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Hindi A Unit-2 Part-4
Hindi A Unit-2 Part-4
नाटक
1
भारत के कई भाग म अं ेज ने अपने मनोरंजन के िलए
नाटक शाला का िनमाण कया िजसम शे सिपयर तथा
अ य अं ेजी नाटककार के नाटक का
अिभनय होता था। सन 1859 म भारतदू ह र ं के िपता
बाबू गोपाल चं ने न ष नाटक िलखा और उसको रंगमंच पर
तुत कया।
वह दूसरी तरफ पारसी नाटक कंपिनयां अपने नाटक को बड़े
धूम धड़ाके से तुत कर रही थी। इन चीज से बाबू गोपाल
चं ने अिधक से अिधक नाटक िलख िजससे क जनता नाटक
को ो सािहत कर।
2
जाग कता फैलाने का नाटक एक सबसे मह वपूण और
लाभकारी रा ता था।
3
खंड िवखंडन बोध चं ोदय धनंजय िवजय कपूर मंजरी
मु ा रा स तथा दुलभ बंधु आ द।अं ेजी से कए गए अनुवाद
म भारतदु ने भारतीय वातावरण एवं प का समावेश कया
है तथा नाटक को कुछ बेहतर बनाने का यास कया है।
भारतदु ने सामािजक एवं रा ीय सम या को लेकर अनेक
पौरािणक ऐितहािसक और मौिलक नाटक के िववेचना ही
नह क अभी तो उ ह रंगमंच पर खेलकर भी जनता को
तुत कया है।
भारतदु क लेखन शैली सरलता रोचकता एवं शोभा िवकता
के गुण से प रपूण है।
इस युग म िलखे गए मु य नाटक क धाराएं : पौरािणक
धारा- इसक तीन उप धाराएं है :- रामच रत संबंध
कृ णच रत् संबंधी और अ य पौरािणक संबंधी।
4
ेम धान धारा : इस धारा म ेम धान नाटक को तुत
कया गया थाइन नाटक क िवशेष व तु तथा सभी ि य
रोमां टक है।
शा ीय दृि से भरे तदू काली नाटक सं कृित नाटक शा क
मयादा क र ा करते ए देखे गए ह।
इस युग म सं कृत बां ला तथा अं ेजी के सु िस नाटक को
हदी म अनुवाद करके िलखा गया था था मंच पर तुत
कया गया।
5
सािह य नाटक के िवकास के साथ-साथ भारत म कई नाटक
मंडिलय का िनमाण भी आ वह नाटक म दया िन िलिखत
ह:
● याग क ' िह दी नाटक म डली '
● कलक े क ' नागरी नाटक मंडल '
● मुज़ फरनगर क ' नवयुवक सिमित ' आ द ।
● इनम ' िह दी ना - सिमित ' सबसे अिधक पुरानी थी
। सन् 1893 ई . म यह ' रामलीला नाटक मंडली ' के प
म थािपत ई थी ।
6
रामच रत - स ब धी नाटक म रामनारायण िम - कृत '
जनक बड़ा ' ( 1906 ) िगरधर लाल - कृत ' रामवन या ा ' (
1910 ) और गंगा साद - कृत ' रामािभषेक ' ( 1910 ) ,
नारायण सहाय - कृत ' रामलीला ' ( 1911 ) . और राम
गुलाम लाल - कृत ' धनुषय लीला ' ( 1912 ) उ लेखनीय
ह।
7
इस काल म ' ओ रिजनल िथये कल क पनी ' , ' िव टो रया
िथये कल क पनी ' , ' ए फेड िथये कल क पनी ' , '
शे सपीयर िथटे कल क पनी ' , ' जुिबली क पनी ' आ द
कई क पिनयाँ ' गुलबकावली ' , ' कनकतारा ' , ' इ दर सभा '
, ' दलफरोश ' , ' गुल फरोश ' , ' य दी क लड़क ' , जैसे
रोमांचकारी नाटक खेलती थ ।