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Mrityunjay yog

ग्रहों से करें उर्जा चक्रों का संजीवनी उपचार

 Mrityunjay yog team

4 years ago

आज के बाद ग्रहों
से बिल्कुल भी डरने की जरूरत
नहीं. बल्कि ग्रहों को अपनी एनर्जी
ठीक करने के लिये भी यज
ू करें .
ब्रह्मांड में बदलती ग्रहों की चाल
पंच तत्वों पर सीधा प्रभाव डालती
है . पंच तत्व हर क्षण हमारे स्थल

और सूक्ष्म शरीर को प्रभावित करते
हैं. इस तरह ग्रहों की उर्जा लोगों के
आभामंडल व एनर्जी चक्रों को हर
क्षण प्रभावित करती है . 
इस उर्जा को संजीवनी उपचार में
यज
ू करने से बड़े ही असरदार
नतीजे मिलते हैं.

आज मै इसकी तकनीक और
संकल्प बता रहा हूं. इसे अपनाकर
तत्काल जीवन की धारा बदली जा
सकती है . मन से समझें और ध्यान
से अपनायें. इससे न सिर्फ अपने
उर्जा चक्रों को जाग्रत कर लेंगे
बल्कि ग्रहों के हर तरह के दष्ु प्रभाव
बिना किसी उपाय के खत्म कर
लेंगे.

*ग्रहों से संजीवनी उपचार के


संकल्प…..*

आराम से बैठ जायें. अपनी दिशा


पूर्व या उत्तर की तरफ रखें. आसन
आराम दायक हो. मेडिकल कारणों
से जमीन पर न बैठ सकें तो कुर्सी
पर बैठें. आस पास मोबाइल न रखें.

उसके बाद निम्न वाक्यों से संकल्प


व आवाह्न करें .

A. भगवान शिव से कहें हे दे वों के


दे व आपको मेरा प्रणाम है . आप
ब्रह्मांड स्वरूप में मेरे मन मंदिर में
विराजमान हों. आपको साक्षी
बनाकर मै ग्रह संजीवनी तकनीक
से अपना संजीवनी उपचार कर रहा
हूं. इसकी सफलता हे तु मझ
ु े दै वीय
सहायता और सरु क्षा प्रदान करें .
आपका धन्यवाद.

B. कंु डली जागरण रुद्राक्ष या दे वत्व


जागरण रुद्राक्ष या संजीवनी रुद्राक्ष
या महा संजीवनी रुद्राक्ष जो भी
आपके पास है उसे गले में धारण लें
या हाथ में पकड़ लें. उससे कहें हे
दिव्य रुद्राक्ष आपको मेरे लिये सिद्ध
किया गया है . आप मेरी भावनाओं
से जड़
ु कर ग्रहों से संजीवनी उपचार
में मेरी सहायता करें . सभी ग्रहों की
ऊपरी सतह की एनर्जी के साथ जड़

जायें. वहां से रं गीन उर्जाओं को
ग्रहण करके उनके सकारात्मक
भाग को मेरे द्वारा इच्छित उर्जा
चक्रों में स्थापित करें . आपका
धन्यवाद. 
C.
सर्य
ू ,चंद्र,मंगल,बध
ु ,बह
ृ स्पति,शक्र
ु ,
शनि,राहु,केतु सहित समस्त ग्रह-
नक्षत्रों आप सबको मेरा प्रणाम है .
आप मेरे मन मंदिर में विराजमान
हों. ग्रह संजीवनी के तहत आप मेरे
आग्रह को स्वीकार करकें, साकार
करें .

*ग्रह संजीवनी का मल
ू मंत्र…..* 
ऊं. ह्रौं जूं सः माम पालय पालय सः
जंू ह्रौं ऊं.

*ग्रह संजीवनी के स्टे प…..*

*आभामंडल और उर्जा चक्रों की


सफाई…* 

इसके लिये राहु-केतु से आग्रह करें .


कहें - हे स्वच्छता के अधिकारी राहू-
केतु आपको मेरा प्रणाम है . आप
मेरे तन-मन-
मस्तिष्क,आभामंडल,उर्जा चक्रों
और रोम रोम की सफाई करें . वहां
मौजद
ू सभी नकारात्मक उर्जाओं
को विखंडित करके ब्रह्मांड अग्नि
में जलाकर भस्म कर दें . मेरे जीवन
से सभी तरह की नकारात्मकता
समाप्त करें .

इसके बाद *ऊं. ह्रौं जंू सः माम ्


पालय पालय सः जंू ह्रौं ऊं* मंत्र का
5 मिनट जप करें .

*उसके बाद चक्रों का उपचार शुरू


करें ….*

1. सर्य
ू ग्रह से कहें - हे ग्रहाधि पति
सूर्य दे व आपको मेरा प्रणाम है .
आप मेरे मणिपरु चक्र को पीली
उर्जा से उपचारित करके
शक्तिशाली बनायें. मुझे सफल
और तेजस्वी बनायें.  आपका
धन्यवाद है .

इसके बाद  *ऊं. ह्रौं जंू सः मणिपरु


जागय जागय सः जूं ह्रौं ऊं* मंत्र का
5 मिनट जप करें .
2.  चंद्र ग्रह से कहें- हे आनंद के स्रोत चंद्र दे व आपको मेरा प्रणाम है. आप मेरे अनाहत चक्र को सफेद उर्जा
से उपचारित करके शक्तिशाली बनायें. मुझे तन से मन से सुखी और प्रसन्न बनायें. आपका धन्यवाद है.

इसके बाद  *ऊं. ह्रौं जूं सः अनाहत


जागय जागय सः जंू ह्रौं ऊं* मंत्र का
5 मिनट जप करें .
3. मंगल  ग्रह से कहें- हे कर्म के स्रोत मंगल दे व आपको मेरा प्रणाम है. आप मेरे मूलाधार चक्र

को लाल उर्जा से उपचारित करके शक्तिशाली बनायें. मेरे आत्मबल को स्थिर करें. जीवन में समृद्धि सुख स्थापित
करें. आपका धन्यवाद है.

इसके बाद  *ऊं. ह्रौं जंू सः मल


ू ाधार
जागय जागय सः जंू ह्रौं ऊं* मंत्र का
5 मिनट जप करें .
4. बुध ग्रह से कहें- हे बुद्धि के स्रोत
बुध दे व आपको मेरा प्रणाम है. आप
मेरे विशुद्धि चक्र को हरी उर्जा से
उपचारित करके शक्तिशाली बनायें.
मेरे बुद्बि बल को स्थिर करें. मेरी वाणी
और व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनायें.
आपका धन्यवाद है.
इसके बाद  *ऊं. ह्रौं जूं सः विशुद्धि
जागय जागय सः जंू ह्रौं ऊं* मंत्र का
5 मिनट जप करें .
5. बृहस्पति ग्रह से कहें- हे सौभाग्य
के स्रोत बृहस्पति दे व आपको मेरा
प्रणाम है. आप मेरे सौभाग्य चक्र को
सुनहरी उर्जा से उपचारित करके
शक्तिशाली बनायें. मेरे सौभाग्य का
जागरण करें. साथ मुझे मेरे इष्ट की
शक्तियों से सदै व जोड़े रखें. आपका
धन्यवाद है.
इसके बाद  *ऊं. ह्रौं जूं सः सहस्रार
जागय जागय सः जंू ह्रौं ऊं* मंत्र का
5 मिनट जप करें .
6. शुक्र ग्रह से कहें- हे सुखों के स्रोत
शुक्र दे व आपको मेरा प्रणाम है. आप
मेरे स्वाधिष्ठान चक्र को सफेद उर्जा से
उपचारित करके शक्तिशाली बनायें.
मेरे भीतर कला और क्रिएशन की
क्षमता का जागरण करें. जीवन में
वैभव सुख स्थापित करें. आपका
धन्यवाद है.
इसके बाद  *ऊं. ह्रौं जूं सः
स्वाधिष्ठान जागय जागय सः जंू
ह्रौं ऊं* मंत्र का 5 मिनट जप करें .
7. शनि ग्रह से कहें- हे स्वाभिमान के
स्रोत शनि दे व आपको मेरा प्रणाम है.
आप मेरे आज्ञा चक्र को आसमानी
उर्जा से उपचारित करके शक्तिशाली
बनायें. मुझमें उचित निर्णय लेने की
क्षमता स्थापित करें. मुझे मान-
सम्मान-प्रतिष्ठा प्रदान करें. आपका
धन्यवाद है.
इसके बाद  *ऊं. ह्रौं जूं सः आज्ञाये
जागय जागय सः जंू ह्रौं ऊं* मंत्र का
5 मिनट जप करें .
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