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तावना

जल और वायु की तरह िम ी भी हमारी मूल आव कता है । वन ित, अनाज और पे ड़ पौधों की


जननी िम ी ही है। साफ िम ी पेड़ पौधों, पशु ओं और मनु ों के िवकास के िलए ब त ही ज री है ।
भूिम म पाए जाने वाले त ों म से िकसी का भी असंतुिलत होना ही भूिम दु षण है।

दू िषत भूिम फसलों और जीवों पर नकारा क भाव डालती है । ठोस कचरे के कारण भू िम दू षण
होता है । अपिश उ ादों की बढ़ती मा ा और उिचत अपिश िनपटान िवक ों की कमी के कारण
सम ा िदन पर िदन बढ़ रही है । कारखानों और घरों से अपिश उ ादों को खु ले थानों म िनपटाया
जाता है िजससे भू िम दू षण होता है ।

भूिम दू षण िविभ मानवीय गितिविधयों के कारण और ाकृितक कारकों के कारण भी होता है । भू िम


दू षण के कुछ कारणों म कीटनाशकों का उपयोग, औ ोिगक और कृिष अपिश ों के िनपटान के
िलए िवक ों की कमी, वनों की कटाई, बढ़ते शहरीकरण, अ ीय वषा और खनन शािमल ह। ये सभी
कारक कृिष गितिविधयों म बाधा डालते ह और जानवरों और मनु ों म िविभ बीमा रयों का कारण भी
ह।

भूिम दू षण का अथ

भूिम- दू षण को प रभािषत करते ए हम कह सकते ह िक – “भू िम के भौितक, रासायिनक या


जैिवक गुणों म ऐसा कोई अवांिछत प रवतन िजसका भाव मनु एवं अ जीवों पर पड़े या
भूिम की ाकृितक गुणव ा तथा उपयोिगता न हो भूिम- दू षण कहलाता है ।”

पृ ी के धरातल के एक-चौथाई भाग पर भूिम है , िकंतु उसम मानव उपयोग की भू िम केवल 280 लाख
वग मील है। इस भूिम का समुिचत एवं सही उपयोग आज संपूण िव का उ रदािय है , िकंतु िव म
हो रही जनसं ा वृ से भूिम उपयोग म िविवधता एवं सघनता आई है ।

फल प उसका अनुपयु तरीके से उपयोग िकया जा रहा है । प रणाम प ‘भू िम- दू षण’ की
सम ा का ज आ है जो आज िव के अनेक भागों म एक मुख सम ा बन गई है ।
‘भूिम’अथवा ‘भू’एक ापक श है , िजसम पृ ी का संपूण धरातल समािहत है , िकंतु मूल प से
भूिम की ऊपरी परत, िजस पर कृिष की जाती है एवं मानव जीिवका-उपाजन की िविवध ि याएँ करता
है , वह िवशे ष मह की है ।
इस परत अथवा भू िम का िनमाण िविभ कार की शैलों से होता है िजनका रण मृदा को ज दे ता
है । िजसम िविभ काबिनक एवं अकाबिनक यौिगकों का स ण होता है । वहीं से भूिम- दू षण का
ारं भ होता है ।

भूिम दू षण के कारण – Due to land pollution

भूिम दू षण स ूण ाणी जगत के िवकास म बाधा प ँ चता है ोंिक भू िम ही ाणी जगत के जीवन
यापन के िलए भोजन व् अ आव क व ु ओं को उ करने म स म है । पर ु मानव अपने ाथ
की पूित के िलए अपने भिव से भी खलवाड़ करता आ भूिम को दू िषत करता जा रहा है । भू िम
दू षण िविभ कारणों से होता है –
(i) घर, अ ताल, ू ल और बाजार म उपयोग की जाने वाली साम ी म ा क कंटे नर, िड े,
ा क, इले ॉिनक सामान आिद पर उ ठोस अपिश की े णी म आते ह। इनम से कुछ
बायोिड ेडेबल ह और अ गैर-बायोिड े डेबल ह और िनपटान के िलए किठन ह। यह गैर-
बायोिड ेडेबल अपिश है जो बड़े भूिम दू षण का कारण बनता है ।
(ii) मानव की िविभ ज रतों को पूरा करने के िलए जं गलों को ती गित से काटा जा रहा है । िम ी के
िलए पेड़ आव क ह ोंिक वे िविभ आव क पोषक त ों को बनाए रखने म मदद करते ह।
खनन, शहरीकरण और अ कारणों से पेड़ों को काटना भू िम दू षण को बढ़ावा दे ने वाले कारक ह।
(iii) रासायिनक अपिश का िनपटान मु ल है । कीटनाशकों, कीटनाशकों और उवरकों से ा
तरल और ठोस अपिश दोनों को या तो लडिफल या अ थानों पर फक िदया जाता है । यह िम ी को
खराब करता है और भूिम दू षण का एक और कार बनाता है ।
(iv) फसलों की अिधक उपज सुिनि त करने के िलए िकसानों ारा इन िदनों कई उ अं त कृिष
तकनीकों का उपयोग िकया जा रहा है । इन तकनीकों के अिधक उपयोग जै से िक कीटनाशकों और
कीटनाशकों का अ िधक उपयोग िम ी का रण करता है । ऐसी जमीन म उगाए गए फल और
स याँ भी थ नहीं मानी जाती ह। इसे एक कार का भूिम दू षण माना जाता है ।
(v) घरों से फके जाने वाले टू टे काँ च, ा क, फन चर और पॉिलथीन आिद से भी भू िम दू षण होता
है ।
(vi) उघोगो से िनकलने वाले रसायनों से भी भूिम दू षण होती है ोंिक भारी धातु िम ी पर जमा हो
जाती है और भूिम को दू िषत करती है।
(vii) भूिम से खिनज तेलों को िनकालने के िलए खुदाई के दौरान तेल कई बार जमीन पर िगर जाता है
और िम ी को दू िषत करता है।
(viii) बा रश के दौरान हवा म मौजुद दु िषत पदाथ जमीन पर आ जाते है और भू िम को दु िषत करते है ।

भूिम दू षण के ोत –
भूिम दू षण िविभ कार के अनुपयोगी अपिश पदाथ के भूिम म जमा होने का प रणाम है । यह
अपिश पदाथ, घरे लू, सावजिनक, औ ोिगक, खिनज खनन एवं कृिष अपिश के प म होता है ।
इसी के आधार पर भूिम दू षण के ोतों की िन े िणयाँ की जा सकती ह –
(i) घरे लू अपिश
(ii) औ ोिगक एवं खनन अपिश
(iii) नगरपािलका अपिश
(iv) कृिष अपिश
(i) घरे लू अपिश –
भूिम दू षण का एक बड़ा भाग घरे लू अपिश की दे न है । घरों म ितिदन सफाई करने के प ात् गंदगी
िनकलती है । इसम जहाँ एक ओर धूल-िम ी होती है , वही ं दू सरी ओर कागज, कपड़ा, ा क,
लकड़ी, धातु के टु कड़े आिद भी होते ह।
इसके साथ ही स यों के बचे भाग, फलों के िछलके, चाय की पि याँ , अ सड़े -गले पदाथ, सू खे
फूल-पि याँ , खराब ए खा पदाथ आिद भी स िलत होते ह। ये सभी पदाथ घरों से सफाई के समय
एक कर िकसी थान पर डाल िदया जाता है । िवकिसत दे शों म इस कूड़ा-करकट को ढकने एवं
िन ारण की व था होती है ।
परं तु भारत या अ िवकासशील दे शों म अिधकांशत: इस कार की व था का अभाव होने से, यह
अपिश पदाथ सड़ता रहता है , इसम िविभ जीवाणु उ होते रहते ह जो दू षण और अं त म रोग
का कारण बनते ह।
(ii) औ ोिगक एवं खनन अपिश –
औ ोिगक सं थानों से ब त अिधक मा ा म कूड़ा-करकट एवं अपिश पदाथ िनकलता है । यह कचरा
े क उ ोग म चाहे वह धातु उ ोग हो या रासायिनक उ ोग हो सभी से िनकाला जाता है और उ ोग
के िनकट खुले म छोड़ िदया जाता है । इसम अनेक गैस एवं रासायिनक त न केवल वायु म ल
अिपतु भूिम को भी दू िषत करते ह।
अने क उ ोगों से ब त अिधक मा ा म राख भी िनकलती है । अनेक िवषैले, अ ीय एवं ारीय पदाथ
भूिम को अनु पयोगी कर दे ते ह। कभी-कभी ये पदाथ उ ोगों के िनकट ही दबा िदए जाते ह, जो भूिम
दू षण के प म भूिम को अनुपयोगी बना दे ते ह।
(iii) नगरपािलका अपिश –
नगरपािलका अपिश से ता य सावजिनक प से एक होने वाली गं दगी से है । इसम घरे लू अपिश
तो स िलत ह ही िज सावजिनक प से एक िकया जाता है , साथ म मल-मू का एक हो जाना
मुख है । इसके अित र िविभ सं थानों, बाजारों, सड़कों से एकि त गंदगी, मृत जानवरों के
अवशेष, मकानों आिद के तोड़ने से िनकले पदाथ आिद भी इसम शािमल ह।
वा व म शहर या क े की संपूण गंदगी नगरपािलका अपिश की े णी म ही आती है । यह
नगरपािलका अपिश भू िम दू षण का एक मुख कारण है ।
(iv) कृिष अपिश –
कृिष अपिश म कृिष के उपरां त उसका बचा भू सा, डं ठल, घास-फूस, पि याँ आिद एक थान से
एक कर िदया जाता है या फैला रहता है । इस पर पानी िगरने से यह सड़ने लगता है तथा जै िवक ि या
होने से यह दू षण का कारण बन जाता है । वैसे अ ोतों की तुलना म यह अिधक गंभीर सम ा
नहीं है ोंिक अब अिधकां श कृिष अपिश ों को िकसी न िकसी प म उपयोग म ले िलया जाता है ।

हमारे दे श म नगरों म िमि त पदाथ, राख एवं अि िम ी तथा काबन के प म लगभग 90


ितशत कूड़ा-करकट होता है। जबिक िवकिसत दे शों म इसकी मा ा िभ है । सं यु रा
अमे रका म 42 ितशत कागज एवं उससे संबंिधत व ुएँ, 24 ितशत धातु , ास-चीनी िम ी
के टु कड़े एवं राख, 12 ितशत अपिश खा एवं शे ष अ व ुएँ होती ह। वा िवकता यह है
िक अपिश की मा ा नगरों के आकार एवं िवकास तथा िव ार के साथ अिधक होती जाती है ।

भूिम दू षण के प रणाम –Land pollution results


वतमान म सबसे बड़ी िचंता का कारण बढ़ता आ दू षण है । यह पयावरण के साथ-साथ जीिवत
ािणयों को भी अपूरणीय ित प ँ चा रहा है। सभी कार के दू षण ाणी जगत के िलए ब त अिधक
घातक ह। इन दू षणों के प रणाम ब त अिधक नुकसानदायक होते ह। भू िम दू षण के िविभ
हािनकारक प रणाम िन ानुसार ह –
(i) कुछ िदनों के िलए एक े म जमा अपिश उ ाद दू िषत हो जाते ह और दु गध पै दा करते ह। ऐसे
े ों से गुजरना इस वजह से बेहद मु ल हो सकता है । भूिम दू षण के कारण होने वाली बीमा रयों
से लोगों को डर लगता है । आस-पास के डं िपं ग ाउं ड वाले े ों म रहना असं भव होता है । इसके
अलावा, इन े ों से जो दु गध-यु गंध आती है वह लगातार एक बड़ा नु ान है ।
(ii) कचरा डं िपंग ाउं ड के पास थत इलाकों म जमीन की कीमत तुलना क प से कम है , ोंिक
इस े को रहने लायक नहीं माना जाता है । कम दरों के बावजूद, लोग यहां सं पि िकराए पर ले ना या
खरीदना पसंद नहीं करते ह।
(iii) िवषा पदाथ जो भूिम को दू िषत करते ह, वे मनु ों के सन तं के साथ-साथ जानवरों को भी
बािधत कर सकते ह। यह िविभ सन रोगों का कारण भी है जो मानव जाित के िलए घातक सािबत हो
रहे ह।
(iv) लडिफल को अ र अपिश उ ादों से छु टकारा पाने और भू िम दू षण को कम करने के िलए
जलाया जाता है । हालाँिक, इससे वायु दू षण होता है जो पयावरण और जीवन के िलए उतना ही बुरा
है ।
(v) भूिम दू षण के कारण लोग अपिश पदाथ के सीधे सं पक म आते ह, िजसके कारण चा की
एलज और अ चा की सम ाओं का सामना करना पड़ता है ।
(vi) भूिम दू षण भी िविभ कार के कसर का एक कारण है। िवषा पदाथ से भरी ई भू िम
म रों, म यों, चूहों, कृ कों और ऐसे अ ािणयों के िलए एक जनन भूिम है । इन छोटे जीवों के
कारण सं च रत रोग सभी को ात ह। िविभ कार के बुखार और बीमा रयाँ इनकी वजह से बढ़ रही
ह।
(vii) कीटनाशकों और अ रसायनों के अिधक उपयोग के कारण होने वाला भूिम दू षण कृिष भूिम
को दू िषत करता है।
(viii) िम ी पर उगाई गई स याँ और फल जो दू िषत ह, िविभ कार के रोगों का कारण बनते ह।
(ix) भूिम दू षण के कारण भूिम की उपजाऊ श ख होती जा रही है , िजसकी वजह से फसले भी
अ ी नही ं होती। िजसके चलते हम अ ा भोजन नहीं िमलता।
(x) लोगों ने फसलों की पैदावार बढ़ाने के िलए उनम टीके लगाने शु कर िदए ह, जो िक मानव शरीर
को ब त नु कसान प ँ चाते ह।
(xi) भूिम यह हमारे खान एक मु साधन होता ह। मनु ादातर तो खेती पर ही िनभर करता ह।
भूिम दू िषत होने के कारण मानवी ा , फसलों और पेड़-पौधों पर ब त बु रा असर पड़ता ह।

भूिम दू षण को रोकने के उपाय –


भूिम दू षण िदन-पर-िदन भयंकर प धारण करता जा रहा है । यिद समय पर भू िम दू षण पर रोक
नहीं लगाई गई तो यह िवकराल प धारण कर लेगा और िफर इससे छु टकारा पाना असंभव हो
जाएगा। भू िम दू षण हर समय बढ़ रहा है और इसिलए इसके हािनकारक प रणाम ह। जबिक सरकार
और अ सं गठन इस पर िनयं ण करने के िलए अपने र पर काम कर रहे ह, पर ु जब तक सभी
अपना स ूण योगदान नही ं दे ते तब तक िकसी भी कार के दू षण पर िनयं ण कर पाना केवल एक
मा रह जाएगा। हम अपने दै िनक जीवन म कुछ छोटे बदलाव करके भी इसे कम करने की िदशा
म योगदान कर सकते ह। भूिम दू षण पर लगाम लगाने के िलए हम िन िल खत तरीकों को अपना
सकते ह –
(i) जहां भी संभव हो, गै र-बायोिड ेडेबल उ ादों के बजाय बायोिड ेडेबल उ ादों का उपयोग कर।
ऐसा इसिलए है ोंिक बायोिड ेडेबल कचरे का िनपटान करना आसान है ।
(ii) भोजन है जो कीटनाशकों के उपयोग के िबना उगाया जाता है । इस तरह के खा उ ादों को
कीटनाशक या उवरक मु िचि त िकया जाता है तािक आप दू सरों से आसानी से अलग कर सक।
यह िकसानों को कीटनाशकों के उपयोग से बचने के िलए ो ािहत करे गा।

(iii) यिद आपके पास जगह है तो घर पर जैिवक स यां और फल उगाने के िलए यह एक अ ा


िवचार है ।
(iv) इन िदनों पैकेिजंग पर ब त सारे कागज, रबन और अ साम ी बबाद हो जाती है । यह उन
उ ादों के िलए जाने का सुझाव िदया गया है िजनकी पै केिजं ग ब त कम है ।
(v) पॉली बैग के उपयोग से बच। सरकार ने कई रा ों म इन बैगों के उपयोग पर ितबंध लगा िदया
है , हालां िक लोग अभी भी इनका उपयोग करते ह। पॉली बै ग का िनपटान करना मु ल है और भू िम
दू षण म ब त योगदान दे ता है ।
(vi) यह भी सु झाव िदया जाता है िक ा क के बतनों और अ ा क व ुओं का उपयोग न
कर। ऐसा इसिलए है ोंिक िकसी भी प म ा क का िनपटान करना मु ल है ।
(vii) जब आप खरीदारी के िलए जाएँ तो कागज या कपड़े की थैिलयों का उपयोग कर ोंिक ये पु न:
यो होते ह।
(viii) दो अलग-अलग ड िबन म गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग िनपटाने से कचरा अलग हो
जाता है ।
(ix) भारत सरकार ने पहले ही इस अिभयान को शु कर िदया है और अपिश उ ादों के अलगाव
के िलए हरे और नीले ड िबन िवत रत िकए ह। दे श भर के िविभ शहरों म िविभ े ों म कई हरे
और नीले ड िबन लगाए गए ह।
(x) कागज बबाद मत करो, इसके उपयोग को सीिमत कर। जहाँ भी सं भव हो इसका उपयोग करने से
बच। कागज बनाने के िलए ेक वष कई पेड़ काटे जाते ह। पे ड़ों का कटना भी भू िम दू षण का एक
कारण है । िडिजटल जाना एक अ ा िवचार है ।
(xi) पे पर वाइ या िट ू के बजाय कपड़े या पुन: उपयोग यो ड र और झाड़ू का उपयोग कर।
(xii) भूिम दू षण ब त सी हािनयाँ प ँ चाता है , अपने दो ों और र े दारों के साथ साझा करके इन
िवचारों के बारे म जाग कता फैलाएँ ।
(xiii) घरों का कचरा बाहर खुले म नहीं फकना चािहए, उसके िलए सरकार ारा कूड़ा के िलए गाड़ी
भेजी जानी चािहए।
(xiv) खिनजों को भी सावधानी से िनकालना चािहए और भिव के िलए भी बचाकर रखना होगा।
(xv) हम वायु को भी कम दु िषत करना चािहए तािक अमलीय वषा न हो।
(xvi) हम ऐसी चीजों का इ माल करना चािहए िज हम दोबारा से योग म ला सके। हम रसयकल
की आदत अपनानी चािहए।

उपसं हार –

हमारी िम ी हमारी मूल ज रत है । अगर भूिम ऐसे ही दू िषत होती रहे गी तो हम सब का जीवन
असंतुिलत हो जाएगा और एक िदन ऐसा भी आएगा जब हमारे पास खाने के िलए कुछ भी नही ं होगा।
इसिलए हम सभी लोगों को भूिम दू षण को बचाने के िलए िमल जुलकर यास करना चािहए।

इस त पर कोई संदेह नहीं है िक हमारे जीवन को और अिधक आरामदायक बनाने के यास म हम


पयावरण को बबाद कर रहे ह। थ और खुशहाल जीवन जीने के िलए हम िम ी दू षण को कम
करने की िदशा म काम करना चािहए।
भूिम दू षण कई बीमा रयों को ज दे रहा है और थ जीवन जीना मु ल बना रहा है । भूिम
दू षण, दू षण के अ िविभ पों की तरह, पयावरण के िलए खतरा है । हम अ र िशकायत
करते ह िक सरकार भूिम दू षण को कम करने के िलए उिचत उपाय नही ं कर रही है ।

ले िकन सरकार गली मुह ों म घूम-घूम कर भूिम दू षण को िनयं ि त नहीं कर सकती। हम सभी को
चािहए िक हम सरकार ारा बनाए गए कानूनों का ईमानदारी से पालन कर। यह उ समय है जब हम
गत र पर जो भी यास िकया जा सकता है ,
उ करने से पीछे नहीं हटाना चािहए। दू षण र को कम करने के िलए हम अपने कत को
समझना चािहए।

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