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मे स के लये:
भारतीय अथ व ा, सरकारी बजट, राजकोषीय बंधन
संदभ:
हाल ही म पूव आर.बी.आई. गवनर डी. सु वारॉव ारा राजकोषीय प रषद क ापना क आव यकता के संबंध म वचार कये
गए। वतमान समय म कोरोना महामारी के आ थक भाव को दे खते ए भी इसक चचा ासं गक हो जाती है।
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उधार म वृ से उ प होने वाली चुनौ तयाँ
ऋण म वृ से म यम अव ध क वकास संबंधी संभावना के लये खतरा उ प होगा।
इंटर-जेनेरेशल इ वट (Inter-generational Equity) क हा न: उधार म वृ होने से भावी पीढ़ पर याज का बोझ
बढ़ जाता है और उधार लेने क उनक मता कम हो जाती है।
सॉवरेन रे टग (Sovereign Ratings) म कमी आने से दे श म वदे शी नवेश के मामले म मंद आ सकती है।
नकट अव ध म महंगाई क आशंका।
सरकार क राजकोषीय गैर- ज मेदारी के कारण बाजार व ास क हा न
राजकोषीय प रषद
पहली बार इसक अनुशंसा 13व व आयोग ारा क गई थी और बाद म 14व व आयोग म इसे समथन ा त आ एवं
उसके बाद FRBM (राजकोषीय उ रदा य व एवं बजट बंधन) समी ा स म त से इसे समथन ा त आ था जसक
अ य ता एन.के . सह ारा क गई थी।
राजकोषीय प रषद मूल प म एक ायी एजसी है जसे सरकार के राजकोषीय योजना एवं आ थक रता संबंधी मापदं ड
के संबंध म कए गए अनुमान का वतं प से मू यांकन करने का जनादे श ा त है।
इसके प ात् न कष को प लक डोमेन म डालना होगा।
इस कार क खुली जांच सरकार को राजकोषीय नै तकता संबंधी सही माग अपनाने को े रत करेगी और इसे कसी भी
डफा ट के लये ज मेदार भी ठहरा सकती है।
यह सरकार के राजकोषीय ख का वतं और वशेष तापूण मू यांकन करेगी जससे संसद के सू चत बहस म मदद मलेगी।
एन.के . सह स म त
जनवरी 2017 म एन.के . सह क अ य ता म ग ठत FRBM पैनल ने सरकार को अपनी रपोट स पी। इस रपोट को अ ैल,
2017 म सावज नक कया गया जसम न न ल खत सफा रश क गई थ -
व ीय ढाँचे के भीतर नी त- नमाता को लचीलापन दान करने के उ े य से पैनल ने सुझाव दया है क व वष 2018-
20 तक राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) को 3% पर र कर लया जाए एवं वष 2023 तक इसे घटाकर 2.5% तक
लाया जाए।
राज व घाटा- GDP अनुपात (Revenue deficit to GDP ratio) म तवष 0.25% अंको तक कमी क जाए एवं वष
2023 म इसे 0.8% तक लाया जाए।
पैनल ने एक राजकोषीय प रषद (Fiscal Council) के गठन का सुझाव दया है जो एक वतं नकाय होगी एवं कसी भी
दये गए वष के लये सरकार क राज व घोषणा क नगरानी करेगी।
इनके अलावा ‘राहतकारी अनु े द (Escape Clause) का भी ावधान है जो सरकार को राजकोषीय दशा- नदश से एक
वष म अ धकतम 0.5% वचलन क अनुम त दान करेगा। इस ावधान को रा ीय सुर ा के मह व को यान म रखते ए
रखा गया है। (जैस-े यु क त, रा ीय तर क आपदाएँ एवं कृ ष को हा न जससे क कृ ष उ पादन एवं आय गंभीर
प से भा वत होती हो।)
कतु इन सफा रश से मु य आ थक सलाहकार अर बद सु म यम ने एक नोट तुत कर असहम त जताई है य क उनका मानना
है क ये सफा रश नी त- नमाण के काय को मु कल बना दे गी, अत: नी त नमाता का यान राजकोषीय घाटे के बजाय ाथ मक
घाटे को कम करने पर होना चा हये।
आगे क राह
नधा रत बजट क तु त से एक स ताह पहले सीएजी को पाँच स ताह क अव ध हेतु तीन सद यीय स म त क नयु
करनी चा हये जसम बजट क जाँच के सी मत आदे श होने चा हये।
स म त सरकार के राजकोषीय ख क जाँच करते ए एक सावज नक रपोट दे गी।
कै ग कायालय अपने संसाधन के तहत स म त को स चवीय और रसद सहायता दान करेगा।
व मं ालय, आरबीआई, सीएसओ और नी त आयोग येक स चवालय म सेवा दे ने हेतु एक अ धकारी क त नयु
करगे।
अपनी रपोट दे ने के उपरांत स म त समा त हो जाएगी।
ोत: द ह