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आभा र

न्यू इंग्लि श हा यूस्कू , ना गपुर कू महा ग्लि द्या यू म ग्लि ना कू ९ फर र


१९९६ कू पु. श्री मध स ग्लिश ग ळ ळकूर गरुजी कू प्रग्लि(म कू
अना रण भा र( यू मजी र सघ कू सस्था पुकू ए र .स् .सघ कू ज्यूष्ठ
प्रचा रकू श्री त्तो पु( ठगड़ी जी कू हा था4 सम्पुन्न हाआ।

उक्( सम र हा म म . ठगड़ी जी ना ग्लि यू भा षण इंस पुग्लिस्(कू द्वा र प्रकू ग्लिश(


हा रहा हा<।

उक्( भा षण कू प्रकू ग्लिश( कूरना कू अनामग्लि( न्यू इंग्लि श हा यूस्कू


अस ग्लिसएशना कू पु ग्लिधकू ग्लिरयू4 ना , इंसग्लि ए श्री बा बा स हाबा आपुटे स्म रकू
सग्लिमग्लि( कू ओर स सस्था कू धन्यू !

प्रकू शकू: श्री बा बा स हाबा आपुटे स्म रकू सग्लिमग्लि(, महा कू, ना गपुर – २

प्रकू शना ग्लि(ग्लिथा : ५ जीना १९९६ (म मर ठ )

ग्लिहान् अना : श्री बा कूCष्ण जी भा ग (, बा र ,मम्बाई-400091

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पुरम पुजीना यू श्री गरुजी - अ कूस म न्यू चाग्लिरत्र

आजी कू इंस सम र हा कू प्र रभा म मचा पुर उपुग्लिस्था( हा ( हा म<ना पुरम


पुजीना यू श्री गरुजी कू पुरम पुजीना यू बा स हाबा कू म ध्यूम स स र
प्रण म ग्लिकूयू । क्यू4ग्लिकू मर ऐस ध रण हा< ग्लिकू गरुजी और बा स हाबा, यूहा
म ना “ग्लिश स्यू हाC यूमJ ग्लि ष्ण: ग्लि ष्ण श्च हाC यूमJ ग्लिश :।” ऐस सम्बाध हा<।

गरुजी कू बा र म ना गपुर कू प्रबाद्ध गN कू नायू कूहाना-बा( ना यूकू कूछ


शष हा ग ऐस मझे नाहाQ ग( । यूद्याग्लिपु अग्रेजी म ऐस कूहा ( हा< ग्लिकू, ग्लिकूस
भा महा पुरूष कू उसकू अपुना जीन्मभाग्लिम म पुजी नाहाQ हा ( । और यूहा भा
सहा हा< ग्लिकू बाहा( स र श्रीष्ठ पुरुष4 कू बा र म, उनाकू समकू ना ग4 म
बाहा( स र ग (फहाग्लिमयू T प्रचाग्लि ( रहा हा<। सUक्रेग्लिटेस, जी जीस क्रे इंस्टे,
ज्ञा नाश् र, (कू र म जी<स अनाकू श्रीष्ठ पुरुष4 कू बा र म, उनाकू समकू ना
ग4 म बाहा( स र ग (फहाग्लिमयू T था । पुरम पुजीना यू गरुजी इंसकू अपु
नाहाQ हा<। और हाम र जी<स स म न्यू ग स चा( हा< ग्लिकू, जीबा इं(ना श्रीष्ठ
था, ( उनाकू बा र म ग (फहाग्लिमयू T क्यू4 था ? अबा इंसकू उत्तोर
‘कूम रसभा मJ’ म कू स ना पु N( कू मख स ग्लि यू हा<। हा ऐस हा<-

“अ कूस म न्यूमग्लिचान्त्यूहा(कू

ग्लिद्वाषग्लिन्( मन् श्चग्लिर( महा त्मना मJ।” (कूम रसभा मJ ॥५.७५॥)

स म न्यू ग श्रीष्ठ पुरुष4 कू ग्लिना कूर( हा<, क्यू4ग्लिकू श्रीष्ठ पुरुष4 कू


व्यू हा र,बा (चा ( कू (र कू अ कूस म न्यू हा ( हा< और अग्लिचान्त्यू हा(कूमJ
म ना उसकू पु छ उद्देश्यू क्यू हा ग , इंसकू कूल्पुना कूरना भा स म न्यू ग4
कू ग्लि यू सम्भा नाहाQ हा ( । इंस जीहा स ग (फहाम और ग्लिना कूर( हा<।
गरुजी कू स भाN म यूहा एकू म सत्यू हा<।

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इंसग्लि यू ना गपुर ग्लिसयू4 कू गरुजी कू बा र म कूछ कूहाना कू प्रयू स कूरना
म ना अना श्यूकू हा , हा स्यू स्पु हा , ( भा , उनाकू कूCग्लि(त् कू कूग्लिहाए, व्यूग्लिक्(त्
कू कूग्लिहाए, कू एकू पुहा कू ग्लिना bश कूर म< इंस भा षण कू ग्लि र म ना
जी रहा T हाT।

ग (फहाम ग्लिनामcण हा ना कू म( बा हा हा< ग्लिकू,उनाकू ण कू और यू हा र


कू अ(र-सबाध जी ड़ीना कू क्षम( कू ना हा ना , समझेना कू क्षम( कू ना
हा ना । और इंसकू एकू कू रण यूहा हा< ग्लिकू अन्यू सभा श्रीष्ठ पुरुष4 कू सम ना
गरुजी कू भा जी ना म उग्लिक्( ए कूCग्लि( म ‘अपुरग्लिन्टे पुर डॉUग्लिक्सकू ’ म ना
ऊपुर (gर पुर पुरस्पुर ग्लि र ध ग्लि ख ई ना बा (4 कू जीहा स उनाकू
अन्(र-सम्बान्ध जी ड़ीना , स म न्यू ग4 कू ग्लि यू कूग्लिठना हा जी ( हा<। अबा
उ हारण कू ग्लि यू म< कू -चा र बा ( यूहा T बा( ( हाT।

पुज्यू ( ई यू ना उनाकू म ( जी कूहा कूर( था , ग्लिकू मर ठ चाgथा कूक्ष म


एकू कूग्लि ( था , “क्षण क्षण पुड़ी, उठ पुग्लिर बाळ, उड़ी बा पुड़ी ” (हार पु
ग्लिगर( , ग्लिजी कूर उठ( , उड़ी ( जी ( बाचा र ’ बा ण स घ यू हाई पुग्लिक्षण )।

यूहा जी कूग्लि ( हा<, उस ग ( समयू मध हामश र यू कूर( था । उसकू


अन्(:कूरण इं(ना कू म था । हाQ सर ओर ग्लिजीस सघ ग्लिशक्ष गN म पुरम
पुजीना यू बा स हाबा ना अपुना प्रथाम उद्बा धना म कू यूNकूत्तोcओ स यूहा
“ना ऊ और नाव्हार” कू घड़ी हा<, ऐस कूहा था ,उस षN कू सघ ग्लिशक्ष गN
म गरुजी ना अत्यून्( कूठ र शब्दो म कूहा ग्लिकू,”आयू हा कूम टे टेकू
ग्लिचाल्ड्रेना फ्रॉUम प्स ओफ अर फ सN”। स<कूड़ी4-हाजी र4 स पुहा
जी जीस क्रे इंस्टे ना जी कूहा , हा म< आजी कूहा( हाT, ऐस कूहाकूर उन्हा ना
उक्( क्यू कूहा । (बा ‘क्षण क्षण पुड़ी” ग ( समयू र ना मध , आग
चा कूर इं(ना कूठ र क्यू कूहा सकू( हा<, यूहा एकू प्रकू र कू उपुर (gर

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पुर ग्लि खना अ(ग्लि Nर ध हा हा<। र ष्ट्र जी ना कू ग्लि ग्लिभान्न क्षत्र4 म उनाकू
जी<स ‘प्र जीक्शना’ रहा हा<, उसकू स भाN म भा यूहा कूहाना उपुयूक्( हा ग ।
उन्हाQ म स एकू ध ग्लिमNकू क्ष<त्र हा<। उनाकू ओर खकूर सभा कू ऐस ग(
था ग्लिकू आपु कू ई ध ग्लिमNकू महा पुरुष हा4ग। इंस बा ( कू ग ( उपुयू ग ना हा ,
इंसग्लि यू ग्लिबाना भा स् यूस कू स कूहा कूर( था ग्लिकू कू ई भा मझे
जी<स ढ़ी -जीटे ग<रहा रखना कू कूरना कू प्रयू स ना कूर, अन्यूथा हा एकू
गटे ग्लिनामcण हा ( हा<। उनाकू स् यू कू जी ना आध्यू ग्लित्मकू रहा हा< , ग्लिफर भा
उन्हा ना अपुना आध्यू ग्लित्मकू जी ना कू बा र म यू अपुना गरु स् म अखडॉ ना
जी कू सबाध म कूभा भा कूछ कूहा नाहाQ। इंसकू ग्लि पुग्लिर( यूहाQ ना गपुर कू
कूछ प्रबाद्ध ग4 ना गरुजी कू स था ग्लि ग्लिकूयू था , ग्लिकू हाम धमN कू
पु ना-रक्षण आग्लि कू कूर बा ( कूर( हा<, पुर( ग स पुछ( हा< ग्लिकू
यू ग्लिकूस धमN कू पु ना और रक्षण कूर( हा<? यूहा T स्ना ना सध्यू पुढा ई नाहाQ
जी ( , ग यूत्र मत्र कू पुठना यूहा T कूर सकू( नाहाQ , कूछ पुजी पु ठ आग्लि
कूरना कू कूहा नाहाQ जी ( , ‘भा ग (’ आग्लि कू पु ठ हा ( नाहाQ, ( यूहा
कूgनास धमN कू पु ना कूर रहा हा<? इंसग्लि ए ऐस कूछ ( भा कूमNकू डॉ
कूरना चा ग्लिहाए। सनाJ 1945 कू अ( म और 1946 कू प्र रभा म इंस इं कू
कू ग4 ना गरुजी कू समक्ष इंस कूर ग्लिजी कू था । गरुजी ना कूहा ,”यूहा
हा ग नाहाQ।“ प्रत्यूकू कू यूN म कू ई ना कू ई न्यूना(म कूमNकू डॉ हा ना
चा ग्लिहायू, यूहा सहा हा<, ग्लिकून्( कूमNकू डॉ कू अग्लि(रकू ना हा । “अग्लि( नाम कूरू
नायू , कूल्यू ग्लि ना र हा नायू,” यूहा जी समथाN र म स कू उग्लिक्( हा<, उसकू
अनास र ‘ग्लिमग्लिनामम पुUग्लिसबा ’ ग्लिजी(ना ‘ग्लिरच्यूअ ’ ऐस सघ म हामना रख हा<,
उसस अग्लिधकू रखग नाहाQ। यूद्याग्लिपु उनाकू अपुना जी ना (था Cग्लि(
आध्यू ग्लित्मकू( कू था , (बा भा उसम उन्हा ना एकू सयूम बाना यू रख । और
इंसग्लि यू एकू ओर कूरपु त्र महा र जी जी<स ग उना पुर आर पु ग (, ग्लिकू यू
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धमNभ्रष्टे हा< और ग4 कू धमNभ्रष्टे कूर रहा हा<, सर और ग्लिबाल्कू ग्लि पुग्लिर(
ग्लिसर पुर जी कूर कूछ ग आशकू प्रकूटे कूर( था, ग्लिकू, अर, यू सघ कू
कूहाQ र मकूCष्ण ग्लिमशना ( नाहाQ बाना यूग, भाजीना मडॉ ( नाहा बाना यूग ? ना4
पुरस्पुर ग्लि र ध आर पु एकू हा कू ग्लिध म स मना आ( रहा हा<, (बा एकू
‘अपुरन्टे पुर डॉUक्स’ म ना उपुर (gर पुर ग्लि ख ई ना अ(ग्लि Nर ध। म (:
उनाकू ग्लि र ध नाहाQ हा<। म सत्र यूहा हा<,“अग्लि( नाम कूरू नायू,कूल्यू ग्लि ना र हा
नायू।“ ग्लिकूना यूहा सभा कू समझे म आना कूग्लिठना हा<, इंस जीहा स
ग (फहाम कू अ सर ग्लिम ( हा<।

आग्लिथाNकू क्ष<त्र म कूम्यूग्लिनास्टे ना( ग्लिहारना बा बा मखजीs ना एकू बा र मझेस कूहा


ग्लिकू, “अगर आपु सघ 4 कू सत्तो इंस श म आ गयू ( कू श कू
पुडॉ और पुजी पुग्लि(यू4 कू ग्लि ल् पुर र जी हा ग । और आपु धमN कू ना म
( हा , ग्लिकूना धमN क्यू हा< आपु कू म म नाहाQ हा<।“ ग्लिहारना बा बा और
मर सबाध कू फ अच्छ हा<। म< उन्हा बाड़ी भा ई कू सम ना म ना( हाT। मझे
यूहा T यूहा स् कू रना म ग्लिकूग्लिtचा( भा सकू चा नाहा हा रहा हा< ग्लिकू ग्लिहान्
धमNश स्त्र कू ग्लिजी(ना अभ्यू स मर हा< उसस कूई गना अग्लिधकू अभ्यू स
ग्लिहारना बा बा कू हा<। उन्हा4ना कूहा , धमN म यूहा नाहा बा( यू गयू हा< जी आपु
ग कूर( हा । गरुजी हामश अपुना भा षण4 म स शग्लि ज्म और कूम्यूग्लिनाज्म कू
कूड़ी प्रग्लि( ग्लिकूयू कूर( था। उसस यू ग्लिvटेस्टे ग स चा( था ग्लिकू
कूग्लिपुटेग्लि ज्म कू पुक्षधर हा4ग। स्( म गरुजी कूग्लिपुटेग्लि ज्म कू पुक्षधर नाहाQ
था, क्यू4ग्लिकू श सग्लि ज्म, कूम्यूग्लिनाज्म और कूग्लिपुटेग्लि ज्म यू ( ना4 मग्लिटेग्लिरयूग्लि ज्म स
पु< हायू हा<। जी ना कू एकू पुक्ष यू ग्लि चा र कूरना , (था सर4 कू श षण
पुर आध ग्लिर( कूग्लिपुटेग्लि ज्म कू हा ग्लि र ध ग्लिकूयू कूर( था। सपुग्लित्तो (प्र पुटेs) कू

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सबाध म अपुना ध रण कू ग्लि श कूर( समयू म<ना ग्लिहारना बा बा कू यूहा
श् कू सना यू -

“यू (J भ्र यू( जीठर, ( (J स् त्त् ग्लिहा ग्लिहाना मJ।

अग्लिधकू यू ऽग्लिभामन्यू(J सस्(ना ण्डॉमहाNग्लि(॥“ (श्री मद्भा ग (मJ)

अथाc(,“अपुना हा कू म ग कू अनास र कू ई भा ग्लिजी(ना अन्न ग्रेहाण कूर


अपुना पुटे भार( हा<, उ(ना हा सम्पुग्लि( ध रण कूरना कू अग्लिधकू र उस व्यूग्लिक्(
कू हा ग । उसस अग्लिधकू कू कू मना कूरना चा र हा<, इंसग्लि यू ण्डॉना यू
हा<। यूहा सना( हा ग्लिहारना बा बा ना पुछ , “क्यू यूहा आपुकू गरुजी ना कूहा हा<?”
म<ना कूहा “हा T! उन्हा ना हा यूहा हाम बा( यू हा<।“ इंस पुर ग्लिहारना बा बा बा
“म फ कूरना ! गरुजी कू कूर हाम र मना म जी इंमजी था , उसस इंस बा (
कू म नाहाQ बा<ठ( । उनाकू बा र म आजी (कू हाम र जी ध रण था , ग(
हा<, उसम अबा सध र कूरना हा ग ।“

श्री गरुजी कूहा कूर( था, “सघ कू कू ग्लिहान् ओ कू सगठना कूरना हा<।
उसम सभा जी ग्लि(यू4 कू ग आ गयू।“ ग्लिफर भा ख सकूर महा र ष्ट्र कू
सम जी जी ख कू प्रगग्लि(श बा( ( हा<, उनाकू एकू कूम्पुना हा था ग्लिकू
गरुजी णNव्यू स्था कू पुरस्कू(c हा<, जी ग्लि(भा कू पुक्षधर हा<।“ हाम मजी र क्षत्र
म इंना सभा कू स था कूई बा र सयूक्( म चाc बाना ( हा<। इंसग्लि यू उनाकू स था
रहाना भा जीरुर हा ( हा<। उनाकू स था ग्लिमत्र( भा हा< और ग्लिमत्र( कू अभा
भा हा<, हाम र क्षत्र म यू ना4 बा ( स था स था चा ( हा<। ऐस हा पुण म
सयूक्( म चाb कू एकू बा<ठकू म सघ कू बा र म ग्लि षयू ग्लिनाकू और म<ना
कूहा ग्लिकू (म्हा र ऐस कूहाना ग ( हा<, गरुजी कू ऐस कू ई म( नाहाQ था ,
(म ग पुढ़ी( भा नाहाQ और सना( भा नाहाQ और अपुना पुर ना पु cग्रेहा बाना ए
रख( हा । ग्लिफर भा उनाकू कूहाना था ,”हाम म म हा< ग्लिकू (म्हा र गरुजी
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इं(ना ओथाcडॉUक्स हा<, ग्लिकू कू कूणस्था- शस्था ग्लि हा भा उन्हा मजीर नाहाQ। हाम र
एकू कूUन्स डॉरटे ओग्लिपुग्लिनायूना हा< अ(रजी ( यू ग्लि हा4 कू ग्लिबाना सम जी म एकू(
हा नाहाQ सकू( ।“ मझे ग -यू कूहा T स कूहा T आ पुहाचा। ग्लि हा कू ग्लि षयू म
म< कू ई ओथार इंज्डॉ नाहाQ, इंसग्लि ए म<ना उनास कूहा , म< (म्हा र सर प्रश्न कू
सबाध म कूछ नाहा बा सकू( , मर अग्लिधकू र नाहाQ। ग्लिकूना आपु जी कूहा
रहा हा<, हा ग ( हा< और कूहा ग्लिकू कूछ शकू पु N सपुन्न हाऐ एकू सग्लि ख्यू (
अ(रजी ( यू ग्लि हा कू अ सर पुर गरुजी ना शभा-आश c भा भाजी था ।
उन्हा ना कूहा ,यूहा कूछ कूUनाकू क्टे स्टे र हा<। म<ना उनास कूहा , म< आपुकू
डॉUक्यूमटे ग्लि ख सकू( हाT। आपु मर स था घर चा । ओर चा र-पु Tचा
स ग्लिथायू4 कू अपुना स था आयू, क्यू4ग्लिकू उन्हा ग्लि श् स था , ग्लिकू डॉUक्यूमटेस
गहार कूछ हा ग नाहाQ। यूहा ( ग्लिसफN अपुना इंम्प्रशना बाना ना कू ग्लि यू हा ग ,
जी<स ग्लिकू ग्लिvटेस्टे कूछ ना कूछ बा ( कूर( हा<, <स हा इंना ग4 कू हा ग ।
आयू। म<ना उन्हा बा<ठना कू ग्लि यू कूहा । उन्हा4ना कूहा ,”नाहाQ-नाहाQ। पुहा आपु
डॉUक्यूमटे कूहा हा<, हा बा( इंयू। कू गजी ( ग्लिनाकू कूर ना पुर उन्हा4ना पुढ़ीना
आरभा ग्लिकूयू । उनाकू ऐस जी अग्लि श् सपुणN ध रण था , उसकू भा ना हा ना स
इंस सभा म भा अगर कू ई अग्लि( प्रगग्लि(श हा ( उस ग्लि ख ना कू ग्लि यू
अपुना डॉUक्यूमटे स था रखना जीरूर हा ग । यूहा स चाकूर म< उन्हा स था यू
था , क्यू4ग्लिकू प्रगग्लि(श रहाना कू फ आस ना हा ( हा<, मगर कूमNठ रहाना कू फ
मग्लिश्कू हा ( हा<। उन्हा4ना कू गजी ( पुढ़ीना आरभा ग्लिकूयू । अ(रजी ( यू ग्लि हा कू
ना4 पुग्लिर र जी था, उना ना4 ना ग्लिम कूर उन्हा प्र प्( हायू बाहा( स र ग4
कू आश c पुग्लि| श ग्लिकूयू था। ऊपुर ग्लि ख हाआ था ‘ना -पुर(’ ग्लि हा।
ग्लि ना कू था रग्लि र 7 अक्टेबार 1945। शभा श c 4 कू अनाकू स श, ग्लिजीनाम
महा त्म ग ध , स् (त्र्यू र स रकूर, शकूर चा यूN, डॉU. कू(Nकू टे , श स्त्र
जीगद्गरु, अमC( ठक्कूर, कूशर मश्री , अन्स र , म ध र बा ग ,
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म .स. ग ळ ळकूर, श. . ग्लिकू ~स्कूर आग्लि आग्लि महा नाभा 4 कू शभास श था।
गरुजी ना जी स श भाजी था हा ऐस था – “आपु शद्ध बाग्लिद्ध स (था
सम जी कूल्यू ण कू व्यू पुकू ग्लिC ष्टे रखकूर अपुना भा जी ना कू जी रचाना
कूर रहा हा<, हा आपुकू ग्लि ए व्यूग्लिक्(श: ग्लिनार(र सख यू ए सम जी जी ना म
<मनास्यू शन्यू, स्नाहापुणN सकूल्पु, स्नाहापुणN एकूत् ग्लिनामcण कूरना हा , ऐस
मर भाग ना स प्र थाNना हा<। सग्लिद्वा कू (था ग्लि ग्लिशष्टे ध्यूयू स प्रग्लिर( हा कूर
आपुना ऐस सबाध जी ड़ी हा< और स् भा ग्लि कू रूपु स सम जी कू उत्कषN कू
ग्लि चा र अपुकू ध्यूयू हा ना कू जीहा स यूहा ग्लि हा आपुकू पुरममग यूकू
हा ग , इंसम कू ई स हा नाहाQ।“ यूहा पुत्र ग्लि ना कू 7 अक्टेबार 1945 कू ग्लि ना
सम्पुन्न हायू ग्लि हा कू उपु क्ष्यू म ग्लि यू हाआ आश c हा<। उसकू पुश्च ( हाम
जी ना( हा< ग्लिकू पुण कू स( व्यू ख्यू नाम म पुरम पुजीना यू बा स हाबा कू
जी भा षण हाआ, उस अ सर पुर और यूहा T ना गपुर म र ष्ट्र-सग्लि कू सग्लिमग्लि(
कू र ष्ट्र यू सम्म ना हाआ, उसकू उद्घ टेना कू भा षण म पुरम पुजीना यू बा
स हाबा ना इंस बा ( पुर बा ग्लि यू था । ग्लिकूना सनाJ 1945 म गरुजी जी<स
ना( ना यूहा ‘म<सजी’ ग्लि यू हा ग इंस बा ( पुर अग्लि श् स हा ना कू जीहा स
हाम र उना स शग्लि स्टे ग्लिमत्र4 ना कूसs पुर बा<ठना स इंकू र ग्लिकूयू और हा
डॉUक्यूमटे ग्लि ख ना कू मझेस ग्लिजी कू , पुर उस पुढ़ीना पुर, हा( श हा उन्हा4ना
कूसs पुकूड़ी । ग्लिफर उन्हा ना यूहा ग्लि षयू कूभा ग्लिनाकू नाहा । उन्हा इंम्बारस्मन्टे
ना हा , इंसग्लि ए म<ना (रन्( चा यू-ग्लिबाग्लिस्कूटे ना कू ग्लि ए कूहा । इंसकू म ना यूहा
ग्लिकू, गरुजी कू ग्लि षयू म एस ग (फहाग्लिमयू T अकू रण था । और उसकू
कू रण यूहा हा< ग्लिकू इंना सभा म म 4 म सम जी कू ध रण महात् पुणN हा<।
यूहा T णN नाहाQ, जी ग्लि( भा नाहाQ, ग्लिकूना ग्लिvटेस्टे ग4 कू ग्लि हा कू सबाध
म, पुग्लिर र सस्था कू सबाध म जी ध रण हा<, उसकू यूहा T कूहाQ प्रचा ना ना
हा , इंस उद्देश्यू स गरुजी कूछ बा (4 कू बाड़ी आग्रेहा स प्रग्लि(पु ना ग्लिकूयू
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कूर( था । उसकू आकू ना कूरना कू पु त्र( ना हा ना स ऐस ग (फहाग्लिमयू T
ग्लिनामcण हाई ऐस हाम ग्लि ख ई ( हा<।

र जीना ग्लि(कू क्षत्र कू सबाध म अगर ख ( , पुहा प्रग्लि(बाध कू समयू


अकूमNण्यू( म गयू । ग कू र स म रहा( अथा बा हार रहा(, ग्लिकूना
<ग्लिनाकू श ख एT ग( नाहा था और गरुजी कूहा कूर( था ग्लिकू,जीहा T
अकूमNण्यू( हा< हा T “ऐम्पुटे म इंण्डॉ इंजी डॉग्लिव्हाल्स कूNशUपु।“

अनाकू शकू यू- कूशकू यू उस समयू ग्लिनामcण हाई और ग्लि शषकूर ऐस ग्लिकू
र जीसत्तो अगर अपुना हा ( , ( यूहा प्रग्लि(बाध नाहा ग( । इंसग्लि यू हाम
र जीकू रण कू स भाN म ग्लि चा र कूरना चा ग्लिहायू और यूहा स् भा ग्लि कू भा था ।
उस समयू गरुजी ना यूहा ग्लिC ष्टेकू ण बाड़ी आग्रेहा पु Nकू स मना रख ग्लिकू, ”र ष्ट्र
कू पुना:ग्लिनामcण र जीसत्तो कू म ध्यूम स हा नाहाQ सकू( । कूहाQ भा हाआ नाहाQ
हा<। र जीसत्तो कू अपुना महात् हा<, ग्लिकून्( हा स ग्लिम( हा<। हा एकू ग्लि ग्लिशष्टे
पुद्धग्लि( कू हा<। पुरन्( र ष्ट्र पुना:ग्लिनामcण कू आध र स Nस म न्यू ना गग्लिरकू4 कू
र ष्ट्र यू चा(ना कू स्(र कू ऊपुर उठ ना हा< और उसकू म ध्यूम स अगर
कूशग्लिक्( जी ग्रे( हा ( हा<, ( इंस कूशग्लिक्( कू बा म रहाना
र जीशग्लिक्( अथा धमN ण्डॉ कू बा म रहाना र जी ण्डॉ र ष्ट्र कू ग्लि ए
उपुयूक्( ऐस अनाकू कू म कूर सकू( हा<। पुर( कूशग्लिक्( अथा धमN ण्डॉ
नाहा हा ग और अग्लिनायूग्लित्र( र जीसत्तो हा ग (बा क्यू हा ग यूहा कूहाना
मग्लिश्कू हा<। और इंसग्लि ए कूशग्लिक्( और धमN ण्डॉ हा ना यूहा प्र थाग्लिमकू( हा<।
ग्लिफर उसकू अ(गN( र जीसत्तो , र जीकू रण यूहा भा उन्हा ना स ध्यू-स धना
ग्लि कू कू रुपु म ग्लिनारुग्लिपु( ग्लिकूयू था । पुर( जी<स पुडॉ म कू एकू ग्लिसर पुर
जी ना पुर उस अगर स णNमध्यू म ना हा ( उस सर ग्लिसर पुर जी ना
आ श्यूकू हा ( हा<। ऐस खना म आयू हा< ग्लिकू ग्लिजीन्हा भ्रष्टे चा र कूरना कू

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इंच्छ नाहा हा (था ग्लिजीनाकू चाग्लिरत्र कू बा र म (ग्लिनाकू भा स हा हा ना सभा
नाहाQ, ऐस ग भा एकू बाN ( कू ग्लिशकू र बाना सकू( हा< और हा हा ( हा<
स म ग्लिजीकू प्रग्लि(ष्ठ कू भा ना । बाड़ी पु ग्लिजीशना आई यू ना बाड़ी प्रग्लि(ष्ठ प्र प्(
हा ग , ऐस कूल्पुना ग्लिनामcण हा ना और उस कू ग्लि यू र जीना ग्लि( कू ओर
आकूCष्टे हा ना स् भा ग्लि कू हा<।

र जीना ग्लि( स अग्लि प्( हा कूर र ष्ट्र पुना:ग्लिनामcण कू ग्लि यू कू क्ष-आरमJ,


कूबाड्डॉ कूर( रहाना कू प्र Cग्लि( ग्लिनामcण कूरना अग्लिधकू कूग्लिठना कू यूN हा<।
इंसग्लि ए पुडॉ म एकू एक्सट्र म (कू जी सकू( हा<, इंस बा ( कू जी नाकू र
हा ना कू जीहा स हा सर एक्सट्र म (कू जी ना कू आग्रेहा कू
श ख कू म ध्यूम स हा हा सकू( हा<। यूहा भाग्लिमकू उन्हा ना स्था ना स्था ना पुर
रख ।

उस समयू पुग्लिश्चम महा र ष्ट्र कू ग गरुजी कू कूछ म गN शNना कूरना चा हा(


था।। म ना( था ग्लिकू, गरुजी सघ कू सहा ढ़ीग स चा नाहाQ पु रहा। हाम
हा उन्हा कूछ ग्लिसख ना चा ग्लिहायू। यूहा स चाकूर कूछ 7-8 ग यूहा T आयू था।
मझे इंसकू कू ई जी नाकू र नाहाQ था । म< ग्लिकूस बाहा ना बा हार गयू था । उस
समयू म< इंटेकू और ग्लि द्या थाs पुग्लिरष J म कू म कूर रहा था । र ( पुgना यू रहा
बाजी म< कू यूc यू म पुहाTचा । पु डॉरगपु( क्ष रस गर ना कूहा ,अर! ग आयू
हा<। कू पुहार कू 3 बाजी गरुजी कू स था बा<ठना हा< और आपुकू भा
र हा ख रहा हा<। आपुकू स था बा (चा ( कूरना कू बा स ना हा<। (बा म<
ऊपुर जी पुहाTचा । 7-8 आ म था। उन्हा4ना कूहा , हाम आपुकू प्रग्लि(क्ष कूर रहा
था। हाम आपुकू अग्लिभानान् ना कूरना हा<। म<ना पुछ , हा ग्लिकूसग्लि ए ? उस पुर
उन्हा4ना कूहा , गरुजी बा र-बा र कूहा रहा हा<, कू क्ष-आरमJ-कूबाड्डॉ , और उन्हा
कू आTख4 कू स मना आपु प्रचा रकू हा<, कू यूc यू म रहा( हा< और एकू ओर

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इंटेकू म कू म कूर( हा<, ( सर (रफ ग्लि द्या थाs पुग्लिरष J म कू म कूर( हा<।
आपु म कूम कू ग्लिहाम्म( हा<। म<ना कूहा , आपु जी कूछ कूहा रहा हा<, मर
समझे म कूछ नाहाQ आ रहा । उस पुर उन्हा4ना कूहा , गरुजी कू श ख कू
बा र म अनान्यू आग्रेहा रहा( हा<, और आपु कू<स मक्( हा< इंना सबा बा (4 स।
म<ना बा( यू ,”पुरम पुजीना यू गरुजी और पुरम पुजीना यू बा स हाबा ना मझे
इंटेकू म जी ना कू ग्लि ए कूहा , इंसग्लि यू म< उसम गयू और ग्लि द्या थाs पुग्लिरष J कू
कू म प्र रभा कूरना कू भा आपु हा ना कूहा , (भा ( म< हा कूर रहा हाT।
इंसम मर अपुना कू ई चा ईस नाहाQ था । मर जी बा सना( हा ‘ ग्लिस् चा ओफ’
हाआ। ग आर म कूरना अपुना -अपुना जीगहा टे। ग्लिफर सर ग्लि ना सभा
गरुजी स आश c कूर gटे गयू। इंसकू म ना यूहा , ग्लिकू हाम र अपुना ग4
म भा ऐस ग (फहाग्लिमयू T था । <स हा र जीना ग्लि( कू बा र म भा हा ( हा<।

अ ग-अ ग स्था ना4 पुर ओग्लिडॉयून्स कू<स हा<, ग4 कू म नाग्लिसकू( कू<स हा<,
इंस खकूर गरुजी कू भा षण कू स् रुपु हा ( था । उत्तोर क्षत्र कू एकू
प्र न्( म श्री गरुजी गयू। हा T ‘ओव्हार पु ग्लि ग्लिटेकू यूजीशना’ हा< ऐस गरुजी
कू ध्यू ना म आयू । गरुजी ना कूहा ,”(म ऐस कूर , श ख बा कूर । एकू
बा र र जीना ग्लि( कूर , र जीना ग्लि( कूरना कू (म्हा र शgकू पुर हा ना कू बा म
श ख आग्लि हाम आर म स कूरग। कू ई जील् नाहाQ हा<।” हा T स ढ़ी ई मग्लिहाना
बा ग्लिक्षण म गयू। (बा (कू हा T जीनासघ कू कू म शरू हाआ नाहा हाआ
था । शरु हाआ नाहाQ, इं(ना हा नाहाQ ( हा T कू प्रमख कू यूNकू(cओ कू कूहाना
था ग्लिकू हाम र जीना<ग्लि(कू कू यूN यूहा T प्र रभा हा ना कूरग। र जीना<ग्लि(कू कू यूN नाहा
कूरग, इंसकू कू रण ग ग्लिकूस भा कू यूNकू(c कू जीनासघ कू कू म स‚पुना
कू र जी नाहा था। इंसग्लि ए जीनासघ कू इंकू ई कू भा गठना नाहा हा पु यू
था । हा T पुर गरुजी ना कूहा ,”अर! आपु ग यूहा क्यू कूर रहा हा<। यूहा

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अपुना हा ( कू म हा<। हामना ना यू उपु ध्यू यू जी<स कू यूNकू(c इंस कू यूN
कू ग्लि यू ‘स्पुअर’ ग्लिकूयू हा<। इंसग्लि ए यूहा अपुना कू म हा<। हाम कू यूNकू(c ना
चा ग्लिहाए और यूहा कू म खड़ी कूरना चा ग्लिहायू। अबा -ढ़ी ई मग्लिहाना4 कू अ(र
स ‘अपुरन्टे पुरUडॉUग्लिक्सकू ’ म ना पुरस्पुर ग्लि र ध ग्लि खना स्टेटेमट्स
आयू।

मझे यू हा< ग्लिकू, धमN ण्डॉ हा और उसकू अध ना र जी ण्डॉ हा और उसकू


ग्लि ए कूशग्लिक्( कू जी गरण हा आग्लि आग्लि ऐस यूहा प्रग्लि(पु ना हाआ कूर(
था , पुरन्( ग्लिजीस समयू जीनासघ कू स्था पुना हाई उस समयू डॉU. श्यू म प्रस
मखजीs ग्लि शष रूपु स श्री गरुजी स ग्लिम ना ना गपुर आयू,उस समयू मख्यू
मद्ध था – ग्लिहान् कूम्यूग्लिनाज्म, ग्लिहान् त् , ग्लिहान् र ष्ट्र आग्लि आग्लि । म< उना ग्लि षयू पुर
बा ( नाहा कूरूग । पुर( डॉU. मखजीs कू भा षण4 म हामश ‘हाम एकू आ शN
ग्लि पुक्ष ग्लिनामcण कूरग, प्रभा ग्लि पुक्ष ग्लिनामcण कूरग।‘ ऐस बा र बा र
आ( था और यूहा सम चा र पुत्र4 म भा प्रकू ग्लिश( हाआ था । इंस स भाN म
गरुजी ना कूहा ,”यूहा आपु क्यू कूहा रहा हा< ग्लिकू हाम आ शN और प्रभा ग्लि पुक्ष
ग्लिनामcण कूरग? आपुना जी जीनासघ कू ग्लिनामcण ग्लिकूयू हा<, हा ग्लिकूस प्रभा
और आ शN ग्लि पुक्ष ग्लिनामcण कूरना कू ग्लि यू नाहाQ ग्लिकूयू हा<। आपुना सरकू र
बाना ना कू ग्लि यू जीनासघ कू ग्लिनामcण ग्लिकूयू हा<। इंसग्लि ए आपुकू अभा स स फ-
स फ कूहाना चा ग्लिहायू, “ग्लि ग्लि फUमN ग्लि ग नाNमटे,” हाम सरकू र बाना यूग। और
सरकू र बाना ना कू बा हाम क्यू क्यू कूरना हा< , इंसकू ग्लिना bश
आपुकू घ षण -पुत्र म हा ना चा ग्लिहायू।” और मझे स्मरण हा< ग्लिकू सनाJ १९६६ कू
ग्लि सबार म हा म, (बा (कू श म कू Tग्रेस कू पुकूड़ी कूहाQ भा ढा नाहा पुड़ी
था , ढ़ी हा ग ऐस आश भा ग्लि ख ई नाहाQ ( था , उस समयू उत्तोर-प्र श
कू श ( ग्लिशग्लि र सम्पुन्न हाआ। उसम जीनासघ कू कूछ कू यूNकू(c गरुजी स

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ग्लिम ना आयू। गरुजी ना जीनासघ कू कू यूN कू जी नाकू र और इंस क्रेम
म गरुजी ना एकू और स ग्लिकूयू ,”क्यू आपुना शडॉ कूग्लिबानाटे बाना यू हा<?”
उनाम स कूछ ग ( शडॉ कूग्लिबानाटे कू अथाN भा नाहा जी ना( था। गरुजी
ना हा समझे यू । (बा उन्हा4ना कूहा , नाहा , अभा (कू ( बाना यू हा<। गरुजी
ना कूहा ,”पुहा शडॉ कूग्लिबानाटे बाना इंयू।”अबा एकू ओर उनाकू र जीशग्लिक्( कू
अग्लि(ग्लिरक्( महात् ना ना कू आग्रेहा और सर ओर उनाकू यूहा उद्ग र
पुरस्पुर असग( ग्लि ख ई ( हा<, ग्लिकूना उनाम एकू सत्र हा<, एकू बा< न्स हा<,
स( ना हा<।

ऐकू महात् कू ग्लि ख ई ना पु<र डॉUक्स ऐस हा< ग्लिकू व्यूग्लिक्(यू4 कू


स था हाआ गरुजी कू ऐकू हा (रहा कू सभा षण। उनाम स एकू व्यूग्लिक्( म ना
पु. ना यू उपु ध्यू यू, जी आजी हाम र बा चा म नाहा हा< , ग्लिकूना सर
व्यूग्लिक्( ग्लिजीनाकू स था सभा षण हाआ, आजी हाम र बा चा म हा<, हा< हाम र
पुजी बा प्र न्( कू सहा-सघचा कू जीपु(र यू जी । सभा षण ऐकू हा था ।
उना ना4 ना अ ग-अ ग बा (चा ( कूर( समयू गरुजी स कूहा ,”गरुजी !
र जीना ग्लि( म हाम र मना नाहा ग( । आपु हाम र जीना ग्लि( क्ष<त्र स बा हार
ग्लिनाकू कूर स ध सघ कू यूN म ‘ क्ष-आरमJ’ कूरना भाग्लिजीए। ना4 कू हा
गरुजी ना ऐकू हा जी बा ग्लि यू । ग्लिकू आपुकू र जीना ग्लि( म मना नाहाQ ग( ,
आपुकू र जीना ग्लि( म रुग्लिचा नाहाQ हा<, यूहा जीबा (कू मझे म म हा< (बा (कू हा
म< आपुकू र जीना ग्लि( म रखTग । और ग्लिजीस ग्लि ना मझे यूहा गग ग्लिकू र जीना ग्लि(
म आपुकू रुग्लिचा ग्लिनामcण हा गयू हा<, र जीना ग्लि( म आपुकू मना रमना ग हा<,
उस ग्लि ना (त्क आपुकू र जीना ग्लि( स ग्लि थाड्रे कूर ग और और क्ष-आरमJ
कूरना कू कू म स‚पु ग । यूहा सबा ‘अपुरन्टे पुर डॉUक्स’, म ना ऊपुर-ऊपुर स
ग्लि ख ई ना ग्लि र ध भा स हा<। ग्लिकून्( ऐस जी हा ( हा<, उसम अन्(ग्लिनाNग्लिहा(

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र ग्लिशN( , सक्ष्म( और स( ना यूहा ध्यू ना म नाहाQ आना कू कू रण
स Nस म न्यू व्यूग्लिक्( कू ग (फहाग्लिमयू T हा सकू( हा<।

ग्लिना कूरना यूहा मनाष्यू कू स् भा हा<। अग्लि(म एकू घटेना बा( ( हाT। गरुजी
कू हास ना कू ( सर ग्लि ना ग्लिचाटेण स पु कूN म जी सभा हाई, उस सभा म
मना यूहा घटेना बा( ई था , उसकू कू रण भा ग (फहाग्लिमयू T हाई था । प्रसग
ऐस था ग्लिकू श्री गरुजी कू अग्लिन्(म बा म र कू समयू उनास ग्लिम ना कू ग्लि यू
बा पुर म घ ग्लि ल् स आयू था। ग्लिपुस ग्लि ल् gटेना स पुहा जीबा ऊपुर
आयू, (बा म< हाQ ग्लिखड़ीकू कू पु स खड़ी था । बा पुर ना गरुजी कू प्रण म
ग्लिकूयू । गरुजी ना उन्हा बा<ठना कू ग्लि यू कूहा और (रन्( मठ मम कू
बा कूर कूहा – “अर! जीर फ ना ग कूर पु( ( कूर ग्रे टे ट्रकू र स
( नाहा चा रहा हा<? नाहा ( स्टेशना पुर यू क्यू कूरग? उसकू पुश्च (
ग्लिकूस कू रण कू ना हा ( हायू, कू ई स भाN यू ग्लि षयू स मना ना हा ( हायू,
उन्हा ना बा पुर स स ग्लिकूयू , “बा पुर आपुना यूहा पुढ़ी हा< क्यू ग्लिकू यू ग
अरग्लि न् जीबा कू र गCहा म था, (बा उन्हा ना ऐस ग्लि खकूर रख हा< ग्लिकू कू र गCहा
म रहा( समयू स् म ग्लि कू ना उन्हा र जी कू र गCहा म ग्लिम ना आ( था। और
उन्हा यू ग ग्लिसख ( था। ग्लि कू ना जी कू महा ग्लिना cण सनाJ 1902 म हाआ
और अरग्लि न् ( सनाJ 1908 म कू र गCहा म था।”बा पुर बा , “म<ना कूहाQ
पुढ़ी नाहाQ।”ग्लिफर था ड़ी र रुकू कूर गरुजी बा “भाग ना कू ई ग्लिमशना कूर
ग्लिकूस कू भाजी( हा<। हा ग्लिमशना अगर छ टे हा , ( एकू जी नाकू म
सम प्( हा सकू( हा<, ग्लिकूना हा ग्लिमशना अगर बाड़ी हा ( ऐस व्यूग्लिक्( कू
हा स ना हा ना पुर भाग ना उस म क्ष प्र प्( कूरना कू स् (त्र( नाहाQ (।
अशर र अ स्था म रहा( हायू, भाग ना ना उस जी ग्लिमशना स‚पु हा<, उसकू
सपुरग्लिव्हाजीना कूरना उसकू ग्लि ए आ श्यूकू हा ( हा< (था उस ग्लिमशना कू पुणN

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हा ना पुर हा उस म क्ष कू अग्लिधकू र प्र प्( हा ( हा<।” म<ना उस सभा म इंस
उद्धC( कूरना पुर ना गपुर कू एकू सम चार पुत्र ना ग (फहाम फ< ना
बा ( छ पु । मर भा षण कू C( ( ऐस श षNकू कूर प्रकू ग्लिश( हाआ –
“गरुजी कू म क्ष कू अग्लिधकू र नाहाQ।”– ठगड़ी यूहा सम चा र प्रकू ग्लिश( हा ना
पुर मझे ऐस पुत्र प्र प्( हायू ग्लिकू – ‘हाम आपुकू गरुजी कू भाक्( म ना( था।
आपु ऐस हा ना स्(र पुर, उद्ध( हा कूर कूछ कूहाग, ऐस आश नाहा था ।‘ सक्षपु
म यूहा ग्लिकू,”अ कूस म न्यूमग्लिचान्त्यू हा(कूमJ ग्लिद्वाषग्लिन्( म श्चग्लिर(
महा त्मना मJ।”इंसकू ख्यू कूर( पुरम पुजीना यू गरुजी कू बा र म, जी<स
सभा जी महा र जी कू ना म पुत्र ग्लि ख( समयू समथाN र म स ना कूहा था –
“ग्लिश र यू चा आठ रुपु, ग्लिश र यू चा आठ प्र( पु। ग्लिश र यू चा आठ
स क्षपु भामडॉळ ॥ ग्लिश र यू चा कू<स बा ळण, ग्लिश र यू चा कू<स चा ळण। ग्लिशचार यू चा
सळग ण कू<स अस॥“(स्मरण कूर ग्लिश यू कू , स्मर उसकू प्र( पु। स्मरण
कूर ग्लिश र यू कू स क्षपु इंस ग्लिनायू म।। ग्लिश र यू बा कू<स, ग्लिश र यू कू<स
चा , ग्लिश र यू स्( ग्लिनाभा ( कू<स।।)

इंस पुद्धग्लि( स हाम श्री गरुजी कू स्मरण कूर, ऐस प्र थाNना कूर( हायू म<
अपुना भा षण कू ग्लि र म ( हाT।

(न्यू इंग्लि श हा यूस्कू , ना गपुर कू महा ग्लिस्था( ग्लि द्या यू म ग्लि ना Tकू 5
फर र 1996 कू पुरम पुजीना यू श्री गरुजी कू ग्लिचात्र कू अना रण कू
अ सर ग्लि यू गयू भा षण । म रूपु स मर ठ म श्री बा बा स हाबा आपुटे
स्म रकू सग्लिमग्लि( ,महा , ना गपुर द्वा र ग्लि ना Tकू 5 जीना 1996 कू प्रकू ग्लिश(
ग्लिकूयू गयू ।ग्लिहा अना श्री बा कूCष्ण भा ग ( ,मम्बाई)

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