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ब त तनावपूण, वसा यक, वचा लत, गो लय खाकर जीने वाले वतमान समाज म भी आप खुश, उ साही,
मह वपूण, उपयोगी, व थ और सुर त रह सकते ह। यह आसान नह है, न ही यह अपने आप होगा। ले कन
अगर आप व के कुछ गुण वक सत कर लेते है, जो नेतृ व के गुण ह, तो यह हो जाएगा। आप भी लीडर बन
सकते है, य क लीडर पैदा नह होते है, ब क बनते ह। तो या आप नेतृ व के लए तैयार ह? तो फर आइए, हम
चलना शु करते ह!
जीवन
अद्भुत है
चाल जो स
मंजुल प ल शग हाउस
मंजुल प ल शग हाउस
कॉरपोरेट एवं संपादक य कायालय
तीय तल, उषा ीत कॉ ले स, 42 मालवीय नगर, भोपाल-462003
व य एवं वपणन कायालय
7/32, अंसारी रोड, द रयागंज, नई द ली-110002
वेबसाइट: www.manjulindia.com
वतरण के
अहमदाबाद, बगलु , भोपाल, कोलकाता, चे ई, हैदराबाद, मु बई, नई द ली, पुणे
यह सं करण मंजुल प ल शग हाउस ारा भारत म © 2017 पहली बार ट डेल हाउस प लशस, इ कॉप रे टड के सहयोग से का शत। सवा धकार
सुर त।
ं य- च : वेन टे ज़कैल
ISBN 978-81-8322-678-3
मेरी गारंट
1. नेतृ व का अथ जीना सीखना है
2. नेतृ व के सात नयम
अपने काम के बारे म रोमां चत बनना सीख
उपयोग कर या खो द
आदश काम कर
पाने के लए द
अनुभव के ार खोल
लचीली योजना बनाएँ
ो सा हत करने के लए ो सा हत बन
3. जीवन के तीन नणय
4. लीडर अ छे पाठक होते है
मेरी गारंट
इ नँ?पदे खए,
को पढ़ना संभवतः वह सबसे लाभदायक चीज़ है, जो आप कर सकते ह। म यह गारंट कैसे दे सकता
कुछ समय पहले मने ये वचार कई ऐसी कंप नय म बताए ह, जनक सकल ब 20 अरब डॉलर
से भी यादा है। इसी एक साल म कई अ णी से समैन और ए ज़ी यू टव अपने प रवार के साथ कई बार आए
और उ ह ने मेरा तीन घंटे का वही ा यान सुना। वसा यय , गृ ह णय , धमगु और कॉलेज के व ा थय से
मली च याँ इस बात क गवाह ह क इन वचार के भाव व प रणाम ां तकारी ह।
अगर आपको इस पु तक से फ़ायदा उठाना है, जैसा हज़ार लोग ने उठाया है, तो उसे याद न रख जो म यहाँ
कहता ँ… हैरान न ह ! आपने सही सुना है! मेरी कही बात को याद न रख। आप हैरानी से पूछ रहे ह गे: “ या
आप कोई याद रखने लायक़बात नह कहगे?” दे खए, म यहाँ ऐसी ब त सी बात क ँगा। ले कन इस पु तक का
मह व मेरी कही बात को याद रखने म नह है। मेरी कही बात के फल व प आप जो सोचते ह, उसे याद रख,
य क इसी वजह से यह पु तक मह वपूण बनेगी। मेरा उ े य यह सा बत करना है क मेरी कही बात के
फल व प आप या सोचते ह, वह मेरी बात को याद रखने से कह यादा मह वपूण है।
ा यान शु करते व त म हमेशा सबसे एक ही बात कहता :ँ मेरी कही बात न लख। मेरा मानना है क
आप जो सुनते ह, उससे आपका यादा भला नह होता - अगर ऐसा होता, तो हम सब जैसे ह, उससे ब त यादा
बेहतर होते! ज़दगी म अब तक हमने ब त सारे नदश, सलाह, नयम और सुझाव सुने ह, है ना? म यहाँ बात को
कुछ यादा ही बढ़ा रहा ँ, ले कन मुझे ऐसा करने द।
एक दन मी टग से नकलते व त एक आदमी ने मुझसे कहा, “ म. जो स, म आपसे शत लगाता ँ क दस
मनट बाद इनम से दस तशत लोग को आपक दस तशत बात भी याद नह रहगी।” उसक बात सही थी।
इसी कारण मने अपने ा यान और पु तक को इस तरह तैयार कया है, ता क आप यह याद रख सक क आप
या सोचते ह। इससे कह बढ़कर, म आपको वह सोचने के लए े रत करना चाहता ँ, जो आप पहले से जानते
ह। मेरा सबसे बड़ा उ े य आपक वचार या को उ े जत करना है… आपके सव े वचार को श द म
ढालने म मदद करना है, ता क आप उनका इ तेमाल कर सक और उनसे फ़ायदा उठा सक। इसके बाद आप इस
बात पर यान क त कर क आप या सोचते ह। य द आप ऐसा करगे, तो मेरी गारंट है क नेतृ व के इन नयम
के अ यास से आपको ब त फ़ायदा होगा।
यु वा हो याकसी
वृ , नेतृ व हर क ज़ मेदारी और अ धकार है, य क यह हमारे काम पर नभर होता है। हर
न कसी चीज़ के लए ज़ मेदार होता है, जो सफ़ उसे ही करनी होती है। अगर हम इस
वशेषा धकार का आनंद लेते ह और अपनी ज़ मेदारी नभाते ह, तो हमारा वकास होता है। सरी तरफ़, अगर हम
अपने अवसर को नज़रअंदाज़ कर दे ते ह, तो हम समट जाते ह, सकुड़ जाते ह। सीखने क या जीवन का
सबसे अ त अनुभव है। सबसे खद समय वह होता है, जब कोई यह मान बैठता है क उसने पया त सीख
लया है और अब सीखने को कुछ बचा ही नह है।
या आपने कभी ये मश र अं तम श द सुने ह: “यह वह एक चीज़ है, जो मने सीखी है?” जानते ह, उसने या
सीखा है? कुछ नह ! मुझे याद है क म भी अ सर यह बात कहता था और इसके बाद ज द ही म वही चीज़
दोबारा सीख रहा होता था। अब म यह एक चीज़ सीख रहा ँ क जीना सीखने क या अ त है! हमारा
वकास तब तक कभी ख़ म नह होता, जब तक क हम सीखना न छोड़ द। जो लोग यह सरल स चाई सीखते
रहगे, उनक उ तो बढ़े गी, ले कन वे कभी बूढ़े नह ह गे।
एक बार क बात है! एक लड़का एक बुजुग को नाव म बैठाकर चौड़ी नद के पार ले जा रहा था। बुजुग ने
पानी म बहती एक प ी उठाई, उसे पल भर ग़ौर से दे खा और फर लड़के से पूछा क या वह वन प त व ान के
बारे म कुछ जानता है।
लड़के ने जवाब दया, “नह , म नह जानता।” बुजुग ने कहा, “बेटे, तुमने अपनी ज़दगी का प चीस फ़ सद
ह सा गँवा दया।”
जब वे नाव म आगे चले, तो बुजुग ने नाव क तलहट से एक प थर उठाया। उसने इसे अपने हाथ म उलट-
पुलट कया, इसके रंग का अ ययन कया और लड़के से पूछा, “बेटे, या तुम भूगभशा के बारे म कुछ जानते
हो?” लड़के ने संकोची अंदाज़ म जवाब दया, “नह , म नह जानता, महोदय।” बुजुग ने कहा, “बेटे, तुमने अपनी
ज़दगी का पचास फ़ सद ह सा गँवा दया।”
शाम का धुँधलका हो रहा था और बुजुग ने भाव वभोर अंदाज़ म ुव तारे को दे खा, जो चमकने लगा था। कुछ
समय बाद उ ह ने लड़के से पूछा, “बेटे, या तुम खगोलशा के बारे म कुछ जानते हो?” लड़का सर झुकाकर
और भ ह मोड़कर बोला, “नह , म नह जानता, महोदय।” बुजुग ने झड़कते ए कहा, “बेटे, तुमने अपनी ज़दगी
क पचह र फ़ सद ह सा गँवा दया!”
तभी लड़के ने दे खा क ऊपर क तरफ़ का बड़ा बाँध चटकने लगा था और दरार म से वशाल धाराएँ नकलने
लगी थ । तुरंत वह बुजुग क ओर मुड़ा और उसने च लाकर पूछा, “महोदय, या आप तैरना जानते ह?” बुजुग ने
जवाब दया, “नह ।” यह सुनकर लड़के ने कहा, “आपने अभी-अभी अपनी पूरी ज़दगी गँवा द है।”
आपको जीने क सारी व धयाँ और तकनीक सीखने क ज़ रत नह है, ले कन अगर आप ग तशील अंदाज़
म जीना चाहते ह, तो आपको “जीना सीखने” का स चा व ाथ बनना होगा, य क जीवन जीना ही नेतृ व का
स चा अथ है।
वा तव म दे खा जाए, तो यह पु तक मूलतः लेखक के नह , आपके बारे म है। म यहाँ-वहाँ दख़ल ँ गा और
आपको कोई बुरा उदाहरण बताऊँगा, ता क आप उससे बच सक, ले कन यह पु तक आपके बारे म बात करेगी।
यह आपको जीने के नयम बताती है, ज ह म नेतृ व के नयम कहता ।ँ इस जीवन म जो भी सर का नेतृ व नह
कर रहा है, वह वा त वक अथ म जी नह रहा है। चाहे आपको इस बात का अहसास हो या न हो, आपके जीवन
के हर े म सरे लोग आपका नेतृ व करते ह, चाहे इसके प रणाम अ छे ह या बुर।े हर गुज़रते पल के साथ
आपक ख़ुद क नेतृ व ज़ मेदा रयाँ भी बढ़ रही ह। जो इस बात को पहचान लेता है, वह कभी नह ऊबेगा।
ले कन जो इसे भूल जाता है या नज़रअंदाज़ करता है, वह अपनी अं ये के काफ़ पहले ही मर जाएगा। मेरे
बेटे जेरे ने एक बार कहा था क मृ यु के बाद के जीवन म उसक दलच पी है, ले कन ज म के बाद के जीवन म
उसक और भी यादा दलच पी है। हम सभी को इसम दलच पी लेनी चा हए!
कोई भी अकेला नह जीता है। एक “म-भू म” होती है और एक “आप-भू म” होती है। म-भू म बड़ी एकाक
जगह होती है। असं य हज़ार लोग क नाव आप-भू म से र चली गई है और वे म-भू म क च ान से टकराकर
तबाह हो चुके ह। शायद वे तबाही से बचकर म-भू म म हचकोले खाते रहे ह , ले कन प रणाम वही होता है: जो
लोग जीना सीखने के रोमांच का कभी अनुभव नह करते ह, वे अकेलेपन और धीमी मृ यु के जीवन के लए
अ भश त ह।
शु आती क़दम
जीना सीखना तब शु होता है, जब आप अपने अंदर सकारा मक नज़ रया और व बनाते ह।
सबसे पहले, आपको हर व त हर से कोई न कोई सकारा मक बात कहना सीखना चा हए।
आप कहते ह यह संभव नह है। ग़ौर कर, मने यह नह कहा है क आपको यह करना चा हए; मने कहा है
आपको यह करना सीखना चा हए। आप कभी मं ज़ल पर पूरी तरह नह प ँच पाएँग,े ले कन आप “ वकास क
राह” पर तो चल ही सकते ह।
संभवतः हमारी 99 तशत बातचीत नकारा मक होती है। कुछ लोग तो इस बात के लए बेकरार रहते ह क वे
अपना मुँह खोलकर कोई नकारा मक मोती बखेर द, ता क लोग उनक वाहवाही कर। मेरा मतलब चकनी-चुपड़ी
चापलूसी से नह है। म तो पूण नराशावाद के बारे म बोल रहा ँ। मुझे व ास है क सर से सकारा मक बात
बोलने वाले से कसी कंपनी, चच या घर का माहौल जतना उजला होता है, उतना कसी सरी चीज़ से नह
होता। मुझे यक़ न है क अगर हम चाह, तो हम हर व त हर चीज़ के बारे म हर से कोई न कोई सकारा मक
बात कह सकते ह।
या आपने जेल म बंद दो क़ै दय के बारे म सुना था? टॉम ने जो से पूछा, “तुम कहाँ जा रहे हो?” जो ने
जवाब दया, “ बजली क कुस पर।” टॉम ने कहा, “तु ह श मले।”
दे खए, वैसे तो यह श द का खेल था, ले कन टॉम क बात सकारा मक थी। ग़ौर कर क इन बात का कतना
अलग असर होता है: “बा रश से हर चीज़ बबाद हो जाती है!” और “उस सुंदर इं धनुष को तो दे खो!” अगर आप
हर से सकारा मक बात कहने क आदत डाल लगे, तो आपको हर से बात करने क ज़ रत नह
होगी; आपक छ व से ही हर जगह सकारा मक माहौल बन जाएगा। ले कन अगर आप इस दशा म काम नह कर
रहे ह, तो आप म-भू म क च ान क तरफ़ बहक रहे ह।
एक बार एक चड़ चड़े दादाजी झपक लेने के लए लेटे थे। मसखरी म उनके पोते ने उनक मूँछ पर लमबगर
चीज़ लगा दया। दादाजी झटके से जागे और च लाते ए बेड म से बाहर भागे, “इस कमरे म तो बदबू भरी है!”
फर वे पूरे घर म दौड़ते रहे। आ ़खरकार मजबूरी म वे घर से बाहर नकल गए। बाहर जाकर उ ह पता चला क
“पूरे संसार म बदबू भरी है!” यह नराशाजनक अनुभव उस श स को नह हो सकता, जो हर एक से सकारा मक
बात कहना सीख रहा है।
सरी बात, चाहे कुछ भी हो जाए, हर प र थ त म कोई न कोई सकारा मक बात दे खना सीख।
हमारे ऑ ़फस म हम इसे बड़ा-सरल कहते ह। मने कभी सफलता के कसी सव ापी फ़ॉमूले का चार- सार नह
कया है, य क म यह सीख रहा ँ क जब तक आप कसी फ़ॉमूले पर काम नह करते ह, तब तक कोई भी
फ़ॉमूला आपके लए काम नह करेगा। ज़ री नह है क मेरा फ़ॉमूला आपके लए कारगर सा बत हो, ले कन जब
आप इसे अपना बना लगे, तब यह कारगर हो सकता है। बरस पहले हमारे ऑ ़फस ने “बड़ा-सरल” फ़ॉमूला
अपना लया। हमने इसे हर बुले टन म लखा, हर दल पर अं कत कया और इसे जीवनशैली म शा मल कर लया।
“बड़ा-सरल” का पूरा मतलब है: “बड़ा दे खो - सरल रखो।”
नया वचार नाजक होता है। एक ं या मक मु कान या उबासी इसे मार सकती है; एक ताना इसे मौत के घाट
उतार सकता है; सही क भ ह क योरी इसका गला दबा सकती है।
—चा स ोअर
एक कहता है, “इसम ऐसी या ख़ास बात है?” म आपको बता ँ क यह मेरे लए ख़ास य है - यह
मेरे वभाव के वपरीत है। मेरा वभाव यह है क म कसी छोट चीज़ को ब त ज टल बना दे ता ,ँ ता क मुझे इस
बारे म कुछ न करना पड़े। मुझे ख़ुद को लगातार याद दलाना पड़ता है क हालाँ क मुझे कई जगह से मदद मल
सकती है, ले कन यहाँ मुझे अकेले ही काम करना होगा। कोई सरा मेरी तरफ़ से बड़ा नह दे ख सकता या सरल
नह रख सकता।
यह सीखना अ त है क चाहे आप चीज़ को कतना भी बड़ा दे ख ल या उ ह कतना ही सरल रख ल, ले कन
आप सव च तर तक कभी नह प ँच पाएँग।े कोई भी इंसान चीज़ को कभी इतना बड़ा नह दे ख पाया या चीज़
को उतना सरल नह रख पाया, जतनी वे हो सकती ह। कई बार हम इनम से एक को नज़रअंदाज़ कर दे ते ह और
सरे म बेहतर बन जाते ह — नु कड़ पर बैठे उस छोटे लड़के क तरह, जो प ला लेकर बैठा था।
एक से समैन हर दन उस नु कड़ से गुज़रता था। एक स ताह बाद उसे उस लड़के पर तरस आने लगा, जो
प ला बेचना चाहता था। से समैन जानता था क लड़के ने बड़ी तसवीर नह दे खी थी। वह का और बोला, “बेटे,
या तुम सचमुच यह प ला बेचना चाहते हो?” लड़के ने जवाब दया, “म सचमुच यही चाहता ँ।”
“दे खो, तुम उसे तब तक कभी नह बेच पाओगे, जब तक क तुम बड़ी तसवीर दे खना नह सीख लोगे। मेरा
मतलब यह है, इस प ले को घर ले जाओ, इसे साफ़-सुथरा करो, इसे सजाओ, इसका भाव बढ़ाओ, लोग को यह
सोचने के लए े रत करो क उ ह कोई बड़ी चीज़ मल रही है। जब तुम यह सब कर लोगे, तो यह बक जाएगा।”
अगले दन दोपहर को जब से समैन वहाँ से गुज़रा, तो वह दं ग रह गया। लड़के का प ला साफ़-सुथरा, सट
लगा और रबन से सजा आ था। उसके पास एक बड़ी त ती लगी थी: “अ त प ला बकाऊ है - 5,000
डॉलर।”
से समैन ने थूक नगला और उसे अहसास आ क उसने लड़के को बड़ा दे खना तो सखा दया था, ले कन
उसे सरल रखने के बारे म नह बता पाया था। शाम को लौटते व त वह लड़के को फ़ॉमूले का बाक़ का आधा
ह सा बताने के लए ठहरा, ले कन लड़का जा चुका था, प ला भी जा चुका था और वहाँ बड़े-बड़े अ र म त ती
पर लखा था, “ बक गया।”
से समैन को यक़ न नह आ। वह लड़का कु े को 5,000 डॉलर म नह बेच सकता था। उसक ज ासा ने
उसे इतना मजबूर कर दया क वह लड़के के घर प ँचा और घंट बजा द । जैसे ही लड़का दरवाज़े पर आया,
से समैन ने तपाक से पूछा, “बेटा, तुमने वह कु ा 5,000 डॉलर म बेच दया, या सचमुच?” लड़के ने जवाब
दया, “हाँ सर, मने ऐसा ही कया और आपक मदद के लए म आपको ध यवाद दे ना चाहता ँ।”
से समैन ने कहा, “यह कमाल तुमने कैसे कया?”
लड़के ने जवाब दया, “ओह, यह आसान था। मने तो बस बदले म 2,500 डॉलर क दो ब लयाँ ले ल !”
सावधान रह! सरल नह रखगे, तो बड़ा दे खकर आप मु कल म फँस सकते ह। सरी ओर, सरल रखगे और
बड़ा नह दे खगे, तो भी आप मु कल म फँस सकते ह। ले कन, अगर थोड़ा यादा बड़ा दे खना सीख ल और थोड़ा
सरल रखना सीख ल, तो आपको कुछ अ त अनुभव ह गे।
याद रख, इस संसार का कोई भी कूल या इंसान आपको यह नह सखा सकता। यह आपके दल म होता है।
आप इस व त जो कर रहे ह, उसम या सीख रहे ह। आप ख़ुद को अनुशा सत कर रहे ह क आप थोड़ा यादा
बड़ा दे ख और थोड़ा यादा सरल रख, वरना आपक सीखी सरी चीज़ बेकार चली जाएगी, य क आपके पास
अपनी नई यो यता या बढ़ ई मता का इ तेमाल करने का कोई तरीक़ा नह होगा।
अगर आप हर समय हर चीज़ के बारे म हर से सकारा मक बात कहना सीख रहे ह, अगर आप हर
प र थ त म सकारा मक चीज़ दे खने के लए अपने मन को अनुशा सत कर रहे ह और अगर आप बड़ा दे खना
तथा सरल रखना सीख रहे ह, तो आप एक ठोस बु नयाद बना लेते ह, जस पर आप एक ढ़ और उ त जीवन का
नमाण कर सकते ह।
इसका यह मतलब नह है क हर चीज़ ब त आसान या बाएँ हाथ का खेल हो जाएगी। दरअसल इसके
वपरीत होगा। हम जानते ह क जब भी कोई इंसान वकास करने लगता है, तो बाधाएँ यादा बड़ी हो जाती ह।
ले कन संघष म ही तो रोमांच और ग त है - और यह न भूल क ज़दगी यादा आसान सफ़ तभी होती है, जब
आप पहाड़ी से नीचे लुढ़क रहे ह ।
कैसे नह - य
या आपने कभी ग़ौर कया क कतने सारे लोग अपना समय यह सीखने म लगा दे ते ह क कोई काम कैसे कर?
और यह सीखने के बाद भी वे यादा कामयाब नह हो पाते। कुछ समय बाद वे कैसे कर वाले नए काम क तलाश
म जुट जाते ह। जैसे ही वे उसम मा हर होते ह, वैसे ही वे कैसे कर वाला नया काम खोजने लगते ह। हालाँ क कसी
भी े म तकनीक मता क ज़ रत तो होती है, ले कन कैसे-कर के इ तेमाल क कुंजी है य -कर।
दे श के तमाम बड़े संगठन और इ तहास के महान जीवन “ य ” के जवाब पर बने ह। आप कसी को यह तो
सखा सकते ह क कोई काम कैसे कर, ले कन इससे यह गारंट नह मल जाती क वह उस काम को करेगा।
ले कन अगर उसे य का पता चल जाता है, तो वह तमाम बाधा के बावजूद कैसे को अपने आप सीख लेगा।
कुंजी यह नह है क कैसे जीना है; कुंजी तो यह है क आप जी य रहे ह। इस सवाल का जवाब आपको वकास
करने क ेरणा दे ता रहेगा।
आप यह पु तक य पढ़ रहे ह? मुझे व ास है क आप इसे जीने और नेतृ व करने के जवाब खोजने क
सकारा मक उ मीद से पढ़ रहे ह। जवाब आपका ख़ुद का म त क-कं यूटर दे गा; मेरा काम तो बस कुछ य -
घुं डय को घुमाना है।
कुछ लोग अ त जीवन जीने के बजाय घसटते य रहते ह? जी वत-मृ यु झेल रहे इनम से कई लोग को तो
शायद कभी अ त जीवन के बारे म बताया ही नह गया है।
शु आत म मने ज़ कया था क इंसान अपनी ज़दगी म जो भी करता है, उस हर चीज़ क ओर कसी ने
उसका नेतृ व कया है, चाहे इसका प रणाम अ छा रहा हो या बुरा। जब तक जीवन के कसी भी े म काम करने
वाला अपने व ास और काय का “से समैन” नह बनता है, तब तक वह जीने के बारे म यादा कुछ
कभी नह सीख पाएगा। य ? य क जीना वा त वकता से जुड़ना है और सबसे गहरी वा त वकता लोग ह। हम
हर व त सर का नेतृ व कर रहे ह, चाहे हम ऐसा चेतन प से कर रहे ह या जान-बूझकर, चाहे हम अपने काय
से कर रहे ह या उनक मृ त से, एक दशा म कर रहे ह या सरी दशा म। जब भी हम सरे लोग - ब च ,
वय क , ाहक , से समैन - के साथ होते ह, तो हम अपने जीवनमू य “बेच” रहे ह यानी उनका चार कर रहे ह।
हमेशा सपना दे खो और अपने हसाब से आप जतनी ऊपर प ँच सकते ह , उससे ऊँचा नशाना साध। अपने
समकालीन और पहले वाल से बेहतर बनने क चता न कर; ख़ुद से बेहतर बनने क को शश कर
—अ ात
ई र ने अपनी सृ म कुछ नयम बनाए ह और ये नयम इंसान म भेदभाव नह करते ह। अ सर ग़लत तरह से
ो सा हत लोग ग़लत उ े य से सही नयम का दोहन कर लेते ह, जब क सही तरीक़े से ो सा हत लोग मान
लेते ह क ईमानदारी और मेहनत ही सफलता के लए पया त ह। बाद वाल के उ े य सही होते ह, ले कन उ ह
सही प रणाम इस लए नह मलते ह, य क उ ह ने सही नयम का दोहन नह कया। इस लए म सात नयम
बताना चाहता ँ, जो परम स ांत ह; इनका अनुसरण करने से आपको एक अ त जीवन क गारंट मल जाती
है। या तो उनका इ तेमाल कर और उनसे अपने प म काम कराएँ या फर उ ह नज़रअंदाज़ कर और उनसे अपने
वप म काम कराएँ।
यह एक ऐसा नयम है, जो कभी वफल नह हो सकता। यह एक अटल नयम है। दे खए, इसका मतलब ब त
अलग होता, अगर म सफ़ यह कहता: नेतृ व का पहला नयम है काम। कभी-कभार आप कसी के मुँह से सुनते
ह, “मुझे एक ऐसा इंसान दखा द, जो काम करने को तैयार है और म आपको एक सफल इंसान दखा ँ गा।” म
कहता ँ, “आप मुझे यह कहने वाला इंसान दखा द और म आपको एक मूख दखा ँ गा।” काम ख़ुदबख़ुद
सफलता क गारंट नह दे ता है। म अपने अनुभव से जानता ँ; मने लगभग दजन बार दे खा है क काम करने के
बावजूद म दवा लया होते-होते बचा ।ँ
ऐसा य होता है क कुछ लोग काम करते जाते ह, करते जाते ह, करते जाते ह, ले कन इसके बावजूद उनके
पास दखाने के लए यादा कुछ नह होता? और कुछ लोग काम करते नज़र नह आते ह, ले कन इसके बावजूद
उ ह बेहतरीन प रणाम मलते ह। नेतृ व का पहला नयम काम नह है, जैसा हम आम तौर पर इसे मानते ह -
हालाँ क इसम काम क ज़ रत तो होती है - पहला नयम तो अपने काम के बारे म रोमां चत होना सीखना है!
ले कन एक इंसान कहता है, “जो स, आपका या कसी ए ज़ी यू टव का काम इतना आकषक होता है क
उसके बारे म रोमां चत बनना आसान है। अगर आपके पास मेरे जतना घ टया काम होता, तो आप ऐसी बात कभी
नह बोलते।”
म आपको एक राज़ क बात बता दे ता ँ। “काम” चाहे कोई भी हो, हर काम क वही कहानी होती है: ववरण,
नीरसता, तैयारी, यास, थकान। हम सबको इ ह चीज़ से उबरना होता है, चाहे हम कुछ भी कर रहे ह ।
न त प से, अपने काम को छोड़कर कसी सरे के काम के बारे म रोमां चत बनना आसान होता है।
ले कन अगर मुझे वही काम करना हो, सीखना हो, वकास करना हो, योजना बनानी हो और लगन से जुटे रहना हो
- तो वह काम भी यादा मज़ेदार नह रह जाता है। दे खए, नेतृ व का पहला नयम यह नह कहता है क कसी
सरे के काम के बारे म रोमां चत बन। यह तो कहता है क हम अपने ख़ुद के काम के बारे म रोमां चत होना सीख।
उस काम के बारे म नह , जसे म भ व य म कसी दन करने के बारे म सोच रहा ।ँ नेतृ व का पहला नयम कहता
है क मेरे पास इस व त जो खद काम है, उसके बारे म रोमां चत हो जाऊँ! और, आप जानते ह, जब म वतमान
के खद काम के बारे म रोमां चत हो सकता ँ, तो इसके सुखद बनने पर तो मुझे अ त अनुभव होगा!
एक युवक आइवी लीग कॉलेज म अपनी लास म सरे थान पर रहा। वह मेरे ऑ फ़स म आकर बोला, “ म.
जो स, मने आपके बारे म सुना है। मेरा इंटर ू इस कंपनी और उस कंपनी ने लया है, ले कन कसी ने भी मुझे
भा वत नह कया। शायद आप यह पता लगाने म मेरी मदद कर सकते ह क म या करना चा ँगा।”
“ओह, बेचारा!” मने सोचा। “म इसे थोड़ा सदमे भरा उपचार दे ता ँ।” मने जवाब दया, “आप चाहते ह, म
यह पता लगाने म आपक मदद क ँ क आप या करना चाहगे? म आपक यह पता लगाने म मदद कैसे कर
सकता ँ क आप या करना चाहगे, जब क म यही पता नह लगा पाया ँ क म या करना चाहता ँ?”
उसने कहा, “आप जो कर रहे ह, या वह आपको पसंद नह है?” मने गरजते ए कहा, “म इससे नफ़रत
करता ँ! लोग मुझे वे चीज़ करने के लए ब त यादा पैसे नह दे ते ह, ज ह करना मुझे पसंद है!”
या आप जानते ह, मुझे या पसंद है? मुझे आराम करना पसंद है; मुझे काम के बारे म बात करना पसंद है।
मुझे छु याँ, जलसे, कमीशन, वेतनवृ याँ, लंबे लंच पसंद ह। ले कन मुझे या मलता है? सर दद, नराशा,
तर कार!
ले कन या आप जानते ह क म या सीख रहा ँ? जो मुझे नापसंद है, अगर म उसके बारे म रोमां चत नह
होता ँ, तो मुझे वह यादा नह मलेगा, जो मुझे पसंद है और जसके बारे म म रोमां चत होता ँ।
म यह सीख रहा ँ क जीवन का मतलब वह काम करना नह है, जसे आप पसंद करते ह। जीवन का असली
मतलब तो वह काम करना है, जो आपको करना चा हए।
म सीख रहा ँ क जो लोग अपनी पसंद का कोई काम करते ह, उ ह बाद म यह पता चलता है क उ ह ने
जस काम को पसंद दा माना था, उसे करना उ ह दरअसल पसंद नह है, ले कन जो लोग उस नापसंद काम को
करना सीख रहे ह, जसे उ ह करना चा हए, वे अंततः पाते ह क जस काम को वे नापसंद करते थे, अब वही
करना उ ह अ छा लगता है।
जब म 25 साल का था, तब मने एक साल म 10,000 डॉलर कमाए। यह उन काम को करने से आ, ज ह
करना मुझे पसंद नह था। जब म 30 साल का था, तो उ ह ने वे काम करने के लए मुझे साल म 25,000 डॉलर
दए, ज ह करना मुझे पसंद नह था। जब म 35 साल का आ, तो उ ह ने मुझे ऐसे काम करने के लए साल म
50,000 डॉलर दए, ज ह करना मुझे पसंद नह था।
वेतन क वजह से ये काम लाभकारी नह बने - ले कन मेरे यास व प रणाम मह वपूण थे और इ ह से लाभ
आ। जीवन मु यतः वह करने के बारे म नह है जो आपको पसंद है; इसका मतलब तो उसे करना है जो आपको
करना चा हए और जो आपको करने क ज़ रत है!
मुझे ख़ुशी है क म महामंद के दौरान पैदा आ। उन दन हर मनो व ान का कोई कोस कए बना ही
एक बात सीख रहा था: संसार म सबसे रोमांचक चीज़ काम करने म स म होना था! चाहे जैसी हो, नौकरी होना
सौभा य क बात थी!
आज जसे दे खो, वह सही क़ म क नौकरी क तलाश म भटक रहा है। कई बार कोई इस तरह क बात कह
दे ता है, “म ऐसी नौकरी खोज रहा ,ँ जो मेरे लए उपयु हो।” म कहता ँ, “आशा है आपको उससे बेहतर
मलेगी!” हम यह पता होना चा हए क ई र ने ऐसी कोई नौकरी नह बनाई है, जो कसी इंसान को बना सके,
ले कन जो इंसान अपने काम के बारे म रोमां चत है, वह नौकरी को बना सकता है।
हम शारी रक म को अ भशाप या कटु आव यकता नह मानते ह, न ही आजी वका कमाने का साधन मानते ह।
हम इसे एक उ च मानवीय काय मानते ह, जो मानव जीवन का आधार है, मानव के जीवन म सबसे ग रमामय चीज़
है और जो मु , सृजना मक होना चा हए। मनु य को इस पर गव करना चा हए।
—डे वड बेन-गु रयन
उपयोग कर या खो द
ई र हर को कुछ गुण, वशेषताएँ, तभाएँ दे ता है और फर वह कहता है, “अगर तुम अपने पास क चीज़
का उपयोग करोगे, तो म इसे बढ़ा ँ गा, ले कन अगर तुम इसका उपयोग नह करोगे, तो तुम इसे खो दोगे।” उपयोग
कर या खो द! यह एक नयम है।
एक रात जब म एक से मनार से बाहर नकला, तो एक आदमी ने मुझसे कहा, “चाल , या आप इसे संभव
मानते ह क कोई अपने काम के बारे म रोमां चत हो, आनं दत हो और सफल हो, ले कन तीन साल बाद वह
इस बात से उकता जाए और सोचने लगे क उसने इस घ टया काम के बारे म कभी सुना ही य था?”
ओह, ओह… एक और जो “उपयोग कर या खो द” नयम के बारे म नह जानता था। दे खए, एक दन
वह आनंद ले रहा था और अपने पास के गुण का उपयोग कर रहा था। फल व प वह तर क कर रहा था और
ख़ुश था। फर वह नीचे फसलने लगा, य क वह अपने पास मौजूद गुण का इ तेमाल नह कर रहा था और इ ह
खो रहा था। एक सुबह वह जागा और उसे पता चला क वह असफल हो गया है। लोग जब कुछ गँवा दे ते ह, तो वे
आम तौर पर इसका दोष कसी सरी चीज़ पर मढ़ दे ते ह। इस बात पर वचार कर: कोई भी तब तक असफल नह
होता, जब तक क वह कसी सरे को दोष न दे ने लगे। जब तक आप अपनी असफलता के लए ख़ुद को दोषी
मानते ह, तब तक आप असफल नह ह, य क आप थ त को बदल सकते ह!
या आपने उन बु मान चोर के बारे म सुना है, जो पूरी नया म स य ह? एक रात उ ह ने जूत के एक
टोर म चोरी क । उ ह ने एह तयात से सारे जूते ड ब से बाहर नकाले और ख़ाली ड बे क़रीने से सभी शे फ़ म
फर से जमा दए। काम पूरा होने के बाद उ ह ने टोर को पहले जैसा ही छोड़ दया - अंतर केवल इतना था क
ड ब म जूते नह थे!
अगली सुबह मैनेजर आया और वह हमेशा क तरह ख़ुशनुमा था। उसने अपने कमचा रय के साथ फटाफट
से स मी टग क । फर जब पहला ाहक आया, तो उसने अपने अ वल से समैन को भेजा: “ बल, जाकर ब
कर दो।”
बल तेज़ी से गया। “गुड मॉ नग, मैडम,” उसने कहा। “अपना छोटा सा पैर यहाँ रख। ओह, कतना सुंदर पैर
है! हमारे पास पे रस का एक जूता है, जो आपक आँख को भा जाएगा। यह रहा… माफ़ कर, मैडम, थोड़ी सी
गड़बड़ है। मैडम, यह ग़लत जूता था। म आपको एक ऐसा जूता दखाना चाहता ँ, जो इतने सुंदर पैर के लए ही
बनाया गया है… उह, यह वाला भी नह है। म अपनी प नी के लए एक जोड़ी बचा रहा था, जो आपको सचमुच
पसंद आएगा। इसक ओर दे ख, मैडम… ओह, एक मनट, मैडम। म अभी आता ँ।”
“बॉस, हमारे सामने एक सम या है।”
“सम या? कैसी सम या?”
“बॉस, हमारे पास जूते नह ह।”
“तु हारा या मतलब है, हमारे पास जूते नह ह? इतने सारे ड बे तो रखे ह।”
“बॉस, सारे ड बे ख़ाली ह!”
जी हाँ, महोदय। टोर लुट चुका था और बेचारे मा लक को इसक ख़बर तक नह ई! यही उन करोड़ लोग
का हाल है, जो इस लए लुट चुके ह, य क वे उपयोग कर या खो द के नयम पर नह चले।
आइए, हम अपने च र के भंडार क छोट सी सूची बनाते ह। ब त सारे लोग उपयोग कर या खो द का नयम
नह सीख रहे ह। यह नयम कहता है क अगर आप अपने पास क चीज़ का उपयोग नह कर रहे ह, तो आप इसे
खो रहे ह। आपके पास जो है, अगर आप उसका उपयोग कर रहे ह, तो यह आपको यादा मल रही है।
एक कहता है, “ऐसा कैसे है क म उससे दोगुना माट ँ, ले कन फर भी वह मुझसे दोगुना कमा रहा
है?” म आपको बता दे ता ँ क ऐसा य है: उसके पास जो है, वह उसका उपयोग करना सीख रहा है, इस लए
उसे यादा मल रहा है।
आइए, आपके शे फ़ के कुछ ड ब क जाँच करते ह। आपका पूण समपण कैसा है? या आपने हाल म
इसक जाँच क है? अगर आपके पास थोड़ा सा भी समपण है और आप इसका उपयोग कर रहे ह, तो आप इसे
बढ़ा रहे ह। अगर आपके पास थोड़ा सा समपण है, ले कन आप इसका उपयोग नह कर रहे ह, तो आप इसे खो रहे
ह।
म युवा से कहता ँ, “अगर आपसे कभी हा शये पर जाने को कहा जाए - आपक चुनी ई चीज़ से अलग
कसी सरी चीज़ पर जाने को कहा जाए - तो उसके लए भारी दौलत माँग!” य क अगर आप अपने पूण
समपण क थोड़ी सी भी मा ा को खो दगे, तो आप दवा लया हो जाएँगे। हा शया फसलने वाली पं होती है;
आपके हाथ को करने के लए जो भी मले, उसे पूरी श से कर। अगर आप यादा समपण का इ तेमाल करते
ह, तो समपण बढ़ता चला जाएगा और पूण समपण से आपको वे चीज़ मल जाएँगी, ज ह आप सचमुच चाहते ह।
ठ क है, अब आपक नेक क जाँच करते ह। आप कहते ह, “ओहो, मुझे ख़ुशी है क आपने इसका ज़
कया, य क यह मेरी श है।”
मेरा मतलब वैसी नेक से नह है, जसे आप अपने मंसूबे पूरे करने के लए बटन दबाकर चालू कर दे ते ह। हम
सभी नेक का नाटक करना जानते ह। म ई र-के- त-स ची, वा त वक नेक क बात कर रहा ँ। म उस तरह क
नेक क बात कर रहा ँ, जसका जब आप इ तेमाल करते ह, तो यह बढ़ती है, ले कन अगर आप इसका इ तेमाल
नह करते ह, तो यह ग़ायब हो जाती है।
पछले साल मने हॉलीवुड बीच पर एक कंपनी के रा ीय जलसे म ा यान दया और फर पॉ पैनो बीच पर
अपने डैडी से मलने गया। मेरे पास बस इतना ही समय था क म कार से जाऊँ, उ ह बता ँ क म उनसे ेम करता
ँ और फर उनके गले लगकर वापस लौट आऊँ। लंच के लए समय नह था और म भूख से मरा जा रहा था, तभी
मने दे खा क मुझे पे ोल भरवाना होगा। मने सोचा, “म एक तीर से दो शकार कर लेता ँ; म पे ोल भी भरवा लेता
ँ और दौड़कर नज़द क कराना टोर से एक आइस म सड वच भी ले आता ँ।”
मने पे ोल पंप पर गाड़ी रोक । मेरे सामने एक और कार खड़ी थी। जब म े डट काड हाथ म लेकर बाहर
कूदा, तो एक अटडट मेरी कार के पास आया। मने फटाफट उससे कहा, “यह लो, यह काड लो और मेरा टक पूरा
भर दो। म एक मनट म लौटकर आता ँ।” उसने जवाब दया, “आप या करना चाहते ह, मुझे परेशान करना
चाहते ह?”
मेरी भूख अब बेक़ाबू हो रही थी, इस लए म झ लाकर बोला: “काड लेकर टक पूरा भर दो, वरना म कह और
से पे ोल भरा लूँगा।”
म अपनी आइस म सड वच लेने के लए सड़क के पार चला गया। आधी सड़क पार करने के बाद मेरे मन म
एक वचार तूफ़ान क तरह आया: मने अभी-अभी अपनी थोड़ी नेक खो द थी और मेरे पास इतनी यादा नह थी
क उसे खोना गवारा कर सकूँ। म दोबारा सड़क पार करने और अफ़सोस जताने के लए होने लगा। लौटकर
मने कहा, “दो त, एक मनट पहले मने तु हारे साथ बदतमीज़ी क थी और म माफ़ माँगना चाहता ँ। मुझे
अफ़सोस है।” जानते ह, उसने या कहा? “कोई बात नह । हर कोई मेरे साथ बदतमीज़ी करता है!”
मनु य तब शांत और ख़ुश होता है, जब उसने काम म अपना पूरा दल लगाया हो और अपनी सबसे अ छ को शश
क हो; इसके अलावा वह जो कहता या करता है, उससे उसे कोई शां त नह मलेगी।
—रै फ़ वॉ डो एमसन
हाँ, हम एक ऐसे संसार म रहते ह, जहाँ कई लोग एक सरे के त बदतमीज़ी करने म अपनी शान समझते ह।
हम जानते ह क नेक का नाटक कैसे करना है, ले कन हम नेक होने के बारे म यादा नह जानते ह, है ना? संसार
म सबसे महान चीज़ म से एक है सामा य, सहज बोध वाला, नेक दल इंसान बनना। अगर हमम से यादातर लोग
यह सीख ल, तो शायद हमारे ब चे हम परेशान करने के बजाय हमारी नक़ल करने लगगे।
कसी चालाक को भाँपना ब त आसान होता है। म एक मील र से भाँप लेता ँ - कारण जानते ह,
चालाक के लए चालाक को पहचानना आसान होता है! मने पाया है क सर क जन बात पर मुझे
ग़ सा आता है, दरअसल वे मेरे ही दोष क त बब होती ह - और यह समझने के बाद म यादा स ह णु हो गया
ँ!
संसार क सबसे महान चीज़ म से एक यह है क जस म थोड़ी नेक हो, वह हर व त, हर एक के साथ
इसका इ तेमाल करे - पड़ो सय के साथ, प रवार वाल के साथ, ल ट चलाने वाले के साथ, वेटर के साथ - हर
व त। अगर आप अपने पास मौजूद थोड़ी सी नेक का इ तेमाल नह कर रहे ह, तो आप इसे खो रहे ह। आप
असली नेक क नक़ल नह कर सकते या इसका उ पादन नह कर सकते। कसी ऐसे से मलना कतना
रोमांचक होता है, जो वा त वक हो और सादा हो और सचमुच नेक हो। यह बस अ त होता है!
आइए न ा के ड बे क जाँच करते ह। एक आदमी कहता है, “ओह, म इसम भी अ छा ँ।” हाँ, म आपका
मतलब समझता ँ। ब त से लोग सोचते ह क जब कोई आपको कुछ दे , तो आप बदले म उसे न ा दे ते ह।
दे खए, न ा दे ते समय आप इस बात क परवाह नह करते ह क बदले म आपको या मलता है। दरअसल न ा
दे कर आप अ धक न ा को आमं त करते ह और न ा से सरे महान गुण वा हत होते ह।
कुछ लोग कहते ह, “प रवार या कंपनी के त न ावान बनने क ब त क़ मत चुकानी पड़ती है” - ले कन
ज़रा सोच अगर आप अपनी न ा का उपयोग नह करगे, तो आपको कतनी यादा क़ मत चुकानी पड़ेगी।
आप कसी चीज़ म संल न होना कतना पसंद करगे, जहाँ कोई अपने व ास क ख़ा तर जान दे ने को तैयार न
हो? आप संसार को तो नह बदल सकते, ले कन आपके पास जो है, उसका उपयोग करके और उसे बढ़ाकर आप
ख़ुद को तो बदल सकते ह। न ा बढ़ाने के लए इसका उपयोग कर और इसका व तार कर; न ा बढ़ाने का सरा
कोई तरीक़ा नह है।
आपका अनुशासन कैसा है? म अनुशासन से जतनी नफ़रत करता ँ, शायद ही कसी सरी चीज़ से करता
।ँ मुझे इससे हमेशा नफ़रत रही है। मुझे अपने अनुशासन य डैडी याद ह। लगभग हर सुबह वे कहते थे, “बेटे,
इससे तु ह जतनी चोट प ँचती है, उससे यादा चोट मुझे प ँचती है।”
म कहता था, “डैडी, अगर इससे आपको इतनी यादा चोट प ँचती है, तो आप इसे हमेशा य करते ह?”
मुझे अनुशासन से नफ़रत थी।
ले कन जीवन म बाद म मने सीखा — माफ़ कर, मने सीखना शु कया - क अनुशासन वह ब त महान गुण
है, जसे इंसान वक सत कर सकता है और कई गुना बढ़ा सकता है। अनुशासन एक गुण है। आप इसक थोड़ी सी
मा ा से शु आत करते ह, आप ख़ुद को स ा के अधीन रखते ह और कसी नौकरी तथा ल य के त सम पत
करते ह। इस तरह आप अनुशासन के बारे म थोड़ा यादा सीखते ह।
जो ख़ुद को स ा के अधीन रखकर अनुशासन के बारे म नह सीख रहा है, वह चाहे जतने आ म-
अनुशासन का इ तेमाल कर ले, कभी सफल नह होगा! उसम अनुशासन पर अमल करने का अनुशासन नह है।
कई लोग सफ़ इस लए असफल हो जाते ह, य क वे इस अ नवाय गुण का इ तेमाल नह करते ह। हताशा
और पराजय म भी अनुशासन आपको सृजना मक प से त रहने क ेरणा दे गा। तब शंका, चता और आ म-
क णा पीछे छू ट जाएँग।े
हमम से कुछ लोग म यह भाव होता है: “म… कभी नह क ँ गा!” ऐसा कभी न कह! अगर आप ऐसा कहते
ह, तो ग़ौर कर, इस गुण को सीखना शु करने के लए आपको अनुशासन क उतनी ही ज़ रत होती है, जतनी
कसी सरी चीज़ क ।
मुझे आशा है क वे बु मान चोर आपक नगाह बचाकर आपके भंडार के गुण चुराकर नह ले गए ह गे। याद
रख, वे चोर सारे समय आपके और मेरे भंडार पर स य ह। आपके पास जो है, उसका उपयोग करके उसे बढ़ाएँ।
आव यक गुण वक सत करने का इसके सवा कोई सरा तरीक़ा नह है।
कभी-कभार म कसी ऐसे से मलता ँ, जो कहता है, “जानते ह, म आधे-अधूरे काम म यक़ न नह करता।
जब म कोई चीज़ करता ँ, तो आदश ढं ग से करना चाहता ँ।”
म नह जानता क आपने सैम के कपड़ के टोर के बारे म सुना है या नह , ले कन सैम एक अलग ही क़ म
का इंसान है। वह आदश काम के नयम के बारे म जानता था। एक दन जॉन सैम से मलने गया। उसने कहा,
“सैम, म एक सूट ख़रीदना चाहता ँ।”
सैम बोला, “श्-ं श्-ं श्ं!”
जॉन ने पूछा, “श्ं-श्-ं श्ं से आपका या मतलब है?”
“हम यहाँ सूट नह बेचते ह।”
जॉन आ य से बोला, “तो फर ये जो इतनी सारी चीज़ टँ गी ह, वे या ह?”
सैम ने कहा, “दे खो, हम यहाँ सूट नह बेचते ह - यहाँ, इस तरफ़ आएँ - ऐसा नह है क हम आपको रैक से
उठाकर कोई भी सूट बेच सकते ह। जब आप यहाँ सूट ख़रीदने आते ह, तो यह एक बड़ा अ भयान होता है! हमारे
यहाँ यह ब त बड़ा मामला होता है। हम आपके वा त वक व को जानना पड़ता है। हम आपके नज़ रये और
आपक यो यता को जानना पड़ता है। हम आपक पसंद-नापसंद को जानना पड़ता है। जब हम आपके स चे
व प को जान लेते ह, तब कह जाकर हम आपके लए सबसे उपयु , बलकुल सही ऊन चुनते ह। हम आपके
लए उपयु बलकुल सही भेड़ चुनने के लए इं लड तक भी जा सकते ह। हम सही रेशम क तलाश म जापान
तक जा सकते ह; हम सही क ड़ा तक चुनते ह! और बटन; हम आपके लए सबसे उपयु बारह सघा चुनने के
लए अला का तक भी जा सकते ह।”
जॉन बीच म बोलता है: “एक मनट ठहरो, सैम। मुझे सूट आज ही चा हए!”
सैम बोलता है: “यह आपको मल जाएगा!”
दे खए, म सही चीज़ करने म व ास करता ँ। वा तव म, म अ सर यह ाथना करता ँ, जो मेरे दय क
पुकार होती है “हे ई र, मरने से पहले मुझे एक चीज़ सही करने दो।” ले कन फर म जोड़ दे ता ँ, “ले कन हे
ई र, तब तक कुछ करने म मेरी मदद करो!”
एक नयम है जो कहता है क अगर आप कुछ करना नह सीख रहे ह, तो आने वाले कल म आप आदश काम
के बारे म यादा नह जान पाएँग।े युवा से समैन के प म मने रा ते के हर क़दम पर यह बात सीखी। प त, पता,
संडे कूल ट चर - आप चाहे जस भू मका को उठा ल - मेरा दय कुछ करने म आनं दत होता था। वैसे अगर म
थोड़ा यादा इंतज़ार करता, तो म बेहतर काम कर सकता था, ले कन हो सकता है क कई छोटे -छोटे काम तो
कभी हो ही नह पाते।
अगर आप आदश पूणता म व ास करते ह, तो आप सपने दे खने के सवा यादा कुछ नह कर पाएँग।े
ले कन काम आपको दै नक जीवन म आदश पूणता के बारे म थोड़ी सीख दे सकता है।
नेतृ व का चौथा नयम:
पाने के लए द
कोई कहता है, “म इस नयम पर सचमुच व ास करता ।ँ यह मुझे मेरे दादाजी ने सखाया था और मेरी प नी,
वह भी यही कहती है। पछले स ताह पादरी ने भी इस पर वचन दया था। उ ह ने कहा था क अगर आप दगे, तो
आपको मलेगा!”
जो संयोग के भरोसे कुछ नह छोड़ता है, वह ब त कम चीज़ बुरी करेगा, ले कन वह ब त कम चीज़ कर पाएगा।
—चा स बॉडे लयर
थर खड़े रहने से आपके अँगूठे म कभी चोट नह लगेगी। आप जतनी यादा तेज़ चलगे, अँगूठे म चोट लगने क
उतनी ही यादा आशंका रहेगी, ले कन उतनी ही यादा संभावना इस बात क भी रहेगी क आप कह प ँच
जाएँग।े
—चा स एफ़. केट रग
इंसान ने या लया, इसके लए कभी कसी को स मा नत नह कया गया। स मान तो उसे इस लए मलता है,
य क उसने कुछ दया।
—कै वन कू लज
एक मनट ठहर। मने एक कंपनी के लए सोलह साल तक काम कया, जहाँ मुझे सफ़ तन वाह मलती थी।
उन सोलह साल म मने एक बार भी उस कंपनी के लए काम नह कया। म कसके लए काम कर रहा था? म
चा स ई. जो स और उसके छह छोटे ब च क गुज़र-बसर के लए काम कर रहा था! ऐसे ब त से मौक़े थे, जब
मुझे पता था क म दे रहा था, ले कन इसके बावजूद मुझे ख , क और सम या के सवा कुछ नह मल रहा
था। ले कन म यह बात भी जानता था क म स चे अथ म दे ना सीख रहा था।
कॉ ै टर क बेट से शाद करने वाले एक युवा कॉ ै टर को यह सबक़ मु कल तरीक़े से सीखना पड़ा।
ससुर अपने दामाद को एक तोहफ़ा दे ना चाहता था।
उसने कहा, “बेटे, म नह चाहता क तुम नचले तर से अपना काम शु करो, जहाँ मने शु कया था।
इस लए तुम जाकर इस क बे का सबसे शानदार मकान बनाओ, उसम हर चीज़ आला दज क लगाओ, उसे महल
बना दो और उसे बनाकर मुझे दे दो।”
युवा कॉ ै टर ने इसे ज़ोरदार मुनाफ़ा कमाने के अवसर के प म दे खा। उसने फटाफट एक कामचलाऊ
इमारत बनाई, जो बस दो मज़बूत आँ धयाँ झेल सकती थी। कुछ समय बाद वह अपने ससुर के पास गया। “डैडी,
मकान तैयार हो गया है।”
“ या यह शानदार है? या यह वैसा ही महल है, जैसा म चाहता था?”
“हाँ, डैडी।”
“बेटे, या यह सचमुच वह सबसे शानदार मकान है, जो कभी बना था?”
“हाँ, डैडी।”
“ठ क है, बल कहाँ है? या इसम तु हारे लए अ छा मुनाफ़ा है?”
“हाँ, डैडी।”
“ब त ब ढ़या। यह रहा तु हारा चेक और क़ानूनी काग़ज़ात कहाँ ह?”
क़ानूनी काग़ज़ात दे खकर ससुर ने कहा, “मने तु ह यह नह बताया था क म इसे क बे का सबसे अ छा मकान
य बनवाना चाहता था। म चाहता था क अपने बेट -दामाद के त अपना यार दखाने के लए तुम दोन को
कोई ख़ास तोहफ़ा ँ … यह लो, क़ानूनी काग़ज़ात लो और जाकर उस घर म रहो - तुमने इसे ख़ुद के लए बनाया
है!”
युवा कॉ ै टर टू टे ए, कुं ठत क तरह भारी क़दम से गया। उसने सोचा था क वह घ टया माल
लगाकर, पैसे बचाकर और शॉटकट अपनाकर दौलत कमा रहा था, ले कन वह कसी सरे को नह , ब क ख़ुद को
ही धोखा दे रहा था।
आप कॉ ै टर ह या न ह , आप एक जीवन का नमाण कर रहे ह। बेहतर जीवन तभी बनेगा, जब दे ने क
मता बढ़े गी। सचमुच दे ने से स चे जीवन का नमाण है, य क तब आपम कोई ऐसी अनूठ चीज़ दे ने क मता
आ जाती है, जो सरे कसी के पास नह होती।
म आपको आ त करना चाहता ँ क आज तक कोई भी इंसान इस नयम क पूण संभावना तक नह प ँच
पाया है। ऐसा कोई इंसान नह है, जसम म भी शा मल ँ, जो दे ने के बारे म ब त यादा जानता हो। ले कन ई र
क कृपा रहे, तो आप पाने के लए दे ने का नयम यादा अ छ तरह सीख सकते ह। याद रख, आपको जो मलता
है, वह बदले म मला उपहार नह है; आप जहाँ ह, आपक उससे आगे जाने क मता बढ़ जाती है। यह वकास
का नयम है!
अनुभव के ार खोल
यह लानर और ऑगनाइज़र का युग है। आप कसी से मनार म जाते ह और वहाँ कसी ग तशील व ा क बात
सुनते ह: “मुझे योजना बनाने वाला इंसान दखा द और म आपको एक सफल इंसान दखा ँ गा।” म कहता ँ
(ज़ा हर है, ख़ुद से), “मुझे ऐसी बात कहने वाला इंसान दखा द और म आपको एक मूख इंसान दखा ँ गा।”
कभी भी यह न सोच क योजना बनाने भर से आप कामयाब हो जाएँगे। म बेहतरीन योजनाएँ बनाता था,
ले कन इस च कर म म आधा दजन बार दवा लया होते-होते बचा। योजना बनाना सही जवाब नह है!
आपने उस खी का आतनाद सुना होगा, “म कोई भगोड़ा नह ँ। मने छह योजनाएँ बनाकर दे खी ह,
ले कन म अब भी हार नह मान रहा ँ। म एक और योजना बना रहा ँ। अगर यह योजना नाकाम रही, तो म हाथ
जोड़ लूँगा।” म उसे एक बात बताना चाहता ।ँ वह पहले ही हाथ जोड़ चुका है!
दे खए, म योजना बनाने म व ास करता ँ, ले कन कुंजी “योजना बनाना” नह है, ब क लचीली योजना
बनाना है। योजना बनाएँ - लचीली योजना बनाएँ।
आँकड़े ववेक का वक प नह ह।
—हेनरी ले
या आप जानते ह क लचीली योजना बनाने का या मतलब होता है? इसका मतलब है: जो भी चीज़ ग़लत
हो सकती है… वह ग़लत हो जाएगी! यह सही है! चूँ क हम जानते ह क जो भी चीज़ ग़लत हो सकती है, वह ग़लत
समय पर ग़लत हो सकती है, इस लए लचीला नयोजन कहता है: अपनी योजना के ग़लत होने क योजना बनाएँ,
ता क आपके पास एक वैक पक योजना रहे, य क “यह मेरी योजना है!”
या आप जानते ह क ब त सारे लोग इस लए खी रहते ह, य क वे हर चीज़ के सही होने क उ मीद करते
ह? वे ख को आमं त कर रहे ह! म चीज़ के ग़लत होने क उ मीद करता ँ, इस लए म सारे समय फु लत
रहता ँ! एक चतुर आदमी ने मुझसे पूछा था: “अगर कोई चीज़ सही हो जाए, तब आप या करगे?” जवाब
आसान है; म इसे भी योजना म शा मल कर सकता ँ। इससे मुझे आज तक कोई सम या नह ई!
इसे कल सुबह दन शु करते व त आज़माएँ। कह, “ई र, आज मेरी तरफ़ कुछ खद सम याएँ भेजो।” मने
ऐसा कया है और कुछ समय बाद ही मुझे यह कहना पड़ा है, “आपने न त प से ब त ज द ाथना का
जवाब दे दया।” आप कह सकते ह क आपको ऐसी ाथना करने क ज़ रत नह है - खद सम याएँ इसके
बना ही आपके सामने आ जाती ह। ले कन मेरी तरह आप उनके लए तैयार नह ह, है ना?
मुझे याद है, जब म इस कारोबार म आया था, तो मुझे ॉड ट के बारे म जानकारी द गई और ब का
श ण दया गया। म मैदान म उतरने के लए बेताब और बेकरार था। आ ख़रकार वह बड़ा दन आ ही गया और
मने मैनेजर से पूछा, “म सामान कसे बेच?
ूँ ” उनका जवाब था, “पूरा संसार आपका बाज़ार है!” पूरा संसार, वाह!
ले कन म अ व थत था। म उस टै ससवासी क तरह था, जो हड़बड़ी म हवाई अ े प ँचकर बोला, “मुझे
एक टकट दे दो!” एजट ने टकट उलटते-पलटते ए पूछा, “कहाँ का?” टै ससवासी ने कहा, “इससे कोई फ़क़
नह पड़ता - मुझे हर जगह काम है।”
वधा इसी का नाम है! म इसम मा हर था। म अपनी कार म कूदकर बैठता था और बदहवासी म मैनेजर के
ऑ फ़स प ँचता था। म तुरंत उनसे कहता था, “मेरे सामने एक सम या है।” उनका जवाब होता था, “म तु ह बता
दे ता ँ क तु हारी सम या या है; तु हारी सम या नयोजन है।” म सोचता था, “ओह, वे कतने चतुर ह! मने तो
उ ह सम या बताई भी नह और उ ह ने मुझे जवाब बता दया!”
यह काफ़ अ छा था, जब तक क यह बीसव बार नह आ; तब कह जाकर मुझे अहसास आ क यह
घसा- पटा ब संवाद था। आप घसे- पटे ब संवाद म आने वाली सम या जानते ह? ाहक को यह पता नह
होता क उ ह या बोलना है।
हम लचीला नयोजन सीखने क ज़ रत है। जो वकास कर रहा है, उसक नशानी यह समझ है क
हम यादा सही बनाने के लए प र थ तयाँ ग़लत होती ह। ई र जब तक कसी को दोबारा न बनाना चाहता हो,
तब तक वह सम या से कसी इंसान को कभी नह तोड़ता।
जंगली घोड़ा पहाड़ी पर सुंदर दख सकता है, जब उसके बाल हवा म उड़ रहे ह , ले कन उसका तब तक
यादा उपयोग नह है, जब तक क कोई उसे बदलकर इस क़ा बल न दे , ता क वह बोझ ख च सके या सवार को
कह ले जा सके। न ही कोई तब तक यादा उपयोगी है, जब तक क ट मवक म उसका दोहन न कया जाए
और मागदशन से उसे अनुशा सत न कया जाए। ई र मनु य को श त इस लए करता है, ता क वह उ मु
दौड़ सके। यह एक पुराना नयम है; आप इससे लड़ तो सकते ह, ले कन इसे कभी बदल नह पाएँग।े
क पना कर क हमारा जीवन कतना उथला होगा, अगर ई र ऐसी प र थ तयाँ न भेज,े जो उस पल तो
वनाशकारी लगती ह, ले कन बाद म समृ दायक और अथपूण सा बत होती ह।
मेरे एक कमचारी ने मुझसे कहा था, “म छोड़ रहा ।ँ ” मने उससे पूछा य । “दे खए, म नह सोचता क यह
मेरे लए ई र क मज़ है। प र थ तयाँ भयंकर ह।” मने पूछा, “प र थ तयाँ भयंकर ह? इसका मतलब है क
आप ठ क वह ह, जहाँ आपको होना चा हए! इससे आप सफल बन सकते ह!”
म कभी उस बड़ी ब को नह भूल पाऊँगा, जो मने कारोबार म आने के तीन साल बाद क थी। वाह! मेरी
पाँच अँगु लयाँ घी म थ ! उस ब के मुनाफ़े से हमने एक बड़ा, सुंदर मकान बना लया। ले कन कई बार पशन
करण म पच फँस जाते ह और यहाँ एक बड़ा पच फँस गया। अंततः मुझे अपनी सारी कमाई लौटानी पड़ी,
ले कन वह शानदार घर मेरे गले का फंदा बन गया।
यह मेरे साथ हमेशा आ है। इस लए म यह सीखता जा रहा ँ क म जीवन म यह तो तय नह कर सकता क
मुझे कब लात पड़ेगी, ले कन म यह ज़ र तय कर सकता ँ क जब भी लात पड़ेगी, तो उसके बाद म कस रा ते
पर जाऊँगा।
मुझे लगता है क नीचे गरे बना वकास करके ऊपर उठने का कोई तरीक़ा नह है। अपमान के बना इंसान
वन नह बनता है। य द कोई इंसान लचीले नयोजन के नयम को नज़रअंदाज़ करता है, तो वह ब त कुं ठत और
कटु बन जाता है।
मने एक लड़के के बारे म सुना, जो हाई कूल क पढ़ाई पूरी करने के बाद एक कराना टोर म काम करने
लगा। दो स ताह बाद उसके डैडी ने कहा, “बेटा, चलो अब कॉलेज के बारे म बात करते ह।”
“ओह डैडी, मने आपको नह बताया या? म कॉलेज नह जा रहा ँ।”
“तुम कॉलेज नह जा रहे हो? य ?”
“म कॉलेज इस लए नह जा रहा ,ँ य क मुझे अपनी ज़दगी का मनचाहा काम मल गया है।”
“तु हारा या मतलब है - तु ह ज़दगी का मनचाहा काम मल गया है?”
उसने कहा, “दे खए, म वहाँ क चलाता ँ और मुझे कराना बाँटने वाला क चलाने से ेम है। बॉस ख़ुश है;
उसने मेरी तन वाह अभी-अभी बढ़ा द है! यह सचमुच अ त काम है।”
“दे खो बेटे, तुम सारी ज़दगी क चलाने और कराना प ँचाने के अलावा भी कुछ कर सकते हो।”
लड़के ने कहा, “एक मनट ठहर। आप ही ने तो मुझे बताया था क ज़दगी का मक़सद ख़ुश होना है?”
“हाँ।”
“दे खए, म ख़ुश ँ और म यही करने जा रहा ँ। म कॉलेज नह जा रहा !ँ ”
दे खए, डैडी अपनी ख़ुद क अ रद शता के शकार थे। जीवन ख़ुश रहने के बारे म नह है; यह तो वकास
करने के बारे म है। डैडी को अहसास आ क उ ह कोई सरी नी त अपनानी होगी। सोलह साल के लड़के को
जवाब बताने से कोई फ़ायदा नह था, य क उसे लगता था क उसे सारे जवाब मालूम ह! इस लए डैडी कराने
क कान म जाकर बोले, “जॉन, तुम मेरे बेटे को नौकरी से नकालने वाले हो।”
“आपका या मतलब है, आपके बेटे को नौकरी से नकालने वाला ँ? मने उस जैसा लड़का आज तक नह
दे खा। वह सबसे अ त लड़का है, जो मने दे खा है। मने अभी-अभी उसक तन वाह बढ़ाई है। वह उस क को
चमकाकर रखता है; लोग को ख़ुश रखता है। वाह, यह बेहतरीन है।”
“दे खो, वह कॉलेज नह जा रहा है,” पता ने कहा, “और अगर तुमने उसे नौकरी से नह नकाला, तो उसक
ज़दगी तबाह हो जाएगी, जसके लए तुम ज़ मेदार होगे।”
कराने वाला समझ गया क अब उसे कुछ करना होगा। शु वार को जब लड़का अपनी तन वाह लेने आया,
तो कराने वाले ने कहा, “एक मनट ठहरो!” लड़के ने पूछा, “हाँ?” उसने कहा, “तु ह नौकरी से नकाला जाता
है।”
“मने या कया?”
“तु ह नौकरी से नकाला जाता है।”
“ या गड़बड़ हो गई?”
“तु ह नौकरी से नकाला जाता है!”
“ या?”
“तु ह नौकरी से नकाला जाता है!”
लड़के को समझ म आ गया क उसे नौकरी से नकाल दया गया था। वह ब त नराशा म घर प ँचा। उसने
कहा, “ठ क है, डैडी। म कॉलेज जा रहा ँ।”
यह एक स ची कहानी है। लगभग तीस साल बाद जब वही लड़का एक अ णी व व ालय का े सडट बना,
तो उसने अपने डैडी से कहा, “म आपको उस व त के लए ध यवाद दे ता ँ, जब आपने मुझे नौकरी से
नकलवाया था।”
लगन और श ाचार दो महान गुण ह, जो सभी उ चाकां ी लोग के लए सबसे मू यवान ह, ले कन ख़ास तौर पर
उन लोग के लए, जो भीड़ से अलग चलना चाहते ह।
—बज मन डज़राइली
ो सा हत करने के लए ो सा हत बन
हो सकता है क आपक प र थ तयाँ अनुकूल न ह , ले कन वे लंबे समय तक ऐसी नह रहगी, अगर आप कसी
आदश का ल य बनाएँ और उस तक प ँचने क को शश कर। अगर आप अंदर या ा करते ह, तो आप बाहर थर
नह खड़े रह सकते।
—जे स लेन एलन
ले कन इन ो साहन करने वाल को ग़ौर से दे ख — कुछ इस मुक़ाम पर प ँच जाते ह, जहाँ वे कसी को कोई
भी चीज़ करने के लए ो सा हत कर सकते ह और सफलता उनके चेहरे से टपाटप बरसती रहती है, ले कन वे
खी रहते ह, य क वे यह सीखना भूल गए क ख़ुद को ो सा हत कैसे करना है!
आप या बनना यादा पसंद करगे - खी ले कन ो सा हत करने म सफल इंसान या फर ख़ुश ले कन
ो सा हत करने म नाकाम इंसान? म तो ख़ुश, ले कन ो सा हत करने म नाकाम इंसान बनना यादा पसंद
क ँ गा।
अगर म ो सा हत रहना सीख रहा ँ, तो म अंततः सर को सफलतापूवक ो सा हत कर लूँगा और यह
करने म मुझे ख़ुशी मलेगी। जो ो सा हत करने वाला इंसान ख़ुद के सवा हर एक को ो सा हत कर सकता है,
वह संसार तो जीत सकता है, ले कन उसे कभी इसम आनंद नह आएगा।
मुझे ब त अ छ तरह याद है क युवा से समैन के प म यह मेरी महान इ छा थी क म लोग को ो सा हत
करने म मा हर बन जाऊँ। म अपना श ण पूरा करने के लए बेकरार था, ता क म अपनी ो सा हत करने वाली
यो यता का भरपूर इ तेमाल कर सकूँ। मेरी से स तु तयाँ श शाली थ , वा तव म वे इतनी श शाली थ
क मुझे उनक श को कम करना पड़ा, वरना संभा वत ाहक ख़रीदने से पहले ही हाट अटै क से मर सकता था।
म जानता था क कोई भी इंसान इसके तक , लाभ , सुर ा, मान सक शां त का तरोध नह कर सकता था -
संसार म ऐसी कोई सम या नह थी, जसे मेरी तु त न सुलझा सकती हो!
मुझे याद है, म यह उ मीद करता था क संभा वत ाहक मेरे हाथ से पेन छ न लेगा और लाइन पर ह ता र
कर दे गा… ले कन अफ़सोस, उसने ऐसा कभी नह कया। सबसे आकषक ह से पर मेरा संभा वत ाहक उबासी
लेता था या इस तरह के ज़ोरदार कथन से मेरी बात काट दे ता था, “मेरे पास पहले ही ब त यादा बीमा है,” या
“मेरे पास दोहरी पहचान के साथ 5,000 डॉलर ह!”
मेरा दल ज़मीन पर गरकर चूर-चूर हो जाता था। म इतना नीचे था क तलहट भी मुझसे ऊपर दखती थी।
आपने कभी कसी युवा से समैन को इतना हताश नह दे खा होगा, जतना क म था। मने ज द ही यह सीखना
शु कया क मेरी सम या यह नह थी क म लोग को कैसे ो सा हत क ँ - मेरी सम या तो यह थी क उ ह मुझे
हतो सा हत करने से कैसे रोकूँ!
कई बार तो म इतना हतो सा हत हो जाता था क बॉस के कंधे पर सर रखकर रोने लगता था। तब मुझे पता
चला क वे तो मुझसे भी यादा हताश ह! संभा वत ाहक मुझे हतो सा हत कर रहे थे, बॉस मुझे हतो सा हत कर
रहे थे, म मुझे हतो सा हत कर रहे थे, और म कई बार सोचता था क मेरी प नी भी मुझे हतो सा हत कर रही थी।
कई बार से मनार म कोई आकर बुदबुदाता था, “तुम जानते हो म सफल य नह ँ? मेरी प नी ब त
बुरी है।”
इन लोग को झटके दे ने म मुझे मज़ा आता था, “ या आपक प नी सचमुच ब त बुरी है? दे खए, आप नह
जानते क आप कतने ख़ुश क़ मत ह। कसी पु ष के पास जो सबसे अ छ संप हो सकती है, वह है ब त बुरी
प नी! अगर मेरी प नी सहानुभू तपूण होती, जब म घर लौटता और उसे बताता क प र थ तयाँ कतनी खद ह
और वह कहती, ‘ओह, मेरा ब चा, यहाँ म मी के साथ घर पर रहो और म तु हारी दे खभाल कर लूँगी,’ तो या
होता? हम फ़टपाथ पर पड़े हमारे फ़न चर के बीच एक सरे को तस ली दे रहे होते!”
अगर आपके पास सताने वाली प नी है, तो आप काम करते रहगे या फर वह आपको याद दला दे गी क आप
ब त मूख थे, जो आपने वह काम कया। ले कन अगर आपके पास ब त बुरी प नी न हो, तो भी हताश न ह ;
शायद आप इस ख़ुश क़ मती के बना भी कामयाब हो सकते ह।
म मज़ाक़ कर रहा ँ, ले कन म यह प करना चाहता ँ क अगर आप ो सा हत होना सीख रहे ह, तो ऐसी
कोई बाधा नह है, जससे आप उबर न सक। मुझे पूरा व ास है क आपके जीवन को पश करने वाली हर चीज़
का उ े य आपको यादा ो सा हत बनाना है - जो सर को यादा ऊँचे ल य तक प ँचने के लए ो सा हत
कर सके।
कुछ लोग पूछते ह क ो सा हत रहने का मेरा राज़ या है। दे खए, मने इसे नह खोजा था - इसने मुझे खोजा
था। ब के क रयर म मेरे पहले पाँच साल के दौरान मेरी उपल धय म से एक यह थी क मने पाँच वष तक हर
स ताह प रणाम दए थे। इसका मतलब यह है क मेरा एक भी स ताह ऐसा नह गुज़रा, जब मने कोई पॉ लसी न
बेची हो। यह भावशाली लगता है, ले कन यह पूरी स चाई नह है।
पूरी स चाई यह है क म ल य म यक़ न करता था, इस लए मने क़सम खाई क म हर स ताह एक पॉ लसी
बेचूँगा और अगर नह बेच पाया, तो ख़ुद ख़रीद लूँगा। म आपको बता ँ , 22 पॉ लसी ख़रीदने के बाद म ो सा हत
होने लगा! तब मुझे यह अहसास कहाँ था क एक छोट सी क़सम का ज़दगी भर मेरे काम पर सबसे यादा भाव
पड़ेगा। उस क़सम क मुझे जो क़ मत चुकानी पड़ी, उसक बदौलत म संल नता और समपण सीखने लगा।
कुछ लोग अपने काम म संल न तो हो जाते ह, ले कन सम पत नह होते। बाक़ सम पत तो होते ह, ले कन
गहराई से संल न नह होते। दोन चोली और दामन क तरह साथ-साथ चलते ह और मुझे व ास है क आप जस
काम म भी संल न ह, उसम पूरी तरह सम पत ए बना ो सा हत बनना सीखने का कोई तरीक़ा नह है!
मुझे जो सबसे बड़े ो साहन मले ह, वे मेरे ख़ुद के दय और घर से आए ह। कसी और का अनुभव या
कहानी आपको उतनी गहराई से कभी ो सा हत नह कर सकती, जतनी आपक ख़ुद क कहानी कर सकती है।
एक संभा वत ाहक ने कहा क उसका बीमा ब त यादा था। मने उससे कहा क वह दरअसल बीमे म समृ
था। ले कन घर पर एक छोटे से संग से मने इससे भी यादा असरदार चीज़ सीखी। इस अनुभव ने मुझे बीमा-
समृ संभा वत ाहक के साथ तहे दल से सहमत होने क अनुम त द , ले कन मुझे उसे बढ़ाने का अ त र
ो साहन भी दया।
मेरा बेटा जेरे उस व त छह साल का था। वह एक दन आँगन से आया और गला फाड़कर अपनी म मी को
आवाज़ लगाने लगा। उस समय म ऑ फ़स म काम कर रहा था और ज़ा हर है, इससे मेरा यान भटक गया
(ऑ फ़स दरअसल हमारे ल वग म म ही था - हमने फ़न चर हॉल के ग लयारे म लगा दया था)।
जब जेरे ने अपनी आवाज़ थोड़ी और बुलंद क , तो मने सोचा, “म सफल होने का इंतज़ार नह कर सकता,
य क तब म शहर के बीच बीच एक शानदार ऑ फ़स ले लूँगा, जहाँ म शानदार तरीक़े से असफल हो सकूँ।”
आ ख़रकार जेरे हार मानकर चुप हो गया। तभी लो रया तलघर से ऊपर आई, जहाँ वह वॉशर चला रही थी।
उसने पूछा, “तुम या चाहते थे, जेर?
े ” उसने जवाब दया, “कुछ नह ; बस यह जानना चाहता था क आप कहाँ
हो।”
मने यह कहानी हज़ार बार बताई है, य क इससे पता चलता है क म उन बाईस पॉ ल सय पर ी मयम य
चुकाता ।ँ म कभी अपने छह ब च को वरासत म कोई सा ा य या भारी रयल ए टे ट या शेयर का भीमकाय
पोटफ़ो लयो छोड़कर नह जा सकता, ले कन म उ ह एक बेशक़ मती तोहफ़ा दे रहा ँ; एक पूणका लक माँ। मेरे
जीवन बीमे क वजह से छह ब चे अपनी माँ को आवाज़ लगाते ए आ सकते ह, य क वे जानते ह क वे घर म
ही कह ह गी, हालाँ क वे जवाब नह दे रही ह।
एक और समय म कुस पर बैठकर अख़बार पढ़ रहा था, तभी आठ साल क पैम ने अपना छोटा सुनहरा सर
मेरी बाँह तले लगा लया और मेरी गोद म हलने-डु लने लगी। म पढ़ता रहा और फर उसने कुछ श द कहे, ज ह ने
लाख डॉलर का जीवन बीमा बेचने म मेरी मदद क ।
अपनी बड़ी, ख भरी आँख से मुझे दे खते ए वह बोली, “डैडी, अगर आप मुझे कभी छोड़कर नह जाएँग,े
तो म भी आपको कभी छोड़कर नह जाऊँगी।” म यह तो नह समझ पाया क उसने ये श द य कहे, ले कन मेरे
मन म तुरंत यह वचार आया, “दे खो मेरी यारी ब ची, म तु ह कभी छोड़कर नह जाऊँगा, ले कन अगर ई र क
ऐसी मज़ न ई, तो कम से कम म तु ह तंगी म छोड़कर तो नह जाऊँगा।”
बरस पहले मने सीखा था क दो तरह के डैडी होते ह, दे खने वाले और रखने वाले। दे खने वाले डैडी कहते ह,
“म चाहता ँ क मेरे प रवार के पास हर वह चीज़ रहे, जो म उ ह दे सकता ,ँ जब तक क म यह दे खने के लए
यहाँ पर ँ।” रखने वाले डैडी कहते ह, “म चाहता ँ क यह उनके पास रहे, चाहे म इसे दे खने के लए र ँ या न
र ँ।”
कोई भी इंसान संघष करके शखर तक नह प ँच सकता या शखर पर बना नह रह सकता, जब तक क वह पूरी
ढ़ता, साहस, संक प, ढ़ न य का इ तेमाल नह करे। जो भी इंसान कह प ँचता है, इस लए प ँचता है,
य क उसने पहले संसार म ग त करने का ढ़ संक प लया और फर इतनी लगन दखाई क उसने अपने
संक प को वा त वकता म बदल लया। संक प के बना कोई भी मनु य अपने साथी इंसान के बीच मह वपूण
थान नह जीत सकता।
—बी.सी. फो स
या उ ह ने बाहर नकलकर एक सरे को ो सा हत कया, जैसा मने सोचा था? नह । वे बाहर गए और दोन
शकायत करने लगे और दोन ने ही हार मान ली! (यह मेरे लए एक अ छ चेतावनी थी: अगर आप हताश हो जाते
ह, तो कसी म के कंधे पर सर रखकर न रोएँ। म आपको सहानुभू त दे गा और आप ख़ुद को पहले ही अपनी
ज़ रत से दोगुनी यादा सहानुभू त दे रहे ह। बेहतर होगा क आप हालात म दोबारा लौट आएँ और यादा
कसकर काम कर।)
अब मेरे सामने ढे र सारे काड थे और दो परा जत लोग थे। मुझे कुछ न कुछ सोचना ही था। “जेफ़, श नवार को
म ख़ुद तु हारे साथ बाहर चल रहा ँ।” फर मने अपने एक अ स टट को फ़ोन कया और कहा, “जैक, श नवार
को हम ीन लेन फ़ा स आ रहे ह। जेफ़ मंद क नराशा म है। अगर मने उसे इस मंद क नराशा से ज द ही बाहर
नह नकाला, तो वे काड मुझे ख़ुद ख़रीदने ह गे। म उसे तु हारे मकान से दो मकान र छोड़ ँ गा। म चाहता ँ क
उसे दो नह सुनने को मल और फर तु हारे घर पर एक हाँ इंतज़ार करे।”
इस तरह श नवार को हम ीन लेन फ़ा स प ँच गए। पहले मकान वाले ने नह के बजाय हाँ कह दया, और
सरे मकान वाले ने भी हाँ कह दया! जब जेफ़ 1,000 तशत बै टग एवरेज के साथ कार क तरफ़ वापस लौटा,
तो आपको उसका चेहरा दे खने लायक़ था! वह ो सा हत हो चुका था!
पछले साल मने एक घर साफ़ करने वाले ॉड ट क फ़ाइन सग करते ए जेफ़ को 24 डॉलर उधार दए।
अग त के एक गम दन उसे अड़तीस नह सुनने को मले, ले कन इसके बावजूद उसने हार नह मानी। वह सीख
रहा है क अगर आप ो सा हत बने रहते ह, तो आपको नह से कोई फ़क़ नह पड़ता और वह यह भी जानता है
क अगर वह चलता रहेगा, तो “ ीन-लेन-फ़ाम” वाला अनुभव यादा र नह है।
पूव पोल वॉ ट च पयन बॉब रचड् स ने एक बेहतरीन कहानी बताई है, जो बाहरी और अंद नी ो साहन के
फ़क़ को दखाती है। फ़टबॉल ट म म कॉलेज का एक लड़का छटा आ आलसी और म कार था। उसे उ साह भरी
ता लयाँ सुनना तो पसंद था, ले कन मेहनत करना पसंद नह था। उसे सूट पहनना तो पसंद था, ले कन अ यास
करना पसंद नह था। उसे परेशान होना पसंद नह था।
एक दन खलाड़ी अ यास के पचास च कर लगा रहे थे, जब क यह शो पीस हर दन क तरह पाँच च कर
लगा रहा था। कोच ने उसके पास आकर कहा, “सुनो बेटे, तु हारा टे ली ाम आया है।”
लड़के ने कहा, “कोच, पढ़कर सुना द।” वह इतना आलसी था क उसे पढ़ना भी पसंद नह था।
कोच ने उसे खोला और पढ़ा: “ यारे बेटे, तु हारे पताजी गुज़र गए ह। तुरंत घर लौट आओ।” कोच ने थूक
गटका। उसने कहा, “बाक़ स ताह क छु ले लो।” अगर वह खलाड़ी बाक़ पूरे साल भी छु ले लेता, तब भी
उसे कोई परवाह नह थी।
दे खए, अजीब बात है, शु वार को मैच का समय आया। ट म मैदान म उतर रही थी और आ ख़री लड़का वही
आलसी खलाड़ी था। जैसे ही सीट बजी, लड़के ने कहा, “कोच, या म आज खेल सकता ँ? या म खेल सकता
ँ?”
कोच ने सोचा, “लड़के, तुम आज नह खेलने वाले। यह घर वापसी है। यह बड़ा मैच है। हम अपने हर अ छे
खलाड़ी क ज़ रत है और तुम उनम से नह हो।”
जब भी कोच पलटता था, हर बार लड़का तंग करता था, “कोच, मेहरबानी करके मुझे खेलने दो। कोच, मुझे
हर हाल म खेलना है।”
पहला वाटर ख़ म आ, तो कोर पुरानी मातृ सं था के ख़लाफ़ था। हाफ़-टाइम पर कोच ने लॉकर म म
खला ड़य को जुझा भाषण का ो साहन दया। “कोई बात नह है, लड़को, बाहर नकलो और उनके छ के
छु ड़ा दो। मैच अभी ख़ म नह आ है। अपने कोच के लए इसे जीत लो!”
ट म बाहर नकली और एक बार फर लड़खड़ाने लगी। कोच बुदबुदाते ए अपना इ तीफ़ा लखने लगे। तभी
वह लड़का फर आया, “कोच, कोच, मुझे खेलने दो, लीज़!” कोच ने कोरबोड क तरफ़ दे खा। उसने कहा,
“ठ क है, अंदर चले जाओ, लड़के। अब तुम कुछ नह बगाड़ सकते हो।”
जैसे ही लड़का मैदान म उतरा, उसक ट म म व फोट हो गया। वह दौड़ा, उसने पास दए, वप ी खला ड़य
को रोका, सतारा खला ड़य के छ के छु ड़ा दए। ट म म बजली सी दौड़ गई। मैच के अं तम पल म उस लड़के ने
एक पास बीच म रोक लया और पूरे मैदान म दौड़कर वजेता शॉट मार दया!
कैसे-कर यह जानना अ त है, जब आप य -कर को जानते ह ; कैसे-कर जानने पर आप इसे करते ह, य -कर
आपसे इसे कराता है।
—सी. ई. जे.
वाह! दशक पगला गए। कोलाहल! लोग ने उस हीरो को अपने कंध पर उठा लया। इतना उ लास, इतना
शोरगुल आपने कभी नह सुना होगा। आ ख़रकार रोमांच कम आ और कोच ने उस लड़के के पास आकर कहा,
“मने कभी इस तरह क चीज़ नह दे खी। आज तु ह या हो गया था?”
उसने कहा, “कोच, आप जानते ह पछले स ताह मेरे डैडी गुज़र गए थे।”
कोच ने कहा, “हाँ, मने ही तो तु ह वह टे ली ाम पढ़कर सुनाया था।”
लड़के ने कहा, “दे खए कोच, मेरे डैडी अंधे थे। आज पहला दन था, जब उ ह ने मुझे खेलते ए दे खा!”
अगर जीवन मैच होता, तो कतना अ छा होता? यह कतना अ त होता, अगर ज़दगी के मैदान के दोन तरफ़
उ साह बढ़ाने वाले लोग बैठे होते? जब हम असंभव थ त म प ँचते और हम कुछ नह सूझता और हम हार
मानकर मैदान छोड़ने वाले होते, तो या यह अ त नह होता, अगर दशकद घा सजीव होकर च लाती “चाल ,
बेटा, चलते रहो; हम तु हारे साथ ह!” म तो कहता ँ, “वाह! मुझे यही तो चा हए था! फर म एक और मैच जीतने
के लए मैदान म दौड़ जाता!”
ले कन ज़दगी मैच नह है, है ना? यह तो यु का मैदान है। खला ड़य और दशक के बजाय हम सभी सै नक
ह, जनम कुछ आलसी और कुछ अन धकृत प से अनुप थत ह! ले कन हम सभी संघषरत ह, चाहे हम यह बात
जानते ह या न जानते ह ।
जो जानता है क कैसे ो सा हत होना है, उसे उ साह बढ़ाने वाले कसी दशक-समूह क ज़ रत नह
है। उसके पास अंद नी ो साहन है। वह कसी बैसाखी क तलाश नह कर रहा है, जो टू ट सकती है; वह कसी
बोनस क तलाश नह कर रहा है जस पर टै स लग सकता है; वह अपने भीतर से ो सा हत होना सीख रहा है।
सर को ो सा हत करने क श इंसान को उतना नह बनाती है, जतना क उसका अंद नी ग तशील
व और ो सा हत बनने का नयम सीखना बनाता है। अगर आप ो सा हत ह, तो आप हमेशा सर को
ो सा हत करगे। और या ो सा हत लोग के आस-पास रहना रोमांचक नह होता? वाहहह!
मुझे उ मीद है क इससे आपको अपने वचार को श द म ढालने म मदद मलेगी। आपको इन नयम के बारे
म सोचने म मदद मलेगी, ज ह आप सहज बोध से पहले ही जान चुके ह।
इन नयम के बारे म हमारी वाभा वक धारणाएँ मूलतः सही ह, ले कन जीवन म ब त सारी चीज़ इन नयम
को ग़लत सा बत करने क को शश म इनके ख़लाफ़ यु रत नज़र आती ह। ले कन अ यास उ ह सही सा बत कर
दे गा और जो लोग इन बु नयाद नयम का अ यास करगे, केवल वही आगे बढ़गे और नेतृ व म वकास करगे -
इस लए नयम सीखते रह!
स य और मे संसार क दो सबसे श शाली चीज़ ह; और जब ये दोन मल जाते ह, तो इनका मुक़ाबला करना
आसान नह होता।
—रै फ़ कडवथ
3
मने सीखा है क कसी मनु य के जीवन का काम तो काम करने और जीने से वक सत होता है। इसे ऐसे कर, मानो
इस पर आपका जीवन नभर हो, और आपको पहली चीज़ यह पता चलेगी क आपने इसम से जीवन बना लया
है। एक अ छा जीवन।
—थेरेसा हेलबन
ई र को जानने और वह आपको जानता है, यह जानने के रोमांच क तुलना जीवन म कसी चीज़ से नह क जा
सकती।
—सी. ई. जे.
फर एक दन म कार चलाकर जा रहा था, तभी मने एक श स को दे खा, जसे मने कई साल से नह दे खा
था। म का और वह मेरी कार म कूदकर बैठ गया। यह एक चम कार था; यादातर लोग बाहर कूद रहे थे! म बेचने
को तैयार था, ले कन उसने गद मेरे हाथ से छ न ली। उसने पूछा, “चाल जो स, तु हारी आ मा का या होगा?”
मने कहा, “मेरी या?”
उसने पूछा, “ या तु हारा दोबारा ज म आ है?”
मने सोचा, “यह लो।”
उसने पूछा, “जब तुम मरोगे, तो या तुम वग जा रहे हो?”
“जब म म ँ गा!” मने कहा, “म तो अभी जीने के बारे म ही उ सा हत होना शु कर रहा ँ!”
उस आदमी ने अपनी बाइबल बाहर नकाली और मुझे अहसास आ क ज़दगी म पहली बार मेरा पाला एक
धा मक जुनून से भरे आदमी से पड़ा था - ले कन वह न त प से व थ दख रहा था। मने सावधानी से अपनी
रणनी त तैयार क । म हमेशा संभा वत ाहक को बात पूरी करने दे ता था और जब उसक बात पूरी हो जाती थी,
तो म उसक सम या सुलझा दे ता था। इस आदमी के साथ एकमा परेशानी यह थी क वह एक पल के लए भी
चुप नह हो रहा था।
तो उसने मुझे फाँस लया था। म उसे अपने र ववार के शानदार जवाब दे ने को पूरी तरह तैयार था, ले कन वह
कने का नाम ही नह ले रहा था। म सारे धा मक जुमले और जवाब जानता था, ले कन इस आदमी ने मुझे यह नह
बताया क कस चच म जाना है, कसे छोड़ना है या या ख़रीदना है। उसने मुझे बताया क बाइबल स य है, ईसा
मसीह मनु य के तारणहार ह और ई र पा पय से ेम करता है।
म सोचता था क ई र केवल धा मक लोग से ही ेम करता है और यहाँ म सुन रहा था क वह पा पय से ेम
करता है। मुझे इस पर यक़ न नह आ। मने कहा, “तुम मुझे यह बताना चाहते हो क ई र मुझसे ेम करता है
और मेरे जीवन म आना चाहता है, बस इसी तरह? या तुम कोई नया धम शु करने जा रहे हो? तुम आकर कहते
हो क म कुछ न क ँ , ब क सफ़ अपने दय को सम पत कर ँ और ई र को अपने जीवन म आने ँ । मने ब त
सारी धा मक चचाएँ सुनी ह, ले कन यह बात मने पहली बार सुनी है।”
उसने कहा, “शायद इस लए य क…” और उसने मुझे बाइबल से कुछ पढ़कर सुनाया। मने हर वह पु तक
पढ़ थी, जो म बाइबल को झूठ सा बत करने के लए पढ़ सकता था। म सोचता था क बाइबल एक मथक थी,
पौरा णक कथा थी, सा ह यक ंथ थी। मने उससे कहा, “यह सफ़ अ ानी और ग़रीब लोग के लए है। यह उन
लोग के लए नह है जो जानते ह।” ले कन वह बस बाइबल म से पढ़ता रहा, जसका म जवाब नह दे पाया। मने
कहा, “ठ क है, जब म अपनी ज़दगी का नया अ याय शु क ँ गा, तो इसम से कुछ ले लूँगा; यह अ छा लगता
है।”
उसने कहा, “तु ह नए अ याय क ज़ रत नह है; तु ह तो नई ज़दगी क ज़ रत है।”
मने सोचा, “वाह, उसे यह कैसे पता चला!”
मने ज द ही दे खा क वह कोई बीमा नह ख़रीदने वाला था और मेरी धमप रवतन कराने क कोई इ छा नह
थी। इस लए म उसे अपनी कार से उतारने के लए तैयार हो गया। वह जानता था क म पीछे से तरोध कर रहा
था, ले कन इसके बावजूद उसने अपनी ग त व ध जारी रखी - वह धम ंथ का उ रण दे ता रहा, जस मामले म म
कुछ नह कर सकता था।
अंततः वह बोला, “ठ क है, चाल , अब म जा रहा ँ, ले कन तुम यह याद रखना: अगर बाइबल ग़लत है और
तुम सही हो, तो ईसाइय के पास खोने के लए कुछ भी नह है। ले कन अगर बाइबल सही है और तुम ग़लत हो, तो
तु हारे पास खोने के लए सब कुछ है।” इसके बाद उसने कहा, “ ोटे टट, य द और कैथो लक ब त सी बात पर
असहमत रहते ह फर भी वे इस बात को लेकर एकमत ह: बाइबल ई र का श द है।”
यह ईसाइयत क सबसे अ छ पैरवी थी, जो मने कभी सुनी थी। मने उससे छु टकारा तो पा लया, ले कन उसे
भूल नह पाया। मने उसी समय अपना मन बना लया क म तब तक भोजन नह क ँ गा, पॉ लसी नह बेचूँगा,
कसी से बात नह क ँ गा, जब तक क म यह नणय न ले लूँ क या यह सच था।
अगर बाइबल स य नह ई, तो म इसे कचरे के ड बे म फक ँ गा, र ववार क सुबह सोऊँगा और स ताह का
अपना एक डॉलर बचा लूँगा। ले कन अगर म इस नतीजे पर प ँचता ँ क बाइबल स य है, तो म ई र से क ँगा
क वह मुझे ईसाई बना दे , चाहे इसम कसी भी चीज़ क ज़ रत हो या ईसाई चाहे जैसा होता हो।
म अ छ तरह जानता था क सफल होने के लए मुझे ई र क ज़ रत नह थी। मुझे अमे रक बनने के लए
ई र क ज़ रत नह थी। मुझे प नी पाने के लए ई र क ज़ रत नह थी। मुझे ब चे पाने के लए ई र क
ज़ रत नह थी। ले कन मुझे कसी चीज़ क ज़ रत तो थी।
अब जब म पीछे पलटकर दे खता ँ, तो मुझे अहसास होता है क म स चा ेम पाने का मतलब कभी नह
समझ पाया था। मने ेम को उन अवरोध के पार जाते कभी महसूस नह कया, जो हम सभी अपने दल म खड़े
करते ह। म तब नह जानता था क ऐसा ेम भी होता है।
तो उस दन म लका टर क सड़क पर कार चलाता रहा और सोचता रहा। मुझे अपने म क एक और बात
याद आई, जो च काने वाली थी: “चाल , ऐसी कोई चीज़ नह है जो तुम ई र क ख़ा तर कर सको; ई र तु हारी
ख़ा तर यह सब करना चाहता है।” यह एक नई नी त थी। लोग मेरे पास आकर कहते थे, “ई र तुम जैसे इंसान का
इ तेमाल कर सकता है।” मेरा जवाब होता था, “अगर ई र को मेरी ज़ रत है क म मदद करके उसे बाहर
नकालू,ँ तो वह पहले ही ब त मु कल म है।”
म तु हारे लए जो सबसे मू यवान धरोहर छोड़कर जाना चाहता ँ, वह है ईसा मसीह म मेरी आ था, य क अगर
तु हारे साथ वे ह और कुछ नह है, तो भी तुम ख़ुश रहोगे, ले कन अगर वे न ह और तु हारे पास सब कुछ भी हो,
तो तुम कभी ख़ुश नह रहोगे।
—पै क हेनरी
काफ़ सोच- वचार करने के बाद मने अपनी कार रोक और अपना सर झुकाकर बोला, “दे खो ई र, म यह
सब नह समझता ,ँ ले कन न जाने य पहली बार म यह मान रहा ँ क बाइबल स य है और म पापी ।ँ म
चाहता ँ क तुम मुझे मा कर दो, मेरे दय म वराजमान हो जाओ और मुझे ईसाई बना दो, ईसा मसीह के नाम
पर, आमीन।” मने “आमीन” कहने के बाद अपना सर उठाया और इंतज़ार कया क दे व त अपने पंख
फड़फड़ाएँगे या सतारे टू टकर जमीन पर गरने लगगे। मने धा मक बनने के बारे म सुना था और मने सोचा,
“वाहहह, अब कोई चम कारी चीज़ होने वाली है।” म वहाँ बैठा रहा, ले कन कुछ नह आ!
मने सोचा, “शायद ई र सोचता है क म अपनी पुरानी शैली क ाथना कर रहा ।ँ ” म अ सर ाथना करता
था और कहता था, “ई र, आज मुझे व छ हो जाने दो; म एक नया प ा पलट लूँगा।” ले कन वे ाथनाएँ नह
थ । अब ज़दगी म पहली बार अपने दल क गहराई से म स ची ाथना कर रहा था। मने कसी ब चे क तरह
अपना सर दोबारा झुकाया और कहा, “हे ई र, यह मेरा स चा इरादा है। मेरी ाथना सुन। आमीन।”
मने अपना सर दोबारा उठाया। अब भी कोई भावना नह थी। और यह बाक़ के दन भी नह आई - अगले
दन भी नह ! ले कन मुझे कसी चीज़ का अहसास आ। बचपन म म बड़ा होना और मद बनना चाहता था। म यह
जानने के लए बुरी तरह बेकरार था क मद बनने म कैसा महसूस होता है। बारह साल क उ म म डैडी के दाढ़
बनाने के बाद चुपके से बाथ म म चला जाता था और उनका पुराना सीधा रेज़र और मग नकाल लेता था। लोग
ने मुझे बताया था क रेज़र से दाढ़ बनाने पर दाढ़ यादा ज द नकलती है - वाह, मुझे मद बनने के लए दाढ़
क ही ज़ रत थी।
म अपने डैडी के जूते पहन लेता था और उनका पट अपने पैर से टकाकर दे खता था क या म उनसे लंबा हो
रहा ँ। जब मेरी उ बीस साल और 364 दन थी, तो सचमुच, जीता-जागता, लाल ख़ून वाले आदमी जैसा महसूस
करने के लए मुझसे एक और दन इंतज़ार नह हो रहा था। फर मेरा इ क सवाँ ज म दन आ गया, ले कन उस
दन मुझे ज़रा भी अलग महसूस नह आ!
अब मुझसे यह जानने का इंतज़ार नह हो रहा था क ववा हत बनने पर कैसा महसूस होता है। जब उस युवती
ने मेरा ववाह ताव वीकार कया, तो म जानता था क मुझे सही य महसूस नह आ - मने न उसके ह ता र
लए, न ही मुहर लगवाई और न ही कोई भाषण दया। जब कोई मेरे पास होगा, जो पूरी तरह से मेरा होगा, तब म
जानता था क म वैसा महसूस क ँ गा, जैसा इस व त नह कर पा रहा था।
फर म पादरी के सामने खड़ा आ और उनक बात सुनी, “अब म तुम दोन को प त-प नी घो षत करता ँ।”
अब वह मेरी हो गई थी। ले कन मुझे ज़रा भी अलग महसूस नह आ। कुछ स ताह बाद अगर म पलंग पर लुढ़कते
ए कहता, “ ये, मुझे अब भी शाद -शुदा जैसा महसूस नह होता,” तो उसने कहा होता, “ फर भी तुम शाद -शुदा
हो और तुम इससे बाहर नकलने क को शश मत करना!”
इस बात से इंकार करने म कोई फ़ायदा नह था क म शाद -शुदा था। मने उसे वीकार कया था और उसने
मुझे वीकार कया था और हम शाद -शुदा थे। मुझे यह महसूस नह हो रहा था। ले कन इस पर व ास करना ही
बेहतर था! एक दन मने ई र के ख़लाफ़ घमंड करना छोड़ दया और उससे अपने जीवन म आने को कहा। ई र
ने कहा क वह आएगा, मने इस बात पर व ास कर लया और इससे मामला सुलझ गया।
कभी भी अपनी हवा म उड़ते ए जीवन न जएँ। भावना को नज़रअंदाज़ कर द। यह वला सता सफ़ उ ह
लोग के लए है, जो सनक के सहारे जीते ह। जो सचमुच जीना सीख रहा है, वह जानता है क नणय लेना
और इस पर अटल रहना या होता है। जब भी कोई नणय ल, तो इसे अपना बनाएँ। इसक ख़ा तर जएँ। इसे
अपने दय पर अं कत कर ल। याद रख, आपके नणय कसी सरे को नह लेना चा हए; इंसान को अपने नणय
ख़ुद लेना चा हए।
म नेसफ़जो उनमहानतम वचार सुने ह, उनम से एक यह है, “आप पाँच साल बाद वही ह गे, जो आप आज ह; फ़क़
लोग से पड़ेगा, जनसे आप मलते ह और उन पु तक से पड़ेगा, ज ह आप पढ़ते ह।” दे खए, यह
पूरी तरह सच है।
कई साल पहले कसी ने मुझे वेक अप ड लव पु तक द थी। यह पु तक बेहतरीन है, य क यह रोमांचक
अंदाज़ म बताती है क सफल होने का या मतलब होता है। मेरे लए एक हताशाजनक खोज यह थी क म सफल
होने के लए जतना कर रहा ँ, उससे यादा असफल होने के लए कर रहा ँ। कसी ने मुझसे पूछा था, “अगर
आप सफल होने के बजाय असफल होने के लए यादा कर रहे ह, तो फर आप इतने सफल कैसे हो गए?” म
कसी ेय का दावा नह करता ँ; म या कर सकता ँ, अगर सरे लोग असफल होने क मुझसे यादा कड़ी
को शश कर रहे ह?
मुझे बताएँ: कौन सी चीज़ हम असफल करती है? चता, डर, अ न तता, असुर ा, वाथ, ई या, कृत नता,
चड़ चड़ापन, अ व थत रहना… या आप सोचते ह मने इन पर कभी कोई कोस कया था? म इन सबम मा हर
ँ। वे वाभा वक प से मेरे पास आई ह।
ले कन वा त वक बनने, वकास करने के लए कन चीज़ क ज़ रत होती है? इसम साहस, गमजोशी,
गहराई, ईमानदारी, आ था, कृत ता, नः वाथता क ज़ रत होती है… मुझम वाभा वक प से हर उस चीज़ का
अभाव है, जो सफलता पाने के लए ज़ री है। न त प से म इसका नाटक कर सकता ँ, ले कन कई बार जब
कोई अ भनेता बनना सीख जाता है, तो उसके पैर तले का कालीन ख च लया जाता है।
म अ भनेता या असफल इंसान नह बनना चाहता, ले कन मुझे मदद क ज़ रत है। पु तक ने मुझे चीज़ के
बारे म सोचने और कुछ अ त वचार को श द म ढालने म मदद क है, जो पढ़े बना संभव नह था।
म उस रोमांच को कभी नह भूल पाऊँगा, जब मने अ त स य से भरी एक पु तक पढ़ , जो पूरी तरह से मेरी
उस व त क धारणा के वपरीत थी। पहली पु तक के बाद मुझे वैसी ही सरी पु तक मल ग और इनम से
कई अ त स य पचास या सौ साल पहले लखे गए थे।
म इन वचार को बढ़ाने लगा। म एक ही पु तक क ढे र सारी तयाँ ख़रीद लेता था और अपने ऑ फ़स म
आने वाले हर को एक पु तक थमा दे ता था। अगर वे पढ़ना नह चाहते थे - तब भी उ ह एक पु तक थमा द
जाती थी। म जानता था क कसी न कसी समय उनम पढ़ने क इ छा जागेगी, और ये पु तक उनका इतना यादा
भला कर सकती थ , जतना क भरकर गो लयाँ नह कर सकती थ ।
पु तक ने मेरा जीवन बदलना शु कर दया और मेरे म तथा सहयो गय का भी। फर मुझे अहसास आ
क मने अपने जीवन के सबसे मह वपूण य को तो नज़रअंदाज़ ही कर दया था - मेरा प रवार। मेरा सबसे
बड़ा बेटा जेरे उस व त 14 साल का था। वह आधु नक कशोर का आदश उदाहरण था। वह कभी कोई चीज़ ग़लत
नह करता था; वह कभी कोई चीज़ सही नह करता था; वह कभी कुछ करता ही नह था! ओह, वह खेल म समय
बताता था। कूल के ऑनर बोड क सूची म उसका नाम आ गया था। ले कन जब जगमगाने क बात आती थी, तो
वह मुदा था। वह इतना अंतमुखी था क मौन ाथना का भी अगुआ नह बन सकता था!
यादातर पता क तरह म भी आलोचना करता रहता था क नेता वॉ शगटन म या कर रहे ह, ले कन एक
दन मुझे अहसास आ क अपने घर पर म जो योजनाएँ चला रहा था, वे उससे भी बुरी थ , जो नेता सरकार म
बैठकर चला रहे थे। मने नणय लया क यह बदलने का समय था और चूँ क पु तक ने मेरे जीवन म इतनी यादा
मदद क थी, इस लए मने अपने बेटे के साथ उनका इ तेमाल करने का फ़ैसला कया।
म जानता था क अगर मने जेरे को पढ़ने के लए मजबूर कया, तो वह बग़ावत कर दे गा, इस लए मने एक
तरक ब सोची। आप जानते ह, आप घोड़े को पानी तक तो ले जा सकते ह, ले कन आप उसे पानी पला नह सकते
- दे खए, मने जेरे के चारे म थोड़ा नमक डाल दया, ता क उसक यास जाग जाए।
“जेर,े दो साल बाद तुम यह कहोगे क कार ख़रीदने म तु हारी मदद क ँ और म तु हारी मदद करना चाहता
ँ। ले कन म तु ह पैसा नह ँ गा। मेरा ताव यह है। तुम जो भी पु तक पढ़ोगे, हर पु तक के लए म तु ह 10
डॉलर ँ गा। म पु तक चुनूँगा, तुम मुझे एक ल खत रपोट दे ना और म कार फ़ंड म 10 डॉलर डाल ँ गा। अगर तुम
शानदार ग त से पढ़ोगे, तो तुम शानदार ग त से गाड़ी चलाओगे। ले कन अगर तुम सु ती से पढ़ोगे, तो तुम सु त
लोग क तरह चलाओगे।” रात रात उसम पढ़ने क अ त भूख जाग गई।
पहली पु तक जो मने उसे द , वह थी डेल कारनेगी क पु तक हाउ टु वन ड् स ड इ लुएस ं पीपुल। म
कभी नह भूल पाऊँगा, जब वह अगले दन खुलकर मु कराता आ सी ढ़य से नीचे उतरा और बोला, “डैडी, इसम
मु कराने और हाथ मलाने पर पूरा अ याय है!” और वह मेरी ओर दे खकर मु करा रहा था - सफ़ 14 साल क उ
म! म कुछ ऐसे लोग को जानता ँ, जनक ज़दगी बीत जाती है, ले कन फर भी वे मु कराना और उ साहपूवक
हाथ मलाना नह सीख पाते ह!
अगली पु तक जो मने उसे पढ़ने को द , वह थी डी. ली चेसनट क द एटम पी स। लेखक चेसनट जनरल
इले क के से स मैनेजर थे और उनक पु तक ने जीवन के आ या मक और वै ा नक पहलु को एक सू म
बाँध दया था। मने उसे यह पु तक इस लए पढ़वाई, य क म जानता था क जब वह कॉलेज जाएगा, तो शायद
वह “ य डैडी” वाले प लखेगा:
य डैडी,
आपका धम ासं गक नह है। म आपके ई र म व ास नह करता। अल वदा।
म यह सु न त करना चाहता था क जब वह कॉलेज जाए, तो वह ई र म मेरी आ था के साथ न जाए, ब क
ई र म उसक अपनी आ था के साथ जाए, और अगर उसक आ था कारगर नह थी, तो यह उसका दोष था।
कोई भी ब चा अपने माता- पता क आ था के सहारे नह चल सकता; उसके पास ख़ुद क आ था होनी चा हए। म
उसे उस ोफ़ेसर के लए भी तैयार करना चाहता था, जो ई र को अनाव यक सा बत करने क को शश कर
सकता था।
मेरा दय उस लड़के के लए खता है, जसके डैडी उसे जीवन के य और कैसे के बारे म सखाए बना ही
उसे श ा के लए भेज दे ते ह। मुझे एक अ णी ए ज़ी यू टव क कही बात पसंद है: “ बंधन वकास म अपनी
पूरी ज़दगी बताने के बाद मुझे यह व ास हो गया है क आ या मक वकास श ा से यादा मह वपूण है; हो
सकता है क आप श ा ा त कर ल, ले कन आपका वकास न हो पाए, ले कन अगर आप आ या मक प से
वकास करते ह, तो संभव ही नह है क आपको श ा न ा त हो।”
मने जेरे को इं लड के पादरी एलन रेडपाथ क पु तक द थी, यह म कभी नह भूल पाऊँगा। यह बाइबल म
जोशुआ के जीवन के बारे म है। यह पु तक ओ ड टे टामट को सजीव बना दे ती है। यह आपको सखाती है क
आप शानदार तरीक़े से कैसे हार सकते ह! मने जेरे को बताया, “जीतने के लए जयो, ले कन जब तुम हारो, तो
वाह! इसका आनंद लो और अगले यु क ओर चल दो।” जेरे यह बात तब तक नह समझ पाया, जब तक क
मने उसे रेडपाथ क पु तक नह द ।
इस पु तक म एक संग बताता है क दो पादरी सड़क पर मले। एक पादरी सरे से कहता है, “मने सुना है
क तुमने अपने चच म भारी पुन थान कर दया।”
उसने कहा, “ न त प से।”
“तुमने कतने लोग जोड़े?”
“एक भी नह , ले कन हम कुछ लोग के कम होने का वरदान मला था!”
आपने दे खा, जीतने के लए आपको पाना नह होता है; कई बार आप खोकर भी जीत जाते ह। एक बार हम
संडे कूल जा रहे थे और मने कहा, “जेरे, तु हारी मेरे म एलन रेडपाथ के साथ कैसी पटरी जम रही है?”
जेरे ने दे खा और कहा, “डैडी, वह पु तक तो हर इंसान को पढ़नी चा हए।” फर उसने हाथ बढ़ाकर मेरे पैर पर
हार कया और कहा, “नह डैडी, हर एक को वह पु तक अ नवाय प से पढ़ाई जानी चा हए!” पं ह साल तक
मेरा लड़का मेरे घर म मुद क तरह पड़ा आ था और अब उसके दमाग़ म शेर घुस गया था!
जेरे ने अंततः बाईस पु तक पढ़ । या उसने कार ख़रीद ? नह , उसने पैसे को अपने पास रखा और मेरी कार
तथा मेरी गैस का इ तेमाल कया। या उसने “ य डैडी” प लखा? हाँ और नह । कॉलेज जाने के बाद उसने
मुझे हर दन “ य डैडी” काड लखा, ले कन उसके श द ने मुझे रोमां चत कर दया। उसने हर दन एक नए
वचार या कसी पुराने वचार पर नए कोण के बारे म लखने क आदत डाली, जो उसके दमाग़ म आया था।
ये वचार उसके दमाग़ म पढ़ने से आए थे। इनम से कुछ ज़बद त वचार क ेरणा उसे कस पु तक के कस प े
से मले, म यह तक बता सकता ,ँ य क मने ही उन पु तक को पढ़ने के लए उसे पैसे दए थे!
यहाँ जेरे के कुछ नोट् स ह, जो दखाते ह क पु तक ने उसके - और उसके डैडी के लए या कया था!
य डैडी,
एकमा ख़ुश इंसान, सफल इंसान, आ म व ासी इंसान या वहा रक इंसान वही है, जो सादगीपूण है। बड़ा
दे ख - सरल रख। जब तक उसका मन सारे जवाब को गत ो साहन के एक श शाली हार म घनीभूत
नह कर सकता, तब तक वह अ न तता और डर म ही जीता रहेगा।
अ त प से आपका,
जेरे
डैडी,
यह जानना अ त है क जब आप नराशा के दौर म ह , तो जस तरह बा केटबॉल खलाड़ी समय के साथ इसे
तोड़कर बाहर नकलता है, उसी तरह आप भी अपनी नराशा को तोड़कर बाहर नकलगे। हाँ, समय वाक़ई
प र थ तय का इलाज कर दे ता है। जैसा आपने कहा था, आपक सम याएँ कम नह होती ह, आपको तो बस
यादा बड़ी और बेहतर सम याएँ मल जाती ह। अ त सम याएँ!
अ त प से आपका
जेरे
डैडी,
अभी-अभी 100 ेट लाइ ज़ पढ़ना शु कया है। आपने सामने वाले पेज पर जो कहा है, उसके लए
ध यवाद — यह बात क हर महान इंसान ने कभी महान नह बनना चाहा; उसने तो बस अपने सपने का अनुसरण
कया और वह कया, जो करने क ज़ रत थी!
यार,
जेरे
डैडी,
मने अभी-अभी बाइबल और नेपो लयन हल के छोटे -छोटे उ रण टाइप करना ख़ म कया है, ता क वे हर
जगह लगे रह, जहाँ म उ ह दे ख सकूँ। जब लोग मुझसे पूछते ह क वे या ह, तो म उ ह बता ँ गा। वे मेरे बोड पर
लगे ह।
जेरे
डैडी,
मुझे अब पहले से यादा व ास है क इंसान जो चाहे वह कर सकता है; इंसान कसी को भी कसी चीज़ म
हरा सकता है और इसके लए उसे सफ़ कड़ी मेहनत करनी होती है। बाधा का कोई मतलब नह होता, य क
अ सर जन लोग के पास ये नह होत , उनका नज़ रया ख़राब होता है और वे काम नह करना चाहते।
जेरे
डैडी,
कुछ नया नह है, बस वही पुराना रोमांचक वचार है क हम इस अ त जीवन म ई र को गत प से
और हमेशा के लए जान सकते ह!
जेरे
डैडी,
ई र का दय इतना अ व सनीय है। वह हमारी तरफ़ वरोधाभास उछालता रहता है। वह हम पूरी तरह से
असहाय और पथ बना दे ता है; और फर वह उस असफलता को लेता है जो सामा य तौर पर हम पछाड़ दे ती है
- और इसे हमारी सबसे बड़ी संप बना दे ता है।
जेरे
डैडी,
जब आप चौथी तमाही म दो पेपर पीछे ह और आप खेल से थक चुके ह और आपको खेल म बने रहने के
लए यह काम करना ही हो और मैदान म जाने पर अपनी ओर पाँच भीमकाय इ तहान को घूरते दे खते ह, तो यह
पता लगाने का इंतज़ार करना न त प से रोमांचक होता है क इसके बाद ई र का अगला दाँव कौन सा होगा।
वाह!
जेरे
अब आप समझे क म पु तक क श म व ास य करता ँ! म अ छ चीज़ बाँटना पसंद करता ,ँ
इसी लए म इनम से कुछ अनुभव दे श भर के ोता को बताता ँ। यू ऑर लएंस म एक आदमी मुझसे बोला क
उसने डलास म मेरा ा यान सुनने के बाद अपने बेटे को पढ़ने म लगा दया था और वह प रणाम के बारे म
उ साही था।
उसने मेरा अ भवादन कया, “म आपसे यादा अ छा से समैन ।ँ ” मने पूछा, “वह कैसे?” उसने कहा, “मने
अपने बेटे को केवल पाँच डॉलर म एक पु तक पढ़ने के लए राज़ी कर लया।”
फर उसने आगे कहा: “अगर मुझे पहले से पता होता क ये पु तक मेरे बेटे के लए या करगी, तो म उसे एक
पु तक के लए 100 डॉलर भी ख़ुशी-ख़ुशी दे दे ता। म तो एक पु तक के 1,000 डॉलर तक भी जा सकता था -
सम या सफ़ इतनी है क हमारे छह ब चे ह!”
जब लोग जेरे क पढ़ पु तक के नाम पूछने लगे, तो मने शीषक क सूची ट करा ली और हज़ार सू चयाँ
बाँट । बाद म मने नणय लया क ेरक पु तक को व भ कार के पाठक तक प ँचाने का सबसे अ छा तरीक़ा
यह था क ख़ास आव यकता और चय को पूरा करने के लए उ कृ पेपरबैक पु तक का समूह संक लत
कया जाए।
मने लीडस, से समैन, प नय , कशोर , चच कायकता और माता के लए पु तक के “पावर पैक” बना
दए और उ ह नाम मा के भुगतान पर बेचने क पेशकश क । म गारंट दे ता है क जो भी इन पु तक को लगातार
पढ़े गा, उसे सतत गत ां त का अनुभव होगा। थान क कमी पु तक क साम ी पर यादा बताने क
अनुम त नह दे ती है, ले कन इसके बावजूद म पावर पै स के कुछ वचार रेखां कत करना चा ँगा, जो लोग के
लए ब त मायने रखते ह।
साइको-साइबरने ट स, मै सवेल मा ट् ज़
हम अ सर इस त य को नज़रअंदाज़ कर दे ते ह क इंसान म भी सफलता क इं य होती है, जो कसी भी
अ य ाणी से यादा अ त और ज टल होती है। संसार बनाने वाले ने इंसान को कम नह दया है।
दरअसल इंसान को इस संदभ म ख़ास तौर पर वरदान मला है। पशु अपने ल य नह चुन सकते। उनके
ल य (आ म-सुर ा और जनन) पहले से तय होते ह। उनक सफलता का तं इन पहले से बनी ल य-
छ वय तक ही सी मत है, ज ह हम “सहज बोध” कहते ह।
सरी तरफ़ इंसान के पास एक ऐसी चीज़ है, जो पशु के पास नह है - सृजना मक क पना। इस
तरह संसार के सारे ा णय म मनु य ही है, जो ाणी से अ धक है; वह सृजनकार भी है। अपनी क पना
से वह ब त तरह के ल य बना सकता है। मनु य अकेला अपनी क पना या “छ व बनाने” क यो यता के
इ तेमाल से अपनी सफलता के यं को नद शत कर सकता है।
(ऊपर बताई सारी पु तक लीडर वाले पावर पैक म ह।)
ऐसा मूख नह है, जो कसी चीज़ को रख न सकने के कारण उसे दे दे ता है और उसे हा सल करने के लए
ऐसा करता है, जसे वह गँवा नह सकता।
— जम ई लयट
वन ता म ढलने पर ववेक दोगुनी चमक से चमकता है। यो य ले कन वन इंसान एक ऐसा र न है, जसका मू य
कसी सा ा य से कम नह है।
— व लयम पेन
असंतोष के दो ांड ह: वह ांड जो केवल लोभ, गुराहट और पीठ पीछे क नदा को बढ़ावा दे ता है और वह ांड
जो वां छत ल य तक प ँचने के लए यादा से यादा यास को े रत करता है। आपका ांड कौन सा है?
—बी.सी. फ़ो स
अगर आपक कोई कमज़ोरी है, तो इससे भी कसी श क तरह अपनी ख़ा तर काम ल - और अगर आपके पास
कोई श है, तो इसका पयोग करके इसे कमज़ोरी न बनाएँ।
—डोरे केरी
संसार म यह इतनी अहम बात नह है क हम कहाँ खड़े ह, अहम बात तो यह है क हम कस दशा म चल रहे ह।
—ओ लवर वडेल हो स
इंसान जो जानता है, उसे उसक अ भ अपने काम म करनी चा हए; े ान का मह व मु यतः इस लए है,
य क यह इंसान को े दशन क ओर ले जाता है।
— यन बोवी
बड़े अवसर सभी के पास आते ह, ले कन कई लोग को पता ही नह होता क वे उनके पास आए ह। उनका लाभ
लेने क एकमा तैयारी बस उसके त सरल व ास है, जो हर दन लेकर आता है।
—ए.ई. ड नग
जब आपको यह ख़तरा न रहे क आपके म आपको पाखंडी समझ, तो ई र के त पाखंड के बारे म सावधान
रह।
—ओसवा ड चबस
अनुवादक के बारे म
डॉ. सुधीर द त टाइम मैनेजमट, सफलता के सू , 101 मश र ांड्स और अमीर के पाँच नयम स हत सात
लोक य पु तक के लेखक ह, जनम से कुछ के मराठ व गुजराती भाषा म अनुवाद हो चुके ह। इसके अलावा
उ ह ने हैरी पॉटर सीरीज़, चकन सूप सीरीज़ तथा म स ड बून सीरीज़ स हत 150 से भी अ धक अंतरा ीय
बे टसेलस का हद अनुवाद कया है, जनम रॉ डा बन, डेल कारनेगी, नॉमन व से ट पील, ट फ़न कवी, रॉबट
कयोसाक , जोसेफ़ मफ़ , एडवड डी बोनो, ायन े सी आ द बे टसे लग लेखक शा मल ह। उ ह ने मश र
भारतीय केट खलाड़ी स चन त लकर क आ मकथा लेइंग इट माय वे का हद अनुवाद भी कया है।
हद सा ह य और अँ ेज़ी सा ह य म नातक क उपा ध लेने के अ त र डॉ. द त अँ ेज़ी सा ह य म
एम.ए. तथा पीएच.डी. भी ह। उनक सा ह यक अ भ च क शु आत हद जासूसी उप यास से ई, जसके
बाद उ ह ने अँ ेज़ी के सभी उपल ध जासूसी उप यास पढ़े । वे अगाथा ट और आथर कॉनन डॉयल के लगभग
सभी उप यास व कहा नयाँ पढ़ चुके ह।
कॉलेज के दन म डेल कारनेगी क पु तक का उन पर गहरा भाव पड़ा। कॉलेज क श ा पूरी करने के बाद
डॉ. द त ने दै नक भा कर, नई नया, ेस जनल, ॉ नकल, नैशनल मेल आ द समाचार प म कला,
नाटक एवं फ़ म समी क के प म शौ क़या प का रता क । उ ह म. . फ़ म वकास नगम ारा फ़ म
समी ा के लए पुर कृत भी कया गया। चेतन भगत और डैन ाउन उनके य लेखक ह। डॉ. द त को पाठक
sdixit123@gmail.com पर फ़ डबैक दान कर सकते ह।