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(Hindi) Pre History
(Hindi) Pre History
भव ै ातनक युग , पत्थर के औजारों के प्रकार और तकनीक और तनवाषह आिार के आिार पर,
ू ज्ञ
भारतीय पार्ाण युग को िुख्य रूप से तीन प्रकारों िें वगीकृ त ककया गया है-
पुरापार्ाण युग (पुराना पार्ाण युग ): अवधि - 500,000 - 10,000 ईसा प ूव ष
िध्यपार्ाण युग (देर से पार्ाण युग ) ): अवधि - 10,000 - 6000 ईसा प व
ू ष
नवपार्ाण युग (नया पार्ाण युग ): अवधि - 6000 - 2500 ईसा प ूव ष
पाितू बनाया जाने वािा पहिा जानवर कुिे का जंगिी पूवषज था। भे ड और बकररयां सबसे आि पाितू
जानवर थे।Asked in UPSC 1990)
िध्यपार्ाण काि के िोग गुफाओ ं औ र खुिे िैदानों पर कब्जा करने के साथ-साथ अिष-स्थायी बजस्तयों िें
रहते थे।
इस युग के िोग िृत्यु के बाद के जीवन िें ववश्वास करते थे और इसमिए उन्होंने िृतकों को खाद्य पदाथष
के साथ दफनाया और अन्य सािान
इस युग के ववमर्ष्ट उपकरण िाइक्रोमिथ थे। उनका उपयोग न केवि उपकरण के रूप िें ककया जाता था,
बजल्क िकडी या बो पर उन्हें काटकर मिधश्रत उपकरण, भािा, तीर के तनर्ान और दरांती बनाने के मिए भी
ककया जाता था।
िध्य पार्ाण काि के िोगों को किा से बहु त प्रेि था उनकी किा का िुख्य ववर्य या धचत्रण का िुख्य
ववर्य जंगिी जानवर या मर्कार का दृश्य होता था।
नवपाषाण काल (नया पाषाण यग
ु )
तनयोमिधथक र्ब्द ग्रीक र्ब्द
'तनयो' से बना है जजसका अथष है
नया और 'मिधथक' का अथष है
पत्थर। तो, नवपार्ाण युग र्ब्द
का अथष 'नया पार्ाण युग' है । इसे
'नवपार्ाण क्रांतत' भी कहा जाता है
क्योंकक इसने िनुष्य के सािाजजक
और आधथषक जीवन िें कई
िहत्वपण ू ष पररवतषन ककए।
नवपार्ाण युग ने िनुष्य को
खाद्य संग्रहकताष से खाद्य
उत्पादक के रूप िें बदिते दे खा।
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िामीण बजस्तयााँ - पाषाण युग में रहने वाले लोगों की ववशेष ता िामीण बजस्तयााँ थीं और व े
पकी हई
ु ईंर्ों से पररग्रचत नहीं थे। व े ममट्र्ी की ईंर्ों से बने फू स के घरों में रहते थे।
कला और मशल्प - ताम्रपाषाण काल के लोग तांब े के ववशेष ज्ञ थे। व े तााँब े को गलाने की कला
िानते थे और पत्थर के अच्छे कारीगर भी थे। व े कताई और बुनाई िानते थे और कपडा
बनाने की कला से अच्छी तरह पररग्रचत थे। हालााँकक, व े मलखने की कला नहीं िानते थे। प ूिा -
ताम्रपाषाण स्थलों से पृथ्वी देव ी की छोर्ी ममट्र्ी की छववयां ममली हैं । मालवा और रािस्थान
में, शैलीबद्ध ब ल
ै र्ेराकोर्ा हदखाते हैं कक ब ल
ै एक धाममटक पंथ के रूप में कायट करता है।
आभष ू ण - ताम्रपाषाण काल के लोग गहनों के शौकीन थे। महहलाओ ं ने खोल और हड्डी के
ै े अधट-कीमती पत्थरों
आभूष ण पहने थे। उन्होंने कारेमलयन, स्र्ीर्ाइर् और क्वाट्टि किस्र्ल ि स
के मोततयों का तनमाटण ककया।