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िसकं दराबाद-
दराबाद-500017
ट.
ट.सी.5
सी
)वषय सच
ू ी
I.सं. अ5याय पJ
ृ सं.
1 सज# तथा संचार संथापन6 पर उसका (भाव 1
7 अनुबंध 1 50
1. पJ
ृ 6 क7 संZया - 28
2. जार करने क7 तारख - अगत, 2015
3. Fहंद और अंAेजी संकरण म! कोई )वसंग.त या )वरोधाभास होने पर इस
)वषय का अंAेजी संकरण ह माTय होगा।
© इ%रसेट
“यह केवल भारतीय रे ल6 के (योगाथ# बौ)*क संप)9 है । इस (काशन के ,कसी भी भाग को
इ%रसेट, सकंदराबाद, भारत के पव
ू # करार और ल_खत अनम
ु .त के `बना न केवल फोटो कॉपी,
फोटोAाफ, मेbनेFटक, ऑिdटकल या अTय %रकाड# तक सीमत नहं, बिeक पन
ु ः (ाg क7 जाने वाल
(णाल म! संAFहत, (सा%रत या (.तकृ.त तैयार नहं ,कया जाए।”
http://www.iriset.indianrailways.gov.in
अ"याय 1
सज और उस
उसके संकेत एवं दरू संचार संथापन पर )भाव
1.1 परचय:
परचय:
संकेत एवं दरू संचार )णाल , जैसे इले./ॉ1नक इंटरलॉ2कं ग, 3डजीटल एि.सल काउं टर, /ै क स2क6स,
ISDN ए.सच; ज, ओएफसी संचार, डाटा नेटवक, 1नयं>ण संचार, आ@द भारतीय रे ल म; सरु C त और
सच
ु ाD Dप से /े न संचालन के लए लगातार चौबीस घंटे काय करते हI। इन )णालय म; बहुत ह
अKयाध1ु नक उपकरण;, जैसे ICs, माइOो)ोसेसर और माइOोकं/ोलर का इतेमाल 2कया गया है ,
िजन पर सज वोQटे ज और धारा का )भाव पड़ता है । इसलए इन उपकरण को सज से सरु C त
करना बहुत आवSयक है , िजससे उपकरण का 1नरं तर संचालन स1ु निTत 2कया जा सके और इनके
नक
ु सान से होने वाला )1तथापन कUमत भी बचा सक;।
• लाइट1नंग 3डचाज
• इंड.ट व लोड का ऑन/ऑफ करने (जैसे /ांसफामर, कॉइQस, मोटर)
• इि[नशन और इलेि./क आ2कग का अवरोध (जैसे वेिQडंग )ोसेस)
• ]यज़
ू तथा स2कट _ेकर कU @/`पंग
• एक ह पावर लाइन म; अaय बड़े उपकरण म; पावर संOमण
• पावर सbलाई कंपनी dारा होने वाल खराबी के कारण
• शाट स2कट
इरसेट 1 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज और उस
उसके संकेत एवं दरू संचार संथापन पर )भाव
सज 27.4%
चोर 12.9%
अaय 16.7%
उrणक@टबंधीय >
े म; मेघ गजन और oबजल वाला तफ़
ू ान, गरम तफ़
ू ान (heat storms) के {प
म; जाना जाता हI। यह ऊपर कU ओर उठती हुई गरम हवाओं dारा ठं डी हवा को नीचे ध.का दे ने के
कारण होता है । इससे कई 2कलोमीटर म; फैले एक या कई बादल कोशकाओं का गठन होते हI।
समशीतोrण >
े ो म;, मेघ गजन और oबजल वाला तफ़
ू ान, ललाट तफ़
ू ान (frontal storms) के Dप
म; जाना जाता है । इसम; ठं डी ललाट तफ़
ू ान (frontal storm) गम हवा को ऊपर कU ओर ध.का
दे ती है । इससे बादल कोशकाओं का गठन होता है , जो कई 2कलोमीटर म; Oमक Dप से फैले होते
हI।
इरसेट 2 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज और उस
उसके संकेत एवं दरू संचार संथापन पर )भाव
इरसेट 3 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज और उस
उसके संकेत एवं दरू संचार संथापन पर )भाव
संयोग से, ऊपर @दए गए )भाव णक (थोड़ी दे र के लए) है और इलेि./कल तथा इले./ॉ1नक
संथापन को सरु C त रखने के लए इसको उचत सरु ा )2Oयाओं dारा `वसजन 2कया जाना है ।
लाइट1नंग के कारण उKपaन सज धारा 3 मानदं ड से बताया जाता है:
इरसेट 4 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज और उस
उसके संकेत एवं दरू संचार संथापन पर )भाव
उदाहरण:
उदाहरण: 10 KA, 8/20µs अथात 10KA आयाम का सज उसके अधकतम मान तक पहुँचने के
लए 8 माइOो सेकंड और अधकतम परमाण के आधे भाग तक घटने के लए 20 माइOो सेकंड
लेते है ।
च> 1.1
1.1 सज धारा के मानदं ड
वO के भीतर का >
े , लाइट1नंग सज के हा1नकारक ऊजा को दशाता है ।
• गैQवे1नक किbलंग, सज के साथ संपक म; आने वाले धातु चालक dारा
• समानांतर सतह के कारण कपैसट व किbलंग के )भाव से कैपासट; स किbलंग
• सज ग1त`वध या 3डचाज पाथ के समानांतर चालक के कारण इaड.ट व किbलंग,
अतः 2कसी भी इलेि./कल संथापन के लए सरु ा े> कU अवधारणा समझना चा@हए। संर ण
े> का अंकन और तालका म; `ववरण के साथ सहसंबध
ं के लए कृपया च> 1.2 दे ख;।
च>.
च>. 1.2
1.2 लाइट1नंग संर ण >
े
इरसेट 5 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज और उस
उसके संकेत एवं दरू संचार संथापन पर )भाव
>
े `ववरण
LPZ0A डायरे .ट /ाइक ; पण
ू लाइट1नंग धारा; पण
ू चुंबकUय े>
LPZ0B नो डायरे .ट /ाइक ; आंशक लाइट1नंग या इa«य
ू ड धारा; पण
ू चुंबकUय े>
LPZ1 नो डायरे .ट /ाइक ; आंशक लाइट1नंग या इa«य
ू ड धारा; डै
पड चुंबकUय >
े
LPZ2 नो डायरे .ट /ाइक ; इa«य
ू ड धारा; और अधक डै
पड चुंबकUय >
े
1. इ.वी-पोटे िaशयल बोिaडंग सटम )दान करना, िजसम; बाहर अथग सटम को भीतर इ.वी-
पोटे िaशयल बसबार से जोड़ा होता है ।
2. `व1नद® श के अनस
ु ार सज अरे टर का )ावधान, जो अथग )णाल से जुड़े हो।
• पावर एं/ पॉइंट पर /ानसायaट को .लIप और 2फ़Qटर करने के लए
• सज वोQटे ज म; चरणब¥ तर के से हा1नर@हत तर तक कमी स1ु निTत करने के लए
अथग )णाल को अ"याय-2 म; , सज अरे टर को अ"याय-3 म; चचा कU गयी है और अथग के बारे
म; RDSO `व1नद® श को अ"याय -4 म; )तत
ु 2कया गया है ।
इरसेट 6 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज और उस
उसके संकेत एवं दरू संचार संथापन पर )भाव
वत1ु न±
न±:
`वषय1न±
`वषय1न±:
इरसेट 7 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
अथग के मूल स¥ांत
अ"याय 2
अथग के मल
ू स¥ांत
पदाथ )1तरोधकता
कोपर 1.7 X 10-6 ओ· मीटर
जीआई (GI) 10-7 ओ· मीटर
भीगी म¹ी (Wet soil) 10 ओ· मीटर
नम म¹ी (Moist soil) 100 ओ· मीटर
सख
ू ी म¹ी (Dry Soil) 1000 ओ· मीटर
¼ (Bed rock)
बेड रॉक 10000 ओ· मीटर
पदाथ गण
ु और अथ कU इ.वी-पोटे िaशयल सतह संबध
ं ी तय को समझने के बाद, अब हम; अथ
इले./ोड के तरफ "यान दे ने कU आवSयकता है, अथात, अथग के लए )य¾
ु चालक, उसका
रचना, आकार इKया@द।
इले./ोड का )1तरोध उपयोग 2कए गए पदाथ का )1तरोध होता है (अथात, इले./ोड के रचना और
आकार के अनस
ु ार)। पµ Dप से, हम; धािKवक वतए
ु ं जैसे जी.आई / कॉपर इले./ोड का इतेमाल
करना पड़ता है , िजससे इले./ोड )1तरोध 1 ओ· से कम रहे (<<1 ohm).
`वqुतीय >
े के )सार के लए प
ृ वी का )1तरोध ह 'इले./ोड से अथ का )1तरोध’ है । यह
महKवपण
ू है .य2क इले./ोड dारा प
ृ वी म; धारा का )वेश `वqत
ु ीय >
े था`पत करता है िजससे
`वभवांतर उKपaन होता है । 'इले./ोड से अथ का )1तरोध', जो म¹ी का )1तरोधकता के साथ-साथ
इले./ोड के Áयाम@/ और आकार पर 1नभर करता है , भी कम होना आवSयक है , िजससे अथ
)1तरोध (इले./ोड )1तरोध और इले./ोड से अथ के )1तरोध को मला कर) 1 ओ· से कम हो।
इरसेट 8 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
अथग के मूल स¥ांत
R= (ρ/2πL)[ln{8L/2.7183 D}]
उपरो¾ स>
ू से, आसानी से 1नrकष 1नकाला जा सकता है 2क इले./ोड पदाथ का इले./ोड से अथ
का )1तरोध के मान तय करने म; कोई भू मका नह ं है । य@द इले./ोड कU लंबाई अधक हो तो
इले./ोड से अथ का )1तरोध कम होता है । हालां2क, इले./ोड )1तरोध को कम से कम रखने के
लए इले./ोड धािKवक (जीआई/कोपर) होना चा@हए, िजसकU चचा 2.2.1 म; पहले ह हो चक
ु U है ।
ि/प इले./ोड/bलेट इले./ोड के मामले म;, इले./ोड से अथ का )1तरोध 1न
न )कार से @दया
जाता है :
दे खा जा सकता है 2क L का म
ु य )भाव होता है , वह T का अQप )भाव होता है।
जैसे 2क इले./ोड से अथ का )1तरोध मटट कU )1तरोधकता पर 1नभर है , इसे घटाना पड़ता है ।
ऐसा करने के लए सबसे आसान तर का है
इरसेट 9 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
अथग के मूल स¥ांत
तालका 2.2.
जब अधक संया म; अथ )णालय पर "यान रखना होता है , इसके उपचार पर "यान रखना भी
मिु Sकल होता है । इसलए अनरु ण म¾
ु अथ )दान करने का सफारश 2कया गया है । इसम;
आवSयक Dप से बोरंग कU हुई अथ `पट म; बेaटोनेट .ले जैसे अथ एaहाaसमेaट पदाथÈ से भरा
जाता है । )Kयेक पाइप इले./ोड से संबं धत एक `पट म; कम से कम 20Kg बेaटोनेट .ले के
उपयोग कU सफारश 2कया जाता है । य@द कम मा>ा म; बेaटोनेट .ले का उपयोग करते है तो
शD
ु आत म; हमको कम )1तरोधकता मलेगी ले2कन समय बीतने के साथ )1तरोधकता बढ़े गी।
1) बाहर (oबिQडंग के बाहर) लगाए गए अथ इले./ोड का इि.व-पोटे िaशयल बॉिaडंग रंग के Dप
म; 2कया जाता है ।
2) उपकरण क के अंदर इि.व-पोटे िaशयल बसबार या रंग का )ावधान।
3) बाहर और भीतर रंग को आपस म; जोड़ना।
इरसेट 10 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
अथग के मूल स¥ांत
वत1ु न±
न±:
`वषय1न±
`वषय1न±:
इरसेट 11 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज संर ण उपकरण; (एसपीडी)
एसपीडी)
अ"याय 3
सज संर ण उपकरण; (एसपीडी)
एसपीडी)
एसपीडी के )कार संर ण वग पर 1नभर करते है , जो परणामवDप `वचाराधीन LPZ (लाइट1नंग
संर ण े>) पर भी 1नभर है । एसपीडी के वग है:
एस.पी.डी का वग चाहे कोई भी हो, हर एक के लए तालका 3.1. म; @दए गए तकनीकU मापदं ड
महKवपण
ू है ।
3.2.1 .लास-
.लास-A संर ण (लाइट1नंग संर ण)
ण):
.लास-A संर ण अवSय Dप से 2कसी इमारत के ऊपर लगा हुआ एक बाहर लाइट1नंग चालक है ,
जो डाउन चालक के मा"यम से ³ाउं ड से जुड़ा रहता है ।
जैसे च> 1.3 म; दशाया है , इमारत के बाहर का परवेश LPZ0 (लाइट1नंग संर ण >
े -0) के
अंतगत आता है । इस >
े म; लाइट1नंग ऊजा का 50% भू म म; अंतरत हो जाता है । बचे हुए
50% पावर केबल, टे ल कॉम केबल, आ@द के मा"यम से इमारत म; )वेश करता है ।
इरसेट 12 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज संर ण उपकरण; (एसपीडी)
एसपीडी)
3.2.2 .लास-
.लास-B संर ण:
ण:
कृपया च> 1.2 दे ख;, जो LPZ दशाता है । .लास-B संर ण पहले चरण का संर ण होता है ,
या1न इि.वपम; ट से पहले, म
ु य `वतरण पैनल पर। ये एसपीडी आक चौ`पंग स¥ांत पर काय
करते हI।
10/350µs के पQस
100kA का आयाम, N तथा E के बीच
50kA का आयाम, R/Y/B तथा N के बीच
.लास-B SPD )Kयेक फेज़ और aय/
ू ल तथा aय/
ू ल और अथ के बीच लगाए जाते हI।
RDSO `व1नद® श के अनस
ु ार .लास-B SPD के मानदं ड तालका 3.2 म; @दए गए हI।
1. aय/
ू ल और अथ के बीच संर ण का रे @टंग फेज़ और aय/
ू ल के बीच का संर ण रे @टंग से
उचतर .य होता है?
2. फालो-अप धारा का .या मतलब है ? फॉलो अप धारा का शमन .य करना है?
इरसेट 14 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज संर ण उपकरण; (एसपीडी)
एसपीडी)
3.2.3 .लास-
.लास-C संर ण
.लास-C संर ण प¥1त म; कम लेट Úू वोQटे ज के साथ काय म सज संर ण )दान करने के लए
तेजी से काय करने वाला MOV लगे होते है । यह फेज़ और aय/
ू ल के बीच लगाया जाता है । यह
50 KA, 8/20µs पQस सज रे @टंग तक का "यान रखता है ।
मानदं ड मान/
मान/सीमा
नोमनल वोQटे ज (U0) 230 V
अधकतम ऑपरे @टंग वोQटे ज (UC) 300 V
R/Y/B तथा N के बीच लाइट1नंग इ
पQस धारा >10kA, 8/20µs )Kयेक फेज़ के लए
ं
रे पॉaस समय (Tr) <25ns
वोQटे ज संर ण तर (Up) <1.6kV
ऑपरे @टंग तापमान / RH 70°C / 95%RH
तालका 3.3 .लास-
.लास-C SPD के मानदं ड
इरसेट 15 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज संर ण उपकरण; (एसपीडी)
एसपीडी)
1. य@द सbलाई/ डाटा / टे ल कॉम लाइन (AC/DC) ओवरहे ड लाइन या 2कसी इमारत के नज़द क
लगे केबल (भू म के ऊपर) या उपकरण क के बाहर 2कसी थान के मा"यम से पहुँचाया
जाता है , तो ऐसे थान पर अ1तर¾ .लास C एरे टर का इतेमाल 2कया जायेगा।
2. .लास B या .लास C SPD के दोन तरफ लगे चालक कU कुल लंबाई 50 से. मी. से कम
रहनी चा@हए। अaयथा, च> 3.2 म; दशाए गए अनस
ु ार V )कार का कने.शन का उपयोग
कर; ।
इन SPD को जोड़ने के लए उपयोग 2कए गए चालक का इंड.टaस 1µH )1त मीटर होता है ।
इसका मतलब है 2क 1µs म; 1kA व`ृ ¥ से 1kV वोQटे ज बनता है । इसलए उनकU लंबाई म;
ऐसे )1तबंध को दे खा जाना चा@हए।
3. .लास-B SPD को जोड़ने वाले चालक का आकृ1त 16 वग म.मी. और .लास-C SPD का
6 वग म.मी. होगा।
3.2.4 .लास-
.लास-D संर ण
इले./ॉ1नक उपकरण से जड़
ु े सभी बाÔ डाटा/पावर सbलाई (AC/DC) लाइन म; चालक के दोन
छोर पर .लास-D SPD लगाये जाते हI।
.लास-D SPD म; MOV और GD तथा इनके संयोजन होते हI। इनके रे @टंग वाQटे ज (सbलाई) के
आधार पर @दए जाते है । इन SPD के 1न
नलखत अ1तर¾ `वशेषताय; हगी।
इरसेट 16 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज संर ण उपकरण; (एसपीडी)
एसपीडी)
पावर लाइन संर ण के लए उपकरण, .लास-D )कार कU होगी। इसम; उसकU )Kयाशत आयु तथा
खराबी मोड संबध ं ी सचू ना )दशत करने कU ¬यवथा रहे गी, जो खराब हुए एसपीडी )1तथा`पत
2कए जाने हे तु स`ु वधा उपल½ध कराएगा। यह थमल 3डसकनेि.टं ग )कार का होगा तथा रमोट
मॉ1नटरंग के लए पोटे िaशयल ÛU कांटे.ट से सिÁजत रहे गा। 1न
नलखत `वशµताओं स@हत
IEC 61643-1 तथा VDE -0675 पॉइंट 6 के अनस
ु रण म; संर ण 2कया जाएगा।
)Kयाशत कायकाल और `वफल SPD के )1तथापन के लए `वफलता मोड को दशाने के लए
इन उपकरण म; )ाथमकता के तौर पर इिaडकेशन दशाने का काय होगा। य@द इस उपकरण म;
कोई ऐसा साधन हो, जो डाटा/सगनलंग लाइन के सीर ज़ म; आता है , मॉ«यल
ु म; “मेक oबफोर
_ेक” स`ु वधा होगी, िजससे bलगेबल मॉ«यल
ु बाहर 1नकालने से लाइन नह ं कटता है । यह संर ण
1न
न `वशेषताओं के साथ IEC 61643-21 तथा VDE 0845 Pt. 3 का पालन करना चा@हए।
तालका
तालका 3.5
@टbपणी:
@टbपणी: उपरो¾ मानदं ड म; कम भaनता वीकारयो[य होगा।
इरसेट 17 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज संर ण उपकरण; (एसपीडी)
एसपीडी)
उदाहरण-
उदाहरण-1: एकल अनावत
ृ संरचना (कृपया च> 3.4 दे ख;):
.लास -A संर ण कU उपल½"ता को "यान म; रखते हुए, (लाइट1नंग संर ण सटम म; लाइट1नंग
अरे टर, डाउन चालक और अथग को सि
मलत 2कया जाता है ) 50% सज भू म म; चला जाएगा
ऐसा माना जा सकता है । वातव म; , लाइट1नंग सज का Áयादातर मा>ा तो अछÕ तरह से लगे
हुए .लास - A सटम dारा भू म म; भेज @दया जाता है । शेष बचा सज लगभग 50% होगा।
अतः बचे हुए 50% सज पर उच सरु ा सीमा के साथ `वचार 2कया जाता है ।
इसका मतलब, ls/2 शेष है , जहाँ ls लाइट1नंग के dारा उKपaन सज धारा है । इसलए पावर
सbलाई का )Kयेक लाइन (3 फेज, 4 लाइन) ls/2 का 25% लेता है । अथात 200 kA, 10/350
माइOो सेकंड सज के लए )Kयेक पावर सbलाई लाइन को 25 kA, 10/350 माइOो सेकंड सज से
संर ण कU जDरत होती है। जैसा 2क पहले ह चचा कU जा चुकU है, फेज से aय/
ू ल के बीच का
SPD कU रे @टंग 25 kA, 10/350 माइOो सेकंड, तथा aय/
ू ल से अथ SPD कU रे @टंग 50 kA,
10/350 माइOो सेकंड होती है ।
उदाहरण-
उदाहरण-2: समान अथ )1तरोध के साथ दो 1नकटवत संरचना (कृपया च> 3.5 दे ख;):
इस मामले म; , )Kयेक इमारत म; उपयोगताओं पर आने वाल सज धारा Is/2 के 50% होगी,
या1न Is/4 (.य2क .लास-A संर ण dारा Is/2 पहले से ह अथ पर पारत हो जाती है )। इसलए
200kA, 10/350 माइOो सेकंड के सज के मामले म; )Kयेक पावर लाइन म; Is/4 के एक चौथाई
धारा होगी, या1न 12.5kA, 10/350 माइOो सेकंड।
इरसेट 18 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज संर ण उपकरण; (एसपीडी)
एसपीडी)
उदाहरण-
उदाहरण-3: भaन अथ )1तरोध के साथ दो 1नकटवत संरचना (कृपया च> 3.6 दे ख;):
मानो कU Ra तथा Rb Oमशः संरचना ‘क’ और ‘ख’ के अथ )1तरोध हI। सज धारा Is का 50%
.लास-A संर ण dारा "यान रखता है मानते हूए, संरचना ‘क’ और ‘ख’ म; उपयोगताओं पर आने
वाल सज धारा 1न
न स>
ू दे ता है ।
इस )कार, य@द संरचना ‘ख’ के अथ )1तरोध Áयादा हो तो उसको कोई हानी नह ं होता है बिQक
‘क’ संरचना को हानी होता है ।
इसलए, हमेशा हम 1नकटव1त संरचनाओं म; अथग के लए इि.वपोटे िaशयल बॉिaडंग कU ¬यवथा
करते हI। यहाँ 1नकटव1त का मतलब है , दो संरचनाओं के बीच कU दरू 20 मीटर से कम हो।
इरसेट 19 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज संर ण उपकरण; (एसपीडी)
एसपीडी)
अभी तक चचा 2कए गए एसपीडी के .लास के आलावा, IEC (इंटरनेशनल इले./ो टे क1नकल
कमीशन) ने एसपीडी के `वqुतचुंबकUय )1तर ा .लास को परभा`षत 2कया है । इसे तालका 3.6
म; तालकाब¥ 2कया है ।
इरसेट 20 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सज संर ण उपकरण; (एसपीडी)
एसपीडी)
वत1ु न±
न±:
`वषय1न±
`वषय1न±:
इरसेट 22 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
दरू संचार संथापन के लए अथग )णाल के आरडीएसओ `व1नद®
`व1नद® श
अ"याय 4
दरू संचार संथापन के लए अथग )णाल के आरडीएसओ `व1नद®
`व1नद® श
4.1 परचय
ये `व1नद® श दरू संचार संथापन के लए अथग )णाल कU सामाaय, परचालन, तकनीकU,
1नrपादन, टाइप टे ट और वीकरण पर ण संबध
ं ी आवSयकताओं के लए उिQलखत हI।
)णाल कU सरु ा के लए धारा वहन करने वाला चालक का अथग सामाaयतया जDर होता है ,
और आम तौर पर इसे सटम अथग कहलाता है । जब2क मानव जीवन, जानवर और स
प`á कU
सरु ा के लए आवSयक, धारा वहन न करने वाला चालक का अथग सामाaयतः इि.वपम; ट
अथग के Dप म; जाना जाता है ।
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4.3 श½दावल :
श½दावल : इस दतावेज़ के )योजन के लए 1न
नलखत परभाषाय; लागू होगी।
1. ब3डंग चालक - इि.वपोटे िaशयल बॉिaडंग )दान करने वाला एक सरु ाKमक चालक।
2. अथ - पिृ व का सच
ु ालक `वतार, िजसका कोई भी oबंद ु पर `वqुतीय `वभव परं परागत Dप
म; शa
ू य माना जाता है ।
3. अथ इले./ोड - एक चालक या चालक का एक समह
ू जो अथ के साथ घ1नµ संपक म; होते
है और अथ तक `वqुतीय कने.शन )दान करता है ।
4. अथग चालक - म
ु य अथग टमनल से अथ इले./ोड को (या जब अथ बस नह होता है
तब एक संथापना का इि.वपोटे िaशयल बॉिaडंग चालक) या अथग के अaय साधनो से
जोड़ने वाला एक सरु ाKमक चालक।
5. अथ ³ड - oबजल के उपकरण और धातु संरचनाओं के लए एक आम ³ाउं ड )दान करने
के लए पृ वी म; गाड़ा हुआ और आपस म; जुड़े गए चालक के )णाल ।
6. अथ मैट - एक ³ाउं 3डंग )णाल , जो C तीज के समांतर @दशा म; गाड़ा हुआ चालक से बना
हुआ ³ड और >@ु ट धारा को प ृ वी म; भेजने का )योग म; आता है तथा एक
इि.वपोटे िaशयल बॉिaडंग चालक के Dप म; भी काय करते है ।
7. `वqत
ु से वतं> अथ इले./ोड - एक दस
ू रे से इतनी दरू पर था`पत अथ इले./ोड ता2क
उनमे से एक म; )वा@हत होने वाला अधकतम घारा दस
ू र के `वभव म; उQलेखनीय असर
नह ं करता है ।
8. इि.वपोटे
इि.वपोटे िaशयल बॉिaडंग - `वभaन अनावत
ृ तथा बाहर चालकUय भाग को वातव म; एक
समान `वभव पर रखने वाला `वqुतीय कने.शन।
9. इि.वपोटे
इि.वपोटे िaशयल लाइन या रे खा - एक 1निTत समय पर समान `वभव वाले oबaदओ
ु ं का
oबंदप
ु थ (locus)।
10.
10. अनावत भाग
ृ चालकUय भा ग - उपकरण के एक चालकUय भाग िजसे छुआ जा सकता है और एक
लाइव @हसा नह ं है ले2कन >@ु टय कU िथ1त म; लाइव बन सकते है ।
11.
11. कायाKमक अथग - `वqुत उपकरण के समु चत काय के लए आवSयक अथ कने.शन।
12.
12. म
ु य अथग टमनल अथग काय के लए, सरु ाKमक चालक और कायाKमक अथग के
चालक को जोड़ने के लए )दान 2कए गए टमनल या बार (जो एक इि.वपोटे िaशयल चालक
है )।
13.
13. ³ाउं 3डंग इले./ोड के आपसी )1तरोध - यह एक इले./ोड पर धारा म; 1 एि
पयर परवतन
करने से दस
ू रे इले./ोड पर होने वाला वोQटे ज का परवतन के समान है और इसे ओã
स म;
दशाया जाता है ।
14.
14. `वभव ढलान (gradient) - िजस @दशा म; अधकतम है उस @दशा म; मापा गया य1ू नट लंबाई
पर `वभवांतर।
15.
15. सरु ाKमक चालक - एक चालक जो oबजल के झटके से सरु ा के उपाय कU तरह उपयोग
म; लेते है और 1न
न 2कसी भी भोग को जोड़ने के लए 1नयत है :
क) अनावत
ृ चालकUय भाग
ख) बाÔ चालकUय भाग
ग) म
ु य अथग टमनल
घ) ोत का अथ 2कया गया oबंद ु या एक कृo>म aय/
ू ल
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16.
16. )1तरोध >
े (केवल अथ इले./ोड के लए) - जमीन का सतह े> (एक अथ इले./ोड के
आसपास) िजस पर एक महKवपण
ू वोQटे ज ढ़ाल मौजद
ू हो सकता है ।
17.
17. टे प वोQटे ज - प
ृ वी कU सतह पर दो oबaदओ
ु ं के बीच का संभा`वत `वभवांतर, जो एक
कदम से अलग 2कया हो और जो अधकतम `वभव ढ़लान कU @दशा म; एक मीटर किQपत
2कया गया है ।
18.
18. टच वोQटे ज - अथ कU हुई धािKवक संरचना और प
ृ वी कU सतह पर एक oबंद ु के बीच जो
सामाaय अधकतम C तीज पहुँच के बराबर है और लगभग 1 मीटर कU दरू पर `वभवांतर।
म¹ी कU )1तरोधकता नमी,, म¹ी कU रासाय1नक मलावट और नमी म; `वल न नमक कU सांता
पर 1नभर करती है । कण के आकार, `वतरण का )कार और पै2कं ग कU समीपता भी )1तरोधकता
को )भा`वत करती है, .य2क इस कारक dारा म¹ी म; नमी को बनाए रखने कU तर के को
1नयंo>त करते है । इनम; से बहुत कारक थानीय Dप से या मौसम के अनस ु ार बदलते रहते हI,
इसलए )1तरोधकता एक थान से दस ू रे थान तक ह नह ं बिQक मौसम के साथ भी बदलती हI।
इसके अलावा, े> जहाँ म¹ी तर कृत होते है , )भावी )1तरोधकता अaत1न@हत भव
ू ä
ै ा1नक गठन
पर भी 1नभर करती है ।
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सख
ू ी रे त, चूने कU कंकड, चूने कU पKथर, ³ानइट और Áयादा पKथर वाल ज़मीन टालना चा@हए,
और सभी जगह जहाँ ज़मीन के सतह के 1नकट ह )ाकृ1तक पKथर होता है , टालना चा@हए।
)ाकृ1तक Dप से बहुत सख
ू ी नह ं है ऐसी जगह चुनना चा@हए। पानी भरा हुआ अवथा, हालां2क,
आवSयक नह ं है , जहाँ तक म¹ी रे त या कंकड वाला नह ं हो, .य2क साधारणतया नमी कU मा>ा
15 से 20 )1तशत से ऊपर होने से कोई लाभ नह ं होते है । पानी कU बहाव वाला जगह (जैसे
नद तल) टालना चा@हए .य2क इन अवथाओं म; लाभदायी नमक कU मा>ा परू तरह से 1नकल
जा सकता है ।
फैला हुआ )णाल के अलावा अaय सभी इले./ोड के साथ, `वभव म; गरावट का बड़ा @हसा म¹ी
म; इले./ोड सतह के कुछ फ़Uट के अंदर पाया जाता है , .य2क यहाँ घारा कU घनता अधकतम
होती है । एक कम सम³ )1तरोध )ाæ करने के लए इले./ोड के 1नकट उपिथत मा"यम म; घारा
कU घनता िजतना संभव हो कम होना चा@हए। इसके लए ऐसे 3डज़ाइन करना चा@हए जो घारा कU
घनता को इले./ोड से दरू के साथ अKयंत तेजी से कम कर; । एक @दशा कU आयाम को अaय दो
@दशाओं कU तल
ु ना म; बड़ा रख के इस आवशयकता को )ाæ 2कया जाता है , इस तरह से एक
पाइप, डंडा या प¹ी कU )1तरोध समान सतह े>फल का bलेट से बहुत कम होती है । )1तरोध,
हालां2क इले./ोड के सतह े>फल के आनप
ु ा1तक नह ं है ।
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bलेट इले./ोड:
/ोड:
जहाँ एक bलेट का )1तरोध अपेC त मान से अधक होता है , दो या अधक bलेट को समानांतर
Oम म; उपयोग 2कया जा सकता है और उस समय कुल )1तरोध )य¾
ु bलेट कU संया `वपर त
अनप
ु ात म; होता है , बशत® 2क )Kयेक bलेट एक दस
ू रे के )1तरोध >
े के बाहर था`पत 2कया गया
हो। इसम; सामाaय Dप से 10 मीटर का भaनता जDर होती है ले2कन आम तौर पर उपयोग
करने वाले bलेट के लए कुल )1तरोध उपरो¾ स>
ू से )ाæ मान से 20 )1तशत से अधक नह ं है
यह स1ु निTत करने के लए 2क 2 मीटर कU भaनता काफU है । दस
ू र भaनता म; भी, आम तौर
पर दो bलेट समांतर म; उपयोग करना Áयादा 2कफायती है , )Kयेक एक समान आकार का हो न
2क दो अलग-अलग आकार के। इसलए )य¾
ु आकार साधारणतया 1.2 मीटर x 1.2 मीटर से
अधक नह ं होते है ।
जहाँ उच )1तरोधकता वाला म¹ी कम )1तरोधकता वाले से गहर सतह पर होते है , वहाँ इनके
`वशेष लाभ होते हI। 1न
न स>
ू )1तरोध R के मान दे ता है ।
इले./ोड के लंबाई म; व`ृ ¥ के साथ अथ )1तरोध पहले तेजी से और बाद म; धीरे से धटती है।
आमतौर पर इतेमाल 2कये जाने वाले चालक के आकार और गहराई े> का )भाव बहुत छोटा
होता है ।
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इले./ोड साम³ी )ारं भक अथ )1तरोध को यq`प )भा`वत नह ं करता है , साम³ी का चयन करने
म; यह "यान रखना चा@हए 2क िजस )कार के म¹ी म; )योग 2कया जायेगा वहाँ जंग के लए
अवरोध होना चा@हए। बहुत से )कार के म@¹य म; 2कए गए पर ण से यह दे खा गया है 2क
कोपर, चाहे @टन से मढ़ा हुआ या नह ं, परू तरह से संतोषजनक है (इस उप खÓड म; द गई
सावधा1नय के अधीन), 12 साल के लए गाड़ @दए गए 150 म.मी. x 25 म.मी. x 3 म.मी.
आकार कU नमन
ू के वजन म; औसत नक
ु सान 2कसी भी हाल म; 0.2 )1तशत )1त वष से अधक
नह ं पाया गया। तदनस
ु ार पर ण म; )य¾
ु असरु C त लोहे के नमन
ू ो म; औसत नक
ु सान (उदाहरण
के लए कचा लोहा, ता«य लोहा, नरम इपात) 2.2 )1तशत )1त वष जैसे अधक होते है । नरम
इपात के लए गाQवनाइिज़ंग dारा `वशेष तथा पµ Dप से थायी सरु ा दे ना होता है । पर ण
@दखाता है 2क, गाQवनाइçड नरम इपात, कोपर कU तल
ु ना म; थोड़ा सा घ@टया है जो 0.5 )1तशत
)1त वष से अधक औसतन नक
ु सान नह ं दे ता है । केवल कुछ मामल म; इन सभी पर ण म;
ऐसा संकेत था 2क जंग Kवरत ग1त से होता है और इन मामल म; ये संकेत बहुत महKवपण
ू नह ं
थे।
2कसी अथ इले./ोड को ऐसे 3डज़ाइन 2कया जाना चा@हए िजसम; सटम के लए पयाæ लो3डंग
मता हो, िजसका यह एक @हसा है । अथात यह अथ पथ के उस oबंद ु पर, जहाँ इसको सटम
का 2कसी भी अवथा म; संचालन के लए था`पत 2कया गया है , oबना `वफल हुए उजा को
अप¬यय करने म; स म होना चा@हए। `वफलता मलू तः इले./ोड के सतह पर अKयधक तापमान
व`ृ ¥ के कारण होता है और इस तरह यह धारा कU घनता और अवध के साथ म¹ी कU `वqुत
और थमल गण
ु का फलन होता है ।
संचालन के तीन िथ1तय पर `वचार करने कU आवSयकता है, या1न सामाaय )णाल संचालन कU
तरह लंबी अवध कU लो3डंग, सीधी अथ कU गई )णाल म; `वफलता िथ1त कU तरह अQपावध
ओवरलो3डंग और चनगार शमन कॉइQस dारा सरु C त )णालय म; `वफलता िथ1त कU तरह लंबे
अवध का ओवर लो3डंग।
अंतरराèीय तर पर `वशेषä dारा इस `वषय पर कुछ )ायोगक काय 2कए गए, िजसम; कम
)1तरोधकता वाला द
ु मट या चकनी म¹ी म; गोलाकार इले./ोड का सीमत )योग करके आदश
पर ण 2कए और 1न
नलखत 1नrकष उभर कर आयी:
अनभ
ु व इंगत करता है 2क यह स>
ू bलेट इले./ोड के लए उपय¾
ु है ।
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अथ कU )1तरोधकता को चार टमनल उपकरण से मापा जाता है । च> 4.2 म; दशाए अनस
ु ार चार
छोटे आकार के इले./ोड को सीधी लाइन म; समान अंतर पर एक जैसे गहराई म; गाड़ @दया जाता
है । टमनल C1 & C2 को धारा रे फरे aस इले./ोड तथा P1 & P2 को पोटे िaशयल या `वभव
रे फरे aस इले./ोड कहते है । चार अलग-अलग ल ड वायर इले./ोड को उपकरण के चार टमनल से
जोड़ते है , इसी वजह से इसे चार टमनल प¥1त कहते है ।
तीन टमनल प¥1त म; C1 और P1 को शाट 2कया जाता है । य@द वात`वक अथ इले./ोड
(C1) और धारा रे फरaस इले./ोड C2 के बीच कU दरू 100 फUट हो तो C1 और P2 के बीच
कU दरू 62 फUट होनी चा@हए।
इरसेट 30 ट .
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अथ इले./ोड के चार ओर के भू म `पंड, जहाँ `वqुत चाज का फैलाव होता है , को )भाव का े>
कहा जाता है और इले./ोड के चार @दशाओं म; धारा कU )सारण होती है । इले./ोड के चारे ओर
िथत प ृ वी कU `पंड को समान मोटाई के अलग-अलग कवच से बना हुआ मान लया जा सकता
है । इले./ोड के सबसे नज़द कU कवच का > े फल सबसे कम होगा, इसलए इसका अथ )1तरोध
अधक होगा और जैसे-जैसे कवच कU दरू बढ़ती जाएगी तल े>फल बढ़ता जाएगा और अथ
)1तरोध कम होता जाएगा।
इसी कारणवश इले./ोड लगाते व¾ यह "यान दे ना ज{र है 2क अथ रोड के बीच कU दरू इतनी
हो 2क एक दस
ू रे के )भाव म; न आए। अथ )1तरोध को कम करने के लए य@द मQट पल
इले./ोड का )योग करते है तब भी यह 1नयम का पालन करना चा@हए।
इरसेट 31 ट .
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4.7.1 दो इले./ोड
./ोड के साथ अथ )1तरोध:
)1तरोध:
इस )णाल से सीर ज़ म; लगे दो इले./ोड के )1तरोध मापा जाता है – गाड़े गए डंडे का और पानी
कU पाइप )णाल का।
नोट
नोट:- अधकांश घटनाओं म; म¹ी म; बहते हए कुछ /े धारा हगे और जब तक इसके )भाव को
समाæ करने के लए कुछ कदम नह ं उठाये जाते, यह मापी गई परमाण म; गंभीर >@ु टयाँ पैदा कर
सकती है । य@द पर ण धारा कU आव`ृ á /े धारा कU आव`ृ á के सामान हो तो इसका उaमल
ू न
बहुत क@ठन हो जाता है और एक हाथ से संचालत जनरे टर वाला अथ टे टर का उपयोग करना
यो[य होगा। ये अथ टे टर साधारणतया डायरे .ट धारा (DC) उKपaन करते है और इसके जनरे टर
शा]ट पर रोटर धारा रवसर तथा संOोनस रे ि.टफायर लगा होता है िजससे टे ट स2कट म;
)Kयावत धारा (AC) भेजता है तथा मापन के लए परणामी `वभव को संशोधत करके एक सीधा
पढ़ने वाला म`ू वंग कॉइल ओ· मीटर dारा दशाया जाता है । म¹ी म; /े धाराओं का उपिथ1त
उपकरण म; पॉइंटर कU अिथर चाल से बताते है , ले2कन जनरे टर हIडल कU ग1त को बढ़ाने या
घटाने से यह 1नकल जाते है ।
धारा के ोत को एक डबल वाउं ड (wound) /ांसफामर dारा सbलाई से अलग 2कया जायेगा।
टे ट करने के समय, जहाँ संभव हो टे ट इले./ोड को अथग )णाल से अलग रखा जायेगा।
आम तौर पर सहायक इले./ोड हQके ट ल का 12.5 म.मी. ¬यास वाला डंडे को जमीन म; 1
मीटर गहराई म; गाड़ा जाता है ।
.लIप ऑन टे ट प¥1त oबना खूंट का 2कया जाता है , अथात इसम; अथ खूं@टय का उपयोग नह ं
होता है । यह अथ चालक को उपकरण से 1नकाले oबना 2कया जाता है । इस प¥1त म; एक लप
ू
स2कट म; äात वोQटे ज )ेरत 2कया जाता है और परणामी धारा कU बहाव को मापा जाता है तथा
लप
ू )1तरोध कU गणना कU जाती है । इस प¥1त को çयादातर बड़े इलेि./कल और इले./ॉ1न.स
संथापन म; उपयोग 2कया जाता है , जहाँ पर बहुत सारे अथ थान को कम समय और Ëम के
साथ करने कU जDरत होती है ।
च> 4.10.
10. .लIप ऑन अथ टे टर
अथ )1तरोध का मॉ1नटरंग करने के लए एक सरल अथ 3डटे .टर स2कट का आरे ख नीचे च>
4.11 म; दशाया है । जब अथ )1तरोध का मान बढ़ता है उदाहरण के लए >1ओ·, रले रल ज हो
जाता है और बज़र तथा LED इिaडकेशन को स2Oय करते है । रले का गरना )ीसेट के जरए
संयोजन 2कया जा सकता है । AR एक वोQटे ज संचालत रले है ।
च> 4.11.
11. अथ 3डटे
3डटे .टर
.टर स2कट
इरसेट 34 ट .
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वत1ु न±
न±:
`वषय1न±
`वषय1न±:
इरसेट 35 ट .
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सं एवं दस
ू ं उपकरण के लए अथग एवं बाँिaडंग )णाल के लए काय सं@हता
अ"याय 5
सं एवं दस
ू ं उपकरण के लए अथग एवं बाँिaडंग )णाल के लए काय सं@हता
(आरडीएसओ `व1नद® श सं.RDSO/SPN/197/2008)
5.1 उqेSय:
य
इस दतावेज म; सॉलड टे ट घटक के साथ सगनलंग उपकरण के लए अपनाए जाने वाले
अथग और बॉिaडंग )णाल को शामल 2कया गया है, जो सज, लाइट1नंग dारा सटम म; आये
/ांसयaट तथा ओवर वोQटे ज, सब-टे शन िवचंग, आ@द के कारण होने वाला नक
ु सान के )1त
अ1तसंवेदनशील होते हI। इन सगनलंग उपकरण म; इले./ॉ1नक इंटरलॉ2कं ग, समाकलत पावर
सbलाई उपकरण, 3डिजटल ए.सल काउं टर, डेटा लॉगर आ@द शामल है ।
5.2 संदभ
IS 3043 अथग के लए काय सं@हता
ANSI/UL/ 467 ³ाउं 3डंग तथा बाँिaडंग उपकरण
IEEE 80 AC सब-टे शन ³ाउं 3डंग म; सरु ा के लए IEEE मागदशन
सब-टे शन ³ाउं 3डंग म; इतेमाल थायी कने.शन के यो[यता
IEEE 837
के लए ट; डड
IEC 62305 लाइट1नंग के खलाफ संर ण
ग) मेका1नकल मज़बत
ू और `वâसनीय
इरसेट 36 ट .
ट .सी.
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सं एवं दस
ू ं उपकरण के लए अथग एवं बाँिaडंग )णाल के लए काय सं@हता
इरसेट 37 ट .
ट .सी.
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ू ं उपकरण के लए अथग एवं बाँिaडंग )णाल के लए काय सं@हता
क) म
ु य Dप से ³ाफाइट और पोट लड
I सीम; ट से मलकर बनेगी। ब;टोनाइट तKव नगÓय होगी।
ख) उच चालकता होगी, पिृ व कU अवशोषण मता और नमी को रोक रखने का मता बढ़ाता
है ।
ग) गैर-सं ारक )कृ1त के हगे, पानी म; कम `वलेयता (solubility) ले2कन अKयाधक आ ता³ाह
होगा।
घ) 0.2 ओम-मीटर से कम )1तरोधकता होगी। उस पदाथ के 20 से.मी. .यब
ू बनाकर उसके दोन
छोर पर )1तरोध माप के )1तरोधकता कU पर ण कर सकते है । अगर वां1छत हो तो आप1ू त
के समय म; सbलायर इस तरह के 1नर ण के लए ¬यवथा करे गा। )1तरोधकता के लए
राèीय/अंतरराèीय )योगशाला से )ाæ आवशयक )माण प> भी )तत
ु करना होगा।
ङ) सख
ू ा या गारा Dप म; उपयोग के लए उपय¾
ु होगा।
च) चालकता को बनाए रखने के लए पानी कU 1नरं तर उपिथ1त पर 1नभर नह ं करे गा।
छ) थायी एवं रखरखाव म¾ु होगा और अपने जमी हुई अवथा म;, समय के साथ लगातार अथ
)1तरोध को िथर रखेगा।
ज) -10°C से +60°C परवेश तापमान के बीच थमल िथर रहे गी।
झ) समय के साथ `वघ@टत, गल कर और घल
ू कर नह ं बहे गा।
ञ) आवधक चािजग उपचार कU आवSयकता नह ं होगा और न ह )1तथापन और रखरखाव।
ट) 2कसी भी )कार के इले./ोड और `वभaन )1तरोधकता वाल सभी )कार के म@¹य के लए
उपय¾
ु होगा।
ठ) म¹ी को या थानीय जलतर को )द`ू षत नह ं करे गा और भराव े> के लए पयावरण के
अनक
ु ू ल आवSयकताओं को परू ा करे गा।
ड) `वफोटक नह ं होगा।
ढ) जलना, आँख या चम म; जलन नह ं करे गा।
ण) मा2कग: अथ एaहांसमेaट पदाथ सीलबंद, नमीरोधक थैल म; आप1ू त कU जाएगी। ये थैल पर
1नमाणकता के नाम या ¬यापरक नाम, मा>ा आ@द के मा2कग 2कया जाएगा।
5.6.3 बैक2फल
2फल साम³ी
5.7 इकाई अथ `पट कU 1नमाण: @ट`पकल संथापना आरे ख संया SDO/RDSO/E&B/001 दे ख;।
क) 100 म.मी. से 125 म.मी. ¬यास वाला एक ग«ढा लगभग 2.8 मीटर कU गहराई तक ऑगर/
खोदा जायेगा।
ख) अथ इले./ोड को इस ग«ढे म; था`पत कर; गे।
इरसेट 38 ट .
ट .सी.
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सं एवं दस
ू ं उपकरण के लए अथग एवं बाँिaडंग )णाल के लए काय सं@हता
इरसेट 39 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
सं एवं दस
ू ं उपकरण के लए अथग एवं बाँिaडंग )णाल के लए काय सं@हता
5.10 1नर ण च; बर
क) `पट के ऊपर समतल समaट पलतर के साथ एक 300 x 300 x 300 म.मी. (भीतर
आयाम) के कांOUट च; बर )दान 2कया जाएगा। अथ `पट को ढकने के लए एक कांOUट
ढ.कन, काला रं ग से रं गा हुआ, खींचने के लए हुक के साथ लगभग 50 म.मी. मोटा )दान
2कया जाएगा।
ख) अथ `पट के आसपास फश का तर का "यान रखना होगा कU कने.टर कांOUट कU द वार के
बहुत भीतर या बाहर कU ओर 1नकला न हुआ हो।
ग) कवर के `पछले @हसे पर, काले पर)ेëय पर पीले रं ग से पर ण कU तार ख और औसत
)1तरोध का मQ
ू य लखा होगा।
5.11 इि.व-
इि.व-पोटे िaशयल अथ बसबार तथा उपकरण से इसका कने.शन और उपकरण क म; सज
संर ण साधन:
साधन: `वशµ ब3डंग कने.शन के आरे ख सं. SDO/RDSO/E&B/002 दे ख;।
5.11.
11.1 इि.व पोटे िaशयल अथ बसबार:
बसबार: )Kयेक उपकरण क के लए एक इ.वी-पोटे िaशयल अथ बसबार
होगा या1न आईपीएस/बैटर चाजर क तथा E1 रले क । हर एक कमरे म; लगे इ.वी-
पोटे िaशयल अथ बसबार को सब-इ.वी-पोटे िaशयल अथ बसबार (SEEB) कहा जाता है ।
आईपीएस/बैटर चाजर क म; िथत इि.व-पोटे िaशयल अथ बसबार जो .लास B SPD तथा
म
ु य अथ `पट से सीधे जड़
ु े रहते है , मेन इ.वी-पोटे िaशयल अथ बसबार (MEEB) कहा जाता है ।
EEB म; बॉिaडंग चालक को लगाने के लए उचत आकार का 1छ पहले से ह 2कए रह; गे। ये
EEB इमारत कU द वार से अलग (insulated) रख;गे। )Kयेक EEB को 60 म.मी. ऊंचाई कU
कम वोQटे ज के इंसल
ु ेटर के साथ द वार पर था`पत 2कया जायेगा। इस अन)
ु योग के लए उपय¾
ु
इंसल
ु ेटर इaसल
ु े@टंग और आग )1तरोधक गण
ु वाला रह; गे। EEB कU थापना और रखरखाव म;
आसानी के लए कमरे के फश कU सतह से 0.5 मीटर कU ऊंचाई पर था`पत 2कया जायेगा।
EEB पर सभी टमनेशन ि)ंग वाशर के साथ कोपर के ल[स dारा 2कए जाएंगे।
5.13 सभी कने.शन, या1न उपकरण से SEEB और SEEB से MEEB तक बॉिaडंग चालक का D@टंग
िजतना संभव हो उतना छोटा और सीधा होगा और कम मोड के साथ अaय oबजल के तार से
अलग रहे गा। हालां2क, SPD से MEEB का कने.शन िजतना संभव हो उतना छोटा oबना मोड का
होगा।
5.14 इ.वी-पोटे िaशयल बसबार और अथ इले./ोड से अलग-अलग उपकरण का कने.शन के लए घटक
के आयाम और साम³याँ नीचे @दए गए अनस
ु ार हगे।
इरसेट 40 ट .
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सं एवं दस
ू ं उपकरण के लए अथग एवं बाँिaडंग )णाल के लए काय सं@हता
अथग और बॉिaडंग )णाल के आयाम के साथ परू ा ले-आउट )णाल चालू होने के बाद
आप1ू तकता dारा )तत
ु 2कया जायेगा।
वारं ट
अथग और बॉिaडंग )णाल कU आप1ू त, थापना और चालू करने के लए आप1ू तकता परू तरह
िज
मेदार होगा। ऐसी )णाल कU वारं ट चालू करने के तार ख से 60 माह कU होगी। इस अवध के
दौरान, अनु चत साम³ और बरु कार गर कU वजह से अथग )णाल म; 2कसी भी तरह के
`वफलता के मामले म; आप1ू तकता dारा 1नःशQ
ु क सेवा )दान 2कया जाएगा।
रखरखाव कायOम म; अथग )णाल चालक और घटक का सKयापन, `वqुत 1नरं तरता कU
सKयापन, अथ )1तरोध कU मापन, घटक और चालक के पन
ु बधन आ@द 2कया जाना चा@हए।
इरसेट 41 ट .
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सं एवं दस
ू ं उपकरण के लए अथग एवं बाँिaडंग )णाल के लए काय सं@हता
च> 5.4. सं व दस
ू ं संथापन के लए अथग ¬यवथा
इरसेट 42 ट .
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सं एवं दस
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इरसेट 43 ट .
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सं एवं दस
ू ं उपकरण के लए अथग एवं बाँिaडंग )णाल के लए काय सं@हता
वत1ु न±
न±:
`वषय1न±
`वषय1न±:
इरसेट 44 ट .
ट .सी.
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दरू संचार उपकरण के लए सज संर ण उपकरण
अ"याय
अ"याय 6
दरू संचार उपकरण के लए सज संर ण उपकरण
(RDSO/SPN/TC/98/2011 Rev 0)
यह `व1नद® श भारतीय रे लवे के दरू संचार/डाटा लाइन साइड उपकरण के सरु ा के लए सज संर ण
उपकरण के चयन तथा पर ण का 1नधारण करता है । इस `व1नद® श म; IEC 61643-21 के
अनस
ु ार पारभा`षक श½दावल कU उपयोग कU गई है ।
6.1.2 सरु ा उपकरण के लए रे 3डयोएि.टव पदाथ या अaय हा1नकारक पदाथ नह ं अपनाना चा@हए।
6.1.3 उपकरण के संचालन के दौरान तापमान का बढ़ना ¬य3¾गत सरु ा के लए जोखम नह ं होना
चा@हए।
• इaसल
ु ेशन )1तरोध
• सीर ज़ )1तरोध
• कपासटaस
• 1नवेशन घाटा
• )1तगमन (return) घाटा
• 1नयर एंड Oॉस टॉक
• धारा )1त2Oया समय
6.2 टमनल तथा कने.टस: एसपीडी के टमनल तथा कने.टर IEC 61643-21 अथवा अaय
समक अंतराèीय/राèीय टIडड को परू ा करना होगा।
एसपीडी म; )य¾
ु सभी सज सरु ाKमक घटक (जैसे GD 6यब
ू , PTC, आ@द) उपय¾
ु ITU/
IEC या अaय समक टIडड/सफारश का पालन करना चा@हए।
• bलगेबल एसपीडी bलग 2कये हुए अवथा म; कंपन पर ण का पालन करना चा@हए।
• bलगेबल एसपीडी जब बेस या IDC मॉ«यलु म; लगाया जाता है , तब अछे से लगना चा@हए
िजससे कU अछा `वqत
ु ीय कने.शन बने।
ु े@टंग भाग गैर Áवलनशील/आग को वयं बझ
• ढांचा के इaसल ु ाने वाला होना चा@हए।
इरसेट 45 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
दरू संचार उपकरण के लए सज संर ण उपकरण
6.4 )ाइमर 3डिजटल म.स (FXS/FXO/hot line/4wire E & M के लए) के एनालॉग पोटÈ के
लए सरु ा उपकरण (2 वायर / 4 वायर) पीडी म.स क के 1नकट केबल के पहले टमनेशन
पॉइंट पर )दान करना चा@हए। यह उपकरण 2/4 वायर DTMF टे ल फोन, 2 वायर गेट टे लाफोन
जैसे वॉइस आव`ृ á पर कायरत स2कट के संर ण के लए भी उपयोग 2कया जा सकता है । 4
वायर स2कट के लए दो 2 वायर उपकरण या एक 4 वायर उपकरण का उपयोग करना चा@हए।
ये मोडेम, LAN ए.सट; डरे जैसे उपकरण के लए भी उपयोग करना चा@हए।
इरसेट 46 ट .
ट .सी.
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दरू संचार उपकरण के लए सज संर ण उपकरण
इरसेट 47 ट .
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दरू संचार उपकरण के लए सज संर ण उपकरण
6.8 पावर ओवर इथरनेट इथरनेट के साथ गीगा oबट इथरनेट (1000
1000 Base-
Base-T) पर कने.शन के लए
नोड के संर ण हे तु डाटा संर ण उपकरण। यह उपकरण IP आधारत या>ी स`ु वधाओं के लए
भी उपयोग 2कया जा सकता है ।
क) अधकतम लगातार डीसी वोQटे ज: 57V DC
ख) कुल नोमनल 3डचाज धारा लाइन-³ाउं ड (8/20µs): 5kA
ग) इ
पQस )1तबंधक वोQटे ज/लेट Úू वोQटे ज लाइन-लाइन (1KV/µs पQस): 180V
घ) इ
पQस )1तबंधक वोQटे ज/लेट Úू वोQटे ज लाइन-³ाउं ड के बीच (1KV/µs पQस): 1000V
ङ) संचालन तापमान सीमा: -10⁰C से +60⁰C
च) सापे आ ता: 5% से 95%
छ) संर ण का 3ड³ी: भीतर अन)
ु योग के लए IP20 तथा बाहर अन)
ु योग के लए IP54
ज) कने.शन प¥1त: RJ45
झ) बIड`व«थ: 500MHz
ञ) वायर कU संया: 8
6.9 RS485
RS485 इaटरफेस के लए संर ण उपकरण:
उपकरण:
क) अधकतम लगातार डीसी वोQटे ज: 13V DC
ख) कुल नोमनल 3डचाज धारा लाइन-³ाउं ड (8/20µs): 10kA
ग) इ
पQस )1तबंधक वोQटे ज/लेट Úू वोQटे ज लाइन-लाइन (1KV/µs पQस): 40V
घ) इ
पQस )1तबंधक वोQटे ज/लेट Úू वोQटे ज लाइन-³ाउं ड के बीच (1KV/µs पQस): 1000V
ङ) संचालन तापमान सीमा: -10⁰C से +60⁰C
च) सापे आ ता: 5% से 95%
छ) संर ण का 3ड³ी: भीतर अन)
ु योग के लए IP20 तथा बाहर अन)
ु योग के लए IP54
ज) कने.शन प¥1त: Oू/oबना Oू टमनल
झ) बIड`व«थ: 5MHz
ञ) संर ण कU जाने वाला वायर कU संया: 2
ट) नोमनल लोड धारा: 100mA
इरसेट 48 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
दरू संचार उपकरण के लए सज संर ण उपकरण
6.11 230V
230V AC पर काम करने वाले और याड माटर क , टे शन माटर क आ@द उपभो¾ा के
लए
परसर म; रखे जाने वाले दरू संचार उपकरण के पावर सbलाई पोट के संर ण के लए:
क) इन उपकरण म; कम से कम तीन 3 `पन भारतीय )कार के सॉकेट होने चा@हए ।
ख) खराब/अिछ अवथा दशाने वाला इिaडकेशन के साथ )दान 2कया जाएगा।
इरसेट 49 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
अनब
ु ध
ं -1
अनब
ु ंध -1
IEC 61312-
61312-1 – सामाaय स¥ांत
IEC 61312-
61312-2 – संरचनाओं के अंदर शीिQडंग, बाँ3डंग और अथग।
IEC 61312-
61312-3 - सज संर ण उपकरण कU जDरत।
IEC 61312-
61312-2 – मौजूदा संरचनाओं म; उपकरण कU सरु ा।
IEC 62305-
62305-1 भाग-
भाग-1: लाइट1नंग के `व{¥ संरचनाओं के संर ण,
ण, सामाaय स¥ांत: यह पद और
परभाषाओं, लाइट1नंग धारा मानदं ड, लाइट1नंग dारा खराoबयाँ, संर ण कU जDरत; तथा उपाय,
संरचनाओं तथा सेवाओं के संर ण के लए मल
ू भत
ू मानदं ड और LPS घटक पर लाइट1नंग के
)भाव का अनक
ु रण मापदं ड का परचय दे ते हI।
IEC 62305-
62305-2 भाग-
भाग-2: खतरा )बंधन:
न: यह खतरा आंकलन प¥1त, संरचनाओं और सेवाओं के लए
खतरे के घटक का आंकलन का परचय दे ते हI।
IEC 62305-
62305-3 भाग-
भाग-3: भौ1तक
भौ1तक Dप से न. जोखम:: यह लाइट1नंग संर ण
ु सान और जान कU जोखम
)णाल (LPS), टच या टे प वोQटे ज के कारण जी`वत )ाणय कU चोट के `व{¥ संर ण के
उपाय से संबं धत है और यह एलपीएस के 3डजाइन, थापना, रखरखाव और 1नर ण के लए एक
@दशा1नद® श )दान करता है ।
IEC 62305-
62305-4 भाग-
भाग-4: संरचनाओं के अंदर के इलेि./क तथा इले./ॉ1न.स )णालयाँ: यह
लाइट1नंग इले./ोमैगने@टक पQस, सामाaय स¥ांत, संरचनाओं के अंदर के अथग तथा बॉ3डंग,
मैगने@टक शीिQडंग तथा लाइन D@टंग, सज संर ण उपकरण के आवSयकताओं, मौजद
ू ा संरचनाओं
म; उपकरण के संर ण के बारे म; समझाते हI।
IEC62305
IEC62305-
62305-5 भाग-
भाग-5: सेवाएं: यह दरू संचार लाइन; (फाइबर ऑिbटक लाइन और धािKवक चालक
लाइन), पावर लाइन; और पाइप लाइन से संबं धत हI।
IEC 61643-
61643-1 – SPD के 1नषपादन आवSयकताएं और पर ण प¥1तयाँ।
IEC 61643
61643-
43-12 – SPD का चयन और अन)
ु योग सßांत।
IEC 61643-
61643-LP – SPD का अन)
ु योग।
UL 1449 – संकरण 3: UL1449 तीसरा संकरण बार-बार णक वोQटे ज को सीमत करने
वाला उपकरण जो 50/60 Hz स2कट, 1000 वोQट या उससे कम के लए लागू होते है । दस
ू रा
संकरण से इसम; वोQटे ज को बढ़ाया गया है , िजसम; 600 वोQट या उससे कम को शामल 2कया
है ।
ANSI/IEEE C62-
C62-41: सफारश कU गई )था म; , सज वोQटे ज का मल
ू , असरु C त स2कट म;
धटना कU दर तथा वोQटे ज तर, )1त1नधक सज वोQटे ज का तरं ग कU आकार, ऊजा, ोत और
)1तबाधा आ@द को शामल 2कया गया है ।
इरसेट 50 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण
अनब
ु ध
ं -1
AS/NZS 1768-
1768-2007: लाइट1नंग संर ण:
ण: यह टIडड लाइट1नंग कU वजह से ¬य3¾य और
संप`áय को होने वाला खतर से संर ण के लए मागदशन )दान करते है । ये सफारश; `वशेष
Dप से 1न
नलखत अन)
ु योग को समा`वµ करते हI।
क) ¬य3¾य के संर ण, बाहर, जहाँ उनको लाइट1नंग )हार के )Kय )भाव से खतरा हो सकता
है और भीतर जहाँ उनको इमारत के अंदर आने वाला लाइट1नंग धारा के अ)Kय )भाव से
खतरा हो सकती है ।
ख) जहाँ `वफोटक या Áवलनशील पदाथ रखे हो या खदान जैसे कई )कार के इमारत या
संरचनाओं के संर ण।
इमारत म; लाइट1नंग )हार से संवेदनशील इले./ॉ1नक उपकरण (फै.स मशीन, मोडेम, कंbयट
ू र,
आ@द) के या उससे संबं धत सेवाओं के संर ण।
इरसेट 51 ट .
ट .सी.
सी.5 संचार संथापन के लए अथग तथा सज संर ण