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मौत पर डिस्काऊंट है

मार्च का अंत आते –आते हर वर्ष काफी बद्लाव होते है . मौसम से लेकर फाइनें स तक कई चीजो मे परिवर्तन होता
है . मार्च के बाद कई चीजे महंगी होती है तो कई चीज़ो के दाम कम हो जाते है .इस बार मार्च के अंत मे फिर से
कुछ चीजो के दाम कम हुये परं तु एक चीज़ के दाम मे अविश्वसनीय बदलाव हुआ और ये बज़ट मे प्रस्तावित भी
नही है और सबसे बडी बात ये बद्लाव अप्रैल से पहले हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने टू और फोर व्हीकल बनाने वाली सभी
कपंनियो के बीएस-3 वाहनो के प्रोड्क्शन पर रोक लगा दी.सुप्रीम कोर्ट ने काफी पहले ही इन कपंनियो को बीएस-3
वाहनो को बंद करने की तारीख के बारे मे बता दिया था, परं तु फिर भी कपंनियो ने इनका प्रोड्क्शन जारी रखा. 1
अप्रैल 2017 से बीएस-3 वाहनो की बिक्री पर रोक लगा दी गई है . मुर्ख दिवस के दिन सुप्रीम कोर्ट का ये समझदारी
वाला फैसला पूरे भारत की जनता के लिये फायदे मंद रहे गा क्योंकी बीएस-3 के मुकाबले बीएस-4 वाहन कम प्रदष
ू ण
फैलायेंगे.

बीएस(भारत स्टे ज़ एमिशन स्टैंडर्ड) भारत सरकार द्वारा लागू किया हुआ कानन
ू है जो वाहनो से निकलने वाले धय
ू े
को नियंत्रित करता है . 1991 मे पेट्रोल और 1992 मे डीज़ल से चलने वाली ग़ाडियो के लिये पहली बार ये कानून
बनाया गया था. ये स्टैंडर्ड यूरोपियन दे श से प्रभावित थे और शुरु मे यूरो 2 नाम से लागू थे. 2001 से 2005 तक
पूरे भारत मे बीएस-2 नियम था और 2005-2010 तक बीएस-3. उसके बाद 2010 मे एन.सी.आर और 13 शहरो मे
बीएस-3 वाहनो पर रोक लगा दी गई और अब 2017 मे पूरे भारत मे बीएस-3 वाहनो पर रोक लग गई है .

मार्च के आखरी दो दिन कपंनियो ने बीएस-3 वाहनो पर काफी छूट दी जो 5000 रुपये से शुरु होकर 25000 रुपये
तक थी. जब ये खबर वाट्सएप के जरीये सब तक पहुची तब लगा मज़ाक होगा और आजकल वैसे भी त्योहार की
बधाई एडवांस मे दी जाती है तो लगा इस बार मूर्ख दिवस की बधाई मे एड्वांस मे दी जा रही हो. परं तु जब कुछ
होनहार और जाबांज़ लोगो ने शोरुम पर जाकर पता किया तो सच्चाई पता लगी दो चार तो जो आटो-टे म्पो से
शोरूम तक गये थे. ग़ाडी के साथ ही वापस आये. धीरे -धीरे नही एकदम तेजी से ये खबर पूरे भारत मे फैल गई के
हीरो और होंडा की बीएस -3 वाहनो पर भारी छूट मिल रही है . जो जैसा था और जहा था वहा से दौड लगा के
शोरूम तक पहुचा उस वक्त उन्होने ना आटो वाले से दाम पूछे ना पेट्रोल पंप वाले से खुल्ले लिये. 30 और 31 मार्च
को तो ऐसा लगा जैसे छ्प्पर फाड के उपर वाले ने सालो की मरू ाद परू ी की हो. जिसने आजतक साइकिल भी चार
बार सोच कर खरीदी उसने इन बीएस-3 वाहनो को खरीदने से पहले एक बार भी नही सोचा.

सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-3 वाहनो पर रोक इसलिये लगाई के इन वाहनो से प्रदष


ू ण बहुत ज्यादा हो रहा था और इससे
भारत की जनता के स्वास्थ पर बूरा असर पडता.लेकिन सुप्रीम कोर्ट ये नही जानती थी के अगर भारत मे मौत
पर भी डिस्काऊंट मिले तो वो भी आंख बंद करके ले ले . अभी जब कुछ दिनो पहले नोट्बंदी के कारण जब ये सब
लाइन मे लगे थे तो बहुत तकलीफ हो रही थी कहा जा रहा था हमारा पैसा है और हम ही उसे लेने के लिये
परे शान हो रहे है और अब अपने पैसे से अपने स्वास्थ को बिगाड रहे है उसका मलाल नही है . इस छूट के दौरान
पहले दिन कई शहरो मे सिर्फ पांच घंटो मे 2000-3000 वाहन बिक गये और कपंनी को कम ही सही मुनाफा तो
मिला और हमे क्या मिला ? जी हा हमे, जिन्होने वाहन खरीदे वो भी और जिन्होने नही खरीदे उन्हे भी.

हालाकी डीलरो से कपंनीयो ने ये वाहन वापस लेने से मना कर दिये परं तु अगर डीलर्स भी जागरुकता दिखाकर
सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी बात थोडा पहले रखते और इन वाहनो को नही खरीदते तो सुप्रीम कोर्ट इन वाहनो का
प्रोड्क्शन पहले रुकवा सकती थी .

एक साथ लाखो बीएस-3 वाहन सिर्फ दो दिन मे सडको पर उतर गये और हमने आने वाले हमारे भविष्य के मौत
खरीदी वो भी डिस्काऊंट पर .अगर अब सप्र
ु ीम कोर्ट कह दे इन वाहनो को वापस करके कम दामो पर बीएस -4
वाहन खरीद लिजिये तो वो सभी लोग फिर से सडको पर आयेंगे परं तु इस बार विरोध करने के लिये और उपर से
ु कुरा और सोच रहे होंगे जिंदगी कितनी सस्ती हो गई है .हम अक्सर अपने स्वार्थ को उपर रखते है .
यमराज़ जी मस्
दे श और समाज़ के बारे मे बाद मे सोचते है . अगर इन वाहनो को डिस्काऊंट पर कोई नही खरीदने जाता तो बाद
थोडे पैसे ज्यादा लग जाते पर हम मौत नही खरीदते.

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