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सम

ु ख
ु श्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः।।
धम्र
ू केतर्ग
ु णाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।
द्वादशैतानि नामानि यः पठे च्छृणय
ु ादपि।।
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते।।

जो व्यक्ति विद्यारम्भ के अवसर पर, विवाह के समय, नगर में या


नवनिर्मित गह
ृ में प्रवेश के समय, यात्रा के समय, संग्राम के अवसर पर या
किसी संकट या विपत्ति के समय यदि इन बारह नामों का स्मरण करते हैं तो
उसके मार्ग में किसी प्रकार का विघ्न नहीं आता है ।

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