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मानसोपचार पूजा

ॐ लं पृ थिव्यात्मक गन्धं परिकल्पयामि |


हे प्रभु में आपको पृ थ्वीरूप चं दन आपको अर्पण करता हु।

ॐ हं आकाशात्मकं पु ष्पं परिकल्पयामि |


हे प्रभु में आपको आकाशरूपी पु ष्प (सुं गंध) अर्पण कर रहा हु |

ॐ यं वाय्वात्मकं धूपं परिकल्पयामि |


हे प्रभु में आपको वायु देव के रूप में आपको धूप अर्पण कर रहा हु।

ॐ रं वह्न्यात्मकं दीपं दर्शयामि |


हे प्रभु में आपको अग्निदे व के रूप में दीप प्रदान कर रहा हु.

ॐ वं अमृ तात्मकं नै वेद्यं निवे दयामि |


हे प्रभु में आपको अमृ त रूपी नै वेद्य अर्पण कर रहा हु।

ॐ सौं सर्वात्मकं सर्वोपचारं परिकल्पयामि |


हे प्रभु में सर्वात्म रूप से आपको सं सार की सभी पूजा सामग्री आपको समर्पित कर रहा हु आप स्वीकार करे | प्रसन्न हो |

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