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Class : XII व ुत आवेश तथा े

व ुत े :-

व ुत े एक आवे शत कण के चार तरफ उ प न वह े जसम वह अ य आवे शत कण ारा आकषण या

तकषण बल का अनुभव करता है, व ुत े कहलाता है

q1
व ुत बल व ुत े
q q2

q3

व ुत बल :-

व ुत े क सीमा के म य दो आवे शत कण म कायरत आकषण या तकषण बल,, व ुत बल कहलाता है।

व ुत े क उप के कारण -

1. थर आवेश के कारण / थर वै ु तक (Electrostatic) -

भौ तक व ान क वह शाखा जसम थर आवेश के कारण उ प न व ुत े व उन आवे


आ श के म य या-

त या का अ ययन कया जाता है, थर वै ु तक कहलाती है जैसे - कूलॉम नयम

अनु योग :-

1. कैथोड़ नली म 2. लाउड पीकर म 3. चल- च ण व सनेमाघर म

2. ग तमान आवेश के कारण/धारा


कारण वै ु तक (Electrodynamics
Electrodynamics) -

भौ तक व ान क वह शाखा जसम ग तमान आवेश के कारण उ प न व ुत े व चु बक य े एवं

आवे शत कण के म य या - त या का अ ययन कया जाता है, धारा वै ु तक कहलाती है।

E.F.

M.F.
Class : XII व ुत आवेश तथा े
जैसे - आरे टे ड योग

अनु योग - 1. वा डे ाफ ज न

घषण वै ु तक (Frictional Electricity) –

घषण वै ु तक भौ तक व ान क वह शाखा है जसम दो कुचालक व तु को पर पर रगड़ा जाता है और

रगड़ व घषण के प ात् यह दोन व तुएँ चालक बन जाती है। घषण वै ु तक क ाथ मक शत यह है क

ार भ म दोन व तुएँ कुचालक हो।

घषण से पूव

A B

कुचालक घषण के प ात् कुचालक

(e- का व नमय)
नमय

A घषण / रगड़ B

धनावेश (+Ve) ऋणावेश(-Ve)


जो व तु e- का याग करतीचालक
है ।

 उस पर धनावेश आता है।

 +ve दशाया जाता है

 व तु के मान म कमी आती है।

जो व तु e- हण करती है।

 ऋणावेश आता है।

 -Ve म दशाया जाता है।

 मान म वृ होती है।


Class : XII व ुत आवेश तथा े
घषण वै ु तक के उदाहरण :-

eg.1
घषण के पूव

A B

कांच क छड़ रेशम

घषण के प ात्

(e- का व नमय)
नमय

A घषण / रगड़ B

कांच क छड़ रेशम
+Ve - Ve

eg.2

घषण के पूव

A B

एबोनोइट क छड़ ब ली क खाल (फर


फर)

घषण के प ात्

(e- का व नमय)
नमय
A B
घषण / रगड़

एबोनोइट क छड़ ब ली क खाल (फर)

-Ve +Ve
Class : XII व ुत आवेश तथा े
eg.3
घषण के पूव

A B

कंघी सूखे बाल

घषण के प ात्

(e- का व नमय)
नमय

A घषण / रगड़ B

कंघी सूखे बाल


+Ve -Ve

eg.4

घषण के पूव

A B

वूलन कारपेट/ऊन ला टक क छड़

घषण के प ात्

(e- का व नमय)
नमय

A घषण / रगड़ B

कंघी सूखे बाल


+ve -ve
Class : XII व ुत आवेश तथा े
चा स डु फे योग :-

तकषण
+
+
+
+ +
धनावे शत + +
काँच क छड़ +
+
+

काँच क छड़

तकषण
-
-
-
- -
- -
-
-
एबोनोइट छड़ -

एबोनोइट छड़

आकषण
+
+
+
-
+
-
-
-
काँच क छड़

एबोनोइट छड़
Class : XII व ुत आवेश तथा े
न कष :- समान कृ त के आवेश के बीच तकषण होता है व वपरीत कृ त के आवेश के बीच आकषण

होता है।

बे जामीन कलीन के कथन :-

बे जामीन व कलीन के अनुसार जब काँच क छड़ को रेशम के कपडे़ से रगड़ा जाता है तो काँच क छड़

पर उ प न आवेश को धनावेश कहा जाता है एवं जब ऊन अथवा वुलन कारपेट का घषण ला टक क

छड़ से कया जाता है तो ला टक क छड़ पर उ प न आवेश ऋणावेश कहलाता है।

व ुत आवेश :–

व ुत आवेश कसी प ाथ मूलभूत कण है जो उस प ाथ के अ दर ही व मान होता है। यह व तु या


प ाथ पर तब उ प न होता है जब इले ान का व नमय होता है।

प ाथ
कण परमाणु

ना भक

ोटोन यू ोन

इले ोन
अथवा

घषण वै ु तक म जस भौ तक रा श का थानांतरण होता है व ुत आवेश कहलाता है।

अथवा

कसी व तु म उ प न वह गुण जसके कारण वह व तु अ य व तु को आक षत या तक षत कर सकती है, व ुत आवेश

कहलाता है।

 आवेश को q/Q से दशाया जाता है।

 आवेश एक अ दश रा श है।

 आवेश के मा क

1. M.K.S. प त-I=

q = I.t

= ए पीयर x sec
Class : XII व ुत आवेश तथा े
2. S.I. प त म - कूलॉम (Columb's)

3. C.G.S. प त म - टै ट कूलॉम (Statt Columb's)

4. व ुत चु बक य इकाई (e.m.u.) = एब कूलॉम

5. आवेश का ायो गक मा क = ए पयर x घ टा

1C = 3 x 109 टै ट कूलॉम
लॉ

1C = एब कूलॉम

 आवेश का वमीय सू -

I=

q=Ixt

= A1 T1

= [ M0 L0 T1 A1 ]

 1 C क प रभाषा –

q=Ixt

य द I = 1 Amp

t = 1 Sec

q=1x1

q=1C

य द कसी चालक म 1 Amp धारा 1 Sec तक वा हत होती है तो चालक पर उ प न आवेश 1 C कहलाता है।

आवेश के गुण :
1. समान कृ त के आवेश के म य तकषण होता है जब क असमान कृ त के आवश के म य आकषण होता है।

2. एक थर आवेश अपने चार तरफ व ुत े न मत करता है।

3. एक ग तमान आवे शत कण अपने चार तरफ व ुत व चु बक य े दोन उ प न करता है।

4. य द कसी व तु पर आवेश e- उ प थत आवेश के तु य होता है तो उसे 1 वांटा कहा जाता है।

q = 1.6 x 10-19 C = 1 वांटा

आवेश का वांटम -

कसी व तु, पदाथ या चालक पर उ प थत आवेश e- पर उप थत आवेश के मान का सदै व पूण गुणज होता है।

अत: प है क आवेश का वतरण सदै व पैकेट या बंडल के प म होता है इसे आवेश का वांटम कहते है।

q = ± ne

n = 1, 2, 3, 4, 5, 6 . . . .
Class : XII व ुत आवेश तथा े
n≠ , , , ....

n = 0 then q = 0

हाल ही म कृ त म कुछ ऐसे कण क खोज क गई है जन पर आवेश e- पर उप थत आवेश का पूण गुणज नह होता,

इ ह वाक कण कहा जाता है।

q=

वाक कण

q=

q = 1.6 x 10-19
10 c = 1 वांटा

आवेश के अ य मा क :

आवेश का सबसे बडा मा क = फैराडे

1 फैराडे = 96500C

सबसे छोटा मा क = e. s. u. / क लन ( थर वै ुत इकाई)


इकाई

आवेश के लघु मा क :

1 mC = 10-3 C

1 C = 10-6 C

1 nC = 10-9 C

1 pC = 10-12 C

आवेश सरं ण का नयम -

इस नयम के अनुसार घषण से पूव कुल आवेश घषण के प ात् कुल आवेश के तु य होता है।

घषण से पूव

A B
q1 = 0 q2 = 0
qt = q1 + q2 = 0

घषण के प ात्

घषण या रगड़
A B
qt = q1 + q2 = +5 -5
5 = 0
Class : XII व ुत आवेश तथा े
Q. 1 1 C आवेश म कतने e- थानांत रत होते है ?

Sol:— q = n e

q=1c

e = 1.6 x 10-19

n=?

q = n x 1.6 x 10-19
19

n=

n=

n=

n=

n= = 6.25 x 1018

n = 625 x 1016 इले ॉन

Q.2 16 C आवेश म कतने e- थानांत रत होते है।

Sol:— = 1 C = 10-6 C

16 C = 16 x 10-6 C

e = 1.6 x 10-19 C

n=?

q = 16 x 10-6 C

q=ne

16 x 10-6 = n x 1.6 x 10-19

n=

n=

n = 10 x 10-6 x 1019

n = 10-5 x 1019

n = 1 x 1014 इले ॉन

Q.3 य द कसी व तु पर 16 x 10-19 C आवेश उप थत है तो e-


e क सं या ात करो ?

Sol:— q = 16 x 10-19 , e = 1.6 x 10-19

n=?

q=ne

16 x 10-19 = n x 1.6 x 10-19


Class : XII व ुत आवेश तथा े
160  1019
n
116  1019
n = 10 x 10-19 x 10+19

n = 10 इले ॉन

वण प व ुतदश -

वण प व ुतदश म काँच का बना पा या जार होता है जसम एक चालक छड़ च ानुसार रबड़ काक के मा यम से जार

के मुँह पर संयो जत होती है। इस चालक छड़ का ऊपरी सरा धा वक गोलक से नीचला सरा दो वण प तय से संयो जत

होता है। जब कोई धनावे शत काँच क छड़ धा वक गोलक के संपक म लाई जाती है तो आवेश का वभाजन हो जाता है

और यह आवेश चालक छड़ के मा यम से संच रत होते ए वण प य पर प ँच जाता है जससे वण प याँ तकषण

के कारण र हट जाती है व इस कार आवेश क उप थ त व कृ त नधा रत क जाती है। इसे कैवे डष का थर वै ुत

का आकषण तकषण स ा त कहते है।

 ेरण ारा आवेशन -

य द कसी व तु या पदाथ को ता का लक प से आवे शत करना होता है तो ेरण ारा आवेशन व ध को योग

लया जाता है। " ेरण ारा आवेशन म जब कोई आवे शत व तु अनावे शत चालक व तु के समीप ले जाती है तो

अनावे शत चालक व तु के समीप वाले सरे पर आवे शत व तु के वपरीत कृ त का आवेश एवं र थ उप थत

सरे पर समान कृ त का आवेश उ प न हो जाता है। इसे ेरण ारा आवेशन कहते है।"

माना AB एक अनावे शत चालक छड़ है जसके समीप धनावे शत काँच क छड़ ले जाने पर A सरा ऋणावे शत

तथा B सरा धनावे शत हो जाता है और इन सर पर उ प न आवेश को े रत आवेश कहा जाता है जो धनावे शत

काँच क छड़ हटा लेने पर वलु त हो जाता है।


इले ोन क अ धकता

इले ोन क कमी
Class : XII व ुत आवेश तथा े
 ेरण ारा आवेशन को हम दो चालक गोल के मा यम से भी समझ सकते है।

धनावे शत काँच क छड़

धनावे शत काँच क छड़

1. दो व तु के म य घषण के प ात् सरी व तु के मान म वृ 9.1 ng है, तो थाना त रत इले ॉन क सं या एवं कुल
आवेश क गणना कर ?

हल :- व तु के मान म वृ = 9.1 ng

m = 9.1 ng
∆m

m = 9.1 x 10-9 gm
∆m

m = 9.1 x 10-12 kg
∆m

me = 9.1 x 10-31kg

m = n me
∆m

n=

.
n= .

n = 10+19 e-

तो कुल आवेश (q) :-

1019 x 1.6 x 10-19 = 1.6 C

आवेश = ऋणा मक

2. एक कप जल (250gm) म उप थत कुल आवेश क गणना करो ?

हल :- मोल क सं या = [H20 का अणुभार = 18]

मोल म अणु क सं या
Class : XII व ुत आवेश तथा े
N= x Na

N= x Na [Na = 6.023 x 1023]

N= x 6.023 x 1023

जल म 2 H व 1 O परमाणु होते है अत: जल म 10e- व 10 P+ है। e- व P+ पर समान तथा वपरीत कृ त के आवेश होते है।

अत: धना मक व ऋणा मक आवेश

q = N x 10e

q= x 6.023 x 1023 x 10 x 1.6 x 10

q = 1.337×

कूलॉम नयम - कूलॉम के नयमानुसार य द दो q1 व q2 आवे शत कण नवात म r री पर उप थत होते है तो उनके


म य कायरत थर वै ुत आकषण तकषण बल न न घटक पर नभर करता है।

q1 q2
r

(i) कूलॉम के अनुसार दोन आवे शत कण के म य थर वै ुत आकषण- तकषण बल दोन आवे शत कण के आवेश

के गुणनफल के प रमाण के समानुपाती होता है।

F  q1 q2 ..................................(i)

(ii) कूलॉम के अनुसार दोन आवे शत कण के म य कायरत आकषण- तकषण दोन आवेश के म य क री के वग के

ु मानुपाती होता है।

1
F ................................(ii)
r2
समी (i) व (ii) से

q 1q 2
F
r2
Kq1q 2
F=
r2
जहाँ K = समानुपाती नयतांक या कूलाम नयतांक या थर वै ुत बल नयतांक

जहां CGS प तम

k=1

F=

F= डाईन
Class : XII व ुत आवेश तथा े
M.K.S. प तम
1
K = 9 x 109
4  o

जहाँ ε0 = नवात क व ुतशीलता

F= × Newton

 K का सू -

∵ =

K=

 K का मा क -

 K का वमीय सू

[ ]

= [ ]

= = [M1 L3 T-4 A-2]

 K क नभरता

- मा यम क कृ त पर

 K क प रभाषा :

K=

य द q1 = q2 = 1C

r=1m

K=F

 इकाई प रमाण के दो आवे शत कण पर पर 1m री पर उप थत होते है तो इनके म य कायरत आकषण -

तकषण बल कुल नयतांक के तु य होता है।

 ε0 के संदभ म -

K=

का मा क =

का वमीय सू = [M-1 L-3 T4 A2]


Class : XII व ुत आवेश तथा े
का मान

= × . × ×

= 8.85 × 10-12

कूलॉम बल क वशेषताएँ
1. कूलॉम बल क कृ त : आकषणीय व तकषणीय

2. कूलॉम बल क नभरता

i) दोन आवेश के प रमाण पर

ii) दोन आवेश के म य क री पर

iii) मा यम क कृ त पर

3. कूलॉम नयम के सीमाबंधन :-

i) यह नयम सफ थर आवेश के लए ही लागू होता है

ii) यह नयम 10-15 m से कम रय के लए लागू नह होता है

iii) दो आवे शत कण के म य कायरत कूलॉम बल कसी तीसरे आवेश क उप थ त से अ भा वत

रहता है ।

कूलॉम बल के उपनाम
संर ी बल :

कूलॉम बल को सरं ी बल भी कहा जाता है य क q1 आवे शत कण q2 को आक षत या तक षत करने हेतु जतना बल


आरो पत करता है उतना ही बल q2 , q1 पर भी आरो पत करता है ।


F1

q1 q2


F2

 
| F1 |  | F2 |
F1   F2
F1  F2  0
के य बल :

कूलॉम बल को के य बल भी कहा जाता है य क दोनो आवे शत कण ारा एक सरे पर आरो पत बल दोन आवेश के के
को मलाने वाली या रेखा के अनु दश कायरत होता है ।
Class : XII व ुत आवेश तथा े

q1 q2
 
F1 F2

कूलॉम नयम का स दश न पण :

माना q1 तथा q2 दो आवे शत कण पर पर r री पर उप थत है । q1 आवे शत कण ारा q2 पर आरो पत बल माना F12 है तथा

q2 आवे शत कण ारा q1 पर आरो पत बल माना F21 है तो


F12

q1 q2
r 12 r 21

F21

अत: q1 आवे शत कण ारा q2 पर आरो पत बल


 kq q
F12  12 2 r 12 ................... (i)
r
q2 आवे शत कण ारा q1 पर आरो पत बल
 kq q
F21  12 2 r 21 ................... (ii)
r

| r 12 | =  | r 21 |
r 12 = r 21
r = r
21 12

समीकरण (ii) से
 kq q
F21  12 2 ( r 12 )
r
 kq q
F21   12 2 r 12 ........... (iii)
r
समी. (i) व (iii) से

 kq1q 2 
r 12
F12 2
  r
F21  kq1q 2 r
r2
12


F12
  1
F21
 
F12  F21
Class : XII व ुत आवेश तथा े
न कष :
अत: प है क कूलॉम नयम यूटन क ग त के तीसरे नयम ( या त
या- या) के नयम क अनुपालना करता है ।

: 9e तथा 4e ब आवेश पर पर r री पर थत है । एक अ य आवेश q दोन आवेश को मलाने वाली रेखा पर कहाँ


रख क वह संतुलन म रहे ?

हल : दया गया है क -

9e F1 F2 2 c

r
 (r   )

 K  9e  q
F1 
2
 K  4e  q
F2 
q(r   )2

संतुलन अव था म
 
F1  F2  0
Kq9e Kq4e
2

 (r   )2

9 4
2

 (r   )2
9 2

4 (r   )2
2
9   
 
4 r
3 

2 r

 3

r 2
2  3r  3

5  3r
3
 r
5
: दो Q प रमाण के ब आवेश पर पर r री पर थत है । उनके म य ब पर q प रमाण का तीसरा आवेश रखा जाता
है । इसका मान एवं कृ त या हो क नकाय अ धकतम संतुलन (स पूण नकाय) म रह ?

हल : दया गया है क -
Class : XII व ुत आवेश तथा े
F1
'
F
Q q F2 Q

r
r ` r
2 2

KQQ
F1 
r2

KQq
F'  2
r
 2
 

F1  F'  0

KQQ KQq
 2
0
r2 r
 2
 

KQQ KQq
 2
0
r2 r
 2
 
Q  4q
Q
q
4

आपे क व ुतशीलता या परावै ुतांक (r/K)


दो आवेश के म य मा यम के संगत व ुतशीलता एवं नवात के संगत व ुतशीलता के अनुपात को आपे क व ुतशीलता या
परावै ुतांक कहते है ।

 ek/;e ds lx a r fo |rq 'khyrk


r/K = 
o fuokZr ds laxr fo |rq 'khyrk

माना q1 तथा q2 दो आवे शत कण च ानुसार r री पर उप थत है :-

q1 q2
r
जब दोन आवे शत कण नवात म उप थत हो तो

Kq1q 2
Fv 
r2

1
K  (  o  fuokZr ds laxr fo |rq 'khyrk )
4 0
Class : XII व ुत आवेश तथा े
1 q1q 2
Fv  .............................. (i)
4 0 r 2

जब दोन आवे शत कण के म य मा यम उप थत हो तो

Kq1q 2
Fm 
r2

1 q 1q 2
Fm  .............................. (ii)
4 r 2
समी. (i) व (ii) से

1 q1q2
Fv 4 0 r 2

Fm 1 q1q 2
4 r 2
Fv 4

Fm 4 0

Fv 

Fm 0


  r / K
0

Fv 
   r / K
Fm 0
 r  1

  0
Fv
1
Fm
Fv  Fm
 r / K मा कहीन, वमाहीन रा श है ।

व भ न प ाथ के लए परावै ुतांक के मान :


r ( नवात)) = 1.0015
r (वायु) = 1.00059
r (ऑ
ऑ सीजन)
सीजन = 1.00054
r (नाइ
नाइ ोजन)
ोजन = 1.00058
r (काँच) = 5 से 10 के बीच
r (एबोनाइट
एबोनाइट) = 2.8
r (जल)) = 80 / 81
Class : XII व ुत आवेश तथा े
r (धातु) = 
: य द जल का परावै ुतांक 80 हो तो जल के लए व ुतशीलता का मान ात करो ?


 r
0
   0r
  8.85  1012  80
C2
  8.85  1011  8
N.m 2
11 C2
  70.8  10
N.m 2
: नवात् म रखे दो ब वत् आवेश के म य बल 18 N है । य द 1 mm मोटाई तथा 6 परावै ुतांक क एक काँच क
प ट् टका इन आवेश के म य रख द जाये, तब बल का मान ात क जए ?

हल : दया गया है क -

Fv  18N,  r  6
Fv
 r
Fr
Fv
Fm 
r
Fm  3N

: य द दो आवे शत कण के म य धा वक मा यम अथवा Mg या Al धातुएँ उप थत हो तो उनके म य


कायरत बल क गणना करो ।
हल : दया गया है क -
Mg/Al
q1 q2
(धा वक)

kq1q 2
Fm 
r2

1 q 1q 2
Fm 
4 r 2
q1q 2
Fm 
4 0 r r 2
q1q 2
Fm 
4 0 ( )r 2

1
 
0
Class : XII व ुत आवेश तथा े
q1q 2
Fm 
1
4 0 ( )r 2
0

Fm  0

ब ल आवेश के म य बल / अ यारोपण स ांत :-


अ यारोपण स ांत के अनुसार कसी परी ण आवेश पर कायरत कुल बल भ न- भ न आवे शत कण ारा आरो पत बल के
स दश योग के तु य होता है ।

माना q1, q2, q3 .......... qn आवे शत कण परी ण आवेश q0 से r1, r2, r3 ............. rn रीय पर अव थत है । अत:


Fn

F3

F2

r1 q0 F1
q1 r2
r3
 q2
r1  rn
r2  q3
r3 
rn qn

 kq q
अत: q1 आवे शत कण ारा q0 पर बल F1  12 0 r 1
r1

 kq q
अत: q2 आवे शत कण ारा q0 पर बल F2  22 0 r 2
r2

 kq q
अत: q3 आवे शत कण ारा q0 पर बल F3  32 0 r 3
r3

 kq q
Fn  n2 0 r n
rn

अत: अ यारोपण स ांत से q0 पर कायरत कुल बल


    
Ft  F1  F2  F3  ......  Fn

 kq q kq q kq q kq q
Ft  12 0 r 1  22 0 r 2  32 0 r 3  ......  n2 0 r n
r1 r2 r3 rn

: 4c के अन त आवेश X-अ पर मश:: 1m, 2m, 4m, 8m, ..... पर रखे ह इन आवेश के कारण मूल ब पर रख
1C आवेश पर बल ात क जए ?
Class : XII व ुत आवेश तथा े
हल :
   
1C F1 A F2 B F3 C F4 D
O 
4 c 4 c 4 c 4 c
1m
2m
4m
8m

अत: ब A पर उप थत आवेश ारा 1C पर आरो पत बल

 K  1  4  106
F1  आरो पत (A से O क तरफ)
(1)2

अत: ब B पर उप थत आवेश ारा 1C पर आरो पत बल

 K  1  4  106
F2  आरो पत (B से O क तरफ)
(2)2

अत: ब C पर उप थत आवेश ारा 1C पर आरो पत बल

 K  1  4  106
F3  आरो पत (C से O क तरफ)
(4)2

अत: ब D पर उप थत आवेश ारा 1C पर आरो पत बल

 K  1  4  106
F4  आरो पत (D से O क तरफ)
(8)2

अ यारोपण स ांत से
   
F  F1  F2  F3  ......

  1 1 1 1 
F  K  1  4  10 6   2  2
 2
 2
 ........... 
 (1) (2) (4) (8) 

a
S 
1 r

1
a : थम पद = 1
1
1
1
r : सावअनुपात = 4 
1 4
1
Class : XII व ुत आवेश तथा े
1 4
S  
1 3
1
4
 4
F  K  1  4  106 
3
 4
F  9  109  1  4  106 
3

F  48  103 N (O क तरफ)

: चार समान आवेश येक 2c का, X-अ पर थत है । ये मश: 0, 2, 4, 8 cm री पर थत है । 2 cm पर थत


आवेश पर प रणामी बल ात क जए ?

2 C F1 2C F2 2C F3 2C

हल : A B C D
2cm
4cm
8cm

ब A पर उप थत आवेश ारा आरो पत बल

 K  2  106  2  106


F1  (A से B क तरफ)
(2  102 )2

ब C पर उप थत आवेश ारा आरो पत बल

 K  2  106  2  106


F2  (C से B क तरफ)
(2  102 )2

ब D पर उप थत आवेश ारा आरो पत बल

 K  2  106  2  106


F3  (D से B क तरफ)
(6  102 )2

अ यारोपण स ांत से
   
F2  F3  F1  Ft

  1 1 1 
Ft  K  4  1012   
 4  10
4
36  10 4
4  104 
 k  4  1012
Ft 
36  104
Class : XII व ुत आवेश तथा े
 9  109  1012
Ft 
9  104

Ft  109  1012  104

Ft  101

Ft  10 N (B क तरफ)

व ुत े :
कसी आवे शत कण के चार तरफ उ प न वह े जसम वह अ य आवे शत कण ारा आकषण-
आकषण तकषण बल का अनुभव
करता है व ुत े कहलाता है ।

q
q

q
q
व ुत े

व ुत े क ती ता / व ुत े साम य (E)
कसी इकाई परी ण आवेश पर कायरत थर वै ुत बल व ुत े क ती ता के तु य होता है ।

 F
E
q0

य द q 0  1C
 
EF

 E एक स दश रा श है ।

 E का मा क :

F N

q0 C

 E का वमीय सू :

M1L1T2
 [M1L1T3 A 1 ]
A1T1

 E का अ य मा क
Class : XII व ुत आवेश तथा े
W
V 
q0

Fd
V
q0

V  E d
V 
E
d
 Volt
E
meter

ब आवेश के कारण व ुत े क ती ता :-
q0
q p
r

कूलॉम नयम से
 Kqq
0
E
r2
व ुत े क ती ता से

F
E
q0

Kqq 0
E
r 2q 0

Kq
E
r2
 Kq
F1  2 r
r
 1
: स करो E 
r3
 Kq
 E  2 r
r

 r  (r) r

r  r r

r
r 
r
Class : XII व ुत आवेश तथा े

 Kq r
तो E 2
r r

 Kq r
E 3
r
 1
E 3
r

व ुत ुव :-
जब दो समान प रमाण के तथा वपरीत कृ त के आवेश पर पर अ प री (2a) पर उप थत होते है तो इस कार बना नकाय
व ुत ुव कहलाता है ।

उदा. NaCl Na+ — Cl-

HCl H+ — Cl-

NaOH Na+ — OH-

व ुत ुव आघूण :-
व ुत ुव नकाय म कसी एक आवेश के प रमाण तथा दोन आवेश के म य क री के गुणनफल को व ुत ुव आघूण
कहते है ।
A C
-q +q
2a


व ुत ुव आघूण ( P ) = कसी एक आवेश का प रमाण  -q से +q को मलाने वाला स दश

P  q  2a

 P एक स दश रा श है ।

 P का मा क
P  q  2a = कूलॉम  मीटर

 P क दशा
-q से +q क तरफ

 P का अ य मा क
= डेबाई (Debye)

1 डेबाई = 3.33  10-30 C  m



व ुत ुव के कारण E क दशा :
-q आवेश के कारण व ुत े क ती ता सदै व उसक तरफ होती है ।

+q आवेश के कारण व ुत े क ती ता सदै व उससे र होती है ।


Class : XII व ुत आवेश तथा े
व ुत ुव क अ पर उप थत कसी ब पर व ुत े क ती ता का प रकलन :
माना AC एक व ुत ुव है जसके म य ब o से r री पर अ के अनु दश एक ब P उप थत है जहाँ व ुत े क
ती ता का मान प रक लत करना है ।
 
A C E2 E1
a O a
-q +q P
2a
r
-q आवेश के कारण ब P पर व ुत े क ती ता
 Kq
E1  (P से A क तरफ)
(AP)2

 AP  r  a
 Kq
E1  (P से A क तरफ)
(r  a) 2

+q आवेश के कारण ब P पर व ुत े क ती ता
 Kq
E2  (CP दशा म)
(CP)2

 CP  r  a
 Kq
E2  (CP दशा म)
(r  a)2

अत: ब P पर कुल व ुत े क ती ता
  
E  E 2  E1 (CP दशा म)

Kq Kq
E 2

(r  a) (r  a)2

 1 1 
E  Kq  2
 2 
 (r  a) (r  a) 

 (r  a)2  (r  a)2 
E  Kq  2 2 
 (r  a) (r  a) 

 r 2  a 2  2ra  (r 2  a 2  2ra) 
E  Kq  
 (r 2  a 2 ) 2 

 r 2  a 2  2ra  r 2  a 2  2ra) 
E  Kq  
 (r 2  a 2 )2 

Kq  4ra
E
(r 2  a 2 )2
Class : XII व ुत आवेश तथा े
2(Krq  2a)
E
(r 2  a 2 )2

 q  2a  P

2KrP
E
(r 2  a 2 )2

य द r >>>>>>>> a तो a क उ च घात को नग य मानने पर



 2KrP
E  2 2 (CP दशा म)
(r )

 2KrP
E (CP दशा म)
r4

 2KP
E  3 (CP दशा म)
r

व ुत ुव क नर पर उप थत कसी ब पर व ुत े क ती ता का प रकलन:-
रकलन
माना AC एक व त
ु ुव है जसके के ब O से नर के अनु दश r री पर एक ब P उप थत है जहाँ प रणामी
व ुत े क ती ता ात करनी है

E 2 Sin 
E 2 cos  
E p
E1 cos 

 r 
E1  E2
E1 Sin 

A   C
-q +q
a O a
2a

-q आवेश के कारण ब P पर व ुत े क ती ता
 Kq
E1  (PA दशा म)
(AP)2

  AOP म

(AP)2  r 2  a2
 Kq
E1  2 (PA दशा म)
r  a2
Class : XII व ुत आवेश तथा े
+q आवेश के कारण ब p पर व ुत े क ती ता
 Kq
E2  (CP दशा म)
(CP)2

  COP से

(CP)2  r 2  a 2
 Kq
E2  2 (CP दशा म)
r  a2
अत: ब P पर
  Kq
E1  E2 
(r  a 2 )
2

अत: प है क ब P पर व ुत े क ती ता के मान पर पर समान ा त होते है अत: ब P पर प रणामी


 
ती ता ात करने हेतु E1 तथा E 2 को ै तज व ऊ वाधर घटक म वया जत करते है । अत:
अत ऊ वाधर घटक के कारण
प रणामी ती ता

Ev  E1 sin   E2 sin 

 E1  E2

Ev  E1 sin   E1 sin   0

अत: प है क ब p पर व ुत े क ती ता के ऊ वाधर घटक प रमाण म समान पर तु दशा म वपरीत होने के


कारण एक- सरे के भाव को नर त कर दे ते है जब क ै तज घटक एक ही दशा म होने के कारण जुड़ जाते है तथा
प रणामी ती ता दान करते है अत: प रणामी ती ता

E  E1 cos   E2 cos 
 
 E1  E2

E  2E1 cos 

 Kq
E2 cos 
(r  a2 )
2

  AOP से

A a
cos   
K AP

 (AP)2  r 2  a 2
 AP  r 2  a
 2Kq a
तो E  2 2
(r  a ) r 2  a 2
Class : XII व ुत आवेश तथा े
 Kq  2a
E 1
(r 2  a 2 )(r 2  a2 ) 2
 Kq  2a
E 1
1
(r 2  a 2 ) 2

 q  2a  P
 KP
E 3
2 2 2
(r  a )

य द r >>>>>>>> a तो a क उ च घात को नग य मानने पर


 KP
E 3
2 2
(r )

 KP 
E  3 ( P के वपरीत)
r
: तेल क बूँद पर 12 इले ॉन के बराबर आवेश है, यह थर व त ु े 2.55 x 104 N/C म संतुलन अव था म बनी
रहती है । य द तेल का घन व 1.26 x 103 kg/m3 हो, तो बूंद क या ात क जए ?

हल : दया गया है क -

n = 12,

E = 2.55 x 104 N/C

 = 1.26 x 103 kg/m3

बूंद क या = ?

बूंद का भार = व ुत बल

mg = qE ............. (i)

m
ले कन  
V
m  V

4 3
m r  ............. (ii)
3
q  ne ...................... (iii)

समी.. (i), (ii), (iii) से

4 3
r g  3neE
3
Class : XII व ुत आवेश तथा े
3neE
r3 
4g
1
 3neE  3
r 
 4g 

रा शय के मान रखने पर
1
 3  12  1.6  1019  2.55  104  3
r 3 
 4  3.14  1.26  10  9.8 

r  9.8  107 m

: एक 5x10-4C आवेश पर 2.25 यूटन बल काय करता है । उस ब पर व ुत े क ती ता ात क जए ?

हल : दया गया है क -

q = 5x10-44C

F = 2.25 N

F 2.25
E   4.5  104 N / C
q 50  104

NaCl अणु म Na+ व Cl- आयन के म य क


O
: री 1.28 A है । अणु के व ुत ुव आघूण क गणना क जए ?

हल : दया गया है क -

q = 1.6 x 10-19C

O
2a = 1.28 A  1.28  10 10 m

P = q x 2a

P = 1.6 x 10-19 x 1.28 x 10-10

= 2.048 x 10 -29 c × m

: वायु म एक- सरे से 30 cm री पर रखे दो छोटे आवे शत गोल पर मश: 2 x 10-7 C तथा 3 x 10-7 C आवेश ह ।
उनके म य बल ात करो ?

हल : दया गया है क -

q1 = 2 x 10-7 C

q2 = 3 x 10-7 C
Class : XII व ुत आवेश तथा े
30
r cm  0.3m
100

Kq1q 2
F
r2

9  109  2  10 7  3  10 7
F
(0.3)2

5400  109  1014


F
0.09

F  600  105

F  6  102  105

F  6  103 N

: दो एक समान तथा बराबर आवेश को 3 मीटर क री पर रखने पर उनके म य 1.6 यूटन का तकषण बल काय करता
है । येक आवेश का मान होगा ?

हल : दया गया है क -

q1 = q2 = 1 C

r=3

F = 1.6 N

Kq1q 2
F
r2

9  109  q 2
1.6 
(3)2

9  109  q 2
1.6 
9
1.6
9
 q2
10

16  10 10  q  4  10 5

10
q  4  105
10

q  40  105  101

q  40  106  40  C
Class : XII व ुत आवेश तथा े
: कसी व तु को 5 x 10-19 C से धनावे शत करने के लये उसम से नकाले गये इले ॉन क सं या होगी ?

हल : दया गया है क -

q = 5 x 10-19 C

e = 1.6 x 10-19 C

q = ne

50  1019
n
1.6  1019

n  3.1 1019  1019


n  3.1  3

: Hcl अणु का ुव आघूण 3.4 x 10-30 cm है उसके आयन के म य री होगी ?

हल : दया गया है क -

P = 3.4 x 10-30 cm

q = 1.6 x 10-19 cm

P = q x 2a

3.4  10-30
 2a
1.6  10-19
3.4
 10-30  10+19  2a
1.6

2.12  10-11  2a

2a  2.12  10-11 m

O
: एक इले ॉन व ोटॉन 1 A री पर थत ह । नकाय का ुव आघूण है ?

हल : दया गया है क -

2a = 1 A = 1 x 10-10
O

P = q x 2a

P = 1.6 x 10-19 x 1 x 10-10

P = 1.6 x 10-29 C x m

: एक वांटम आवेश का मान ल खये ?

हल : 1 वांटम आवेश = 1.6 x 10-19 C

: r री पर थत दो ाटॉन के म य थर व ुत बल F है । ोटॉन को हटाकर इले ॉन रख द तो अब व ुत बल कतना


होगा ?
Class : XII व ुत आवेश तथा े
हल : ोटॉन तथा इले ॉन पर आवेश का प रमाण समान होता है । अत: ोटॉन को हटाकर इले ॉन रखने पर व ुत बल
अप रव तत अथात् F ही रहेगा ।

: य द कसी मा यम का परावै ुतांक 1 हो तो उसक नरपे व ुतशीलता कतनी होगी ?

हल : दया गया है - मा यम का परावै ुतांक  r = 1

 मा यम नरपे व ुतशीलता    r   o

   1  o

 1  8.85  1012

C2
 8.885  1012
Nm 2
: व ुत े E म रखे q आवेश पर कायरत बल कतना होता है ?
 
हल : व ुत े E म रखे q आवेश पर कायरत बल F  qE होता है ।

: उस व ुत े क ती ता का प रमाण कतना होगा जो एक इले ॉन के भार को संतु लत रखेगा ?

हल : mg  qE (q=ne)

mg  ne E (n=1)

mg  e E

9.1  1031  9.8


E
1.6  1019

89.18  1031  1019


E
1.6

N
E  55.73  1012
C
: आवेश के C.G.S. तथा SI मा क के नाम ल खये । इनके म य या स ब ध है ?

हल : आवेश का C.G.S. - टै ट कूलॉम

SI - C (कूलॉम)

1 C = 3 x 109 टै ट कूलॉम

सम व ुत े म ुव पर कायरत बल आघूण :-
माना AC एक व ुत ुव है जसे एक समान व ुत े म  कोण पर रखा गया है इस ुव पर समान प रमाण के
पर तु वपरीत दशा म बल कायरत होते ह जो मलकर बल यु म का नमाण करते है जसे बल आघूण कहते है । जसके
भाव म यह ु व ुत े क दशा म व था पत होता है ।

Class : XII व ुत आवेश तथा े

+qq F1=qE

2a

F2=qE
A
-qq  B

अत: ुव पर कायरत बल
  
F1  qE ( E क दशा म)
  
F2  qE ( E के वपरीत दशा म)

अत: ुव पर कायरत कुल बल


  
F  F1  F2
 
 qE  qE

F0
अत: ुव पर कायरत बल आघूण

 = बल का प रमाण x दोन बल के बीच ल बवत री


  qE  BC

 ABC से

1 BC
sin   
K AC

BC
sin  
2a
BC  2asin  तो

  qE  2asin 

  E  q  2asin 

 P  q  2a

  PE sin 
  
  PE

 एक स दश रा श है ।

 का मा क :-
Class : XII व ुत आवेश तथा े
N
cm  N  m  Joule
c
 का वमीय सू = [M1L2T-2]

 
Case 1 :- यद 0 PE
  PE sin 
0
 
Case 2 :- य द   900 PE
  PE sin 
  PE
max  PE

सम व ुत े म ुव को घुमाने म कया गया काय :--


माना AC एक व ुत े है जसे एक समान व ुत े म 1 कोणीय थती म रखा गया है । बल आघूण  के भाव
म यह ुव 1 कोणीय थती से 2 कोणीय थती म आ जाता है ।

C
+q
B' 
A' 2a
+q E
-q
2
-q 1
A

अत: व ुत े म व
ु पर कायरत बल आघूण :

  PE sin 

यद ुव को अ पकोणीय व थापन d दे ने म कया गया अ प काय :

dw   d
dw  PE sin  d

अत: ुव को 1 कोणीय थती से 2 कोणीय थती तक घुमाने म कया गया काय :

2
1 
w dw

2
1 
w PE sin  d

2
w  PE[ cos ]
1

w   PE[cos  2  cos 1 ]
w  PE[ cos  2  cos 1 ]
w  PE[cos 1  cos  2 ]
Class : XII व ुत आवेश तथा े
Case 1 :- य द 1  00 2  900
w  PE[cos 1  cos  2 ]
w  PE[cos 0  cos 90]
w  PE[1  0]
w  PE
Case 2 :- य द 1  00  2  1800
w  PE[cos 1  cos  2 ]
w  PE[cos 0  cos180]
w  PE[1  ( 1)]
w  PE[2]
w  2 PE
Case 3 :- य द 1  900  2  1800
w  PE[cos 1  cos 2 ]
w  PE[cos 90  cos180]
w  PE[0  ( 1)]
w  PE

ुव म सं चत व ुत थ तज ऊजा :-
एक समान व ुत े म व ुत ुव को शू य ऊजा तर से  कोण तक घुमाने म कया गया काय व ुत ुव म
सं चत थ तज ऊजा के तु य होता है ।

w  PE[cos 1  cos  2 ]

1  900
2  

w  PE[cos 90  cos ]
w  PE[0  cos ]
w   PE cos 

व ुत बल रेखाएँ :-
व ुत बल रेखाएँ वे का प नक रेखाएँ होती है जो व ुत े क ती ता क दशा को कट करती है ।

या

व ुत बल रेखाएँ उस पथ ारा न पत होती है जब कोई धनावे शत कण एक समान व ुत े म ग त के दौरान तय


करता है । य द इस पथ पर कोई पश रेखा खीची जाए तो वह व ुत े क ती ता क दशा को कट करती है ।

E

E

+q
Class : XII व ुत आवेश तथा े
व ुत बल रेखा का नमाण :-
1. एकल धनावेश के कारण :

एकल धनावेश के कारण व ुत बल रेखाएँ धनावेश से ार भ होती है और अनंत पर समा त हो जाती है । इस थतम
यह गोलाकार े न मत करती है ।
गोलाकार ( व ुत े )

+q

2. एकल ऋणावेश के कारण :

इसके कारण व ुत बल रेखाएँ अनंत से ार भ होती है व ऋणावेश पर समा त हो जाती है । इस थ त म यह गोलाकार


े न मत करती है ।
गोलाकार ( व ुत े )

-q

3. जब दो वपरीत कृ त के आवेश पर पर समीप उप थत हो :

इस थ त म व ुत बल रेखाएँ धनावेश से ार भ होती है व ऋणावेश पर समा त हो जाती है । इस अव था म बेलनाकार


व ुत े न मत होता है । यह व ुत बल रेखाएँ अपनी लंबाई के अनु दश संकु चत होती है अत: प है क दो
वपरीत कृ त के आवेश के म य आकषण होता है ।

+q -q

4. जब दो समान कृ त के आवेश पर पर समीप उप थत हो :

इस अव था म दो व ुत बल रेखाएँ एक- सरे पर दाब आरो पत करते ए तक षत करती है । इस थ त म यह


धनावेश से ार भ होती है और अनंत पर समा त हो जाती है । दो धनावे शत कण के म य उ प न वह े जसम से
कोई बल रेखाएँ नह गुजरती है, उदासीन े कहलाता है ।

E=0
+q
+q
उदासीन े
Class : XII व ुत आवेश तथा े
व ुत बल रेखा के गुण :-
1. यह का प नक रेखाएँ होती है ।

2. यह धनावेश से ार भ होती है व ऋणावेश पर समा त होती है ।

3. व ुत बल रेखाएँ ब द लूप नह बनाती ।

4. व ुत बल एक-- सरे पर दाब आरा पत करती है ।

5. व ुत बल रेखा के कसी ब पर खीची गई पश रेखा व ुत े क ती ता क दशा कट करती है ।



E

6. व ुत बल रेखाएँ कभी भी एक- सरे को त छे द नह करती है । य द वे त छे द करेगी तो एक ही ब पर व ुत


े क ती ता क दशा भ न- भ न हो जायगी जो क संभव नह है ।

E


E

7. व ुत बल रेखाएँ अपनी ल बाई के अनु दश संकु चत होती है ।

अ य मह वपूण
: दो ब आवेश 5C तथा  5C पर पर 1 cm क री पर रखे ह । इनके म य ब से 0.30 m क री पर (i)
अ ीय थ त म तथा (ii) नर ीय थ त म व ुत े क ती ता क गणना क जए ?

हल : दया गया है क

q = 5x10-66C

2a = 1 cm = 10-2 m

r = 0.30 m = 30 x 10-2 m

2KP
(i) अ ीय थ त म
r3

2  9  109  5  10 6 90  10 3  10 2
 
(30  10 2 )3 (30  10 2 )3

9  10  10 3  10 2 9  104  102
 
27000  106 27  103  106

9  102  103
  0.333  105
27
0.333
  105  3.33  10 2  10 2
1000
Class : XII व ुत आवेश तथा े
 3.33  104 यूटन/कूलॉम

 KP
(ii) नर ीय थ त म E  3
r

9  109  5  10 6  10 2

(30  10 2 )3

45  109  10 8

27  10 3  106

 1.67  101  10 3

N
 1.67  104
C
: दो आवेश  1000 C पर पर 2 mm र थत है, व ुत ुव को 15 x 104 N/C के एक समान व ुत े म े
0
से 30 कोण पर रखा गया है । ुव पर कायरत बलाघूण क गणना क जए ?

हल : दया गया है क

q = 1000 = 10-3 C

2a = 2 mm = 2 x 10-3 m

E = 15 x 104 N/C

  30 0
  PE sin 

  q (2a) E sin 

  103  2  103  15  104  sin 300

1
  106  104  30 
2

  10 2  15

  15  102 Nm

: एक ब आवेश q1  2C ब A (2m, 1m) पर तथा सरा ब आवेश q1  5C ब B (-2m, 4m) पर
अव थत है । q1 पर q2 ारा लगाया गया बल ात क जए ?

हल : दया गया है क

Kq1q 2
F
r2
Class : XII व ुत आवेश तथा े
r  (x 2  x1 )2  (y 2  y 1 )2
r  ( 2  2)2  (4  1)2
r  25  5

9  109  2  106  5  106


F
25
3
F  3.37  10 N

: एक इले ॉन तथा ोटॉन सम पी व ुत े म थत है । उनके वरण का अनुपात होगा ?

हल : qE  ma

q
a E
m

q
a
m

ae q e m p
 
ap q p m e

ae m p

ap m e

: दो प रमाण म समान वजातीय आवेश पर पर कुछ री पर रखे ह उनके म य F यूटन बल कायरत है । य द एक आवेश
का 75% सरे आवेश को थाना त रत कर दया जाये तब उनके म य बल पूव मान का कतना गुना हो जायेगा

Kq1q 2
हल : F
r2

Kq 2
F
r2

75 3q
q'  q 
100 4

3q
q' 
4
शेष  q  q'

3q
q
4

4q  3q

4

q

4
Class : XII व ुत आवेश तथा े
वृ  q  q'

3q
q
4

7q

4
q
F'  K 
4
7 Kq 2
F'   2
16 r
7
F'  F
16
: दो समान धातु के गोले 10  C एवं 20  C आवेश से आवे शत कये गये ह य द इनको एक सरे के स पक म लाकर
अलग कर पुन: उसी री पर रख दया जाये तब दान अव था म बल का अनुपात ात क जये ?

हल :
10  C r 20  C

K  10  106  ( 20)  10 6
F
r2

10  C 20  C

5  C 5  C

K  ( 5)  10 6  ( 5)  106


F' 
r2

25  10 12
F'  K
r2

200  1012  K
F1 r2

F' 25  10 12  K
r2
F1 8

F' 1
Class : XII व ुत आवेश तथा े
: भुजा a वाले एक समबा भुज के शीष A और B पर समान आवेश q है । भुज के ब C पर व ुत े का
प रमाण ात क जये ? C

a a

A q q B
a
हल :  

E1 E E
2

C
600
a a

A q q B
a

E  E12  E2 2  2E1E2 cos 

Kq Kq
E1  2
, E2 
(a) (a)2

2 2
 Kq   Kq   Kq   Kq 
E   2    2   2  2   2  cos 
 (a)   (a)   (a)   (a) 

2 2
 Kq   Kq 
E  2 2    2 
 (a)   (a) 

2
 Kq 
E   2  (2  1)
 (a) 

Kq N
E 3
(a)2 C

: व ुत आवेश Q को दो भाग Q1 व Q2 म वभ करके पर पर r री पर रखा गया है । दोन के म य तकषण का बल


अ धकतम होने क शत या होगी ?

हल : दया गया है क

KQ1Q 2
F
r2

 Q  Q1  Q 2
Class : XII व ुत आवेश तथा े
KQ1 (Q  Q1 )
F
r2

KQ1Q KQ12
F  2
r2 r
dF KQ K
 2 (1)  2 (2Q1 )
dQ1 r r

dF KQ 2KQ1
 2 
dQ1 r r2

dF
 0
dQ1

KQ 2KQ1
 0
r2 r2

KQ 2KQ1

r2 r2

Q  2Q1

Q
Q1 
2
: दो ब आवेश q1 तथा q2 के म य री 3 m है । इन आवेश का योग 20 C है । य द एक आवेश सरे आवेश को
0.075 N के बल से तक षत कर तब दान आवेश के मान ात करो ?

हल : दया गया है क

q1  q 2  20 C ......... (i)

Kq1q 2
F  0.075 N 
r2

Kq1q 2
0.075 N 
9

0.075
 q1q 2
109  103

75
 q 1q 2
1012

75  1012  q1q 2 ......... (ii)

(q1  q 2 )2  q12  q 2 2  2q1q 2  2q1q 2  2q1q 2

(q1  q 2 )2  q12  q 2 2  2q1q 2  4q1q 2


Class : XII व ुत आवेश तथा े
(q1  q 2 )2  (q1  q 2 )2  4q1q 2

(q1  q 2 )2  (20  106 )2  4  75  10 12

(q1  q 2 )2  400  1012  300  1012

(q1  q 2 )2  100  1012

(q1  q 2 )  10  106

q1  q 2  105

 q1  q 2  20  106

2q1  20  106  105

2q1  2  105  105

2q1  105 (2  1)

2q1  3  105

3
q1   10 5
2

q1  1.5  105

1.5
q1   105
10

q1  15  105  101

q1  15  106

q1  15C

q1  q2  20C

q2  20C  15C

q2  5C

: एक समान व ुत े म ोटॉन, ूटेरॉन एवं   कण वरण का अनुपात ात क जये ?

हल : दया गया है क

E  cons tant
qE  mg
a  g
Class : XII व ुत आवेश तथा े
qE  ma
q
a E
m
q
a
m
q
a E
m
qp
ap  E
mp
qD
aD  E
mD

q
a  E
m

qp qD q
ap : a D : a  :: : :
mp mD m

qp qp 2qp
 : :
mp 2mp 4mp

1 1
 1 : :  2 :1 :1
2 2
: कोई इले ॉन 2.0 x 104 N/C प रमाण के एक समान व ुत े म 1.5 cm री तक गरता है । े का प रमाण
समान रखते ए इसक दशा उ मत कर द जाती है तथा अब कोई ोटॉन इस े म उतनी ही री तक गरता है ।
दोन करण म गरने म लगे समय क गणना क जए । इस प र थ त क 'गु व के अधीन मु पतन' से तुलना
क जए ?

हल : दया गया है क
- - - + + +
-e +e

+ + + - - -

mg  qE
ag

mea  qE

mea  neE (n  1)

ma  eE
Class : XII व ुत आवेश तथा े
eE
ae 
me

1.6  1019  2  104


ae 
9.1  1031

3.2  1019  104  1031


ae 
9.1

ae  0.35  1019  1035

a e  0.35  1016 m/ sec2

1 2
s  ut  at
2
u0
1
S  0  at 2
2

1 2
S at
2

1
1.5  102   35  1014  t 2
2

1.5  102  2 2
t
35  1014
3
 1010  t 2
35

t  0.085  1019

0.29
t  108
100

t  29  10 10

t  2.9  10 9 sec

eE
II ap 
me

1.6  1019  2  104


ap 
1.67  1027

3.2  1015
ap 
1.67  1027
Class : XII व ुत आवेश तथा े
3.2  1015  1027
ap 
1.67

ap  1.91  1012 m/ sec2

1 2
S at
2

1.5  102  2
t2 
1.91  1012

3.0  102  1012


t2 
1.91

t 2  1.57  10 14

t  1.57  1014

t  1.25  10 7 sec

: a भुजा वाले समबा भुज ABC के शीष पर तीन आवेश +2a, -q तथा -q को मश:: A, B एवं C च के अनुसार
रखा गया है । इस नकाय का ुव आघूण ात क जये ?

A
+2q

a a

B -q C
a

हल : दया गया है क
 
P 
P1 P2
600

+2q A
600
a a

B -q C
a

R  P12  P2 2  2P1P2 cos 600


Class : XII व ुत आवेश तथा े
1
R  P1 2  P2 2  2P1P2
2

P1  P2  P

R  P2  P2  P2

R  3P

R  3qa

: 4  109 Cm ुव आघूण का कोई व ुत ुव 5  10 NC प रमाण के एक समान व ुत े क दशा से 300


4 1

पर संरे खत है । ुव पर कायरत बलाघूण के प रमाण का प रकलन क जये ?

हल : दया गया है क

P  4  109 Cm

E  5  104 NC1

  30 0
  PE sin 

  4  109  5  104  sin 300

1
  4  109  5  104 
2

  10  10 5

  104 Nm

:  10 C तथा  10 C के दो आवेश को 2 cm क री पर रखा जाता है । इनक अ ीय रेखा एवं नर रेखा पर


ुव के के से 60 cm क री पर थत कसी ब पर व ुत े क गणना करो ?

हल : दया गया है क

q1  10  106 C

q 2  10  106 C

2a  2cm  2  102

P  q  2a

P  10  10 6  2  10 2

P  10  10 8  2  10 7

r  60cm  60  102
Class : XII व ुत आवेश तथा े
2KP
अ ीय E
r3

2  9  109  2  10 7
E
(60  10 2 )3

36  102
E
216000  106

36  102
E
216  103  106

E  0.166  10 2  10 3

E  0.167  10 5

N
E  1.67  104
C
नर ीय रेखा पर व ुत े क ती ता
Kp Ea
Ee  
r3 2
 0.83  10 यूटन/कूलॉम
4

: च म चार ब आवेश 2 cm भुजा के वग कोन पर रखे ह । वग के के O पर व ुत े क ती ता व दशा ात


क जये ? Q  0.02 C
-2Q +2Q
A B

O
2 cm 900

D +Q -Q C
हल : दया गया है क

Q  0.02 C  0.02  106 C

OA के लए

 ADC से

AC 2  AD 2  CD 2

AC 2  2 2  2 2

AC 2  4  4

AC  8
Class : XII व ुत आवेश तथा े
AC  4  2

AC  2 2 cm

AC  2 OA

OA  2 2

OA  2  102 m

Kq K  2Q 2 KQ
E1   
r 2 2 2
( 2  10 ) 2  10 4

Kq K Q KQ
E2   
r 2 2 2
( 2  10 ) 2  104

Kq K  2Q 2 KQ
E3   
r 2 2 2
( 2  10 ) 2  104

Kq K Q 2 KQ
E4  2
  4
r ( 2  102 )2 2  10

E'  E1  E2

2KQ KQ
E'  4

2  10 2  104

KQ
E' 
2  104

E''  E3  E4

2KQ KQ
E''  4

2  10 2  104

KQ
E'' 
2  104

E  E' 2  E'' 2  2E'E''cos

  90 0
cos   0

 KQ  2  KQ  2
E  4 
 4 
0
 2  10   2  10 

 KQ  2
E  2 1 
 2  10 
Class : XII व ुत आवेश तथा े
KQ
E  2
2  101

9  109  0.02  106


E  2
2  104  102

E  9 2  103  102

N
E  9 2  105
C
BA के समा तर

: एक आयताकार नदशांक प त म दो ब धन आवेश येक 10-8 C मश: ब x = 0.1 m, y = 0 तथा


x = -0.1
0.1 m, y = 0 पर थत है । न नां कत ब पर े का प रमाण एवं दशा ात क जए ?

(i) मूल ब (ii) x = 0.2 m, y = 0 (iii) x = 0, y = 0.1 m

हल : दया गया है क
 
q=10-8 q=10-8
E1 O E2
(2) (1)
(i) (-0.1,0,0)
0.1,0,0) m -0.1,0,0)
0.1,0,0) m

E  E1  E2

Kq Kq
E  2
r2 r

Kq Kq
E 2

( 0.1) ( 0.1)2

Kq Kq
E 
0.01 0.01
E0
हल (ii) E  E1  E2

Kq Kq
E 2

(0.3) (0.1)2

Kq Kq
E 
0.09 0.01

Kq Kq
E 
0.09 0.01

Kq  100 Kq  100
E 
9 1
Class : XII व ुत आवेश तथा े
Kq  100  9 Kq  100
E
9

Kq  100
E (1  9)
9

9  109  108  102


E  101
9

E  109  10 8  10 3

N
E  1  104
C

हल (iii) E1  E2

E1 cos   E2 cos   0

( नर त)

E  E1 sin   E2 sin 

E  2E1 sin   E1 sin 450

2Kq 2  9  109  10 8 1
E 2
sin 450 E 
r (0.1)2 2

18  10 8  109 1 18  10
E  E  6.36  103 N/C
0.1  1.414 2 0.01414

: चार समान आवेश येक q मान का, a भुजा वाले वग के चार कोन पर थत है । येक आवेश पर शेष आवेश के
कारण प रणामी बल ात क जए ?
 Kqq
हल : दया गया है क F1  2 (BC दशा म )
a
 Kqq
F2  2 (DC दशा म )
a
 
F1 व F2 का प रणामी बल
    
F  F1  F2  2F1 F1 cos 900

 2
 Kq 2   Kq 2 
2

F   2   2  0
 a   a 

  Kq 2 
2

F  2 2 
 a 
Class : XII व ुत आवेश तथा े
 Kq 2
F 2 2
a
 Kqq
F3  (AC दशा म )
(AC)2

AC  a 2  a 2
AC  2a 2
AC  a 2

Kq 2
AC  (AC दशा म )
(a 2)2

अत: ब c पर उप थत आवेश पर कायरत कुल बल

  Kq 2 Kq 2  Kq 2  1
F  F  F3 F 2 2 F 2  2 
a (a 2)2 a  2

: दो सम प गोलाकार चालक B व C समान आवेश से आवे शत है तथा पर पर F बल से तक षत करते ह जब क उनको


पर पर कुछ री पर रख दया जाता है तीसरा गोलाकार चालक इ ह के सम प है पर तु अनावे शत है । पहले यह B के
स पक म लाया जाता है त प ात C के स पक म लाकर दोन से अलग कर दया जाता है । B तथा C के म य नवीन
तकषण बल ात क जये ?

हल : दया गया है क
q q q 0

B C B A

kq2
F
q/2 r2 q/2 q q/2

B A C A

3q 3q
4 4
q  q/ 2 3q
C r A 
2 4
q
3q
2
B r C 4

Kq 3q
3 Kq 2 3
F'  2 2 4 F'  F'  F
r 8 r2 8

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