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दू िषत भूिम फसलों और जीवों पर नकारा क भाव डालती है । ठोस कचरे के कारण भू िम दू षण
होता है । अपिश उ ादों की बढ़ती मा ा और उिचत अपिश िनपटान िवक ों की कमी के कारण
सम ा िदन पर िदन बढ़ रही है । कारखानों और घरों से अपिश उ ादों को खु ले थानों म िनपटाया
जाता है िजससे भू िम दू षण होता है ।
भूिम दू षण का अथ
पृ ी के धरातल के एक-चौथाई भाग पर भूिम है , िकंतु उसम मानव उपयोग की भू िम केवल 280 लाख
वग मील है। इस भूिम का समुिचत एवं सही उपयोग आज संपूण िव का उ रदािय है , िकंतु िव म
हो रही जनसं ा वृ से भूिम उपयोग म िविवधता एवं सघनता आई है ।
फल प उसका अनुपयु तरीके से उपयोग िकया जा रहा है । प रणाम प ‘भू िम- दू षण’ की
सम ा का ज आ है जो आज िव के अनेक भागों म एक मुख सम ा बन गई है ।
‘भूिम’अथवा ‘भू’एक ापक श है , िजसम पृ ी का संपूण धरातल समािहत है , िकंतु मूल प से
भूिम की ऊपरी परत, िजस पर कृिष की जाती है एवं मानव जीिवका-उपाजन की िविवध ि याएँ करता
है , वह िवशे ष मह की है ।
इस परत अथवा भू िम का िनमाण िविभ कार की शैलों से होता है िजनका रण मृदा को ज दे ता
है । िजसम िविभ काबिनक एवं अकाबिनक यौिगकों का स ण होता है । वहीं से भूिम- दू षण का
ारं भ होता है ।
भूिम दू षण स ूण ाणी जगत के िवकास म बाधा प ँ चता है ोंिक भू िम ही ाणी जगत के जीवन
यापन के िलए भोजन व् अ आव क व ु ओं को उ करने म स म है । पर ु मानव अपने ाथ
की पूित के िलए अपने भिव से भी खलवाड़ करता आ भूिम को दू िषत करता जा रहा है । भू िम
दू षण िविभ कारणों से होता है –
(i) घर, अ ताल, ू ल और बाजार म उपयोग की जाने वाली साम ी म ा क कंटे नर, िड े,
ा क, इले ॉिनक सामान आिद पर उ ठोस अपिश की े णी म आते ह। इनम से कुछ
बायोिड ेडेबल ह और अ गैर-बायोिड े डेबल ह और िनपटान के िलए किठन ह। यह गैर-
बायोिड ेडेबल अपिश है जो बड़े भूिम दू षण का कारण बनता है ।
(ii) मानव की िविभ ज रतों को पूरा करने के िलए जं गलों को ती गित से काटा जा रहा है । िम ी के
िलए पेड़ आव क ह ोंिक वे िविभ आव क पोषक त ों को बनाए रखने म मदद करते ह।
खनन, शहरीकरण और अ कारणों से पेड़ों को काटना भू िम दू षण को बढ़ावा दे ने वाले कारक ह।
(iii) रासायिनक अपिश का िनपटान मु ल है । कीटनाशकों, कीटनाशकों और उवरकों से ा
तरल और ठोस अपिश दोनों को या तो लडिफल या अ थानों पर फक िदया जाता है । यह िम ी को
खराब करता है और भूिम दू षण का एक और कार बनाता है ।
(iv) फसलों की अिधक उपज सुिनि त करने के िलए िकसानों ारा इन िदनों कई उ अं त कृिष
तकनीकों का उपयोग िकया जा रहा है । इन तकनीकों के अिधक उपयोग जै से िक कीटनाशकों और
कीटनाशकों का अ िधक उपयोग िम ी का रण करता है । ऐसी जमीन म उगाए गए फल और
स याँ भी थ नहीं मानी जाती ह। इसे एक कार का भूिम दू षण माना जाता है ।
(v) घरों से फके जाने वाले टू टे काँ च, ा क, फन चर और पॉिलथीन आिद से भी भू िम दू षण होता
है ।
(vi) उघोगो से िनकलने वाले रसायनों से भी भूिम दू षण होती है ोंिक भारी धातु िम ी पर जमा हो
जाती है और भूिम को दू िषत करती है।
(vii) भूिम से खिनज तेलों को िनकालने के िलए खुदाई के दौरान तेल कई बार जमीन पर िगर जाता है
और िम ी को दू िषत करता है।
(viii) बा रश के दौरान हवा म मौजुद दु िषत पदाथ जमीन पर आ जाते है और भू िम को दु िषत करते है ।
भूिम दू षण के ोत –
भूिम दू षण िविभ कार के अनुपयोगी अपिश पदाथ के भूिम म जमा होने का प रणाम है । यह
अपिश पदाथ, घरे लू, सावजिनक, औ ोिगक, खिनज खनन एवं कृिष अपिश के प म होता है ।
इसी के आधार पर भूिम दू षण के ोतों की िन े िणयाँ की जा सकती ह –
(i) घरे लू अपिश
(ii) औ ोिगक एवं खनन अपिश
(iii) नगरपािलका अपिश
(iv) कृिष अपिश
(i) घरे लू अपिश –
भूिम दू षण का एक बड़ा भाग घरे लू अपिश की दे न है । घरों म ितिदन सफाई करने के प ात् गंदगी
िनकलती है । इसम जहाँ एक ओर धूल-िम ी होती है , वही ं दू सरी ओर कागज, कपड़ा, ा क,
लकड़ी, धातु के टु कड़े आिद भी होते ह।
इसके साथ ही स यों के बचे भाग, फलों के िछलके, चाय की पि याँ , अ सड़े -गले पदाथ, सू खे
फूल-पि याँ , खराब ए खा पदाथ आिद भी स िलत होते ह। ये सभी पदाथ घरों से सफाई के समय
एक कर िकसी थान पर डाल िदया जाता है । िवकिसत दे शों म इस कूड़ा-करकट को ढकने एवं
िन ारण की व था होती है ।
परं तु भारत या अ िवकासशील दे शों म अिधकांशत: इस कार की व था का अभाव होने से, यह
अपिश पदाथ सड़ता रहता है , इसम िविभ जीवाणु उ होते रहते ह जो दू षण और अं त म रोग
का कारण बनते ह।
(ii) औ ोिगक एवं खनन अपिश –
औ ोिगक सं थानों से ब त अिधक मा ा म कूड़ा-करकट एवं अपिश पदाथ िनकलता है । यह कचरा
े क उ ोग म चाहे वह धातु उ ोग हो या रासायिनक उ ोग हो सभी से िनकाला जाता है और उ ोग
के िनकट खुले म छोड़ िदया जाता है । इसम अनेक गैस एवं रासायिनक त न केवल वायु म ल
अिपतु भूिम को भी दू िषत करते ह।
अने क उ ोगों से ब त अिधक मा ा म राख भी िनकलती है । अनेक िवषैले, अ ीय एवं ारीय पदाथ
भूिम को अनु पयोगी कर दे ते ह। कभी-कभी ये पदाथ उ ोगों के िनकट ही दबा िदए जाते ह, जो भूिम
दू षण के प म भूिम को अनुपयोगी बना दे ते ह।
(iii) नगरपािलका अपिश –
नगरपािलका अपिश से ता य सावजिनक प से एक होने वाली गं दगी से है । इसम घरे लू अपिश
तो स िलत ह ही िज सावजिनक प से एक िकया जाता है , साथ म मल-मू का एक हो जाना
मुख है । इसके अित र िविभ सं थानों, बाजारों, सड़कों से एकि त गंदगी, मृत जानवरों के
अवशेष, मकानों आिद के तोड़ने से िनकले पदाथ आिद भी इसम शािमल ह।
वा व म शहर या क े की संपूण गंदगी नगरपािलका अपिश की े णी म ही आती है । यह
नगरपािलका अपिश भू िम दू षण का एक मुख कारण है ।
(iv) कृिष अपिश –
कृिष अपिश म कृिष के उपरां त उसका बचा भू सा, डं ठल, घास-फूस, पि याँ आिद एक थान से
एक कर िदया जाता है या फैला रहता है । इस पर पानी िगरने से यह सड़ने लगता है तथा जै िवक ि या
होने से यह दू षण का कारण बन जाता है । वैसे अ ोतों की तुलना म यह अिधक गंभीर सम ा
नहीं है ोंिक अब अिधकां श कृिष अपिश ों को िकसी न िकसी प म उपयोग म ले िलया जाता है ।
उपसं हार –
हमारी िम ी हमारी मूल ज रत है । अगर भूिम ऐसे ही दू िषत होती रहे गी तो हम सब का जीवन
असंतुिलत हो जाएगा और एक िदन ऐसा भी आएगा जब हमारे पास खाने के िलए कुछ भी नही ं होगा।
इसिलए हम सभी लोगों को भूिम दू षण को बचाने के िलए िमल जुलकर यास करना चािहए।
ले िकन सरकार गली मुह ों म घूम-घूम कर भूिम दू षण को िनयं ि त नहीं कर सकती। हम सभी को
चािहए िक हम सरकार ारा बनाए गए कानूनों का ईमानदारी से पालन कर। यह उ समय है जब हम
गत र पर जो भी यास िकया जा सकता है ,
उ करने से पीछे नहीं हटाना चािहए। दू षण र को कम करने के िलए हम अपने कत को
समझना चािहए।