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कैग द्वारा निर्धारित मॉडल अकाउंटिंग सिस्टम प्रिया सॉफ्ट दिनांक 45 फरवरी 2044 से ग्राम पंचायत में लागू किया
कैग द्वारा निर्धारित मॉडल अकाउंटिंग सिस्टम प्रिया सॉफ्ट दिनांक 45 फरवरी 2044 से ग्राम पंचायत में लागू किया
कैग द्वारा निर्धारित मॉडल अकाउं टिंग सिस्टम प्रिया सॉफ्ट दिनांक 45 फरवरी 2044 से ग्राम पंचायत में लागू
किया
१ “गया है प्रिया सॉफ्ट के 8 डाटा प्रपत्रों 4. प्राप्ति एवं भुगतान लेखा 2.समेकित सारांश प्रपत्र ३.बैंक समाधान प्रपत्र
4:प्राप्ति एवं भुगतान योग्य विवरण प्रपत्र 5.वस्तु सूची पंजिका 6.मांग व वसूली एवं अवशेष पंजिका 7.अचल
संपत्ति
पंजिका 8.चल्न संपत्ति पंजिका को प्राथमिकता के आधार पर बनाए जाने के निर्देश हैं, किं तु उपर्युक्त में से केवल
प्रथम 3 प्रपत्रों के अलावा अन्य प्रपत्र अपूर्ण रखे गए हैं। उक्त समस्त प्रपत्र के गाइड़्लाइन /मानक के अनुसार
आंकड़ों के अपलोड किए जाने हे तु विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया जाता है |
2. 3 ० प्र० पं० रा० नि०-947 के नियम 227 के अनुसार पंचायत के द्वारा रूपपत्र संख्या ॥5 में मांग एव
दाताओं का आरोपित और बकाया की सूची रूप पत्र ।4 में रखकर छमाही वार अपडेट किया जाएगा |
लेकिन आलोच्य वर्ष में कोष बही /बैंक स्टे टमें ट के अनुसार पंचायत के अनुसार पंचायत के द्वारा कर
वसल
ू ी शन्
ू य रही तथा आरोपित कर की स्थिति पंजिका प्रस्तत
ु न किये जाने के कारण अज्ञात रही |
विभागीय अधिकारियों का ध्यान मांग और वसूली सुनिश्चित किए जाने की ओर आकृष्ट किया जाता है ।
3. ग्राम पंचायत की वित्तीय वर्ष 209-20 की लेखा परीक्षा के दौरान यह तथ्य प्रकाश मे आया है
नयी पंचायत द्वारा अपनी आय पिता 4 कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है तथा व्यय
उच्चाधिकारियों का ध्यान पंचायत को इस दिशा में प्रोत्साहित किए जाने हे तु आकर्षित किया
जाता: है ।
जा प्र० पंचायती राज अधिनियम 947 के धारा 29 के अधीन विकेंद्रीकूत शासन के लिए जल
ु ाई 99
समिति,निर्माण कार्य समिति,जल प्रबंधन समिति, प्रशासनिक समिति, नियोजन एवं विकास
समिति,स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति के गठन के निर्देश दिए गए थे जिनकी बैठक महीने में कम से
/अनुमोदन/संस्तुति करना है लेकिन कार्यवाही रजिस्टर प्रस्तुत न किए जाने के कारण इस बात की
संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि ये सिर्फ कागजों में सीमित हो। विभागीय अधिकारियों
5. 350 प्र० पंचायती राज अधिनियम के धारा 44 और नियमावली के नियम 29 ग्राम पंचायत को बजट
पास करने और उसे पारित किए जाने की प्रक्रिया का उल्लेख करता है और धारा 3 ३ 2 पारित बजट में
से निर्धारित सीमा तक ग्राम निधि से धनराशि उपभोग करने की अनुमति प्रदान करता है । बजट
सुनिश्चित करता है की प्राप्तियों एवं व्यय के प्रवाह का विल्लेषण एवं अनुश्रवण सक्षम-अधिकारी के द्वारा
किया गया है एवं इसके माध्यम से यह भी सुनिश्चित करता है कि व्यय प्राधिकृत अनुदानों और
7. आलोच्य वर्षों में कृत दर्शितः निर्माण/मरम्मत कार्यो से सम्बन्धित प्रावकलन, सक्षम अधिकारी से
उसकी तकनीकी स्वीकृति,/एम० वी0 जाँच हे तु लेखा परीक्षा में प्रस्तुत नही किये गये, फलतः
सम्बन्धित कार्यों में व्यय दर्शित धनराशी के उपयोग की जाँच न की जा सकी। अतएव उक्त
अभिलेख प्रस्तत
ु कर जाँच करायी जानी अपेक्षित है ।
2 क 04.04.0..242:2.. को ग्राम निधि प्रथम कोषवही में पास प्रधान प्रारम्भिक रोकड़ अवशेष रु
का ” अंकित किया गया है , किन्तु विगत वर्ष की आडिटे ड कोषवही » प्रमाण-पत्र प्रस्तत
ु
कर उक्त रोकड़ अवशेष की पुष्टि नही करायी गयी। पुष्टि' करायी जानी अपेक्षित है ।
9. लेखा परीक्षा में रुप-पत्र सं० 04 (कर निर्धारण रजिस्टर) व रुप-पत्र सं० 45 (माँग व वसल
ू ी
रजिस्टर) जाँच हे तु प्रस्तुत नही किया गया, फलतः सम्बन्धित जाँच न की जा सकी। प्रस्तुत कर
. लेखा परीक्षा में रुप-पत्र सं? 7 (शासकीय रसीद वही) व उसका स्टाक लेखा जाँच हे तु प्रस्तुत
किये गये, फलतः सम्बन्धित जाँच न कीःजा सकी। प्रस्तुत कर जाँच करायी जानी अपेक्षित
है ।
44. अनुदान रजिस्टर एवं अनुदान सम्बन्धित पत्रावली लेखा परीक्षा में जाँच हे तु प्रस्तुत नही किया
गया, फलत:ः निर्धारित शर्तों के अनुरुप अनुदान के उपभोग की जाँच न की.जा सकी। अतएव
2. भूमि प्रबन्धक समिति के अभिलेख जाँच हे तु लेखा परीक्षा में प्रस्तुत नही किये गये, फलतः
सम्बन्धित जाँच न की जा सकी। प्रस्तुत कर जाँच करायी जानी अपेक्षित है ।
ब्याज का लेखा अलग रखकर सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के उपरान्त ही अपभोग किया जाना
44. राज्य वित्त आयोग व 43 वें वि० आयोग से सम्बन्धित मस्टर रोलों पर किसी विभागीय
अधिकारी / निर्माण समिति द्वारा भुगतान प्रमाणित ,नही किया गया है , जो आपत्तिजनक रहा।
हा लोच्य वर्ष में प्रधान मानदे य रजिस्टर लेखा परीक्षा में जाँच हे तु प्रस्तुत नही किया गया, फलतः
6. ग्राम पंचायत में चेक ईशू रजिस्टर नही बनाया गया जिसके कारण निर्गत चेको के सम्बन्ध में जैसे
निर्गत चेक किस व्यक्ति,/फर्म को, एवं उसकी धनराशि, चेक का उद्देश्य, निर्गत चेक की
धनराशि के सापेक्ष सामाग्री का आपूर्ति का विवरण आदि की जानकारी नही हो सकी | जो आपत्ति
7. ग्राम पंचायत के आलोच्य वर्ष में निधि प्रथम में रू0 ..................... व्यय दर्शाया गया है जिसमें
सक्षम अधिकारी के “कार्यपूर्ति जाँच प्रमाण पत्र” लेखा परीक्षा में प्रस्तुत नही किये गये है जिससे
निर्माण कार्यों की भौतिक सत्यापन की पुष्टि नही की जा सकी। जो आपत्ति जनक रहा।
ज्येष्ठ लेखा परीक्षक
फतेहपुर
4. लेखा परीक्षा में परिसम्पत्ति रजिस्टर अप्राप्त रहने से सजि
ृ त सम्पत्ति का अंकन अपुष्टिकृत
रहा।
5. लेखा परीक्षा में एम 0 वी0 प्रस्तुत नही की गयी। मात्र उपभोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया।
6. लेखा परीक्षा वर्ष में अनुपयोगी कय सामग्री जो वर्षान्त अवशेष की पुष्टि स्टाक रजिस्टर के
7. आलोच्य वर्ष में निर्माण कार्यों में प्रयुक्त होने वाली मिट्टी, साधारण बालू आदि उप खनिजों
के प्राककलन सम्बन्धी फाइल लेखा परीक्षा में अप्राप्त रही। जिससे रायल्टी पर टिप्पणी नही
की जा सकी। जो आपत्ति जनक रहा। जबकि नियमानुसार सम्बन्धित प्राक्कलनों में रायल्टी
का प्राविधान करते हुए अद्यतन शासनादे शों का पालन सुनिश्चित किया जाना अपेक्षित है ।
(ग) तेरहवें वित्त आयोग /राज्य वित्त आयोग के संबंध में अन्य आपत्तियां निम्नवत है :-
निर्माण कार्यों एवं मरम्मत कार्यों से सम्बन्धित सामग्री कय हे तु रु० 4.00 लाख से कम मूल्य
टे ण्डर आमंत्रित किया जाना अपेक्षित था, किन्तु आलोच्य वर्षों में उक्त शासनादे श का पालन
नही किया गया। अतएव उक्त शासनादे श का पालन सुनिश्चित करवाये जाने हे तु विभागीय
<_“जिस्टर में किया गया है और न ही यह विवरण तैयार किया गया है कि किन-किन है ण्ड
पम्पों के मरम्मत कार्य में कौन-कौन सी सामग्री प्रयुक्त की गयी है , जिस कारण तथाकथित
का वर्षों में मरम्मत किये गये है ण्ड पम्पों से निकले डिस्पोजल सामग्रियों का स्टाक
4434 / अड़तीस--.5--44-58 सम,/ 2040 दिनांक 29 जून 2044 के अनुसार ग्राम पंचायतों
द्वारा मरम्मत कराये है ण्ड पम्पों का उचित पर्यवेक्षण जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा किया
जाना अपेक्षित था, किन्तु आलोच्य वर्षों में उक्त निर्देष का पालन नही किया गया है , जो
आपत्तिजनक है ।
के. है ण्क़ पम्पों के मरम्मत कार्य हे तु रिकरिंग कास्ट का 50% अंष उपभोक्ताओं से जल-शल्
ु क
रूप में वसूल किया जाना अपेक्षित था, जिसके लिए पंचायत राज अधिनियम 4947 की
धारा 37 (ज) के तहत प्रत्येक उपभोक्ता पर जल शुल्क का निर्धारण एवं वसूली किया जाना
अपेक्षित था। किन्तु आलोच्य वर्षों में उक् तत नियम का पालन नही किया गया है , जो
आपत्तिजनक रहा।
सभा को हस्तान्तरित है ण्ड पम्पों की सूची तथा आलोच्य वर्षों में मरम्मत कराये गये
है ण्ड पम्पों के विवरण लेखा परीक्षा में जाँच हे तु प्रस्तुत नही किया गया, फलतः सम्बन्धित
"माह में एक बार नियत प्राधिकारी ए.डी.ओ.के द्वारा निरीक्षण किया जाना है परं तु ऐसा नहीं किया जा
अपेक्षित है ।