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बाल भारती पब्लिक स्कू ल

सर गंगाराम अस्पताल मागग, नई दिल्ली 2021 -2022


दिषय: द ंिी
कक्षा: सातव ीं

E-LESSON NO. – 1 (F)


पाठ्य पस्
ु तक: िसंत
पाठ: अपव ू वअनभ
ु व
तृतीय चरण
दनिेश:

• आप सभी दिद्यादथगय ंद्वारा पाठ केशब्दाथग(WORD MEANING) और दनयत


कायग संख्या– 1 (ASSIGNMENT NO. 1) उत्तर पस्ति
ु का में दलखेजा चक
ु े ैंI

• उत्तर पब्ु लस्तका के तीसरे कायगके रूप में आप पाठ के अंत में प्रश्न अभ्यास शीषगक
के अंतगगत दिए गए प्रश्न ंके उत्तर लिखेंगेI

• प्रश्नीं से सींबींलित उत्तर सहायता स्वरूप लिए गए हैं। उत्तर लिखते समय अपन
अलभव्यस्ति के लिए आप सभ स्वतींत्र हैं जन प्रशींसन य भ हनग ।

• उत्तर पब्ु लस्तका के लिए लवषय सच


ू (INDEX FORMAT)
अपव
ू वअनभ
ु व

• शब्दाथग
• दनयत कायग
• प्रश्न अभ्यास
• प्रश्न अभ्यास
प्रश ् 2: दृढ़ लनश्चय और अथक पररश्रम से सफिता पाने के बाि तनत्तन-चान
और यासक ु -चान कन अपवू व अनभ
ु व लमिा, इन िनननीं के अपव ू व अनभु व
कु छ अिग-अिग थे। िनननीं में क्या अींतर रहे ? लिस्तखए।

उत्तर: अपव
ू व अनभु व एक रनचक जापान सींस्मरण है । यह एक प्रेरणािायक
पाठ है । िनननीं बच्चे दृढ़ लनश्चय और पररश्रम थे। शार ररक दृलि तनत्तन
चान स्वस्थ थ । वह पेड़ पर चढ़ने में समथव थ । यासकु चान पनलियन से प
लड़त था । वह पेड़ पर चढ़ने में असमथव था परींतु अन्य बच्चनीं क तरह पेड़
पर चढ़ना उसके लिए एक सपना था। तनत्तन चान पेड़ पर चढ़ने में कु शि थ ।
पेड़ क शाखा पर बैठनेका अपव ू व अनभ ु व कई बार िे चक
ु थ परींतु लवकिाींग
यासकु कन पेड़ पर चढ़ाकर खश ु िेने का उसका यह पहिा अनभ ु व था। अपने
लमत्र यासक ु -चान कन पेड़ क लिशाखा तक पहुँचाने से उसे अपव ू व
आत्म-सींतलिु व खशु प्राप्त हई क्यनींलक उसके इस जनस्तखम भरे कायव
से यासकु -चान कन अत्यलिक प्रसन्नता लमि । लमत्र कन प्रसन्न करने में ह
वह प्रसन्न थ ।

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