समय अिधकांश कोरिसकन प रवार क तुलना म अिधक
संप थे। उनक समृ पृ भूिम और पा रवा रक संपक ने ही उ ह बाद क वष म अ ययन क पया अवसर
उपल ध कराए।

काल बोनापाट
उनक मूल देश पर ांसीसी क जे का ब त से कोरिसकावािसय ने िवरोध िकया, िजनका नेतृ व पा कल
पाओली ने िकया। काल बोनापाट पाओली क पाट म शािमल हो गए, लेिकन जब िवरोध को कचल िदया गया तो
पाओली को भागना पड़ा। अ य कोरिसकावािसय क तरह बोनापाट ने भी ांसीिसय से समझौता कर िलया और
ज दी ही उ ह स 1771 म अजेिशयो क याियक िजले का कर िनधारक िनयु कर िदया गया। स 1778 म
उ ह ने अपने दो बड़ बेट जोसेफ और नेपोिलयन का दािखला कल ऑफ ऑटन म करा िदया। यहाँ पर नेपोिलयन
ने च सीखी, लेिकन वे कभी भी इस भाषा पर पूरा अिधकार नह कर पाए। अंत तक वे पेिलंग म कमजोर रह,
हालाँिक नौ वष क आयु से उनक िश ा च कल म ई। महा ीपीय ांस म आने क बाद कछ समय तक
नेपोिलयन अपने आपको िवदेशी मानते रह। उ ह ने कभी भी अपने नए देश क परपरा और पूव ह को नह
अपनाया। वे अपनी िश ा और अपने ान म हमेशा वभावतः एक कोरिसकावासी रह।
नौ वष क आयु म नेपोिलयन ाय क िनकट एक छोट से शहर ‘ि येन-ली-शेटो’ क च सै य कल म भत
ए। हालाँिक उ ह ने च बोलना सीख िलया था, लेिकन वे तब भी अ छ-खासे इटािलयन लहजे म बोलते थे।
अपने िश क क िलए नेपोिलयन एक आदश और ितभाशाली िव ाथ थे। खासकर गिणत म िजसम उ ह सबसे
अिधक अंक िमलते थे। कल इ पे टर का कहना था िक गिणत और भूगोल क ओर नेपोिलयन का झुकाव उ ह
नौसेना क िलए उपयु बनाएगा। दूसर िवषय म उ ह िसफ पास होने यो य अंक िमलते थे।
स 1784 म ि येन से ेजुएशन करने क बाद नेपोिलयन ने पे रस क अिभजात एकोल रॉयल िमिलटयर म
दािखला िलया। यहाँ उ ह ने एक वष क भीतर दो वष य कोस पूरा िकया। यहाँ पाया गया िक उ ह गिणत और
भूगोल का ब त अ छा ान ह। इसक आधार पर उ ह ने पहले नौसेना संबंधी काम ढढ़ा, लेिकन आिखरकार
उ ह ने आिटलरी का अ ययन िकया। सोलह वष क आयु म ेजुएशन करने क बाद नेपोिलयन आिटलरी क
सेकड ले टनट क प म ांसीसी सेना म भत हो गए।
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1798 तक सै य क रयर
स 1789 म ांित क शु आत तक नेपोिलयन वेलस और ऑ जोन म गै रसन यूटी पर तैनात रह। इस दौरान
उ ह ने पहले ांितकारी और बाद म जेकोिबन क िलए संघष हतु कोरिसका और पे रस म लगभग दो वष क
छ ी ली। वह राजतं वािदय , ांितका रय और कोरिसकन रा वािदय क बीच एक तीनतरफा संघष था। उ ह ने
वालंिटयर क एक रजीमट म ले टनट कनल का पद हािसल कर िलया। जब अगली गरिमय म जेकोिबन को
स ा से बेदखल िकया गया तो वे मु कल से अपना पद बचा पाए, लेिकन नेपोिलयन ज दी ही अिधक क र
रा वादी नेता पा कल पाओली से उलझ गए और उ ह जून, 1793 म अपने प रवार क साथ ांस भागना पड़ा।
एक कोरिसकन साथी क मदद से नेपोिलयन को टल पर घेरा डाले ांसीसी सै यबल म आिटलरी कमांडर
िनयु कर िदया गया। टल क लड़ाई ने उ ह उनका वा तिवक सै य अवसर िदया। टल क घेराबंदी क दौरान
उ ह ने मह वपूण िकल पर क जा िकया और ि िटश नौसेना तथा थलसेना पर बमबारी करते ए उ ह पीछ हटने
पर मजबूर कर िदया। उ ह ने तोप लगाई और बंदरगाह म मौजूद ि िटश जहाज को उड़ाने क धमक देते ए उ ह
भागने पर िववश कर िदया। इस लड़ाई क दौरान नेपोिलयन क जांघ म गोली लगी, लेिकन वे शहर पर पुन :
अिधकार करने म सफल रह। उनक उस अ ुत रण-कौशल को देखते ए उ ह ि गेिडयर जनरल क प म
पदो ित िमल गई।

युवा नेपोिलयन
अब एक ि गेिडयर जनरल क प म बोनापाट ने इटली म लड़ाई लड़ रही सेना म काय िकया। यहाँ उ ह ने
किमटी ऑफ प लक से टी का यान अपनी ओर ख चा और ांितकारी नेता मै सीिमिलयन रोबेसिपयर क छोट
भाई ऑग टन रोबेसिपयर क िनकट सहयोगी बन गए। 1794 म मै सीिमिलयन रोबेसिपयर क पतन क साथ उनसे
जुड़ सभी लोग को जेल म डाल िदया गया। नेपोिलयन को भी स कच क पीछ जाना पड़ा, लेिकन दो स ाह क
भीतर उ ह छोड़ िदया गया।
नेपोिलयन बेरोजगार थे और तुक सेना या यहाँ तक िक ऑ िलया पर नौसैिनक धावे म शािमल होने पर िवचार
कर रह थे। आिखरकार वे डायर टरी क एक सद य पॉल बरास क साथ चले गए। पॉल ने इस युवक क उ साह
को पहचाना और स 1795 म एक राजतं वादी भीड़ को दबाने क िलए उनका इ तेमाल िकया। नेपोिलयन न
कवल पूरी तरह वफादार थे, ब क समय पड़ने पर वे िनदयी भी हो सकते थे। उ ह यूले रये पैलेस म कॉ वट क
र ा कर रह कामचलाऊ बल का भार स पा गया। जब राजतं वािदय और ांितका रय ने 3 अ ूबर को रा ीय
स मेलन क िखलाफ एक हिथयारबंद िवरोध दशन िकया तो नेपोिलयन ने हमलावर को भगाने क िलए तोपखाने
का इ तेमाल िकया। उ ह ने घुड़सवार सेना क एक युवा अिधकारी जोआिचम मुराट, जो बाद म नेपोिलयन क
र तेदार बने, क मदद से इन तोप पर अिधकार िकया था। हालाँिक पूर पे रस म घमासान संघष चल रहा था,
तथािप नेपोिलयन ने बाद म यह ड ग मारी थी िक उ ह ने ‘गोिलय क एक बौछार’ म सड़क को खाली करा िदया
था। इस जीत ने उ ह आक मक िस , समृ और नई डायर टरी, खासकर उसक नेता बरास का संर ण
िदलाया। कछ ही स ाह क अंदर वे बरास क पूव ेिमका जोसिफन िड यूहरनैस से रोमांस करने लगे, िजनक
साथ उ ह ने 9 माच, 1796 को िववाह कर िलया।
िववाह क कछ समय बाद नेपोिलयन को ांसीसी सेना का पूण िनयं ण ा हो गया, िजसका उपयोग उ ह ने
इटली पर एक सफल चढ़ाई क िलए नेतृ व करने म िकया। अपने िम व यवहार और अपने सैिनक क साथ
नजदीक क कारण उ ह ‘द िलिटल कॉरपोरल’

जोसिफन िड यूहरनैस
(न हा नायक) का उपनाम िमला। वे अपने अिधकतर सैिनक को नाम से पहचानते थे।
उ ह ने ऑ यन को ल बारडी से भगा िदया और पपल ट स क सेना को हराया, य िक पोप पायस ष म ने
लुई सोलहव क ह या का िवरोध िकया था। ांस ने दो छोट पपल इलाक को अपने रा य म िमलाते ए बदला
िलया, लेिकन नेपोिलयन ने रोम पर चढ़ाई करने और पोप को ग ी से उतारने क डायर टरी क आदेश को
अनदेखा कर िदया।
स 1797 क आरभ म बोनापाट ने ऑ या पर चढ़ाई क और उसे एक शांित समझौता करने क िलए िववश
कर िदया। इसक कारण ई क पो क संिध ने ांस को उ री इटली क अिधकांश े पर िनयं ण िदला िदया।

एडिमरल होरािशयो ने सन
ांस ने नीदरल स और तेजी से िवकिसत हो रह औ ोिगक े राइनलड को भी अपने अधीन कर िलया था।
एक पूव शत क अनुसार ऑ या को वेिनस का वादा िकया गया था, लेिकन नेपोिलयन ने एक बड़ी सै य टकड़ी
क साथ वेिनस पर चढ़ाई कर दी। आ मसमपण क िलए िववश वेिनस क लगभग 1,000 वष क आजादी समा
हो गई। बाद म स 1797 म बोनापाट ने इटली म कछ ांसीसी भु ववाले इलाक को िससलपाइन रप लक क
प म एक कत िकया। कल िमलाकर इटली म ऑ यन और सिदिनयन सेना को कचलते ए और क पो
संिध क िलए िववश करते ए गठबंधन क साथ यु को समा करने म नेपोिलयन क भूिमका मह वपूण थी।
इसक बाद उनका दजा एक रा ीय नायक का हो गया। अगले वष बोनापाट को इटली क सेना का कमांड िमल
गया, जहाँ कई पुराने जनरल क ऊपर उ ह पदो त िकया गया। वे जनरल नेपोिलयन को संदेह और ितर कार क
ि से देखते थे, लेिकन लड़ाई क मैदान म उतरने और िकए गए वाद ने उ ह दु यवहार पीि़डत सैिनक से
सराहना और िव ास िदलाया। म टनोट, मा डोवी, आरकोला और रवोली सिहत ब त-सी लड़ाइय म बोनापाट ने
बूढ़ होते ऑ यन जनरल को दरिकनार कर अपने आपको अपने समय क एक मुख सैिनक क प म थािपत
िकया। अब तक वे ांस और यूरोप म लगभग पूण भु व हािसल कर चुक थे।
अब कवल ि टन ही ऐसा देश था, जो ांस से यु कर रहा था। नेपोिलयन ि िटश सेना क साथ सीधी लड़ाई
से डरते थे, इसिलए उ ह ने अपना यान िम क ओर लगा िदया। िम ऑटोमन सा ा य क अंतगत था, जो पूव
दुिनया क साथ ि टन क यापार माग म एक मह वपूण े था। नेपोिलयन ने भूम य सागर क मा यम से ि िटश
यापार को तोड़ने क योजना बनाई।
1 अग त, 1798 को अबुक र क यु म एडिमरल होरािशयो ने सन ने ांसीसी सेना को परा त कर िदया।
इससे न कवल नेपोिलयन का िम अिभयान िवफल हो गया, ब क उ ह स क गु से का भी सामना करना
पड़ा। स कछ समय से उ री अ का म भूभाग हिथयाने क कोिशश कर रहा था।
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जनरल नेपोिलयन बोनापाट
नेपोिलयन को पारप रक सै य िवचारधारा का
यापक ान था और वे वा तिवक जीवन क प र थितय म उनका
सफलतापूवक योग करते थे। उनक अपने श द म—‘म साठ लड़ाइयाँ लड़ा और मने ऐसा कछ नह सीखा
जो म शु म नह जानता था।’
इटािलयन अिभयान क दौरान उनक मु यालय क समकालीन पिटग म उ ह दुिनया क पहली दूरसंचार णाली
इ तेमाल करते ए िदखाया गया ह।

जनरल (सेनानायक) क प म नेपोिलयन बोनापाट

नेपोिलयन िनदश देते ए


उ ह ने 1792 म पहली बार काया वत चैप सीमाफोर लाइन थािपत क थी।
नेपोिलयन बु म ा और छल क उ ताद थे। उनका एक अ ुत इि यबोध उ ह यह बताता था िक हमला करने
का बेहतरीन समय या ह। वे िनःशंक श ु पर अपनी श याँ कि त करते थे और िवरोधी ताकत क बार म
सूचना एकि त करने क िलए गु चर का इ तेमाल करते थे। साथ ही वे इतने चतुर थे िक अपनी सै य टकि़डय
क तैनाितय का पता नह लगने देते थे। इटली अिभयान िजसे उनका महानतम यु माना जाता ह, म नेपोिलयन
क सेना ने 1,60,000 बंिदय , 2,000 तोप और 170 टडड पर क जा िकया।
इसी बीच जनरल बोनापाट ांसीसी राजनीित म एक उ ेखनीय ताकत बन गए थे। वे अपने सैिनक क िलए
िजन दो समाचार-प को कािशत करते थे, वे ज दी ही ांस म भी यापक प से िस हो गए। मई, 1797
म उ ह ने पे रस म कािशत एक तीसर समाचार-प क थापना क , िजसका नाम था—िल जनल िड बोनापाट
एट डस हॉ स वट स।

बरास
स 1797 क म य म ए चुनाव क बाद राजतं वादी पाट क ताकत बढ़ गई, िजससे डायर टरी म बरास और
उनक सहयोिगय को परशानी हो गई। बदले म राजतं वािदय ने नेपोिलयन पर इटली को लूटने और ऑ यन क
साथ िनरकश यवहार करने का आरोप लगाया। अपनी सेना क मदद से बोनापाट ने 4 िसतंबर को सभी
राजतं वािदय को पे रस से भगा िदया। बरास और उनक रप लकन सहयोिगय को पुनः िनयं ण िमल गया,
लेिकन वे नेपोिलयन और उनक सै य कमांड पर अ यिधक िनभर थे। िदसंबर म पे रस लौटने तक नेपोिलयन
बोनापाट िवजेता नायक बन चुक थे, जो िकसी भी डायर टर से अिधक लोकि य थे।
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1798-99 का िम अिभयान
ांस और यूरोप क अिधकांश िह स पर अपना अिधकार थािपत करने क बाद भी नेपोिलयन अं ेज क हमल
से परशान थे। उ ह श शाली अं ेज सेना , खासकर उसक नौसेना का सामना करने क यथता का पता था।
उस समय ि टन भारत क साथ अपने यापा रक संपक क सुर ा क िलए उ सुक था। वह माग भूम य सागर क
जलमाग और िफर थल म ऑटोमन सा ा य से होते ए

िम म यु करते ए ि िटश
जाता था। उस समय ऑटोमन सा ा य का एक ांत रहा िम उस माग म रणनीितक थान पर था। नेपोिलयन का
इरादा िम पर अिधकार करने और इस कार भारत क साथ ि िटश यापार को बािधत करना था। इस अिभयान
क प रणाम और लागत क बार म संदेह होने क बावजूद डायर टर इससे तुरत सहमत हो गए, य िक वे लोकि य
जनरल को क से दूर देखना चाहते थे। नेपोिलयन ने अपने िम अिभयान म बड़ी सं या म वै ािनक को शािमल
िकया, जो ान और िश ा क ित उनक समपण का ढ़ संकत था। बहरहाल, ब त लोग इसे अपने वा तिवक
सा ा यवादी उ े य को िछपाने का उनका तरीका मानते ह। वहाँ क गई ब त सी खोज म रोजेटा टोन ब त
मह वपूण था। नेपोिलयन ने खुद को ऐसे य क प म दिशत करते ए थानीय लोग का समथन जीतने क
कोिशश क , जो उन लोग को ऑटोमन दमन से आजाद कराने आया था। यहाँ तक िक उ ह ने इसलाम क
उ य क भी शंसा क । नेपोिलयन क सेना ने 9 जून को मा टा पर अिधकार कर िलया।
1 जुलाई को नेपोिलयन और उनक सेना ि िटश रॉयल नेवी से सफलतापूवक बचते ए एले जि या प चे।
उनका सामना तुरत म य पूव म एक पूव श मेम यूक से आ। वे िपरािमड से लगभग 4 मील दूर थािपत थे
और उ ह डर था िक इस लड़ाई म पराजय उनक ताकत को पूरी तरह समा कर देगी। उ ह ने 25,000 से लेकर
1,00,000 तक क घुड़सवार सेना भेजी और लड़ाई तुरत समा हो गई। हालाँिक वे सं या म काफ अिधक थे,
लेिकन नेपोिलयन ने मु य प से अपनी रणनीित क वजह से लड़ाई म िवजय हािसल क ।
उनक सैिनक ने खोखले वग (हॉलो ायर) बनाए, हर साइड बाहर क ओर थी िजसक अंदर तोप और
आपूितयाँ सुरि त रखी थ । इससे एक सश र ा णाली बनी, िजसने साथ-ही-साथ सैिनक का हर िदशा म
बाहर क ओर फायर करना आसान बनाया। कल िमलाकर कवल 300 ांसीसी सैिनक मार गए, जबिक लगभग
6,000 िम क मूल िनवासी मार गए।
उस समय अं ेज क पास एडिमरल होरािशयो ने सन क कमांड म दुिनया क सबसे श शाली नौसेना थी।
ांसीिसय ने थल पर
ांसीसी सैिनक
भारी िवजय ा क और वे मानते थे िक िम क तट पर उनक साथ मौजूद छोटा बेड़ा सुरि त था; ि िटश
जहाज कवल खुले समु क ओर से ही हमला कर सकते थे।
1 अग त को ि िटश बेड़ ने ांसीसी यु पोत को अबुक र क खाड़ी म खड़ पाया। वे एक मजबूत र ा मक
पं म खड़ थे, लेिकन कछ ि िटश जहाज भूिम और ांसीसी पं क बीच घुसने म सफल हो गए। इसक बाद
ि िटश टकि़डय ने दोन ओर से आ मण िकया और आिखरकार दो ांसीसी पोत को छोड़कर सभी पर या तो
अिधकार कर िलया गया या उ ह न कर िदया गया। दो जहाज िगलुम टल और जेनेर बच िनकले, लेिकन पहले
जहाज को ज दी ही मा टा पर ि िटश िवजय क म म पकड़ िलया गया।
नील क इस लड़ाई म ांसीसी पराजय िवफल र ा मक रणनीित क वजह से ई, लेिकन इसक मु य वजह
ांसीसी जहाज पर लोग क कमी थी िजसम ‘युवा और उ त’ सैिनक थे।
कल िमलाकर लगभग 250 ि िटश और 1,700 ांसीसी मार गए। बोनापाट और उनक बचे ए सैिनक थल
तक सीिमत हो गए। भूम य सागर म ांस क थित को मजबूत करने का उनका ल य पूरी तरह िवफल हो गया।
इसक बावजूद उनक सेना िम म ताकत बढ़ाने म सफल रही। हालाँिक उ ह बार-बार रा वादी िव ोह का
सामना करना पड़ा।
स 1799 क आरभ म नेपोिलयन ने अपना यान सी रया क ऑटोमन ांत पर लगा िदया, जो आधुिनक इ ाइल
ह। सं या म मजबूत होने क बावजूद ऑटोमन सैिनक का अनुभवी और स म ांसीसी सेना से कोई मुकाबला
नह था। उ ह ने ऑटोमन सैिनक क साथ कई लड़ाइय म सेना को जीत िदलाई।
बरस क लड़ाई ने अपना दु भाव िदखा िदया था। सेना लड़ाइय से थक चुक थी और रोग तथा अपया
आपूितय से कमजोर हो चुक थी। नेपोिलयन ए क िकले को जीतने म िवफल रह और मई म िम लौटने क
िलए िववश ए। 25 जुलाई को ऑटोमन सैिनक ने जमीन पर और अबुक र क समु म ांसीसी टकि़डय पर
हमला कर िदया। नेपोिलयन उ ह हराने म सफल रह, लेिकन आिखरकार स 1799 म उ ह िम छोड़ना पड़ा। वे
अपने अिधकार वाले इलाक को अपने सैिनक को स पकर आ गए, लेिकन उन पर लगातार ि िटश और ऑटोमन
आ मण होते रह। शेष सैिनक ने आिखरकार ि िटश सैिनक क सामने आ मसमपण कर िदया, लेिकन उससे
पहले हर तीन म से एक क मौत हो चुक थी।
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18 ूमैयर का त तापलट
यह आक मक त तापलट वह घटना ह, िजसने ांस म डायर टरी क अंतगत सरकारी यव था को पलट िदया।
इसे अ सर ांसीसी ांित क एक भावशाली अंत और नेपोिलयन बोनापाट क तानाशाही क िलए माग श त
होने क प म देखा जाता ह। िम म बोनापाट ने अखबार और िड पैच क मा यम से यूरोपीय मामल पर
िनगरानी रखने का यास िकया था। ांसीसी तटीय बंदरगाह को अव करक ि िटश जहाज क अ थायी
रवानगी का लाभ उठाते ए 23 अग त, 1799 को वे अचानक समु ी रा ते से ांस क िलए रवाना हो गए। उनक
राजनीितक िवरोिधय ने उन पर अपने सैिनक को छोड़कर भाग आने का आरोप लगाया, लेिकन यह त य अपनी
जगह ह िक उ ह डायर टरी से पे रस लौट आने का आदेश िमला था। हालाँिक असं य ांसीसी जीत से सै य
थित सुधरी थी, लेिकन गणतं कगाल हो चुका था और व अ म डायर टरी ांसीसी जनता म काफ
अलोकि य हो चुक थी िजससे आंत रक अशांित बढ़ रही थी।
पाँच डायर टर म से एक ऐबे िसये ने सबसे पहले त तापलट क योजना बनाई। पूव म कई जीत हािसल करने
क बाद नेपोिलयन का जनता ने िजस उ साह से वागत िकया था, उससे िसये को लगता था िक उनक त तापलट
म जनरल बोनापाट का होना अ याव यक ह, लेिकन िसतंबर, 1799 म िम से लौटने क बाद बोनापाट ने
घटना को इस चतुराई से घुमा िदया िक त तापलट से स ा िसये क नह , ब क उनक झोली म आ िगरी।
इस त तापलट म मुख अवरोध खुद सेना म ही थे। जीन बै ट ट जॉडन जैसे कछ जनरल रप कनवाद म
भरोसा करते थे; कछ अ य जैसे बनाडोट खुद को ही ांस पर शासन करने म स म मानते थे। अपने गुण क
अनु प बोनापाट ने चालाक से सबक भावना को यान म रखा और अपने इराद को गु रखा।
सेना क एक कांटर टर कॉलोट ने त तापलट क िलए दो िमिलयन क िदए। योजना यह थी िक पहले सैिनक
डायर टर को यागप देने क िलए िववश करगे और िफर दोन प रषद को एक नया संिवधान बनाने क िलए एक
आ ाकारी आयोग िनयु करने हतु तैयार िकया जाएगा। इस योजना म बोनापाट क भाई लुिसयन, जो तब
काउिसल ऑफ फाइव ह ड क पीकर थे, एक अ य डायर टर रोजर डकोस और टलीरड शािमल थे।
18 ूमैयर, 9 नवंबर क सुबह, त तापलट क ित सहानुभूित रखनेवाले काउिसल ऑफ ए डस क कछ
सद य , ने अपने सहयोिगय को जेकोिबन ष यं क बार म चेताया और उ ह पे रस छोड़ने क िलए िववश िकया।
िसये और रोजर डकोस ने डायर टर क पद से इ तीफा दे िदया। टलीरड ने बरास को भी ऐसा करने क िलए
िववश कर िदया। बाहर बगीचे म सैिनक क उप थित उ ह िवरोध क िनरथकता बताने क िलए पया थी। तीन
डायर टर का यागप एकता को ख म करने क िलए पया था, लेिकन दो जेकोिबन डायर टर —गोहीर और
मौिलन ने इ तीफा देने से इनकार कर िदया। मौिलन बच िनकले, लेिकन गोहीर को बंदी बना िलया गया। हालाँिक
दोन प रषद को त काल भंग नह िकया गया और उनक बैठक जारी रही।
उस सुबह बाद म बोनापाट क नेतृ व म सैिनक ने िनयं ण अपने हाथ म ले िलया। उ ह ने लेिज लेिटव प रषद
को िततर-िबतर कर िदया और बोनापाट, िसये तथा डकोस को सरकार चलाने क िलए अ थायी काउिसल िनयु
कर िदया।
ांित से ऊब चुक ांसीसी जनता ने त तापलट का वागत िकया। लोग अब बु मान और सु ढ़ शासन
चाहते थे। जेकोिबन ांितका रय क ितरोध को तुरत कचल िदया गया, कछ िवरोध करने वाले जेकोिबन
लेिज लेटर को िनवासन दे िदया गया और अ य को िगर तार कर िलया गया।
िसये को उ मीद थी िक वे नई शासन यव था पर हावी ह गे, लेिकन बोनापाट ने त तापलट करते ए अपने
उ थान को पूण स ा ा करने क साथ पूरा िकया। उ ह ने संिवधान तैयार िकया और थम काउिसल क प म
अपना चुनाव सुिन त िकया, िजसने उ ह अ य दो से अिधक श दी। इसक अित र उ ह ने सीनेट को िनयु
िकया और सीनेट ने संिवधान क या या क । बोनापािट ट सीनेट ने उ ह िड ारा शासन करने क अनुमित
दी, िजससे रा य प रषद और ि यूनेट कवल सजावटी व तु बनकर रह गए।
थम काउिसल—18 ूमैयर क त तापलट क बाद 1799 से 1804 तक ांस सरकार को द काउिसलेट क
प म देखा जाता था। इस अविध क दौरान थम काउिसल क प म नेपोिलयन बोनापाट ने अपने आपको ांस
म मुख ताकत क प म थािपत कर िलया था, लेिकन अभी खुद को स ा घोिषत नह िकया था। नई सरकार
तीन संसदीय असबिलय से बनी थी : काउिसल ऑफ टट जो िवधेयक तैयार करता था, ि यूनेट जो िबना मतदान
िकए उन पर चचा करता था और लेिज लेिटव असबली जो िबना उन पर चचा िकए मतदान करती थी। कायकारी
अिधकार तीन काउिसल म िनिहत थे, िज ह दस वष क िलए चुना जाता था। समय क साथ नेपोिलयन ने घटना
को अपने िहसाब से भािवत करते ए थम काउिसल क प म अपनी ताकत बढ़ाई और दो अ य काउिसल
तथा उसक साथ असबिलय को कमजोर कर अपने अधीन बना िदया। इस कार उ ह ने चतुराई से ए र टो िटक
संिवधान को एक अ य तानाशाही म बदल िदया। 7 फरवरी, 1800 को प प से भािवत िकए गए चुनाव
ने नेपोिलयन को अ य दो काउिसल से अिधक कायकारी श याँ दान करते ए थम काउिसल का दजा
सुिन त कर िदया। सं ेप म, अब वह वन मैन गवनमट थे।
शु आती राजा क तरह बोनापाट ने कई थायी सुधार िकए, जैसे—क ीकत और उपयोिगतावादी
पिसयासिनक यव था, एक कर णाली, एक क ीय बक, िविध संिहताएँ और सड़क तथा िनकास णािलय क
यव था। उ ह ने रा ीय सं थान , उ िश ा, एक याियक यव था और िव क अंग , बक , संिहता और
ईमानदार अनुशािसत म श क परपरा क िलए आव यक धनरािश सृिजत क या उसे बढ़ाया।

नेपोिलयन ने िदया नेपोिलयिनक कोड


ांितकारी कानून ने ांस क ब सं यक कथोिलक जनसं या को ु ध कर िदया था। लोग क समथन से
सफलतापूवक सव श ा करने क बाद नेपोिलयन बोनापाट को िव ास था िक कथोिलक चच क साथ
अ छ संबंध उनक यास क सफलता क िलए मह वपूण ह गे। स 1801 क धमसंिध (कॉनकॉरडट ऑफ
1801) नेपोिलयन बोनापाट और पोप पायस स म क बीच एक संिध थी, िजसने ांस म रोमन कथोिलक चच को
पुन थािपत कर िदया। बोनापाट क समझ म आ गया िक धािमक शांित को बहाल रखना देश म शांित कायम रखने
क िलए आव यक सभी चीज से कह ऊपर था। इसक साथ वे अिधकांशतः कथोिलक जनसं या को अपने शासन
पर भरोसा िदलाना चाहते थे।
नेपोिलयिनक कोड या कोड नेपोिलयन नेपोिलयन थम ारा थािपत नाग रक संिहता थी। वह 21 माच, 1804
को लागू ई। हालाँिक यह एक नाग रक िविध णाली क साथ िकसी यूरोपीय देश म थािपत होने वाली पहली
िविध संिहता नह थी। इसने कई अ य देश क कानून को काफ भािवत िकया। प प से िलिखत और सुलभ
कानून, कानून यव था थािपत करने क िदशा म एक मुख कदम था। उनक नाग रक कानून अब भी कई देश
म ब त मह व रखते ह। िविध िवशेष क सिमितय ारा तैयार यह संिहता ांसीसी ांित का प रणाम थी। इस
संिहता से पहले ांस क िविभ े पर थानीय कानून का शासन था, जो थानीय था पर िनभर थे। बदले
म ये राजा या सामंत ारा दी गई छट और िवशेषािधकार पर आधा रत थे। ांित से सामंतवाद का अंत हो
गया। इसने ांस क िविभ भाग म इ तेमाल होने वाली िभ -िभ कानून यव था को एक क ीय िविध
संिहता से बदलने क आव यकता को े रत िकया। संिहताब रोमन कानून से े रत इस संिहता ने कानून को
अिधक प बना िदया।
जीन जैकस रिजस िड कबेकरस, जो स 1799 से 1804 तक तीय काउिसल क पद पर रह, उ ह ने संिहता
क िनमाण का िनरी ण िकया। वैसे बोनापाट ने मसौद का संशोधन करने वाले स म सि य प से भाग िलया।
अपराध और वािण य कानून को संिहताब करने क िलए बोनापाट ने अ य संिहता को अिधकार िदए।
नेपोिलयिनक कोड ऑफ ि िमनल ोसी यर (आपरािधक ि या क नेपोिलयनवादी संिहता) ितवादी को
अदालत म अपना वक ल िनयु करने क अनुमित देता था। 1808 म एक कोड ऑफ ि िमनल इ शन
(आपरािधक िनदश संिहता) कािशत क गई, िजसने याियक ि यािविध क सटीक िनयम को अिधिनयिमत िकया।
हालाँिक समकालीन मानक भले ही इन ि यािविधय को अिभयोजन प क ओर झुका आ

आ स पहड़ी को पार करते ए नेपोिलयन


बताएँ, लेिकन वे य गत आजादी क सुर ा और दोषी क साथ दु यवहार, जो उस काल क यूरोपीय
अदालत म आम बात थी, उ ह सुधारने क िहत म थे। बाद म नेपोिलयन ने नाग रक संिहता को अपनी सबसे बड़ी
उपल ध बताया।
शांित का म य काल—नेपोिलयन क नेतृ व म ांस म काफ शांित और यव था थी, िजसने खासकर आम
आदमी को काफ आराम प चाया। मूलभूत चीज, िज ह ने अकसर लोग को भूख और यास सहने पर मजबूर
िकया था, स ती और चुर हो गई—वहाँ आग और रोशनी क कोई कमी नह थी; यापार फल-फल रहा था और
मजदूरी अ छी थी। नव धना य का ठाठ-बाट और िवलािसता गुड जोसिफन, खूबसूरत मदाम टिलयन और ‘िद य’
जूिलयट रकिमयर क सैलून म दिशत हो रही थी।
1800 ई. म बोनापाट इटली लौट िजस पर उनक िम म रहते ऑ यन ने िफर से क जा कर िलया था।
अिभयान गलत तरीक से आरभ आ, लेिकन उ ह ने वसंत म अपने सैिनक क साथ आल स पार कर िलया और
मरगो म ऑ यन को पूरी तरह से हरा िदया िजसक बाद एक अ थायी यु िवराम हो गया। नेपोिलयन क भाई
जोसेफ, जो लुनिवले म शांितवा ा क अगुआई कर रह थे, ने खबर दी िक अं ेज ारा ऑ या क समथन
क क वजह से ऑ या ांस ारा नए हािसल े को मा यता नह देगा। वा ा क लगातार िववादा पद होते
जाने क कारण बोनापाट ने अपने जनरल मो को एक बार िफर ऑ या पर आ मण करने का आदेश िदया।
मो ने होहनिलंडन म ांस को िवजय िदलाई। प रणाम व प, फरवरी, 1801 म लुनिवले क संिध पर ह ता र
ए। इस संिध ने कपो फोरिमयो क संिध क ांसीसी लाभ को और पु कर िदया। ि टन ने माच, 1802 म
एमीय स क संिध पर ह ता र िकए, िजसम कई औपिनवेिशक इलाक क िवभाजन सिहत शांित क शत तय क
गई।
25 माच, 1802 को ांस और यूनाइटड िकगडम क बीच जोसेफ बोनापाट और मारकस कॉनवािलस ारा
‘िनणायक शांित संिध’ क प म एमीय स क संिध पर ह ता र िकए गए। इस संिध क तहत यूनाइटड िकगडम ने
ांसीसी गणतं को मा यता दी और उसक बाद एक वष तक शांित थािपत रही। यही वह एकमा अविध थी
िजसक दौरान तथाकिथत ‘महा ांसीसी यु ’ क दौरान यूनाइटड िकगडम और ांस क बीच यु नह हो रहा
था।
ांस और ि टन क बीच एक वष क शांित असहज रही, य िक यूरोप क ‘वैध’ राजशािहयाँ गणतं को
मा यता देने क अिन छक थ । उ ह आशंका थी िक उनक अपने लोग भी ांित क िवचार से े रत हो सकते ह।
ि टन म लुई सोलहव क भाई का एक राजक य अितिथ क प म वागत िकया गया, जबिक आिधका रक प से
ि टन ने ांस को गणतं क प म मा यता दे दी थी। ि टन वादे क अनुसार मा टा और िम को खाली कराने
म िवफल रहा और उसने ांस ारा पीडम ट को िमलाए जाने और व जरलड म नेपोिलयन ारा म य थता
िकए जाने का िवरोध िकया।
स 1803 म बोनापाट को एक बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा, जब हती को िफर से जीतने क िलए उनक
ारा भेजी गई सेना पीत र (येलो फ वर) और टसट एल’ ओवर योर क नेतृ व म जोरदार ितरोध का िशकार
हो गई। यह महसूस करते ए िक उ री अमे रका क मु य भूिम पर ांसीसी अिधकार अब हमल क िलए
संवेदनशील ह गे और ि टन क साथ आस यु को देखते ए उ ह ने वे इलाक यूनाइटड ट स को बेच िदए।
इसे ‘लुिसयाना परचेज’ का नाम िदया गया, िजसक ारा नेपोिलयन ने उस इलाक को तीन सट ित एकड़ से भी
कम क मत पर बेच िदया। मा टा को लेकर िववाद ने ि टन को स 1803 म ांसीसी राजतं वािदय क समथन
म ांस क िखलाफ यु घोिषत करने का बहाना दे िदया।
q
ांस का स ा
स 1802 क संिवधान ने आिधका रक प से नेपोिलयन को एक थायी तानाशाह बना िदया। स ा क
अिव सनीय प से भावी क ीयकरण क साथ नेपोिलयन ांस क अ य राजा बन गए। िन त प से यह
बात ब त को पसंद नह आई, िजनम से कछ ने उनक ह या का ष यं रचा। नेपोिलयन ने अपनी श य को
और बढ़ाने क िलए उनका इ तेमाल िकया और उन लोग का िनदयतापूण स ती से दमन िकया।
जनवरी, 1804 म ांसीसी पुिलस ने नेपोिलयन क ह या क एक ष यं का पदाफाश िकया। वह किथत प
से बोबन क नेतृ व म िकया गया था। बोबन वह स ाधारी दल था, िजसे ांसीसी ांित क दौरान स ा से उखाड़
फका गया था। इस आंदोलन ने पूर यूरोप म रा वाद फला िदया था और इससे स ाधारी वग नाराज था। बोनापाट
ने यूक िड’ एंिजय क िगर तारी क आदेश िदए और एक व रत गु मुकदमे क बाद 21 माच को यूक को
फाँसी पर लटका िदया गया। इसक बाद बोनापाट ने खुद को स ा बनाते ए िफर से ांस म एक आनुवंिशक
राजशाही क आरभ को उिचत ठहराने क िलए इस घटना का इ तेमाल िकया। स 1804 म नेपोिलयन ने ांस का
स ा बनने क अपने इरादे क घोषणा क । इस कदम से उनका पद आनुवंिशक हो जाता और इससे उनक ह या
क सभी ष यं बेकार हो जाते। उनक कहने का अथ था िक तुम मुझे मार सकते हो, लेिकन तुम सं था को नह
मार सकते। संिवधान म बोनापाट वंश को ढ़ता से डाले जाने क बाद उ ह लगता था िक बोबन का िफर से स ा
म आना असंभव होगा।
ांसीसी सीनेट ने थम काउिसल बोनापाट क सामने स ा क पद का ताव रखा। 18 मई, 1804 को एक
कानून क िलए वोट िकया िजसम कहा गया, ‘गणतं क सरकार एक स ा ’ म िनिहत ह, जो ांस क स ा का
पद हण करते ह।’
2 िदसंबर, 1804 को नो डम िड पे रस म नेपोिलयन क स ा क प म ताजपोशी ई। नेपोिलयन ने अपने
रा यािभषेक क योजना उतनी ही सतकता से बनाई, िजतनी सतकता वे लड़ाइय म करते थे। उ ह ने समारोह क
एक ड मा टर, अ थायी सजावट क िलए िस िश पकार और िव तृत पोशाक क िलए एक िडजाइनर क
सेवाएँ ल ।
नेपोिलयन पोप को अपना अिधपित वीकार नह करना चाहते थे। इसी कारण उ ह ने पोप ारा अिभषेक न
करवाने क योजना बनाई। पोप ने शाही ताज को अिभमंि त करने क बाद वापस वेदी पर रख िदया और अपना
आसन हण कर िलया। नेपोिलयन आगे बढ़ और वेदी से अपना ताज उठाकर अपने िसर पर रख िलया। इसक
बाद वे वेदी क ओर लौट और जोसिफन का ताज उठाया। इस कार नेपोिलयन ने अपनी प नी जोसिफन को
सा ा ी क प म ताज पहनाने से पहले अपनी ताजपोशी क । इसक बाद 26 मई, 1805 को िमलान क कथे ल
म ल बारडी क लौह ताज क साथ इटली क राजा क प म नेपोिलयन का रा यािभषेक िकया गया।
नेपोिलयन ने यह प कर िदया था िक वे महा ीप म अपनी िव तारवादी लड़ाइय को समा नह करगे;
इसिलए स 1805 म ि टन को अिन छा से एक तीसर गठबंधन क ओर जाना पड़ा। यह ांस क िखलाफ
यूनाइटड िकगडम, ऑ या, स, नेप स और वीडन का गठबंधन था। नेपोिलयन जानते थे िक ांसीसी बेड़ा
रॉयल नेवी को परा त नह कर पाएगा, इसिलए उ ह ने ि िटश बेड़ को इ लश चैनल से दूर ले जाने क चाल
चली, तािक संयु प से पेिनश और ांसीसी बेड़ चौबीस घंट क िलए चैनल का िनयं ण वापस ा कर
सक। उ ह ने सोचा िक इससे ांसीसी सेना को इ लश चैनल पार करने का पया समय िमल जाएगा, लेिकन
ांस क स ा नेपोिलयन
ऑ या और स ारा ांस तथा उसक सहयोिगय पर चढ़ाई करने क तैयारी क कारण उ ह अपनी योजना
बदलकर महा ीप पर अपना यान कि त करना पड़ा। नविनिमत ांड आम ने चुपचाप जमनी क ओर थान
िकया। 20 अ ूबर, 1805 को उ ह ने उ म म ऑ यन को चिकत कर िदया। अगले िदन ाफलगर क
िनणायक लड़ाई (21 अ ूबर, 1805) म ि टन ने समु पर थायी अिधकार कर िलया। कछ स ाह बाद ही 2
िदसंबर को नेपोिलयन ने आ टरिलज म ऑ या और स क िखलाफ एक बड़ी जीत हािसल क और िफर से
ऑ या को शांित क मांग करने क िलए िववश कर िदया।
अगले वष एक चौथा गठबंधन बना और 14 अ ूबर, 1806 को नेपोिलयन ने जेना-ऑर टड क लड़ाई म
पिसया को परा त िकया। वे पोलड से होकर आगे बढ़ती सी सेना क िखलाफ आगे बढ़ और 6 फरवरी,
1807 को एलु क खूनी लड़ाई म उन पर हमला िकया। ाइडलड म िनणायक जीत क बाद उ ह ने पूव पिसया
क ितलिसत म जार एले जडर थम क साथ एक संिध पर ह ता र िकए, िजससे यूरोप दो श य क बीच बँट
गया। उ ह ने जमनी क रा य क िसंहासन पर कठपुतली शासक िबठाए। पोलड क च िनयंि त िह से म उ ह ने
डची ऑफ वारसा थािपत िकया और उसक शासक क प म से सोनी क िकग ड रक ऑग टस थम को
रखा। स 1809 से लेकर 1813 क बीच नेपोिलयन ने अपने भाई लुईस बोनापाट क िलए ड डची ऑफ बग क
रीजट ( ितशासक) का भी काम िकया।
िस संगीतकार लुडिवग वैन बीथोवन ने आरभ म अपनी तीसरी िसंफनी इरोइका (साहिसक का इटािलयन
श द) नेपोिलयन को समिपत क । वे मानते थे िक जनरल ांसीसी ांित क लोकतांि क तथा गणतांि क आदश
को बनाए रखगे, लेिकन स 1804 म जब नेपोिलयन क सा ा यवादी मह वाकां ाएँ प हो गई तो उ ह ने उस
िसंफनी को नया नाम देते ए ‘एक महा य क याद म बनाई गई धुन’ बताया।
ाय ीपीय यु और पाँचव गठबंधन का यु —सै य अिभयान क अलावा नेपोिलयन ने ि टन क िखलाफ
आिथक यु भी छड़। वे ‘महा ीपीय यव था’ नामक ि टन का एक यूरोप यापी वािण यक बिह कार लागू
करना चाहते थे। हालाँिक इस काररवाई ने ि िटश अथ यव था को चोट प चाई। यही नह , उसने ांसीसी
अथ यव था को भी नुकसान प चाया।

पेन क राजा जोसफ बोनापाट


पुतगाल ने इस महा ीपीय यव था का अनुसरण नह िकया और स 1807 म नेपोिलयन ने पुतगाल पर हमला
करने क िलए पेन का सहयोग माँगा। पेन क इनकार करने पर नेपोिलयन ने पेन पर भी चढ़ाई कर दी। उनक
जनरल ारा िमि त प रणाम िदए जाने पर नेपोिलयन ने िनयं ण अपने हाथ म ले िलया और पेिनश सेना को
परािजत िकया। उ ह ने मैि ड पर अिधकार कर िलया और िफर पेन क सहयोग क िलए भेजी गई ि िटश सेना को
भी परािजत िकया। नेपोिलयन ने अपने एक माशल और र तेदार जोआिचम मुराट को नेप स क राजा और अपने
भाई जोसेफ बोनापाट को पेन क राजा क प म थािपत कर िदया।
q
मैि ड का आ मसमपण
रा वाद और रोमन कथोिलक चच ारा े रत तथा ांसीसी सैिनक क रता से नाराज पेिनश ने िव ोह कर
िदया। उसी समय ऑ या ने अ यािशत प से ांस क साथ अपना गठबंधन तोड़ िदया। इसने नेपोिलयन को
ड यूब और जमन मोच पर सै यबल का कमांड हण करने क िलए िववश कर िदया। िवयना क िनकट ए पन-
ए ंि◌लग (21-22 मई, 1809) म एक भयावह यु आ। दो माह क अंतराल क बाद मु य ांसीसी और
ऑ यन सेना ने एक बार िफर िवयना क िनकट एक-दूसर का सामना िकया और इसम ांस को िवजय
िमली। इसक बाद ऑ या और ांस क बीच एक नई शांित संिध पर ह ता र ए। अगले वष ऑ यन
आ डचेस मैरी लुईस ने नेपोिलयन से िववाह िकया, इससे पहले जोसिफन से उनका तलाक हो चुका था।

स पर चढ़ाई
कां ेस ऑफ एरफट का मु य उ े य स- ांसीसी गठबंधन को बनाए रखना रहा था, लेिकन 1811 तक
दोन देश क बीच संबंध ब त तनावपूण हो गए। स 1807 म अपनी पहली मुलाकात क बाद से स क जार
एले जडर थम और नेपोिलयन क दो ताना य गत संबंध बन गए थे, लेिकन वे ांस क साथ संबंध तोड़ने क
िलए सी अिभजात तं क ओर से गहर दबाव म थे। उस संबंध का िगरावट क ओर जाने का पहला संकत यह
था िक स म महा ीपीय यव था क योग म ढील िदया जाना नेपोिलयन को ोध िदला रहा था। स 1812
तक एले जडर क सलाहकार ने ांसीसी सा ा य पर आ मण करने और पोलड पर िफर से क जा करने क
योजना सुझाई। पोलड क सीमा पर बड़ी सं या म सै य टकि़डयाँ तैनात क गई। स ारा यु क तैया रय
क खबर िमलने पर नेपोिलयन ने अपनी ड आम को लगभग 4,50,000-6,00,000 य य क िवशाल बल
तक िव तृत करना शु कर िदया। िव तृत सी इलाक पर हमला करने क िखलाफ नेपोिलयन को बार-बार दी गई
चेतावनी को पूरी तरह उपेि त कर िदया गया। उ ह ने एक आ ामक अिभयान क िलए अपनी सेना को तैयार
िकया।
23 जून, 1812 को नेपोिलयन ने स पर चढ़ाई शु क । पोिलश रा वािदय और देशभ से अिधक सहयोग
ा करने क यास म नेपोिलयन ने उस यु को ‘दूसर पोिलश यु ’ (पहला पोिलश यु स, पिसया और
ऑ या से पोलड क आजादी का था) का नाम िदया। पोिलश देशभ िवभािजत पोलड क सी िह से को ड
डची ऑफ वारसा म शािमल िकए जाने और पोलड का एक नया रा य बनाए जाने क इ छा रखते थे, लेिकन
नेपोिलयन ने इससे इनकार कर िदया। उ ह डर था िक इससे पिसया और ऑ या ांस क िखलाफ यु म उतर
आएँगे। उ ह ने सी दास को मु करने क अनुरोध को भी अ वीकार कर िदया, य िक उ ह डर था िक यह
उनक पीछ एक ि़ढवादी िति या को े रत कर सकता ह।
नेपोिलयन एक िनणायक संघष क उ मीद कर रह थे, लेिकन िमखाइल बोगडानोिवच बाकले िड टॉली क नेतृ व
म िसय ने चतुराई से इसे टाल िदया। वे स म और अंदर क ओर लौट गए। मोले क म ितरोध का एक
छोटा यास िकया गया (16-17 अग त), लेिकन इस े म यु क एक ंखला म सी हार गए। नेपोिलयन
ने आगे बढ़ना जारी रखा। अपनी रणनीितक वापसी क दौरान िसय ने धन-संपदा को उजाड़ने का दाँव चला।
उ ह ने फसल को जला िदया और पशु को मार डाला, तािक ांसीिसय क पास खाने को कछ न हो। भूख क
अित र स क जानलेवा सद ांसीसी सैिनक पर भारी पड़ रही थी। अपनी चढ़ाई क पहले आठ स ाह क
दौरान ही अिभयान क मुख लड़ाई से पहले नेपोिलयन क ड आम का मुख िह सा आधा रह गया। यह स
कछ तो आपूित क क मोचाबंदी और कछ रोग , भाग जाने और हताहत होने क वजह से था। मु य लड़ाई से
पहले हजार सैिनक मह वहीन और छोटी-मोटी लड़ाइय म गँवा िदए गए। 7 िसतंबर, 1812 को बोरोिडनो म
नेपोिलयन क पास 1,35,000 से अिधक सैिनक नह थे। कम-से-कम 30,000 लोग एक श ु इलाक म लगभग
600 मील अंदर एक छोटी और खूनी जीत ा करने म गँवा िदए गए। इसका नतीजा मा को का उनक ऊपर
संघषरिहत क जा था।
लगातार पीछ हटने क अपनी अ थायी रणनीित क िलए आलोचना क िशकार बाकले क जगह कतुजोव को
लाया गया। कतुजोव ने बाकले क रणनीित को जारी रखा, लेिकन अंततः उ ह ने 7 िसतंबर को मा को से बाहर
लड़ाई क िलए ललकारा। दोन सेना को बराबर ित ई। सी प म हताहत क सं या थोड़ी अिधक थी।
हालाँिक नेपोिलयन परािजत नह ए थे, लेिकन सी सेना भी डटी रही और उसने ांसीसी सेना का मुकाबला
िकया। इस यु ने उ ह वह िनणायक जीत नह िदलाई िजसक उ ह उ मीद थी। सी सेना पीछ हट गई और
मा को से पीछ चली गई।
अब नेपोिलयन मा को म वेश करने म समथ थे और उनका अनुमान था िक मा को क हार इस यु को
समा कर देगी तथा एले जडर थम शांित समझौता कर लगे, लेिकन शहर क सै य पिसयासक और कमांडर-
इन-चीफ िफयोदोर रो तोपिचन आ मसमपण

नेपोिलयन क मा को से वापसी
का अपमान सहने क िलए तैयार नह थे। उ ह ने मा को को जला देने क आदेश िदए। ांस पर िनयं ण खो देने
क डर से नेपोिलयन एक महीने क अंदर मा को से वापस चले गए। इस वापसी से उ ह और नुकसान आ।
लगभग 6,50,000 टलाइन सैिनक क साथ अिभयान शु करने वाले नेपोिलयन क सेना म बेरिजना नदी को
पार करते ए बचने क िलए (नवंबर, 1812 म) िसफ 40,000 लोग थे। इस अिभयान म लगभग 4,00,000 सी
हताहत और लाख नाग रक मौत क मुकाबले ांसीिसय को 5,70,000 सैिनक क ित सहनी पड़ी।
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छठ गठबंधन क लड़ाई
स 1812-13 क सिदय क दौरान सी और ांसीसी दोन अपनी-अपनी िवशाल ितय से उबरने का यास
कर रह थे। इस अविध क दौरान यु नह ए, लेिकन पोलड म एक छोटी सी सी सेना ने ांसीसी सैिनक को
परशान करना जारी रखा। आिखरकार पोलड म मौजूद 30,000 सैिनक वहाँ से जमन रा य क ओर चले गए।
पोलड से क गई भितय क साथ िमलकर नेपोिलयन ने कल 1,30,000 सैिनक क सेना बना ली। यह सेना
बढ़ती रही, य िक नेपोिलयन का ढाई लाख जमन सैिनक क साथ कल 4,00,000 ांसीसी सैिनक क सेना का
ल य था।
स म नेपोिलयन क ित से ो सािहत होते ए पिसया ज दी ही उस गठबंधन म शािमल हो गया िजसम अब
स, यूनाइटड िकगडम, पेन और पुतगाल थे। नेपोिलयन ने जमनी म कमान सँभाली और ज दी ही गठबंधन देश
पर पराजय क झड़ी लगा दी। सबसे अिधक नुकसान डन क लड़ाई म आ, िजसम गठबंधन बल क एक
लाख से अिधक लोग मौत का िशकार ए।
इन आरिभक सफलता क बावजूद नेपोिलयन क िखलाफ श ु क सं या बढ़ती रही, य िक वीडन और
ऑ या भी गठबंधन म शािमल हो गए थे। आिखरकार िलपिजग म बैटल ऑफ नेशंस (16-19 अ ूबर) म
ांसीसी सेना को अपने दुगने आकार क बल ारा पराजय का सामना करना पड़ा। कछ जमन रा य ने लड़ाई
क म य ही पाला बदल िलया, िजससे ांस क थित और कमजोर हो गई। यह नेपोिलयिनक यु म से सबसे
लंबा यु था। इसम दोन प म कल िमलाकर 1,20,000 लोग हताहत ए।
इसक बाद नेपोिलयन मब प से वापस ांस लौट गए, लेिकन उनक सेना अब पाँच लाख गठबंधन
सैिनक क मुकाबले 1,00,000 से भी कम रह गई थी। अब ांसीसी चार ओर से िघर ए थे। ि िटश सेनाएँ
दि ण से दबाव डाल रही थ , जबिक गठबंधन बल जमन रा य से अंदर आ रह थे। ांसीसी सेनाएँ अब एक
अप रहाय पराजय को कछ िदन क िलए टाल सकती थ ।

ए बा म िनवासन, लेस सट-जोस (सौ िदन)


31 माच, 1814 को पे रस पर क जा कर िलया गया। नेपोिलयन ने अपने पु क प म 6 अ ैल को पद छोड़
िदया, लेिकन गठबंधन देश ने िबना शत आ मसमपण क माँग क और िफर से 11 अ ैल को नेपोिलयन ने िबना
शत पद छोड़ िदया। फाउटन यू क संिध म िवजेता ने उ ह िनवािसत करक भूम य सागर म एक छोट से ीप
ए बा पर भेज िदया।

नेपोिलयन क िनवासन म सट हलेना


ांस म एक बार िफर राजतं वािदय ने स ा पर अिधकार कर िलया था और िकग लुईस अठारहव को ग ी
स पी गई। नेपोिलयन अपनी प नी और पु से अलग हो चुक थे। वे ऑ यन िनयं ण म आ गए थे और
फाउटन यू क संिध म उनक िलए िनधा रत भ े से भी उ ह वंिचत कर िदया गया। इसक अलावा ऐसी अफवाह
थ िक उ ह देशिनकाला देकर अटलांिटक क एक दूर थ ीप पर भेजा जा रहा ह। 26 फरवरी, 1815 को
नेपोिलयन ए बा से बच िनकले और 1 माच, 1815 को मु यभूिम पर प च गए।
िकग लुईस अठारहव ने 7 माच, 1815 को ेनोबल म उनसे िमलने क िलए माशल माइकल क नेतृ व म पाँचव
रजीमट भेजी। माशल माइकल पहले स म नेपोिलयन क नेतृ व म काम कर चुक थे। नेपोिलयन अकले रजीमट
प चे। वे घोड़ से उतर और जब वे सेना क िबलकल नजदीक प च गए तो िच ाए, ‘‘पंचम क सैिनको, तुम
मुझे पहचानते हो। यिद कोई य अपने स ा को गोली मार सकता हो तो वह अभी ऐसा कर सकता ह।’’
कछ देर क मौन क बाद सैिनक ने नारा लगाया, ‘िवव एल’ एंपरयर!’ (स ा दीघजीवी ह ) और वे नेपोिलयन
क साथ पे रस क िलए कच कर गए। वे 20 माच को पे रस प चे और तुरत 1,40,000 सैिनक क िनयिमत सेना
और लगभग 2,00,000 सैिनक का एक वयंसेवक बल गिठत कर िलया। वहाँ उ ह ने सौ िदन तक शासन
िकया।
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वाटरलू क लड़ाई
18 जून, 1815 को लड़ी गई वाटरलू क लड़ाई नेपोिलयन बोनापाट क आिखरी लड़ाई थी। ए बा म अपने
िनवासन क बाद उ ह ने सौ िदन क िलए ांस क ग ी पर िफर से अिधकार कर िलया था। इस दौरान यूनाइटड
िकगडम क यूक ऑफ वेिलंगटन और पिसया क गेबाड वॉन लूशर क नेतृ व म शेष यूरोप क सेनाएँ िमलकर
उन पर टट पड़ । नेपोिलयन क पे रस प चने से छह िदन पहले 13 माच को िवयना क कां ेस ने उ ह भगोड़ा
घोिषत कर िदया। चार िदन बाद यूनाइटड िकगडम, स, ऑ या और पिसया ने साथ िमलकर 1,50,000 लोग
क सेना तैयार क और उनक शासन का अंत करने क िलए सहमत ए। उनम से एक या अिधक बल को ांस
पर चढ़ाई करने से रोकने क नेपोिलयन क यास िवफल हो गए। वे जानते थे िक गठबंधन देश ारा साथ
िमलकर जोरदार ताकत क इ तेमाल से पहले हमला करना स ा म रहने का उनका एकमा तरीका ह।
यिद वे िव मान गठबंधन बल को सश होने से पहले बै जयम म न कर सकते तो वे अं ेज को वापस
समु क ओर भेजने और पिसया को यु से बाहर करने म सफल हो सकते थे। नेपोिलयन ने दो सेनाएँ, उ री
सेना (ए.ओ.टी.एन.) और रजव सेना (आर.ए.) बै जयम क सीमा पर भेज । रजव और सेना क दािहनी
शाखा को वयं सँभालते ए उ ह ने 16 जून, 1815 को िलगनी क लड़ाई म जनरल लूशर क नेतृ व म पिसया
पर हमला िकया। माशल क नेतृ व म सेना क बाई शाखा ने ा े ास क ॉसरो स पर िनवे स-नेमुर रोड को
अव कर िदया, तािक वेिलंगटन क िनयं ण म एं लो-गठबंधन बल पिसया क मदद क िलए न जा सक।
ांसीसी सेना क शाखा ने उसी िदन वेिलंगटन क सेना को ा े ास क लड़ाई म उलझाए रखा, जबिक
नेपोिलयन पिसया से लड़

यूक वेिलंगटन
रह थे। उस िदन क लड़ाइय का प रणाम यह रहा िक ा े ास ने वेिलंगटन क सेना को लूशर क नेतृ व
म पिसया क मदद क िलए जाने से रोक िदया। यह अिधक िवशाल गठबंधन सेना को टकड़ म बाँटने क
नेपोिलयन क रणनीित थी, तािक वे अलग से उन पर आ मण करक उ ह नुकसान प चा सक।
पिसयन सेना क पीछ हटने से वह वे शहर म प च गई थी और यह सहज प म सेना का िव यास िबंदु बन
गया। पिसयन चीफ ऑफ टाफ जनरल ऑग ट वॉन नेसेनाउ ने पिसयन सेना को िट ी तक ले जाने क योजना
बनाई, जहाँ से सेना वेिलंगटन क सहायता क िलए जा सकती थी, लेिकन सेना क एक िह से क राइन क ओर
पीछ हटने और उसक अिधकांश िह से क वे क ओर वापस जाने क वजह से िनयं ण छट गया था। यहाँ
नेसेनाउ ने वेिलंगटन क बाई ओर प चने का फसला िकया। उ ह ने पहली, दूसरी और चौथी कोर क साथ भोर म
चलना शु िकया। जनरल बुलो वॉन डनिव ज क अगुआई म दूसरी कोर िलगनी म उप थत नह थी, लेिकन
बाद म 17 और 18 माच क रात क समय प च गई।
17 माच को नेपोिलयन क अधीन थ माशल ाउची 30,000 लोग क सेना क साथ पिसया पर हमला करने क
आदेश का इतजार कर रह थे। नेपोिलयन ने आदेश देने म देर लगाई, इसिलए ाउची ने यह अिभयान देर से शु
िकया। यह िवलंब नेपोिलयन क पराजय का आिखरी कारण था। पिसया क सेना क मु य भाग क पहचान म
मू यवान समय न हो गया। सेना को वे प चने से रोकने म काफ देर हो चुक थी, जहाँ से वह वेिलंगटन क
सहायता क िलए जा सकती थी।
18 माच को उ री सेना क दािहनी शाखा क साथ नेपोिलयन ने वे क लड़ाई म ले टनट जनरल बैरन जोहान
वॉन थेलमन क नेतृ व म पिसया क िपछली र क सेना से मुकाबला िकया। िलगनी म पिसया क हार क बाद
ा े ास म वेिलंगटन क थित कमजोर हो गई थी। 17 माच क तूफानी आ मण क दौरान वेिलंगटन अपनी
सेना को पीछ हटाते ए वाटरलू क अपने मु यालय से लगभग एक मील दि ण म म ट सट जीन पर पहले से
खोजी गई पहाड़ी तक ले आए। माशलनेय क नेतृ व म ांसीसी उ री सेना ने उनका पीछा िकया। नेपोिलयन पूव
िनयोिजत रणनीित क अनुसार माशल नेय से आ िमले।
इस लड़ाई म 73,000 ांसीसी सैिनक शािमल थे; जबिक गठबंधन सेना म लगभग 67,000 सैिनक थे। ढाई
पिसयन सै य कोर इस लड़ाई म शािमल थी, िजसने पूरी तरह शािमल पिसयन क सं या को 48,000 तक प चा
िदया।
वाटरलू म वेिलंगटन क पास अपने दािहनी शाखा क िलए बेस क प म मजबूत होजोम ट फाम था और उनक
बाई ओर कई अ य फाम थे। अभी यु शु भी नह आ था िक नेपोिलयन को अपनी पहली बड़ी सम या से
ब होना पड़ा। दो िदन पहले िलगनी से पिसया क सेना क भागने क बाद से उसक थित क बार म अिन त
नेपोिलयन को वेिलंगटन क सेना पर हमला बोलने क आव यकता लग रही थी।
लड़ाई होजोम ट पर एक आ मण क साथ लगभग 10 बजे शु ई, लेिकन मु य हमले को घंट िवलंिबत कर
िदया गया, जब तक िक िपछली रात क वषा से गीली जमीन ांसीसी सैिनक का भार उठाने क िलए पया प
से सूख नह गई। क चड़ ने पैदल सेना और घुड़सवार सेना को भी मोचा सँभालने म बािधत िकया।
आिखरकार ांसीसी तोपखाने ने लगभग 11.35 बजे वेिलंगटन क पहाड़ी क ओर गोिलयाँ बरसाई, लेिकन
गठबंधन सेना पर उसका यािशत भाव नरम जमीन क वजह से कम हो गया िजसने तोप क कई गोल क भाव
को सोख िलया। इसक अित र वेिलंगटन ने चतुराई से अिधकांश गठबंधन सेना को पहाड़ी रखा क पीछ लगाया,
तािक सेना को गोलीबारी से बचाया जा सक। ांसीसी यु रणनीित का एक मह वपूण त व यह उ मीद थी िक
वेिलंगटन होजोम ट क सुर ा क िलए अपने रजव बल को अपने दािहनी ओर लगाएँग।े एक समय ांसीसी
भगाए जाने से पहले फाम क आँगन म घुसने म सफल हो गए थे, लेिकन फाम पर उनक हमले आिखरकार
िवफल हो गए और वेिलंगटन को अपनी रजव सेना क इ तेमाल क ज रत नह पड़ी। होजोम ट एक यु क
अंदर यु बन गया और उस पूर िदन उसक सुर ा ने हजार मू यवान ांसीसी सैिनक को अपनी ओर ख चा,
जबिक कछ को छोड़कर वेिलंगटन क रजव सेनाएँ उसक क म रह ।

यूक वेिलंगटन क सेना


दोपहर लगभग 1.30 बजे अपने दािहनी ओर पिसयन क प चने क खबर िमलने क बाद नेपोिलयन ने
माशलनेय को आगे फाम ला हाये सट क पूव क ओर वेिलंगटन क सटर ले ट से लड़ने क िलए िड’ एलन क
पैदल सेना को भेजने क आदेश िदए। डच थम ि गेड पर कि त यह हमला मेजर जनरल िविलयम ड रक वॉन
बाइलट क नेतृ व म िकया गया। तोप क जोरदार गोलीबारी से जूझने और लगभग नौ िमनट तक िड एलन क
मुख त व से गोिलय क बौछार क आदान- दान क बाद वॉन बाइलट क सैिनक पहाड़ी पर वापस जाने और
जनरल थॉमस िप टन क िडिवजन से होकर लौटने क िलए िववश हो गए। िप टन क िडिवजन िड एलन से
मुकाबला करने क िलए पहाड़ी रखा क ओर बढ़ी। ि िटश सेना को भी गोिलय क बौछार और नजदीक हमल
से नुकसान आ, लेिकन िप टन क सैिनक अड़ रह।
पैदल सेना क आ मण क अित र सहयोग क िलए घुड़सवार सेना को मोचा सँभालने क आदेश िदए गए।
इसक बाद कॉट ेज क िस हमले म अ सि ज क नेतृ व म भारी ि िटश घुड़सवार सेना ारा ांसीसी
हमले को िवफल कर िदया गया। घुड़सवार हमले ने िड एलन क सै य दल को न कर िदया, लेिकन लौटने क
बजाय उ ह ने ांसीसी तोप पर हमला जारी रखा। ांसीसी सेना ने या मण िकया। संयु ि गेड का नेतृ व
कर रह मेजर जनरल िविलयम पॉनसोनबाइ मार गए। उनक मौत सेना क िलए एक बड़ी ित थी।
इस बीच पिसयन मैदान पर नजर आने लगे। नेपोिलयन ने उ ह पीछ हटाने क िलए अपनी रजव सेना लोबू क
छठ कोर और दो सै य िडिवजन (लगभग 15,000 सैिनक) भेजे। इसक साथ नेपोिलयन ने गाड को छोड़कर अपनी
सभी पैदल रजव सेना को लगा िदया था। नेपोिलयन लड़ाई क इस चरण पर गाड को लगाने क अिन छक थे।
पैदल रजव क अभाव म वे बस यही कर सकते थे िक अपनी घुड़सवार सेना से वेिलंगटन क क को तोड़ने का
यास कर। उ ह वेिलंगटन क क क सामने प चने क िलए चढ़ाई करने म संघष करना पड़ा, जहाँ गठबंधन
पैदल सेना का वग यूह उनका इतजार कर रहा था। घुड़सवार सेना क आ मण को बार-बार मजबूत गठबंधन
पैदल वग यूह , ि िटश तोपखाने क गोल क बौछार और गठबंधन लाइट कवेलरी रजीमट तथा नीदरल स हवी
कवेलरी ि गेड क िनणायक या मण ारा यथ कर िदया गया। पहाड़ी पर िन फल हमल क बाद ांसीसी
घुड़सवार सेना थककर चूर हो गई।
जब पिसयन सेना इपी रयल सेना क दािहनी भाग से लड़ रही थी, तब ला हाये सट ांसीिसय क क जे म चला
गया। उसक र ा कर रही राजा क जमन िलजन क फौज क पास शाम को गोला-बा द क कमी हो गई।
पिसयन ने लोबू को लसनोइट से बाहर खदेड़ िदया था, जो रणभूिम क िबलकल (गठबंधन) बाएँ म था।
इसक बाद नेपोिलयन ने अपने 10 बटािलयन मजबूत यंग गाड को पिसयन को हराने क िलए भेजा। भयंकर
लड़ाई क बाद यंग गाड को वापस खदेड़ िदया गया, िफर नेपोिलयन ने ओ ड गाड क दो बटािलयन भेज । भीषण
यु क बाद उ ह ने पिसयन को बाहर खदेड़ िदया, लेिकन उ ह ब त दूर तक नह भगाया जा सका। लगभग
30,000 पिसयन ने िफर से लसनोइट पर हमला कर िदया। वहाँ 20,000 ांसीसी गाँव क अंदर और चार ओर
र ा कर रह थे। ओ ड गाड और अ य सहयोगी सेनाएँ लगभग एक घंट तक िटक रहने

नेपोिलयन क पराजय
म सफल रह , िजसक बाद पिसयन क भारी या मण ने उ ह बाहर खदेड़ िदया। सबसे अंत म ओ ड गाड
भागे, जो चच और क गाह क र ा कर रह थे। िदन क अंत तक ांसीिसय को भारी नुकसान हो चुका था।
ांसीिसय ारा ला हाये सट पर क जे क वजह से वेिलंगटन क क क कमजोर होने क साथ ही नेपोिलयन
ने अपनी आिखरी रजव सेना दुजय इपी रयल गाड को यु म लगा िदया। भारी गोलीबारी क बीच से आगे
िनकलते ए पहले से सं या म कम हो चुक िमडल गाड क 5 बटािलयन ने ि िटश, सिवक और नासो
टकि़डय सिहत गठबंधन सेना क थम पं को हरा िदया। इसी बीच जनरल वॉन जीथेन क पहली पिसयन सै य
कोर क कछ अंग आिखरकार वहाँ वेिलंगटन क बाई सेना पर से दबाव कम करने म मदद करने प च गए थे,
इससे वेिलंगटन को अपने कमजोर क को मजबूत करने का मौका िमल गया।
ांसीसी गाड बटािलयन आगे बढ़ती रही और थित संकटपूण हो गई। चास क नीदरल स िडिवजन को आगे
क ओर भेजा गया। चास ने ांसीिसय का आगे बढ़ना रोकने क िलए अपनी आिटलरी को आगे भेजा। उनक
गोलीबारी िवजेता ेनेिडयर को बगल तक ले गई। इससे भी गाड बटािलयन का आगे बढ़ना नह का, इसिलए
चास ने अपनी पहली ि गेड को ांसीिसय पर हमला करने का आदेश िदया।
इसी बीच प म क ओर मेटलड क नेतृ व म 1,500 ि िटश गाड अपने आपको ांसीसी तोप से बचाने क
िलए लेट ए थे। वे एक साथ उठ और उ ह ने वाइट लक रज से गोिलयाँ बरसाते ए इपी रयल गाड को
भ च ा कर िदया। गोलीबारी का जवाब देने क िलए ांसीसी घुड़सवार सेना फल गई। 10 िमनट तक गोिलय क
आदान- दान क बाद सं या म कम हो चुक ांसीिसय ने डगमगाना शु कर िदया। यह संगीन क हमले क िलए
संकत था, लेिकन िफर एक नई ांसीसी शासर बटािलयन सामने आई। ि िटश गाड पीछ हट गए और ांसीिसय
ने उनका पीछा िकया। इपी रयल गाड अ यव था और भगदड़ म िछतरा गए। ांसीसी पं य म आतंक क लहर
दौड़ गई। वेिलंगटन ने िबलकल सही अनुमान लगाया था िक इपी रयल गाड ारा पीछ हटना, उसे देखने वाले
सभी ांसीसी सैिनक का मनोबल तोड़ देगा, इसिलए वह कोपेनहगेन (उनका पसंदीदा घोड़ा) पर सवार ए और
अपना हट लहराया जो एक जनरल क आगे बढ़ने का संकत था। लंबे समय से लड़ते ए थक चुक एं लो-
गठबंधन पैदल सेना अपनी पं य से आगे क ओर बढ़ी और वापस लौटते ांसीिसय पर टट पड़ी।
गठबंधन क पर असफल हमले क बाद ांसीसी इपी रयल गाड ने ि िटश क िखलाफ एक आिखरी लड़ाई क
िलए ला हाये सट क दि ण म अपनी तीन बटािलयन क रजव बल को एकि त िकया। ले टनट जनरल सर
हनरी ंटन क नेतृ व म दूसरी एं लो-गठबंधन िडिवजन म जनरल एडम क िब ेड और 5व ि गेड क एक
िह से क ओर से िकए गए हमले ने उ ह म क थित म डाल िदया। अध संगिठत इकाइय म बच गए सैिनक
लड़ते ए ला बेल एलायंस क ओर लौटने लगे। इसी दौरान कनल ू हा कट ने जनरल क ोन का आ मसमपण
करवाया। ऐसा ला हाये सट क आस-पास क े से ला बेले एलायंस क ओर वापस लौट रह एक अध संगिठत
वग यूह क िवनाश क दौरान आ।
िजस समय इपी रयल गाड को वापस खदेड़ा जा रहा था, उसी समय पिसयन ने आिखरकार ांसीिसय को
लसनोइट गाँव से बाहर खदेड़ िदया। जीथेन क सैिनक िड एलन और लोबू क बीच क जगह म घुस गए और
पीछ से ांसीिसय क जगह ले ली। लसनोइट क क जे क बाद पूरा ांसीसी मोचा एं लो-गठबंधन सेना और
पिसयन क आगे बढ़ने क साथ िबखरना शु हो गया। आिखरी संगिठत ांसीसी सेना म ला बेल एलायंस नामक
सराय क पास मौजूद ओ ड गाड क दो बटािलयन शािमल थ । यह आिखरी रजव सेना थी और नेपोिलयन का
एक य गत बॉडीगाड उसम शािमल था। नेपोिलयन ने उ मीद क थी िक यिद वे ढ़ रह तो ांसीसी सेना उनक
पीछ आ सकती ह, लेिकन जब यह वापसी एक भगदड़ म बदल गई तो वे गठबंधन घुड़सवार सेना से बचाव क
िलए वग यूह बनाने क िलए मजबूर हो गए। उ ह ने ला बेल एलायंस क दोन ओर एक-एक कल िमलाकर दो
वग यूह बनाए।
नेपोिलयन ने वग यूह का नेतृ व िकया, जो इनक (सराय) दािहनी ओर उभरी ई जमीन पर बनाए गए थे।
उ ह ने ऐसा करना जारी रखा, जब तक िक उ ह इस बात का भरोसा नह िदला िदया गया िक वे लड़ाई हार चुक ह
और उ ह वहाँ से वापस लौट जाना चािहए। पिसयन ने वग यूह को बाई ओर से उलझाया और जनरल एड स
ि गेड ने दािहनी ओर से वग यूह पर हमला िकया। अँधेरा होने क साथ ही दोन वग यूह रणभूिम से अपे ाकत
यव थत म म ांस क ओर वापस लौटने लगे, लेिकन दुभा यवश ांसीसी तोपखाना और उनक बाक हर
चीज अं ेज और पिसयन क हाथ पड़ गई। पीछ लौट रह गाड हजार भागते ांसीिसय से िघर गए, जो अब
िकसी संगिठत इकाई का अंग नह थे। ि िटश और गठबंधन घुड़सवार सेना ने राि लगभग 11.00 बजे तक भागते
ांसीिसय का पीछा िकया। जनरल जॉन नेसेनाउ क नेतृ व म पिसयन ने रात भर उनका पीछा िकया।
18 जून, 1815 को यूक ऑफ वेिलंगटन और गेबाड लेबेर त वॉन लूशर क हाथ वाटरलू क लड़ाई म
नेपोिलयन क आिखरी हार ई। राि लगभग 9.00 बजे वेिलंगटन और लूशर क मुलाकात ई, िजसका अथ था
िक लड़ाई ख म हो चुक थी।

वॉन लूशर
वाटरलू म एं लो-गठबंधन बल क लगभग 15,000 सैिनक मार गए और घायल ए। पिसयन को कल
िमलाकर 7,000 सैिनक का नुकसान आ। नेपोिलयन क सेना म मृत और घायल क सं या 25,000 थी। उनक
8,000 सैिनक को बंदी बना िलया गया।
वाटरलू म ांसीसी हार और वे क लड़ाई म नेपोिलयिनक यु क आिखरी लड़ाई क बाद नेपािलयन को
ग ी से उतार िदया गया और वे कछ समय क िलए फरार रह। 15 जुलाई, 1815 को अंततः उ ह ने रॉकफोट
बंदरगाह पर खड़ एच.एम.एस. बेलरोफन जहाज पर औपचा रक प से ि िटश क सामने आ मसमपण कर िदया।
इसक बाद उ ह िनवािसत करक सट हलेना भेज िदया गया, जहाँ स 1821 म उनक मृ यु हो गई।
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सट हलेना पर िनवासन और मृ यु
नेपोिलयन को बंदी बना िलया गया और िफर 15 अ बू र, 1815 म िनवािसत करक उ ह सट हलेना ीप भेज
िदया गया। अपने कछ सहयोिगय क साथ वहाँ रहने क दौरान उ ह ने अपने सं मरण िलखवाए और खुद को
िगर तार करने वाल क आलोचना क । सट हलेना म रहने क दौरान अिधकांश समय बीमार रह नेपोिलयन क 5
मई, 1821 को मृ यु हो गई। उनक अंितम श द थे, ‘ ांस, सेना, सै य मुख, जोसिफन।’ उनक िवरासत को
जनरल मारबोट जैसे उनक िनकट सहयोिगय म बाँट िदया गया। उ ह ने जनरल मारबोट को ‘ ै यूर द ला ांस’
पर अपना लेखन जारी रखने को कहा था। नेपोिलयन ने अपनी वसीयत म िसयेन क तट पर दफनाए जाने क इ छा
जािहर क थी, लेिकन उ ह सट हलेना म दफनाया गया। स 1840 म उनक अवशेष को ांस म ि जेट बेल-
पॉल ले जाया गया और लेस इनवेली स, पे रस म दफना िदया गया। उस समय से लाख लोग उनक मकबर को
देखने जा चुक ह।

मृ यु का कारण
कई अवसर पर नेपोिलयन क मृ यु का कारण िववाद का िवषय बना ह और यह िववाद अब तक जारी ह।
नेपोिलयन क य गत िचिक सक ांिस को एंटोमारची ने मृ यु माणप म पेट क कसर को नेपोिलयन क मृ यु
क वजह बताई। स 1955 म नेपोिलयन क अनुचर लुईस माचड क डाय रयाँ कािशत ई। उ ह ने मृ यु से पहले
क कछ महीन म नेपोिलयन का वणन िकया ह। उनक वणन ने ब त सार लोग को यह िन कष िनकालने क िलए
े रत िकया िक उ ह आसिनक (सँिखया) जहर देकर मारा गया था। उस समय कभी-कभार आसिनक को जहर देने
क िलए इ तेमाल िकया जाता था, य िक इसे लंबे समय तक िदए जाने पर उसका पता नह चलता था। आसिनक
को वालपेपर म और यहाँ तक िक कछ पेटट औषिधय म भी इ तेमाल िकया जाता था। इससे उनक शव क
किथत प रर ण को समझा जा सकता ह। स 2001 म ांस क ासबग फोरिसक इ टी यूट क पा कल िक ज
ने नेपोिलयन क मौत क बाद संरि त नेपोिलयन क बाल क एक गु छ क जाँच म पाए गए आसिनक लेवल क
एक अ ययन से इन दाव को और बल िदया। यह लेवल सामा य क मुकाबले सात से अड़तीस गुना तक अिधक
था।
बाल को छोट भाग म काटना और हर भाग का अलग से िव ेषण करना शरीर म आसिनक संक ण का एक
िह टो ाम उपल ध कराता ह। नेपोिलयन क बाल का यह िव ेषण बताता ह िक बीच-बीच म बड़ी डोज ली गई,
लेिकन वह घातक नह थी। आसिनक ने नेपोिलयन को ब त कमजोर कर िदया और वह उनक शरीर म बस गया।
हाल क िव ेषण बताते ह िक स 1805, 1814 और 1821 म िलए गए सपल म नेपोिलयन क बाल म
आसिनक क इसी कार क संक ण पाए गए। पे रस पुिलस म टॉ सीकोलॉजी क मुख मु य जाँचकता इवान
रकाडट ने कहा िक यिद आसिनक उनक मृ यु का कारण होता तो वे कई वष पहले मृ यु का िशकार हो जाते।
ुप ने अनुमान लगाया िक इस मामले म आसिनक का सबसे संभा य ोत कोई हयर टॉिनक हो सकता था।
एंटीबायोिट स क खोज से पहले आसिनक िसिफ स क िलए भी यापक तौर पर इ तेमाल होने वाला, अ भावी
उपचार था। इससे यह अनुमान लगाया गया िक नेपोिलयन उस रोग से पीि़डत हो सकते थे।
नेपोिलयन क डॉ टर ारा िकए गए उनक उपचार म उनक मृ यु से त काल पहले उनक आँत को साफ
करने क िलए एंटीमॉनी पोटिशयम टार ट, िनयिमत एनीमा और मक रक ोराइड क एक 600 िम ा डोज क
साथ उनक िचिक सा शािमल थी। सैन ांिस को मेिडकल जाँचकता िवभाग क शोधकता क एक समूह का
अनुमान ह िक इस उपचार क वजह से नेपोिलयन को पोटिशयम क गंभीर

सट हलेना ीप पर नेपोिलयन क मौत


कमी हो गई होगी, िजसक कारण उनक मौत हो गई होगी।
मई, 2005 म वस िचिक सक क एक टीम ने दावा िकया िक नेपोिलयन क मौत पेट क कसर क वजह से
ई, जो उनक िपता क भी मृ यु का कारण था। अनेक फोरिसक रपोट से उ ह ने यह िन कष िनकाला िक अपनी
मृ यु क समय नेपोिलयन लगभग 76 िक. ा. वजन क थे, जबिक एक वष पहले उनका वजन लगभग 91 िक. ा.
था, जो एंटोमाश ारा िदए गए ऑटो सी प रणाम को पु करता ह।
ो. िबय डी क अगुवाई म म टसपेरटोली िव िव ालय क िफिजिशयन क एक टीम ने हाल म इसक पुि
क ह। अ ूबर 2005 म कॉटलड म एक द तावेज िमला, िजसम ऑटो सी का वणन था, जो िफर एंटोमाश क
िन कष को पु करता तीत होता ह।
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नेपोिलयन : य क पम
िववाह
नेपोिलयन ने पहली बार 9 माच, 1796 को जोसिफन द यूहरनैस से िववाह िकया। उ ह ने स ा हािसल करने
क बाद औपचा रक प से जोसिफन क पु यूगीन और किजन टीफनी को अपना िलया, तािक उनक िलए
‘शाही’ िववाह क यव था हो सक। उ ह ने जोसिफन क बेटी होरटस क अपने भाई लुईस से शादी करवा दी।
हालाँिक नेपोिलयन और जोसिफन का िववाह गैर-पारप रक था और दोन अपने कई ेम संबंध क िलए जाने जाते
ह, लेिकन वे एक-दूसर क ित पूरी तरह समिपत थे। जोसिफन तलाक क िलए तैयार हो

जोसिफन प नी क साथ नेपोिलयन


गई, तािक वे उ रािधकारी ा करने क उ मीद म दूसरा िववाह कर सक। यह दोन क िलए ब त दुखदायी
था। वह नेपोिलयिनक कोड क तहत पहला कानूनी तलाक भी था।
11 माच, 1810 को नेपोिलयन ने ऑ या क आकडचेस मैरी लुईस से पहले ितिनिध ारा और िफर 1
अ ैल को लु क चच म एक औपचा रक समारोह म िववाह िकया। वे एक वैध उ रािधकारी का िपता बनते ए
अपनी थित को सु ढ़ करना चाहते थे। 20 माच, 1811 को मैरी लुईस ने एक पु नेपोिलयन ांकोइस जोसेफ
चा स बोनापाट को ज म िदया। हालाँिक वे उनक िनवासन क समय उनक साथ नह गई।

यु कौशल
नेपोिलयन को यूरोप म आधुिनक पेशेवर अिनवाय सेना क अवधारणा लाने का ेय िदया जाता ह। यह एक नई
चीज थी िजसका बाद म अ य रा ने अनुसरण िकया। उ ह ने ांसीसी सै य णाली म ब त नए योग नह
िकए, लेिकन िपछले िस ांतवािदय और पूव ांसीसी सरकार से मु ह त से हण िकया। हालाँिक उ ह ने
पहले से मौजूद चीज का िव तार या िवकास िकया। सबसे बड़ी सै य इकाइय क प म िडिवजन क जगह कोर
आ गए। आिटलरी को रजव तोपखान म एक कत िकया गया। टाफ णाली अिधक अ थायी हो गई और
घुड़सवार सेना िफर से ांसीसी सै य िस ांत म एक मह वपूण संगठन बन गई।
सै य े म नेपोिलयन का सबसे बड़ा भाव यु क संचालन म रहा। ांितकारी और नेपोिलयिनक काल क
दौरान श और ौ ोिगक बड़ पैमाने पर थर रही, लेिकन 18व सदी क संचालन संबंधी रणनीित म यापक
पुनगठन आ। घेरा डालना ब त कम, लगभग मह वहीनता क िबंदु पर प च गया। श ु सेना को कवल मात
देने क नह , ब क उनक िवनाश क एक नई नीित उभरी। श ु क इलाक पर चढ़ाई िव तृत मोच पर होती थी।
इस कार रणनीितक अवसर क चुरता आई, िजसने यु को अिधक महगा और अिधक िनणायक बना िदया।
िकसी यूरोपीय श क िलए हार का मतलब अब िसफ अलग-थलग पड़ इलाक को खोने से कह अिधक था।
इस बात पर बहस क जा सकती ह िक नेपोिलयन क आरिभक सफलता ने उनक पतन क बीज बोए। 18व सदी
क अप रवितत स ा णाली म ऐसी िवनाशकारी पराजय क आदत न होने क वजह से ब त से देश ने ांसीसी
भाव क तहत अपने अ त व को मु कल म पाया। इसने िव ोह , यु और सामा य अ थरता को े रत िकया,
जो 1815 तक महा ीप को जकड़ रहा।
ांस म कछ लोग मानते ह िक नेपोिलयन ने देश म कानून और यव था क अभाव को समा कर िदया। यह
भी कहा जाता ह िक नेपोिलयिनक यु ने ांित को शेष यूरोप म फला िदया। रा ीय एक करण क आंदोलन
और रा रा य क उदय, खासकर इटली और जमनी म उन े पर नेपोिलयन क शासन से े रत ए हो सकते
ह।

नेपोिलयन क कद क बार म म
चिलत धारणा क िवपरीत नेपोिलयन ब त अिधक नाट नह थे। स 1821 म उनक मृ यु क बाद ांसीसी
अथ म ांसीसी स ा का कद 5 फ ट 2 इच रकॉड िकया गया। यह शाही (ि िटश) अथ म 5 फ ट साढ़ 6 इच
या 1.686 मीटर होता ह। इस कद क साथ वे 19व सदी क एक औसत ांसीसी से थोड़ लंबे थे। उनक जीवन म
ही मीि क िस टम शु हो गया था, इसिलए यह वाभािवक था िक वे अपने अिधकांश जीवन म फ ट और इच म
मापे जाते। एक ांसीसी इच 2.71 सटीमीटर होता ह और एक शाही इच 2.54 सटीमीटर। इस गलत गणना क
अित र उनको िदया गया नाम ली पेिटट कपोरल भी म उ प करता ह, य िक गैर- ांसीसी गलती से ‘पेिटट’
को ‘छोट’ क अथ म लेते थे। वा तव म यह आम िसपािहय से उनक अंतरगता क वजह से यार से बुलाया जाने
वाला नाम ह। साथ ही वे अपनी अिभजात र क सेना से भी िघर रहते थे, जो छह फ ट या उससे भी लंबे सैिनक
से बना था।

नाग रक संिहता या नेपोिलयन संिहता


नेपोिलयिनक कोड यूरोप क अिधकांश िह स म अपनाया गया और नेपोिलयन क हार क बाद भी लागू रहा।
टिब जेन यूिनविसटी क ोफसर डीटर ल वश इस संिहता को एक ‘ ांितकारी प रयोजना’ मानते ह। उनक संिहता
ने अपनी संपदा क अिधकार को िव तृत करते ए और सामंतवाद क रीढ़ तोड़ते ए जमनी म म यवग य समाज
क िवकास को े रत िकया। ल वश नेपोिलयन को 1,000 से अिधक घटक से बने रोमन सा ा य को 40 ट स
से अिधक सु वाही तं क प म पुन यव थत करने का भी ेय देते ह। इस पुन यव था ने जमन संघ और स
1871 म जमन सा ा य क अधीन जमनी क भावी एक करण को आधार दान िकया।
नेपोिलयन संिहता पूव ांसीसी कानून और रोमन कानून दोन पर आधा रत थी। उसने नाग रक कानून को तीन
ेिणय : य गत थित, संपि और संपि क अिध हण म िवभािजत िकया।
नेपोिलयन संिहता क पीछ क मंशा ांसीसी ांित क िस ांत क अनु प ांसीसी िविध यव था को सुधारने
क थी। इस संिहता से पहले ांस म कोई एक कानून यव था नह थी। कानून थानीय था पर और अकसर
राजा या अ य सामंती अिधपितय ारा दी गई छट , िवशेषािधकार और िवशेष घोषणाप पर आधा रत होते
थे। ांित क दौरान सामंतवाद का नामोिनशान िमट गया। ांस क िविभ भाग म इ तेमाल क जाने वाली िविभ
िविध यव था क थान पर एक एक कत िविध संिहता बनाई जानी थी।
ांस क िविभ परपरा से िवकिसत यह पुनः संिहताकरण ि या ज टिनयन क संिहताब रोबन कानून
से े रत थी।
संिहता क आरिभक अनु छद ने ‘कानून क शासन’ से संबंिधत कछ मह वपूण ावधान थािपत िकए। कानून
को तभी लागू िकया जा सकता था, यिद उनका उपयु यापन िकया गया हो और उ ह आिधका रक प से
कािशत िकया गया हो। इस कार गु कानून ािधकत नह िकए गए। वे ‘ए स पो ट फ टो लॉज ’ यानी उनसे
पहले होने वाली घटना पर लागू होने वाले कानून को विजत करते थे। उ ह ने यायाधीश को कानून क
अपया ता क आधार पर याय से इनकार करने से भी विजत िकया और इस तरह उ ह कानून क या या करने
क िलए ो सािहत िकया। हालाँिक वे यायाधीश को वैधािनक मह व क सामा य िनणय देने से रोकते थे। प रवार
क तहत संिहता ने प नी और ब क संबंध म पित क े ता थािपत क । यह उस समय यूरोप क सामा य
वैधािनक थित थी। हालाँिक उ ह ने अ य यूरोपीय देश क तुलना म अपे ाकत उदार आधार पर तलाक को
अनुमित दी, िजसम पार प रक सहमित ारा तलाक शािमल था।

दंड संिहता
1791 म लुईस माइकल ली पेलेिटयर, द सट फगू ने रा ीय िवधानसभा म एक नई अपराध संिहता तुत क
थी। उ ह ने प िकया िक वे कवल ‘वा तिवक अपराध ’ को गैर-कानूनी मानते ह, न िक ‘अंधिव ास,
सामंतवाद और कर यव था तथा शाही शासन ारा उ प छोट-मोट अपराध को’। उ ह ने ‘अंधिव ास से
उ प ’ अपराध को सूचीब नह िकया, लेिकन इसम िन त प से ईशिनंदा, िवधिमता, धमिवरोध और जादू-
टोना तथा शायद यिभचार, रता और समिलंगी सहवास शािमल था। इस कार इन सभी पूव अपराध को अपराध
क ेणी से बाहर कर िदया गया। स 1810 म नेपोिलयन क शासन म एक नई अपराध संिहता जारी क गई।
पहले वाले क तरह और शायद कबेसेरस क भाव म उसम धािमक अपराध या समिलंगी गितिविधय क िखलाफ
ावधान नह थे।

आपरािधक िनदश संिहता


स 1808 म एक ‘आपरािधक िनदश संिहता’ कािशत क गई। इस संिहता ने आपरािधक ि यािविध को
िनधा रत िकया। ांित से पहले क संसदीय यव था काफ शोषण क दोषी थी। यह ांित ारा थािपत
फौजदारी अदालत क एक जिटल और अ भावी यव था थी, िजन पर काफ थानीय दबाव होते थे। इस संिहता
क ज म ने बहस को े रत िकया। उसक प रणाम व प बनी संिहता ांस और कई नाग रक कानून वाले देश म
इ तेमाल क जाने वाली फौजदारी अदालत क आधुिनक तथाकिथत ‘परी ण यव था’ का आधार ह।
ांसीसी ांित क मानवािधकार और नाग रक अिधकार क घोषणा से यह प था िक संिद ध य को
िनद ष माना जाएगा, जब तक िक उसे कानून क अदालत म अपराधी न घोिषत िकया जाए। बोनापाट क एक
िचंता िनरकश िगर तारी या अ यिधक रमांड (मुकदमे से पहले जेल म रखना) क थी। बोनापाट ने िट पणी क िक
य गत वतं ता का यान रखा जाना चािहए, खासकर जब मामला शाही अदालत क सामने हो। उनक श द
म, ‘ये अदालत काफ श शाली ह गी; उ ह िबना िकसी वजह क कमजोर नाग रक क िखलाफ इसका दु पयोग
करने से विजत िकया जाना चािहए।’ हालाँिक ह या जैसे गंभीर अपराध क संिद ध क िलए रमांड अब भी एक
सामा य ि या थी।
याय क िलए लंबी रमांड अविधय को बढ़ावा देने क संभावना अपराध क वा तिवक धारणा क िलए
नेपोिलयन संिहता क आलोचना क एक वजह थी। हालाँिक कानूनी कायवािहय म िन त प से अपराध क
धारणा वैध नह होती थी। उदाहरण क िलए, जूरी सद य क शपथ म प प से यह होता था िक जूरी
ितवािदय क िहत क िखलाफ नह जाएगी और बचाव प क तक पर यान देगी।
आज क मानदंड से देख तो अदालत क कायवािहय को िनयंि त करने वाले िनयम शायद अिभयोजन प को
अिधक श देते थे। यह कहा जा सकता ह िक उन िदन यूरोपीय देश म आपरािधक याय दमन क प क ओर
झुका था। उदाहरण क िलए, स 1836 म बड़ अपराध क आरोपी बंिदय को ि जनस काउिसल ए ट क अनुसार
कानूनी सलाहकार (अथा वक ल) रखने क अनुमित दी गई। इसक तुलना म नेपोिलयिनक कोड ऑफ ि िमनल
ोसी यूर (नेपोिलयन संिहता म फौजदारी ि या) क धारा 294 म ितवादी को एसाइज अदालत (दुदात
अपरािधय का फसला करने वाली) म एक वक ल रखने क अनुमित दी गई। उसने अदालत को यह भी िनदश
िदया िक ितवादी क पास वक ल न होने क थित म उसे एक वक ल उपल ध कराया जाए। ऐसा न करने पर
कायवाही यथ मानी जाती थी। एसाइज अदालत िजनका काम गंभीर अपराध पर फसला देना था, को एक जूरी क
साथ काम करना ह या नह , काफ िववादा पद िवषय था। बोनापाट ने जजमट जूरी को समथन िदया और
आिखरकार उ ह अपनाया गया। दूसरी ओर, बोनापाट अिभयोग अदालत (इिड टमट जूरी िज ह सामा य कानून
वाले देश म ‘ ड जूरी’ कहा जाता ह) क िव थे। वे यह काम अपीली अदालत क ि िमनल से शन को
स पना चाहते थे। ऐसे अपराधी, जो जूरी को धमका सकते थे, क फसले क िलए कछ िवशेष अदालत बनाई गई।
नेपोिलयन ने इस बात पर भी जोर िदया िक दीवानी और फौजदारी मामल का िनणय करने वाली अदालत एक ही
होनी चािहए।

अ य देश म संिहताएँ
हालाँिक नेपोिलयन संिहता पहली संिहता नह थी, वह सबसे भावशाली थी। उसे नेपोिलयन क समय ए यु
क दौरान ांसीिसय ारा अिधकार िकए गए कई देश म अपनाया गया, इसिलए वह इटली, नीदरल स,
बै जयम, पेन, पुतगाल और उनक पूव उपिनवेश क िनजी िविध णाली का आधार बनी। 1900 म पूर जमन
सा ा य क िलए पहले सामा य नाग रक संिहता बगरिलशेज गेसे जबुक क आरभ तक राइन क बाएँ तट पर थत
जमन े म नेपोिलयन संिहता इ तेमाल म लाई जाती थी।
वस, जमन और ऑ यन संिहताएँ अपने आपम भावशाली अ य संिहताएँ थ । हालाँिक इनम भी ांसीसी
संिहता का कछ भाव महसूस िकया जा सकता ह। इस कार स और ाय ीपीय देश क अपवाद क साथ
आधुिनक महा ीपीय यूरोप क देश क नाग रक िविध णािलयाँ नेपोिलयन संिहता से भािवत रही ह। इस कार
यह संिहता नेपोिलयन क सबसे थायी िवरासत रही।
ांसीसी नेपोिलयन संिहता से अपनाए गए अ य े क िविध संिहता का उ ेख करते ए भी
‘नेपोिलयिनक कोड या नेपोिलयन संिहता’ का इ तेमाल िकया जाता ह, खासकर यूबेक क नाग रक संिहता।
लुिसयाना क नाग रक संिहता म नेपोिलयन संिहता क कछ प ह, लेिकन वह रोमन और पेिनश कानूनी परपरा
पर अिधक आधा रत ह।
नेपोिलयन िव मान कानून को सभी ांसीसी लोग क िलए एक मानक कानून से बदलना चाहते थे। उ ह ने
पहले ही ांसीसी कर णाली म सुधार ला िदया था, िजससे उनक शाही खजाने म लगभग 700 िमिलयन क
वािषक आए। यह पैसा आय पर कर और वाइन, तंबाक तथा नमक जैसी व तु पर लगाए गए शु क से आया।
स 1800 म उ ह ने बक ऑफ ांस थािपत करते ए िव ीय यव था म और सुधार िकया। नेपोिलयन ने
उसक गठन म भूिमका नह िनभाई। उसक देखभाल स 1801 से एक सरकारी आयोग ारा क गई। उ ह ने
संिहता को पूरी तरह भािवत करने क िलए अपनी िविश पिसयासिनक मता का इ तेमाल िकया।
नाग रक संिहता का मुख गुण यह था िक हर ांसीसी य कानून क सामने समान था। यह कइय क िलए
वरदान था। हालाँिक जबिक उ ह ने तलाक से धािमक प हटा िदया, उनक कई मत ने ांित क बाद मिहला
क िलए िनधा रत वतं ता को सीिमत कर िदया। उदाहरण क िलए, मिहला को चल संपि या संपदा म
वतं यापार करने क अनुमित नह दी गई, लेिकन उ ह ऐसा करने से पहले अपने पितय से अनुमित लेनी पड़ती
थी। उ ह ने तलाक कानून को स त बनाया और िपता को अपने घर क शासक क प म अिधकार िदया गया।
वे अपने ब को उ रािधकार से वंिचत कर सकते थे। उ ह ने सावजिनक काय का एक काय म शु करने म
ब त दूरदिशता िदखाई, िजसम नहर व बंदरगाह का िनमाण और सड़क क थित सुधारते ए उ ह बेहतर और
अिधक सुरि त बनाना और डाक क साथ अिधक स ती बरतना शािमल था।
ब त क िलए िश ा का तर बढ़ा, लेिकन अिधकतर ब े उनक नए िवशेषीकत और हाई कल से लाभ नह
उठा पाए। उ ह ने िनजी कल क थापना को ो सािहत िकया और समुदायवार सा रता क बीज बोए। कभी
आलोचना को सहन न करने वाले य होने क वजह से नेपोिलयन ेस पर टट पड़। उ ह ने अखबार को
ितबंिधत कर िदया। अंत म कछ को छोड़कर सभी अखबार बंद हो गए।
िसिवल कोड या नाग रक संिहता आिधका रक प से 1804 म अिधिनयिमत क गई और 1807 म उसे ‘कोड
नेपोिलयन’ का नाम िदया गया। वह सभी ांसीसी े और इलाक पर लागू होता था और साथ ही ांसीसी
भाव क प रिध म मौजूद देश ारा भी अपनाया गया। आज नाग रक संिहता कई यूरोपीय िविध णािलय का
आधार ह।
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नेपोिलयन बोनापाट क संपूण सं मरण 1815-1821
बेलोरोफोन जहाज पर आ मसमपण क बाद नेपोिलयन को एक अ य जहाज—नॉरथंबरलड ारा सट हलेना भेज
िदया गया। इस जहाज क कमचा रय को जहाज तैयार करने क िलए कवल दो िदन का अ प समय िदया गया था।

नेपोिलयन क मूित
इस जहाज म लगभग दस फ ट चौड़ा और पूर जहाज म फला एक भोजन-क था, एक सैलून और दो किबन
थे। स ा को बाई ओर का किबन िदया गया, िजसम उनका सफरी िब तर रख िदया गया था। दािहनी ओर का
किबन एडिमरल को िदया गया। यह फसला िकया गया िक सैलून को एक सामा य क क प म इ तेमाल िकया
जा सकता ह। डाइिनंग टबल भोजन-क क अनु प था और नेपोिलयन सैलून क ओर पीठ करक उस पर बैठते
थे। एडिमरल हर िदन अपने एक दो अिधका रय को राि भोज क िलए आमंि त करते थे। नवगिठत 53वाँ बड रात
क भोजन क समय बजाया जाता था।
10 अग त को नॉरथंबरलड ने चैनल पार कर िलया और अब जमीन नजर नह आ रही थी। जहाज का माग इस
तरह तय िकया गया था िक उसे िब क क खाड़ी और कप िफिन टर को पार करना था। हवा अ छी थी, लेिकन
रोशनी और गरमी अ यिधक थी। नेपोिलयन अपने किबन म अिनयिमत समय पर ना ता करते थे। वे हर सुबह
अपने एक सहयोगी को तय क गई दूरी, हवा का ख और उनक या ा से संबंिधत अ य चीज पूछने क िलए
भेजते थे। वे काफ पढ़ते थे, लगभग चार बजे तैयार होते थे और प लक सैलून म आते थे। यहाँ वे पाँच बजे तक
एक पाट क साथ शतरज खेलते थे, िफर एडिमरल घोषणा करते थे िक िडनर मेज पर लग चुका ह। सबको यह
पता था िक नेपोिलयन िडनर पर शायद ही कभी पं ह िमनट से अिधक यतीत करते थे, लेिकन यहाँ दो कोस म ही
लगभग डढ़ घंट लगते थे। इससे उ ह ब त िचढ़ होती थी, लेिकन वे उसे दिशत न करते ए हमेशा शांत रहते थे।
वे न तो भोजन क नई यव था और न ही यंजन क गुणव ा क कभी आलोचना करते थे। दो अनुचर जो
उनक करसी क पीछ खड़ रहते थे, उनक आ ा क ती ा करते थे। पहले एडिमरल को स ा क सामने कई
कार क यंजन परोसने क आदत थी, लेिकन उनक िति या इतनी ठडी होती थी िक यह आदत छोड़ दी गई।
इसक बाद एडिमरल कवल नौकर को यह बता देते थे िक या सही रहगा। नेपोिलयन आम तौर पर चुप रहते थे,
जैसे िक उ ह वह भाषा समझ म नह आ रही हो। हालाँिक वह भाषा च थी। यिद वे बोलते थे तो वह कछ
तकनीक या वै ािनक सवाल पूछने क िलए होता था या एडिमरल िजन लोग को कभी-कभार िडनर पर बुलाते थे,
उनसे कछ श द बोलने क िलए।
कॉफ िदए जाने क त काल बाद स ा उठ जाते थे और डक पर चले जाते थे। उनक बाद ड माशल और
लास कसेस उठ जाते थे। इससे एडिमरल कॉकबन परशान हो जाते थे, िज ह ने अपने अिधका रय क सामने अपना
आ य कट िकया, लेिकन मदाम बर ड, िजनक मातृभाषा अं ेजी थी, ने बहादुरी से जवाब िदया, ‘‘ ीमा !
‘यह मत भूिलए िक आपका अितिथ एक ऐसा य ह, िजसने दुिनया क एक बड़ िह से पर शासन िकया ह और
वे राजा कभी उनक मेज पर बुलाए जाने क स मान क िलए तरसते थे।’
‘‘सही बात ह।’’ एडिमरल ने जवाब िदया और तब से उ ह ने नेपोिलयन क आदत से तालमेल िबठाने क िलए
हर संभव यास िकया। उ ह ने टबल पर बैठने का समय कम कर िदया और बाक लोग क िडनर ख म करने से
पहले ही नेपोिलयन और उनक सािथय क िलए कॉफ का ऑडर दे देते थे। स ा अँधेरा होने तक डक पर टहलते
रहते थे। अपने किबन म लौटने क बाद वे अपने कछ सािथय क साथ िवं ट एट उन खेलते थे और लगभग आधे
घंट म िव ाम करने चले जाते थे।
15 अग त क सुबह उनक सभी सािथय ने उनक सामने उप थत होने क अनुमित माँगी। वे इस मुलाकात क
वजह नह जानते थे। उस िदन उनका ज मिदन था, िजसे शायद वे िबलकल ही भूल गए थे।
अगले िदन उ ह ने कप िफिन टर पार कर िलया और 21अग त तक अ का क तट क साथ-साथ मिडरा क
ओर अपनी या ा जारी रखी। नेपोिलयन सामा यतः पूरी सुबह अपने किबन म ही रहते थे और अ यिधक गरमी क
वजह से वे ब त हलक प रधान पहनते थे। वे ठीक से सो नह पाते थे और अकसर रात म उठ जाते थे। वे मु य
प से पढ़ने म य त रहते थे। अकसर सट हलेना या िजन देश से वे लोग गुजर रह थे, से संबंिधत िकसी पु तक
को अनुवाद क िलए काउट लास कसेस क पास भेज देते थे। नेपोिलयन िकसी िवषय पर बातचीत शु करते थे या
िकसी िपछले िदन क बातचीत को आगे बढ़ाते थे और जब वे पूर डक क आठ या नौ च र लगा लेते थे तो वे
लारबोड क ओर क दूसरी तोप पर जाकर बैठते थे। जहाजकिमय ने ज दी ही इस रोज क आदत पर यान देना
शु िकया और इसिलए उस तोप को उस समय से स ा क तोप कहा जाने लगा। यह पर नेपोिलयन अकसर
घंट तक बात करते रहते थे।
22 अग त को मिडरा िदखने लगा और रात को वे बंदरगाह पर प च गए। वे रसद लेने क िलए एक-दो िदन
वहाँ क। उस समय नेपोिलयन अ व थ थे। अचानक एक अंधड़ उठा हवा रत और अ का क रिग तान क
दमघ ट गरमी से भरी ई थी। 24 अग त क शाम को उ ह ने िफर से सफर शु िकया और आराम से और िफर
तेजी से आगे बढ़। स ा ने अपने मनोरजन म एक खेल शािमल िकया। वे एक साधारण शतरज िखलाड़ी थे और
जहाज पर कोई ब त अ छा िखलाड़ी नह था। उ ह ने मजाक म पूछा, ‘‘कसा हो, यिद वे उ ह लगातार हराए, जो
उससे बेहतर िखलाि़डय को हराते ह?’’ िवं ट एट उन को छोड़ िदया गया, य िक वे ब त ऊचे दाँव क साथ
खेलते थे और नेपोिलयन को जुए से घोर िवर थी।
एक रात एक नी ो कोड़ से बचने क िलए जहाज पर चढ़ आया, िजसक वजह से काफ शोर और हलचल हो
गई। एक युवा जहाजकम किबन म जाते लास कसेस से िमलकर और यह सोचते ए िक वे नेपोिलयन को सूिचत
करने जा रह ह, ने उनका कोट पकड़ा और अ यंत िचंितत वर म बोला, ‘‘ओह सर! स ा को मत बताइए! उ ह
किहए िक यह शोर एक दुघटना क वजह से ह।’’ सं ेप म, जहाजकम ने बोनापाट क िलए अ यंत स मान और
िचंता दरशाई और अकसर संकत या श द ारा नािवक को उ ह कोई असुिवधा न होने देने का िनदश िदया। वे
कभी-कभार इस यवहार पर यान देते थे।
1 िसतंबर को उ ह ने खुद को कप िड वड ीप क अ ांश पर पाया। अब हर चीज खुशहाल या ा का संकत
दे रही थी, लेिकन समय ब त धीर गुजर रहा था। लास कसेस ने उनक पु को अं ेजी िसखाने का काम अपने
िज मे िलया था और स ा ने भी अं ेजी सीखने क इ छा जािहर क । ज दी ही वे थक गए और उसे छोड़ िदया।
लंबे समय तक उसे िफर से शु नह िकया गया। उनका आचरण और उनक आदत हमेशा वही होती थ वे
लगातार संतु , धैयवान और मजािकया रहते थे। एडिमरल ने धीर-धीर अपनी िहचक छोड़ दी और अपने महा
बंदी म िदलच पी लेने लगे। उ ह ने शाम क नमी को देखते ए िडनर क बाद डक पर आने से होने वाले खतर क
बार म स ा को बताया। स ा इसक बाद कभी-कभार उनका हाथ पकड़कर लंबी बातचीत करते थे, कभी-
कभार नौसैिनक मामल पर, दि ण म ांसीसी संसाधन पर और भूम य सागरीय े क बंदरगाह और प न म
उ ह ने जो सुधार िकए, उनक बार म बातचीत करते थे िज ह एडिमरल काफ यानपूवक सुनते थे।
इसी बीच नेपोिलयन ने यान िदया िक लास कसेस ब त य त थे और उ ह ने उनक जनल पर एक नजर डाली
िजससे वे अिधक असंतु नह ए, िफर भी उ ह ने यान िदया िक कछ सै य िववरण और घटनाएँ यु क िवषय
क साधारण जानकारी देते ह। इससे वे अपने सं मरण िलखने क िलए े रत ए। आिखरकार स ा िन य पर
प चे और शिनवार, 9 िसतंबर को उ ह ने अपने सिचव को अपने किबन म बुलाया और उसे टल क घेरबंदी क
बार म कछ चीज नोट कराई। भूम य रखा क पास प चने पर वे यहाँ लगातार पूव क ओर से बहने वाली
यापा रक पवन म फस गए। 16 िसतंबर को वहाँ काफ वषा ई िजससे नािवक को ब त खुशी ई, जो बा रश
चाहते थे। जब स ा दोपहर को टहलने क बाद डक पर गए, तभी तेजी से वषा होने लगी, लेिकन इसक वजह से
उ ह ने अपने रोजाना क काम नह छोड़। उ ह ने बस अपना िस े ेटकोट मँगाया, िजसम जहाज क
कमचा रय क काफ िदलच पी थी। 23 िसतंबर को उ ह ने भूम य रखा पार कर ली। वह जहाजकिमय क बीच
काफ उ साह और अ यव था का िदन था। उस िदन वह समारोह था, िजसे अं ेज नािवक ‘ि ंग’ कहते ह।
उस िदन िकसी को नह ब शा जाता और आम तौर पर िकसी और से अिधक अिधका रय को घसीटा जाता ह।
एडिमरल िज ह ने पहले इस समारोह का एक खतरनाक िववरण देते ए मजा िलया था, ने अब ब त िश ता से
अपने अितिथय को इसम शािमल होने क असुिवधा और उपहास से छट दे दी। इस पूर उ छखल समारोह क
दौरान नेपोिलयन का पूरा स मान िकया गया। उनक ित पूर स मान क साथ मनाए गए इस उ सव क बार म
जानकारी िमलने पर उ ह ने इस अनोखे समारोह म नेप यून और उनक कमचा रय क सामने सौ नेपोिलयन तुत
िकए जाने का आदेश िदया; एडिमरल ने सतकता और साथ ही न ता क वजह से इसका िवरोध िकया।
उ ह ने िजस ज दबाजी म इ लड छोड़ा था, जहाज क रगाई अभी-अभी पूरी ई थी और इस प र थित ने
नेपोिलयन को दो िदन तक अपने क तक सीिमत कर िदया था, िजनक ाणश ब त सही थी। अब अ ूबर
का महीना आरभ हो चुका था और वे िगनी क खाड़ी म जा रह थे, जहाँ वे बॉरबन उप ीप क िलए िनकले एक
ांसीसी जहाज से िमले। उ ह ने क टन क साथ बात क िजसने यह जानकारी िमलने पर िक नेपोिलयन जहाज म
ह, अपना आ य और खेद य िकया। हवा का ख उलटा था और जहाज ब त धीर-धीर बढ़ रहा था। नािवक
एडिमरल पर बड़बड़ा रह थे, िज ह ने आम माग से अलग रा ता अपना िलया था। आिखरकार वे अपनी या ा क
अंत तक प चे। 14 अ ूबर को एडिमरल ने उ ह सूिचत िकया िक उस िदन सट हलेना नजर आने क उ मीद ह।
वे अभी टबल से उठ ही थे िक उनक कान म ‘जमीन!’ क चीख आई। स ा ीप को देखने क िलए आगे गए,
लेिकन वह अब भी मु कल से िदख रही थी। अगली सुबह िदन िनकलने क समय उ ह वह ीप प प से
िदखाई िदया।
आिखरकार इ लड से िनकलने क लगभग स र िदन बाद और पे रस छोड़ने क एक सौ दस िदन बाद नेपोिलयन
सट हलेना प चे। बंदरगाह म ै न क ब त से जहाज थे, जो उनसे अलग कर िदए गए थे और िज ह वे सोच
रह थे िक वे पीछ छोड़ आए ह। था क िवपरीत नेपोिलयन ज दी तैयार हो गए और डक पर प च गएः वे ीप
को देखने क िलए आगे गगवे तक गए। उ ह ने बादल तक ऊचे असं य िनजन पहाड़ से िघरा आ एक कार
का गाँव देखा। हर पहाड़ क येक समतल जगह, येक िछ और येक िशखर पर एक तोप रखी ई थी।
स ा ने अपने च मे से भिव य को देखा। उनक चेहर क भाव म कोई प रवतन नह आ। वे ज दी ही डक से
चले गए और लास कसेस को बुलाते ए अपने दैिनक काय म लग गए। एडिमरल जो ब त ज दी तट पर चले
गए थे, शाम को काफ थक एऐ लगभग छह बजे लौट। वे ीप क िविभ िह स म घूमते रह। आिखरकार
उ ह लगा िक एक जगह उनक बंिदय क िलए उपयु रहगी। उस थान म मर मत क ज रत थी, िजसम दो
महीने लग सकते थे। उनका आदेश था िक जब तक ांसीिसय क वागत क िलए एक घर तैयार न हो जाए, तब
तक उ ह जहाज न छोड़ने िदया जाए। हालाँिक वे अपनी िज मेदारी पर उ ह अगले िदन तट पर ले गए।
16 अ ूबर को िडनर क बाद एडिमरल और ड माशल बर ड तट पर जाने क िलए एक नौका म उतर। जब
वे गुजर तो सभी अिधकारी डक पर जमा हो गए और अिधकतर जहाजकम रा त पर खड़ हो गए। स ा ने नौका
म कदम रखने से पहले जहाज क क टन को बुलवाया और उनसे िवदा लेते ए इ छा जािहर क िक वे
अिधका रय और जहाजकिमय तक उनका ध यवाद प चा द। ये श द उन सबक िलए िज ह ने उन श द को
समझा या उनक िलए िजनको वह समझाया गया, ब त रोमांचक तीत ए। उनक शेष सेवक लगभग आठ बजे
उतर। उ ह ने स ा को अपाटम स म पाया, जो उ ह स पे गए थे। कछ िमनट बाद वे ऊपर अपने चबर म गए।
उ ह जे स टाउन म एक कार क सराय म ठहराया गया था, जहाँ कवल एक छोटी सी सड़क या दो च ानी
पहाड़ क बीच एक सँकरी घाटी म बनाए गए घर क पं थी।
अगले िदन स ा , ड माशल और एडिमरल ल गवुड तक गए, िजसे स ा क आवास क िलए चुना गया था।
लौटते समय उ ह ने शहर से लगभग दो मील दूर एक छोटा सा िवला देखा, िजसक साथ एक पैिविलयन था। वह
ीप क एक यापारी िम टर बालक ब का आवास था। नेपोिलयन को यह थान पसंद आया और एडिमरल क
भी यह राय थी िक उनक िलए वहाँ रहना बेहतर होगा। यिद स ा को शहर लौटना होगा तो उनक दरवाजे पर खड़
संतरी और उसक आस-पास क भीड़ उ ह उनक चबर तक सीिमत कर देगी।
पैिविलयन एक नोकदार पहाड़ी पर एक कार का ी मकालीन आवास था, जो घर से लगभग तीस या चालीस
कदम दूर था, जहाँ वह प रवार अ छ मौसम म रहने का अ य त था। उसे स ा क अ थायी िनवास क िलए
िकराए पर ले िलया गया और वे त काल उसम रहने आ गए। शहर से वहाँ तक वाहन क आने-जाने वाली एक
सड़क थी और इस िह से म घाटी कम ऊबड़-खाबड़ थी। लास कसेस को तुरत बुलवाया गया।
जब वे पैिविलयन तक प चाने वाले घुमावदार रा ते पर बढ़ तो उ ह ने नेपोिलयन को दरवाजे क देहरी पर खड़
ए देखा। उनका शरीर कछ झुका आ था और उनक हाथ पीठ पीछ थे। उ ह ने अपनी सामा य और साधारण वद
तथा सु िस हट पहन रखी थी। स ा अकले थे। उ ह ने थोड़ा चलने का यास िकया, लेिकन पैिविलयन क
िकसी भी ओर कोई समतल जमीन नह थी, वह िवशाल च ान से िघरा था, िफर भी उ ह ने अपने साथी का हाथ
पकड़कर स लहजे म बातचीत शु क । जब नेपोिलयन सोने जा रह थे तो नौकर ने पाया िक िब तर क
नजदीक वाली एक िखड़क खुली थी। उ ह ने उसे खूब अ छी तरह बंद कर िदया, तािक हवा अंदर न आए
िजसक ित स ा ब त संवेदनशील थे। लास कसेस एक ऊपरी क म चले चले गए। अनुचर दरवाजे क देहरी
क पास अपने-अपने लबाद म लेट गए। ायस म नेपोिलयन क पहली रात इस कार बीती।
एक अं ेज अिधकारी को उनक गाड क प म उनक साथ घर म ठहराया गया था और उनक गितिविधय पर
नजर रखने क िलए दो नॉन-कमीशंड अिधका रय को घर क पास तैनात िकया गया। अगले िदन नेपोिलयन ने
अपनी िड टशन जारी रखी, िजसम वे कई घंट य त रह और िफर बगीचे म टहलने चले गए। यहाँ वे बालक ब
प रवार क दो लड़िकय से िमले, जो लगभग चौदह वष क खुशिमजाज लड़िकयाँ थ , िज ह ने उ ह फल भट
िकए और उ ह ऊटपटाँग सवाल से अिभभूत कर िदया। नेपोिलयन उनक आ मीयता से िव मत ए, िजसक उ ह
आदत नह थी। लड़िकय क जाने क बाद उ ह ने कहा, ‘‘हम एक मुखौट वाले बॉल (अं ेजी नृ य) म थे।’’
अगले िदन ना ते क िलए एक िचकन लाया गया। स ा ने उसे खुद काटा और इसे अ छी तरह कर पाने पर
उ ह हरानी ई, य िक उ ह ने एक लंबे समय बाद ऐसा कछ िकया था। कॉफ उ ह इतनी खराब लगी िक उसक
चु क लेने क बाद उ ह लगा िक उ ह जहर िदया गया ह और उ ह ने वह वापस भेज दी।
सुबह काम म बीत जाती थी; शाम को नेपोिलयन कभी-कभार पड़ोस क िवला तक जाते थे, जहाँ वह लड़िकयाँ
उ ह खेल म उलझा लेती थ ।
‘इटली का अिभयान’ लगभग पूरा हो गया था और ला कसेस ने ताव रखा िक शहर म मौजूद नेपोिलयन क
अ य समथक को हर सुबह आकर िम का अिभयान, काउिसलेट का इितहास आिद क अनुवाद म मदद करनी
चािहए। इस सुझाव ने पूव स ा को स कर िदया, इसिलए उसी समय से उनक एक-दो सहयोगी िनयिमत प
से ितिदन उनक िड टशन िलखने क िलए आते थे और िडनर तक रहते थे। 53व रजीमट क कनल ारा भेजे
गए एक तंबू को फलाकर पैिविलयन को िव तृत कर िदया गया। उनक रसोइए ने ायस म अपना िनवास बना
िलया। क से मेज का कपड़ा िलया गया, लेट लगाई गई और इस नई यव था क बाद पहला िडनर एक कार
का उ सव था।
एक िदन िडनर क समय नेपोिलयन क नजर एक यंजन पर पड़ी, िजस पर बादशाह क हाथ उकर गए थे।
‘उ ह ने कसे उसे खराब कर िदया ह!’ वे िच ाए और यह महसूस करने से नह रह पाए िक स ा इपी रयल
लेट पर क जा करने क ज दबाजी म थे, जो िन त प से उसक नह थी। सामान म एक किबनेट था िजमस
ब त से फलक थे, जो उ ह पोप और अ य शासक ारा िदए गए थे, लुई अठारहव क कछ प थे िज ह 20
माच को यूले रये से अपने आक मक िनकास क वजह से अपनी िलखने क मेज पर छोड़ आए थे और
नेपोिलयन क बार म गलत और हािनकारक अफवाह फलाने क उ े य से िलखे गए ब त से अ य प थे।
स ा कभी भी चार बजे से पहले तैयार नह होते थे। चार बजे वे बगीचे म टहलने जाते थे। उ ह अपने एकांत
क वजह से इसम कोई खराबी नह लगती थी। िम टर बालक ब क अनुरोध पर अं ेज िसपािहय को हटा िलया
गया था। एक छोट से कज क ऊपर ितरपाल ख च िदया गया था। और उसम एक करसी तथा मेज रख दी गई थी।
यहाँ नेपोिलयन ने अपने सं मरण का एक बड़ा िह सा िलखवाया। शाम म जब वे बाहर नह जाते थे तो वे
सामा यतः बातचीत को यारह या बारह बजे तक ख चने का यास करते थे।
इस कार समय िबना िकसी प रवतन या बाधा क बीत रहा था। सिदय म मौसम खुशनुमा हो जाता था। एक
िदन अपना रोज का काम ख म होने पर नेपोिलयन ने शहर क ओर टहलना शु िकया, जब तक िक सड़क और
जहाज न िदखने लगे। वापसी म उ ह ीमती बालक ब और ीमती टअट िमल , जो बंबई से इ लड लौटने क
म म थ । स ा ने उनसे भारत क परपरा , था और एक लंबी समु ी या ा से खासकर मिहला को होने
वाली असुिवधा क बार म बात क । उ ह ने ीमती टअट क अपने देश कॉटलड क बात क , ओिसयन क
ितभा पर चचा क और अपनी मिहला साथी को अपनी रगत को बनाए रखने पर बधाई दी।
जब वे इस तरह बात कर रह थे, कछ भारी बोझ-से लदे दास उनक िनकट से गुजर। ीमती बालक ब ने उ ह
दूसरा माग लेने का संकत िकया; लेिकन नेपोिलयन ने यह कहते ए ह त ेप िकया, ‘‘मदाम, बोझ को देख!’’
जब उ ह ने ऐसा कहा, कॉच मिहला जो अब तक अ यंत उ सुकता से नेपोिलयन क िवशेषता को देख रही थ ,
अपनी िम क कान म फसफसाई, ‘‘ओ गॉड! या आदमी ह और उनम िकतना धैय ह! मने उनक बार म जो
धारणा बनाई थी, वे उससे िकतने अलग ह!’’ इसक तुरत बाद नेपोिलयन िफर से उतनी दूर चलकर मेजर हडसन
क घर प चे। इस मुलाकात ने वहाँ िनयु अिधका रय को काफ सतक कर िदया।
गवनर ने एक बॉल आयोिजत िकया िजसम ांसीिसय को िनमंि त िकया गया। लगभग उसी समय लास कसेस
ल गवुड तक यह देखने गए िक उनक वागत क िलए या- या तैया रयाँ क गई ह। वापस आने पर उनक रपोट
ब त अ छी नह थी। अब ायस म उ ह छह स ाह से अिधक समय हो चुका था, िजसक दौरान नेपोिलयन
लगभग उतने ही कद थे िजतने जहाज म। इसका असर उनक वा य पर पड़ रहा था। लास कसेस ने अपनी राय
दी िक स ा उतने स त नह ह, जैसा आम तौर पर उनक बार म माना जाता ह और यह उनक शरीर क नह ,
ब क मन क मजबूती थी िजसने उ ह मैदान और किबनेट क प र म म सफलता िदलाई। इस िवषय पर बोलते
ए नेपोिलयन ने वयं महसूस िकया िक ‘ कित’ ने उ ह दो िविच िवशेषताएँ दी ह—एक िकसी भी समय या
िकसी भी थान पर सोने क मता; दूसरा, खाने या पीने म िकसी कार क अित करने क यो य न होना। उ ह ने
कहा, ‘‘अगर म अपनी सीमा से थोड़ा भी बढ़ जाऊ तो मेरा पेट तुरत िव ोह कर देता ह।’’ उ ह जरा-सी बात पर
िमतली आ जाती थी और जरा सी वायु प रवतन से जुकाम लग जाता था।
10 िदसंबर 1815 को किदय को ल गवुड भेज िदया गया। नेपोिलयन ने उस सुबह ना ते पर िम टर बालक ब
को आमंि त िकया और ब त स लहजे म उनसे बातचीत क । लगभग दो बजे एडिमरल कॉकबन क आने क
घोषणा ई; उ ह ने एक कार क शिमदगी क साथ वेश िकया। बोनापाट ने ायस म उनक ऊपर थोपे गए
ितबंध और शहर म रह रह उनक अनुचर क साथ िकए जा रह यवहार क िवरोध म एडिमरल का वागत करना
बंद कर िदया था, िफर भी उस अवसर पर उ ह ने एडिमरल क साथ इस तरह का यवहार िकया, मानो कछ आ
ही न हो।
आिखरकार उ ह ने ायस छोड़ा और ल गवुड क िलए िनकले। नेपोिलयन घोड़ पर सवार ए, एक छोटा, तेज
और खूबसूरत जानवर जो कप से उनक िलए लाया गया था। उ ह ने शासस ऑफ द गाड क वद पहनी और
उनक ग रमामय लहजे तथा खूबसूरत चेहर पर खास तौर पर िनगाह जाती थी। एडिमरल उनक सेवा म त पर थे।
ल गवुड क वेश ार पर उ ह ने श से सुस त एक गाड पाया, िजसने उनक यश वी बंदी का वागत
िकया। उनका घोड़ा, िजसे परड क आदत थी और जो म क बजने से डर रहा था, ने गेट क आगे जाने से
इनकार कर िदया, जब तक िक नेपोिलयन ने उसे े रत न िकया और उनक र क ने शंसा क ि से यह सब
देखा।
एडिमरल ने ब त यान से ल गवुड म छोटी-छोटी चीज बताई। उ ह ने वयं सारी यव था का िनरी ण िकया,
िजसम एक बाथ म भी था। बोनापाट हर चीज से संतु थे और एडिमरल काफ खुश नजर आए। उ ह ने
बदिमजाजी और ितर कार क उ मीद क थी, लेिकन नेपोिलयन ने काफ मजािकया यवहार िदखाया।
घर म वेश एक कमर क ारा था, िजसे एक बैठक और भोजन क क दोहर उ े य से बनाया गया था।
यह अपाटमट ाइग म क ओर जाता था, उसक आगे एक तीसरा क था, जहाँ ब त अँधेरा था। उसे स ा क
मानिच और पु तक क िलए भंडार क प म इ तेमाल िकया जाना था, लेिकन बाद म उसे भोजन क म बदल
िदया गया।
स ा का चबर इस अपाटमट म दािहनी ओर था और उसे दो समान भाग म िवभािजत िकया गया था, िजसम
एक किबनेट और एक शयनक था। एक बाहरी गैलरी ानघर का काम करती थी। स ा क चबर क दूसरी
ओर भवन क दूसर कोने पर मदाम म थोलन, उनक पित और उनक पु क अपाटमट थे, िज ह बाद म स ा क
पु तकालय क प म इ तेमाल िकया गया।
घर क इस िह से से अलग भूतल पर एक छोटा सा चौकोर क था, जो रसोईघर का िव तार था, वह लास
कसेस को स पा गया था। िखड़िकय और िब तर पर परदे नह थे। फन चर साधारण और कम थे। बर ड और
उनका प रवार दो मील क दूरी पर र स गेट नामक

सट हलेना म नेपोिलयन
एक थान पर रहते थे। जनरल गौरगॉड और िम टर ओ’ िमयरा और र क का नेतृ व करने वाला अिधकारी
एक तंबू म सोते थे। वह घर एक बगीचे से िघरा आ था। सामने और काफ गहर दर से िवभािजत 53व रजीमट
का िशिवर था, िजसक िविभ दल बगल क पहाि़डय पर तैनात थे।
स ा क घरलू यव था म यारह लोग शािमल थे। ड माशल सामा य िनरी क थे, द म थोलन घरलू बंध
देखते थे, लास कसेस फन चर और संपि क देखभाल क िलए थे और जनरल गौरगौड क पास अ तबल का
बंधन था। हालाँिक इन यव था ने नेपोिलयन क सहयोिगय म असंतोष को े रत िकया। लास कसेस वीकार
करते ह िक वे अब एक प रवार क सद य नह थे, जो सभी क िहत म अपना बेहतरीन यास करते ह। वे ऐसा
कछ नह कर रह थे िजसक आव यकता थी। वे यह भी कहते ह, ‘एडिमरल ने हमार साथ अपने िववाद क म य
कई बार ज दबाजी म कहा िक सभी लोग म िन त प से स ा ही सबसे अ छ वभाव क, िन प और
समझदार थे।’
पहली बार वहाँ आने पर वे ीप पर रहने वाले कछ चीिनय क क जे वाली बैरक और ल गवुड फाम नामक
थान को देखने गए। इटली का अिभयान अब पूरा हो चुका था, नेपोिलयन ने उसम सुधार िकया और अ य िवषय
पर िलखवाया। यह उनक सुबह का काम था। वे आठ और नौ बजे क बीच भोजन करते थे। मदाम म थोलन
नेपोिलयन क दािहनी ओर, लास कसेस बाई ओर और गौरगौड, म थोलन तथा लास कसेस का पु उनक िवपरीत
िदशा म बैठते थे। पट क गंध अब तक न जाने क वजह से वे भोजन क मेज पर दस िमनट से अिधक नह बैठते
थे और मीठा बगल वाले अपाटमट म तैयार िकया जाता था, जहाँ कॉफ पेश क जाती थी और बातचीत शु होती
थी। मोिलयेर, रसीन और वॉ टयर क य पढ़ जाते थे और हमेशा कॉन ल क एक ित न होने पर खेद य
िकया जाता था। िफर वे ‘ रवरिसस’ खेलते थे, जो युवाव था म नेपोिलयन का पसंदीदा खेल रहा था।
नेपोिलयन ने अपनी िनंदा करने वाला एक लेख पढ़ा और अं ेजी अखबार म िदए गए अपने रतापूण यवहार
क वणन क िवपरीत अपने और पिसया क रानी क बीच आदरपूण बात क आदान- दान का उ ेख िकया।
दूसरी ओर, नेपोिलयन क ल गवुड और ायस म रहने क दौरान दो साधारण नािवक अलग-अलग समय पर
संत रय को झाँसा देकर नेपोिलयन क झलक पाने म सफल रह। उन लोग ने नेपोिलयन म जो िदलच पी िदखाई,
उसे देखने क बाद उ ह ने कहा, ‘यह क रता ह! हाँ, क पना दुिनया पर राज करती ह।’
सट हलेना म नेपोिलयन क साथ यवहार क संबंध म अं ेज मंि य क िनदश को पूरी तरह उनक सुर ा क
ि कोण से तैयार िकया गया था। एक अं ेज अिधकारी को लगातार उनक टबल पर होना था। हालाँिक इस
आदेश को भाव म नह लाया गया था। एक अिधकारी को नेपोिलयन क हर बार बाहर जाने क समय उनक साथ
होना था। इस आदेश को कछ िनधा रत सीमा क अंदर समा कर िदया गया, य िक नेपोिलयन ने ऐसी शत पर
बाहर जाने से ही इनकार कर िदया था। लगभग हर िदन अपने साथ असहजता और िशकायत का नया कारण लेकर
आता था। नेपोिलयन क िखड़िकय क नीचे और दरवाज क बाहर संत रय को तैनात िकया गया था। वैसे यह
आदेश िन त प से दूसर क उ सुकता से होने वाली परशानी से उ ह बचाने क िलए िदया गया था।
ांसीिसय को ीप क िनवािसय से िकसी कार का वतं यवहार नह रखने िदया गया था; लेिकन यह
सावधानी स ा क सुर ा क िलए आव यक थी। लास कसेस िशकायत करते ह िक पासवड बराबर बदल िदए
जाते थे, तािक वे लगातार िकसी अ यािशत अपमान क आशंका और उलझन म रह। वे आगे कहते ह,
‘नेपोिलयन ने एडिमरल को एक िशकायत भेजी िजसका कोई समाधान नह िकया गया।’
इन िशकायत क बीच एडिमरल ने नेपोिलयन का प रचय कछ मिहला से कराना चाहा; लेिकन उ ह ने कभी
अपमान और कभी िश ाचार का यवहार वीकार न करते ए उससे इनकार कर िदया। हाँ, वे 53व रजीमट क
कनल क अनुरोध पर उसक एक अिधकारी से िमलने क िलए तैयार हो गए। उस अिधकारी क जाने क बाद
नेपोिलयन काफ देर तक बगीचे म टहलते रह। वे एक जगह एक फल को देखने क िलए ण भर क और अपने
साथी से पूछा िक या वह िलिल का फल ह। वह वाकई एक खूबसूरत फल था। उनक िदमाग म उस समय जो
िवचार था, वह प था। इसक बाद उ ह ने बताया िक वह िकतनी बार ज मी ए और कहा िक लोग अब तक
सोचते थे िक वे कभी उन दुघटना क िशकार नह ए, य िक उ ह ने उन दुघटना को यथासंभव गु रखा
था।
वह िदसंबर क अंत का समय था। एक िदन टहलने और क चड़ म लड़खड़ाने क बाद बोनापाट लौट तो उ ह ने
अं ेजी अखबार का एक पैकट पाया, िजसका ड माशल ने उनक िलए अनुवाद िकया। इसम वे देर तक य त
रह और उनम कािशत साम ी पर चचा करने म अपना िडनर भूल गए। िडनर क परोसे जाने क बाद लास कसेस
अनुवाद को जारी रखना चाहते थे, लेिकन नेपोिलयन ने उनक कमजोर ि का यान रखते ए उ ह परशान
करना उिचत नह समझा और कहा, ‘हम कल तक ती ा करनी चािहए’।
कछ िदन बाद एडिमरल य गत प से उनसे िमलने प चे और वह सा ा कार अ छा रहा। कछ उ साहपूण
चचा क बाद यह यव था क गई िक नेपोिलयन अब से ीप पर वतं तापूवक घूम सकगे और उनका अनुसरण
करने वाला अिधकारी एक दूरी बनाए रखेगा और आगंतुक को ल गवुड क िनरी क क प म एडिमरल क
वीकित से नह , ब क ड माशल क अनुमित से उनसे िमलाया जाएगा। हालाँिक इन रयायत को ज दी ही
वापस ले िलया गया।
30 िदसंबर को एक पोल िपय तकोव क , िजसे पीछ छोड़ िदया गया था, लेिकन िजसने अनुनय-िवनय से अं ेज
सरकार को मना िलया था, बोनापाट क साथ आ गया। नववष क िदन जब उनक छोटी सी पाट एक साथ क गई
तो नेपोिलयन ने उस मौक क भावना म बहते ए यह आ ह िकया िक वे साथ ही ना ता करगे और समय
िबताएँग।े वह हर िदन इस कार क कोई नई चीज लेकर आता था।
14 अ ैल, 1816 को नए गवनर सर हडसन लो सट हलेना प चे। इस घटना क बाद आरोप और यारोप क
एक अनवरत झड़ी लग गई, िजसम नेपोिलयन क जीवन क अंितम पाँच वष लगातार य त रह। इससे न कवल वे
और उनसे जुड़ लोग काफ परशान रह, ब क शायद इसक वजह से उनका जीवन ज दी समा हो गया।
इस तु छ लड़ाई क गित को िव तार से बताना दु ह होगा, लेिकन िजस िवषय से नेपोिलयन क जीवन का
इतना बड़ा िह सा जुड़ा ह, उसे छोड़ा नह जाना चािहए। ये िववरण उनक समिपत शंसक ला कसेस से िलये
जाएँग,े तािक ऐसी िकसी चीज से बचा जा सक जो नेपोिलयन क िखलाफ प पात जैसा लगे।
नए गवनर क पहली बार आने पर यानी 16 अ ैल को नेपोिलयन ने उनसे िमलने से इनकार कर िदया, य िक वे
वयं बीमार थे और गवनर ने मुलाकात क िलए पहले से नह पूछा था। दूसरी बार आने पर गवनर से मुलाकात
कराई गई और लगता ह िक नेपोिलयन ने पहली नजर म ही पूव ह बना िलया था, य िक उ ह ने अपने अनुचर क
आगे यह िट पणी क िक ‘गवनर भयंकर ह और उनका चेहरा ब त क प ह’। हालाँिक उ ह ने वीकार िकया िक
उ ह इतनी ज दबाजी म कछ िन कष नह िनकालना चािहए। गवनर ने िफर 30 अ ैल को नेपोिलयन से मुलाकात
क और यह सा ा कार ब त कलहपूण था।
नेपोिलयन ने अपने ित सहयोिगय क यवहार को लेकर गवनर क साथ तक-िवतक िकया। उ ह ने कहा िक
उ ह उनसे गलत यवहार करने का कोई अिधकार नह ह, जो उनक समक और कभी-कभी उनक वामी थे।
इसक बाद उ ह ने उस अपमान क बात क जो अं ेज ने उ ह सट हलेना भेजकर िकया था। वे उ ह ितल-ितल
करक मारना चाहते थे। उनका यवहार कलेि यंस भी बुरा था, िज ह ने मुराट को गोली मारी थी। उ ह ने आ मघात
क कायरता क बात क , सट हलेना क छोटी सीमा और भयावह जलवायु क िशकायत क और कहा िक उनका
जीवन एक बार म ले लेना दयालुता होगी।
सर एच. लो ने कहा िक हर संभव सुिवधा क साथ लकड़ी का एक घर उनक इ तेमाल क िलए इ लड से चल
पड़ा ह। नेपोिलयन ने त काल उससे इनकार कर िदया और कहा िक उ ह घर नह , ब क एक ज ाद और एक
ताबूत चािहए। वह घर एक मजाक था, मौत देना उन पर उपकार करना होगा। कछ िमनट बाद नेपोिलयन ने स
1814 क अिभयान क कछ रपोट उठाई, जो मेज पर पड़ी थ और सर एच. लो से पूछा िक या उ ह ने वह
िलखा ह। लास कसेस यह कहते ए िक गवनर ने हाँ म जवाब िदया, इस सा ा कार का अपना वणन समा कर
देते ह, लेिकन ओ’ िमयरा क अनुसार, नेपोिलयन ने कहा िक वह मूखता और झूठ से भरा पड़ा ह। गवनर
काफ सौ यता से जवाब देते ए न ता से पीछ हट गए। नेपोिलयन ने अपने ोधपूण लहजे म फटकारना जारी
रखा, अ यंत बुर लहजे म उनक साथ दु यवहार िकया और अपने नौकर को कॉफ का एक कप िखड़क से बाहर
फकने को कहा य िक वह गवनर क पास क एक मेज पर थोड़ी देर पड़ा था।
ल गवुड या ह स गेट आने वाले सभी य य से यह अपे ा क जाती थी िक वे ांसीिसय क साथ ई
बातचीत क बार म गवनर या सर थॉमस रीड को रपोट द। ल गवुड हाउस और मैदान पर ब त से अित र संतरी
तैनात कर िदए गए।
िकसी अ यंत नम और धुँध भर मौसम म नेपोिलयन कई िदन तक बाहर नह गए। लांटशन हाउस से एक क
बाद एक संदेशवाहक और प लगातार आते-जाते रह। गवनर नेपोिलयन से िमलने क िलए आतुर थे और प
प से अिव ास से भर ए थे, हालाँिक ल गवुड क िनवासी उनक आवाज क कारण उनक वा तिवक
उप थित क ित आ त थे। उ ह ने काउट बर ड क साथ इस बार म कछ बात क िक उनक एक अिधकारी
को ितिदन नेपोिलयन से िमलना चािहए। वे वयं भी अकसर ल गवुड जाते थे और आिखरकार कछ किठनाई क
बाद वे नेपोिलयन से उनक बेड चबर म मुलाकात तय करने म सफल हो पाए। यह मुलाकात लगभग पं ह िमनट
चली। कछ िदन पहले उ ह ने िम टर ओ’ िमयरा को बुलवाया था और बंदी से संबंिधत ब त से सवाल पूछ थे।
एक नई नाली बनाने क योजना बनाते ए कई बार घर क चार ओर तथा िखड़िकय क सामने च र लगाए थे,
जो उनक अनुसार मवेिशय क गुजरने से बचने क िलए खोदा जाना था।
5 मई क सुबह नेपोिलयन ने अपने सजन ओ’ िमयरा को बुलवाया। उ ह नेपोिलयन क बेड चबर म ले जाया
गया, िजसका वणन इस कार िकया गया था—‘वह लगभग चौदह गुना बारह फ ट का और दस या यारह फ ट
ऊचा कमरा था। दीवार पर भूरा नानक न लगा था िजन पर आम हर बॉडर बनाने वाले कागज से बॉडर और
िकनारा बना आ था और उन पर किटग नह थी। िबना िघरनी वाली दो छोटी िखड़िकयाँ िजनम से एक ऊपर
चढ़ी ई थी और दाँतेदार लकड़ी क एक टकड़ से बँधी ई थी, 53व रजीमट क िशिवर क ओर खुलती थी।
िखड़िकय क परदे सफद कपड़ क थे, एक छोटी सी अँगीठी और उससे िमलते-जुलते ेट और फायर आयरन थे,
लकड़ी का एक साधारण मटलपीस था, जो सफद रगा आ था, िजसक ऊपर उनक पु क एक छोटी सी
संगमरमर क अध ितमा थी। मटलपीस क ऊपर मा रया लुइसा का िच और युवा नेपोिलयन क चार या पाँच िच
टगे ए थे, िजनम से एक पर उनक माँ ारा कढ़ाई क गई थी। थोड़ी दािहनी ओर सा ा ी जोसिफन का िच
टगा था और बाई ओर पो सदम म नेपोिलयन ारा ा ड रक द ेट का अलाम चबर वॉच टगा था, जबिक
दािहनी ओर कॉ सुलर घड़ी थी िजस पर बी संकता र खुदा आ था और वह मा रया लुईसा क बाल क एक चेन
ारा नानक न लाइिनंग म ठक एक िपन से लटका आ था। दािहने कोने म हर िस क क परद क साथ छोटा
सादा लोह का िशिवर बेड टड था, िजस पर उसका वामी मरगो और ऑ टरिल ज क मैदान म लेटा था।
िखड़िकय क बीच म दराज वाला एक संदूक था और अगले अपाटमट क ओर खुलने वाले दरवाजे क बाई ओर
हरी प य वाला एक बुककस था। हर रग क चार-पाँच बत क आधार वाली करिसयाँ कमर म यहाँ-वहाँ रखी
ई थ । िपछले दरवाजे क आगे नानक न से ढका एक परदा था और उसक तथा अँगीठी क बीच सफद ल ग
ॉथ से ढका एक पुराने फशन का सोफा था िजस पर सफद मािनग गाउन, सफद ढीले ाउजस और टॉिकग
पहने नेपोिलयन टक लगाए ए थे। उनक िसर पर चारखाने वाला एक लाल माल था और उनक शट का कॉलर
टाई क िबना खुला आ था। वे उदास और परशान लग रह थे। उनक सामने कछ िकताब क साथ एक छोटी सी
गोल मेज थी। उसक नीचे कालीन पर उन िकताब का ढर िबखरा आ था, िज ह वे पढ़ चुक थे। सोफ क दूसरी
ओर अपने पु को अपनी गोद म िलए ए सा ा ी मा रया लुइसा का िच टगा आ था। अँगीठी क सामने अपने
हाथ को छाती क पास मोड़ ए और अपने एक हाथ म कछ कागज िलये लास कसेस खड़ थे।
कभी ांस क महा स ा रह नेपोिलयन क पुरानी शानो-शौकत म से बस बाएँ कोने म एक बि़ढया वाश
हड टड रह गया था, िजसम एक चाँदी का बेिसन और चाँदी का पानी का जग था। ‘इस अवसर पर ओ’ िमयरा
को बुलवाने का नेपोिलयन का उ े य उनसे यह पूछना था िक भिव य म उनक पार प रक यवहार म वे उसे
गवनर क जासूस क प म देख या उनक िचिक सक क प म?’ इस पर डॉ टर ने एक िनणायक और
संतोषजनक जवाब िदया। नेपोिलयन ने ओ’ िमयरा से कहा, ‘मेर बेडचबर म गवनर ने मेर साथ ई मुलाकात क
दौरान िजन चीज का ताव रखा, उनम एक शु आती ताव था आपको बाहर भेजना और यह िक म आपक
थान पर उनक अपने सजन को रख लू।ँ उ ह ने यह बात दोहराई और वे अपने उ े य को ा करने क िलए
इतने उ सुक थे िक मेर प इनकार क बावजूद बाहर जाते समय वे मुड़ और िफर से यह ताव रखा।’
11 मई को गवनर ने एक उ ोषणा जारी क िजसम ‘ ीप पर रहने वाले िकसी भी य को जनरल बोनापाट
या उनक अनुचर से प - यवहार करने से ितबंिधत िकया गया था। ऐसा करने पर उ ह त काल िगर तार करक
उपयु काररवाई क जाएगी।’ सर हडसन लो क तेज नजर से कछ भी नह बच पाया। नेपोिलयन ने कहा,
‘‘गवनर ने अभी-अभी बर ड को एक िनमं ण भेजा ह िक जनरल बोनापाट लेडी मोइरा से िमलने क िलए
लांटशन हाउस आएँ। मने बर ड को कहा िक उसका कोई उ र न द। यिद वे वाकई चाहते थे िक म उनसे िमलूँ
तो वे लांटशन हाउस को सीमा क भीतर रख सकते थे, लेिकन यह जानते ए िक ऐसा चाहने पर मुझे एक र क
क अधीन होकर जाना होगा, ऐसा िनमं ण भेजना मेरा अपमान करना था।’’
इसक तुरत बाद गठबंधन देश क घोषणा आई और संसद क अिधिनयम ारा एक यु बंदी और यूरोप क
शांित म बाधा प चाने वाले य क प म नेपोिलयन बोनापाट क नजरबंदी को उिचत ठहराया गया था। इस
िवधेयक क हाउस ऑफ लॉ स म पेश िकए जाने पर उसक िखलाफ िवरोध क दो आवाज उठ । ये थ लॉड
हॉलड और यूक ऑफ ससे स क । इन आिधका रक द तावेज म ांसीिसय का गु सा शांत करने या उनका
उ साह बढ़ाने का कोई यास नह िकया गया था। अपनी अधीनता क अित र नेपोिलयन को अपने समथक क
असहनीय हा य िवनोद से संतु होना पड़ता था। जैसा िक ऐसी प र थितय म लोग क साथ अकसर होता ह, वे
कभी-कभी आपस म असहमत होते थे और उनक िचड़िचड़ाहट और गु से का कछ िह सा अपने मुख पर
िनकलता था। वे ऐसी छोटी-छोटी घटना को िदल से लगा लेते थे। एक अवसर पर उ ह ने कड़वाहट से कहा,
‘‘म जानता िक मेरा पतन हो गया ह; लेिकन इसे तुम लोग क बीच महसूस करना पड़ता ह! म जानता िक
य अकसर नासमझ और आ ामकता क ओर झुका आ होता ह। इसिलए जब मुझे अपने आप पर संदेह
होता ह तो म पूछता , या यूले रये म मेर साथ ऐसा यवहार िकया जाता? यह मेरी परी ा ह।’’
नेपोिलयन क समथक और दूसर ने सर हडसन लो क च र को काला करने का भरसक य न िकया ह और
यह िदखाने क कोिशश क ह िक उनका एकमा उ े य नेपोिलयन को परशान करना और उनक जीवन को
दयनीय बनाना था। अब हालाँिक इस बात पर सवाल उठाए जा सकते ह िक सर हडसन लो स ा युत स ा क
िनगरानी करने क नाजुक प र थित म डाले जाने क िलए उपयु य थे या नह , लेिकन इसम कोई संदेह नह
ह िक उस अिधकारी क ीप पर प चने से ब त पहले झगड़ और िशकायत शु हो चुक थ और उन िशकायत
क कित यह बताती ह िक उन बंिदय को संतु करना ब त किठन था। यह कहा गया ह िक स ा वहाँ पर
ब त बीमार थे। उ ह िबना िकसी सेवक क ‘एक िपंजड़ म’ बंदी िकया गया था और उनक अनुचर को उनसे दूर
रखा गया था तथा उ ह यायाम से वंिचत कर िदया गया था। लास कसेस क जनल म कछ पृ आगे हम स ा
को अ छ वा य म पाते ह और जैसे ही यह घोषणा क गई िक ल गवुड उनक आगमन क िलए तैयार ह, इस
बात पर जोर िदया गया िक कारापाल उ ह उनक इ छा क िव जाने क िलए िववश करना चाहते थे। वे अपना
सव अिधकार दशाना चाहते थे, ल गवुड म पट क गंध ब त अि य थी आिद। नेपोिलयन वयं जाने क िलए
तैयार थे और तब तो ब त परशान हो गए, जब काउट बर ड और जनरल गौरगॉड ल गवुड से इस सूचना क साथ
आए िक वह थान अभी तक रहने यो य नह ह। उनक नाराजगी इस बात से बढ़ गई िक बर ड और गौरगॉड
ारा यह सूचना ा करने क कछ ही िमनट बाद काउट म थोलन इस सूचना क साथ आए िक ल गवुड म
सबकछ तैयार ह। उ ह शायद यह लगा िक उनक सहयोगी उनसे झूठ बोलकर उ ह वे चीज मानने क िलए े रत
कर रह थे, जो उनक अपनी सुिवधा क अनुसार था। हम यह भी देखना चािहए िक वह यव थत िवरोध जो सर
हडसन लो क िखलाफ इतने िव तार से चलाया गया, उसक शु आत एडिमरल कॉकबन क सामने ही हो चुक
थी। उनसे मुलाकात करने से इनकार कर िदया जाता था; उन पर सनक , घमंडी और गु ताख होने का आरोप
लगाया गया और वयं नेपोिलयन ने उसका नाम ‘शाक’ रखा था। उनक अपने शांत वभाव ने ही शायद अिधक
िहसक घटना को होने से रोका।
आिखरकार वह लकड़ी का घर आ गया और गवनर ने नेपोिलयन से इस बात पर परामश करने क िलए उनक
ती ा क िक उसे कसे और कहाँ थािपत िकया जाए। बगल क एक कमर म इस िववाद को सुनने वाले लास
कसेस कहते ह िक वह िववाद लंबा और शोरगुल से भरा था। वे नेपोिलयन क श द म इसका योरा देते ह और
हम उनक बयान क सर हडसन लो क वणन क साथ तुलना करने का लाभ िमलता ह, जो उ ह ने 17 मई, 1816
को ि िटश सरकार को स पा था। ये दोन िववरण ब त कम िभ ह। नेपोिलयन वीकार करते ह िक वे आपे से
बाहर थे िक उ ह ने उ भाव-भंिगमा क साथ गवनर का वागत िकया, उ ह गु से म देखा और घर क आने क
उनक सूचना का कोई उ र नह िदया। उ ह ने कहा िक उ ह कछ नह चािहए, न ही वे कछ हण करगे, य िक
उ ह लगता ह िक उ ह िवष या तलवार से मौत क घाट उतारा जाना ह। िवष देना किठन, होगा लेिकन उनक पास
तलवार से ऐसा करने का उपाय ह। उनक शरीर क पिव ता को भंग नह िकया जाना चािहए और सैिनक उनक
घर म न घुस और उनक शव को न र द। इसक बाद उ ह ने सर हडसन लो ारा उ ह अपने घर म लेडी लुडन से
िमलने का िनमं ण िदए जाने का उ ेख िकया ह और कहा िक ‘जनरल’ क संबोधन से उ ह अपनी टबल पर
आमंि त करने से अिधक प र कत रता क बात और नह हो सकती थी, तािक उ ह अपने अितिथय क िलए
उपहास या मनोरजन का िवषय बनाया जा सक। उ ह उनको ‘जनरल’ बोनापाट बुलाने का या अिधकार था? उ ह
सर हडसन लो या दुिनया म और िकसी क भी ारा उनक पद से वंिचत नही िकया जा सकता ह। यिद लेडी
लुडन उनक सीमा क भीतर होत तो वे िन त प से उनसे िमलने क कपा करते, य िक वे िकसी मिहला
क साथ कठोर िश ाचार क िलए आ ह नह करते, लेिकन उ ह यह समझना चािहए था िक वे उस मिहला को
स मान दे रह ह। वे खुद को एक यु बंदी नह मानते, ब क वे अ यंत घृिणत िव ासघात ारा अपनी वतमान
थित म प चे ह। कछ और कहने क बाद उ ह ने उस घर, जहाँ उ ह जाना था, का एक बार और िज िकए
िबना गवनर को चलता कर िदया। इस बदिक मत घर क दुभा य का यहाँ उ ेख िकया जा सकता ह। उसे ब त
िववाद क बाद खड़ा िकया गया था, लेिकन यह दुभा यवश एक चारदीवारी और सजावटी रिलंग से िघरा आ था।
नेपोिलयन क िदमाग म त काल यह बात आई िक यह िकलेबंदी ह; उ ह यह समझाना किठन था िक नाली और
कटहरा उनक सुर ा क िलए ह। जैसे ही इस आपि क बार म पता चला, सर हडसन लो ने आदेश िदया िक
जमीन को समतल िकया जाए और रिलंग हटा ली जाए, लेिकन इस काम क पूरा होने से पहले ही नेपोिलयन का
वा य इतना खराब हो गया िक उ ह वहाँ से हटाने क अनुमित नह दी जा सकती थी और वे उस घर म कभी
नह जा पाए।
ऐसा लगता ह िक नेपोिलयन को यह महसूस हो गया था िक उनका यवहार काफ आ ामक था। उ ह ने कछ
िदन बाद अपने अनुचर क साथ मेज पर बैठ ए यह वीकार िकया िक उ ह ने ब त बुरा यवहार िकया था और
िकसी भी दूसरी थित म वे अपने यवहार क िलए शिमदा हो जाते। उ ह ने कहा, ‘‘हो सकता ह मुझे उ ह थोड़ा
ोध दिशत करते या जाते समय अपने पीछ दरवाजे को भड़ाक से बंद करते देखने क चाह रही हो।’’ ये कछ
श द हम नेपोिलयन क वभाव का अ छा प रचय देते ह। वे भु व िदखाना पसंद करते थे, लेिकन उनक
आ ामक भाषा का जवाब शांित और अ यंत धैय से िदया गया िजसक उ ह आदत नह थी और अपने गु से का
कोई असर न होने पर वे बाद म और ोिधत हो गए।
सर हडसन लो क साथ उनक िववाद क बार म यहाँ िदए गए उदाहरण शायद पया ह गेः लास कसेस, ओ
‘िमयरा और नेपोिलयन क अ य सहयोिगय ारा और भी बात बताई गई ह और उ ह ने भी हमेशा उ ह आ ामक
बताया ह। नेपोिलयन ने वयं शांित क समय इस बात को वीकार िकया ह। 18 अग त, 1816 को गवनर क साथ
सबसे िहसक िववाद क बाद िजसने अंततः दोन प क बीच िकसी भी िश ाचार क गुंजाइश को पूरी तरह ख म
कर िदया; उ ह ने माना िक उ ह ने गवनर क साथ ब त बुरा यवहार िकया, य िक उ ह ने बार-बार और जान-
बूझकर उ ह गु सा िदलाया और कहा िक सर हडसन लो ने कभी भी अस मान दिशत नह िकया। उ ह ने शायद
िसफ यह िकया िक वे अचानक वहाँ से चले जाते थे।
िनवािसत को अपया भोजन क आपूित क ब त िशकायत क गई और उनक ारा बार-बार यह आरोप
लगाया गया िक उनक पास खाने क िलए कछ भी नह ह। कहा गया िक वाइन भी ब त घिटया थी। इतनी खराब
िक उसे पीना असंभव था और हर य को एक िदन म एक बोतल िमलती थी, िजसे लास कसेस हा या पद
प से कम बताते ह। नेपोिलयन ने मािसक अनुपात म अपनी लेट को न करने का संक प िलया और चूँिक वे
जानते थे िक ई ट इिडया क कछ क टन ने उस एक लेट क िलए एक सौ अशफ देने का ताव िकया ह,
तािक उनक मृित सँजोई जा सक तो उ ह ने िन य िकया िक िजसे बेचा जा रहा ह, उसे तोड़ िदया जाना चािहए।
हिथयार को न कर िदया गया और ऐसा कोई िनशान नह छोड़ा गया, जो यह दशा सकते ह िक वे कभी उनक
रह थे। कवल उन छोट ग ड़ को छोड़ िदया गया था, जो कछ िडश कवर पर कढ़ ए थे। ये अंितम िच
नेपोिलयन क सहयोिगय क िलए स मान का िवषय थे। उ ह उदासी और धािमकता क भावना से मृित िच
क प म देखा जाता था। जब लेट को तोड़ने का ण आया तो लास कसेस नौकर क पीड़ा और दुःख क
भावना क गवाह थे। वे िजन व तु को बड़ी चाहत क साथ लेकर आए थे, उन पर अपने स मान का हथौड़ा
नह चला सकते थे।
वापसी या ा पर जा रह ई ट इिडया क जहाज िनयिमत प से सट हलेना ीप पर आते थे, जो वहाँ पानी लेने
और र क सेना क इ तेमाल क िलए गनपाउडर रखने क िलए कते थे। ऐसे अवसर पर लोग अकसर उस
िस बंदी को देखने क िलए उ सुक होते थे। ऐसी मुलाकात का यान रखा जाता था, तािक नेपोिलयन को
अजनिबय क बेवकफाना उ सुकता से परशानी न हो, िजसक ित उनक ब त अ िच थी। जो लोग उनसे िमलना
चाहते थे, उ ह सबसे पहले गवनर को आवेदन देना पड़ता था, जो उनक नाम काउट बर ड को भेजते थे। घर क
ड माशल क प म काउट उन लोग क ाथना को नेपोिलयन तक प चाते थे और अनुकल जवाब िमलने क
थित म मुलाकात का समय िनधा रत करते थे।
िजन लोग से िमलने क िलए नेपोिलयन तैयार होते थे, वे मु य प से उ पद थ और िविश लोग, दूर थ
देश क या ी या िव ान क दुिनया म अपने आपको थािपत करने वाले य होते थे, जो स ा क अनु ह क
बदले उ ह िदलच प जानका रयाँ दे सकते थे। उनसे िमलनेवाले उनम से कछ लोग ने अपनी बातचीत का वणन
कािशत िकया ह और सबने इन मुलाकात म नेपोिलयन ारा अ यंत शालीनता, िश ता और स ावना क
दशन क बात कही ह। उनक सवाल हमेशा अ यंत कौशलपूण और िकसी ऐसे िवषय पर होते थे िजनसे सामने
वाला य सुप रिचत होता था, तािक उसे कोई ऐसी नई और अनोखी जानकारी देने क िलए े रत िकया जा
सक, जो उसक पास हो।
अग त, 1817 म लाइरा का मुख रहते ए क टन बेिसल हॉल ने स ा क साथ मुलाकात क िजनक बार म
वे कहते ह, ‘‘बोनापाट मुझे उन तसवीर और अध ितमाओ से काफ िभ लगे, जो मने देखी थ । उनका चेहरा
और शरीर काफ चौड़ा और चौकोर लग रह थे—वा तव म मेर सामने जो भी वणन आया था, उससे अिधक बड़
थे उनका मोटापा, जो इस समय तक अ यिधक माना जा रहा था, िकसी भी तरह से अिधक नह था। इसक िवपरीत
उनक चमड़ी कसी ई और मजबूत लग रही थी। उनक गाल म रग का नामोिनशान नह था। वा तव म उनक
वचा आम चमड़ी क बजाय संगमरमर जैसी अिधक लग रही थी। उनक माथे पर झु रयाँ नह थ और न ही उनक
चेहर क िकसी भी िह से पर कोई िशकन थी। उनक वा य और फित म कोई कमी नह िदख रही थी। हालाँिक
इस समय तक इ लड म आम तौर पर यह माना जाने लगा था िक वह ब त से रोग से त होकर तेजी से
अ व थ हो रह ह और उनक ऊजा पूरी तरह ख म हो चुक ह। उनका बोलने का लहजा कछ धीमा, लेिकन पूरी
तरह िविश था। वे अपने सवाल का जवाब सुनने म काफ धैय और सौ यता िदखाते थे और पूरी बातचीत क
दौरान काउट बर ड का िज िसफ एक बार आ। उनक आँख क चमक और कभी-कभार चकाच ध कर देने
वाली अिभ य को अनदेखा नह िकया जा सकता था। हालाँिक वह कोई थायी चमक नह थी, य िक वह तभी
उ ेखनीय होती थी, जब वे खास िदलच पी वाली िकसी बात से उ ेिजत होते थे। इससे अिधक सौ यता दिशत
करने क क पना नह क जा सकती। म उसे लगभग स दयता और दयालुता का दशन कह सकता , जो पूरी
बातचीत क दौरान उनक िवशेषता पर हावी रहा। इसिलए यिद वे इस समय खराब वा य और आ मिव ास
क कमी से जूझ रह थे तो अपने पर िनयं ण करने क उनक श आम धारणा से कह अिधक असाधारण थी,
य िक उनका पूरा बताव, उनक बात करने का ढग और उनक चेहर क अिभ य िबलकल सही वा य और
सहज मानिसक अव था का संकत देती थी।’’
ऐसे आगंतुक क साथ यदा-कदा होने वाली मुलाकात म नेपोिलयन का यवहार उससे इतना अलग होता था,
जो वे उन अिधका रय क ित लगातार बरकरार रखते थे िजनक क टडी म उ ह रखा गया था। हम मु कल से
यह संदेह कर पाते ह िक वे इनम से एक प र थित म अिभनय कर रह थे। िम टर इलीस ने अनुमान लगाया िक या
तो वे अपनी अनवरत िशकायत क ारा इ लड म अपनी िदलच पी बनाए रखना चाहते थे, जहाँ उनक
खुशफहमी थी िक एक पाट उनक अनुकल ह या उनक परशान िदमाग को गवनर को िचढ़ाने म एक य तता
िमलती थी। सर हडसन लो क ओर से सुलह करने का हर यास परशानी क नई वजह उ प करता था। वे
फाउिलंग पीस ल गवुड भेजते थे और उ ह इसक बदले नेपोिलयन का यह जवाब िमला िक जहाँ कोई खेल न हो,
वहाँ फाउिलंग पीस भेजना उनका अपमान ह। एक बॉल म आमंि त िकए जाने पर ांसीसी दल ने जोरदार
नाराजगी जताई और आलोचना क । एक बार सर हडसन लो ने इ लड से आए ढर सार कपड़ और अ य व तुएँ
िभजवाई, जो उनक िवचार से ल गवुड म काम आ सकते थे। इस पर काफ नाराजगी जताई गई। उ ह ने कहा िक
उनसे कगाल क तरह यवहार िकया जा रहा ह। उन व तु को गवनर क घर म ही रखा जाना था और
स मानपूवक उस घर म एक सूची भेजी जानी थी, िजसम यह कहा जाता िक यिद वे चाह तो ये चीज उनक
इ तेमाल क िलए भेजी जा सकती ह।
ऐसा अनुमान पहले ही य िकया जा चुका ह िक यह िचढ़ काफ हद तक नेपोिलयन क सहयोिगय क आहत
गव क वजह से थी, जो िन त प से उनसे अिधक दोषदश थे। उ ह ने एक अवसर पर ओ’ िमयरा क साथ
बातचीत म वयं इसे वीकार िकया। उ ह ने कहा, ‘‘िन त प से लास कसेस सर हडसन से ब त िचढ़ ए थे
और मेर िदमाग म मौजूद छिव बनाने म उ ह ने मह वपूण योगदान

सट हलेना क गवनर सर हडसन लो


िदया।’’ उ ह ने लास कसेस क संवेदनशील मन को इसका िज मेदार ठहराया, जो उनक अनुसार नेपोिलयन और
अपने िखलाफ सभी बुर यवहार क ित िविच प से जाग क था। सर हडसन लो ने भी यह बात महसूस क
और एक से अिधक अवसर पर यह िट पणी क िक उ ह ने नेपोिलयन क सहयोिगय क मुकाबले नेपोिलयन को
अिधक समझदार पाया।
परशानी का एक अनवरत ोत वह संक प था, इसक जो नेपोिलयन ने िकसी भी शत पर खुद को एक बंदी न
मानने का िलया था। इसक साथ ही उ ह ने ऐसे िनयम को मानने से मना कर िदया था, जो उनक दासता को कम
क दायक बना देते। िकसी अिधकारी क उप थित का िनयम समा करने का एक से अिधक बार ताव िदया
गया था, यिद वे ितिदन एक बार मुलाकात करने को तैयार होते और बचने का कोई उपाय न करने का वादा
करते। नेपोिलयन ने कहा, ‘‘यिद वे मुझे इस शत पर पूरा ीप भी स प देते िक म बचने का यास न करने का
वादा क तो म उसे वीकार नह करता, य िक वह अपने आपको बंदी मानने क बराबर होता। हालाँिक साथ ही
म उस कार का यास नह करता। म यहाँ बलपूवक लाया गया , अिधकार से नह । यिद मुझे वाटरलू ले जाया
जाता तो शायद मुझे कोई आपि नह होती। हालाँिक उस थित म भी वह देश क कानून क िखलाफ होता,
य िक वहाँ अब कोई यु नह चल रहा। यिद वे मुझे ऐसी ही शत पर इ लड म रहने क अनुमित द तो म उसे
अ वीकार कर दूँगा।’’
चाह एक पल क िलए, ितिदन िकसी अिधकारी क सामने खुद को दिशत करने का िवचार नाराजगी क साथ
अ वीकार कर िदया गया था। वे अपने साथ एक भरी ई िप तौल भी रखते थे, तािक अपने एकांत म दखल देने
वाले िकसी भी य को गोली मार सक। ओ’ िमयरा क जनल म एक िट पणी म कहा गया ह िक ‘स ा इस
िवचार से इतना भािवत ए थे िक उनक एकांत म बलपूवक दखल देने क कोिशश क जाएगी िक सर जॉज
कॉकबन क जाने क कछ ही िदन बाद से वे अपने अपाटमट म चार-पाँच जोड़ी भरी ई िप तौल और कछ तलवार
रखने लगे थे िजससे वे अपनी इ छा क िवपरीत वेश करने वाले को समा करने क िलए ितब थे।’ ऐसा
लगता ह िक यह द तूर उनक मृ यु तक जारी था।
नेपोिलयन ने सुबह को अपने सं मरण िलखवाना जारी रखा और शाम को वे पढ़ते ए या बातचीत करते ए
िबताते थे। वे रसीन क शंसक हो गए, लेिकन उनक पसंदीदा कॉन ल थे। उ ह ने दोहराया िक यिद वे उनक समय
म रह होते तो उ ह राजकमार बना िदया होता। उ ह वॉ टयर म कोई िच नह थी और उ ह ने पाया िक वे अपने
नाटक म भावना क बजाय अपने िवचार दिशत करते थे जो शायद सही था। उ ह ने उनक ‘महोमत’ क
आलोचना क और कहा िक उ ह ने उसे िसफ एक धोखेबाज और तानाशाह बना िदया ह और उसे एक महा
य क प म नह िदखाया। यह वॉ टयर क धािमक और राजनीितक िव ेष क कारण था; य िक जो लोग
सामा य पूव ह से मु होते ह, वे उनक थान पर अपने अ य पूव ह को अपना लेते ह, िजनक ित वे उतने ही
क र होते ह और िजसे वे सभी अवसर पर सामने ले आते ह। जब पु तक का सहारा िलए िबना शाम बातचीत म
गुजर जाती थी तो वे उसे एक उपल ध मानते थे।
िकसी ने जब स ा से पूछा िक उ ह ने जो लड़ाइयाँ लड़ , उनम सबसे महान कौन सी थी तो उ ह ने जवाब
िदया िक यह पूछ िबना इस सवाल का जवाब देना मु कल ह िक महा लड़ाई से या ता पय ह। उ ह ने आगे
कहा, ‘‘मेरी लड़ाइय को अलग से नह आँका जा सकता ह। वे िव तृत योजना का एक िह सा थ , इसिलए
उ ह उनक प रणाम से आँका जाना चािहए। मरगो क लड़ाई जो इतने लंबे समय तक अिनणायक रही थी, ने हम
पूरी इटली पर क जा िदलाया। उ म ने एक पूरी सेना का अ त व समा कर िदया; जेना ने पूरी पिसयन राजशाही
को हमार कदम म ला िदया। डलड ने सी सा ा य का रा ता हमार िलए खोल िदया और एकमुल ने एक
लड़ाई क िनयित िनधा रत क । मो ा क लड़ाई म महानतम ितभा का दशन आ और िजसक ारा हम
ब त कम लाभ िमले। वाटरलू, जहाँ सबकछ समा हो गया, म यिद हमार यास को सफलता िमलती तो ांस
बच जाता और यूरोप म शांित थािपत हो जाती।’’
वाटरलू क लड़ाई
मदाम म थोलन ने यह पूछा िक वे िकस कार क सैिनक को बेहतरीन मानते थे तो स ा ने जवाब िदया, ‘‘जो
िवजयी होते ह, मदाम!’’ उ ह ने आगे जोड़ा, ‘‘लेिकन सैिनक आप मिहला क तरह मनमौजी और चंचल होते
ह। बेहतरीन सैिनक हिनबाल क नेतृ व म कारथािगिनयन, साइिपयोस क नेतृ व म रोमन, एले जडर क नेतृ व म
मैकडोिनयन और ड रक क नेतृ व म पिसयन थे।’’ हालाँिक उ ह ने सोचा, ांसीसी सैिनक उन अ य लोग म
थे, जो सबसे आसानी से अपना बेहतरीन दशन कर सकते थे। ‘40,000 या 50,000 क अपनी पूरी र क सेना
क साथ म यूरोप म िवजय अिभयान शु कर सकता था। शायद मेरी इटली और ऑ टरिल ज क सेना जैसे बेहतर
सैिनक उ प करना संभव ह, लेिकन िन त प से उनसे उ क कोई नह हो सकता।’’
वाटरलू क लड़ाई क वषगाँठ ने स ा क ऊपर एक प भाव डाला। ‘‘वह िदन समझ से बाहर था!’’
उ ह ने उदास होते ए कहा; ‘‘जैसी िनयित क बार म सुना नह था! ाउची, ने, द’ एलन... या इसम कोई
िव ासघाती था या यह बस एक दुभा य था? आह, बेचारा ांस!’’ यहाँ पर उ ह ने अपनी हथेिलय से अपनी
आँख ढक ल । उ ह ने कहा, ‘‘और िफर भी मनु य िजतना कछ कर सकता ह, वह िकया गया था! सबक सफल
होने तक सबकछ ख म नह आ था।’’ कछ समय बाद, िफर से इस िवषय को उठाते ए उ ह ने कहा, ‘‘उस
असाधारण अिभयान म एक स ाह से भी कम समय म मने तीन बार ांस क िन त जीत को अपने हाथ से
िफसलते देखा। यिद एक िव ासघाती न होता तो म अिभयान क शु आत म ही श ु को समा कर देता। म
िल नी म ही उसे न कर देता, यिद मेरी बाई सेना ने िसफ अपना काम िकया होता। म िफर उसे वाटरलू म हरा
देता, यिद मेरी दािहनी सेना ने मेरी मदद क होती। सबसे बुर प रणाम क बावजूद यह एक ऐसी हार थी, िजससे
परािजत प का गौरव कम नह आ ह।’’
हम यहाँ वाटरलू क लड़ाई क बार म नेपोिलयन का अपना मत दे रह ह। उ ह ने कहा, ‘‘एक इितहासकार क
नजर म एक जनरल क प म लॉड वेिलंगटन को यु नीित का कोई ेय नह िमलेगा। सबसे पहले तो उ ह
िवभािजत सेना क साथ लड़ाई म नह उतरना चािहए था। उ ह एकजुट होना चािहए था और 15 से पहले डरा
डाल देना चािहए था। इसक बाद मैदान का चयन गलत था, य िक यिद वे हार गए होते तो वे पीछ नह जा सकते
थे, य िक उनक पीछ जंगल से कवल एक रा ता जाता था। उ ह ने एक ऐसी गलती भी क , जो अिभयान क शु
होने से पहले या लड़ाई म उतरने से पहले ही उनक सारी सेना क िवनाश का कारण बन सकती थी। उ ह ने खुद
को हरानी म डाला। 15 को म शालरॉय म था और पिसया को हरा चुका था, जबिक उ ह इस बार म कोई
जानकारी नह थी। म उनक मुकाबले अड़तालीस घंट का रणनीितक लाभ ा कर चुका था और यिद मेर कछ
जनरल ने वह जोश और मता िदखाई होती, जो उ ह ने अ य अवसर पर िदखाई थी तो म कोई यु लड़ िबना
उनक सेना को छाविनय म ले जाता, लेिकन वे हतो सािहत थे और उ ह ने मान िलया था िक उनक िखलाफ हर
कह 1,00,000 लोग क सेना ह। मेर पास सेना क छोट-मोट योर को खुद देखने का समय नह था। मने
वेिलंगटन को चिकत करने और कमजोर करने पर िव तार से यान िदया था। मुझे यारह बजे बुलो क आगमन क
बार म जानकारी थी, लेिकन मने उसे मह व नह िदया। मेर प म तब भी सौ म से अ सी मौक थे।
‘‘अपने िखलाफ जोरदार सेना क होने क बावजूद मुझे िव ास था िक म जीत हािसल कर लूँगा मेर पास
लगभग 70,000 सैिनक थे, िजनम से 15,000 घुड़सवार सैिनक थे। मेर पास 260 तोप भी थ , लेिकन मेर सैिनक
इतने बेहतर थे िक म उ ह 1,20,000 सैिनक को हराने क कािबल समझता था। वैसे उन सभी सेना म से म
कवल अं ेजी सेना को ही अपनी सेना क बराबरी करने म समथ मानता था। दूसर को म ब त कम मह व देता
था। म मानता िक अं ेजी सेना म 35,000 से 40,000 सैिनक थे। उ ह म अपने सैिनक जैसा बहादुर और बेहतर
समझता था। उस समय अं ेजी सेना महा ीप म िस थी और इसक अलावा आपक देश म साहस और ऊजा
ह। जहाँ तक पिसयन, बे जयन और दूसर का न ह, मेर आधे सैिनक उ ह हराने क िलए काफ थे। मने
पिसयन से िनबटने क िलए कवल 34,000 सैिनक छोड़। उस लड़ाई म हार क मु य कारण थे, सबसे पहले अपने
आदेश को लागू करवाने म ाउची क अ यंत सु ती और लापरवाही; इसक बाद ेनेिडयस ए शेवाल और जनरल
गुयो क नेतृ व वाली घुड़सवार सेना जो मने रजव म रखी थी और िज ह कभी भी मुझे नह छोड़ना था, को आदेश
या मेरी जानकारी क िबना यु म लगा िदया गया; इसिलए आिखरी हमले क बाद जब सैिनक हार गए और
अं ेजी घुड़सवार सेना आगे बढ़ी तो मेर पास उनका मुकाबला करने क िलए वह घुड़सवार सेना, िजसे म उनक
सं या क दुगने क बराबर समझता था, क थान पर घुड़सवार सेना का एक भी कोर नह था।
‘‘इसक प रणाम व प अं ेज ने हमला िकया, वे सफल ए और सबकछ समा हो गया। एकजुट होने का कोई
उपाय नह था। सबसे युवा जनरल ने सेना को पूरी तरह िबना िकसी रजव क छोड़ देने क गलती नह क होती,
जो यहाँ िव ासघात क प म क गई या नह , म कह नह सकता। वाटरलू क लड़ाई म हारने क दो मु य वजह
यही थ ।’’
नेपोिलयन ने आगे कहा, ‘‘यिद लॉड वेिलंगटन ने अपनी मोचाबंदी क होती तो म उन पर हमला नह करता।
एक जनरल क प म उनक योजना म कोई कौशल नह था। िन त प से उ ह ने बड़ा साहस और हठ
िदखाया, लेिकन उसम से भी थोड़ा ेय वापस िलया जा सकता ह, जब आप इस पर िवचार करते ह िक उनक
पास वापस जाने का कोई उपाय नह था और यिद वे ऐसा यास करते तो उनक सेना का एक भी आदमी नह
बच पाता। पहली बात, वे मु य प से इस िवजय क िलए अपने सैिनक क ढ़ता और साहस क ऋणी ह,
य िक अं ेज ब त बहादुरी और ढ़ता क साथ लड़। जीत का कोई ेय जनरल क प म उनक अपने यवहार
को नह जाता ह। इसक बाद जीत का ेय वेिलंगटन क मुकाबले लूशर को अिधक िदया जाना चािहए और
जनरल क प म उ ह अिधक मह व िमलना चािहए, य िक िपछले िदन हार जाने क बावजूद उ ह ने अपने
सैिनक को इक ा िकया और शाम म उ ह मैदान म उतार िदया। हालाँिक म मानता िक वेिलंगटन अ यंत
ढ़िन यी य ह। ऐसी जीत का गौरव एक बड़ी बात ह, लेिकन इितहासकार क नजर म उनक सै य ित ा
को इससे कोई लाभ नह प चेगा।’’
एक िदन अ जीयस क अिभयान से उठी एक बातचीत म नेपोिलयन ने ओ’ िमयरा से कहा, ‘‘आपक नािवक
क बार म मेरी राय हमेशा अ छी रही थी। जब म सा ा ी मा रया लुईसा क साथ हॉलड से लौट रहा था तो हम
िजवेट म सु ताने क िलए क। रात म हवा और बा रश क साथ एक जोरदार तूफान आया, िजसने यूज को इतना
लबालब भर िदया िक उसक ऊपर नाव का पुल बह गया। म वहाँ से िनकलने क िलए िचंितत था और मने वहाँ
मौजूद सभी नािवक को एकि त होने का आदेश िदया, तािक म नदी क पार जा सक। उ ह ने कहा िक पानी इतना
अिधक ह िक दो या तीन िदन से पहले िनकलना असंभव होगा। मने उनम से कछ से पूछताछ क और ज दी ही
मुझे पता चल गया िक वे असमु ी नािवक थे, िफर मने याद िकया िक बैरक म अं ेज बंदी थे और आदेश िदया
िक उनम से सबसे पुराने और बेहतरीन नािवक को नदी क तट पर मेर सामने लाया जाए। पानी ब त अिधक था
और लहर तेज तथा खतरनाक थ । मने उनसे पूछा िक या वे कई नाव को साथ जोड़ सकते ह, तािक म पार हो
सक। उ ह ने जवाब िदया िक वह संभव था, लेिकन जोिखम भरा था। मने इ छा कट क िक वे त काल ऐसा
कर। कछ ही घंट म वे ऐसा करने म सफल हो गए, िजसे दूसर ने असंभव बता िदया था और म शाम ख म होने
से पहले ही पार हो गया। मने इस यास म हाथ बँटाने वाले सभी लोग को पैस,े कपड़ और उनक आजादी दे दी।
उस समय मचड मेर साथ थे।’’
िदसंबर, 1816 म लास कसेस को सट हलेना छोड़ने क िलए िववश कर िदया गया। उ ह ने लुिसयन बोनापाट
को एक प िलखा था और उ ह यूरोप भेजने क िलए एक नी ो नौकर को स पा था। उ ह पकड़ िलया गया। चूँिक
वे इस कार यूरोप क साथ गु प यवहार करने का यास कर रह थे ( ीप क िनयम क िखलाफ)। लास
कसेस और उनक पु को वहाँ से पहले कप और िफर इ लड भेज िदया गया, जहाँ उ ह भूिम पर िसफ डोवर और
जहाज से ओ टड भेजने क अनुमित दी गई।
सट हलेना आने क कछ ही समय बाद मदाम बर ड ने एक पु को ज म िदया और जब नेपोिलयन उनसे
िमलने गए तो उ ह ने कहा, ‘‘मुझे आपक स मान म पहला ांसीसी अधीन पेश करने का गौरव ा हो रहा ह,
िजसने लॉड बैथ ट क अनुमित क िबना ल गवुड म वेश िकया ह।’’ आम तौर पर यह माना जाता ह िक
नेपोिलयन ार ध म िव ास करते थे। लास कसेस क साथ िन निलिखत बातचीत प प से इस िबंदु को
िस करती ह।
उ ह ने कहा, ‘‘ या मुझे िनयित म िव ास करने वाला माना जाता ह?’’
‘‘जी, हाँ, महामिहम! कम-से-कम कछ लोग तो ऐसा मानते ह।’’
‘‘चलो ठीक ह! उ ह जो अ छा लगे, वह कहने दो, लेिकन लोग या ह? तािकक िवचार क बजाय बेवकफाना
बात से उनका यान आक करना और उनक क पना को जगाना िकतना आसान ह, मगर या एक
बु मान य एक पल क िलए भी ऐसे िस ांत को मान सकता ह? िनयित या तो वे छा क अ त व को
वीकार करती ह या उसे खा रज करती ह। यिद वह उसे वीकार करती ह तो वह कसे एक पूविन त प रणाम हो
सकता ह िजसे एक साधारण संक प, एक कदम, एक श द बदल सकता ह या संशोिधत कर सकता ह? इसक
िवपरीत अगर िनयित वे छा का अ त व नह मानती तो यह एक और न ह। उस थित म एक ब े को ज म
होते ही उसक पालने म फक देना चािहए। उसक जरा भी देखभाल करने क ज रत नह ह, य िक यिद यह
भा य म िलखा आ ह िक उसे जीिवत रहना ह तो वह िबना भोजन क ही खुद बड़ा हो जाएगा। ऐसा िस ांत
लगातार नह माना जा सकता ह; िनयित एक िनरथक श द ह।
‘‘िनयित का समथन करने वाले तुक को भी इस िस ांत पर भरोसा नह था, य िक यिद ऐसा होता तो तुक म
दवा का अ त व नह होता और तीसर तल पर रहने वाला कोई य सीि़ढयाँ उतरने क जहमत नह उठाता,
ब क तुरत िखड़क से बाहर कद जाता। देिखए िक इससे या- या बेवकिफयाँ हो सकती ह।’’
ये नेपोिलयन क य व क िवशेषताएँ थ । अपने सामा य जीवन म और आम बातचीत म नेपोिलयन भली-
भाँित जानने वाले नाम को, यहाँ तक िक ांसीसी नाम को भी बदल देते थे। हालाँिक िकसी सावजिनक अवसर
पर ऐसा कभी नह आ। टहलने क दौरान उ ह कई बार कॉन ल क जडी म ऑग टस क िस भाषण को
दोहराते सुना गया और उ ह ने हमेशा यह कहा, ‘बैठो साइला’ जबिक वह िसन ा ह। वे अपनी क पना क अनुसार
अकसर नाम को बदल देते थे और एक बार वह नाम अपना लेने पर उनक िदमाग म बैठ जाता था, जबिक वे िदन
म सैकड़ बार उसका सही उ ारण सुनते थे, लेिकन यिद दूसर लोग उस नाम को उनक ारा बदले ए प म
इ तेमाल करते तो वे िठठक जाते। यही चीज वतनी क संबंध म भी थी। आमतौर पर वे उस पर यान नह देते थे,
लेिकन यिद उसक ितय म वतनी संबंधी कोई ुिट होती थी तो वे उसक िशकायत करते थे।
एक िदन नेपोिलयन ने लास कसेस से कहा, ‘‘आपक वतनी शु नह ह, ह न?’’ इस सवाल से नजदीक खड़
एक य क चेहर पर यं यपूण मुसकराहट आ गई, िजसे लगा िक यह बात िझड़क देने क िलए कही गई ह।
यह देखकर स ा ने आगे कहा, ‘कम-से-कम मुझे लगता ह िक ऐसा नह ह य िक मह वपूण सावजिनक
काय म य त य , जैसे िक कोई मं ी वतनी पर यान नह दे सकता और इसक आव यकता भी नह ह।
उनक िवचार इतने तेज होने चािहए िक हाथ उ ह य न कर सक। उसक पास कवल ज री चीज पर यान देने
का समय होता ह; उसे वण से श द और श द से वा य बना देना चािहए और बाक चीज लेखक क िलए छोड़
देनी चािहए।’ नेपोिलयन वा तव म ितिलिपक क िलए काफ काम छोड़ते थे। वे उनक िलए क दायक थे।
उनक ह तिलिप वा तव म ब त गूढ़ थी। अकसर वे खुद ही उ ह नह समझ पाते थे। एक िदन लास कसेस का
पु ‘इटली का अिभयान’ से एक अ याय पढ़कर उ ह सुना रहा था। अचानक वह िलखावट न पढ़ पाने क वजह
से क गया। नेपोिलयन ने कहा, ‘‘यह न हा मूख अपनी ही िलखावट नह पढ़ पा रहा ह।’’
‘‘यह मेरी नह ह, महामिहम!’’
‘‘िफर िकसक ह?’’
‘‘महामिहम क ।’’
‘‘तुम ऐसा कसे कह सकते हो, न ह बदमाश! या तुम मेरा अपमान करना चाहते हो?’’ स ा ने पांडिलिप अपने
हाथ म ली, लंबे समय तक उसे पढ़ने क कोिशश क और अंत म यह कहते ए उसे नीचे फक िदया िक ‘‘वह
ठीक कहता ह; म खुद नह बता सकता िक या िलखा आ ह।’’ वे अकसर ितिलिपक को लास कसेस क पास
वह समझने क िलए भेज देते थे, िजसे वे खुद समझने म असमथ होते थे।
अब हम नेपोिलयन क जीवन क उस अंितम दुखद काल पर प च रह ह, जब उ ह ने पहली बार उस रोग क
पीड़ा को महसूस िकया िजसने आिखरकार उनक जान ले ली। कछ वष से उनका रोग कभी-कभार अपनी
मौजूदगी कट करता रहा था, लेिकन हर अटक क बाद उनका सामा य वा य िफर लौट आता था और उसक
घातक होने का संदेह िकसी को नह था। हालाँिक वयं नेपोिलयन ने कई बार कहा था िक उनक मृ यु पाइलोरस
(जठरिनगम) क िसरस (कसर) से होगी। िजस रोग से उनक िपता क मृ यु ई थी और िजसक बार म म टपेिलयर
क िचिक सक ने कहा था िक उनक प रवार म आनुवंिशक होगी। स 1818 क म य म यह महसूस िकया गया
िक उनका वा य धीर-धीर और खराब होने लगा और ओ’ िमयरा ने गवनर को उनक अव था क बार म बताना
उपयु समझा। इन अवसर पर भी नेपोिलयन ने स ा क पदवी क अपने दावे को बरकरार रखा। उ ह ने जोर
िदया िक िचिक सक को कोई भी सरकारी सूचना नह भेजनी चािहए, जब तक िक उसम उनको शाही पदवी से
संबोिधत न िकया गया हो। ओ’ िमयरा ने समझाया िक सरकार क िनदश और सर हडसन लो क आदेश क
कारण वे यह श द इ तेमाल नह कर सकते; लेिकन उनका समझाना यथ था। कछ किठनाई क बाद इस बात पर
सहमित ई िक जनरल क पदवी, िजसक वजह से इतनी मुसीबत थी, क बजाय ‘रोगी’ श द इ तेमाल िकया
जाएगा और यह िवक प इस किठनाई को दूर करने म सफल रहा।
बाद म ओ’ िमयरा ने ीप क मु य िचिक सा अिधकारी डॉ. बै टर क सहायता लेने का ताव रखा, िजसे
नेपोिलयन ने यह आरोप लगाते ए तुरत अ वीकार कर िदया, ‘‘यह सच ह िक वे एक ईमानदार य लगते ह,
वे उस ज ाद (लो) से अिधक जुड़ ए ह।’’ उ ह ने दवा क सहायता लेने से भी मना करना जारी रखा और
यह िन य िकया िक वे बाहर जाकर यायाम नह करगे, जब तक िक वे संत रय क अधीन ह गे। यह कह जाने
पर िक उनका यह िन य एक घातक रोग क उपचार म बाधक बन सकता ह तो उ ह ने जवाब िदया, ‘‘कम-से-
कम मुझे यह तस ी रहगी िक मेरी मृ यु अं ेजी रा क िलए एक शा त कलंक का िवषय होगा िजसने...क
हाथ मरने क िलए मुझे इस जलवायु म भेज िदया।’’
नेपोिलयन क एकरस जीवन म एक मह वपूण घटना ओ’ िमयरा को हटाया जाना थी, जो उनक ीप पर
प चने क समय से ही उनक िचिक सक थे। उनको हटाया जाना भी उसी कार क संदेह से े रत था, िजसक
वजह से बीस महीने पहले लास कसेस को हटाया गया था यानी ीप से बाहर क लोग से गु प यवहार।
नेपोिलयन ने अपने िचिक सक को हटाए जाने क कड़वाहट से िशकायत क । हालाँिक उ ह ने शायद ही कभी
उनक सलाह मानी हो और डॉ. बै टर क तािवत सहायता का अपना अपमान मानते ए िवरोध िकया। उ ह ने
आरोप लगाया िक गवनर उनक जीवन को अपनी मु ी म रखना चाहते ह। कछ समय बाद एक नौसैिनक सजन
डॉ. ो स को बुलाया गया, लेिकन आिखरकार उ ह हटा िदया गया और ल गवुड म ांसीिसय को सूचनाएँ
प चाने क आरोप म उनका कोट माशल िकया गया। इसक बाद नेपोिलयन ने िकसी भी अं ेज िचिक सक से
मुलाकात न करने का अपना िन य य िकया और ि िटश मं ालय ारा कािडनल फश से अनुरोध िकया गया
िक वे इटली क िकसी िति त िचिक सक को चुन, िजसे नेपोिलयन क िचिक सा क िलए सट हलेना भेजा जा
सक। इसक िलए एक युवा सजन डॉ. एंटोमाश को चुना गया, िज ह नेपोिलयन क इ छानुसार दो कथोिलक
पाद रय ए बे बोनािवटा और िव नाल तथा दो घरलू नौकर क साथ सट हलेना भेज िदया गया। यह दल 10
िसतंबर, 1819 को ीप पर प चा।
पहली मुलाकात म स ा एंटोमाश पर अपनी माता और प रवार, राजकमारी जूली (जोसेफ क प नी) और ला
कसेस, िज ह एंटोमाश ने कफोट से गुजरते ए देखा था, क बार म सवाल क बौछार कर दी। कोरिसका म
कभी उ ह ने पीछ हटने का जो इरादा िकया था, उसक बार म संतुि से िव तारपूवक बताया, डॉ टर से उसक पेशे
क बार म कछ बातचीत क और िफर अपनी बीमारी क योर पर अपना यान लगाया।
जब वे ल ण क जाँच कर रह थे, स ा ने अपनी िट पिणयाँ जारी रख । कभी-कभार वे गंभीर होती थ , कभी-
कभी िजंदािदल, उनक श द और उनक मुखमु ा म कभी दयालुता, कभी रोष और कभी स ता क झलक होती
थी। उ ह ने कहा, ‘‘तो डॉ टर, आपक राय या ह? या म राजा को और लंबे समय तक परशान करने वाला
?’’
‘‘आप उ ह हरा दगे महामिहम!’’
‘‘म तुम पर िव ास करता । वे हमारी िवजयक ित को बंदी रखने म सफल नह हो पाएँग।े वह युग तक कायम
रहगी, वह िवजयी और िविजत क घोषणा करगा, जो लोग मतावान थे और जो लोग नह थे; ये सब आने वाली
पीि़ढयाँ फसला करगी, म उसक िनणय से नह डरता।’’
‘‘नह डॉ टर! म इस भयावह जलवायु म लंबे समय तक नह िटक सकता।
‘‘आपका बि़ढया गठन उसक हािनकारक भाव क िखलाफ ढाल का काम करगा।
‘‘ कित ने मुझे िदमाग क श ब शी ह, लेिकन एक सि य जीवन से पूरी तरह एकांतवास ने सबकछ न कर
िदया ह। म मोटा हो गया , मेरी ऊजा ख म हो गई ह और शरीर ढीला पड़ गया ह।’’ एंटोमाश ने ऐसी राय को
नकारने क कोिशश नह क िजसका मजबूत आधार था, लेिकन बातचीत को दूसर िवषय क ओर घुमा िदया।
नेपोिलयन ने कहा, ‘‘म खुद को तु हार हवाले करता । दवा को अपना काम करने दो, म उसक फसले को
वीकार करता । म अपने वा य को तु हारी देखभाल म स पता । मने जो आदत अपना ली ह, िजन चीज क
अधीन हो गया , वे तु ह बताना ज री समझता । म कित क आदेश का आम तौर पर अ यंत अिनयिमत प
से पालन करता । म प र थितय या मुझे िजस थित म रखा गया ह, उसक अनुसार सोता और खाता ; मेरी
न द आम तौर पर गहरी और शांितपूण होती ह। अगर दद या कोई दुघटना उसम बाधा प चाती ह तो म िब तर से
उठता , रोशनी क माँग करता , टहलता , काम म लग जाता और अपना यान कह और लगा लेता ;
कभी-कभी म अँधेर म ही रहता , दूसर अपाटमट म जाता , दूसर िब तर पर सोता या सोफ पर पसर जाता ।
म सुबह दो, तीन या चार बजे उठता ; म िकसी को अपने साथ बुला लेता ; याद या काम से अपने आपको
बहलाता और िदन िनकलने का इतजार करता । भोर होते ही म बाहर जाता , टहलता और जब सूरज
िनकलता ह तो म िफर से अंदर जाता और िफर िब तर पर चला जाता , जहाँ म िदन जैसा भी हो, उसक
अनुसार कम या लंबे समय तक रहता । यिद िदन बुरा होता ह और मुझे परशानी व असहजता महसूस होती ह तो
म उसी तरीक का सहारा लेता , िजसका मने अभी िज िकया। म अपनी मु ा बदलता , िब तर से सोफ पर
चला जाता , सोफ से िब तर पर चला जाता , ताजगी पाने क कोिशश करता । म आपको अपने सुबह क
पहनावे क बार म नह बता रहा; उसका उन क से कोई लेना-देना नह ह जो म सहता और इसक अलावा म
आपको उसे खुद देखने क खुशी से वंिचत नह करना चाहता। ये बि़ढया उपाय मुझे नौ या दस बजे या कभी-कभी
उसक बाद तक य त रखते ह; िफर म ना ता लाए जाने का आदेश देता , जो म समय-समय पर अपने ानघर
म, लेिकन अकसर बगीचे म लेता । बर ड या म थोलन, अकसर दोन मेरा साथ देते ह। िचिक सक को भोजन
िनयंि त करने का अिधकार होता ह; इसिलए यह उिचत ह िक म आपको अपने भोजन क बार म बताऊ तो वह ह
एक याला सूप, दो लेट मीट, एक लेट स जी, एक लेट सलाद जब म उसे खाने लायक ; आधी बोतल ेरट
िजसे म ढर सारा पानी िमलाकर पतला करता , मेरा पेय होता ह; दावत क अंत म म उसे थोड़ा शु प म पीता
। कभी-कभी जब म थकान महसूस करता , तो म ेरट क बदले शपेन लेता ; इससे पेट को थोड़ी ऊजा
िमल जाती ह।’’
डॉ टर ारा नेपोिलयन क कम आहार पर आ य जताए जाने पर उ ह ने जवाब िदया, ‘‘इटली क सेना क
साथ ई लड़ाइय म म कभी भी अपने साथ एक वाइन क बोतल, थोड़ा ेड और एक ठडा मुरगा रखना नह
भूलता था। यह रसद मेर पूर िदन क िलए पया होती थी, ब क म क गा िक म उसे दूसर क साथ भी बाँटता
था। इस तरह मुझे समय िमल जाता था। म तेजी से खाता , कम चबाता , मुझे भोजन करने म घंट नह लगते।
आपको यह बात अिधक पसंद नह आएगी, लेिकन मेरी वतमान अव था म उसका या मह व ह? मुझे लीवर क
िशकायत ह, एक ऐसा रोग जो इस भयावह जलवायु म आम ह।’’
स ा का िव ास जीतने क बाद एंटोमाश उनक िचिक सक क साथ उनक साथी भी बन गए और कभी-कभार
उनक साथ पढ़ते थे। वे समाचार प क आने पर उ सुकता से उ ह पलटते थे और वतं होकर उनम छपी
सामि य पर िट पणी करते थे। वे कहते, ‘‘लोग क िदल से मेरी तानाशाही भुलाने क िलए गठबंधन देश ारा
अपनाए गए बु म ापूण उपाय को देखकर मुझे हरत होती ह!’’ एक बार वे सामा य से अिधक थकान महसूस
कर रह थे और रसीन क ‘एं ोमैक’ पर रोशनी करते ए उ ह ने पु तक हाथ म ली, पढ़ने लगे लेिकन ज दी ही
उनक हाथ से वह िगर गई। वह उस िस अंश पर आ गए थे, जहाँ माँ इस बात का वणन कर रही ह िक उसे
िदन म एक बार अपने बेट को देखने क इजाजत दी जाती ह।
वे भावुक हो गए थे। उ ह ने अपने चेहर को अपने हाथ से ढका और यह कहते ए िक वह इससे ब त
भािवत हो गए ह, अकला छोड़ िदए जाने क इ छा कट क । वे शांत हो गए, सो गए और जागने क बाद िफर
से एंटोमाश को बुलाए जाने क इ छा जताई। वे शेव करने क तैयारी कर रह थे और डॉ टर इस काम को देखने
क िलए उ सुक थे। वे अपनी शट म थे; उनका िसर खुला आ था, उनक दोन ओर दो नौकर थे िजनम से एक ने
शीशा और एक तौिलया पकड़ा आ था और दूसर ने बाक सामान। स ा ने अपने चेहर क एक ओर साबुन
लगाया, श नीचे रखा, अपने हाथ और मुँह धोए, गरम पानी म डबा आ एक रजर उठाया और द ता से दािहनी
ओर शेव िकया। वे बोले, ‘ या यह ठीक ह नोवराज?’
‘जी, महामिहम!’
‘चलो ठीक ह, िफर दूसरी ओर। चलो दु , ज दी से, सीधे खड़ रहो।’ रोशनी बाई ओर पड़ी िजसे झाग बनाने क
बाद उ ह ने उसी कार और उसी कशलता से शेव िकया। उ ह ने अपनी ठ ी पर हाथ िफराया, ‘‘शीशा ऊपर
करो। या म ठीक ।’’
‘‘िबलकल।’’
‘‘एक भी बाल मुझसे बच नह पाया। या कहते हो?’’
‘‘जी नह , महामिहम!’’ सेवक ने जवाब िदया।
‘‘नह ! मुझे लगता ह िक मुझे एक बाल िदख रहा ह। शीशा ऊपर करो; उसे बेहतर रोशनी म रखो। तुम यह कसे
कर सकते हो, रा कल! चापलूसी? तुम सट हलेना म मुझे धोखा दे रह हो? इस जगह? तुम भी बराबर क अपराधी
हो।’’ यह कहने क साथ उ ह ने उन दोन को कान पर घूँसा मारा, हसे और यथासंभव स लहजे म मजाक
िकया।
ल गवुड म आने पर एंटोमाश को िनवािसत ारा यथासंभव अिधक श ु बनाने क िन य क लगभग
अिव सनीय बात का पता लगा। वे बताते ह िक सजन क प म अपना काय शु करने क अनुमित िमलने से
पहले उ ह यह शपथ िदलाई गई िक वे अं ेज क साथ कोई संपक नह रखगे और वे नेपोिलयन क बीमारी क बार
म उ ह कोई भी सूचना देने से परहज करगे। जब तक उ ह ने यह शपथ नह ले ली, उ ह उनक यश वी रोगी से
िमलने क इजाजत नह दी गई। नेपोिलयन क िचिक सक को ऐसी शपथ िदलाने क बाद, उनक सहयोिगय को यह
िशकायत, जो उ ह ने बाद म क , करने का कोई अिधकार नह था िक अं ेजी सरकार ने जान-बूझकर दुिनया से
उनक बीमारी क बार म िछपाया। इस बात क अिधक संभावना ह िक अपने आस-पास रह य और गोपनीयता
बनाए रखने क अनवरत यास ने उनक वहाँ से बच िनकलने क संदेह को उ प िकया होगा, िजसक वजह से
गवनर ारा उनक िनगरानी को और स त कर िदया गया होगा।
पाद रय क आने क तुरत बाद नेपोिलयन ने उनम से एक को िबशप (धमा य या बड़ा पादरी) का पद देने का
िन य िकया, जो हम मान सकते ह िक कछ मजाक म िकया गया होगा और उ ह ने जुमना धम े को चुना।
‘‘यूरोप से लाया गया अंितम ब सा खोल िलया गया ह।’’ एंटोमाश ने कहा; ‘‘उसम गुलदान और चच क
सजावटी सामान ह।’’
‘‘ को!’’ नेपोिलयन ने कहा, ‘‘यह सट पीटर क संपि ह; उसे यान से सँभालो; ए बे को बुलाओ—लेिकन
ए बे क बात कर तो या तुम जानते हो िक कािडनल िकतना बेचारा ह? वह मेर पास िमशनरी और चारक
भेजता ह जैसे िक म प ाताप करने वाला और जैसे िक उनक े पाद रय क एक पूरी कतार हमेशा मेर
िगरजाघर म न आई ह । म वह क गा, जो उ ह करना चािहए था; मेर पास ित ापन का अिधकार ह और म
उसका इ तेमाल क गा।’’ ए बे बोनािवटा ने उसी समय कमर म वेश िकया, ‘‘म आपको धमा य का ताज
देता ।’’
‘‘महामिहम!’’
‘‘म यह आपको वापस देता । िवधिमय क बावजूद आप इसे धारण करगे। वे िफर से यह आपसे नह ले
पाएँगे।’’
‘‘िकतु महामिहम! म इसे वेलिशया िजतना समृ नह बना सकता, जो सुशे ने आपको िदया था, लेिकन िकसी भी
क मत पर आपका पद यु क संभावना से सुरि त होगा। म आपको—देखने दो—जुमना का िबशप िनयु
करता । वह नदी जो कई देश से होकर बहती ह, वे मेर साथ समझौता करने क कगार पर थे—सब तैयार थे,
सब माच करने जा रह थे। हम इ लड को हराने ही वाले थे।’’ अंत म काउट म थोलन को ए बे क िलए आव यक
स तैयार करवाने का आदेश िदया गया, तािक सभी िवधिमय को िव मय म डाला जा सक। इस सबका अंत यह
रहा िक नए िबशप क वैभव क एकमा अंश, उनक स क िलए आव यक सुख लाल और बगनी रग क कपड़
ीप म नह िमले और ए बे अपने ित ापन क बावजूद ए बे ही रह और यह सारा वाँग भुला िदया गया।
कभी-कभार इस िनवासन म हम कछ बेहतर माहौल देखने को िमलता ह। जब वे तक को सुनते थे और उन
क क बार म कम सोचते थे, जो उनक उस अव था से जुड़ ए थे िजसम उनक मह वाकां ा या जैसा िक वे
वयं हमेशा दावे से कहते थे, उनक िक मत ने उ ह प चा िदया था। उ ह ने एक लंबे समय तक अपने आपको
सभी कार क कसरत से दूर रखा था, जैसा िक उ ह ने कहा था िक वे िकसी अं ेज अिधकारी ारा साथ चलने
या िकसी संतरी ारा चुनौती िदए जाने क संभावना का अपमान सहने क िलए तैयार नह थे। एक िदन जब
उ ह ने अपने िन य जीवन क िशकायत क तो उनक िचिक सक ने जमीन खोदने का यायाम बताया; नेपोिलयन
ने अपने जाने-पहचाने उ साह से इस िवचार को लपका। उनक शासर नोवराज, जो पहले ामीण काम क आदी
थे, को मु य माली का स मान िदया गया और उनक िनदश क अनुसार, नेपोिलयन ने बड़ उ साह से काम करना
शु िकया। उ ह ने कदाल क योग म अपनी नई हािसल द ता िदखाने क िलए एंटोमाश को बुलवाया। उ ह ने
कहा, ‘‘तो डॉ टर, या आप अपने रोगी से संतु ह? या वह आपका कहना मानता ह? यह आपक गोिलय से
बेहतर ह, डॉ टर! अब आप मेरी िचिक सा नह करगे।’’
पहले वे ज दी ही थक गए और अपने शरीर क कमजोरी और हाथ क नाजुकता क िशकायत क , लेिकन
िफर कहा, ‘‘कोई बात नह , मने हमेशा अपने शरीर को अपनी इ छाश क आगे झुकने क आदत डाली ह।’’
उ ह ज दी ही अपना नया काम पसंद आने लगा और उ ह ने ल गवुड क सभी िनवािसय को इस काम म लगा
िलया। यहाँ तक िक मिहला को भी काम से बचने म काफ किठनाई ई। वे उन पर हसते थे, उनसे आ ह
करते थे, उनसे िचरौरी करते थे और खासकर मदाम बर ड क साथ अपनी अनुनय-िवनय क सभी कला का
इ तेमाल करते थे। वे उ ह भरोसा िदलाते थे िक बागवानी का यायाम डॉ टर क सभी नु ख से अिधक बेहतर ह।
वह वा तव म उनका एक नु खा ही ह, लेिकन इस मामले म उनक वा पटता िवफल हो गई और उ ह काफ
अिन छा से मिहला माली तैयार करने क अपने यास को छोड़ने क िलए बा य होना पड़ा।
इसक ितपूित म उनक पास पु ष क प म इ छक िमक थे। एंटोमाश कहते ह, ‘‘स ा ने हमसे आ ह
िकया, हम उ सािहत िकया और हमार आस-पास हर चीज ने तुरत एक िभ प हण कर िलया। वहाँ एक खाई
थी, एक बेिसन या एक सड़क थी। हमने वहाँ उ ान पथ बनाए, गुफाएँ, कसकड बनाए; जमीन म एक जान और
िविवधता आ गई। हमने घर क चार ओर थोड़ी छाया देने क िलए िवलो, बलूत और आ क पेड़ लगाए। अपने
म का सजावटी िह सा पूरा करने क बाद हम उपयोगी िह से क ओर मुड़। हमने जमीन को बाँटा; उसम खाद
डाली और उसम ढर सार बी स, मटर और ीप पर उगने वाली हर स जी उगाई।’’ इस मेहनत क म म उ ह ने
पाया िक पानी जमा करने क िलए एक टक ब त उपयोगी होगी, पानी को 3,000 फ ट क दूरी पर थत एक
झरने से पाइप ारा लाया जा सकता था।
इस मेहनत क यास क िलए अित र मानव श क ब त आव यकता थी और चीिनय का एक दल
उनक मदद क िलए तैयार था। ये लोग नेपोिलयन क काम करने क कपड़ को देखकर ब त हसते थे, जो एक
जैकट और बड़ ाउजस थे िजसक साथ उ ह धूप से बचाने क िलए एक बड़ा-सा ॉ हट और सडल थे। वे धूप
से परशान होने वाले बेचार लोग पर तरस खाते थे और उ ह ने हर िकसी को अपने जैसा एक बड़ा हट उपहार म
िदया। काफ मेहनत क बाद बेिसन तैयार आ, पाइप िबछाए गए और उसम पानी बहने लगा।
नेपोिलयन ने अपने तालाब को गो ड िफश से भर िदया, िज ह उ ह ने अपने हाथ से उसम रखा। वे लगातार
कई घंट तक तालाब क पास रहते, जबिक उस समय वे इतने कमजोर थे िक वे मु कल से अपने आपको सँभाल
पाते थे। वे मछिलय क करतब देखते ए, उ ह ेड िखलाते ए, उनक तरीक को यान से देखते ए, उनक ेम
और उनक झगड़ म िदलच पी लेते ए और उनक तथा मनु य क उ े य म समानता क बात खोजने का यास
करते ए अपना िदल बहलाते थे। वे अकसर अपनी खोज बताने क िलए अपने सहयोिगय को बुलवाते थे और
कोई भी िविच बात महसूस होने पर उ ह बताते थे। आिखरकार उनक पसंदीदा जीव बीमार पड़ गए, तड़पे, पानी
पर ऊपर आ गए और एक क बाद एक मर गए।
वे इससे ब त भावुक हो गए और एंटोमाश से बोले, ‘‘आप अ छी तरह देख सकते ह िक मेर साथ एक दुभा य
जुड़ा आ ह। म िजस भी चीज से ेम करता , जो भी चीज मेरी होती ह, वह अचानक न हो जाती ह। ई र
और मनु य साथ िमलकर मेर िखलाफ हो जाते ह।’’ इस समय से वे बीमारी या खराब मौसम क बावजूद रोज उ ह
देखने जाते थे और उनक बेचैनी तब तक ख म नह ई, जब तक िक यह पता नह चल गया िक िजस तांबई
सीमट से बेिसन का ला टर िकया गया था, उसने पानी को जहरीला कर िदया। जो मछिलयाँ अब तक नह मरी
थ , उ ह वहाँ से िनकालकर एक टब म डाल िदया गया।
नेपोिलयन पशु क वृि य को यान से देखने और उनक यवहार तथा वृि य क मनु य से तुलना करने
म अनोखी िदलच पी लेते थे। बा रश म एक िदन जब टक क खुदाई जारी नह रखी जा सकती थी, उ ह ब त सी
च िटय का यवहार देखने का मौका िमला, जो उनक शयनक म घुस आई थ और आम तौर पर चीनी रखी
जाने वाली एक मेज पर चढ़कर चीनी क बरतन को क जे म ले िलया। वे उन मेहनती छोट जीव क योजना म
बाधा नह डालना चाहते थे, लेिकन वे जब-तब चीनी को इधर से उधर कर देते, उनक यास को देखते और चीनी
को िफर से पाने तक च िटय क गितिविध और उ म क सराहना करते। ऐसा करने म च िटय को कभी-कभी दो-
तीन िदन लगे, लेिकन अंत म वे हमेशा सफल ई। इसक बाद उ ह ने बरतन को पानी से घेर िदया, लेिकन च िटयाँ
िफर भी चीनी तक प च गई। अंत म उ ह ने िसरक का सहारा िलया और च िटयाँ इस नए अवरोध को पार नह कर
पाई, लेिकन अब तक उनका िदमाग जो कछ सि य था, ज दी ही बीमारी क कमजोरी और उदासी से भर गया।
हालाँिक कभी-कभी सकारा मक पीड़ा और िनराशा क अंतराल आते रहते थे।
स 1820 का अंत आते-आते उ ह चलने म किठनाई होने लगी और अपने बगीचे म िकसी करसी तक प चने
क िलए भी उ ह िकसी क मदद लेनी पड़ती थी। वे कछ भी करने म लगभग अ म हो गए; उनक पैर म सूजन
आ गई, कमर और पीठ का दद बढ़ गया; उ ह िमतली, काफ पसीना आने और भूख क कमी क िशकायत हो
गई। वे अकसर अचेत हो जाते थे।
एक िदन उ ह ने कहा, ‘‘डॉ टर, मेरा अंितम समय आ गया ह। मुझम अब कोई ऊजा और ताकत नह बची ह,
म बोझ से झुक गया ...म जा रहा । मुझे लगता ह िक मेरा समय आ गया ह।’’
कछ िदन बाद जब वे अपने काउच पर लेट ए थे, उ ह ने भावुकता से एंटोमाश क सामने उस बड़ प रवतन
को अिभ य िकया, जो उनक अंदर आया था। उ ह ने कछ पल क िलए अतीत को याद िकया और अपनी
पुरानी ऊजा क तुलना उस कमजोरी से क िजसम वे डबे जा रह थे।
अपनी बहन एिलसा क मृ यु क खबर ने भी उ ह ब त आहत िकया। अपनी भावना से संघष करने क बाद
िजसने उ ह लगभग अिभभूत कर िदया था। वे उठ, एंटोमाश क बाँह का सहारा िलया और बोले, ‘‘तो डॉ टर!
देखो एिलसा ने अभी-अभी मुझे रा ता िदखाया ह। मौत, जो लगता ह मेर प रवार को भूल गई थी, उसने अब हमला
करना शु कर िदया ह; मेरी बारी ब त दूर नह होगी। या कहते हो?’’
‘‘महामिहम को कोई खतरा नह ह। आपक करने क िलए अब भी कछ महा काम ह।’’
‘‘आह, डॉ टर! मेर पास न तो ताकत ह, न मता और न ऊजा; म अब नेपोिलयन नह रहा। आप यथ मुझे
िदलासा दे रह ह, ख म होने वाली िजंदगी को वापस बुला रह ह। आपक देखभाल िक मत क आगे बेकार ह—वह
अिमट ह—उसक फसल क आगे कोई अपील नह होती। एिलसा क बाद मकबर म जाने वाला हमार प रवार का
अगला य होगा महा नेपोिलयन, िजसका अ त व लगभग ख म हो चुका ह, जो अधीनता से झुका आ ह
और जो इसक बावजूद अब भी यूरोप को डराकर रखता ह। देखो, मेर अ छ दो त! म िकस तरह अपनी थित को
देखता ! मेर िलए सब ख म हो चुका ह। म िफर कहता , ज दी ही इस अि य पहाड़ी पर मेरा जीवन समा हो
जाएगा।’’
एंटोमाश कहते ह, ‘‘हम उनक चबर म लौट आए। नेपोिलयन िब तर पर लेट गए। मेरी िखड़िकयाँ बंद कर
दो।’’ उ ह ने कहा, ‘‘मुझे अकला छोड़ दो; म बाद म आपको बुला लूँगा। आराम िकतनी आनंददायी चीज होती ह!
म दुिनया क िकसी भी िसंहासन क िलए इसे नह छोड़ सकता! या बदलाव ह! म िकतना कमजोर हो गया ! म,
िजसक गितिविध असीम थी, िजसका िदमाग कभी सु त नह होता था, अब एक िन े मू छा म डब गया ।
इतना िक अपनी पलक उठाने क िलए भी कोिशश करनी पड़ती ह। कभी-कभी म चार या पाँच सिचव को
िलखवाता था, जो उतनी तेज गित से िलखते थे, िजतना तेज श द को बोला जा सकता था, लेिकन तब म
नेपोिलयन था—अब म कछ भी नह । मेरी ताकत, मेरी मता ने मुझे याग िदया ह। म जीिवत नह —बस खुद
को ढो रहा ।’’
इस समय नेपोिलयन का अ त व प प से अंत क ओर जा रहा था; उनक िदन िगनती क थे। हर समय
और िदन दुःखदायी चु पी म गुजरता था या दद म बीतता था, साथ ही क दायक खाँसी होती थी और मृ यु क
पास आने क सभी दुःखद संकत नजर आते थे। उ ह ने 22 जनवरी, 1821 को ल गवुड क आस-पास कछ मील
सफर करने क आिखरी कोिशश क , लेिकन उसने उनक ताकत िनचोड़ ली और उस समय से उनक एकमा
कसरत कलेश (एक कार का वाहन) म होती थी। यह हलक गित भी ज दी ही थकाऊ होने लगी।
अब वे अपने कमर म ही रहते थे और बाहर नह िनकलते थे। उनक बीमारी और कमजोरी उनक ऊपर हावी
होने लगी। वे अब भी खा सकते थे, लेिकन ब त कम और उनक भूख िबलकल ही ख म हो चुक थी। वे बोले,
‘‘आह! डॉ टर, म िकतना दुःख उठा रहा । तोप क गोल ने मुझे इस तरह मरने क िलए य ब श िदया? म
िकतना सि य था, िकतना सचेत, अब मु कल से अपनी पलक उठा सकता !’’
17 माच से उनक थित और िबगड़ने लगी और एंटोमाश जो काफ िचंितत हो गए थे,उ ह ने थोड़ी किठनाई से
एक अं ेज िफजीिशयन से िमलने क अनुमित हािसल क । उ ह ने 26 माच को 20व रजीमट क डॉ. अन ट से
परामश िकया; लेिकन नेपोिलयन अब भी दवा लेने से इनकार कर रह थे और अकसर अपनी पसंदीदा कहावत
दुहराते रहते थे—‘जो भी होना ह, वह िलखा आ ह; एक समय िनधा रत ह और कित क िव समय से एक
भी पल चुराना हमार बस म नह ह।’
उनक हालत और िबगड़ती रही और अंत म वे डॉ. अन ट से िमलने क िलए तैयार ए, जो पहली बार 1 अ ैल
को देखने आए। उ ह रोगी क चबर म ले जाया गया, जहाँ अँधेरा था और िजसम नेपोिलयन कोई रोशनी नह लाने
देते थे। डॉ टर ने उनक न ज और अ य ल ण को देखा और िफर उ ह अगले िदन आने को कहा गया।
नेपोिलयन अब अपनी मौत क ब त करीब थे। हालाँिक वे कभी-कभी अपनी जानी-पहचानी वा पटता और तेजी क
साथ बोलते थे, लेिकन उनका िदमाग प प से सु त हो रहा था। कहा जाता ह िक एक धूमकतु क िदखने को
उनक मृ यु का संकत मान िलया गया। वे रोमांिचत होकर भावना म बहते ए बोले, ‘‘धूमकतु! वह सीजर क
मृ यु का पूवसंकत था।’’
3 अ ैल को बीमारी क ल ण इतने िचंताजनक हो गए िक एंटोमाश ने बर ड और म थोलन को सूिचत कर
िदया िक उनक अनुसार नेपोिलयन खतर म ह और नेपोिलयन को अपनी थित सुधारने क िलए कदम उठाने क
ज रत ह। अब वे बुखार और उ यास क चपेट म थे, जो अकसर रात को उनक न द म बाधा डाल देती थी।
14 अ ैल को नेपोिलयन ने खुद को थोड़ी बेहतर थित म पाया और डॉ. अन ट से मालबोरो क लाभ पर चचा
क । वे चाहते थे िक मालबोरो क अिभयान 20व रजीमट को भट िकए जाएँ और उ ह पता चला िक उनक
पु तकालय म उसक एक भी ित नह ह।
15 अ ैल को नेपोिलयन क दरवाजे म थोलन और मचट को छोड़कर सभी क िलए बंद थे और ऐसा लगा िक
वे अपनी वसीयत तैयार कर रह थे। 19 अ ैल को वे बेहतर थे, दद ठीक था, वे बैठ और थोड़ा भोजन िकया। वे
अ छ मूड म थे और चाहते थे िक उ ह पढ़कर सुनाया जाए। जब जनरल म थोलन ने अ य क साथ इस सुधार पर
संतोष जािहर िकया तो वे सौ यता से मुसकराए और कहा, ‘‘आप अपने आपको छल रह ह, िम ो! यह सच ह िक
म कछ बेहतर , लेिकन इसम कोई संदेह नह िक मेरा अंत िनकट ह। जब म मृ यु को ा हो जाऊगा तो
आपको यूरोप लौटने क सां वना िमलेगी। कोई अपने र तेदार से िमलेगा, कोई अपने िम से और जहाँ तक मेरा
सवाल ह, म एलीिसयन फ स क अपने बहादुर सािथय से िमलूँगा।’’ उ ह ने अपनी आवाज ऊची करते ए
आगे कहा, ‘‘ ेबर, िडसे स, बेिसयेरस, डरोक, नेय, मुराट, मैसेना, बिथयेर—सभी मेरा वागत करने आएँगे।
हमने साथ िमलकर जो िकया था, उसक बार म वे मुझसे बात करगे। म अपने जीवन क नवीनतम घटना क
बार म उ ह बताऊगा। मुझे देखकर वे एक बार िफर उ साह और स ता से भर जाएँग।े हम साइिपयोस, हिनबॉल,
सीजर और ड रक क साथ अपने यु पर चचा करगे—उसम एक संतुि होगी।’’ उ ह ने कड़वाहट से हसते
ए आगे कहा, ‘‘यिद नीचे लोग इतने सार यो ा एक साथ जुटने पर िचंितत न ह !’’
जब वे बोल रह थे, उस दौरान डॉ. अन ट अंदर आए। उ ह ने डॉ. अन ट से उस उपचार क बात क , जो उ ह
इ लड से िमला, कहा िक इ लड ने उ ह बंदी बनाने म हर अिधकार का उ ंघन िकया ह, य िक उनका स,
ऑ या या यहाँ तक िक पिसया म बेहतर उपचार होता, लेिकन उ ह मरने क िलए सट हलेना क भयावह पथरीले
ीप पर भेज िदया गया,। उ ह जान- बूझकर उस अनजान ीप क िनवास न करने यो य थान पर रखा गया और
छह वष तक बंदी बनाकर रखा गया। उ ह ने कहा िक सर हडसन लो उनक िलए ज ाद थे। उ ह ने इन श द क
साथ अपनी बात ख म क , ‘‘आपका अंत वेिनस क महा गणतं क तरह होगा और म, अपने ि यजन से दूर
और हर चीज से वंिचत, इस भयावह पहाड़ी पर मरते ए अपनी मृ यु का कलंक और ास इ लड क शाही
प रवार को वसीयत म दे जाऊगा।’’
21 अ ैल को नेपोिलयन ने उप थत पादरी को इस बार म िनदश िदए िक मरने क बाद उ ह िकस थित म
िलटाया जाए और उ ह ने गंभीरता से हर िवषय म सू म िनदश िदए। इसक बाद उ ह ने घोिषत िकया िक वे
कथोिलक ज मे थे इसिलए कथोिलक क प म ही मरगे। उ ह ने इ छा कट क िक उनक शरीर क पास
कथोिलक ाथना क जाए और उनको दफनाए जाने तक ितिदन थागत र म क जाएँ। उनक चेहर क भावना
गंभीर और आ ेपा मक थी। उ ह ने एंटोमाश को अपनी ओर देखते देखा, जब उनक आँख ने कछ संकत पकड़
िजसने उ ह अ स कर िदया, ‘‘आप इन कमजो रय से ऊपर ह, लेिकन आपक पास या होगा? म न तो
दाशिनक , न ही िचिक सक। म ई र म िव ास करता ; म अपने पूवज क धम का , हर कोई ना तक नह
हो सकता।’’
िफर पादरी क ओर मुड़ते ए उ ह ने कहा, ‘‘म कथोिलक धम म पैदा आ था। म उस धम से संबंिधत कत य
को पूरा करना चाहता और उससे िमलने वाली सहायता लेना चाहता । आप साथ क िगरजाघर म ितिदन
ाथना करगे और आप चालीस घंट तक पिव सं कार करगे। मेरी मृ यु क प ा आप अंितम सं कार वाले
चबर म वेदी को मेर िसर पर रखगे, आप ाथना करना जारी रखगे और सभी र म अदा करगे, आप नह कगे,
जब तक िक मुझे जमीन म दफना न िदया जाए।’’
ए बे (िव याल) चले गए; नेपोिलयन ने अपने साथी देशवासी को उनक क पत भोलेपन क िलए िध ारा,
‘‘ या आप इस िबंदु को प कर सकते ह? या आप ई र म अिव ास कर सकते ह? हर चीज उसक
अ त व को दशाती ह और इसक अलावा महा लोग ने भी यह माना ह।’’
‘‘लेिकन महामिहम, मने कभी उस पर उगली नह उठाई। म बुखार क जाँच कर रहा था; महामिहम ने अपनी
क पना म मेर चेहर पर ऐसे भाव देख,े जो उ ह ने नह देख।’’
‘‘आप िचिक सक ह, डॉ टर!’’ उ ह ने हसते ए जवाब िदया, ‘‘ये लोग िसफ िवषय से प रिचत होते ह; वे इससे
पर िकसी चीज म िव ास ही नह करते।’’
25 अ ैल क शाम को वे बेहतर थे; लेिकन अकला छोड़ िदए जाने पर अचानक उ ह खाने क बात सूझी।
उ ह ने फल, वाइन मँगाया, एक िब कट खाने क कोिशश क , िफर थोड़ा शपेन िपया, कछ अंगूर खाए और जैसे
ही उ ह ने एंटोमाश को लौटते देखा, उ ह हसी का दौरा पड़ा। िचिक सक ने डजट को वापस भेजा; लेिकन शरारत
हो चुक थी, बुखार लौट आया और उ हो गया। स ा अब मृ युशैया पर थे, लेिकन उ ह ने हर िकसी क िलए
िचंता जताई। उ ह ने एंटोमाश से पूछा, ‘‘ या अं ेज िचिक सक क िलए 500 िगनी पया ह गी और या वे खुद
मा रया लुईसा क िचिक सक का काम करना चाहगे? वह मेरी प नी ह, यूरोप क पहली िपंरसेस और मेर बाद
आपको िकसी और क देखभाल नह करनी चािहए।’’ एंटोमाश ने अपनी वीकित य क । तेज यास और पैर
ठड होने क साथ बुखार लगातार जारी रहा।
27 अ ैल को उ ह ने छोट चबर से बैठक म जाने का फसला िकया। वे उ ह उठाकर ले जाने क तैयारी कर रह
थे। ‘‘नह !’’ उ ह ने कहा, ‘‘जब तक मेरी मौत नह हो जाती, तब तक नह ; िफलहाल मुझे बस सहार क ज रत
ह।’’
27 और 28 अ ैल क बीच स ा ने एक ब त बुरी रात गुजारी। बुखार बढ़ गया, उनक हाथ-पैर ठड हो गए,
उनक ताकत समा हो चुक थी। उ ह ने एंटोमाश से ो साहन क कछ श द कह, िफर िबलकल शांित और धैय
क वर म उ ह ने िन निलिखत िनदश िदए, ‘‘मेरी मृ यु क बाद, जो अब ब त दूर नह ह, म चाहता िक आप
मेर शरीर को खोल। म यह भी चाहता िक आप िकसी अं ेज िचिक सक को मेरा शरीर पश नह करने द, िफर
भी, यिद िकसी क मदद लेना अप रहाय हो तो मेरी इ छा ह िक आप िसफ डॉ. अन ट को इस काम म लगाएँग।े
इसक अलावा म चाहता िक आप मेरा दय िनकाल ल, उसे वाइन क घोल म रख और उसे मेरी यारी मा रया
लुईसा क पास पमा ले जाएँ। आप उनसे कहगे िक मने उनसे िकतना अिधक ेम िकया ह िक मेरा ेम उनक िलए
कभी ख म नह आ और आप उ ह मेरी थित और मेरी मृ यु से संबंिधत सभी बात क रपोट दगे, जो आपने
देखी ह। सबसे ऊपर म िसफा रश करता िक आप सावधानी से मेर पेट क जाँच कर और उसक िव तृत रपोट
द, जो आप मेर पु को बताएँ। मुझे िजतना वमन आ, उससे मुझे यह लगता ह िक मेरा पेट मेर सबसे ित त
अंग म से ह और मुझे लगता ह िक वह उस रोग से पीि़डत ह िजसने मेर िपता को क म प चा िदया—मेरा
मतलब ह िनचले पेट का कसर। आप या सोचते ह?’’
अपने िचिक सक को िहचिकचाते देख उ ह ने अपनी बात जारी रखी, ‘‘मुझे तब यह संदेह आ जब यह बीमारी
बार-बार आने लगी और िज ी हो गई, िफर भी यह बात अहम ह िक मेरा पेट हमेशा लोह का रहा, मुझे हाल तक
इस अंग से कोई असुिवधा नह महसूस ई और जबिक मेर िपता खूब पक यंजन और मादक पेय क शौक न थे।
मने कभी ऐसा नह िकया। जो भी हो, म िवनती करता , म आपको यह काम स पता िक आप ऐसी िकसी जाँच
म िढलाई नह करगे, जब आप मेर पु से िमलगे तो अपनी जाँच क प रणाम उसे बताएँगे और सबसे उपयु
उपचार सुझाएँग।े जब म नह र गा तो आप रोम जाएँग,े मेरी माता और मेर प रवार को खोजगे। आप उ ह मेरी
थित, मेरी बीमारी और इस सुदूर तथा दुःखदायी पहाड़ी पर मेरी मृ यु से संबंिधत हर चीज का िववरण दगे। आप
उ ह बताएँगे िक महा नेपािलयन हर चीज से वंिचत, अ यंत शोचनीय हालत म मृ यु को ा ए, उ ह उनक
और उनक गौरव क साथ छोड़ िदया गया था।’’ उस समय सुबह क दस बजे थे। इसक बाद बुखार कम हो गया
और वे एक कार क न द म चले गए।
स ा ने एक ब त बुरी रात गुजारी और वे सो नह पाए। वे बु खो बैठ और अंट-शंट बकने लगे। सुबह
होते-होते िहचक ने उ ह परशान करना शु िकया, बुखार बढ़ गया और वे काफ उ म हो गए। उ ह ने अपनी
सम या क बार म बात क और बै टर (गवनर क िचिक सक) को आकर अपनी रपोट क स ाई देखने क
िलए बुलवाया। िफर अचानक क पना म ओ’ िमयरा को उप थत देखते ए उ ह ने अं ेजी नीित क िनंदा करते
ए दोन क बीच एक वा ालाप क क पना क । उनका बुखार कम हो गया था, उनक सुनने क मता सु प
हो गई। वे शांत हो गए और िफर से आगे क बातचीत शु कर दी िक उनक मृ यु क बाद या िकया जाना ह। वे
यास महसूस करने लगे और बड़ी मा ा म उ ह ने ठडा पानी िपया।
‘‘अगर िक मत म मेरा व थ होना िलखा ह तो म उस जगह पर एक मारक बनवाऊगा, जहाँ से यह पानी
िनकलता ह। इस पानी ने मुझे जो सुकन िदया, उसक याद म म उस झरने को स मािनत क गा। यिद म मर जाऊ
तो जैसे उ ह ने मुझे िनवािसत िकया ह, वैसे मेर अवशेष को िनवािसत न कर। मेरी इ छा ह िक मुझे कोरिसका म
अजेिशयो क कथे ल म मेर पूवज क साथ दफना िदया जाए, लेिकन यिद मुझे उस जगह न ले जाया गया, जहाँ
म पैदा आ था तो िफर वे मुझे इस थान पर दफना द, जहाँ यह बि़ढया और ताजा पानी बहता ह।’’ इस अनुरोध
को बाद म मान िलया गया।
वे कछ िदन क िलए इसी थित म रह। 1 मई को वे लगभग पूर िदन उ म रह और उ ह ब त यादा वमन
आ। उ ह ने दो छोट िब कट खाए और रड वाइन क कछ बूँद ल । 2 मई को वे कछ चुप थे और खतरनाक
ल ण कछ शांत हो गए थे, लेिकन 2 बजे उ ह िफर से बुखार का दौरा पड़ा और वे िफर उ म हो गए। वे अपने
आपसे ांस, अपने ि य पु , अपने कछ पुराने सहयोिगय क बात करते रह। कभी-कभार प रक पना म प
प से लड़ाई क मैदान म होते थे। वे िच ाते थे, ‘‘ टजेल! िडसे स! मैसेना! आह! जीत सामने नजर आ रही ह!
दौड़ो—आगे बढ़ो—हमला करो! वे हमार ह!’’
‘म यह सब सुन रहा था।’’ डॉ. एंटोमाश कहते ह, ‘‘और गहर दुःख म उस पीड़ादायक यातना को बढ़ते देख रहा
था, जब नेपोिलयन सहसा अपनी ताकत बटोरते ए फश पर कद गए और टहलने क िलए बगीचे म जाने लगे। म
उ ह अपनी बाँह म सँभालने क िलए दौड़ा, लेिकन उनक पैर उनक शरीर क भार क नीचे मुड़ गए। वे पीछ क
ओर िगर और मुझे उ ह िगरने से न बचा पाने का संताप आ। हमने उठाया और िफर से िब तर पर चलने का
अनुरोध िकया, लेिकन वे िकसी को नह पहचान रह थे और एक िहसक आवेग म आ गए। वे अचेत थे और
बेचैनी से बगीचे म टहलने क इ छा जता रह थे। हालाँिक िदन म वे अिधक संयिमत हो गए और िफर से अपनी
बीमारी और सटीक शारी रक परी ण, जो वे मृ यु क बाद अपने शरीर का कराना चाहते थे, क बार म बात करने
लगे। उ ह एक िफतूर था िक यह उनक बेट क िलए उपयोगी हो सकता ह।’’
‘‘म टपेिलयर क िचिक सक ने...।’’ उ ह ने एंटोमाश से कहा, ‘‘घोषणा क थी िक पाइलोरस म िसरोिसस क
बीमारी मेर प रवार म आनुवंिशक होगी। मुझे लगता ह िक उनक रपोट मेर भाई लुई क पास होगी, उसे माँगो और
उसक मेर कस म अपने िवचार से तुलना करो, तािक मेरा बेटा इस र बीमारी से बचाया जा सक। आप उससे
िमलगे डॉ टर और आप उसे बताएँगे िक उसक िलए या अ छा ह और उसे इस िन ुर पीड़ा से बचाएँगे िजसका
म अभी अनुभव कर रहा । म आपसे यह आिखरी चीज माँगता ।’’ बाद म िदन म उ ह ने कहा, ‘‘डॉ टर, म
ब त बीमार । मुझे लगता ह िक म मरने जा रहा ।’’
कछ अ फट असंब श द क उ ारण क अलावा नेपोिलयन आिखरी बार 3 मई को बोले। यह दोपहर क
बात ह और उ ह ने अपने सहयोिगय से अनुरोध िकया था िक उनक चेतना खो देने क थित म डॉ. अन ट को
छोड़कर िकसी अ य अं ेज िचिक सक को उनक पास नह लाया जाए। उ ह ने कहा, ‘‘म मरने जा रहा और
आप लोग को यूरोप लौटना ह। मुझे आपको इस बार म कछ सलाह देनी ह िक आपको या करना ह। आप लोग
ने मेरा िनवासन बाँटा ह; आप मेरी मृित को लेकर वफादार रहगे और उसे ित प चाने वाला कोई काम नह
करगे। मने सभी उपयु िस ांत को वीकत िकया ह और उ ह अपने कानून और अिधिनयम म डाला ह; मने
एक भी छोड़ा नह ह, लेिकन दुभा यवश म िवकट प र थित म था और स ती से काररवाई करने क िलए तथा
अपनी योजना क काया वयन को थिगत करने क िलए बा य था। हमारी पराजय ई और ांस को उन उदार
सं थान से वंिचत होना पड़ा, जो म उसे देना चाहता था। ांस मुझसे यार करता ह, वह मेर इराद क िलए
शु गुजार ह, वह मेर नाम और मेरी जीत का ज न मनाता ह। उसक उदाहरण का अनुकरण करो, उन िवचार क
ित वफादार रहो, िजनका हमने बचाव िकया ह और जो गौरव हमने हािसल िकया ह; कोई और रा ता िसफ ल ा
और म को े रत कर सकता ह।’’
इस समय तक यह नह लगता था िक नेपोिलयन समझ पा रह थे िक उनक आस-पास या चल रहा ह। उनक
कमजोरी हर पल बढ़ रही थी और यातनादायी िहचक मृ यु तक जारी रही। उस घटना से एक िदन पहले एक
भयावह अंधड़ आया, िजससे लगा िक ल गवुड म सबकछ न हो जाएगा। पेड़-पौधे जड़ से उखड़ गए और खास
तौर पर यह देखा गया िक एक िवलो का पेड़, िजसक नीचे नेपोिलयन आम तौर पर ताजी हवा का आनंद लेने क
िलए बैठते थे, िगर गया था। एंटोमाश ने कहा, ‘‘ऐसा लग रहा था िक स ा िजन चीज को भी मह व देते थे, वे
उनक बाद न हो जाने वाली ह।’’
उनक मृ यु क िदन मदाम बर ड, जो उनक बगल म लगातार बैठी ई थ , ने अपने ब को बुलवाया तािक
वे नेपोिलयन को अंितम िवदाई दे सक। इसक बाद जो य िदखा, वह िदल को छ लेने वाला था। ब े िब तर क
ओर दौड़, नेपोिलयन क हाथ को चूमा और उ ह आँसु से भर िदया। एक ब ा अचेत हो गया और सबको वहाँ
से ले जाना पड़ा। एंटोमाश कहते ह, ‘‘हम सब उनक तरह िवलाप कर रह थे। हम सब वही यथा महसूस कर रह
थे, उस घातक ण क आने का र पूवाभास, जो हर िमनट पास आ रहा था।’’
उनक ि य अनुचर नोवराज, जो कछ समय से काफ बीमार था, ने जब नेपोिलयन क अव था क बार म सुना
तो दूसर क सहायता से

सट हलेना म नेपोिलयन का मकबरा


नीचे आया और रोते ए अपाटमट म वेश िकया। उसे ब त मु कल से कमर से बाहर जाने क िलए मनाया
गया। वह उ म था और क पना म देख रहा था िक उसका वामी खतर म ह और उसे सहायता क िलए बुला
रहा ह। उसने कहा िक वह उ ह छोड़कर नह जाएगा, ब क उनक िलए लड़गा और जान दे देगा, लेिकन अब
नेपोिलयन पर अपने अनुचर क आँसु का कोई असर नह पड़ रहा था। वे दो िदन से शायद ही कछ बोले थे;
सुबह-सुबह वे अ फट वर म कछ बोले थे, िजनम िसफ यह श द सुनाई िदया था, ‘‘टट द आम !’’ ये श द अंत
तक उनक ह ठ पर थे और जो उनक क पना क िदशा िदखाते थे। िदन मरोड़ और ऐंठन क हरकत और
धीमी िससिकय म गुजरा, कभी-कभी एक ऊची चीख सुनाई दे जाती थी और शाम को छह बजे से ठीक पहले यह
शोकमय य ख म हो गया। एक हलक सी झाग ने उनक ह ठ को ढक िलया और वे अब इस दुिनया म नह थे।
उनक मृ यु क लगभग छह घंट बाद एंटोमाश ने शव को सावधानी से नहलाया और दूसर िब तर पर िलटा
िदया, िफर ए जी यूटस ने दो कोड प खोलने क ि या शु क , िज ह स ा क िनधन क तुरत बाद खोलने
क िनदश थे। एक े युटी से संबंिधत था, िजसे उनक घर क िविभ लोग को उनक िनजी धन म से िदया जाना
था और उसम उस दान का भी िज था, िजसे वे सट हलेना क गरीब म बाँटना चाहते थे। दूसर प म उनक इस
अंितम इ छा का उ ेख था िक उनक अ थयाँ सीयेन नदी क तट पर ांसीसी लोग क बीच म दफनाई जाएँ,
िज ह वे ब त यार करते थे। ए जी यूटस ने यह अनुरोध गवनर तक प चाया, िज ह ने कहा िक उनक
आदेशानुसार उनक शव को इसी ीप पर दफनाया जाए। अगले िदन नेपोिलयन क चेहर का एक ला टर साँचा
बनाने क बाद एंटोमाश ने सर थॉमस रीड, कछ टाफ अिधका रय और आठ मेिडकलकिमय क उप थित म
शव को खोलना शु िकया।
स ा ने इ छा कट क थी िक उनक बाल (जो भूर रग क थे) उनक प रवार क अलग-अलग लोग को िदए
जाएँ, इसिलए उनक बाल को काटकर इस उ े य क िलए रख िलया गया। िपछले कछ महीन क दौरान वे
काफ दुबले हो गए थे। उनक मृ यु क बाद उनका चेहरा और शरीर पीला पड़ गया था, लेिकन उसम कोई
प रवतन नह आ था या िववण नह आ था। उनक आकित िबलकल ठीक थी, आँख बंद थ और ऐसा लगता
था िक स ा मृत नह ह, ब क एक गहरी न द म ह। उनक मुँह पर सौ यता बरकरार थी। हालाँिक एक ओर एक
कट मुसकराहट क मु ा म ह ठ मुड़ ए थे। उनक शरीर पर ब त से घाव थे। उसे खोलने पर पता चला िक
उनका लीवर भािवत नह आ था, लेिकन पेट का वह कसर मौजूद था, िजसका संदेह उ ह ने खुद जताया था
और िजससे उनक िपता और दो बहन क मृ यु ई थी। यह क दायक जाँच पूरी करने क बाद एंटोमाश ने उनका
दय िनकाला और उसे वाइन से भर एक चाँदी क बरतन म रख िदया; िफर उ ह ने मु य अनुचर को शव को
कपड़ पहनाने क िलए कहा, िजसका वह स ा क जीवनकाल क दौरान अ य त था। इसम शासस ऑफ द गाड
क कनल क हरी वद म सीने पर िलजन ऑफ ऑनर क भ य प ी लगाई गई, जो िलजन ऑफ ऑनर क
आदेश और लोह क ताज, छोटी एि़डय वाले लंबे बूट और अंत म तीन कोने वाले हट से सजा आ था। इस
कार से सजाकर नेपोिलयन को 6 मई क दोपहर म हॉल से बाहर लाया गया, िजसम भीड़ तुरत घुस गई। शरीर
को काटने म िजस चादर का इ तेमाल िकया गया था, वह खून से सनी होने क बावजूद उसे टकड़ म फाड़कर
वहाँ खड़ लोग म िवत रत कर िदया गया।
नेपोिलयन अपने छोट से शयनक म शांत लेट ए थे, िजसे अंितम सं कार क क म बदल िदया गया था।
उसम काला कपड़ा टगा आ था, जो शहर से लाया गया था। इस समारोह से ही िनवािसय को पहले उनक मृ यु
क बार म पता चला। शव, िजस पर लेप नह लगाया गया था और जो असाधारण प से सफद था, उसे छोट
सफद परद से िघर एक कप बेड पर रखा गया था, जो ताबूत का काम कर रहा था। नेपोिलयन ने मरगो क लड़ाई
म जो नीला लबादा पहना था, उससे उनक शरीर को ढका गया था। उनक पैर और हाथ आजाद थे; बाई ओर
तलवार रखी ई थी और सीने पर एक िसिफ स रखा आ था। कछ दूरी पर चाँदी का बरतन था िजसम दय
और पेट रखा आ था, िजसे हटाने क अनुमित नह दी गई थी। िसर क पीछ एक वेदी थी, जहाँ अपने टोल और
उ रीय म पादरी थागत ाथनाएँ कर रह थे। नेपोिलयन क सहयोगी, अिधकारी और घरलू नौकर शोक क कपड़
पहने ए बाई ओर खड़ थे। डॉ. अन ट को इस बात क िनगरानी करने का काम स पा गया था िक शरीर को वहाँ
से ले जाने क कोई कोिशश न क जाए।
कछ घंट से भीड़़ ने दरवाज को घेर रखा था। उ ह अंदर आने िदया गया और वे नेपोिलयन क िनज व शरीर क
पास ापूण शांित म खड़ रह। पहले 20व और 66व रजीमट क अिधका रय को, िफर दूसर को अंदर आने
िदया गया। अगले िदन (7 मई को) और भीड़ जुटी। एंटोमाश को नेपोिलयन का दय अपने साथ यूरोप नह ले
जाने िदया गया। उ ह ने दय और पेट को शराब से भर दो बरतन म रखा और उ ह ताबूत क कोने म रख िदया,
िजसम नेपोिलयन को रखा गया था। वह सफद साटन लगा आ िजंक का एक शेल था, िजसम एक तिकये क
साथ एक ग ा रखा गया था। उनक िसर पर हट रखने क जगह नह थी, इसिलए उसे उनक पैर क पास कछ
सै य िच , उनक शासनकाल क दौरान ढाली गई कछ ांसीसी मु ा आिद क साथ रखा गया था। ताबूत को
बंद कर िदया गया, उसे सावधानी से बाँधा गया और िफर उसे महोगनी क एक और ब से म रखा गया, िजसे लीड
क बने एक तीसर ब से म डाला गया और अंत म महोगनी क एक चौथे ब से म बंद कर िदया गया। उसे सील
कर िदया गया और से कस िदया गया। जहाँ पहले उनका शव रखा गया था, वह ताबूत को दशन क िलए
रखा गया और उसे उस लबादे से ढका गया िजसे नेपोिलयन ने मरगो क लड़ाई म पहना था। अंितम सं कार क
िलए अगला िदन 8 मई रखा गया और सैिनक को सुबह-सुबह उसम शािमल होना था।
यह मब प म आ। सबसे पहले गवनर आए, उनक तुरत बाद रीयर-एडिमरल और िफर सभी
पिसयासिनक तथा सै य अिधकारी ल गवुड म एकि त ए। िदन अ छा था, लोग ने सड़क पर भीड़ लगा दी,
पहाि़डय से संगीत का वर गूँज रहा था। इन िनजन इलाक म कभी इतना उदास और भ य समारोह नह देखा गया
था। साढ़ बारह बजे ेनेिडयर ने ताबूत पकड़कर उसे बड़ी मु कल से उठाया और उसे ब त मेहनत से बगीचे म
ले जाने म सफल रह, जहाँ अथ इतजार कर रही थी। उसे गाड़ी म रखा गया, बगनी रग क मलमल क एक कपड़
से और उस लबादे से ढका गया, जो उस नायक ने मरगो म पहना था। स ा का प रवार शोक त था। गवनर क
आदेश से जुलूस का मब िकया गया था। अपने पुरोिहती लबाद म ए बे िव नाल, उनक बगल म अिभमंि त
जलकड िलए ए हनरी बर ड, डॉ. अन ट और एंटोमाश , साइस ारा सँभाले जा रह चार घोड़ ारा ख ची जा
रही अथ क िनगरानी का काम सँभालने वाले लोग, अथ क दोन ओर िबना हिथयार वाले ेनेिडयर, बाद म
ऊबड़-खाबड़ सड़क क वजह से अथ क आगे बढ़ने म मु कल होने पर इ ह ही अपने कध पर ताबूत ढोना था।
युवा नेपोिलयन बर ड और मचट दोन पैदल अथ क बगल म चल रह थे। काउट बर ड और म थोलन घोड़ पर
सवार होकर अथ क नजदीक चल रह थे, जो स ा क प रवार का िह सा थे। हाथ से चलाए जा रह दो घोड़
ारा ख ची जा रही ब घी म अपनी बेटी हॉरटस क साथ काउटस बर ड; उनक िपकर आश बो ारा चलाया जा
रहा स ा का घोड़ा; मेरीन क अिधकारी घोड़ पर और पैदल; टाफ अिधकारी घोड़ पर; ीप क प रष क
सद य इसी कार से; जनरल कॉिफन और मा मॉ शेनू घोड़ पर; रीयर एडिमरल और गवनर घोड़ पर ीप
क िनवासी।
यह ंखला इसी म म ल गवुड से चली, बैरक से गुजरी और र क सेना से िमली, जो 2,500 क सं या म
थे और ह स गेट तक सड़क क बाई ओर पं ब थे। अलग-अलग जगह पर तैनात िकए गए सै य बड ारा
बजाई जानेवाली शोक क धुन उस अवसर क ती उदासी को और बढ़ा रही थी। जब यह ंखला आगे िनकल
गई तो टकि़डयाँ पीछ-पीछ चल और दफनाने क थान तक उनक साथ गई। सबसे पहले घुड़सवार िसपािहय ने
माच िकया, िफर पैदल सेना क 20व रजीमट, मेरीन, 66व रजीमट, सट हलेना क वयंसेवक और अंत म पं ह
तोप क साथ रॉयल आिटलरी क कपनी। लेडी लो और उनक बेटी ह स गेट पर सड़क क िकनार दो घोड़ ारा
ख ची जा रही एक खुली ब घी म थ । उनक साथ कछ नौकर थे और वे एक दूरी से जुलूस क पीछ चल रह थे।
पं ह तोप सड़क िकनार लगाई गई थ और गनर तोप चलाने क िलए अपनी चौिकय पर तैयार थे। ह स गेट से
चौथाई मील आगे बढ़ने क बाद अथ क , िसपाही ककर सड़क िकनार पं म खड़ हो गए। इसक बाद
ेनेिडयर ने ताबूत को अपने कध पर उठाया और उसे इसी तरह नए रा ते, जो पहाड़ क ढाल पर बनाया गया था,
से दफनाने क थान तक ले गए। सभी सहयोगी उतर, मिहलाएँ अपनी ब घय से उतर और िबना िकसी म क
जुलूस शव क साथ चला।
काउट बर ड और म थोलन, मचट और युवा नेपोिलयन बर ड ने ताबूत क कपड़ क चार कोन को पकड़ा।
ताबूत को क क बगल म रखा गया, जहाँ काला कपड़ा टाँगा गया था। पास म र सयाँ और िघरिनयाँ िदख रही
थ , िजनक मदद से उसे नीचे िकया जाना था। इसक बाद ताबूत को खोल िदया गया, ए बे िव नाल ने सामा य
ाथनाएँ दोहराई और पैर को पूव क ओर करते ए शव को क म डाल िदया गया। इसक बाद तोप ने लगातार
तीन सै यूट िकए, हर सै यूट म पं ह गोिलयाँ दागी गई। एक िवशाल प थर िजसे स ा क नए घर क िनमाण म
लगाया जाना था, अब उनक क को बंद करने क िलए इ तेमाल िकया गया और उसे तब तक नीचे उतारा गया,
जब तक िक वह एक मजबूत पथरीली दीवार पर नह िटक गया, तािक वह ताबूत को पश न कर।
जब क को बंद िकया जा रहा था, भीड़ ने िवलो क पेड़ को घेर िलया िज ह नेपोिलयन क पूव उप थित ने
पहले ही ा क व तु बना िदया था। हर कोई उन पेड़ क एक टहनी या कछ प े लेना चाहता था िज ह अब
इस महा य क क पर छाया करनी थी। वे उन चीज को एक ब मू य यादगार क प म सुरि त रखना
चाहते थे। गवनर और एडिमरल ने इस उप व को रोकने क कोिशश क , लेिकन वह कोिशश यथ रही। हालाँिक
बाद म गवनर ने उस थल को एक बै रकड से घेर िदया, जहाँ पर उ ह ने घुसपैठ रोकने क िलए एक सुर ाकम
लगा िदया। स ा क क ल गवुड से एक लीग दूर थी। ताबूत चतुभुज आकार का था, नीचे क अपे ा ऊपर से
अिधक चौड़ाः उसक गहराई बारह फ ट थी। ताबूत को लकड़ी क दो मजबूत फ पर रखा गया था और उसे
उसक पूरी प रिध म अलग िकया गया।
नेपोिलयन क सहयोगी ांस लौट गए और वह ीप धीर-धीर अपनी पहले जैसी नीरवता म लौट गया, जबिक
क क ऊपर रोते िवलो क पेड़ उस य क अवशेष क सुर ा क िलए खड़ थे िजसक िलए यूरोप ब त छोटी
जगह थी।
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नेपोिलयन और य दी
नेपोिलयन बोनापाट क उदय ने यूरोप क य िदय को पुराने कानून से आजाद करने म एक मह वपूण भूिमका
िनभाई, जो उ ह य दी ब तय तक सीिमत करते थे, साथ ही ऐसे ब त से कानून जो य िदय को संपि , उपासना
और क रयर क अिधकार से वंिचत करते थे। ांसीसी ांित ने धम या ज म क अनुसार लोग म उस भेदभाव को
समा कर िदया, जो राजतं क अधीन मौजूद था। स 1789 क

ांसीसी ांित क दौरान बािसल क तबाही


य गत तथा नाग रक अिधकार क घोषणा ने धम क वतं ता और उपासना क आजादी को सुिन त िकया,
जब तक िक वह सावजिनक यव था को भंग नह करता। उस समय अिधकांश अ य यूरोपीय देश अ पसं यक
धम क लोग क अिधकार को सीिमत करने वाले िनयम लागू करते थे। नेपोिलयन बोनापाट क िवजय ने नाग रक
क बराबरी और कानून यव था क संबंध म ांितकारी ांस क आधुिनक िवचार को फलाने का काम िकया।
य िदय क ओर नेपोिलयन का य गत ि कोण ब त प नह ह, य िक उ ह ने अलग-अलग समय म
य दी लोग क प और िवरोध दोन म ब त से बयान िदए ह। इितहासकार बेरल वेन ‘ ायंफ ऑफ सरवाइवल’
म कहते ह िक नेपोिलयन मु य प से य िदय को एक पृथक समुदाय क प म उभरते देखने क बजाय उ ह
समाज म िमलाने म िदलच पी रखते थे। ‘‘य िदय क ओर नेपोिलयन क बाहरी सिह णुता और िन प ता उनक
इस बृह योजना पर आधा रत थी िक उ ह पूरी तरह अपनाते ए, पार प रक िववाह और धमातरण ारा पूरी तरह
ख म िकया जा सक।’’ यह दोहरी नीित उनक कछ शु आती रकॉिडड बयान म देखी जा सकती ह, जो 30
अ ैल, 1806 को इपी रयल काउिसल म उठाए गए ए सेस य िदय क ित यवहार और उनक देनदार क सवाल
से संबंिधत थे। उ ह ने य िदय क िवशाल जमावड़ को होने देना जोिखम भरा बताया, जो ांसीसी सा ा य क एक
िह से म, जो श ु क सीमा पर पड़ता था, एक रा य क भीतर रा य क बराबर थे। हालाँिक एक स ाह बाद
वे कछ उदार िन कष पर प चे और उसी सभा म उनक िकसी भी उ पीड़न क िखलाफ बयान िदया।
बहरहाल, उनक नीितय क शु भाव ने यूरोप म य िदय क थित म उ ेखनीय प रवतन ला िदया और
प रणाम व प य दी उ ह काफ पसंद करते थे। नेपोिलयन ने स 1806 से शु करक ांसीसी सा ा य म
य िदय क थित का समथन करते ए ब त से कदम उठाए, िजनम य दी समुदाय ारा चुना गया एक
ितिनिध समूह सेनहि न संयोिजत करना शािमल था। िविजत देश म उ ह ने य िदय को उनक ब तय तक
सीिमत करने वाले कानून को समा कर िदया। स 1807 म उ ह ने रोमन कथोिलिस म और लुथेरान और
कलिविन ट ोट टिट म क साथ-साथ य दी धम को ांस का आिधका रक धम घोिषत कर िदया। स 1808 म
नेपोिलयन ने ब त से सुधार िकए, य िदय क सभी कज को समा , कम या थिगत कर िदया, िज ह ने य दी
समुदाय को लगभग ढहा िदया था। य िदय को कछ थान तक सीिमत भी िकया गया था, जहाँ पर वे रह सकते
थे। इन ितबंध को िफर स 1811 म समा कर िदया गया।
हालाँिक य िदय क िखलाफ नेपोिलयन का य गत ि कोण िन त नह था। वे प प से राजनीितक
कारण से भी काररवाई कर रह थे। वे य िदय या कथोिलक जैसे अलग-थलग पड़ समुदाय से लाभ उठाने क
उपाय क प म समानता का इ तेमाल करना चाहते थे। उनक िवचार क इन दोन प को एक िचिक सक ारा
पूछ गए सवाल क उनक जवाब म देखा जा सकता ह, िजसने पूछा था िक उ ह ने स 1816 म अपने िनवासन क
बाद य िदय क मु पर जोर य िदया था?
‘‘मेरी मु य इ छा य िदय को आजाद करने और उ ह पूण नाग रक बनाने क थी। म उ ह समानता, आजादी
और बंधु व क वे सभी वैधािनक अिधकार िदलाना चाहता था, जो कथोिलक और ोट टट को िमले ए थे। मेरी
इ छा ह िक य िदय से भाइय जैसा यवहार िकया जाए मानो हम सब य दी धम क अंग ह । एक अित र लाभ
क प म मुझे लगा िक इस कदम से ांस म ब त सी संपदा आएगी, य िक य दी काफ सं या म ह और वे
बड़ी सं या म हमार देश म आएँगे, जहाँ उ ह िकसी अ य देश क बजाय अिधक सुिवधाएँ िमलगी। स 1814 क
घटनाएँ न होत , तो यूरोप क अिधकतर य दी ांस आ जाते, जहाँ पर समानता, बंधु व और आजादी उनका
इतजार कर रह थे और जहाँ वे िकसी अ य क तरह देश क सेवा कर सकते थे।’’

नेपोिलयन और य दी रा
स 1799 म ए क घेराबंदी क दौरान नेपोिलयन ने िफली तीन को य दी रा बताते ए एक घोषणा तैयार
क , हालाँिक उ ह ने उसे जारी नह िकया। बहरहाल, उस घेराबंदी म वे अं ेज से हार गए और वह योजना कभी
काया वत नह हो पाई। नेपोिलयन एंड होली लड म नाथन शउर सिहत कछ इितहासकार मानते ह िक वह घोषणा
पूरी तरह चार क उ े य से क गई थी और नेपोिलयन एक य दी देश क िनमाण को लेकर गंभीर नह थे।

नेपोिलयन क िवरासत
य िदय क भिव य पर नेपोिलयन का अ य भाव उनक नाम से दज िकसी भी आदेश से कह अिधक
श शाली था। म य यूरोप क सामंती बेि़डय को तोड़ते ए और ांसीसी ांित क समानता को लागू करते ए
उ ह ने य दी मु क िलए उससे अिधक काम िकया, िजतना उनसे पहले क तीन सिदय क दौरान आ था।
वे टफिलया प रष नेपोिलयन क पतन क बाद तक अ य जमन ांत क िलए एक आदश बन गई और राइन ांत
क नेपोिलयन या उनक ितिनिधय क अधीन होने क प रणाम व प उन ांत म य िदय क थित थायी प से
सुधर गई। हन और बोन दोन नेपोिलयन क िस ांत क उदारता क ित आभार य करते ह। खासकर जमन
य िदय ने हमेशा नेपोिलयन को जमनी म य िदय क मु का एक मु य वतक माना ह। कहा जाता ह िक जब
य दी कलनाम चुन रह थे, तो उनम से कछ ने ‘श थेल’ नाम अपनाते ए अपना आभार कट िकया, जो
‘बोनापाट’ का अनुवाद ह। इसक बाद य दी ब तय म नेपोिलयन क कायकलाप क बार म कहािनयाँ चिलत हो
गई।
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िन कष
राि लगभग 9.00 बजे वेिलंगटन और लूशर क मुलाकात ई िजसका अथ था िक लड़ाई ख म हो चुक थी।
वाटरलू म एं लो गठबंधन बल क लगभग 15,000 सैिनक मार गए और घायल ए। पिसयन को कल िमलाकर
7000 लोग का नुकसान आ। नेपोिलयन क सेना म मृत और घायल क सं या 25,000 थी। उनक 8000
सैिनक को बंदी बना िलया गया।
वाटरलू म ांसीसी हार और वे क लड़ाई म नेपोिलयिनक यु क आिखरी लड़ाई क बाद, नेपािलयन को
ग ी से उतार िदया गया। वे अं ेज क आगे आ मसमपण करने से पहले कछ समय क िलए फरार रह। इसक
बाद उ ह िनवािसत करक सट हलेना भेज िदया गया, जहाँ स 1821 म उनक मृ यु हो गई।
वाटरलू म लॉयन मारक डच ारा उस थान पर बनाया गया ह, जहाँ पर यह माना जाता ह िक िपंरस ऑफ
आरज ज मी ए थे।
रणभूिम का वतमान इलाका उससे काफ अलग ह, जो वह स 1815 म रहा होगा। स 1820 म डच राजा
िविलयम थम ने उस थान पर एक मारक क िनमाण क आदेश िदए, जहाँ यह माना जाता था िक उनका पु ,
िपंरस ऑफ आरज ज मी आ था। यहाँ पर एक िवशाल टीला बनाया गया िजसम वेिलंगटन क जलम न सड़क
सिहत रणभूिम क दूसर भाग से ली गई 3,00,000 यूिबक मीटर िम ी का इ तेमाल िकया गया। कहा जाता ह
िक बरस बाद उस थल पर आने क बाद वेिलंगटन ने िशकायत क —

नेपोिलयन कानून
‘‘उ ह ने मेरी रणभूिम को बरबाद कर िदया।’’
यह नाटा य , िजसने दो शता दयाँ देख , अठारहव सदी का अंत और उ ीसव सदी क शु आत और
िजसने दो दुिनया देख , राजतांि क यूरोप और आधुिनक यूरोप, अपनी आिखरी िवरासत क प म कई थायी
िवरासत छोड़कर गया। उनक पतन क बावजूद उनक पिसयासिनक और कानूनी सुधार ांस म बरकरार रह और
बाद म अ य यूरोपीय सरकार ने उसे आदश प म अपनाया, खासकर नेपोिलयिनक कोड को। उ ह ने लगभग
अकले दम पर रा य िनयंि त पुिलस और सावजिनक शै िणक तं क साथ आधुिनक, क ीकत यूरो िटक रा
बनाया। इसक अलावा िवयना क स मेलन क साथ ‘वैधता’ क अवधारणा यूरोपीय संबंध क भावी िविध बन
गई। ेट ि टन ने ांस क िखलाफ ितशोध क काररवाई को रोकने क िलए स मेलन म इस िस ांत को पेश
िकया; अंत म वह राजतं को बहाल करने का तक बन गया। हालाँिक राजतं क बहाली से ांस को अपनी
पारप रक सीमाएँ वापस िमल गई। वह सारी यव था संतुलन और थरता क एक अवधारणा पर आधा रत थी।
यूरोप क िकसी भी रा को ब त अिधक े ीय ताकत हािसल करने क अनुमित नह दी जा सकती थी; कां ेस
आ ामकता क थान पर े ीय वैधता का एक राजनियक शासन थािपत करने क उ मीद कर रहा था, जो
अंतररा ीय संबंध का मागदशन करता।
नेपोिलयन क बचपन क यह िदलच प घटना ‘मेमोयस ऑफ िड डचेस द अर स’ से ली गई ह—‘‘एक िदन
उनक एक बहन ने उन

वाटरलू म शेर मारक


पर एक टोकरा अंगूर, अंजीर और चकोतर खा जाने का आरोप लगाया, जो उनक अंकल द कनन क बगीचे से
आए थे। जो लोग बोनापाट प रवार से प रिचत नह थे, उ ह इस अपराध क िवशालता का अंदाजा नह था।
अंकल द कनन क फल को खाना और िकसी क भी अंगूर या अंजीर खाने से अिधक आपरािधक था। एक
जाँच करवाई गई। नेपोिलयन ने इस बात से इनकार कर िदया और उ ह कोड़ लगाए गए। उनसे कहा गया िक यिद
वह माफ माँगते ह, तो उ ह माफ कर िदया जाएगा। उ ह ने िवरोध िकया िक वे िनद ष ह, लेिकन उन पर िव ास
नह िकया गया। यिद मुझे सही याद ह तो उनक माता उस समय एम. िड मारबफ या िकसी अ य िम से िमलने
गई ई थ ।
नेपोिलयन क िजद का प रणाम यह रहा िक उ ह पूर तीन िदन ेड और चीज पर रखा गया और चीज ‘ ोिशयो’
नह थी, लेिकन वे रोए नह । वे उदास थे, मगर नाराज नह । आिखरकार अपनी सजा क चौथे िदन मे रयन बोनापाट
क एक न ही िम देश से लौटी और नेपोिलयन क इस कलंक क बार म सुनने पर उसने वीकार िकया िक उसने
और मे रयन ने वे फल खाए थे। अब सजा पाने क बारी मे रयन क थी। जब नेपोिलयन से पूछा गया िक उ ह ने
अपनी बहन पर आरोप य नह लगाया, तो उ ह ने जवाब िदया िक हालाँिक उ ह संदेह था िक वह दोषी ह, िफर
भी उसक न ही िम क बार म सोचते ए, िजसका इस झूठ म कोई योगदान नह था, उ ह ने कछ नह कहा। उस
समय वे िसफ सात वष क थे।’’ (खंड 1, पृ 9, एिडशन 1883)
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