You are on page 1of 3

मेरे प्यारे प्यारे सुंदर श्याम

श्याम...
मेरे श्याम
श्याम श्याम मेरे श्याम
मेरे प्यारे प्यारे सुंदर श्याम

श्याम....दरस दो गिरधारी बनवारी

सुंदर श्याम कमल दल लोचन


कोटिन यि बीते बबन दे खे
तड़पत प्राण ववकल ननशिवासर
इन नैनन ह पररहरर ननमेषे
कोऊ मोटहुं हुं सत, करत कोऊ ननुंदा,
नटहुं समझत कोऊ प्रेम-परे खे।
मेरे लेखे जित बावरो ,
मैं बावरी जित के लेखे।

ता पर ऊधो ज्ञान सनावत


कहत करो योगिन के वेिे
बशलहारी यह रीझ रावरी
प्रेशमन शलखत जोि के लेखे
बहत सने कपिी या जि में
पे तमसे तो तम ही दे खे
हररश्चन्द्र का दोष नतहारो
मेिे कौन करम की रे खे

मेरे प्यारे प्यारे सुंदर श्याम


श्याम...
मेरे श्याम
श्याम श्याम मेरे श्याम
मेरे प्यारे प्यारे सुंदर श्याम

मैं पूछ पूछ कर हार ियी


तेरी राह हर चलते प्राणी से
मैं खोज खोज कर हार िई
कमो की अकथ कहानी से

तेरे दर का भला कौन पता दे ता है


जजससे पूछो वही कछ दरू बता दे ता है
जजसे तेरे दर का पता शमल िया है
हकीकत में उसको खदा शमल िया है
फररश्ते तेरे नाम से झूमते हैं
भितजन भी तेरे चरण चूमते हैं
जहााँ तूने इठला के गचलमन उठा दी
वहीुं प्रेशमयों ने जजुंदिानी लिा दी
जहााँ पर तम्हारे कदम रुक िए हैं
वहीुं ताज़दारों के सर झक िए हैं

हैं चााँद और तारे ये तेरे सहारे


नमस्कार प्यारे - नमस्कार प्यारे

मेरे प्यारे प्यारे सन्द्दर श्याम


दरस दो गिरधारी बनवारी
सलोने मधसूदन घनश्याम
साुंवरे हे नैनन अशभराम
दरस दो गिरधारी बनवारी
मेरे श्याम.....
दरस दो गिरधारी बनवारी

मारि बहार बहार थकी मैं तो


ननसटदन साुंझ सवेरे
हार िई मैं तो बाि जोत के
आए नाथ न मेरे

ककतनी बार मधर िीतों ने


साजन तम्हे पकारा
ककतनी बार भरी आुंखों ने
तेरा पुंथ ननहारा...साजन तेरा पुंथ
ननहारा
ककतनी बार सपन सुंिम का
मन मे भाव उभारा... साजन मन मे
भाव उभारा
ककन्द्त सखे तेरी नैन कोर से
इक भी न हआ इिारा

घायल सी मैं तो तड़प रही हूाँ


ककसको व्यथा सनाऊुं
ककस्से पछू कहूाँ सुंदेिा
पाती कहााँ पठाउाँ

सपनों में तम ननत आते हो


मैं हूाँ अनत सख पाती
शमलने को उठती हूाँ तो सौतन
ये आाँख तरत खल जाती

आओ तो एक बार
नयन मूुंद मैं लुंिी
दे खूुंिी न कफर मैं ककसी को
और तम्हे न दे खन दुं ि
ू ी
साुंवरे साुंवरे सुंदर सुंदर
आ जाओ नैनों के अुंदर
मैं चरण कमल पर वारी
दरस दो गिरधारी बनवारी
टदल के भी टदल में समाई हई है
मूरत ओ घनश्याम तेरी
इन प्राणों के भीतर िाँूज रही
मरली ध्वनन की झुंकार तेरी
करते करते हम हार िए
मनमोहन जू मनहार तेरी
पर सुंदर श्याम तू रीझा नहीुं
ओ बशलहारी तेरी बशलहारी तेरी
मै वारी – वारी

साुंवरे साुंवरे सुंदर सुंदर


आ जाओ नैनों के अुंदर
मैं तो चरण कमल पर वारी
दरस दो गिरधारी बनवारी

मेरे प्यारे प्यारे सुंदर श्याम!

You might also like