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भारत 2019
वािषक संदभ- ंथ

ू मीिडया िवंग
ारा संकिलत

काशन िवभाग
सूचना और सारण मं ालय
भारत सरकार
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2019 (शक 1940)


63वां सं रण
मुि त सं रण (2019) का e-सं रण*

© ू मीिडया िवंग

ISBN : 978-81-230-3029-6

काशक

महािनदे शक,
काशन िवभाग,
सूचना और सारण मं ालय, भारत सरकार,
सूचना भवन, सी.जी.ओ. कॉ े ,
लोधी रोड, नई िद ी-110 003 ारा कािशत

वेबसाइट : www.publicationsdivision.nic.in
ई-मेलः dpda@nic.in

काशन िवभाग
संपादन : राकेशरे णु, रे मी कुमारी

संकलन और सम य : ू मीिडया िवंग


के. सतीश न ूिद रपाड
सईद रबीह ी
सा ी िसंह
िस ी कुमार
िशवान पा े य

संपादकीय सम य : दीिपका क ल, शमीमा िस ीकी


आवरण स ा : िशिशर कुमार द ा
उ ादन : वी.के. मीणा

अिधक जानकारी के िलए कृपया हमारी वेबसाइट दे ख :

http://www.publicationsdivision.nic.in

*यह ई-पु क (e-Book) पूरी तरह इसके मुि त सं रण के अनु प है वतनी थानों के नाम, त तथा आं कड़े ,
यों के नाम और अ नामां कन मुि त सं रण जैसे ही रखे गए ह
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अनु म

1. भारत भूिम और उसके िनवासी


2. रा ीय तीक
3. राजनीितक संरचना
4. कृिष
5. सं ृ ित और पयटन
6. मूल आिथक आं कड़े
7. वािण
8. संचार और सूचना ौ ोिगकी
9. र ा
10. िश ा
11. ऊजा
12. पयावरण
13. िव
14. कॉरपोरे ट मामले
15. खा , नाग रक आपूित एवं उपभो ा मामले
16. ा और प रवार क ाण
17. आवास एवं शहरी काय
18. भारत और िव
19. उ ोग
20. िविध और ाय
21. म, कौशल िवकास और रोजगार
22. जनसंचार
23. आयोजना
24. ामीण और शहरी िवकास
25. वै ािनक और ौ ोिगकी िवकास
26. प रवहन
27. जल संसाधन
28. क ाण
29. युवा मामले और खेल
30. रा तथा क शािसत दे श
31. रा ीय घटना म
32. सामा सूचना
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भारत भूिम और उसके


1 िनवासी

रत मानव जाित का पालना, मानव भाषा की ज थली, इितहास की जननी, पौरािणक कथाओं की
‘भा दादी और परं परा की परदादी रहा है मानव इितहास म हमारी सवािधक मू वान और सवािधक
िश ा द साम ी का खजाना केवल भारत म िनिहत है ’
- माक े न

भारत बेजोड़ सं ृ ित वाला दे श है और यह िव की ाचीनतम और महानतम स ताओं म से एक है


यह उ र म बफ से ढके िहमालय से लेकर दि ण म धूप से सराबोर तटवत गां वों और दि ण पि म तट
पर आ उ किटबंधीय जंगलों, पूव म पु घाटी के उपजाऊ े से लेकर पि म म थार रे िग ान तक
फैला है भारत का े फल 32,87,263 वग िकलोमीटर है 1 तं ता ा के बाद िपछले कई वष के
दौरान भारत ने च ं मुखी सामािजक-आिथक गित की है आकार की ि से भारत िव म सातव और
जनसं ा की ि से दू सरे थान पर है पवतमाला और समु इसे शेष एिशया से पृथक करते ह और एक
िविश भौगोिलक पहचान दान करते ह यह उ र म िवशाल िहमालय से िघरा है और दि ण की ओर
िव ार के साथ ककरे खा पर शंकु आकार धारण िकए पूव म बंगाल की खाड़ी और पि म म अरब सागर
के बीच िहं द महासागर म फैला है
पूरी तरह उ री गोला म थत इसकी मु भूिम की अव थित 8°4 और 37°6’ अ ां श उ र तथा
68°7 और 97°25’ दे शां तर पूव म है उ र से दि ण तक इसका अ ां शीय िव ार करीब 3,214
िकलोमीटर और पूव से पि म की तरफ दे शां तरीय िव ार करीब 2,933 िकलोमीटर है इसकी थलीय
सीमा करीब 15,200 िकलोमीटर है मु भूिम, ल ीप समूह और अंडमान और िनकोबार ीप समूह
सिहत तट रे खा की कुल लंबाई 7,516.6 िक.मी. है

भौगोिलक पृ भूिम
भारत की सीमा उ र-पि म म अफगािन ान तथा पािक ान; उ र म चीन, भूटान तथा नेपाल; सुदूर पूव
म ामां और पूव म बां ा दे श से लगती है पाक जलडम म और म ार की खाड़ी से िनिमत एक तंग
समु ी चैनल ीलंका को भारत से पृथक करता है दे श को मु प से 6 अंचलों- उ री, दि णी, पूव ,
पि मी, म वत और पूव र अंचल म वग कृत िकया जा सकता है यहां 29 रा और 7 क शािसत
दे श ह

ाकृितक संरचना
मु भूिम चार भागों - िवशाल िहमालय े , गंगा और िसंधु के मैदानी भाग, रे िग ानी े और दि णी
ाय ीप म बंटी है
िहमालय पवतमाला म तीन लगभग समानां तर ृंखलाएं ह, जो बड़े पठारों और घािटयों से िवभािजत ह,
िजनम से क ीर और कु ू जैसी कुछ िव ृत और अ ंत उपजाऊ घािटयां ाकृितक सौंदय से भरपूर ह
इन पवतमालाओं म िव की कुछ सबसे ऊंची चोिटयां थत ह समु तल से ब त अिधक ऊंची होने के
कारण इसके कुछ दर से होकर ही या ा की जा सकती है , िजनम दािजिलंग के उ र-पूव म चुंबी घाटी होते
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ए मु भारत-ित त ापार माग पर थत जेलेप-ला, नाथू-ला और क ा (िक ौर) के उ र-पूव म


सतलुज घाटी म िशपकी-ला मुख ह पवतमाला करीब 2,400 िकलोमीटर म फैली है , जो अलग-अलग
थानों पर 240 से 320 िकलोमीटर तक चौड़ी है पूव म भारत और ामां तथा भारत और बां ादे श के
बीच अपे ाकृत कम ऊंचाई की पवत ृंखलाएं ह लगभग समूचे पूव पि म म गारो, ख़ासी, जयंितया और
नगा पवतमालाएं इस ृंखला को उ र-दि ण म िमजो और रखाईं पवतमाला के साथ जोड़ती ह
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गंगा और िसंधु के मैदानी भाग, करीब 2,400 िकलोमीटर लंबे और 240 से 320 िकलोमीटर चौड़े ह, जो
तीन िवशेष नदी णािलयों- िसंधु, गंगा और पु के थालों से िमल कर बने ह ये मैदान निदयों की बाढ़ के
साथ बह कर आई कछारी िम ी से बने दु िनया के सबसे बड़े मैदानों म से ह और धरती पर सवािधक घनी
आबादी वाले े ों म से एक ह िद ी म यमुना और बंगाल की खाड़ी के बीच करीब 1,600 िकलोमीटर
े की ऊंचाई म केवल 200 मीटर का ढाल है
रे िग ानी े को दो भागों म बां टा जा सकता है – ‘वृहत रे िग ान’ और ‘लघु रे िग ान ’ वृहत
रे िग ान क के रण से उ र की ओर लूनी नदी तक फैला है समूचा राज थान – िसंध सीमावत े
इसम समािहत है लघु रे िग ान का िव ार जैसलमेर और जोधपुर के बीच लूनी से उ र–पि म तक है
वृहत और लघु रे िग ानों के बीच बंजर भूिम े है , िजसम चूना प र की पहािड़यों से सटी च ानी भूिम
शािमल है
ाय ीपीय पठार गंगा और िसंधु के मैदानों से सटा है , िजसम 460 से 1,220 मीटर तक अलग-अलग
ऊंचाई वाले पहाड़ और पवतमालाएं शािमल ह इनम अरावली, िवं , सतपुड़ा, मैकाल और अजंता
पवतमालाएं मुख ह ाय ीप के एक तरफ पूव घाट थत ह िजनकी ऊंचाई करीब 610 मीटर है और
दू सरी तरफ पि मी घाट ह िजनकी ऊंचाई सामा तः 915 से 1,220 मीटर तक है , जो कुछ थानों पर
2,440 मीटर तक जाती है पि मी घाटों और अरब सागर के बीच एक संकीण तटवत प ी है , जबिक पूव
घाटों और बंगाल की खाड़ी के बीच एक वृह र तटवत े है पठार का दि णी िबंदु नीलिग र पवतमाला
से िनिमत है , जहां पूव और पि मी घाट िमलते ह उसके परे काडमम िह है िजसे पि मी घाट का
िव ार माना जा सकता है

भूगभ य संरचना
भूगभ य े मु प से भौितक िवशेषताओं का अनुसरण करता है और इसे 3 े ों म वग कृत िकया जा
सकता है ये ह– िहमालय और उससे जुड़ी पवतमालाओं का समूह, िसंधु-गंगा का मैदान और ाय ीपीय
ढाल
उ र म िहमालय और पूव म नगा-लुशाई पवत िनमाण करने वाली हलचलों से िनिमत े ह इस े
का अिधकतर भाग, जो आज िव के कुछ सवािधक मनोरम पवतीय ुत करता है , वह करीब 60
करोड़ वष पूव समु था करीब 7 करोड़ वष पहले शु ईं हलचलों से ए पवत िनमाण की ृंखलाओं म,
तलछट च ानों ने अिधक ऊंचाई हण की मौसमी प रवतनों और भू- रण से च ानों के टू टने के कारण
मैदानों का िनमाण आ, जो आज हम िदखाई दे ता है िसंधु-गंगा के मैदान िव ृत कछारी े ह, जो उ र
म िहमालय को दि ण के ाय ीप से पृथक करते ह
ाय ीप अपे ाकृत थर े है और इसम कभी-कभार भूकंप से हलचल पैदा होती है इस े म 380
करोड़ वष पूव धरती के िनमाण के समय के अ ंत ाचीन कायां त रत शैल पाए जाते ह; शेष च ानों म
गोंडवाना संरचना, दि णी पठार संरचना और कम ाचीन तलछट भूिम शािमल है

नदी णािलयां
भारत की नदी णािलयों को चार समूहों:- (1) िहमालयी निदयों, (2) दि णी निदयों, (3) तटवत निदयों और
(4) अंतरदे शीय बरसाती निदयों म वग कृत िकया जा सकता है िहमालयी निदयां बफ और िहमनदों के
िपघलने से बनती ह और इसिलए वे वषभर िनरं तर बहती रहती ह मानसून के महीनों म, िहमालयी े म
तेज वषा होती है , िजससे निदयों म उफान आता है और बार-बार बाढ़ आती है दू सरी तरफ दि णी निदयां
वषा पर िनभर ह, अतः उनका आकार घटता-बढ़ता रहता है इनम से कई निदयां बारहमासी नहीं ह
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तटवत निदयां , िवशेषकर पि मी तटवत निदयों की लंबाई अिधक नहीं है और उनके जल हण े


सीिमत ह उनम से अिधकतर बारहमासी नहीं ह अंतरदे शीय बरसाती निदयां पि मी राज थान थाले से
संब ह जो िगनी-चुनी और अलग-थलग ह इनम से ादातर थोड़े िदन ही बहती ह
मु िहमालयी नदी णािलयां िसंधु और गंगा- पु -मेघना णाली का िह ा ह िसंधु नदी, िव की
बड़ी निदयों म से एक है , िजसका उ म थल ित त म मानसरोवर के िनकट है और यह पहले भारत और
इसके बाद पािक ान से बहते ए अंततः कराची के िनकट अरब सागर म िमल जाती है भारतीय भू-भाग
म बहने वाली इसकी मह पूण सहायक निदयों म सतलुज (जो ित त से िनकलती है ), ास, रावी, िचनाब
और झेलम शािमल ह गंगा- पु -मेघना अ मह पूण नदी णाली है िजसके मुख उप-थालों म
भागीरथी और अलकनंदा के थाले शािमल ह ये दो निदयां दे व याग म आकर गंगा बन जाती है गंगा नदी
उ राखंड, उ र दे श, िबहार, झारखंड और पि म बंगाल रा ों से होकर गुजरती है भागीरथी, अतीत के
मु नदी माग राजमहल पवतमाला के नीचे से िनकलती है जबिक प ा पूव की ओर बढ़ते ए बां ादे श म
वेश कर जाती है गंगा की मह पूण सहायक निदयों म यमुना, रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी, महानंदा
और सोन शािमल ह चंबल और बेतवा इसकी मह पूण उप सहायक निदयां ह, जो यमुना के गंगा म
िमलने से पहले यमुना म समा जाती है प ा और पु बां ादे श म िमलती ह और प ा या गंगा के प
म िनरं तर बहती ह पु ित त से ारं भ होती है , जहां इसे ां गपो के प म जाना जाता है और भारत
म अ णाचल दे श म वेश करने तक यह िदहां ग के नाम से एक लंबा माग तय कर चुकी होती है
पासीघाट के िनकट िदबां ग और लोिहत निदयां पु म िमलती ह और यह संयु नदी असम घाटी म
बहती है धुबरी से िनचली धारा बां ादे श म वेश करती है
भारत म पु की मुख सहायक निदयों म सुबनिसरी, िजया भरे ली, धनिसरी, पुथीमारी, पगलिडया
और मानस शािमल ह बां ादे श म ती ा नदी पु म िमलती है और वह अंततः गंगा म समािहत हो
जाती है मेघना की मु धारा के प म बराक नदी मिणपुर म पवतीय े से शु होती है इस नदी की
मुख सहायक निदयों म म ू , तरां ग, तुइवई, जीरी, सोनाई, कणी, कटाखल, धाले री, लां गिचनी, मदु आ
और जयंितया शािमल ह बराक बां ादे श म भैरव बाजार के िनकट गंगा- पु के िमलने के थान तक
जारी रहती है
दि णी े म, सामा तः पूव िदशा म बहने वाली अिधकतर बड़ी नदी णािलयां बंगाल की खाड़ी म
िगरती ह पूव की ओर बहने वाली मुख निदयों म गोदावरी, कृ ा, कावेरी और महानदी शािमल ह
नमदा और ता ी पि म की ओर बहने वाली मुख निदयां ह
दि णी ाय ीप म गोदावरी दू सरी सबसे बड़ी नदी घाटी है , जो भारत के दस ितशत े को कवर
करती है इसके बाद कृ ा नदी घाटी का थान है और इस े म महानदी एक अ बड़ी नदी घाटी है
दि ण े के ऊंचाई वाले इलाकों म अरब सागर की ओर बहने वाली नमदा का थाला और दि ण म बंगाल
की खाड़ी की ओर बहने वाली कावेरी नदी का थाला, दोनों लगभग समान आकार के ह, परं तु उनका
प और िवशेषताएं िभ ह
इस े म अनेक तटवत निदयां ह, जो अपे ाकृत छोटी ह इन निदयों म िगनी-चुनी ऐसी ह, जो पूव
तट के डे ा के िनकट सागर म िगरती ह, जबिक 600 ऐसी निदयां ह; जो पि मी तट पर प ं चती ह
राज थान म कुछ ऐसी निदयां ह जो समु तक नहीं जाती ह वे सा लेक (लवण झील) म िगरती ह
और रे त म लु हो जाती ह इनके अलावा कुछ रे िग ानी निदयां ह, जो कुछ दू री तक बहती ह और
रे िग ान म लु हो जाती ह ये ह– लूनी, माछु , पे, सर ती, बनास, घ र आिद
समूचे दे श को बीस नदी घािटयों/नदी थाला समूहों म वग कृत िकया गया है िजनम से 12 बड़े थाले और 8
संयु नदी थाले ह 12 बड़े नदी थालों म:- (1) िसंधु (2) गंगा- पु -मेघना (3) गोदावरी (4) कृ ा (5)
कावेरी (6) महानदी (7) पे ार (8) ा णी-वैतरणी (9) साबरमती (10) (11) नमदा (12) ता ी ह इनम से
ेक थाले का बहाव े 20 हजार वग िकलोमीटर से अिधक का है
आयोजन और बंधन के योजन के िलए आठ संयु नदी थाले ह, जो शेष सभी म म (2000 से
20,000 वग िकलोमीटर बहाव े वाली) और लघु नदी णािलयों (2000 वग िकलोमीटर से कम बहाव े
वाली) को उपयु ढं ग से जोड़ते ह ये ह– (1) सुवण रे खा थाला, जो सुवण रे खा और वैतरणी के बीच अ
छोटी निदयों को जोड़ता है (2) महानदी और पे ार के बीच पूव की ओर बहने वाली निदयां (3) पे ार और
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क ाकुमारी के बीच पूव की ओर बहने वाली निदयां (4) राज थान के रे िग ान म अंतरदे शीय बहाव े
(5) लूनी सिहत क और सौरा की पि म की ओर बहने वाली निदयां (6) ता ी से ता ी तक पि म की
ओर बहने वाली निदयां (7) ता ी से क ाकुमारी तक पि म की ओर बहने वाली निदयां और (8) ामां
(बमा) और बां ादे श की ओर बहने वाली छोटी निदयां

जलवायु/ऋतुएं
भारत की जलवायु को मोटे तौर पर उ किटबंधीय बरसाती कहा जा सकता है भारतीय मौसम िवभाग
(आईएमडी) ने चार आिधका रक ऋतुएं िनिद की ह:- (1) शीत, िदसंबर से अ ैल के ारं भ तक वष के
सबसे ठं डे महीने िदसंबर और जनवरी होते ह, जब उ र-पि म म औसत तापमान करीब 10-15 िड ी
से यस (50-59 िड ी फारे नहाइट) होता है ; भारत के दि ण-पूव म मु भू-भाग पर जैसे-जैसे आप
भूम रे खा की ओर जाएं गे, तो औसत तापमान बढ़ता जाएगा, जो लगभग 20-25 िड ी से यस (68-77
िड ी फारे नहाइट) पर प ं च जाएगा, (2) ी या मानसून पूव ऋतु, जो अ ैल से जून तक (उ र-पि मी
भारत म अ ैल से जुलाई) तक पि मी और दि णी े ों म अ ैल सबसे गम महीना होता है ; उ री े म
सबसे गम महीना मई का है अिधकतर दू रदराज के े ों म औसत तापमान करीब 32-40 िड ी से यस
(90-104 िड ी फारे नहाइट), (3) मानसून या वषा ऋतु, जून से िसतंबर तक, इस मौसम म आ दि ण-
पि मी ी मानसून छाया रहता है , जो मई के अंत या जून के ारं भ म शु होकर धीरे -धीरे दे शभर म
फैलता है मानसून की वषा उ र भारत म अ ू बर के शु म कम होने लगती है दि ण भारत म अिधक
वषा होती है और (4) मानसून-परवत ऋतु, अ ू बर से िदसंबर तक उ र-पि मी भारत म अ ू बर और
नवंबर आमतौर पर वषारिहत होते ह
िहमालयी रा ों के अिधक समशीतो होने के कारण, यहां दो अित र ऋतुएं होती ह:– पतझड़ और
वसंत परं परागत प म भारत म 6 ऋतुएं मानी जाती ह, िजनम ेक की अविध करीब 2 महीने होती है
ये ह– वसंत, ी , वषा, पूव पतझड़ (शरद), उ र पतझड़ ( हे मंत) और शीत (िशिशर) यह 12 महीनों को
6 ऋतुओं म बां टने के ोितषीय वग करण पर आधा रत है ाचीन िहं दू कैलडर भी इन ऋतुओं को उनके
महीनों के म म रखता है
भारत की जलवायु दो मौसमी हवाओं से भािवत होती है – उ र पूव मानसून और दि ण-पि मी
मानसून उ र-पूव मानसून को आमतौर पर शीतकालीन मानसून कहा जाता है , िजसम हवाएं ज़मीन से
समु की ओर चलती ह, जबिक दि ण-पि म मानसून ी कालीन मानसून है , िजसम हवाएं िहं द
महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से होते ए ज़मीन की ओर बहती ह दि ण-पि मी मानसून
से वष के दौरान दे श म सवािधक वषा होती है

वन ित
भारत वन ित की ि से अ ंत समृ है उपल आं कड़ों के अनुसार पादप िविवधता की ि से भारत
का िव म 10वां और एिशया म चौथा थान है कोलकाता थत भारतीय वन ित िव ान सव ण
(बीएसआई) के अनुसार अभी तक करीब 70 ितशत े म िकए गए सव णों म 46,000 पादप जाितयां
पाई गई ह यहां उ ृ वन ितयों की 15,000 िक पाई जाती ह
उ से लेकर अितशीत तक िविवध जलवायु थितयों के साथ, भारत म समृ और िविवध वन ितयां
पाई जाती ह और इस ि से भारत की बराबरी िगने-चुने दे श कर पाते ह भारत को आठ िविश
वान ितक े ों म वग कृत िकया जा सकता है ये ह– पि मी िहमालय, पूव िहमालय, असम, िसंधु का
मैदान, गंगा का मैदान, दि णी े , मालाबार और अंडमान े
पि मी िहमालय े क ीर से कुमाऊं तक फैला है इसके उ अंचल के जंगलों म चीड़, अ शंकु
वृ और चौड़ी पि यों वाले उ वृ ब तायत म पाए जाते ह उ िशखरों पर दे वदार, नीले चीड़, सनोवर
वृ व ेत दे वदार के जंगल ह लगभग 4,750 मीटर या उससे अिधक ऊंचाई पर उ अंचल की ऊपरी
सीमा से अ ाइन अंचल यानी उ पवतीय े ारं भ होता है इस अंचल के िवल ण वृ ों म उ रीय
ेत दे वदार, ेत भोज़ वृ , सदाबहार वृ शािमल ह पूव िहमालय े िस म से पूव की ओर फैला है
और दाज िलंग, कुिसयां ग और आसपास के े ों को अपने म समेटे है इस उ अंचल म ओक, जायफल,
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ि फल बड़े फूलों वाले सदाबहार वृ , भोजवृ और छोटी बत के जंगल ह असम े म पु नदी और


सुरमा घािटयां शािमल ह, जहां आमतौर पर मोटे बां स के गु े और लंबी घास वाले सदाबहार वन ह िसंधु
के मैदानी े म पंजाब, पि मी राज थान और उ री गुजरात के मैदान शािमल ह यह एक शु एवं उ
े है , िजसम ाकृितक वन ितयां िमलती ह गंगा का मैदानी े कछारी भूिम कहलाता है , जहां गे ं ,
ग ा और चावल की खेती होती है इस भू-भाग म केवल छोटे से े म िविवध कार के वन पाए जाते ह
दि णी े म भारतीय ाय ीप की समूची समतल भूिम समािहत है इस े म झाड़ीदार जंगलों से लेकर
िमि त पतझड़ी जंगलों की िविभ कार की वन ितयां पाई जाती ह मालाबार े म अ िधक आ
पवतीय दे श शािमल है , जो ाय ीप के पि मी तट के समानां तर है जंगली वन ितयों की ि से समृ
होने के अलावा इस े म मह पूण वािण क फसलों जैसे– ना रयल, सुपारी, काली िमच, कॉफी, चाय,
रबड़ और काजू की खेती की जाती है अंडमान े म चुर सदाबहार, म ोव, तटवत और बरसाती जंगल
ह िहमालयी े क ीर से अ णाचल दे श तक फैला है िजसम िस म, मेघालय और नगालड
समािहत ह दि णी ाय ीप थािनक वन ित की ि से समृ है , जहां बड़ी सं ा म ऐसे पेड़-पौधे ह,
जो और कहीं नहीं पाए जाते ह
दे श की वन ित का अ यन भारतीय वन ित िव ान सव ण (बीएसआई) और दे शभर म थत
इसके 9 े ीय कायालयों तथा कुछ िव िव ालयों तथा अनुसंधान सं थानों ारा िकया जाता है
एथनो-बोटे िनकल यानी मानव-वन ित अ यन म पादपों और उनके उ ादों की उपयोिगता के बारे म
अ यन िकया जाता है ऐसे पौधों का वै ािनक अ यन बीएसआई ारा िकया गया है दे श के िविभ
जनजातीय े ों म कई िव ृत नृजातीय सव ण िकए जा चुके ह िव ान की ि से मह पूण पौधों की
800 जाितयों को िविभ े ों से इक ा िकया गया है और उनकी पहचान की गई है
कृिष, उ ोग और शहरी िवकास के िलए वनों के ास के कारण कई भारतीय पौधों का अ खतरे म
है करीब 1,336 पादप जाितयां ऐसी ह िजनका अ खतरे म है बड़े पौधों की करीब 20 जाितयों
की पहचान की गई है , िजनका अ समा होने की आशंका है , ोंिक उ िपछले 6-10 दशकों से
दे खा नहीं गया है भारतीय वन ित िव ान सव ण ने अ समा का खतरा झेल रहे पौधों की एक
सूची ‘रे ड डे टा बुक’ के प म कािशत की है

भारत के जीव संसाधन


भारत अपनी बेजोड़ जैव-भौगोिलक अव थित, िविवधतापूण जलवायु थितयों और असं पा र थितकी
िविवधता और भू-िविवधता के कारण जैिवक िविवधता की ि से अ ंत समृ है भारत की िवशाल
जैिवक िविवधता म पा र थितकी णािलयां , जनसं ा, जाितयां और उनके आनुवंिशक प शािमल
ह इस िविवधता का ेय भौितक और जलवायु थितयों म ापक िभ ता को जाता है , िजनके फल प
पा र थितकी म ाकृितक वास संबंधी िविवधताएं पैदा होती ह और यह उ किटबंधी, उप-उ किटबंधी,
समशीतो , अ ाइन से रे िग ान तक फैली ई है िव जैव भौगोिलक वग करण के अनुसार भारत दो
मुख े ों ( ेया े िटक और इं डो मलायन) और तीन बायो अथात् पादप जीवन के मुख पों ( जैसे
उ किटबंधी आ वन, उ किटबंधी शु /पणपाती वन और गम रे िग ान/ अ -रे िग ान) का
ितिनिध करता है भारतीय व जीव सं थान ने एक संशोिधत वग करण ािवत िकया है , जो दे श को
10 जैव भौगोिलक े ों म वग कृत करता है – िहमालय-पार, िहमालयी, भारतीय रे िग ान, अ -शु ,
पि मी घाट, दि णी ाय ीप, गंगा का मैदान, पूव र भारत, ीप और तटवत े जैव िविवधता
स ेलन के अनुसार, भारत ाकृितक संसाधनों के संर ण और थायी िवकास की ि से िव म अि तीय
थान रखता है वा व म िव के कुल भू-भाग म मा करीब दो ितशत की िह ेदारी के साथ भारत िव
के कुल जीव-जंतुओं की 7.5 ितशत जाितयों के िलए जाना जाता है , िजसम 92,037 जाितयां शािमल ह
इनम मा कीटों की 61,375 जाितयां शािमल ह अनुमान है िक अकेले भारत म आज िजतनी जाितयां
िव मान ह, उसका करीब दो गुना ऐसी ह, िजनकी अभी खोज की जानी है

जनसां कीय पृ भूिम


जनगणना
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भारत की जनगणना, 2001 इ ीसवीं सदी और तीसरी सह ा ी की थम जनगणना होने के कारण


ऐितहािसक और युगारं भ करने वाली थी यह एक शता ी और सह ा ी प रवतन के समय दे श म
उपल चुर मानव संसाधनों की थित, उनकी जनसां कीय पृ भूिम, सं ृ ित और आिथक संरचना के
बारे म मानदं ड िनधा रत करने वाले आं कड़े उद् घािटत करती है
भारत म 2011 की जनगणना 1872 के बाद 15वीं जनगणना थी इसे दो चरणों म कराया गयाः (1)
मकानों की सूची और आवास गणना ( अ ैल से िसतंबर, 2010) और (2) जनसं ा की गणना (9 से 28
फरवरी, 2011 और संशोधना क दौर 1 से 5 माच, 2011) संदभ ितिथ तारीख 1 माच, 2011 मानी गई
बफ ले े ों म जनसं ा की गणना 11 से 30 िसतंबर, 2010 की अविध म की गई थी जनसं ा के अंितम
आं कड़े 30 अ ैल, 2013 को जारी िकए गए
जनसं ा
भारत की जनसं ा 1 माच, 2011 को 121.09 करोड़ (62.33 करोड़ पु ष और 58.75 करोड़ मिहलाएं )
थी िव की 13.579 करोड़ वग िकलोमीटर े फल भू-भाग म भारत की िह ेदारी मा 2.4 ितशत है
िफर भी यह िव की आबादी के एक बड़े िह े को आ य दान करता है और उसका पालनपोषण करता
है
भारत की जनसं ा, जो 20वीं शता ी के ारं भ म करीब 23.84 करोड़ थी, 2011 म बढ़ कर 121.07
करोड़ हो गई 1911-21 के दशक को छोड़ कर, 1901 से ेक दशक म ई जनगणनाओं के दौरान
भारत की आबादी म ती वृ दज ई है
जनसं ा घन
जनसं ा संक ण के मह पूण पैमानों म जनसं ा घन भी एक है इसे ित वग िकलोमीटर े म
लोगों की सं ा के प म प रभािषत िकया जाता है भारत की जनसं ा घन 2011 म 17.72 ितशत
की दशकीय वृ के साथ 382 ित वग िकलोमीटर था
1991 और 2011 के बीच सभी रा ों और क शािसत दे शों म जनसं ा घन म वृ ई है बड़े
रा ों म िबहार सवािधक घनी आबादी वाला रा है , जहां जनसं ा का घन 1,106 ित वग
िकलोमीटर है इसके बाद पि म बंगाल (1,028) और केरल (860) का थान है
िलंग अनुपात
िलंगानुपात को ित 1,000 पु षों की तुलना म मिहलाओं की सं ा के प म प रभािषत िकया जाता है
िकसी समाज म एक िनिद काल के दौरान पु षों और मिहलाओं के बीच चिलत समानता को मापने के
िलए िलंग अनुपात एक मह पूण सामािजक संकेतक है दे श म िलंग अनुपात मिहलाओं की सं ा की ि
से हमेशा ितकूल रहा है 20वीं सदी के ारं भ म यह 972 था और उसके बाद 1941 तक इसम िनरं तर
कमी दज ई 1901-2011 की अविध म िलंग अनुपात म 2001 की जनगणना की तुलना म 2011 की
जनगणना म 10 अंक की बढ़ोतरी दज ई, परं तु ब ों के िलंग अनुपात म िगरावट आई और यह ित
1,000 लड़कों की तुलना म लड़िकयों की सं ा कम होकर 919 पर आ गई
सा रता
2011 की जनगणना के योजन के िलए 7 वष और उससे ऊपर की आयु के ऐसे को सा र समझा
गया, जो िकसी भाषा म पढ़ने और िलखने म स म हो ऐसा जो पढ़ सकता है , परं तु िलख नहीं
सकता, सा र नहीं कहा जा सकता 1991 से पहले की जनगणनाओं म 5 वष से कम आयु के ब ों को
अिनवायतः िनर र समझा जाता था
2011 की जनगणना के प रणामों से पता चलता है िक दे श म सा रता म वृ ई है दे श म सा रता
की दर 73 ितशत है , िजसम 80.9 ितशत पु ष और 64.6 ितशत मिहलाएं ह 94 ितशत सा रता के
साथ केरल ने थम थान बनाए रखा है इसके करीब ही ल ीप (91.9 ितशत) का थान है दे श म
सा रता की ि से िबहार अंितम थान पर है , जहां सा रता की दर 61.8 ितशत है 96.1 ितशत पु ष
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सा रता और 92.1 ितशत मिहला सा रता दर के साथ केरल का दे श म पहला थान है इसके िवपरीत,
पु षों (71.2 ितशत) और मिहलाओं (51.5 ितशत), दोनों की सा रता दर के मामले म िबहार अंितम
पायदान पर है

____________________
िट णीः िव ृत िववरण के िलए कृपया जनगणना रपोट, 2011 दे ख
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2 रा ीय तीक

रा ीय ज
रत का रा ीय ज ितरं गा है , िजसम समानां तर तीन रं गों की पि यां ह सबसे ऊपर गहरी केस रया
भा प ी है , म म सफेद और सबसे नीचे गहरे हरे रं ग की प ी है ज की चौड़ाई और लंबाई का
अनुपात 2:3 है सफेद प ी के क म गहरे नीले रं ग का एक च है , िजसका ा प स ाट अशोक
के सारनाथ थत िसंह ंभ पर बने च की तज़ पर बनाया गया है इसका ास सफेद प ी की चौड़ाई
के समान है और इसम 24 ित यां ह भारत की संिवधान सभा ने रा ज के ा प को 22 जुलाई,
1947 को अपनाया
सरकार ारा समय-समय पर जारी गैर–सां िविधक अनुदेशों के अित र रा ीय ज के दशन पर
राजिच ों और नामों के (दु पयोग की रोकथाम) अिधिनयम, 1950 ( 1950 का 12वां ) और रा ीय गौरव
अपमान िनवारण अिधिनयम, 1971 (1971 का 69वां ) की व थाएं लागू होती ह
भारतीय ज संिहता, 2002 जो 26 जनवरी, 2002 से भावी ई, म िविध, परं पराओं, िविधयों और
अनुदेशों सभी को एक साथ रखा गया है भारत की ज संिहता, 2002 के अनुसार आम नाग रकों, ाइवेट
संगठनों, शैि क सं थानों आिद ारा रा ीय ज के दशन पर कोई पाबंदी नहीं ह, परं तु इस बारे म
राजिच ों और नामों के (दु पयोग की रोकथाम) अिधिनयम, 1950 और रा ीय गौरव अपमान िनवारण
अिधिनयम, 1971 के ावधानों और इस िवषय म अिधिनयिमत िकसी अ कानून की व थाओं का
अनुपालन अिनवाय है

राजिच
भारत का राजिच सारनाथ थत अशोक के िसंह ंभ की अनुकृित है मूल ंभ म शीष पर 4 िसंह ह, जो
एक-दू सरे की ओर पीठ िकए ए ह इसके नीचे घंटे के आकार के प के ऊपर एक िच व री म एक
हाथी, चौकड़ी भरता आ एक घोड़ा, एक सां ड़ तथा एक िसंह की उभरी ई मूितयां ह, िजनके बीच-बीच म
च बने ए ह िचकने बलुआ प र के एकल ॉक को काट कर बनाए गए इस ंभ पर ‘धमच ’
सुशोिभत है
भारत सरकार ारा 26 जनवरी, 1950 को अपनाए गए राजिच म केवल 3 िसंह िदखाई पड़ते ह प ी
के म म उभरी ई न ाशी म च है , िजसके दाईं ओर एक सां ड़ और बाईं ओर एक घोड़ा है दाएं और
बाएं छोरों पर अ च ों के िकनारे ह घंटाकार प छोड़ िदया गया है फलक के नीचे मुंडकोपिनषद् का
सू ‘स मेव जयते’ दे वनागरी िलिप म अंिकत है िजसका अथ है – ‘स की ही िवजय होती है ’
भारत के राजिच का उपयोग भारत के राजकीय (अनुिचत उपयोग िनषेध) अिधिनयम, 2005 के तहत
िनयंि त होता है

रा गान
रवी नाथ ठाकुर ारा मूल प से बां ा म रिचत और संगीतब ‘जन-गण-मन’ के िहं दी सं रण को
संिवधान सभा ने भारत के रा गान के प म 24 जनवरी, 1950 को अपनाया था यह सव थम 27 िदसंबर,
1911 को भारतीय रा ीय कां ेस के कोलकाता अिधवेशन म गाया गया था पूरे गीत म 5 पद ह थम पद,
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रा गान का पूरा पाठ है , जो इस कार है :


जन-गण-मन अिधनायक जय हे
भारत भा िवधाता
पंजाब-िसंधु-गुजरात-मराठा
ािवड़-उ ल-बंग
िवं िहमाचल यमुना गंगा
उ ल जलिध तरं ग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आिशष मां गे
गाहे तव जय-गाथा
जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भा िवधाता
जय हे , जय हे , जय हे , जय जय जय जय हे
रा गान के गायन की अविध लगभग 52 सेकड है कुछ अवसरों पर रा गान को संि प म गाया
जाता है , िजसम इसकी थम और अंितम पं यां ( गाने का समय लगभग 20 सेकड) होती ह जो इस
कार ह:
जन-गण-मन अिधनायक जय हे
भारत भा िवधाता
जय हे , जय हे , जय हे , जय जय जय जय हे

रा गीत
बंिकमचं चटज ने सं ृ त म ‘वंदे मातरम्’ गीत की रचना की, िजसे ‘जन-गण-मन’ के समान दजा ा
है यह गीत तं ता सं ाम म जन-जन का ेरणा ोत था यह गीत पहली बार 1896 म भारतीय रा ीय
कां ेस के अिधवेशन म गाया गया था इसका थम पद इस कार है :
वंदे मातरम् ! वंदे मातरम् !
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
श ामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम् !
शु ो नाम् पुलिकतयािमनीम्,
फु कुसुिमत ु मदल शोिभनीम्,
सुहािसनीम् सुमधुर भािषणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम् !
वंदे मातरम् ! वंदे मातरम् !

रा ीय पंचांग (कैलडर)
ि गे रयन कैलडर के साथ-साथ दे शभर के िलए शक संवत् पर आधा रत एक प रा ीय पंचां ग, िजसका
पहला महीना चै है और सामा वष 365 िदन का होता है 22 माच, 1957 को इ सरकारी उ े ों के
िलए अपनाया गया : (1) भारत का राजप , (2) आकाशवाणी के समाचार सारण, (3) भारत सरकार ारा
जारी िकए गए कैलडर और (4) भारत सरकार ारा नाग रकों को संबोिधत-प
रा ीय पंचां ग और ि गे रयन कैलडर की तारीखों म थाई सा है चै का पहला िदन सामा तः 22
माच को और अिधवष म 21 माच को पड़ता है
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रा ीय ज
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रा ीय िच
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3 राजनीितक संरचना

ों का संघ भारत एक धमिनरपे लोकतां ि क गणरा है िजसम शासन की संसदीय णाली है यह


रा गणरा 26 जनवरी, 1949 को संिवधान सभा ारा ीकृत एवं 26 जनवरी, 1950 से लागू संिवधान की
व थाओं के अनुसार शािसत होता ह
संसदीय सरकार के संिवधान का ढां चा एका क िवशेषताओं के साथ संघा क भी है भारत के
रा पित क की कायपािलका के संवैधािनक मुख भी होते ह संिवधान का अनु े द 74 (1) यह िनिद
करता है िक काय संचालन म रा पित की सहायता करने और उ परामश दे ने के िलए धान मं ी के
नेतृ म एक मंि प रषद् होगी और रा पित उसके परामश से ही काय करगे इस कार कायपािलका की
वा िवक श धानमं ी के नेतृ म गिठत मंि प रषद् म िनिहत होती है मंि प रषद् सामूिहक प से
लोकसभा के ित भी उ रदायी है इसी कार रा ों म रा पाल की थित कायपािलका के धान की
होती है , परं तु वा िवक श मु मं ी के नेतृ म मंि प रषद म िनिहत होती है िकसी रा की
मंि प रषद् सामूिहक प से उस रा की िवधानसभा के ित उ रदायी होती है
संिवधान म िवधायी श यां संसद एवं िवधानसभाओं म िवभािजत की गई ह तथा शेष श यां संसद
को ा ह संिवधान म संशोधन का अिधकार भी संसद को ही ा है संिवधान म ायपािलका, भारत
के िनयं क तथा महालेखा परी क, लोक सेवा आयोगों और मु िनवाचन आयोग की तं ता बनाए
रखने का ावधान है

क और उसके े
भारत म 29 रा और सात क शािसत दे श ह ये रा ह– आं दे श, असम, अ णाचल दे श, िबहार,
छ ीसगढ़, गोवा, गुजरात, ह रयाणा, िहमाचल दे श, ज ू-क ीर, झारखंड, कनाटक, केरल, दे श,
महारा , मिणपर, मेघालय, िमज़ो़रम, नगालड, ओिडशा, पंजाब, राज थान, िस म, तिमलनाडु , तेलंगाना,
ि पुरा, उ राखंड, उ र दे श और पि म बंगाल क शािसत दे श ह– अंडमान और िनकोबार ीप
समूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, रा ीय राजधानी े िद ी, ल ीप और
पुद्ु दचेरी

नाग रकता
संिवधान म संपूण भारत के िलए म एक समान नाग रकता की व था की गई है ऐसा ेक भारत
का नाग रक माना गया है , जो संिवधान लागू होने के िदन (26 जनवरी, 1950 को) भारत म थायी प से
रहता हो; और (क) जो भारत म पैदा आ हो; अथवा (ख) िजसके माता-िपता म से एक भारत म पैदा आ
है , अथवा (ग) जो सामा तया कम से कम पां च वष से भारतीय े म रह रहा हो नाग रकता अिधिनयम,
1955 म लागू होने के बाद नाग रकता हण करने, िनधा रत करने तथा समा करने के संबंध म ावधान
िकए गए ह

मौिलक अिधकार
संिवधान म सभी नाग रकों के िलए गत और सामूिहक प से कुछ बुिनयादी तं ता की व था
की गई है मोटे तौर पर संिवधान म छह कार की तं ता की मौिलक अिधकारों के प म गारं टी दी गई
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है , िजनकी सुर ा के िलए ायालय की शरण ली जा सकती ह संिवधान के तीसरे भाग, अनु े द–12 से 35
तक, म मौिलक अिधकारों का उ ेख िकया गया है ये मौिलक अिधकार ह: (1) समानता का अिधकार,
कानून के सम समानता, धम, वंश, जाित, िलंग या ज - थान के आधार पर भेदभाव का िनषेध और
रोज़गार के िलए समान अवसर; (2) िवचारों की तं ता और अिभ का अिधकार स ेलन करने,
सं था या क बनाने, दे श म सव आने-जाने, भारत के िकसी भी भाग म रहने तथा कोई रोज़गार या
वसाय करने का अिधकार (इनम से कुछ अिधकारों को दे श की सुर ा, िवदे शों के साथ मै ीपूण संबंधों,
लोक व था, िश ता या नैितकता म सीिमत िकया गया है ); (3) शोषण से र ा का अिधकारः इसके
अंतगत सभी कार की बेगार, बाल म और यों के य-िव य का िनषेध िकया गया है ; (4)
अंतःकरण की ेरणा तथा धम को िनबाध प से मानने, उसके अनु प आचरण करने और उसका चार
करने की तं ता का अिधकार; (5) नाग रकों के िकसी भी वग को अपनी सं ृ ित, भाषा और िलिप को
संरि त करने तथा अ सं कों ारा अपनी पसंद की िश ा हण करने एवं िश ा सं थानों की थापना
करने का अिधकार; और (6) मौिलक अिधकारों को लागू करने के िलए संवैधािनक उपायों का अिधकार

मौिलक कत
1976 म संिवधान म ए 42व संशोधन के अंतगत नाग रकों के मौिलक कत ों का भी उ ेख िकया गया
है ये कत संिवधान के भाग चार ‘ए’ के अनु े द – 51 (क) म िदए गए ह इसम अ बातों के अलावा
यह भी कहा गया है िक नाग रकों का कत है िक वे संिवधान का पालन कर; तं ता ा के िलए
रा ीय संघष को े रत करने वाले आदश का अनुसरण कर; दे श की र ा कर और कहे जाने पर रा ीय
सेवा म जुट जाएं धम, भाषा और े ीय तथा वग संबंधी िभ ताओं को भुला कर स ाव और भाईचारे की
भावना को बढ़ावा द

रा के नीित-िनदे शक िस ांत
संिवधान म िनिहत रा के नीित-िनदे शक िस ां त य िप ायालयों ारा लागू नहीं कराए जा सकते,
तथािप वे ‘दे श के शासन का मूल आधार ह’ और सरकार का यह कत है िक वह कानून बनाते समय
इन िस ां तों का पालन करे ये िस ां त संिवधान के भाग चार के अनु े द 36 से 51 म िदए गए ह उनम
कहा गया है – सरकार ऐसी भावी सामािजक व था कायम करके लोगों के क ाण के िलए ो ाहन
दे ने का यास करे गी िजससे रा ीय जीवन के सभी े ों म सामािजक, आिथक तथा राजनीितक ाय का
पालन हो सरकार ऐसी नीित-िनदिशत करे गी जो सभी ी-पु षों को जीवनयापन के िलए यथे अवसर
दे , सामान काय के िलए समान वेतन तथा अपनी आिथक मता, िवकास की सीमाओं के अनुसार सबको
काम तथा िश ा िदलाने की भावी व था करे और बेरोजगारी, बुढ़ापे, बीमारी तथा अपंगता या अ
कार की अ मता की थित म सबको िव ीय सहायता दे सरकार िमकों के िलए िनवाह वेतन, काय की
मानवोिचत दशाओं, रहन-सहन के अ े र तथा उ ोगों के बंधन म उनकी पूण भागीदारी के िलए भी
यास करे गी
आिथक े म सरकार को अपनी नीित इस ढं ग से लागू करनी चािहए िजससे िक समाज के भौितक
संसाधनों पर अिधकार और उनका लोगों के बीच इस कार िवतरण हो िक वे सभी लोगों के क ाण के
िलए उपयोगी िस हो अतः यह सुिनि त हो िक आिथक व था को लागू करने के प रणाम प
सवसाधारण के िहतों के िव धन और उ ादन कुछ ही लोगों के पास कि त नहीं हो
कुछ अ मह पूण िनदशा क िस ां त ह: ब ों को थ वातावरण म िवकास के िलए अवसर तथा
सुिवधाएं उपल करवाना; 14 वष तक के िलए िनःशु एवं अिनवाय िश ा की व था करना; अनुसूिचत
जाित तथा अनुसूिचत जनजाित और समाज के अ कमजोर वग के शैि क और आिथक िहतों को बढ़ावा
दे ना; ाम पंचायतों का गठन; कायपािलका से ायपािलका को अलग रखना, संपूण दे श के िलए समान
नाग रक संिहता की घोषणा; रा ीय ारकों की सुर ा, समान अवसरों के आधार पर ाय को बढ़ावा दे ना,
िनःशु कानूनी सहायता की व था; पयावरण की सुर ा तथा सुधार; वनों एवं व जीवों की सुर ा तथा
अंतररा ीय शां ित और सुर ा; रा ों के बीच ायोिचत तथा समानतापूण संबंधों को ो ाहन; अंतररा ीय
कानूनों, संिधयों का स ान एवं अंतररा ीय िववादों को म थता ारा िनपटाने को बढ़ावा दे ना
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संघ
कायपािलका
क ीय कायपािलका के अंतगत रा पित, उप रा पित तथा धानमं ी के नेतृ म एक मंि प रषद् होती है
जो रा पित को सहायता और सलाह दे ती है

रा पित
रा पित का िनवाचन एक िनवाचक मंडल के सद आनुपाितक ितिनिध णाली के आधार पर एकल
ह ां तरणीय मत के ारा करते ह इस िनवाचक मंडल म संसद के दोनों सदनों तथा रा ों की िवधान
सभाओं के िनवािचत सद होते ह रा ों के बीच आपस म समानता तथा रा ों और क के बीच
समानता बनाए रखने के िलए ेक मत को उिचत मह िदया जाता है रा पित को अिनवाय प से
भारत का नाग रक, कम से कम 35 वष की आयु का तथा लोकसभा का सद बनने का पा होना चािहए
रा पित का कायकाल पां च वष का होता है तथा पुनः िनवािचत िकया जा सकता है संिवधान के अनु े द–
61 म िनिहत ि या ारा उ पद से हटाया जा सकता है वह उप-रा पित को संबंिधत -ह िल खत
प ारा पद- ाग करवा सकते ह
कायपािलका के सम अिधकार रा पित म िनिहत ह वह इनका उपयोग संिवधान के अनुसार यं या
अपने अधीन थ सरकारी अिधका रयों ारा कराते ह र ा सेनाओं की सव कमान भी रा पित के पास
होती है रा पित को संसद का अिधवेशन बुलाने, उसका स ावसान करने, संसद को संबोिधत करने तथा
संदेश भेजने लोकसभा को भंग करने, दोनों अिधवेशन काल को छोड़कर िकसी भी समय अ ादे श जारी
करने, बजट तथा िव िवधेयक ुत करने की िसफ़ा रश करने और िवधेयकों को ीकृित दान करने,
मादान, दं ड रोकने अथवा उसम कमी या प रवतन करने या कुछ मामलों म दं ड को थिगत करने, छूट
दे ने या दं ड को बदलने के अिधकार ा ह िकसी रा म संवैधािनक व था के िवफल हो जाने पर
रा पित उस सरकार के संपूण या कोई भी अिधकार अपने हाथ म ले सकते ह यिद रा पित को इस बारे म
िव ास हो जाए िक ऐसा कोई गंभीर संकट पैदा हो गया है िजससे दे श अथवा उसके िकसी भाग की सुर ा
को यु अथवा बा आ मण या सश िव ोह का खतरा उ हो गया है , तो वह दे श म आपात थित
की घोषणा कर सकते ह

उप-रा पित
उप-रा पित का चुनाव आनुपाितक ितिनिध णाली के अनुसार एकल ह ां तरणीय मत ारा एक
िनवाचक मंडल के सद करते ह िनवाचक मंडल म संसद के दोनों सदनों के सद होते ह उप
रा पित को अिनवाय प से भारत का नाग रक, कम से कम 35 वष की आयु का और रा सभा का
सद बनने का पा होना चािहए उनका कायकाल पां च वष का होता है और उ इस पद पर
पुनःिनवािचत भी िकया जा सकता है संिवधान के अनु े द-67(ख) म िनिहत कायिविध ारा उ पद से
हटाया जा सकता है
उप-रा पित रा सभा के पदे न सभापित होते ह जब रा पित बीमारी या िकसी अ कारण से अपना
काय करने म असमथ हों या जब रा पित की मृ ु अथवा पद ाग या पद से हटाए जाने के कारण से
रा पित का पद र हो गया हो, तब छह महीने के भीतर नया रा पित चुने जाने तक वह रा पित के प
म काय कर सकते ह ऐसी थित म वह रा सभा के सभापित के प म काय नहीं कर सकते

मंि प रषद्
काय-संचालन म रा पित की सहायता करने तथा उ परामश दे ने के िलए धानमं ी के नेतृ म एक
मंि प रषद् की व था है धानमं ी की िनयु रा पित करते ह तथा अ मंि यों की िनयु भी
रा पित, धानमं ी के परामश से करते ह मंि प रषद् संयु प से लोकसभा के ित उ रदायी होती
है धानमं ी का कत है िक वह क के काय के संचालन के संबंध म मंि प रषद् के िनणयों, कानून
बनाने के ावों तथा उनसे संबंिधत जानका रयों से रा पित को अवगत कराते रह
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मंि प रषद् म कैिबनेट मं ी, रा मं ी ( तं भार), रा मं ी तथा उपमं ी होते ह

िवधाियका
संघ की िवधाियका को ‘संसद’ कहा जाता है इसम रा पित, दोनों सदन (लोकसभा तथा राजयसभा)
शािमल ह संसद के दोनों सदनों की बैठक िपछली बैठक के छह महीने भीतर बुलानी होती है कुछ
अवसरों पर दोनों सदनों का संयु अिधवेशन िकया जा सकता है
रा सभा
संिवधान म व था है िक रा सभा म सािह , िव ान, कला और समाज सेवा आिद के े ों म िवशेष ान
या अनुभव रखने वाले 12 सद ों को रा पित मनोनीत करगे तथा रा ों और क शािसत दे शों के चुने ए
सद ों की सं ा 238 से अिधक नहीं होगी रा सभा के सद ों का िववरण प रिश म िदया गया है
रा सभा के सद ों का चुनाव अ होता है ; रा ों का ितिनिध करने वाले सद ों का चुनाव
रा ों की िवधानसभाओं के चुने ए सद ों ारा एकल ह ां तरणीय मत के आधार पर आनुपाितक
ितिनिध णाली के मा म से िकया जाता है क शािसत दे शों के ितिनिधयों का चुनाव संसद ारा
िनधा रत ि या के अंतगत िकया जाता है रा सभा कभी भी भंग नहीं होती और उसके एक-ितहाई
सद हर दो वष के बाद अवकाश हण करते ह वेबसाइट: www.rajyasabha.in
लोकसभा
लोकसभा के सद वय मतािधकार के आधार पर लोगों ारा सीधे चुने जाते ह संिवधान म लोकसभा
के सद ों की अिधकतम सं ा अब अिधकतम 552 है (530 सद रा ों का और 20 सद क शािसत
दे शों का ितिनिध करते ह तथा रा पित को आं -भारतीय (एं ो इं िडयन) समुदाय के दो यों को
उस हालत म मनोनीत करने का अिधकार है , जब उ ऐसा लगे िक सदन म इस समुदाय के सद ों को
पया ितिनिध नहीं िमला) लोकसभा के िलए िविभ रा ों की सद सं ा का िनधारण इस कार
िकया जाता है िक रा के िलए िनधा रत सद ों की सं ा और उस रा की जनसं ा का अनुपात जहां
तक संभव हो, सभी रा ों म समान हो वतमान लोकसभा के 543 सद ह इनम से 530 सद रा ों से
और 13 सद क शािसत दे शों से सीधे चुने गए ह 84व संिवधान संशोधन िवधेयक 2001 के तहत
िविभ रा ों म लोकसभा की वतमान सीटों की कुल सं ा का िनधारण 1971 की जनगणना के आधार पर
िकया गया है तथा 2026 के बाद की जाने वाली जनगणना तक इसम कोई फेर-बदल नहीं िकया जाएगा
लोकसभा का कायकाल, यिद उसे भंग न िकया जाए, सदन की पहली बैठक को लेकर पां च वष होता
है िकंतु यिद आपात थित लागू हो तो यह अविध संसद ारा कानून बनाकर बढ़ाई जा सकती है परं तु
यह वृ एक समय पर एक वष से अिधक नहीं हो सकती और आपात थित समा होने के बाद िकसी भी
हालत म छह महीने से अिधक नहीं हो सकती अब तक 16 लोकसभाएं गिठत की जा चुकी ह ेक
लोकसभा के कायकाल और उसके अ ों का िववरण तािलका-1 म िदया गया है 16वीं लोकसभा के
सद ों के नाम, उनकी पाट और चुनाव े का िववरण प रिश म िदया गया है वेबसाइट:
www.Ioksabha.in
संसद की सद ता के िलए यो ताएं
संसद का सद होने के िलए भारत का नाग रक होना आव क है लोकसभा के िलए कम से कम 25 वष
और रा सभा के िलए कम से कम 30 वष उ होनी चािहए अित र यो ताएं संसद कानून बनाकर
िनधा रत कर सकती है
संसद के काय और अिधकार
अ संसदीय लोकतं ों की भां ित भारत की संसद को भी कानून बनाने, शासन की दे ख रे ख, बजट पा रत
करने, लोगों की किठनाइयों को दू र करने और िवकास योजनाओं, रा ीय नीितयों, अंतररा ीय संबंधों जैसे
िवषयों पर चचा करने का अिधकार है क और रा ों म अिधकारों के िवतरण की संिवधान म जो व था
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की गई है , उसके अनुसार िवधायी े म कई तरह से संसद को उ थान िदया गया है संसद कुछ
प र थितयों म ऐसे िवषयों के िवधायी अिधकार भी ा कर सकती है , जो अ था रा ों के िलए सुरि त
ह संसद को रा पित पर महािभयोग चलाने, उ तम ायालय और उ ायालयों के ायाधीशों, मु
चुनाव आयु और िनयं क तथा महालेखा परी क को संिवधान की िनधा रत ि या के अनुसार उनके
पदों से हटाने का अिधकार ा है
सभी कानूनों को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी आव क होती है हालां िक, धन िवधेयक के मामले म
लोक सभा की ‘मंजूरी’ मह पूण रहती है द िवधान पर पुनरावलोकन और अिधकार संसद के पास
होता है िविध िनमाण के अलावा, संिवधान ारा संसद को संिवधान के अिधकार भी सौंपे गए ह

1. संिवधान के अनु े द-94 के अंतगत लोकसभा भंग हो जाने पर अ अपना पद नई लोकसभा की थम बैठक होने
तक नहीं छोड़ता
2. अपने सामा कायकाल से 38 िदन पूव ही भंग हो गई
3. िनधन
4. अपने कायकाल की समा से 40 िदन पूव ही भंग हो गई
5. अपने कायकाल की समा से 44 िदन पूव ही भंग हो गई
6. अपने कायकाल की समा से एक वष 79 िदन पूव ही भंग हो गई
7. ागप दे िदया
8. लोकसभा का कायकाल जोिक 18 माच, 1975 को समा होना था ( कालाविध िव ार) अिधिनयम, 1975 के अंतगत
एक वष के िलए 18 माच, 1977 तक बढ़ा िदया गया इसे लोकसभा ारा एक वष की और अविध 18 माच, 1978 तक
के िलए ( कालाविध िव ार) अिधिनयम, 1976 के अंतगत बढ़ाया गया हालां िक 5 वष, 10 माह और 13 िदन तक
अ म रहने के बाद सदन को भंग कर िदया गया था
9. ागप दे िदया
10. दो वष चार माह और 28 िदन अ म रहने के बाद सदन को भंग िकया गया था
11. ागप दे िदया
12. अपने कायकाल की समा से बीस िदन पूव ही भंग हो गई
13. अपने कायकाल की समा से 48 िदन पूव ही भंग हो गई
14. एक वष, दो महीने और 25 िदन अ म रहने के बाद सदन को भंग िकया गया
15. एक वष, छह महीने और 13 िदन अ म रहने के बाद सदन को भंग िकया गया
16. एक वष, छह महीने और चार िदन अ म रहने के बाद सदन को भंग िकया गया
17. िनधन
18. अपने कायकाल की समा से 253 िदन पूव ही भंग हो गई
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संसदीय सिमितयां
संसद के काय म िविवधता है चूंिक उसके पास समय सीिमत होता है , इसिलए उसके सम ुत सभी
िवधायी अथवा अ मामलों पर गहन िवचार नहीं हो सकता है अतएव इसका ब त-सा काय संसदीय
सिमितयों ारा िकया जाता है संसद के दोनों सदनों की सिमितयों की संरचना, कुछ अपवादों को छोड़कर
एक जैसी होती है इन सिमितयों म िनयु , कायकाल, काय एवं संचालन की ि या कुल िमलाकर एक
जैसी ही है और यह संिवधान के अनु े द-118 (1) के अंतगत दोनों सदनों ारा िनिमत िनयमों के अनुसार
िनयंि त होती ह
सामा तः ये सिमितयां दो कार की होती ह– थायी सिमितयां और तदथ सिमितयां थायी सिमितयां
ितवष या समय-समय पर िनवािचत या िनयु की जाती ह और इनका काय कमोबेश िनरं तर चलता रहता
है तदथ सिमितयों की िनयु आव कता पड़ने पर की जाती है तथा अपना काम पूरा कर लेने और
अपनी रपोट पेश करने के बाद वे समा हो जाती ह
थायी सिमितयां : लोकसभा की थायी सिमितयों म तीन िव ीय सिमितयों, अथात लोक लेखा सिमित,
ा लन सिमित तथा सावजािनक उप म सिमित का िविश थान है और ये सरकारी खच और िन ादन
पर लगातार नज़र रखती ह लोक लेखा सिमित और सावजािनक उप म सिमित म रा सभा के भी
सद होते ह, लेिकन ा लन सिमित के सभी सद लोकसभा से होते ह
ा लन सिमितः ा लन सिमित बताती है िक ा लनों म िनिहत नीित के अनु प ा िमत ियता
बरती जा सकती ह तथा संगठन, कायकुशलता और शासन म ा ा सुधार िकए जा सकते ह? यह इस
बात की भी जां च करती है िक ा लनों म िनिहत नीित के अनु प ही धन य िकया गया है या नहीं
सिमित इस बारे म भी सुझाव दे ती है िक ा लन को संसद म िकस प म पेश िकया जाए लोक लेखा
सिमित भारत सरकार के िविनयोग तथा िव लेखा और लेखा िनयं क तथा महा लेखा परी क की रपोट
की जां च कराती है यह सुिनि त कराती है िक सरकारी धन संसद के िनणयों के अनु प ही खच हो यह
अप य, हािन और िनरथक य के मामलों की ओर ान िदलाती है सावजािनक उप म सिमित
िनयं क तथा महालेखा परी क की, यिद कोई रपोट हो, तो उसकी जां च करती है वह इस बात की जां च
भी करती है िक ये सावजिनक उप म कुशलतापूवक चलाए जा रहे ह या नहीं तथा इनका बंधन ठोस
ापा रक िस ां तों और िववेकपूण वािण क ि याओं के अनु प िकया जा रहा है या नहीं
इन तीन िव ीय सिमितयों के अलावा, लोकसभा की िनयमों संबंधी सिमित ने िवभागों से संबंिधत 17
थायी सिमितयां गिठत करने की िसफा रश थी इसके अनुसार 8 अ ैल, 1993 को इन 17 सिमितयों का
गठन िकया गया जुलाई 2004 म िनयमों म संशोधन िकया गया, तािक ऐसी ही 7 सिमितयां और गिठत की
जा सक इस कार इन सिमितयों की सं ा 17 से बढ़ कर 24 हो गई
इन सिमितयों के काय ह : (क) भारत सरकार के िविभ मं ालयों/िवभागों की अनुदान मां गों पर िवचार
करना और उनके बारे म सदन को सूिचत करना; (ख) लोकसभा के अ या रा सभा के सभापित ारा
सिमित के पास भेजे गए ऐसे िवधेयकों की जां च पड़ताल करना और जैसा भी मामला हो, उसके बारे म
रपोट तैयार करना; (ग) मं ालयों/िवभागों की वािषक रपोट पर िवचार करना और उन पर अपनी रपोट
दे ना, और (घ) सदन म ुत नीित संबंधी द ावेजों (यिद लोकसभा के अ और रा सभा के सभापित
ारा सिमित के पास भेजे गए ह) पर िवचार करना और जैसा भी हो, उसके बारे म रपोट तैयार करना
ेक सदन म अ थायी सिमितयां , उनके काय के अनुसार इस कार िवभािजत ह:
(1) जां च सिमितयाः (क) यािचका सिमित िवधेयकों और जनिहत संबंधी मामलों पर ुत यािचकाओं की
जां च करती है और क ीय िवषयों पर ा ितवेदनों पर िवचार करती है ; (ख) िवशेषािधकार सिमित सदन
या अ /सभापित ारा भेजे गए िवशेषािधकार के िकसी भी मामले की जां च करती है (2)समी ा
सिमितयाः (क) सरकारी आ ासनों संबंधी सिमित मंि यों ारा सदन म िदए गए आ ासनों, वादों एवं
संक ों आिद पर उनके काया त होने पर नज़र रखती है ; (ख) अधीन थ िविध िनमाण सिमित इस बात
की जां च करती है तथा सदन को इसकी रपोट दे ती है िक ा संिवधान ारा द िविनयमों, िनयमों, उप-
िनयमों तथा द श यों का ािधका रयों ारा उिचत उपयोग िकया जा रहा है ; और (ग) पटल पर रखे
गए प ों संबंधी सिमित वैधािनक अिधसूचनाओं और आदे शों के अलावा, जोिक अधीन थ िवधान संबंधी
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सिमित के काय े म आते ह, मंि यों ारा सदन के पटल पर रखे गए सभी कागज़ातों की जां च करती है
और दे खती है िक संिवधान, अिधिनयम, िनयम या िविनयम के अंतगत कागज़ात ुत करते ए उनकी
व थाओं का पालन आ है या नहीं (3) सदन के दै िनक काय से संबंिधत सिमितयां : (क) काय मं णा
सिमित सदन म पेश िकए जाने वाले सरकारी एवं अ काय के िलए समय-िनधारण की िसफा रश करती
है ; (ख)गैर-सरकारी सद ों के िवधेयकों तथा ावों संबंधी लोकसभा की सिमित िनजी सद ों ारा
ुत गैर-सरकारी िवधेयकों का वग करण एवं उनके िलए समय का िनधारण करती है , िनजी सद ों ारा
पेश ावों पर बहस के िलए समय का िनधारण करती है और लोकसभा म िनजी सद ों ारा पेश िकए
जाने से पूव संिवधान संशोधन िवधेयकों की जां च करती है रा सभा म इस कार की सिमित नहीं होती
रा सभा की काय मं णा सिमित, गैर सरकारी िवधेयकों एवं ावों के चरण या चरणों म बहस के िलए
समय के िनधारण की िसफ़ा रश (अनुशंसा) करती है ; (ग) िनयम सिमित सदन म कायिविध और कायवाही
के संचालन से संबंिधत मामलों पर िवचार करती है और िनयमों म संशोधन या संयोजन की िसफ़ा रश करती
है , और (घ) सदन म बैठकों म अनुप थत सद ों संबंधी लोकसभा की सिमित सदन के सद ों की बैठकों
से अनुप थित या छु ी के आवेदनों तथा सद ों की छु ी आिद पर िवचार करती है रा सभा म इस
कार की सिमित नहीं है और सद ों की छु ी अथवा अनुप थित के आवेदनों पर सदन यं िवचार करता
है (4) अनुसूिचत जाितयों तथा अनुसूिचत जनजाितयों के क ाण की सिमितः इसम दोनों सदनों के सद
होते ह यह क सरकार के काय े म वाले अनुसूिचत जाितयों तथा अनुसूिचत जनजाितयों के क ाण
संबंधी मामलों पर िवचार करती है और इस बात पर नजर रखती है िक उ जो संवैधािनक संर ण िदए गए
ह, वे ठीक से काया त हो रहे ह अथवा नहीं (5) सद ों को सुिवधा दान करने संबंधी सिमितयाः (क)
सामा योजन संबंधी सिमितः सदन से संबंिधत ऐसे मामलों पर िवचार करती है , जो िकसी अ संसदीय
सिमित के अिधकार े म नहीं आते तथा अ /सभापित को इस बारे म सलाह दे ती है ; और (ख) आवास
सिमित – सद ों की आवास तथा अ सुिवधाओं की व था; (6) संसद सद ों के वेतन और भ ों संबंधी
संयु सिमित – यह सिमित संसद सद ों के वेतन, भ े एवं पशन अिधिनयम, 1954 के अधीन गिठत की
गई है संसद सद ों के वेतन, भ े एवं पशन संबंधी िनयम बनाने के अित र यह उनके िचिक ा,
आवास, टे लीफोन, डाक, िनवाचन े एवं सिचवालय संबंधी सुिवधाओं के िनयम बनाती है (7) लाभ के
पदों संबंधी संयु सिमितः यह क , रा ों तथा क शािसत दे शों ारा िनयु सिमितयों एवं अ
िनकायों की संरचना तथा प की जां च करती है , और यह िसफा रश करती है िक ऐसे कौन-कौन-से पद
हों, जो संसद के िकसी भी सदन की सद ता के िलए िकसी को यो अथवा अयो बनाते ह (8)
पु कालय सिमितः इसम दोनों सदनों के सद होते ह यह सिमित संसद के पु कालय से संबंिधत
मामलों पर िवचार करती है (9) मिहला अिधका रता सिमितः 29 अ ैल, 1997 को मिहलाओं के अिधकारों
के बारे म दोनों सदनों के सद ों की एक सिमित का गठन िकया गया इसका उ े सभी े ों म
मिहलाओं को है िसयत, ग रमा और समानता दान करना है और (10) आचार: संिहता सिमित – 4 माच,
1997 को रा सभा की आचार-संिहता सिमित गिठत की गई लोकसभा की आचार-संिहता सिमित 16
मई, 2000 को गिठत की गई
तदथ सिमितयां: इस तरह की सिमितयों को मोटे तौर पर दो शीषकों के अंतगत वग कृत िकया जा सकता
है – (क) संसद के दोनों सदनों ारा त ंबंधी ाव लाकर अथवा अ /सभापित ारा िकसी िविश
िवषय पर जां च करने एवं रपोट दे ने हे तु समय-समय पर गिठत सिमितयां , (उदाहरण प संसदीय
प रसर म खा बंधन पर सिमित, संसदीय प रसर म रा ीय नेताओं और सां सदों के िच ों/ ितमाओं की
थापना पर सिमित, संसदीय प रसर म सुर ा पर सिमित, सां सद थानीय े िवकास योजना सिमित
आिद) और (ख) िवशेष िवधेयकों पर िवचार करने एवं रपोट दे ने के िलए िनयु वर एवं संयु सिमितयां
िवधेयकों के संदभ म ये सिमितयां अ तदथ सिमितयों से िभ ह और इनके ारा पालन की जाने वाली
ि या का उ ेख अ /सभापित के िनदश तथा ि या संबंधी िनयमों म िकया जाता है
संसद म िवप के नेता
रा सभा और लोकसभा म िवप के नेताओं को वैधािनक मा ता दी गई है 1 नवंबर, 1977 से लागू एक
पृथक कानून के अंतगत उ वेतन तथा कुछ अ सुिवधाएं दी जाती ह
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संसद म सरकारी कामकाज


संसदीय कायमं ी को संसद के दोनों सदनों म सरकारी कामकाज को सम त करने, उसकी योजना बनाने
और त ंबंधी व था करने का दािय िदया गया है इस दािय को िनभाने हे तु दो रा मं ी उनकी
सहायता करते ह मं ी दोनों सदनों के पीठासीन अिधका रयों, िविभ दलों के नेताओं, मु संचेतकों और
संचेतकों के साथ िनरं तर नज़दीकी संबंध बनाए रखते ह
सलाहकार सिमितयां
भारत सरकार (कामकाज का आवंटन) िनयम, 1961 के अंतगत संसदीय काय मं ालय को आवंिटत काय
म से एक, िविभ मं ालयों के िलए संसदीय सलाहकार सिमितयों का काय है सलाहकार सिमित की
ूनतम सद ता 10 और अिधकतम सद ता 30 है ेक लोकसभा भंग होने पर सलाहकार सिमित भी
भंग हो जाती है तथा नई लोकसभा के गठन के साथ सलाहकार सिमितयां भी पुनगिठत की जाती ह
16वीं लोकसभा के िलए िवभ मं ालयों से संब 35 सलाहकार सिमितयां गिठत की गई थी और जून
2016 से मई 2017 के बीच इनकी 96 बैठक ई थीं
युवा संसद ितयोिगता
युवाओं को लोकतां ि क ि याओं से अवगत कराने के िलए मं ालय िविभ ेिणयों के िव ालयों और
कॉलेजों/िव िव ालयों के र पर युवा संसद ितयोिगता का आयोजन करता है युवा संसद ितयोिगता
आयोिजत कराने की यह योजना सबसे पहले 1966-67 म िद ी के िव ालयों म लागू की गई थी बाद म
1978 म िद ी और आस-पास के क ीय िव ालयों म इस योजना को लागू िकया गया रा ीय र पर
1988 म क ीय िव ालयों म एक अलग योजना के प म इसे शु िकया गया इसी तरह 1997-98 म दो
नई योजनाओं के अंतगत युवा संसद ितयोिगता लागू की गई, एक जवाहर नवोदय िव ालय के िलए और
दू सरी िव िव ालयों/कॉलेजों के िलए
अ खल भारतीय सचेतक स ेलन
समान िहत के िवषयों पर चचा करने तथा संसदीय लोकतं की सं थाओं को मजबूत बनाने हे तु कानून
बनाने वाली सं थाओं के ावहा रक काय-संचालन से सद संबंध रखने वाले क और रा ों के िविभ
राजनीितक दलों के सचेतकों के बीच उपयु संपक थािपत करने के उ े से संसदीय काय मं ालय
समय-समय पर अ खल भारतीय सचेतक स ेलन का आयोजन करता है वष 1952 से अब तक 17
अ खल भारतीय सचेतक स ेलन आयोिजत िकए गए ह
िवशेष उ ेख के अंतगत मामले
संसदीय काय मं ालय लोकसभा म कायिविध और कायवाही के संचालन संबंधी िनयमों के िनयम 377 और
रा सभा म िवशेष उ ेख के अंतगत उठाए गए िवषयों पर अनुवत कायवाही करता है लोकसभा म
काल के बाद 12 बजे दोपहर म सद सावजािनक मह के ज री िवषय उठाते ह रा सभा म
सद सावजिनक मह के ज री िवषय ातः 11 बजे उठाते ह मं ीगण कभी-कभी सद ों ारा इं िगत
िबंदुओं पर िति या दे ते ह, य िप यह अिनवाय नहीं है संबंिधत मं ी की अनुप थित म संसदीय कायमं ी
सदन अथवा सद को आ ासन दे ते ह िक संबंिधत मं ी को उनकी भावनाओं से अवगत करा िदया
जाएगा
आ ासनों का काया यन
संसदीय काय मं ालय संसद के दोनों सदनों म मंि यों ारा िदए गए आ ासनों, वायदों, संक ों को
छां टकर उ संबंिधत मं ालयों/िवभागों को काया यन के िलए भेजता है इसके बाद इनके काया यन
की आविधक समी ा मं ालय ारा की जाती है और वायदों की पूित की िदशा म काम करने हे तु संबंिधत
मं ालयों को याद भी िदलाया जाता है मं ालयों से काया यन रपोट ा होने के बाद तथा समुिचत जां च
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के बाद सरकार ारा आ ासनों के काया यन हे तु की गई कारवाई को दशाने वाले िववरण समय-समय पर
सदन के पटल पर रखे जाते ह काया यन रपोट ुत होने के बाद इसे सदन के पटल पर रखे जाने की
सूचना सद ों तथा संबंिधत मं ालय को दे दी जाती है
स ावना िश मंडल
िकसी दे श के सां सद उस दे श की नीित के िनधारण तथा अ दे शों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने म
मह पूण भूिमका अदा करते ह हमारी नीितयों, काय मों और िविभ े ों की उपल यों को दू सरे दे शों
के समक ों और राय िनमाताओं के सम पेश करके भारत के प म उनका समथन पाने के िलए
िवशेषकर, भारत जैसे लोकतां ि क और िवकासशील दे श म कुछ संसद सद ों और िविश यों की
सेवाएं लेना उपयोगी एवं आव क है
संसदीय काय मं ालय अ दे शों के िलए स ावना िश मंडल ायोिजत करता है और िवदे श मं ालय
के मा म से आदान- दान काय म के अंतगत सां सदों का वैसा ही िश मंडल दे श म बुलाता है
संसद सद ों का क ाण
संसदीय काय मं ालय िद ी के अ तालों म भत होने वाले बीमार सां सदों के क ाण को दे खता है और
उ आव क सहायता उपल करवाता है िकसी संसद की िद ी म मृ ु होने की थित म संसदीय
काय मं ालय मृत सद के पािथव शरीर को अंितम सं ार हे तु प रवार ारा चयिनत थान पर ले जाने म
शोकाकुल प रवार को हर ज री सहायता दान करता है

िनयं क तथा महालेखा परी क


िनयं क तथा महालेखा परी क की िनयु रा पित ारा की जाती है उसे पद से हटाने के िलए वहीं
कायिविध अपनाई जाती है , जो उ तम ायलय के ायाधीश को हटाने के िलए होती है अपना पद्
छोड़ने के बाद वह क या रा सरकार म कोई और नौकरी नहीं कर सकता है
क और रा ों का लेखा-जोखा, िनयं क तथा महालेखा परी क की सलाह पर रा पित ारा िनधा रत
ा प म रखा जाएगा िनयं क तथा महालेखा परी क ारा क के लेखा-जोखा की रपोट रा पित के
पास भेजी जाएगी, जो इसे संसद के दोनों सदनों के सम ुत कराएं गे िनयं क तथा महालेखा परी क
ारा रा ों के लेखा-जोखा की रपोट संबंिधत रा के रा पाल के पास भेजी जाएं गी, जो इसे िवधान सभा
म ुत कराएं गे िनयं क तथा महालेखा परी क के कत , श यां तथा सेवा शत िनयं क तथा
महालेखा परी क (कत , श यां तथा सेवा शत) अिधिनयम, 1971 म िनधा रत की गई ह
वेबसाइट: www.Cag.gov.in
अटॉन जनरल
भारत के अटॉन जनरल की िनयु , भारत के रा पित ारा की जाती है सव ायालय के ायधीश
बनने यो की िनयु इस पद के िलए की जा सकती है अटॉन जनरल का काम कानूनी मामलों
पर भारत सरकार को सलाह दे ना और कानूनी कृित के ऐसे अ काय करना और उ रा पित ारा
समय-समय पर अपने तहत िदए गए काय को िनवहन करने संिवधान या उसके तहत लागू होने वाले िकसी
अ कानून के तहत िनिद या काय सौंपे जा सकते ह अटॉन जनरल को अपने कत ों के िन ादन के
िलए भारत के े म आने वाली सभी अदालतों म सुनवाई का अिधकार होगा अटॉन जनरल का
कायकाल रा पित की इ ानुसार होगा और अटॉन जनरल को रा पित ारा िनधा रत पा र िमक ा
होगा
भारत का सॉिलिसटर जनरल
सॉिलिसटर जनरल भारत का मु कानूनी सलाहकार होता है और वह भारत के उ ायालय का मु
वकील भी होता है भारत का सॉिलिसटर जनरल दे श का अित र कानून अिधकारी होता है वह अटॉन
जनरल का सहायक होता है और वह यं भारत के कई अित र सॉिलिसटर जनरल की
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तरफ से सहायक होता है भारत के अटॉन जनरल की तरह सॉिलिसटर जनरल और अित र वकील,
सरकार को सलाह दे ते ह और कानून अिधकारी (िनयम और शत) िनयम, 1972 के संदभ म भारत के संघ
की ओर से पेश होते ह
हालां िक, भारत अटॉन जनरल का पद, जो अनु े द 76 के तहत एक संवैधािनक पद है , के िवपरीत
सॉिलिसटर जनरल और अित र सॉिलिसटर जनरल की पद केवल वैधािनक ह सॉिलिसटर जनरल की
िनयु , कैिबनेट सिमित ारा की जाती है

शासिनक ढांचा
भारत सरकार के काय का आवंटन करने के िलए भारत के रा पित ारा संिवधान के अनु े द-77 के
अंतगत भारत सरकार (काय आवंटन) िनयम, 1961 बनाए गए ह इन िनयमों के अंतगत ही धानमं ी की
सलाह पर रा पित ारा भारत सरकार के मं ालयों/िवभागों का गठन िकया जाता है इन मं ालयों/ िवभागों,
सिचवालयों और कायालयों म भारत सरकार के काय का संचालन इन िनयमों म िनिद िवषयों के िवतरण
के अनुसार होता है धानमं ी की सलाह पर रा पित मंि यों के काय का बंटवारा करते ह ेक िवभाग
आमतौर पर एक सिचव के अधीन होता है , जो नीितगत मामलों और सामा शासन के बारे म मं ी की
मदद करता है

मंि मंडल सिचवालय


मंि मंडल सिचवालय तः धानमं ी के अधीन काय करता है इसका शासिनक मुख कैिबनेट
सिचव होता है जो िसिवल सिवसेज बोड का पदे न अ भी होता है कैिबनेट सिचवालय का काय होता है :
(क) मंि मंडल तथा मंि मंडल सिमितयों को सिचवालय सहयोग; और (ख) काय िनयम
कैिबनेट (मंि मंडल) सिचवालय भारत सरकार (कायकरण) िनयम, 1961 और भारत सरकार (काय
आवंटन) िनयम, 1961 के शासन के िलए उ रदायी होता है , िजसम वह सरकार के मं ालय/िवभागों म
इन िनयमों का पालन करते ए सुचा प से काय संचालन की सुिवधा दान करता है िविभ मं ालयों
के बीच सम य करते ए और मं ालयों/िवभागों के बीच मतभेदों को दू र करते ए यह सिचवालय सरकार
को िनणय लेने म मदद करता है और सिचवों की थायी/तदथ सिमितयों के ज रए आपस म सहमित बनाए
रखता है
कैिबनेट सिचवालय यह सुिनि त करता है िक सभी मं ालयों/िवभागों की मुख गितिविधयों के बारे म
हर महीने एक सारां श बनाकर रा पित, उप-रा पित और सभी मंि यों को उससे अवगत कराया जाए दे श
म िकसी बड़े संकट के समय उसका बंधन करना तथा ऐसी प र थितयों म िविभ मं ालयों की
गितिविधयों म सम य थािपत करना भी कैिबनेट सिचवालय का काम है सभी सिचव समय-समय पर
गितिविधयों के बारे म कैिबनेट सिचव को सूिचत करते ह कायकरण िनयमों के संचालन के िलए भी यह
आव क है िक समय-समय पर िविभ गितिविधयों के बारे म िवशेषकर यिद कहीं िनयमों का पालन नहीं
हो रहा हो तो उसके बारे म कैिबनेट सिचव को सूिचत िकया जाए वेबसाइट: www.cabsec.gov.in

सरकार के मं ालय/िवभाग
सरकार के कई मं ालय/िवभाग होते ह इनकी सं ा समय-समय पर इस बात पर िनभर करती है िक
काम िकतना है तथा िकस मामले को िकतना मह िदया जा रहा है
मं ालयों/िवभागों की सूची 1

1. कृिष एवं िकसान क ाण मं ालय


(i) कृिष, सहका रता एवं िकसान क ाण िवभाग, (ii) कृिष, अनुसंधान और िश ा िवभाग (iii)
पशुपालन, डे यरी और म पालन िवभाग
2. आयुष ( आयुवद, योग और ाकृितक िचिक ा, यूनानी, िस और हो ोपैथी ) मं ालय
3. रसायन और उवरक मं ालय
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(i) रसायन एवं पेटो-रसायन िवभाग, (ii) उवरक िवभाग (iii), औषध िवभाग
4. नागर िवमानन मं ालय
5. कोयला मं ालय
6. वािण और उ ोग मं ालय
(i) वािण िवभाग, (ii)औ ोिगक नीित और संवधन िवभाग
7. संचार मं ालय
(i) दू रसंचार िवभाग, (ii) डाक िवभाग
8. उपभो ा मामले, खा और सावजिनक िवतरण मं ालय
(i) उपभो ा मामले िवभाग, (ii) खा और सावजिनक िवतरण िवभाग
9. कॉरपोरे ट काय मं ालय
10. सं ृ ित मं ालय
11. र ा मं ालय
(i) र ा िवभाग, (ii) र ा उ ादन िवभाग, (iii) र ा अनुसंधान तथा िवकास िवभाग, (iv) पूव
सेनानी क ाण िवभाग
12. उ र-पूव े िवकास मं ालय
13. पेयजल और ता मं ालय
14. पृ ी िव ान मं ालय
15. इले ॉिनकी और सूचना ौ ोिगकी मं ालय
16. पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय
17. िवदे श मं ालय
18. िव मं ालय
(i) आिथक काय िवभाग, (ii) य िवभाग, (iii) राज िवभाग, (iv) िनवेश और लोक
प रसंपि बंधन िवभाग, (v) िव ीय सेवाएं िवभाग
19. खा सं रण उ ोग मं ालय
20. ा और प रवार क ाण मं ालय
(i) ा और प रवार क ाण िवभाग, (ii) ा अनुसंधान िवभाग
21. भारी उ ोग और लोक उ म मं ालय
(i) भारी उ ोग िवभाग, (ii) लोक उ म िवभाग
22. गृह मं ालय
(i) आं त रक सुर ा िवभाग, (ii) रा िवभाग, (iii) राजभाषा िवभाग, (iv) गृह िवभाग, (v) ज ू-
क ीर िवभाग, (vi) सीमा बंधन िवभाग
23. आवास और शहरी काय मं ालय
24. मानव संसाधन िवकास मं ालय
(i) ू ल िश ा और सा रता िवभाग, (ii) उ तर िश ा िवभाग
25. सूचना और सारण मं ालय
26. म और रोज़गार मं ालय
27. िविध और ाय मं ालय
(i) िविध काय िवभाग, (ii) िवधायी िवभाग, (iii) ाय िवभाग
28. सू , लघु और म म उ म मं ालय
29. खान मं ालय
30. अ सं क काय मं ालय
31. नवीन और नवीकरणीय ऊजा मं ालय
32. पंचायती राज मं ालय
33. संसदीय काय मं ालय
34. कािमक, लोक िशकायत तथा पशन मं ालय
(i) कािमक और िश ण िवभाग, (ii) शासिनक सुधार और लोक िशकायत िवभाग, (iii)
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पशन और पशनभोगी क ाण िवभाग


35. पेटोिलयम और ाकृितक गैस मं ालय
36. योजना मं ालय
37. िवद् ु यत मं ालय
38. रे ल मं ालय
39. सड़क प रवहन और राजमाग मं ालय
40. ामीण िवकास मं ालय
(i) ामीण िवकास िवभाग, (ii) भूिम संसाधन िवभाग
41. िव ान और ौ ोिगकी मं ालय
(i) िव ान और ौ ोिगकी िवभाग, (ii) िव ान और औ ोिगक अनुसंधान िवभाग, (iii)
बायोटे ोलॉजी िवभाग
42. पोत प रवहन मं ालय
43. कौशल िवकास और उ िमता मं ालय
44. सामािजक ाय और अिधका रता मं ालय
(i) सामािजक ाय और अिधका रता िवभाग, (ii) िद ांगजन सश ीकरण िवभाग
45. सां की और काय म काया यन मं ालय
46. इ ात मं ालय
47. व मं ालय
48. पयटन मं ालय
49. जनजातीय काय मं ालय
50. जल संसाधन, नदी िवकास और गंगा संर ण मं ालय
51. मिहला और बाल िवकास मं ालय
52. युवा काय म और खेल मं ालय
(i) युवा काय म िवभाग, (ii) खेल िवभाग

क सरकार के तं िवभाग
53. परमाणु ऊजा िवभाग
54. अंत र िवभाग

मुख तं कायालय
55. नीित आयोग
56. मंि मंडल सिचवालय
57. रा पित सिचवालय
58. धानमं ी कायालय

रासायिनक श संिध हे तु रा ीय ािधकरण


रासायिनक श ों (हिथयारों) के िवकास, उ ादन, भंडारण और योग पर समझौता एक ब प ीय
अंतररा ीय संिध है (सीड ूसी) जो रासायिनक श ों (हिथयारों) के उ ादन, भंडारण और योग एवं
उनके पूववत पों पर ितबंध लगाती है यह संिध 1997 से लागू ई और माच 2016 तक 192 दे शों ने
इस संिध का समथन अथवा इस पर ह ा र िकए दी हे ग, नीदरलड् स म थत रासायिनक हिथयारों पर
ितबंध संगठन (ओसीड ूसी) इस संिध के िलए बना ब राि क संगठन है ओसीड ूसी को 2013 म
िमला नोबेल पुर ार इस संगठन की भावशीलता को मािणत करता ह
इस संिध के ावधानों के पालन और दे श म इस संिध से जुड़े सभी िवषयों पर रासायिनक हिथयारों पर
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ितबंध संगठन (ओसीड ूसी) एवं अ सभी सहमत दे शों से भावपूण तरीके से संपक बनाए रखने के
िलए एक क के प म मंि मंडल सिचवालय, भारत सरकार के त ावधान म रासायिनक श संिध हे तु
रा ीय ािधकरण (एनएसीड ूसी) का कायालय बनाया गया है संसद ारा वष 2000 म पा रत
रासायिनक श संिध अिधिनयम जुलाई 2005 से भावी आ भारत 41 सद ीय ओसीड ूसी की
कायकारी सिमित के चार अिनवािचत सद ों म से एक है ओसीड ूसी की एडवाइजरी बॉडी ऑन
एडिमिन े शन एं ड फाइनस (एबीएएफ), दी कॉ ीडिशअिलटी कमीशन, नेटवक किमटी ऑन अिस स
एं ड ोटे न, साइं िटिफक एडवाइजरी बॉडी तथा हाल म ही सृिजत एडवाइजरी बॉडी ऑन एजुकेशन एं ड
आउटरीच (एबीईओ) ऑफ ओसीड ूसी म भारतीय ितिनिध है इस संिध के ावधानों के अनुपालन
म भारत ओसीड ूसी और सभी सद ों के साथ सि य सहयोग करता है

प रयोजना िनगरानी समूह


प रयोजना िनगरानी समूह (पीएमजी) िविभ मु ों, िजनम बढ़ी सावजिनक-िनजी भागीदारी (पीपीपी) जैसी
प रयोजनाओं को लगाने तथा शी चालू करने हे तु रत अनुमोदन शािमल ह, के िनपटारे के िलए एक
सं थागत व था है प रयोजना िनगरानी समूह की थापना 2013 म कैिबनेट सिचवालय के अधीन की गई
थी वतमान म प रयोजना िनगरानी समूह 2015 से धानमं ी कायालय के अधीन काय कर रहा है
िनवेशकों ारा िदए गए आवेदनों के यथासमय िनपटान को सुिनि त करने के यास के तौर पर
पीएमजी अपने वेब पोटल ई-िनवेश मॉनीटर (e-hivesh.gov.in) के मा म से सभी मं ालयों और िवभागों के
िविभ ऑनलाइन िडिजटल ेटफॉस के िवकास और संचालन की िनगरानी कर रहा है यह णाली
िविभ मं ालयों/िवभागों ारा िविभ कार की ीकृितयों के ऑनलाइन ाव बनाने और उनके
िन ारण म ई गित का पता लगाती है यह पोटल सभी मं ालयों/िवभागों के िविभ ऑनलाइन क ीय
सेवाओं/ ीकृित पोट से सूचना एकि त कर ऑनलाइन आवेदन जमा करने से लेकर उसकी ीकृित
जारी होने तक के िडिजटलीकृत ावों की जां च करता है

लोक िशकायत
लोक िशकायत िनदे शालय (डीपीजी) की थापना लोक िशकायतों का संतोषजनक समाधान उिचत समय
सीमा म संबंिधत मं ालय/िवभाग ारा नहीं हो पाने के म े नज़र इनके िनराकरण हे तु वष 1988 म की गई
थी अतः डीपीजी अपने काय े म आने वाले े से संबंिधत िशकायतों के िनराकरण हे तु अंितम पड़ाव के
प म काय करता है डीपीजी के पास िशकायत डाक ारा, ई-मेल अथवा पोटल पर ऑनलाइन दज
कराई जा सकती ह ऑफलाइन ारा ा सभी मामलों को िस म म डालने के बाद पीजीएआरएमएस
ए ीकेशन का योग कर कारवाई की जाती है
ेक िशकायत को पहले डीपीजी के काय े म आने वाले मामलों के आधार पर छां टा जाता है
डीपीजी के काय े से बाहर े ों से संबंिधत मामलों को शासिनक सुधार एवं लोक िशकायत िवभाग म
उिचत िन ादन हे तु भेज िदया जाता है तथा इसकी सूचना िशकायकता को दे दी जाती है शेष िशकायतों म
मामले की गंभीरता दे खी जाती है और दे खा जाता है िक ा संबंिधत मं ालय/िवभाग को िशकायत के
िनराकरण हे तु अवसर िदया गया है ? गंभीर कृित की िशकायतों को, जो या तो ब त अिधक समय से
लंिबत ह अथवा संबंिधत सेवा संगठन/मं ालय से िजनका िनराकरण नहीं हो रहा है , िव ृत जां च के िलए
हाथ म िलया जाता है इन मामलों का अनुसरण उनके तक़संगत एवं उिचत िनणय होने तक िकया जाता है
अ मामलों को संबंिधत मं ालय के पास समुिचत कारवाई हे तु भेज िदया जाता है
डीपीजी ारा िट णी मां गे जाने पर िवभाग या संगठन से अपेि त है िक वे मामले की जां च करके 30
िदनों के भीतर उसका जवाब भेज द िट णी ा होने के बाद यिद डीपीजी आव क समझता है तो
यह सुिनि त करने के िलए िक िशकायत को िवभाग अथवा संगठन ारा ो ािहत तरीके से िनपटाया गया,
अित र सूचनाएं मां ग सकता है मामले को बंद करने से पहले िशकायतकता से उसकी िशकायत के
संतोषजनक िनपटारे की सहमित ा की जा सकती है
अपने शु आती िदनों से ही डीपीजी अपने काय का िनरं तर कं ूटरीकरण कर रहा है डीपीजी हे तु एक
िविश चलन काय म, लोक िशकायत िन ारण एवं िनगरानी णाली (पीजीआरएमएस) को 1999 म
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ही अपना िलया गया था पीजीआरएमएस को अब सभी मं ालयों/िवभागों के िलए नए क ीकृत लोक


िशकायत िन ारण एवं िनगरानी णाली (सीपीजीआरएमएस) म समािहत कर िलया गया है िनराकरण
णाली म और अिधक सुधार लाने के िलए वष 2016-17 से कुछ और उपाय भी शु िकए गए ह िजसम
पीजीआरएमएस का भाव े बढ़ने के िलए इसका िहं दी सं रण शु करना, िशकायतकता से बेहतर
संवाद और संपक के िलए ई-मेल/एसएमएस जैसी सुिवधाओं का समावेश करने तथा डीपीजी के बारे म जन
जाग कता बढ़ाने के िलए समाचार-प ों म िव ापन दे ना शािमल है

रा ीय आपदा बंधन ािधकरण


िकसी भी संगठन का आिवभाव हमेशा एक िवकासपरक ि या के ारा होता है रा ीय आपदा बंधन
ािधकरण (एनडीएमए) भी ऐसी ही अव था से िनिमत आ भारत सरकार ने 1999 म एक उ रीय
सिमित की थापना की और गुजरात के भूकंप के प ात रा ीय ाथिमकता के पम
आपदा बंधन के मह को मा ता दे ते ए और भावी शमन तं ारा सुझाव पर एक रा ीय सिमित
थािपत की पहली बार दसवीं पंचवष य योजना द ावेज म आपदा बंधन पर एक िव ृत अ ाय को
शािमल िकया गया बारहव िव आयोग म आपदा बंधन के िलए िव ीय व था की समी ा करने को
अिनवाय िकया गया था
सरकार ने 2005 म, आपदा बंधन अिधिनयम अिधिनयिमत िकया गया, िजसने गृह मं ालय के तहत,
धानमं ी की अ ता म, दे श म आपदा बंधन के िलए सम और एकीकृत ि कोण के नेतृ
और काया यन हे तु रा ीय आपदा बंधन ािधकरण के िनमाण की प रक ना की, िजसकी अ ता
मु मं ी करते ह एनडीएमए एक सव सं था है , िजसकी िज ेदारी आपदा बंधन के िलए नीितयों,
योजनाओं और िदशािनदशों को िनधा रत करना; आपदा बंधन के िलए समय पर और भावी िति या
सुिनि त करना है
इसकी कई िज ेदा रयों म आपदा बंधन के िलए नीितयां िनधा रत करना; रा ीय योजना को मंजूरी
दे ना; रा योजना के िनमाण के िलए रा ािधकरणों ारा िदए गए िदशािनदशों का पालन करना;
िवकास योजनाओं और प रयोजनाओं म आपदा की रोकथाम या आपदा प ात इसके भावों को कम करने
के उपायों को एकीकृत करने के उ े से भारत सरकार के िविभ मं ालयों या िवभागों के िदशािनदश
िनधा रत करना; बड़ी आपदाओं से भािवत अ दे शों को क सरकार ारा िनधा रत समथन दान
करना; आपदा की रोकथाम के िलए अ उपाय करना या आपदा प र थितयों या आपदाओं से िनपटने के
िलए राहत या त रता और मता के िनमाण के प म आव क िवचार करना; रा ीय आपदा बंधन
सं थान के कामकाज के िलए ापक नीितयों और िदशािनदशों को िनधा रत करना शािमल ह वेबसाइट
www.ndma.gov.in

शासिनक सुधार और लोक िशकायत


शासिनक सुधार और लोक िशकायत िवभाग (डीएआरपीजी) शासिनक सुधार और लोक िशकायतों को
सुलझाने का काय करने वाली भारत सरकार की मुख एजसी है यह आमतौर पर रा ों से जुड़े मामले
और िवशेषकर क सरकार से जुड़े िशकायत के मामलों को दे खती है िवभाग कुशल शासन से जुड़ी
काय णाली को ऑिडयो-िवजुअल और काशन मा मों से सा रत करने और लेखन पर जोर दे ती है
यह अंतररा ीय आदान- दान और लोक सेवा सुधारों के ो ाहन म सहयोग को भी बढ़ावा दे ती है
वेबसाइट: www.darpg.gov.in

लोक शासिनक काय म उ ृ ता के िलए धानमं ी पुर ार


क एवं रा सरकारों के अिधका रयों के असाधारण तथा अिभनव काय की पहचान एवं उ पुर ृ त
करने के िलए भारत सरकार ने लोक शासिनक काय म उ ृ ता के िलए धानमं ी पुर ार ारं भ िकए
ह इसके अंतगत लोक सेवकों के उ ृ और आदश काय को पुर ृ त िकया जाता है वष 2007 म
ारं भ से अब तक तीन ेिणयों- गत, सामूिहक एवं िवभागीय के अंतगत 67 पुर ार िदए गए ह वष
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2015-16 म ाथिमकता काय मों के उ ृ ि या यन की एक नई ेणी शु की गई 2018 म भारत


सरकार के अित र सिचव/संयु सिचव अिधका रयों और िनदे शक/उपसिचव पद पर काम करने वाले
अिधका रयों के िलए एक-एक नए पुर ारों की शु आत की गई थी यह पुर ार उनको कायिविधयों/
तं को सरलीकृत और उसे पुनः ावहा रक बनाने के सुधारों के िलए िदया गया है

लोक सेवा िदवस


भारत सरकार ारा ितवष 21 अ ैल को लोक सेवा िदवस के प म मनाया जाता है , िजसम लोक सेवा
अिधकारी नाग रक िहतों के ित अपनी िन ा एवं काय म उ ृ ता के ित समपण को दोहराते ह ऐसा
पहला आयोजन 21 अ ैल, 2006 को नई िद ी के िव ान भवन म आयोिजत िकया गया था इस अवसर
पर धानमं ी ने लोक शासन म उ ृ ता हे तु ‘ धानमं ी पुर ार’ िदया था यह ितिथ तं भारत के
पहले गृहमं ी सरदार व भ पटे ल ारा भारतीय शासिनक सेवा के पहले बैच को ‘मेटकाफ हाउस’ नई
िद ी म संबोिधत िकए जाने की ितिथ से मेल खाती है

अंतररा ीय आदान- दान एवं सहयोग


िवभाग लोक शासन एवं शासन के े म अंतररा ीय सहयोग से जुड़े मामलों के िलए मुख (नोडल) क
है इसके काय म भारत और अ दे शों के बीच (ि प ीय अथवा ब प ीय) समझौता/समझौता ापन
(एमओयू) के तहत प रयोजनाओं/ि प ीय उपायों से संबंिधत िह े के प म काय मों का आयोजन
शािमल है अंतररा ीय सहयोग घटक का उ े रा ीय सरकार को सूचनाओं, सव म अनुभवों और
कािमकों के आदान- दान म स म बनाना है अपने अंतररा ीय यासों के तहत िवभाग ने शासिनक
अनुभवों तथा आदान- दान की संभावनाओं का पता लगाया है और ि टे न, ां स, िसंगापुर, मलेिशया, चीन
के साथ ि प ीय और दि ण अ ीका एवं ाज़ील के साथ (आईबीएसए) के तहत ि प ीय समझौतों पर
ह ा र िकए ह इनम लोक शासन और सेवा िवतरण के े म काय मों/प रयोजनाओं तथा
गितिविधयों का दािय शािमल है तािक शासन की वतमान व था म सुधार हो और जवाबदे ही,
उ रदािय , पारदिशता की बेहतर भावना पैदा हो सके तथा लोक सेवा िवतरण, सुशासन, लोक सेवा म
सुधार, मता िनमाण और गुणव ा उ यन के प र े म लोक सेवा म उ ृ ता ा हो सके

रा मंडल लोक शासन एवं बंधन क के साथ सहयोग


रा मंडल लोक शासन एवं बंधन क (सीएपीएएम) समूचे रा मंडल म लोक बंधन, लोकतं एवं
सुशासन को सु ढ़ करने के िलए ितब संगठन है इसका मु ालय कनाडा के ओटावा म है 1991 म
हरारे तथा 1993 म साइ स म रा मंडल शासना ों की बैठकों म िलए गए िनणयों के प रणाम प
इस क की थापना 1994 म की गई थी थापना के बाद से रा मंडल दे शों म इसकी सद सं ा 1,100
से अिधक हो गई है भारत सरकार का कािमक, लोक िशकायत एवं पशन मं ालय 1997 म सीएपीएम का
सं थागत सद बना इस सं था का सद बनने से भारत सरकार सीएपीएएम ारा आयोिजत अंतररा ीय
नवाचार पुर ार काय म, अंतररा ीय नवाचार सोपान काय म, अंतररा ीय बैठकों, िवचार गोि यों तथा
स ेलनों और काय मों की जानकारी के साथ ही िविभ पि काओं, लेखों एवं अ यन रपोट से
नवीनतम सूचनाएं हािसल कर सकती है अपने पुर ारों के मा म से सीएपीएएम चार ेिणयों म सुशासन
को मा ता एवं ो ाहन दे ता है अंतररा ीय नवाचार पुर ारों के ारा लोक सेवा े म सुशासन एवं
सेवाओं म मह पूण योगदान दे ने वाले संगठनों म नवाचार की भावना को ो ािहत िकया जाता है

िवदे श िश ण काय म
अंतररा ीय सहयोग यासों के िह े के प म अ दे शों के साथ जानकारी हािसल करने और शासिनक
अनुभवों का आदान- दान करने की संभावना िवशेष प से ई-शासन और सेवाओं के ऑनलाइन िवतरण
के े म तलाशी गई है वष 2016-17 म िवभाग ने ई-शासन आधा रत नाग रक कि त ऑनलाइन सेवाओं
के मा म से ‘ ूनतम सरकार अिधकतम शासन’ िवषय पर दो लघु अविध िवदे श िश ण काय म तैयार
िकए ये काय म धानमं ी िवजेताओं/ई-शासन पुर ार िवजेताओं सिहत क और रा सरकारों/
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क शािसत दे शों के अिधका रयों के िलए मशः अग 2016 म इं ी ूट ऑफ प क एडिमिन े शन


(आईपीएसी), टोरॉ ो, कनाडा तथा िसतंबर 2016 म पीबीएल ू , दी हे ग, नीदरलड् स म आयोिजत ए थे

यूएनडीपी प रयोजना
पूरे दे श म सरकारी ऑनलाइन सेवा िवतरण व था म बड़े बदलाव करने और बेहतर सेवा िवतरण के िलए
सरकार ारा ‘िडिजटल इं िडया’ काय म पर जोर िदए जाने के साथ-साथ शासिनक सुधारों म िवभाग की
भूिमका म सुधारों के िलए डीएआरपीजी-यूएनडीपी को सहयोग दान कर रहा है संयु रा ई-सरकार
सव ण रपोट 2016 के अनुसार संयु रा ई-शासन सूचकां क म भारत की थित सुधरी है सव ण म
भारत की रिकंग 193 दे शों म 107वीं ह जबिक 2014 म यह रिकंग 118 थी ई-सहभािगता म यह 27 है
जबिक 2014 म 193 दे शों म 40वां थान था ऑनलाइन सेवा सूचकां क म भारत ब त ऊंचे थान पर है
ोंिक उसे 2014 म िमले 0.5433 अंकों के थान पर 2016 की रिकंग म 0.7464 अंक ा ए ह सभी
मं ालयों/िवभागों तथा रा ों/क शािसत दे शों की ऑनलाइन सेवाओं को सरकारी सेवा पोटल म लाकर
यूएन- ई-शासन पोटल म भारत की थित म सुधार के उ े से यूएनडीपी और एनआईसी ने सरकारी सेवा
पोटल शु िकया था
ई-गवनस ( शासन) पर रा ीय स ेलन
डीएआरपीजी इले ॉिन व सूचना ौ ोिगकी िवभाग के साथ िमलकर एक रा सरकार के सहयोग से
1997 से ही ितवष ई-गवनस (शासन) पर रा ीय स ेलन का आयोजन कर रहा है यह स ेलन रा
सरकारों के सूचना ौ ोिगकी (आईटी) सिचवों, क ीय सरकार के आईटी बंधकों, संसाधन यों और
िवशेष ों, उ ोग एवं अकादिमक सं थानों के बु जीिवयों सिहत सरकार के व र अिधका रयों के िलए ई-
गवनस (शासन) से जुड़े िविभ िवषयों पर िवचार-िवमश करने तथा अनुभव साझा करने का मंच उपल
कराता है अब तक 21 ई-गवनस (शासन) स ेलन आयोिजत िकए जा चुके ह
डीएआरपीजी ई-गवनस (शासन) यासों को लागू करने म उ ृ ता को मा ता दे ने और ो ािहत
करने के िलए ेक वष िन िल खत ेिणयों म ऐसे स ेलनों म पुर ार दान करता है : (i) सरकारी
ि या री-इं जीिनय रं ग म उ ृ ता; (ii) नाग रक कि त सेवा दे ने म उ ृ योगदान; (iii) सावजिनक े
की इकाइयों से अंतर अ सरकारी िवभागों की मौजूदा प रयोजनाओं म नवीकरण; (iv) पूव र रा म
आईसीटी के ज रए सव े िजला रीय पहल; (v) पवतीय रा और क शािसत दे श (िद ी के
अलावा); (vi) ई-गवनस थािपत तकनीक और जीआईएस का उपयोग; (vii) ाट-अ ारा ई-गवनस/
शु आतों म आईसीटी का अिभनव योग; (viii) सरकारी पंजीकरण आिद
ेक ेणी को एक ण और एक रजत पुर ार िदया जाता है ण पुर ार प रयोजना और
िवजेता टीम को अिधकतम पये 2 लाख तक का नगद पुर ार िदया जाता है , िजसम ित
अिधकतम रािश पये 75,000 की होती है रजत पुर ार िवजेता प रयोजना और उसकी टीम को
अिधकतम पये 1 लाख का नगद पुर ार और ित पये 50,000 की अिधकतम रािश होती है
ई-ऑिफस प रयोजना
भूतपूव रा ीय ई-ऑिफस योजना 2006 एनईजीपी 1.0 म िचि त 31 िमशन मोड प रयोजनाओं म से एक ई-
ऑिफस प रयोजना है इसका काया यन डीएआर एं ड पीजी ारा िकया जा रहा है ई-ऑिफस को
वतमान िडिजटल इं िडया काय म (एनईजीपी 2.0) म शािमल कर िलया गया है कैिबनेट सिचव की
अ ता वाली एक शीष सिमित िनयिमत प से इस काय म की िनगरानी कर रही है
आधुिनकीकरण योजना
शासिनक सुधार की सम ि या के प म िद ी म थत क सरकार के िविभ कायालयों म शाखा
तथा अनुभाग र पर आधुिनकीकरण को बढ़ावा दे ने के िलए शासिनक सुधार तथा लोक िशकायत
िवभाग ारा 1987-88 से ही आधुिनकीकरण योजना को लागू िकया जा रहा है इस योजना के अनुसार
डीएआरपीजी, प रयोजना की कुल लागत का 75 ितशत िव ीय सहायता के प म दे ता है और लाभाथ
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को लागत का 25 ितशत वहन करना होता है


सावजिनक िशकायतों का िनवारण
डीएआरपीजी क सरकार के िलए लोक िशकायतों म हजाने से संबंिधत मामलों की जां च और सहयोग तथा
नीितगत िदशािनदश के िनगमन का काय करता है शासन णाली के संघीय िस ां तों के अनुसार रा ों से
जुड़े लोग िशकायत के मामलों को रा सरकारों को उिचत कायवाही के िलए सौंप िदया जाता है 2015 म
एक एं डॉयड आधा रत मोबाइल एप लां च की गई थी िजसके ज रए आमजन अपनी िशकायत दज और उन
पर की जाने वाली कारवाई की जानकारी रख सकते ह यूिनफाइड मोबाइल ए केशन फॉर ू-एज
गवनस (यूएमएएनजी) के साथ जोड़ कर एप को और अिधक िवकिसत कर यूजर डली बनाया गया है
इसके अलावा, वा िवक समय म जन िशकायतों पर िनगाह रखने और णालीगत सुधारों के पुनरी ण
के िलए एक ऑनलाइन डै शबोड िवकिसत िकया गया है डै शबोड पर िशकायती मामलों से संबंिधत तं गत
सुधार और उनके िनगरानी माप दशाए जाते ह इनकी मदद से मंि मंडल सिचवालय, डीएआरपीजी और
संबंिधत मं ालयी िवभागों को सुधारों के अमल म लाए जाने पर ि रखने म मदद िमलती है समय-समय
पर नाग रकों और यं था के सम आने वाली िद तों को दे खते ए सीपीजीआरएएम को अपडे ट
िकया जाता है मौजूदा समय म 2018 से सीपीजीआरएएमएस का छठा सं रण कायरत है िजसके ज रए
एक बार पंजीकरण िकया जा सकता है इसकी मदद से नाग रक को िसंगल ीन पर उसकी िशकायत
और संबंिधत थित की जानकारी ा होती है
िवभाग भारत सरकार के िसिटजन चाटर और सूचना एवं सुिवधा काउं टस (आईएफसीज़) पहल से भी
सहयोग करता है जन सेवा िडिलवरी और सरकार को जन क ीय बनाने के िलए ‘सव म’ नामक सुधार
ढां चा भी िवकिसत िकया गया है इसके अंतगत, बेहतर सेवा िडलीवरी दान करने के िलए मं ालयों,
िवभागों सिहत रा सरकारों को सव म ढां चे को अमल म लाए जाने पर सहयोग िदया गया है
लेखन और सार
िवभाग का लेखन और सार भाग मूल प से रा ों के/क शािसत दे शों ारा बेहतर शासन पहल के
अनुभव, एक-दू सरे के साथ अनुभव साझा करने और उसे दोहराने के उ े से इनके लेखन और सार
के काय म संल है
बेहतर शासन पहल के पेशेवर लेखन के िलए िव ीय सहायता: योजना का उ े रा ों/क शािसत
दे शों ारा बेहतर शासन पहल के पेशेवर लेखन तथा सार को बढ़ाने के िलए 3.0 पये तक की िव ीय
सहायता दे ना है अभी तक 82 प रयोजनाओं को ीकृित दी गई है रा सरकारों/क शािसत दे शों को
िव ीय सहयता िदए जाने की संशोिधत योजना के अनुसार पेशेवर लेखन रपोट कागज़ी लेखन के थान
पर अब ई-बुक म होगा तथा तीन लाख पये की िव ीय सहायता से सरकारों/क शािसत दे शों ारा एक
लघु वृ िच भी बनाया जाएगा
े कायकलापों पर वृ िच का िनमाण: िवभाग पूरे दे श म े कायकलापों पर वृ िच बनाने का काय
कर रहा है ये िफ शासन के िलए उपयोगी ह तथा सफलता की कहािनयों के सार से इ िकसी और
थान पर दोहराने म सहायता िमलेगी ऐसे 78 वृ िच ों का िनमाण िकया जा चुका है ये वृ िच िवभाग
की वेबसाइट और यू- ूब पर उपल ह
े ीय स ेलन: सुशासन के तौर तरीकों को तैयार करने और उ लागू करने के अनुभवों को साझा करने
के िलए यंसेवी सं थानों, बु जीिवयों, मीिडया तथा अ संबंिधत प ों के साथ रा ीय तथा रा रीय
संगठनों को साथ लाने के उ े से िविभ रा ों/क शािसत दे शों की सरकारों के साथ िमलकर िविश
िवषयों पर े ीय स ेलन आयोिजत िकए जाते ह
सव म कायकलापों पर पु कः यह भाग चुिनंदा पुर ार िवजेता सुशासन कायकलापों पर लेखों की
पु क कािशत करता है ये लेख उन पहलों से संबंिधत होते ह िज धानमं ी पुर ार या रा ीय ई-
गवनस पुर ार िमला है यह सं ह शासकों के िलए बेहद उपयोगी है ोंिक सफलता की कहािनयों के
सार से इसे अ दोहराने म सुिवधा होती है भाग (िडवीजन) ने इस िवषय पर पु कों की एक ृंखला
कािशत की है
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िमिनमम गवनमट - मै मम गवनसः शासिनक सुधार और लोक िशकायत िवभाग 1969 से सरकार का
िनयतकािलक जनल ‘मैनेजमट इन गवनमट’ (एमआईजी) कािशत करता है िजसका नाम अब ‘िमिनमम
गवनमट-मै मम गवनस’ कर िदया गया है जनल म उन सव े यासों का वणन होता है िजनम
शासिनक काय के िलए धानमं ी पुर ार िदए जाते ह और नेशनल ई-गवनस पर ारों तथा 2015 म
आई पहली ई-बुक की शु आत के बारे म भी इसम बताया गया है ‘िमिनमम गवनमट - मै मम गवनस’
ई-बुक िवभाग की वेबसाइट : http://darpg.gov.in/journal-MGMG पर भी उपल है

कािमक एवं िश ण िवभाग


अवधारणा क प म कािमक एवं िश ण िवभाग (डीओपीटी) की भूिमका को दो भागों म िवभ िकया
जा सकता है अपनी वृहद क ीय भूिमका म यह सरकार की नीितयां तैयार करने और ऐसे िनगरानी तं के
प म काय करता है िजसका काय यह सुिनि त करना है िक इसके ारा िनधा रत मानक एवं ीकृत
मानदं डों का पालन सभी मं ालयों/िवभागों ारा अ संबंिधत िवषयों के साथ अपने यहां कािमकों की भत
(िनयु ), सेवा शत के िनयमनपद थापना (तैनाती)/ थानां तरण और ितिनयु करते समय िकया जाता
है िवभाग सभी सं थानों को कािमक बंधन के बारे म परामश भी दे ता है अिधक ता ािलक र पर
कािमक एवं िश ण िवभाग (डीओपीटी) का दािय भारतीय शासिनक सेवा के साथ ही क ीय
सिचवालय म तीन सिचवालय सेवाओं का संवग (कैडर) िनयं क ािधकारी होना भी है िवभाग सटल
ािफंग ीम भी चलाता है िजसके अंतगत अ खल भारतीय सेवाओं और समूह ‘क’ क ीय सेवाओं से
उपयु अिधका रयों का चयन कर उ उपसिचव, िनदे शक और संयु सिचव के प म आविधक
ितिनयु (टे ोर डे पुटेशन) के आधार पर तैनात करता है िवभाग िविभ लोक उप मों/ ित ानों,
िनगमों, बकों एवं िव ीय सं थाओं के बंधन बोड के अ , बंध िनदे शक और पूणकािलक कायकारी
िनदे शकों/सद ों की िनयु का भी काम दे खता है यह िविभ िवकासशील दे शों म भारतीय िवशेष ों
की िनयु का काय भी करता है यह सभी अ खल भारतीय एवं क ीय सेवाओं की िश ण नीितयों को
बनाने और उनके सम यन के साथ ही रा सरकारों के कािमकों के मता िनमाण के िलए भी उ रदायी
है
वेबसाइट: www.dopt.gov.in
भत एजिसयां
िवभाग िजन दो संगठनों के मा म से सरकार के कमचा रयों की भत को सुिनि त करता है वे ह- संघ
लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और कमचारी चयन आयोग (एसएससी) पहले संगठन का उ रदािय
अ खल भारतीय सेवाओं सिहत उ लोक (िसिवल) सेवाओं एवं लोक सेवक पदों पर िनयु करने के िलए
परी ाएं कराना है भत के तरीकों, ो ित एवं एक सेवा से दू सरी सेवा म थानां तरण के समय अनुकरणीय
िस ां तों तथा सभी अनुशासना क मामलों म आयोग से परामश िलया जाना अिनवाय है अधीन थ
कमचा रयों जैसे सहायक, आशुिलिपक इ ािद के िलए भत करना कमचारी चयन आयोग का उ रदािय
है
डीओपीटी ारा की गई पहल म शािमल ह:
(क) ुप बी और सी पदों के िलए सा ा ार पर िवराम
जनवरी 2016 से कमचारी चयन आयोग (एसएससी) के ुप ‘सी’ और ुप ‘बी’ (गैर-राजपि त) की सभी
भितयों के िलए सा ा ार को समा कर िदया गया यह ि या भारत सरकार के मं ालयों/संबंिधत/
अधीन कायालयों/ ाय इकाइयों सावजिनक े इकाइयों के िलए अमल म लाई जाएगी 18 रा ों और
सभी क शािसत दे शों, िजनम आं दे श, असम, िबहार, छ ीसगढ़, गोवा, गुजरात, िहमाचल दे श,
झारखंड, कनाटक, केरल, म दे श, महारा , मिणपुर, पंजाब, राज थान, तिमलनाडु तेलंगाना,
उ राखंड, अंडमान और िनकोबार ीपसमूह, चंडीगढ़, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, िद ी,
ल ीप और पुद्ु दचेरी शािमल ह, ने िनचले र की भितयों के िलए सा ा ार की ज रत को समा
करने की नीित को अपना िलया है
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(ख) ओएमआर आधा रत परी ा की बजाय क ूटर का चलन


पारदिशता बढ़ाने और भत की संपूण ि या म कम समय य करने के िलए सरकार ने एसएससी ारा
आयोिजत िविभ भत परी ाओं (सीजीएलई, सीएचएसएलई, एमटीएस आिद) को पारं प रक ओएमआर
(ऑि कल माक रीडर) से कं ूटर आधा रत मोड म बदल िदया है
(ग) एकल पंजीकरण और परी ा का टू -टीयर तं
मौजूदा समय म सरकारी नौकरी तलाश रहे परी ािथयों को िविभ परी ाओं से गुजरना पड़ता ह िजनम
उ ीण होने की समान यो ताएं िनधा रत की गई ह इस संबंध म िविभ भत एजिसयां न केवल
परी ािथयों पर बोझ बनती ह ब िविभ भत एजिसयों ारा आयोिजत परी ाओं पर अप य भी होता
है अब सरकार ने ुप ‘बी’ के गैर-राजपि त थानों हे तु ाशी सूची तैयार करने के िलए एक समान
यो ता परी ाएं आयोिजत िकए जाने का ाव रखा है और एसएससी ारा आयोिजत टीयर-1 परी ा के
िलए कं ूटर आधा रत/ऑनलाइन मोड परी ा की पहल की है नेशनल क रयर सिवस (एनसीएस) पोटल
के ज रए ािशयों का समान पंजीकरण िकया जाएगा अंितम चुनाव भत एजिसयों ारा अपने र पर
आयोिजत िविश टीयर-2 परी ा के आधार पर िकया जाएगा
(घ) िनयु के िलए - माणप
जून 2016 से भत एजिसयां ािशयों ारा िनयु के िलए अ थायी तौर पर मा - माणीकृत
आधा रत प जारी कर रही ह इसके आधार पर िनयु पु ा करने के िलए छह माह के भीतर पुिलस
जां च करानी आव क होती है तािक नाग रकों म िव ास मजबूत हो और पुिलस जां च के कारण काय म
ूनतम िवलंब हो
(ङ) िद ांग जन भितयों म तेजी
िद ां ग जन को बराबर के अवसर उपल कराने के िलए मई 2015 को िवशेष भत ि या की शु आत
की गई इसके ज रए क सरकार म िद ां ग जन के िलए 15,694 भत थानों म से 13,492 भितयां की जा
चुकी ह
(च) पूव-सैिनकों को आर ण लाभ
इससे पहले पूव सैिनकों असैिनक रोजगार का एक अवसर दान िकया जाता था नए आदे शों के अनुसार,
िकसी भी असैिनक रोजगार से जुड़ने से पहले उ अपनी पसंद का ओहदा ा करने का अवसर िमलेगा
(छ) शासन म नाग रक क ीयता
नाग रकों को आसानी से सूचना ा करने के िलए आरटीआई के ऑनलाइन पोटल को सीआईसी से
पंजीकृत सभी नाग रक ािधकारी वग को जोड़ा गया है सभी नाग रक ािधकारी वग इसम पं ब
तरीके से जोड़ा गया है
(ज) उ पद िनयु व था
यह सुिनि त िकया गया है िक उ पदों पर िनयु यां यो ता और िन ा के आधार पर हों संयु सिचव
और उससे ऊपर के पदों पर िविभ ोत से ितपुि को भी स िलत िकया गया है सावजिनक े के
बकों के बोड् स के चुनाव के िलए ब बोड ूरो का गठन िकया गया है कायकारी े म िव ार और
िनजी े /रा की सावजिनक े इकाइयों के कायका रयों के अनुभवों का इ ेमाल करने के िलए, उन
कायका रयों को क ीय सावजिनक े उप मों के बोड रीय पदों के उपयु बनाना
(झ) ाचार िवरोधी नीितयां
भारत सरकार ाचार के खलाफ ‘शू सिह ुता’ की नीित का पालन करती है ‘िमिनमम गवनमट-
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मै मम गवनस’ का आधारभूत ल तभी ा हो सकता है जबिक सरकार और उसकी एजिसयां जन


कि त, पारदश और ाचार मु माहौल म काम कर इन ल ों की ा के िलए िनवारक और
दं डा क कदम उठाए गए ह
(ज) अविधपूव सेवािनवृि की गहन पड़ताल
अकम , बेअसर और संिद छिव वाले अफसरों को िनकालने के िलए, िनयम एफआर 56 जे के अंतगत
सभी सरकारी कमचा रयों के रकॉड और अ संबंिधत ावधानों की गहन पड़ताल की गई है सेवा
रकॉड की िव ृत पड़ताल के बाद िजन अफसरों के खलाफ लगातार िशकायत और मामले ा ए,
ऐसी संिद छिव वाले अफसरों को अिनवाय तौर पर सेवािनवृ करने से जुड़े िनणय भी िलए गए

शासिनक सुधार आयोग


दू सरे शासिनक सुधार आयोग (एआरसी) का गठन 2005 म आ था इसका काय जन शासिनक तं के
जां च आयोग के तौर पर था यह सरकार को िवचार हे तु 15 रपोट ुत करता है : (1) सूचना का
अिधकारः कुशल शासन की कुंजी, (2) अनलॉिकंग ह्ु यमन कैिपटलः एनटाइटलमट् स एं ड गवनस - ए केस
डी, (3) ाइिसस मैनेजमट: ॉम डे ेयर टू होप, (4) एिथ इन गवनस, (5) प क ऑडर: ज स
फॉर ईच... पीस फॉर ऑल, (6) लोकल गवनस, (7) कैपेिसटी िब ं ग फॉर क रे जो ूशन -
ि न टू ूजन, (8) कॉ ेिटं ग टे र र , (9) सोशल कैिपटल - ए शेयड डे नी, (10) रीफिबिशंग ऑफ
पसनल एडिमिन े शन - े िलंग ू हाइट् स, (11) ोमोिटं ग ई-गवनस - द ाट वे फॉरवड, (12) िसिटजन
सिटक एडिमिन े शन - द हाट ऑफ गवनस, (13) ऑगनाइजेशनल र ऑफ गवनमट ऑफ इं िडया,
(14) थेिनंग फाइनिशयल मैनेजमट िस म, (15) रा एवं िजला शासन क सरकार ने 15 म से 14
रपोट पर िवचार िकया है और दू सरी एआरसी की िसफा रशों पर कारवाइयां िविभ चरणों म ह

सूचना का अिधकार
नाग रकों को सश बनाने, पारदिशता को बढ़ावा दे ने, सरकार की णाली को जवाबदे ह बनाने, ाचार
रोकने और वा िवक लोकतं के अथ म लोगों के िलए काय करने के िवचार से सूचना का अिधकार
अिधिनयम, 2005 बनाया गया है अिधिनयम का उ े सूचना से लैस नाग रक तैयार करना है जो शासन
के िविभ अंगों पर आव क सतकता बनाने के िलए बेहतर तरीके से स म होंगे और शासन के ित
सरकार को जवाबदे ह बनाएं गे
अिधिनयम सभी नाग रकों को िकसी भी ािधकरण या िनकाय या शािसत सं था या संिवधान ारा या
संिवधान के अंतगत गिठत सरकार संसद ारा या रा िवधानमंडल ारा िनिमत कानून; या क सरकार
या रा सरकार ारा जारी अिधसूचना या आदे श को रोकने पर सूचना पाने का अिधकार दे ता है क
सरकार या िकसी रा सरकार के मािलकाना हक वाली, िनयं ण और पया िव पोिषत सं थाएं तथा
क या रा सरकार ारा पोिषत गैर-सरकारी संगठन भी लोक ािधकार की प रभाषा म आते ह
अिधकार म शािमल ह काय िनरी ण, लेख और रकॉड, नोट लेना, लेखों या रकाड का सार या
मािणत ितयां ा करना, लोक ािधकार या लोक ािधकार िनयं क ारा रोकी गई साम ी के मािणत
नमूने लेना इसम िकसी खास समय म लागू कानून के तहत लोक ािधकार की प ं च वाली िनजी सं था से
संबंिधत सूचना शािमल है सूचना के कुछ वग ऐसे भी ह िज अपने आप ही लोक
ािधकार को कािशत करना होता है
जो भी सरकार के िकसी कायालय से कोई सूचना चाहता है उसे कायालय के जन सूचना अिधकारी को
एक अनुरोध करना पड़ता है अनुरोध म केवल सूचना और िजस पते पर सूचना मां गी गई है उसे दशाना
होता है अनुरोध डाक ारा या गत प से िकया जा सकता है यह अनुरोध िहं दी या अं ेजी या िफर
उस े की राजकीय भाषा म िकया जा सकता है और ई-मेल के ज रए भी भेजा जा सकता है यिद
आवेदक को 30 िदनों के भीतर सूचना ा नहीं होती है या वह ा उ र से संतु नहीं होता तो वह 30
िदनों के भीतर ािधकरण ारा िनयु अपीलीय अिधकारी के पास, जो जन सूचना अिधकारी से व र होता
है , अपील कर सकता है अपील ा करने के बाद 30 िदनों के भीतर िनणय लेना होता है यिद अपीलीय
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अिधकारी के जवाब से भी आवेदक संतु नहीं होता तो वह 90 िदनों के भीतर क ीय सूचना आयोग अथवा
रा सूचना आयोग के पास दू सरी अपील कर सकता है क ीय सूचना आयोग क सरकार के अंतगत
कायालयों, िव ीय सं थाओं, सावजिनक े के उप मों आिद और क शािसत दे शों से संबंिधत अपील
ीकार करता है जबिक रा सूचना आयोग संबंिधत रा सरकार के अधीन कायालयों, िव ीय सं थाओं,
सावजिनक े से संबंिधत उप मों आिद से संबंिधत अपील ीकार करता है
क ीय सूचना आयोग/रा सूचना आयोग अिधिनयम ारा सृिजत उ ािधकार ा तं सं थाएं ह
इन आयोगों को चूक करने वाले जन सूचना अिधका रयों पर दं ड लगाने का अिधकार है कानून काफी
िव ृत है और शासन के लगभग सभी रों को शािमल करता है यह न केवल क /रा तथा थानीय
सरकारों के िलए लागू है ब सरकारी अनुदान पानेवालों पर भी लागू होता है इस अिधिनयम के तहत
सूचना तक प ं च ापक होती है और छूट ूनतम है सूचना का अिधकार अिधिनयम ने सरकार की
काय णाली म गोपनीयता की वतमान सं ृ ित को खुलेपन और पारदिशता की सं ृ ित म बदल िदया है

राजभाषा
संिवधान के अनु े द-343 (1) के अनुसार, िहं दी दे वनागरी िलिप म क की राजभाषा होगी अनु े द-343
(2) म शासकीय काय म अं ेजी के उपयोग को संिवधान के लागू होने के बाद से वष, अथात 25 जनवरी,
1965 तक जारी रखने का भी ावधान िकया गया था अनु े द-343 (3) म संसद को यह अिधकार िदया
गया है िक वह कानून बनाकर सरकारी काय के िलए अं ेजी के िनरं तर योग को 25 जनवरी, 1965 के
बाद भी जारी रख सकती है तदनुसार राजभाषा अिधिनयम, 1963 (1967 म संशोिधत) की धारा 3 (2) म
यह व था की गई है िक िहं दी के अलावा, अं ेजी भाषा सरकारी कामकाज के िलए 25 जनवरी, 1965 के
बाद भी जारी रहे गी अिधिनयम म यह भी व था है िक कुछ िवशेष काय , जैसे ाव, सामा आदे श,
िनयम, अिधसूचनाएं , ेस िव यां , शासकीय और अ रपोट, लाइसस, परिमट, ठे कों अिद म िहं दी
और अं ेजी दोनों का योग अिनवाय होगा
राजभाषा के िवषय म संवैधािनक और कानूनी ावधानों के अनुपालन को सुिनि त करने के िलए और
संघ के आिधका रक उ े ों के िलए िहं दी के उपयोग को बढ़ावा दे ने के िलए, 1975 म गृह मं ालय के एक
तं िवभाग के प म राजभाषा िवभाग को थािपत िकया गया था तब से, ये िवभाग िहं दी के ( वसाय
के िविनयोजन) िनयम, 1961, के िलए िहं दी के गितशील उपयोग म तेजी लाने के यास कर रहा है इस
िवभाग को िन िल खत काय सौंपे गए ह, िजसम संघ की राजभाषा के प म िहं दी के गितशील उपयोग
से संबंिधत सभी मामलों म सम य, शासिनक श ावली, पा म, पा पु क, िश ण पा म
और उपकरण (मानकीकृत िलिप के साथ) को शािमल करने के िलए क ीय िहं दी सिमित और क ीय
अनुवाद ूरो इ ािद के आव क मामले शािमल ह
राजभाषा अिधिनयम, 1963 जो िक 1967 म संशोिधत आ, की धारा 8 (1) के अंतगत 1967 म राजभाषा
िनयम बनाए गए थे इसकी मु िवशेषताएं इस कार ह:
(1) ये िनयम क सरकार के सभी कायालयों पर लागू ह, िजनम सरकार ारा िनयु आयोग, सिमित या
ायािधकरण (िट ूनल) एवं इसके िनयं ण वाले िनगम या कंपिनयां भी शािमल ह इनम तिमलनाडु
रा शािमल नहीं है
(2) क सरकार के कायालयों से ‘क’ े के रा ों/क शािसत दे शों (यथा उ र दे श,उ राखंड,
िहमाचल दे श, म दे श, छ ीसगढ़, झारखंड, िबहार, राज थान, ह रयाणा, अंडमान िनकोबार ीप
समूह और िद ी) या िकसी के बीच प - वहार की भाषा िहं दी होगी
(3) क सरकार के कायालयों से ‘ख’ े के रा ों (पंजाब, गुजरात, महारा और क शािसत दे श
चंडीगढ़, दमन और दीव या दादरा और नगर हवेली) को प अिद िहं दी म भेजे जाएं गे िक ु यिद की
संवाद अं ेजी म है तो उसका िहं दी अनुवाद भी भेजा जाएगा
(4) क सरकार और रा सरकार के बीच या िकसी अ कायालय (क ीय कायालय नहीं होने पर) या
िकसी को भेजे जाने वाले प ‘ग’ े के िलए अं ेजी म भेजे जाएं गे
(5) े ‘ग’ के अंतगत आने वाले क सरकार के कायालय से ‘क’ तथा ‘ख’ े के रा ों या क शािसत
दे श या िकसी कायालय (क सरकार का कायालय नहीं हो) अथवा ऐसे रा ों के िकसी भी को
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िहं दी अथवा अं ेजी म प भेजे जा सकते ह

राजभाषा नीित
राजभाषा नीित की िवशेषताएं ह:
(1) क सरकार के कायालयों से संबंिधत सभी िनयमाविलयां , संिहताएं तथा ि या संबंधी सािह िहं दी
तथा अं ेजी दोनों म तैयार कराए जाएं गे सभी प , पंिजकाओं (रिज रों) के शीष, नामप , सूचना
पटल तथा े शनरी की व ुएं िहं दी और अं ेजी म होंगी
(2) अिधिनयम की धारा 3 (3) म उ खत द ावेजों पर ह ा र करने वाले अिधकारी का यह दािय
होगा िक वह दे खे िक ये द ावेज िहं दी और अं ेजी दोनों म जारी हों
(3) क सरकार के ेक कायालय म शासिनक मुख का यह दािय होगा िक वह सुिनि त करे िक
िनयम-12 के अंतगत जारी िनयमों और िनदशों तथा धारा की व थाओं का पूरा पालन हो रहा है तथा
इस पर नजर रखने के िलए समुिचत एवं कारगर जां च िबंदु बनाए जाएं
वेबसाइट: www.rajbhasha.nic.in
वािषक काय म
राजभाषा के संक , 1968 का पालन करते ए राजभाषा िवभाग हर वष एक वािषक काय म तैयार
करता है , िजसम क सरकार के कायालयों के िलए िहं दी म प - वहार, िहं दी टं कक और आशुिलिपक
की भत , वेबसाइटों, िहं दी सलाहकार सिमित और राजभाषा काया यन सिमितयों की बैठक और िनरी ण,
पु कालयों हे तु िहं दी पु कों की खरीद, इले ॉिनक उपकरणों की खरीद आिद का ल िनधा रत िकया
जाता है इस ल की ा के संबंध म क सरकार के कायालयों से ितमाही गित रपोट भेजी जाती ह
इस ितमाही रपोट के आधार पर वािषक रपोट तैयार की जाती है यह वािषक रपोट संसद के दोनों सदनों
म रखी जाती है और इसकी ितयां रा सरकारों और क सरकार के मं ालयों/िवभागों म भेजी जाती ह
सिमितयां
क ीय िहं दी सिमित का गठन 1967 म िकया गया था इसकी अ ता धानमं ी करते ह यह नीित
िनमाण की सव सं था है , जो राजभाषा के इ ेमाल को बढ़ावा दे ने के बारे म िदशािनदश तय करती है
राजभाषा पर संसद सिमित का गठन 1976 म िकया गया इसका गठन सरकारी कामकाज म राजभाषा
िहं दी के योग की गित की समी ा करने और उसकी रपोट रा पित को दे ने के िलए िकया गया था
पुर ार योजनाएं
क की राजभाषा के काया यन म उ ृ उपल हे तु राजभाषा िवभाग कीित पुर ार दान करता है
राजभाषा गौरव िहं दी पु क लेखन योजना के अंतगत क सरकार, बकों, िव ीय सं थानों, िव िव ालयों,
िश ण सं थानों तथा क सरकार के ाय शासी सं थानों के कायरत/सेवा िनवृ कमचा रयों ारा िहं दी
म िलखी गई मौिलक पु कों हे तु नगद पुर ार, शी तथा माण-प िदए जाते ह े ीय र पर क
की राजभाषा नीित क की राजभाषा नीित को बढ़ावा दे ने की िदशा म मह पूण उपल यां हािसल करने
वाले क सरकार के कायालयों, सावजािनक े के उप मों, नगर राजभाषा काया यन सिमितयों को
ेक वष राजभाषा पुर ार िदए जाते ह

अंतररा ीय प रषद्
संिवधान के अनु े द-263 म अंतररा ीय प रषद् की थापना का ावधान है क -रा संबंधों पर
सरका रया आयोग ारा दी गई िसफा रशों का अनुसरण करते ए 1990 म अंतररा ीय प रषद् का गठन
िकया गया था अंतररा ीय प रषद् एक अनुशंसा क इकाई है और उसे ऐसे िवषयों की जां च और चचा
के िलए अिधकार िदए गए ह िजनम कुछ या सभी रा ों या क और एक या एक से अिधक रा ों का
समान िहत जुड़ा हो इस िवषय के संबंध म बेहतर नीितगत सम य और कारवाई के िलए यह रा ों के
उन समान िहत के मु ों पर भी िवचार करती है िजसे प रषद् के अ ारा अ ेिषत िकया गया हो
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माननीय धानमं ी इस प रषद् के अ होते ह सभी रा ों और क शािसत दे शों (जहां िवधानसभा


हो) के मु मं ी, क शािसत दे शों (जहां िवधानसभा न हो) के शासक, रा पित शासन वाले रा ों के
रा पाल, क ीय मंि मंडल के कैिबनेट र के छह मं ी, िज इस प रषद् के अ ने नामां िकत िकया
हो, इस प रषद् के सद होते ह
वेबसाइट www.interstatecouncil.nic.in
े ीय प रषद
रा पुनगठन अिधिनयम, 1956 के भाग-3 के अनुसार पां च े ीय प रषदों यथा, उ री े ीय प रषद,
म े ीय प रषद, पूव े ीय प रषद, पि मी े ीय प रषद तथा दि णी े ीय प रषद की थापना की
गई थी इनके उ े ह- रा ीय एकीकरण; ती रा चेतना, े वाद, भाषाई एवं प पाती वृि यों को
रोकना; क और रा ों म सहयोग तथा िवचारों के आदान- दान को सि य बनाना तथा िवकास योजनाओं
के रत तथा सफल काया यन हे तु रा ों म पर र सहयोग के वातावरण का िनमाण

े ीय प रषदों की रचना

े ीय प रषदों की संगठना क संरचना: क ीय गृहमं ी सभी े ीय प रषदों के अ होते ह संबंिधत


े ीय प रषदों के सद रा के मु मं ी एक वष के िलए रोटे शन के आधार पर उपा होते ह
ेक े ीय प रषद म हर रा के दो अ मं ी सद होते ह सद रा के मु सिचव, वािषक
रोटे शन के आधार पर े ीय प रषद के सिचव होते ह तथा एक अ िवकास अिधकारी/िवकास आयु
तथा योजना आयोग ारा नािमत एक ( ेक े ीय प रषद के िलए) एक वष की अविध के िलए
सलाहकार होता है

रा
रा ों म शासन व था क से काफी िमलती-जुलती है

कायपािलका
रा पाल
रा की कायपािलका के अंतगत रा पाल तथा मु मं ी के नेतृ म एक मंि प रषद् होती ह रा पाल
की िनयु भारत के रा पित पां च वष की अविध के िलए करते ह 35 वष से अिधक आयु वाले भारतीय
नाग रक को ही इस पद पर िनयु िकया जा सकता है रा की कायपािलका के सारे
अिधकार रा पाल म िनिहत होते ह
मु मं ी के नेतृ म मंि प रषद् रा पाल को उनके काय म सलाह-सहायता दे ती है - िसवाय उन
मामलों के जहां संिवधान के तहत उ कुछ काय अपने िववेक से भी करना होता है नगालड के मामले म
संिवधान के अनु े द-371 क के अंतगत रा पाल को कानून- व था के बारे म िवशेष िज ेदारी सौंपी
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गई है य िप कानून- व था संबंिधत मामलों म उनके िलए मंि प रषद् से परामश करना ज री होता है ,
िफर भी वह कारवाई के बारे म अपना तं िनणय ले सकते ह
इसी कार अ णाचल दे श के मामले म संिवधान के अनु े द 371 ज के अधीन कानून- व था तथा
इससे संबंिधत काय को िनपटाने म रा पाल का िवशेष दािय है रा पाल मंि प रषद् के परामश के
कारवाई के संबंध म अपने िववेक का इ ेमाल करगे िक ु ये सभी व थाएं अ थायी ह यिद रा पित
रा पाल से ा रपोट या िकसी अ आधार पर संतु हो जाएं िक कानून- व था के मामले म
रा पाल को िवशेष दािय सौंपना अब आव क नहीं है तो वह आदे श जारी कर ऐसे िनदश दे सकते ह
इसी कार असम, मेघालय, ि पुरा और िमजोरम के जनजातीय इलाकों पर लागू होने वाली छठी
अनुसूची के पैरा 20 म िकए गए उ ेख के अनुसार, िजला प रषद और रा सरकार के बीच रॉय ी के
बंटवारे से संबंिधत मामलों म रा पाल को अपने िववेक का इ ेमाल करने के अिधकार िदए गए ह छठी
अनुसूची म िमजोरम और ि पुरा के रा पालों को िदसंबर 1998 से लागू लगभग सभी काय (कर लगाने
और िजला प रषदों ारा गैर-जनजातीय समुदाय के धन उधार दे ने वालों के मामलों को छोड़कर) म अपने
िववेक इ ेमाल करने के अित र अिधकार िमले ए ह िस म के रा पाल को रा म शां ित तथा
जनता के िविभ वग के लोगों की सामािजक और आिथक उ ित का िवशेष उ रदािय सौंपा गया है
सभी रा पालों को अपने ऐसे संवैधािनक काय करते समय, जैसे- मु मं ी की िनयु अथवा रा म
संवैधािनक तं की असफलता की रपोट भेजते समय अथवा रा िवधानमंडल ारा पा रत िकसी भी
ाव को ीकृित दे ने से संबंिधत मामलों म अपने िववेक का इ ेमाल करना होता है

मंि प रषद्
मु मं ी की िनयु रा पाल ारा की जाती है तथा मु मं ी की सलाह पर रा पाल ारा अ मंि यों
की िनयु की जाती है मंि प रषद् सामूिहक प से िवधानसभा के ित उ रदायी होती है

िवधानमंडल
ेक रा म एक िवधानमंडल होता है , िजसके अंतगत रा पाल के अित र एक या दो सदन होते ह
आं दे श, तेलंगाना, िबहार, ज ू-क ीर, कनाटक, महारा और उ र दे श म िवधानमंडल के दो सदन
ह, िज िवधान प रषद् और िवधानसभा कहते ह शेष रा ों म िवधानमंडल का केवल एक ही सदन है ,
िजसे िवधानसभा कहा जाता है िकसी रा म वतमान िवधान प रषद को समा करने या जहां वह नहीं है ,
वहां उसे बनाने के िलए यिद संबंिधत िवधानसभा ाव पा रत करे तो संसद कानून बनाकर ऐसी व था
कर सकती है

िवधान प रषद्
ेक रा की िवधान प रषद् के सद ों की कुल सं ा रा के िवधानसभा के सद ों की कुल सं ा
के एक-ितहाई से अिधक तथा िकसी भी थित म 40 से कम नहीं होगी (ज ू-क ीर के संिवधान की धारा
50 के अंतगत ज ू-क ीर िवधान प रषद म 36 सद ह) प रषद् के लगभग एक -ितहाई सद उस
रा की िवधानसभा के सद ों ारा उन यों म से िनवािचत िकए जाते ह, जो िवधानसभा के सद
नहीं हों एक-ितहाई सद ों का िनवाचन नगरपािलकाओं, िजला बोड और रा के अ थानीय िनकायों
के सद ों के िनवाचक मंडल करते ह कुल सद सं ा के 12व भाग के बराबर सद ों का िनवाचन
रा की मा िमक र की िश ा सं थाओं म कम-से-कम तीन वष से काम कर रहे अ ापकों के
िनवाचक मंडल करते ह अ 12व भाग के बराबर सं ा म सद ों का िनवाचन ऐसे पंजीकृत ातक
करते ह िज ातक की उपािध िलए ए कम-से-कम तीन वष हो गए हों शेष सद ों के नाम रा पाल
ारा ऐसे यों म से नािमत िकए जाते ह, िज ोंने सािह , िव ान, कला, सहका रता आं दोलन तथा
सामािजक सेवा के े म ित ा ा की हो िवधान प रषद भंग नहीं होती ह उनके एक-ितहाई सद
ेक दू सरे वष की समा पर सेवािनवृ हो जाते ह

िवधानसभा
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िकसी भी रा की िवधानसभा म अिधकतम 500 तथा कम-से-कम 60 सद होते ह (संिवधान के


अनु े द-371 ‘छ’ के अनुसार, िस म िवधानसभा म 32 सद ह) इनका िनवाचन उस रा के
ादे िशक िनवाचन े ों से मतदान ारा िकया जाता है ादे िशक िनवाचन े ों का प रसीमन इस
ढं ग से िकया जाना चािहए िक ेक िनवाचन े की जनसं ा और उस िनवाचन े के िलए िनयत िकए
गए थानों की सं ा के बीच अनुपात, जहां तक संभव हो, संपूण रा म समान रहे आमतौर पर
िवधानसभा का कायालय पां च वष का होता है , लेिकन उसे अविध से पहले भी भंग िकया जा सकता है

अिधकार और काय
रा िवधानमंडलों को संिवधान की सातवीं अनुसूची- म विणत िवषयों पर पूण अिधकार तथा उनकी
सूची- म िदए गए िवषयों पर क के साथ िमले-जुले अिधकार ा ह िवधानमंडल की िव ीय श यों
के अंतगत सरकार ारा िकया जाने वाला संपूण य, आगे जाने वाले कर और ऋण ा करना शािमल
है िव िवधेयक केवल िवधानसभा म ही पेश हो सकता है िवधान प रषद िव िवधेयक ा होने के 14
िदनों के भीतर, उसम आव क कारवाई के िलए केवल िसफा रश कर सकती है , परं तु प रषद की
िसफा रशों को ीकार करने अथवा अ ीकार करने के िलए िवधानसभा तं है
िवधेयकों को रोके रखना
िवधानमंडल कवर पा रत िकसी िवधेयक को रा पाल, भारत के रा पित को िवचाराथ भेजने से रोक
सकता है संपि का अिनवाय अिध हण, उ ायालयों की श और थित पर भाव वाले उपाय,
अंतररा ीय नदी या नदी घाटी िवकास प रयोजनाओं म पानी और िबजली के सं ह, िवतरण और िब ी पर
कर लगाने जैसे िवषयों से संबंिधत िवधेयक अिनवायतः इस तरह से रोके रखे जाने चािहए रा
िवधानमंडल म अंतररा ीय ापार पर रोक लगाने का कोई िवधेयक रा पित की पूव ीकृित के िबना
ुत नहीं िकया जा सकता
कायपािलका पर िनयं ण
रा िवधानमंडल िव पर सामा िनयं ण रखने के अित र कायपािलका के िदन- ितिदन के काय पर
िनगरानी रखने के िलए ों, चचाओं, वाद-िववादों, थगन, अिव ास ावों तथा संक ों आिद सामा
ि याओं का उपयोग करते ह उनकी अपनी ा लन तथा लेखा सिमितयां भी होती ह, जो यह सुिनि त
करती ह िक िवधानमंडल ारा ीकृत अनुदानों का उिचत उपयोग िकया जाए

क शािसत दे श
क शािसत दे श का शासन रा पित ारा चलाया जाता है और वह इस बारे म जहां तक उिचत समझ,
अपने ारा िनयु शासक के मा म से काय करते ह अंडमान-िनकोबार, िद ी और पुद्ु दचेरी के
शासकों को उप-रा पाल कहा जाता है , जबिक चंडीगढ़ का शासक मु आयु कहलाता है इस
समय पंजाब का रा पाल ही चंडीगढ़ का शासक है दादरा और नगर हवेली का शासक दमन और
दीव का भी काय दे खता है ल ीप का अलग शासक है
रा ीय राजधानी े िद ी और क शािसत दे श पुद्ु दचेरी की अपनी-अपनी िवधानसभाएं और
मंि प रषद् ह पुद्ु दचेरी िवधानसभा संिवधान की सातवीं अनुसूची की सूची- और सूची- म िनिहत,
क शािसत े से संब कानून बना सकती है रा ीय राजधानी े िद ी की िवधानसभा को भी
संिवधान की अनुसूची- की िवि 1, 2 और 18 को छोड़कर, जो िवधानसभा की िवधायी मता के
अंतगत नहीं है , ये सभी श यां ा ह कुछ िवधेयकों को िवधानसभा म ुत करने के िलए क
सरकार की अि म ीकृित लेना भी अिनवाय है क शािसत े पुद्ु दचेरी और रा ीय राजधानी े
िद ी की िवधानसभा ारा पा रत कुछ िवधेयकों को रा पित के िवचाराथ और ीकृित दे ने के िलए रोक
िलया जाता है

थानीय शासन
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नगरपािलकाएं
भारत म थानीय िनकायों का ल ा इितहास है सव थम पूव- ेिसडसी शहर म ास म नगर-िनगम की
थापना 1688 म की गई उसके बाद 1726 म इसी तरह के नगर-िनगम मुंबई और कोलकाता (त ालीन
ब ई और कलक ा) म थािपत िकए गए भारतीय संिवधान म संसद और िवधानसभाओं म लोकतं की
र ा की िव ृत व थाएं की गई ह, लेिकन संिवधान म शहरी े ों के िलए थानीय शासन को प
से संवैधािनक दािय नहीं िदया गया है रा के नीित िनदशक िस ां तों म गावों म पंचायत व था का
उ ेख है , लेिकन रा ों की सूची म िवि 5 को छोड़कर, नगरपािलकाओं का कोई िज नहीं िकया गया
है इस िवि म थानीय शासन की िज ेदारी रा सरकार को सौंपी गई ह
थानीय शहरी िनकायों के िलए समान ढां चा तैयार करने और िनकायों को ाय शासी सरकार की
भावशाली लोकतां ि क इकाई के प म मजबूत बनाने के काय म मदद करने के उ े से संसद ने
1992 म (नगरपािलका ए ) नगरपािलकाओं से संबंिधत संिवधान (74वां संशोधन) अिधिनयम, 1992 पा रत
िकया यह अिधिनयम, 1993 से अमल म लाया गया भारत सरकार ने अिधसूचना जारी करके 1 जून,
1993 से इस अिधिनयम को लागू कर िदया संिवधान म नगरपािलकाओं के संबंध म एक नया खंड IX-क
जोड़ िदया गया है , तािक अ बातों के अलावा तीन कार की नगरपािलकाओं का गठन िकया जा सके:
ामीण े ों से शहरी े ों म प रवितत हो रहे े ों के िलए नगर पंचायत, छोटे शहरी े ों के िलए
नगरपािलका प रषद और बड़े शहरी े ों के िलए नगर िनगम, िनधा रत अविध की नगरपािलकाएं , रा
िनवाचन आयोगों की िनयु , रा िव आयोगों की िनयु और महानगर तथा िजला योजना सिमितयों
का गठन सभी रा ों और क शािसत दे शों ने अपने िनवाचन आयोगों और िव आयोगों का गठन कर
िलया है
पंचायत
संिवधान के अनु े द-40 म िदए गए नीित-िनदशक िस ां तों म यह व था की गई है िक रा ाम
पंचायतों के गठन के िलए आव क कदम उठाएगा और उ इस कार के अिधकार दान करे गा िक वे
एक ाय शासी सरकार की इकाई के प म काय कर सक
उपयु को ान म रखते ए संिवधान म पंचायतों से संबंिधत एक नया खंड (IX)जोड़ा गया है , िजसम
अ बातों के अलावा, िन व था भी की गई है - गां व अथवा गां वों के समूह म ाम सभा; ाम और अ
रों या र पर पंचायतों का गठन; ाम और उसके बीच के र पर पंचायतों की सभी सीटों के िलए और
इन रों पर पंचायतों के अ ों को सीधा चुनाव; ऐसे रों पर पंचायत सद ों और पंचायत-अ ों के
पदों के िलए जनसं ा के अनुपात म अनुसूिचत जाित और अनुसूिचत जनजाित के िलए सीटों का आर ण;
मिहलाओं के िलए कम-से-कम एक-ितहाई आर ण; पंचायत के िलए पां च साल के कायकाल का िनधारण
करना और िकसी भी पंचायत की बखा गी की थित म छह महीने के भीतर उसका चुनाव कराना

िनवाचन आयोग
भारत के िनवाचन आयोग की थापना 1950 म ई थी इसका मु ालय नई िद ी म है यह थायी तं
संवैधािनक िनकाय है संिवधान ने संसद और रा ों एवं क शािसत दे शों के िवधानमंडलों तथा रा पित
और उप-रा पित पद के चुनाव सम ि या का अधी ण, िनदशन और िनयं ण का अिधकार आयोग म
िनिहत िकया है
िनवाचन आयोग, आम चुनाव और उपचुनाव दोनों के चुनाव काय मों का िनधारण करता है यह
मतदाता सूिचयां तैयार करता है और उनका रखरखाव करता है तथा समय-समय पर उ अ तन करता
है उ ीदवारों के नामां कन का पयवे ण, राजनीितक दलों का पंजीकरण, उ ीदवारों के धन एवं खच
सिहत चुनाव चार की िनगरानी करता है यह चुनाव की ि या म मीिडया ारा कवरे ज म सहायता करता
है , मतदाताओं को िशि त और जाग क करने के उपाय करता है , मतदान क ों और बूथों की व था
करता है और मतगणना तथा नतीजों की घोषणा की िनगरानी करता है यह ईवीएम (इले ॉिनक वोिटं ग
मशीनों) के ज रए मतदान कराता है और हाल म ही ायोिगक आधार पर वीवीपीएटी (वोटर वे रफाएबल
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पेपर ऑिडट टे ल) की शु आत की गई है िनवाचन मतदान के समय फोटो पहचान-प ों (ईपीआईसी)


फोटो पिचयों के िवतरण के मा म से अिनवाय पहचान का भी ावधान िकया है
चुनाव, संिवधान के ावधानों के अनु प संसद ारा बनाए गए कानूनों की सहायता से कराए जाते ह
मुख कानून रा पित एवं उप-रा पित चुनाव अिधिनयम, 1952; जन ितिनिध कानून, 1950 और
जन ितिनिध अिधिनयम, 1951 ह सभी राजनीितक दलों को िनवाचन आयोग म पंजीकरण करने की
आव कता होती है चुनाव िच ( आर ण एवं आवंटन) आदे श, 1968 म िनधा रत मानदं ड के आधार पर
आयोग राजनीितक दलों को रा ीय एवं रा दलों के प म मा ता दान करता है यह दलों के बंटवारे /
िवलय से संब िववादों का भी फैसला करता है
रा र पर चुनाव आयोग का पयवे ण, आयोग का सम िनयं ण रा के मु चुनाव अिधकारी के
हाथ म होता है , िजसकी िनयु आयोग ारा रा के व र लोक सेवकों के बीच म से चयन के आधार पर
की जाती है भारत म िजला और उपमंडलीय रों पर े ीय शासन िड मिज े ट (उपायु /
कल र), सब िडिवजनल मिज े ट, राज मंडलीय अिधकारी, तहसीलदार आिद ारा संचािलत िकया
जाता है िनवाचन आयोग, रा सरकार के इन अिधका रयों को िजला िनवाचन अिधकारी, िनवाचन
पंजीकरण अिधकारी, िनवाचन अिधकारी, सहायक िनवाचन पंजीकरण अिधकारी, सहायक िनवाचन
अिधकारी आिद की िनयु कर चुनाव काय म इनका उपयोग करता है चुनाव के समय वे िनवाचन
आयोग को कमोबेश पूणकािलक आधार पर उपल होते ह
िपछले 64 वष के दौरान, आयोग ने लोकसभा के 16 आम चुनाव और रा िवधानमंडलों के करीब 365
चुनाव संप कराते ए, शां ितपूण, व थत एवं लोकतां ि क ढं ग से स ा का ह ां तरण िकया है
िनवाचन आयोग ने िश ण, अनुसंधान, िश ण और िनवाचक लोकतं एवं चुनाव बंधन का
अ ाधुिनक संसाधन क -भारतीय अंतररा ीय लोकतं एवं िनवाचन बंधन सं थान
(आईआईआईडीईएम) शु िकया है वतमान म यह सं थान नई िद ी से काम कर रहा है सं थान
िनवाचन आयोग के े अिधका रयों और िवदे शी भागीदारों के िलए पा म आयोिजत करता है आयोग
अ दे शों के िनवाचन बंध िनकायों के साथ िवशेष ता एवं अनुभव की भागीदारी बढ़ा रहा है और
ि प ीय अनुरोधों एवं ब -प ीय बंधों के आधार पर िनवाचन सहायता एवं िश ण उपल करा रहा है
भारत के िनवाचन आयोग ने यूएनडीपी, अंतररा ीय आईडीईए और आईएफईएस के साथ सहमित-प ों पर
ह ा र करने के अलावा 16 दे शों के साथ सहमित-प ों पर ह ा र िकए ह
वेबसाइट: www.eci.gov.in
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4 कृिष

रत की अथ व था म कृिष की अहम भूिमका है 2011 की जनगणना के अनुसार दे श की आबादी


भा का लगभग 54.6 ितशत कृिष और इससे जुड़ी गितिविधयों म लगा है और दे श के सकल मू
संवधन (वतमान मू पर) 2016-17 म इसकी िह ेदारी 17.4 ितशत है इस े को ाथिमकता
दे ते ए भारत सरकार ने इसके सतत िवकास हे तु कई कदम उठाए ह मृदा ा काड योजना ारा
सतत आधार पर िम ी की उवरकता म सुधार लाने, धानमं ी ाम िसंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के
मा म से पानी की बढ़ी ई मता तथा िसंचाई के िलए उपयोग म सुधार करने, परं परागत कृिष िवकास
योजना (पीकेवीवाई) ारा जैिवक खेती को समथन और िकसानों की आय म वृ हे तु एकीकृत रा ीय कृिष
बाज़ार के सृजन को समथन जैसे कई कदम उठाए गए ह इसके अित र , कृिष े म जो खम कम
करने के िलए खरीफ 2016 के साथ ही, धानमं ी फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की भी शु आत
की गई है
कृिष सहका रता और िकसान क ाण िवभाग, कृिष और िकसान क ाण िवभाग के तीन घटकों म से
एक है अ दो घटक ह- पशुपालन, डे यरी एवं म िवभाग और कृिष अनुसंधान एवं िश ा िवभाग
वेबसाइट:www.agriculture.gov.in,www.agricoop.nic.in,www.dare.nic.in,www.dahd.nic.in

उ ादन
2016 म मानसून की सामा वषा और सरकार की िविभ नीितगत पहलों से वष 2016-17 म खा ा का
रकाड उ ादन संभव हो सका वष 2016-17 के िलए चौथे अि म अनुमान के अनुसार चावल का उ ादन
नए रकाड को छूते ए 110.15 िमिलयन टन होने का अनुमान है यह िपछले रकाड उ ादन 106.65
िमिलयन टन से 3.50 िमिलयन टन अिधक है गे ं उ ादन 2015-16 के 92.29 िमिलयन टन उ ादन से
6.10 िमिलयन टन अिधक आ है मोटे अनाजों का उ ादन भी नए रकाड र 44.19 िमिलयन टन पर
प ं चने का अनुमान है यह 2010-11 के सवािधक उ ादन 43.40 िमिलयन टन से 0.79 िमिलयन टन
अिधक है यह 2015-16 के 38.25 िमिलयन टन उ ादन से 5.67 िमिलयन टन अिधक है

िकसानों के िलए रा ीय नीित


भारत सरकार ने 2007 म िकसानों के िलए रा ीय नीित को मंजूरी दी थी इस नीित के कई ावधानों को
िविभ योजनाओं तथा काय मों के ज रए लागू िकया जा रहा है , िजनका काया यन क सरकार के
िविभ िवभागों और मं ालयों ारा िकया जा रहा है नीित के अ ावधानों को लागू करने के िलए एक
काययोजना को अंितम प िदया गया और संबंिधत मं ालयों/िवभागों तथा सभी रा ों/क शािसत दे शों
को आव क कारवाई के िलए भेजा गया

मु काय म
धानमं ी कृिष िसंचाई योजना
धानमं ी कृिष िसंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) का अनुमोदन 50,000 करोड़ पये की लागत के साथ 5
वष (2015-16 से 2019-20) की अविध हे तु िकया गया है पीएमकेएसवाई के मु उ े ह- ज़मीनी र
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पर िसंचाई म िनवेशों को सम त करना, िसंचाई सुिवधा वाले कृिष यो े का िव ार, पानी का अप य


कम करने हे तु और खेतों म उपल पानी का बेहतर उपयोग, सटीक िसंचाई और पानी बचाने वाली अ
ौ ोिगिकयों को अपनाने म वृ ( ित बूंद अिधक फसल), भूिमगत जलाशयों के रचाज म वृ और
सतत जल संर ण िविधयों को लागू करना आिद क ीय मंि मंडल ने जुलाई 2016 म पीएमकेएसवाई को
एक िमशन के प म लागू करने का फ़ैसला िकया इस िमशन का संचालन जल संसाधन, ामीण िवकास
एवं गंगा संर ण मं ालय, कृिष, सहका रता एवं िकसान क ाण िवभाग के ित बूंद अिधक फसल घटक
के साथ करता है
कृिष े िडट
ेक वष बजट म सरकार कृिष ऋण हे तु वािषक ल की घोषणा करती है कृिष ऋण वाह म ेक
वष िनरं तर गित ई है वष 2016-17 म 900,000 करोड़ पये का ल िनधा रत था और 10,65,756
करोड़ पये िकसानों को कृिष ऋण के प म िदया गया था वष 2017-18 म 10,00,000 करोड़ पये
कृिष ऋण ल िनधा रत था
िवभाग, आिथक सहायता के वायदे वाली योजना के तहत ाज पर ऋण दे ता है इसके तहत िकसानों
को 7 ितशत सालाना ाज पर 3 लाख पये तक का कज़ एक साल के िलए दे ता है यिद इस ऋण का
भुगतान समय पर कर िदया जाता है तो ाज की दर 4 ितशत सालाना कर दी जाती है
फसल बीमा
ाकृितक आपदाओं, कीटनाशकों, बीमा रयों और मौसम की ितकूलता के कारण फसल बबाद होने की
थित म िकसानों को राहत दे ने के िलए भारत सरकार ने रा ीय फसल बीमा काय म शु िकया है
इसके अंतगत पां त रत रा ीय कृिष योजना, मौसम आधा रत फसल बीमा योजना और ना रयल, खजूर
बीमा योजना आती ह इनके अलावा रा ीय फसल बीमा काय म लागू होने के बाद वष 2013-14 की रबी
फसल से बंद कर दी गई रा ीय कृिष बीमा योजना की समय सीमा बढ़ाकर 2015-16 तक कर दी गई है
एक नई योजना- धानमं ी फसल बीमा योजना 2016 म खरीफ फसल से लागू की गई है इसके साथ-
साथ पुनगिठत ायोिगक एकीकृत पैकेज बीमा योजना और मौसम आधा रत फसल बीमा योजना भी लागू
की गई ह
कृिष लागत एवं मू आयोग
एक सम त एवं संतुिलत मू ढां चा तैयार करने के उ े से गिठत कृिष लागत एवं मू आयोग का
काय 23 फसलों के ूनतम समथन मू (एमएसपी) पर परामश दे ना है इनम 07 खा ा (धान, गे ं ,
ार, बाजरा, म ा , रागी और जौ), 05 दलहनी उपज (चना, तुअर, मूंग, उड़द और मसूर), 07 ितलहन
(मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन, तो रया सरसों, कुसुम, िनगेरसीड और ितल), कोपरा (सूखा
ना रयल), कपास, क ी पटसन और ग ा शािमल ह आयोग ितवष 05 अलग-अलग वग - खरीफ
फसलों, रबी फसलों, ग ा, क ी पटसन और कपास के िलए मू नीित रपोट् स के प म अपनी
अनुशंसाएं सरकार को दे ता है
आयोग ये पां च लागत नीित रपोट तैयार करने से पहले िविभ क ीय मं ालयों, रा सरकारों,
िकसानों, िकसान संघों और अनुसंधान सं थानों की राय लेता है
एमएसपी के िनधारक
अिधकार े के अंतगत आने वाले िविभ घटकों म उ ादन लागत (सीओपी) एमएसपी के िनधारण के
िलए बेहद मह पूण कारक है मू के अित र , आयोग मां ग और आपूित, घरे लू और अंतररा ीय
बाजार की कीमतों की वृि , अंतरफसल मू ों म समता, कृिष और गैर-कृिष े ों के बीच ापार की शत
और उस व ु के एमएसपी का उपभो ाओं पर भाव और भूिम तथा जल जैसे ाकृितक संसाधनों के
समुिचत इ ेमाल का भी ान रखता है अतः मू नीित ‘लागत जोड़’ पर आधा रत नहीं है , हालां िक
लागत एमएसपी का मह पूण िनधारक होती है
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भारतीय कृिष अनुसंधान प रषद


भारत म कृिष े म नए रकाड बन रहे ह वष 2016-17 म भारत का खा ा उ ादन 275.68 िमिलयन
होने का अनुमान है जो एक रकाड है यह 2013-2014 के िपछले रकाड उ ादन से 4 ितशत अिधक है
इस उपल म भारतीय कृिष अनुसंधान प रषद की मह पूण भूिमका है उसने दे श म ौ ोिगकी के
िवकास, दशन और ह ां तरण के ज रए इसम योगदान िकया है खेतों म कृिष ौ ोिगकी के इ ेमाल के
िलए रा ीय कृिष अनुसंधान णाली के तहत कृिष िव ान क ों और अ काय मों के ज रए, कई काय
िकए गए ह ौ ोिगकी के इ ेमाल, सुधार, दशन तथा मता िवकास काय म शु करने से पहले, कई
अ पहल की गई ह ये ह- सबसे पहले िकसान, कृिष म युवाओं को बनाए रखना, जलवायु समेिकत कृिष
णािलयां , दलहन तथा ितलहन का र ं टलाइन दशन, दि ण एिशया के िलए अनाज िस म पहल,
पीपीवी एवं एफआरए के तहत िकसानों की िक ों का पंजीकरण तथा द ावेजीकरण, दाल बीज क ,
केवीके पोटल, मेरा गां व मेरा गौरव और बड़ी सरकारी योजनाओं के ित जाग कता पैदा करना जैसी पहल
ौ ोिगकी इ ेमाल के ज रए िकसानों के िहत म शु की गई है
िम ी और जल उ ादकता
दे श के मुख ाकृितक भौगोिलक े ों, उप- ाकृितक भूगोल संबंधी े ों, कृिष पा र थितकीय े ों
(1992), कृिष पा र थितकीय े ों (2015) और उप-कृिष पा र थितकीय े ों तक प ं च के िलए रा ीय
िम ी सव ण और भूिम उपयोग िनयोजन ूरो (एनबीएसएस एवं एलयूपी) ने एनबीएसएस भूिम जीओ
पोटल िवकिसत िकया है इससे िम ी, ज़मीन के ाकृितक पों, वषा, तापमान, फसल वृ अविध और
िसंचाई की थित पर आधा रत े / े िवशेष की ि से अनुकूल, लाभकारी फसलों और फसल म की
जानकारी िमलती है रा ीय िम ी सव ण और भूिम उपयोग िनयोजन ूरों ने जीआईएस ेटफॉम पर
ए ॉएड आधा रत मोबाइल ए ीकेशन िवकिसत िकया है तािक भूिम उपयोग िनयोजन और गुजरात के
िलए गां व और खेत र पर, िम ी ा काड के बारे म जानकारी के सार के िलए वेब आधा रत
सहायता णाली थािपत करने म मदद िमल सके इस एप पर िम ी मानिच इकाई की जानकारी और
उस सव ण सं ा के िलए भूिम उपयोग योजना संबंधी सुझाव िदए जाएं गे रा ीय िम ी सव ण और भूिम
उपयोग िनयोजन ूरो ने अब तक 99 खंडों की भू-संसाधन सूची तैयार की है सू पोषक दज के ये
िडिजटीकृत न ों से कृिष उ ादकता को िनरं तर बनाए रखने के िलए सू पोषकों के थान िवशेष के
अनु प उपयोग के तरीके उपल कराने म सहायक होंगे

जेनेिटक ोत
कुल िमलाकर 21 अ ेषण िकए गए और 1,532 जम ा म का सं ह िकया गया िजनम 1,095 उगाए गए
और 437 जंगली पौधे थे आं दे श, असम, छ ीसगढ़, महारा , तिमलनाडु , उ र दे श तथा पि म
बंगाल म दो-दो अ ेषण और अंडमान िनकोबार, अ णाचल दे श, कनाटक, नगालड, ओिडशा, ि पुरा
तथा उ राखंड म एक-एक अ ेषण िकया गया म अंडमान ीप से एक िकए गए मोमोरीडका
कोिचनिचनेनिसस को नई उप-िक मोमोरिडका कोिचनिचनेनिसस अंडमािनका के प म प रभािषत
िकया गया बाद म इ डीएनए बारकोिडं ग के ज रए मािणत िकया गया इस दौरान 411 वन ितयों के
नमूने, पौधे उगाने के रा ीय वन ित सं हालय म शािमल िकए गए सं िहत 28,516 पौधों म से 2,911 को
39 दे शों से आयात िकया गया था इनम से 787 की जैिवक और अजैिवक संबंधी जां च की गई 7,343 को
दे श म अनुसंधान काय और फसल सुधार काय म के िलए िदया गया जम ा म के िनयात के िलए दस
फाइटोसैनेटरी माण-प जारी िकए गए

फसल सुधार
मु प से नई िक ों/अिधक उ ादकता वाली िविभ जैिवक तथा अजैिवक मह की संकर सहनशील
िक ों को िवकिसत करने पर िवशेष जोर िदया गया िवकिसत की गई 209 िक ों म से 117 अिधक
उ ादन दे ने वाली अनाज की संकर िक थीं अनाज की इन फसलों म 65 चावल की, 14 गे ं की, 24
म ा की, 5 रागी की, 3 बाजरा की और एक-एक ार, जौ, कंगनी, कोदो बाजरा, छोटा बाजरा तथा ोसो
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बाजरा की थी इ दे श के िविभ कृिष पा र थितकी े ों म उगाने के िलए जारी िकया गया अिधक
उ ादन दे ने वाली ितलहन की 28, दालों की 32, वािण क फसलों (कपास, ग ा और जूट) की 24 और
चारे की 8 फसल जारी की गईं

पशुधन
गीर, कां करे ज और सिहवाल पशुओं के आनुवां िशक सुधार के िलए चयन प रयोजना के ज रए दे शी
पशुओं की न म सुधार पर िवचार िकया गया भस सुधार प रयोजना नेटवक के तहत न ली-रिव भदावरी
तथा ै जनन क , संर ण और सुधार इकाइयों के प म काय कर रहे ह जफरबादी, पंधारपुरी तथा
सुरती जनन क , फी वंश जां च और बैल उ ि के िलए सव ृ गोवृंद के रखरखाव तथा 567 के
जनन यो खेड़ पर ान कि त कर रहे ह बकरी सुधार के बारे म अ खल भारतीय सम त अनुसंधान
प रयोजना 13 जनजातीय गां वों म चलाई जा रही है इससे जनजातीयों की आजीिवका सुर ा बेहतर ई है ,
ोंिक बकरी जनजातीयों और उ र-पूव पवतीय े ों के गरीबों की आय का मुख ोत है मुग पालन के
बारे म अ खल भारतीय सम त अनुसंधान प रयोजना के तहत सभी 12 क , थान िवशेष ामीण कु ु ट
न ों के िवकास पर काम कर रहे ह

फसल बंधन
म ा-गे ं और चावल-गे ं णाली म दीघाविध खेती के योगों से संकेत िमले ह िक चावल और म ा की
खेती गे ं के खेत म करने से गे ं की फसल भािवत नहीं होतीं गिमयों म िछड़काव िसंचाई से संबंिधत
आधुिनक तकनीकों के ज रए जल के उपयोग से हरे चने की उ ादकता बढ़ने से आईपीएम 205-7 की
तुलना म स ाट िक म अिधक थरता का संकेत िमला है िछड़काव िसंचाई से पानी कम (26.3
ितशत) इ ेमाल आ, जल उ ादकता अिधक ( 43.2 ितशत) रही और बाढ़ िसंचाई के मुकाबले
ितफल (28.4 ितशत) बेहतर रहा

पशुपालन, डे यरी िवकास और म पालन


स ता की शु आत से ही, कृिष के साथ-साथ पशुपालन, डे यरी िवकास और म पालन गितिविधयां
मानव जीवन का अिभ अंग रही ह इन काय ने न केवल भोजन की ज रतों को पूरा िकया है और
पशुधन का िवकास िकया है , ब पा र थितकी संतुलन बनाने का भी काम िकया है जलवायु और
थलाकृित अनुकूल होने के कारण पशुपालन, डे यरी िवकास और म पालन ने भारत की अथ व था म
भी मह पूण भूिमका िनभाई है इन गितिविधयों म पारं प रक, सां ृ ितक और धािमक भावनाओं की भी
महती भूिमका रही है इनके कारण ामीण भूिमहीन, छोटे और हािशये पर रहने वाले िकसानों, मिहलाओं
के िलए रोज़गार के अवसरों म भी वृ ई और साथ ही लाखों लोगों को स ा और पौि क भोजन भी
उपल आ है
पशुपालन और कृिष का आपस म गहरा संबंध है , दोनों े एक-दू सरे पर आि त ह और सम खा
सुर ा से भी जुड़े ह भारतीय अथ व था के िलए पशुपालन े कृिष जगत का मह पूण उप े भी है
यह अिधकां श िकसानों के जीिवकोपाजन से जुड़ा है और कृिष को कई रों पर मदद दे ता है , घर-प रवारों
के ा और पोषण म मह पूण भूिमका िनभाता है , आय म वृ , रोज़गार के अवसर और अंततः
ज रत के समय ‘मवेशी बक’ के तौर पर भी काम आता है यह पूरक उप म की भी भूिमका िनभाता है
भारत के पास पशुधन और मुग पालन की िवशाल संपदा है िजसकी ामीणों की सामािजक-आिथक
थित सुधारने म बड़ी भूिमका रहती है 19वीं पशुधन गणना के अनुसार, दे श म करीब 300 िमिलयन गाय,
65.07 िमिलयन भेड़ 135.2 िमिलयन बक रयां और लगभग 10.3 िमिलयन शूकर ह

पशुधन उ ाद
पशुधन उ ाद और कृिष आं त रक प से जुड़े ह, दोनों एक-दू सरे पर िनभर ह और सम खा सुर ा के
िलए दोनों बेहद ज री ह क ीय सां की कायालय (सीएसओ) के अनुमान के अनुसार, 2015-16 के
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दौरान पशुधन े की मौजूदा उ ाद दर 5,91,691 करोड़ पये रही जोिक कृिष और संबंिधत े ों के
उ ाद की 28.5 ितशत है सतत मू के अनुसार पशुधन उ ाद की कीमत कृिष और संबंिधत े ों का
लगभग 29 ितशत होती है भारत दु उ ादन म दु िनया म पहले थान पर बना आ है पशुधन की
उ ाद मता को बढ़ाने के िलए कई नए कदम भी उठाए गए ह, िजनके आधार पर दसवीं योजना (2006-
07) के अंत म 10.26 करोड़ टन की बजाय दु उ ाद ारहवीं योजना (2011-12) म 12.79 करोड़ टन हो
गया था
दु उ ादन: 2015-16 और 2016-17 म दू ध का उ ादन मशः 15.55 करोड़ टन और 16.54 करोड़
टन आ इस दौरान दू ध के उ ादन म सालाना 6.37 ितशत की वृ ई 2016-17 म ित दू ध
की उपल ता लगभग 355 ाम ितिदन थी
अंडा उ ादनः िपछले चार दशकों म दे श म पो ी उ ादों म अभूतपूव वृ ई है इसका मूल कारण
अ ाधुिनक तकनीकी आिव ारों के आधार पर इस े का गैर-वै ािनक से कमिशयल उ ाद तं की
ेणी म जा प ं चना रहा है दसवीं योजना (2006-07) के दौरान े के उ ादन का आं कड़ा 50.70
िबिलयन था जबिक ारहवीं योजना (2011-12) के दौरान यह 66.45 िबिलयन रहा मौजूदा समय म (19वीं
पशुधन गणना) पो ी उ ाद 729.21 िमिलयन है और 2016-17 के दौरान अंडा उ ादन लगभग 88.14
िबिलयन रहा 2016-17 के दौरान सालाना ित अंडा उपल ता का आं कड़ा 69 रहा वहीं पो ी
मां स उ ादन करीब 3.46 िमिलयन टन रहा
ऊन उ ादनः ारहवीं योजना (2011-12) के अंत म ऊन उ ादन म आं िशक िगरावट दज की गई थी
इस दौरान उ ादन का आं कड़ा 44.7 िमिलयन िकलो ाम रहा था जोिक दसवीं पां चवष य योजना (2006-
07) के अंत म 45.1 िमिलयन िक ा था बारहवीं योजना (2012-13) की शु आत म ऊन उ ादन 46.05
िमिलयन िक ा रहा और 2014-15 के दौरान यह बढ़कर 48.1 िमिलयन िक ा प ं च गया था 2016-17 के
दौरान ऊन उ ादन िगरकर 43.5 िमिलयन िक ा हो गया
मांस उ ादनः दसवीं पां चवष य योजना (2006-07) के अंत म मां स उ ादन 2.3 िमिलयन टन था जबिक
ारहवीं पंचवष य योजना (2011-12) के अंत म यह बढ़कर 5.5 िमिलयन टन तक प ं च गया बारहवीं
योजना (2012-13) के दौरान मां स उ ादन 5.95 िमिलयन टन था जोिक 2016-17 के दौरान बढ़कर 7.4
िमिलयन टन तक जा प ं चा था
म पालन उ ादः आं त रक जल ोतों के अलावा लगभग 8,118 िकमी लंबी तटीय रे खा के चलते दे श
मम पालन के े म अनेक संभावनाएं ह 2016-17 िव वष के दौरान, भारत ने 37,870.90 करोड़
पये मू के म उ ादों का िनयात िकया जो उसके सकल घरे लू उ ाद (जीडीपी) का 0.92 ितशत
और कृिष जीडीपी (2015-16) का 5.23 ितशत था भारत दु िनया म म पालन का दू सरा सबसे बड़ा
और ताजा जल म पालन का भी दू सरा सबसे बड़ा उ ादक है 1991-92 के 41.57 लाख टन (24.47
लाख टन समु ी मछली और 17.10 लाख टन आं त रक म पालन) से बढ़कर 2016-17 (ता ािलक) म
यह आं कड़ा 107.90 लाख टन (35.8 लाख टन समु ी मछली और 77.69 लाख टन आं त रक म पालन)
तक प ं च गया है 2017-18 की पहली छमाही म लगभग 5.80 िमिलयन टन (ता ािलक) मछली उ ादन
होने का अनुमान है

रा ीय पशुधन िमशन
डे यरी और पॉ ी े ों म सफलता की तज पर, पशुधन के े म सतत और दीघकािलक िवकास के िलए,
2014-15 म बारहवीं योजना के अंतगत, 2,800 करोड़ पये की अनुमोिदत रािश के साथ रा ीय पशुधन
िमशन की शु आत की गई थी इस िमशन की थापना पशुधन े म सतत िवकास के ल हे तु की गई
थी, िजसके अंतगत पशुओं के िलए उ म चारे की उपल ता म सुधार, जो खम कवरे ज, भावी िव ार,
ऋण के वाह म सुधार और पशुपालकों आिद को संगिठत करना है इसके चार उप-ल ह- 1. पशुधन
पालन िवकास; 2. पूव र े म शूकर पालन िवकास; 3. उ म चारे की उपल ता; और 4. कौशल
िवकास, तकनीक ह ां तरण और सार

पशुधन ा
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संकरण काय मों की मदद से मवेिशयों की गुणव ा म सुधार के साथ, मवेिशयों म िविभ रोगों का खतरा
बढ़ गया है इनम से कुछ रोग िवदे शी पशुओं से भी फैलते ह ता और मृ ुदर को कम करने की िदशा
म, रा /क शािसत दे शों की सरकार पॉली ीिनकों, पशु अ तालों, िचिक ालयों और ाथिमक
उपचार क ों के अलावा घुमंतु पशु िचिक ालयों की मदद से बेहतर उपचार उपल करा रही ह
रा ों म मौजूदा जां च योगशालाओं के अलावा परामश सेवाएं उपल कराने के िलए, एक क ीय और
पां च े ीय रोग जां च योगशालाओं को थािपत िकया गया है जो पूरी तरह काम कर रही ह रोगिनरोधी
टीकाकरण की मदद से मवेिशयों और पॉ ी के रोगों को रोकने के िलए आव क टीके दे शभर म 27 पशु
िचिक ालय टीका-उ ादन इकाइयों म बनाए जा रहे ह इनम से 20 िनजी े के सं थान ह एक ओर
जहां दे श म मवेिशयों के ा को बेहतर बनाना सुिनि त िकया जा रहा है , वहीं बाहरी रोगों की रोकथाम
के भी उपाय िकए जा रहे ह इसके िलए पशुओं के िलए ज री दवाओं
और फॉमूलों की गुणव ा को बनाए रखने पर भी काय जारी है वतमान म भारतीय औषध महािनयं क,
िवभाग के परामश से पशुओं की दवाओं और जैिवकों की गुणव ा को िनयंि त करता है
पशुधन गणना
दे श म पशुओं की गणना पहली बार 1919-1920 ई थी और उसके बाद से ेक पां च वष म सभी रा ों/
क शािसत दे शों म यह गणना की जाती है िविभ मवेिशयों और पॉ ी पि यों से जुड़ी वृहद जानकारी
एक करने का यह एकमा ोत है रा ों/क शािसत दे शों के पशुपालन िवभागों के साथ 2012 म दे श
म 19वीं पशुपालन गणना कराई गई थी इसकी रपोट कािशत की गई ह और िवभाग की वेबसाइट पर
डाली गई ह सामा िस ां त के तहत् दे शभर से 15 ितशत नमूना गां वों म पशुधन की न वार गणना के
अनुमान के िलए 2013 म एक सव ण िकया गया

भारतीय म पालन
मौजूदा समय म भारत म पालन और मछली उ ाद के े म दु िनया म दू सरे थान पर है म पालन
के ज रए मछली उ ाद ा करने म भी भारत चीन के बाद दू सरे थान पर है वष 2015-16 के दौरान
कुल मछली उ ादन (ता ािलक) 10.79 िमिलयन मीिटक टन था इसम से 7.21 िमिलयन मीिटक टन
अंतरदे शीय े से और 3.58 िमिलयन मीिटक टन समु से था
म पालन उभरता आ े है िजसम कई ोत और संभावनाएं ह ाथिमक तौर पर इससे 14.50
िमिलयन लोग जुड़े ह और आपूित ृंखला म कई अ लोग भी इस उ ोग से जुड़े ह म पालन े के
पारं प रक प से ावसाियक पां तरण से मछली उ ादन म वृ ई है
भारत म मछली पालन का इितहास बताता है िक यहां समु ी मछली पालन के थान पर अंत:दे शीय
मछली पालन का योगदान बढ़ा है िपछले ढाई दशक के दौरान मछली पकड़ने के बजाय मछली पालन का
वसाय बढ़ा है 1980 के दशक म म म आं त रक म पालन े का योगदान 34 ितशत था, जो
हाल के वष म बढ़कर लगभग 80 ितशत हो गया है सरकार के यासों के प रणाम प यह मछली
उ ादन का एक मुख ज रया बन गया है लाभािथयों को िव ीय सहायता और तकनीक, अ ास,
िश ण और सार संबंधी सहायता के िलए म कृिष िवकास एजिसयां गिठत की गई ह
वष तक दे श म मे रक चर (सागरीय कृिष) अिधकतर खाने यो सीप, मोती-सीप और कुछ हद तक
समु ी शैवालों जैसे सीपी तक सीिमत रही है िपछले दशक के दौरान समु ी कृिष से संबंिधत ौ ोिगकी के
िवकास पर जोर दे ने से अ णी और िपछड़े संयोजनों के साथ िवकास योजनाएं बनाई गई ह तािक इन
गितिविधयों से दे श म समु ी आहार के उ ादन म मह पूण योगदान िदया जा सके
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5 सं ृ ित और पयटन

ृ ित मं ालय को दे श की ाचीन सां ृ ितक धरोहर के संर ण और प रर ण तथा मूत और अमूत


सं दोनों ही तरह की कलाओं एवं सं ृ ित के संवधन जैसे काय का दािय िमला है मं ालय के दो संब
कायालय, छह अधीन थ कायालय और 35 ाय संगठन ह जो पूरी तरह सरकार ारा िव पोिषत ह
दे श के िविभ अंचलों की लोक और पारं प रक कलाओं से संबंिधत काय के िलए सात े ीय सां ृ ितक
क काय कर रहे ह इसके अलावा मं ालय के चार िमशन भी ह िजनके नाम ह: रा ीय पां डुिलिप िमशन,
रा ीय ारक तथा पुरावशेष िमशन, रा ीय पु कालय िमशन और गां धी धरोहर थल िमशन मोटे तौर
पर मं ालय हर कार की सां ृ ितक धरोहरों के संर ण और िवकास के िलए काय कर रहा है िजनम मूत
सां ृ ितक िवरासत, अमूत सां ृ ितक िवरासत और ान की िवरासत शािमल ह इसके अलावा मं ालय
पर गां धीजी की िवरासत के संर ण और मह पूण ऐितहािसक घटनाओं का रण करने और महापु षों
की ज शता ी के आयोजन का भी दािय है मूत धरोहर के अंतगत मं ालय क ारा संरि त रा ीय
मह के सभी ारकों की दे ख-रे ख भारतीय पुरात सव ण के मा म से करता है इसी तरह मं ालय
दे श म सं हालय आं दोलन को बढ़ावा दे रहा है और अिधकतर सं हालय उसके शासिनक िनयं ण म ह
मं ालय अनुदान सहायता दे कर े ीय सं हालयों को भी बढ़ावा दे ता है
अमूत कलाओं के े म मं ालय कलाओं, िन ादन कलाओं और सािह क कलाओं म संल
यों, समूहों और सां ृ ितक संगठनों को िव ीय सहायता दान करता है इसी तरह मं ालय अपने
िविभ संगठनों के मा म से कला और सं ृ ित के े म उ ृ काय करने वालों की पहचान कर
सािह अकादमी और संगीत-नाटक अकादमी जैसी अपनी सं थाओं के मा म से उ पुर ार दान
करता है रा ीय ना िव ालय दे श की पारं प रक और सां ृ ितक िविवधता को ान म रखते ए
समसामियक ासंिगकता वाले जीवंत रं गमंच आं दोलन को बढ़ावा दे ने म लगा है
जहां तक ान की धरोहर का सवाल है मं ालय दे श के सभी मुख पु कालयों का संर क ह यह
पु कालयों के िवकास के िलए अनुदान सहायता दान करता है और पु कालयों के िवकास के बारे म
सभी नीितगत मामलों के िलए भी उ रदायी ह सं ृ ित मं ालय बौ और ित ती सं ृ ित के संर ण
और ो ाहन के काय म भी लगा है और इसके िलए सारनाथ, वाराणसी और लेह आिद थानों म थत
िविभ सं थाओं की मदद ली जाती है भारतीय और एिशयाई कला और सं ृ ित के े म उ ृ ता ा
करने के इ ु क लोगों के िलए मं ालय का सुिनयोिजत मता िनमाण काय म है ू ल ऑफ
आिकयोलॉजी (भारतीय पुरात िव ान सं थान), ू ल ऑफ आकाइव डीज (अिभलेखीय अ यन
सं थान), रा ीय इितहास और कला सं थान तथा मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एिशयाई अ यन सं थान
जैसी सं थाएं मता िनमाण के े म काय कर रहे मुख संगठनों म शािमल ह रा ीय ना िव ालय
और कला े फाउं डेशन ारा संचािलत िविभ पा म मं ालय के मता िनमाण काय म के कुछ
उदाहरण ह मं ालय सं ृ ित के े म यूने ो की िविभ संिधयों के ि या यन के िलए भी उ रदायी
है भारत के 107 दे शों के साथ सां ृ ितक समझौते ह और उसने 69 दे शों के साथ सां ृ ितक िविनमय
काय मों से संबंिधत समझौते िकए ह
वेबसाइट: www.indiaculture.nic.in

लिलत कला अकादमी


लिलत कला अकादमी, नेशनल एकेडमी ऑफ आट की थापना 1954 म की गई यह भारत म
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कलाओं के े म शीष सां ृ ितक सं था है िजसका सारा खच सं ृ ित मं ालय उठाता है अकादमी एक


ऐसी सं था है जो भारतीय कला के वैि क भावों के बारे म दु िनया को पता चलने से ब त पहले से ही कला
के े के रा को अपनी सेवाएं दान कर रही है यह एक ाय सं थान है जो पूरी तरह से सं ृ ित
मं ालय ारा िव पोिषत है अकादमी ने एक ऐसे थायी सं ह का िनमाण, संर ण और लेखन िकया है
जो भारत की आधुिनक और समसामियक कला की जीवंतता, जिटलता और इसके उभरते पों को
ितिबंिबत करता है अकादमी पूरे साल कई ऐसी कई दशिनयों और शैि क काय मों का आयोजन
करती है जो मह की ि से बेजोड़ होते ह अकादमी का अपना पु कालय, कला सं ह, सं हालय और
प रर ण योगशाला है और यह दे शभर म उ म बौ क उ ृ ता वाले िव ानों तथा काशनों को मदद
दे ती है
अकादमी के िमशन का मु िवषय है आधुिनक और समसामियक भारतीय कला की समझ को बढ़ावा
दे ना िजससे थानीय, रा ीय और अंतररा ीय र पर लोग इसका आनंद उठा सक इसके िलए अकादमी
रा ीय कला दशनी और अंतररा ीय ि नाले- इं िडया ( ैवािषकी भारत) जैसे आयोजन करती है
अकादमी अपने काय मों और नीितगत साझेदा रयों के मा म से भारतीय कला और कलाकारों को
बढ़ावा दे ने के िलए कई गितिविधयां संचािलत करती है कला के िवकास के ित अकादमी की वचनब ता
नई िद ी थत इसके मु ालय और भुवने र, चे ई, कोलकाता, गढ़ी (नई िद ी) थत क ों तथा
िशमला और पटना थत उप-क ों म आयोिजत िकए जाने वाले रा ीय और अंतररा ीय र के शानदार
काय मों से दिशत होती है कला को बढ़ावा दे ने की अकादमी की एक अ मुख गितिविध िविभ
िवधाओं जैसे मूितिश , ैिफक कला, सेरेिम कला और िच कला के कलाकारों को काम करने के िलए
ू िडयो दान करना है िद ी म अकादमी गढ़ी म कलाकार ू िडयो का संचालन करती है िजसम 200
कलाकार िनयिमत प से काय करते ह
अकादमी ने अनुसंधान और लेखन संबंधी िनयिमत काय म ारं भ िकए ह इनके अंतगत िव ानों को
भारतीय समाज और कला के समसामियक प ों के अ न की प रयोजनाओं के संचालन के िलए िव ीय
सहायता दान की जाती है
वेबसाइट: www.lalitkala.gov.in

संगीत नाटक अकादमी


संगीत नाटक अकादमी संगीत, नृ और नाटक की रा ीय अकादमी है िजसकी आधुिनक भारत के िनमाण
म अ णी भूिमका रही है कलाएं िणक और न र होती ह इसिलए उनके संर ण की आव कता को
ान म रखते ए एक ऐसी लोकतां ि क व था कायम करने की आव कता महसूस की गई िजसम
आम आदमी को कलाओं को सीखने, अ ास करने और इसका चार- सार करने का मौका िमले 1945
म एिशयािटक सोसाइटी ऑफ बंगाल ने एक ाव िदया था िजसम एक रा ीय सां ृ ितक ास बनाकर
उसके तहत तीन अकादिमयों- नृ , नाटक और संगीत की अकादमी, सािह अकादमी और कला एवं
थाप की अकादमी के गठन की बात कही गई थी इसी के अनुसार तं ता के बाद तीन अकादिमयां
गिठत की गईं िजनम से संगीत-नाटक अकादमी अपनी तरह की पहली रा ीय अकादमी थी िजसकी
थापना त ालीन िश ा मं ालय के ाव से ई 1961 म सरकार ने संगीत-नाटक अकादमी का एक
सोसाइटी के प म पुनगठन िकया और सोसाइटी पंजीकरण अिधिनयम, 1860 (1957 म यथा संशोिधत)
के अंतगत इसका पंजीकरण कराया
अकादमी ने भारत म संगीत, नृ और ना साधना करने वालों की मदद के िलए एकीकृत ढां चे का
िनमाण के िलए काय करती है िजसके अंतगत शहरी और ामीण समेत दे श के सभी भागों की पारं प रक
और आधुिनक कलाएं शािमल हों अकादमी ारा ुत और ो ािहत संगीत, नृ और नाटकों के
काय म दे शभर म ुत िकए जाते ह िन ादन कलाओं की महान ह यों को अकदमी म अ ेता के
प म चुना गया है संगीत नाटक अकादमी ारा हर साल जाने-माने कलाकारों और िव ानों को दान
िकए जाने वाले पुर ार िन ादन कलाओं के े म सबसे िति त माने जाते ह दू र-दराज इलाकों समेत
दे शभर म संगीत, नृ और ना िवधा की िश ा दे ने वाली हजारों सं थाओं ने अपने काय के िलए अकादमी
से सहायता ा की है इसी तरह िविभ िवधाओं के अनुसंधानकताओं, लेखकों और काशकों को भी
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संबंिधत े ों म सहायता दी गई है
अकादमी के पास और टे प, 16 िममी िफ ों, फोटो ाफ और टां सपेरसीज का िवशाल
अिभलेखागार है और यह िन ादन कलाओं के े म अनुसंधान करने वालों के िलए दे श म सूचनाओं और
साम ी का सबसे बड़ा ोत है मं ालय का अपना संदभ पु कालय है िजसम अं ेजी, िहं दी और कुछ
े ीय भाषाओं की पु क ह अकादमी की काशन इकाई ासंिगक िवषयों म छोटे पैमाने पर सािह का
काशन करती है
अकादमी िन ादन कलाओं के े म रा ीय मह की सं थाएं और प रयोजनाएं थािपत करती है और
उनकी दे ख-रे ख करती है इं फाल थत जवाहर लाल नेह मिणपुरी नृ अकादमी (जेएनएमडीए) की
थापना 1954 म ई थी यह मिणपुरी नृ और संगीत का िश ण दे ने वाली मुख सं था है 1959 म
अकादमी ने िद ी म रा ीय ना िव ालय और एिशयाई रं गमंच सं थान की थापना की 1964 म िद ी
म ही कथक क थािपत िकया गया अकादमी की रा ीय मह की अ प रयोजनाओं म केरल का
कुिटय म रं गमंच भी शािमल है िजसकी थापना 1991 म की गई 2001 म यूने ो ने कुिटय म को
मानवता की अमूत और मौ खक धरोहर की उ ृ तम कृितयों म से एक बताया था ओिडशा, पि म बंगाल
और झारखंड के छऊ नृ की प रयोजना 1994 म ारं भ ई असम के स ीय संगीत, नृ और रं गमंच
तथा इन से संबंिधत कलाओं को प रयोजना सहायता 2002 म शु ई
िन ादन कलाओं म िवशेष ता वाली सं था होने के नाते अकादमी भारत सरकार को िन ादन कलाओं
के े म नीितयों और काय म तैयार करने और उन पर अमल के बारे म परामश और सहायता दान
करती है यह रा ीय और अंतररा ीय र पर सां ृ ितक संपक को बढ़ावा भी दे ती है अकादमी िव के
िविभ दे शों के साथ भारत के संपक को सु ढ़ करने के िलए िवदे शों म दशिनयों और महो व का
आयोजन भी करती है
वेबसाइट : www.Sangeetnatak.gov.in

रा ीय ना िव ालय
संगीत नाटक अकादमी ारा 1959 म थािपत रा ीय ना िव ालय (एनएसडी) दु िनया का अ णी रं गमंच
सं थान है और भारत म अपनी तरह का पहला है 1975 म इसे एक ाय सं थान बना िदया गया िजसका
िव पोषण पूरी तरह सं ृ ित िवभाग ारा िकया जाता है रा ीय ना िव ालय का उ े िव ािथयों को
रं गमंच के इितहास, नाटकों के िनमाण, आक न, प रधान आक न, काश, प स ा जैसे रं गमंच
के िविभ प ों के बारे म िव ािथयों को जानकारी दे ना है िव ालय का पा म तीन साल का है और
इसके िलए दो चरण वाली चयन ि या के ज रए िव ािथयों का चुनाव िकया जाता है रा ीय ना
िव ालय के िड ोमा को भारतीय िव िव ालय संघ से एम.ए. की िड ी के समतु मा ता ा है और
इसे हािसल करके कॉलेजों/िव िव ालयों म ा ापक के प म नौकरी ा की जा सकती ह और
पी.एचडी. िड ी के िलए पंजीयन कराया जा सकता है िव ालय के ुित ं ध म पेशेवर रं गमंच के िलए
ना मंडली और ायोिगक रं गमंच के िलए सं ार रं ग टोली (िथयेटर इन एजुकेशन) है , बाल रं गमंच को
ो ाहन दे ने के िलए सं ार रं ग टोली का गठन 1989 म िकया गया था और यह ब ों के िलए नाटकों के
िनमाण, िद ी के ू लों म ी कालीन रं गमंच कायशालाओं के आयोजन और शिनवारीय बों के
मा म से बाल रं गमंच को बढ़ावा दे ने के िलए काय करता है 1998 से रा ीय ना िव ालय हर साल
‘ज -ए-बचपन’ नाम का रा ीय बाल रं गमंच समारोह आयोिजत कर रहा है इस तरह का पहला समारोह
भारत की तं ता की 50वीं जयंती के िसलिसले म 18 माच से 14 अ ैल, 1999 तक आयोिजत िकया गया
तब से लगातार इस उ व का आयोजन िकया जा रहा है
1978 म रा ीय ना िव ालय ने िश ण और िश ण के िलए ‘िव ार काय म’ नाम का अ ाविध
काय म ारं भ िकया िजसके अंतगत िव ालय थानीय रं गमंडिलयों/कलाकारों के सहयोग से कायशालाओं
का आयोजन करता है और ये काय म थानीय भाषाओं म ही आयोिजत िकए जाते ह कायशालाओं को
मोटे तौर पर तीन ेिणयों म रखा जा सकता है : ुित मूलक कायशालाएं , ुित मूलक ब ों की
कायशालाएं और रं गमंच के बारे म िश ण एवं िश ण काय म बंगलु म िव ालय का े ीय अनुसंधान
क है जो दि ण के चार रा ों और पुद्ु दचेरी की रं गमंच संबंधी आव कताओं की पूित करता है रा ीय
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ना िव ालय रं गमंच के बारे म पा पु कों का भी काशन करता है और इस िवषय म मह पूण


पु कों का अं ेजी से िहं दी म अनुवाद भी उपल कराता है
वेबसाइट: www.nsd.gov.in

सािह अकादमी
सािह अकादमी भारत की 24 मा ता ा भाषाओं के सािह को बढ़ावा दे ने वाली रा ीय अकादमी है
यह इन मा ता ा भाषाओं म काय मों का आयोजन करती है , इन भाषाओं के लेखकों को पुर ार
और फेलोिशप दान करती है और इनम पूरे साल पु कों का काशन करती है िपछले छह दशकों से भी
अिधक अविध म अकादमी ने 24 भाषाओं म 7,000 से अिधक पु कों का काशन िकया है अकादमी
कथा सािह , किवता, डामा और आलोचना की मौिलक पु कों के साथ-साथ उनके अनुवाद भी कािशत
करती है और ािसकल, म कालीन, ाक्-आधुिनक और समसामियक सािह इसके दायरे म आता
है सािह अकादमी तीन पि काओं का काशन भी करती है : इं िडयन िलटरे चर (अं ेजी ै मािसक),
समकालीन भारतीय सािह (िहं दी ै मािसक) और सं ृ त ितभा (सं ृ त ैमािसक) अकादमी े बाल
सािह को बढ़ावा दे ने के िलए भी काय करती है अकादमी का मु ालय नई िद ी म थत है और
कोलकाता, मुंबई, बंगलु और चे ई म इसके कायालय ह
सािह अकादमी के पुर ार भारत म अ ंत िति त सािह क पुर ार माने जाते ह जो अकादमी
ारा मा ता ा 24 भारतीय भाषाओं म कािशत सािह क उ ृ ता वाली सबसे े पु कों को
दान िकए जाते ह पुर ार के प म एक लाख पये की रािश और श -प दान िकया जाता है
इसके अलावा सािह अकादमी से मा ता ा भाषाओं के अलावा अ भाषाओं को बढ़ावा दे ने और
समृ करने वाले लेखकों/िव ानों/संपादकों/सं हकताओं/िन ादकों/अनुवादकों तथा दे श के ािसक व
म कालीन सािह के े म अनुसंधान के ज रए िवल ण योगदान करने वालों को भाषा स ान के प
म एक लाख पये और श -प दे कर ो ािहत िकया जाता है अकादमी ारा मा ता ा 24
भाषाओं म उ ृ अनुवाद के िलए िदए जाने वाले अनुवाद पुर ार के तहत 50 हजार पये की रािश और
श -प िदया जाता है अकादमी के दो अ पुर ार ह- बाल सािह पुर ार और युवा पुर ार
िजनके अंतगत िवजेताओं को 50 हजार पये और श -प दान िकया जाता है बाल सािह पुर ार
मा ता ा 24 भाषाओं म बाल सािह म उ ृ योगदान करने वाले लेखकों को िदया जाता है जबिक
युवा भारतीय लेखकों को बढ़ावा दे ने के िलए अकादमी युवा पुर ार दान करती है
अकादमी भारतीय लेखन को मह दान करने के िलए हर साल सािह ो व का आयोजन करती है
िद ी थत जनजातीय और मौ खक सािह क और इं फाल म पूव र मौ खक सािह क के मा म
से अकादमी जनजातीय और मौ खक परं परा के सािह को बढ़ावा दे ती है अकादमी जाने-माने भारतीय
लेखकों और भारतीय सािह की सेवा म संल िवदे शी िव ानों को फैलोिशप भी दान करती है
अकादमी की कुछ मुख प रयोजनाओं म भारतीय लेखकों पर मोनो ाफ, िव कोष, संकलन, भारतीय
सािह क अिभलेखागार , भारतीय सािह की रा ीय पु क सूची, भारतीय का , शा का िव कोष
और भारतीय सािह के इितहास की प रयोजनाएं मुख ह िवदे शों म सािह क उ वों और पु क मेलों
म भाग लेने के साथ-साथ अकादमी िविभ दे शों के साथ सां ृ ितक िविनमय काय म आयोिजत करती है
और हर साल लेखकों के िश मंडलों का आदान- दान करती है
नई िद ी म सािह अकादमी पु कालय िगने-चुने ब भािषक पु कालयों म से एक है जो पूरी तरह
से सािह को समिपत है भारत की 24 मा ता ा भाषाओं म सािह और सािह क परं पराओं की
पु कों के समृ सं ह वाला यह पु कालय अपने आप म अनोखा है इस पु कालय के अलावा सािह
अकादमी के मुंबई, कोलकाता और बंगलु थत े ीय कायालयों म भी पु कालय ह सािह अकादमी
पु कालय म पंजीकृत सद ों की कुल सं ा 13,219 ह और पु कों की कुल सं ा 1,72,000 है
रोज़ाना करीब 150 सद पु कालय म आते ह सभी 24 मा ता ा भाषाओं म सािह के बेहतर
सार के िलए सािह अकादमी हर साल दे शभर म करीब 180 पु क मेलों और दशिनयों म िह ा लेती
है
वेबसाइट: www.sahitya.akademi.gov.in
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इं िदरा गांधी रा ीय कला क


इं िदरा गां धी रा ीय कला क (आईजीएनसीए) रा ीय र का अकादिमक अनुसंधान क है िजसके दायरे
म ािसकल से लेकर लोक, िल खत से लेकर मौ खक और ाचीन से लेकर आधुिनक तक सभी कार की
कलाओं का अ यन और अनुभव शािमल है नई िद ी के बीचों-बीच थत यह कला क सं ृ ित
मं ालय के अंतगत एक ाय ास है यहां भारत, दि ण एिशया, दि ण-पूवएिशया और पि म एिशया
के थाप , नृत शा , इितहास, दशनशा , भाषा और सािह , कला व िश समेत िविभ िवषयों के
संसाधनों का समृ संकलन उपल है
आईजीएनसीए की छह कामकाजी इकाइयां यानी भाग ह- िविवध पों म उपल पु कों का
सं हालय कलािनिध; भारतीय भाषाओं म मौिलक पाठ के अ यन और काशन को समिपत कलाकोश;
जीवन शैली संबंधी अ यन जनपद संपदा; आईजीएनसीए के अनुसंधान और अ यनों को दशिनयों के
मा म से मूत प म ुत करने वाली इकाई कलादशन; सं ृ ित का प रर ण और चार- सार के िलए
टे ोलॉजी संबंधी उपायों का उपयोग करने वाली क चरल इ ॉमिट योगशाला; और सू धार यानी
शासिनक अनुभाग जो रीढ़ की ह ी की तरह इन सभी गितिविधयों म तालमेल और सहायता करता है
इं िदरा गां धी रा ीय कला क का एक े ीय क बंगलु म है , इसके अलावा पूव े का क
वाराणसी, पूव र का गुवाहाटी म है इसके अलावा रां ची, पुद्ु दचेरी, वडोदरा, ि शूर, गोवा और ीनगर म
इसके छह नये क चालू ए ह आईजीएनसीए रा ीय पां डुिलिप िमशन का भी बंधन करता है िजसने
दे शभर म फैले प रर ण क ों के ज रए ब मू धरोहर का प रर ण और िडिजटाइजेशन िकया है
वेबसाइट: www.ignca.gov.in

सां ृ ितक संसाधन और िश ण क


सां ृ ितक संसाधन और िश ण क (सीसीआरटी) िश ा को सं ृ ित से जोड़ने की िदशा म काम करने
वाले अ णी संगठनों म से एक है इसकी थापना 1979 म ाय संगठन के प म भारत सरकार ारा
की गई नई िद ी थत इसके मु ालय के अलावा उदयपुर, है दराबाद और गुवाहाटी म इसके े ीय
क ह सां ृ ितक संसाधन और िश ण क के मु उ े ह- िव ािथयों म भारत की े ीय
सं ृ ितयों की िविवधता के बारे म जाग कता और समझ पैदा करना और इस जानकारी को िश ा के साथ
जोड़ना इसका मु जोर इस बात पर रहता है िक िकस तरह िश ा को सं ृ ित से जोड़ा जाए और िकस
तरह से िव ािथयों को िवकास काय मों म सं ृ ित के मह के बारे म जाग क बनाया जाए सां ृ ितक
संसाधन और िश ण क दे श के िविभ भागों के िश कों के िलए कई कार के िश ण काय म
आयोिजत करता है इन िश ण पा मों से ितभािगयों म भारतीय कला और सं ृ ित म अंतिनहत
सुंदरता, सौंदयबोध और दशन की समझ और पहचान पैदा करने म मदद िमलती है इनसे िश ण
पा मों म सं ृ ित वाले घटक को शािमल करने के तौर-तरीकों का पता लगाने म िवशेष प से ान
िदया जाता है इनम िव ान और टे ोलॉजी, आवास, कृिष, खेल-कूद आिद म सं ृ ित की भूिमका पर भी
जोर िदया जाता है इससे पयावरण दू षण की सम ा के समाधान और ाकृितक व सां ृ ितक िवरासत
के संर ण एवं प रर ण म िव ािथयों और िश कों को उनकी भूिमका के बारे म जाग कता लाने म भी
मदद िमलती है
सीसीआरटी नाटक, संगीत और वािचक कला िवधाओं आिद के बारे म कायशालाएं आयोिजत करता है
अ ापकों को ऐसे काय म तैयार करने पर जोर िदया जाता है िजनसे शैि क पा म को पढ़ाने म कला
िवधाओं का लाभ उठाया जा सके सीसीआरटी ारकों, सं हालयों, कलावीिथयों, िश क ों, िचिड़याघरों
और उ ानों के िलए शैि क मण काय मों का आयोजन करता है ाकृितक और सां ृ ितक िवरासत
के संर ण के बारे म िशिवरों का भी आयोजन िकया जाता है थानीय प से उपल कम लागत की
व ुओं से िश ों के िश ण के िलए भी िशिवर आयोिजत िकए जाते ह कलाकारों और िवशेष ों के
ा ान और कला- दशन भी आयोिजत िकए जाते ह इसके अलावा ू लों म भी कलाकारों और
ह िश यों को अपने नर के दशन के िलए बुलाया जाता है इन सभी काय मों म िव ािथयों की
बौ क और सौंदयबोध की मताओं के िवकास पर जोर िदया जाता है
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िपछले कई वष से सीसीआरटी पटकथाओं, रं गीन ाइडों, फोटो ाफ और ऑिडयो व वीिडयो


रकािडग तथा िफ ों का सं ह कर रहा है हर साल यह ामीण भारत की कलाओं और िश िवधाओं
को पुनज िवत करने और उ बढ़ावा दे ने के िलए यास करता है भारतीय कला और सं ृ ित के िविभ
पहलुओं की समझ और परख को लेकर यह पु क भी कािशत करता है सीसीआरटी सां ृ ितक ितभा
खोज छा वृि योजना को भी लागू करता है िजसके अंतगत मा ता ा ू लों म पढ़ रहे या िकसी
पारं प रक िन ादन कला के घराने म तालीम हािसल कर रहे 10 से 14 साल के ितभाशाली ब ों को
िविभ े ों, खासतौर पर दु लभ कला िवधाओं म अपनी ितभा को िनखारने के िलए छा वृि यां दी जाती
ह ये छा वृि उनके 20 साल का होने या िव िव ालय की िड ी के पहले साल म प ं चने तक दी जाती है
िविभ सां ृ ितक े ों म युवा कलाकारों को छा वृि दे ने की योजना भी लागू की गई है इसके अंतगत
18 से 25 साल तक के आयुवग वालों को भारतीय शा ीय संगीत, शा ीय नृ , उप-शा ीय संगीत,
रं गमंच, कलाओं, लोक/पारं प रक और दे शी कलाओं म अिधकतम 400 छा वृि यां दान की जाती

सं ृ ित प रयोजना सं ृ ित मं ालय की एक पहल है िजसके तहत वाराणसी म िश ा सं थाओं म
इं टर ेटेशन सटरों का िवकास/ थापना की गई है िश ा और सं ृ ित के े म उ ृ काय करने वाले
अ ापकों को पुर ार के प म श -प , पि का और प ीस हजार पये नकद िदये जाते ह
वेबसाइट: www.ccrtindia.gov.in
े ीय सां ृ ितक क
े ीय सां ृ ितक क ों का उ े थानीय सं ृ ित के बारे म जाग कता बढ़ाना और यह दिशत करना है
िक िकस तरह ये िमलकर एक े ीय सां ृ ितक पहचान बनती ह और अंततः भारत की सामािसक
सं ृ ित की समृ िविवधता के प म प रलि त होते ह इन क ों ने समूचे दे श म सं ृ ित के संव न,
संर ण और चार- सार के े म अ णी एजसी के प म अपने आप को पहले ही थािपत कर िलया है
ये क सािह और चा ुष कलाओं के े म मह पूण योगदान करके िन ादन कलाओं को बढ़ावा दे ते
ह पिटयाला, कोलकाता, तंजावुर, उदयपुर, इलाहाबाद, दीमापुर और नागपुर म सात े ीय क ों की
थापना 1985-86 म की गई थी िकसी रा की अपने सां ृ ितक संपक के आधार पर एक से अिधक
े ीय सां ृ ितक क ों म भागीदारी इन े ीय क ों के गठन की िवशेषता है िविभ े ीय सां ृ ितक
क ों के िस ह ह िश और द कार िश मेलों म िह ा लेते ह ये क िजस बात पर खास जोर
दे ते ह वह है - कला की िविभ दु लभ लोक और जनजातीय िवधाओं का लेखन करना रा ीय सां ृ ितक
िविनमय काय म के अंतगत दे श के िविभ े ों के बीच कलाकारों, संगीतशा यों और िव ानों का
आदान- दान िकया जाता है इससे दे श के िविभ भागों म कई तरह की लोक/जनजातीय कला िवधाओं के
बारे म जाग कता बढ़ाने म बड़ी मदद िमली है रं गमंच म नयी जान फूंकने के एक काय म म िव ािथयों,
अिभनेताओं, कलाकारों, िनदशकों और लेखकों को एक मंच म आकर काय करने का अवसर िमलता है
नयी ितभाओं को बढ़ावा दे ने के िलए गु -िश परं परा शु की गई है े ीय सां ृ ितक क िश
ामों के ज रए ह िश यों को बढ़ावा दे ते ह े ीय सां ृ ितक क अपने-अपने इलाकों म िविभ
िन ादन/लोक कला िवधाओं की पहचान करते ह और ेक िवधा के एक-दो ितभाशाली कलाकारों का
चयन करते ह

एक भारत े भारत
एक भारत े भारत की घोषणा 2015 म सरदार व भ भाई पटे ल की 140वीं जयंती के अवसर पर की
गई इस पहल के ापक ल ह: (1) हमारे रा की िविवधता म एकता का मिहमामंडन और दे श के
लोगों के बीच परं परा से िव मान भावना क संबंधों के ताने-बाने को बनाए रखना और सु ढ़ करना; (2)
सभी रा ों और क शािसत दे शों के बीच सालभर तक चलने वाले सुिनयोिजत गहन और रीय संपक
के ज रए रा ीय एकता की भावना को बढ़ावा दे ना; (3) िकसी भी रा की समृ धरोहर और सं ृ ित तथा
रीित- रवाज़ और परं पराओं को दिशत करना तािक लोग भारत की िविवधता को समझ और परख सक
और उनके बीच एक जैसी पहचान को बढ़ावा िमले; (4) दीघाविध संपक की थापना; (5) ऐसे वातावरण
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का िनमाण करना िजसम एक-दू सरे के बेहतरीन तौर-तरीकों और अनुभवों से सीखने की वृि को बढ़ावा
िमले
बौ ित ती सं थाओं का उ े दे श की अमूत बौ /ित ती/िहमालयी सां ृ ितक िवरासत के चार,
सार और संर ण म मदद करना है

िहमालय की सां ृ ितक िवरासत


इस योजना का उ े िहमालय की सां ृ ितक धरोहर का संवधन और संर ण करना है इसे 2011 म
संशोिधत िकया गया था िजसके अनुसार िन िल खत गितिविधयां करने वालों को अनुदान सहायता दी जाती
है : (1) सां ृ ितक िवरासत के अ यन और अनुसंधान; (2) पुरानी पां डुिलिपयों, सािह , कला व िश का
प रर ण और संगीत, नृ जैसे सां ृ ितक काय मों/गितिविधयों का लेखन; (3) कला और सं ृ ित के
काय मों के मा म से चार- सार; और (4) िहमालय े के अंतगत आने वाले रा ों, ज ू-क ीर,
िहमाचल दे श, उ राखंड, िस म और अ णाचल दे शों म परं परागत और लोक कलाओं म िश ण
कॉलेज और िव िव ालय भी सहायता के िलए आवेदन कर सकते ह िकसी एक संगठन को दी जाने वाली
अिधकतम रािश की सीमा 5 लाख पये से बढ़ाकर 10 लाख पये वािषक कर दी गई है
बौ /ित ती संगठनों का िवकास
इस योजना का उ े बौ /ित ती सं ृ ित और परं पराओं के सार और वै ािनक िवकास तथा इससे
संबंिधत े ों म अनुसंधान म लगे ै क बौ /ित ती संगठनों और मठों को िव ीय सहायता दान
करना है इस योजना को 2011 म संशोिधत िकया गया और इसम सूचना टे ोलॉजी संबंधी सुधार,
प रवहन सुिवधा, िश ण क ों, ू लों की इमारतों और क ाओं के िनमाण, परं परागत साम ी की -
रकािडग/ लेखन को भी शािमल कर िलया गया
क ीय बौ अ यन सं थान
लेह-ल ाख थत क ीय बौ अ यन सं थान (सीआईबीएस) िजसे पहले बौ दशन िव ालय के नाम से
जाना जाता था, धानमं ी ाग य जवाहरलाल नेह की पहल पर 1959 म थािपत िकया गया जनवरी
2016 म इस सं थान को डी ड, यूनीविसटी यानी िव िव ालय के समक सं था का दजा िमला
नव नालंदा महािवहार
नव नालंदा महािवहार की थापना 1951 म िबहार के नालंदा म रा सरकार ने की थी यह पािल और
बौ अ यन के े म ातको र र की िश ा का क है इस समय यह सं ृ ित मं ालय के अंतगत
ाय सं थान है और 2006 म इसे डी ड िव िव ालय का दजा िदया गया
क ीय ित ती अ यन िव िव ालय
क ीय ित ती अ यन िव िव ालय, सारनाथ, वाराणसी की थापना 1967 म िहमालय म सीमावत
इलाकों के ित ती और भारतीय िव ािथयों की िश ा के िलए की गई थी बाद म 1988 म इसे िव
िव ालय के समक सं था का दजा दे िदया गया
क ीय िहमालयी सां ृ ितक अ यन सं थान
क ीय िहमालयी सां ृ ितक अ यन सं थान (सीआईएचसीएस) का 2010 म सोसाइटी पंजीकरण
अिधिनयम, 1960 के तहत एक सिमित के प म पंजीकरण कराया गया था सं थान बौ और िहमालयी
अ यन के े म ातक, ातको र और डॉ रे ट र के पा म संचािलत करता है इसे अधीन थ
ू ल थािपत करने और उनके संचालन का भी अिधकार है अनुदान ा करने वाली छह सं थाओं-
धमशाला थत ित ती कृितयों और अिभलेखों के पु कालय; नई िद ी थत ित त हाउस; अ णाचल
दे श म तवां ग मठ; िस म म अंतररा ीय बौ प रसंघ और बोमिडला म जीआरएल मोना क ू ल
को सहायता दान की जाती है
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भारतीय पुरात सव ण
भारतीय पुरात सव ण की थापना 1961 म की गई थी यह सं ृ ित मं ालय के संब कायालय के प
म काय करता है इसकी मुख गितिविधयों म शािमल ह- पुरात अवशेषों का सव ण और उ नन; क
ारा संरि त ारकों, थलों और अवशेषों का रखरखाव और संर ण ारकों और पुराता क अवशेषों
का रासायिनक अनुर ण; ारकों का वा ुशा ीय सव ण; पुरािलिप अनुसंधान तथा मु ा अ यन जैसी
िव ाओं का िवकास; िकसी ारक या पुराता क थल पर सं हालय की थापना तथा पुनगठन; िवदे शों
म अिभयान; पुरात शा म िश ण; और तकनीकी रपोट व अनुसंधान ंथों का काशन भारतीय
पुरात सव ण के पां च े ीय िनदे शालय, 29 सिकल और तीन िमनी सिकल ह िजनके मा म से यह
अपने अधीन ारकों का संर ण और अनुर ण करता है
ाचीन ारक और पुराता क थल एवं अवशेष अिधिनयम, 1958 के अंतगत भारतीय पुरात
सव ण ने दे शभर म 3,686 ारकों/ थलों को रा ीय मह का घोिषत िकया है इनम से 21 यूने ो की
िव धरोहर सूची म शािमल ह पां च थल- गुजरात म चंपानेर-पावागढ़ पुराता क पाक, मुंबई का छ पित
िशवाजी टिमनस रे लवे े शन (िजसे पहले िव ो रया टिमनस कहा जाता था), वृहदी र मंिदर प रसर,
गंगइकोंडा चोलपुरम और ऐरावते र मंिदर संकुल और वृहदी र मंिदर संकुल के िव ार के प म
दारासुरम तंजावुर को 2004 म यूने ो की िव धरोहर सूची म शािमल कर िलया गया है यह शहर अब
आमतौर पर जागृत चोल मंिदरों के प म जाना जाता है
मुंबई की िव ो रया युग की कलाकृितयों (िव ो रयन एं ड आट िडको इनसबल) के सं हालय को
यूने ो की िव धरोहर सूची म शािमल करने के िलए नामां कन संबंधी कागजात िव िवरासत क को भेज
िदए गए ह भारतीय पुरात सव ण इस समय 5,000 से अिधक संरचनाओं का रखरखाव कर रहा है
अंतजलीय पुरात ं ध का मु काय दे श की समु ी जलसीमा और अ े ों म जलम सां ृ ितक
धरोहरों की खोज, अ यन और संर ण करना है यह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों म खोज
और उ नन का काय करता है भारतीय पुरात सव ण की सव ण की िव ान शाखा का मु ालय
दे हरादू न म है और दे श के िविभ भागों म इसकी े ीय योगशालाएं ह जो ारकों, पुराव ुओ,ं
पां डुिलिपयों, िच कला आिद का रासायिनक संर ण करती ह
भारतीय पुरात सव ण की उ ान शाखा दे श के िविभ भागों म क ारा संरि त करीब 287
ारकों/ थलों म उ ानों का रखरखाव करती है िद ी, आगरा, ीरं गप नम और भुवने र की मुख
पौधशालाओं से िविभ उ ानों के िलए पौधे भेजे जाते ह
वेबसाइट: www.asi.nic.in

रा ीय ारक और पुरावशेष िमशन


रा ीय ारक और पुरावशेष िमशन की शु आत 2007 म ई इसका उ े 11वीं योजना के दौरान
िनिमत धरोहर और थलों तथा पुरावशेषों के बारे म िविभ ोतों एवं सं हालयों से रा ीय डे टाबेस तैयार
करना है तािक योजनाकार और अनुसंधानकता आिद इसका उपयोग सां ृ ितक संसाधनों के बेहतर
बंधन म कर सक इसम शािमल काय के प रमाण को ान म रखते ए और रा ीय उ ादकता प रषद
की तृतीय प मू ां कन रपोट की िसफा रशों के अनुसार िमशन को भारतीय पुरात सव ण का एक
भाग बना िदया गया है
रा ीय ारक और पुरावशेष िमशन को सौंपी गई िज ेदारी के अनुसार दो रिज र यानी पंिजयां तैयार
की जानी ह : (1) िनिमत धरोहरों और थलों का रा ीय रिज र; और (2) पुरावशेषों का रिज र िविभ
ै तीय ोतों से 2 लाख िनिमत धरोहरों और थलों के डे टा का लेखन िकया गया है रा ीय ारक और
पुरावशेष िमशन के पास अब तक िविभ ोतों से करीब 15 लाख पुराव ुओं के डे टा का लेखन िकया
है

रा ीय पांडुिलिप िमशन
रा ीय पां डुिलिप िमशन की थापना 2003 म की गई थी और इं िदरा गां धी रा ीय कला क को इसकी दे ख-
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रे ख करने वाली नोडल एजसी बनाया गया था इसका उ े पां डुिलिपयों म िव मान दे श की ान की
िवरासत को सहे ज कर रखना था भारत की मूत िवरासत के थान िनधारण, लेखन, प रर ण और
लेखन के िलए दे शभर म पां डुिलिप संसाधन क , पां डुिलिप संर ण क और पां डुिलिप संर ण साझेदार
क बनाए गए ह
िमशन की मुख गितिविधयों म शािमल ह : सव ण के मा म से पां डुिलिपयों का लेखन करना,
िनवारक और उपचारा क िविधयों से पां डुिलिपयों का संर ण, संर ण के तौर-तरीकों के बारे म िश ण
पा मों और कायशालाओं का संचालन करना, ाचीन िलिपयों के बारे म िश ण के िलए ह िलिप
िव ान और पुरालेखशा की कायशालाएं आयोिजत करना, पां डुिलिपयों का िडिजटीकरण तािक उ
अिभलेखागार म इस तरह से रखा जा सके िजससे ान के इस ोत तक आसानी से प ं चा जा सके,
काशनों के ज रए पां डुिलिपयों म िनिहत ान का सार और पां डुिलिपयों के मह के बारे म जनता म
जाग कता पैदा करने के िलए िव ारण काय म

रा ीय सं हालय
रा ीय सं हालय की थापना सं ृ ित मं ालय के अंतगत 1960 म की गई थी और यह मं ालय के अधीन थ
कायालय की तरह काय करता है यह 2.6 लाख से अिधक कलाकृितयों का खजाना है िजनम
ागैितहािसक काल की साम ी से लेकर आधुिनक कला व ुएं भी शािमल ह सं हालय की मु
गितिविधयां इस कार ह: कला व ुओं का दशन, दीघाओं का आधुिनकीकरण/पुनसयोजन, शैि क
गितिविधयां और िव ार काय म, जनसंपक, काशन, फोटो लेखन, ी कालीन अवकाश काय म,
ारक ा ान, फोटो यूिनट, मॉडिलंग यूिनट, पु कालय, संर ण योगशाला और कायशालाएं

रा ीय आधुिनक कला सं हालय


रा ीय आधुिनक कला सं हालय (एनजीएमए) की थापना 1954 म समसामियक भारतीय कला के िवकास
और संवधन के िलए की गई थी इसम करीब 1,748 समकालीन भारतीय कलाकारों की 17,858 ितिनिध
कृितयां रखी ई ह सं हालय के अनमोल खजाने म िच कलाकृितयां , मूितिश , ािफक कलाकृितयां
और फोटो ाफ शािमल ह यह अपने सं ह की कलाकृितयों के साथ-साथ सां ृ ितक िविनमय काय म के
तहत ा कलाकृितयों की समय-समय पर दशिनयां आयोिजत करता है रा ीय आधुिनक कला
सं हालय का उ े आधुिनक कलाकृितयों के बारे म लोगों की समझ और संवेदनशीलता को बढ़ाना है
वेबसाइटः www.ngmaindia.gov.in

भारतीय सं हालय
कोलकाता का भारतीय सं हालय (इं िडयन ूिजयम) दु िनया के आठ सबसे पुराने सं हालयों म से एक है
करीब 1.10 लाख कलाकृितयों का यह खजाना ा इितहास और भारत की धरोहर की कहानी कहता है
भारतीय सं हालय की उ ि और िवकास का इितहास भारत की िवरासत और सं ृ ित के िवकास के
शानदार घटना म की गाथा कहता है भारत िव ा के महान िव ान िविलयम जो ने 1784 म एिशयािटक
सोसाइटी की थापना की और अपना सारा जीवन भारत के िवकास म लगा िदया डे नमाक के
वन ितशा ीय डॉ. नैथेिनयल वािलच ने एिशयािटक सोसाइटी को एक प िलखकर सोसाइटी प रसर म
एक सं हालय थािपत करने की जोरदार वकालत की इस तरह डॉ. नैथेिनयल वािलच के िदशािनदशन म
1814 म ‘एिशयािटक सोसाइटी प रसर’ म एक सं हालय की थापना ई ारं भ म इसे ‘एिशयािटक
सोसाइटी ूिजयम’ के नाम से जाना जाता था बाद म इसका नाम ‘इं पी रयल ूिजयम’ कर िदया गया
बाद म इसे ‘इं िडयन ूिजयम’ के नाम से पुकारा जाने लगा हालां िक यह सं हालय को दे खने आने वालों
म ‘जादू घर’ के प म भी मश र रहा है इं िडयन ूिजयम ( भारतीय सं हालय) की शु आत केवल दो
दीघाओं से ई मगर बाद म यह ब उ े ी संगठन के प म उभरकर सामने आया इसके छह अनुभागों
म िविभ कार की व ुओं का संकलन िकया गया ह इनके नाम ह- कला, पुरात िव ान, मानवशा ,
जीव िव ान, भू-गभ िव ान और वन ित िव ान इस तरह एिशयािटक सोसाइटी की गोद म पला यह
सं हालय दे श म अपनी तरह की सबसे बड़ी सं थान के प म उभर कर सामने आया है और रा की
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धरोहर और गौरव को दिशत करता है 1878 म यह अपने वतमान भवन म आया भारत की कला एवं
सं ृ ित का ितिनिध करने वाले भारतीय सं हालय को भारत गणरा के संिवधान म अ णी रा ीय
सं थान का दजा िदया गया है
भारतीय सं हालय न केवल भारतीय धरोहर की कला व ुओं के प रर ण म मह पूण भूिमका िनभाता
है ब भारतीय कला धरोहर की िववेचना को उ े रत करने म भी योगदान करता है िविभ सं ृ ितयों
पर आधा रत अपनी िविवधतापूण गितिविधयों के मा म से यह दशकों के सीखने के क के प म काम
करता है इस े म अिधक से अिधक सं ा म पयटकों को आकृ करने के िलए इस तरह की
गितिविधयों को बढ़ावा दे ने की आव कता है

रा ीय िव ान सं हालय प रषद
रा ीय िव ान सं हालय प रषद सं ृ ित मं ालय के तहत एक ाय संगठन है यह दु िनया म अपनी
तरह का अकेला संगठन है िजसके शासिनक िनयं ण म िव ान क ों/सं हालयों का सबसे बड़ा नेटवक
काय कर रहा है यह ‘जनता के सश ीकरण के िलए िव ानसंचार’ के ल के साथ दे शभर म फैले अपने
िव ान क ों के नेटवक के मा म से समाज म, खासतौर पर िव ािथयों म वै ािनक सं ृ ित को बढ़ावा दे ने
म लगा है दे श म रा ीय, े ीय और िजला र पर िव ान क िवकिसत करने संबंधी िव ान योजना के
िलए रा ीय िव ान सं हालय प रषद् काया यन एजसी है प रषद् का 25 िव ान सं हालयों/क ों का
नेटवक है और इसने 24 िव ान क िविभ रा सरकारों को बनाकर िदए ह प रषद अ संगठनों को
उ ेरक सहायता भी उपल कराती है िजसके अंतगत दशन की अ ाधुिनक तकनीकों का इ ेमाल
करते ए पार रक संवाद आधा रत दशिनयों का िवकास िकया जाता है रा ीय िव ान संचार प रषद
दो तरह की गितिविधयों का संचालन करती है : िव ान क ों/सं हालयों, गैलरी, दशनी, व ुओं और
नवसृजन क ों का िवकास; और करके सीखने पर आधा रत िव ान काय मों तथा िव ालये र गितिविधयों
का आयोजन इस तरह अपनी दोआयामी गितिविधयों से प रषद ू लों को िव ान िश ा म अनौपचा रक
सहायता दान करती है
भारत म ूिजयम ऑन ील यानी चलती-िफरती दशनी की अवधारणा की शु आत 1965 से ई जब
कोलकाता के रामकृ िमशन ू ल म सचल िव ान सं हालय के ज रए संचल िव ान दशनी काय म
की शु आत की गई आज रा ीय िव ान सं हालय प रषद के िविभ िव ान क ों से सचल िव ान
दशिनयों की 23 बसों का कािफला जुड़ा आ है ये दशिनयां दे श के िविभ ामीण अंचलों का दौरा
करती ह और िव ान व टे ोलॉजी के संदेश को ामीण जनता तक प ं चाती ह थानीय मह के िवषयों
पर दशिनयों के अलावा सचल िव ान दशनी काय म म िव ान शो, िव ािथयों के िलए करके सीखने
की कायशालाएं , दू रबीन से रात को आकाश का े ण और िव ान िफ ों का दशन करके इनके मह
म और वृ की जाती है यह रा ीय िव ान सं हालय प रषद के सफलतम काय मों म से एक है और
अब तक 6.5 करोड़ से अिधक लोग, िजनम से ादातर िव ाथ ह इसका फायदा उठा चुके ह िपछले
साल इस काय म को भारत के सबसे बड़े और सबसे लंबी अविध से चलाए जा रहे अनौपचा रक िव ान
िश ा काय म के प म िल का बुक ऑफ रकॉड म शािमल िकया गया
रा ीय िव ान सं हालय प रषद भारतीय िव ािथयों के अंतररा ीय ए ोनॉमी ओलंिपयाड (जूिनयर
ेणी) म भाग लेने म भी मदद करती है प रषद इसके िलए हर साल अिभिव ास एवं चयन कप का
आयोजन करती है तथा चुने गए िव ािथयों के िलए रवानगी से पहले का िश ण उपल कराती है
प रषद िव ान क ों/सं थानों म नवसृजन क गिठत करने की योजना को भी लागू कर रही है तािक दे श के
युवाओं म नवसृजन, रचना कता और िव ान के ित लगाव की सं ृ ित को बढ़ावा िमले प रषद ने
अमरीका, स, ां स, ब ा रया, नेपाल, चीन, बां ादे श, िटिनडाड और टोबैगो, गुयाना, भूटान,
इं डोनेिशया, मलेिशया, दि ण अ ीका, ीलंका, मॉरीशस, ऑ े िलया और ि टे न समेत 15 दे शों के िलए
चलती-िफरती दशिनयों की प रक ना करके उनका िवकास िकया है और वहां भेजा है इनका िववरण
इस वेबसाइट पर उपल है :
वेबसाइट www.ncsm.gov.in
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िव ो रया मेमो रयल


कोलकाता के िव ो रया मेमो रयल हॉल की थापना मु प से वायसराय लॉड कजन के यासों से
1921 म भारत-ि टे न इितहास को रे खां िकत करने वाले कालखंड सं हालय के प म की थी 1935 के
भारत सरकार अिधिनयम के तहत इसे रा ीय मह की सं था घोिषत िकया गया यह 18वीं, 19वीं और
20वीं सदी के भारत-ि टे न इितहास का अ णी कालखंड सं हालय है यह कोलकाता की मुख कला
दीघा, सं हालय, अनुसंधान पु कालय और सां ृ ितक थल भी है यह भारत म भारत-ि िटश
वा ुिश का बेहतरीन नमूना है जो ‘राज के ताज’ के नाम से भी मश र है दु िनया के सबसे बड़े या ा
और पयटन संबंधी वेबसाइट िटप एडवाइजर ने 2017 म इसे भारत के ‘नंबर 1’ और एिशया के नंबर 9
सं हालय के प म िचि त िकया भारत के शीष थ पयटन थल के प म इसके तेज़ी से बढ़ते कद का
पता इसे लोनली ेनेट का ‘टॉप वाइस’ और ‘फोस वाइस’ का दजा िमलने से भी चलता है कुल
िमलाकर िव ो रया मेमो रयल हॉल पयटकों की सं ा की ि से भारत का सव े और दु िनया के
शीष थ सं हालयों म से एक है जहां 2017-18 के दौरान 21 लाख लोग इसकी दीघाओं म और 14 लाख
अ इसके उ ानों म प ं चे 2015 म इसे ‘भारत का सबसे ’ ारक घोिषत िकया गया िजसके िलए
इसे इं िडया टु डे सफाइिगरी पुर ार भी दान िकया गया
सं हालय के प म िव ो रया मेमो रयल हॉल की नौ दीघाओं म 28,394 िश कृितयां ह जो 1650 ई.
के बाद की तीन सिदयों की ह सं ह म ऑयल कलर और वाटर कलर म िच कृितयां , रे खािच और
डॉइं , िलथो ाफ, फोटो ाफ, दु लभ पु क, पां डुिलिपयां , िटकट और डाक लेखन साम ी, िस े और
मेडल, हिथयार और कवच, मूितिश , पोशाक, गत ृितिच और अिभलेखागार के मह वाले
अ द ावेज शािमल ह
वेबसाइट: www.Victoriamemorial-cal.org

कला इितहास, संर ण और सं हालय िव ान सं थान


यह सं ृ ित मं ालय ारा पूरी तरह िव पोिषत ाय संगठन है िजसकी थापना 1989 म की गई और
इसे िव िव ालय के समक सं थान का दजा िदया गया यह सं हालय िव ान की िश ा दान करने
वाला भारत का एकमा सं हालय िव िव ालय है िफलहाल यह नई िद ी थत रा ीय सं हालय की
पहली मंिजल म चल रहा है रा ीय सं हालय का महािनदे शक इस िव िव ालय के पदे न कुलपित भी होते
ह इसके मु उ े ों म (क) कला, इितहास, संर ण और सं हालय िव ान के िवशेष ता वाले े ों म
ातको र (एम.ए.) और पी.एचडी. र की िश ा दान; (ख) भारतीय कला और सं ृ ित के चार- सार
के िलए कला की परख के बारे म िहं दी और अं ेजी म अ ाविध पा म संचािलत करना; और (ग)
सं हालय िश ा, कला और सं ृ ित पर संगोि यां , कायशालाएं , स ेलन और िवशेष ा ान आयोिजत
करना है

रा ीय सां ृ ितक संपदा संर ण अनुसंधानशाला


रा ीय सां ृ ितक संपदा संर ण अनुसंधानशाला की थापना 1976 म सं ृ ित िवभाग के अधीन थ
कायालय के तौर पर की गई थी इसे िव ान और टे ोलॉजी िवभाग ारा भारत सरकार की वै ािनक
सं था के प म मा ता िमली ई है यह सं हालयों, अिभलेखागारों, पुरात िवभागों और अ संब
सां ृ ितक सं थाओं को संर ण संबंधी मामलों म संर ण सेवाएं और तकनीकी सलाह उपल कराता है
यह संर ण के िविभ पहलुओं के बारे म िश ण दान करता है , संर ण की िविधयों और तौर-तरीकों के
बारे म अनुसंधान करता है , संर ण के बारे म ान का सार करता है और दे श म संर ण के काय म लगे
किमयों को सेवाएं उपल कराता है
रा ीय सां ृ ितक संपदा संर ण अनुसंधानशाला का मु ालय लखनऊ म है लखनऊ के
जानकीपुरम म इसके िश ण सं थान का पूण प रसर है और मैसूर म े ीय संर ण योगशाला के प
म े ीय क है जो दि ण भारत की संर ण संबंधी आव कताओं को पूरा करता है
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रामकृ िमशन सं ृ ित सं थान


इस सं थान की प रक ना 1936 म ी रामकृ (1836-1886) की पहली ज शती के अवसर पर उनके
थायी ारक के प म की गई थी इसकी िविधवत थापना ामी िववेकानंद ारा थािपत रामकृ
िमशन के शाखा क के प म ी रामकृ ारा ितपािदत वेदां त के संदेश के सार के िलए 1938 म की
गई ी रामकृ ने अपने संदेश म मु प से (1) सभी धम की समानता; (2) मनु म दे व की
संभावनाओं; और (3) ई र की उपासना के िलए मनु की सेवा का रा ा अपनाने वाले मानवता के नये
धम पर जोर िदया था

भारतीय मानविव ान सव ण
भारतीय मानविव ान सव ण दिनया म अपनी तरह का अनोखा संगठन है 65 साल पहले अपनी थापना
के बाद से यह संगठन भारतीय जनसं ा की जैव-सां ृ ितक िवशेषताओं के अ यन का अपना दािय
पूरा कर रहा है बीते दशकों म भारतीय मानविव ान सव ण मजबूत होता चला गया है और इसने दे श के
मानव वै ािनक सव ण के िलए एक बेजोड़ प र े िवकिसत कर िलया है इसकी गितिविधयों म शािमल
ह: मानव वै ािनक साम ी के संकलन, संर ण, रखरखाव और लेखन के साथ-साथ ाचीन मानव कंकालों
के अवशेषों का अ यन करना हाल म भारतीय मानविव ान सव ण ने अपने बुिनयादी ढां चे का सम
आधुिनकीकरण िकया है और भारत म मानव जाित के आनुवंिशक िवकास के अ यन के िलए डीएनए
टे ोलॉजी और मानववै ािनक आनुवंिशकी का उपयोग ारं भ िकया है कोलकाता थत अपने मु ालय
और सात े ीय क ों (पोट ेयर, िशलां ग, नागपुर, मैसूर, दे हरादू न, उदयपुर और कोलकाता), एक उप-
े ीय क (जगदलपुर), तीन फी े नशनों (सागर, रां ची और िवशाखाप नम) और नई िद ी, थत
कप कायालय के मा म से सूचनाएं एक की ह सव ण ने कई पु क, मोनो ाफ, अनुसंधान रपोट और
यदा-कदा छापे जाने वाले काशनों का भी काशन िकया है इसके अलावा यह ैमािसक ूजलेटर और
अधवािषक गृह पि का भी छापता है भारतीय मानविव ान सव ण दे श के िव िव ालयों और अ
शैि क सं थाओं के सहयोग से िविभ स ेलनों, संगोि यों, कायशालाओं और दशिनयों का आयोजन भी
करता है
वेबसाइट: www.ansi.gov.in

भारतीय रा ीय अिभलेखागार
भारतीय रा ीय अिभलेखागार भारत सरकार के चलन से बाहर के रकॉड का संर क है और रकॉड
तैयार करने वालों तथा आम उपभो ाओं के िलए ऐसी साम ी को ासी की तरह सहे ज कर रखता है
भारतीय रा ीय अिभलेखागार दि ण-पूव एिशया म गैर- चिलत रकॉड का सबसे बड़ा भंडार भी है
अिभलेखागार िकसी रा की अमू द ावेजी धरोहर है और दे श के अ णी अिभलेखीय सं था के नाते
भारतीय रा ीय अिभलेखागार रा ीय और अंतररा ीय दोनों ही रों पर अिभलेखागारों के िवकास और
उ नयी िदशा दे ने म मह पूण भूिमका िनभाता है दे श के सावजिनक रकॉड के िलए क सरकार के
एकमा भंडार के नाते इसकी थित बड़ी अनोखी है भारतीय रा ीय अिभलेखागार सं ृ ित मं ालय के
संब कायालय के प म काय करता ह इसे रा की द ावेजी धरोहर के प रर ण का दािय सौंपा
गया है यह 1993 के प क रकॉड् स ए और 1997 के प क रकॉड् स पर अमल के िलए भी
यह नोडल एजसी के प म भी काय करता है और सावजिनक रकॉड् स के बंधन, शासन और
प रर ण के िलए भी िज ेदार है भोपाल म भारतीय रा ीय अिभलेखागार का एक े ीय कायालय है और
भुवने र, जयपुर और पुद्ु दचेरी म इसके तीन रकॉड सटर भी ह
रा ीय अिभलेखागार की मुख गितिविधयों म सावजिनक रकॉड को िविभ सरकारी एजिसयों और
अनुसंधान करने वाले िव ानों को उपल कराना; ऑनलाइन अनुसंधान पोटल www.abhilekh-patal.in
के ज रए रकॉड ऑनलाइन उपल कराना; रकॉड के संर ण के बारे म यों और सं थाओं को
तकनीकी सहायता दे ना; रा ीय अिभलेखागार अपने ू ल ऑफ आकाइव डीज (अिभलेखागार अ यन
िव ालय) के ज रए अिभलेख िव ान के िविभ पहलुओं के बारे म िश ण दान करता है दे श की
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अिभलेख संपदा को बढ़ाने के िलए रा ीय अिभलेखागार रा ों/ क शािसत दे शों, अिभलेखागारों,


ै क संगठनों और संर ण का काय करने वाली अ सं थाओं को िव ीय सहायता उपल कराता है
ई-मेल : archives@nic.in
वेबसाइट : www.nationalarchives.nic.in
ऑनलाइन खोज पोटल : www.abhilekhpatal.in

पु कालय
रा ीय पु कालय
रा ीय पु कालय कोलकाता को पहले इं पी रयल लाइ ेरी के नाम से जाना जाता था और इसकी थापना
1891 म ई थी तं ता के बाद इसका नाम बदल कर नेशनल लाइ ेरी यानी रा ीय पु कालय कर िदया
गया रा ीय मह की सं था का दजा ा रा ीय पु कालय िन िल खत काय करती है : (i) सभी कार
की मह पूण मुि त साम ी (रोज़मरा की गैर-ज री साम ी को छोड़कर) और रा ीय मह की
पां डुिलिपयों का अिध हण और संर ण; (ii) दे श के बारे म तमाम मुि त साम ी का सं ह करना भले ही
इस तरह की साम ी कहीं भी छपी हो; (iii) सामा और िविश (दोनों कार की वतमान और पुरानी
साम ी के बारे म ंथ सूचीकरण और लेखन सुिवधा; (iv) परामश क के नाते ंथसूची संबंधी तमाम
सूचनाओं के तमाम ोतों के बारे म म पूण और सही-सही जानकारी हािसल करना ंथसूची संबंधी
अंतररा ीय गितिविधयों म भाग लेना; और (v) अंतररा ीय पु क िविनमय क और दे श के भीतर ऋण पर
पु क उपल कराने वाले क की भूिमका िनभाना
वेबसाइट: www.nationalliabrary.gov.in
क ीय सिचवालय पु कालय
क ीय सिचवालय ंथागार को ारं भ म इं पी रयल से े टे रएट लाइ ेरी कोलकाता के नाम से जाना जाता था
और इसकी थापना 1891 म ई 1969 से यह पु कालय नई िद ी के शा ी भवन म काय कर रहा है
और इसम मु तः सामािजक िव ानों और मानिवकी से संबंिधत िवषयों के 7 लाख से अिधक द ावेज
उपल ह यह क सरकार/रा सरकारों के द ावेज समेत भारत के तमाम आिधका रक द ावेजों का
भंडारगृह है इसके े ीय अ यन भाग के पास उपल पु कों का संकलन अनोखा है िजसम
भौगोिलक े ों के आधार पर पु कों को रखा गया है इसके पास अ ंत दु लभ पु कों का एक सं ह भी
है िजसम बड़ी सं ा म जीविनयां उपल ह क ीय सिचवालय ंथागार क सरकार के अिधक रयों और
पु कालय म दे शभर से आने वाले अनुसंधानकताओं को तमाम सुिवधाएं उपल कराता है हाल म इसने
भारत सरकार के राजप , कमेिटयों और आयोगों की रपोट का िडिजटाइजेशन िकया और इस सं ह के
िलए ऑनलाइन प क ए ेस कैटे लॉग णाली (जनता की सुिवधा के िलए ऑनलाइन पु कसूची) भी
तैयार की है
क ीय सिचवालय ंथागार की नई िद ी म दो शाखाएं ह िजनम से एक बहावलपुर हाउस के
तुलसीसदन म िहं दी और े ीय भाषाओं की पु कों की है इसम िहं दी और संिवधान म ीकृत 21 अ
भारतीय भाषाओं की 1.8 लाख पु क उपल ह दू सरी शाखा नई िद ी म आर.के. पुरम म है जो
पा पु क पु कालय है और क सरकार के कमचा रयों के ातक र तक के ब ों की ज रतों को
पूरा करता है
पु कालयों से संबंिधत अ मह पूण सं थाओं म राजाराम मोहनराय पु कालय ास, िद ी
प क लाइ ेरी, रामपुर रज़ा पु कालय और खुदाब ओ रएं टल प क लाइ ेरी शािमल ह
वेबसाइट: www.CSI.nic.in
नेह ारक सं हालय और पु कालय
नेह ारक सं हालय और पु कालय के अंतगत जवाहरलाल नेह के जीवन और समय के बारे म
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एक सं हालय; अनुसंधान और काशन भाग; एक पु कालय (िजसे दे श म सामािजक िव ान


पु कालयों म मुख माना जाता है ); मौ खक इितहास भाग; पां डुिलिप भाग; समसामियक अ यन
क ; तारामंडल और ब ों और युवाओं के िलए नेह अिधगम क शािमल ह इसका अिभलेखागार
यों और सं थानों के िनजी द ावेजों का सबसे बड़ा सं ह है िजनम से अिधकां श ाधीनता आं दोलन
से संबंिधत ह भारत के आधुिनक और समसामियक इितहास के इस िवशाल भंडार का उपयोग दु िनयाभर
के िव ान और िश ािवद् अपने अनुसंधान काय म करते ह
समसामियक अ यन क फेलोिशप काय म संचािलत करता है (32 फेलो) िजसका अकादिमक
जगत म बड़ा नाम है यह िनयिमत प से ा ानों, स ेलनों, पु क चचाओं, प रचचाओं और
कायशालाओं आिद का भी आयोजन करता है काशन िवभाग सामािजक िव ान के े म जाने-माने
िव ानों की रचनाओं और स ेलनों व संगोि यों की कारवाई पर आधा रत साम ी का काशन करता है
इसके अलावा यह ऑकेजनल पेपस नाम की एक अनुसंधान ृंखला का भी काशन करता है
नेह ारक सं हालय और पु कालय का तारामंडल िद ी े म अपनी तरह का पहला है ू ली
ब ों, कॉलेज के िव ािथयों, अ ापकों और आम जनता समेत हजारों लोग रोजाना इसे दे खने आते ह और
खगोलिव ान तथा अंत र टे ोलॉजी के बारे म जानकारी हािसल करते ह
वेबसाइट: www.nehrumemorial.nic.in
रा ीय पु कालय िमशन
पु कालय और सूचना िव ान े के लगातार िवकास पर ान िदए जाने के रा ीय ान आयोग की
िसफा रशों के अनुपालन म सं ृ ित मं ालय ने 2012 म रा ीय पु कालय िमशन का गठन िकया इसे जो
िज ेदा रयां सौंपी गई वे ह- भारत की रा ीय वचुअल लाइ ेरी का िनमाण करना, रा ीय पु कालय िमशन
के आदश पु कालयों की थापना, पु कालयों की गुणव ा और सं ा क ि से सव ण, और मता
िनमाण करना
भारत की रा ीय वचुअल लाइ ेरी का उ े भारत से संबंिधत सूचनाओं और भारत म उ सूचनाओं
के बारे म ओपन ए से आधार पर िडिजटल संसाधनों का िव ृत डे टाबेस तैयार करना है

िन ादन कला
सं ृ ित मं ालय का िन ादन कला भाग िन िल खत काय मों का संचालन करता है :
िन ादन कला अनुदान योजना ( कलाकार मंडली अनुदान)
यह िन ादन कलाओं के े म मं ालय की मुख और िति त योजना है इसके अतगत ना मंडिलयों,
रं ग मंडिलयों, संगीत मंडिलयों, बाल रं गटोिलयों और िविभ कार की िन ादन कला िवधाओं के िलए
िव ीय सहायता दी जाती है रपटरी ां ट (कलाकार मंडली) के तहत एक िव ीय वष म पूरे साल के िलए
िकसी सां ृ ितक संगठन के एक गु /िनदशक के अधीन अिधकतम 25 िश ों/ कलाकारों को िव ीय
सहायता दी जाती है ेक गु /िनदशक के िलए िव ीय सहायता की वतमान रािश 10,000 पये मािसक
है
रा ीय उप थित वाले सां ृ ितक संगठनों के िलए योजना
दे शभर म कला और सं ृ ित को बढ़ावा दे ने म लगे रा ीय उप थित वाले सां ृ ितक संगठनों को ो ाहन
दे ने और उनकी मदद के िलए अनुदान सहायता दी जाती है यह ऐसे संगठनों को दी जाती है िजनका
उिचत तरीके से गिठत बंधन संगठन हो, जो भारत म पंजीकृत हों, िजनका प अ खल भारतीय हो, जो
पूरे भारत म काय करते हों, िजनके पास काय करने के िलए पया सं ा म कमचारी हों और िज ोंने
सां ृ ितक गितिविधयों म िपछले पां च साल म से तीन साल एक करोड़ पये या इससे अिधक ख़च िकया
हो इस योजना के अंतगत अनुदान की रािश एक करोड़ पये से पां च करोड़ पये तक हो सकती है
अनुदान सहायता दो िक ों म दी जाती है और ये िक ीकृत रािश के 75 ितशत और 25 ितशत के
बराबर होती ह इस योजना का पूरा िववरण सं ृ ित मं ालय की वेबसाइट:
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http:/www.indiaculture.nic.in/scheme-financialassistance-culture-organisations-national-presence
पर उपल है
भवन अनुदान सहायता योजना
इस योजना का उ े ै क सां ृ ितक संगठनों और सरकार ारा सहायता ा करने वाले
सां ृ ितक संगठनों को सां ृ ितक गितिविधयों के थलों जैसे- ऑडीटो रयम, सु व थत िश ण,
कलाकारों को रहसल और अपनी कला के दशन के िलए जगह तथा उपकरणों की खरीद म मदद करना
है ू िडयो िथयेटर भी इस योजना का घटक है िजसके अंतगत िथयेटर और अ िन ादन कलाओं के
िलए जगह उपल कराने म मदद दी जाती है सहायता रािश महानगरों म कुल लागत के 60 ितशत के
बराबर होती है (महानगरों म इसकी अिधकतम सीमा 50 लाख पये है जबिक अ थानों पर यह 25
लाख पये है ) योजना का पूरा िववरण सं ृ ित मं ालय की वेबसाइट :
www.indiaculture.nic.in/Scheme-building-grants-including-studio-theatres पर उपल है
टै गोर सां ृ ितक प रसर योजना
टै गोर सां ृ ितक प रसर योजना पूववत ब उ े ीय सां ृ ितक प रसर योजना का संशोिधत और सुधरा
आ प है गु दे व रवी नाथ ठाकुर की 150वीं जयंती पर इसे नया नाम िदया गया इसके अंतगत
अलग आकार के नये सां ृ ितक प रसर बनाने और टै गोर ज शता ी के िसलिसले म 1960 और 1970
के दशक म दे श के िविभ भागों म बनाए गए टै गोर ऑिडटो रयम के आधुिनकीकरण, मर त और
उ ाकरण के िलए भी िव ीय सहायता दी जाती है यह योजना रा सरकारों, रा ों ारा ायोिजत
संगठनों, िव िव ालयों, थानीय िनकायों और सरकार ारा ीकृत अ संगठनों तथा मुनाफा कमाने के
उ े से काम न करने वाले िति त संगठनों के िलए खुली ई है इसका पूरा िववरण सं ृ ित मं ालय
की वेबसाइट : www.indiaculture.nic.in/scheme-tagore-culturals Complexes पर उपल है
कलाकारों को पशन और िचिक ा सहायता दे ने की योजना
इस योजना के तहत ज रतमंद कलाकारों और कला, सािह तथा अ े ों म मह पूण योगदान करने
वाले पारं प रक िवधाओं के िव ानों को िव ीय सहायता दी जाती है सहायता ा करने वाले की आमदनी
उसके जीवनसाथी की आमदनी समेत 4,000 पये मािसक से ादा नहीं होनी चािहए और उ भी 60
साल से कम नहीं होनी चािहए (आि तों के मामले म यह शत लागू नहीं होती ) इस योजना के अंतगत
आने वाले कलाकारों को क -रा कोटा के तहत साझेदारी आधार पर मािसक भ ा िदया जाता है क
और रा सरकार/क शािसत दे श शासन दोनों ही इसम अंशदान करते ह िजसम रा ों/क शािसत
दे श शासनों का िह ा/ ित लाभाथ कम से कम 500 पये मािसक होना ज री है ऐसे मामलों म क
सरकार की ओर से िदया जाने वाला अंशदान 3,500 पये मािसक से ादा नहीं होना चािहए इस योजना
के बारे म पूरा िववरण सं ृ ित मं ालय की वेबसाइट: www.indiaCulture.nic.in/artists-pension-
Scheme-and-welfare-fund पर उपल है

फेलोिशप और वजीफा योजना


(1) सं ृ ित के े म उ ृ यों को फेलोिशप दान करने की योजना : िविभ सां ृ ितक
े ों म अनुसंधान के िलए उ ृ काय करने वाले यों को किन (25 से 40 वष) और व र ( 40 वष
से अिधक) फेलोिशप दान की जाती ह ये फेलोिश दो साल के िलए होती ह और इनके अंतगत किन ा
अ ेता को 10,000 पये और व र अ ेता को 20,000 पये मािसक िदए जाते ह इनके िलए ऑनलाइन
आवेदन आमंि त िकए जाते ह और चयन के िलए गिठत िवशेष सिमित अ ेताओं का चयन करती है
इस तरह की 400 फैलोिश (200 किन और 200 व र ) दी जाती ह
(2) िविभ सां ृ ितक े ों म युवा कलाकारों को छा वृि दे ने की योजना : इस योजना के अंतगत
18 से 25 साल तक के उ ृ ितभा संप युवा कलाकारों को भारतीय शा ीय संगीत, भारतीय शा ीय
नृ , रं गमंच, माइम, कलाओं, लोक, पारं प रक और दे शी कलाओं और उप शा ीय संगीत के े
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म भारत के भीतर उ िश ण के िलए िव ीय सहायता दान की जाती है चुने गए उ ीदवारों को दो


साल तक 5,000 पये मािसक छा वृि दी जाती है इसके िलए आवेदन ऑनलाइन ा िकए जाते ह
और खासतौर पर गिठत िवशेष सिमित उ ीदवारों म से चयन करती है िकसी एक बैच वष म 400
छा वृि यां दी जाती ह
िनमाण अनुदान योजना : इस योजना के अंतगत मुनाफे के उ े से काम न करने वाले सभी संगठन,
एनजीओ, सोसाइिटयां , ट , िव िव ालय और आते ह यह अनुदान संगोि यों, स ेलनों,
अनुसंधान कायशालाओं, समारोहों, दशिनयों, िवचार गाि यों, नृ , संगीत, रं गमंच की ुितयों और
भारतीय सं ृ ित के िविभ पहलुओं पर छोटी अनुसंधान प रयोजनाओं के िलए िदया जाता है अनुदान पाने
के िलए ज री है िक संगठन कायरत हो और सोसाइटी पंजीकरण अिधिनयम (1960 का xxiवां ), ट ् स
अिधिनयम, कंपनी अिधिनयम या रा ों और क ों के िकसी भी अ अिधिनयम के तहत कम से कम तीन
साल से पंजीकृत हो लेिकन योजना के तहत यों को िव ीय सहायता हािसल करने के िलए इससे छूट
है योजना के अंतगत 5 लाख पये तक का अनुदान िदया जाता है
टै गोर रा ीय फैलोिशप योजना
यह योजना सं ृ ित मं ालय के अंतगत िविभ सां ृ ितक सं थाओं और दे श की अ िचि त सां ृ ितक
सं थाओं म नयी जान फूंकने और उ पुनज िवत करने के िलए शु की गई थी तािक िव ानों/अकादिमक
िवशेष ों को पार रक िहत की प रयोजनाओं पर काय करने के िलए इन संगठनों से जुड़ने को े रत
िकया जा सके सं थाओं को ान की नयी पूंजी से समृ करने के िलए योजना के तहत िव ानों/
अकादिमक िवशेष ों से अपे ा की जाती है िक वे प रयोजना और अनुसंधान काय के िलए सं थाओं के
िकसी खास संसाधन का चयन करगे जो इन सं थाओं के मु उ े से संबंिधत ह यह भी अपे ा की
जाती है िक इससे उनम नयी सृजन श और अकादिमक उ ृ ता का संचार होगा
यह योजना भारतीय नाग रकों और िवदे शी नाग रकों दोनों ही के िलए खुली है िवदे िशयों का अनुपात साल
म िदए जाने वाले फैलोिश की कुल सं ा के एक ितहाई से ादा नहीं होगा टै गोर फैलो को 80,000
पये मािसक अ ेतावृि और आक क य रािश दी जाती है जबिक टै गोर ॉलरों को 50,000 पये
मािसक मानदे य और आक क य रािश दी जाती है

गांधी धरोहर थल
2006 म भारत सरकार ने ी गोपाल कृ गां धी की अ ता म गां धी धरोहर थल पैनल का गठन िकया
था इस पैनल की िसफा रश पर 2013 म गां धी हे रटे ज साइट् स िमशन का गठन िकया गया िजसका
कायकाल 5 साल िनयत िकया गया इसके िलए कुल 42 करोड़ पये का बजट भी िनधा रत िकया गया
िमशन की अविध माच 2020 तक के िलए बढ़ा दी गई है िमशन को 39 मु थलों के साथ ही मा र सूची
के कुछ मह पूण थलों के प रर ण का दािय सौंपा गया है (मा र सूची म ऐसे 2,000 थान शािमल ह
जहां गां धीजी गए थे) इसके साथ ही िमशन संर ण, प रर ण और अनुर ण संबंधी काय का पयवे ण
और िदशािनदशन करे गा और इसम मदद दे गा गां धीजी से जुड़ी मूत, सािह क और चा ुष धरोहरों के
डे टाबेस के िनमाण म भी िमशन सहायता दे गा

गांधी ृित और दशन सिमित


गां धी ृित और दशन सिमित का गठन 1984 म राजघाट थत गां धी ृित के िवलय से एक ाय
संगठन के प म िकया गया था यह भारत सरकार के सं ृ ित मं ालय की रचना क सलाह और िव ीय
सहायता से काय करती है भारत के धानमं ी इसके अ ह और इसकी गितिविधयों म िदशािनदश के
िलए इसम िविभ सरकारी िवभागों के ितिनिध शािमल िकए गए ह सिमित का मूल ल और उ े
िविभ सामािजक-शैि क और सां ृ ितक काय मों के मा म से महा ा गां धी के जीवन, िमशन और
िवचारों का चार- सार करना है इसके दो प रसर ह:
गां धी ृित वह थान है जहां महा ा गां धी अपने जीवन के अंितम 144 िदन रहे और जहां 30 जनवरी,
1948 को उनके महान जीवन का अंत आ वे िजस थान पर ह ारे की गोिलयों का िशकार ए थे इस
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थान पर बना शहीद ंभ भारत के लंबे ाधीनता सं ाम की तमाम पीड़ाओं और बिलदान को साकार
करता खड़ा है गां धी ृित म उनके फोटो ाफ, मूितिश , पिटं , िभि िच , र िच और यहां पर
वास के वष के उनके ृितिच दिशत िकए गए ह गां धीजी के सादा गत जीवन की मामूली
व ुओं को भी यहां बड़ी सावधानी से सहे ज कर रखा गया है
गां धी दशन वह दू सरा प रसर है जो राजघाट म गां धीजी की समािध से सटा आ है 36 एकड़ म फैला
यह िव ृत प रसर महा ा गां धी की ज शता ी पर बनाया गया था इस अवसर की ृित म अंतररा ीय
गां धी दशन दशनी भी लगाई गई थी इस समय क म गां धीजी पर िव ृत दशनी, स ेलन क ,
मह पूण रा ीय और अंतररा ीय स ेलन के िलए िशिवर की सुिवधा, एक पु कालय, िनवासी िव ानों के
िलए हॉ ल, ब ों का कोना, फोटो यूिनट और काशन भाग है

रा ीय पु कालय िमशन
रा ीय पु कालय िमशन (एनएमएल) का गठन भारत सरकार के सं ृ ित मं ालय ने रा ीय ान आयोग
की िसफा रश पर पु कालय और सूचना िव ान े के िवकास पर लगातार ान दे ने के िलए 4 मई, 2012
को एक अिधसूचना के ज रए िकया भारत के रा पित ने 3 फरवरी, 2014 को रा ीय पु कालय िमशन की
शु आत की 12वीं योजना म इसके िलए कुल 400 करोड़ पये का आवंटन िकया गया है
रा ीय पु क िमशन की िसफा रश इस कार ह :

भारत की नेशनल वचुअल लाइ ेरी का सृजन (एनवीएलआई)


एनएमएल मॉडल लाइ ेरीज की थापना
पु कालयों का गुणा क और सं ा क सव ण
मता िनमाण

12वीं पंचवष य योजना के दौरान 35 रा पु कालय, 35 िजला पु कालय और 6 अ पु कालय


रा ीय पु कालय िमशन के दायरे म आएं गे भारत की नेशनल वचुअल लाइ ेरी का उ े भारत के बारे
म सूचनाओं के िडिजटल संसाधनों और भारत म सृिजत सूचनाओं के ओपन ए ेस एनवायनमट वाले
िव ृत डे टाबेस के िनमाण म मदद करना है
पु कालयों के सं ा क और गुणा क सव ण के तहत भारत के 5,000 पु कालयों के बारे म
बुिनयादी डाटा जुटाया जाएगा पु कालय किमयों की ावसाियक द ता बढ़ाने के िलए मता िनमाण
का काय भी िकया जाएगा

पयटन
पयटन मं ालय पयटन थलों का सम िवकास कर उ िव रीय गंत के प म िवकिसत करने का
यास कर रहा है इसम िविभ एजिसयों जैसे अ क ीय मं ालयों, रा सरकारों और पयटन उ ोग से
संबंध रखने वाले अ संगठनों के बीच तालमेल कायम करके सामूिहक यास से बुिनयादी ढां चे,
सुिवधाओं, इं टर ेटेशन क ों आर कौशल िवकास क ों का िनमाण िकया जा रहा है इस िदशा म एक
कदम के प म हाल म ‘एडो ए है रटे ज’ यानी िकसी धरोहर थल की िज ेदारी लेने की प रयोजना
ारं भ की गई है इस तरह के धरोहर थलों को सावजिनक े , िनजी और यों को सौंपा जा रहा है
तािक वे प रयोजना के तहत ‘ ारक िम ’ बनकर वहां पयटकों के िलए सभी सुख-सुिवधाएं जुटा सक
पयटन मं ालय पयटन के िवकास और इसे बढ़ावा दे ने के िलए रा ीय नीितयां और काय म तैयार करने
वाली नोडल एजसी है इस िकया म मं ालय िविभ क ीय मं ालयों/एजिसयों, रा सरकारों/क शािसत
दे श शासनों और िनजी े के ितिनिधयों से परामश और सहयोग करती है पयटन आिथक िवकास
का मुख इं जन और ब त से दे शों म िवदे शी मु ा की आमदनी का मह पूण ोत है और इन दे शों म
भारत भी शािमल है इसम बड़े पैमाने पर और िविभ कार के रोज़गार के अवसर पैदा करने की बड़ी
मता है और रोज़गार के ये अवसर अ िधक िवशेष ता वाले से लेकर अकुशल िक के भी होते ह
इसिलए ये रोज़गार के अित र अवसर उ करने म मह पूण भूिमका िनभा सकते ह पयटन समता
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के साथ िवकास के ल को ा करने म मह पूण भूिमका िनभा सकता है


पयटन मं ालय का मु उ े भारत म पयटन को बढ़ावा दे ना और इसम मदद करना है पयटन के
बुिनयादी ढां चे का िवकास, वीजा संबंधी कायदे -कानूनों को सरल बनाना, पयटन सेवा दाताओं ारा
उपल कराई जाने वाली सेवाओं म गुणव ा, मानकों का आ ासन दे श को पूरे साल पयटन की ि से
उपयु गंत के पम ुत करना और पयटन का िचर थायी िवकास आिद भी पयटन मं ालय की
िज ेदा रयों म शािमल है
वेबसाइट: www.tourism.gov.in
िवशेष पयटन े
िवशेष योजन से गिठत कंपिनयों (एस.पी.वी.) का गठन कर रा ों के सहयोग से िवशेष पयटन े ों का
िवकास िकया जा रहा है पयटन मं ालय ने रा सरकारों और िनजी े के साथ परामश करके नये
काय मों पर अमल के िदशािनदश तैयार कर िलए ह और इस काय म को लागू करने से पहले अ
औपचा रकताएं पूरी करने के यास िकए जा रहे ह
िवदे शी पयटकों का आगमन
िवशेष पयटकों का आगमन (एफ.टी.ए.) वष 2017 के दौरान 10.18 करोड़ िवदे शी पयटक भारत पर आए
जो िपछले साल की इसी अविध म आए पयटकों की सं ा म 15.6 ितशत की वृ को दिशत करता है
2016 म 8.8 लाख पयटक भारत आए और 2015 के मुकाबले पयटकों की सं ा म 9.7 ितशत की
बढ़ोतरी ई थी 2016 म भारत या ा करने वाले वासी भारतीयों (एन.आर.आई) की सं ा 5.77 लाख रही
थी जो 2015 म भारत या ा करने वाले वासी भारतीयों की तुलना म 9.7 ितशत अिधक है अंतररा ीय
पयटकों की कुल सं ा म भारत या ा पर आए िवदे शी पयटक और वासी भारतीय दोनों ही शािमल ह
िवदे शी मु ा की आय
2017 म पयटन के मा म से िवदे शी मु ा की आय 1,80,379 करोड़ पये रही जो इससे िपछले साल की
इसी अविध म ई आय की तुलना म 17 ितशत अिधक है 2016 म पयटन से िवदे शी मु ा की आय पये
1,54,146 करोड़ पये रही और इसम 14 ितशत की बढ़ोतरी दज की गई
ई-वीजा सुिवधा
िवदे शों से आने वाले पयटकों की सं ा बढ़ाने के िलए सुिवधाजनक वीजा णाली एक पूव-शत है इस
ल को ा करने के िलए पयटन मं ालय गृह मं ालय और िवदे श मं ालय के साथ िमलकर पहल कर
रही ह िदसंबर 2016 तक ई-वीजा सुिवधा तीन ेिणयों के तहत उपल हो चुकी थी इनके नाम ह: ई-
टू र वीजा, ई-िबजनेस वीजा और ई-मेिडकल वीजा ई-वीजा सुिवधा का िव ार 163 दे शों के नाग रकों
के िलए कर िदया गया है
चौबीसों घंटे और सातों िदन ब भाषी टू र इं फो लाइन
घरे लू और अंतररा ीय पयटकों/आगंतुकों को या ा और पयटन के बारे म सूचना उपल कराने और भारत
म या ा करते समय सलाह दे कर मदद करने के िलए पयटन मं ालय िहं दी और अं ेजी के अलावा 10
अंतररा ीय भाषाओं म स ाह म सातों िदन और चौबीसों घंटे ब भाषी टू र इं फो लाइन सेवा उपल
कराती है भारत म रहते पयटकों ारा की गई कॉ (अंतररा ीय और घरे लू) िनःशु होती ह यह सेवा
टे लीफोन नं. 1800 111 363 या संि कोड 1363 पर उपल रहे गी िजन अंतररा ीय भाषाओं म यह
सेवा उपल है उनम िहं दी और अं ेजी के अलावा अरबी, ां सीसी, जमन, इतालवी, जापानी, को रयन,
चीनी, पुतगाली, सी और ेिनश शािमल ह
िविश उ ाद
भारत प ं चने वाले लोगों म बां टने के िलए आ वास काउं टर पर वास को अिधक सुरि त और आरामदे ह
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बनाने की कुछ िहदायतों वाले ागत काड शु िकए गए पयटन की मौसम पर िनभरता संबंधी पहलू एक
चुनौती है पयटन मं ालय ने दे श के िविश पयटन उ ादकों की पहचान करने, इनम िविवधता लाने,
इनका िवकास करने और इ बढ़ावा दे ने के िलए पहल की है ऐसा मौसम पर िनभरता उबरने और भारत
को साल के सभी 365 िदन को गंत के प म बढ़ावा दे ने, िवशेष िचयों वाले पयटकों को आकिषत
करने और अनोखे पयटक उ ादों की वजह से अपे ाकृत लाभ द भारत म पयटकों िफर से आने को
लुभाने के िलए िकया जाता है पयटन मं ालय ने िजन िविश उ ादों की पहचान की है उनम शािमल ह:
ू ज पयटन, एडवचर (साहिसक), मेिडकल (िचिक ा), वैलनेस (आरो ), गो , पोलो, बैठक- ो ाहन-
स ेलन और दशनी (एमआईसीई), इको-टू र , िफ पयटन और िटकाऊ पयटन
रा ीय िचिक ा और आरो पयटन बोड
रा ीय िचिक क और आरो पयटन बोड का गठन िकया गया है जो भारत म िचिक ा पयटन का
संचालन और संवधन करने वाले छा संगठन के प म काय करे गा
आित िश ा
आित िश ा के िलए िशि त जनश की आपूित का ढां चा खड़ा करना एक चुनौती है पयटन
मं ालय का यह यास रहा है िक आव क बुिनयादी ढां चे की सहायता से िश ण और ावसाियक
िश ा की ऐसी णाली तैयार की जाए जो पयटन और आित उ ोग की जनश की आव कताओं को
गुणा क और मा ा क ि से पूरा कर सके इस समय दे श म 42 होटल बंधन सं थान ह िजनम से 21
क ीय होटल बंधन सं थान ह और 10 पाक कला सं थान (फूड ा इं ी ूट) ह जो मं ालय की मदद
से बने ह इनका गठन ाय सिमित के प म आित िश ा दे ने/आित कौशलों का िश ण दे ने के
िलए िकया गया जहां होटल बंधन सं थान िड ी र की आित िश ा दान करते ह वहीं फूड ा
इं ी ूट कौशल र की िश ा दे ते ह रा ीय होटल बंधन और केट रं ग टे ोलॉजी प रषद होटल
बंधन सं थानों और भोजन कला सं थानों के शैि क यासों को िदशा दे ते ह और िविनयिमत करते ह
भारतीय पयटन और या ा बंधन सं थान
भारतीय पयटन और या ा बंधन सं थान पयटन मं ालय के अंतगत एक ाय संगठन है िजसका
मु ालय ािलयर म है और भुवने र, ने ौर, नोएडा और गोवा म इसके क ह भारतीय पयटन और
या ा बंधन सं थान या ा और पयटन िश ा तथा िश ण के े म अ णी सं था है जो पयटन और या ा
उ ोग के िलए िवशेष ता पर आधा रत िश ा दान करता है
भारतीय पाक कला सं थान
भारतीय पाक कला सं थान की थापना पयटन मं ालय ने आं दे श म ित पित म की है यह भारत म
अपनी तरह का पहला सं थान है इसका शैि क स 2016 से ारं भ आ मं ालय ने नोएडा म इसकी
उ री शाखा खोलकर सं थान का िव ार िकया है
अतु भारत
पयटन को बढ़ावा दे ने के िलए अपनी संवधन गितिविधयों के अंतगत अंतररा ीय और घरे लू बाज़ारों म
‘अतु भारत’ इं े िडबल इं िडया के नारे के साथ चार अिभयान चलाता है इसका उ े भारत के
िविभ पयटन थलों और उ ादों को बढ़ावा दे ना है तािक दे श म अिधक सं ा म िवदे शी पयटकों का
आगमन हो और घरे लू पयटकों की सं ा भी बढ़े िवदे शों म भारत पयटन कायालयों के ज रए मह पूण
और संभािवत बाज़ारों म कई तरह की ो ाहन गितिविधयां संचािलत की जाती ह इसी तरह के यास
घरे लू भारत पयटन कायालय दे श के भीतर करते ह इनका उ े दे श की पयटन मता को िवदे शी और
घरे लू पयटकों के सम उजागर करना है

अंतररा ीय िव ापन अिभयान


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पयटन को बढ़ावा दे ने के िलए सरकार ने कई पहल की ह 2016-17 म इले ॉिनक और िडिजटल मीिडया
म अंतररा ीय चार अिभयान की िव ापी शु आत की गई मं ालय ने इसका शुभारं भ मुख
टे लीिवजन चैनलों जैसे- सीएनएन, बीबीसी, िड वरी और टीएलसी, यूरो ूज, िह ी, सीएनबीसी, टै वल
चैनल, सीबीएस (अमरीका), ताबी (जापान), आरएमसी ( ां स) और गूगल के ज रए िकया रा ीय एकता
को बढ़ावा दे ने और दे श की सां ृ ितक व खान-पान संबंधी िविवधता से दे शवािसयों को अवगत कराने के
िलए पयटन मं ालय ने भारत पव का आयोजन गणतं िदवस और तं ता िदवस समारोह के िह े के तौर
पर िकया

पूव र भारत
मं ालय भारत के उ र-पूव े ों को अपने अनेक मीिडया चार अिभयानों के मा म से बढ़ावा दे रहा है
मं ालय ने िड वरी चैनल के सहयोग से पूव र के आठ रा ों म पयटन को बढ़ावा दे ने के िलए ‘गो
नॉथई ’ नाम की डॉ ूमटरी ंखला तैयार की है पयटन के बुिनयादी ढां चे के िनमाण के िलए पयटन
मं ालय के दो मुख योजनागत काय म ह इनम से ‘ दे श दशन थीम’ यानी िकसी खास िवषय पर
आधा रत पयटन सिकटों के सम त िवकास के िलए है जबिक ‘ साद’ नाम का दू सरा काय म
ऐितहािसक थानों और धरोहर थलों समेत दे श म पयटन के आधारभूत ढां चे के िवकास को ान म रखते
ए तीथया ा की परं परा को पुनज िवत करने और आ ा क उ ित का अिभयान है
दे श दशन योजना
दे श दशन योजना थीम आधा रत ऐसे पयटन सिकटों ( मण पथ) के िवकास के िलए की गई है िजसम
पयटकों की अिधकतम सुिवधा, ित धा कता और िनरं तरता के िस ां तों पर अमल करते ए सभी
संब प ों के सरोकारों का ान रखते ए उनके यासों को सम त करने पर जोर िदया गया है , तािक
पयटकों के सुखद अनुभवों म वृ हो और पयटन के े म रोज़गार के अवसर बढ़े योजना के अंतगत
थीम पर आधा रत 13 पयटन सिकटों की पहचान उनके िवकास के िलए की गई है िजनके नाम ह: उ र-
पूव भारत सिकट, बौ सिकट, िहमालय सिकट, समु तटवत सिकट, कृ सिकट, म थलीय सिकट,
जनजातीय सिकट, इको सिकट, व जीव सिकट, ामीण सिकट, आ ा क सिकट, रामायण सिकट और
धरोहर सिकट
ासाद योजना
तीथया ा की परं परा को पुनज िवत करने और आ ा क उ ित की ासाद योजना के अंतगत धािमक
मह के 25 थलों की पहचान उनके िवकास के िलए की गई है ये ह: अमरावती (आं दे श), अमृतसर
(पंजाब), अजमेर (राज थान), अयो ा (उ र दे श), बदरीनाथ (उ राखंड), ारका (गुजरात), दे वघर
(झारखंड), बेलूर (पि म बंगाल), गया (िबहार), गु वयूर (केरल), हजरतबल (ज ू-क ीर), कामा ा
(असम), कां चीपुरम (तिमलनाडु ), कटरा (ज ू-क ीर), केदारनाथ (उ राखंड), मथुरा (उ र दे श),
पटना (िबहार), पुरी (ओिडशा), ीशैलम (आं दे श), सोमनाथ (गुजरात), ित पित (आं दे श),
यंबके र (महारा ), उ ैन (म दे श), वाराणसी (उ र दे श) और वे ां कणी (तिमलनाडु )
इन े िडबल इं िडया मोबाइल एप
भारत को आ ा , धरोहर, साहिसक, सां ृ ितक, योग और आरो तथा इसी तरह के िविभ अनुभव दे ने
वाले सम पयटन गंत के पम ुत करने के िलए ‘इन े िडबल इं िडया मोबाइल एप’ जारी िकया
गया इसे आधुिनक पयटकों की िचयों को ान म रखकर िवकिसत िकया गया है और इसम अंतररा ीय
र के झान तथा टे ोलॉजी को ान म रखा गया है इस एप म भारत या ा के ेक चरण म पयटकों
की मदद के िलए व था की गई है
इं िडया टू र माट 2018
पहले इं िडयन टू र माट-2018 का आयोजन नई िद ी म फैडरे शन ऑफ एसोिसएश इन टू र एं ड
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हॉ ीटै िलटी (एफएआईटीएफ यानी पयटन एवं आित उ ोगा की एसोिसएशनों के प रसंघ) ने रा
सरकारों तथा क शािसत दे श शासनों के सहयोग से िकया इसने पयटन से जुड़े िविभ प ों को
िवदे शी खरीदारों के साथ एक ही थान पर िवचार-िवमश के िलए रा ीय मंच उपल कराया
पयटन ूजलेटर
पयटन मं ालय िसतंबर 2016 से ैमािसक पयटन समाचार-प ( ूजलेटर) भी कािशत कर रहा ह िजसम
पयटन मं ालय की गितिविधयों और उपल यों को दशाया जाता है

पयटन मोबाइल एप
पयटन मं ालय ारा 25 आदश संपक ारकों के िलए संचािलत पयटन मोबाइल एप को अब
िवंडोज फोन और आई-फोन पर भी उपल करा िदया गया है इससे पहले यह केवल एं डोइड पर
उपल था पयटन मं ालय म भारत िमशन की प रयोजना िनगरानी इकाई इस मोबाइल एप की
िनगरानी करती है पयटन मं ालय ने ई-वीजा पर भारत आने वाले पयटकों को यहां प ं चने पर ी-लोडे ड
िसम काड उपल कराने की एक योजना की शु आत 2017 म भारत संचार िनगम िलिमटे ड (
बीएसएनएल) के सहयोग से की इसके अंतगत बीएसएनएल ई-वीजा पर आने वाले िवदे शी पयटकों को
ी-लोडे ड िसम काड िवत रत करता है ारं भ म यह सुिवधा ई-वीजा की सुिवधा वाले नई िद ी के इं िदरा
गां धी अंतररा ीय हवाईअ े (टी-3 टिमनल) पर उपल थी और बाद म बाकी 15 अंतररा ीय हवाईअ ों म
भी इसकी शु आत कर दी गई इस पहल का उ े िवदे शी पयटकों को टे लीफोन संपक की सुिवधा
उपल कराना है तािक वे अपने प रवार और प रजनों से संपक बनाए रख सक साथ ही इससे वे मुसीबत
के व या ा संबंधी आपात थित म पयटन मं ालय की स ाह म चौबीसों घंटे और सातों िदन काम
करने वाली ब भािषक िनःशु हे लाइन सेवा से सहायता और िदशािनदश ा कर सक
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6 मूल आिथक आं कड़े

व मंष 1999 म सां


ालय के
कीय िवभाग और काय म काया यन िवभाग का आपस म िवलय करके एक तं
प म सां कीय और काय म काया यन मं ालय बनाया गया मं ालय के दो खंड ह:
पहला सां कीय िवषयक है और दू सरा काय म काया यन से संबंिधत है रा ीय संगठन
(एनएसएसओ) आते ह
काय म काया यन खंड के तीन भाग ह: (i) बीस सू ीय काय म (ii) अवसंरचना एवं प रयोजना
अनुर ण (िनगरानी) तथा (iii) संसद सद थानीय े िवकास योजना इन तीन भागों के अित र
भारत सरकार के संक (एमओएसपीआई) के मा म से सृिजत रा ीय सां कीय आयोग (एनएससी)
तथा एक ाय सं थान भी है , अथात भारतीय सां कीय सं थान; िजसे संसद ारा अिधिनयम पा रत
कर रा ीय मह का सं थान घोिषत िकया गया है
वेबसाइट: www.mospi.nic.in

रा ीय सां कीय संगठन


भारत सरकार ने 01 जून, 2005 को पा रत एक संक के मा म से रा ीय सां कीय संगठन (एनएससी)
की थापना का िनणय िलया था एनएससी की थापना क ीय मंि म ल ारा उस रं गराजन आयोग की
िसफा रशों को ीकार िकए जाने के बाद की गयी थी िजसने वष 2001 म रा ीय सां कीय णाली की
समी ा की थी दे श की सभी मुख सां कीय गितिविधयों के िलए एक क ीय एवं ािधकृत िनकाय के
प म काय करने वाली सं था के तौर पर सां कीय ाथिमकताओं एवं मानकों का िनधारण, िनगरानी
एवं वतन करने और सां कीय सम यन को सुिनि त करने के िलए वष 2006 म एनएससी का
शु आती गठन िकया गया था एनएससी म एक अंशकािलक अ और चार अंशकािलक सद होते ह
जो िविभ सां कीय िवधाओं के िवशेष होते ह इसके अित र नीित आयोग के सिचव इस आयोग के
अवैतिनक सद होते ह भारत के मु सां कीयिवद् ही इस आयोग के सिचव होते ह

क ीय सां कीय कायालय


क ीय सां कीय कायालय (सीएसओ) मं ालय का ही एक संब कायालय है जो दे शभर म सां कीय
ि याकलापों का सम यन करता है और सां कीय मानकों का िनधारण करता है इसके अलावा रा ीय
आं कड़ों का संकलन, औ ोिगक उ ादन सूचकां क, शहरी / ामीण / संयु उपभो ा मू सूचकां क,
मानव िवकास आं कड़े , िजसम रा ों और क शािसत दे शों के िलंग आधा रत आं कड़े भी सि िहत ह, से
जुड़े ि याकलाप भी इस कायालय के िज े ह साथ ही यह कायालय ऊजा (िबजली) संबंधी, सामािजक
एवं पयावरण िवषयक आं कड़ों का सार करता है और रा ीय औ ोिगक वग करण भी तैयार करता है
सां कीय एवं काय म काया यन मं ालय के क ीय सां कीय संगठन (सीएसओ) ने जनवरी
2011 से दे श के ामीण और शहरी तथा संयु प से दोनों के िलए ( ामीण+शहरी) अ कािलक आधार
पर मू तुलना हे तु अलग-अलग रा वार/क शािसत दे श वार अ खल भारतीय मू सूचकां क जारी
करने शु कर िदए थे इनके िलए आधार वष 2010 था तदनुसार इन सूचकां कों के आधार पर जनवरी
2012 से हर वष वािषक मु ा ीित के आं कड़े उपल कराए जाते ह सीएसओ ने सीपीआई के िलए
आधार वष को 2010 से बदल कर 2012 कर िदया है और संशोिधत ृंखला जनवरी 2015 म शु की गई
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संशोिधत ृंखला के पहले वाली ृंखलाएं भी योगकताओं को उपल कराई गईं ये सभी जानका रयां इस
मं ालय की वेबसाइट www.mospi.nic.in से भी ा की जा सकती ह

वा िवक आय और सकल रा ीय आय
वष 2017-18 के िलए वष 2011-12 के थर मू ों पर आधा रत ित वा िवक आय अथात
ित सकल रा ीय आय वष 2016-17 की संशोिधत अनुमािनत आय 82,229 पये की तुलना म
86,668 पये रही यह वष 2017-18 म ित वा िवक आय म 5.4 ितशत की वृ का सूचक है
वतमान मू ों पर वष 2017-18 के िलए ित लगभग 1,12,835 पये आय का अनुमान लगाया गया
है जो वष 2016-17 के िलए अनुमािनत आय से 8.6 ितशत अिधक है
रा ीय आय
मई 2018 म जारी 2017-18 की रा ीय आय के िलए जारी अंत रम आं कड़ों के अनुसार (2011-12 के) थर
मू ों पर 2017-18 हे तु जीडीपी 1,30.1 लाख पये रहा जबिक जनवरी 2018 म वष 2016-17 के िलए जारी
संशोिधत आकड़ों के अनुसार यह 1,21.9 लाख करोड़ पये था वष 2017-18 म जीडीपी की वा िवक
वृ 6.7 ितशत अनुमािनत है जबिक 2016-17 म िवकास दर 7.1 ितशत थी
सेवा े
आं कड़ों के अनुसार आधारभूत मू ों (वतमान मू ों पर) भारत म सेवा े के अंशधारण का सकल मू
संवधन (जीवीए) वष 2011-12 के 49 ितशत से बढ़कर 2017-18 म 53.9 ितशत हो गया इसम िनमाण
े को शािमल कर लेने से यह अंशधारण वष 2017-18 म बढ़कर 61.2 ितशत हो जाता है िविभ सेवा
उप- े ों म 20.8 ितशत अंशधा रता के साथ एक समूह के प म िव ीय, भू-संपि े और
ावसाियक सेवाएं जीवीए म सबसे बड़े अंशदाता ह ापार, होटल, प रवहन, संचार और सारण े
इसके बाद आते ह िजनकी अंशधा रता 18.5 ितशत है लोक शासन, र ा एवं अ सेवाओं की
अंशधा रता 14.5 ितशत है
2011-12 के थर मू ों के आधार पर वष 2017-18 म सेवा े म 7.9 ितशत की वृ दे खी गई
जबिक 2016-17 म यह 7.5 ितशत रही इस े की िवकास दर 7.1 ितशत की सम जीवीए वृ से
कहीं अिधक है और मशः 2016-17 एवं 2017-18 म थर मू ों पर 6.5 ितशत है
2016-17 म सेवा े ने वतमान मू ों पर 1.632 खरब अमरीकी डॉलर मू का िनयात िकया वहीं यह
इससे पहले वष की अविध अथात 2015-16 के 1.545 खरब अमरीकी डॉलर के िनयात से 2016-17 म 5.6
ितशत की वृ दशाता है वहीं दू सरी ओर 2015-16 और 2016-17 म वतमान मू ों पर मशः 9.57
अरब अमरीकी डॉलर और 8.48 अरब अमरीकी डॉलर मू की सेवाओं का आयात िकया गया यह 2016
-17 म 12.9 ितशत की वृ दशाता है यह सेवाओं के आयात के े म 2015-16 के -9.1 ितशत की
ऋणा क वृ की तुलना म 2016-17 म -3.2 ितशत की ऋणा क वृ िदखाता है वष 2016-17 म
भारत के व ुओं के कुल ापार घाटे का लगभग 63.3 ितशत सेवाओं के सकल आयात म आ िव
पोषण है

उ ोगों का वािषक सव ण
उ ोगों का वािषक सव ण (एएसआई) भारत म औ ोिगक सां कीय जानने का मुख ोत है इसके
मा म से िनमाण ि या, टू ट-फूट मर त सेवाओं, िवद् ु यत उ ादन, पारे षण इ ािद, गैस एवं जलापूित
और शीत भंडारण म लगे ए संगिठत े के उ ोगों की संरचना और आकार, िवकास म आए बदलावों के
बारे म व ुिन प से एवं वा िवक प से सां कीय सूचनाएं ा होती ह
एएसआई पूरे दे श के िलए है इसके त ावधान म कारखाना अिधिनयम (फै ीज ए ), 1948 के
अनु े द 2 (एम) (1) और 2 (एम) (11) के अंतगत पंजीकृत कारखाने आते ह जबिक िनमाण ि या को
इसी अिधिनयम के अनु े द 2 (के) के अंतगत प रभािषत िकया गया है सव ण म बीड़ी और िसगार
िनमाण करने वाले ित ान भी ह िजनको बीड़ी एवं िसगार िमक (रोज़गार की शत) अिधिनयम, 1966 के
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अंतगत पंजीकृत िकया गया है ऐसे सभी िवद् ु यत उ ादन, पारे षण एवं िवतरण उप म, जो क ीय िवद् ु यत
ािधकरण (सीईए) म पंजीकृत नहीं ह, एएसआई भी के अंतगत आते ह
हालां िक र ा उ मों, तेल भंडारण और िवतरण िडपुओ,ं रे लवे कायशालाएं आरटीसी कायशालाएं ,
सरकारी टकसाल, ता उपकरण, जल आपूित इ ािद को सव ण के काय े से बाहर रखा गया है
एएसआई के सव ण का दायरा कारखाना अिधिनयम (फै ीज ए ), 1948 के अनु े द 2 (एम) (1) और
2 (एम) (11) और बीड़ी एवं िसगार िमक (रोज़गार की शत) अिधिनयम, 1966 से आगे बढ़ा िदया गया है
इसके त ावधान म शु आत के तौर पर इसम 100 या उससे अिधक िमकों वाली ऐसी औ ोिगक
इकाइयां , जो कारखाना अिधिनयम (फै ीज ए ), 1948 के अनु े द 2 (एम) (1) और 2 (एम) (11) के
अंतगत अभी तक पंजीकृत नहीं ह लेिकन इनम से सात अ कानूनों/प रषदों/ ािधकरणो◌ं अथात कंपनी
अिधिनयम, 1956; फै ी अिधिनयम, 1948, दु कान एवं वािण क ित ान अिधिनयम, सिमित पंजीकरण
अिधिनयम, सहकारी सिमित अिधिनयम, खादी और ामो ोग बोड, उ ोग िनदे शालय (िजला उ ोग क )
के ित ान वसाय पंिजका (बीआरई) म दज ह, को शािमल िकया गया है ऐसी इकाइयों को आं दे श
की बीआरई से एएसआई 2014-15 म तथा मिणपुर, छ ीसगढ़, िहमाचल दे श, पंजाब, उ र दे श,
तिमलनाडु और राज थान की बीआरई से एएसआई 2015-16 म शािमल िकया गया है
औ ोिगक उ ादन का सूचकांक
क ीय सां कीय संगठन ारा अंतररा ीय मु ा कोष (आईएमएफ) के िवशेष आं कड़ा सार मानकों
( ेशयल डाटा िडसेिमनेशन डड् स) के अनु प हर महीने औ ोिगक उ ादन का सूचकां क
(आईआईपी) जारी िकया जाता है जो अगले 06 स ाहों के िलए होता है आईआईपी का आधार वष 2004-
05 से बदल कर 2011-12 िकया गया और नई ृंखला मई 2017 म शु की गई यह सूचकां क िविभ
मं ालयों/िवभागों अथवा उनके संब /अधीन थ कायालयों म थािपत 14 ोत एजिसयों से ा ि तीयक
आं कड़ों का उपयोग करते ए तैयार िकया जाता है तीन े ों अथात खनन, िनमाण (उ ादन) और
िवद् ु यत म सूचकां क के अलग-अलग आं कड़ों के अित र ाथिमक व ुओ,ं पूंजीगत सामानों, म वत
व ुओ,ं अवसंरचना/िनमाण व ुओ,ं थाई उपभो ा व ुओं एवं ज ी न हो जाने वाली उपभो ा
व ुओं के िलए उपयोग आधा रत वग करण के अनु प आकड़े भी साथ-साथ ही जारी िकए जाते ह
पहले-पहल िमले आं कड़ों को एक महीने बाद इन 14 एजिसयों से उ ादन के संशोिधत आं कड़े िमलने के
बाद पहले संशोधन के प म जारी िकया जाता है िफर पहले संशोधन के दो महीने बाद इन आं कड़ों को
दु बारा संशोिधत िकया जाता है औ ोिगक नीित और संवधन िवभाग आईआईपी के आं कड़ों का मुख
ोत है जो पूरे आईआईपी के िलए 407 म से 322 आं कड़े उपल कराकर कुल आं कड़ों का 47.5 ितशत
दे ता है
जुलाई 2018 तक आईआईपी के अंतगत वा िवक िनगमन कैलडर (ितिथप ) के अनु प मई 2018
तक के सूचकां क जारी कर िदए गए ह 2016-17 की 4.6 ितशत वृ की तुलना म 2017-18 म 4.3
ितशत की वािषक वृ ई है इस अविध के दौरान िवद् ु यत े म 2016-17 की 5.8 ितशत वृ की
तुलना म 5.4 ितशत की वािषक वृ दज की गई खनन और िनमाण े म 2016-17 की मशः 5.3
ितशत और 4.4 ितशत वृ दर की तुलना म वष 2017-18 म मशः 2.3 ितशत और 5.4 ितशत की
वािषक वृ दज की गई है
उपयोग आधा रत व ुओं के वग म ाथिमक व ुओ,ं पूंजीगत सामानों,म वत व ुओं तथा
अवसंरचना/िनमाण व ुओं के े म 2017-18 के दौरान मशः 3.7 ितशत, 3.7 ितशत, 2.3 ितशत
और 5.6 ितशत की वािषक वृ दज की गई जबिक 2016-17 म यही वृ दर मशः 4.9 ितशत, 3.2
ितशत, 3.3 ितशत और 3.9 ितशत रही थी थायी उपभो ा उ ादों के े म 2017-18 की अविध म
वृ दर 0.7 ितशत रही जबिक 2016-17 म यह दर 2.9 ितशत थी वहीं ज ी न होने वाले उपभो ा
उ ादों के े म वष 2017-18 म 4.3 ितशत की वािषक वृ दर थी जबिक 2016-17 म 4.6 ितशत की
वृ रही
रा ीय ितदश सव ण कायालय
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सां कीय एवं काय म काया यन मं ालय के अधीन आने वाला रा ीय ितदश सव ण कायालय
(एनएसएसओ) अ खल भारतीय आधार पर िविभ िवषयों के िलए ापक र पर ितदश सव ण
करवाने हे तु उ रदायी है सां कीय अिधिनयम एवं उप म सव ण िनयमावली के अंतगत आिथक
जनगणना के तारत म अनुवत गितिविध के प म पूरे दे श म घर-घर जाकर िविभ सामािजक आिथक
िवषयों एवं उ ोगों के वािषक सव ण (एएसआई) हे तु िनयिमत प से सव ण करने के बाद ाथिमक
आं कड़े जुटाए जाते ह इन सव णों के अित र एनएसएसओ ामीण एवं शहरी े ों म िविभ मदों के
मू ों संबंधी आं कड़े एक करता है और रा एजिसयों ारा िकए गए े वार गणना और फसल (उपज)
अनुमान सव णों का अ यन व प रवी ण करके फसल संबंधी सां कीय के सुधार म मह पूण भूिमका
िनभाता है यह शहरी े ों म सामािजक आिथक सव ण के ितदश तैयार करने के िलए शहरी े
एककों की णाली भी संचािलत करता है एनएसएसओ उस रा ीय सां कीय आयोग (एनएससी) के
सम िदशािनदशों और िनगरानी के अंतगत अपने सव णों के आधार पर आं कड़ों के एक ीकरण,
सं रण और उनके काशन एवं चार- सार के मामले म आव क ािधकारों और ाय ता के साथ
काय करता है जो अपने सव णों के िलए आव क उपकरणों और कायिविध को अंितम प दे ने के िलए
िविभ े ों म सरकारी और गैर सरकारी सद ों वाली तकनीकी सिमितयों और कायदलों की िनयु भी
करता है एनएसएसओ के सम कायकलापों के सम सम यन और िनरी ण के िलए महािनदे शक
(सव ण) उ रदायी होते ह तथा उनकी सहायता के िलए चार अित र महािनदे शक होते ह इतने ापक
र पर सव ण के चार मह पूण कारकों की िडजाइिनंग और आयोजना, जमीनी र पर काय, आं कड़ा
सं रण एवं सम यन के िलए अलग-अलग िवभागों के भारी होते ह
मू संबंधी आं कड़ों का सं हण
ामीण खुदरा मू सं हण संबंधी आं कड़े उन े ीय काय भागों ारा एक िकए जाते ह जो म और
रोज़गार मं ालय के िमक कायालय (लेबर ूरो) से िनयिमत प से कृिष िमकों/ ामीण िमकों के िलए
उपभो ा मू सूचकां क (सीपीआई) बनाने के िलए ा होते ह वतमान म िमक ूरो ही कृिष
िमकों/ ामीण िमकों के िलए उपभो ा मू सूचकां क (सीपीआई) का संकलन करके उसे कािशत
करता है खपत के भाव और कार से उपभो ा मदों के मू ों म आने वाले बदलावों को दशाने के िलए
वष 1986 म 260 व ुओं की आव क व ु बा े ट अपनाई गई थी व ु बा े ट म शािमल मदों के
मू संबंधी आं कड़े ेक माह 20 रा ों क शािसत दे शों म चयिनत 603 गां वों/बाजारों से अनुसूची 3.01
(आर) का योग करते ए एक िकए जाते ह आरपीसी बुलेिटन, िजसे ‘ ामीण भारत म मू और
िदहाड़ी’ भी कहते ह, का ेक ितमाही म काशन िकया जाता है , इसम दे शभर के आं कड़े िमलते ह और
िदहाड़ी से जुड़े आं कड़े रा ीय एवं रा र के 26 मुख शहरों के होते ह
बीस सू ीय काय म
वष 1975 म शु िकए गए बीस सू ीय काय म को 1982, 1986 और िफर 2006 म पुनगिठत िकया गया
2006 म काय म के पुनगठन म पूरे दे श से गरीबी का उ ूलन करने और समाज के िनधन एवं वंिचत
समुदायों के जीवन र म सुधार लाने पर बल िदया गया िविभ सामािजक आिथक िवषयों-गरीबी,
रोज़गार, िश ा, आवास, कृिष, पेयजल, वनीकरण और पयावरण संर ण, ामीण े ों म ऊजा, समाज के
कमजोर वग का क ाण जैसे िवषय इस काय म म शािमल ह
मूल प से इस काय म म 20 सू और 66 मद थीं िजनकी अलग-अलग िनगरानी संबंिधत िवषय दे ख
रहे क ीय मं ालय करते थे इन 66 म से 25 की मािसक आधार पर और शेष की वािषक आधार पर इस
मं ालय ारा िनगरानी की जाती थी इन 25 म से 21 के बारे म आव क सूचनाएं िविभ रा ों/
क शािसत दे शों से एक की जाती थी और शेष चार की जानकारी संबंिधत मं ालयों से ली जाती थी
‘संपूण ामीण रोज़गार योजना’ इन 66 म से एक ऐसी योजना थी िजसे पहले 2008 से एक अ योजना
‘रा ीय ामीण रोज़गार गारं टी अिधिनयम’ म िमलाया गया और 2009 म इसका नया नाम ‘महा ा गां धी
रा ीय ामीण रोज़गार गारं टी अिधिनयम’ कर िदया गया 2014 से आं कड़े हर ितमाही म एक िकए जाते
ह और मािसक िनगरानी के थान पर ितमाही आधार पर िनगरानी की जाती है
वतमान म शेष 65 म से 19 योजनाओं की िनगरानी ैमािसक आधार पर की जा रही है वतमान की
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क ीय, रा और िजला र की िनगरानी म खंड र की िनगरानी को जोड़कर टीपीपी -2006 के


िनगरानी कायतं को िव ृत िकया गया है
िनगरानी कायतं
काय म का काया यन और उसकी िनगरानी करने का ाथिमक दािय उसे लागू करने वाली एजसी का
है जो इस मामले म रा सरकार/क शािसत दे श शासन संबंिधत नोडल क ीय मं ालय होते ह
सां कीय और काय म काया यन मं ालय टीपीपी-2006 के अंतगत आने वाले काय मों/योजनाओं की
िनगरानी रा सरकारों/क शािसत दे श शासनों एवं संबंिधत नोडल क ीय मं ालयों से ा काय
िन ादन ितवेदनों के िववेचन से करता है मं ालय ने रा सरकारों एवं संबंिधत नोडल क ीय मं ालयों
रत सूचनाएं ा करने के िलए एक वेब आधा रत बंधन सूचना णाली भी िवकिसत की है
टीपीपी-2006 के िदशा िनदशों के अनु प ही अिधकतर रा सरकारों/क शािसत दे श शासनों एवं
संबंिधत नोडल क ीय मं ालयों ने टीपीपी-2006 के अंतगत आने वाले काय मों/ योजनाओं काय गित की
िनगरानी के िलए रा , िजला और खंड र पर िनगरानी सिमितयां गिठत की ह
िनगरानी और भाव का मू ांकन
मं ालय ने अभी तक दो भाव मू ां कन अ यन िकए ह पहला अ यन पूव र रा ों के तीन चयिनत
िजलों म एमजीएनआरईजीए के भाव से संबंिधत है जबिक दू सरा अ यन दीनदयाल िद ां गता पुनवास
योजना (डीडीआरएस) के अंतगत िद ी, कनाटक, म दे श और पि म बंगाल म िद ां ग यों के
पुनवास के बारे म िकया गया था मं ालय ने नीित आयोग (पूववत योजना आयोग) और संबंिधत क ीय
मं ालयों ारा िविभ योजनाओं के मू ां कनों के ितवेदनों की बारीकी से जां च करने का काय भी िकया
है
अवसंरचना िनगरानी
दे श म मुख और मह पूण अवसंरचना े ों की िनगरानी की व था िनणय लेने वाले नीित िनयंताओं को
अब तक हर काय का ोरा दे ने और काया यन म आई किठनाइयों और रह गई किमयों का सम
िववरण दे ने के िलए की गई है यह मं ालय ारह मुख अवरचना े ों- ऊजा (िवद् ु यत, कोयला, इ ात,
सीमट, उवरक, पेटोिलयम, सड़क, रे लवे, पोत प रवहन, प नों (बंदरगाहों), नागर िवमानन और दू रसंचार
के काय िन ादन की िनगरानी करता है इस े के काय िन ादन की समी ा और िववेचना वतमान
महीने और कुल अविध के िलए िनधा रत वतमान ल तथा इससे िपछले वष की समान अविध के िलए
िनधा रत ल के तुलना क अ यन से की जाती है अवसंरचना काय िन ादन पर मािसक समी ा
ितवेदन के मा म से अवसंरचनाओं की गित की रपोट भेजी जाती है

संसद सद थानीय े िवकास योजना


संसद सद थानीय े िवकास योजना (एमपीएलएडीएस) वष 1993 म लागू की गई थी ारं भ म
ामीण िवकास मं ालय को इस योजना के िलए नोडल मं ालय बनाया गया था अ ू बर 1994 म यह
योजना सां कीय एवं काय म काया यन मं ालय को थानां त रत कर दी गई एमपीएलएडी योजना
का उ े सां सदों को रा ीय ाथिमकताओं से जुड़ी योजनाओं म थायी सामुदाियक प रसंपि यों के
िनमाण पर िवशेष बल दे ते ए िवकासो ुख काय की अनुशंसा करने के िलए स म बनाना है ये रा ीय
ाथिमकताएं ह: थानीय आव कताओं की अनुभूित पर आधा रत पेयजल सुिवधा, िश ा, िवद् ु यत सुिवधा,
ा एवं प रवार क ाण, िसंचाई सुिवधा, ऊजा के अपारं प रक ोत, सीवर, रे लवे, सड़क, खड़ं जे एवं
पुल, ता एवं लोक ा इ ािद इस योजना के संचालन एवं बंधन के िलए िनधा रत िनयमावली
है योजना के िलए वतमान िनयमावली 2016 म संशोिधत एवं कािशत की गई थी
मुख िवशेषताएं :
(i) पूरी तरह से भारत सरकार ारा िव पोिषत योजना िजसके अंतगत अनुदान सहायता के प म कोष
सीधे िजला शासन को जारी िकया जाता है
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(ii) योजना के अंतगत जारी िकया गया कोष कालातीत नहीं होता अथात िकसी िनधा रत िव वष म यिद
ीकृत धनरािश जारी नहीं हो पाती तो इसे पा ता होने की थित म अगले वष के िलए जारी कर िदया
जाता है वतमान म ेक सां सद/संसदीय े के िलए 05 करोड़ पये वािषक की पा ता है
(iii) योजना के अंतगत सां सद की भूिमका काय के िलए ाव दे ना व उनके िलए अनुशंसा करना है
उ ीकृत करना व काया यन के बाद ािवत काय को िनधा रत समय सीमा म पूरा करना िजला
शासन का उ रदािय है
(iv) लोकसभा के िनवािचत सद अपने-अपने िनवाचन े ों म िवकास काय के िलए िसफ़ा रश
(अनुशंसा) कर सकते ह रा सभा के िनवािचत सद िजस रा से चुने गए ह, वहां िकसी भी थान
के िलए िसफ़ा रश कर सकते ह संसद के िलए नािमत सद दे श म िकसी भी थान म काय के िलए
अनुशंसा कर सकते ह
(v) सां सद िनिध (एमपीएलएडीएस) काय बाढ़, तूफान, ओला वृि , िहम लन ( ेिशयर खसकने), बादल
फटना, िट ी आ मण, च वात, भूकंप, सूखा, सुनामी, अि कां ड जैिवक, रासायिनक, परमाणु
िविकरण जैसे खतरों के प म आई ाकृितक आपदा से पीिड़त े ों म भी काया त िकए जा सकते

(vi) अनुसूिचत जाित/जनजाित वाले े ों म िवकास काय पर िवशेष ान दे ने के उ े से सां सद िनिध
(एमपीएलएडीएस) कोषों का 15 ितशत अनुसूिचत जाित ब ल े ों म व 7.5 ितशत अनुसूिचत
जनजाित ब ल े ों म उपयोग िकया जाएगा
(vii) यिद संसद का िनवािचत सद इन कोषों का उपयोग अपने रा /क शािसत दे श और अपने
िनवाचन े के बाहर िकसी अ थान पर जो उस रा म है अतः रा से बाहर ह, के िलए आव क
समझता है तो इन िदशािनदशों के अंतगत अिधकतम 25 लाख पये ितवष के िलए िसफ़ा रश कर
सकता है ऐसी स ावना से जमीनी र पर जन साधारण म रा ीय एकता, समरसता और बंधु को
ो ाहन िमलेगा
(viii) संसद सद िद ां ग यों के िलए ितपिहया र ा (मोटर चिलत र ा सिहत), बैटरी चिलत
ीलचेयर, कृि म अंग तथा ने हीन एवं बिधर िद ां गों के िलए उपकरण खरीदने के िलए अिधकतम 20
लाख पये ितवष खच कर सकता है
(ix) क सरकार, रा सरकार, िजला शासन एवं काया यन एजिसयों की भूिमका के बारे म
िदशािनदशों म िववरण िदए गए ह
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7 वािण

िण िवभाग उ ोग एवं वािण मं ालय के अधीन आता है वािण िवभाग को आव कतानुसार


वा उिचत अंतररा ीय ापार एवं वािण क नीितयों को बनाने व उनके ावधानों के काया यन के
मा म से भारत के अंतररा ीय ापार एवं वािण के िविनयमन, िवकास और संवधन के िलए
अिधकृत िकया गया है िवभाग का मूल काय अंतररा ीय ापार के रत िवकास हे तु उिचत वातावरण
और आधारभूत ढां चे (अवसंरचना) के िनमाण म सहायता दे ना है िवभाग िवदे श ापार नीित (एफटीपी)
का ितपादन, ि या यन एवं िनगरानी करता है िजसके ारा िनयात और ापार संवधन के िलए अपनाई
जाने वाली नीित और कायिविध का बुिनयादी आधारभूत ढां चा िमलता है इसके अलावा िवभाग को
ब प ीय और ि प ीय वािण क संबंधों, िवशेष आिथक े ों, रा ापार, िनयात संवधन एवं ापार
सुिवधा, कुछ िनयातो ुख उ ोगों एवं व ुओं के िवकास एवं िविनयमन से जुड़ी िज ेदा रयां दी गई ह
वेबसाइट: www.commerce.gov.in
भारत सरकार के वािण िवभाग ने वष 2020 तक दे श को वैि क ापार म मुख भागीदार बनाने
और अंतररा ीय ापार संगठनों म भारत की अ णी भूिमका को उसके बढ़ते मह के अनु प बनाने हे तु
यास करने की सोची है म म अविध की सोच म भारत के व ुओं एवं सेवाओं के 2017-18 तक िनयात
को 2008-09 के र का दु गुना करना और दीघाविध की सोच म वैि क ापार म भारत की िह ेदारी को
भी दु गुना करने का ल है

वैि क प र
वैि क संकटों ने पूरे संसार को अलग-अलग ढं ग से भािवत िकया िजसम आिथक मंदी और िव ापार म
संकुचन भी आता है हालां िक िव ापार संगठन (ड ूटीओ) के हािलया आं कड़े िव ापार के
संभावनाओं की ओर इशारा करते ह वष 2017 के िलए िव म ापा रक माल के लेनदे न म 3.6 ितशत
की वृ का अनुमान लगाया गया है इसी वष के िलए िपछला अनुमान 2.4 ितशत था ( जीडीपी) ापार
िविनमय दरों (ड ूटीओ 2017) के 2.8 ितशत वैि क सकल िवकास दर के साथ ापार वृ को 3.2-
3.9 ितशत की सीमा म रखा गया है िव ापार संगठन की 2017 की ेस िव के अनुसार ‘एिशया
और उ री अमरीका’ म आशा से कहीं अिधक वृ ई है जहां 2016 के कमजोर प रणामों के बाद आयात
की थित िफर से सुधर रही है वष 2018 म ापार वृ 1.4 से 4.4 ितशत की सीमा म रहते ए 3.2
ितशत तक रहनी चािहए ोंिक अभी वैि क सकल िवकास दर कमोबेश थर है थित म इस सुधार
पर ापा रक नीितगत उपायों, कड़े आिथक उपायों, भौगोिलक राजनीितक तनावों और खच ली ाकृितक
आपदाओं के कारण िवपरीत भाव भी पड़ सकता है 2018 म भारतीय अथ व था की िवकास दर 7.4
ितशत रहने का अनुमान लगाया गया है इस कार यह िव म सबसे अिधक तेजी से बढ़ने वाली
अथ व था हो जाएगी (आईएमएफ, जनवरी 2018) अंतररा ीय मु ा कोष के अनुमानों के अनुसार वैि क
अथ व था म िनरं तर मजबूती आ रही है वैि क िव ीय संकट के कारण 2016 म वैि क अथ व था
अपने सबसे िनचले र 3.2 ितशत पर थी उसके भी अब 2018 और 2019 म 3.9 ितशत रहने का
अनुमान है बेहतर ए बाहरी कारकों, अनुकूल वैि क िव ीय पा र थितकी और िवकिसत अथ व थाओं
की हालत सुधरने से सहायता िमलने के कारण इस वष और आने वाले वष म उभरते ए बाजारों और
िवकासो ुख अथ व थाओं की िवकास दर म वृ का अनुमान लगाया गया है चीन और एिशया के
अनेक उभरते ए े ों म िवकास म मजबूती बनी ई है
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ान दे ने यो वतमान मु े
िवकास की इस उ ाहजनक छलां ग के बावजूद जहां तक िनयात े का संबंध है , कई जो खम के े ऐसे
ह िजन पर िवभाग को ान कि त करना है इनम िन िल खत शािमल ह: िवदे श ापार नीित 2015-20
की समी ा करके उसे मजबूत िकया गया है व े के दो उप े ों, अथात तैयार (रे डीमेड) प रधानों
और बने-बनाए व ों के िलए एमईआईएस ो ाहनों को 2 ितशत से बढ़ाकर 4 ितशत कर िदया गया है
िजसम 2,743 करोड़ पये का अित र ो ाहन शािमल है सेवाओं के ापार को बढ़ावा दे ने के िलए
अिधसूिचत सेवाओं जैसे- वसाय, ाियक, लेखा काय, वा ु- कला संबंधी, अिभयां ि की (इं जीिनय रं ग),
शै िणक, िचिक ालय, होटल एवं रे ां के िलए एसईआईएस ो ाहनों को 2 ितशत बढ़ा िदया गया है
सेवा े के िलए अनुमािनत अित र वािषक ो ाहन रािश 1,140 करोड़ पये होगी ितभूित माण
प ों व शेयरों के थानां तरण तथा िब ी पर जीएसटी को 12 ितशत से घटाकर शू कर िदया गया है तथा
यं घोषणा के साथ सीमा शु छूट योजना के अंतगत िनयात उ ादनों के िलए करमु िनवेशों की
अनुमित दे ने के िलए नई ासी आधा रत यं-स ापन योजना शु की गई है

जीएसटी के साथ ेणीब करना


िनवेशों पर अि म जीएसटी के भुगतान के कारण िनयातकों की चालू पूंजी फंस जाने के मु े को हल कर
िलया गया है अि म अिधकार दे ने के अंतगत ‘पूंजीगत साम ी योजना’ (ईपीजीसी) के िलए िनयात संवधन,
शत- ितशत िनयातो ुख इकाइयों (ईओयूज) के िलए िनयातकों को अपने िनयात हे तु िकसी भी कार के
जीएसटी के अि म भुगतान के िबना िवदे शों के अलावा घरे लू आपूितकताओं से भी िनवेश तथा पूंजीगत
सामान मंगाने की सुिवधा दी गई है इन योजनाओं को चालू करने के िलए अ ैल 2018 से ई-वॉलेट भी शु
िकया गया है जीएसटी ने भारतीय िनयात के िलए एक नया िनयामक तं तैयार कर िदया है इसने घरे लू
कारोबारी कंपिनयों के साथ ही िनयातक कंपिनयों की सुिवधा के िलए कई नए सकारा क बदलाव शु
िकए ह कंपिनयों को अब कम सं ा म करों का भुगतान करना होता है (17 करों के थान पर एक
जीएसटी), कर की पहले से कम रािश; (जीएसटी से पहले के 25-28 ितशत कराधान के थान पर
औ ोिगक उ ादों के िलए 18 ितशत जीएसटी) अिधक कर भारों की तुलना म कम कर का भुगतान
सभी रा ों म जीएसटी की एक समान दर ने कर भार और अनुपालन लागत को और अिधक घटा िदया
है इन बदलावों से लागत म कमी आती है और ित धा म सुधार होता है अतः िनयात के िलए यह
लाभदायक होगा जीएसटी िनयात का मू ां कन शू आपूित के प म करता है , यह ड ूटीओ ारा
ीकृत िस ां तों के अनु प है शु आत म जीएसटी िनयमों के अंतगत िनयात उ ादन के िलए िकसी भी
िनवेश का आयात करते समय सभी कार के करों का भुगतान करना होता था और िनयात के बाद ही करों
के प म जमा कराए गए धन की वापसी होती थी हालां िक ऐसा करते समय िनयातकों को अपनी पूंजी के
अटक जाने की आशंका बनी रहती थी उनके अनुरोध पर जीएसटी प रषद् ने अि म अिधकार-प ,
ईपीसीजी और 100 ितशत ईओयू योजनाओं का उपयोग करते ए िनवेशों को मंगाते समय जीएसटी के
भुगतान म छूट दे ने की अनुमित दे दी है

राजकीय ई-बाज़ार
आपूित एवं िनपटान महािनदे शालय (डीजीएसएं डडी) ने सरकार/लोक उप मों ारा खरीदी-बेची गई
िविभ व ुओं और सेवाओं के िलए एक समिपत ‘ई-बाज़ार’ की थापना की है यह िविभ मं ालयों और
सरकार की िविभ एजिसयों के िलए व ुओं और सेवाओं की खरीद एवं आपूित को सुगम बनाने के िलए
एक ौ ोिगकी संचािलत मंच है इस पोटल को अग 2016 म शु िकया गया था और अ ू बर 2016
तक यह पूरी तरह से सि य हो गया था अ ू बर 2017 म डीजीएसएं डडी को समेट िदया गया है
राजकीय ई-बाजार (जीईएम) एक मापन णाली है तथा यह पूरी तरह से ऑनलाइन, पारदश एवं व था
संचािलत होने के साथ ही व ुओं और सेवाओं की सरलता, कुशलता एवं ती ता से आपूित करती है
जीईएम आपूित ि या की अपनेआप म पूण ृंखला है िजसम आपूितकताओं के पंजीकरण से लेकर े ता
(खरीदार) ारा व ुओं का चयन, आपूित आदे श बनाना तथा ा कता ारा व ुओं सेवाओं की पावती से
लेकर ऑनलाइन भुगतान की व था है 2018 तक 4.44 लाख से अिधक उ ाद एवं सेवाएं लगभग
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71,700 आपूितकता और 16,000 से अिधक े ता संगठन जीईएम का अंग बन चुके ह जीईएम के मा म


से 4,000 करोड़ पये से अिधक मू के 2.36 लाख आदे श संसािधत िकए जा चुके ह

ापार सुगमीकरण
भारत ारा ापार सुगमीकरण करार (टीएफए) की संपुि िकए जाने के बाद रा ीय ापार सुगमीकरण
सिमित (एनटीएफसी) का गठन िकया गया चार काय समूहों का गठन (i) अवसंरचना, (ii) ाियक िवषयों,
(iii) प ं च तथा (iv) समय िनगमन अ यन पर ान कि त करने के िलए िकया गया है साथ ही सभी
संबंिधत प ों से िवचार-िवमश के बाद रा ीय ापार सुगमीकरण काय योजना (एनटीएफएपी) बनाई गई,
िजसके ारा ि या यन समय सीमा के अंतगत 76 ापार सुगमीकरण उपायों की पहचान की गई िजनम
से 51 टीएफए + गितिविधयां ह टीएफए ेणी ‘बी’ की व ुओं के िलए इन उपायों को पां च वष की
िनधा रत अविध के थान पर तीन वष म ही लागू िकए जाने के यास िकए जा रहे ह िनयात की व ुओं
और सॉ वेयर की िनगरानी करने और रजव बक ारा िवकिसत एक एकल ेटफॉम के मा म से
अिधकृत डीलर बकों ारा सभी कार के िववरणों एवं रटनस जमा करने को सुिवधाजनक बनाने के िलए
िव ृत आईटी-आधा रत णाली िजसे ‘िनयात आं कड़े संसाधन एवं िनगरानी णाली’ (ईडीपीएमएस) कहा
जाता है सभी 19 समु ी बंदरगाहों और 17 हवाई मालअ ों पर सभी वेश बीजकों (िबलों) के िलए 24X7
समयानुसार ेक िदन और चौिबसों घंटे सीमा शु िनकासी सुिवधा दान की गई है
आधुिनकतम ापार िव ेषक
िवदे श ापार महािनदे शालय (डीजीएफटी) म एक आधुिनकतम ापार िव ेषक की थापना की गई है
इस नवाचार म ापा रक अिधसूचना एवं सां की महािनदे शालय (डीजीसीआईएस) से ा ापा रक
सूचनाओं एवं भारत के मुख िनयात बाज़ारों से जुड़े रा ीय एवं अंतररा ीय आं कड़ों का िव ेषण करने
और उनका संसाधन ोसेिसंग करने के साथ ही आव क कारवाई की पहचान की व था की गई है नए
िनयात बाज़ारों की खोज के अंतगत अ ीका जैसे िवशाल संभावना वाले अभी तक के अ ात एवं अछूते
बाज़ारों म भारत का िनयात बढ़ाने पर ान िदया जा रहा है तािक न केवल व ुओं का ापार और िनवेश
ही बढे ब मता िनमाण, तकनीकी सहायता और ा दे खरे ख एवं िश ा जैसे े ों तक भी प ं च
बनाई जा सके कृिष उ ाद संसाधन, उ ादन, खनन, व , उपभो ा उ ाद, आधारभूत संरचना िवकास
और िनमाण ान िदए जाने वाले मुख े होंगे आसान ऋण सुिवधा के मा म से प रयोजनाओं के
िनयात को ो ािहत करने के साथ ही लैिटन अमरीका और कै रिबयाई े ों से अिधकािधक अनुबंध
करना

नवीन िनयात उ ादों की खोज


अब उन उ ादों के िनयात बढ़ाने पर ान िदया जाएगा जो हाल के वष म िव ापार म मह पूण हो गए
ह, इस त को ीकार करते ए िक भारत के िनयात का 70 ितशत वे उ ाद ह िजनकी पूरे िव म हो
रहे िनयात म मा 30 ितशत अंशधा रता है मसा एवं कृिष, समु ी उ ाद, कालीन, चमड़ा, आयुष
एवं ा , व और तैयार व , हथकरघा, ह िश , ना रयल रे शा, पटसन उ ाद, हीरे , ण एवं
आभूषण के अित र िचिक ा िविधयां व उपकरण, तकनीकी व ुएं, व , इले ॉिनक उप र,
प रयोजना उ ाद, र ा और उ - ौ ोिगकी उ ादों के संभावनायु उ ाद समूहों पर ान िदया
जाएगा
इसम िकसानों की आय बढ़ाने के िलए कृिष िनयात म वृ पर और अिधक ान िदया जाएगा
दीघाविध की थायी एवं ‘खुली’ िनयात नीित खेत से बंदरगाह और हवाईअ े तक शीतगृहों और प रवहन-
तं सुिवधाओं का िनमाण उिचत नीित म थताओं के मा म से जैिवक िनयात को बढ़ावा तथा
िव सनीय एवं अ तन जैिवक उ ाद माणन एवं मा ता काय मों की शु आत

वेब पोटल
डीजीएफटी ने आसानी से काम करने वाली और ज ी सूचना दान करने वाली वेबसाइट शु की है इस
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वेबसाइट म एक ादा सि य कॉ ोनट है िजससे ापारी समुदाय सूचना, िश ा, संवाद (आईईसी) और


अ योजनाओं के िलए ऑनलाइन आवेदन डाल सकते ह िवभाग ारा शु िकए गए भारतीय ापार
पोटल म िनयात एवं आयात से जुड़ी उपयोगी सूचनाएं डाली जाती ह इसम भारतीय वािण दू तावासों
ारा अपलोड की गई जानकारी, भारत के मुख ापार सहयोिगयों के शु एवं ापार आं कड़े , िनयात
बाज़ार रपोट एवं ापार समझौते शािमल ह

मता िनमाण
िनयात के िलए नए उ िमयों का कौशल िवकास एक मह पूण ाथिमकता है िपछले दो वष म
डीजीएफटी ारा लागू ‘िनयात बंधु काय म’ के अंतगत 50,000 से अिधक उ िमयों को िश ण दे कर
ाटअप इं िडया एवं कौशल भारत ( ल इं िडया) पहल पूरी की गईं िवभाग के अधीन कायरत भारतीय
िवदे श ापार सं थान, भारतीय पैकेिजंग सं थान, भारतीय ां टेशन सं थान, िनयात संवधन प रषद,
उ ृ ता क , ां टेशन अनुसंधान क जैसे सं थानों म सं थागत ढां चे को मता िनमाण, िनयात संवधन,
अनुसंधान एवं िवकास और दीघाविध नीित-िनमाण के िलए तैयार िकया जा रहा है

अंतररा ीय ापार अनुसंधान क


वै ीकरण ि या की जिटलताओं और घरे लू नीित-िनमाण म इसके कारण आए उतार-चढ़ावों के चलते
वतमान अनुसंधान मताओं को और बड़े पैमाने पर बढ़ाने एवं उ नए तथा िविश े ों के िलए योग म
लाने की आव कता अनुभव की जा रही थी इसी म म एक नए सं थान, अंतररा ीय ापार अनुसंधान
क (सीआरआईटी) की थापना की गई आशा की जाती है िक यह सं थान इन ज रतों को पूरा कर
सकेगा एवं उन िवकासशील दे शों के साथ ऐसे दीघाविध सहयोग संबंध बनाने म सहायक िस होगा िजनके
िहत भारत से िमलने की संभावना है और जो वैि क र पर लंबे समय के िलए िविभ े ों म भारत के
ापार सहयोगी बन सकते ह सीआरआईटी के पां च अनुसंधान क - ापार िनवेश कानून क , े ीय
ापार क , िश ण क , ापार संवधन क और िव ापार संगठन (ड ूटीओ) अ यन क होंगे
ापार िवकास एवं संवधन प रषद का गठन 2015 म िकया गया था यह प रषद् रा ों और
क शािसत दे शों के शासनों से उनके रा ों म एक अंतररा ीय ापार को बढ़ावा दे ने म स म
प र थितयों की उपल ता के िलए िनरं तर िवचार-िवमश को सुिनि त करने के साथ ही दे श के िनयात को
बढ़ाने के िलए रा ों को सि य सहयोगी बनाने के िलए एक तं तैयार करे गी
िनयात म वृ के संबंध म रा ों से अपनी ापार नीित को िवकिसत करने, िनयात आयु ों की
िनयु करने, व ुओं के आवागमन पर रोक लगाने वाली ढां चागत किमयों को दु करने, मू विधत
कर (वीएटी), चुंगी, रा रीय करों की धन वापसी, िविभ ीकृितयों से जुड़े मु ों के समाधान एवं नए
िनयातकों की मता बढ़ाने के िलए आव क उपाय करने का अनुरोध िकया गया था

एकीकृत दशनी-सह-स ेलन क


गित मैदान, नई िद ी म एक आधुिनक िव रीय एकीकृत दशनी-सह-स ेलन क (आईईसीसी) का
िनमाण िकया जा रहा है िजसम 1.2 लाख वग मीटर का वातानुकूिलत दशनी थल होने के साथ ही 7,000
यों की मता वाला िति त आधुिनकतम स ेलन क शािमल है इसी म 4,800 कारों (पीसीयू) के
िलए भूिमगत पािकग बनाने की भी योजना है इसका काय ारं भ हो चुका है और िसतंबर 2019 तक काय
पूरा हो जाएगा यह क सभी कार के मुख रा ीय एवं अंतररा ीय कायकम के िलए एक उपयु थान
होगा भारत का यह एक अनूठा तीक होगा जो िव श बनने की भारत की आकां ाओं का ोतक
होगा

िवशेष आिथक े
िनयात को बढ़ावा दे ने के िलए भारत एिशया के पहले दे शों म से एक था िजसने ए पोट ोसेिसंग जोन
(ईपीजी) मॉडल के मह को समझा इसकी शु आत 1965 म कां डल थत एिशया के पहले ईपीजी के
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साथ ई थी िनयं ण और िनगम की िविवधता, िव रीय अवसंरचना क ढां चे और अ थायी राज


व था की किमयों को दे खते ए तथा भारत म वृहद िवदे शी िनवेश को आकिषत करने के िलए 2000 म
िवशेष आिथक े (एसईजी) नीित की घोषणा की गई थी इस नीित के आधार पर, क और रा ों म
ूनतम संभव िनयामकों और आकषक राज पैकेज के आधार पर एसईजी को आिथक िवकास के
अ णी थल बनाने की तैयारी की गई वष 2000 से 2006 तक भारत म एसईजी िवदे श ापार नीित के
ावधानों पर चले िजसके बाद उिचत कानूनों के आधार पर इनके िलए राज को भी ो ाहन िदया गया
एसईजी िनयमाधा रत 2005 का एसईजी कानून वष 2006 म अमल म लाया गया इसके अंतगत क
तथा रा सरकारों से जुड़े मामलों को एक ही थान पर पा रत करने और अ कायप ितयों को सरल
बनाने का काय िकया गया एसईजी कानून के मुख ल ह; अित र आिथक गितिविधयों का िवकास;
व ुओं और सेवाओं के िनयात को ो ाहन; घरे लू और िवदे शी िनवेश ोतों को ो ाहन; रोजगार के
अवसरों का िवकास; और अवसंरचना क सुिवधाओं का िवकास

िनयात ऋण
िवदे श मं ालय एवं भारतीय आयात िनयात बक (ईए आईएम) तथा भारतीय िनयात ऋण ितभूित (
गारं टी) िनगम (ईसीजीसी) ारा िदए जा रहे ऋणों के िलए िवशेष व था के मा म से उ आधा रक
संरचना आव कताओं वाले उभरते ए बाजारों म िनयात प रयोजनाओं को बढ़ावा िदया जा रहा है यह
भारतीय उ ादों के िलए जगह बनाने एवं भारत के िनयात की आसान ीकृित को सुगम करने के साथ ही
भारत के वसािययों को दीघाविध के ापा रक संबंधों के िलए स म बनाने का काय जारी रखेगा
भारतीय आयात िनयात बक (ईए आईएम) नए बाजारों िवशेषकर दि ण अ ीका, सीआईएस दे शों एवं
लैिटन अमरीका म दे श का िनयात बढ़ाने के िलए ‘च दार ( रवॉ ंग) ऋण’ की अवधारणा पर भी अ यन
करने के साथ ही अ ीकी िवकास बक, अंतर-अमे रकी िवकास बक, कैरीिबयन बक जैसी अंतररा ीय
ऋणदाता सं थाओं के साथ सु ढ़ संबंध बनाने की संभावनाएं भी तलाश करे गा िवशेषकर नए एवं कड़ी
ित धा वाले बाजारों म संभावना दे ख रहे सू , लघु एवं म म उ िमयों (एमएसएमई) को बीमा सुर ा
दे ने के िलए भी ईसीजीसी की सहायता की जाएगी ईसीजीसी एक मुख िनयात ऋण दे ने वाली एजसी है
और इसके काय े म लगभग 20,000 िनयातक ह िजनम से 85 ितशत एमएसएमई ह ईसीजीसी को
अगले तीन वष म 2,000 करोड़ पये का नया पूंजीिनवेश िमलेगा, िजसम से 1,000 करोड़ पये अभी िदए
जा रहे ह और इस रािश से यह बड़ी सं ा म िनयातकों की सहायता करने म स म हो सकेगा िपछले 10
वष म ईसीजीसी ने लगभग 7,000 करोड़ पये के दावों का भुगतान िकया, िजससे िनयातकों की सहायता
हो पाई और बिकंग णाली को राहत िमली

िडिजटाइजेशन और पीएफएमएस
इस िवभाग के सभी वेतन एवं लेखा कायालयों (िद ी, चे ई, कोलकाता एवं मुंबई का िडिजटाइजेशन कर
िदया गया है िडिजटाइजेशन हे तु एक िसरे से दू सरे िसरे तक के ऑनलाइन भुगतान के िलए पीएफएमएस
के ईएटी और डीबीटी मापदं ड (मॉ ूल) को लागू िकया गया है पीएफएमएस के मा म से इले ॉिनक
तरीके से बीजकों (िबलों) की आं िशक पूव जां च और भुगतान िकया जाता है

गुणव ा के मानक
सरकार भारत को उ ादन और िनयात का क के प म प रवितत करने के िलए ितब है इसके िलए
उ ादों की गुणव ा पर ान दे ना होगा अभी ब त-से भारतीय उ ाद जां च के दौरान उनम कीटनाशकों,
रोगाणुओ,ं अवैध रं जकों के अंश पाए जाने पर योगशाला परी णों म गुणव ा मानकों पर खरे नहीं उतर
पाते ह भारतीय कारोबारी गुणव ा के ऊंचे मानकों को ा कर सक इसके िलए गुणव ा और आधारभूत
संरचनाओं को आधुिनकतम बनाने एवं मानकों पर खरे न उतर सकने वाले िन कोिट के आयात से
भारतीय उपभो ाओं को बचाने के यास जारी रहगे अिधक से अिधक वैि क मा ता ा
योगशालाओं की थापना, भारतीय योगशालाओं की मता म वृ और सहयोगी दे शों के साथ
पार रक मा ता समझौते कुछ ऐसे ही े ह िजन पर ान कि त िकया जाएगा उपभो ाओं का
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संर ण, उ ािदत ितजारती सामान की गुणव ा म सुधार एवं सवािधक सू दश बाजारों तक भारतीय
िनयात बढ़ा सकने के िलए आव क उपाय अपनाने के िलए एक परे खा बना ली गई है

एं टीडं िपंग
िवभाग के अधीन एं टीडं िपंग एवं संवग शु महािनदे शालय (डायरे ोरे ट जनरल ऑफ एं टी-डं िपंग एं ड
अलाइड ूटीज-डीजीएडी) की भूिमका दे शी उ ोगों को िवदे शी िनयातकों के समान अवसर उपल
कराने की है तािक वे घरे लू बाज़ारों म उनसे ित धा करने म स म हो सक यह उपाय िव ापार
संगठन (ड ूटीओ) समझौते के अंतगत िकया गया है और सीमा शु अिधिनयम, 1975 और उसके
अनुसार बनाए गए िनयमों के अनुपालन म है अग , 2017 म डीजीएडी की जां च ि या को
आईएसओ-9001:2015 आ ाका रता (कम ाए ) ा हो गई िजससे महािनदे शालय के काय म
पारदिशता एवं जवाबदे ही आ गई है िवभाग ने अपने ि याकलापों एवं गितिविधयों के िलए मानक संचालन
ि याओं (एसओपीज) को िवकिसत कर िलया है इन एसओपीज को गुणव ा िनयमावली एवं ि याओं
म कूटब कर िदया गया है

म म अविध य ढांचा
12वीं पंचवष य योजना की समा के साथ ही वािण िवभाग (डीओसी) की सभी चालू एवं नई योजनाओं
के िलए 14 व िव आयोग के म म अविध य ढां चे (2017-18 से 2019-20) के िलए एक पूण और सघन
मू ां कन ि या पूरी कर ली गई डीओसी की सात क ीय े की प रयोजनाएं इस कार ह: बाज़ार
प ं च नवाचार, चाय िवकास एवं संवधन, समेिकत कॉफी िवकास प रयोजना, रबर े का दीघकालीन
सम िवकास, ईसीजीसी म पूंजी लगाना, एनईआईए ास और एपीईडीए म 2019-20 तक चलने वाले 500
करोड़ पये से अिधक प र य के िलए अनुदान (रािश) सभी प रयोजनाओं के िलए मू ां कन ि या पूरी
हो चुकी है
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संचार और सूचना
8 ौ ोिगकी

चार और सूचना ौ ोिगकी का संचालन इले ॉिनकी एवं सूचना ौ ोिगकी मं ालय एवं संचार मं ालय
सं करता है इले ॉिनक एवं सूचना ौ ोिगकी मं ालय का िमशन है , ई-गवनस एवं इले ॉिनकी के
सतत िवकास को बढ़ावा दे ना साथ ही, सूचना ौ ोिगकी एवं सूचना ौ ोिगकी उ ोगों का िव ार
और दे श म इं टरनेट गवनस को ो ाहन दे ता है वहीं संचार मं ालय का काम डाक एवं दू रसंचार िवभाग
की दे खरे ख करना है इन िवभागों की िवशेषताएं , गितिविधयां और इनके ारा शु िकए गए काय मों के
बारे म यहां बताया गया है
वेबसाइट: www.meity.gov.in, www.indiapost.gov.in

डाक
भारत म वष 1766 म सबसे अिधक पसंदीदा आधुिनक डाक णाली का ारं भ लॉड ाइव ने िकया था
और इसे 1774 म वॉरे न हे ं ने आगे बढ़ाया डाक नेटवक का िव ार 1786 से 1793 के दौरान आ
वष 1837 के एक अिधिनयम के मा म से पहली बार डाकघरों को िनयमन व था के अंतगत लाया गया
तािक ता ालीन तीन ेिसडिसयों के सभी डाकघरों को अ खल भारतीय सेवा के दायरे म लाया जा सके
इसके बाद, 1854 के डाकघर अिधिनयम म संशोधन के साथ संपूण डाक व था का प बदल गया
और 1 अ ू बर, 1854 से भारत के डाकघर वतमान शासिनक तरीके से चलाए जाने लगे दे श म पहला
डाक िटकट उसी समय जारी िकया गया था जो पूरे दे श म मा था डाक िटकटों की दर कम और समान
रखी गईं डाक दर दू री के िहसाब से न होकर भेजे जाने वाले प अथवा पैकेट के वजन से तय की गई
आम जन पहली बार एक ऐसी सुिवधा का उपयोग कर सके िजसके तहत उ दरवाज़े तक प िमलने लगे
पहले इस तरह की सुिवधा केवल रा ा ों और सरकारी अिधका रयों को ही िमलती थी तब से डाक ने
दे श म सभी के जीवन को व था/ भािवत िकया है य िप ि िटश शासन ने सा ा वादी िहतों के िलए
डाकघरों की थापना की, लेिकन डाकघर रे ल और टे ली ाफ के साथ सामािजक िवकास का मह पूण
इं जन बन गया
वतमान म पो ऑिफस ए , 1898 ारा भारतीय डाक सेवाओं का िनयं ण िकया जाता है उ ीसवीं
सदी के म म डाकघर डाक बंगलों और डाक सरायों की दे खभाल करके या ा को भी सुगम और सहज
बनाते थे मेल ऑडर सेवा 1877 म मू दे य णाली शु होने के साथ ारं भ ई जबिक 1880 से
मनीऑडर सेवा के मा म से दरवाज़े पर धनरािश ा करना संभव आ 1882 म डाकघर बचत बक
ारं भ होने के साथ बिकंग सुिवधा सभी लोगों तक प ं ची और 1884 तक सभी सरकारीकिमयों को डाक
जीवन बीमा के अंतगत लाया गया डाक संचार सुिवधा दान करने के अित र डाकघर नेटवक 19वीं
सदी के उ रा से धन का ह ां तरण, बिकंग और बीमा सेवा भी दे रहा है

संगठन का संि िववरण


डाक िवभाग संचार एवं सूचना ौ ोिगकी मं ालय के अंतगत आता है िवभाग का शीष बंधन िनकाय
डाक सेवा बोड है बोड म एक अ एवं छह सद ह िनदे शालय के एक व र ाफ अिधकारी (डाक
सेवा बोड) के सिचव के प म बोड की सहायता करते ह बोड की बैठकों म िवभाग के महािनदे शक और
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अित र महािनदे शक भी शािमल होते ह

िव ीय सेवाएं
डाक िवभाग भारत सरकार के िव मं ालय की ओर से लघु बचत योजना चलाता है जो इन योजनाओं से
संबंिधत ढां चागत और िनयामकों म फेर-बदल करता है और डाक िवभाग को पा र िमक भुगतान करता
है 31 माच, 2018 के आं कड़ों के अनुसार डाकघर बचत बक (पीओएसबी) म 37.40 करोड़ से अिधक
खाताधारक थे बचत बक सुिवधा 1.54 लाख डाकघरों के नेटवक के मा म से दान की जाती है
डाकघर बचत बक बचत खाते, रक रं ग िडपॉिजट (आरडी), टाइम िडपॉिजट (टीडी), मािसक आय योजना
(एमआईएस), प क ॉिवडट फंड (पीपीएफ), रा ीय बचत माण-प (एनएससी), िकसान िवकास–प
(केवीपी), व र नाग रक बचत योजना (एससीएसएस) और सुक ा समृ खाता जैसी योजनाएं चलाते ह
31 माच, 2018 तक डाकघरों म रा ीय बचत योजना और बचत सिटिफकेट के अंतगत 8,03,243 करोड़
पये की धनरािश बकाया थी
कोर बिकग समाधान और एटीएम की थापना
कोर बिकंग समाधान (सीबीएस) भारतीय डाक के सूचना ौ ोिगकी आधुिनकीकरण का िह ा है इसका
उ े डाकघरों म आव क सूचना ौ ोिगकी अवसंरचना के साथ िविभ सूचना ौ ोिगकी समाधानों
को लाना है प रयोजना का उ े चालू योजनाअविध के दौरान लघु बचत योजनाओं के िलए सभी
िवभागीय डाकघरों म कोर बिकंग समाधान को लागू करना है प रयोजना से ‘कहीं भी, कभी भी’ बिकंग,
एटीएम तथा इं टरनेट बिकंग सुिवधा िमल सकेगी 10 अग , 2018 तक 23,557 डाकघरों को सीबीएस
प रवितत िकए गए ह दे शभर म 995 थानों पर एटीएम भी थािपत िकए गए ह
ूचुअल फंड् स िब ी
डाकघर दे श म पूंजी बाज़ार की प ं च को बढ़ाने तथा सामा जन को बाज़ार आधा रत िनवेश िवक
उपल कराने म मह पूण भूिमका िनभा रहा है वतमान म 2,000 डाकघरों के मा म से यूिनट ट
ऑफ इं िडया के िविभ ूचुअल फंड उ ादों की रटे िलंग की जा रही है
अंतररा ीय धन ह ांतरण सेवा
अंतररा ीय धन ह ां तरण सेवा िवदे शों से गत तौर पर भारत म धन भेजने का रत और सहज
तरीका है वे न यूिनयन जैसी अ ाधुिनक धन थानां तरण िव ीय सेवाओं के डाकघरों तथा भारत सरकार
के साथ सहयोग के मा म से 195 दे शों से भारत म िकसी को भेजे जाने वाला धन शी और सहज
तरीके से िमल जाता है वतमान म यह सुिवधा दे श म 9,953 थानों पर उपल है
रा ीय पशन योजना
2009 म सरकार ने नाग रकों के िलए रा ीय पशन योजना की शु आत की थी िजसे पहले नवीन पशन
योजना कहा जाता था डाक िवभाग रा ीय पशन योजना के िलए करीबी इकाई है भारतीय डाक व था
आमजन के िलए रा ीय पशन योजना (एनपीएस) का पॉइं ट ऑफ ेजस (पीओपी) है 18 से 55 वष
आयुवग का कोई भी भारतीय नाग रक पशन योजना का लाभ ले सकता है और 60 वष की आयु तक
योजना म अपना अंशदान कर सकता है पशन अंशदान का िनवेश पशन फंड िनयामक (पीएफआरडीए)
ारा भुगतानकता की ाथिमकता के मुतािबक उसकी पसंद की योजना म िकया जाता है
जन सुर ा योजनाएं
जन सुर ा योजनाएं तथा धानमं ी सुर ा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) एवं धानमं ी जीवन ोित बीमा
योजना (पीएमजेजेबीवाई) सभी सीबीएस डाकघरों म 07 िसतंबर, 2015 से लॉ की गई थीं ये योजनाएं
डाकघर के सभी बचत खाताधारकों के िलए उपल ह डाक िवभाग ने पीएमएसबीवाई और
पीएमजेजेबीवाई के िलए नेशनल इं ोरस कंपनी (एनआईसी) और जीवन बीमा िनगम (एलआईसी) के
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साथ समझौते पर ह ा र िकए थे 2015 से सीबीएस मु डाकघरों म अटल पशन योजना (एपीवाई) भी
लॉ की गई थी
सुक ा समृ योजना
क ा िशशु के सुरि त भिव के िलए सुक ा समृ योजना नामक नई लघु बचत योजना की शु आत
2015 म की गई थी योजना के अंतगत क ा िशशु के नाम पर उसके कानूनी/नैसिगक अिभभावक एक
खाता खुलवा सकते ह इस योजना के अधीन वह दो क ाओं के नाम पर उनके ज से 10 वष तक की
आयु तक दो अलग-अलग खाते भी खुलवा सकते ह
ामीण वसाय
डाक िवभाग का मु नेटवक ामीण े ों म है दे श के 1,54,965 डाकघरों म से 1,39,067 डाकघर
ामीण े ों म ह कुछ वष से डाक िवभाग (डीओपी) के िव ीय समावेशन ामीण बिकंग (आरबी)
िडिवजन को दे श के दू रदराज के ामीण े ों म रहने वाले लोगों को डाकघर की िव ीय और डाक
योजनाओं के दायरे म लाने का आदे श जारी िकया है तािक लोग इन सेवाओं का लाभ उठा सक

भारतीय पो पेमट् स बक
इं िडया पो पेमट् स बक (आईपीपीबी) भारत सरकार का बक है जो डाक िवभाग के अधीन आता है
िसतंबर, 2018 को पहले चरण म बक की 650 शाखाएं और 3,250 डाकघरों का इसके अिधगम थल के
तौर पर उद् घाटन िकया गया था पहले चरण म दस हजार से अिधक डािकयों को इसके साथ जोड़ा गया
इसका ल दे श के अिधगम थलों के इ ेमाल करने का है िजससे तीन लाख से ादा डाक सेवा
कमचारी ेक घर तक बिकंग सेवा दे सकगे
2015 म िडिजटल बिकंग और िव ीय समावेशन को ो ािहत करने और बेहतर बिकंग के उ े से
भारतीय रजव बक ने िवशेष बिकंग नीित की शु आत की इस बक का लाइसस इसी वष भारतीय डाक
िवभाग को िदया गया 2016 म इसे पेमट् स बक के तौर पर भारत सरकार की सावजिनक े ीय कंपनी के
तौर पर थािपत िकया गया 2017 म आईपीपीबी की रायपुर और रां ची की शाखाएं थािपत की गईं
बक म बचत खाते, नगद ह ां तरण और थड पाट के ज रए बीमा की सुिवधा है िबल और अ ज री
भुगतान भी इसके ज रए िकए जा सकते ह िव ीय समावेशन की ि से शु िकए गए इस बक को दे श
के दू र-दराज और ामीण े ों म हर घर तक बिकंग सेवा दान करने के िवचार से शु िकया गया है

डाक जीवन बीमा और ामीण डाक जीवन बीमा


डाक जीवन बीमा
डाक जीवन बीमा योजना (पीएलआई) का ारं भ 1 फरवरी, 1884 को डाक िवभाग के कमचा रयों के िलए
एक क ाणकारी योजना के तौर पर आ था और 1888 म इसके अंतगत टे िल ाफ िवभाग के कमचा रयों
को भी लाया गया था इसके अंतगत, क ीय और रा सरकारों के कमचारी, क ीय और रा सरकारों
के ित ान, िव िव ालय, सरकारी सहायता से चलने वाले शैि क सं थान, रा ीयकृत बक एवं थानीय
िनकाय आिद आते ह पीएलआई की बीमा सुिवधा के अंतगत र ा सेवाओं तथा अ - सुर ाबलों को भी
लाया गया है क /रा सरकारों के सरकारी/सावजिनक े /बकों म ूनतम 10 ितशत िह ा रखने
वाले अनुसूिचत कमिशयल बकों, े िडट को-ऑपरे िटव सोसायिटयों, संयु उ मों के कमचा रयों को भी
जीवन बीमा के दायरे म लाया गया है िव िव ालय अनुदान आयोग/ क ीय मा िमक िश ा बोड/अ खल
भारतीय तकनीकी िश ा प रषद/भारतीय मेिडकल काउं िसल के अंतगत आने वाले िव िव ालयों/शैि क
सं थान भी इसके अंतगत आते ह पीएलआई की सुिवधा अब डॉ रों, इं जीिनयरों, बंधन सलाहकारों,
चाटड अकाउं टट् स, आिकटे ् स, वकीलों, बकरों आिद को और एनएसई (नेशनल ॉक ए चज) और
बीएसई (बॉ े ॉक ए चज) म सूचीब कंपिनयों को भी उपल है
4,000 पये की उ बीमा सीमा से शु कर, इस योजना के अंतगत 50 लाख पये का अिधकतम बीमा
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िकया जाता है 31 माच, 2018 तक 63.69 लाख पॉिलिसयों के अंतगत 1,22,544.08 करोड़ पये का बीमा
िकया जा चुका है वष 2017-18 के िलए डाक जीवन बीमा शु 7,499.18 करोड़ पये रहा है एकल
बीमा पॉिलिसयों के अित र , पीएलआई, डाक िवभाग के ामीण डाक सेवकों के िलए सामूिहक बीमा
योजना भी चलाती है
ामीण डाक जीवन बीमा
ामीण डाक बीमा योजना (आरपीएलआई) की शु आत 24 माच, 1995 म बीमा े म सुधार के िलए
आिधका रक सिमित की िसफ़ा रशों के आधार पर की गई थी इस योजना का मु ेय ामीण जन और
िवशेषकर गां वों के कमजोर वग व मिहलाकिमयों को बीमा उपल कराना है और साथ ही ामीण आमजन
के बीच बीमा के ित जाग कता फैलाना भी है बीमा े के उदार बनने के साथ ही डाक जीवन बीमा
और ामीण डाक बीमा योजना को बाज़ार धा का सामना करना पड़ रहा है पीएलआई और
आरपीएलआई बीमा योजनाएं अ बीमा कंपिनयों की तुलना म कम लागत पर बीमा कवच उपल कराती
ह इसीिलए पा ाहकों म पीएलआई और आरपीएलआई ब त लोकि य ह और अ ा दशन कर रही
ह 31 माच, 2018 तक आरपीएलआई की 241.1 लाख पॉिलिसयां अ म आ चुकी ह िजनके ज रए
1,16, 17,428.14 करोड़ पये की रािश बीमाकृत हो चुकी है
डाक जीवन बीमा के 6 ान ह

1. संपूण जीवन सुर ा (सुर ा)


2. प रवतनीय संपूण जीवन सुर ा (सुिवधा)
3. एं डोमट सुर ा (संतोष)
4. अनुमािनत एं डोमट सुर ा (सुमंगल)
5. संयु बीमा सुर ा (युगल सुर ा)
6. बाल पॉिलसी (बाल जीवन बीमा)

ामीण जीवन बीमा के 6 ान ह:

1. संपूण जीवन सुर ा ( ाम सुर ा)


2. प रवतनीय संपूण जीवन सुर ा ( ाम सुिवधा)
3. एं डोमट सुर ा ( ाम संतोष)
4. अनुमािनत एं डोमट सुर ा ( ाम सुमंगल)
5. 10 वष य ामीण डाक जीवन बीमा ( ाम ि य)
6. बाल पॉिलसी (बाल जीवन बीमा)

नवीन एवं मू संव त सेवाएं


ीड पो
यिद बुिकंग के समय मोबाइल नंबर सही िदया गया हो तो डाक िवभाग सामान के आ प ं चने और िडिलवरी
के बाद ा कता को एसएमएस भी भेजता है ीड पो के सामान पर एड-ऑन सिवस के पम1
लाख पये की बीमा सुिवधा भी दी जाती है

ीड पो की शु आत अग 1986 म की गई इस सेवा के अंतगत 35 िकलो तक के वजन वाले


प ों या पासलों को दे शभर म कहीं भी तेजी से और िनि त समयाविध म भेजा जा सकता है यह डाक
िवभाग का अ णी उ ाद है और घरे लू ए ेस उ ोग म इसका थान अ णी है इस सेवा से महीने
म तीन करोड़ से अिधक प और पासल भेजे जाते ह ीड पो बुिकंग सुिवधा दे श के लगभग सभी
िवभागीय डाकघरों म उपल है और पूरे दे श म साम ी प ं चाई जाती है ीड पो से भेजी गई
साम ी के बारे म ऑनलाइन 13 िडिजट के ीड पो आिटकल नंबर के ज रए इं िडया पो की
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वेबसाइट (www.indiapost.gov.in) से पता िकया जा सकता है बुिकंग के समय िदए गए फोन नंबर
के आधार पर डाक िवभाग िडिलवरी के सामान के प ं चने पर और िडिलवरी के प ात ा कता को
िनःशु एसएमएस भी भेजता है ीड पो के ारा भेजे जाने वाले सामान पर . 1 लाख की
सहायक बीमा सेवा भी उपल है

डाकघर नेटवक का पासपोट सेवा क के प म लाभ उठाना


िवभाग की शु आत के साथ ही इसे पासपोट सेवा के साथ भी जोड़ा गया है ोंिक पासपोट ीड पो के
ज रए प ं चते ह पासपोट सेवा को ापक र पर और वृहद े के उसके अधीन लाने के िलए डाक
िवभाग और िवदे श मं ालय नाग रकों की सुिवधा के िलए डाकघर नेटवक को पासपोट सेवा क के तौर पर
लाभ उठाने के संबंध म राजी ए ह
ए ेस पासल और िबजनेस पासल
भारत म बढ़ते ए ई-कॉमस बाजार ने पासल खंड को गित दी है जहां बी2सी पासल म वृ हो रही ह इसी
तरह, सी2सी ेणी म भी आव कता पूरी करने की गुंजाइश है ए ेस पासल और िबजनेस पासल
सेवाएं सरकार ारा 2013 से शु की गई
ए ेस पासल खुदरा व थोक ाहकों के िलए िविश पासल सेवा है इसके ज रए पासलों की
समयब तथा सुरि त होम िडिलवरी की जाती है पारगमन म समय न लगे, इसिलए ज रत के अनुसार
तुरंत इन पासलों को हवाई जहाज के मा म से भेजा जाता है ए ेस पासल म ूनतम 0.5 िकलो ाम
वजन पर शु िलया जाता है , जबिक खुदरा ाहकों से अिधकतम 20 िकलो ाम पर और संिवदा ाहकों से
35 िकलो ाम पर शु िलया जाता है
िबजनेस पासल का ल कॉप रे ट ाहकों को िमत यी िवतरण सेवा उपल कराना है इस ेणी म
ूनतम शु 2 िकलो ाम पर िलया जाता है जबिक अिधकतम शु वजन 35 िक. ा. पर है इसकी सेवा
दे श म सभी थानों पर दी जाती है
कैश ऑन िडिलवरी
ऑनलाइन शॉिपंग के ित बढ़ते झान से भुगतान सेवाओं, ऑडर ोसेिसंग और उनकी पूित करने वाली
सेवाओं आिद को ापक अवसर िमले ह इन ावसाियक अवसरों को पूरा करने तथा साम ी िडिलवरी
के समय धनरािश लेने और भेजने वाले को उसे सौंपने के िलए तेज, सुरि त और िकफायती समाधान के
िलए 2013 को कैश ऑन िडिलवरी सेवा की शु आत की कैश ऑन िडिलवरी सेवा ए ेस पासल,
िबजनेस पासल और ीड पो के संिवदा ाहकों के िलए है
लॉिज पो
लॉिज पो की शु आत कॉरपोरे ट ाहकों को िवतरण से जुड़ी सेवाएं दी जाती ह और दे शभर म
िवशाल नेटवक के ज रए इस सेवा ने रत संचालन सेवाएं मुहैया करा कर िविश दजा हािसल िकया है
लॉिज पो के अंतगत डाक िवभाग िवतरण व था के तौर पर, फुल टक लोड (एफटीएल) सेवाएं ,
लेस दै न टक लोड (एलटीएल) सेवाएं ऑडर ोसेिसंग, वेयर हाउिसंग एवं पूित सेवा तथा रवस लॉिज
जैसी सेवाएं उपल कराता है लॉिज पो ारा भेजे गए माल के वजन की ऊपरी सीमा नहीं होती
जबिक ूनतम वजन सीमा 50 िक. ा. ह वायु सेवा ारा भेजे जाने वाले सामान म ूनतम 25 िक. ा.
वजन पर शु िलया जाता है
लॉिज पो एयर सेवा की शु आत 2013 म ई थी शु आत म इसके अंतगत िन 15 शहरों को
जोड़ा गया था अगरतला, िद ी, मुंबई, कोलकाता, नागपुर, बंगलु , है दराबाद, चे ई, पुणे, अहमदाबाद,
इ फाल, गुवाहाटी, पटना, लखनऊ, ित वनंतपुरम
िबजनेस पो
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िकसी प ािद को डाक म भेजने से पहले उसे फो करने, िलफाफे म डालने, िटकट िचपकाने, पता और
पे ं ग जैसी कई गितिविधयों से गुजरना पड़ता है बड़ी सं थाएं ऐसे ी-मेिलंग काय करने म परे शानी
महसूस कर रही थीं, िजसे दे खते ए डाक िवभाग ने 1996 म ‘िबजनेस पो ’ सेवा की शु आत की थी
इसके अंतगत, कॉरपोरे ट/सरकारी संगठनों सावजिनक े की इकाइयां और अ कॉरपोरे ट हाउसेज की
ी-मेिलंग ज रतों का ापक समाधान िकया जाता है अित र राज ा के अलावा, इस काय से
कॉरपोरे ट और िव ृत डाक उपभो ाओं की ज रतों का समाधान होता है दे श के बड़े डाक घरों के
िबजनेस पो क ों म िबजनेस पो सेवाएं मौजूद ह इसके अंतगत, होम/ऑिफस कले न, अंतवश,
सीिलंग, पता िलखना, िचपकाना, िवशेष बंधन आिद सेवाएं दी जाती ह
मीिडया पो
भारतीय डाक सेवा भारतीय कॉरपोरे ट जगत और अ सरकारी सं थानों को उपभो ाओं तक प ं चने के
िलए मीिडया पो की अनोखी सुिवधा उपल कराती है कोई भी अ मा म िव ार और प ं च म
भारतीय डाक के सार का मुकाबला नहीं कर सकता मीिडया पो डाकखाने, डाक े शनरी, डाक
प रसरों आिद जैसे िव ापन मा मों की भी सुिवधा उपल कराती है
डायरे पो
दे श म बढ़ती ावसाियक गितिविधयों के कारण ापा रक संगठनों के उ ादों एवं सेवाओं की डायरे
एडवरटाइिजंग की ज रत बढ़ रही है िब ी संदेश या िकसी उपभो ा अथवा िबजनेस माकट से
िति या ा करने के िलए तैयार कािशत साम ी डायरे मेल सेवा कहलाती है यह डायरे
एडवरटाइिजंग का सबसे सश मा म है िवकिसत दे शों म डायरे मेल डाक शासनों ारा संचािलत
िकया जाने वाला ब त बड़ा मा म होता है डायरे मेल िकसी िवशेष पते के िलए या पता रिहत भी हो
सकता
भारत म डायरे मेल डायरे पो का पता रिहत अंश होता है और इम प , काड, ॉशस,
ाविलयां , पे लेट्स, नमूने, सीडी/ ॉपी और कैसेट आिद जैसे चार साम ी हो सकती है इसके
अलावा कूपन, पो स, मेलस या भारतीय डाक घर अिधिनयम 1898 या भारतीय डाक घर िनयम 1933
ारा गैर- ितबंिधत कािशत साम ी भी हो सकती है
रटे ल पो
ाहकों को सुिवधा और वहन यो सेवाओं को उनके िनकट लाने के िलए डाक िवभाग को एक ही थान के
तौर पर िवकिसत िकया जा रहा है रटे ल पो का लाभ उठाने के िलए 1,55,000 डाकघरों के नेटवक को
िबजली िबल, टे िलफोन िबल, कर, फीस, राखी िलफाफों की िब ी, पता स ापन सेवा, िविभ शै िणक
सं थानों और रोजगार एजिसयों आिद सुिवधाओं के िलए तैयार िकया गया है
रे ल मं ालय के सहयोग से डाकघरों म सभी ेिणयों की रे ल िटकटों को सुिवधाजनक थलों पर मुहैया
कराया जा रहा है
डाक घरों के ज रए गंगाजल
भारतीय डाक व था ने गंगाजल की स ाई एवं िवतरण का भी बंध िकया है जो िक दे शभर के डाक घरों
म ऋिषकेश और गंगो ी से ा होता है यह शु आत 2016 से की गई थी गंगाजल मु डाकघरों और
ई-पो ऑिफस पोटल के ज रए उपल कराया जाता है दे शभर म ीड पो के ज रए भी गंगाजल घरों
तक उपल कराए जाने की तैयारी भी चल रही है
पो शॉप
अपने ाहकों को खरीदारी का आरामदे ह अनुभव दान करने के िलए डाक िवभाग ने ‘पो शॉप’ के
िस ां त को मूत प िदया है मह पूण डाकघरों म थत पो शॉप एक सुिवधा ोर के तौर पर है , जहां
आमतौर पर डाक िटकट, फ डे कवस, े , ए म और ‘माई े ’ कॉनर होते ह जहां लोग अपनी
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त ीर वाली ा ा कर सकते ह े शनरी उ ादों के अलावा इन दु कानों पर कवस/िलफाफे, सीडी


मेलस आिद भी िमलते ह पो शॉ म सां ृ ितक धरोहर और कारीगरों ारा थानीय र पर काम म
आने वाली पारं प रक व ुओं को भी रखा जाता है यहां आधुिनक शे और रै क पर आकषक तरीके से
व ुएं दिशत की जाती ह िजससे ाहकों को शॉिपंग का सुखद अहसास होता है
मौजूदा समय म दे श म अ ी पो शॉप कायरत ह और इ ाहकों की अिधकािधक प ं च के ज रए
ापक शंसा ा ई है
या ी आर ण व था
रे ल मं ालय और भारतीय डाक िवभाग के बीच कुछ डाक घरों म कं ूटरीकृत या ी आर ण व था
(पीआरएस) सुिवधा उपल कराने के बारे म समझौते पर ह ा र िकए गए ह सव थम यह सेवा 30
डाकघरों म शु ई थी अब इनकी सं ा 337 तक प ं च चुकी है भारतीय डाक के पीआरएस क वाले
डाक घरों की सूची एवं संपक ोरा वेबसाइट www.indipost.gov.in पर िदया गया है
2007 म इसकी शु आत के बाद से िवभाग ारा आरि त िटकटों पर िलए जाने वाले सेवा शु म भी
ादा वृ नहीं की गई है
सावभौिमक ण बांड योजना
िव मं ालय ारा 2015-16 म शु की गई और िव मं ालय तथा आरबीआई ारा चलाई जा रही
सावभौिमक ण बां ड योजना (एसजीबी) को भी िवभाग सि यता से संचािलत कर रहा है योजना का
ल सबसे िनचले र पर िनवेशकों तक प ं चना और जनता के बीच ‘पेपर गो ’ को लोकि य बनाना है
इले ॉिनक इं िडयन पो ल ऑडर
दे श से बाहर रहने वाले नाग रकों ारा ऑनलाइन आरटीआई फीस जमा कराने के िलए, इले ॉिनक
इं िडयन पो ल ऑडर (ई-आईपीओ) की शु आत की गई थी यह ाव कािमक एवं िश ण िवभाग
(डीओपीटी) ारा रखा गया था
धारक फीस ई-पो ऑिफस पोटल के ज रए जमा करा कर इं िडयन पो ल ऑडर खरीद सकते ह
वह वीजा या मा र डे िबट अथवा े िडट काड से यह फीस जमा करा सकते ह
इस सुिवधा की शु आत 2013 को केवल वासी भारतीयों के िलए की गई थी जो दु िनया भर म कहीं भी
आरटीआई अिधिनयम, 2005 के ज रए क ीय जन सूचना अिधका रयों (सीपीआईओ) से सूचना ा कर
सकते थे 2013 को िवदे शों म थत 176 भारतीय दू तावासों म भी इस योजना को समािहत िकया गया
2014 को भारतीय नाग रकों के िलए भी ईआईपीओ सुिवधा आरं भ कर दी गई िजससे उ आरटीआई
फीस ऑनलाइन भरने म सुिवधा हो
ई-डाकघर
ई-डाकघर डाक िवभाग का ई-कॉमस पोटल है जो इं टरनेट के ज रए चुिनंदा डाक सुिवधा दान करता है
पोटल का ल आमजन को उनके घरों/द रों से कं ूटर और इं टरनेट के ज रए चुिनंदा डाक सेवाएं
दान करने की सुिवधा दे ना है इसके ज रए ाहक डे िबट/ े िडट काड के मा म से िफलाटे िलक िटकटों
की खरीद और पीएलआई/आरपीएलआई के ीिमयम का भुगतान कर सकते ह ाहक को पहली बार इस
वेबसाइट पर खुद को रिज र करना होता है
ई-डाक
2004 को आरं भ की गई ई-डाक सेवा इले ॉिनक संदेशों को भेजने की सुिवधा दे ने वाली गैर-पंजीकृत
हाइि ड सेवा है िजसम टे मैसेज, ै न िकए गए िच तथा अ त ीर शािमल हो सकती ह हाड
कॉपी डाकघरों के मा म से िनयत थान पर प ं चाई जाती है मौजूदा समय म, ई-डाक सुिवधा 13,000
डाक घरों पर उपल है और उ 1.54 लाख से अिधक डाकघरों आिद के नेटवक के ज रए इं टरनेट की
मदद ाहक अपनी ावसाियक ज रतों के अनुसार संदेश को तैयार, िडजाइन और भेज सकते ह ी-
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पेड ाहकों के िलए ऑनलाइन रीचाज सुिवधा डे िबट/ े िडट काड के आधार पर उपल है
ई-भुगतान
वसायों एवं संगठनों को डाकघर के मा म से अपने िबल या भुगतान ा करने के प म काम करने
वाली सेवा है ई-भुगतान िकसी भी संगठन की ओर से इले ॉिनक िविध से भुगतान ा कर सकती है
इसके ज रए टे िलफोन िबल, िबजली िबल, परी ा फीस, कर, िव िव ालय फीस, ू ल फीस आिद ा
की जा सकती है
अंतररा ीय संबंध
भारत 1876 से यूिनवसल पो ल यूिनयन (यूपीयू) का सद है 192 दे शों के इस संगठन का ल िविभ
दे शों के बीच संबंधों को बढ़ाना, सुगम बनाना और सुधारना है यूपीयू के पो ल ऑपरे शंस काउं िसल
(पीओसी) के चुने गए सद के प म भारत कमेटी-1 (स ाई चेन इं िट ेशन) का सह-अ भी है
भारत सेवा िनिध गुणव ा, बोड ऑफ ट ीज ( ूएसएफ बीओटी) का िति त सद भी है जो
िवकासशील दे शों म डाक सेवाओं के िवकास के िलए काम करता है
भारत एिशयन-पैसेिफक पो ल यूिनयन (एपीपीयू) के 31 सद दे शों म से एक है एपीपीयू का ल
सद दे शों के बीच डाक संबंधों को बढ़ाना, सहयोग और उनम सुधार लाना साथ ही, एिशया- शां त े
म डाक सेवाओं म सहयोग करना है
मेल नेटवक ऑि माइजेशन ोजे
मेल नेटवक ऑि माइजेशन ोजे (एमएनओपी) को डाक तं को सुचा बनाने के ल से उसकी मूल
काय णाली को सुसंगत बनाने की ि से शु िकया गया है इस प रयोजना म ीड पो , अंतररा ीय
डाक, थम ेणी डाक और ि तीय ेणी डाक को समािहत िकया गया है
एमएनओपी को दे शभर म 23 डाक सकलों के ज रए अमल म लाया गया है एमएनओपी प रयोजना के
ज रए नाग रकों को ीड पो की िडिलवरी गुणव ा, ीड पो के ज रए बुिकंग से िडिलवरी तक की
डाक िवभाग की वेबसाइट पर सूचना जैसी सुिवधाओं का लाभ िमल सकेगा
सड़क प रवहन नेटवक िवभाग
पासलों के सुरि त एवं रत संचारण और िवशेषकर ई-कॉमस ारा ेिषत सामान को सुरि त प ं चाने के
िलए िवभाग ने समिपत माग प रवहन नेटवक का गठन िकया है इस पहल के अंतगत, अभी तक, दे श के
67 शहरों के 17 सकलों के 42 ट् स संचािलत िकए गए ह इसके अलावा, योजना के अंतगत 2 लंबे ट् स
भी िनधा रत िकए जा चुके ह
पो मैन मोबाइल एप (पीएमए)
डाक िवभाग के मैसूर थत सटर फॉर ए लस इन पो ल टे ोलॉजी (सीईपीटी) म पूणतया दे शी
तकनीक से िनिमत ‘पो मैन मोबाइल एप’ नामक एं डॉयड आधा रत ए केशन िवकिसत की है इसे
दे शभर म 15,000 ाटफोनों के ज रए लां च िकया गया मोबाइल एप की मदद से िडिलवरी ाफ ीड
पो , ए ेस पासल, िबजनेस पासल और सीओडी पासलों सिहत रिज ड पो की वा िवक समय की
िडिलवरी सूचना का िहसाब रखता है एप म ा कता/भेजने वाले के ह ा र लेने की भी सुिवधा है
वा िवक समय की िडिलवरी सूचना से पहले जैसी िकसी भी तरह की गलती होने की संभावना समा हो
जाती है और ाहकों को िडिलवरी से जुड़ा असाधारण अनुभव ा होता है डाक िवभाग अपने िडिलवरी
ाफ को 38,000 अित र ाटफो उपल कराने की िदशा म काम कर रहा है

िफलाटे ली
िफलाटे ली डाक िटकटों का सं ह करने, डाक िटकटों का इितहास और अ संब व ुओं के अ यन
की िच है यह िटकट सं ह के अित र मह पूण अवसरों को मनाने, मह पूण यों का रण
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करने तथा रा ीय िवरासत, सं ृ ित और घटनाओं को ो ािहत करने का तरीका है डाक िटकट सिच
ितिनिध होती ह यह दे श की सं भुता की अिभ म मह पूण भूिमका िनभाती ह
तं ता के उपरां त, डाक िटकटों के मा म से िव ान एवं तकनीकी म दे श की उपल यों को दशाया
जाता था साथ ही, पंचवष य योजना के मा म से सामािजक-आिथक िवकास, और इ ात संयं और बां ध
आिद के बारे म भी बताया जाता था बाद म, दे श की समृ सां ृ ितक एवं ाकृितक िवरासत को दशाया
गया और कई खूबसूरत डाक िटकटों म कला, थाप , कौशल, सामुि क धरोहर, िव ान, तकनीकी, र ा
एवं िसनेमा जैसे िवषय भी िदखे ारक डाक िटकटों के मा म से रा ीय व अंतररा ीय र के महान
नेताओं को भी स ान िदया गया, िजनम सबसे मुख नाम महा ा गां धी का है रा िपता को ारक एवं
थायी डाक िटकटों के मा म से स ान िदया गया िच कला, सािह , िव ान, संगीत, सामािजक उ ान
आिद े ों म योगदान दे ने वाली िवभूितयों को भी इस मा म से स ान िदया गया
‘डाक िच ’ और ‘सां ृ ितक राजदू त’ के उनके दोहरे च र को ान म रखते ए, डाक िटकटों की
थायी व ारक, दो ेिणयां ह थायी डाक िटकट ितिदन की डाक भेजने के िलए इ ेमाल की जाती ह
इनके िडजाइन अपे ाकृत सरल, िनमाण म कम ख़च ले और लंबे समय तक इनकी बड़ी मा ा म ि ंिटं ग की
जाती है वहीं दू सरी ओर, ारक डाक िटकटों को बेहतर कला क ि से िडजाइन और ि ंट िकया जाता
है इनका िनमाण सीिमत मा ा म होता है और इनको लेकर डाक िटकट के शौकीनों एवं सं हकताओं के
बीच गहरी िच िदखती है
डाक िवभाग की िफलेटेिलक गितिविधयां ह:

िफलेटेिलक ूरो और काउं टरों के मा म से िवशेष/ ारक डाक िटकटों की िडजाइिनंग, ि ंिटं ग,
िवतरण और िब ी
िनयत डाक िटकटों और डाक े शनरी तथा िलफाफे, अंतदशीय प , पो काड, एरो ाम, रिज ड
कवर की िडजाइिनंग, ि ंिटं ग और िवतरण
रा ीय र पर िफलेटेली को ो ाहन और िफलेटेिलक दशिनयों का आयोजन, अंतररा ीय और
िव दशिनयों म भागीदारी के साथ रा / े ीय और िजला र पर दशिनयों का आयोजन
रा ीय िफलेटेिलक सं हालय, डाक भवन का रख-रखाव

डाक िटकटों का लोकापण


अ ैल 2017 से माच 2018 के दौरान 50 िवषयों पर डाक िटकट जारी िकए गए इनम मुख ारक िच
ह- मेघालय की गुफाएं , संवेदनशील प ी, रामायण, महाभारत, भारतीय ंजन, घोंसले, बावड़ी, हाथ का
पंखा, सौरमंडल, भारत की पगिड़यां , च ारण स ा ह जयंती 40 दे शों म भारतीय दू तावासों के ज रए
रामायण की डाक िटकट जारी की गईं
माई ा
माई ा भारतीय डाक िटकटों का िनजी प है ाहक की त ीर और संगठन ारकों अथवा
कलाकृितयों की छोटी छिवयां , धरोहरनुमा इमारतों, िस पयटक थलों, ऐितहािसक शहरों, व जीवन,
अ पशुओं एवं पि यों आिद की छोटी त ीरों के मा म से उ िनजी काय हे तु उपयु बनाया जाता है
माई ा का िनजीकरण
िनजीकृत माई ा डाक िटकटों का िनजी ा प होती ह इन िनजी िवषयी िटकटों के साथ, ाहक
अपनी, अपने अिभभावकों, प रवार आिद की त ीरों वाली िटकट भी ि ंट करवा सकते ह िनजी ा म
कुछ थीम ताज महल, हवा महल, मैसूर महल, भारतीय सेना, गुलाब, सालिगरह, वै ों दे वी के होते ह
माई ा का अनुकूलन
अनुकूिलत माई ा म कारपोरे ट, संगठन और सं थान माई ा थीम की शीट् स इं िडया पो से ि ंट
करवा सकते ह इन िनजीकृत िवषयी डाक िटकटों के साथ ही, वह अपने लोगो, संगठन/सं थान की छिवयां
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भी ि ंट करा सकते ह
ई-डाकघर
ई-डाकघर भारतीय डाक िवभाग का ई-कॉमस पोटल है इसका आरं भ 2017 म वैि क र पर 192 दे शों
के ाहकों के िलए िकया गया था तािक वह ारक डाक िटकट, सहायक डाक साम ी आिद ऑनलाइन
खरीद सक
िश ण
भारत सरकार के 2012 की रा ीय िश ण नीित की सहमित के साथ डाक िवभाग ने 2012 म डाक
िश ण नीित की शु आत की थी डाक िश ण नीित का मु ल ‘सबके िलए िश ण’ है िश ण
काय म भत र ( ाथिमक िश ण) पर िदया जाता है और ाफ के सभी र/ ेिणयों के िलए समय-
समय पर तीन िमड-क रयर िश ण काय म भी लागू िकए जाते ह िवभाग ने अ ी तरह िश ण
अवसंरचना की थापना की है िवभाग की िश ण आव कताओं को िन िल खत िश ण सं थान पूरा
करते ह:

रफी अहमद िकदवई रा ीय डाक अकादमी (आरएकेएनपीए), गािजयाबाद शीष िश ण सं थान है


िजसे उ बंधन कैडर को िशि त करने के िलए डाक एवं संचार िवभाग से मा ता िमली ई है
इसम भारतीय डाक सेवा और भारतीय डाक के अ बंधन अिधका रयों को ाथिमक और सेवारत
िश ण िदया जाता है अकादमी िवदे शी डाक शासन और क सरकार तथा सावजिनक े के
ित ानों के िविभ िवभागों के बंधकों को भी समान िहत के े ों म िश ण दे ता है अकादमी
भारतीय डाक के अिधका रयों के िलए डीओपीटी ारा अिधसूिचत िमड-क रयर िश ण काय मों
के अंतगत ‘ए ी ूिटव डे वलपमट ो ाम’ (ईडीपी), ‘मैनेजमट डे वलपमट ो ाम’ (एमडीपी) और
‘एडवां ड डे वलपमट ो ाम’ (एडीपी) का भी िश ण दे ती है
डाक िश ण क (पीटीसी) दरभंगा, गुवाहाटी, मदु रै, मैसूर, सहारनपुर और वड़ोदरा म ह जहां
संचालन ाफ और िनरी ण कैडर को िशि त िकया जाता है इनके अलावा, अ िविश टे िनंग
काय म भी ह यह छह िश ण क , िवभाग के कायकारी ाफ की िश ण ज रतों के िलए,
कं ूटर लै , क ाओं एवं हो ल सुिवधाओं से संप ह

जन िशकायत
कं ूटरीकृत ाहक सेवा क (सीसीसी)
अपनी सेवाओं के संबंध म िवभाग के पास जन िशकायत सुनने की सुचा णाली है सेवाओं की गुणव ा
और जन िशकायतों पर तुरंत कारवाई सुिनि त करने के िलए िनगरानी ि या भी मौजूद है
जन िशकायतों पर तुरंत कारवाई और उनके सुचा संचालन के ल के आधार पर िवभाग ने ाहक
सेवा क ों को वेब आधा रत िशकायतों के संचालन की ि से अप ेड िकया है कं ूटराइ ाहक सेवा
क (सीसीसीसी) सॉ वेयर के बदले प को 2010 से काम म लाया जा रहा है इसके अलावा,
चािलत पावती उ ादन; अनसुलझी िशकायतों पर बेहतर कारवाई और शी िनपटान के िलए अगले
शासिनक र पर भेजना; िशकायतों का छोटी, बड़ी और गंभीर ेिणयों म आवंटन; जां च पूरी होने पर
िशकायतकता को चािलत उ र; िशकायतकता से फीडबैक उपल करना आिद जैसी सुिवधाओं को भी
जोड़ा गया है
मौजूदा समय म दे शभर म डाकघरों, छं टाई क ों, ीड पो क ों और मंडलीय/ े ीय/सकल
मु ालयों म जन िशकायतों के िनपटान के िलए 19201 सीसीसीसी थािपत िकए जा चुके ह जो इस संबंध
म ऑनलाइन सूचना का आदान- दान करते ह इस नेटवक म दे श के सभी मु डाकघरों को समािहत
िकया गया है इसका ल ाहकों की िशकायतों के अलावा, उनके िलए ज री सूचना और मदद को
रत और सुचा बनाना है
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सोशल मीिडया सेल


सोशल मीिडया सेल एक ाय इकाई है और िट् वटर तथा फेसबुक पर डाक िवभाग के अकाउं ट्स
संभालता है सोशल मीिडया से जुड़ी िशकायत समयब होती ह और 24 घंटे के भीतर इनका जवाब िदया
जाता है सोशल मीिडया सेल ितिदन सभी सकलों को भेजी गई िशकायतों पर नजर रखता है जुलाई
2018 तक िवभाग को िट् वटर सेवा पर 1,06,096 िशकायत ा ई और उनके िनपटान की दर 99.6
ितशत रही
भारतीय डाक सहायता क ‘1924’
सरकार ारा कामकाज म पारदिशता और िज ेदारी को बढ़ावा िदए जाने की शु आत को लेकर डाक
िवभाग ने ‘भारतीय डाक सहायता क ’ की शु आत की थी यह वाराणसी म 01/06/2018 को थािपत
इं टरे व वॉयस र ां स िस म (आईवीआरएस) से जुड़ी सेवा है जुलाई 2018 तक भारतीय डाक िवभाग
को इसके उपभोगकताओं और ािवक यो ाओं की ओर से कॉल सटर को पूछताछ से जुड़े 1,59,586
ा ए थे यह कॉल सटर आमजन की इस तरह मदद करता है : लोक िशकायतों म सुधार काय,
िविभ शु आतों, गितिविधयों, योजनाओं, काय मों एवं जारी प रयोजनाओं संबंिधत सूचना सार

सूचना ौ ोिगकी
इले ॉिन और सूचना ौ ोिगक मं ालय (एमईआईटीवाई) सूचना ौ ोिगकी, इले ॉिन , इं टरनेट
(आईएसपी लाइसिसंग को छोड़कर) तथा साइबर सुर ा संबंधी नीितगत िवषयों को दे खता है इसका
उ े नाग रकों को सश बनाने के िलए ई-गवनस, इले ॉिन , आईटी एवं आईटीईएस उ ोगों के
समावेशी और िटकाऊ िवकास को बढ़ावा दे ना, इं टरनेट गवनस म भारत की भूिमका को बढ़ाना,
ब आयामी ि कोण अपनाना िजसम मानव संसाधनों का िवकास, अनुसंधान एवं िवकास और नवाचार को
बढ़ावा दे ना, िडिजटल सेवाओं ारा द ता बढ़ाना और सुरि त साइबर ेस सुिनि त करना है
िडिजटल इं िडया काय म लां च करने के साथ इले ॉिन और सूचना ौ ोिगकी मं ालय की भूिमका
बढ़ गई है काय म का ल भारत को िडिजटल प से सश समाज और ान अथ व था म
प रवितत करना है काय म के तीन िवजन ह- ेक नाग रक के िलए उपयोिगता के प म िडिजटल
अवसंरचना मां ग आधार पर गवनस और सेवाएं तथा दे श म िडिजटल खाई को पाट कर नाग रकों को
िडिजटल प से सश बनाना यह प रवतनकारी काय म अवसंरचना, िविनमाण, कौशल तथा
िडिलवरी लेटफॉम की सम मता को बनाने के िलए तैयार िकया गया है जो काल म म आ िनभर ान
अथ व था बनाने म नेतृ करे गा ेक नाग रक की उपयोिगता के प म िडिजटल अवसंरचना म
नाग रक सेवा दान करने के िलए हाई ीड इं टरनेट की उपल ता, ेक नाग रक के िलए िडिजटल
पहचान, मोबाइल फोन और बक खातों से िडिजटल और िव ीय े म नाग रकों की भागीदारी, प क
ाउड के बीच िनजी थान बनाना और दे श म सुरि त और सु ढ़ साइबर ेस गिठत करना
मां ग आधार पर गवनस और सेवाओं म सभी िवभागों या े ािधकारों को एकीकृत सेवा दान करना,
ऑनलाइन तथा मोबाइल ेटफॉम पर वा िवक समय म सेवाओं की उपल ता, कारोबारी सहजता के
िलए िडिजटल प म प रवितत सेवाएं , िनणय संबंधी सहयोग णाली और िवकास के िलए जीआईएस का
लाभ उठाना शािमल है
नाग रकों को िडिजटल प से सश बनाने म वैि क िडिजटल सा रता उपल कराना, िडिजटल
ोतों तक आसान प ं च बनाना, सभी सरकारी द ावेज/ माण-प ाउड पर उपल कराना और
िडिजटल ोतों/सेवाओं को भारतीय भाषाओं म ाउड के मा म से सभी के अिधकार सुिनि त करना है
िडिजटल इं िडया काय म के अंतगत िवकास के नौ ंभों यथा ॉडबड हाइवे, मोबाइल कने िवटी से
सभी को जोड़ना, प क इं टरनेट ए ेस काय म, ई-गवनस, तकनीक के मा म से शासिनक सुधार,
ई- ां ित सेवाओं की इले ॉिनक िडिलवरी, सब के िलए सूचना की उपल ता, इले ॉिन िविनमाण,
सूचना ौ ोिगकी का नौक रयों और अ ी पैदावार के िलए कृिष काय मों म इ ेमाल को ो ािहत
िकया जा रहा है मं ालय ारा िडिजटल इं िडया काय म का सम य क ीय मं ालयों और रा ों के
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िवभागों के साथ िकया जाता है मं ालय दो मुख अिधिनयमों के दायरे म काय करता है सूचना
ौ ोिगकी अिधिनयम 2000 म इले ॉिन डाटा के आदान- दान ारा इले ॉिनक सूचना के अ
साधनों िज सामा तः ‘इले ॉिनक वािण ’ कहा जाता है और िजसम प - वहार और सूचना के
भंडारण के कागज आधा रत िवक ों का उपयोग शािमल है , िकए गए काय को िविधक मा ता दे ने तथा
सरकारी अिभकरणों को इले ॉिन प म फाइल करने का ावधान है इसके अंतगत, साइबर
अपीलीय ायािधकरण के गठन को भी िनदिशत िकया गया है इस अिधिनयम म सूचना ौ ोिगकी
अिधिनयम, 2008 के मा म से संशोधन िकया गया इस संशोधन म ‘िडिजटल द खत’ के थान पर
‘इले ॉिनक द खत’ श रखा गया है इस संशोधन के मा म से नए खंड़ जोड़ने के साथ-साथ िविभ
खंडों म बड़े प रवतन िकए गए
लि त लाभािथयों तक िविभ लाभों और स डी को प ं चाने के उ े से आधार ेटफॉम का लाभ
उठाने के सभी यास िकए गए ह आधार को वैधािनक श दान करने के िलए संसद म उिचत िवधेयक
ुत िकया गया है आधार (िव ीय और अ स िडयों, लाभों और सेवाओं की लि त आपूित) कानून,
2016 म स िड़यों, लाभों और सेवाओं की िडिलवरी म सुशासन, द ता, पारदिशता का ावधान है इस
पर आने वाला खच भारत की संिचत िनिध से िकया जाता है यह लाभ भारत म रहने वाले लोगों को आधार
सं ा दान कर िदया जाता है इस िवधेयक म आधार नामां कन सं ा, यूआईडीएआई की मौिलक
थापना आिद सभी े ों को समािहत िकया जाता है यूआईडीएआई अब वैधािनक इकाई है
िडिजटल पहचान
आधार 12 अंकों का बायोमीिटक और जनसां की आधा रत पहचान थािपत करता है जो अपने आप म
अनोखी, ऑनलाइन और ामािणक होती है 12 जुलाई, 2016 को अ म आए आधार िवधान के
अंतगत, यूआईडीएआई आधार नामां कन और माणीकरण के िलए िज ेदार होता है आधार अिधिनयम
2016 के अंतगत आधार संबंिधत काय के सभी चरण, योजना िवकास, यों को आधार िवतरण की
ि या एवं णाली तथा माणीकरण की दे खरे ख और लोगों की िनजी सूचना एवं माणीकरण रकॉड को
सुिनि त करना शािमल है अभी तक 116 करोड़ आधार काड बनाए जा चुके ह आधार व ुओं और
सेवाओं की उपल ता तथा िडिजटल लेनदे न और भुगतान म भी सहायक भूिमका िनभाता है इससे जुड़ी
कुछ बड़ी शु आते ह:
आधार स म भुगतानः
1. आधार पेमट ि ज (एपीबी): ऐसे िकसी भी के आधार नंबर के ज रए उसके बक खाते म भुगतान
भेजा जा सकता है , बशत िक उसका खाता आधार नंबर से जुड़ा हो एपीबी के ज रए भारत सरकार
लाभािथयों के खातों म लाभ एवं स डी सीधे भेज सकती है
2. आधार स म भुगतान णाली (एईपीएस): एईपीएस ऐसा मंच है िजसके ज रए माइ ो-एटीएम से
अपने खाते म बुिनयादी लेन-दे न कर सकता है , िजनम पैसा िनकालना, कैश जमा कराना, पैसे का
थानां तरण आिद शािमल ह बक का चुनाव थािनक िनवासी करता है ोंिक यह थािनक आधा रत लेन-
दे न होता है
3. आधार भुगतान: यह एईपीएस का ापा रक प है यह ए केशन स े एं डॉयड फोन पर, सरल
बायोमीिटक उपकरण से िनयंि त िकया जा सकता है इसके ारा ापारी ाहकों से कैशरिहत भुगतान
ा कर सकता है इसकी शु आत 2017 म की गई थी
4. पे टू आधारः भीम एप से जुड़ी यह सुिवधा यूपीआई ेटफॉम पर उपल है इसके ज रए ा कता के
आधार नंबर को िव ीय पते के प म पसन-टू -पसन (पी2पी) भुगतान िकया जा सकता है भुगतान करने
वाले और ा कता के आधार नंबर जुड़े होने चािहए 2017 को यह योजना शु की गई थी
आधार स म सेवाएं
(1) पीडीएस के तहत अनाज का लि त िवतरण: 18.05 करोड़ राशन काड धारकों को आधार माणीकरण
के बाद राशन ा होता है इससे इस बात की सुिनि तता रहती है िक कोई अ उनका राशन न ा
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करे और चोरी आिद जैसे मामलों म कमी आती है आधार व था से 2.33 करोड़ जाली राशन काड और
डीबीटी ि या पर रोक लगी है िजससे माच, 2017 तक 14,000 करोड़ पयों की बचत ई है
(2) पहल और उ ला योजनाएं : पहल योजना के अंतगत 15.12 करोड़ एलपीजी लाभािथयों को एलपीजी
स डी उनके बक खातों म ा होती ह उ ला योजना के अंतगत, गरीबी रे खा से नीचे की मिहलाओं
को 2.5 करोड़ कने न जारी िकए गए ह
(3) ई-केवाईसी से बक खाते खोलने की सुलभताः आधार ने इसे बक खाता खोलने के िलए एकल द ावेज
के तौर पर स म बनाया है
(4) आयकर जमा कराने के िलए ई-स ापन: आधार ारा ओटीपी माणीकरण के ज रए आयकर जमा
कराने, और आयकर अिधका रयों को भौितक तौर पर आईटीआर-5 भेजने के िलए आयकर दे ने वालों को
स िलयत दी गई है
ई-गवनस
शीष काय म के प म िडिजटल इं िडया की शु आत के साथ ई- ां ित, ई-गवनस णािलयों म ओपन
सोस सॉ वेयर अपनाने की नीित, ईमेल नीित, आईटी संसाधनों के उपयोग की नीित, सरकारी ए ीकेशनों
के सोस कोड को खोल कर सहकारी ए ीकेशन िवकास की नीित, ाउड रे डी ए ीकेशनों के िलए
ए ीकेशन िवकास और ई-गवनस स मता परे खा जैसी अनेक नीितगत पहल की गई है इस िदशा म
ई-िजले, समान सेवा क तथा रा ापी ए रया नेटवक (एसड ूएएन) जैसी मुख योजनाएं भी काम कर
रही ह
ओपन सोस सॉ वेयर अपनाने की नीित: यह नीित सरकारी संगठनों म ओपन सोस सॉ वेयर
(ओएसएस) को औपचा रक प से अपनाने तथा उपयोग को ो ाहन दे ती है सभी सरकारी संगठन, ई-
गवनस ए ीकेशंस तथा णाली को लागू करते समय नीित का प रपालन सुिनि त करना होता है और
रणनीितक िनयं ण, सुर ा, संपूण जीवन लागत तथा समथन आव कताओं के संदभ म ओएसएस तथा
ो सोस सॉ वेयर (सीएसएस) की तुलना करके िनणय लगे
सरकारी ए ीकेशनों के सोस कोड को खोल कर सहयोगी ए ीकेशन िवकासः इस नीित का उ े ई-
गवनस ए ीकेशन की गित को बढ़ाना तथा ओपन सोस कोड अपनाना, उ गुणव ा संप ई-ए ीकेशनों
को संयु यास से तेजी से ि या त करना है नवाचारी ई-ए ीकेशनों और सॉ ूशंस को संयु
यास के ज रए ो ाहन दे ना भी ल है
सूचना ौ ोिगकी संसाधनों के उपयोग: यह नीित उपयोगकता के ि कोण से सूचना ौ ोिगकी संसाधनों
के उपयोग को िनयंि त करती है इसका उ े सरकारी सूचना ौ ोिगकी संसाधनों तक उिचत प ं च
और उपयोग को सुिनि त करना और उसका दु पयोग रोकना है
भारत सरकार की इमेल नीित: यह नीित सरकार की ईमेल सेवाओं के उपयोग के संबंध म िदशा- िनदश
िनधा रत करती है यह नीित भारत सरकार की ईमेल सेवा का उपयोग करने वाले भारत सरकार के सभी
कमचा रयों/रा ों क शािसत दे शों के उन कमचा रयों पर लागू होती है जो भारत सरकार की ईमेल सेवा
का उपयोग करते ह इसका उ े भारत सरकार के ई-मेल सवर इ ेमाल करने वालों को इसके सुरि त
इ ेमाल और ए ेस को सुिनि त करना है
ओपन ए ीकेशन ो ािमंग इं टरफेसेज (एपीआई): यह ओपन एपीआई के संबंध म सरकार की शु आत
है िजसका उ े सभी ई-गवनस ए ीकेशनों तथा णािलयों के िलए सॉ वेयर के अंतरसंचालन को
ो ािहत करना तथा नाग रकों सिहत सभी िहतधारकों की भागीदारी को बढ़ावा दे ने के िलए डाटा सेवाओं
तक ए ेस दान करना है
ई-गवनस स मता परे खा (ई-जीसीएफ): टू लिकट म सरकारी कमचा रयों के िलए एं ड यूजर नॉलेज
ए रया का सेट होता है इस परे खा का उ े मता सृजन योजना को सु ढ़ बनाना है तािक ई-गवनस
के अंतगत िविभ काय भूिमकाओं के िलए आव क स मता आधा रत णाली के मा म से स मता को
िचि त और प रभािषत िकया जा सके
सेवाओं की गुणव ा म प रवतन करने तथा एकीकृत सेवाएं दान करने के िलए ‘ई- ां ित’ पहल का
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उ े ाउड और मोबाइल ेटफॉम जैसी उभरती ौ ोिगकी का उपयोग करना और सेवाओं को


एकीकृत करने पर ान कि त करना है इस काय म का िस ां त ‘प रवतन’ करना है , काय म प रणत
करना नहीं इसका उ े एकीकृत सेवाएं दान करना है , गत सेवाएं दे ना नहीं एक अ
मह पूण पहल ‘जीवन माण’ है िजसका उ े पशनधा रयों को आधार आधा रत िडिजटल जीवन
माणप दान करना है इसकी शु आत से अभी तक 88.72 लाख पशनधारकों ने इस पोटल पर
रिज र िकया है और 77.04 लाख िडिजटल माणप ों को सफलतापूवक ोसे ड िकया जा चुका ह
एक ‘िडिजटल लॉकर णाली’ की प रक ना एक ेटफॉम के प म की गई है िजससे नाग रक सेवा
दाताओं से अपना द ावेज साझा कर सकगे और सेवा दाता इले ॉिनक प से नाग रकों के द ावेजों
को ए ेस कर सकगे ‘ई-साइन’ की परे खा जारी कर दी गई है इससे नाग रक आधार काड का
उपयोग करते ए द ावेज पर िडिजटल ह ा र कर सकगे
रा ीय छा वृि पोटल िकसी भी छा वृि योजना के अंतगत िव ािथयों को छा वृि रािश दान करने
वाला क ीकृत मंच है इस णाली म िव ािथयों का पंजीकरण, ाथना प , मंजूरी एवं अदायगी काय
समािहत ह 1.21 करोड़ से अिधक आवेदन जारी िकए जा चुके ह 8 मं ालयों/िवभागों की 52 योजनाएं
पंजीकृत की गई ह
िविभ िवभागों की सरकारी सेवाओं को एकीकृत करने के िलए मोबाइल सेवा काय म लां च िकया गया
है ा , िश ा, कृिष, ऊजा, सामािजक क ाण तथा ई-गवनस पर सूचना दान करने के िलए 15 से
अिधक भाषाओं म ‘िवकासपीिडया’ पोटल लां च िकया गया है इसम और भाषाओं को जोड़ा जाएगा
Mygov.in एक अिभनव ेटफॉम है इसका उ े सरकार के िनणयों म जन भागीदारी सुिनि त
करना है तािक सुशासन का ल ा िकया जा सके यह नाग रकों और िव भर के शुभे ु ओं के िलए
मह पूण िवषयों पर भारत के धानमं ी के साथ अपने िवचार साझा करने का अवसर दान करता है
भारत सरकार और रा सरकारों ारा दी जाने वाली ई-सेवाओं के संबंध म लगातार फीडबैक के िलए
इले ॉिन एवं सूचना ौ ोिगकी मं ालय (एमईआईटीवाई) ने ‘रे िपड असेसमट िस म’ (आरएएस) की
शु आत की है इस णाली म फीडबैक ा के िलए िविभ चैनल ह और िव ेषणकता इस पर नजर
रखते ह यह िव ेषणकता थायी सुधार और बेहतर शासन के िलए संबंिधत िवभागों को सहयोग करते

ई-संपक डाटाबेस जन ितिनिधयों तथा सरकारी कमचा रयों को संदेश और ईमेल भेजने के िलए
िवकिसत िकया गया है इसे डाटाबेस म 1.90 लाख ईमेल एडे स और 82 करोड़ मोबाइल नंबर ह 563
अिभयानों के िलए मेलस/भेजी गई ईमे की सं ा 301 करोड़ से अिधक है
ई-ताल वेब पोटल, िमशन मोड प रयोजनाओं सिहत रा ीय एवं रा र की ई-गवनस योजनाओं के
संबंध म ई-लेनदे न आं कड़ों के सार का काम करता है यह वा िवक समय के आधार पर, समय-समय
पर, वेब आधा रत ए ीकेशनों ारा लेन-दे न के आं कड़ों को ा करता है ई-ताल िविभ ई-गवनस
प रयोजनाओं से जुड़े आं कड़ों को सारणीब एवं ािफकल पम ुत करता है , िजससे उनके लेन-
दे न से जुड़े िववरणों का शी पता चल सके
आधार सहायक बायोमीिटक अटडस णाली (एईबीएस): सरकार म द ता लाने के िलए इले ॉिन और
सूचना ौ ोिगकी मं ालय ारा आधार स म बायोमीिटक अटडस णाली लागू की गई है
ई-पेमट संरचनाः सभी भुगतान और ा यां इले ॉिनक मोड म होंगी ऑनलाइन भुगतान के िलए
सामूिहक मंच payonline.gov.in पोटल लां च िकया गया है
ई-अ तालः बा रोगी पंजीकरण (ओआरएफ) सरकारी अ तालों म ऑनलाइन ओपीडी अपॉइं टमट
सुिवधा के िलए है इसम रोगी दे खभाल, योगशाला सेवाएं तथा िचिक ा रकॉड बंधन को कवर िकया
गया है
ई-िजलेः यह ई- ां ित के अंतगत एक िमशन मोड प रयोजना (एमएमपी) होती है इस प रयोजना का नोडल
मं ालय इले ॉिन और सूचना ौ ोिगकी मं ालय है और इसे रा सरकारों तथा उनकी िनिद
एजिसयों ारा लागू िकया जाएगा िमशन मोड प रयोजना का उ े िजला और ऐसे उपिजला र पर, जो
िकसी अ िमशन मोड़ प रयोजना का िह ा नहीं ह, एमएमपी ई-अवसंरचना के चार ंभों का लाभ
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उठाकर उ अमल म लाती ह यह प रयोजना 634 िजलों म लां च की गई और 1012 ई-सेवाएं भी लां च की
गई ह
समान सेवा क ः इस योजना का उ े भारत के 6 लाख गां वों म आईसीटी स म ं ट एं ड सेवा आउटलेट
दान करना है ऐसे इं टरनेट स म क ों से नाग रकों, िनजी कौशल िवकास, िश ा, िडिजटल सा रता,
ा और िव ीय सेवाओं तक ए ेस की अनुमित होती है बिकग, बीमा तथा धानमं ी जन-धन योजना
के अंतगत पशन सेवाओं ने समान सेवा क ों (सीएससी) को जीवंत बना िदया है िडिजटल सा रता सार
के िलए िडिजटल सा रता अिभयान (डीआईएसएचए) से सीएससी के मा म से नाग रकों को सि य
भागीदारी स म बनाया गया है आधार नामां कन/अपडे ट को सीएससी के ज रए स म बनाया गया है दे श
म 3,00,774 सीएससी पंजीकृत िकए गए ह, िजनम अग 2017 तक 1,96,922 ाम पंचायत (जीपी) र
पर ह
रा ापी ए रया नेटवक (एसड ूएएन): एसड ूएएन को ई-गवनस काय म को समथन दे ने के िलए
मु अवसंरचना त के प म िचि त िकया गया है रा ीय गवनस ए न ान के अंतगत इसे
एनआईसीएनईटी/रा ापी ए रया नेटवक (एसड ूएएन) के ज रए ॉक र तक प ं चाने का ाव
है यह 34 रा ों/क शािसत दे शों के िवभागों म कायरत है और इसकी औसत बडिवड् थ उपयोग 60
ितशत ह एसड ूएएन को 28 रा ों/यूटीज म रा ीय ान संजाल (एनकेएन) के साथ जोड़ा गया है
मता िवकास योजना 2 (सीबी ीम 2): रा ीय ई-गवनस योजना, एमईआईटीवाई के अंतगत, भारत
सरकार ने मता िवकास योजना के ि तीय चरण को पा रत िकया है इसके अधीन, सरकारी तं म उिचत
यो गुणों की उपल ता को बनाए रखने के िलए समानता और तालमेल की ज रत पर बल िदया गया है
मता िवकास योजना के ि तीय चरण का मुख उ े क ीय मं ालयों और रा ीय/क शािसत लाइन
िवभागों म िविभ पहलों के िलए ई-गवनस को सश करना है यह पहल प रयोजना गुटों की यो ता के
िवकास की िदशा म की गई है तािक उनम प रयोजनाओं के िलए समझ, संक ना और उ पूरा करने की
सम मता िवकिसत हो सके
जीआई ाउड: ाउड संगणना के उपयोग और लाभ दे ने के िलए सरकार ने मह ाकां ी और
मह पूण काय म ‘जी ाउड’ ारं भ िकया है िजसे ‘मेघराज’ नाम िदया गया है इस काय म का
फोकस रणनीित िवकिसत करने तथा सरकार म ाउड के सार सुिनि त करने के िलए सरकारी
व था सिहत िविभ घटकों को लागू करने पर है ाउड नीित तैयार करना एक ाथिमक कदम ह जो
सरकार ारा ाउड को बड़े पैमाने पर अपनाने म सहायक होगा
रा ीय िजयो-इ ॉरमेिट सटर (एनसीओजी): यह क सरकारी मं ालयों/िवभागों को जीआईएस
आधा रत सेवाएं दान करता है एनसीओजी वतमान म िविभ संगठनों के िलए जीआईएस आधा रत
िनणय समथ णाली तैयार करने का काम कर रहा है ाम र, मुख सड़कों, निदयों, रे ल तक
शासिनक सीमाओं के िलए पूरे दे श म 1:10,000 के े ल पर बेस मैप लेयस पूरे कर िलए गए ह
जीआईएस आधा रत िडिसजन सपोट िस म (डीएसएस) ेटफॉम िवकिसत िकए गए ह अभी तक,
िविभ डोमे तक 21 ए ीकेशन काय कर रहे ह
िडिजटल लेनदे न को ो ाहन
िडिजटल भुगतान तं िडिजटल इं िडया ो ाम का नैसिगक िव ार है और इसम िव ीय लेनदे न को
औपचा रक बनाकर अथ व था को बदलने की पूरी मता है िडिजटल भुगतान के ज रए कम कीमत
पर सेवाएं , ापक मापक मता का वहन और छोटे तथा लघु उ ोगों को औपचा रक िव ीय सेवाओं तथा
ई-वािण के लाभ मुहैया कराए जा सकते ह 2016 म नाग रकों के िलए इले ॉिनक भुगतान के िविभ
पों के ित जाग कता फैलाने के िलए ‘िडिजशाला’ नामक एक नये शैि क चैनल की शु आत की
गई थी डीडी ी िडश के साथ, िडिजशाला अब चैनल नंबर 2032 िडश टीवी (जी ुप) पर भी उपल है
डीडी ी िडश पर िडिजशाला शैि क एवं गैर- ावसाियक टीवी चैनल के तौर पर उपल है
2016 म ही wwwCashlessindia.gov.in नामक नई वेबसाइट की शु आत की गई थी बतौर ान
सं ाहक, इसका ल िविभ तरह की िडिजटल भुगतान िविधयों, योजनाओं के ित नाग रकों के बीच
जाग कता फैलाना है
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2016 म, शु आत के साढ़े चार महीने के दौरान ही भीम एप के डाउनलोड़ का आं कड़ा 2 करोड़ से


अिधक प ं च गया था और इसके ज रए 3,000 करोड़ पये का लेनदे न भी संप आ ापा रयों की ओर
से भीम एप को बढ़ावा दे ने के िलए, 2017 को ‘भीम आधार’ की शु आत की गई िडिजटल भुगतान एवं
लेनदे न को बढ़ावा दे ने के िलए ‘िडिजधन िमशन’ नामक ल िनधा रत िकया गया है
सावभौिमक इले ॉिनक सुगमता की रा ीय (2013) को िद ां ग यों की बाधाओं को दू र करने के
साथ-साथ उ दै िनक जीवन म इले ॉिन एवं आईसीटी म तं प भाग लेने के िलए शु िकया
गया था यह नीित िद ां गता के आधार पर भेदभाव ख कर सकती है और उ रोजमरा के जीवन म
अपने दम पर शािमल होने म सहायक सािबत हो सकती है 25 िदसंबर, 2013 को मं ालय ने सावभौिमक
इले ॉिनक सुगमता से जुड़ी रा ीय योजना का आरं भ िकया था यह नीित िद ां ता के आधार पर होने
वाले भेदभाव समा कर इले ॉिन तथा आईसीटी तक समान सुगमता की ज रत पर जोर दे ती है
नीित िद ां ग लोगों की िविवधताओं को मा ता दे ते ए उनकी िवशेष आव कताओं को पूरा करती है
साइबर सुर ा
दे श के ामीण और शहरी े ों म लाखों लोग साइबर ेस म उपल सेवाओं और सूचनाओं पर िनभर
करते ह सरकार, वसाय और रा ीय अवसंरचना अिधकािधक तौर पर साइबर ेस पर िनभर हो रही
है इले ॉिनक सूचना की गुणव ा और सं ा वृ के साथ ही जहां िबजनेस मॉडलों म भी सुधार आ है ,
वहीं आपरािधक एवं िवरोधी प ों ने भी अपनी गितिविधयों को छु पकर अंजाम दे ने के िलए साइबर ेस को
एक लाभकारी तरीके के तौर पर अपनाया है अतः रा ीय कायसूची म साइबर ेस की सुर ा का
मह पूण थान है
इसके मह को समझते ए 2013 म रा ीय साइबर सुर ा नीित लाई गई इसका उ े साइबर ेस
म सूचना तथा सूचना अवसंरचना को संरि त कर के, साइबर खतरों को रोकने के िलए मता सृजन और
सं थागत अवसंरचनाओं, जनता, ि याओं, ौ ोिगकी तथा सहयोग के मा म से अ साइबर घटनाओं
से ई ित को कम करके नाग रकों, वसाय तथा सरकार के िलए सुरि त और लचीला साइबर ेस
बनाना है
नेशनल साइबर कोऑिडनेशन सटर (एनसीसीसी): की थापना साइबर हमलों के िलए तैयारी और
पूवानुमान लगाने के ित जाग कता फैलाने के उ े से की जा रही है एनसीसीसी दे शभर म सभी ोतों
से साइबर हमलों से जुड़ी सूचना एक कर के उनका आकलन और उनके ित जाग कता फैलाने का
काम करे गा, िजसकी मदद से सही समय पर संकट सूचना और िनयतकालीन रपोट ा हो सक इस
शु आत से लोगों की िवशेष ता के इ ेमाल, मािणक मानदं डों के उपयोग और ोतों की सहभािगता से
दे श म साइबर ेस को मजबूती और साइबर सुर ा की दशा सुधारने म सहायता िमलेगी
साइबर ता क ; इं िडयन कं ूटर एमजसी र ां स टीम (सीईआरटी-इन) ने साइबर ता क
(बॉटनेट ीिनंग और मालवेयर एनािलिसस सटर) का आरं भ िकया है यह क बकों और आम
इ ेमालकताओं के प म खतरनाक कं ूटर काय मों का पता लगाने और उसके िलए ी टू मुहैया
कराता है

वैधािनक संगठन
माणन ािधकार िनयं क
िडिजटल ह ा र माणप (डीएससी) माणन ािधकार िनयं क (सीए) ारा जारी िकए जाते ह िजसे
अिधिनयम माणन ािधकार िनयं क (सीसीए) ारा अिधकार ा होता है सीसीए िवभाग लाइससशुदा
माणन ािधकरों (सीए) को ई-साइन सेवा का अिधकार दे ता है िजसके िलए कानूनी ढां चा और िदशािनदश
पहले से ही मौजूद ह अभी तक आठ म से तीन लाइससशुदा सीए को ही ई-साइन सेवा का अिधकार िदया
गया है इन ई-साइन सेवा दाताओं (ईएसपी) को यूआईडीएआई से ईकेवाईसी की बुिनयाद पर
आधारधारकों के ही िडिजटल ह ा र का काय ही आगे बढ़ाने का अिधकार है वेबसाइट:
www.cca.gov.in
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साइबर अपीली अिधकरण


आईटी अिधिनयम, 2000 की धारा 48(1) के अंतगत ावधानों के अनुसार 2006 म साइबर िनयामक अपील
अिधकरण (सीएटी) की थापना की गई आईटी अिधिनयम के अनुसार माणन ािधकार िनयं क या
कानून के तहत िकसी ाियक अिधकारी के आदे श से यिद कोई आहत है तो वह साइबर अपीली
अिधकरण के सम अपील कर सकता है
इले ॉिन ौ ोिगकी के िलए सटर फॉर मेटी रय ( सी-मेट)
इले ॉिन ौ ोिगकी के िलए सटर फॉर मेटी रय (सी-मेट) की थापना मु प से इले ॉिन के
िलए पदाथ के े म ावहा रक ौ ोिगकी के िवकास के िलए इले ॉिन िवभाग (अब इले ॉिन
और सूचना ौ ोिगकी मं ालय) के अंतगत 1990 म की गई थी सी-मेट अपनी पुणे, है दराबाद और ि सूर
थत योगशालाओं के मा म से काय कर रहा है इन तीन योगशालाओं के पास इले ॉिनक
मैटी रय से जुड़े िवशेषािधकार ह, िजसके अंतगत यह भारतीय उ ोगों के िलए योगशाला र से संयं
दशन तक तैयार नई तकनीकों को लेकर आ सकते ह
एजुकेशन एं ड रसच नेटवक
एजुकेशन एं ड रसच नेटवक (ईआरएनईटी) भारत सरकार के इले ॉिन और सूचना ौ ोिगकी
मं ालय की ाय वै ािनक सोसायटी है इसने दे श म नेटविकग के िवकास म मह पूण योगदान िदया
है ईआरएनईटी कने िवटी दान करने के अित र आईटी परामश, प रयोजना बंधन तथा
िश ण के ज रए अकादिमक और अनुसंधान सं थानों की आव कताओं को पूरा कर रही है
नेशनल ई-गवनस िडिवजन
दे श म ई-गवनस की बढ़ती मां ग को पूरा करने के िलए िनजी और सरकारी े ों के िवशेष ों को िमलाकर
ई-गवनस िडिवजन की थापना की गई एनईजीडी ो ाम बंधन तथा िडिजटल इं िडया काय म के
िविभ प ों को पूरा करने म तकनीकी तौर पर मुख भूिमका िनभा रहा है
रा ीय सूचना िव ान क
वष 1976 म थािपत एनआईसी िनचले र तक ई-गवनमट/ई-गवनस ए ीकेशन बनाने वाले वृहद संगठन
और सतत िवकास के िलए िडिजटल अवसर ो ाहक के प म उभरा है एनआईसी ने अपने आईसीटी
नेटवक ‘एनआईसीएनईटी’ के मा म से सभी मं ालयों/क सरकार के िवभागों, 36 रा सरकारों/
क शािसत दे शों और लगभग 650 से अिधक भारत के िजला शासन के साथ सं थापक संपक थािपत
कर िदया है एनआईसी क म सरकारी मं ालयों/िवभागों, रा , िजला तथा ॉक तक ई- गवनमट/ई-
गवनमट ए ीकेशनों के संचालन म ये सहायक रहा है , सरकारी सेवाओं को सुधारने म सहायता दे र रहा है ,
ापक पारदिशता ला रहा है और िवकि त बंधन और िनयोजन को ो ाहन दे रहा है वेबसाइट:
www.nic.in
मानकीकरण, परी ण तथा गुणव ा माणन (एसटी ूसी) िनदे शालय
मानकीकरण, परी ण तथा गुणव ा माणन (एसटी ूसी) िनदे शालय भारत सरकार के इले ॉिन और
सूचना ौ ोिगकी मं ालय से संब कायालय है जो दे शभर म योगशालाओं एवं क ों के आधार पर
इले ॉिन एवं सूचना ौ ोिगकी (आईटी) े म गुणव ा माणन सेवाएं दान करता है इनके अंतगत,
सरकारी व िनजी सं थाओं को परी ण, कैिलबरे शन, िश ण तथा माणन सेवाएं दान की जाती ह
नेशनल इं टरनेट ए चज
एनआईए आई कंपनी अिधिनयम 1956 की धारा 25 (अब कंपनी अिधिनयम 2013 की धारा 8 के
अंतगत) के तहत थािपत गैरलाभकारी संगठन है जो इं टरनेट सेवा दाताओं को आपस म जोड़ता है और
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दे श के अंदर घरे लू टै िफक का माग तय करता ह इले ॉिन और सूचना ौ ोिगकी मं ालय के िव
पोशण से एनआईए आई िन िल खत गितिविधयां चला रहा है - 1. इं टरनेट ए चज, 2. आईएन रिज ीय
तथा अंतररा ीय डोमेन नेम (आईडीएन), और 3. नेशनल इं टरनेट रिज ी (एनआईआर)
रा ीय इले ॉिन और सूचना ौ ोिगकी सं थान
रा ीय इले ॉिन और सूचना ौ ोिगकी सं थान (एनआईईएलआईटी) इले ॉिन तथा सूचना
ौ ोिगकी मं ालय की वै ािनक सोसायटी है यह आईटी, इले ॉिन , संचार ौ ोिगकी, हाडवेयर,
साइबर कानून, साइबर सुर ा, आईपीआर, जीआईएस, ाउड कं ूिटं ग, ईएसडीएम, ई-कचरा,
आईओटी, ई-गवनस तथा संबंिधत इकाइयों के े म मता सृजन और कौशल िवकास का काय सि य
प से कर रहा है एनआईईएलआईटी औपचा रक और अनेक रा ों म कमचा रयों और जनता के िलए
आईटी सा रता काय म ारं भ करने के िलए अिधमा एजसी है
सॉ वेयर टे ोलॉजी पा
सॉ वेयर टे ोलॉजी पा ऑफ इं िडया (एसटीपीआई) की थापना 1991 म इले ॉिन और सूचना
ौ ोिगकी मं ालय के अंतगत सोसायटी के प म की गई इसका मु उ े दे श से सॉ वेयर िनयात
को ो ािहत करना है यह सॉ वेयर िनयातकों के िलए एकल खड़की सुिवधा क का काम करता है
एसटीपीआई ारा सॉ वेयर िनयातक समुदाय को दी जाने वाली सेवाएं वैधािनक, डाटा क ुिनकेशन,
संर ण सुिवधाएं , मू वृ और प रयोजना बंधन सलाह सेवाएं होती ह एसटीपीआई सॉ वेयर
टे ोलॉजी पाक (एसटीपीआई) तथा इले ॉिन हाडवेयर टे ोलॉजी पाक (ईएचटीपी) योजना को लागू
करने के िलए उ रदायी है
मीिडया लैब एिशया
इले ॉिन और सूचना ौ ोिगकी मं ालय ारा ो ािहत मीिडया लैब एिशया गैर-लाभकारी कंपनी है
इस कंपनी का उ े जनसाधारण तक ईसीटी का लाभ प ं चाना है इसकी गितिविधयों म ए ीकेशन े
यथा ा सेवा, िश ा, जीिवका तथा िद ां गों के सश करण के िलए आईसीटी को शािमल करना है
रा ीय सूचना िव ान क सेवा इं क
रा ीय सूचना िव ान क सेवा इं क (एनआईसीएसआई) की थापना 1995 म रा ीय सूचना क
(एनआईसी) की िव ृत शाखा के तौर पर क और रा सरकारों के िवभागों और संगठनों को संपूण
आईसीटी सॉ ूशंस कराने के िलए की गई थी इसके ारा ेिषत सेवाओं म हाडवेयर, सॉ वेयर,
कंस ं ग, तकनीकी सहयोग, िडजाइन और िवकास, संचालन और बंधन, गुणव ा परख और संपूण
आईसीटी सॉ ूशंस एवं सेवाएं शािमल ह

दू रसंचार
ान की तेजी से बढ़ती दु िनया म दू रसंचार सामािजक-आिथक िवकास के िलए आव क अवसंरचना बन
गया है दे श के सभी िह ों म दू रसंचान सेवाओं की प ं च नए प रवतनकारी और ौ ोिगकी संप समाज
के िवकास का अिभ िह ा है अ यनों के आधार पर आ है िक दे श के सकल घरे लू उ ाद की
िवकास दर पर इं टरनेट तथा मोबाइल सेवाओं के बीच सकारा क संबंध है सरकार ारा उठाए गए
उपायों के प रणाम प भारतीय दू रसंचार े तेजी से आगे बढ़ा है और चीन के बाद िव का दू सरा
सबसे बड़ा नेटवक बन गया है

दू रसंचार िवभाग
दू रसंचार िवभाग तेज़ समावेशी सामािजक-आिथक िवकास के िलए सुरि त, िव सनीय, िकफायती तथा
उ गुणव ा संप कनव दू रसंचार सेवाएं , कहीं भी, कभी भी दे ने के िलए संक ब है िवभाग पूरे
दे श म सुरि त िकफायती दर पर, िव सनीय तथा सुरि त वॉयस तथा डाटा सेवाएं दान कर जनिहत के
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ल ों को ा करने की िदशा म काम कर रहा है


िपछले कुछ वष से दे श म दू रसंचार ने अभूतपूव िव ार िकया है उपभो ाओं की मां ग के अलावा,
भारत सरकार की मु और सुधारवादी नीितयों के चलते भी इस े म तेजी िवकास दे खा गया है सरकार
ने सेवा दाताओं के बीच खुली ित धा, और एवं सि य िनयामक ढां चा सुिनि त िकया है िजसके
आधार पर दू रसंचार सेवाएं उपभो ाओं तक कम कीमत पर प ं च सकी ह साथ ही, सरकार ने टे िलकॉम
उपकरण िनमाण को बढ़ावा दे ने के िलए भी अनुकूल यास िकए ह े म िवकि त िवदे शी िनवेश
के कारण भी एफडीआई म वृ ई है मौजूदा दौर म भारत दू रसंचार का दू सरा सबसे बड़ा बाजार है
और यहां इस े के 1.18 िबिलयन ाहक ह भारत की मोबाइल अथ व था तेजी से बढ़ रही है और
मौजूदा दौर म समूचे टे िलफोन उपभो ाओं का 98 ितशत इससे संब है 2020 तक मोबाइल उ ोग
का कुल आिथक ढां चा 14 खरब (217.37 िबिलयन डॉलस) पये तक प ं चने की उ ीद है
वेबसाइट: www.dot.gov.in
टे ली घन
टे ली घन से ता य ित 100 यों के बीच टे िलफोन की सं ा से होता है यह दे श म टे िलफोन की
प ं च के मह पूण सूचक के तौर पर होता है नवंबर 2017 के अंत तक भारत म टे ली घन 91.64
ितशत था ामीण े ों म टे ली घन 56.58 ितशत और शहरी े ों म यह आं कड़ा 167.50 ितशत
रहा सेवा े ों म टे ली घन आं कड़े िहमाचल दे श (153.96 ितशत), तिमलनाडु (124.38 ितशत),
पंजाब (123.62 ितशत), केरल (118.58 ितशत) और गुजरात (110.00 ितशत) रहे यह आं कड़े िबहार
(60.13 ितशत), असम (6841 ितशत), म दे श (69.47 ितशत), उ र दे श (69.66 ितशत),
पि म बंगाल (72.90 ितशत) और ओिडशा (79.58 ितशत) अपे ाकृत कम रहे महानगरों म िद ी म
टे ली घन सबसे अिधक 259.14 ितशत रहा, िजसके बाद कोलकाता (184.56 ितशत) और मुंबई
(169.97 ितशत) रहा
इं टरनेट और ॉडबड प ं च
माच 2017 के अंत तक दे श म इं टरनेट उपभो ाओं ( ॉडबड और नैरोबड को िमलाकर) की सं ा
422.18 िमिलयन रहीं जो िक िसतंबर 2017 तक बढ़कर 429.23 िमिलयन तक जा प ं ची थी िसतंबर 2017
के अंत तक वायरलेस फोन आिद के मा म से इं टरनेट उपभो ाओं की सं ा 407.88 िमिलयन थी इसी
अरसे के दौरान वायरलाइन इं टरनेट उपभो ाओं की सं ा 21.35 िमिलयन थी वहीं नवंबर 2017 के अंत
तक ॉडबड उपभो ाओं की सं ा 350.70 िमिलयन थी माच से िसतंबर 2017 तक इं टरनेट
उपभो ाओं की सं ा म ई कुल वृ 7.05 िमिलयन थी
अनुसंधान एवं िवकास
ाय िनकाय सी-डॉट दू रसंचार िवभाग का अंग है यह संगठन लागत भावी, दे श म िवकिसत
अ ाधुिनक दू रसंचार समाधान दान करने के िलए संक ब है सी-डॉट उप ह संचार, आईएन,
एटीएम, डीड ूडीएम, एनएमएस, वायरलेस ॉडबड, जीपीओएन, एनजीएन तथा मोबाइल से ुलर
णािलयों जैसे े ों म दू रसंचार ौ ोिगकी का रा ीय अनुसंधान और िवकास क बन गया है
डीओटी के अधीन सावजिनक े के िन सं थानों के शासिनक अिधकार आते ह 1. भारत संचार
िनगम िलिमटे ड (बीएसएनएल); 2. महानगर टे िलफोन िनगम िलिमटे ड (एमटीएनएल); 3. आईटीआई
िलिमटे ड; 4. टे िलक ुिनकेशंस कंस ट् स इं िडया िलिमटे ड (टीसीआईएल); 5. भारत ॉडबड नेटवक
िलिमटे ड (बीबीएनएल); 6. हे िम यर ॉपट ज इं िडया िलिमटे ड (एचपीआईएल)
भारत संचार िनगम िलिमटे ड
भारत संचार िनगम िलिमटे ड (बीएसएनएल) की थापना अ ू बर 2000 म ई थी और यह पूरी तरह भारत
सरकार के अधीन आती है यह दे शभर म, िद ी और मुंबई के अित र दू रसंचार सेवाएं उपल कराती
है बीएसएनएल लडलाइन, ड ूएलएल और जीएसएम मोबाइल, ॉडबड, इं टरनेट, ली सिकट् स और
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लंबी दू री की टे िलकॉम सेवाओं जैसी सभी दू रसंचार सेवाएं उपल कराती है ामीण टे िलफोनी पर इसका
िवशेष फोकस है इसके अलावा, पूव र े ों, जनजातीय इलाकों तथा वामपंथी उ वाद झेल रहे े ों म
दू रसंचार सुिवधाओं के िवकास पर इसका िवशेष फोकस है
वेबसाइट: www.bsnl.co.in
महानगर टे िलफोन िनगम िलिमटे ड
1986 म थािपत एमटीएनएल नवर सावजिनक ित ान है और यह दे श के मुख महानगरों, िद ी व
मुंबई म सेवा दान करती है इन दो महानगरों म एमटीएनएल िनधा रत लाइन की दू रसंचार सेवा दाता
कंपनी है एमटीएनएल िद ी के साथ नोएडा, गुड़गां व, फरीदाबाद तथा गािजयाबाद और मुंबई के साथ-
साथ मुंबई महापािलका, नवी मुंबई िनगम और ठाणे पािलका िनगम के अंतगत आने वाले े ों म जीएसएम
मोबाइल सेवा दान करती है एमटीएनएल अपने ॉडबड नेटवक पर वायस, हाई ीड इं टरनेट तथा
आईपीटीवी की िटपल पे सेवा दान करती है
वेबसाइट: www.mtnl.net.in
इं िडयन टे िलफोन इं ड ीज
इं िडयन टे िलफोन इं ड ीज (आईटीआई) िलिमटे ड की थापना 1948 म तब के दू रसंचार सेवा दाता
दू रसंचार िवभाग को उपकरणों की स ाई करने के िलए की गई थी आईटीआई ने अपना संचालन 1948
म बंगलु म शु िकया बाद म इसका िव ार आ और ज ू-क ीर म ीनगर, उ र दे श के नैनी,
रायबरे ली और मनकापुर तथा केरल म पल ड म इसकी उ ादन इकाइयां थािपत ईं सभी उ ादन
इकाइयां आईएसओ 9001-2000 मानक ा ह िविभ थानों पर इन इकाइयों की थापना का उ े न
केवल िनमाण मता को सु ढ़ बनाना है ब सामािजक अवसंरचना का िवकास करना भी है
वेबसाइट: www.itiltd-india.com
टे लीक ुिनकेशंस कंस ट् स इं िडया िलिमटे ड
टे लीक ुिनकेशंस कंल ट् स इं िडया िलिमटे ड (टीसीआईएल) की थापना 1978 म की गई थी इसका
मुख उ े दू रसंचार और सूचना ौ ोिगकी के सभी े ों म िव रीय ौ ोिगकी दान करना है तािक
उिचत िवपणन नीित तैयार कर, िनरं तर आधुिनक टे ोलॉजी ा करके और अपनी अ णी भूिमका को
बनाए रखते ए िवदे शी तथा घरे लू बाजारों म प रचालन की े ता बनाई रखी जा सके इसने साइबर पाक ,
इं टेिलजट िब ं ग, साइबर और ाट िसटी तथा ॉडबड म ीमीिडया कंजरवट सेवा पर फोकस कर के,
आईटी और आईटी स म सेवाओं म वेश कर अपनी िविवधता कायम की है टीसीआईएल बाहरी दे शों म
भी दू रसंचार और आईटी अवसंरचना िवकिसत कर रही ह
वेबसाइट: www.tcil-india.com
भारत ॉडबड नेटवक िलिमटे ड
भारत ॉडबड नेटवक िलिमटे ड (बीबीएनएल) नामक ेशल पपज वेिहकल (एसपीवी) को भारतीय कंपनी
कानून 1956 के अंतगत 2012 को शािमल िकया गया तािक लगभग 2.50 लाख ाम पंचायतों (जीपीज़) म
भारतनेट योजना लागू की जा सके
वेबसाइट: www.bbrd.nic.in
हे िम यर ॉपट ज इं िडया िलिमटे ड (एचपीआईएल)
हे िम यर ॉपट ज इं िडया िलिमटे ड (एचपीआईएल) डीओटी के अंतगत आने वाली सावजिनक े की
इकाई है िवदे श संचार िनगम िलिमटे ड (अब टाटा क ुिनकेशंस िलिमटे ड) की 25 ितशत िब ी के
दौरान चार े शनों की 1230.13 एकड़ भूिम म से 773.13 एकड़ अित र भूिम की सीमा तय कर दी गई
थीं और यह िनणय िलया गया िक अित र भूिम इस िविनवेश का िह ा नहीं होगी और इसकी दे खभाल
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के अ रय ी कंपनी करे गी
नेशनल डाटा शेय रं ग एं ड ए ेिसिबिलटी काय म
इस नीित का उ े , िविभ संबिधत नीितयों के अंतगत, एक नेटवक से पठनीय और मशीन स म पठनीय
प म सरकार का साझा करने लायक डाटा ए ेस करना है इस संबंध म, प क डाटा एवं सूचना तक
वृहद प ं च के िलए भारत सरकार की िविभ धाराएं एवं िनयम अनुमित दान करते ह
ई-ऑिफसः
ई-ऑिफस के मु उ े ह: 1. सरकारी िति या म स मता, िनरं तरता और भाव बढ़ाना, 2. प रवतन
समय म कमी लाना तथा नाग रक चाटर मां गों की पूित करना, 3. शासन गुणव ा को बढ़ाने के िलए
कारगर संसाधन बंधन उपल कराना, 4. ोसेिसंग िवलंब म कमी लाना, 5. पारदिशता और दािय
थािपत करना, और 6. िस म से सरकारी कायालयों म फाइलों की आवाजाही चािलत होना आिद
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9 र ा

श की सुर ा, ाकृितक और मानव िनिमत आपदाओं के दौरान मानवीय मदद एवं आपदा बंधन,
दे सश सेनाओं के आधुिनकीकरण और ‘मेक इन इं िडया’ पहल के अंतगत र ा उपकरणों का उ ादन
र ा मं ालय के मुख ल ह
ज ू और क ीर म सुर ा थित के सम अनेक चुनौितयों के बावजूद थितयां काबू म रखी गई ह
सीमा रे खा और अंद नी इलाकों म सुर ा बलों ारा लगातार जारी अिभयानों के आधार पर भारत के
खलाफ चलाए जा रहे परो यु को उकसाने वाले उ े ों पर रोक लगी है सीएपीएफ और जेकेपी के
साथ िमलकर सेना ने क ीर घाटी म हालात को सामा रखने के िलए दबाव बनाया आ है भारत-
ां मार सीमां त े ों म शां ित बनाए रखने और आतंिकयों पर नकेल कसने के िलए गोपनीय सूचना
आधा रत अिभयानों की शु आत की गई है भारतीय सेना थानीय लोगों की मदद से मै ीपूण अिभयान
चला रही है
‘अल नगह’ का दू सरा सं रण: िहमाचल दे श के बकलोह े म भारतीय और ओमान सेनाओं के संयु
सै अ ास का आयोजन आ दोनों सेनाओं ने अंतररा ीय प र म आतंकी गुटों से मुकाबला करने
के संबंध म मह पूण सूचना का आदान- दान िकया
सूय िकरण XI: इस संयु अिभयान म भारतीय सेना की इ टी बटािलयन और नेपाली सेना की दु गा
बहश बटािलयन ने िह ा िलया नेपाल और भारत के बीच इस ारव बटािलयन र के अ ास का ल
पहाड़ी े ों म घुसपैठ अिभयानों का मुकाबला करने के िलए सै बलों को िश ण दे ना है इस अिभयान
म औपचा रक तौर पर मानवीय सहयोग और आपदा बंधन (एचएडीआर) मु ों को भी जोड़ा गया और
अिभयान के मा म से दोनों दे शों के बीच र ा सहयोग और सै संबंधों को बढ़ावा िमलेगा
नोमेिडक एिलफट: बारहवां भारत- मंगोिलयाई संयु सै अ ास वायर ते म आयोिजत िकया गया सै
अ ास म मंगोिलयन सेना की अ णी ेशल टा फोस बटािलयन ने तथा भारतीय सेना की ज ू और
क ीर राइफ सै दल ने िह ा िलया अ ास का ल संयु रा अिधकार े म आतंकवाद
िवरोधी अिभयानों के िलए सेना को िशि त करना था
यु अ ास-2017: अमे रका म भारत-अमे रका का संयु सै अ ास आयोिजत िकया गया अ ास
का थीम संयु रा के अिधकार प के अधीन शां ित थापना अिभयानों, े ीय सुर ा, आतंकवाद िवरोधी
अिभयानों म आपसी सहयोग और सै संबंधों म िवकास करना है भारत- ीलंका के पां चव संयु सै
अ ास ‘िम -श 2017’ का आयोजन पुणे म िकया गया यह अ ास अध-शहरी े ों म आतंकवाद
िवरोधी अिभयानों पर फोकस िकया गया था
भारत और स के बीच पहले ि -सेवा सै अ ास ‘इं ’ का आयोजन स म िकया गया वायर ते म
भारत-बां ादे श के सै अ ास ‘स ृित’ का आयोजन िकया गया इसका मुख ल ज ू और क ीर
तथा पूव र की तरह अ े ों म आतंकवादी और घुसपैठी त ों के खलाफ अिभयानों का अ ास करना
था
भारत-यूनाइटे ड िकंगडम संयु सै अ ासः भारत-यूके सै अ ास ‘अजेय वा रयर’ का आयोजन
राज थान म िकया गया इस िश ण के दौरान भारतीय तथा ि िटश सेना की एक-एक कंपिनयों ने
िशरकत की सै अिभयान का ल दोनों दे शों के बीच िव ोही और आतंकी गुटों का मुकाबला करने के
िलए अनुभव साझा करना और ि प ीय संबंधों को सश करना था
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भारतीय सेना ारा पहली बार िवदे शी मिहला सै अिधका रयों को िश ण िदया गया चे ई म
आयोिजत इस िश ण अिभयान म अफगान सेना और एयरफोस की मिहला अिधका रयों को बुिनयादी
सै िश ण के अंतगत शारी रक िश ण, हिथयार चलाना, रणनीित, क ुिनकेशन और
लीडरिशप म िश ण िकया गया

र ा मं ालय
र ा मं ालय का मु काय र ा और सुर ा संबंधी सभी मामलों म नीित िनदे श बनाना और उ
काया त करने के िलए सेना मु ालयों, अंतर सेवा संगठनों, उ ादन थापनाओं और अनुसंधान तथा
िवकास संगठनों को भेजना है मं ालय को यह भी सुिनि त करना होता है िक सरकार के नीित िनदशों को
भावी प से काया त िकया जाए और अनुमोिदत काय मों का िन ादन आवंिटत संसाधनों के अंतगत
िकया जाए इस िवभागों के मुख काय इस कार ह: र ा िवभाग, एकीकृत र ा ाफ, तीनों सेनाओं और
िविभ अंतर सेवा संगठनों से संबंिधत काय करना यह िवभाग र ा बजट, थापना मामलों, र ा नीित,
संसदीय मामलों, अ दे शों के साथ र ा सहयोग और र ा संबंधी सभी कायकलापों के िलए भी उ रदायी
है ; र ा उ ादन िवभाग र ा उ ादन काय , आयात िकए जाने वाले सामान, उप रों और कलपुज के
दे सीकरण, आयुध िनमाणी बोड और र ा े के सावजिनक उप मों की िवभागीय उ ादन इकाइयों के
बारे म योजना तैयार करने तथा उन पर िनयं ण रखने से संबंिधत काय करता है ; र ा अनुसंधान तथा
िवकास िवभाग सै उप रों और संभारतं से संबंिधत वै ािनक पहलुओं पर सरकार को सलाह दे ता है
और तीनों सेनाओं ारा अपेि त साजो-सामान के अनुसंधान, िडजाइन और िवकास काय के िलए योजनाएं
तैयार करता है ; और भूतपूव सैिनक क ाण िवभाग भूतपूव सैिनकों के पुनवास, क ाण तथा पशन संबंधी
सभी मामलों को दे खता है
वेबसाइट: www.mod.gov.in, www.mod.gov.in/dod, www.ddpmod.mod.gov.in, www.drdo.gov.in,
www.desw.gov.in

सेना
वैि क और े ीय भू-राजनीितक एवं भू-साम रक मु े भारत के सुर ा प रवेश को भािवत करते ह और
उसे श दे ते ह भारतीय सेना दे श की सुर ा व था म मुख भूिमका िनभाती है भारत की सुर ा के
िलए बाहरी ख़तरा मु प से दो पड़ोसी दे शों के साथ े और सीमा को लेकर िववाद के कारण पैदा
होता है भारतीय सेना दे श की े ीय अखंडता को सुरि त रखने के िलए रा ीय सीमाओं के कठोर इलाकों
और मौसम का सामना करते ए हर समय ितब रहती है छ यु और उप व के प म झड़प होती
रहती ह भारतीय सेना अ सुर ा एजिसयों के साथ िमलकर आं त रक सुर ा की चुनौितयों से सुर ा
एजिसयों के साथ िमलकर हमेशा आगे रहती है इसके अलावा भारतीय सेना सीएपीएफ और दे श पुिलस
बलों को िश ण दे ने म भी अपने कौशल का उपयोग कर रही है और न ल उ वाद से लड़ने म उ
स म बना रही है
अ खल भारतीय र पर, खासकर दू रदराज और सीमा से लगे इलाकों म सेना की तैनाती के िलए
ज री प रवहन, साजो-सामान और िचिक ा सुिवधाओं से थानीय लोगों को मानवीय आधार पर सहायता
िमलती है और ाकृितक िवपदा के समय सेना राहत प ं चाने का काम करती है भारतीय सेना रे त के टीलों,
िम ी और जल के संर ण म भी अपना योगदान दे ती है इतना ही नहीं, भारतीय सेना की िश ण टीम
िव के 10 दे शों म उनकी सेनाओं को िश ण दे ने और सेनाएं तैयार करने म मह पूण भूिमका िनभाती
आ रही ह
थलसेना का आधुिनकीकरण पां च उप- व थाओं यानी घातक श , बचे रहने की यो ता,
गितशीलता, थित के ित जाग कता और िटके रहने की मता के आधार पर िकया जा रहा है लंबी दू री
तक आ ेय मारक मता बढ़ाने के िलए सेना की आिटलेरी (तोपखाने) म कई तरह की तोपों को शािमल
िकया जा रहा है आिटलेरी की मता को बढ़ाकर ल भेदी बनाया जा रहा है और उसे िवकिसत करने के
िलए मुख तकनीकों का उपयोग िकया जा रहा है आम एिवएशन (सेना उ यन) टोह लेने, िनगरानी
करने, तोपों की गोलाबारी की िदशा बताने, सैिनक बलों को सहयोग दे ने और हताहतों को यु े से
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िनकालने के मामले म चतुथ आयामी यु सहयोग मुहैया कराता है भारतीय सेना नई तकनीिकयों और नए
आिव ारों के ज रए अपने उपकरणों और मानव संसाधन को अ ाधुिनक बनाकर अपनी मता बढ़ाने के
िलए ितब है भारतीय सेना इस समय संयु रा के अिभयानों म सबसे बड़ी सेना भेजने वालों म से
एक है
वेबसाइट: www.indianarmy.nic.in

नौसेना
नौसेना का उ े वैध योजन के िलए रा की सीमा म आने वाले समु के इ ेमाल को सुरि त बनाना है ,
साथ ही दू सरों ारा उसके समु के श ुतापूण इ ेमाल के िव र ा करना है नौसेना का काय े ब त
िव ृत है िजसम एक तरफ श ु से घनघोर यु करना तो दू सरी तरफ मानवीय सहायता करना और
ाकृितक िवपदा के समय राहत प ं चाने का काय करना शािमल है उसके इस िव ृत काय े को िवशेष
ज रतों के अनुसार अलग-अलग भूिमकाओं म बां टा जा सकता है अपनी िविभ भूिमकाओं का िनवाह
करते ए भारतीय नौसेना दे श की समु ी सं भुता और समु ी गितिविधयों के ापक इ ेमाल के मुख
गारं टर और र क के तौर पर काय करती है भारतीय नौसेना की मु भूिमकाएं ह- सै , कूटनीितक,
िसपािहयों के द े और सौ तापूण वहार
वेबसाइट: www.indiannavy.nic.in

मुख काय भारतीय नौसेना का मु सै उ े दे श के िव िकसी भी


सै दु ाहस, िजसम भारत के मामलों
और रा ीय िहतों के िव िव ंसकारी रणनीितयां शािमल ह, को रोकना है और हमला होने की थित म
दु न को धूल चटाना है नौसेना ारा ितरोध के उपायों और तरीकों म दु न को रोकनाऔर उसे दं िडत
करना दोनों ही उपायों से परं परागत ितरोध शािमल है इसके िलए वह सुद्ढ़ सैिनक मता रखती है और
संभािवत दु न को यह एहसास िदलाती है िक भारत के रा ीय िहतों के िव उसने िकसी तरह का
दु ाहस िकया तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है भारत म एक लंबा समु तट और ढे रों
ीप ह, एक िवशाल समु ी इलाका, समु तटीय े म ऊजा की अवसंरचनाएं और अ मह पूण
संपि यां ह, इसके अलावा बड़ी जनसं ा है , िजसका एक बड़ा िह ा समु तटीय इलाकों म रहता है
चूंिक समु म कोई भौितक अवरोध नहीं होते ह, इसिलए इन े ों और संपि यों की सुर ा समु के रा े
होने वाले खतरों के ित ब त संवेदनशील या नाजुक होती है इसिलए भारतीय नौसेना की सै भूिमका म
अपनी सुर ा को मजबूत बनाना उसका मु उ े होता है भारतीय नौसेना को समु ी सुर ा की पूरी
िज ेदारी िनभाने वाली एजसी की भूिमका दी गई है िजसम तटीय सुर ा और तट से दू र समु ी े की
सुर ा शािमल है हालां िक पारं प रक समु ी सुर ा के खतरे का सामना करना भारतीय नौसेना का मु
उ े बना रहे गा, लेिकन हाल के वष म गैर-पारं प रक खतरों की वृ को दे खते ए समु ी सुर ा म नए
िसरे से िवकास को अिनवाय बना िदया है पारं प रक चुनौितयों की रे खाएं धुंधली होने के साथ गैर-पारं प रक
खतरों म, घटनाओं और उसके र के मामले म तेजी से वृ ई है इन गैर-पारं प रक खतरों को
पारं प रक ित ानों से सहयोग, समथन और ायोजन िमलता है भारत एक समु ी रा है और इसकी
अथ व था ापार के िलए मह पूण प से समु पर िनभर है मा ा के प से 90 ितशत और मू
की ि से 77 ितशत ापार समु के रा े होता है आिथक वृ के िलए समु ी ापार पर भारत की
िनभरता समु ी ापा रयों और समु ी ापार की सुर ा को अिनवाय बना दे ती है
िपछले कुछ वष म उ री आइओआर और मल ा के जलडम म से लेकर अदन की खाड़ी के
आस-पास के इलाकों म भारत के साम रक और सुर ा िहत ब त बढ़ गए ह एक िज ेदार रा और स
समु ी पड़ोसी के तौर पर आईओआर म अंतररा ीय कानूनों का वतन, मानवीय सहायता और ाकृितक
िवपदा के समय राहत काय करना हमारी अंतररा ीय ितब ता म सबसे आगे बना रहे गा अंत म े ीय
सुर ा और थािय से संबंिधत सम ाओं से िनपटने म भारतीय नौसेना के सेवाओं की ज रत लगातार
बढ़ती जा रही है अपनी मता, साम रक थित और आईओआर म मौजूदगी के कारण भारतीय नौसेना
े म शां ित और थािय के िलए मु आधार बनी ई है आईओआर म समु ी सुर ा की जिटल थित
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को दे खते ए भारतीय नौसेना को हर समय मु ैद और त र रहना होता है बड़ी सं ा म प रचालन


तैनाितयों के अलावा भारतीय नौसेना िम दे शों की नौसेनाओं के साथ ब त से यु ा ास करती है इसके
अलावा भारतीय नौसेना साझा िहतों के े म पड़ोसी दे शों के सहयोग से ग भी लगाती रहती है इन
यु ा ासों और ग लगाने से ि प ीय संबंधों को मजबूत करने, पेशेवर संबंध बनाने और अंतर-उपयोगी
मु ों को कारगर म मदद िमली है
अपनी आरसी ‘िसपािहयों ारा की जाने वाली ग ी’ भूिमका के अंग के तौर पर भारतीय नौसेना अवैध
िशकार व त री को रोकने, तटीय े की िनगरानी करने और समु ी डकैती को रोकने का काम करती
है

वायुसेना
आइएएफ ने हमेशा से ही दे शी र ा उ ादन यो ता और मता के िवकास को बढ़ावा िदया है दे शी
प से िनिमत ेटफाम तैयार करने और आ िनभरता को बढ़ावा दे ने की इसकी कोिशश के चलते
आइएएफ की िविभ णािलयों मह पूण गित ई है िडफस ो ोरमट ोसीज़र 2016 म, मेक एं ड
बाइ (इं िडयन इं डीजेनसली िडज़ाइं ड एं ड डे वल ड मै ुफै र (आइडीडीएम) ेिणयों को सबसे अिधक
ाथिमकता दी गई है एलसीए एमके-1ए, लाइट क ैट हे िलकॉ र (एलसीएच), एड ूएसीएस (भारत)
और हाइ ी सी रे िडयो सेट जैसे कुछ उदाहरण ह जो आइडीडीएम ट के ज रए तैयार िकए जा रहे ह
वेबसाइट; www.indianairforce.nic.in
मेक इन इं िडया
आईएएफ का एक मुख ल र ा उपकरणों के दे शी िनमाण को सहयोग करना है तािक र ा
उपकरणों को आयात करने पर िनभरता कम हो लाइट कॉ ैट एयर ा , आकाश िमसाइल, एडवां स
लाइट हे िलकॉपटस (एएलएच) पहले ही भारतीय सश सेनाओं का िह ा बन चुके ह िजससे दे शी
िनमाण को ो ाहन िमला है इसके अलावा, भिव म भारतीय वायुसेना अिधक मतावान एलसीए
एमके-1ए को भी शािमल करना चाहती है भारतीय वायुसेना र ा िवभाग को एलसीएच, आरपीए, म म
ेणी के रे डार, लो लेवल टे िकंग रे डार और अ िस म भी पूरा सहयोग दे रही है भारतीय वायु सेना
डीआरडीओ के साथ िमलकर कई तरह के अ ाधुिनक हिथयारों के िवकास पर भी काम कर रही है
िनमाण उ ोग और पा र थितक तं की ि से भी आधुिनकीकरण योजना को मजबूत िकया जा रहा है
भारतीय वायु सेना ने कई र ा उपकरणों की िसरीज की पहचान की है िज ‘मेक ेणी के अंतगत िनमाण
के िलए रखा गया है र ा मं ालय र ा उपकरणों के िनमाण म िनजी े को शािमल करना चाहता है
‘साम रक साझीदार’ मॉडल के अंतगत ‘मेक इन इं िडया’ को ो ाहन िमलेगा इससे न केवल रोजगार
उपल होंगे, कौशल र म सुधार होगा ब दे श म एयरो ेस े म आव क तकनीकी के िवकास म
भी सहायता िमलेगी
िडिजटल इं िडया पहल
भारतीय वायु सेना ने समूची वायु सेना के िलए 3जी ड ूसीडीएमए मोबाइल नेटवक एएफसीईएल की
शु आत की है यह नेटवक वॉयस कॉल और डाटा सेवाओं के साथ पूरी तरह सि य है वायु सेना के अ
इन-हाउस िवकास काय म कुछ ए रहे ह, जो ह; इं ट मैसेिजंग (एएफबीएचएटी); आईएएफ
डायरे री सच एप, कॉ स शो र एप, कॉलर आईडी एप, एयर फोस सटल अकाउं ट्स ऑिफस
(एएफसीएओ) एप और वेबसाइट, मेडवॉच एप
मिहला सश ीकरण
वायु सेना के लड़ाकू पायलट वग म 2016 म पहली बार कमीशंड अिधकारी के तौर पर शािमल होकर
अवनी चतुवदी, भावना कां त और मोहना िसंह ने इितहास कायम िकया सफलतापूवक िश ण पूरा होने
पर तीनों मिहला पायलटों, को, जो अब ाइं ग ऑिफसस के तौर पर कायरत ह, िमग-21 िबसोन एं ड हॉक
यूिनटों म वॉडन पायलट् स के तौर पर तैनात िकया गया लड़ाकू द ों के िलए मिहलाओं के दू सरे बैच
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का चयन भी िकया जा चुका है मौजूदा दौर म, वह हकीमपेत वायु सेना े शन म लड़ाकू पायलट िश ण
के दू सरे चरण को पूरा कर रही ह और सफलतापूवक िश ण पूरा करने के बाद उ लड़ाकू पायलट
द े म शािमल िकया जाएगा

कमीशन ा रक
तीनों सेनाओं म कमीशन ा रक इस कार ह- ेक रक को दू सरी सेना म उसके समान रक के सामने
िदखाया गया है

भारतीय तटर क
भारतीय तटर क की थापना िन िल खत कत ों के उ े के साथ 1977 म की गई थी (क) कृि म
ीपों की सुर ा एवं बचाव, समु म टिमनल और अिध ापन; (ख) मछु आरों की सुर ा िजसम समु म
संकट के समय उनकी सहायता करना शािमल है ; (ग) समु ी पयावरण की र ा करना और समु ी दू षण
को िनयंि त करना और रोकना; (घ) त री रोकने के अिभयानों म क म और अ िवभागों की सहायता
करना; (ङ) समु म जीवन व संपि की सुर ा और वै ािनक डे टा का सं ह करना; समु ी े म िविभ
कानूनों के ावधानों को लागू करना
वेबसाइट: www.indiancoastguard.gov.in

भत
सश सेनाएं सेवा, बिलदान, दे शभ और हमारे दे श की िमली-जुली सं ृ ित का तीक ह सश
सेनाओं म भत ै क है और भारत का ेक नाग रक चाहे वह िकसी भी जाित, वग, धम और सं दाय
का हो, सश सेनाओं म भत के यो है बशत िक वह िनधा रत शारी रक, िचिक ा और शैि क मानदं डों
पर खरा उतरता हो
सश बलों म कमीशन ा अफसरों की भत मु तः संघ लोक सेवा आयोग के मा म से की जाती
है जो इसके िलए िन िल खत दो अ खल भारतीय ितयोिगता परी ाएं आयोिजत करता है
(क) रा ीय र ा अकादमी (एनडीए) और नौसेना अकादमी (एनए): संघ लोक सेवा आयोग रा ीय र ा
अकादमी और नौसेना अकादमी म वेश के िलए वष म दो बार वेश परी ा का आयोजन करता है
उ ीदवार 10+2 परी ा पास करने पर या 12वीं क ा म पढ़ते ए ितयोिगता म बैठने के पा ह संघ
लोक सेवा आयोग की िल खत परी ा उ ीण करने के प ात सफल उ ीदवारों को सै चयन बोड
(एसएसबी) ारा आयोिजत पां च िदवसीय सा ा ार के िलए बुलाया जाता है िचिक ीय प से थ
पाए जाने एवं एनडीए की मे रट सूची म आने वाले सफल उ ीदवार आवेदन के समय िदए गए िवक के
अनुसार रा ीय र ा अकादमी अथवा नौसेना अकादमी म वेश पाते ह िश ण पा म सफलतापूवक
पूरा करने पर उ कमीशन-पूव िश ण के िलए संबंिधत सेना अकादिमयों म भेजा जाता है
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(ख) संयु र ा सेवा परी ा (सीडीएसई): संयु र ा सेवा परी ा का आयोजन संघ लोक सेवा आयोग
ारा वष म दो बार िकया जाता है िव िव ालयों के ातक अथवा ातक के अंितम वष म वाले छा इस
परी ा म बैठने के पा ह िल खत परी ा म उ ीण होने वाले उ ीदवारों को एसएसबी सा ा ार एवं
िचिक ा जां च के िलए उप थत होना होता है मे रट सूची म आने वाले उ ीदवारों को थायी कमीशन के
िलए भारतीय सै अकादमी/वायुसेना अकादमी/नौसेना अकादमी म 18 महीने का बुिनयादी सै िश ण
एवं अ कािलक सेवा कमीशन अफसर (एसएससीओ) बनने के िलए अफसर िश ण अकादमी (ओटीए)
म 11 महीने का सै िश ण लेना होता है एसएससीओ 10 वष की अविध तक सेवा कर सकता है िजसे
14 वष तक बढ़ाया जा सकता है हालां िक वे 10 वष की सेवा पूरी होने पर थायी कमीशन के िलए अथवा
पां च वष की सेवा पूरी होने पर सेवा छोड़ने का िवक ले सकते ह, िजस पर एकीकृत मु ालय, र ा
मं ालय (सेना) ारा अलग-अलग मामले के आधार पर िवचार िकया जाता है
सेना म भत
संघ लोक सेवा आयोग के ज रए वेश के अलावा नीचे बताए तरीकों से भी सेना म कमीशन ा अफसरों
की भत की जाती है
(क) िव िव ालय वेश योजनाः अिधसूिचत इं जीिनय रं ग शाखाओं के अंितम वष से पूव के िव ाथ
िव िव ालय वेश योजना के तहत सेना के तकनीकी सेनां गों म कमीशन ा अफसर के प म थायी
कमीशन के िलए आवेदन कर सकते ह पा अ ितयों को सेना मु ालय ारा तैनात ीिनंग टीमों ारा
कपस सा ा ार के ज रए चुना जाता है इन अ िथयों को एसएसबी और मेिडकल बोड के सामने
उप थत होना होता है सफल अ िथयों को भारतीय सै अकादमी (आईएमए), दे हरादू न म एक वष य
कमीशन-पूव िश ण लेना होता है इस वेश के मा म से कमीशन िमलने पर एक कैडे ट एक वष की
पूव िदनां िकत व र ता के भी हक़दार होते ह
(ख) तकनीकी ातक पा म (टीजीसी) : सेना िश ा कोर के िलए इं जीिनय रं ग की अिधसूिचत शाखा के
इं जीिनय रं ग ेजुएट, ूनतम ि तीय ेणी अंक योग वाले पो ेजुएट एवं सै फाम के िलए कृिष/डे यरी म
एमएससी िड ी धारक उ ीदवार इस वेश के मा म से थायी कमीशन के िलए आवेदन कर सकते ह
एसएसबी और िचिक ा बोड के प ात अंितम प से चुने गए उ ीदवारों को कमीशन दान िकए जाने से
पूव भारतीय सै अकादमी, दे हरादू न म एक वष का कमीशन-पूव िश ण लेना अपेि त है इस वेश के
मा म से कमीशन िमलने पर कैडे ट एक वष की पूव-िदनां िकत व र ता के हकदार होते ह
(ग) अ सेवा कमीशन (तकनीकी) वेशः अ सेवा कमीशन (तकनीकी) वेश योजना, पा तकनीकी
ातकों/ ातको रों को तकनीकी सेनां गों म भत कराती है एसएसबी और िचिक ा बोड के बाद अंितम
प से चुने गए अ िथयों को ओटीए चे ई म 49 स ाह का कमीशन-पूव िश ण िदया जाता है
िश ण पूरा होने पर उ अ सेवा कमीशन ा अफसर के प म वेश िदया जाता है इस वेश के
मा म से आए अ थ भी कमीशन ा होने पर एक वष पूव-िदनां िकत व र ता के हकदार ह
(घ) 10+2 तकनीकी वेश योजना (टीईएस): िजन उ ीदवारों ने भौितकी, रसायन िव ान और गिणत म
कुल िमलाकर ूनतम 70 ितशत अंकों के साथ सीबीएसई/आईसीएसई/रा बोड की 10+2 (टीईएस) के
तहत कमीशन पाने के िलए आवेदन कर सकते ह एसएसबी म सफल रहने तथा िचिक ा बोड ारा थ
घोिषत िकए जाने पर वे िश ण अकादमी, गया म एक वष का बुिनयादी सै िश ण लेते ह और
त ात थायी कमीशन ा करने से पूव संबंिधत शाखाओं म तीन वष का इं जीिनय रं ग िड ी पा म
पूरा करते ह कमीशन दान िकए जाने के बाद उ उस सेनां ग/सेवा का एक वष का िश ण िदया जाता
है िजसम उ कमीशन िदया गया है
(ङ) अ कािलक सेवा कमीशन (मिहला): पा मिहला उ ीदवारों को सेना म अ सेवा कमीशन
अफसर ए प म भत िकया जाता है वैद्ु यत एवं यां ि क इं जीिनयर कोर, इं जीिनयस कोर, िस ल कोर,
सेना िश ा कोर, सै आसूचना कोर, जज एडवोकेट जनरल शाखा, सेना आपूित कोर, सेना आयुध कोर
और सेना वायु र ा म कमीशन दान िकया जाता है मिहलाओं को तीन ीमों अथात् गैर-तकनीकी
ातक, तकनीकी और ातको र/िवशेष म इस वष की अविध के िलए अ सेवा कमीशन की पेशकश
की जाती है , िजसे पूणतः ै क आधार पर और चार वष के िलए बढ़ाया जा सकता है हाल ही म भारत
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सरकार ने मिहला अफसरों को 10 वष की सेवा पूरी करने पर सेना िश ा कोर एवं जज एडवोकेट जनरल
शाखा म थायी कमीशन का िवक दान िकया है अफसर िश ण अकादमी, चे ई म िदए जाने वाले
िश ण की अविध 49 स ाह है अ कािलक सेवा कमीशन मिहला (तकनीकी) िवि के िलए
अिधसूिचत शाखाओं म बीई/बीटे क के उ ीण अथवा अंितम वष/सेमे र के छा आवेदन करने के पा ह
इसके प ात सीधे एसएसबी सा ा ार एवं िचिक ा जां च होती है हालां िक गैर तकनीकी ातक शाखाओं
के िलए आवेदकों को संघ लोक सेवा आयोग के मा म से आवेदन करना अपेि त है और िल खत परी ा
के बाद एसएसबी सा ा ार के िलए आना होता है जैसा िक अ कािलक सेवा कमीशन ा पु ष
अफसरों के मामले म िकया जा रहा है गैर-तकनीकी शाखा की 20 ितशत आवंिटत सीट एनसीसी ‘सी’
माण-प धा रत उन मिहला उ ीदवारों के िलए आरि त ह िज ोंने ातक परी ा म ूनतम ‘बी’ ेड़
एवं 50 ितशत अंक योग ा िकया हो आवेदन एनसीसी िनदे शालय, एकीकृत मु ालय र ा मं ालय
(सेना) के मा म से भेजे जाएं गे जैसा िक पु ष अफसरों के मामलों म िकया जा रहा है जज एडवोकेट
जनरल शाखा के िलए ूनतम 55 ितशत अंक ा करने वाले िविध ातकों से आवेदन आमंि त िकए
जाते ह िज सीधे एसएसबी सा ा ार के िलए भेजा जाता है सेवा कािमकों की जो िवधवाएं पा ता संबंधी
िनधा रत मानदं डों को पूरा करती ह, वे आयु म 4 वष की छूट के िलए पा ह और उनके िलए ेक
पा म म 5 ितशत (तकनीकी और गैर-तकनीकी, ेक शाखा म 2.5 ितशत) सीटों का आर ण
दान िकया गया है अ कािलक सेवा कमीशन मिहला (तकनीकी), एनसीसी िवि एवं जज एडवोकेट
जनरल शाखाओं के िलए िल खत परी ाओं से छूट है और इनके िलए सीधे अित र भत महािनदे शालय,
र ा मं ालय के एकीकृत मु ालय (सेना) को आवेदन करना होगा अिधसूचना एसएससीड ू
(तकनीकी) के साथ वष म दो बार कािशत की जाती है
(च) एनसीसी (िवशेष वेश योजना): ूनतम ‘बी’ ेड का एनसीसी ‘सी’ माण प और ातक परी ा म
50 ितशत अंक पाने वाले िव िव ालय ातक इस योजना के मा म से अ सेवा कमीशन के िलए
आवेदन कर सकते ह तृतीय वष म पढ़ने वाले छा भी इस वेश के िलए आवेदन कर सकते ह बशत
उ ोंने पहले दो वष म ूनतम 50 ितशत सम अंक ा िकए हों ऐसे उ ीदवारों को सा ा ार म
चयन होने की थित म 50 ितशत सम अंक ा करने होंगे अ था उनकी उ ीदवारी र की जाएगी
ओटीए म वेश लेने के समय उ ीदवारों के पास ातक िड ी होनी चािहए अथवा तृतीय वष म पढ़ रहे
छा ों को ओटीए म िश ण आरं भ होने की तारीख से 12 स ाह के भीतर िड ी ुत करनी होगी इन
कैडे टों को एसएसबी ारा आयोिजत सा ा ार के प ात मेिडकल बोड ारा जां च के िलए बुलाया जाता
है यो ता संबंधी अपे ाएं पूरी करने वाले अ िथयों को रा र पर एनसीसी ुप मु ालयों के मा म
से आवेदन करना होता है संबंिधत ुप मु ालयों ारा ीिनंग के बाद एनसीसी महािनदे शालय यो
कैडे टों के आवेदन-प र ा मं ालय (सेना) के एकीकृत मु ालय थत भत िनदे शालय को भेजता है
(छ) जज एडवोकेट जनरल वेश: एलएलबी म ूनतम 55 ितशत कुल अंकों सिहत िविध ातक और 21
से 27 वष तक की आयु वाले जज एडवोकेट जनरल शाखा के िलए आवेदन कर सकते ह पा
उ ीदवारों को सीधे ही सेवा चयन बोड ारा सा ा ार के िलए बुलाया जाता है और त ात उनकी
िचिक ा जां च की जाती ह यह अ कािलक सेवा कमीशन वेश है िजसम यो उ ीदवार बाद म थायी
कमीशन का चुनाव कर सकते ह
जूिनयर कमीशंड अफसरों तथा अ रकों (जेसीओ एवं ओआर) की भत : सेना म 48 रे जीमटल क ों के
अित र ारह आं चिलक भत कायालय, दो गोरखा भत िडपो, एक तं भत कायालय और 59 सेना
भत कायालय ह जो अपने-अपने े ािधकार के े ों म रै िलयों के मा म से भितयां करते ह सो र
जनरल ूटी, सो र टे ड्समैन, सो र टे कल, सो र क/ ोर कीपर टे ड एवं सो र निसग
सहायक ेिणयों के िलए जेसीओओआर की भत ऑनलाइन ए केशन िस म ारा की जाती ह
हालां िक, रिलिजयस टीचर जेसीओ (आरटी जेसीओ), हवलदार एजुकेशन, हवलदार ऑटो काट ाफर
तथा जेसीओ केट रं ग जैसी ेिणयों के िलए आवेदन णाली ही योग म लाई जा रही है जेसीओ/ओआर के
िलए मौजूदा भत म इ ु क उ ीदवारों की रै ली साइट पर 1.6 िकमी. की दौड़ के बाद छं टनी शािमल ह
और उसके बाद द ावेज की जां च, शारी रक थता जां च, शारी रक नाप व िचिक ा जां च की जाती है
इसके बाद सभी जां च के बाद पा पाए जाने वाले उ ीदवारों को संबंिधत िश ण क ों पर िश ण के
िलए भेजा जाता है यह सुिनि त करने का यास रहता है िक एक भत वष म एक बार भत रै िलयों ारा
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दे श के ेक िजले तक प ं चा जा सके
भारतीय नौसेना म भत
भत का तरीका: भारतीय नौसेना की भत णाली सु व थत, पारदश ु त और उ ीदवारों के अनुकूल
ि या है भारतीय नौसेना म भत दो तरीकों से की जाती है , अथात् संघ लोक सेवा आयोग भत और संघ
लोक सेवा आयोग के अलावा भत
(क) संघ लोक सेवा आयोग भत : संघ लोक सेवा आयोग रा ीय र ा अकादमी (एनडीए) और भारतीय
नौसेना अकादमी (आईएनए) म थायी कमीशन (पीसी) अफसरों के प म भत के िलए वष म दो बार
परी ा का आयोजन करता है 10+2 (पीसीएम) परी ा उ ीण कर चुके अथवा 12वीं क ा म पढ़ रहे
उ ीदवार इस परी ा म बैठने के पा होते ह िल खत परी ा के बाद संघ लोक सेवा आयोग उ ीदवारों
की छं टाई करता है इसके उपरां त उ ीदवारों को बगलु , भोपाल, कोयंबटू र और िवशाखाप नम म
थत सेवा चयन बोड के पास भेजा जाता है अहता ा उ ीदवारों के प रणाम संघ लोक सेवा आयोग
को अंितम मे रट सूची के आधार पर एनडीएआईएनए म िनयु के िलए सूिचत िकया जाता है
एनडीएआईएनए म िश ण पूरा होने पर नौसेना कैडे टों को नौसेना समु ी िश ण के िलए को म
िश ण पोतों पर भेजा जाता है ातक िवशेष भत योजना के िलए संघ लोक सेवा आयोग वष म दो बार
संयु र ा सेवा परी ा (सीडीएसई) का आयोजन करता है बी.टे क िड ी ातक अथवा बी.टे क अंितम
वष के उ ीदवार भी इस परी ा म बैठने के पा होते ह सफल उ ीदवारों को नौसेना अनुकूलन
पा म (एनओसी) के िलए एिझमला, केरल थत भारतीय नौसेना अकादमी म शािमल िकया जाता है
(ख) संघ लोक सेवा आयोग के अलावा भत : गैर-यूपीएससी वेश के मा म से की जाने वाली भितयां
थायी कमीशन (पीसी) और अ कािलक सेवा कमीशन (एसएससी) दोनों के िलए होती ह इस कार की
भितयों के िलए र ा मं ालय के एकीकृत मु ालय (नौसेना) म आवेदन आमंि त िकए जाते ह तथा उनकी
छं टाई की जाती है त ात् छां टे गए उ ीदवारों को सेवा चयन बोड के सा ा ार के िलए भेजा जाता है
उसके बाद र यों की उपल ता के अनुसार अहता ा उ ीदवारों की एक मे रट सूची बनाई जाती है
कायपालक, नौसेना वा ुकार सिहत इं जीिनय रं ग, इले कल इं जीिनय रं ग और नौसेना की िश ा
शाखाओं/संवग के िलए सेवा चयन बोड के मा म से गैर-यूपीएससी की भत की जाती है
(ग) 10+2 (कैडे ट वेश योजना): यह योजना भारतीय नौसेना की कायपालक, इं जीिनय रं ग और
इले कल शाखाओं म थायी कमीशन के िलए है इस योजना के तहत 10+2 (पीसीएम) सफल
उ ीदवार सेना चयन बोड के मा म से चुने जाने के प ात बी.टे क पा म के िलए भारतीय नौसेना
अकादमी म भेजे जाते ह इस पा म को सफलतापूवक पूरा करने पर उ भारतीय नौसेना म
कायपालक, इले कल और इं जीिनय रं ग शाखाओं म थायी कमीशन दान िकया जाता है
(घ) िव िव ालय वेश योजना (यूईएस): यूईएस को अ कािलक सेवा कमीशन के प म पुनःआरं भ
िकया गया है सातव और आठव सेमे र के इं जीिनय रं ग छा नौसेना की ए ी ूिटव एवं तकनीकी
शाखाओं म वेश पाने के पा ह एकीकृत मु ालय, र ा मं ालय (नौसेना) और कमान मु ालयों से
नौसेना चयन दल उ ीदवारों को छां टने के िलए पूरे दे श म एआईसीटीई ारा अनुमोिदत इं जीिनय रं ग
कॉलेजों का दौरा करते ह उ ीदवारों को सै चयन बोड म सा ा ार के िलए बुलाया जाता है इसके
प ात सफल उ ीदवारों की िचिक ा जां च की जाती है अंितम चयन, सै चयन बोड सा ा ार म
अ खल भारतीय मे रट के आधार पर ा अंकों तथा उपल र यों के आधार पर होता है
मिहला अिधकारी: नौसेना की ए ी ूिटव शाखा (पयवे क, एटीसी, िविध एवं चालन तं ), िश ा शाखा
एवं इं जीिनय रं ग शाखा के नौसेना वा ुकला संवग म अ कािलक सेवा कमीशन (एसएससी) अिधकारी के
प म मिहलाओं का वेश हो रहा है
एसएससी अिधका रयों को थायी कमीशनः 2008 से र ा मं ालय ने ए ी ूिटव शाखा (िविध संवग),
िश ा शाखा एवं इं जीिनय रं ग शाखा (नौसेना वा ुकला) के अ कािलक सेवा कमीशन अिधका रयों,
पु षों तथा मिहलाओं दोनों को थायी कमीशन दान करना आरं भ िकया है
एनसीसी के मा म से भत : ूनतम ‘बी’ ेिडं ग सिहत ातक िड ी परी ा म 50 ितशत अंक वाले
एनसीसी ‘सी’ माण-प धारक िव िव ालय ातकों को नौसेना म िनयिमत कमीशन ा अफसरों के
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प म भत िकया जाता है इन ातकों को संघ लोक सेवा आयोग ारा आयोिजत संयु र ा सेवा म
बैठने से छूट दी गई है और उनका चयन केवल एसएसबी सा ा ार के मा म से ही िकया जाता है वे
सीडीएसई कैडे टों के साथ ही नौसेना अिभमुखीकरण पा म (एनओसी) के िलए नौसेना अकादमी म
वेश लेते ह
िवशेष नौसेना वा ुिश वेश योजना: सरकार ने हाल ही म ‘िवशेष नौसेना वा ुकार वेश योजना’
(एसएनईएएस) के तहत भारतीय नौसेना म अ सेवा कमीशन अफसरों के प म नौसेना वा ुकार
अफसरों को भत िकए जाने के िलए अनुमोदन दान िकया है नौसेना का एक स म दल आईआईटी
खड़गपुर, आईआईटी चे ई, िव ान और ौ ोिगकी िव िव ालय को (सीयूएसएटी) और आं
िव िव ालय, िजनम बी.टे क (नौसेना वा ुिश ) पा म का संचालन िकया जाता है , के कपस
सा ा ारों के मा म से उ ीदवारों का चयन करने हे तु दौरा करता है चुने ए उ ीदवारों की िनकटतम
िमिलटरी अ ताल म मेिडकल जां च की जाती है और उपयु पाए जाने पर िश ण के िलए उनका चयन
िकया जाता है
नौसैिनकों की भत : नौसेना म भत उपल र यों की सं ा के अनुसार ‘भत यो पा पु ष आबादी
की रा वार मे रट पर अ खल भारतीय आधार पर की जाती है रा िवशेष से भत ए कािमकों की
सं ा उन पा उ ीदवारों की सं ा पर िनभर होती है जो िल खत परी ा, शारी रक िफटनेस टे और
डॉ री जां च तथा मे रट म उनकी अपनी-अपनी थित के अनु प होती है जाित/पंथ अथवा धम के
आधार पर र यों का कोई कोटा नहीं होता है पा वालंिटयरों से आवेदन प मंगवाने हे तु सभी मुख
सभी मुख रा ीय और ादे िशक समाचार प ों और रोज़गार समाचार म िव ापन कािशत िकए जाते ह
ब त से ू लों/कॉलेजों और िजला सैिनक बोड म भी चार साम ी भेजी जाती है थानीय शासन
ामीण/िपछड़े े ों म थानीय मीिडया के मा म से चार अिभयान चलाता है
भत के कारः शैि क यो ताओं के साथ नािवकों की भत के िलए िविभ िवि यां इस कार ह:-

(क) आिटिफसर िटस (एए) - 10+2 (पीसीएम)


(ख) सीिनयर सेकडरी रं ग ट (एसएसआर) - 10+2 (िव ान)
(ग) मैिटक भत रं ग ट (एमआर) - रसोइया, ीवाड एवं संगीतकार की भत के िलए मैिटकुलेशन
(घ) गैर-मैिटक भत रं ग ट (एनएमआर), नािवकों (सफाईवाला) की भत के िलए क ा VI
(ङ) सीधी भत (उ ृ खलाड़ी)

भारतीय वायुसेना म भत
अफसरों का चयन
अफसरों की भत : अफसरों की भत रा ीय सुर ा अकादमी (एनडीए) और स िलत र ा सेवा परी ा
(सीडीएसई) के मा म से संघ लोक सेवा आयोग ारा की जाती है गैर यूपीएससी ारा अफसरों की भत
इस कार की जाती है ; एसएससी (पु ष एवं मिहला) उड़ान, एनसीसी भत (पु षों के िलए), एएससी थायी
(पु षों के िलए), जीडीओसी (गैर तकनीकी) (पु षों के िलए), एयरमैन भत थायी (वायु यो ाओं के िलए),
एसएसएस (तकनीकी) (पु षों एवं मिहलाओं के िलए) तथा एसएससी गैर तकनीकी (पु षों एवं मिहलाओं
के िलए)
सेवा चयन ारा भत : सेवा चयन बोड और वायुसेना बोड ाइं ग (पायलट), एयरोनॉिटकल इं जीिनय रं ग
(इले ॉिन ), एयरोनॉिटकल इं जीिनय रं ग (मेकेिनकल), िश ा, शासन, लॉिज , लेखा तथा मौसम
िवभागों म अफसरों का वायुसेना म चयन करता है
िव िव ालय वेश योजनाः िव िव ालय वेश योजना के अंतगत अंितम और पूव अंितम वष इं जीिनय रं ग
संकाय के छा वायुसेना के तकनीकी िवभागों म थायी कमीशन ऑिफसर भत के यो होते ह
मिहला अफसरों की भत : भारतीय वायुसेना म यो मिहलाओं की भत अ सेवा कमीशन ऑिफसरों के
प म ाइं ग, एयरोनॉिटकल इं जीिनय रं ग (इले ॉिन ), एयरोनॉिटकल इं जीिनय रं ग (मेकेिनकल),
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िश ा, शासन, मौसम, लेखा, लॉिज िवभागों म की जाती है


एनसीसी के मा म से भत : वायुसेना म सेवा चयन बोड (एसएसबी) ारा थायी कमीशन ऑिफसरों की
भत ातक म 50 ितशत अंक और ूनतम ‘बी’ ेिडं ग वाला एनसीसी का ‘सी’ माण-प रखने वाले
िव िव ालय ातकों म से की जाती है ाइं ग ां च कैडे ट के पास 10+2 म मु िवषय के प म गिणत
और भौितकी िवषय होने चािहए
ऑिफसर रक से नीचे के कािमकों की भत (पीओबीआर): ऑिफसर रक से नीचे के कािमकों की भत
कि त चयन णाली के मा म से अ खल भारतीय र पर क ीय एयरमैन चयन बोड (सीएएसबी) दे श के
िविभ थानों पर थत 14 एयरमैन चयन क ों (एएससी) के सहयोग से अ िथयों का चयन करता है

िश ण
र ा े म अनेक िश ण सं थान एक-दू सरे के सहयोग से काय कर रहे ह जहां एक ओर कुछ सं थान
सभी तीनों सेवाओं यानी सेना, नौसेना और वायु सेना के कािमकों को िश ण दे ते ह, वहीं दू सरी ओर कुछ
सं थान एकल सेवा की िश ण आव कताओं को पूरा करते ह

तीनों सेवाओं का िश ण
रा ीय र ा कॉलेज
रा ीय र ा कॉलेज र ा मं ालय की एक मुख िश ण सं था है , जो रा ीय सुर ा एवं यु -नीित िश ा का
एक उ ृ क है इस कॉलेज म िश ण के िलए भारतीय और िवदे शी सश बलों केि गेिडयर/
समक पदधा रत तथा शासिनक सेवा के िनदे शक और उससे उ अफसर नािमत िकए जाते ह नािमत
अिधका रयों के ारह माह के िश ण काय म के दौरान मु क िबंदु रा ीय सुर ा होता है िजसम
सभी घरे लू े ीय और अंतररा ीय मु ों के सभी आयाम शािमल होते ह िजससे भावी नीित िनधारकों को
रा ीय रणनीित की योजना बनाने के िलए आव क ब िवध आिथक, राजनीितक, सै वै ािनक और
संगठना क पहलुओं की ापक समझ ा करने के िलए आव क पृ भूिम िमल सके
वेबसाइट: www.ndc.nic.in
र ा बंधन कॉलेज
र ा बंधन कॉलेज (सीडीएम) दे श का एकमा ि -सेना िश ण सं थान है जो तीनों सेनाओं के व र
अिधका रयों, अध-सैिनक बलों, र ा मं ालय के अिधका रयों और अंतररा ीय ितभािगयों को
संक ना क, िनदे शा क और काया क रों पर र ा बंधन की िश ा दान करता है यह कॉलेज
र ा बंधन िश ण पर कई असै और िवदे शी ितिनिधमंडलों की मेज़बानी भी करता है भारतीय
सश बलों म ‘उ तर र ा बंधन’ िश ा की आव कताओं को पूरा करने के िलए, िजसे ‘सै मामलों
म ां ित’ ने अिनवाय बना िदया, सीडीएम ने अपनी िश ण अवसंरचना को सुधारा और यह ना तकरीबन
500 ऑिफसरों को िशि त करता है सीडीएम ने भारतीय सश बलों म सभी रों पर बंधन िश ा के
िलए ज रत के अनुसार कै ूल पा म/ बंधन िवकास काय म (एमडीपी) भी िवकिसत िकए ह कई
िम दे श भी इन एमडीपी म शािमल होते ह
वेबसाइट: www.Cdm.ap.nic.in
र ा सेवा ाफ कॉलेज
र ा सेवा ाफ कॉलेज (डीएसएससी) एक सश बल िश ण सं थान (एएफटीआई) है , जो तीनों सेवाओं
के चुिनंदा अिधका रयों के िलए और साथ ही क ीय लोक सेवाओं के अिधका रयों के िलए भी ाफ
पा म चलाता है इसके अित र , िम दे शों के र ा ऑिफसर भी इस कॉलेज ारा चलाए जा रहे
ाफ पा म म शािमल होते ह डीएसएससी से पास होने वाले ऑिफसरों को चे ई िव िव ालय से
र ा एवं साम रक अ यन म मा र ऑफ साइं स की िड ी दान की जाती है
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वेबसाइट: www.dssc.gov.in
रा ीय र ा अकादमी
रा ीय र ा अकादमी (एनडीए) तीनों सेवाओं की एक मुख सं था है जहां सभी तीन सेवाओं के कैडे टों को
उनसे संबंिधत कमीशन पूव िश ण अकादिमयों म वेश से पूव िश ण िदया जाता है एनडीए म भत
का आयोजन यूपीएससी परी ा के मा म से िकया जाता है जो वष म दो बार - अ ैल और िसतंबर म
आयोिजत की जाती है अ िथयों का 12वीं क ा पास होना तथा अकादमी म शािमल होते समय साढ़े
सोलह वष से साढ़े उ ीस वष के बीच की आयु का होना अपेि त है एनडीए म तीन वष के पा म को
छह सेमे रों म िवभािजत िकया गया है और कैडे टों को बीए/बीएससी की िड ी दान की जाती है इस
िश ण के पूरा होने पर कैडे ट सश सेना बलों म कमीशन ा अफसर बनने से पहले आगे का सेवा
िवशेष िश ण लेने के िलए अपनी-अपनी सेवा अकादिमयों म जाते ह वेबसाइट: www.nda.nic.in
भारतीय सै अकादमी
वष 1932 म थािपत भारतीय सै अकादमी, (आईएमए) दे हरादू न का उ े सेना म अफसरों के पम
शािमल होने वाले यों के बौ क, नैितक एवं शारी रक गुणों का पूणतः िवकास करना है भारतीय
सै अकादमी म िवि के िविभ मा म इस कार ह:- एनडीए से ातक होने पर; सेना कैडे ट कॉलेज
से, जो आईएमए का ही एक िवंग है , ातक होने पर; सीधी भत ातक कैडे ट, जो संघ लोक सेवा आयोग
ारा आयोिजत परी ा उ ीण करके सै चयन बोड ारा चुने जाते ह; तकनीकी पा म (टीजीसी) के
िलए; इं जीिनय रं ग कॉलेजों के अंितम/अंितम से पूव वष के छा ों के िलए िव िव ालय िवि योजना
(यूईएस) के अंतगत आईएमए िम दे शों के जटलमैन कैडे टों को भी िश ण दान करता है
अफसर िश ण अकादमी
वष 1963 म थािपत अफसर िश ण ू ल (ओटीएस) के 25 वष पूरे होने पर 1988 से इसे अफसर
िश ण अकादमी (ओटीए) का नाम िदया गया वष 1965 से पहले इसका मु काय इमरजसी कमीशन
दान करने के िलए जटलमैन कैडे टों को िशि त करना था 1965 के बाद अकादमी ने अ सेवा
कमीशन के िलए कैडे टों को िशि त करना आरं भ िकया 1992 से सेना म मिहला अफसरों के वेश के
प ात ओटीए से हर वष लगभग 100 मिहला अफसर सेना सिवस कोर, सेना िश ा कोर, जज एडवोकेट
जनरल िवभाग, इं जीिनयस कोर, िस ल तथा इले कल एवं मेकेिनकल कोर म कमीशन ा करती ह
अफसर िश ण अकादमी
अफसर िश ण अकादमी 2011 म शु ई थी िफलहाल इसकी िश ण मता 400 जटलमैन कैडे टों
की है उ रो र यह मता बढ़ाकर 750 जटलमैन कैडे ट की जाएगी ओटीए , गया िन िल खत के िलए
िश ण दान करता है : 10+2 तकनीकी वेश योजना; िवशेष कमीशन ा अफसर ओटीए. गया िम
दे शों के जटलमैन कैडे टों को भी िश ण दान करता है
रा ीय कैडे ट कोर
रा ीय कैडे ट कोर (एनसीसी) की थापना 1948 म इं िडयन िमिलटी कैडे ट कोर के तौर पर ई थी यह
संगठन ू ल और कॉलेज के छा ों को तीनों सेवाओं के िलए एक समान अवसर उपल कराता है इसने
अपनी थापना के 69 वष पूरे कर िलए ह एनसीसी युवाओं म ितब ता, समपण, अनुशासन, नैितक
मू ों को मजबूत करके, दे श की चुनौितयों का सामना करने के िलए हर तरह से िवकास का य करता
है , िजससे वे सफल नाग रक बन सके एनसीसी का उ े है ‘एकता और अनुशासन’ एनसीसी कैडे टों
की कुल ीकृत सं ा 15 लाख है इसम वष 2010 म दो लाख कैडे टों की ीकृत सं ा शािमल है
इसके अधीन ितवष 40,000 कैडे टों को पां च चरणों म शािमल िकया जा रहा है एनसीसी 16,288 सं थानों
के साथ दे श के 716 म 703 िजलों म मौजूद है
सीिनयर िडिवजन/सीिनयर िवंग कैडे टों की भत नीित को 2 वष से बदलकर 3 वष कर िदया गया है
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इसकी मदद से कैडे ट्स के िश ण र और उनके आउटपुट की गुणव ा म सम सुधार होगा एनसीसी
को क ा 10 और 12 म अित र /वैक क िवषय के तौर पर शािमल िकया गया है इसकी मदद से
एनसीसी अिधक आकषक बनेगी और कैडे ट्स को उनके शै िणक नतीजों म अिधक अंक लेने म सहयोग
िमलेगा
वेबसाइट: www.nccindia.nic.in

सैिनक ूल
सैिनक ू लों को क ीय और रा सरकारों के संयु उ म के प म थािपत िकया गया था ये सैिनक
ू ल सोसायटी के अधीन काय करते ह वतमान म दे श के िविभ िह ों म 26 सैिनक ू ल अव थत ह
सैिनक ू लों के उ े ों म आम आदमी तक ऊंची प क ू ल िश ा की प ं च बनाना, ब े के
का सम िवकास करना एवं सश सेनाओं के अिधकारी संवग म े ीय असंतुलन को दू र करना
शािमल है सैिनक ू लों के कारण रा ीय सुर ा अकादमी म प ं चने वाले कैडे टों की सं ा म िनरं तर
वृ हो रही है िजसे ान म रखते ए सैिनक ू ल लड़कों को रा ीय र ा अकादमी की माफत सश
सेनाओं म शािमल होने के िलए शैि क, शारी रक और मानिसक प से तैयार करते ह

रा ीय िमिलटी ूल
दे श म पां च िमिलटी ू ल कनाटक के बंगलु और बेलगाम, िहमाचल दे श के चैल और राज थान के
अजमेर तथा धौलपुर म ह ये ू ल सीबीएसई से मा ता ा तथा पूण प से आवासीय ू ल ह जो र ा
मं ालय के त ावधान म काय करते ह कॉमन एं टे टे के प रणामों के आधार पर लड़कों की छठी
और नवीं क ा म भत होती है सेना, नौसेना और वायुसेना के जेसीओ/ओआर (पूव सैिनकों सिहत) के
आि तों के िलए 70 ितशत सीट आरि त होती ह और शेष 30 ितशत सीट सेना, नौसेना और वायुसेना के
अफसरों (सेवािनवृ अफसरों सिहत) तथा नाग रकों के आि तों के िलए आरि त रहती ह कुल 50 सीट
यु म मारे गए सैिनकों के आि तों के िलए आरि त होती ह सभी ेिणयों म 15 ितशत और 7.5 ितशत
सीट मशः अनुसूिचत जाित और अनुसूिचत जनजाित के िलए आरि त होती ह
वेबसाइट: www.rashtriyarmilitaryschools.in

रा ीय इं िडयन िमिलटी कॉलेज


भारतीय सश बल म अिधकारी बनने के इ ु क तथा भारत म ज े या रहने वाले लड़कों को आव क
ाथिमक िश ण उपल कराने के उ े से रा ीय इं िडयन िमिलटी कॉलेज (आरआईएमसी) की वष
1922 म थापना की गई थी यह सं थान आज रा ीय र ा अकादमी के सहयोग सं थान के प म काम
कर रहा है आरआईएमसी के िलए चयन अ खल भारतीय वेश परी ा के मा म से होता है िजसम एक
िल खत परी ा और मौ खक सा ा ार शािमल ह यह कॉलेज लड़कों को आठवीं क ा म भत करता है
अ खल भारतीय वेश परी ा के आधार पर िबना िकसी आर ण के वष म दो बार (जनवरी और जुलाई म)
ेक टम म 25 कैडे टों को भत िकया जाता है
वेबसाइट: www.rimc.gov.in

कॉलेज ऑफ िमिलटी इं जीिनय रं ग


पुणे थत कॉलेज ऑफ िमिलटी इं जीिनय रं ग एक मुख तकनीकी सं थान है यहां इं जीिनय रं ग कोर, अ
सश सेवाओं, नौसेना, वायुसेना, अ सैिनक बल, पुिलस तथा िसिविलयन को िश ण िदया जाता है
इसके अलावा, िम रा ों के किमयों को भी यहां िश ण िदया जाता है सीएमई जवाहरलाल नेह
िव िव ालय (जेएनयू) से बी.टे क और एम.टे क िड ी दान करने के िलए मा ता ा है अ खल भारतीय
तकनीकी िश ा प रषद् भी सीएमई ारा चलाए जा रहे ातक और ातको र पा मों को मा ता
दान करता है
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र ा उ ादन
दे श की र ा के िलए सश बलों के िलए आव क हिथयारों, उपकरणों, ेटफॉम और उप रों के
उ ादन के िलए औ ोिगक आधार को िवकिसत करने और बढ़ावा दे ने के उ े से 1962 म र ा उ ादन
िवभाग की थापना की गई थी गत वष म इस िवभाग ने आयुध िनमािणयों और र ा े के सावजिनक
उप मों के मा म से िविभ र ा उपकरणों के िलए ापक उ ादन सुिवधाएं थािपत की ह िविनिमत
उ ादों म हिथयार एवं गोला-बा द, टक, ब रबंद वाहन, भारी वाहन, लड़ाकू िवमान एवं हे िलकॉ र,
यु पोत, पनडु यां , ेपा , इले ॉिनक उपकरण, अथ मूिवंग इ पमट, िवशेष िम धातुएं और
िवशेष योजन वाले इ ात शािमल ह िवभाग ने र ा उ ादन नीित की घोषणा की िजसका ल है ,
िनि त समयाविध म उपकरणों/हिथयारों के िडजाइन, िवकास और उ ादन को पूरा करना

आयुध कारखाने
कोलकाता थत आयुध फै ी बोड के मु ालय के त ावधान म आने वाली 41 फै रयों - द् इं िडयन
ऑडनस फै रीज ऑगनाइजेशन के पास र ा उ ादन के े म 200 वष से ादा का अनुभव है यह
सं थान भूिम, समु और वायु उपकरणों के े म उ ादन, परी ण, संचालन, अनुसंधान, िवकास और
माक िटं ग के सम काय से जुड़ा है भारतीय आयुध कारखाने र ा उ ादन िवभाग के अंतगत आने वाला
सबसे पुराना और बड़ा औ ोिगक ढां चा है आयुध कारखाने र ा हाडवेयर और उपकरणों के े म
दे शी तकनीक से िनिमत उपकरणों का एकीकृत क ह और इनका मुख ल सश सेनाओं को यु
से जुड़े अ ाधुिनक हिथयारों के मामले म पूरी तरह आ िनभर बनाना है
आयुध कारखाना बोड (ओएफबी) सेनाओं को अ ाधुिनक यु उपकरण और गोला-बा द मुहैया
कराने के िलए कई अनुसंधान एवं िवकास प रयोजनाओं पर काम कर रहा है इनम 155 िमिम. x 45
कैिलबर के ‘धनुष’ गन आमामट के िलए बाई-मॉ ूलर चाज िस म, बीएमपी-|| का उ यन आिद शािमल
ह ओएफबी डीआरडीओ के साथ िमलकर िविभ अनुसंधान एवं िवकास प रयोजनाओं पर काम कर रहा
है तािक सुर ा बलों के िलए आव क मह पूण हिथयारों और गोला-बा दों, जैसे 7.62 x 51 िमिम.
असॉ राइफल, ोटे व काबाइन, अंडर बैरल ेनेड लॉ र ए ुिनशन आिद, म आ िनभरता को
बढ़ाया जा सके उपरो के अलावा, ओएफडी के 13 आयुध िवकास क सेनाओं की भिव की
आव कताओं के िवकास म लगे ए ह जैसे िक ‘ ूच र क इ टी कॉ ैट वाहन’, ‘एयर िडफस गन
फॉर आम ’, ‘माउं टेड गन िस म’ इसके िलए ओएफबी तकनीकों और उ ादन के दे शी िवकास के
िलए आईआईटी और अ िति त सं थानों के साथ जुड़ गया है
वेबसाइट: www.ofbindia.gov.in

र ा उप म
िहं दु ान एयरोनॉिट िलिमटे डः वष 1940 म थािपत िहं दु ान एयरोनॉिट िलिमटे ड (एचएएल) एिशया
की मुख अ णी एयरोनॉिटकल कंपनी ह एचएएल एक नवर कंपनी है , िजसके पूरे म दे श म नौ
भौगोिलक े ों म 20 उ ादन िडिवजन और 11 अनुसंधान एवं िवकास क ह एचएएल की िवशेष ता म
िवमानों, हे िलकॉ रों, एयरो इं िजनों, सहायक सामि यों, वैमािनकी और णािलयों के िडजाइन और िवकास,
उ ादन, मर त, ओवरहॉल तथा उ यन शािमल ह एचएएल ारा उपल कराए गए सभी बेड़ों के िलए
और ओईएम ने िजन बेड़ों के सहायता दे ना बंद कर िदया है , जैसे िक एचएच-748, चीता/चेतक आिद, उन
बेड़ों के िलए भी एचएएल भारतीय र ा सेवाओं को अनुर ण सहायता दान कर रहा है यह कंपनी गैर-
एचएएल उ ािदत िवमानों और इं जनों के िलए भी सहायता दान करती है जैसे िक िमराज 200, एएन-32,
सी िकंग हे िलकॉ र मॉ ूल, जीनोम इं जन, टीएम-333 2बी2 इं जन आिद एचएएल भारतीय सेना और
तटर क बल के 100 ितशत बेड़ों को अनुर ण सहायता दे ता है और भारतीय वायुसेना और भारतीय
नौसेना के संबंध म यह सहायता मशः 75 ितशत और 61 ितशत है एचएएल ने भारतीय र ा सेवाओं
की िवमानन आव कताओं, जैसे- िश क, लड़ाकू , प रवहन िवमान और ह े हे िलकॉ रों, के िलए खुद
को एक ापक समाधान दाता के प म थािपत िकया है
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वेबसाइट: www.hal-india.co.in
भारत इले ॉिन िलिमटे ड: र ा सावजिनक े के नवर भारत इले ॉिन िलिमटे ड की थापना
1954 म ई थी दे शभर म बीईएल की नौ िविनमाण इकाइयां ह कंपनी की मु मता र ा संचार, रडार
और िमसाइल िस म, सोनार एवं फायर कंटोल िस म, इले ॉिनक वॉरफेयर एवं वैमािनकी िस म,
नेटवक केि क िस म, इले ो-ऑि , टक इले ॉिन , होम लड िस ो रटी आिद के े ों म है
कंपनी का तकरीबन 88 ितशत टनओवर इ ीं ावसाियक े ों से आता है गैर-र ा े म बीईएल
इले ॉिनक वोिटं ग मशीन (ईवीएम), टै बलेट पीसी ( बीईएल ारा िडजाइन िकए ए), डॉपलर वेदर रडार,
िविभ कार के संघटक जैसे एकीकृत सिकट, हाइि ड माइ ो सिकट, सेमीकंड र िडवाइस, सोलर
सैल आिद का िनमाण करता है इनके अलावा, बीईएल की मौजूदगी ए ेस कंटोल िस म और चुिनंदा
गैर-र ा अनु योगों म भी ह
वेबसाइट: www.bel-india.in

बीईएमएल िलिमटे ड: 1964 म थािपत बीईएमएल िलिमटे ड र ा मं ालय के


अधीन एक िमनी र ( ेणी-1) सावजिनक े का उप म है यह कोयला,
खनन, इ ात, सीमट, िवद् ु यत, िसंचाई, िनमाण, सड़क िनमाण, र ा, रे लवे,
मेटो प रवहन णाली और एयरो ेस जैसे अथ व था के मह पूण े ों के
िलए उ ादों की ापक ृंखला के िडजाइन, िवकास, िनमाण और िब ी के
बाद सेवा म लगा आ है बीईएमएल तीन ावसाियक ेिणयों म काय
करता है - खनन व िनमाण, र ा व एयरो ेस, रे ल व मेटो तथा िनयात
गितिविधयों के िलए अंतररा ीय ापार भाग
वेबसाइट: www.bemlindia.in
भारत डायनेिम िलिमटे डः िमनीर ेणी-1 की कंपनी भारत डायनेिम िलिमटे ड (बीडीएल) का गठन
र ा मं ालय के अंतगत 1970 म िकया गया था ऐंटी-टक गाइडे ड िमसाइलों (एटीजीएम) के िनमाण म
अ णी बीडीएल और नवीनतम पीढ़ी के एटीजीएम का िनमाण करने वाली समेिकत कंपनी का प ले चुकी
है और सतह से हवा म मार करने वाली िमसाइल िस म, साम रक हिथयार, लां चर, पानी के अंदर मार
करने वाले हिथयार, दु न को झां सा दे ने वाले और परी ण उपकरणों का िनमाण करती ह सेना की मां ग
के अनुसार पुरानी िमसाइलों का आधुिनकीकरण करने और उनकी जीवन अविध बढ़ाने का भी काम िकया
जाता है तािक उनकी ािलटी और मह को बढ़ाया जा सके
वेबसाइट: www.bdl-india.in
मझगां व डॉक िशपिब स िलः मझगां व डॉक िशप िब स िल. (एमडीएल) र ा उ ोग से जुड़ी अ णी
सावजिनक े की कंपनी है िजसकी थापना 1934 म ई थी कंपनी को 1960 म भारत सरकार ने अपने
अधीन ले िलया था ऐसा करने के पीछे ल इसे दे शी यु पोत िनमाण करने के िलए े रत करना था
एमडीएल ने िविभ तरह के यु पोतों का िनमाण िकया है जैसे िक िड ॉयस, ि जेटस, िमसाइल कोवट् स,
िमसाइल बोट् स और पनडु यां इसके अलावा, एमडीएल ने कमिशयल जहाज और ओएनजीसी के िलए
र / ेटफॉस भी िनिमत िकए ह
यु पोत िनमाण के िलए कंपनी ने अपनी मताओं म िव ार भी िकया है आधुिनकीकरण के संबंध म
अित र उ ादन म, मॉ ूल वकशॉप और वेट बेिसन का िनमाण िकया गया है पनडु ी िनमाण के
िलए नई असे ली वकशॉप भी िवकिसत की गई है
वेबसाइट: www.mazagondeck.in
गाडन रीच िशप िब स एं ड इं जीिनयस िलिमटे डः गाडन रीच िशप िब स एं ड इं जीिनयस िल.
(जीआरएसई) एक िमनी र ेणी-1 कंपनी है िजसे 1960 म र ा की पीएसयू के तौर पर िनगिमत िकया
गया था िपछले कई वष से कंपनी ने पोत िडजाइन/पोत िनमाण म अपनी ित ा थािपत की है और
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दे शी यु पोत िनमाण काय म की सफलता म बड़ी भूिमका िनभाई है अ ाधुिनक तेज़ हमलावर
जहाजों के अलावा िव रीय े ि जेट्स जैसे अनेकानेक जहाजों के िनमाण के साथ कंपनी पोत
िनमाण म शीष थान पर प ं च गई है पोत िनमाण और मर त के अलावा, जीआरएसई ने डीजल इं जन,
िविभ डे क मशीनरी और ी-फेि केटटे ड ील ि ज जैसे अ इं जीिनय रं ग वसायों म भी काय िव ार
िकया है कंपनी ने हाल म डीजल इं जन ां ट का आधुिनकीकरण िकया है और एमटीयू जमनी के साथ
िमलकर दे शी तौर पर मैरीन इं जन बनाने की शु आत की है
वेबसाइट: www.grse.in
गोवा िशपयाड िलिमटे डः गोवा िशपयाड िलिमटे ड (जीएसएल) एक िमनी र ुप-1 र की कंपनी है और
इसका काय दे श की सामुि क सुर ा के िलए उ तकनीक और प र ृ त जहाजों का िनमाण करना है
िपछले चार दशकों से भी ादा समय से, जीएसएल ने र ा वािण क े ों के िलए उ रीय पोत
िडजाइन और िनिमत िकए ह कंपनी की िवशेषता ील और ए ुिमिनयम ढां चे वाले आधुिनक पेटोल
चािलत पोतों का िनमाण करना है जीएसएल के उ ादों म ऑफशोर पेटोल वैस (ओपीवी), फा पेटोल
वैस , िमसाइल नावे, सव वैस , लिडं ग ॉ यूिटिलटी वैस और अ सहायक जहाज शािमल होते
ह कंपनी ने ास रीइ ोड ा क (जीआरपी) इं टरसे र नावों के िनमाण म भी सफलतापूवक कदम
रखा है
वेबसाइट: www.goashipyard.in
िहं दु ान िशपयाड िलिमटे ड: िहं दु ान िशपयाड िलिम. (एचएसएल) की थापना मूल प से सेठ वालचंद
हीराचंद ारा 1941 म दे शी जलयानों के िनमाण उ ोग को बढ़ावा दे ने के िलए की गई थी इस िशपयाड
को 2010 म र ा मं ालय म थानां त रत कर िदया गया इस िशपयाड का बुिनयादी ढां चा ब त अ ा है
और पूव समु ी तट पर यह एक अ णी िशपयाड बनने की मता रखता है एचएसएल म कई कार
जलपोतों का िनमाण िकया जाता है िजनम ग ी लगाने वाली नौकाएं और पनडु यों की मर त आिद
शािमल ह अपनी थापना के बाद से यहां 179 जहाजों का िनमाण हो चुका है एचएसएल दे श के पूव तट
पर थत है और यह जलपोतों का िनमाण और पनडु यों की मर त करने वाली दे श की िति त कंपनी
है
वेबसाइट: www.hslvizag.in
िम धातु िनगम िलिमटे डः िम धातु िनगम िलिम. (एमआइडीएचएएनआइ) की थापना 1970 के दशक की
शु आत म की गई थी िजसका उ े शु म भारत के र ा उ ोग के साम रक े म ज री मह पूण
साम ी का िनमाण करना था िमधानी (एमआइडीएचएएनआइ) ढलाई के िलए धातु के िपंड (का
इनगोट), फोिजग, हॉट रो रॉड और को रो रॉड, तार, धातु की चादर एवं पि यां , अध िनिमत
आकार, इ े मट का ं ग और औ ोिगक पच आिद पों म सुपर िम धातु, टाइटे िनयम िम धातु,
ेशल ील, चुंबकीय िम धातुओं का िनमाण करता है अपनी सीएसआर गितिविध के अंग के तौर पर
यह ज रतमंद मरीजों के िलए बायो िचिक ा इ ां ट भी बनाता है
वेबसाइट: www.midhani-india.in
डायरे रे ट जनरल ऑफ ािलटी ए ुरस: डायरे रे ट जनरल ऑफ ािलटी ए ुरस (डीजी ूए) सेना,
नौसेना (यु साम ी को छोड़कर) और वायुसेना के िलए आयुध कारखानों, सावजिनक े की कंपिनयों
एवं िनजी े से मंगाई गई सामा व ुओ,ं र ा ोरों और उपकरणों, चाहे वे दे शी हों या आयाितत, की
गुणव ा का आ ासन िदलाता है यह दे श की र ा तैयारी म मह पूण भूिमका िनभाता है डीजी ूए
हिथयारों को सेना म शािमल िकए जाने से पहले उनका िव ृत प से तकनीकी मू ां कन करता है
जीडी ूए की भूिमका म बड़ा बदलाव आ गया है और अब वह ािलटी ऑिडट की जगह ािलटी बंधन
और िनमाण की ि या का ऑिडट करता है ोंिक िनयंि त िस म से यं ही उ ाद की ािलटी अ ी
होगी
वेबसाइट: www.dgqadefence.gov.in
डायरे रे ट जनरल ऑफ एयरोनॉिटकल ािलटी ए ुरसः डायरे रे ट जनरल ऑफ एयरोनॉिटकल
ािलटी ए ुरस (डीजीए ूए) वायुसेना, थलसेना, नौसेना और भारतीय को गाड के सै उ यन ोरों
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के ािलटी ए ुरस ( ूए) की िनयामक अथॉ रटी है यह र ा पीएसयू, आयुध कारखानों, डीआरडीओ
योगशालाओं, तेल रफाइन रयों, िनजी कंपिनयों आिद म िडजाइन, िवकास, उ ादन, मर त,
उ ितकरण और सुधार के दौरान सेना के िवमानों, हे लीकॉ रों, संबंिधत उपकरणों, हवाई हिथयारों,
मानवरिहत िवमानों (यूएवी), िमसाइलों आिद को ािलटी ए ुरस मुहैया कराता है डीजीए ूए सै
उ यन ोरों की िवदे शी खरीद के दौरान तकनीकी मू ां कन, फी परी ण और ी-िड ैच इं े न
(पीडीआइ) म भी मह पूण भूिमका िनभाता है
वेबसाइट: www.dgaeroqa.gov.in

डायरे रे ट ऑफ डडाइजेशन
मानकीकरण िनदे शालय (डीओएस) की थापना 1962 म की गई थी िजसका उ े तीनों सेनाओं की र ा
सूची के सार को िनयंि त करना और उपकरणों/कलपुज म सव ृ र तक एक पता लाकर इसे
सीिमत करना था यह काम िदनोंिदन मानकीकरण, व ुओं के कोिडकरण और एं टी कंटोल के ज रए पूरा
िकया जा रहा है
वेबसाइट www.ddpdos.gov.in

योजना एवं सम य िनदे शालय


र ा उ ादन िवभाग से संब योजना एवं सम य िनदे शालय की थापना 1964 म की गई थी इस
िनदे शालय का काम मेक इन इं िडया, एफडीआई नीित/औ ोिगक लाइसस णाली म उदारीकरण, िनजी
े को समान अवसर दे कर और दे शी साम ी की खरीद को ाथिमकता दे कर र ा े म दे शीकरण
को बढ़ावा दे ना है िनदे शालय र ा िवभाग के वेबसाइट पर, मेक इन इं िडया, पोटल का कामकाज दे खने
और उसे अपडे ट करने का भी काम करता है यह िनदे शालय र ा के े म अंतररा ीय सहयोग बढ़ाने
और दू सरे दे शों को र ा उपकरणों के िनयात को बढ़ावा दे ने का यास करता है इसके अलावा, यह सेना
मु ालय के पूंजी (उपकरण आिद) अिध हण ावों पर सलाह दे ता है और र ा खरीद ि या (डीडीपी)
को सुचा बनाने म मह पूण भूिमका िनभाता है यह िनदे शालय िशपयाड के जारी आधुिनकीकरण म भी
बड़ी भूिमका िनभाता है
भारत म अंतररा ीय दशिनयां
भारतीय र ा उ ोग को अपनी मताओं के दशन का एक मंच उपल कराने के िलए र ा दशनी
संगठन (डीईओ) एयरो इं िडया और िडफे पो इं िडया नाम से ि वािषक अंतररा ीय दशिनयां आयोिजत
करता है एयरो इं िडया जहां िवमान और उ न उ ोग से संबंिधत होता है , वहीं िडफे पो इं िडया म थल
एवं नौसेना के र ा उपकरणों की दशनी की जाती है
िवदे शों म अंतररा ीय दशिनयां
भारतीय र ा उ ोग के उ ादों के िनयात को बढ़ावा दे ने के उ े से डीईओ बड़े अंतररा ीय र ा
दशिनयों म, इं िडया पैवेिलयन का आयोजन करता है तािक भारत म िनिमत र ा उ ादों के िलए बाजार
िवकिसत िकया जा सके
नेशनल इं ी ूट फॉर रसच ऐंड डे वलपमट इन िडफस िशपिब ंग
नेशनल इं ी ूट फॉर रसच एं ड डे वलपमट इन िडफस िशपिब ं ग (एनआइआरडीईएसएच) की
थापना केरल के कोझीकोड म की गई है िजसका उ े र ा िवभाग के िलए जलपोतों के िनमाण म
आ िनभरता हािसल करना है इस सं थान को भारत के भावी जलपोत िनमाण काय म के िलए उ ृ ता
के क के प म दे खा गया है एनआइआरडीईएसएच के मु काय म अनुसंधान और िवकास,
जलपोतों का िडजाइन, ौ ोिगकी का िवकास और िश ण शािमल है

अनुसंधान और िवकास
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र ा अनुसंधान और िवकास संगठन (डीआरडीओ) र ा मं ालय की अनुसंधान एवं िवकास शाखा है


इसका गठन 1958 म िकया गया था वै ािनक सम ाओं पर र ा सेवा को सलाह और सहायता तथा र ा
े म अनुसंधान हे तु 1948 म गिठत र ा िव ान संगठन और तीनों सेनाओं के तकनीकी िवकास थापना
का िवलय कर ही डीआरडीओ की थापना की गई शासिनक मता म सुधार के िलए वष 1980 म एक
अलग र ा अनुसंधान और िवकास िवभाग का गठन िकया गया वष 1958 म इस योगशालाओं के साथ
काम शु करने वाले डीआरडीओ के पास आज 46 योगशालाएं ह ये योगशालाएं पूव म तेजपुर से
पि म म मुंबई तक और उ र म लेह से दि ण म को तक फैली ह डीआरडीओ हिथयारों, ेटफाम
और िनगरानी ससरों के वै ािनक प का आकलन करता है और सलाह दे ता है यह र ा सेनाओं के िलए
उ त ससर, हिथयार णाली ेटफॉम तथा सहयोगी उपकरण के उ ादन से जुड़ी ौ ोिगकी और
अनुसंधान का िवकास करता है
हाल म इसके काय म रा ीय साइबर सुर ा जोड़ िदया गया है , िजसम जां च करने की मता, सुर ा
समाधान नेटविकग प ितयां और साइबर सुर ा शािमल ह इस ि या म डीआरडीओ ने रा ीय
अवसंरचना, औ ोिगक सुर ा की बड़ी मता और समिपत एवं उ त मानव संसाधन का िवकास सुिनि त
िकया है
डीआरडीओं का मुख र ा मं ी का वै ािनक सलाहकार होता ह जो र ा अनुसंधान िवकास िवभाग का
सिचव और अनुसंधान एवं िवकास का महािनदे शक भी होता है र ा और अनुसंधान िवकास संगठन की
46 योगशालाओं ारा िकए जा रहे अनुसंधान एवं िवकास काय के आधार पर इ सात ौ ोिगक
रों म बां टा गया है ये र ह- ‘आमामट और क ैट इं जीिनय रं ग प ितयां (एसीई)’,
‘एयरोनॉिटकल प ितयां िमसाइ एं ड े टेिजक िस म (एमएसएस)’, ‘नौसेना प ितयां और साम ी
(एनएसएं डएम)’, ‘इले ॉिन और संचार प ितयां (ईसीएस)’, ‘माइ ोइले ॉिनक िडवाइसेज और
कं ूटेशनल प ितयां (एमईडी एं ड सीओएस)’ और ‘जीवन िव ान (एलएस)’
मानव संसाधन
उ े पूण सं था होने के नाते डीआरडीओ मानवश िनयोजन की गितशील णाली का पालन करता है
योगशालाओं के कायभार और नई प रयोजना शु करने के कारण ता ािलक ज रतों को ान म
रखते ए ेक दू सरे वष ािधकरण की समी ा की जाती है गितशील मानवश बंधन प ित के
ारा यह संगठन मानवश का बेहतर इ ेमाल करता है संगठन को ऊजावान बनाए रखने के िलए तथा
सेवािनवृि आिद से र थानों को भरने के िलए योगशालाओं की ज रत के अनुसार हर वष वै ािनकों
की भत की जाती है अपनी सभी भितयों और मू ां कन के िलए डीआरडीओ ऑनलाइन आवेदन प
ा करता है डीआरओ म किमयों की कुल सं ा 25,966 है इनम से 7,574 र ा अनुसंधान तथा
िवकास सेवा (डीआरडीएस) म, 9,643 र ा अनुसंधान तकनीकी संवग (डीआरटीसी) म तथा 8,775
शासन एवं अ सहयोगी संवग म है
डीआरडीओ िश ण सं थानों के ारा अपने सभी संवग के कािमकों का िश ण सुिनि त करता है
ये िश ण सं थान ह डीआईएटी, पुणे (तकनीकी पा मों के िलए), आईटीएम, मसूरी तकनीकी-
बंधकीय काय मों के िलए) और र ा योगशाला, जोधपुर (तकनीकी, शासिनक तथा संब संवग के
िलए) ायोिजत काय म के तहत ेक वष चुने ए वै ािनकों को भारतीय ौ ोिगकी सं थान
(आईआईटी), भारतीय िव ान सं थान (आईआईएससी) और अ िति त भारतीय िव िव ालयों म एमई/
एमटे क/पी.एचडी करने के िलए भेजा जाता है डॉ. राजा रम ा कॉ े , बंगलु म डीआरडीओ के
वै ािनकों हे तु लि त िश ण क की थापना की गई है सतत िश ा काय म (सीईपी) भी डीआरडीओ
के वािषक िश ण का अंग है
भूतपूव सैिनकों का पुनवास
भूतपूव सैिनक क ाण िवभाग दे श म भूतपूव सैिनकों के क ाण और पुनवास के िलए अनेक नीितयां और
काय म चलाता है िवभाग म पुनवास और पशन दो िडिवजन ह और इसके तीन संब कायालय ह-
क ीय सैिनक बोड (केएसबी), महािनदे शालय (पुनवास) (डीजीआर) और क ीय संगठन भूतपूव सैिनक
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अनुदािनत ा योजना (सीओ, ईसीएचएस) है

क ीय सैिनक बोड सिचवालय


क ीय सैिनक बोड (केएसबी) सिचवालय भारत सरकार का एक शीष िनकाय है जो शहीदों की िवधवाओं/
यु म िवकलां ग ए सैिनकों, ईएसएम और उनके आि तों के क ाण के िलए सरकार की नीितयों को
काया त करने के िलए िज ेदार है इसके काय म 32 रा सैिनक बोड और 392 िजला सैिनक बोड
सहायता करते ह सश सेना झंडा िदवस िनिध (एएफएफडीएफ) शहीदों की ज रतमंद िवधवाओं/
िवकलागों, ईएसएम और उनके आि तों को िव ीय सहायता दान करने का मुख ोत है
वेबसाइट: www.ksb.gov.in

पुनवास महािनदे शालय


पुनवास महािनदे शालय एक ि -सेना संगठन है जो पुनवास के िविभ पहलुओं पर ान दे ता है और
अफसरों, जेसीओ/ओआर तथा अ सेवाओं म उनके समक ों के साथ-साथ िवधवाओं और आि तों को
रोज़गार, रोज़गार व िश ण के ब िवध अवसर दान करता है ितवष लगभग 60,000 सश
सै कम सेवािनवृत हो जाते ह अथवा सि य सेवा से हट जाते ह, उनम से अिधकां श की आयु 35 से 45 वष
के बीच होती है और उ अपने प रवार की दे खभाल के िलए दू सरा रोज़गार चािहए होता है इन किमयों के
प म दे श के पास मू वान, अनुशािसत, सु िशि त, ितब एवं ितभावान कािमक ताकत होती ह
वेबसाइट: www.dgrindia.com

िश ण काय म
पुनवास महािनदे शालय (डीजीआर) को सेवा िनवृ होने जा रहे / सेवा िनवृ हो चुके सैिनकों को दू सरी
आजीिवका के िलए तैयार करने का उ रदािय िदया गया है भूतपूव सैिनक (ईएसएम) की समाज म
उसके अनु प रोजगार उपल ता की ि से इन पा मों का चयन िकया गया है
अिधकारी िश ण: ईएसएम (अिधकारी) के िश ण हे तु चलाए जाने वाले पा मों म आईआईएम और
अ िति त िबजनेस ू लों म 24 स ाह का बंधन पा म, अ िति त बंधन सं थानों म
प रयोजना िव पोषण, शै िणक सं थाएं , आपूित ृंखला, रटे ल, मानव संसाधन, सुिवधा, आयात एवं िनयात,
इवट िस िस ा, जेट टां जीशन एं ड सीफे रं ग इ ािद जैसे- मॉ ूलर बंधन काय म इसके अित र
सुर ा एजसी को -रोज़गार के प म अपनी आजीिवका बनाने के इ ु क अिधका रयों के िलए छह
स ाह का कॉरपोरे ट िस ु रटी एं ड से ी पा म भी पहले से ही उपल है इन पा मों की फीस
का 60 ितशत भुगतान डीजीआर ारा िदया जाता है अिधका रयों की िवधवाएं भी इन पा मों के यो
मानी गई ह
जेसीओ/ओआर एवं समक िश ण: जेसीओ/ओआर एवं समक के िलए िविभ िवधाओं म एक वष
तक की अविध के िश ण पा म चलाए जाते ह ये इस कार ह : सुर ा, अि एवं औ ोिगक सुर ा,
‘ओ’ र की कं ूटर एवं आईटी, हॉ टै िलटी, पयटन, कृिष उ ाद आधा रत, ापार बंधन, मॉ ूलर
बंधन, ावसाियक एवं ौ ोिगक, िचिक ा एवं ा दे खरे ख, पु कालय एवं सूचनािव ान इ ािद
यह पा म िति त मा ता ा सं थाओं म चलाए जाते ह इनम लगने वाली शत- ितशत फीस का
भुगतान डीजीआर ारा िकया जाता है िवधवाएं जेसीओ / ओआर के एक आि त को भी डीजीआर ारा
ायोिजत पा मों म शािमल होने की अनुमित दी जाती है भूतपूव सैिनक अब डीजीआर ायोिजत उस
िनयिमत पाठ् म म भी भाग ले सकते ह जो सेवािनवृ होने जा रहे कमचारी ारा पूरी तरह से आवेिदत न
हो डीजीआर के िनयिमत पा म म शािमल होने की अनुमित दे ने का एक उ े यह भी है िक िजन
भूतपूव सैिनकों ने पहले यिद ऐसे िकसी पा म म भाग नहीं िलया हो, वे अब अपना कौशल सुधारने के
िलए इन पा मों म भाग ले सकते ह सभी रे िजमटल सटस पर ितमाह ऐसे दो िनयिमत पा म
पशन ि या म आने वाले सैिनकों के िलए चलाए जाने की योजना है
ईएसएम िश ण: इस योजना के अंतगत रा सैिनक बोड को अपने-अपने रा ों म भूतपूव सैिनकों के
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िलए ावसाियक पा म चलाने के िलए कोष आवंिटत िकया जाता है यह योजना मु तः उन भूतपूव
सैिनकों के िलए है जो कायकाल के दौरान पुनवास के िलए ऐसी िकसी सुिवधा का लाभ नहीं उठा सके थे
रोजगार के अवसर
सरकारी नौक रयों म आर ण: क सरकार ने सीधी भत से भरे जाने वाले पदों म भूतपूव सैिनकों के िलए
िन कार से आर ण की व था की है : (अ) समूह ‘ग’ र यों म 10 ितशत और समूह ‘घ’ पदों म
20 ितशत इसके अित र हर ेणी म 4.5 ितशत आर ण िद ां ग हो चुके जवानों और िवधवाओं/
आि तों के िलए आरि त होंगे (आ) लोक उप मों और रा ीयकृत बकों म समूह ‘ग’ पदों म 14.5
ितशत और समूह ‘घ’ पदों म 24.5 ितशत (इ) अध सैिनक बलों म सहायक सेनानी (कमां डट) पद के
िलए 10 ितशत और (ई) र ा सुर ा कोर म शत- ितशत
आर ण का ि या यनः भूतपूव सैिनकों के िलए आर ण नीित के ि या यन पर िनगरानी रखने के िलए
पुनवास महािनदे शालय को मुख एजसी के प म नािमत िकया है िविभ संगठनों से ा आं कड़ों के
आधार पर 30 जून, 2015 तक की अविध के िलए अ -वािषक रपोट तैयार कर ली गई है
कॉरपोरे ट/ िनजी े म रोजगारः भूतपूव सैिनकों के िलए कॉरपोरे ट/िनजी े म रोजगार की अ ी-खासी
संभावनाएं ह इस बारे म जाग कता लाने और इन े ों से अपने यहां भूतपूव सैिनकों को रोजगार दे ने के
िलए अनुरोध करने हे तु डीजीआर ने अग 2014 म एक नेशनल कॉरपोरे ट कॉ ेव का आयोजन िकया
था िजसम कॉरपोरे ट मुखों के सम भूतपूव सैिनकों की काय मता का िववरण ुत िकया गया और
र ा मं ी ने उनसे अपने े भूतपूव सैिनकों के िलए भी खोलने का अनुरोध िकया था इस ल की ा
हे तु डीजीआर ने भत उ ोग महासंघ (सीआईआई) के साथ एक समझौता ापन पर ह ा र भी िकए ह
-रोजगार के िलए योजनाएं
कोयला ढु लान योजनाएं एवं िटपर संयोजनः जुलाई 2014 म नया समझौता ापन और िदशािनदशों के साथ
इस योजना को िफर से तैयार िकया गया है
कंपनी के ािम वाले कंपनी ारा संचािलत खुदरा ( रटे ल) दु कान: पेटोिलयम एवं ाकृितक गैस मं ालय
ारा जारी नीित िनदशों के अनु प डीजीआर ने पूरे भारत म कंपनी के ािम वाले कंपनी ारा संचािलत
खुदरा ( रटे ल) आउटलेट्स योजना (सीओसीओ) के अंतगत आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल के
रटे ल आउटलेट्स के बंधन के िलए अिधका रयों को ायोिजत करना ारं भ िकया है
गोपालजी डे यरी एं ड े श फा ः इस योजना का उ े रा ीय राजधानी े म जेसीओ/ओआर को -
रोजगार उपल करवाना है
रा ीय राजधानी े म भूतपूव सैिनकों ारा सीएनजी े शनों का बंधनः नोएडा, फरीदाबाद और गु ाम
को शािमल करने के िलए इस योजना का काय े पूरे रा ीय राजधानी े म िव ा रत कर िदया गया है
सेना के अिधशेष ‘वी’ ‘बी’ ेणी वाहनों का आवंटनः भूतपूव सैिनक और सेवा अविध के दौरान ही िजन
सैिनकों का िनधन हो गया, उनकी िवधवाओं को सेना के अिधशेष ‘वी’ ‘बी’ ेणी वाहनों का आवंटन करने
के यो माना गया है वष के दौरान 75 भूतपूव सैिनकों का डीजीआर म पंजीकरण िकया गया है
तेल उ ाद एजसी योजनाः पेटोिलयम और ाकृितक गैस मं ालय/तेल कंपिनयों ारा जारी नीित िनदशों के
अनुसार डीजीआर को 8 ितशत र ा कोटा के अंतगत तेल उ ाद एजिसयों के िलए पा ता माण-प
जारी करने का अिधकार िदया गया है
ा दे खरे ख
भूतपूव सैिनक अंशदायी ा योजनाः भूतपूव सैिनक अंशदायी ा योजना की शु आत पहली
अ ैल 2003 को ई थी अ ू बर 2010 म इस िव ार िकया गया ईसीएचएस योजना का ल भूतपूव
सैिनकों और उनके आि तों को अ ी रीय ा सेवाएं उपल करना है जो उ दे शभर म
ईसीएचएस पॉली िनकों, सेना िचिक ा सुिवधाओं तथा नाग रक े के सूचीब (इ ैन )/शासकीय
िचिक ालयों के मा म से दी जाएं गी यह योजना क सरकार ा सेवा योजना (सीजीएचएस) की
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तरह ही है और इसका िव पोषण भारत सरकार ारा िकया जाता है इसके अंतगत व र सै किमयों व
उनके आि तों को इ ैन िचिक ालयों म कैशलेस उपचार की सुिवधा सुिनि त करना है
ईसीएचएस पॉली िनकों को ‘बिहरं ग रोगी ा सेवा’ के प म इस कार गिठत िकया गया है िजसम
परामश, आव क परी ण और औषिध उपल ता का ावधान है िविश परामश, परी ण और अंतरं ग
रोगी सेवा (िचिक ा हे तु अ ताल म भत िकया जाना) को सेना िचिक ालयों, सभी सरकारी अ तालों के
साथ ही ईसीएचएस के अंतगत इ ैन नाग रक िचिक ा सुिवधाओं म उपल अित र मता के
अनुसार उपल कराया जाता है
क ीय संगठनः शीष थ र पर क ीय संगठन अथात ईसीएचएस नई िद ी म थत है जो र ा मं ालय
के एकीकृत मु ालय म सेना ों की सिमित (चीफ ऑफ ाफ कमेटी) के अधीन एडजुटट जनरल के
मा म से कायरत है क ीय संगठन के अ सेवारत मेजर जनरल होते ह ईसीएचएस की कायकारी
श यां भूतपूव सैिनक क ाण िवभाग म िनिहत होती ह
ईसीएचएस टोल ी हे लाइनः सभी ईसीएचएस सद ों को 1800-114-115 नंबर पर टोल ी हे लाइन
उपल करवाई गई है जहां से वे अपनी सद ता, उपचार और रोजगार के बारे म जानकारी ा कर
सकगे यह सुिवधा सभी कायिदवसों पर सोमवार से शु वार ातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक उपल
होगी
ईसीएचएस वेबसाइटः ईसीएचएस से संबंिधत सभी सूचनाएं , िजसम इ ैन सुिवधाओं की सूची, सद ता
के िलए आवेदन-प और नवीनतम नीितयां इ ािद www.echs.gov.in वेबसाइट पर उपल ह

र ा पशन
तकरीबन 31 लाख र ा पशन भोिगयों/प रवार के पशनभोिगयों को पूरे भारतवष म फैले 21 सरकारी बकों,
3 िनजी बकों, 283 कोषागारों, 64 र ा पशन िवतरण कायालयों (डीपीडीओ), 1 डाकघर, 1 वेतन एवं लेखा
कायालयों (पीएओ) के मा म से िवत रत की जाती है नेपाल म रह रहे सश बलों के पशनभोिगयों के
िलए पशन का िवतरण 3 पशन भुगतान कायालयों (पीपीओ) के मा म से िकया जाता है
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10 िश ा

ा, मानव संसाधन िवकास का सार है , जो दे श के सामािजक-आिथक ताने-बाने को संतुिलत करने म


िश मह पूण और उपचारा क भूिमका िनभाती है भारत के नाग रक इसके सबसे मू वान संसाधन
ह, ऐसे म एक अरब से अिधक जनसं ा वाले मजबूत दे श को अपने नाग रकों को बेहतर गुणव ा
वाला जीवन दे ने के िलए मौिलक िश ा के प म िवकास और दे खभाल की आव कता है इसके िलए
उनके सम िवकास की आव कता है , जोिक िश ा की मजबूत नींव के िनमाण से िकया जा सकता है
अ ी गुणव ा की िश ा नई खोजों, नए ान, नवाचार एवं उ िमता का आधार है जो के साथ-साथ
दे श के िवकास एवं समृ की शु आत करती है इसके िलए िश ा के पा मों और अ ापन काय को
समाज एवं अथ व था के िहसाब से ासंिगक बनाने की आव कता है इसके अलावा सम ा के
समाधान की गुणव ा एवं कला क सोच, अ ास के ज रए सीखने और युवाव था से हीं आ िव ास के
साथ अपनी बात रखने की कला को बढ़ावा दे ने की आव कता है
मं ालय ने समाज के कमजोर वग के छा ों के शै िणक िवकास पर जोर दे ने के िलए कई नए कदम
उठाए ह, यथा- (1) अ सं कों के िलए रा ीय िनगरानी सिमित का गठन, (2) अनुसूिचत जाित,
अनुसूिचत जनजाित और िद ां गों की िश ा के िलए रा ीय िनगरानी सिमित का गठन, (3) छा ों के िलए
‘रा ीय साधन सह-यो ता छा वृि योजना’ (एनएमएमएसएस), मा िमक िश ा के िलए लड़िकयों के
ो ाहन हे तु रा ीय योजना (एनएसआईजीएसई), ज ू एवं क ीर हे तु िवशेष छा वृि योजना, िश ा
ऋण पर ाज स डी जैसे काय म, (4) भेदभाव के िनवारण के िलए िविनयम और लोकपाल
(ओ ड् समैन) की थापना और (5) रै िगंग के िव एक वेब पोटल िवकिसत करना भारत सरकार की
ाथिमकता को दे खते ए, इस मं ालय की योजनाओं के अंतगत अनुसूिचत जाित उप-योजना व जनजातीय
उप-योजना (एससीएसपी, टीएसपी) के ि या यन हे तु िदशािनदश तैयार िकए गए ह और ि या यन के
िलए मं ालय म सभी को तथा इस िवभाग के अंतगत सभी संगठनों व सं थाओं को भेज िदए गए ह मं ालय
का जोर पूव र े (एनईआर) और ज ू एवं क ीर सिहत दे श के सभी े ों के सम और संतुिलत
शै िणक िवकास पर रहा है वतमान म मानव संसाधन िवकास मं ालय दो िवभागों के मा म से काय
करता है : (क) ू ली िश ा और सा रता िवभाग और (ख) उ िश ा िवभाग
वेबसाइट: www.mhrd.gov.in

िन:शु एवं अिनवाय िश ा का बाल अिधकार और सविश ा अिभयान


भारत के संिवधान की धारा 21ए के फल प िन:शु एवं अिनवाय िश ा बाल अिधकार (आरटीई)
अिधिनयम, 2009 दे श म वष 2010 म लागू आ आरटीई अिधिनयम 6 से 14 वष की आयु के सभी ब ों
को िकसी औपचा रक ू ल म समानता के आधार पर ाथिमक िश ा का अिधकार दान करता है इन
ू लों को कुछ अिनवाय िस ां तों और मानकों का पालन करना होता है सभी रा ों और क शािसत
दे श अपने-अपने आरटीई िनयमों की अिधसूचना जारी कर चुके ह क ायोिजत सविश ा अिभयान
(एसएसए); आरटीई अिधिनयम को लागू करने म रा ों और क शािसत दे शों के यासों म सहयोग और
समथन दे ता है इसम नये िव ालयों की थापना, ू लों और अित र क ाओं का िनमाण, शौचालयों का
िनमाण एवं पेयजल सुिवधाएं , िश कों की व था और िश कों को सेवाकालीन िश ण तथा शैि क
संसाधन सहायता, िनःशु पा पु क, यूनीफॉम, सीखने के र म सुधार हे तु, अनुसंधान, मू ां कन
और िनगरानी जैसे सहयोग शािमल होते ह
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काय म ह ेप
1. सव सुलभता
ाथिमक िश ा की सव सुलभता के िलए ‘सव िश ा अिभयान’ (एसएसए) काय म वष 2001 से लागू िकया
गया है इसने िश ा को िन और सवसुलभ बनाने म काफी गित की है
(क) नये ू लः सव िश ा अिभयान के अंतगत िपछले वष म सव सुलभता के ल की ा की िदशा म
गित िनरं तर बनी ई है िपछले वष म 2,04,740 ाथिमक िव ालयों को मंजूरी दी गई है , इसके साथ ही
3 िकलोमीटर के दायरे म 1,59,415 उ ाथिमक ू लों को मंजूरी दी जा चुकी है
(ख) ू ल न जाने वाले ब ों को मु धारा म लाने हे तु िवशेष िश ण: आरटीई अिधिनयम म ू ल नहीं
जाने वाले ब ों को उनकी आयु के अनुसार उपयु क ाओं म वेश दे ने के िलए िवशेष ावधान िकया
गया है ू ल न जाने वाले ब ों म से अिधकतर ब े वंिचत (सुिवधाहीन) समुदायों से आते ह इनम
अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित, मु म, वासी, िद ां ग, शहरी वंिचत, कामकाजी, अ किठन
प र थितयों से आए ब े यथा- दु गम थानों म रहने वाले ब े, िव थािपत प रवारों के ब े और गृहयु से
भािवत े ों के ब े इ ािद स िलत ह िवशेष िश ण, आवासीय अथवा गैर-आवासीय पा म के
तौर पर िदया जा सकता है िव ालय प रसरों म ही यह व था की जाती है परं तु यिद िव ालय म इस
तरह की वैक क सुिवधाएं उपल नहीं है जो सुरि त और सुगम हों तब िश ण की व था की जा
सकती ह
(ग) आवासीय सुिवधाएं : पवतीय अथवा िबखरे ए तथा घने जंगलों वाले दु गम े ों म ू ली छा ों के िलए
आवासीय सुिवधा दान की जाती है घनी आबादी वाले शहरी े ों म भी आवासीय सुिवधा दी जाती है
एसएसए ने 90,855 छा ों की मता वाली 826 आवासीय सं थाएं दान की ह
(घ) प रवहन अथवा अनुर ण सुिवधाएं : ये सुिवधाएं उन ब ों को दान की जाती ह जो दू र-दराज़ के े ों
म िबखरी ई ब यों म रहते ह, या उन शहरी े ों म जहां ज़मीन का िमलना एक सम ा है , या उन ब ों
को दी जाती है जो अ ंत वंिचत वग के ह अथवा िवशेष आव कता वाले (िद ां ग) ह
(ङ) पोशाकः सव िश ा अिभयान के तहत सभी बािलकाओं और अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित,
गरीबी रे खा से नीचे के ब ों को ू ली वद के दो-दो सेट िदए जाते ह वद दे ने का यह ावधान उस थित
म लागू होता है जहां :- (i) रा सरकारों ने अपने-अपने आरटीई कानूनों म यह ावधान िकया है िक ू ली
वद ब ों का अिधकार है , (ii) रा सरकार अपने बजट से पहले से ही वद नहीं दे रही होती ह
II. ाथिमक िश ा म लड़के-लड़िकयों की सं ा म अंतर को दू र करना
(क) बािलका िश ाः आरटीई-एसएसए लड़िकयों और वंिचत तथा कमज़ोर वग के ब ों की िश ा पर
जोर और िवशेष ान दे ता है एसएसए के तहत सामा ह ेप सभी लड़िकयों और वंिचत तथा कमजोर
वग के ब ों पर लागू होता है इसम आरटीई िनयमों के अनुसार ब यों के अंदर ही ाथिमक और उ -
ाथिमक ू लों, वद , पा पु कों आिद की उपल ता सुिनि त करना भी स िलत है िवशेष िश ण
के ह ेप भी मु तः लड़िकयों और वंिचत समूहों पर ही कि त होते ह, ोंिक यह ब ों का वह वग है
जो िश ा के अवसर से सबसे अिधक वंिचत ह
(ख) क ूरबा गां धी बािलका िव ालय (केजीबीवी): क ूरबा गां धी बािलका िव ालय (केजीबीवी)-
अनु.जा., अनु.जन. जा., अ.िप.व, मु म समुदायों और गरीबी रे खा से नीचे (बीपीएल) प रवारों की
लड़िकयों के िलए आवासीय िव ालय ह ये िव ालय उन िवकास खंडों म खोले गए ह जो िश ा की ि से
िपछड़े ए ह और जहां िव ालय काफी दू री पर ह तथा लड़िकयों की सुर ा एक चुनौती है केजीबीवी उन
िकशो रयों को िश ा दे ने के िलए खोले गए ह जो िनयिमत िव ालयों म जाने म असमथ ह ये िव ालय उन
बािलकाओं के िलए ह जो दस वष से अिधक आयु की ह तथा ाथिमक िश ा नहीं पूरी कर सकी ह और
पढ़ाई बीच म ही छोड़ चुकी ह ये िव ालय उन िकशो रयों के िलए भी ह जो दु गम और िबखरी ई आबादी
वाले उन े ों के वासी प रवारों से आती ह, जो ाथिमक, उ ाथिमक िव ालयों की पा ता नहीं रखते
केजीबीवी म 75 ितशत थान अ.जा, अ.ज.जा, ओबीसी और अ सं क प रवारों की बािलकाओं के िलए
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आरि त होते ह जबिक 25 ितशत थान गरीबी रे खा से नीचे वाले प रवारों की बािलकाओं के िलए
आरि त ह रा ों म 3.600 ऐसे िव ालय ह और इनम 3,66,756 बािलकाएं सूचीब ह
(ग) ू ल पा म और पा पु कों से िलंग (जडर) के आधार पर भेदभाव हटानाः ‘रा ीय पा म
े मवक’ (एनसीएफ) वष 2005 के िदशािनदशों का अनुसरण करते ए रा ों ने जडर (यानी बालक-
बािलकाओं के बीच अंतर) को बािलकाओं और मिहलाओं के बढ़ते ितिनिध के ज रए, बदलाव का
मह पूण नमूना थािपत करने का सुिवचा रत िनणय िलया है इसम उनकी भूिमका को बदलने की
व था भी है अिधकतर रा ों ने बािलकाओं की भत , अनु ीणता और िश ा पूरी करने जैसे िवषयों से
िनपटने के िलए अपनी िनयिमत शाला बंधन सिमित (एसएमसी) के िश ण मॉ ूल म जडर को शािमल
िकया है बािलकाओं की िश ा के ित संवेदनशीलता के म े नजर िव ालयों म छा ाओं के िलए उिचत
वातावरण तैयार करने, जडर जाग कता पर चचा के िलए मिहला िश कों के साथ स ावपूण संपक आिद
पर ान िदया जाता है रा ों म जडर संबंिधत मु ों पर िश कों को िश ण िदया जाता है , िवशेषकर
िकशो रयों से जुड़े जडर संबंधी मु ों पर बोधन काय म आयोिजत िकया जाता है
(घ) बािलका िश ा के उ यन हे तु िडिजटल जडर एटलसः िव ालयीन िश ा और सा रता िवभाग ने
वेबसाइट पर भारत म बािलका िश ा की गित पर एक एटलस तैयार िकया है यूनीसेफ की सहायता से
िनिमत यह साधन उन े ों की पहचान म मदद करे गा जहां पर अनु.जा., अनु.जन.जा. और मु म
समुदायों जैसे वंिचत वग की बािलकाओं की िश ा की थित कमजोर है शैि क ह ेप की योजना
बनाने और उसे लागू करने की ि से जडर एटलस का उ े िवकलां गता पर ान कि त करते ए
वंिचत लड़िकयों की समान िश ा को सुिनि त और िचि त करने म मदद करना है
(च) बािलकाओं के िलए अलग शौचालयः सविश ा अिभयान के तहत रा ु ल, गां व, खंड और िजला
र पर आव कता के आधार पर ू लों की बुिनयादी सुिवधाओं के बारे म योजना बनाते ह इन
सुिवधाओं म शौचालय और पेयजल भी शािमल है इसे उनकी वािषक काययोजनाओं एवं बजट म दशाया
जाता है सविश ा अिभयान के अंतगत ीकृत सभी नए ू लों म बािलकाओं और बालकों के िलए
शौचालय की सुिवधा है धानमं ी ने 15 अग , 2014 को तं ता िदवस पर अपने संबोधन म
बािलकाओं की िश ा का आ ान करते ए संक िकया िक एक वष के अंदर रा के सभी ू लों म
शौचालय होगा; लड़िकयों के िलए अलग शौचालय होंगे तािक पढ़ाई बीच म छोड़ने को उ िववश न होना
पड़े धानमं ी के इस ेरक आ ान को दे खते ए िव ालयीन िश ा िवभाग म 64 सावजिनक े के
उप मों (पीएसयू) और 11 िनजी कॉरपोरे ट कंपिनयों की भागीदारी म ू लों म शौचालयों के िनमाण और
मर त के िलए िव ालय पहल की शु आत की
III समावेशी िश ा
(क) अनु. जाित, अनु. जनजाित और मुसलमान ाथिमक ू लों म अनु. जाित के ब ों का पंजीकरण
2015-16 म बढ़कर 19.8 ितशत हो गया जो वष 2010-11 म 19.06 ितशत था यह (वष 2011 की
जनगणना के अनुसार) दे श की इनकी कुल आबादी 16.60 ितशत से अिधक है ाथिमक र पर अनु.
जनजाित के ब ों के पंजीकरण म वष 2010-11 के मुकाबले वष 2015-16 म मामूली िगरावट आई और यह
10.70 ितशत से घटकर 10.35 ितशत पर आ गया यह (वष 2011 की जनगणना के अनुसार), दे श की
कुल आबादी म इनकी 8.60 ितशत सं ा से अिधक है मुसलमानों का पंजीकरण वष 2010-11 के 12.50
ितशत से बढ़कर वष 2015-16 म 13.8 ितशत हो गया यह इनकी 14.2 ितशत आबादी (वष 2011 की
जनगणना के अनुसार) से थोड़ा कम है वष 2016-17 के िलए एसएसए के अंतगत कुल आवंटन का 19
ितशत मु म ब लता वाले 88 िवशेष फोक ड िजलों के िलए िकया गया है एसटी फोक ड वाले 109
िजलों के िलए वष 2016-17 म एसएसए के तहत कुल आवंटन के 13 ितशत का ावधान िकया गया है
एसएसए के अंतगत कुल आवंटन का 19 ितशत 61 एससी फोक ड िजलों के िलए िनधा रत िकया गया है
(ख) िद ां ग ब े (सीड ूएसएन) आरटीई-एसएसए यह सुिनि त करने का यास करता है िक हर
िद ां ग ब े को चाहे वह िकसी भी कार से और िकतना भी अश ों न हो, उसे उपयोगी और
गुणव ापूण िश ा िमले ऐसे ब ों के िलए एसएसए ह ेप के मु घटकों म शािमल ह– िशना ,
ि याशीलता तथा औपचा रक आकलन, पया शैि क िनयोजन, वैय क िश ा योजना की तैयारी,
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सहायक यं ो तथा उपकरणों का ावधान, िश क िश ण, संसाधन समथन, संरचना क बाधाओं को


हटाना, िनगरानी तथा मू ां कन और िद ां ग बािलकाओं पर िवशेष ान दे ना
(ग) ब ों के िलए पा पु क सभी ब ों को आठवीं क ा तक िनःशु पा पु क उपल कराई
जाती ह वष 2016-17 म 8.38 करोड़ ब ों को पा पु क उपल कराने का ावधान िकया गया
गितिविध आधा रत क ा ि याओं की सुिवधा और सीखने की ि याओं के संपूरण के िलए कई रा ों
ारा वकबुक और वकशीट उपल कराई जा रही ह
IV. सविश ा अिभयान के तहत उप-काय म
(क) पढ़े भारत, बढ़े भारत (पीबीबीबी): सव िश ा अिभयान के इस उप-काय म का उ े पहली और
दू सरी क ा म समझ के साथ पढ़ाई-िलखाई और गिणत पर जोर दे ते ए बुिनयादी िश ा पर ान कि त
करना है रा और क शािसत दे श िविश ह ेप लागू कर रहे ह तिमलनाडु म एबीएल, कनाटक म
न ी काली और गुजरात म ा के तहत पहली और दू सरी क ा के िव ािथयों को पढ़ाने वाले िश कों के
िलए िविश िश क िश ण का मॉ ूल िवकिसत करने के कदम उठाए गए ह पंजाब, मेघालय और
िद ी ने पहली तथा दू सरी क ा म गिणत की पढ़ाई को और बेहतर करने का काय म शु िकया है
िस म म समुदाय के सद ों की मदद से ाथिमक क ाओं के ब ों के िलए क ा बनाए गए ह
(ख) सविश ा अिभयान के अंतगत ‘रा ीय आिव ार अिभयान’ (आरएए) की शु आत . डॉ. ए.पी.जे.
अ ु ल कलाम ने की थी इसका उ े 6 से 18 वष की आयु के ब ों को िव ान, गिणत तथा ौ ोिगकी
की ओर आकृ व े रत करना है ऐसा, क ा के अंदर और बाहर अवलोकन, योग, अनुमान, िच ां कन
तथा मॉडल िनमाण जैसी गितिविधयों के मा म से िकया जाता है आईआईटी, आईआईएसईआर और
एनआईटी जैसी उ िश ा सं थानों ने परामश के िलए ू लों को गोद िलया है कुछ रा ों म िव ािथयों
के ानव न के िलए उ कारखानों और अनुसंधान क ों का मण कराया जाता है िव ालय रों पर
िव ान और गिणत के ब गिठत िकए जा रहे ह, गिणत, िव ान और ौ ोिगकी म अपनी खोज (नवाचार)
दशाने के िलए छा ितयोिगताओं एवं दशिनयों म भाग ले रहे ह
(ग) सविश ा अिभयान के तहत एक अ उप-काय म ‘िव ां जिल’ है इसका उ े सविश ा अिभयान
के त ावधान म दे शभर के सरकारी ाथिमक िव ालयों म समुदाय और िनजी े की भागीदारी बढ़ाना
है इसका उ े यंसेिवयों की सेवाओं के ज रए सरकारी िव ालयों म सह-शैि क गितिविधयों को
भावी तरीके से लागू करना है
(घ) शगुन पोटल: मानव संसाधन िवकास मं ालय ने ‘शगुन’ नाम का एक वेब पोटल िवकिसत िकया है
‘शगुन’ ‘शाला’ और ‘गुणव ा’ श ों से िनकला है रा व क शािसत दे शों के अनुसार ाथिमक िश ण
के दो भाग ह यथा, एक है े अ ासों, िच ों, वीिडयोज़, अ यनों, समाचार-प आलेखों का सं ह क ये
सब सभी के उपयोग के िलए होंगे शगुन का वेबपोटल है : http://ssashagun.nic.in
V िश क िश ण
(क) िश कों की उपल ताः ाथिमक िव ालयों म िश कों की कमी को पूरा करने के िलए सविश ा
अिभयान के तहत वष 2016-17 तक 19.49 लाख़ अित र पदों की मंजूरी दी गई है िश ा का अिधकार
के तहत यह अिनवाय है िक िश क पद पर केवल उ ीं की िनयु की जा सकती है िज ोंने िश क
पा ता परी ा-टीईटी पास की हो सीबीएसई ऐसी ारह परी ाएं आयोिजत कर चुका है एसएसए के
तहत 2.34 लाख अंशकािलक िश कों की िनयु को मंजूरी दी गई है
(ख) सेवाकाल म िश क िश ण: िश कों के कौशल उ यन के िलए उनके सेवाकाल म एसएसए सभी
िश कों को वष म 20 िदन का िश ण दे ता है एनसीटीई के मा ता ा िश ण के िलए िनयु िकए
जा चुके ेक अ िशि त िश क को दो वष तक सालाना 6,000 पये की सहयता दी जाती है इसके
अलावा नई भत वाले िशि त िश कों को एक महीने का वेश िश ण िदया जाता है सभी िश ण
काय मों म ू लों म अ यन ि या और क ाओं म िव ा ा के तरीकों म सुधार के िलए िवषयव ु
तथा तौर-तरीकों सिहत, अ ापन संबंधी सभी मु ों पर जोर िदया जाता है इनम से कुछ मुख इस कार
ह- एनसीएफ 2005 के िदशािनदशक िस ां त, सीसीई, ब े कैसे सीखते ह, िवषय-िविश साम ी अथवा
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अ यन संबंधी मु ल, गितिविध उ ुख प ितयां , टीएलएम अथवा अ यन िकट का उपयोग


(ग) धाना ापकों का िश ण: िश कों के बंधकीय कौशल के िलए ू लों के धाना ापकों को
िश ण बंधन, िव ीय बंधन और मानव संसाधन बंधन म 10 िदनों का िश ण िदया जाता है
(घ) िश कों के िलए सुदूर िश ा काय मः कािमकों और सं थानों के मता िनमाण के िलए रा ीय, रा ,
िजला और उप-िजला र पर ‘इं िदरा गां धी रा ीय मु िव िव ालय’ (इ ू) तथा िविभ रा ों म अ
िश क िश ा सं थानों की सहायता की सुिवधा उपल कराई जाती है सुदूर िश ा काय म के तहत
अ िशि त िश कों को िश ण के िलए सुदूर िश ा साम ी की िडजाइिनंग, िवकास, उ ादन तथा आपूित
म सहायता दान की जाती है इस तरह रा ों म पेशेवर प से अ िशि त िश कों के िश ण की
सुिवधा उपल कराई जाती है
VI. िश ण सहायता णाली
(क) शैि क सहायता ढां चाः िश कों को िवक ीकृत शैि क सहायता दे ने, उनके िश ण तथा िनरी ण के
िलए ेक ॉक और र म संसाधन क बनाए गए ह िसतंबर 2016 तक दे शभर म 6,759 ॉक
संसाधन क और 76,064 र संसाधन क बनाए जा चुके ह
(ख) ू ल और िश क अनुदान: एसएसए, ासंिगक िश ण सहायता के िलए सभी िश कों को 500 पये
का अनुदान दे ता है डीआईईटी और बीआरसी िवषय संबंधी कम कीमत की िश ण सहायक साम ी
िवकिसत करने के िलए कायशालाएं और िश ण काय म आयोिजत करते ह ू लों म उपयोग की
जानेवाली व ुओं पर खच के िलए ितवष ेक ाथिमक िव ालय को 5,000 और अ को 7,000 पये
िदए जाते ह इसके अलावा हरे क ू ल को 7,500 पये रखरखाव के िलए िदए जाते ह ेक नए
ाथिमक िव ालय को ‘टीिचंग, लिनग इ पमट’ अनुदान के प म एक मु 20,000 पये और इसम
उ र के िव ालयों को 50,000 पये िदए जाते ह
(ग) कं ूटर की सहायता से पढ़ाई: एसएएस के तहत ू लों म कं ूटर की मदद से ब ों की पढ़ाई म
मदद के िलए ेक िजले को 50 लाख पये का अनुदान िदया जाता है यह ू लों को कं ूटर उपकरणों
अथवा योगशालाओं, थानीय भाषा म पा म आधा रत ई-लिनग साम ी के िवकास और कं ूटर म
िश कों के िश ण के िलए होता है इस काय म के शु होने के बाद लगभग 1,06,753 ू ल इससे
लाभा त ए ह
(घ) वीणता वृ काय मः इस काय म के तहत ेक िजले के िलए एसएसए के कुल य का दो
ितशत उपल कराया जाता है इस काय म का उ े अ यन ि याओं की गुणव ा म सुधार कर
अ े नतीजे हािसल करना है
(ङ) िव ािथयों के अ यन के नतीजों म सुधारः एसएसए के िविभ गुणव ा ह ेपों का असर ब ों के
सीखने के र म वृ को दशाता है एक मह पूण काय े होने के नाते एनसीईआरटी ने एमएचआरड़ी
की सलाह पर क ा 3, 5 और 8 म पढ़ने वाले सभी ब ों के िन ादन र को मापने का एक काय म
शु िकया है क ा 3, 5 और 8 के छा ों के पठन-पाठन र का आकलन करने के िलए ेक तीन वष
म एनसीईआरटी का रा ीय उपल सव ण िकया जाता है एनएएस का सव ण छा ों की उपल यों के
बारे म िव सनीय आं कड़े उपल कराता है तािक द िश ा की गुणव ा का आकलन िकया जा सके
एसएसए का मुख घटक िव ािथयों के अ यन के नतीजों म सुधार करना है पठन-पाठन पर ‘रा ीय
उपल सव ण’ (एनएएस) के प रणामों के बाद रा ों और क शािसत दे श को रा पठन-पाठन
उपल सव ण कराने के िलए धनरािश मुहैया कराई गई है तािक खंड और िजला र पर पठन-पाठन
उपल यों के सू रीय िच हो सके
VII. बुिनयादी ढांचा
आरटीई-एसएसए, िनमाण काय के ि या यन म रा ों के ित काफी लचीला है क न तो िडजाइन
और न ही इकाई की लागत का िनधारण करता है रा ों को थानीय थितयों के आधार पर भवन का
िडजाइन तैयार करने और रा सरकारों ारा अिधसूिचत दरों की सूची के आधार पर लागत अनुमान
लगाने की छूट है हालां िक ू लों के आधारभूत ढां चे का ावधान अकेले रा की ही गितिविध नहीं है
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ू ली ब ों के पंजीकरण, हािजरी तथा उनके पढ़ाई जारी रखने म ू ल के आधारभूत ढां चे की गुणव ा
और िडजाइन की मह पूण भूिमका है एसएसए के तहत िकए जाने वाले िनमाण काय आरटीई के
ावधानों के अनुसार हर मौसम के अनुकूल भवन उपल कराते ह आरटीई- एसएसए के तहत थानीय
समुदाय म ािम की भावना पैदा करने के िलए सभी नाग रक काय संबंधी गितिविधयों म उ भागीदारी
के िलए ो ािहत िकया जाता है ठे केदारों के िनमाण काय की तुलना म समुदाय जिनत ू लों का िनमाण
गुणव ा के िलहाज से बेहतर सािबत आ है ू ल भवनों के थल और िडजाइन के चयन तथा दे खरे ख म
समुदाय से सि य भूिमका की अपे ा रहती है दे श म ऐसे अनेक उदाहरण ह जहां समुदाय ने अपने गां व
के ू ल के सुधार म धन व म के िलहाज से उ ेखनीय योगदान िकया है
आरटीई एसएसए पुराने भवनों की मर त म भी मदद करता है भवनरिहत, जीण-शीण और नवीकृत
ू ली भवनों को जो खम रिहत बनाने का भी ावधान िकया गया है आरटीई-एसएसए ने अब िनमाण
काय का अ प से मू ां कन कराया है िनमाण काय की गुणव ा सुिनि त करने हे तु एक ापक
िनरी ण और पयवे ण की व था की गई है
ू ल बंधन सिमितयां और सामुदाियक भागीदारी
एसएसए ने सरकारी ू लों के भावी संचालन के िलए समुदाय के ािम के मह को हमेशा ीकार
िकया है िनयमों के अनुसार ू लों के िलए बंधन सिमितयां (एसएमसी) बनाना अिनवाय कर िदया गया
है इनके सद संबंिधत ू लों के ब ों के माता-िपता/अिभभावक होते ह
िनगरानी सं थान
रा ों और क शािसत दे शों म एसएसए के काया यन की साविध िनगरानी का काम िव िव ालय के
िश ा िवभाग तथा समाज िव ान और रा ीय मह के सं थानों को सौंपा गया है बड़े रा ों म िनगरानी का
काम एक से अिधक सं थानों को सौंपा गया है इन िनगरानी सं थानों को े का दौरा कर हर छह महीने म
जमीनी र पर एसएसए की गित के बारे म रपोट दे ने का काम िदया गया है हर दो साल बाद यह च
दोहराया जाता है एसएएस काय म के तहत आव कता के अनु प िनगरानी सं थानों की सीमा े ों म
बदलाव िकया जाता है
आरटीई कानून की धारा 12 (1) (ग) के तहत वेश
इसके तहत गैर-सहायता ा सभी िनजी और िवशेष ेणी के ू लों म आिथक प से िपछड़े वग के िलए
कम से कम 25 ितशत सीट आरि त करना अिनवाय िकया गया है एसएसए के तहत भारत सरकार
िनजी और गैर-सहायता ा ू लों म 25 ितशत वेश पर िकया गया य रा ों को वापस दे गी यह
रा सरकार ारा अिधसूिचत ित ब ा लागत िनयमों पर आधा रत होगा और एसएसए वािषक
काययोजना और बजट रािश का अिधकतम 20 ितशत तक होगा

रा ीय मा िमक िश ा अिभयान
यह योजना वष 2009 म शु की गई थी इसका उ े और अिधक ब ों को मा िमक िश ा उपल
कराना तथा उसकी गुणव ा सुधारना है इसम ब यों म उिचत दू री पर मा िमक िव ालय की थापना
का ावधान िकया गया है इसका एक उ े यह भी है िक वष 2017 तक ‘सकल भत अनुपात’
(जीईआर) शत- ितशत हो जाए और वष 2020 तक सभी ू ली ब े पढ़ाई जारी रख सक इसके अलावा
सभी ू लों ारा िनधा रत मानकों का अनुपालन सुिनि त कराना, छा ाओं के साथ भेदभाव ख़ करना,
सामािजक-आिथक और िद ां गता संबंधी बाधाएं समा कर मा िमक र पर दी जा रही िश ा की
गुणव ा म सुधार लाना है इस योजना के अंतगत जो मह पूण भौितक सुिवधाएं दान की गई ह, उनम
शािमल ह; (i) अित र क ा कमरे , (ii) योगशालाएं , (iii) पु कालय, (iv) कला एवं िश क , (v)
शौचालय खंड, (vi) पेयजल ावधान, (vii) िवद् ु यत, टे लीफोन तथा इं टरनेट कने ीिवटी और (vii)
िद ां गनुकूल ावधान
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िश ा की गुणव ा म सुधार के िलए आरएमएसए के तहत की गई कुछ पहल


इस कार ह:
(i) शाला िस ः वष 2015 को ू ल मानक तथा मू ां कन तं और इसका वेब पोटल शु िकया गया
ू लों म सुधार के िलए उनके मू ां कन के वा े यह एक ापक मा म है रा ीय िश ा िनयोजन और
शासन िव िव ालय ारा िवकिसत इस काय म का उ े ू लों को अिधक द और संकि त तरीके
से अपने काय िन ादन के मू ां कन म स म बनाना है इससे उ सुधार के िलए पेशेवर परख म
सहायता िमलती है इस काय म का उ े मुख िन ादन े ों और उनके मानकों पर ान कि त
करते ए ेक ू ल के िलए सहमित वाले मानक थािपत करना है
(ii) शाला दपण: सभी 1,099 क ीय िव ालयों के िलए शाला दपण प रयोजना जून 2015 को शु की गई
थी इसका उ े िव ािथयों, अिभभावकों तथा समुदायों के िलए ू ल बंधन णाली पर आधा रत
सुिवधाएं उपल कराना है ू ल सूचना सेवाओं के तहत ये सुिवधाएं उपल कराई जाएं गी- ू ल
ोफाइल बंधन, िव ाथ ोफाइल बंधन, कमचारी की जानकारी, िव ािथयों की उप थित, अवकाश
बंध, रपोट काड, पा म पता लगाने का तरीका, िव ािथयों व शासन के िलए िव ािथयों तथा िश कों
की उप थित के बारे म एसएमएस अलट
(iii) जीआईएस मैिपंग: िबना िकसी भेदभाव के उिचत दू री पर िकसी भी ब ी के मा िमक ू लों सिहत
सभी ू लों तक सबकी प ं च सुिनि त करने के िलए यूडीआईएसआई म उपल ू ल की सूचना सिहत
उसके भौगोिलक िनदशां क, ू ल के जीआईएस यु ेटफाम http://schoolgis.nic.in पर अपलोड
िकया जा रहा है ज ू-क ीर को छोड़कर सभी रा ों ने एनआईसी के साथ ू लों की भौगोिलक
िनदशां क और जीआईएस मैिपंग को साझा िकया है इस मैिपंग को यूडीआईएसई डाटा बेस से िलंक िकया
गया है तािक यह सुिनि त िकया जा सके िक ेक ू ल की मैिपंग की गई है और यह यूडीआईएसई
जानकारी पर आधा रत िव ृत ू ल रपोट के अनु प है ू ल की सूचना ( थािनक एवं गैर- थािनक
आं कड़ों) के बारे म वेब यु ेटफाम तैयार करने का यास एसएसए तथा आरएमएसए के अंतगत
िनयोजन की गुणव ा म वृ होगी और साधनों की उपल ता का बेहतर उपयोग हो सकेगा
(iv) क ा दस के िलए रा ीय िन ादन सव णः मानव संसाधन िवकास मं ालय ने पहली बार क ा दस के
िलए रा ीय िन ादन सव ण िकया दसवीं क ा के रा ीय सव ण एनएएस पर एक संि रपोट 4
जनवरी, 2016 को मं ालय को सौंपी गई थी इसम पां च िवषयों- अं ेजी, गिणत, सामािजक िव ान, िव ान
और आधुिनक भारतीय भाषा म िव ािथयों के िन ादन का परी ण िकया जाता है नमूना िडजाइन की
वै ािनक ि या, परी ण िवकास और अनुवाद म तकनीकी ि याओं का कड़ाई से पालन करने के बाद
यह परी ण 33 रा ों और क शािसत दे शों म िकया गया है
ब ों की उपल उनकी पृ भूिम के िविभ कारकों पर िनभर करती है सव ण म इसके बारे म िव ृत
जानकारी एक की जाती है उपल के अंकों और पृ भूिम की िविवधता की गहराई से िव ेषण से नीित
िनमाताओं, पा म तैयार करने वालों तथा अ संब प ों को पूरी जानकारी िमलती है तदनुसार
िविभ िवषयों के संदभ म शै िणक पहलुओं म सुधार के िलए एनएएस के िन ष के आधार पर िश क
िश ण (सेवा-पूव और सेवाकालीन) काय म तैयार िकए जाएं गे इससे रा ों को पा म अपे ाओं
पर पुनिवचार करने तथा पा म सुधार शु करने म मदद िमलेगी
(v) कला उ वः मानव संसाधन िवकास मं ालय की कला उ व पहल का उ े िश ा म कला (संगीत,
िथयेटर, नृ , कला तथा िश ) को बढ़ावा दे ना है उ तर िश ा के र पर ू ली िव ािथयों की
कला क ितभा के पोषण और दशन से ऐसा िकया जाता है यह, कलाओं को सम प म मह दे ने
का एक मंच भी है
(vi)िव ान तथा गिणत पर संक ण: वष 2015 म रा ीय आिव ार अिभयान शु िकया गया इसके तहत
िव ान और गिणत के 1.04 लाख िश कों को िश ण िदया गया, इन िवषयों के िकट िदए गए िव ािथयों के
िलए िव ान क ों तथा सं ाहलयों के मण काय म आयोिजत िकए गए तथा िव ान का िवशेष िश ण
िदया गया, वैिदक गिणत का िश ण िदया गया और िजला र पर िव ान दशनी लगाई गई
(vii) िश ा म नवाचार के िलए आईसीटी का इ ेमाल करने वाले िश कों के िलए रा ीय पुर ारः
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आईसीटी के तहत सरकारी सहायता ा मा िमक और उ तर मा िमक सरकारी ू लों म िश ण म


आईसीटी के इ ेमाल और कं ूटर से पढ़ाई को बढ़ावा दे ने के िलए आईसीटी के अिभनव इ ेमाल के
िलए िश कों और उनके िश कों को े रत करने के वा े रा ीय पुर ार शु करने का ावधान है
(viii) िव ािथयों और िश कों संबंधी: वष 2016 म आधार के तहत 5-18 वष की आयु के 25,04,73,095
(लगभग 71.6 ितशत) ब े सूचीब थे, जबिक 2015 म इनकी सं ा 20,94,34,376 (लगभग 59.8
ितशत) थी

मा िमक और उ तर मा िमक िश ा को वसायपरक बनाना


क ीय मंि मंडल ारा िसतंबर 2011 म अनुमोिदत मा िमक और उ तर मा िमक िश ा को
वसायपरक बनाने की इस क ायोिजत योजना को वष 2014 म संशोिधत िकया गया था तािक इसे
‘रा ीय कौशल पा ता संरचना’ (एनएस ूएफ) के अनु प बनाया जा सके िजसम एनवीई ूएफ का
िवलय भी कर िदया गया है इस योजना म ‘रा ीय मा िमक िश ा अिभयान’ को भी शािमल कर िलया
गया है इस योजना का उ े िशि त तथा रोजगार यो लोगों के बीच अंतर को पाटने, मा िमक र
पर पढ़ाई छोड़ने वालों की सं ा म कमी लाने और उ िश ा पर दवाब म कमी लाने के िलए ित धा
आधा रत ावसाियक पा मों के ज रए युवाओं को रोज़गार यो बनाना है यह सब मां ग जिनत,
यो ता आधा रत, मानक ावसाियक पा मों, इ ानुसार वेश तथा िनकासी (म ी एं टी, म ी
इ टी) के अ यन अवसरों और पा ता म िवषम रीय गितशीलता (विटकल मोिबिलटी) तथा अंतर
प रवतन की यो ता (इं टरचेज एिविलटी) के ावधानों के ज रए िकया जाएगा
मा िमक र पर ावसाियक िश ा को लागू करते ए यह जो संशोिधत योजना बनाई गई है उसका
उ े ावसाियक िश ा और सामा िश ा का एकीकरण करना है तथा िव ािथयों को सम रीय और
िवषम रीय गितशीलता का अवसर दान करना है इसम अिभक ना, िवकास, दाय ी, आकलन और
कौशल अंश के माणन म उ ोग जगत के साथ िनकट सहभािगता की संभावनाओं का ान रखा गया है
छा ाओं के हॉ ल का िनमाण और संचालन
मा िमक और उ तर मा िमक ू लों की छा ाओं के िलए हॉ ल के िनमाण और संचालन की क
ायोिजत यह योजना वष 2008-09 म शु की गई थी इसे वष 2009-10 से लागू िकया गया है इससे
पहले गैर-सरकारी संगठन ारा संचािलत योजना लागू थी इस योजना को मई 2013 म ‘रा ीय मा िमक
िश ा अिभयान’ (आरएमएसए) म समािहत कर िलया गया था छा ाओं के िलए हॉ ल की योजना का
उ े यह है िक मा िमक और उ तर मा िमक क ा (IX-XII) की छा ाएं बीच म पढ़ाई न छोड़ और
उ ू ल की दू री, अिभभावकों की कमजोर आिथक थित तथा अ सामािजक कारणों के बावजूद
पढ़ाई आगे जारी रखने का अवसर िमल सके यह योजना अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित और गरीबी
रे खा से नीचे के प रवारों की 14-18 वष की आयु की नवीं से बारहवीं क ा की छा ाओं के िलए है क ूरबा
गां धी बािलका िव ालयों (केजीबीबी) से उ ीण छा ाओं को छा ावास म वरीयता दी जाएगी कम से कम
50 ितशत छा ाएं अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित, ओबीसी और अ सं क समुदायों की होनी
चािहए
मा िमक र पर िद ांगों के िलए समावेशी िश ा की योजना
यह योजना िवकलां ग ब ों के िलए पहले की एकीकृत िश ा योजना (आईईडीसी) के थान पर वष 2009-
10 म शु की गई थी मा िमक र पर िद ां गों के िलए समावेशी िश ा (आईईडीएसएस) को वष
2013-14 के दौरान ‘रा ीय मा िमक िश ा अिभयान’ म समािहत कर िलया गया है इसके अंतगत क ा
IX से XII तक के िवकलां ग ब ों को समावेशी िश ा म मदद दी जाती है इसका उ े सभी िवकलां ग
ब ों को आठ वष की ाथिमक िश ा पूरी करने के बाद मा िमक ू ल (IX से XII) की और चार वष
की पढ़ाई, सम और अनुकूल माहौल म जारी रखने म सहायता करना है
यह योजना उन सभी ब ों के िलए है जो ाथिमक िश ा पूरी करने के बाद मा िमक र पर सरकारी,
थानीय िनकाय और सरकारी सहायता ा ू ल म पढ़ रहे ह और जो ‘िद ां गता अिधिनयम, 1995’ तथा
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‘रा ीय ास अिधिनयम, 1999’ की प रभाषा के तहत एक या अिधक कार से िद ां ग ह इनम शािमल


ह- (i) ि हीनता, (ii) कम ि , (iii) कु रोग से ठीक आ , (iv) बिधर, (v) अंग संचालन अ मता,
(vi) मानिसक अ थता, (vii) मानिसक प से अिवकिसत , आ िवमोह, (viii) म ीय
प ाघात (से रवेल पा ी) यह योजना उनके िलए भी है जो बोलने, समझने म अ म ह
इस योजना म शािमल ह- दो मुख घटकों म सहायताः (क) िव ाथ अिभमुखी घटकः (i) शैि क व
िचिक कीय आव कताओं का आकलन, (ii) िव ाथ िवशेष सुिवधाओं का ावधान, जैसे सहायक
उपकरण, आरो सेवाएं पु क सहायता सेवा इ ािद, (iii) अ यन साम ी का िवकास, (iv) ीन
रीिडं ग सॉ वेयर की खरीद िद ां ग छा ाओं पर िवशेष ान दे ते ए मा िमक ू ल तक उनकी िश ा
म मदद के यासों के तहत उ ितमाह 200 पये वजीफ़ा िदया जाता है क ीय सहायता के पम
सालाना 3,000 पये और रा ों ारा 600 पये की छा वृि अलग से दी जाती है
(ख) अ घटकः (i) िवशेष िश कों की िनयु , (ii) िवशेष िश ण म िशि त सामा िश कों को
ितमाह 400 पये िवशेष वेतन, (iii) साधन संप क का िनमाण तथा उपकरण, (iv) िवशेष
आव कताओं वाले (िद ां ग) ब ों के मता िनमाण के िलए सामा िश कों का िश ण, (v) ू लों
को िनबाध बनाना

िश क िश ा की क ायोिजत योजना
(क) िश क िश ा को अिधक भावी बनाना
‘रा ीय िश ा नीित, 1986’ के अनुसरण म क ायोिजत िश क िश ा योजना, रा ीय िश ा नीित, 1987 म
शु की गई थी इसे 12वीं पंचवष य योजना म संशोिधत िकया गया और इसका प र य संशोिधत कर
6308.45 करोड़ पये कर िदया गया क और रा इस रािश को साझा करगे इसका उ े 31 माच,
2011 तक गिठत सभी िजलों म डी.आई.आई.टी. थािपत करना; इनकी सं ा 571 से बढ़ाकर 646 करना;
िश क िश ण के कॉलेजों की सं ा बढ़ाकर 106 से 122 करना और मौजूदा सरकारी मा िमक िश क
िश ा सं थानों का उ यन कर इ सीटीई म त ील करना; आईएएसई की सं ा 32 से बढ़ाकर 39
करना; िव िव ालयों के िश ा िवभागों का उ यन कर इ आईएएसई म बदलना और चयिनत 196 अनु,
जाित, अनु, जनजाित व अ सं क सघन िजलों म िश क िश ा के ॉक सं थान थािपत करना इनम
से 96 ‘ ॉक िश क िश ा सं थान’ (बीआईटीई) अ.जा. व अ.ज.जा. और अ सं क समुदायों के
िश क िश कों को िश ण दे ने के िलए ीकृत िकए गए ह
ख) िश क िश ा की गुणव ा
अलग कैडर बनाना: 17 रा ों व क शािसत दे शों ने िश क िश ा योजना के तहत इन िश कों को
अलग कैडर बनाया है रा ों व क शािसत दे शों से इस कैडर को मजबूत करने को भी कहा गया है
नए मानक वष 2014 के अनुसार रा ीय िश क िश ा पा म े मवकः वािषक काय योजना एवं बजट
(वष 2016-17) के अनुसार 25 रा ों व क शािसत दे शों ने अपने डीएड, डीईएलएड पा म ‘नवीन
मानक एवं ितमान (एनसीटीई) िनयमन, 2014’ के अनु प संशोिधत कर िलए ह
रा ीय िश क िश ा प रषद (एनसीटीई) िनयमन, 2014 मानक एवं ितमानः एनसीटीई की थापना संसद
ारा वष 1993 म पा रत एक कानून के तहत की गई थी इसका उ े , दे शभर म िश क िश ा णाली
का िनयोिजत और सम त िवकास, िश क िश ा णाली और इससे जुड़े िवषयों म मानकों और ितमाओं
का िनयमन एवं उिचत संधारण करना है एनसीटीई ारा संशोिधत िनयमों को नवंबर 2014 म अिधसूिचत
िकया गया था
िश क िश कों के िलए एससीईआरटी और कैडर पुनसरचना का पुनगठन व पुनसरचनाः सीएसएस-
िश क िश ा के तहत 9 रा ों ने वष 2016 म अपने एससीईआरटी का पुनगठन व पुनसरचना की है
सीएसएसटीई योजना के तहत नई गितिविधयां व पहल
इं िडया टीचर एजुकेशन पोटल ( िश क): मानव संसाधन िवकास मं ालय के ू ली िश ा तथा सा रता
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िवभाग ने 30 जून, 2016 को यह पोटल शु िकया इससे िश क िवकास सं थानों की िनगरानी और भावी
िव ािथयों तथा िश कों को अपनी पसंद का सं थान चुनने के िलए िव ृत जानकारी िमल सकेगी

मदरसों म गुणव ापूण िश ा की योजना


मानव संसाधन िवकास मं ालय, िश ा म अ सं कों को समान अवसर उपल कराने पर जोर दे ता है
इसके िलए सरकार अ सं कों के ब ों को मदरसों म गुणव ापूण िश ा दे ने की योजना
(एसपी ूईएम) लागू कर रही है इस योजना के उ े ह–

िव ीय सहायता उपल करा कर मदरसों तथा मक़तब म िव ान, गिणत, सामािजक िव ान, िहं दी
तथा अं ेजी की पढ़ाई को ो ाहन दे ना;
मदरसों और मक़तबों म क ा 1 से XII म पढ़ने वाले ब ों को शैि क प से वीण बनाना;
मदरसे, मक़तब, दार-उल-उलूम, नेशनल इं ी ूट ऑफ ओपन ू िलंग ( एनआईओएस) की
मा ता ा करने का िवक चुन सकते ह िजसके िलए उ उपयु सहायता दी जाएगी;
मदरसों, मक़तबों, दार-उल-उलूम म 14 वष से अिधक आयु के ब ों को ावसाियक िश ण दे ने
का अवसर दे ना और एसपी ूईएम के बारे म जाग कता तथा िनगरानी के िलए मदरसा बोड को
मजबूत करना

इस योजना के तहत :–

िव ान, गिणत, सामािजक िव ान, भाषाओं, कं ूटर ए ीकेशन तथा िव ान की पढ़ाई के िलए
िश कों की िनयु के वा े मदद दी जाती है पूण कािलक ेजुएट िश क को एक वष के िलए
6000 पये मािसक और पो ेजुएट व बीएड को 12,000 पये वेतन िदया जाता है
मा िमक व उ तर मा िमक मदरसों म िव ान, कं ूटर योगशालाओं तथा कायशालाओं के िलए
एकमु 100,000 पये की सहायता दी जाती है रखरखाव के िलए 5,000 पये ित वािषक
अनुदान िदया जाता है
पु कालयों, पु क बकों, िश ण अ यन साम ी के िलए एकमु 50,000 पये तक और बाद म
वािषक 5,000 पये का अनुदान िदया जाता है िव ान, गिणत िकट और अ िश ा उपकरणों की
खरीद के िलए अिधकतम 15,000 पये की अनुदान रािश दी जाती है
एसईआरटी, डीआईईटी आिद से सेवाकालीन िश क िश ण दान करने हे तु ित िश क 100
पये की रािश 15 िदनों के िलए दी जाती है
मा िमक और उ तर मा िमक र पर एनआईओएस का िवक चुनने वाले छा ों के पंजीकरण
शु और एनआईओएस ारा द पठन साम ी की लागत के िलए 100 ितशत िव ीय सहायता
दी जाती है
कम से कम तीन वष से अ म आए तथा क ीय या रा सरकार के अिधिनयमों अथवा मदरसा
बोड अथवा व बोड अथवा एनआईओएस के तहत पंजीकृत मदरसे इस काय म के अंतगत
सहायता पाने के िलए आवेदन कर सकते ह
एससीईआरटी, डीआईईटी, बीआरसी योजनाओं के तहत िनयु मदरसा िश कों के िलए समूहों म
िश ण की व था की जाएगी
िजन मदरसों के िश कों के पा र िमक का खच रा सरकार वहन करती है वे इस योजना म वेतन
घटक के तहत रािश पाने के पा नहीं होंगे
िश क िश ण, पा पु कों, कं ूटर, िव ान व गिणत िकट आिद के िलए िकसी अ रा व
क ीय योजना से िव ीय सहायता पाने वाले मदरसे इस योजना के तहत िव ीय सहायता ा नहीं
कर सकगे

अ सं क सं थान के िलए आधारभूत सुिवधाओं का िवकास


आईडीएमआई योजना अ सं क सं थानों म आधारभूत सुिवधाओं का िवकास कर अ सं कों की
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िश ा म मदद करती है यह योजना समूचे दे श म लागू है इसके तहत सहायता ा िनजी, गैर सहायता
ा ाथिमक, मा िमक, उ तर मा िमक ू लों के ढां चागत िवकास के िलए 75 ितशत तक िव ीय
सहायता दी जाएगी ित ू ल यह रािश अिधकतम 50 लाख पये होगी क ीय या रा सरकार ारा
मा ता ा संगठन इसके िलए आवेदन कर सकते ह, बशत वे कम से कम िपछले वष से काम कर रहे हों
और अ सं क समुदाय के ब ों ने बड़ी सं ा म इनम दा खल िलया हो
यह योजना रा सरकार के मा म से लागू की जाती है िव ीय सहायता के सभी आवेदनों पर रा
सरकार िवचार करती है इसके िलए िनधा रत प भरकर आवेदन िकया जाता है रा सरकारों से
ाव ा होने के बाद क सरकार की अनुदान सिमित गुण-दोष के आधार पर उन पर िवचार करती है
और सहायता की अनुशंसा करती है
िव ीय सहायता केवल एक बार दी जाती है यंसेवी संगठन अथवा िश ण सं था पां च वष म केवल
एक बार ही लाभ ले सकती है भारत सरकार रा सरकारों के मा म से दो िक ों म रािश जारी करती
है दू सरी िक , पहली िक के एक वष के भीतर ही ली जा सकती है इस एक वष की अविध म सं था
को आधारभूत संरचना के उ यन पर अपने िह े की 25 ितशत रािश खच करनी होगी
क और रा सरकार योजना का ापक चार करगी योजना के िन ादन का मू ां कन क और
रा सरकारों ारा उपयु समय पर िकया जाएगा, जो िनि त प से योजना के लागू होने के दो वष पूरे
होने पर िकया जाएगा

रा ीय साधन-सह-यो ता छा वृि योजना


क ायोिजत रा ीय साधन-सह-यो ता छा वृि योजना (एनएमएमएसएस) 2008 म शु की गई थी
इसका उ े आिथक प से कमजोर ब ों को आठवीं क ा के बाद बारहवीं क ा तक पढ़ाई जारी रखने
के िलए छा वृि दान करना है चुने गए िव ािथयों को नौवीं से लेकर बारहवीं तक ितवष 6,000 पये
(500 पये ितमाह) की एक लाख छा वृि यां दी जाती ह यह छा वृि सरकारी, सरकारी सहायता ा
और थानीय िनकायों के ू लों के िव ािथयों को दी जाती ह िविभ रा ों व क शािसत दे शों की
शासन णाली के िलए अलग-अलग कोटा तय है िजन िव ािथयों के अिभभावकों की सभी साधनों से आये
1,50,000 पये से कम है , वे छा वृि के पा ह रा सरकार के ितमानों के अनुसार आर ण भी िदया
जाता है छा वृि यों के िलए िव ािथयों का चयन रा सरकारों ारा
आयोिजत की जाने वाली परी ा से िकया जाता है छा वृि यों का िवतरण भारतीय े ट बक ारा
िव ािथयों के बक खातों म ितमाही आधार पर इले ॉिनक अंतरण के ज रए िकया जाता है

रा ीय बािलका ो ाहन योजना


बािलकाओं को मा िमक िश ा के िलए ो ािहत करने की यह क ायोिजत रा ीय बािलका ो ाहन
योजना (एनएसआईजीएसई) मई 2008 म शु की गई थी इसका उ े ऐसा माहौल बनाना है िजसम
मा िमक ू लों म िवशेषकर अनु. जा. व अनु.जनजाित की बािलकाओं के वेश को बढ़ावा िदया जा सके
और ू ल छोड़ने वाली बािलकाओं की सं ा म कमी की जा सके इस योजना के अंतगत नौवीं क ा की
अिववािहत पा लड़िकयों के नाम पर 3,000 पये साविधक खाते म जमा िकए जाते ह यह रािश वे दसवीं
क ा पास करने और 18 वष की होने पर ाज के साथ िनकलवा सकती ह यह योजना (1) अनु.जा. व
अनु. जनजाित से संबंध रखने वाली आठवीं पास करने वाली और (2) क ूरबा गां धी बािलका िव ालय (वे
अनु.जा. व अनु. जनजाित से संब ह इस पर िवचार िकए िबना) से आठवीं पास करने वाली और रा
सरकार, सरकारी सहायता तथा थानीय िनकाय ू लों म दसवीं म वेश लेने वाली लड़िकयों के िलए है

लाभ अंतरण (डीबीटी) णाली का ि या यन


‘ लाभ अंतरण’ (डीबीटी) योजना णाली पहली जनवरी 2013 से शु की थी, िजसके तहत आठ
मं ालयों व िवभागों की 25 योजनाएं 16 रा ों व क शािसत दे शों के 43 िजलों म डीबीटी के ि या यन
के िलए योग के तौर पर चुनी गई थी इसम ‘आधार भुगतान सेतु’ (एपीबी) के मा म से लाभाथ के खाते
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म सीधे ही धनरािश भेज दी जाती है जनवरी 2015 से डीबीटी योजना पूरे दे श म लागू हो गई है ू ली
िश क और सा रता िवभाग की दो योजनाएं - ‘रा ीय साधन–सह यो ता छा वृि योजना’
(एनएमएमएसएस) और ‘रा ीय बािलका मा िमक िश ा ो ाहन योजना’ (एनएसआईजीएसई) को
डीबीटी म शािमल िकया गया है
रा सरकारों ारा रा ीय साधन-सह यो ता छा वृि योजना (एनएमएमएसएस) और
एनएसअईजीएसई के लाभािथयों का ाव तथा सूची ऑनलाइन भेजने के िलए एक ‘रा ीय ई-छा वृि
पोटल’ (एनईएसपी) शु िकया गया है िवभाग ने रा सरकारों को लाभाथ िव ािथयों की आधार सं ा
ा कर उसे उनके िडिजटीकृत डे टाबेस से यु करने का परामश िदया था रा ों को भी दोनों
योजनाओं के लाभािथयों के बक खातों को उनकी आधार सं ा से जोड़ने की सलाह दी गई है तािक
आधार भुगतान सेतु से आसानी से भुगतान िकया जा सके

वय िश ा
तं ता के समय भारत की 86 ितशत जनसं ा िनर र थी इसिलए वय िश ा का जोर इसके सबसे
नीचे के र पर अथात् ‘बुिनयादी सा रता’ पर ही था इस उ े की पूित के िलए थम योजना अविध से
ही अनेक काय म शु िकए गए इनम से जो सबसे मुख एवं िति त है , वह है ‘रा ीय सा रता
िमशन’ यह 15 वष से अिधक आयु के लोगों के िलए वष 1988 म शु िकया गया था ‘रा ीय सा रता
िमशन’ को वष 2009 म संशोिधत कर इसे ‘सा र भारत’ का नाम िदया गया नये िमशन म आजीवन िश ा
का नया आयाम जोड़ा गया है दे श की सा रता दर म पया गित ई है परं तु अब भी िविभ रा ों,
िजलों, सामािजक समूहों और अ सं कों म सा रता का र असमान है िश ा का उ े
सा रता और ौढ़ िश ा के र और गुणव ा म सुधार कर पूण सा र समाज का िनमाण करना है
रा ीय सा रता िमशन ािधकरण (एनएलएमए), ौढ़ िश ा और कौशल िवकास की सभी गितिविधयों
के िलए रा ीय र पर संचालक और काया यन संगठन है 12वीं पंचवष य योजना के दौरान एनएलएमए
सा रता दर को बढ़ाकर 80 ितशत तक करने और लड़कों–लड़िकयों की सं ा का अंतर 10 ितशत से
कम करने का यास करता रहा है
सा र भारत काय म के पा 410 िजलों म से 404 िजलों की 1.64 लाख ाम पंचायतों म इसे लागू करने
की मंजूरी दी जा चुकी है ये सभी िजले 26 रा ों और एक क शािसत दे श म आते ह इन 404 िजलों म
यह काय म वष 2016-17 से जारी रहा है अ ू बर 2016 के अंत तक करीब 1.56 लाख वय िश ा
क (एईसी) थािपत िकए गए ह 1.64 लाख ाम पंचायतों म से लगभग 1.57 लाख ाम पंचायतों म
सव ण पूरा हो गया है और 10.68 करोड़ िनर रों की पहचान कर ली गई है 57.8 लाख सा रता क ों म
िश ण अ यन ि या शु की गई है धान िश कों ारा लगभग 45.73 लाख यंसेवी िश कों और
2.54 लाख धान िश कों को उपाय कुशल ( रसोस) यों ारा िश ण िदया गया है इसके अलावा
लगभग 13.5 हजार उपाय कुशल ( रसोस) यों को भी िशि त िकया गया है वय िश ा क ों म
गितिविधयां आयोिजत करने हे तु 2.76 लाख ेरकों को नए काम का िश ण िदया जा चुका है तेरह
भाषाओं और 26 थानीय बोिलयों म बेिसक सा रता ाइमर कािशत कर बां टे गए ह
रा संसाधन क ों (एसआरसी) को िश ण पठन-पाठन साम ी के िवकास, कायकताओं के िश ण,
वातावरण तैयार करने वाली गितिविधयों, काय अनुसंधान, िनगरानी और मू ां कन आिद के े ों म वय
एवं सतत िश ा को शै िणक और तकनीकी संसाधन का सहयोग दान करने का दािय सौंपा गया है
वतमान म दे श म 32 एसआरसी ह ‘जन िश ण सं थानों’ (जेएसएस) म िनर रों नवसा रों वय ों के
साथ-साथ पढ़ाई बीच म छोड़ने वाले लोगों को ावसाियक िश ण दे ना जारी है यह िश ण उस
कौशल म िदया जाता है , िजसकी थानीय बाजार म उपयोिगता की पड़ताल कर ली जाती है जेएसएस की
काय णाली म द ता, पारदिशता, जवाबदे ही और सावजिनक समी ा की भावना भरने के उ े से एक
‘ बंधन सूचना णाली’ (एसआईएस) िवकिसत की गई है
‘वय िश ा िनदे शालय’ ू ली िश ा एवं सा रता िवभाग का एक अधीन थ कायालय है जो इस
काय म के ि या यन म एनएलएमए का सहयोग दान करता है
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िश कों को रा ीय पुर ार
िश कों को रा ीय पुर ार (एनएटी) 1958 म शु िकया गया था ाथिमक, मा िमक और उ तर
मा िमक ू लों म कायरत शंसनीय योगदान करने वाले िश कों को सावजिनक मा ता दान करने के
िलए हर वष 5 िसंतबर को भारत के रा पित ारा स ािनत िकया जाता है इस अवसर पर िदए जाने वाले
कुल 378 पुर ारों म से 23 सं ृ त, फारसी और अरबी भाषा के िश कों के िलए आरि त ह ेक
रा व क शािसत दे श तथा संगठन के िलए िश कों की सं ा के आधार पर कोटा िनधा रत है इनम
िवदे शों म थत तं संब ू लों, भारतीय ू ल माण-प परी ा प रषद, सैिनक ू लों, क ीय
िव ालय संगठन, नवोदय िव ालय सिमित, क ीय ित ती ू ल शासन और परमाणु ऊजा िश ा सिमित
ारा संचािलत ू ल शािमल ह वष 2011 से एक िवशेष पुर ार भी शु िकया गया है यह ू लों म
समावेशी िश ा को बढ़ावा दे ने वाले और सामा ू लों के िद ां ग ब ों को पढ़ाने वाले िश कों को िदया
जाता है यह िवशेष पुर ार 43 िश कों को इन ेिणयों के िलए िदया जाता है
• मु धारा के ू लों म कायरत िद ां ग िश क; • समावेशी िश ा के िलए उ ेखनीय काम करने वाले
िवशेष या िशि त सामा िश क; • पुर ार प 50,000 पये नकद, एक रजत पदक और श
प िदया जाता है

क ीय िव ालय संगठन
‘क ीय िव ालय संगठन योजना’ को वष 1962 म मंजूरी दी थी इसका उ े यह व था करना था िक
क सरकार के कमचा रयों के तबादले की थित म उनके ब ों की िश ा म कोई कावट न आए
क ीय िव ालय संगठन की शु आत िश ा मं ालय की एक इकाई के प म की गई थी (अब यह मानव
संसाधन िवकास मं ालय की इकाई है ) शु आत म िश ण वष 1963-64 के दौरान र ा किमयों की
अिधकता वाले थानों पर संचािलत 20 रे जीमटल ू लों का अिध हण क ीय िव ालय के प म िकया
गया
क ीय िव ालय संगठन को 15 िदसंबर, 1965 को सिमित पंजीकरण अिधिनयम के तहत एक सिमित के
प म पंजीकृत िकया गया संगठन का ाथिमक उ े समूचे भारत और िवदे श थत क ीय िव ालयों
की थापना, धनसुलभता (िनिधयन), रखरखाव, िनयं ण और बंधन करना है भारत सरकार पूरी तरह
संगठन का िव पोषण करती है

जवाहर नवोदय िव ालय


रा ीय िश ा नीित-1986 का उ े आवासीय नवोदय ू लों की थापना करना है तािक समानता और
सामािजक ाय के साथ उ ृ िश ा दी जा सके इसी उ े की पूित के िलए नवोदय िव ालय सिमित
को ‘सिमित पंजीकरण अिधिनयम-1860’ के तहत पंजीकृत िकया गया नवोदय िव ालय की थापना
िवशेषकर ामीण े के ितभावान ब ों म, उनकी सामािजक-आिथक थित का भेदभाव िकए बगैर
मू ों, पयावरण के ित जाग कता, साहिसक गितिविधयों तथा शारी रक िश ा सिहत गुणव ापूण
आधुिनक िश ा दे ने के िलए की गई थी
जवाहर नवोदय िव ालय की थापना संबंिधत रा व क शािसत दे श की सरकार के ाव पर की
जाती है िजसके िलए वह लगभग 30 एकड़ जमीन िनःशु उपल कराती है रा सरकार को िबना
िकराये के इस तरह का अ थाई भवन और अ बुिनयादी सुिवधाएं उपल करानी होती ह तािक सिमित
ारा ू ल के भवन िनमाण तक तीन-चार वष तक 240 िव ाथ और ॉफ उसम रह सक

रा ीय िश ा अनुसंधान और िश ण प रषद
रा ीय िश ा अनुसंधान और िश ण प रषद (एनसीईआरटी) ू ली िश ा की गुणव ा म सुधार के िलए
शैि क और तकनीकी सहायता उपल कराती है इसकी थापना 1961 को िश ा म गुणा क प रवतन
लाने के िलए एक शीष रा ीय िनकाय के प म की गई थी प रषद नीितयां और कानून बनाने और क एवं
रा सरकारों के मागदशन के िलए सलाहकार की भूिमका िनभाती है इसने ‘रा ीय िश ा नीित’ (वष
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1968-1986) और रा ीय पा म िन पण म मह पूण भूिमका िनभाई है प रषद ारा िकए गए


अनुसंधान से नई योजना, नीितयां तथा काय म बनाने म मदद िमली है प रषद िश कों, िश क िश कों
और परामशदाताओं के िलए आव कता आधा रत तथा नवाचार वाले पा म तैयार करती है इसके
ारा िवकिसत पा म और अ अ यन साम ी से ू ली िश ा की गुणव ा सुधारने म सहायता िमली
है एनसीईआरटी ने ू ली िश ा के े म अपने िपछले 50 वष के कामकाज से रा ीय और अंतररा ीय
र पर अपनी पहचान बनाई है यह भारत का एक अनूठा सं थान है जो अनुसंधान करता है , कुशल
शैि क वृितजीवी तैयार करता है और पा म तथा पा साम ी तैयार करता है प रषद् की मुख
इकाइयां ह-
(क) रा ीय िश ा सं थान (एनआईई), नई िद ी:
(ख) क ीय िश ा ौ ोिगकी सं थान (सीआईईटी), नई िद ी;
(ग) पंिडत सुंदरलाल शमा क ीय ावसाियक िश ा सं थान (पीएसएससीआईवीई), भोपाल;
(घ) अजमेर, भोपाल, भुवने र, मैसूर तथा उिमअम (मेघालय) म े ीय सं थान (आरआईई)

रा ील बाल भवन
रा ीय बाल भवन की थापना मानव संसाधन िवकास मं ालय के िव पोषण से एक ाय सं थान के प
म वष 1956 म की गई थी बाल भवन एक आं दोलन के प म दे श के कोने-कोने म फैला है दे श भर म
134 बाल भवन और बाल क ह इनके अलावा िद ी म 48 बाल भवन क और मां डी गां व म एक बाल
भवन है रा ीय बाल भवन का उ े ब ों की रचना क मता को बढ़ाना है इसके िलए उ िविभ
गितिविधयों तथा अवसरों के िलए एक मंच दान िकया जाता है तािक वे पर र संवाद तथा अनुभव और
अपनी आयु, झान तथा यो ता के अनु प अपनी रचना कता का दशन कर सक ये ब ों को
ं द माहौल म िबना िकसी दबाव के नवाचार के चुर अवसर उपल कराते ह रा ीय बाल भवन और
इनसे संब सं थानों म िवशेषकर समाज के वंिचत वग के ब ों के िलए िनयिमत प से िविभ
रचना क गितिविधयां आयोिजत की जाती ह

क ीय मा िमक िश ा बोड
क ीय मा िमक िश ा बोड (सीबीएसई) क सरकार के अधीन सावजिनक और ाइवेट ू लों का बोड
है बोड ने अपने सभी संब ू लों से कहा है िक वे केवल एनसीईआरटी का पा म ही लागू कर

रा ीय मु िव ालय सं थान
रा ीय मु िव ालय सं थान (एनआईओएस) िकसी सं थान से जुड़े िबना िड ी पूव र की िश ा पाने के
इ ु क बाहरी यों की आव कताओं को पूरा करने के िलए है इसकी शु आत वष 1979 म
सीबीएसई ने अंतरिनिहत लचीलेपन वाली प रयोजना के तौर पर की थी वष 1986 म ‘रा ीय िश ा नीित’ ने
मु िव ालय णाली को मजबूत करने का सुझाव िदया तािक दे शभर म मा िमक िश ा के र पर
अपने पा म और परी ा के बाद माण-प दे ने की तं व था के साथ चरणब प से मु
िश ा की सुिवधा दी जा सके इसके िलए मानव संसाधन िवकास मं ालय (एमएचआरडी) ने वष 1989 म
‘रा ीय खुला िव ालय’ (एनओएस) की थापना की जुलाई 2002 म संगठन का नाम रा ीय मु िव ालय
से बदलकर रा ीय मु िव ालय सं थान कर िदया इसका उ े लोगों की आव कताओं के आकलन
तथा रा ीय नीित के द ावेजों के अनु प औपचा रक णाली के िवक के प म ाथिमकता वाले
ाहक समूह को मु िश ा व था के ज रए िड ी पूव र तक ू ली िश ा जारी रखना है इसके
अलावा अिनवाय िश ा, समाज म अिधक समानता तथा ाय और िश ा के िवकास के ज रए अपना
योगदान दे ना है
रा ीय मु िव ालय सं थान ‘मु तथा सुदूर िश ा’ (ओडीएल) के ज रए िन पा म व काय म
उपल कराकर िश ा पाने के इ ु क लोगों को अवसर दान करता है 14 वष से अिधक आयु के
िकशोर तथा ौढ़ समूह के िलए मु मौिलक िश ा काय म (ओबीई), क, ख तथा ग र पर िशि त
करने का है जोिक तीसरी, पां चवीं और आठवीं की औपचा रक ू ल णाली के बराबर है इसम मा िमक
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िश ा पा म, उ तर मा िमक िश ा काय म और ावसाियक िश ा काय म, पा म, जीवन


समृ काय म शािमल ह
मा िमक तथा उ तर मा िमक र पर रा ीय मु िव ालय, सं थान मनपसंद िवषयों व पा मों
(एनआईओएस) म एक ेणीब पा म पर आधा रत सतत अ यन की ू ली िश ा का ावधान
िकया जाता है िजससे ब ों, नवसा रों, ू ली पढ़ाई बीच म छोड़ने वालों, वंिचत और एनएफई पूरा करने
वालों की िश ा की गुणव ा सुिनि त बनी रहे
सीखने की गित तथा सीबीएसई से े िडट् स का अंतरण, ू ल िश ा का कोई बोड और रा मु
ू ल के चयन संदभ म हर कार की छु ट दे ता है इसम िश ा ा करने वालों को पां च वष की अविध म
सावजिनक परी ा म नौ बार बैठने का मौका िदया जाता है पढ़ने वालों को जो अंक िमलते ह, वे तब तक
आपस म जुड़ते रहते ह जब तक वह माणन हे तु अपेि त अंक न ा कर ले िश ा के तरीकों म
शािमल ह– मुि त -िनदशक साम ी, व अ काय म, गत संपक काय मों (पीसीवी) म
भागीदारी तथा िश क ारा िचि त काय (टीएमए) छमाही पि का- ‘ओपन लिनग’ के ज रए िव ािथयों
को ितभा स बनाया जाता है अ यन साम ी िहं दी, अं ेजी और उदू म उपल कराई जाती है
उ तर और उ तर मा िमक र पर मां ग पर परी ा णाली लागू है मा िमक परी ा के िलए 28
िवषय, आठ मा मों म (िहं दी, अं ेजी, उदू , मराठी, तेलुगु, गुजराती, मलयालम तथा उिड़या) और उ तर
मा िमक परी ा के िलए भी 28 िवषय िहं दी, अं ेजी, उदू , बां ा और ओिडया भाषा म उपल ह इसके
अलावा एनआईओएस ने मा िमक िश ा र पर शैि क िवषयों से मेल खाते ावसाियक िवषयों और
उ तर मा िमक र पर शैि क िवषयों के साथ मेल खाते 20 ावसाियक िवषयों का भी ावधान िकया
है

म ा भोजन योजना
इस योजना के अंतगत सरकारी और सरकारी सहायता ा ू लों, िवशेष िश ण क ों और सविश ा
अिभयान के तहत आने वाले मदरसों व मकतबों के पहली से आठवीं क ा के सभी िव ािथयों को दोपहर
का भोजन िदया जाता है दे शभर की 11.40 लाख सं थाओं के 9.78 करोड़ ब ों को दोपहर का भोजन दे ने
की यह िव की सबसे बड़ी िव ालयीन भोजन योजना है ब ों को पढ़ाई के िलए ू ल म लाने और
उनकी उप थित बनाए रखने के अलावा म ा भोजन योजना से सामािजक और ी-पु ष समानता को
भी ो ाहन िमला है इससे क ा म भूख से िनवारण, ू ल म उप थित और सामािजक समानता को
बढ़ावा तथा बालक-बािलकाओं के बीच समानता को ो ािहत करने म मदद िमली है
म ा भोजन के मानक
(I) म ा भोजन का कैलोरी मू ः पके ए भोजन म 100 ाम गे ं /चावल, 20 ाम दाल, 50 ाम स ी
और 5 ाम तेल/िचकनाई शािमल होती है , िजससे ाथिमक र पर ब ों को 450 कैलोरी और 12 ाम
ोटीन की ा होती है उ ाथिमक र के ब ों को जो भोजन िदया जाता है , उसम 150 ाम गे ं /
चावल, 30 ाम दाल, 75 ाम स ी और 7.5 ाम तेल/िचकनाई होती है , िजससे 700 कैलोरी ऊजा और 20
ाम ोटीन की ा होती है
(II) एमडीएम योजना के अंतगत खाना पकाने की लागतः खाना पकाने की लागत म दालों, स यों, खा
तेल, मसाल और ईंधन का खच शािमल होता है जुलाई 2016 से खाना पकाने की लागत ाथिमक क ा के
छा ों के िलए 4.13 पये ित छा ितिदन और उ ाथिमक शालाओं के ब ों के िलए 6.16 पये ित
छा ितिदन पड़ती है गैर-पूव र रा ों और िवधानसभाओं वाले क शािसत दे शों के िलए खाना पकाने
का य 60:40 के अनुपात म साझा िकया जाता है , जबिक क शािसत दे शों म शत- ितशत य क
ारा वहन िकया जाता है पूव र के रा ों और िहमाचल दे श, ज ू-क ीर तथा उ राखंड के तीन
िहमालयी रा ों म 90:10 के अनुपात म क और संबंिधत रा खच उठाते ह
ितिथ भोजन
म ा भोजन काय म के तहत अिधक से अिधक लोगों की भागीदारी सुिनि त करने के िलए गुजरात
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रा म ‘ितिथ भोजन’ के नाम से एक नई अवधारणा का सू पात आ है समाज की भागीदारी को बढ़ावा


दे ने के िलए थानीय लोगों को ब े को ज , परी ा म सफलता, गृह वेश जैसे मह पूण पा रवा रक
समारोहों को थानीय ू लों म िदए जाने वाले म ा भोजन म योगदान दे कर मनाने के िलए ो ािहत
िकया जाता है
समुदाय और प रवार े ा से इसम योगदान करते ह िनयिमत म ा भोजन के साथ िमठाई और
नमकीन, पूण भोजन, अंकु रत अनाज आिद जैसे पोषक आहार के प म योगदान करने के अलावा रसोई
के बतन, िडनर सेट और पानी पीने के िगलास आिद का भी योगदान िकया जाता है
सभी रा ों तथा क शािसत दे शों से ‘ितिथ भोजन’ की था को इसी नाम से अथवा रा सरकारों की
इ ा के अनुकूल नाम से अपनाने के िलए िवचार करने का अनुरोध िकया गया है िविभ रा ों ने अलग-
अलग नाम से इस अवधारणा को अपनाना शु कर िदया है असम म ‘सं ीित भोजन’, िहमाचल दे श म
‘धाम’, महारा म ‘ ेह भोजन’, कनाटक म ‘शालेगागी नावू नीवू’, पुद्ु दचेरी म ‘अ धानम’, पंजाब म
‘ ीितभोज’ और राज थान म ‘उ व भोज’ नाम से ितिथ भोजन की परं परा शु हो चुकी है
एमडीएमएस की िनगरानी हे तु चािलत िनगरानी णाली
ू ल िश ा एवं सा रता िवभाग ने एमडीएमएस की ता ािलक व वा िवक िनगरानी के िलए आं कड़े
ा करने की एक चािलत णाली िनभाई है ये आं कड़े सीधे ू लों से िलए जाते ह और इसके िलए
ू ल के धाना ापक और िश कों को कोई खच नहीं करना होता है
चािलत णाली के अंतगत रा तथा क शािसत दे श के ू लों से ितिदन के आधार पर आं कड़ों
की ा के िलए एक उपयु णाली अथात इं टरऐ व वॉयस र ॉ िस म (आईवीआरएस),
एसएमएस, मोबाइल एप, वेब ए ीकेशन थािपत कर रहे ह उ ोंने चािलत णाली भी शु की है
इसका उपयोग िनगरानी तथा अनुवत कारवाई के िलए िकया जा रहा है
रा तथा क शािसत दे श के पूव िनधा रत ा प म ये आं कड़े त ाल एनआईसी के क ीय सवर को
भेज रहे ह क ीय र पर आं कड़ों के िव ेषण और दशन के िलए एक क ीय पोटल एनआईसी की
दे ख-रे ख म काम कर रहा है सं हीत आं कड़ों के आधार पर तैयार रपोट रा ीय, रा , िजला, खंड र
पर योजना की त ाल िनगरानी के िलए उपल करायी जाती ह
ब ों का शत- ितशत आधार नामांकन
िवभाग ने सभी िव ालयों म शत- ितशत ब ों के नामां कन के िलए आधार अिधिनयम के तहत गजट
अिधसूचना जारी की है सेवाओं या लाभों या अनुदान (स डी) दान करने के िलए ‘आधार पहचान पत’
का उपयोग सरकारी दाय ि याओं को सरल बना दे ता है तथा पारदिशता और कायकुशलता लाता है
आधार के तहत ब ों का फज नामां कन नहीं हो सकेगा और म ा भोजन योजना का लाभ पा ब ों को
आसानी से िमल सकेगा
म ा भोजन िनयम
‘म ा भोजन िनयम’ को ‘रा ीय खा सुर ा अिधिनयम, 2013’ के अंतगत अिधसूिचत कर िदया गया है
और वह इसके काशन की ितिथ 30 िसतंबर, 2015 से भावी हो गया है सभी रा ों तथा क शािसत
दे शों को सभी पा ू लों को ‘एमडीएम िनयम 2015’ के बारे म समझाने और उ लागू करने के िलए
परामश िदया गया है उ इन िनयमों के अमल के िलए आव क कदम उठाने की भी सलाह दी गई है
सभी ब ों को अ ा भोजन उपल कराने के उ े से नए मानकों का अनुपालन सुिनि त करने के िलए
सभी ू लों को ि या यन के भावी िदशािनदश तय करने को भी कहा गया है म ा भोजन िनयम,
2015 की मु िवशेषताएं िन िल खत ह-
(i) खाने के नमूने की जां च को अिनवाय बनाकर, गुणव ा को सु ढ़ बनाना;
(ii) ू लों म एमडीएम की िनगरानी (अधी ण) म ू ल बंधन सिमितयों की िव ा रत भूिमका
(iii) बीपीएल दरों, चावल के िलए 5.65 पये और गे ं के िलए 4.15 पये के थान पर एनएफएसए दरों
यानी 3 पये ित िकलो की दर से चावल और 2 पये ित िकलो की दर से गे ं की आपूित;
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(iv) यिद खा ा की अनुपल ता, खाना पकाने की लागत, ईंधन अथवा रसोईया सह-सहायक की
अनुपल ता अथवा अ िकसी कारण से िकसी िदन ू ल म म ा भोजन नहीं िदया जाता है तो
संबंिधत रा सरकार को खा सुर ा भ ा दे ना होगा
खा नमूनों की जांच
म ा भोजन योजना के तहत ू लों म परोसे जाने वाले भोजन की जां च के िलए रा तथा क शािसत
दे शों की सरकारों ारा काम पर रखी जाने वाली अिधमा योगशालाओं के िलए िदशािनदश जारी िकए
गए ह

सोशल ऑिडट
इस ि या म लोग िमलजुल कर िकसी काय म या योजना की िनयोजन तथा काया यन की िनगरानी
और मू ां कन करते ह सोशल ऑिडट जवाबदे ही तथा पारदिशता सिमित (एसएसएएटी) ने वष 2012-13
के दौरान अिवभािजत आं दे श के िच ूर तथा ख म िजलों म िकया था इसके नतीजों से उ ािहत
होकर म ा भोजन योजना का सोशल ऑिडट कराने के िलए वष 2014 म िवभाग ने िव ृत िदशािनदश
जारी िकए अब तक 13 रा यह सोशल ऑिडट पूरा कर चुके ह ये रा ह- िबहार, महारा ओिडशा,
कनाटक, पंजाब, उ र दे श, तेलंगाना, नगालड, आं दे श, पि म बंगाल, राज थान, िमज़ोरम और
तिमलनाडु

उ एवं तकनीकी िश ा
तं ता के बाद से दे श म उ िश ा के े म जबरद वृ है तं ता के समय दे श म कुल 20
िव िव ालय और 500 कॉलेज थे कॉलेजों की सं ा म 77 गुनी (अथात 38,498) और िव िव ालयों की
सं ा म 38 गुनी (अथात 760) वृ ई है इसी कार, दा खलों की सं ा म भी भारी वृ ई है उ
िश ा णाली के सां कीय अवलोकन से है िक सं थाओं (िव िव ालयों, महािव ालयों, तकनीकी
सं थाओं) के साथ उनम पढ़ने वालों की सं ा म भी जबरद वृ ई है

रा ीय सं थागत रिकंग संरचना


रा ीय सं थागत रिकंग संरचना (एनआईआरएफ) की शु आत िन पैमानों और पारदश ि या के
आधार पर अिभभावकों, िव ािथयों, िश कों, िश ण सं थाओं और अ िहतसाधकों ारा सं थाओं की
रिकंग तय िकए जाने की आव कता को दे खते ए की गई थी िश ा िवशेष ों और सं था मुखों के एक
समूह ारा तैयार पोटल और संरचना वतमान म इं जीिनय रं ग तथा बंधन सं थाओं के बारे म उपल है

अनुसंधान नवाचार और ौ ोिगकी को भािवत करना


दे श की अनुसंधान और ौ ोिगकी की आव कताओं का पता लगाने के िलए दस ल ों की पहचान की
गई है और ेक के िलए समयब काययोजना बनाने के वा े अनुसंधान समूह बनाए जा रहे ह इस
ि या को आगे बढ़ाने के िलए आईआईटी और आईएससी जैसे अ णी सं थानों का चयन िकया गया है
िनयामक समी ा
ावसायीकरण की बढ़ती वृि को दे खते ए उ िश ा के े म अनेक िनजी सं थाएं उभर कर सामने
आई ह ये सं थाएं ायः िनधा रत मानदं डों का अनुपालन नहीं करती यूजीसी (िव िव ालय अनुदान
आयोग) का पूरा काम-काज अनुदान दान करने के इद-िगद घूमता है और वह ूनतम मानदं डों को लागू
करवाने तथा िनयमन पर समय नहीं दे पाता
इसी कार की एक सिमित, ‘अ खल भारतीय तकनीकी िश ा प रषद’ (एआईसीटीई) के िलए भी गिठत
की गई है यह सिमित एआईसीटीई की वतमान थित की समी ा करे गी और वां िछत उ े ों की ा
तथा बेहतर काय िन ादन हे तु उसके पुनगठन और पुनसरचना के उपाय सुझाएगी
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बैचलर ऑफ वोकेशनल डीज़


यूजीसी ने ‘रा ीय कौशल पा ता तं ’ (एनएस ूएफ) के तहत िड ोमा व अ वत िड ोमा के एकािधक-
िनकास के िविवध पा मों वाली बैचलर ऑफ वोकेशनल िड ी काय म की शु आत की है इसके
उ े ह- (i) युवाओं की रोज़गार पाने की मता म वृ करना; (ii) एकािधक- वेश और एकािधक–
िनकास के अ यन अवसरों और िवषम गितशीलता के ावधानों के ज रए उनकी ितयोगी मता बनाए
रखना; (iii) िशि त और रोज़गार यो लोगों के बीच के अंतर को दू र करना और (iv) मा िमक र पर
ू ल/पढ़ाई छोड़ने की दर को कम करना वतमान म 25 रा ों के 2,035 ू ल इस योजना पर अमल कर
रहे ह
युवाओं की ावसाियक उ ित हे तु कौशल आकलन मैिट
एक े मवक तैयार िकया गया है , जो ावसाियक िश ा णाली और वतमान िश ा णािलयों के बीच
िवषम तथा पाि क गितशीलता को सुगम बनाता है शैि क ान और ावहा रक- ावसाियक कौशल की
गित के यासों का िनबाध एकीकरण ही इस े मवक की श है
िश ा े कौशल प रषद
‘िश ा े कौशल प रषद’ का गठन वष 2014 म शै िणक संकायों और िश क यो ता से इतर रोज़गार
की भूिमका पर िवचार करने के िलए िकया गया था एसएससी के काय म ‘ म बाज़ार सूचना णाली’
(एलएमआईएस) का गठन शािमल है तािक कौशल िवकास की ज रतों की पहचान कर िश ण की
योजना बनाई और दान की जा सके तथा कौशल के कारों का कैटलॉग तैयार िकया जा सके कौशल
िवकास योजना तैयार करना और कौशल इं वटी बना कर रखना, कौशल द ता मानकों और यो ताओं का
िवकास करना भी इसके काय म स िलत ह
यु -यो कलाकृित की तकनीक
यु का उ े कौशल िवकास तथा अिभक न और ौ ोिगिकयों का उ न करना है तािक पारं प रक
िश और कला से जुड़े लोगों की आजीिवका और आिथक संभावनाएं िव ार पा सक इसका उ े
अिभक न, ौ ोिगकी और कौशल के उ यन की शु आत के िलए िश ा शा ीय प ितयों को अपनाना
है

स म-िद ांग ब ों हे तु स म छा वृि


स म-िद ां ग ब ों हे तु स म छा वृि (एआईसीटीई) की इस योजना का उ े िद ां ग ब ों को
तकनीकी िश ा के अ यन के िलए ो ाहन और सहायता दान करना है एआईसीटीई ारा अनुमोिदत
सं थाओं म तकनीकी िश ा ा करने के िलए ज रतमंद और मेधावी छा ों को िश ण शु और अ
आव क खच के िलए ितवष 5 करोड़ पये की छा वृि का ावधान िकया गया है उ यह सहायता
इसिलए दी जाती है तािक वे अ यन की सम ाओं, पयावरणीय चुनौितयों और िचिक ा पर य के
बावजूद कॉलेज के अपने ल को हािसल कर सक

पूव र े के छा ों हे तु ईशान उदय


यूजीसी ने वष 2014-15 के िश ा स से पूव र े के छा ों के िलए ‘ईशान उ ’ नाम की एक िवशेष
छा वृि योजना ारं भ की है योजना म े के उन 10,000 छा ों को छा वृि दी जाएगी, िजनके
अिभभावकों की आय 4.5 लाख पये वािषक से कम है इन छा ों को दे श के कॉलेजों तथा िव िव ालयों
म ातक र तक के अ यन के िलए ितमाह 3,500 से 5,000 पये की छा वृि दी जाएगी

ईशान िवकास-पूव र के छा ों हे तु शै िणक अवसर


ईशान िवकास, यह काय म पूव र रा ों के कॉलेज और ू लों के चुिनंदा छा ों को उनके लंबे अवकाश
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के दौरान आईआईटी एवं आईटी और आईएसईआर सं थानों के िनकट संपक म लाने की योजना के तहत
शु िकया गया है तािक उ िश ा के बेहतर अवसरों का ान हो सके

मिहला नेता
मिहलाओं को शीष तकनीकी िश ण सं थानों और रा ीय ौ ोिगकी सं थान (एनआईटी) के संचालक
मंडल का अ िनयु िकया गया है इितहास म पहली बार दो मिहला वै ािनकों को आईआईटी प रषद
का सद िनयु िकया गया है

गित
‘ गित’ (छा ाओं हे तु छा वृि ) एआईसीटीई की इस योजना का उ े तकनीकी िश ा म बािलकाओं की
भागीदारी म वृ करना है िवकास ि या म मिहलाओं की पूण भागीदारी के िलए आव क ान,
कौशल और आ िव ास के साथ मिहलाओं को सश बनाने के िलए िश ा सबसे मह पूण साधन है
यह ‘तकनीकी िश ा के मा म से मिहला सश ीकरण’ ारा ेक युवती को अपनी िश ा को और आगे
ले जाने का अवसर दान करने का एक यास है इस योजना की मुख िवशेषताएं : ितवष छा वृि की
सं ा 4,000 ित प रवार एक बािलका, जहां प रवार की आय सालाना 6 लाख पये से कम हो अ िथयों
का चयन पा ता परी ा के ज रए यो ता के आधार पर िकया जाएगा इसम छा वृि की रािश िश ण
शु 30,000 पये या वा िवक, जो भी कम हो और आक क य हे तु 2,000/- पये, दस महीनों के
िलए ितवष है अनु.जा. 15 ितशत, अनु.जन,जा, 7.5 ितशत और ओबीसी के उ ीदवार आवेदक के
िलए 27 ितशत आर ण है ेक योजना म छा वृि यां ेक िड ी व िड ोमा र पर उपल ह
और िकसी वग म पा अ थ के उपल न होने पर थानां तरणीय ह

ामी िववेकानंद एकल बािलका छा वृि


िश ा के अनेक रों पर बािलकाओं ारा बीच म पढ़ाई छोड़ने का अनुपात बालकों की तुलना म कहीं
अिधक है मिहला िश ा के बारे म ामी िववेकानंद के िवचारों को ान म रखते ए और बािलका िश ा
के संवधन के िलए यूजीसी ने सामािजक िव ान के े म शोध के िलए ‘ ामी िववेकानंद एकल बािलका
छा वृि ’ शु की है इसका उ े िवशेष प से उन लड़िकयों की उ िश ा के खच की सीधे-सीधे
ितपूित करना है जो अपने प रवार की एकमा संतान ह

अपना कॉलेज जानो


‘अपना कॉलेज जानो’ (नो योर कॉलेज) एक ऐसा पोटल है जो कॉलेजों के बारे म आव क जानकारी दे कर
छा ों को कॉलेज के चयन संबंधी िनणय लेने म मदद करता है सहयोग, मोबाइल िश ा, ावसाियक
िश ा, सामुदाियक कॉलेज आईसीटी का उपयोग, आदश पा चया और अनुसंधान जैसे िववरण इस पोटल
पर उपल ह इसके अित र , िद ां गों हे तु सुिवधाएं , बािलकाओं हे तु सुिवधाएं थापन ( ेसमट)
सुिवधाएं और उ िमता के िववरण भी उपल ह छा िनराकरण के िलए अपनी िशकायत भी पोटल पर
डाल सकते ह यह ए ीकेशन (एप) दे श के अंदर अथवा बाहर से छा ों को अपनी िशकायत दज कराने
का अवसर दे ता है

कपस कने
‘रा ीय सूचना एवं संचार ौ ोिगकीय िश ा िमशन’ (एनएमईआईसीटी) योजना का उ े अ ापन और
अ यन की ि याओं के िलए आईसीटी की संभावनाओं का लाभ उठाना है इस िमशन के दो मुख अंग
ह (क) साम ी सृजन (ख) सं थाओं और छा ों को आव क यं दान करने के साथ संपक सुिवधा दान
करना एनएमईआईसीटी िमशन के तहत 419 िव िव ालयों तथा िव िव ालय र की सं थाओं और
25,000 से अिधक कॉलेजों और पॉिलटे क सं थाओं को कने िवटी उपल कराने की योजना है
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रा ीय ई-पु कालय
‘रा ीय िडिजटल पु कालय’ की प रक ना ान की ऐसी रा ीय प रसंपि के प म की गई है जो
सव ापी िडिजटल ान ोत उपल कराएगी यह दे शभर म सभी कार के अ ेता समूहों की िश ा,
शोध और नवाचार की आव कताओं की पूित म मदद करे गी िविभ पृ भूिम, अपे ाओं और भाषाओं के
िविभ अ ेताओं के मतानुसार गुणा क ई-साम ी तैयार करना और उसे द तापूवक सुलभ कराना भी
इसका ल है

यं- ( डी बे ऑफ ए व-लिनग फॉर यंग ए ाय रं ग माइं ड)


मह ाकां ी युवाओं हे तु सि य पठन के िलए अ यन वे
‘ यं’ ापक शैि क संरचना वाला एक रा ीय िवशाल मु ऑनलाइन पाठय म (एमओओसी) है यह
एकीकृत मंच इं जीिनय रं ग, मानिवकी एवं सामाजशा आिद जैसे पा म पेश करे गा तािक िश ाथ (
अ ेता) ापक प से इसका लाभ उठा सक

शै िणक नेटवक हे तु वैि क पहल


शै िणक नेटवक हे तु वैि क पहल ‘ ान’ (जीआईएएन) का उ े अंतररा ीय र पर वै ािनक और
उ मी ितभाओं की खोज कर उ उ अ यन के भारतीय सं थानों से जुड़ने के िलए ो ािहत करना
है इससे दे श के वतमान शै िणक संसाधनों का उपयोग हो सकेगा, गुणा क सुधार को गित िमलेगी और
भारत की वै ािनक एवं ौ ोिगकीय मता को िव रीय उ ृ ता दान की जा सकेगी काय म को
िविभ दे शों के सहयोग से शु करने का ाव है

अनुसंधान पाक
‘अनुसंधान पाक’ का उ े उ ोग और िश ा जगत के सहयोग से ान और नवाचार के अनुकूल
वातावरण तैयार करना है इससे वैि क र से भी बेहतर अ ाधुिनक ौ ोिगकी और नवाचार का िवकास
हो सकेगा

सं ा क नवाचार म बढ़ती वृि और िश ण


महान गिणत ीिनवास रामानुजन की ज शती के अवसर पर सीबीएसई से संब ू लों म सं ा क
नवाचार म बढ़ती वृि और िश ण (जीएएनआईटी) ‘स ाह’ मनाया गया इसका उ े गिणत म
छा ों की िच को सि यता से बढ़ावा दे ना था

ािधकार
ािधकार (कॉपीराइट) ा करना तः ि या है और इसके िलए िकसी औपचा रकता की ज रत
नहीं है िकसी भी कृित का सृजन होते ही कॉपीराइट अ म आ जाता है और इसे ा करने के िलए
िकसी भी औपचा रकता की आव कता नहीं होती है हालां िक कानून की धारा-48 के तहत कॉपीराइट के
पंजीकरण का माण-प और उसम की गई िवि यां कॉपीराइट के ािम संबंधी िववादों के संदभ म
अदालत म थम ा सा मानी जाती ह
कॉपीराइट कायालय की थापना वष 1958 म की गई थी यह उ िश ा िवभाग के शासिनक
िनयं ण म काय करता है इसका अ ता कॉपीराइट पंजीयक होता है , िजसके पास कॉपीराइट संबंधी
मामलों से िनपटने की अ ाियक श यां होती ह कॉपीराइट कायालय का मु काम कॉपीराइट का
पंजीकरण करना है कॉपीराइट कायालय ारा तैयार िकया गया कॉपीराइट रिज र आम लोगों को
कॉपीराइट के काम के बारे म जानकारी दे ता है अब कॉपीराइट कायालय को अलग कर िदया गया है और
यह एक पृथक सं था के तौर पर काम कर रहा है कॉपीराइट कायालय म पंजीकरण के अलावा रिज र
की जां च और उसम से उ रण लेने जैसी सुिवधाएं भी मुहैया कराई जाती ह
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कॉपीराइट कानून-1957 के अनु े द-13 के अनुसार कॉपीराइट िन िल खत वग या काय म िनिहत


होता है ; (क) मौिलक सािह क, सॉ वेयर, संगीत और कला क काय; (ख) िसनेमैटो ािफक िफ
और (ग) साउं ड रकॉिडग कॉपीराइट कायालय, वष 2013 के कॉपीराइट िनयमों के िनयम 70 के अनुसार
कॉपीराइट रिज र म शािमल कॉपीराइट के ोरों म बदलाव का भी पंजीकरण करता है कानून के
अनु े द-47 के तहत कोई भी िनधा रत शु अदा करके कॉपीराइट के रिज र से उ रण की
पंजीकृत ितयां ले सकता है या कॉपीराइट के रिज र की जां च कर सकता है इसके िलए कॉपीराइट
कायालय म उन काय की सूची भी बनाई जाती है , िजनके बारे म रिज र म जानकारी दी गई होती है
हालां िक पंजीयक रिज र म शािमल ोरे म छोटे -मोटे सुधार और बदलाव कर सकता है , िकसी असंतु
अथवा पंजीयक के िनवेदन पर रिज र म शािमल िकसी भी लेख को हटाने का अिधकार केवल
कॉपीराइट बोड के पास ही होता है
कॉपीराइट पंजीकरण हे तु ि याः कॉपीराइट अिधिनयम, 1957 की धारा-45 के तहत लेखक या काशक
या कॉपीराइट मािलक या िकसी भी काम के कॉपीराइट का इ ु क िनधा रत शु के साथ िनधा रत
ा प म कॉपीराइट रिज र म काय के ोरे को शािमल कराने के िलए िनवेदन कर सकता है
कॉपीराइट कायालय सभी कार के काय के िलए पंजीकरण सुिवधा मुहैया कराता है पंजीकरण के
आवेदन डाक से कॉपीराइट कायालय भेजे जा सकते ह या ऑनलाइन आवेदन भी िकया जा सकता है
कॉपीराइट कायालय का आधुिनकीकरणः ई-फाइिलंग सुिवधा की शु आत 17 फरवरी, 2014 को की गई
और नई तरह से िडजाइन िकए गए माण-प के साथ कॉपीराइट का नया तीकिच भी योग िकया जा
रहा है कॉपीराइट अिभलेखों का िडिजटीकरण भी ज ी शु िकया जा रहा है लगभग 6 लाख
कॉपीराइट रिज रों को ै न िकया जा चुका है
‘अ ाियक िनकाय कॉपीराइट बोड’ का गठन िसतंबर 1958 म िकया गया और यह अंशकािलक
आधार पर काय कर रहा था कॉपीराइट बोड का अिधकार े पूरा भारत है बोड को कॉपीराइट
पंजीकरण और कॉपीराइट िनधारण संबंधी िववादों को िनपटाने, पंजीकरण म सुधार, जनता से रोके गए
काय के संबंध म अिनवाय लाइसस की मंजूरी, अ कािशत भारतीय काय, िद ां गों के लाभ के िलए
अनुवादों का काशन तथा ुित और िवशेष मकसद के काय के मामले म िनणय लेने का काम सौंपा
गया है कॉपीराइट बोड, कवर सं रण और सािह क एवं संगीतमय काय के सारण और साउं ड
रकॉिडग के वैधािनक लाइससों के िलए अिधशु की दर भी तय करता है बोड कॉपीराइट कानून के
तहत इसके सामने लाए गए अ मामलों म भी सुनवाई करता है कॉपीराइट (संशोधन) कानून 2012 के
तहत कॉपीराइट बोड के तीन थायी सद होते ह, िजनम एक अ और दो अ सद ह
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11 ऊजा

ऊ जा आिथक िवकास और जीवन- र बेहतर बनाने का एक आव क


साधन है समाज म ऊजा की बढ़ती ज रतों को उिचत लागत पर पूरा करने
के िलए ऊजा के पारं प रक साधनों के िवकास की िज ेदारी सरकार की है
ऊजा के गैर-परं परागत, वैक क, नए और नवीकरणीय ोतों जैसे- सौर,
पवन और जैव ऊजा आिद के िवकास और संवधन पर लगातार ान िदए
जाने का िसलिसला बढ़ता जा रहा है दे श म सम ऊजा सुलभता की िदशा
म मह पूण योगदान के िलए परमाणु
ऊजा के िवकास को लगातार बढ़ावा िदया जा रहा है

िवद् ु यत
भारत म िवद् ु यत का िवकास 19वीं सदी के अंत म, सन् 1897 म दािजिलंग म िबजली आपूित की शु आत से
आ उसके बाद सन् 1902 म कनाटक के िशवसमु म म पनिबजली घर काम करने लगा तं ता से
पहले िवद् ु यत की आपूित मु तौर पर िनजी े करता था और यह सुिवधा भी शहरी े ों तक सीिमत थी
पंचवष य योजनाओं के िविभ चरणों म रा िबजली बोड का गठन, दे शभर म िवद् ु यत आपूित उ ोग के
सु व थत िवकास की ओर एक मह पूण कदम था अनेक ब उ े शीय प रयोजनाएं आरं भ ई और
ताप, जल और परमाणु िबजलीघरों की थापना के बाद से िवद् ु यत उ ादन म मह पूण गित ई
िवद् ु यत मं ालय दे श म िवद् ु यत ऊजा के िवकास के िलए ाथिमक तौर पर उ रदायी है मं ालय
पर े िनयोजन, नीित िनधारण, िनवेश संबंधी िनणयों के िलए प रयोजनाओं की व था, िवद् ु यत
प रयोजनाओं के काया यन की िनगरानी, िश ण एवं कमचा रयों का िवकास और शासन तथा तापीय
एवं पनिबजली उ ादन के संबंध म कानून का अिधिनयमन, पारे षण एवं िवतरण से संब है सभी
तकनीकी मामलों म क ीय िवद् ु यत ािधकरण (सीईए) िवद् ु यत मं ालय की सहायता करता है
क ीय े म उ ादन और पारे षण प रयोजनाओं के िनमाण और संचालन का काम क ीय े के
िबजली िनगमों यथा- नेशनल थमल पॉवर कॉरपोरे शन-एनटीपीसी, नेशनल हाइडोइले क पॉवर
कॉरपोरे शन (एनएचपीसी), नाथ-ई न इले क पॉवर कॉरपोरे शन(एनईईपीसीओं) तथा पॉवर ि ड
कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड-पीजीसीआईएल) को सौंपा गया है पॉवर ि ड क ीय े म सभी
वतमान और भावी पारे षण प रयोजनाओं तथा रा ीय िबजली ि ड के िनमाण के िलए भी िज ेदार है
संयु े के दो िबजली िनगमों- सतलुज जलिवद् ु यत िनगम (एसजेवीएन) (जो पूव म एनजेपीसी के नाम से
जाना जाता था) और िटहरी पनिबजली िवकास िनगम- िटहरी हाइडो डे वलपमट कॉरपोरे शन (टीएचडीसी)
मशः िहमाचल दे श म नाथपा-झाकड़ी िबजली प रयोजना तथा उ राखंड म िटहरी हाइडो पॉवर
कॉ े के िलए िज ेदार ह तीन वैधािनक िनकाय यथा- दामोदर घाटी िनगम (दामोदर वैली
कॉरपोरे शन डीवीसी), भाखड़ा ास बंधन बोड (बीबीएमबी) तथा ऊजा द ता ूरो (बीईई) भी िवद् ु यत
मं ालय के शासिनक िनयं ण म ह ामीण िवद् ु यतीकरण के काय मों के िलए ामीण िवद् ु यतीकरण
िनगम ( रल इले िफकेशन कॉरपोरे शन-आरईसी) िव ीय सहायता दे ता है िवद् ु यत िव िनगम
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(पीएफसी) और ामीण िवद् ु यतीकरण िनगम (आरईसी) िवद् ु यत े की प रयोजनाओं को िमयादी िव ीय


सहायता दे ते ह दो ाय िनकाय (सं थाएं ) यथा- क ीय िवद् ु यत अनुसंधान सं थान (सीपीआरआई) और
रा ीय िवद् ु यत िश ण सं थान (एनटीपीआई) भी िवद् ु यत मं ालय के शासकीय िनयं ण के अधीन ह
मुख प से िनजी े की िवशाल िवद् ु यत प रयोजनाओं की सहायता के िलए िबजली ापार िनगम का
गठन िकया गया है , जो िबजली खरीद समझौतों (पीपीए) को अंितम प दे ने वाला एकमा संगठन है
वेबसाइट: www.energy.gov., www.powermin.nic.in

िवद् ु यत उ ादन
वष 2017-18 के दौरान 1229.4 िबिलयन यूिनट (बीयू) िवद् ु यत उ ादन का ल िनयत था वा िवक
उ ादन (अ ैल-िदसंबर 2017 के दौरान) 906.2 बीयू रहा, िजसम िपछले साल की आलो अविध म ए
873.1 बीयू उ ादन की तुलना म 3.8 ितशत की वृ दज की गई

सौभा - धानमं ी सहज िबजली हर घर योजना


माच 2019 तक दे श म सभी घरों के िवद् ु यतीकरण के ल को हािसल करने के िलए सरकार ने संपूण
काया यन अविध के दौरान 12,320 करोड़ पये की सकल बजटीय सहायता सिहत 16,320 करोड़ पये
की कुल लागत से सौभा योजना की शु आत की है योजना के काय े म शािमल ह: ामीण े ों म
सभी गैर- िवद् ु यतीकृत मकानों को िवद् ु यत कने न उपल कराना एपीएल प रवार 500 पये के
भुगतान पर िवद् ु यत कने न ा कर सकगे (जो िवद् ु यत िबलों म 10 िक ों म दे य है ), दू रदराज के े ों
म थत गैर-िवद् ु यतीकृत मकानों और गैर-प ं च वाले उन गां वों/ब यों, जहां ि ड ए टशन वहाय
अथवा लागत भावी नहीं है , के िलए एकल णाली आधा रत सोलर फोटो वो क (एसपीवी) उपल
कराना और शहरी े ों म आिथक प से गरीब और सभी गैर-िवद् ु यतीकृत मकानों को िवद् ु यत कने न
उपल कराना

वष 2017-18 के दौरान मता अिभवृ काय म और उपल


वष 2017-18 के िलए 500 मेगावॉट परमाणु िबजली सिहत 13171.15 मेगावॉट मता अिभवृ ल
िनधा रत िकया गया था इस ल की तुलना म 31 िदसंबर, 2017 तक 4,765 मेगावाट की मता जोड़ी गई
है

रा ीय ि ड का िवकास
रा ीय ि ड के िवकास की ज रत को ीकार करते ए चरणब तरीके से अंतर- े ीय िलं की मता
बढ़ाने पर बल िदया गया है इस िदशा म काम करते ए सभी पां चों े ीय ि डों को समसामियक प से
कने िकया गया है 31 िदसंबर, 2017 की थित के अनुसार, रा ीय ि ड की अंतर- े ीय िवद् ु यत
अंतरण मता लगभग 78,050 मेगावॉट है , जो 11वीं योजना के अंत तक 27,750 मेगावॉट थी

ऊजा द ता
ऊजा संर ण भवन संिहता (ईसीबीसी) का अ तन सं रण 2017 को ारं भ िकया गया ईसीबीसी, 2017
के काय े म कवर/आवरण, लाइिटं ग, हीिटं ग, एयर-कंडीशिनंग और इले कल िस म सिहत भवन
िडजाइन के िलए मानदं ड और मानक शािमल ह यह 100 िकलोवॉट और उससे अिधक या 120 केवीए
और उससे अिधक की संिवदा मां ग वाले नए वािण क भवनों के िलए ूनतम ऊजा मानक िनधा रत
करता है

धानमं ी उ ला योजना
गरीब प रवारों, िवशेषकर ामीण इलाकों के गरीब प रवारों को ईंधन उपल कराने की ि से
सरकार ने गरीबी की रे खा से नीचे जीवनयापन करने वाले (बीपीएल) प रवारों की 8 करोड़ मिहलाओं को
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िबना जमा रािश एलपीजी कने न उपल कराने के िलए ‘ धानमं ी उ ला योजना’ (पीएमयूवाई) का
शुभारं भ िकया इस योजना का मुख उ े बीपीएल प रवारों को ईंधन उपल कराना तथा घर के
भीतर गंभीर वायु दू षण उ करने वाले जलावन की लकड़ी, कोयला, गाय का गोबर आिद जैसे ईंधन के
परं परागत साधनों के गंभीर भावों को घटाते ए उनके ा की र ा करना है खाना पकाने के ईंधन
के तौर पर एलपीजी का इ ेमाल मिहलाओं को जलावन की लकड़ी बीनने की मश त से छु टकारा
िदलाता है , खाना पकाने पर लगने वाले समय म कमी लाता है और वनों की कटाई रोकता है अब तक
5.55 करोड़ बीपीएल प रवार इस योजना से लाभां िवत हो चुके ह
इसके पा प रवारों की पहचान सामािजक-आिथक जाित जनगणना (एसईसीसी) के ज रए की जाती है
एसईसीसी सूची म नाम नहीं पाए जाने की थित म, सात ेिणयों यथा- धानमं ी आवास योजना
(पीएमजेवाई- ामीण) के लाभाथ , अं ोदय अ योजना के लाभाथ , अनुसूिचत जाित/जनजाित के प रवार,
अ ंत िपछड़ा वग, वनवासी, चाय/पूव चाय बागान जनजाितयों और ीपसमूहों/नदी ीपों के िनवासी योजना
की अ शत पूरा करने की थित म लाभां िवत हो सकते ह

पहल
सरकार ने सुशासन के उपाय के तौर पर एलपीजी उपभो ाओं के िलए ‘पहल’ के मा म से स डी
उपल कराने की लि त योजना का शुभारं भ िकया है इस योजना का उ े स डी बंद करना नहीं,
ब स डी को गलत हाथों म जाने से रोकने के ि कोण के आधार पर स डीज को यु संगत
बनाना है उपयु स डी लाभािथयों के बक खाते म सीधे ह ां त रत कर दी जाती है अब तक 22.40
करोड़ से ादा एलपीजी उपभो ा पहल योजना के साथ जुड़ चुके ह िव की अब तक की िवशालतम
लाभ अंतरण योजना होने के कारण पहल योजना का नाम िगनीज बुक ऑफ व रकॉड् स म दज
हो चुका है अब तक 83,653 करोड़ पये की रािश उपभो ाओं के खातों म भेजी जा चुकी है

पेटोिलयम एवं ाकृितक गैस


पेटोिलयम एवं ाकृितक गैस मं ालय, तेल और ाकृितक गैस के अ ेषण (तरल ाकृितक गैस के आयात
सिहत) और उ ादन, शोधन, िवतरण, िवपणन, आयात-िनयात तथा पेटोिलयम उ ादों के संर ण से संब
है
ऊजा आिथक गित का मु चालक है स म, िव सनीय और िकफायती ऊजा भारत की सम
अथ व था के सतत् िवकास और समेिकत गित के िलए आव क है ती आिथक िवकास के कारण
भारत िव का सबसे तेजी से बढ़ने वाला ऊजा बाज़ार बन चुका है भारत 2015 के दौरान स को पीछे
छोड़ते ए चीन और अमरीका के बाद िव म तीसरा बड़ा ऊजा उपभो ा बन गया भारत की ऊजा
खपत म तेल और गैस का भाग लगभग 35 ितशत रहा वा व म, भारत ने 2015 के दौरान अमरीका और
चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभो ा बनने के िलए जापान को पीछे छोड़ िदया
क े तेल और ाकृितक गैस का उ ादन
वष 2016-17 म 36.01 िमिलयन मीिटक टन (एमएमटी) के उ ादन की तुलना म वष 2017-18 के क े
तेल का उ ादन 35.68 एमएमटी रहा, जो लगभग 0.9 ितशत की मामूल िगरावट दशाता है वष 2017-18
के दौरान ाकृितक गैस का उ ादन 32.649 िबिलयन ूिबक मीटर (बीसीएम) है , जो 2016-17 म
31.8970 बीसीएम के उ ादन से 2.35 ितशत अिधक है
रफाइिनंग मता
भारतीय रफाइनरी उ ोग ने, यं को एक वैि क उ ोग थािपत करने म अ ा दशन िकया है भारत,
जो चीन के बाद एिशया का सबसे बड़ा रफाइनर है , मां ग से अिधक रफाइिनंग मता वाला एक
रफाइनरी हब है दे श की रफाइनरी मता अ ैल 2018 म बढ़कर 247.57 एमएमटीपीए हो गई है
पेटोिलयम उ ादों का उ ादन और खपत
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पेटोिलयम उ ादों का उ ादन वष 2016-17 के 243.55 एमएमटी की तुलना म वष 2017-18 म 254.40


एमएमटी रहा, जो लगभग 4.46 ितशत की वृ दशाता है वष 2017-18 के दौरान भारत म पेटोिलयम
उ ादों की खपत 204.92 एमएमटी रही, जो वष 2016-17 के दौरान 194.60 एमएमटी की खपत की तुलना
म 5.31 ितशत अिधक है
क े तेल का आयात
वष 2017-18 के दौरान 220.43 एमएमटी क े तेल का आयात िकया गया, िजसका मू 5,65,951 करोड़
पये आं का गया, जबिक वष 2016-17 के दौरान 213.93 एमएमटी क े तेल का आयात िकया गया,
िजसका मू 4,70,159 करोड़ पये आं का गया, जो वष 2016-17 के दौरान आयाितत क े तेल की मा ा
के संदभ म 3.04 ितशत और मू के संदभ म 20.37 ितशत की वृ दशाता है
पेटोिलयम उ ादों के आयात और िनयात
वष 2017-18 के दौरान 35.89 एमएमटी पेटोिलयम उ ादों का आयात आ, िजनका मू 86,946 करोड़
पये आं का गया, जो वष 2016-17 के दौरान आयाितत 36.29 एमएमटी पेटोिलयम उ ादों, िजनका मू
71,566 करोड़ पये आं का गया था की तुलना म मा ा के संदभ म 1.09 ितशत की िगरावट और मू के
संदभ म 21.49 ितशत की वृ दशाता है वष 2017-18 के दौरान 66.76 एमएमटी पेटोिलयम उ ादों
का िनयात आ, िजनका मू 2,25,139 करोड़ पये आं का गया, जो वष 2016-17 के दौरान िनयात िकए
गए 65.51 एमएमटी पेटोिलयम उ ादों, िजनका मू 1,94,893 करोड़ पये आं का गया था, की तुलना म
मा ा के संदभ म 1.91 ितशत तथा मू के संदभ म 15.52 ितशत वृ दशाता है
मेक इन इं िडया
तेल और गैस े म मेक इन इं िडया अिभयान का आरं भ करने के िलए मं ालय के अंतगत सभी
सावजिनक े के उप मों म खरीद वरीयता उपल कराने की िदशा म एक नीित को मंजूरी दी गई इस
नीित का उ े घरे लू गैस और तेल े म घरे लू और िवदे शी कंपिनयों की भागीदारी को बढ़ावा दे ना,
रोज़गार के अवसरों का सृजन करना, दे श म िविनिमत उ ादों तथा तेल और गैस े के िलए उपल
कराई जा रही सेवाओं म उ मू वृ जोड़ना था तथा आयात पर िनभरता म कमी लाना था
ऊजा सुर ा
सरकार ने तेल और ाकृितक गैस के घरे लू उ ादन म वृ करने के िलए दे श म अप ीम हाइडोकाबन
के े म अनेक मुख नीितगत उपाय िकए ह तेल और गैस के घरे लू उ ादन म वृ करने के उ े से
ओएनजीसी और ओआईएल के ऐसे िड वड ॉल फी ् स के मु ीकरण के िलए िड वड ॉल फी
(डीएसएफ) नीित को अिधसूिचत िकया गया, जहां उ ादन शु नहीं िकया गया था वहां इस नीित के
अंतगत अंतररा ीय ित ध बोली (आईसीबी) के ज रए 30 संिवदा े ों के िवकास का दािय सौंपा
गया
िहं दु ान पेटोिलयम कॉरपोरे शन िलिमटे ड
िहं दु ान पेटोिलयम कॉरपोरे शन िलिमटे ड (एचपीसीएल), सावजिनक े का एक िवशाल उप म
(पीएसयू), है , िजसे ‘नवर ’ का दज़ा ा है इसकी दो मु रफाइन रयां ह, एक रफाइनरी, मुंबई
(पि मी तट) पर थत है िजसकी मता 7.5 एमएमटीपीए है तथा दू सरी िवशाखाप नम (पूव तट) पर
थत है और इसकी मता 8.3 एमएमटीपीए है ये रफायन रयां ईंधन, ू ीकट् स और िविश उ ाद
सिहत ापक िविवधता वाले पेटोिलयम उ ादों का िनमाण करती ह एचपीसीएल पंजाब के बिठं डा म
11.3 एमएमटीपीए मता वाली एचएमईएल रफाइनरी म एक संयु उ म म साझेदार भी है , जहां उसकी
इ टी 48.99 ितशत है इसके अलावा एचएमईएल की मंगलूर रफाइनरी एं ड पेटोकेिमक िलिमटे ड
(एमआरपीएल) म 16.96 ितशत की िह ेदारी है यह मंगलूर थत अ ाधुिनक रफायनरी है , िजसकी
सालाना मता 15 एमएमटीपीए है
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एचपीसीएल के िवशाल िवपणन नेटवक म मु शहरों म 14 आं चिलक कायालय एवं 128 े ीय


कायालय ह, िजनके पास 41 टिमन , 41 एिवएशन सिवस े श , 48 एलपीजी बॉटिलंग ां ट्स, 6 ूब
िडं ग ां ट्स, 41 इनलड रले िडपो और 27 िविश ूब िडपो आिद जैसी आपूित एवं िवतरण की
बुिनयादी सुिवधाएं मौजूद ह 31 माच, 2018 तक इसके क मर टच ाइं ट्स म 15,062 रटे ल
आउटलेट्स, 1638 एसओ/एलडीओ डीलर, 266 ूब िड ी ूटस, 116 कै रं ग और फॉरविडग एजट् स,
4849 एलपीजी िड ी ूटरिश तथा 6.9 करोड़ घरे लू एलपीजी उपभो ा शािमल ह
एचपीसीएल ने ऊजा े म नवो ेषी और अ णी ौ ोिगिकयों और उ ादों का िवकास करने के िलए
बंगलु म एक अ ाधुिनक अनुसंधान एवं िवकास क की थापना की है सूचना और ौ ोिगकी से
संबंिधत अपने ि याकलापों को करने के िलए एचपीसीएल के पास है दराबाद म िव रीय आईएसओ
27001 मािणत इं फॉमशन िस म सटर (आईएससी) है
वेबसाइटः www.hindustanpetroleum.com
इं िडयन ऑयल कॉरपोरे शन िलिमटे ड
इं िडयन ऑयल कॉरपोरे शन (इं िडयन ऑयल) भारत की अ णी रा ीय तेल कंपनी है और इसके ापा रक
िहत सम हाइडोकाबन मू ृंखला म ा ह, िजसम तेलशोधन, पाईपलाइन प रवहन और पेटोिलयम
उ ादों के िवपणन से लेकर तेल और गैस का अ ेषण तथा उ ादन, ाकृितक गैस और पेटोकेिमक
आिद का िवपणन शािमल है इसने डाउन ीम चालनों के वै ीकरण म भी कदम रखा है और ौ ोिगकी
दाता बनकर उभर रही है तथा जैव ईंधनों, पवन ऊजा तथा सौर ऊजा जैसे वैक क ऊजा के े म भी
अपनी उप थित बढ़ा रही है
‘महार ’ उ म इं िडयन ऑयल सवािधक लाभ कमाने वाला पीएसयू है (िव वष 2017-18 म शु लाभ
21,346 करोड़ पये था) और यह वष 2018 की फॉचून 500 ोबल िल ं ग की शीष भारतीय कंपनी (रक
137) रही
भारत म 23 म से 11 रफाइन रयों का ािम और चालन इं िडयन ऑयल समूह की कंपिनयों ारा
िकया जाता है , िजनकी ितवष 80.07 िमिलयन मीिटक टन तेलशोधन मता दे श की कुल तेलशोधन मता
का 35 ितशत है इं िडयन ऑयल की पाईपलाइनों का नेटवक परे भारत म सबसे बड़ा है , जो 13,400
िकलोमीटर े म फैला है , जो क े तेल और पेटोिलयम उ ादों को सुरि त, िकफायती तथा पयावरण के
अनुकूल तरीके से एक थान से दू सरे थान तक प ं चाती है
इं िडयन ऑयल 48,000 से अिधक क मर टच ाइं ट्स के मा म से दे शभर म बड़ी सं ा म मौजूद
अपने ाहकों तक सेवाएं प ं चाती है इनम 27,000 ईंधन े शनों म 7,500 से ादा ामीण बाज़ारों म
िकसान सेवा क आउटलेट ह
इं िडयन ऑयल का एलपीजी कुिकंग गैस का ां ड इं डेन 10,200 से अिधक िवतरकों के मा म से 12
करोड़ से ादा प रवारों को सेवाएं दान करता है इसके 107 एिवएशन ूल े शन िमलकर एक िदन
म 1,750 से अिधक िवमानों को, यानी ित िमनट एक से अिधक उड़ानों को ईंधन उपल कराते ह
इं िडयन ऑयल की वैि क उप थित म वृ हो रही है :

ीलंका, मॉरीशस और संयु अरब अमीरात (यूएई), म इसके सु थािपत डाउन ीम माक िटं ग
चालन ह अब वह दि ण एिशया, दि ण-पूव एिशया और अ ीका के बाज़ारों म वेश करने की
योजना बना रही है
इं िडयन ऑयल की स, नाइजी रया, ओमान, यूएई, वेनेजुएला, कनाडा और अमरीका म 10 िवदे शी
अ ेषण और उ ादन प रयोजनाएं ह
सव ू ीकट् स और ोपेल पेटोकेिमक का दु िनयाभर म िनयात िकया जा रहा है

वेबसाइट: www.iocl.com
भारत पेटोिलयम कॉरपोरे शन िलिमटे ड
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भारत पेटोिलयम कॉरपोरे शन िलिमटे ड (बीपीसीएल) एक िवशाल सावजिनक े उप म है , िजसे


‘महार ’ का दजा ा है इसकी दो रफायन रयां मुंबई और को म ह मुंबई की रफायनरी कीशोधन
मता 12 एमएमटीपीए तथा को की शोधन मता 15.5 एमएमटीपीए है फॉचून ोबल 500 कंपनी
बीपीसीएल मुख एकीकृत कंपिनयों म से एक है , जो क े तेल के शोधन तथा पेटोिलयम उ ादों के
िवपणन म संल है तथा िजसकी तेल और गैस े के अप ीम और डाउन ीम े ों म मह पूण
उप थित है
‘महार ’ नुमालीगढ़ रफायनरी िलिमटे ड (एनआरएल) म बीपीसीएल की चुकता पूंजी 61.65 ितशत
है बीपीसीएल की 100 ितशत अनुषंिगयां यथा- भारत पेटो रसोसज िलिमटे ड (बीआरपीएल) तेल अ ेषण
के े म काय कर रही ह बीपीसीएल ने मैसज ओमान ऑयल कंपनी के साथ िमलकर बीना, म दे श
म 6 एमएमपीटीए मता वाली संयु उ म रफायनरी लगाई है
बीपीसीएल का कॉरपोरे ट कायालय मुंबई म है और उसने े टेिजक िबजनेस यूिनट (एसबीयू), साझा
सेवाओं और इकाइयों की रचना की है संगठना क प रक ना म उपभो ा-कि त छह एसबीयू यथा-
िवमानन, औ ोिगक और वािण क, एलपीजी, ू ीकट् स, गैस, खुदरा और प रसंपि यों पर आधा रत दो
एसबीयू यथा- मुंबई और को रफायनरी शािमल ह
बीपीसीएल के िवशाल िवपणन नेटवक म चार मुख शहरों म 4 े ीय कायालय ह, िजनकी सहायता
थानीय कायालय करते ह रटे ल आउटलेट्स और एलपीजी िड ी ूटरिशप उपभो ाओं को सेवाएं
दान करते ह, जो े ीय कायालय को रपोट करने वाले थानीय कायालयों के अधीन होते ह आपूित एवं
िवतरण अवसंरचना म टिमन , एिवएशन सिवस े श , एलपीजी बॉटिलंग संयं , ूब ऑयल िडं ग
ां ट्स िडपो, इं ालेशन टकेज और पाईपलाइन नेटवक शािमल है
बीपीसीएल के पास पेटोिलयम के े म अनुसंधान एवं िवकास गितिविधयों के िलए नोएडा म एक
िवशाल आरएं डडी सटर है बीपीसीएल के पास अपने कारोबार की सहायता के िलए सूचना ौ ोिगकी से
संबंिधत अ ाधुिनक बुिनयादी सुिवधाएं मौजूद ह इसका डे टा सटर और ईआरपी सटर सेवरी, मुंबई म है
तथा िबजनेस ॉसेस ए ीलस सटर (बीपीईसी) खारघर, नवी मुंबई म थत है
वेबसाइट: www.bharatpetroleum.com
ओएनजीसी िवदे श िलिमटे ड
ओएनजीसी िवदे श िलिमटे ड (ओवीएल) भारत सरकार के पेटोिलयम एवं ाकृितक गैस मं ालय के
शासिनक िनयं ण म िमनीर अनुसूची ‘क’ क ीय सावजिनक े उप म (सीपीएसई) है यह ऑयल
एं ड नेचुरल गैस कॉरपोरे शन िलिमटे ड (ओएनजीसी) की पूण ािम वाली अनुषंगी और िवदे शी शाखा है
ओवीएल की थापना 5 माच, 1965 को हाइडोकाब इं िडया ाइवेट िलिमटे ड के प म की गई थी
1989 से इस कंपनी का नाम बदल कर ओएनजीसी िवदे श िलिमटे ड कर िदया गया ओवीएल का उ े
भारत की ऊजा सुर ा सवंिधत करने के िलए िवदे श म मौजूद गुणव ापूण तेल और गैस प रसंपि यों का
अिध हण करना है वतमान म, ओवीएल के 20 दे शों म 41 तेल और गैस प रसंपि यों म शेयर ह, इनम
अजरबेजान (2 प रयोजनाए), बां ादे श (2 प रयोजनाएं ), ाज़ील (2 प रयोजनाएं ), कोलंिबया (7
प रयोजनाएं ), ईरान( 1 प रयोजना), इराक( 1 प रयोजना), इ ाइल (1 प रयोजना), कज़ाख ान (1
प रयोजना), लीिबया (1 प रयोजना), मोजा क (1 प रयोजना), ामां (6 प रयोजनाएं ), नामीिबया (1
प रयोजना), ूजीलड (1 प रयोजना), स (3 प रयोजनाएं ), दि ण सूडान (2 प रयोजनाएं ), सूडान (2
प रयोजनाएं ), सी रया (2 प रयोजनाएं ), यूएई (1प रयोजना), वेनेजुएला (2 प रयोजनाएं ) और िवयतनाम (2
प रयोजनाएं ) शािमल ह ओएनजीसी िवदे श 15 प रसंपि यों से तेल और गैस का उ ादन करती है , 4
प रसंपि यों म हाइडोकाब की खोज की गई है और वे िवकास की िविवध अव थाओं म ह, 18
प रसंपि यां अ ेषण की िविभ अव थाओं म ह तथा 4 प रयोजनाएं पाईपलाइन ोजे ् स ह
भारत पेटो रसोसज िलिमटे ड
भारत पेटो रसोसज िलिमटे ड (बीपीआरएल) का गठन 2006 म िकया गया था यह भारत पेटोिलयम
कॉरपोरे शन िलिमटे ड (बीपीसीएल) की पूण ािम वाली अनुषंगी और अ ेषण एवं उ ादन इकाई है
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बीपीसीएल जहां भारत के िमड ीम और डाउन ीम खंडों के साथ संल है , वहीं बीपीआरएल भारत तथा
िवदे श म अप ीम कायकलाप करती है बीपीआरएल के 8 दे शों म फैले 24 ॉ म भागीदारी िहत
(पीआई) ह और इसके साथ ही साथ 4 िनमाण प रसंपि यों के िलए लाइसस ा 2 सी इकाइयों म
इ टी है
ऑयल इं िडया िलिमटे ड
भारत सरकार का उ म, ऑयल इं िडया िलिमटे ड (ओआईएल) दे श और िवदे श म क े तेल और ाकृितक
गैस के अ ेषण, उ ादन और प रवहन के वसाय म संल है ऑयल इं िडया ाइवेट िलिमटे ड की
थापना 1959 को असम के नहारकिटया और मोरान के नए खोजे गए तेल े ों के िव ार और िवकास के
िलए की गई थी 1961 म ओआईएल, भारत सरकार और बमा ऑयल कंपनी िलिमटे ड यूके, की संयु
उ म बन गई 1981 म ओआईएल भारत सरकार के पूण ािम वाला उप म बन गया तथा अ ैल
2010 म भारत सरकार ारा इसे नवर का दजा दान िकया गया दे श म इसके चालन े असम,
अ णाचल दे श, िमजोरम, आं दे श, पुद्ु दचेरी, और राज थान म फैले ह कंपनी की ािधकृत पूंजी
2,000 करोड़ पये तथा चुकता पूंजी 1134.90 करोड़ पये है आईओएल म भारत सरकार की िह ेदारी
कंपनी की द इ टी शेयर कैिपटल की 66.13 ितशत है
िवदे शों म ओआईएल के अ ेषण और उ ादन पोटफोिलयो म 17 ॉ /12 प रसंपि यां शािमल ह,
िजनका सार 9 दे शों म है इन दे शों म- लीिबया, गैबॉन, नाईजी रया, वेनेजुएला, अमरीका, मोजा क,
बां ादे श, स और इ ाइल शािमल ह दे श म कंपनी के े फल म 331.75 वग िकलोमीटर के े को
कवर करने वाले नामां कन के आधार पर द 3 पेटोिलयम अ ेषण लाइसस (पीईएल), तथा 5004 वग
िकलोमीटर े म फैले 22 पेटोिलयम खनन प े (पीएमएल) शािमल ह कंपनी के िवदे शी पोटफोिलयों म–
स, अमरीका और वेनेजुएला म फैली पां च प रसंपि यां शािमल ह इसके अलावा ओआईएल की सूडान
म 741 िकलोमीटर लंबी म ी ोड पाईपलाइन िनमाण और चालन प रयोजना म 10 ितशत पीआई ह,
जो वष 2005 म पूण हो चुकी है ओआईएल ने िपछले तीन िव ीय वष म 9,860 एमएमटी क े तेल और
8,656 बीसीएम ाकृितक गैस का उ ादन िकया है
भारतीय नवीकरणीय ऊजा े के प र
िपछले कुछ वष म दे श म नवीकरणीय ऊजा े , ि ड संब िवद् ु यत उ ादन मता म एक मह पूण
े के प म उभरा है यह रा की ऊजा संबंधी ज रतों की पूित के समाधान के अिभ अंग और ऊजा
तक प ं च के अिनवाय े के प म उभरते ए सरकार की सतत िवकास संबंधी कायसूची का समथन
करता है यह समझा जा चुका है िक ऊजा सुर ा ा करने और ऊजा आयोजना ि या काअिभ अंग
बनने के िलए नवीकरणीय ऊजा को आने वाले वष म काफी गहन भूिमका िनभानी होगी िपछले कुछ वष
के दौरान भारत म नवीकरणीय ऊजा े के प र म सौर ऊजा का योगदान बढ़ाने की रत और
मह ाकां ी योजनाओं के साथ नीितगत ढां चे म कई बदलाव दे खने को िमला है ऐसी अवधारणा बनी है
िक नवीकरणीय ऊजा अब मह पूण भूिमका िनभा सकती है , साथ ही अब ौ ोिगिकयों म िव ास और यह
कर पाने की मता है रा ीय सौर िमशन के दायरे को ापक बनाया जाना इन दोनों का तीक है और
यह व ुतः भिव के िलए दु ि और मह ाकां ा को संपुि त करता है
िवकास के मु वाहक
वतमान म भारत की लगभग 69.5 ितशत िवद् ु यत उ ादन मता कोयले पर आधा रत है इसके अलावा
आयाितत तेल पर भारत की बढ़ती िनभरता की बदौलत उसकी कुल ऊजा ज रतों का लगभग 33 ितशत
आयात से पूरी हो रही ह 65 वष म सं थािपत मता म 113 गुना से अिधक वृ होने के बावजूद भारत
अब तक अपनी चरम िवद् ु यत मां ग और ऊजा संबंधी आव कताओं की पूित करने की थित म नहीं है
िव वष 2001-02 के दौरान चरम िवद् ु यत अभाव 12.2 ितशत यानी लगभग 9,252 मेगावाट था, लेिकन
िव वष 2014-15 के अंत तक चरम िवद् ु यत अभाव घटकर 2.4 हो गया इसके प रणाम प, मां ग और
पूित के इस अंतर को पाटने के िलए सरकार और यूिटिलटीज ारा योजनाब और गैर-योजनाब उपाय
िकए गए अपने सम नाग रकों के िलए ऊजा के िव सनीय और आधुिनक पों की उपल ता
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सुिनि त करना भारत के िलए एक चुनौती ह लगभग 85 ितशत ामीण प रवार खाना पकाने की अपनी
ज रत पूरी करने के िलए ठोस ईंधन पर िनभर करते ह और केवल 55 ितशत ामीण प रवारों की ही
िबजली तक प ं च ह हालां िक इतनी कम प ं च के बावजूद, ादातर ामीण प रवारों को िबजली आपूित
की गुणव ा और िनरं तरता से संबंिधत सम ाओं का सामना करना पड़ता है गां वों म काश की व था
म कमी के कारण िम ी के तेल का बड़े पैमाने पर इ ेमाल होता है इसम कमी िकए जाने की ज रत है ,
ोंिक इसके कारण स डी बढ़ानी पड़ती है और आयात पर िनभरता बढ़ती है , िजसके प रणाम प
िवदे शी मु ा भंडार पर दबाव पड़ता है
भारत ने 2030 तक अपने जीडीपी की उ जन गहनता म 2005 के र से 33-35 ितशत तक कमी
लाने की े ा से ितब ता की है हाल ही म पे रस म संप जलवायु प रवतन पर संयु रा
समझौते का ा प (यूएनएफसीसीसी) के 21व स ेलन म भारत ने ौ ोिगकी के ह ां तरण और ह रत
जलवायु कोष (जीसीएफ) सिहत कम लागत वाले अंतररा ीय ऋण की मदद से वष 2030 तक अपनी
लगभग 40 ितशत संचयी इले क िवद् ु यत सं थािपत मता गैर-जीवा ईंधन आधा रत ऊजा संसाधनों
से ा करने की ितब ता की है
नवीन एवं नवीकरणीय ऊजा
वष 1982 म, नवीन और नवीकरणीय ऊजा से संबंिधत सम पहलुओं पर गौर करने के िलए मं ालय म
एक पृथक गैर-परं परागत ऊजा ोत िवभाग (डीएनईएस) का सृजन िकया गया वष 1992 म िवभाग का
उ यन कर इसे एक पृथक गैर-परं परागत ऊजा ोत मं ायल (एमएनईएस) बना िदया गया और अ ू बर
2016 म इसका नाम बदलकर नवीन और नवीकरणीय ऊजा मं ालय कर िदया गया
ामीण अनु योगों के िलए नवीकरणीय ऊजा
मं ालय ामीण और अ ामीण अनु योगों के िलए बायोगैस संयं , फोटोवो क णािलयों, बायोगैस
गैसीफायर, सौर कुकर तथा सौर तापीय णाली आिद जैसी नवीकरणीय ऊजा णािलयों और उपकरणों
की सं थापना के काय मों का समथन कर रहा है
रा ीय बायोगैस एवं खाद बंधन काय म (एनबीएमएमपी)
एनबीएमएमपी क ीय े की योजना है िजसका उ े िवशेषकर ामीण/अध शहरी प रवारों की खाना
पकाने के िलए ईंधन संबंधी ज रत पूरी करने तथा खेतों म उपज एवं उ ादकता बढ़ाने और मृदा
का ा बरकरार रखने के िलए जैिवक खाद उपल कराने हे तु बायोगैस संयं ों को पा रवा रक
प रसंपि के तौर पर उपल कराना है इस कार बायोगैस संयं जैिवक खेती अपनाने म िकसानों की
मदद करने का संभािवत ोत ह बायोगैस संयं िकसानों के िलए खेती से जुड़ी एक छोटी अवसंरचना
प रसंपि है तथा अ लोगों के िलए घरे लू उपयोग की सुिवधा है
एनबीएमएमपी वष 2017-18 के दौरान रा ों की ओर से उनकी िनधा रत रा नोडल एजिसयों/
िवभागों, केवीआईसी और बीडीटीसी के मा म से ा मां ग और वा िवक ल ों के अनुसार काया त
िकया जा रहा है एनबीएमएमपी के अंतगत, वष 2017-18 के दौरान 65,180 पा रवा रक कार के
बायोगैस संयं ों की थापना करने का िनधा रत ल सम रा नोडल िवभागों/रा नोडल एजिसयों
और खादी और ाम उ ोग आयोग (केवीआईसी) और बायोगैस िवकास और िश ण क ों (बीडीटीसी)
को सौंप िदया गया है
भारत पेटोिलयम कॉरपोरे शन िलिमटे ड
भारत पेटोिलयम कॉरपोरे शन िलिमटे ड (बीपीसीएल) डाउन ीम से र की एक एकीकृत तेल कंपनी है ,
जो क े तेल के शोधन तथा पेटोिलयम उ ादों के िवपणन म संल है कंपनी ने पेटोकेिमकल फीड ॉक
के उ ादन और िवपणन म भी िविवधता उ की है बीपीसीएल की रफायन रयां मुंबई और को म
ह, िजनकी िमि त शोधन मता 21.5 एमएमटीपीए है दोनों रफायन रयां एकीकृत बंधन णाली
(आईएमएस) के तहत मािणत ह, िजसका ल आईएसओ 9001, आईएसओ 14001 और ओएचएसएएस
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18001 के अंतगत गत बंधन णािलयों को िमलाते ए गुणव ा, वातावरण, ा और सुर ा के


िलए ितब ता दशाते ए ॉसेिसज, इं टरफेिसज, संरचना एवं लेखन णािलयों म एकीकृत रवैया
अपनाना है
बीपीसीएल का मुख भंडारण ित ानों और िडपो, एलपीजी बॉटिलंग ां ट्स, 1938 िकलोमीटर
(संयु उ म कंपनी पेटोनेट सीसीके िलिमटे ड ारा थािपत 292 िकलोमीटर पाईपलाइन सिहत) ॉस-
कंटी पाईपलाइन और 2 ू ीकट िडं ग ां ट्स वाला सश िवतरण नेटवक है

कोयला
कोयला मं ालय (एमओसी) कोयला तथा िल ाइट के भंडारों के अ ेषण और िवकास के संबंध म नीितयों
का िनधारण करने, उ मू की मह पूण प रयोजनाओं को ीकृत करने और सभी संब मामलों का
िनणय करने के िलए सम प से उ रदायी है इन मह पूण काय का िनवहन सावजिनक े के इसके
उप मों अथात कोल इं िडया िल. (सीआईएल), नेयवेली िल ाइट कॉरपोरे शन िल.(एनएलसी) तथा िसंगरे नी
कोिलयरीज कंपनी िल. (एससीसीएल), जो तेलंगाना रा सरकार तथा भारत सरकार का एक संयु
उ म है तथा िजसम इ टी पूंजी का अनुपात 51:49 है , के मा म से िकया जाता है
भारत म कोयला भंडार
भारतीय भूगभ सव ण के अनुमान के अनुसार भारत म कोयले का भंडार, 308.802 िबिलयन टन है यह
कोयला भंडार मु प से झारखंड, ओिडशा, छ ीसगढ़, पि म बंगाल, म दे श, तेलंगाना और
महारा म है
भारत म िल ाइट भंडार
भारतीय भू-वै ािनक सव ण ारा दे श म िल ाइट भंडारों का अनुमान लगभग 44.59 िबिलयन टन लगाया
गया है मुख भंडार तिमलनाडु म और उसके बाद राज थान, गुजरात, केरल, पि म बंगाल, ज ू एवं
क ीर तथा संघ रा े पुद्ु दचेरी म पाए जाते ह
कोयला उ ादन
2017-18 के दौरान भारत म कोयले के सम उ ादन का अनुमान 730.10 िम.टन लगाया गया था अ ैल-
िदसंबर 2017 की अविध के 461.42 िम.टन (एमटी) वा िवक उ ादन की तुलना म 2016-17 की अविध म
452.97 िम.टन रहा जो 1.9 ितशत की वृ को दशाता है
कोल इं िडया िलिमटे ड
कोल इं िडया िलिमटे ड (सीआईएल) कोयला मं ालय, भारत सरकार, के अंतगत ‘महार ’ कंपनी है ,
िजसका मु ालय कोलकाता, पि म बंगाल म है सीआईएल दु िनया म अकेली सबसे बड़ी कोयला
उ ादक कंपनी है और 3,46,638 कमचा रयों के साथ िवशालतम कॉरपोरे ट िनयो ाओं म से एक है
सीआईएल भारत के 8 रा ों म फैले 82 खनन े ों के ज रए संचालन करती है कोल इं िडया िलिमटे ड की
429 खदाने ह, िजनम से 237 भूिमगत, 166 खली खदाने और 26 िमि त खदाने ह कोलकाता म अपने
मु ालय के साथ कोल इं िडया िलिमटे ड (सीआईएल), कोयला मं ालय के शासिनक िनयं ण वाली
कोयला उ ोग की शीष सं था है सीआईएल 7 पूण ािम वाली कोयला उ ादक अनुषंिगयों और एक
खान आयोजना एवं परामश कंपनी के साथ िनयं क कंपनी है यह कोयला रजव की पहचान, अपनी
खानों से कोयला िनकालने के िलए िव ृत अ ेषण के बाद उनकी योजना एवं काया यन और संचालन
सिहत ापक काय करती ह इसकी उ ादक कंपिनयों म ई न कोलफी ् स िलिमटे ड (ईसीएल),
स ो रया, पि म बंगाल, भारत कोिकंग कोल िलिमटे ड (बीसीसीएल), धनबाद, झारखंड, सटल
कोलफी ् स िलिमटे ड (सीसीएल), रां ची, झारखंड, साउथ ई न कोलफी ् स िलिमटे ड (एसईसीएल),
िबलासपुर, छ ीसगढ़, वे न कोलफी ् स िलिमटे ड (ड ूसीएल), नागपुर, महारा , नॉदन कोलफी ् स
िलिमटे ड (एनसीएल), िसंगरौली, म दे श, महानदी कोलफी ् स् िलिमटे ड (एमसीएल), संबलपुर,
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ओड़ीसा, ह परामशदाता कंपनी सटल माइन ािनंग एं ड िडजाइन इं ी ूट िलिमटे ड


(सीएमपीडीआईएल), रां ची झारखंड शािमल ह
वेबसाइट: www.coalindia.in
नेवेली िल ाइट कॉरपोरे शन िलिमटे ड
नेवेली िल ाइट कॉरपोरे शन िलिमटे ड (एनएलसी) का कंपनी के प म पंजीयन 1956 म आ था माइन–1
म खनन काय औपचा रक प से 1957 को शु आ नेवेली िल ाइट कॉरपोरे शन को अ ैल 2011 से
‘नवर ’ का दजा ा है इसका पंजीकृत कायालय चे ई म और कॉरपोरे ट कायालय तिमलनाडु के
नेवेली म है यह ऊजा े के सावजिनक े के उप मों म अ णी है एनएलसी नेवेली म सालाना 28.5
िमिलयन टन की कुल मता वाली िल ाइट की तीन खुली खदानों और बडिसंगार, राज थान म सालाना 2.1
िमिलयन टन की कुल मता वाली एक खुली खदान का संचालन करती है वह नेवेली म 2,490 मेगावॉट
की कुल थािपत मता के साथ तीन ताप िबजली घरों और बडिसंगार, राज थान म 250 मेगावॉट की कुल
थािपत मता के साथ एक ताप िबजली घर का संचालन करती है एनएलसी की सभी खानों को गुणव ा
बंधन णाली, पयावरण बंधन णाली और ावसाियक ा तथा सुर ा णाली के िलए आईएसओ
माण-प ा है एनएलसी के सभी िबजली घर भी गुणव ा बंधन णाली, पयावरण बंधन णाली के
िलए आईएसओ मािणत ह एनएलसी की गित िनरं तर जारी है और भारत के सामािजक-आिथक िवकास
म इसका मह पूण योगदान है
वेबसाइट: www.nlcindia.com
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12 पयावरण

प समे
यावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय क सरकार की नोडल एजसी है , जो झीलों तथा निदयों
त दे श के ाकृितक संसाधनों, इसकी जैव िविवधता, वनों तथा व जीवन के संर ण से संबंिधत
पयावरण एवं वन नीितयों तथा काय मों का ि या यन दे खती है तािक ािणयों का क ाण एवं दू षण
की रोकथाम एवं िनवारण सुिनि त िकया जा सके मं ालय सतत िवकास के िस ां तों पर चलते ए इन
नीितयों तथा काय मों का ि या यन करता है मं ालय संयु रा पयावरण काय म (यूएनईपी),
दि ण एिशया सहकारी पयावरण काय म (एसएसीईपी), अंतररा ीय एकीकृत पवत िवकास क
(आईसीआईएमओडी) और संयु रा पयावरण एवं िवकास स ेलन (यूएनसीईडी) की भी नोडल एजसी
है पयावरण से जुड़े मामलों म मं ालय सतत िवकास आयोग (सीएसडी) तथा ोबल ए ायरमट
फैिसिलटी (जीईएफ) जैसी ब प ीय सं थाओं और एिशया तथा शां त आिथक एवं सामािजक प रषद
(ए ै प) व दि ण एिशयाई े ीय सहयोग संघ (द ेस) जैसी े ीय सं थाओं के साथ भी सम य करता है
वेबसाइट: www.envfor.nic.in

भारतीय वन ित सव ण
भारतीय वन ित सव ण ( बीएसआई) दे श के जंगली पादप संसाधनों के वग करण तथा फूलों के अ यन
हे तु भारत सरकार के पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय के अधीन शीष अनुसंधान संगठन है
दे श के पादप संसाधनों की तलाश करने तथा आिथक मह वाली पादप जाितयों को पहचानने के
बुिनयादी उ े के साथ इसकी थापना 1890 म की गई थी कोलकाता म ‘रॉयल बॉटे िनकल गाडन’ के
त ालीन अधी क सर जॉज िकंग को बीएसआई का पहला पदे न मानद िनदे शक िनयु िकया गया था
आजादी के बाद 1954 म भारत सरकार ने दे श के वै ािनक िवकास के िह े के प म िवभाग का
पुनगठन िकया बाद म पंचवष य योजनाओं के दौरान बीएसआई के काम-काज का आधार बढ़ा िदया गया
और उसम कई अ गितिविधयां भी शािमल कर दी गईं, जैसे- थानीय, दु लभ तथा ज़ो खम म पड़ी पादप
जाितयों की सूची बनाना, संर ण की रणनीितयां तैयार करना, व जीव अ ार , रा ीय उ ान एवं
जीवमंडल संर ण थल जैसे दु बल पा रतं ों एवं संरि त े ों का अ यन करना, वन ित उ ानों तथा
ऑिकड उ ानों म थानीय तथा ज़ो खम म पड़ी पादप जाितयों, जंगली सजावटी पौधों को बढ़ाना तथा
संवारना, पौधों से संबंिधत पारं प रक ान को िलखकर रखना तथा हब रयम के नमूनों/जीिवत सं हों/
वन ित के िच ों/रे खािच ों, पौधों के िवतरण एवं नामकरण, पौधों के उपयोग आिद का रा ीय डे टाबेस
तैयार करना

भारतीय ाणी सव ण
मं ालय के अधीन अ णी शोध सं था भारतीय ाणी सव ण (जेडएसआई) को दे श की सेवा करते ए 100
वष पूरे हो गए ह 1916 म अपनी थापना के बाद से ही इसने सव ण, खोज एवं अनुसंधान का काम
सि यता के साथ िकया है , िजससे दे श की असाधारण प से समृ ाणी िविवधता के बारे म हमारी
जानकारी बढ़ी है एक के बाद एक पंचवष य योजनाओं के दौरान जेडएसआई का कामकाज भी लगातार
बढ़ता गया और उसम पयावरण पर ािणयों के भाव का आकलन; संरि त े ों का सव ण; लु ाय
जाितयों की थित का सव ण; ाणी संसाधनों के बारे म जानकारी का कं ूटरीकरण एवं
िडिजटलीकरण; जैव िविवधता पर पयावरण सूचना णाली (एनिवस); पहचान एवं परामश सेवाएं ; नमूनों
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की नेशनल डे िज ेटेड रपॉिजटरी; व जीव (संर ण) अिधिनयम, 1972 को लागू करने म सहायता करना;
संर ण के बारे म जाग कता फैलाने के िलए समु ी जलीय जीवशाला एवं सं हालय की थापना आिद
शािमल कर िदए गए साथ ही, यह रा ीय ाणी सं हों के संर क के प म भी काम करता है इसका
मु ालय कोलकाता म है और दे श के िविभ िह ों म 16 े ीय क ह Bharat_2019_AMAZON: E
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भारतीय वन सव ण
भारतीय वन सव ण (एफएसआई) मं ालय के अधीन रा ीय र का संगठन है , जो िनयिमत अंतराल पर
दे श के वन संसाधनों का आकलन करता रहता है भारतीय वन सव ण की थापना 1981 म ‘ ी–इं वे मट
सव ऑफ फॉरे रसोसज’ (पीआईएसएफआर) के थान पर की गई पीआईएसएफआर को भारत
सरकार ारा 1965 म आरं भ िकया गया था और यह एफएओं एवं यूनएडीपी ारा ायोिजत था
पीआईएसएफआर का मु उ े यह सुिनि त करना था िक दे श के चुिनंदा े ों म लकड़ी पर आधा रत
उ ोगों की थापना के िलए क ा माल िमलता रहे 1976 म अपनी रपोट म रा ीय कृिष आयोग (एनसीए)
ने िसफ़ा रश की थी िक िनयिमत अंतराल पर दे शभर म वन संसाधनों के सम सव ण के ज रए िव सनीय
जानकारी इक ा करने हे तु रा ीय वन सव ण संगठन की थापना की जाए उसके बाद जून 1981 म
पीआईएसएफआर का पुनगठन कर एफएसआई की थापना की गई इसकी गितिविधयों की बारीकी से
समी ा करने के बाद 1986 म एफएसआई का अिधकार े बढ़ा िदया गया तािक वह दे श की तेज़ी से
बदलती ज रतों और आकां ाओं पर खरा उतर सके

जैव िविवधता संर ण


जैव िविवधता संिध (सीबीडी) 1992 म रयो िड जेनेरो म संप ए पृ ी स ेलन के दौरान ीकार िकए
गए मुख समझौतों म से एक ह सीबीडी के उ े ह: जैव िविवधता का संर ण, इसके घटकों का सतत
उपयोग तथा आनुवां िशक संसाधनों के इ ेमाल से होने वाले लाभों की उिचत एवं िन साझेदारी 1994
म भारत ारा सीबीडी को अंगीकार िकए जाने के बाद से संिध के तहत िकए गए संक ों को पूरा करने एवं
संिध से िमल रहे अवसरों का लाभ उठाने के िलए कई कदम उठाए गए ह इन यासों का उ े सीबीडी
के ि रीय उ े ों के अनु प िवधायी, शासिनक तथा नीितगत णािलयां लागू करना है इस संिध के
ावधानों को भावी बनाने के िलए भारत ने 2002 म जैव िविवधता अिधिनयम लागू िकया भारत ने 2008 म
रा ीय जैव िविवधता काययोजना भी तैयार की तथा 2014 म इस काय योजना म 12 रा ीय जैव िविवधता
ल जोड़े गए
सीबीडी के अंतगत 2010 म अंगीकार की गई नगोया उपल ता एवं लाभ साझेदारी ोटोकॉल का
उ े आनुवां िशक संसाधनों से होने वाले लाभों की उिचत एवं िन साझेदारी करना है
जीवमंडल (बायो यर) रजव
‘बायो यर रजव’ का िवचार यूने ो ने 1973-74 म अपने मैन एं ड बायो यर (एमएबी) काय म के
अंतगत आरं भ िकया था 1970 म यूने ो ारा आरं भ िकया गया एमएबी ापक पा र थितक काय म
है , िजसका उ े जीवमंड़ल के संसाधनों के तािकक योग एवं संर ण के िलए और मनु तथा पयावरण
के बीच संबंध सुधारने हे तु ाकृितक एवं सामािजक िव ानों के भीतर ही आधार तैयार करना था उ े
यह भी था िक इससे आज की गितिविधयों के भिव की दु िनया पर होने वाले भावों का अनुमान लगाया
जा सकेगा और इस तरह जीवमंडल के ाकृितक संसाधनों के भावी बंधन की मनु की मता म
इज़ाफ़ा होगा
भारतीय रा ीय मनु एवं जीवमंडल (एमएबी) सिमित यूने ो के िदशािनदशों और मानदं डों पर चलते
ए बायो यर रजव के िलए संभािवत थान पहचानती है और उनकी िसफ़ा रश करती है 18
बायो यर रजव िनधा रत िकए गए ह इनम से 10 बायो यर रजव को यूने ो के िव बायो यर
रजव नेटवक म शािमल िकया गया है
संबंिधत रा ों/क शािसत दे शों की सरकार, पयावरण एवं वन िवभाग/लाइन िवभाग इसे ि या त
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करने वाले संगठन ह बायो यर रजव के िलए िचि त शीष सं थान मंजूर की गई अनुसंधान
प रयोजनाओं पर शोध की गितिविधयां करते ह तथा आविधक समी ाओं एवं गित रपोट का मू ां कन
िवशेष ों ारा िकया जाता है पूरी रपोट का मू ां कन िनधा रत सिमित ारा िकया जाता है
जैव सुर ा से संबंिधत जैव िविवधता संर ण योजना
जैव िविवधता संर ण की योजना 8वीं पंचवष य योजना के दौरान 1991-92 म आरं भ की गई थी तािक जैव
िविवधता के संर ण से संबंिधत मु ों पर काम करने वाली िविभ एजिसयों के बीच तालमेल सुिनि त हो
सके और उसके िलए पया नीितगत उपायों की समी ा, िनगरानी एवं िवकास हो सके मु उ े है
जैव सुर ा पर काटाजीना ोटोकॉल, जैव सुर ा (ि तीय चरण) पर यूएनईपी-जीईएफ समिथत मता
िनमाण प रयोजना का ि या यन करना और जैव सुर ा बंधन णाली को मजबूत करना
काटाजेना जैव सुर ा ोटोकॉल (सीपीबी): इस पर जैिवक िविवधता स ेलन (सीबीडी) के त ावधान म
चचा ई थी और 2000 म इसे मंजूरी दी गई भारत इस ोटोकॉल म शािमल है इस ोटोकॉल का मु
उ े आधुिनक जैव ौ ोिगकी से उ ए ऐसे सजीव सवं दत ािणयों का सुरि त ह ां तरण,
दे खभाल एवं योग सुिनि त करना है , िजनका मानव ा को होने वाले जो खम के िलहाज से जैव
िविवधता के संर ण एवं सतत योग पर ितकूल भाव हो सकता है

वन संर ण
वन बंधन योजना के सघनीकरण की यह क ायोिजत योजना दावानल यानी जंगल की आग के बंधन
से संबंिधत है तािक जंगल म आग की ितकूल भावों की बढ़ती िचंता दू र की जा सके इसके साथ ही वन
अि िनवारण एवं बंधन की मौजूदा क ायोिजत योजना तैयार की गई

व जीव संर ण
मं ालय का एक व जीव िवभाग ह, िजसम दो भाग ोजे एिलफट िवभाग और व जीव िवभाग ह साथ
ही तीन ाय शासी िनकाय- व जीव अनुसंधान एवं िश ण के िलए भारतीय व जीव सं थान, संर ण
एवं िचिड़याघरों के बंधन के िलए क ीय ाणी उ ान ािधकरण और रा ीय बाघ संर ण ािधकरण ह
रा ीय बाघ संर ण ािधकरण का गठन ोजे टाइगर िनदे शालय को बाघ संर ण के िलए ाय शासी
सं था बनाकर िकया गया राजधानी म रा ीय ाणी उ ान भी पयावरण एवं वन मं ालय के व जीव
िवभाग का िह ा है
व जीव िवभाग जैव िविवधता तथा संर ण े नेटवक के संर ण के िलए नीित एवं कानून बनाने हे तु
ि याओं एवं िव ेषण को सुगम बनाने के उ े से नीित एवं कानून के मामलों एवं जानकारी के बंधन
का काम करता है मं ालय का यह िवभाग क ायोिजत योजना - व जीव पयावास का एकीकृत िवकास
के अंतगत तथा क की योजना - व जीव िवभाग का सु ढ़ीकरण तथा िवशेष काय के िलए परामश के
ज रए तथा क ीय ाणी उ ान ािधकरण एवं भारतीय व जीव सं थान, दे हरादू न को अनुदान के मा म
से सहायता कर व जीव संर ण म रा /क शािसत दे श सरकारों को तकनीकी एवं िव ीय सहयोग दे ता
है
भारत सरकार व जीव संर ण की गितिविधयों म रा ों अथवा क शािसत दे शों की सरकारों को क
ायोिजत योजनाओं जैसे ‘व जीव पयावास का एकीकृत िवकास’ के ज रए िव ीय एवं तकनीकी सहयोग
दान करती है योजना के तीन घटक ह- संरि त े ों (रा ीय उ ानों, व जीव अ ार ों, कंजवशन
रजव एवं क ुिनटी रजव) को सहायता दान करना; व जीव बाहरी संरि त े ों की सुर ा तथा अ ंत
िवलु ाय जाितयों को बचाने के िलए काय म
व जीव अपराध िनयं ण ूरो
व जीव अपराध िनयं ण ूरो (ड ूसीसीबी) सां िविधक ब प ीय िनकाय है , िजसकी थापना दे श म
संगिठत व जीव अपराधों का मुकाबला करने के िलए मं ालय के अधीन की गई है ूरो का मु ालय
नई िद ी म है और िद ी, कोलकाता, मुंबई, चे ई तथा जबलपुर म इसके पां च े ीय कायालय;
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गुवाहाटी, अमृतसर तथा को म तीन उप े ीय कायालय; और रामनाथपुरम, गोरखपुर, मोितहारी,


नाथूला एवं मोरे म पां च सीमावत इकाइयां ह इसका काम है संगिठत व जीव अपराध की गितिविधयों से
संबंिधत जानकारी इक ी करना और अपरािधयों को पकड़ने के िलए तुरंत कारवाई हे तु यह जानकारी रा
एवं अ वतन एजिसयों को दे ना; व जीव अपराध का क ीकृत डे टाबक थािपत करना; अिधिनयम के
ावधानों को ि या त करने के िसलिसले म िविभ एजिसयों के बीच तालमेल िबठाना; व जीव अपराध
िनयं ण हे तु सम त एवं एकसमान कारवाई के िलए संबंिधत िवदे शी अिधका रयों तथा अंतररा ीय
संगठनों की मदद करना; व जीव अपराधों की वै ािनक तथा पेशेवर जां च के िलए व जीव अपराध
वतन एजिसयों का मता िनमाण करना और व जीव अपराधों के मामले म सफल अिभयोजन के िलए
रा सरकारों की मदद करना; रा ीय एवं अंतररा ीय भावों वाले व जीव अपराध संबंधी मसलों, नीितयों
एवं कानूनों के संबंध म भारत सरकार को सलाह दे ना व जीव अपराध िनयं ण ूरो की थापना 2007 म
की गई थी
क ीय ाणी उ ान ािधकरण: नई िद ी म मु ालय वाले क ीय ाणी उ ान ािधकरण की थापना
व जीव (संर ण) अिधिनयम, 1972 के ावधानों के अंतगत की गई थी और इसका काय संर ण म ाणी
उ ानों या िचिड़याघरों की भूिमका बढ़ाने के िलए दे श म िचिड़याघरों का कामकाज दे खना है क ीय ाणी
उ ान ािधकरण का मु उ े भारतीय िचिड़याघरों म जानवरों की दे खभाल तथा ा के िलए
ूनतम मानकों तथा िनयमों को लागू करना, मौजूदा िचिड़याघरों की िनगरानी तथा मू ां कन करना और
दे श म िचिड़याघरों के सुधार के तरीके और उपाय सुझाना है तािक उ िवलु ाय जंगली ािणयों को
उनके आवास से दू र संर ण करने वाला भावशाली थान बनाया जा सके
रा ीय ाणी उ ानः रा ीय ाणी उ ान की थापना 1959 म की गई पयावरण एवं वन मं ालय के अधीन
उ ान का मु उ े दे श की समृ जैव िविवधता िवशेषकर जंगली वन ित के संर ण हे तु हो रहे
रा ीय यासों म मदद करना और उ मजबूत बनाना है इसके िलए एक ि या तय की गई है -
िवलु ाय जाितयों का जनन उनके मूल थान से बाहर की थितयों म कराने एवं उिचत तथा वां िछत
समय पर जंगल म उनके पुनवास के िलए संतानों का पालन पोषण करने के यासों ारा उनके संर ण म
मदद करना; िचिड़याघर म आने वालों म व जीवों के ित सहानुभूित जगाना, उनम ाकृितक संसाधनों के
संर ण तथा पा र थितक संतुलन बरकरार रखने की ज रत के ित समझ तथा जाग कता िवकिसत
करना तथा संर ण के िलए उपयोगी वै ािनक अ यनों के िलए अवसर दान करना और मूल थान पर
तथा उससे बाहर संर ण म लगी एजिसयों के साथ साझा करने के िलए डे टाबेस तैयार करना
ोजे एिलफट
ोजे एिलफट को 1991-92 म क ारा ायोिजत योजना के प म आरं भ िकया गया इसका उ े
था हािथयों, उनके आवास थल तथा गिलयारों का संर ण करना; मानव और हाथी के टकराव की सम ा
पर काम करना; पालतू हािथयों के क ाण का ान रखना

पशु क ाण
सामा पशु क ाण-भारतीय पशु क ाण बोड: सामा पशु क ाण म भारतीय पशु क ाण बोड
(एड ूबीआई), चे ई, तिमलनाडु के ज रए जानवरों िवशेषकर पालतू जानवरों तथा बंद कर रखे गए
जंगली जानवरों का क ाण आता है एड ूबीआई सां िविधक िनकाय है , िजसका मु ालय चे ई म है
इसका मु काय सरकार को पशु क ाण के मु ों पर सलाह दे ना, पशु क ाण म जाग कता उ
करना तथा पशुओं के क ाण के िलए एड ूबीआई की िनयिमत योजनाओं एवं क ीय योजनाओं को लागू
करना है
मु सचल पशु िनकः बोड गरीबों के बीमार तथा घायल पशुओं को चे ई थत मु ालय से
संचािलत अपने सचल पशु िनक काय म के ज रए मौके पर मु पशु िचिक ा मुहैया कराता है
िव पशु िदवस स ाह म आयोिजत जाग कता रै िलयां: भारतीय पशु क ाण बोड ने मानव िश ण
काय म के अंतगत चे ई के ू लों एवं क णा इं टरनेशनल, चे ई के साथ िमलकर दया एवं क णा उ
करने के िलए रै िलयां कीं
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पयावरण पर भाव का आकलन


पयावरण भाव का आकलन (ईआईए) पयावरण संबंधी िचंताओं को योजना के आरं िभक चरण से ही
िवकास की ि या म जोड़ने का तरीका है भारत म सबसे पहले इसका योग 1978 म नदी घाटी
प रयोजनाओं म िकया गया था और बाद म इसे सावजिनक े की बड़ी प रयोजनाओं म भी आजमाया
गया, िजनके िलए सावजिनक िनवेश बोड की मंजूरी की आव कता होती है इन तरीकों को पहली बार
ईआईए अिधसूचना, 1994 म संिहताब िकया गया इसम 37 कार की प रयोजनाओं/ ि याओं के िलए
पयावरण मंजूरी आव क कर दी गई और इनकी सूची अिधसूचना म दी गई थी िनवेश का मानदं ड ही
िविभ े ों म पयावरण संबंधी मंजूरी की आव कता वाली प रयोजनाओं की बुिनयाद था

दू षण िनयं ण
वायु दू षण
वायु दू षण की बढ़ती सम ा िवशेषकर महानगरों म गंभीर सम ा बनती जा रही है बड़ी सं ा म शहर
और नगर दषणकारी त ों िवशेषकर कणों के मानकों का पालन नहीं करते िद ी समेत कछ शहरों म
वातावरण म कणों की सघनता मानकों से ब त अिधक कई बार तीन या चार गुना अथवा और भी ादा है
वायु दू षण कम करने के िलए वायु गुणव ा िनयमों एवं काय को वायु ( दू षण िनवारण एवं िनयं ण)
अिधिनयम, 1981 और पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 के िवभ ावधानों के अंतगत अमल म लाया
जाता है इन कानूनों म इस सम ा से िनपटने के तरीके और ािधकरण बताए गए ह बड़ा भाव लोगों के
ा पर पड़ता है िद ी और एनसीआर के िपछले पां च वष के उपल आं कड़ों के अनुसार कणों या
पािटकुलेट मैटर (पीएम10 और पीएम) की सघनता समूचे े के िलए िचंता का बड़ा िवषय है िकंतु
िद ी, मेरठ और फरीदाबाद म नाइटोजन डाई-ऑ ाइड की सघनता म कुछ गड़बड़ दे खी गई है
िपछले पां च वष म लगभग सभी थानों पर स र डाई-ऑ ाइड की सघनता मानक सीमा के भीतर ही
रही है पीएम10 सां स म जाने लायक मोटे कण होते ह, िजनका ास 2.5 और 10 माइ ोमीटर के बीच
होता है पीएम2.5 बारीक कण होते ह, िजनका ास 2.5 माइ ोमीटर या उससे कम होता है
आम तौर पर युवा एवं थ लोगों पर म म वायु दू षण के गंभीर अ कािलक भाव होने की आशंका
नहीं रहती लेिकन वायु दू षण का र बढ़ने या अिधक समय तक दू षण म रहने से मानव ा को
भािवत करने वाले ल ण िदख सकते ह इससे सन तं पर भाव तो पड़ ही सकता है , दय रोग भी हो
सकता है फेफड़ों अथवा दय की बीमारी से यों पर वायु दू षण का भाव पड़ने की आशंका
अिधक होती ह
वायु दू षण से िनपटने के उपाय
पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 के अंतगत 12 दू षकों वाले रा ीय प रवेशी वायु गुणव ा मानकों को
अिधसूिचत िकया गया है साथ ही प रवेशी वायु के िलए 32 सामा मानकों के अित र 104 अलग-
अलग औ ोिगक े ों के िलए उ जन/उ वाह मानक भी अिधसूिचत िकए गए ह सरकार प रवेशी वायु
की गुणव ा पर नज़र रखने के िलए रा ीय र पर रा ीय वायु गुणव ा िनगरानी काय म चला रही है
नेटवक म 691 मैनुअल प रचालन क ह, िजनके दायरे म 29 रा ों और 4 क शािसत दे शों के 303
शहर या नगर आते ह वाहनों से होने वाले दू षण की बात कर तो गैसीय ईंधन (सीएनजी, एलपीजी आिद)
चिलत करने, एथेनॉल िम ण, 2017 तक सभी जगह भारत े ज 4 लागू करने, 1 अ ैल, 2020 तक
भारत-4 से सीधे भारत-6 तक जाने, मेटो, बस, ई- र ा जैसे सावजिनक प रवहन नेटवक एवं कारपूिलंग
को बढ़ावा दे ने, दू षण िनयं ण माणप ा करने की ि या सुगम बनाने, लेन म अनुशासन बरतने,
वाहन की दे खभाल करने जैसे कदम उठाए गए ह
2015 म 14 शहरों से रा ीय वायु गुणव ा सूचकां क आरं भ िकया गया और अब यह 34 शहरों म लागू
ह िद ी और एनसीआर े म वायु दू षण पर िनयं ण के िलए चरणब िति या योजना अिधसूिचत
की गई है इस योजना म िविभ ोतों से होने वाले पािटकुलेट मैटर (पीएम) उ जन पर िनयं ण करने
तथा पीएम10 और पीएम2.5 के र को ‘म म’ रा ीय वायु गुणव ा सूचकां क से ऊपर जाने से रोकने की
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आव कता है उपाय एक साथ अपनाने ह आपातकाल तथा गंभीर रों म वे सभी उपाय एक साथ
अपनाए जाते ह, जो बेहद खराब, ख़राब और म म जैसे वायु गुणव ा सूचकां क के िनचले रों म सूचीब
ह ख़राब और म म ेणी म सूचीब काय पूरे वष करने की आव कता है क ीय दू षण िनयं ण बोड
(सीपीसीबी) ने िद ी तथा एनसीआर समेत बड़े शहरों म वायु दू षण कम करने के िलए 42 उपायों को
लागू करने के िलए िनदशों की ापक सूची जारी की है लोगों को इन यासों म शािमल करने के िलए
सरकार ने 2017 म ‘ह रत दीवाली एवं थ दीवाली’ नाम का एक अिभयान चलाया, िजसम िद ी के
2,000 से अिधक ू ल तथा दे श म 2 लाख से अिधक ू ल शािमल होंगे ‘ एवं थ भारत के िलए
हवा’ के नाम से एक िमनी मैराथन 2017 म आयोिजत की गई

िन दू षण
रा ीय पयावरण नीित - 2006 के अनु े द 5.2.8(4) पर कारवाई करते ए प रवेश म ा शोर को िनिद
शहरी े ों म िनगरानी के िलए िनयिमत पैमाने के प म शािमल िकया गया रा ीय प रवेशी शोर िनगरानी
नेटवक काय म की शत तैयार कर ली गई ह और रा दू षण िनयं ण बोड को बां ट दी गई ह क ीय
दू षण िनयं ण बोड ने रा दू षण िनयं ण बोड के साथ िमलकर 7 महानगरों म वा िवक समय म
प रवेशी शोर की िनगरानी करने वाले रा ीय नेटवक की थापना की साथ ही मुंबई, िद ी, कोलकाता,
चे ई, बंगलु , लखनऊ और है दराबाद म 70 शोर िनगरानी णाली थािपत की गईं िन दू षण कम
करने के िलए उठाए गए इन कदमों म दू सरी बातों के साथ दीपावली के मौके पर शोर पर नज़र रखने; रात
10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच आितशबाजी के इ ेमाल पर रोक; पटाखों के दु भावों के बारे म चार
करने, पटाखे रोकने के िलए सामा जनता म जाग कता पैदा करने के अलावा छा ों को पा म के
ज रए इसके ित संवेदनशील बनाने की सलाह एवं पयावरण संर ण अिधिनयम, 1986 की धारा 5 और
वायु ( दू षण रोकथाम एवं िनयं ण) अिधिनयम, 1981 की धारा 18(1)(बी) के अंतगत िनदश जारी करना
शािमल है

सामा तरल क़चरा शोधन संयं ों की योजना


सामा तरल क़चरा शोधन संयं ों का िवचार दू षण िनयं ण के िलए सहकारी आं दोलन खड़ा करने के
इरादे से आया इन संयं ों का मु उ े पयावरण की अिधक से अिधक र ा करते ए एकल इकाई के
िलए शोधन के खच को कम से कम करना है बेकार पानी का शोधन एवं जल संर ण सामा तरल क़चरा
शोधन संयं ों के मुख उ े ह इन संयं ों का िवचार अनुकूल लघु उ ोगों के रों से िनकलने वाले
तरल क़चरे के शोधन के उ े से रखा गया था
दे श के सभी रा ों म लघु उ ोगों को नए सामा तरल क़चरा शोधन संयं थािपत करने एवं पुराने
संयं ों का उ यन करने म सहायता दान करने हे तु सरकार ने क ारा ायोिजत एक योजना आरं भ की
है संशोिधत योजना की मुख िवशेषताओं म (क) क ीय स डी को प रयोजना लागत के 25 ितशत से
बढ़ाकर 50 ितशत करना; (ख) शोधन के तीनों रों ाथिमक, ि तीयक और तृतीयक के िलए सहायता
दे ना एवं (ग) सीईटीपी का बंधन उिचत िवधान के अंतगत पंजीकृत की गई िवशेष उ े वाली कंपनी को
सौंपा जाना शािमल है

हािनकारक पदाथ का बंधन


हािनकारक पदाथ बंधन भाग हािनकारक पदाथ एवं रासायिनक आपात थितयों समेत ठोस क़चरे के
बंधन के िलए मं ालय के भीतर ही नोडल िबंदु है भाग का मु उ े ठोस क़चरे के सुरि त बंधन,
हािनकारक रसायनों समेत हािनकारक पदाथ एवं क़चरे के बंधन को बढ़ावा दे ना है तािक ा एवं
पयावरण को होने वाले नुक़सान से बचा जा सके
इसके अित र भाग सावजिनक उ रदािय बीमा अिधिनयम, 1991 एवं उसके तहत तय िकए गए
िनयमों को लागू करने काम भी करता है भाग की गितविधयां तीन मुख े ों - हािनकारक क़चरा
बंधन, ठोस क़चरा बंधन एवं रासायिनक सुर ा के अंतगत चलाई जाती ह
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रासायिनक सुर ा
रासायिनक सुर ा सुिनि त करने के िलए मं ालय ने पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 के तहत िनयमों
के दो समूह अिधसूिचत िकए ह- (क) हािनकारक रसायनों के उ ादन, भंडारण तथा आयात के िनयम,
1989 (एमएसआईएचसी); और (ख) रासायिनक दु घटना (आपातकाल, िनयोजन, तैयारी एवं िति या)
िनयम, 1996 (ईपीपीआर) एमएसआईएचसी िनयमों के मु उ े ह: (अ) औ ोिगक गितिविधयों के
कारण होने वाली बड़ी दु घटनाएं रोकना; और (आ) ऐसी दु घटनाओं के भाव सीिमत करना ये िनयम
गुणव ा आधा रत ि कोण के ज रए इन उ े ों को पूरा करने का यास करते ह एमएसआईएचसी
िनयमों के तहत उ ोग वाले को िनकटवत जनता के बीच यह सूचना दे नी पड़ती है िक उ ोग के
कारण उस थान पर बड़ी दु घटना हो सकती है एमएसआईएचसी िनयम, 1989 के ि या यन की ि या
के दौरान यह महसूस िकया गया िक िविभ ािधकरणों की गितिविधयों का उिचत सम य सुिनि त करने
के िलए एवं थान से दू र आपातकाल योजना तैयार करने, संभालने एवं ि या त करने के िलए िज ेदार
िजलािधकारी की मदद करने हे तु दे श म रासायिनक संकट बंधन णाली थािपत की जानी चािहए
इसिलए रासायिनक दु घटना (आपातकाली िनयोजन, तैयारी एवं िति या) िनयम, 1996 नाम का िनयमों
का एक सेट अिधसूिचत िकया गया, िजसका ल रासायिनक दु घटनाओं के भावी िनयोजन, तैयारी तथा
िति याओं के िलए िविभ रों जैसे रा ीय, रा , िजला एवं थानीय रों पर शासिनक ढां चा दान
करना और यह सुिनि त करना था िक दु घटना से भािवत हो सकने वाली जनता को जानकारी उपल हो
सके रासायिनक दु घटना (ईपीपीआर) अिधिनयम, 1996 म दे श म रा ीय, रा , िजला तथा थानीय रों
पर आपदा बंधन णाली तैयार करने की क ना की गई थी
हािनकारक क़चरा बंधन
हािनकारक क़चरा को संभालते समय ा एवं पयावरण की सुर ा की ि से ऐसे क़चरे का पयावरण
के अनुकूल बंधन सुिनि त करने के िलए हािनकारक क़चरा ( बंधन, रखरखाव तथा सीमा पार प रवहन)
िनयम, 2008 को पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 के अंतगत अिधसूिचत िकया गया िनयमों ने
हािनकारक क़चरा उ करने तथा उसका इ ेमाल करने वाली इकाइयों को अनुमित दे ने के िलए
ावधान तैयार कर इस ि या की काय णाली तय की है हािनकारक क़चरे का िन ारण करने के िलए
िनयमों म शोधन, भंडारण तथा िन ारण संयं थािपत करने का ावधान भी है िनयमों म हािनकारक
क़चरे के आयात िनयात के संबंध म मह पूण ावधान भी ह, जो हािनकारक क़चरे के सीमा के आर-पार
प रवहन तथा िनपटारे पर िनयं ण की बेसल संिध के तहत हमारी बा ताओं के अनु प ह भारत भी इस
संिध म शािमल है
हािनकारक तथा अ क़चरा ( बंधन एवं सीमा पार प रवहन) िनयम, 2016 की कई िवशेषताएं ह,
िजनम मुख ह- अ क़चरे को शािमल कर िनयमों का अिधकार े बढ़ाना; हािनकारक एवं अ क़चरा
संभाल रहे सभी िहतधारकों के िलए अनुमित एवं पंजीकरण के थान पर केवल इस िनयम के तहत अनुमित
की व था करना; क़चरा बंधन के िलए ाथिमकता म िनधा रत करना, िजसम सबसे पहले रोकथाम,
िफर कम से कम करना, दोबारा इ ेमाल करना, पुनच ण करना, िफर ा करना ( रकवरी), साथ
सं रण करना और सुरि त तरीके से िनपटाना शािमल ह; ि या को सरल बनाकर और आयात/िनयात
के िनयमन वाले क़चरे की सूची संशोिधत कर इन िनयमों के तहत क़चरे के आयात िनयात के तरीकों को
सुगम बनाना; धातु कबाड़, कागजी क़चरे तथा दोबारा इ ेमाल होने लायक िबजली तथा इले ॉिनक
उपकरणों के क़चरे आिद के िलए अलग अनुसूची तैयार करना, िजसे मं ालय की अनुमित की आव कता
नहीं आयात के िलए ितबंिधत क़चरे की सूची को संशोिधत कर उसम खाने यो बेकार वसाओं तथा
जानवर या वन ित से बनने वाले तेल, घरे लू क़चरे , गहन िचिक ा म इ ेमाल होने वाले उपकरणों, ठोस
ा क क़चरे और तरल रासायिनक क़चरे को शािमल िकया गया है
ई-क़चरा बंधन
ई क़चरे से संबंिधत िनयम सूचना ौ ोिगकी तथा दू रसंचार उपकरणों एवं उपभो ा इले क एवं
इले ॉिनक उपकरणों से िनकलने वाले ई-क़चरे पर लागू होते ह जैसे टे लीिवजन सेट (एलसीडी तथा
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एलईडी), रे ि जरे टर, वािशंग मशीन तथा एयर कंडीशनर संबंिधत रा एजिसयों को इन िनयमों के तहत
ई-क़चरा बंधन से जुड़ी गितिविधयों जैसे सं ह करना, अलग-अलग करना, तोड़ना और पुनच ण करना
के िनयं ण, िनगरानी तथा िनयमन का अिधकार िमल जाता है क़चरा उ ादकों को सं ह की व था
तैयार करनी होती है तथा उनके अपने उ ादों के बेकार होने पर उ होने वाले ई-क़चरे के पयावरण की
ि से अनुकूल बंधन का ख़च वहन करना पड़ता है साथ ही िबजली के उ ादों और इले ॉिनक
उ ादों के िविनमाण म इ ेमाल होने वाली छह हािनकारक साम ी के िलए िव र पर ीकाय सीमा
तय की गई है उ ादकों से अपे ा की जाती है िक वे हािनकारक साम ी का इ ेमाल तय सीमा के भीतर
ही कर ई-क़चरे के पयावरण की ि से अनुकूल िनपटारे म ये िनयम मुख भूिमका िनभाते ह

ठोस क़चरा बंधन


ठोस क़चरा बंधन िनयम, 2016
मं ालय ने नगरपािलका े ों म ठोस क़चरा बंधन के िनयम 16 वष बाद संशोिधत िकए नए िनयम
नगरपािलका े ों से परे लागू होते ह और शहरी समुदाय, जनगणना नगर, अिधसूिचत औ ोिगक
टाउनिशप, भारतीय रे लवे के अधीन आने वाले े , हवाईअ े , हवाई िटकाने, बंदरगाह, र ा ित ान,
िवशेष आिथक े , रा तथा क सरकार के संगठन, तीथ थल, धािमक एवं ऐितहािसक मह के थान
भी उनके दायरे म आते ह ोत थल पर ही क़चरे को अलग-अलग करना अिनवाय कर िदया गया है
क़चरा तैयार करने वालों पर ही उसे तीन ेिणयों- गीला ( ाभािवक तरीके से समा होने वाला), सूखा
( ा क, कागज, धातु, लकड़ी आिद) और घरे लू हािनकारक क़चरा ( डायपर, नैपिकन, सफाई करने
वाले पदाथ के खाली िड े, म र भगाने वाले पदाथ आिद) - म बां टकर अलग-अलग करने का िज ा दे
िदया गया है िनयमों म क़चरा इक ा करने वालों को शािमल करने के तरीके भी ह िनयमों म थानीय
िनकायों को अिधकार िदया गया है िक वे ‘यूजर शु ’ लगाने के िलए उपिनयम बना सकते ह, जो शु
क़चरा बनाने वाले उसे इक ा करने वाले को दगे और क़चरा फैलाने एवं उसे अलग नहीं करने पर ‘तुरंत
जुमाना’ भी लगाया जा सकता है भारत के अंतगत िजस साझेदारी की प रक ना की गई है , उसे
लागू कर िदया गया है , जैसे थोक एवं सं थागत क़चरा उ ादक, बाज़ार संगठन, काय म आयोजक तथा
होटल एवं रे रां को थानीय िनकायों के साथ िमलकर क़चरा अलग-अलग कने और उसका बंधन करने
के िलए सीधे िज ेदार बना िदया गया ह सभी िनवासी क ाण संघों, बाजार संघों, 5,000 वग मीटर से
अिधक े फल वाले गेटयु समुदायों और सं थाओं, नई टाउनिशप और ुप हाउिसंग सोसायिटयों को
क़चरे के बंधन तथा यं समा होने वाले क़चरे के सं रण की व था यं ही करने का िज ा सौंप
िदया गया है
ा क क़चरा बंधन िनयम, 2016
सविविदत है िक ा क के िविवध योग होते ह और उसके भौितक तथा रासायिनक गुणों ने
ावसाियक प से उसे सफल बना िदया है लेिकन उनका अंधाधुंध िनटारा पयावरण के िलए बड़ा खतरा
बन गया है ा क की थैिलयां खासतौर पर िबखरे ए क़चरे म सबसे अिधक योगदान करती ह और हर
वष ा क की लाखों थैिलयां जमीन, जल िनकायों, जल वाहों के ज रए पयावरण म िमल जाती ह इ
पूरी तरह समा होने म औसतन 1,000 वष लगते ह इसीिलए वै ािनक ा क क़चरा बंधन की
सम ा से िनपटने के िलए 2011 म नए िनयम- क क़चरा ( बंधन एवं वहार) िनयम, 2011
अिधसूिचत िकए गए, िजनम ा क क़चरे का बंधन शािमल है िकंतु ये िनयम इतने भावी तरीके से
लागू नहीं हो सके ोंिक इन िनयमों का दायरा नगरपािलका े ों तक ही सीिमत रहा, जबिक आज
ा क ामीण े ों तक प ं च चुका है इन सम ाओं से िनपटने तथा क़चरा बंधन के िलए ावलंबी
व था तैयार करने के िलए मं ालय ने ा क क़चरा बंधन िनयम अिधसूिचत िकए िनयमों के तहत
(अ) ा क की थैिलयों की ूनतम मोटाई 40 माइ ॉन से बढ़ाकर 50 माइ ॉन की गई है ; (आ) व ुओं
को पैक करने तथा लपेटने के िलए ा क शीट की ूनमत मोटाई 50 माइ ॉन तय करने का काम
पहली बार िकया गया है तािक ा क क़चरा इक ा करना तथा उसका पुनच ण करना आसान हो; (इ)
ा क की थैिलयों के मू िनधारण की ि या दु कर ा क क़चरा बंधन शु शु िकया
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गया है , िजसे वे खुदरा दु कानदार अथवा सड़क पर दु कान लगाने वाले पूव पंजीकरण शु के पम
भरगे, जो ा क की थैिलयां दे ना चाहते ह; (ई) ा क के क़चरे के लाभकारी इ ेमाल जैसे िबजली
बनाना, सड़क िनमाण म इ ेमाल करना को बढ़ावा दे ने के तरीके लाए गए ह और (उ) थानीय शासन
ारा यूजर शु तथा ॉट जुमाना आरं भ िकया गया है
िनमाण एवं तोड़फोड़ से तैयार क़चरे का बंधन, 2016
मं ालय ने दे श म िनमाण तथा तोड़-फोड़ से होने वाले क़चरे के बंधन के िलए पहली बार िनमाण तथा तोड़
फोड़ बंधन िनयम, 2016 तैयार िकए इन िनयमों से पहले इसका िनयमन नगरीय ठोस क़चरा बंधन
िनयम, 2000 के तहत होता था और इसे शहरी थानीय िनकायों के िज े छोड़ िदया गया था नए िनयम
नगरीय ढां चे के िनमाण, रमॉडिलंग, मर त और तोड़-फोड़ से िनकलने वाले क़चरा का िनयमन करते ह
और ऐसे क़चरे का लाभकारी तरीके से दोबारा इ ेमाल करने या पुनच ण करने की व था करते ह
नए िनयम ऐसे ेक पर लागू होते ह, जो िनमाण तथा तोड़-फोड़ से िनमाण साम ी का क़चरा
उ होने के िलए, िकसी भी िनजी अथवा संगठन अथवा शासन के नगरीय ढां चे के िनमाण, रमॉडिलंग,
मर त अथवा िव ंस से मलबा या रोड़ा तैयार होने के िलए िज ेदार है िनयमों के अंतगत क़चरा बनाने
वाले ेक को रोड़ा, िम ी और अ क़चरे को इक ा करने, अलग-अलग करने तथा िनमाण एवं
िव ंस से तैयार ए क़चरे को अलग-अलग इक ा करने, थानीय िनकाय ारा तैयार िकए गए सं ह थल
पर जमा करने अथवा अिधकृत सं रण संयं ों को सौंपने का िज ा सौंपा गया है उसे यह सुिनि त
करने के िलए भी कहा गया है िक कूड़ा न तो िबखरे और न ही जमा हो, िजससे यातायात या नािलयां बािधत
नहीं हों सेवा दाताओं को सम क़चरा बंधन योजना तैयार करनी होगी, िजसम उनके अिधकार े म
िनमाण तथा तोड़-फोड़ के कारण उ ए क़चरे को अलग-अलग करना, भंडारण करना, सं ह करना,
पुनः इ ेमाल करना, पुनच ण करना, ढु लाई करना और िनपटाना शािमल होगा िनमाण तथा तोड़-फोड़
का क़चरा हटाने का िज ा भी उ ीं का होगा
ाई ऐश का उपयोग
िबजली की तेज़ी से बढ़ती मां ग और िबजली की दो-ितहाई ज रत पूरी करने के िलए कोयले पर िनभर रहने
के कारण भारी मा ा म ाई ऐश तैयार हो रही है ाई ऐश का बंधन िचंता का िवषय हो गया है ोंिक
उसके िनपटारे के िलए बड़े भू-भाग की ज रत पड़ती है ाई ऐश के िनपटारे की पयावरण संबंधी
सम ा को दू र करने के िलए मं ालय ने 1999 म ाई ऐश के उपयोग पर अिधसूचना जारी की, िजसम
कोयले/िल ाइट से चलने वाले ताप िबजली संयं ों के िलए ाई ऐश के ल इस िवचार के साथ तय िकए
गए िक चरणब तरीके से उसका 100 ितशत उपयोग िकया जाने लगेगा 2003, 2009 और 2016 म
अिधसूचना म संशोधन िकया गया ाई ऐश का उपयोग 1996-97 म 6.64 िमिलयन टन से बढ़कर 2015-
16 म 107.77 िमिलयन टन तक प ं च गया है पहले ाई ऐश को ‘हािनकारक औ ोिगक क़चरा’ माना
जाता था, लेिकन अब उसे उपयोगी और िब ी लायक साम ी कहा जाता है इस अिधसूचना का उ े
पयावरण की र ा करना, िम ी की ऊपरी परत को संरि त रखना, ताप िबजली संयं ों से ाई ऐश को
उड़कर जमीन पर फैलने से रोकना और उस राख का इ ेमाल िनमाण साम ी तैयार करने और िनमाण
गितिविधयों म करना

अंतररा ीय संिधयां
बेसल संिध
हािनकारक क़चरे के सीमा पार आवागमन तथा िन ारण पर िनयं ण हे तु बेसल संिध को बेसल,
ट् जरलड म 1989 म ीकार िकया गया बेसल संिध का मु उ े मानव ा तथा पयावरण को
हािनकारक क़चरे के ितकूल भावों से बचाना ह अपने उ व और/अथवा संरचना एवं गुणों के आधार
पर ‘हािनकारक क़चरे ’ के प म प रभािषत िकया गया िविभ कार का क़चरा और ‘अ क़चरे ’ के
प म प रभािषत दो कार का क़चरा (घरे लू क़चरा और भ ी की राख) इसके दायरे म आता है
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रॉटरडम संिध
अंतररा ीय ापार म िनि त हािनकारक रसायनों तथा कीटनाशकों के िलए पूव सूिचत सहमित ि या के
िलए रॉटरडम संिध 2004 म लागू ई भारत ने एक वष बाद यह संिध ीकार कर ली भारत म रसायन
एवं उवरक मं ालय, कृिष एवं सहका रता मं ालय इसके िलए िनधा रत सं थाएं ह आिधका रक संपक
िबंदु पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय म बनाए गए ह इस संिध की अनुसूची 3 म 47 रसायन
िदए गए ह, िजनम 33 ऐसे कीटनाशक तथा 14 ऐसे औ ोिगक रसायन ह, िज ा अथवा पयावरण
कारणों से दो या अिधक सद दे शों ने ितबंिधत कर िदया है या ब त सीिमत कर िदया है तथा िज
सद ों के स ेलन ने पूव सूिचत सहमित ि या के अधीन घोिषत कर िदया है
ॉकहोम संिध
िज ी जैिवक दू षक त ों (पीओपी) पर ॉकहोम संिध मानव ा और पयावरण को पीओपी के
दु भावों से बचाने के िलए वैि क संिध है संिध म आरं भ म 12 रसायन थे, िजनके उ ादन तथा िवतरण
पर ितबंध था अब इसम 23 रसायन ह संिध 2004 म लागू ई भारत ने 2006 म इसे लागू िकया संिध
के अनु े द 7 के अनुसार संिध के सद ों रा ीय ि या यन योजना तैयार कर यह िदखाना होगा िक संिध
के ित अपने संक ों को वे कैसे पूरा करगे और यह योजना वैि क पयावरण ित ान के धन से तैयार की
गई है पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय जीईसी तथा ॉकहोम संिधयों के िलए क िबंदु का
काय करता है कृिष एवं सहका रता मं ालय एवं रसायन तथा पेटोरसायन मं ालय इसके िलए िलए
िनधा रत रा ीय सं थाएं ह
पारे पर मीनामाता संिध
फरवरी 2009 म यूएनईपी की शासिनक प रषद ने पारे पर कानूनी प से बा कारी वैि क योजना तैयार
करने के मामले म िनणय 25/5 िलया जापान के मीनामाता तथा कुमामोतो म 2013 म आयोिजत दू तों के
स ेलन म ‘पारे पर मीनामाता संिध’ को औपचा रक प से ीकार िकया गया, जो मानव ा तथा
पयावरण को पारे के दु भावों से बचाने वाली वैि क संिध है
अंतररा ीय रसायन बंधन पर रणनीितक ि कोण
2006 म भारत समेत 190 से अिधक दे शों ने अंतररा ीय रसायन बंधन पर रणनीितक ि कोण
(एसएआईसीएम) ीकार िकया, जो रसायनों के सही बंधन को बढ़ावा दे ने वाला अंतररा ीय नीितगत
ढां चा है एसएआईसीएम के अंतगत आरं िभक गितिविधयों म रा ीय रसायन ोफाइल का िनमाण अथवा
उसे अ तन करना, सं थाओं को मजबूत करना तथा रसायनों के सही बंधन को रा ीय रणनीितयों की
मु धारा म लाना शािमल थीं भारत ने इस िदशा म कदम बढ़ाते ए रा ीय रसायन बंधन ोफाइल
तैयार करना आरं भ िकया, िजससे रसायनों के बंधन हे तु भारत के बुिनयादी ढां चे और मता का पता लग
सके

रा ीय नदी संर ण योजना


1985 म गंगा काययोजना आरं भ होने के साथ ही नदी संर ण काय म शु आ गंगा काययोजना को
1995 म बढ़ाया गया और अ निदयों को भी रा ीय नदी संर ण योजना (एनआरसीपी) के अंतगत ले िलया
गया एनआरसीपी का उ े दे श म जल के बड़े ोत के प म काम कर रही निदयों के जल की गुणव ा
सुधारना है इसके िलए निदयों के दू िषत भाग के प म िचि त िह ों के िकनारे बसे िविभ शहरों म
दू षण कम करने के िलए काम िकया जाता है , िजसका खच क तथा रा सरकार िमलकर उठाती ह
िफलहाल एनआरसीपी (गंगा तथा उसकी सहायक निदयों को छोड़कर) के अंतगत 14 रा ों के 75 शहरों
म 31 निदयों के दू िषत िह े आते ह और इसके अंतगत अभी तक 2,445 िमिलयन लीटर पानी के शोधन
की मता तैयार कर ली गई है

झील संर ण
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एनएलसीपी/एनपीसीए के अंतगत अभी तक 14 रा ों म 63 झीलों के संर ण के िलए कुल 46 प रयोजनाएं


मंजूर की गई ह, िजनम मैले जल को िनकालने की णाली तथा क़चरा शोधन संयं उपल कराने, क़चरे
को रोकने और उसकी िदशा मोड़ने, गाद समा करने, जल हण े के उपचार, तूफानी जल के बंधन
आिद पर काम होता है 34 झीलों के संर ण का काय पूरा हो चुका है िजन प रयोजनाओं पर अभी काम
चल रहा है , उनम ज ू-क ीर म डल झील, म दे श म िशवपुरी तथा िसंध सागर झील, नगालड
(पूव र े ) म मोकोकचंग थत जुड़वां झील, राज थान म अ सागर, पु र तथा िपचोला झील और
उ र दे श म रामगढ़ ताल तथा ल ीताल मुख ह
जलमय भूिम का संर ण
जलमय या दलदली भूिम बड़ी आबादी के िलए जीवनरे खा सरीखी होती ह और ताजे जल का बड़ा ोत भी
होती ह उनम ब त अिधक जैव-िविवधता तो होती ही है , मानव जाित को वे पा रतं संबंधी कई सेवाएं भी
दे ती ह िकंतु मानव की गितिविधयों के कारण जलमय भूिम कम होती जा रही है जलमय भूिम पर पड़ने
वाले बड़े दबावों म जलिव ान की णािलयों का बंटना, बबाद ए जल हण े से गाद का आना, दू षण,
अित मणकारी जाितयों का फैलना तथा संसाधनों का आव कता से अिधक इ ेमाल होना शािमल ह
बबादी पर िनयं ण करने और जलमय भूिम को बचाने के िलए 1987 म रा ीय जलमय भूिम संर ण
काय म आरं भ िकया गया और िचि त जलमय भूिम के संर ण और बंधन के िलए काययोजना लागू
करने हे तु रा सरकारों को िव ीय सहयोग दान िकया जा रहा है
रामसर संिध
संभािवत जलमय भूिम संर ण के हे तु ितब ता िदखाते ए भारत ने 1982 म रामसर संिध पर ह ा र
िकया इस संिध के अनुसार भारत अंतररा ीय सहयोग करे गा और जलमय भूिम के संर ण तथा
बु म ाभरे योग के िलए रा ीय काययोजना बनाएगा िफलहाल भारत म 26 रामसर े ह
जलमय भूिम ( संर ण तथा बंधन) िनयम
संिध के उ े ों को लागू करने के िलए िदसंबर 2010 म जीएसआर-951(ई) के ज रए जलमय भूिम (संर ण
एवं बंधन) िनयम बनाकर िनयामकीय णाली लागू की गई जलमय भूिम िनयम, 2010 के अंतगत क ीय
जलमय भूिम िनयामक ािधकरण की थापना की गई है 14 रा ों म फैले 25 जलमय े ों को पहले ही
इन िनयमों के अंतगत अिधसूिचत िकया जा चुका है
िव जलमय भूिम िदवस
दु िनयाभर म जलमय भूिम के संर ण तथा बु म ापूण उपयोग के िलए जाग कता फैलाने हे तु हर वष 2
फरवरी को िव जलमय भूिम िदवस (व वेटलड् स डे ) मनाया जाता है ‘जलमय भूिम और आपदा के
ख़तरे म कमी’ िवषय के साथ िव जलमय भूिम िदवस-2017 को म दे श सरकार के साथ िमलकर भोज
जलमय भूिम, भोपाल म मनाया गया भोज जलमय भूिम रामसर संिध के तहत भारत म िनधा रत 26
रामसर थलों म शािमल है

रा ीय वनरोपण तथा पयावरण िवकास बोड


दे श म वनरोपण, पौध रोपण, पयावरण की बहाली और पयावरण के िवकास की गितिविधयों को बढ़ावा दे ने
के िलए 1992 म रा ीय वनरोपण तथा पयावरण िवकास बोड (एनएईबी) की थापना की गई एनएईबी
समा हो रहे वन े ों तथा वन े ों से लगी भूिम, रा ीय उ ानों, अ ार ों एवं अ संरि त े ों तथा
पयावरण की ि से कमजोर े ों जैसे- पि मी िहमालय, अरावली और पि मी घाट आिद के पुनिवकास
पर िवशेष ान दे ता है
एनएईबी के उ े ों म समा ए वन े ों तथा िनकटवत भूिम का व थत िनयोजन एवं ि या यन
ारा पयावरणीय पुनवास करने की णाली िवकिसत करना; पयावरणीय सुर ा के िलए तथा गामीण
समुदायों की जलावन, चारे संबंधी एवं अ ज रत पूरी करने के िलए वन आवरण को ाकृितक पुनिनमाण
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अथवा समुिचत ह ेप के ज रए बहाल करना; समा ए जंगल तथा करीबी भूिम से जलावन, चारे ,
लकड़ी तथा अ वनोपज की उपल ता बढ़ाना तािक इन उ ादों की मां ग पूरी हो सके; समा हो रहे वन
े ों तथा िनकटवत भूिम के पुनिनमाण एवं िवकास के िलए नई तथा उिचत ौ ोिगिकयां चा रत करने के
िलए अनुसंधान ायोिजत करना तथा जानकारी फैलाना; वनरोपण और पयावरण िवकास को बढ़ावा दे ने के
िलए ै क संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों, पंचायती राज सं थाओं और अ के साथ िमलकर सामा
जाग कता उ करना तथा जनां दोलन को मजबूत करना एवं समा ए वन े तथा समीप की भूिम के
सहभािगतापूण एवं सतत िटकाऊ बंधन को बढ़ावा दे ना शािमल है

रा ीय वनरोपण काय म योजना


रा ीय वनरोपण काय म (एनएपी) योजना भारत सरकार म एनएईबी की मुख वनरोपण योजना है
2000-02 म आरं भ की गई यह योजना अपने ि या यन के िपछले सोलह वष म पूरे भारत म फैल गई है
और दे श के 28 रा वन िवभाग की जमीन पर वन िवकास एजिसयों और गां वों के र पर संयु वन
बंधन सिमितयों की दोहरी सं थागत व था के ज रए इसे ि या त कर रहे ह 2010-11 से एफडीए
हे तु धन की आवक सुगम बनाने के िलए रा र पर रा वन िवकास एजसी बनाई गई ह यह काय म
अब रा र पर रा वन िवकास एजसी, िजला/वन िवभाग र पर वन िवकास एजसी और ाम र
पर संयु वन बंधन सिमितयों के ि रीय ढां चे से संचािलत होता है आरं िभक गितिविधयों के अंतगत
‘केयर एं ड शेयर’ के िवचार के साथ सामुदाियक संपि यां तैयार की गई ह योजना का उ े है - सि य
जन सहभािगता ारा ाकृितक संसाधनों का संर ण एवं सुर ा; भूिम का िवनाश, वनो ूलन तथा जैव
िविवधता की बबादी रोकना; पयावरण बहाल करना तथा पयावरण संर ण एवं पयावरण िवकास; ाम र
पर जन संगठन तैयार करना, जो गां वों के भीतर और आस-पास ाकृितक संसाधनों का बंधन करगे तथा
ामीण जनता की रोज़गार हािसल करने की मता बढ़ाने के िलए मता िवकास एवं कौशल संव न
करगे

पयावरण िवकास बल योजना


पयावरण िवकास बल (ईडीएफ) योजना को 1980 के दशक म अ िधक न हो जाने के कारण अथवा
सुदूर थत होने के कारण अथवा कानून- व था की किठन थित के कारण मु ल मान िलए गए े ों
के पयावरणीय पुनवास के िलए र ा मं ालय ारा संचािलत योजना के प म आरं भ िकया गया था यह
मु ल े ों म पयावरण के पुनवास तथा पूव सै किमयों को साथक रोज़गार दे ने के दोहरे उ े पर
आधा रत है
इस योजना के अंतगत र ा मं ालय ारा गिठत पयावरण कायबल (ईटीएफ) की बटािलयनों की
थापना तथा संचालन पर होने वाला खच पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय उठाता है और पौधों,
बाड़ लगाने जैसी साम ी एवं पेशेवर तथा बंधकीय िनदशन रा वन िवभागों से ा होते ह

रा ीय ह रत भारत अिभयान
रा ीय ह रत भारत अिभयान (जीआईएम) जलवायु प रवतन पर रा ीय काययोजना के अंतगत चलने वाले
आठ अिभयानों म से एक है , िजसका ल भारत के न होते वन को बचाना तथा बढ़ाना है तािक जलवायु
प रवतन के दु भावों का मुकाबला िकया जा सके इसम ह रयाली बढ़ाने का सवागीण ि कोण अपनाया
गया है और काबन को अलग करने (सी े े शन) तथा उ जन म कमी जैसे लाभ के साथ पा रतं की
िविभ सेवाओं पर ान कि त िकया गया है
अिभयान म उप अिभयानों तथा ह ेपों के ज रए जलवायु प रवतन के अनुकूल बनने तथा उसे कम
करने की चुनौितयों से िनपटा जाता है इसके तहत वन आवरण की गुणव ा बढ़ाई जाती है तथा पा रतं की
सेवाएं बेहतर की जाती ह; पा रतं बहाल िकया जाता है और वन आवरण म वृ की जाती है ; कृिष-
वािनकी तथा सामािजक वािनकी पर ान िदया जाता है और वैक क ईंधन ऊजा को बढ़ावा िदया जाता
है
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पि मी घाट पर पयावरण की ि से संवेदनशील े ों की घोषणा


पि मी घाट जैव िविवधता के मुख वैि क क ह और जैिवक िविवधता की खान ह, जहां फूल वाले पौधों,
मछिलयों, उभयचरों, सरीसृपों, पि यों, नधा रयों और अकशे की ािणयों की कई िवलु ाय जाितयां
पाई जाती ह गोदावरी, कृ ा, कावेरी और ाय ीपीय भारत की कई अ निदयों का उ म थल भी यहीं
है , िजन पर इस े की अिधकां श अथ व था िनभर करती है इसीिलए पि मी घाट के सतत एवं
समावेशी िवकास को जारी रखते ए उसकी अनूठी जैव िविवधता को संरि त करने तथा बचाने की ज रत
है पयावरण की ि से संवेदनशील े की अवधारणा िकसी े की जैव िविवधता को संरि त करने तथा
उसका िटकाऊ िवकास होने दे ने का तरीका है
रा ीय ाकृितक संसाधन बंधन तं
मं ालय की ‘रा ीय ाकृितक संसाधन बंधन तं ’ (एनएनआरएमएस) योजना पूववत योजना आयोग की
योजना सिमित- रा ीय ाकृितक संसाधन बंधन तं योजना (पीसी-एनएनआरएमएस) का ही अंग है और
1985 से चल रही है दे श के ाकृितक संसाधनों की सूची तैयार करने, मू ां कन करने तथा िनगरानी करने
के िलए दू रसंवेदी ौ ोिगकी का उपयोग करना ही पीसी-एनएनआरएमएस का मु उ े है

वािनकी अनुसंधान
भारतीय वािनकी अनुसंधान एवं िश ा प रषद
रा ीय वािनकी अनुसंधान तं म अ णी सं था भारतीय वािनकी अनुसंधान एवं िश ा प रषद्
(आईसीएफआरई), दे हरादू न वािनकी अनुसंधान, िश ा और िव ार के सम िवकास पर काम कर रही है
तथा वािनकी के सभी प ों को इसम शािमल कर रही है प रषद समाधान आधा रत वािनकी अनुसंधान
करती ह, जो इस े म आने वाली नई सम ाओं के अनु प होता है इसम जलवायु प रवतन, जैिवक
िविवधता का संर ण, म थलीकरण तथा संसाधनों के सतत बंधन एवं िवकास जैसे वैि क मसले भी
शािमल ह वन अनुसंधान म जुटे मुख सं थान ह- वन अनुसंधान सं थान, दे हरादू न; वन आनुवां िशकी एवं
वृ जनन सं थान, कोयंबटू र; का िव ान एवं ौ ोिगकी सं थान, बंगलु शीतो वन अनुसंधान
सं थान, जबलपुर; वषा वन अनुसंधान सं थान, जोरहाट; शु वन अनुसंधान सं थान, जोधपुर; िहमालयी
वन अनुसंधान सं थान, िशमला; वन उ ादकता सं थान, रां ची और वन जैव िविवधता सं थान, है दराबाद
इं िदरा गांधी रा ीय वन अकादमी
1938 म थािपत भारतीय वन महािव ालय को उ त बनाकर तथा नाम बदलकर 1987 म इस अकादमी
की थापना की गई थी अकादमी भारतीय वन सेवा के प रवी ाधीन अिधका रयों को पेशेवर िश ण
दान करती है और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अिधका रयों को सेवाकाल के बीच म िश ण
दान करने के िलए इसे ‘ ाफ कॉलेज’ का दजा िदया गया है अकादमी का काय आईएफएस के ोबेशन
पर आए अिधका रयों को िश ण के ज रए पेशेवर वन अिधकारी वाला ान एवं कौशल दान करना तथा
उ दे श के वन एवं व जीव संसाधनों को लगातार संभालने यो द ता दान करना है साथ ही यह उ
पयावरण संर ण, आिथक िवकास तथा सामािजक प रवतन के उ ेरक के प म काम करने यो भी
बनाता है इसके मता िनमाण काय मों म सेवा म आए नए अिधका रयों को िश ण दे ना, सेवारत
आईएफएस अिधका रयों के बैचों को िश ण (िमड़ क रयर िश ण काय म) दे ना, रा वन सेवा से
ो ित पाकर आईएफएस म शािमल ए अिधका रयों को कौशल उ यन का िश ण दान करना शािमल
है अकादमी अ खल भारतीय सेवाओं के सद ों, भारतीय राज सेवाओं के ोबेशनरों, उ ाियक
सेवा के सद ों जैसे कई अ िहतधारकों को भी ओ रयंटेशन पा म दान करता है
भारतीय व जीव सं थान
भारतीय व जीव सं थान (ड ूआईआई) की थापना 1986 म मं ालय के ाय शासी सं थान के पम
की गई थी यह सं थान व जीव और संरि त े बंधन के े म दि ण तथा दि ण पूव एिशया का
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िति त िश ण एवं अनुसंधान सं थान बनकर उभरा है इसके ाथिमक काय ह (क) व जीव तथा जैव
िविवधता संर ण के िविभ मु ों पर वै ािनक तथा ावहा रक अनुसंधान करना; (ख) व जीव िव ान को
शैि क गितिविधयों के ज रए िवकिसत करना; (ग) व जीव बंधन एवं संर ण िनयोजन के े म मता
िनमाण; (घ) पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय तथा अंतररा ीय संगठनों को तकनीकी जानकारी
मुहैया कराना सं थान अनुसंधान के ज रए व जीव िव ान के े म गुणव ायु जानकारी तथा ान
संबंधी उ ाद तैयार कर रहा है और िविभ लि त समूहों के िलए मता िनमाण काय मों म उनका
उपयोग कर रहा है साथ ही वह क तथा रा सरकारों को परामश सेवा भी दान कर रहा है
जैव िविवधता संर ण तथा ामीण आजीिवका सुधार प रयोजना
भारतीय व जीव सं थान प रयोजना ि या त करने वालों की मता बढ़ाने के िलए और जैव िविवधता
संर ण ि कोण पर ान बंधन क के प म इस प रयोजना के ि या यन म साझेदार ह

रा ीय ह रत कोर काय म
रा ीय ह रत कोर (एनजीसी) का गठन 2001-02 म िकया गया एनजीसी को िमली शानदार िति या ने 16
वष म दे शभर म 1 लाख ईको बों का नेटवक तैयार कर िदया है , िजससे यह सबसे बड़े संर ण नेटवक
म शुमार हो गया है एनजीसी काय म के अंतगत 86,765 ईको बों को सहायता दान की गई
रा ीय पयावरण जाग कता अिभयान
रा ीय र पर पयावरण के ित जाग कता उ करने के उ े के साथ 1986 के म म रा ीय
पयावरण जाग कता अिभयान (एनईएसी) आरं भ िकया गया इस अिभयान म दे शभर के एनजीओ, ू लों,
कॉलेजों, िव िव ालयों, अनुसंधान सं थानों, मिहला तथा युवा संगठनों, सै इकाइयों, सरकारी िवभागों
आिद म जाग कता बढ़ाने और काय ुख गितिविधयों के िलए छोटा-सा िव ीय सहयोग दान िकया जाता
है 2016-17 के िलए िवषय ‘ भारत अिभयान, गंगा पुनवास एवं नदी ता’ था
रा ीय कृित िशिवर काय म
रा ीय कृित िशिवर काय म पयावरण िश ा के े म मं ालय की एक पहल है , िजसका ल ब ों को
पयावरण के ित अिधक जाग क बनाना, उसके बारे म समझाना तथा उसके ित लगाव उ करना है
इस पहल के ज रए यह उ ीद की जाती है िक िमडल ू ल (क ा 6 से 8) जाने वाले ेक ब े को उन
वष के दौरान कम से कम 2-3 िदन के िलए िशिवर म रहने का अनुभव ा होगा

ोब
ोब लिनग एं ड ऑ वशन टु बेिनिफट द ए ायर ट ( ोब) अंतररा ीय पयावरण िव ान तथा िश ा
काय म है , जो छा ों, िश कों और वै ािनकों को वैि क पयावरण के अ यन के िलए एक साथ लाता है
पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय तथा अमरीकी सरकार ने भारत म ोब काय म लागू करने
के िलए 2000 म एक समझौते पर ह ा र िकया था इं िडयन ए ायर टल सोसायटी, िद ी भारत म
ोब की ि या यन एजसी है

उ ृ ता क
उ ृ ता क की योजना छठी पंचवष य योजना म आरं भ की गई योजना का उ े िव िव ालयों,
एनजीओ समेत िति त सं थानों, पेशेवर संगठनों और अ वै ािनक तथा ौ ोिगकी सं थानों को चुिनंदा
सहयोग दान करना है तािक वे मं ालय की आव कताएं पूरी करने के िलए उस िविश िवषय े म
रा ीय र पर उ त क बन सक िफलहाल मं ालय के अधीन सात उ ृ ता क काम कर रहे ह ये
ह- पयावरण िश ा सं थान, अहमदाबाद; सीपीआर पयावरण िश ा क , चे ई; पा र थितकी िव ान क ,
भारतीय िव ान सं थान, बंगलु ; सािलम अली प ी िव ान एवं इितहास क , कोयंबटू र: सटर फॉर
ए ायर ट मैनेजमट ऑफ िड ेडेड ईको िस , िद ी; म ास ू ल ऑफ इकोनॉिम , चे ई और
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फाउं डेशन फॉर रवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हे टे िडशंस, बंगलु

रा ीय ह रत अिधकरण
रा ीय ह रत अिधकरण की थापना पयावरण संर ण तथा वनों एवं अ ाकृितक संसाधनों के संर ण से
संबंिधत मामलों के भावी तथा शी िनपटारे के उ े से 18 अ ू बर, 2010 को एनजीटी अिधिनयम,
2010 के अंतगत की गई थी इसम पयावरण से संबंिधत िकसी भी कानूनी अिधकार को लागू करना और
यों तथा संपि को ए नुक़सान से राहत एवं मुआवज़ा िदलाना और उससे संबंिधत अथवा उससे
िमलते-जुलते मामलों को दे खना भी शािमल है
यह िवशेष िनकाय है , िजसके पास िविभ िवषयों वाले मामलों से जुड़े पयावरणीय िववादों को िनपटाने
के िलए आव क िवशेष ता है अिधकरण दीवानी ि या संिहता, 1908 के तहत िनधा रत की गई
ि या से नहीं बंधा है , लेिकन उसे ाकृितक ाय के िस ां तों पर चलना होता है अिधकरण को आवेदनों
तथा अपीलों का िनपटारा दा खल होने के 6 महीने के भीतर करने का यास करना होता है
एनजीटी के पां च पीठ ह; मु पीठ िद ी म है और पुणे, कोलकाता, भोपाल तथा चे ई म े ीय पीठ
भी ह अिधकरण के िशमला, िशलॉग और जोधपुर म सिकट पीठ भी ह

जलवायु प रवतन
पृ ी की जलवायु हमेशा बदलती और िवकिसत होती रही है उनम से कुछ प रवतन ाकृितक कारणों से
ए ह िकंतु अ प रवतन मानवीय गितिविधयों के कारण ए ह, जैसे- वनो ूलन, उ ोग एवं प रवहन
आिद से होने वाले उ जन, िजसके कारण वातावरण म गैस और एरोसॉल जमा हो गई ह इन गैसों को
ीनहाउस गैस कहा जाता है ोंिक वे गम को रोक लेती ह और ज़मीन के पास हवा का तापमान बढ़ा दे ती
ह, जैसे ह की सतह पर ीनहाउस करते ह दे श म जलवायु प रवतन के मू ां कन के िलए वै ािनक और
िव ेषक मता तैयार करने और बढ़ाने के िलए जलवायु प रवतन काय काय म (सीसीएपी) के तहत
िविभ अ यन िकए गए ह िविभ मह पूण ि प ीय तथा ब प ीय बैठक तथा वाताएं की गईं, िजनम
कॉ स ऑफ पाट ज (सीओपी-22) शािमल ह
जलवायु प रवतन पर रा ीय एवं रा काययोजना
जलवायु प रवतन से िनपटने के िलए भारत की घरे लू रणनीित उसके कई सामािजक एवं आिथक िवकास
काय मों म िनिहत है जलवायु प रवतन पर रा ीय काययोजना (एनएपीसीसी) को िविश े ों म नोडल
मं ालयों के ज रए ि या त िकया जा रहा है सौर ऊजा, अिधक ऊजा द ता, िटकाऊ कृिष, िटकाऊ
आवास, जल, िहमालयी पा रतं , ह रत भारत और जलवायु प रवतन पर रणनीितक ान के े म आठ
रा ीय अिभयान एनएपीसीसी के क म ह
रा ीय जलवायु प रवतन अनुकूलन कोष
रा ीय जलवायु प रवतन अनुकूलन कोष क की एक योजना है , िजसे 12वीं पंचवष य योजना म ि या त
िकया जा रहा है और रा ीय कृिष एवं ामीण िवकास बक (नाबाड) इसम रा ीय ि या यन िनकाय है
कोष का वा िवक उ े अनुकूलन की ठोस गितिविधयों म सहायता करना है , जो समुदायों, े ों तथा
रा ों के सामने आ रहे जलवायु प रवतन के दु भावों को कम करने वाली रा तथा क सरकार की
योजनाओं के ज रए जारी गितिविधयों म नहीं आती ह
जलवायु प रवतन काय काय म
मं ालय जनवरी, 2014 से ही ‘जलवायु प रवतन काय काय म’ नाम की योजना का ि या यन कर रहा
है , िजसका उ े वै ािनक तथा नीितगत काय मों के िलए उिचत सं थागत ढां चा थािपत करते ए और
सतत िवकास के संदभ म जलवायु प रवतन से संबंिधत काय का ि या यन करते ए दे श म जलवायु
प रवतन के मू ां कन हे तु वै ािनक एवं िव ेषक मता िनिमत करना एवं मजबूत करना है एनसीएपी
िविभ सं थाओं वाला तथा िविभ एजिसयों वाला अ यन है इस पहल म पयावरण, वन एवं जलवायु
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प रवतन मं ालय आदश तकनीकों का योग करते ए क काबन के भावों की िनगरानी एवं मू ां कन
के ज रए जलवायु प रवतन म ैक काबन की भूिमका की समझ बढ़ाने के िलए पृ ी िव ान मं ालय,
भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन, िव ान एवं ौ ोिगकी मं ालय और अ संबंिधत एजिसयों के साथ
काम करता है
पे रस संिध
भारत ने 2016 म यूएनएफसीसी की पे रस संिध को अंगीकार कर िलया पे रस संिध तथा उसके घटकों के
ि या यन के िलए काययोजना तैयार की जा रही है
जलवायु प रवतन पर अंतररा ीय वाताएं
िव वष 2016-17 के दौरान जलवायु प रवतन पर कई मह पूण ि प ीय एवं ब प ीय बैठक एवं
अंतररा ीय वाताएं आयोिजत की गईं

ओजोन को
ओजोन परत का संर ण
ओजोन ऑ ीजन के तीन परमाणुओं से बना अणु है , जो सूय से ती ऊजा वाले पराबगनी िविकरण ारा
पृ ी के वातावरण के ऊपरी रों म ऑ ीजन से ाकृितक प से बनती है पराबगनी िविकरण
ऑ ीजन के अणुओं को िवखंिडत कर दे ता है और परमाणुओं को मु कर दे ता है , िजनम से कुछ
ऑ ीजन के अ अणुओं से िमलकर ओजोन बना लेते ह इस कार बनी लगभग 90 ितशत ओजोन
पृ ी की सतह से 10 से 50 िकलोमीटर ऊपर रहती है , िजसे वायुमंडल का े ( े टो यर) कहते ह
वातावरण के इस िह े म पाई जाने वाली ओजोन को ओजोन की पत कहा जाता है
ओजोन की पत सूय से िनकलने वाले हािनकारक यूवी-बी िविकरण को समूचा सोख लेती है यह पौधों और
पशुओं को यूवी-बी िविकरण से बचाती है यूवी-बी िविकरण से चा कसर, मोितयािबंद हो सकता है , शरीर
की ितरोधक मता कम हो सकती है और फसलों की उपज घट सकती है इसी के कारण 1985 म
ओजोन परत के संर ण हे तु िवयना संिध की गई और 1987 म ओजोन परत को न करने वाले पदाथ पर
मॉ यल ोटोकॉल िकया गया है मॉ यल ोटोकॉल का काम ओजोन को न करने वाले पदाथ का
उ ादन एवं खपत समा करना है भारत ओजोन परत के संर ण के िलए ई िवयना संिध और ओजोन
परत न करने वाले पदाथ पर मॉ यल ोटोकॉल तथा उनम होने वाले सभी संशोधन/प रवतन म शािमल
है पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय ने संिध के भावी एवं सामियक ि या यन के िलए और
ओजोन को न करने वाले पदाथ को समा करने के िलए आव क सेवाएं दान करने हे तु रा ीय
ओजोन इकाई के प म ओजोन को की थापना की है
िवयना संिध
ओजोन परत के संर ण हे तु िवयना संिध तथा ओजोन परत को हािन प ं चाने वाले पदाथ पर मॉ यल
ोटोकॉल वायुमंडलीय ओजोन के संर ण के िलए िविश अंतररा ीय संिधयां ह मॉ यल ोटोकॉल
इितहास म सबसे सफल अंतररा ीय पयावरण संिध माना गया है इसे सभी ने ीकार िकया है और दु िनया
म संयु रा के सभी 197 सद दे श िवयना संिध तथा उसके मॉ यल ोटोकॉल म शािमल ह
मॉ यल ोटोकॉल के ि या यन के 29 वष के दौरान इस संिध के तहत असाधारण अंतररा ीय सहयोग
ने सीएफसी, सीटीसी और है लोन जैसे ओजोन को नुक़सान प ं चाने वाले कई मुख पदाथ का उ ादन एवं
उपभोग 2010 से ही बंद कर िदया है

म थलीकरण से िनपटने के िलए संयु रा संिध


भूिम के रण तथा म थलीकरण को रोकने एवं भूिम वापस ा करने की िचंता कई रा ीय नीितयों म
प रलि त होती है , जैसे- रा ीय जल नीित, 2012; रा ीय वन नीित, 1988; रा ीय कृिष नीित, 2000; वन
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(संर ण) अिधिनयम, 1980; पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986; रा ीय पयावरण नीित, 2006; रा ीय
कृिष नीित, 2007; रा ीय वषा जल िसंिचत े ािधकरण (एनआरएए) - 2007 इनम इन सम ाओं से
िनपटने म सहायक ावधान ह सतत वन बंधन, सतत कृिष, सतत भूिम बंधन के ल ों तथा दे श सतत
िवकास के िजस ल को ा करने का यास कर रहा है , उनम भी यह होता है भारत ने 1994 म
म थलीकरण से िनपटने की संयु रा की संिध (यूएनसीसीडी) पर ह ा र कर िदए पयावरण, वन
एवं जलवायु प रवतन मं ालय यूएनसीसीडी के िलए भारत सरकार का नोडल मं ालय है और संिध से
संबंिधत सभी मसलों के सम य के िलए म थलीकरण को मं ालय के भीतर नोडल िबंदु है

अंतररा ीय सहयोग एवं सतत िवकास


मं ालय का अंतररा ीय सहयोग एवं सतत िवकास (आईसीएं डएसडी) िवभाग अंतररा ीय पयावरण
सहयोग एवं सतत िवकास से संबंिधत मामलों का सम य करता है , िजसम सतत िवकास के ल भी
शािमल ह
संयु रा पयावरण काय म
भारत यूएनईपी का सद ह और हर वष यूएनईपी पयावरण कोष म 1 लाख डॉलर का वािषक िव ीय
योगदान करता है यूएनईपी के अंतररा ीय संसाधन समूह के 33 सद ों म से तीन इस समय भारत से ह
मं ालय आईआरपी संचालन सिमित का सद है आईआरपी यूएनईपी की संसाधन कुशलता/सतत
उपभोग एवं उ ादन उप काय म म मदद करता है और वह सरकारी नीित िनमाताओं, उ ोग एवं समाज
के िलए ावहा रक समाधान तैयार करने के इरादे से दु िनया की सबसे गंभीर संसाधन सम ाओं का
आकलन कर रहा है
द ोबल ए ायर ट फैिसिलटी
भारत ोबल ए ायर ट फैिसिलटी (जीईएफ) का सं थापक सद है 1991 म थािपत जीईएफ 183
दे शों की ब प ीय िव ीय सहायता णाली है , जो वैि क पयावरणीय लाभों, िज रा ीय ाथिमकताओं के
प म िचि त भी िकया गया है , के िलए िव ीय सहायता दान करता है जीईएफ के काय जैव िविवधता
संिध, संयु रा जलवायु प रवतन ा प संिध, संयु रा म थलीकरण रोधी संिध, ॉकहोम पीओपी
संिध और मीनामाता पारा संिध जैसी ब प ीय पयावरण संिधयों के सद ों के स ेलन से िमलने वाले
िनदशन के अनुसार तय िकए गए ह जीईएफ के अनुदान पां च क ीय े ों- जैव िविवधता, जलवायु
प रवतन, भूिम रण, अंतररा ीय जल तथा रसायन एवं क़चरा के अंतगत दान िकए जाते ह
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13 िव

मं ालय पर सरकार के िव का शासन संभालने का दािय है इसका संबंध पूरे दे श को भािवत


िव करने वाले सभी आिथक एवं िव ीय िवषयों से है िजनम िवकास एवं अ उ े ों के िलए संसाधन
जुटाना भी शािमल है यह रा ों को संसाधन के अंतरण समेत सरकार के य का िनयमन करता है
सरकार के अधीन दे श की अथ व था से संबंिधत यह एक मह पूण मं ालय है , जो भारतीय राजकोष
िवभाग के प म काय करता है िवशेष प से यह कराधान, िव ीय कानून, िव ीय सं थानों, पूंजी बाज़ार,
क और रा –िव और संघ-बजट के साथ संबंिधत है इस मं ालय के अंतगत, भारतीय राज सेवा,
भारतीय आिथक सेवा, भारतीय लागत लेखा सेवा और भारतीय िसिवल लेखा सेवा का कैडर िनयं ण
ािधकरण भी है इस मं ालय म पां च िवभाग ह, िजनके नाम ह: (i) आिथक काय, (ii) य, (iii) राज ,
(iv) िनवेश और लोक प रसंपि बंधन, तथा (v) िव ीय सेवाएं

आिथक मामलों का िवभाग


आिथक काय िवभाग, सरकार की नोडल एजसी है जो दे श की आिथक नीितयों और काय मों के आिथक
बंधन के घरे लू और अंतररा ीय पहलुओं को िन िपत और िनगरानी करती है इस िवभाग की मुख
िज ेदा रयों म से एक, रा पित-शासन और संघशािसत दे श शासन के तहत रा सरकारों व संसद के
िलए क ीय बजट (रे ल बजट सिहत) की तैयारी और ुित करना है इसके ारा िकए जाने वाले अ
काय म ापक आिथक नीितयों का िनमाण और िनगरानी करना, िव ीय नीित और सावजिनक िव से
संबंिधत मु ों सिहत मु ा ीित, सावजिनक ऋण बंधन और ॉक ए चजों सिहत पूंजी बाज़ार को
ि याशील बनाना, बक-नोट और िविभ तरह के िस ों, डाक े शनरी, डाक िटकटों का िनमाण और
भारतीय आिथक सेवा (आईबीएस) के िलए कैडर बंधन, क रयर योजना और क रयर िश ण दे ना भी
शािमल है
िवभाग अ बातों के साथ वतमान आिथक झानों पर नज़र रखता है और मू , ऋण, राजकोषीय तथा
मौि क नीित एवं िनवेश संबंधी िनयमन समेत उन सभी मामलों पर सरकार को सलाह दे ता है , िजनका
आिथक बंधन के आं त रक एवं िवदे शी पहलुओं पर भाव हो सकता है एफएओ, आईएलओ, यूिनडो
जैसे िवशेष ता ा अंतररा ीय संगठनों से ा सहयोग और िव ान एवं ौ ोिगकी, सं ृ ित तथा िश ा
के े म ए अंतररा ीय ि प ीय िविश समझौतों के अंतगत ा सहयोग के अित र भारत को
िमलने वाले सभी कार के िवदे शी, िव ीय एवं तकनीकी सहयोग की िनगरानी भी इसी िवभाग ारा की
जाती है आिथक मामलों के िवभाग म िन िल खत भाग ह: (i) एकीकृत िव भाग, (ii) राजकोषीय
िज ेदारी एवं बजट बंधन (एफआरबीएम) सिहत बजट भाग, (iii) िव ीय बाज़ार, (iv) ि प ीय सहयोग
और शासन, (v) ब प ीय सं थाएं , (vi) ब प ीय संबंध, (vii) सहायता, लेखा एवं लेखापरी ा के
िनयं क, (viii) आिथक भाग, (ix) िनवेश एवं मु ा तथा (x) अवसंरचना एवं ऊजा
क ीय बजट तैयार करने और उसे संसद के सामने ुत करने तथा रा पित शासन वाली रा
सरकारों एवं क शािसत े ों के शासन के िलए बजट तैयार करने का दािय भी आिथक मामलों के
िवभाग का है भारत सरकार के पूण ािम वाले िनगम िस ो रटी ि ंिटं ग एं ड िमंिटं ग कॉरपोरे शन ऑफ
इं िडया िलिमटे ड (एसपीएमसीआईएल) का शासिनक िनयं ण मु ा िनदे शालय के पास होता है
एसपीएमसीआईएल भारत सरकार की टकसालों, करसी ेस, िस ो रटी ेस और िस ो रटी पेपर िमल
का बंधन करती है बक नोट एवं िस ों के िडजाइन अथवा सुर ा त ों से संबंिधत नीितयां एवं काय म
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तैयार करने तथा ि या त करने एवं ारक िस े जारी करने के अित र िनदे शालय को इस े म
अनुसंधान एवं िवकास गितिविधयां संचािलत करने तथा बक नोट एवं अ सुर ा उ ादों के उ ादन हे तु
सम आव क साम ी का दे शीकरण करने का अिधकार है
वेबसाइट: www.dea.gov.in

वािषक बजट
भारत का क ीय बजट, (रे ल बजट समेत) फरवरी के थम काय िदवस पर भारत के िव मं ी ारा संसद
म ुत िकया जाता है
वािषक िव ीय िववरण
संिवधान के अनु े द-112 के अंतगत ेक िव वष के िलए भारत सरकार की अनुमािनत आय अथवा
ा यों एवं य का िववरण संसद के सामने ुत करना होता है ‘वािषक िव ीय िववरण’ कहलाने
वाला यह िववरण ही बजट का मु द ावेज होता है वािषक िव ीय िववरण सरकार की आय एवं
भुगतान को तीन भागों म िदखाता है , िजनम सरकार के खाते िवभािजत िकए जाते ह: (क) समेिकत कोष,
(ख) आक क कोष और (ग) लोक खाता सरकार ारा ा िकया गया सभी कार का राज , उसके
ारा िलए गए ऋण, उसके ारा िदए गए ऋणों की वसूली से ई ा यां समेिकत कोष कहलाती ह
सरकार का सभी कार का य समेिकत कोष से ही होता है और संसद से अनुमित ा िकए बगैर कोष
से रािश का आहरण नहीं िकया जा सकता ऐसे अवसर आ सकते ह, जब सरकार को संसद की अनुमित
के बगैर ही आपात एवं अ ािशत य करने पड़ते ह ऐसे य के िलए अि म अथवा पेशगी के पम
रा पित के अधीन आक क कोष होता है ऐसे य के िलए तथा इसके समतु रािश का आहरण
समेिकत कोष से करने के िलए बाद म संसद से अनुमोदन ा िकया जाता है और आक क कोष से
खच ई रािश की भरपाई कर दी जाती है संसद ारा अिधकृत कोष म अभी 500 करोड़ पये की रािश
है
सरकार की समेिकत कोष से संबंिधत सामा ा यों एवं य के अित र कुछ अ िनि त लेन-
दे न सरकार के खातों म आते ह, िजनके संदभ म सरकार बकर के समान काम करती है उदाहरण के िलए
भिव िनिध कोष, लघु बचत सं ह एवं अ जमा आिद से संबंिधत लेन-दे न इस कार ा धन को लोक
खाते म रखा जाता है और संबंिधत भुगतान भी वहीं से िकए जाते ह, इसिलए लोक खाते से इस कार के
भुगतानों के िलए संसदीय अनुमोदन की आव कता नहीं होती कुछ मामलों म िविश उ े ों जैसे-
सड़क िवकास, म ा भोजन समेत ाथिमक िश ा आिद पर य के िलए सरकार के राज का एक
अंश अलग कोषों म रखा जाता है इन रािशयों को संसद की अनुमित के बाद समेिकत कोष से आह रत
िकया जाता है और िविश उ े ों पर य हे तु लोक खाते म रखा जाता है िविश उ े ों पर ािवत
वा िवक य के िलए भी संसद के अनुमोदन की आव कता होती है
संिवधान के अंतगत बजट म राज खाते पर होने वाले य को अ कार के य से अलग करना
होता है , इसिलए सरकार का बजट (I) राज बजट एवं (II) पूंजी बजट से िमलकर बनता है
अनुदान मांग
समेिकत कोष से होने वाले य के अनुमान, िज वािषक िव ीय िववरण म शािमल िकया जाता है और
संसद म िजन पर मतदान होता है , संिवधान के अनु े द-113 के अनुसार अनुदान मां गों के पम ुत
िकए जाते ह सामा तः ेक मं ालय अथवा िवभाग के िलए एक अनुदान मां ग रखी जाती ह िकंतु बड़े
मं ालयों एवं िवभागों के िलए एक से अिधक मां ग रखी जाती ह ेक मां ग म सामा तः िकसी सेवा के
िलए सभी ावधान होते ह अथात् राज य, पूंजीगत य, रा ों तथा क शािसत सरकारों के िलए
अनुदान एवं सेवा से संबंिधत ऋण तथा अि म के िलए ावधान होते ह िबना िवधाियका वाले क शािसत
दे श के संदभ म ेक क शािसत े के िलए अलग से मां ग रखी जाती है जहां सेवा के िलए ावधान
पूरी तरह से समेिकत कोष पर ‘भा रत’ य के प म होता है , जैसे ाज का भुगतान, वहां उस य के
िलए मां ग के अित र अलग से िविनयोग ुत िकया जाता है और उसके िलए संसद म मतदान की
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आव कता नहीं होती, लेिकन जहां भी िकसी सेवा पर य म ‘ ीकृत’ और ‘भा रत’ य शािमल होते ह,
वहां भा रत य को भी सेवा के िलए ुत की गई मां ग म स िलत कर िलया जाता है िकंतु ‘ ीकृत’
और ‘भा रत’ के ावधान मां ग म अलग- अलग िदखाए जाते ह अनुदानों के िलए मां ग वािषक िव ीय
िववरण के साथ ही लोकसभा म ुत की जाती ह
िव िवधेयक
वािषक िव ीय िववरण संसद के सामने ुत करते समय संिवधान के अनु े द-110 (1)(ए) की
आव कता पूरी करने के िलए िव िवधेयक भी ुत िकया जाता है , िजसम बजट म ािवत कर लागू
करने, समा करने, माफ करने, प रवितत करने तथा उनका िनयमन करने का िववरण होता है िव
िवधेयक संिवधान के अनु े द-110 म प रभािषत धन िवधेयक होता है इसके साथ उसम शािमल िकए गए
ावधानों के िववरण वाला एक ापन संल होता है
िविनयोग िवधेयक
अनुदान मां गों पर लोकसभा म मतदान होने के बाद अनुमोिदत रािश का आहरण समेिकत कोष से करने
तथा समेिकत कोष पर ‘भा रत’ य को पूरा करने के िलए आव क रािश का आहरण करने हे तु िविनयोग
िवधेयक के मा म से संसद की अनुमित ा की जाती है संिवधान के अनु े द-114 (3) के अंतगत
संसद ारा कानून लागू िकए बगैर समेिकत कोष से िकसी भी कार की रािश नहीं िनकाली जा सकती
लेखानुदान
बजट ुत होने के साथ आरं भ होने वाली और अनुदान मां गों पर चचा एवं मतदान के साथ समा होने
वाली पूरी ि या म ब त समय लग जाता है , इसिलए लोकसभा को मां गों पर मतदान की ि या पूरी होने
तक िव वष के एक भाग के िलए अनुमािनत य के संदभ म िकसी भी अि म अनुदान को मंजूरी दे ने का
अिधकार संिवधान ारा दान िकया गया है ‘लेखानुदान’ का उ े ‘िव ीय आपूित’ पर मतदान लंिबत
रहने तक सरकार के ि याकलापों को जारी रखना है संसद से लेखानुदान एक िविनयोजन (लेखा अनुदान)
िवधेयक 114 (3) के मा म से ा िकया जाता है

राज के ोत
संिवधान (18वां संशोधन) अिधिनयम, 2000 िजसे 1 अ ैल, 1996 से लागू िकया गया है , के अनुसार
अनु े द-268 और 269 म उ खत शु ों एवं करों, अनु े द-271 म उ खत करों एवं शु ों पर
संबंिधत अिधभार एवं संसद ारा बनाए गए िकसी भी कानून के अंतगत िविश उ े से लागू िकए गए
उपकर के अित र क ीय सूची म िदए गए सभी कार के करों को भारत सरकार ारा ही लागू िकया
जाएगा एवं सं हीत िकया जाएगा और उसे क एवं रा ों के म उसी िविध से िवत रत िकया जाएगा,
िजस िविध का िनधारण िव आयोग की सं ुितयों के आधार पर रा पित करते ह 2015-2020 की अविध
के िलए क और रा ों के म िवतरण की िविध चौदहव िव आयोग की सं ुितयों पर िवचार के प ात्
जारी रा पित के आदे श म िनधा रत कर दी गई है क ीय कर राज के मु ोत सीमा शु , क ीय
उ ाद शु , सेवा कर, िनगम एवं आय कर होते ह गैर-कर राज म मु प से ाज से होने वाली
ा यां , लाभां श/लाभ, जुमाने तथा शासिनक काय के िन ादन, िनयामकीय शु ों एवं लाइसस शु
तथा सावजिनक प से दान की गई व ुओं एवं सेवाओं पर उपयोग शु से होने वाली अ ा यां
स िलत होती ह
सावजिनक ऋण एवं अ दे यताएं
भारत के सावजिनक ऋण को क सरकार की दे यताओं की तीन ेिणयों आं त रक ऋण, िवदे शी ऋण और
अ दे यताओं म िवभािजत िकया गया है
भारत सरकार के आं त रक ऋण म मुख अंश िनि त अविध एवं िनि त दर वाले सरकारी प ों
(िदनां िकत ितभूितयां एवं सरकारी ं िडयां ) का होता है , िजनका िनगम नीलािमयों के मा म से िकया जाता
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है इनम बाज़ार ऋण (िदनां िकत ितभूितयां ), सरकारी ं िडयां (91, 182 और 364 िदन) और 14 िदन की
अविध वाली सरकारी ं िडयां (केवल रा सरकारों के िलए िनगम), नकदी बंधन िबल, भारतीय रजव
बक (आरबीआई) के िलए िनगिमत िवशेष ितभूितयां , ितपूित एवं अ ऋण-प (बॉ ), अंतररा ीय
िव ीय सं थानों को जारी की जाने वाली गैर-िविनमय एवं गैर- ाज वाली पये की ितभूितयां तथा बाज़ार
थािय योजना के अंतगत जारी ितभूितयां होती ह इसका उ े भौितक सोने पर िनभरता कम करना
और आयात कम करना है
िवदे शी ऋण िवदे शी सरकारों एवं ब प ीय सं थानों से ा ऋण का सूचक होता है क सरकार
अंतररा ीय पूंजी बाज़ारों से सीधे ऋण नहीं लेती है िवदे शी मु ा म उधारी लेने की इसकी ि या ब प ीय
एजिसयों एवं ि प ीय ोतों के मा म से पूरी की जाती है और आिधका रक िवकास सहयोग (ओडीए) का
िह ा होती है
‘अ ’ दे यताएं सावजिनक ऋण के अंतगत नहीं आतीं उनम सरकार की ाज दान करने वाली अ
बा ताएं होती ह, जैसे- डाकघर बचत जमा, लघु बचत योजनाओं के अंतगत जमा, डाकघर नकद माण-
प के मा म से िलए गए ऋण, भिव िनिध एवं कुछ अ िनि त जमा
भारतीय रजव बक अिधिनयम 1934 ( धारा 20 एवं 21) के ावधानों के अंतगत रजव बक क एवं
रा सरकारों के लोक ऋण का बंधन करता है और उनके िलए बकर का काम करता है रजव बक
रा सरकारों के िलए भी, संबंिधत रा के सरकार की सहमित ारा, समान काय का दािय लेता है
(धारा 21 ए के अंतगत)
बजट 2018-19 म सुधार
2018-19 के बजट म मुख सुधारों म मुख ह: आलु, टमाटर और ाज के मू ों म उतार-चढ़ाव का
िनवारण करने के िलए ‘ऑपरे शन ीन’, म पालन और पशुपालन के िलए 10,000 करोड़ की दो नई
िनिधयों का गठन, रा ीय बां स िमशन का पुनगठन, उ ला, सौभा अिभयान एवं मु एलपीजी
कने न के िलए िमशन, िबजली और शौचालय के िलए उ ल , ा , िश ा और सामािजक
सुर ा पर य, 2022 तक जनजातीय छा ों के िलए एकल आवासीय िव ालय, वष 2018-19 के िलए
राजकोषीय घाटे को 3.5 ितशत तक प ं चाना, दस मुख थलों को िति त पयटक थलों के पम
िवकिसत करना, ा बीमा ीिमयम की कटौती सीमा म वृ और से न 80 डी के तहत 30,000 से
50,000 तक िचिक ा पर खच, नौक रयों को अिधक बढ़ावा दे ने के िलए सीमा शु म ािवत बदलाव
और घरे लू मू वधन को ो ािहत करने और भारत म बनाने वाली चीज जैसे खा ौ ोिगकी,
इले ॉिन , ऑटो घटकों, जूतों, फन चर इ ािद के िलए सीमा शु म ािवत प रवतन
2017-18 के बजट म तीन मु सुधार शािमल ह: पहला, बजट के ुतीकरण की ितिथ पहली फरवरी
की गई तािक संसद लेखानुदान से बच सक और वतमान िव ीय वष की समा से पूव 2017-18 हे तु एक
ही िविनयोग िवधेयक पा रत करना पड़े इसने मं ालयों एवं िवभागों को अगले िव ीय वष के ारं भ से ही,
नई योजनाओं सिहत सभी योजनाओं और प रयोजनाओं के संचालन हे तु स म बनाया वे मानसून ारं भ
होने से पूव के काम करने के समय का पूरा उपयोग कर पाएं गे दू सरा, रे लवे बजट का सामा (आम)
बजट म िवलय एक ऐितहािसक कदम था 1924 से जारी औपिनवेिशक प रपाटी समा की गई इस
िनणय से रे लवे को सरकार की राजकोषीय नीित म अहम थान िमला तथा रे लवे, राजमाग तथा अंतदशीय
जलमाग के बीच ब आयामी (म ी मॉडल) प रवहन की योजना बनाने की सुिवधा ा ई हालां िक
रे लवे की काया क ाय ता जारी रहे गी तीसरा, य के योजना एवं गैर-योजना वग करण को समा
कर िदया गया इससे े ों तथा मं ालयों हे तु आवंटनों का सम ि कोण ा होगा और संसाधनों के
सव म आवंटन की सुिवधा िमलेगी
सामािजक े के काय म
सात मु काय मों यथा-सविश ा अिभयान, िमड-डे मील योजना, रा ीय ा िमशन, समेिकत बाल
िवकास सेवाएं भारत अिभयान, महा ा गां धी रा ीय ामीण रोज़गार गारं टी योजना और 100 ाट
शहर को उ ाथिमकता जारी है
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लाभ अंतरण
लाभ अंतरण (डीबीटी) भारत सरकार ारा 2013 म ारं भ िकया गया एक मु सुधार पहल है यह
िविभ सरकारी नकद अंतरण के लाभ हे तु ापक ि और िनदश दे ता है आधार प रयोजना का लाभ
लेने हे तु डीबीटी की क ना अभी लाभािथयों की सही पहचान और द ता बढ़ाने, योजनाओं के अंतगत
लाभों/सेवाओं को दान करने म पारदिशता और जवाबदे ही के उ े से की गई थी
डीबीटी के आदे श को ापक बनाया गया तथा इसका िव ार कर गत लाभािथयों को नकद लाभ
अंतरण के अवयव वाले सभी क ीय े की योजनाओं और क ायोिजत योजनाओं को इसके अंतगत
लाया गया
डीबीटी के े का पुनः िव ार कर इसे लाभािथयों के नकद अंतरण तक ही सीिमत नहीं रखा गया,
ब आशा, आं गनबाड़ी कायकताओं आिद जैसी सरकारी योजनाओं के िविभ अवयवों को िदए जाने
वाले अंतरणों/मानदे यों और लाभािथयों को व ु ह ां तरण को भी इसम शािमल िकया गया डीबीटी पहल
(एलपीजी स डी हे तु संशोिधत डीबीटीएल) जैसी योजनाओं, पुद्ु दचेरी, चंडीगढ़, दमन और दीव एवं
दादरा नगर हवेली म सावजिनक िवतरण और महा ा गां धी रा ीय ामीण रोज़गार गारं टी योजना
(एमजीएनआरईजीएस) जैसी योजनाओं ने पूरे दे श म उ ाहजनक प रणाम का दशन िकया है
पूरे दे श म बड़े पैमाने पर डीबीटी के ि या यन हे तु नए तं की थापना सरकारी ि याओं की
पुनरचना तथा अिधकार का समुिचत िवतरण, उ रदािय और सावजिनक लाभों/सेवाओं की िडलीवरी हे तु
िव ीय संसाधन की ज रत है
अनुसूिचत जाितयों तथा अनुसूिचत जनजाितयों के िवकास हे तु योजनाएं
िव ीय वष 2005-06 से अनुसूिचत जाितयों (एससी) और अनुसूिचत जनजाितयों (एसटी) के क ाण हे तु
योजनाओं संबंधी अलग िववरण बजट द ावेज़ म शािमल िकया गया था िव ीय वष 2011-12 से यह
िववरण केवल अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों के िलए क ाण योजनाओं से संबंिधत
‘अनुसूिचत जाित उपयोजना’ और ‘जनजातीय उपयोजना’ के अंतगत योजना ( ान) ीमों पर कि त है
इसम वषवार वतमान वष का बजट अनुमान होता है िव ीय वष 2011-12 से पूवव योजना आयोग
योजना आवंटनों के एक भाग के प म एससीएसपी और टीएसपी हे तु अलग-अलग आवंटन कर रहा है
आिथक वृ
सु वैि क आिथक थित के बावजूद, भारत ने 2016-17 म 7.1 ितशत की रकाड वृ दज की जो िव
की मुख अथ व थाओं म सबसे अिधक है अथ व था म सकल जोड़े गए मू (जीवीए) की वृ
2016-17 म 7.1 ितशत थी
आिथक िवकास और ापक आिथक थरता पर सरकार के व थत ान दे ने और अ े मानसून के
कारण िवकास के ित आशा त ि कोण बना है व ु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से उ ोग,
ापार और संबंिधत आिथक गितिविधयों की बाधाओं को दू र कर िवकास की गित म सुधार का मह पूण
अवसर िमला है
मू और मु ा ीित
उपभो ा मू सूचकां क (संयु ) पर आधा रत मु ा ीित दर वष 2012-14 के दौरान उ र पर 9-
10 ितशत रही जो 2014-15 म उ ेखनीय प से 5.9 ितशत और 2015-16 म 4.9 ितशत हो गई वष
2016-17 के जुलाई म 2.4 ितशत रहा
वतमान िव ीय वष 2017-18 (अ ैल-जुलाई) के दौरान दालों, स यों और मसालों म िन मु ा ीित
के कारण औसत खा मु ा ीित दर ऋणा क रहा है अ उपभो ा मू सूचकां कों (सीपीआई) यथा,
औ ोिगक कामगारों, कृिष िमकों तथा ामीण िमकों हे तु उपभो ा मू सूचकां क के मामले म
मु ा ीित वतमान िव ीय वष 2017-18 ( अ ैल-जुलाई) म औसतन 1.5 ितशत के आस-पास रही
थोक मू सूचकां क (ड ूपीआई) के प म मु ा ीित वष 2016-17 म इसका औसत 1.7 ितशत
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और यह अनुपात 2.9 ितशत 2017-18 (अ ैल-जनवरी) तथा इस तरह जनवरी 2018 म 2.8 ितशत रहा
मु ा ीित िनयं ण के उपाय
सरकार ने मु ा ीित के िनयं ण हे तु कई उपाय िकए ह- उठाए गए कदमों म अ बातों के साथ शािमल
ह- (i) अिनवाय व ुओ,ं खासकर दालों के मू ों म अ थरता को िनयंि त करने हे तु बजट म मू थरता
कोष म बढ़ा आ आवंटन; (ii) बाज़ार म समुिचत दखल हे तु 20 लाख टन दालों का बफर ॉक रखने का
अनुमोदन; (iii) अिनवाय व ु अिधिनयम के अंतगत दालों, ाज, खा तेलों और खा तेल के बीजों हे तु
ॉक सीमा लागू करने के िलए रा ों/क शािसत दे शों को अिधकृत करना और (iv) उ ादन को
ो ािहत कर खा पदाथ की उपल ता बढ़ाने हे तु, तािक मू ों म सुधार हो उ तर समथन मू की
घोषणा
जलवायु प रवतन िव
भारत ने वष 2016 म पे रस समझौते की पुि की भारत का िव ृत एनडीसी ल है 2030 तक जीडीपी
की उ जन ती ता को 2005 के र से 33 से 35 ितशत तक कम करना, गैर-जीवा इं धनों पर
आधा रत िवद् ु यत उ ादन मता का िह ा 2030 तक थािपत िवद् ु यत मता के 40 ितशत तक करना
और अित र वन और पेड़ लगाकर 2030 तक 2.5-3 जीटीसीओ2ई के अित र (संचयी) काबन िसंक
का सृजन
वैि क जलवायु ल ों को पाने के िलए िवकिसत दे शों ारा मु प से सावजिनक ोतों का ावधान
अ ंत मह पूण है िवकासशील दे शों के अनुकूलन एवं शमन ज रतों को पूरा करने हे तु िव का
ावधान यूएनएफसीसीसी म सि िहत है और पे रस समझौते म भी इसका उ ेख िकया गया है जलवायु
कारवाइयों से ब त मह पूण संसाधन की उलझने पैदा होंगी, खासकर भारत जैसे दे श म भारत की
जलवायु कारवाइयों का िव पोषण अब तक घरे लू संसाधनों से ही िकया गया है रा ीय जलवायु योजनाओं
के ि या यन हे तु वष 2015 से 2030 के बीच, ाथिमक घरे लू ज रत 2.5 िटिलयन अमरीकी डॉलर से
अिधक की है इन योजनाओं को पूरा करने के िलए अिधक संसाधनों की ज रत होगी भारत जैसे
िवकासशील दे शों म संसाधनों की कमी है और जलवायु प रवतन पर अ ी-खासी रािश खच की जा रही
है जलवायु प रवतन के अनुकूलन एवं मन काय को लागू करने के िलए, संसाधन की ज रत और
संसाधन के अंतर को दे खते ए, घरे लू और िवकिसत दे शों से नए और अित र कोष की आव कता
होगी
जलवायु प रवतन की चुनौती से िनपटने के िवकासशील दे शों के यासों के समथन हे तु ीन जलवायु
कोष (जीसीएफ), जो एक ब प ीय कोष है , बनाया गया है जीसीएफ ने ारं िभक प से संसाधन जुटाना
वष 2014 म शु िकया और 10.3 िबिलयन अमरीकी डॉलर के संसाधन जुटाए अब तक जीसीएफ बोड
ारा 43 प रयोजनाओं को अनुमोिदत िकया गया है भारत की भी एक प रयोजना बोड ारा नाबाड के
साथ अनुमोिदत है यह प रयोजना- ‘ओिडशा के कमजोर आिदवासी े म खा सुर ा सुिनि त करने
और लचीलापन बढ़ाने हे तु भू-जल पुनभरण और सौर सू िसंचाई’ जीसीएफ बोड की 16वीं बैठक म
अनुमोिदत िकया गया यह प रयोजना 34.357 िमिलयन अमरीकी डॉलर के जीसीएफ अनुदान सिहत
166.29 िमिलयन अमरीकी डॉलर प र य हे तु अनुमोिदत है , िजसम अ िव ीय संसाधनों की व था
ओिडशा सरकार और िव बक ारा की जाएगी
िवदे शी मु ा भंडार
भारत का िवदे शी मु ा भंडार िवदे शी मु ा संपि यों (एफसीए), ण, एसडीआर और अंतररा ीय मु ा कोष
(आईएमएफ) म आरि त अंश (आरटीपी) से िमलकर बना है िवदे शी मु ा भंडार म वृ चालू खाते की
िव ीय आव कताओं एवं लाभ/हािन के मू ां कन की तुलना म अिधक पूंजी वाह आ जाने के कारण
होती है िपछले कुछ समय म अ चीजों के साथ क े तेल का मू कम होने से ापार घाटा कम आ
है िवदे शी मु ा भंडार का र, िवशेषकर िवदे शी मु ा प रसंपित काफी हद तक िवदे शी मु ा बाज़ार म
पये के मू को थर करने के िलए भारतीय रजव बक के ह ेप का प रणाम है माच 2017 के अंत म
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अमरीकी डॉलर 370 एक अरब अमरीकी डॉलर की तुलना म, िवदे शी मु ा भंडार फरवरी 2018 तक 421.7
अरब अमरीकी डॉलर था वतमान थित, अंतररा ीय ापक आिथक अिनि तता, िविनमय दर की िकसी
भी अ थरता की गुंजाइश से सुखद आ के र पर है
पये की िविनमय दर
2017-18 (अ ैल-जनवरी) के दौरान, पये की औसत मािसक िविनमय दर (आर.बी.आई.) की संदभ दर)
जनवरी 2017 म 65.08 ित अमरीकी डॉलर और जनवरी 2018 अ ू बर म 63.64 डॉलर ित डॉलर के
बीच प रवितत थी
िवदे शी ऋण
2017 माच के आ खर म िवदे शी ऋण भंडार 495.7 अरब अमरीकी डॉलर था, जो िसतंबर 2017 के अंत
तक 23.9 अरब अमरीकी डॉलर के ऊपर के र तक की वृ दज कर रहा था
िवदे शी ऋण का पूणता ोफाइल, दीघकािलक उधार के भाव की तरफ इशारा करता है िसतंबर
2017 के अंत म, दीघकािलक िवदे शी ऋण, 403 अरब अमरीकी डॉलर था, जो माच 2017 के अंत तक
अमरीकी डॉलर के 38.38 अरब के र पर 5 ितशत की वृ दशा रहा था िसतंबर 2017 के अंत म
भारत के िवदे शी मु ा भंडार ने तक िवदे शी ऋण भंडार म 80.7 ितशत के नुकसान को भर िदया था
सरकार की िवदे शी ऋण बंधन नीित, दीघकािलक और अ कािलक ऋण की िनगरानी पर जोर दे ती
है , भारी रकम के साथ रयायती शत पर ाय ऋण बढ़ाती है , िविभ ितबंधों के मा म से िवदे शी
वािण क उधार को िविनयिमत करना और वासी भारतीयों ारा जमा रािश पर ाज दरों को तकसंगत
बनाना, िजसके प रणाम प िवदे शी ऋण, िनयं णीय सीमा पर बना रहे

सामािजक अवसंरचना, रोज़गार एवं मानव िवकास


िश ा एवं ा जैसे मानव पूंजी म िनवेश आिथक िवकास के मु घटक ह पोषण, ा , िश ा और
रोज़गार हे तु उिचत कौशल दान करने म िनवेश ारा मानव पूंजी को बढ़ाकर भारत की िनधनता काफी
हद तक दू र की जा सकती ह य िप भारत की सामािजक नीितयां जनता के क ाण और मानव िवकास
पर कि त ई ह, तथािप समाज के अिधकारिवहीन, मिहलाएं और अ कमजोर वग की मताओं म वृ
म बाधक सामािजक एवं आिथक बाधाओं को दू र करने की चुनौितयां बरकरार ह भारत ान अथ व था
के सहारे उ तर वृ हे तु अ सर है , मानव पूंजी म िनवेश ारा लाभ ा िकया जाना है
िदवाला और िदवािलयापन कोड
ापार करने म आसानी को बढ़ाने हे तु वैि क मानदं डों के अनु प भारत म आव क ाियक मता
वाले उ मों अनुकूल कानूनी िदवािलयापन ढां चा दान करने के िलए िदवािलयापन कानून सुधार सिमित का
गठन 22 अग , 2014 को िकया गया था तदनुसार, िदवाला और िदवािलयापन कोड (आईबीसी) 2016 से
भाव म आया
इस कोड का ल है - उ मशीलता को बढ़ावा दे ना, ऋण की उपल ता और समयब प म िनगम
के लोगों, साझेदार फम और यों और ऐसे यों की प रसंपि मू को बढ़ाने और उसे संबंिधत
मामलों के िलए पुनगठन और िदवािलयापन ाव से संबंिधत कानूनों के एकीकरण और संशोधन ारा
सभी भागीदारों के िहतों म संतुलन कायम करना यह कोड िन िल खत उ े सुिनि त करने हे तु एक
ढां चे का ाव करता है - िकसी ापार म तनाव का ज ी पता लगाना; कजदाता; िव ीय ऋणदाता या
प रचालन लेनदार ारा िदवािलयापन ाव की ि या ारं भ करना; अलाभकारी वसायों का
प रसमापन और िवफल वसायों के मू म नुकसान से परहे ज करना कॉरपोरे ट मामलों का मं ालय
इस कोड के काया यन हे तु आव क कदम उठा रहा है
िव ीय थरता एवं िवकास प रषद
िव ीय थरता बनाए रखने, अंतिनयामक सम य बढ़ाने और िव ीय े को बढ़ाने हे तु तं की मजबूती
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और सं थानीकरण के उ े से शीष र पर फोरम के प म िव ीय थरता एवं िवकास प रषद


(एफएसडीसी) की थापना 2010 म की गई थी यह प रषद, अ बातों के साथ, बड़ी िव ीय कंपिनयों के
संगठन के कामकाज सिहत अथ व था के वृहत् िववेकशील पयवे ण को मॉनीटर करता है तथा िव ीय
सा रता एवं िव ीय े के िवकास के मु ों का समाधान करता है आिथक मामलों के िवभाग म अव थत
एसएसडीसी सिचवालय प रषद को सिचवालय सहयोग दे ता है
िव ीय थरता बोड
कमजो रयों के समाधान और िव ीय थरता के िहत म मजबूत िनयामक, पयवे कीय और अ नीितयों के
ि या यन और िवकास हे तु रा ीय ािधकरणों, मानक थािपत करने वाले िनकायों और अंतररा ीय
िव ीय सं थानों को साथ लाकर वष 2009 म जी-20 के त ाधान म िव ीय थरता बोड (एफएसबी) की
थापना की गई थी भारत एफएसबी का एक सि य सद है और पूण अिधवेशन म इसके तीन सद

अवसंरचना िव पोषण
िनवेश की आव कताओं और भौितक अवसंरचना म िनवेश हे तु जन संसाधनों की सीिमत उपल ता को
दे खते ए िविभ ोतों के मा म से अवसंरचना म िनवेश बढ़ाने हे तु मा मों की तलाश आव क है
इसी को ान म रखते ए सरकार ने दे श म अवसंरचना म दीघाविध िनवेश जुटाने के िलए िन िल खत
कदम उठाए ह:
(i) बक िव पोषणः बक अवसंरचना िव पोषण के मु ोत रहे ह आरबीआई 5/25 योजना; टे क
आउट िव पोषण सिहत अवसंरचना के िलए अि मों के िदशािनदशों म संशोधन कर रहा है
(ii) सं थागत िव ः
अवसंरचना प रयोजनाओं के िव पोषण हे तु अवसंरचना े को दीघाविध ऋण दान करने म उ ेरक
की भूिमका के िनवहन के िविश आदे श के साथ सरकार ने ‘भारत अवसंरचना िव कंपनी िलिमटे ड
(आईआईएफसीएल)’ की थापना की है आईआईएफसीएल दीघाविध ऋण, बकों एवं िव ीय सं थानों को
उनके ारा िदए गए ऋणों के पुनिव के मा म से वहाय अवसंरचना प रयोजनाओं को िनिध दान
करता है , िजसकी अविध 10 वष से अिधक की अथवा सरकार ारा अनुमोिदत िकसी प म होती है
(ii) अवसंरचना ऋण कोष (आईडीएफ): भारत सरकार ने प रचालन संपि के िलए प रयोजना ऋणों का
बकों से िनि त आय बाज़ार म थानां तरण म सहायता हे तु अवसंरचना प रयोजनाओं म दीघाविध ऋण के
वाह को बढ़ाने और ती करने के उ े से अवसंरचना ऋण कोष (आईडीएफ) की अवधारणा को ज
िदया
(iv) रयल ए े ट िनवेश ास ( रीट् स)/ अवसंरचना िनवेश ास (इनिवट् स): ये ास-
आधा रत ढां चे ह जो भावी कर छूट और बेहतर शासिनक ढां चे के मा म से ितफल बढ़ाते ह
इनिवट् स तथा रीट् स हे तु िदशािनदश/िनयामक सेबी ारा 2014 म अिधसूिचत िकए गए थे
सावजिनक-िनजी भागीदा रयां
िनरं तर आधार पर ापक और समावेशी िवकास हे तु अ ी िनरं तर आधार पर उपल ता पहली
आव कता है उ ादकता बढ़ाने और िनयात ित धा हे तु भी अवसंरचना मह पूण है िनवेश ज रतों
की ापकता और भौितक अवसंरचना म िनवेश हे तु सावजिनक संसाधनों की सीिमत उपल ता को दे खते
ए सावजिनक िनवेश और सावजिनक-िनजी भागीदारी (पीपीपी) के मेल ारा अवसंरना म िनवेश बढ़ाने के
िलए रा े की तलाश आव क है पीपीपी अवसंरचना प रयोजनाओं के िव पोषण की कमी को पूरा
करता है तथा सृिजत प रसंपि के रखरखाव और संचालन हे तु भावी लागत वाली नई ौ ोिगकी लाकर
ाव के िलए लंबी अविध का मू ा करता है भारत ने उ ाथिमकता वाली सावजिनक सुिवधाओं
और अवसंरचना की िडलीवरी हे तु योजनाब तरीके से पीपीपी काय म लागू िकया है तथा िपछले दशक
म संभवतः िव के सबसे बड़े पीपीपी काय मों म से एक िवकिसत िकया है
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सूचना सार
भारत म पीपीपी यासों से जुड़ी सूचनाएं दान करने हे तु डीईए का पीपीपी को एक वेबसाइटः
www.pppiuindia.gov.in का रखरखाव करता है यह वेबसाइट भारत म पीपीपी पहलों पर सूचना भंडार
के प म काम करता है िजसम संबंिधत नीितगत द ावेज, ऐसी प रयोजनाओं को मु धारा म लाने हे तु
जारी सरकारी िदशािनदश ह इसम पीपीपी अवसंरचना प रयोजनाओं के रत मू ां कन और पीपीपी
प रयोजनाओं को िव ीय समथन हे तु योजनाओं के सां थािनक तं संबंधी सूचनाएं शािमल ह इस वेबसाइट
म पीपीपी ारा िवकिसत िविभ ान उ ादों सिहत ऐसी प रयोजनाओं को ि या त करने वाले लोक
अिधका रयों और िनजी डे वलेपरों से सव म पीपीपी साझा कर उनकी यो ता म वृ करना शािमल है
भारत के सभी े ों म ि या त िकए जा रहे पीपीपी समेत अवसंरचना प रयोजनाओं का एक डाटा
बे स www.infrastructureindia.gov.in है यह सरकार और िनजी े ारा काया त की जा रही
अवसंरचना प रयोजनाओं की थित पर मह पूण सूचना दान करता है

जी-20
जी-20 की थापना 1999 म िव मंि यों एवं क ीय बक के गवनरों के मंच के प म यह मानकर की गई
िक वैि क आिथक मह िवकिसत अथ व थाओं से उभरते बाज़ारों वाली अथ व था की ओर ापक
प से थानां त रत हो रही है िव के आिथक सम यक के प म जी-8 की लगातार घटती भूिमका तथा
आिथक शासन पर वैि क बातचीत म उभरते बाज़ारों वाली अथ व था के बढ़ते वच के कारण 1999
म जी-8 के थान पर जी-20 आ गया
जी-20 को वा व म मुखता 2008 म िमली, जब 2007-10 के वैि क आिथक संकट का भावी प से
उ र दे ते ए इसे िव मंि यों और क ीय बक के गवनरों के मंच की बजाय रा ा ों के मंच का प दे
िदया गया

ि
ि रा दि ण-दि ण सहयोग के पां च मु ंभ ह और जी-20 जैसे वैि क फोरम म उभरते ए बाजार
तथा िवकासशील दे शों के ितिनिध र ह ि दे शों ारा 2015 म थािपत नवीन िवकास बक ने माच
2017 म म दे श म मु िजला सड़क प रयोजना के िव पोषण हे तु ऋण अनुबंध ह ा रत कर भारत
म अपनी पहली छाप छोड़ी ाट शहरों, नवीकरणीय ऊजा, शहरी प रवहन, कोयला ौ ोिगकी,
ठोस कचरा बंधन और शहरी जलापूित जैसे े ों म प रयोजनाओं के सु ढ़ पाईपलाइन के िवकास हे तु
भारत बक के बंधन के साथ घिन प से िमलकर काम कर रहा है 10 करोड़ अमरीकी डॉलर की पूंजी
के साथ ि आक क रजव व था (सीआरए) के प म क त िविनमय का ढां चा, िकसी सद
रा को अ ाविध के िलए नकदी समथन की ज रत होने की थित म प रचािलत होता है ापक
आिथक थित के आदान- दान की प ित िवकिसत कर ि क ीय बक सीआरए के अंतगत अपनी
शोध मताओं को मजबूत करने हे तु काम कर रहे ह

भारत म संयु रा िवकास काय म


संयु रा की व था म िवकास सहयोग का सबसे बड़ा मा म संयु रा िवकास काय म
(यूएनडीपी) है यूएनडीपी का उ े काय म म शािमल दे शों म द र ता उ ूलन, लिगक समानता,
मिहला सश ीकरण एवं पयावरण संर ण समेत सतत मानव िवकास हे तु मता िवकास के मा म से
सहयोग करना है यूएनडीपी ारा उपल कराई जाने वाली सभी कार की सहायता अनुदान के पम
होती है
यूएनडीपी को िविभ दाता दे शों से ा होने वाले ै क योगदान से धन िमलता है यूएनडीपी म
भारत का वािषक योगदान 45 करोड़ डॉलर तक रहा है , जो िवकासशील दे शों के बीच ब त बड़ा योगदान
है वािषक योगदान के अित र भारत सरकार थानीय कायालय के य का भी आं िशक भुगतान करता
है यूएनडीपी संसाधनों का दे शवार आवंटन सहयोग ढां चे (सीसीएफ) के अंतगत पां च वष म एक बार िकया
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जाता है , जो ायः भारत की पंचवष य योजना के साथ ही चलता है

दि ण एिशयाई े ीय सहयोग संगठन


दि ण एिशयाई े ीय सहयोग संगठन (साक) एक े ीय संगठन है िजसकी थापना 1985 म ढाका म ई
थी इसका उ े दि ण एिशया म आिथक, सामािजक, सां ृ ितक, तकनीकी और वै ािनक सहयोग
बढ़ाना है इसके सद दे शों म अफगािन ान, बां ादे श, भूटान भारत, नेपाल, मालदीव, पािक ान और
ीलंका शािमल ह इसका सिचवालय काठमां डू म है इसने इस े के नाग रकों पर भाव डालने वाले
मु ों के समाधान हे तु कई े ीय समझौते िकए ह तथा सं थान बनाए ह, यह िवचारों के आदान- दान,
े ीय काय मों और प रयोजनाओं के िवकास के िलए आम सहमित के आधार का एक मंच है लघु
अविध के िवदे शी मु ा की ज रतों को पूरा करने या दीघ अविध के िलए व था होने तक अथवा लघु
अविध म ही मु े का समाधान हो जाने तक भुगतान शेष के संकटों के समाधान की राह दान करने के
इरादे से साक दे शों के बीच मु ा की अदला-बदली की व था की गई थी इस सुिवधा के अंतगत साक के
ेक सद दे श (अफगािन ान, बां ादे श, भूटान, मालदीव, नेपाल, पािक ान और ीलंका) के िलए
आरबीआई उनके दो महीने की आयात ज रतों पर िनभर तथा अमरीकी डॉलर, यूरो या भारतीय पये म
कुल 2 िबिलयन अमरीकी डॉलर से अिधक नहीं हो; िविभ आकार के मु ा की अदला-बदली दान करता
है अभी तक भूटान, ीलंका और मालदीव ारा इस सुिवधा का लाभ िलया गया है
साक िवकास कोष
साक िवकास कोष (एसडीएफ) की थापना 2008 म साक दे शों ारा े म लोंगों के जीवनयापन म सुधार
और आिथक वृ तेज करने, सामािजक गित और गरीबी उ ूलन हे तु की गई थी एसडीएफ म
प रयोजना की फंिडं ग तीन मु े ों (सामािजक, आिथक और अवसंरचना) के अंतगत की जानी है
अ ैल 2010 म इसके शु होने से अब तक मिहला सश ीकरण, कृिष, बाल एवं मातृ ा , िश ा
और आईसीटी जैसे े ों म सामािजक मु े के अंतगत तेरह प रयोजनाएं शु की गई ह एसडीएफ को
लगभग 47.492 करोड़ अमरीकी डॉलर का कोष ा आ था, िजसम 29.5 करोड़ (लगभग) अमरीकी
डॉलर सद दे शों से ा पूंजी योगदान और भारत ारा सामािजक मु े हे तु 10 करोड़ अमरीकी डॉलर
का ै क योगदान शािमल है प रयोजना ि या यन के िलए एसडीएफ के तीन मु ों म से आिथक और
अवसंरचना मु े प रचािलत िकए जा रहे ह

ि प ीय सहयोग
आिथक मामलों के िवभाग का ि प ीय सहयोग िडवीजन जी-8 दे शों, संयु रा अमरीका, इं ड,
जापान, जमनी, इटली, कनाडा और सी फेडरे शन तथा यूरोपीय संघ से ि प ीय िवकास सहायता से
संबंिधत डील करता है यह िडवीजन िवकासशील दे शों के लाइन ऑफ े िडट के िव ार से संबंिधत काय
को भी डील करता है यह िविभ अंतररा ीय एजिसयों/दे शों ारा चार ह ों तक के लघु आविधक िवदे शी
िश ण पा मों के शासन के िलए क िबंदु है
ि प ीय सरकारी िवकास सहायता नीित
भारत अवसंरचना, सामािजक े के िवकास और क एवं रा दोनों जगहों पर भारतीय नाग रकों के
ान/कौशल की वृ के िलए अपने ि प ीय पाटनरों से ऋण, अनुदान और तकनीकी सहायता के पम
िवदे शी सहायता ीकार करता रहा है 2005 म जारी िदशािनदशों की शत के अनुसार ि प ीय िवकास
सहायता सभी जी-8 दे शों, यूएसए, यूके, जापान, जमनी, ां स, इटली, कनाडा और सी फेडरे शन तथा
यूरोिपयन कमीशन, से ीकार िकए जा सकते ह जी-8 से बाहर के यूरोिपयन यूिनयन के दे श भी भारत
को ि प ीय िवकास सहायता दे सकते ह बशत वे ूनतम 2.5 करोड़ डॉलर वािषक िवकास सहायता के
िलए ितब हों
भारत-यूके ि प ीय िवकास सहयोग काय म
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यूनाइटे ड िकंगडम (यूके) 1958 से भारत को िवकास सहायता दान करता रहा है यूके से िवकास
सहायता मु प से ा , िश ा, शासिनक सुधारों, झु ी िवकास आिद के े म सतत िवकास
ल ों को (एसडीजी) ा करने के िलए िमलती है पार रक सहमित वाली सरकारी प रयोजनाओं एवं
काय मों के िलए यूके से सहायता अंतररा ीय िवकास िवभाग (डीएफआईडी) के मा म से िव ीय एवं
तकनीकी सहायोग के प म ा होती है वतमान म तीन रा ों ओिडशा, म दे श और िबहार पर
डीएफआईडी का फोकस है यूके सरकार ने घोषणा की है िक सभी नए िवकास सहयोग काय म ऊजा,
शहरी एवं आिथक नीितयों आिद के े म केवल तकनीकी सहायता (टीए) काय मों के िलए होगा अथवा
गरीबों की मदद पर कि त िनजी े प रयोजनाओं म िनवेश हे तु होगा दोनों प इस व था पर सहमत

भारत-यूरोपीय संघ िवकास सहयोग
यूरोपीय संघ (ईयू) अनुदान के प म िवकास सहायता उपल कराता रहा है इसके ाथिमकता े म
वातावरण सावजिनक ा और िश ा शािमल है ईयू िवकास सहयोग काय मों को कंटी े टजी पेपर
(सीएसपी) के मा म से लागू करता है सीएसपी ईयू के उ े ों, साझीदार दे श की नीित संबंधी एजडा
और दे श/ े की थित के िव ेषण पर आधा रत है
यूरोपीय िनवेश बक
यूरोपीय िनवेश बक (ईआईबी) यूरोपीय संघ की िव पोषण सं था है , िजसका गठन पूंजीगत िनवेश दान
करने के िलए रोम संिध (1957) के अंतगत 1958 म िकया गया था ईआईबी के सद , यूरोपीय संघ के
सद दे श होते ह, जो सभी बक की पूंजी के ाहक होते ह यरोपीय संघ के बाहर ईआईबी का िव पोषण
प रचालन सै ां ितक प से बक के िनजी संसाधनों से िकया जाता है और अिधकार िमलने पर संघ अथवा
सद दे शों के बजटीय संसाधनों से भी िकया जाता है इन व थाओं के अंतगत ईआईबी के कोष का
उपयोग ईयू के साथ सहयोग हे तु समझौता पर द ख़त करने वाले दे शों म िव ीय िनवेश हे तु िकया जाता
है
भारत-जमनी ि प ीय िवकास सहयोग
जमनी 1958 से ही अपने आिथक सहयोग एवं िवकास मं ालय (बीएमजेड) के मा म से भारत को िव ीय
एवं तकनीकी सहयोग दान कर रहा है वष 2008 म जमनी के पयावरण, कृित संर ण एवं परमाणु
सुर ा मं ालय (बीएमयू) ने भी जमन सरकार के ‘अंतररा ीय जलवायु संर ण काय म’ के अंतगत भारत
को सहयोग आरं भ कर िदया, जो आिधका रक िवकास सहयोग के वतमान ोतों म कटौती िकए बगैर
जमनी सरकार की अित र सहायता है जमनी और भारत के बीच ि प ीय सहयोग के ाथिमकता वाले
े म शािमल ह: ऊजा सतत शहरी िवकास तथा पयावरण और ाकृितक ोतों का बंधन
भारत- ांस िवकास सहयोग
ां स सरकार 1968 से ही भारत को िवकास संबंधी सहायता दान कर रहा है िकंतु ां सीसी सहायता की
सबसे बड़ी कमी यह है िक यह ां स से व ुओं एवं सेवाओं की आपूित से संब रही भारत म ां सीसी
िवकास एजसी ारा िव पोषण के िलए ाथिमकता वाले े ह: (i) ऊजा स मता और नवीकरणीय ऊजा;
(ii) शहरी अवसंरचना (सावजिनक प रवहन, जल आिद); और (iii) जैव िविवधता का संर ण
नाव
वष 2005 से आज तक करीब 24 एनजीओ प रयोजनाओं को ीकृित दी गई है भारत और नाव के िव
मं ालयों के उ अिधका रयों के बीच समय-समय पर ि प ीय बैठक होती ह
ट् जरलड
ट् जरलड वष 1964 से ही अनुदानों और तकनीकी सहायता के प म भारत को आिथक और तकनीकी
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सहयता दान करता रहा है ट् जरलड ने ऊजा े की प रयोजना हे तु 40 ितशत अनुदान और 60


ितशत ऋण वाला िमि त ऋण दान िकया था
अमरीकी अंतररा ीय िवकास एजसी
भारत को अमरीका की ि प ीय िवकास सहायता 1951 म आरं भ ई भारत को अमरीकी सहायता मु
प से अमरीकी अंतररा ीय िवकास एजसी (यूएसएआईडी) के मा म से ा होती है वतमान म
यूएसएआईडी ा णाली, खा सुर ा को मजबूत करने, कम उ जन एवं ऊजा सुरि त अथ व था
की ओर तेजी से बढ़ने, जंगलों के ारा काबन अवशोषण के मा म से ीन हाउस गैसों के कम उ जन के
िलए भारत सरकार के साथ साझेदारी कर रही है वतमान म, यूएसएआईडी ारा भारत सरकार के साथ
साझेदारी म िन िल खत सात प रयोजनाओं को काया त िकया जा रहा है ; (i) कृिष और खा सुर ा
काय म हे तु साझेदारी समझौता; (ii) थायी जंगल और जलवायु अनुकूलन काय म हे तु साझेदारी
समझौता; (ii) जल, ता और सफाई (वॉश) हे तु साझेदारी समझौता; (iv) नवीकरणीय ऊजा ौ ोिगकी
ावसायीकरण और नवाचार हे तु साझेदारी समझौता; (V) ा प रयोजना हे तु साझेदारी समझौता; (vi)
आपदा बंधन समथन प रयोजना; और (vii) ऊजा स मता ौ ोिगकी ावसायीकरण और नवाचार
प रयोजना हे तु साझेदारी समझौता
अमरीकी ापार एवं िवकास एजसी
यूएस ापार एवं िवकास एजसी (यूएसटीडीए) उभरती ई अथ व थाओं म ाथिमकता वाली िवकास
प रयोजनाओं के िनयोजन एवं ि या यन म अमरीकी कारोबारों की ितभािगता बढ़ाकर उन दे शों की
आिथक वृ को ो ाहन दे ती है एजसी का उ े ापार के िलए अवसंरचना िनमाण म मदद करना,
अमरीकी तकनीकी िवशेष ता को िवदे श की िवकास संबंधी आव कताओं के अनु प ढालना और
अमरीकी तथा उभरते बाज़ार वाली अथ व था के बीच दीघकालीन ापा रक साझेदारी म सहायता करना
है 1992 से अमरीकी ापार एवं िवकास एजसी ने भारत म सावजिनक एवं िनजी े के ायोजकों के
साथ 100 से अिधक ाथिमकता वाली िवकास योजनाओं को समथन िदया है
कनाडा
अंतररा ीय िवकास अनुसंधान क (आईडीआरसी) िविभ सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों की कृिष,
ा और प रवार क ाण आिद के े म प रयोजनाओं के िलए अनुदान सहायता दान करता है
िवकासशील दे शों के िलए ऋण सहायता
ऋण सहायता (एलओसी) भारत की कूटनीितक रणनीित का एक मह पूण भाग है तथा साख बनाने और
लंबे समय के िलए साझेदारी िनमाण के काय म ब त उपयोगी रहा है यह योजना एक उभरते ए आिथक
श , िनवेशकता दे श और िवकासशील दे शों हे तु साझेदार के प म िवदे शों म भारत की रणनीितक
राजनीितक और आिथक िहतों के िवकास का भी यास करता है इस योजना से माल और भारतीय सेवाओं
का िनयात करता है इस योजना से माल और सेवाओं का भारतीय िनयात अब तक अ यु बाज़ारों म
बढ़ने की उ ीद है और प रयोजना ािनंग, सामािजक-आिथक िवकास के ऊजा, िसंचाई, कृिष, प रवहन
आिद िविभ े ों म िडजाइन एवं ि या यन म भारत की िवशेष ता को सफलतापूवक दिशत िकया जा
सकेगा 2005-06 से लागू भारतीय िवकास और आिथक सहयोग योजना (आईिडयाज) के अंतगत भारत
सरकार अ ीका और अ िवकासशील दे शों को ऋण सहायता दे रहा है वतमान योजना के अंतगत
राजनियक िवचारों और िविभ िवकासशील दे शों से ा अनुरोध को ान म रखते ए िवदे श मं ालय
िविश योजनाओं का चयन करता है

अंतररा ीय मु ा कोष
भारत अंतररा ीय मु ा कोष (आईएमएफ) का सं थापक सद है इसकी थापना सहयोगी और थायी
मौि क ढां चा के िवकास हे तु की गई थी वतमान म 188 दे श आईएमएफ के सद ह थापना के बाद से
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ही इसके उ े ों म कोई बदलाव नहीं आ है , परं तु इसके प रचालन म, िजसम िनगरानी, व ीय और


तकनीकी सहायता शािमल है , िवकिसत हो रहे िव अथ व था म इसके सद दे शों की बदलती ज रतों
के िहसाब से िवकास आ है आईएमएफ के शासक मंडल म एक गवनर और ेक सद दे शों से एक
वैक क गवनर होते ह भारत के िलए िव मं ी आईएमएफ के शासक मंडल हे तु पदे न गवनर ह
आईएमएफ म भारत के े म तीन अ दे श बां ादे श, भूटान और ीलंका है भारतीय रजव बक के
गवनर भारत के वैक क गवनर ह
वेबसाइट: www.imf.org

िव बक
भारत गरीबी म कमी लाने, अवसंरचना, ामीण िवकास, आिद े म िविभ िवकास प रयोजनाओं हे तु
अंतररा ीय पुनिनमाण और िवकास बक (आईबीआरडी) और अंतररा ीय िवकास संघ (आईडीए) के
मा म से िव बक से कज लेता है भारत सरकार के िलए आईडीए कोष सबसे रयायती िवदे शी ऋण है
तथा इसका उपयोग मु तः सह ा िवकास ल ों को ा करने म योगदान दे ने वाले सामािजक े
की प रयोजनाओं म िकया जाता है हालां िक, भारत आईडीए से िड ी ा है
वेबसाइट: www.wordlbank.org

अंतररा ीय िव िनगम
अंतररा ीय िव िनगम (आईएफसी) िव बक समूह का एक सद है जो केवल िवकासशील दे शों के
िनजी े म िनवेश पर ान दे ता है 1956 म थािपत आईएफसी म 184 सद ह भारत आईएफसी का
सं थापक सद है , जो दे श म िनजी े के िव पोषण और सलाह को प रचािलत करता है भारत
आईएफसी के सबसे बड़े पोटफोिलयो जो खम का िव र पर ितिनिध करता है 1958 से अब तक
आईएफसी ने 15 िबिलयन अमरीकी डॉलर से अिधक भारत म लगाया है भारत म आईएफसी का िनवेश
अवसंरचना, िनमाण, िव ीय बाज़ारों, कृिष वसाय, एसएमई और नवीकरणीय ऊजा जैसे मह पूण े ों
म फैला है िव बक समूह के दे श साझेदारी रणनीित (सीपीएस) के अनु प भारत म आईएफसी का ान
भारत के िन आय वाले रा ों पर कि त है

नवीन िवकास बक
नवीन िवकास बक (एनडीबी) की थापना उभरती अथ व थाओं म अवसंरचना और सतत िवकास पहलों
को समथन दे ने के उ े से की गई है एनडीबी के सं थापक सद ह- ाजील, स, भारत, चीन और
दि ण अ ीका (ि ), िज ोंने ारं िभक योगदान ारा एक िबिलयन अमरीकी डॉलर की पूंजी जुटाई है
नवीन िवकास बक (एनडीबी) ने 2015 म अपनी थापना के बाद से दो वष पूरा कर िलए ह
वेबसाइट: www.ndb.int

एिशयाई अवसंरचना िनवेश बक


एिशयाई अवसंरचना िनवेश बक (एआईआईबी) एक ब प ीय िवकास बक (एमडीबी) है िजसकी थापना
अवसंरचना प रयोजनाओं के िव पोषण ारा एिशया म सतत आिथक िवकास को बढ़ावा, उ ादक
संपि यों का सृजन और अवसंरचना म सुधार के िलए वष 2016 म थािपत िकया गया भारत सं थापक
सद ों म से एक है और दू सरा सबसे बड़ा अंशधारक है एआईआईबी की बीिजंग म थापना हे तु वष
2016 म भारत और बीस अ दे शों ने अंतरसरकारी समझौता ापन (एमओयू) पर ह ा र िकया
वेबसाइट: www.aiib.org

कृिष िवकास के िलए अंतररा ीय कोष


कृिष िवकास के िलए अंतररा ीय कोष (आईएफएडी) की थापना 1977 म संयु रा के 13व िवशेष ता
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ा एजसी के प म की गई थी यह िवकासशील दे शों के ामीण े ों से गरीबी और भूख उ ूलन के


ित समिपत है 176 दे श आईएफएडी के सद ह और इ तीन ेिणयों म बां टा गया है - सूची (क)
िवकिसत दे श, सूची (ख) तेल उ ादक दे श और सूची (ग) िवकासशील दे श भारत सूची (ग) म ह भारत
कृिष िवकास हे तु अंतररा ीय कोष (आईएफएडी) का एक सं थापक सद है और इसने अब तक
आईएफएडी के संसाधनों म 14.7 करोड़ अमरीकी डॉलर का योगदान िदया है

वैि क पयावरण सुिवधा


वैि क पयावरण सुिवधा (जीईएफ) साझा वैि क पयावरण लाभों को ा करने के उपायों के बढ़ते खच
को पूरा करने के िलए नए और अित र अनुदान और रयायती कोष दान करने के उ े से अंतररा ीय
सहयोग हे तु एक तं के प म काय करता है जीईएफ पा दे शों को पां च मु े ों म अनुदान दे ता है :
जैव िविवधता, जलवायु प रवतन, भूिम अव मण, अंतररा ीय जल, रसायन एवं कचरा यह जैिवक
िविवधता पर स ेलन (सीबीडी), जलवायु प रवतन पर संयु रा ढां चा स ेलन (यूएनएफसीसीसी),
थायी जैिवक दू षकों पर ॉक हो स ेलन (पीओपीएस), बंजर से मुकाबले के िलए संयु रा
स ेलन (यूएनसीसीडी), मरकरी के िवषय म िमनामाटा स ेलन के िलए िव पोषक तं के प म भी
काम करता है तथा ओज़ोन परत (एमपी) न करने वाले पदाथ पर मॉनिटयल ोटोकॉल के ि या यन म
भी मदद करता है

एिशयाई िवकास बक
भारत एिशयाई िवकास बक (एडीबी) का एक सं थापक सद है एडीबी की थापना 1966 म ई थी
एडीबी के 67 सद ह ( 48 े ीय और 19 गैर- े ीय सद ों सिहत) और इसका मु ालय मनीला,
िफलीपींस म है िदसंबर 2016 तक एडीबी म भारत का 6,72,030 शेयरों के साथ 6.331 ितशत शेयर
हो ं ग तथा मतािधकार 5.363 ितशत है
बक एिशया शां त े म अपने िवकासशील सद दे शों (डीएमसी) की आिथक और सामािजक गित
को बढ़ाने के काय म लगा है इस काय हे तु ऋण और इ टी िनवेश, िवकास प रयोजनाओं और काय मों
को लागू करने की तैयारी हे तु तकनीकी सहायता दान करना और अ सलाहकार सेवाएं गारं टी, अनुदान
और नीित चचाएं इसके मु यं ह भारत सरकार ारा अपनाई गई पूण बा ऋण बंधन नीित के
अंतगत िजसम रयायती शत पर कम यशील ोतों से और दीघ प रप ता अविध वाले कोष ा करने
पर कि त है , एडीबी से ऋण ा करता है भारत ने 1986 म एडीबी से ऋण लेना शु िकया
वेबसाइट: www.adb.org

मु ा एवं िस े
िस ो रटी ि ंिटं ग एं ड िमंिटं ग कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड
एसपीएमसीआईएल आिथक मामलों के िवभाग के अंतगत एकमा सावजिनक उप म ह यह नौ
इकाइयों- चार टकसाल, चार ेस (दो मु ा नोट ेस एवं दो ितभूित ेस) एवं एक कागज िमल के
िनगमीकरण से बनी है , जो पहले िव मं ालय के अधीन थीं कंपनी आरबीआई को मु ा/बक नोट एवं
िस े , िविभ रा सरकारों को ॉप-प , डाक िवभाग को डाक े शनरी एवं िटकट, िवदे श मं ालय को
पासपोट, वीजा कर एवं या ा संबंधी अ द ावेज की आपूित करती है अ उ ादों म ारक
िस े , एमआईसीआर एवं नॉन-एमआईसीआर चेक आिद शािमल ह
बक नोट कागज के उ ादन म ावलंबन बढ़ाने के िलए िस ो रटी ि ंिटं ग एं ड िमंिटं ग कॉरपोरे शन ऑफ
इं िडया (एसपीएमसीआईएल) और भारतीय रजव बक नोट मु ण ाइवेट िलिमटे ड (बीआरबीएनएमपीएल)
के 50:50 वाले संयु उप म बक नोट पेपर िमल इं िडया ाइवेट िलिमटे ड (बीएनपीएमआईपीएल) की भी
थापना दो े ट -ऑफ-िद-आट ौ ोिगकी वाले 6,000 मीिटक टन ितवष मता वाले पेपर लाइनों को
लागू करने हे तु की गई है , िजसकी कुल वािषक मता लगभग 12,000 मीिटक टन है इन दोनों ोतों से
वािण क उ ादन ारं भ हो गया है वेबसाइट: www.spmcil.com
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नए मू वग के नोटों को जारी करना


सरकार ारा आकार, िवषय, रं ग और िडज़ाइन के अनुमोदन के बाद 2,000 पये मू वग के नए नोट जारी
िकए गए िनिद बक नोटों को वैध मु ा की मा ता ख िकए जाने के बाद इससे तेज पुनमु ीकरण म
सहायता िमली
एसबीएन की वै ता की समा
काले धन, एफआईसीएन और अ िविभ िव ंसकारी गितिविधयों की सम ा पर अंकुश लगाने के िलए
8 नवंबर, 2016 के बाद 500 पये और 1,000 पये मू वग के बक नोटों यानी िनिद बक नोटों
(एसबीएन) की वैधता समा कर दी गई थी एसबीएन को र करने को सां िविधक समथन हे तु यथाशी
एक अ ादे श लाया गया था तािक अवां िछत त ों ारा समानां तर अथ व था चलाने की राह बनाने से
रोका जा सके और आरबीआई की दे यता का शमन िकया जा सके
िदसंबर 2016 म उ मू वग के नोटों को बदलने म बड़े पैमाने पर प र म करना पड़ा िजसम 1.3
लाख़ बक शाखाएं , 1.5 लाख डाकघर की शाखाएं , 1 लाख बिकंग कॉर ॉ ट, 2.2 लाख एटीएम शािमल
ए और अथ व था के भावकारी पुनः मु ीकरण के िलए करसी ेसों म रात-िदन काम करना पड़ा था

रा ीय िनवेश और अवसंरचना कोष


भारत सरकार ने अपने आिथक काय म के मूल त ों म से एक अवसंरचना म िनवेश िकया है 1992 से
2010 के दौरान अवसंरचना म भारत का औसत िनवेश जीडीपी का 4.7 ितशत था; इसके अित र
िपछले कुछ वष के दौरान अवसंरचना े ों म इ टी के वाह म कमी आई है िजससे आगे िनवेश बािधत
आ है रा ीय िनवेश और अवसंरचना कोष का िनमाण वािण क प से वहाय प रयोजनाओं,
ीनफी दोनों म तथा की ई प रयोजनाओं समेत अवसंरचना िवकास के िलए घरे लू और अंतररा ीय
दोनों ोतों से इ टी िनवेश पाने के उ े से की गई थी वेबसाइट: www.nifindia.in

अंतररा ीय िनवेश समझौते एवं ढांचा


भारत सरकार ने िव ृत आिथक सुधार काय म, जो वष 1991 म ारं भ आ था, के एक भाग के पम
अ दे शों के साथ ि प ीय िनवेश समझौते (बीआईटी)/ि प ीय िनवेश ो ित एवं सुर ा समझौते
(बीआईपीए) करने की शु आत की थी बीआईटी अिनवायतः एक अंतररा ीय समझौता है जो म थता
के मा म से िववाद के िनपटारा हे तु एक तं फोरम दान करते ए वहार का एक ूनतम मानक
और सभी मामले म भेदभाव नहीं होना सुिनि त करते ए िनवेशकों के सुिवधा र को बढ़ाता है और उनम
िव ास की वृ करता है बदले म बीआईटी से भारत को एक आकषक िवदे शी िनवेश
(एफडीआई) गंत के पम ुत करना और िवदे शों को जाने वाले भारतीय एफडीआई की र ा करना
अपेि त है
वष 1993 के बाद से ए सामािजक-आिथक प रवतनों को दे खते ए बीआईटी से जुड़े मु ों के सारे
पहलू और सीईसीए/सीईपीए मु वसाय समझौतों (एफटीए) के सावधानीपूवक परी ण की ज रत
थी वष 2015 के नए भारतीय बीआईटी मॉडल का ल ासंिगक अंतररा ीय उदाहरणों और वहारों के
आलोक म भारत म िवदे शी िनवेशकों और िवदे शों म भारतीय िनवेशकों को समुिचत सुर ा दान करना है

य िवभाग
य िवभाग क सरकार की सावजिनक िव ीय बंधन णाली और रा िव से संबंिधत मामलों की
दे ख-रे ख करने वाला नोडल िवभाग है यह िव आयोग और क ीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं के
ि या यन, ऑिडट िट िणयों/अवलोकनों की मॉनीट रं ग, क सरकार के खातों की तैयारी के िलए
उ रदायी है यह सावजिनक सेवाओं की लागत और कीमतों को िनयंि त करने म क ीय मं ालयों/
िवभागों, सावजिनक य के आउटपुट और प रणामों का अनुकूलन करने के िलए णािलयों और
ि याओं की समी ा करने म भी सहायता करता है िवभाग की मु गितिविधयों म शािमल है - िव ीय
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िनयमों/िविनयमों/आदे शों के म े नजर क ीय मं ालय/िवभागों म य बंधन की दे खरे ख, मुख योजनाओं/


प रयोजनाओं की पूव मंजूरी का मू ां कन तथा रा ों को ह ां त रत थोक क ीय बजटीय संसाधनों की
हडिलंग, कािमक एवं थापना िडवीजन क ीय सरकार के कमचा रयों के वेतन और भ े का िनयमन, पशन
मामलों पर नीित और पदों के सृजन एवं उ यन तथा कैडर की समी ा जैसे कािमक मामलों से संब
मामलों सिहत सामा िव ीय िनयमों (जीएफआर), िव ीय श यों के ायोजन िनयमों (डीएफपीआर)
आिद जैसे िविभ िव ीय िनयमों और िविनयमों के शासन हे तु उ रदायी है वेबसाइट: www.doe.gov.in
महालेखा िनयं क
िव मं ालय के य िवभाग के अंतगत महालेखा िनयं क (सीजीए) भारत सरकार का धान लेखा
सलाहकार है और तकनीकी प से सु ढ़ लेखा िज ेवार है सीजीए का कायालय क सरकार के िलए
य, राज , दे नदा रयों और िविभ राजकोषीय सूचकों का मािसक और वािषक िव ेषण तैयार करता
है संिवधान की धारा 150 के अंतगत भारत के िनयं क एवं महालेखा परी क की सलाह पर वािषक
िविनयोग लेखा (िसिवल) और क ीय िव लेखा संसद म ुत िकए जाते ह इन द ावेजों के साथ ‘लेखा
एक नजर म’ शीषक वाला एम.आई.एस रपोट तैयार कर संसद म िवत रत िकया जाता है यह सामा
िस ां तों, क तथा रा सरकारों के िलए प और लेखा की ि या से संब नीितयां बनाता है यह
क ीय िसिवल मं ालयों/िवभागों म भुगतान, ा यां और लेखा की ि या िनधा रत करता है सरकार की
राजकोषीय नीितयों के भावी ि या यन हे तु एक मजबूत िव ीय रपोिटग प ित के मा म से क ीय
सरकार के मािसक और वािषक लेखा तैयार, समेिकत और जमा करता है संबंिधत मं ालयों/िवभागों म
अपने आं त रक लेखापरी ा इकाइयों के मा म से िवभागीय लेखा कायालयों म लेखा के िनिद तकनीकी
मानकों को बनाए रखने और िसिवल मं ालयों के िविभ काय मों, योजनाओं और गितिविधयों के िव ीय
िन ादन और भावो ादकता की मािनट रं ग हे तु उ रदायी है
वेबसाइट: www.cga.nic.in

िडिजटलीकरण पहल
सावजिनक िव बंधन प ित (पीएफएमएस) सीजीए ारा िडजाइन िकया गया, िवकिसत, ािम वाला
तथा ि या त एक वेब आधा रत ऑनलाइन सॉ वेयर ए ीकेशन है पीएफएमएस का ाथिमक उ े
भुगतान ा और लेखां कन के ापक नेटवक के थापना ारा एक समथ सावजिनक िव ीय बंधन
प ित की सुिवधा दान करना है इसका उ े है - (i) समय पर कोषों का अंतरण और (ii) कोषों के
जारी होने से संबंिधत लाभािथयों के बक खाते म इसके जमा होने तक पूरी टै िकंग भारत सरकार के
मं ालयों/िवभागों को इले ॉिनक भुगतान एवं ा हे तु स म बनाकर पीएफएमएस िडिजटल भारत पहल
म और मह पूण योगदान करता है िविभ रा सरकारों के िव ीय आईटी प ितयों के साथ
एकीकरण पीएफएमएस का एक मु उ े है िजससे योजना काया यन हे तु अंत रत कोषों की पूरी
टै िकंग और क ाण काय मों के िलए उपल िव के सम अवलोकन की सुिवधा िमलेगी
गैर-कर ा पोटल (एनटीआरपी) ारं भ करना
एवं अ कर ा यों के अलावा सरकारी राज की तेज वसूली सुिनि त करने के िलए एक
ऑनलाइन प ित का िवकास िकया गया है िजसके ारा आम जनता सिहत िविभ सरकारी एजिसयों/
पीएसयू आिद से मं ालयों/िवभागों को ा यां लेने म सुिवधा होगी
वेब उ रदायी पशनरों की सेवा (ड ूआरपीएस) क ीय पशन लेखा कायालय (सीपीएओ) ने क ीय
िसिवल पशनरों के िलए वेब उ रदायी पशनरों की सेवा ारं भ कर उनकी अिधका रता की िदशा म एक
मह पूण कदम उठाया है इस आईटी पहल से पशन एवं भुगतान संबंधी सूचना, ऑनलाइन पशन ि या
की टै िकंग और ऑनलाइन िशकायतों का िनपटारा तथा पशनरों की टै िकंग सिहत िविभ सेवा दान करता
है
ाय िनकायों हे तु पहल
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य िवभाग म ाय िनकायों हे तु एक क ीयकृत डाटाबेस की थापना की गई थी

क ीय पशन लेखा कायालय


क ीय पशन लेखा कायालय (सीपीएओ) की थापना वष 1990 म क ीय (िसिवल) पशनधा रयों और
तं ता सेनािनयों आिद के लेखा एवं भुगतान के िलए िकया गया था सीपीएओ य िवभाग, िव मं ालय
के महालेखा िनयं क के कायालय के अधीन एक सहायक कायालय है यह अिधकृत बकों के ज रए क
सरकार (िसिवल) के पशनभोिगयों को पशन के भुगतान की योजना के संचालन के िलए उ रदायी है
इसके मु काय ह- पशन िवतरण बकों के सीपीपीसी (क ीय पशन ि या क ों) को नए पशन और
पशन पुनरी ण मामलों म भुगतान के िलए ािधकृत करने हे तु ेशल सील ऑथो रटीज (एसएसए) िनगत
करना; पशन अनुदान और संबंिधत लेखा हे तु बजट की तैयारी; क ीय िसिवल पशनरों के पीपीओ और
पुनरी ण ािधकारों म दज सभी िववरणों वाले डाटा बक का अनुर ण; क ीय िसिवल पशनरों की
िशकायतों को संभालना
(1) सातव सीपीसी पशन संशोधन की ई-संशोधन उपयोिगताः सीपीएओ ने ई-संशोधन उपयोिगता िवकिसत
की है िजसम सीपीओज़ को भेजे जाने वाले सातव सीपीसी पशन मामलों के संशोधन के िलए ऑनलाइन
िडिजटल ह ा रत संशोधन अिधकार प भेजना भी शािमल है इस सुिवधा का इ ेमाल क नागर
मं ालयों/िवभागों के 600 भुगतान एवं लेखा कायालय कर रहे ह सीपीएओ पशन हे तु अिधकार ा सभी
24 बकों के 39 सीपीसीसी (क ीय पशन मण क ) को िडिजटल ह ा रत इले ॉिनक िवशेष सील
ािधकार (ई-एसएसए) उपल करा रहे ह इस सेवा के आधार पर िल खत श सीमा पीएओज़ से
सीपीएओं तक और सीपीओं से बकों तक सीिमत रह गई है
(2) ऑनलाइन पशन पेमट ऑडस (पीआरओज़) नंबर आवंटनः वष 2016 से क ीय पशन लेखा िवभाग
(सीपीएओ) ने वेतन और लेखा कायालय की सीपीएओ वेबसाइट पर ऑनलाइन पीपीओ नंबर आवंटन की
सुिवधा आरं भ की है तािक कागज आधा रत पीपीओ नंबरों के आवंटन की आव कता न पड़े इसके
आधार पर कागजी काय कम और काय ि या पहले से तेज हो सकेगी इसकी मदद से समय और डाक
खच की भी बचत होगी
(3) इले ॉिनक पशन भुगतान (ई-पीपीओ): क ीय पशन लेखा कायालय (सीपीएओ) ारा कागज रिहत
काय णाली हे तु पशन के िलए 24 आिधका रक बकों के 39 क ीय पशन मण क ों (सीपीपीसीज़) को
ािवत िडिजटलीकृत ह ा रत ई-िवशेष सील ािधकार (ई-एसएसए) कायरत है साथ ही, सभी
सीपीसीसीज़ अपने एसटीटीपी सवरों म नए तथा संशोिधत पशन मामलों के िडिजटल ह ा रत िवशेष
सील ािधकार ा कर रहा है
(4) वेब र ां िसव पशनस सेवा (ड ूआरपीएस): भारत सरकार के िडिजटल इं िडया अिभयान म
अवसंरचना म सुधार के ज रए तथा इं टरनेट कने िवटी को बढ़ाकर, इले ॉिनक प म सरकारी
सेवाओं को नाग रकों तक प ं चाया जाए यह काय सुरि त एवं थायी िडिजटल अवसंरचना; सरकारी
सेवाओं को िडिजटल ा प म; वृहद िडिजटल िश ा के आधार पर भी िकया जा सकता है
(5) सीपीएओ को सोशल मीिडया उप थितः पशनधारकों/पा रवा रक पशनधारकों को बेहतर सेवा और
उनकी िशकायत दज करने के िलए क ीय पशन लेखा कायालय के फेसबुक, ि टर और यू ूब पर
आिधका रक सोशल मीिडया अकाउं ट बनाए गए ह पशनधारी को सीपीएओं से संपक करने के िलए यह
नवीनतम तरीके ह पशनधारकों एवं अ लाभािथयों को ई-संशोधन उपयोिगता के िलए ड ूआरपीएस
सुिवधा के बेहतर इ ेमाल हे तु कई िश ा द वीिडयो भी बनाए गए ह
रा ीय िव ीय बंधन सं थान
रा ीय िव ीय बंधन सं थान (एनआईएफएम) की थापना वष 1993 म एक पंजीकृत सोसायटी तौर पर की
गई क के कैिबनेट म िवचार िकया गया िक एनआईएफएम, संघ लोक सेवा आयोग ारा वािषक िसिवल
सेवा परी ा के ज रए भत िकए गए और सरकार म लेखा एवं िव से संबंिधत िविभ सेवाओं के िलए
उ रदायी व र एवं उ बंधकीय पदों पर तैनात िकए गए अिधका रयों के िलए एक िश ण सं थान
होगा सं थान का ल न िसफ भारत म ब एिशया म िव ीय बंधन एवं संबंिधत िवधाओं के े म
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उ ृ क के तौर पर िवकिसत होना है सं थान संकाय की यो ता तथा मता के मामले म अ खल


भारतीय तकनीकी िश ा प रषद (एआईसीटीई) ारा िनधा रत मानकों का पालन करता है
वतमान म यह सं थान एआईसीटीई ारा अनुमोिदत पां च दीघाविध कायकम संचािलत करता है ; लेखा
सेवा के प रवी ाधीन नए चयिनत यों हे तु एक वष का पेशेवर िश ण काय म, सावजिनक िव ीय
बंधन म िड ोमा; सरकारी िव बंधन म एक वष य िड ोमा पा म; क ीय सरकार, रा
सरकारों, सावजिनक े के उप मों तथा सरकार के अधीन अ संगठनों के अिधका रयों हे तु बंधन म
दो-वष य ातको र िड ोमा (िव ीय बंधन) स म शोधकताओं, िश कों और सलाहकारों के िनमाण
हे तु बंधन म एक वष य ातको र िड ोमा (िव ीय बाज़ार)
वेबसाइट: www.nifm.ac.in
सामा िव ीय िनयमों का पुनरी ण
सामा िव ीय िनयम सावजिनक िव से जुड़े मामलों से संबंिधत िनयम एवं आदे श ह सामा िव ीय
िनयम पहली बार 1947 म, िव ीय मामलों से संबंिधत सभी िव मान आदे शों और अनुदेशों को एक साथ
लाकर, जारी िकए गए थे इनम मशः संशोधन कर इ जीएफआर 1963 और जीएफआर 2005 के प
म जारी िकया गया सेवाओं की समयानुसार िडलीवरी की सुिवधा म ज री लचीलापन दान करते ए
राजकोषीय बंधन की उ त, द और भावकारी े मवक म स मता हे तु सामा िव ीय िनयम-2017
जारी िकया गया था िवगत कुछ वष म सरकार ने अपने वसाय संचालन के तरीकों म कई अिभनव
बदलाव िकए ह गैर-योजना और योजना य म अंतर को हटाना, रे लवे बजट को सामा द ावेज के
मा म से प रणामों पर ान कि त करना जैसे सरकारी बजट म सुधार इन सभी का जीएफआर म
प रलि त होना ज री है सावजिनक िव बंधन प ित (पीएफएमएस) पर ादा ान, अिधकारों का
कुशल िवतरण सुिनि त करने के िलए लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना पर भरोसा, क ीय सावजिनक
ापण पोटल, सरकारी ई-माक िटं ग (जीईएम) पोटल, गैर-कर राज पोटल जैसे नए ई-साइटों के लागू होने
से भी वतमान जीएफआरएस के पुनरी ण की ज रत ई तािक बदलते ावसाियक वातावरण के साथ
सामंज रखा जा सके इसका उ े था जीएफआर को जवाबदे ही के िस ां तों और िव ीय अनुशासन
तथा यथे शासिनक त रता की ि याओं का पालन करते ए द ता बनाए रखना शासी िनकायों
को चलाने के तरीकों के अित र गैर-कर राज ों, उपयोग भारों, ई- ा पोटल पर नए िनयम जोड़े गए
थे

राज िवभाग
राज िवभाग एवं अ क ीय करों से संबंिधत सभी राज मामलों के संबंध म दो वै ािनक
िनकायों, क ीय कर बोड (सीबीडीटी) और क ीय उ ाद एवं सीमा शु बोड (सीबीईसी) के
मा म से िनयं ण रखता है यह िवभाग क ीय िब ी कर, ा ूटी और अ संबंिधत राजकोषीय
िविधयों से संबंिधत अिधिनयम के ावधानों के अनुसार िनयामक उपायों को लागू करने तथा शासन संबंधी
काय भी करता है यह िवभाग अफ़ीम का उ ादन और इसके उ ादों के िन ादन पर भी िनयं ण रखता
है

व ु एवं सेवा कर
िवधायी िवकास
रा ीय र पर व ु एवं सेवा कर (जीएसटी) का ाव सव थम 2006-07 म पेश िकया गया था व ु एवं
सेवा कर प रषद का गठन 2016 म िकया गया था वतमान म जीएसटी प रषद जीएसटी संबंिधत मह पूण
मु ों पर िवचार-िवमश कर रहा है क ीय जीएसटी िबल 2017; एकीकृत जीएसटी िबल 2017; जीएसटी
(रा ों को ितपूित) िबल 2017; पा रत कर दे श म जीएसटी जुलाई 2017 म
लागू िकया गया था इसकी मु िवशेषताएं ह- क ीय उ ाद शु , अित र उ ाद शु , औषधीय
और शौचालय िनमाणों ( उ ाद शु ) अिधिनयम 1955 के अंतगत लगाए गए उ ाद शु , सेवा कर,
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अित र उ ाद शु िजसे सामा तः ितकारी शु जाना जाता है , िवशेष अित र उ ाद शु


और क ीय अिध भारों एवं चुंिगयों म व ु एवं सेवा की आपूित से संब है को स िलत करना; व ुएं एवं
सेवाओं के अंतरराजीय के लेन-दे न पर एकीकृत व ु एवं सेवा कर लगाना; व ु एवं सेवा कर के अंतगत
मानव खपत हे तु अ ोहॉिलक शराब के अित र सभी व ुओं एवं सेवाओं को शािमल करना
पेटोिलयम एवं पेटोिलयम उ ादों के मामले म यह ावधान है िक इन व ुओं को जीएसटी के दायरे म
जीएसटी की अनुशंसा पर अिधसूिचत ितिथ तक नहीं रखा जाएगा संसद एवं रा िवधान सभाओं को व ु
एवं सेवा कर को संचािलत करने वाले िनयमों को बनाने हे तु समवत श दान करना; व ु एवं सेवा कर
के लागू होने से रा ों को ए राज के नुकसान की भरपाई िजसकी अविध पां च वष तक बढ़ाई जा
सकती है

भारतीय ा अिधिनयम
भारतीय ा अिधिनयम, 1899 लेन-दे न के रकॉड िकए गए द ावेजों से संबंिधत ा के प म
िनयमों के अनु प एक राजकोषीय कानून है सं ेप म, ा शु से संबंिधत िन िल खत ावधान
संिवधान म ह: अनु े द 246 के अंतगत संिवधान की सातवीं अनुसूची म संघ सूची की िवि 91 म िनधा रत
द ावेजों पर (यथा), िविनमय के िबलों, चेकों, ित ा प ों, लदान-प ों, साख प ों, बीमा की पॉिलिसयों,
ऋण-प ों, ॉ ी और ा यों) संघ ारा अनु े द 268 के अंतगत ा शु िलए जाते ह सभी रा
िजनम ये वसूले जाते ह, ा यों को जमा कर अपने पास रखता ह (क शािसत े ों को छोड़कर जहां ये
ा यां भारत के समेिकत कोष का अंश होती ह) वतमान म चेकों को छोड़कर इन सभी द ावेजों पर
शु िलए जाते ह:
(i) उपरो म विणत द ावेजों के अलावा अ पर ा शु रा ों ारा संिवधान की सातवीं अनुसूची
की रा सूची म विणत वृि 63 के आधार पर लगाया और सं िहत िकया जाता है
(ii) संिवधान की सातवीं अनुसूची की समवत सूची की वृि 44 के अंतगत शु की दरों से संबंिधत के
अलावा अ ावधान संघ और रा ों दोनों की िवधायी श के अंतगत आते ह
(iii) ऋण-प ों और ित ा प ों के मामले म ा शु की दरों को िसतंबर 2008 म क सरकार
यु संगत बनाया गया ह

क ीय कर बोड
कर
क ीय राज बोड अिधिनयम, 1963 ारा बनाया गया क ीय कर बोड (सीबीडीटी) भारत म
कर कानूनों के ि या यन के उ रदािय वाला शीष िनकाय है यह आयकर िवभाग (आईटीडी) का
कैडर िनयं क ािधकारी होता है
आधुिनक सूचना ौ ोिगकी के सहारे सीबीडीटी ने आयकर िवभाग के िव ृत कं ूटरीकरण काय म का
ि या यन िकया है इस काय म का ल है करदाता अनुकूल े की थापना, कर-आधार म वृ
करना, पयवे ण म सुधार और सरकार के िलए अिधक राज पैदा करना
करदाताओं ारा ै क अनुपालन और िबना ह ेप वाला और गैर-िवरोधा क कर शासन के
सृजन को बढ़ाने का यास है
वेबसाइट: www.incometaxindia.gov.in
राज सं ह
करों से राज सं ह िनरं तर बढ़ रहा है उ त कर शासन और बेहतर कर अनुपालन के प रणाम
प एक िनधा रत अविध म कर सं ह म सकारा क झुकाव िदख रहा है

ई-गवनस पहल
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पैन
(क) थायी खाता सं ा
थायी खाता सं ा (पैन) आयकर िवभाग ारा करदाताओं और इसके िलए आयकर अिधिनयम, 1961 के
अंतगत आवेदन करने वाले यों को आवंिटत िकया जाने वाला 10 अंकों की अ ा- ूमे रक सं ा
है थायी खाता सं ा (पैन) िवभाग को िकसी के सभी लेन-दे न को िलंक करने म स म बनाता है
पैन के मा म से जोड़े गए लेन-दे न म कर भुगतान, टीडीएस/टीसीएस े िडट, आय/ संपि के रटन,
िविश लेन-दे न, प ाचार आिद इस तरह पैन आयकर िवभाग के िलए िकसी हे तु पहचानकता का
काम करता है
(ख) सामा ावसाियक पहचान सं ा
पैन के पहचानकता की भूिमका अब आयकर िवभाग से बाहर भी फैल गई है ोंिक अब इसकी ज रत
बक खाता खोलने, डी मैट खाता खोलने, सेवा कर हे तु पंजीकरण ा करने, िब ी कर/वैट, उ ाद शु
पंजीकरण आिद के िलए भी है कई सरकारी िवभागों और सेवाओं के िलए पंजीकरण हे तु सामा
ावसाियक पहचान सं ा (सीबीआईएन) अथवा केवल ावसाियक पहचान सं ा (बीआईएन) बनने का
लाभ भी पैन को है
(ग) एक एक पैन
आयकर िवभाग िकसी एक को एक ही पैन रखने की अनुमित दे ता है डु ीकेट पैन िनगत होने
से रोकने के िलए ‘फोनेिटक मैिचंग ए ो र म’ वाले सॉ वेयर के उपयोग ारा डाटा के ितिलिपकरण की
जां च की जाती है आधार नामां कन के मा म से सं िहत बायोमीिटक डाटा का फायदा उठाने के मम
आधार काड को पहचान के वैध माण (पीओआई), ज ितिथ के माण (पीडीओबी) और पते का माण
(पीओए) आयकर िनयम 1962 के अंतगत पैन के आवंटन हे तु द ावेज के प म शािमल करने का िनणय
िकया गया था ितिलिपकरण नहीं होने दे ने की ि या को और मजबूती दान करने के लए पैन डाटाबेस
का यों के कंपनी पहचान सं ा (सीआईएन) से जोड़ा जा रहा है
(घ) पैन सेवा दाता
पैन से जुड़ी सेवाएं जैसे पैन आवेदन-प ा करना, जमा िकए गए द ावेजों की जां च, पैन आवेदन-
प का िडजीटलीकरण, डाटा की एनसीसी (रा ीय कं ूटर क ) पर अपलोिडं ग, पैन काड की छपाई और
पैन काड को भेजना को पैन सेवा दाता मेसस यूटीआईआईटीएसएल और मेसस एनएसडीएलई गौण को
आउटसोस िकया गया ह अपने 20,000 से अिधक ं ट कायालयों (पैन क ों) के नेटवक के मा म से
आवेदकों के ारा जमा िकए पैन आवेदन को ा और ॉसेस िकया जाता है हालां िक, पैन आयकर
िवभाग के रा ीय कं ूटर क (एनसीसी) के सु ढ़ सॉ वेयर के मा म से िवभाग के डाटाबेस म क ीय
प से उ (जेनरे ट) िकया जाता है और उसके बाद सेवा दाता ारा छपाई कर भेजा जाता है
(ङ) पैन स ापन सुिवधा
पैन स ापन सुिवधा सीबीडीटी के ई-फाइिलंग सवर के मा म से इं टरनेट ारा सरकारी िवभागों को
दान िकया जाता है इस यूजर के ारा एक-एक कर पैन स ापन अथवा एक हजार पैन का थोक
स ापन फाइल ोसेिसंग ारा िकया जा सकता है
नाम, िपता का नाम और ज ितिथ (डीओबी)/शािमल िकए जाने की ितिथ ( डीओआई) मालूम होने पर
आयकर के सरकारी बेवसाइट: www.incometaxindia.gov.in पर ‘अपना पैन जान’ सुिवधा के मा म से
भी पैन का स ापन िकया जा सकता है आयकर पैन सेवा दाताओं (यूटीआईटीएसएल और
एनएसडीएलईजीओवी) ारा (i) िव ीय सं थानों (आरबीआई/बकों), (ii) सरकारी एजिसयों, (iii) वािषक
सूचना रटन भरने वाले , (iv) वािषक सूचना रटन फाइल करने वाली कोई अ सं था, (v) े िडट
काड कंपिनयों/सं थानों, आिद जैसी एजिसयों को पैन स ापन हे तु सेवा भी दान की जाती है
(च) िशकायत िनवारण मशीनरी
पैन से संबंिधत िशकायत िनवारण मशीनरी पूणतः ह पैन से संबंिधत कोई िशकायत जब भी ा
होती है उसे िदशािनदश और वतमान अनुदेशों के साथ े ीय कायालयों को भेजने सिहत उिचत कारवाई
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की जाती है क ीकृत सावजिनक िशकायत िनवारण और मॉिनट रं ग प ित (सीपीजीआरएएमएस) के


मा म से भी िशकायत ा की जाती है पैन से जुड़ी सभी िशकायत सीपीजीआरएसएस के वेबसाइट से
डाउनलोड की जाती ह और उनकी जां च के बाद िनदे शालय ारा उिचत कारवाई की जाती है तथा ऐसे
मामलों म की गई िनवारक कारवाई के बारे म सूचना वेबसाइट पर अपलोड की जाती है पैनधारकों और
नए पैन आवेदकों के िलए ई-फाईिलंग पोटल पर ई-िनवारण सुिवधा के मा म से िशकायत दज कराने का
नया तरीका उपल कराया गया है यहां िशकायतकता िविश िशकायत और इस मामले के िनवारण के
िलए उ रदायी अिधकारी का चयन कर सकता है यह पूरी ि या ऑनलाइन है और िवभाग के
पदािधका रयों के अलावा पैन सेवा दाताओं मेसस यूटीआईआईटीएसएल और मेसस एनएसडीएलई
(जीओवी) के ई-िनवारण तं के साथ सावजिनक िशकायतों को दू र करने के िलए समेिकत कर िदया गया
है

नई पहल
(क) औ ोिगक नीित और संवधन िवभाग (डीआईपीपी) का ई-िबज पोटल
के साथ एकीकरण
वािण एवं उ ोग मं ालय का ई-िबज काय म एक िमशन मोड प रयोजना है जो िनवेशकों को
लाइसिसंग, पयावरण एवं भूिम मंजूरी, ाट-अप वसायों के िलए िविभ मं ालयों एवं िवभागों से
अनुमोदन जैसी एकल खड़की मंजूरी की सुिवधा दान करता है औ ोिगक नीित और संवधन िवभाग
(डीआईपीपी) का ई-िबज पोटल के साथ पैन एवं टै न सेवा का एल1 एल3 एकीकरण पूरा कर िलया गया है
एल1 एकीकरण म पैन तथा टै न हे तु आवेदन ई-िबज पोटल के मा म से ा िकए जाते ह और पैन सेवा
दाताओं को अ ेिषत िकए जाते ह
(ख) एमसीए पोटल के साथ एकीकरण
एमसीए पोटल पर सामा ए ीकेशन प ‘ ाईस’ (आईएनसी32) के योग ारा नई कंपिनयों के
पंजीकरण की ि या के साथ पैन एवं टै न ि याओं को एकीकृत कर िदया गया है पैन एवं टै न का
आवंटन एमसीए पोटल से प 49ए और 49बी म आवेदन डाटा ा होने के समय से चार घंटे के टन
अराउं ड समय (टीएटी) म िकया जा रहा है इस ि या ारा नई कंपिनयों के समावेशन का माण-प पर
सीआईएन के साथ पैन भी छापा जा रहा है
(ग) डीएससी और ई-िस ेचर का उपयोग करते ए कागजिवहीन आवेदन
िडिजटल ह ा र माण-प और आधार आधा रत ई-िस ेचर का उपयोग करते ए पैन के आवेदन हे तु
ऑनलाइन पेपर लेस ि या दोनों सेवा दाताओं मेसस एनएसडीएल और मेसस यूटीआईआईटीएसएल के
वेबसाइटों पर ारं भ िकया गया है इस ि या के अनुसार िडिजटल ह ा र माण-प या ई-िस ेचर
वाला कोई पैन के िलए ऑनलाइन फॉम 49ए ारा आवेदन कर सकता है और पहचान के माण,
ज ितिथ का माण, पते का माण की ै न की गई ितयों के साथ फोटो और ह ा र सिहत िडिजटल
ह ा रत आवेदन अपलोड कर सकता है उसे भौितक प से डाक ारा द ावेज भेजने की ज रत
नहीं है
(घ) आधार आधा रत ई-केवाईसी का उपयोग करते ए पेपरलेस आवेदन
आधार डाटा और आवेदक के फोटो का उपयोग करते ए पैन के आवंटन हे तु दू सरी पेपरलेस ि या
आरं भ की गई है इस ि या को ई-केवाईसी ि या कहा जाता है िजसम एक माणीकरण ि या के
मा म से आवेदक ारा सीधे आधार डाटाबेस से आवेदक का जनसां कीय िववरण और फोटो िलया
जाता है आधार आधा रत ई-िस ेचर का उपयोग करते ए आवेदन-प पर ह ा र करता है यह
ि या पूरी तरह पेपरलेस है और कुछ भी संल करने की ज रत नहीं है िजससे पैन का आवंटन ज ी
होता है
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(ङ) ई-पैन काड


सभी नए आवेदकों और काड पुनमु ण अनुरोध को अब ई-आधार की तज पर ई-मेल ारा िडिजटली
ह ा रत ई- पैन काड ा करने का िवक दान िकया जा रहा है इस पहल से डाक ारा पैन काड
के ेषण के समय म कमी आई है
(च) सामा सेवा क
दे श के दू र-दराज े ों म पैन आवेदन ा करने के िलए पैन सेवा दाताओं मेसस यूटीआईआईटीएसएल
और मेसस एनएसडीएलईजीओवी के साथ सामा सेवा क ों ( ाम रीय उ म) को नामां िकत िकया गया
है इस पहल के प रणाम प ामीण र पर पैन सेवाओं की प ं च बढ़ी है
आयकर रटन की इले ॉिनक फाइिलंग
आयकर रटन की ई-फाइिलंग सव थम 2006-07 म िनगमों हे तु शु की गई थी ई-फाइ रटन की
सं ा िव वष 2006-07 के लगभग 4 लाख से बढ़कर िव वष 2016-17 म 5.28 करोड़ हो गई है यह
सुिवधा करदाताओं के िलए िन:शु है िवभाग म फाइल िकए गए कुल रटन का लगभग 98 ितशत ई-
रटन ह ई-फाइिलंग वेबसाइट िजसके 6.2 करोड़ से अिधक पंजीकृत उपयोगकता ह लेखा परी ा
रपोट , करदाताओं ारा आवेदनों और सूचना द िववरणों सिहत िविभ कार के प ों की ऑनलाइन
फाइिलंग हे तु सुिवधा दान करता है 50 से अिधक प ऑनलाइन उपल ह
ावसाियक ि याओं की आईटी स मता
कर शासन के अंतगत ावसाियक ि याओं की र-इं जीिनय रं ग म ौ ोिगकी की एक मह पूण
भूिमका है जो कमचा रयों को सुसंगत और स म प से प रणामों की िडलीवरी म समथ बनाता है
आयकर िवभाग के सभी आं त रक ि याओं के कं ूटरीकरण हे तु नए ए ीकेशन के िवकास के साथ ही
आयकर ावसाियक ए ीकेशन (आईटीबीए) की प रक ना की गई थी आईटीबीए का मु उ े
सभी आं त रक ावसाियक ि याओं को ई-समथ बनाना है तािक िनणय लेने और रपोिटग, प ाचार और
आं त रक अनुमोदनों म प र म को कम करने हे तु सूचना और काय को एक ही थान पर लाकर अिधकारी
और कमचारी अपनी द ता बढ़ाने म समथ हो पाएं
िशकायत िनवारण प ित ई-िनवारण का एकीकरण
ई-िनवारण का उ े िवभाग ारा ा सभी ऑनलाइन और भौितक िशकायतों के एकीकरण ारा जब
तक ये तािकक प रणित तक नहीं प ं चती शी िनपटारा सुिनि त करने हे तु कर दाताओं के िशकायत
िनवारण का रत िनपटारा है
आयकर िवभाग का रा ीय वेबसाइट: http..incometaxindia.gov.in
आयकर िवभाग ारा आयकर दाताओं की सेवाओं म वृ हे तु वष 2014 म नए रा ीय (www.incometax
india.gov.in) की शु आत एक मु पहल के प म की गई थी इसम वष 2015 म िविभ
उपयोगकताओं, ापार संघों और अ िह ेदारों से ा फीडबैक को ान म रखते ए कई सेवाओं को
शािमल कर सुधार िकया गया था नए ले-आउट वाला वेबसाइट उपयोगकताओं और करदाताओं के िलए
वष 2015 म शु कराया गया था कई नए फीचर, सेवाएं और काया कताओं को इसके साथ जोड़ा गया
तािक इसे यूजर डली सूचना द और उपयोगी बनाया जा सके
मुख नाग रक उपयोगी पहल
आयकर सेवा क
दू सरी एआरसी के 12 रपोट का ल आधुिनक ौ ोिगकी के योग से नाग रक कि त शासन है
आयकर सेवा क (एएसके) आयकर िवभाग के िसिटजन चाटड के काया यन हे तु िसंगल िवंडो प ित
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और सावजिनक सेवा दान करने म उ ृ ता ा करने हे तु एक तं है एएसके म ा सभी प ों और


रटन का िनयिमत िन ादन अिनवाय है िजसकी मॉिनट रं ग और समी ा उ तम र पर की जा सकती
है इससे आयकर िवभाग म ई-गवनस की मजबूत संरचना की थापना और िनरं तरता सुिनि त होती है
आयकर सेतु
ाट फोन का उपयोग िदनानुिदन बढ़ रहा है आयकर दाता की सेवाओं और मोबाइल ारा प ं च के
अनुभव को बढ़ाने के उ े से एक मोबाइल एप (ए ोयड/आईओएस ेटफॉम पर उपल ) और
आयकर दाता सेवाओं (टीपीएस) के अनुभाग का रा ीय वेबसाइट पर एक उ रदायी सं रण ‘आयकर
सेतु’ 2017 म आरं भ िकया गया है आयकर सेतु से आयकरों के ऑनलाइन भुगतान, करों की गणना, ई-
िनवारण मो ूल के ज रए िशकायतों का िनवारण, कर ान, टीडीएस/टे सेज और अ िविश ताओं की
सुिवधा होगी
टीडीएस एसएमएस चेतावनी योजना
सीबीडीटी ने करदाताओं को समय पर और सही डाटा दान कर बेहतर करदाता सेवा दान करने के म
म इस योजना म वेतनभोगी किमयों को ैमािसक आधार पर एसएमएस चेतावनी दे ने की योजना शु की
गई है
चार अिभयान
िवगत कई वष से िवभाग ने अपनी संवाद रणनीित म बदलाव ारा शु वतन एजसी की बजाय
करदाता सुिवधा दाता, सेवा दाता और रा िनमाण म उनके योगदान की ीकृित संबंधी संवाद को
भावी प से लागू िकया है िव वष 2016-17 म ब त सारे चार अिभयान चलाए गए िजनम अि म कर
के भुगतान की िनधा रत ितिथ, रटन को फाइल करना, टीडीएस िववरणों की फाइिलंग और टीडीएस
माण प ों को जारी करना, वािषक सूचना रटन की फाइिलंग, टीआरपी की सेवाओं, सतकता जाग कता
स ा, आय घोषणा योजना, धानमं ी गरीब क ाण योजना, िवमु ीकरण और पुराने बकायादारों के नामों
का काशन जैसे जाग कता अिभयान
सोशल मीिडया
िवभाग ने िदसंबर 2015 से सोशल मीिडया के मा म से अनुमोिदत सोशल मीिडया नीित के अनुसार
सोशल मीिडया चैनलों के मा म से चार अिभयान शु िकया है सोशल मीिडया संबंधी गितिविधयां
आिधका रक िट् वटर खाता @incometaxindia के मा म से भी लगातार जारी है िवभाग के िट् वटर खाते
के 1,00,000 से ादा फॉलोअर ह
क ीय उ ाद एवं सीमा शु बोड
क ीय उ ाद एवं सीमा शु बोड (सीबीईसी) का काय सीमा शु एवं क ीय उ ाद शु , सेवा
कर लगाने और उनका सं ह करने, त री रोकने और शु ों के अपवंचन से संबंिधत नीित बनाने और
सीमा शु , क ीय उ ाद शु और सेवा कर से संबंिधत सभी शासिनक मामलों से संबंिधत है
सीबीईसी के मु उ े ह: अ कर राज ों का सं ह, करदाता सेवाओं म सुधार, िन ापार
हे तु अनुपालन म सुधार तथा सीमा िनयं णों को लागू करना और द ता तथा पारदिशता को उ त करना
और ऐसे उ े ों हे तु मानव संसाधनों का िवकास सीबीईसी म एक अ और 6 सद होते ह
वेबसाइट: www.cbic.gov.in

िववाद िनपटारा एवं अपील


सीमा शु , क ीय उ ाद शु एवं सेवा कर के अिधका रयों के पास सीमा शु अिधिनयम, 1962,
क ीय उ ाद शु अिधिनयम, 1944 और सेवा कर िनयमों (िव अिधिनयम, 1944) के अंतगत मामलों
पर िनणय दे ने का अिधकार है आयु (अपील) वाली अपीलीय तं सीमा शु एवं क ीय उ ाद के
आयु से नीचे रक वाले अिधका रयों ारा पा रत आदे शों के खलाफ अपील की सुनवाई करते ह सीमा
शु , क ीय उ ाद शु एवं सेवाकर अपील ायािधकरण, सीईएसटीएटी (पूववत सीमा शु , उ ाद
एवं ण (िनयं ण) अपील ायािधकरण) सीमा शु अिधिनयम, 1962 क ीय उ ाद शु अिधिनयम,
1944 के अंतगत सीमा शु एवं उ ाद शु आयु ों हे तु एक तं मंच है और आयु (अपील) ारा
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पा रत आदे शों के िव दू सरा अपील है

सीमा शु
भारतीय सीमा शु ईडीआई प ित (आईसीईएस) एक ईडीआई आधा रत काय वाही ए ीकेशन है जो
(i) आयात एवं िनयात घोषणाओं/मालसूिचयों की फाइिलंग और ोसेिसंग, (ii) चुने गए मालों का णाली
मू ां कन, (iii) माल िनकासी के भारी और अ संब एजिसयों के साथ संदेश का आदान- दान,
इले ॉिनक प म करने म स म बनाता है 214 थानों पर काया त आईसीईएल के दायरे म
साम ीवार दे श के अंतररा ीय ापार का 98 ितशत से अिधक और मू वार 90 ितशत आता है
वािषक 200 करोड़ से अिधक िहट वाला ई-कॉमस वेबपोटल भारतीय सीमा शु ईडीआई गेटवे
(आईसीईजीएटीई), आईसीईएस और सीमाशु समुदाय के साझीदारों के बीच बातचीत का एकमा थल
है यह पंजीकरण, ई-फाइिलंग, ई-पेमट, द ावेज की थित और हे डे तथा सीमा शु और िविभ
िनयामक और लाइसिसंग पदािधका रयों के बीच डाटा (लेन-दे न और अनुवत ापार की सुिवधा दान
करना लेन-दे न की लागत और काग म लगने वाले समय म सहवत कमी के साथ) जैसी सेवाएं दान करता
है तथा जो खम बंधन प ित के मा म से गैर-अनु प अथवा जो खमभरे लेन-दे नों को लि त करता है
2016 म छह मु भागीदार सरकारी एजिसयों (पीजीए) के साथ सीमा शु ईडीआई थलों पर ापार
को सुिवधा दान करने हे तु एकल खड़की इं टरफेस ( ) को आयाितत मालों की िनकासी हे तु एकमा
थल, इं टरफेस के प म ारं भ िकया गया आवेदकों को सामा इले ॉिनक ‘एकीकृत घोषणा’
हे तु स म बनाता है िजसम सीमा शु , एफएसएसआई, पादक संगरोधन, पशु संगरोधन, डग िनयं क
व जीवन िनयं ण ोरों और व सिमित की ज रतों के अनुसार सूचनाएं सं िहत होती ह और इससे
इन एजिसयों के नौ अलग-अलग प ों को हटा िदया गया है
सीबीईसी-जीएसटी आवेदन
जीएसटी की वसाय ि याओं यथा, पंजीकरण, रटन, भुगतान और वापसी जीएसटीएन ारा बंिधत
समान पोटल www.gst.gov.in से दान िकया जाता है अनुकूलन बक एं ड ि याएं दान करने हे तु
चरणब प म सीबीईसी-जीएसटी ए ीकेशन का िडजाइन िवकास कर उसे लगाया जा रहा है इसके
अित र ापार और िवभागीय उपयोगकताओं दोनों के िलए आव कतानुसार सीईसी-जीएसटी
ए ीकेशन पर यूजर इं टरफेस के साथ पूरक वसाय ि याओं जैसे- आकलन, लेखा परी ा, ाियक
िनणय आिद को भी डाला जा रहा है इसके िलए सीबीईसी-जीएसटी सवर ा , भंडारण, एपीआई डाटा
की ोसेिसंग िवभागीय उपयोगकता के िलए डाटा का ुतीकरण, रपोट िनकालना, एमआईएस और
िव ेषण यं ों जैसे उ रीय गितिविधयों से लैस ह
उ म डाटा वेयरहाउस
सीबीईसी उ म डाटा वेयरहाउस को सव थम ि या त करने वाले सरकारी िवभागों म से एक है यह
सीमा शु , क ीय उ ाद शु और सेवा कर से संबंिधत वा िवक समय के करीब एक साफ और
अनु प क ीय भंडार है ऑनलाइन िव ेषक ोसेिसंग और डाटा माइिनंग हे तु इसके पास अपने वग म
सव म वसाय आसूचना यं है और वतमान म सीबीईसी, अ मं ालयों और बाहरी एजिसयों ारा
वां िछत डाटा और रपोट का ाथिमक ोत ह

वतन िनदे शालय


वतन िनदे शालय की थापना िवदे शी मु ा िविनयमन अिधिनयम (फेरा), 1947 के ावधानों को लागू करने
के उ े से वष 1956 म नई िद ी म की गई थी फेरा, 1947 को बाद म िवदे शी मु ा िविनयमन
अिधिनयम, 1973 से बदल िदया गया था फेरा एक आपरािधक अिधिनयम था िजसम िनणय दे ने वाले
अिधका रयों ारा उ ंघनों पर िनणय दे ने के अलावा अदालत म अिभयोजना प के दा खल होने का
ावधान था फेरा को वष 2000 म िवदे शी मु ा बंधन अिधिनयम, 1999 (फेमा) से बदल िदया गया बाद
म िनदे शालय को ि वशन ऑफ मनीलॉ रं ग ए , 2002 (पीएमएलए), जो 2005 म भाव म आया, के
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उ रदािय ों के काया यन का काम भी सौंपा गया था वतमान म वतन िनदे शालय दो कानूनों यथा-
िवदे शी मु ा बंधन अिधिनयम, 1999 (फेमा) और काले धन को वैध करने की रोकथाम अिधिनयम, 2002
(पीएमएलए) को लागू करने के अलावा फेरा के अंतगत ारं भ िकए गए बचे ए काय भी दे ख रहा है
िनदे शालय िविश आसूचना/सूचना के आधार पर िवदे शी मु ा के लेन-दे न से संबंिधत उ ंघनों हे तु जां च
ारं भ करता है और फेमा के अंतगत उिचत कारवाई करता है अिधिनयम के अंतगत िनणायक
ािधकरणों की सम िशकायत दज की जाती ह स म िनणायक ािधकरणों ारा आरोप सही होने का
िनणय होने पर उ ंघनों की रािश अिधकतम तीन गुणा तक की रािश का दं ड ािधकरण ारा आरोिपत
िकया जा सकता है िनणायक ािधकारी ऐसे उ ंघनों म शािमल रािश को ज करने का आदे श भी दे
सकता है
पीएमएलए के अंतगत अिधिनयम का अनुसूची म दज अपराधों म से िकसी एक के अंतगत कानून
वतन एजसी ारा मामला दज िकए जाने के बाद ही िनदे शालय जां च शु कर सकता है िनदे शालय
मामले की जां च यह सुिनि त करने के िलए करता है िक ा अपराध की आमदनी कानून वतन एजसी
ारा दज िवधेय अपराधों से ा ई है और ऐसी आमदनी के अवैध धन को वैध बनाया गया है थम
या मामला बनने की थित म िनदे शालय उस दागी संपि को ज या अटै च कर सकता है अिधिनयम
म सीमा पार से संबंध रखने वाले लेन-दे न से उ दागी संपि का पता लगाने और उसे गितहीन कर दे ने
हे तु जां च ारं भ करने का भी ावधान है ऐसे अ ेषण िवदे शी शासकों के साथ िनवेदन-प के मा म से
िकए जाते ह पीएमएलए के अंतगत अवैध धन को वैध बनाने का अपराध दं डनीय है िजसकी सजा जुमाने
के साथ कम से कम तीन वष की कैद िजसकी अविध सात वष तक हो सकती है एनडीपीएस अिधिनयम
के उ ंघन संबंधी अपराधों की थित म 10 वष तक की कैद हो सकती है पीएमएलए के अंतगत सजा
होने की थित म अटै च की गई संपि ज कर ली जा सकती है
वेबसाइट: www.enforcementdirectorate.gov.in
िव ीय आसूचना इकाई-भारत
िव ीय आसूचना इकाई-भारत (एफआईयू-आईएनडी) संिद िव ीय लेन-दे न से संबंिधत सूचना ा
करने, ोसेिसंग, िव ेषण करने और सार हे तु क ीय रा ीय एजसी है एफआईयू-आईएनडीकी थापना
भारत सरकार ारा वष 2004 म अवैध धन को वैध बनाने, संबंिधत अपराधों और आतंकवािदयों के
िव पोषण का सामना करने हे तु एक भावी रा ीय, े ीय एवं भूमंडलीय नेटवक हे तु की गई थी यह एक
तं िनकाय है जो िव मं ी के नेतृ वाले आिथक आसूचना प रषद (आईईसी) को रपोट करती है
शासिनक उ े ों हे तु एफआईयू-आईएनडी िव मं ालय के राज िवभाग के अधीन है एफआईयू-
आईएनडी की थापना एक शासिनक एफआईयू के प म की गई है यानी- िव ेषणों को पाने वाले
और समुिचत कानूनी वतन या अ ेषण एजसी को एसटीआर का सार करने वाले एक तं सरकारी
िनकाय के प म एफआईयू-आईएनडी मामलों का अ ेषण नहीं करता है एफआईयू-आईएनड़ी के
मु काय म घरे लू सहयोग, अंतररा ीय सहयोग, आउटरीच, अनुरोध करने एवं फीडबैक दे ने सिहत
फाइिलंग, िव ेषण और सूचना के सार हे तु पूरा समाधान दे ते ए सूचना और ौ ोिगकी आधा रत
ेटफॉम (एफआईएन नेट) का अनुपालन और शासन शािमल है
वेबसाइट: www.finindia.gov.in
नशीले पदाथ का िनयं ण
नशीले पदाथ का िनयं ण िडवीजन नशीली दवाओं और मादक पदाथ के अिधिनयम 1985 को लागू करता
है यह अिधिनयम िचिक कीय और वै ािनक उ े ों के अलावा नशीली दवाओं और मादक पदाथ के
िनमाण, उ ादन, धारण, िब ी, खरीद, प रवहन, भंडारण, उपयोग, खपत, अंतररा ीय आयात,
अंतररा ीय िनयात, भारत म आयात, भारत से िनयात या यानां तरण का िनषेध करता है सीमा शु ,
क ीय उ ाद शु एवं सेवा कर अपील
सीमा शु , क ीय उ ाद शु एवं सेवा कर अपील
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सीमा शु , क ीय उ ाद शु एवं सेवा कर अपील ायािधकरण (पूववत सीमा शु , उ ाद शु


एवं ण (िनयं ण) अपील ायािधकरण) की थापना मशः सीमा शु अिधिनयम, 1944 और िव
अिधिनयम, 1944 के अंतगत सीमा शु , क ीय उ ाद शु एवं सेवा कर आयु /आयु (अपील)
ारा िदए गए आदे शों एवं िनणयों के िव सुनवाई हे तु अध- ाियक िनकाय के प म की गई थी
ितपालन मामलों म अिधकरण के पास अपीलीय े ािधकार भी है और ऐसे मामलों की सुनवाई अ ,
सीईएसटीएटी की अ ता म एक िवशेष पीठ ारा की जाती है अिधकरण का मु ालय और धान पीठ
िद ी म थत है े ीय शाखाएं मुंबई, कोलकाता, चे ई, बंगलु , अहमदाबाद, चंडीगढ़, इलाहाबाद और
है दराबाद म है , िजनके अलग-अलग े ािधकार ह जहां िद ी और मुंबई दोनों की चार-चार पीठ ह,
चे ई, म 2 पीठ और अ थानों पर एक-एक पीठ ह इस ायािधकरण की सभी पीठ म एक ाियक
सद और एक तकनीकी सद होते ह

िव ीय सेवा िवभाग
िव ीय सेवा िवभाग (डीएफएस) मु प से सावजिनक े के बकों (पीएसबी) और िव ीय सं थानों से
संबं नीितगत मु ों हे तु उ रदायी है , िजसम पीएसबी और िव ीय सं थानों की काय णाली, अ , बंध
िनदे शक और मु कायकारी अिधका रयों (एमड़ी एवं सीईओ), कायकारी िनदे शकों (ईडी), अ -सह-
बंध िनदे शकों (सीएमडी) की िनयु , िवधायी मामले, अंतररा ीय बिकंग संबंध शािमल ह भारतीय
रजव बक के गवन/िड ी गवनर की िनयु , रा ीय कृिष और ामीण िवकास बक (नाबाड), कृिष िव
िनगम, सहकारी बकों, े ीय ामीण बकों (आरआरबी) और ामीण कृिष साख से जुड़े मामलों हे तु भी
िवभाग उ रदायी है यह िवभाग सरकार के िव ीय समावेशन काय म, सामािजक सुर ा योजनाओं और
ऋण के वाह की सुिवधा पर कि त अ लि त योजनाएं , बीमा े और सावजिनक े बीमा कंपिनयों से
जुड़े मामले, िविभ बीमा अिधिनयमों के शासन को भी शािसत करता है भारतीय बीमा िनयामक एवं
िवकास ािधकरण (आईआरडीएआई) से जुड़े मामले, नई पशन योजना (एनपीएस) सिहत पशन सुधारों से
जुड़े मामले, पशन कोष िनयामक एवं िवकास ािधकरण (पीईआरडीए) आिद से संबंिधत िवधायी एवं अ
मु े भी िवभाग दे खता है
इसम पशन और औ ोिगक िव और सू , लघु और म म उप म भी शािमल ह इसम उप म
शु िकए, इसने धानमं ी जन धन योजना शु की पशन िनिध िनयामक और िवकास ािधकरण
सां िविधक म ल है जो इस िवभाग के अंतगत भी काम करता है
वेबसाइट: www.financialservices.gov.in

भारतीय रज़व बक
भारतीय रज़व बक, भारत का क ीय बिकंग सं थान है , जो भारतीय पये की मु ा संबंधी नीित को
िनयंि त करता है भारतीय रज़व बक ने 1 अ ैल, 1935 को भारतीय अिधिनयम, 1934 के अनुसार
संचालन शु िकया 15 अग , 1947 को भारत की तं ता के बाद, आरबीआई को 1949 म रा ीयकृत
िकया गया
आरबीआई के चे ई, िद ी, कोलकाता और मुंबई म चार आं चिलक कायालय ह पूरे भारत म 21
े ीय कायालय और 11 उप-कायालय ह े ीय कायालय अहमदाबाद, बंगलु , भोपाल, भुवने र,
चंडीगढ़, चे ई, िद ी, गुवाहाटी, है दराबाद, जयपुर, ज ू, कानपुर, को , कोलकाता, दे वास, लखनऊ,
मुंबई, नागपुर, पटना, दे हरादू न और ित वनंतपुरम म ह और उप-कायालय अगरतला, आइजॉल, दे हरादू न,
गगटोक, इं फाल, पणजी, रायपुर, रां ची, िशलां ग, िशमला और ीनगर म थत ह
क ीय बक के प म, आरबीआई भारत का एक शीष तं िव ीय ािधकरण है जो बकों को िनयंि त
करता है और िवदे शी मु ा भंडार सं हण जैसी मह पूण िव ीय सेवाएं दान करता है अलग-अलग दे शों
म क ीय बक िविभ नामों से जाना जाता है सभी दे शों म क ीय बक के काय िभ ह और वे ाय या
अध- ाय िनकाय के प म काय करते ह क ीय बक अथ व था की एक मह पूण िव ीय शीष
सं था है और सभी दे शों म क ीय बकों के मु ल िभ हो सकते ह िफर भी वे आिथक थरता को
बनाए रखने और अथ व था के िवकास के ल के साथ गितिविधयों और काय का िन ादन करते ह
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आरबीआई दे श की िवकास रणनीित म एक मह पूण भूिमका िनभाती है यह बक एिशयाई समाशोधन


संघ का सद है 21 सद क ीय िनदे शक मंडल, रा पाल, चार उप-गवनर, िव मं ालय के दो
ितिनिध, मह पूण िस ां तों का ितिनिध करने के िलए भारत सरकार ारा नािमत दस सरकारी
िनदे शक और मुंबई, कोलकाता, चे ई और नई िद ी मु ालयों के थानीय बोड का ितिनिध करने के
िलए चार िनदे शक आरबीआई का सामा अधी ण और नीितयों का संचालन करते ह
सटल बक ऑफ इं िडया, आिथक नीित की दे ख-रे ख, मु ा जारी करना, िवदे शी मु ा का बंधन, सरकार
के िलए एक बक के प म और अनुसूिचत वािण क बकों के िलए बकर के प म कई काय को
िन ािदत करता है यह दे श के सम आिथक िवकास के िलए भी काम करता है आरबीआई का
ाथिमक उ े , िव ीय े का संगित पयवे ण करना है िजसम वािण क बक, िव ीय सं थान और
गैर-बिकंग िव कंपिनयां शािमल ह भुगतान और िनपटान णाली, आिथक िनपुणता म सुधार करने म
एक मह पूण भूिमका िनभाती है भुगतान और िनपटान णाली अिधिनयम, 2007 (पीएसएस अिधिनयम),
रज़व बक को दे श की भुगतान और िनपटान णाली के िलए िविनयमन और पयवे ण का अिधकार दे ता
है
आरबीआई की भूिमका, सकुशल, सुरि त और िनपुण भुगतान और िनपटान तं के िवकास और
कायकलाप पर कि त है भुगतान की दो णािलयां , रा ीय इले ॉिनक िनिध अंतरण (एनईएफटी) और
त ाल सकल िनपटान (आरटीजीएस), यों, कंपिनयों और फम को एक बक से दू सरे बक म धन
ह ां तरण करने की अनुमित दे ता है इन सुिवधाओं का उपयोग केवल दे श के भीतर धन ह ां तरण के
िलए ही िकया जा सकता है अिधक िव ृत अथ व था और पूंजी वाह से उ होने वाली वैि क
अथ व था के साथ भारतीय अथ व था के बढ़ते एकीकरण और इस सेगमट को िविनयिमत और बंिधत
करने म आरबीआई ने एक मह पूण भूिमका िनभाई है यह दे श के िवदे शी मु ा और ण भंडार का
बंधन करता है
आरबीआई भारत म मु ा जारी करने के िलए एकमा अिधकृत सं था है मु ा जब प रसंचरण के िलए
उपयु नहीं होती तो बक उसे वहीं न कर दे ता है क ीय बक ारा जारी िकए गए सभी पैसे इसकी
मौि क दे यता है , यानी क ीय बक कागज़ मु ा म सावजिनक िव ास को बढ़ाने के िलए, समान मू की
संपि यों के साथ मु ा को वापस करने के िलए बा है इसका उ े बक नोट जारी करना है और मु ा
को बनाए रखना और पया सावजिनक आपूित करना है तथा दे श के े िडट िस म को इसका सबसे
अ े लाभ का इ ेमाल करने के िलए और भंडार बनाए रखना है पयों की ि ंिटं ग के िलए भारत
ितभूित मु ण तथा मु ा िनमाण िनगम िलिमटे ड (एसपीएमसीआईएल), भारत सरकार की पूण ािम
वाली कंपनी ने नािसक, महारा और दे वास म दे श म ि ंिटं ग ेस थािपत िकए ह भारतीय रज़व बक
नोट मु ण ाइवेट िलिमटे ड (बीआरबीएनएमपीएल) ने भी कनाटक के मैसूर म ि ंट ेस और पि म बंगाल
की सालबोनी म थापना की है एसपीएमसीआईएल के पास मुंबई, भारतीय, कोलकाता और है दराबाद म
चार टकसाल ह
आरबीआई ने बाज़ार म नकली मु ा की सम ा को रोकने के िलए, लोगों के बीच नकली नोटों के बारे म
जाग कता बढ़ाने के िलए एक वेबसाइट www.paisaboltahai.rbi.org.in लॉ की है जो नकली मु ा की
पहचान के बारे म जानकारी दान करती है
वेबसाइट: www.rbi.org.in

े ीय ामीण बक
े ीय ामीण बकों (आरआरबी) की थापना, े ीय ामीण बक अिधिनयम, 1976 के अंतगत, सहकारी
ऋण योजना के वैक क सृजन हे तु और ामीण एवं कृिष े के िलए पया सां थािनक ऋण सुिनि त
करने हे तु की गई थी आरआरबी भारत सरकार, संबंिधत रा सरकार तथा ायोजक बकों के संयु
ािम म है , इसकी जारी पूंजी मशः 50 ितशत, 15 ितशत और 35 ितशत के अनुपात म ह
िकसान े िडट काड
क े माल की खरीद समेत कृिष संबंधी सभी आव कताओं को लचीले, सुिवधाजनक एवं िकफायती
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तरीके से पूरा करने के िलए िकसानों को बिकंग णाली से पया एवं समय पर ऋण सुिवधा उपल कराने
के उ े से ऋण आपूित की अनूठी णाली िकसान े िडट काड (केसीसी) योजना 1998-99 म आरं भ की
गई थी योजना सभी सहकारी बकों, े ीय ामीण बकों और सावजिनक वािण क बकों ारा पूरे दे श म
चलाई जा रही है केसीसी कृिष ऋण दान करने की सबसे भावी योजना है सहकारी बकों एवं
आरआरबी के संबंध म योजना की िनगरानी नाबाड करता है और वािण क बकों के संबंध म आरबीआई
िनगरानी करता है आरबीआई एवं नाबाड के ारा केसीसी की एक नई योजना आरं भ की गई है , िजसम
केसीसी को एटीएम काड के समान एटीएम/पॉइं ट ऑफ सेल टिमनल पर योग िकया जा सकता है
ामीण अवसंरचना िवकास कोष
1995-96 के क ीय बजट म भारत सरकार ने नाबाड ारा संचािलत होने वाला कोष ामीण अवसंरचना
िवकास कोष (आरआईडीएफ) थािपत िकया, िजसे कृिष/ ाथिमकता वाले े ों/दु बल े ों के ऋण म से
दे श के अंदर संचािलत अनुसूिचत वािण क बकों के पास बची रािश जमा कराकर नाबाड म ही थािपत
िकया गया उसके बाद से यह कोष काम कर रहा है और इसके िलए आवंटन ितवष क ीय बजट म कर
िदया जाता है वष से काम करते ए आरआईडीएफ का दायरा िव ृत होता गया और अभी यह िविभ
े ों म 34 गितिविधयों हे तु िव पोषण करता है

बीमा
िव े के अन अंग के तौर पर बीमा े भारतीय अथ व था म मह पूण भूिमका िनभाता है मृ ु,
संपि और दु घटना से जुड़े खतरों से बचाने के अलावा, यह े शहरी और ामीण े ों म यों और
सं थानों को सुर ा कवच दान करता है और साथ ही, बचत के अलावा दे श के अवसंरचना क िवकास
और दीघकािलक प रयोजनाओं के िलए िव ीय सहयोग भी उपल कराता है बीमा े का िवकास इसके
अपने आिथक पां तरण के िलए आव क है इस े म काय करने वाली सावजिनक े की कंपिनयां
ह: (1) जीवन बीमा िनगम; (2) नेशनल इं ोरस कंपनी िलिमटे ड; (3) ओ रएं टल इं ोरस कंपनी िलिमटे ड;
(4) यूनाइटे ड इं िडया इं ोरस कंपनी िलिमटे ड; (5) ू इं िडया ए ोरस कंपनी िलिमटे ड; (6) जनरल
इं ोरस कारपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड और (7) ए ीक चर इं ोरस कंपनी ऑफ इं िडया िलिमटे ड
भारतीय जीवन बीमा िनगम
भारतीय जीवन बीमा िनगम (एलआईसी) की थापना संसद ारा भारतीय जीवन बीमा िनगम अिधिनयम,
1956 के आधार पर की गई थी इसका काया यन बीमा अिधिनयम, 1938, एलआईसी अिधिनयम, 1956,
एलआईसी िनयामकों, 1959 और बीमा िविनयामक और िवकास ािधकरण अिधिनयम, 1999 के अंतगत
िकया जाता है 31 माच, 2016 तक दे श म एलआईसी के 8 े ीय कायालय, 113 मंडलीय कायालय, 2045
शाखा कायालय, 73 उपभो ा े , 1401 अनुषंगी कायालय और 1240 लघु कायालय ह मौजूदा समय म
14 अ दे शों म भी एलआईसी के कायालय ह यह कायालय शाखा/संयु उ म कंपिनयों और पूण
अधीन थ कंपनी के तौर पर कायरत ह
वेबसाइट: www.licindia.in

बीमा े म सुधार
बीमा िविनयामक और िवकास ािधकरण अिधिनयम, 1999 को अमल म लाए जाने के साथ ही बीमा े म
िनजी सहभािगता की शु आत ई भारत का बीमा िविनयामक और िवकास ािधकरण
(आईआरडीएआई) तेलंगाना म है दराबाद थत अपने मु ालय से काय करता है ािधकरण के मुख
काय ह; (1) बीमा करने वाले और बीमा म वितयों को लाइसस दान करना; (2) िव ीय और िविनयामक
दे खरे ख; (3) ीिमयम दरों को तय करना; और (4) पॉिलसीधारकों की ाज दरों की सुर ा बीमा े के
िवकास को दे खते ए, ािधकरण ने पॉिलसीधारकों के िहत म िनयामक जारी िकए ह, जो ामीण और
सामूिहक े ों के ित दािय को दे खते ए; माइ ो फाइनस और लाइसिसंग एजट, कॉरपोरे ट एजट,
आढ़ितये, सव क और थड पाट बंधकों से जुड़े ह आईआरडीएआई ने बीमा कंपिनयों के पंजीकरण,
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ऋणशोधन सीमा, िनवेश और िव ीय रपोिटग की ज रतों के िलए भी िनयामक तय िकए ह िनजी एवं
िवदे शी िनवेश के िलए इस े के ार खुलने के बाद 31 माच, 2018 तक इस े म कायरत कंपिनयों की
सं ा सात से बढ़कर साठ हो चुकी है जो जीवन बीमा, जनरल, और पुनब मा े (िजसम िवशेष
बीमाकता, जैसे िनयात ऋण तथा गारं टी िनगम और कृिष बीमा कंपनी (एआईसी)) े ों म कायरत ह
इस े म एक मह पूण सुधार बीमा कानून (संशोधन) अिधिनयम, 2015 को पा रत करने से जुड़ा है
इस कानून के आधार पर बीमा अिधिनयम, 1938 म, जनरल इं ोरस िबजनेस (रा ीयकरण) अिधिनयम,
1972 और इं ोरस िविनयामक एवं िवकास ािधकरण (आईआरडीए) अिधिनयम, 1999 म बड़े प रवतन
िकए गए बीमा कानून (संशोधन) अिधिनयम, 2015 ने िबना िकसी बड़े प रवतन के बीमा कानून (संशोधन)
अ ादे श, 2014 की जगह ली संशोधन कानून ने कानूनों म िनिहत पुरानी और थ ावनाओं को
हटाकर भारतीय बीमा िविनयामक एवं िवकास ािधकरण (आईआरडीए) को कुछ नए ावधानों की सुिवधा
दी तािक वह अपना काय अिधक असरकारी और सुचा तौर पर कर सके इस कानून के आधार पर
िकसी भी भारतीय बीमा कंपनी म िवदे शी पूंजी िनवेश की सीमा 26 ितशत से बढ़ाकर 49 ितशत कर दी
गई, हालां िक, कंपनी पर भारतीय मािलकाना अिधकार और क े को सुिनि त रखा गया बीमा कानून
(संशोधन) अिधिनयम, 2015 के अंतगत िवदे शी बीमाकताओं को भारत म अपनी शाखाएं खोलने की भी
सुिवधा दी गई है कानून ने पुनब मा वसाय या िकसी भारतीय बीमा कंपनी म 49 ितशत अिधकार
ा के िलए यूनाइटे ड िकंगडम के लॉयड् स और उसके सद ों को भारत म शाखाएं खोलने के भी
अिधकार िदए ह
धानमं ी िवजय वंदना योजना
सरकार ने 60 वष और अिधक आयु के बुजुग की ाज आधा रत आय को बाज़ार की अिनि तता से बचाने
और वृ ाव था म सामािजक सुर ा दे ने के िलए धानमं ी िवजय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) का
शुभारं भ िकया है यह योजना भारतीय जीवन बीमा िनगम के ज रए अमल म लाई जा रही है योजना के
अंतगत 10 वष तक ितमाह की दर से दे य सालाना 8 ितशत भुगतान सुिनि त िकया है अंतर ागम
यानी जीवन बीमा ारा उ ािदत दे य और भारत सरकार ारा वािषक आधार पर सुिनि त 8 ितशत दे य
वहन िकया जाएगा 4 मई, 2017 से 3 मई, 2018 तक के एक वष की अविध के दौरान यह योजना ाहकी
शु के िलए खुली रही थी 2018-19 के आम बजट म सरकार ने धानमं ी िवजय वंदना योजना को 31
माच, 2020 तक के िलए पा रत िकया और ित प रवार पये 7.5 लाख तथा ित व र नाग रक पये 15
लाख की अिधकतम य सीमा बढ़ा कर िनि त कर दी
आम आदमी बीमा योजना
समाज के कमजोर वग को लाभ प ं चाने के िलए भारत सरकार ने बड़ी छूट वाली बीमा योजनाओं की
शु आत की है आम आदमी बीमा योजना (एएबीवाई) को भारतीय जीवन बीमा िनगम की मदद से
संचािलत िकया जाता है इस सामािजक सुर ा योजना के अंतगत 48 िनधा रत पेशों से जुड़े गरीबी रे खा से
नीचे (बीपीएल) और गरीबी रे खा से आं िशक तौर पर ऊपर के नाग रकों को समािहत िकया गया है योजना
के अंतगत ाकृितक तौर पर मृ ु होने के कारण पये 30,000 को मृ ु बीमा दान िकया जाता है मृ ु
अथवा दु घटना के कारण पूण अश ता (दोनों आखों या दो अंगों के नुकसान) के कारण पये 75,000 और
आं िशक थायी अश ता (एक आं ख या एक अंग) के कारण नािमत/लाभाथ को पये 37,500 का भुगतान
िकया जाता है यह सभी लाभ वािषक तौर पर ित पये 200 के आं िशक ीिमयम के आधार पर
िदए जाते ह, िजनम से पये 100 क सरकार एलआईसी की सामािजक सुर ा िनिध के मा म से दे ती है
और पये 100 का शेष ीिमयम बीमाधारका/या मुख एजसी/या क /रा सरकार का वह िवभाग दे ता है
जो नोडल एजसी के तौर पर कायरत है साथ ही, बीिमत सद के नौवीं से 12वीं क ा (आईटीआई कोस
सिहत) म अ यनरत दो ब ों वाले प रवार के िलए ित बालक/बािलका वािषक पये 1200 की छा वृि
भी उपल है

सामािजक सुर ा योजनाएं


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अटल पशन योजना


अटल पशन योजना (एपीवाई) की शु आत मई 2015 म असंगिठत े के िमकों, जो िकसी सां िविधक
सामािजक सुर ा योजना के अंतगत नहीं आते ह, के जो खम के िनवारण हे तु की गई थी एपीवाई
असंगिठत े के सभी नाग रकों, जो पशन िनिध िविनयामक एवं िवकास ािधकरण (पीएफआरडीए) ारा
संचािलत रा ीय पशन योजना (एनपीएस) म शािमल होते ह, पर कि त है कोई भी भारतीय नाग रक
िजसकी आयु 18 से 40 वष के बीच हो अपने बचत बक खाता/डाकघर बचत खाता के मा म से इससे जुड़
सकता है 18 वष की उ म जुड़ने वालों को ूनतम मािसक अंशदान 42 पये, 84 पये, 125 पये, 168
पये अथवा 210 पये दे ने वाले भागीदारों को भारत सरकार ारा गारं टीशुदा ूनतम पशन मशः 1,000
पये, 2,000 पये, 3,000 पये, 4,000 पये अथवा 5,000 पये है ाहक के िनधन के बाद उसके पित/
प ी को उसकी मृ ु तक पशन की यह रािश िमलती रहे गी ाहक एवं उसके पित/प ी दोनों की मृ ु हो
जाने की थित म ाहक ारा नािमत पशन कोष म ाहक की आयु 60 वष होने तक जमा धन को
पाने के िलए अिधकृत होगा
एपीवाई म संशोधन
अिभदाता यानी ाहक की असामियक मृ ु के मामले म, सरकार ने उसके पित/प ी को ाहक के खाते म
सहयोग रािश जमा कराते रहने की सिवधा दी है वह यह रािश िनि त अविध तक जमा करा सकते ह, यानी
जब मूल अिभदाता की आयु 60 वष की हो गई हो इससे पहले 60 वष की आयु से पहले मृ ु होने पर मूल
अिभदाता के जीवनसाथी को एकमु रािश दे ने का ावधान था अब ाहक के जीवनसाथी को ाहक
वाली ही पशन रािश उसे जीवनपय ा होगी अिभदाता और उसकेजीवनसाथी दोनों की मृ ु होने पर
अिभदाता के नािमत को, अिभदाता के 60 वष की आयु के समय की पशन िनिध ा होगी
अिभदाता को उनके एपीवाई खातों के संचालन म आसानी लाने के िलए, पीएफआरडीए ने एपीवाई के
िलए मोबाइल ए केशन का शुभारं भ िकया है इसकी मदद से खाताधारक मोबाइल फोनों के ज रए
अपने खातों का ोरा और अपने एपीवाई खातों से जुड़ी अ जानका रयां ा करने म स म होंगे अब
सभी एपीवाई अिभदाता अपने एपीवाई खातों को वा िवक समय म दे खने के िलए गूगल ोर से एनपीएस
लाइट मोबाइल ए केश डाउनलोड कर उ अपने मोबाइल फोनों म इं ॉल कर सकते ह इसके
फीचस का अनुभव लेने के िलए वह वेबसाइट http://npslite-nsdl.com/CRAlite/ दे ख सकते ह और अपनी
ज रत के अनुसार उसका अ ेषण भी कर सकते ह
धानमं ी जीवन ोित बीमा योजना
सरकार ने गरीबों और वंिचतों को लि त कर एक सावभौिमक सामािजक सुर ा प ित िवकिसत करने हे तु
तीन मह ाकां ी सामािजक सुर ा योजनाओं की घोषणा की ये ह- धानमं ी जीवन ोित बीमा योजना
(पीएमजेजेबीवाई), धानमं ी सुर ा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पशन योजना (एपीवाई)
धानमं ी जीवन ोित बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) एक वष की जीवन बीमा योजना है िजसका हर
वष नवीकरण िकया जाएगा इसम िकसी भी कारण ई मौत के िलए दो लाख पये का जीवन बीमा कवर
है और यह 18 से 50 वष के आयु वग (लाइफ कवर 55 वष तक) के लोगों के िलए िजनका बक म बचत
खाता है और जो उसम शािमल होने और ऑटो-डे िबट हे तु सहमित दे ते ह, उपल है इसम आईटी मोड म
ि या यन के साथ बक खाता से जुड़ा नामां कन और उपभो ा के बक खाता से ऑटो-डे िबट के ज रए
ीिमयम भुगतान शािमल है इस योजना के ि या यन से वहन करने की मता के साथ गरीबों तथा
वंिचतों को लि त करना संभव होता है और इससे दे श म जीवन बीमा की कम प ं च की थित म भी सुधार
होगा
धानमं ी सुर ा बीमा योजना
धानमं ी सुर ा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) एक वष य गत दु घटना बीमा योजना है िजसका
नवीकरण साल-दर-साल िकया जाता है दु घटना होने पर मृ ु/िवकलां गता की थित म बीमा सुर ा दान
करने वाली यह योजना 18 से 70 वष तक की उ के लोगों के िलए ह और इसका फायदा उन लोगों को
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िदया जाता है िजनके पास िकसी बक म खाता है और वे इस योजना म शािमल होने तथा ऑटो डे िबट यानी
खाते से त: ीिमयम काटने के िवक को अपनाते ह इस योजना के अंतगत दु घटनावश मृ ु होने पर
2 लाख पये और थायी िवकलां गता की थित म 1 लाख पये िदए जाएं गे इस योजना म सूचना
टे ोलॉजी से सम त बक खाते के आधार पर आसानी से शािमल आ जा सकता है और खातेदार के
बक खाते से तः ही बीमा ीिमयम काटने की सुिवधा है गरीबों के िलए इस योजना म शािमल होना ब त
आसान है ोंिक यह उपेि त वग को ान म रखते ए बनाई गई है इससे दे श म दु घटना बीमा
सुिवधाओं के िव ार म भी मदद िमलेगी
धानमं ी जनधन योजना
धानमं ी जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) बेहतर िव ीय समावेशन के िलए बिकंग सेवाओं का बढ़ा आ
उपयोग सुिनि त करने हे तु एक रा ीय िमशन के प म इस उ े के साथ शु की गई थी िकहर
प रवार म कम से कम एक बक खाता हो पीएमजेडीवाई के उ े ों म िन िल खत शािमल ह– (i) संपूण
दे श म एक बक की शाखा अथवा िनयत थल पर िबजनेस कॉरे ॉ ट (बीसी) जो कम दू री पर हों के ारा
बिकंग सुिवधाओं तक सावभौिमक प ं च, (ii) ेक प रवार म कम से कम एक बक खाता हो जो पये
डे िबट काड के साथ हो तथा िजसम एक लाख पये तक का दु घटना बीमा कवर हो (iii) 6 महीने तक
खाते के संतोषजनक संचालन के बाद पये 5,000 तक ओवरडा की सुिवधा अग 2014 से जनवरी
2015 के बीच पहली बार खाता खोलने वालों के िलए 30,000 पये का जीवन बीमा कवर

पशन सुधार
रा ीय पशन व था
सेवािनवृि पर पया आय उपल कराने की ि से भारत सरकार ने रा ीय पशन योजना (एनपीएस)
आरं भ की 1 जनवरी, 2004 से सरकार म नई िनयु पाने वाले सभी कमचा रयों ( सै बलों के
अित र ) के िलए यह अिनवाय है और 1 मई, 2009 से ै क आधार पर इसे सभी नाग रकों के िलए भी
आरं भ कर िदया गया है एनपीएस के िडजाइन की िवशेषताएं ह िक यह यं चलने वाली, वहनीय अथात्
पोटबल एवं बढ़ाए जाने यो है गत पसंद पर आधा रत इस योजना को िकफायती एवं भावी पशन
णाली के प म तैयार िकया गया है , जो ठोस िनयमों के अंतगत काय करती है ‘िवशु प रभािषत
योगदान’ योजना के प म इस पर ितफल पूरी तरह बाज़ार ारा तय होंगे एनपीएस लोगों को िनवेश के
िविभ िवक उपल कराती है एवं एक िवक से दू सरे िवक अथवा एक कोष बंधक से दू सरे
बंधक तक जाने की तं ता भी कुछ िनयामकीय ितबंधों के साथ दे ती है
एनपीएस का ढां चा पारदश एवं वेब स म है यह ाहक को अपने िनवेश एवं रटन पर नज़र रखने दे ता
है बाधा रिहत पोटिबिलटी की सुिवधा ाहकों को बचत की पूरी अविध के दौरान एक ही पशन खाता
थायी सेवािनवृि खाता सं ा (पीआरएएन) बनाए रखने म स म बनाती है पशन े के िलए िनयामक
के प म थािपत पशन कोष िनयामक एवं िवकास ािधकरण (पीएफआरडीए) पूण एनपीएस ढां चे के
संबंध म अभी तक आरं भ िकए गए काय मों को सु ढ़ बनाने म तथा एनपीएस िवतरण नेटवक की प ं च
बढ़ाने म लगा है सभी नाग रकों को एनपीएस उपल कराने की ि या म एनपीएस म थों की िनयु
भी करनी पड़ती है , िजनम पॉइं ट्स ऑफ ेजस (पीओपी) के प म सं थागत िनकाय ह, जो पशन खाता
खोलने एवं सं ह करने के क के प म काम करगे, एक क ीकृत रकॉड कीिपंग एजसी (सीआरए) है
और िनवेशकों की पशन संपदा का बंधन करने हे तु पशन कोष बंधक है
अ िव ीय सं थाओं के अित र डाक िवभाग को भी पीओपी िनयु िकया गया है , िजससे पीओपी-
एसपी नेटवक का पां च गुना से अिधक िव ार हो गया है
ावलंबन योजना
असंगिठत े म कामगारों को अपनी वृ ाव था हे तु े ा से बचत करने के िलए ो ािहत करने के
उ े से 2010 म ावलंबन योजना का आरं भ िकया गया यह सह-योगदान वाली पशन योजना है , िजसम
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क सरकार 1,000 पये से 12,000 पये की वािषक बचत वाले ेक एनपीएस खाते म ितवष 1,000
पये का योगदान करे गी सरकार का वािषक योगदान पा ता वाले लाभािथयों के िलए 2016-17 तक बढ़ा
िदया गया है योजना 76 समूहों के सहयोग से काम करती है िजनम कुछ रा सरकार, सावजिनक े के
बक, े ीय ामीण बक, एमएफआई, एनबीएफसी एवं िनजी े के िनकाय शािमल ह
ामीण आवासीय कोष
2008-09 म ामीण आवासीय कोष का गठन िकया गया िजससे ाथिमक ऋण सं थाओं को ामीण े ों म
लि त समूहों के बीच ित ध दरों म आवास ऋण की सुिवधा दान करने हे तु धन ा हो सके
धानमं ी मु ा योजना
अनौपचा रक े म लगभग 5.77 करोड़ पये अनुमािनत लघु वसाय-इकाइयां ह, जो छोटे िविनमाण,
ापार या सेवा वसाय चला रही है , िज े िडट की औपचा रक णाली तक प ं चना मु ल लगता है ,
इन इकाइयों म ऋण की आव कता, आमतौर पर 10 लाख पये से कम होती है हालां िक ऐसी इकाइयों
के िलए औपचा रक े िडट चैनलों तक प ं चने हे तु पहले भी कई बार सुधारों की पहल की गई थी, मगर
अभी तक एक भी मह पूण और बड़े वग के िलए ऋण/ े िडट की सुिवधाएं नहीं थी ऐसी इकाइयों के िलए
एक योजना, अथात् धानमं ी मु ा योजना (पीएमएमवाई) 2015 म शु की गई थी, िजससे आय उ
करने वाले लघु वसाय उ म ऋण तक प ं चने म स म हो सके िजसके प रणाम प, मुख सं थानों
के सू उ िमयों को 10 लाख पये तक की पूंजी दी जाएगी पीएमएमवाई एक रा ीय िमशन है िजसका
उ े मौजूदा लघु उ ोगों की उ मशीलता सि यता म वृ करना और पहली पीढ़ी के उ िमयों को
ो ािहत करना है
सरकार ने इस योजना के भावी काया यन के िलए कई कदम उठाए ह िजसम दू सरी बातों के साथ-
साथ गहन चार अिभयान, आवेदन-प ों का सरलीकरण, े िडट गारं टी योजना, यूडीआरए िलिमटे ड से
पुनिव , मु ा नोडल अिधकारी का नामां कन, गित की िनगरानी के िलए सा ािहक वीिडयो स ेलन
इ ािद शािमल ह
लघु इकाई िवकास और पुनिव एजसी (मु ा) भारत सरकार ारा गिठत सं था है िजसका उ े लघु
इकाइयों के िवकास हे तु भारत के उ मशीलता, खासकर गैर-कॉरपोरे ट जो छोटे वसाय े से आते ह,
को ो ािहत करने हे तु िव दान करना है धानमं ी मु ा योजना के िदशािनदशों के तहत मु ा ने अपने
तीन उ ाद शु िकए ह िजनके नाम ह– िशशु , िकशोर और त ण ये तीनों लघु उ ाद, लघु इकाइयों या
उ िमयों के िवकास के चरणों और िव पोषण की आव कता को करते ह
मु ा बक रा रीय सं थाओं के मा म से पुनिव दान करता है मु ा बक एनबीएफसी,
एमएफआई, ामीण बकों, िजला बकों, रा ीयकृत बकों, िनजी बकों, ाथिमक ऋण सं थानों और अ
िबचौिलयों के मा म से ऋण िवत रत करता है
उ ादन, सं रण, ापार या सेवा े जैसी आय अिजत करनेवाली गितिविधयों म संल कोई भी
भारतीय नाग रक, िजसकी ऋण ज रत 10 लाख पये से भी कम है , धानमं ी मु ा योजना
(पीएमएमवाई) के तहत ऋण का लाभ उठाने के िलए बकों, एमएफआई िव ीय सं थानों या एनबीएफसी से
संपक कर सकता है पीएमएमवाई के तहत कृिष े की सहायक गितिविधयों को भी इस योजना म
शािमल करने का िनणय िलया गया है
कौशल िवकास के िलए ऋण गारं टी कोष
कौशल ऋण योजना के अनुसार कौशल िवकास पा म करनेवाले पा ऋण लेनेवालों को ₹ 1.5 लाख
(टम लोन) या अव थापक ारा िनधा रत कोई अ रकम तक िबना सहवत ितभूित अथवा थड पाट
गारं टी के ऋण दे नेवाले सं थानों ारा ीकृित और भुगतान की गारं टी है कोई भी भारतीय नाग रक जो
रा ीय कौशल यो ता ढां चा (एनएस ूएफ) के अनुसार ूनतम यो ता ा हो कौशल ऋण ा कर
सकता है
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िनवेश और सावजिनक संपि बंधन िवभाग


िविनवेश िवभाग 1999 म एक अलग िवभाग के प म थािपत िकया गया था और वष 2001 म इसे
िविनवेश मं ालय बना िदया गया था वष 2004 से िविनवेश िवभाग िव मं ालय के अंतगत िवभागों म से
एक है वष 2016 म िविनवेश िवभाग का नाम बदलकर िनवेश और सावजिनक संपि बंधन िवभाग कर
िदया गया है
इस िवभाग के काय म शािमल है : क ीय सावजिनक े के उप मों के शेयर िविनवेश सिहत शेयर म
क ीय सरकार के िनवेश बंधन से जुड़े सभी मामले योजनाब िविनवेश समेत िविनवेश हे तु शासिनक
मं ालयों, नीित आयोग आिद की अनुशंसाओं पर िनणय िविनवेश तथा सावजिनक संपि बंधन हे तु
तं बाहरी मॉिनटर से संबंिधत सभी मामले रा ीय िनवेश कोष म डाले गए िविनवेश के लाभों के उपयोग
के संबंध म िव ीय नीित
वेबसाइट: www.dipam.gov.in
िविनवेश नीित
िविनवेश पर नीित म मह पूण िवकास आ है इस नीित की मु िवशेषताओं म िन िल खत शािमल है –
(क) सावजिनक े के उप म रा की संपि ह और यह सुिनि त करने के िलए िक यह संपि जनता के
हाथों म है सीपीएसई म जनता के ािम का िवकास (ख) सीपीएसई की कम सं ा म शेयर िब ी ारा
िविनवेश करते समय सरकार अपने पास शेयर का अिधक िह ा रखेगी यानी– शेयरहो ं ग का कम से
कम 51 ितशत और सावजिनक े के उप म का बंधकीय िनयं ण भी रखेगी (ग) िचि त सीपीएसई
म बंधकीय िनयं ण के थानां तरण के साथ सरकार की शेयरधा रता का 50 ितशत या अिधक िह े की
िब ी ारा यु पूण िविनवेश
रा ीय िनवेश कोष
सरकार ने रा ीय िनवेश कोष (एनआईएफ) का गठन 2005 म िकया िजसका उ े क ीय सावजिनक
े उप मों के िविनवेश से ा यों को िदशा दे ना था एनआईएफ का कोष थायी था और सरकार को
सतत लाभ दान करने के िलए कोष म कमी िकए िबना एनआईएफ को ावसाियक बंध करना था
सावजिनक े के कुछ चुने ए ुचुअल फंडों यथा– यूटीआई ऐसेट मैनेजमट कंपनी िलिमटे ड (एसबीआई
कोष बंधन ाइवेट िलिमटे ड) और एलआईसी ुचुअल फंड ऐसेट मैनेजमट कंपनी िलिमटे ड को
एनआईएफ कोष के बंधन का काय सौंपा गया इस योजना के अनुसार एनआईएफ की वािषक आय का
75 ितशत का इ ेमाल िश ा, ा और रोज़गार को बढ़ाने वाले चुने ए सामािजक े की योजनाओं
के िव पोषण हे तु िकया जाना था एनआईएफ के बचे ए 25 ितशतआय का उपयोग पुनिनवेश करने
वाले और लाभदायक पीएयू की पूंजी िनवेश की ज रतों को पूरा करने के िलए िकया जाना था वष 2008-
09 के भूमंडलीय मंदी और 2009-10 के भीषण सूखे के कारण उ किठन आिथक प र थित को ान म
रखते ए सरकार ने िविनवेश ा यों के उपयोग हे तु नीित म प रवतन िकया इसम िविनवेश ा यों का
उपयोग य िवभाग/योजना आयोग ारा िनयत चुने ए सामािजक े की योजनाओं हे तु एक बार के िलए
छूट दी गई
एनआईएफ को िविनवेश नीित के अनु प रखने के िलए सरकार ने िनणय िलया िक िव ीय वष 2013-
14 से िविनवेश ा यों को वतमान एनआईएफ म, जोिक सरकारी लेखा के अंतगत एक सावजिनक लेखा
है , जमा िकया जाएगा और यह कोष अनुमोिदत उ े ों म िनवेश िकए जाने तक वहीं रहे गा साथ ही यह
भी िनणय िलया गया िक एनआईएफ का उपयोग िन ां िकत उ े ों हे तु िकया जाएगा– यह सुिनि त करने
के िलए िक सीपीएसई म 51 ितशत की िह ेदारी कम नहीं हो सीपीएसई ारा अिधकार आधार पर जारी
िकए जा रहे शेयरों को खरीदना सेबी (पूंजी और कटीकरण आव कता का मु ा) िविनयम, 2009 के
अनुसार ोमोटरों को सीपीएसई के शेयरों का ाथिमक आवंटन तािक सीपीएसई ारा अपने पूंजी य
काय म को पूरा करने हे तु नए शेयर जारी करने संबंधी सभी मामलों म सरकार की शेयरधा रता 51
ितशत से नीचे न हो
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सरकार ने िन िल खत उ े ों हे तु एनआईएफ ारा िव पोषण को भी अनुमोिदत िकया–


आरआरबीएस/आईआईएफसीएल/नाबाड/ए म बक म सरकार ारा िनवेश, िविभ मेटो प रयोजनाओं
म इ टी िनवेश, भारतीय नािभकीय िवद् ु यत िनगम िलिमटे ड और यूरेिनयम कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया
िलिमटे ड म िनवेश, भारतीय रे ल म पूंजी य के िलए िनवेश का ावधान रखा है
नोटों का िवमु ीकरण
8 नवंबर, 2016 को सरकार ने 500 और 1,000 पये के सभी नोटों का िवमु ीकरण कर िदया और महा ा
गां धी ृंखला नोटों की कानूनी वैधता 9 नवंबर, 2016 से समा हो गई हालां िक, इस नीित के ारा महा ा
गां धी ृंखला के 5, 10, 20, 50 और 100 पये के नोट की वैधता अ भािवत रही और इनकी कानूनी वैधता
बरकरार रही सरकार ने कहा िक िवमु ीकरण का कदम वतमान नोटों की नकल रोकने का यास तो है
ही, िजनका योग किथत प से आतंकवाद की आिथक मदद म हो रहा है , साथ ही यह दे श म काले धन
पर भी हार है
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14 कॉरपोरे ट मामले

रपोरे ट मामलों का मं ालय मु तः कंपनी अिधिनयम, 2013, कंपनी अिधिनयम, 1956, सीिमत
कॉ दे यता साझेदारी फम अिधिनयम, 2008 और अ संबंिधत कानूनों तथा उनके अंतगत बने िनयमों के
शासन के िलए उ रदायी ह तािक कॉरपोरे ट े के कामकाज का िनयमन िकया जा सके मं ालय
कंपनी अिधिनयम, 2002 के शासन के िलए भी उ रदायी है तािक ित धा पर पड़ने वाले ितकूल
भावों को रोका जा सके, बाज़ार म ित धा को ो ाहन और िनरं तरता िमले और कानून के तहत बने
आयोग के मा म से उपभो ाओं के िहतों का संर ण िकया जा सके
इसके अित र , मं ालय भारतीय चाटड लेखाकार सं थान (आईसीएआई), भारतीय कंपनी सिचव
सं थान (आईसीएसआई) और भारतीय लागत लेखाकार सं थान अधी ण भी करता है , िजनका गठन
संबंिधत वसायों के उिचत और व थत िवकास के िलए संसद के तीन अिधिनयमों के तहत िकया गया
था मं ालय के पास भागीदारी अिधिनयम, 1932, कंपनी (रा ीय िनिधयों के िलए दान) अिधिनयम, 1951
और सोसायटी पंजीकरण अिधिनयम, 1980 के शासन से संबंिधत क सरकार के काय को अंजाम दे ने
की भी िज ेदारी है
मं ालय का संगठना क ढां चा ि - रीय है इसका मु ालय नई िद ी म और सात े ीय
महािनदे शक कायालय अहमदाबाद, चे ई, है दराबाद, कोलकाता, मुंबई, नई िद ी तथा िशलां ग म ह
इसके अित र 15 कंपनी पंजीयक कायालय और 14 आिधका रक प रसमापक ह रा ों और
क शािसत दे शों म भी कंपनी (आरओसी) पंजीयक और आिधका रक प रसमापक भी है

क ीय पंजीकरण क
कंपनी िनगमीकरण की ि या म प रवतन के िलए ई- प प रयोजना लागू की गई िजसका उ े
यह था िक एक कंपनी के नाम आर ण तथा िनगमीकरण को संसोिधत े अंतररा ीय वहारों के
अनु प भुगतान पुि की ितिथ+1 िदन म संप करनी चािहए कॉरपोरे ट मामलों के मं ालय ने आवेदकों
के नाम आर ण ोसेस करने के िलए 2016 म क ीय पंजीकरण क का पहला चरण शु िकया और
2016 म ही कंपनी आवेदकों के िनगमीकरण पर अमल करने का दू सरा चरण आरं भ िकया सरकार का
ोसेस री–इं जीिनय रं ग अ ास (जीपीआर) सभी िहतधारकों को अिधक से अिधक कारोबार करने की
सहजता दान करने के मं ालय के उ े के अनुकूल है इसका प रणाम िनगमीकरण संबंधी आवेदनों
की तेजी से ोसेिसंग के प म आया है और िनयम लागू करने तथा िववेकािधकार को कम करने म
एक पता आई है
कंपनी िनगमीकरण आवेदनों की ोसेिसंग म लगने वाला समय जून 2014 के 5 से 15 कायिदवस के
बीच से घटकर माच 2017 म औसत 0.6 कायिदवस रह गया इसी तरह, नामउपल ता आवेदनों का
ोसेिसंग समय जून 2014 के 5 से 6 कायिदवस के बीच से घटकर माच 2017 म औसत 0.4 कायिदवस रह
गया इसके अित र , एक कायिदवस म 90 ितशत से अिधक आवेदन ीकृत िकए जा रहे ह इसके
प रणाम प गित म तेजी आई है , पारदिशता बढ़ी है , एक पता आई ह और िववेकािधकार म कमी
आई है

वसाय करने की सुगमता


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मं ालय ने ई-एमओ (इले ॉिनक मेमोरडम ऑफ एसोिसएशन) तथा ई-एओए (इले ॉिनक आिटकल
ऑफ एसोिसएशन) के साथ कंपिनयों के िनगमीकरण के िलए सरल िनदशन-प (एसपीआईसीई) तय
िकया है िजससे आवेदक ारा इले ॉिनक मेमोरडम ऑफ एसोिसएशन तथा इले ॉिनक आिटकल ऑफ
एसोिसएशन पर गत प से ह ा र करने की आव कता समा हो जाती है और उ िमयों को
िबना िकसी बाधा के भारत म कारोबार शु करने म सहायता िमलती है िनगमीकरण के िलए फीस 2,000
पये से घटाकर 500 पये कर दी गई है एकीकृत फाम आईएनसी 29 के थान पर एसपीआईसीई लाया
गया है इस फाम की 1-2 कायिदवसों म की जा रही है पैन जारी करने और इले ॉिनक प म कंपिनयों
के िनगमीकरण के िलए एसपीआईसीई का उपयोग करते ए िनगिमत कंपनी को पहला टै न जारी करने के
िलए एमसीए 21 णाली का क ीय कर बोड (सीबीडीटी) के साथ इले ॉिनक एकीकरण िकया गया
है अब िहतधारक पैन और टै न के िलए िनगमीकरण आवेदन ुत करने के समय आवेदन करते ह
आय कर िवभाग ारा िदया गया पैन फरवरी 2017 से कंपनी िनगमीकरण के माण-प पर लगा िदया
जाता है इससे अनेक तरह की ोसेिसंग की सं ा और दे श म वसाय शु करने म लगने वाले समय म
कमी आई है
एसपीआईसीई एक ब उपयोगी ा प है और इससे भौितक प से ह ा रत द ावेजों को ई–फाम
म संल करने की आव कता समा हो जाती है जो िडिजटल टे ोलॉजी के कारण संभव हो सका है
िहतधारक एकीकृत ई-फॉम एस.पी.आई.सी.ई. का इ ेमाल करते ए नई िनगमीकृत कंपनी के िलए एक
साथ पां च सेवाओं- कंपनी नाम, कंपनी िनगमीकरण, िनदे शकों का डीआईएन, परमानट एकाउं ट नंबर (पैन)
और टै िडड न एं ड कले न एकाउं ट नंबर (टै न) के िलए आवेदन कर सकते ह एस.पी.आई.सी.ई.
ई-फाम का उपयोग करने वाली सभी िनगमीकृत कंपिनयां अब िनगमीकरण माण–प पर अंिकत पैन
ा कर रही ह और अलग से ई-मेल से टै न ा कर रही ह िडिजटल ह ा र शु होने से मशीन
फाम को आसानी से पढ़ लेती है , बैक ऑिफस ोसेिसंग म तेजी आती है और अिभदाता की साथक पहचान
हो जाती है इससे अनेक कार की ोसेिसंग म लगने वाले समय और भारत म वसाय ारं भ करने के
समय म कमी आई है
कंपनी िनयम 2014 (बोड की बैठक और इसकी श यां ) के िनयम 15 म माच 2017 से संशोधन िकया
गया है तािक िनवल मू /िनवल कारोबार की सीमा 10 ितशत से कम हो पहले 10 ितशत से अिधक की
सीमा के िलए केवल बोड के थान पर सद ों की ीकृित लेनी पड़ती थी इससे वोिटं ग और संबंिधत प
व था के बारे म अंशधारक के अिधकारों म वृ ई है
कंपनी अिधिनयम, 2013 के अंतगत एक समान मुहर को वैक क बनाया गया है कंपनी अिधिनयम,
2013 के अंतगत वसाय ारं भ करने संबंधी माण-प ा करने और सभी कंपिनयों के िलए ूनतम
द पूंजी की आव कता समा कर दी गई है
कंपनी अिधिनयम, 2013 के अंतगत कंपिनयों के ाियक े ािधकार वाले रिज ार का अिधकार
सीआरसी रिज ार ारा िनगिमत कंपिनयों पर बना आ है यह अिधकार अिधिनयम के सभी अ
ावधानों और उनके अधीन बने ासंिगक िनयमों पर भी लागू है
आिधका रक प रसमापक मं ालय के शासिनक िनयं ण म काम करते ह और संबंिधत उ
ायालयों से संब होते ह वे मु प से कंपिनयों के प रसमापन और िवघटन से संबंिधत ायालय के
आदे शों को लागू कराने के उ रदायी होते ह

कंपनी अिधिनयम, 2013


30 अग 2013 को अिधसूिचत कंपनी अिधिनयम, 2013 कॉरपोरे ट े को बेहतर अनुपालक हे तु
पारदिशता बनाए रखने तथा िव ृत कटीकरण के िलए -िनयमन का अवसर दान करता है कंपनी
अिधिनयम, 2013 म 407 अनु े द ह इनम से बीमार कंपिनयों के पुन ान और पुनवास से संबंिधत 39
अनु े द (अनु े द 253 से 269) अ ाय 19 म ह अ ाय 20 म विणत कंपनी समा करने संबंधी
अनु े द 289, 304, 323 तथा 325 को िदवाला तथा न िनिध संिहता, 2016 ारा िनर कर िदया गया है
शेष 431 से नों म से 428 अनु े द अिधसूिचत िकए गए ह बाकी तीन अनु े द यानी– (i) अनु े द 132
रा ीय िव ीय रपोिटग ािधकरण (एनएफआरए), (ii) अनु े द 257 प रसमापक पंजीकरण तथा (iii)
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अनु े द 465 िनर ीकरण और सं मण से संबंिधत ह तीनों अनु े द जां च के िविभ चरणों म ह और
शी ही इ भी अिधसूिचत कर िदया जाएगा
कंपनी अिधिनयम, 2013 का उ े भारत की कंपिनयों को िव म चिलत े वहारों के अनु प
चलाना है कॉरपोरे ट े को अपने मामले िनयम के अनु प िनपटाने की छूट दी गई है बशत उनके
ि याकलापों का पहले से कटीकरण िकया जाए और दािय िनधारण िकया जाए सरकार काय
अनुमोदन ि या म ूनतम ह ेप करे गी यह अिधिनयम नए उ िमयों को और अिधक अवसर दान
करता है और कॉरपोरे ट े के अपने मामलों के संचालन म सूचना ौ ोिगकी के ापक इ ेमाल की
सुिवधा दे ता है अिधिनयम की मुख िवशेषताएं नीचे दी गई ह:

कंपनी अिधिनयम, 2013 की मुख िवशेषताएं


– सरकारी ीकृित आधा रत व था के थान पर कटीकरण/पारदिशता सिहत -िनयमन का
ावधान
– कंपिनयों के रकाड /बैठकों का ऑटोमेशन-(1) कंपिनयों ारा इले ॉिनक प म द ावेजों को रखने,
(2) बोड बैठक आिद के िलए वीिडयो कॉ िसंग णाली की वैधािनक मा ता
– संि िवलय और सीमापार िवलय सिहत रत िवलय और अिध हण
– फौरी प रसमापन : 1 करोड़ और उससे कम की प रसंपि यों वाली कंपिनयों के िलए आिधका रक
प रसमापकों को िनणय लेने की श यां दान की गई ह
– 1 जून, 2016 की अिधसूचना सं ा एस. 1932 (ई) के मा म से अनु े द 408 के अंतगत रा ीय कंपनी
कानून ायािधकरण (एनसीएलटी) का गठन
– िन य कंपिनयों की अवधारणा ारं भ (लगातार दो वष तक वसाय नहीं करने वाली कंपिनयों को
िन य घोिषत िकया जा सकता है
– एक कंपनी (ओपीसी) की शु आत
– अनु े द 149(4) के अंतगत वैधािनक आव कता के प म तं िनदे शकों की अवधारणा की
शु आत
– बोड की अनेक सिमितयों (लेखा परी ण सिमित, नामां कन और पा र िमक सिमित, अंशधारी संबंध
सिमित तथा कॉरपोरे ट सामािजक दािय सिमित) के गठन का ावधान
– कंपिनयों के िनधा रत वग के िलए मिहला िनदे शक
– कंपिनयों के िनधा रत वग के िलए अिनवाय कटीकरण सिहत कॉरपोरे ट दािय सिमित के गठन और
सीएसआर नीित बनाने के िलए अिनवाय ावधान
– दोषी अिधकारी ‘श ावली’ को और ासंिगक बनाने की समी ा
– कंपनी के मुख काय का दािय तय करने के िलए मु बंधकीय कािमक (केएसवी) और वतक
श ावली को प रभािषत िकया गया है
– अंशधा रयों, कमचा रयों, समुदाय और पयावरण के ित िनदे शकों के कत ों को प रभािषत िकया
गया
– िनदे शकों की सं ा सीमा िनधा रतः 20 कंपिनयों म 10 सावजिनक कंपिनयां हो सकती ह
– क सरकार को सावजिनक िहत म तः जां च की श होगी
– गंभीर धोखाधड़ी अ ेषण (एसएफआईओ) कायालय को वैधािनक मा ता
– 18 मई, 2016 की अिधसूचना सं ा एस.ओ. 1976 (ई) के मा म से अनु े द 435 के अंतगत िवशेष
अदालतों का गठन िकया गया है
– जां च के दौरान मिज े ट के आदे श के िबना द ावेजों की तलाशी और ज ी
– जां च के दौरान कंपनी के अवैध लाभों या प रसंपि यों के उपयोग से वंिचत करना
– लेखा और लेखा परी ण मानकों की मा ता
– लेखा परी कों के िलए अयो ता के कठोर मानक
– लेखा परी क िविनिद गैर-लेखा परी ण सेवाएं नहीं दे गा
– लेखा परी कों की कायाविध तथा मावतन िनधा रत
– बड़ी कंपिनयों के िलए आं त रक लेखा परी ण
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– अनुपालन नहीं करने पर लेखा परी क के िलए पया दीवानी और आपरािधक दािय
– धोखाधड़ी का पता लगने पर ायािधकरण को लेखा परी क बदलने संबंधी िनदश दे ने का अिधकार
– कंपिनयों के िनधा रत वग के िलए लागत रकॉड और लेखा परी ण
– कंपिनयों के िनधा रत वग के िलए सिचवालयीन लेखा परी ण
– रा ीय िव ीय रपोिटग ािधकरण (एनएफआरए) का गठन िकया जाएगा
– छोटे अंशधारकों का संर ण
– यिद उ े की धारा अथवा सुलह के दौरान आिद िकसी तरह की असहमित हो तो अलग होने या बाहर
िनकलने का अिधकार
– सुलह व थाओं के दौरान मू ां कन अिनवाय
– िवलय का छोटे अंशधारकों पर भाव का खुलासा अिनवाय
– सूचीब कंपिनयों म छोटे अंशधा रयों के ितिनिध के िलए एक िनदे शक
– जनता से जमा रािश ीकार करने के कठोर िनयम
– िनवेशक िश ा और संर ण कोष (आईईपीएफ) की भूिमका को मजबूत बनाना
– आईईपीएफ से लाभां श दावों पर कोई समय सीमा नहीं
– ास ए न सूट्स को मा ता
– छोटे अंशधा रयों की सुर ा के िलए ायािधकरण को अिधक श यां
कंपनी संशोधन अिधिनयम
कंपनी अिधिनयम, 2013 म कंपनी (संशोधन) अिधिनयम 2015 के मा म से संशोधन िकया गया तािक
वसाय को सुगम बनाया जा सके और िहतधारकों की कुछ ता ािलक िचंताओं को दू र िकया जा सके
मं ालय ने 5 जून, 2015 को कंपनी अिधिनयम की धारा 462 के तहत ये संशोधन अिधसूिचत कर िदए ह जो
संशोिधत अिधिनयम के िविभ ावधानों के अंतगत (1) िनजी कंपिनयों, (2) सरकारी कंपिनयों, (3)
अनु े द 8 की कंपिनयों और (4) िनिधयों को छूट दान करते ह
िदवाला और न िनिध संिहता, 2016
िदवाला और न िनिध संिहता, 2016 (आईबीसी, 2016) 28 मई, 2016 को सरकारी गजट म काशन के
बाद से काम करने लगी है भारत सरकार ( वसाय आवंटन) िनयम, 1961 म संशोधन करके 01 अग ,
2016 को कािशत कर िदया गया, िजसके तहत संिहता लागू करने की िज ेदारी कॉरपोरे ट मामलों के
मं ालय को दी गई है यह संिहता कॉरपोरे ट यों, साझेदारी म चलने वाली कंपिनयों तथा यों के
पुनगठन और िदवाला समाधान समयब प से करने संबंधी कानूनों को सु ढ़ बनाने और संशोिधत करने
के उ े से बनाई गई है
भारतीय िदवाला और न िनिध बोड
भारतीय िदवाला और न िनिध बोड (आईबीबीआई) की थापना आईबीसी 2016 के अंतगत 1 अ ू बर,
2016 को अिधसूिचत गजट के अनुसार है बोड के अ की िनयु भी उसी अिधसूचना के तहत की
गई थी मं ालय के आदे श िदनां क 1 अ ू बर, 2016 के अनुसार बोड के चार पदे न सद ों की िनयु भी
कर दी गई है
बोड को संिहता के अंतगत ा श यों और काय के पालन के अित र िदवाला िवशेष ों, िदवाला
िवशेष एजिसयों तथा सूचना उपयोिगताओं के िनयमन का अिधकार ा है
िवशेष ायालय
कंपनी अिधिनयम, 2013 के अनु े द 435 के अंतगत कॉरपोरे ट मामलों के मं ालय ारा 1 मई, 2016 को
जारी अिधसूचना सं. एसओ 1976 (ई) के तहत वतमान स ायालयों तथा अित र स ायालयों को
िवशेष ायालय घोिषत करके िवशेष अदालतों का गठन िकया है ये ायालय ज ू-क ीर, महारा ,
गोवा, गुजरात, म दे श, पि म बंगाल, छ ीसगढ़, राज थान, पंजाब, ह रयाणा, मेघालय, मिणपुर,
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तेलंगाना, आं दे श, तिमलनाडु (कोयंबटू र), क शािसत दे श पुद्ु दचेरी, चंडीगढ़, अंडमान और


िनकोबार ीपसमूह, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव तथा रा ीय राजधानी े िद ी म ह अ
रा ों म भी िवशेष अदालतों की अिधसूचना जारी की जा रही है

रा ीय कंपनी कानून ायािधकरण एवं अपीली ायािधकरण


रा ीय कंपनी कानून ायािधकरण (एनसीएलटी) तथा रा ीय कंपनी कानून अपील अिधकरण
(एनसीएलएटी) के गठन की अिधसूचना 1 जून, 2016 को जारी कर दी गई थी इन सं थानों का गठन
कॉरपोरे ट िववादों के तेज समाधान तथा अनेक एजिसयों की सं ा म कमी लाने के िलए िकया गया ह तािक
दे श म वसाय करने की सुगमता हो रा ीय कंपनी कानून अिधकरण (एनसीएलएटी) के गठन के साथ
कंपनी कानून बोड को भंग कर िदया गया और सीएलबी म लंिबत मामलों को एनसीएलटी म ह ातं रत
कर िदया गया
िदवाला और न िनिध संिहता, 2016 तथा एसआईसीए िनर ीकरण अिधिनयम, 2003 के बारे म क
सरकार ने 1 िदसंबर, 2016 को अिधसूचना जारी की थी इसके साथ ही ‘औ ोिगक और िव ीय पुनगठन
बोड’ (बीआईएफआर) तथा ‘औ ोिगक और िव ीय पुनगठन की अपीलीय ािधकरण’ भंग हो गया है
एनसीएलएट की पीठों को िदवाला और न िनिध संिहता 2016 के भाग दो के अंतगत े ािधकार, श यां
और ाय े ािधकार दान िकया गया है क सरकार ने अिधसूचना सं ा जीएसआर 119 (ई.)
िदनां क 07 िदसंबर, 2016 के असार पंचाट, समझौता, बंधन तथा एनसीएलटी की पीठों के पुनगठन से
संबंिधत कायवािहयों के ह ां तरण के ावधान को अिधसूिचत कर िदया है कंपनी समेटने के बारे म उ
ायालयों के सम लंिबत आवेदनों पर उ ायालय सुनवाई करते रहगे और नए आवेदन एनसीएलटी
के सम दायर करने होंगे
एनसीएलटी की पीठों की थापना चरणब तरीके से की जा रही है और इसम भौितक अवसंरचना,
सद ों तथा अ सहायक कमचा रयों की उपल ता को ान म रखा जा रहा है एनसीएलटी का
मु ालय िद ी म है और एनसीएलटी पीठ दस थानों नई िद ी, अहमदाबाद, इलाहाबाद, बंगलु ,
चंडीगढ़ , चे ई, गुवाहाटी , है दराबाद, कोलकाता और मुंबई म ह इन सभी थानों म समुिचत अवसंरचना
उपल कराई गई समय-समय पर इन सं थाओं से ा वृ के ज रतों के अनुरोधों का भी ान रखा
जाता है
कंपनी अिधिनयम के ावधानों के अंतगत ित धा अपील अिधकरण को 2017 म भंग करके
एनसीएलटी म िवलय कर िदया गया भारतीय ित धा आयोग के आदे शों के िव अपील अब
एनसीएलटी म सुनी जाएगी ित धा आयोग (सीओएमपीएटी) के लंिबत मामलों को एनसीएलटी म
ह ातं रत कर िदया गया है एनसीएलएटी 30 नवंबर, 2017 तक 1052 मामलों का िनपटारा कर चुका है
और पंजीकरण कायालय म कंपिनयों की सं ा 264 मामले लंिबत थे
कंपनी अिधिनयम, 2013, कंपनी अिधिनयम, 1956 तथा पूववत कंपनी कानूनों के अंतगत माच 2017
तक दे श म पंजीकृत कंपिनयों की सं ा 16,41,333 थी इनम से 3,01,778 कंपिनयां बंद हो गई, 802
कंपिनयां कंपनी अिधिनयम, 2013 के अनु े द 455 के अनुसार िन य पड़ी ह; 1,38,206 कंपिनयों ने
िपछले दो वष से वैधािनक वािषक िववरिणका को नहीं भरा है ; 5,698 कंपिनयां प रसमापन की ि या म
ह; 25,264 कंपिनयों के नाम कंपनी अिधिनयम, 2013 के अनु े द 248 के अंतगत हटाए जाने की ि या
म ह और 282 कंपिनयां िफर से सि य बनाए जाने की ि या म ह इन सभी त ों को ान म रखते ए
माच 2017 तक 11,69,303 कंपिनयां सि य ह

कॉरपोरे ट सामािजक दािय


भारत म कंपिनयों के िलए कॉरपोरे ट सामािजक दािय (सीएसआर) िनभाना कंपनी अिधिनयम, 2013 के
अनु े द 135 तथा कंपनी अिधिनयम 2013 की 7वीं अनुसूची के मा म से अिनवाय बनाया गया और
कंपिनयों के िलए (कॉरपोरे ट सामािजक दािय नीित) िनयम 27 फरवरी, 2014 को अिधसूिचत िकया गया
और पहली अ ैल 2014 को लागू आ
मं ालय ने समय-समय पर कंपिनयों के िलए (कॉरपोरे ट सामािजक दािय नीित) िनयम 27 फरवरी,
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2014 को संशोिधत िकया है और सकुलर के पम ीकरण और ायः पूछे जाने वाले ों के उ र


जारी िकए ह तािक सीएसआर को भावी तरीके से लागू िकया जा सके और इसका प रपालन सुिनि त
िकया जा सके े ीय िनदे शक कायालय ारा े ीय पेशेवर सं थानों और उ ोग चबर के सहयोग से
कायशालाओं का आयोजन िकया जाता है तािक कंपिनयां कारगर तरीके से सीएसआर का प रपालन कर
सक सीएसआर पर उ रीय सिमित की िसफा रश के आधार पर कॉरपोरे ट मामलों के मं ालय ने
वािषक सीएसआर पुर ारों का गठन िकया है

सीिमत दािय साझेदा रयां


भारत म औ ोिगक इकाइयों का 95 ितशत सू , लघु और मझोले (एमएसएमई) े म ह सू , लघु
और मझोले उ म मं ालय के सव ण के अनुसार 90 ितशत से अिधक इकाइयां एकल ािम वाली
कंपिनयों के प म पंजीकृत ह, 2 से 3 ितशत साझेदारी वाली कंपिनयां ह तथा 2 ितशत से कम कंपिनयों
के प म पंजीकृत ह एमएसएमई े म ापक प से कॉरपोरे ट प िदखाई नहीं दे ता
एमएसएमई मं ालय ारा संकिलत आं कड़ों से पता लगता है िक कंपनी अिधिनयम 1956 के अंतगत उ
प रपालन लागत के कारण एमएसएमई कॉरपोरे ट प नहीं ले पातीं
ािम और साझेदारी वाली कंपिनयों का कामकाज अपारदश होने के कारण बकों ारा ऋण पा ता
का मू ां कन किठन होता है इसिलए एसएमई कंपिनयां बकों और अ िव ीय सं थाओं से ऋण ा
करने के मामले म कॉरपोरे ट की तुलना म अलाभकारी थित म ह एक ऐसे नए कॉरपोरे ट प की
आव कता महसूस की जा रही थी जो एक तरफ पारं प रक साझेदारी की असीिमत गत दािय का
िवक ुत करे और दू सरी ओर सीिमत दािय वाली कंपनी को िविध-स त शासिनक संरचना दान
करे इस संदभ म 2008 म ‘सीिमत दािय साझेदारी (एलएलपी) अिधिनयम’ बनाया जो 31 माच, 2009 को
अ म आया
एलएलपी एक कारोबारी इकाई है जो साझेदारी वाली कंपिनयों म साझेदारों के संयु तथा अ
दे नदा रयों से गत साझेदार को संर ण दान करती है सामा कारोबार के िसलिसले म साझेदारों
की दे नदारी साझेदारों की गत प रसंपि यों से अलग होती है यह करार करने और संपि बनाए
रखने म तं प से स म होती है एलएलपी अपने सीिमत दािय के कारण अनुपालन मानक को
सहजता से पूरा कर सकगी अपे ा है िक एलएलपी के कॉरपोरे ट ढां चा तथा कटीकरण की वैधािनक
अिनवायता के कारण उ बाजार से ऋण लेने के अिधक अवसर ा होंगे 31 माच, 2017 को 88,543
एलएलपी इकाइयां थीं िजनम से 86,287 सि य एलएलपी ह

एमसीए 21 ई-गवनस प रयोजना


मं ालय ने कंपनी तथा सीिमत दािय साझेदारी (एलएलपी) के पंजीकरण, िनगमीकरण, रिज ी तथा
प रपालन संबंधी सेवाओं को शािमल करते ए ारं भ से अंत तक ‘एमसीए 21’ नामक ई-गवनस प रयोजना
का संचालन िकया माच 2006 म बीओओटी (िब , ओन, ऑपरे ट और टां सफर) मॉडल के आधार पर यह
प रयोजना ारं भ की गई तािक सरकारी सेवाओं की िडजाइन और िडिलवरी म सेवो ुखी ि कोण
अपनाया जा सके यह प रयोजना िमशन मोड म चलाई गई तािक सावजिनक सेवाओं और कंपिनयों तथा
एलएलपी अिधिनयम के शासन म सेवो ुखी ि कोण अपनाया जाए इसम (1) कंपिनयों और एलएलपी
के रत िनगमीकरण और (2) कारोबारी सुगमता दान करने पर िवशेष बल िदया गया
यह प रयोजना मं ालय के मु ालय, सभी े ीय िनदे शालयों और कंपनी रिज ार कायालयों म लागू
की गई तािक सावजिनक सेवाओं और कंपिनयों तथा एलएलपी अिधिनयम के शासन म सेवो ुखी
ि कोण अपनाया जा सके सभी सेवाएं ऑनलाइन दान की जाती ह और दा खल िकए गए सभी
द ावेज सावजिनक प से उपल होते ह
ई-सेवाओं की मदद से एमसीए 21 णाली िहतधारकों को सुिवधाजनक, सरल और सुरि त प ं च दान
करती है तथा बेहतर गित और िनि तता के साथ सभी एमसीए सेवाएं दान करती है इससे मं ालय के
कामकाज म पारदिशता, गित और स मता आई है माच 2016 म एमसीए 21 के एसएपी आधा रत
ेटफाम सं रण 2 के सफल शु आत के बाद प रयोजना आगे और सुधार के उ े से नए चरण म
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वेश कर गई है

लागत लेखा
कंपनी अिधिनयम, 2013 के अनु े द 148 के तहत व ुओं के उ ादन और सेवा दे ने के काम म लगी
कंपिनयों के अपने बही खातों म सामि यों, म तथा लागत वाली उपयोग अ मदों को शािमल करना
अिनवाय है िजन कंपिनयों के िलए लागत रकाड रखना ज री है और िजनका कारोबार िनधा रत है , उ
अपनी लागत रकॉड का ऑिडट लागत लेखाकार से कराना ज री होगा
क सरकार ने कंपनी (लागत रकाड तथा अंके ण) िनयम, 2014 को अिधसूिचत िकया है िजसे िदसंबर
2014 और 14 जुलाई, 2016 को संशोिधत िकया जा चुका है इसम उन कंपिनयों के वग, ूनतम सीमा का
िनधारण िकया है , िजनके िलए लागत लेखाजोखा रखना और लेखा परी ण कराना अिनवाय है उपरो
िनयमों म से 6 िनयिमत े 33 गैर-िनयिमत े म शािमल ह, जो लागत रकॅाड रखने तथा उनका लेखा
परी ण करने के मामले म कंपनी अिधिनयम, 2013 के अनु े द 148 के अंतगत आते ह, बशत वे िनिद
ूनतम सीमा म हों
लागत रकाड से कंपिनयों को अपने ही उपयोग के िलए लागत बंधन, मू िनधारण और अ
संबंिधत काय के िलए डाटाबेस संकलन म सहायता िमलती है इन रकाड का इ ेमाल, मू िनधारण
ािधकार, िनयामक सं थाओं, िव ापार संगठन की ि या यन और िनगरानी एजिसयों, भारतीय
ित धा आयोग (सीसीआई), गंभीर धोखाधड़ी अ ेषण कायालय (एसएफआईओ), राज ािधकारों
तथा अ सं थानों ारा िकया जाता है मं ालय लागत लेखा परी ण रपोट का िव ेषण करता है और
िनिद कंपिनयों ारा िनयमों व कानूनों के अनुपालन पर नजर रखता है

िनवेशक िश ा और संर ण कोष


कंपनी अिधिनयम म िनवेशक जाग कता को ो ािहत करने तथा िनवेशकों के िहतों की र ा करने के
िलए िनवेशक िश ा और संर ण कोष (आईईपीएफ) की थापना का ावधान है
लाभां श रािश, प रप जमा, प रप िडबचरों तथा आवेदन रािश िजनका भुगतान नहीं आ है , िजनका
दे य ितिथ से 7 वष तक भुगतान नहीं िकया गया है , कोई दावा नहीं िकया गया है , उ आईईपीएफ म
अंत रत कर िदया जाता है कंपनी अिधिनयम, 1956 के अनु े द 205सी म इस 13वीं रािश के आईईपीएफ
म अंतरण करा िदए जाने के बाद को वापस करने की अनुमित नहीं थी कंपनी अिधिनयम, 2013
का अनु े द 125 आईईपीएफ म अंत रत भुगतान नहीं की गई रािश की वापसी की अनुमित दे ता है ऐसी
रािश की वापसी अिधिनयम के अनु े द 125 के अंतगत ‘िनवेशक िश ा और संर ण कोष ािधकार’ ारा
की जाती है
आईईपीएफ ािधकार िसतंबर 2016 से काम कर रहा है आईईपीएफ ािधकार को आईईपीएफ म
अंत रत रािश का उपयोग करते ए िनवेशक जाग कता गितिविधयां चलाने की िज ेदारी दी गई है
ािधकार का एक अ होता है और एक मु कायकारी अिधकारी (सीईओ), इसके अित र िविभ
े ों से िलए गए 6 अ सद भी होते ह
िनवेशक जाग कता काय म (आईएपी) तीन पेशेवर सं थानों– (1) भारतीय चाटड एकाउं टट् स
सं थान, (2) भारतीय कंपनी सिचव सं थान तथा (3) भारतीय लागत लेखा सं थान-के सहयोग से आयोिजत
िकए जाते ह सीएससीई भारत सरकार सेवा म संचार एवं आईटी मं ालय (इले ॉिन एवं सूचना
ौ ोिगकी िवभाग) नई िद ी को वष 2012-13 से ामीण े ों म इन काय मों के आयोजन की िज ेदारी
सौंपी गई है
इसके अित र , सार भारती के मा म से िनवेशक जाग कता बढ़ाने के िलए 90 िदनों के िलए
दू रदशन पर ॉलर संदेश और आकाशवाणी पर िजंग सा रत िकए जाते ह

भारतीय कॉरपोरे ट िविध सेवा


कॉरपोरे ट मामलों का मं ालय ‘भारतीय कॉरपोरे ट िविध सेवा’ (आईसीएलएस) का कैडर िनयं ण ािधकार
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है पूववत ‘कंपनी िविध सेवा वष का नामकरण’ 2008 म बदलकर ‘भारतीय कॉरपोरे ट िविध सेवा’ िकया
गया था

गंभीर धोखाधड़ी अ ेषण कायालय


भारत सरकार ारा 2 जुलाई, 2003 को एक संक के ज रए कॉरपोरे ट मामलों के मं ालय म गंभीर
धोखाधड़ी अ ेषण कायालय (एसएफआईओ) की थापना की गई कंपनी अिधिनयम 2013 म
एसएफआईओ को वैधािनक दजा िदया गया है और इसके काय और श यों का पया िव ार िकया
गया है इसकी थापना कंपनी अिधिनयम, 2013 के अनु े द 211 के अंतगत िकया गया है िजसकी
अिधसूचना सं. 2005(ई) िदनां क 21 जुलाई, 2015 को जारी की गई
एसएफआईओ का मु काय गंभीर और जिटल प की कॉरपोरे ट धोखाधड़ी की जां च करना है
एसएफआईओ ऐसे जिटल मामलों की जां च का काय अपने हाथ म लेता है िजनका भाव अ िवभागों और
शाखाओं पर पड़ सकता है एसएफआईओ धन के िविनयोग के आकार अथवा भािवत यों की
सं ा के साथ-साथ कानून, ि या तथा व था म सुधार और अ ेषणों की आव कता का संकेत दे ने
वाले मामलों की जां च करता है जां च का काम ब -िवभागीय दल ारा िकया जाता है िजसम लेखा े ,
फारिसक लेखा परी ण, कराधान, सीमा शु , सूचना ौ ोिगकी, पूंजी बाजार, िव ीय लेनदे न (बिकंग
सिहत) तथा क ीय अ ेषण ूरो (सीबीआई), गु चर ूरो (आईबी) और वतन िनदे शालय जैसी
एजिसयों के िवशेष शािमल होते ह

भारतीय कॉरपोरे ट मामला सं थान


मं ालय ने भारतीय कॉरपोरे ट मामला सं थान (आईआईसीए) का गठन सोसायटी पंजीकरण अिधिनयम,
1860 के अंतगत एक पंजीकृत सोसायटी के प म िकया है इसका उ े ऐसे सम िथंक टक और
मता िनमाण सेवा दाय सं थान के प म काम करना है जो सम त, साझेदा रयों और सम ाओं के
समाधान के मा म से कॉरपोरे ट िवकास और सुधारों के िलए नीित िनधारण और मता सृजन की सेवा एक
ही थान पर दान कर सके सं थान अपने िविभ ू लों तथा क ों के नेटवक के ज रए भारतीय कंपनी
िविध सेवा (आईसीएलएस) तथा मं ालय, कॉरपोरे ट, सावजिनक ित ानों तथा बकों के अिधका रयों के
िश ण आव ताओं की पूित करता है कॉरपोरे ट सामािजक दािय का रा ीय फाउं डेशन भी
आईआईसीए तं से जुड़ा है यह सं थान कॉरपोरे ट गवनस, कॉरपोरे ट सामािजक दािय , िनवेशक िश ा
और संर ण, वसाय दािय , िव , ित धा कानून आिद िविवध े ों म सेवा दान व था म सुधार
करने म मदद दे ता है

भारतीय ित धा आयोग
ित धा अिधिनयम, 2002 के अंतगत 14 अ ू बर, 2003 को भारतीय ित धा आयोग (सीसीआई) की
थापना की गई थी इसका उ े धा, संवधन तथा धा की िनरं तरता पर ितकूल भाव डालने वाले
वहारों को समा करना, उपभो ाओं के िहतों की र ा करना और भारत म कारोबार की तं ता को
सुिनि त करना है ित धा अिधिनयम, 2002 म सरकारी (संशोधन) अिधिनयम, 2007 तथा सरकारी
(संशोधन) अिधिनयम, 2009 ारा दो बार संशोधन िकया गया है
संयोजन के िनयमन के संदभ म आयोग को माच, 2017 तक संयोजन के िलए 498 नोिटस ( तः सं ान
के 9 मामलों सिहत) िमली है इनम से 482 मामलों का िन ादन िनधा रत समय म कर िलया गया दा खल
नोिटसों की िनपटान दर 96.78 ितशत रही है
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खा , नाग रक आपूित
15 एवं उपभो ा मामले

, नाग रक आपूित एवं उपभो ा मामले मं ालय म दो िवभाग ह- खा एवं सावजिनक िवतरण
खा िवभाग और उपभो ा मामले िवभाग (डीसीए) दे श म उभरते उपभो ा आं दोलन को ो ाहन दे ने
के िलए एक पृथक िवभाग बनाए जाने की आव कता महसूस होने के कारण मं ालय के दो िवभागों
म से एक- उपभो ा मामले िवभाग को जून 1997 म पृथक िवभाग बनाया गया
िवभाग को िन िल खत दािय सौंपे गए ह- आं त रक ापार, आव क व ु अिधिनयम, 1955 आिद,
काला बाज़ारी िनवारण और आव क व ु दाय अिधिनयम, 1980, िड ाबंद व ुओं का िनयं ण,
िविधक माप िव ान म िश ण, उपभो ा सहका रताएं आिद
मं ालय का खा और सावजिनक िवतरण िवभाग दे श म खा अथ व था के बंधन के िलए
उ रदायी है यह खा ा ों की खरीद, उनके भंडारण, ढु लाई तथा उ िवतरण एजिसयों तक प ं चाने जैसे
िविवध कायकलाप करता है इस िवभाग का मुख नीितगत उ े खा ा ों की यथासमय और उपयोगी
खरीद के मा म से दे श की खा सुर ा सुिनि त करना है इसम िविभ खा ा ों की खरीद करना,
खा ा ों का ॉक रखना और उनका रखरखाव करना, खा ा ों की ढु लाई तथा िवतरण करने वाली
एजिसयों को उनकी सुपुदगी करना और खा ा ों के उ ादन, ॉक एवं मू रों की िनगरानी करना
शािमल है
इसम ूनतम समथन मू तं के मा म से िकसानों को उनके उ ाद के उिचत मू ारा ो ाहन
दे ने, गरीबीरे खा से नीचे रहने वाले प रवारों को खा ा ों का िवतरण करने एवं भुखमरी की कगार पर प ं चे
प रवारों को अं ोदय अ योजना (एएवाई) के अंतगत कवर करने, खा ा की कमी वाले े ों म अनाज
बक थािपत करने और सावजिनक िवतरण णाली (पीडीएस) म पंचायती राज सं थाओं (पीआरआई) को
शािमल करने पर ान कि त िकया गया है
वेबसाइट: www.consumeraffairs.nic.in, www.dfpd.nic.in

उपभो ा मामले
उपभो ा मामले िवभाग (डीसीए) का अिधदे श उपभो ाओं की िहमायत करना है भारत ने उपभो ाओं
की िहमायत म अ णी भूिमका िनभाते ए उपभो ा संर ण अिधिनयम(सीपीए) को 1986 म अिधिनयिमत
िकया, जो उस समय का सबसे गितशील कानून था और 1997 म उपभो ा मामलों को समिपत एक
अलग सरकारी िवभाग की थापना की इस अिधदे श काया यन म िन िल खत काय शािमल ह-
उपभो ाओं को कुशल िवक ों का चयन करने म स म बनाना; उपभो ाओं के िलए ायोिचत,
ायसंगत और सुसंगत प रणाम सुिनि त करना और उपभो ाओं के िववादों का समयोिचत और भावी
िनवारण सुिनि त करना

उपभो ा जाग कता


उपभो ा मामले िवभाग वष 2005 से उपभो ाओं के अिधकारों और िज ेदा रयों से संबंिधत िविवध मु ों
पर दे श ापी म ीमीिडया जाग कता अिभयान संचािलत कर रहा है ‘जागो ाहक जागो’ अब घर-घर
चिलत हो चुका है हाल ही म जनसाधारण तक ापक प ं च रखने वाले सभी सरकारी िवभागों/संगठनों
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की भागीदारी से संयु अिभयान चलाए गए ह उदाहरण के िलए खा के िलए खा सुर ा और मानक


संगठन (एफएसएसएआई) के साथ, िव ीय सेवाओं के िलए भारतीय रजव बक (आरबीआई) के साथ, और
औषिधयों के संबंध म नेशनल फामा ूिटकल ाइिसंग अथॉ रटी (एनपीपीए) के साथ टे लीिवजन, रे िडयो,
समाचार-प , और आउटडोर िव ापनों जैसे िविभ इले ॉिनक और ि ंट मीिडया के मा म से अिभयान
चलाए गए ह उपभो ा जाग कता अिभयान का काया यन सूचना एवं सारण मं ालय के एवं
चार िनदे शालय (डीएवीपी), दू रदशन नेटवक (डीडी) और ऑल इं िडया रे िडयो (एआईआर) के मा म से
िकया जाता है

उपभो ाक ाण कोष
क सरकार को उपभो ा क ाण कोष का सृजन करने म समथ बनाने के िलए 1991 म क ीय उ ाद
शु और नमक अिधिनयम, 1944 म संशोधन िकया गया इस कोष म ितवष वह रािश जमा की जाती है ,
िजसम दावा न िकए गए क ीय उ ाद शु राज शािमल ह और जो रािश िविनमाताओं को नहीं लौटाई
जाती है उपभो ा क ाण कोष का सृजन 1992 म िकया गया था, िजसका उ े उपभो ाओं के
क ाण, संवधन और संर ण, उपभो ा जाग कता उ करने और दे श म िवशेष प से ामीण े ों
म ै क उपभो ा आं दोलन को मजबूत करने के िलए िव ीय सहायता दान करना है कोष की
थापना राज िवभाग ारा क ीय उ ाद शु और नमक अिधिनयम, 1944 के अधीन की गई है और
इसका चालन उपभो ा िवभाग ारा िकया जा रहा है वष 2014 म इसके िनयम संशोिधत िकए जाने के
बाद से उपभो ा क ाण कोष िनयमों के तहत ऐसी कोई एजसी/संगठन जो कम से कम पां च साल की
अविध से उपभो ा क ाण गितिविधयों म लगा हो और कंपनी अिधिनयम, सोसायटी पंजीकरण
अिधिनयम अथवा कुछ समय के िलए िकसी अ कानून के तहत पंजीकृत हो, कोष से िव ीय सहायता
ा करने का पा है माच 2017 को कोष म 26.23 करोड़ पये की धनरािश उपल थी िदसंबर 2017
तक कोष म से 11.65 करोड़ पये की धनरािश का उपयोग िकया गया

उपभो ाओं के ित ितब ता


उपभो ा मामले िवभाग, जाग कता और िश ा, अनुिचत ापार प ितयों के िनवारण के ज रए
उपभो ा संर ण को बढ़ावा दे कर, मानकों और उनकी अनु पता के मा म से गुणव ा आ ासन और
संर ा बढ़ाकर तथा वहनीय एवं भावी प ं च सुिनि त करके उपभो ाओं को सश बनाना चाहता है
वष 1986 के उपभो ा संर ण अिधिनयम के अिधिनयमन के बाद से व ुओं और सेवाओं के उपभो ा
बाज़ारों म काफी बदलाव आया है इस बदलाव के मुख कारण उदारीकरण, िनजीकरण और िविनयमन,
नई ौ ोिगिकयों और उ ादों म नवाचार, नई उपभो ा सेवाओं का उद् भव तथा बेहतर व ुओं और
सेवाओं के ित उपभो ाओं की बढ़ती अपे ाएं ह आधुिनक बाज़ारों म जिटल उ ादों और सेवाओं की
आवक िनिहत है िव आपूित ृंखलाओं का उदय, अंतररा ीय ापार म वृ और ई- वािण के
ती तम िवकास ने व ुओं और सेवाओं की नई सुपुदगी णाली िवकिसत की है तथा उपभो ाओं को नए
अवसर दान िकए ह सामानां तर प से इसने उपभो ाओं को नए िक के अनुिचत ापार और
कारोबार की अनैितक प ितयों के ित असहाय भी बनाया है इन चुनौितयों को हल करने के िलए
नीितगत अनुकूलता, सम त काय म काया यन, िनयामक कारवाई के सामंज और ऐसे सं थागत तं
की आव कता है , िजसके ारा सरकार के ह ेप के सव ृ नतीजे िनकल सक यह िवभाग सुशासन
के लाभ आम जनता तक प ं चाने पर मु प से ान कि त करता आया है यह काय िविवध
िहतधारकों- भारत सरकार के संब िवभागों, रा सरकारों, िविनयामक एजिसयों और ै क
उपभो ा संगठनों की भागीदारी से िकया गया है

उपभो ा संर ण अिधिनयम


उपभो ा संर ण अिधिनयम, 1986 का अिधिनयमन दे श म उपभो ाओं के समथन की िदशा म मुख
मील का प र है यह अिधिनयम उपभो ाओं के िहतों के बेहतर संर ण के िलए िवशेष प से
उपभो ाओं के िलए एक औपचा रक िकंतु अ - ाियक िववाद िनवारण तं का सृजन करके िविधक
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अवसंरचना उपल कराता है इस गितशील कानून ने रा ीय, रा और िजला र पर एक ि - रीय


अ ाियक उपभो ा िववाद िनवारण तं की थापना की है , िजसका ल उपभो ाओं को सरल,
रत और उिचत िनवारण उपल कराना है
भारतीय मानक ूरो
नया भारतीय मानक ूरो (बीआईएस) अिधिनयम 2016, वष 2017 से लागू आ इस अिधिनयम के तहत
भारतीय मानक ूरो (बीआईएस) को भारत के रा ीय मानक िनकाय के प म थािपत िकया गया है
इसम ऐसे ावधान ह, जो सरकार को िकसी भी अनुसूिचत उ ोग, ि या, णाली या सेवा को, िजसे वह
सावजिनक िहत म या मानव, पशु या पादप ा की सुर ा, पयावरण संर ण के िलए अथवा अनुिचत
ापार प ितयों की रोकथाम अथवा रा ीय सुर ा के िलए आव क समझती हो, उसे अिनवाय माणन
व था के तहत लाने म समथ बनाते ह ब मू धातु की व ुओं की हॉलमािकग अिनवाय बनाने के िलए
भी ावधान िकए गए ह नया कानून मानक के अनुपालन की -घोषणा सिहत िविवध कार की
सरलीकृत अनुपालन योजनाओं की भी अनुमित दान करता है , जो िविनमाताओं को मानकों का पालन
करने और अनुपालन का माण-प ा करने के सरलीकृत िवक दान करगी यह कानून क
सरकार को उ ादों और सेवाओं के अनुपालन को मानक के अनुकूल स ािपत करने तथा अनुपालन का
माण-प जारी करने के िलए बीआईएस के अलावा, अ िकसी भी ािधकरण/एजसी को िनयु करने म
स म बनाता है इतना ही नहीं, उ ाद के उ रदािय सिहत ऐसे उ ादों म सुधार करने या वापस लेने के
ावधान भी मौजूद ह, िजन पर का मानक िच मौजूद हो, लेिकन वे उपयु भारतीय मानक का अनुपालन
न करते हों नया कानून दे श म कारोबार करने म सुगमता दान करने म भी सहायता करके ‘मेक इन
इं िडया’ अिभयान को ो ाहन दे गा और उपभो ाओं को गुणव ापूण उ ादों और सेवाओं की उपल ता
सुिनि त कराएगा भारतीय मानक ूरो िनयम, 2017 भी वष 2017 म अिधसूिचत िकए गए
1947 म अ म आई भारतीय मानक सं था (आईएसआई) की प रसंपि यों और दािय ों को हण
कर भारतीय मानक ूरो की थापना एक वैधािनक िनकाय के प म की गई थी ूरो का मु ालय नई
िद ी म है इसके 5 े ीय कायालय, 32 शाखा कायालय और 8 योगशालाएं ह, जो भारतीय मानक
ूरो, सरकार, उ ोग जगत और उपभो ाओं के बीच एक भावी संपक सू का काम करते ह ूरो ने
िविभ े ों म अपनी मुख गितिविधयों यथा- मानक िनधारण, उ ाद माणन और बंधन णाली
माणन और हॉलमािकग म िनरं तर गित की है
वेबसाइट: www.bis.gov.in
रा ीय उपभो ा हे लाइन
रा ीय उपभो ा हे लाइन (एनसीएच), भारतीय लोक शासन सं थान (आईआईपीए) म उपभो ा
अ यन क के अधीन संचािलत की जा रही एक प रयोजना है इसकी थापना वष 2004 म की गई थी
और एक पीआरआई लाइन के मा म से कॉल ा करने और उ र दे ने के िलए, इसका एक क माई
सॉ वेयर है जो आईआईपीए म सवर आधा रत है यह प रयोजना, उपभो ा के िदन- ितिदन के
वहारों म ापार और सेवा दाताओं के साथ उ होने वाली सम ाओं को एक टे लीफोन हे लाइन
के मा म से हल िकए जाने की उपभो ा की आव कता को समझता है इसका ाथिमक उ े ,
उपभो ाओं के टे लीफोन कॉल ा करना तथा कॉलर को जानकारी दान करना और उनकी िशकायतों
को इन ाम पोटल पर पंजीकृत करना, उपभो ाओं को उनकी िशकायतों के िनवारण के िलए परामश एवं
सलाह दान करना, इन ाम पोटल, ईमेल, एसएमएस इ ािद के मा म से ऑनलाइन ा िशकायतों का
समाधान करना, उपभो ाओं को उिचत उपभो ा मंचों म उनकी िशकायत दज करने के संबंध म
सहायता/सलाह दान करना, अ संबंिधत संचालनों का िन ादन करना है रा ीय उपभो ा हे लाइन,
उपभो ा िशकायत िनवारण तं की मुख कड़ी है यह केवल कॉल सटर के प म ही काय नहीं करती
इसने 373 कंपिनयों के साथ भागीदारी की है जो िशकायतों के िनपटान के िलए ऑनलाइन ु र दे ती ह
इसे कंवजस तं कहा जाता है यह कंवजस कंपनी के साथ िशकायतों का अनुसरण करती है ,
िशकायतकता से फीडबैक ा करती है , िशकायत के संबंध म अनुसंधान और िव ेषण करती है
एनसीएच एक रा ीय टॉल- ी नंबर 1800-11-4000 उपल कराती है नाम और शहर का उ ेख करके
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918130009809 पर एसएमएस (शु लागू) भी भेजा सकता है उपभो ा अपने ों और िशकायतों के


बारे म सूचना, परामश या मागदशन ा करने के िलए कॉल कर सकते ह
उपभो ा िशकायत िनवारण
उपभो ा संर ण अिधिनयम, 1986 के अंतगत दे श म एक ि रीय अ ाियक तं की थापना की गई
है , जो अपने सम दायर िशकायतों पर िनणय सुनाता है और उपभो ाओं का रत ितपूित करता है
इसम शीष र पर रा ीय उपभो ा िववाद िततोष ( ितपूित) आयोग (रा ीय आयोग), िजसके अिधकार
े म समूचा दे श आता है और िजसका आिथक े ािधकार एक करोड़ से ऊपर के दावों संबंधी उपभो ा
िववादों/िशकायतों का है और जो रा /आयोगों पर अपीलीय ािधकरण है , 35 रा उपभो ा िववाद
िततोष आयोग (रा आयोग), िजनका अिधकार े संबंिधत रा /संघशािसत े और आिथक
े ािधकार 20 लाख (बीस लाख) पये से अिधक और 1 करोड़ (एक करोड़) पये तक की रािश की
उपभो ा िशकायतों से संबंिधत दावों का है और जो िजला मंचों के ऊपर अपीलीय ािधकरण है तथा 679
िजला उपभो ा िववाद िततोष मंच (िजला मंच), िजनके अिधकार े म पूरा िजला आता है और िजनका
आिथक े ािधकार 20 लाख (बीस लाख) पये तक का है
रा ीय परी ण शाला
भारत सरकार के शासिनक िनयं ण के अधीन वष 1912 से ि याशील रा ीय परी णशाला - औ ोिगक,
इं जीिनय रं ग तथा उपभो ा उ ादों के परी णों तथा गुणता मू ां कन के िलए एक मुख योगशाला है
इस एक सदी पुराने वै ािनक एवं तकनीकी सं थान को भारतीय रे लवे ारा उपयोग म लाए जाने वाले
िविभ उ ादों की गुणव ा की जां च करने के उ े से सीिमत परी ण एवं गुणव ा मू ां कन योगशाला
(मूलतः सरकारी परी णशाला के नाम से मश र) के प म मूलतः भारतीय रे लवे बोड ने अलीपुर,
कोलकाता म थािपत िकया था एन.टी.एच. ारा थम े ीय योगशाला की थापना वष 1963 म मुंबई म
की गई और इसके बाद चे ई (1975), गािजयाबाद (1977), जयपुर (1994) तथा गुवाहाटी (1996) म
योगशालाएं थािपत की गई रा ीय परी णशाला िविभ इं जीिनय रं ग साम ी तथा तैयार उ ादों के
परी ण, मू ां कन तथा गुणव ा िनयं ण के े म, माप उपकरणों/उप रों तथा यं आिद के ास नापन
के े म काय करता है प से कह तो रा ीय परी ण शाला, रा ीय/अंतररा ीय िविनदशनों या
उपभो ा मानक िविनदशनों के अनु प वै ािनक तथा इं जीिनय रं ग े म परी ण माण-प जारी करने
का काय करता है
कीमतों की िनगरानी
उपभो ा मामले िवभाग, एक कीमत िनगरानी को (पीएमसी) का संचालन करता है , िजसका काय
चुिनंदा आव क व ुओं की कीमतों की िनगरानी करना है यह िनगरानी दै िनक खुदरा और थोक, दोनों
कीमतों के संबंध म दै िनक आधार पर की जाती है यह को रा /संघशािसत दे शों के नाग रक आपूित
िवभागों के मा म से दे शभर के 71 रपोिटग क ों से एक की गई 22 आव क व ुओ,ं िजनम अनाज,
दाल, स यां , खा तेल, चीनी, दू ध आिद शािमल ह, की कीमतों की िनगरानी करता है इन व ुओं की
दै िनक कीमत िवभाग की वेबसाइट (www.fea.min.nic.in) पर उपल होती ह और इ िनयिमत प से
अपलोड िकया जाता है
घरे लू और अंतररा ीय, दोनों तरह के बाज़ारों म वतमान कीमतों की थित के साथ-साथ कीमतों को
भािवत करने वाले अ कारकों का िव ेषण िकया जाता है और यथोिचत नीितगत कारवाई के िलए
अंतर-मं ालयी परामश तं के नोिटस म लाया जाता है कीमतों से संबंिधत आं कड़ों के िव ेषण के आधार
पर शू अथवा रयायती आयात दरों पर आम उपयोग की िविभ व ुओं के आयात की अनुमित,
आव कता पड़ने पर िनयात पर ितबंध, आव क व ु अिधिनयम के तहत ॉक धारण सीमा का
िनधारण तथा लि त सावजिनक िवतरण णाली (टीपीडीएस) के तहत उिचत मू पर खा ा ों के आवंटन
सिहत िविश ह ेप िकए जाते ह उपभो ा मामले िवभाग समुिचत नीितगत ह ेप को सुगम बनाने
के िलए रपोिटग क ों की सं ा, जो वतमान म 71 है , से बढ़ाकर चरणब प से 100 करने, कीमतों की
िनगरानी को ादा भावी बनाने के िलए रा ों/संघशािसत दे शों के साथ सम य बढ़ाने, उपभोग की
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बदलती प रपािटयों के म े नज़र समय-समय पर बाज़ार के सव णों के ज रए िनगरानी की जा रही


आव क व ुओं की मौजूदा सूची म िव ार करने, आव क व ुओं की मां ग-आपूित और उपभोग की
प रपािटयों के िव ेषण जैसे व ु िविश अ यन/सव ण पर काय कर रहा है

खा और सावजिनक िवतरण
खा और सावजिनक िवतरण िवभाग का मुख उ े ूनतम समथन मू (एमएसपी) पर खा ा ों की
पया खरीद, भंडारण तथा खा ा िवतरण करने, अनाज का बफर ॉक बनाये रखने, लि त सावजिनक
िवतरण णाली (टीपीडीएस) के अंतगत िवशेष प से समाज के कमजोर वग के िलए सिहत उिचत मू
पर खा ा उपल कराने, जैसे उिचत नीितगत उपायों के ज रए चीनी तथा खा तेल की उपल ता
सुिनि त करने जैसे उपायों के मा म से दे श के िलए खा सुर ा सुिनि त करना है िवभाग की खा
बंधन नीित के मु साधन अनाजों की खरीद, भंडारण और ढु लाई, सावजिनक िवतरण तथा बफर ॉक
का अनुर ण है
अनाज की खरीद
भारतीय खा िनगम (एफसीआई) िकसानों को समथन मू उपल कराने के िलए रा सरकारों की
एजिसयों की सहायता से िविभ रा ों म गे ं , धान तथा मोटे अनाजों की खरीद करता है ेक रबी/
खरीफ मौसम से पहले कृिष लागत और मू आयोग (सीएसीपी) की िसफ़ा रशों के अनुसार क सरकार
ूनतम समथन मू की घोषणा करती है , िजसम िविभ कृिष िनवेशों की लागत और िकसानों को उनकी
उपज के िलए उिचत लाभ ा को ान म रखा जाता है खा ा खरीद के िलए खोले जाने वाले खरीद
क ों की सं ा तथा पैकेिजंग सामि यों की खरीद और भंडारण थान जैसे बंधों का ाल रखा जाता है
खरीद मौसम ारं भ होने से पहले संबंिधत रा की खरीद मता और भौगोिलक िव ार को ान म रखते
ए एफसीआई और रा सरकारों की एजिसयों ारा आपसी सलाह से पया सं ा म खरीद क
थािपत िकए जाते ह खरीद मौसम के दौरान अित र खरीद क ों की आव कता की समय-समय पर
समी ा की जाती है और आव क खरीद क भी खोले जाते ह रा ों को िवक ीकृत खरीद णाली
(डीसीपी) अपनाने के िलए ो ािहत िकया जाता है तािक अिधकतम सरकारी खरीद की जा सके, ढु लाई
लागत म कमी आए और ूनतम समथन मू संबंधी काय की प ं च का िव ार िकया जा सके इस
णाली के अंतगत रा सरकार यं अनाजों की खरीद और िवतरण का काय करती ह रा की
आव कता से अिधक मा ा म खरीदे गए अनाजों को अ थानों पर िवतरण के िलए क ीय पूल म रखा
जाता है
हाल के वष म अनाज पैदावार म मह पूण वृ और पूव भारत म ह रत ां ित पर बल िदए जाने से
अनेक रा ों म खरीद काय का िव ार आ है , िजससे खा ा ों का संिचत क ीय पूल ॉक 319 लाख
टन के बफर मानक की तुलना म 2012 म रकॉड 805.16 लाख टन प ं च गया है इसिलए अब खरीद,
िवतरण और खा ा िनपटान की संतुिलत नीित अपनाई जा रही है , तािक िकसानों को उिचत समथन मू
िमले, टीपीडीएस आव कताओं को पूरी करने के िलए अिधकतम खरीद की जा सके, बफर ॉक बनाए
रखा जा सके और भिव म बाज़ार को असंतुिलत िकए िबना अित र अनाजों का िनपटान िकया जा
सके
क ीय पूल म अनाज का भंडार
खा सुर ा के िलए िनयत ूनतम भंडारण मानदं डों की पूित करने के िलए, लि त सावजिनक िवतरण
णाली (टीपीडीएस), अ क ाणकारी योजनाओं (ओड ूएस) के िलए मािसक र पर अनाज जारी
करने के िलए, अनेपि त प से फसल खराब होने, ाकृितक आपदाओं, ोहारों आिद के कारण उ
आपात थित से िनपटने के िलए तथा खुले बाजार की कीमतों को कम करने म सहायता करने के िलए
आपूित बढ़ाने के िलए क ीय मूल के अनाजों के भंडार का उपयोग बाज़ार ह ेप म करने के िलए अनाज
भंडारण के मानदं ड (बफर मानदं ड) का िनधारण िकया गया
क ीय पूल म अनाज (गे ं और चावल) का भंडार िसतंबर, 2018 म 590.86 लाख एमटी (205.77 लाख
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एमटी चावल और 385.09 लाख एमटी गे ं ) था जो मानकों के अनुसार आव कता से उसी मा ा म


अिधक था

रा ीय खा सुर ा
जनता की खा सुर ा के संक को मजबूत बनाने के िलए भारत सरकार ने रा ीय खा सुर ा अिधिनयम
(एनएफएसए), 2013 बनाया, जो 2013 से लागू हो गया इस अिधिनयम का उ े मानव जीवन च की
ि से लोगों को स ान के साथ जीवन तीत करने के िलए उिचत दरों पर गुणव ापूण आहार सुिनि त
कराते ए खा और पौि कता सुर ा दान करना है यह कानून खा सुर ा की अवधारणा म ापक
बदलाव का संकेत दे ता है और अब खा सुर ा क ाण आधा रत न रह कर अिधकार आधा रत हो गई है
इस अिधिनयम म लि त सावजिनक िवतरण णाली के अंतगत उिचत दर पर अनाज ा करने के
िलए 75 ितशत ामीण आबादी तथा 50 ितशत शहरी आबादी को कवर करने का ावधान है इस तरह
आबादी का दो-ितहाई िह ा कवर हो जाता है उ रयायती दर पर अनाजों की ा दो ेिणयों-
अं ोदय अ योजना(एएवाई) के अंतगत आने वाले प रवार की ेणी और ाथिमकता वाले प रवार की
ेणी म होती है एएवाई िनधनतम को खा सुर ा दान करने और 2.5 करोड़ प रवारों को कवर
करने के िलए वष 2000 म लां च की गई अिधनयम के अंतगत ऐसे प रवार को 1/2/3 पये ित िकलो ाम
की दर से ित प रवार 35 िकलो ाम मोटे अनाज/गे ं /चावल ा करने का अिधकार है ाथिमकता वाले
प रवारों को उपरो रयायती दरों पर ित ितमाह 5 िकलो ाम अनाज पाने का अिधकार है
इस अिधिनयम म िजला और रा रों पर िशकायत िनवारण व था बनाने का ावधान है
पारदिशता और उ रदािय सुिनि त करने के िलए भी अलग ावधान िकए गए ह
एनएफएसए अब सभी रा ों/क शािसत दे शों म 80.55 करोड़ लाभािथयों को कवर करता है , जबिक
वां िछत ल 81.34 करोड़ यों को कवर करना था चंडीगढ़, पुद्ु दचेरी तथा दादरा और नगर हवेली
के शहरी े ों म यह कानून नकद अंतरण प म लागू िकया जा रहा है , िजसके तहत खा स डी
लाभाथ के बक खाते म अंत रत कर दी जाती है , िजससे लाभाथ अपनी पसंद के अनाज खुले बाज़ार से
खरीद सकते ह
ारं भ से अंत तक कं ूटरीकरण
खा और सावजिनक िवतरण िवभाग रा ों/संघशािसत दे शों के साथ लागत साझेदारी के आधार पर
लि त सावजिनक िवतरण णाली- टीपीडीएस संचालनों म ारं भ से अंत तक कं ूटरीकरण करने की
योजना लागू कर रहा है इसके िलए 884.07 करोड़ पये की कुल रािश की आव कता है , िजसम भारत
सरकार की िह ेदारी 489.37 करोड़ पये और रा ों की िह ेदारी 394.70 करोड़ पये की है रा ीय
खा सुर ा अिधिनयम लागू होने के बाद यह काय म और अिधक मह पूण हो गया है , िजसके अंतगत
लि त सावजिनक णाली के मा म से िवत रत िकए जाने वाले अनाज की कीमत और कम होती है इस
योजना की अविध एक वष के िलए 2019 तक बढ़ा दी गई है इसकी मुख गितिविधयों म (क) लाभािथयों
की सही पहचान करने, जाली राशन काड को हटाने, खा स डी को बेहतर तरीके से लि त करने के
िलए लाभािथयों के डे टाबेस का िडिजटलीकरण करना, (ख) उिचत मू दु कानों के र पर खा ा
आवंटन म पारदिशता लाने के िलए अनाजों का ऑनलाइन आवंटन करना, और (ग) पारदश पोटलों,
ऑनलाइन िशकायत पंजीकरण और टोल ी हे लाइन नंबर लागू करने के मा म से टीपीडीएस के
काया यन म पारदिशता और सावजिनक उ रदािय लाने के िलए िशकायत िनवारण व था और
पारदिशता पोटल
सभी रा ों/संघशािसत दे शों से राशन काड डे टाबेस म आधार सं ा जोड़ने का अनुरोध िकया गया
है इतना ही नहीं, राशन दु कानों के ऑटोमेशन के िलए भी काय ारं भ िकए गए ह इनम राशन की दु कानों
पर लाभािथयों के माणीकरण के िलए ाइं ट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरण लगाना, राशन की दु कानों
पर लाभािथयों को की गई िब ी का रकाड रखना और क ीय सवर म कारोबारी डे टा अपलोड करना
शािमल है
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पीडीएस का एकीकृत बंधन


क ीय े की एक नयी योजना- पीडीएस का एकीकृत बंधन (आईएम-पीडीएस) को सावजिनक िवतरण
णाली नेटवक (पीडीएसएन) की थापना करने के िलए िव वष 2018-19 और 2019-20 के दौरान
काया त िकया जाएगा, तािक अ बातों के अलावा रा ीय र पर लाभािथयों के डु ीकेशन को समा
करने, पोटिबिलटी लागू करने का काय िकया जा सके यह योजना खा स डी को बेहतर ढं ग से लि त
करने को मजबूती दान करे गी और लाभािथयों को अपनी पसंद की एफपीएस से अनाज उठाने म सहायता
करे गी
2017 म जारी अिधसूचना के अनुसार, (समय-समय पर यथा संशोिधत) आधार (िव ीय और अ कार
की स डी, लाभ और सेवाओं की लि त सुपुदगी) अिधिनयम, 2016 के तहत, एनएफएसए के अंतगत
राशन काड ा करने वाले गत लाभािथयों को स डी ा करने के िलए आधार सं ा होने का
माण ुत करना होगा या आधार माणन कराना होगा िजनके पास आधार नहीं होगा, उ अपना
नाम, पता, मोबाइल नंबर के साथ-साथ राशन काड का नंबर और अ िववरण उपल कराते ए उिचत
दर की दु कान के मािलक के ज रए या रा /संघशािसत दे शों की सरकारों ारा उपल कराए गए वेब
पोटल के ज रए आधार नामां कन के िलए आवेदन करना होगा अिधसूचना म यह भी ावधान िकया गया
था िक जब तक लाभािथयों का आधार िनयत नहीं हो जाता, तब तक एनएफएसए के तहत पा ताएं उन
यों को राशन काड िदखाने पर या आधार नामां कन आईडी प या उनके अनुरोध की ित के साथ
िन िल खत म िकसी भी कार के पहचान संबंधी द ावेज़ यथा- (1) मतदाता पहचान-प या (2) पैन काड
या (3) पासपोट या (4) डाइिवंग लाइसस या (5) राजपि त अिधकारी या तहसीलदार ारा आिधका रक
लेटरहे ड पर जारी िकया गया फोटोयु पहचान माण-प या (6) डाक िवभाग ारा जारी पते का काड
िजस पर नाम और पता दज हो या (7) िकसान फोटो पासबुक या (8) रा सरकार या संघशािसत दे श
शासन ारा िनिद कोई अ द ावेज िदखाने पर उपल करायी जाएं गी
िवभाग ने रा ों/संघशािसत दे शों को ये िनदश भी जारी िकए ह िक नेटवक/कने िवटी/िलंिकंग की
सम ा या लाभाथ की खराब बायोमीिटक या िकसी अ तकनीकी कारण से बायोमीिटक माणन िवफल
होने की सूरत म लाभाथ को स ी दरों पर अनाज उपल कराया जाएगा या खा स डी का नकद
अंतरण उस पु ष/या मिहला ारा अपने बायोमीिटक माणन की जगह अपना आधार काड िदखाने के
आधार पर िकया जाएगा इतना ही नहीं, यह भी कर िदया गया है िक केवल आधार काड न होने के
कारण िकसी को भी अनाज दे ने से मना नहीं िकया जाएगा या राशन काड के डे टाबेस से उसका नाम नहीं
िमटाया जाएगा
यह ावधान भी िकया गया है िक यिद िकसी प रवार के सभी सद ों को आधार सं ा िनयत नहीं की
गई हो, तो राशन काड म नािमत पा प रवार का कोई भी सद , जो पहचान की शत को पूरा करता हो
और िजसका नाम राशन काड म दज हो, वह एनएफएसए के तहत िमलने वाले स डी वाले अनाज की
पूरी मा ा या खा स डी के नकद अंतरण को ा करने का हकदार होगा

अ क ाणकारी योजनाएं
म ा भोजन योजना
म ा भोजन योजना मानव संसाधन िवकास मं ालय चलाता है यह योजना सरकारी/सरकारी सहायता
द थानीय िनकाय़ों ारा चलाए जा रहे ू लों के ाथिमक तथा उ ाथिमक क ाओं के िव ािथयों को
कवर करती है ित ब ा ेक ू ल िदवस ाथिमक र पर 100 ाम की दर से तथा उ ाथिमक
र पर 150 ाम की दर से अनाज की िनःशु आपूित की जाती है , िजसके अंतगत पका भोजन/ सं ृ त
गम खाना परोसा जाता है या ित िव ाथ ित महीने 3 िकलो ाम अनाज िवतरण िकया जाता है इस
दौरान क ा अनाज िवत रत िकया जाता है वष 2018-19 के दौरान इस योजना के अंतगत 10.25 लाख
टन चावल और 1.87 लाख टन गे ं सिहत 12.12 लाख टन अनाज आवंिटत िकया गया
गे ं आधा रत पौि कता काय म
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यह योजना मिहला और बाल िवकास मं ालय काया त करता है इसके तहत आवंिटत होने वाले अनाजों
का उपयोग रा ों/संघशािसत दे शों ारा समेिकत बाल िवकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के अंतगत 0-
6 आयु वग के ब ों, गभवती मिहलाओं तथा नपान कराने वाली माताओं को पौि क और ऊजायु
आहार दे ने के िलए िकया जाता है इस योजना के अंतगत वष 2018-19 के दौरान 19.90 लाख टन अनाज
आवंिटत िकया गया, िजसम 9.63 लाख टन चावल और 10.27 लाख टन गे ं शािमल है इसके अित र
इसी अविध म योजना के अंतगत 13,000 टन म ा आवंिटत की गई
िकशो रयों के िलए योजना
यह योजना क ीय र पर मिहला और बाल िवकास मं ालय चलाता है लेिकन इस योजना के िलए
अनाज, मिहला और बाल िवकास मं ालय को खा और सावजिनक िवतरण िवभाग ारा बीपीएल दरों पर
आवंिटत िकया जाता है सबला योजना 2010 म दो योजनाओं- पौि कता काय म और िकशो रयां
(एनपीएजी) तथा िकशोरी श योजना (केएसवाई) को िमलाकर लां च की गई इस योजना का उ े 11-
18 साल की लड़िकयों की पौि कता और ा थित म सुधार लाकर और उनके िलए उपयोगी िविभ
कौशलों को उ त बनाकर उ सश बनाना है इस योजना का उ े लड़िकयों को प रवार क ाण
तथा ा और ता की जानकारी दान करना और वतमान सावजिनक सेवाओं के बारे म िनदिशत
करना भी है पौि कता के िलए योजना के अंतगत वष म 300 िदन ेक लाभाथ को ितिदन 100 ाम
आहार दे ने की आव कता है वष 2017-18 के दौरान 0.77 लाख टन चावल और 1.27 लाख टन गे ं
सिहत 2.04 लाख टन अनाज आवंिटत िकया गया
क ाणकारी सं थाओं को अनाज की आपूित
टीपीडीएस या अ क ाणकारी योजनाओं के अंतगत कवर नहीं की गईं क ाणकारी सं थाओं यथा-
िभ ुगृह, नारी इसी िनकेतन और अ कार की क ाणकारी सं थाओं की आव कताओं को पूरा करने
के िलए रा ों/संघशािसत दे शों को बीपीएल दरों पर अित र अनाज (चावल और गे ं ) का आवंटन
िकया गया है , जो बीपीएल आवंटन के 5 ितशत से अिधक नहीं है
अनुसूिचत जाित/अनुसूिचत जनजाित/ओबीसी छा ावासों को अनाज की
आपूित
यह योजना 1994 म लागू की गई अनुसूिचत जाित/अनुसूिचत जनजाित/ओबीसी से संबंिधत दो ितहाई
िव ािथयों वाले छा ावासों म रहने वाले ित महीने, ित िनवासी 15 िकलो ाम अनाज ा करने के पा
ह इस योजना के अंतगत खा और सावजिनक िवतरण िवभाग अनाज आवंटन रा /संघशािसत दे श
की सरकार ारा िकए गए अनुरोध के आधार पर करता है
अ पूणा योजना
यह योजना ामीण िवकास मं ालय लागू करता है इसके अंतगत रा ीय वृ ाव था पशन
योजना(एनओएपीएस) के अंतगत पशन नहीं पाने वाले 65 वष और उससे अिधक आय के व र नाग रकों
को ितमाह ित िनःशु 10 िकलो ाम अनाज िदया जाता है योजना के अंतगत खा और
सावजिनक िवतरण िवभाग ारा बीपीएल कीमतों पर अनाज िदया जाता है
मु बाज़ार िब ी योजना (घरे लू)
बफर ॉक बनाए रखने के अित र तथा लि त सावजिनक िवतरण णाली (टीपीडीएस) और अ
क ाणकारी योजनाओं (ओड ूएस) की आव कताओं को पूरा करने के िलए एफसीआई समय-समय
पर खुले बाज़ार म क ीय पूल के गे ं और चावल के अित र ॉक की िब ी मु बाज़ार िब ी योजना
(घरे लू) के अंतगत ई-टडर के मा म से पूव िनधा रत कीमतों पर करता है , तािक शु मौसम म िवशेषकर
कमी वाले े ों म आपूित बढ़ाई जा सके
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अनाज का भंडारण
एफसीआई और रा एजिसयों की मता
सभी रा ों म एफसीआई के पास अपने कवड गोदामों का ि ड है , जहां क ीय पूल के अनाज का सुरि त
ॉक रखा जाता है इसके अित र एफसीआई क ीय भंडारण िनगम (सीड ूसी) तथा रा भंडारण
िनगमों जैसी रा एजिसयों तथा िनजी प ों से िकराये पर मता ा करता है िनगम के पास पया
भंडारण मता उपल है और जुलाई 2018 म 876.31 लाख एमटी मता उपल ता की तुलना म 627.13
लाख एमटी का क ीय अनाज ॉक था
भंडारण मता म वृ
अनाज उ ादन और खरीद म हो रही लगातार वृ के बंधन के िलए िवभाग दे श म कवड भंडारण मता
संवधन के िलए िनजी उ मी गारं टी (पीईजी) योजना लागू कर रहा है वष 2008 म लां च िकए गए पीईजी
काय म के अंतगत गोदाम सावजिनक-िनजी-भागीदारी णाली के तहत बनाए जाते ह और चुिनंदा
साझेदार भूिम तथा िनमाण लागत वहन करते ह एफसीआई अपनी ओर से िनजी िनवेशकों को 10 वष तक
भंडारण मताओं का इ ेमाल करने तथा सीड ूसी और एसड ूसी को 9 वष तक उपयोग की गारं टी
दे ता है एफसीआई भंडारण अंतर को कम करने के िलए रा रीय सिमितयों की िसफ़ा रशों के आधार
पर गोदाम िनमाण के िलए थलों को िचि त करता है उपयोगकता े ों म पीडीएस और ओड ूएस की
चार महीने की आव कता के आधार पर भंडारण अंतराल का आकलन िकया जाता है , जबिक खरीदार
रा ों के भंडारण अंतर का आकलन िपछले तीन वष के उ तम ॉक रों के आधार पर तथा अनाज
खरीद मता को ान म रख कर िकया जाता है योजना के अंतगत जुलाई 2018 तक 22 रा ों म 141.47
एमटी की मता िनमाण का काम पूरा िकया गया
भंडारण मताओं के आधुिनकीकरण के तहत ील साइलो प म सावजिनक-िनजी भागीदारी म
भंडारण सिवधाएं बनाई जा रही ह ेक साइलो की मता 25,000 या 50,000 एमटी इससे वतमान
आपूित ृंखला का मशीनीकरण हो जाएगा और संचालन मता म सुधार होगा
भंडारण मता म वृ करने पर ान कि त ए गोदामों के िनमाण की क ीय े की योजना पूव र
रा म काया त की जा रही है इसके अंतगत, पीडीएस के आपूित संभार तं को बेहतर बनाने के िलए
भंडारण गोदामों के िनमाण के िलए धनरािश उपल कराई जा रही है

वेयरहाउिसंग िवकास और िविनयामक ािधकरण


भारत सरकार ने वेयरहाउिसंग े के िवकास, कृिष िवपणन म सुधार और कृिष े के िलए अिधक ऋण
की व था के िलए वेयरहाउिसंग (िवकास और िविनयम) अिधिनयम, 2007 बनाया यह 2010 से लागू है
सरकार ने अिधिनयम के ावधानों को लागू करने के िलए 2010 म वेयरहाउिसंग िवकास और िविनयामक
ािधकरण (ड ूडीआरए) का गठन िकया वेयरहाउस म िकसानों ारा जमा कराए गए कृिष उ ादों के
िलए जारी िनगोिशएबल वेयरहाउस रसीद (एनड ूआर) से िकसानों को बक से ऋण लेने म मदद
िमलेगी इससे फसल मौसम म िकसानों ारा कृिष उ ादों को आनन-फानन म बेचने की सम ा
पर काबू पाने म भी सहायता िमलेगी एनड ूआर जारी करने के िलए वेयरहाउस को ड ूडीआरए के
साथ पंजीकृत होना पड़े गा पंजीकरण की अनुमित दे ने से पूव पैनल म शािमल एजिसयों ारा वेयरहाउस
का िनरी ण िकया जाता है , तािक यह सुिनि त िकया जा सके िक कृिष तथा अ िज ों को वै ािनक और
सुरि त तरीके से रखने की बुिनयादी आव कताओं की पूित वेयरहाउस ारा पूण प से की गई है
ािधकरण ने एनड ूआर जारी करने के िलए अनाज, दलहन, ितलहन, मसाले, वन ित तेल, िगरी
तथा रबर, तंबाकू, चाय, कॉफी मखाना आिद तथा आलू, िडहाइडे टेड ाज, लहसन, अदरक, ह ी, सेब
और िकशिमश जैसी 26 बागवानी व ुओं सिहत 123 कृिष िज ों को अिधसूिचत िकया ह

क ीय भंडारण िनगम
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क ीय भंडारण िनगम (सीड सी) िवभाग के अधीन एक सावजिनक े का उप म है , िजसकी थापना


1957 म कृिष उ ादों, सामि यों और अ अिधसूिचत िज ों के िलए वै ािनक भंडारण सुिवधाएं उपल
कराने के िलए की गई थी अग 2018 की थित के अनुसार, सीड ूसी 431 भंडारागारों या
वेयरहाउसेज का चालन कर रहा है , िजनकी कुल भंडारण मता 100.28 लाख एमटी है , िजसम से 44
क म बां डेड वेयरहाउस, 29 कंटे नर े ट े शन/इनलड ीयरस िडपो 3 एयर काग कॉ े और 3
टे रे चर कंटो वेयरहाउसेज ह, जो आयात/िनयात ापार को सेवाएं दान कर रहे ह सीड ूसी के
पास 19 सहभागी रा भंडारण िनगम ह, िजनकी कुल भंडारण मता 352.65 लाख एमटी है
सीड ूसी की एक 100 ितशत ािम वाली अनुषंगी कंपनी सटल रे लसाइड वेयरहाउस कंपनी िल.
(सीआरड ूसी) है , जो रे लसाइड वेयरहाउस प रसरों (आरड ूसी) का िवकास करती है
सीआरड ूसी के पास 19 आरड ूसी ह, िजनकी कुल भंडारण मता अग 2018 म 3,46,267 एमटी
है

फसल कटाई के बाद अनाज का बंधन


अनाज के िलए गुणव ा के मानक
सरकार िविधवत प से क ीय पूल के िलए खरीदे गए अनाज की गुणव ा पर िनयं ण रखती है नई
िद ी थत मं ालय के गुणव ा िनयं ण को तथा बंगलु , भोपाल, भुवने र, कोलकाता, है दराबाद,
लखनऊ, पुणे, गुवाहाटी, चे ई और पटना थत फी कायालय खरीदे गए और भंडार म रखे गए अनाजों
की गुणव ा की िनगरानी करते ह और एफसीआई तथा रा सरकारों और उनकी एजिसयों ारा िवतरण
के िलए जारी करते ह वष 2017-18 के दौरान गुणव ा िनयं ण को ों के अिधका रयों ारा 1170 अनाज
भंडारण िडपों का िनरी ण िकया गया
भारतीय अनाज भंडारा बंधन और अनुसंधान सं थान
भारतीय अनाज भंडारण बंधन और अनुसंधान सं थान (आईजीएमआरआई), हापुड़ तथा लुिधयाना
(पंजाब) और है दराबाद (आं दे श) थत उसके फी े शन अनाज के भंडारण बंधन से जुड़े
िश ण, अनु यु अनुसंधान और िवकास से संबंिधत काय संचािलत करते ह आईजीएमआरआई
भंडारण एजिसयों और कीट िनयं ण संचालकों आिद के िलए अनाज के भंडारण, िनरी ण तथा कीट
िनयं ण से संबंिधत पा म भी संचािलत करता है
क ीय अनाज िव ेषण योगशाला
नई िद ी थत क ीय अनाज िव ेषण योगशाला (सीजीएएल) गुणव ा िनयं ण अिधका रयों ारा िलए
गए नमूनों का िव ेषण करके सरकारी खरीद, भंडारण और िवतरण के समय अनाज गुणव ा की िनगरानी
म िवभाग की मदद करती है वष 2017-18 के दौरान पदाथ संबंधी मापदं डों के िलए कुल 1,548 नमूनों,
ोटीन िनधारण के िलए 667 नमूनों तथा गे ं म घटती सं ा के िलए 664 नमूनों का िव ेषण िकया गया

अनाज का आयात और िनयात


चावल और गे ं की िनयात नीित
सरकार ने वष 2011 से िनजी प ों ारा रखे गए ॉक म से िनजी र पर गैर-बासमती चावल के मु
िनयात की अनुमित दी है मेसस एनसीसीएफ तथा नेफेड सिहत रा ापार उ मों को भी िनजी तौर पर
रखे गए ॉक से गैर-बासमती चावल के िनयात की अनुमित दी गई है इसी वष से गे ं िनयात की अनुमित
भी दी गई सीमा शु ईडीआई बंदरगाहों के मा म से भी गैर-बासमती चावल और गे ं के िनयात की
अनुमित दी गई है भारत-बां ादे श तथा भारत-नेपाल सीमा पर गैर ईडीआई लड क म े शनों
(एलसीएस) के मा म से भी िनयात की अनुमित दी गई है लेिकन इसके िलए डीजीएफटी म मा ा
पंजीकरण अिनवाय है बीज गुणव ा वाले चावल तथा अ चावल (बीज गुणव ा से िभ भूसायु चावल (
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धान या मोटा चावल) के िनयात की अनुमित लाइसस के अंतगत दी गई है


गे ं और चावल के िनयात की थित
वष 2017-18 के दौरान 86.46 लाख एमटी गैर-बासमती चावल और 2,25,208 लाख एमटी गे ं का िनयात
िनयं ण मु ेणी के अंतगत िकया गया
सरकारी तौर पर िनयात की थित
सरकार िवदे श मं ालय की िसफा रशों के आधार पर राजनियक आधार/मानवीय सहायता प म भी
िविभ िम दे शों को गे ं और चावल के िनयात की अनुमित दे ती है
चावल और गे ं का आयात
वष 2017-18 के दौरान क ीय पूल भंडारों के िलए गे ं और चावल का आयात नहीं िकया गया हालां िक
2017-18 के दौरान िनजी ापा रयों/िमल मािलकों ारा 16,49,725 एमटी गे ं और 2,122 एमटी गैर-
बासमती चावल का आयात िकया गया

चीनी
चीनी उ ादन
भारत िव म चीनी का सबसे बड़ा उपभो ा और दू सरा सबसे बड़ा उ ादक दे श है चालू चीनी मौसम
2017-18 म 322.00 लाख एमटी चीनी के उ ादन का अनुमान है
ग ा मू िनधारण नीित
वष 2009 म ग ा (िनयं ण) आदे श, 1966 म ए संशोधन के साथ ग े के सां िविधक ूनतम मू
(एसएमपी) िनधा रत करने के थान पर वष 2009-10 तथा परवत चीनी मौसमों के िलए ग े के उिचत और
पा र िमक मू (एफआरपी) की अवधारणा अपनाई गई क सरकार ारा घोिषत ग े का कृिष मू ,
कृिष लागत और मू आयोग (सीएसीपी) की िसफ़ा रशों के आधार पर िनधा रत िकया जाता है आयोग
मू की िसफ़ा रश रा सरकारों तथा चीनी उ ोग संगठनों से परामश के बाद करता है ग ा (िनयं ण)
आदे श, 1966 के संशोिधत ावधान के अनुसार िन िल खत घटकों के संदभ म ग े का एफआरपी िनधा रत
िकया जाता है ये घटक ह- (क) ग ा उ ादन की लागत, (ख) उ ादकों को वैक क फसलों से लाभ
तथा कृिष िज ों के मू की सामा वृि , (ग) उपभो ाओं को उिचत मू पर चीनी की उपल ता,
(घ) वह मू िजस पर चीनी उ ादकों ारा ग े से तैयार चीनी बेची जाती है , (ड़) ग े से चीनी ा करना,
(च) उप-उ ादकों यानी शीरा,खोई तथा ेस मड की िब ी से अिजत आय अथवा इन उ ादों का
अिधरोिपत मू और (छ) जो खम और लाभ के कारण ग ा उ ादकों के िलए उिचत मािजन
एफआरपी णाली म, िकसानों को पेराई मौसम ख होने या चीनी िमलों या सरकार ारा लाभों की
घोषणा की ती ा करने की ज रत नहीं होती नई णाली म िकसानों के िलए मुनाफ़ा और जो खम को
ान म रखकर लाभ सुिनि त िकया जाता है चाहे चीनी िमल लाभ म हो या न हो और यह िकसी एक िमल
के िन ादन पर िनभर नहीं है अिधक मा ा वाले ग ा उ ादकों को चीनी का उिचत मू सुिनि त करने
तथा चीनी िमलों के बीच के अंतर को दे खते ए एफआरपी को ग े से िमलने वाली चीनी की मा ा से जोड़ा
गया है और ग े से अपे ाकृत अिधक चीनी ा होने पर िकसानों को अित र लाभ िदया जाता है इसी
के अनुसार, चीनी मौसम 2018-19 के िलए 275 पये ित ं टल की दर से ग े का एफआरपी तय िकया
गया है यह दर 10 ितशत की बेिसक रकवरी दर से जुड़ी है िजसम तय र से ऊपर ित 0.1 ितशत
ाइं ट रकवरी पर 2.75 पये ित ं टल का ीिमयम िमलेगा
चीनी े को िनयं ण मु बनाना
चीनी उ ोग के िलए वष 2013-14 ऐितहािसक रहा क सरकार ने चीनी े को िनयं ण मु बनाने के
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िलए डॉ. सी रं गराजन के अ ता म बनी सिमित की िसफ़ा रशों पर िवचार िकया और िसतंबर 2012 के
बाद उ ािदत चीनी के िलए िमलों पर लेवी लगाने की व था को समा करने और खुले बाज़ार म चीनी
की िब ी पर िनयं ण व था को समा करने का िनणय िलया चीनी े को िनयं ण मु करने का
कम चीनी िमलों की िव ीय हालत सुधारने, नकद वाह बढ़ाने, इं वटरी लागत कम करने तथा ग ा िकसानों
के िलए ग े के मू का समय पर भुगतान करने के िलए उठाया गया ग ा े आर ण, ूनतम दू री
मानक तथा ग ा मू फामूला अपनाने के बारे म सिमित की िसफ़ा रशों को लागू करने का काय रा
सरकारों को सौंप िदया गया ोंिक रा सरकार अपने िववेक से इस पर िनणय लेने म स म ह
अं ोदय अ योजना प रवारों को चीनी िवतरण की समी ा
रा ों/संघशािसत दे शों ारा लि त सावजिनक िवतरण णाली (टीपीडीएस) के मा म से स े दामों पर
चीनी का िवतरण िकया जाता था, िजसके िलए क सरकार सहभागी रा सरकारों/संघ-शािसत दे शों के
शासनों को 18.50 ित िक. ा. की दर पर ितपूित करती थी यह योजना 2001 की जनगणना के अनुसार
दे श की सम बीपीएल आबादी तथा पूव र रा ों/िवशेष ेणी/पहाड़ी रा ों तथा ि पीय े ों की सम
जनसं ा को कवर करती थी रा ीय खा सुर ा अिधिनयम, 2013 (एनएफएसए) को अब सभी 36
रा ों/ संघशािसत दे शों ारा समान प से लागू िकया जा रहा है एनएफएसए के तहत, बीपीएल ेणी
की पहचान नहीं की गई है तथािप, अं ोदय अ योजना के लाभािथयों की प से पहचान कर ली गई
है भारत सरकार ने चीनी स डी योजना की समी ा की है और यह िनणय िलया है िक समाज के सबसे
गरीब वग अथात अं ोदय अ योजना प रवारों को उनके आहार म ऊजा के ोत के प म चीनी उपल
कराना अ ंत आव क है तदनुसार, क सरकार ने यह िनणय िलया है िक सावजिनक िवतरण णाली
के मा म से चीनी के िवतरण की मौजूदा प ित को िन ानुसार जारी रखा जाए:- (1) सावजिनक िवतरण
णाली के मा म से स डी ा चीनी की आपूित संबंधी मौजूदा ीम को केवल अं ोदय अ योजना
वाले प रवारों के सीिमत कवरे ज हे तु जारी रखा जाए उ ित प रवार ितमाह 1 िकलो ाम चीनी उपल
करायी जाएगी, (2) क सरकार ारा रा ों/संघशािसत दे शों को सावजिनक िवतरण णाली के तहत
िवत रत की जा रही चीनी पर दी जा रही 18.50 ित िकलो ाम की स डी को अं ोदय अ योजना के
अंतगत आने वाली आबादी के िलए जारी रखा जा सकता है संशोिधत योजना 2017 म लागू की गई थी
वष 2017-18 के दौरान इस योजना म 12 रा ों ने भाग िलया था और इसके तहत स डी के प म 300
करोड़ पये की रािश जारी की गई थी
एथेनॉल िमि त पेटोल काय म
एथेनॉल एक कृिष आधा रत उ ाद है , जो मूल प से चीनी उ ोग के शीरा जैसे उप-उ ादों से तैयार
िकया जाता है िजस वष ग े की उपज ज रत से ादा होती है और चीनी के भाव िगर जाते ह उस वष
चीनी उ ोग िकसानों को ग े की कीमत उपल नहीं करा पाता इथेनॉल िमि त पेटोल काय म (ईबीपी)
इथेनॉल को मोटर रट के साथ िमि त करके दू षण र कम करने के िलए अित र िवदे शी मु ा
बचाने और चीनी उ ोग म मू संवधन करने का यास करता है , तािक उसे िकसानों के बकाया ग ा
मू ों का भुगतान करने म समथ बनाया जा सके
क सरकार ने ईबीपी के अंतगत िम ण ल 5 से बढ़ा कर 10 ितशत कर िदया है ईबीपी के अंतगत
संपूण इथेनॉल आपूित ृंखला को व थत बनाने के िलए इथेनॉल खरीद ि या को सरल बनाया गया है
और इथेनॉल का लाभकारी ए -िडपो मू िनधा रत िकया गया है नए िम ण ल ों को हािसल करने म
सहायता के िलए एक ि ड तैयार िकया गया है , जो िड ीलरी को ओएमसी िडपो से नेटवक करता है और
स ाई की जाने वाली मा ा का ोरा दे ता है
चीनी िवकास कोष
चीनी उपकर अिधिनयम, 1982 के अंतगत दे श म िकसी भी चीनी फै री ारा उ ािदत और बेची जाने
वाली सम चीनी पर उ ाद शु के प म वसूले जाने वाले उपकर को करारोपण कानून अिधिनयम,
2017 के मा म से समा कर िदया गया है एकि त उपकर से बजटीय ि या के मा म से एसडीएफ
के िलए कोष उपल कराया जाता था भारत सरकार ारा चीनी िवकास कोष अिधिनयम, 1982 का
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उपयोग चीनी फै री या उसकी िकसी यूिनट के पुनवास और आधुिनकीकरण म सहायता दे ने, ग ा, खोई
आधा रत िबजली सह-उ ादन प रयोजनाओं, िनजल अ ोहल उ ादन या अ ोहल से इथेनॉल
उ ादन, वतमान इथेनॉल संयं को शू तरल िन ादन संयं म बदलने, चीनी उ ोग के िवकास वाली
िकसी भी अनुसंधान प रयोजना को अनुदान दे ने, िकसी चीनी िमल को चीनी मू थर बनाए रखने के
उ े से सुरि त भंडार बनाने और उसके रखरखाव पर होने वाले खच को वहन करने, चीनी िमल को
िनयात खेप पर आं त रक ढु लाई और भाड़ा भार पर िकए गए खच को चुकाने, क सरकार ारा समय-
समय पर अनुमोिदत िकसी काय म के संदभ म चीनी फै रयों को िव ीय सहायता के उ े से िदए गए
ऋण पर ाज चुकाने, क े उ ाद के िवपणन और उ यन सेवाओं पर होने वाला य चुकाने, चीनी िमलों
को आसान ऋण दे ने के िलए ाज वहन, ग ा लागत को समायोिजत करने के िलए चीनी िमलों को उ ादन
स डी तथा अिधिनयम के योजनाथ िकए गए िकसी अ य को चुकाने म िकया जाता है
उ ादन स डी
सरकार ने ग ा लागत समायोिजत करने तथा चीनी मौसम 2015-16 के िलए िकसानों की ग े की बकाया
रािश का समय पर भुगतान करने म सहायता के िलए चीनी िमलों को 2015 से 4.50 पये ित ं टल की
दर से उ ादन स डी का िव ार िकया है इस बात से संतु होने के बाद िक चीनी के दाम चालनगत
वहायता के िलए अपेि त रों से ऊपर है , सरकार ने वष 2016 से उ ादन स डी योजना वापस ले
ली है
खा तेल
दे श म खा तेलों के कारगर बंधन के कदमों म उपभो ाओं को उिचत दरों पर खा तेलों की पया
उपल ता सुिनि त करना शािमल है वष 2017-18 के तीसरे अि म पूवानुमान (नवंबर-अ ू बर) के
अनुसार, िपछले वष के 312.76 लाख टन की तुलना म 306.38 लाख टन ितलहन उ ादन का अनुमान है
वन ित तेल उ ोग
दे श म लगभग 100 वन ित तेल इकाइयां और 651सा ट ए टै न संयं / रफायन रयां ह, िजनकी
वािषक मता लगभग 6800 लाख एमटी क े माल को संसािधत करने की है सा ट ए टै स
एसोिसएशन ऑफ इं िडया के अनुमान के अनुसार, िविभ कारणों से िवशेष प से क ा माल मौसम के
अनुसार उपल होने से खा तेल उ ोग की कुल मता का लगभग 35 ितशत उपयोग हो रहा है
खा तेलों के िनयात पर ितबंध
माच 2008 से खा तेलों के िनयात पर ितबंध लगा िदया गया है , लेिकन सम इले ॉिनक डे टा
इं टरचज(ईडीआई) बंदरगाहों और अिधसूिचत लड क म े शनों (एलसीएस) के मा म से ना रयल तेल,
कै र आयल और लघु वन उ ादों से तैयार होने वाले कुछ तेलों जैसे कुछ उ ादों को ितबंध से बाहर
रखा गया है इसके अित र , खा तेल के िनयात की अनुमित 5 िकलो ाम के ां डशुदा उपभो ा पैकेटों
म दी गई ह, िजनका ूनतम िनयात मू 900 अमरीकी डॉलर ित टन हो यह 2015 म 1100 अमरीकी
डॉलर ित टन था 2015 से चावल की भूसी के तेल का ब म िनयात करने की अनुमित है 2017 से
मूंगफली का तेल, ितल का तेल, सोयाबीन का तेल और म ा (कॉन ऑयल) को ितबंध से छूट दी गई है
खा तेलों पर आयात शु
खा तेलों की घरे लू आपूित की तुलना म मां ग अिधक बने रहने से दो दशकों से अिधक समय से खा तेलों
का आयात करना पड़ रहा है उपभो ाओं को उिचत मू पर खा तेलों की अबािधत आपूित बनाए
रखने और साथ-साथ िकसानों, उ ोग तथा उपभो ाओं के िहतों को ान म रखने के उ े से क े तथा
रफाइं ड खा तेलों पर आयात शु मशः 35 और 45 ितशत तक बढ़ा िदया गया है , जबिक जैतून के
तेल पर आयात शु 40 ितशत तक बढ़ा िदया गया है क े और पॉम ऑयल पर आयात शु मशः
44 और 54 ितशत तक बढ़ा िदया है
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अंतररा ीय सहयोग
भारत खा े म कायरत अनेक एजिसयों से जुड़ा आ है इनम िव खा काय म (ड ूएफपी),
साक फूड बक, खा और कृिष संगठन (एफएओ), अंतररा ीय अनाज प रषद (आईजीसी) और
अंतररा ीय चीनी संगठन (आईएसओ) आिद शािमल ह
साक फूड बक
वष 2007 म, नई िद ी म आयोिजत 14व साक िशखर स ेलन म िलए गए िनणयों के अनुसार, साक दे शों
के मुखों ने साक फूड बक थािपत करने संबंधी समझौते पर ह ा र िकए फूड बक े के लोगों को
खा सुर ा दान करने के रा ीय यासों म पूरक भूिमका िनभाएगा इस समझौते के अनुसार, साक फूड
बक म अनाज का भंडार रखा जाएगा रखरखाव का काम सभी सद दे श करगे िजसम दे श के
मू ां िकत िह े के अनुसार केवल गे ं या चावल अथवा दोनों का समीकरण होगा
खा और कृिष संगठन तथा िव खा सुर ा सिमित
वष 1945 म थािपत खा और कृिष संगठन (एफएओ) संयु रा णाली की सबसे बड़ी िवशेष ता
संप एजिसयों म से एक है इसका ल कृिष उ ादकता बढ़ा कर और ामीण आबादी की जीवन
थितयों म सुधार लाकर पोषण और जीवन र को सुधारना है िव खा सुर ा सिमित (सीएफएस)
खा उ ादन, खा तक भौितक और आिथक प ं च सिहत िव खा सुर ा से जुड़ी नीितयों की समी ा
और अनुपालन के िलए एक मंच के प म काम करती है भारत एफएओ और सीएफएस दोनों का सद
है खा सुर ा सिमित (सीएफएस) ड ूएफएस काययोजना की गित की िनगरानी करती है
अंतररा ीय अनाज प रषद
भारत अंतररा ीय अनाज प रषद (आईजीसी) का सद ह प रषद को 1995 तक अंतररा ीय गे ं प रषद
के नाम से जाना जाता था यह गे ं और मोटे अनाज के मामले म सहयोग के िलए िनयात–आयात करने
वाले दे शों का अंतर- सरकारी मंच है यह े टे ड क शन, 1995 को शािसत करता है इसका
सिचवालय 1949 से लंदन म है , जो खा सहायता स ेलन के अंतगत थािपत खा सहायता सिमित को
भी सेवाएं दान करता है अंतररा ीय अनाज समझौते म अनाज ापार समझौता और अनाज सहायता
समझौता शािमल है भारत 1995 से अंतररा ीय अनाज समझौते और 1995 से लागू अनाज ापार
समझौते का ह ा रकता है आईजीसी के दो कार के सद ों म आयातक सद दे श और िनयातक
सद दे श शािमल होते ह भारत को जुलाई 2003 म िनयात सद की ेणी म शािमल िकया गया और
भारत ने समय-समय पर आयोिजत प रषद की बैठकों/स ों म ितिनिध िकया है

खा सं रण उ ोग
खा सं रण उ ोग मं ालय को दे श के खा सं रण े के िवकास को गित दे ने के उ े से
जुलाई 1988 म थािपत िकया गया बाद म इस मं ालय को िवभाग बना िदया गया था तथा कृिष मं ालय के
अधीन लाया गया इसे 2001 म पुनः मं ालय बना िदया गया और खा सं रण उ ोग मं ालय नाम रखा
गया
खा सं रण उ ोग मं ालय सम रा ीय ाथिमकताओं एवं उ े ों के भीतर खा सं रण
उ ोगों के िलए नीितयों के िनमाण एवं काया यन से जुड़ा आ है एक मजबूत एवं गितशील खा
सं रण े कृिष के िविवधीकरण तथा वािण ीकरण म जीवंत भूिमका िनभाता है , शे लाइफ बढ़ाता
है , कृिष उपजों का मू वधन सुिनि त करता है , रोज़गार के अवसर बढ़ाता है , िकसानों की आमदनी बढ़ाने
के साथ कृिष खा पदाथ के िनयात के िलए बाज़ार सृिजत करता है मं ालय इस े म अिधक िनवेश
लाने, उ ोग का मागदशन और सहायता करने तथा खा सं रण उ ोग के यथे िवकास के िलए
उपयु वातावरण तैयार करने म उ ेरक के प म काय करता है
भारत सरकार (काय आवंटन) िनयम 1961 के तहत मं ालय को आवंिटत िवषय इस कार ह: (1)
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िन िल खत से संबंिधत उ ोगः (क) कितपय कृिष उ ादों (दू ध पाउडर, िशशु दु आहार, िमि त दु
आहार, संघिनत दू ध, घी एवं अ डे यरी उ ाद), कु ु ट एवं अंडे, मां स एवं मां स उ ादों का सं रण
एवं शीतन (ख) म सं रण (केिनंग एवं ीिजंग सिहत) (ग) म सं रण उ ोग के िलए िवकास
प रषद की थापना तथा सेवा दान करना (घ) म सं रण उ ोग को तकनीकी सहायता एवं सलाह
(ङ) फल एवं स ी सं रण उ ोग ( शीतन एवं िनजलीकरण सिहत) एवं (च) खा ा िमिलंग उ ोग
(2) ेड, ितलहन, आहार (खा ), ना े के भोजन, िब ु ट, कनफे नरी (कोको सं रण तथा
चॉकलेट बनाने सिहत), जौ स , ोटीन आइसोलेट, उ ोटीन आहार, दू ध छु ड़ाने वाले आहार तथा अ
िन िमत खा पदाथ (खाने के िलए तैयार अ खा ों सिहत) से संबंिधत उ ोगों की योजना, िवकास एवं
िनयं ण तथा सहायता (3) बीयर गैर-अ ोहलयु बीयर सिहत (4) गैर-शीरा आधा रत अ ोहलयु
पेय (5) खा सं रण उ ोग के िलए िवशेष पैकेिजंग (6) वाितत जल तथा सॉ िडं क
वेबसाइट: www.mofpi.nic.in
खा सं रण े का योगदान
कुछ वष से भारत म कृिष उ ादन म िनरं तर उ तर वृ दज की गई है भारत दू ध, घी, अदरक, केला,
अम द, पपीता और आम के उ ादन म िव म पहले नंबर पर है इसके अित र , भारत चावल, गे ं ,
और कई अ स यों और फलों के उ ादन म िव म दू सरे थान पर है क े माल की चुर आपूित,
खा उ ादों के िलए मां ग म वृ और सरकार ारा िदए जा रहे ो ाहनों का खा सं रण े पर
सकारा क भाव पड़ा है
खा सं रण े म रोज़गार
खा सं रण उ ोग एक मुख रोज़गार सघन े है िजसका 2014-15 म सभी पंजीकृत कारखाना े
म सृिजत रोज़गार म 12.77 ितशत िह ा था वष 2014-15 के िलए उ ोगों के नवीनतम वािषक सव ण
(एएसआई) के अनुसार पंजीकृत खा सं रण े म कायरत यों की कुल सं ा 17.73 लाख थी
एनएसएसओ के 67व दौर, 2010-11 के अनुसार, गैर-पंजीकृत खा सं रण े म 47.9 लाख कामगारों
को रोज़गार ा आ
खा सं रण उ ोगों म थायी पूंजी
थायी पूंजी म िनवेश के संदभ म, 2014-15 को समा होने वाले 6 वष के दौरान पंजीकृत खा सं रण
े 15.60 ितशत की वािषक औसत दर से वृ करता रहा है नवीनतम एएसआई 2014-15 के आं कड़ों
के अनुसार, खा सं रण उ ोग म थायी पूंजी 1.92 लाख करोड़ पये थी
खा सं रण े म िवदे शी िनवेश
खा सं रण उ ोग म तः अनुमोदन के अंतगत शत - ितशत िवदे शी िनवेश (एफडीआई) की
अनुमित है भारत म िविनिमत अथवा उ ािदत खा उ ादों के संबंध म ई-कॉमस सिहत ापार के िलए
अनुमोदन माग के अंतगत एफडीआई की अनुमित है
खा सं रण और मेक इन इं िडया
‘मेक इन इं िडया’ पहल के अंतगत खा सं रण े को ाथिमकता का े माना गया है इस े म
िनवेश आकिषत करने के िलए खा सं रण उ ोग मं ालय खा सं रण उ ोगों को बढ़ावा दे ने के
िलए अवसंरचना म िनवेश कर रहा है सु ढ़ कृिष संसाधन आधार वाले े ों म सामा सुिवधाओं यथा-
सड़क, िबजली, जलापूित, सीवेज सुिवधा और सावजिनक सं रण सुिवधाओं जैसे प ंग (लुगदीकरण),
पैकेिजंग, शीतागार, शु भंडारण और संभार से सुस त मेगा फूड पाक को बढ़ावा िदया जा रहा है ये
फूड पाक उ िमयों को दीघाविध लीज के आधार पर पूणतः िवकिसत ॉट और फै ी शेड उपल कराते
ह जहां पर वे ‘ ग एं ड े मॉडल’ म खा सं रण इकाइयों की थापना कर सकते ह
मं ालय ारा इस े म िनवेश आकिषत करने के िलए एक समिपत ‘िनवेशक पोटल’ के मा म से
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संभािवत िनवेशकों तक सूचना का सार िकया जा रहा है संयु उप म सहभािगयों को खोजने, सहायता
करने और परामश सेवाएं दे ने, िविनयामक अनुमोदनों म तेजी लाने और िनवेशकों को काय के बाद
सहायक सेवाएं दान करने के संदभ म िनवेशकों की सहायता करने के िलए मं ालय इ े इं िडया के
साथ भी साझेदारी कर रहा है मं ालय खुदरा बाज़ार म एफडीआई सिहत एफडीआई को आकिषत करने
और मेक इन इं िडया पहल को बढ़ावा दे ने के िलए रोड शो भी कर रहा है
रा ीय खा सं रण िमशन
मं ालय ने 2012 म, 12वीं योजना के दौरान क ायोिजत योजना- रा ीय खा सं रण िमशन
(एनएमएफपी) लां च िकया 11वीं योजना की क ीय े म पां च जारी योजनाओं तथा चार नई योजनाओं का
िमशन म िवलय िकया गया सीएसएस-एनएमएफपी रा ों/संघशािसत दे शों के मा म से लागू की गई
हालां िक 2015 म 14व िव आयोग की िसफ़ा रशों के आलोक म सीएसएस- एनएमएफपी से क ीय समथन
वापस ले िलया गया और इसके प रणाम प िमशन की सभी 9 योजनाएं ख कर दी गईं
भारत सरकार ने क ीय े की नई योजना- िकसान संपदा योजना-(कृिष समु ी सं रण और कृिष
सं रण रों के िवकास की योजना) 2017 म लां च की और 2016-20 के िलए 6,000 करोड़ पये की
रािश आवंिटत की गई यह योजना 14व िव आयोग च के साथ-साथ समा होगी यह एक िव ृत
पैकेज है , जो खेत से खुदरा दु कानों तक कारगर स ाई ृंखला बंधन के साथ आधुिनक अवसंरचना
िनमाण म सहायक होगा यह न केवल खा सं रण उ ोग को बड़े पैमाने पर ो ािहत करे गा, ब
िकसानों को बेहतर मू दान करने म सहायक होगा यह िकसानों की आय दोगुनी करने, िवशेषकर
ामीण े ों म रोज़गार अवसर दान करने, कृिष उ ादों की बबादी म कमी लाने, सं रण र बढ़ाने
और सं ृ त खा के िनयात ो ाहन के िलए बड़ा कदम है
रा ीय खा ौ ोिगकी, उ िमता और बंधन सं थान
मं ालय ने 2012 म ह रयाणा के कुंडली म रा ीय खा ौ ोिगक, उ िमता और बंधन सं थान (िन े म)
की थापना की िन े म को डी नोवों ेणी के अंतगत सम िव िव ालय घोिषत िकया गया है और यह
सं थान बी.टे क, एम.टे क तथा पीएचडी पा म संचािलत कर रहा है तथा खा ौ ोिगकी के े म
अनुसंधान और िवकास काय का संचालन कर रहा है योजना के अंतगत, िन े म को िवदे शी िव ािथयों के
िलए छा ावास, खेल सुिवधाओं, हािनकारक रसायन भंडारण ,शोधन संयं , ठोस कचरा बंधन णाली और
आवासीय सुिवधाओं जैसी अकादिमक तथा बुिनयादी सुिवधाओं के सृजन के िलए धन उपल कराया
जाएगा अनुसंधान गितिविधयों के िव ार, गां व गोद लेने (वीएपी) संबंधी काय म के िव ार तथा खा
सं रण े म कौशल िवकास के िलए भी धन उपल कराया जाएगा योजना अविध के दौरान 100
करोड़ पये की रािश का आवंटन िकया गया है
भारतीय खा सं रण ौ ोिगकी सं थान
मं ालय ने भारतीय खा सं रण ौ ोिगकी सं थान (आईआईएफपीटी) तंजावुर, तिमलनाडु को 2008
म रा ीय र के सं थान के प म उ त िकया यह सं थान बी.टे क, एम.टे क तथा पीएचडी पा मों का
संचालन करता है तथा खा सं रण के े म अनुसंधान और िवकास काय करता है योजना के
अंतगत आईआईएफपीटी को अवसंरचना सुिवधाएं िवकिसत करने के िलए धन उपल कराया जाएगा
इसम प रसर िव ार के िलए अित र जमीन (22.7 एकड़) खरीदना और मशीन फैि केशन और टे ं ग
क , खेल प रसर, सभागार, टे िनंग कम इन ूबेशन सटर खोलना तथा आवासीय सुिवधाओं का िनमाण
करना शािमल है सं थान को अपनी गितिविधयों के िव ार म समथ बनाने के िलए पूव र रा िस म
और दु गम े ों को शािमल करगे तथा दे श म खा सं रण े के हो रहे िव ार म मदद दे ने के िलए
योजना अविध म 75 करोड़ पये का आवंटन िकया गया है
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ा और प रवार
16 क ाण

और प रवार क ाण मं ालय पर रा ीय र पर ा और प रवार क ाण के िविभ


ा काय मों को लागू करने और मुख सं ामक तथा गैर-सं ामक रोगों की रोकथाम, िनयं ण और
दे शभर म अनुसंधान को बढ़ावा दे ने की िज ेदारी है इस पर ा तथा संबंिधत िवषयों पर
नीितयां बनाने, ा काय म लागू करने म रा ों के मागदशन, क ायोिजत ा योजनाओं तथा
काय मों के बंधन, िचिक ा, िनयमन (औषिधयां और उपकरण) और ा संबंधी बुिनयादी सुिवधाएं
उपल कराने का दािय भी है इन पर िकया जाने वाला खच ा और प रवार क ाण मं ालय सीधे
तौर पर क ीय योजनाओं या ाय /सां िविधक िनकायों को अनुदान सहायता के ज रए दे ता है इससे पहले
ा और प रवार क ाण मं ालय के दो िवभाग थे ा और प रवार क ाण िवभाग तथा ा
अनुसंधान िवभाग
एड् स िनयं ण िवभाग का ा और प रवार क ाण िवभाग म िवलय कर िदया गया है अब इसे
रा ीय एड् स िनयं ण संगठन के नाम से जाना जाता है आयुष िवभाग को िदसंबर 2014 म आयुवद, योग,
ाकृितक िचिक ा, यूनानी, िस और हो ोपैथी (आयुष) मं ालय म बदल िदया गया इसका उ े इन
िचिक ा प ितयों म िश ा और अनुसंधान को बढ़ावा दे ना था ा सेवा महािनदे शालय इसका संब
कायालय है जो जन ा और िचिक ा संबंधी सभी मामलों म तकनीकी परामश दे ता है और ा
सेवाओं के काय म लागू करने म शािमल होता है
रा ीय ा नीित
रा ीय ा नीित, 15 वष के बाद जारी की गई थी रा ीय ा नीित, 2017 बदलती सामािजक-
आिथक प र थितयों और ौ ोिगकी तथा महामारी संबंधी प र से उ चुनौितयों से िनपटने के बारे म
है इसम ा क ों के ज रए ापक ाथिमक ा सुिवधाओं का बड़ा पैकेज सुिनि त करने की
संक ना की गई है नई नीित का उ े रोगों की रोकथाम तथा ा दे खभाल को बढ़ावा दे ना और
सबके िलए सव म िचिक ा सुिवधाओं की ऐसी व था करना है िजसम िकसी को भी पैसे की तंगी की
वजह से इलाज नहीं िमलने की परे शानी का सामना न करना पड़े इसके िलए ा सेवाओं म िव ार
तथा उनकी गुणव ा म सुधार करना होगा और उ स ा करना होगा रा ीय ा नीित, 2017 म
संसाधनों का बड़ा िह ा (दो-ितहाई या इससे अिधक) ाथिमक िचिक ा सेवाओं के िलए आवंिटत करने
की िहमायत की गई है और यह सुिनि त करने को कहा गया है िक ित 1,000 की आबादी के िलए कम से
कम दो िब र उपल कराए जाएं यह व था इस कार की जाए िक आपात थित म ये उपल हो
सक
नीित की अ िवशेषताएं इस कार ह:
(1) सुिनि तता आधा रत ि कोणः यह िनवारक और उ ायक ा सेवाओं पर ान कि त करने के
साथ तेजी से बढ़ने वाले सुिनि तता आधा रत ि कोण की िहमायत करती है
(2) अ पोषकता अपूणताः अ पोषकता तथा कुपोषण को कम करने और सभी े ों म पोषकता की
कमी की िविवधता के समाधान के िलए व थत तरीके अपनाना (3) मेक इन इं िडया पहलः भारतीयों को
परं परागत दे शी उ ाद उपल कराने के िलए थानीय िविनमाताओं को ो ािहत करने पर जोर दे ना
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(4) िडिजटल हे का इ ेमाल: ा सेवाओं को अिधक भावी बनाने और उनम सुधार के िलए
िडिजटल उपकरणों के इ ेमाल को बढ़ावा दे ना और एकीकृत ा सूचना व था थािपत करना
तािक द ता, पारदिशता और नाग रक अनुभव म सुधार हो सके
रा ीय ा नीित, 2017 म एक ावधान ा दे खभाल के िलए सूचना ौ ोिगकी का इ ेमाल है
इसके तहत ा और प रवार क ाण मं ालय ने िन पहल की ह:

रा ीय ा पोटलः यह ा दे खभाल से जुड़ी जानकारी, नाग रकों और संब प ों को िविभ


भाषाओं (वतमान म छह) म उपल कराने के िलए एक नाग रक पोटल के प म काय करता है इस पर
िनःशु टे लीफोन नंबर 1800-180-1104 पर जानकारी दी जाती है एक मोबाइप एप की शु आत भी की
गई है यह ा और रोगों के बारे म जानकारी उपल कराता है िजनम शािमल ह- िनयमों, मानकों,
नीितयों, काय मों, आयोगों इ ािद और डाइरे री सेवाएं जैसे- अ ताल, र बक तथा एं बुलस सेवाएं

अ ताल सूचना णालीः इसे सीएचसी र तक लोगों को ा सुिवधाओं म द ता तथा बेहतर सेवाओं
के िलए अ ताल ि याओं को चािलत बनाने म इ ेमाल िकया जा रहा है

ऑनलाइन रिज े शन णाली, ऑनलाइन पंजीकरण, फीस भुगतान तथा िमलने का समय िनि त
करने, ऑनलाइन नैदािनक रपोट, र की उपल ता के बारे म ऑनलाइन जानकारी इ ािद के
िलए िविभ अ तालों को जोड़ने के बारे म है लगभग 124 अ तालों को इस णाली से जोड़ा जा
चुका है ये अ ताल ह- ए (नई िद ी, जोधपुर, िबहार, ऋिषकेश, भुवने र, रायपुर, भोपाल),
राममनोहर लोिहया अ ताल, एसआईसी सफदरजंग अ ताल, एनआईएमएचएएनएस, अगरतला
सरकारी मेिडकल कॉलेज, जेआईपीएमईआर इ ािद
मेरा अ ताल ए ीकेशन, शॉट मैसेज सिवस, आउटबाउं ड डायिलंग वेब पोटल और मोबाइल
ए ीकेशन जैसे म ी चैनलों का इ ेमाल करते ए रोगी के संतुि के र की जानकारी एक करने
की आईटी आधा रत फीडबक व था है इसके ज रए ओपीडी ख होने के बाद और भत मरीजों
को अ ताल से छु ी िमलने के समय, चािलत प से संपक िकया जाता है और उ का
इ ेमाल कर रोिगयों से उनकी संतुि के र की जानकारी ली जाती है
मां और िशशु पर नज़र रखने की णाली/ जननीय बाल ा ए ीकेशन के तहत सभी रा ों/
क शािसत दे शों म समय पर सव की सुिवधाएं और सव पूव तथा सव प ात दे खभाल और
ब ों के टीकाकरण की सेवाएं उपल कराई जाती ह तािक मां तथा िशशु मृ ु दर म कमी लाई जा
सके
िकलकारी ए ीकेशन की शु आत गभधारण, िशशु ज और दे खभाल के बारे म िनःशु
सा ािहक संदेश के िलए की गई है यह असम, िबहार, छ ीसगढ़, िद ी, ह रयाणा, िहमाचल
दे श, झारखंड, म दे श, ओिडसा, राज थान, उ र दे श और उ राखंड के िलए है
मोबाइल अकादमी, एक िनःशु िश ण पा म है िजसका उ े आशा कायकताओं की
जानकारी बढ़ाना और उनके संवाद कौशल म सुधार करना है इसे 2016 म शु िकया गया था
वतमान म यह िबहार, छ ीसगढ़, िद ी, ह रयाणा, िहमाचल दे श, झारखंड, म दे श, ओिडसा,
राज थान, उ र दे श और उ राखंड म चलाया जा रहा है
टीबी के रोिगयों पर िनगरानी की णाली ‘िनक ’ के तहत सभी रा ों म टीबी रोिगयों के इलाज के
िलए उन पर नज़र रखी जाती है इसके अलावा ऐसे रोिगयों को सलाह और इलाज संबंधी सहायता के
िलए िम ड कॉल क सुिवधा भी शु की गई है , िजसका नंबर है 1800-11-6666
तंबाकू िनवारण काय म एक मोबाइल आधा रत काय म है िजसके तहत तंबाकू की लत छु ड़वाने के
िलए लोगों को सहायता और सलाह दी जाती है इसके िलए 011- 22901701 पर िम ड कॉल की
सुिवधा उपल है
मधुमेह काय म, मोबाइल आधा रत काय म है , िजसम मधुमेह की बीमारी पर काबू पाने और इलाज
संबंधी जानकारी 011-22901701 नंबर पर िम ड कॉल दे कर ा की जा सकती है
ई-सीजीएचएस काड, िकसी भी थान से सीजीएचएस काड के काशन की सुिवधा है
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सुगम, क ीय औषध मानक िनयं ण संगठन की ऑनलाइन आवेदन की सुिवधा है िजसके तहत
िवशेषकर दवाओं, िनकल टायल, आचारनीित सिमित और िचिक ा उपकरणों, टीकों तथा सौंदय
साधनों के संदभ म आवेदनों पर कायवाही और मंजूरी के बारे म जानकारी ा की जा सकती है
औषिधयां और टीका िवतरण बंधन णाली, िविभ रा ों/क शािसत दे शों के िजला औषिध
भंडारगृहों, िजलों अ तालों तथा उनके उप- भंडारों इ ािद को औषिधयां , सीवन और सिजकल उपकरणों
की खरीद, ॉक बंधन और िवतरण, रा ों/क शािसत दे शों म खरीद, आपूित चेन, गुणव ा िनयं ण
और िव ीय िवभाग के काय को चािलत बनाकर करने के बारे म है

मोबाइल एपः िविभ मोबाइल एप की शु आत की गई है , जो िन कार ह-

इं थ, टीकाकरण का काय म,
इं िडया फाइट् स डगू (डगू के ल णों, िनकटम अ ताल/र बक की जानकारी और फीड बैक दे ना),
एनएचपी थ भारत (रोग, जीवन शैली तथा ाथिमक िचिक ा सहायता),
एचएचपी डायरे री सेवाएं (दे शभर के अ तालों और र बकों की जानकारी)
नो मोर टशन (मानिसक दबाब संबंधी मु ों पर जानकारी)
धानमं ी सुरि त मातृ अिभयान (सभी रा ों म गभाधारण के मामलों की सूचना)

रा ीय ा िमशन
रा ीय ा नीित के अलावा ा और प रवार क ाण मं ालय भी जनन संबंधी ा और एड् स,
टीबी, मले रया, कु रोग जैसे सं ामक रोगों पर काबू पाने के वैि क ल ों को हािसल करने की िदशा म
यासरत है ा े म सबसे अिधक जोर ा दे खभाल के िलए िव पोषण बढ़ाकर सकल घरे लू
उ ाद का कम से कम दो ितशत करने पर िदया गया है 2005 म इस िदशा म कदम बढ़ाते ए रा ीय
ामीण ा की शु आत की गई 2013 म रा ीय शहरी ा िमशन की शु आत के साथ इसे रा ीय
ा िमशन के तहत कर िदया गया इसके बाद रा ीय ामीण ा िमशन और रा ीय शहरी ा
िमशन, मह पूण रा ीय ा िमशन के तहत दो उपिमशन बन गए रा ीय ा िमशन के अंतगत
सबको आव कतानुसार एक समान, स ी और सव म ा सेवाएं उपल कराई जाती ह इस
काय म के मु घटकों म शहरी और ामीण े ों म ा सेवाओं को मजबूत बनाना और जनन-
मातृ-नवजात िशशु तथा िकशोरों के ा और सं ामक तथा असं ामक रोगों पर काबू पाना शािमल है

िमशन इं धनुष
िमशन इं धनुष की शु आत 2014 म की गई थी इसका उ े उन ब ों का टीकाकरण करना है िज
िनयिमत टीकाकरण के दौरान सभी या कुछ बीमा रयों से बचाव के टीके नहीं लगे ह इस काय म का
उ े 2020 तक कम से कम 90 ितशत ब ों का पूण टीकाकरण करना है

मातृ और िशशु िटटे नस उ ूलन


मातृ और िशशु िटटे नस उ ूलन की प रभाषा के अनुसार ितवष ेक िजले म ज के समय हर एक
हज़ार पर एक से भी कम िशशु िटटे नस का मामला होने की थित है भारत को मई 2015 म मातृ और
िशशु िटटे नस उ ूलन करने वाले दे श के प म मा ता दी गई दे श ने यह ल ा व था को
मजबूत कर हािसल िकया िजसके िलए जननी सुर ा योजना, जननी िशशु सुर ा काय म चलाए गए और
िनयिमत टीकाकरण काय म भावी तरीके से चलाए गए

नए टीके
पोिलयों से बचाव का टीकाः िव म पोिलयो उ ूलन की रणनीित के साथ सामंज िबठाते ए नवंबर 2015
से यह काय म छह रा ों म शु िकया गया जून 2016 तक इसका िव ार समूचे दे श म कर िदया
गया अग 2017 तक ब ों को लगभग 2.79 करोड़ खुराक दी जा चुकी थीं
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रोटा वायरस टीकाः इसकी शु आत माच 2016 म रोटा वायरस के कारण होने वाले अितसार पर काबू पाने
के िलए की गई थी ारं भ म इसे आं दे श, ह रयाणा, िहमाचल दे श और ओिडशा म शु िकया गया
तथा बाद म पां च और रा ों- असम, म दे श, राज थान, ि पुरा तथा तिमलनाडु म इसका िव ार िकया
गया इसकी शु आत के बाद ब ों को लगभग 88.73 लाख खुराक दी जा चुकी थीं

खसरा बेला टीके के प म बेला टीका : खसरा बेला टीका अिभयान 9 महीने से 15 वष के ब ों के
टीकाकरण के िलए फरवरी 2017 म शु िकया गया था इसकी शु आत पां च रा ों- कनाटक,
तिमलनाडु , गोवा, ल ीप और पुद्ु दचेरी से की गई थी जहां यह अिभयान पूरा होने के बाद खसरा बेला
टीके को 9 से 12 महीने की आयु और 16 से 24 महीने की आयु म लगाए जाने वाले 1 तथा 2 खसरा वाले
टीके के थान पर िनयिमत टीकाकरण म शािमल िकया गया

वय जापानी ए ैफेलाइिटस टीका : जापानी ए ैफेलाइिटस टीकाकरण 2006 म ब ों के िलए शु


िकया गया 2015 म इस रोग से पीिड़त वय ों की अिधक सं ा वाले िजलों म इस काय म का िव ार
िकया गया इसके िलए 35 िजलों का चयन िकया गया है ये िजले असम, उ र दे श और पि म बंगाल के

नूमैिटक कॉ जुगेट टीका : यह टीका बाल मृ ु के एक बड़े कारण, िनमोिनया से होने वाली मौतों को कम
करने के िलए है इसका पहला चरण 2017 म 3 रा ों- िहमाचल दे श (12 िजलों), उ र दे श (6 िजलों)
और िबहार ( 17 िजलों) म शु िकया गया था

भारत नवजात िशशु काययोजना


भारत म नवजात िशशुओं के िलए काययोजना की शु आत 2014 म की गई थी इसका उ े 2030 तक
नवजात िशशुओं और ज के समय मृ ुदर को दस से कम करना है इस योजना के तहत िजला र पर
661 िवशेष नवजात दे खभाल इकाइयां , थम रे फरल इकाइयों के र पर नवजात इकाइयां और सव
क ों म 18,323 नवजात दे खभाल इकाइयां ह

आयु ान भारत
क सरकार ारा ायोिजत नई योजना, आयु ान भारत-रा ीय ा सुर ा िमशन की शु आत 2018
म की गई थी यह योजना ा और प रवार क ाण मं ालय के ‘आयु ान भारत िमशन’ के तहत
चलाई जा रही है इसके तहत ितवष ेक प रवार को 5 लाख पये तक के िन:शु इलाज की सुिवधा
दी जाती है इस योजना का ल सामािजक-आिथक जाित जनगणना के आं कड़ों पर आधा रत गरीब और
कमजोर वग के 10 करोड़ से अिधक प रवारों को िनःशु इलाज की सुिवधा उपल कराना है क
ायोिजत रा ीय ा बीमा योजना और व र नाग रक ा बीमा योजना को आयु ान भारत-रा ीय
ा सुर ा िमशन म शािमल िकया जाएगा
इस योजना की कई िवशेषताएं ह और इसे गरीबों और वंिचतों को ान म रखकर बनाया गया है इसके
तहत ेक प रवार को ितवष दी जाने वाली 5 लाख पये तक के इलाज की सुिवधा लगभग दू सरे दज
की सभी और तीसरे दज की अिधकतर ा दे खभाल की ि याओं के िलए उपल कराई जाएगी यह
सुिवधा सभी लाभािथयों (िवशेषकर मिहलाओं, ब ों और बुजुग ) के िलए सुिनि त करने के िलए प रवार के
सद ों की सं ा और आयु की कोई सीमा तय नहीं की गई है इसम अ ताल म दा खल िकए जाने से
पहले और बाद के खच भी शािमल होंगे इस योजना के तहत िनधा रत सभी सेवाएं नीित लागू होने के पहले
िदन से ही मुहैया कराई जाएं गी लाभाथ को हर बार अ ताल म भत िकए जाने पर िनधा रत प रवहन
भ ा भी िदया जाएगा इसके तहत उपल कराई जाने वाली सुिवधाओं म शािमल ह- सूची म शािमल
दे शभर के सरकारी और िनजी अ तालों म नगदी रिहत इलाज की सुिवधा
यह पा ता आधा रत योजना है इसम पा ता का आधार सामािजक-आिथक जाित जनगणना के
आं कड़ों पर आधा रत मानदं ड मिहला मु खया वाले प रवार, प रवार म 16 से 59 वष तक की आयु के िकसी
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पु ष सद का न होना, िद ां ग सद और प रवार म िद ां गता के िबना िकसी का न


होना, अनुसूिचत जाित/अनुसूिचत जनजाित के प रवार और ऐसे भूिमहीन प रवार िजनकी आय का मु
ोत अ थाई मजदू री है इलाज के िलए भुगतान पैकेज की दर के आधार पर िकया जाएगा (सरकार ारा
पहले से िनधा रत) पैकेज दरों म इलाज से जुड़े सभी खच शािमल होंगे लाभािथयों के िलए इससे संबंिधत
लेन-दे न नकदीरिहत और कागजरिहत होगा रा िवशेष की आव कताओं को ान म रखते ए रा
और क शािसत दे श इन दरों म सीिमत बदलाव कर सकगे
आयु ान भारत-रा ीय ा सुर ा िमशन के मुख िनयमों म एक, सहका रता सं वाद और रा ों
को तं ता है सह–सहयोग के ज रए रा ों को भागीदार बनाने का भी ावधान है इससे िविभ क ीय
मं ालयों/िवभागों और रा सरकारों (अपने खच पर) की मौजूदा सुर ा योजनाओं/ ा बीमा को
िमलाया जा सकेगा रा सरकारों को इस योजना म िव ार की अनुमित होगी वे इसे बीमा कंपिनयों के
ज रए या सीधे ास/सिमित के ज रए या िमि त मॉडल के ज रए लागू कर सकते ह रा सरकारों को इस
योजना को लागू करने के िलए रा ा एजसी की आव कता होगी
लाभािथयों और अ संब प ों के िलए योजना के वां िछत लाभ सुिनि त करने हे तु एक ापक
मीिडया और प ं च रणनीित बनाई जाएगी, िजसम अ बातों के साथ-साथ ि ंट मीिडया, इले ॉिनक
मीिडया, सोशल मीिडया, परं परागत मीिडया, आईईसी साम ी और बाहरी गितिविधयां शािमल होंगी इनके
अलावा िव ीय संसाधनों की कमी के कारण लोगों की पूरी न की जा सकी आव कताओं को भी पूरा िकया
जाएगा

मां के असीम वा का काय म


मां के असीम वा के ापक काय म की शु आत 2016 म की गई थी यह नपान को बढ़ावा दे ने
का यास है इस काय म का उ े नपान की दर बढ़ाने के िलए ा णािलयों के ज रए इसे
बढ़ावा दे ना, सुरि त बनाना तथा इसम मदद करना है इस काय म के मुख घटक ह- नपान के ित
जाग कता पैदा करना, इसे बढ़ावा दे ना, सामुदाियक र पर यों के बीच सलाह-मशिवरा, सव र
पर सहायता, िनगरानी और पुर ार/मा ता

अितसार िनयं ण पखवाड़ा


यह ब ों की अितसार से मृ ु पर काबू पाने का काय म है इसका एक िवशेष उ े ऐसी थित बनाना
है िजसके कारण िकसी भी ब े की मौत न हो सभी रा ों और क शािसत दे शों म अितसार से होने
वाली मृ ु पर िनयं ण के िलए जुलाई 2014 से अिभयान के प म यह काय म चलाया जा रहा है इसके
तहत पां च वष तक की आयु के 14.7 करोड़ से अिधक ब ों को आशा कायकताओं ारा ओआरएस
उपल कराया गया है इसके मुख काय म ितपादन तथा जाग कता गितिविधयां , अितसार बंधन
सेवा ावधान, ओआरएस- िजंक दशन थल थापन, आशा कायकताओं ारा घर-घर जाकर ओआरएस
का िवतरण, ब ों म पोषकता की कमी का पता लगाना तथा उसका िनवारण, िशशुओं और बड़े ब ों की
आहार संबंधी गितिविधयों को आशा कायकताओं ारा घर-घर जाकर बढ़ावा दे ना और िशशु तथा बड़े ब ों
के आहार-आईवाईसीएफ थलों की थापना

रा ीय कृिम मु िदवस
िम ी से पेट म जाने वाले कीड़ों से होने वाले सं मण की सम ा से िनपटने के िलए मं ालय एक िदन का
यह काय म लागू कर रहा है इसके तहत ू लों और आं गनवािड़यों के 1 से 9 वष के ब ों को इसकी
एक खुराक दी जाती है फरवरी 2017 तक 27.8 करोड़ ब ों की यह खुराक दी जा चुकी है

रा ीय बाल ा काय म
यह काय म 2013 म शु िकया गया था इसके तहत ब ों के ा की जां च की जाती है और इन चार
रोगों के बारे म पता लगाकर उनका िनदान िकया जाता है ज के समय की अपूणता; रोग, कमी; अपंगता
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तथा िवकास म दे री इसम 30 ा खािमयों का िनःशु िनदान भी िकया जाता है इसम तृतीय ेणी
के ा क ों पर सजरी भी शािमल है इसके तहत दे शभर म चरणब प से 18 वष तक के ब ों को
शािमल िकया गया

रा ीय िकशोर ा काय म
रा ीय िकशोर ा काय म की शु आत, िकशोरों की िविभ आव कताओं की पूित के िलए
जानकारी, साम ी और सेवाएं मुहैया कराने के िलए की गई थी इनम शािमल ह:

सा ािहक आयरन फोिलक अनुपूरण : आईएफए अनुपूरण के सा ािहक अंत हण के ज रए िकशोर


लड़कों तथा लड़िकयों म एनीिमया की थित के बारे म ामािणकता आधा रत अनुि या काय म है

मािसक धम संबंधी साफ-सफाई योजना : इस योजना का उ े यह सुिनि त करना है िक िकशो रयों को


मािसक धम और सेिनटरी नैपिकन के इ ेमाल के बारे म पूरी जानकारी हो उ उ म िक के सेिनटरी
नैपिकन उपल कराए जाएं साथ ही इनके िनपटान के िलए पयावरण की ि से सुरि त तरीकों की
जानकारी दी जाए

िम -समूह िश क काय म : इस काय म का उ े , यह सुिनि त करना है िक िकशो रयों की पोषण,


से तथा जनन, एनसीडी की थितयों, उनके दु पयोग, चोट, िहं सा (जीबीवी सिहत) और मानिसक
ा के बारे म िनयिमत प से िम -समूह िश क काय म का लाभ िमल सके इन िश कों की द ता
बढ़ाने के िलए मं ालय ने 2017 म ‘सािथया रसोस िकट’ की शु आत की मोबाइल आधा रत एप यूजस
की बढ़ती सं ा को दे खते ए ‘सािथया रसोट िकट’ म ‘सािथया सलाह एप’ को भी शािमल िकया गया
इस एप को जानकारी के एक अ मह पूण और स े ोत िनःशु सािथया हे लाइन से जोड़ा गया है

जननी िशशु सुर ा काय म


जननी िशशु सुर ा काय म योजना के तहत जन ा सं थानों म सव कराने वाली सभी मिहलाओं को
ऑपरे शन सिहत सभी सेवाएं िब ु ल मु उपल कराई जाती है

जननी सुर ा योजना


जननी सुर ा योजना, रा ीय ा िमशन के तहत सुरि त मातृ की योजना है इसका उ े गरीब
मिहलाओं के िलए ा क ों म सव को बढ़ावा दे ना और मातृ तथा िशशु मृ ुदर म कमी लाना है

प रवार िनयोजन
िमशन प रवार िवकास, सात रा ों के सबसे अिधक जनन वाले 146 िजलों म गभिनरोधक और प रवार
क ाण सेवाओं म वृ के िलए शु िकया गया था ये रा ह- उ र दे श, िबहार, राज थान, म
दे श, छ ीसगढ़, झारखंड और असम

िन:शु दवाएं
िनःशु दवाओं की पहल का उ े , सुिवधानुसार आव क औषिधयों की सूची, बृहद खरीद णाली,
सूचना ौ ोिगकी वाली सुिवधाएं , आपूित चेन बंधन, समुिचत भंडारण, आव क औषिध िनयामक,
गुणव ा सुिनि त करने की व थाएं , मानक शोधन िदशािनदश, नु ा परी ण और िशकायत िनवारण
णाली की व था करना है तािक िनःशु दी जाने वाली आव क औषिधयों की गुणव ा सुिनि त की
जा सके

िन:शु नैदािनक सेवाएं


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िनःशु नैदािनक सेवाओं का उ े िनदान पर अ िधक खच को कम करना और िचिक ा की गुणव ा


म सुधार करना है रा ों के जन ा क ों म आव क नैदािनक सेवाएं िनःशु उपल कराई जाती
ह इनके बारे म िदशािनदश 2 जुलाई, 2015 म जारी िकए गए थे रा ीय िदशािनदशों के अनु प पां च
रा - आं दे श, कनाटक, महारा , ज ू-क ीर और ि पुरा पहले ही इ लागू कर चुके ह

रा ीय ए ुलस सेवा
रा ीय ामीण ा िमशन की एक उपल , डायल 108/102 ए ुलस सेवा के तहत चलने वाली रोगी
प रवहन ए ुलस है डायल 108 आपात कारवाई व था है इसे मु प से गंभीर हालत वाले रोिगयों
और सदमा तथा दु घटना पीिड़तों को सेवा उपल कराने के िलए शु िकया गया है डायल 102 के तहत
गभवती मिहलाओं और ब ों के िलए रोगी प रवहन सेवा उपल कराई जाती है , हालां िक अ लोग भी
इस सेवा का लाभ उठा सकते ह

रा ीय मोबाइल िचिक ा इकाई


रा ीय मोबाइल िचिक ा इकाई का उ े , ामीण और िवशेषकर ा सुिवधाओं के अभाव वाले
इलाकों म लोगों को उनके घर तक ा सेवाएं उपल कराना है दे श के 335 िजलों म 1,122 रा ीय
मोबाइल िचिक ा इकाइयां कायरत ह इनके तहत छोटे -मोटे रोगों, सं ामक तथा असं ामक रोगों,
जनन, बाल ा और प रवार िनयोजन सेवाएं उपल कराई जाती ह कुछ मामलों म ये लि त े ों म
िन:शु नैदािनक सेवाएं मुहैया कराती ह

रा ीय शहरी ा िमशन
रा ीय शहरी ा िमशन, शहरी े ों म ा णाली और सेवाओं के अंतरण को मजबूत करने की
पहल है इसके तहत 1,057 शहरों/क ों म ा सेवाएं उपल कराई जाती ह इसके अलावा, 4,544
मौजूदा क ों को जन ा क के प म मजबूत िकया जा रहा है

धानमं ी सुर ा मातृ अिभयान


इस काय म के तहत हर महीने की 9 तारीख को हर गभवती मिहला को सव से पूव िन:शु , सुिनि त
तौर पर, ापक और गुणव ापूण सेवाएं उपल कराई जाती ह इसम दू सरी/तीसरी बार गभधारण करने
वाली मिहलाओं को, सरकार ारा ािधकृत ा क ों म सवपूण दे खभाल सेवाओं के ूनतम पैकेज
की गारं टी दी गई है काय म के अंतगत इन काय म िनजी े को शािमल करने के िलए व थत रवैया
अपनाया जाता है इनम िनजी डॉ रों को इस अिभयान के िलए े ा से काम करने के िलए े रत
करना, जाग कता पैदा करने के िलए नीितयां बनाना और िनजी े को सरकारी ा क ों के इस
अिभयान म शािमल होने की अपील करना शािमल है

धानमं ी रा ीय डायिलिसस काय म


इस काय म के तहत सभी रा ों को गरीबों के िलए िन: शु डायिलिसस सेवाएं उपल कराने म
सहायता दी जा रही है िजला अ तालों म पीपीपी तरीके से डायिलिसस सेवाओं के िलए िदशािनदशों म
रा ों/क शािसत दे शों की सहभािगता रही है यह काय म 384 िजलों म रा ों के सहयोग से लागू
िकया गया है इसके तहत हर ा क म 6 डायिलिसस मशीन होंगी और बाद म यह सं ा बढ़ाकर
10 कर दी जाएगी

स ी औषिधयों और इलाज के िलए ितरोपकों की िव सनीय


कसर और कािडयक इ ां ट के साथ कािडयोवसकुलर के िलए स ी औषिधयों और इलाज के िलए
िव सनीय ितरोपकों की उपल ता के िलए िब ी क थािपत िकए गए ह इ बाजार दर पर 60 से 90
ितशत कम कीमत पर उपल कराया जाता है जुलाई, 2017 तक ऐसे 84 ोर खोले जा चुके थे और
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इनसे 30 लाख रोिगयों को लाभ प ं चा है

कायाक
कायाक पुर ारों की शु आत जन ा क ों म ता, आरो और सं मण िनयं ण को बढ़ावा
दे ने के उ े ों से की गई है इस पुर ार के तहत ता के मानकों को पूरा करने और सं मण
िनयं ण जैसे अनुकरणीय काय करने वाले जन- ा क ों को पुर ार और शंसा माण-प िदए जाते

अंग ारोपण
रा ीय अंग ारोपण काय म, मानव अंग और ऊतक अिधिनयम, 1994 के अनुसार ारोपण काय ,
िश ण दे ने और मृतकों के अंगदान दे ने को बढ़ावा दे ने के बारे म है इसके तहत शीष र का एक
संगठन- रा ीय अंग और ऊतक ारोपण संगठन, नई िद ी म सफदरजंग अ ताल म थािपत िकया
गया है मृतक के अंगों और ऊतकों के दान को बढ़ावा दे ने और इ ा करने तथा िवतरण की
ऑनलाइन व था के िलए रा ीय रिज ी भी बनाई गई है इसके अलावा, िदन-रात काम करने वाला एक
कॉल सटर भी बनाया गया है िजसका नंबर ह- 1800114770 इस काय म के संचालन के बारे म
िदशािनदश भी जारी िकए गए ह गुदा, यकृत, दय, फेफड़ा और कॉिनया ारोपण के िलए नीित और
मानदं डों की मंजूरी दे दी गई है िविभ मह पूण अंगों के िलए एसओपी को भी ीकृित दी जा चुकी है
और इ वेबसाइट पर डाल िदया गया है

थ सव
इस काय म की शु आत 2016 म की गई थी यह ा और प रवार क ाण मं ालय तथा पेयजल
और ता मं ालय की संयु पहल है

मानिसक ा दे खभाल
मानिसक ा दे खभाल अिधिनयम, 2017 म मानिसक ा के िलए अिधकार आधा रत ावधान िकए
गए ह यह मानिसक प से अ थ लोगों के अिधकारों की र ा के िलए एकसमान प से ा सेवाएं
उपल कराता है यह सुिनि त करता है िक मानिसक प से अ थ यों की अिधकतम दे खभाल
हो सके और वे स ान तथा ग रमा के साथ जीवन तीत कर सक यह मानिसक ा दे खभाल सेवाओं
की गुणव ा और पया ता म सुधार के िलए सं थागत व था को मज़बूत करता है यह कानून मानिसक
ा दे खभाल सेवाएं उपल कराने म सरकार तथा िनजी े दोनों की जवाबदे ही बढ़ाता है यह क
और रा ों के मानिसक ा ािधकरणों म मानिसक ा की सम ा वाले और उ सेवाएं दे ने
वालों को ितिनिध दान करता है
इस अिधिनयम का सबसे गितशील ावधान यह है िक अि म िनदश, नािमत ितिनिध, वेश के संबंध
म मिहलाओं तथा ब ों के िलए िवशेष ावधान, इलाज, ता तथा गत साफ-सफाई और इले ो-
कनवलिसव थैरेपी तथा साइकोसजरी पर ितबंध आ ह ा को अपराध न मानना इस अिधिनयम की एक
अ मह पूण िवशेषता है िजससे आ ह ा की कोिशशों के कारक-गंभीर तनाव का उिचत बंधन
सुिनि त हो सकेगा

एचआईवी और एड् स
एचआईवी और एड् स (रोकथाम तथा िनयं ण) अिधिनयम 2017 का उ े , संयु रा ारा िनधा रत
सतत िवकास के ल ों के अनु प इस सं ामक रोग को ख करना है इसके तहत एड् स से पीिड़त
यों के साथ रोज़गार, िश ा सं थानों, संपि िकराए पर दे ने, सावजिनक या िनजी कायालय म या
ा दे खभाल और बीमा सेवाओं म िकसी कार का भेदभाव नहीं िकया जा सकता इस कानून का
उ े एचआईवी की जां च, उपचार और िनकल अनुसंधान के िलए जानकारी दे कर सहमित और
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गोपनीयता बनाए रखते ए ा दे खभाल सेवाओं की उपल ता बढ़ाना भी है रा की दे खभाल के


अंतगत आने वाले ेक को एचआईवी रोकथाम, िश ण, उपचार और सलाह ा करने का
अिधकार है

धानमं ी ा सुर ा योजना


धानमं ी ा सुर ा योजना, दे श के ा सेवाओं के अभाव वाले े ों म िचिक ा िश ा, अनुसंधान
और िनकल केयर म ितगुनी ा दे खभाल मता के िवकास के बारे म है इसका उ े स ी/
िव सनीय ा सेवाओं की उपल ता म े ीय असंतुलन दू र करने और दे श म गुणव ापूण िचिक ा
िश ा की सुिवधाएं बढ़ाना है इस योजना के दो घटक ह- दे श के ा सेवाओं के अभाव वाले े ों म
ए जैसे नए सं थानों की थापना और मौजूदा सरकारी मेिडकल कॉलेजों का उ यन योजना के तहत
2014-15 से इससे सबंिधत सभी प रयोजनाओं का िनमाण काय तेज िकया गया और हर वष पूंजीगत य
म औसतन 42 ितशत से अिधक वृ की गई

िचिक ा िश ा
भारतीय िचिक ा प रषद (संशोधन) अिधिनयम 2016 के ज रए एक ब त बड़ा कदम यह उठाया गया है
िक पूरे दे श म अंडर ेजुएट और पो ेजुएट िचिक ा पा मों के तहत वेश के िलए एक समान
वेश परी ा - रा ीय पा ता एवं वेश परी ा, िश ण वष 2016-17 से शु की गई, इससे इन पा मों
म िवशेषकर ाइवेट मेिडकल कॉलेजों म वेश के अनुिचत तरीकों पर रोक लग सकेगी और िचिक ा
िश ा म अिधक पारदिशता आएगी तथा इसम उ मानदं ड सुिनि त हो सकगे

दं त िचिक ा िश ा
भारतीय दं त िचिक ा प रषद के ा प के तहत 2014 से 2016 के दौरान 12 नए कॉलेज खोले गए िपछले
तीन वष म बीडीएस की 1,670 और एमडीएस की 943 सीट बढ़ाई गई ह

संपूणा क िचिक ा और अनुसंधान क


संपूणा क िचिक ा और अनुसंधान क , आधुिनक और भारत की ाचीन तथा परं परागत िचिक ा
प ितयों के स लन के िलए अनुसंधान के वा े नई िद ी के ए की अ गामी पहल है इसका उ े
एक आधुिनक अनुसंधान क की थापना करना है इसे भारत की परं परागत िचिक ा प ितयों की
भावो ादकता सािबत करने के िलए गहन अनुसंधान के समुिचत क के प म गिठत िकया गया है
कसर, मधुमेह, कािडयोव ु लर रोग और ोक रोकथाम तथा िनयं ण
काय म
कसर, मधुमेह, कािडयोव ु लर रोग और ोक रोकथाम तथा िनयं ण काय म का उ े वहार और
जीवन- शैली म बदलाव से असं ामक रोगों की रोकथाम और िनयं ण करना है इस काय म के तहत
जां च और िनरोधक एनसीडी सेवाएं उपल कराई जाती ह
संशोिधत तपेिदक िनयं ण काय म
इस काय म का उ े तपेिदक के रोिगयों और इसके कारण होने वाली मौतों को कम करना और दे श म
एक बड़ी जन ा सम ा बनने से रोकने के िलए इसके सं मण पर काबू पाना है सरकार इस
काय म के तहत रा ों/क शािसत दे शों को मानव संसाधनों, औषिधयों, िनदान और उपभो साम ी के
िलए सहायता दे ती है
रा ीय एड् स िनयं ण काय म
रा ीय एड् स िनयं ण काय म शत- ितशत क ीय े की योजना है एचआईवी सं मण दस लाख
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से अिधक लोग पूव ापी वायरल रोधी-एआरटी उपचार ले रहे ह इनके अलावा एक लाख से अिधक लोगों
को परी ण और उपचार नीित के अनु प पूव ापी वायरलरोधी (एआरवी) उपचार के दायरे म लाया गया
है यह नीित एआरटी उपचार ले रहे सभी रोिगयों के िलए है , चाहे वे सीडी काउं ट या िनकल चरण म
हों
रा ीय तंबाकू िनयं ण काय म
रा ीय तंबाकू िनयं ण काय म 2007-08 म नौ रा ों के 18 िजलों म शु िकया गया था 2008-09 म इसे
और 12 रा ों के 24 िजलों म भी शु कर िदया गया वतमान म यह 29 रा ों के 53 िजलों म लागू है
रा ीय मानिसक ा काय म
इस काय म का उ े दे श म मानिसक ा दे खभाल सेवाओं की उपल ता म सुधार करना है
इसके िलए सभी 36 रा ों और क शािसत दे शों म िजला रीय काय म सहायता दी जा रही है इस
काय म के तहत िजला अ तालों म िनयिमत प से मनोिवकारी ओपीडी तथा आईपीडी सेवाएं उपल
कराई जाती है मादक दवाओं की िन:शु आपूित की जाती है ; औषधालय संबंधी मदद उपल कराई
जाती ह और तालुका अ तालों/सामुदाियक ा क ों म सामुदाियक, िशिवर और प ं च िनक म
मानिसक ा के बारे म जाग कता पैदा करने संबंधी गितिविधयां चलाई जाती ह
रा ीय वृ ा दे खभाल काय म
इस काय म का मु उ े दे श के बुजुग को अलग से िवशेष ता और ापक ा दे खभाल सेवाएं
उपल कराना है
जलने के घावों की रोकथाम और ऐसी घटनाओं के बंधन का रा ीय
काय म
इस काय म का उ े जलने की घटनाओं और इनकी वजह से होने वाले घावों, अपंगता तथा मृ ुदर म
कमी लाना है इसके िलए लोगों, िवशेषकर मिहलाओं, ब ों और उ ोगों तथा खतरनाक वसायों म लगे
किमयों म इसके ित जाग कता पैदा करना तथा उनका पुनवास कराना है
नेशनल ओरल हे ो ाम
इस काय म की शु आत 2014-15 म की गई थी इसका मु उ े दे श की जन ा सुिवधाओं म
ओरल हे दे खभाल सेवाओं को मजबूत कर ऐसे रोिगयों की सं ा कम करना है इस काय म के तहत
रा सरकारों की दं त सजन की अनुबंध पर िनयु , डटल हाइिजिन , दं त सहायक उपकरणों की
खरीद, डटल िनक के नवीकरण, इलाज के िलए आव क साम ी, दं त रोगों के ित जाग कता,
मता िवकास और िश ण से संब सहायता उपल कराई जाती है
रा ीय कु रोग उ ूलन काय म
इस काय म का उ े सामा ा दे खभाल के ज रए सव म सेवाएं उपल कराकर कु रोिगयों
म कमी लाना है , तािक सभी रा ों और िजलों म जन ा की सम ा बनी इस बीमारी के उ ूलन का
ल पूरा िकया जा सके इसके िलए रा ीय र पर नए मामलों की सं ा कम कर ितवष एक लाख की
जनसं ा पर एक ितशत तक की जानी है इस काय म के कायकलापों म शािमल ह- रोग का पता
लगाना तथा उसका इलाज, अपंगता रोकथाम, ा बहाली, वहार प रवतन संचार सिहत आईईसी,
मानव संसाधन तथा मता िनमाण और काय म बंधन
यह योजना आयु ान भारत योजना म शािमल की जा चुकी है
रा ीय ा बीमा योजना
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यह योजना, अ ताल म भत की आव कता वाले अिधकतर रोगों के िलए सरकारी और सूची म शािमल
िनजी अ तालों म नकदीरिहत इलाज उपल कराने के िलए शु की गई है इससे लाभािथयों को बेहतर
ा सेवाएं िमल सकगी
समावेशी रोग िनगरानी काय म
रा ीय ा िमशन के तहत क ायोिजत यह योजना सभी रा ों तथा क शािसत दे शों म चलाई जा
रही है इसके मु उ े और रणनीित म शािमल ह- महामारी का प लेने की आशंका वाली बीमा रयों
के िलए िवक ीकृत योगशाला आधा रत आईटी की मदद से संचािलत िनगरानी णाली को मजबूत और
कायरत बनाए रखना, तािक रोग के ल णों पर नज़र रखी जा सके और िशि त तथा रत कारवाई दलों
के मा म से रोग के फैलने की शु आत म ही इसका पता लगाकर इलाज िकया जा सके वतमान म 90
ितशत से अिधक िजले ई-मेल और पोटल के ज रए सा ािहक डाटा भेजते ह एसएसयू/डीएसयू इसके
आधार पर रोग के ल णों का आकलन करते ह अगर कभी रोग के बढ़ने के ल ण पाए जाते है तो बीमारी
का पता लगाने और इसके फैलने से रोकने के िलए आरआरटी ारा जां च की जाती है
खा िनयम
अिधकृत खा जां च योगशालाओं की सं ा बढ़ाकर 125 और रे फरल योगशालाओं की सं ा 16 कर
दी गई है खा पदाथ के संबंध म 19 मानक और िनयम ह इनम शािमल ह- खा सुर ा तथा मानक
( ा अनुपूरकों, पोषकों के िलए खा ; िवशेष आहार के िलए खा , िवशेष िचिक ा के उ े के िलए
खा , फं नल खा और नए खा ) िनयम, 2015; चां दी के वक के मानकों म संशोधन; फलों को पकाने
के िलए एथेलीन गैस का इ ेमाल; खा योगजों का कोडे के साथ िमलान, क ी दालों के िलए मानक,
मीट तथा उससे तैयार उ ादों और दू ध तथा उससे बने उ ादों के िलए जीवाणु त संबंधी मानक,
टे डमाक यु खा के िलए मानक; खा सुर ा तथा मानक, खा अिधिनयम 2016; खा सुर ा तथा
मानक ( आयात अिधिनयम 2017) और खा सुर ा तथा मानक (खा ाहार ि या) अिधिनयम,
2017
इनके अलावा योगशालाओं और घरों म खाने पीने की व ुओं म िमलावट का पता लगाने के िलए तुरंत
जां च के वा े िनयमावली बनाई गई है रा ीय दु गुणव ा सव ण की शु आत की गई है सेफ वाटर
पोटल भी शु िकया गया है िजस पर बोतलबंद पेयजल के बारे म एफएसएसएआई या बीआईएस के तहत
लाइसस नंबर और िविध मा ता की जां च की जा सकती है बाज़ार म खाने-पीने की व ुएं बेचने वालों के
िलए ल इं िडया की भागीदारी से मता िनमाण काय म शु िकया गया है

औषिध अिधिनयम
िचिक ा उपकरण िनयम, 2017 को अिधसूिचत कर िदया गया है इसके तहत िचिक ा उपकरणों का
जो खम आधा रत वग करण, लाइसिसंग और िनयमन िकया जाता है रा ीय िनयमन ािधकरण को पां च म
से चार और चार म से तीन काय के सवािधक प रप ता र के साथ ि याशील घोिषत िकया गया 344
इरे शनल िफ डोज़ कंबीनेशन पर रोक लगा दी गई है आव क दवाओं की नई रा ीय सूची को अंितम
प दे िदया गया है अब इस सूची म 376 दवाएं ह कोरोनरी ट को एनएलईएम 2015 म शािमल िकया
गया है और रोिगयों को राहत दे ने के िलए इनकी अिधकतम कीमत तय कर दी गई है

रा ीय आरो िनिध
रा ीय आरो िनिध की थापना 1997 म की गई थी इसका उ े खतरनाक बीमा रयों से जूझ रहे
गरीबीरे खा से नीचे के लोगों को सरकारी अ तालों म िचिक ा सेवाएं उपल कराने के िलए िव ीय
सहायता दान करना है यह सहायता एकमु अनुदान के प म उस अ ताल के अधी क को प ं चाई
जाती है िजसम रोगी का इलाज चल रहा होता है इस योजना के तहत क सरकार, रा ों/ क शािसत
दे शों को रोगी सहायता कोष के िलए भी सहायता अनुदान दे ती है इस कोष म रा / क शािसत दे शों
का योगदान 50 ितशत होता है
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ा मं ालय का कसर रोगी कोष


ा मं ालय के कसर रोगी कोष को रा ीय आरो िनिध के अंतगत 2009 म शु िकया गया था इस
कोष के इ ेमाल के िलए 27 े ीय कसर क ों म रा ीय आरो िनिध के तहत एक कोष बनाया गया है
इन उपायों से रा ीय आरो िनिध के तहत ा मं ालय के कसर रोगी कोष के उ े को पूरा करने म
मदद िमलेगी और ज रतमंद कसर रोिगयों के िलए िव ीय सहायता िबना दे री के सुिनि त हो सकेगी

ा मं ालय िववेकाधीन अनुदान


ा मं ालय िववेकाधीन अनुदान योजना के तहत बड़ी बीमा रयों के इलाज और सजरी के िलए
अ ताल का कुछ खच चुकाने के वा े गरीबों और ज रतमंद मरीजों के िलए सवा लाख पये की
सहायता उपल कराई जाती है जो लोग गरीबीरे खा से नीचे की ेणी म नहीं होने के कारण रा ीय आरो
िनिध का लाभ नहीं उठा सकते और उनकी सालाना आमदनी सवा लाख पये तक है , वे इस योजना के
तहत िव ीय सहायता ा कर सकते ह

वैि क उप थित
भारत, वैि क आयोजनों जैसे- िव ा स ेलन 2017 और संयु रा ा स ेलन म िनयिमत
प से भाग लेता है वह मुख व ा के प म भागीदारी करता है भारत ने ि 2017 की मेजबानी
की ा और प रवार क ाण मं ालय ने ा मंि यों की बैठकों के आयोजन म सम य िकया
इसम भारत ने य रोग, िचिक ा उपकरणों और एमएआर जैसे ा संबंधी मु ों पर सद दे शों को
मदद जारी रखने की िहमायत की भारत अंतर-सरकारी संगठन ‘जनसं ा और िवकास म भागीदारी’ का
सं थापक सद है यह संगठन, जनन ा , जनसं ा और िवकास के े म दि ण सहयोग को
बढ़ावा दे ने के िलए 1994 म जनसं ा और िवकास पर अंतररा ीय स ेलन के दौरान बनाया गया था
ा और प रवार क ाण ने तंबाकू िनयं ण पर िव ा संगठन संरचना सभा के प ों के स ेलन
के सातव स का आयोजन िकया

ा अनुसंधान
भारतीय िचिक ा अनुसंधान प रषद
भारतीय िचिक ा अनुसंधान प रषद- आईसीएमआर की थापना 1911 म भारतीय अनुसंधान कोष संघ के
प म की गई थी यह िव की सबसे पुरानी अनुसंधान इकाइयों म से एक है प रषद ने अपने सौ वष से
अिधक लंबे कायकाल म भारत और िव म बायोमेिडकल अनुसंधान के िनयोजन, सू ीकरण, सम यन,
काया यन और संव न म अ णी भूिमका िनभाई है यह अनुसंधान, ावसाियक िवकास, सहयोग और
ान के सार के िलए अपनी ितब ता के बल पर दे श की शीष और अ णी िचिक ा अनुसंधान सं था
बनी ई है अपने 32 अनुसंधान सं थानों और मेिडकल कॉलेजों तथा गैरसरकारी संगठनों के बाहरी
िव पोषण से प रषद ने मले रया, जापानी ए ेफिलिटस, तपेिदक, एड् स, काला-ज़ार, िफला रयािसस, कु
रोग और पोिलयो जैसे रोगों के बारे म जानकारी हािसल करने म मह पूण वै ािनक योगदान िकया है
इसने पोषण, जनन, मातृ तथा िशशु ा , ावसाियक तथा पयावरणीय ा और ा णािलयों
संबंधी अनुसंधान के ित अपनी ितब ता िदखाई है प रषद के अनुसंधान के नतीजों से मह पूण और
सतत िवकास को बल िमला है
भारतीय िचिक ा अनुसंधान प रषद ने ावसाियक िवकास िश ण और मता िनमाण से िचिक ा
अनुसंधान के भिव के ित अपनी ितब ता दशाई है इसम, िचिक ा तथा औषिध अनुसंधान म
वसाय की तैयारी करने वालों के िलए िश ण काय म, कायशालाएं , लघु अविध अनुसंधान ू डटिशप
शािमल ह इसम अनुसंधान के े म आने वालों के िलए उनके क रयर के शु म उनके कौशल तथा ान
को बढ़ाने के िलए अनुसंधान फैलोिशप और लघु अविध िविज़िटं ग फैलोिशप शािमल है प रषद िवशेष
िवषयों पर अनुसंधान जारी रखने के िलए सेवािनवृ िचिक ा वै ािनकों और अ ापकों की वै ािनकों के
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पद पर िनयु करती है प रषद के अनुसंधानों का लाभ पूरी दु िनया को िमला है और यह हर महा ीप म


अनुसंधान सहयोग बढ़ा रही है इसम 553 अंतररा ीय प रयोजनाओं की समी ा और मंजूरी शािमल ह
इनम से 68 को प रषद ने िपछले कुछ वष म धन उपल कराया है प रषद ने समझौता ापनों के ज रए
िव भर के िव िव ालयों की भागीदारी से कसर, मधुमेह, संचारी रोगों और टीकों के िवकास जैसे ा से
जुड़े िवषयों पर अनुसंधान की िदशा म भावशाली यास िकए ह इस सहयोग म वै ािनक जानकारी का
आदान- दान, िश ण, संयु प रयोजनाओं, बैठकों का सह-लेखन, कायशालाएं , संगोि यां और
ोिज़या शािमल ह
मुख काय म
भारतीय तपेिदक अनुसंधान संकाय: भारतीय िचिक ा अनुसंधान प रषद ने मु भूिमका िनभाते ए एक
नया मुख काय म शु िकया तािक भारतीय तपेिदक अनुसंधान और िवकास संकाय की थापना की जा
सके इसका उ े तपेिदक की सम ा को ल बनाकर िनपटने के िलए वै ािनक अनुसंधान को बढ़ावा
दे ने म (अंतररा ीय सहयोगकताओं के साथ) सभी बड़े रा ीय अनुसंधानकताओं को एक मंच पर लाना है

तपेिदक नैदािनक पहल: टीबी/एमडीआर-टीबी के िलए दे श म िनिमत स ी, रत अणु संबंधी नैदािनक


िकट- एनट रफ का िवकास आईसीएमआर, डीबीटी और उ ोग के सहयोग से िकया गया है वतमान म
इस पर एक सौ िजलों म अ यन जारी है जनजातीय लोगों को दी जा रही सेवाओं म खािमयों को दू र करने
के िलए मुख प रयोजना, ए व केस फाइं िडं ग पां च रा ों म शु की गई है

ई-हे /एम हे और अंत र ौ ोिगकी उपकरणों का योग


समय बदलने के साथ-साथ आईसीएमआर, ई-हे /एम हे के इ ेमाल और अंत र ौ ोिगकी
उपकरणों के इ ेमाल को बढ़ावा दे ने के अपने यासों पर जोर दे रही है आईसीएमआर ने मोबाइल
ेटफाम का इ ेमाल करते ए मले रया के िलए एक मोबाइल आधा रत रोग िनगरानी णाली िवकिसत
की है इस ौ ोिगकी का िवकास आरएमआरसी, िड ूगढ़ ने सीडीएसी, पुणे के सहयोग से िकया है िजसे
असम के तगाघाट पीएचसी म लगाया गया है आईसीएमआर ने ा अनुसंधान म िविभ ई-लिनग
काय म भी बनाए ह और तपेिदक दवाओं, डीडीआरटीबी, खा और पोषण डाटाबेस भी तैयार िकया है
मानव ा पर जलवायु प रवतन के कु भावों को दू र करने और अंत र ौ ोिगकी उपकरणों के
इ ेमाल को बढ़ावा दे ने के िलए आईसीएमआर ने ऊपरी असम के िलए जेई की पूव चेतावनी णाली
िवकिसत की है , मले रया और म रजिनत थितयों पर अ यन शु िकया है और िफला रयािसस के बारे
म पूवानुमान के तरीके का िवकास िकया है
रोग िज ेदारी अनुमान
रा रीय रोग िज ेदारी अनुमान की शु आत अमरीका म वािशंगटन के एक िव िव ालय म ा
और प रवार क ाण मं ालय के सहयोग से की गई इसका उ े भारत म ा काय मों और
िनयोजन म सुधार के िलए रा रीय रोगों की िज ेदारी और जो खम का अनुमान लगाना है
ज़ीका वायरस के कोप से िनपटने की तैयारी
आईसीएमआर-एनआईवी ने ज़ीका परी ण के िलए दे श म 25 थानों पर िनगरानी की व था की है 25
योगशालाओं और 11 आईडीएसपी योगशालाओं के िलए पुनरावत िश ण और मता िनमाण िकया
गया है आईसीएमआर के िनगरानी नेटवक से ज़ीका वायरस के चार मामलों का पता चला है (तीन गुजरात
म एक तिमलनाडु म पाया गया है ) ज़ीका वायरस के िलए ए ोमोलोिजकल िनगरानी व था भी थािपत
की गई है
रा ीय रोटा वायरस िनगरानी नेटवक (2012-16)
ापक टीकाकरण काय म के तहत रोटा वायरस टीके के असर और रोटा वायरस डाय रया की वृि
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का पता लगाने के िलए चार मुख रे फरल योगशालाओं, सात आईसीएमआर की े ीय योगशालाओं
और 23 अ ताल थलों पर अ यन िकया गया
वेबसाइट: www.icmr.nic.in

आयुष
आयुष मं ालय का गठन 2014 म िकया गया था इसका उ े यह सुिनि त करना है िक ा दे खभाल
की आयुष णािलयों का अिधकतम िव ार और चार हो सके इससे पहले इसे भारतीय िचिक ा णाली
और हो ोपैथी िवभाग के नाम से जाना जाता था िजसे 1995 म बनाया गया था 2003 म इसका नाम
बदलकर आयुवद, योग तथा ाकृितक िचिक ा, यूनानी, िस और हो ोपैथी (आयुष) िवभाग कर िदया
गया इसका उ े इन िचिक ा प ितयों म िश ा और अनुसंधान िवकास पर ान कि त करना था
ा दे खभाल की आयुष णाली म बाद म ित ती प ित सोवा- र पा को भी शािमल कर िदया गया

ा दे खभाल की आयुष प ितयां


आयुवद
आयुवद का शा क अथ है - जीवन िव ान आयुवद वेदों से िनकला है जो जीवन, रोग और ा के मूल
िस ातों पर आधा रत है 2500 ईसा पूव के आस-पास िवकिसत चरक संिहता और सु ुता संिहता आयुवद
के मु नु े म पूरी तरह उपल ह आयुवद के अनुसार जीवन के उ े ों- धम, अथ, काम और मो
की ा की पहली ज रत ा है आयुवद के शारी रक, मानिसक, आ ा क और
सामािजक िवकास का मा म है
योग
योग अ ा से जुड़ा है यह थ जीवन की कला और िव ान है जो शरीर और मन के बीच समरसता
पैदा करता है योग श के दो अथ ह- पहला युिजर अथात जोड़ और दू सरा युजा िजसका अथ है - समािध,
यानी मन की सव म और संपूण ान की अव था सं ृ त के जाने-माने ाकरण के ाता पािणनी के
अनुसार योग के ये दो सबसे मह पूण अथ ह
लोग थ जीवनशैली के िलए योग को अपना रहे ह और यह हमारी आ ा क धरोहर का िह ा बन
गया है वतमान समय म दु िनयाभर म योग के ित झान बढ़ा है , ोंिक यह जीवनशैली से जुड़ी
सम ाओं का समाधान करता है , रोगों का िनवारण कर थ बनाता है और मानिसक शां ित दान करता
है िविभ अ यनों से सािबत आ है िक जीवनशैली संबंधी और मानिसक परे शािनयों से छु टकारा िदलाने
म योग ब त कारगर है इसकी िवशेषता यह है िक इसे ा दे खभाल की अ प ितयों के साथ भी
अपनाया जा सकता है
ाकृितक िचिक ा
ाकृितक िचिक ा ा और उपचार का िव ान है इसम औषिधयां नहीं दी जातीं और यह पूरी तरह
सं थािपत त ान पर आधा रत है ा , रोग और इलाज के िस ां तों के बारे म इसकी अपनी
अवधारणा है ाकृितक िचिक ा प ित शारी रक, मानिसक, नैितक और आ ा क िनयोजन के बारे म
कृित के रचना क िस ां तों के साथ सु व थत जीवन की िहमायती है इसम ा व न, बलव न,
रोग िनवारण और आरो बनाने की मता है
यूनानी
यूनानी िचिक ा प ित का ारं भ ीस म आ बाद म कई दे शों म चिलत होने के बाद यह भारत प ं ची
यह प ित पूण ा के संवधन और रोगों के िनवारण से संबंिधत सं थािपत ान और योग पर आधा रत
है इसम िम , अरब, ईरान, चीन, सी रया और भारत जैसी ाचीन स ताओं के परं परागत ान का
समावेशन है इसम ाकृितक पदाथ , ादातर जड़ी-बूिटयों, जानवरों, समु ी उ ादों और क ी धातुओं
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से बनी दवाओं के योग पर जोर िदया जाता है इस प ित को शेख बू-अली िसना (अिवसेना) (980-1037
ईसा प ात) ने िचिक ा के सव े ंथ अल- ुनून म, रज़ी ने (850-923) अल-हवी म और कई अ
यूनानी िचिक कों ने अ पु कों म िलखा
िस
यह भारत की ाचीन िचिक ा प ितयों म से एक है इसका िवड़ सं ृ ित से गहरा संबंध है िस श
का अथ है उपल यां कहा जाता है िक इसम वीणता हािसल करने वाले 18 िस ों ने इसके व थत
िवकास म योगदान िकया और अपने अनुभव तिमल भाषा म दज िकए
हो ोपैथी
िह ो े ट् स के समय (लगभग 400 ई.पू.) से िचिक क मानते रहे ह िक कुछ त थ यों म उसी
तरह रोग के ल ण पैदा करते ह िजस तरह रोिगयों म जमनी के डॉ. ि यन ायड रच सेमुएल हा े मैन
ने इस त की वै ािनक जां च की और हो ोपैथी के मूल िस ां तों को संिहताब िकया भारत म यह
प ित 1810 ई.पू. के आस-पास यूरोपीय िमशन रयों के ज रए आई 1948 म संिवधान सभा और बाद म
त ालीन संसद ारा पा रत ाव से इसे सरकारी मा ता दी गई
सोवा- र पा
यह दु िनया की सबसे पुरानी ा प ितयों म से एक है इसका इितहास ढाई हजार वष से भी पुराना है
यह िहमालयी े ों िवशेषकर लेह-ल ाख (ज ू-क ीर), िहमाचल दे श, अ णाचल दे श, िस म,
दािजिलंग आिद म चिलत है यह प ित दमा, ोंकाइिटस, गिठया जैसे गंभीर रोगों के इलाज म असरदार
है सोवा र पा के मूल िस ां त इस कार ह (1) शरीर और िदमाग इलाज के क िबंदु ह; (2) एं टीडॉट जैसे
इलाज; (3) एं टीडॉट के ज रए इलाज का तरीका; (4) रोग का िनदान करने वाली औषिधयां तथा (5) औषध
िव ान सोवा- र पा म मानव शरीर की रचना म ा संबंधी पां च भौितक त ों, िवकार की कृित और
उपचारा क उपायों के मह पर जोर िदया जाता है
आयुष ा दे खभाल संरचना
वतमान म आयुष णाली के तहत 3,632 अ ताल; लगभग 58,020 िब र; 26,325 िड स रयां ;
7,44,563 डॉ र, 9,282 औषिध उ ादन इकाइयां और 550 िश ा सं थान ह इन िश ा सं थानों म अंडर
ेजुएट के िलए 32,256 और पो ेजुएट के िलए 4,339 सीट ह इनके अलावा, 512 िजला अ ताल;
2,739 सामुदाियक ा क और 9,112 ाथिमक ा क इसके अंतगत आते ह रा ीय आयुष
िमशन को 2014 म अिधसूिचत िकया गया था यह ाथिमक ा क ों, सामुदाियक ा क ों तथा
िजला अ तालों म ा सेवाएं बेहतर बनाने; मौजूदा सरकारी आयुष अ तालों, सरकारी/पंचायत/
सरकारी सहायता ा आयुष िड स रयों के उ यन और अिधकतम 50 िब रों वाले एकीकृत आयुष
अ तालों की थापना पर ान दे ता है इसके अलावा, यह आयुष िश ा सं थानों, को मजबूत करता है ;
आयुवद, िस , यूनानी तथा हो ोपैथी दवाओं पर गुणव ा िनयं ण लागू करने की व था करता है और
12वीं पंचवष य योजना के दौरान रा ों/क शािसत दे शों म इन िचिक ा प ितयों के िलए क े माल की
िनरं तर आपूित सुिनि त करता है
आयुष औषिध गुणव ा िनयं ण
आयुष मं ालय की अपनी औषिध िनयं ण इकाई है जो आयुवद, िस , यूनानी और हो ोपैथी दवाओं से
संबंिधत मु ों की दे खरे ख और सम य का काम करती है मं ालय ने औषिध तथा सौंदय साधन िनयम,
1945 म संशोधन िकया है तािक वै ािनक आं कड़ा आधा रत शे लाइफ अ यन को बढ़ावा िदया जा
सके और पारं प रक संिव ासों के नाम के आगे या पीछे कुछ जोड़ने पर रोक लगाई जा सके रा ीय आयुष
िमशन की क ायोिजत पहल के तहत रा ों को दवाओं के उ ादन तथा परी ण और िनयामक ावधानों
के अनुपालन के िलए िनयामक मता, बुिनयादी ढां चा और काय णाली को मजबूत करने के वा े सहायता
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अनुदान िदया जाता है रा ों के वै ािनकों और िनयामक किमयों के मता िनमाण के िलए


फामाकोपोएइअल लेबोरे टरी ऑफ इं िडयन मेिडिसन एं ड हो ोपैथी फामाकोपोएअल लेबोरे टरी िनयिमत
प से काय म आयोिजत करती ह
आयुष म िचिक ा िश ा
सटल काउं िसल ऑफ इं िडयन मेिडिसन, वैधािनक इकाई है इसका गठन इं िडयन मेिडिसन सटल
काउं िसल ए 1970 के तहत िकया गया है यह अपने िविभ िविनयमों के ज रए आयुवद, िस और
यूनानी म िचिक ा िश ा के मानक तय करती है हो ोपैथी िचिक ा िश ा का िनयमन सटल काउं िसल
ऑफ हो ोपैथी अपने िविभ िविनयमों के ज रए, हो ोपैथी सटल काउं िसल ए , 1973 के तहत करती
है योग और ाकृितक िचिक ा के िलए इस कार का कोई संचालन िनकाय नहीं है आयुवद, िस ,
यूनानी और हो ोपैथी कॉलेज िविभ पा म चला रहे ह ये ह- बैचलर ऑफ आयुव िदक मेिडिसन एं ड
सजरी, बैचलर ऑफ यूनानी मेिडसन एं ड सजरी, बैचलर ऑफ िस मेिडिसन एं ड सजरी, बैचलर ऑफ
हो ोपैथी मेिडिसन एं ड सजरी, िविभ िवशेष ता (एमडी/एमएस-आयुवद) पा मों म पो ेजुएट,
आयुवद िड ी िविभ िवशेष ता (एमडी/एमएस-िस ) पा मों म पो ेजुएट िस िड ी और िविभ
िवशेष ता पा मों (एमडी-हो ोपैथी) म पो ेजुएट हो ोपैथी िड ी
अंडर ेजुएट िश ा
दे श म कुल 549 आयुष कॉलेज (297 आयुवद, 9 िस , 46 यूनानी और 197 हो ोपैथी) िश ा दान कर
रहे ह इनम से 543 आयुष कॉलेज (295 आयुवद, 8 िस , 45 यूनानी और 195 हो ोपैथी) पो ेजुएट
की िश ा दे रहे ह 01.01.2016 तक इनकी वेश मता 33,611 िव ािथयों की थी कुल 543 कॉलेजों म
102 सरकारी े के ह (57 आयवद, 3 िस , 10 यूनानी और 32 हो ोपैथी) इनम 5,236 िव ाथ पढ़ाई
कर सकते ह (2,967 आयुवद, 160 िस , 431 यूनानी और 1,678 हो ोपैथी) नए रा तेलंगाना सिहत 26
रा ों/क शािसत दे शों म 295 आयुवद कॉलेज 17,202 िव ािथयों को, 195 हो ोपैथी कॉलेज 13,658
िव ािथयों को, 45 यूनानी कॉलेज 2,331 िव ािथयों को, 8 िस कॉलेज, 420 िव ािथयों को अंडर ेजुएट
िचिक ा िश ा दे रहे ह
पो ेजुएट पा म
िचिक ा िश ा दे ने वाले कुल कॉलेजों म से छह कॉलेज (2 आयुवद, 2 हो ोपैथी, 1 यूनानी, 1 िस ) केवल
पो ेजुएट पा मों के िलए ह इनम 225 िव ािथयों (60 आयुवद, 72 हो ोपैथी, 47 यूनानी और 46
िस ) को वेश िदया जाता है
आयुष िश ा दे ने वाले ाय सं थान
(i) रा ीय आयुवद सं थान, जयपुरः यह आयुवद म अंडर ेजुएट, पो ेजुएट और फैलोिशप पा मों
के िलए है इसम अंडर ेजुएट पा म म 92 और 14 पो ेजुएट पा मों म 104 िव ािथयों को
वेश िदया जाता है यह आयुवद निसग और फामसी म िड ोमा पा म भी चला रहा है इसम 300
िब रों वाले दो अ ताल ह अनुसूिचत जाितयों/जन जाितयों को िनःशु ा सुिवधाएं उपल कराने
के िलए सं थान राज थान म अनुसूिचत जाित/जनजाित ब ल इलाकों म िनयिमत प से ा िशिवर
लगाता है

(i) आयुवद म पो ेजुएट िश ण तथा अनुसंधान सं थान, जामनगर: यह सं थान 10 पो ेजुएट


पा म चलाता है इसम पीएचडी के 50 छा भी ह गुजरात आयुवद िव िव ालय के कानून एवं संिविध
ारा संचािलत इस संगठन को भारत सरकार से धन ा होता है यह गुजरात के ामीण इलाकों म
िचिक ा िशिवरों और रा ीय काय मों के िलए आयुवद से संबंिधत िविभ कायकलापों का आयोजन
करता है इसम अ े बंधन वाले अ ताल ह िजनम ओपीडी और आईपीडी सुिवधाएं ह

(iii) रा ीय हो ोपैथी सं थान, कोलकाताः यह हो ोपैथी म अंडर ेजुएट और पो ेजुएट पा मों का


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संचालन करता है अंडर ेजुएट के िलए 93 और 6 पो ेजुएट पा मों म 36 सीट ह इसका 100
िब रों वाला एक अ ताल भी है िजसम िब रों की सं ा बढ़ाकर 250 की जा रही है सीपीड ूडी ने
इसके नए भवन का िनमाण िकया है िजसम अित र नैदािनक सुिवधाएं ह अकादिमक ॉक की तीन
मंिजला इमारत को सात मंिजला िकया गया है

(iv) रा ीय यूनानी िचिक ा सं थान, बंगलु : यह यूनानी िचिक ा म आठ पो ेजुएट पा म चलाता


है इसम 47 सीट ह इसका एक 180 िब रों वाला अ ताल भी है सं थान, सीएमई काय म,
कायशालाएं गोि यां और अितिथ ा ानों का आयोजन करता है इसके अ ताल म चा, जीआईटी,
यकृत, तंि का तथा मानिसक िवकारों के िलए सामा और ेिशिलटी ओपीडी सेवाएं ह

(v) रा ीय िस सं थान, चे ईः इसम िस िचिक ा के छह पो ेजुएट पा म ह िजनम 46 सीट ह


ा दे खभाल की सुिवधा वाला यह सं थान िस प ित के चार और संव न के िलए अनुसंधान भी
करता है अ ताल म 160 िब र ह सं थान हर शिनवार को दो ा िशिवर आयोिजत करता है एक
िशिवर ामीण इलाके म और दू सरा अ -शहरी े म लगाया जाता है इसका उ े िन: शु िचिक ा
सुिवधाएं उपल करा कर िस िचिक ा को बढ़ावा दे ना और िव ािथयों म समाज के िलए कुछ करने की
भावना पैदा करना है

नए ाय सं थान
(i) अ खल भारतीय आयुवद सं थान, नई िद ीः यह आयुवद का शीष सं थान है , िजसम 200 िब रों वाला
रे फरल अ ताल है इसम आयुवद म पो ेजुएट और पीएचडी कोस ह 18 पो ेजुएट पा मों म
84 सीट ह इसम ओपीडी भी है

(ii) पूव र आयुवद एवं हो ोपैथी सं थान, िशलॉग: इसम आयुवद और हो ोपैथी कॉलेजों के अलावा
अ ताल भी ह आयुवद अ ताल म 100 और हो ोपैथी अ ताल म 50 िब र ह

आयुष म अनुसंधान
सरकार ने पां च ाय अनुसंधान सं थानों की थापना की है ये ह- क ीय आयुवद िव ान अनुसंधान
प रषद् , क ीय योग एवं ाकृितक िचिक ा अनुसंधान प रषद् , यूनानी िचिक ा अनुसंधान प रषद् , क ीय
िस अनुसंधान प रषद और क ीय हो ोपैथी अनुसंधान प रषद इ संबंिधत िचिक ा प ित म
अनुसंधान के िलए अिधकृत िकया गया है क ीय आयुवद िव ान अनुसंधान प रषद ने मधुमेह के इलाज के
िलए 05 आयुव िदक औषिधयों के पौधों से ‘आयुष 82’ नाम की दवा िवकिसत की है इस दवा के परी ण म
ड शूगर म काफी कमी पाई गई है और मधुमेह म अ सुधार भी दे खे गए ह परी ण के दौरान इसका
कोई िवषैला भाव नहीं पाया गया प रषद ने इसके वािण ीकरण के िलए काम शु कर िदया है
प रषद के इसके अधीन थ 81 सं थान, अनुसंधान काय के अलावा ा दे खभाल सुिवधाएं भी उपल
कराते ह क ीय हो ोपैथी अनुसंधान प रषद ने अपने काय म - ‘ थ ब ों के िलए हो ोपैथी’ के
तहत दां त िनकलने के दौरान और रोगों के इलाज म सहायता दे ने के िलए 40,000 ब ों का नाम दज िकया
है

रा ीय औषधीय पादप बोड


रा ीय औषधीय पादप बोड, दे श म औषधीय पौधों से संबंिधत सभी िवषयों के संदभ म सम य करने वाला
सव रा ीय िनकाय है इसकी थापना वष 2000 म की गई थी बोड, संबंिधत मं ालयों, िवभागों तथा
एजिसयों की परामशवादी इकाई है यह औषधीय पौधों की खेती, संर ण तथा इनके च ं मुखी िवकास
संबंधी काय मों के िलए िव ीय सहायता की योजना बनाने तथा िव ीय सहायता उपल कराने और
औषधीय पौधों से संबोधत गितिविधयों के िलए काय नीित बनाने म परामश दे ता है
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आयुष सेवाएं
रा ीय आयुष िमशन, ा सेवाओं के े म एक ां ितकारी कदम है इसके तहत अ बातों के
अलावा बेहतर आयुष सेवाएं सुिनि त की जाती ह इसके िलए आयुष अ तालों, िड स रयों की सं ा
बढ़ाई जाती है और आयुष दवाओं तथा िशि त किमयों की उपल ता सुिनि त की जाती है इसका
उ े आयुष िश ा की गुणव ा म सुधार करना है इसके िलए िश ा सं थानों की सं ा बढ़ाना तथा
गुणव ापूण क े माल की लगातार उपल ता सुिनि त करना और आयुवद, िस , यूनानी तथा हो ोपैथी
की गुणव ापूण दवाओं की उपल ता म सुधार के िलए रा ों म योगशालाएं थािपत करना है इन
योगशालाओं पर औषिध तं लागू करने की िज ेदारी है

आयुष भेषज योगशालाएं


(i) भारतीय औषिधयों के िलए भेषज योगशाला
गािज़याबाद थत यह योगशाला आयुष मं ालय का अधीन थ कायालय है इसकी थापना 1970 म
आयुवद, िस और यूनानी मेिडिसन के िलए रा ीय र पर भेषज मानक िनधारक और औषध जां च
योगशाला के प म की गई थी ये औषिध और सौंदय साधन कानून, 1940 के तहत इन चारों िचिक ा
प ितयों की दवाओं के परी ण के िलए एक अपीलीय योगशाला के प म काम करती ह भेषज
योगशाला का उ े इन िचिक ा प ितयों म शािमल करने के िलए आमंि त औषिधयों और यौिगक
सू ीकरण के भेषज मानकीकरण के िवकास तथा माणीकरण और औषिध िनयं ण ािधकरणों तथा
ायालयों से ा वैध औषिध नमूनों का िव ेषण करना है

(ii) हो ोपैिथक भेषज योगशाला

हो ोपैिथक भेषज योगशाला की थापना (गािज़याबाद) एक रा ीय योगशाला के प म की गई थी


इसका उ े हो ोपैिथक दवाओं की पहचान, शु ता तथा गुणव ा के िलए परी ण करना तथा मानकों
का िनधारण करना है यह योगशाला हो ोपैिथक दवाओं की परी ण की क ीय योगशाला के पम
भी काय करती है योगशाला ारा बनाए जाने वाले मानकों को भारतीय हो ोपैिथक भेषज म कािशत
िकया जाता ह िव ान और ौ ोिगकी िवभाग ने इसे िव ान और ौ ोिगकी सं थान के प म मा ता दी
है

(iii) भारतीय औषिधयां और हो ोपैथी भेषज आयोग

आयुष मं ालय की ाथिमकता आयुवद, िस , यूनानी तथा हो ोपैिथक दवाओं के िलए गुणव ा मानकों
का िवकास और इनका िनयतकािलक नवीनीकरण करना है इन दवाओं की लोकि यता और मां ग तेज़ी से
बढ़ रही ह आयोग, सोसायटी पंजीकरण अिधिनयम 1860 के तहत पंजीकृत एक ाय संगठन है इसे
मु प से भारत म आयुवद, िस , यूनानी और हो ोपैथी भेषज का समुिचत समय के अंतराल म
काशन तथा प रशोधन; आयुवद, िस तथा यूनानी सू ीकरण तथा हो ोपैिथक औषधीय िनयम सं हों का
काशन तथा प रशोधन; आयुवद, िस , यूनानी और हो ोपैिथक दवाओं/नु ों और इन िचिक ा
प ितयों के उ ादों पर औषध अनुसंधान के ित जाग कता पैदा करने और उसे बढ़ावा दे ने; अंतररा ीय
र पर ीकृत मानकों के िवकास तथा अनु पण के िलए िव की िवशेष सिमितयों के साथ संवाद तथा
जानकारी के आदान- दान; अिधमू पर संब प ों को रे फरस मानकों की आपूित और रे फरस के
उ े के िलए औषिधयों के उ ादन म इ ेमाल िकए जाने वाले ामािणक रे फरस क े माल का रा ीय
सं ह बनाने; औषिधयों के मानकीकरण म इ ेमाल िकए जाने वाले पौधे या अ साम ी के रसायन रे फरस
िनमाता िम ण का सं ह बनाने तथा इसे बरकरार रखने और इ अिधमू पर रे फरस मानकों के पम
संबिधत प ों को आपूित की िज ेदारी सौंपी गई है
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17 आवास एवं शहरी काय

आ सेवासजुड़एवंी शहरी काय मं ालय (एमओएचयूए) पर शहरी आवास एवं शहरी िवकास के िलए काय मों
ापक योजनाओं की तैयारी और उनकी िनगरानी की िज ेदारी है यह क ीय र पर
शहरी यातायात के नीित िनमाण और उनके सम यन का नोडल मं ालय है शहरी िवकास रा ीय काय
होता है और संिवधान के 74व संशोधन अिधिनयम, 1992 के अंतगत रा सरकारों को इस संबंध म कई
काय शहरी थानीय िनकायों के सुपुद करने का आदे श िदया गया है हालां िक, भारत सरकार िविभ क
और क ीय ायोिजत योजनाओं के आधार पर शहरी प रयोजनाओं, शहरी आजीिवका िमशन और सम
शहरी िवकास काय मों के सम यन और उनकी िनगरानी का काय करती है मं ालय शहरी े के िलए
उिचत नीित िनधारकों, अधीन थ कानूनों और े ीय काय मों के अंतगत िविभ मु ों को संबोिधत करता
है
वेबसाइट: www.mohua.gov.in
भारत म शहरीकरण मह पूण और अप रवतनीय त बन चुका है और आिथक िवकास एवं गरीबी
उ ूलन से जुड़ा मह पूण िनधारक भी है बड़े शहरों की सं ा म ई भावशाली वृ शहरीकरण की
ि या के मूल म है , हालां िक, भारत अभी भी ापक तौर पर ामीण से अध-शहरी समाज के पां तरण
की ि या के बीच म है संयु रा के 2030 के िवकास एजडा म शहरों के िलए संधारणीय थायी
िवकास ल (एसडीजी) पर जोर िदया गया है , इसका अथ, मानव ब यों को स िलत, सुरि त, लचीली
और थायी बनाने के िलए शहरों एवं समुदायों के संधारणीय िवकास पर जोर िदया गया भारत की 2011
की जनगणना के अनुसार, दे श की आबादी 1210.50 िमिलयन थी िजसम 377.10 िमिलयन (31.2 ितशत)
शहरों म और 833.40 िमिलयन (68.8 ितशत) ामीण इलाकों म थी शहरी े ों की आबादी 7,933 क ों
म थी, िजनम 4,041 सां िविधक शहरों और 3,892 जनगणना शहरों म रही थी पूण तौर पर 2001-2011 के
दशक के दौरान शहरी आबादी म 90.99 िमिलयन की वृ ई, िजसके बर , ामीण जनसं ा म 90.97
िमिलयन की वृ ई थी मौजूदा वृ दर के अनुसार अनुमान है िक 2030 तक शहरी जनसं ा 575
िमिलयन और 2050 तक 875 िमिलयन तक प ं च जाएगी

धानमं ी आवास योजना - सब के िलए (शहर) आवास


सब के िलए आवास उपल कराने के उ े से भारत सरकार ने 2015 म धानमं ी आवास योजना
(शहरी) िमशन का आरं भ िकया था, िजसे 2015-2022 तक अमल म लाया जाना है िमशन म सभी
सां िविधक शहरों के सभी उपयु प रवारों/लाभािथयों को आवास उपल कराने का ल है रा ों/
क शािसत दे शों को िवकास ािधकरणों ारा अिधसूिचत सां िविधक शहरों के संबंध म िनधा रत ( ामीण
े ों के अित र ) और अ योजना े ों ( ामीण े ों के अित र ) को स िलत करने की छूट है
शहरी े म सब के िलए आवास िमशन पर काय करने के िलए चार पहल की गई ह: (1) िनजी
िवकासकताओं की सहभािगता से थ झोपड़ी पुनिवकास रीडे वलपमट (आईएसएसआर) के साथ मिलन
ब यों म रहने वाले पा ों के िलए उन थानों पर आवास िवकास; (2) ऋण यु अनुदान के मा म से
वहन यो आवास िवकास (सीएलएसएस का नाम बदल कर ईड ूएस/एलआईजी के िलए सीएलएसएस
कर िदया गया है ); लोक एवं िनजी े की भागीदारी से मू वहन यो आवास िनमाण (एएचपी); लाभाथ
ारा यं का आवास िनमाण/वृ ; आिथक प से कमजोर वग (ईड ूएस) के िलए 30 वग मीटर के
कुस े वाले आवास उपल कराए जाएं गे, परं तु मं ालय के साथ िवचार-िवमश के बाद रा इन मकानों
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के आकार म वृ भी कर सकते ह आिथक तौर पर कमजोर प रवार सालाना 3 लाख से कम आमदनी


वाले होते ह और 3-6 लाख पये वािषक आय वाले वग को िन आय वग के प म प रभािषत िकया गया
है

योजना की गित
29 रा ों और 6 संघशािसत दे शों म 35 समझौता ापनों (एमओयू) पर ह ा र िकए जा चुके ह; िमशन
के अंतगत 35 रा ों/संघशािसत दे शों म 4,302 शहरों का चुनाव आ है िमशन के अंतगत सरकार ने 35
रा ों/संघशािसत दे शों को 57,652 करोड़ पये के सरकारी अनुदान के िलए 7,474 प रयोजनाओं को
ीकार िकया है िजनके अंतगत 3,361 शहरों म 37,43,631 मकानों का िनमाण िकया जाएगा
अमृत योजना
अटल िमशन फॉर रजूवनेशन एं ड अबन टां सफॉमशन (अमृत) की शु आत 2015 म की गई थी 500
शहरों को इस िमशन के अंतगत रखा गया है एक लाख या उससे अिधक की जनसं ा वाली सभी शहरी
थानीय िनकायों (यूएलबी), रा ों की राजधािनयां /क शािसत दे श, हे रटे ज िसटी डे वलपमट एं ड
ऑ टेशन योजना (एचआरआईडीएवाई) के अधीन शहर, मु निदयों के िकनारों पर िचि त शहर,
पवतीय रा , ीप एवं पयटन क इस ेणी म आते ह अमृत योजना म दे श की 60 ितशत शहरी
आबादी को समािहत िकया गया है यह क सरकार ारा ायोिजत योजना है िजसका कुल य एक लाख
करोड़ पये तक रहा है िजसम 5 वष के दौरान कुल 50,000 करोड़ पये क ीय कोष से िदए जा रहे ह
यह रािश 2015-2016 से 2019-2020 के अरसे म दी जाएगी 50,000 करोड़ पये की शेष रािश रा ों
और शहरी थानीय िनकायों से आएगी
िमशन के मुख काय जलापूित, सीवरे ज और से ेज मैनेजमट, बरसाती पानी, ह रत े एवं पाक, गैर-
मोटरयु शहरी यातायात एवं मता िवकास ह िमशन के अंतगत िनिद शहरों म बुिनयादी
अवसंरचना क िवकास पर कि त िकया गया है िजससे िन नतीजे अपेि त ह: (1) ेक घर को पेयजल
आपूित दायरे म लाना; (2) सीवरे ज मता ा एवं उसके रखरखाव म ापक सुधार; (3) िसटी पाक
का िवकासः (4) सुधार काया यन और मता िवकास पेयजल े म मौजूदा सम ा को दू र करने के
िलए, पुरानी पेयजल आपूित णाली और अ िवषयों के साथ-साथ पेयजल आपूित उपकरण भी उपल
कराए जाएं गे िजनम जल ोतों, िवशेषकर जलापूित एवं भूजल पुनभरण और उपचार संयं होंगे थ जल
को पुनः योग म लाया जाना, राज रिहत जल म कमी और से ेज मैनेजमट के िलए संभावनाएं तलाशना
योजना के मह पूण अंश ह
दीनदयाल अं ोदय योजना
आवासन और शहरी काय मं ालय शहरी िनधन घरों की गरीबी एवं संबंिधत संवेदनशीलता दू र करने के
िलए 2013 से क ारा ायोिजत दीनदयाल अं ोदय योजना-रा ीय नगरीय आजीिवका िमशन (डीएवाई-
एनयूएलएम) योजना संचािलत कर रहा है िमशन के अंतगत दे श के सभी सां िविधक शहरों को शािमल
िकया जाता है िजनका चुनाव रा थानीय ज रत एवं मता के आधार पर करता है
इसके सात मुख अंश ह सामािजक गितशीलता एवं सं था िवकास (एसएम एं ड आईडी) योजना के
अंतगत शहरी िनधन मिहलाओं, िद ां गों और िमत यी एवं ऋण आधा रत यं सहायता समूहों
(एसएचजी) और उनके समुदाय आधा रत संगठनों को गितशील करने से जुड़ी एक नीित बनाई गई है ; (2)
कौशल िवकास एवं ेसमट (ईएसटी एं ड पी) के ज रए शहरी िनधन वग को बाजार व था आधा रत
काय म िशि त कर थायी आजीिवका कमाने के िलए द बनाना; (3) रोज़गार काय म (एसईपी) के
अंतगत शहरी िनधन यों/समूहों को रोज़गार उप म/लघु उ म खोलने के िलए सहायता दी जाती है ;
(4) गिलयों म फेरी लगाने वालों के िलए योजना, फेरी लगाने वालों के िलए बाजार िवकास, ऋण अिधकार,
गली म फेरी लगाने वालों का सामािजक-आिथक सव ण, कौशल िवकास एवं लघु उ म िवकास और
सरकार की िविभ योजनाओं के अंतगत सामािजक सहयोग िवलयन; (5) नवीकृत एवं िवशेष प रयोजनाएं (
आई एं ड एसपी) लोक, िनजी एवं सामुदाियक सहभािगता (पीपीसीपी) के मा म से नगरीय रोज़गार के
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थायी ोतों को ो ाहन दे ने का यास है


ाट िसटी िमशन
ाट िसटीज िमशन की शु आत 2015 म ई थी इस िमशन का ल ऐसे शहरों को तैयार करना है जो
अपने नाग रकों को बुिनयादी अवसंरचना और बेहतर जीवनशैली उपल कराते हों, साथ ही एवं
संधारणीय वातावरण और ‘ ाट’ सॉ ूश को अमल म लाना ह ाट िसटी म िनिहत बुिनयादी
अवसंरचना क त ों म चुर जलापूित, सुिनि त िबजली आपूित, ता, ठोस अपिश बंधन, सुचा
नागरी आवागमन और जन यातायात, वहनीय आवास, खासकर िनधन वग के िलए, मजबूत आईटी
कने िवटी और िडिजटलीकरण, सुशासन, िवशेषकर ई-गवनस और नाग रक सहभािगता, नाग रक
सुर ा, िवशेषकर मिहलाओं, ब ों और वृ ों के िलए एवं ा और िश ा
कायनीित
ाट िसटीज िमशन के नीितगत अवयवों म शहरी सुधार (पुनः संयोजन), शहरी नवीकरण (पुनःिवकास)
और शहरी े िव ार (ह रतप ी िवकास) के साथ-साथ समूचे शहर म ाट सॉ ूश अमल म लाना
िज शहर के अिधकां श िह ों पर लागू िकया जाएगा े आधा रत िवकास से मौजूदा े ों का
कायापलट होगा, िजनम झु ी ब यों को बेहतर मानवीय रहायशों म बदलना िजस आधार पर समूचे
शहरों को रहने लायक बनाया जा सके शहरी े ों म लगातार बढ़ रही आबादी को बसाने के िलए उनके
इद-िगद सुिनयोिजत और पूणतया व थत नए े ों (ह रतप ी) का िवकास
इस िमशन के अंतगत 100 शहरों को शािमल िकया गया ह और इसकी अविध पां च वष (2015-16 से
2019-20) की होगी इसके बाद मं ालय ारा अ यन और उससे ा त ों को काय म समािहत करने
के बाद ही िमशन को आगे बढ़ाया जाएगा

िव
िमशन एक क ायोिजत योजना के अंतगत संचािलत िकया जाएगा और अगले पां च वष के िलए क
सरकार िमशन को 48,000 करोड़ पये का अनुदान दे गी, िजसका अथ है ित शहर ितवष 100 करोड़
पये िदए जाएं गे इतनी ही रािश का सहयोग रा ों/शहरी थानीय िनकायों ारा िकया जाएगा, अतः ाट
िसटीज डे वलपमट के िलए सरकार/शहरी थानीय िनकायों की ओर से करीब 100,000 करोड़ पये का
सहयोग िदया जाएगा अनुमान है िक ाट िसटीज ाव के िलए ब त अिधक मा ा म धन की ज रत
रहे गी

भू-संपदा
क ीय मंि मंडल ने भू-संपदा (िविनयमन एवं िवकास) अिधिनयम 2015 को पा रत िकया था 2016 म यह
कानून बना इसका ल भू-संपदा िविनयमन ािधकरण का गठन करना है तािक भू-संपदा े के िलए
िनयम बनाए जा सक एवं उसे ो ािहत िकया जा सके और िजससे उपभो ाओं के िहतों की र ा हो सके
यह कानून ज ू एवं क ीर को छोड़कर 35 रा ों/क शािसत दे शों म लागू िकया गया है इनम से 6
पूव र के रा भी ह जहां सामुदाियक और ाय प रषदों की संपदा वाली जमीन के मािलकाना
अिधकार को लेकर कुछ संवैधािनक िववाद शेष ह िजन पर जां च जारी है शेष 29 रा ों/ क शािसत
दे शों म से 26 रा ों/क शािसत दे शों को भू-संपदा कानून के अंतगत अिधसूिचत कर िदया गया है 24
रा ों/क शािसत दे शों ने कानून के तहत भू-संपदा िनयमों को अिधसूिचत कर िदया है 24 रा ों/
क शािसत दे शों ने कानून के अंतगत आम िनयमों एवं अ िनयमों को भू-संपदा िब ी समझौते के साथ
अिधसूिचत कर िदया है अ 3 रा ों ने िनयमावली तैयार कर ली है परं तु अभी उसे अिधसूिचत नहीं िकया
है 8 रा ों/क शािसत दे शों ने थायी भू-संपदा िविनयमन ािधकरण थािपत कर िदया ह 21 रा ों/
क शािसत दे शों ने अंत रम भू-संपदा िविनयमन ािधकरण थािपत कर िदया है गुजरात, तिमलनाडु एवं
अंडमान और िनकोबार ीपसमूह म अपील संबंधी िट ूनल थािपत कर िदया गया है 11 रा ों/
क शािसत दे शों ने भू-संपदा अिधिनयम के अंतगत अंत रम अपील संबंधी िट ूनल थािपत कर िदया है
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14 रा ों/क शािसत दे शों ने रयल ए े ट प रयोजनाओं एवं एजटों के ऑनलाइन रिज े शन के िलए पूरी
तरह से सुचा वेब पोटल की शु आत कर दी है

पथ िव े ता क ाण योजना
पथ िव े ता (उपजीिवका संर ण एवं पथ िव य िविनयमन) अिधिनयम, 2014 का ल नागरी पथ
िव े ताओं के अिधकारों की र ा और फेरी लगाने की गितिविधयों को िनयिमत करना है रा /क शािसत
दे श (िवधानसभाओं के साथ) अपने-अपने रा ों/क शािसत दे शों म पथ िव े ता अिधिनयम के अंतगत
िनयम एवं योजनाएं बनाने के सबसे उपयु पा ह क शािसत दे शों (िवधानसभा रिहत) के िलए सबसे
उपयु सरकार होने के कारण मं ालय ने कानून के अंतगत िनयम एवं योजनाएं बनाई ह अभी तक 28
रा ों/क शािसत दे शों ने िनयमों को अिधसूिचत िकया है िजनम आं दे श, असम, अंडमान एवं
िनकोबार ीपसमूह, िबहार, चंडीगढ़, छ ीसगढ़, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, िद ी, गुजरात,
गोवा, ह रयाणा, िहमाचल दे श, झारखंड, कनाटक, ल ीप, म दे श, ओिडशा, पंजाब, राज थान,
िस म, तिमलनाडु , ि पुरा, महारा , मिणपुर, पुडुचेरी, उ राखंड और उ र दे श ह इनके अलावा, 19
रा ों/क शािसत दे शों ने योजना को अिधसूिचत िकया है िजनम आं दे श, िद ी, झारखंड, िबहार,
म दे श, ओिडशा, राज थान, िहमाचल दे श, पंजाब, तिमलनाडु , ि पुरा, छ ीगढ़, महारा , उ र दे श,
तेलंगाना, चंडीगढ़, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, और अंडमान एवं िनकोबार ीपसमूह ह

हे रटे ज िसटी डे वलपमट


द नेशनल हे रटे ज िसटी डे वलपमट एं ड ऑ टेशन योजना (एचआरआईडीएवाई) भारत सरकार की
क ीकृत योजना है िजसे 2015 म शु िकया गया था इसका ल स िलत तौर पर शहरी योजना,
आिथक िवकास और िवरासत का संर ण करना है तािक ेक हे रटे ज िसटी का मूल च र सुरि त रह
सके नवंबर 2018 तक और 500 करोड़ पये की रािश की लागत से इस योजना को अमल म लाने के िलए
12 शहरों का चुनाव िकया गया िजनके नाम ह अजमेर, अमरावती, अमृतसर, बादामी, ारका, गया,
कां चीपुरम, मथुरा, पुरी, वाराणसी, वेलंक ी और वारं गल

शहरी यातायात
िकसी भी शहर की उ ादकता तब बढ़ जाती है यिद उसका अवसंरचना क ढां चा बेहतर और सेवा
ापार अ ा हो इस काय म शहरी यातायात शहरी अवसंरचना का मह पूण अंश है इसकी मदद से
शहरी आिथक गितिविधयों और सामािजक आदान- दान को बढ़ावा िमलता है अ ा रोड नेटवक और
सुचा शहरी यातायात िकसी भी शहर और उसके वातावरण म कायकारी सुधार करने म मह पूण
भूिमका िनभाते ह यातायात व था िजतनी तेजी से लोगों और व ुओं को लाने-ले जाने का काय करे गी,
यह उतनी ही तेजी से आिथक काय ापार बढ़ाने और गरीबी उ ूलन म सहायक होगी शहरों की बढ़ती
जनसं ा का सीधा असर शहरी यातायात व था पर पड़ रहा है िजस कारण आिथक उ ादकता दर म
िगरावट दे खने को िमल रही है अतः शहरों म यातायात व था को ाथिमकता दे ते ए नागरी िवकास की
िदशा म काम करना सही कदम है वैि क अनुभव बताते ह िक शहरी यातायात को अपने िहत म तभी
इ ेमाल म लाया जा सकता है जब उसकी नींव शहरी िवकास एवं भूिम उपयोग की ाथिमक अव था म
रखी जाए यह मं ालय क ीय र पर शहरी यातायात के मामलों के योजना िनमाण और सम यन का
नोडल मं ालय है हालां िक, रे ल यातायात की तकनीकी योजना बनाने का काय रे लवे मं ालय के पास है
इसी तरह, माग यातायात सड़क प रवहन और राजमाग मं ालय की िज ेदारी है इसके बावजूद, शहरी
यातायात अवसंरचना और सेवा िवतरण काय रा सरकारों और थानीय िनकायों की बड़ी िज ेदारी होती
है
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18 भारत और िव

के साथ संपक कायम करने का मूल उ े यह सुिनि त करना है िक दु िनया म शां ितपूण और
िव थरता वाला माहौल बने िजससे भारत की आिथक उ ित और िवकास के िलए अनुकूल थितयां बन
वैि क मामलों म दे श की िनखरती छिव और दु िनया के किठन आिथक वातावरण के बावजूद भारत
का तेज़ी से बढ़ती अथ व था के प म उभरना एक ऐसा अवसर है िजसका फायदा भारत के नीितगत
और आिथक िवक ों म िविवधता लाने म उठाया जा सकता है इसी संदभ म भारत ने ेक ि प ीय या
ब प ीय साझेदारों के साथ िविश े ों म अपने संबंधों का िव ार करने और उ सु ढ़ करने का य
िकया है तािक संबंिधत े ों म इस तरह के संबंधों से भारत को अिधकतम फायदा िदलाया जा सके इस
अविध के दौरान भारत के अंतररा ीय संपक के समूचे प र को आपस म जोड़ने वाले सू ों को यहां
ुत िकया जा रहा है
िवदे श मं ालय या िवदे शी मामलों का मं ालय दु िनया के दे शों के साथ भारत के संबंधों को संचािलत
करने वाली एजसी है
वेबसाइट: www.mea.gov.in
िवगत वष की तरह 2017-18 म भी भारत की ावहा रक और प रणाममूलक िवदे श नीित जारी रहीं
िजसका उ े रा ीय सुर ा सुिनि त करना और े ीय अखंडता बनाए रखना, दे श म आमूल आिथक
बदलाव लाने जैसे मह पूण रा ीय ल ों को हािसल करना और े ीय व वैि क मु ों पर गौर करना था
भारत की इस नीित की झलक पारं प रक संबंधों म नयी जान डालने के हमारे यासों, हमारे साम रक व
वािण क संबंधों म नयी ऊजा के संचार और भारतवंिशयों के साथ हमारे लगातार संपक म दे खने को
िमलती है
वष के दौरान सघन राजनियक संपक का िसलिसला जारी रहा भारत ने े ीय और वैि क बहसों म
तमाम मु ों पर रचना क ि कोण के साथ िह ा िलया वष के दौरान भारत वासेनार अरजमट, शंघाई
कोऑपरे शन आगनाइजेशन (शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ) और ऑ े िलया ुप जैसे संगठनों का
सद बना इं टरनेशनल सोलर अलायंस (अंतररा ीय सौर गठबंधन) के गठन के बाद, जो संिध आधा रत
अंतररा ीय संगठन है , जलवायु प रवतन के मसले से िनपटने म भारत की भूिमका मह पूण हो गई है
भारत ने शंघाई सहयोग संगठन, जी-20 िशखर स ेलन, ि िशखर स ेलन, पूव एिशया िशखर
स ेलन और दावोस म आयोिजत िव आिथक मंच जैसी िविभ बैठकों म भी िह ा िलया नवंबर 2017
म भारत ने िव उ िमता िशखर स ेलन और साइबर ेस के बारे म वैि क स ेलन, रायसीना डायलॉग
के तीसरे सं रण और जनवरी 2018 म आिसयान-भारत ारक िशखर स ेलन म िह ा िलया
‘पड़ोसी को तरजीह’ दे ने की सरकार की नीित के तहत भारत ने अपने िनकटतम पड़ोसी दे शों को
सव ाथिमकता दे ना जारी रखा धानमं ी ने ीलंका और ामां की या ा की और िवदे श मं ी ने
नेपाल और बां ादे श का दौरा िकया इसी तरह ीलंका, नेपाल, भूटान और बां ादे श के धानमं ी भारत
या ा पर आए और अफगािन ान सरकार के मु कायकारी के भारत दौरे से पड़ोसी दे शों के साथ
उ रीय संपक का िसलिसला और मजबूत आ जून 2017 म अफगािन ान के साथ डे िडकेटे ड एयर
काग कॉरीडोर (हवाई माल ढु लाई गिलयारे ) का उद् घाटन िकया गया िजसके तहत काबुल-िद ी और
कंधार-िद ी के बीच हवाई माल प रवहन सुिवधा शु होने से े ीय संपक संबंधी बाधा दू र ई और दोनों
दे शों के ापार म और तेजी आई इस हवाई गिलयारे से अब तक 1,000 टन सामान का प रवहन पहले ही
िकया जा चुका है बां ादे श के साथ संबंधों की खास बात यह रही िक असै परमाणु ऊजा, अंत र और
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र ा सहयोग जैसे े ों म गित ई बां ादे श के िलए 4.5 अरब डॉलर के तीसरे ऋण की घोषणा की गई
िजसकी मदद से अ ाधुिनक िक के बंदरगाहों के िनमाण, रे लवे, िबजली और ऊजा, दू रसंचार तथा
जहाज़रानी से संबंिधत प रयोजनाएं शु की जाएं गी ीलंका के साथ सघन उ रीय संपक से िवकास
प रयोजनाओं को और बढ़ावा िमला और िहं द महासागर म शां ित और सुर ा से संबंिधत मु ों म और
अिधक तालमेल कायम करने म मदद िमली ीलंका म मई 2017 म आई बाढ़ के समय भारत ने त ाल
सहायता भेजकर उसके साथ अपनी एकजुटता कट की धानमं ी की ामां की पहली ि प ीय या ा से
दोनों दे शों के संबंधों को बढ़ावा िमला और ि प ीय सहयोग भी सु ढ़ आ नेपाल म 2016 के िवनाशकारी
भूकंप के बाद 75 करोड़ डॉलर की पुनिनमाण प रयोजनाओं के िलए ऋण समझौतों पर अमल िकया गया
भूटान के साथ भी उ रीय आदान- दान जारी रहा और महामिहम भूटान नरे श ने नवंबर 2017 म भारत
का दौरा िकया िजससे दोनों दे शों के ब -आयामी ि प ीय संबंधों म नयी ू ित का संचार आ
जलिवद् ु यत के े म सहयोग म लगातार गित ई और भारत-भूटान ापार और पारगमन समझौते का
नवंबर 2017 म नवीकरण िकया गया और जुलाई 2017 से इस पर अमल शु हो गया ापार को और
सुगम बनाने के इन अित र उपायों से ि प ीय ापार और िनवेश म और तेज़ी आई मालदीव के साथ
पुराने संबंधों को उनकी ितर ा और सुर ा सु ढ़ करने, सं थाओं और उनकी मता के सृजन तथा िश ा
और ा जैसे े ों म भारत की सहायता से और मजबूती िमली
सां ृ ितक और भौितक संपक तथा िडिजटल कने िवटी भारतीय राजनय के मह पूण िवषय के प
म उभर कर सामाने आए ह दि ण एिशया उप ह के ऐितहािसक ेपण से भारत ने टे ोलॉजी संबंधी
अपनी मताओं को े के पड़ोसी दे शों के साथ साझा करने की भारत की वचनब ता को मािणत कर
िदया भारत के भीतर और अपने दि ण एिशयाई पड़ोस म कने िवटी यानी संपक सुिवधाओं की कमी
हमारी मताओं और हमारी ित धा मता दोनों के िलए एक बड़ी बाधा है ामां और बां ादे श के
साथ ब -आयामी संपक के िवकास म लगातार गित हो रही है ईरान म चाबहार बंदरगाह के चालू हो
जाने से म एिशया के हमारे सहयोगी दे शों के साथ संपक के और मजबूत होने और अंतररा ीय उ र-
दि ण प रवहन गिलयारे को बढ़ावा िमलने की संभावना है दि ण एिशया और दि ण-पूव एिशया म
प रवहन संबंधी द ता म सुधार लाने और आिथक िवकास को बढ़ावा दे ने के िलए िबम े क और
बीबीआईएन जैसे संगठनों के मा म से संपक सुिवधाओं के िवकास के यास िकए गए भारत ने जून
2017 म आयोिजत टी.आई.आर. (टां सपोट् स इं टरनॉ रॉउटीस) स ेलन म भी िह ा िलया
सरकार ने दु िनया की तमाम मुख श यों के साथ संपक कायम करने और संबंध मजबूत करने के
यास जारी रख इससे नये रा े और पार रक िहत के अवसर उ ए ह अमरीका, स, जमनी,
जापान, ऑ े िलया और ां स के साथ अपने ि प ीय संपक म सरकार ने हर संबंध के साथ अिधकतम
मता के े ों पर जोर िदया भारतीय अथ व था म ापार, िनवेश और टे ोलॉजी के वाह को बढ़ाने
के िलए भारत ने िविभ दे शों के साथा साझेदारी म िहतों म पार रक समानता का फायदा उठाया है
संयु रा महासभा, जी-20 िशखर स ेलन, ि िशखर स ेलन, पूव-एिशया िशखर स ेलन और
शंघाई सहयोग संगठन जैसे ब -प ीय संगठनों की बैठकों के दौरान भारत ने दु िनया के नेताओं के साथ
अलग से भी बैठक आयोिजत कीं
ापक िव के साथ संपक की भारत का राजनियक नीित ऐसे उदीयमान श के प म दे श के
िव ास की ोतक है जो ब ुवीय िव के सम उभरकर सामने आ रहे वैि क िवमश को आकार दे ने की
मता रखती है जून 2017 म धानमं ी की अ ंत सफल अमरीका या ा के दौरान िहं द- शां त के उभार
और इसके मह को लेकर साझा समझ तथा समूचे े म नौ-प रवहन, िवमानों की आवाजाही और
वािण की तं ता के मह की िफर से पुि होना सबसे मह पूण बात रहीं नये नेतृ के साथ िवचार-
िवमश म भी भारत-अमरीका संबंधों को और मजबूत करने को दोनों तरफ से िफर समथन िमला और
अंतररा ीय आतंकवाद की आफत से िव के िलए उ ख़तरे को एकजुट होकर मुक़ाबला करने की
वचनब ता की गई स के साथ राजनियक संबंधों की थापना के 70 साल पूरे होने के उपल म
धानमं ी ने जून म स की या ा की और कुदनकुलम के परमाणु िबजलीघर की पां चवीं और छठी
इकाइयों की थापना के िलए समझौतों पर ह ा र कर दशकों पुराने संबंधों को और मजबूत िकया
वािषक िशखर स ेलन म दोनों दे शों के बीच सहयोग के नये े ों की भी पहचान की गई ये े ह- गहरे
समु म खोज, िव ान व टे ोलॉजी, नवाचार, रोबोिट और आिटिफिशयल इं टेिलजस से सम त ान
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आधा रत अथ व था के िनमाण, बुिनयादी ढां चे, कौशल िवकास, कृिष, समु ी जहाज़ िनमाण, रे लवे,
उ यन और संपक िव ार िसतंबर 2017 म भारत-जापान वािषक िशखर स ेलन के दौरान गुजरात के
अहमदाबाद म भारत की पहली तेज़ र ार रे ल प रयोजना की आधारिशला रखी गई इसम दोनों दे शों ने
अपने उस संक को दोहराया िजसम ऐसे मु , खुले और खुशहाल िहं द- शात े के िनमाण बात कही
गई है िजसम सं भुता और अंतररा ीय कानून का पालन िकया जाता है 2017 म भारत और यूरोपीय संघ
ने राजनियक संबंध कायम होने की 55वीं जयंती मनाई और इस िसलिसले म यूरोपीय प रषद और यूरोपीय
आयोग के अ ने अ ू बर म 14व भारत-यूरोपीय संघ िशखर स ेलन म िह ा िलया इस िशखर
स ेलन से े ीय और अंतररा ीय मु ों पर दोनों प ों के एकसामन िवचारों के साथ-साथ आतंकवाद से
िनपटने म घिन सहयोग की इ ा का भी पता चलता है स ेलन म आतंकवाद से संघष म सहयोग के
बारे म एक संयु व को भी पा रत िकया गया
राजनियक संपक बढ़ाने के भारत के यासों की मु िवशेषता यह रही िक पूव, पि म और दि ण के
दे शों के साथ संबंधों के िव ार के एक साथ यास िकए गए पूव के दे शों को मह दे ने की ‘ए ई ’
नीित के तहत धानमं ी ने नवंबर 2017 म मनीला म आयोिजत 15व आिसयान- भारत िशखर स ेलन और
पूव एिशया िशखर स ेलन म िह ा िलया े के िलए परं परागत और गैर-परं परागत सुर ा चुनौितयों से
िनपटने के िलए आपसी संपक बढ़ाने तथा और अिधक आपसी तालमेल पर अिधक जोर िदया जा रहा है
आिसयान-भारत वाता साझेदारी की 25वीं जयंती पर सालभर चलने वाले काय मों का आयोजन िकया
गया जनवरी 2018 म सरकार ने ऐितहािसक आिसयान-भारत ारक िशखर स ेलन का भी आयोजन
िकया इसम दसों आिसयान दे शों के रा ा ों ने भारत के गणतं िदवस समारोह म स ाननीय अितिथ
के प म िह ा िलया
जुलाई 2017 म धानमं ी की पहली इ ाइल या ा के दौरान दोनों दे शों के संबंधों को बढ़कर साम रक
साझेदारी का दजा िदया गया दोनों दे शों ने अंत र , कृिष और जल संर ण जैसे े ों म सहयोग बढ़ाने के
िलए मह पूण समझौतों पर ह ा र िकए चार करोड़ अमरीकी डॉलर की लागत से भारत-इ ाइल
औ ोिगक अनुसंधान व िवकास तथा तकनीकी नवाचार िनिध गिठत करने के समझौता ापन पर भी
ह ा र िकए गए
पि म एिशया और खाड़ी े से िपछले साल अबूधाबी के युवराज भारत के 2017 के गणतं िदवस
समारोह म मु अितिथ के प म भारत या ा पर आए इस या ा के दौरान दोनों दे शों ने अपने संबंधों को
िव ृत साम रक साझेदारी के र पर उ ीकृत करने का फैसला िकया िजससे खाड़ी की दू सरी सबसे
बड़ी अथ व था साम रक और आिथक दोनों ही मामलों म भारत की मुख साझेदार हो गई है
आलो वष के दौरान ईरान म चाबहार बंदरगाह प रयोजना के पहले चरण का उद् घाटन आ 15
हजार टन गे ं की खेप नवंबर 2017 म चाबहार के रा े अफगािन ान भेजी गई भारत-अफगािन ार
हवाई माल ढु लाई गिलयारे की थापना के साथ ही चाबहार बंदरगाह का खुलना अंतररा ीय उ र-दि ण
प रवहन गिलयारे पर थत म एिशया के े ीय साझेदारों के साथ संबंधों को मजबूत करने के िलए एक
नयी पहल है इससे चाबहार बंदरगाह को वैक क, िव सनीय और मजबूत संपक क के प म
िवकिसत करने का माग श होगा और ापक े म ापार और पारगमन को बढ़ावा िमलेगा
जून 2017 म 17व शंघाई सहयोग संगठन के 17व िशखर स ेलन म भाग लेने के िलए धानमं ी की
कजाख ान की या ा से म एिशया के साथ भारत के संपक को और बढ़ावा िमला इस स ेलन म भारत
को शंघाई सहयोग संगठन का पूण सद बनाया गया आतंकवाद का मुकाबला म एिशया े के दे शों
के साथ सहयोग के एक मह पूण े के प म उभर कर सामने आया है और कजाख ान तथा
उज़बेिक ान के साथ आतंकवाद िवरोधी दो संयु कायदल गिठत िकए गए ह इसके अलावा व ,
धातुकम, हाइडोकाबन, खिनज सं रण, सूचना टे ोलॉजी और खा सं रण जैसे े ों म मजबूत
संबंध थािपत ए ह
िहं द महासागर े भारत के राजनियक संपक की ाथिमकता और आधार ंभ बना आ है िहं द
महासागर के तटवत दे शों के संगठन (आई.ओ.आर.ए) ने पहला आई.ओ.आर.ए िशखर स ेलन माच
2017 म इं डोनेिशया म आयोिजत िकया िजसम तीन द ावेज़ों को ीकार िकया गया ये थे-
आई.ओ.आर.ए समझौता िजसम इस संगठन की प रक ना ुत की गई, िहं सक उ वाद और
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आतंकवाद का मुक़ाबला करने के िलए घोषणा और अगले 5 वष के िलए आई.ओ.आर.ए. की काययोजना


मानवीय और आपदा राहत उपल कराने म भारत ने अपने आप को पहले मददगार के प म थान
िदलाया भारत ने संकट की घड़ी म अपनी सीमाओं के पार पहले मददगार के प म और बड़ी वैि क
िज ेदारी उठाने की िदलच ी और संक दिशत िकया है ीलंका और बां ादे श म च वाती तूफान
मोरा की िवनाशलीला के बाद भारत ने बाढ़ पीिड़तों को ज री राहत साम ी और िचिक ा सहायता
उपल कराई इतना ही नहीं, सरकार ने यमन को 10 लाख डॉलर की िचिक ा सहायता का वचन िदया
है और बां ादे श म िव थािपत ए लोगों को राहत प ं चाने के िलए ‘ऑपरे शन इं सािनयत’ ारं भ िकया है
सरकार ने दे श की अथ व था म बदलाव को अपनी िवदे श नीित संबंधी कायनीित का अंतिनिहत त
बना िदया है िवदे श नीित और िवकास संबंधी अपनी आकां ाओं के बीच घिन संबंधों के अ े प रणाम
िवदे शी िनवेश के बढ़ते वाह के प म सामने आए ह और दे श म िनवेश के िलए अनुकूल माहौल
बना है इसका माण कारोबारी स िलयत के बारे म िव बक की रिकंग म जबरद सुधार है िजसम
भारत 2014 म 142 म पायदान से छलां ग लगाकर 2017 म 100व थान पर आ गया इस अविध म
अंतररा ीय साझेदारी को भी नयी र ार दी गई िजसका उ े भारत की िवकास संबंधी मुख पहलों जैसे
ाट िसटीज, ल इं िडया, िडिजटल इं िडया, नमािम गंगे को बढ़ावा दे ना और मदद दे ना था इस िदशा म
एक मह पूण उपल मुंबई और अहमदाबाद के बीच पहली तेज र ार रे ल प रयोजना थी िजसकी
आधारिशला िसतंबर 2017 म रखी गई भारत ने अ ीकी िवकास बक समूह की 52वीं वािषक बैठक की
भी मेजबानी की
नये दे शों और नये े ों के साथ भारत के राजनियक संबंध थािपत करने पर इस साल भी जोर िदया
जाता रहा और दु िनया के अनेक दे शों के साथ उ रीय संपक थािपत िकए गए इन दे शों से हाल के
वष म कोई संपक नहीं आ था इनम अ ीका, लैिटन अमरीका और कैरीिबयन े के हमारे सहयोगी
दे श शािमल थे रा ा ों और शासना ों के र के कई नेताओं ने इस साल भारत का दौरा िकया
ीलंका, नेपाल, बां ादे श, मलेिशया, ऑ े िलया, जापान, लातिवया, मॉरीशस, उगां डा, इ ाइल और इटली
के धानमं ी भारत आए तथा तुक , बेला स, आम िनया, िफिल ीन, अफगािन ान, साइ स और
टजरलड के रा पितयों ने भी दे श का दौरा िकया इसी तरह भारत के रा पित ने िजबूती और इथोिपया
का दौरा िकया तथा उप रा पित पोलड, आम िनया, उगां डा, रवां डा और जकाता की या ा पर गए
धानमं ी ने अमरीका और ां स के नये नेताओं से बातचीत की और संयु अरब अमीरात, जापान,
जमनी, ेन, नीदरलड, इ ाइल, िफिलपी , ामां , चीन, ीलंका, पुतगाल, कजाख ान और स के
साथ मौजूदा सौहादपूण संबंधों म नयी ू ित का संचार िकया राजनियक संपक के इन िव ृत यासों से
तेज़ी से बदलती िव व था म रा ीय िहतों के संर ा और संवधन के िलए सरकार की सि य संपक की
नीित का पता चलता है
आतंकवाद के मु े पर भारत ने आतंकवाद को कतई बदा न करने की अपनी नीित की लगातार
वकालत की आतंकवाद से संघष और इस चुनौती से िनपटने के यासों को सहयोग व समथन दे ने की
अपनी वचनब ता म भी भारत डटा रहा आलो अविध के दौरान भारत ने है ग म जी-20 के नेताओं
की बैठक और ि आमेन म ि िशखर स ेलन म ारह सू ी काययोजना का ाव िकया इस
योजना म आतंकवादी गितिविधयों का संक लेने, इनको अंजाम दे ने और इनका समथन करने वालों को
इनके िलए िज ेदार ठहराने की बात कही गई है सरकार ने आतंकवािदयों के िव ीय ोतों को बंद करने
और उनकी संपि यों का पता लगाने के िलए पहले से थािपत ढां चे के तहत अमरीका, स, जापान और
यूरोपीय संघ जैसे सहयोिगयों के साथ काम करना जारी रखा
बीते वष म सरकार सां ृ ितक राजनय पर भी मुख प से जोर दे ती रही है इसके िलए भारत की
सां ृ ितक िवरासत और स तागत मू ों तथा जातीय सं ारों का उपयोग करते ए िव म दे श का
स ान बढ़ाने का यास िकया जाता रहा है इस राजनियक संपक म भारतवंशी मह पूण भूिमका िनभाते
ह ोंिक वे इसका िह ा होने के साथ ही इसका ल भी ह तीसरे अंतररा ीय योग िदवस के सफल और
ापक आयोजन तथा इसम दु िनयाभर के लोगों की भागीदारी से भारत की सावभौम सं ृ ित के लगातार
भावी बने रहने का पता चलता है भारतीय सां ृ ितक संबंध प रषद ने भारत की समृ सं ृ ित की
झलक ुत करने के िलए कई काय मों का आयोजन िकया िजनम सं ृ त के बारे म ां स म सेिमनार
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और ि टे न म िवराट किव स ेलन शािमल ह इ ाइल के धानमं ी की भारत या ा के दौरान तल अिवव


म भारतीय सां ृ ितक क खोलने की घोषणा की गई
बीते वष म सरकार ने भारतवंिशयों के साथ संपक थािपत करने के िलए सम त यास िकए ह और
अपने मूल दे श के ित उनके योगदान के िलए उनका आभार करते ए उ इसके िलए ो ािहत
िकया है दो वष म आयोिजत िकए जाने वाले वासी भारतीय िदवस के अलावा मं ालय िनयिमत प से
े ीय वासी भारतीय िदवसों का दे श से बाहर आयोजन करता है तािक उस खास े के लोगों के साथ
जुड़कर सरकार की नीितयों और काय मों के बारे म जानकारी दी जा सके िजससे वे भारत के िवकास
और गित म योगदान कर सक
नाग रकों को क म रखकर शासन व था और जनसेवा दान करने के उसके काय म और द ता
लाने पर सरकार का जोर इस साल भी बना रहा अ ैल 2015 म शु की गई ई-वीजा योजना को और
उदार बनाया गया है और पयटन के साथ-साथ ापार तथा इलाज कराने के िलए भी इस सेवा का िव ार
कर िदया गया है इसका िव ार दु िनया के 161 दे शों के िलए कर िदया गया ह और इसके अंतगत दे श म
रहने की अविध भी बढ़ा दी गई है कां सुलर सेवा बंधन णाली (मदद) को मोबाइल एप और सोशल
मीिडया म उपल कराकर िवदे शों म रहने वाले भारतीयों के िलए कां सुलर िशकायत िनवारण ि या म
सुधार िकया गया है

पड़ोस
अफगािन ानः भारत-अफगािन ान साम रक संबंधों के तमाम पहलुओं म ब -आयामी सहयोग के
िव ार से और मजबूती आई इन े ों म राजनीितक, ितर ा, सुर ा, ापार व िनवेश, आपसी संपक,
िवकास साझेदारी तथा सामािजक व सां ृ ितक मु े , िश ा और मता िनमाण शािमल ह इस काय म कई
उ रीय दौरों से बड़ी मदद िमली िजनम अ ू बर म अफगािन ान के रा पित और िसतंबर व नवंबर
2017 म वहां के मु कायकारी अिधकारी, िदसंबर म ि तीय उप रा पित और िसतंबर 2017 म िवदे श
मं ी की भारत या ा शािमल ह
इन सभी मुलाक़ातों म दोनों प ों ने आतंक और िहं सा की घटनाओं पर गंभीर िचंता की और इस
बात को रे खां िकत िकया िक आतंकवाद इस े के अंदर और इससे बाहर शां ित, थरता और गित के
िलए बड़ा ख़तरा है अफगािन ान के साथ भारत के ि प ीय संबंधों को वहां के नेताओं ारा भारत के बारे
म िवचारों के आधार पर लगाया जा सकता ह िजसम उ ोंने भारत को िवकास म ाथिमकता िदए
जाने वाला साझेदार बताया है

बां ादे श: भारत और बां ादे श के बीच सव राजनीितक र पर या ा के साथ साथ लगातार
उ रीय या ाओं और िविनमय से दोनों दे शों के म ि प ीय संबंधों म िवकास की र ार बनाए रखने
म मदद िमली अ ैल 2017 म बां ादे श की धानमं ी भारत की राजकीय या ा पर आईं िजससे सहयोग
बढ़ाने तथा या ा के दौरान िलये गए िनणयों पर अमल के ज रए िविभ े ों म आपसी सहमित से तय की
गई पहलों की िदशा म ठोस गित ई

भूटानः भारत और भूटान के बीच घिन और िम तापूण संबंध ह िजनकी िवशेषता गहरा आपसी भरोसा
और समझ है 2017-18 म 2017-18 म सहयोग के तमाम े ों म गित दे खी गई उ रीय या ाओं
और िविभ ि प ीय व थाओं की बैठकों से इसे और र ार दी गई

भूटान के धानमं ी माच 2017 म ‘नमािम पु ’ नदी महो व म भाग लेने के िलए स ानीय अितिथ
के प म गुवाहाटी पधारे भूटान के िव मं ी ने भी दि ण एिशयाई उप- े ीय आिथक सहयोग संगठन
(एस.ए.एस.ई.सी.) के िव मंि यों की बैठक के िसलिसले म नयी िद ी की या ा की
महामिहम भूटान नरे श अपनी रानी और राजकुमार के साथ 2017 म भारत या ा पर आए यह या ा
महामिहम ालसे की पहली भारत या ा थी या ा के दौरान भूटान नरे श ने रा पित, उपरा पित धानमं ी
और अ गणमा लोगों के साथ बैठक कीं
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चीनः भारत और चीन के बीच ि प ीय संबंधों म दोनों दे शों की घिन िवकास साझेदारी के सम संदभ म
और गित ई और बातचीत के ज रए दोनों प अपने मतभेदों को सुलझाने के यास जारी रखे भारत
और चीन के बीच शीष र पर भी िनयिमत िवचार िविनमय आ चीन म आयोिजत ाज़ील, स, भारत,
चीन और दि ण अ ीका (ि ) िशखर स ेलन से दोनों दे शों के बीच राजनीितक, आिथक, सुर ा और
सं ृ ित जैसे े ों म मंि रीय और कामकाजी र की बातचीत का अवसर ा आ

मालदीवः ‘पड़ोस को ाथिमकता’ दे ने की भारत की नीित मालदीव के साथ भारत के ब आयामी संबंधों
का मागदशन करती रही इस अविध के दौरान सं थाओं और मता के िनमाण पर िवशेष प से जोर दे ने
के साथ ही ितर ा, ा और िश ा जैसे े ों को सहायता जारी रही नीित-िनमाताओं के र पर दौरों
के जारी रहने से घिन और िम तापूण संबंधों म और मजबूती आई

मॉरीशसः भारत और मॉरीशस के बीच घिन राजनीितक, आिथक, सां ृ ितक और वािसयों के पीिढ़यों
पुराने संबंध ह मॉरीशस की 70 ितशत आबादी भारतवंिशयों की होने से यह िव ीय सेवाओं का क और
भारत म िवदे शी िनवेश का सबसे मुख माग है मॉरीशस अ ीका म भारत के िनवेश का मह पूण
माग भी है दोनों दे शों के बीच ि प ीय र ा साझेदारी िजसम समु ी सुर ा पर िवशेष प से ान िदया
गया है

इस अविध के दौरान भारत-मॉरीशस साझेदारी के िविभ प ों म गाढ़ता और िविवधता आई


मॉरीशस के धानमं ी की मई 2017 म भारत या ा और भारतीय संसदीय िश मंडल के जून 2017 म
मॉरीशस के दौरे से हमारे ि प ीय संबंधों म नयी ू ित का संचार आ भारत की सहायता से मॉरीशस म
इस समय चल रही िवकास प रयोजनाओं से इस िवशेष साझेदारी म नया आयाम जुड़ गया है

ामां: 2017 म ामां के साथ भारत के िवशेष संबंध बने रहे िजनकी सबसे बड़ी िवशेषता दोनों दे शों के
सां ृ ितक संबंध और उनके नाग रकों के बीच आपसी र े ह िज बौ धम ने और मजबूती दी है
ामां दि ण-पूव एिशयाई दे शों के संघ आिसयान का एकमा दे श है जो भारत से जुड़ा है और इस तरह
यह भारत के िलए दि ण-पूव एिशया का वेश ार और हमारी ‘ए ई ’ का नीित का पहला साझेदार
है

2017 म ामां के साथ भारत के ि प ीय संबंधों की सबसे बड़ी िवशेषता वहां के धानमं ी की पहली
भारत या ा रही भारत के पेटोिलयम और ाकृितक गैस मं ी ने भी फरवरी 2017 म ामां का दौरा
िकया जून 2017 म नई िद ी म भारत- ामां संयु ापार सिमित की नई िद ी म बैठक ई इसके
अलावा 2017 म पूरे साल भारत ने ामां की िवकास संबंधी ज रतों को पूरा करने के िलए िवकास
प रयोजनाओं पर अमल जारी रखकर उसके ित अपनी वचनब ता का प रचय िदया इनम िश ण,
िवशेष ता उपल कराना, ऋण सुिवधा दान करना तथा अनुदान सहायता शािमल ह दोनों दे शों के बीच
ि प ीय सहयोग का उ े समावेशी िवकास और गित को बढ़ावा दे ना है िजससे दोनों के साथ साथ
समूचे े म शां ित, खुशहाली और थरता को बढ़ावा िमले

नेपालः भारत और नेपाल के बीच संबंधों को उनके सिदयों पुराने सां ृ ितक और धािमक र ों, नाग रकों
के बीच आपसी संपक , ब आयामी आिथक व िवकास संबंधी साझेदारी से और मजबूती िमलती है दोनों
दे शों के बीच खुली सीमाओं और एक-दू सरे दे श के नाग रकों के साथ अपने ही दे श के नाग रकों जैसा
वहार करने से संबंधों को नया आयाम ा होता है

सघन ि प ीय संपक के िह े के प म नेपाल की रा पित िव ादे वी भंडारी अ ैल 2017 म भारत की


राजकीय या ा पर आईं नेपाल के धानमं ी भी अग 2017 म भारत के सरकारी दौरे पर प ं चे िवदे श
मं ी ने अग 2017 म काठमां डू म आयोिजत 15वीं िबम े क मंि रीय बैठक म िह ा िलया लगातार
उ रीय िविनमय की परं परा को जारी रखते ए िवदे श मं ी ने इससे पहले फरवरी 2017 म भी नेपाल
की या ा की थी
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उ रीय दौरों और ि प ीय व थाओं की िनयिमत बैठकों से ि प ीय साझेदारी की समी ा करने


और पार रक िहत के िलए नयी पहलों के बारे म चचा करने का अवसर ा आ भारत और नेपाल के
बीच िव ृत आिथक और िवकास सहयोग का समझौता है नेपाल के िविभ िजलों म भारत की सहायता से
समुदाय संचािलत ू ल, सड़क, पुल और िसंचाई सुिवधा जैसी िवकास प रयोजनाओं से लोगों को फायदा
हो रहा है भारत सरकार ने चार ऋण योजनाओं के तहत नेपाल को बुिनयादी ढां चे की कई प रयोजनाओं
के िलए 1.65 अरब डॉलर के कज की सुिवधा दान की िजनम भूकंप के बाद वहां चलाई जा रही पुनिनमाण
योजनाएं भी शािमल ह
भारत हर साल नेपाल के िव ािथयों को अपने दे श म या भारत म पढ़ाई करने के िलए करीब 3,000
छा वृि यां दान करता है भारतीय तकनीकी और आिथक सहयोग काय म (आई.टी.ई.सी) के तहत हर
साल नेपाल के सरकारी और गैर-सरकारी कमचा रयों को भारत की तकनीकी सं थाओं म िश ण के िलए
250 से अिधक छा वृि यां दान की जाती ह

पािक ान: आलो वष के दौरान भारत और पािक ान के बीच ि प ीय संपक सीिमत रहा पािक ान
के साथ संबंध सामा बनाने के हमारे यासों को पािक ान ारा सीमा पार से घुसपैठ को समथन दे ना
जारी रखकर और िनयं ण रे खा तथा अंतररा ीय सीमा के पार से गोलीबारी करके िवफल िकया जाता रहा
सरकार ने कुलभूषण जाधव की रहाई के िलए राजनियक और कानूनी णाली के ज रए अपने यास जारी
रखे पािक ान म मुसीबत म पड़ी भारतीय मिहलाओं उ मा और िबजोयेता बैनज की वापसी म कानूनी
और राजनियक उपायों का सहारा िलया गया

सेशे ः हाल के महीनों म भारत भारत सेशे संबंध मजबूत िवकास साझेदारी, मता िनमाण काय मों,
समु ी सुर ा सहयोग और सां ृ ितक िविनमय के मा म से सहयोग के नये पायदान म प ं चे ह समु ी
संसाधनों का िटकाऊ उपयोग, जलवायु प रवतन, नवीकरणीय ऊजा, पयटन और ा जैसे े ों पर
िवशेष प से ान िदया जा रहा है और इस अविध म इनम आपसी संबंध और सु ढ़ ए ह

िहं द महासागर े म दोनों दे शों के बीच साम रक तालमेल को मह दान करने के िलए 2018 म माहे
के िव ो रया म सेशे म एज न आयलड के िवकास, बंधन, संचालन और अनुर ण के िलए ि प ीय
समझौते पर ह ा र िकए गए यह समझौता ि प ीय ितर ा और सुर ा सहयोग बढ़ाने की िदशा म एक
मह पूण कदम है

ीलंकाः भारत- ीलंका संबंध उ रीय राजनीितक संपक और दोनों दे शों के नाग रकों के बीच आपसी
संबंधों तथा आिथक े ों म तेज़ी से िवकास होते रहे आपसी संबंधों के इस सि य दौर की सबसे बड़ी
खूबी आिथक और िवकास-सहयोग के े ों म सि य और ावहा रक ि कोण अपनाया जाना है िजसके
तहत ि प ीय प रयोजाओं को लागू करने म समय सीमाओं के पालन करने म ादा जोर िदया जा रहा है

धानमं ी की मई 2017 म ीलंका की ऐितहािसक या ा से दोनों दे शों के ि प ीय संपक म जबरद


गुणा क बदलाव आया है अ ैल 2017 म ीलंका के धानमं ी की भारत या ा के दौरान आिथक
प रयोजनाओं म सहयोग के समझौता ापन पर ह ा र िकए जाने से ि प ीय आिथक प रयोजनाओं म
घिन सहयोग को और भी बढ़ावा िमला है इस अविध म भारत- ीलंका िवकास साझेदारी के दायरे का
और िव ार आ है तथा उसम और गाढ़ता आई है 2017 म ीलंका म ाकृितक आपदा की घड़ी म
राहत और पुनवास सहायता लेकर भारत सबसे पहले मदद के िलए प ं चा

िहं द महासागर े ः अविध के दौरान िहं द महासागर े म भारत की सि य भागीदारी म और तेजी


आई इस े म भारत की नीित े म सबके िलए सुर ा और िवकास के आदश (एसएजीएआर) के
अनु प सहयोग बढ़ाने और वृह र लाभ के िलए मताओं का उपयोग करने की है

िहं द महासागर के तटवत दे शों के संगठन (आई.ओ.आर.ए) की इस े की साझा आकां ाओं को पूरा
करने म मह पूण भूिमका है भारत आई.ओ.आर.ए को सहयोग बढ़ाने और े म थािय लाने के िलए
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ब त अहम मानता है इस अविध के दौरान जकाता म आयोिजत आई.ओ.आर.ए नेताओं के िशखर


स ेलन म भारत ारा घोिषत अनेक उपायों को लागू करने पर िवशेष प से ान िदया गया

दि ण-पूव एिशया और एिशया- शांत


ऑ े िलयाः वष के दौरान दोनों तरफ से उ रीय या ाओं का िसलिसला जारी रहने से ऑ े िलया के
साथ भारत के संबंध मजबूती के नये पायदान पर प ं च गए ऑ े िलया खिनज संसाधनों के िवकास िव ान
और टे ोलॉजी, िश ा और कौशल तथा जल संसाधन बंधन समेत िविभ े ों म मह पूण सहयोगी के
प म उभरकर सामने आ रहा है भारत और ऑ े िलया के बीच संबंधों के मह को ान म रखते ए
नवंबर 2017 म ऑ े िलया के धानमं ी ारा जारी िवदे श नीित संबंधी ेत-प म भारत को अंतररा ीय
साझेदारी की थम पं म रखा गया है

ुनेई-दा लामः भारत और ुनेई-दा लाम के बीच ि प ीय संबंध घिन और िम तापूण बने रहे
यह साल आिसयान-भारत वाता साझीदारी की 25वीं जयंती का वष है 2017 म आिसयान की थापना का
70वां वष भी है इन मह पूण घटनाओं से दोनों दे शों के बीच राजनीितक, र ा, खेलकूद और सां ृ ितक
संबंधों सिहत िविभ े ों म संपक बढ़ा और कई काय म आयोिजत िकए गए

कंबोिडयाः कंबोिडया के साथ आिथक, सां ृ ितक, मता िनमाण, िवकास प रयोजनाओं और दोनों दे शों
के नाग रकों के र पर संपक जैसे िविभ े ों म ि प ीय संबंध मजबूत ए जून 2017 म भारत की
रा सभा और कंबोिडया की सीनेट के बीच िसतंबर 2016 म ए समझौता ापन के िसलिसले म रा सभा
सिचवालय के एक िश मंडल ने जून 2017 म वहां का दौरा िकया जल संसाधन िवकास, िबजली
टां सिमशन लाइन िबछाने, मंिदरों के जीण ार और संर ण तथा मता िनमाण जैसे े ों म कंबोिडया को
भारत की सहायता जारी रही

इं डोनेिशयाः िदसंबर 2016 म इं डोनेिशया के रा पित की भारत या ा से इं डोनेिशया के साथ ि प ीय


संबंधों के िवकास का िसलिसला ारं भ आ 2017 म दोनों दे शों के बीच कई उ रीय राजिनितक
संपक ए िजनसे आपसी संबंधों म नयी ू ित का संचार आ और उ नयी र ार िमली

लाओ पीपु डे मो े िटक रप कः वष के दौरान लाओ (पीडीआर) के साथ ि प ीय संबंधों म लगातार


सुधार आ िसंचाई णाली, मता िनमाण और मानव संसाधन, धरोहर ारकों के संर ण म सां ृ ितक
सहयोग जारी रहा और िनयिमत उ रीय या ाओं म इन े ों म सहयोग पर ान िदया गया

मलेिशयाः दोनों दे शों के बीच साम रक साझेदारी की शु आत अ ू बर 2010 म ई थी और 2015 म


धानमं ी की मलेिशया या ा से परं परागत घिन संबंधों को और भी बढ़ावा िमला 2017 म मलेिशया के
धानमं ी की भारत की राजकीय या ा से संबंध उ तर र पर प ं चे यह या ा भारत और मलेिशया के
बीच राजनियक संबंधों की के 60 साल पूरे होने के अवसर पर ई

ूजीलड: ूजलड के साथ िविभ े ों म भारत के संबंधों म और गाढ़ता आई तथा आिथक, वै ािनक,
सां ृ ितक, दोनों दे शों की आम जनता के बीच आपसी संपक तथा े ीय व वैि क मह के मु ों पर
तालमेल म भी और सुधार आ लगातार उ रीय संपक से ि प ीय संबंधों के नये आयाम खुले तथा
े ीय और ब प ीय मंचों पर तालमेल म भी बढ़ोतरी ई

िफिलपी : 2017 म भारत और िफिलपी के संबंधों म मजबूती जारी रहीं और मनीला म 31व आिसयान
और पूव एिशया िशखर स ेलनों म भाग लेने के िलए धानमं ी की िफिलपी या ा से ये अभूतपूव र
पर प ं च गए

िसंगापुरः वष के दौरान भारत िसंगापुर ि प ीय संबंधों म ापार और िनवेश, ितर ा, सुर ा, कौशल
िवकास, शहरी िनयोजन और नागर िवमानन जैसे िविवध े ों म नया सुधार आ
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थाइलड: वष के दौरान थाइलड के साथ भारत के संबंध और गाढ़ तथा मजबूत ए और उ रीय दौरों
तथा ापार, िनवेश ितर ा व सुर ा जैसे े ों म आपसी संपक म भी बढ़ोतरी ई 2017 म दोनों दे शों ने
आपसी राजनियक संबंध कायम होने की 70वीं जयंती मनाई

िटमोर-ले े ः 2017 म भारत ने िटमोर-ले े की राजधानी िद ी म रा पित के शपथ हण समारोह और


वहां तं ता बहाली की 15वीं जयंती म िह ा िलया

िवयतनाम: िवयतनाम और भारत ने दोनों दे शों के बीच राजनियक संबंध थािपत होने के 45 वष और
साम रक साझेदारी के दस साल पूरे होने के िसलिसले म काय म आयोिजत िकए

दि ण-पूव एिशयाई रा ों का संघ (आिसयान): वष 2017 आिसयान और आिसयान-भारत संबंध, दोनों


ही के िलए मह पूण वष था जहां एक ओर आिसयान ने इस साल अपने गठन के 50 साल पूरे होने का ज
मनया, वहीं भारत ने आिसयान-भारत वाता साझेदारी की 25 वीं जयंती, िशखर स ेलन रीय साझेदारी के
15 साल पूरे होने और आिसयान-भारत साझेदारी के पां च साल पूरे होने के िसलिसले म भी काय मों का
आयोजन िकया आिसयान-भारत साझेदारी के 25व वािषको व म ‘साझा मू ों और एक जैसी िनयित’ के
थीम के आधार पर भारत ने अपने यहां और आिसयान दे शों म ारक काय मों का आयोजन िकया िजनम
राजनीितक सुर ा के तीन आधार ंभों, आिथक और सामािजक-सां ृ ितक सहयोग को भी शािमल िकया
गया था

पूव एिशया
डे मो े िटक पीपु रप क ऑफ को रयाः िदसंबर 1973 म अपने गठन से भारत और डी.पी.आर.
को रया के संबंध सौहादपूण रहे ह 2017 म डी.पी.आर को रया ने कई परमाणु और िमसाइल परी ण
िकए भारत ने उसके परमाणु और बैिल क िमसाइल परी णों की िनंदा की और उसकी परमाणु और
िमसाइल टे ोलॉजी को लेकर िचंितत रहा ोंिक इससे भारत की रा ीय सुर ा के िलए भी ख़तरे की
आशंका बनी

जापानः हाल के वष म उ रीय और िनयिमत उ रीय वाताओं से भारत-जापान संबंधों म मह पूण


और गुणा क बदलाव आया है 2017 म भारत-जापान संबंधों की सबसे मह पूण बात 12व वािषक
िशखर स ेलन के िसलिसले म जापान के धानमं ी की भारत या ा थी िशखर स ेलन के दौरान दोनों
दे शों ने िवशेष साम रक और वैि क साझेदारी के ढां चे के तहत ब आयामी सहयोग म हाल म ई गित की
समी ा की

को रया गणरा : 201 म धानमं ी की को रया गणरा की या ा के दौरान भारत-को रया गणरा
ि प ीय संबंधों को िवशेष साम रक साझेदारी का दजा िदया गया िजससे उनके संबंधों म और गाढ़ता
आई जुलाई 2017 म है ग म जी-20 िशखर स ेलन के दौरान भारतीय धानमं ी ने को रया गणरा के
रा पित से मुलाकात की जून 2017 म दोनों दे शों के िनयात-आयात बकों ने समझौता ापन पर द खत
िकए िजसके अनुसार 9 अरब अमरीकी डॉलर से को रयाई रयायती ऋण िनिध बनायी जाएगी और भारत म
बुिनयादी ढां चे की िवकास प रयोजनाओं के िलए एक अरब डॉलर की को रयाई आिथक िवकास सहयोग
िनिध बनाने पर भी सहमित ई

मंगोिलयाः मई 2015 म धानमं ी की मंगोिलया की ऐितहािसक या ा से िवगत वष म मंगोिलया के साथ


भारत के परं परागत प से िम ता और सौहादपूण संबंध म िनरं तर सुधार आ है इस या ा के दौरान दोनों
दे शों के संबंधों को बढ़ाकर साम रक साझेदारी का दजा िदया गया भारत ने मंगोिलया को उ िश ा,
सूचना और संचार टे ोलॉजी तथा मानव संसाधन िवकास के े म तकनीकी और आिथक सहयोग दे ना
जारी रखा
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यूरेिशया
2017 म भारत के स के साथ राजनियक संबंधों की थापना के 70 साल पूरे ए और यूरेिशया के अ
दे शों के साथ भी राजनियक संबंधों को 25 साल पूरे ए इस अवसर पर दोनों दे शों ने एक-दू सरे को
शुभकामना संदेश भेजे, संयु प से ारक डाक िटकट जारी िकए गए और ि प ीय संबंधों के िविभ
े ों म काय मों का आयोजन िकया गया
धानमं ी 18व भारत- स वािषक िशखर स ेलन म भाग लेने के िलए जून 2017 म सट पीट् सबग गए
और यह बड़ी सफल या ा रही इस या ा के अंत म सट पीट् सबग घोषणा जारी की गई और परमाणु ऊजा,
िव ान और टे ोलॉजी, रे लवे, सं ृ ित, ब मू र , इं जीिनयरी, िव , आधारभूत ढां चे और िनवेश जैसे
े ों म सहयोग के 12 द ावेजों को अंितम प िदया गया
रक ( स, भारत और चीन) के िवदे शमंि यों की 15वीं बैठक 2017 म नई िद ी म आयोिजत की गई
इसी दौरान बैठक से हटकर िवदे शमं ी ने स और चीन के िवदे शमंि यों से अलग-अलग ि प ीय वाताएं
भी की धानमं ी ने शंघाई सहयोग संगठन की रा ा ों के िशखर स ेलन म भाग लेने के िलए 2017
म कजाख ान की या ा की
वष के दौरान भारत से इस े के दे शों के बीच कई ावसाियक िश मंडलों का आवागमन आ और
ापार संबंधी काय म भी आयोिजत िकए गए तीसरा अंतररा ीय योग िदवस जून 2017 म यूरेिशया के
सभी दे शों म उ ाह से मनाया गया टै क टू वाता, िव ािथयों और िवशेष ों का िविनमय, उ िश ा, िव
िव ालयों के बीच संपक, सां ृ ितक संबंध, लोगों के बीच आपसी संपक और भारत म इलाज कराने की
सुिवधा से सरकारी र पर होने वाली बातचीत को बल िमल उपयोगी और उ े पूण संबंधों का माग
श आ इस े के दे शों म आई.टी.ई.सी पा म और भारतीय सां ृ ितक संबंध प रषद की
छा वृि यां काफी लोकि य ह

खाड़ी दे श और पि म एिशया
खाड़ी: खाड़ी दे शों के साथ बढ़ते राजनीितक संपक का िसलिसला जो अबूधाबी के युवराज की 2017 के
गणतं िदवस समारोह म मु अितिथ के प म भारत या ा से शु आ, वष के दौरान जारी रहा
इसके अलावा ओमान, यमन, संयु अरब अमीरात, ईराक और कतर के िवदे श मं ी भी भारत या ा पर
आए और उनके साथ भी उ रीय संपक बना रहा भारत की ओर से िवदे श रा मं ी ने 2017 म इराक
की या ा की िवदे श रा मं ी के नेतृ म जे ाह गया और एक अ िश मंडल ने िसतंबर 2017 म कुवैत
म ापार, आिथक, वै ािनक और टे ोलॉजी संबंधी तीसरे मंि रीय संयु आयोग की बैठक म िह ा
िलया

ईरान: 2017 म ईरान के साथ राजनीितक और कामकाजी र पर सघन संपक का िसलिसला जारी रहा
वष के दौरान एक-दू सरे दे श की कई मह पूण ि प ीय या ाएं ईं और ब प ीय मंचों पर उ रीय
िवचार-िवमश आ ईरान के रा पित ने फरवरी 2018 म भारत का दौरा िकया

पि म एिशया और उ र अ ीका ( वाना): ऊजा सुर ा, खा सुर ा और िव म शां ित व सुर ा की ि


से यह े मह पूण बना आ है वाना े के तमाम दे शों के साथ संबंधों को सं थागत वाताओं के
िनयिमत आयोजन और एक-दू सरे दे श की उ रीय या ाओं के ज रए सुिनयोिजत तरीके से आगे बढ़ाया
गया जहां तक इ ाइल, िफिल ीन और िज़बूती के साथ भारत के संबंधों का सवाल है , इस े म कई नई
पहल की गईं रा पित ने िजबूती की या ा की जो िकसी भारतीय रा पित की इस दे श की पहली या ा थी
िजबूती के साथ राजनियक संबंधों की थापना के 25 साल पूरे होने के िसलिसले म धानमं ी ने इ ाइल की
या ा की मग़ रब े हमारी खा सुर ा की ि से ब त मह पूण है ोंिक कृिष के िलए रॉक
फॉ े ट और इससे संबंिधत पदाथ यहीं से ा होते ह सोमािलया, िजबूती और इरीिटया साम रक ि से
अ ंत मह पूण हॉन ऑफ अ ीका े म थत ह और लाल सागर व अदन की खाड़ी से होने वाले समु ी
ापार के िलहाज से यह इलाक़ा ब त अहम है
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अ ीका
पूव और दि ण अ ीकाः वष 2017-18 के दौरान अ ीका के साथ हमारे संबंधों म एक नयी िवशेषता
आई और उनम नया आयाम जुड़ गया भारत-अ ीका फोरम िशखर स ेलन (आईएएफएस तृतीय)

लैिटन अमरीका और कैरीिबयाई दे शः भारत और लातीनी अमरीकी े एक-दू सरे के िलए प से


ाथिमकता बने रहे भारत लैिटन अमरीका और कैरीिबयाई े के साथ अपने संबंधों को मह दे ता है
और े के ेक दे श साथ उसके घिन और िम तापूण संबंध ह उनकी साझा लोकतां ि क मू ों पर
आ था है और वे मानवािधकारों का स ान करते ह भारत और ये दे श कई अंतररा ीय संगठनों के सद
ह और संयु रा , जी-77 और गुट िनरपे आं दोलन जैसे मंचों म घिन सहयोग के साथ काम करते ह
लातीनी अमरीका और भारत म सां ृ ितक ि से ब त कुछ साझा है और िविवधतापूण वंश परं परा,
जातीय समूहों और जाितयों म भी बड़ी समानता है इन दे शों म करीब 10 लाख भारतवंिशयों के होने से इस
संबंध म एक नया आयाम जुड़ गया है

लैिटन अमरीकी े के साथ भारत के संबंधों के मह को धानमं ी ने 2014 म इस े ( ाजील) की


अपनी या ा के दौरान रे खां िकत िकया िजसे और बढ़ावा िमलना और हमारे संबंधों म और मजबूती आने का
िसलिसला जारी है
भारत और लैिटन अमरीकी दे शों ने अंतररा ीय मंचों पर एक-दू सरे का समथन करना जारी रखा इसी
संदभ म यह उ ेख करना अ ासंिगक नहीं होगा िक ायाधीश दलवीर भंडारी के अंतररा ीय ायालय
के िलए चुने जाने म इन दे शों का ब मू योगदान रहा
लातीनी अमरीका े के पां च दे श ाज़ील, को ा रीका, डोिमिनकल रप क, पे और वेनेजुएला ने
अंतररा ीय सौर गठबंधन के समझौते के ा प पर ह ा र कर िदये ह जो भारत और ां स की संयु
पहल है

संयु रा और अंतररा ीय संगठन


संयु रा णाली के साथ भारत के संपक का िसलिसला िपछले वष की तरह ही जारी रहा जलवायु
प रवतन, िचर थायी िवकास, मानवािधकार और सं ृ ित समेत अपने िहत के तमाम मु ों पर भारत का
संयु रा और अंतररा ीय संगठनों के साथ ब प ीय संपक कायम रहा आलो अविध के दौरान
भारत ने संयु रा मानवािधकार प रषद के अंतगत यूनीवसल पी रयोिडक र ू ( वैि क आविधक
समी ा) णाली; संयु रा महासागर स ेलन, िचर थायी िवकास के बारे म इकोसोक के उ रीय
राजनीितक मंचों और जलवायु प रवतन के बारे म संयु रा परे खा संिध के िविभ प ों के 23व
उ रीय राजनीितक मंच की बैठकों जैसे मुख आयोजनों म िह ा िलया संयु रा आिथक और
सुर ा प रषद (इकोसोक) के उ रीय राजनीितक मंच म भारत ने िचर थायी िवकास ल ों को लागू
करने के बारे म अपनी ै क रा ीय समी ा ुत की जलवायु प रवतन के बारे म संयु रा ा प
संिध म भारत ने ोतो ोटोकॉल पर दोहा संशोधन को ीकार िकया अंततः भारत को अंतररा ीय
ायालय, समु ी कानून के बारे म अंतररा ीय ायािधकरण, अंतररा ीय समु ी समु ी संगठन, संयु
रा शैि क, वै ािनक और सां ृ ितक संगठन के कायपालक बोड और संयु रा पयावास अिभशासन
प रषद समेत मुख संयु रा सं थाओं और अंतररा ीय संगठनों के िलए चुना गया

िनर ीकरण और अंतररा ीय सुर ा मामले


भारत ने वष के दौरान िनर ीकरण, हिथयारों पर िनयं ण और अंतररा ीय सुर ा संबंधी िविभ िवषयों पर
आयोिजत कई बैठकों म िह ा िलया बां ादे श, जापान और िवयतनाम के साथ असैिनक परमाणु सहयोग
के समझाते ए िविभ िनयात िनयं ण संगठनों के साथ सि य संपक के िसलिसले म भारत वासेनार
व था का 42वां सद बना
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अंतररा ीय सौर गठबंधन


अंतररा ीय सौर गठबंधन (आईएसए) का सं थापना स ेलन माच 2018 म नई िद ी म आयोिजत िकया
गया यह बात ान दे ने की है िक आईएसए 2017 म एक अंतररा ीय सं था के प म सामने आया था

ब प ीय आिथक संबंध
ि ( ाजील, स, भारत, चीन और दि ण अ ीका): भारत ने 2017 म िशयामेन म आयोिजत नौव
ि िशखर स ेलन म िह ा िलया इसम नेताओं ने आिथक और िव ीय सहयोग, वैि क आिथक
शासन व था और अंतररा ीय शां ित और सुर ा जैसे िवषयों पर चचा की स ेलन के अंत म िशयामेन
घोषणा जारी की गई िजसम नेताओं ने आतंकवाद की भ ना की

20वां जी-20 िशखर स ेलनः 2017 म जमनी के है ग शहर म आयोिजत 20व जी20 िशखर स ेलन म
धानमं ी के नेतृ म भारतीय िश मंडल ने िह ा िलया िशखर स ेलन की कायसूची म वैि क िवकास
और ापार, िचर थायी िवकास, जलवायु और ऊजा, अ ीका के साथ साझेदारी, आ जन, ा ,
िडिजटाइजेशन, मिहला सश ीकरण और रोज़गार जैसे िवषय शािमल थे

इबसा ( भारत, ाजील और दि ण अ ीका): 2017 म इ ा के िवदे श मंि यों की दो बैठक आयोिजत
की गईं

साक और िबम ेक
िविभ े ों म ब आयामी तकनीकी और आिथक सहयोग के िलए बंगाल की खाड़ी के तटवत दे शों की
पहल यानी बे ऑफ बंगाल इनीिशएिटव फार म ी-से ोरल टे कल एं ड इकोनोिमक को-ऑपरे शन-
िबम े क पड़ोसी दे शों को तरजीह दे ने (नेबर ड फ ) और पूव दे शों के साथ संबंध सु ढ़ करने (ए
ई ) जैसी भारतीय िवदे श नीित की मुख ाथिमकताओं को पूरा करने के िलए पहली पसंद है भारत
िबम े क को कारगर और प रणाममूलक संगठन बनाने के िलए अ सद दे शों के साथ िमलकर यास
कर रहा है तािक इस े म खुशहाली आए और इसका िवकास हो

िवकास सहयोग
िवकास सहयोग भारत की िवदे श नीित का अिभ अंग है हाल के वष म िविभ दशों म भारत के िवकास
काय मों का भौगोिलक प ं च और े ीय कवरे ज दोनों ही ि यों से ापक िव ार आ है अ बातों
के अलावा इसम शािमल है िवकास अनुदान सहायता, ऋण व था, तकनीकी परामश सेवा, आपदा राहत,
मानवीय सहायता, शैि क छा वृि यां और मता सृजन के कई काय म शािमल ह िजनम अ कािलक
असैिनक और सै िश ण पा म भी शािमल ह
अफगािन ान, बां ादे श, नेपाल, ामां , ीलंका और मालदीव म बुिनयादी ढां चे, जलिवद् ु यत, िवजली
टां सिमशन, कृिष, उ ोग, ा और िश ा जैसे अनेक े ों म इन दे शों की सरकारों ारा ाथिमकता के
े के प म िचि त मुख िवकास प रयोजनाएं लागू की जा रही ह इसके अलावा पड़ोसी दे शों के साथ
सीमा के आर-पार भारत के संपक के िवकास तथा उसे और सु ढ़ करने के िलए कई प रयोजनाएं
संतोषजनक तरीके से चल रही ह पड़ोसी दे शों के अलावा दि ण-पूव एिशया, म एिशया, अ ीका और
लैिटन अमरीका पुरात संर ण, सूचना और संचार टे ोलॉजी तथा छोटे और मझोले उ मों जैसे े ों म
ि प ीय प रयोजनाएं चल रही ह
2017-18 म भारतीय तकनीकी और आिथक सहयोग काय म के तहत 161 सहयोगी दे शों के िलए
असैिनक िश ण के 10,918 अवसर उपल कराए गए मता सृजन के इन पा मों म सहयोगी दे श
के िविश अनुरोध पर िवशेष प से तैयार िकए गए अनेक पा म और िश ण काय म शािमल थे
भारत ने ाकृितक आपदाओं से भािवत दे शों को मानवीय सहायता उपल करायी इसके अलावा
मोजा क और ामां को िचिक ा सहायता दी गई लेसोथो, नामीिबया, िज ा े, बां ादे श और ामां
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को खा पदाथ के प म मानवीय सहायता भी उपल करायी गई

आिथक राजनय
िवदे श मं ालय के आिथक राजनय भाग ने भारत की िवदे श नीित के आिथक राजनय संबंधी आयाम पर
िवशेष प से ान कि त करने के िलए 2016-17 के दौरान कई पहल कीं ‘बाजार िव ार गितिविधयों’
के तहत भाग दू तावासों को संबंिधत दे शों म आिथक संपक बढ़ाने के िलए धन उपल कराता है इस
धनरािश का उपयोग दशिनयों के आयोजन के ज रए िनयात बढ़ाने, े ता-िव े ता स ेलन आयोिजत
करने, परामशदाताओं के ज रए बाज़ार अ यन कराने, िवदे शी िनवेश आकृ करने के िलए ावसाियक
सेिमनारों के आयोजन और िवदे शों म कारोबार के अवसरों की तलाश कर रहे भारतीय उ मों के िहतों को
बढ़ावा दे ने के िलए उनका चार- सार करने म िकया गया

रा
िवदे शों म भारतीय दू तावासों और रा ों/क शािसत दे शों के बीच घिन संपक कायम करने के िलए
िवदे श मं ालय म रा भाग 2014 म बनाया गया था भाग ने ि प ीय संबंधों के े म े ीय सहयोग
के मा म से िवदे शों तक रा ों की प ं च बढ़ाने का सफल यास िकया है 2017 म भाग ने भारत के
िविभ रा ों/क शािसत दे शों की सरकारों के अ दे शों के रा ों के इसी तरह के संगठनों के साथ
सहयोग बढ़ाने के िलए सहयोगी रा /नगर के समझौता ापनों पर द खत कराने म मदद की रा ों/
क शािसत दे शों की िवदे शों म प ं च बढ़ाने के िलए भाग ने रा ों म आयोिजत िविभ आयोजनों म
िह ा िलया िजनम िव िनवेशक स ेलन और रा ों के सां ृ ितक काय म भी शािमल थे इनसे भारत
के रा ों को िवदे शों म बड़ा चार िमला भाग ने मुसीबत म पड़े िवदे िशयों को मदद दी और इस बात का
यास िकया िक िकसी अि य घटना की वजह से िवदे शों म ितकूल असर न पड़े

आतंकवाद का मुक़ाबला
2017 म दु िनया के िविभ भागों म ई आतंकवाद संबंधी िविभ घटनाओं को दे खते ए आतंकवाद के मु े
का िविभ उ रीय ि प ीय और ब प ीय बैठकों म खुलकर िज िकया गया इस तरह की तमाम
चचाओं म भारत ने आतंकवाद के सभी पों और कारों की कड़े श ों म िनंदा की और इस बुराई से िव
र पर िनपटने का अपना संक दोहराया

वैि क साइबर मसले


रा के सामािजक और आिथक िवकास के िलए सूचना और संचार टे ोलॉजी का अिधकािधक उपयोग
होने से दु िनयाभर म साइबर मसले राजनियक िवमश का मह पूण िवषय बन गए ह िवदे श मं ालय ने
अपनी छिव के अनु प अपने वैि क साइबर मु ा को का र बढ़ा िदया है और एक नया साइबर
राजनय भाग गिठत िकया है भाग का इस मु े पर अंतररा ीय मंचों म भारत के िहतों की सुर ा और
संर ा की िज ेदारी सौंपी गई है

कांसुलर, पासपोट और वीजा सेवाएं


हाल के वष म पासपोट जारी करना इस मं ालय ारा उपल करायी जाने वाली सबसे मह पूण वैधािनक
और नाग रक सेवा के प म उभर कर सामने आई है मं ालय ने पासपोट सेवाएं उपल कराने म कई
गुणा क और सं ा क सुधार िकए ह मं ालय क ीय पासपोट संगठन और 37 पासपोट कायालयों तथा
अंडमान-िनकोबार ीपसमूह शासन के अपने अ खल भारतीय नेटवक के ज रए भारतीय पासपोट और
अ या ा द ावेज, जैसे- पहचान माण-प , भारत वापस लौटने वालों के िलए आपात माण-प , पुिलस
अनापि माण-प और ज ू-क ीर म िनयं ण रे खा या ा परिमट जारी करता है इस नेटवक का
ापक िव ार िकया गया है और इसम सावजिनक िनजी भागीदारी वाले 92 पासपोट सेवा क और
पासपोट कायालयों की िव ार शाखा के प म संचार मं ालय के सहयोग से 60 डाकघर पासपोट सेवा
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क और जोड़े गए ह िवदे शों म रहने वाले भारतीयों के िलए पासपोट, वासी भारतीय काड, आपात
माण-प और अ िविभ कां सुलर सेवाओं के साथ-साथ कां सुलर द ावेज के स ापन की सुिवधाएं
184 भारतीय िमशनों/िवदे शी कायालयों ारा उपल कराई जा रही ह
2017 म मं ालय ने करीब 1.17 करोड़ पासपोट और उनसे संबंिधत सेवाओं के आवेदनों पर कारवाई
की जबिक इससे पहले के वष 2016 म 98.4 लाख पर कारवाई की थी िजससे इनम 19 ितशत की बढ़ोतरी
का पता चलता है
िवदे श मं ालय ने संचार मं ालय के साथ िमलकर दे श के मु डाकघरों/शाखा डाकघरों म पासपोट
सेवा क खोलने की पहल की है िज डाकघर पासपोट सेवा क कहा जाता है मं ालय ने 251 डाकघर
पासपोट सेवा क खोलने की घोषणा की है िजनम से 60 ने जनवरी 2018 तक काम करना भी शु कर
िदया था 2017 म डाकघर पासपोट सेवा क ों म करीब पां च लाख पासपोट आवेदनों पर कारवाई की गई
251 डाकघर पासपोट कायालयों के जुड़ जाने से नाग रकों के िलए पासपोट बनवाना आसान हो जाएगा
महारा सरकार के साथ अपने संपक के भावी बंधन के िलए मं ालय ने मुंबई म अपने चार
कायालयों 1) पासपोट कायालय, 2) आ वािसयों के महासंर क का कायालय, 3) भारतीय सां ृ ितक
संबंध प रषद के े ीय िनदे शक का कायालय और 4) शाखा सिचवालय को एक ही भवन ‘िवदे श भवन’ म
थानां त रत कर िदया ठाणे के पासपोट कायालय का मुंबई के पासपोट कायालय के साथ िवलय कर िदया
गया
िवदे श मं ालय ने पासपोट अिधिनयम 1957 के 50 वष पूरे होने के िसलिसले म एक आयोजन िकया
यह अिधिनयम 24 जून, 1967 को पा रत आ था इस िसलिसले म भारतीय डाक िवभाग ने 2017 म पां चव
पासपोट सेवा िदवस और पासपोट अिधका रयों के स ेलन म एक िवशेष ारक डाक िटकट और थम
िदवस आवरण जारी िकया
पासपोट का पहले से छपा आ िह ा िहं दी और अं ेजी म ही होता है इस समय आवेदक का
गत ोरा केवल अं ेजी म छापा जाता है सरकार ने अब फ़ैसला िकया है िक पासपोट म गत
ोरा भी िहं दी और अं ेजी म छापा जाएगा

वासी भारतीय मामले


सरकार ने वासी भारतीय समुदाय के साथ भारत के संपक म आमूल प रवतन ला िदया है वासी
भारतीयों के तमाम तबकों के साथ संपक और प ं च बढ़ाने के सास िकए जा रहे ह सरकार ने उनके
क ाण और संर ण के काय को सव ाथिमकता दान की है और वासी भारतीयों की मदद और
क ाण के िलए सं थागत ढां चे को काफी सु ढ़ कर िदया गया है यह काय हमारे उन वासी िमकों से
संबंिधत मु ों और सरोकारों को खासतौर पर ान म रखकर िकया गया है जो वासी भारतीय समुदाय का
सबसे नाजुक िह ा ह
भारतवंिशयों के साथ संपक को मजबूत करने की सरकार की वचनब ता के िह े के प म 2017 म
जो मुख पहल/काय म ारं भ/आयोिजत िकए गए उनम िवदे श संपक आउटरीच काय म, नो इं िडया
(भारत को जानो काय म), वासी भारतीय िदवस स ेलन, भारतवंिशयों के ब ों के िलए वजीफे का
काय म, आ जन के सुरि त और वैधािनक तरीके के बारे म चार और एन.आर.आई के साथ िववाह से
संकट म पड़ी भारतीय मिहलाओं के िलए मं ालय की योजना का भारतीय सामुदाियक क ाण िनिध म
िवलय
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19 उ ोग

िण एवं उ ोग मं ालय के अधीन औ ोिगक नीित एवं संवधन िवभाग (डीआईपीपी) का गठन 1995
वा म िकया गया था और वष 2000 म इस िवभाग म औ ोिगक िवकास िवभाग का िवलय करके इसका
पुनगठन िकया गया था इससे पहले लघु व कुटीर उ ोग एवं कृिष व ामीण उ ोग (एसएसआई एं ड
एएं डआरआई) और भारी उ ोग एवं सावजिनक उ म मं ालय (एचआईएं डपीई) की थापना 1999 म की
गई थी 1991 म शु िकए गए भारतीय अथ व था म तेजी से उदारीकरण के साथ इस िवभाग की
भूिमका और उसके काय म िसलिसलेवार बदलाव होते रहे ह औ ोिगक े के िनयमन और शासन से
शु होकर अब यह एक उदार वातावरण म िनवेश एवं तकनीकी को सुगम बनाने और औ ोिगक िवकास
पर नजर रखने वाले िवभाग का प ले चुका है
डीआईपीपी की भूिमका और उसके काय म मु प से जो बात शािमल ह, वे इस कार है : (क)
िवकास की ज रतों और रा ीय उ े ों के अनु प उ ोग के िलए औ ोिगक नीित एवं रणनीितयों का
िन पण और उसे लागू करना; (ख) सामा प से औ ोिगक वृ , और िवशेष प से िनिद उ ोगों के
काम-काज पर नजर बनाए रखना इसम सभी औ ोिगक व तकनीकी मामलों पर सलाह दे ना भी शािमल
है ; (ग) िवदे शी िनवेश (एफडीआई) नीित का िन पण करना और एफडीआई को ो ाहन और
ीकृित दे ने के साथ ही उसे सुगम बनाना; (घ) पेटट, टे डमाक, औ ोिगक िडजाइन एवं व ुओं के
भौगोिलक संकेतों और उसके तहत बनाए गए िनयमों व िविनयमों के शासन म बौ क संपदा अिधकारों
से संबंिधत नीितयों का िनमाण
यह िवभाग मु प से औ ोिगक वृ एवं उ ादन और िवशेष प से चुिनंदा औ ोिगक े ों जैसे-
सीमट, कागज़ व लुगदी, चमड़ा, टायर व रबर, ह े इले कल उ ोगों, उपभो ा िटकाऊ व ुओ,ं ह े
यां ि क औजारों, ह े औ ोिगक मशीनों, ह े इं जीिनय रं ग उ ोगों आिद पर नजर रखने का काम करता
है औ ोिगक े की िनगरानी और समय-समय पर उसकी समी ा से ा नीितगत जानका रयों के
आधार पर उसम समुिचत ह ेप िकए जाते ह यह िवभाग कुछ िविश औ ोिगक े ों म तकनीकीगत
िवकास के िलए ज री बातों का अ यन करता है , उनका आकलन करता है और पूवानुमान लगाता है
इस आधार पर वह भारतीय उ ोग के आधुिनकीकरण और तकनीकी सुधार की योजना बनाता है तािक वह
औ ोिगक तकनीकी के े म अंतररा ीय िवकास के साथ कदम से कदम िमलाकर चल सके
औ ोिगक िवकास एवं िनवेश को सुगम बनाने की अपनी भूिमका को िनभाते ए यह िवभाग दे श म
िनवेश के वातावरण और अवसरों पर सूचनाओं के सार के ज रए िनवेश को बढ़ावा दे ने म सि य भूिमका
िनभाता है साथ ही इसके िलए संभािवत िनवेशकों को लाइसस की नीित एवं ि या, िवदे शी सहयोग और
पूंजीगत माल आिद के बारे म सलाह भी दे ता है यह िवभाग पेटट, िडजाइन, टे डमाक और व ुओं के
भौगोिलक संकेतों से संबंिधत बौ क संपदा अिधकारों से संबंिधत नीितयों का िन पण भी करता है और
उनके उ यन व संर ण से संबंिधत यासों का भी िनरी ण करता है
औ ोिगक साझेदारी के िलए अंतररा ीय सहयोग ि प ीय और ब प ीय दोनों ही तरह की बातचीत के
मा म से हािसल िकए जाते ह इं डो- ीिडश, इं डो-लीिबयन, इं डो-हं गे रयन और इं डो बेला स संयु
आयोगों के िलए एक नोडल िवभाग होने के साथ ही कछ चुिनंदा दे शों के साथ संयु आयोगों और संयु
काय समूहों म यह िवभाग ितिनिध करता है यूरोपीय संघ के साथ भी यही व था अपनाई जाती है
यह िवभाग क ीय कानूनों को भी संचािलत करता है िव ोटक पदाथ कानून 1884, लनशील पदाथ
कानून 1952; नमक उपकर कानून 1953; पेटट कानून 1970, टे ड एं ड मचडाइज़ मा कानून 1958,
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िडजाइं स ए , 2000 एवं उनसे संबंिधत िनयम और ायलस ए 1923


भारत सरकार की औ ोिगक नीित का उ े उ ादकता म िनरं तर वृ बनाए रखना, बेहतर रोज़गार
मुहैया कराना, मानव संसाधनों का अिधकतम उपयोग करना, अंतररा ीय ित धा कता के र तक
प ं चना और वैि क प र म भारत को बड़ा ितभागी और खलाड़ी बनाना है इसे और भी बल दे ने के
िलए कुछ िवशेष कदम उठाए गए सुर ा, साम रक और पयावरण से जुड़े े ों को छोड़कर ादातर
उ ोगों म औ ोिगक लाइसस की व था को समा कर िदया गया है ये ह (1) इले ॉिनक एयरो ेस
और र ा उपकरण, (2) डे टोनेिटं ग ूजों समेत औ ोिगक िव ोटक, बा द, से ुलोज़ और मािचस, (3)
कुछ िवशेष कार के हािनकारक रसायन जैसे- हाइडोरासायिनक एिसड और उसके ु ाद, फॉसजीन
और उसके ु ाद, हाइडोकाबन के आईसोसाइनेट्स और डाइसोसाइनेट्स, िजनका उ ेख अ कहीं
नहीं है (जैसे- िमथाइल आईसोसाइनेट) और (4) तंबाकू वाले िसगार व िसगरे ट और तंबाकू से बने अ
पदाथ
आयुध कानून, 2016 की अिधसूचना के बाद, सैिनक इ ेमाल के िलए बंिधत व ुएं, गृह मं ालय के
े म आती ह औ ोिगक नीित एवं संवधन िवभाग (डीआईपीपी) को हिथयार व गोला-बा द और
ितर ा के उपकरणों की ेणी से संबंिधत व ुओं के िनमाण का लाइसस दे ने का अिधकार िदया गया है
इस समय कोई भी व ु एमएसई े ारा िविश िनमाण के िलए आरि त नहीं है
सावजिनक े के िलए आरि त उ ोगों की सं ा को भी कम कर िदया गया है इस समय िनमाण,
प रचालन और रखरखाव के े ों के अलावा केवल परमाणु ऊजा और रे लवे प रचालन ही सावजिनक े
के िलए आरि त ह जो उ ोग लाइसस की अिनवायता के दायरे म नहीं आते ह और सावजिनक े के
िलए आरि त नहीं ह, उ औ ोिगक सहायता सिचवालय (एसआईए) म एक औ ोिगक उ मी ापन
(आईईएम) दे ना होता है 2014 के बाद से ि या के मामले म ब त बड़ा बदलाव आ है ब त से नए
काय म जैसे- रा ीय िविनमाण नीित, मेक इन इं िडया, ईज़ ऑफ डूइं ग िबजनेस और रा ीय बौ क संपदा
अिधकार आिद शु िकए गए ह
वेबसाइट: www.dipp.nic.in

रा ीय िविनमाण नीित
िविनमाण े म मा ा क और गुणा क प रवतन लाने के िलए और उसे ज री बल दे ने के िलए रा ीय
िविनमाण नीित अिधसूिचत की गई, िजसका उ े एक दशक म जीडीपी म िविनमाण का योगदान बढ़ाकर
25 ितशत तक प ं चाना और 10 करोड़ से अिधक रोज़गार का सृजन करना था यह नीित रा ों के साथ
िमलकर औ ोिगक िवकास करने के िस ां त पर आधा रत है क सरकार इसके िलए नीितगत परे खा
िवकिसत करे गी, उपयु िव ीय योजनाओं के मा म से सावजिनक-िनजी साझेदारी (पीपीपी) के आधार
पर बुिनयादी ढां चे के िवकास के िलए ो ाहन दे गी और रा सरकारों को इनकी योजनाओं को अपनाने
के िलए ो ािहत िकया जाएगा
रा ीय िनवेश एवं िविनमाण े (एनआईएमजेड) इस नीित की मुख िवशेषता है इन े ों की
प रक ना एक िवशाल समेिकत औ ोिगक टाउनिशप के प म की गई है , िजसम अ ाधुिनक बुिनयादी
सुिवधाएं होंगी, और ह रत ऊजा वाली तकनीकी का इ ेमाल िकया जाएगा, आव क सामािजक
बुिनयादी ढां चा होगा और कौशल िवकास की सुिवधाएं होंगी तािक िविनमाण वाले उ ोगों के िलए अनुकूल
वातावरण मुहैया कराया जा सके

िविनमाण के क
िविनमाण क ों के िलए रा ीय योजना का उ े क एवं रा सरकारों ारा औ ोिगक क ों के िवकास
के तमाम मॉडलों को एक साथ जोड़ना है तािक संसाधनों का अिधकतम उपयोग िकया जा सके और लागत
को कम िकया जा सके इसका अनुसरण करते ए डीआईपीपी ने एक औ ोिगक सूचना िस म
(यूआरएलः WWW.ncog.gov.in/IIS) िवकिसत िकया है यह एक वेब पोटल है जो वतमान म मौजूद सभी
औ ोिगक क ों/मंडलों/पाक के अलावा भिव के ऐसे क ों की सूचनाओं को हण करता है इस िस म
को बीआईएसएजी ारा िवकिसत जीआईएस लेयरों पर ओपन सोस सॉ वेयर म िवकिसत िकया गया है
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िवदे शी िनवेश (एफडीआई) पर नीित बनाने के मामले म डीआईपीपी एक नोडल िवभाग है यह


भारत म भेजी गई रकम पर रजव बक ऑफ इं िडया की रपोट के आधार पर एफडीआई के डाटा के
रखरखाव और बंधन का काम भी दे खता है अिधक के अिधक एफडीआई आकिषत करने के िलए एक
उदार नीित बनाई गई है िजसके तहत अिधकां श े ों/गितिविधयों म 100 ितशत तक एफडीआई को तः
अनुमित दी गई है हाल के िदनों म इस नीित के िनयमों म कई मह पूण बदलाव िकए गए ह तािक यह
सुिनि त िकया जा सके िक भारत एफडीआई के मामले म लगातार एक आकषक थान बना रहे
िवदे शी िनवेश संवधन बोड (एफआईपीबी) के िवघटन के बाद एफडीआई को मंजूरी दे ने की ि या को
ब त आसान बना िदया गया है िजसम एफडीआई के िलए आवेदनों की ोसेिसंग और एफडीआई व
एफईएमए (फेमा) की मौजूदा नीित के तहत सरकार की मंजूरी का काम संबंिधत मं ालय िवभाग दे खता
है बहरहाल, डीआईपीपी सरकार का एकल सेवा क है , जो िनवेशकों के िलए एफडीआई को सुगम
बनाने का काम करता है इसके िलए एक नया पोटल (http.//www.fifp.gov.in) बनाया गया है िजसका
संचालन यह िवभाग करता है और आवेदनों को मंजूरी िदलाने की सुिवधा दे ता है िसंगल ां ड रटे ल टे िडं ग,
म ी ां ड रटे ल टे िडं ग, फूड ोड रटे ल टे िडं ग, नॉन-रे जीडट इं िडयन / ए पोट ओ रएं टे ड यूिनट् स
िनवेशों से संबंिधत मंजू रयों के िलए डीआईपीपी एक नोडल िवभाग है पूंजीगत माल,मशीनरी, ी-
ऑपरे िटव और ी-इनकॉरपोरे शन खच के बदले म शेयर जारी करने से संबंिधत मामले भी डीआईपीपी
दे खता है

िनवेश संवधन
यह िवभाग दे श म िनवेश के वातावरण और अवसरों के बारे म जानकारी सा रत करके िनवेश को बढ़ावा
दे ने और उसे सुगम बनाने म मह पूण भूिमका िनभाता है इसके अलावा वह संभािवत िनवेशकों को िनवेश
की नीितयों, ि याओं और अवसरों के बारे म सलाह दे ने का काम भी करता है औ ोिगक साझेदा रयों के
िलए ि प ीय और ब प ीय यासों के ज रए अंतररा ीय सहयोग हािसल िकए जाते ह यह ि प ीय और
ब प ीय यासों के ज रए औ ोिगक सहयोग को बढ़ावा दे ने के िलए इं वे इं िडया (रा ीय िनवेश संवधन
एवं सुगमता एजसी), भारतीय वािण एवं उ ोग महासंघ (िफ ी), भारतीय उ ोग प रसंघ, भारतीय
वािण एवं उ ोग मंडल (एसोचेम) आिद जैसे सव औ ोिगक संघों के साथ सहयोग करता है तािक
भारत म िवदे शी िनवेश को गित दान की जा सके

ईज़ ऑफ डूइं ग िबजनेस
दे श म ापार का वातावरण बेहतर बनाने के िलए डीआईपीपी ने िनयामक ि या (पंजीकरण और
िनरी ण ि या) को सरल और शासन को ादा कुशल व स म बनाने के िलए सूचना ौ ोिगकी का
इ ेमाल करते ए कई कदम उठाए ह इन यासों का दायरा बढ़ाने के रा ों को भी इसम शािमल िकया
गया है डीआईपीपी रा सरकारों और क शािसत रा ों के साथ िमलकर काम करता रहा है तािक
ापार के मामले आने वाली सम ाओं की पहचान करने और कारोबार का वातावरण बेहतर बनाने के
काम म उनकी सहायता की जा सके इसने वा िवक समय के आधार पर सुधारों के ि या यन पर नजर
रखने के िलए एक ऑनलाइन पोटल भी शु िकया है यह www.eodb.dipp.gov.in पर उपल है
भारत व बक के वािषक डूइं ग िबजनेस रपोट (डीबीआर) म 2018 म 100व थान पर आ गया है ,
जबिक 2017 म यह 130व थान पर था ईज ऑफ डूइं ग िबजनेस के सूचकां क का उ े उन िनयमों का
आकलन करना है जो ापार को सीधे भािवत करते ह इसके अलावा दे श का थान 10 संकेतकों के
औसत पर िनभर करता है जो इस कार ह- ापार शु करना, िनमाण की अनुमित िमलना, िबजली ा
करना, ापट का पंजीकरण, ऋण ा करना, छोटे िनवेशकों का संर ण दे ना, टै का भुगतान करना,
सीमा के आर-पार ापार करना, अनुबंध बनाना, िदवािलयेपन का समाधान करना

मेक इन इं िडया
मेक इन इं िडया काय म 2014 म शु िकया गया था िजसका उ े िनवेश को सुगम बनाना, नए योगों
को बढ़ावा दे ना, िविनमाण की सव े सिवधाओं का िनमाण करना, ापार को आसान बनाना और कौशल
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िवकास को ो ाहन दे ना था 21 मुख े ों के िलए काययोजनाओं की पहचान की गई तािक (1) नीितगत


यासों; (2) राजकोषीय ो ाहन; (3) बुिनयादी सुिवधाओं का िनमाण (4) ापार को आसान बनाने; और
(5) कौशल िवकास के े ों के तहत िवशेष कदम उठाए जा सक

इं वे इं िडया
इं वे इं िडया की थापना डीआईपीपी, िफ ी, सीआईआई, नैसकॉम और िविभ रा सरकारों के बीच
एक संय उप म (लाभ के िलए नहीं) के तौर पर की गई है इं वे इं िडया एक रा ीय िनवेश संवधन एवं
सहयोग एजसी है जो िनवेशकों के िलए थम संदभ िबंदु के तौर पर काम करती है यह िनवेशकों के िलए
ापार की प र थितयों को आसान बनाकर दे श म िनवेश के वातावरण को ां ितकारी प से अनुकूल
बना रही है िविभ दे शों, रा ों और े ों म िवशेष ता हािसल करने वाले इसके िवशेष उनके िनवेश
जीवनच ‘िनवेश-पूव से लेकर बाद के दे खभाल तक’ म िनवेशकों की सहायता करते ह यह उप म कई
पों म सहयोग करता है जैसे— बाज़ार म वेश की रणनीितयां बनाना, उ ोग का गहन िव ेषण करना,
साझेदार की खोज करना और िनणय लेने वालों के साथ थान आकलन नीित पर चचा करना

ाट-अप इं िडया
िकसी नए उ म को थािपत करने और शु करने म लगने वाले लंबे समय को ान म रखते ए
डीआईपीपी ने ाट-अप इं िडया की प रभाषा म संशोधन िकया है अब नए िनयम के अनुसार िकसी भी
उप म को उसकी थापना या पंजीकरण की तारीख से सात वष तक ाट-अप माना जाएगा हाल ही म
बजट म ाट-अप के िलए टै म छूट को बढ़ाकर इसकी िनरं तरता को भी सुिनि त िकया जाएगा दे श म
उ िमता को ो ाहन दे ने के िलए ाट-अप की प रभाषा को िव ृत िकया गया है तािक ापार के
मॉडल की मापनीयता को शािमल करने के साथ रोज़गार या संपि के सृजन उ मता को इसम शािमल
िकया जा सके ाट-अप को मा ता दे ने की ि या को और भी सरल बनाने के िलए िकसी उ ोग संघ से
िसफ़ा रश का प लाने की अिनवायता को हटा िदया गया है यह मा ता लेने और टै म छूट का माण-
प लेने के िलए ज री होता था
फंड् स ऑफ फंड् स
ाट-अप उप मों को िव ीय सहायता दे ने के िलए सरकार ने ाल इं ड ीज़ डे वलपमट बक ऑफ
इं िडया (एसआईडीबी) म 10,000 करोड़ पये की रािश के साथ ,फंड् स ऑफ फंड् स फॉर ाट- अप,
(एफएफएस) शु िकया है एफएफएस की ओर से अ रनेिटव इ े मट फंड् स (एआईएफ) की रािश
म योगदान िदया जाएगा तािक ाट-अप के उप म और उससे संबंिधत साधनों म िनवेश िकया जा सके
सरकारी खरीद के िनयमों म ढील
सू , लघु एवं म म उ म मं ालय की सरकारी खरीद की नीित म कुछ नए ावधान शािमल िकए गए ह
तािक सू एवं लघु उ मों के िलए िनयमों म ढील दी जा सके
कर लोभन
ाट-अप को 7 वष म से लगातार िकसी 3 आकलन वष म आयकर म िमलने वाली छूट को बढ़ाकर 3 से
5 वष कर िदया गया है इन लाभों को पाने के िलए ाट-अप को इं टर-िमिन ीयल बोड (आईएमबी) से
पा ता का माण प लेना अिनवाय है
रत पेटट जांच
ाट-अप की ओर से पेटट, टे डमाक और िडजाइन की फाइिलंग को रत और सुिवधाजनक बनाने के
िलए ाट अ आईपीआर ोटे न (एआईपीपी) की एक योजना शु की गई है यह योजना पेटट के
िलए िकए गए आवेदन की जां च के काम म तेजी लाती है इससे पेटट हािसल करने म समय की बचत
होगी ाट-अप के िलए पेटट के आवेदन का शु भी 80 ितशत तक कम कर िदया गया है
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यं- माणीकरण अनुपालन व था


ाटअप पर िनयमों का भार कम करने के िलए पयावरण और म कानूनों से संबंिधत अनुपालन शत को
आसान बना िदया गया है ऐसा करने से ाटअप को अपने िबजनेस पर ादा ान दे ने का अवसर
िमलेगा और अनुपालन से संबंिधत लागत म कमी आएगी पयावरण, वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय
(एमओईएफ एं ड सीसी) ने ेत ेणी के 36 उ ोगों की सूची कािशत की है इस ेणी म आने वाले
ाटअप िनयमों के अनुपालन का माण यं दे सकगे
अनुसंधान पाक
आईआईटी गुवाहाटी, है दराबाद, कानपुर, खड़गपुर, आईआईएससी बंगलु , गां धीनगर, िद ी और मुंबई
म अनुसंधान पाक थािपत िकए जा रहे ह तािक शै िणक े और उ ोग के बीच संयु शोध एवं िवकास
(आरएं डडी) के मा म से नए सफल योगों को ो ाहन िदया जा सके
जैव-तकनीकी म ाटअप को ो ाहन
जैव-उ िमता, बायो- स, बायो-इन ूबेटर, टे ोलॉजी टां सफर ऑिफसेज़ (टीटीओ) और बायो-
कने कायालय दे शभर के शोध सं थानों और िव िव ालयों म थािपत िकए जा रहे ह इस योजना के
अंतगत जैव-तकनीकी के ाटअप को सहयोग दे ने के िलए ारं िभक कोष और इ टी फंिडं ग मुहैया
कराया जा रहा है
मोबाइल एप और ाटअप इं िडया पोटल
ाटअप इं िडया वेब पोटल और मोबाइल एप 2016 से िवकिसत और संचािलत िकए गए ह
ाट-अप इं िडया हब
ाट-अप से संबंिधत तमाम सवालों का जवाब आसानी से पाने के िलए 2016 म ाटअप इं िडया हब शु
िकया गया था इसे िडिजटल िव ार दे ने के िलए एक इं टेलीजट ऑनलाइन हब 2017 म चालू िकया गया था
जो एक ेटफाम की तरह काम करे गा जहां ाटअप से जुड़े सभी प अपने-अपने यासों म आपसी
सहयोग बना सकगे

बौ क संपदा अिधकार
डीआईपीपी को बौ क संपदा अिधकारों (आईपीआर) के संबंध म नीित तैयार करने का काम सौंपा गया है
िजसम पेटट, िडजाइन, टे ड माक और व ु के भौगोिलक संकेत शािमल ह यह िवभाग बौ क संपदा
अिधकारों (आईपीआर) के कानून जैसे पेटट कानून 1970, िडजाइन कानून 2000, टे ड माक कानून 1999,
व ुओं का भौगोिलक संकेत (पंजीकरण एवं संर ण) कानून 1999, कॉपीराइट कानून 1957 (2012 म
संशोिधत) और अध-संवाहक एकीकृत प रपथ लेआउट-िडजाइन कानून 2000 को शािसत करता है यह
बौ क संपदा अपीली बोड (आईपीएबी) से संबंिधत मामलों को भी दे खता है डीआईपीपी सरकार की
ओर से बौ क संपदा अिधकारों से संबंिधत ि प ीय एवं ब प ीय सहयोग के मामलों को भी दे खता है
यह िव बौ क संपदा संगठन (ड ूआईपीओ) से संबंिधत सभी मामलों के िलए एक क ीय (नोडल)
िवभाग है

उ ादकता एवं गुणव ा


डीआईपीपी औ ोिगक े म उ ादकता के संवधन एवं गुणव ा के िलए एक क ीय (नोडल) िवभाग है
रा ीय उ ादकता प रषद (एनपीसी) टो ों थत एिशयाई उ ादकता संगठन (एपीओ), िजसका भारत
एक सं थापक सद है , म भारत का ितिनिध करता है एनपीसी िवशेष परामश, िश ण,
कायशालाओं, संगोि यों और सरकारी, सावजिनक एवं िनजी े ों के साथ स ेलनों के मा म से
उ ादकता म वृ लाने का काम दे खता है इसके अलावा वह उ ादकता से संबंिधत अनुसंधान,
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िनरी ण, सरकार की िविभ योजनाओं एवं प रयोजनाओं का मू ां कन और एपीओ के सहयोग से


सूचनाओं के सार का काम भी दे खता है
इस िवभाग के अधीन एक अ ाय सं था भारतीय गुणव ा प रषद ( ूसीआई) नेशनल ए ीडे शन
बोड फॉर सट िफकेशन बॉडीज़ (एनएबीसीबी) ारा मा ता सेवाओं के मा म से गुणव ा बंधन िस
(आईएसओ 9001 सीरीज), पयावरण बंधन िस (आईएसओ 14001 सीरीज), खा सुर ा बंधन
िस (आईएसओ 22000 सीरीज), उ ाद माणीकरण और िनरी ण सं थाओं के संबंध म गुणव ा के
मानदं डों को अपनाने का ो ाहन दे ता है एनएबीसीबी के अलावा चार अ बोड भी ह जैसे नेशनल
ए ीडे शन बोड फॉर एजुकेशन एं ड टे िनंग (एनएबीईटी), नेशनल ए ीडे शन बोड फॉर हॉ ट एं ड
हे केयर ोवाइडस (एनएबीएच), नेशनल ए ीडे शन बोड फॉर टे ं ग एं ड कैली ेशन लेबोरे टीज़
(एनएबीएल) और नेशनल बोड फॉर ािलटी मोशन (एनबी ूपी) जो मशः िश ा, ा और ािलटी
ो ाहन को मा ता माणप दे ते ह

औ ोिगक/आिथक गिलयारे
औ ोिगक िवकास, आय और रोज़गार को बढ़ावा दे ने के िलए औ ोिगक/आिथक गिलयारों का िवकास एक
अ ंत मह पूण यास है
िद ी-मुंबई औ ोिगक गिलयारा प रयोजना
िद ी-मुंबई औ ोिगक गिलयारा (डीएमआईसी) की प रयोजना 2006 म भारत सरकार और जापान
सरकार के बीच तैयार ए एक एमओयू (समझौता ापन) के आधार पर शु की गई थी इस प रयोजना
के तहत दादरी (उ र दे श) से जवाहरलाल नेह पोट ट (जेएनपीटी), नवी मुंबई के बीच 1504 िकमी.
लंबे वे न डे डीकेटे ड रे ल े ट कॉरीडोर के दोनों तरफ डीएमआईसी को िवकिसत िकया जा रहा है
चे ई-बंगलु औ ोिगक गिलयारा
चे ई बंगलु औ ोिगक गिलयारा (सीबीआईसी) का उ े एक सवागीण ि कोण रखते ए बुिनयादी
ढां चागत सम ाओं को दू र करना है साथ ही सीबीआईसी से जुड़े दोनों रा ों की िवशेषताओं का पूरा
लाभ उठाना है
बंगलु -मुंबई आिथक गिलयारा
बंगलु -मुंबई आिथक गिलयारा (बीएमईसी) का उ े एक सुिनयोिजत और संसाधन-संप औ ोिगक
क िवकिसत करना है जहां िव र की संपक सुिवधाएं हों और िजनसे नए योग, िविनमाण, रोज़गार
सृजन को ो ाहन िमलने के साथ ही दोनों ही रा ों को संसाधन की सुर ा िमल सके
अमृतसर-कोलकाता आिथक गिलयारा
उ री और पूव भारत के घनी आबादी वाले रा ों म औ ोिगक िवकास को बल दे ने के िलए सरकार
अमृतसर-कोलकाता आिथक गिलयारा (एकेआईसी) बनाने का काम शु करना चाहती है इसे ई न
डे डीकेटे ड े ट कॉरीडोर (ईडीएफसी) के आस-पास एक मे दं ड के तौर तैयार िकया जाएगा
िवशाखाप नम-चे ई औ ोिगक गिलयारा
िवशाखाप नम-चे ई औ ोिगक गिलयारा (वीसीआईसी) भारत के पहले समु -तटीय गिलयारा पूव समु
तटीय आिथक गिलयारा कॉरीडोर (ईसीईसी) का एक मु िह ा ह वीसीआईसी िणम चतुभुज के सीध
म बनाया जा रहा है और भारत की ए ई पॉिलसी को आगे बढ़ाने म मह पूण भूिमका िनभा सकता है

रा ीय औ ोिगक गिलयारा िवकास एवं ि या यन ास


डीएमआईसी प रयोजना की सफलता और उसके मह को दे खते ए चार अ औ ोिगक गिलयारों की
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घोषणा की गई, िजनके नाम ह अमृतसर-कोलकाता औ ोिगक गिलयारा (एकेआईसी), बंगलु -मुंबई
आिथक गिलयारा (बीएमईसी), चे ई बंगलु औ ोिगक गिलयारा (सीबीआईसी) और ई को
इकोनॉिमक गिलयारा िजसम िवकास के शु आती चरण के तौर पर िवज़ाग-चे ई औ ोिगक गिलयारे
(वीसीआईसी) को िवकिसत िकया जा रहा है इस पूरी प रयोजना को िव ा रत करते ए रा ीय
औ ोिगक गिलयारा िवकास एवं ि या यन ास (एनआईसीडीआईटी) नाम िदया गया है

संशोिधत औ ोिगक बुिनयादी ढांचा उ यन योजना


2003 म औ ोिगक बुिनयादी ढां चा उ यन योजना (आईआईयूएस) शु की गई थी, िजसका उ े कुछ
चुने ए थानों, िजनम वैि क प से ित ध होने की संभावना हो, पर सरकारी व िनजी भागीदारी के
ज रए उ म र का बुिनयादी ढां चा मुहैया करके घरे लु उ ोग की ित धा कता को बढ़ाना था
संशोिधत औ ोिगक बुिनयादी ढां चा उ यन योजना (एमआईआईयूएस) को जुलाई 2013 म अिधसूिचत
िकया गया था एमआईआईयूएस के अंतगत मौजूदा औ ोिगक पाक / ए े ट/ े ों म बुिनयादी ढां चे को
उ त बनाने के िलए प रयोजनाएं शु की गई ह िपछड़े और पूव र के े ों (एनईआर) म नई
प रयोजनाओं को भी इस योजना म शािमल िकया जा सकता है

औ ोिगक दशन
औ ोिगक े म कामकाज को मापने वाला औ ोिगक उ ादन सूचकां क (आईआईपी) िविनमाण, खनन
और िबजली े ों के साथ ही उपयोग-आधा रत समूहों जैसे– ाथिमक, पूंजीगत, मा िमक, बुिनयादी
ढां चागत/िनमाणगत व ुओ,ं िटकाऊ उपभो ा व ुओं और गैर-िटकाऊ उपभो ा व ुओं के उ ादन
पर नज़र रखता है क ीय सां कीय कायालय, सां की एवं काय म ि या यन मं ालय ने 2017 म
आधार वष म संशोधन िकया 2011-12 के आधार वष के साथ ताजा सीरीज़ मौजूदा संरचना और संयोजन
का ादा ितिनिध करता है नए आधार वष के अनुसार आईआईपी ने िवद् ु यत उ ादन, खनन और
िविनमाण म 4.6 ितशत की वृ दज़ की है

आठ मूलभूत उ ोगों का दशन


आठ मूलभूत उ ोगों का सूचकां क (आईसीआई) हर महीने आठ मूलभूत या मुख उ ोगों के कामकाज
पर नजर रखता है ये उ ोग ह- कोयला, क ा तेल, ाकृितक गैस, रफाइनरी उ ाद, उवरक, इ ात,
सीमट और िबजली आधार वष म प रवतन करते ए आिथक सलाहकार कायालय और औ ोिगक नीित
एवं संवधन िवभाग ने आठ मुख उ ोगों के सूचकां क के आधार वष म संशोधन करके 2011-12 कर
िदया औ ोिगक उ ादन सूचकां क (आईआईपी) म इन आठ उ ोगों का भार 42.27 ितशत होता है

चमड़ा उ ोग
चमड़ा उ ोग बड़ी मा ा म उ ादन, िनयात से होने वाली आय और रोज़गार दे ने की मता के कारण भारत
की अथ व था म एक बड़ी भूिमका िनभाता है दे श से चमड़ा और चमड़े के उ ादों के िनयात म िपछले
दो दशकों म संरचना क प रवतन आया है सरकार की नीित के तहत चमड़े के बेहतरीन उ ादों के
िनयात को ो ाहन दे ने के कारण कुल िनयात म चमड़े के जूते-च लों, चमड़े के पोशाकों, चमड़े के
सामान और चमड़े की अ व ुओं का िह ा ब त अिधक बढ़ गया है
भारतीय चमड़ा िवकास काय म
भारतीय िवकास काय म का ल चमड़ा इकाइयों के आधुिनकीकरण और तकनीकी उ यन के ज रए
क े माल का ोत बढ़ाना, पयावरण संबंधी सम ाएं दू र करना, मानव संसाधन िवकास, पारं प रक चमड़ा
कारीगरों की सहायता करना, बुिनयादी ढां चे की बाधाएं दू र करना और सं थागत सुिवधाएं दान करना है

सीमट उ ोगः सीमट दे श म तकनीकी प से सबसे उ त उ ोगों म से एक है अथ व था के आवासीय


और बुिनयादी ढां चे के े के िवकास म इस उ ोग की मह पूण भूिमका है सीमट के मू और िवतरण
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का िनयं ण 1989 से हटा िदया गया और सीमट उ ोग को औ ोिगक िवकास एवं िनयमन) अिधिनयम,
1951 के अंतगत लाइसस से 1991 से मु कर िदया गया है उसके बाद से सीमट उ ोग ने मता/
उ ादन और सं रण ौ ोिगकी म ब त गित की है भारत िविभ कार के सीमट का उ ादन कर
रहा है , जैसे सामा पोटलड सीमट (ओपीसी), पोटलड पोलोजना सीमट (पीपीसी), पोटलड ा फनस
ैग सीमट (पीबीएफएस), ऑयल वेल सीमट, ाइट सीमट आिद सीमट के ये कार भारतीय मानक
ूरो (बीआईएस) के मानकों के अनुसार बनाए जाते ह और उनकी गुणव ा िव के सव े सीमट के र
की होती है बीआईएस िनशान के िबना सीमट को दे श म बेचा नहीं जा सकता है भारतीय सीमट उ ोग
वैि क ौ ोिगकी िवकास के साथ कदम से कदम िमलाकर चलने म कामयाब रहा है उ त ौ ोिगकी
का इ ेमाल करने से उ ोग को ऊजा, ईंधन संर ण और पयावरण संबंधी सम ाओं को दू र करके अपनी
मता बढ़ाने म मदद िमली है

िसरे िमक उ ोगः िसरे िमक उ ोग लगभग 50 वष पुराना है इसम िसरे िमक टाइ , सैिनटरीवेयर और
ॉकरी शािमल है िसरे िमक उ ाद रा ीय और े ीय कंपिनयों ारा बड़े एवं छोटे र पर बनाए जाते ह
िजनके कार, आकार, गुणव ा व मानक अलग-अलग होते ह टाइ के उ ादन और उपभोग के मामले
म चीन और ाजील के बाद भारत िव म तीसरे थान पर बना आ है यह उ ोग और परो प
से 2 लाख से ादा लोगों को रोज़गार दे ता है टाइ के उ ादन के िलए ज री अिधकतर क ा माल
दे श म ही उपल होने से टाइल उ ोग समय के साथ बदल रहा है , िडजाइन तथा िविनमाण म आधुिनक
तकनीक का योग कर रहा है और िव रीय टाइ बनाने म स म है

टायर एवं ूब उ ोग
टायर शहरी और ामीण े ों म याि यों व माल की ढु लाई के आवागमन और प रवहन के मामले म
मह पूण भूिमका िनभाते ह, िजनका योग ठे लों, टै रों, टकों और बसों से लेकर ए ेस-वे पर दौड़ने
वाली आधुिनक या ी कारों म होता है घरे लू मां ग को पूरा करने के िलए ज री सभी कार के टायर भारत
म बनाए जाते ह इन टायरों म मोपेड के 1.5 िक ा. के टायरों से लेकर अथमूवस के 1.5 टन वजन तक के
टायर शािमल ह बायस ाई टायरों से लेकर मजबूत ऑल ील रे िडयल टक टायर और या ी कारों के
उ दशन वाले रे िडयल एवं ूबलेस टायर तक शािमल ह भारत िव के उन चुिनंदा दे शों म से एक है
िज ोंने हर कार के उ े के िलए टायरों के िनमाण म ावलंबन ा कर िलया है मानव जीवन व
वाहनों की सुर ा के साथ गुणव ापूण उ ादों की उपल ता सुिनि त करने के िलए िवभाग ारा 2009 म
ऑटोमोिटव वाहनों के ूमैिटक टायर एवं ूब के िलए गुणव ा (िनयं ण) आदे श अिधसूिचत िकया गया
इस आदे श के तहत ूमैिटक टायरों और ूबों के आयात, िब ी और िवतरण पर ितबंध है जो भारतीय
मानक ूरो के मानकों पर खरे नहीं उतरते और िजन पर मानक िच अंिकत नहीं ह भारतीय टायर
उ ोग म 39 कंपिनयां और 60 टायर िविनमाण संयं ह बड़ी टायर कंपिनयां एमआरएफ िलिमटे ड,
अपोलो टायस, जेके टायस, िसएट, गुडईयर, मोदी रबर आिद ह तीन भारतीय कंपिनयां (एमआरएफ
िलिमटे ड, अपोलो टायस और जेके टायस) शीष 25 वैि क टायर कंपिनयों म िगनी जाती ह रबर के सामान
का उ ोगः टायर और ूब के अित र रबर उ ादों के उ ोग म 4,550 छोटी और अित छोटी इकाइयां
ह जो लगभग 5.50 लाख रोज़गार दान करती ह रबर उ ोग िविभ कार के उ ाद जैसे रबर के
ए न, गभिनरोधक, फुटिवयर, रबर होज, तार, जीन, बैटरी के िड े, लेटे उ ाद, क ेयर बे ,
सिजकल द ाने, गु ारे , सां चे से बनी रबर की व ुएं आिद तैयार करता है रबर का सामान बनाने वाले
उ ोग म ाकृितक रबर, िविभ कार के कृि म रबर, काबन ैक, रबर रसायन आिद मु क ा माल
होता है

िसगरे ट उ ोगः िसगरे ट उ ोग किष आधा रत म कि त उ ोग है उ ोग िवकास एवं िनयमन)


अिधिनयम 1951 की पहली अनुसूची म िसगरे ट भी शािमल है और इसके िलए औ ोिगक लाइसस की
आव कता पड़ती है

पट एवं सहायक उ ाद उ ोगः लाइसस की अिनवायता से मु पट एवं उसका सहायक उ ाद उ ोग म


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मु प से पट, इनेमल, वािनश, रं जक, छपाई की ाही, कृि म रं ग आिद से शािमल ह रा ीय संपदा
को रण से बचाकर ये अथ व था म मह पूण भूिमका िनभाते ह इन उ ादों को संगिठत और
असंगिठत दोनों ही े ों म बनाया जाता है

कां च उ ोग: कां च उ ोग लाइसस से मु उ ोगों की ेणी म आता है इसम सात कार के उ ाद जैसे
ैट ास( शीट, ोट, िफगड, वायड, से ी, िमरर ास), ास फाइबर एवं ास वूल, हालो
ासवेयर, लेबोरे टरी ासवेयर, टे बल एवं िकचन ास वेयर, कां च की चूिडयां और कां च के अ सामान
आते ह भारत के चपटे कां च उ ादों की ीकायता पूरी दु िनया म बढ़ रही है भारतीय िनमाताओं ने
इसके नए बाज़ार तलाश िलए ह पेटोकेिमकल े और सहयोगी उ ादों की वृ के कारण ास
फाइबर की मां ग म काफी संभावनाएं ह

कागज़ उ ोग: भारत िव म कागज़ के सबसे तेजी से बढ़ते बाज़ारों म से एक है ान के बढ़ते आधार और
सरकार की मुख योजनाओं जैसे सव िश ा अिभयान (एसएसए), रा ीय मा िमक िश ा अिभयान
(आरएमएसए), िवकलां गों के िलए मा िमक िव ालयों म समावेशी िश ा (आईईडीएसएस), ौढ़ िश ा
एवं कौशल िवकास योजना, िश ा का अिधकार और क सरकार छा वृि एवं िश ा ऋण योजना के
कारण कागज़ और द ी की मां ग बढ़ी है इस उ ोग को जुलाई 1997 म लाइसस से मु कर िदया गया
था मौजूदा नीित के अनुसार लुगदी और कागज़ े के म तः मंजूरी के ज रए 100 ितशत एफडीआई
की अनुमित है कागज़, ग ा और अख़बारी कागज़ का िनमाण करने वाली लगभग 850 इकाइयां ह िजनकी
कुल थािपत मता करीब 250 लाख टन है िजसम से करीब 35 लाख टन मता का इ ेमाल नहीं हो रहा
है भारत म कागज़ का ित उपभोग करीब 13 िक ा है जो िव औसत (58 िक ा) से काफी कम
है भारतीय कागज़ उ ोग बंटा आ है , िजसम ितिदन 0.5 टन से लेकर 1,500 टन तक उ ादन करने
वाली छोटी, मझोली और बड़ी कागज़ िमल शािमल ह ये इकाइयां लकड़ी, कृिष अवशेष और पुराने कागज़
का इ ेमाल क े माल के प म करती ह

कागज़ एवं ग ा े ः दे शी कागज़ एवं ग ा े कागज़ के उन सभी मुख कारों का उ ादन करता है
िजनकी बाज़ार म मां ग है जैसे िलखने एवं छपाई का कागज़ ( 38 ितशत), पैिकंग ेणी का कागज़ (53
ितशत), अख़बारी कागज़ (8 ितशत) तथा िवशेष कार का कागज़ लेिकन कुछ िवशेष कार के
कागज़ों जैसे कोटे ड कागज़, से ु रटी कागज़ और चेक आिद के कागज़ों का आयात िकया जाता है

अख़बारी कागज़ः दे श म अख़बारी कागज़ उ ोग को ूजि ंट िनयं ण आदे श (एनसीओ), 2004 से


िनयंि त िकया जाता है इस आदे श की अनुसूची म सूचीब िमलों को वा िवक योग के अनुसार उ ाद
शु से छूट िमलती है इस समय एनसीओ की अनुसूची म 124 िमल पंजीकृत ह लेिकन सालाना 9.9 लाख
टन थािपत मता के साथ केवल 35 िमल ही अख़बारी कागज़ का उ ादन कर रही ह, 23 िमलों ने
एनसीओं म सूचीब होने के बाद काम बंद कर िदया है और 89 िमलों ने अख़बारी कागज़ का उ ादन
रोक िदया है दे श म अख़बारी कागज़ की करीब आधी मां ग आयात से पूरी की जा रही ह

नमक उ ोग: िव म नमक उ ादन म चीन और अमरीका के बाद भारत का तीसरा थान है और हमारा
वािषक उ ादन 260 लाख टन है आयोडीन-यु नमक के मामले म चीन के बाद भारत दू सरा सबसे बड़ा
उ ादक है आज़ादी के समय नमक की कमी और आयात के दौर को पीछे छोड़कर भारत सही नीितयों
के चलते कुछ ही समय म काफी आगे आ चुका है दे श ने आ िनभरता (1953) म हािसल कर ली थी और
िनयात के बाजार म अपनी जगह बना ली थी उसके बाद से दे श ने कभी पीछे मुड़कर नहीं दे खा

िव ोटकः इस समय मझोले और लघु े म 74 कारखाने िव ोटकों का उ ादन कर रहे ह साइट


िम िव ोटक (एसएमई) इकाइयों को कुल 16,56,555.5 मीिटक टन िव ोटकों की उ ादन मता
का लाइसस ा है

ह ा िबजली उ ोग: ह े िबजली उ ोग एक िव ृत े है िजसम ब त से िविश उ ाद और सहायक


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उ ाद शािमल ह इनम िबजली के तार और केबल, टां सिमशन टॉवर, े न, िल एवं चािलत सीिढ़यां ,
रे ि जरे टर, वािशंग मशीन, एयर कंडीशनर, ोरे ज बैट रयां , डाइ सेल बैट रयां , िबजली के लप एवं ूब
आिद शािमल ह

िबजली के तार व केबल: िबजली के तार व केबल उ ोग दे श म शु ए कुछ सबसे पुराने उ ोगों म से
एक ह दे श म ब त तरह के िबजली के तारों और केबलों का िनमाण िकया जाता है , िजनम जेली से भरे
टे लीफोन केबल जैसे– संचार केबल, ऑि क फाइबर केबल, लोकल ए रया नेटवक केबल, चबोड
केबल, को-ऐ यल केबल, वीएसएटी केबल, इले क केबल, लचीले तार, कम वो े ज वाले िबजली के
केबल और ईएचटी पॉवर केबल शािमल ह

पारे षण टॉवरः पारे षण टॉवर लंबी दू री तक िबजली ले जाने वाली उ वो े ज पारे षण लाइनों को सहारा
दे ते ह ये लाइन सब- े शनों म िबजली प ं चाती ह तािक िबजली का वो े ज कम करके उपभो ाओं तक
प ं चाई जा सके भारत म बड़े िबजली संयं िवशेषकर मेगा एवं अ ा मेगा िबजली संयं ों की सं ा बढ़ती
जा रही है इससे जहां सं ा म कम लेिकन िबजली पैदा करने वाले बड़े े शन होंगे, उसके साथ ही
िबजली के पारे षण की मां ग भी तेजी से बढ़े गी

केनः भारी सामान उठाने के िलए लगभग सभी औ ोिगक े ों म े न की मां ग होती है दे श म आज
िविभ कार की े न बनाई जाती ह िजनम इले क ओवरहे ड टै विलंग े न, मोबाइल े न, लैडल े न,
हाइडोिलक े न, ै ब े न, ोिटं ग े न और कंटोलर े न आिद शािमल ह िविभ े ों और िनमाण
उ ोग म औ ोिगक गितिविधयां बढ़ने के कारण इस े म वृ की अ ी संभावनाएं ह

िल एवं चािलत सीिढ़याः औ ोिगक े ों के अलावा ब मंिजला इमारतों, अंतररा ीय मानकों वाले
िवशाल मॉल एवं सुपरमाकट के िनमाण, हवाईअ ों और रे लवे े शनों के आधुिनकीकरण म अ िधक
िनवेश के कारण िल एवं चािलत सीिढयों का योग तेजी से बढ़ रहा है भारत म िविभ कार के
िल और चािलत सीिढ़यां बनाई जाती ह इनम िसंगल ीड, डबल ीड, िगयरलेस, हाइडोिलक,
सव एवं वे रएबल वो े ज वे रएबल ी सी (वीवीवीएफ) एलीवेटर शािमल ह

रे ि जरे टर: टे लीिवजन को छोड़ द तो रे ि जरे टर भारत म उपभो ाओं की सवािधक पसंदीदा उ ाद रहा
है बाज़ार म िविभ कार के ां डों के आने से रे ि जरे टर उ ोग म ित धा ब त बढ़ गई है और
उपभो ाओं के पास ब त िवक आ गए ह दे श म बनने वाले रे ि जरे टरों म इस समय दो मूलभूत
िडजाइनों का योग िकया जा रहा है इ सामा भाषा म डायरे कूिलंग एवं ा ी कहा जाता है
इन िदनों उपभो ाओं म ा ी का चलन बढ़ता जा रहा है दोहरी आय वाले प रवारों की सं ा बढ़ने
के कारण 180 लीटर के पारं प रक रे ि टरे टरों के थान पर दो दरवाजों वाले 220 लीटर अथवा अिधक
मता के रे ि जरे टरों की मां ग बढ़ती जा रही है

वािशंग मशीनः दे श म वािशंग मशीन के बाज़ार को सेमी-ऑटोमेिटक एवं फुली-ऑटोमेिटक म िवभािजत


िकया जा सकता है आय बढ़ने और आकां ाएं बढ़ने के कारण अिधक मता वाली और फुली-
ऑटोमेिटक वािशंग मशीनों की ओर झान बढ़ता जा रहा है पूरी तरह यां ि क की जगह अब इले ॉिनक
कंटोल का योग होता जा रहा है ोंिक वािशंग मशीनों की िडजाइन म माइ ो-कंटोल लगाए जा रहे ह
माइ ो-कंटोल जहां इन मशीनों को इं टेिलजस या चतुरता दान करते ह, वहीं इनकी िव सनीयता भी
बढ़ाते ह और साथ ही लागत कम करते ह व िबजली की बचत भी करते ह

एयरकंडीशनर: बदलती जीवन शैली के कारण बदले ए सामािजक-आिथक वातावरण म एयरकंडीशन


हमारी ज रत बनते जा रहे ह एयरकंडीशनर के बाज़ार को तीन ेिणयों- िवंडो एसी, ट एसी और
सटल एसी म बां टा जा सकता है जगह कम होने तथा ब मंिजला इमारतों के ैटों म रहने वाले लोगों की
सं ा बढ़ने के कारण तथा कम शोर करने वाले ट एसी की लोकि यता बढ़ती जा रही है िबजली
मं ालय के अधीन सां िविधक सं था ऊजा द ता (बीईई) ने एयरकंडीशनरों के िलए ऊजा की बचत के
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आधार पर ार रे िटं ग दान करना आरं भ िकया है तािक उपभो ाओं को अिधक से अिधक ऊजा बचाने
वाले उ ाद खरीदने म मदद िमल सके

लेड एिसड ोरे ज बैटरी: लेड एिसड बैट रयां करट एवं िबजली का सं ह करती ह और कुछ समय बाद
खाली (िड चाज) हो जाती ह इ वाहनों म योग िकया जाता है और यूपीएस, िनयं ण क ों, िबजलीघरों,
दू रसंचार आिद के िलए बैकअप िबजली के प म औ ोिगक योग भी िकया जाता है इसके अलावा घरों
म इमरजसी लाइट, टे लीफोन िस म और खनन के काम म काश के ोत के तौर पर भी इ ेमाल िकया
जाता है लेड एिसड बैट रयों का नया योग िबजली से चलने वाले वाहनों म होने लगा है इस तरह की
बैटरी की आयु लगभग दो वष होती है , इसिलए इन बैट रयों को वाहन अथवा मशीनों म योग के दौरान
बार-बार बदलना पड़ता है हालां िक भारत म इन बैट रयों का बड़े र पर िनमाण करने वाली कुछ बड़ी
कंपिनयां ह, लेिकन बेहद असंगिठत तरीके से इनका िनमाण करने वाली अ ंत छोटी-छोटी इकाइयों की
भरमार है इन छोटी इकाइयों ारा बनाई जाने वाली बैट रयां बीआईएस के मानकों पर खरी नहीं उतरती
ह लेड एिसड बैट रयों के सुरि त िन ारण के िलए पयावरण एवं वन मं ालय ने पयावरण (संर ण)
अिधिनयम, 1986 के अंतगत बैट रयां ( बंधन एवं रखरखाव) िनयम, 2001 अिधसूचना जारी की है

शु बैट रयां : शु बैट रयां सबसे ादा इ ेमाल होने वाली व ुओं म से एक ह ये सबसे पुराने कार
की बैट रयां ह, िजनका योग आज भी हो रहा है तकनीकी म िवकास के कारण शु बैट रयों का दशन
लगातार सुधरा है नए कार की शु बैट रयों का जीवन लंबा होता है और उन पर अिधक िव ास िकया
जा सकता है इसके अलावा अब रचाज करने यो सेल भी आ गए ह र ा, दू रसंचार एवं इले ॉिन
की ज रत पूरी करने के िलए दे श म िनकल कैडिमयम बैट रयां एवं अ रचाज यो बैट रयां बनती ह
से ुलर फोन, लैपटॉप एवं आयाितत खलौनों की लोकि यता बढ़ने से नए तरह की बैट रयों का बाज़ार
खुल सकता है िजनका िनमाण अभी नहीं हो रहा है

ब एवं ूबः दे श म िविभ कार के ब और ूब का िनमाण िकया जाता है िजनम सामा ब जैसे-
िफलामट वाले ब , है लोजन ब , गैस िड चाज ब जैसे- ोरे सट ूबलाइट, कॉ ै ोरे सट लप,
उ दाब यु मरकरी वाले ब , मेटल है लाइड लप, िन दाब एवं उ दाब वाले सोिडयम वेपर लप तथा
िविभ कार के िविश ब शािमल ह िबजलीं महं गी होने के कारण िबजली की कम खपत करने वाले
ऐसे ब ों का िवकास आ जो लगभग िदन के काश के समान रोशनी दे ते ह कॉ ै ोरे सट लप
(सीएफएल) जो साधारण ब ों िजतनी रोशनी दे ने के बावजूद केवल 20 ितशत िबजली की खपत करते ह
और इनका जीवन भी सामा ब के मुकाबले 8 गुना ादा होता है ये ब अब तेजी से लोकि य हो
रहे ह सामा ब और ोरे सट लप की अपे ा एलईडी लप अिधक रोशनी दे ते ह और इनसे पयावरण
को हािन प ं चने की संभावना भी कम होती है भारत म एलईडी का योग बढ़ने से रोशनी के िलए िबजली
के लोड़ को ब त कम िकया जा सकता है ोंिक लगभग 22-25 ितशत िबजली का उपयोग केवल रोशनी
के िलए होता है िसफ लाइिटं ग के िलए इतनी िबजली खच होने से िबजली की मां ग बढ़ जाती है महं गी
होने के कारण एलईडी ादा लोकि य नहीं हो पा रही ह, हालां िक दे श म इसका िनमाण शु हो चुका है

ह ा इं जीिनय रं ग उ ोग: ह ा इं जीिनय रं ग उ ोग िविभ े ों वाला िविवधताभरा उ ोग है इस उ ोग


म का ं ग और फोिजग जैसे सभी उ ोगों की जननी से लेकर अ ंत प र ृ त माइ ो ोसेसर आधा रत
ोसेस कंटोल उपकरण और िनदान संबंधी िचिक ा उपकरण तक शािमल ह इस समूह म बेय रं ग, ील
पाइप एवं ूब, फा नर आिद उ ोग भी शािमल ह इं जीिनय रं ग उ ोग म आने वाले उ ादों का
सामा तः पूंजीगत व ु उ ोग म क े माल के प म योग होता है इसिलए इस े म मां ग सामा तः
पूंजीगत व ु उ ोग की मां ग पर िनभर करता है

रोलर बेय रं ग उ ोगः रोलर बेय रं ग लगभग सभी मशीनों जैसे- वाहन, इले क मोटर, डीजल इं जन,
औ ोिगक मशीनरी तथा औजार आिद म घूमने वाले पुज के तौर पर ज री िह ा होता है बेय रं ग का
योग िविभ े ों म िकया जाता है इसिलए उ ाद भी िविभ कार के होते ह दे शी िविनमाता िविभ
े ों म सामा उपयोग वाले उ ािलटी के बेय रं ग बना रहे ह जो िव के िति त िविनमाताओं के र
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के होते ह लेिकन िजनका इ ेमाल िवशेष काय के िलए होता है और िज बनाने के िलए उ तकनीकी
की ज रत होती है , उनका अब भी आयात िकया जा रहा है कम अथवा अिधक तापमान वाली कर
प र थितयों म बेहतर दशन करने वाले छोटे आकार और कम वजन के बेय रं ग का िनमाण करने की
ब त संभावनाएं ह

लौह का ं गः इं जीिनय रं ग उ ोगों की वृ एवं िवकास म लौह का ं ग की मह पूण भूिमका है ोंिक


वाहन, औ ोिगक मशीनरी, िबजली संयं , रसायन एवं उवरक संयं आिद के िलए ये म वत का काम
करते ह भारत का फाउं डी या ढु लाई उ ोग िव म तीसरा थान है दे श म अब यह एक सु थािपत उ ोग
है और बड़े , मझोले व सू े म फैला आ है इस उ ोग की िवशेषता यह है िक यह कुछ खास थानों
पर है हर थान या र िकसी िविश बाज़ार की आव कताएं पूरी करता है उदाहरण के िलए
कोयंबटू र र पंप सेट का ं ग के िलए, को ापुर और बेलगां व वाहनों की का ं ग, राजकोट डीजल
इं जन की का ं ग और बाटला तथा जालंधर मशीनरी के कलपुजा और कृिष उपकरणों के िलए िस है

ोसेस िनयं ण उपकरण उ ोग: भौितक, रासायिनक एवं जैिवक गुणों की िनगरानी और मापन के िलए
ज री उपकरण और िस म ोसेस िनयं ण उपकरणों की ेणी म आते ह इनका इ ेमाल दाब,
तापमान, आ ता, तरलता र, वाह, िविश गु , पीएच समेत रासायिनक संघटन और िविभ कार
के े ोमेटी व े े फोटोमेटी टे न ोसेस के िनयं ण और मापन म िकया जाता है ोसेस िनयं ण
उपकरण आधुिनक औ ोिगक गितिविधयों का अिभ अंग बन गए ह ऑटोमेशन के िलए उपकरण
उपल कराने वाला यह एक मुख उ ोग है अिधक लागत वाले िवशाल एवं प र ृ त ोसेस उ ोगों
जैसे- उवरक, इ ात, िबजली संयं , रफाइनरी, पेटो रसायन, सीमट एवं ोसेस उ ोगों म इनका ब त
मह होता है वतमान तकनीकी एक माइ ो ोसेसर आधा रत क ीकृत िनयं ण िस म है

जोड़रिहत ील पाइप एवं ूबः जोड़रिहत ील पाइप और ूब अलग-अलग आकारों म बनाए जाते ह
अलग-अलग आकार म होने के कारण िविभ तरह के कामों म इनका इ ेमाल िकया जा सकता है
िनमाण की खास ि या के चलते इन पाइपों म मजबूती आती है और वे िटकाऊ बनते ह, इसिलए इनका
इ ेमाल जंगरोधी पाइपों के तौर पर िकया जा सकता है इन पाइपों का इ ेमाल िवमान, िमसाइल तथा
घषणरोधी बेय रं ग, आयुध आिद म भी िकया जाता है अ िधक श शाली और जंगरोधी गुणों के कारण
ये तेल एवं गैस उ ोग, रसायन उ ोग और ऑटोमोबाइल उ ोग के िलए ब त उपयोगी होते ह जोड़रिहत
पाइपों की कुल ज रत का करीब 60 ितशत िह ा तेल े के िलए इ ेमाल होता ह बेय रं ग और
ायलर के े म इसकी मां ग करीब 30 ितशत है यह उ ोग 14 इं च के बाहरी ास तक के ूब
बनाने म स म है

िवद् ु यतरोधी वे े ड (ईआरड ू) ील पाइप एवं ूबः ाहकों की ज रत के आधार पर ईआरड ू


ील पाइप और ूब िविभ कार की ािलटी, दीवार की अलग-अलग मोटाई एवं अलग-अलग ास म
उपल ह उ मता वाले ईआरड ू ील पाइप एवं ूब म उ जंगरोधी मता, उ न ता,
अ िधक मजबूती और उ र की कठोरता होती है इन पाइपों का योग फिसंग, लाइिनंग पाइप,
ऑयल कंटी ूबलर, े फो ं ग, पानी एवं गैस के प रवहन, ढां चागत इं जीिनय रं ग आिद म िकया जाता
है तेल एवं गैस उ ोग, बुिनयादी ढां चा और ऑटोमोबाइल उ ोग म इनकी मां ग बढ़ने के कारण
ईआरड ू ील पाइपों के िनमाण म तेजी से वृ ई है एमएसएमई से र म बड़ी सं ा म इनकी
इकाइयां ह

सब म आक वे े ड (एसएड ू) पाइप: दो कार के सब मजड आक वे े ड (एसएड ू) पाइप-


लां िग ूिडनल एवं हे िलकल वे े ड एसएड ू पाइप होते ह लां िग ूिडनल एसएड ू पाइप को उ
दाब वाली गैस पाइप लाइन म तथा 25 िम.मी. से अिधक मोटाई वाले पाइप की आव कता होने पर योग
िकया जाता है हे िलकल वे े ड पाइप कम दाब वाले काय म योग िकए जाते ह हे िलकल एसएड ू
पाइप लां िग ूिडनल पाइपों से स े होते ह तेल एवं गैस के प रवहन एवं जल के पारे षण के कारण दे श म
एसएड ू पाइपों की ब त मां ग है
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औ ोिगक फा नरः भारत म फा नर उ ोग को दो ेिणयों- उ लचीलापन (हाइ टसाइल) वाले और


नरम इ ात वाले फा नर म बां टा जा सकता है उ लचीलापन वाले और नरम इ ात वाले फा नरों म
नट, बो , ड, रवेट और पच आते ह नरम ील फा नर मु प से असंगिठत े म बनाए जाते
ह जबिक उ न ता वाले फा नर के िलए बेहतर ौ ोिगकी की आव कता होती है और उ
संगिठत े की कंपिनयां बनाती ह ऑटोमोबाइल के े म इसकी सबसे ादा मां ग है िटकाऊ व ुओं
के े और रे लवे म भी उ न ता वाले फा नरों की ब त ादा मां ग है ऑटोमोबाइल े फा नर
उ ोग म तेजी ला सकता है

ील फोिजग: फोिजग म वत उ ाद ह िज िटकाऊ उपभो ा व ुओं के िनमाण म मौिलक पुज


बनाने वाले िनमाता बड़े पैमाने पर इ ेमाल करते ह भारतीय फोिजग उ ोग को चार ेिणयों- बड़े , मझोले,
लघु और सू म बां टा जा सकता है इस उ ोग का बड़ा िह ा लघु और मझोली इकाइयों या उ मों
(एसएमई) से बना है इस उ ोग म पहले म का ब त ादा योग होता था लेिकन वै ीकरण बढ़ने के
साथ ही अब इसम पूंजी का अिधक उपयोग होने लगा है फोिजग पर िनभर रहने वाले उ ोगों म वाहन,
कृिष मशीनरी एवं उपकरण, वा िफिटं ग एवं पेटोरसायन णाली, हाथ के औजार एवं हाडवेयर, ऑफ-
हाइवे एवं रे लरोड उपकरण, सामा औ ोिगक उपकरण, आयुध एवं पानी के जहाज़ व िवमान िनमाण
शािमल ह फोिजग की मां ग म मु भूिमका वाहन उ ोग की है कुल फोिजग का लगभग 65 ितशत
िह ा इसी े म योग होता है

साइिकल उ ोगः भारत म साइिकल उ ोग सबसे थािपत उ ोगों म से एक है भारत िव म चीन के बाद
साइिकल का दू सरा सबसे बड़ा िनमाता है साइिकल की अिधकां श िविनमाण इकाइयां पंजाब और
तिमलनाडु म थत ह तथा लुिधयाना (पंजाब) साइिकल का मुख िनमाण क है यह उ ोग िनयात बढ़ाने
का यास कर रहा है ोंिक भारतीय साइिकलों, साइिकल के पुज
् एवं साइिकल के अ सामानों के
िनयात की ब त संभावनाएं ह साइिकल कंपिनयां अब शहरी बाज़ारों पर ान दे रही ह तथा पेशेवर व
एडवचर ेिणयों म अपना आधार बढ़ा रही ह

खा सं रण मशीनरी: आय के र म वृ , कायबल म मिहलाओं की सं ा बढ़ने, तेज़ी से बढ़ते


शहरीकरण, बदलती जीवन शैली और बड़े र पर मीिडया के चार के कारण सं ृ त खा एवं पेय
उ ादों की घरे लू मां ग बढ़ने से खा सं रण की मशीनों के िलए भारतीय बाज़ार लगातार वृ कर रहा
है फल एवं स ी सं रण, मां स, मुग पालन, दू ध एवं समु ी खा , िड ाबंद भोजन, शीतल पेय एवं
अनाज सं रण म वृ की सवािधक संभावनाएं ह खान-पान की आदतों म तेज़ी से बदलाव होने और
दे श म उपभो ावादी सं ृ ित पनपने के कारण खा सं रण उ ोग म तेजी से वृ होने की संभावना
है मशीन िनमाताओं ने डे यरी मशीनरी एवं खा सं रण की अ मशीन बनाने म द ता हािसल कर
ली है

पैकेिजंग मशीनरी उ ोगः उपभो ा उ ादों और औ ोिगक उ ादों की पैकेिजंग माक िटं ग रणनीित की
िवशेषता बनती जा रही है पैकेिजंग ौ ोिगकी म िवकास से उ ाद दे खने म न केवल आकषक होते जा
रहे ह ब उनकी जीवन अविध भी बढ़ जाती है कुछ मामलों िवशेष तरह की पैकेिजंग एक आव ता
बन गई है औ ोिगक े म वृ की संभावनाएं और उपभो ाओं म पैकेिजंग के ित बढ़ती जाग कता
दे खते ए इस े म मह पूण वृ की उ ीद है बड़ी सं ा म उ ादों की पैकेिजंग के िलए दे श म
िविभ कार की पैकेिजंग मशीनरी उपल है सामा प से िमलने वाली कुछ पैिकंग मशीनों म
कोिडं ग की मशीन एवं ऑनलाइन ि ंिटं ग मशीन, फीिडं ग एवं लेबिलंग मशीन, प पैकेिजंग मशीन, फाम
िफल एवं सील मशीन, काटन िफिलंग मशीन, पूरी तरह चािलत बैग िनमाण मशीन एवं चािलत
माइ ो ोसेसर िनयंि त पैकेिजंग मशीन शािमल ह

जल दू षण िनयं ण उपकरण: जल दू षण रोकने के ित जाग कता बढ़ने और सं रण उ ोगों समेत


िविभ योगों के िलए कठोर पयावरण िनयं ण मानक लागू िकए जाने के कारण जल/बेकार जलशोधन
उ ोग म अ िधक वृ होने की संभावना है जल दू षण िनयं क उपकरणों की िविभ ेिणयों म बेकार
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जल शोधन संयं , पेयजल जलशोधन संयं एवं अपिश शोधन संयं शािमल ह जल, बेकार जलशोधन म
दू षण करने वाले त ों को िनकालना होता है और इसके िलए भौितक, रासायिनक और जैिवक ि या
अपनाई जाती है शोधन की ि या म पहला चरण ाथिमक शोधन है और उसम नीचे बैठे ए अथवा तैरते
ए दू षणकारी त ों को हटाया जाता है सामा औ ोिगक उपकरणों म ेय रफायर एवं ऑयल-वाटर
सेपरे टर शािमल ह दू सरे चरण म सीवेज की जैिवक साम ी को कम िकया जाता है इसके िलए सामा
उपकरण ह उ े रत ज, िफ र, जैिवक रए र आिद जलशोधन के तीसरे चरण म पहले और दू सरे
चरण म छूट गए दू षणकारी एवं घुले ए ठोस पदाथ जैिवक अवयवों और िवषैले त ों को हटाने के िलए
पॉिलिशंग की जाती है तीसरे चरण की भौितक ि या म दू षणकारी त ों को छानना और काबन का
अवशोषण शािमल है इसकी रासायिनक ि या म अव ेपण, ऑ ीकरण, िन भावीकरण शािमल है
जैिवक ि या म जैिवक त ों को कम करना शािमल है बै ी रया, फंगी, यी और ए ी जैसे जीवों का
योग काबिनक पदाथ को ख करने के िलए िकया जाता है इसके बाद शोिधत जल से कोिशका ऊतकों
को हटाया जाता है

वायु दू षण िनयं ण उपकरणः औ ोिगकीकरण और और शहरीकरण ने भारत की वायु की गुणव ा का


ब त रण िकया है भारत की सबसे गंभीर पयावरण संबंधी सम ा के कई कारण िदखाई दे ते ह िजनम
वाहनों से होने वाला उ जन और उ ोगों का अशोिधत धुआं शािमल है िविभ उ ोगों म पयावरण संबंधी
कठोर मानकों को अपनाए जाने के साथ, िवशेष प से महानगरों और बड़े शहरों म वायु दू षण की
सम ा पर िवशेष ान िदया जा रहा है इसिलए वायु दू षण िनयंि त करने वाले उपकरणों के उ ोग का
मह बढ़ गया है इसके अलावा ाियक फ़ैसलों ने वायु दू षण रोकने वाले उपायों को अपनाने के िलए
कुछ िनि त िनदश िदए ह िनयं ण की िविधयों का चयन दू षणकारी त ों की कृित, वाह दर
( दू षणकारी त ों के उ जन की मा ा), कणों के आकार और सं ह की वां िछत मता पर िनभर करता
है वायु दू षण िनयं ण उपकरणों म िविभ वग म बां टा जा सकता है जैसे सेटिलंग चबस, साइ ोन एवं
म ी-साइ ोन, बैग िफ र, वेट बर, े टॉवर, वचरी बर, आयनाइिजंग बर एवं इले ो े िटक
ेिसिपटे टर

औ ोिगक िगयरः औ ोिगक िगयर म मु तः िगयर और िगयर बॉ होते ह िगयर का योग दो मूलभूत
उ े ों के िलए होता है - घूणन की गित को बढ़ाना अथवा घटाना एवं श अथवा टाक को बढ़ाना या
घटाना मशीन का मह पूण अंग होने के कारण िविभ उ ोगों म िगयर का अिधक योग होता है इनम
ऑटोमोिटव उ ोग, कोयला संयं उ ोग, कागज़ उ ोग, खनन एवं कई अ उ ोग शािमल ह इन
उ ोगों म इनका ापक योग होता है इनका इ ेमाल क ेयरों (चलने वाले प ा), एलीवेटरों, भ ों,
सेपरे टरों, े नों और लु ीकेशन िस मों म िकया जाता है िगयरबॉ एक कार का धातु का केस है
िजसम िगयरों की एक टे न सीलबंद कर दी जाती है िगयर और िगयर बॉ ों के िविनमाण म उ सू ता
वाली मशीनों और सटीक असबली का योग होता है ोंिक मशीनी श को शोर के बगैर और कम से
कम नुकसान के साथ अंत रत करना होता है दे श म िविभ कार के िगयर जैसे र िगयर, हे िलकल
िगयर, वाम िगयर, ाइरल िगयर आिद बनाए जाते ह िगयर और िगयर बॉ की मां ग मु प से
औ ोिगक मशीनरी, मशीन टू एवं उपभो ा तथा वाहन उ ोगों के िवकास पर िनभर करती है वाहन
उ ोग म औ ोिगक वृ की संभावनाओं को दे खते ए िगयर और िगयर बॉ ों के मां ग तेजी से बढ़ने की
उ ीद है

सू , लघु एवं म मउ म
िपछले पां च दशकों म सू , लघु एवं म म उ म (एमएसएमई) े भारतीय अथ व था म एक जीवंत
और मजबूत े के प म उभरा है एमएसएमई बड़े उ ोगों के मुक़ाबले अपे ाकृत कम पूंजी की लागत
पर न केवल बड़े र पर रोज़गार के अवसर मुहैया कराने म मह पूण भूिमका िनभा रहे ह ब ामीण
और िपछड़े इलाकों के औ ोगीकरण म भी मदद कर रहे ह, और इस कार रा ीय आय एवं संपि के
िवतरण म समानता सुिनि त करते ए े ीय असंतुलन को कम कर रहे ह
एमएसएमई सहायक इकाइयों के प म बड़े उ ोगों के पूरक ह यह े दे श के सामािजक व आिथक
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िवकास म ब त बड़ा योगदान दे रहा है सू , लघु एवं म म उ म मं ालय मौजूदा उ मों को सहयोग
दे कर और नए उ म शु करने के यासों को ो ाहन दे कर संबंिधत मं ालयों, िवभागों, रा सरकारों
और इससे जुड़े अ प ों के सहयोग से इस े , िजसम खादी, ाम एवं कोयर उ ोग भी शािमल ह, के
ो ाहन और िवकास के ारा एक गितशील े की प रक ना करता है
सू , लघु एवं म म उ म िवकास कानून 2006 म अिधसूिचत िकया गया था िजसका उ े इस े
की प रिध और िनवेश की सीिलंग के साथ एमएसएमई को भािवत करने वाले मु ों का समाधान करना
था यह कानून पहली बार, उ म, की अवधारणा की मा ता के िलए कानूनी परे खा मुहैया कराता है
िजसम िविनमाण एवं सेवा इकाइयां दोनों शािमल ह इस कानून म पहली बार म म उ म को प रभािषत
िकया गया है और इन उ मों की तीन ेिणयों सू , लघु और म म को आपस म जोड़ता है इसके
अलावा यह कानून संबंिधत प ों के सभी वग खासकर उ मों की तीन ेिणयों के संतुिलत ितिनिध के
साथ रा ीय र पर वैधािनक परामश तं मुहैया कराता है
सन् 2007 म भारत सरकार (काय िनयतन) कानून, 1961 म संशोधन के बाद पूववत लघु रीय उ ोग
मं ालय और कृिष एवं ामीण उ ोग मं ालय का िवलय करके सू , लघु एवं म म मं ालय बना िदया
गया था अब यह मं ालय एमएसएमई की सहायता करने और उ आगे बढ़ाने के उ े के साथ उसके
िलए नीितयां बनाता है और ो ाहन दे ता है , काय म तैयार करता है एमएसएमई के संवधन और िवकास
का पहला उ रदािय रा सरकारों का है लेिकन भारत सरकार िविभ काय मों के मा म से रा
सरकारों के यासों म सहायता करती है मं ालय और इसके संगठनों का काम रा सरकारों की ओर से
उ िमता, रोज़गार और आजीिवका के अवसरों को ो ाहन दे ने और बदले ए आिथक प र म
ित धा को बढ़ाने के यासों म सहयोग करना है वेबसाइट www.msme.gov.in

एमएसएमई की सं ा
नेशनल सपल सव ऑिफस ारा कराए गए नेशनल सपल सव (एनएसएस) के 73व च के अनुसार दे श म
633.88 लाख गैरिनगिमत गैर-कृिष आधा रत एमएसएमई इकाइयां थीं जो िविभ आिथक गितिविधयों म
लगीं थीं इनम वे एमएसएमई शािमल नहीं थीं जो (ए) फै रीज़ ए 1948, के से न 2एम(i) और
2एम(ii), (बी) कंपनीज़ ए 1956 और (सी) नेशनल इं ड यल ािसिफकेशन (एनआईसी) 2008 के
से न एफ के अंतगत आने वाली िनमाण गितिविधयों के तहत पंजीकृत थीं

खादी एवं ामो ोग आयोग


खादी एवं ामो ोग आयोग (केवीआईसी) िजसकी थापना संसद के अिधिनयम (1956 का 61) के अंतगत
की गई थी और 1987 व 2006 म िजसम संशोधन िकया गया था, एमएसएमई मं ालय के अधीन एक
सां िविधक सं था है यह ामीण े ों म रोज़गार के अवसर दान करने और उससे ामीण अथ व था को
मजबूत करने का काम करता है केवीआईसी गां वों म िन ित िनवेश के साथ िवक ीकृत े म
गैर-कृिषगत रोज़गार मुहैया कराने वाला एक मुख संगठन माना जाता है यह कौशल िवकास, तकनीकी
के ह ां तरण, अनुसंधान एवं िवकास, माक िटं ग जैसी गितिविधयां चलाता है और ामीण े ों म रोज़गार व
रोज़गार के अवसर पैदा करने म मदद करता है
वेबसाइट: www.kvic.org.in

कोयर बोड
कोयर उ ोग के सम िवकास को ो ािहत करने एवं इस पारं प रक उ ोग से जुड़े कामगारों की जीवन
थितयां सुधारने के िलए कोयर उ ोग अिधिनयम, 1953 के अंतगत थािपत कोयर बोड एक सां िविधक
सं था है कोयर उ ोग के िवकास के िलए कोयर बोड का काम कोयर उ ोग के वै ािनक, तकनीकी और
आिथक अनुसंधान एवं िवकास की गितिविधयां संचािलत करना, कोयर एवं कोयर उ ादों के िनयात तथा
आं त रक उपभोग संबंिधत आं कड़ों का सं ह करना, नए उ ादों एवं िडजाइन का िवकास करना, िनयात
एवं आं त रक िब ी के ो ाहन के िलए चार करना, भारत और िवदे श म कोयर एवं कोयर उ ादों की
माक िटं ग करना, िनमाताओं और िनयातकों के बीच अनुिचत ित धा पर अंकुश लगाना, उ ादों के
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िविनमाताओं के िलए इकाइयों की थापना म सहयोग करना, भूसी, कोयर फाइबर, कोयर धागे के
िनमाताओं एवं कोयर उ ादों के िविनमाताओं के बीच सहकारी संगठनों को ो ाहन दे ना, उ ादकों एवं
िविनमाताओं के िलए लाभ सुिनि त करना शािमल है
वेबसाइट: www.coirboard.gov.in

कपड़ा उ ोग
भारतीय कपड़ा उ ोग अपनी पूरी ि या म क ी साम ी के िवशाल आधार और िविनमाण श के साथ
िव के सबसे बड़े कपड़ा उ ोगों म से एक है इस उ ोग का अनोखापन यह है िक यह हथकरघा े और
पूंजी धान िमल े दोनों म ही मजबूत है िमल े म 3,400 कपड़ा िमल ह, जो 5 करोड़ से ादा
तकिलयों और 8,42,000 से ादा रोटरों की थािपत मता के साथ िव म दू सरे थान पर है पारं प रक
े जैसे- हडलूम, ह िश और लघु र की पॉवरलूम ईकाइयां ामीण और अध-शहरी े ों म लाखों
लोगों के िलए रोज़गार का सबसे बड़ा ोत ह कपड़ा उ ोग का कृिष, सं ृ ित और दे श की परं परा के
साथ एक अंतिनिहत संबंध है िजससे यह िविभ कार के कपड़े तैयार करता है जो घरे लू और िनयात दोनों
ही बाज़ारों के अनुकूल होते ह कपड़ा उ ोग को अगर मू के मामले म आं क तो यह कुल उ ोग म 7
ितशत, दे श के जीडीपी म 2 ितशत, दे श के कुल िनयात आय म 15 ितशत का योगदान करता है 4.5
करोड़ से ादा लोगों को रोज़गार दे ने वाला यह उ ोग दे श म सबसे ादा रोज़गार का सृजन करने
वाले ोतों म से एक है भारत के िवकास को समावेशी और सहभागी बनाने के उ े को ान म रखते
ए सरकार का मु उ े िविनमाण की बेहतरीन सुिवधाओं का िनमाण करके, नए योगों को बढ़ावा
दे ने के िलए तकनीकी का आधुिनकीकरण करके और कौशल व कपड़ा े म पारं प रक िवशेषताओं को
ो ाहन दे कर िविनमाण को बढ़ाना है
वेबसाइट: www.texmin.nic.in

इं िडया हडलूम ां ड: इं िडया हडलूम ां ड (आईएचबी) के ज रए भारतीय हथकरघा की दु िनयाभर म


पहचान बन गई है जो उ ािलटी और ाकृितक साम ी से बने असली हडलूम के उ ाद की गारं टी दे ता
है इसने आईएचबी के उ ादों को बेचने के िलए 100 खुदरा ोरों से साझेदारी कर रखी है दे शभर म 25
खुदरा ोरों ने काम शु कर िदया है 23 प रधान िनमाता आईएचबी के पंजीकृत बुनकरों से कपड़ा
मंगाने के िलए आईएचबी के िनमाताओं के साथ काम कर रहे ह और उ ोंने प रधानों की एक अलग ेणी
तैयार करके बाज़ार म उतार दी है दु िनयाभर म प रधानों के बड़े ां ड हथकरघों के इ ेमाल से प रधानों
की एक अलग ेणी तैयार करने के िलए आईएचबी के साथ िमलकर काम कर रहे ह बीबा, पीटर इं ड
ओनाया पहले ही हडलूम के कपड़ों की एक अलग ेणी शु कर चुके ह हडलूम के बुनकरों/कारीगरों
को माक िटं ग का सीधा मंच मुहैया कराने के िलए ई-कॉमस की 21 बड़ी कंपिनयां हडलूम के उ ादों की
ऑनलाइन माक िटं ग करने म लगी ई ह

नए कदम
वीवस मु ा योजनाः बुनकरों को रयायती कज़ दे ने के िलए वीवस मु ा योजना शु की गई थी हर बुनकर
को मािजन मनी अिस स के तौर पर अिधकतम 10,000 पये और 3 साल के िलए े िडट गारं टी भी दी
जाती है

ई-धागा एपः भारत सरकार ने हथकरघा के बुनकरों को अ ी सेवा और चौबीसों घंटे ज री सूचना उपल
कराने के िलए 2016 म एं टर ाइज रसोस ािनंग (ईआरपी) और ई-धागा मोबाइल एप शु िकया था यह
एप 10 भाषाओं- िहं दी, अं ेजी, असिमया, ओिडया, क ड़, तिमल, तेलुगू, मलयालम, उदू और बां ा म
उपल है

बुनकर िम हे लाइन: हथकरघा के बुनकरों को उनके पेशे से संबंिधत सवालों का जवाब दे ने के िलए
2017 म एक बुनकरिम हे लाइन शु िकया गया है िजसका नंबर है 1800 208 9988 यह सेवा ह े
म 7 िदन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक सात भाषाओं- िहं दी, अं ेज़ी, तिमल, तेलुगू, बंगाली, क ड़ और
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असिमया म उपल है

िव ीय िनगमों के साथ एमओयूः 14 िचि त जगहों पर ओबीसी व एससी कारीगरों और बुनकरों की आय


बढ़ाने के उ े से भारत सरकार की योजनाएं लागू करने के िलए नेशनल बैकवड ासेज़ फाइनस
डे वलपमट कॉरपोरे शन (एनबीसीएफडीसी) और नेशनल िश ूल का ् स फाइनस डे वलपमट कॉरपोरे शन
(एनएसएफडीसी) के साथ एक एमओयू पर द खत िकया गया

हथकरघा बुनकरों के ब ों के िलए िश ा की सुिवधाएं : बुनकरों के ब ों को िश ा उपल कराने के िलए


इं िदरा गां धी नेशनल ओपन यूिनविसटी (आईजीएनओयू) और नेशनल इं ी ूट ऑफ ओपन ू िलंग
(आईजीएनओयू) के साथ एक एमओयू पर द खत िकया गया िजसके तहत मं ालय एससी, एसटी,
बीपीएल और मिहला बुनकरों के प रवारों को 75 ितशत फीस दे ती है

कारीगर हे लाइन: 2017 म सात भाषाओं- िहं दी, अं ेजी, क ड़, असिमया, बंगाली, तिमल और तेलुगू म
एक हे लाइन नंबर 1800 208 4800 शु िकया गया

ह कला सहयोग िशिवरः हथकरघा बुनकरों और ह िश कारीगरों के िलए दे शभर म ह कला


सहयोग िशिवर आयोिजत जाते ह इन िशिवरों म लगभग 94,000 बुनकरों और कारीगरों ने िह ा िलया
इनम कई तरह की गितिविधयां जैसे बुनकरों और कारीगरों को मु ा ऋण, करघे, उनसे जुड़े सामान और
टू ल िकट बां टे गए, पहचान, आईडी काड और सूत पासबुक जारी िकए गए, इ ू और एनआईओएस के
तहत बुनकरों के प रवार के सद ों के नाम िलखाए गए, जीएसटी, जीआई, बुनकरिम हे लाइन और
सरकार के हथकरघा व ह िश िवभाग की योजनाओं के बारे म जानका रयां दी गईं

रे शम
भारतीय उपमहा ीप म रे शम (िस ) एक िवलािसता की व ु है भारत म 97 ितशत क ा मलबेरी
(शहतूत) रे शम का उ ादन पां च रा ों- कनाटक, आं दे श, तिमलनाडु , पि म बंगाल और ज ू-क ीर
म होता है ापा रक प से मह पूण तीन अ तरह के रे शम गैर-मलबरी रे शम की ेणी म आते ह
िजनके नाम ह- एरी, तसर और मूगा

कपास
कपास भारत म सबसे मह पूण नगदी फसलों म से एक है और दु िनया म कुल फाइबर उ ादन का
लगभग 25 ितशत िह ा दे श म ही होता है भारतीय कपड़ा उ ोग के क ा माल खपत वग या बा े ट
म कपास का िह ा करीब 59 ितशत है कपास करीब 58 लाख कपास िकसानों और कपास से जुड़े
कामों जैसे कपास की ोसेिसंग और ापार म लगे 4 से 5 करोड़ लोगों को आजीिवका मुहैया कराता है
भारत म सबसे ादा करीब 105 लाख हे े यर जमीन पर कपास की खेती होती है जो दु िनया म सबसे
ादा है और यह पूरी दु िनया म कपास की खेती की कुल ज़मीन का करीब 35 ितशत है कपास उ ोग
को सहयोग दे ने के िलए भारत सरकार दो बुिनयादी रे शा समूहों यानी मीिडयम े पल (रे शा) और लंबा रे शा
कपास के िलए ूनतम समथन मू (एमएसपी) की घोषणा करती है कपड़ा मं ालय के अधीन एक
सावजिनक े की कंपनी भारतीय कपास िनगम (सीसीआई) कपास की कीमत एमएसपी के र पर आ
जाने की थित म एमएसपी का काम दे खने के िलए भारत सरकार की मु एजसी है

जूट
भारत सालाना 80 लाख ग ों के साथ दु िनया म क े जूट का सबसे बड़ा उ ादक है भारत सरकार
भारतीय जूट िनगम ारा न केवल एमएसपी के ज रए जूट िकसानों का सहयोग करती है ब जूट
पैकेिजंग मैटी रयल (सामान पैक करने के िलए अिनवाय उपयोग) अिधिनयम, 1987 के तहत सालाना
करीब 6,000 करोड़ पये के मू वाले जूट के बोरों की सीधे तौर पर खरीद करके भी उ लाभ प ं चाती
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है यह केवल जूट िकसानों के िलए ही नहीं ब जूट िमल िमकों के िलए भी एक बड़ा सहयोग है 2016
से जूट के बोरों की खरीद के िलए एक सॉ वेयर ेटफाम, जूट- ाट, (जूट सैिकंग स ाई मैनेजमट एं ड
र ीिजशन टू ल) लागू िकया गया था इस सॉ वेयर के ज रए अलग-अलग रा सरकारों की एजिसयां
सालाना करीब 27 से 30 लाख ग ों ( जूट के कुल सामानों का करीब 68 ितशत) की खरीद कर रहीं ह
िजनकी कीमत करीब 7,000 करोड़ पये होती है यह ेटफाम ई गवनस का एक बेहतरीन उदाहरण है
जहां इस उ ोग से जुड़े ढे रों िह ेदार िविभ रा सरकारों के िलए जूट के बोरों की खरीद, िजसम कई
सारे जूट िमल और मझोिलए भी शािमल होते ह, से संबंिधत जिटल लेन-दे न के िलए बड़े पारदश तरीके से
एक ही ेटफाम का इ ेमाल कर रहे ह जूट िकसानों की आय कम से कम 50 ितशत तक बढ़ाने के
िलए मािणत बीजों और कृिष की बेहतर जानकारी के ज रए, जूट-आईकेयर, शु िकया गया है

ऊन
ऊन े के सम िवकास के िलए मं ालय ने एक एकीकृत काय म शु िकया है िजसका नाम ह
एकीकृत ऊन िवकास काय म (आईड ूडीपी) यह काय म अगले तीन वष म ऊन का उ ादन
करने वाले बड़े रा ों म क ीय ऊन िवकास बोड के मा म से लागू िकया जाएगा पशमीना े के
िवकास के िलए एक काय म की घोषणा की गई थी

तकनीकी कपड़ा
तकनीकी कपड़े को कपड़ा उ ोग का भिव माना जा रहा है इसके रे शे वजन म ह े और इससे बने
कपड़े अब तक के सबसे मजबूत कपड़े ह इनका इ ेमाल ऑटोमोबाइल, एयरो ेस, वा ुिश और
िब ं ग, ावसाियक िचिक ा, खेलकूद और प रधान उ ोग म िकया जाता है 11 फोकस इन ुबेशन
सटर (एफआईसी) ग एं ड े मॉडल पर (पां च सीओई म और छह आईआईटी–िद ी, मुंबई, कानपुर
तथा खड़गपुर) म लगाए ह तािक संभािवत उ िमयों को तकनीकी कपड़ा उ ोग म कदम रखने म मदद
िमल सके ए ो टे टाइल के योग को बढ़ावा दे ने के िलए पूव र (नॉथ-ई ) े म 44 दशन क
और दे श के शेष िह ों म 9 दशन क खोले गए ह टे टाइल रसच एसोिसएशन (टीआरए) ने काबन
फाइबर पर आधा रत अंत र संचार िस म िवकिसत िकया है इसके अलावा कम लागत वाले मॉ ुलर
शौचालय भी बनाए गए ह िजनम जूट के रे शों का इ ेमाल िकया गया है

पॉवरलूम े को ो ाहन
भारत म पॉवरलूम े एक असंगिठत े है , िजसम ढे रों सू और छोटी इकाइयां काम कर रही ह
24.86 लाख पॉवरलूम दे श म कुल कपड़े के 57 ितशत िह े का उ ादन कर रहे ह पॉवरलूमों की
ािलटी और उ ादकता बढ़ाने के िलए सरकार ने साधारण पॉवरलूमों को उ त बनाने के िलए पॉवरटे
इं िडया योजना के अंग के तौर पर साधारण पॉवरलूमों के उ यन शु िकया है िजसके तहत साधारण
पॉवरलूमों को ोसेस कंटोल उपकरण से जोड़ा जाता है और इससे उनकी उ ादकता बढ़ जाती है ,
ािलटी बेहतर होती है और कुल उ ादकता के मू म 50 ितशत से ादा की वृ हो जाती है

क ीय सावजिनक े उ म
भारी उ ोग एवं लोक उ म मं ालय, िजसम भारी उ ोग िवभाग और लोक उ म िवभाग शािमल ह,
कैिबनेट मं ी ( भारी उ ोग एवं लोक उ म) के अधीन काम करता है भारी उ ोग एवं लोक उ म
मं ालय म एक रा मं ालय भी होता है यह मं ालय तीन े ों के िवकास और वृ को ो ाहन दे ता है
जो इस कार ह- पूंजीगत माल, ऑटो और भारी िवद् ु यत उपकरण इसके अलावा यह 31 क ीय
सावजिनक े के उ म (सीपीएसई), 5 ाय शासी संगठनों को संचािलत करता है , क ीय लोक े के
उप मों (सीपीएसई) के िलए नीित-िनदश तैयार करता है और सम प से सीपीईसी का शासन दे खता
है अपनी भूिमका पूरी करने के िलए यह िवभाग दू सरे मं ालयों, सीपीईसी और संबंिधत संगठनों के साथ
सम य करता है इस िवभाग के कुछ मह पूण काम इस कार ह- सभी सावजिनक े के उप मों को
भािवत करने वाली आम नीित से संबंिधत मामलों का सम य, सावजिनक े के उप मों का मू ां कन
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और उसके कामकाज पर नज़र रखना िजसम समझौता ापन (एमओयू) की व था भी शािमल है , इस


तरह के उ मों के िलए परमानट मशीनरी ऑफ आरिबटे शन यानी म थता की थायी व था (पीएमए)
से संबंिधत मामले, सीपीएसयू म कमचा रयों के िलए परामश, िश ण और पुनवास, उ म को दोबारा
खड़ा करने, पुनसरचना या उसे बंद करने से संबंिधत मामलों म सलाह दे ना और सीपीएसी को ेणीब
करना, िजसम र का दजा दे ना भी शािमल है
वेबसाइट: www.dhi.nic.in, www.dpe.gov.in

उ ोग का कामकाज
सरकार ने औ ोिगक िवकास को बल दे ने के िलए ढे रों कदम उठाए ह इनम अ कदमों के साथ, मेक
इन इं िडया, ाटअप इं िडया और ईज ऑफ डूइं ग िबजनेस शािमल ह ापार की थितयों को आसान
और बेहतर बनाने के िलए जो कदम उठाए गए ह, उनम मौजूदा िनयमों को सरल व यु संगत बनाना और
सूचना ौ ोिगकी का इ ेमाल करना, िनवेशक सुिवधा को थािपत करना, ई-िबज़ पोट शु करना
और र ा उ ोगों के िलए औ ोिगक लाइसस की नीित को उदार बनाना शािमल है िवदे शी िनवेश
(एफडीआई) नीित और ि याओं को अ िधक सरल और उदार बना िदया गया है सरकार ने दे शभर म
औ ोिगक गिलयारों की िनमाण योजनाएं बनाई ह िजसका उ े औ ोिगक टाउनिशप के िवकास के िलए
िवकिसत ज़मीन और उ म बुिनयादी सुिवधाएं उपल कराना है

लोक उ म सव ण
लोक उ म िवभाग (डीपीई) ितवष संसद को एक िव ृत रपोट पेश करता है िजसे दे श म क ीय
सावजिनक े के उ म (सीपीएसई) के िव ीय एवं भौितक कामकाज पर लोक उ म सव ण के नाम से
जाना जाता है इस सव ण म सीपीएसई आते ह जो कंपनी ए के तहत या तो सरकारी कंपनी के तौर पर
थािपत िकए गए ह या संसद के िकसी अिधिनयम के तहत सां िविधक िनगम ह इसके अलावा यह केवल
उन सरकारी कंपिनयों का सव ण करता है िजनम भुगतान की गई पूंजी म सरकार की िह ेदारी 50
ितशत से ादा है लेिकन इसम सावजिनक े के कॉमिशयल बक और सावजिनक े की बीमा
कंपिनयां शािमल नहीं ह

इ ात
भारत सरकार का इ ात मं ालय लोहा एवं इ ात उ ोग की योजना और िवकास, आव क क े माल
जैसे- लौह अय , चूना प र, डोलोमाइट, मैगनीज़ अय , ोमाइट, लौह-अलॉय, ंज आयरन आिद के
िवकास और संबंिधत काय के िलए उ रदायी होता है क े इ ात के उ ादन और उसकी मता म
2013-2014 से लगातार बढ़ोतरी ई है

भारतीय इ ात की वैि क रिकंग


ोिवज़नल व ील एसोिसएशन (व ील) डाटा ( ोत: व ील इन फीगस, 2018) िदखाता है िक
2017 म िव म क ा इ ात का उ ादन 1689 एमटी था जो उससे पहले की अपे ा 3.8 ितशत ादा
था चीन क े इ ात के उ ादन म िव म पहले थान पर बना रहा और 2017 के दौरान एिशया म क े
इ ात के उ ादन म उसका िह ा 72 ितशत और िव म 49 ितशत रहा जबिक 2016 म यह मशः
74 ितशत और 50 ितशत था लेिकन मह पूण बात यह है िक भारत का क े इ ात का उ ादन
पहली बार 10 करोड़ टन का सीमा पार करके 2018 म 101.4 एमटी हो गया इस कार घरे लू इ ात
उ ोग के िलए 2017 मील का प र सािबत आ

उवरक
सकल घरे लू उ ाद (जीडीपी) म लगभग सातव भाग का योगदान दे ने वाली कृिष दे श की लगभग दो-ितहाई
जनसं ा का पालन-पोषण करती है इसके अलावा यह शेष जनसं ा को या परो प से सहारा
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दे ती है पंचवष य योजनाओं म खा ा उ ादन म आ िनभरता पर लगातार जोर िदया गया है और इस


िदशा म सतत यासों के फल प कृिष उ ादन और उ ादकता म अ ी-खासी वृ ई है घरे लू
ज रत को पूरा करने और िनयात के िलए अित र खा ा का उ ादन करने म रासायिनक उवरकों की
मह पूण भूिमका सविविदत है
उवरक िवभाग रसायन एवं उवरक मं ालय के अधीन आता है इस िवभाग का मु उ े वहन करने
यो क़ीमत पर उवरकों की पया व समय पर उपल ता और दे श म कृिष उ ादन म अिधकतम सीमा
तक वृ सुिनि त करना है िवभाग के मु काय म उवरक उ ोग का िनयोजन, संवधन एवं िवकास,
उ ादन का िनयोजन एवं उस पर नज़र रखना, उवरकों का िनयात और िवतरण, दे शी एवं आयाितत
उवरकों के िलए स डी की रयायत के ज रए िव ीय सहायता का बंधन शािमल है
इस िवभाग के पास अपने अधीन एक संब कायालय फिटलाइज़र इं िडया को-ऑिडनेशन कमेटी
(एफआईसीसी) है यह उवरकों की सावजिनक े की 9 इकाइयों (पीएसयू) को भी शािसत करता है
वेबसाइट: www.fert.nic.in

सावजिनक े की इकाइयां
फिटलाइजर कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड
जनवरी 1961 को थािपत एफसीआई को 1978 से नेशनल फिटलाइजर कॉरपोरे शन िलिम. (एचएफसी) के
साथ िमलाकर पां च कंपिनयों एफसीआई, एनएफएल, िहं दु ान फिटलाइजर कॉरपोरे शन िलिम.
(एचएफसी), रा ीय केिमकल एवं फिटलाइजस िलिम. (आरसीएफ) एवं ोजे ् स एं ड डे वलपमट इं िडया
िलिम. (पीडीआईएल) म िवभािजत कर िदया गया पुनसरचना के बाद एफसीआई के पास िसंदरी
(झारखंड), गोरखपुर (उ र दे श), रामगुंडम (आं दे श) और तलचर (ओिडशा) म चार इकाइयां ह,
िजनकी सालाना 5.87 लाख एमटी की कुल नाइटोजन उ ादन मता है कोरबा (छ ीसगढ़ म भी एक
प रयोजना है , जो बीच म ही छोड़ दी गई
वेबसाइट: www.fertcorpindia.nic.in
िहं दु ान फिटलाइजर कॉरपोरे शन िलिमटे ड
िहं दु ान फिटलाइजस िलिमटे ड का गठन 1978 म पूववत फिटलाइजर कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया
िलिमटे ड (एफसीआईएल) तथा एनएफएल ुप ऑफ कंपनीज़ के पुनगठन के फल प िकया गया था
एचएफसीएल म बरौनी इकाई (िबहार), दु गापुर इकाई एवं ह या इकाई (प.बंगाल) तथा नाम प इकाई
(असम) थीं 2002 म नाम प इकाई को अलग करके पु वैली फिटलाइजर कॉरपोरे शन िलिमटे ड
(बीवीएफसीएल) के नाम से अलग कंपनी बना दी गई
रा ीय केिमक एं ड फिटलाइजस िलिमटे ड
रा ीय केिमक एं ड फिटलाइजस िलिमटे ड (आरसीएफ) का गठन 1978 म पूववत फिटलाइजर
कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड (एफसीआईएल) के पुनगठन के बाद आ था गठन के समय कंपनी
के पास टां बे (मुंबई के िनकट) म केवल एक चालू इकाई थी और दो बड़ी प रयोजनाओं टां बे 4 और टां बे 5
पर काम चल रहा था टां बे से लगभग 100 िकमी दू र गैस से चलने वाली थल-वैशेट उवरक प रसर को बाद
म आरसीएफ ने तैयार िकया और उसने ावसाियक उ ादन 1985 म शु िकया
वेबसाइट: www.refltd.com
नेशनल फिटलाइजस िलिमटे ड
नेशनल फिटलाइजस िलिमटे ड (एनएफएल) की थापना 1974 म भिटं डा (पंजाब) एवं पानीपत (ह रयाणा)
म एलएसएचएस के साथ दो नाइटोजन संयं बनाने के िलए की गई थी, िजनम ेक की सालाना 5.11
लाख एमटी यू रया उ ादन की मता थी 1978 म एफसीआई का पुनगठन होने के बाद उसकी नां गल
इकाई (नां गल िव ार प रयोजना समेत) भी एनएलएफ को दे दी गई
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वेबसाइट: www.nationalfertilizers.com
ोजे ् स एं ड डे वलपमट इं िडया िलिमटे ड
ोजे ् स एं ड डे वलपमट इं िडया िलिमटे ड (पीडीआईएल), जो पहले फिटलाइजस कॉरपोरे शन ऑफ
इं िडया िलिमटे ड का एक भाग था, का 1978 म एक अलग कंपनी के तौर पर पंजीकरण कर िदया गया
इस कंपनी का पंजीकृत कायालय नोएडा (उ र दे श) म है
वेबसाइट: www.pdilin.com
फिटलाइजस एं ड केिमक ावणकोर िलिमटे ड
फिटलाइजस एं ड केिमक ावणकोर िलिमटे ड (एफएसीटी) का गठन 1943 म िकया गया था 1947 म
एफएसीटी ने कोचीन (अब को ) के िनकट उ ोगमंडल म वािषक 50,000 एमटी की थािपत मता के
साथ अमोिनयम स े ट का उ ादन शु िकया 1980 म एफएसीटी सावजिनक े की इकाई बन गई
और 1982 के अंत म भारत सरकार इसम बड़ी शेयरधारक बन गई धीमी शु आत के बाद एफएसीटी
उवरकों एवं पेटोरसायनों के िविनमाण एवं िवपणन, इं जीिनय रं ग परामश एवं िडज़ाइन तथा औ ोिगक
उपकरणों के फैि केशन एवं िनमाण म िच के साथ ब -आयामी संगठन बन गई
वेबसाइट: www.pdilin.com
म ास फिटलाइजस िलिमटे ड
म ास फिटलाइजस िलिमटे ड (एमएफएल) की थापना भारत सरकार और अमरीका की अमोको
(एएमओसीओ) इं िडया इनकॉरपोरे शन के संयु उप म के प म 1906 म की गई थी इसम 1985 म
भारत सरकार की इ टी शेयर पूंजी 51 ितशत थी 1985 म अमोको अपनी िह ेदारी का िविनवेश कर
िदया िजसे भारत सरकार और एनआईओसी ने अपने-अपने अनुपात के िहसाब से खरीद िलया नई
िह ेदारी के अनुसार भारत सरकार के पास 67.55 ितशत और एनआईओसी के पास 32.45 ितशत
शेयर थे
वेबसाइट: www.madrasfert.nic.in
पु वैली फिटलाइजर कॉरपोरे शन िलिमटे ड
पु वैली फिटलाइजर कॉरपोरे शन िलिमटे ड (बीवीएफसीएल) की नाम प (असम) म दो प रचालन
ईकाइयां ह इसका कॉरपोरे ट कायालय भी नाम प म थत है कंपनी के अ ित ानों म नोएडा व
कोलकाता म जनसंपक कायालय एवं गुवाहाटी, िसलीगुड़ी तथा पटना म िवपणन कायालय ह
वेबसाइट: www.bvfel.com
एफसीआई-अरावली िज म एं ड िमनरल इं िडया िलिमटे ड
एफसीआई-अरावली िज म एं ड िमनरल इं िडया िलिमटे ड (एफएजीएमआईएल) की थापना फिटलाइजर
कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड (एफसीआईएल) की जोधपुर माइिनंग आगनाइजेशन (जेएमओ) से
अलग होने के बाद 2003 म कंपनी अिधिनयम, 1956 के अंतगत सावजिनक उप म के प म की गई थी
वेबसाइट: www.fagmil.nic.in

रसायन एवं पेटोरसायन


रसायन एवं पेटोरसायन िवभाग 1989 तक उ ोग मं ालय के अंतगत आता था उसके बाद इसे पेटोिलयम
एवं रसायन मं ालय के अधीन कर िदया गया िफर 1991 म रसायन एवं पेटोरसायन िवभाग को रसायन एवं
उवरक मं ालय के अधीन कर िदया गया यह िवभाग रसायन, पेटोरसायन और दवा उ ोग े के
िनयोजन, िवकास और िनयमों के िलए उ रदायी है इसके अधीन आने वाले कुछ उ ाद और काय इस
कार ह– दवाएं , उन दवाओं को छोड़कर जो अ िवभागों के िलए आवंिटत ह; कीटनाशक, कीटनाशक
कानून, 1968 को छोड़कर; शीरा; अ ोहल– औ ोिगक एवं शीरे से बना पेय; सभी काबिनक एवं
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अकाबिनक रसायन, केवल उ छोड़कर जो िकसी अ मं ालय या िवभाग के िलए आवंिटत नहीं ह;
पेटोरसायन; िसंथेिटक रबर; िवभाग से संबंिधत सभी उ ोगों का िनयोजन, िवकास, िनयं ण और उनका
सहयोग
वेबसाइट: www.chemicals.nic.in

रसायन एवं पेटोरसायन उ ोग


रसायन एवं पेटोरसायन उ ोग ान और पूंजी के भारी उपयोग वाला उ ोग है यह बढ़ते ए भारतीय
उ ोग का अिभ अंग है इसम मूलभूत रसायन और उनके उ ाद जैसे पेटोरसायन, उवरक, पट, वािनश,
गैस, साबुन, इ और टायलेटरी तथा औषिध आते ह यह उ ोग मूलभूत ज रत पूरी करने और जीवन
र बेहतर बनाने म मह पूण भूिमका िनभाता है यह उ ोग दे श के औ ोिगक और कृिष िवकास की
रीढ़ है और कई डाउन ीम उ ोगों मसलन- कपड़ा, कागज, पट, साबुन, िडटरजट, औषिध, वािनश आिद
उ ोगों को बुिनयादी साम ी दे ता है भारत म कई उ ृ एवं िवशेष रसायन बनते ह िजनका फूड
एिडिटव, िपगमट, पॉिलमर एिडिटव और रबर उ ोग म ऐंटी-ऑ ीडट के प म योग होता है
रसायन उ ोग म 100 ितशत एफडीआई की अनुमित है ादातर रासायिनक और पेटोरासायिनक
उ ाद लाइसस से मु ह उ मी को औ ोिगक नीित एवं संवधन िवभाग के पास एक औ ोिगक उ मी
ापन (आईईएम) जमा करना होता है , बशत इसम थान की सम ा न आ रही हो हािनकारक होने के
कारण केवल िन िल खत उ ादों के िलए लाइसस की ज रत होती है : हाइडोसाइिनक एिसड और उसके
ु पदाथ, फॉसजीन और उसके ु पदाथ, हाइडोकाबन के आईसोसाइनेट और डाई-
आईसोसाइनेट रसायन एवं पेटोरसायन िवभाग रा ीय पेटोरसायन नीित के तहत तीन काय म लागू कर
रहा है : (i) ा क पाक थािपत करना (ii) पॉिलमर तकनीकी म उ ृ ता का क थािपत करना, और
(iii) पेटोरसायन और ा क सं रण उ ोग म नई तकनीकी खोज के िलए रा ीय पुर ार
पेटोिलयम रसायन एवं पेटोरसायन िनवेश े
पेटोिलयम रसायन एवं पेटोरसायन िनवेश े (पीसीपीआईआर) नीित का उ े ब त बड़े र पर
एकीकृत और अनुकूल वातावरण म पेटोिलयम रसायन और पेटोरसायन े को ो ाहन दे ना है 2017 म
इस नीित का मसौदा तैयार िकया गया जो िवभाग के वेबसाइट पर उपल है
वेबसाइट: www.chemicals.nic.in
िहं दु ान आगिनक केिमक िलिमटे ड
मूलभूत काबिनक रसायनों म आ िनभरता पाने के िलए 1960 म िहं दु ान ऑगिनक केिमक िलिमटे ड
(एचओसीएल) का गठन िकया गया कंपनी की रसायनी (महारा ) और को (केरल) म दो िविनमाण
इकाइयां ह रसायनी इकाई (रासायिनक यौिगक) ने 1970-71 म और को इकाई (फेनोल यौिगक) ने
1987-88 म उ ादन शु िकया एचओसीएल भारत म डाई-नाइटोजन टे टॉ ाइड बनाने वाली इकलौती
कंपनी ह और इस रसायन की आपूित इसरो को उप ह ेपण काय म के िलए की जाती है
एचओसीएल की एक सहयोगी कंपनी मैसस िहं दु ान ोरोकाब िलिमटे ड (एचएफएल) है जो तेलंगाना
के ारम म थत है और हाइटे क इं जीिनय रं ग ा क पॉली टे टा ोरो एिथलीन (पीटीएफई) एवं ोरो
डाइ- ोरो मीथेन (सीएफएम-22) का उ ादन करती है
वेबसाइट: www.hoclindia.com
िहं दु ान इं से साइड िलिमटे ड
िहं दु ान इं से साइड (एचआईएल) की थापना डीडीटी के िनमाण एवं आपूित के िलए 1954 म की गई
थी 1957 म कंपनी ने डीडीटी बनाने के िलए उ ोग मंडल, केरल म और 1977 म रसायनी, महारा म
कीटनाशक मैलािथयन बनाने के िलए कारखाने लगाए एचआईएल की तीसरी इकाई पंजाब के भिटं डा
2003 म थािपत की गई रसायनी और उ ोगमंडल की इकाइयों म डीडीटी और कृिष रसायन दोनों के
िनमाण की सुिवधाएं ह जबिक भिटं डा की इकाई म केवल फामूलेशन और पैकेिजंग की सुिवधा है
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एचआईएल ा एवं प रवार क ाण मं ालय के रा ीय म रजिनत रोग िनयं ण काय म


(एनवीबीडीसीपी) के िलए डीडीटी की आपूित करने वाली एकमा कंपनी है कंपनी के कुल कारोबार म
डीडीटी का िह ा करीब 50 ितशत है कंपनी कुछ अ ीकी दे शों को डीडीटी और ाज़ील व अजटीना
जैसे दे शों को मैलािथयन एवं मकोजेब जैसे उ ादों का िनयात करती है कृिष े को उिचत कीमत पर
गुणव ा वाले कीटनाशकों की आपूित सुिनि त करने के िलए एचआईएल ने 1970 के दशक के उ राध म
कृिष रसायनों का िनमाण भी करने लगी और उसके पास कई कार के तकनीकी और फामुलेशन ेड के
कीटनाशक ह अपनी थित मजबूत करने के िलए इसने बीज के कारोबार म भी कदम बढ़ा िदया है कृिष
मं ालय से इसे रा ीय र की बीज एजसी (एनएलए) का दजा िमला आ है और यह रा ीय खा सुर ा
अिभयान (एनएफएसएम), रा ीय ितलहन एवं ऑयल पाम िमशन (एनएमओओपी) तथा एकीकृत बागवानी
िवकास िमशन (एमआईडीएच) जैसी सरकार ारा ायोिजत योजनाओं के िलए बीजों का उ ादन और
आपूित करती है इसके अित र कंपनी ने उवरक के े म भी वेश कर िलया है तािक कीटनाशकों,
बीजों और उवरकों जैसी कृिष संबंधी ज रत एक ही थान से पूरी की जा सक
वेबसाइट: www.hil.gov.in
िहं दु ान ोरोकाबस िलिमटे ड
िहं दु ान ऑगिनक केिमक िलिमटे ड (एचओसीएल) की सहायक कंपनी िहं दु ान ोरोकाब
िलिमटे ड (एचएफएल) की थापना 1983 म की गई थी यह ारम, िजला मेडक, तेलंगाना म थत है
कंपनी ने 1987 म उ ादन शु िकया और यह पॉलीटे टा ूरो एिथलीन (पीटीएफई) और ोरो डाइ-
ोरो मीथेन (सीएफएम-22) बनाती है पीटीएफई का इ ेमाल रासायिनक, यां ि क, िवद् ु यतीय और
इले ॉिनक उ ोगों म ब त ादा होता है इसके अलावा र ा और एयरो ेस े ों म भी इसका
रणनीितक उपयोग होता है सीएफएम-22 का योग शीतक के तौर पर िकया जाता है और पीटीएफई के
उ ादन के िलए भी इसका योग होता ह
वेबसाइटः www.hfl.co.in
असम गैस ै कर प रयोजना- पु ै कर एं ड पॉिलमर िलिमटे ड
क सरकार, ऑल असम ु डट् स यूिनयन (आसू) और ऑल असम गणप रषद (एएजीपी) के बीच समझौते
के फल प 1985 म असम गैस ै कर प रयोजना (एजीसीपी) आरं भ की गई यह प रयोजना असम
और पूव र े के िलए अ ंत आिथक मह रखती है एजीसीपी को 2016 म दे श को समिपत िकया
गया था
क ीय ा क एवं ौ ोिगकी सं थान
क ीय ा क एवं ौ ोिगकी सं थान (सीआईपीईटी) आईएसओ 9001:2008 ूएमएस, आईएसओ/
आईईसी-17020 माणन वाला उ ृ ा क सं थान है जो रसायन एवं पेटोरसायन िवभाग के अंतगत
आता है इसकी थापना 1968 म की गई थी सीआईपीईटी की िविवध गितिविधयों म ा क ौ ोिगकी
के सभी े ों जैसे- िडजाइन, सीएडी/सीएम/सीएई, टू ल, ा क सं रण, परी ण एवं गुणव ा
आ ासन आिद म कौशल िवकास, उ ोग को तकनीकी सहयोग, िश ा और अनुसंधान एवं िवकास ( ार)
आिद शािमल ह सीआईपीईटी का दायरा बढ़ा िदया गया है और यह अब दे श के 18 रा ों म 30 क ों पर
काम कर रहा है इसके पां च हाई लिनग सटर (एचएलसी) ह िजनम अंडर ेजुएट, पो ेजुएट और
डॉ रे ट की िडि यां दी जाती ह इनके अलावा 12 िड ोमा सटर ह जो िड ोमा व कौशल वाले कोस पर
कि त ह, 6 ावसाियक िश ण क (वीटीसी) ह जो बेरोज़गार युवाओं को बेहतर रोज़गार दे ने के िलए
ावसाियक कौशल िवकास का िश ण दे ते ह, 3 आरएं डडी िवं ह जो ा क इं जीिनय रं ग और
ौ ोिगकी के े म वहारमूलक अनुसंधान म लगे ह, 3 िवशेष सटर ह जो अपने-अपने िविश े ों म
शैि क कोस और तकनीकी सहयोग सेवा मुहैया कराते ह और ा क सं रण एवं रसाइिकिलंग
तकनीकी म ऑपरे टर र का िश ण कोस कराते ह और एक पॉिलमर डे टा सिवस सटर है जो डे टाबेस
बनाने का काम दे खता है ये सटर अपने-अपने रा ों के िव िव ालयों से संब ह
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कीटनाशक सू ीकरण ौ ोिगकी सं थान


कीटनाशक सू ीकरण ौ ोिगकी सं थान (आईपीएफटी) की थापना 1991 म रसायन एवं पेटोरसायन
िवभाग के अधीन एक ाय शासी सं था के प म की गई आईपीएफटी कीटनाशकों के तकनीकी एवं
सू ीकरण, िविभ खा पदाथ म कीटनाशकों के अवशेषों और सीड ूसी संबंिधत रसायनों के परी ण
के िलए एनएबीएल मा ता ा योगशाला है सं थान की थापना का एक मु उ े पयावरण के
अनुकूल कीटनाशकों की फामुलेशन (सू ीकरण) ौ ोिगकी तैयार करनी है आईपीएफटी ने कीटनाशक
उ ोग के साथ िमलकर अ ा तालमेल िबठा िलया है और अभी तक वह भारतीय तथा िवदे शी कंपिनयों को
50 से अिधक कीटनाशकों की फामेुलेशन ौ ोिगकी सौंप चुका है

औषिध े
रसायन एवं पेटोरसायन िवभाग 1989 तक उ ोग मं ालय के अंतगत आता था उसके बाद इसे पेटोिलयम
एवं रसायन मं ालय के अधीन कर िदया गया िफर 1991 म रसायन एवं पेटोरसायन िवभाग को रसायन एवं
उवरक मं ालय के अधीन कर िदया गया यह िवभाग रसायन, पेटोरसायन और दवा उ ोग े के
िनयोजन, िवकास और िनयमों के िलए उ रदायी है इसके अधीन आने वाले कुछ उ ाद और काय इस
कार ह– दवाएं , उन दवाओं को छोड़कर जो अ िवभागों के िलए आवंिटत ह; कीटनाशक, कीटनाशक
कानून, 1968 को छोड़कर; शीरा; अ ोहल- औ ोिगक एवं शीरे से बना पेय; सभी काबिनक एवं
अकाबिनक रसायन, केवल उ छोड़कर जो िकसी अ मं ालय या िवभाग के िलए आवंिटत नहीं ह;
पेटोरसायन; िसंथेिटक रबर; िवभाग से संबंिधत सभी उ ोगों का िनयोजन, िवकास, िनयं ण और उनका
सहयोग
वेबसाइट: www.pharmaceuticals.gov.in
औषिध मू िनधारण नीित
रा ीय मू िनधारण नीित-2012 (एनपीपीपी-2012) वष 2012 म अिधसूिचत की गई थी िजसका उ े
उिचत मू ों पर दवाओं ‘आव क दवाओं’ की उपल ता सुिनि त करने के िलए एक िनयामक ढां चा
बनाना था, साथ ही दवा उ ोग की वृ को सहयोग दे ने के िलए नई खोज व ित धा को भी पया
अवसर मुहैया कराना था तािक रोज़गार के उ े को पूरा िकया जा सके और सभी को अथ व था का
लाभ िमल सके इसके बाद, एनपीपीपी-2012 को लागू करने के िलए 2013 म एक नया ड (मू
िनयं ण) ऑडर अिधसूिचत िकया गया तािक आव क दवाओं की रा ीय सूची-2011 (एनएलईएम-2011)
के अनुसार िविश खुराकों व श यों के मू िनयंि त िकए जा सक इसे एनएलईएम-2015 म शािमल
की गई दवाओं को शािमल करने के िलए संशोिधत िकया गया उपरो सूची ा एवं प रवार क ाण
मं ालय की ओर से ा की गई थी, िजसने िचिक ा संबंधी उ ादों के इ ेमाल के सम-सामियक ान के
संदभ म रा ीय आव क दवा सूची (एनएलईएम-2011) के संशोधन की समी ा व िसफ़ा रश के िलए एक
ए पट कोर कमेटी गिठत की थी

िचिक ा उपकरण उ ोग
िचिक ा उपकरण उ ोग एक िविवध उ ादों वाला उ ोग है जो िविभ कार के उपकरण बनाता है
िचिक ा उपकरणों और डाय ो के े म भारत एक बड़े बाजार के तौर पर बढ़ रहा है भारतीय
िचिक ा उपकरण उ ोग करीब 70 ितशत तक आयात पर िनभर है अ ंत उ त ौ ोिगकी वाले नए
उपकरण और ौ ोिगकी एक अ ी तरह से िवकिसत ढां चे म बनते ह, िजसे भारत म उपल कराने की
ज रत है तािक दे शी उ ोग को बढ़ावा िदया जा सकते और आयात पर िनभरता को कम िकया जा सके
2014 म भारत सरकार ने ‘मेक इन इं िडया’ काय म शु िकया था िजसका उ े भारत को िविनमाण
का एक वैि क क बनाना था और इस कार िवदे शी ौ ोिगकी और पूंजी को भारत म लाना था

भारत म िचिक ा उपकरण बाज़ार का आभार


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भारतीय िचिक ा उपकरण बाज़ार 15.8 ितशत सीएजीआर से 2009 म 2.02 अरब डॉलर (13,130 करोड़
पये) से बढ़कर 2015 म 3.9 अरब डॉलर (25,259 करोड़ पये) हो गया

धानमं ी भारतीय जनऔषिध प रयोजना


जनऔषिध योजना 2008 म शु की गई थी िजसका उ े िब ी क ों के मा म से जेने रक दवाइयां
िकफायती कीमतों पर बेचना था इसके िलए दे शभर के िविभ िजलों म जन औषिध क बनाए गए थे इस
योजना के कुछ उ े इस कार ह: बेहतर ािलटी की दवाइयां उपल कराना, अ ी ािलटी की
जेने रक दवाओं को ादा लोगों तक प ं चाना तािक ित इलाज की यूिनट लागत को कम िकया जा
सके, िश ा और चार के मा म से जेने रक दवाओं के बारे म जाग कता पैदा करना तािक ािलटी का
मतलब केवल ऊंची कीमत न हो
पहला जनऔषिध क 2008 म अमृतसर, पंजाब म खोला गया था इस योजना का मूल ल दे श के हर
िजले म जन औषिध ोर खोलना था हाल ही म, धानमं ी जनऔषिध योजना (पीएमजेएवाई) का नाम
बदलकर धानमं ी भारतीय जनऔषिध प रयोजना, (पीएमबीजेपी) और धानमं ी जनऔषिध क ,
(पीएमजेएके) का नाम धानमं ी भारतीय जनऔषिध क , (पीएमबीजेके) कर िदया गया

इं िडयन ड एं ड फामा ुिटकल िलिमटे ड


भारतीय ड एं ड फामा ुिटकल िलिमटे ड (आईडीपीएल) की थापना 1961 म की गई थी, िजसका
ाथिमक उ े आव क जीवनर क दवाओं म आ िनभरता हािसल करना था कंपनी के पास इस
समय तीन िविनमाण ईकाइयां ह- एक ऋिषकेश (उ राखंड), एक है दराबाद (आं दे श) और एक
गुड़गां व (ह रयाणा) म आईडीपीएल की पूण ािम वाली दो सहायक कंपिनयां ह िजनके नाम ह
आईडीपीएल िलिमटे ड, चे ई (तिमलनाडु ) और मुज रपुर (िबहार) म िबहार ड एं ड ऑगिनक
केिमक िलिमटे ड इसके अलावा आईडीपीएल के पास दो संयु उप म ह िज संबंिधत रा
सरकार मदद दे ती ह ये ह राज थान ड एं ड फामा ुिटक िलिमटे ड (आरडीपीएल), जयपुर और
ओिडशा ड एं ड केिमक िलिमटे ड (ओडीसीएल), भुवने र हालां िक सरकार ने आरडीपीएल को
आईडीपीएल से अलग करने का िनणय िलया है और अलग करने की ि या अभी चल रही है
वेबसाइट: www.idplindia.in

बंगाल केिमक एं ड फामा ुिटक िलिमटे ड


बंगाल केिमक एं ड फामा ुिटक िलिमटे ड (बीसीपीएल) पहले िनजी े की एक बीमार कंपनी थी
िजसका नाम बंगाल केिमक एं ड फामा ुिटक व था 1961 म बंगाल केिमक एं ड
फामा ुिटक के नाम से सावजिनक े की कंपनी बना दी गई कंपनी की चार िविनमाण ईकाइयां
मािणक लाल, कोलकाता, उ री 24 परगना (प.बंगाल), मुंबई (महारा ) और कानपुर (उ र दे श) म ह
यह कंपनी िविभ कार के औ ोिगक रसायनों का िनमाण और िब ी करती है , सौंदय साधनों और घरे लू
उ ादों के अलावा िविभ कार की दवाएं और औषिधयां भी बनाती है इसके लोकि य घरे लू उ ादों म
कथराइिडन हे यर ऑयल और लप ां ड िफनायल मुख ह
वेबसाइट: www.bengalchemicals.co.in

खदान एवं खिनज


खान मं ालय ाकृितक गैस, पेटोिलयम और परमाणु खिनजों को छोड़कर सभी खिनजों के सव ण एवं
उ नन के िलए, ए ुिमिनयम, तां बा, िजंक, सीसा, सोना, िनकल इ ािद जैसे गैर-लौह धातुओं के खनन
और धातु शोधन के िलए तथा खान एवं खिनज (िविनयमन और िवकास) अिधिनयम 1957 और उसके
अंतगत ाकृितक गैस, पेटोिलयम और परमाणु खिनजों को छोड़कर सभी खानों व खिनजों के संबंध म
बनाए गए िनयमों के साथ-साथ तटीय े खिनज (िविनयमन एवं िवकास) अिधिनयम 2002 और इसके
अंतगत बनाए गए िनयमों के शासन के िलए िज ेदार है
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खान मं ालय िजन काय के िलए िज ेदार है , वे ह; समय-समय पर संसद ारा या संसद ारा बनाए गए
िकसी कानून के अंतगत भारत की सीमा म आने वाले े के भीतर खानों के िनयमन खिनजों के िवकास के
िलए कानून बनाना इसम समु ी े या महा ीपीय सीमा या िवशेष आिथक े और भारत के अ
सामुि क े के भीतर पानी के नीचे थत खान और खिनज शािमल ह; कोयला, िल ाइट और रे त के
अलावा खानों के िलए िविनयमन और खिनजों के िवकास और कानून ारा घोिषत परमाणु ऊजा अिधिनयम,
1962 (1962 का 33) के उ े के िलए उ खत िकसी अ खिनज के साथ िविभ रा ों म खिनजों के
िवकास एवं िविनयमन से जुड़े और उनसे जुड़े मामले; िकसी अ मं ालय/िवभाग को िवशेष प से
आवंिटत नहीं की गई धातुएं एवं खिनज जैसे ए ुिमिनयम, ज ा, तां बा, सोना, हीरा, सीसा और िनकल;
मं ालय के साथ िमलकर काम करने वाले सभी उ ोगों का िनयोजन, िवकास, िनयं ण और सहायता;
भारतीय भू-वै ािनक सव ण तथा भारतीय खान ूरो का शासन और बंधन
वेबसाइट: www.minesgov.in

खिनज कानून और सुधार


खानों एवं खिनजों के िवकास एवं िविनयमन के िलए क ीय कानून खान एवं खिनज (िवकास एवं िनयमन)
अिधिनयम (एमएमडीआर), 1957 है जो 1958 से लागू आ एमएमडीआर की धारा-13 मुख खिनजों को
खिनज छूट दे ने के िलए िविनयमन संबंधी कानून बनाने का अिधकार सरकार को दे ती है खिनज छूट
िनयम, 1960 इसके अनुसार ही बनाए गए ह यह पयावरण की र ा के िलए और खिनजों के व थत
िवकास एवं संर ण के िलए िनयम बनाने का अिधकार सरकार को दे ती है िजसके अनुसार खिनज संर ण
एवं िवकास िनयम, 1988 बनाया गया एमएमडीआर, 1957 अिधिनयम की धारा-15 छोटे खिनजों के संबंध
म प े का आवंटन करने, खनन प े का आवंटन या अ खिनज रयायतों के िविनयमन के िलए िनयम
बनाने की अनुमित रा सरकारों को दे ती है िजसके अनुसार सभी रा सरकारों और कुछ क शािसत
दे शों ने इस संबंध म अपने-अपने िनयम बनाए ह
क सरकार की ओर से िन िल खत िनयम बनाए गए और उपरो अिधिनयम के नए संशोिधत
ावधान को भावी बनाने तथा खनन े को बल दे ने के िलए बनाए गए नए िनयम इस कार ह: खिनज
(खिनज साम ी के माण) िनयम 2015; खिनज (गैर-िवशेष टोह परिमट), 2015; खिनज (नीलामी) िनयम,
2015; और खिनज (सरकारी कंपिनयों ारा खनन) िनयम, 2015; खान एवं खिनज (िजला खिनज
फाउं डेशन को योगदान) िनयम, 2015; रा ीय अ ेषण ट िनयम, 2015; खिनज (परमाणु एवं
हाइडोकॉबन ऊजा खिनज छूट) िनयम, 2016; खिनज (सीिमत उ े के िलए नीलामी ारा मंजूर खनन
लीज़ का ह ां तरण) िनयम, 2016; परमाणु खिनज छूट िनयम, 2016; और खिनज संर ण एवं िवकास
िनयम, 2017

रा ीय खिनज अ ेषण ट
सरकार ने खुदान एवं खिनज (िवकास एवं कानून) संशोधन अिधिनयम 1957 की धारा 9सी की उपधारा 1
का अनुपालन करते ए रा ीय खिनज अ ेषण ट िनयम, 2015 को अिधसूिचत िकया है िजसका मु
उ े दे श म े ीय और िव ृत खिनज अ ेषण को ो ाहन िदया जा सके और खिनज उ ादन म वृ
के अलावा खिनज के े म िटकाऊ िवकास हािसल िकया जा सके

धानमं ी खिनज े क ाण योजना


सरकार ने धानमं ी खिनज े क ाण योजना (पीएमकेकेकेवाई) शु की है िजसे संबंिधत िजलों के
िजला खिनज ित ानों (डीएमएफ) ारा लागू िकया जाएगा पीएमकेकेकेवाई खनन का अनुकूल
वातावरण तैयार करने, भािवत की दशा म सुधार करने और सभी प ों को फायदा प ं चाने म
सहायता करे गी डीएमएफ के िलए एक रा ीय पोटल बनाया जा रहा है जो पीएमकेकेकेवाई के तहत
प रयोजनाओं के ि या यन पर नजर रखने म मदद करे गा ामीण िवकास मं ालय की िजला िवकास
सम य एवं िनगरानी सिमित िदशा पीएमकेकेकेवाई की िनगरानी करे गी
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रा ीय खिनज अ ेषण नीित


सरकार ने रा ीय खिनज अ ेषण नीित, 2016 (एनएमईपी) बनाई जो दे श के खिनज संसाधनों (गैर-ईंधन
और गैर-कोयला) की गहन खोज को सुिनि त करने के िलए सरकार की रणनीित का उ ेख करती है और
उसकी काय योजना के बारे म बताती है एनएमईपी का मु ल िनजी े की बढ़ी ई भागीदारी के
ज रए दे श म खिनजों के अ ेषण को तेज करना है

पारदिशता, नीलामी, िनगरानी और संसाधन संवधन


खिनज ॉक आवंिटत होने के बाद ज री िविभ मंजू रयों को िदलाने म सहयोग करने और उसे तेज
करने के िलए एक अंतर-मं ालयी समूह गिठत िकया गया है जो उ नन का काम ज ी शु करने के
िलए ज री मंजू रयों म तेजी लाएगा मं ालय ने एक पारदिशता, नीलामी, िनगरानी और संसाधन संवधन
(टीएएमआरए) पोटल और मोबाईल ए ीकेशन िवकिसत िकया है सां िविधक/अ मंजू रयों के िलए समय
के िनयोजन म सभी प ों के बीच आपसी संवाद के िलए एक मंच का काम करे गा

खदानों की ार रे िटं ग
खान मं ालय ने थायी िवकास ढां चा (एसडीएफ) लागू करने के िलए 2016 म खदानों/खनन प ों की ार
रे िटं ग की योजना शु की ार रे िटं ग तकनीकी, सामािजक-आिथक और पयावरणगत मानदं डों पर
खदानों के दशन के मू ां कन के आधार पर दी जाती ह और उनके गितिविधयों की व ुपरक रपोिटग
दे ती ह

खनन िनगरानी िस म
अवैध खनन के खतरे को रोकने के िलए एक उप ह-आधा रत िनगरानी िस म (एमएसएस) िवकिसत
िकया गया और शु िकया गया िजसका उ े तः दू र संवेदी खोज तकनीकी के ज रए एक भावी
खिनज शासन की व था थािपत करना है उप ह से िमली ताजा छिवयों का भू-संदिभत खनन लीज़
मानिच से िमलान िकया जाता है तािक े म िकसी अवैध खनन का पता लगाया जा सके

खिनज संसाधन
संयु रा वग करण संरचना (यूएनएफसी) पर आधा रत िविभ खिनजों के भंडारों/संसाधनों का
वग करण अ ैल 2010 म िकया गया था िजसके बाद रा ीय खिनज सूची तैयार की जाती है यूएनएफसी म
तीन आयामी व था है िजसके तीन े ह- आिथक ि से लाभ की संभावना, ावहा रकता का आकलन
और भौगोिलक आकलन

बॉ ाइट
संयु रा ा प वग करण (यूएनएफसी) के मुतािबक 2015 म बॉ ाइट का कुल संसाधन 38,970 लाख
टन है इन संसाधनों म 6,560 लाख टन भंडार और 32,400 लाख टन शेष संसाधन शािमल ह ेड के
अनुसार करीब 80 ितशत संसाधन धातु-शोधन ेड के ह असा िक के संसाधन और रासायिनक ेड
सीिमत मा ा म ह िजनकी कुल सं ा करीब 5 ितशत है रा ों के अनुसार, अकेले ओिडशा म दे श के
कुल बॉ ाइट का 51 ितशत संसाधन है , िजसके बाद आं दे श ( 16 ितशत), गुजरात (9 ितशत),
झारखंड (6 ितशत), महारा (5 ितशत), छ ीसगढ़ और म दे श ( ेक 4 ितशत) का थान आता
है बॉ ाइट के बड़े संसाधन ओिडशा और आं दे श म पूव समु तट के भंडारों म ह

ोमाइट
संयु रा ा प वग करण (यूएनएफसी) णाली के मुतािबक, 2015 म ोमाइट का कुल संसाधन करीब
3,440 लाख टन होने का अनुमान था िजसम 1,020 लाख टन भंडार (30 ितशत) और 2,420 लाख टन शेष
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संसाधन (70 ितशत) था ोमाइट के करीब 90 ितशत संसाधन ओिडशा म ह, ादातर जाजपुर और
ोंझर िजलों के सुिकंदा घाटी म थत ह छोटे भंडार मिणपुर, नगालड, कनाटक, झारखंड, महारा ,
तिमलनाडु , आं दे श और तेलंगाना म िबखरे ए ह ेड के िहसाब से चाज- ोम ेड की मा ा 31
ितशत है , िजसके बाद फेरो ोम ेड (18 ितशत), लाभ द ेड (25 ितशत) और असा ेड (14
ितशत) का नंबर आता है िन , अ , गैर-वग कृत और अ ात ेड की कुल मा ा 13 ितशत है

तांबा
2015 म तां बे के अय का कुल संसाधन 15,115 लाख टन है िजसम करीब 121.6 लाख टन तां बा धातु ह
इसम से 2077.70 लाख टन (13.74 ितशत) आरि त ेणी म आता है िजसम करीब 27.30 लाख टन तां बा
है और शेष 13,037.30 लाख टन (86.26), शेष संसाधन, ह िजनम 94.20 लाख टन तां बा है राज थान म
सबसे ादा 8,133.30 लाख टन तां बे का अय (54 ितशत) है िजसम 44.80 लाख टन तां बा है इसके
बाद म दे श 2834.30 लाख टन अय (19 ितशत) और 34.20 लाख टन तां बा, झारखंड 2953.90
लाख टन अय (20 ितशत) और 32.80 लाख टन तां बा, और शेष 7 ितशत आं दे श, गुजरात,
ह रयाणा, कनाटक, महारा , मेघालय, नगालड, ओिडशा, िस म, तिमलनाडु , तेलंगाना, उ राखंड और
पि म बंगाल म िबखरे ह

सोना
यूएनएफसी णाली के अनुसार, 2015 म सोने का कुल संसाधन ( ाथिमक एवं ेसर) दे श म 5.279.60
लाख टन था इसम से 172.30 लाख टन आरि त ेणी म रखे गए थे और शेष 5.107.30 लाख टन शेष
संसाधन की ेणी म सोने ( ाथिमक) का कुल संसाधन, धातु के मामले म, 654.74 टन था इसम से 70.09
टन आरि त ेणी म रखा गया था और 584.65 टन शेष संसाधन की ेणी म इन संसाधनों म ेसर टाइप
के सोने का अय केरल म है जो अनुमािनत 261.20 लाख टन है और इसम 5.86 टन सोना धातु है
रा वार दे ख तो सोने के अय ( ाथिमक) का सबसे बड़ा संसाधन िबहार (44 ितशत) म है , िजसके
बाद राज थान (25 ितशत) और कनाटक (21 ितशत), पि म बंगाल और आं दे श ( ेक 3
ितशत), तेलंगाना और म दे श ( ेक 2 ितशत) का नंबर आता है शेष ब त कम मा ा छ ीसगढ़,
झारखंड, केरल, महारा और तिमलनाडु म है धातु की मा ा के मामले म कनाटक सबसे ऊपर है िजसके
बाद राज थान, िबहार, आं दे श, झारखंड आिद का थान आता है

लौह अय
हे माटाइट और मैगनेटाइट भारत म सबसे मह पूण लौह अय ह करीब 50 ितशत हे माटाइट अय
के भंडार पूव से र म पाए जाते ह करीब 92 ितशत मैगनेटाइट अय के भंडार दि णी से र म ह,
खासकर कनाटक म हे माटाइट को उसके ऊंचे ेड के कारण बेहतर माना जाता है हे माटाइट के
भारतीय भंडार ी-कि यन लौह अय सीरीज के ह और यह अय बडे ड लौह अय फॉरमेशन के
अंतगत ह जो िवशाल च ानों, परतदार, भुरभुरे और चूण के प म भी होते ह
यूएनएफसी णाली के मुतािबक, 2015 म हे माटाइट का कुल संसाधन 2,24,870 लाख टन होने का
अनुमान था इसम से 54,420 लाख टन (24 ितशत), आरि त ेणी म ह और शेष 17,0450 लाख टन (76
ितशत), शेष संसाधन, की ेणी म ह ेड के िहसाब से गां ठों का िह ा करीब 56 ितशत, कोमल
(फाइन) 21 ितशत है , गां ठ और कोमल 13 ितशत और शेष 10 ितशत काला लौह अय , अ ात व
अ ेड के ह हे माटाइट के बड़े संसाधन ओिडशा म थत ह जो अनुमािनत 75,590 लाख टन (34
ितशत), इसके बाद झारखंड-52,860 लाख टन (24 ितशत), छ ीसगढ़ 48,580 लाख टन (22 ितशत),
कनाटक-24,870 लाख टन (11 ितशत) और गोवा-11,890 लाख टन (5 ितशत) का थान आता है
हे माटाइट के शेष संसाधन आं दे श, असम, िबहार, महारा , म दे श, मेघालय, राज थान और उ र
दे श म ह
मै ेटाइट एक अ मु लौह अय है यह भी ऑ ाइट के प म िमलता है यूएनएफसी णाली
के अनुसार 2015 म मै ेटाइट का कुल संसाधन 1,97,890 लाख टन था िजसम, आरि त, का िह ा केवल
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530 लाख टन है जबिक 1,07,360 लाख टन को शेष संसाधनों म रखा गया है ेड के आधार पर 20
ितशत संसाधन शोधन ेड के ह जबिक 80 ितशत संसाधन गैर-वग कृत, अ ात और अ ेड म आते
ह कोल वाशरी और फाउं डी ेड का अनुपात ब त कम है भारत के 96 ितशत मै ेटाइट संसाधन चार
रा ों- कनाटक 78,020 लाख टन (72 ितशत), आं दे श 13,920 लाख टन (13 ितशत), राज थान
6170 लाख टन (6 ितशत), और तिमलनाडु 5,070 लाख टन (5 ितशत) बाकी का 4 ितशत असम,
िबहार, गोवा, झारखंड, केरल, महारा , मेघालय और नगालड को िमलाकर है

सीसा और ज ा
युएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म सीसा और ज ा के अय ों का कुल संसाधन 7494.60 लाख टन
था इसम से 1,061.20 लाख टन आरि त ेणी म है और शेष 6,433.40 लाख टन (86 ितशत) शेष
संसाधन, की ेणी म ह अय के संसाधन, िजसम 10 ितशत से ादा सीसा और ज ा था, उसकी
मा ा अनुमािनत 1243.30 लाख टन थी और 5 से 10 ितशत सीसा व ज ा वाले संसाधन की मा ा
3298.80 लाख टन थी, 5 ितशत से कम सीसा व ज ा वाले संसाधन की मा ा 2,953.50 लाख टन थी
राज थान म सीसा और ज ा का संसाधन सबसे ादा 6,703.40 लाख टन (89.44 ितशत) था,
िजसके बाद आं दे श 226.90 लाख टन (3.02 ितशत), म दे श 148.40 लाख टन (1.98 ितशत),
िबहार 114.30 लाख टन (1.52 ितशत) और महारा 92.70 लाख टन (1.24 ितशत) था गुजरात,
मेघालय, ओिडशा, िस म, तिमलनाडु , उ राखंड और पि म बंगाल म भी इसके संसाधनों का अनुमान
है

मैगनीज़ अय
यूएनएफसी णाली के अनुसार, दे श म 2015 म मैगनीज़ का कुल संसाधन 4,960 लाख टन था इसम से
940 लाख टन को आरि त ेणी म रखा गया है और बाकी 4,020 लाख टन शेष की ेणी म ेड के िहसाब
से फेरो-मैगनीज़ की मा ा 7 ितशत, मीिडयम ेड 11 ितशत, बीएफ ेड 28 ितशत और शेष 54
ितशत िन , अ और अ ात ेड म आते ह िजनम 1.70 लाख टन बैटरी/रासायिनक ेड शािमल है
रा ों के िहसाब से ओिडशा 44 ितशत िह े के साथ सबसे ऊपर ह, िजसके बाद कनाटक 22
ितशत, म दे श 12 ितशत, महारा और गोवा ेक 7 ितशत, आं दे श 4 ितशत और झारखंड
2 ितशत का थान आता है राज थान, गुजरात और पि म बंगाल को िमलाकर करीब 2 ितशत संसाधन
है

िनकेल
ओिडशा के जाजपुर िजले की सुिकंदा घाटी म ोमाइट की परतों म िनकेिलफेरस िलमोनाइट िमलता ह
जो ऑ ाइड के प म होता है इसके उपयोग के िलए कोई समुिचत तरीका िवकिसत िकया जा रहा है
झारखंड के पूव िसंहभूिम म िनकेल तां बे के खिनजीकरण के साथ स ाइड के प म भी होता है इसके
अलावा यह झारखंड के जादु गुड़ा म यूरेिनयम के भंडारों के साथ भी पाया जाता है कनाटक, केरल और
राज थान म भी िनकल होने की ख़बर ह समु के तल म पॉलीमेटािलक नो ूल िनकल के एक अ ोत
ह यूएनएफसी के अनुसार, 2015 म िनकल का कुल संसाधन 1,890 लाख टन आं का गया था करीब 92
ितशत यानी 1,750 लाख टन अकेले ओिडशा म है बाकी 8 ितशत संसाधन झारखंड (90 लाख टन)
और नगालड (50 लाख टन) म ह कनाटक (2.30 लाख टन) म भी िनकेल का मामूली-सा संसाधन िमलता
है

टं ग न
यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म टं ग न अय का कुल संसाधन 874 लाख टन था, िजनम
1,42,094 टन ड ूओ3 (टं ग न ऑ ाइड) साम ी थी इन सभी संसाधनों को, शेष संसाधनों, की ेणी
म रखा गया है इसके संसाधन मु प से कनाटक (42 ितशत), राज थान (27 ितशत), आं दे श (
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17 ितशत) और महारा (9 ितशत) पाए जाते ह बाकी 5 ितशत संसाधन ह रयाणा, तिमलनाडु ,
उ राखंड और प. बंगाल म ह राज थान के दे गाना म िशरानुमा भंडारों म (वेन िडपॉिजट् स) ड ूओ3
साम ी 0.13 से लेकर 0.80 ितशत तक पाई जाती है जबिक बजरी वाले भंडारों म यह औसतन 0.04
ितशत होती है राज थान के िसरोही भंडार म ड ूओ3 साम ी 0.18 से 0.51 ितशत तक है

बैराइट
यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म बैराइट का कुल संसाधन 867 लाख टन था िजसम 59.2 ितशत
आरि त ेणी म और 40.8 ितशत शेष ेणी म रखा गया है ेड के अनुसार 64 ितशत संसाधन तेल-
कूप िडिलंग ेड का है और उसके बाद 6 ितशत रासायिनक ेड, 0.5 ितशत पट ेड, 27 ितशत िन
ेड़ है करीब 2.5 ितशत संसाधन अ , गैर-वग कृत और अ ात ेणी के ह आं दे श म दे श के कुल
बैराइट संसाधन का 92 ितशत भाग है िजसके बाद तेलंगाना और राज थान का थान आता है

हीरा
दे श म हीरे की उप थित ागैितहािसक काल से है इस समय भारत म हीरे के खानों को चार े ों म बां टा
जाता है : (1) आं दे श का दि ण भारतीय े , िजसम अनंतपुर, कड ा, गुंटूर, कृ ा और कुरनूल िजलों
और तेलंगाना के महबूब नगर िजले के िह े आते ह, (2) म दे श का म भारतीय े , िजसम प ा
इलाका और छतरपुर िजला आता है , (3) छ ीसगढ़ के रायपुर िजले म बेहरादीन- कोडावली इलाक़ा और
ब र िजले म टोकापाल, डूगापाल आिद इलाका और (4) मु प से ओिडशा का पूव भारतीय े , जो
महानदी और गोदावरी घािटयों के बीच पड़ता है
यूएनएफसी णाली के अनुसार, 2015 म भारत म हीरे का कुल संसाधन करीब 318.40 लाख कैरे ट था
इसम से 96 लाख कैरे ट को आरि त ेणी म रखा गया है और 308.70 लाख कैरे ट शेष ेणी म रखा गया है
ेड के अनुसार, करीब 2.38 ितशत संसाधन र िक के ह, 2.64 ितशत औ ोिगक िक के और 95
ितशत संसाधन गैर-वग कृत ेणी म आते ह रा ों के िहसाब से दे ख तो म दे श म अकेले 90.18
ितशत संसाधन ह, िजसके बाद आं दे श (5.73 ितशत) और छ ीसगढ़ (4.10 ितशत) का थान
आता है

डोलोमाइट
डोलोमाइट पूरे दे श म पाया जाता है यूएनएफसी के अनुसार, 1.4.2015 म डोलोमाइट का कुल संसाधन
84,150 लाख टन था इसम से 6790 लाख टन आरि त ेणी म रखा गया है करीब 88 ितशत संसाधन
आठ रा ों म थे: म दे श (27 ितशत), आं दे श ( 15 ितशत), छ ीसगढ़ (11 ितशत), ओिड़शा
(10 ितशत), कनाटक और राज थान ( ेक 7 ितशत), गुजरात (6 ितशत) और महारा (5 ितशत)
बाकी 12 ितशत संसाधन अ णाचल दे श, झारखंड, ह रयाणा, िस म, तिमलनाडु , उ राखंड, उ र
दे श और पि म बंगाल म बंटे ह

फायर- े
भारत म फायर े ऊ ारोधी िम ी के पया भंडार ह इसके सबसे ादा भंडार आं दे श के लोवर,
गोंडवाना के कोयला खदानों म कोयले की परतों के साथ िमलते ह इसके अलावा झारखंड, प.बंगाल, म
दे श और तिमलनाडु म नेवेली के िल ाइट कोयला खदानों म भी ये िमलते ह कुछ बड़े भंडार, जो कोयला
खदानों से जुड़े नहीं ह, गुजरात, म दे श के जबलपुर, और ओिडशा के बेलपहाड़-सुंदरगढ़ इलाके म ह
यूएनएफसी णाली के अनुसार, 2015 म फायर े का कुल संसाधन और भंडार 7,230 लाख टन था
इसम से अकेले ओिडशा म 24 ितशत था, िजसके बाद म दे श ( 18 ितशत), तिमलनाडु (16
ितशत), झारखंड (9 ितशत), राज थान व गुजरात ( ेक 8 ितशत) का नंबर आता है ेड के िहसाब
से कठोर ा क ेड सबसे ादा 37 ितशत है , िजसके बाद कठोर-अिनिद (14 ितशत) और
कठोर-गैर- ा क, सेमी- ा क (16 ितशत) का थान आता है शेष 33 ितशत अ , अवग कृत
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और अ ात ेड की ेणी म आते ह

ोराइट
यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म ोराइट का कुल संसाधन 188.8 लाख टन था इसम से 2.9
लाख टन आरि त ेणी म रखा गया है रा ों के िहसाब से गुजरात म 120 लाख टन के साथ कुल संसाधन
का 66 ितशत िह ा है इसके बाद 52.40 लाख टन के साथ राज थान (29 ितशत), 5.5 लाख टन के
साथ छ ीसगढ़ (3 ितशत) और 3.9 लाख टन के साथ महारा (2 ितशत) का थान है ेड के िहसाब से
संसाधनों को िब ी यो ेड (81 ितशत), िन ेड (17 ितशत) और गैर-वग कृत ेड (2 ितशत) म
बां टा जाता है

िज म
यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म भारत म िज म खिनज का कुल संसाधन 13,300 लाख टन था
िजसम से 370 लाख टन आरि त ेणी म रखा गया है और 12,930 लाख टन शेष ेणी म कुल संसाधनों म
से उवरक/पॉटरी ेड 80 ितशत है और सीमट/पट ेड 13 ितशत अवग कृत और अ ात ेड़ को
िमलाकर 5 ितशत संसाधन ह बाकी के 2 ितशत संसाधन सिजकल ा र, िम ी शोधन ेड म बंटे ह
रा वार ढं ग से दे ख तो राज थान म अकेले 81 ितशत और ज ू-क ीर म 14 ितशत संसाधन ह
बाकी 5 ितशत तिमलनाडु , गुजरात, िहमाचल दे श, कनाटक, उ राखंड, आं दे श और म दे श म
बंटे ह

ेफाइट
ेफाइट के ोत वैसे तो कई रा ों म िमलते ह लेिकन आिथक मह की ि से यह आं दे श, झारखंड,
कनाटक, केरल, ओिडशा, राज थान और तिमलनाडु म पाया जाता है यूएनएफसी णाली के अनुसार
2015 म ेफाइट का कुल संसाधन 1,948.90 लाख टन था िजसम से 79.60 लाख टन आरि त ेणी म और
1869.30 लाख टन शेष ेणी म रखा गया है कुल संसाधन का 37 ितशत िह ा अ णाचल दे श म है
िजसके बाद ज ू-क ीर (32 ितशत), ओिडशा (10 ितशत), झारखंड (9 ितशत) और तिमलनाडु (4
ितशत) का थान आता है लेिकन भंडार के मामले म झारखंड 52 ितशत के साथ पहले थान पर है
और उसके बाद 41 ितशत के साथ तिमलनाडु आता ह

िलमेनाइट
अ भारी खिनजों के साथ िलमेनाइट और टाइल समु ी तटों की रे त भंडारों के मह पूण घटक ह जो
पि म म र ािग र तट (महारा ) से लेकर पूव म ओिडशा के तट पर पाए जाते ह ये खिनज मु प से
केरल, तिमलनाडु , ओिडशा और आं दे श म िमलते ह
यूएनएफसी णाली के अनुसार, 2015 म िलमेनाइट ( ुको ीन समेत) का कुल संसाधन 3554.80
लाख टन था

केओिलन
यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म दे श म चीनी िम ी (फेओिलन) का कुल संसाधन 29,412.50 लाख
टन था इसम से 2294.70 लाख टन (8 ितशत) आरि त ेणी म रखा गया है ये संसाधन कई रा ों म
फैले ए ह, िजनम केरल 23 ितशत के साथ सबसे आगे ह, उसके बाद राज थान (18 ितशत), प.बंगाल
(14 ितशत), ओिडशा (10 ितशत) और कनाटक (9 ितशत) का नंबर आता है ेड के िहसाब से दे ख
तो करीब 25 ितशत या 7,710 लाख टन सेरािमक/पॉटरी ेड म आता है , 4 ितशत को केिमकल, पेपर
िफलर और सीमट ेड म रखा जाता है और करीब 70 ितशत या 20,400 लाख टन संसाधन िमि त,
अवग कृत, अ व अ ात ेड म आता है
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कायनाइट एवं िसिलमैनाइट


यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म भारत म कायनाइट का कुल संसाधन 1,050 लाख टन था
रा वार ढं ग से अकेले तेलंगाना म 46 ितशत संसाधन ह, िजसके बाद आं दे श (30 ितशत), कनाटक
(13 ितशत) और झारखंड (7 ितशत) का नंबर आता है शेष 4 ितशत संसाधन केरल, महारा ,
राज थान, तिमलनाडु और पि म बंगाल म ह यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म िसिलमैनाइट का
कुल संसाधन 702 लाख टन था ये संसाधन मु प से तिमलनाडु वे ओिडशा ( ेक 25 ितशत), उ र
दे श (16 ितशत), आं दे श (13 ितशत), केरल (10 ितशत) और असम (7 ितशत) म िमलते ह
बाकी के 4 ितशत संसाधन झारखंड, कनाटक, म दे श, महारा , मेघालय, राज थान और प. बंगाल म

चूना प र
यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म दे श म चूना प र का कुल संसाधन 20,32,250 लाख टन था 27
ितशत संसाधन के साथ कनाटक सबसे ऊपर है , िजसके बाद आं दे श और राज थान ( ेक 12
ितशत), गुजरात (10 ितशत), मेघालय (9 ितशत), तेलंगाना (8 ितशत) और छ ीसगढ़ (5 ितशत)
आता है यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म दे श म चाक या खिड़या िम ी का कुल संसाधन 67.5
लाख टन था िजसम से 50.6 लाख टन (75 ितशत) आरि त ेणी म रखा गया है और बाकी 16.9 लाख
टन शेष ेणी म है

अ क ( माइका)
अ क वाले िप ेटाइट प र मु प से आं दे श, िबहार, झारखंड, महारा और राज थान म िमलते
ह इसके अलावा गुजरात, ह रयाणा, कनाटक, केरल, ओिडशा, तिमलनाडु और पि म बंगाल म भी ये
प र िमलते ह यूएनएफसी णाली के मुतािबक 2015 म इसका कुल संसाधन 63,53,020 लाख टन था
आं दे श 40 ितशत संसाधन के साथ सबसे ऊपर था, िजसके बाद राज थान (28 ितशत), ओिडशा (16
ितशत), महारा (13 ितशत), िबहार (2 ितशत) और शेष (1 ितशत से कम) झारखंड व तेलंगाना म
है

मै ेसाइट
यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म मै ेसाइट का कुल भंडार/संसाधन करीब 3,940 लाख टन था
सबसे ादा संसाधन उ राखंड (59 ितशत) है , उसके बाद तिमलनाडु (25 ितशत) और राज थान (14
ितशत) का थान है इसके अलावा आं दे श, िहमाचल दे श, ज ू-क ीर, कनाटक और केरल म भी
इसके संसाधन ह तिमलनाडु म मै ेसाइट की उप थित म चूने की मा ा कम और िसिलका (प र) की
मा ा ादा है जबिक उ राखंड म चूने की मा ा ादा और िसिलका की मा ा कम है

फा े ट खिनज
यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म एपेटाइट का कुल संसाधन 240.40 लाख टन था इसकी सबसे
ादा मा ा पि म बंगाल (57 ितशत) म है , िजसके बाद झारखंड (30 ितशत) और मेघालय (5 ितशत)
है बाकी 8 ितशत संसाधन राज थान, आं दे श, गुजरात और तिमलनाडु म ह
यूएनएफसी णाली के अनुसार 2015 म रॉक फॉ े ट का कुल संसाधन 3,126.80 लाख टन था कुल
संसाधन का 34 ितशत झारखंड, 31 ितशत राज थान, 19 ितशत म दे श, उ र दे श और
उ राखंड म 8-8 ितशत है गुजरात और मेघालय म भी थोड़े से संसाधन िमलते ह

अ खिनज
भारत म बड़ी मा ा म िमलने वाले अ खिनज ह बटोनाइट (राज थान, गुजरात, तिमलनाडु झारखंड और
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ज ू एवं क ीर), कोरं डम (कनाटक, आं दे श, राज थान, तिमलनाडु तेलंगाना और छ ीसगढ़),


कै ाइट (आं दे श, राज थान, म दे श, तिमलनाडु , ह रयाणा, कनाटक, उ र दे श और गुजरात),
मु ानी िम ी (राज थान, तेलंगाना, अ णाचल दे श, असम, म दे श और कनाटक), गारनेट या लाल
मिण (तिमलनाडु , ओिडशा, आं दे श, राज थान और केरल), पाइराइट (िबहार, राज थान, कनाटक और
िहमाचल दे श, प.बंगाल और आं दे श), ीलाइट या सोप ोन (राज थान, उ राखंड, केरल, महारा ,
आं दे श और म दे श), वोलै ोनाइट (राज थान और गुजरात), जि़रकोन (केरल, तिमलनाडु और
ओिडशा की समु तटीय रे त), ाट् ज एवं िसिलका खिनज और ेनाइट लगभग सभी रा ों म िमलते ह
इसके अलावा दे श म संगमरमर, ेट और बलुआ प र भी बड़ी मा ा म िमलते ह संगमरमर मु प
से राज थान, गुजरात, ज ू-क ीर म और ेट आं दे श व ह रयाणा म िमलता है

भारतीय भूगभ सव ण
दे श म पृ ी िव ान का मुख संगठन भारतीय भूगभ सव ण (जीएसआई) सरकार, उ ोग और भूवै ािनक
े को पृ ी िव ान के बारे म मह पूण जानका रयां उपल कराता है 1851 म मु प से कोयले का
अनुसंधान करने वाले िवभाग के प म आरं भ ए जीएसआई ने िपछले 166 वष म अपनी गितिविधयों म
कई गुना िव ार िकया है और रा िनमाण के लगभग सभी े ों म या अ प से अपना
योगदान िकया है तं ता के बाद शानदार िवकास करने वाले इ ात, कोयला, धातु, सीमट एवं िबजली
जैसे जीवंत उ ोग रा ीय िवकास म जीएसआई के योगदान का बेहतरीन उदाहरण ह
जीएसआई के पास अब डे ढ़ शता ी से भी ादा समय म एक की गई सबसे अिधक एवं ापक
पृ ी िव ान संबंधी जानका रयां ह भारत सरकार ारा िनधा रत इसके प रचालन अिधकार प म
जीएसआई की गितिविधयों एवं दािय ों का िववरण िदया गया है , िजसम पृ ी िव ान से संबंिधत लगभग
सभी गितिविधयां शािमल ह रा ीय भूवै ािनक सूचना एवं ान के आधार को भूिम, समु ी एवं हवाई
सव णों के मा म से तैयार एवं अ तन करना एवं उनका सार करना जीएसआई का ाथिमक ल है
जीएसआई की वतमान गितिविधयों म सतह की मैिपंग, हवाई एवं दू रसंवेदी सव ण, तट से दू र सव ण,
खिनज एवं ऊजा संसाधनों का अ ेषण, इं जीिनय रं ग भूिव ान, भू-तकनीकी जां च, भू-पयावरणीय अ यन,
जल संसाधनों का भू-िव ान, भू-जो खमों का अ यन, अनुसंधान एवं िवकास, िश ण तथा मता िनमाण
एवं सूचना सेवाएं आिद शािमल ह
वेबसाइट: www.gsi.gov.in

ओसीबीआईएस एं ड नेशनल एयरो िजयोिफिजकल मैिपंग ो ाम


जीएसआई ने 2017 म एक ऑनलाइन कोर िबजनेस इं टी ेडेट िस म (ओसीबीआईएस) शु िकया जो
एक अ ाधुिनक आईटी आधा रत िस म है और िजसम एक ऑनलाइन िडिजटल ेटफाम का इ ेमाल
करते ए जीएसआई की सभी मुख गितिविधयों को समािहत िकया गया है इस िस म म डाटा संकलन
से लेकर डे टा संचयन, िव ेषण और िवतरण तक जीएसआई के काय को िडिजटल प म हण िकया
जाता है , साथ ही इसम जीएसआई की सभी शासिनक और िव ीय गितिविधयां भी शािमल होती ह
जीएसआई की सभी उपल भू-िव ान के डे टा को मु म दे खने एवं हािसल करने के िलए िजयो ैिटयल
ेटफाम पर डाल (अपलोड) कर िदया जाता है

भारतीय खान ूरो


1948 म थािपत भारतीय खान ूरो (आईबीएम) खान मं ालय के अधीन वै ािनक एवं तकनीकी संगठन है
िजस पर कोयला, पेटोिलयम एवं ाकृितक गैस, परमाणु खिनजों एवं लघु खिनजों के अित र खिनज
संसाधनों के संर ण तथा व थत अ ेषण का सां िविधक और िवकासा क दािय है
भारतीय खान ूरो खान एवं खिनज (िवकास एवं िनयमन) अिधिनयम, 1957 (2015 म संशोिधत) के
ासंिगक ावधानों तथा खिनज सव ण एवं िवकास िनयम, 2017, खिनज (परमाणु एवं हाइडो काबन ऊजा
खिनजों को छोड़कर) छूट िनयम, 2016 एवं पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 और उनके अंतगत बनाए
गए िनयमों के अनुसार िनयामक संबंधी काय करता है
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आईबीएम खनन उ ोग को खिनज संसाधनों का भू-वै ािनक आकलन करने तथा बेिनिफिसएशन
संयं ों समेत खनन प रयोजनाओं की वहायता रपोट तैयार करने की तकनीकी परामश सेवाएं दान
करता है यह खिनजों का मानिच बनाता है और दे शभर म प े वाले े एवं ीहो े म खिनज
संसाधनों के भंडारों का आकलन करता है यह खनन े ों म सामुदाियक िवकास काय मों को ो ाहन
दे ता ह आईबीएम खान एवं खिनजों के डे टाबक के प म भी काय करता है और सां कीगत सूचनाओं
को कािशत करता है यह खिनज िजंसों पर तकनीकी काशन/मोनो ाफ/बुलेिटन भी तैयार करता है
यह खिनज उ ोग के सभी प ों ापार और कानून आिद के बारे म क एवं रा सरकारों को परामश
दे ता है
खान मं ालय के शासिनक िनयं ण म तीन सावजिनक उप म (पीएसयू) ह नेशनल ए ुिमिनयम
कंपनी िलिमटे ड (नालको) और िहं दु ान कॉपर िलिमटे ड (एचसीएल) खनन एवं खिनज सं रण के े
म काम करते ह और िमनरल ए ोरे शन कॉरपोरे शन िलिमटे ड (एमईसीएल) खिनजों की खोज के े म
काम करता है
वेबसाइट: www.ibm.nic.in

नेशनल ए ुिमिनयम कंपनी िलिमटे ड


नेशनल ए ुिमिनयम कंपनी िलिमटे ड (नालको) इ ात एवं खान मं ालय के अधीन नवर ेणी का क ीय
सावजिनक उप म ह सावजिनक े म इसकी थापना 7 जनवरी, 1981 को ई थी और इसका पंजीकृत
कायालय भुवने र म है यह कंपनी समूह ‘ए’ का क ीय सावजिनक उप म है जो खनन, धातु एवं िबजली
े ों म एकीकृत व िविवध े ों म काम करता है 2016-17 म इसका कुल िब ी कारोबार 7,933 करोड़
पये था नालको दे श म सबसे बड़े एकीकृत बॉ ाइट-ए ूिमना ए ुिमिनयम-पॉवर-कॉ े म से एक
है कंपनी के पास ओिडशा म कोरापुट िजले के दमनजोड़ी म 68.25 लाख टन वािषक मता वाली
बॉ ाइट खान एवं 21 लाख टन वािषक मता (मानक मता) वाली ए ुिमना रफायनरी है तथा ओिडशा
के अंगुल म 4.60 लाख टन वािषक मता वाला ए ुिमिनयम े र व 1,200 मेगावाट मता वाला कैि व
िबजली संयं भी है ए ुिमना/ए ुमीिनयम के िनयात और का क सोडा के आयात के िलए िवजाग
बंदरगाह म नालको के पास प रवहन सुिवधाएं भी ह और वह कोलकाता तथा पारादीप बंदरगाहों पर भी
सुिवधाओं का उपयोग करती है कंपनी के पंजीकृत कायालय िद ी, कोलकाता, मुंबई, चे ई और बंगलु
म ह तथा घरे लू िवपणन के िलए दे श म िविभ थानों पर उसके 11 गोदाम ह
नालको दे श म सावजिनक े की पहली कंपनी है िजसने 1989 म लंदन मेटल ए चज (एलएमई) पर
पंजीकरण कराकर बड़े र पर अंतररा ीय बाज़ार म कदम रखा था कंपनी 1992 से बंबई ॉक
ए चज (बीएसई) पर सूचीब है आईएसओ 9001, आईएसओ 14001, ओएचएसएएस 18000 एवं एसए
8000 माणन के अित र कंपनी ने ऊजा माणन णाली के िलए आईएसओ 5001 मानक भी अपनाए

वेबसाइट: www.nalcoindia.com

िहं दु ान कॉपर िलिमटे ड


िहं दु ान कॉपर िलिमटे ड (एचसीएल) खान मं ालय के शासिनक िनयं ण के अधीन भारत सरकार की
िमनी र कंपनी है िजसका गठन कंपनी अिधिनयम, 1956 के अंतगत 1967 म िकया गया था तां बे के
भंडार के उ नन और अ ेषण से संबंिधत सभी संयं ों, प रयोजनाओं एवं अ यन को अपने हाथ म लेने
के िलए भारत सरकार के इस उप म की थापना की गई थी रा ीय खिनज िवकास िनगम िलिमटे ड से
े ं ग और रफाइिनंग का अिध हण भी इसम शािमल था यह तां बे का पूण प से उ ादन करने वाली
दे श की एकमा कंपनी है जो उ नन एवं तां बे को लाभकारी बनाने से लेकर े ं ग, रफाइिनंग तक
और तां बे को िब ी यो उ ादों म ढालने तक सभी काय यं करती है
वेबसाइट: www.hindustancopper.com

िमनरल ए ोरे शन कॉरपोरे शन िलिमटे ड


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िमनरल ए ोरे शन कॉरपोरे शन िलिमटे ड (एमईसीएल) आईएसओ 9001-2008 माणन के साथ दे श म


सावजिनक े की उ ृ खिनज अ ेषण कंपनी है 1972 म अपने गठन के बाद से कंपनी ने िव ृत
खिनज अ ेषण एवं खान िवकास की 1,371 से अिधक प रयोजनाएं पूरी की ह रा ीय खिनज भंडार म 160
अरब टन खिनज संसाधनों की वृ की है यह सरकारी और िनजी दोनों ही े म एक मुख संगठन है जो
एक ही थान पर खिनज अ ेषण से संबंिधत सारे काय करती है 1972 म अपनी थापना के समय से
एमईसीएल खिनज अ ेषण की आधुिनक तकनीकों को अपनाते ए अपनी मता को लगातार बढ़ाती आ
रही है और अब यह दे श म अ ेषण की एक मुख एजसी बन गई है
वेबसाइट: www.mecl.gov.in

नेशनल इं ी ूट ऑफ रॉक मेकेिन


नेशनल इं ी ूट ऑफ रॉक मेकेिन (एनआईआरएम) पूरे दि ण एिशया म एकमा सं थान है जो रॉक
मेकेिन म अनुसंधान के िलए बनाया गया है 25 वष से यह सं थान उ नन, पनिबजली प रयोजनाओं,
परमाणु ऊजा प रयोजनाओं, तेल एवं गैस से र और रे ल, सड़क, एयरपोट, अ ताल आिद बुिनयादी ढां चे
की प रयोजनाओं के ािधकरणों समेत िविभ क ीय, रा सरकार की एजिसयों को िवशेष ता मुहैया
कराता है
वेबसाइट: www.nirm.in

नेशनल इं ी ूट ऑफ माइनस हे
नेशनल इं ी ूट ऑफ माइनस हे , नागपुर (एनआईएचएस) खान मं ालय के अधीन थािपत एक
ाय शासी सं थान है , िजसका उ े खनन एवं खिनज आधा रत उ ोगों म कायरत लोगों म
ावसाियक ा को एवं ावसाियक बीमा रयों के िनरोध को ो ािहत करना है यह सं थान
ावसाियक ा , काय थल की िनगरानी से संबंिधत अनुसंधान एवं िवकासा क गितिविधयां चलाता
है सं थान ने ावसाियक ा और ता के े म ां ड इमेज और ापक तकनीकी सहयोग
सेवाएं उपल कराने की ित ा अिजत कर ली है
वेबसाइट: www.nimh.gov.in

जवाहरलाल नेह ए ुिमिनयम रसच डे वलपमट एं ड िडजाइन सटर


जवाहरलाल नेह ए ुिमिनयम इं ी ूट (जेएनआरडीडीसी) भारत सरकार के खान मं ालय और
यूएनडीपी के संयु उप म के प म 1989 म थािपत उ ृ ता का क है िजसका उ े भारत म
उभरते आधुिनक ए ुिमिनयम उ ोग को अनुसंधान एवं िवकास संबंधी सहायता उपल कराना है यह
क 1996 से काम कर रहा है क को िव ान एवं ौ ोिगकी मं ालय के वै ािनक एवं औ ोिगक
अनुसंधान िवभाग ने वै ािनक एवं औ ोिगक अनुसंधान संगठन के प म मा ता दान की है बॉ ाइट
से लेकर तैयार उ ाद तक सभी कार का अनुसंधान एवं िवकास एक ही थान पर करने वाला भारत का
यह एकमा सं थान है
यह क बॉ ाइट, ए ूिमना और ए ूिमिनयम के बुिनयादी और ावहा रक े ों म ाइमरी और
सेकंडरी दोनों हीं ए ूिमिनयम उ ादकों को अनसंधान एवं िवकास की ज रतों को पूरा करता है
जेएनएआरडीडीसी रे ड मड, धातुमल एवं र ी आिद जैसे ए ुिमिनयम उ ोग के अविश ों का भावी
तरीके से उपयोग करके लाभकारी बनाने की ि या, तकनीकी मू ां कन, बॉ ाइटों के उ तीकरण,
िबजली की खपत व पयावरण का दू षण कम करने के े म मह पूण योगदान िदया है और ोसेस
मॉडिलंग की सुिवधा के साथ ए ुिमिनयम उ ोग व पूरे दे श के िहत म काम िकया है
वेबसाइट: www.jnarddc.gov.in
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20 िविध और ाय

िध और ाय मं ालय भारत सरकार का सबसे पुराना अंग है यह 1833 से पुराना है जब ि िटश संसद
िव ने वष 1833 म चाटर अिधिनयम बनाया था इस अिधिनयम म पहली बार एक ािधकार, गवनर
जनरल ऑफ काउं िसल को िवधायी श यां दान की गईं थीं इस ािधकार के भाव और इं िडयन
काउं िस ए 1861 की धारा 22 के अंतगत िनिहत अिधकारों से गवनर जनरल की काउं िसल ने वष
1834 से वष 1920 तक दे श के िलए कानून बनाए भारत सरकार अिधिनयम, 1919 की शु आत के बाद
इसके अंतगत गिठत भारतीय िवधानमंडल ने िवधायी श यों का योग िकया भारत सरकार अिधिनयम,
1919 के बाद भारत सरकार अिधिनयम, 1935 आया भारतीय तं ता अिधिनयम, 1947 के पा रत होने
के साथ ही भारत एक तं उपिनवेश बन गया और तं उपिनवेश के िवधानमंडल ने इं िडया (अ थायी
संिवधान) आडर, 1947 ारा पां त रत भारत सरकार अिधिनयम, 1935 की धारा 100 के ावधानों के
अंतगत 1947 से 1949 तक कानून बनाए भारत के संिवधान के अंतगत िजसे 26 जनवरी, 1950 को लागू
िकया गया, उसके अंतगत िवधायी श यां संसद को दान की गईं
वेबसाइट: www.lawmin.gov.in
िविध और ाय मं ालय िविध काय िवभाग, िवधायी मामलों के िवभाग और ाय िवभाग को िमलाकर
बना है िविधक मामलों के िवभाग को संिवधान और कानूनों की िववेचना, अिभयोग, कानूनी पेशे, कानूनों म
सुधार, नाग रक कानूनों से जुड़े मु ों पर भारतीय िविध सेवाओं सिहत वृहद िविध सेवाओं आिद पर, िवदे शों
के साथ संिधयां एवं समझौते करने से जुड़ी िज ेदा रयां दी जाती ह वहीं िवधायी िवभाग के पास क
सरकार के मुख कानूनों के आलेखन का काय होता है ाय िवभाग के पास भारत के धान ायाधीश,
सव ायालय/उ ायालयों के ायाधीशों की िनयु , इ ीफे और उ हटाए जाने से जुड़े .
वेबसाइट: www.legalaffairs.gov.in, www.doj.gov.in, www.legislative.gov.in

भारतीय िविध व था
भारतीय िविध व था म चार घटकों को शािमल िकया गया है ये ह:- संिवधान म िनिहत बुिनयादी मू
तथा िस ां त, साधारण कानून से सौंपे गए अिधकार और िज ेदा रयां ; संिवधािनक िनयमों के तहत इन
अिधकारों तथा िज ेदा रयों को लागू करने के िलए संगठना क व था और िविध तथा ाियक कम
भारत एक लोकतां ि क दे श होने और यहां ितिनिध वाला लोकतं होने के नाते इसे जनता म िनिहत
सं भु ा के ित कई उ रदािय ों को िनभाना होता है
िविध के ोत
भारत म िविध के मुख ोत संिवधान, संिविध (कानून), पारं प रक (क मरी) कानून और िनणय िविध
(केस लॉ) ह कानून संसद, रा िवधानसभाओं और संघशािसत दे शों की िवधानसभाओं ारा बनाए जाते
ह इनके अलावा अनेक अधीन थ कानून ह िज िनयमों, िविनयमों और उप-कानूनों के प म क /रा
सरकारों तथा थानीय ािधकारों जैसे- नगर-िनगमों, नगर-पािलकाओं, ाम पंचायतों और थानीय िनकायों
ारा बनाया गया है ये अधीन थ कानून संसद अथवा संब रा अथवा संघशािसत दे श के िवधानमंडलों
ारा दान िकए गए अिधकार के अंतगत बनाए जाते ह उ अदालतों जैसे- उ तम ायालय और उ
ायालय के ाियक फैसले कानून के मह पूण ोत ह भारतीय े के अंदर सभी अदालत उ तम
ायालय के फैसलों को मानने के िलए बा ह थानीय प रपािटयां और परं पराएं जो अिधिनयम, नैितकता
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आिद के िव नहीं ह, उ भी मा ता है और कुछ े ों म ाय करते समय अदालतों ारा इ भी ान


म रखा जाता है
कानून बनाना
क ीय सूची म एक-एक करके बताए गए मामलों पर कानून बनाने का अिधकार संसद को ा है रा
सूची म एक-एक करके बताए गए मामलों पर रा िवधानमंडल कानून बनाने म स म ह रा सूची
अथवा समवत सूची म शािमल नहीं िकए गए मामलों पर कानून बनाने का अिधकार केवल संसद को ा
है समवत सूची म एक-एक करके बताए गए मामलों पर कानून संसद और रा िवधानमंडल दोनों के
ारा बनाए जा सकते ह लेिकन िवरोध की थित म, रा िवधानमंडल ारा बनाए गए कानून से अिधक
मह पूण संसद ारा बनाया गया कानून होगा िवरोध की थित म संसद ारा बनाया गया कानून तब तक
िन भावी होगा जब तक उसे रा पित की मंजूरी नहीं िमल जाती और ऐसी थित म वह उस रा म
भावी रहे गा
ायपािलका
संपूण ाियक व था के शीष म भारत का उ तम ायालय है ेक रा अथवा रा ों के समूह के
िलए एक उ ायालय है और उ ायालयों के अंतगत अधीन थ ायालयों का अनु म है कुछ
रा ों म छोटे -मोटे और थानीय कृित के दीवानी और फौजदारी िववादों का िनपटारा करने के िलए ाय
पंचायत, पंचायत अदालत, ाम कचहरी आिद नामों से पंचायत अदालत काम कर रही ह इन अदालतों के
अिधकार े म िविभ रा ों के कानून दान िकए गए ह
ेक िजले म सव अदालत िजला और स ायाधीश की होती है यह िजला अदालत दीवानी ाय
सीमा की धान अदालत है और इसम मृ ुदंड िदए जाने वाले मामलों सिहत हर तरह के अपराधों का
मुकदमा चलाया जा सकता है िजला और स ायाधीश िजले म सव ाियक ािधकार है उसके नीचे
दीवानी ाय करने का अिधकार रखने वाली अदालत ह िज िविभ रा ों म मुंिसफ, उप- ायाधीश,
िसिवल ायाधीश और इसी तरह के अ ायाधीशों के नाम से जाना जाता है इसी कार से दीवानी
अदालतों म मु ाियक मिज े ट तथा थम और ि तीय ेणी के ाियक मिज े ट आते ह
उ तम ायालय
ि िटश शासनकाल के दौरान, िकंग इन काउं िसल अथवा ीिव काउं िसल जैसािक आमतौर पर बुलाया जाता
था, भारत म अदालतों ारा िदए गए फैसलों और आदे शों से की गई अपीलों को सुनने का सव मंच था
1833 म ाियक सिमित कानून लागू होने के बाद, इसे ीिव काउं िसल की ाियक सिमित कहा जाने लगा
ाियक सिमित के फैसलों का सलाहकार मंच म वणन िकया जाता था, हालां िक, वहार म स ाट हमेशा
उसकी सलाह मानता था और यह सोचा भी नहीं जा सकता था िक उसकी रपोट को अमल म नहीं लाया
जाएगा ीिव काउं िसल एक चैनल के प म काम करती थी, िजसके ज रए अं ेजी िवचारों को भारतीय
कानूनों के साथ स िलत िकया गया इसने भारतीय और अं ेजी िविध व था के बीच सेतु का काम
िकया, िजसके माफत इं ड से भारत तक कानूनी ान प ं चा इसी िनकाय के ज रए भारत म कानूनी
व था के आधार के प म ि िटश शासनकाल के अंतगत इं ड के सामा कानून की शु आत की
गई अपने क रयर के दौरान भारत की सव अपील अदालत के प म करीब 200 वष की अविध के
िलए ीिव काउं िसल ने 2,500 फैसले सुनाए, और आज तक ये फैसले भारत म अनेक िबंदुओं पर कानून का
मुख ोत ह
हालां िक, भारत म उ तम ायालय की थापना की मां ग बढ़ रही थी, यह महसूस िकया जाने लगा था
िक ीिव काउं िसल म अपील करना काफी खच ला है और आम आदमी की प ं च से बाहर है सबसे
मह पूण कारण यह था िक इसने भारत की जनता के आ स ान को कम िकया था भारत सरकार
कानून, 1935 ने भारत म संघीय संिवधान पेश िकया, िजसम श यों का िवतरण क और संघटक
इकाइयों के बीच िकया गया भारत के संघीय ायालय ने 1 अ ू बर, 1937 से काम करना शु कर
िदया पहले से ही, संघीय ायालय का अिधकार े काफी सीिमत था, यह क और संघटक इकाइयों
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अथवा संघटक इकाइयों के बीच आपस म, परामश तथा उ ायालय के िनणय पर अपीलीय ाय करने
के अिधकार तक सीिमत था मूल प से ाय करने के अिधकार का इ ेमाल करते ए िदए गए फैसलों
अथवा संघीय ायालय अथवा ीिव काउं िसल की अवकाश अविध म संघीय ायालय से अपील ीिव
काउं िसल म जा सकती थीं संिवधान की ा ा से जुड़े मामलों म, प कारों को सबसे पहले उ
ायालय से अपील म संघीय ायालय म जाना पड़ता था और अ मामलों म उ ायालय से अपील
सीधे ीिव काउं िसल म जाती थीं वह सावजिनक मह के ऐसे सवालों पर सलाह दे सकती थीं जैसािक
अपने िववेक से गवनर जनरल ारा उ खत िकया जाता था संघीय ायालय का अपीलीय अिधकार
े 1948 की अिधिनयम सं ा 1 के लागू होने पर बढ़ गया और उ ीं प र थितयों म उ ायालय के
फैसलों से संघीय ायालय को अपील दान की जाती थीं, िजसम अपीलों को िवशेष अनुमित के िबना और
िकसी अ मामले म संघीय अदालत की िवशेष अनुमित के िबना ीिव काउं िसल म लाया जा सकता था
हालां िक, ीिव काउं िसल म संघीय ायालय अथवा काउं िसल की अनुमित से अपील करना अभी भी संभव
था
अग 1947 म तं ता ा कर अपनी राजनीितक आकां ाओं को हािसल करने के बाद, भारतीय
सरकार की ओर से संघीय ायालय के अिधकार े को बढ़ाने और उसे अिधक श यां दान करने की
मां ग उठी 1949 से ीिव काउं िसल म अपीलों की व था को समा कर िदया गया और अपीलीय ाय
करने का संपूण अिधकार संघीय ायालय म िनिहत कर िदया गया 26 जनवरी, 1950 को संघीय ायालय
ने नए संिवधान के अंतगत भारत के उ तम ायालय का माग श िकया भारत का उ तम ायालय
नई िद ी म ितलक माग पर थत है
28 जनवरी, 1950 को उ तम ायालय के उद् घाटन के बाद ायालय की कायवाही संसद भवन के
एक िह े म शु ई ायालय अपनी वतमान इमारत म 4 अग , 1958 को आया 1950 के मूल
संिवधान म उ तम ायालय म एक मु ायाधीश और 7 अधीन थ ायाधीशों की व था की गई
और इनकी सं ा बढ़ाने का काय संसद पर छोड़ िदया गया शु आती वष म सामने आने वाले सभी
मामलों पर सुनवाई करने के िलए उ तम ायालय के सभी ायाधीश एक साथ बैठा करते थे जैसे-जैसे
ायालय का काम बढ़ता गया और मामले बकाया होते चले गए, संसद ने ायाधीशों की सं ा बढ़ाकर
1956 म 10, 1960 म 13, 1977 म 17, 1986 म 25 और 2009 म 30 कर दी जो 1950 म केवल 7 थी जैसे
ही ायाधीशों की सं ा बढ़ी वे दो और तीन की छोटी पीठों म बैठने लगे, ज रत पड़ने पर मतभेदों और
िववादों का िनपटारा करने के िलए 5 और अिधक की बड़ी पीठों म एक साथ आने लगे
भारत का उ तम ायालय रा पित ारा िनयु मु ायाधीश और 30 अ ायाधीशों से
िमलकर बना है उ तम ायालय के ायाधीश 65 वष की उ म सेवािनवृ होते ह उ तम ायालय
का ायाधीश िनयु होने के िलए िकसी भी का भारत का नाग रक होना ज री है और वह कम से
कम पां च वष के िलए उ ायालय अथवा ऐसे ही दो या अिधक ायालयों म ायाधीश रह चुका हो,
अथवा उ ायालय म अिधव ा अथवा कम से कम दस वष के िलए दो या अिधक ऐसी ही अदालतों म
अिधव ा रह चुका हो अथवा रा पित की राय म वह एक िति त िविधवे ा हो उ ायालय के
ायाधीश की उ तम ायालय के तदथ ायाधीश के प म िनयु और उ तम ायालय और उ
ायालयों के सेवािनवृ ायाधीशों के िलए उ तम ायालय के ायाधीशों के प म बैठने और काय
करने के िलए ावधान मौजूद है संिवधान म िविभ तरीकों से उ तम ायालय के ायाधीशों की
तं ता सुिनि त करने की कोिशश की गई है उ तम ायालय के ायाधीश को केवल उसी थित म
हटाया जा सकता है जब संसद के ेक सदन म संबोधन के बाद रा पित आदे श पा रत करे और इसके
िलए उस सदन म दो-ितहाई सद ों की मौजूदगी और मतदान ज री है अभ वहार अथवा अ मता
सािबत होने के आधार पर ायाधीश को हटाने के िलए इसे उसी स म रा पित के सम रखा जाएगा
कोई भी जो उ तम ायालय का ायाधीश है उसके िकसी भी ायालय अथवा भारत के अ
िकसी ािधकार म वकालत करने पर रोक है उ तम ायालय की कायवाही केवल अं ेजी म ही होती
है उ तम ायालय के 2013 के िनयमों ने 1966 के िनयमों का थान िलया है ये िनयम उ तम
ायालय म वकालत करने और उसकी काय णाली को िनयिमत करने के िलए संिवधान के अनु े द 145
के अंतगत तैयार िकए गए ह माननीय ायाधीश रं जन गोगोई भारत के 46व मु ायाधीश ह
वेबसाइट: www.supremecourtofindia.nic.in
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उ ायालय
उ ायालय का अथ है रा के ाियक शासन का मुख दे श म 24 उ ायालय ह, िजनम से
तीन उ ायालयों का अिधकार े एक रा से अिधक है संघशािसत दे शों म केवल िद ी म अपना
उ ायालय है अ छह संघशािसत दे श िविभ रा ों के उ ायालयों के अिधकार े के
अंतगत आते ह ेक उ ायालय म एक मु ायाधीश और रा पित ारा समय-समय पर िनयु
िकए गए अ ायाधीश ह भारत के मु ायाधीश और रा के रा पाल की सलाह से रा पित उ
ायालय के मु ायाधीश की िनयु करते ह उ ायालय के ायाधीशों की िनयु की ि या
म केवल इतना अंतर है िक उ ायालय म ायाधीशों की िनयु की िसफ़ा रश संब उ ायालय
के मु ायाधीश ारा की जाती है
ायाधीश 62 वष की उ तक कायभार संभाल सकते ह ायाधीश की िनयु के यो होने के िलए
िकसी का भी भारत का नाग रक होना ज री है और उसने 10 वष तक भारत म ाियक कायालय संभाला
हो अथवा इतनी ही अविध के िलए उ ायालय अथवा ऐसी ही दो या अिधक अदालतों म अनु म म
अिधव ा के प म वकालत की हो

उ ायालय के अिधकार े और उसकी पीठ


ेक उ ायालय को अपने अिधकार े के अंदर आने वाली सभी अदालतों और ायािधकरणों की
दे खरे ख करने का अिधकार है वह ऐसी अदालतों से कामकाज का ोरा मां ग सकता है , सामा िनयम
बना सकता है और उ जारी कर सकता है और अदालतों की कायवाही को िनयिमत करने तथा तरीका
तय करने के िलए िनधा रत फाम बना सकता है िजसम खाता िवि यां और लेखा ोरा रखा जा सकता है
नीचे दी गई तािलका म उ ायालयों की पीठ और उनके े ािधकार की जानकारी दी गई है
उ ायालयों का नाम, उनकी मुख पीठ, बच और उनके अिधकार े
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सव ायालय और उ ायालय की मंजूर एवं काय श


उ तम ायालय और उ ायालय म ायाधीशों के मंजूर पदों, कायरत ायाधीशों और र पदों की
सं ा (01.02.2018 तक)
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उ तम ायालय और उ ायालयों के अिधकार


उ तम ायालय को अिधकार है िक वह िकसी भी अथवा ािधकार और सरकार को अपने
अिधकार े के अंदर मौिलक अिधकारों को लागू करने और िकसी अ उ े के िलए िनदश, आदे श दे
सकता है अथवा रट जारी कर सकता है इन अिधकारों का इ ेमाल िकसी ऐसे उ ायालय ारा भी
िकया जा सकता है जो वाद हे तु े ों के संबंध म पूण अथवा आं िशक प से इन अिधकारों को योग म ला
रहा हो, चाहे सरकार का आधार अथवा ािधकार अथवा ऐसे की रहायश उन े ों म न हो
अधीन थ अदालत
अधीन थ अदालतों की संरचना और कामकाज कुल िमलाकर दे शभर म एक जैसा है अदालतों के पदनाम
उनके कामकाज की जानकारी दे ते ह यह अदालत हर कार के दीवानी अथवा फौजदारी मुकदमों का
िनपटारा उ ा अिधकारों के अनुसार करती ह ये अदालत ि या को िनधा रत करने वाले दो
मह पूण कोडों, यानी कोड ऑफ िसिवल ोसीजर (सीपीसी), 1908 और कोड ऑफ ि िमनल ोसीजर,
सी.आर.पी.सी., 1973 का पालन करती ह और रा र पर संशोधनों ारा और मजबूत होती ह अ खल
भारतीय ायाधीश एसोिसएशन के मामले म डब ूपी (दीवानी) 1022/1989 म उ तम ायालय के
िनदश के अनुसार दे शभर म अधीन थ ाय णाली के ाियक अिधका रयों के िलए एक समान पदनाम
लाया गया यानी दीवानी प और फौजदारी प म िजला और अित र िजला ायाधीश, िसिवल
ायाधीश (सीिनयर िडवीजन) और िसिवल ायाधीश (जूिनयर िडवीजन), स ायाधीश, अित र स
ायाधीश, मु ायाियक मिज े ट और ाियक मिज े ट आिद जैसे िक जानकारी सी.आर.पी.सी. म दी
गई है सभी रा सरकारों/क शािसत शासनों ारा इनम से िकसी भी ेिणयों के साथ उनके समक
को िदखाकर वतमान पदों म ज रत पड़ने पर उिचत तालमेल िकया जाता है भारत के संिवधान के
अनु े द-235 के अंतगत अधीन थ ाियक सेवा के सद ों पर शासिनक िनयं ण संब उ ायालय
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के पास है इसके अलावा संिवधान के अनु े द-233 और 234 के साथ ा ा करने वाले अनु े द-309 के
ावधान के अंतगत द अिधकारों का इ ेमाल करते समय रा सरकार ऐसे रा के संबंध म अिधकार
े का इ ेमाल करते ए उ ायालय की सलाह से िनयम और िविनयम बना सकती है रा ाियक
सेवाओं के सद इन िनयमों और िविनयमों से संचािलत होते ह

ाय दान करने और कानूनी सुधारों के िलए रा ीय िमशन


ाय दान करने और कानूनी सुधारों के िलए रा ीय िमशन की थापना अग 2011 म की गई इसके दो
उ े ह- दे री और बकाया मामलों को कम करके प ं च बढ़ाना और ढां चागत प रवतनों और कामकाज के
मानक और मताओं को थािपत करके जवाबदे ही बढ़ाना यह िमशन ाियक शासन म बकाया मामलों
को चरणब तरीके से िनपटाने के िलए सम त यास कर रहा है , िजसम अ बातों के अलावा,
कं ूटरीकरण सिहत अदालतों के िलए बेहतर बुिनयादी ढां चा उपल कराना, अधीन थ अदालतों की
सं ा बढ़ाना, अ िधक मुकदमेबाजी की संभावना वाले े ों म नीितगत तथा िवधायी उपाय करना, मामलों
को तेजी से िनपटाने के िलए अदालती ि या की पुनरचना करना और मानव संसाधन िवकास पर जोर दे ना
है िमशन ने अपने उ े ों को पूरा करने की िदशा म ेक रणनीितक े ों म अनेक कदम उठाए ह
सभी रा ों ने सरकारी अिभयोजन म कमी लाने के िलए अपनी अिभयोग नीितयों को व थत िकया
है रा एजिसयों ारा अिभयोजन के सार म कमी लाने के िलए उनसे रा अिभयोजन नीितयों का
आकलन करने का िनवेदन िकया गया है कानूनी मामलों के िवभाग ने 2015 की रा ीय अिभयोजन नीित
का सू पात िकया िजस पर मौजूदा समय म सरकार गहराई से िवचार कर रही है
ाियक सुधार का एक ज री प अदालतों की पुनरचना णाली और कानूनी मामलों के शी िनपटान
से जुड़ा है समयोिचत ाय िमलने की िदशा म कानूनी ि या को बड़ी अड़चन के तौर पर माना गया है
दीवानी और फौजदारी के मामलों म कानूनी ि या की िदशा सुधारने के िलए उ ायालयों को एक
शोध-प भेजा गया शोध-प म ािवत सलाह को कई उ ायालयों से सकारा क िति या ा
ई इसी तरह अदालतों की पुनरचना और कानूनी मामलों को व थत करने का काय भी सव
ायालय के नेशनल कोट मैनेजमट िस म (एनसीएमएस) के अधीन िवचारणीय है पुनरचना ि या भी
ई-कोटस िमशन मोड ोजे के अंतगत चल रही है िववाद िनपटारों के िलए वैक क िविधयों को बढ़ावा
दे ने हे तु िजला और तालुका र अदालतों म म थता क ों को थािपत िकया जा रहा है सरकारी
अनुबंधों म सरकारी एजिसयों को म थता धारा रखने के िलए े रत िकया जा रहा है िजला और छोटी
अदालतों म मामलों के लंिबत रहने के पीछे ायाधीशों/ ाियक अिधका रयों की कमी मु कारण है
अतः नेशनल िमशन लगातार इस मु े पर रा सरकारों और उ ायालयों से िवमश कर रहा है
नतीजतन, इस िदशा म सभी प ों के स िलत यासों के अनुसार, िजला और अधीन थ अदालतों ाियक
अिधका रयों/ ायाधीश◌ों की सं ा 2012 म 17,715 से बढ़ाकर 2015 म 20,358 तक प ं च गई अब
मौजूदा र थानों को भरने के िलए िमशन उ ायालयों के साथ िवमश कर रहा है सभी अदालती
कमचा रयों को पूणतः िशि त करने पर भी जोर िदया जा रहा है
ाियक अवसंरचना
अधीन थ ाियक संबंधी अवसंरचना क िवकास की बुिनयादी िज ेदारी रा सरकारों की होती है
रा ों को ाियक अवसंरचना क िवकास म मदद दे ने के िलए 1993-94 म एक क ायोिजत योजना
अमल म लाई गई इसके अंतगत, अदालती इमारतों और ाियक अिधका रयों को रहायशी सुिवधाएं
िवकिसत करने का काय िकया गया 2011 तक क और रा सरकार इस योजना म बराबर अंशदान कर
रही थीं, परं तु 2011-12 से क सरकार ने इस योजना म अपना अंशदान 75 ितशत कर िदया पूव र के
रा ों के मामले म क सरकार 90 ितशत आिथक सहयोग करती है हालां िक, क ीय िनिध, योजना के
िलए बजट संबंधी आवंटन पर िनभर करती है 2015-16 िव वष म योजना के िलए बजटीय आवंटन पये
562.99 करोड़ था, 31 िदसंबर, 2015 तक रा /क शािसत दे शों के िलए पये 542.62 करोड़ की रािश
पा रत की गई 2015-16 से योजना के िलए आिथक अनुदान साझा करने का अनुपात 75:25 से 60:40
(क ः रा ) िकया गया पूव र के 8 रा ों और 3 िहमालयी रा ों के िलए यह अनुपात 90:10 रहा
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ई- ायालय समेिकत िमशन मोड प रयोजना


ई- ायालय समेिकत िमशन मोड प रयोजना दे श की िजला/अधीन थ अदालतों और उ ायालयों म
लागू की जा रही ई-गवनस प रयोजनाओं का अंश है इस प रयोजना की संक ना सव ायालय की ई-
किमटी ारा ‘भारतीय ायािधकरण-2005 म सूचना एवं सं ेषण तकनीकी के अमलीकरण की रा ीय नीित
एवं काययोजना’ के अंतगत तैयार की गई थी धान तथा तदथ अ के तौर भारत के धान ायाधीश
के संर ण म ई-किमटी का गठन 2004 म ायपािलका को आईसीटी समथ बनाने के िलए काययोजना
तैयार करने के आधार पर आ था
माच 2015 के अंत तक 14,249 अदालतों के कं ूटरीकरण के साथ ही सभी अदालतों (100 ितशत)
को कं ूटरीकृत करने की तैयारी शु हो गई थी इनम से, 13,606 अदालतों (95.49 ितशत) म एलएएन,
13,426 (94.3 ितशत) म हाडवेयर और 13,672 (95.90 ितशत) अदालतों म सॉ वेयर की शु आत हो
चुकी है

अिधकारिवहीन लोगों के िलए ाय की प ं च


अिधकारिवहीन लोगों तक ाय तक प ं च बनाने के िलए संयु रा िवकास काय म (यूएनडीपी) के साथ
साझेदारी म ाय िवभाग ने 2008 म एक दशक लंबा काय म शु िकया यह प रयोजना िबहार,
छ ीसगढ़, झारखंड, म दे श, राज थान, उ र दे श, महारा और ओिडसा के आठ यूएनडीएएफ
रा ों म सा रत की गई है इस प रयोजना म मु तः अिधकारिवहीन लोगों को ाय िदलाने के िलए
रणनीित िवकिसत करने का यास िकया गया है तािक कानूनी, सामािजक और आिथक े ों तक प ं चने म
अड़चने दू र हो सक इस समय प रयोजना अमलीकरण के दू सरे दौर म है 2008 से 2012 तक के इसके
पहले चरण के दौरान मह पूण योगदान िदया गया है
प रयोजना का दू सरा चरण 2013 से 2017 तक पां च वष के दौरान चला इस चरण म िपछली
उपल यों को आगे बढ़ाया गया और ाय की मां ग और उसकी आपूित की िदशा म काम िकया गया
प रयोजना के अंतगत, ाय िवभाग के साथ ाय दे यता और कानूनी सुधारों के िविश ल के िलए एक
तकनीकी सहयोग टीम को जोड़ा गया प रयोजना के दू सरे चरण म मां ग और आपूित पर िनरं तर ान
िदया जाएगा भौगोिलक ा के मामले म, प रयोजना बेहतर नतीजों के िलए, आठ रा ों, िबहार,
छ ीसगढ़, झारखंड, म दे श, महारा , ओिडसा, राज थान और उ र दे श के 1-2 चुिनंदा िजलों पर
ान कि त करे गी िपछले चरण म ा नतीजों को भावी काय म भी थायी रखे जाने को सुिनि त िकया
जाएगा

िविध मामले
ूयॉक समझौते के अनुसार, 1996 के आिबटे शन एं ड कंिसिलएशन अिधिनयम की धारा 44(बी) के
अंतगत, िवदे शों से आपसी रजामंदी के साथ िविध मामलों का िवभाग, पंचाट पुर ारों को अमल म लाने
वाला मुख िवभाग है 1965 के हे ग स ेलन के अनुसार, िविध मामलों का िवभाग, नाग रक और िव ीय
मामलों म, ाियक और ाये र द ावेजों को ुत करने वाला क ीय ािधकरण है इस दािय के
अनुसार, मई 2014 से मई 2017 तक 9309 ाथना-प ों पर काम िकया गया
िविधक सूचना बंधन और िववरण तं
िडिजटल इं िडया अिभयान के अंतगत, यह णाली अदालती मामलों के ोरों का िडिजटलीकरण कर
िविभ साझीदारों को एक मंच पर लाती है िकसी भी अदालती मामले के समूचे कायकाल के दौरान
एलआईएमबीएस उस मामले से जुड़े िविभ साझीदारों के बीच पारदिशता और भु भाव को बनाए
रखता है िविभ मं ालयों, उनके नोडल अिधका रयों और थानीय शासनों की मदद से, अ ाविध म ही
एलआईएमबीएस ने 1.36 लाख अदालती मामलों सिहत 5,500 पंजीकृत योगकताओं, 14,000 से अिधक
वकीलों और 12,00 ायालयों तक प ं च थािपत की है इसके पोटल पर 452 पंचाट मामले प ं चे ह 62
िविभ मं ालयों/िवभागों के संबंिधत अिधका रयों के िलए 200 ुितयां तैयार की गईं
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भावी िदशा
िविध मामलों के िवभाग ने संरचना और उसे िदए गए आदे श के भीतर सुशासन, ूनतम सरकार अिधकतम
शासन, ईज ऑफ डूइं ग िबजनेस और मुकदमेबाजी कम करने के उ े से अ बातों के अनु प
सावजिनक संबंधों से िनपटने म पारदिशता िन ता और जवाबदे ही के िस ां त को ो ािहत करने के
िलए कुछ मुख े ों की पहचान की क ाणकारी कृि होने के कारण सरकार का आकार िवशाल है
वृ , िवकास, िव ान और ौ ोिगकी, जनसं ा म वृ और अपने अिधकारों के ित लोगों म बढ़ती
जाग कता से उ थित से िनपटने के िलए नए साधन और कानून बनाए गए ह इस िदशा म नया
भारत-2022 की संक ना को पूरा करने के िलए िन िल खत बड़ी पहलों/सुधारों का ाव रखा गया है :
मुकदमों का आकलन
िवभाग ने छोटे से िववाद के मुकदमेबाजी का प लेने, उसके नतीजे लागू करने या न करने से उ सफर
के दौरान मामले की जां च के िलए आकलन/िविध परी ण/िदशािनदश तैयार करने के िलए ारं िभक उपाय
िकए ह तैयार िकए जाने वाले िदशा-िनदशों की सहायता से इस योग से िनि त तौर पर मुकदमों से काफी
हद तक बचा जा सकेगा और अप रहाय प र थितयों म इसका सहारा िलया जा सकेगा

अगर मुकदमे का आकलन, नीित िनमाण के र पर िकया जाता है तो इसके नतीजे इस कार होंगे:-

i. ाव म पूरी त ीर उभरकर आएगी;


ii. मुकदमेबाजी को और बढ़ने से रोका जा सकेगा;
iii. ायालयों म बढ़ते मामलों का दबाव कम होगा और;
iv. सरकारी खजाने पर बोझ कम होगा

रा ीय मुकदमा नीित
भारत की िविभ अदालतों म लगभग 3.2 करोड़ मामले लंिबत ह समझा जाता है िक सबसे अिधक मामले
सरकार से संबंिधत ह िविध आयोग की अनेक रपोट म अनाव क मुकदमेबाजी से बचने, अदालतों म
मुकदमों की सं ा कम करने और सरकारी खजाने पर इनके खच का बोझ कम करने की सलाह दी गई
है अतः रा ीय मुकदमा नीित, 2017 के मसौदे म ऐसी व था बनाने का ाव रखा गया है िजससे
मुकदमेबाजी पर रोक लगाई जा सके, उन पर िनयं ण रखा जा सके और उनकी सं ा कम की जा सके
नीित के काया यन से :

मुकदमेबाजी की सं ा कम की जा सकेगी और िवभाग/संगठन मुकदमेबाजी से मु िवभाग के प


म आगे बढ़ सकगे
िशकायतों के मुकदमेबाजी का प लेने से बचा जा सकेगा
जवाबदे ही और पारदिशता लाई जा सकेगी
ाियक णाली पर बोझ कम िकया जा सकेगा और सरकारी खजाने पर बोझ कम होगा

पंचाट को सं थागत बनाना


कानूनी ि या और समय पर िनपटाए जाने की आव कता वाले पूंजी िनवेश संबंधी मामलों/आवेदनों म
दे री अंतररा ीय पंचाट का कारण बनती है िजससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है अपनी कानूनी
और ाय संबंधी व था को सुचा बनाने की ज रत है तािक वािण क िववादों को ज सुलझाया जा
सके और यह एक आव कता है िविध िवभाग ने भारत म पंचाट व था को सं थागत बनाने की समी ा
के िलए एक उ रीय सिमित का गठन िकया था ायमूित बी.एन. ीकृ ा को इसका अ बनाया
गया इस सिमित ने 30 जुलाई, 2017 को िविध और ाय मं ालय को अपनी रपोट सौंप दी
कानूनी पेशे म सुधार
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िविधक िबरादरी समाज का सबसे बु और पारं प रक तौर पर स ािनत वग होता है लोकतां ि क


राजतं म इस पेशे की भूिमका तो सदा से ही ब त मह पूण रही है यह लोकतं का पहरे दार होता है
और संिवधान ारा सुिनि त िकए गए कानून और व था के मामलों को लेकर हमेशा सतक रहता है
भारत म िवदे शी वकीलों और कानूनी फम को कानूनी काय करने के िव हमेशा से कड़ा िवरोध होता
रहा है , इसकी बुिनयाद म तक िदया जाता है िक िवदे शों म कानूनी काय करने के िलए भारतीय वकीलों को
भी कायिविध संबंधी अड़चन आ सकती ह अतः कानूनी काय करने के अवसर को समतामूलक आधार पर
थािपत िकया जाना चािहए

जीएटीएस की तज पर िविध वसाय म सुधार तािक कानूनी सेवाएं खोली


जा सक
िविध जगत से जुड़े लोग समाज के सबसे अिधक बु और परं परागत प से स ािनत वग से आते ह
एक लोकतां ि क सरकार म, इस िति त वसाय की भूिमका हमेशा से काफी मह पूण रही है यह
लोकतं का हरी है और हमेशा कानून के शासन से जुड़े मामलों म सतक रहता है जैसािक हमारे संिवधान
ारा ित ािपत िकया गया है और गारं टी दी गई है
िवदे शी वकीलों और िविध फम को भारत म वकालत करने की अनुमित दे ने के मु े पर कड़ी आपि
की जाती रही है इसके िलए अ बातों के अलावा भारतीय वकीलों ारा यह दलील भी दी जाती है िक उ
िवदे शों म वकालत करने के िलए कई ि यागत बाधाओं का सामना करना पड़ता है अतः पर र आधार
पर वकालत के अवसर दे ने के मामले म यह बराबरी का मु ा है
िवदे शी मु ा के िलए अपीलीय ायािधकरण
िवदे शी मु ा के िलए अपीलीय ायािधकरण की थापना िवदे शी मु ा बंधन अिधिनयम (फेमा), 1999 की
धारा 18 के अंतगत जून, 2000 म की गई थी फेमा की धारा 19 के अंतगत, धारा 17 के उप खंड (i) म
उ खत के अलावा िवशेष िनदे शक (अपील) अथवा िकसी िनणायक ािधकार ारा िदए गए आदे श से
असंतु क सरकार अथवा कोई भी , अपीलीय ायािधकरण म अपील करने को ाथिमकता दे
सकता है िजसे आदे श िमलने की तारीख से 45 िदन के भीतर असंतु अथवा क ारा दायर िकया
जा सकता है
फेमा की धारा 20 म व था है िक अपीलीय ायािधकारण म एक अ और उतने सद होने
चािहए िजतना क सरकार उिचत समझे अपीलीय ायािधकरण के अिधकार े का इ ेमाल पीठों
ारा िकया जा सकता है पीठ का गठन अ ारा िकया जा सकता है , िजसम एक या अिधक सद हो
सकते ह जो भी अ को उपयु लगे अपीलीय ायािधकरण की पीठ सामा तौर पर नई िद ी और
ऐसे अ थानों पर बैठती ह िजसकी क सरकार अ से सलाह कर और उनकी बारे म अिधसूचना द
अ िकसी भी सद का तबादला एक पीठ से दू सरी पीठ म कर सकता है यिद िकसी भी अव था म
ऐसा लगता है िक मामले की सुनवाई दो सद ों की पीठ ारा की जानी चािहए, अ उस मामले को उस
पीठ म थानां त रत कर सकता है िजसे वह इसके यो समझे कोई भी जो उ ायालय के
ायाधीश की यो ता रखता हो अथवा उ ायालय का ायाधीश रह चुका हो, उसे ायािधकरण का
अ िनयु िकया जा सकता है और जो िजला ायाधीश के िलए यो ता ा हो उसकी
ायािधकरण के सद के प म िनयु की जा सकती है धारा 49 की उप-धारा (5) के खंड (ख) के
अंतगत सभी अपील जो पेरा के सम ल त ह, उ ह ां त रत कर िदया गया है और िवदे शी मु ा बंधन
अिधिनयम के अंतगत गिठत अपीलीय ायािधकरण के िनयं ण म है

वतन एजिसयां
पुिलस
दे श म पुिलस बल को सावजिनक व था बनाए रखने और अपराधों की रोकथाम और उनका पता लगाने
की िज ेदारी सौंपी गई है संिवधान के अंतगत सावजिनक व था और पुिलस रा का िवषय है , पुिलस
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का रख-रखाव और िनयं ण रा ों ारा िकया जाता है िकसी भी रा म पुिलस बल का नेतृ पुिलस


महािनदे शक/पुिलस महािनरी क ारा िकया जाता है रा को उपयु े ीय खंडों म िवभािजत िकया
गया है िजसे रज कहा जाता है और ेक पुिलस रज पुिलस उप-महािनरी क के शासिनक िनयं ण म
है अनेक िजले रज का गठन करते ह िजला पुिलस को पुिलस िडवीजनों, सकलों और पुिलस े शनों म
उप-िवभािजत िकया गया है इसके अलावा नाग रक पुिलस, रा ों की अपनी सश पुिलस और पृथक
गु चर शाखाएं , अपराध शाखाएं आिद ह बड़े शहरों जैसे िद ी, कोलकाता, मुंबई, चे ई, बंगलु ,
है दराबाद, अहमदाबाद, नागपुर, पुणे आिद, म पुिलस सीधे तौर पर पुिलस आयु के अंतगत आती है
िजसके पास मिज े ट र के अिधकार होते ह िविभ रा ों म सभी व र पुिलस पद भारतीय पुिलस
सेवा (आईपीएस) कैडर ारा संचािलत ह, िजसके िलए िनयु अ खल भारतीय आधार पर होती है
क सरकार क ीय पुिलस बलों, गु चर ूरो (आईबी), क ीय जां च ूरो (सीबीआई), पुिलस
अिधका रयों और अपराध िव ान के िश ण के िलए सं थानों की दे खरे ख करती है तािक िवशेष
आपरािधक मामलों की जां च करने म कानून और व था बनाए रखने के िलए खुिफया जानकारी एक
करने म रा ों की सहायता की जा सके और रा सरकारों के व र पुिलस अिधका रयों को िश ण
दान िकया जा सके
भारत-ित त सीमा पुिलस
भारत-ित त सीमा पुिलस (आईटीबीपी) की थापना चीनी हमले के म े नजर 1962 म की गई िजसकी
शु आत म केवल चार बटािलयन थीं मूल प से इसकी संक ना एक समेिकत गु र ा और खुिफया
तथा लड़ाकू बल के प म की गई थी, जो आपूित, संचार और खुिफया जानकारी एक करने म
आ िनभर था, समय बीतने के साथ यह परं परागत सीमा हरी बल म बदल गया आज, यह 3,488
िकलोमीटर भारत-चीन सीमा की रखवाली कर रहा है और आईटीबीपी 3,488 िकलोमीटर लंबी भारत-चीन
सीमा की रखवाली करता है और 176 सीमा चौिकयों पर इसके जवान तैनात ह आज ल ाख म कराकोराम
दर से लेकर अ णाचल दे श म जाचेप-ला तक भारत-चीन सीमा के पि मी, म और पूव े म 9,000
फुट से 18,750 फुट की ऊंचाई पर थत 176 सीमा चौिकयों पर इसके जवान तैनात ह आईटीबीपी की
आठ बटािलयन छ ीसगढ़ के माओवाद से भािवत इलाके म ह बल पां च सीमां त मु ालयों, 14 से र
मु ालयों, 56 सेवा बटािलयनों, चार िवशेष बटािलयनों, दो आपदा बंधन बटािलयनों और 14 िश ण
क ों के ज रए संचालन करता है , िजसम कुल 89,432 जवान ह

आईटीबीपी मु त: पवतीय े ों के िलए िशि त सश बल है और इसके अिधकां श अिधकारी और


जवान िशि त पवतारोही और ीयस ह जो 2012 के अिभयान के दौरान माउं ट एवरे पर चार बार और
180 अ िहमालयी चोिटयों पर परचम लहरा चुके ह आईटीबीपी के पवतारोही नेपाल, ईरान, जापान और
दि ण अमरीका के कई पवतों पर सफलतापूवक चढ़ाई कर चुके ह वहीं, आईटीबीपी के ीयस नेशनल
चै यन रह चुके ह और शीत ओलंिप म भारत का ितिनिध भी कर चुके ह इसके अलावा, यह
पु , िसंधु और गंगा जैसी िवशाल निदयों के तेज बहाव म वाइट वाटर रा ं ग ितयोिगताओं म भी
िह ा ले चुके ह इस े म भी कई अंतररा ीय कीितमान इनके नाम ह

वेबसाइट www.itbpolice.nic.in
सीमा सुर ा बल
िसतंबर 1965 म भारत-पाक यु तक पूव और पि म दोनों तरफ भारत और पािक ान की अंतररा ीय
सीमाओं पर संब दे शों का रा पुिलस बल तैनात था इस व था की कुछ अंतिनिहत किमयां यु के
दौरान सामने आईं और यह फैसला िकया गया िक भारत संघ के अंतगत पािक ान से लगी अंतररा ीय
सीमाओं की रखवाली के िलए एक बल होना चािहए
सीमा सुर ा बल की थापना 1965 म 25 बटािलयनों और 3 कॉय की मदद से की गई थी इतने वष म
बल का आकार बढ़ गया और आज इसकी 186 बटािलयन ह िजसम एनडीआरएफ की तीन बटािलयन,
पां च बड़े िश ण सं थान, 11 सहायक िश ण क और तीन छोटे िश ण सं थान शािमल ह बल का
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मु ालय नई िद ी म है इसके दो िवशेष महािनदे शालय (िवशेष डीएसजी) यानी िवशेष डीजी (पूव
कमान) और िवशेष डीजी (पि मी कमान) और 01 अपर महािनदे शक (िवशेष ऑपरे शन, 13 यर और
46 से र मु ालय, जल शाखा, वायु शाखा और अ सहायक इकाइयां ह 31.12.2016 को बीएसएफ
की मंजूर मता 2,57,363 थी
शां ितकाल के दौरान बीएसएफ की भूिमका इस कार है : (i) सीमावत इलाकों म रह रहे लोगों के बीच
सुर ा की भावना को बढ़ावा दे ना; (ii) सीमा पार से अपराधों की रोकथाम, भारत के े म अनािधकृत
वेश अथवा िनकासी को रोकना; (iii) सीमा पर त री और िकसी अ गैर-कानूनी गितिविधयों को
रोकना; (iv) घुसपैठ रोकने का कत ; और (v) सीमा पार की खुिफया जानकारी एक करना
यु के दौरान बीएसएफ की भूिमका इस कार है : (i) सौंपे गए े ों म मैदान संभालना; (ii) दु न की
क ीय सश पुिलस अथवा अिनयिमत बलों के खलाफ सीिमत आ ामक कारवाई; (ii) सेना के िनयं ण
के तहत व थत दु न के े म कानून और व था बनाए रखना; (iv) यु बंिदयों के िशिवरों की
पहरे दारी; (v) सीमावत इलाकों म सेना के िलए गाइड के प म काय करना; (vi) शरणािथयों के िनयं ण
म सहायता; (vii) े ों का ावधान; और (viii) छापों सिहत गु चर के साथ जुड़े िवशेष काय करना
वेबसाइट: www.bsf.nic.in
असम राइफ
असम राइफ की थापना 1835 म कछार लेवी के प म की गई और यह भारत का सबसे पुराना क ीय
अ सैिनक बल है इस बल की थापना ारं िभक तौर पर पहाड़ी े ों के आस-पास रहने वाले जंगली और
बेलगाम आिदवािसयों से असम की जलोढ़ समतल भूिम की र ा करने के िलए की गई थी यह शु आत म
स िलत इकाई थी जो असम राइफ के प म िवकिसत हो गई धीरे -धीरे ऐसी कुछ और इकाइयों की
थापना की गई और उ सुदूरवत इलाकों म चौिकयां थािपत करने के िलए तैनात िकया गया और इ ोंने
ि िटशस के भु को बढ़ाने म नाग रक शासन के मजबूत हिथयार के प म काम िकया बल ने दु गम
और िनजन इलाकों को खोलने और िवकास गितिविधयां हाथ म लेने म मदद की; शासन से इ अनेक
पुर ार िमले असम राइफ का योगदान पूव र के लोगों को रा ीय मु धारा म शािमल करने की
िदशा म वा व म मह पूण है इस े से उनका लंबा जुड़ाव बल म झलकता है और उ पूव र े की
सुर ा और भारत- ामां सीमा की रखवाली करने के िलए ेमपूवक ‘पूव र का पहरे दार’ और ‘पहाड़ी
जनता का िम ’ कहा जाता है
इसका मु ालय िशलां ग म है और 1,631 िकलोमीटर लंबी भारत- ामां सीमा की रखवाली के िलए
पूव र म बल को पूरी तरह तैनात िकया गया है यह गृह मं ालय के िनयं ण म काय करता है बल म एक
महािनदे शालय मु ालय, तीन महािनरी क मु ालय, 12 से र मु ालय, 46 बटािलयन, एक िश ण
क और शासिनक आधार ह इसके जवानों की कुल मता 63,747 है
वेबसाइट: www.assamrifles.gov.in
रा ीय सुर ा गाड
70 के दशक के दौरान पि म म रा ीय और अंतररा ीय आतंकवाद ने अपना िसर उठा िलया था यह
िवमान अपहरण, लोगों को बंधक बनाने, गणमा और अ यों की ह ाओं सिहत अनेक पों म
सामने आ रहा था कानून और व था का सामा तं और पि म के र ा बल इस बुराई से िनपटना
चाहते थे िवशेष हिथयारों से लैस और िशि त बल जैसे ि टे न का एसएएस, अमरीका का डे ा फोस
और पि म जमनी जीएसजी-9 की िवदे श म थापना हो चुकी थी अमृतसर के ण मंिदर म 1984 म सेना
के ऑपरे शन ू ार के समय नीितगत गु चर पर आधा रत सिजकल कारवाई करने के िलए भारत म
िवशेष बल के गठन की आव कता महसूस की गई ण मंिदर म की गई कारवाई ने न केवल उसे भारी
नुकसान प ं चाया ब इसम बड़ी सं ा म लोग हताहत ए और इन सबसे ऊपर िसखों के मानस को
बुरी तरह ठे स प ं ची ि टे न म एसएएस, ां स म जीआईजीएन, जमनी म जीएसजी-9, इज़राइल म शार-
एट-मटकल और अमरीका म डे ा फोस जैसे िवशेष बलों का अ यन और िव ेषण करने के बाद रा ीय
सुर ा गाड (एनएसजी) की संक ना और उसका गठन िकया गया फल प, गृह मं ालय के अंतगत
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संघीय आक क बल के प म अ ू बर, 1985 म एनएसजी की थापना की गई इसे सेना और क ीय


सश पुिलस के चुने ए और अ िधक े रत जवानों की मदद से बनाया गया है 53 ितशत जवान सेना
से िलए गए ह जबिक क ीय सश पुिलस जैसे बीएसएफ, सीआरपीएफ और आईटीबीपी का योगदान 47
ितशत है एनएसजी की गौरवशाली िवरासत रही है और इसे ब त आदर से दे खा जाता है अपनी
थापना के समय से ही इसके कमां डों 114 मुख सफल आतंकवादी िवरोधी कारवाइयों म शािमल ए ह
इसे अनेक पुर ार िमल चुके ह और तीन अशोक च ों, दो कीित च ों, तीन शौय च ों और दस
पीपीएमजी से इसे स ािनत िकया जा चुका है एनएसजी के 9 कमां डो ने एनएसजी के आदश वा सव
सव म सुर ा के अनु प आचरण करते ए सव बिलदान िदया है
वेबसाइट: www.nsg.gov.in
क ीय रजव पुिलस बल
क ीय रजव पुिलस बल (सीआरपीएफ) का गठन 1939 म ाउन र ेजटेिट स पुिलस के प म नीमच म
िकया गया था तं ता के बाद इसे नया नाम क ीय रजव पुिलस बल िदया गया और त ालीन गृह मं ी
सरदार व भ भाई पटे ल ने उसके िलए ब आयामी भूिमका की संक ना की सीआरपीएफ की झोली म
अनेक उपल यां ह यह सीआरपीएफ ही थी िजसने 1959 म ल ाख म हॉट ं पर पहले चीनी हमले
का िह त से सामना िकया जब सीआरपीएफ के एक छोटे ग ी दल पर अिधक सं ा म मौजूद चीनी
सैिनकों ारा घात लगाकर हमला िकया गया इस संघष म सीआरपीएफ के दस जवानों ने अपने ाणों की
आ ित दी अब हर वष 21 अ ू बर का िदन पुिलस रण िदवस के प म मनाया जाता है बल ने 1965
म एक बार िफर अपनी वीरता को सािबत िकया जब सैिकंड बीएन सीआरपीएफ की एक छोटी टु कड़ी ने
गुजरात म सरदार पो पर 9 अ ैल को पािक ानी ि गेड ारा िकए गए एक हमले का मुंहतोड़ जवाब
िदया, िजसम 34 पािक ानी सैिनकों को मार िगराया गया और 4 को िजंदा पकड़ िलया गया सैिनक यु
के इितहास म कभी भी ऐसा नहीं आ था िक थोड़े से पुिलसकम इस तरीके से स ूण पैदल सेना के दल
को खदे ड़ द इस घटना म सीआरपीएफ के 6 बहादु र जवानों ने अपनी शहादत दी हमारे बहादु र जवानों
को ां जिल अिपत करने के िलए 9 अ ैल अब हर वष बल के वीरता िदवस के प म मनाया जाता है
सीआरपीएफ को अंतररा ीय र पर कोसोवो, है ती और ीलंका म भी तैनात िकया गया ीलंका म
सीआरपीएफ की दो बटािलयन और मिहला बटािलयन की एक क नी भारतीय शां ित सेना का िह ा थी
एलटीटीई का पहला बड़ा हमला सीआरपीएफ के खलाफ था, गैर-परं परागत यु का योग करते ए इस
हमले का मुंहतोड़ जवाब िदया गया अब संयु रा के इितहास म पहली बार, पूरी तरह गिठत मिहला
इकाई को संयु रा शां ित िमशन के तहत लाइबे रया म तैनात िकया गया है 13 िदसंबर, 2001 को जब
आतंकवािदयों ने संसद भवन पर हमला िकया, उस व सीआरपीएफ के बहादु र जवानों ने इस हमले को
सफलतापूवक नाकाम िकया दोनों तरफ से ई गोलीबारी म, पां चों आतंकवािदयों का सफाया कर िदया
गया मिहला कै न कमलेश कुमारी िजसने इस घटना के दौरान अपने ाणों की आ ित दी, उ उनकी
बहादु री के िलए शां ित काल म िदया जाना वाला शौय पुर ार ‘अशोक च ’ मरणोपरां त दान िकया गया
जब 5 सश आतंकवािदयों ने जुलाई 2005 म अयो ा म राम ज भूिम/बाबरी म द प रसर म घुसने
का यास िकया और बाहरी सुर ा घेरे को भेदकर घुस गए, उनका मुकाबला अंद नी सुर ा घेरे म तैनात
सीआरपीएफ जवानों से आ सीआरपीएफ के जवानों ने बहादु री से मुकाबला करते ए आतंकवािदयों के
खराब मंसूबों पर पानी फेर िदया और मौके पर सभी आतंिकयों को मार िगराया
सीआरपीएफ की 1939 म एक बटािलयन थी जो बढ़कर चार जोनों, 20 शासिनक े ों, 2 संचालन
े ों, 36 शासिनक रजरों, 7 संचालन रजरों, 228 बटािलयनों, 41 ुप क ों, 15 िश ण सं थानों और 4
संयु अ तालों तक प ं च गई है यह दे श का एकमा क ीय सश पुिलस बल है िजसम 3 मिहला
बटािलयन ह बल के अिधकतर जवानों को आतंकवादी और िव ोही गितिविधयों से िनपटने के िलए ज ू
और क ीर; वामपंथी उ वाद से भािवत रा ों और पूव र रा ों म तैनात िकया गया है वतमान म
न ल गितिविधयों से िनपटने के िलए इसकी 10 कोबरा इकाइयां िवशेष प से िशि त बल है कोबरा
बटािलयनों को रणनीितक ि से न ल भािवत इलाकों म तैनात िकया गया है सीआरपीएफ ने हमेशा
से ाकृितक आपदाओं के समय मह पूण भूिमका िनभाई है जब िवनाशकारी सुनामी ने जान-माल को
नुकसान प ं चाया अथवा जब ज ू और क ीर के भूकंप ने िवशाल े म तबाही मचाई और बड़े पैमाने
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पर जीवन को अ - िकया, सीआरपीएफ ने राहत, बचाव और पुनवास यासों म मह पूण भूिमका


िनभाई आज हमारी सीआरपीएफ की दो बटािलयन आपदा बंधन बटािलयनों के प म काय कर रही ह
और उ पुणे और अहमदाबाद म रखा गया है
वेबसाइट: www.crpf.nic.in
रे िपड ए न फोस
1992 म, सीआरपीएफ की 10 बटािलयनों को पुनगिठत िकया गया और इ रे िपड ए न फोस
(आरएएफ) की ेक 4 कॉय की 10 बटािलनों म बदल िदया गया आरएएफ के जवान िशि त ह और
सां दाियक दं गों और इसी कार की थितयों से भावी तरीके से िनपटने के िलए लैस िकया गया है इन
बटािलयनों को दे शभर सां दाियक ि से संवेदनशील 10 थानों पर तैनात िकया गया है तािक िकसी तरह
की वारदात की थित म ये तेजी से िनपट सक ये सभी बटािलयन असंब प पर संगिठत ह और एक
महािनरी क की दे खरे ख म काय कर रही ह
आरएएफ को सां दाियक सम ाओं से िनपटने के िलए थािपत िकया गया और वह लगातार ज ू और
क ीर तथा पंजाब म उ वाद, पूव र म िव ोही गितिविधयों से िनपट रहा है आरएएफ को अंतररा ीय
र पर संयु रा शां ित सेना के िलए है ती, बोि या और कोसोवो म, राहत और बचाव (ओिडशा म
जबरद तूफान, गुजरात और ज ू क ीर म भूक ) के िलए तैनात िकया गया आरएएफ भारी सं ा
म एक भ जनों (अमरनाथ या ा, जग ाथ या ा आिद), एलड ूई भािवत रा ों म न लवाद से
िनपट रहा है वह मुख धम थलों अयो ा, काशी, मथुरा, वै ो दे वी और रघुनाथ मंिदर, ज ू की रखवाली
कर रहा है , वह ी अमरनाथ ाईन बोड को भूिम के ह ां तरण को समा करने के मु े पर कानून और
व था की थित, राज थान म गु र आं दोलन के कारण कानून और व था की गंभीर थित, ज ू
और क ीर म पथराव की गंभीर घटना से भावी तरीके से िनपट चुका है और उसने िविभ रा ों म
सफलतापूवक चुनाव कराने की िनगरानी की है
क ीय औ ोिगक सुर ा बल
1969 म गिठत, क ीय औ ोिगक सुर ा बल 59 घरे लू और अंतररा ीय हवाईअ ों सिहत 303 इकाइयों को
सुर ा दान कर रहा है यह 87 औ ोिगक इकाइयों को अि सुर ा भी दान कर रहा है अथ व था के
वै ीकरण और उदारीकरण के साथ, सीआईएसएफ अब सावजिनक े के उप म तक कि त संगठन
नहीं रह गया है ब यह आतंकवाद और न ल भािवत इलाकों सिहत िविभ े ों म दे श के मुख
मह पूण बुिनयादी ढां चा िठकानों को सुर ा दान करने वाली दे श की मुख ब -कौशल सुर ा एजसी बन
गई है सीआईएसएफ इस समय 308 इकाइयों को सुर ा दान कर रहा है िजनम परमाणु ऊजा संयं ,
अंत र ित ान, र ा उ ादन इकाइयां , खान, तेल े और रफाइन रयां , मुख समु ी बंदरगाह, भारी
इं जीिनय रं ग इ ात संयं , फिटलाइजर इकाइयां , हवाईअ े , हाइडो इले क/ताप िबजली संयं ,
संवेदनशील सरकारी इमारत और यहां तक िक धरोहर ारक (ताजमहल और लाल िकला सिहत) और
िति त िनजी े की इकाइयां शािमल ह
यह दे श के सबसे बड़े अि सुर ा दान करने वाली एजिसयों म से एक है यह 86 औ ोिगक इकाइयों
को अि सुर ा दान करती है सीआईएसएफ के सुर ा दायरे म र ािग र गैस और ताप ऊजा े शन
िल., ह रयाणा के िहसार थत राजीव गां धी ताप ऊजा प रयोजना को भी जोड़ा गया है इं िडयन एयरलाइं स
के हवाई जहाज को हाईजैक कर कंधार ले जाने की घटना के बाद हवाई अ ों की सुर ा सीआईएसएफ के
सुपुद की गई है
दे श के सभी मुख हवाईअ ों की सुर ा का िज ा अब सीआईएसएफ के पास है , िजनम मुंबई, िद ी,
चे ई और कोलकाता के अंतररा ीय हवाईअ े भी शािमल ह साथ ही, इसने 45 सरकारी इमारतों की
सुर ा का भी िज ा िलया है , िजनम िद ी के नॉथ ॉक, साउथ ॉक का एक िह ा और सीजीओ
कॉ े ह सीआईएसएफ अिधिनयम को, दे श की सुर ा और अथ व था के िलए आव क िनजी/
संयु उप म औ ोिगक इकाइयों को सुर ा दान करने के िलए, मानदे य ा आधार पर संशोिधत
िकया गया था नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के बाद, एजसी को िनजी े को सीधे सुर ा दान करने के
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भी अिधकार िदए गए ह 175 से अिधक िनजी े उप मों ने सीआईएसएफ सुर ा के िलए आवेदन िदया
है और अग 2009 म बंगलु थत इं फोिसस का मु ालय िनजी े की पहली कंपनी थी िजसे
सीआईएसएफ सुर ा कवच ा आ सीआईएसएफ लागत ितपूित वाली एजसी है , यानी, इसके
रखरखाव का खच राजकोष पर नहीं पड़ता अ ू बर 2009 म सीआईएसएफ ने अपनी वेबसाइट
www.cisf.gov.in पर या ी िम सेवा की शु आत की इसके अंतगत, िजन हवाईअ ों पर सीआईएसएफ
तैनात रहती है , वहां गुम और ा सामान की सूचना वेबसाइट पर दी जाती है
वेबसाइट: www.cisf.gov.in
सश सीमा बल
सश सीमा बल (एसएसबी) भारतीय संघ का नवीनतम सीमा सुर ा बल है िजस पर भारत-नेपाल और
भारत-भूटान सीमाओं की सुर ा की िज ेदारी है 2001 से सीमा सुर ा बल भारत-नेपाल सीमा की सुर ा
कर रहा है और 2004 म इसे भारत-भूटान सीमा की सुर ा की अित र िज ेदारी भी सौंपी गई सश
सीमा बल की शु आत, भारत-चीन यु के तुरंत बाद, 1963 के आरं भ म की गई थी उस समय इसका
नाम ेशल सिवस ूरो था इसका शु आती ल त ालीन नेफा, उ री असम, उ री बंगाल, उ र
दे श के पवतीय े ों, िहमाचल दे श तथा ज ू और क ीर (ल ाख) के लोगों का मनोबल बढ़ाना था
बाद म, 1965-1991 के बीच म इसका काय े मिणपुर, ि पुरा, ज ू, मेघालय, िस म, राज थान,
गुजरात, िमज़ोरम, दि ण बंगाल और नगालड तक बढ़ा िदया गया
एसएसबी के पहले की भूिमकाओं म इसके काय थेः (1) सीमां त े ों की जनता का मनोबल बढ़ाना और
उनम सुर ा की भावना मजबूत करना; (2) रा ीय जाग कता और सुर ा के ित सतक बनाना; और (3)
दु न का सामना करने के िलए सीमां त े ों की जनता को व थत और तैयार करना
वेबसाइट: www.ssb.nic.in

नाग रक सुर ा
नाग रक सुर ा म ऐसे उपाय शािमल ह िजनका संबंध वा व म यु से नहीं है नाग रक सुर ा के तहत
भारत अथवा े के िकसी भी भाग म वायु, भूिम, समु अथवा िकसी भी अ थान से होने वाले श ुओं के
हमले से िकसी भी , संपि , थान अथवा व ु को सुर ा दान करना अथवा उसके भाव से बचाना
है , चाहे ऐसे उपाय पहले िकए जाएं , हमले के दौरान िकए जाएं अथवा हमले के बाद िकए जाएं , अथवा िकसी
आपदा से पहले, उसके दौरान अथवा उसके बाद आपदा बंधन के उ े से िकए जाएं
नाग रक सुर ा अिधिनयम 1968 के िलए संसद ारा पा रत संशोधन िवधेयक के ज रए आपदा बंधन
के े म नाग रक सुर ा घटकों की अित र भूिमका को कानूनी मंजूरी दी गई नाग रक सुर ा आपात
थितयों के दौरान संविधत ित ान और वैतिनक कमचा रयों के छोटे क को छोड़कर मु प से
यंसेवी आधार पर संगिठत की जाती है नाग रक सुर ा यंसेवी दे श िनमाण और कई अ
सकारा क काय से जुड़ते ह िजसम, सामािजक और क ाणकारी सेवाओं के िलए शासन को सहयोग,
ाकृितक और मानव िनिमत आपदाओं के दौरान और उनके बाद राहत एवं बचाव काय तथा कानून एवं
व था बनाए रखने म मदद करना शािमल ह इस संगठन का िश ण तीन रों पर होता है मा र
टे नरों का िश ण और नागपुर थत रा ीय नाग रक सुर ा कॉलेज म िवशेष िश ण तथा रा नाग रक
सुर ा सं थानों म टीम/लीडरिशप िश ण संचािलत िकया जाता है नाग रक सुर ा संगठन के यंसेवकों
का िश ण थानीय/क ाई र पर अ कािलक िश ण काय मों के अंतगत िवशेष िश कों के
अधीन होता है 11वीं पंचवष य योजना के दौरान नाग रक सुर ा प र को तरोताजा करने के िलए 2009
म पये 100 करोड़ की एक क ायोिजत योजना थािपत की गई थी योजना म 10 रा ों म नाग रक
सुर ा िश ण सं थान (सीटीडीआई) की थापना और 17 रा ों के सीटीडीआई म अवसंरचना क
िवकास की परे खा तैयार की गई थी इसके अलावा, नाग रक सुर ा अवसंरचना के िनमाण हे तु 100
सम ा िजलों की भी पहचान की गई थी 40 चुने गए क ों म एक पायलट प रयोजना भी शु की
गई जहां आं त रक सुर ा काय के िलए नाग रक सुर ा यंसेवकों को िशि त कर काम म लाया
जाएगा
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होम गाड
होमगाड यंसेवी बल है , इसकी थापना आं त रक अशां ित और सां दाियक दं गों को िनयंि त करने म
पुिलस की मदद करने के उ े से िदसंबर 1946 म की गई थी इसके बाद यंसेवी नाग रकों के बल की
संक ना को अनेक रा ों ने अपनाया 1962 म चीनी हमले को ान म रखकर क ने रा ों और
संघशािसत दे शों को सलाह दी िक वे अपने वतमान यंसेवी संगठनों का एक समान यंसेवी बल,
होमगाड के प म िवलय कर ल होमगाड की भूिमका आं त रक सुर ा बनाए रखने म पुिलस के सहायक
के प म काय करना, िकसी भी कार की आपात थित जैसे हवाई हमले, अि , तूफान, भूकंप, महामारी
आिद म समुदाय की मदद करना, आव क सेवाएं बनाए रखने म मदद करना, सां दाियक सौहाद को
बढ़ावा दे ना और कमजोर वग की र ा करने म शासन की सहायता करना, सामािजक-आिथक और
क ाणकारी गितिविधयों म भागीदारी और नाग रक सुर ा कत ों का िनवाह करना है होमगाड दो
कार के ह- ामीण और शहरी सीमावत रा ों म, सीमा खंड की होमगाड बटािलयन भी बनाई गई है ,
जो सीमा सुर ा बल के सहायक के प म काय करती है संगठन केरल को छोड़कर सभी रा ों और
संघशािसत दे शों म फैला आ है सात सीमावत रा ों म सीमा खंड होमगाड (बीड ूएचजी) की कुल
18 बटािलयन थािपत की गई ह, ये ह पंजाब (6 बटािलयन), राज थान (4 बटािलयन), गुजरात (4
बटािलयन) और असम, मेघालय, ि पुरा और पि म बंगाल म एक-एक बटािलयन थािपत की गई है तािक
वह बाहरी आ मण की थित म संवेदनशील इलाकों म अंतररा ीय सीमा/तटवत े ों म घुसपैठ को
रोकने, वीवीआईपी और संचार लाइनों की पहरे दारी म सीमा सुर ाबल के सहायक के प म काय कर
सके
होमगाड की थापना होमगाड अिधिनयम और रा ों/संघशािसत दे शों के िनयमों के अंतगत की गई
थी इनकी िनयु समाज के िविभ वग जैसे- डॉ रों, इं जीिनयरों, वकीलों, िनजी े के संगठनों,
कॉलेज और िव िव ालय के छा ों, कृिष और औ ोिगक कामगारों आिद से की जाती है जो समुदाय की
बेहतरी के िलए संगठन को अपना खाली समय दे सक भारत के सभी नाग रक िजनकी उ 18-50 वष है ,
वे होमगाड के सद बन सकते ह होमगाड म सद ता का सामा कायकाल 3 से 5 वष का होता है
होमगाड के जवानों को वीरता, उ ृ और सराहनीय सेवाओं के िलए रा पित का पदक दान िकया जाता
है जब भी िकसी होमगाड को ूटी/ िश ण के िलए बुलाया जाता है , उसे खच के िलए िनधा रत दरों पर
ूटी/ िश ण भ ा िदया जाता है संगठन म होमगाड के सद ों को कानून और व था बनाए रखने म
पुिलस की सहायता करने, अपराध रोकने, डकैती के िव उपाय करने, सीमा पर ग , िनषेधा ा, बाढ़
राहत, अि शमन, चुनाव ूटी और सामािजक क ाण की गितिविधयों के िलए िशि त िकया जाता है
रा ीय आपात काल की थित म, नाग रक सुर ा के कुछ िह े का काय भी होमगाड को सौंप िदया जाता
है गृह मं ालय होमगाड संगठन की भूिमका, उसके ल , उसके बढ़ने, िश ण, स त करने, थापना
और अ मामलों म मदद करता है होमगाड पर होने वाले खच को वतमान िव ीय नीित के अनुसार
आमतौर पर क और रा सरकारों के बीच बां ट िलया जाता है
दमकल सेवा
दमकल सेवा रा का िवषय है और इसे अनु े द 243-ड ू के संदभ म भारत के संिवधान की 12वीं
अनुसूची म नगर िनगम के काय के प म शािमल िकया गया है रा सरकारों/नगर िनगम िनकायों की
मु िज ेदारी रा ीय िब ं ग कोड को लागू करना और दमकल सेवाओं को मजबूत बनाने और उ
सुस त करने के िलए पया संसाधन आवंिटत करना है तािक उनके अिधकार े म नाग रकों की जान-
माल की सुर ा सुिनि त की जा सके 13व िव आयोग ने दे शभर म दमकल और आपात सेवाओं को नया
प दे ने की बात को ीकार करते ए िसफा रश की िक शहरी थानीय िनकायों को दान िकए गए
आिथक सहायता के एक िह े को उनके संब इलाकों की दमकल सेवाओं के पुनिनमाण पर खच िकया
जाए इसके अलावा, िव आयोग ने यह भी िसफा रश की िक 10 लाख (2001 की जनगणना) से अिधक
की आबादी वाले सभी नगर िनगम अपने संब इलाकों म आग लगने के खतरे की जानकारी दे ने और ऐसी
घटनाएं कम करने संबंधी योजना तैयार करे भारत सरकार पूरक पहल के प म अि और आपात
सेवाओं को मजबूत बनाने के िलए दे श म 200 करोड़ पये की लागत से एक क ायोिजत योजना को
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लागू कर रही है आधुिनक ौ ोिगकी जैसे आधुिनक दमकलों, िम टे ोलॉजी के साथ हाई ेशर पंप,
रत िति या टीम वाहन, तलाशी और बचाव के िलए कॉ ी उपकरण और िविभ साझेदारों के मता
िनमाण शु करके यह योजना वतमान अि शमन और राहत मताओं म वतमान अंतर को भरने का
यास है

पसनल लॉ
भारत म िविभ धम और मतों को मानने वाले लोग ह िववाह, तलाक, उ रािधकार, गोद लेने, वसीयत
आिद से जुड़े पा रवा रक मामलों म वे िविभ पसनल लॉ के अधीन ह पसनल लॉ की िवषय व ु भारत के
संिवधान की सातवीं अनुसूची की समवत सूची की सूची III-की िवि 5 से संबंिधत है और इसिलए
संिवधान के अनु े द 254 के ावधान िवधाियका, संसद का िवषय ह रा िवधानसभाएं भी इससे जुड़े
कानून बना सकती ह

िववाह
िववाह और तलाक से जुड़े कानून को िविभ कानूनों म िविधब िकया गया है जो िविभ धम के लोगों पर
लागू होते ह ये ह: (1) धमातरण िववाह िव े द कानून, 1866; (2) तलाक कानून, 1869; (3) भारतीय ईसाई
िववाह कानून, 1872:(4) काज़ी कानून, 1180; (5) आनंद िववाह कानून, 1909; (6) भारतीय उ रािधकार
कानून, 1925; (7) पारसी िववाह और तलाक कानून, 1936; (8) मु म िववाह िव े द कानून, 1939; (9)
िवशेष िववाह कानून, 1954; (10) िहं दू िववाह कानून, 1955; (11) िवदे शी िववाह कानून, 1969; और (12)
मु म मिहला (तलाक पर अिधकारों की र ा) कानून, 1986
िवशेष िववाह कानून, 1954 म िववाह की िवशेष िविध की व था की गई और इस तरह के िववाह के
पंजीकरण का दायरा ज ू और क ीर को छोड़कर समूचे भारत म फैल गया, लेिकन यह ज ू और
क ीर रा म रहने वाले नाग रकों पर भी लागू होता है इस कानून से संचािलत िवशेष तौर से इस कानून
के अंतगत िववाह का पंजीकरण करा सकते ह चाहे वे िविभ धम और मतों को मानने वाले ों न हों इस
कानून म यह भी व था है िक िकसी भी रीित से होने वाले िववाह को िवशेष िववाह कानून के अंतगत
पंजीकृत िकया जा सकता है , यिद वह कानून की ज रतों को पूरा करता हो अथवा ‘िमरगी’ श को
हटाने के िलए कानून की धारा 4(बी) (iii) म संशोधन िकया गया िनवाह धन अथवा पालन-पोषण और
नाबािलग ब ों की िश ा के िलए आवेदन को ितवादी के नोिटस दे ने की तारीख से 60 िदन के भीतर
िनपटाने के िलए धारा 36 और 38 म संशोधन िकया गया िहं दू िववाह कानून, 1955 ारा िहं दुओं म चिलत
ावहा रक कानून को िविधब करने का यास िकया गया ये कानून िजसका िव ार ज ू और क ीर
रा को छोड़कर पूरे भारत म आ, उन े ों म रहने वाले िहं दुओं पर भी लागू होता है जहां इस कानून का
िव ार आ है जो े इन े ों से बाहर ह यह उन िहं दुओं (अपने िकसी भी प अथवा िवकास म)
बौ ों, िसखों, जैिनयों और उन लोगों पर भी लागू होता है जो धम से मुसलमान, ईसाई, पारसी अथवा य दी
नहीं ह तथािप यह कानून िकसी अनुसूिचत जनजाित के सद ों पर तब तक लागू नहीं होता जब तक क
सरकार अपने सरकारी राजप म अिधसूचना ारा िनदश न दे तलाक के संबंध म ावधान िहं दू िववाह
कानून की धारा 13 और िवशेष िववाह कानून की धारा 27 म िनिहत ह इन कानूनों के अंतगत िजन सामा
कारणों के आधार पर कोई पित अथवा प ी तलाक की मां ग कर सकते ह, वह ह ािभचार, प र ाग,
ू रता, िदमागी अ थता, यौन रोग, कोढ़, आपसी स ित और सात वष से जीिवत होने की जानकारी न
हो
ईसाई समुदाय के संबंध म, िववाह और तलाक से जुड़े ावधान मशः भारतीय ईसाई िववाह कानून,
1872 और भारतीय तलाक कानून, 1869 की धारा 10 म िनिहत ह इस धारा के अंतगत कोई भी पित
अपनी प ी से ािभचार के आधार पर तलाक ले सकता है और प ी अपने पित के धम प रवतन करने
और िकसी अ मिहला से िववाह करने अथवा (क) िकसी सगे-संबंधी के साथ यौन संबंध थािपत करने;
(ख) ािभचार के साथ दो पि यां रखने; (ग) ािभचार के साथ दू सरी मिहला से िववाह; (घ) बला ार,
गुदा मैथुन अथवा पाशिवकता; (ङ) ािभचार के साथ ऐसी ू रता जो ािभचार के िबना उसे तलाक की
हक़दार बनाए, मे ा एतोरो (तलाक की ऐसी व था जो रोमन कैथिलक चच ने बनाई जो ािभचार,
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िवकृत आचरण, ू रता के आधार पर ाियक तौर पर अलग होने के बराबर है ) और (च) दो वष अथवा
अिधक समय के िलए िबना िकसी तकसंगत बहाने के प र ाग के साथ ािभचार का दोषी पाए जाने पर
तलाक ले सकती है
तलाक के मामले म मिहलाओं के िव भेदभावपूण ावधानों को हटाने और आपसी स ित से िववाह
िव े द के िलए तलाक कानून, 1869 म भारतीय तलाक (संशोधन) कानून 2001 के ज रए ापक संशोधन
िकए गए साथ ही, 1869 के कानून की धारा 41 म संशोधन िववाह कानून (संशोधन) कानून, 2001 ारा
िकया गया तािक िनवाह धन अथवा पालन-पोषण और अ वय ब ों की िश ा संबंधी आवेदन का
िनपटारा ितवादी नोिटस की तारीख से 60 िदन के अंदर िनपटाया जा सके मुसलमानों के संबंध म, िववाह
दे श म मौजूद मुसलमान कानून ारा संचािलत है तलाक के मामले म िकसी मु म प ी के पास अपने
िववाह को तोड़ने के संबंध म अिधक ितबंिधत अिधकार ह िलखे नहीं गए और परं परागत कानून मु म
मिहला को अपनी थित सुधारने के िलए िन िल खत पों के अंतगत िववाह तोड़ने की इज़ाज़त दे ते ह:
(क) तलाक-ए-तफवीद : यह द तलाक की एक िविध ह इसके अनुसार पित िववाह समझौते म तलाक
का अपना अिधकार दू सरों को सौंप दे ता है जो गारं टी दे ता है , अ बातों के साथ, उसके दू सरी प ी लाने
पर, पहली प ी को उसे तलाक दे ने का अिधकार है ; (ख) खुला : यह िववाह के प ों के बीच िव े द का
एक समझौता है िजसम प ी िववाहसू से मु होने के िलए कुछ िनिम दे ती है शत मोल-तोल का
मामला ह और आमतौर से प ी को मेहर अथवा उसका एक िह ा दे ते ह और (ग) मुबारत : यह आपसी
स ित से िलया जाने वाला तलाक है
साथ ही, मु म िववाह कानून, 1939 ारा, िकसी मु म प ी को अपने िववाह को तोड़ने का इन
आधारों पर अिधकार िदया गया है ; (i) चार वष से पित का ठौर-िठकाना पता न हो; (ii) पित ने दो वष से
प ी की परव रश न की हो; (iii) सात वष या अिधक समय के िलए पित जेल म रहा हो; (iv) पित िबना
िकसी उपयु कारण के तीन वष तक अपने वैवािहक दािय ों को पूरा करने म िवफल रहा हो; (v) पित
की नपुंसकता; (vi) दो वष लंबा पागलपन; (vii) कोढ़ अथवा सं ामक यौन रोग से पीिड़त हो; (viii) 15 वष
की उ से पहले ही िववाह हो चुका हो; और (ix) िववाह को शारी रक संबंध थािपत करके पूण नहीं िकया
हो; और (x) ू रता
पारसी िववाह और तलाक कानून, 1935 पारिसयों के वैवािहक संबंधों से संचािलत है कानून, म पारसी
श को पारसी जोरोए यन के प म प रभािषत िकया गया है जोरोए यन वह है िजसने
जोरोए यन धम को अपनाया है इसका जाितगत मह है इस कानून के अंतगत ेक िववाह और
तलाक को कानून म िनधा रत ि या के अनुसार पंजीकृत कराना ज री है केवल पारसी िववाह और
तलाक कानून, 1936 के ावधानों से तैयार इस कानून का दायरा बढ़ाया गया है तािक इसे िहं दू िववाह
कानून, 1955 के समक लाया जा सके पारसी िववाह और तलाक कानून, 1936 की धारा 39 और 49 म
िववाह कानून (संशोधन) ारा संशोधन िकया गया और प ी अथवा पित को नोिटस िमलने की तारीख से 60
िदन के भीतर अ वय ब ों की िश ा का िनपटारा िकया जाना चािहए य िदयों के िववाह संबंधी
कानूनों के िलए, भारत म कोई िविधब कानून नहीं है यहां तक िक आज तक, वे अपने धािमक कानूनों से
संचािलत ह य दी िववाह को आपस म इकरारनामा नहीं मानते, ब दो यों के बीच ऐसा संबंध
मानते ह िजसम काफी समिपत कत शािमल ह िववाह को ािभचार अथवा ू रता के आधार पर
अदालतों के ज रए तोड़ा जा सकता है िववाह एक ी के ित समिपत रहने का र ा है
गोद लेना
हालां िक गोद लेने के िलए संचािलत कोई सामा कानून नहीं है , लेिकन िहं दू द क हण और भरण-पोषण
कानून, 1956 और िहं दुओं के बीच और सं ा की ि से नग यों के कुछ वग म इसकी इज़ाज़त
है चूंिक गोद लेना िकसी ब े का कानूनी संबंध है , यह पसनल लॉ की िवषय-व ु बनाता है मुसलमानों,
ईसाइयों और पारिसयों के कोई द क हण कानून नहीं ह और उ अिभभावक और दे खरे ख कानून,
1890 के अंतगत अदालत की शरण म जाना पड़ता है इस कानून के अंतगत मुसलमान, ईसाई और पारसी
केवल पोषक दे खभाल के िलए ब े को ले जा सकते ह पोषक दे खभाल के अंतगत रह रहा ब ा जब
वय यानी अ ारह वष का हो जाता है , वह इन सभी संपक को तोड़ने के िलए तं है इसके अलावा,
ऐसे ब े के पास उ रािधकार का कानूनी अिधकार नहीं होता िवदे शी, जो भारतीय ब ों को गोद लेना
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चाहते ह उ उ कानून के अंतगत अदालत का सहारा लेना पड़े गा


गोद लेने से संबंिधत िहं दू कानून म संशोधन िकया गया और उसे िहं दू द क हण और पालन पोषण–
कानून, 1956 म िविधब िकया गया, िजसके अंतगत कानूनी है िसयत से पु ष अथवा िहं दू मिहला पु
अथवा पु ी को गोद ले सकती है एक नाबािलग ब े के अिभभावक के सवाल से िनपटने म, जैसा िक अ
े ों के पा रवा रक कानून म है , कोई समान कानून नहीं है िहं दू कानून, मु म कानून और अिभभावक
और संर क कानून, 1890 तीन अलग-अलग कानूनी व थाएं ह जो चलन म ह एक अिभभावक
ाभािवक अिभभावक हो सकता है , वसीयती अिभभावक हो सकता है अथवा अदालत ारा िनयु
अिभभावक हो सकता है अिभभावक के सवाल का फैसला करने म दो पृथक बातों को ान म रखना
होगा- नाबािलग की श सयत और उसकी संपि अ र एक ही को दोनों नहीं सौंपे जाते
हालां िक, पसनल लॉ (संशोधन) कानून, 2010 के ज रए िहं दू द क हण और भरण-पोषण कानून, 1956 म
संशोधन िकया गया तािक केवल अपने िववािहत होने के आधार पर पु अथवा पु ी को गोद लेने के िलए
िववािहत मिहला की अयो ता को समा िकया जा सके और यह व था की जा सके िक िपता की
सहमित से मां और िपता को मां की सहमित से अपने ब ों को िकसी को गोद दे ने के िलए सौंपने का समान
अिधकार होगा
िहं दू अ मत और संर कता कानून, 1956 ने अ मत और संर कता से जुड़े िहं दुओं के कानूनों को
िविधब िकया है गैर िविधब कानून के मामले म इसम िपता के उ तर अिधकार की पुि की गई है
इसम िनधा रत िकया गया है िक कोई भी ब ा 18 वष की उ तक नाबािलग है मां के पूवगामी अिधकार
को केवल पां च वष से कम उ के ब ों को रखने के िलए मा ता दी जाएगी नाजायज ब ों के मामले म,
तथाकिथत िपता के मुकाबले मां का दावा अिधक होगा इस कानून म नाबािलग और उसकी संपि के बीच
कोई अंतर नहीं रखा गया है , इसिलए अिभभावक के पद का दोनों पर िनयं ण रहे गा मु म लॉ (शरीयत)
के अंतगत, िपता धान होता है इसम अिभभावक के पद और संर ण म अंतर रखा गया है अिभभावक
के पद के िलए, िजसका आमतौर पर संपि के संर क के प म उ ेख होता है , सुि यों के अनुसार,
िपता वरीय है और उसकी अनुप थित म उसका िनवाहक यिद िपता ारा िकसी िनवाहक की िनयु
नहीं की गई है , तो दादा अिभभावक के पद की िज ेदारी उठाएं गे, न िक िनवाहक दोनों मत हालां िक इस
बात से सहमत ह िक अपने जीवनकाल म िपता ही एकमा संर क है िपता की मृ ु के बाद भी मां को
ाभािवक संर क के प म मा ता नहीं दी गई है ाभािवक संर क के अिधकारों के संबंध म, इस
बारे म कोई संदेह नहीं है िक िपता का अिधकार संपि और ब े की श सयत दोनों पर है यहां तक िक
जब मां नाबािलग ब े की संर क होती है , िपता का दे खरे ख और िनयं ण का सामा अिधकार बरकरार
रहता है िपता हालां िक मां को वसीयती संर क िनयु कर सकता है अतः, हालां िक मां को ाभािवक
संर क के प म पहचान नहीं िमलेगी, लेिकन िपता की इ ानुसार उसकी िनयु पर कोई आपि नहीं
है
मु म लॉ इस बात की मा ता दे ता है िक नाबािलग ब ों को रखने का मां का अिधकार पूण अिधकार
है यहां तक िक िपता भी उसे इससे वंिचत नहीं कर सकता दु वहार एकमा ऐसी शत है जो मां को इस
अिधकार से वंिचत करती है िकस आयु म संर ण म रखने का मां का अिधकार समा होता है , िशया मत
है िक मां का अिधकार केवल ब े के खड़े होकर चलने तक है जो ब े के दो वष की आयु पूरी करने पर
समा हो जाता है , जबिक हनाफी मत है िक यह अविध नाबािलग ब े के सात वष की उ तक प ं चने
तक रहती है लड़िकयों के मामले म, िशया कानून मां के अिधकार का लड़की के सात वष की उ हािसल
करने तक समथन करता है और हनाफी मत उसके यौवन अव था तक प ं चने को मानता है
अिभभावक के पद और संर क के संबंध म सामा कानून अिभभावक और संर क कानून, 1890 म
िनिहत है इसम तौर पर कहा गया है िक िपता का अिधकार मुख है और तब तक िकसी अ
की िनयु नहीं की जा सकती जब तक िपता अ थ नहीं है यह कानून इसकी भी व था करता है िक
कानून के अंतगत संर क की िनयु करते समय ब ों के क ाण को भी ान म रखा जाए हालां िक,
पसनल लॉ (संशोधन) कानून, 2010 से अिभभावक और संर क कानून, 1890 म संशोधन िकया गया था
तािक मां को भी िपता के साथ ब े के अिभभावक के प म िनयु करने के िलए शािमल िकया जा सके
और अदालत ऐसी थित म नाबािलग ब े के अिभभावक के प म िकसी अ की िनयु न कर
जब ऐसे नाबािलग के माता-िपता म से कोई एक अिभभावक थ हो
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भरण-पोषण
पित का अपनी प ी को संभालने का दािय िववाह की थित से उ होता है भरण-पोषण का अिधकार
पसनल लॉ का एक िह ा है कोड ऑफ ि िमनल ोसीजर, 1973 के अंतगत भरण-पोषण का अिधकार
न केवल प ी और आि त ब ों का है , ब गरीब माता-िपता और तलाकशुदा प ी का भी है प ी आिद
के दावे, हालां िक पित के पास पया साधन पर िनभर करते ह सभी आि त यों के िलए भरण पोषण
का दावा 500 पये ितमाह तक सीिमत है , लेिकन इस सीमा को कोड ऑफ ि िमनल ोसीजर (संशोधन)
कानून, 2001 ारा हटा िदया गया कोड ऑफ ि िमनल ोसीजर के अंतगत भरण-पोषण के अिधकार को
शािमल करने का लाभ है िक तेज़ और स ा उपाय िकया जा सकता है हालां िक, तलाकशुदा पि यां िज
चिलत पसनल लॉ के अंतगत भुगतान िकया गया धन ा होता है वह कोड ऑफ ि िमनल ोसीजर के
अंतगत भरण-पोषण का दावा करने की हक़दार नहीं ह
िहं दू कानून के अंतगत, प ी को अपने पित से भरण-पोषण का दावा करने का पूण अिधकार है , लेिकन
वह अपना अिधकार खो सकती है यिद वह शुिचता के रा े से भटक जाए भरण-पोषण के उसके
अिधकार को िहं दू द क हण और भरण-पोषण कानून, 1956 म िविधब िकया गया है भरण-पोषण की
रािश का आकलन करते समय, अदालत पित की दशा और दे नदा रयां जैसे िविभ कारणों को ान म
रखती है वह यह भी अनुमान लगाती है िक ा प ी का पित से अलग रहना ायोिचत है कानून म
तकसंगत कारणों की ा ा की गई है भरण-पोषण (अिनिणत मुकदमा) और यहां तक िक वैवािहक
मुकदमे का खच पित या प ी उठाएगी, यिद अ पित या प ी की अपनी सहायता के िलए कोई तं
आमदनी नहीं है यही िस ां त थायी भरण-पोषण के भुगतान को संचािलत करता है
मु म लॉ के अंतगत, मु म मिहला (तलाक पर अिधकारों का संर ण) कानून, 1986 उन मु म
मिहलाओं के अिधकारों की र ा करता है िज उनके पित ने तलाक दे िदया है अथवा उ ोंने तलाक ले
िलया है तथा इसके अित र घटना से संबंिधत सम ा को रखकर भरण-पोषण िकया जाएगा यह
अिधिनयम अ बातों के अलावा यह व था भी करता है िक तलाकशुदा मिहला (क) पया और
ायपूण भरण पोषण का बंध पाने और उसके पूव पित ारा इ त की अविध के भीतर भुगतान करने;
(ख) अपने ज े ब ों के ज की तारीख से दो वष की अविध के िलए पूव पित से पहले अथवा बाद म खुद
भरण–पोषण करने; (ग) िववाह के समय अथवा मु म कानून के अनुसार िकसी भी समय तय मेहर अथवा
दहे ज की रकम के बराबर उसे भुगतान करने पर सहमित; और (घ) िववाह से पहले अथवा िववाह के समय
अथवा िववाह के बाद उसके र ेदारों अथवा िम ों अथवा पित अथवा पित के िकसी भी र ेदार अथवा
िम ारा उसे दी गई संपि की हक़दार है
इसके अलावा, कानून म यह भी व था है िक जहां कोई तलाकशुदा मु म मिहला इ त की अविध
के बाद खुद का भरण-पोषण करने म समथ नहीं है , मिज े ट उसके र ेदारों को िनदश दे सकता है िक
उसे पया और ायपूण भरण-पोषण िदया जाए ोंिक मु म लॉ के अनुसार मृ ु होने पर उसकी
पैतृक संपि पर उनका अिधकार हो सकता है वह तलाकशुदा मिहला की ज रतों, िववाह के दौरान
उसके ारा भोगे गए जीवन र के संबंध म उपयु और जायज भरण-पोषण िनधा रत करे गा और मिहला
की ली गई पैतृक संपि के आकार के अनुपात म ऐसे र ेदारों की धन दौलत और उनके ारा िदए गए
भरण-पोषण का भुगतान उस अविध म करना होगा िजसका िज मिज े ट अपने आदे श म करता है
जहां ऐसी तलाकशुदा मिहला के ब े होंगे, मिज े ट ऐसे ब ों को मिहला को भरण-पोषण का भुगतान
करने का आदे श दे सकता है और यिद ब े भरण-पोषण का भुगतान करने म असमथ रहते ह, तो
मिज े ट ऐसी तलाकशुदा मिहला के माता-िपता को भरण-पोषण का भुगतान करने का आदे श दे सकते ह
ऐसे र ेदारों की अनुप थित म अथवा जहां ऐसे र ेदार उसे भरण-पोषण दे ने की थित म नहीं ह,
मिज े ट व अिधिनयम, 1995 की धारा 13 के अंतगत थािपत उस इलाके के व बोड को उसके
ारा िनधा रत भरण-पोषण का भुगतान करने का िनदश दे सकता है जहाँ मिहला रहती है
पारसी िववाह और तलाक कानून, 1936 िनवाह खच और थायी िनवाह खच, दोनों के िलए प ी के
अिधकार को मा ता दे ता है अदालत म लंिबत वैवािहक मुकदमे के दौरान िनवाह खच के प म अदालत
ारा अिधकतम रािश के संबंध म िदया गया आदे श, पित की कुल आमदनी का पां चवां िह ा होगा थायी
भरण-पोषण के प म मा ा तय करते समय, अदालत यह पता लगाएगी िक ा ायोिचत है , इसके िलए
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वह पित की भुगतान मता, प ी की अपनी संपि और संब प ों के आचरण को ान म रखेगा आदे श


तब तक लागू रहे गा जब तक प ी पिव और अिववािहत रहती है तलाक अिधिनयम, 1869, अ बातों के
अलावा ईसाई प ी के भरण-पोषण अिधकारों से संचािलत है इसके ावधान वही ह जो पारसी कानून के ह
और भरण-पोषण की इज़ाज़त दे ते समय दोनों िनवाह खच और थायी भरण-पोषण लागू होते ह
उ रािधकार
1925 अ म रहे िनवसीयत और वसीयतनामा उ रािधकार कानून को मजबूत बनाने के िलए भारतीय
उ रािधकार कानून बनाया गया यह अिधिनयम संघशािसत पुद्ु दचेरी म लागू नहीं होता जबिक
उ रािधकार के संबंध म कानून को मजबूत बनाते समय, दो योजनाओं, एक िजसका संबंध भारतीय
ईसाइयों, य िदयों और िवशेष िववाह कानून, 1954 के अंतगत िववािहत यों की संपि के
उ रािधकार से था और दू सरा पारिसयों के उ रािधकार से संबंिधत था, को अपनाया गया
पहली योजना म, जो पारिसयों के अलावा अ पर लागू की गई, िकसी की मृ ु िनवसीयत
(वसीयत िकए िबना) मृ ु हो जाती है और उसके प रवार म उसकी िवधवा प ी और उसके नजदीकी वंश
के लोग ह, तो उसकी िवधवा संपि का एक-ितहाई िनयत िह ा लेने की हक़दार है और नजदीकी वंश के
लोग शेष दो-ितहाई िह ा लेने के हक़दार ह िवधवा मिहलाओं के अिधकारों म सुधार लाने के िलए बाद म
इस कानून म संशोधन िकया गया और यह व था की गई िक जहां िकसी की िनवसीयत मृ ु हो
जाती है और उसके प रवार म उसकी िवधवा प ी है और नजदीकी वंश का कोई नहीं है और संपि का
मू 5,000 पये से अिधक नहीं है , ऐसी थित म िवधवा मिहला पित की पूरी संपि की हक़दार है जहां
संपि का कुल मू 5,000 पये से अिधक है , वह चार ितशत भुगतान पर ाज के साथ 5,000 पये ले
सकती है और बची ई संपि म वह अपने िह े की हक़दार है यह कानून संपि की वसीयत करने के
िलए िकसी के अिधकार पर रोक नहीं लगाता
दू सरी योजना के अंतगत, कानून म िनवसीयत पारिसयों के उ रािधकार के िलए व था की गई है
भारतीय उ रािधकार (संशोधन) कानून, 1991 से इस कानून म संशोधन िकया गया तािक माता–िपता की
संपि यों म पु और पु ी दोनों को समान िह ा िमल सके चाहे वह िपता की हो अथवा माता की इसम
पारिसयों के िलए यह भी व था की गई िक वे बेरोकटोक िकसी धािमक अथवा धमाथ उ े से अपनी
संपि वसीयत म दे सकते ह वा व म संशोिधत कानून म यह व था की गई िक जब िकसी पारसी की
िनवसीयत मृ ु हो जाती है और प रवार म िवधवा प ी अथवा िवधुर पित और ब े रह जाते ह, उसकी
संपि का िवभाजन होगा तािक िवधवा, िवधुर और ेक ब े को समान िह ा िमल सके इसके अलावा,
जब िकसी पारसी की मृ ु के बाद उसके प रवार म एक या दोनों माता-िपता, िवधवा/िवधुर रह जाते ह,
संपि का िवभाजन इस कार होगा िक माता-िपता या माता अथवा िपता को ेक ब े की संपि का
आधा िह ा िदया जाएगा
इस कानून म संशोधन भारतीय उ रािधकार (संशोधन) कानून, 2002 ारा िकया गया यह महसूस
िकया गया िक मु कानून की धारा 32 िवधवाओं के िलए भेदभावपूण है और इस भेदभाव को समा
करने के िलए धारा 32 के ावधानों को हटा िदया गया इस संशोिधत कानून ारा धारा 213 म भी संशोधन
िकया गया तािक ईसाइयों को भी अ समुदायों के बराबर लाया जा सके
िहं दुओ,ं बौ ों, िसखों अथवा जैिनयों के बीच वसीयतनामे से जुड़ा कानून कुछ ितबंधों का िवषय है और
भारतीय उ रािधकार कानून, 1925 तीसरी अनुसूची के अंदर समझा जाए की धारा म संशोधन िकए गए
िहं दुओं म िनवसीयत उ रािधकार से संबंिधत कानून को िहं दू उ रािधकार कानून, 1956 म िविधब िकया
गया ज ू क ीर रा को छोड़कर इसका पूरे भारत म िव ार आ कानून की उ ेखनीय
िवशेषताओं म मिहला ारा िबना वसीयत वाली संपि का पु षों के बराबर उ रािधकार हािसल करने के
अिधकार को मा ता दे ना था इसम इस व था को समा िकया गया िक मिहला वा रस के जीवनकाल
तक ही उसके पास संपि का ािम रहे गा साथ ही (दे ख िहं दू उ रािधकार (संशोधन) कानून, 2005),
िहं दू उ रािधकार कानून, 1956 म संशोधन िकया गया तािक एक संयु िहं दू संपि म सह-समां शभागी
पु ी को समान िह ा िमल सके
भारत म अिधकां श मुसलमान सु ी कानून के हनाफी मत का अनुसरण करते ह अदालतों का मानना है
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िक मुसलमान तब तक हनाफी कानून के अधीन ह जब तक यह थािपत न हो जाए िक वह असंगत है


हालां िक िशया और सु ी मतों के बीच अनेक िवशेषताएं सविन ह, लेिकन कुछ बातों म मतभेद ह सु ी
कानून कुरान की उ रािधकार की आयतों को इ ाम पूव ावहा रक कानून के जोड़ के प म मानता है
उसने पु ष पूवजों की े थित को सुरि त रखा है िहं दू और ईसाई कानूनों के िवपरीत, मु म कानून
िकसी के वसीयत के अिधकार पर रोक लगाता है एक मुसलमान अपनी संपि का केवल एक
ितहाई वसीयत म दे सकता है वा रस की इज़ाज़त के िबना िकसी अजनबी को वसीयत दे ना वैध है यिद वह
संपि के एक-ितहाई से अिधक नहीं है , लेिकन िकसी वा रस को अ वा रसों की मंजूरी के िबना वसीयत म
दे ना अमा है उ रािधकार ारं भ करने के बाद वसीयत दे ने के िलए वा रस की मंजूरी अव ली जानी
चािहए और वसीयत दे ने वाले को वसीयतकता के जीवनकाल के दौरान वसीयत दे ने की मंजूरी को उसकी
मृ ु के बाद लौटाया जा सकता है िशया कानून म मुसलमानों को योग के िलए उपल कराने के िलए
वसीयत दे ने की आजादी है
आनंद िववाह (संशोधन) कानून, 2012
िसखों के िववाह अिधकार िज आनंद कारज कहा जाता था, उसकी वैधता के संदेहों को िमटाने के िलए
आनंद िववाह कानून, 1909 बनाया गया और इसम िववाह के पंजीकरण की व था नहीं दान की गई
िहं दू िववाह कानून, 1955 धम ारा सभी िहं दुओ,ं बौ ों, जैिनयों अथवा िसखों पर लागू होता है यह उन
सभी यों पर भी लागू होता है जो मुसलमान, ईसाई, पारसी अथवा य दी नहीं है बशत वे यह थािपत
न कर द िक वे इस कानून से पहले िहं दू कानून, रीित रवाजों और प रपािटयों से िनयंि त नहीं थे िहं दू
िववाह कानून, 1955 की धारा 8 म िहं दू िववाह के पंजीकरण की व था है और ोंिक िहं दू िववाह कानून,
1955 की धारा 2 के अंतगत िसखों को िहं दुओं की प रभाषा म शािमल िकया गया है , िसख िववाह र के
अनुसार होने वाले िसख िववाह िजसे आनंद कहा जाता है अथवा अ चिलत र ों को यहां िहं दू िववाह
कानून, 1955 की धारा 8 के ावधानों के अंतगत पंजीकृत िकया जा सकता है
हालां िक दे ख आनंद िववाह (संशोधन) कानून, 2012, आनंद िववाह कानून, 1909 म संशोधन िकया गया
तािक आनंद कराज के प म मश र आनंद िववाह के पंजीकरण की व था हो सके

चुनाव कानून और चुनाव सुधार


संसद, रा िवधानसभाओं और रा पित और उप-रा पित पद के िलए चुनाव कराने के संबंध म कानूनः (i)
जन ितिनिध कानून, 1950; (ii) जन ितिनिध कानून, 1951; (iii) रा पित और उप-रा पित चुनाव
कानून, 1952; (iv) प रसीमन कानून, 2002; (v) आं दे श िवधान प रषद कानून, 2005; और (vi)
तिमलनाडु िवधान प रषद कानून, 2010 को िविध और ाय मं ालय के िविध संबंधी िवभाग ारा भाव म
लाया जाएगा
हमारे दे श की चुनाव णाली िजसे चुनावों का फ पा द पो िस म भी कहा जाता है , उसके
िछयासठ वष पूरे हो चुके ह
दे श म लगातार बदलते चुनावी प र ने अनेक अवसरों पर चुनाव कानूनों म सुधार को आव क बना
िदया चुनावों के दौरान ए अनुभवों, िनवाचन आयोग की िसफा रशों, राजनीितक दलों, जानी-मानी
ह यों समेत िविभ ोतों से ा ावों और िवधाियकाओं और िविभ सावजिनक िनकायों म ई
चचाओं को ान म रखते ए िपछली सरकारों ने समय-समय पर अनेक उपाय िकए तािक चुनाव सुधार
िकए जा सक; हालां िक चुनाव सुधारों के ापक पैकेज के असर की आव कता को अ ीकार नहीं िकया
जा सकता वतमान म सम ता के साथ चुनाव सुधार का मु ा भारत के िविध आयोग के पास जां च और
रपोट के िलए भेजा जा चुका है िविध आयोग की रपोट िमलने पर साझेदारों के साथ इस मामले पर
िवचार–िवमश कर इसकी जां च की जाएगी
िनवाचन े ों का प रसीमन
ितिनिध व था म लोक सभा और िवधानसभा िनवाचन े ों का आविधक पुन व थापन अिनवाय है
जहां एक सद वाले िनवाचन े का इ ेमाल राजनीितक ितिनिध को चुनने के िलए िकया जाता है
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िपछली कािशत जनगणना के आं कड़ों के आधार पर चुनाव संबंधी सीमाएं तय की जाती ह और यह


तुलना क प से आबादी के बराबर होती ह समान प से बसे ए िनवाचन े मतदाताओं को
िवधाियका म समान मह के मत डालने का अिधकार दान करता है िजन िनवाचन े ों की आबादी म
ब त प रवतन आया है - िजस थित को खराब िवभाजन कहा जाता ह- वह लोकतं के क ीय िस ां त का
उ ंघन करती है , सभी मतदाताओं को समान मह के मत डालने का अिधकार हो प रसीमन और
चुनाव संसदीय लोकतं के दो मुख ंभ ह
भारत के पहले प रसीमन आयोग का गठन 1952 म, दू सरे का 1962 म और तीसरे का 1973 म िकया
गया था 1971 की जनगणना के आधार पर प रसीमन का तीसरा योग वष 1975 म पूरा आ वतमान
प रसीमन 2001 की जनगणना पर आधा रत है , िजसे 30 वष बाद हाथ म िलया गया जनसं ा म करीब
87 ितशत की वृ ई है और दे श म िनवाचन े ों की कृित कुल िमलाकर खराब िवभाजन वाली है
सरकार ने रा ीय जनसं ा नीित योजना के अंतगत जनसं ा थरीकरण काय म म रा सरकारों
के िनभ क होकर लगे रहने के िलए, उ स म बनाने के ेरक उपायों म वष 2026 तक ताजा प रसीमन
का काम हाथ म लेने पर वतमान संवैधािनक रोक को बढ़ाने का फैसला िकया यह भी फैसला िकया गया
िक िनवाचन े ों का पुन व थापन और उसकी बु संगत ा ा करने का काय एक साथ हाथ म िलया
जाए रा ों के िवधानमंडलों के िलए आवंिटत सीटों की सं ा को भािवत िकए िबना इनम वष 1991 की
जनगणना के आधार पर अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों के िलए आरि त सीटों को भी
शािमल िकया जाए तािक िविभ िनवाचन े ों म आबादी/मतदाताओं की असंगत वृ के कारण उ
असंतुलन को ठीक िकया जा सके संिवधान (चौरासीवां संशोधन) कानून, 2001 को 2002 म कानून बनाया
गया इसके प ात प रसीमन कानून 2002 के ावधानों के अंतगत 2002 म प रसीमन आयोग का गठन
िकया गया उ तम ायालय के सेवािनवृ ायाधीश ायमूित कुलदीप िसंह को इसका अ बनाया
गया और भारत के िनवाचन आयोग म िनवाचन आयु और रा िनवाचन आयु ी बी.बी.टं डन को
इसका पदे न सद िनयु िकया गया आयोग का मुख काय ेक रा म िनचले सदन म े ीय
िनवाचन े ों के खंडों की सीटों के े ीय र पर बंटवारे का पुन व थापन करना था इसके बाद
संिवधान (स ासीवां संशोधन) कानून, 2003 लागू िकया गया और इस कानून के ज रए े ीय िनवाचन े ों
के प रसीमन का आधार बदलकर 1991 की जनगणना के थान पर 2001 की जनगणना कर िदया गया
हालां िक प रसीमन के िनयम दे शभर म अलग ह, आमतौर पर सीमां कन का काय एक जैसा है भारत म
सीमां कन के काय के िलए आमतौर पर आव क है : (क) रा ों और रा के भीतर को सीटों का आवंटन;
(ख) मानिच ों, आबादी के आं कड़ों और संब इलाके की भौगोिलक/ ाकृितक/ शासिनक थित को
दशाने वाले िववरण को दज कर एक डे टाबेस तैयार करना; (ग) लोक सभा और रा िवधान सभाओं के
सां िविधक ितिनिधयों को जोड़ना; (घ) रा ों और िजलों को भौगोिलक इकाइयों म बां टना िज िनवाचन
े कहा जाता है ; (ङ) प रसीमन की ि या म सावजिनक सहयोग के िलए िव ृत अ ास; (च) िनवाचन
े ों का सार और मू ां कन; और (छ) अंितम आदे श को पा रत और कािशत करना िनवाचन े ों के
प रसीमन के बारे म प रसीमन कानून, 2002 म ा ा की गई है यह कानूनी परे खा एक तं
और िन प रसीमन आयोग की व था करती है आयोग के अंितम आदे श सरकार ारा िकसी कार
के सुधार अथवा वीटों का िवषय नहीं ह
प रसीमन आयोग पारदश तरीके से काय करता है इसके िलए काय प ित और िदशा-िनदश
तौर पर थािपत िकए गए ह और पहले से कािशत कर िलए गए ह िनवाचन े ों की परे खा तैयार
करते समय आयोग ने जहां तक ावहा रक हो-आपस म एक-दू सरे म िच रखने वाले समुदायों जैसे जहां
एक तरह के आिदवासी, जाित अथवा न के लोग ह और िज भौगोिलक ि से अथवा ाकृितक
िवशेषताओं जैसे पवतों, जंगलों, निदयों आिद ारा प रभािषत िकया गया है , को ान म रखा है आयोग ने
संवैधािनक और सां िविधक ावधानों के अनुसार अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों के िलए
आरि त िनवाचन े ों का सीमां कन िकया है संिवधान के अनु े द 82 के दू सरे ावधान और अनु े द
170 की उपधारा (3) के दू सरे ावधान के पालन म प रसीमन की अंितम थित ा होने के बाद, 19
फरवरी 2008 को रा पित का आदे श जारी कर दे शभर म नये प रसीमन को भावी बनाया गया हालां िक
प रसीमन कानून, 2002 की धारा 10(बी) ने झारखंड रा के संबंध म 2007 के प रसीमन आदे श के
कानूनी भाव को िनर कर िदया
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प रसीमन आयोग ारा प रसीमन आदे शों के बारे म िनिद ितिथ की अिधसूचना दे ने वाले रा पित के
आदे श के जारी होने के साथ, अमल म आने पर, यह ज री हो गया िक संब ावधानों और प रसीमन
आयोग ारा अिधसूिचत प रसीमन आदे शों के ज रए िकए गए प रवतनों को ितिबंिबत करने वाले जन
ितिनिध कानून, 1950 की पहली और दू सरी अनुसूची म संशोधन िकया जाए फल प, पड़ने वाली
ज रतों के प म, जन ितिनिध कानून, 1950 म संशोधन करते ए प रसीमन की सहमित के साथ जन
ितिनिध (संशोधन) कानून, 2008 बनाया गया जो 16 अ ैल, 2008 से भावी हो गया इस संशोधन
कानून के ज रए अ संशोधनों सिहत जन ितिनिध कानून, 1950 की पहली अनुसूची और दू सरी
अनुसूची को हटा िदया गया जन ितिनिध कानून, 1950 म अ बातों के साथ एक नई धारा 8(ए) को
शािमल िकया गया, िजसम यह व था की गई िक यिद भारत के रा पित इस बात से संतु ह िक
अ णाचल दे श, असम, मिणपुर या नगालड रा ों म वतमान थित और हालात प रसीमन का काय
कराने के िलए िहतकर ह, तो वे, आदे श ारा, इनम से िकसी भी रा के संबंध म प रसीमन कानून 2002
की धारा 10(ए) के अंतगत जारी थगन आदे श को र कर सकते ह और भारत के िनवाचन आयोग ारा
रा ों म प रसीमन का काय कराने की व था कर सकते ह इसके अलावा, भारत के िनवाचन आयोग
को यह अिधकार है िक वह जन ितिनिध कानून, 1950 की उप-धारा (धारा 8(ए) के 2) के अनुसार
उपयु चार रा ों के संबंध म ज से ज ताजा प रसीमन का काम हाथ म ले, जो हो सकता है िक इन
रा ों के संबंध म थगन आदे शों को र करने के बाद कराया जाए प रसीमन का काय नये िसरे से शु
िकया जाएगा जब इन रा ों म प रसीमन का काय कराने के िलए थित िहतकर होगी
रा पित के 2008 के आदे श के जारी होने के बाद, प रसीमन आयोग ने कनाटक, पि म बंगाल, उ र
दे श, तिमलनाडु , रा ीय राजधानी े िद ी, िबहार और गुजरात रा ों के संबंध म अपने पूव के आदे शों
म संशोधन करते ए आठ (8) आदे श/शु प जारी िकए
मिहलाओं के िलए सीट आर ण
िपछले कई वष से संसद और रा िवधान सभाओं म मिहलाओं के िलए उिचत ितिनिध हे तु लगातार
मां ग उठती रही है 1992 म िकए गए संिवधान संशोधन 73 और 74 म ऐसी ही मां ग को समथन िदया गया
इसके आधार पर संसद और रा िवधाियकाओं म सीट आर ण के िलए संिवधान म संशोधन का ाव
रखा गया था
इले ॉिनक वोिटं ग मशीन
इले ॉिनक वोिटं ग मशीन (ईवीएम) का इ ेमाल दे श म योग के आधार पर 1982 म शु िकया गया
ईवीएम के सावभौिमक इ ेमाल म दो दशक से अिधक समय लगा और 2004 म लोक सभा चुनावों के
दौरान दे शभर के सभी मतदान क ों म ईवीएम का इ ेमाल िकया गया इसके बाद से लोक सभा और
रा िवधानसभाओं के सभी चुनावों म ईवीएम का इ ेमाल िकया जा रहा है िनवाचन आयोग के आदे श
पर सावजिनक े के दो उप मों, भारत इले ॉिन िलिमटे ड, बंगलु (बीईएल) और इले ॉिन
कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड, है दराबाद (ईसीआईएल) ने 1989 म ईवीएम िवकिसत की
मतदाता फोटो पहचान-प
िनवाचन आयोग ने 1993 म दे शभर म मतदाता फोटो पहचान-प का इ ेमाल शु िकया तािक चुनावों म
जाली मतदान को रोका जा सके पंजीकृत मतदाता को फोटो पहचान-प जारी करने का आधार मतदाता
सूची है मतदाता सूची को आमतौर पर चुनाव संबंधी तारीख के प म हर वष पहली जनवरी से संशोिधत
िकया जाता है भारत का ेक नाग रक िजसकी उ इस तारीख को 18 वष या अिधक है वह मतदाता
सूची म शािमल होने के यो है और वह इसके िलए आवेदन कर सकता है एक बार उसके मतदाता सूची
म पंजीकृत हो जाने पर, उसे मतदाता पहचान-प िमल जाएगा मतदाता पहचान–प जारी करने की
योजना, िनरं तर चलने वाली ि या है िजसके िलए कोई समय सीमा तय नहीं की जा सकती
हालां िक ऐसे सभी यों के िलए मतदाता पहचान-प ज से ज जारी करने के िलए लगातार
यास िकए जा रहे ह िजनके नाम मतदाता सूची म दज हो चुके ह इनम से कुछ यास इस कार ह: (i)
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सभी मतदाताओं के िलए मतदाता पहचान प बनाने के िलए िवशेष फोटो ाफी अिभयान; (ii) मतदाता
पहचान प बनाने के िलए मतदाताओं को अपनी फोटो की ितयां दे ने की इज़ाज़त; (iii) फोटो एक करने
और सभी मतदाताओं के फोटो पहचान-प बनाने के िलए आयोग ारा बूथ र के अिधका रयों की
िनयु ; (iv) मतदाताओं के नामां कन और मतदाता पहचान-प बनाने पर िवशेष ान दे ने के िलए 25
जनवरी रा ीय मतदाता िदवस के प म घोिषत; (v) मतदाता पहचान–प तैयार करने की ि या की
जानकारी मतदाता को दे ने के िलए िवशेष चार अिभयान शु ; और (vi) यह िनदश जारी कर िदए गए ह
िक मतदाता पहचान-प सं ा एक बार जारी हो जाने पर यह मतदाता के पूरे जीवनकाल म वैध रहे गी चाहे
उसका पता बदल जाए
िवदे श म रहने वाले भारतीय नाग रकों को मतदान का अिधकार
जन ितिनिध कानून, 1950 की धारा 19 म व था है िक ेक िजसकी उ चुनाव संबंधी
तारीख पर 18 वष से कम नहीं है और वह िनवाचन े का साधारणतः िनवासी है वह उस िनवाचन े की
मतदाता सूची म पंजीकृत होने का हक़दार है ‘साधारणतः िनवासी’ का अथ इस अिधिनयम की धारा 20 म
िदया गया है मतदाता पंजीकरण अिधका रयों के िलए पु का म अ ाय-III के अंतगत िनिद िकया गया
है िक कोई भी जो वसाय अथवा रोज़गार के िसलिसले म दे श से बाहर गया है उसे उस थान से
बाहर िनकला आ माना जाएगा िकसी इमारत अथवा िकसी अ अचल संपि का केवल ािम होने से
मािलक को िनवासी होने की यो ता नहीं िमलती
बड़ी सं ा म भारत के नाग रक िविभ कारणों से भारत से बाहर रह रहे ह वे लगातार मां ग कर रहे ह
िक उ मतदान करने का अिधकार दान िकया जाए
सरकार ने मां ग के सभी पहलुओं पर िवचार िकया और फल प 27 फरवरी, 2006 को रा सभा म
जन ितिनिध (संशोधन) िवधेयक 2006 पेश िकया तािक उन भारतीय नाग रकों के नाम उस िनवाचन े
की मतदाता सूची म दज हो सक जहां के वे साधारणतः िनवासी ह और िजसका िज उनके पासपोट म है
तथा जो रोज़गार, िश ा अथवा िकसी अ िसलिसले म बाहर होने के कारण अपने सामा िनवास म
उप थत नहीं ह तािक वे चुनाव के समय यिद अपने िनवाचन े म ह तो लोक सभा और रा
िवधानसभाओं के चुनावों म मतदान कर सक
थायी सिमित की िसफ़ा रशों का पालन करते ए सरकार ने रा सभा म 27 फरवरी, 2006 को पेश
िकए गए जन ितिनिध (संशोधन) िवधेयक, 2006 को वापस ले िलया और अ बातों के साथ एक नया
िवधेयक जन ितिनिध (संशोधन) िवधेयक 2010, अग 2010 म पेश िकया तािक जन ितिनिध
कानून, 1950 म संशोधन िकया जा सके िजससे : (क) बंध िकया गया है िक भारत का ेक नाग रक,
िजसका नाम मतदाता सूची म शािमल नहीं िकया गया है और िजसे िकसी अ दे श की नाग रकता नहीं
िमली है और जो अपने रोज़गार, िश ा अथवा िकसी अ कारण से भारत म अपने साधारणतः िनवास थान
म उप थत नहीं है और भारत के बाहर है (चाहे अ थायी तौर पर अथवा नहीं), वह उस िनवाचन े की
मतदाता सूची म अपना नाम दज कराने का हक़दार है जहां भारत म उसका िनवास है िजसका िज उसके
पासपोट म िकया गया हो; ( ख) बंध िकया गया है िक मतदाता पंजीकरण अिधकारी मतदाता सूिचयों म
संशोधन करे और यथोिचत स ापन के बाद मतदाता सूिचयों म नाम शािमल करे ; और (ग) क सरकार
को यह अिधकार दान करे िक वह भारत के िनवाचन आयोग से सलाह करने के बाद, िनयमों ारा, उस
समय के अंदर बताए िजसम ऊपर उप पैरा म िदए गए लोगों के नाम मतदाता सूची म दज िकए जा सक
और ऐसे यों के नाम मतदाता सूची म दज करने का तरीका और ि या बताई जाए
इस िवधेयक ने जन ितिनिध (संशोधन) कानून, 2010 के प म कानून का प िलया इस कानून
के ावधानों का पालन करके क सरकार ने िनवाचन आयोग की सलाह से 3 फरवरी, 2011 को मतदाता
पंजीकरण (संशोधन) िनयम, 2011 और 23 फरवरी, 2011 को मतदाता पंजीकरण (दू सरा संशोधन) िनयम
2011 तैयार िकया और उसे कािशत िकया क सरकार कानून को फरवरी 2011 म अमल म लाकर
आव क अिधसूचना जारी कर चुकी है िवदे शों म रहने वाले भारतीय अब -स ािपत द ावेज जमा
करके अपने संब िनवाचन े की मतदाता सूची म अपना नाम दज करा सकते ह
अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों के िलए सीट आर ण
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हमारे संिवधान िनमाता इस त को लेकर पूरी तरह से सचेत थे िक हमारे समाज म अनुसूिचत जाितयां और
अनुसूिचत जनजाितयां िवगत कई सिदयों से शोिषत रहे ह और उनके िलए िवशेष व था की जानी चािहए
तािक उनकी थित म ापक सुधार हो सके इसिलए हमारे संिवधान म कई िवशेष ावधानों को समािहत
िकया गया ऐसा एक ावधान लोक सभा और रा िवधान प रषदों म इन जाितयों के िलए सीटों के
आर ण से जुड़ा था संिवधान की धाराओं 330 और 332 म इन ावधानों का उ ेख िकया गया है इसी
तरह, संिवधान िनमाता आं -भारतीय समुदाय के लोगों की संभावी सम ाओं को लेकर भी संवेदनशील
थे नतीजतन, समाज के इस छोटे िह े को उिचत ितिनिध दे ने के उपाय िकए गए संिवधान की धारा
331 के अंतगत भारत के रा पित इस समुदाय के दो सद ों को संसद म नामां िकत करते ह
इसी तरह, जहां भी आव कता हो, रा िवधान सभाओं म भी इस समुदाय के एक सद को
नामां िकत करने के अिधकार रा के रा पाल के पास होते ह आरं भ म, यह ावधान संिवधान िनमाण के
पहले दस वष के िलए ही िनधा रत िकए गए थे हालां िक, अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों
के लोगों के सामािजक-आिथक र म सुधार करने के िलए सरकार ने कई कदम उठाए ह, िफर भी, यह
समुदाय अ समुदायों से काफी पीछे ह राजनीितक े म भी इस समुदाय के नुमाइं दे, अपने दम पर,
उिचत सं ा बल के साथ चुन कर ितिनिध के तौर पर सामने नहीं आ सके ह कुछ ऐसे ही, आं -
भारतीय समुदाय के भी लोग ह िज राजनीितक हलकों म अपना ितिनिध चािहए िलहाजा, संिवधान
िनमाण के साथ िनधा रत दस वष के ावधान को समय-समय पर बढ़ाया गया है हाल म, 2009 के
संिवधान िवधेयक (109वां संशोधन) की अविध को संसद के दोनों सदनों म अगले दस वष तक बढ़ाने के
िलए पा रत िकया गया और इसे जनवरी 2010 को रा पित की मंजूरी भी िमली इस तरह, उपयु 2009
का संिवधान िवधेयक ( 109वां संशोधन) अमल म लाया गया
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म, कौशल िवकास
21 और रोजगार

म एवं रोज़गार मं ालय भारत सरकार के मह पूण और सबसे पुराने मं ालयों म से एक है सामा
िमकों के साथ-साथ िवशेष प से समाज के िनधन, वंिचत एवं उपेि त वग के िमकों के िहतों की
र ा कर उ संर ण दे ना इस मं ालय का मु उ रदािय है इसके अलावा उ ादन एवं
उ ादकता म वृ के िलए थ वातावरण तैयार करना एवं ावसाियक कौशल िश ण और रोज़गार
सेवाओं का िवकास एवं सम य करना मं ालय का ल है उदारीकरण की ि या म साथ-साथ चलने व
बने रहने के िलए मं ालय का ान म क ाण के संवधन और उ संगिठत एवं असंगिठत े म
सामािजक सुर ा उपल कराने पर कि त है यह िविभ म कानूनों को लागू करने के मा म से ा
िकए जाने का ल है िजनके ारा िमकों के रोज़गार और सेवा शत को िनयिमत एवं िनयंि त िकया जा
सके भारत के संिवधान के अंतगत म समवत सूची का िवषय है और इस पर रा सरकार भी कानून
बना सकती ह
वेबसाइट: www.labour.gov.in

नई पहल
रा ीय आजीिवका सेवा प रयोजना
रा ीय रोज़गार सेवा को रोजगार से संबंिधत िविभ सेवाओं जैसे आजीिवका परामश, ावसाियक
मागदशन, कौशल िवकास काय मों के बारे म सूचनाएं , िश ुता इ ािद का दाता म पां त रत करने
के िलए मं ालय िमशन मोड म रा ीय आजीिवका सेवा (एनसीएस) प रयोजना लागू कर रहा है एनसीएस
का पोटल (www.ncs.gov.in) 2015 से चल रहा है एनसीएसपी की सहायता के िलए ेक मंगलवार से
रिववार तक ( ातः 8.00 बजे से सायं 8.00 बजे तक) एक समिपत ब भाषी हे डे उपयोगकताओं की
सहायता हे तु 18004251514 पर उपल है इस हे डे म 3600 से अिधक आजीिवकाओं के बारे म
अ ी-खासी जानकारी उपल है
सभी रोज़गार कायालयों को एनसीएस पोटल से पर र जोड़ने के िलए एनसीएस प रयोजना का िव ार
िकया जा रहा है तािक ऑनलाइन सेवाएं दी जा सके योजना म रा ों को अपने आईटी तं को अ तन
करने एवं रोजगार मेलों का आयोजन करने के िलए अपने रोज़गार कायालयों की सू पुनस ा हे तु
आं िशक िव ीय सहायता दे ने की व था की गई है

धानमं ी रोज़गार ो ाहन योजना


रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा दे ने के उ े से मं ालय 2016-17 से ही धान मं ी रोज़गार ो ाहन
योजना का काया यन कर रहा है और इसके िलए 1000 करोड़ पये भी आवंिटत िकए गए ह इस योजना
के अंतगत भारत सरकार कमचारी भिव िनिध संगठन (ईपीएफओ) म पंजीकृत कराने के िलए सभी
नविनयु कमचा रयों की कमचारी पशन योजना (ईपीएस) म पहले तीन वष तक 8.33 ितशत की दर से
अंशदान करे गी इससे िनयो ाओं को बेरोज़गार यों को िनयु दे ने एवं अनौपचा रक कमचा रयों
को औपचा रक प से िनयु दे ने हे तु ो ाहन िमलेगा यह योजना 15,000 पये ितमाह की आय
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वाले यों पर लागू होगी इसके िलए 1,000 करोड़ पये के बजट का ावधान िकया गया है

म िनरी ण योजना
जो खम कम मानकों के आधार पर िकए गए िनरी णों की आक क म रिहत अिनवाय कं ूटरीकृत
सूची बनाई जाती है

1. गंभीर मामलों को अिनवाय िनरी ण की सूची के अनुसार दे खा जाता है


2. िशकायत िमलने के उपरां त आं कड़ों और सा ों की जां च के बाद क ीय र पर जां च का िनणय
िलया जाता है
3. जां च िकए जाने के 72 घंटों के भीतर िनरी ण रपोट को अिनवाय प से अपलोड करना होगा

म सुिवधा पोटल
म कानूनों को लागू करने और उनके सुगम अनुपालन म पारदिशता एवं जवाबदे ही के िलए मं ालय ने एक
एकीकृत वेब पोटल ‘ म सुिवधा पोटल’ िवकिसत िकया है यह मं ालय के अधीन कायरत चार मुख
संगठनों की आव कताएं पूरी करता है ये संगठन ह: मुख म आयु कायालय (क ीय), महािनदे शक
खान सुर ा, कमचारी भिव िनिध संगठन तथा कमचारी रा बीमा िनगम

एकल समेिकत वािषक िववरणी


म एवं रोज़गार मं ालय ने आठ म कानूनों (अिधिनयमों) के िलए एकल समेिकत वािषक िववरण शु
की है इससे िविभ उप मों (औ ोिगक इकाइयों) को अलग-अलग िववरणी भर कर दे ने की बजाय
सरलीकृत एकल ऑनलाइन िववरणी भरकर जमा करने म आसानी होगी ये कानून ह: (1) वेतन/मजदू री
का भुगतान अिधिनयम, 1936; (2) ूनतम वेतन/मजदू री अिधिनयम, 1948; (3) अनुबंध िमक (पंजीकरण
एवं उ ूलन) अिधिनयम, 1970; (4) मातृ लाभ अिधिनयम, 1961; (5) भवन िनमाण व अ िनमाण
िमक (रोज़गार का िनयमन और सेवा शत) अिधिनयम, 1996; (6) बोनस भुगतान अिधिनयम, 1965; (7)
अंतररा ीय वासी िमक (रोज़गार का िनयमन और सेवा शत) अिधिनयम, 1979 तथा (8) औ ोिगक
िववाद अिधिनयम, 1947

सामा पंजीकरण
पां च क ीय म कानूनों (अिधिनयमों) के अंतगत सामा पंजीकरण की सुिवधा औ ोिगक नीित एवं
संवधन िवभाग के ई-ि ज पोटल पर िवकिसत की गई है इसके अंतगत आने वाले अिधिनयम (कानून) इस
कार ह कमचारी भिव िनिध एवं िविवध ावधान अिधिनयम, 1952; कमचारी रा बीमा अिधिनयम,
1948; भवन िनमाण व अ िनमाण िमक (आरईसीएस) अिधिनयम, 1996; अनुबंध िमक (पंजीकरण
एवं उ ूलन) अिधिनयम, 1970 तथा अंतररा ीय वासी िमक (आरईसीएस) अिधिनयम, 1979

म संिहता
मं ालय ने म कानूनों के वतन (लागू करने) म पारदिशता और जवाबदे ही लाने के िलए कई कदम उठाए
ह, िजनका उ े ेक िमक के िलए सुर ा, ा , सामािजक सुर ा उपायों को और अिधक सु ढ़
करना एवं एक औ ोिगक ित ान को रोज़गार के अवसर सृिजत करने के िलए े रत होकर िनयमों का
पालन करने वाला बनाना है ौ ोिगकी का उपयोग करते ए शासन म सुधार लाना और वतमान म
कानूनों का सरलीकरण, उ तकसंगत बनाना एवं िमला कर चार संिहताओं म िलिपब करके िवधायी
सुधार करना इन कदमों म शािमल है

िवधायी पहल
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डा लघु उ ोग िवधेयक
इस िवधेयक म 40 से कम िमकों वाली लघु उ ादन इकाइयों म िमकों के िलए काय और सेवा शत के
िनयमन का ावधान है यह िवधेयक इन लघु उ ोगों के िलए छह िमक कानूनों को आपस म िमलाने,
उनके सरलीकरण और उ तकसंगत बना कर उ एक थान पर रखने का ावधान करता है यह
िवधेयक लघु उ ोगों के संचालन को आसान बनाते ए उ और अिधक रोज़गार के अवसरों का सृजन
करने के िलए े रत करने के साथ ही सामािजक सुर ा, सुर ा और ा को भी सुिनि त करे गा

सामािजक सुर ा
कमचा रयों को बीमारी, मातृ तथा नौकरी के समय दु घटना होने की थित म िचिक ा सुिवधा और
आिथक सहायता दे ने के िलए 1948 म कमचारी रा बीमा अिधिनयम लागू िकया गया है कमचारी रा
बीमा िनगम 1952 से लागू ईएसआई योजनाओं को चला रहा है उपल यां इस कार ह-
ईएसआईसी का ा सुधार एजडाः ा सुधार एजडा ( ा प) की पूरी ृंखला लागू की गई
इसम िन िल खत शािमल ह:

ईएसआई लाभािथयों के इले ॉिनक ा अिभलेखों की ऑनलाइन (बीिमत और उनके


आि त प रवारी सद ;
अिभयान इं धनुषः स ाह के दौरान ितिदन ‘वीआईबीजीवाईओ आर’ कार से िब र की चादर
बदलना;
आपात थित म एवं ईएसआई अ ताल की कैजुअ ी/इमरजसी से िनदश ा करने के िलए
िचिक ा हे लाइन नं. 1800113839;
व र नाग रकों के िलए पृथक खंड;
ईएसआई अ तालों म अपरा म व र नाग रकों और िद ां गों के िलए िवशेष ओपीडी

ईएसआईसी 2.0 की कुछ अ िवशेषताएं इस कार ह: चरणब प म औषिध िवतरण क ों को छह


िब रों वाले अ तालों म उ ीकृत करना, िविभ रों पर अ तालों म पया एवं उिचत कसर, दय
रोग के िनदान व उपचार, योग सुिवधाओं का ावधान, सभी ईएसआईसी अ तालों म पीपीपी आधार पर
डायिलिसस सुिवधाएं दे ना, अ ताल प रसर म आउटसोिसग ारा अथवा उपल सुिवधाओं को उ ीकृत
करके सभी संभव पैथोलॉजी सुिवधाओं का ावधान, रोिगयों के सुगम पंजीकरण और औषिध िवतरण के
िलए ेक अ ताल म पं बंध णाली, रोिगयों/उनकी सु ुषा ( तीमारदारी) म लगे यों को
संभालने के काय म स ानजनक वहार करने के िलए अ तालों के गैर-िचिक ा (पैरा-मेिडकल)
कमचा रयों एवं अ किमयों को वहारज िश ण दे ना, सभी अंतरं ग (भत ) रोिगयों के िलए फीडबैक
णाली, अ ताल म आने वाले लोगों को उिचत िदशािनदशों एवं सूचनाओं के बेहतर आदान- दान के िलए
सभी ईएसआईसी अ तालों म आव क थानों पर आकषक िदशाप लगाना, िड सरी र पर िविभ
चरणों म आयुष (एवाईयूएसएच) सुिवधाओं का िव ार, लाभािथयों के िलए िविभ चरणों म टे ली-मेिडिसन
सुिवधा का ावधान

िडिजटल भारत-ईएसआईसी की ई-पहल


ई-िबज ेटफॉम: ईएसआईसी क सरकार का ऐसा पहला संगठन था िजसने अपनी सेवाओं को एकीकृत
करने के उ े से वसाय की सुगमता को बढ़ावा दे ने और िव ीय लेन-दे न की लागत घटाने के िलए
िनयो ाओं का पंजीकरण करने िलए नीित एवं संवधन िवभाग (डीआईपीपी) के ई-िबज पोटल के मा म
का उपयोग िकया है

ई-पहचानः आधार सं ा को बीमा सं ा से जोड़कर बीिमत की पहचान आधार सं ा से करने की


ि या ारं भ की गई है इससे बीिमत और उसके आि तों ारा सभी कार के लाभों की सुिवधा
लेते समय िविभ अवसरों पर की जाने वाली पहचान की ि या सरल हो गई है इससे बीिमत और
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उसके आि तों को अपने बायोमेिटक काड जारी करवाने के िलए आव क बायोमेिटक पहचान दे ने के
िलए िविभ कायालयों म जाने की बोिझल ि या से बच सकगे

आईपी के िलए मोबाइल एप: िवभाग के आईपी के िलए एक मोबाइल एप ‘आ एं ड अ ाइमट’ (एएए +)
की व था की गई है िजससे िकसी भी रोगी को वा व म अ ताल जाने से पहले डॉ र से ऑनलाइन
अ ाइं मट िमल जाएगा

शासकीय िनदशों का समावेशनः जीईएम, ई-ऑिफस से संबंधी िविभ शासकीय िनदशों का या तो


समावेशन कर िलया गया है अथवा उनके समावेशन, अनुकूलन और अंगीकरण की ि या चल रही है

आईपी का सश ीकरण: एक व था ऐसी भी की गई है िजसके ारा िमक यह जान सकते ह िक वे इस


योजना म शािमल ह/नहीं ह/उनकी उप थित/वेतन/िदहाड़ी/िनयो ा ारा जमा कराए गए अंशदान की ा
थित है आईसीटी भाग ने बदलते वसाय िनयमों एवं प रवेश को ान म रखने के साथ ही
ईएसआईसी की ती गित से बढ़ती ई वृ को ान म रखते ए सफलतापूवक अपनी व था का
उ ीकरण कर िलया है इसके अंतगत, (क) नए काया त े ों म िनयो ाओं के िलए घटी ई दर पर
अंशदान का समावेशन, (ख) वेतन सीमा को 15,000 पये से बढ़ा कर 21,000 पये िकए जाने का
समावेशन, (ग) ईएसआई अंशदान के भुगतान की ितिथ को माह समा होने के बाद 15 िदन आगे िकया
जाना शािमल है

राजीव गां धी िमक क ाण योजना (आरजीएसकेवाई) के अंतगत बेरोजगारी भ ा 12 महीने के थान


पर 24 महीने िमलेगा आरजीएसकेवाई के अंतगत लाभा त होने के िलए अंशदान करने की पा ता की
शत भी अब तीन वष के थान पर दो वष होगी
िद ां ग यों के िलए रोजगार के अवसर को ो ाहन दे ने के िलए अब िनयो ाओं ारा िदए जाने
वाले ऐसे िद ां ग यों के अंशदान का भुगतान अब शु आती दस वष के िलए क सरकार ारा
िकया जाएगा ईएसआई अिधिनयम के अंतगत आने वाले सभी कारखानों व सं थानों म कायरत सभी
थायी िद ां गता वाले कमचा रयों को िमलने वाले वेतन पर िवचार िकए बगैर िनयो ा ारा दे य अंशदान
पर शु आती दस वष के िलए छूट िमलेगी
वासी िमकों के लाभ के िलए ईएसआईसी ने ‘एक आईपी-दो िड सरी’ नाम से एक नई योजना शु
की है अब अपने िनयो ा के मा म से कोई भी िमक/कमचारी दो िड स रयां चुन सकेगा- एक अपने
िलए तथा दू सरी अपने उस प रवार के िलए जो दे शभर म कहीं भी िकसी दू सरे थान पर रह रहा हो

कमचारी भिव िनिध संगठन


कमचारी भिव िनिध (ईपीएफ) एवं िविवध ावधान अिधिनयम, 1952 म संिवधान की अनुसूची-1 म विणत
ऐसे उ ोगों/सं थानों िजनम 20 अथवा उससे अिधक कमचारी हों, म कमचा रयों के िलए भिव िनिध,
पशन योजना और बीमा कोष का ावधान है
य िप ईएसआईसी के काय े म आने वाले सं थानों म िनगरानी करने के िलए उसके े ीय कायालयों
म कं ूटरीकृत िनदशपालन अनुर ण (िनगरानी) णाली के प म सहायता उपकरण ( क ) उपल
कराए गए ह लेिकन उन िनदशों का पालन कराने वाली व था के पास इन सं थानों की पहचान करने की
कोई िनि त व था नहीं की थी इसके कारण काय े म आने वाले सं थानों का िवलंब से िनरी ण हो
रहा था ोंिक इसम कानूनी पेचीदिगयां आने लगी थीं और इसका कारण यह था िक ये सं थान िपछली
तारीखों से काय े म आने यो पाए गए िकंतु इ ोंने िनयमानुसार दे य बकाया रािश, ाज के भुगतान
और दे री से जुमाने सिहत बकाया रािश जमा कराने और मुकदमेबाजी से जुड़ी िपछली दावेदा रयों का
िज ा लेने से इं कार कर िदया था यह अिधिनयम अपने-आप ही लागू िकया जा सकता है और इसके न
मानने पर िकसी भी कारण से उ ंघन करने वालों पर कानूनी कारवाई की जा सकती है
कमचारी भिव िनिध (ईपीएफ) एवं िविवध ावधान अिधिनयम, 1952 म अनुसूची म विणत ऐसे
उ ोगों/सं थानों िजनम 20 अथवा उससे अिधक कमचारी हों, म कमचा रयों के िलए भिव िनिध, पशन
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योजना और बीमा कोष का ावधान है


भारत सरकार कमचारी भिव िनिध (ईपीएफ) के मा म से कमचारी भिव िनिध (ईपीएफ) एवं
िविवध ावधान अिधिनयम, 1952 को लागू करवाती है तथा िन िल खत तीन योजनाएं इसके अंतगत बनाई
गई ह:
कमचारी भिव िनिध योजना, 1952; कमचारी पशन योजना, 1995, तथा कमचारी-बचत से जुड़ी बीमा
योजना, 1976

पशन सुधार
ूनतम पशन के ि या यन की लंबे समय से चली आ रही मां ग को पूरा िकया गया क सरकार िमक/
कमचारी के प रवार जनों/िवधवा( िवधुर)/अ म/नािमत आि त अिभभावक पशनरों को 1000 पये
ितमाह, अनाथ पशनरों को 750 पये ितमाह और अ वय बालक/बािलका पशनरों को 250 पये
ितमाह की ूनतम पशन दे रही है
ूनतम पशन अिधघोषणा के लागू होने के बाद ऐसे सभी प रवार सद ों/िवधवा(िवधुर)/ अ म/नािमत
आि त अिभभावक पशनरों, िजनकी मूल पशन 1,000 पये ितमाह से कम थी, को भी ूनतम 1,000
पये ितमाह िमलगे सद ों को िमलने वाले लाभों म से की जाने वाली कटौती पशन के िलए दावा िकए
जाते समय ा कंयूटेशन, पूंजी की वापसी और लघु अविध सेवा जैसे िवक के भुगतान के अनुसार ही
होगी
ऑनलाइन पंजीकरण
ईपीएफओ ने िनयो ाओं के िलए अपने सं थानों के ऑनलाइन पंजीकरण के िलए एक पोटल भी शु
िकया है

सावभौिमक खाता सं ा
ईपीएफ खाताधारकों के िलए सावभौिमक खाता सं ा (यूिनवसल एकाउं ट नंबर-यूएएन) की औपचा रक
शु आत 2014 म ई थी रोज़गार/जीिवका म प रवतन होने पर यूएएन की तः संवहनीयता ही इसकी
अंतिनिहत िवशेषता है बशत िक कमचारी अपने िनयो ा के मा म से ‘अपने उपभो ा को जान’ िववरणों
म अपने यूएएन को सि य करवा ले

औ ोिगक संबंध
क सरकार के अंतगत आने वाले उप मों म औ ोिगक िववादों के संदभ म ाियक िनणयों हे तु
औ ोिगक िववाद अिधिनयम, 1947 के अंतगत बाइस क सरकार औ ोिगक ायािधकरण (िट ूनल)-
सह- म ायालयों का गठन िकया गया है िव अिधिनयम, 2017 के मा म से ईपीएफ एवं एमपी
अिधिनयम, 1952 के कारण उ होने वाली अपीलों के िन ारण का अिधकार भी इन ायािधकरणों को
िदया गया है ये ायािधकरण धनबाद (झारखंड), मुंबई, नई िद ी और चंडीगढ़ ( ेक म दो ायालय)
तथा कोलकाता, जबलपुर, कानपुर, नागपुर, लखनऊ, बंगलु , जयपुर, चे ई, है दराबाद, भुवने र,
अहमदाबाद, एणाकुलम, आसनसोल और गुवाहाटी म एक-एक ायालय है साथ ही मुंबई और
कोलकाता के दो औ ोिगक ायािधकरण रा ीय ायािधकरण के प म भी काय करते ह
िवलंिबत मुकदमों की सं ा कम करने के उ े से क सरकार औ ोिगक ायािधकरण (िट ूनल)
(सीजीआईटी) वैक क िशकायत िन ारण णाली के प म लोक अदालतों का भी आयोजन कर रही
है

बाल म
बाल म ब त िचंता का िवषय है और क सरकार इसके समाधान के िलए ितब है सम ा के आकार
और कृित को दे खते ए सरकार सु ढ़ ब -संतित योजनाओं पर अमल कर रही है इनम वैधािनक एवं
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िविधक उपाय, बचाव एवं पुनवास, सामािजक सुर ा के साथ, सावभौिमक ाथिमक िश ा, गरीबी उपशमन
तथा रोज़गार सृजन योजनाएं िनिहत ह इस कवायद का उ े एक ऐसा वातावरण तैयार करना है िजसम
प रवारों को अपने ब ों को काम पर न भेजना पड़े सरकार ने सभी वसायों और ि याओं से ब ों को
िनकालने और उनका पुनवास करने की नीित अपनाई है

बाल म पर नीित
अग 1987 म घोिषत रा ीय बाल म नीित इस जिटल एवं उलझे ए िवषय का ापक, सम और
सम त प म समाधान करती है इस नीित की काययोजना ब -आयामी है और इसम िन िल खत िबंदु
शािमल ह:
िवधायी काययोजना; बाल म के उ घन वाले े ों म प रयोजना आधा रत कायवाही तथा ऐसे
िमकों के प रवारों के लाभाथ सामा िवकास काय मों पर ान दे ना

िवधायी काययोजना
िवधायी काययोजना के अंतगत बाल म ( ितबंध एवं िविनयमन) अिधिनयम 1986 म लागू आ था
अिधिनयम के ावधानों के अनुसार 18 पेशों और 65 ि याओं म 14 वष से कम आयु के ब ों को रोज़गार
दे ने पर ितबंध लगाया गया था इसके अनुसरण म क सरकार ने बाल म ( ितबंध एवं िविनयमन)
संशोधन अिधिनयम, 2016 पा रत िकया नया अिधिनयम 2016 से ही लागू हो गया था इस संशोधन म 14
वष से कम आयु के सभी ब ों को िकसी भी कार के पेशे और ि या म काम पर रखने को पूरी तरह से
ितबंिधत िकया गया था और रोज़गार पर ितबंध की आयु को िश ा का अिधकार अिधिनयम, 2009 के
अंतगत िनशु एवं अिनवाय िश ा की आयु से जोड़ना; जो खम वाले काय अथवा ि याओं म िकशोरों (
14 से 18 वष के)के रोज़गार पर ितबंध और अिधिनयम के ावधानों का उ ंघन करने पर िनयो ाओं
को कठोर दं ड की व था; रा ीय बाल म नीित के अनुपालन म बाल म के अिधक घन वाले े ों म
बाल म से छु ड़ाए ब ों के पुनवास के िलए वष 1988 म रा ीय बाल िमक प रयोजना (एनसीएलपी) शु
की गई यह क ीय े प रयोजना के अंतगत चलने वाली सतत योजना है और वतमान म दे श के 270
िजलों म ीकृत की गई है इस योजना के अंतगत बाल िमक सव ण के मा म से कामगार बाल
िमकों को छु ड़वाकर उ िवशेष िश ण क ों म भेजा जाता है जहां पढ़ते ए उ कालां तर म मु
औपचा रक िश ा णाली म शािमल होने का प रवेश और अवसर िमलता है इन िवशेष िश ण क ों म
ऐसे ब ों को औपचा रक िश ा के साथ-साथ छा वृि , पूरक पोषाहार, ावसाियक िश ा और िनयिमत
ा जां च की सुिवधा भी िमलती है
िनधनता ही ऐसी सामािजक बुराइयों की जड़ है अतः ऐसे ब ों का शैि क पुनवास उनके प रवारों का
आिथक पुनवास करके िकया जाता है इसके िलए समािभ पता नीित के अंतगत उनके प रवारों को लाभ
प ं चाने के िलए िविभ मं ालयों/िवभागों ारा चलाई गई योजनाओं के लाभ िदए जाते ह

एनसीएलपी योजना का आरटीई अिधिनयम, 2009 के साथ पुनः संयोजन


िश ा का अिधकार (आरटीई) अिधिनयम, 2009 के लागू होने के साथ ही एनसीएलपी योजना को आरटीई
अिधिनयम, 2009 के ावधानों के साथ पुनः संयोिजत करने की आव कता अनुभव की जाने लगी थी
आरटीई अिधिनयम के उपबंध-4 और ब ों के िनशु और अिनवाय अिधकार (आरटीई) िनयम, 2010 के
िनयम 5 के अनुसार अब एनसीएलपी िव ालय अभी तक अपंजीकृत और िव ालय नहीं जाने वाले ब ों के
िलए भी िवशेष िश ण क के प म काय कर सकते ह क ीय अिधिनयमों की सूची के अ ाय-1 म
म सं ा 13 पर उ खत बाल म ( ितबंध एवं िविनयमन) अिधिनयम, 1986 का वष 2016 से नाम
बदल कर उसे अब ‘बाल एवं िकशोर म’ ( ितबंध एवं िविनयमन) अिधिनयम, 1986 कर िदया गया है

बंधुआ िमक
बंधुआ िमकों का पुनवास
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रा सरकारों ारा िकए जा रहे यासों को और अिधक भावकारी बनाने के िलए 1978 म बंधुआ िमकों
के पुनवास हे तु क सरकार ारा एक योजना ारं भ की गई इस योजना के अंतगत बंधुआ िमकों के
पुनवास के िलए रा सरकारों को समान अनुपात म (50:50) क ीय अनुदान सहायता दी जाती है इस
योजना को वष 2000 म जबरद प से संशोिधत कर िदया गया तािक िजले के आधार पर बंधुआ िमकों
की पहचान, जाग कता बढ़ाने वाली गितिविधयों और उनका मू ां कन करने वाले अ यनों के िलए शत-
ितशत सहायता दी जा सके पुनवास अनुदान रािश को भी 10,000 ित बंधुआ िमक से बढ़ाकर 20,000
ित बंधुआ िमक कर िदया गया है साथ ही यिद पूव र े के रा अपने िलए िनिद समतु रािश
जुटाने म असमथ रहते ह तो भी उ शत- ितशत अनुदान सहायता रािश उपल कराई जाएगी
वेतन ( मजदू री) एवं बोनस
अिधकतर असंगिठत े के िमकों के िहतों की र ा करने के उ े से ूनतम वेतन (मजदू री)
अिधिनयम, 1948 लागू िकया गया था अिधिनयम के ावधानों के अंतगत क और रा सरकार अपने-
अपने अिधकार े म िनधा रत रोज़गारों म िमकों को दे य ूनतम वेतन (मजदू री) के िनधारण, संशोधन,
समी ा और उसे लागू करवाने के िलए स म शासक ह इस समय क ीय और रा े म मशः 45
और 1697 अनुसूिचत रोज़गार ह ूनतम वेतन (मजदू री) अिधिनयम, 1948 के अनुपालन को दो रों पर
सुिनि त िकया जाता है जहां एक ओर क ीय े म इस अिधिनयम की पालना मु म आयु
(क ीय) ारा आपम िनरी ण अिधका रयों ारा कराई जाती है िज सामा तः क ीय औ ोिगक संबंध
शासन (सीआईआरएम) के प म नािमत िकया जाता है , वहीं दू सरी ओर रा ों म इन िनयमों का
अनुपालन रा वतन िवभाग ारा करवाया जाता है
ूनतम वेतन (मजदू री) को मु ा ीित से बचाने के िलए क सरकार ने उपभो ा मू सूचकां क से
जुड़े ए प रवतनीय महं गाई भ ा (वीडीए) दे ना ारं भ िकया है जहां तक रा सरकारों/क शािसत दे श
शासनों की बात है , उनम से 27 ने वीडीए को ूनतम वेतन (मजदू री) का एक घटक बना िलया है क
और रा सरकार दोनों ही समय-समय पर इन अनुसूिचत रोज़गारों के िलए दे य ूनतम वेतन (मजदू री) म
संशोधन करते रहते ह
पूरे दे श म एक समान ूनतम वेतन (मजदू री) ढां चा तैयार करने एवं ूनतम वेतन (मजदू री) म
असमानता को कम करने के िलए 1991 म रा ीय ामीण िमक आयोग (एनसीआरएल) की िसफा रशों के
आधार पर रा ीय समान रीय ूनतम वेतन (मजदू री) (एनएफएलएमड ू) की अवधारणा भी ुत
की गई थी रा ीय समान रीय ूनतम वेतन (मजदू री) म समय-समय पर संशोधन िकया जाता रहा है
क सरकार ने वष 2015 म एनएफएलएमड ू को 137 पये ितिदन से बढ़ाकर 160 पये ितिदन
िकया है तथािप यह ान म रखा जाना चािहए िक रा ीय समान रीय ूनतम वेतन (मजदू री) एक गैर-
संवैधािनक उपाय है
वेतन ( मजदू री) का भुगतान
वेतन (मजदू री) का भुगतान अिधिनयम, 1936 यह सुिनि त करता है िक भुगतान समय पर हो और
कामगारों के वेतन म से िकसी भी कार की अनािधकृत कटौती न की जाए अिधिनयम के अनु े द 1 के
उप-बंध (6) म द श यों का योग करते ए क सरकार ने रा ीय ितदश सव ण कायालय ारा
कािशत उपभो ा य सव ण के आं कड़ों को आधार मानते ए वष 2012 से वेतन (मजदू री) की सीमा
10,000 पये ितमाह से बढ़ाकर 18,000 पये ितमाह कर दी है

वेतन (मजदू री) का भुगतान (संशोधन) अिधिनयम, 2017: वेतन (मजदू री) का भुगतान नकद अथवा चेक से
या िफर कमचारी के बक खाते म सीधा भेजने के िलए वेतन (मजदू री) का भुगतान अिधिनयम, 1936 के
अनु े द 6 म 2017 म संशोधन िकया गया संशोधन के ारा यह भी व था की गई है िक स म सरकार
सरकारी राजप (गजट) म अिधघोषणा कर सकती है िक िकसी भी उ ोग या उप म म िनयो ाओं म से
कौन अपने यहां कायरत कमचारी के वेतन का भुगतान चेक ारा अथवा बक खाते म थानां त रत करने के
िलए अिधकृत होगा
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बोनस का भुगतान
बोनस का भुगतान अिधिनयम, 1965 म संशोधन िकया गया है अब इसके अनु े द 2 (13) के अंतगत
पा ता की यो ता सीमा को 10,000 पये ितमाह से बढ़ाकर 21,000 पये ितमाह करने और अनु े द
12 के अंतगत गणना की सीमा को 3,500 पये ितमाह से बढ़ाकर 7,000 पये ितमाह करने या स म
सरकार अनुसूिचत रोजगार के िलए ूनतम वेतन (मजदू री), जो भी अिधक हो, की व था की गई है ये
सभी संशोधन 2014 से भावी होंगे

ावसाियक सुर ा एवं ा


भारतीय संिवधान के अनुसार द िमकों की ावसाियक सुर ा एवं ा संबंधी ावधानों को खान
सुर ा महािनदे शालय (डीजीएमएस) और कारखाना सुर ा सेवा एवं म सं थान (डीजीएफएएसएलआई)
महािनदे शालय के मा म से लागू िकया जा रहा है डीजीएमएस खान सुर ा अिधिनयम, 1952 के अंतगत
िनयु अपने िनरी कों के मा म से खनन उ ोग म सुर ा और ा के ावधानों को लागू करवाते ह
डीजीएफएएसएलआई अपने डॉक सुर ा िनरी णालय के मा म से बंदरगाहों और पोतों म सुर ा ावधान
लागू करवाते करवाते ह और इसके साथ ही वे रा ीय र पर िविभ रा सरकारों के कारखाना
िनरी णालयों के िलए सम यन एजसी के प म भी काय करते ह
धानमं ी म पुर ार
यह पुर ार क और रा सरकारों के िवभागों/लोक उप मों तथा ऐसी िनमाण इकाइयों तथा िनजी े
की ऐसी इकाइयों िजनम 500 या उससे अिधक कमचारी/ िमक कायरत ह को उनके काय िन ादन,
कत िन ा के स ान प ित वष िदए जाते ह
िव कमा रा ीय पुर ार
ये पुर ार ऐसे यों अथवा समूह को उनके ऐसे उ ृ सुझावों के िलए िदए जाते ह िजससे
उ ादकता, सुर ा एवं ा म सुधार के साथ साथ आयात म कमी लाने के वे िवक िमल िजनके
कारण िवदे शी मु ा की बचत हो सके
रा ीय सुर ा पुर ार (एनएसए) कारखाना अिधिनयम, 1948 के अंतगत आने वाली औ ोिगक
इकाइयों, गोदी िमक (सुर ा, ा एवं क ाण) अिधिनयम, 1986; तथा भवन एवं अ िविनमाण
िमक (रोज़गार का िविनयम एवं सेवा शत) अिधिनयम, 1996 के अंतगत आने वाले िनयो ाओं म उ म
सुर ा काय िन ादन की पहचान और स ान के िलए िदए जाते ह
रा ीय सुर ा पुर ार (खान) खान अिधिनयम, 1952 के अंतगत आने वाली खानों म सुर ा के उ ृ
कायिन ादन की रा ीय र पर पहचान के िलए िदया जाता है

अनुसंधान और िश ण
िमक िश ा एवं िवकास हे तु रा ीय बोड
िमक िश ा एवं िवकास हे तु द ोपंत ठगड़ी रा ीय बोड की थापना 1958 म ई थी इसका काय रा ीय,
े ीय एवं इकाई/ ाम र पर िमक िश ा काय मों को लागू करना है बोड संगिठत, असंगिठत,
ामीण एवं अनौपचा रक े के िमकों के िलए िश ण काय म चलाता है
बोड के िश ण काय मों का उ े िमकों के सभी वग म जाग कता लाना है संयु िश ा
काय मों म प रवी क और बंधक संवग के यों को भी बुलाया जाता है बोड का मु ालय नागपुर
म ह और दे शभर म इसके 50 े ीय एवं 08 उप- े ीय िनदे शालय ह बोड के 06 संभागीय िनदे शालय नई
िद ी, गुवाहाटी, कोलकाता, चे ई, मुंबई और भोपाल म ह जो े ीय िनदे शालयों की अपने अपने े ों म
िकए जा रहे काय का लेखा-जोखा लेते रहते ह बोड की कृित ि प ीय है और इसम क ीय िमक
संगठनों, िनयो ाओं, क /रा सरकारों एवं िश ण सं थाओं के ितिनिध शािमल ह
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वी.वी.िग र रा ीय म सं थान
म एवं रोज़गार मं ालय के अंतगत इस ाय शासी सं थान की थापना 1974 म ई थी अब यह िमक
अनुसंधान और िवकास के े म एक मुख सं थान बन चुका है अपनी थापना के समय से ही सं थान ने
संगिठत और असंगिठत े के िमकों के िविभ िवषयों और संबंिधत समूहों के बीच अपनी पैठ बनाने के
िलए अपनी ओर से, िश ण, िश ा और सािह काशन के ापक यास िकए ह ऐसे यासों का
उ े नीित िनमाण और उनके ि या यन म शैि क ि कोण अपनाना एवं समतावादी व लोकतां ि क
समाज म िमक को स ानजनक थान िदलाना सुिनि त करना है

कौशल िवकास
दे शभर म कौशल िवकास और उ िमता के िलए अभी तक िछटपुट यास ही होते रहे ह िवकिसत दे शों
की तुलना म भारत ब त पीछे िदख रहा है कौशल िवकास की ता ािलकता व सभी संबंिधत प ों की
आकां ा को ान म रखते ए वष 2014 म एक अलग मं ालय का गठन िकया गया इस मं ालय का नाम
कौशल िवकास एवं उ िमता मं ालय रखा गया यह मं ालय सभी कार के कौशल िवकास म सम यन,
कुशल मश की मां ग और आपूित के बीच आ गए अंतर को पाटने, ावसाियक एवं ौ ोिगक ढां चे का
िनमाण करने, कौशल उ यन, नए कौशल सृिजत करने, ऐसी अनूठी सोच जो न केवल वतमान
आजीिवकाओं वरन आगे सृिजत होने वाले रोज़गारों का भी ान रख सके जैसे उ े ों के िलए उ रदायी
है मं ालय का उ े बड़े पैमाने पर ु त गित और ऊंचे मानकों से यु ऐसे कौशल का िवकास करना है
िजससे उसके अपने ‘कौशल भारत’ के संक की पूित हो सके
इन अनूठी पहलों म मं ालय की सहायता के िलए इसके ि या क अंग ह: रा ीय कौशल िवकास
एजसी (एनएसडीए), रा ीय कौशल िवकास िनगम (एनएसडीसी), रा ीय कौशल िवकास िनिध
(एनएसडीएफ) एवं 33 े कौशल प रषद (एसएससी) और एनएसडीसी के पास पंजीकृत 187 िश ण
सहयोगी
इस िमशन का ल एक उ रीय िनणय लेने वाले ढां चे के मा म से समभा रता तैयार करने एवं
िविवध-प ीय िनणयों म तेजी लाना है इससे अ खल भारतीय र पर कौशल िवकास गितिविधयों का
एकीकरण, सम यन, ि या यन और अनुर ण (िनगरानी) िकया जा सकेगा
यह एक ि रीय सं थागत ढां चे वाला िमशन है िजसम सभी िनकायों की िनबाध गितिविधयों म नीित
संबंधी िनदश और परामश दे ना, समूची गित की समी ा और िनगरानी करना और िमशन के ल ों के
अनु प योजनाओं का वा िवक ि या यन करना शािमल है साथ ही उ ाथिमकता वाले े ों म चुने
ए उप-िमशन चलाना भी इस िमशन के काय म आता है शु म िन िल खत सात े ों म उप-िमशन
ािवत ह: (1) सं थागत िश ण; (2) अवसंरचना; (3) एकीकरण; (4) िश क; (5) िवदे शों म रोज़गार;
(6) थायी आजीिवका; (7) लोक अवसंरचना का लाभ उठाना
वेबसाइट: www.msde.gov.in

कौशल िवकास एवं उ िमता पर रा ीय नीित


कौशल िवकास एवं उ िमता पर पहली रा ीय नीित (एनपीएसडी) वष 2009 म अिधसूिचत ई थी
एनपीएसडी म िव ृत ढां चे के साथ ही दे श म कौशल प र के िलए ल ों और प रणामों की भी
परे खा तैयार की गई थी दे श के कौशल पा र थितकीय तं म आदश प रवतन और कौशल िवकास के
िविभ काय मों के काया यन के दौरान िमले अनुभव इस नीित पर दु बारा िवचार करने की आव कता
दशा रहे थे साथ ही 2009 की नीित म यं ही ेक पां च वष की अविध के बाद समी ा करने का
ावधान िकया गया था तािक नीितगत ढां चे को रा ीय एवं अंतररा ीय प र थितयों म आ रहे बदलावों से
जोड़ा जा सके तदनुसार ही 2014 म कौशल िवकास एवं उ िमता पर नई रा ीय नीित की अिधसूचना जारी
की गई िजसने 2009 की नीित का थान िलया
इस नीित का कौशल घटक अ बातों के अलावा कौशल प र के मुख मु ों जैसे- कम
मह ाकां ा; औपचा रक िश ा से असंब ता; प रणामों पर ान दे ने का अभाव; िश ण अवसंरचना
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और िश कों की गुणव ा का समाधान करता है इस नीित का उ े मान और पूित को जोड़ना, वतमान


कौशलों के बीच की खाई को पाटना, उ ोग संब ता को बढ़ावा दे ना, गुणव ा िव ास के ढां चे को चालू
करना ौ ोिगकी का लाभ उठाना एवं िच त िवषयों के समाधान के िलए िश ुता (अ िटसिशप) को
बढ़ावा दे ना इसका एक अ ल मिहलाओं सिहत सामािजक/भौगोिलक प से अलग थलग पड़े एवं
अभी तक वंिचत समूहों के िलए समान कौशल िवकास के अवसर मुहैया कराना भी है
उ िमता के े म यह नीित उ िमता औपचा रक/कौशल िश ा के एक अंश प म िश ा के समथन
और एकीकरण के मा म से उ िमता की सं ृ ित को बढ़ावा दे ने, ऋण और बाजार स क के संदभ म
उ िमयों के िलए सहायता जुटाने, नवाचार-संचािलत सामािजक उ ोगों को बढ़ावा दे ने और ापार करने
की सुगमता म सुधार की इ ु क है यह नीित सामािजक/भौगोिलक प म अलग-थलग पड़े एवं वंिचत
समूहों की उ िमता आव कताएं पूरी करने के अलावा मिहलाओं की उ िमता के िवकास हे तु भी सुझाव
दे ती है

योजनाएं एवं पहल


धानमं ी कौशल िवकास योजना
पीएमकेईवाई इस मं ालय की प रणाम आधा रत ैगिशप योजना है इस कौशल माणन एवं पुर ार
योजना का उ े बड़ी सं ा म युवाओं को रोज़गार के यो बनाने तथा अपनी आजीिवका से धन अजन
कर सकने के िलए प रणाम आधा रत कौशल िश ण ा करने के िलए िकसी िनिद थान पर एक
करना है यह योजना 2015 म शु की गई थी और क ारा रा ों के सहयोग से लागू की जा रही है
धानमं ी कौशल क
यह मं ालय दे श के हर िजले म आदश कौशल क की थापना के िलए सभी संसदीय े ों की कवरे ज को
सुिनि त करते ए रा ीय कौशल िवकास िनगम (एनएसडीसी) के मा म से धान मं ी कौशल क
(पीएमकेके) योजना लागू करता है
पीएमकेके म िन िल खत ावधान िकए गए ह:

बचमाक सं थान बनाए जो काय म की ापक प ं च सुिनि त करने के िलए िजला र पर


मह ाकां ी मू आक कता आधा रत कौशल िवकास का दशन कर सके;
गुणव ा और थािय के त ों पर ान कि त करे और कौशल िवतरण ि या म िहत धारकों से
जुड़े;
एक जनादे श संचािलत िकसी भी िदशा म चले जाने वाले मॉडल

उ िमता हे तु योजना
धानमं ी युवा योजना
इस योजना का ल युवाओं म उ िमता को बढ़ावा दे ने के िलए उ िमता िश ा एवं िश ण, परामश,
उ िमता समथन तं तक सुगम प ं च और सामािजक उ िमता के संवधन के मा म से उ िमता के िलए
एक स म पा र थितकी तं तैयार करना है इस योजना के िविश उ े इस कार ह:
(क) संभािवत एवं शु आती चरण वाले उ िमयों को िशि त एवं सुस त करना;
(ख) समक ों, अनुभवी सलाहकारों, सहारा दे ने वालों (इं ूबेटस), िव ीय सहायता और वसाय सेवाओं
के मा म से उ िमयों को जोड़ना;
(ग) उ िमता ह (ई-ह ) के मा म से उ िमयों को समथन एवं सहायता दे ना; तथा
(घ) आकां ी उ िमयों को सहायता दे ने के िलए अब तक चली आ रही मनोवृि म बदलाव के िलए े रत
करना यह योजना िनजी एवं लोक भागीदारों के सहयोग से ि या त की जा रही है
उड़ान
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ज ू-क ीर के िलए बनी यह िवशेष उ ोग पहल (एसआईआई) योजना क ीय गृह मं ालय ारा िव
पोिषत है और रा ीय कौशल िवकास िनगम ारा लागू की जा रही है यह काय म रा म िविभ आिथक
मु ों के समाधान की सम पहल का एक िह ा है तथा रा के युवाओं को कौशल िश ण एवं रोज़गार
दे ने पर कि त है साथ ही इसका उ े भारत के उ ोगपितयों को रा की ितभाओं से भी प रिचत
करवाना है
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22 जनसंचार

चना और सारण मं ालय रे िडयो, टे लीिवजन, िफ ों, काशन, िव ापन जैसे जनसंचार के साधनों
सू और संचार के पारं प रक तरीकों जैसे- नाटक, संगीत और नृ के ज रए लोगों को िनबाध प से सूचना
उपल कराने म मह पूण भूिमका िनभाता है मं ालय िविभ आयु वग के लोगों की मनोरं जन संबंधी
ज रतों को पूरा करने का यास करता है और उनको रा ीय एकता, पयावरण संर ण, ा एवं
प रवार क ाण, िनर रता िमटाने तथा मिहलाओं, ब ों, अ सं कों और समाज के अ कमजोर वग
से संबंिधत मु ों के ित जाग क करता है मं ालय चार खंडों म िवभािजत है यथा- सूचना खंड, सारण
खंड, िफ खंड और एकीकृत िव खंड मं ालय 21 मीिडया इकाइयों/संब और अधीन थ कायालयों,
ाय िनकायों और सावजिनक े के उप मों के मा म से काय करता है
सूचना खंड काशन और ेस से संबंिधत नीितगत मु ों के अलावा सरकार की चार की ज रतों को
पूरा करने की िदशा म काम करता है मं ालय का सामा शासन संबंधी कामकाज भी इसी खंड के
अधीन है
सारण खंड, इले ॉिनक मीिडया से संबंिधत मामलों व िनजी टीवी चैनलों के सारणों की िवषयव ु के
िनयमन के साथ ही साथ आकाशवाणी व दू रदशन के काय मों तथा केबल टीवी और सामुदाियक रे िडयो
चैनलों के संचालन संबंधी मामलों की दे खरे ख की िज ेदारी आिद भी संभालता है इले ॉिनक मीिडया
मॉिनट रं ग सटर (ईएमएमसी) जो अधीन थ कायालय है , वह भी इस िवभाग के शासिनक िनयं ण म काय
करता है
मं ालय का िफ खंड, िफ जगत से जुड़े मामले दे खता है वृ िच ों का िनमाण और िवतरण, िफ
उ ोग के िवकास और उसे बढ़ावा दे ने, िश ण, िफ समारोहों के आयोजन, िफ ों के आयात और
िनयात से संबंिधत सभी पहलुओं पर यह खंड काम करता है एकीकृत िव खंड, मं ालय के िव ीय
मामलों को दे खता है
वेबसाइटः www.mib.gov.in

सार भारती
सार भारती (भारत का लोक सेवा सारक) दे श म लोकसेवा सारक है , िजसके दो घटक आकाशवाणी
और दू रदशन ह 23 नवंबर, 1997 को सार भारती का गठन िकया गया और इसका मु उ े रे िडयो
और दू रदशन पर संतुिलत सारण का िवकास सुिनि त करके लोगों को सूिचत, िशि त करना और उनका
मनोरं जन करना है
उ े
सार भारती अिधिनयम 1990 के अंतगत सार भारती िनगम के मु उ े इस कार ह- (1) दे श की
एकता, अखंडता और दे श के संिवधान ारा सं थािपत मू ों को बनाए रखना, (2) रा ीय एकता को बढ़ावा
दे ना, (3) लोक िहत के सभी मामलों की सूचना पाने के नाग रकों के अिधकारों की र ा करना और िन
एवं संतुिलत सूचना दान करना, (4) िश ा और सा रता के सार, कृिष, ामीण िवकास, पयावरण,
ा और प रवार क ाण, िव ान और ौ ोिगकी जैसे े ों पर िवशेष ान दे ना, (5) मिहलाओं से जुड़े
मु ों के बारे म जाग कता फैलाना और ब ों, वृ ों एवं समाज के अ कमजोर वग के िहतों की र ा के
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िलए िवशेष कदम उठाना, (6) िविभ सं ृ ितयों, खेलों और युवा मामलों पर पूरा ान दे ना, (7) सामािजक
ाय को बढ़ावा दे ना तथा कामगारों एवं अ सं कों और जनजातीय समुदायों के अिधकारों की र ा
करना और (8) सारण ौ ोिगकी का िवकास, इसकी सुिवधाओं का िव ार और शोध को बढ़ावा दे ना

सार भारती बोड


सार भारती िनगम, सार भारती बोड ारा िनयंि त है , िजसम एक अ , एक कायकारी सद (िजसे
मु कायपालक अिधकारी के नाम से भी जाना जाता है ), सद (िव ), सद (कािमक), छह
अंशकािलक सद , सूचना और सारण मं ालय का एक ितिनिध तथा आकाशवाणी और दू रदशन के
महािनदे शक पदे न सद ों के प म शािमल होते ह अ एक अंशकािलक सद होता है , िजसका
कायकाल तीन साल और सेवािनवृि की आयु 70 वष होती है कायकारी सद पूणकािलक सद होता
है िजसका कायकाल पां च वष और सेवािनवृि की आयु पसठ वष होती है सद (िव ) और सद
(कािमक) भी पूणकािलक सद होते ह िजनका कायकाल छह वष और सेवािनवृि की आयु 62 वष होती
है सार भारती बोड की बैठक समय-समय पर होती है िजसम मह पूण नीितगत मामलों पर िवचार-
िवमश होता है तथा कायकारी को नीितगत िदशा-िनदशों का पालन करने के िनदश िदए जाते ह
वेबसाइट: www.prasarbharati.gov.in

आकाशवाणी
रे िडयो के आिव ार और कुछ पि मी दे शों म रे िडयो सारण की शु आत के बाद मुंबई, कोलकाता, और
चे ई जैसे भारतीय शहरों म कुछ िनजी रे िडयो ब ारा सारण शु आ
जून 1923 म रे िडयो ब ऑफ बॉ े ारा पहला रे िडयो काय म सा रत िकया गया इसके बाद एक
सारण सेवा की थापना ई िजसम भारत सरकार और एक िनजी कंपनी इं िडयन ॉडका ं ग कंपनी
िलिमटे ड के बीच समझौते के तहत 23 जुलाई, 1927 को मुंबई और कोलकाता म एक साथ ायोिगक
आधार पर रे िडयो सारण शु िकया गया 1930 म इस कंपनी के िदवािलया होने पर ‘ सारण िनयं क’
िवभाग के अंतगत भारतीय राजकीय सारण सेवा का गठन िकया गया और 1935 म िलयोनेल फी न को
भारत म सारण िनयं क िनयु िकया गया भारतीय राजकीय सारण सेवा का नाम जनवरी 1936 म
बदलकर ऑल इं िडया रे िडयो कर िदया गया 1 से 4 वष की अविध तक ऑल इं िडया रे िडयो को संचार
िवभाग, सूचना और सारण िवभाग और सूचना और कला िवभाग के अधीन रखा गया और उसके बाद से
अंततः यह सूचना और सारण मं ालय के अधीन है िवभाजन के समय भारत म छह रे िडयो क थे
(िद ी, मुंबई, कोलकाता, चे ई, ित िचराप ी और लखनऊ) और तीन रे िडयो क पािक ान म चले
गए (लाहौर, पेशावर और ढाका, जो अब बां ादे श म है )
1,000 िकलोवॉट के दो अित श शाली मीिडयम वेव टां समीटर 1969 म कोलकाता के पास मोगरा
और 1971 म राजकोट म लगाए गए 500 िकलोवॉट के चार अित श शाली शॉट वेव टां समीटर 1994 म
बंगलु म शु िकए गए, िजससे ये क दु िनया के सबसे बड़े सारण क ों म शािमल हो गया म ास म
23 जुलाई, 1977 को दे श की पहली एफएम सेवा की शु आत ई 1985 म सभी आकाशवाणी क ों को 5
चैनल रसीवर टिमनल उपल कराए गए 1994 म मुंबई और 1995 म चे ई म म ी टै क रकॉिडग
ू िडयों की शु आत ई
अवसंरचना
1957 से ऑल इं िडया रे िडयो को आकाशवाणी के नाम से जाना जाने लगा ि िटश काल से मूल रा ों ारा
संचािलत िकए जा रहे आकाशवाणी मैसूर, है दराबाद रे िडयो और रे िडयो क ीर आिद जैसे रे िडयो े शनों
का दािय आकाशवाणी ने संभाल िलया
1947 म मा 18 टां समीटर से पहली पंचवष य योजना के अंत तक 46, दू सरी पंचवष य योजना के अंत
तक 59, तीसरी पंचवष य योजना के अंत तक 110 और 11वीं पंचवष य योजना के अंत तक 433 टां समीटर
हो गए, इस कार माच 2018 तक आकाशवाणी के दे शभर म कुल 662 टां समीटर हो गए िजनम से 139
मीिडयम वेव, 48 शाट वेव और 475 एफएम टां समीटर ह 1947 के छह रे िडयो क ों की तुलना म माच
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2018 म दे शभर म 469 रे िडयो क हो गए


सॉ वेयर
आकाशवाणी कई वष से ि - रीय णाली का उपयोग रा ीय, े ीय और थानीय सारण म कर रहा है
वह अपने े शनों के ज रए महा ीपीय आयाम और ब लवादी समाज म ोताओं की सूचना, िश ा और
मनोरं जन संबंधी ज रत पूरी करता है ये े शन 23 भाषाओं और 176 बोिलयों म समाचार, संगीत, बोले
गए श और अ काय म पूरे दे श की जनसं ा तक प ं चाने की कोिशश करता है , जो हाल ही म एक
िबिलयन से अिधक हो चुकी है
आकाशवाणी का िविवध भारती नामक मनोरं जन चैनल 3 अ ू बर, 1957 को शु आ और इस चैनल
पर 1 नवंबर, 1967 से िव ापनों का सारण होने लगा पहला रे िडयो संगीत स ेलन 1954 म आयोिजत
िकया गया और उसके बाद से यह हर साल आयोिजत होने लगा काय म, अिभयां ि की, समाचार और
ोता अनुसंधान म उ ृ ता को बढ़ावा दे ने के िलए 1974 म आकाशवाणी के वािषक पुर ारों की थापना
की गई 1 अ ैल, 1976 को दू रदशन को आकाशवाणी से अलग कर िदया गया चुनावों से पूव राजनीितक
पािटयों का पहला सारण आकाशवाणी के िविवध े शनों से 1977 से शु आ आकाशवाणी के िशलां ग
प रसर से 3 जनवरी, 1990 से आकाशवाणी की पूव र सेवा शु ई शाम के समय लोकसेवा सारण
शु आत म रोजाना करीब साढ़े पां च घंटे तक होता था इसे तीन सारणों तक बढ़ा िदया गया है 50 केवी
एसड ू टां समीटर के ज रए पूव र के सभी रा ों की िविभ भाषाओं/बोिलयों म संगीत काय मों के
अलावा िहं दी और अं ेजी म काय म सा रत िकए जाते ह फोन-इन- ो ा भी शु िकए गए ह
चैनल एवं काय म
आठ दशकों म ऑल इं िडया रे िडयो ने जबरद तर ी की है और वह दु िनया के सबसे िवशाल मीिडया
संगठनों म से एक हो गया है वतमान म इसके 469 े शन और 667 टां समीटर ह दे श की िविवध कार
की सां ृ ितक ज रत पूरी करने के िलए नई ौ ोिगिकयों और काय म बनाने की तकनीकों के ज रए
इसके नेटवक म िव ार िकया गया है आकाशवाणी की सेवाओं का िडिजटलीकरण िकया जा रहा है
उ े
जनता के क ाण और खुशहाली को बढ़ावा दे ने (ब जन िहताय ब जन सुखाय) के िलए उसे सूचना, िश ा
और मनोरं जन उपल कराने हे तु आकाशवाणी की ओर से िन िल खत यास िकए जाते ह: (i) दे श की
एकता और संिवधान म िनिहत लोकतां ि क मू ों को बरकरार रखना, (ii) िकसी िवचारधारा या अपनी
िवचारधारा की वकालत िकए बगैर िवपरीत ि कोणों सिहत रा ीय, े ीय, थानीय और अंतररा ीय िहत
संबंधी सूचना का िन और संतुिलत वाह ुत करना, (ii) सभी वग के लोगों को जागृत, सूिचत,
बु , िशि त करने, उनका मनोरं जन करने और उ समृ बनाने के िलए िविवध काय मों का िनमाण
और सारण करना, (iv) कृिष, िश ा, ा और प रवार क ाण तथा िव ान और ौ ोिगकी े म
काय के िव ार सिहत िवकास से संबंिधत गितिविधयों के सभी आयामों से जुड़े काय मों का िनमाण और
सारण करना (v) युवाओं, सामािजक और सां ृ ितक अ सं कों, जनजातीय आबादी और सीमावत
े ों, िपछड़े अथवा दू रदराज के इलाक़ों म रहने वाली आबादी की िवशेष ज रतों और िहतों को ान म
रखते ए, ामीण, िनर र और वंिचत आबादी को सेवाएं दान करना, (vi) ामीण आबादी, अ सं क
समुदायों, मिहलाओं, ब ों, िनर र लोगों, साथ ही साथ समाज के कमज़ोर एवं असहाय वग को सेवाएं
दान करना (vii) रा ीय एकता को बढ़ावा दे ना
ि - रीय सारण
आकाशवाणी के सारण की ि - रीय व था महा ीपीय आयाम वाले इस दे श और ब लवादी समाज के
ोताओं की सूचना, िश ा और मनोरं जन संबंधी ज रत अपने े शनों के मा म से पूरी करती है ये
े शन दे श की लगभग सम आबादी, जो 2011 की जनगणना के अनुसार 121.0 करोड़ है , के िलए
समाचार, संगीत, बोले गए श और अ काय म उपल कराते ह इसकी ापक प ं च, िवशेषकर
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ामीण और जनजातीय इलाकों म इसकी प ं च इसे ाथिमक और कई बार सूचना और मनोरं जन का


एकमा ोत बनाती है
दे शभर के ादातर िह ों म मीिडयम वेव पर सुने जाने वाले रा ीय सेवा के रा ीय काय म पहले
चरण की सारण ज रत पूरी करते ह हाल ही म यह सारण शॉट वेव पर भी शु हो चुका है े ीय
और उप े ीय े शन े ीय भाषाओं म काय म दे कर और े ीय सां ृ ितक गितिविधयों को बढ़ावा
दे कर सारण का दू सरा चरण उपल कराते ह इसके अलावा महानगरों म एफएम चैनल यानी एफएम
रे नबो और एफएम गो जनता, िवशेषकर युवाओं की आधुिनक ज रत पूरी करते ह 40 थानों पर
िविवध भारती भी सारण व था की एफएम प ित अपना चुका है एफएम प ित पर 86 थानीय रे िडयो
े शन (एलआरएस) ह, जो दे श के िविभ भागों म छोटे शहरों के ोताओं की ज रतों और पसंद के
अनुसार काय म सा रत करते ह दे श म उपल िविभ इले ॉिनक मीिडया म से सामुदाियक रे िडयो
हाल ही म सबसे ादा लोकि य ए ह थानीय जनजातीय आबादी की ज रत पूरी करने के िलए
आकाशवाणी ने पां च थानों पर सामुदाियक रे िडयों क भी थािपत िकए गए ह
े ीय चैनल
े ीय चैनल ादातर रा ों की राजधािनयों और ेक रा के मुख भाषाई, सां ृ ितक े ों म ह ऐसे
128 चैनल 29 रा ों और 6 संघशािसत दे शों म ह आकाशवाणी की लोक सारण सेवा इकाई- े ीय
चैनल अपने ोताओं के जीवन को समृ बनाने के उ े से सूचना और मनोरं जन दान करने के िलए
काय मों का सारण करते ह े ीय चैनल मोटे तौर पर मीिडयम वेव ी सी पर सारण करते ह और
वे कंपोिजट ो ािमंग िम का अनुसरण करते ह वे भारतीय शा ीय संगीत पर मुख बल दे ते ए कला
और सं ृ ित को बढ़ावा दे ते ह मुख चैनलों के कुल सारण का करीब 40 ितशत संगीत पर आधा रत
होता है , िजसम शा ीय संगीत, सुगम, लोक, िफ़ और अ भाषाओं का संगीत शािमल है सारण
समय के 20 से 30 ितशत िह े म समाचार और समसामियक मामलों के काय म सा रत होते ह
रे िडयो नाटक और डामा, ा और प रवार क ाण काय म, मिहलाओं और ब ों के काय म,
ामीण जनता को सश बनाने के ल वाले खेती और घरे लू काय म मुख चैनलों के अ मह पूण
खंड ह ये चैनल आकाशवाणी के सभी चैनलों म से सबसे ादा प ं च वाले ह वे अपने ोताओं तक उस
भाषा म प ं च बनाने का यास करते ह जो सभी लोगों ारा समझी जाती हो
थानीय रे िडयो क
दे शभर म इस समय 86 थानीय रे िडयो क (एलआरएस) ह ये क े की थानीय आबादी तक प ं च
बनाकर उ उपयोगी सेवाएं दान करते ह
एफएम रे नबो
आकाशवाणी के एफएम रे नबो चैनल की शु आत उस व ई, जब बड़े शहरों म रे िडयो सुनने वालों की
सं ा घट रही थी एफएम रे िडयो ने ोताओं को बाधारिहत और उ गुणव ा का संगीत उपल
करवाकर इस कमी को सफलतापूवक दू र िकया एफएम रे िडयो पर ुतकताओं के नए अंदाज ने भी
ोताओं की अपे ाओं और बदलती ज रतों को पूरा िकया ोता की बातचीत की शैली ने युवाओं की
न पकड़ी है और उ रे िडयो के करीब आने के िलए े रत िकया है चौबीसों घंटे के सारण के दौरान
ोताओं के िलए मनोरं जन की िब ु ल नई शैली ुत की जाती है ज ी ही एफएम रे िडयो ने आधुिनक
रे िडयो का दजा ा कर िलया, ोंिक वह उनके अंदाज़ म बात कर रहा था और उ सुनने का मजा दे
रहा था ोताओं के ितशत के िलहाज से रे िडयो का पुराना गौरव िफर बहाल हो चुका है
एफएम गो
एफएम गो चैनल की शु आत िद ी म 1 िसतंबर, 2001 को एक ानवधक और मनोरं जक चैनल के
प म ई, िजसम 30 ितशत समाचार और समसामियक काय म और 70 ितशत मनोरं जक काय म
शािमल थे एफएम गो चैनल इस समय पां च थानों- चार महानगरों िद ी, मुंबई, कोलकाता और चे ई
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तथा एक अ थान लुिधयाना म उपल है इसके अित र चैनल ने ोताओं को आकाशवाणी के अ


सारणों और े के िनजी एफएम े शनों के दो िवक ों म एक को चुनने का अिधकार दान िकया यह
चैनल मनोरं जन और ान के साथ-साथ यातायात, एयरलाइं स, रे ल सेवाओं और मौसम आिद के बारे म भी
जानकारी दे ने की कोिशश कर रहे ह
डीटीएच सेवा
टे लीिवजन सेट का इ ेमाल करने वाले उपभो ाओं के िलए डीटीएच रे िडयो चैनल के मा म से सैटेलाइट
सेवा दान की जाती है डीटीएच सेवा सार भारती के डीटीएच ेटफाम के ज रए िद ी के टोडापुर से
अपिलंक ारा उपल है ये टे र ीयल सारण सेवा नहीं है और इसके काय म सामा रे िडयो सेट्स
पर नहीं सुने जा सकते यह 24 घंटे की िडिजटल सारण सेवा है इसके काय मों की योजना इस कार
बनाई जाती है िक पुनः सारण कम से कम होता है
डीटीएच सेवा 39 भाषाओं म चैनल मुहैया कराती है , जो दे श के ेक कोने म उपल ह इस सारण
का सबसे मह पूण पहलु इसका िडिजटल गुणव ा है
िविवध भारती
लोकि य िविवध भारती सेवा 41 सीबीएस-वीबी क ों से िदन म 17 घंटे मनोरं जन उपल कराती है िविवध
भारती सेवा दे शभर म 65 थानीय रे िडयो े शनों और 100 वॉट एफएम टां समीटरों के ज रए भी सा रत
होती है

समाचार सेवा भाग


आकाशवाणी का समाचार सेवा भाग (एनएसडी) िविभ वग के लोगों तक प ं च कायम करने के ल के
साथ अपनी उप थित िविवध े ों म बढ़ा रहा है समाचार सेवा भाग ने सोशल मीिडया पर अपनी
उप थित म पया वृ की है और बड़े पैमाने पर ोताओं तक प ं च बनाने के िलए कई मह पूण
उपल यां हािसल की है
समाचार सेवा भाग की 46 े ीय समाचार इकाइयां (आरएनयू), लोगों की सूचना संबंधी
आव कताओं को पूरा करने म मह पूण भूिमका िनभाती ह आरएनयू ख़बर को े िवशेष के िलहाज से
और लोगों के अनुकूल बनाने के िलए 77 े ीय भाषाओं, बोिलयों म बुलेिटन और काय म बनाती ह
े ीय समाचार इकाइयां 444 बुलेिटन हर रोज़ सा रत करती ह, िजनकी कुल सारण अविध करीब 33
घंटे है इनम े ीय, िवदे शी, डीटीएच सेवाएं और एफएम हे डलाइं स शािमल ह आरएनयू हर महीने
समाचारों पर आधा रत 12,720 काय म भी सा रत करती ह, िजनकी कुल अविध करीब 1,706 घंटे होती
है इनके अलावा रा िवधानसभाओं के स के समय इन इकाइयों से िवशेष काय म भी सा रत िकए
जाते ह
एफएम हे डलाइं स शहरों और क ों म अपने दै िनक काय मों के दौरान संि जानकारी ा
करने का ज रया है वतमान समय म आरएनयू ारा 16 भाषाओं म 249 हे डलाइन बुलेिटन तैयार िकए जा
रहे ह
एनएसडी की इकाइयां
समाचार सं हण और सारण सुगम बनाने के िलए एनएसडी म िविभ इकाइयां ह यथा- रपोिटग इकाई,
वाता और समसामियक काय म इकाई, संदभ इकाई और अनु वण इकाई इन इकाइयों के सहयोग से
एनएसडी घटनाओं, मुख काय मों और भारत अिभयान, धानमं ी जन धन योजना, आदश आिद
सरीखी सरकार की नयी पहलों जैसे िविवध समाचारों और घटनाओं को सम ि कोण से ुत करने म
स म हो सका एनएसडी धानमं ी/रा पित के िवदे श दौरों/या ाओं के भी ापक कवरे ज म स म हो
सका
वेबसाइट् स: www.newsonair.com, www.newsonair.nic.in
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मन की बात
मन की बात काय म के िलए वेबसाइट newsonair.nic.in पर लाइव वेबका ं ग की जाती है इस योजन
के िलए िवशेष िवंडों और पेज सृिजत िकया गया है
ितलेखन और काय म िविनमय सेवा
आकाशवाणी म ितलेखन और काय म िविनमय सेवा भी है , िजसम सटल आकाइ स, साउं ड आकाइ स,
िडिजटल साउं ड आकाइ स, िडिजटल लाइ ेरी, रे िडयो आ कथा, ितलेखन इकाई और नवीकरण इकाई
शािमल ह
क ीय अिभलेखागार
आकाशवाणी की िल ंतरण सेवा अ ैल 1954 को ारं भ ई थी और इसे सभी गणमा यों के
भाषणों की िलिप तैयार करने का मु काय सौंपा गया था इसम भारत के रा पित और धानमं ी के
भाषणों का िवशेष संदभ तैयार करना मह पूण था यह यूिनट िविनयल िड लेब ‘एआईआर- टीएस
रकाड् स’ की ोसेिसंग के दािय का भी िनवाह करती है तािक भावी सारण के िलए रकािड को
संरि त िकया जा सके वष 1959 से इस सेवा को ‘टां सि शन एं ड ो ाम ए चज सिवस’ यानी
िल ंतरण एवं काय म आदान- दान सेवा का नाम िदया गया ोसेस िकए गए रकॉड लागत की ि से
उपयु िस न हो पाने के कारण ोसेिसंग काय 1967 म बंद कर िदया गया और एनालॉग मैगनेिटक टे
जैसे नए संर ण मा म इ ेमाल िकए गए
साउं ड आकाइ स
आकाशवाणी की साउं ड आकाइ स को रा ीय ऑिडयो आकाइ स नाम िदया जा सकता है , ोंिक इसके
पास िविभ ेिणयों म संगीत और बोले गए श ों की कीमती रकॉिडग का खजाना है भारतीय संगीत
रकािडग का यह सबसे बड़ा ऑिडयो पु कालय है इस पु कालय म महा ा गां धी के भाषणों का एक
अलग सं ह मौजूद है , िजसम सोदपुर आ म, कोलकाता म 11 मई, 1947 को िदया गया पहला ाथना
भाषण और िद ी थत िबड़ला हाउस म 29 जनवरी, 1948 का अंितम ाथना भाषण भी शािमल है
िद ी आकाशवाणी से गां धीजी का 12 नवंबर, 1947 का एकमा सारण भी सुरि त है पु कालय म
भारत के सभी रा पितयों और धानमंि यों की रकॉिड मौजूद है रवीं नाथ टै गोर, सुभाष चं बोस, डॉ.
बी.आर. अंबेडकर, सरदार पटे ल, सरोजनी नायडु और ब त-सी अ जानी-मानी ह यों की आवाज़ की
रकॉिड भी संरि त ह इसके अलावा पुर ार िवजेता रे िडयो डामा, फीचर, वृ िच और अ ारक
ा ान इस पु कालय म मौजूद है
िडिजटल साउं ड आकाइ स
ितलेखन एवं काय म िविनमय सेवा (टी एं ड पीईएस) ने सारे एनालॉग कंटट का िडिजटीकरण करने की
वृहद प रयोजना का दािय िलया है इस िदशा म मुख कदम उठाए गए ह इसके प रणाम प,
आकाशवाणी सारण नेटवक म अंतररा ीय र पर ीकृत मानकों के साथ मुख िडिजटल लाइ ेरीज़ म
से एक हो गया है

आकाइव िडिजटल लाइ ेरी


रे िडयो आ कथा
रे िडयो आ कथा म, समाज के िविभ े ों की िव ात ह यों की रकॉिड को सुरि त रखा गया है
आकाशवाणी का सटल आकाइ स जाने-माने संगीत ों, जानी-मानी ह यों, सािह कारों आिद की रे िडयो
आ कथा की ब मू रकॉिड का समृ खजाना है इन मुख ह यों म ी जे.आर.डी. टाटा, उ ाद
अली अकबर खान, ी ह रवंश राय ब न और डॉ. वग ज कु रयन शािमल ह मुख ह यों की पहचान
आकाशवाणी के िविभ क ों के सहयोग से की गई
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काय म आदान- दान पु कालय


इस इकाई का मु उ े अ ी गुणव ा वाले काय मों का े शनों के बीच ज रत के मुतािबक
आदान- दान है पीईयू पु कालय म लगभग 8,000 टे ह, िजनम संगीत और बोले गए श ों के
काय म इसी उ े के िलए संरि त िकए गए ह िविवध भारतीय भाषाओं म संगीत और बोले गए श ों
के आइट के अलावा, पीईयू पु कालय बां ा, अं ेजी, गुजराती, क ड़, मलयालम, मराठी, ओिडशा,
सं ृ त, तिमल और तेलुगू भाषा के सबक भी संरि त कर रहा है
ितलेखन इकाई
ितलेखन इकाई का मु काय रा पित और धानमं ी के भाषणों का ितलेखन तैयार करना और उ
सं रणों के प म भावी पीिढ़यों के िलए संरि त करना है आकाशवाणी के िविभ क ों से भाषण की
रकॉिड के टे और उनका ितलेखन ा िकया जाता है सभी ितलेखनों के िज बंद सं रण
तैयार करके आकाइ स म रखे जाते ह
नवीकरण इकाई
आकाइ स की पुरानी संगीत रकॉिड का नवीकरण करने के िलए कुछ वष पहले संयु रा िवकास
काय म की सहायता से इस इकाई का गठन िकया गया था सैकड़ों घंटों के संगीत और महा ा गां धी,
पंिडत नेह आिद की आवाज की रकॉिड का यहां नवीकरण िकया गया वतमान म यह इकाई
आकाशवाणी और दू रदशन ारा जारी की जाने वाली रकॉिड की ऑिडयो की गुणव ा का ान रखती
है

िवदे श सेवा िवभाग


िवदे श नीित और सरकारी कूटनीित म अंतररा ीय/िवदे श सारण सेवा ारा अदा की जा रही मह पूण
भूिमका को िव ार से बताए जाने की दरकार नहीं है इं ड के साथ औपिनवेिशक संपक के कारण,
भारत और इं ड म सारण लगभग एक साथ ारं भ आ इसी कार बीबीसी ारा थम िवदे शी सारण
1938 म अरबी भाषा म शु िकए जाने के बाद आकाशवाणी ने भी 1 अ ू बर, 1939 को िवशु प से
दू सरे िव यु के दौरान िम दे शों के चार के मा म के प म िवदे श सारण प ो भाषा म शु
िकया इसका ल े म जमनी रे िडयो ट् ज े ग के चार का सामना करना और िव के इस भाग म
बीबीसी के यासों को बल दान करना था तं ता ा के साथ ईएसडी को एक उभरते ए रा , एक
ाचीन स ता की आवाज़ और कूटनीित के एक साधन के प म नया प धारण करना पड़ा िविभ
कार के संकटों के समय एक कारगर चार मशीनरी के प म भी उसे अपनी भूिमका िनभानी थी तभी
से आकाशवाणी का िवदे श सेवा िवभाग भारत और शेष िव के बीच एक मह पूण कड़ी बन गया है ,
िवशेषकर उन दे शों म, जहां भारतीय लोगों के रहने की वजह से उनके साथ भारत के िहत गुंथ गए ह
लगभग 100 दे शों को कवर करते ए और 27 भाषाओं म काय म सा रत करने वाले आकाशवाणी के
िवदे श सेवा भाग की िगनती प ं च और रज की ि से िव के चुिनंदा िवदे श सेवा नेटवक म होती है इस
सेवा के मा म से िवदे शों म रहने वाले लोगों को भारत से जोड़े रखने का यास िकया जाता है यह भाग
िवदे शी ोताओं तक प ं च बनाने के िलए अं ेजी, च, सी, ािहली, अरबी, फारसी, प ो, दारी,
बलूची, िसंहली, नेपाली, ित ती, चीनी, थाई, बम और भाषा इं डोनेिशया म काय म सा रत करता है
वासी भारतीय ोताओं के िलए यह िवभाग िहं दी, तिमल, तेलुगू, मलयालमय और गुजराती म काय मों का
सारण करता है , जबिक भारतीय उपमहा ीप के ोताओं के िलए उदू , पंजाबी, िसंधी, सैराइकी, क ड़
और बां ा भाषा म काय म सा रत िकए जाते ह

रा ीय सारण एवं म ीमीिडया अकादमी


रा ीय सारण एवं म ीमीिडया अकादमी (एनएबीएम) (काय म) िजसे अब तक कमचारी िश ण
सं थान (काय म) के नाम से जाना जाता था, सार भारती का एक शीष िश ण सं थान है यह
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आकाशवाणी और दू रदशन के िविवध े शनों म कायरत काय म और शासिनक किमयों के सेवारत


िश ण के िलए उ रदायी है

ोता अनुसंधान इकाई


जनसंचार के बदलते प र के साथ, ोता अनुसंधान मह पूण थान पा चुका है दु िनयाभर म, लगभग
सभी बड़े मीिडया संगठन आं त रक र पर िकसी न िकसी प म या ‘माकट रसच’ के प म ोता
अनुसंधान म जुटे ह, ोंिक कोई भी मीिडया संगठन ोताओं(उपभो ाओं) की मता और अपनी मीिडया
िवषयव ु के िलए बाज़ार को जाने बगैर अपने अपया संसाधनों को दाव पर नहीं लगा सकता
आकाशवाणी इस े म अ णी रहा है उसके पास दे शभर म ोता अनुसंधान इकाइयों का िवशाल
नेटवक है , जो 1946 से मौजूद है यह काय म के िनमाताओं को काय म का फीडबैक उपल कराता
है , तािक वे लि त ोताओं की ज रतों, िचयों और मह ाकां ाओं के अनु प काय म की योजना,
िडजाइन और उनम सुधार ला सक

दू रदशन
दू रदशन सारण की शु आत िद ी म िसतंबर 1959 को ायोिगक सेवा के तौर पर ई थी हाल के वष
म इसने जबरद गित की है और वह दु िनया के मुख टीवी संगठनों म से एक बन चुका है हाल के वष
म दू रदशन ने न िसफ दे श के कोने-कोने तक ही अपने नेटवक का िव ार नहीं िकया, ब वह टीवी
सारण के े म नवीन ौ ोिगकीय घटनाओं के साथ कदम से कदम िमलाकर भी चला है वतमान म
दू रदशन के 34 उप ह चैनल ह और इसका 67 ू िडयो और 1,416 टां समीटरों वाला िवशाल नेटवक भी है ,
िजसके बल पर यह दे श की करीब 92 ितशत आबादी तक कवरे ज उपल कराता है इसके अलावा
दू रदशन ी-टू -एयर डीटीएच सेवा भी दान कर रहा है
दू रदशन की कमान महािनदे शक के हाथ म है , जो नीित िनधारण, योजना और िवकास, अवसंरचना और
ौ ोिगकीय िवकास, बजटीय िनयोजन और िनयं ण, मानव संसाधन िवकास, चालन और अनुर ण
संबंधी कायकलापों की िनगरानी करने आिद का दािय संभालते ह िद ी, मुंबई, कोलकाता और चे ई
थत चार े ीय कायालय अपने-अपने े म ोजे और अनुर ण गितिविधयों की दे खरे ख करते ह
दू रदशन के िविभ ित ान ह- दू रदशन क ( ू िडयो सटर), हाई पॉवर टां समीटस (एलपीटी) और वेरी लो
पॉवर टां समीटस (वीएलपीटी) अनुर ण क एलपीटी और वीएलपीटी के समूहों की दे खरे ख करते ह

डीडी नेशनल
डीडी नेशनल चैनल, िव का सवािधक बड़े टे र ीयल नेटवक वाला लोक सेवा सारक है यह दे श की
लगभग 92.0 ितशत आबादी एवं 81.0 ितशत भू-भाग को कवर करता है लोक सेवा सारक होने के
कारण चैनल ने सामािजक-आिथक प रवतन के म म तेजी लाने, रा ीय एकता को बढ़ावा दे ने, लोगों म
एकता एवं भाईचारे के भाव उ करने तथा वै ािनक कृित को बढ़ाने म साथक योगदान दे ना जारी रखा
है जनसं ा िनयं ण, प रवार क ाण, पयावरण संर ण, पा र थितकीय संतुलन के साधनों और
मिहलाओं एवं ब ों के क ाण के उपायों के बारे म यह जनता के बीच जाग कता फैलाने के िलए
जानकारी/िश ा और सूचना के सार म योगदान करता है यह चैनल मनोरं जन, सूचना और िश ा का
थ िम ण उपल कराता है इसकी सेवाएं टे र ीयल मोड म ातः 5.30 से लेकर म राि तक
उपल ह उप ह मोड म ये सेवाएं चौबीसों घंटे उपल ह

डीडी ूज
डीडी ूज भारत का एकमा थलीय-सह-उप ह ब भाषी समाचार चैनल है यह समाचार चैनल
सफलतापूवक िविभ िवचारों को करने और साथ ही सनसनी रिहत, संतुिलत, िन और सटीक
खबर दे ने की अपनी िज ेदारी का िनवहन कर रहा है डीडी ूज को नवंबर 2003 को डीडी मेटो चैनल
के थान पर 24 घंटे के समाचार चैनल के प म शु िकया गया था इसके उप ह सारण पूरे दे श म
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उपल ह डीडी ूज थलीय संचार ारा दे श के 49 ितशत भौगोिलक े तक प ं च बनाए ए है यह


वतमान म िहं दी, अं ेजी, उदू और सं ृ त भाषाओं म समाचार सा रत करता है इसम लाइव सारण
ारा 18 घंटे िविभ भाषाओं म 40 से अिधक समाचार बुलेिटनों का सारण होता है डीडी ूज की दे शभर
म 30 े ीय समाचार इकाइयां (आरएनयू) ह, जो बुलेिटन सा रत करती ह

डीडी इं िडया
दू रदशन ने 14 माच, 1995 को अपना अंतररा ीय चैनल ारं भ करके दु िनया के िलए अपनी खड़िकयां
खोल दीं पहले इस चैनल का नाम डीडी व रखा गया, िजसे बाद म 2002 म बदल कर डीडी इं िडया कर
िदया गया अंतररा ीय दशकों को ान म रखते ए भारत के सामािजक, सां ृ ितक, राजनीितक और
आिथक प र के बारे म इस चैनल पर काय म ुत िकए जाते ह

डीडी भारती
दू रदशन का डीडी भारती चैनल भारतीय सं ृ ित और धरोहर को ामािणकता के साथ संरि त रखने और
उसे बड़े पैमाने पर जनता के सम ुत करने के िलए 2012 म पुनः ारं भ िकया गया यह एकमा चैनल
है , जो भारत म कला और सं ृ ित के िलए समिपत है डीडी भारती ने चैनल की कृित और दशकों को
ान म रखते ए रा ीय-अंतररा ीय र की कई सावजिनक सं थानों और गैर-सरकारी संगठनों के
लेखागार म उपल दु लभ काय मों का ायपूण चुनाव कर उ ा करने के िलए उनके साथ
साझेदा रयां की ह

डीडी उदू
डीडी उदू 2006 को अ म आया, नवंबर 2007 से इसका सारण चौबीसों घंटे होने लगा यह चैनल
समाचार, ाधीनता िदवस, गणतं िदवस समारोह जैसे आयोजनों का सीधा सारण, रा के नाम रा पित
और धानमं ी के संदेशों, रा नेताओं पर िवशेष काय मों के सारण के अित र लि त दशकों के
िलए धरोहर, सं ृ ित, सािह , सूचना, िश ा और समाज से संबंिधत मु ों का सार दशाने वाले नए और पुनः
सा रत, ा और इन-हाउस सॉ वेयर का िम ण उपल कराता है इस सारण का मुख उ े /
िवषय लि त दशकों के शैि क एवं सामािजक ि कोण के आधुिनकीकरण से संबंिधत है

ोट् स चैनल
ोट् स चैनल 1999 म ारं भ िकया गया इस चैनल के सारण का समय 2000 से 24 घंटे कर िदया गया

डीडी कशीर
डीडी कशीर चैनल ितिदन साढे चौदह घंटों के सारण के साथ 2000 म ारं भ िकया गया था एक साल
बाद इसे 24 घंटों के सारण वाले चैनल म प रवितत कर िदया गया

दू रदशन ावसाियक सेवा


दू रदशन ावसाियक सेवा (डीसीएस) एक ंत को है , जो मु ालय, दू रदशन क ों, िवपणन भागों
और डीसीडी ारा एयर टाइम की िब ी, एजिसयों/ ाहकों/िनमाताओं से राज एक करने के िकए जा रहे
सभी ावसाियक कायकलापों म ताल-मेल बैठाने के िलए उ रदायी है यह सार भारती बोड के
अनुमोदन से िवपणन भागों और े ीय क ों से ा सूचना के अनुसार ावसाियक नीितयों का गठन
करने और दर काड को अ तन करने के िलए उ रदायी है
डीडी आकाइ स
डीडी आकाइ स वष 2003 म नए ि कोण के साथ खुद म नयापन लेकर आया और उसने ऑिडयो-
िवजुअल िडिजटल व की चुनौितयों का सामना करने के िलए यं को तैयार िकया
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दशक अनुसंधान
दे शभर म दू रदशन के िविभ क ों के साथ कुल 19 दशक अनुसंधान इकाइयां काम कर रही ह वष 1976
से ये इकाइयां सारण से संबंिधत िविभ अनुसंधान परी ण म लगी ह
वेबसाइट: www.newsonair.nic.in

इले ॉिनक मीिडया मॉिनट रं ग सटर


इले ॉिनक मीिडया मॉिनट रं ग सटर टे लीिवजन चैनलों ारा सा रत की जाने वाली अवां छनीय साम ी से
अपने नाग रकों की र ा करने के िनयम का पालन िव के सभी मुख लोकतं करते ह भारत म
इले ॉिनक मीिडया मॉिनट रं ग सटर (ईएमएमसी) को टीवी चैनलों ारा सा रत की जा रही साम ी की
िनगरानी का काय सौंपा गया है ईएमएमसी िव के उन मुख संगठनों म से एक है , जो सारण े और
सारकों ारा सा रत की जाने वाली साम ी की िनगरानी करते ह यह क दे श म सरकार के ािम
वाली मीिडया इकाइयों म सबसे नवीनतम है
यहां यह बताना ज री है िक कंटट की िनगरानी की ज रत इसिलए पड़ती है ोंिक टे लीिवजन उ ोग
म घिटया रयिलटी शो, टॉक शो, ूज, वृ िच ों और सोप ऑपेरा के खलाफ िविभ हलकों से िशकायत
आती ह
ईएमएमसी लगभग 600 चैनलों की साम ी पर नजर रखता है और उ रकॉड करता है , जोिक
भारतीय े म िदखाए जाते ह िजससे केबल टे लीिवजन नेटवक (िविनयमन) अिधिनयम, 1995 के तहत
आने वाले िनयम के उ ंघन की जां च की जा सके केबल टे लीिवजन नेटवक (िविनयमन) अिधिनयम,
1995 के कई िनयम ह िजनका सभी सारण सं थाओं ारा पालन िकया जाना चािहए भारतीय दशकों के
िलए सा रत चैनलों के संशोिधत अपिलंिकंग और डाउन िलंिकंग िदशािनदशों के िलए संभािवत उ ंघनों
का िनरी ण अपेि त है िजससे संबंिधत उपाय िकए जा सक
इले ॉिनक मीिडया मॉिनट रं ग सटर लोक मह के मामलों को िच त करता है और यिद आव क
हो, तो मं ालय को मू ां कन और कारवाई करने के िलए उनके संबंध म जानकारी दे ता है ईएमएमसी
सरकार ारा वां िछत िवषयों पर मं ालय के िलए िवशेष रपोट तैयार और ुत करता है सफलता का
एक उदाहरण थािपत करते ए ईएमएमसी ने 1 जनवरी, 2015 से रे िडयो की िनगरानी ारं भ की है
ईएमएमसी का नया िवंग वतमान म संभािवत उ ंघनों का पता लगाने के िलए सामुदाियक रे िडयो े शनों
(सीआरएस) की िनगरानी कर रहा है वतमान म दे शभर के 30 सामुदाियक रे िडयो े शनों की िनगरानी
यह दे खने के िलए की जा रही है िक कहीं वे भारत सरकार और सामुदाियक रे िडयो े शन के बीच सामा
समझौता( जीओपीए) और आकाशवाणी के काय म और िव ापन कोड का उ ंघन करने वाले सारण
तो नहीं कर रहे ब त ही कम समय म सीआरएस की साम ी म अनेक उ ंघन पाए गए िजनके
संबंध म ईएमएमसी ने मं ालय को जानकारी दी ये उ ंघन न केवल अ ील और अभ काय मों
को लेकर ह, ब ऐसी साम ी के भी है जो मं ालय के सामा िनयमों का उ ंघन करती है
चैनलों की बढ़ती सं ा के कारण उन सभी के बीच ादा से ादा दशकों को आकिषत करने को
लेकर होड़ मची रहती है , िजसके कारण अिधकतर चैनल अपनी हद पार कर जाते ह और अ र उस र
तक प ं च जाते ह, जहां उ नहीं जाना चािहए िनयामक िदशािनदशों के ित टीवी चैनलों का ढीला-ढाला
रवैया ब त हद तक िचंता का िवषय बनता जा रहा है , खासकर जब एक औसत भारतीय प रवार पहले से
अिधक समय तक टीवी दे खता है टीवी दे खने की वृि म भी प रवतन आया है , ोंिक टे लीिवजन उ ोग
िपछले कुछ वष म काफी बड़ा हो गया है टीवी शो भी लगातर िवकिसत हो रहे ह और अिधक से अिधक
दशकों को आकिषत करने के िलए कई बार अनुिचत साम ी का सहारा लेते ह यह दे खा गया है िक कुछ
टीवी शो कम उ के दशकों को भािवत करते ह और यह एक सम ा बनता जा रहा है टे लीिवजन ने
छोटे ब ों के जीवन को ब त हद तक भािवत िकया है घर पर ही ब े का संपक िहं सा और िवषम
सं ृ ित से हो रहा है मास मीिडया अपने काय मों के सारण के दौरान कई बार जनिहत के दािय भूल
जाता है
िव ापन े भारतीय टे लीिवजन उ ोग का एक मह पूण िह ा है लोगों पर टीवी मीिडया के बढ़ते
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भाव के साथ यह उपभो ावाद का एक उ ेरक बन गया है िव ापन के े म रचना कता के िलए
अपार संभावनाएं ह लोग िव ापनों को इसिलए पसंद करते ह, ोंिक वे बाजार म आए नए उ ादों के बारे
म जानकारी दे ते ह और उनके बारे म जाग कता उ करते ह हमारे ारा िकसी उ ाद को खरीदने या
न खरीदने का फैसला अ र पूरी तरह संबंिधत कंपिनयों के ारा संचािलत की जा रही चार की
गितिविधयों से भािवत होता है इसिलए ापार के अनुिचत तरीकों, ामक िव ापनों और तंबाकू और
शराब जैसे अ ा कर उ ादों के िव ापन के ापक ितकूल भाव के कारण भारत सरकार उिचत
कानूनों, आदे शों और िनदशों के मा म से अंकुश लगाने या कम से कम उ ादों के िव ापन को ितबंिधत
करने का यास करती है ा के िलए ितकूल उ ादों को ितबंिधत करने के सरकार के िनदश के
फल प शराब और तंबाकू बनाने वाली मुख कंपिनयों ने ‘सरोगेट िव ापन’ का रा ा अपनाया है इन
िव ापनों को दशकों को इसिलए िदखाया जाता है तािक वे शराब और तंबाकू के ां डों को भूल न जाएं
ोंिक उ प से िदखाना ितबंिधत है
‘ रयिलटी शोज के दौर’ के आगमन से भारतीय टीवी उ ोग म कई टीवी चैनलों ने काफी अ ी
टीआरपी हािसल की जब हर दू सरा टीवी चैनल ‘उधार के िवचारों और मु ों पर आधा रत रयिलटी
काय म’ का अपना सं रण लेकर आ रहा है , सरकार के िलए यह सुिनि त करना ब त ज री है िक
अिभ की आज़ादी के नाम पर वे हमारे दे श के युवाओं के मानस के साथ खलवाड़ न कर अ टीवी
काय मों की तुलना म इस तरह के काय मों का ब ों पर ब त भाव पड़ता है , ोंिक वे वा िवक
जीवन थितयों की ा ा करते ह रयिलटी शो वय ों के िलए होते ह और उिचत ान, समझ और
मागदशन के िबना इस तरह के काय म ब ों को गुमराह कर सकते ह कुछ रयिलटी शो म ब े ही
ितभागी होते ह िजन पर दशन करने का जबरद दबाव होता है इसके अलावा ब े टे लीिवजन पर
ऐसे काय मों को दे खकर चिकत होते ह और यं और अपने सािथयों से उसी तरह के वहार की उ ीद
करने लगते ह
बड़ी सं ा म ामक िव ापन कुछ उ ादों के संबंध म िनराधार दावे करते ह सूचना एवं सारण
मं ालय ने आगाह िकया है िक िव ापनों को उ ादों के ऐसे चम ारी गुणों के बारे म नहीं बताना चािहए
िज सािबत नहीं िकया जा सकता है यह इस िव ापन संिहता, िवशेष प से केबल टे लीिवजन नेटवक
िविनयमन अिधिनयम, 1995 के तहत आने वाले केबल टे लीिवजन नेटवक िनयम के िनयम 7 (5) का का
उ ंघन है
वेबसाइट: www.emmc.gov.in

ेस और ि ंट मीिडया
भारत के समाचार-प ों के पंजीयक
भारत के समाचार-प ों के पंजीयक का कायालय (आरएनआई) सूचना एवं सारण मं ालय का एक संब
कायालय है अपने वैधािनक और ु काय के तहत यह समाचार-प ों के नामों को मंजूरी दे ता और
उ स ािपत करता है , उ पंजीकृत करता है एवं उनके सार के दावों की जां च करता है तथा उ
थािपत करता है कायालय हर वष 31 िदसंबर तक सूचना एवं सारण सिचव को दे श म ेस की थित
पर‘ ेस इन इं िडया’ नामक रपोट सौंपता है इसे भारत म ‘ ेस इन इं िडया’ के नाम से कािशत िकया
जाता है अपने गैर-वैधािनक काय के तहत, आरएनआई पंजीकृत योगकताओं को अख़बारी कागज़
( ूजि ंट) के आयात के िलए पा ता माणप जारी करता है , साथ ही मु ण मशीनरी आिद के आयात के
िलए भी अिनवायता माण-प जारी करता है
शीषक का स ापन
आएनआई को शीषकों के स ापन के िलए इ ु क काशकों के आवेदन िजलािधकारी ारा िविधवत
अ ेिषत िकए जाते ह और कायालय पीआरबी अिधिनयम की धारा 6 के तहत स ापन ि याओं पर काय
करता है 2015 के दौरान आरएनआई ने नामों के स ापन के िलए 15,293 आवेदनों की जां च की, िजनम
से 9,272 नाम स ािपत िकए गए आवेदकों की सुिवधा के िलए आरएनआई ने अपनी वेबसाइट पर
ऑनलाइन आवेदन की सुिवधा शु की है संब डीएम ारा आगे की ि या के िलए आवेदक से भरे ए
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फॉम का ि ंटआउट िनकालने की अपे ा की जाती है िजसे आरएनआई को अ ेिषत करने के िलए संब
डीएम को सौंपा जाता है आवेदकों को आरएनआई ारा आवेदन ा और नाम के स ापन के संबंध म
एसएमएस और ई-मेल के मा म से सूिचत िकया जाता है िजससे पारदिशता बनी रहे आवेदनों की थित
के बारे म आरएनआई वेबसाइट से जाना जा सकता है िवसंगित-प और नाम स ापन-प भी
आरएनआई वेबसाइट से डाउनलोड िकए जा सकते ह
शीषकों से रोक हटाना
शीषक के स ापन के बाद काशकों को उस शीषक का पंजीकरण कराना होता है यिद 2 वष तक
आरएनआई को पंजीकरण के िलए द ावेज उपल नहीं होते, तो शीषक से रोक हटा ली जाती है और वह
शीषक अ इ ु क आवेदकों के िलए उपल हो जाता था
पंजीकरण
शीषक के स ापन के बाद अिधिनयम के तहत काशक को िजला मिज े ट ारा िविधवत माणीकृत
घोषणा-प , माणीकरण के बाद िनिद िदनों के भीतर कािशत थम अंक की एक ित और कोई
िवदे शी टाई-अप न होने के संबंध म एक शपथ-प सौंपना होता है यह सुिनि त होने के बाद िक पीआरबी
अिधिनयम के िविभ ावधानों और उसके तहत िनिद िनयमों के तहत काशन कािशत और मुि त
िकया गया है , अखबार/पि का को एक रिज े शन नंबर आवंिटत िकया जाता है और आरएनआई के
रिज र म िवि कर दी जाती है इसके बाद काशक को पंजीकरण का माण-प (सीआर) जारी िकया
जाता है
वािषक िववरणी
पीआरबी अिधिनयम की धारा 19डी के तहत, समाचार-प के काशक से अपे ा की जाती है िक वह हर
वष 31 मई तक फॉम 2 म वािषक िववरण, जो समाचार-प पंजीकरण (सटल) िनयम, 1956 म िनिद है ,
ेस रिज ार को सौंपे, िजसम िनयम के तहत िविभ सूचनाएं दज होती ह यह हर काशक के िलए
बा कारी है िक वह अपने काशन म हर साल फरवरी माह के अंितम िदन के बाद पहले अंक म फाम 4
म ािम और अ संबंिधत िववरणों को कािशत करे वािषक िववरण वह बुिनयादी द ावेज है
िजसके आधार पर आरएनआई ेस संबंधी संकलन और िव ेषण करता है िजसे उसकी वािषक रपोट म
‘भारत म ेस’ म शािमल िकया जाता है
वेबसाइट: www.rni.nic.in
प सूचना कायालय
प सूचना कायालय (पीआईबी) सरकार की नीितयों, काय मों, यासों और उपल यों को ि ंट,
इले ॉिनक एवं सोशल मीिडया तक सा रत करने की नोडल एजसी है यह सरकार तथा मीिडया के म
एक सेतु के प म काय करती है और मीिडया म आ रही जनता की िति याओं को भी सरकार तक
प ं चाती है इसके 5 ज़ोन ह, िजनम 19 े ीय कायालय और एक सूचना क सिहत 17 शाखा कायालय
शािमल ह पीआईबी े ीय मीिडया की ज रत पूरी करने के िलए िविवध साधनों जैसे- ेस िव , ेस
नोट् स, फीचर, लेख, पृ भूिम, ेस ीिफं , सा ा ारों, संवाददाता स ेलनों और ेस दौरों आिद के
मा म से सूचना का सार करता है पीआईबी सूचना का सार करने के िलए िट् वटर, फेसबुक, इं ा ाम
आिद जैसे सोशल मीिडया ेटफॉ का इ ेमाल भी करता है सूचना अं ेजी, िहं दी, उदू के साथ-साथ 13
अ े ीय भाषाओं म जारी की जाती है , जो दे शभर के अख़बारों और मीिडया संगठनों तक प ं चती है
पीआईबी मीिडया किमयों को ायन की सुिवधा भी उपल कराता है , तािक वे सरकारी ोतों से सूचना
ा करने के िलए उन तक प ं च बना सक
चार
िविभ मं ालयों/िवभागों से संब िवभागीय चार अिधकारी ेस िव , ेस नोट् स, बैक ाउं डस तथा
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संवाददाता स ेलनों, ेस दौरों, मीिडया ीिफं आिद के ज रए मीिडया तक सूचना का चार- सार करते
ह ये अिधकारी अपने-अपने मंि यों को आव क सेवा उपल कराते ह तथा साथ ही उन मं ालयों के
बारे म मीिडया की सूचना संबंधी ज रत पूरी करते ह
धानमं ी इकाई
धानमं ी की चार और संदभ इकाई धानमं ी कायालय और मंि मंडल के िलए एक समिपत इकाई है
इस इकाई ारा मीिडया से संबंिधत संकलन तैयार िकए जाते ह, िजनम मुख मामलों को हाईलाइट करने
वाली समाचार-प ों की कतरन, सा ािहक पि का रपोट् स, सोशल मीिडया और ऑनलाइन मीिडया
पोटलों की ओर से फीडबैक रपोट् स तथा धानमं ी की या ाओं के बारे म ेस कवरे ज का िवशेष सारां श
शािमल ह
सोशल मीिडया
सोशल मीिडया पर पीआईबी की उप थित िट् वटर, फेसबुक, यू ूब और इं ा ाम पर है मं ालयों और
िवभागों के िविभ आयोजनों/कायकलापों/काय मों के बारे म जानकारी सोशल मीिडया पर त ाल और
ापक सार के िलए उपल कराई जाती है बजट ुित, योग िदवस, ाधीनता िदवस आिद जैसे
िविश आयोजनों के िलए िवशेष इं फो ािफ , वीिडयो मैसेज आिद तैयार िकए जाते ह और सोशल
मीिडया पर पो िकए जाते ह पीआईबी के अनेक े ीय/शाखा कायालयों के भी अपने समिपत सोशल
मीिडया ेटफॉ ह

िट् वटर: िट् वटर पर पीआईबी के हडल @pibindia और @pibindia पर मशः 1.35 िमिलयन से अिधक
तथा 42,000 से अिधक फॉलोअस ह

फेसबुक: पीआईबी के फेसबुक पेज www.facebook.com/pibindia को स ाइब करने वालों की सं ा


1,20,000 से अिधक हो चुकी है

इं ा ामः पीआईबी की इं ा ाम गैलरी www.instagram.com/pibindia को स ाइब करने वालों की


सं ा 52,000 से अिधक हो चुकी है

मीिडया इं टरै वस
मीिडया इं टरै व स ों का आयोजन चुिनंदा रा ों की राजधािनयों म सामािजक-आिथक िवकास,
अवसंरचना, िवकास योजनाओं आिद मु ों पर िकया जाता है इस पहल के अंतगत, मह पूण क ीय मं ी
एवं संबंिधत मं ालयों के व र अिधका रयों को इस आयोजन म भाग लेने तथा रा ीय व थानीय मीिडया के
साथ बातचीत करने और सरकार के मह पूण कदमों पर रोशनी डालने के िलए आमंि त िकया जाता है
‘वातालाप’ काय म का आयोजन ामीण जनता के क ाण के िलए क सरकार की िविवध मुख
क ाणकारी योजनाओं से छोटे शहरों/ ामीण प कारों को प रिचत कराने/अवगत कराने के िलए िकया
जाता है दे शभर म ामीण/शहरी े ों म क सरकार ारा चलाई जा रही िविभ योजनाओं/प रयोजनाओं
की सफलता गाथाएं बताने के िलए पीआईबी के मु ालय/ थानीय व शाखा कायालय ेस दौरों का
आयोजन करते ह
ऑनलाइन ेस ायन
प सूचना कायालय िवदे शी मीिडया के सद ों सिहत मीिडया ितिनिधयों को नई िद ी थत अपने
मु ालय से मा ता दान करता है मा ता ि या को रत एवं भावी ढं ग से लागू करने के िलए
पीआईबी ारा ायन के िलए पूणतः ऑनलाइन णाली का संचालन 2010 से ारं भ िकया गया, िजसे
ायन के अनुरोधों की बढ़ती सं ा के साथ सामंज बनाए रखने के िलए िनरं तर अ तन िकया जाता है
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प कार क ाण कोष
प सूचना कायालय की ओर से गंभीर बीमारी के कारण अ ंत िव ीय किठनाइयों का सामना कर रहे
प कारों एवं उनके प रवारों को िव ीय सहायता दे ने के िलए एक योजना का काया यन िकया जा रहा है ,
िजसके तहत त ाल आधार पर एक बार अनु ह रािश दान की जाती है इस योजना के तहत प कार
की मृ ु या थायी िवकलां गता की थित म प कार के प रवार को 5 लाख पये तक की सहायता दी जा
सकती है कसर, गुदा खराब होने, दय रोग, ेन है मरे ज जैसी बड़ी बीमा रयों के इलाज के खच हे तु भी 3
लाख पये तक की सहायता दी जाती है दु घटना होने, गंभीर चोट के कारण हॉ टल म दा खल होने
की थित म 2 लाख पये तक की िव ीय सहायता दी जाती है
आपात थितयों म कंटोल म
आपात थित से िनपटने के िलए पीआईबी के पास एक ूज म/कंटोल म है , जो सालभर, िकसी भी
समय, चाहे िदन हो या रात सि य रहता है िकसी भी आपात और अनपेि त प र थित म भी ब त कम
समय म अचानक ेस कॉ स आयोिजत करने तथा उसे उसी समय पीआईबी क ों के मा म से दे शभर
म वेबका करने की व था रात 9 बजे के बाद भी हमेशा तैयार रहती है आपात थित तथा संकट के
समय म कंटोल म रोज़ाना चौबीसों घंटे काम करता है
फीडबैक, फीचर एवं फोटो सेवाएं
प सूचना कायालय के मह पूण काय म से एक काय सरकारी नीितयों और काय मों के बारे म मीिडया
म प रलि त लोगों की धारणा से सरकार को अवगत कराना है इस बारे म दे श की राजधानी म कािशत
होने वाले समाचार-प ों से, थानीय/शाखा कायालयों से थानीय भाषा के समाचार-प ों से ा होने वाले व
टीवी समाचार चैनलों, वेब मीिडया एवं पि काओं से इनपुट ा िकए जाते ह
इसके अलावा, प सूचना कायालय मं ालयों/िवभागों से संबंिधत मह पूण मामलों पर मीिडया के
झानों के बारे म भी उ जानकारी दान करता है कायालय की फीचर इकाई फीचर, सफलता की
गाथाएं , पृ भूिम, इं फो-नगेट्स, फोटो फीचस भी जारी करता है , जो े ीय/शाखा कायालयों को भी अनुवाद
और थानीय मीिडया म सा रत करने के िलए भेजे जाते ह
भारतीय अंतररा ीय िफ समारोह
प सूचना कायालय अंतररा ीय िफ समारोह (आईएफएफआई)-2017 का अंग था, िजसका काय गोवा
म समारोह थल पर मीिडया को समारोह के बारे म सूचनाएं दान करने म सहायता करना था इसने
समारोह म िशरकत करने वाले मीिडयाकिमयों को मीिडया क म काय करने के िलए अनुकूल एवं
ो ाहक वातावरण उपल कराया
वेबसाइट: www.pib.gov.in

समाचार एजिसयां
ेस ट ऑफ इं िडया
ेस ट ऑफ इं िडया (पीटीआई) भारत की सबसे बड़ी िबना मुनाफ़े वाली सहकारी सं था है , जो दे श के
अख़बारों ारा चलाई जाती है और िजसका उ े अपने सभी ाहकों को संतुिलत और िन खबर दान
करना है पीटीआई की थापना अग 1947 को ई, लेिकन इसने काम करना फरवरी 1949 से शु
िकया पीटीआई की सेवाएं िहं दी और अं ेजी म उपल ह भाषा पीटीआई की िहं दी समाचार सेवा है
पीटीआई के ाहकों म 500 भारतीय और कई िवदे शी अखबार शािमल ह दे श के सभी बड़े टे लीिवजन
और रे िडयो चैनल और बीबीसी लंदन जैसे- िवदे शी चैनल इसकी सेवाएं इ ेमाल करते ह पीटीआई के
पास इनसेट उप ह पर एक टां ोंडर की सहायता से अपनी सेटेलाइट िडिलवरी णाली है िजसकी
बदौलत उसकी सेवाएं दे शभर म कहीं भी सीधे ा की जा सकती ह अब ादा से ादा ाहक
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सैटेलाइट के ज रए पीटीआई की सेवाएं ा कर रहे ह पीटीआई की फोटो सेवा को सैटेलाइट के साथ-


साथ डायल-अप के ज रए भी ा िकया जा सकता है
पीटीआई ने के-यू बड के ज रए समाचारों का सैटेलाइट टां सिमशन भी शु कर िदया है , िजससे ाहक
ये सेवाएं स े सैटेलाइट रसीवर की सहायता से ा कर सकते ह पीटीआई इं टरनेट पर भी उपल है
एजसी की समाचार सेवा www.ptinews.com पर उपल है उपभो ाओं के पास इं टरनेट पर पीटीआई
की िकसी भी सेवा को ा करने का िवक मौजूद है बड ेस रे िडयो सारण के ज रए भी पीटीआई
के समाचार उपल ह पीटीआई की फोटो सेवा को सैटेलाइट के साथ-साथ डायल-अप के ज रए भी ा
िकया जा सकता है पीटीआई अब त ीरों का पुरालेखण कर रही है दे श के लगभग हर िजले और क े
म पीटीआई के 400 से ादा प कार और लगभग 500 ं गस मौजूद ह ितिदन कुल िमलाकर
पीटीआई अपने ाहकों को अलग-अलग ेिणयों म 2,000 से ादा खबर और 200 से ादा फोटो ाफ
दान करती है
पीटीआई संवाददाता दु िनयाभर म मुख शहरों और मह पूण थानों पर काम करते ह दु िनया म
अपनी प ं च ापक बनाने के िलए पीटीआई के कई िवदे शी समाचार एजिसयों के साथ आदान- दान
संबंधी समझौते ह वतमान म भारत म समाचार एजसी बाज़ार के न े ितशत िह े पर पीटीआई का
क ा है समाचार और फोटो सेवाओं के अलावा पीटीआई फीचर, िव ान सेवा, आिथक सेवा, डाटा इं िडया
और ूज ै न और ॉक ै न सेवाएं भी उपल कराती है पीटीआई टीवी बड़े िनगमों के िलए वृ िच
सेवा भी दान करता है पीटीआई ने भारत म समाचार सेवा दान करने के िलए एसोिसएटे ड ेस (एपी)
और एजसी ां स ेस (एएफपी) के साथ करार िकया आ है एपी की त ीर और अंतररा ीय
ावसाियक सूचनाएं दे शभर म पीटीआई के मा म से िवत रत होती ह
वेबसाइट www.ptinews.com

यूनाइटे ड ूज ऑफ इं िडया
यूनाइटे ड ूज ऑफ इं िडया (यूएनआई) का गठन कंपनी अिधिनयम, 1956 के अंतगत 1959 म िकया गया
था और इसने 1961 से काम करना शु िकया िपछले पां च दशकों म यूएनआई भारत म एक बड़े समाचार
संगठन के प म उभरी है , िजसने समाचार सं ह और उसके सार म एक थ ितयोिगता को ज
िदया इसने 1982 म पूण प से िहं दी सेवा ‘यूनीवाता’ की शु आत की इसी दशक म यूएनआई ने फोटो
सेवा और ािफक सेवा की भी शु आत की जून 1992 म यूएनआई ने पहली बार उदू समाचार सेवा की
शु आत की यूएनआई की फोटो सेवा ितिदन लगभग 200 त ीर िवत रत करती है िजनम यूरोपीय ेस
फोटो एजसी (ईपीए) और रॉयटस से ा 60 अंतररा ीय त ीर भी होती ह इसकी ािफक सेवा पां च या
छह ािफक हर रोज िवत रत करती है
वेबसाइट: www.uniindia.gov.in

नैम समाचार नेटवक


नैम ूज नेटवक (एनएनएन) गुटिनरपे दे शों की समाचार एजिसयों के बीच समाचार और फोटो िविनयम
के िलए एक नयी इं टरनेट आधा रत व था है इस नेटवक की वेबसाइट www.namnews network.org
पर ेस ट ऑफ इं िडया सिहत गुटिनरपे दे शों की समाचार एजिसयां समाचार और फोटो के पम
योगदान करती ह मलेिशया की समाचार एजसी बरनामा कुआलालंपुर से इस नेटवक को संभाल रही है
अ ैल 2006 से अ म आई एनएनएन ने गुटिनरपे समाचार एजसी पूल (एनएएनएपी) की जगह
ली, िजसने गुटिनरपे दे शों के बीच 30 वष तक समाचार िविनमय िकया इं टरनेट स े और िव सनीय
संचार मा म है और वह एनएनएन के 116 सद ों वाले गुटिनरपे दे शों के समूह के बीच सूचना का
िनरं तर वाह करता है एनएएनएपी की थापना 1976 म ई और यह सद दे शों के बीच सूचना के सार
का पहला यास था िजन िदनों संचार लागत ब त अिधक थी, उस दौरान एनएएनएपी ने गुटिनरपे समूह
के दे शों की समाचार एजिसयों को समाचारों के आदान- दान के िलए संचार के चैनल उपल कराए,
तािक उन सभी म समाचारों के िविनमय का एक साझा नेटवक थािपत हो सके
वेबसाइटः namnewsnetwork.org
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भारतीय ेस प रषद
भारतीय ेस प रषद संवैधािनक अध ाियक ाय ािधकरण है , िजसे ेस की तं ता सुरि त रखने
तथा भारत म समाचार-प ों और समाचार एजिसयों के र को बरकरार रखने व उसे सुधारने के दोहरे
काय की पूित के िलए संसद से अिधदे श ा है , यह अिधका रयों और ेसकिमयों दोनों के िलए समान
अध ाियक ािधकरण की तरह काय करती है प रषद म एक अ और 28 सद होते ह प रपाटी
के अनुसार, जहां इसके अ भारत के उ तम ायालय के वतमान/सेवािनवृ ायाधीश रहे ह, वहीं
इसके 28 सद ों म से 20 ेस का ितिनिध करते ह तथा पाठकों के िहतों की िनगरानी करने वाले 8
अ सद ों म संसद के दोनों सदनों (लोकसभा-3 और रा सभा-2) तथा दे श के मुख सािह क एवं
िविधक िनकायों यथा-िव िव ालय अनुदान आयोग, भारतीय िविध प रषद तथा सािह अकादमी के
ितिनिध होते ह कानून के अंतगत अपने काय के िन ादन के िलए प रषद के पास अपना कोष होता है ,
िजसम पंजीकृत समाचार-प ों पर उनके सार के आधार पर लगाया जाने वाला शु और क सरकार से
ा अनुदान और अ पावितयां शािमल ह
दे श म ेस की तं ता की र ा करना और समाचार-प ों व समाचार एजिसयों के र को बनाए रखना
तथा उसम सुधार लाना ेस प रषद का उ रदािय है प रषद सलाहकार की भूिमका भी िनभाती है या तो
यं सं ान लेकर या कानून की धारा 13(2) के तहत सरकार ारा िदए गए संदभ पर वह िकसी भी
िवधेयक, िवधान, कानून या ेस संबंिधत अ मामलों का अ यन करती है और सरकार को या अ
संब को अपनी राय दे ती है सावजिनक मह के मामलों पर भी, उनकी संवैधािनक उ रदािय ों
के बारे म, तः सं ान लेकर प रषद मौके पर जां च कर सकती है
प रषद िशकायतों के मामलों पर, चाहे वे ेस के खलाफ प का रता के आदश के उ ंघन की
िशकायत हो या ेस ारा अपनी तं ता म ह ेप की िशकायत हो, अिधिनणय के मा म से मुख प
से अपने काय का िनवहन करती है जां च के बाद यिद प रषद इस बात पर आ हो जाती है िक िकसी
समाचार-प या समाचार एजसी ने प का रता के आदश के मानकों या लोक िच का उ ंघन िकया है
अथवा िकसी संपादक या मजीवी प कार ने कोई पेशेवर कदाचार िकया है तो प रषद उ चेतावनी दे
सकती है , डां ट सकती है या उनकी भ ना कर सकती है या उनके आचरण की िनंदा कर सकती है ेस
की तं ता के बारे म प रषद के पास यह अिधकार है िक वह ेस की तं ता म बाधक सरकार सिहत
िकसी भी सं था के आचरण पर अपनी िट णी कर सकती है धारा (4) के तहत प रषद के िनणय अंितम
होते ह और ायालय म इ चुनौती नहीं दी जा सकती
ेस और पंजीकरण अपीलीय बोड
ेस और पंजीकरण कानून, 1867 की धारा 8सी भारतीय ेस प रषद की धारा 6 या उ अिधिनयम की
धारा 8बी के तहत मिज े ट के आदे श पर अपीलीय े ािधकार िदया गया है इस बोड म एक चेयरमैन
और एक सद होता है भारतीय ेस प रषद अपने सद ों म से एक सद को नािमत करता है
रा ीय ेस िदवस
दे श म हर साल 16 नवंबर को रा ीय ेस िदवस तं और िज ेदार ेस के तीक के प म आयोिजत
िकया जाता है
वेबसाइट: www.presscouncil.nic.in

नया मीिडया को
वष 1945 म थािपत अनुसंधान, संदभ और िश ण भाग का नाम अब ‘नया मीिडया को ’ रखा गया है
और यह सूचना और सारण मं ालय के िलए सूचना सेवा एकां श के प म काम करता है यह मं ालय,
उसकी मीिडया इकाइयों तथा जनसंचार से संब अ इकाइयों के इ ेमाल के िलए पृ भूिम, संदभ और
अनुसंधान साम ी दान करता है
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सोशल मीिडया
सूचना और सारण मं ालय का सोशल मीिडया को 2012 म अपनी शु आत के साथ ही अंितम छोर
तक प ं च बनाने के िलए िविवध गितिविधयों को अंजाम दे रहा है मं ालय सभी मुख सोशल मीिडया
ेटफॉ पर सि य है और उसने ोताओं के साथ सश संबंध कायम िकया है टॉकेथॉन और फेसबुक
लाइव जैसे िविभ ा पों म सोशल मीिडया संपक का िनयिमत तौर पर आयोजन िकया जाता है , तािक
मंि यों, व र अिधका रयों और आम जनता के बीच सीधा संवाद कायम िकया जा सके िट् वटर पर
मं ालय के ऑिफिशयल हडल @MIB_India के ितमाह औसतन 6 िमिलयन इं ेश सिहत 929
फॉलोअस ह मं ालय के फेसबुक पेज @inbministry पर 1.3 िमिलयन फॉलोअस ह हाल ही म मं ालय
ने सोशल मीिडया जगत म िहं दी भाषी लोगों तक प ं च बनाने के िलए िहं दी म भी िट् वटर हडल
@MIB_Hindi ारं भ िकया है
भारत-वािषक संदभ पु क
भाग अं ेजी म ‘इं िडया-ए रै फरस एनुवल’ के नाम से एक सालाना संदभ पु क का काशन करता है जो
क ीय मं ालयों/िवभागों, रा ों क शािसत दे शों के शासन और सावजिनक े के उप मों के िवकास
और गित की जानकारी का संकलन होता है इसके साथ ही िहं दी म भारत नाम से कािशत िकया जाता
है

फोटो भाग
भारत सरकार की गितिविधयों की फोटो कवरे ज करके सहायता उपल कराने के उ े से थािपत
फोटो भाग एक तं मीिडया इकाई और सूचना और सारण मं ालय का अधीन थ कायालय है तथा
यह फोटो ाफी के े म दे श म अपने िक की सबसे बड़ी िनमाण इकाई है फोटो भाग की थापना
1959 म इस मा म के मह को दे खते ए, पृथक िवभाग की थापना करने के सरकार के िनणय के
प रणाम प की गई थी, ोंिक त ीर सबसे ादा िव सनीय और सटीक ोरा ुत करती ह साथ
ही साथ सही ेपण के िलए नए मा म को मा ता दे ती है , ावसाियक िवशेष ों की दे खरे ख म
पुराता क रकॉड तैयार करती है यह काय काशन िवभाग और प -सूचना कायालय और डीएवीपी की
फोटो इकाई को जोड़कर िकया गया, तािक काय-कलापों का दोहराव समा हो सके यह भाग भारत
सरकार की उपल यों और कायकलापों के दे श और िवदे शों म सार और अ उ े ों के िलए
फोटो ािफक िवजुअल तैयार करता है अपनी थापना से लेकर अब तक के 59 साल म भाग के पास
लगभग 10 लाख िच ों का संकलन है भाग ने अपनी थापना के 50 वष पूरे करने के अवसर पर साल
2010 म रा ीय फोटो-िच पुर ारों की शु आत की, तािक दे श की कला, सं ृ ित, िवकास, िवरासत,
इितहास, दै िनक जीवन, समाज और इसकी परं पराओं को ो ािहत िकया जा सके और दे शभर के पेशेवर
और उभरते ए छायाकारों को बढ़ावा िदया जा सके आिधका रक गितिविधयों का चार- सार करने के
िलए भाग की अपनी वेबसाइट है भाग त ीरों को ई-कॉमस के मा म से बेचे जाने की ि या म है
अ मीिडया इकाइयों से तालमेल
मीिडया की अ इकाइयों से तालमेल थािपत करने के िलए भाग ने कई उपाय िकए ह 8-10 लाख
अिभलेखीय और वतमान िच ों के बीच वैि क र पर तालमेल के िलए भाग ने अपनी आिधका रक
वेबसाइट लॉ की है इस वेबसाइट के मा म से भाग ने छिवयों को ई-कॉमस के ज रए खरीदने/बेचने
की ि या शु करने की तैयारी की है अिभलेखीय छिवयों की ऑनलाइन और ऑफलाइन ा के िलए
एक उ मता वाला सवर लगाया गया है समाचार-प ों और प -सूचना कायालय को िच भेजने म दे री
न हो इसके िलए फोटो समाचार नेटवक पूरी तरह से िडिजटल शैली म काम कर रहा है िव ापन एवं
चार िनदे शालय दशनी के उ े से बड़ी िडिजटल छिवयों की आपूित कर सके इसके िलए भी भाग
पूरी सुिवधाएं उपल कराता है
वेबसाइट: www.photodivision.gov.in
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काशन िवभाग
रा ीय मह और भारत की समृ सां ृ ितक िवरासत जैसे िवषयों पर काश डालने वाली पु कों और
पि काओं के भंडार के प म काशन िवभाग की थापना 1941 म की गई थी यह भारत सरकार के ऐसे
मुख काशन गृह के प म उभर कर सामने आया है जो ान के रा ीय भंडार को समृ करने म
िन िल खत तरीके से अपना योगदान कर रहा है : (1) भारत भूिम और यहां के लोगों, तं ता आं दोलन के
इितहास, कला और सं ृ ित, जीव-जंतुओं और वन ितयों, तं ता आं दोलन म भाग लेने वाले आधुिनक
भारत के िनमाताओं की जीविनयों, सं ृ ित, दशन, िव ान, सािह आिद के े की महान ह यों के बारे
म े पु क कािशत करके भारत की धरोहर का संर ण और दशन, (2) रा पित/ धानमं ी के भाषणों
के काशन से समसामियक घटना म को िलिपब करना; समसामियक िव ान, अथ व था, इितहास
और अ िवषयों पर भारतीय समाज और पाठकों पर िवशेष प से ान कि त करते ए पु क छापना
और (3) बाल सािह का काशन
यह लोकि य पु कों तथा रा ीय मह के िवषयों पर पि काओं के िनमाण, िब ी और िवतरण म संल
भारत सरकार के मुख काशन संगठनों म से एक है िवभाग अ िवषयों के अलावा भारतीय पैनोरमा के
िविवध पहलुओं यथा— कला और सं ृ ित, आधुिनक भारत के िनमाताओं व सां ृ ितक नेताओं की
जीविनयों, िविभ े ों की मुख ह यों के जीवन और काय, भारत के इितहास और तं ता सं ाम पर
पु कों और पि काओं का काशन करता है
िवभाग ने गां धीवादी दशन पर अनेक पु कों का काशन िकया है िजनम 100 खंडों म अं ेजी म
कले े ड वकस ऑफ महा ा गां धी (सीड ूएमजी) और िहं दी म संपूण गां धी वा य शािमल है , िजसे
गां धीजी के लेखन का सबसे ापक और ामािणक सं ह माना जाता है काशन िवभाग ने गुजरात
िव ापीठ के साथ िमलकर मुख गां धीवादी िव ानों की िनगरानी म कले े ड वक ऑफ महा ा गां धी का
ई- सं रण (ईसीड ूएमजी) भी तैयार िकया है मा र कॉपी सु िचपूण ढं ग से िडजाइन की गई डीवीडी
के सेट के प म उपल है , इसम िकसी भी िवषय को आसानी से खोजा जा सकता है िवशेष पैनल की
दे खरे ख म मा र कॉपी के आधार पर सीड ूएमजी का ि ंट सं रण भी तैयार िकया गया है काशन
िवभाग, रा ीय गां धी सं हालय के साथ साझेदारी म कई धरोहर काशनों को बहाल और पुनः कािशत
करने करने म संल है
2019 म गां धीजी की 150वीं जयंती मनाने के िलए अनेक मह पूण गां धीवादी काशन यथा— इं िडयन
वीमेन इन स ा ह, गां धीः एन इं िडयन पैिटयट इन साउथ अ ीका (अं ेजी), गां धी इन चंपारण (तिमल और
क ड़ सं रण) तथा अनेक अ गां धीवादी पु कों का ब ों और युवाओं के िलए अं ेजी, िहं दी और
े ीय भाषाओं म काशन िकया गया है
पि काएं
पु कों के अलावा, काशन िवभाग 18 मािसक पि काएं भी कािशत करता है , िजनम योजना- अं ेजी,
िहं दी और 11 अ भाषाओं म, आजकल (िहं दी और उदू ), बाल भारती (िहं दी) कु े (अं ेजी और िहं दी)
और सा ािहक प रोज़गार समाचार (अं ेजी, िहं दी और उदू म) का काशन शािमल ह िवभाग की
पि काओं के पाठक ब त बड़ी सं ा म ह और इन पि काओं की जनता के बीच िव सनीयता ब त
अिधक है ये प और पि काएं आिथक िवकास, ामीण पुनिनमाण, सामुदाियक िवकास, बाल सािह
और रोज़गार एवं क रयर के िवक ों पर सूचना जैसे ापक िवषय वाले े ों म सरकार के यासों को
प रलि त करते ह इन पि काओं का ऑनलाइन ाहक भी बना जा सकता है , िववरण इसकी वेबसाइट
पर उपल है
ए ॉइमट ूज/रोज़गार समाचार, हर शिनवार को जारी होने वाला सा ािहक अखबार है और यह
िहं दी, अं ेजी और उदू म एक साथ कािशत होता है इसकी शु आत 1976 म ई थी यह क और रा
सरकारों, सावजिनक े के उप मों, ाय िनकायों, िव िव ालयों ारा िव ािपत र यों के बारे म
सूचना दान करता है , ावसाियक पा मों के िलए वेश के नोिटस, परी ा के नोिटस और यूपीएससी,
एसएससी जैसे संगठनों और अ सामा भत िनकायों के प रणामों का काशन करता है
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िडिजटल आकाइ स और ई-पु क तैयार करना: काशन िवभाग ने अब अपने काशनों को संरि त और
चा रत करने के उ े से उनका िडिजटीकरण करने का मह पूण दािय हण िकया है तथा वह
चुिनंदा िव य यो पु कों की ई-बु तैयार करवा रहा है अिभलेखीय मू वाली पु कों को संरि त
रखने के िलए िडिजटल आकाइव िकया जा रहा है वष 2015 से, मुख काशन-वािषक संदभ ंथ इं िडया
और भारत का िडिजटीकरण कर िदया गया है और उ िविवध इले ॉिनक उपकरणों पर पूणतया खोजे
जा सकने वाली और डाउनलोड की जा सकने वाली ई-बु म प रवितत कर िदया गया है

पु कों और पि काओं की ऑनलाइन िब ी: डीपीडी ने महालेखा िनयं क (सीजीए), िव मं ालय के साथ


सहयोग से भारतकोष पेमट गेटवे के मा म से अपनी कािशत पि काओं की ऑनलाइन िब ी के िलए
एक पोटल भी िवकिसत िकया है

सूची और ापार संबंधी अ चालनों का कं ूटरीकरणः सूची बंधन, रॉय ी के भुगतान, िब ी, लेखा,
ाहक बंधन, िब ी ए ो रयम के साथ नेटविकग सिहत काशन िवभाग की समूची ापार संबंधी
ि या का कं ूटरीकरण कर िदया गया है , जो वेबसाइट् स को कािशत पु कों साथ ही साथ ई-बु की
उसके िडिजटल राइट् स मैनेजमट ेटफॉम के ज रए िब ी करने म समथ बनाता है

िवभाग की समिपत वेबसाइट् स http://www.publicationsdivision.nic.in है , योजना के िलए


www.yojana.gov.in और रोज़गार समाचार के िलए वेबसाइट http://employmentnews.gov.in ह
काशन िवभाग फेसबुक पर https://www.facebook.com/prakashan.vibhag और िट् वटर डॉट कॉम
@DPD_India पर भी मौजूद है
ापार एवं िवतरण नेटवक
काशन िवभाग ारा कािशत पु कों और पि काओं की िब ी एवं िवतरण सूचना भवन थत उसके
मु ालय और िद ी सिचवालय, मुंबई, चे ई, कोलकाता, पटना, लखनऊ, है दराबाद, ित वनंतपुरम थत
कायालयों के मा म से िकया जाता है ापार संबंधी ों के उ र dpd@sb.nic.in,
businesswng@gmail.com और pdjucis@gmail.com ई-मेल भेजकर और काशन िवभाग की वेबसाइट
से ा िकए जा सकते ह

िफ भाग
िफ भाग की गाथा आजादी के बाद से दे श के घटना धान वष के समकािलक है और िपछले 67 वष से
यह भाग भारतीय जनता को रा िनमाण की गितिविधयों म सि य भागीदारी के िलए े रत कर रहा है
िफ भाग के ल और उ े दे श के रा ीय प पर कि त ह, तािक लोगों को िशि त और े रत
करते ए रा ीय काय मों का ि या यन िकया जा सके तथा भारतीय और िवदे शी दशकों के सम भारत
की समृ िवरासत की त ीर पेश की जा सके दे श के वृ िच आं दोलन को मजबूती और गित दान
करना भी िफ भाग का एक ल है , ोंिक यह दे श के सूचना, संवाद और सौहाद के े म अ िधक
मह रखता है िफ भाग वृ िच , लघु िफ , एिनमेशन िफ और समाचार पि काएं तैयार करता
है भाग दे शभर के लगभग 4,000 िसनेमाघरों और साथ ही गैर-िथयेटर सिकटों जैसे- े ीय चार
िनदे शालय की इकाइयों, दू रदशन, शैि क सं थानों, िफ सिमितयों और यंसेवी संगठनों की ज रतों
को पूरा करता है िफ भाग के िथयेटर सिकटों म रा सरकारों के वृ िच ों और ूज री को भी
जारी िकया जाता है िफ भाग भारत के साथ-साथ िवदे शों म भी वृ िच िफ ों और फीचर िफ ों के
ि ंट, ॉक शॉट और डीवीडी/वीसीडी और उनके िवतरण अिधकार बेचता है िफ िनमाण के अलावा
िफ भाग िफ िनमाताओं को अपने रकॉिडग िथयेटर, एिडिटं ग क और अ िसने उपकरण िकराए
पर उपल कराता है
अिभलेखीय शोध क
अिभलेखीय शोध क (एआरसी) फोटो भाग की एक म ी े शन शोध सुिवधा है िजसकी शु आत 26
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अ ू बर, 2013 म की गई थी यह सुिवधा का ल उस िवजुअल इितहास और िवजुअल लेखन की िवपुल


संपदा को साझा करना है , िजसे िफ भाग अपनी संक ना के बाद से संजोता आया है एआरसी ने
िफ भाग के संपूण अिभलेखागार को 15 शोध क ों पर उपल कराया है अनुसंधान इ ािद के
उ े से इन पं ह क ों पर िफ भाग का अिभलेखागार उपल रहे गा
अंतररा ीय वृ िच िफ समारोह
िफ भाग 1990 से ि वािषक ‘वृ िच , लघु एवं एिनमेशन िफ ों के िलए मुंबई अंतररा ीय िफ ो व’
(एमआईएफएफ) का आयोजन कर रहा है यह िफ ो व िफ कारों, िनमाताओं, िवतरकों, दशकों
और िफ समी कों को िमलकर िवचारों और धारणाओं का आदान- दान करने का एक िवशेष अवसर
दान करता है
भारतीय िसनेमा का रा ीय सं हालय
भारतीय िसनेमा के रा ीय सं हालय की अवधारणा एक िवल ण िवचार है , िजसका अनुसरण भारतीय
िसनेमा के इितहास म पहली बार िकया गया है भारतीय िसनेमा के 100 साल के इितहास म, ऐितहािसक
मह से जुड़ी ब त-सी साम ी न या खराब हो गई है अथवा संर ण के अभाव उसकी उिचत दे खरे ख
नहीं की गई है ोंिक भारत म कोई िफ सं हालय नहीं है इसिलए यह सं हालय िसफ आम लोगों के
िलए ही सूचना का िवशाल खजाना नहीं सािबत होगा, ब िफ कारों, समी कों और िव ािथयों को भी न
िसफ दे श के भीतर ब दु िनया के सभी िह ों म कला क अिभ के तौर पर िसनेमा के िवकास
म को समझने म मदद करे गा
एफडी जोन
एफडी जोन िफ भाग और तं िफ िनमाताओं का संयु अनुभाग है , जो डॉ ुमटरी, लघु िफ ों
और एिनमेशन िफ ों तथा कला के े म अ गामी और साथक िसनेमा की िनयिमत ुरेिटड ीिनंग
का आयोजन करता है ेक ीिनंग के िलए कोई तं िफ कार ै क आधार पर िफ भाग
और तं िफ िनमाताओं की िफ ों के िम ण को ीिनंग के िलए ुत करता है काय म म
दिशत की जाने वाली तं िफ ों के िनदशक, िसनेमेटो ाफर या संपादक, िन रकािड और
िनमाण दल के मुख सद ों को दशकों के साथ वातालाप के िलए ीिनंग के समय आमंि त िकया जाता
है िफ ों की ीिनंग िनःशु और सबके िलए खुली होती है
वेबसाइट: www.filmsdivision.org

रा ीय िफ िवकास िनगम िलिमटे ड


भारत सरकार ारा गिठत रा ीय िफ िवकास िनगम िलिमटे ड (एनएफडीसी) का िनगमन (शत- ितशत
ािम वाला भारत सरकार का िनकाय) 1975 म िकया गया था इस सं था का ाथिमक उ े भारतीय
िफ उ ोग के संगिठत, स म और एकीकृत िवकास के िलए योजना बनाना और उसे ो ािहत करना
है िफ िव िनगम (एफएफसी) तथा इं िडयन मोशन िप स ए पोट काप रे शन (आईएमपीईसी) के
एनएफडीसी म िवलय के ारा 1980 म एनएफडीसी का पुनिनगमन िकया गया था
पूव िफ िव िनगम (एफएफसी) का गठन 1964 म आ था इसका मुख उ े युवा ितभावान
िफ िनमाताओं को िव ीय सहायता उपल कराना था, जबिक ाय िनकाय इं िडयन मोशन िप स
ए पोट कॉप रे शन (आईएमपीईसी) का गठन िफ ों के आयात-िनयात के िनयमन और दे श म नए ॉक
के बंधन के िलए आ था भारतीय िफ उ ोग के िवकास को समुिचत माहौल उपल कराने के िलए
एक िनकाय की ज रत को समझते ए भारत सरकार ने एफएफसी और आईएमपीईएस का िवलय
एनएफडीसी म कर िदया एनएफडीसी ने अब तक 200 से ादा िफ ों को या तो िव ीय सहायता दी है
या िनमाण िकया है िविभ भारतीय भाषाओं म बनी इन िफ ों को ापक पैमाने पर सराहा गया है और
इ ोंने रा ीय और अंतररा ीय र पर कई पुर ार भी जीते ह िनगम का कॉरपोरे ट कायालय मुंबई म है ,
जबिक इसके तीन े ीय कायालय चे ई, कोलकाता और िद ी म और एक शाखा कायालय
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ित वनंतपुरम म है
क ीय िफ माणन बोड
क ीय िफ माणन बोड (सीबीएफसी)सूचना और सारण मं ालय के अंतगत सां िविधक िनकाय है यह
िनकाय िसनेमैटो ाफ अिधिनयम 1952 के तहत जारी िकए गए ावधानों का अनुसरण करते ए िफ ों के
सावजिनक दशन को िनयंि त करता है
क ीय िफ माणन बोड ारा िफ ों को मािणत करने के बाद ही भारत म उनका सावजिनक
दशन िकया जा सकता है भारत म पहली िफ (राजा ह रशचं का िनमाण 1931 म दादासाहे ब फा े
ारा िकया गया था, लेिकन भारतीय िसनेमैटो ाफ अिधिनयम 1920 म पा रत और लागू िकया गया उन
िदनों ससर बोड् स (तब उ इसी तरह पुकारा जाता था) म ास, बॉ े, कलक ा, लाहौर और रं गून के
पुिलस मुखों के िनयं ण म होते थे े ीय ससस तं थे तं ता के बाद े ीय ससस की ाय ता
समा कर दी गई और उ बॉ े बोड ऑफ िफ ससस के अंतगत लाया गया िसनेमैटो ाफ
अिधिनयम 1952 के लागू होने के साथ ही बोड को सटल बोड ऑफ िफ ससस के प म एकीकृत और
पुनगिठत िकया गया
िसनेमैटो ाफ ( माणन) िनयमों को 1983 म संशोिधत िकया गया और तब से क ीय िफ ससर बोड
को क ीय िफ माणन बोड के नाम से जाना जाने लगा बोड म गैर-सरकारी सद और एक अ
(िजनकी िनयु क सरकार ारा की जाती है ) और यह अपने मुंबई थत मु ालय के साथ काम करता
है इसके 9 े ीय कायालय मुंबई, कोलकाता, चे ई, बंगलु , ित वनंतपुरम, है दराबाद, नई िद ी, कटक
और गुवाहाटी म थत ह िफ ों की जां च म परामश पैनल े ीय कायालयों की सहायता करते ह
समाज के िविभ वग के लोगों को क सरकार ारा परामश पैनलों के सद ों के प म 2 साल की
अविध के िलए नािमत िकया जाता है
माणन की ि या िसनेमैटो ाफ अिधिनयम 1952, िसनेमैटो ाफ ( माणन) िनयम 1983, और
अिधिनयम की धारा 5(बी) के अंतगत सरकार ारा िदशािनदशों के अनुसार है शु आत म केवल दो
माण-प यू और ए होते थे 1983 म दो और माण-प अथात यूए और एस शु िकए गए यूए का
आशय है िक यह िफ बे-रोकटोक सावजिनक दशन के िलए उपयु समझी गई है , लेिकन 12 वष से
कम आयु के ब ों के िलए माता-िपता से कुछ मागदशन की अपे ा रखती ह, ‘एस’ माण-प कुछ ख़ास
दशकों जैसे डॉ रों के िलए उपयु िफ ों को िदया जाता है
वेबसाइट: www.cbfcindia.gov.in
िफ समारोह िनदे शालय
िफ समारोह िनदे शालय की थापना 1973 म अ े िसनेमा को ो ाहन दे ने के उ े से की गई थी
इसके िलए यह मोटे तौर पर िन िल खत ेिणयों म अपनी गितिविधयों का संचालन करता है - (ए) भारतीय
अंतररा ीय िफ समारोह, (बी) रा ीय िफ पुर ार तथा दादा साहे ब फा े पुर ार, (सी) सां ृ ितक
आदान- दान काय म तथा िवदे शों म दू तावासों के ज रए भारतीय िफ ों के दशन का आयोजन, (डी)
भारतीय पैनोरमा का चयन, (ई) िवदे शों म अंतररा ीय िफ समारोहों म भागीदारी, (एफ) भारत सरकार
की ओर से िवशेष िफ ों का दशन और (जी) ि ंट सं हण तथा लेखन
ये गितिविधयां िसनेमा के े म भारत और अ दे शों के बीच िवचारों, सं ृ ित तथा अनुभव के आदान-
दान के िलए बेजोड़ मंच दान करती ह ये भारतीय िसनेमा को सश मंच दान करती ह तथा भारतीय
िफ ों के िलए ावसाियक अवसरों को बढ़ावा दे ती ह दे श के भीतर इसने िव िसनेमा की नवीनतम
वृि यां आम जनता, िफ उ ोग तथा िव ािथयों तक प ं चाने का काम िकया है

भारत का अंतररा ीय िफ समारोह


सूचना और सारण मं ालय और गोवा सरकार ारा संयु प से आयोिजत भारत का 49वां अंतररा ीय
िफ महो व (इ ी), नौ िदन तक िफ दशन, मा र ासेस, िवचार-िवमश और अ काय मों
के आयोजन के प ात् 28 नवंबर, 2018 को सफलतापूवक समा आ
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वेबसाइट: www.iffigoa.goa
रा ीय िफ पुर ार
रा ीय िफ पुर ार, रा ीय िसनेमा के े म सव पुर ार ह जोिक िसनेमाई उ ृ ता को रे खां िकत
करते ह रा ीय पुर ार, साथ ही साथ िसनेमा का सव स ान दादा साहब फा े पुर ार भारत के
रा पित ारा दान िकया जाता है 3 मई, 1913 को पहली भारतीय फ़ीचर िफ़ राजा ह र ं के दशन
के म े नज़र यह िनणय िलया गया िक हर वष 3 मई को रा ीय िफ पुर ार िदए जाएं गे
64व रा ीय िफ पुर ार
सव े फ़ीचर िफ़ का पुर ार सुिम ा भावे और सुनील सुकथनकर ारा िनदिशत िफ़ कसाव
(मराठी) ने जीता संपूण मनोरं जन दान करने के िलए सव े लोकि य िफ का पुर ार वी.वी. रे ी
ारा िनदिशत िफ़ सथमनाम भवाथी (तेलुगू) को िदया गया अ य कुमार को िफ़ म (िहं दी) के
िलए सव े अिभनेता और सुरिभ सी.एम. को िफ़ िम ािमनुनगु-द फायर ाई (मलयालम) के िलए
सव े अिभने ी का पुर ार िदया गया चं शेखर रे ी ारा िनदिशत िफ़ द फायर ाइज इन द
अिबस को सव े गैर-फ़ीचर िफ़ का पुर ार िदया गया िसनेमा पर सव े पु क का पुर ार लताः
सुरगाथा नामक पु क को िदया गया िजसके लेखक यती िम ा ह जबिक जी. धनंजयन को सव े
िफ समालोचक का स ान िदया गया भारतीय िसनेमा म सराहनीय योगदान के िलए वष 2016 का
िस दादा साहब फा े पुर ार िव ात िफ कार के. िव नाथ को िदया गया
महा ा गांधी िफ ो व
महा ा गां धी िफ ो व का आयोजन मोतीहारी, िबहार म 14-16 अ ैल, 2017 की अविध म िकया गया
यह िफ ो व महा ा गां धी ारा तं ता आं दोलन के दौरान चलाए गए चंपारण स ा ह की शता ी के
उपल म आयोिजत िकया गया इसका आयोजन महा ा गां धी क ीय िव िव ालय, मोतीहारी के
सहयोग से िकया गया
वेबसाइट: www.dfl.nic.in

रा ीय िफ अिभलेखागार
कला और ऐितहािसक द ावेज के प म िसनेमा के संर ण का अपना मह है और दु िनयाभर म इसे
मा ता दी गई है िसनेमा को इसके तमाम पों और कारों म संरि त करने के िलए एक ऐसा संगठन
ज री है िजसका थायी ढां चा हो, िजसे िफ उ ोग का िव ास ा हो और िजसके पास पया संसाधन
तथा िवशेष ता हो इसीिलए मं ालय की मीिडया इकाई के प म फरवरी 1964 म भारतीय रा ीय िफ
अिभलेखागार (एनएफएआई) की थापना की गई इसके िन िल खत उ े और ल ह: रा ीय िसनेमा
की िवरासत का पता लगाना, उसे जानना और भावी पीिढ़यों के िलए संरि त करना तथा िव िसनेमा का
ितिनिध करने वाला एक सं ह तैयार करना, िफ ों से संबंिधत आं कड़ों को वग कृत और अिभलेखब
करना, िसनेमा पर अनुसंधान को ो ाहन दे ना तथा इसके नतीजों का काशन-िवतरण करना, दे श म
िफ सं ृ ित को बढ़ावा दे ने के क के प म काय करना और िवदे शों म भारत की सां ृ ितक
उप थित सुिनि त करना, एनएफएआई ने अपने अ के 50 वष के दौरान ल ों को ा करने की
िदशा म कई उपल यां हािसल की ह
िफ भंडारण/संर ण
एनएफएआई म अंतररा ीय मानकों और िविश ताओं से यु लगभग 27 अ ाधुिनक िफ संर ण
सुिवधाएं /क ह इन क ों म लगभग 2 लाख िफ रील के भंडारण की मता है िफ क ों म ेत-
ाम िफ ों, रं गीन िफ ों और नाइटे ट आधा रत िफ ों के िलए िन िल खत तापमान रखे जाते ह:
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िफ ए ीिसएशन कोस
िफ सं ृ ित के सार के तहत एक मह पूण गितिविध ीन िश ा योजना है , िजसम भारतभर म
िविभ शैि क और सां ृ ितक सं थाओं के सहयोग से आयोिजत िकए जाने वाले दीघ या लघु अविध के
िफ ए ीिसएशन कोस शािमल ह
िफ ों की आपूित
भारत म िफ सं ृ ित के सार के िलए एनएफएआई िविभ गितिविधयां चलाता है उसके िवतरण
पु ालय म दे शभर म लगभग 25 सि य िफ ब/सद ह दे शभर म िविभ दशन काय मों और
िफ समारोहों के िलए आकाइव िफ ों की आपूित करता है
िफ समारोहों म िशरकत
एनएफएआई ने दे श-िवदे श म िविभ िफ समारोहों म िह ा लेता है और महो व के िलए िनधा रत
िवल ण िवषयों पर िविभ रे ट े व म उ ृ भारतीय िफ ों और पो रों दशिनयों के सं ह का
दशन करता है
वेबसाइट: www.nfai.gov.in

रा ीय िफ धरोहर िमशन
भारत सरकार के िति त िमशन- रा ीय िफ धरोहर िमशन (एनएफएचएम) की शु आत नवंबर 2014
म दे श की िफ धरोहर को बहाल करने और उसका संर ण करने के िलए की गई यह 12वीं पंचवष य
योजना का अंग है , जो 13वीं योजना म जारी रहे गी इस पहल की िफ उ ोग ारा बड़े पैमाने पर सराहना
की गई इस नई योजना के आयोजना म एनएफएआई के पास उपल िफ ों के िडिजटीकरण/बहाली
का ान रखा गया है
एनएफएचएम के उ े ों म (1) िफ सं ह की थित का आकलन करना और िफ के शेष जीवन
का पता लगाना, (2) 1,32,000 िफ रीलों का बचाव व संर ण, (3)1,086 युगां तकारी िफ ों और भारतीय
िसनेमा के 1,152 शॉटस के 2के/4के िच और िन की बहाली तथा नयी िप र की रकॉिडग और ेक
िफ के साउं ड इं टर-िनगेिट स की रकॉिडग, (4) 1,160 फ़ीचर िफ़ ों और 1,660 शॉटस का
िडिजिटकरण, (5) एनएफएचएम के अंतगत बहाल की गई साम ी के संर ण के िलए एनएफएआई
प रसर, पुणे म धूलरिहत, कम आ ता और कम तापमान वाली प र थितयों म अिभलेखीय और
संर णा क सुिवधाओं का िनमाण और (6) संर ण, प रर ण और पुरालेखन के े म इस े की
िवशेष अंतररा ीय एजिसयों के साथ तालमेल से िश ण कायशालाएं और पा म

बाल िच सिमित, भारत


बाल िच सिमित, भारत (सीएफएसआई) ने सूचना एवं सारण मं ालय के अंतगत एक ाय सं था के
तौर पर 1955 से काय करना शु िकया था यह ब ों की रचना कता, क णा और मह पूण िचंतन को
ो ाहन के उ े से बाल िफ ों का िनमाण और दशन करने तथा दे श म उ ाहजनक बाल सं ृ ित
का सृजन और पोिषत करने के िलए अिधदे िशत है सीएफएसआई ने इस तरह की िफ ों, धारावािहकों,
एिनमेश और वृ िच ों का िनमाण, दशन और िवतरण िकया है , जो ब ों का मनोरं जन करते ह और
उ अपने आस-पास की दु िनया के बारे म सोचने के िलए ो ािहत करते ह 15 भाषाओं म 260 से
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अिधक िफ ों की आकषक सूची के साथ सीएफएसआई दे श म बाल िफ ों की मुख िनमाता है इनम


से अनेक िफ ों ने िति त रा ीय और अंतररा ीय पुर ार जीते ह
सीएफएसआई िफ िसनेमा के मा म से बड़ी तादाद म ब ों को मू ों पर आधा रत मनोरं जन
उपल कराती ह ये िफ केवल मनोरं जन ही नहीं करतीं, ब उनम ढे रों संदेश भी शािमल िकए जाते
ह, िजनम जब इरादे मजबूत हों, तो सपने साकार होना नामुिकन नहीं रहता, बड़ों का स ान करो,
जनजातीय लोग भी हमारे दे श के नाग रक ह और हम उनका स ान करना चािहए, प रवार सबसे बढ़कर
होता है और इसके ेक सद को बचाने का हरसंभव यास करना चािहए, चम ार नहीं, कड़ी मेहनत
आपको फल िदलाती है , खेलों के मा म से सामािजक संबंध, वन ितयों और जीव-जंतुओं से ेम करो,
अपनी शारी रक अ मता के िलए शिमदगी नहीं महसूस करो, ब े भी रा िनमाण, रा ीय एकता आिद म
योगदान कर सकते ह, आिद शािमल ह
िफ िनमाण
सीएफएसआई की ओर से भावी िफ िनमाताओं को 23 भारतीय भाषाओं म िकसी भी शैली या अविध की
बाल िफ का िनमाण करने के िलए िव ीय सहायता दी जाती है सीएफएसआई का वािषक ल एनई
संघटक सिहत 10 करोड़ पये की कुल बजटीय सहायता के साथ 3 फीचर और 2 लघु िफ ों का िनमाण
करना है सीएफएसआई पुर ृ त िवदे शी िफ ों की डिबंग, सबटाइटिलंग खरीद भी करती है
रा ीय अंतररा ीय िफ ो वों म भागीदारी
सीएफएसआई िफ ों ने िविवध िव ात रा ीय/अंतररा ीय िफ ो वों म भाग िलया है और वाह-वाही
बटोरी है तथा अनेक रा ीय और अंतररा ीय पुर ार जीते ह

िव ापन एवं चार िनदे शालय


िव ापन एवं चार िनदे शालय (डीएवीपी) की थापना 1955 म ई थी और ये भारत सरकार की
नोडल म ी-मीिडया िव ापन एजसी है गत 63 वष के दौरान यह िनदे शालय लगभग सभी मं ालयों,
िवभागों, ाय शासी सं थाओं और सावजिनक े के उप मों की संचार संबंधी ज रतों को, एक ही
थान पर िकफायती दरों पर सेवा उपल करा के पूरा करता आ रहा है ये िनदे शालय ामीण और शहरी
लोगों को सरकार की नीितयों और काय मों के बारे म सूिचत और िशि त करता है और उ िवकासशील
गितिविधयों म भागीदार बनने के िलए े रत करता है इसके िलए िनदे शालय ि ंट मीिडया िव ापनों,
िव ापनों, मुि त चार साम ी, दशिनयों और बा चार, ू मीिडया और मास मेिलंग जैसे संचार
के साधनों का इ ेमाल करता है डीएवीपी के मु ालय के संगठना क ढां चे के कई खंड ह जैसे-
अिभयान, िव ापन, बा चार, मुि त चार, दशनी, मास मेिलंग, - खंड िडजाइन ू िडयो,
शासन और खाता इसके बंगलु और गुवाहाटी थत दो े ीय कायालय ह, जो इन े ों म िनदे शालय
की गितिविधयों का संचालन करते ह
डीएवीपी की दे शभर म 32 े ीय दशनी इकाइयां ह े ीय दशनी इकाई सरकार और जनता के
बीच मह पूण संचार कड़ी के प म काम करती है ये े ीय दशनी इकाइयां , दे श के दू र-दराज के
इलाकों म म ी-मीिडया दशिनयां लगाकर मुख रा ीय मामलों पर क सरकार की सामािजक और
िवकास द नीितयों और काय मों के बारे म लोगों को सूिचत करती ह

डीएफपी, एसएं डडीडी और डीएवीपी का एकीकरण


सूचना और सारण मं ालय ने एकीकृत चार/संचार अिभयान चलाते ए े चार िनदे शालय
(डीएफपी), गीत एवं नाटक भाग (एसएं डडीडी) और डीएवीपी के मानव और िव ीय संसाधनों को
स िलत कर िदया है
े ीय और फी इकाइयों के िलए एसएं डडीडी और डीएवीपी की सम े ीय कायालय/फी
इकाइयां 22 े ीय कायालयों तथा डीएफपी की 147 फी इकाइयों म स िलत कर दी गई ह
तद् ु नसार, एसएं डडीडी और डीएवीपी को अपनी मौजूदा े ीय फी इकाइयां बंद करनी होंगी और उ
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उनकी नजदीकी े ीय फी इकाइयों के साथ-साथ रखना होगा इन एकीकृत े ीय इकाइयों का नया


नाम रीजनल आउटरीच ूरो (आरओबी) हो गया है

े ीय चार िनदे शालय


े ीय चार िनदे शालय (डीएफपी), एक मीिडया इकाई है , जो भारत सरकार के अंतगत लोगों से सीधे
संपक साधने वाला एकमा िनदे शालय है डीएफपी लोगों से सीधे संपक साधकर और माइ ो र की
संचार गितिविधयों यथा— भावशाली यों को जानकारी दान कर, लि त लाभािथयों के साथ पर र
संवाद, सामूिहक चचाओं, ो री और अ ितयोिगताएं जैसे- थ मां और ब ा शो, फाटो दशिनयों,
जलसों, िफ दशनों, जनसभाओं के आयोजन के ज रए भावी ढं ग से तैयार संचार काय मों का लि त
और संभािवत लाभािथयों के बीच संचालन करता है इस ि या म डीएफपी को अ क ीय और
रा रीय िवभागों/एजिसयों से भी सहायता िमलती है
इसके 22 े ीय कायालय और कुल 207 े ीय चार इकाइयां ह, जो दे शभर म फैली ह और ादातर
िजला मु ालयों म थत ह हर े ीय कायालय के अंतगत 6 से 14 े ीय चार इकाइयां ह अपनी
गितिविधयों के िलए े ीय चार इकाई के पास वाहन और अ और उपकरण होते ह
डीएफपी के संचार दल सरकारी योजनाओं और नीितयों के बारे म जनता को, िवशेषकर दू रदराज के
ामीण इलाकों म जनता को जाग क करते ह
डीएफपी ने अपने े ीय कायालयों और े ीय चार इकाइयों म कामकाज को सुगम बनाने के िलए
सूचना और संचार तकनीक (आईसीटी) को भावी ढं ग से अपनाया है सभी े ीय कायालय और े ीय
चार इकाइयां अपने काय मों, िव और शासन संबंधी िवषयों पर ऑनलाइन रपोट दे ती ह डीएफपी
वेबसाइट काफी सूचना द है और 22 े ीय कायालयों की अपनी वेबसाइट् स ह डीएफपी अपनी प ं च
संबंधी गितिविधयों पर काश डालने और सरकार के काय मों और नीितयों के बारे म संदेशों का चार
करने के िलए यू ूब, फेसबुक और िट् वटर जैसे सोशल मीिडया का उपयोग कर रहा है
वेबसाइट: www.dfp.nic.in

गीत एवं नाटक भाग


गीत और नाटक भाग को ऑल इं िडया रे िडयो की एक इकाई के प म 1954 म थािपत िकया गया था
और िवकास संचार के अिधदे श के साथ 1956 म एक तं मीिडया इकाई का दजा िदया गया था यह
संचार के एक मा म के प म कला दशन का उपयोग करने वाला दे श का सबसे बड़ा संगठन है
भाग सां दाियक स ाव, रा ीय एकता, धमिनरपे ता, सां ृ ितक िवरासत को बढ़ावा दे ने, ा ,
पयावरण, िश ा आिद जैसे रा ीय िवषयों पर िन और काश काय मों के मा म से नाटक, नृ
नािटका, ओपेरा, लोक एवं पारं प रक गायन जैसे कला पों की एक िव ृत ृंखला का उपयोग करता है

भारतीय िफ और टे लीिवजन सं थान


भारतीय िफ सं थान (एफटीआईआई) की थापना 1960 म की गई थी 1974 म टे लीिवजन शाखा
खोलने के बाद इसे भारतीय िफ एवं टे लीिवजन सं थान का नाम िदया गया अ ू बर 1974 म यह
सं थान सोसायटी पंजीकरण कानून, 1860 के अंतगत एक सोसायटी बन गया सोसायटी म मश र ह यां
ह िजनम िफ , टे लीिवजन, संचार से जुड़े लोग तथा सं थान के छा और पदे न सरकारी सद शािमल ह
सं थान एक शासी प रषद के अंतगत काय करता है िजसका मुख अ होता है अकादिमक प रषद
सं थान की शैि क नीितयां और योजनाएं तैयार करती ह थायी िव सिमित सं थान के िव से जुड़े
मामलों को दे खती है सं थान के दो खंड ह- िफ और टे लीिवजन खंड, दोनों ेिणयों म पा म चलाए
जाते ह इनम तीन वष य िड ोमा पा म से लेकर िफ िनदशन, िसनेमैटो ाफी, ऑिडयो ाफी और
िफ संपादन म ातको र िड ोमा शािमल ह सं थान अिभनय म दो वष य ातको र िड ोमा
पा म, कला िनदशन और िनमाण िडजाइन म दो वष य ातको र माण-प पा म चलाता है तथा
एक साल का ातको र सिटिफकेट कोस चलाता है
भारतीय िफ एवं टे लीिवजन सं थान िफ िनमाण और टे जीिवजन िनमाण कला और तकनीक म
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आधुिनकतम िश ा दान करता है दू रदशन और अ सं थाओं के अिधका रयों को सेवारत िश ण


िदया जाता है यह सं थान आधुिनकतम िडिजटल और सारण उपकरणों से लैस है जैसे- नॉन लीिनयर
बीटा कैम और ए/बी ऑल एिडिटं ग सेटअप, िडिजटल कैमरा जैसे- सोनी बीवीपी-500 पी, सॉ ोमा
कीयर, िडिजटल ेशल इफे ् स जेनेरेटर, एिलयास सॉ वेयर के साथ िसिलकॉन ािफ 02
वक े शन, आधुिनक िफ कैमरा और रकािडग ू िडयो आिद जो सं थान के ा ापकों और छा ों को
एक अलग अनुभव दान करते ह
वेबसाइट: www.ftiindia.in

स जीत रे िफ एवं टे जीिवजन सं थान, कोलकाता


स जीत रे िफ एवं टे लीिवजन सं थान, (एसआरएफटीआई), कोलकाता की थापना एक ाय शासी
शै िणक सं थान के प म की गई थी और इसे पि म बंगाल सोसायटीज पंजीकरण कानून, 1961 के
अधीन पंजीकृत कराया गया िफ जगत की मश र ह ी स जीत रे के नाम पर कोलकाता म भारत
सरकार ारा थािपत यह दे श का दू सरा रा ीय रीय िफ िश ण सं थान है सं थान, िनदशन और
पटकथा लेखन, िसनेमैटो ाफी, संपादन और ऑिडयो ाफी म तीन वष य ातको र िड ोमा पा म
चलाता है इनके अलावा सं थान टे लीिवजन और िफ से संबंिधत लघु और म म अविध के पा म
भी चलाता है समाजशा , सं ृ ित एवं िफ और टे लीिवजन की टे ॉलोजी के बारे म शोध एवं अ ेषण
अ यन ऐसे अ े ह, िजन पर एसआरएफटीआई ारा ान िदया जाता है
एसआरएफटीआई का संचालन भारत सरकार ारा गिठत सोसायटी ारा िकया जाता है अ के
नेतृ म यह सोसायटी शासी प रषद के ज रए सं थान को चलाती है शासी प रषद का गठन सोसायटी के
चुिनंदा सद ों से िकया जाता है यह शासी प रषद सं थान के सभी कायकारी काय की सव सं था है
आव कता पड़ने पर यह अकादिमक प रषद् , थायी िव सिमित आिद जैसी िविवध सिमितयों/िनकायों
का गठन भी करती है
वेबसाइट: www.srfti.in

भारतीय जनसंचार सं थान


सोसायटी पंजीकरण कानून, 1860 के अंतगत सोसायटी के प म पंजीकृत भारतीय जनसंचार सं थान
(आईआईएमसी) की थापना 1965 म की गई थी सं थान की थापना जनसंचार के े म िश ण,
िश ण और अनुसंधान के उ े के साथ की गई थी
यह सं थान ि ंट प का रता, रे िडयो और टे जीिवजन प का रता और िव ापन और जनसंपक म कई
ातको र िड ोमा पा म चलाता है 1969 से सं थान, एिशयाई, अ ीकी दे शों के म म रीय
प कारों के िलए िवकास प का रता का ातको र िड ोमा पा म भी चलाता है ये पा म िवदे श
मं ालय के त ावधान म चलाया जाता है
इसके अलावा सं थान छोटी अविध के पा म भी चलाता है जो एक स ाह से लेकर 12 स ाह तक
के होते ह ये पा म क , रा सरकार म मीिडया चार िवभागों म काम करने के इ ु क
मीिडयाकिमयों के िलए होते ह ये सं थान िविभ रा ीय और अंतररा ीय एजिसयों के साथ िमलकर
िश ण काय म, गो ी, कायशाला आिद आयोिजत करता और अनुसंधान प रयोजनाएं चलाता है
सं थान न िसफ भारत ब अ िवकासशील दे शों की सूचना संबंधी ज रतों के िलए उपयोगी सूचना
ढां चे को बनाने और मजबूत करने म अपना योगदान दे ता है सं थान अपनी िवशेष और सलाहकार सेवाएं
क और रा सरकारों के सं थानों/अंगों, सावजिनक े के उप मों, िव िव ालयों, और अ शै िणक
सं थाओं को दान करता है सं थान के िश ण काय मों की बढ़ती लोकि यता और े ीय
मह ाकां ाओं को पूरा करने के िलए इसकी एक शाखा 1993 म ओिडशा के धेनकलान म खोली गई
वतमान म यहां दो ातको र िड ोमा पा म, प का रता अं ेजी और उिड़या म चलाए जाते ह
भारत सरकार, सूचना और सारण मं ालय के मा म से सं थान को िव ीय सहायता दान करती है
सं थान की गितिविधयों की दे खरे ख के िलए कायकारी प रषद होती है िजसके अ (पदे न प म) सूचना
और सारण मं ालय के सिचव होते ह और वे सं थान (सोसायटी) के अ भी होते ह इनके साथ-साथ
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प रषद म मीिडया के े की िस ह यां तथा सं थान के फैक ी के सद भी होते ह अपने चार


दशक से अिधक के िनरं तर अथक प र म और बेहतरीन दशन की बदौलत सं थान ने ‘उ ृ ता के क ’
का दजा हािसल िकया है
िश ण और िश ण सं थान
सं थान की शैि क और िश ण गितिविधयों को चार काय मों म िवभािजत िकया जा सकता है - छा ों के
िलए ातको र िड ोमा काय मः इनके अंतगत प का रता म चार पा म और िव ापन एवं
जनसंपक म एक पा म शािमल ह (1) अं ेजी प का रता म ातको र िड ोमा पा म, (2) िहं दी
प का रता म ातको र िड ोमा पा म, (3) ओिड़या प का रता म ातको र िड ोमा पा म,
(4) अं ेजी और िहं दी म रे िडयो और टे लीिवजन प का रता म ातको र िड ोमा पा म, (5) िव ापन
और जनसंपक म ातको र िड ोमा पा म (अं ेजी और िहं दी)
इस चार महीने के पा म की एिशयाई, अ ीकी, लैिटन अमरीकी और अ िवकासशील दे शों के
कायरत प कारों के बीच खूब मां ग है पा म के हर समूह म 20 से 25 ितभागी होते ह सं थान हर
वष ऐसे दो पा म चलाता है

अ ाविध पा म, कायशालाएं , गोि यां और स ेलन


भारत और अ िवकासशील दे शों के संदभ म जनसंचार से जुड़े िविभ मु ों के बारे म बेहतर समझ
कायम करने म योगदान दे ने और उभरती नई तकनीकों और उनके बारे म जाग कता बढ़ाने के िलए
सं थान संचार और मीिडया के िविभ े ों के बारे म अ ाविध पा म, कायशालाएं , गोि यां और
स ेलन आयोिजत करता रहता है सूचना और सारण मं ालय की िविभ मीिडया इकाइयों के
अिधका रयों के िलए समय-समय पर अ ाविध पा म चलाता रहता है र ा अिधका रयों और क
और रा सरकारों तथा सावजिनक े के उप मों के मीिडया और चार िवभागों म काम करने वाले
लोगों को पेशेवर िश ण दान करने के िलए सं थान एक स ाह से लेकर 12 ह ों तक के काय म
चलाता है
वेबसाइट: www.iimc.nic.in

ॉडका इं जीिनय रं ग कंस ट् स इं िडया िलिमटे ड


ॉडका इं जीिनय रं ग कंस ट् स इं िडया िलिमटे ड (बेिसल) लाभ अिजत करने वाला एक सावजिनक
उप म है , िजसकी थापना 1995 म ई थी इसका उ े िनजी सारणकताओं को रा ीय
सारणकताओं की िवशेष ता उपल कराना था वतमान म, बेिसल सारण अिभयां ि की म एक थािपत
सलाहकार, समेिकत णाली और समाधान उपल कराने वाली एजसी है बेिसल ारा कई कार की
सारण णािलयों का संचालन और रखरखाव भी िकया जाता है इसके ाहकों म सरकारी, अ सरकारी,
िवदे शी और िनजी संगठन शािमल ह
बेिसल के िवशेष ता े िन िल खत ह: ी सी, कवरे ज योजना और अनुमान आिद के साथ रे िडयो
और टीवी सारण सुिवधाओं की थापना आिद, सीधे सारण और डाटा सारण म स म ईथरनेट
संयोजकता सिहत िन और के िलए अ ाधुिनक ू िडयो सुिवधाओं की थापना, केबल टीवी
णािलयों और एचआईटी (हे ड एं ड इन द ाई) तथा वायरलाइन सारण की थापना, सामुदाियक रे िडयो
क ों की थापना के िलए टन-की समाधान, इले ॉिनक मीिडया िनगरानी समाधान ( रे िडयो और टीवी
टे र ीयल या सैटेलाइट ) और जीएसएम, सीडीएमए और वी-सैट के िलए सुर ा संबंिधत िनगरानी णाली
की अवधारणा से लेकर उसे शु करने तक की व था, सभी कार के सारण इं जीिनय रं ग उपकरणों
और णािलयों की िब ी और सहायता, नई तकनीक से डीएसएनजी वाहनों का िडजाइन और एकीकरण,
सारण क ों, टीवी ू िडयो, सैटेलाइट अथ े शन और इले ॉिनक मीिडया िनगरानी े के संचालन और
बंधन के िलए पेशेवर लोग उपल कराना, सुर ा बलों और खुिफया एजिसयों के िलए िविभ कार के
िनगरानी, अवरोधक और कूटलेखन, िवकोडन उपकरणों की आपूित और सहायता पर उपल कराना
बेिसल के ाहकों म सरकारी, अ सरकारी, िवदे शी और िनजी संगठन शािमल ह इसे भारत म कई
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तरह की पहल करने का ेय ा है िजनम थम टे लीपोट की थापना करना, पहली बार अवसरं चना
थािपत करना, बंगलु म 7 एफएम चैनलों को िमलाते ए भारत म पहली बार म ी चैनल सारण शु
करना, रा पित सिचवालय और लोकसभा टीवी के िलए पहली बार एचडीटीवी ु िडयो सेटअप को
िडजाइन और थािपत करना शािमल है
वेबसाइट: www.becil.com
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23 आयोजना

रत म आयोजना के ल और सामािजक उ े संिवधान म विणत रा के नीित िनदशक िस ां तों


भा के आधार पर िनधा रत िकए गए ह इसम सावजिनक और िनजी े को एक-दू सरे का पूरक माना
जाता है िनजी े के अंतगत संगिठत उ ोगों के अलावा लघु उ ोग, कृिष, ापार, आवास िनमाण
और संबंिधत े आते ह िवकास के रा ीय यास म गत और िनजी यासों को अिधकतम ै क
सहयोग के साथ आव क समझा जाता है

नीित आयोग
रा ीय भारतीय प रवतन सं था (नीित आयोग) की थापना 2015 म की गई थी इसकी थापना 1950 म
बने योजना आयोग के थान पर की गई नीित आयोग, योजना आयोग की उ रािधकारी सं था है इस नई
सं था की प रक ना भारत सरकार और सावजिनक े के सीिमत दायरे से परे पूणतावादी ि कोण के
ज़ रए िवकास ि या के उ ेरक के प म च ं मुखी िवकास के िलए की गई थी इसे सहका रता संघवाद
के िस ां त के तहत रा ीय िवकास के समान भागीदारों के तौर पर रा ों की सश भूिमका के मूल
िस ां त के ज रए हािसल िकया जाना है यह नई सं था सावजिनक े के सीिमत दायरे से परे जाकर
िवकास ि या म उ ेरक का काम करती है िवकास की सम पहल से उसके िलए उपयु वातावरण
के िनमाण का काय करती है इस अवधारणा का आधार है : सहकारी संघवाद के िस ां त के रा ीय िवकास
म रा ों की सश और समान भागीदारी; आं त रक और बा संसाधनों के ान भंडार से सभी रों पर
सुशासन और उ ृ काय हे तु सरकार को सहयोग दे ना, ान और नीितगत िवशेष ता दान कर िथंक
टक (िवचार क ) के प म काम करना; िवकास के संयु ल की ा म गित की िनगरानी कर,
खािमयों को दू र कर और क तथा रा ों को साथ लाकर काय म ि या यन हे तु एक साझा मंच तैयार
करना
उ े
2015 म थािपत भारतीय रा ीय प रवतन आयोग अथात नीित आयोग का सृजन भारत सरकार के िथंक
टक के प म िकया गया है धानमं ी इस सं था के अ ह यह सं था क सरकार की नीितयों के
िनमाण म मु भूिमका िनभाती है , रा सरकारों के साथ िमलकर काम करती है , ान के भंडार के प
म काम करती है और भारत सरकार की नीितयों तथा काय मों के ि या यन की गित पर नज़र रखती
है यह सं था क और रा सरकारों के सभी े ों म नीितगत त ों पर रणनीितगत और तकनीकी सलाह
दे ने का काम करती है इनम आिथक मोच पर रा ीय एवं अंतररा ीय मह के मामले दे श के अंदर से और
िवदे शों की सव े प ितयों का सार और नए नीितगत िवचारों और सम ा आधा रत िविश सहयोग का
अनु ाणन शािमल है वह परामश के प म या अ िकसी व था के ज रए एक या अिधक रा ों या
िव के अ भागों म अपनायी जाने वाली सव म प ितयों के बारे म सभी रा ों को उपल कराता है
तािक वे भी उ अपना सक यह आयोग संरचनाब सहयोग और नीित िनदशन के मा म से सहयोगी
संघवाद को िनरं तर बढ़ावा दे ता है यह सं था मह पूण एवं दीघकािलक नीित और काय म की संरचना
और ि या यन की परे खा तैयार करती है और उनकी गित तथा भावी ापकता पर िनयिमत प से
नज़र रखती है िनगरानी और फ़ीडबैक से सीखे सबक का उपयोग यह सं था नवाचारी सुधार के िलए
करती है ायः नीितयों/काय मों के ि या यन के बीच म भी सुधार िकए जाते ह इसके अित र , नीित
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आयोग आव क संसाधनों की पहचान सिहत काय मों और यासों के ि या यन की सि यता से


िनगरानी और मू ां कन करता है तािक काय मों की सफलता की संभावना सु ढ़ हो सके आयोग
समसामियक िवषयों पर नीित संबंधी शोध-प ों का काशन करता है ; सव म प ितयों पर पु क
कािशत करता है ; नीितयों म सुधार लाने के िलए रा ों के आदश कानून का ा प तैयार करता है और
कायशालाओं तथा स ेलनों का आयोजन करता है िदशा और नीित संबंधी जानकारी दान करने के िलए
सुशासन पर शोध के आधार के प म काम करता है और यह अनुसंधान संबंिधत प ों को उपल कराता
है

संरचना
नीित आयोग का गठन इस कार है - भारत के धानमं ी इसके अ ह संचालन (शासी) प रषद् म सभी
रा ों के मु मं ी, िवधाियका वाले सभी क शािसत रा ों यथा- िद ी, पुद्ु दचेरी के मु मं ी और अ
क शािसत दे शों के उप-रा पाल शािमल होते ह
िविश े ों के िवशेष ों को िवशेष आमंि त सद के प म बुलाया जाता है धानमं ी इनको
मनोनीत करते ह अ के प म धानमं ी के अलावा पूणकािलक संगठना क ढां चा इस कार है :

उपा : धानमं ी ारा िनयु


पूणकािलक सद : अिधकतम दो सद , जो मुख िव िव ालयों से पदे न सद के प म चुने
जाएं गे अंशकािलक सद बारी-बारी से बदलते रहगे
पदे न सद : अिधकतम चार सद िजनका मनोनयन धानमं ी क ीय मंि प रषद से करगे
मु कायकारी अिधकारी : भारत सरकार के सिचव र के अिधकारी होंगे इनकी िनयु
धानमं ी एक िनि त अविध के िलए करगे

वतमान म नीित आयोग का गठन िन कार है :


अ ः धानमं ी ी नर मोदी
उपा ः डॉ. राजीव कुमार, कैिबनेट मं ी के रक म
सद ः
डॉ. िबबेक दे बरॉय,
डॉ. वी. के. सार त
ो. रमेश चंद
डॉ. िवनोद के. पॉल
राव इं जीत िसंह, योजना रा मं ी
अिमताभ कां त, मु कायकारी अिधकारी
धानमं ी की आिथक सलाहकार प रषद
क ीय सिचवालय ारा जारी धानमं ी की आिथक सलाहकार प रषद के गठन की अिधसूचना के अनुसार
इसम शािमल ह:—

डॉ. िबबेक दे बरॉय, सद नीित आयोग- अ

डॉ. सुरजीत भ ा, अंशकािलक सद


डॉ. रिथन रॉय, अंशकािलक सद
डॉ. आिशमा गोयल, अंशकािलक सद
सु ी शिमका रिव, अंशकािलक सद
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ी रतन पी वातल, धान सलाहकार, नीित आयोग, सद -सिचव

संचालन प रषद की तीसरी बैठक


नीित आयोग की संचालन प रषद की तीसरी बैठक, धानमं ी की अ ता म 2017 म ई इसम गृहमं ी,
रे लमं ी तथा कृिष एवं िकसान क ाण मं ी ने पदे न सद के प म और सड़क प रवहन तथा राजमाग
मं ी, सामािजक ाय तथा अिधका रता मं ी और कपड़ा मं ी ने िवशेष आमंि त के प म भाग िलया
मानव संसाधन िवकास मं ी, रा मं ी- (आई/सी), िनयोजन, उपा - नीित आयोग, नीित आयोग के
थायी सद , नीित आयोग के मु कायकारी अिधकारी और भारत सरकार के कई व र अिधकारी भी
इसम शािमल ए इसम संचालन प रषद की दू सरी बैठक की कायवाही की पुि की गई और उसके
फैसलों पर की गई कायवाही की रपोट की समी ा की गई

अटल नवाचार िमशन


अटल नवाचार िमशन, धानमं ी की एक मह पूण पहल है इसे दे शभर म नवाचार और उ मशीलता को
बढ़ावा दे ने के िलए नीित आयोग ने शु िकया है अटल नवाचार िमशन को एक अ ेला नवाचार संगठन
के तौर पर तैयार िकया गया है जो क ीय, रा और े ीय नवाचार योजनाओं के तहत नवाचार नीितयां
बनाने म, हायर सेकडरी ू लों और िव ान, इं जीिनय रं ग एवं उ िश ा सं थानों और लघु व म म
उ मों/कॉरपोरे ट जैसे िविभ रों पर नवाचार तथा उ मशीलता के पा र थितकी तं की थापना को
ो ाहन दे ने म सहायक की भूिमका िनभाएगा
ू लों म रचना क और गितशील मानिसकता को बढ़ावा दे ने के िलए अटल नवाचार िमशन, दे श के
सभी 700 से अिधक िजलों के ू लों म अटल िटं क रं ग लैब खोल रहा है इनम 1000-1500 वगफुट े म
नवाचार गितिविधयां होती ह इनम 3डी ि ंटर, रोबोिट , इं टरनेट ऑफ िथं , िमिनआ ोराइ
इले ॉिन डू इट योरसे िकट् स जैसी आधुिनक ौ ोिगकी उपल कराई गई है इसके िलए सरकार
की ओर से 20 लाख पये का अनुदान िदया गया है तािक छठी से बारहवीं क ा के िव ाथ इस ौ ोिगकी
का इ ेमाल कर नए आिव ार कर सक
िव िव ालयों और उ ोग म उ मशीलता को बढ़ावा दे ने के िलए अटल इ ूबेटस िमशन,
िव िव ालय, गैर-सरकारी संगठन और कॉरपोरे ट उ ोग र पर िव रीय अटल इ ूबेटस थािपत
कर रहा है तािक दे श के हर े /रा म िनरं तर ाटअ सफलतापूवक आगे बढ़ सक और दे श म
उ िमयों को बढ़ावा िमल सके तथा रोज़गार के अवसर पैदा हो सक ये मौजूदा इ ूबेटस को अपना
कामकाज बढ़ाने म मदद भी कर रहे ह अटल इ ूबेटस िमशन के तहत ीनफी इ ूबेटस की
थापना करने वालों या मौजूदा का व न करने वाले आवेदकों को 10 करोड़ पये का अनुदान दे रहा है
इस िमशन का उ े यह है िक नािमत 110 ाट िसटी के हरे क और हर रा के 5-10 बड़े
िश णऔ ोिगक सं थानों म एक िव रीय इ ूबेटर हो तािक िव िव ालयों/उ ोगों म युवाओं/ ाट-
अप समुदायों को नए ाट-अप शु करने का अवसर िमल सके

चौदहवां िव आयोग
हर पां च साल म गिठत िकया जाने वाला िव आयोग एक संवैधािनक िनकाय है इसे क -रा संघीय
संबंधों को प रभािषत करने के ापक अिधकार सौंपे गए ह इसका सबसे मह पूण काम क ारा
िवभा पूल म सं हीत रा ों के राज के, क तथा रा ों के बीच बंटवारे और ेक रा को उसके
िह े के आवंटन के बारे म िसफा रश करना है
चौदहव िव आयोग ने अपनी िसफ़ा रश 2014 म सरकार को ुत कर दी थी इसकी कुछ मह पूण
िसफा रशों म शािमल है - तेरहव िव आयोग की िसफा रश के अनुसार िवभा पूल से रा ों को दी जाने
वाली 32 ितशत रािश को बढ़ाकर 42 ितशत कर िदया जाए

पूव योजना आयोग


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योजना आयोग की थापना माच 1950 म की गई थी इसका उ े दे श के संसाधनों का पूरी तरह दोहन,
उ ादन म वृ और सबको रोज़गार के अवसर उपल कराकर, लोगों के जीवन- र म तेज़ी से वृ
करने के सरकार के घोिषत ल को आगे बढ़ाना था इसे दे श के सभी संसाधनों का आकलन कर
संसाधनों म वृ करने, संसाधनों के अिधकतम भावी तथा संतुिलत इ ेमाल के िलए योजना बनाना और
ाथिमकताएं तय करने का उ रदािय सौंपा गया था योजना आयोग के पहले अ पं. जवाहरलाल
नेह थे

पहली पंचवष य योजना


1951 म बड़े पैमाने पर खा ा ों के आयात और मु ा ीित को ान म रखकर पहली पंचवष य योजना
(1951-56) म कृिष को सव ाथिमकता दी गई, िजसम िसंचाई और िबजली प रयोजनाएं मुख थीं इस
उ े की पूित के िलए सावजिनक े के कुल य 2,069 करोड़ पये (जो बाद म बढ़कर 2,378 करोड़
पये हो गया) का 44.6 ितशत आवंिटत िकया गया योजना का ल िनवेश की दर को रा ीय आय के
पां च ितशत से बढ़ाकर लगभग सात ितशत करने का रखा गया

दू सरी पंचवष य योजना


दू सरी पंचवष य योजना (1956-1957 से 1960-1961) का ल िवकास के ा प को बढ़ावा दे ना था
इसका उ े अंततः भारत म एक समाजवादी समाज का ा प थािपत करना था इसका मुख ल
थाः (1) रा ीय आय म 25 ितशत की बढ़ोतरी करना, (2) आधारभूत और भारी उ ोगों पर िवशेष ज़ोर
दे कर औ ोगीकरण को ती करना, (3) रोज़गार के अवसरों का बड़े पैमाने पर िव ार तथा (4) आय और
धन की असमानता कम करना और आिथक श के िवतरण म और समानता लाना योजना का ल
1960-61 तक पूंजी िनवेश की दर को बढ़ाकर रा ीय आय के लगभग सात ितशत से बढ़ाकर 11 ितशत
करना था इसम औ ोगीकरण, लौह एवं इ ात के उ ादन म बढ़ोतरी, नाइटोजनयु उवरकों सिहत
भारी रसायनों तथा भारी इं जीिनय रं ग एवं मशीन िनमाण उ ोगों के िवकास पर ज़ोर िदया गया

तीसरी पंचवष य योजना


तीसरी पंचवष य योजना (1961-62 से 1965-66) का ल आ िनभर िवकास को ा करने म
उ ेखनीय गित हािसल करना था इसके ता ािलक उ े (1) रा ीय आय को 5 ितशत वािषक से
अिधक करना और इसी के साथ यह सुिनि त करना िक िनवेश का यह तरीका आगामी पंचवष य योजना म
भी जारी रह सके; (2) खा ा म आ िनभरता ा करना और उ ोग तथा आयात की ज़ रतों को पूरा
करने के िलए कृिष उ ादन बढ़ाना; (3) इ ात, रसायन, ईंधन और ऊजा जैसे आधारभूत उ ोगों का
सार और मशीन िनमाण की मता का िवकास करना तािक 10 वष के भीतर दे श के अपने संसाधनों से
औ ोगीकरण की ज़ रतों को पूरा िकया जा सके (4) दे श के म श संसाधनों का पूण उपयोग करना
और रोज़गार के अवसरों म पया िव ार करना; और (5) अिधक से अिधक अवसरों की समानता का
उ रो र िवकास करना और आय व धन की असमानता म कमी लाना तथा आिथक श का समान
िवतरण करना था इस योजना म रा ीय आय म लगभग 30 ितशत की वृ कर इसे 1960-61 के 14,500
करोड़ पये से बढ़ाकर 1965-66 तक लगभग 19,000 करोड़ पये (1960-61 की दर पर) करने और इसी
अविध म ित आय म 17 ितशत वृ कर इसे 330 पये से बढ़ाकर 386 पये करने का ल
रखा गया था

वािषक योजना
1965 म भारत-पािक ान यु से उ थित, िनरं तर दो वष भीषण सूखा, मु ा का अवमू न, कीमतों म
सामा वृ और योजना के िनधारण के िलए उपल संसाधनों म रण होने के कारण चौथी पंचवष य
योजना के िनणय म दे री ई इसके थान पर 1966 और 1969 के बीच चौथी योजना के मसौदा की
परे खा के तहत तीन वािषक योजनाएं तैयार की गईं
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चौथी पंचवष य योजना


चौथी पंचवष य योजना (1969-1974) म कृिष उ ादन म उतार-चढ़ाव के साथ साथ िवदे शी सहायता की
अिनि तता के भाव को कम करने के िलए िवकास की गित को ती करने का ल रखा गया इसम
समानता और सामािजक ाय को बढ़ावा दे ने के िलए तैयार काय मों के मा म से जीवन- र को ऊपर
उठाने की बात कही गई थी इस योजना म िवशेषतौर पर रोज़गार और िश ा के ावधानों के ज़ रये कम
सुिवधा ा और दु बल वग की थित म सुधार लाने पर िवशेष ज़ोर िदया गया समानता को बढ़ावा दे ने के
िलए धन, आय और आिथक श के क ीकरण म कमी लाने के िलए यास िकए जाने पर ज़ोर िदया गया
था योजना म शु घरे लू उ ाद ( 1968-1969 के फै र कॉ पर) को 1969-1970 म 29,071 करोड़
पये से बढ़ाकर 1973-74 म 38,306 करोड़ पये करने का ल िनधा रत िकया गया िवकास की
प रक त औसत वािषक च वृ दर 5.7 ितशत थी

पांचवी ं पंचवष य योजना


पां चवीं पंचवष य योजना (1974-79) गंभीर मु ा ीित के दबावों की पृ भूिम म तैयार की गई थी इसके
मुख उ े ों म आ िनभरता हािसल करना तथा गरीबीरे खा के नीचे रह रहे लोगों के खपत मानक म वृ
करने के उपायों को अपनाना था इस योजना म मु ा ीित को िनयंि त करने और आिथक थित म
थािय लाने को भी उ ाथिमकता दी गई थी इसम रा ीय आय म 5.5 ितशत की वािषक वृ दर
का ल भी तय िकया गया था पां चवीं पंचवष य योजना के संदभ म चार वािषक योजनाएं पूण की गईं
इसके उपरां त पां चवीं पंचवष य योजना को 1978-79 के वािषक योजना के अंत के साथ ही समा करने का
िनणय िलया गया

छठी पंचवष य योजना


छठी पंचवष य योजना (1980-85) का सबसे मुख उ े गरीबी उ ूलन था इसम कृिष एवं
औ ोगीकरण के िलए एक साथ अवसंरचना को मज़बूत करने की रणनीित अपनाई गई थी सभी े ों म
वृहत बंधन, काय मता और ापक िनगरानी के साथ व थत ि कोण से अंतसबंिधत सम ाओं के
िनराकरण पर बल िदया गया था इसके साथ ही थानीय र पर िवकास की िवशेष योजनाएं बनाने म जन-
भागीदारी तथा योजनाओं के ती और भावी ि या यन को सुिनि त करने को मुखता दी गई थी छठी
योजना का वा िवक खच, कुल सावजिनक े के प र य 97,500 करोड़ पये (1979-80 के मू ) की
तुलना म 1,09,291.7 करोड़ पये (वतमान मू ) था इस कार इसम सामा अविध म 12 ितशत की
वृ दज ई योजना के िलए औसत वािषक िवकास दर का ल 5.2 ितशत िनधा रत िकया गया था

सातवी ं पंचवष य योजना


सातवीं पंचवष य योजना (1985-90) म उन नीितयों और काय मों पर बल िदया गया था, जो खा ा ,
रोज़गार के अवसरों म बढ़ोतरी और िवकास, आधुिनकीकरण, आ िनभरता और सामािजक ाय आिद
िनयोजन के बुिनयादी िस ां तों की संरचना म उ ादकता पर कि त थे खा ा उ ादन की िवकास दर
1967-68 और 1988-89 के बीच की अविध म 2.68 ितशत की तुलना म सातवीं योजना के दौरान 3.23
ितशत पर प ं च गई कुल िमलाकर अनुकूल मौसम, ो ािहत करने वाले िविभ काय मों के
ि या यन और सरकार तथा िकसानों के स िलत यासों के कारण अ ी के दशक म िवकास दर 2.55
ितशत हो गई बेरोज़गारी और उसके प रणाम प गरीबी की थित म कमी लाने के िलए उपल
काय मों के अलावा जवाहर रोज़गार योजना जैसे िवशेष काय म शु िकए गए पहचान कायम कर
चुके संगठनों को भूिमका दी गई, लघु रीय और खा सं रण उ ोग इस संबंध म भूिमका िनभा सकते
थे सातवीं योजना का कुल खच कुल सावजिनक े के प रक त प र य 1,80,000 करोड़ पये की
तुलना म 2,18,729.62 करोड़ पये (वतमान मू ) रहा, इस कार इसम सामा अविध म 21.52 ितशत
की वृ दज ई इस योजना के दौरान सकल घरे लू उ ाद (जीडीपी) 5.8 ितशत की औसत दर से बढ़ा
यह िनधा रत िवकास दर से 0.8 ितशत अिधक था
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वािषक योजनाएं
आठवीं पंचवष य योजना (1990-95) क म तेज़ी से बदल रही राजनीितक थित के कारण आरं भ नहीं की
जा सकी आठवीं पंचवष य योजना 1992 से शु ई और 1990-91 और 1991-92 को पृथक वािषक
योजना के प म दे खा गया आठवीं पंचवष य योजना (1990-95) की पृ भूिम म तैयार की गई इन वािषक
योजनाओं का मूल उ े रोज़गार और सामािजक बदलाव को बढ़ावा दे ना था

आठवी ं पंचवष य योजना


आठवीं पंचवष य योजना (1992-97) की शु आत 1990-91 के दौरान भुगतान संतुलन की थित और
महं गाई की थित म िवकृित आ जाने के बाद उसकी भरपाई के िलए शु की गई ढां चागत समायोजन
नीितयों और दीघ थरीकरण नीितयों के तुरंत बाद की गई थी उसके बाद िविभ संरचना क समायोजन
नीितयों को लाया गया तािक अथ व था को उ िवकास दर के पथ पर लाया जा सके और इसे सु ढ़
िकया जा सके तथा इस कार से भिव म भुगतान संतुलन और महं गाई के संकट की थित को रोका जा
सके इन सुधारों के कारण आने वाले नीितगत बदलावों म से कुछ का आठवीं योजना म जायज़ा िलया
गया इस योजना म औसत वािषक वृ दर 5.6 ितशत और औसत औ ोिगक िवकास दर 7.5 ितशत
तय की गई इन िवकास ल ों को सापे मू थरता और दे श के भुगतान संतुलन म ठोस सुधार करके
पाने की योजना बनाई गई आठवीं पंचवष य योजना के दौरान आिथक दशन की कुछ मुख िवशेषताएं
थीं:- (क) ती आिथक िवकास, (ख) िनमाण े और कृिष व सहायक े का ती िवकास, (ग) आयात
और िनयात म उ ेखनीय वृ दर, ापार और चालू खाता घाटे म सुधार तथा क सरकार के िव ीय घाटे
म उ ेखनीय कमी हालां िक, क ीय े के उप मों (पीएसयू) एवं िविभ िवभागों ारा आं त रक और
अित र बजटीय संसाधनों के अनुिचत िवतरण के कारण क ीय े म य की कमी रही रा ों के
मामले म, वतमान राज के संतुलन म कमी, रा िवद् ु यत बोड तथा रा सड़क प रवहन िनगमों के
अनुदान म कमी, नकारा क शु आती संतुलन, गैर-योजनागत य म बढ़ोतरी और लघु बचतों के सं ह म
कमी होने से उिचत संसाधनों को जुटाने म िवफलता, रा ों म धन की कमी का बड़ा कारण था आठवीं
योजना का कुल खच कुल सावजिनक े के प र य 4,34,100 करोड़ पये (1991-92 के मू ) की
तुलना म 1996-1997 (संशोिधत अनुमान) को लेते ए वतमान मू पर 4,95,669 करोड़ पये रहा, तथा
14.2 ितशत की वृ दज ई आठवीं योजना म औसत वािषक िवकास दर 5.6 ितशत प रक त की
गई थी इसके थान पर इस योजना के दौरान 6.8 ितशत की वािषक िवकास दर हािसल ई

नौवी ं पंचवष य योजना


नौवीं पंचवष य योजना (1997-2002) भारत की आज़ादी के 50 वष पूरे होने पर शु की गई थी इस
योजना म जीडीपी की सात ितशत वािषक दर हािसल करने का ल रखा गया था और सात क ीय
आधारभूत ूनतम सेवाओं (बेिसक िमिनमम सिवसेज- बीएमएस) पर ज़ोर िदया गया था समयब तरीके
से जनसं ा को पूण प से शािमल करने हे तु इन सेवाओं के िलए अित र क ीय सहायता िनि त की
गई इसके तहत पेयजल, ाथिमक ा सेवा की सुिवधाएं , ाथिमक िश ा का सावभौिमकरण,
बेघर गरीब प रवारों के िलए सावजिनक आवास सहायता, ब ों को पोषण सहायता, सभी गां वों और
ब यों के िलए सड़क और गरीबों को ान म रखकर जन िवतरण णाली को सु व थत करना शािमल
था इस योजना म सु ढ़ राज सं ह और िवशेषकर छूट संबंधी अनाव क खच को िनयंि त कर,
उपभो ा शु की ा कर, रा ों और पंचायती राज सं थाओं पर और अिधक िव ास रखते ए
िनयोजन एवं ि या यन का िवक ीकरण कर क , रा ों और सावजिनक े के उप मों (पीएसयू)
सिहत सरकार के राज घाटे म कमी लाने के िलए राजकोषीय समेकन की नीित अपनाई गई थी
नौवीं पंचवष य योजना के िवशेष उ े थेः (1) पया उ ादक रोज़गार उ करने और गरीबी
उ ूलन को ान म रखकर कृिष एवं ामीण िवकास को मुखता; (2) थर मू के साथ आिथक िवकास
की दर को ती तर करना; (3) सभी के िलए खा एवं पोषण सुर ा सुिनि त करना, िवशेषकर समाज के
कमज़ोर वग पर ान िदया गया था; (4) िनि त समय सीमा म सुरि त पेय जल, ाथिमक ा सेवा की
सुिवधा, सावभौम ाथिमक िश ा, सभी के िलए आ य और संपक की आधारभूत ूनतम सेवा मुहैया
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कराना; (5) जनसं ा वृ दर को िनयंि त करना; (6) सभी रों पर लोगों को लामबंद करना और
जनभागीदारी सुिनि त करना; (7) मिहलाओं और अनुसुिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित व अ िपछड़ी
जाितयों, सामािजक प से िपछड़े समूहों तथा अ सं कों को सामािजक-आिथक बदलाव और िवकास
का वाहक बनाकर सश करना, (8) पंचायती राज सं थाओं, सहकारी और -सहायता समूहों जैसी जन
भागीदारी वाली सं थाओं को बढ़ावा दे ना और िवकिसत करना; (9) आ िनभर बनाने वाले यासों को
मज़बूत करना नौंवी योजना के िलए जीडीपी वृ दर 6.5 ितशत ितवष तय की गई, पहले ि -प म
यह 7 ितशत तय की गई थी िवकास दर के ल म यह कटौती नौंवी योजना के पहले दो वष म रा ीय
और वैि क आिथक प र थितयों को दे खते ए की गई थी िनधा रत ल की तुलना म औसत वािषक
िवकास दर 5.5 ितशत रही

दसवी ं पंचवष य योजना


रा ीय पंचवष य िवकास प रषद् (एनडीसी) ने िदसंबर 2002 म दसवीं पंचवष य योजना (2002 2007) का
अनुमोदन िकया था इस योजना म एनडीसी के अिधदे श उ े ों को बढ़ाते ए दस वष म ित आय
को दोगुना करने और वािषक िवकास दर जीडीपी के आठ ितशत का ल रखा गया एकमा उ े
आिथक िवकास ही नहीं था, ब योजना म िवकास के लाभ का उपयोग लोगों के जीवन र म सुधार
करना था इसके िलए िन िल खत ल िनधा रत िकए गए: वष 2007 तक गरीबी के अनुपात को कम कर
26 ितशत से 21 ितशत पर लाना, दशकीय जनसं ा वृ को 1991-2001 म 21.3 ितशत से घटाकर
2001-2011 म 16.2 ितशत पर लाना, लाभकारी रोज़गार म वृ , कम से कम म बल को जोड़कर गित
बनाए रखना, 2003 तक सभी ब ों को ू ल भेजना और 2007 तक सभी ब े ू ल म पां च वष पूण कर-
यह सुिनि त करना, मिहलाओं पु षों की सा रता और मजदू री दरों के अंतर म 50 ितशत तक कमी
लाना, सा रता दर को 1999-2000 म 65 ितशत से बढ़ाकर 2007 म 75 ितशत करना, सभी गां वों को
पेयजल उपल कराना, िशशु मृ ुदर को 1999-2000 म 72 ितशत से घटाकर 2007 म 45 ितशत िकया
जाना, वन/पेड़ से िघरे े को 19 ितशत से बढ़ाकर 25 ितशत िकया जाना और मुख दू िषत नदी े ों
की सफाई करना
दसवीं पंचवष य योजना की कई िवशेषताएं ह िजनम मुख िवशेषताएं िन िल खत ह: पहला, योजना म
म बल म ती वृ को मुखता दी गई वतमान िवकास दर और उ ादन म म की उपयोिगता को
दे खते ए भारत म बेरोज़गारी बढ़ने की संभावना थी, िजसके प रणाम प समाज म बेचैनी बढ़ती,
इसिलए दसवीं योजना म 5 करोड़ नौकरी के अवसर पैदा करने का ल रखा गया इसके िलए कृिष,
िसंचाई, वािनकी, लघु एवं मझौले उ म, सूचना एवं संचार ौ ोिगकी एवं अ सेवाओं जैसे वृहत
रोज़गारपरक े ों पर िवशेष ज़ोर िदया गया दू सरे , योजना म गरीबी और सामािजक संकेतकों के
अ ीकाय िन र के मु े का हल िदया गया य िप ये सभी िपछली योजनाओं के उ े ों म शािमल थे,
वतमान योजना म िवशेष िनगरानी ल ों को शािमल िकया गया, िज िवकास ल ों के साथ ही पूण िकया
जाना था
अथ व था के वृ शील पूंजी-उ ादन अनुपात (आईसीओआर) नौंवी योजना के 4.5 ितशत से
घटकर दसवीं योजना म 3.6 हो गया आईसीओआर म यह कमी मु तौर पर मौजूदा मता के कुशल
उपयोग और पूंजी के उपयु े वार आवंटन और इसके भावी उपयोग से पाई जा सकी अतः िवकास
ल को हािसल करने के िलए जीडीपी के 28.4 ितशत की िनवेश दर की आव कता पड़ी इसे जीडीपी
की 26.8 ितशत घरे लू बचत और 1.6 ितशत की बाहरी जमा से पूरा िकया गया अित र घरे लू बचत
का एक बड़ा िह ा सरकार की बचत को जीडीपी के -4.5 ितशत (2001-02) से घटाकर -0.5 ितशत
(2006-07) कर पूरा िकया गया दसवीं योजना के अंितम चार वष (2003-04 से 2006-07) म औसत
िवकास दर आठ ितशत से कुछ अिधक थी, इस कार संपूण दसवीं योजना के दौरान िवकास दर 7.7
ितशत रही य िप यह दसवीं योजना के िलए 8 ितशत के ल से कम रही, लेिकन यह िकसी योजना म
हािसल की गई िवकास दर म उ तम है

ारहवी ं पंचवष य योजना


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ारहवीं पंचवष य योजना (2007-12) ने समावेशी िवकास, अथ व था की बढ़ती ताकत पर िनमाण के


साथ उभर कर आई कमज़ो रयों को दू र करने के िलए एक ापक रणनीित दान की इसम पां च वष के
दौरान 9 ितशत की िवकास दर हािसल करना और योजना के अंत म इसे ती कर 10 ितशत पर प ं चाने
का ल रखा गया था

बारहवी ं योजना
बारहवीं योजना म इस बात को पूण प से ीकार िकया गया है िक िवकास का उ े दे शवािसयों की
आिथक और सामािजक अव था म ापक सुधार लाना है तथािप, सकल घरे लू उ ाद (जीडीपी) म तेज
वृ इस उ े को ा करने की एक अिनवाय आव कता है
बारहवीं योजना के ि -प म इस पंचवष य योजना (2012-17) के दौरान औसत िवकास दर जीडीपी के
9 ितशत पर लाने का ल रखा गया यह ल उस वष के यूरो ज़ोन संकट के पहले िनधा रत िकया गया
था इस संकट के कारण वैि क अथ व था की संभावनाओं म भारी उलटफेर दे खा गया और घरे लू
अथ व था म मंदी के प रमाण का पता लगा था बारहवीं योजना म इस बात का ान रखा गया िक
जीडीपी म वतमान िगरावट को, िवशेषतौर पर मु ा ीित के दबाव के िनयं ण म रखने के िलए बचत म
वृ के साथ ही िनवेश म वृ जैसे ठोस सुधारा क उपाय कर दू र िकया जा सकता है हालां िक, जब
हमारी पूण िवकास मता 9 ितशत के आस-पास है , इस र तक वृ केवल चरणब प से ही हो
सकती है ; िवशेषकर तब जब योजना के पूवा म वैि क अथ व था कमज़ोर रहने की संभावना है

सम ता यथा गरीबी कम करना


परं परागत प से बंटवारे का मतलब गरीबों और सबसे ादा अिधकार िवहीनों को भरपूर लाभ सुिनि त
करना समझा जाता रहा है बारहवीं योजना म इसे एक मह पूण नीित मानते ए इस पर पूरा ज़ोर िदया
जाना चािहए यह गौर करने लायक है िक सम ता के पहलू पर िजस तरह ान िदया गया है वह काफी
उ ाहव क है अिधकृत प से गरीबी रे खा से नीचे के लोगों की सं ा कम हो रही है गरीबी के बारे म
तदु लकर सिमित की रपोट पर आधा रत ताजा अिधकृत अनुमानों के अनुसार दे श म 2009-10 म 29.8
ितशत यानी 350 िमिलयन आबादी गरीबी रे खा से नीचे थी

जीवन ाशा
दे श की आज़ादी के समय जीवन ाशा केवल 32 वष थी, लेिकन अब यह बढ़कर 67 वष हो गई है अ
श ों म हर भारतीय तं ता ा के समय िजतना जीने की ाशा करता था अब वह उससे दोगुनी
आयु तक जीने की ाशा कर सकता है बारहवीं योजना भारत की इस प रक ना से िनदिशत होनी
चािहए िक भारत िजस तरह आगे बढ़ रहा है उससे यह सुिनि त होगा िक दे श के सभी वग के लोगों के
जीवन र म बड़ा सुधार होगा और िवकास की यह ि या अतीत की तुलना म अिधक समावेशी और
पयावरण की ि से अिधक वहनीय होगी

सूचना ौ ोिगकी
सूचना ौ ोिगकी े ने िपछले एक दशक म उ ेखनीय गित की है इसने नवाचार के अनुकूल सुिवधाएं
उपल कराकर, उ ादकता बढ़ाकर, लोगों तथा समुदायों के बीच संपक बढाकर, जीवन- र म सुधार
कर और िव भर म अवसर दान कर, दु िनया को बदल िदया है सूचना ौ ोिगकी के जीने,
बातचीत तथा काम करने के तरीके म बदलाव लाते ए ित धा बढ़ाने और आिथक सामािजक
आधुिनकीकरण म भी मह पूण सािबत ई है इसके अलावा यह सामािजक-आिथक िवभाजन को पाटने
और गरीबी दू र करने म भी सहायक रही है ौ ोिगकी िवकास की गित तेज़ हो रही है और इले ॉिन
तथा आईसीटी लोगों के जीवन, सामािजक नेटवक, कारोबारी कायकलापों, सरकारी गितिविधयों और सेवा
ावधानों का मूलभूत और सव ा अंग बन गया है सूचना ौ ोिगकी का लाभ उठाकर िकए जाने वाले
इन बदलावों से, भिव म भी सरकार, उ मों तथा बु वग पर सामािजक, राजनीितक तथा आिथक प
से सकारा क भाव डालते ए मानव गित को िनदिशत िकया जाता रहे गा
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ि कोण-प
चौदहव िव आयोग के अंितम तीन वष का कायवाही एजडा 2017-18 से 2018-19 तक है अिधक खुली
तथा उदार होती अथ व था और वैि क अथ व था की नई वा िवकताओं के साथ उसे िवकास ि या
की संक ना के िलए साधनों तथा तरीकों पर िफर से िवचार करने की आव कता थी कायवाही एजडा
संरचना के तहत िवकास रणनीित को भारत की बदली वा िवकता के साथ बेहतर तरीके से तय िकया जा
सकता है नीित आयोग ने यह एजडा बनाने म रा सरकारों, क शािसत दे शों और क सरकार के
मं ालयों से जानकारी मां गी और ा की वै ािनकों, अथशा यों, प कारों, यंसेवी सं थाओं तथा
उ ोग प रसंघों के समूहों और िश ा, ा , सं ृ ित, र ा, प रवहन तथा अ े ों के िवशेष ों से
िव ृत िवचार-िवमश िकया गया कई िवशेष ों ने िल खत प म उपयोगी जानकारी दी
वैि क उ मशीलता स ेलन 2017
भारत और अमरीका ने संयु प से भारत म वैि क उ मशीलता स ेलन 2017 की मेजबानी की
इसका िवषय था- ‘पहले मिहलाएं , सबके िलए समृ ’ इसका उ े था ऐसा माहौल बनाना िजसम
नवाचार करने वाले, िवशेषकर मिहलाएं अपने िवचारों के साथ आगे बढ़ सक स ेलन म चार मुख
औ ोिगक े ों पर ान कि त िकया गया ये ह- ऊजा तथा बुिनयादी ढां चा, ा दे खभाल तथा जीवन
िव ान, िव ीय ौ ोिगकी तथा िडिजटल अथ व था और मीिडया तथा मनोरं जन
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ामीण और शहरी
24 िवकास

तं ता ा के बाद से ही भारत क ाणकारी रा रहा है और सरकार के सम यासों का


ाथिमक ल दे श के लोगों का क ाण रहा है नीितयां और काय म ामीण िनधनता दू र करने के
ल को ान म रख कर तैयार िकए जाते रहे ह, जो भारत म योजनाब िवकास के मुख ल ों म
से एक रहा है यह महसूस िकया गया िक गरीबी उपशमन की थायी कायनीित को िवकास की ि या म
िनरं तर लाभकारी रोज़गार के अवसर बढ़ाने पर आधा रत होना चािहए गरीबी, अ ानता, बीमा रयां और
अवसरों की असमानता जैसी कु वृि यों का अंत तथा बेहतर और उ तर गुणव ायु जीवन दान करना
बुिनयादी िस ां त रहे ह, िजन पर सभी योजनाओं और िवकास काय मों का खाका तैयार िकया गया
ामीण िवकास के अंतगत लोगों की आिथक बेहतरी और सामािजक प रवतन दोनों को ान म रखा गया
है ामीण लोगों को आिथक िवकास के बेहतर अवसर दान करने के िलए, ामीण िवकास काय मों म
लोगों की अिधकािधक भागीदारी, आयोजना का िवक ीकरण, भूिम सुधारों का बेहतर वतन और ऋण
सुलभ कराना जैसे उपाय िकए गए ारं भ म कृिष, उ ोग, संचार, िश ा, ा और अनुषंगी े ों के
िवकास पर बल िदया गया, परं तु बाद म यह महसूस िकया गया िक ती िवकास का ल तभी हािसल
िकया जा सकता है , जब सरकारी यासों के पूरक के प म िनचले र के लोगों की और परो
भागीदारी शािमल की जाए
तदनु प 1952 म योजना आयोग के तहत सामुदाियक प रयोजनाएं शासन नाम के एक संगठन की
थापना की गई, िजसे सामुदाियक िवकास संबंधी काय मों के संचालन का दािय सौंपा गया 1952 म
ारं भ िकया गया सामुदाियक िवकास काय म ामीण िवकास के इितहास म मील का प र था इस
काय म म बाद म कई बदलाव आए और इसे िविभ मं ालयों ारा संचािलत िकया गया अ ू बर 1974
म खा और कृिष मं ालय के िह े के प म ामीण िवकास िवभाग अ म आया अग 1979 म
इस िवभाग का दजा बढ़ाया गया और इसे ामीण पुनिनमाण मं ालय का नाम िदया गया बाद म इस
मं ालय को ामीण िवकास मं ालय का नाम िदया गया और एक बार िफर से कृिष एवं ामीण िवकास
मं ालय के अंतगत इसे एक िवभाग के प म प रवितत कर िदया गया िसतंबर 1985 म इसे एक बार
िफर कृिष मं ालय के प म पुनगिठत िकया गया 1991 म िवभाग का दजा बढ़ा कर ामीण िवकास
मं ालय बनाया गया 1992 म इस मं ालय के अंतगत एक अ िवभाग, बंजर भूिम िवकास िवभाग का
सृजन िकया गया
माच 1995 म इसे ामीण े और रोज़गार मं ालय के प म नया नाम िदया गया और तीन िवभागों-
ामीण रोज़गार एवं गरीबी उ ूलन; ामीण िवकास िवभाग और बंजर भूिम िवकास िवभाग को इसके तहत
रखा गया 1999 म मं ालय के नाम म पुनः बदलाव िकया गया और इसम ामीण िवकास िवभाग, भूिम
संसाधन िवभाग और पेयजल तथा ता िवभाग को इससे पृथक कर जुलाई 2011 म एक तं मं ालय
बनाया गया वतमान म ामीण िवकास मं ालय म ामीण िवकास िवभाग और भूिम संसाधन नामक दो
िवभाग ह
वेबसाइट: www.rural.nic.in, www.dolr.gov.in

ामीण िवकास के मुख काय म


ामीण िवकास मं ालय ारा चलाए जा रहे मुख काय म इस कार ह: िदहाड़ी आधार पर रोज़गार दे ने
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के िलए महा ा गां धी रा ीय ामीण गारं टी अिधिनयम (एमजीएनआरईजीए); रोज़गार एवं कौशल
िवकास के िलए रा ीय ामीण आजीिवका िमशन (एनआरएलएम); बीपीएल प रवारों को आवास (घर)
उपल कराने हे तु सभी के िलए आवास - धानमं ी आवास योजना- ामीण (पीएमएवाई-जी); उ म
गुणव ा वाली सड़कों के िनमाण हे तु धानमं ी ाम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई); सामािजक पशन हे तु
रा ीय सामािजक सहायता काय म (एनएसएपी); ामा साद मुखज रबन (आरयूआरबीएएन) िमशन;
भूिम की उ ादकता बढ़ाने हे तु समेिकत जलागम बंधन काय म (आईड ूएमपी)
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ामीण रोज़गार
महा ा गां धी रा ीय ामीण रोज़गार गारं टी अिधिनयम (मनरे गा) अपनी शु आत के बाद से कई बदलावों
से गुजरा है और करोड़ों लोगों की जीवनरे खा बन गया है इस अिधिनयम का ल दे श के ामीण े ों म
प रवारों की आजीिवका सुर ा म वृ करना है इसम िकसी भी िव ीय वष के दौरान ेक प रवार को
ूनतम 100 िदन के िलए िदहाड़ी रोज़गार प े तौर पर उपल कराया जाता है , बशत उसके वय
सद अकुशल म काय करने के इ ु क हों महा ा गां धी नरे गा काय म के मुख ंभों म सामािजक
समावेशन, िलंग समानता, सामािजक सुर ा और समानता पर आधा रत िवकास शािमल है
इस काय म के ल इस कार ह ामीण े ों म ेक प रवार को मां ग पर िकसी भी िव ीय वष म
100 िदन के िलए अकुशल म काय के प म िदहाड़ी रोज़गार उपल कराना, िजससे ामीण े ों म
िनधा रत गुणव ा के साथ थर लाभकारी प रसंपि यों का सृजन िकया जाता है ; संब े के ढां चागत
आधार का िवकास करने वाले काय म िदहाड़ी रोज़गार सृिजत करते ए ामीण िनधनों की आजीिवका
सुर ा म वृ ; ामीण िनधनों का आजीिवका संसाधन आधार सु ढ़ एवं सुरि त बनाना; मिहलाओं का
सश करण सुिनि त करना; ामीण िनधनों का सि य सामािजक समावेशन सुिनि त करना और उ
एक सामािजक सुर ा कवच दान करते ए थानीय अथ व था को गित दान करना; िनचले र के
लोकतां ि क सं थानों को सु ढ़ करना
सरकार नए उपायों के ज रए इस काय म म सकारा क प रवतन लाने की िदशा म काम कर रही है
महा ा गां धी नरे गा अिधिनयम, 2005 के सम े मवक के अंदर मनरे गा काय म के सम काया यन
को सु ढ़ बनाने के िलए अनेक कदम उठाए गए ह अिधिनयम के ल ों को पूरा करने के िलए अिधक
बजट आवंटन सुिनि त करने के अलावा काय म काया यन म अिधक पारदिशता और जवाबदे ही लाने
के िलए इले ॉिनक धन बंधन णाली (ईएफएमएस), आधार संब ता, सृिजत संपि यों की िजयो टै िगंग
और सामािजक सुर ा णाली का सु ढ़ीकरण आिद जैसे उपाय िकए गए ह
लाभ अंतरण
धन वाह व था को सुचा प दान करने और िदहाड़ी के भुगतान म िवलंब दू र करने के िलए ामीण
िवकास मं ालय ने 21 रा ों और 1 संघशािसत दे श म रा ीय इले ॉिनक धन बंधन णाली
(एनईएफएमएस) लागू की है इस ि या से रा ों को िदहाड़ी के भुगतान के िलए धन के आवंटन म
िवलंब म कमी आती है और िविभ रों पर धन का ठहराव समा होता है काय म के अंतगत करीब
96 ितशत िदहाड़ी का भुगतान इले ॉिनक धन बंधन णाली (ईएफएमएस) के ज रए सीधे मनरे गा
िमकों के बक/डाकघर खातों म इले ॉिनक प म िकया जा रहा है
दीनदयाल अं ोदय योजना - रा ीय ामीण आजीिवका िमशन
रा ीय ामीण आजीिवका िमशन की दीनदयाल अं ोदय योजना - रा ीय ामीण आजीिवका िमशन
(डीएवाई-एनआरएलएम) का नया नाम िदया गया है यह काय म 2011 म शु िकया गया था इसका
ल 8-9 करोड़ ामीण िनधन प रवारों तक प ं चना है इसम ेक प रवार से एक मिहला सद को
शािमल करते ए मिहला यं-सहायता समूह का गठन िकया जाता है और ाम र और उससे उ तर
रों पर इन सहायता समूहों के प रसंघ बनाए जाते ह ऐसा करते समय डीएवाई एनआरएलएम समाज के
कमजोर वग की पया कवरे ज सुिनि त करता है , जैसे लाभािथयों म 50 ितशत अनुसूिचत जाितयों और
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अनुसूिचत जनजाितयों, 15 ितशत अ सं क समूहों और 3 ितशत िवकलां गजन समूहों को शािमल


िकया जाता है ामीण िनधन प रवारों की शत- ितशत कवरे ज सुिनि त करने के िलए िनधन प रवारों की
पहचान सामािजक-आिथक एवं जाित गणना (एसईसीसी) और भागीदारीपूण ि या के ज रए की जाती है
और उसे ाम सभा से अनुमोिदत कराया जाता है
डीएवाई एनआरएलएम के मुख घटक इस कार ह:

(i) िनधनों के सं थानों को ो ािहत करनाः यं सहायता समूहों और उनके प रसंघों के पम


ाथिमकता के आधार पर िनधनों के गुणव ापूण सं थानों की थापना की जाती है बचत और ऋण
आधा रत सामा सामुदाियक सं थानों और उनके प रसंघों के अित र , डीएवाई-एनआरएलएम
िवशेष तापूण सं थानों को भी ो ािहत करता है , जैसे आजीिवका संगठन, उ ादक सहकारी सं थाएं /
आजीिवका ो ाहन कंपिनयां िनधनों के िलए काय करने वाले सं थान अपने सद ों का सश करण
करते ह और जानकारी एवं ौ ोिगकी सं ेषण का मा म बनते ह तथा उ ादन, सामूिहकीकरण और
ापार के क बनते ह

(ii) िश ण, मता िनमाण और कौशल िनमाणः यं सहायता समूहों, उनके प रसंघों, सरकारी
कायकताओं, बकरों, यंसेवी संगठनों और अ िहतभािगयों म मता िनमाण के िलए व थत और
ब आयामी कायनीित अपनाई जाती है मता िनमाण का ल िनधनों को ान एवं कौशल दान करना है
तािक वे अपने सं थानों का बंधन कर सक, बाज़ारों से जुड़ सक, अपनी मौजूदा आजीिवकाओं का बंधन
कर सक और अपनी ऋण इ ेमाल मता और त ंबंधी साख म वृ कर सक समय पर सहायता दान
करने और गरीबी का र कम करने के िलए सामुदाियक ावसािययों और िवशेष ों को काम पर लगाने
को तरजीह दी जाती है

(iii) समुदाय िनवेश सहायता िनिधः प रसंघों ( ाथिमक और मा िमक र) के मा म से समुदाय िनवेश
सहायता िनिध यं सहायता समूहों तक प ं चाई जाती है , तािक जहां -कहीं संभव हो, वहां सद ों के िलए
उपयु आजीिवका के िवकास और सामूिहक गितिविधयां ारं भ करने म सहायता की जा सके समुदाय
िनवेश िनिध (सीआईएफ) का एक िह ा अ ंत िनधन समुदायों के समावेशन के िलए असुर ा कमी िनिध
(वीआरएफ) के प म दान िकया जाता है और उनकी प ं च ाज सिहत या ाज रिहत ऋण तक
कायम करने म मदद की जाती है

(iv) समािभ पता म सहायता के िलए रा ीय िवशेष िनिधः डीएवाई-एनआरएलपी के अंतगत रा ों को


रा ीय िवशेष िनिध दान की जाती है , तािक उ गरीबी कम करने और ामीण िनधनों के सश करण के
िलए समािभ पता को एक कारगर प ित के प म अपनाने म सहायता दान की जा सके

(v) ढां चा िनमाण और िवपणन सहायता: डीएवाई-एनआरएलएम यह सुिनि त करता है िक िनधनों की


मुख आजीिवका गितिविधयों की ज रत पूरी की जाएं यह काय म िनधनों के सं थानों को िवपणन के
िलए भी सहायता दान करता है िवपणन सहायता गितिविधयों के दायरे म बाज़ार प ं च, बाज़ार ान,
ौ ोिगकी िव ार, प वत और अ वत संपक िवकिसत करना, आजीिवका समूहों का िनमाण और
उनकी ापार योजनाओं म मदद करना शािमल ह

(vi) संवेदनशील सहायता संगठनः डीएवाई - एनआरएलएफ ने रा ीय, रा , िजला और उप-िजला


संवेदनशील और ितब सहायता संगठनों की थापना की है इन सहायता संगठनों म ितब वसायी
काम पर लगाए गए ह

(vii) मिहला िकसान सश करण योजना (एमकेएसपी): मिहला िकसान सश करण प रयोजना
(एमकेएसपी) एनआरएलएम का एक उप-घटक है , जो मिहला िकसानों की िवशेष ज रत पूरी करता है
और ामीण मिहला िकसानों, िजनम मु प से लघु और सीमां त िकसान शािमल होते ह, का सामािजक
आिथक और तकनीकी सश करण करता है
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(vii) आजीिवका ामीण ए ेस योजनाः भारत सरकार ने दीनदयाल अं ोदय योजना - रा ीय ामीण
आजीिवका िमशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतगत िव ीय वष 2017-18 से आजीिवका ामीण
ए ेस योजना (एजीईवाई) नाम का एक नया उप-काय म शु िकया है इस काय म के मुख ल
इस कार ह: डीएवाई-एनआरएलएम के तहत यं सहायता समूहों के सद ों को आजीिवका के
वैक क ोत दान करना, िजसके िलए रा ों ारा पहचान िकए गए िपछड़े ामीण े ों म इन सहायता
समूहों को सावजिनक प रवहन सेवाएं संचािलत करने की सुिवधा दान की जाती है ; और दू रदराज के गां वों
को मह पूण सेवाओं और सुिवधाओं (बाजारों, िश ा और ा सुिवधाओं तक प ं च कायम करने
सिहत) से जोड़ने के िलए सुरि त, स ी और समुदाय िनयंि त ामीण प रवहन सेवाएं दान करना तािक
डीएवाई-एनआरएलएम के े मवक के अंतगत उपल सहायता का इ ेमाल े के सम आिथक
िवकास के िलए िकया जा सके

ामीण रोज़गार िश ण सं थान


यह िनणय िकया गया है िक दे श के ेक िजले म एक ामीण रोज़गार िश ण सं थान
(आरएसईटीआई) की थापना की जाए आरएसईटीआई सं थान बक के नेतृ और रा सरकार के
सि य सहयोग से संचािलत भारत सरकार इसके िलए एकबारगी एक करोड़ पये की ढां चागत सहायता
दान करती है इसके अलावा िनधन उ ीदवारों के िश ण की लागत अदा करती है रा सरकार
िनःशु अथवा मामूली मू पर भूिम दान करती है और बक आरएसईटीआई सं थानों के रोज़मरा की
काय णाली के िलए िज ेदार ह आरएसईटीआई सं थानों से यह उ ीद की जाती है िक वे हर वष 750
ामीण िनधन युवाओं को िशि त करगे, तािक वे अपने िनवास के इलाके म -रोज़गार शु कर सक
आरएसईटीआई सं थान समय-समय पर कौशल उ यन िश ण भी दान करते ह, तािक िनरं तर
ित धा क वातावरण म रोज़गार उ िमयों के ावों को वहाय और मूत प दान िकया जा
सके वतमान म दे श म 583 आरएसईटीआई सं थान काम कर रहे ह
धानमं ी ाम सड़क योजना
गरीबी उपशमन कायनीित के िह े के प म भारत सरकार ने वष 2000 म धानमं ी ाम सड़क योजना
(पीएमजीएसवाई) शु की थी क ायोिजत इस काय म का ल ामीण सड़क बनाने के काम म
रा ों की मदद करना था, हालां िक ामीण सड़क संिवधान म रा सूची का िवषय ह इस काय म का
ाथिमक ल कोर नेटवक के अनु प अभी तक सड़क से न जुड़ पाई पा ब यों को हर मौसम म काम
करने वाली सड़कों (आव क पुिलयों और नािलयों सिहत, जो पूरे साल काम करती हों) के साथ जोड़ना है
मैदानी े ों म 500 या उससे अिधक आबादी (2001 की जनगणना के अनुसार) वाली ब यों को पा
समझा गया है इसी कार ‘िवशेष ेणी वाले रा ों’ (पूव र, िस म, िहमाचल दे श, ज ू-क ीर
और उ राखंड) रे िग ानी े ों, जनजातीय (अनुसूची-5) े ों और 88 चुने ए जनजातीय और िपछड़े
िजलों के मामले म कोर-नेटवक के अनु प अभी तक सड़क से न जुड़ पाई 250 या उससे अिधक आबादी
(2001 की जनगणना के अनुसार) वाली पा ब यों को जोड़ने का ल है
वां िछत गुणव ा मानकों के साथ काय म के िन ादन के िलए 3 रीय गुणव ा बंधन व था
सं थाब प म की गई है इस व था का थम र काय म काया यन यूिनट र पर िवभागीय
गुणव ा िनयं ण से संब है इस र का ल फी योगशाला र पर अिनवाय परी णों और
वकमैनिशप के ज रए ि या िनयं ण करना है दू सरे र की व था रा गुणव ा िनयं कों के ज रए
रा र पर तं गुणव ा िनगरानी के प म की गई है , िजसम बेहतर गुणव ा सुिनि त करने के िलए
काय के िनयिमत िनरी ण का ावधान है तीसरे र के अंतगत तं रा ीय गुणव ा िनयं क
एनआरआरडीए ारा तैनात िकए जाते ह, जो बेतरतीब सड़क काय का िनरी ण करते ह और न केवल
गुणव ा की जां च करते ह, ब फी म काम करने वाले कायकताओं का व र ावसािययों के मा म
से मागदशन भी करते ह
ामीण आवास
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आवास को सव बुिनयादी आव कता के प म ीकार िकया गया है ामीण े ों म, िवशेष प से


िनधनों के िलए मकानों की कमी दू र करना और आवास की गुणव ा म सुधार लाना सरकार की गरीबी
उ ूलन कायनीित का एक मह पूण घटक है इं िदरा आवास योजना एक ामीण आवास काय म है , जो
ामीण िवकास मं ालय ारा काया त िकया जा रहा है इसका उ े ामीण े ों म गरीबी की रे खा
(बीपीएल) से नीचे जीवनयापन करने वाले प रवारों को मकान उपल कराना है इस काय म के ारं भ
होने से तीन करोड़ साठ लाख मकानों के िनमाण के िलए सहायता दान की जा चुकी है
2022 तक ‘सबके िलए आवास’ दान करने की सरकार की ाथिमकता के संदभ म ामीण आवास
काय म आईएवाई को धानमं ी आवास योजना ामीण (पीएमएवाई जी) के प म पुनगिठत िकया गया
है यह काय म िव ीय वष 2016-17 म लागू आ इस काय म की मुख िवशेषताएं इस कार ह: (क)
2016-17 से 2018-19 के दौरान 3 वष की अविध म ामीण े ों म एक करोड़ मकानों के िनमाण के िलए
सहायता दान करना; (ख) मैदानी इलाकों म ित मकान दी जाने वाली सहायता के ₹ 70,000 से बढ़ाकर
1.20 लाख की गई और पवतीय रा ों, किठन े ों और आईएपी िजलों म यह सहायता 75,000 पये से
बढ़ाकर 1.30 लाख पये हो गई; (ग) सामािजक-आिथक और जाित गणना (एसईसीसी 2011) से संबंिधत
प रवारों के आं कड़ों के आधार पर लाभािथयों का चयन, िजसके अनुसार तः बिह रण ेणी म आने वाले
प रवारों को बाहर करने के बाद बेघर या क ी दीवारों और क ी छत वाले 2 कमरे के या उससे कम के
मकानों म रहने वाले प रवार पा समझे जाते ह; (घ) काया यन एजिसयों और लाभािथयों को मकानों के
िनमाण म तकनीकी सहायता दान करने और प रयोजना के अंतगत ल हािसल करने म मदद करने के
िलए रा ीय र पर रा ीय तकनीकी सहायता एजसी की थापना की गई है

रा ीय सामािजक सहायता काय म


भारत के संिवधान के अनु े द 41 म रा को िनदश िदया गया है िक वह बेरोज़गार, वृ , बीमार और
अ म होने की थित म और अवां िछत अभाव के अ मामलों म अपनी आिथक मता और िवकास की
सीमाओं के अनुसार नाग रकों को सरकारी सहायता दान करे गा भारत के संिवधान म विणत रा के
नीित-िनदशक िस ां तों म रा पर यह दािय डाला गया है िक वह अपने साधनों के भीतर क ाण करे
इ ीं नैक िस ां तों के अनुसार भारत सरकार ने 1995 म रा ीय सामािजक सहायता काय म (एनएसएपी)
ारं भ िकया यह एक क ायोिजत काय म है , िजसके अंतगत रा ों/संघ शािसत दे शों को क
सरकार ारा िनधा रत मानदं ड, िदशािनदशों और शत के अनु प लाभािथयों को लाभ प ं चाने के िलए
शत- ितशत क ीय सहायता दान की जाती है एनएसएपी एक सामािजक सहायता काय म है , िजसके
अंतगत प रवार के कमाऊ सद की मृ ु हो जाने के मामले म वृ ों, िवधवाओं, िवकलां गजनों को
सामािजक सहायता दान की जाती है इसका उ े रा ों ारा दान िकए जा रहे अथवा भिव म
दान िकए जाने वाले लाभों के अित र सहायता दी जाती है , तािक ूनतम रा ीय मानक के अनु प
सहायता सुिनि त की जा सके शत- ितशत क ीय सहायता दान करने के पीछे ल यह है िक समूचे
दे श म लाभािथयों को सामािजक संर ण दान िकया जा सके इस सहायता म और सहायता जोड़ने अथवा
कवरे ज का िव ार करने के िलए रा तं है
एनएसएपी के अंतगत वतमान म गरीबी रे खा से नीचे (बीपीएल) के प रवारों के िलए िन ां िकत काय म
चलाए जा रहे ह:

इं िदरा गां धी रा ीय वृ ाव था पशन योजना (आईजीएनओएपीएस): इस योजना के अंतगत, भारत सरकार


ारा ािवत मानदं डों के अनुसार, गरीबी रे खा से नीचे रहने वाले 60 वष और अिधक आयु के यों
को सहायता दान की जाती है इस तरह 60-90 वष आयुवग के यों को ितमाह क सरकार ारा
200 पये की और 80 वष और अिधक आयुवग के यों को 500 पये ितमाह की सहायता दान की
जाती है

इं िदरा गां धी रा ीय िवधवा पशन काय म (आईजीएनड ूपीएस): यह योजना वष 2009 म ारं भ की गई
थी इस काय म के अंतगत भारत सरकार ारा िनधा रत मानदं ड के अनुसार बीपीएल प रवार से संब
18 से 79 वष आयु समूह म आने वाली िवधवा को ₹ 300 ितमाह की क ीय सहायता दान की जाती है
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80 वष की आयु होने पर लाभाथ को आईजीएनओएपीएस काय म के अंतगत थानां त रत कर िदया जाता


है तािक वह ₹ 500 ितमाह पशन ा कर सके

इं िदरा गां धी रा ीय िवकलां गजन पशन काय म (आईजीएनबीपीएस): वष 2009 म ारं भ इस योजना के
अंतगत भारत सरकार ारा िनधा रत मानदं ड के अनुसार बीपीएल प रवार से संब 18-79 वष आयु समूह
म आने वाले गंभीर तथा अिधसं िद ां गता/िवकलां गता वाले को ₹ 300 ितमाह की क ीय
सहायता दान की जाती है 80 वष की आयु ा करने के बाद लाभाथ को आईजीएनओएपीएस
काय म के अंतगत थानां त रत कर िदया जाएगा तािक वह ₹ 500 ितमाह पशन ा कर सके

रा ीय प रवार लाभ काय म (एनएफबीएस): इस काय म के अंतगत 18 से 59 वष की आयु समूह म


आने वाले प रवार के मुख जीिवका अिजत करने वाले सद की मृ ु होने पर बीपीएल प रवार को
एकमु रािश दान की जाती है यह सहायता रािश 20,000 पये होती है

अ पूणाः इस काय म के अंतगत ऐसे व र नाग रकों को 10 िकलो ाम अनाज ितमाह िन:शु िदया
जाता है , जो आईजीएनओएपीएस के अंतगत पा हों, लेिकन उ आईजीएनओएपीएस के अंतगत पशन
ा न हो रही हो

दीनदयाल उपा ाय ामीण कौशल योजना


दीनदयाल उपा ाय ामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) ामीण िवकास मं ालय के अंतगत एक
मुख काय म है , िजसम कौशल िश ण के साथ ही रोज़गार मुहैया कराने के भी यास िकए जाते ह
2014 म घोिषत डीडीयू जीकेवाई रा ीय कौशल िवकास नीित का एक मह पूण घटक है इस काय म
की मह ाकां ी कायसूची है , िजसके तहत यह वैि क मानकों और ज रतों के अनुसार एक बचमाक
रोजगार संब कौशल िश ण काय म संचािलत करता है इस काय म का अंितम ल भारत के
जनसां कीय अिधशेष को जनसां कीय लाभ म पां रत करना है , तािक ामीण भारत का िवकास
वैि क प म वरीयता वाले कुशल िमकों के ोत के प म िकया जा सके प रणाम प, यह
काय म 5.5 करोड़ से अिधक ामीण युवाओं को भी लाभ प ं चाएगा, जो थर रोजगार दान िकए जाने
पर कौशल िश ण हािसल करने के िलए तैयार ह इस तरह इस काय म से पीिढ़यों से चली आ रही
गरीबी के उ ूलन म मह पूण सहायता िमलेगी
यह ऐसा थम काय म है , िजसम िश ण के िलए मानक चालन ि याएं अिधसूिचत की गई ह और
यह पहला काय म है , िजसम िश ण दान करने म आईटी सो ूश इ ेमाल िकए जाते ह इनम
िश ािथयों के िलए अिनवाय प से टे बलेट दान करना, उप थित की आधार से संब बायोमीिटक
जानकारी और िश ण क ों एवं क ाओं का िजयो-टै ड समयब रकॉड शािमल है डीडीयू-जीकेवाई
मूल प से ण जयंती ाम रोज़गार योजना (एसजीएसवाई) का नया प है एसजीएसवाई का सृजन
1999 म सम त ामीण िवकास काय म (आईआरडीपी) को पुनगिठत करके िकया गया था, िजसम
िवशेष प रयोजनाओं के िलए 15 ितशत आवंटन का ावधान था 2010 म एसजीएसवाई को रा ीय
ामीण आजीिवका िमशन (एनआरएलएम) के प म पुनगिठत िकया गया, िजसे आजीिवका के नाम से भी
जाना जाता है मं ालय ने इस काय म की प ं च का िव ार करने के िलए 2013 म आजीिवका कौशल के
बारे म िदशािनदशों को संशोिधत िकया 25 िसतंबर, 2014 को अं ोदय िदवस के अवसर पर आजीिवका
कौशल को डीडीयू-जीकेवाई म प रवितत करने की घोषणा की गई, िजसम ामीण िनधन युवाओं को घरे लू
और वैि क रोज़गार के िलए कौशल दान करने के अवसरों पर ान कि त िकया गया

मह पूण िवशेषताएं : डीडीयू-जीकेवाई सरकारी-िनजी-भागीदारी प ित म एक तीन रीय काया यन


ढां चे का अनुपालन करता है , िजसम रा ीय यूिनट नीित, क ीय िनवेश और तकनीकी सहायता से संब है ,
एसआरएलए /रा कौशल िमशन सरकारी िनवेश, काया यन एवं िनगरानी िनयं ण के िलए िज ेदार ह
और कौशल िश ण म िवरासत के साथ सावजिनक और िनजी िश ण भागीदार के प म प रयोजना
काया यन एजेिसयां संसाधन जुटाने, िश ण और रोज़गार दान करने के िलए िज ेदार ह
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(i) इस काय म म िनधन प रवारों के 15 से 35 वष की आयु समूह के िन ां िकत से संबंिधत ामीण युवाओं
पर ान कि त िकया जाता है ; (क) मनरे गा िमक प रवार, िजसम प रवार के सद ों ने िमला कर 15
कायिदवस पूरे कर िलए हों; (ख) आरएसबीवाई प रवार; (ग) अं ोदय अ योजना काडधारक प रवार;
(घ) बीपीएल पीडीएस काडधारी; (ङ) एनआरएलएम-एसएचजी प रवार; और (च) एसईसीसी-2011 के
मानदं डों के अंतगत तः कवर िकए जाने वाले प रवार
(ii) सामािजक ि से उपेि त समूहों को अिनवाय प से कवर करने अजा/अजजा समूहों के िलए 50
ितशत आवंटन, अ सं कों के िलए 15 ितशत, मिहलाओं के िलए 33 ितशत और िवकलां गजनों
के िलए 3 ितशत सुरि त कवरे ज की व था से लाभािथयों का पूण सामािजक समावेशन सुिनि त
िकया जाता है
(iii) सभी सफल उ ीदवारों म से ूनतम 70 ितशत को ूनतम 6,000 पये ितमाह वेतन अथवा
ूनतम िदहाड़ी रािश, इनम जो भी अिधक हो, के साथ िदहाड़ी रोज़गार अिनवाय प से दान करने
का ावधान है
(iv) ब आयामी संब ता के ज रए उ ोग के साथ सि य भागीदारी के मा म से यह काय म आिथक
कायनीितयों - मेक इन इं िडया को ो ािहत करता है इसम चिपयन िनयो ा नीित, कै ाइव िनयो ा
नीित और औ ोिगक इं टनिशप नीित शािमल है
सांसद आदश ाम योजना
सां सद आदश ाम योजना (एसएजीवाई) का शुभारं भ 2014 म िकया गया था इसका उ े ेक संसद
सद ारा एक गां व का िवकास 2016 तक आदश गां व के प म और 2019 तक ऐसे 2 अ गां वों का
िवकास करने का ल रखा गया है सां सद आदश ाम योजना का ल महा ा गां धी के ापक और
मौिलक आदश ाम के सपने को वतमान संदभ म पूरा करना है दू सरे श ों म एसएजीवाई के अंतगत
मू प रवतन के ज रए मू ृंखला िवकिसत करने का यास िकया जाता है अभी तक इस काय म के
थम चरण म संसद सद ों ारा 702 ाम पंचायतों की पहचान की गई है और उनके िवकास के िलए ठोस
कदम उठाए जा रहे ह यह काय म बेजोड़ और प रवतनकारी है , चूंिक इसम िवकास के ित एक सम
ि कोण अपनाया जा रहा है इसम चुने ए गां व का सम त िवकास करने की व था है , िजसम कृिष,
ा , िश ा, ता, पयावरण, आजीिवका आिद िविभ े ों को शािमल िकया जाता है ढां चागत
िवकास मा से परे जाकर एसएजीवाई का ल गां वों और वहां के लोगों म िविभ मू ों का समावेश
करना है , जैसे लोगों की भागीदारी, अं ोदय, िलंग समानता, मिहलाओं की ग रमा, सामािजक ाय,
सामुदाियक सेवा की भावना, ता, पयावरण अनुकूलता, पा र थितकी संतुलन बनाए रखना, शां ित और
सद् भाव, पर र सहयोग, आ िनभरता, थानीय -शासन, सावजिनक जीवन म पारदिशता और
जवाबदे ही आिद शािमल ह तािक इन गां वों को अ गां वों के िलए अनुकरणीय आदश बनाया जा सके
मु िवशेषताएं
एसएजीवाई की िविश ताएं इस कार ह ाम िवकास योजना- एसएजीवाई के अंतगत गोद ली गई ाम
पंचायत ाम िवकास योजनाएं (वीडीपी) तैयार करती ह, िजनम ाथिमकता के आधार पर समयब
गितिविधयां शािमल की जाती ह, तािक संसाधनों के समािभ पण के ज रए गां व की सम गित का ल
हािसल िकया जा सके ाम पंचायतों ने ाम सभा को शािमल करते ए िवकास की अ ंत व थत नीित
अपनाई है और अपने िवकास के िलए ापक ाम िवकास योजनाएं तैयार की ह ाम िवकास योजनाओं
म सूचीब प रयोजनाओं की गित पर ि रखने के िलए एक टै िकंग टे लेट िवकिसत िकया गया है और
गित पर ऑनलाइन िनगरानी रखी जाती है ; पंचायत दपण: मं ालय ने ाम पंचायतों म एसएजीवाई के
काया यन के भाव का पता लगाने के िलए एक 35 सू ी भाव िनगरानी क का िवकास िकया है गित
का मू ां कन प रणाम संकेतकों के ज रए िकया जाता है , िजनम मोटे तौर पर बुिनयादी सुिवधाओं, िश ा,
ा , ता, आजीिवका, मिहला सश करण, िव ीय समावेशन, खा सुर ा, सामािजक सुर ा
और ई-गवनस जैसे संकेतक शािमल िकए जाते ह भाव का मू ां कन ितमाही (22 संकेतक), छमाही (7
संकेतक) और वािषक (6 संकेतक) आधार पर िकया जाता है
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‘ ाम राज अिभयान’ नाम का एक अिभयान भी शु िकया गया था ‘सबका साथ, सबका गां व,
सबका िवकास’ के अंतगत ारं भ इस अिभयान का ल सामािजक समरसता को बढ़ावा दे ना, सरकार
ारा िनधनों के क ाणाथ उठाए गए कदमों की जानकारी का चार- सार करने एवं िनधन प रवारों को
सूची म शािमल करने के िलए यास करने और िविभ क ाणकारी कदमों के बारे म उनकी िति या
ा करना है इस दौरान िनधनों के िलए चलाई जा रही सात ैगिशप योजनाओं- धानमं ी उ ला
योजना, सौभा , उजाला योजना, धानमं ी जनधन योजना, धानमं ी जीवन ोित बीमा योजना,
धानमं ी सुर ा बीमा योजना तथा इं धनुष के अंतगत पा यों/प रवारों को शत- ितशत शािमल
िकया जाएगा

भूिम सुधार
जल संभरण काय म
भूिम एवं जल दो मुख ाकृितक संसाधन ह भूिम एवं जल पर जनसं ा के दवाब एवं इसकी मां ग के साथ
ही इन संसाधनों के तेजी से घटते जाने ने हमारी पा र थितकी एवं पया और लचीलेपन को भािवत िकया
ह मानवीय ब यों एवं आधारभूत ढां चे के फैलाव कृिष और उससे संब काय के संवेदनशील
पयावरणीय े ों म िव ार और गहनता ने भूिम एवं जल ोतों की सम त योजना एवं बंधन की महती
आव कता को रे खां िकत कर िदया है
जल-संभर एक थलाकृितक प से अंिकत े होता है जो िनकासी णाली से सूख जाता है इसम
भौितक एवं जलीय ाकृितक संसाधन शािमल ह जल-संभरण बंधन म सव म उ ादकता के िलए
मानवीय बसावटों को कम से कम ित प ं चाते ए भूिम एवं जलीय संसाधनों का यथोिचत उपयोग िकया
जाता है जल-संभरण बंधन िकसी भी जल-संभर म िव मान भूिम एवं अ ाकृितक संसाधनों के
िनदशन और उ व थत करने की ि या है भूिम उपयोग, मृदा एवं जल संर ण तथा ऊपरी और
िनचले जल े ों के पर र आं त रक जुड़ाव की पहचान को भी इस ि या म समािहत कर िलया जाता है
थायी एवं दीघकािलक ाकृितक संसाधन बंधन के िलए जल-संभर का िवकास ब -आयामी े है जल-
संभर िवकास काय से पृ ी का तापमान बढ़ने ( ोबल वािमग) की ि या म भी कमी आती है
जल-संभर िवकास
धानमं ी कृिष िसंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को वष 2015-16 म तीन मं ालयों की िन िल खत
योजनाओं-जल संसाधन, नदी िवकास और गंगा पुनरो ार (एमओड ूआर, आरडी एं ड जीआर) का
रत (बंजर) िसंचाई लाभ काय म (एआईबीपी) तथा एमएसकेवाई (ड ूआर); ामीण िवकास मं ालय
के भूिम सुधार िवभाग का समेिकत जल संभर- बंधन काय म (आईड ूएमपी) तथा कृिष एवं कृषक
क ाण िवभाग (डीएसी एं ड एफड ू) के अंतगत दीघकालीन कृिष पर रा ीय िमशन (एनएमएसए) के
कृिष जल बंधन (ओएफड ूएम) के सू िसंचाई घटक को िमलाकर ारं भ िकया गया था पूववत
आईड ूएमपी के अंतगत वष 2009-10 से वष 2014-15 की अविध म 28 रा ों म ( गोवा को छोड़कर)
03 करोड़ 90 लाख 27 हजार हे े यर े के िलए 8214 जल-संभर िवकास प रयोजनाओं को ीकृित दी
गई थी जो मु प से वषा जल से िसंचाई पर आधा रत कृिष े और कृिष यो बनाए जा सकने वाली
परती (बंजर) भूिम के िवकास हे तु थी इसके अंतगत िकए गए ि याकलापों म पहाड़ी े उपचार,
िनकासी लाइन उपचार, भूिम एवं उसम उप थत नमी का संर ण, वषा जल सं हण, पौधशालाएं िनिमत
करने, वनीकरण, बागवानी, चारागाह िवकास, भूिमहीन िविभ यों के िलए आजीिवका बंध शािमल
ह वष 2015-16 म आईड ूएमपी को धानमं ी कृिष िसंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के जल-संभर
िवकास घटक (ड ूडीसी) के प म समािहत कर िलया गया था हालां िक 2015-16 के बाद से िकसी भी
नई जल-संभर प रयोजना को ीकृित नहीं दी गई है वतमान म चल रही जल-संभर िवकास प रयोजनाओं
के गुणा क एवं समयब ि या यन और पूणता पर ही मु प से जोर िदया जा रहा है
रा ीय भूिमसुधार आधुिनकीकरण काय म
रा ीय भूिमसुधार आधुिनकीकरण काय म (एनएलआरएमपी) का नया नामकरण करते ए इसे िडिजटल
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इं िडया भूिम रकॉड आधुिनकीकरण काय म (डीआईएलआरएमपी) का नाम िदया गया इसे 2008 से
लागू िकया जा रहा है इसके अंतगत 27 रा ों/क शािसत दे शों ने अपने अपने े ों म भूिम के रकॉड
के पंजीकरण की ि या का कं ूटरीकरण कर िदया है 19 रा ों/क शािसत दे शों ने भूिम के रकॉड
ह िल खत प म जारी करना बंद कर िदया है और 22 रा ों/क शािसत दे शों ने भूिम रकॉड
वेबसाइटों पर अपलोड कर िदए ह इसके अलावा, 25 रा ों/क शािसत दे शों ने पंजीकरण का
कं ूटरीकरण कर िदया है तथा 11 रा ों/क शािसत दे शों ने भूिम रकॅाड को पंजीकरण के साथ
एकीकृत कर िदया है इस अविध के दौरान िश ण की बात कर तो एनआईआरडी और पीआर ने 864
िश ण काय मों का आयोजन िकया िजनम 22,032 िश ािथयों ने िह ा िलया इन काय मों म 400
एनआईआरडी और पीआर नेटविकग काय म शािमल थे, जो दे श म ामीण िवकास के 28 रा सं थानों
के सहयोग से चलाए गए थे

पंचायती राज
पंचायती राज मं ालय की थापना 2004 म की गई थी इसका मुख काय संिवधान के भाग-9 के ावधानों,
अनु े द 243 जेडडी और पीईएसए के अनुसार िजला आयोजना सिमित संबंधी ावधानों का अनुपालन
सुिनि त करना है मं ालय का ल पंचायतों अथवा पंचायती राज सं थानों के मा म से िवक ीकृत और
भागीदारीपूण थानीय शासन की व था करना है मं ालय का िमशन पंचायती राज सं थानों का
सश करण, उ स म एवं जवाबदे ह बनाना है तािक सामािजक ाय और स म सेवा िवतरण के साथ
समावेशी िवकास सुिनि त िकया जा सके मं ालय अपने ल हािसल करने के िलए िविभ तरीकों से
काम करता है पंचायती राज मं ालय ान के सृजन और उसे साझा करने पर बल दे ता है तािक समाधान
िकए जाने वाले मु े हों, उनके िलए साथक कायनीितयां तैयार की जाएं और सरकार के भीतर और गैर-
सरकारी एजिसयों तथा िवशेष ों के बीच भागीदारी हो मं ालय िविभ रा ों म सीखने के िलए तकनीकी
सहायता और सुिवधाएं भी दान करता है हाल म िकए गए नीितगत प रवतनों और उभरते ए अवसरों
का लाभ उठाने के िलए मं ालय ने अपने अिधदे श म बुिनयादी प रवतन करते ए अपने को नए ढं ग से
तैयार िकया है
वेबसाइट: www.panchayat.gov.in
संवैधािनक ल
भारत के संिवधान के भाग-9 म तीन रीय पंचायतों की थापना (20 लाख से कम आबादी वाले रा ों या
क शािसत दे शों म केवल 2 रीय) का ावधान है (i) गां व के र पर ाम पंचायत; (ii) िजला र पर
िजला पंचायत; और (iii) ाम पंचायतों एवं िजला पंचायतों के बीच उप-िजला र पर म वत पंचायत
इसम ाम सभा ( ाम पंचायत के े म रहने वाले पंजीकृत मतदाताओं की आम सभा) का भी ावधान है ,
जो ामवािसयों को थानीय शासन म सीधे भागीदारी के िलए एक मंच है भारत के संिवधान ने इन पंचायतों
के िलए 5 वष का कायकाल िनधा रत िकया है और इनम मिहलाओं एवं भारतीय समाज के सीमां त वग
(अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों) के िलए सीटों के आर ण का ावधान िकया है अनुसूिचत
जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों के िलए आर ण उनकी आबादी के अनुपात म दान िकया जाता है ,
जबिक मिहलाओं के िलए 33.33 ितशत आर ण िदया गया है परं तु , अनेक रा ों ने पंचायतों म
मिहलाओं के िलए सीटों और मु खया के पदों म आर ण 50 ितशत तक बढ़ा िदया है भारत के संिवधान
म पंचायतों के सभी सद ों के चुनाव की भी व था की गई है इन चुनावों के संचालन के िलए
सभी रा ों को एक रा िनवाचन आयोग के गठन का अिधदे श िदया गया है रा ों के िलए यह भी
अिनवाय है िक वे हर पां च वष बाद रा िवत आयोग (एसएफसी) का गठन कर, जो रा और थानीय
सरकारों (शहरी और ामीण दोनों) के बीच िव ीय संसाधनों के बंटवारे के िस ां तों की अनुशंसा करे
रा िव आयोग रा सरकार और पंचायतों के बीच करों, शु ों, टॉल और शु ों आिद की िनवल
ा यों के िवतरण के बारे म रा पाल को अपनी िसफा रश दगे वे पंचायतों को सौंपे गए या उनके ारा
अिधगृिहत करों, शु ों, टॉल और फीस तथा रा की समेिकत िनिध से पंचायतों को िदए जाने वाले
सहायता अनुदान का िनधारण करगे और पंचायतों की िव ीय थित म सुधार लाने के उपाय सुझाएं गे
उपरो ापक े मवक के भीतर, चूंिक थानीय सरकार रा का िवषय है , अतः अपने-अपने रा ों
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म पंचायती राज के िविभ पहलुओं के िनधारण म रा िवधानमंडलों की मह पूण भूिमका है जहां तक


पंचायतों के अिधकारों के ह ां तरण का है , रा उसकी कुंजी है संिवधान म ावधान िकया गया है
िक पंचायत थानीय शासन के सं थानों के प म काम करगी और आिथक िवकास एवं सामािजक ाय के
िलए मह पूण काय मों की योजना बनाएं गी तथा उ लागू करगी, परं तु पंचायतों को श यां और
ािधकार ह ां त रत करने का काय रा ों पर छोड़ िदया गया
राजीव गांधी पंचायत सश करण अिभयान
पंचायती राज सं थानों की काय णाली म सुधार लाने के िलए पंचायती राज मं ालय ने 12वीं पंचवष य
योजनाविध यानी 2012-13 से 2015-16 तक राजीव गां धी पंचायत सश करण अिभयान (आरजीपीएसए)
चलाया इस अिभयान के दौरान पंचायतों के माग म आने वाली मुख बाधाओं जैसे अिधकारों का अपया
ह ां तरण, कािमकों का अभाव, बुिनयादी ढां चे का अभाव और पंचायतों की कारगर काय णाली म सीिमत
मता का अ यन िकया गया और उ दू र करने के िलए कािमक, ढां चा, िश ण और पंचायतों को
अिधकारों के ह ां तरण को बढ़ावा दे ने तथा जवाबदे ही का ढां चा कायम करने के उपाय िकए गए
रा ीय ाम राज अिभयान
रा ीय ाम राज अिभयान (आरजीएसए) के अंतगत पंचायती राज सं थानों म मता िनमाण पर ान
कि त िकया जाएगा तािक बुिनयादी सेवाएं िवत रत करने के िलए समािभ प कारवाई की जा सके और
िवकास के ल हािसल िकए जा सक रा ीय ाम राज अिभयान के अंतगत जीपीडीपी के पहलुओं पर
िवशेष जोर दे ते ए सभी संब प ों के िलए मता िनमाण और िश ण सुिवधाएं जुटाने और उनके
संवधन के ापक यास िकए जाएं गे
ई-पंचायत
ई-पंचायत, 2006 म तैयार की गई रा ीय ई-गवनस योजना (एनईजीपी) के अंतगत तय की गई 27 िमशन
मोड प रयोजनाओं म से एक है

14व िव आयोग की िसफा रश


14व िव आयोग (एफएफसी) की िसफा रशों के अनुसार संिवधान के भाग-9 के अंतगत दे श म गिठत ाम
पंचायतों को 2,00,292.20 करोड़ पये का अनुदान वष 2015-20 की अविध के िलए ह ां त रत िकया
गया इसका अथ है , 26 रा ों के िलए ित ितवष 488 पये की सहायता दान की गई, तािक
िनयिमत अंतरालों पर इन सं थानों के िलए संसाधनों का थर वाह सुिनि त िकया जा सके इससे इन
सं थानों के पास उपल संसाधनों म वृ होगी और वे सौंपे गए सां िविधक काय के िनवहन के िलए
संसाधनों म वृ कर सकगे 14व िव आयोग ने मेघालय, िमज़ोरम, ि पुरा और असम, मिणपुर के पवतीय
िजलों, नगालड एवं िमज़ोरम के ामीण े ों म अनुसूची 6 के अंतगत भाग-9 से इतर पंचायती राज सं थानों
के िलए अनुदान की अनुशंसा नहीं की है

पेयजल और ता
पेयजल आपूित िवभाग (डीडीड ूएस) की थापना 1999 म ामीण िवकास मं ालय के अंतगत की गई
थी, िजसे बाद म 2010 म पेयजल और ता िवभाग का नाम िदया गया ामीण जल आपूित और
ता के मह को दे खते ए भारत सरकार ने 2011 म पेयजल और ता मं ालय के प म एक
पृथक मं ालय अिधसूिचत िकया पेयजल और ता मं ालय एक नोडल मं ालय है , जो भारत सरकार
के मुख काय मों जैसे ामीण पेयजल आपूित के िलए रा ीय ामीण पेयजल काय म
(एनआरडीड ूपी) और दे श म ता के िलए भारत िमशन ( ामीण), के िलए सम नीित,
आयोजना, िव पोषण और सम य के िलए िज ेदार है
वेबसाइट: www.mdws.gov.in
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भारत िमशन
भारत िमशन का शुभारं भ 2014 म शु िकया गया था भारत िमशन के पीछे यह धारणा है
िक ेक को शौचालयों, ठोस और तरल कचरे के िनपटान की णािलयों और ाम ता सिहत
ता सुिवधाएं मुहैया कराई जाएं यह काय म पेयजल और ता मं ालय ारा काया त िकया जा
रहा है 2019 तक, अथात् महा ा गां धी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारत को वा िवकता
बनाने के िलए एक काययोजना तैयार की गई है इस िमशन का ल ता सुिवधाओं तक प ं च का
िव ार करना है यह 2014 म 39 ितशत थी, िजसे अ ू बर 2019 तक बढ़ा कर शत- ितशत करने का
ल है काययोजना म 5 वष म भारत को खुले म शौच जाने से पूरी तरह मु करने की आव कता पर
बल िदया गया है ारं भ म भारत के िह े के प म दे श के सभी ू लों म लड़के और लड़िकयों के
िलए शौचालय बनाने को ाथिमकता दी गई यह काय एक वष म पूरा कर िलया गया ामीण े ों म
िवतरण व था को सु ढ़ करने के िलए कुछ मह पूण उपाय िकए गए ह, जैसेः (क) जल और ता
दोनों काय मों के काया यन के बारे म रा ों के साथ समझौता ापन पर ह ा र करना, िजसके
अनुसार जल और ता के िलए धन का इ ेमाल पर र एक-दू सरे के िलए िकया जा सके, तािक रा ों
के पास धन अिधशेष न रहे और दोनों े ों म से िकसी के िलए भी धन की कमी के कारण ल पूरे करने
पर भाव न पड़े ; (ख) क ारा रा ों को धन दे ने के िलए अपनाई गई ‘ठीक समय पर’ आवंटन नीित का
अनुपालन करना, तािक भारत सरकार को धन पर अित र लागत वहन न करनी पड़े ; (ग) नाबाड, िसडबी
(अथवा िबना िकसी ितभूित के बकों के ज रए ाथिमकता े ऋण) जैसी एजिसयों के ज रए ऐसे प रवारों
को शौचालयों के िनमाण के िलए लघु ऋण दान करने की णाली िवकिसत करना, जो ो ाहन के पा ह
अथवा जो नहाने के थान सिहत बेहतर शौचालय बनाना चाहते ह; (घ) ेक गां व के िलए एक
ता ाही ( ेरक ) की पहचान करना, उसे ता कौशल दान करना और काय िन ादन से
संब ो ाहन दान करना; और (ङ) प रवार के र पर गहन िनगरानी मं ालय के आईएमआईएस के
ज रए रखी जाएगी, चूंिक पेयजल आपूित मं ालय ने बेसलाइन डे टा के ज रए ेक प रवार की जानकारी
पहले ही ा कर ली है
भारत िमशन ( ामीण)
ामीण ता के े म उपाय सव थम 1954 म थम पंचवष य योजना के िह े के प म शु िकए
गए थे सरकार ने 1986 म क ीय ामीण ता काय म के प म एक सुिनयोिजत काय म ारं भ
िकया इसका मुख ल ामीण लोगों के जीवन की गुणव ा म सुधार लाना और मिहलाओं को िनजता
और ग रमा दान करना था 1999 से ‘संपूण ता अिभयान’ के अंतगत ‘मां ग संचािलत’ ि कोण
अपनाया गया, िजसम ामीण लोगों के बीच जाग कता बढ़ाने के िलए सूचना, िश ा और संचार (आईईसी),
मानव संसाधन िवकास (एचआरडी), मता िवकास गितिविधयों पर बल िदया गया, तािक ता
सुिवधाओं के िलए मां ग का सृजन हो सके ‘िनमल भारत अिभयान’ (एनबीए), जो पूण ता अिभयान
का उ रािधकारी काय म था, 2012 म ारं भ िकया गया इसका ल एमएनआरईजीएस के साथ
समािभ पता के ज रए अिधक ो ाहन दान करके िनमल गां वों का िवकास करना था इन सभी
काय मों की अपनी-अपनी उपल यां रहीं, िफर भी ामीण आबादी का बड़ा िह ा ऐसा रह गया,
िजसकी प ं च शौचालयों तक नहीं थी इस काय म को मह पूण आकार दान करने और ता के
मु े पर ान कि त करने के िलए 2014 म भारत िमशन ( ामीण) शु िकया गया नई कायनीित म
इस बात पर बल िदया गया िक रा सरकारों (चूंिक ता रा का िवषय है ) को छूट दान की जाए
िक वे रा िवषयक ज रतों को ान म रख कर अपनी काया यन नीित और व थाओं के बारे म
िनणय कर सक
भारत िमशन ( ामीण) के मुख ल इस कार ह (क) ामीण े ों म ता, थता को
ो ािहत करना और खुले म शौच जाने की कु वृि को समा करना; (ख) 2 अ ू बर , 2019 तक थ
भारत का ल हािसल करने के िलए ामीण े ों म ता कवरे ज म तेजी लाना; (ग) पयावरण की ि
से सुरि त और थायी ता के िलए िकफायती और समुिचत ौ ोिगकी को बढ़ावा दे ना
मं ालय ता े म मा ा क सुधार लाने के िलए शौचालयों के िनमाण के ज रए गां वों को खुले म
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शौच जाने से मु करने पर जोर दे रहा है खुले म शौच जाने से मु बनाने का ल हािसल करने के
बुिनयादी साधन के प म मु प से वहार म बदलाव लाने पर ान कि त िकया जा रहा है इसके
िलए संकि त सूचना, िश ा और संचार काय म चलाया जा रहा है इस काय म म मिहलाओं की ि से
संवेदना क जानकारी, वहार प रवतन के बारे म िदशािनदश और लोगों को िशि त बनाने की िविभ
गितिविधयों को ो ािहत िकया जाता है मं ालय ने िलंग संबंधी िदशा िनदश 2017 म जारी िकए इससे
पहले, 2015 म मािसक धम संबंधी िदशािनदश जारी िकए गए थे
ता पखवाड़ा
ता पखवाड़ा अ ैल 2016 म ारं भ आ इसका उ े एक पखवाड़े के दौरान सरकारी मं ालयों
और िवभागों को शािमल करते ए उनके अिधकार े म सफाई संबंधी मु ों और ता की प ितयों
पर गहन ान कि त करना है ता पखवाड़ों के आयोजन के िलए योजना बनाने म मं ालयों की
सहायता के िलए एक वािषक काय म मं ालयों म पहले से ही िवत रत कर िदया जाता है
नमािम गंगे
नमािम गंगे काय म जल संसाधन मं ालय की एक पहल है पेयजल और ता मं ालय ारा
काया त िकए जा रहे इस काय म म गंगा नदी के िकनारे बसे गां वों को खुले म शौच जाने से मु करने
और ठोस एवं तरल कचरे के बंधन के उपाय लागू करने पर बल िदया जा रहा है उ राखंड, उ र दे श,
िबहार, झारखंड और पि म बंगाल म करीब 52 िजलों म गंगा िकनारे थत कुल 4,470 गां वों को रा
सरकारों की सि य सहायता से पेयजल और ता मं ालय ारा खुले म शौच जाने से मु कराया गया
है मं ालय ने अब गंगा नदी के िकनारे बसे 24 गां वों को चुना है , िज नमािम गंगे काय म के साथ
सम य कायम करते ए गंगा ाम के प म प रवितत िकया जा रहा है
ता काययोजना
ता काययोजना (एसएपी) अपनी तरह का पहला काय म है , िजसम ता के िलए अंतर–मं ालयी
गितिविधयां संचािलत की जाती ह यह काय म ता को ेक का धम बनाने के ल की
िदशा म एक ठोस उपाय है सभी क ीय मं ालयों/िवभागों ने इस ल को मह पूण ढं ग से हािसल करने
की िदशा म समुिचत बजट ावधानों के साथ काम करना शु कर िदया है
िति त थलों की ता
मं ालय ने दे शभर म 100 थानों को बनाने पर ान कि त करने के िलए एक ब -िहतभागी
काय म शु िकया है यह थान धरोहर, धािमक और आमजन या सां ृ ितक मह की ि से
‘ िति त’ थल ह इस काय म का ल इन िति त थलों की ता थितयों म सुधार लाना है तािक
उ ता की ि से अ ंत उ थान दान िकया जा सके यह काय म शहरी िवकास, पयटन और
सं ृ ित मं ालयों के साथ भागीदारी के ज रए चलाया जा रहा है , िजसम पेयजल और ता मं ालय एक
नोडल मं ालय है थम दो चरणों के दौरान 20 िति त थलों को इस काय म के िलए चुना गया इन
सभी 20 िति त थलों के िलए िव ीय और तकनीकी सहायता उपल कराने के वा े सावजिनक े के
उ म िनिद िकए गए
रा ीय ामीण पेयजल काय म
रा ीय ामीण पेयजल काय म (एनआरडीड ूपी) के क ायोिजत काय म है , िजसका उ े दे श
की ामीण आबादी को समुिचत मा ा म सुरि त पेयजल उपल कराना है एनआरडीड ूपी भारत
िनमाण का एक घटक है , िजसम बुिनयादी सुिवधाओं के िनमाण पर ान कि त िकया जाता है इस
काय म के फल प ामीण े ों म जलापूित े म मह पूण अित र संसाधनों का ावधान करने
और पेयजल आपूित काय मों के सफल संचालन के िलए मता िनमाण म मदद िमली है ामीण पेयजल
आपूित रा का िवषय है और इसे संिवधान की 11वीं अनुसूची म ऐसे िवषयों म भी रखा गया है , जो रा ों
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ारा पंचायतों को सौंपे जा सकते ह इस कार ामीण पेयजल आपूित े म पंचायती राज सं थानों की
भागीदारी एक मह पूण िवषय है , िजस पर ान कि त करने की आव कता है
जलापूित े म भारत सरकार ने बड़ा काय म 1972-73 म रत ामीण जलापूित काय म
(एआरड ूएसपी) के प म शु िकया था, िजसके अंतगत ‘सम ा गां वों’ म जलापूित की कवरे ज
म तेजी लाने के िलए रा ों/क शािसत दे शों को सहायता दी जाती थी जल की गुणव ा, समुिचत
ौ ोिगकी ह ेप, मानव संसाधन िवकास सहायता और अ संबंिधत गितिविधयों पर बल दे ने के िलए
एक ौ ोिगकी िमशन 1986 म शु िकया गया, िजसे बाद म 1991 म राजीव गां धी रा ीय पेयजल आपूित
िमशन (आरजीएनडीड ूएम) का नया नाम िदया गया 1999-2000 के दौरान पेयजल काय मों की
आयोजना, काया यन और बंधन म समुदाय को शािमल करने के िलए े सुधार प रयोजनाएं शु की
गईं, िज 2002 म जलधारा काय म के प म संगिठत कर िदया गया 2009 म इस काय म को
संशोिधत िकया गया और इसे रा ीय ामीण जलापूित काय म (एनआरडीड ूपी) का नाम िदया गया
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वै ािनक और
25 ौ ोिगकी िवकास

ान एवं ौ ोिगकी िवभाग, िव ान एवं ौ ोिगकी े को सरकारी िवभागों से जोड़ने वाली नोडल
िव एजसी की तरह काम करता है यह िवभाग िविभ सं थाओं एवं े ों के वै ािनकों के बीच ित धा
के ज रए रा ीय िव ान एवं ौ ोिगकी मता और साम बढ़ाने म बाहर से सबसे अिधक अनुसंधान
एवं िवकास सहयोग दान करता है रणनीितक मह वाले इस काम से हमारे दे श के शैि क, वै ािनक
एवं औ ोिगक अनुसंधान एवं िवकास काय का प रणाम बेहतर होता है तथा दे श के िव ान एवं ौ ोिगकी
पर को बदलने म भी मदद िमलती है

वै ािनक एवं ौ ोिगकी िवभाग


दे श की िव ान एवं ौ ोिगकी मता तथा साम बढाने के यास म िव ान एवं ौ ोिगकी िवभाग ने कई
योजनाएं चलाईं तािक भारतीय िव ान एवं ौ ोिगकी समुदाय को वै ािनक एवं तकनीकी उ ादन बढ़ाने म
सहायता िमल सके िवभाग ने िजन मह पूण े ों पर अपना ान कि त िकया, उनम से कुछ ह: िव ान
के अ ाधुिनक े ों म वैि क र पर होड़ करने यो अनुसंधान एवं िवकास (आरएं डडी) के िलए
वै ािनकों तथा ौ ोिगकी जानकारों की सं ा बढ़ाना, वै ािनक अनुसंधान म भारत की वैि क रिकंग
बेहतर करने के िलए आरएं डडी सं थानों को ो ाहन दे ना तथा ढां चागत सुिवधाएं तैयार करना, िव ान को
बढ़ावा दे ने के िलए ब प ीय साझेदारी की णाली लागू करने म सहयोग करना, रा ीय अिभयानों के ज रए
ौ ोिगकी लागू करना, रा ीय चुनौितयों के समाधान हे तु ौ ोिगकी का वसायीकरण करने के िलए
सं थाओं और उ ोग की मता िवकिसत करना, समाज के सामािजक-आिथक लाभ के िलए उसे िव ान
एवं ौ ोिगकी की जानकारी उपल कराना और इस े के िलए नीित बनाना
वेबसाइट: www.dst.gov.in

िव ान, ौ ोिगकी एवं नवाचार नीित


2013 म लाई गई नई िव ान, ौ ोिगकी एवं नवाचार (एसटीआई) नीित म िव ान तथा ौ ोिगकी े म
नवाचार पर जोर िदया गया है एसटीआई नीित का उ े वैि क र पर होड़ करने की मता हािसल
करने और िव ान को दे श के िवकास के एजडा से जोड़ना है नीित का मु ल है साइं स, रसच एं ड
इनोवेशन िस म फॉर हाई टे ोलॉजी लेड पाथ फॉर इं िडया (सृि ) िव ान, अनुसंधान तथा नवाचार
णािलयों का एकीकरण करने और भारत को िव ान के े म पां च या छह शीष श यों म प ं चाने की
इ ा नई एसटीआई नीित म प से जताई गई है इस सपने को साकार करने के िलए िवभाग ने पहले
ही एक समिपत नीित अनुसंधान को गिठत कर िदया है दे श म िव ान, ौ ोिगकी तथा नवाचार के े
म लागू करने के िलए नए काय म एवं काययोजनाएं तैयार की जाएं गी, िजसके िलए शैि क सं थानों म पां च
नीित अनुसंधान क थािपत िकए गए ह

िव ान एवं अिभयांि की अनुसंधान


िव ान एवं अिभयां ि की अनुसंधान बोड (एसईआरबी) की थापना से िव ान एवं अिभयां ि की के अ णी
े ों म अनुसंधान तथा िवकास म ब त मदद िमली है बोड के ब आयामी काय मों ने िव ान एवं
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ौ ोिगकी के िविभ िहतधारकों तक अपनी प ं च सुिनि त की है वै ािनकों के सेवाकाल के िविभ


चरणों म ितभा पलायन रोकने के िलए बोड ने कई नए काय म आरं भ िकए ह, जैसे अनुसंधान ज
आरं भ करने के िलए योगशाला की थापना करने म युवा अ ापकों की सहायता हे तु अल क रयर रसच
अवाड् स (ईसीआरए) ईसीआरए के अंतगत ितवष 300 अ िथयों की सहायता की जाएगी
टीचर एसोिसएट् स फॉर रसच ए ीलस (तारे ) मोिबिलटी ीम: 2016-17 म आरं भ ई इस योजना का
ल रा िव िव ालयों/कॉलेजों म िनयिमत प से काम कर रहे िश कों को आईआईटी,
आईआईएससी, आईआईएसईआर, रा ीय योगशाला जैसी शैि क सं थाओं म भेजना है इन िश कों को
अपने काय थल के नजदीकी शहर म थत सं थाओं म ही भेजा जाएगा इससे बेकार पड़ी वै ािनक
मश को मामूली िनवेश से ही हमारी अनुसंधान की धारा म शािमल कर िलया जाएगा और दो रों
वाली सं थाओं म अनुसंधान एवं िश ण की संभावना बेहतर होगी 3 वष के िलए 5,000 पये ितमाह
फेलोिशप, 5 लाख पये ितवष आक कता अनुदान का ावधान िकया गया है

युवा ितभाओं को आकिषत करना


िव ान एवं अनुसंधान के िलए ितभाओं को आकिषत करने के िलए इनोवेशन इन साइं स पसुट फॉर
इं ायड रसच (इं ायर) काय म चलाया जा रहा है िपछले 3 वष म 10 से 15 वष आयु वग म लगभग
3.67 लाख िव ािथयों को इं ायर अवाड िदए गए ह क ा 11 म िव ान पढ़ रहे छा ों को भारत तथा
िवदे श के नोबेल िवजेताओं समेत मुख वै ािनक ह यों से िमलने का मौका दे ने के िलए िव ान िशिवर
आयोिजत िकए जाते ह तािक वे भी आिव ार करने का आनंद उठा सक िपछले तीन वष म लगभग
40,000 िव ािथयों को उ िश ा के िलए छा वृि दी गई है 27 से 32 वष आयु वग म पो डॉ ोरल
शोध करने वालों को बुिनयादी एवं ावहा रक िव ान म 5 वष की अविध के िलए अनुबंध पर पद दे कर
इं ायर फैक ी अवाड दान िकया जाता है िपछले चार वष म 700 से अिधक अ िथयों को फैक ी
अवाड िदए गए ह

मिहला वै ािनकों के िलए अवसर


िव ान एवं ौ ोिगकी िवभाग ने अपनी मुख योजना िकरण (नॉलेज इ ॉ मट इन रसच एडवां समट ू
नच रं ग) के अंतगत िव ान म मिहलाओं के िलए िविभ काय म आरं भ िकए इस अनूठी पहल के ज रए
िवभाग उन मिहला वै ािनकों को भौितक एवं गिणतीय िव ान, रसायन िव ान, जीव िव ान, पृ ी एवं
वायुमंडलीय िव ान तथा अिभयां ि की ौ ोिगकी म अनुसंधान पूरा करने का अवसर दान करता है , िज
मु तौर पर पा रवा रक कारणों से अपना क रयर बीच म ही छोड़ना पड़ा था 2500 से अिधक मिहला
वै ािनक इस योजना का लाभ उठा रही ह

नैनो िव ान एवं ौ ोिगकी


अनुसंधान के इस उभरते े म आरएं डडी को सभी कार से बढ़ावा दे ने के िलए 2007 म रा ीय नैनो
िव ान एवं ौ ोिगकी अिभयान आरं भ िकया गया इस अिभयान के मु उ े ह- बुिनयादी अनुसंधान
को बढ़ावा दे ना, अनुसंधान के बुिनयादी ढां चे का िवकास, नैनो ए केशन एवं ौ ोिगकी का िवकास,
मानव संसाधन िवकास, अंतररा ीय गठबंधन तथा रा ीय िवमश आरं भ करना

जलवायु प रवतन
रा ीय जलवायु प रवतन काययोजना के अंतगत आरं भ िकए गए रा ीय सतत िहमालयी पा र थितकी
िमशन (एनएमएसएचई) तथा जलवायु प रवतन पर रणनीितक ान के रा ीय िमशन (एमएमएसकेसीसी)
का ि या यन यही िवभाग कर रहा है इन रा ीय िमशनों के अंतगत छह मुख अनुसंधान काय म
आरं भ िकए गए ह िहमालय के िवषय म जानकारी चाहने वाले यों और समुदायों को जानकारी
उपल कराने के िलए िहमालयाज ाइमेट चज पोटल (http://knowledgeportal-nrmshe.in/) आरं भ
िकया गया
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नवाचार के माहौल को िबना िकसी वधान के बढ़ावा दे ने के इरादे से नेशनल इनीिशएिटव फॉर
डे वलिपंग एं ड हानिसंग इनोवेशंस (िनिध) योजना आरं भ की गई है नवाचार को बाजार की मू ृंखला से
जोड़ने वाली मुख किड़यों को दे श भर म िविभ िबंदुओं ( ेक िबंदु म 3 पड़ोसी िजलों का र होगा)
पर सहायता दान की जाएगी और मजबूत िकया जाएगा तािक नवाचार, उ मशीलता एवं िवकास म
सहयोग के ज रए रा िनमाण का अिभयान पूरा हो सके िनिध के िविश घटक ह नवाचार को तलाशने के
िलए ितयोिगताएं ; मोशन एं ड ए ीलरे शन ऑफ यंग एं ड ए ाइ रं ग इनोवेटस एं ड ाटअ ( यास) -
िवचार से लेकर ोटोटाइप तक सहायता; ऑ े र इन रे िजडस (ईआईआर) - जो खम कम करने के िलए
सहायता णाली, ाटअप को बढ़ावा दे ने के िलए छा ों को ो ािहत करने हे तु शैि क सं थाओं म
नवाचार एवं उ मशीलता िवकास क ों (आईईडीसी) के ज रए ाटअप-िनिध; मानव संसाधन िवकास
मं ालय के सहयोग से ाट-अप क - रा ीय उ िश ण सं थाओं म उ मशीलता की भावना भरना;
टे ोलॉजी िबजनेस इन ूबेटर (टीबीआई) - नए िवचारों को ाटअप म बदलना; ए ीलरे टर - लि त
ह ेप के ज रए ाटअप को गित दे ना; सीड सपोट िस म (एसएसएस) - आरं भ म ही िनवेश उपल
कराना; उ ृ ता क - ाटअप को वैि क र पर जाने अथवा आकार बढ़ाने म सहायता करने के िलए
िव रीय ित ान

भारतीय सव ण िवभाग
िव ान एवं ौ ोिगकी मं ालय के अधीन भारतीय सव ण िवभाग की थापना 1767 म की गई थी और यह
दे श का सव ण करने तथा मानिच तैयार करने वाला रा ीय संगठन है रा की मुख मानिच ण एजसी
के प म इसे जो भूिमका दी गई है , उसके अनुसार भारतीय सव ण िवभाग पर यह सुिनि त करने का
िवशेष दािय है िक दे श के भू-भाग का सव ण कर उसके सटीक मानिच बनाए जाएं तािक ती एवं
एकीकृत िवकास के िलए आधार मानिच तैयार हो सक साथ ही उसे यह भी सुिनि त करना है िक दे श
की गित, समृ एवं सुर ा म सभी संसाधनों का भरपूर योगदान रहे भारतीय सव ण िवभाग की मुख
िज ेदारी 1:25OK, 1:50K तथा 1:25K पैमानों पर थलीय भाग के मानिच तैयार करना है 1:250K तथा
1:50K पैमानों पर पूरे दे श के थलीय भाग के मानिच तैयार हो चुके ह तथा मानिच ों को समय-समय पर
अ तन िकया जा रहा है तािक भू-भाग की नवीनतम जानकारी उनम शािमल की जा सके क /रा
सरकारों एवं अ योगकता एजिसयों ारा िनधा रत की गई ाथिमकताओं के अनुसार रा ीय
आव कता के अनु प 1:25K पैमाने पर सव ण आरं भ िकया गया इसे भू-गिणतीय एवं भू-भौितकी े
म, भूकंप िव ान तथा ेिशयरों के अ यन म, अंटाकिटका म भारतीय वै ािनक अिभयानों तथा िडिजटल
मानिच ण एवं िडिजटल फोटो ामेटी से संबंिधत प रयोजनाओं म िह ेदारी के िलए अपनी महारत का
इ ेमाल करने का िनदश भी िदया गया है तािक िव ान एवं ौ ोिगकी िवभाग के साथ तालमेल वाली
ाथिमक जानकारी उपल हो सके
भारतीय सव ण िवभाग ने िविभ पैमानों पर थािनक मानिच ों के िडिजटल मानिच भंडार का िज ा
भी अपने हाथों म िलया है इस िडिजटल जानकारी का उपयोग िविभ एजिसयां योजना बनाने एवं
जीआईएस ए केशनों के िलए कर रही ह इसने जलिवद् ु यत, िसंचाई, कमान े , नहर े , छावनी े
योजनाओं समेत िवकास संबंधी िविभ योजनाओं का ापाक र पर सव ण भी िकया है भारत की
बाहरी सीमा तय करना, दे श म कािशत होने वाले मानिच ों म उ िदखाना तथा रा ों के बीच सीमाओं
के सीमां कन पर सलाह दे ना भी िवभाग की ही िज ेदारी है ि प ीय संिधयों के अंतगत भारतीय सव ण
िवभाग मानिच ण, सव ण संबंधी िश ा, ौ ोिगकी ह ां तरण एवं सव ण संबंधी अ कई ौ ोिगिकयों
के मामले म नाइजी रया, अफगािन ान, के ा, इराक, नेपाल, ीलंका, िज ा े, इं डोनेिशया, भूटान,
मॉरीशस आिद दे शों को भी सहायता दान करता है संयु रा के िनदश के कारण भारतीय सव ण
िवभाग थान संबंधी आं कड़ों का बुिनयादी ढां चा तैयार करने की मता हािसल करने म एिशया- शां त े
के दे शों की भी मदद करता है
यूएनडीपी की सहायता के अंतगत थािपत िकया गया सव ण िश ण सं थान, है दराबाद एक उ ृ
सं थान है , जो िवभाग, रा /क सरकारों के अ संगठनों तथा पड़ोसी दे शों ारा ायोिजत िश ुओं को
सव ण एवं मानिच ण के िविभ े ों म िश ण दान करता है
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मई, 2005 म घोिषत रा ीय मानिच नीित को ान म रखते ए उन ओपन सीरीज मानिच ों का


काशन उपयोगकताओं के िलए िकया जा रहा है , जो यूटीएम ोजे न पर आधा रत ह और सव ण तथा
मानिच ण की सभी गितिविधयों म इ ेमाल ई जीपीएस णाली के अनुकूल ड ूजीएस-84 आं कड़े पर
आधा रत ह लबट क ॉमल कोिनक ोजे न तथा ड ूजीएस-84 आं कड़े पर आधा रत र ा ृंखला के
मानिच र ा बलों के िलए कािशत िकए जा रहे ह और उ गोपनीय करार िदया गया है भारत तथा अ
दे शों के िविभ बंदरगाहों पर समु ी र के आं कड़े दे खकर िहं द महासागर म ार संबंधी जानकारी
उपल कराने म भारतीय सव ण िवभाग सबसे आगे है जलवायु िव ान संबंधी नमूने तैयार करने, समु
के जल र म प रवतन का िव ेषण करने, सुनामी का पूवानुमान लगाने जैसे वै ािनक अ यन े ों के
िलए ये मह पूण ह इसके अित र समु ी या ा के िलए भी ये मह पूण जानकारी उपल कराते ह
िविभ रों पर तथा िविभ एजिसयों ारा भू- थािनक जानकारी तैयार की जा रही है उनका योग
िविभ उ े ों के िलए िकया जा रहा है , िजनम िविभ ोतों से िमली जानकारी को एक साथ लाना होता
है जानकारी का एकीकरण करने के िलए भारतीय सव ण िवभाग ने दे श भर म मानक भू-िनयं ण िबंदुओं
का नेटवक थािपत िकया है और िजऑयड के लंबवत िववरण को नए िसरे से प रभािषत करने का
भारीभरकम काम अपने हाथ म ले िलया है इससे भू- थािनक जानकारी ा करने म जुटे उ ोगों तथा
अ एजिसयों के साथ-साथ रा भू- कर िवभाग को रा ीय संदभ णाली म अपना काम करने म सुिवधा
होगी
भारतीय सव ण िवभाग मानिच ण के े म दे श की आव कताएं पूरी करता है , लेिकन अलग-अलग
उपयोगकताओं की ज रतों के मुतािबक िवशेष िवषयों पर मानिच उपल कराने का काम िवभाग के
अंतगत आने वाला रा ीय एटलस एवं िवषयगत मानिच ण संगठन (नैटमो) करता है वह समुिचत
सामािजक-आिथक जानकारी के साथ संसाधन मानिच ों को एक साथ लाता है तथा उ थान के पम
दिशत करता है , जो िवकास की योजनाएं बनाने के िलए उपयोगी ह नैटमो अपने मानिच ों के िलए
ायोिगक आधार पर रवस ि ंिटं ग की तकनीक भी िवकिसत करने का यास कर रहा है वह मानिच
छापने के िलए धातु रं गों के योग की तकनीक अपनाने का यास भी कर रहा है
वेबसाइट: www.Surveyofindia.gov.in

वै ािनक एवं औ ोिगक अनुसंधान प रषद


वै ािनक एवं औ ोिगक अनुसंधान प रषद (सीएसआईआर) 1942 म थािपत की गई ाय शासी सं था
है , जो िव ान एवं ौ ोिगकी के िविभ े ों म अपनी अ ाधुिनक आरएं डडी जानकारी के िलए िव ात
है पूरे दे श म पैठ रखने वाले सीएसआईआर के पास 38 रा ीय योगशालाओं, 39 आउटरीच क ों, 3
नवाचार प रसरों तथा 5 इकाइयों का गितशील नेटवक है आरएं डडी म उसकी िवशेष ता तथा अनुभव का
कारण 4,000 सि य वै ािनक ह, िज करीब 7,000 वै ािनक एवं तकनीकी किमयों की मदद िमलती है
रे िडयो और अंत र भौितकी, समु िव ान, भू िव ान, भू-भौितकी, रसायन, औषिध, जीनोम अ यन, जैव
ौ ोिगकी एवं नैनो ौ ोिगकी से लेकर खनन, वैमािनकी, यं ीकरण, पयावरण अिभयां ि की और सूचना
ौ ोिगकी समेत िव ान एवं ौ ोिगकी के तमाम िवषय इसके दायरे म आते ह पयावरण, ा ,
पेयजल, खा , आवास, ऊजा, चमड़ा, कृिष एवं गैर कृिष जैसे सामािजक यासों के िविभ े ों म यह
मह पूण तकनीकी सहयोग दान करता है पूरे दे श के िलए मान, दू री, समय, तापमान, वाह आिद
को नापने के मानकों का ान भी सीएसआईआर ही रखता है इसने पारं प रक ान िडिजटल पु कालय
(टीकेडीएल) बनाया है और वही उसका संर क है यह पु कालय भारतीय पारं प रक ान के अनैितक
ावसाियक दु पयोग के खलाफ श शाली हिथयार है यह माइ ोिबयल टाइप क चर कले न
(एमटीसीसी) और जीन बक का संचालन करता है भारत के बौ क संपदा आं दोलन का अगुआ
सीएसआईआर आज अपने पेटट के जखीरे को समृ कर रहा ह तािक चुिनंदा ौ ोिगकी े ों म दे श को
वैि क ित ा िमल सके
वेबसाइट: www.csir.res.in

परमाणु ऊजा
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परमाणु ऊजा िवभाग (डीएई) की थापना 1954 म ई थी और यह परमाणु ऊजा ौ ोिगकी के िवकास,
कृिष, िचिक ा, उ ोग के े ों तथा मूलभूत अनुसंधान म िविकरण ौ ोिगिकयों के उपयोग म लगा है
उनम से कुछ ह: (अ) दे शी तथा अ आजमाई ई ौ ोिगिकयों का योग कर परमाणु ऊजा की
िह ेदारी बढ़ाना और उससे जुड़े ईंधन च की सुिवधाओं वाले फा ीडर रए र एवं थो रयम रए र
िवकिसत करना; (आ) रे िडयोआइसोटोप के उ ादन के िलए अनुसंधान रए रों का िनमाण एवं संचालन
करना तथा िचिक ा, कृिष एवं उ ोग के े ों म िविकरण ौ ोिगकी का योग करना; (इ) ए ीलरे टर,
लेजर जैसी उ त ौ ोिगिकयों का िवकास करना तथा उ ोगों म ौ ोिगकी ह ां तरण को ो ािहत
करना; (ई) परमाणु ऊजा तथा उससे संबंिधत अ णी वै ािनक े ों म बुिनयादी अनुसंधान म सहायता
करना, िव िव ालयों एवं शैि क सं थाओं से संपक करना, डीएई के काय मों पर भाव डालने वाली
आरएं डडी प रयोजनाओं म मदद करना तथा अनुसंधान के संबंिधत े ों म अंतररा ीय सहयोग; तथा (उ)
रा ीय सुर ा म योगदान करना संगठनों के एकीकृत समूह के प म काय करने वाला िवभाग पां च
अनुसंधान क ों, तीन औ ोिगक संगठनों, पां च सावजिनक उप मों और तीन सेवा संगठनों से िमलकर बना
है परमाणु एवं संबंिधत े ों और गिणत म बाहरी अनुसंधान को बढ़ावा दे ने तथा िव ीय सहायता दान
करने के िलए इसम दो बोड ह यह बुिनयादी िव ान, खगोल िव ान, खगोल भौितकी, कसर अनुसंधान,
िश ा आिद के े म अनुसंधान म जुटे अंतररा ीय ित ा ा सात सं थानों की मदद करता है और एक
सोसायटी की सहायता भी करता है , जो डीएई के कमचा रयों की संतानों को शैि क सुिवधाएं दान करती
है
डीएई के पास यूरेिनयम खनन तथा खिनज सं रण की ापक मताएं ह और भारी जल के उ ादन
तथा ेशराइ हे वी वाटर रए रों के िलए जक िनयम िम धातु के घटकों तथा अ साम ी तथा आपूित
की उसकी अपनी व था है है दराबाद म यह ू यर ूल कॉ े ेशराइ हे वी वाटर रए रों,
बॉयिलंग वाटर रए रों तथा फा ीडर रए रों के िलए ूल असबली तैयार करता है
वेबसाइट www.dae.nic.in
भारी जल बोड
भारी जल बोड ने सभी ेशराइ हे वी वाटर रए रों के िलए िकफायत के साथ भारी जल का उ ादन
कर परमाणु ऊजा काय म के पहले चरण म सफल योगदान िकया है , िजससे िवभाग को स ी परमाणु
ऊजा उपल कराने म मदद िमली बोड दे श म भारी जल की मां ग यं ही पूरी करने म स म है और
डीएई ने परमाणु ऊजा के िजस काय म की प रक ना की है , उसके अनु प भिव म बनने वाले
ेशराइ हे वी वाटर रए रों तथा एडवां ड हे वी वाटर रए रों के िलए भारी जल उपल कराने के िलए
भी वह तैयार है िपछले कुछ समय म भारी जल बोड इस रणनीितक साम ी का सबसे बड़ा वैि क
उ ादक और भरोसेमंद आपूितकता बनकर उभरा है
भारतीय परमाणु ऊजा काय म के िलए इन कोर तथा आउट ऑफ कोर साम ी हे तु तकनीिकयों के
िवकास, दशन तथा इ ेमाल के े म अपनी िज ेदारी िनभाने म भारी जल बोड आगे रहा है इस
साम ी की ज रत परमाणु ईंधन च के ं ट एं ड तथा बैक एं ड दोनों म ही पड़ती है और यह मु प से
तीन े ों के िलए होती है - परमाणु ईंधन च की ं ट एं ड तथा बैक एं ड हाइडोमेटालज से संबंिधत
गितिविधयों के िलए िवलायक (सॉ ट) के प म; िविभ दु लभ धातुओं को ा करने के िलए सॉ ट
ए टै न ौ ोिगकी के दशन के िलए तथा फा ीडर रए रों के िलए 10बी एवं सामािजक योग
के िलए 18ओ जैसे थर आइसोटोप का िनमाण करने म
सॉ ट ौ ोिगकी
सॉ ट के े म टीबीपी (टाई ूटाइल फॉ े ट) और डी2एचपीए के िनमाण के िलए एचड ूपी, वडोदरा
तथा तलचर के औ ोिगक ित ानों ने ब त अ ा काम िकया है , िजससे भारी जल बोड को एनएफसी,
एनआरबी तथा डीएई की अ सभी इकाइयों की सभी ज रत पूरी करने म मदद िमली है
बोरॉन संव न
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भारी जल बोड के पास आइसोटोप को अलग करने की ि या म दशकों का अनुभव है फा ीडर


रए र पर आधा रत परमाणु ऊजा काय म के दू सरे चरण म िजस साम ी की आव कता है , उसे दे खते
ए बोड ने संव त बोरॉन के िनमाण के िलए दे शी तकनीकी का िवकास, दशन और उपयोग िकया इस
े म बोड अब पूरी तरह स म है और िविभ रासायिनक पों म वह 95 ितशत से अिधक संव न कर
सकता है
सोिडयम
फा ीडर रए र के िलए सोिडयम एक अ मह पूण साम ी है , जो रए र को ठं डा करने के िलए
कूलट के प म काम करती है भारतीय आरएं डडी संगठनों के साथ नेटवक तैयार कर भारी जल बोड ने
परमाणु ेड वाले सोिडयम के उ ादन के िलए दे शी और अिधक सुरि त ो इले ोिलिटक सेल
ौ ोिगकी िवकिसत की है लगातार बढ़ते आकार वाले सेल का परी ण िकया जाता है और अंत म
औ ोिगक र पर उ ादन का संयं थािपत करने की इ ा है
खिजन अ ेषण एवं खनन
परमाणु खिनज अ ेषण एवं अनुसंधान िनदे शालय (एएमडी) का जोर यूरेिनयम, थो रयम तथा दु लभ धातुओं
के संव न पर है इसके िलए उसने एकीकृत, ब प ीय प ित एवं कमचा रयों के समझदारी भरे उपयोग
ारा अ ेषण की गितिविधयां जारी रखीं प रणाम प आं दे श, मेघालय, राज थान तथा झारखंड म
15,775 टन से भी अिधक यूरेिनयम ऑ ाइड (U3O8) का अित र भंडार तैयार हो गया

िवद् ु यत े को आरएं डी सहायता


परमाणु िबजली काय म को अनुसंधान एवं िवकास सहयोग डीएई के अनुसंधान क ों से िमलता है
हाइडोजन दहन के दौरान िविभ भौितक एवं रासायिनक ि याओं को समझने के िलए ायोिगक आं कड़ों
का उपयोग कर दहन, ाला म ती ता तथा िव ोट के सं ा क नमूने िवकिसत िकए गए एवं उ
मािणत िकया गया सीिमत त िव ेषण तथा सीिमत लोड अनुमानों ारा एचड ूपी, कोटा के दू सरे
चरण वाले हॉट टावर की काम करने की मता तथा बची ई जीवन अविध का आकलन िकया गया

ा सुर ा एवं वातावरण


प रचालन क ों की सुर ा की समी ा िनयिमत प से की गई इसने परमाणु ऊजा संयं ों के प रचालन के
कारण सावजिनक थानों पर होने वाले िविकरण का उ जन कम से कम रखा एनपीसीआईएल के सभी
चालू संयं ों म आईएसओ-14001:2004 माणन वाली पयावरण बंधन णाली (ईएमएस) तथा
आईएसओ-18001:2007 माणन वाली पेशेवर ा एवं सुर ा बंधन णाली (ओएचएसएमएस) रखी
जाती है और लगातार सुधार के िलए ऑिडट (आं त रक, वा तथा बंधन) िकए गए
टॉ े म पीआरटीआरएफ म ऑनलाइन थोरॉन िनगरानी नेटवक लगाया गया तािक संयं म िविभ
थानों पर थोरॉन गैस के घन पर नजर रखी जा सके मुंबई तथा तारापुर म भाभा परमाणु अनुसंधान क
(बाक) के िविभ संयं ों म संपूण शरीर/फेफड़ों एवं जैव अपिश ों (मल-मू ) के नमूनों के िव ेषण ारा
पेशेवर कमचा रयों का आं त रक जो खम आकलन िकया गया भारी जल बोड के सभी संयं आईएसओ
गुणव ा बंधन णाली, पयावरण बंधन णाली एवं ओएसएचए ारा मािणत ह भारी जल के संयं ों के
सकल सुर ा मानक दे श म उ ीं के समान रासायिनक उ ोगों की तुलना म ब त बेहतर ह
फा ीडर रए र
परमाणु ऊजा उ ादन काय म के दू सरे चरण के िलए इं िदरा गां धी परमाणु अनुसंधान क
(आईजीसीएआर) सोिडयम से ठं डे होने वाले फा ीडर रए र तथा उनसे जुड़ी ईंधन च ौ ोिगिकयां
तैयार कर रहा है ीडर रए र िजतने ईंधन की खपत करते ह, उससे ादा ईंधन का उ ादन करते ह
आईजीसीएआर के फा रए र काय म को रए र अिभयां ि की, धातु कम, साम ी िव ान,
यं ीकरण, सुर ा आिद के े म उसके अनुसंधान तथा िवकास यासों से बल िमलता है कलप म पर
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25 वष से भी अिधक समय से काम कर रहे फा ीडर टे रए र ने भी फा रए रों से संबंिधत


ौ ोिगकी के िवकास म सहायता की है
थो रयम आधा रत रए र
िव की ऊजा संबंधी मां ग के बड़े िह े को पूरा करने के िलए ो ूल साइकल वाली परमाणु ऊजा
ही एकमा िटकाऊ िवक है दु िनया म यूरेिनयम से अिधक थो रयम भंडार ह इसीिलए थो रयम
‘भिव का ईंधन’ माना जाता है भारतीय परमाणु ऊजा काय म के तीसरे चरण का उ े वािण क
र पर िबजली उ ादन के िलए थो रयम को बतौर ईंधन योग करना है थो रयम के ईंधन च म
थो रयम-232 को िवखंडनीय आइसोटोप यूरेिनयम-233 म बदल िदया जाता है , जो परमाणु ईंधन है
कलप म िमनी ( कािमनी) रए र
अंत र िवभाग के िलए िविभ पाइरो उपकरणों की ूटॉन रे िडयो ाफी हे तु कािमनी रए र का सफल
प रचालन िकया गया पीएफबीआर के ूटॉन वाह को नापने के िलए आव क उ तापमान वाले
िवखंडन चबरों का सफल परी ण िकया गया
अनुसंधान रए र
ुव ने उ सुर ा र तथा उपल ता कारक पर 100 मेगावाट थमल की ऊजा पर प रचालन िकया दे श
भर के कई अनुसंधानकताओं ने वै ािनक अनुसंधान के िलए यूजीसी-डीएई गठबंधन की ूटॉन बीम
सुिवधा का योग िकया
उ त ौ ोिगिकयां
डीएई के अनुसंधान क ए ीलरे टर, लेजर, उ त साम ी, रोबोिट , सुपरकं ूटर, यं ीकरण एवं अ
उ त ौ ोिगिकयों के िवकास म लगे रहते ह बाक, आरआरकैट, वीईसीसी और ि ट िविकरण
ौ ोिगिकयों के िवकास म लगे ह साथ ही वे फसल की बेहतर िक ों, फसल सुर ा की तकनीकों, कटाई
के बाद के िलए िविकरण आधा रत तकनीकों, कसर जैसे रोगों के रे िडयो-िनदान तथा रे िडयोधम उपचार के
िलए तकनीकों, सुरि त पेयजल, बेहतर पयावरण तथा औ ोिगक वृ हे तु तकनीकों म उनके उपयोग
तलाशने म भी जुटे ह
इले ॉिन एवं यं ीकरण
इले ॉिन कॉप रे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड (ईसीआईएल) परमाणु ऊजा, र ा, अंत र ौ ोिगकी,
सुर ा, सूचना ौ ोिगकी एवं ई- शासन े ों के िलए इले ॉिनक उपकरणों की िडजाइिनंग, िवकास,
िनमाण, आपूित, थापना एवं आरं भ म लगी रहीं
रोबोिट
ूरोसजरी करने के िलए बाक म रोबोट पर आधा रत े मलेस ी रयोटै क णाली िवकिसत की गई है ,
िजसम े म आधा रत णाली के बराबर सटीकता है और मरीजों के िलए आराम का र भी उतना ही है
बेहद सटीक मता वाले (पैरेलल मैकेिन पर आधा रत) रोबोट को योग कर यह े मरिहत
ी रयोटै ी का चािलत बना दे ता है
ायोजेिन
वीईसीसी म सुपरकंड ं ग इले ॉन और हे वी आयन लाइनै के िलए तरल हीिलयम एवं तरल नाइटोजन
हे तु ायोजेन िवतरण लाइन, हीिलयम के िलए वातावरण के नीचे िनवात की परत वाली लाइन, हीिलयम
बफर टकों एवं कं ेसरों के बीच गम हीिलयम की लाइन वाली ायोजेिनक णाली तथा 500 वाट का
हीिलयम िल फायर लगाए जा रहे ह
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रे िडयोआइसोटोप एवं िविकरण ौ ोिगकी तथा उनके योग


ा सेवा, उ ोग, कृिष एवं अनुसंधान म िविभ रे िडयोआइसोटोप के िवकास तथा योगों म परमाणु
ऊजा िवभाग मह पूण भूिमका िनभाता रहा है डीएई के सतत यासों के प रणाम प आज भारत
आइसोटोप ौ ोिगकी के अ णी दे शों म शािमल है
रे िडयोआइसोटोप टॉ े के ुव अनुसंधान रए र म, ए ीलरे टर कोलकाता तथा एनपीसीआईएल के
िविभ परमाणु िबजली संयं ों म बनाए जाते ह िचिक ा, औ ोिगक एवं अनुसंधान योग के िलए बाक
ारा िविभ कार के आइसोटोप तैयार िकए गए एवं उपल कराए गए िविकरण एवं आइसोटोप
ौ ोिगकी बोड (ि ट) ने िचिक ा एवं औ ोिगक उपयोग के िलए िविभ कार के रे िडयोआइसोटोप
उ ाद एवं िविकरण ौ ोिगकी उपकरणों का िनमाण िकया तथा आपूित की
होमी भाभा रा ीय सं थान
मानव संसाधन िवकास मं ालय ारा मानद िव िव ालय का दजा ा होमी भाभा रा ीय सं थान
(एचबीएनआई) के दस वष पूरे हो गए एचबीएनआई ने अपने आठ िश ा बोड म िविभ पा मों -
रसायन िव ान, अिभयां ि की िव ान, ा िव ान, जीव िव ान, गिणतीय िव ान, भौितक िव ान,
साम रक अ यन तथा ातक अ यन - के ज रए अपने शैि क काय म जारी रखे
िश ण
बाक म ओ रएं टे शन कोस फॉर इं जीिनय रं ग ैजुएट् स एं ड साइं स पो ेजुएट् स तथा डीएई ैजुएट
फेलोिशप ी के तहत उ मानकों के साथ िश ुओं का चयन िकया गया आईजीसीएआर म िश ु
वै ािनक अिधका रयों के िलए िश ण काय म एवं शािमल िकए गए शोधािथयों अिभयां ि की एवं मूलभूत
िव ान के अ णी े ों म डॉ ोरल काय म जारी रखे गए

भारत का अंत र काय म


दे श म अंत र संबंधी गितिविधयां 1962 म भारतीय रा ीय अंत र अनुसंधान सिमित के गठन के साथ
आरं भ ईं उसी वष ित वनंतपुरम के िनकट थुंबा इ े टो रयल रॉकेट लॉ ंग े शन पर भी काय आरं भ
हो गया अग 1969 म भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन (इसरो) की थापना की गई 1972 म
अंत र आयोग की थाना की गई तथा अंत र िवभाग थािपत आ और 1972 म ही इसरो को अंत र
िवभाग के अधीन कर िदया गया अंत र आयोग दे श के सामािजक-आिथक लाभ के िलए अंत र िव ान
एवं ौ ोिगकी के िवकास एवं योग को बढ़ावा दे ने के उ े से नीितयां बनाता है तथा भारतीय अंत र
काय म के ि या यन पर नजर रखता है अंत र िवभाग इन काय मों को मु तया भारतीय अंत र
अनुसंधान संगठन (इसरो), भौितक अनुसंधान योगशाला (पीआरएल), रा ीय वायुमंडलीय अनुसंधान
योगशाला (एनएआरएल), पूव र अंत र अनु योग क तथा सेमी-कंड र योगशाला के ज रए
ि या त करता है 1992 म सरकारी ािम वाली कंपनी के प म गिठत एं िट कॉप रे शन अंत र
संबंधी उ ादों तथा सेवाओं की माक िटं ग करती है
माच, 2016 से जून, 2017 के बीच भारतीय अंत र काय म ने कई उपल यां हािसल कीं ेपण
यानों के बारह अिभयान सफलतापूवक पूरे िकए गए, िजनम सात पीएसएलवी, दो जीएसएलवी- एमके 2
और एक जीएसएलवी-एमके 3 शािमल ह, िजनका ेपण सतीश धवन अंत र क (शार), ीह रकोटा से
िकया गया इसके अलावा इसरो के दस उप ह, छा ों ारा बनाए गए चार उप ह तथा 152 िवदे शी उप ह
भी इन िमशनों ारा ेिपत िकए गए भारत के संचार उप ह जीसैट-18 और जीसैट-17 भी च गुयाना से
सफलतापूवक ेिपत िकए गए पोलर सैटेलाइट लॉ ीकल (पीएसएलवी) ने एक ही अिभयान म 104
उप ह छोड़ने की अनूठी उपल हािसल की और एक ही अिभयान के दौरान दो अलग-अलग क ाओं म
उप ह थािपत करने की मता भी िदखाई
इसरो ने ेपण यान ौ ोिगकी म नई तकनीकों का दशन भी िकया रयूजेबल लॉ ीकल-
टे ोलॉजी डे मॉ टे टर (आरएलवी-टीडी) तथा ै मजेट इं िजन टे ोलॉजी डे मॉ टे टर अपनी पहली
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परी ण उड़ान म सफल रहे इसके अलावा िजयोिस ॉनस सैटेलाइट लॉ ीकल - माक 2
(जीएसएलवी-एमके 2) के प म दे शी ायोजेिनक अपर े ज ले जा रहे जीएसएलवी का लगातार
तीसरा सफल ेपण आ मंगलयान ने मंगल ह के चारों ओर अपनी क ा म दो वष की वां िछत अविध
सफलतापूवक पूरी की साथ ही भारत की अनेक तरं गदै वाली वेधशाला ए ोसैट ने क ा म अपना एक
वष पूरा िकया
2017 म इसरो ने जीएसएलवी-एफ 09 का ेपण भी सफलतापूवक िकया, िजसने दि ण एिशया
उप ह (जीसैट-9) को सफलतापूवक भूसमकािलक अंतर ण क ा (जीटीओ) म डाला यह द ेस दे शों के
िलए भारत का उपहार था उस वष ुवीय उप ह ेपण यान (पीएसएलवी) ने दो सफल ेपण िकए-
(1) एक ही बार म रकॉड 104 उप ह ेिपत करने की अनूठी उपल ा की और (2) 31 उप ह
ेिपत िकए जून, 2017 म च गुयाना से संचार उप ह जीसैट-17 छोड़ा गया लेिकन अपनी 41वीं
उड़ान म पीएसएलवी भारत के आठव नेिवगेशन उप ह को िनधा रत क ा म नहीं रख पाया और सफल
नहीं रहा 2017 म भारत के मंगलयान अिभयान वाले अंत र यान ने मंगल के चारों ओर अपनी क ा म
तीन वष सफलतापूवक पूरे कर िलए, जबिक भारत की ब -तरं गदै वेधशाला ए ोसैट ने भी क ा म दो
वष पूरे कर िलए दोनों उप ह अ ी थित म ह और संतोषजक दशन कर रहे ह
वेबसाइट: www.isro.org
अंत र अनु योग
भारतीय अंत र काय म की एक अनूठी िवशेषता उसके उपयोग कि त यास और दे श को उनसे िमलने
वाले लाभ ह दू र-िश ा (टे ली-एजूकेशन) तथा दू र-िचिक ा (टे ली-मेिडिसन) के साथ संचार के िविभ े ों
म इनसैट/जीसैट उप हों ारा की जा रही समाज सेवा जारी है दे श म रा ीय ाकृितक संसाधन बंधन
णाली के सु थािपत ब आयामी ि या यन ढां चे के ज रए दे श म रा ीय, रा तथा थानीय रों पर
चलाई जा रही दू र-संवेदी अनु योग प रयोजनाओं म उ ेखनीय गित ई भारतीय दू रसंवेदी उप ह
समूह ने कृिष फसलों के भंडार, कृिष अकाल के आकलन, दावानल पर नजर रखने, भूजल संभावना के
मानिच ों के बेहतर उपयोग तथा अ शासन संबंधी योगों म मह पूण जानकारी दान करने म मदद
की
इसरो का आपदा बंधन सहायता (डीएमएस) काय म आपदाओं के भावी बंधन के िलए थान
आधा रत जानकारी एवं सूचना तथा संचार के साधन उपल करा रहा है रा ीय दू रसंवेदी क म थािपत
िनणय सहायता क (डीएमएस-डीएससी) बाढ़, च वात, भू लन, भूकंप और जंगल की आग जैसी
ाकृितक आपदाओं की िनगरानी म लगा आ है भारत म जून से िसतंबर के दौरान भारी बाढ़ आईं,
िज ोंने 8 रा ों - असम, गजरात, मिणपुर, िबहार, उ र दे श, अ णाचल दे श, ओिडशा और पि म
बंगाल के 104 से अिधक िजलों को भािवत िकया बाढ़ से भािवत सभी रा ों पर उप ह से ा
आं कड़ों के ज रए नजर रखी गई और संबंिधत रा ों/िवभागों को लगभग 100 मानिच भेजे गए
आग के मौसम (फरवरी से जून) म उप ह के आं कड़ों का इ ेमाल कर रोजाना लगभग वा िवक
समय म आग यह जानकारी उप ह गुजरने के बाद 30 िमनट से भी कम समय म उपल कराई गई
यह काम भारतीय वन सव ण के साथ िमलकर पूरे दे श म िकया गया 2017 म जंगल की आग के लगभग
32,546 मामलों म आग के सि य थान की जानकारी तैयार की गई और रा ों के संबंिधत वन िवभागों
तथा भारतीय वन सव ण को उपल कराई गई 2017 म िहमाचल दे श के मंडी िजले म कोटरोपी गां व
के नजदीक रा ीय राजमाग सं ा 154 (मंडी और पठानकोट के बीच की सड़क) पर भारी भू लन हो
गया इस पर रसोससैट-2 और काट सैट-2 के ज रए नजर रखी गई माना गया िक बा रश के कारण ही
ऐसे भू लन होते ह
रा ीय आपदा बंधन डे टाबेस (एनडीईएम) ब मानक भू थािनक डे टाबेस का इ ेमाल करते ए रा ों
और क शािसत दे शों के िलए आपदा संबंधी जानकारी दे ता रहा इस दै िनक जानकारी के अलावा
अनुमान लगाने वाली एजिसयों से िमलने वाली चेताविनयों को भी एनडीईएम डै शबोड पर उपल कराया
गया इसरो ने ‘अंत र एवं मुख आपदाओं’ के िलए अंतररा ीय चाटर पर ह ा र िकए ह, िजसका
उ े अंत र आं कड़े एक करने और आपदा से भािवत उपयोगकताओं को उपल कराने की
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एकीकृत णाली तैयार करना है इसके िलए इसरो चाटर का समथन तथा सिटनेल एिशया की मदद करता
है और िविभ भारतीय दू रसंवेदी उप हकों से आं कड़े इक ा करने की योजना बनाता है एवं तय समय म
उपल कराता है 2017 म इसरो ने आईआरएस आं कड़ों के 140 सेट उपल कराते ए 22 दे शों म 29
आपदाओं के समय मदद की
अंत र िव ान एवं ह अनुसंधान
दो हों के बीच चलाया जा रहा भारत का पहला अंत र यान अिभयान मंगलयान मंगल के चारों ओर
अपनी क ा म सफलतापूवक तीन वष पूरे कर चुका है और िनयिमत प से मह पूण जानकारी उपल
करा रहा है अंत र यान के ा मानक सामा ह अंत र यान से िमली जानकारी का वै ािनक
िव ेषण उप ह के िविभ आयामों पर िकया जा रहा है वष के दौरान अंत र यान पर क ा म िदशा
प रवतन भी िकया गया, िजससे 2021 तक दीघकािलक हण का खतरा ख हो गया
भारत की पहली िविवध तरं गदै वाली वेधशाला ने क ा म दो वष पूरे कर िलए उप ह से अब
‘वेधशाला’ की तरह काम िलया जा रहा है , िजसम िदलच ी रखने वाले अनुसंधानकताओं और वै ािनकों से
इसरो के अनाउं समट ऑफ अपॉर ुिनटी के ज रए ा ावों के आधार पर िनगरानी का समय
आवंिटत िकया जाता है
मता िनमाण
भारत के अंत र काय म की उपल यों का मुख कारण िकसी काय को हाथ म लेने और संक ,
समपण तथा पेशेवर रवैये के साथ उसे पूरा करने की सु थािपत काय णाली है ऐसी अनूठी ितभाओं तथा
ो ािहत करने वाले िस ां तों को बढ़ावा दे ने की मह ा भां पकर िवभाग ने हमेशा ही मता िनमाण से
संबंिधत पहलुओं पर जोर िदया है मता िनमाण म िवकास के िविभ े शािमल ह, िजनसे िवभाग का
अपनी योजना के अनुसार ही अपने ल ा करना सुिनि त हो सके मता िनमाण के कुछ मुख े
इस कार ह
अंतररा ीय सहयोग
अंत र से जुड़े मामलों म अंतररा ीय सहयोग भारत की अंत र गितिविधयों का अटू ट अंग रहा है और
इसरो ने िविभ अंत र एजिसयों एवं अंत र से संबंिधत िनकायों के साथ ि प ीय एवं ब प ीय संबधों
को मह दे ना जारी रखा है अंतररा ीय सहयोग का मुख उ े नई वै ािनक एवं तकनीकी चुनौितयों
का सामना करना, शां ितपूण उ े ों के िलए बाहरी अंत र के उपयोग हे तु अंतररा ीय खाका प रभािषत
करना, अंत र नीितयों को बेहतर बनाना तथा दे शों के साथ संबंध थािपत करना एवं मौजूदा संबंधों को
मजबूत बनाना है इसरो ने ां स, संयु अरब अमीरात, जापान, अमे रका, िवयतनाम, अफगािन ान एवं
स की अंत र एजिसयों और अमरीकी भूगभ य सव ण के साथ सहयोग के समझौते िकए
अंत र वािण
अंत र िवभाग की वािण क शाखा एं िट कॉप रे शन वैि क बाजार म भारतीय अंत र उ ादों एवं
सेवाओं की माक िटं ग कर रही है एं िट िवदे शी ाहकों समेत अ एजिसयों के साथ िविश वािण क
करारों के ज रए अंत र आधा रत णािलयों से िविभ कार की सेवाएं दान करती है एं िट के साथ
वािण क करार के तहत अभी तक पीएसएलवी 1999 से 2018 के बीच अंतररा ीय ाहकों के 237
उप ह सफलतापूवक ेिपत कर चुका है 2017 म ही पीएसएलवी ने 130 िवदे शी उप ह ेिपत िकए
भारतीय अंत र िव ान एवं ौ ोिगकी सं थान
भारतीय अंत र काय म के िलए मानव संसाधन तैयार करने और काय म की बढ़ती मां ग पूरी करने के
िलए 2007 म ित वनंतपुरम म भारतीय अंत र िव ान तथा ौ ोिगकी सं थान (आईआईएसटी) की
थापना की गई, जो मानद िव िव ालय है
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पृ ी िव ान
पृ ी िव ान पृ ी तं के िविभ घटकों जैसे वायुमंडल, जलमंडल, िहममंडल, थलमंडल और जीवमंडल
तथा उनके बीच के संबंधों से संबंिधत है पृ ी िव ान मं ालय मौसम, जलवायु, समु , तटवत थल,
जलमंडलीय एवं भूसंवेदी सेवाएं दान करने के िलए भू िव ान से संबंिधत सभी आव कताएं पूरी करता
है सेवाओं म िविभ ाकृितक आपदाओं की भिव वाणी तथा चेतावनी शािमल है उपल कराई गई
सेवाओं का उपयोग िविभ एजिसयां एवं रा सरकार कर रही ह तािक ाकृितक आपदाओं के कारण
जान-माल की ित कम से कम की जा सके
वेबसाइट: www.moes.gov.in
वायुमंडलीय एवं जलवायु अनुसंधान
12 िकलोमीटर के ैितज रजॉ ूशन पर मौसम संबंधी कारगर भिव वाणी उपल कराने के िलए उ
रजॉ ूशन वाला वैि क िनधारण यो मौसम पूवानुमान मॉडल तैयार िकया गया इसके साथ ही पृ ी
िव ान मं ालय ने मौसम की भिव वाणी के िलए उ रजॉ ूशन वाले वैसे ही मॉडल इ ेमाल करने की
मता हािसल कर ली, जैसी अमे रका म है भारतीय तथा अंतररा ीय उप हों से सां की मॉडलों म
िमली जानकारी को हण करने के िलए जानकारी के सं ह म ब त सुधार िकया गया है मॉनसून िमशन के
अंतगत िव ृत े तथा मौसम के पूवानुमानों हे तु कारगर गितशील मॉडल णािलयां लागू की गईं पहली
बार भारतीय मौसम िवभाग ने गम की लहरों समेत गम मौसम (अ ैल से मई) के दौरान समय के अलग-
अलग पैमानों पर पूवानुमान जारी िकए
मौसम तथा च वात की बेहतर भिव वाणी
मौसम संबंधी सेवाओं की गुणव ा म िपछले तीन वष के दौरान सराहनीय सुधार ए ह भारी वषा एवं ती
च वातों जैसे फेिलन, द द तथा वरदा एवं उ राखंड, ज ू-क ीर और चे ई म भारी वषा का
पूवानुमान लगाने के कौशल म भी खास तौर पर ब त अिधक सुधार ए ह चे ई शहर तथा आसपास के
इलाकों म भारी ित करने वाले च वात वरदा के बारे म करीब 3 िदन पहले ही एकदम सटीक
भिव वाणी कर दी गई थी, िजससे हजारों जान बच गईं िपछले तीन वष म ती च वातों के कारण मरने
वालों की सं ा घटकर 100 से भी कम रह गई है , जबिक िपछले दशक म हजारों लोगों की मौत ई थी
कृिष मौसम संबंधी परामश सेवाएं
मं ालय िकसानों को लाभ प ं चाने के िलए भारतीय कृिष अनुसंधान प रषद (आईसीएआर) के साथ
िमलकर कृिष मौसम संबंधी परामश सेवाएं (एएएस) मुहैया कराता है िकसान बुआई, िसंचाई, उवरक एवं
कीटनाशक के इ ेमाल, कटाई तथा ितकूल मौसम से फसलों के बचाव जैसे कामों म इन सेवाओं का
इ ेमाल करते ह 130 कृिष मौसम े ों ( 4-6 िजलों के समूह) म आरं भ की गई सेवाएं अब सफलतापूवक
िजला र तक प ं चा दी गई ह और दे श के 608 िजलों म काम कर रही ह इस समय लगभग 21.69
िमिलयन िकसान े ीय भाषाओं म फसल िवशेष के िलए कृिष मौसम संबंधी परामश ा कर रहे ह
गम एवं ठं डी हवा की लहरों का पूवानुमान
ोबल वािमग के कारण सतह की हवा का तापमान और भी बढ़ने की आशंका है तथा गम हवा की लहरों
की आवृि भी बढ़ सकती है गम हवा की लहरों तथा उनके कारण सेहत को होने वाले नुकसान के बारे म
पया चेतावनी दे ने के िलए पृ ी िव ान मं ालय ने पहली बार दे श भर म गम हवाओं के पूवानुमान जारी
करना आरं भ िकया है गुजरात, आं दे श, महारा और ओिडशा जैसे रा ों की सरकारों ने गम के
मौसम म इन पूवानुमानों के आधार पर अपने-अपने रा के अनुकूल योजनाएं आरं भ की ह इनसे उ
लोगों को गम हवा की लहर चलने की चेतावनी पहले ही दे दे ने और उनकी जान बचाने म मदद िमल सकती
है पृ ी िव ान मं ालय ने अ रा सरकारों के साथ िमलकर गम हवा के बारे म ऐसी काययोजनाएं
बनाने की पहल भी की है
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समु सेवाएं , ौ ोिगकी एवं पयवे ण


संभािवत म े (पीएफजेड) के परामश
भारतीय रा ीय समु ी सूचना सेवा क (इनकॉइस) 2.75 लाख मछु आरों को रोजाना पीएफजेड के बारे म
परामश जारी करता है , िजससे उ समु म अिधक मछिलयों वाले े पहचानने म मदद िमलती है
समु की थित की भिव वाणी (ओएसएफ)
मछु आरों, जहाजरानी उ ोग, तेल एवं ाकृितक गैस उ ोग, नौसेना, तटर क बल तथा अ प ों को समु
की थित (लहरों, वाह, समु की सतह के तापमान आिद) के बारे म मुहैया कराए जाने वाले पूवानुमानों म
ब त सुधार आया है तेल रसाव के परामश मुहैया कराए जा रहे ह तािक तेल रसाव की थित म
पयावरण-संवेदी े ों, मछली मारने की संभावना वाले े ों और मछली का िशकार नहीं करने वाले े ों की
जानकारी दी जा सके भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन (इसरो) ारा रयूजेबल लॉ ीकल
टे ोलॉजी डे मॉ े शसन के ेपण के िदन से पहले और उस िदन भी समु की थित के पूवानुमान
उपल कराए गए थे
समु की थित के पूवानुमान की सेवाएं िहं द महासागर रम संगठन के दो सद दे शों ीलंका तथा
सेशे को भी दी जा रही ह उ ये सेवाएं अ ीकी-एिशयाई े के िलए े ीय एकीकृत ब -जो खम
शी चेतावनी णाली (राइ ) के तहत िदए जाने वाले मानिच म हवा, लहरों, वाह तथा तापमान जैसे
पैमानों पर दी जाती ह
सुनामी चेतावनी णाली
मं ालय ारा है दराबाद थत भारतीय समु सूचना सेवा क (इनकॉइस) म थािपत भारतीय सुनामी
चेतावनी णाली को िहं द महासागर के दे शों को चेतावनी दे ने के मामले म यूने ो ारा िहं द महासागर े
के िलए े ीय सुनामी सेवा दाता के प म मा ता दी गई है इसम िहं द महासागर के िलए दू सरे र की
सुनामी परामश सेवाएं भी शािमल ह भारतीय सुनामी चेतावनी णाली के पास भूकंप आने के 10 िमनट के
भीतर ही चेतावनी जारी करने की मता है भारतीय सुनामी शी चेतावनी क (आईटीईड ूएस) ने िहं द
महासागर के भीतर तथा आसपास सुनामी भूकंप पर नजर रखी तथा सुनामी की आशंका का खतरा होने पर
समुिचत संदेश जारी िकए
समु े ण णाली
2016 म इनकॉइस ने िहं द महासागर म 23 अग नौकाएं तैनात की गईं, िजनम भौितक मानदं ड इक े करने
के िलए ससर लगे ए थे इनम से 11 नौकाओं म भौितक के साथ जैवरासायिनक ससर भी लगे थे 732 से
अिधक नौकाएं िहं द महासागर म सि यता के साथ काम कर रही ह, िजनम 136 भारत ने तैनात की थीं
अभी तक भारतीय े ों म अग नौकाओं ने ताप तथा लवणता के 340856 नमूने, घुली ई ऑ ीजन के
18993 और ोरोिफल के 7614 नमूने इक े िकए ह
ओपन केज क चर
म ोटीन की लगातार बढ़ती मां ग को पूरी करने का ावहा रक िवक यही है िक मैरीक चर के ारा
भारी र पर मछिलयों का उ ादन िकया जाए इस मां ग को उपल इं जीिनय रं ग तथा जैिवक िवशेष ता
के साथ पूरा करने के िलए भारतीय समु ी प र थितयों के अनु प और वािण क प से मह पूण
समु ी मछिलयों हे तु खुले िपंजड़ों वाला ओपन सी केज क चर तैयार िकया गया यह ौ ोिगकी तट पर
रहने वाले मछु आरों के िलए आजीिवका का आदश िवक तीत होती है , जो दे श म रोज़गार के पया
अवसर दान करती है और रा के म खा उ ादन का ल भी ा करती है
दू र से संचािलत वाहन
500 मीटर की गहराई वाले उथले जल/ ुव म दू र से संचािलत होने वाले दे श म िवकिसत वाहन को
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अंडमान के मूंगे के ीपों म सफलतापूवक तैनात िकया गया मूंगे की च ानों की जैव िविवधता के
वण म दी के साथ रकॉड करने के िलए इस वाहन ने मूंगे के ऊबड़खाबड़ े म सफलतापूवक
प रचालन िकया
ुवीय एवं ायो यर रसच ( पेसर)
रा ीय अंटाकिटक एवं महासागर अनुसंधान सं थान (एनसीएओआर), गोवा ने िहमालय म काफी ऊंचाई
पर एक अनुसंधान क थािपत िकया, िजसे िहमां श कहा गया यह 13,500 फुट (4,000 मीटर से अिधक)
से ऊपर ीित, िहमाचल दे श म एक सुदूर थान पर थत है इस क म ऑटोमैिटक मौसम क , वाटर
लेवल रकॉडर, ीम िडल, ो/आइस कोरर, ाउं ड पेनीटे िटं ग रे डार, िडफरिशयल ोबल पोिजशिनंग
िस म, ो फॉक, ो टै कर, थिम र ं ग, रे िडयोमीटर आिद जैसे उपकरण ह जलीय संतुलन/
मॉडिलंग के िलए पि मी िहमालय म चं नदी के 130 िकलोमीटर लंबे िह े म पां च थानों पर वाटर लेवल
रकॉडर तैनात िकए गए मान संतुलन, गितकी, ऊजा संतुलन तथा जल िव ान के िलए ेिशयरों की
िनगरानी की गई
भूकंप िव ान एवं भू-िव ान अनुसंधान (सेज)
82 वेधशालाओं वाला रा ीय भूसंवेदी नेटवक अ ी तरह से काम कर रहा है भूकंप संबंधी मह पूण
घटनाओं से जुड़ी जानकारी रा ों तथा क सरकार की उन सभी संबंिधत एजिसयों को दे दी गई, जो े म
राहत एवं बचाव के काम से जुड़ी थीं यह जानकारी वेबसाइट पर भी डाली गई 2016 म कोयना म आरं भ
की गई वै ािनक डीप िडिलंग का उ े गहराई म बोरहोल वेधशाला थािपत करना है , िजससे भूकंप के
थान के आसपास के इं टा ेट, सि य फॉ जोन म मौजूद च ानों के भौितक गुणों, िछ म तरल के
दबाव, जलीय मानदं डों, तापमान तथा अ मानदं डों को भूकंप से पहले, उसके दौरान एवं उसके बाद सीधे
मापा जा सके इससे फॉ ं ग की ि या, जलाशय के कारण आए भूकंपों की भौितकी की बेहतर समझ
होती है एवं अनुमान लगाने वाला मॉडल तैयार करने म मदद िमलती है
अनुसंधान, िश ा प ं च एवं िश ण
इसम मं ालय के िश ण काय म, बाहरी सहायता तथा आउटरीच एवं जाग कता काय मों के िलए
पृ ी एवं वायुमंडलीय िव ान काय मों म अनुसंधान तथा िवकास शािमल है काय म का बुिनयादी
उ े दे श के िविभ शैि क एवं अनुसंधान सं थानों म हो रही अनुसंधान एवं िवकास गितिविधयों को
बढ़ावा दे ना तथा प रणाम को मं ालय ारा कामकाजी योग म बदलना है

जैव ौ ोिगकी
मनु तथा पशु का ा एवं उ ादकता सुधारने, कृिष गितिविधयां बढ़ाने तथा सुरि त एवं
वातावरण दान करने म जैव ौ ोिगकी की अपार मता को दे खते ए सरकार ने 1982 म ही कई
एजिसयों वाला बोड रा ीय जैव ौ ोिगकी बोड गिठत कर िदया था जैव ौ ोिगकी की गितिविधयों को
बढ़ावा दे ने के िलए इस बोड म िव ान एवं ौ ोिगकी िवभाग, यूजीसी, आईसीएमआर और सीएसआईआर
शािमल है बाद म बोड को 1986 म िव ान एवं ौ ोिगकी मं ालय के अंतगत जैव ौ ोिगकी िवभाग म
बदल िदया गया इससे जैव ौ ोिगकी को आव क बल िमला और िवभाग ने अपने िनधा रत कामकाज
के अनुसार काय म तैयार िकए और एकीकृत काय म बनाए
िवभाग ने आधुिनक जीव िव ान तथा जैव ौ ोिगकी म घटनाओं को नई गित दान की है िपछले 30
वष म िवभाग ने शैशवाव था वाले एक े को तेजी से बढ़ने वाला े बनते ए दे खा है उसने कृिष,
ा सेवा, जीव जलजीव िव ान तथा जैव संसाधनों एवं पयावरण की िनरं तरता के मामले म जैव
ौ ोिगकी के योग और वृ म अनेक उपल यां हािसल करते ए दे खा है एवं दे श म नवाचार तथा
उ िमता का माहौल मजबूत बनाते ए दे खा है आज भारत दु िनया म जैव ौ ोिगकी के बड़े क ों म िगना
जाता है और एिशया- शां त े म उसका तीसरा थान है अमे रका के बाद भारत के पास ही अमे रकी
खा एवं औषिध ािधकरण (यूएसएफडीए) से मंजूरी पाए सबसे अिधक पौधे ह
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िवभाग ने फेलोिशप/अवाड तथा िश ण काय मों के ज रए दे श म अ ाधुिनक अनुसंधान करने के


िलए मता िनमाण पर जोर िदया है इससे हम युवा ितभाओं को िवशेष िश ण दे कर और समुिचत
पा रतोिषक दे कर आगे बढ़ाने म मदद िमली है
िचिक ा जैव ौ ोिगकी, कृिष जैव ौ ोिगकी और कं ूटेशनल जैव ौ ोिगकी म इ ेमाल होने वाले
उपकरणों तथा तकनीकों म उ गुणव ा वाला ायोिगक िश ण ( ातको र िड ोमा/ माणप दान
करने के िलए कौशल िवकास काय म आरं भ िकए गए तािक िश ु उ ोगों, अ तालों, मेिडकल
कॉलेजों, अनुसंधान एवं िवकास योगशालाओं, िनदान योगशालाओं आिद म काम करने के िलए तैयार हो
जाएं
वेबसाइट: www.dbtindia.nic.in
ाय शासी सं थान
जैव ौ ोिगकी अनुसंधान एवं संव न की क ना करने के कारण जैव ौ ोिगकी िवभाग ने कृिष एवं
संबंिधत िव ान, ा सेवा, पशु िव ान, पयावरण और उ ोग के िविश े ों म जैव ौ ोिगकी के
िविभ िवषयों म अनुसंधान करने के िलए 16 ाय शासी सं थान थािपत िकए ह इनम रा ीय तथा
अंतररा ीय एजिसयों ारा ायोिजत प रयोजनाओं के साथ िवषय आधा रत अनुसंधान होता है
ाय शासी सं थानों के यासों के कारण 80 से अिधक तकनीक िवकिसत की गई ह और उनम से कई
का तकनीकी के ह ां तरण ारा ावसायीकरण भी कर िलया गया है िवभाग के ाय शासी सं थानों ने
कई अनुसंधान िकए ह, िजनम बौ क संपदा के अिधकार अथवा पेटट भी शािमल ह

रा ीय ितर ा िव ान सं थान (एनआईआई): नई िद ी ने जीव िव ान म चुनौतीपूण ों के समाधान के


िलए िविभ जां चकताओं को एक साथ लाने वाले अंदाज म वै ािनक काय मों का िव ार जारी रखा तािक
ा सेवा म सुधार हो सके यह अलग-अलग िवषयों वाले ि कोण का योग कर उ त जीव िव ान म
अ ाधुिनक िश ण एवं िश ण सुिवधाओं को बढ़ावा दे ता है तािक दे श के कुशल मानव संसाधन म
उ तम र की यो ता तथा मता हो

रा ीय कोिशका िव ान क (एनसीसीएस): पुणे ने अपने पीएचडी काय मों म युवा वै ािनक ितभा और
शोधािथयों को बढ़ावा दे ने म और संरचना क जीव िव ान, े म सेल जीव िव ान म अ ाधुिनक अनुसंधान
के े ों म काम करने म नई पहल की ह साथ ही उसने जैिवक िनयं ण ि याओं और या ा के
कोशीय तथा आणिवक आधार म आरएनए की भूिमका समझने के िलए अनुसंधान म भी नई पहल की ह

डीएनए िफंगरि ंिटं ग एवं िनदान क (सीडीएफडी): है दराबाद के पास जीवन िव ान म अनुसंधान के
अ णी े ों म कामकाज सुचा करने के िलए िव रीय अ ाधुिनक यं एवं कं ूिटं ग बुिनयादी ढां चा
मौजूद है यह कृिष एवं सं ृ त उ ादों को कृिष िजंसों के नमूनों की शु ता जां चने की सेवा दान करता
है इसके िलए यह ऐसे डीएनए माकरों का योग करता है , जो बासमती की िविभ िक ों म भेद कर
सकते ह, उनके गुण पहचान सकते ह तथा उनकी पुि कर सकते ह क म अनुसंधान के मुख े सेल
िस िलंग, टां सि शन, संरचना क जीव िव ान, क ूटेशनल जीव िव ान एवं जैवसूचना िव ान, ितर ा
िव ान, आनुवंिशकी एवं मॉिल ूलर पैथोजेनेिसस के आसपास कि त रहे ह

जैिवक िव ान सं थान (आईएलएस): भुवने र का जोर सं ामक रोग जीव िव ान, जीन गितिविधयों एवं
िनयमन तथा पां तरकारी (टां सलेशनल) शोध पर है इसके पास जैिवक िव ान के अ णी े ों म
अ ाधुिनक एवं िविवध िवषयक अनुसंधान के िलए बुिनयादी ढां चा मौजूद है

रा ीय म अनुसंधान क (एनबीआरसी): मानेसर िमग और ेन मैिपंग पर ब िवषयक अनुसंधान


और िश ण म लगा आ है सं थान का जोर म अनुसंधान म कुशल मानव संसाधन के सृजन पर है ,
िजससे भारत को िव ान के इस अ णी े म अंतररा ीय नेतृ करने की मता ा हो सके

रा ीय पादप जीनोम अनुसंधान सं थान (एनआईपीजीआर): िद ी का ान पादप जीनोम म जीन के


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िव ास के साथ उनकी संरचना, कटीकरण एवं कामकाज की समझ के े म अनुसंधान करने और


पादप जीन/जीनोम म प रवतन करने पर है तािक अिधक उपज एवं बेहतर गुणव ा वाले उ ादों हे तु खा
एवं औ ोिगक फसलों की बेहतर िक तैयार की जा सक यह बुिनयादी अनुसंधान गितिविधयों के ज रए
तैयार की गई कुछ ौ ोिगिकयों को कृिष म इ ेमाल करने का यास कर रहा है

राजीव गां धी जैव ौ ोिगकी क (आरजीसीबी): ित वनंतपुरम गंभीर रोगों के जीव िव ान, ती रोगों के
जीव िव ान तथा रोग जैव ौ ोिगकी के संबंध म अनुसंधान काय मों पर काम कर रहा है

जैव-संसाधन एवं सतत िवकास सं थान (आईबीएसडी): इं फाल पूव र े के सामािजक-आिथक िवकास
के िलए जैव-संसाधनों के संर ण एवं सतत उपयोग म लगा आ है सं थान ने जैव-संसाधनों को साझा
करने एवं उनका लगातार दोहन करने के िलए उिचत रा ीय एवं अंतररा ीय सं थानों/संगठनों/
िव िव ालयों के साथ िमलकर पहल की है

नवो ेषी एवं अनु यु जैव- सं रण क (सीआईएबी): मोहाली का ान ि तीयक कृिष जैव-उ ादों
के उ ादन के िलए ि तीयक कृिष एवं उ ेरक अनुसंधान, नवो ेष तथा ान पर है सं थान िफलहाल
खेतों और खा उ ोग से बचे जैव पदाथ के रासायिनक, जैिवक तथा जैव ौ ोिगकी तरीके से सं रण
करने म लगा आ है साथ ही वह खा एवं गैर खा उपयोग के िलए उ ादक सं रण एवं मू व त
ाथिमक तथा ि तीयक कृिष जैव उ ादों हे तु जैव-संसाधनों का ान भी सा रत कर रहा है

रा ीय जैविचिक ा जीनोिमक सं थान (एनआईबीएमजी): क ाणी ा एवं रोगों के िलए जीनोिमकी म


ती ता लाने तथा रोगों एवं ा संबंधी ल णों की जानकारी दे ने वाले जीनोिमक माण तलाशने म जुटा
है यह समय पूव ज के जैिवक एवं पयावरणीय संबंधों की खोज एवं रोग तथा ा से जुड़े ल णों के
ाकृितक इितहास के अ यन की प रयोजनाओं पर काम कर रहा है

े ीय जैव ौ ोिगकी क (आरसीबी): फरीदाबाद िविवध िवषयों म िव रीय िश ा, िश ण मुहैया


करा रहा है और नवो ेषी अनुसंधान कर रहा है तािक वैि क ित धा वाले अनुसंधान जगत म जैव
ौ ोिगकी के िविभ े ों म उ गुणव ा वाले मानव संसाधन तैयार िकए जा सक

टां सलेशनल ा िव ान एवं ौ ोिगकी सं थान (टीएचएसटीआई): फरीदाबाद िचिक ा, िव ान,


अिभयां ि की तथा ौ ोिगकी के े म टां सलेशनल ान तथा जैविचिक ा नवाचार को सावजिनक ा
के िलए उपल कराने हे तु एकीकृत तरीके पर काम कर रहा है सं थान एनसीआर बायोटे क साइं स
रों म तथा टां सलेशनल अनुसंधान तथा उससे संबंिधत यासों म िवशेष ता के िलए मह पूण भूिमका
िनभाता है

रा ीय पशु जैव ौ ोिगकी सं थान (एनआईएबी): है दराबाद ने सं ामक रोगों: ुसेलोिसस, थाइले रयोिसस,
बेबिसयोिसस, ूकैसल िडजीज वायरस (एनडीवी), ले ो ाइरोिसस, टॉ ो ा ोिसस, मै ाइिटस, पे े
डे स पटीट यूिमनट् स वायरस (पीपीआर) तथा फुट एं ड माउथ िडजीज (एफएमडी) पर और इन रोगों के
िनदान एवं रोकथाम के नए तरीके िवकिसत करने पर पहल की है

इं ी ूट फॉर े म सेल साइं स एं ड रीजेनरे िटव मेिडिसन (इन े म): बंगलु ने िविश जां चकताओं को
इक ा िकया है , िज ोंने िवषय िवशेष पर काय म आरं भ िकए ह े म सेल अनुसंधान और अनु योग म
फेलोिशप काय म के ज रए युवा जां चकताओं का साथ दे ने पर िवशेष ान िदया जाता है

रा ीय कृिष खा जैव ौ ोिगकी क (नाबी): मोहाली उसी थान पर बायोटे क र बनाने के िलए
अनुसंधान काय मों एवं ौ ोिगिकयों म जुटा है तािक भारतीय कृिष तथा खा उ ोग को अिधक नवाचार
कि त, लाभकारी तथा िटकाऊ बनाया जा सके यह गुणव ायु पोषण का िटकाऊ एवं साथक साधन दे
रहा है तथा कृिष एवं खा े म िविभ जैव ौ ोिगकी संबंधी तथा आिव ारी उ ाद मुहैया कराता है
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अंतररा ीय आनुवां िशक अिभयां ि की तथा जैव ौ ोिगकी क (आईसीजीईबी): िव ान एवं ौ ोिगकी
मं ालय के जैव ौ ोिगकी िवभाग के शासिनक िनयं ण के तहत काम कर रहा है सं थान का िमशन
दु िनया भर के वै ािनकों के साथ िमलकर आनुवंिशक अिभयां ि की म उ ृ ता लाना है क मले रया,
पादप िवकास म माइ ोआरएनए एवं तनाव बंधन की नई दवाएं खोजने के िलए िश ण काय म चला
रहा है मले रया, िवषाणु िव ान, ितर ा िव ान, रीकॉ नट जीन उ ाद, संरचना क एवं कं ूटेशनल
जीव िव ान, पादप मॉिल ुलर जीव िव ान, कीट ितरोध, पादप कायां तरण एवं िसंथेिटक जीव िव ान तथा
जैव-ईंधन इसके अनुसंधान के े ह

औ ोिगक तथा उ िमता िवकास


औ ोिगक एवं उ िमता िवकास योजनाओं के अंतगत िवभाग ने टां सलेशनल अनुसंधान तथा सावजिनक-
िनजी साझेदारी काय म को सहारा िदया, िजनम बायो-इन ूबेटर तथा बायोटे क पाक शािमल ह
बायोटे ोलॉजी पाक तथा इन ूबेटर
जैव ौ ोिगकी िवभाग जैव ौ ोिगकी अनुसंधान को बढ़ावा दे ता है और अनुसंधान के ज रए उ ाद एवं
सेवाएं तैयार करने म मदद करता है नए वािण क उ ादों के िवकास का एक तरीका बायोटे ोलॉजी
पाक थािपत करना है , जहां ौ ोिगकी इन ूबेशन, ौ ोिगकी दशन तथा ायोिगक पादप अ यन की
सुिवधाएं दी जाती ह तािक जैव ौ ोिगकी का वािण क िवकास तेज हो सके िवभाग ने रा सरकारों/
रा सरकार के संगठनों/क सरकार के संगठनों की साझेदारी म दे श के िविभ िह ों म
बायोटे ोलॉजी पाक तथा इन ूबेटर थािपत िकए ह, िजनसे जैव ौ ोिगकी उ ादों के िवकास,
उ िमता, अनुसंधान एवं नवो ेष म मदद िमलती है
बंगलु लाइफ साइं सेज र फॉर म ी- े ल बेिसक एं ड ए ाइड रसच इन बायोलॉिजकल
साइं सेज (बी-लाइफ) िवचारों के सृजन, भागीदार सं थानों के बीच संसाधनों तथा बुिनयादी ढां चे की
साझेदारी के ज रए अनुसंधान एवं ौ ोिगकी िवकास को बढ़ावा दे ता है र म भागीदारी करने वाले
सं थान ह; इं ी ूट फॉर े म सेल साइं स एं ड रीजेनरे िटव मेिडिसन (इन े म), रा ीय जैिवक िव ान क
(एनसीबीएस), सटर फॉर से ुलर एं ड मॉिल ुलर ेटफॉस (सी-कप) और इं ी ूट ऑफ
बायोइ ॉमिट एं ड ए ाइड बायोटे ोलॉजी (आईबीएबी) र अ ाधुिनक वै ािनक अनुसंधान
के िलए अनूठे सं थागत मॉडल की थापना म लगे ह, जहां मौजूदा उ ृ ता क ों का उपयोग नई
चुनौतीपूण िज ेदा रयों के साथ नए क ों के िवकास म िकया जाता है
एनसीआर बायोटे क साइं स र की थापना जैव ौ ोिगकी िवभाग के पां च ाय शासी सं थानों
(एनआईआई, एनआईपीजीआर, एनबीआरसी, टीएचएसटीआई और आरसीबी) को िमलाकर की गई
र बायोटे क िबजनेस इन ूबेटर एवं पाक के ज रए जीव िव ान के े म खोज आधा रत अनुसंधान
और नई ौ ोिगिकयों के अनुसंधान म तथा िनजी-सावजिनक साझेदारी म मदद करता है यह घटक बनने
की संभावना वाली सं थाओं का नेटवक तैयार करता है , िजससे खोजों की गित तेज करने के िलए तालमेल
वाला माहौल तैयार हो सके

सावजिनक उप म
िवभाग ने उ ोग और िश ा जगत के बीच नए संपक (इं टरफेस) को बढ़ावा िदया है और भारतीय जैव
ौ ोिगकी उ ोग िवशेषकर ाट-अप एवं एसएमई की रणनीितक अनुसंधान एवं नवो ेष मताओं को
ो ािहत िकया है तािक समाज के बड़े वग की ज रतों के मुतािबक िकफायती उ ाद तैयार हो सक
इं टरफेस एजसी के प म बायोटे ोलॉजी इं ड ी रसच अिस स काउं िसल (िबराक) की थापना की गई
है तािक नवो ेष तथा उ मशीलता बढ़ सके, मुख सामािजक े ों म िकफायती नवो ेष को बढ़ावा िमले,
ाट-अप तथा छोटे एवं मझोले उ मों को मजबूती िमले, नवो ेष के मता िव ार एवं सार के िलए
साझेदारों के ज रए योगदान हो, खोज का ावसायीकरण हो और भारतीय उ मों की वैि क
ित ा क मता सुिनि त हो िबराक ने िमलकर काम करने और अपनी िज ेदारी के तहत िविभ
काय पूरे करने के िलए कई रा ीय एवं वैि क साझेदारों के साथ साझेदारी की है िबराक के अंतगत
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बायोटे क इ ीशन ां ट (िबग) योजना युवा खोजकताओं के िलए उ ाहव क योजना है , जो इन ूबेटर के
ज रए जैव ौ ोिगकी म एसएमई की उ मशीलता और बंधकीय िवकास को बढ़ावा दे ती है
िवभाग के पास दो सावजिनक उप म भारत इ ूनोलॉिजक एं ड बायोलॉिजक कॉप रे शन
िलिमटे ड (िबबकॉल) और बायोटे ोलॉजी इं ड ी रसच अिस स काउं िसल (िबराक) भी ह िबबकॉल
उ र दे श म थत अ णी जैव ौ ोिगकी कंपनी है , जो ओरल पोिलयो वै ीन (ओपीवी वै ीन), िजंक
की गोिलयां और डाय रया से छु टकारा िदलाने वाले िकट जैसे िविभ औषधीय उ ाद बनाती है इसका
ल पोिलयो के टीके के ज रए लाखों ब ों को अपंगता से बचाना है िबराक धारा 8, अनुसूची बी म आने
वाला गैर लाभकारी सावजिनक उप म है , िजसे इं टरफेस एजसी के प म थािपत िकया गया था इसका
काम उभरते ए जैव ौ ोिगकी उप मों को दे श के िलए ासंिगक उ ादों के िवकास की ज रत पूरी
करने हे तु रणनीितक अनुसंधान एवं नवो ेष का मौका दे ने के िलए मजबूत बनाना है
िबराक उ ोग और िश ा जगत के बीच नया इं टरफेस है और भाव डालने वाले िविभ काय मों के
ज रए वह अपनी िज ेदारी पूरी करता है , चाहे वह लि त फंिडं ग के ज रए जो खम पूंजी मुहैया कराना हो,
तकनीकी ह ां तरण हो, बौ क संपदा का बंधन हो या िदशा िदखाने की योजनाएं हों इनसे जैव
ौ ोिगकी कंपिनयों को नवो ेष के े म उ ृ ता हािसल होती है और वे वैि क धा म आ जाती ह
थापना के बाद तीन वष म िबराक ने िविभ योजनाएं नेटवक और ेटफॉम िकए ह, िज ोंने उ ोग-िश ा
नवो ेष अनुसंधान म मौजूद खािमयों को दू र करने म और अ ाधुिनक तकनीकी के ज रए नए, उ
गुणव ा वाले िकफायती उ ादों के िवकास म मदद की है
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26 प रवहन

श के सतत आिथक िवकास म प रवहन की सम त और सुचा संपक णाली की मह पूण भूिमका


दे होती है दे श की वतमान प रवहन णाली म रे ल, सड़क, तटवत नौ-वहन, हवाई प रवहन शािमल ह
कुछ वष म इस णाली की मता और नेटवक म मह पूण वृ ई है प रवहन के िविभ साधनों
के िवकास के िलए नीितयां व काय म बनाने और लागू करने की िज ेदारी जहाज़रानी मं ालय, सड़क
प रवहन एवं राजमाग मं ालय, रे ल मं ालय और नागर िवमानन मं ालय की है

रे लवे
भारत म रे लवे, या ी प रवहन और माल ढु लाई का एक मुख साधन है यह दे श के सुदूर कोने-कोने से
लोगों को िमलाती है और कारोबार, पयटन, तीथया ा तथा िश ा को बढ़ावा दे ने का मा म है भारतीय रे ल
िपछले 164 से अिधक वष के दौरान एक बड़ी समावेशी ताक़त बन गई है इसने दे श की अथ व था म
वृ की है इसने उ ोग और कृिष े के िवकास को तेज करने म मदद की है पहली रे लगाड़ी 1853 म
मुंबई से ठाणे के बीच चली थी केवल 34 िकलोमीटर की दू री तय करने से शु ई इसकी या ा का दायरा
अब 67,368 िकलोमीटर तक प ं च गया है इसम 7,349 े शनों का ापक नेटवक है इसके बेड़े म
11,461 इं जन, 53,453 या ी गािड़यां , 6,714 अ कोिचंग वाहन और 2,77,987 िड े ह इस तरह भारतीय
रे ल ने अपने अ म आने के बाद 165 वष म असाधारण गित की है इसने दे श के आिथक,
औ ोिगक और सामािजक िवकास म मह पूण भूिमका िनभाई है
भारतीय रे लवे के बेड़े म माच 2017 तक 39 भापचािलत 6,023 डीजल चािलत और 5,399 िवद् ु यत
चािलत इं जन थे इस समय माल प रवहन के िलए कम ईंधन की खपत वाले, नए िडजायन के तथा अिधक
हॉस पावर के ती गित के िड े और आधुिनक बोिगयां शािमल करने की ि या चल रही है आधुिनक
िस ल जैसे पैनल इं टरलॉिकंग, ट रले इं टरलॉिकंग, क ीकृत यातायात िनयं ण, चािलत िस ल और
ब आयामी रं गीन लाइट वाले िस ल भी लगाए जा रहे ह भारतीय रे लवे ने इं जन तथा रे ल िड ों और
िविभ कार के उपकरणों के दे श म ही िनमाण म मह पूण गित की है अिधकतर व ुओं के मामले म
यह अब आ िनभर हो गया है
कुल माग के लगभग 35.32 ितशत, प रचलन माग के 47.09 ितशत और कुल पटरी माग के 48.26
ितशत का िवद् ु यितकरण िकया जा चुका है समूचा नेटवक 17 मंडलों म िवभािजत है इसके भाग
आधारभूत चालन इकाइयां ह 17 मंडल और उनके मु ालय के नाम अगले पृ पर िदए जा रहे ह
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रे लवे िनयोजन का मु उ े प रवहन के आधारभूत ढां चे का िनमाण करना है तािक अनुमािनत


यातायात के अनु प मता िनमाण िकया जा सके और अथ व था की िवकास-ज रतों को पूरा िकया जा
सके 1950-51 म िनयोजन युग की शु आत से भारतीय रे लवे ने वािषक योजनाओं के अलावा नौ पंचवष य
योजनाओं को लागू िकया है इन योजनाओं के दौरान णाली के आधुिनकीकरण के ापक काय म पर
जोर िदया गया रे ल प रवहन की बढ़ती मां ग को पूरा करने के िलए कम लागत की ौ ोिगकी संबंधी
बदलावों का लाभ उठाना अिनवाय बन गया है प रसंपि यों के पुन ार पर मुखता से जोर दे ने के साथ-
साथ रे ल पट रयों, इं जनों, या ी िड ों, वैगन बोगी िडजाइन, िस िलंग और दू रसंचार जैसे मह पूण े ों म
ौ ोिगकी संबंधी बदलाव और मानकों का उ यन शु िकया गया है
वेबसाइट: www.indiarailways.gov.in
क ीय सावजिनक े उ म
रे ल मं ालय के शासिनक िनयं ण म तेरह ािधकरण आते ह ये ह: (1) राइट् स िलिमटे ड, (2) इरकॉन
इं टरनेशनल िलिमटे ड, (3) भारतीय रे लवे िव िनगम िलिमटे ड, (4) कंटे नर कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया
िलिमटे ड, (5) कोंकण रे लवे कॉरपोरे शन िलिमटे ड, (6) मुंबई रे लवे िवकास कॉरपोरे शन िलिमटे ड, (7)
इं िडयन रे लवे केट रं ग एं ड टू र म कॉरपोरे शन िलिमटे ड, (8) रे ल कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड, (9)
रे ल िवकास िनगम िलिमटे ड, (10) डे िडकेटे ड े ट कॉरीडोर कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड, (11)
भारत वैगन एं ड इं जीिनय रं ग कंपनी िलिमटे ड, (12) बन डड कंपनी िलिमटे ड और (13) ेथवेट एं ड
कंपनी िलिमटे ड
अनुसंधान और िवकास
लखनऊ का अनुसंधान िडजाइन और मानक संगठन भारतीय रे लवे की अनुसंधान और िवकास शाखा है
यह तकनीकी मामलों म एक परामशदाता के प म काय करता है यह रे लवे िविनमाण और िडजाइन से
संब अ संगठनों को भी परामश सेवाएं उपल कराता है
रे लवे िव
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भारत सरकार के सम िव ीय आं कड़ों का िह ा होने के बावजूद, 1924 की पृथ रण प रपाटी के


कारण वष 1924-25 से रे ल बजट संसद म अलग से पेश िकया जाता रहा है रे लवे की अपनी 16 अनुदान
मां गे ह इन पर संसद म अलग से चचा कर पा रत िकया जाता है रे ल बजट अलग से पेश करने की परं परा
का मु कारण इसके वैधािनक आकलन के िलए िनयिमतता सुिनि त करना है ोंिक रे लवे िव , आम
िव का एक बड़ा िह ा होता है सरकार ने वष 2017-18 से रे ल बजट को आम बजट म शािमल करने का
फैसला िकया संयु बजट होने से रे लवे से जुड़े मु े मुखता से सामने आने से सरकार की िव ीय थित
की वा िवक त ीर ुत की जा सकेगी इस िवलय से राजमाग , रे लमाग और जलमाग से प रवहन के
साधनों के िनयोजन म मदद िमलेगी
िवभागीय प से संचािलत वािण क अिधकरण के प म रे लवे का अलग अ बना रहे गा
उसकी िव ीय ाय ता, िव ीय अिधकार इ ािद मौजूदा िदशािनदशों के अनुसार बरकरार रहगे
अनुदान के िलए 16 मां गों की पहले की योजना के थान पर अब रे ल मं ालय के िलए िव मं ालय एक
अनुदान मां ग शु की है
माल प रवहन
कृिष और उ ोगों म तेज गित से ई गित के कारण उ तर र के रे ल प रवहन की मां ग बढ़ी है
िवशेषकर कोयला, लौह तथा इ ात अय , पेटोिलयम उ ादों तथा खा ा , उवरक, सीमट, चीनी,
नमक, खा तेल इ ािद की ढु लाई के िलए रे ल प रवहन की मां ग बढ़ी है रे लवे की राज वाली माल
ढु लाई 1950-51 के 73.2 लाख टन से 2016-17 म बढ़कर 1106.15 िमिलयन टन हो गई इसी अविध के
दौरान भारतीय रे लवे ने 1110.95 िमिलयन टन की माल ढु लाई की इसम से 1106.15 िमिलयन टन से
राज ा आ और 4.80 िमिलयन टन गैर राज अजन वाली ढु लाई थी इस दौरान 621 िबिलयन कुल
शु टन िक.मी. हािसल िकया, जो 2015-16 म 656 िबिलयन का था
या ी कारोबार
वष 2016-17 म या ी प रवहन से 44,280.46 करोड़ 26 लाख पये की आय ई यह वष 2015-16 की
आय से 1997.70 करोड़ पये (4.51 ितशत) अिधक है कुल आय म उपनगरीय यातायात का योगदान
5.81 ितशत था ि तीय तथा ीपर ेणी मेल/ए ेस या ी प रवहन से ा आय कुल या ी आय का
50.20 ितशत थी भारतीय रे ल का इ ेमाल आमतौर पर सावजिनक प रवहन के प म िकया जाता है
वष 2016-17 के दौरान 8,116 िमिलयन याि यों ने रे लगाड़ी से या ा की

सड़क
दे श के आिथक िवकास के िलए सड़क प रवहन एक मह पूण बुिनयादी ढां चा है यह िवकास की गित,
संरचना और तरीकों को भािवत करता है सड़क प रवहन एवं राजमाग मं ालय, रा ीय राजमाग का
िनमाण तथा रखरखाव करता है और मोटर वाहन अिधिनयम 1988; क ीय मोटर वाहन िनयम 1989;
रा ीय राजमाग अिधिनयम 1956 का संचालन और रा ीय राजमाग शु (दरों का िनधारण और सं ह)
िनयम 2008; सड़क प रवहन, पयावरण संबंधी मु ों, ऑटोमोिटव मानकों आिद से संबंधी नीितयां बनाता है
इसके अलावा यह पड़ोसी दे शों म वाहनों की आवाजाही का इं तजाम भी करता है प रवहन (या ी और
माल) के िलए रा ीय राजमाग की मता औ ोिगक िवकास के अनु प होनी चािहए भारत म 56.03
लाख िक.मी. से अिधक लंबा सड़क नेटवक है इसम रा ीय राजमाग, ए ेस माग, रा राजमाग, मु
िजला सड़क, अ िजला सड़क और ामीण सड़क शािमल ह इसम से रा ीय राजमाग की लंबाई लगभग
1,29,709 िक.मी. है रा ीय राजमाग के िवकास और रखरखाव की िज ेदारी मं ालय पर ह रा ों म
रा ीय राजमाग को छोड़कर अ सभी सड़क संबंिधत रा सरकारों के अिधकार े म आती ह रा
सड़कों के िवकास म रा सरकार की सहायता के िलए क सरकार, क ीय सड़क कोष और अंतर रा
संपक तथा आिथक मह की योजना से िव ीय सहायता उपल कराती है
एनएचडीपी को मु प से भारतीय रा ीय राजमाग ािधकरण और रा ीय राजमाग ढां चागत िवकास
िनगम िल. ारा सात चरणों म काया त िकया जा रहा था इस पर 6,00,000 करोड़ पये की लागत आने
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का अनुमान है इस काय म के तहत िनिमत कुछ मुख रा ीय राजमाग म चार महानगरों-िद ी, मुंबई,
चे ई, कोलकाता को जोड़ने वाला गो न ूएिडलेटरल, पूव र दि ण और पूव पि म को रडोर है , जो
ीनगर को क ाकुमारी से और िस चर को पोरबंदर से जोड़ता है यह सलेम से को तक मुख
बंदरगाहों को दे श के रा ीय राजमाग से जोड़ता है एनएचडीपी के तहत शेष काय अब मं ालय के नए
काय म- भारतमाला म शािमल कर िदए गए ह
वेबसाइट: www.morth.nic.in
रा ीय राजमाग का िवकास और रखरखाव
सरकार रा ीय राजमाग िवकास प रयोजना (एनएचडीपी) काया त कर रही है वष 2000 से चलाई जा
रही यह प रयोजना दे श की सबसे बड़ी राजमाग प रयोजना है इसका काया यन मु प से भारतीय
राजमाग ािधकरण और रा ीय राजमाग एवं संरचना िवकास िनगम िलिमटे ड कर रहे ह
भारतमाला प रयोजना
मं ालय ने भारतमाला प रयोजना के तहत सागरमाला के समाकलन से सीमावत े ों को सड़क संपक से
जोड़ने, छोटे बंदरगाहों के िलए सड़क संपक सिहत तटवत सड़कों के िवकास, रा ीय गिलयारे की मता
म सुधार, आिथक गिलयारे के िवकास, अंतर-गिलयारों और फीडर माग के िवकास के िलए रा ीय राजमाग
नेटवक की िव ृत समी ा की है भारतमाला प रयोजना के तहत लगभग 26,000 िक.मी. लंबे आिथक
गिलयारे का िवकास िकया जाना है आशा है िक इससे गो न ूएिडलेटरल और उ र-दि ण तथा पूव-
पि म गिलयारों के साथ सड़क प रवहन से अिधकतम माल की ढु लाई की जा सकेगी लगभग 8,000
िक.मी. के अंतर गिलयारे और लगभग 7,500 िक.मी. फीडर माग की पहचान की गई है तािक आिथक
गिलयारों, गो न ूएिडलेटरल और उ र-दि ण तथा पूव-पि म गिलयारों की काय मता म सुधार
िकया जा सके इस काय म के तहत ढु लाई मता बढ़ाने और शहरों म वाहनों की भीड़-भाड़ कम करने
के िलए रं ग रोड/बाई पास और ऊंचे गिलयारों का िवकास िकया जाना है इस िसलिसले म रं ग रोड के
िलए 28 शहरों और 125 रोधक तथा 66 भीड़-भाड़ वाले थलों की पहचान की गई है
भारतीय रा ीय राजमाग ािधकरण
भारतीय रा ीय राजमाग ािधकरण की थापना 1995 म की गई थी इसे रा ीय राजमाग के िवकास,
रखरखाव तथा बंधन और इनसे संबंिधत या आक क काय की िज़ ेदारी सौंपी गई है
रा ीय राजमाग एवं ढांचागत िवकास िनगम
रा ीय राजमाग एवं ढां चागत िवकास िनगम (एनएचआईडीसीएल), पूणतः मं ालय के ािम वाली कंपनी
है पड़ोसी दे शों के साथ े ीय संपक को बढ़ावा दे ने के िलए उनके साथ लगे दे श के सीमावत रा ों म
रा ीय राजमाग के िनमाण/उ यन और उ चौड़ा करने का काय केवल िनगम का ही है
भारतीय राजमाग इं जीिनयस अकादमी
भारतीय राजमाग इं जीिनयस अकादमी (आईएएचई), मं ालय के शासिनक िनयं ण म पंजीकृत सिमित
है इसकी थापना 1983 म क और रा सरकारों के सहयोग से की गई थी इसका उ े दे श के
राजमाग इं जीिनयरों की भत के र पर और सेवा काल के दौरान िश ण की लंबे समय से महसूस की
जा रही मां ग को पूरा करना है

मुख पहल
रा ीय राजमाग, दे श के सड़क नेटवक का केवल दो ितशत है , लेिकन यह प रवहन का 40 ितशत बोझ
उठाता है सरकार, लंबाई और गुणव ा दोनों ि यों से इसके आधारभूत ढां चे के िवकास के िलए सभी
यास कर रही है रा ीय राजमाग के नेटवक म िव ार की योजना है तािक दे श के सभी िह े सड़कों से
जुड़ सक सड़क संपक िनमाण म पूव र े , िपछड़े तथा अंद नी इलाकों, सीमा संपक सड़कों, तटीय
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सड़कों और आिथक प से मह पूण माग पर िवशेष ान िदया जा रहा है मं ालय ने, भूिम के
अिध हण, पेड़ िगराने और पुरानी प रयोजनाओं को िफर से शु करने तथा संतुलन बनाने के िलए िविभ
मानकों और नीितयों का सरलीकरण िकया है
रा ीय वाहन रिज ी और लाइसस रकाड
इस े म सुधार के िलए बदलावों के वा े मं ालय ने कई नीितयां लागू की ह टां सपोट िमशन मोड
प रयोजना के तहत आरटीओ काय को सफलतापूवक चािलत बनाया है और समेिकत प रवहन
डाटाबेस तैयार िकया गया है इसके साथ ही कई नाग रक और ापार कि त ए ीकेशन शु िकए गए
ह इस िमशन मोड प रयोजना के मु पहलू, दो मुख ए ीकेशन - वाहन और सारथी ह वाहन-दे शभर
म पंजीकरण, कराधान, परिमट, िफटनेस और अ सेवाओं के िलए है सारथी- डाइिवंग लाइसस, लनर
लाइसस, डाइिवंग ू लों और अ संब काय से संबंिधत है इसे 13 रा ों क शािसत दे शों के 1,000
से अिधक आरटीओ म, संब रा के िनयमों, कर व था आिद के अनु प लागू िकया जा रहा है
इस डाटाबेस को, बायोमीिटक माणन तथा ई-केवाईसी, िडजीलॉकर के साथ समाकलन के िलए
आधार से जोड़ा गया है इससे डाइिवंग लाइसस, पंजीकरण माण-प ों, परिमट इ ािद जैसे वचुअल
द ावेजों को अिधकृत सॉ कॉपी के प म इ ेमाल िकया जा सकता है
सड़क सुर ा
सरकार ने रा ीय सड़क सुर ा नीित बनाई है तािक सड़क दु घटनाओं को कम-से-कम िकया जा सके इस
नीित के तहत जाग कता को बढ़ावा िदया जाता है , सड़क सुर ा सूचना डाटा बेस बनाया जाता है , दु घटना
की आशंका वाली जगहों की पहचान तथा प रशोधन िकया जाता है , दु घटना आं कड़ा सं हणन म सुधार
तथा आं कड़ों का बंधन िकया जाता है , राजमाग इं जीिनयरों तथा पेशेवरों को सड़क इं जीिनय रं ग म
िश ण िदया जाता है , वाहन सुर ा मानकों म सुधार िकया जाता है , सुरि त सड़क बुिनयादी ढां चे को
ो ाहन िदया जाता है और सुर ा कानूनों को लागू िकया जाता है सड़क सुर ा के बारे म मं ालय की
मह पूण योजनाओं म शािमल ह- चार उपाय तथा जाग कता अिभयान, डाइिवंग िश ण के िलए
सं थानों की थापना, असंगिठत े म डाइवरों के िलए पुन या िश ण, मानव संसाधन िवकास, रा ीय
राजमाग दु घटना राहत सेवा योजना, िनरी ण और माणन क ों की थापना सड़क सुर ा तथा दू षण
जां च उपकरण तथा काय म काया यन
याि यों िवशेषकर मिहलाओं और ब ों की सुर ा बढ़ाने के िलए सभी या ी बसों और टै यों म
जीपीएस उपकरण और पैिनक बटन लगाना अिनवाय कर िदया गया है तािक मुसीबत म फंसने पर उनकी
थित के बारे म पता लगाया जा सके और मदद की जा सके
ई-टोिलंग
टोल ाजा पर प रवहन बाधाएं दू र करने और वाहनों के सुचा संचालन तथा टोल सं ह के िलए सरकार
ने रा ापी इले ॉिनक टोल व था लागू की है , जो पैिसव रे िडयो ी सी आइडटीिफकेशन पर
आधा रत है और ईपीसी जैन-2, आईएसओ 18000 - 6सी मानकों के अनु प है इससे फा ै ग के ज रए
टोल का इले ॉिनक सं ह िकया जाता है यह प रयोजना 2015 म शु की गई थी
रा ीय ह रत राजमाग प रयोजना
राजमाग को पयावरण की ि से सुरि त बनाने के िलए इन पर पौधरोपण, ितरोपण, सौंदय करण और
रखरखाव नीित 2016 म बनाई गई यह जहाज़रानी से संबंिधत िनयम, िविनयम वाला एक अ णी िनकाय
है इस नीित का उ े समुदाय, िकसानों गैर-सरकारी संगठनों और िनजी े की भागीदारी से पयावरण
िहतैषी रा ीय राजमाग का िवकास करना है नीित के तहत शु आत म 1500 िक.मी. रा ीय राजमाग पर
पौधे लगाए गए इस पर लगभग 300 करोड़ पये खच िकए गए

जहाज़रानी
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जहाज़रानी, सड़क प रवहन और राजमाग मं ालय का दो तं मं ालयों म िवभाजन कर 2009 म


जहाज़रानी मं ालय का गठन िकया गया दे श के आिथक िवकास की ि से नौ-वहन मह पूण बुिनयादी
ढां चा है यह िवकास की गित, संरचना और ितमानों को भािवत करता है जहाज़रानी मं ालय म पोत
प रवहन, बंदरगाह, जहाज़ िनमाण तथा मर त और अंतदशीय जल प रवहन शािमल है इस पर इनसे
संबंिधत नीितयां तथा काय म बनाने और उ लागू करने की िज ेदारी है समु ी प रवहन दे श के
आिथक और सामािजक िवकास के िलए एक मह पूण बुिनयादी ढां चा है जल प रवहन के िवकास की
गित, संरचना और तरीके इससे िनधा रत होते ह इसे इन िवषयों पर नीितयां तथा काय म बनाने और लागू
करने का उ रदािय सौंपा गया है
वेबसाइटः www.shipmin.gov.in
समु ी िवकास
भारत की लगभग 7,517 िकमी. लंबी समु ी रे खा है यह मु भूिम के पि मी और पूव भागों म फैली है
यह दे श के ापार के िलए एक मह पूण ाकृितक संसाधन है भारत म 12 बड़े और लगभग 200 छोटे
बंदरगाह ह भारत के जहाज़रानी उ ोग ने िपछले कई वष म अथ व था के प रवहन े म मह पूण
भूिमका िनभाई है दे श का 95 ितशत ापार इसी मा म से होता है यह ापार के कुल मू का 68
ितशत है इस थित के म े नज़र जहाज़रानी, समु ी संसाधन, जहाज़ िडजाइन तथा िनमाण, बंदरगाह,
पोतायन, मानव संसाधन िवकास से संबंिधत मु ों, िव , सहायकों और नई ौ ोिगकी के िवकास की
आव कता है जहाज़रानी हमेशा से पूरी दु िनया म प रवहन का सबसे सश मा म बना आ है
िजसका कोई मुकाबला नहीं कर सका है इसिलए इसकी उपयोिगता को समझते ए गुणव ा को बढ़ाने की
ज रत है
सागरमाला काय म
मुख अंतररा ीय समु ी ापार माग पर रणनीितक थानों और जहाज़ चलने लायक 14,500 िक.मी.
समु ी िकनारे के उपयोग के िलए भारत सरकार ने मह ाकां ी सागरमाला काय म शु िकया है इससे
दे श म बंदरगाह से संब िवकास हो सकेगा इस काय म का उ े ूनतम ढां चागत िनवेश के साथ
घरे लू ापार और िनयात-आयात के िलए माल ढु लाई की लागत कम करना है इनम शािमल ह– घरे लू
काग प रवहन की लागत कम करना, तट के िनकट भावी औ ोिगक मताओं का पता लगाकर बड़ी मा ा
म व ुओं की ढु लाई की लागत कम करना; बंदरगाह के िनकट अलग िविनमाण समूहों इ ािद का
िवकास इस काय म के अ उ े ों म शािमल ह- बंदरगाह आधुिनकीकरण, नए बंदरगाहों का िवकास,
बंदरगाह संपक, तटीय सामुदाियक िवकास इ ािद
जहाज़रानी उ ोग
जहाज़रानी उ ोग सबसे अिधक वै ीकृत उ ोगों म से एक है जो अ िधक ित ध कारोबार के माहौल
म काय करता है यह अ अिधकतर उ ोगों की तुलना म ब त ादा उदार है , इसिलए िव अथ व था
और ापार से जुड़ा है जहाज़रानी उ ोग िवशेषकर िनयात-आयात ापार म भारत की अथ व था के
प रवहन े म मह पूण भूिमका िनभाता है दे श के ापार की कुल मा ा का 95 ितशत और मू की
ि से 68 ितशत का ापार समु ी माग से होता है
भारतीय जहाज़रानी नीित की मु िवशेषताएं इस कार ह- िवदे शों के साथ ापार म आ िनभरता
बढ़ाने के िलए रा ीय जहाज़रानी को बढ़ावा और िनयात-आयात म संब प ों के िहतों की र ा करना
जहाज़ िनमाण
भारतीय जहाज़ िनमाण उ ोग, र ा, तटीय और अंतरदे शीय पोतों पर ान कि त करता रहा है भारतीय
पोत कारखाने मु प से भारतीय नौसेना के बेड़े म िव ार और भारतीय तटर कों के िलए पोत िनमाण
पर बल दे ते है भारत के जहाज़ िनमाण उ ोग को बढ़ावा दे ने के िलए क ीय सावजिनक उप मों के वा े
1971 तक जहाज़ िनमाण स डी योजना लागू थी अ ू बर 2002 म दे श के सभी पोत कारखानों को इस
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योजना म शािमल कर िलया गया इससे दे श के पोत कारखाना उ ोग को बढ़ावा िमला


जहाज़ मर त
िव के जहाज़ मर त बाजार म भारत की िह ेदारी लगातार कम बनी ई है , ोंिक उसने इस े म
ब त कम मता िवकास िकया है द ता की कमी और अिधक करों के कारण भारत के जहाज़ मािलक
िवदे शों की मर त सुिवधाओं पर िनभर बने ए ह दे श म कुल 27 पोत कारखाने ह इनम छह क
सरकार के सावजिनक उप म ह दो रा सरकारों के उप म ह और 19 िनजी े के अंतगत आते ह
जहाज़ पुनरावतन
िव के जहाज़ पुनरावतन उ ोग म भारत की िह ेदारी 25 से 30 ितशत है जहाज़ पुनरावतन मु प
से गुजरात के अलां ग-सोिसया म िकया जाता है अलां ग-सोिसया िव का सबसे बड़ा जहाज़ पुनरावतन
कारखाना है इसे फरवरी 1983 म शु िकया गया था अलां ग-सोिसया गां व से लगी कबे की खाड़ी के
पि मी तट पर लगभग 10 िकमी. समु ी इलाके के िनकट जहाज़ पुनरावतन कारखाना थािपत िकया गया
है यहां उ ार-भाटा रज, मामूली ढलान और प ी जमीन के साथ लंबा बीच है इससे उसे वहीं पर
जहाज़ों की बीिचंग की सुिवधा भी िमली ई है इसम ितवष 450 से अिधक (लगभग 4.5 िमिलयन
एलडीटी) जहाज़ों के पुनरावतन की मता है जहाज़ पुनरावतन से ितवष 3.5 िमिलयन टन से अिधक
पुनः रोलेबल ील का उ ादन होता है यह काम ाकृितक संसाधनों का दोहन िकए िबना िकया जाता है
और अय से इ ात बनाने की बजाय इसका पुनरावतन िकया जाता है

मुख बंदरगाह
उभरती वैि क अथ व था ने सामा प से सभी े ों म और िवशेष प से समु वत े म नए अवसर
खोले ह आिथक िवकास म बंदरगाहों की भूिमका मह पूण है भारत की लगभग 7,517 िकमी. लंबी
तटीय रे खा के िनकट 12 बड़े और लगभग 200 छोटे बंदरगाह ह छह बड़े बंदरगाह-कोलकाता, परादीप,
िवशाखाप नम, कामराजार (ए ौर), चे ई और वी.ओ. िचदमननार पूव तट पर है अ बड़े बंदरगाह
को , ू मंगलोर, मोमूगां व, मुंबई, जवाहरलाल नेह बंदरगाह (शेवा, नवी मुंबई) और दीनदयाल (पहले
का कां डला) पि म तट पर ह बड़े बंदरगाह क सरकार के शासिनक िनयं ण म ह और संिवधान
की 7वीं अनुसूची की सूची म आते ह मुख बंदरगाहों को छोड़कर शेष संबंिधत रा सरकार अिधकार
े म है और समवत सूची म है
भारत के सभी बंदरगाहों से होने वाले कुल प रवहन यातायात म से 57 ितशत बड़े और 43 ितशत
छोटे बंदरगाहों के ज रए होता है

कोलकाता बंदरगाह: कोलकाता बंदरगाह दे श का एकमा नद तटीय मुख बंदरगाह है इसकी थापना
लगभग 138 वष पहले ई थी इसके वृहद भीतरी दे श म समूचा पूव भारत आता है इसम पि म बंगाल,
िबहार, झारखंड, उ र दे श, म दे श/असम, पूव र पवतीय रा और दो पड़ोसी दे श- नेपाल और
भूटान शािमल ह इसम दो गोदी णािलयां - गली नदी के पि मी िकनारे पर ह या गोदी प रसर और
पूव िकनारे पर कोलकाता गोदी णाली है

पारादीप बंदरगाहः पारादीप बंदरगाह दे श के मुख बंदरगाहों म से एक है भारत सरकार ने 1996 म


इसका बंधन रा सरकार से अपने हाथ म ले िलया भारत सरकार ने 1966 म पारादीप बंदरगाह ास
को दे श का आठवां मुख बंदरगाह घोिषत िकया और इसे तं भारत म गिठत पूव तट का पहला मुख
बंदरगाह बना िदया

ू मंगलोर बंदरगाह: ू मंगलोर बंदरगाह को 1974 म नौवां मुख बंदरगाह घोिषत िकया गया 1975 म
इसका उद् घाटन िकया गया यह एकल िबंदु लंगर है इसकी कुल मता 87.63 एमटीपीए है

को बंदरगाह: को के इस आधुिनक बंदरगाह का िवकास 1920-40 के दौरान सर रॉबट ि ो के


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अथक यासों से िकया गया था 1930-31 तक इसे पोतों के िलए 30 फुट तक औपचा रक प से खोला
गया था इसे 1936 म मुख बंदरगाह का दजा िदया गया मुख बंदरगाह ास कानून 1963 के तहत
1964 म इसका शासन ासी बोड के हाथों म था को बंदरगाह भारत के दि ण-पि म तट पर थत
है और पूव-पि म समु ी ापार के चौराहे पर िनयंता की थित म है बंदरगाह के प र े म समूचा केरल
और तिमलनाडु तथा कनाटक के कुछ इलाके ह

यूरोप तथा सुदूर पूव और ऑ े िलया के बीच अंतररा ीय समु ी माग की िनकटता के कारण को
बड़ी सं ा म कंटे नर लाइं स आकिषत कर सकता है और कारोबार के चुर अवसर पैदा कर सकता है

जवाहरलाह नेह बंदरगाहः जवाहरलाह नेह बंदरगाह का िनमाण 1980 के दशक के म म िकया गया
था इसे 1989 म चालू िकया गया था इसने िव रीय अंतररा ीय कंटे नर वाले बंदरगाह का दजा हािसल
कर लंबी िवकास या ा तय की है िनजी े की भागीदारी जैसी नई पहल के ज रए इसने भारत म बंदरगाह
िवकास का नमूना पेश िकया है जवाहरलाल नेह बंदरगाह सभी मौसमों म काम कर सकता है इसम
12 लंगरगाह ह इसकी कुल मता 89.37 एमटीपीए है

मुंबई बंदरगाहः मुंबई बंदरगाह पूणतः एकीकृत ब उ े ीय बंदरगाह है िजसम कंटे नर, सूखा ब , तरल
ब और ेक ब काग ह इसम ापक गीली और सूखी गोदी सुिवधाएं ह िजनसे यहां के जहाज़ों की
सामा ज रत पूरी होती ह इसम 33 बंदरगाह ह और इसकी कुल मता 65.33 एमटीपीए है

चे ई बंदरगाह: चे ई बंदरगाह हर मौसम म काय करने वाला कृि म बंदरगाह है इसम एक आं त रक


और एक बाहरी बंदरगाह है इसके अलावा एक गीली गोदी तथा एक नौका घाटी है जहां चौबीसों घंटे
नौवहन सुवधाएं उपल ह इसम 24 बंदरगाह ह और इसकी कुल मता 93.44 एमटीपीए है इसकी
थापना 1875 म की गई थी

मोरमुगाओ बंदरगाह: भारत के पि मी तट पर थत मोरमुगाओ बंदरगाह एक दशक से भी अिधक पुराना


है आधुिनक बुिनयादी सुिवधाओं वाले इस बंदरगाह को कई कार की काग गितिविधयों म द ता हािसल
है यह एक ाकृितक बंदरगाह है , जो ेकवाटर और मोल से िघरा है सव म बुिनयादी ढां चे वाले इस
बंदरगाह म काम करने के िलए ेरक माहौल है इसम 14.4 मीटर गहराई वाला एक डा चैनल होने के
कारण बड़े पोत भी इसम जा सकते ह बंदरगाह म सात लंगरगाह ह और एक टां स-िशपमट ह इसकी
कुल मता 50.04 एमटीपीए है

दीनदयाल बंदरगाह (कां डला): दीनदयाल बंदरगाह (पूव नाम कां डला बंदरगाह) की थापना 1950 म क
सरकार की प रयोजना के प म की गई थी क सरकर ने एक बड़े बंदरगाह के प म िवकिसत करने
के िलए कां डला को अपने अिधकार म िलया था 150.26 एमटीपीए मता वाले इस बंदरगाह म अपतटीय
सिहत तीन तैरते ए नौबंध सिहत 28 लंगरगाह ह

वी. ओ. िचदं बरनार बंदरगाह ( तूितको रन): वी.ओ. िचदं बरनार बंदरगाह साम रक ि से भारत के दि ण-
पूव तट पर पूव-पि म अंतररा ीय समु माग के िनकट 8°45’ अ ां श उ र और दे शां तर रे खां श 78°13’
पूव पर थत है बंगाल की खाड़ी पर थत इस बंदरगाह के दि ण-पि म म ीलंका और पि म म भारत
भूिम का बड़ा िह ा है इसम 15 लंगरगाह ह और इसकी कुल मता 65.90 एमटीपीए है

िवशाखाप नम बंदरगाहः िवशाखाप नम बंदरगाह एक ाकृितक बंदरगाह है इसे 1933 म वािण क


नौवहन के िलए खोला गया यह एकमा भारतीय बंदरगाह है िजसे तीन अंतररा ीय माणन-आईएसओ
14001; 2004 (ईएमएस) ओएचएसएएस 18001 और आईएसओ 90001:2000 ( ूएमएस) ा है इसम
लौह अय , लौह पि काओं, अ ूिमना, उवरक, क ा माल, क ा तेल तथा पीओएल उ ाद, तरल
अमोिनया, फा ो रक एिसड, खा तेल, का क सोडा और अ तरल साम ी के लदान की यं ीकृत
सुिवधा है इसम 24 लंगरगाह ह और इसकी मता 110.75 एमटीपीए है
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कामराज बंदरगाह िलिमटे ड (ए ौर): कामराज बंदरगाह िलिमटे ड, जहाज़रानी मं ालय के तहत संचािलत
12वां मुख बंदरगाह है इसकी थापना 2001 म मु प से कोयला बंदरगाह के प म तिमलनाडु
िवद् ु यत बोड की थमल कोल आव कताओं की पूित के िलए की गई थी क सरकार ारा शािसत
मुख बंदरगाहों म यह एकमा कॉरपोरे ट बंदरगाह है इसम 8 लंगरगाह ह इसकी कुल मता 57
एमटीपीए है

अंतरदे शीय जल प रवहन


भारत सबसे लंबे जहाज़रानी और अंतरदे शीय जल नेटवक वाले दे शों म शािमल है िफर भी दे श म जहाज़ों
के ज रए हाने वाली कुल माल ढु लाई के केवल एक ितशत की ही ढु लाई अंतरदे शीय जलमाग से होती है
जहाज़रानी और नौवहन के िलए अंतरदे शीय जलमाग के िनयमन और िवकास के िलए 1986 म भारतीय
अंतरदे शीय जलमाग ािधकरण का गठन िकया गया रा ीय जलमाग अिधिनयम 2016 के तहत 111
अंतरदे शीय जलमाग को रा ीय जलमाग घोिषत िकया गया है 106 नए रा ीय जलमाग की घोषणा के
बाद पूव-संभा ता अ यन तथा तकनीकी आिथक अ यन िकया जा रहा है और िव ृत प रयोजना रपोट
बनाई जा रही है इसम अ िवषयों के अलावा नौ-प रवहन, नौभार की उपल ता, िवकास की लागत
इ ािद शािमल होगी
जल माग िवकास प रयोजना
जल माग िवकास प रयोजना का काया यन, भारतीय अंतरदे शीय जल माग ािधकरण करता है इसका
उ े गंगा - भगीरथी = गली नदी णाली के ह या - वाराणसी भाग पर रा ीय जल की मता बढ़ाना
है यह काय िव बक से ा िव ीय और तकनीकी सहायता से िकया जा रहा है प रयोजना के मु
काय म शािमल ह- तीन म ीमॉडल और इं टर-मॉडल टिमनल लॉक का िनमाण तथा फर ा म नए
नेिवगेशनल रखरखाव सुिवधाएं , िदन-रात जहाज़रानी सहायता, नदी संर ण काय इ ािद

तटीय जहाज़रानी
तटीय जहाज़रानी से ईंधन की बचत होती है यह पयावरण िहतैषी है और सड़कों पर वाहनों की भीड़-भाड़
कम करने म मददगार है चीन, अमरीका और जापान जैसी बड़ी अथ व था वाले दे शों म प रवहन म
जलमाग की भागीदारी, भारत की तुलना म काफी अिधक है वतमान म अंतरदे शीय जलमाग से दे श के
अंदर माल ढु लाई, इसकी मता से ब त कम होती है

ू ज नौवहन
दु िनयाभर म ‘ ू ज पयटन’ का तेजी से िवकास हो रहा है इस कार के आवास पयटन से काफी अिधक
िवदे शी मु ा अिजत की जा सकती है उिचत बुिनयादी ढां चे और नीितयों से अनुकूल माहौल बनाकर इसे
आय का साधन बनाया जा सकता है भारत म ती आिथक िवकास और म म वग के बढ़ने तथा आय म
वृ होने से दे श म ू ज पयटन के अनुकूल माहौल बना है

भारतीय समु ी िव िव ालय


भारतीय समु ी िव िव ालय की थापना 2008 म चे ई म की गई थी क ीय िव िव ालय के पम
थािपत इस िव िव ालय के कपस चे ई, कोलकाता और िवशाखाप नम म ह सात सरकारी और
सरकारी सहायता ा समु ी िश ण तथा अनुसंधान सं थानों का भारतीय समु ी िव िव ालय म िवलय
कर िदया गया है ये सं थान ह- मे रन इं जीिनय रं ग एं ड रसच इं ी ूट कोलकाता; मे रन इं जीिनय रं ग एं ड
रसच इं ी ूट मुंबई; लाल बहादु र शा ी कॉलेज ऑफ एडवां ड मेरीटाईम डीस एं ड रसच, मुंबई;
टी.एस. चाण , नवी मुंबई; नेशनल मेरीटाइम अकादमी, चे ई; इं िडयन इं ी ूट ऑफ पोट मैनेजमट
कोलकाता और नेशनल िशप िडजायन एं ड रसच सटर, िवशाखाप नम
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लाइटहाउस एवं लाइटिशप महािनदे शालय


िवशाल समु म नािवकों को अपनी थित की सही जानकारी ा करने के िलए जमीन या अंत र से
िकसी संकेतक से िदशािनदशों की आव कता होती है लाइटहाउस एवं लाइटिशप महािनदे शालय,
नौवहन म सहायता उपल कराता है िजससे नािवक धरती पर एक िनि त िबंदु के संदभ म अपनी
थित की जानकारी ा कर सकते ह यह सहायता लाइटहाउस, लाइटिशप, पानी पर तैरने वाले
िच , काश ंभों के ज रए उपल कराई जाती है नािवकों को अंतरीय ोबल पोजीशिनंग िस म,
राडार संकेत दीपों, पोत यातायात सेवा, चािलत पहचान णाली जैसी रे िडयो सहायता भी उपल कराई
जाती है
जहाज़रानी महािनदे शालय, मुंबई
जहाज़रानी मं ालय से संब जहाज़रानी महािनदे शालय की थापना 1949 म की गई थी इस पर भारतीय
ापा रक जहाज़रानी अिधिनयम, 1958 को लागू करने की िज ेदारी है इनम जहाज़रानी नीित तथा
कानून और सुर ा, दू षण रोकथाम से संबंिधत िविभ अंतररा ीय समु ी संगठनों के अ आदे शा क
िनयमों को लागू करना, समु संबंधी िश ा तथा िश ण को बढ़ावा दे ना, परी ा लेना व माण-प दे ना
और अ अधीन थ कायालयों के भावी काम-काज के िलए उन पर िनगरानी रखना शािमल है
वेबसाइट: www.dgshipping.gov.in
भारतीय जहाज़रानी िनगम िलिमटे ड
भारतीय जहाज़रानी िनगम िलिमटे ड की थापना 1961 म, जहाज़रानी िनगम एकीकरण आदे श 1961 के
तहत ई न िशिपंग कॉरपोरे शन और वे न िशिपंग कॉरपोरे शन का िवलय कर की गई थी दोनों कंपिनयों
के बीच नीितयों के बेहतर सम य, बेहतर अथ बंधन तथा काय संचालन म द ता बढ़ाने के िलए इनका
िवलय िकया गया था भारतीय जहाज़रानी िनगम, पां च दशक की अपनी इस या ा म जहाज़रानी के े म
अ णी बना आ है िनगम के पास 70 जहाज़ों का बेड़ा है
वेबसाइट: www.shipindia.com
को िशपयाड िलिमटे ड
केरल के को म थत को िशपयाड िलिमटे ड दे श का सबसे बड़ा पोत कारखाना है , इसकी पोत
िनमाण मता 1,10,000 डीड ूटी है इसने 100 से अिधक पोतों का िनमाण कर उनकी आपूित की है
इनम टकर, ब क रयर, पोट ॉ , अपतट पोत, कषण नौकाएं और या ी पोत शािमल ह कंपनी ने
िपछले एक दशक से अिधक समय म लगभग 45 जहाज़ों का िनयात िकया है िफलहाल यह भारतीय सेना
के िलए ब त ही िति त लड़ाकू जहाज का िनमाण कर रही है इसम भारतीय तटीय सुर ा बल को
एयर ा क रयर के अलावा 20 ती गित के ग ी पोत भी बनाकर िदए ह जहाज़ों की मर त का काम
भी इसने बखूबी िकया है
कंपनी ने ापा रक, नौसै जहाज़, तट र क पोत, िनकषण पोत जैसे िविभ कार के जहाज़ों की
मर त की है भारतीय नौसेना के िवमान वाहकों की िनयिमत प से सूखी गोदी मर त करने वाला यह
एकमा कारखाना है को िशपयाड िलिमटे ड ने 13 बार आईएनएस िवराट की मर त की अंितम बार
इसकी मर त 2016-17 म की गई थी इसे आईएसओ 9001 माण-प िमल चुका है
वेबसाइट: www.cochinshipyard.com
भारतीय िनकषण िनगम िलिमटे ड
भारतीय िनकषण िनगम िलिमटे ड की थापना 1974 म की गई थी इसे दे श म अ दे शों के साथ समु ी
ापार बढ़ाने, समु तट िवकास, भूिम सुधार, अंतरदे शीय िनकषण, पयावरण सुर ा और िनकषण के े
म िव की अ णी कंपनी बनने के िलए एकीकृत िनकषण और इससे संबंिधत अ समु ी सेवाएं उपल
कराने की िज ेदारी सौंपी गई है साम रक ि से िवशाखाप नम म भारत के पूव तट पर थािपत यह
कंपनी बड़े तथा छोटे बंदरगाहों के िशिपंग चैनलों, नौसेना, मछली पकड़ने के थानों और अ समु ी
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संगठनों म वां िछत गहरे पन की िनरं तर उपल ता सुिनि त करने म सहायता करती है िनगम, नए
बंदरगाहों की थापना के िलए केिपटल िनकषण, मौजूदा बंदरगाहों को गहरा करने या िविभ बंदरगाहों पर
आव क गहराई बनाए रखने के िलए िनकषण के रखरखाव जैसे काय से रा की सेवा करता है
वेबसाइट: www.dredging-india.nic.in
अंडमान ल ीप हाबर व
जहाज़रानी मं ालय के अधीन थ कायालय अंडमान ल ीप हाबर व की थापना 1965 म अंडमान
िनकोबार ीपसमूह और ल ीप ीपसमूह की सेवाएं दान करने के िलए की गई थी इसे इन ीप समूहों
म बंदरगाह और प न सुिवधाएं उपल कराने के िलए जहाज़रानी मं ालय के काय म बनाने और उ
लागू करने की िज ेदारी सौंपी गई है
वेबसाइट: www.andsswland.nic.in/alhw
गली डॉक एं ड पोट इं जीिनयस िलिमटे ड
गली डॉक एं ड पोट इं जीिनयस िलिमटे ड, कोलकाता 1984 म क सरकार का सावजिनक े का उप म
बना कंपनी की पि म बंगाल के हावड़ा िजले म दो कायरत इकाइयां है एक इकाई सईिकया म और
दू सरी नजीरगुंजे म है इसकी थािपत मता जहाज़ िनमाण म 1,100 टन और जहाज़ मर त म 125
जहाज़ सालाना है इसम एक सूखी गोदी और एक जलबंधक के अलावा छह जलावतरण मंच भी ह इसका
पोत कारखाना िविभ कार के जहाज़ (या ी जहाज़ सिहत) और िनकषण पोत, कषण, आपूित और
सहायता पोत, ब उपयोगी प न, पोत, लाइटहाउस टडर पोत, माल ढु लाई नौका, नौबंध नाव जैसे िविभ
कार के पोत िनमाण म स म है

नागर िवमानन
नागर िवमानन मं ालय पर दे श म नागर िवमानन े के िवकास और िनयमन के िलए रा ीय नीितयां और
काय म बनाने की िज़ ेदारी है इस पर िवमान अिधिनयम, 1934; िवमान िनयम, 1937 और नागर
िवमानन े संबंधी अ कानूनों के लागू करने का उ रदािय भी है मं ालय, नीितयां बनाने के मु
काय के अलावा नीितगत िदशािनदशों के काया यन म संगठनों का मागदशन करता है , उनकी
गितिविधयों की िनगरानी और आकलन करता है यह सरकार के िवशेष काय मों खासकर समाज के
कमजोर तबकों के िलए बनाए गए िवशेष काय मों के संगठनों ारा काया यन की िनगरानी करता है
वेबसाइट: www.civilaviation.gov.in
रा ीय नागर िवमानन नीित
तं ता ा के बाद पहली बार जून 2016 म रा ीय नागर िवमानन नीित अिधसूिचत की गई इसका
उ े ऐसा पा र थितक तं थािपत करना है िजससे नागर िवमानन े को बढ़ावा िमले इससे पयटन
को बढ़ावा िमलेगा, रोज़गार के अवसरों का सृजन होगा और संतुिलत े ीय िवकास हो सकेगा इस नीित
का उ े िवमान या ा को स ा तथा सुिवधाजनक बनाकर याि यों की सं ा को बढ़ाना है इसका
मकसद इस कारोबार को आसान बनाने के िलए िनयं ण हटाना, ि याओं का सरलीकरण और ई-गवनस
तथा समूचे नागर िवमानन े को सुसंगत प से बढ़ावा दे ना है इसम काग , एमआरओ, सामा
िवमानन, अंत र ौ ोिगकी िनमाण और कौशल िवकास भी शािमल है
े ीय संपक योजना
े ीय संपक योजना-उड़ान को रा ीय नागर िवमानन नीित, 2016 म शािमल िकया गया है इसके दो
उ े -संतुिलत े ीय िवकास को बढ़ावा दे ना और िवमान या ा को स ा बनाना है यह योजना 10 वष
तक लागू रहे गी इसके तहत मौजूदा हवाईपि यों और हवाईअ ों का पुन ार कर हवाई संपक सुिवधा से
वंिचत या इसके अभाव वाले े ों म यह सुिवधा प ं चाना है
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एयर सेवा
नागर िवमानन मं ालय ने सुिवधाजनक और आरामदायक हवाई या ा के िलए 2016 म एयर सेवा की
शु आत की थी यह ए ॉएड और आईओएस ेटफॉम दोनों के िलए मोबाइल एप या इं टरए व वेब
पोटल (airsewa.gov.in) से संचािलत है इसम िशकायत िनपटान, िशकायत िनपटान के िलए बैक ऑिफस
ऑपरे शन, ाइट े टस/समय-सारणी सूचना, हवाईअ ा संबंधी जानकारी और एफए ूएस के िलए
व था है एयर सेवा पहल से िवमानन े म उन संब प ों को एकीकृत िकया गया है , िजनसे िवमान
याि यों को संवाद की ज रत होती है
िवदे शी िनवेश म वृ
भारत सरकार ने अनुसूिचत और गैर-अनुसूिचत हवाई यातायात सेवाओं म िवदे शी िनवेश की सीमा
49 ितशत से बढ़ाकर शत- ितशत कर दी है
अनुसूिचत एयरलाइं स म तः िवदे शी िनवेश की सीमा 49 ितशत है और इससे अिधक के िलए
सरकार की मंजूरी आव क है वासी भारतीयों के िलए तः तरीके से शत- ितशत िवदे शी
िनवेश की अनुमित जारी रहे गी
नागर िवमानन महािनदे शालय
नागर िवमानन महािनदे शालय, नागर िवमानन मं ालय से संब है इसका मुख महािनदे शक (नागर
िवमानन) है इसका मु ालय िद ी म और उप- े ीय कायालय दे शभर म ह िनदे शालय का मु
उ रदािय दे श के भीतर िवमान सेवाओं का िनयमन और नाग रक उ यन िनयमों, िवमान सुर ा, हवाई
उपयु ता मानकों को लागू करना है िवमान रखरखाव इं जीिनयरों, पायलटों को लाइसस दे ना; चालक दल
के सद ों के मानकों की िनगरानी; िवमानों का िनयमन; छोटी िवमान दु घटनाओं की जां च; ाइं ग/
ाइिडं ग ब की िश ण गितिविधयों की िनगरानी और अ िनयामक काय भी इसकी िज ेदारी ह ये
िनयम, िवमान कानून 1934, िवमान िनयम, नागर िवमानन आव कताओं, वैमािनक सूचना प रप के प
मह
नागर िवमानन सुर ा ूरो का मु ालय नई िद ी म है इसके नौ े ीय कायालय नई िद ी, मुंबई,
कोलकाता, चे ई, अहमदाबाद, अमृतसर, गुवाहाटी, है दराबाद और इं फाल हवाईअ े पर है
वेबसाइट: www.dgcas.nic.in
नागर िवमानन सुर ा ूरो
नागर िवमानन सुर ा ूरो का गठन ारं भ म डीजीसीए की एक इकाई के प म 1978 म िकया गया था
इस पर नागर िवमानन सुर ा मामलों म सम य, िनगरानी, िनरी ण और िश ण का उ रदािय है
1987 म इसे एक तं िवभाग के प म पुनगिठत िकया गया ूरो, दे श म नागर िवमानन सुर ा
िनयामक की भूिमका िनभाता है इसे उड़ानों म तोड़-फोड़ िनरोधक और पूव आरोहण सुर ा के िलए
मानक तय करने और इ लागू करने की िज ेदारी सौंपी गई है इसके िलए वह िनयिमत िनरी ण और
सुर ा जां च करता है मु प से इस पर िवदे शों के हवाईअ ों से भारतीय िवमानों के संचालन और
भारत म घरे लू तथा अंतररा ीय उड़ानों की सुर ा के मानक तय करने और इ लागू करने का
उ रदािय है ूरो का उ े , िवमानन काय म आ रहे गैर-कानूनी वधानों को दू र करना है िवमानन
सुर ा से संबंिधत रा ीय और अंतररा ीय उ रदािय के िलए यह िनयामक ािधकरण है यह अ
िवषयों के अलावा िनयोजन, िवमानन संबंधी सभी सुर ा गितिविधयों म सम य, संचालन, आपदाओं तथा
संकट बंधन का काम करता है यह अंतररा ीय नागर िवमानन संगठनों के साथ सभी िनयामक
कायकलापों म सम य बनाता है
वेबसाइट: www.bcasind.nic.in
भारतीय हवाईअ ा ािधकरण
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भारतीय हवाईअ ा ािधकरण की थापना अ ैल 1995 म की गई थी यह िमनी र ेणी-1 का सावजिनक


े का उप म है जो दे शभर म भवन उ यन और हवाईअ ों के आधारभूत ढां चे को बंधन और
रखरखाव करता है इसके पास 125 हवाईअ े ह (96 चालू और 29 बंद अव था म) इनम से 21
अंतररा ीय (3 िसिवल ए ेव), 8 सीमा शु हवाईअ े (4 िसिवल ए ेव), 77 घरे लू हवाईअ े और 19
घरे लू िसिवल ए ेव ह
वेबसाइट: www.aai.acro
एयर नेिवगेशन सेवाएं
भारतीय हवाईअ ा ािधकरण दे श के सभी नाग रक अ ों पर एयर नेिवगेशन सेवाएं उपल कराता है
यह 2.8 िमिलयन वग समु ी मील ािधकृत एयर ेस का बंधन करता है इसम 1.05 िमिलयन वग समु ी
मील और 1.75 िमिलयन वग समु ी एयर ेस शािमल है भारतीय हवाईअ ा ािधकरण 11 अ
हवाईअ ों पर एयर नेिवगेशन सेवाएं भी उपल कराता है ये हवाईअ े ह- बंगलु , िद ी, मुंबई,
है दराबाद, को , लगपुई, दीव, लातुर, मुं ा, नां देड़ और स साईं पु ापाथ हवाई अ े ये संयु उ म,
रा सरकार के या िनजी हवाईअ े ह

जीपीएस की सहायता से संविधत माग िनदशन(गगन) णाली, नागर िवमानन े की आव कताएं


पूरी करने के िलए जीपीएस संकेतों को अिधक सटीक और िनबाध बनाती ह भारतीय हवाईअ ा
ािधकरण और इसरो िमलकर इसका काया यन कर रहे ह यह मई 2015 से पूरी तरह सि य है और
ितिदन चौबीसों घंटे उपल है वतमान म गगन िसंगल-इन- ेस, दो भू- थर उप हों (जी सैट-8 और जी
सैट-10) से योगकताओं को उपल है गगन णाली को तीसरे भू- थर जी सैट-15 के साथ जोड़ने की
ि या जारी है

एयर इं िडया
एयर इं िडया िलिमटे ड और इं िडयन एयरलाइं स का िवलय कर एक नई कंपनी- भारतीय रा ीय िवमानन
कंपनी बनाई गई थी इस िवलय के बाद अ म आई नई कंपनी को एयर इं िडया के नाम से जाना जाता
है इसके िवलय की ितिथ 1 अ ैल, 2007 है इसका शुभंकर महाराजा को ही बनाए रखा गया एयर
इं िडया िलिमटे ड मु प से या ी एयरलाइन है जो 72 ऑनलाइन घरे लू े शनों (अलाएं स एयर सिहत)
और 28 दे शों म 42 अंतररा ीय गंत ों के िलए सेवाएं दान करती है यह नागर िवमानन मं ालय के
शासिनक िनयं ण म प रवहन सेवा े की कंपनी है
वेबसाइट: www.airindia.in
एयर इं िडया एयर टांसपोट सिवसेस िलिमटे ड
एयर इं िडया एयर टां सपोट सिवसेस िलिमटे ड (एआईएटीएसएल), 65 हवाईअ ों पर ाउं ड हडिलंग सेवाएं
दान करती है यह एयर इं िडया िलिमटे ड और इसकी एयरलाइन सहायक कंपिनयों की उड़ानों के बंधन
के अलावा 24 िवदे शी अनुसूिचत एयरलाइनों, 4 घरे लू अनुसूिचत एयरलाइनों, 3 े ीय एयरलाइनों, 16
सीजनल चाटर एयरलाइनों और 23 िवदे शी एयरलाइनों के िलए भी ाउं ड हडिलंग सेवाएं उपल कराती
है
एयर इं िडया चाटस िलिमटे ड
एयर इं िडया चाटस िलिमटे ड (एआईसीएल), एयर इं िडया ए ेस ां ड नाम से स ी एयरलाइन चलाती है
इसे िकराए पर िलए गए तीन बी 737-800 िवमानों के साथ 2005 म शु िकया गया था यह केरल के तीन
े शनों से खाड़ी म पां च े शनों तक सेवाएं उपल कराती है 31 माच, 2016 को इसके पास स ह बी
737-800 िवमान यं के और एक िकराए का िवमान था यह 12 भारतीय और 13 िवदे शी ऑनलाइन
े शनों की सेवाएं दान करती है
एयर इं िडया इं जीिनय रं ग सेवा िलिमटे ड
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एयर इं िडया इं जीिनय रं ग सेवा िलिमटे ड (एआईईएसएल) अभी एयर इं िडया िलिमटे ड के 135 िवमानों और
इसकी सहायक कंपिनयों-एयर इं िडया चाटस िलिमटे ड, एयरलाइन अलाइड सिविसज िलिमटे ड तथा कुछ
अ एयरलाइन को रखरखाव, मर त और िनरी ण सेवाएं उपल करा रही है सभी एयरलाइन और
िवमानों को अ े से पां च घंटे की उड़ान के दौरान ये सेवाएं उपल कराई जाती ह
एयरलाइन अलाइड सिवसेज िलिमटे ड
कंपनी के पास 2016 म िकराये के तीन एटीआर 42-320, पां च एटीआर 72-600 और तीन सीआरजे 700
िवमानों का बेड़ा था इस वष के अंत तक दे श के भीतर कंपनी के नेटवक म 29 े शन थे वतमान म
इसकी हर स ाह लगभग 196 उड़ान होती ह
अलाएं स एयर पूव र प रषद के साथ समझौता ापन के तहत पूव र े म सेवाएं दान करती है
यह ल ीप शासन ारा ावहा रकता अंतरिनधीयन के अनुदान वचन के तहत अगा ी और मु भूिम
के बीच िवमान चलाती है यह पोट ेयर/कार िनकोबार/पोट ेयर म चाटर सेवाएं , अंडमान तथा िनकोबार
शासन की ओर से स ाह म एक बार सीआरजे िवमान की सेवाएं जुलाई 2014 से उपल करा रहा है
होटल कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड
भारत सरकार ारा ीकृत िविनवेश ि या के तहत होटल कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया की तीन इकाइयों
(सटू र मुंबई एयरपोट, सटू र जु बीच, मुंबई और इं डो हो े होटल िलिमटे ड, राजगीर) की िब ी के बाद,
वतमान म इसकी तीन इकाइयां ह (सटू र लेक ू होटल , ीनगर , चैफेयर ाइट कैट रं ग िद ी और
चैफेयर ाइट कैट रं ग मुंबई सिहत सटू र िद ी हवाईअ ा
वेबसाइट: www.Centaurhotels.com
पवन हं स िलिमटे ड
पवन हं स िलिमटे ड को अ ू बर 1985 म कंपनी अिधिनयम के तहत एक सरकारी कंपनी के प म
(हे िलकॉ र कॉरपोरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड के नाम से) िनगिमत िकया गया था इसकी थापना का
मु उ े तेल े को तेल की खोज के लए हे िलकॉ र सेवाएं उपल कराना है इसके अलावा पवतीय
तथा दु गम इलाकों म सेवाएं उपल कराना और चाटर िवमान उपल कराना है तािक या ा और पयटन
को बढ़ावा िमल सके पवन हं स का पंजीकृत कायालय नई िद ी म और कॉरपोरे ट कायालय नोएडा म है
इसके े ीय कायालय- मुंबई, नई िद ी और गुवाहाटी म ह कंपनी कई सरकारों- मेघालय, िमज़ोरम,
महारा ि पुरा, िस म, ओिडशा, िहमाचल दे श और गृह मं ालय को हे िलकॉ र सेवाएं उपल कराती
है कंपनी ने अंडमान िनकोबार ीपसमूह को 4 डॉिफन हे िलकॉ र और ल ीप को 2 डॉिफन हे िलकॉ र
उपल कराए ह कंपनी एनटीपीसी, गेल, जीएसपीसी और ऑयल इं िडया को भी हे िलकॉ र सेवाएं दे रही
है
पवन हं स कंपनी हे िलकॉ र सेवाएं दान करने वाली एिशया की सबसे बड़ी कंपिनयों म शािमल है
वतमान म इसके पास 43 हे िलकॉ रों का बेड़ा है और यह पूरे दे श म सेवाएं उपल कराती है पवन हं स ने
कड़ी धा की थित म सं थागत ाहकों, मु तः तेल उ ोग और सरकारी े म दीघाविध अनुबंध
हािसल िकए ह यह ओएनजीसी की मुंबई थत िडिलंग रं ग को चौबीसों घंटे मह पूण आपूित और
किमयों के आवागमन और अपतटीय संचालन के िलए हे िलकॉ र सेवाएं उपल कराती है इसम मुंबई के
समु ी तट के पास िडिलंग रं ग के िलए उसके कामगारों का आवागमन और साम ी की िदन-रात ढु लाई
शािमल है यह कंपनी मुंबई म मु भूिम से 130 िकमी. के दायरे म ओएनजीसी रग के उ म और
उ ादन ेटफाम काय म मदद करती है
पवन हं स हर वष मई-जून और िसतंबर-अ ू बर म या ा के दौरान फाटा से केदारनाथ तक हे िलकॉ र
सेवाएं उपल कराती है इसने ी अमरनाथजी या ा के िलए भी हे िलकॉ र सेवाएं उपल कराई ह
वेबसाइट: www.pawanhans.co.in
इं िदरा गांधी रा ीय उड़ान अकादमी
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इं िदरा गां धी रा ीय उड़ान अकादमी की थापना दे श म कमिशअल पायलटों के उड़ान और ाउं ड िश ण


के र म सुधार के िलए रायबरे ली (उ र दे श) के फुसतगंज म की गई थी अकादमी के पास अित-
आधुिनक - िश ण सहायक और अ सुिवधाएं भी ह अकादमी म यो और िवमानन तथा
उड़ान िश ण म लंबे अनुभव वाले िश कों की िनयु की जाती है अकादमी का उ े केवल
पायलटों को िशि त करना ही नहीं है ब वैमािनकी म यो णाली बंधक तैयार करना भी है इसम
ाइं ग िश णािथयों को कॉकिपट म सहजता से पारगमन के िलए आव क र का िश ण िदया
जाता है यह नागर िवमानन मं ालय के अधीन एक ाय िनकाय है अकादमी ने अपने मौजूदा ढां चे म
बड़ा िव ार िकया है छा ावास के कमरों की सं ा 72 से बढ़ाकर 144 कर दी गई है इनम 20 कमरे
लड़िकयों के छा ावास के ह इसके अलावा सड़क िफर से बनाई गई ह, छा ावासों म सौर ऊजा से पानी
गम करने की णाली लगाई गई है , 60 टीआर X 3 मता वाला एयर कंिडशिनंग संयं लगाया गया है , नई
जल आपूित लाइन िबछाई गई ह, खेल प रसर का नवीकरण िकया गया है और ीिमंग पूल तथा मनोरं जन
क बनाया गया है
वेबसाइट: www.igrua.gov.in
भारतीय हवाईअ ा आिथक िनयामक ािधकरण
भारतीय हवाईअ ा आिथक िनयामक ािधकरण एक वैधािनक िनकाय है इसकी थापना 2009 म
भारतीय हवाईअ ा आिथक िनयामक ािधकरण कानून, 2008 के तहत की गई इसका मु ालय िद ी
म है
राजीव गांधी रा ीय िवमानन िव िव ालय
राजीव गां धी रा ीय िवमानन िव िव ालय, नागर िवमानन मं ालय के शासिनक िनयं ण म एक क ीय
िव िव ालय है इसकी थापना राजीव गां धी रा ीय िवमानन िव िव ालय कानून, 2013 के अंतगत की गई
है यह उ र दे श म रायबरे ली के फुसतगंज म है यह दे श म िवमानन उ ोग को बढ़ावा दे ने के िलए
गुणव ापूण िश ण तथा शोध का एक अ णी सं थान है यह िव िव ालय नागर िवमानन े म
िड ोमा, िड ी और ातक िड ी पा म चलाता है इसका उ े िवमानन उ ोग के सभी उप े ों के
संचालन और बंधन म उ ृ ता हािसल करने के िलए उ ोग के साथ िमलकर िवमानन अ यन,
अ ापन, िश ण और अनुसंधान की सुिवधाएं दान करना है
वेबसाइट: www.rgnau.ac.in
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27 जल संसाधन

जल उपल ता
दे शभर म या उसके िकसी भी े म सालाना तौर पर जल उपल ता ादातर िव ान और भूगभ य
कारकों पर िनभर करती है समेिकत जल संसाधन बंधन के रा ीय आयोग (एनसीआईड ूआरडी) की
रपोट के अनुसार, दे श म वषा के मा म से ितवष 4,000 िबिलयन ूिबक मीटर (बीसीएम) जल ा
होता है वा न के उपरां त 1869 बीसीएम जल ाकृितक तौर पर बचता है भूगभ य और अ कारकों से,
ितवष इ ेमाल िकए जा सकने वाले जल की मा ा 1,137 बीसीएम रह जाती है िजसम 690 बीसीएम
सतह का और 447 बीसीएम पुनः इ ेमाल िकया जा सकने वाला भूजल होता है
दे श म ित जल की उपल ता उसकी जनसं ा पर िनभर करती है और भारत म ित
जल उपल ता उसकी बढ़ती जनसं ा के कारण लगातार िगरती जा रही है वष 2001 और 2011 म
ित वािषक जल उपल ता मशः 1,820 ूिबक मीटस और 1,545 ूिबक मीटस आं की गई थी
जोिक 2025 और 2050 वष म घटकर मशः 1,340 और 1,140 ूिबक मीटस तक रह जाएगी वािषक
तौर पर ित 1,700 ूिबक मीटस से कम जल उपल ता उसकी कमी वाली थित मानी जाती है ,
जबिक सालाना ित 1,000 ूिबक मीटस से कम जल उपल ता को जलाभाव की थित माना
जाता है अ थायी और िविभ थानों पर अिनयिमत वषा के कारण दे श के कई े ों म जल उपल ता
रा ीय औसत से काफी नीचे है िजसे जल की कमी/जलाभाव की थित कहा जा सकता है वष 2025 और
2050 म बड़ी ज रतों को दे खते ए िविभ तरह के इ ेमाल के िलए यह ज रत मशः 843 और 1,180
बीसीएम आं की गई है

रा ीय जल नीित
रा ीय जल संसाधन प रषद ने 2012 म रा ीय जल नीित बनाई थी इस नीित के तहत दे श म जल ोतों के
संर ण, िवकास एवं उनके रखरखाव के िलए कई िसफा रश दी गई थी इसम मु जोर रा ीय जल
संरचना कानून पर है ; अंतररा ीय निदयों और नदी घािटयों के सव ृ िवकास के िलए ापक योजना;
िविभ काय के िलए पानी के उिचत इ ेमाल के िलए मानदं ड थािपत करना; ेक रा ारा जल
िनयामक ािधकरण की थापना और जल के पुनः इ ेमाल और री-साइिकल करने को ो ाहन दे ना है
नीित म जल ोत प रयोजनाओं और सेवाओं के रखरखाव म सामुदाियक सहभािगता पर भी जोर िदया गया
है ; सू िसंचाई, चािलत िसंचाई णाली आिद के िलए जल संचयन को ो ाहन; निदयों, रवर कॉ रडोर,
जल िनकायों और अवसंरचना को सामुदाियक सहयोग से िनयोिजत तरीके से वै ािनक आधार पर तैयार
करना; अ िधक दोहन िकए जाने वाले इलाकों म िगरते भूजल का बचाव करना मुख काय ह

रा ीय जल िमशन
जलवायु प रवतन और संबंिधत िवषयों को ान म रखते ए, भारत सरकार ने जलवायु प रवतन पर रा ीय
काययोजना (एनएपीसीसी) की तैयारी की है , िजसके अंतगत आठ रा ीय िमशनों के ज रए जलवायु
प रवतन के असर से उपजी चुनौितयों को सामना करने हे तु तैया रयां की जाएं गी इनम से एक रा ीय जल
िमशन है
रा ीय जल िमशन का मु ल है ‘जल संर ण, अप य से बचाना और समेिकत जल ोत िवकास
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और बंधन के मा म से रा ों के अंदर और बाहर जल की बराबर आपूित करना’ िमशन के पां च


िनधा रत ल ह : (1) जन े ों म ापक जल डाटा बेस तैयार करना और जल ोतों पर जलवायु प रवतन
के असर का आकलन; (2) जल संर ण, वृ और बचाव के िलए नाग रकों और रा की कारवाइयों को
बढ़ावा दे ना; (3) अित-दोिहत े ों सिहत अ असुरि त े ों पर ान कि त करना; (4) जल इ ेमाल म
िमत ियता म 20 ितशत सुधार और (5) जलाशय र के जल ोतों के बंधन को ो ाहन इन ल ों
की पूित के िलए सहभािगयों के सि य सहयोग के साथ थायी िवकास और कुशल बंधन के आधार पर
िविभ नीितयां अपनाई गई ह
रा ीय जल िमशन की मुख गितिविधयां:
जन े ों म ापक जल डाटा बेसः इं िडया- ड ूआरआईएस (जल संसाधन सूचना प ित), क ीय जल
आयोग ारा जल ोतों के संबंध म सूचना दे ने वाला एक पोटल इं िडया-ड ूआरआईएस पर सतह जल
और भूजल से जुड़ा समूचा डाटा उपल कराया जाता है इं िडया- ड ूआरआईएस पर सतही जल ोतों
और भूजल ोतों के बारे म जीआईएस डाटा उपल कराया जाता है

एनड ूएम वेब पोटल: एनड ूएम के तं वेब पोटल की शु आत की गई है पोटल का ल िकसी
एक समय पर जल ोतों, संगठनों और जल ोतों के िविभ प ों पर उनकी गितिविधयों की ेक सूचना
दे ना है

जल संसाधनों पर जलवायु प रवतन के असर का आकलनः मं ालय की शोध एवं िवकास योजना के अंतगत
एनड ूएम ने आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी और एनआईएच के साथ िमलकर जलवायु
प रवतन का पता लगाने के िलए आठ नदी घािटयों की पहचान की है ये ह महानदी, माही, लूनी, तापी,
सतलुज, साबरमती, सुबणरे खा और तादरी से क ाकुमारी तक पि म की ओर बहने वाली निदयां

रा ीय गंगा सफाई िमशन


गंगा घाटी दु िनया की सबसे घनी आबादी वाला े है यहां केवल भारत म ही 400 िमिलयन से ादा लोग
रहते ह इससे भारत की 28 ितशत जलापूित होती है और इसके दायरे म भारत का 26 ितशत भू े के
साथ 43 ितशत जनसं ा आती है गंगा का मुख वाह पां च रा ों से होकर िनकलता है , उ राखंड
उ र दे श, िबहार, झारखंड और पि म बंगाल होते ए 2,525 िकलोमीटर की या ा तय करता है गंगा
घाटी म इसकी सभी उपधाराओं की िगनती भी होती है जो दे श के 11 रा ों म एक िमिलयन वग
िकलोमीटर े म फैली ह गंगा घाटी पूरी तरह ‘जलीय स ता’ है , जहां नदी की उ ादक मता को
बढ़ाने के िलए जल संर ण और उसकी िव ंसक मता पर रोक लगाना थायी एवं आिथक िवकास की
ि से ज री है इसके अलावा नदी म घिड़याल, कछु ए, गंगा डॉ न और सुनहरी महसीर आिद जीव
भी इसम पाए जाते ह इसकी भौितक मता के अित र गंगा भारत के िलए सां ृ ितक तौर पर भी गहरा
मह रखती है धािमक/आ ा क अवसरों पर लाखों लोग गंगा िकनारे जुटते ह और वहां पूजा- अचना
तथा ान करते ह, इसिलए उनके िलए गंगा का बड़ा मह है वष 2013 म 120 िमिलयन लोग
यागराज कुंभ म प ं चे थे, जो अब तक एक थान पर जुटा दु िनया का सबसे बड़ा जनसमूह रहा
दे श के दय थल के िलए ब त पिव और मुख जल ोत होने के बावजूद, आज गंगा गंभीर प से
दू िषत और पयावरण की ि से बेहद तनावपूण कारण बन चुकी है तेजी से बढ़ती जनसं ा, जीवनशैली
म िवकास और औ ोिगकीकरण तथा शहरीकरण के कारण िवराट गंगा कई पों म दु दशा का सामना कर
रही है गंगा कई तरह के जैिवक और बै ी रयाई दू षणों से जूझ रही है , खासकर इसके म सार म,
िजस कारण मानव ा , कृिष, नागरी सेवाएं एवं पयावरण से जुड़े कई नकारा क असर सामने खड़े ह
गंगा म दू षण का मु ोत घरे लू और औ ोिगक तरल थ पदाथ है इसम से 70 ितशत दू षण घरे लू
सीवेज के कारण, 20 ितशत िवषा औ ोिगक तरल पदाथ और 10 ितशत कृिष अपिश , खुले म
शौच, ठोस अपिश आिद के कारण होता है वैि क जलवायु प रवतन, िपघलते िहमखंडों का गंगा के
बहाव और अवसंरना क ढां चों का नदी के ऊपरी े ों पर असर के कारण कई मु े उठ खड़े ए ह
िजनका ापक िनवारण आव क है
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गंगा को साफ करने के यास पहले भी हो चुके ह, िजनके िमले-जुले नतीजे रहे गंगा ए न ान
(जीएपी) की शु आत 1985 म ई थी और अगले दो दशकों म इसे दो चरणों (जीएपी 1 और जीएपी 2) के
आधार पर आगे बढ़ाया गया इस योजना का मुख फोकस शहरी थजल अवसंरचना पर था और इसके
अंतगत बड़ी सं ा म अपिश जल उपचार संयं (ड ूड ूटीपी) और संबंिधत नगरीय थ जल
अवसंरचना के िलए आिथक सहयोग िदया गया ुत डाटा के अनुसार, शहरी और औ ोिगक िवकास के
कारण फैलने वाले दू षण के कारण सम तौर पर काय म के आधार पर जल की गुणव ा को थायी रखा
जा सका या उसम सुधार दे खा गया हालां िक, इसके अमलीकरण म कई सीमाएं भी रहीं- (1) अपया
िनवेश, (2) थािपत मता का अधूरा इ ेमाल, (3) थानीय िनकायों का अ ािम , (4) दीघकािलक
िवलंब और कमजोर सं ेषण - िजस कारण जनसंपक असफल रहा
2015 म 20,000 करोड़ पये की िनदशा क रािश के साथ ‘नमािम गंगे’ नामक एकीकृत गंगा संर ण
िमशन काय म की शु आत की गई यह एक ापक काय म है िजसके अंतगत िपछली और मौजूदा
प रयोजनाओं को समािहत िकया गया है और कई नई शु आत भी इसका िह ा रहीं
2016 म, गंगा नदी (पुननवीकरण, र ण और रखरखाव) ािधकरण आदे श 2016, एनजीआरबीए को
नमािम गंगे के तौर पर एक ािधकरण म भी बदला गया है रा ीय गंगा िमशन (एनएमसीजी) को भी
एक ािधकरण के प म बदला गया है

जल ांित अिभयान
जल संसाधन, नदी िवकास और गंगा संर ण मं ालय ने 2015-16 से 2017-18 तक के िलए जल ां ित
अिभयान की शु आत की थी, िजसका ल दे श म सभी सहभािगयों को एकजुट कर, सम यास से जल
संर ण और रखरखाव करना था तािक यह जन आं दोलन के तौर पर सामने आए जल ां ित अिभयान के
ल इस कार ह: जल संर ण और िवकास योजनाओं (उदाहरण, भागीदारी िसंचाई बंधन (पीआईएम)
थानीय िनकायों और पंचायती राज सं थानों को शािमल कर सभी सहभािगयों की मदद से इसे मूल र पर
सश करना; जल ोत संर ण और उनके रखरखाव के संबंध म पारं प रक ान को अपनाना और उसे
अमल म लाने को ो ाहन दे ना; सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और नाग रकों आिद म िविभ रों पर
े आधा रत िवशेष ता का इ ेमाल करना और ामीण े ों म जल सुर ा के मा म से आजीिवका
सुिनि त करने को बढ़ावा दे ना

रत िसंचाई लाभ काय म


रत िसंचाई लाभ काय म (एआईबीपी) की शु आत दे श म बड़ी और म म िसंचाई प रयोजनाओं को
क ीय सहायता दे ने के ल से 1996-97 म की गई थी इसका ल यह भी था िक िजन रा ों के पास
ऐसी योजनाओं के िलए उिचत ोत नहीं ह या जहां यह पूण होने वाले ह, उ भी तुरंत सहायता प ं चाई जा
सके इसम ाथिमकता उन प रयोजनाओं को दी गई जो पां चवीं योजना से पहले या उसके दौरान शु की
गई हों, और उ भी जो कबीलायी या अकाल पीिड़त इलाकों के िहत म काम कर रही हों 1999-2000 से
एआईबीपी के अंतगत िवशेष ेणी रा ों िजनम पूव र और िहमाचल दे श जैसे पहाड़ी रा ों, ज ू और
क ीर, उ राखंड और ओिडशा के कालाहां डी, बलां गीर, कोरापुट जैसे े ों म छोटी िसंचाई प रयोजनाओं
को क ीय ऋण सहयोग भी पा रत िकया गया है

धानमं ी कृिष िसंचाई योजना


धानमं ी कृिष िसंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) की शु आत 2015-16 से की गई इसका ल सुिनि त
िसंचाई के अंतगत े को जल उपल कराना, खेत जल के इ ेमाल म िमत ियता बरतना, थायी जल
संर ण अ ासों को अपनाना आिद रहा है
इस योजना के मु ल ों म े ीय र पर िसंचाई म िनवेश अिभसरण (िजला र पर और यिद
आव क आ तो जल उपयोग योजनाओं की उप-िजला र पर तैयारी); खेत म जलापूित को बढ़ावा और
सुिनि त िसंचाई के अंतगत कृिष यो े म िवकास; खेत म मौजूद जल के इ ेमाल म सुधार िजससे वह
थ न जाए और उसकी अविध तथा सार दोनों की उपल ता बढ़े ; जलभृत का पुन:भरण और जल
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संर ण से जुड़े थायी उपायों का आरं भ; िकसानों और जमीनी र पर कायका रयों के िलए जल संचयन,
जल बंधन और फसल एक ीकरण से जुड़ी गितिविधयों को बढ़ावा दे ना और सू िसंचाई म िनजी िनवेश
को बढ़ावा दे ना है
मुख और म म िसंचाई/ब उ े शीय िसंचाई (एमएमआई) प रयोजनाओं को पीएमकेएसवाई-
एआईबीपी के ज रए आिथक तौर पर पोिषत िकया जा रहा है और मर त, नवीकरण एवं जल िनकायों की
बहाली (आरआरआर), सतही छोटी िसंचाई (एसएमआई) प रयोजनाओं तथा कमान े िवकास एवं जल
बंधन (सीएडी एं ड ड ूएम) प रयोजनाओं को पीएमकेएसवाई-हर खेत को पानी (एचकेकेपी) के अंतगत
आिथक सहयोग िदया जा रहा है
क ायोिजत कमान े िवकास (सीएडी) काय म की शु आत 1974-75 म िकसानों के खिलहानों
तक िसंचाई जल को सुचा तरीके से प ं चाने के िलए िवकिसत िकया गया था इसका ल िकसानों की
सामािजक-आिथक दशा सुधारने के िलए ित यूिनट भूिम और जल से उपजने वाली जोत के उ ादन और
उ ादन मता के िलए जल के इ ेमाल म बढ़ावा दे ना है काय म म कमान े िवकास ािधकरण के
अंतगत ब िवषयक टीम के मा म से सम त िविध से िसंिचत कृिष संबंिधत सभी गितिविधयों को एक-
दू सरे से जोड़ने का िवचार रखा गया है
2004 म काय म को कमान े िवकास एवं जल बंधन (सीएडी एं ड ड ूएम) के तौर पर पुनगिठत
कर नया नाम िदया गया इस काय म को 12वीं पंचवष य योजना के दौरान रत िसंचाई लाभ काय म
(एआईबीपी) के साथ अमल म लाया जा रहा है ो ाम 2015-16 से धानमं ी कृिष िसंचाई योजना
(पीएमकेएसवाई) के उपां श हर खेत को पानी (एचकेकेपी) के अधीन कायरत है सीएडीड ूएम
काय म को 2016-17 से एआईबीपी की 99 सीएडी ाथिमक प रयोजनाओं के अमल तक सीिमत कर
िदया गया है सीएडी अंश के अंतगत आने वाली गितिविधयों को वृहद तौर पर ‘संरचना क’ और ‘गैर-
संरचना क’ ह ेप के तौर पर ेणीगत िकया गया, जो इस कार है : गैर-संरचना क ह ेपः सव ण,
िनयोजन, िडजाइन एवं काया यनः (1) ऑन-फाम डे वलपमट (ओएफडी) काय; (2) खेत, म वत एवं
संपक नालों का िनमाण; (3) व थागत किमयों का िनवारण; और (4) जल ािवत े ों की पुनः ा
गैर-संरचना क ह ेपः इसम सहभािगता िसंचाई बंधन (पीआईएम) को मजबूत करने के उ े से
गितिविधयां संचािलत होती ह: (1) पंजीकृत जल उपभो ा संघों (ड ूयूए) को एक बार काया क
अनुदान; (2) पंजीकृत ड ूयूए को एक बार अवसंरचना अनुदान; (3) जल उपभोग म िश ण, दशन
और अनुकूलन िविधयां और साथ ही, उ ादन मता म वृ और थायी िसंचाई सहभािगता प रवेश
िवकास
िसंचाई म जल उपभोग म िमत ियता बरतने के िलए रा ों को िव ीय सहयोग िदया जाता है तािक वह
फी चैनलों के िवक के तौर पर लघु िसंचाई म ं र/िडप इ रगेशन के इ ेमाल से जुड़ी व था की
शु आत कर ेक प रयोजना के कम-से-कम 10 ितशत सीसीए को लघु-िसंचाई के दायरे म लाया
जाता है लघु-िसंचाई अवसंरचना म जल वहन और खेत काय के िलए स , प , हाई-डे टी पॉलीथीन
और उपयु उपकरणों ( ं र, रे न गन, िपवट आिद) का इ ेमाल िकया जाता है लघु-िसंचाई के
मामले म जमीन को समतल करने वाले, डे नेज काय आिद के उपकरणों को कम इ ेमाल िकया जाता है
या पूरी तरह हटा िदया जाता है ; इससे खच म कटौती होती है िजससे लघु-िसंचाई अवसंरचना की उ
लागत म कमी आती है ं र/रे न गन/िडप सेट्स आिद को िकसानों को खेतों के क के नीचे लगाना
पड़ता है - ये उपकरण लघु िसंचाई अवसंरचना के अंश नहीं होते िकसानों के सम कृिष मं ालय की
चिलत योजनाओं से जुड़ा अनुदान ा करने या ऐसे उपकरणों को खरीदने म से एक िवक रहता है

सहभािगता िसंचाई बंधन


रा ीय जल नीित जल संसाधन बंधन म सहभािगता के भाव पर जोर दे ती है यह दे खा गया है िक िसंचाई
व था और िसंचाई जल के भावी इ ेमाल के िलए लाभािथयों की सहभािगता ब त कारगर सािबत होती
है िसंचाई व था म िकसानों के सहयोग से उसके काया यन और रखरखाव की िज ेदारी ह ां तरण म
और जल उपभो ा संघों को उनके अिधकार े ों म जल शु एक करने म भी मदद िमलती है ित
हे े यर 1200 पये का एक बार का अनुदान जल उपभोग संघों को क , रा और िकसानों ारा मशः
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45:45:10 के अनुपात म आवंिटत होता है और इस रािश से ा ाज रखरखाव के काम आता है

बाढ़ बंधन योजनाएं


भारत म बाढ़ ारा बारं बार तबाही होती है लगभग ेक वष, दे श के िकसी न िकसी िह े म बाढ़ आती
है इससे िनजी और सावजिनक, जान-माल का नुकसान तो होता ही है , साथ ही, अवसंरचना पर भी गहरा
असर पड़ता है और लोगों म मनोवै ािनक एवं संवेदनीय तौर पर भी गहरा असर पड़ता है 1980 म रा ीय
बाढ़ आयोग (आरबीए) ने दे श म 40 िमिलयन हे े यर (एमएचए) बाढ़ वण े का अनुमान लगाया था,
िजसे बारहवीं पंचवष य योजना के अंतगत योजना आयोग ारा थािपत बाढ़ बंधन कायकारी समूह ने
बढ़ाकर 49.815 एमएचए कर िदया था बाढ़ के कोप से मानव जीवन, भूिम और संपि को बचाने के िलए
िपछले पां च दशकों से रा सरकार बाढ़ बंधन काय म लगी ह
फर ा बैराज प रयोजना
फर ा बैराज प रयोजना का मु ालय पि म बंगाल के मुिशदाबाद िजले के फर ा म है यह जल
संसाधन, नदी िवकास एवं गंगा संर ण मं ालय के अधीन थ है फर ा बैराज प रयोजना ािधकरण
1961 म थािपत िकया गया था इसके पास फर ा बैराज प रयोजना कॉ े को बनाने एवं उसके बाद
उसे चलाने और रखरखाव के अिधकार ह इस प रयोजना म फर ा बैराज, जंगीपुर बैराज, फीडर
कैनाल, नेिवगेशन लॉक एवं संबंिधत ढां चे आते ह
बैराज म 112 गेट (108 मेन गेट और 4 िफश लॉक गेट) ह इसके अित र , लगभग 40000 ूसेक
(1035 ूमेक) जल फीडर कैनाल म छोड़ने के िलए 11 नंबर हे ड रे गुलेटर गेट्स का इ ेमाल िकया जाता
है प रयोजना का मु उ े गंगा से उिचत मा ा म जल भागीरथी- गली नदी समूह म छोड़ना है ,
िजसके िलए 38.38 िक.मी. लंबी फीडर कैनाल के ज रए कोलकाता बंदरगाह का संर ण और दे खभाल की
जाती है इसके िलए भागीरथी- गली निदयों की व था और नौ-प रवहन म सुधार िकया जाता ह
इसके अित र , गंगा/प ा निदयों के संवेदनीय े ों म रण को समयब तरीके से रोकने और
िकनारों को बचाने के िलए एफबीपी ािधकरण फर ा बैराज को बचाने का काय कर सका, साथ ही,
थानीय े ों म रहने वाले लोगों के जीवन और उनकी आजीिवका सुर ा की िदशा म भी कायरत रहा है
इन उपल यों के अित र , फर ा बैराज प रयोजना ने भारत और बां ादे श के बीच गंगा जल को
बां टने के िलए 1996 की भारत-बां ादे श गंगा जल संिध भी की थी
भारत-बां ादे श जल संसाधन सहयोग
भारत-बां ादे श जल संसाधन सहयोग (जेआरसी) 1972 से कायरत है इसका मु काय संयु नदी
व था से एक समान लाभ ा करने के िलए संयु यासों के िलए संपक साधे रखना है इसके िलए
भारत और बां ादे श के धानमंि यों ने 1996 म एक संिध पर ह ा र िकए थे तािक जल की कमी वाले
मौसम म फर ा के मा म से गंगा जल साझा िकया जा सके संिध के अनुसार, फर ा (नदी पर
थािपत अंितम बां ध) से जल बां टा जाता है यह अ ास, संिध के अनुसार, ितिदन 10 के आधार पर
ितवष 1 जनवरी से 31 मई तक जारी रहता है संिध की िमयाद 30 वष की है जल आवंटन पर दोनों ओर
से जेआरसी की संयु सिमित के सद नजर रखते ह
भारत-नेपाल जल संसाधन सहयोग
नेपाल से भारत आने वाली निदयों म आने वाली बाढ़ पर रोक लगाना अ र िचंता का िवषय होता है और
इससे संबंिधत िवषयों पर भारत-नेपाल ि प ीय णाली िवमश करती है , िजसम ह: (1) जल संसाधन के
िलए मं ी रीय संयु आयोग (जेएमसीड ूआर), (2) जल संसाधन पर संयु आयोग
(जेसीड ूआर), और (3) संयु थायी तकनीकी सिमित (जेएसटीसी), (4) बाढ़ बंधन म जल ावन पर
संयु सिमित (जेसीआईएफएम), (5) कोसी गंडक प रयोजनाओं पर संयु सिमित (जेसीकेजीपी) भारत
सरकार लगातार नेपाल सरकार से इन निदयों पर बां ध बनाए जाने पर जोर दे रही है िजससे दोनों दे शों को
आपसी लाभ प ं च सकता है
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क ीय भूजल बोड
जलभर मापन एवं जलभर बंधन योजना िन पण
जलभर सतह से नीचे की च ानों का ऐसा सं र होता है जहां भूजल एक और ा होता है बारहवीं
योजना म सीजीड ूबी ने रा ीय जलभृत बंधन प रयोजना (एनए ूयूआईएम) के अंतगत भूजल की
पहचान, िन पण, िववरण एवं असरकारी बंधन का काय अपने हाथों म िलया है प रयोजना के अधीन
मौजूदा डाटा, डाटा म अंतर का आकलन, जलभर मानिच हे तु अित र डाटा तैयारी और जलभर बंधन
योजना की संभावनाओं पर ान कि त िकया गया है इससे जुड़ी ेक गितिविध के अधीन अ
गितिविधयां एवं काय को िव ृत कायिविध से अमल म लाया जा रहा है
‘कृि म भूजल पुनभरण और वषाजल सं हण’ पर दशन परक प रयोजनाएं
सीजीड ूबी ने कृि म भूजल पुनभरण और वषाजल सं हण पर आं दे श, अ णाचल दे श, िबहार,
छ ीसगढ़, िद ी, गुजरात, िहमाचल दे श, ज ू और क ीर, झारखंड, कनाटक, केरल, म दे श,
महारा , नगालड, ओिडशा, पंजाब, राज थान, तिमलनाडु तेलंगाना, उ र दे श, पि म बंगाल और
क शािसत दे श चंडीगढ़ म दशन परक प रयोजनाएं आयोिजत की ह
क ीय भूजल ािधकरण
क ीय भूजल ािधकरण (सीजीड ूए) को दे श म भूजल िवकास और बंधन से जुड़ी िज ेदा रयां सौंपी
गई ह इस संबंध म वह आव क आदे श भी दे सकता है ािधकरण के िन काय ह; पयावरण (संर ण)
अिधिनयम, 1986 के अिधिनयम 5 के अंतगत ािधकारों को ािवत अिधिनयम के खंड 3 के उप-खंड
(2) से संबंिधत सभी मामलों म िनदश दे ने एवं कायवाही का अिधकार है ; उ कानून की धाराओं 15 से 21
की सहायता लेना; दे श म भूजल िनयमन एवं िनयं ण, बंधन और िवकास की िदशा म काय करना और
आव क हो तो इस िदशा म ज री िनयामक िदशािनदश जारी करना
भूजल िवकास
दे श के िविभ िह ों म भूजल मता कई रों पर पाई जाती है एक ओर जहां गंगा के जलोढ़ े ों म
भूजल की अपार मता है , वहीं दू सरी ओर पथरीले े ों म भूजल ोत ब त सीिमत ह इसी तरह, दे श के
िभ े ों म भूजल ोत िवकास की िदशा म भी एक समान काय नहीं आ है दे श के कुछ िह ों म भूजल
िवकास की िदशा म िकए गए काय के कारण अ िधक दोहन आ है और भूजल र िगरा है , जबिक
अ े ों म भूजल े म अभी तक सामा से कम िवकास काय आ है , िजस कारण अभी इस े म
काय की कई संभावनाएं ह सीजीड ूबी रा भूजल िवभागों के साथ िनि त अविध के बाद भूजल ोतों
का आकलन करता रहता है
राजीव गांधी रा ीय भूजल िश ण एवं शोध सं थान
छ ीसगढ़ के रायपुर थत राजीव गां धी रा ीय भूजल िश ण एवं शोध सं थान (आरजीएनजीड ूटी
आरआई) क ीय भूजल बोड की िश ण इकाई है यह क ीय भूजल बोड और क एवं रा सरकारों के
अ संगठनों, अकादिमक सं थानों, गैर-सरकारी संगठनों की िश ण की ज रतों को पूरा करता है
जलभर बंधन की रा ीय प रयोजना की ज रतों को पूरा करने के िलए आरजीएनजीड ूटीआरआई
ि रीय (रा ीय, रा ीय एवं ॉक र) िश ण काय म को अमल म ला रहा है

क ीय जल आयोग
क ीय जल आयोग का अ भारत सरकार का कोई पदे न अिधकारी होता है आयोग के काय मु तः
तीन खंडों म बंटे ह, जो ह, िडजाइन एवं शोध खंड (डी एं ड आर), जल बंधन एवं प रयोजना खंड (ड ूपी
एं ड पी) और नदी बंधन खंड (आरएम) ेक खंड म कई इकाइयां /संगठन आते ह और वह उ दान
िकए गए काय एवं कत ों के ित िज ेदार होते ह जल संसाधन े म बेहतर बंधन और रा सरकार
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के िवभागों के साथ कुशल तालमेल के िलए सीड ूसी ने 13 थानीय कायालय थािपत िकए ह ये
कायालय बंगलु , भोपाल, भुवने र, चंड़ीगढ़, कोयंबटू र, िद ी, है दराबाद, लखनऊ, नागपुर, पटना,
िशलां ग, िसिलगुड़ी एवं गां धी नगर म ह क ीय एवं रा के कायरत अिभयां ि कों एवं गैर-सरकारी संगठनों
आिद के िश ण के िलए सीड ूसी के िश ण क , रा ीय जल अकादमी पुणे म थत है
काय
सीड ूसी पर संबंिधत रा सरकारों के साथ िमलकर उनके रा ों म जल संसाधनों के रखरखाव,
संर ण एवं इ ेमाल के िलए शु आत, सम य एवं उसे िवकिसत करने की िज ेदारी होती है यह काय
बाढ़ बंधन, िसंचाई, पेयजल आपूित और पनिबजली उ ादन के े ों म िकए जाते ह यिद आव क हो
तो आयोग, ऐसी िकसी भी योजना के िनमाण और काया यन का काम अपने हाथ म ले सकता है
उपरो िज ेदा रयों के िनवहन म सीड ूसी के मुख काय होते ह: रा सरकारों ारा ािवत
िसंचाई, बाढ़ बंधन और ब आयामी प रयोजनाओं के तकनीकी-आिथक प को ो ाहन; दे श की मुख
निदयों के जलीय एवं जलीय-मौसमी प रयोजनाओं से जुड़े डाटा को एक , संकिलत, कािशत और उसका
आकलन करना यह मु तः वषा, अित र बहाव और तापमान आिद के िलए काय करता है ; दे शभर म
जल संसाधनों और उनके इ ेमाल एवं जल की गुणव ा से जुड़े िववरण संबंधी डाटा को एक करना, जारी
रखना और कािशत करना; दे श के सभी नदी घाटी े ों म बाढ़ की आशंका वाले े ों को बाढ़ की
भिव वाणी से जुड़ी सेवाएं उपल कराना; भारत सरकार या संबंिधत रा सरकार के िलए िकसी भी नदी
घाटी िवकास योजना म िनमाण काय; क एवं रा संगठनों के कायरत अिभयां ि कों को जल संसाधन
िवकास के िभ प ों से जुड़ा िश ण उपल कराना; जल संसाधन िवकास के िलए रमोट सिसंग
तकनीक, बाढ़ की भिव वाणी और संबंिधत क ूटर सॉ वेयर के िवकास जैसी डाटा एक करने वाली
तकनीक को ो ाहन; आकृित िव ान की मदद से निदयों के आचरण, तट रण सम ाओं का आकलन
करना और इन मामलों म क तथा रा सरकारों को सलाह दे ना
जलीय अवलोकन
क ीय जल आयोग दे शभर म सभी मुख नदी घािटयों पर जलीय मौसमी अवलोकन का काय करने वाले
878 े शनों का नेटवक चला रहा है , िजनके काय ह: (1) जल र (मापक), (2) बहाव, (3) जल गुणव ा,
(4) गाद, (5) खास े शनों पर बफ का अवलोकन करने वाले चुिनंदा मौसम िव ानी मानदं डों का इ ेमाल
इसके अित र , आयोग 76 िविश मौसम िव ान अवलोकन क भी संचािलत करता है इन काय से
ा डाटा का इ ेमाल जल संसाधन प रयोजनाओं के योजना िनमाण एवं िवकास म, जलवायु प रवतन
अ यन, जल उपल ता अ यन, बाढ़/अंतवाह पूवानुमान, अंतररा ीय और अंतररा ीय मु ों की परख
करने, नदी आकृित िव ान अ यन, अंतदशीय जलमाग िवकास, जलकुंड गाद अ यन एवं शोध आधा रत
गितिविधयों के काम आता है
जल गुणव ा जांच
क ीय जल आयोग दे श की सभी मुख नदी घािटयों म जल की जां च करने वाले 429 े शनों का संचालन
कर रही है सीड ूसी जल के भौितक-रासायिनक मानदं डों की जां च करने के िलए एक ि - रीय
योगशाला णाली का संचालन करता है थम रीय योगशालाएं भारत की मुख निदयों पर 406 जल
गुणव ा जां च क ों पर थत ह जहां तापमान, रं ग, गंध िवशेष चालकता, िवद् ु यत चालकता, पूण िवघिटत
ठोस त , पीएच एवं नदी जल की िवघिटत ऑ ीजन का आकलन िकया जाता है दे शभर के चुिनंदा
खंडों म 18 ि तीय रीय योगशालाएं भी ह िजनम जल की 25 भौितक-रासायिनक िवशेषताओं और
बै ी रयाई मानदं डों का आकलन िकया जाता है वाराणसी, िद ी, है दराबाद, कोयंबटू र और गुवाहाटी म
5 तृतीय र/ि तीय स योगशालाएं ह िजनम मजबूत धातुओ/ं िवषा मानदं डों एवं कीटनाशकों सिहत
41 मापदं डों का अ यन होता है िविभ एजिसयों ारा जल गुणव ा डाटा जल संसाधन प रयोजनाओं,
शोध उ े ों आिद के िलए इ ेमाल िकया जाता है एकि त जल गुणव ा डाटा उपयोग जल संसाधन
प रयोजनाओं की योजना एवं िवकास संबंिधत िविभ काय के िलए भी िकया जाता है
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बाढ़ का पूवानुमान
दे श म मुख बां धों/बैराजों से जुड़े 221 बाढ़ पूवानुमान क ह, िजनम से 166 सम र पूवानुमान एवं 55
अंतवाह पूवानुमान क ह ये दे श के 19 मुख नदी क ों और 72 नदी उप-घािटयों का अ यन करते ह
ये 20 रा ों म कायरत ह, िजनम आं दे श, अ णाचल दे श, असम, िबहार, छ ीसगढ़, गुजरात,
ह रयाणा, झारखंड, ज ू और क ीर, कनाटक, म दे श, महारा , ओिडशा, राज थान, तिमलनाडु
तेलंगाना, ि पुरा, उ राखंड, उ र दे श और पि म बंगाल और क शािसत दे श, दादर और नगर हवेली
तथा रा ीय राजधानी े िद ी ह क ीय जल आयोग ितवष बाढ़ के मौसम म औसतन 6,000
पूवानुमान घोिषत करता है नदी दे श को, बाढ़ पूवानुमान थान और बेस े शन को दे खते ए आमतौर
पर यह पूवानुमान 12 से 48 घंटे पहले घोिषत कर िदए जाते ह मौजूदा बाढ़ पूवानुमान काय णाली को
माइक-11 और ए रया इं डेशन मॉडिलंग जैसे वषा-अित र बहाव गिणतीय मॉडल की मदद से आधुिनक
प िदया जा रहा है
सीड ूसी पूव र े , िस म, उ राखंड िबहार एवं ज ू और क ीर रा ों के कहने पर िव ृत
प रयोजना रपोट (डीपीआर) के िलए सव ण और जां च कर रहा है यह काय रा ों के जल संसाधनों की
मता को िसंचाई, पनिबजली एवं अ इ ेमाल के िलए जां च के िलए िकया जा रहा है इस समय
िस म की कलेजखोला एचई प रयोजना, असम की कनी एवं सोनाई िसंचाई प रयोजना, असम की
कताखल िसंचाई प रयोजना, काली खोला एचई प रयोजना, त म चू एचई प रयोजना और िस म की ही
संटले एचई प रयोजना, िमजोरम की ालां ग एचई प रयोजना, ज ू और क ीर की कठु आ थत, 280
मेगावाट वाली उझ ब े शीय प रयोजना और बारीिनयन एचई प रयोजनाओं पर जां च जारी है
आकृित िव ान अ यन
क एवं रा सरकारों ारा बाढ़ रोके जाने के उपायों को इ ेमाल िकए जाने के बावजूद, नदी आकृित
िव ान और उपयु नदी िश ण काय को अमल म लाना हमारे जैसे िवशाल दे श के िलए अिनवाय है
ोंिक यहां ितवष बाढ़ से जान-माल का गंभीर नुकसान होता है बाढ़ की सम ा नदी के िनचले े ों म
बड़ी मा ा म गाद/कीचड़ जमा होने के कारण सामने आती है इसिलए बाढ़ से िनपटने के िलए नदी की
िवशेषताओं को समझना आव क है तािक सम ा पर भावशाली नीितयों से काबू पाया जा सके तीन
निदयों, घाघरा, सतलुज एवं गंडक का आकृित िव ान अ यन पूरा हो चुका है साथ ही, 15 अ निदयों के
आकृित िव ान अ यन चल रहे ह, िजनम गंगा, शारदा, रा ी, कोसी, बागमती, यमुना, पु , सुबनिसरी,
पगलािदया, कृ ा, तुंगभ ा, महानंदा, महानदी, गली और ता ी शािमल ह
िडजाइन परामश
क ीय जल आयोग भारत और पड़ोसी दे शों नेपाल, भूटान, अफगािन ान, ां मार, ीलंका और कई
अ ीकी दे शों की अिधकां श िवशाल जल संसाधन प रयोजनाओं से जुड़ा है यह काय इन प रयोजनाओं के
िडजाइन परामश या तकनीकी समी ा के ज रए चल रहा है चार िडजाइन इकाइयां इस िदशा म
आव कताओं की पूित कर रही ह और िविभ े ों की िडजाइन संबंिधत सम ाओं पर काय कर रही ह

बांध पुनवास एवं सुधार प रयोजना


िव बक की मदद से चलने वाली बां ध पुनवास एवं सुधार प रयोजना (डीआरआईपी) की लागत करीब
21,00 करोड़ पये की है इस प रयोजना के अंतगत सात रा ों के 223 बां धों के पुनवास का ावधान है
ये रा ह झारखंड, कनाटक, केरल, म दे श, ओिडशा, तिमलनाडु और उ राखंड इसके अित र ,
प रयोजना म शािमल रा ों एवं क ीय जल आयोग के सां गठिनक सश करण अंश का भी ावधान
िनिहत है

बड़े बांधों का नेशनल रिज र


सीड ूसी ारा रखे जाने वाले बड़े बां धों के नेशनल रिज र (एनआरएलडी) की हािलया सं िहत सूचना
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के अनुसार दे श म 5,701 बड़े बां ध ह इनम से 5,254 बां ध पूरे हो चुके ह और 447 अ का काय चल रहा
है एनआरएलडी सीड ूसी की वेबसाइट पर उपल है

जल संसाधन सूचना णाली


सीड ूसी और इसरो ने 2010 म संयु प से जल संसाधन सूचना णाली (इं िडया-ड ूआरआईएस)
िवकिसत की थी इसके उपरां त, इं िडया-ड ूआरआईएस की वेबसाइट के चार सं रण जारी िकए जा
चुके ह सं रण 4.1 वष 2015 म जारी िकया गया और प क डोमेन (जन े ) पर यह 1:250000 के
मापन पर उपल है इस सूचना णाली म जल संसाधन प रयोजनाओं, बड़े जल ोतों, भूिम उपयोग/
आ ािदत भू े , बंजर जमीन, भू रण आिद िवषयक काय के अित र , पयावरण तथा अवसंरचना और
अ शासिनक सूचना भी िनिहत रहती है सूचना णाली म मानिच दे खने और नौ-प रवहन की
बुिनयादी मताएं जैसे जूम, ओवर ू, बुकमाक, िवषय सूची आिद भी होती है जलीय-मौसम िव ान डाटा
िवतरण योजना 2013 ( एमओड ूआर) के ावधानों के अनुसार, सीड ूसी जी एं ड डी े शनों के सभी
अवग कृत डाटा को इं िडया-ड ूआरआईएस वेबसाइट पर उपल कराया गया है

िश ण एवं मता िवकास


क ीय जल आयोग ितवष जल े के ोफेशनल कायकताओं को िश ण दे ता है यह िश ण रा ीय
जल अकादमी (एनड ूए), सीड ूसी मु ालय एवं फी कायालयों म दी जाती है जल संसाधन
िवकास एवं बंधन के अंतगत जल संसाधन प रयोजना के िनयोजन, िडजाइन, आकलन, िनमाण, संचालन
और जां च जैसे सभी े ों म िश ण दे ने वाला सीड ूसी अ णी सं थान है साथ ही, यहां जल े के
शीष तकनीकी उपयोग की जानकारी भी दी जाती है

रा ीय जल अकादमी, पुणे
रा ीय जल अकादमी (एनड ूए) एक िश ण सं थान है िजसकी थापना क ीय जल आयोग के अंतगत
खड़कवासला, पुणे म की गई थी एनड ूए का मु ल जल संसाधन योजना, िवकास, बंधन एवं
सां गठिनक सुधार े के िविभ प ों से जुड़ा िश ण दे ने का है सं थान का ल है िक रा ीय र पर
नई उभरती तकनीकों से जुड़ा िश ण िदया जाए एनड ूए जल संसाधन िवकास एवं बंधन े म
तकनीकी और गैर-तकनीकी प ों से जुड़े सभी िश ण काय म आयोिजत करता है 1988 म थापना के
बाद से एड ूए ने जल संसाधन े के सभी किमयों के मता िवकास एवं िश ण म अि तीय योगदान
िदया है इसम रा ीय जल अिभयां ि की सेवा अिधकारों के िलए केडर िश ण काय म, पीएमकेएसवाई
के अंतगत क ीय एवं रा संगठनों के िलए मता िवकास काय म; अ ापकों, गैर-सरकारी संगठनों,
पंचायत राज सं थाओं (पीआरआई), मीिडयाकिमयों, युवा ितिनिधयों आिद सभी सहभािगयों के िलए भी
काय म संचािलत करता है

क ीय मृदा एवं साम ी अनुसंधानशाला


नई िद ी थत क ीय मृदा एवं साम ी अनुसंधानशाला (सीएसएमआरएस) भू-तकनीकी अिभयां ि की एवं
िसिवल इं जीिनयरी के े म े ीय पयवे ण, योगशाला जां च और मूल तथा ायोिगक काय करने वाला
अ णी सं थान है यह काय िवशेषकर नदी घाटी प रयोजनाओं के िनमाण एवं बां धों की सुर ा मू ां कन के
िलए िकया जाता है अनुसंधानशाला मु तः भारत सरकार, रा सरकार और भारत सरकार के उप मों
के सलाहकार के तौर पर काम करता है अनुसंधानशाला म बेहतरीन सुिवधाएं और उ यो ता वाले
अिधकारी ह और इसने भू-तकनीकी अिभयां ि की और िनमाण साम ी वणन के े म दे श म िविश
मताएं हािसल की ह अनुसंधानशाला मौजूदा जलीय ढां चों और िविभ नदी घाटी प रयोजनाओं के सुर ा
आकलन से जुड़ी है िजनम पड़ोसी दे शों भूटान और नेपाल की प रयोजनाएं भी शािमल ह
अनुसंधानशाला की गितिविधयों को िन मुख े ों म रखा जा सकता है : सरणशील मृदा, फैली ई
मृदा का अ यन, मूल साम ी का वचािलत िवभंजन और गुणव ा िनयं ण; बां ध भरण, मृदा िव ान,
िजयोिसंथेिट , सं ा क ितमान और गुणव ा िनयं ण; कं ीट डाय ो क और कैिम ी म नैदािनक
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जां च/ ा जां च, मर त एवं पुनवास के िलए साम ी, पेटो ाफी, रासायिनक जां च, कं ीट का
िटकाऊपन, रसायन एवं खिनज िव ान, जल गुणव ा, अ ालीं ए ीगेट रए न, पॉलीमर जैसा नया
पदाथ, ाउट आिद; रॉक मेकेिन म नींव िशला वणन, यथा थान बल एवं िव ता का यथा थान मापन,
भू-भौितकीय जां च, सां कीय ितमान

गंगा बाढ़ िनयं ण आयोग


गंगा घाटी म बाढ़ की गंभीर सम ा से जूझने के िलए 1972 म गंगा बाढ़ िनयं ण आयोग (जीएफसीबी) की
थापना की गई थी इसके काय ह: ापक नीितयां बनाना और िविभ योजनाओं पर ाथिमकता के
अनुसार िनणय लेना; गंगा घाटी म बाढ़ िनयं ण के िलए ापक योजना के िलए ज री िदशािनदश जारी
करना और योजनाओं को पा रत करना; गंगा बाढ़ िनयं ण आयोग (जीएफसीसी) जल संसाधन, नदी
िवकास एवं गंगा संर ण मं ालय के अधीन आने वाला िवभाग है िजसका मु ालय पटना म है इसकी
थापना भी 1972 म गंगा घाटी रा ों म बाढ़ से जूझने के िलए एक सिचवालय एवं कायकारी शाखा के तौर
पर ई थी
गंगा घाटी के 11 रा ों म पि म बंगाल, िबहार, उ र दे श, झारखंड, िहमाचल दे श, उ राखंड,
ह रयाणा, राज थान, म दे श, छ ीसगढ़ और रा ीय राजधानी े िद ी है गंगा घाटी के नदी तं ह
(1) गोमती, (2) अधवारा समूह, (3) घाघरा, (4) महानंदा, (5) कमलाबालन, (6) बूढीगंडक, (7) बागमती,
(8) पुनपुन, (9) कोसी, (10) गंडक, (11) अजय, (12) िकऊल-हरोहर, (13) दामोदर, (14) मयूरा ी, (15)
यमुना, (16) रामगंगा, (17) टो , (18) बदु आ चंदन, (19) पनारायण ह ी-रसूलपुर, (20) जलंगी, (21)
सोन, (22) टाइडल निदयां और (23) मु गंगा इनम से अिधकां श निदयां अंतररा ीय निदयां ह

बेतवा नदी बोड


बेतवा नदी बोड (बीआरबी) की थापना 1976 म राजघाट बां ध प रयोजना और िबजली घर को थािपत
करने ि से ई थी प रयोजना ािधकरण ने इसकी शु आत बेतवा नदी बोड अिधिनयम, 1976 के
अंतगत कर दी थी प रयोजना से ा लाभ और खच उ र दे श एवं म दे श ारा समान प से बां टे
जाएं गे

सरदार सरोवर िनमाण सलाहकार सिमित


सरदार सरोवर िनमाण सलाहकार सिमित (एसएससीएसी) की थापना भारत सरकार ने िसतंबर 1980 म
नमदा जल िववाद िट ूनल (एनड ूडीटी) के िदशािनदशों के अनुसार की थी एसएससीएसी के काय
म: बां ध एवं िबजलीघर प रयोजनाओं का आकलन और इसे शासिनक ीकृित के िलए अनुमोिदत करना;
तकनीकी बारीिकयों एवं िडजाइन से जुड़े सभी ावों का आकलन और उनकी िसफा रश; पा रत ो ाम
के िनमाण एवं अ काय के िलए िव से जुड़ी ज रतों का आकलन; िजन काय के अिधकार प रयोजना
अिधका रयों के अिधकार े से बाहर हों, उन अनुबंधों और खच से जुड़ी िसफा रश और आकलन का
काय

तुंगभ ा बोड
तुंगभ ा बोड की शु आत 1953 म ई थी बोड म आं दे श, कनाटक, तेलंगाना और भारत सरकार के
ितिनिध शािमल होते ह िनयत काय को पूरा करने के िलए बोड रा सरकार के अिधकारों का पालन
करता है अपने काय ापार को पूरा करने के िलए बोड अपने िनयम िनधा रत करता है आं दे श,
तेलंगाना और कनाटक सरकार िनधा रत अनुपात म िव ीय सहयोग दे ती है और इसके िनि त पदों को
भरने के िलए कमचा रयों की आपूित भी करती है

अपर यमुना नदी बोड


मं ालय के अंतगत अपर यमुना नदी बोड (यूवाईआरबी) की थापना 1994 म ई थी इसके सद रा ों
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म िहमाचल दे श, ह रयाणा, उ र दे श, राज थान और रा ीय राजधानी े आते ह क ीय जल आयोग


इसके सद के तौर पर है और उ र दे श, उ राखंड, ह रयाणा, राज थान, िहमाचल दे श और रा ीय
राजधानी े िद ी की ओर से इसम एक ितिनिध रहता है अपर यमुना नदी बोड लाभा त रा ों को
प ं चने वाले पानी और लौटने वाले पानी से जुड़े िनयामक तय करता है ; सतही और भूजल की गुणव ा म
सुधार और संर ण की जां च; नदी घाटी के िलए जलीय-मौसमिव ान संबंधी डाटा तैयार रखना;
जलिवभाजन बंधन की दे खभाल; ओखला बैराज और उस तक की सभी प रयोजनाओं की गित की
दे खभाल और अवलोकन

पु बोड
पु बोड एक ाय वैधािनक इकाई है िजसकी शु आत 1982 म ई थी पु बोड के अिधकार
े म पु और बराक घाटी दोनों आते ह इसके अित र , समूचा पूव र े , िस म एवं पु
घाटी म आने वाला पि म बंगाल का उ री े भी इसके अंतगत आते ह बोड के मुख काय म बाढ़
रोकने के िलए मा र ान की तैयारी, तटीय रण और जलिनकासी की कावट म सुधार, िसंचाई के िलए
पु एवं बराक नदी योजना के जलीय ोतों का िवकास एवं उपयोग, पनिबजली, नौवहन एवं अ
लाभकारी उ े ों की िदशा म काम करना है

रा ीय जल िवकास एजसी
रा ीय जल िवकास एजसी की थापना 1982 म रा ीय प र म ाय ीपीय घटकों के भीतरी संबंधों की
ावहा रकता के अ यन के िलए की गई थी एनड ूडीए पूरी तरह से भारत सरकार ारा िव पोिषत
है एनड ूडीए के काय म समय-समय पर बदलाव लाया गया है और इसके मौजूदा काय ह; (1)
संभािवत जलकुंड े ों का ापक सव ण और ृंखला को ािवत ाय ीपीय नदी िवकास एवं िहमालय
नदी िवकास के घटकों से जोड़ना िजससे जल संसाधन िवकास के रा ीय प र के अवयव तैयार हो सक;
(2) ाय ीपीय नदी एवं िहमालयी नदी े ों म मौजूद अिधकां श जल का िव ृत अ यन करना तािक उसे
िनकट भिव म घािटयों/रा ों की उिचत ज रत पूरी करने के िलए वहां थानां त रत िकया जा सके; (3)
अपने या िनधा रत एजसी/संगठन/लोक िवभाग अथवा कंपनी के आधार प रयोजनाओं की िज ेदारी/
िनमाण/मर त/नवीकरण/पुनवास/अमल म लाना तथा निदयों को जोड़ने से संबंिधत प रयोजनाओं का
काया यन पीएमकेएसवाई के अंतगत आने वाले काय िजनम रत िसंचाई लाभ काय म और िमलती-
जुलती अ प रयोजनाएं भी आती ह

नमदा जल िववाद िट ूनल अवाड


नमदा जल िववाद िट ूनल (एनड ूडीटी) की थापना 1969 म नमदा से जुड़े जल िववाद पर िनणय दे ने
के िलए की गई थी िट ूनल ने अपने िनदश एवं िनणयों को अमल म लाने के िलए एक तं थािपत िकया
है इसी तरह, क सरकार ने नमदा जल योजना को नमदा कंटोल अथॉ रटी (एनसीए) के साथ संल िकया
है

रा ीय जलिव ान सं थान, ड़की


रा ीय जलिव ान सं थान (एनआईएच) की थापना 1978 म मं ालय के अधीन एक ाय संगठन के तौर
पर ई थी यह जलिव ान और जल संसाधन िवकास के े म सभी िवषयों म अनुसंधान का बुिनयादी,
ावहा रक और कूटनीितक दािय , सहयोग, ो ाहन और संयोजन करता है सं थान का मु ालय
उ राखंड के ड़की म है दे श के िभ िह ों म े ीय अनुसंधान के िलए, सं थान के चार े ीय क भी
ह ये क बेलगाम, ज ू, काकीनाडा और भोपाल म ह साथ ही, बाढ़ बंधन अ यन के िलए दो क
गुवाहाटी और पटना म ह
सं थान के ल ह: (1) जलिव ान से जुड़े सभी प ों के व थागत एवं वै ािनक काय का दािय ,
सहयोग, ो ाहन और संयोजन करना; (2) जलिव ान के े म अ रा ीय और अंतररा ीय संगठनों के
साथ संयोजन एवं सहयोग करना; (3) समाज के ल ों की पूित के िलए एक शोध एवं संदभ पु कालय की
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थापना और उसका रखरखाव और उसे ासंिगक पु कों, समी ाओं, पि काओं और अ साम ी से
भरा-पूरा रखना; और (4) िजन ल ों की पूित करने के िलए सं थान की थापना ई है , सामािजक ि कोण
से उन आव क, ासंिगक या सहायक उन काय को पूरा करना इन ल ों की आपूित के िलए सं थान ने
जलिव ान म आणिवक योग, जल गुणव ा, मृदा जल, रमोट सिसंग और जीआईएस ए केश , िहम
और िहमनद, ूमे रकल ाउं डवाटर मॉडिलंग एं ड हाइडोलॉिजकल इं मटेशन सुिवधाओं वाली
अ ाधुिनक अनुसंधानशाला थािपत की है
सं थान रा ीय एवं अंतररा ीय संगठनों के सहयोग से जलिव ान के िविश े ों म उपभो ा कि त,
मां ग आधा रत शोध के िलए उ कोिट के तकनीकी ह ां तरण, मानव संसाधन िवकास एवं सां गठिनक
िवकास सं थान के तौर पर काय करता है

नेशनल ोजे ् स कं न कॉरपोरे शन िलिमटे ड


नेशनल ोजे ् स कं न कॉरपोरे शन िलिमटे ड (एनपीसीसी) की थापना 1957 म दे श के आिथक
िवकास के िलए आव क अवसंरचना िनमाण के िलए एक अ णी सं था के तौर पर की गई थी थमल एवं
हाइडो प रयोजनाओं, नदी घाटी प रयोजनाओं, औ ोिगक ढां चों, इमारतों, मकानों, माग पुलों और
अवसंरचना प रयोजनाओं जैसे िसिवल काय को पूरा करने के िलए एनपीसीसी आईएसओ 9001-2008 के
गुणव ा मानकों की शत का पालन करता है कॉरपोरे शन 59 वष की अपनी या ा म कई रा ीय
प रयोजनाओं के साथ प रक ना से वतन तक जुड़ा रहा है इनम से कई दे श के दु गम इलाकों म थत
रहे ह

सलाहकार सेवाएं
दे श की िवकास ि या म भावी तरीके से सहयोग दे ते ए सलाहकार सेवाओं ने पारं प रक एवं नवीकृत
सेवाओं म अि तीय सफलता ा की है दु िनयाभर म िवकास के िनत नए चलनों को दे खते ए उ
गुणव ा वाले काय म सलाहकारों की सेवाओं की ज रतों म तेजी दे खी गई है और िविभ काय म पेशेवर
सहभािगता को दे खते ए सलाहकारों के काय े म िव ार आ है दे श की तं ता के तुरंत बाद भारत
म जल संसाधनों एवं िवद् ु यत प रयोजनाओं के िनमाण पर ान कि त िकया गया उसके बाद से करीब
4,300 बड़े बां धों (695 िनमाणाधीन) का िनमाण हो चुका है और साथ ही नहर एवं सहायक ढां चों का भी
िनमाण आ है भाखड़ा, हीराकुंड, नागाजुन और दं तेवाड़ा बां ध दु िनया के कुछ सबसे बड़े बां धों म िगने
जाते ह तं ता के बाद के पहले दो दशकों म बां ध िनमाण की योजना और िवकास के िलए िवदे शी
सलाहकारों की सहायता ली जाती थी आरं िभक काय करने वाले इं जीिनयरों के अनुभवों का इ ेमाल
करने के िलए और ा ान एवं अनुभव को अ िवकासशील दे शों के िहतों म उपयोग करने और िवदे शी
मु ा अजन करने के ल से जल एवं िवद् ु यत सलाहकार सेवाएं (ड ूएपीसीओएस) की 1969 म थापना
की गई थी
ड ूएपीसीओएस भारतीय इं जीिनयरों को िविवध भौगोिलक एवं जलवायु े ों म काम करने का
अवसर दान करता है िजस कारण भारत की ान एवं िवशेष मता म वृ होती है यही कारण है िक
भारत की पहचान तकनीकी जानकारी और समिपत मानव संसाधन के तौर पर मजबूत ई है अ
िवकासशील दे शों के साथ राजनियक पहल के आधार पर दीघकािलक संबंध कायम ए ह और इस े म
सलाहकार सेवाओं ने भी आिथक िवकास म अपने छोटे र पर बड़ी भूिमका िनभाते ए दे श को िवदे शी
मु ा का लाभ कराया है समय के साथ-साथ अ सलाहकार संगठन भी थािपत ए और उ ोंने भारतीय
मानव संसाधन एवं नवीकृत तकनीकी के े म नाम और ाित अिजत की

उ र-पूव े ीय जल एवं भू- बंधन सं थान


उ र-पूव े ीय जल एवं भू- बंधन सं थान (एनईआरआईड ूएएलएम) की थापना 1989 म असम के
तेजपुर म पूव र प रषद (एनईसी) ने की थी सं थान का शासिनक संचालन मं ालय के अधीन आता है

िसंधु जल समझौता
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1960 के िसंधु जल समझौते के अंतगत भारत एवं पािक ान ने िसंधु जल किम र का थायी पद थािपत
िकया है ेक किम र अपनी सरकार का ितिनिध होता है और संिध को अमल म लाने के िलए संपक
सू का काम करते ह दोनों किम र िमलकर थायी िसंधु प रषद (पीआईसी) संचािलत करते ह

कृ ा नदी बंधन बोड


कृ ा नदी बंधन बोड (केआरएमएबी) की थापना मं ालय के अधीन 2014 म ाय इकाई के तौर पर
की गई थी
बोड के काय ह: प रयोजनाओं से परवत रा ों को जल आपूित करना; अंतररा ीय नदी जल िववाद
अिधिनयम, 1956 के अंतगत गिठत िट ून ारा िनणय िलए जाते ह; आं दे श सरकार और िकसी
अ रा या क शािसत दे श के साथ िकसी अनुबंध या समझौते से जुड़ा िनणय; क सरकार ारा
उ े परवत रा ों को निदयों एवं उनकी उप-धाराओं म जल संसाधन िवकास से जुड़ी प रयोजनाओं
पर चल रहे या नए काय का िनमाण; गोदावरी एवं कृ ा निदयों पर नई प रयोजनाओं के िनमाण और
उनकी तकनीकी मंजूरी से जुड़े ाव का मू ां कन यह सुिनि त िकया जाता है िक पहले से पूरी हो चुकी
या िनयत िदवस पर आरं भ होने वाली ऐसी प रयोजनाएं िकसी भी तरह जल की उपल ता पर नकारा क
भाव न डाल, जैसा िक अंतररा ीय नदी जल िववाद अिधिनयम, 1956 के अधीन िनदिशत िकया गया ह
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28 क ाण

स कन् 1985-86 म त ालीन क ाण मं ालय को दो भागों म बां टकर मिहला एवं बाल िवकास िवभाग और
ाण िवभाग बना िदया गया साथ ही त ालीन क ाण मं ालय का गठन करने के िलए अनुसूिचत
जाित िवकास भाग, आिदवासी िवकास भाग और अ सं क और िपछड़ा वग क ाण िवभाग को गृह
मं ालय से तथा व भाग को िविध मं ालय से हटा िदया गया इसके अलावा मं ालय का नाम बदलकर
मई 1998 म सामािजक ाय एवं अिधका रता मं ालय कर िदया गया अ ू बर 1999 म एक पृथक
आिदवासी मामलों का मं ालय बनाने के िलए आिदवासी िवकास भाग को हटा िदया गया जनवरी 2007
मव इकाई के साथ अ सं क भाग को मं ालय से हटा कर एक अलग मं ालय बना िदया गया
सामािजक ाय और अिधका रता मं ालय को दो िवभागों म बां ट िदया गया, सामािजक ाय और
अिधका रता िवभाग तथा िद ां ग यों को अिधकार संप बनाने का िवभाग
वेबसाइट: www.Socialjustice.nic.in, www.disabilityaffairs.gov.in

अनुसूिचत जाितयों का क ाण
अनुसूिचत जाितयों की सुर ा के िलए संिवधान म अनेक ावधान िकए गए ह िन िल खत दो कानून िवशेष
प से इसे रोकने के उ े से बनाए गए ह: (i) छु आछूत और (ii) अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत
जनजाितयों के िव अ ाचार, इसिलए अनुसूिचत जाितयों के िलए: (i) नाग रक अिधकार संर ण
अिधिनयम, 1955 और (ii) अनुसूिचत जाित और अनुसूिचत जनजाित (अ ाचारों की रोकथाम) अिधिनयम
1989 मह पूण ह

नाग रक अिधकारों का संर ण


भारतीय संिवधान के अनु े द 17 का पालन करते ए, छु आछूत (अपराध) कानून 1955 बनाया गया
इसके बाद इसम संशोधन िकया गया और वष 1976 म इसे नया नाम ‘नाग रक अिधकार संर ण कानून,
1955’ िदया गया इस कानून के अंतगत िनयमों, यानी ‘नाग रक अिधकार संर ण िनयमों, 1977’ को 1977
म अिधसूिचत िकया गया यह कानून पूरे भारत म लागू आ और इसम छु आछूत के िलए सजा की व था
की गई सभी रा सरकारों और क शािसत शासनों ने इसे लागू िकया
अनुसूिचत जाित और अनुसूिचत जनजाित (अ ाचारों की रोकथाम) कानून
अनुसूिचत जाित और अनुसूिचत जनजाित (अ ाचारों की रोकथाम) कानून 1989 को 1990 म लागू िकया
गया इस कानून का उ े अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों के खलाफ अनुसूिचत जाितयों
और अनुसूिचत जनजाितयों के अलावा िकसी के ारा अपराधों को रोकना था इस कानून के
अंतगत िव ृत िनयम, िजनका शीषक है : अनुसूिचत जाित और अनुसूिचत जनजाित (अ ाचारों की
रोकथाम) िनयम, 1995 िज 1995 म अिधसूिचत िकया गया, िजसम अ बातों के अलावा राहत और
पुनवास की व था की गई है इन िनयमों म इसके बाद कोई संशोधन नहीं िकया गया
अनुसूिचत जाित और अनुसूिचत जनजाित (अ ाचारों की रोकथाम)
संशोधन कानून, 2015 और 2016
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अ ाचारों की रोकथाम कानून म र ा के ावधान करने के बावजूद, अनुसूिचत जाितयों (अजा.) और


अनुसूिचत जनजाितयों (अजजा.) के सद ों के खलाफ लगातार जारी अ ाचार िचंता का िवषय है अजा.
और अजजा. के सद ों के खलाफ बार बार होने वाली आपरािधक घटनाएँ इस बात का संकेत ह िक
अ ाचारों की रोकथाम कानून का िनवारक भाव अपरािधयों ारा पया तरीके से महसूस नहीं िकया जा
रहा है अतः इस कानून को मजबूत बनाना और कानून के मुख ावधानों को अिधक भावी बनाना उिचत
माना गया सभी साझेदारों के साथ िवचार-िवमश की ि या के आधार पर, अ ाचार िनरोधक कानून म
संशोधनों का ाव मु प से पां च े ों म रखा गया
रा ीय अनुसूिचत जाित आयोग
रा ीय अजा. और रा ीय अजजा. आयोग की थापना 1990 म संिवधान के अनु े द 383 के अंतगत की गई
थी उसे 89व संिवधान (संशोधन) कानून 2003 के बाद दो भागों म रा ीय अनुसूिचत जाित आयोग
(एनसीएससी) और रा ीय अनुसूिचत जनजाित आयोग म िवभािजत कर िदया गया रा ीय अनुसूिचत जाित
आयोग अनुसूिचत जाितयों की सुर ा की िनगरानी और उनके क ाण से जुड़े मु ों की समी ा के िलए
िज ेदार है
एनसीएससी के काय संिवधान के अनु े द 338 (5) म इस कार बताये गए ह:— (क) संिवधान के
अंतगत अथवा कुछ समय के िलए लागू िकसी भी कानून के अंतगत अथवा सरकार के िकसी भी आदे श के
अंतगत अनुसूिचत जाितयों को द सुर ा से जुड़े सभी मु ों की जां च और िनगरानी करना और ऐसी
सुर ा का मू ां कन: (ख) अनुसूिचत जाितयों को अिधकारों और संर ण से वंिचत करने के संबंध म कुछ
िवशेष िशकायतों की जां च करना; (ग) अनुसूिचत जाितयों की सामािजक आिथक िवकास की योजना
ि या म भागीदारी और सलाह तथा क और िकसी रा के अंतगत उनके िवकास की गित का
मू ां कन करना; (घ) इन संर णों की काय णाली की जानकारी हर वष रा पित को ुत करना, और
िकसी अ समय पर जब आयोग उिचत समझे; (ङ) अनुसूिचत जाितयों के संर ण, क ाण और
सामािजक आिथक िवकास के िलए उन संर णों और अ उपायों के भावी काया यन के िलए क
अथवा िकसी रा ारा िकए जाने वाले उपायों के बारे म रपोट, िसफा रश तैयार करना और (च) संर ण,
क ाण, िवकास और अनुसूिचत जाितयों की तर ी के बारे म अ काय को करने के िलए जैसा िक
रा पित की आ ा हो, िविनिद िनयमों ारा संसद ारा बनाए गए िकसी कानून के ावधानों के अंतगत है
वेबसाइट www.ncsc.nic.in
िश ा मैिटक पूव छा वृि की ि से अिधकार संप बनाना
यह क ायोिजत योजना भी है , िजसे रा सरकारों और क शािसत शासनों ने लागू िकया है , योजना के
अंतगत संब ितब दे नदारी से अिधक और उससे ऊपर कुल खच के िलए सरकार से 100 ितशत
क ीय सहायता िमलती है संब रा सरकारों/क शािसत शासनों की एक वष के िलए ितब
दे नदारी का र िपछले पां च वष की योजना के अंितम वष के दौरान योजना के अंतगत वा व म िकए गए
य के र के बराबर होगा
इस योजना की शु आत 1977-78 म की गई थी आरं भ म इसम केवल छा ावास म रहने वाले ब ों को
शािमल िकया गया था बाद म 1991 म योजना के दायरे म िदन म पढ़ने वाले छा ों को भी शािमल कर
िलया गया योजना के अंतगत िन िल खत लि त समूहों, यानी (i) मैला ढोने वाले, (ii) पशुओं की खाल को
संसािधत करने वाले, (iii) चमड़ा उतारने वाले और (ii) कचरा उठाने वालों के ब ों को मैिटक पूव िश ा के
िलए िव ीय सहायता दान की जाती है
अनुसूिचत जाित के छा ों के िलए मैिटक पूव छा वृि
यह योजना 2012 म शु की गई थी यह क ायोिजत योजना है और रा सरकारों और क शािसत
शासनों ने इसे लागू िकया है , योजना के अंतगत संब दे नदारी से अिधक और उससे ऊपर खच के िलए
सरकार से 100 ितशत सहायता िमलती है संब रा सरकारों/क शािसत शासनों की एक वष के
िलए ितब दे नदारी िपछले पां च वष की योजना के अंितम वष के दौरान योजना के अंतगत वा व म िकए
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गए य के बराबर होगी, उनके ारा अपने बजट म इसका ावधान कर इसे वहन िकया जाएगा
अनुसूिचत जाित के छा ों के िलए रा ीय िवदे शी छा वृि
इस योजना म सं थानों ारा िलए जाने वाले वा िवक, मािसक रखरखाव भ े, वीजा शु और बीमा
ीिमयम आिद वािषक आक क भ ा, आक क या ा भ े का शु दान करने की व था है
योजना के अंतगत एक ही माता िपता / अिभभावक के दो ब े इसका लाभ लेने के पा ह उसी माता-िपता
/ अिभभावक के दू सरे ब े के बारे म तभी िवचार िकया जाएगा यिद उस वष के िलए िनधा रत थान अभी
भी उपल है छा वृि लेने वाले की उ 35 वष से अिधक नहीं होनी चािहए ेक वष कुल 100
छा वृि यां (अिधकतम) दी जाती ह चयन का वष 2014-15 से लागू िकया गया है और 30 ितशत
छा वृि यां मिहला उ ीदवारों के िलए िनधा रत की गई ह 2016-17 के दौरान 2014-15 और 2015-16 के
नहीं भरे गए थानों को आगे 2016-17 म थानां त रत कर िदया गया और यह योजना पूरे वष खुली रहे गी
तािक छा िकसी भी समय आवेदन कर सक योजना के अंतगत िव ीय सहायता पीएचडी के िलए
अिधकतम 4 वष और मा स ो ाम के िलए 3 वष की अविध के िलए दी जाती है रोज़गार ा
उ ीदवार अथवा उसके माता-िपता/अिभभावकों की सभी ोतों से आमदनी की अिधकतम सीमा 50,000
ित महीने से अिधक नहीं होनी चािहए
बाबू जगजीवन राम छा ावास योजना
इस योजना का उ े िमडल ू ल, हायर सेकडरी ू ल, कॉलेजों और िव िव ालयों म पढ़ने वाले
अनुसूिचत जाित के लड़के और लड़िकयों को छा ावास की सुिवधा दान करना है रा सरकार /
क शािसत शासन और क और रा के िव िव ालय/सं थान क ीय सहायता के पा ह, दोनों
छा ावास की इमारतों के नए िनमाण कर सकते ह और वतमान छा ावास सुिवधा का िव ार कर सकते
ह जबिक एनजीओ और िनजी े म ाय शासी िव िव ालय केवल अपनी वतमान छा ावास सुिवधा
का िव ार करने के िलए इसका लाभ ले सकते ह
अनुसूिचत जाित के छा ों के िलए राजीव गांधी रा ीय फेलोिशप
इस योजना म अनुसूिचत जाित के छा ों को एम.िफल, पीएचडी और िव िव ालयों, अनुसंधान सं थानों और
वै ािनक सं थानों म बराबर इनके अनुसंधान िड ी के िलए िव ीय सहायता दी जाती है योजना को लागू
करने के िलए िव िव ालय अनुदान आयोग (यूजीसी) मुख एजसी है अनुसूिचत जाित के छा ों को करीब
2,000 जूिनयर रसच फेलोिशप (जेआरएफ) दी जाती है फेलोिशप की सं ा 2010 म 1,333 थी िजसे
बढ़ाकर 2011 म 2,000 कर िदया गया अनुसूिचत जाित के उ ीदवारों के पया सं ा म उपल नहीं
होने की थित म, उस वष नहीं ली गई फेलोिशप की सं ा को अगले शै िणक स म ह ां त रत कर
िदया जाता है यिद उपल फेलोिशप के मुकाबले उ ीदवारों की सं ा अिधक होती है तो यूजीसी
ातको र परी ा म उ ीदवारों ारा ा अंकों के ितशत के आधार पर उनका चयन करता है योजना
के अंतगत आय की कोई सीमा नहीं दी गई है

िवशेष क ीय सहायता
िवशेष क ीय सहायता (एससीए) से लेकर अनुसूिचत जाित उप योजना (एससीएसपी) क ीय े की एक
योजना है िजसे 1980 म शु िकया गया था इसके अंतगत रा ों/क शािसत दे शों को उनकी अनुसूिचत
जाित उप योजना के िलए एक यो के प म 100 ितशत अनुदान िदया जाता है इसका मु उ े
गरीबीरे खा से नीचे रहने वाले अनुसूिचत जाित के आिथक िवकास के िलए प रवारो ुखी योजनाओं को
े रत करना है
रा अनुसूिचत जाित िवकास िनगम को सहायता
अनुसूिचत जाित िवकास िनगम (एससीडीसी) के इ टी शेयर म िह ेदार बनने के िलए क ायोिजत
योजना 49:51 के अनुपात (क /रा ) म 1979 म शु की गई इस समय एससीडीसी 27 रा ों/
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क शािसत दे शों म काय कर रहा है एससीडीसी का मु काय अनुसूिचत जाित के पा प रवारों की


पहचान करना और उ आिथक िवकास योजना के िलए े रत करना, ऋण सहायता के िलए योजनाओं को
िव ीय सं थानों के िलए ायोिजत करना, कम ाज दर और स डी पर मािजन मनी के प म िव ीय
सहायता दान करना है तािक भुगतान दे नदारी को कम िकया जा सके और अ गरीबी उ ूलन काय मों
के साथ जोड़ा जा सके िनगम ऋण दान करने और मािजन मनी ऋण के प म िनवेश तथा लि त समूह
को स डी दान करने म मह पूण भूिमका िनभा रहा है
रा ीय अनुसूिचत जाित िव और िवकास िनगम
रा ीय अनुसूिचत जाित िव और िवकास िनगम (एनएसएफडीसी) की थापना कंपनी कानून 2013 (पूव म
कंपनी कानून, 1956 के अनु े द 25) के अनु े द 8 के अंतगत फरवरी 1989 म की गई थी
एनएसएफडीसी का ापक उ े अनुसूिचत जाित के प रवारों को रयायती ऋण के प म िव ीय
सहायता दान करना और गरीबी रे खा (वतमान म ामीण े ों के िलए 98,000 पये ितवष और शहरी
इलाकों के िलए 1,20,000 पये) से नीचे रह रहे लि त समूह के युवकों को उनके आिथक िवकास के िलए
कौशल और उ म संबंधी िश ण दान करना है
अनुसूिचत जाितयों के िलए उ म पूंजी कोष
िव मं ी ने िव वष 2014-15 के िलए 17 फरवरी, 2014 को पेश अपने अंत रम बजट म, अ बातों के
अलावा अनुसूिचत जाितयों के िलए एक उ म पूंजी कोष थािपत करने की घोषणा की जो इस कार है :
अनुसूिचत जाितयों के बीच उ िमता को बढ़ावा दे ने और उ रयायती दरों पर िव ीय सहायता दान
करने के िलए, आईएफसीआई अनुसूिचत जाितयों के िलए एक उ म पूंजी कोष थािपत करे गा म 200
करोड़ पये की आरं िभक पूंजी दान करने का ाव रखता ं , िजसम हर वष वृ की जाएगी
यह आवंटन अनुसूिचत जाितयों के बीच उ िमता को बढ़ावा दे ने और उ रयायती दरों पर िव ीय
सहायता दान करने के िलए सामािजक े की पहलों के अंतगत िकया गया है
अनुसूिचत जाितयों के िलए ऋण वृ गारं टी योजना
िव मं ी ने 18 जुलाई, 2014 को क ीय बजट भाषण 2014-15 के दौरान घोषणा की िक अनुसूिचत जाितयों
म िव ास पैदा करने के अलावा अनसूिचत जाितयों के उन युवा और ाट-अप उ िमयों िलए ऋण वृ
सुिवधा की िदशा म 200 करोड़ की रािश आवंिटत की जाएगी जो रोज़गार सृजन करने वाले समाज के
िनचले र म उ म को ो ािहत करने के उ े से नए म म वग की ेणी का िह ा बनना चाहते ह
यह आवंटन अनुसूिचत जाितयों के उन उ िमयों को ो ािहत करने के िलए सामािजक सुर ा पहल के
अंतगत िकया जाएगा जो समाज के िनचले र से ता ुक रखते ह इसके िलए उ ऋण वृ गारं टी के
प म बकों और िव ीय सं थानों से सहयोग िमलेगा जो अनुसूिचत जाितयों के उ िमयों को िव ीय
सहायता दान करगे

िद ांग यों का क ाण
िविभ नीितगत मु ों पर िवशेष ान दे ने और िद ां ग यों के क ाण और उ अिधकार संप
बनाने के उ े से चल रहे काय पर िवशेष जोर दे ने के िलए सामािजक ाय और अिधका रता मं ालय ने
12 मई, 2012 को िद ां ग मामलों का एक अलग िवभाग बनाया इस िवभाग को 08.12.2014 को िद ां ग
जन को अिधकार संप बनाने के िवभाग के प म नया नाम िदया गया यह िवभाग िद ां गता और
िद ां ग यों से जुड़े मामलों के िलए एक शीष सं था के प म काय करता है साथ ही िविभ
साझेदारों यथा- संब क ीय मं ालयों, रा /क शािसत सरकारों, एनजीओ आिद के साथ िद ां गता से
जुड़े मामलों म भावी िनकट सहयोग बनाकर रखता है
2011 की जनगणना के अनुसार दे श म 2.68 करोड़ लोग िद ां ग थे (जो कुल आबादी का 2.21
ितशत है ) िद ां ग यों की कुल आबादी म से करीब 1.50 करोड़ पु ष और 1.18 करोड़ मिहलाएं
ह इनम ने हीन, बहरे , ीच और लोकोमोटर िद ां गता, मानिसक बीमारी, मंद बु , ब िद ां गता और
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अ िद ां गता वाले शािमल ह


संवैधािनक ावधान
भारत का संिवधान अपनी ावना के ज रए अ बातों के अलावा अपने सभी नाग रकों कोः ाय,
सामािजक, आिथक और राजनीितक; िवचारों को अिभ करने की आज़ादी, आ था, िव ास और
आराधना; ओहदे और अवसर की समानता का अिधकार दान करता है संिवधान का भाग-III सभी
नाग रकों को 6 मौिलक अिधकार दान करता है (और कुछ मामलों म गैर-नाग रकों को भी) इनम
शािमल है - समानता का अिधकार; तं ता का अिधकार; उ ीड़न के खलाफ़ अिधकार; धािमक आज़ादी
का अिधकार; और सां ृ ितक और शै िणक अिधकार तथा संवैधािनक उपायों का अिधकार ये सभी
अिधकार िद ां ग यों के िलए भी उपल ह हालां िक ऐसे यों का संिवधान के इस िह े म कोई
िवशेष िज नहीं है
संिवधान के भाग-1 IV म रा नीित के िनदशक िस ां तों को शािमल िकया गया है गैर- ाियक होने
के बावजूद, इ दे श के शासन म मौिलक िस ां त घोिषत िकया गया है ये िस ां त रा नीित के िलए
अिनवाय ह वा व म इनकी कृित िनदश दे ने संबंधी है जो भिव म िवधानमंडलों और कायका रणी
श को उनके मागदशन के िलए जारी िकए जाएं गे अनु े द, 41 काम करने का अिधकार, कुछ मामलों
म िश ा और सावजिनक सहायता दान करता है रा को अपनी आिथक मता और िवकास के दायरे
के भीतर, काम करने का अिधकार ा करने के िलए, िश ा के िलए और बेरोज़गारी की थित म
सावजिनक सहायता, वृ ाव था, बीमारी, िद ां गता और अनुपयु मां ग के अ मामलों म भावी
ावधान बनाने होंगे इसके अलावा अनु े द 243-जी की 11वीं अनुसूची और अनु े द 243-ड ू की
12वीं अनुसूची जो आिथक िवकास और सामािजक ाय के िलए योजनाओं के काया यन के संबंध म
मशः पंचायतों और नगर िनगमों के अिधकारों और िज ेदा रयों से जुड़ी है , उसम समाज के अ
कमजोर वग के बीच िद ां गों के क ाण और िहतों की र ा शािमल है इस अनुसूची के संब िन ष
को नीचे दोबारा तैयार िकया गया है अनु े द 243-जी की 11वीं अनुसूचीः िद ां ग और मंदबु के
क ाण सिहत सामािजक क ाण ( िवि सं ा 26) अनु े द 243-ड ू की 12वीं अनुसूचीः िद ां गों
और मंदबु सिहत समाज के कमजोर वग के िहतों की र ा ( िवि सं ा 9)
िवभाग िद ां गता और क ाण तथा िद ां ग यों को अिधकार संप बनाने के िविभ पहलुओं से
जुड़े िन िल खत कानूनों को दे खता है :—

भारतीय पुनवास प रषद कानून, 1992;


िद ां ग (समान अवसर, अिधकारों का संर ण और पूण भागीदारी) कानून, 1995; और
ऑिट , सैरी ल पा ी, मंद बु यों के क ाण के िलए रा ीय ास और ब -िद ां गता
कानून, 1999

िद ां ग यों को अिधकारसंप बनाने के िवभाग (डीईपीड ूडी) ने िद ां ग यों के िलए


सावभौिमक प ं च को ा करने के िलए एक रा ापी अिभयान सुग भारत अिभयान चलाया इस
अिभयान म सावभौिमक प ं च ा करने के िलए तीन अलग-अलग काय े लि त िकए गए िजनम
माहौल बनाना, प रवहन पयावरण- णाली और सूचना तथा संचार पयावरण णाली शािमल है इस
अिभयान म िनधा रत समय सीमा के साथ मह ाकां ी ल रखे गए ह और अिभयान के बारे म तथा
िविभ साझेदारों की ितब ता/उनके जुड़ने के बारे म जाग कता फैलाने के िलए आईटी और सोशल
मीिडया का इ ेमाल िकया जाएगा िवभाग ने िविभ रा ों से कहा है िक वे बड़े शहरों म 50 से 100
सावजिनक इमारतों और नाग रकों से जुड़ी सावजिनक वेबसाइटों की पहचान कर, िजनकी पूरी तरह प ं च
होगी, उसका िद ां ग यों के जीवन पर सबसे अिधक भाव पड़े गा एक बार पहचान कर िलए जाने
पर इन इमारतों और वेबसाइटों का पेशेवर एजिसयों ारा ए ेस ऑिडट (Access Audit) िकया जाएगा
िनरी ण के िन ष के अनुसार इमारतों म बदलाव और उनम िह े जोड़ने, प रवहन और वेबसाइटों को
िविभ सरकारी िवभागों ारा हाथ म िलया जाएगा इसे िद ां ग यों को अिधकारसंप बनाने के िलए
चलाई जा रही एक मुख योजना ‘िद ां ग काया यन योजना’ से सहयोग िमलेगा तािक उ सामािजक
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और आिथक ि से अिधकारसंप बनाने के िलए लागू िकया जा सके


िवभाग दे शभर म सुग पुिलस े शन, सुग अ ताल और सुग पयटन का सृजन करने के िलए
गृह मं ालय, ा और प रवार क ाण मं ालय और पयटन मं ालय के साथ सहयोग कर रहा है
िवभाग शीषक दे ने, भाषण के िवषय और ऑिडयो िववरण जैसी िवशेषताओं को शािमल करके टे लीिवजन
काय मों तक प ं च बढ़ाने के िलए सूचना एवं सारण मं ालय के साथ सहयोग कर रहा है िद ां ग
यों को अिधकारसंप बनाने का िवभाग एक मोबाइल एप बनाने की ि या म है , साथ ही वह एक
वेबपोटल भी बना रहा है तािक प ं च के बाहर वाले थानों के बारे म सूचना िमल सके मोबाइल फोन म
डाउनलोड िकए गए एप की मदद से कोई भी प ं च के बाहर वाले सावजिनक थलों (जैसे- ू ल,
अ ताल, सरकारी कायालय आिद) की फोटो अथवा वीिडयो ले सकेगा और उसे सुग इं िडया पोटल म
अपलोड कर सकेगा पोटल प ं च ऑिडट, िव ीय मंजूरी के िलए अनुरोध को दे खेगा और इमारत म नया
एप जोड़े जाने की संभावना तलाशेगा तािक इसे पूरी तरह सुग बनाया जा सके मोबाइल एप और पोटल
बड़े कॉप रे ट और सावजिनक े के उप मों को अिभयान से जोड़ने का यास करे गा और उ आसानी
से इ ेमाल होने वाले, पयावरण की ि से अनुकूल और िद ां गों को इनम िमलने वाली सुिवधाओं के
मामले म और इमारत/प रवहन और वेबसाइटों तक प ं चने के िलए बदलाव म उनकी मदद लेगा
िद ांग
िद ां ग यों (समान अवसर, अिधकारों का संर ण और पूण भागीदारी) के अनु े द 2 (टी) कानून
1995 म 40 ितशत तक की िकसी भी कार की िद ां गता से पीिड़त को िचिक ा अिधका रयों
ारा मािणत करने के प म प रभािषत िकया गया है िद ां गता (क) ने हीनता (ख) कम िदखाई दे ना
(ग) उपचा रत कु रोग (घ) सुनने म परे शानी (ङ) लोको-मोटर िद ां गता (च) मानिसक बीमारी (छ) मंद
बु (ज) ऑिट (झ) सैरी ल पा ी अथवा (च) (छ), (ज) और (झ) के कोई दो अथवा अिधक का िम ण
हो सकती है (अनु े द 2 (झ) िद ां ग यों के िलए कानून, 1995 को ऑिट , सैरी ल पा ी,
मंदबु यों के क ाण के िलए रा ीय ास और ब िद ां गता कानून, 1999 के अनु े द 2 (झ) के
साथ पढ़ा जाए
मानिसक ा कानून
िद ां गता (समान अवसर, अिधकारों का संर ण और पूण भागीदारी) कानून, 1995 के अंतगत मानिसक
बीमारी को एक कार की िद ां गता के प म मा ता दी गई मानिसक प से बीमार का इलाज
और दे खभाल मानिसक ा कानून 1987 से संचािलत है यह कानून ा और प रवार क ाण
मं ालय ने लागू िकया है
िद ांग यों के िलए कानून
एक िव ृत कानून, िजसे िद ां गता वाले (समान अवसर, अिधकारों का संर ण और पूण भागीदारी)
कानून नाम िदया गया, उसे 1995 म बनाया गया और इसे फरवरी 1996 म लागू िकया गया यह कानून
रोकथाम और पुनवास को बढ़ावा दे ने के पहलुओं जैसे- िश ा, रोज़गार और ावसाियक िश ण, बाधा
मु माहौल तैयार करने, िद ां ग यों के िलए पुनवास सेवाओं का ावधान, सं थागत सेवाएं और
बेरोज़गारी भ ा जैसे सहायक सामािजक सुर ा उपाय क और रा र पर िशकायत िनवारण तं ारा
िनपटाया जाता है
ऑिट , सैरी ल पा ी, मंदबु यों के क ाण के िलए रा ीय ास और ब िद ां गताः रा ीय
ास ऑिट , सैरी ल पा ी, मंदबु यों के क ाण के िलए रा ीय ास और ब -िद ां गता
कानून, 1999 के अंतगत एक वैधािनक संगठन है ास का मु उ े इन िद ां गता वाले यों को
अिधकारसंप बनाना है तािक जहां तक संभव हो वे पूण प से तं जीवन जी सक साथ ही पंजीकृत
संगठनों को सहायता दान करना जो आव क सेवाएं दे रहे ह तथा संर ण चाहने वाले िद ां ग यों
के िलए कानूनी अिभभावकों की िनयु की ि या बनाना है
िद ांग यों के िलए मु आयु कायालय
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मु आयु एक मह पूण वैधािनक अिधकारी है िजसकी िनयु िद ां ग (समान अवसर,


अिधकारों का संर ण और पूण भागीदारी) कानून, 1995 के अनु े द 57 के अंतगत की गई है मु
आयु के काय और कत ों म िद ां ग यों के िलए रा आयु ों के काय के साथ तालमेल, क
सरकार ारा दी गई धनरािश के इ ेमाल की िनगरानी, िद ां ग यों के िलए उपल सुिवधाओं और
अिधकारों की र ा के िलए कदम उठाना और िद ां ग यों को अिधकारों से वंिचत करने के संबंध म
ा िशकायतों को दे खना शािमल है मु आयु िकसी भी ऐसे िनयम, कानून आिद को लागू नहीं करने
के संबंध म तः सं ान ले सकता है जो िद ां गों के िलए बनाए गए ह और िजसम गवाहों को बुलाने, खोज,
िकसी द ावेज़ को ा करने और पेश करने आिद से संबंिधत दीवानी अदालत के अिधकार िनिहत ह
पुनवास प रषद
भारतीय पुनवास प रषद एक वैधािनक सं था है िजसकी थापना भारतीय पुनवास प रषद कानून, 1992 के
अंतगत की गई है प रषद पुनवास और िवशेष िश ा के े म पेशेवरों की िविभ ेिणयों के िलए िश ण
नीितयों और काय मों को िनयंि त करने के िलए िज ेदार है इसके काय म शािमल है : (i) दे शभर के
सभी िश ण सं थानों म िविभ रों पर िश ण पा मों का मानकीकरण और िनयं ण, (ii) दे श के
भीतर और बाहर आपस म िद ां ग यों के पुनवास के े म िश ण पा म चलाने वाले सं थानों/
िव िव ालयों को मा ता, (iii) पुनवास और िवशेष िश ा म अनुसंधान को बढ़ावा (iv) पुनवास के े म
मा ता ा पुनवास यो ता रखने वाले पेशेवरों के िलए क ीय पुनवास रिज र का रखरखाव और (V)
िद ां गता के े म काय कर रहे संगठनों के साथ सहयोग करके चल रहे पुनवास िश ा काय मों को
ो ाहन
वेबसाइट: rehabcouncil.nic.in
रा ीय सं थाएं
िद ां गों की आबादी की ब आयामी सम ा से भावी तरीके से िनपटने के िलए िद ां गता के ेक
मुख े म िन िल खत रा ीय सं थान/शीष र के सं थान थािपत िकए गए ह: (i) रा ीय ने हीन
सं थान, दे हरादू न, (ii) नेशनल इं ी ूट फॉर ऑथ पेिडकल हडीकै ड, कोलकाता, (iii) अली यावर जंग
रा ीय वण िवकलां ग सं थान, मुंबई, (iv) मानिसक रोिगयों के िलए रा ीय सं थान, िसकंदराबाद, (v)
रा ीय पुनवास िश ण और अनुसंधान सं थान, कटक, (vi) शारी रक िवकलां गता सं थान, नई िद ी,
(vii) िविवध िवकलां गता वाले लोगों के सश करण के िलए रा ीय सं थान, चे ई ये सं थान मु प से
नवो ेष अनुसंधान कराने, मानव श िवकास के िलए िश ण काय म आयोिजत करने और दे श म
सेवाएं दे ने के िलए िज ेदार ह भारत का कृि म अंग िनमाण िनगम (एएलआईएमसीओ), कानपुर
सावजिनक े की एक सं था है जो िद ां ग यों के िलए सहायक उपकरण बनाने के काय म लगी
ई है िनगम ारा बनाए गए उ ाद आईएसआई मानकों की पुि करते ए िज भारतीय मानक ूरो से
मंजूरी िमली ई है उ ादों का िवपणन े ीय िवपणन क ों- कोलकाता, मुंबई, चे ई, भुवने र और
िद ी तथा रा ीय सं थानों, यं सेवी संगठनों के ज रए िकया जाता है
िद ां ग यों के िलए पां च संयु े ीय क ीनगर, लखनऊ, भोपाल, सुंदरनगर और गुवाहाटी म
थत ह ये क पुनवास के े म पेशेवरों को तैयार करने के िलए िश ण काय म चलाने के साथ-साथ
िद ां गों को पुनवास सेवाएं दान करते ह रीढ़ की ह ी की चोटों और हि यों से संबंिधत अ िद ां गता
के चार े ीय क मोहाली, कटक, जबलपुर और बरे ली म थत ह जो मौिलक बंधन के िलए सेवाएं दान
कर रहे ह और रीढ़ की ह ी की चोटों के बारे म आगे ा करना है ये जानकारी ले रहे ह तािक भािवत
यों को तं होकर काम करने लायक बनाया जा सके
आिथक िवकास
रा ीय िवकलां ग िव और िवकास िनगम (एनएचएफडीसी) एक शीष र का िव ीय सं थान है जो िद ां ग
यों को उनके आिथक िवकास के िलए ऋण सुिवधाएं दे ता है िव ीय सहायता रा सरकारों/
क शािसत शासनों और गैर-सरकारी संगठनों ारा अिधकृत एजिसयों के ज रए दी जाती है ये ातक
और उ र पर िश ा के िलए ऋण दे ता है इसके अलावा यह तकनीकी और उ म संबंधी कौशल के
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उ यन म सहायता करता है तािक लाभा त अपनी उ ादन इकाइयों का भावी तरीके से बंधन कर
सक
वेबसाइट: www.nhfdc.nic.in
िद ांग यों की सहायता के िलए सहायक उपकरण
िद ां ग यों को सहायता योजना के अंतगत िटकाऊ, अ ाधुिनक और वै ािनक ि से िनिमत,
मानकीकृत साधन और सहायक उपकरण खरीदने/उनकी िफिटं ग के िलए सहायता दी जाती है इनसे
उनके िद ां गता के भाव को कम करके शारी रक, सामािजक और मनोवै ािनक पुनवास को बढ़ावा
िमलता है और उनके िलए आिथक संभावनाएं बढ़ती ह योजना को यंसेवी संगठनों, मं ालय के अंतगत
रा ीय सं थान, एएलआईएमसीओ, िजला पंचायतों, डीआरडीए आिद के ज रए लागू िकया गया है
काया यन एजिसयां साधन और उपकरणों की खरीद, संरचना और िवतरण के िलए सहायता अनुदान दे ती
ह इस योजना के दायरे म िचिक ा/सिजकल इलाज और रोगी की बेहतरी के िलए अ उपाय शािमल ह
जो साधनों और उपकरणों को लगाने से पहले आव क हो सकते ह

जनजातीय मामले
सामािजक ाय और आिधका रता मं ालय को िवभािजत करने के बाद 1999 म आिदवासी मामलों के
मं ालय का गठन िकया गया िजसका उ े भारतीय समाज के सबसे उपेि त, अनुसूिचत जनजाितयों
(अजजा.) के सम त सामािजक-आिथक िवकास के बारे म एक सम त और िनयोिजत तरीके से अिधक
कि त ि कोण दान करना है मं ालय के गठन से पूव आिदवासी मामलों का बंध अलग अलग समय
पर िविभ मं ालयों ारा िकया जाता था स ूण नीित, योजना और अनुसूिचत अजजा. के िवकास के िलए
सम त काय मों का यह शीष मं ालय है इस मं ालय ने उन ि याकलापों को हाथ म िलया है जो भारत
सरकार के िनयमों, 1961 के अंतगत आवंिटत ( काय का आवंटन) िवषयों का पालन करते ह
वेबसाइट: www.tribal.nic.in
अनुसूिचत े और जनजातीय े
अनुसूिचत जनजाितयां अ समुदायों के िवपरीत समूहों म रहती ह इसिलए िवकास गितिविधयों के िलए
े वार ि कोण सरलता से अपनाया जा सकता है और उनके िहतों की र ा के िलए िनयामक ावधान भी
अपनाए जा सकते ह भूिम ह ां तरण और अ सामािजक मु ों के संबंध म अनुसूिचत जनजाितयों के
िहतों की र ा करने के िलए संिवधान म पां चवीं अनुसूची और छठी अनुसूची के ावधानों को शािमल िकया
गया है
संिवधान के अनु े द 244 (1) के अंतगत पां चवीं अनुसूची अनुसूिचत इलाकों को ऐसे इलाकों के पम
प रभािषत करती है िज रा के रा पाल के साथ िवचार-िवमश के साथ रा पित ारा अनुसूिचत
इलाकों के प म घोिषत िकया जा सकता है संिवधान के अनु े द 244 (2) के अंतगत छठी अनुसूची का
संबंध असम, मेघालय, ि पुरा और िमज़ोरम रा ों के उन इलाकों से है िज जनजातीय इलाको के पम
घोिषत िकया गया है और ऐसे इलाकों के िलए िजला प रषद अथवा े ीय प रषद दान की गई ह इन
प रषदों को ापक कानूनी, ाियक और कायकारी श यां दान की गई ह पां चवीं अनुसूची के े :
िकसी भी इलाके को पां चवीं अनुसूची के अंतगत अनुसूिचत इलाके के प म घोिषत करने के िलए मानदं ड
ह: (क) जनजातीय आबादी की चुरता, (ख) इलाके की सघनता और उपयु आकार, (ग) एक वहाय
शासिनक सं था जैसे- िजला, ॉक अथवा तालुक और (घ) पड़ोसी इलाकों की तुलना म उस इलाके म
आिथक िपछड़ापन िकसी रा के संबंध म अनुसूिचत इलाकों का िविनदशन संब रा सरकारों के
साथ िवचार-िवमश के बाद रा पित के अिधसूिचत आदे श ारा िकया जाता है यही तरीका प रवतन, वृ ,
कटौती, नए इलाकों को शािमल करने, अथवा अनुसूिचत इलाकों से संबंिधत िकसी आदे श को र करने के
िलए लागू होता है
अनुसूिचत इलाकों के लाभ इस कार ह: (क) कोई भी ऐसा रा िजसके पास अनुसूिचत इलाके ह
उसके रा पाल को यह अिधकार है िक वह िन िल खत के संबंध म िनयम बनाए: (i) जनजातीय लोगों से
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भूिम के ह ां तरण पर रोक अथवा ितबंध; (ii) अनुसूिचत जनजाितयों के सद ों को धन उधार दे ने के


वसाय को िनयंि त करना ऐसा कोई िनयम बनाने म, रा पाल, संसद अथवा रा िवधान मंडल के
िकसी भी ऐसे कानून को र कर सकता है अथवा उसम संशोधन कर सकता है जो उस े के संबंध म
लागू होता है (ख) रा पाल सावजिनक अिधसूचना के ज रए िनदश दे सकता है िक संसद अथवा रा
िवधान मंडल का कोई िवशेष कानून अनुसूिचत इलाकों अथवा रा म िकसी अ िह े पर लागू नहीं
िकया जाए अथवा ऐसे इलाकों म लागू हो जो इसके अपवाद हों और िजनम तबदीली की जा सके िजसकी
वह िव ृत जानकारी दे (ग) िजस रा के पास अनुसूिचत इलाके ह वहां के रा पाल हर वष, अथवा
भारत के रा पित की ज रत के मुतािबक उस रा के अनुसूिचत इलाकों के शासन के संबंध म रा पित
को रपोट दगे और क की कायकारी श यां रा को और उस इलाके के शासन को िनदश दे ने के
िलए बढ़ाई जा सकती ह (घ) जनजातीय सलाहकार प रषद (टीएसी) उन रा ों म थािपत की जा सकती
ह िजनके पास अनुसूिचत इलाके ह टीएसी की भूिमका रा म अनुसूिचत जनजाितयों के क ाण और
उनकी तर ी से जुड़े मामलों पर रा सरकार को सलाह दे ना है जैसा िक उसे रा पाल ने िनिद िकया
है टीएसी म 20 से अिधक सद नहीं होंगे िजनम से करीब तीन चौथाई अनुसूिचत जनजाित के िवधायकों
म से होंगे टीएसी भारत के रा पित के िनदश पर िकसी भी ऐसे रा म थािपत की जा सकती है जहां
अनुसूिचत जनजाितयां ह लेिकन अनुसूिचत इलाकों म नहीं आते (ङ) पंचायतों के ावधान (अनुसूिचत
इलाकों के िव ार) कानून, 1996 ( पीईएसए), संिवधान के भाग-IX म इलाकों तक बढ़ा िदए गए ह, साथ ही
इसम अनुसूिचत जनजाितयों के लाभ के िलए िवशेष ावधान शािमल ह छठी अनुसूची- जनजातीय इलाके:
संिवधान के अनु े द 244 के अंतगत छठी अनुसूची असम, मेघालय, ि पुरा और िमज़ोरम म जनजातीय
इलाकों म ाय शासी िजलों की पहचान करती है यह इन ाय शासी िजलों के भीतर ाय शासी े ों
की पहचान का ावधान भी करती है इ छठी अनुसूची के पैरा 20 के साथ संल तािलका के भाग I, II,
II ए और III म िनिद िकया गया है दू सरे श ों म, िजन े ों म छठी अनुसूची के ावधान लागू होते ह
उ जनजातीय े ों के प म जाना जाता है जनजातीय इलाकों का रा वार िववरण इस कार है ः
भाग-1 असमः (1) उ री कछार पहाड़ी िजला; (2) कब - आं गलोंग िजला; और (3) बोडोलड ादे िशक
े िजले; भाग-II मेघालयः (1) खासी पहाड़ी िजला; (2) जयंितया पहाड़ी िजला; और (3) गारों पहाड़ी
िजला; भाग-II ि पुरा; ि पुरा आिदवासी े िजला; भाग-III िमज़ोरम; (1) चकमा िजला; (2) मारा िजला;
और (3) लाई िजला
िजला और े ीय प रषदों को यह अिधकार िदए गए ह िक ाइमरी ू ल, िड स रयों, बाज़ार,
मवेिशयों के तालाब, नौकाओं, म पालन, सड़कों, सड़क प रवहन और जलमाग की थापना, िनमाण
अथवा बंधन जैसे मामलों के संबंध म रा पाल की मंजूरी से िनयम बनाएं उ री कछार और कब
आं गलोंग पहाडी िजलों की ाय शासी प रषदों को अित र अिधकार दान िकए गए ह तािक वे
सेकडरी िश ा, कृिष, सामािजक सुर ा और सामािजक बीमा, सावजिनक ा और ता, लघु
िसंचाई आिद जैसे अ मामलों के संबंध म कानून बना सक प रषदों को कुछ मुकदमों और अपराधों का
मुकदमा चलाने के िलए दीवानी कायिविध कोड और फौजदारी कायिविध कोड के अंतगत भी अिधकार
िदए गए ह, साथ ही उ अपने इलाकों के राज और कर एक करने के िलए राज ािधकरण की
श यां और ाकृितक संसाधनों के िनयं ण और बंधन के िलए अ अिधकार भी ा ह
अनुसूिचत जनजाित के प म घोिषत करने की ि या
अनु े द 366 (25) के अंतगत भारत के संिवधान म अनुसूिचत जनजाित श को ऐसी जनजाित अथवा
जनजातीय समुदाय अथवा ऐसी जनजाित के भीतर के समूह के िह े अथवा जनजातीय समुदाय के पम
प रभािषत िकया गया है , जैसािक संिवधान के उ े ों के िलए अनुसूिचत जनजाितयों को अनु े द 342 के
अंतगत माना गया अनु े द 342 अनुसूिचत जनजाितयों के िविश मामलों म अपनायी जाने वाली ि या
का िनधारण करता है अनु े द 342 (1) के मामले म िकसी भी रा अथवा क शािसत दे श, और जहां
यह रा है , के मामले म रा पित रा पाल के साथ िवचार-िवमश करने के बाद जनजाितयों अथवा
जनजातीय समुदायों अथवा उसके कुछ िह े को अनुसूिचत जनजाितयों के प म अिधसूिचत कर सकते
ह यह जनजातीय अथवा उसके एक िह े को सां िवधािनक दज़ा दे ता है िजसम संिवधान म इन समुदायों
को इनके संब रा ों / क शािसत दे शों म सुर ा दान की गई है अतः अनु े द 342 (1) के मामले म
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केवल ऐसे समुदाय िज एक आरं िभक सावजिनक अिधसूचना के ज रए रा पित ारा इस तरह से घोिषत
िकया गया है िक उ अनुसूिचत जनजाित माना जाएगा सूची म भिव म िकसी भी कार का संशोधन
संसद के कानून (अनु े द 342(2)) के ज रए िकया जाएगा संसद अनुसूिचत जनजाित, िकसी भी जनजाित
अथवा जनजातीय समुदाय अथवा इसके िकसी भाग को कानून ारा सूची म शािमल कर सकती है अथवा
िनकाल सकती है अनुसूिचत जनजाितयों की सूची रा िवशेष के बारे म है दू सरे श ों म, यह ज री
नहीं है िक एक रा म अनुसूिचत जनजाित के प म घोिषत समुदाय को दू सरे रा म भी अनुसूिचत
जनजाित माना जाए
जनजाितयों को अनुसूिचत ेणी म शािमल करना और हटाना
िकसी िवशेष रा /क शािसत दे श के संबंध म अनुसूिचत जनजाितयों का पहला िविनदश संब रा
सरकारों के साथ िवचार-िवमश के बाद रा पित का अिधसूिचत आदे श होता है अनुसूिचत जनजाित के
प म िकसी समुदाय को िविनिद करने के िलए आमतौर से अपनाए जाने वाले मानदं ड ह: (क) ारं िभक
ल णों के संकेत; (ख) िवशेष सं ृ ित; (ग) समुदाय के साथ संपक बनाने म संकोच; और (घ) भौगोिलक
प से अलग-थलग यानी िपछड़ापन इनकी जानकारी संिवधान म नहीं दी गई है लेिकन ये मानदं ड
भलीभां ित थािपत हो चुके ह इसम 1931 की जनगणना, पहले िपछड़ा वग आयोग (कालेलकर सिमित),
1955, अनुसूिचत जाित/अनुसूिचत जनजाित सूिचयों के संशोधन सिमित सलाहकार सिमित (लोकूर सिमित),
1965 और अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों के आदे शों के बारे म संसद की संयु सिमित
(संशोधन) िवधेयक, 1967 और (चंदा सिमित), 1969 की प रभाषाओं को ान म रखा गया है भारत के
संिवधान के अनु े द 342 के अंतगत अिधसूचना के अनुसार 700 से अिधक जनजाितयां (इनम से अनेक
एक से अिधक रा ों म ा ह) ह जो दे श के िविभ रा ों और क शािसत दे शों म फैली ई ह
गौरतलब है िक ह रयाणा और पंजाब तथा क शािसत चंडीगढ़, िद ी और पुडु ् डचेरी म िकसी भी समुदाय
को अनुसूिचत जनजाित के प म िनिद नहीं िकया गया
अनुसूिचत जनजाित के दज का पता लगाना
जहां भी कोई ज से ही अनुसूिचत जनजाित से तालुक रखने का दावा करता है , इसकी पुि होनी
चािहए (क) वह और उसके माता िपता उस समुदाय से संबंध रखते ह िजसका उसने दावा िकया है ;
(ख) समुदाय को संब रा के संबंध म अनुसूिचत जाितयों को िनिद करने वाले रा पित के आदे श म
शािमल िकया गया है ; (ग) वह उस रा और रा के भीतर िकसी इलाके से संबंध रखता है िजसम
समुदाय को अनुसूिचत िकया गया है ; (घ) वह िकसी भी धम का हो सकता है ; (ङ) उसे या उसके माता-
िपता/दादा-दादी आिद को इस संबंध म लागू रा पित के आदे श की अिधसूचना की तारीख को रा /
क शािसत दे श के थायी िनवासी होना चािहए; (च) जो इस मामले म लागू रा पित के आदे श की
अिधसूचना के समय अपने थायी िनवास थान से अ थायी प से दू र था, उदाहरण के िलए वह
आजीिवका कमाने अथवा िश ा ा करने के िलए गया आ था उसे भी अनुसूिचत जनजाित माना जाएगा,
यिद उसकी जनजाित को उसके गृह रा /क शािसत दे श के संबंध म उस आदे श म िनिद िकया गया
है ; (छ) लेिकन उसे उसके अ थायी िनवास थान के संबंध म ऐसा नहीं माना जा सकता, चाहे उस रा के
संबंध म उसकी जनजाित का नाम रा पित के िकसी भी आदे श म अनुसूिचत िकया गया हो जहां वह
अ थाई प से बस गया है ; (ज) रा पित के संब आदे श की अिधसूचना की तारीख के बाद ज े
यों के मामले म, अनुसूिचत जनजाित का दजा ा करने के िलए उनका रहने का थान रा पित के
आदे श की अिधसूचना के समय उनके माता-िपता का थायी िनवास होना चािहए िजसके अंतगत वे उस
जनजाित से तालुक रखने का दावा कर सकते ह यह ल ीप के अनुसूिचत जनजाितयों पर लागू नहीं
होता िजनके िलए यह ज री है िक अनुसूिचत जनजाित का दजा ा करने की पा ता हािसल करने के
िलए उ ोंने क शािसत दे श म ही ज िलया हो
िनदशक िस ां त यह है िक ऐसे िकसी भी को अनुसूिचत जनजाित का सद नहीं माना जाएगा
जो ज से अनुसूिचत जनजाित का नहीं है लेिकन उसने अनुसूिचत जनजाित के से िववाह िकया है
इसी कार से जो अनुसूिचत जनजाित का सद है वह अनुसूिचत जनजाित का सद बना रहे गा
चाहे उसने िकसी ऐसे से िववाह िकया हो जो अनुसूिचत जनजाित से ता ुक नहीं रखता है
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अनुसूिचत जनजाित से संबंध रखने वाले उ ीदवारों को िन िल खत म से िकसी भी एक ािधकार से


िनधा रत फाम म अनुसूिचत जनजाित का माण-प िमल सकता है :
िजला मिज े ट/ अित र (अपर) िजला मिज े ट कले र/उपायु /अित र (अपर) उपायु /उप
कले र/वैतिनक मिज े ट/िसटी मिज े ट/सब िडवीजनल मिज े ट/तालुक मिज े ट कायकारी मिज े ट/
अित र सहायक आयु [ थम ेणी के वैतिनक मिज े ट से कम रक का नहीं] (II) चीफ ेिजडसी
मिज े ट/अित र मु ेिजडसी मिज े ट/ ेिजडसी मिज े ट; (III) राज अिधकारी िजसका रक
तहसीलदार से कम न हो; (IV) इलाके का सब िडवीजनल अिधकारी जहां उ ीदवार और/अथवा उसका
प रवार सामा तौर पर रहता है ; (V) शासक/िवकास अिधकारी (ल ीप) का शासक/सिचव
यिद कोई अिधकारी यथोिचत स ापन के िबना लापरवाही से अनुसूिचत जनजाित का माण-प जारी
कर दे ता है तो उसके खलाफ भारतीय दं ड संिहता के उिचत ावधानों के अंतगत कारवाई की जाएगी यह
उन अ कारवाइयों के अित र होगी िजनम उनके ऊपर लागू उपयु अनुशासना क िनयमों के
अंतगत कारवाई की जा सकती है
वािसयों का अनुसूिचत जनजाित होने का दावा
रोज़गार, िश ा आिद के िलए अनुसूिचत जनजाित से संबंध रखने वाले अ रा ों/क शािसत दे शों के जो
एक रा से दू सरे रा म चले गए ह, उ उस रा से अनुसूिचत जनजाित का माण-प ा
करने म काफी किठनाई का अनुभव होता है िजस रा को छोड़कर वह आए ह इस किठनाई को दू र
करने के िलए यह फैसला िकया गया िक रा सरकार/ क शािसत शासन का िनयत ािधकार दू सरे
रा से आए को अनुसूिचत जनजाित का माण-प जारी कर सकता है इसके िलए उस
को उस रा के िनयत ािधकार ारा उसके िपता/माता को जारी िकया गया वा िवक माण-प पेश
करना होगा, केवल उन मामलों को छोड़कर जहां उिचत ािधकार महसूस करता है िक माण प जारी
करने से पहले मूल रा से िव ृत जां च आव क है माण- प जारी िकया जाएगा चाहे पूछताछ की
जाने वाली जनजाित रा /क शािसत दे श के संबंध म अनुसूिचत है या नहीं िजस रा म आया
है
रा ीय अनुसूिचत जनजाित आयोग
रा ीय अनुसूिचत जनजाित आयोग (एससीएसटी) की थापना संिवधान (नवासीवां संशोधन) कानून, 2003
के ज रए संिवधान के अनु े द 338 म संशोधन करके और नए अनु े द 338ए को शािमल करके 19
फरवरी, 2004 को की गई आयोग के अ और उपा को मशः क ीय कैिबनेट मं ी और रा
मं ी का दजा िदया गया, जबिक आयोग के सद ों को भारत सरकार म सिचव का दजा िदया गया आयोग
का मु काय अनुसूिचत जनजाितयों को दान की गई सुर ा के संबंध म सभी मामलों की जां च और
िनगरानी करना और सुर ा के कामकाज का मू ां कन करना है ; और अनुसूिचत जनजाितयों की सुर ा
और उ अिधकारों से वंिचत करने के संबंध म ा िवशेष िशकायतों की जां च करना है आयोग को
िकसी भी मामले की जां च करते समय अथवा अनुसूिचत जनजाितयों की सुर ा और उ अिधकारों से
वंिचत करने से संबंिधत िकसी िशकायत की जां च करने के िलए मुकदमे की सुनवाई कर रहे एक िसिवल
कोट की सभी श यां ा ह

जनजातीय उप-योजना
वतमान जनजातीय उपयोजना (टीएसपी) काय नीित आर म 1972 म िश ा और समाज क ाण मं ालय
म एक िवशेष सिमित ारा आिदवासी यों के तेजी से सामािजक आिथक िवकास के िलए िवकिसत
की गई और इसे पहली बार पां चवीं पंचवष य योजना म अपनाया गया कुछ प रवतनों के साथ टीएसपी
काय नीित आज तक जारी है और रा ों के िलए टीएसपी के संबंध म िवशेषताएं इस कार ह:
रा की जनजातीय उपयोजना के अंतगत दान की गई धनरािश कम से कम ेक रा अथवा
क शािसत दे श की अनुसूिचत जनजातीय आबादी के अनुपात म समान होनी चािहए; रा अथवा
क शािसत दे श की जनजाितयों और जनजातीय इलाकों को रा /क शािसत दे श की स ूण योजना से
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धीरे -धीरे िमलने वाले लाभों के साथ ही टीएसपी के अंतगत फायदे िदए जाते ह; उप योजना म; (क)
जनजातीय लोगों की सम ाओं और ज रतों तथा उनके िवकास म मह पूण खािमयों को पहचाना जाए;
(ख) टीएसपी के िलए सभी उपल संसाधनों को पहचाना जाए; (ग) िवकास के िलए एक िव ृत नीितगत
ढ़ां चा तैयार िकया जाए; (ङ) इसके काया यन के िलए उपयु शासिनक रणनीित तैयार कर; और (च)
िनगरानी और मू ां कन के िलए तं की जानकारी द
मं ालय ने भारत के संिवधान के अनु े द 275 (1) के ावधान और जनजातीय उप योजना (टीएसपी के
िलए एससीए) को िवशेष क ीय सहायता के अंतगत अंतर-रा धनरािश के आवंटन और काय मों के
काया यन के िलए जून 2016 म संशोिधत िदशा िनदश जारी िकए ये िदशा-िनदश े ीय आवंटन पर
क ीय ि कोण और लेनदे न करने वाली आबादी के अंतर-रा संशोिधत आवंटन, े और पैरामीटर के
प म प रणामो ुखी काय-िन ादन करते ह इसके अलावा अंतर-िजला आवंटन की जानकारी दी
जाती है मुख अनुसूिचत जनजातीय समुदायों को ाथिमकता दी जाती है लाइन िवभाग की वतमान
गितिविधयों से िव ीय संसाधनों के ौरे के साथ उनके इ ेमाल से बृहद थािनक और उ भौगोिलक
कवरे ज सुिनि त होती है प रयोजना मू ां कन सिमित की बैठक इस वष ई िजसम आिदवासी
उपयोजना, अनु े द 275 (1) के अंतगत अनुदान और पीवीटीजी योजना के िवकास के िलए िवशेष क ीय
सहायता के अंतगत 26 रा सरकारों के ावों पर िवचार िकया गया
रा ीय अनुसूिचत जनजातीय िव और िवकास िनगम
अनुसूिचत जनजाितयों पर िवशेष ान दे ने और उनके आिथक िवकास की गित म तेजी लाने के िलए,
त ालीन रा ीय अनुसूिचत जाित और अनुसूिचत जनजाित िव िवकास िनगम को दो भागों म बां ट िदया
गया और जनजातीय मामलों के मं ालय के अंतगत अ ैल 2001 म रा ीय अनुसूिचत जनजातीय िव और
िवकास िनगम (एनएसटीएफडीसी) की थापना की गई एनएसटीएफडीसी को क नी कानून के अनु े द
25 (कंपनी जो लाभ कमाने के िलए नहीं है ) के अंतगत लाइसस िदया गया एनएसटीएफडीसी के िलए
अिधदे श ा करने के िलए ( रोज़गार उ म/गितिविधयों को हाथ म लेने के िलए) अनुसूिचत जनजाितयों
के उन यों को एनएसटीएफडीसी ारा िव ीय सहायता दी गई है िजनके प रवार की वािषक
आमदनी गरीबी रे खा से नीचे रहने वालों से दोगुनी है एनएसटीएफडीसी लि त समूह के कौशल और
उ िमता िवकास के िलए अनुदान के प म िव ीय सहायता भी दान करता है िव ीय सहायता संब
मं ालयों/रा सरकारों और क शािसत शासनों ारा मनोनीत सरकारी एजिसयों के ज रए दी जाती है
एनएसटीएफडीसी लघु वन उ ादों की खरीद और माक िटं ग के िलए भी िव ीय सहायता दे ता है तािक
अनुसूिचत जनजाितयां उ ाद/उ ादों की मजबूरन िब ी से बच सक
पा ता मानदं ड
लाभा त अनुसूिचत जनजातीय समुदाय से संबंिधत होने चािहए और लाभा तों की प रवार की वािषक
आय गरीबी रे खा से नीचे रहने वालों की आय सीमा (वतमान म ामीण इलाकों के िलए ितवष 39,500/-
और शहरी इलाकों के िलए ितवष 54,500/-) से दोगुनी नहीं होनी चािहए सहायता समूहों (एसएचजी)
के मामले म, एसएचजी के सभी सद अनुसूिचत जनजाित समुदाय के होने चािहए िजनकी प रवार की
वािषक आय गरीबी रे खा से नीचे रहने वालों की आय से दोगुनी है इसी कार से सहकारी सिमित के िलए
ऋण सहकारी सिमित के ज रए पा अनुसूिचत जनजाित को दे ने की व था की गई है जहां ूनतम 80
ितशत अथवा इससे अिधक अनुसूिचत जनजाित के सद सहकारी सिमित के सद ह अनुसूिचत
जनजाित के आिथक िवकास के िलए एनएसटीएफडीसी िन िल खत काय म लागू कर रही है
आय सृजन करने वाले ि याकलापों के िलए िमयादी ऋण दान िकया जाता है अनुसूिचत जनजाितयों
और/अथवा संबंिधत उ ाद/सेवाओं ारा एक /उगाए गए लघु वन उ ाद/कृिष उ ाद की खरीद और/
अथवा माक िटं ग के िलए क /रा सरकार की एजिसयों और रा ीय र की फेडरे शनों की कायशील पूंजी
की ज रत को पूरा करने के िलए िव ीय सहायता दान करने के िलए माक िटं ग सहायता दान की जाती
है माक िटं ग सहायता लाभा तों को एससीए के ज रए दी जाती है , ाज दीघ अविध के ऋण की ाज
दरों के बराबर होता है और सहायता क /रा /क शािसत दे शों के संगठनों/ खरीद से जुड़े रा ीय
र के फेडरे शनों को दी जाती है , ाज दर ितवष 7 ितशत है अनुदान के प म भी सहायता दी जाती
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है
िवशेष योजनाएं
आिदवासी मिहला सश करण योजना (एएमएसवाई) अनुसूिचत जनजाित की मिहलाओं के आिथक
िवकास के िलए अ िधक रयायती ाज दर पर धनरािश उपल कराने की एक िविश योजना है इस
योजना के अंतगत एनएसटीएफडीसी योजनाओं/प रयोजनाओं के िलए िमयादी ऋण उपल कराता है िजन
पर ित तं इकाई/लाभ क 50,000 लागत आती है इसके िलए योजना/प रयोजना लागत के 99
ितशत तक की िव ीय सहायता एनएसटीएफडीसी ारा दी जाती है एससीए लाभाथ मिहला से ितवष
अिधकतम चार ितशत तक सालाना ाज दर ले सकता है
लघु ऋण योजना लाभ म चल रहे वतमान सहायता समूहों के िलए अनुसूिचत जनजाित के यो
यों को छोटे और -रोज़गार उ मों/काय को हाथ म लेने के िलए िव ीय सहायता दान करने के
उ े से बनाई गई है एससीए लि त समूह के िलए योजना (योजनाओं के) अनुसार उपयु स डी या
मािजन रािश उपल करा सकता है और शेष रािश एनएसटीएफडीसी ारा िमयादी ऋण के प म
उपल करायी जा सकती है स डी नहीं िमलने अथवा एससीए के प म एससीए/बकों की कोई अंश
पूंजी नहीं िमलने की थित म एनएसटीएफडीसी मां गी गई धनरािश का शत- ितशत िमयादी ऋण के प
म दान कर सकता है जो ित सद अिधकतम 15,000 पये हो सकता है
टाइबल को-ऑपरे िटव माक िटं ग डे वलपमट फेडरे शन
ब रा सहकारी सिमित कानून, 1984 (एमएससीएस कानून, 1984) के तहत रा ीय र के शीष थ
संगठन के प म 1987 म टाइबल को-ऑपरे िटव माक िटं ग डे वलपमट फेडरे शन ऑफ इं िडया िलिमटे ड
की थापना की गई थी ब रा सहकारी सिमित अिधिनयम, 2002 (एमएससीएस कानून, 2002) बनने के
बाद टाइफेड को इसी कानून के अंतगत पंजीकृत मान िलया गया और यह कानून की दू सरी अनुसूची म
रा ीय सहकारी सं था के प म भी सूचीब है
टाइफेड की िनयमावली म ब रा ीय सहकारी सिमित के िनयमों म नए ब रा सहकारी सिमित
अिधिनयम] 2002 के साथ गिठत 2002 के अनु प अ ैल 2003 म संशोधन िकया गया इस संशोिधत
आदे श के अनुसार टाइफेड़ ने जनजाितयों से लघु वनो ाद (एमएफपी) और अित र कृिष उ ादों
(एसएपी) की बड़ी मा ा म खरीद बंद कर दी है (यह खरीद अब रा र की जनजातीय सहकारी
सिमितयों/फेडरे शनों ारा की जाती है ) टाइफेड अब जनजातीय उ ादों के िलए बाजार का िवकास करने
और सद फेडरे शनों को सेवा दान करने वाली इकाई के प म काय कर रहा है
टाइफेड अब अपनी दु कानों (टाइ इं िडया) के ज रए जनजातीय लोगों ारा बनाए गए उ ादों
( ाकृितक और जैिवक उ ाद, ह िश , स ापन आिद) की माक िटं ग के िवकास म लगा आ है और
दु कानों म इन उ ादों की िब ी ेषण आधार (कंसाइनमट बेिसस) पर की जा रही है
वेबसाइट: www.trifed.in
अनुसूिचत जनजाितयों के वन अिधकारों को मा ता
अनुसूिचत जनजाितयों और अ परं परागत वन वािसयों (वन अिधकारों को मा ता) के िलए कानून, 2006
वनों म रहने वाली उन अनुसूिचत जनजाितयों और अ परं परागत वनवािसयों की वन भूिम को मा ता, वन
अिधकार और वन भूिम पर क े का अिधकार दान करता है िजनकी पीिढ़यां सिदयों से इन वनों म रह
रही थी लेिकन उ ोंने पैतृक भूिम पर अिधकार चुना तथा उपिनवेशी शासन के दौरान और तं भारत म
सरकारी वनों के एकीकरण म पैतृक भूिम और ाकृितक वास पर वन अिधकारों को पया प से मा ता
नहीं दी गई थी, िजसके प रणाम प ऐसी वनवासी अनुसूिचत जनजाितयों के साथ बेहद अ ाय आ जो
जंगलों म अपना गुजारा कर रही थी यह कानून अमल म लाने के िलए 2007 को अिधसूिचत िकया गया
अिधिनयम के ावधानों के काया यन के िलए िनयम जनवरी 2008 को अिधसूिचत िकए गए और इनम
अिधिनयम के अंतगत िविभ सिमितयों के गठन के बारे म िवचार िकया गया, यानी रा सरकारों ारा सब
िडवीजनल र की सिमित, िजला र की सिमित और रा र की िनगरानी सिमित; सभी रा ों से
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अिधिनयम के ावधानों के काया यन के िलए नोडल अिधकारी मनोनीत करने का अनुरोध िकया गया है
रा सरकारों से यह सुिनि त करने के िलए आव क कदम उठाने का अनुरोध िकया गया है िजससे
अिधिनयम के उ े ों, ावधानों और ि याओं के बारे म जाग कता पैदा हो और मुि त साम ी जैसे
े ीय भाषाओं म पो रों के ज रए जाग कता काय मों सिहत िविभ उपायों के ज रए िनयमों की
जानकारी हो; अिधिनयमों और िनयमों का सभी े ीय भाषाओं म अनुवाद तथा काशन हो और सभी ाम
सभाओं, वन अिधकार सिमितयों और पंचायती राज, ामीण िवकास, जनजातीय एवं समाज क ाण व वन
िवभागों सिहत सभी सरकारी िवभागों म इनका िवतरण सुिनि त कर; रा के अिधका रयों, नाग रक
ितिनिधयों और गैर-सरकारी संगठनों के िलए अिभिव ास काय म, िजससे जाग कता काय मों म
उनकी सहायता ली जा सके; सब-िडवीजनल तथा िजला रीय सिमितयों को अिधिनयम व िनयमों के
उ े ों, ावधानों और ि याओं के ित संवेदनशील बनाना है
अिधिनयम के अनुसार, वन अिधकारों और भूिम अिधकारों के िवतरण और वन अिधकारों की पहचान
और उ दान करने का उ रदािय अिधिनयम के काया यन के िलए अिधसूिचत िनयमों के तहत रा
सरकार पर है सभी रा सरकारों को िनदश िदया गया है िक वे अनुसूिचत जनजाित तथा अ परं परागत
वनवािसयों ( वन अिधकारों को मा ता) अिधिनयम, 2006 के अनुसार वन अिधकार दान करने की संपूण
ि या ज से ज पूरी कर ल अिधिनयम के काया यन की ऑनलाइन िनगरानी के िलए वेब आधा रत
एमआईएस की 4 जून, 2008 से शु आत वेबसाइट: www.tribal.gov.in के परी ण के उ े से की गई
है
वनबंधु क ाण योजना
क सरकार ने प रणाम आधा रत योजनाओं पर ान कि त करने के साथ जनजातीय आबादी के संपूण
िवकास के िलए उपल संसाधनों को प रवितत करने के िलए वनबंधु क ाण योजना (वीकेवाई) शु की
वीकेवाई को एक रणनीितक ि या के प म अपनाया गया इसका उ े जनजातीय लोगों के सम
िवकास के िलए आव कता अनु प और प रणाम आधा रत माहौल तैयार करना है इस ि या की
प रक ना यह सुिनि त करने के िलए की गई है िक क और रा सरकारों के िविभ काय मों/
योजनाओं के अंतगत व ुओं और सेवाओं के सभी भावी लाभ उपयु सं थागत तं के ज रए संसाधनों के
स लन ारा लि त समूहों तक प ं च सक
अनुसूिचत जनजाित के ब ों की िश ा के िलए मुख योजना
जनजातीय मामलों का मं ालय अपनी िश ा योजना को नया प दे रहा है इसका उ े अनुसूिचत
जनजाित के ब ों को पया शै िणक ढां चा और छा वृि के ज रए उ िश ा के िलए ो ाहन दान
करना है इसे मं ालयों की योजनाओं के समावेश के ज रए हािसल िकया जा सकेगा िजसम छा वृि ा
करने की ि या को सरल बनाया जाएगा और िश ा काय िविध म सुधार के िलए टे ोलॉजी की सहायता
ली जाएगी चूंिक अलग-अलग रा ों की ज रत भी अलग-अलग ह, ािवत नई योजना म ेक रा /
क शािसत दे श को लचीलापन दान करने की उ ीद है ािवत मुख योजना म, िन िल खत
योजनाओं को िमला िदया गया है : (क) आ म ू लों की थापना और उ बढ़ाना; (ख) छा ावासों की
थापना और उनकी वृ ; (ग) जनजातीय इलाकों म ावसाियक िश ण; (घ) मैिटक के बाद छा वृि ;
और (ङ) मैिटक पूव छा वृि
िवदे शी छा वृि
जनजातीय मामलों के मं ालय ने अनुसूिचत जाित के छा ों के िलए संशोिधत रा ीय िवदे शी छा वृि योजना
को मंजूरी दे दी है योजना के अंतगत िवदे श म उ िश ा ातको र, पीएचडी और पो डॉ ोरल
रसच काय म के िलए चुने गए छा ों को छा वृि दान की जाती है अनुसूिचत जनजाित के छा ों के
िलए इसे और अिधक लाभदायक बनाने के िलए इसके कुछ ावधानों म संशोधन िकए ह
अ यन के े का दायरा बढ़ाने के िलए, छा वृि यों की सं ा वतमान 15 से बढ़ाकर 20 कर दी गई
है योजना को और अिधक िव ृत बनाने के िलए, कुल 20 छा वृि यों म से 3 िवशेष प से संवेदनशील
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जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के िलए और 30 ितशत लड़िकयों के िलए रखी गई ह योजना म अब कुछ
और िव ृत आधार वाले े ों के अंतगत िविभ िवषयों के समूह बनाकर अ यन के े का पुनः संगिठत
िकया गया है , इससे अनुसूिचत जनजाित के अिधक छा ों को लाभ िमलेगा ोंिक इनकी सं ा 35 से
बढ़ाकर 52 कर दी गई है
इससे पहले यो ता का मानदं ड 60 ितशत अंक था, अब इसे घटाकर 55 ितशत कर िदया गया है
तािक एनओएस के अंतगत अिधक सं ा म अनुसूिचत जनजाित के छा छा वृि के िलए आवेदन करने
के यो हो सक आय की अिधक म सीमा बढ़ाकर 6 लाख पये ितवष कर दी गई है लेिकन अ
मानदं ड पहले की तरह ही रहगे, कम आय वाले छा ों को ाथिमकता दी जाएगी इसी कार से,
मु ा ीित की दरों को ान म रखते ए िव ीय सहायता, उपकरण भ ा और आक क या ा खच को
10 ितशत तक बढ़ा िदया गया है

अ िपछड़ा वग का क ाण
दू सरे िपछड़ा वग आयोग (आमतौर पर मंडल आयोग नाम से मश र) का गठन अनु े द 340 के अंतगत
िकया गया था इस आयोग ने 1980 म अपनी रपोट सौंपी इस रपोट के आलोक म भारत सरकार ने
सामािजक और आिथक ि से िपछड़े वग (अ िपछड़ा वग अथवा ओबीसी कहलाने वाले) के िलए क
सरकार के पदों म 27 ितशत आर ण का ावधान िकया उ तम ायालय ने 1992 म अनेक रट
यािचकाओं का िनपटारा िकया, जो आमतौर से इं िदरा साहनी मामले के प म मश र है इस फैसले म,
ायालय ने ीमीलेयर को छोड़कर नाग रक पदों और सेवाओं म अ िपछड़े वग के िलए 27 ितशत
आर ण को बरकरार रखा भारत सरकार ने, 1993 म क सरकार के शासिनक पदों और सेवाओं के 27
ितशत र पदों को अ िपछड़े वग के प म सीधी भत के ज रए भरा जनवरी, 2006 म संिवधान के
अनु े द 15 म संशोधन और जनवरी 2007 म क ीय शैि क सं थान (दा खलों म आर ण) कानून को लागू
करने के साथ ही क ीय शै िणक सं थानों म दा खले के िलए भी अ िपछड़ा वग को सूचीब िकया
जाना मह पूण हो गया इस कानून के अंतगत, ओबीसी छा क ीय शैि क सं थानों म शैि क स
2008-09 से तीन वष की अविध तक चरणब प से 27 ितशत आर ण के हकदार ह रा ीय िपछड़ा
वग आयोग अिधिनयम, 1993 के ावधानों के अनुसार अग 1993 म रा ीय िपछड़ा वग आयोग
(एनसीबीसी) का गठन िकया गया था
वेबसाइट: www.ncbc.nic.in
अ िपछड़ा वग के िलए मैिटक पूव छा वृि
इस योजना म, य 50:50 के अनुपात म क और रा के बीच बंट जाता है इस योजना का उ े अ
िपछड़ा वग (ओबीसी) के ब ों को मैिटक पूव तक अ यन के िलए ो ािहत करना है पा ता के िलए
आय की सीमा 2,50,000 ितवष से अिधक नहीं होनी चािहए
अ िपछड़ा वग के िलए मैिटक के बाद छा वृि
योजना का उ े मैिटक के बाद/सेकडरी के बाद के रों पर अ यन कर रहे ओबीसी छा ों को िव ीय
सहायता दान कर उ पीएचडी िड ी के र तक लाना है ये छा वृि यां मा ता ा सं थानों म
अ यन के िलए उस रा सरकार/क शािसत शासन के ज रए दी जाती ह िजससे आवदे नकता ता ुक
रखता है यह योजना सीिमत धनरािश योजना है योजना के अंतगत, रा सरकारों/क शािसत शासनों
को बजट की उपल ता के अनुसार उनकी ितब दे नदारी से अिधक 100 ितशत क ीय सहायता दान
की जाती है पा ता के िलए माता िपता/अिभभावक की आय एक लाख ितवष (यिद काम म लगा है , -
रोज़गार से होने वाली आय सिहत) है
ओबीसी लड़कों और लड़िकयों के िलए छा ावासों का िनमाण
अ िपछड़ा वग के लड़के और लड़िकयों के िलए छा ावासों के िनमाण की योजना म 2017-18 से
संशोधन िकया गया इस योजना का उ े िवशेष प से ामीण इलाकों के सामािजक और िश ा की
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ि से िपछड़े छा ों को छा ावास की सुिवधा दान करना है तािक वे सेकडरी और उ िश ा ा कर


सक (i) िविभ े ों म छा ावास म ित सीट पर खच िविभ इलाकों म इस कार है :- (क) पूव र
े -3.50 लाख पये ित सीट, (ख) िहमालयी े -3.25 लाख पये ित सीट, (ग) दे श के शेष िह े-3
लाख पये ित सीट (अथवा) संब रा सरकार के िलए दरों की अनुसूची के अनुसार जो भी कम हो),
(ii) लड़कों के िलए छा ावासों के िनमाण की लागत 60:40 के अनुपात म क और रा आपस म बां टगे
(iii) लड़िकयों के छा ावासों के मामले म रा सरकारों को 90 ितशत क ीय सहायता दी जाएगी और 10
ितशत लागत रा सरकार वहन करगी, (iv) संघ शािसत दे शों के मामले म क ीय सहायता 100
ितशत होगी और पूव र रा ों और 3 िहमालयी रा ों ( ज ू और क ीर, िहमाचल दे श और
उ राखंड) के िलए यह 90 ितशत है ; (v) लड़के और लड़िकयों के छा ावासों के िलए क ीय
िव िव ालयों/सं थानों के िलए क सरकार की िह ेदारी 90 ितशत है और शेष 10 ितशत क ीय
िव िव ालय/सं थान ारा वहन िकया जाएगा; (vi) छा ावास का िनमाण काय काम िमलने के 18 महीने के
भीतर अथवा क ीय सहायता की पहली िक जारी होने के दो वष के भीतर पूरा हो जाना चािहए, जो भी
पहले हो (vii) िकसी भी मामले म समय 2 वष से अिधक बढ़ाया नहीं जाएगा प रयोजना म दे री के कारण
यिद लागत बढ़ती है तो उसे रा /सं थान ारा वहन िकया जाएगा (viii) एकीकृत छा ावास का ाव
िजसम अ िपछड़े वग के िलए आव क सं ा म सीट आरि त ह उस प रयोजना के अंतगत िवचार
िकया जाना चािहए, (ix) सां सद आदश ाम योजना (एसएजीवाई) के अंतगत चुने गए आदश गां वों म अ
िपछड़े वग के लड़के और लड़िकयों के िलए छा ावासों के िनमाण का काय हाथ म िलया जा सकता है
बशत, भूिम उपल हो और चुना गया गां व वतमान शै िणक सं थान के जल हण े म थत हो
वेबसाइट: www.ncbc.nic.in
ओबीसी छा ों के िलए रा ीय फैलोिशप
इस योजना का उ े ओबीसी छा ों को िव ीय सहायता दान करना है तािक वे िव िव ालयों, अनुसंधान
सं थानों और वै ािनक सं थानों म एम.िफल और पीएचडी जैसी उ िश ा की िडि यां ा कर सक
इस योजना के अंतगत अ िपछड़ा वग (ओबीसी) के छा ों को वष 2014-15 से ितवष कुल 300 जूिनयर
रसच फैलोिशप और 2016-17 से 300 सीिनयर रसच फैलोिशप दान की जा रही ह योजना को लागू
करने के िलए यूजीसी शीष एजसी है और यह उपयु तारीख पर मीिडया म िव ापन के ज रए योजना को
अिधसूिचत करता है योजना म िव िव ालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ारा मा ता ा सभी
िव िव ालय/सं थान शािमल ह फैलोिशप एम.िफल और पीएचडी करने वाले रसच के छा ों को दी जाती
है जेआरएफ र के िलए फैलोिशप की दर 25,000 ितमाह और एसआरएफ र के िलए यह 28,000
ितमाह है
इस योजना का उ े अ िपछड़ा वग (ओबीसी) और आिथक प से िपछड़े वग (ईबीसी) के यो
छा ों को ाज स डी दे ना है तािक उ िवदे श म उ िश ा के िलए बेहतर अवसर िमल सक और
उनके िनयोजन के अवसर बढ़ सक ओबीसी उ ीदवारों की पा ता के िलए, िनयोिजत उ ीदवार की
सभी ोतों से आमदनी, अथवा बेरोज़गार उ ीदवार के मामले म उसके माता-िपता/अिभभावक की कुल
आमदनी वतमान ीमीलेयर मानदं ड से अिधक नहीं होनी चािहए ईबीसी उ ीदवार की पा ता के िलए
िनयोिजत उ ीदवार की सभी ोतों से कुल आमदनी अथवा बेरोज़गार उ ीदवार के मामले म उसके
माता-िपता/अिभभावक की कुल आमदनी 2.50 लाख ितवष से अिधक नहीं होनी चािहए एक वष के िलए
कुल य म से 50 ितशत रािश लड़िकयों के िलए ाज स डी के प म रखी जाती है
ईबीसी छा ों के िलए मैिटक के बाद छा वृि
यह रा सरकार और क शािसत दे शों के ज रए लागू क ायोिजत योजना है योजना का उ े
मैिटक के बाद अथवा सेकडरी क ा की पढ़ाई कर रहे ईबीसी छा ों को िव ीय सहायता दान करना है
इसकी पा ता के िलए माता-िपता/अिभभावक की आय की सीमा 1.00 लाख ितवष ( -रोज़गार सिहत)
है
खानाबदोशों/अ खानाबदोशों ( डीएनटी ) के िलए मैिटक पूव और मैिटक
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के बाद डॉ. अ ेड़कर छा वृि


यह वष 2014-15 म शु की गई क ायोिजत योजना है िजसे उन डीएनटी छा ों के क ाण के िलए
शु िकया गया था जो एससी, एसटी, ओबीसी म शािमल नहीं ह पा ता के िलए आय की सीमा 2.00 लाख
पये ितवष है इस योजना को रा सरकारों/क शािसत शासनों के ज रए लागू िकया गया यक
और रा 75:25 के अनुपात म आपस म बां टते ह
छा ावासों के िनमाण की नानाजी दे शमुख योजना
यह वष 2014-15 म शु की गई क ायोिजत योजना है िजसे रा सरकारों/क शािसत शासनों/क ीय
िव िव ालयों के ज रए लागू िकया गया है इस योजना का उ े उन डीएनटी छा ों को छा ावास की
सुिवधा दान करना है जो एससी, एसटी अथवा ओबीसी म शािमल नहीं ह, तािक वे सेकडरी और उ
िश ा हािसल कर सक पा ता के िलए आय सीमा 2.00 लाख पये ितवष है क सरकार दे शभर से
ितवष अिधकतम 500 सीट दान करे गी योजना के अंतगत य मानक छा ावास के िलए ित सीट
3.00 लाख पये है (जो क और रा के बीच 75:25 के अनुपात म बां टा जाता है ) और फन चर के िलए
5,000 पये ित सीट है छा ावास का िनमाण काम िमलने के 18 महीने के भीतर अथवा क ीय सहायता
जारी होने के दो वष के भीतर पूरा होना चािहए, जो भी पहले हो िकसी भी मामले म समय 2 वष से अिधक
बढ़ाया नहीं जाएगा प रयोजना म दे री के कारण यिद लागत बढ़ती है तो उसे रा /सं थान ारा वहन
िकया जाएगा
रा ीय िपछड़ा वग िव और िवकास िनगम
रा ीय िपछड़ा वग िव और िवकास िनगम (एनबीसीएफडीसी) को लाभ नहीं कमाने वाली क नी के प
म 1992 म शािमल िकया गया िजसका उ े िपछड़े वग के लाभ के िलए आिथक और िवकास संबंधी
ि याकलापों को बढ़ावा दे ना तथा इन वग के गरीब तबके को कौशल िवकास और -रोज़गार उ म म
सहायता करना है यह सामािजक ाय और अिधका रता मं ालय के अंतगत भारत सरकार का उप म
है िनगम लि त समूह जैसे िपछड़े वग के सद ों को िविभ कार के ऋण दे ता है िपछड़े वग के
सद िजनके प रवार की वािषक आय गरीबी रे खा से नीचे रहने वाले लोगों की आय से दोगुने से कम (यानी
ामीण इलाकों म 98,000 पये और शहरी इलाकों म 1,20,000 पये) है वह एनबीसीएफडीसी योजना के
अंतगत एससीए के ज रए ऋण ले सकते ह िवकास संबंधी अ गितिविधयों के अलावा, िनगम दे श के
मुख मेलों जैसे भारतीय अंतररा ीय ापार मेला, िद ी हाट, सूरजकुंड ॉ मेला के साथ-साथ संब
रा ों म आयोिजत दशिनयों/मेलों म भाग लेने के अवसर दान करके लि त समूहों के कारीगरों के िलए
माक िटं ग की सुिवधा को बढ़ावा दे रहा है
एनबीसीएफडीसी परं परागत कारीगरों को माक िटं ग संपक थािपत करने के िलए इन दशिनयों म
अपने उ ादों को दिशत करने के िलए मंच दान करके मदद करता है एनबीसीएफडीसी िनगम की
उन योजनाओं, िविवध उ ादों और सेवाओं को दशाने के िलए अपने रा की रा ा िदखाने वाली एजिसयों
को दशिनयां आयोिजत करने अथवा उनम भाग लेने के िलए े रत करता है िजनके िलए
एनबीसीएफडीसी ने एससीए के ज रए दे श के िविभ भागों के िपछड़े वग के सद ों को िव ीय सहायता
दान की है

सामािजक सुर ा
सामािजक सुर ा के े म मं ालय वृ यों के क ाण और मादक पदाथ की लत के िशकार लोगों
के पुनवास के ित वचनब है लि त समूहों के िलए िन िल खत काय म चलाए जा रहे ह-

बुजुग के िलए रा ीय नीित


बुजुग के िलए वतमान रा ीय नीित (एनपीओपी) की घोषणा जनवरी 1999 म की गई इसका मु उ े
बुजुग के क ाण के िलए ितब ता सुिनि त करना है इस नीित का उ े िव ीय और खा सुर ा,
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ा दे खभाल दान करना, आ य और वृ यों को अ ज रत उपल कराना, िवकास म


इ टी शेयर, उ ीड़न और शोषण के खलाफ संर ण तथा उनके जीवन र की गुणव ा म सुधार के
िलए सेवाओं की उपल ता के िलए सरकारी सहायता दान करना है
इसके मुख उ े ह:

को खुद की और अपने जीवन साथी की वृ ाव था की तैयारी के िलए ो ािहत करना;


प रवारों को अपने बुजुग सद ों की दे खभाल के िलए ो ािहत करना;
प रवार ारा दान की गई दे खभाल म वृ के िलए यंसेवी और गैर-सरकारी संगठनों को स म
बनाना और इनका समथन करना;
कमजोर बुजुग के ा की दे खभाल और संर ण;
बुजुग को पया ा दे खभाल सुिवधा दान करना;
वृ ों के िलए सेवा और संर ण दे ने वाले लोगों के िलए अनुसंधान तथा िश ण सुिवधाओं को बढ़ावा
दे ना; तथा
वृ ों म ऐसी जाग कता पैदा करना िजससे वे उपयोगी और तं जीवन का मजा ले सक

बुजुग के िलए रा ीय प रषद


व र नाग रकों की रा ीय प रषद ने बुजुग के िलए रा ीय नीित (एनपीओपी) के अनुसार, नीित के
काया यन की िनगरानी के िलए सामािजक ाय और अिधका रता मं ी की अ ता म 1999 म बुजुग
की रा ीय प रषद (एनसीओपी) का गठन िकया एनसीओपी बुजुग के क ाण के िलए नीितयों और
काय मों की संक ना और उनके काया यन म सरकार को सलाह दे ने और सम य करने वाली सव
सं था है एक पु ा ढां चे और े ीय ितिनिध के िलए, बुजुग यों के िलए रा ीय प रषद
(एनसीओपी) का पुनगठन िकया गया और दे ख िदनां क 17-02-2012 का ाव िजसम इसे नया नाम व र
नाग रक रा ीय प रषद (एनसीएसआरसी) िदया गया िजसे 22-02-2012 को भारत के राजप म कािशत
िकया गया एनसीएसआरसी व र नाग रकों के क ाण से जुड़े सभी मु ों और उनके जीवन की गुणव ा
म सुधार के बारे म क और रा सरकारों को सलाह दे ती है एनसीएसआरसी की वष म कम से कम दो
बैठक होती ह एनसीएसआरसी की एक बैठक सामािजक ाय और अिधका रता मं ी की अ ता म 19
जून, 2017 को नई िद ी म आयोिजत की गई

ापक औषिध और मन: भावी पदाथ


ापक औषिध और मनः भावी पदाथ कानून, 1985 अ बातों के अलावा मादक पदाथ के अ िधक
इ ेमाल को रोकने के िलए बनाया गया इस योजना के तहत गैर सरकारी संगठनों को मादक पदाथ और
म पान की लत के िशकार लोगों के पुनवास के िलए खच के 90 ितशत (पूव र रा ों, ज ू और क ीर
और िस म म 95 ितशत) तक की अनुदान सहायता दी जाती है इस कानून के अनु े द 71 (नशेिड़यों
और नशीले पदाथ तथा मनः भावी पदाथ की आपूित की पहचान, उपचार आिद के क थािपत करने के
सरकार के अिधकार) म व था है िक सरकार अपने िववेक से कई क थािपत कर सकती है िजनके
िलए वह समझती हो िक ऐसे क नशेिड़यों की पहचान करने, उनके उपचार, िश ा, इलाज के बाद
दे खभाल, पुनवास, दोबारा सामािजक एकीकरण और अ किमयों को पूरा करने के िलए उपयु ह, अगर
िकसी संब सरकार ारा सरकार और अ के साथ पंजीकृत नशेिड़यों और अ के िलए िकसी भी
मादक पदाथ और मन: भावी पदाथ के बारे म थित इस तरीके से बताई गई है जहां इनकी आपूित
िचिक ा संबंधी आव कता है फल प िवभाग यंसेवी संगठनों ारा चलाई जा रही ि वशन ऑफ
ए ोहलइ एं ड स टां स (ड ) ए ूज योजना के अंतगत नशेिड़यों के िलए समेिकत पुनवास क
(आईआरसीए) को सहायता दान कर रहा है
ापक औषिध और मनः भावी पदाथ नीित
िव मं ालय सामािजक ाय और अिधका रता मं ालय सिहत सभी साझेदारों के साथ िवचार-िवमश करके
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ापक औषिध और मनः भावी पदाथ नीित (एनडीपीएस), लाया िजसका उ े ः (क) मादक और मनः
भावी पदाथ के ित भारत की नीित की ा ा करना; (ख) सरकार के िविभ मं ालयों और संगठनों
तथा रा सरकारों और अंतररा ीय संगठनों, एनजीओ आिद के िलए एक गाइड के प म काय करना
और (ग) सम प से मादक पदाथ से िनपटने म भारत की ितब ता को दोहराना है

अ सं क
अ सं क काय मं ालय का गठन 29 जनवरी, 2006 को िकया गया था इसका उ े 6 (छह)
अिधसूिचत अ सं क समुदायों मु मों, ईसाइयों, िस ों, बौ ों, पारिसयों और जैिनयों के क ाण
और सामािजक, आिथक िवकास के िलए नीितयां , योजनाएं और काय म तैयार करना है , जो भारत की
आबादी का 19 ितशत से अिधक ह अ ू बर 2016 से, मं ालय के आदे श प का िव ार िकया गया
तािक इसम हज याि यों के िलए भी व था की जा सके
वेबसाइट: www.ncm.nic.in, www.minorityaffairs.gov.in
अ सं कों के क ाण के िलए 15 सू ी काय म
अ सं कों के क ाण के िलए धानमं ी के ारा नये 15 सू ी काय म की घोषणा जून 2006 म की गई
थी इस काय म के उ े इस कार ह: (क) िश ा के अवसरों म बढ़ोतरी, (ख) मौजूदा और नई
योजनाओं के ज रए रोज़गार के िलए ऋण सहायता म वृ और रा व क सरकार की नौक रयों म
भत के ज रए आिथक गितिविधयों और रोज़गार म अ सं कों की उिचत भागीदारी सुिनि त करना, (ग)
ढां चागत िवकास से जुड़ी योजनाओं म उिचत भागीदारी सुिनि त करते ए अ सं कों के जीवन र म
सुधार लाना, (घ) सां दाियक िहं सा की रोकथाम और िनयं ण करना नए काय म का एक मह पूण
उ े यह सुिनि त करना है िक उपेि तों के िलए बनाई गई िविभ सरकारी योजनाओं का लाभ
अ सं क समुदाय के उपेि त वग को िमले इन योजनाओं का लाभ समान प से अ सं कों तक
भी प ं चना सुिनि त करने के िलए नए काय म म अ सं कों की अिधक सं ा वाले े ों म िवकास
प रयोजनाओं का कुछ िह ा कि त करने पर िवचार िकया गया है यह भी ावधान िकया गया है िक जहां
तक संभव हो, िविभ योजनाओं के अंतगत 15 ितशत वा िवक ल एवं िव ीय प र य अ सं कों
के िलए िनधा रत हों
अ सं क छा ों के िलए छा वृि योजना
मं ालय अिधसूिचत अ सं क समुदायों के छा ों को िश ा की ि से मजबूत बनाने के िलए िन िल खत
तीन छा वृि योजनाएं लागू कर रहा है (i) मैिटक पूव छा वृि (ii) मैिटक के बाद छा वृि ; और (iii)
यो ता और धन आधा रत छा वृि
छा वृि योजनाओं म पारदिशता सुधारने के िलए 2017-18 के दौरान छा वृि यों की सं ा बढ़ाने के
िलए अ सं क मामलों के मं ालय सिहत भारत सरकार के िविभ मं ालयों के िलए रा ीय छा वृि
पोटल (एनएसपी) का एक नया और संशोिधत सं रण शु िकया गया इस मं ालय की उपरो तीनों
छा वृि योजनाएं इस पोटल पर ह छा वृि यां लाभ ह ां तरण (डीबीटी) मोड म छा ों के बक
खातों म ह ां त रत कर दी जाती ह जहां आधार सं ा उपल है छा ों के बक खातों को उनसे जोड़कर
ऐसे खातों म धनरािश ह ां त रत की जा रही है
(i) मैिटक पूव छा वृि योजना
अ सं क समुदायों के छा ों के िलए मैिटक पूव छा वृि योजना को 30 जनवरी, 2008 म मंजूरी दी गई
थी क ीय े की इस योजना के िलए क से शत- ितशत धनरािश िमलती है िपछली परी ा म 50
ितशत अंक पाने वाले छा , िजनके माता-िपता/अिभभावकों की सालाना आमदनी 1.00 लाख पये से
अिधक नहीं है वह इस योजना के अंतगत मैिटक पूव छा वृि ा करने के हकदार ह योजना के अंतगत
नवीनीकरण के अलावा हर वष 30 लाख नई छा वृि यां दे ने का ाव है 30 ितशत छा वृि यां
लड़िकयों के िलए अलग रखी गई ह ेक चुने ए छा को 1000 पये से लेकर 10,700 पये तक की
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छा वृि दी जाती है योजनाविध (2012-17) के दौरान 414.50 लाख ताजा छा वृि यां दे ने और िपछली के
नवीनीकरण के िलए 12वीं पंचवष य योजना म 5,000 करोड़ पये के खच की व था की गई है
(ii) मैिटक के बाद छा वृि योजना
अ सं क समुदायों के छा ों के िलए मैिटक के बाद छा वृि योजना 2007 म शु की गई थी यह
क ीय े की योजना है जो भारत म सरकारी आवासीय उ तर मा िमक ू लों/कॉलेजों सिहत उ तर
मा िमक ू लों/कॉलेजों और संब रा सरकारों/क शािसत शासन ारा पारदश तरीके से चुने गए
और अिधसूिचत पा िनजी सं थानों म अ यन के िलए दान की जाती है िपछले वष की वािषक परी ा म
50 ितशत अंक पाने वाले छा , िजनके माता-िपता/अिभभावकों की सालाना आमदनी 2.00 लाख पये से
अिधक नहीं है वह इस छा वृि को ा करने के हकदार ह योजना के अंतगत नवीनीकरण के अलावा
हर वष 5 लाख नई छा वृि यां दे ने का ाव है 30 ितशत छा वृि यां लड़िकयों के िलए अलग रखी गई
ह यिद पया सं ा म लड़िकयां उपल नहीं होंगी तो ये छा वृि यां पा लड़कों को दे दी जाएं गी 12वीं
पंचवष य योजना अविध (2012-17) के दौरान 37.02 लाख ताजा छा वृि यां दे ने और नवीनीकरण के िलए
2850.00 करोड़ पये का खच दान िकया गया है
(iii) यो ता और धन आधा रत छा वृि योजना
यो ता और धन आधा रत छा वृि योजना क ीय े की योजना है िजसे 2007 म शु िकया गया था
इस छा वृि का शत- ितशत खच क सरकार ारा वहन िकया जाता है इसके अंतगत उपयु
ािधकार ारा मा ता ा सं थानों म ातक एवं ातको र रों पर वसाियक और तकनीकी
पा मों के िलए छा वृि यां दी जाती ह इस योजना के अंतगत हर साल नवीनीकरणों के अित र
60,000 नयी छा वृि यां दान िकए जाने का ाव है 30 ितशत छा वृि यां लड़िकयों के िलए अलग
रखी गई ह यिद पया सं ा म लड़िकयां उपल नहीं होंगी तो ये छा वृि यां पा लड़कों को दे दी
जाएं गी
योजना म पेशेवर और तकनीकी कोस के िलए 85 सं थानों को सूचीब िकया गया है अ सं क
समुदाय के पा छा ों को इन सं थानों म दा खला िदया जाता है और कोस की पूरी फीस लौटा दी जाती है
अ सं थानों म पढ़ने वाले छा ों की कोस फीस 20,000 पये ितवष लौटा दी जाती है इसके अलावा
एक िदवाछा 5,000 पये और छा ावास म रहने वाला छा 10,000 पये भरण-पोषण भ े का भी
हकदार है पा ता के िलए छा ने िकसी ऐसे तकनीकी अथवा पेशेवर सं थान म दा खला िलया हो जो
उपयु ािधकार ारा मा ता ा हो यिद छा का दा खला ित धा परी ा के िबना आ है तो
उसके 50 ितशत से कम अंक नहीं होने चािहए उसके प रवार की वािषक आय सभी ोतों से 2.50 लाख
पये से अिधक नहीं होनी चािहए 12वीं पंचवष य योजना (2012-17) के दौरान 4.91 लाख ताजा
छा वृि यां दे ने और नवीनीकरण के िलए 1580 करोड़ पये का खच दान िकया गया है
मौलाना आजाद रा ीय फैलोिशप
अ सं क छा ों के िलए मौलाना आजाद रा ीय फैलोिशप (एमएएनएफ) योजना की शु आत क ीय े
की योजना के प म 2009 म की गई थी इस योजना को िव िव ालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के ज रए
लागू िकया गया योजना के अंतगत शत- ितशत क ीय सहायता दान की जाती है योजना का उ े
एम.िफल और पीएचडी पा मों जैसे उ अ यनों के िलए क सरकार ारा अिधसूिचत अ सं क
समुदायों के छा ों को िव ीय सहायता के प म 5 वष की फैलोिशप दान करना है फैलोिशप म मा ता
ा सभी िव िव ालय/सं थान शािमल ह यह फैलोिशप ऐसे रसच ॉलर को दी जाती है जो
जेआरएफ/एसआरएफ बनने के िलए िनयिमत और पूणकािलक एम.िफल और पीएचडी पा म की
पढ़ाई कर रहा है , युजीसी के िनयम एम.िफल पूव और पीएचडी पूव अव था म लागू होंगे इसम ातको र
र पर ूनतम 55 ितशत अंक हािसल करना अिनवाय है 30 ितशत फैलोिशप मिहला उ ीदवारों के
िलए िनधा रत की गई है यिद मिहला उ ीदवारों की सं ा कम पाई जाती है तो इसे उसी अ सं क
समुदाय के पु ष उ ीदवारों को दे िदया जाता है
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नया सवेरा- मु कोिचंग और संब योजना


अ सं क समुदाय के उ ीदवारों के िलए मु कोिचंग और संब योजना की शु आत मं ालय ारा
2007 म की गई थी
नई उड़ान
इस योजना का उ े उन अ सं क उ ीदवारों को िव ीय सहायता दान करना है जो संघ लोक सेवा
आयोग, कमचारी चयन आयोग और रा लोक सेवा आयोग ारा कराई जा रही ारं िभक परी ा को पास
कर रहे ह तािक उ संघ और रा सरकारों की शासिनक सेवाओं म िनयु के िलए ित धा के यो
बनाया जा सके और ारं िभक परी ा को पास करने वाले उ ीदवारों को सीधे िव ीय सहायता दान करके
शासिनक सेवाओं म अ सं कों का ितिनिध बढ़ाया जा सके
पढ़ो परदे स म
इस योजना का उ े अिधसूिचत अ सं क समुदाय के आिथक प से कमजोर वग के यो छा ों
को ाज स डी दे ना है तािक उ िवदे श म उ िश ा के बेहतर अवसर िमल सक और उनके िनयोजन
की संभावना बढ़ सके योजना के अंतगत ाज स डी यो छा ों को केवल एक बार उपल होगी
चाहे ातको र िश ा के िलए अथवा पीएचडी र के िलए छा को ातको र, एम.िफल अथवा पीएचडी
र पर िवदे श म मा ता ा पा म म दा खला िमला हो इस योजना को एक मुख बक यानी केनरा
बक के ज रए लागू िकया गया है जैसािक अ सं क काय मं ालय (एमडीएमए) ारा यो ता और धन
आधा रत योजना और केनरा बक के बीच समझौता ापन पर ह ा र िकए गए ह
नई रोशनी
मं ालय ने नई रोशनी नाम से एक िविश योजना लागू की है यह योजना सभी रों पर सरकारी
व थाओं, बकों और म थों के साथ बातचीत के िलए ान, उपकरण और तकनीक दान करने के िलए
अ सं क मिहलाओं के नेतृ िवकास, उ अिधकार संप बनाने और उनम िव ास कायम करने के
उ े से लागू की गई इस योजना को गैर सरकारी संगठनों के ज रए लागू िकया गया है
रा ीय अ सं क आयोग
1978 म थािपत अ सं क आयोग, रा ीय अ सं क आयोग कानून, 1992 लागू होने के बाद
संवैधािनक िनकाय बन गया और इसका नाम रा ीय अ सं क आयोग कर िदया गया पहले संवैधािनक
रा ीय आयोग की थापना 1993 म की गई थी एनसीएम 1992 के कानून म 1995 म संशोधन िकया गया
और आयोग म उपा के पद का ावधान िकया गया 1995 म संशोधन के साथ आयोग म सद सं ा
7 (अ एवं उपा सिहत) कर दी गई अिधिनयम की धारा 3(2) के तहत ावधान है िक अ
सिहत 5 सद अ सं क समुदाय से होंगे
वेबसाइट: www.ncm.nic.in
रा अ सं क आयोग
तेरह रा सरकारों आं दे श, असम, िबहार, छ ीसगढ़, रा ीय राजधानी े िद ी, झारखंड, कनाटक,
महारा , म दे श, राज थान, उ र दे श, तिमलनाडु व पि म बंगाल सरकारों ने अ सं कों के िलए
संवैधािनक आयोग थािपत िकये वहीं दो रा ों मिणपुर व उ राखंड ने गैर–संवैधािनक आयोगों का गठन
िकया

भाषायी अ सं क आयोग (सीएलएम)


भाषायी अ सं कों के िलए आयु (सीएलएम) का कायालय संिवधान के अनु े द 350 बी के ावधान
के मुतािबक जुलाई 1957 म थािपत िकया गया था जो रा पुनगठन आयोग (एसआरसी) की िसफा रशों
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के फल प संिवधान (7वां संशोधन) कानून, 1956 के कारण अ म आया अनु े द 350 बी म


व था है िक सीएलएम भारत म भाषायी अ सं कों को संिवधान के अंतगत दान िकए गए सभी
मामलों की जां च कर सकता है और ऐसे अंतराल म इन मामलों की जानकारी रा पित को दे सकता है जब
रा पित िनदश दे सकते ह और सभी ऐसी रप टों को संसद के दोनों सदनों म रखने के िलए े रत करते ह
और रा ों/क शािसत दे शों की संब सरकारों/ शासनों को भेजते ह सीएलएम संगठन का मु ालय
िद ी म है और इसके तीन जोनल कायालय बेलागवी, चे ई और कोलकाता म ह सीएलएम रा ों/
क शािसत दे शों के साथ उन सभी मामलों पर बात करता है जो संवैधािनक और रा ीय सहमित के साथ
भाषायी अ सं कों को दान िकए गए संर ण के काया यन से जुड़े ह भाषायी अ सं कों के
आयु की जुलाई 2014 से जून 2015 की अविध तक की 52वीं रपोट को मशः 3 मई, 2016 और 4 मई,
2016 को रा सभा और लोक सभा म रखा गया था
भाषायी अ सं कों के िलए संवैधािनक संर ण
भारत के संिवधान के अंतगत धािमक और भाषायी अ सं कों को कुछ सुर ा दान की गई है संिवधान
का अनु े द 29 और 30 अ सं कों के िहतों की र ा करता है और उनकी अलग भाषा, िलिप और
सं ृ ित की र ा करने और उनकी पसंद के शै िणक सं थान थािपत करने और उनका बंध करने के
उनके अिधकार को मा ता दे ता है अनु े द 347 िकसी रा अथवा िकसी िह े की ब त अिधक
आबादी ारा बोली जाने वाली िकसी भाषा को आिधका रक मा ता के िलए रा पित के िनदश का ावधान
करता है उससे इस उ े के िलए रा पित िविश िनदश दे सकते ह अनु े द 350 क /रा म
इ ेमाल होने वाली िकसी भी भाषा म क अथवा रा के िकसी ािधकार की िशकायतों के िनपटारे के
िलए अिभवेदन दे ने का अिधकार दान करता है अनु े द 350ए म भाषायी अ सं क समूहों से
ता ुक रखने वालों के ब ों को ारं िभक िश ा मातृ भाषा म दे ने की व था है अनु े द 350बी भाषायी
अ सं क आयु के प म िनयु िवशेष अिधकारी दान करता है जो संिवधान के अंतगत भाषायी
अ सं कों को दान िकए गए सुर ा संबंधी सभी मामलों की जां च करता है
क ीय व प रषद
व मु म कानून ारा मा ता ा उ े ों के िलए धािमक, पिव अथवा धमाथ उ े ों के िलये चल
अथवा अचल प रसंपि यों का थायी समपण है इन धािमक पहलुओं के अलावा व सामािजक और
आिथक उ ान का मा म भी ह व के िलए क ीय कानून के शासन का उ रदािय सामािजक
ाय एवं अिधका रता मं ालय का है व बोड के कामकाज से संबंिधत मु ों और दे श म व के
समुिचत शासन से संबंिधत मु ों के बारे म परामश दे ने के िलए क सरकार ने 1964 म क ीय व
प रषद की थापना व कानून, 1954 की धारा 8 ए के अंतगत (अब व कानून 1995 की धारा (9) की
उपधारा (1) के प म पढ़) एक संवैधािनक िनकाय के प म की वतमान प रषद का 2005 म पुनगठन
िकया गया व के भारी क ीय मं ी क ीय व प रषद के अ भी ह क ीय व प रषद शहरी
व संपि यों के िवकास और िश ा िवकास काय मों के काया यन से समाज के िवकास म भी
मह पूण भूिमका िनभा रही है
वेबसाइट: www.centralwakfcouncil.org
दरगाह ाजा साहब कानून
इस कानून के अंतगत दरगाह ाजा मोइनु ीन िच ी (आरए) की दरगाह और उसके धमाथ दान के
समुिचत बंध के िलए ावधान िकये जाते ह इस क ीय कानून के अंतगत, दरगाह का बंध, उसके धमाथ
दान का िनयं ण और बंधन क सरकार ारा िनयु दरगाह सिमित के प म जानी जाने वाली
ितिनिध सिमित के पास है राज थान के अजमेर म िजले म थत ाजा मोइनु ीन िच ी की दरगाह
अंतररा ीय ाित ा व है इस दरगाह का संचालन दरगाह ाजा साहब अिधिनयम 1955 के
तहत िकया जाता है भारत सरकार की मदद से शहरी िवकास मं ालय और थानीय शासन के ज रए
राज थान सरकार की सि य भागीदारी से दरगाह सिमित सालाना उस म शािमल होने वाले लाखों जायरीनों
के ठहरने के िलए एक योजना लागू कर रही है यह सुिवधा पहले िव ाम थली के नाम से जानी जाती थी
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और अब इसका नामकरण गरीब नवाज मेहमानखाना कर िदया गया है इसका उ े दरगाह ाजा
साहब के जायरीनों के िलए बुिनयादी सुिवधाएं दान करना है

मिहला एवं बाल िवकास मं ालय


मिहलाओं और ब ों का िवकास सवािधक मह रखता है और इसी से संपूण िवकास की गित िनधा रत
होती है मिहला एं व बाल िवकास मं ालय 2006 से एक पृथक मं ालय के पमअ म आया इसका
मुख उ े मिहलाओं और ब ों के मामले म सरकारी काय की खािमयों को दू र करने, मिहलाओं और
पु षों के बीच समानता लाने और ब ों पर कि त कानून, नीितयों एवं काय म बनाने के िलए िविभ
मं ालयों और े ों को एक तरफ ले जाने के िलए बढ़ावा दे ना है मं ालय का मुख उ रदािय मिहलाओं
और ब ों के अिधकारों और सरोकारों से संबंिधत काय को आगे बढ़ाना तथा उनके जीिवत रहने, सुर ा,
िवकास एवं भागीदारी को सम प से ो ािहत करना है मं ालय की प रक ना के अनुसार िहं सा व
भेदभाव से मु वातावरण म सश मिहलाएं स ान से रह और िवकास म पु षों के समान भागीदारी
िनभा सक तथा अ ी परव रश के साथ ब ों को सुरि त वातावरण म िवकास करने और बढ़ने के सभी
अवसर िमल ब ों के िलए इसका िमशन िविभ े ों से संबंिधत नीितयों एवं काय मों के मा म से
उनके अिधकारों के बारे म जाग कता फैलाकर, िश ा, पोषण, सं थागत सुिवधाएं और कानूनी सहायता
उपल करवा कर उनके सम िवकास और उ ित के िलए पूण प से ब ों का िवकास, दे ख-रे ख और
सुर ा सुिनि त करना है
वेबसाइट: www.wcd.nic.in
मिहलाओं और ब ों से संबंिधत कानून
मं ालय पर ब ों और मिहलाओं से संबंिधत िन िल खत अिधिनयमों को लागू करने की िज ेदारी है : (ए)
अनैितक ापार (िनरोधक) कानून, 1956 (1986 म संशोिधत), (बी) मिहलाओं का अ ील ुतीकरण
िनरोधक कानून, 1986 (1986 का 60), (सी) दहे ज िनरोधक कानून, 1961 (1986 म संशोिधत), (डी) सती
था (िनरोधक) कानून, 1987 (1988 का 3), (ई) बाल िववाह िनषेध कानून, 2006 (जनवरी, 2007 म
अिधसूिचत), (एफ) घरे लू िहं सा से मिहलाओं की र ा कानून, 2005 (जी) रा ीय मिहला आयोग कानून,
1990, (एच) िशशु दु िवक , फीिडं ग बोतल और िशशु आहार (उ ादन, आपूित और िवतरण पर
िनयं ण) कानून, 1992 (1992 का 41), (आई) बाल अिधकार संर ण आयोग कानून, 2005 और (जे)
िकशोर ाय (ब ों की दे खरे ख और संर ण) कानून, 2000 (के) ब ों का यौन अपराधों से संर ण
(पीओसीएसओ) कानून और पीओसीएसओ िनयम 2012 तथा (एल) काय थलों पर मिहलाओं का यौन
उ ीड़न (रोकथाम, िनषेध एवं िनवारण) 2012 संसद ने िकशोर ाय (ब ों की दे खरे ख और संर ण)
संशोधन िवधेयक अग 2011 म पा रत कर िदया मं ालय के काय े म मु तः मिहलाओं और ब ों
के िलए योजनाएं , नीितयां और काय म बनाना, उनसे संबंिधत कानून बनाना और उनम संशोधन करना
तथा मिहला और बाल िवकास के े म कायरत सरकारी और गैर सरकारी संगठनों का मागदशन और
उनम सम यन थािपत करना शािमल है मं ालय की योजनाएं और काय म, उसके िवकासा क
काय मों म पूरक और सहायक की भूिमका िनभाते ह
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प रणाम प सावजिनक तौर पर घटते सीएसआर के मु े पर जाग कता,
संवेदनशीलता बढ़ी है और लोग सचेत ए ह ज , सं थागत िडलीवरी म िलंग अनुपात म बेहतर वृि ,
चुने ए िजलों म से अिधकां श म एएनसी पंजीकरण, सेकडरी र पर ू लों म लड़िकयों के दा खले सिहत
उ ाहवधक प रणाम दे खने को िमल रहे ह
इस योजना के िवशेष उ े ों म िलंग का पता लगाकर गभपात पर रोक; लड़की का बचाव और उसकी
सुर ा सुिनि त करना तथा लड़की की िश ा और उसकी भागीदारी सुिनि त करना, िजलों म ब े ीय
काय म िवशेष ान पीसी और पीएनडीटी कानून के भावी काया यन और उसकी िनगरानी, गभधारण
करने के बारे म ज पंजीकरण को बढ़ावा, ा और प रवार क ाण मं ालय ारा सं थागत िडलीवरी
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और ज का पंजीकरण, मानव संसाधन मं ालय ारा ू लों को लड़िकयों के अनुकूल बनाना : ू ल म


लड़िकयों का नाम िलखवाना, सेकडरी ू लों म लड़िकयों को रोकने का काय, चालू शौचालयों की
उपल ता, मिहला और बाल िवकास मं ालय ारा जाग कता पैदा करना, िहमायत, सामुदाियक लामबंदी
और साझेदारों का िश ण, थानीय चै यन, सं थानों और आगे बढ़कर काय करने वाले कायकताओं को
पुर ार शािमल है
इस योजना की प रक ना अ अविध म ज के समय िलंग अनुपात म सुधार करना है जबिक बाल
िलंग अनुपात (सीएसआर) बेहतर ा , पोषण, िश ा म िलंग समानता, बेहतर ता, अवसरों के प
म संपूण िवकास को दशाता है और िलंग के बीच िवषमताओं को समा करने का दीघकाल म योग
होगा थोड़े से समय म बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की गूंज दे शभर म सुनाई पड़ रही है यह काय म रा ीय
एजडा के प म सीएसआर म सुधार करने म सफल रहा है इसने रा ीय नेतृ और सरकार के
अंतिववेक को जगाया है , क ीय और रा /संघ शािसत दे श र पर दोनों ने पहल की है
इसके प रणाम प सावजिनक तौर पर घटते सीएसआर के मु े पर जाग कता, संवेदनशीलता बढ़ी
है और लोग सचेत ए ह ज , सं थागत िडलीवरी म िलंग अनुपात म बेहतर वृि , चुने ए िजलों म से
अिधकां श म एएनसी पंजीकरण, सेकडरी र पर ू लों म लड़िकयों के दा खले सिहत उ ाहवधक
प रणाम दे खने को िमल रहे ह

सोशल मीिडया की उप थित


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धान मं ी मातृ वंदना योजना
सरकार ने पा गभवती और नपान कराने वाली माताओं के िलए मातृ लाभ काय म के काया यन
की दे शभर म घोषणा की इस काय म का नाम धानमं ी मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाईजे) रखा
गया पीएमएमवीवाईजे एक क ायोिजत योजना है िजसके अंतगत रा ों/क शािसत दे शों को अनुदान
सहायता जारी की जाती है िजसे क और रा तथा िवधानमंडल वाले क शािसत दे श 60:40 के अनुपात
म बां टते ह पूव र रा ों और िहमालयी रा ों के िलए यह 90:10 है जबिक िवधानमंडल के िबना
क शािसत दे शों के िलए यह सौ ितशत है
इस योजना म कुछ िवशेष शत को पूरा करने वाली मिहलाओं को गभाव था और नपान के दौरान
उनके बक/डाक घर डीबीटी मोड म पीड ू और एलएम खाते म सीधे 5,000 पये की नकद रािश डाल
दी जाती है
पोषण अिभयान
पोषण अिभयान मिहला और बाल िवकास मं ालय का मुख काय म है जो िविभ काय मों जैसे
आं गनबाड़ी सेवाओं, धानमं ी मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई), एमड ूसीडी की िकशोर लड़िकयों
के िलए योजना (एसएजी), जननी सुर ा योजना (जेएसवाई), रा ीय ा िमशन (एनएचएम),
भारत िमशन, सावजिनक िवतरण णाली (पीडीएस) के साथ िमलना सुिनि त करता है यह िशशु के
शु आती 1000 िदन पर िवशेष ान कि त करता है , िजसम नौ माह की गभाव था, छह महीने तक केवल
नपान और 6 महीने से लेकर 2 वष की अविध िजसम अ पोषण जैसी सम ाओं को दू र िकया जा
सके ज के बाद वजन बढ़ाने के अलावा, यह िशशु मृ ुदर (आईएमआर) और मातृ मृ ु दर
(एमएमआर) दोनों को कम करने म मदद कर रहा है िनरं तर अित र एक वष के ह ेप (3 वष की
उ तक) से सुिनि त होगा िक शु आती 1000 िदनों का ठोस लाभ आ है 3-6 वष की आयु वग के ब ों
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के संपूण िवकास की तरफ भी आं गनबाड़ी सेवाओं के ज रए ान िदया जा रहा है


वन ॉप सटर
जो मिहलाएं िहं सा का सामना करती ह उ ाय हािसल करने म भारी सम ा का सामना करना पड़ता है
ोंिक उ एफआईआर दज़ करानी पड़ती है और कोट केस लड़ने के िलए वकील की सहायता लेनी
पड़ती है अनेक मामलों म जानकारी नहीं होने अथवा अपरािधयों से दबाव के कारण िचिक ा संबंधी
सबूतों को न कर िदया जाता है प रणाम प मिहलाएं अ र िहं सा का सामना करती है लेिकन
िशकायत नहीं करती ऐसी मिहलाओं की सहायता के िलए, एक नई पहल करते ए वन ॉप सटर
(ओएससी) की क ना की गई और अ ैल 2015 से इसे दे शभर म थािपत िकया गया एक मिहला िजसने
िहं सा का सामना िकया है उसे िचिक ा, पुिलस, कानूनी और मनोवै ािनक काउं सिलंग सहायता इन क ों
म िमल सकती है इन थानों पर मिहलाएं अ थाई तौर पर रह भी सकती ह यिद उनकी थित इसकी मां ग
करती है ओएससी, िजसका लोकि य नाम ‘सखी’ है , इसे अ मौजूदा 181 हे लाइनों से जोड़ा जाएगा
पहले क का उद् घाटन रायपुर, छ ीसगढ़ म 2015 म िकया गया अब तक 31 रा ों/क शािसत दे शों
म ऐसे 138 क काम कर रहे ह इन क ों म 4,000 से अिधक मिहलाओं को सहायता दी गई है जो अंितम
एसबीसी महीनों म आईं कम से कम ऐसा एक क ेक िजले म 2018-19 की समा तक थािपत
िकया जाएगा योजना को रा /क शािसत सरकार के ज रए लागू िकया गया है िजला कले र के नेतृ
म बंधन सिमित ओएससी के रोज़मरा के काय के िलए िज ेदार है
मिहला हे लाइन का सावभौिमकरण
मिहला हे लाइन के सावभौिमकरण की योजना अ ैल 2015 म लागू की गई थी इसका उ े िहं सा से
भािवत मिहला को िसंगल यूनीफॉम नंबर (181) के ज रए दे शभर के मिहला संबंधी सरकारी काय मों के
बारे म सूचना और नाम लेने के ज रए (उपयु ािधकार जैसे- पुिलस, वन ॉप सटर, अ ताल से
जोड़कर) आपात थित और गैर-आपात थित म 24 घंटे सेवा दान करना है मिहला हे लाइन को वन
ॉप सटर से जोड़ िदया जाएगा और सुधार सेवाओं की ज रत म पड़ी मिहला को यहां भेज िदया जाएगा
योजना म व था है िक रा /क शािसत दे श एक समिपत िसंगल रा ीय नंबर के ज रए अपनी वतमान
मिहला हे लाइन का इ ेमाल करगे अथवा उसे आगे बढ़ाएं गे दू रसंचार िवभाग, जीओएल ने सभी रा ों/
क शािसत दे शों को लघु कोड 181 आवंिटत िकया है अब तक मिहला हे लाइन 22 रा ों/क शािसत
दे शों यानी आं दे श, अ णाचल दे श, छ ीसगढ़, चंडीगढ़ (यूटी), िद ी, म दे श, गुजरात, केरल,
उ राखंड, िमज़ोरम, झारखंड, िबहार, पंजाब, महारा , ओिडशा, उ र दे श, मेघालय, ह रयाणा, नगालड,
पि म बंगाल, िस म और मेघालय म काम कर रही है
मोबाइल फोन पर पैिनक बटन
परे शानी म पड़ी मिहला को मदद दान करने के िलए मिहला और बाल िवकास मं ालय ने मोबाइल फोनों
पर पैिनक बटन लगाने का काम िकया मं ालय की पहल से बड़ी सं ा म साझेदारों के साथ िवचार-िवमश
के आधार पर पैिनक बटन और मोबाइल फोन म ोबल पोजीशिनंग िस म हडसेट िनयम 2016,
दू रसंचार िवभाग ने अिधसूिचत िकया इस िनयम के अंतगत सभी नये फीचर वाले फोनों म पैिनक बटन की
सुिवधा होगी जो ूमे रक 5 अथवा 9 से काम करे गा और सभी ाट फोन ऑन-ऑफ बटन को तीन बार
दबाने पर कनिफगर हो जाएं गे सभी नये मोबाइल फोनों म सेटेलाइट आधा रत ओपीएस के ज रए थान
की पहचान करने की सुिवधा होनी चािहए गृह मं ालय के सहयोग से िनभया कोष के अंतगत एक
इमरजसी र ॉ सपोट िस म (ईआरएसएस) भी थािपत िकया गया है जो आधुिनक टे ोलॉजी के
ज रए सभी आपात नंबरों को 112 से जोड़ दे गा यह पैिनक बटन से भेजे गए परे शानी के िसगनल का जवाब
दे गा
मिहला पुिलस यंसेवी
मिहला पुिलस यंसेवी का मुख काय मिहलाओं के खलाफ़ िहं सा जैसे- घरे लू िहं सा, बाल िववाह, दहे ज के
िलए उ ीड़न और सावजिनक थलों म मिहलाओं के साथ होने वाली िहं सा की जानकारी अिधका रयों/
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पुिलस को दे ना है गृह मं ालय ने इस योजना को लागू करने के िलए अ ैल 2016 म अपनी सहमित दी
ह रयाणा पहला रा है िजसने मिहला पुिलस यंसेवी योजना को चालू िकया इसे मिहला और बाल
िवकास मं ालय और ह रयाणा सरकार ने 14 िदसंबर, 2016 म संयु प से करनाल और मह गढ़ िजलों
म शु िकया अ रा ों ारा भी ज ही इसे शु करने की उ ीद है आं दे श म अनंतपुर और
कड ा िजलों म मिहला पुिलस यंसेिवयों की शु आत के िलए आं दे श सरकार के एक ाव को
मंजूरी दी जा चुकी है गुजरात सरकार से भी ाव ा एह
पुिलस बल म मिहलाओं के िलए आर ण
मिहला और बाल िवकास मं ालय गृह मं ालय के साथ पुिलस को िलंग की ि से और अिधक उ रदायी
बनाने तथा बल म और अिधक मिहलाओं को लाने तथा पुिलस बल म िलंग संवेदनशीलता को मजबूत बनाने
के िलए िमलकर काय कर रहा है सभी रा सरकारों को एक परामश जारी िकया है िक वे पुिलस म
मिहलाओं का ितिनिध बढाकर कुल मता का 33 ितशत तक कर इसके प रणाम प 14 रा ों/
क शािसत दे शों म आर ण बढ़ाया गया है अब तक 8 रा िबहार, गुजरात, ओिडशा, नगालड,
राज थान, झारखंड, म दे श, तेलंगाना और 6 क शािसत दे श-चंडीगढ़, दमन और दीव, ल ीप और
दादर और नगर हवेली, रा ीय राजधानी े िद ी, पुद्ु दचेरी पुिलस बल म मिहलाओं के िलए इस तरह के
आर ण को बढ़ाकर 33 ितशत कर चुके ह
एिसड हमले को िद ांगता के प म शािमल करना
एिसड हमले का िशकार िकसी के थायी नुकसान अथवा उसके बदसूरत होने तथा लगातार इलाज
को ान म रखते ए, मिहला और बाल िवकास मं ालय ने सामािजक ाय और अिधका रता मं ालय से
आ ह िकया िक नुकसान अथवा बदसूरत होने को िविश िद ां गता की सूची म डाला जाए हाल ही म
बनाए गए िद ां ग यों के अिधकार कानून, 2016 म एिसड हमले को िद ां गता के प म शािमल
िकया गया है एिसड हमले का िशकार अब िद ां ग यों को िमलने वाले लाभ ले सकता है
मेटीमोिनयल वेबसाइट के िलए िदशािनदश
मेटीमोिनयल वेबसाइट पर दी जाने वाली सूचना के आधार पर मिहलाओं के खलाफ़ अपराधों की बढ़ती
सं ा को ान म रखते ए इस मु े पर गौर करने और इस दु पयोग पर अंकुश लगाने के िलए एक
िनयामक ढां चा बनाने का फ़ैसला िकया गया मं ालय मेटीमोिनयल वेबसाइट के िलए त रता से उपयु
िदशािनदश तैयार करने के िलए पहले ही िव ृत काय कर चुका है और उसने सम ा की सीमा, वतमान
सुर ा व था, वतमान कानूनी उपायों आिद के बारे म िव ार से एक अवधारणा-प तैयार कर िलया है
जो संब साझेदारों के बीच बां टा जाएगा बड़े पैमाने पर साझेदारों के आधार पर मिहला और बाल िवकास
मं ालय ारा िवचार-िवमश शु िकया गया, मेटीमोिनयल वेबसाइट के कामकाज के बारे म 6 जून, 2016
को इले ॉिन और सूचना ौ ोिगकी मं ालय ारा परामश जारी िकया गया
एनआरआई िववाह िववाद
वासी भारतीयों की सं ा म वृ और इसके प रणाम प िवदे शों म होने वाले िववाहों के कारण,
मिहला चाहे भारत म रहती हो अथवा िवदे श म, वह प र ाग िकए जाने, घरे लू िहं सा, एकतरफा तलाक और
ब ों की र ा आिद जैसे मु ों का सामना कर रही है चूंिक ये मु े अंतर-दे शीय ाय े से जुड़े ए ह, ऐसे
मामलों से जुड़ी मिहलाओं को दू सरे प के िवदे श म रहने से जुड़ी ि याओं के संबंध म सूचना के अभाव
के कारण कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है
मिहला और बाल िवकास मं ालय ने एनएम िववाह िववाद म शािमल मिहलाओं के िलए मानक संचालन
णाली (एसओपी) तैयार की है ये एसओपी मिहला ारा की जाने वाली कानूनी ि या की धीरे -धीरे सही
जानकारी दे गा तािक उसे तेजी से ाय िमल सके ये अदालत और दे शभर के पुिलस अिधका रयों के िलए
भी भावी संदभ पु का का काम करगे जो ऐसे िववादों की जां च कर रहे ह अथवा अदालतों म मिहलाओं
के िहतों को रख रहे ह
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िलंग संबंधी बजट बनाने की पहल


िलंग संबंधी बजट बनाना (जडर बजिटं ग पहल) िलंग को मु धारा म लाने का एक श शाली औजार है
तािक यह सुिनि त िकया जा सके िक िवकास के लाभ िजतने पु षों तक प ं चते ह उतने मिहलाओं तक भी
प ं चे यह कोई लेखा िविध योग नहीं है ब बजट तैयार करते समय, उसके आवंटन, काया यन,
भाव/प रणाम आकलन, समी ा और लेखा परी ा जैसे िविभ कदमों पर िलंग ि कोण को ान म रखने
की िनरं तर चलने वाली ि या है दे श म िलंग संबंधी बजट बनाने को सं थागत बनाने के िलए 2007 म िव
मं ालय ारा सभी मं ालयों/िवभागों म जडर बजिटं ग से (जीबीसी 5) थािपत करने का आदे श िदया
गया मिहला और बाल िवकास मं ालय जडर बजिटं ग के िलए मुख एजसी है िजसने इसे रा ीय और रा
रों पर आगे ले जाने के िलए अनेक पहल की है अब तक 57 क ीय मं ालयों और िवभागों ने जीबीसी की
थापना कर ली है उ ीद है िक यह जडर बजिटं ग पहलों के साथ सम य के िलए अंतः और अंतर
मं ालय र पर क िबंदु के प म काय करगे 21 रा ों और क शािसत दे शों ने जडर बजिटं ग
नोडल क िनिद कर िदए ह
जडर चिपयंस
जडर चै य पहल शै िणक सं थानों के ज रए लागू की जा रही है िजससे युवा छा ों को संवेदनशील
बनाया जा सके और कानून, िविध िनमाण, कानूनी अिधकारों और जीवन कौशल िश ा के बारे म
जाग कता पैदा की जा सके जडर चिपयन िदशािनदश मिहला और बाल िवकास मं ालय ने िवकिसत
िकए ह और इसे मानव संसाधन िवकास मं ालय के सहयोग से अमल म लाया जा रहा है
जडर चिपयन को शै िणक सं थानों ारा अपनाए जाने के िलए एक िश ण मॉ ूल िवकिसत िकया
गया है यूजीसी की रपोट के अनुसार, 150 िव िव ालयों और 230 कॉलेजों ने जडर चिपयन के
काया यन की शु आत की है
मृ ु माण-प पर िवधवा का नाम अिनवाय
यह सुिनि त करने के िलए िक पित की मृ ु के बाद प ी को उसके सभी अिधकार िमल, मिहला और बाल
िवकास मं ालय भारत के महा पंजीयक और रा सरकारों के साथ काम कर रहा है तािक पित के मृ ु
माण-प म मिहला का नाम िलखना अिनवाय िकया जाए
िवधवाओं के िलए आ य
यह अब तक की सबसे बड़ी सुिवधा है िजसे सरकार ारा थािपत िकया गया है और िजसके िलए सरकार
धनरािश दे रही है इस आ य म 1,000 मिहलाओं को रखने की मता है िजसे वृंदावन म करीब 57 करोड़
पये (भूिम की कीमत सिहत) की लागत से 1.424 हे े यर भूिम पर बनाया जा रहा है इस आ य का
िडजाइन ‘हे एज इं िडया’ के साथ िवचार-िवमश कर तैयार िकया गया है और यह बुजुग के अनुकूल है
पंचायतों म मिहला पंचों का िश ण
हालां िक ाम पंचायतों म 33 ितशत पद मिहलाओं के िलए आरि त ह, लेिकन इसके बावजूद िश ण के
अभाव म और पित के लगातार शासन/ह ेप के कारण ये पंच गां व की बेहतरी के िलए वा िवक
अिधकार का उपयोग नहीं कर पाती ह इन मिहलाओं को ज़मीनी र पर श शाली बनाने के िलए
मिहला और बाल िवकास मं ालय ने 2 लाख मिहला पंचों को िशि त करने के िलए िव ृत काय म की
पहल की है ामीण िवकास मं ालय की भागीदारी से मई 2016 से इनका िश ण शु हो चुका है इस
पहल के दे श म मिहलाओं के िलए एक ब त बड़े प रवतन के प म सामने आने की उ ीद है ोंिक
िशि त और अिधकारसंप मिहला सरपंच स े मायनों म राजनैितक बदलाव लाने म स म होंगी
िश ण म हर र के बंधन के सभी पहलू शािमल ह िजनम सरकारी योजनाओं की बुिनयादी
जानकारी, सामािजक मु े और उनका समाधान, पंचायत का िव ीय बंधन, गां व का बुिनयादी ढां चा आिद
शािमल है यह योजना पंचायती राज मं ालय के सहयोग से लागू की जा रही है अनेक रा ों म अब 50
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ितशत से अिधक पंचायतों म मिहला मुख जबिक कानून ारा पंचायतों म मिहलाओं के िलए 33 ितशत
आर ण अिनवाय कर िदया गया है मिहला सरपंचों के पहले बैच के िश ण का आयोजन अ ैल 2017 म
झारखंड म िकया गया और धीरे -धीरे इसम सभी रा ों को शािमल कर िलया जाएगा
मातृ अवकाश की अविध म िव ार
कामकाजी मिहलाओं के िलए मातृ अवकाश की अविध बढ़ाकर सात महीने करने के िलए मिहला और
बाल िवकास मं ालय काय कर रहा था तािक िशशु को ज के बाद छह महीने तक नपान कराया जा
सके और इसके बाद पूरक भोजन िदया जाए तािक कुपोषण के मामले कम हो सक म और रोज़गार
मं ालय ने इस पर िवचार िकया और कानून म उिचत संशोधन िकया जो इस कार है :
(i) मातृ लाभ कानून 1961 के अंतगत मातृ अवकाश वतमान 12 स ाह से बढ़ाकर 26 स ाह
(ii) िशशु को गोद लेने वाली और सरोगेट मां के िलए मातृ लाभ म बढ़ोतरी
(iii) कायालय/ फै री प रसर म े च की सुिवधा थािपत करना यह कानून अब मातृ लाभ (संशोधन)
कानून, 2017 कहलाता है
इस िवधेयक को रा सभा और लोक सभा ारा पा रत िकया जा चुका है अब इसे मातृ लाभ
(संशोधन) कानून, 2017 के नाम से जाना जाता है
काय थल पर मिहलाओं के यौन उ ीड़न का कानून लागू करना
काय थल पर मिहलाओं की िहफ़ाजत और सुर ा सुिनि त करने के िलए मिहला और बाल िवकास मं ालय
काय थल पर मिहलाओं के यौन उ ीड़न (रोकथाम, िनषेध और िनवारण) कानून, 2013 को भावी ढं ग से
लागू करने की िदशा म काय कर रहा है इस संबंध म रा सरकारों/क ीय मं ालयों/ िवभागों को परामश
और िनगरानी परे खा जारी की जा चुकी है तािक यौन उ ीड़न कानून को भावी ढं ग से लागू िकया जा
सके, िशकायत पर तेज़ी से जां च हो सके और िशकायतकता का भिव म उ ीड़न रोका जा सके
साथ ही मिहला और बाल िवकास मं ालय ने एक यौन उ ीड़न कानून पर एक पु का तैयार की है
और उसे जारी िकया है िजसम आसान श ों म कानून के ावधान बताए गए ह सिचवालय िश ण और
बंध सं थान (आईएसटीएम), नई िद ी ने मिहला और बाल िवकास मं ालय के साथ िवचार-िवमश करने
के बाद काय थल पर मिहलाओं के यौन उ ीड़न (रोकथाम, िनषेध और िनवारण) कानून, 2013 के अंतगत
गिठत आतं रक िशकायत सिमितयों के िश ण के िलए एक िश ण मानदं ड तैयार िकया है इस
मानदं ड को अपने सेवा िनयमों और शत के अनुसार िनजी संगठनों ारा िविश प से तैयार िकया जा
सकता है उपरो के अलावा, मं ालय ने काय थल पर मिहलाओं के यौन उ ीड़न (रोकथाम, िनषेध
और िनवारण) कानून, 2013 के अंतगत दे श के िविभ भागों म िश ण काय म/कायशालाएं आयोिजत
करने के िलए सं थानों/संगठनों को सूची म शािमल िकया है
ाम समािभ पता और सुिवधा सेवा (वीसीईएस)
ाम समािभ पता और सुिवधा सेवा 2015 म शु की गई एक पहल है िजसका उ े सामुदाियक काय
के ज रए जाग कता पैदा करना है मिहलाओं के मु ों पर झुकाव करके उन मु ों को सरल बनाने और
ाम पंचायत और उसकी उप सिमितयों के साथ िनकट सहयोग कायम करके काय करने के िलए समिपत
ाम संयोजकों का चयन िकया जाता है इस कार मिहलाओं की िश ा, ा , पोषण, कानूनी अिधकार,
िहफाजत और सुर ा जैसे मु ों का समाधान िनकाला गया है और सरकार ारा लागू योजनाओं/काय मों
जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जन धन योजना तक प ं च दान की गई है एक थान पर सभी सुिवधाएं
और मिहला हे लाइन आिद दी गई है यह सेवा दे शभर के िलंग की ि से नाजुक 100 िजलों से बढ़ाकर
303 िजलों म दी गई है
रा ीय मिहला कोष
रा ीय मिहला कोष (रामको) एक सोसाइटी है िजसका पंजीकरण सोसाइटीज रिज े शन ए , 1860 के
अंतगत िकया गया था और इस शीष सू -िव संगठन की थापना 1993 म की गई
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रामको म थ संगठनों (आईएमओ) के ज रए गरीब मिहलाओं को सू ऋण दान करता है , िजनम


अ के अलावा से न 25 कंपिनयां , एनजीओ शािमल ह ये इन मिहलाओं के सामािजक-आिथक िवकास
के िलए ाहक अनुकूल ि या अपनाकर रयायती शत पर आजीिवका संबंधी िविभ सहायता और
कमाई म मदद करते ह
रा ीय मिहला कोष ने 1500 से अिधक एनओओ/आईएमओ के नेटवक के ज रए 7.35 लाख से अिधक
गरीब मिहला लाभा तों के िलए 360.00 करोड़ पये से अिधक की संचयी मंजूरी दी है और 302.00
करोड़ पये का िवतरण िकया है
लि त लाभािथयों म िविभ आिथक ि याकलापों जैसे- परं परागत और आधुिनक ह िश से लेकर
लघु वसाय जैसे पैटीज़ की दु कान आिद के उ मी ह ऋण रामको की िविभ योजनाओं के ज रए मंजूर
िकए जाते ह जैसे मु ऋण योजना, ऋण ो ाहन योजना आिद
भारत की मिहला दशनी/महो व
इस पहल की शु आत नवंबर 2014 म की गई तािक आगिनक मिहला कृषक और उ मी सीधे बाज़ार से
जुड़ सक ये दशिनयां /महो व िद ी म हो चुकी ह, ऐसी अनेक दशिनयों/महो वों का आयोजन
िद ी से बाहर भी अनेक थानों पर िकया जा रहा है ऐसी दशिनयां खासतौर से गां वों की मिहला
उ िमयों और िकसानों को अपने उ ाद दिशत करने और उ बेचने के िलए मंच दान करती ह ऐसी
दशिनयों/महो वों के मा म से मिहलाओं को एक-दू सरे से जानका रयां िमलती ह और िव ीय समावेशन
के ज रए सामािजक संतुलन बनाने के िलए उ म संबंधी अवसर िमलते ह
मिहला ई-हाट
मिहला और बाल िवकास मं ालय ने मिहला ई-हाट की माच 2016 म शु आत की, जो मिहला उ िमयों/
एसएचओ/एनओओ के िलए सीधे ऑनलाइन िडिजटल माक िटं ग का एक मंच है यह ब त बड़ा बदलाव ला
सकता है ोंिक यह मिहला उ िमता और िव ीय समावेशन को मजबूत बनाने का एक मुख ोत बन
सकता है
रा ीय मिहला नीित
रा ीय मिहला नीित, 2016 का मसौदा अंितम प लेने की अव था म है इस नीित म 15 वष बाद संशोधन
िकया गया है और उ ीद है िक यह अगले 15-20 वष मिहलाओं के मु ों पर काय करने के िलए सरकार
का मागदशन करे गी यह नीित िश ा, ा , आिथक भागीदारी, िनणय लेने, िहं सा, एक उदार माहौल
तैयार करने आिद जैसे िव ृत मु ों को स िलत करे गी

ब ों से जुड़े मु े
लापता/त री िकए गए/भागे ए ब ों के िलए उठाए गए कदम
i. खोया पाया पोटल : ब ों के संर ण के िलए नाग रकों की भागीदारी के िलए एक नया नाग रक पोटल
‘खोया-पाया’ जून 2015 म शु िकया गया इस पोटल म लापता और दे खे गए ब ों के बारे म सूचना
डाली जा सकती है यह पोटल दो डे टाबेस- लापता और दे खे गए ब ों के िमलान की सुिवधा दान
करता है
ii. रे लवे के साथ समझौता ापन : मिहला और बाल िवकास मं ालय ने पथ वतक िवशेष संचालन
ि या (एसओपी) तैयार की िजसे भागे ए, छोड़े िदए गए, अप त ब ों को छु ड़ाने और उनके
पुनवास के िलए रे लवे की सहायता से लागू िकया जाएगा 33 मुख रे लवे े शन जो या ा की
शु आत/ ोत गंत /गाड़ी बदलने वाले े शन ह, जहां से ब ों की त री की जाती है , उ लापता
ब ों को छु ड़ाने, उनके पुनवास और उनकी वापसी की सुिवधा से लैस िकया गया है रे लवे े शनों
पर एनजीओ 5/चाइ हे ुप/चाइ लाइन यूिनट होंगे जो ब ों को उनके माता-िपता/अिभभावकों
को सौंपने अथवा माता-िपता/अिभभावकों की अनुप थित म उनके पुनवास के िलए रे लवे े शनों के
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साथ काय करगे


iii. चाइ लाइन का िव ार : चाइ लाइन परे शानी म पड़े ब ों को मु कराने और उनकी सहायता
के िलए एक रा ापी पहल है िपछले दो वष म, चाइ लाइन (हे लाइन सं ा 1098) का िव ार
316 शहरों से 412 थानों पर िकया गया है ज ी ही 100 और शहरों म इसका िव ार िकया जाएगा
िव ा रत प ं च के साथ चाइ लाइन लाखों ब ों की मदद करने और उनको प रवार से िमलाने म
स म ई है

पीओसीएसओ ई-बॉ
ब े अ र यौन शोषण के बारे म िशकायत नहीं कर पाते ोंिक यह आमतौर पर िकसी जान-पहचान
वाले ारा ही िकया जाता है वह अपनी िशकायत सुरि त और गुमनाम तरीके से कर सक इसके
िलए इं टरनेट आधा रत सुिवधा ई-बॉ दान की गई है यहां ब ा अथवा उसकी तरफ से कोई भी कम
श ों म िशकायत दज़ कर सकता है जैसे ही िशकायत दज होगी, एक िशि त काउं सलर त ाल ब े
से संपक करे गा और उसे सहायता दान करे गा जहां कहीं ज रत होगी ब े की ओर से काउं सलर भी
एक औपचा रक िशकायत दज़ कराएगा पीओसीएसओ ई-बॉ अग 2016 म शु िकया गया, ये अब
तक 300 िशकायत ा कर चुका है और उनसे िनपट चुका है
िकशोर ाय
िकशोर ाय (ब ों की दे खभाल और संर ण) मॉडल िनयम, 2016 (जेजे मॉडल िनयम, 2016) को भारत
के राजप म अिधसूिचत और कािशत िकया गया, अतः िकशोर ाय (ब ों की दे खभाल और संर ण)
िनयम, 2007 (जेजे िनयम, 2007) को 1.09.2016 को र कर िदया गया जेजे मॉडल िनयम, 2016 इस तक़
पर आधा रत है िक ब ों म सुधार िकया जाना चािहए और उ एक बार िफर समाज से जोड़ा जाना
चािहए िनयम ब ों की िवकास की ज रतों के िलए सराहनीय है और ब े का सव े िहत शु आती
िचंता है बोड म ब ों के अनुकूल काय णाली शािमल की गई है
जेजे मॉडल िनयम, 2016 म पुिलस, िकशोर ाय बोड और ब ों की अदालत के िलए ब ों के अनुकूल
िव ृत ि याएं दी गई है इनम से कुछ िकयाओं म शािमल है : िकसी भी ब े को जेल अथवा लॉकअप
म नहीं भेजा जाए, ब े को हथकड़ी नहीं लगाई जाए, ब े को उपयु िचिक ा सहायता दी जाए, कानूनी
सहायता आिद के बारे म माता-िपता/अिभभावक को जानकारी दी जाए िकशोर ाय बोड और ब ों की
अदालत को चािहए िक वे ब े का तनाव कम कर और ब े ारा समझी जाने वाली भाषा म उससे पूछे गए
सवालों को समझने के बाद उसे िबना िकसी डर के स ाई और प र थितयां बताने के िलए ो ािहत कर
जेजे मॉडल िनयम, 2016 म िकशोर ाय णाली ब े की गित की समी ा करने और उसे पया
पुनवास और वापसी की सेवा दे ने के िलए िविभ नई िविधयों को शािमल िकया गया है कुछ नई िविधयां ह-
मामला िनगरानी शीट, ब े की दे खभाल की िव ृत योजना, ब े की दे खभाल करने वाले सं थान के
पंजीकरण का आवेदन, पंजीकरण माण-प , िकशोर ाय बोड/बाल क ाण सिमित ारा ितमाही रपोट
आिद इसके अलावा िनगरानी के ावधान मजबूत बनाए गए ह
िव ृत द क हण सुधार
सरकार ने िकशोर ाय कानून 2015 को अिधसूिचत कर िदया और इस कानून का अ ाय अनाथ,
पर और आ समिपत ब ों को गोद लेने तथा साथ ही र ेदार ारा गोद लेने की व था
करता है
इस कानून म ब ों के िलए पया सुर ा की गई है इसके अनुसार र ेदारों के गोद लेने सिहत
सभी द क हण की जानकारी दे श म दे नी पड़े गी
साथ ही कानून के अंतगत सभी द क हण क ीय द क हण संसाधन ािधकरण (कारा) ारा
तैयार िकए गए िनयमों के अनुसार आगे बढ़गे
इस कानून के अंतगत क ीय द क हण संसाधन एजसी का पुनगठन कर उसे क ीय द क हण
संसाधन ािधकरण नाम िदया गया है
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कानूनी द क हण कारा और कै रं के ज रए ही होता है कारा की काय म गितिविधयों म शािमल


है - िविश द क हण एजिसयां और ब ों की दे खभाल करने वाले सं थानों के संपक, अ म ब ों के
िनयोजन को बढ़ावा, किठनाई से रखे जाने वाले ब ों के िलए त ाल िनयोजन मानदं ड, परामश क ,
िश ण और िवकास
सरकार ने 4.01.2017 को द क हण िनयम अिधसूिचत िकए और जेजे कानून, 2015 के अनु े द 2
की धारा (3) के साथ पढ़े गए अनु े द 68 की धारा (सी) ारा दी गई श यों का इ ेमाल करते ए और
ब ों को गोद लेने के िलए संचालन िदशािनदश 2015 के थान पर 16.01.2017 से ये भावी हो गए

i. भारत म कहीं भी ब े को गोद लेने के िलए क ीय द क हण संसाधन ािधकरण (कारा) म


ऑनलाइन पंजीकरण अिनवाय है
ii. क ीय द क हण संसाधन सूचना और िदशािनदश णाली (कै रं ) कानूनी प से गोद लेने की
ि या अपनाने के िलए कारा का एकमा सरकारी पोटल है
iii. िकशोर ाय (ब ों की दे खभाल और संर ण) कानून 2015 की धारा 80 और 81 के अंतगत कोई भी
अथवा एजसी जो गैर-कानूनी तरीके से गोद लेने के काय म शािमल है उसे दं िडत िकया
जाएगा
iv. िकसी ब े को गैर-कानूनी तरीके से गोद लेकर, आप गैर-इरादतन ब ों की त री के नेटवक का
िह ा बन सकते ह
v. गोद लेना एक सामािजक-कानूनी िकया है और इसम दलालों/िबचौिलयों की कोई भूिमका नहीं है
ोंिक वे ब े को गैर-कानूनी तरीके से गोद लेने के िलए लोगों को गुमराह कर सकते ह
vi. द क हण िनयमों म दे श म और दू सरे दे श से ूएएस (अनाथ, प र और आ समिपत) ब ों
को गोद लेने का ावधान है
vii. दे श के भीतर और िवदे श म र ेदार ारा गोद लेने के संबंध म ि या िनयमों म प रभािषत की गई
है
viii. सौतेले ब ों को गोद लेने की व था की गई है
ix. िनयमों म 32 अनुसूिचयां संल ह इनम अदालत म दायर िकए जाने वाला आदश द क हण
आवेदन भी शािमल है और इससे अदालत का आदे श ा करने म होने वाली दे री भी समा हो
सकेगी

रा ीय पोषण िमशन
रा ीय पोषण िमशन (एनएनएम) का उ े ब ों (0-6 वष), िकशोर लड़िकयों, गभवती मिहलाओं और
नपान कराने वाली माताओं के पोषण की थित म सुधार करना है यह काय तीन वष की अविध म एक
िनयत समय के भीतर ब ों (0-3 वष) म अ -पोषण को कम करना; ब ों (6-59 महीने) म एनीिमया को
कम करना; मिहलाओं और िकशोर लड़िकयों (15-49 वष) म एनीिमया की ापकता कम करना और ज
के समय कम वजन के मामले घटाना
आं गनबाड़ी सेवा
सम त बाल िवकास सेवा (आईसीडीएस) योजना, िजसे अब आं गनबाड़ी सेवा योजना के नाम से जाना
जाता है , की शु आत 1975 म ई थी इसका उ े 0-6 वष की आयु वग के ब ों के पोषण और ा
की थित म सुधार करना; ब े के उिचत मनोवै ािनक, शारी रक और सामािजक िवकास की आधारिशला
रखना; मृ ुदर, अ थता, कुपोषण और ू ल की पढ़ाई बीच म ही छोड़ने की घटनाओं को कम करना;
ब ों के िवकास को बढ़ावा दे ने के िलए िविभ िवभागों के बीच नीित का भावी सम य और काया यन;
और मां की मता बढ़ाना तािक वह उपयु पोषण और ा िश ा के ज रए ब ों की सामा ा
और पोषण संबंधी ज रतों पर ान दे सके इस योजना के लाभािथयों म छह वष से कम उ के ब े,
गभवती और नपान कराने वाली माताएं शािमल ह यह योजना खुद चुनी जा सकती है और िबना िकसी
शत के सभी लाभािथयों के िलए खुली है उपरो उ े ों को आईसीडीएस योजना के अंतगत
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एड ूड ू5/एड ूएच ारा छह सेवाओं यानी पूरक पोषण, ी- ू ल और गैर-औपचा रक िश ा,


पोषण और ा िश ा, टीकाकरण, ा जां च और रै फरल सेवाओं का पैकेज दान कर हािसल
िकया जा सकता है सेवाओं का पैकेज दान करने की अवधारणा मुख प से इस बात पर आधा रत है
िक कुल िमलाकर इसका भाव काफी िवशाल हो सकता है यिद िविभ सेवाओं को सम त तरीके से
िवकिसत िकया जाए ोंिक िकसी िवशेष सेवा की मता संब सेवाओं से िमलने वाली सहायता पर िनभर
करती है तीन सेवाएं दे शभर म फैली 14 लाख आं गनबािड़यों के ज रए दान की जा रही ह रा ीय खा
सुर ा कानून की धारा 4,5,6 और 7 आईसीडीएस पर लागू है ोंिक ये धाराएं कुपोिषत ब े, गभवती और
नपान कराने वाली माताओं को पौि क भोजन दान करने का ावधान करती ह कानून के ावधानों के
अनुसार, आईसीडीएस के अंतगत एसएनपी दान करने के िनयम 2017 म अिधसूिचत कर िदए गए ह
आं गनबाड़ी के बुिनयादी ढांचे म सुधार
सरकार आं गनबाड़ी क (एड ूसी) को आकषक बचपन िवकास क के प म बदलने के िलए ितब
है जो ा , पोषण और शु आती िश ा की पहली ाम चौकी होगी पहले से तय उ े को हािसल
करने के िलए, आईसीडीएस योजना म सुधार और इसे मजबूत बनाने के िलए अनेक कदम उठाए गए ह
िजनम काय म के अनुसार, बंधन और सं थागत े शािमल ह
पूरक पोषण
रा ीय खा सुर ा कानून (एनएफएसए), 2013 म शािमल ावधानों का पालन करते ए, मं ालय ने पूरक
पोषण (सम त बाल िवकास योजना के अंतगत) िनयम, 2017 म अिधसूिचत िकया तािक ेक गभवती
मिहला और िशशु के ज के बाद नपान कराने वाली माता को 6 महीने के िलए और 6 महीने से 6 वष
(कुपोषण का सामना कर रहे ब ों सिहत) की आयु वग के ेक ब े को इस कानून म अनुसूिचत पोषण
मानकों के अनुसार एक वष म 300 िदन कानून के ावधानों के अंतगत िदए गए अिधकार के अनुसार पूरक
पोषण िमल सके खा ा और भोजन की पा ता मा ा की आपूित नहीं होने पर पा संब रा
सरकार से उतने समय और तरीके से खा सुर ा भ ा ा करने का हक़दार होगा जो क सरकार ने
िदया आ है
आईसीडीएस णाली
मिहला और बाल िवकास मं ालय अंतररा ीय िवकास एसोिसएशन (आईडीए) को अमल म ला रहा है जो
दे श के 8 रा ों के 162 अ िधक बोझ वाले िजलों की सहायता कर रहा है जहां िन िल खत प रयोजना
िवकास उ े ों के साथ 368 लाख आं गनबाड़ी क ह: (i) सम त बाल िवकास सेवाओं (आईसीडीएस)
नीितगत ढां चे, णाली और मताओं को मजबूत बनाने, सामुदाियक काय को आगे बढ़ाने, तीन वष की
आयु के भीतर आने वाले ब ों पर अिधक ान कि त करना; (ii) बेहतर पोषण नतीजों के िलए स िलत
काय को मजबूत करना आईसीडीएस णाली को मजबूत बनाने और पोषण सुधार प रयोजना
(आईएसएसएनआईपी) म एक मुख गितिविध सूचना और संचार ौ ोिगकी स म आईसीडीएस की
रयल टाइम मॉनीट रं ग (आईसीटी-आरटीएम) णाली थािपत करना है तािक सेवा िडलीवरी तं म सुधार
हो सके और चुने ए रा ों के आं गनबाड़ी क ों म िविश प से िनिमत आईसीडीएस-कॉमन ए ीकेशन
सॉ वेयर (आईसीडीएस-सीएएस) मोबाइल सॉ ूशन तैनात करके आईसीडीएस योजना की बेहतर
दे खभाल सुिनि त की जा सके आं गनबाड़ी कायकता आईसीडीएस सीएएस के साथ लगे मोबाइल
िडवाइस के ज रए उनके ारा दी गई सेवाओं के संबंध म जानकारी डालते ह इस सूचना तक मिहला
सुपरवाइजर, सीडीपीओ, डीपीओ, रा कायालय और क ीय र की प ं च होती है
आईसीडीएस और सहायक णाली की आईटी स म वा िवक समय जां च को आगे बढ़ाने के उ े
से कॉमन ए ीकेशन सॉ वेयर (सीएएस) के िडजाइन, िवकास और उसके असरदार तरीके से इ ेमाल
के िलए िबल और िमिलंडा गेट्स फाउं डेशन के साथ सहयोग के एक ापन पर ह ा र िकए गए
फल प, बीएमजीएफ ने एक िविश प से िनिमत कॉमन ए ीकेशन सॉ वेयर (आईसीडीएस-
सीएएस) िवकिसत िकया
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िकशोर लड़िकयों के िलए योजना


िकशोर लड़िकयों के िलए योजना (एसएजी) 2010-11 म शु की गई और यह दे शभर के 205 चुने ए
िजलों म काम कर रही है इसका उ े ारं िभक आधार पर 11-18 वष की िकशोर लड़िकयों का
चौतरफा िवकास करना है यह योजना रा सरकारों/क शािसत दे शों के ज रए लागू की जा रही है
िजसका य क और रा के बीच (कानून के साथ) 50:50 के अनुपात म पोषण के िलए है और शेष
घटकों के िलए यह अनुपात 60:40 है आठ पूव र रा ों (अ णाचल दे श, असम, मिणपुर, मेघालय,
िमज़ोरम, नगालड, ि पुरा और िस म) तथा िवशेष ेणी वाले तीन िहमालयी रा ों (िहमाचल दे श, ज ू
क ीर और उ राखंड) के िलए क और रा की िह ेदारी 90:10 होगी क शािसत दे शों (िबना
िवधान वाले) को शत- ितशत धनरािश अथवा वा िवक खच िदया जाता है जो भी कम हो आं गनबाड़ी
क (एड ूसी) सेवाओं की िडलीवरी का मुख िबंदु है इस योजना के दो मुख घटक ह- पोषण दान
करने वाले और पोषण नहीं दान करने वाले पोषण दान करने वाले घटक म, ू ल से िनकली िकशोर
लड़िकयां (11-16 वष) जो एड ूसी जा रही है और सभी लड़िकयों (14-18 वष) को घर ले जाने के िलए
राशन/गम पके ए भोजन के प म पूरक पोषण दान िकया जाता है ेक िकशोर लड़की को एक वष
म 300 िदन रोजाना 600 कैलरी और 18-20 ाम ोटीन और माइ ो ूटीए ् स (जो आहार संबंधी
अनुशंिसत अंश का करीब एक ितहाई है ) दान िकए जाते ह पोषण गभवती और नपान कराने वाली
माता (पी और एल) के िलए िनयमों के अनुसार दान िकया जाता है पोषण दान करने वाले घटक का
उ े िकशोर लड़िकयों के ा और पोषण अव था म सुधार लाना है जबिक पोषण नहीं दान करने
वाला घटक वृ की ज रतों को पूरा करता है पोषण नहीं दान करने वाले घटक म, 11-18 वष की
ू ल छोड़ चुकी लड़िकयों को आईएफए स ीमटेशन, ा जां च और रै फरल सेवा, पोषण और ा
िश ा, िकशोरी को जनन संबंधी यौन ा (एआरएसएच) काउं सिलंग/प रवार क ाण के बारे म
िदशािनदश, जीवन कौशल िश ा, सावजिनक सेवाओं तक प ं चने के बारे म िदशािनदश और ावसाियक
िश ण (केवल 16-18 वष की िकशोर लड़िकयों के िलए) दान िकया जाता है इस योजना का एक और
उ े ू ल छोड़ चुकी लड़िकयों को मु धारा म लाकर ू ल व था म शािमल करना है
जंक फूड िदशािनदश
जंक फूड िदशािनदश तैयार िकए गए और इ लागू करने के िलए मानव संसाधन िवकास मं ालय तथा
ा और प रवार क ाण मं ालय के पास भेजा गया मानव संसाधन िवकास मं ालय ने सीबीएसई से
संब सभी ू लों से आ ह िकया िक वे इनका पालन कर इसके प ात मं ालय से अनुरोध िकया गया िक
वह सभी रा ों/क शािसत दे शों को परामश जारी करे िदशािनदशों म यह भी सुझाव िदया गया िक
िव े ताओं/रे हड़ी-पटरी वालों को िकसी ू ल के 200 मीटर के दायरे म ू ल के समय के दौरान जंक फूड
बेचने की इज़ाज़त नहीं दी जाए िदशािनदशों म ऐसे उपयु भोजन की सूची दान की गई थी जो ू ल
कटीन म बेचे जा सकते ह
खा और पोषण बोड की मुख पहल
मिहला और बाल िवकास मं ालय के अंतगत खा और पोषण बोड (एफएनबी) 4 खा जां च योगशालाएं
थािपत करने की ि या म है ये ह: फरीदाबाद म क ीय योगशाला और मु ई, चे ई और कोलकाता म
3 े ीय जां च योगशालाएं थािपत की जाएं गी जहां खा सुर ा के िलए भोजन और पूरक पोषण का
िव ेषण िकया जाएगा और आईसीडीएस योजना म पूरक पोषण के पोषण और भोजन संबंधी िनयम की
गुणव ा सुिनि त की जाएगी
मिहला और बाल िवकास मं ालय ने लोगों म, िवशेषकर मिहलाओं और ब ों म आयरन, िवटािमन ए,
आयोडीन और अ सू पोषक त ों की कमी को गंभीरता से लेते ए भोजन म अित र साम ी के
ज रए इस सम ा को दू र करने के िलए पहल की इस संबंध म, भोजन म अित र साम ी के बारे म एक
िव ृत िनयम बनाया गया िजसे खा सुर ा और मानक ( भोजन का सु ढ़ीकरण) िनयमन, 2016 नाम िदया
गया इसका संचालन एफएसएसएम कर रहा है जो मुख मूल खा ानों गे ं का आटा, चावल, दू ध, खाने
का तेल और नमक के सु ढ़ीकरण मानक तय करता है सु ढ़ीकृत खा ानों के िलए एक तीक िच भी
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िदया गया है
ब ों के िलए रा ीय काययोजना
ब ों के िलए रा ीय काययोजना (एनपीएसी) 2016 रा ीय बाल नीित म अिभ अंग के प म शािमल
िस ां तों पर आधा रत है काययोजना के चार मुख े ह; जीिवत रहना, ा और पोषण; िश ा और
िवकास; संर ण और भागीदारी एनपीएसी का काय सुिनि त करना है िक वतमान काय मों को
स िलत िकया जाए और नये काय मों की शु आत की जाए तािक पूणतः रणनीितयों और
ि याकलापों के ज रए ल ों पर ान िदया जा सके िजससे ब ों के िलए वां िछत नतीजे हािसल िकए जा
सक
लाभाथ को सीधे ह ांतरण
भारत सरकार ने लाभाथ को सीधे ह ां तरण (डीबीटी) को अपनाया और सेवाएं दे ने, यों और समूहों
को क ीय े और क ायोिजत िविभ योजनाओं के लाभ अथवा स डी दे ने के िलए लाभािथयों की
पहचान के प म आधार का इ ेमाल िकया जहां भारत की जमा रािश खच होती है अपनी योजनाओं म
डीबीटी को लागू करने के सरकार के िनदशों का पालन करते ए, मिहला और बाल िवकास मं ालय ने
काया यन के िलए 15 योजनाओं/घटकों की पहचान की है धानमं ी मातृ वंदना योजना के अंतगत
मातृ लाभ की ो ाहन रािश लाभाथ के खाते म सीधे ह ां त रत करने के िलए, मं ालय ने एक पोटल
pmmvy-cas.nic.in शु िकया है यह पोटल थानीय सरकार िनदे शक कोड (एलजीडी) से भी जुड़ा आ
है जो थान को भी रकॉड करता है
सोशल मीिडया म भी मौजूदगी
मं ालय फेसबुक, िट् वटर और यू ूब जैसे सोशल मीिडया मंचों पर भी सि य है िजसके लाखों फॉलोअर
ह सोशल मीिडया का इ ेमाल मिहलाओं और ब ों से संबंिधत मु ों, सकारा क नज़ रया दे ने और
आचरण म बदलाव जैसे िवषयों पर आम जनता के बीच जाग कता पैदा करना है इस मा म का
इ ेमाल सरकार की िविभ योजनाओं और काय मों का सार करने के िलए भी िकया जा रहा है तािक
नाग रकों की ितब ता बढ़ाई जा सके सरकार के नाग रकों तक प ं चने के िलए सोशल मीिडया की
प ं च और श का इ ेमाल करने के समान, मिहला और बाल िवकास मं ालय ने मदद शु कर दी है
जहां मिहलाएं और ब े अपनी िशकायत भेज सकते ह मं ालय एक िशकायत िनवारण को भी चला
रहा है जो दे शभर से मिहलाओं और ब ों की ई-मेल के ज रए िमलने वाली सीधी िशकायतों को दज करता
है और उनका जवाब दे ता है
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29 युवा मामले और खेल

श की आबादी म युवा सबसे ऊजावान और सि य वग का ितिनिध करते ह भारत दु िनया म सबसे


दे अिधक युवा आबादी वाला दे श है यहां लगभग 65 ितशत जनसं ा 35 वष से कम आयु के लोगों की
है दे श की आबादी का 27.5 ितशत िह ा 15 से 29 वष के आयु वग का है अनुमान है िक 2020
तक भारत की आबादी की औसत आयु केवल 28 वष होगी जनसं ा का यह िह ा अपार अवसर दान
करता है इस जनसं ा का लाभ उठाने के िलए अथ व था म म श म वृ करते रहने की मता
होना ज री है साथ ही युवाओं के पास उिचत िश ा, कौशल, ा के ित जाग कता तथा अ
यो ताएं व मताएं भी होनी चािहए तािक वे अथ व था म लाभकारी ढं ग से योगदान कर सक भारत
सरकार, िविभ मं ालयों/िवभागों के मा म से युवाओं के िलए चलाए जा रहे काय मों पर बड़ी मा ा म
िनवेश करती है

रा ीय युवा नीित
रा ीय युवा नीित, 2014 को फरवरी 2014 म लागू िकया गया था इसे रा ीय युवा नीित 2003 के थान पर
लाया गया था 2014 की नीित को सभी संब प ों के साथ िव ृत प से िवचार-िवमश करने के बाद
अंितम प िदया गया था इस नीित म 15 से 29 वष के यों को युवा के प म प रभािषत िकया गया
है
वेबसाइट: www.yas.nic.in

युवाओं के िलए योजनाएं


युवा मामले िवभाग, युवाओं के िवकास और सश करण के िलए कई योजनाएं चला रहा है इनम कुछ
योजनाओं पर सालाना 10 करोड़ पये से कम खच िकया जाता है इन योजनाओं की उपयोिगता म सुधार
के िलए, इनका िवलय कर केवल एक योजना तैयार करने की अिनवायता महसूस की गई, जो िवभाग की
सव ृ योजना की तरह काम कर सके इससे इन योजनाओं के बीच एक बेहतर तालमेल कायम िकया
जा सकेगा और इस तरह, इनकी भािवता म सुधार कर, मौजूदा संसाधनों के साथ बेहतर नतीजे हािसल
करने म मदद िमलेगी
िवभाग ने सभी योजनाओं के पुनगठन/सु ढ़ीकरण करने का ापक बीड़ा उठाया है जो अब
िन िल खत तीन सव ृ योजनाओं के तहत युवा मामले िवभाग ारा संचािलत िकए जा रहे ह:
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रा ीय युवा सश करण काय म


नेह युवा क संगठन
नेह युवा क संगठन (एनवाईकेएस) की थापना 1972 म की गई थी यह दु िनया के सबसे बड़े युवा
संगठनों म शािमल है लगभग 87 लाख युवा, 3.04 लाख युवा बों/मिहला मंडलों के मा म से इस
सं थान ने नेह युवा क ों के मा म से 623 िजलों म अपनी उप थित दज की है इस काय म का
उ े युवाओं के को िनखारना, उनम नेतृ के गुणों का िवकास करना और उ रा िनमाण की
गितिविधयों म लगाना है सं थान सा रता तथा िश ा, ा तथा प रवार क ाण, ता, साफ-
सफाई, पयावरण संर ण, सामािजक मु ों के ित जाग कता, मिहला सश करण, ामीण िवकास,
कौशल िवकास, -रोज़गार, उ मशीलता िवकास, नगर िवषयक िश ा, आपदा राहत और पुनवास जैसी
गितिविधयों पर ान कि त करता है नेह युवा क ों से जुड़े युवा न केवल सामािजक प से जाग क
और अिभ े रत होते ह ब ै क यासों से सामािजक िवकास काय के ित समिपत भी होते ह
रा ीय युवा कोर
रा ीय युवा कोर योजना 2010-11 म शु की गई थी इसे रा ीय युवा क सं थान के मा म से लागू िकया
जा रहा है इसके मु उ े इस कार ह- ऐसे अनुशािसत और समिपत युवाओं का समूह बनाना
िजनका झुकाव और ज ा रा िनमाण के काय के ित है ; समावेशी िवकास ( सामािजक और आिथक)
हािसल करने म मदद करना; अप रवतक समूह और साथी समूह िश क के प म काय करना; िवशेषकर
लोकाचार, स िन ा और म की ग रमा की ि से युवा सािथयों के िलए अनुकरणीय के पम
काय करना
इस योजना के तहत 18 से 25 वष के युवाओं को यंसेवक के प म अिधकतम दो वष के िलए रा
िनमाण काय म लगाया जाता है इसके िलए ूनतम शैि क यो ता दसवीं पास है इ ारं भ म ितमाह
ढाई हजार पये मानदे य िदया जाता था िजसे बढ़ाकर अब 5,000 पये ितमाह कर िदया गया है इनका
चयन एक चयन सिमित करती है , िजसका मुख संब िजले का िजला कले र या उपायु होता है
यंसेवकों को िनयु के तुरंत बाद 15 िदनों का िश ण िदया जाता है और दू सरे वष म सात िदन का
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पुन या िश ण िदया जाता है सामा तः ेक ॉक म दो यंसेवक िनयु िकए जाते ह ये ॉक


म रा ीय युवा क सं थान की िव ा रक इकाई के प म काय करते ह और सं थान के िविभ काय मों
और पहलों के ि या यन म सि य भूिमका िनभाते ह

रा ीय सेवा योजना
रा ीय सेवा योजना (एनएसएस) 1969 म शु की गई थी इसका मुख उ े ै क समाज सेवा के
ज रए युवाओं के और च र का िनमाण करना है इस योजना का ल ‘सेवा के मा म से िश ा’
है योजना का िस ां त महा ा गाँ धी के आदश पर आधा रत है इसका आदश वा ‘म नहीं, ब आप
ह ’ इसके यं सेवक, अपने से अिधक, समुदाय को अहिमयत दे ते ह योजना का उ े कायकताओं म
इन गुणों/ मताओं का िवकास करना है - उस समुदाय को समझना िजसम यंसेवी काम करते ह और उस
समुदाय के संबंध म यं को समझना; समुदाय की ज रतों तथा सम ाओं को समझना और उनका
समाधान करना; अपने म सामािजक तथा नाग रक उ रदािय की भावना पैदा करना; यों और
समुदाय की सम ाओं का ावहा रक समाधान खोजने के िलए अपनी जानकारी का इ ेमाल करना;
समुदाय को भागीदार बनाने का कौशल हािसल करना और रा ीय अखंडता तथा सामािजक स ावना पर
अमल करना

राजीव गांधी रा ीय युवा िवकास सं थान


राजीव गां धी रा ीय युवा िवकास सं थान (आरजीएनआईवाईडी), ीपेरंबदू र, तिमलनाडु , युवा मामले और
खेल मं ालय के अधीन एक रा ीय मह का सं थान है इसकी थापना सिमित पंजीकरण कानून, 1975
के तहत 1993 म की गई थी मानव संसाधन िवकास मं ालय ने 2008 म इसे ‘डे -नोवो’ ेणी के अंतगत
िव िव ालय के समक का दजा िदया यह सं थान एक मह पूण ोत के प म कई कार के काय
करता है यह दे शभर म िव ार और प ं च पहल के अलावा ातको र र के शैि क काय म चलाता
है , युवाओं के िवकास के िलए मह पूण मौिलक अनुसंधान करता है और िश ण तथा मता िनमाण के
काय म चलाता है
रा ीय युवा और िकशोर िवकास काय म
रा ीय युवा और िकशोर िवकास काय म (एनपीवाईएडी) 2008 से लागू िकया गया था इसके अंतगत
युवाओं और िकशोरों के िवकास से संबंिधत कायकलापों के िलए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को
िव ीय सहायता दी जाती है यह सहायता इन पां च मुख घटकों के िलए दी जाती है - युवा नेतृ और
िवकास िश ण; रा ीय अखंडता संव न; साहिसक काय संव न-तेिजंग नोग रा ीय साहिसक
काय पुर ार; िकशोरों का िवकास तथा सश करण और तकनीकी तथा संसाधन िवकास
रा ीय यूथ फे वल
एनपीवाईएडी के रा ीय एकीकरण बढ़ावा काय म के अंतगत, ामी िववेकानंद का ज िदन (12
जनवरी) मनाने के िलए, ेक वष जनवरी म एक नेशनल यूथ फे वल का आयोजन िकया जाता है , यह
नेशनल यूथ डे (रा ीय युवा िदवस) के प म मनाया जाता है यह फे वल उस रा म आयोिजत िकया
जाता है जो इसे मनाने को इ ु क हो तथा िजसके पास पया संसाधन हों क और आयोजन करने वाला
रा इसका खच बां टते ह िविभ सां ृ ितक काय मों ( ितयोगी व गैर- ितयोगी दोनों) सिहत इस
काय म म युवा स ेलन, सुिवचार, दशिनयां , रोमां चक काय म आिद आयोिजत िकए जाते ह इस
फे वल म िविभ रा ों, दे श के संघ शािसत रा ों से लगभग 5,000 युवा शािमल होते ह
यूथ हॉ ल
यूथ हॉ लों का िनमाण युवाओं को मण के िलए ो ािहत करने के िलए िकया गया है तािक वे दे श की
समृ सां ृ ितक िवरासत को जान सक इनका िनमाण क और रा सरकार के सहयोग से िकया जाता
है क सरकार इनके िनमाण म आए खच का वहन करती है तो रा सरकार पूरी तरह िवकिसत जमीन
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िनःशु उपल कराती है रा सरकार जलपूित, िबजली कने न और सड़क संपक की व था भी


करती है यूथ हॉ ल ऐितहािसक तथा सां ृ ितक मह के थानों, िश ण क ों और पयटन थलों म
बनाए गए ह ये हॉ ल युवाओं को उिचत दर पर ठहरने की अ ी सुिवधा उपल कराते ह मौजूदा 83
हॉ लों म से 11 को नेह युवा क सं थानों, भारतीय खेल ािधकरण और संब रा ों को ह ां त रत
िकया गया है तािक युवा इनका अिधकतम इ ेमाल कर सक और खेलों का िवकास हो सके शेष 72
हॉ ल सीधे मं ालय के िनयं ण म ह
ाउट और गाइड संगठनों की सहायता
िवभाग, ाउट और गाइड संगठनों को सहायता दे ता है तािक दे श म ाउट और गाइड आं दोलन को
बढ़ावा िदया जा सके यह एक अंतररा ीय आं दोलन है , िजसका उ े युवा लड़कों-लड़िकयों म रा
भ तथा सेवा की भावना पैदा करना और आदशवाद, िव ास तथा च र का िनमाण करना है ाउट
और गाइड संगठनों को िश ण िशिवरों, कौशल िवकास काय मों और उ वों आिद के आयोजन के िलए
िव ीय सहायता दी जाती है इनकी अ गितिविधयों म ौढ़ िश ा, पयावरण संर ण, सामुदाियक सेवा,
ा जाग कता, ा और साफ-सफाई को बढ़ावा दे ना शािमल ह

खेल
मानव के सवागीण िवकास म खेलों को हमेशा एक अिभ अंग के प म दे खा गया है मनोरं जन
और शारी रक िफटनेस का मा म होने के अलावा, खेल ने समुदाय के अंदर थ ित धा और जुड़ाव
की भावना पैदा करने म भी एक बड़ी भूिमका िनभाई है खेलों म ा उपल यां हमेशा रा ीय गौरव और
ित ा का ोत रही ह आधुिनक खेलों के अ िधक ित ध होने की वजह से, अंतररा ीय र पर
आधुिनक आधारभूत ढां चा, उपकरण और उ त वै ािनक तकनीकों के उपयोग ने खेलों के प र को
बदल िदया है उ त आधारभूत ढां चा, उपकरण और वै ािनक सहायता के िलए बढ़ती मां गों के अनु प,
भारत सरकार ने कई कदम उठाए ह और वै ािनक व उपकरणों के सहयोग ारा िश ण और
अंतररा ीय ितयोिगताओं म िह ा लेने के ज रए खलािड़यों को आव क सहायता दान कर रही है

रा ीय खेल नीित
रा ीय खेल नीित, 2001 म मु प से खेलों म उ ृ ता के िव ार और चार की प रक ना की गई है
इस नीित की मु िवशेषताएं ह: (1) खेलों का ापक िव ार और िविश ता हािसल करना, (2) आधारभूत
ढां चे का उ यन और िवकास, (3) रा ीय खेल प रसंघों और अ उपयु िनकायों को समथन तथा
सहयोग, (4) खेलों म वै ािनक और कोिचंग समथन को सु ढ़ करना, (5) खेलों को बढ़ावा दे ने के िलए
ो ाहन, (6) मिहलाओं, अनुसूिचत जनजाितयों और ामीण युवाओं की भागीदारी म बढ़ोतरी, (7) खेलों के
चार- सार म कॉरपोरे ट े की भागीदारी और (8) बड़े पैमाने पर जनता म खेलों के ित जाग कता व
िच पैदा करना

भारतीय खेल ािधकरण


1984 म भारतीय खेल ािधकरण (एसएआई) की थापना मु प से 1982 म ए (एिशयाड)
एएसआईएडी के दौरान िद ी म िनिमत खेलों के बुिनयादी ढां चे के भावी ढं ग से रख-रखाव और उसके
अिधकतम उपयोग को सुिनि त करने के िलए एक पंजीकृत सोसायटी के प म की गई थी अब यह दे श
म खेलों का ापक प से िव ार करने और रा ीय और अंतररा ीय खेलों म े ता हािसल करने के िलए
खलािड़यों को िश ण दे ने वाली एक नोडल एजसी है 1987 म रा ीय शारी रक िश ा और खेलकूद
सोसाइटी (सोसाइटी फॉर नेशनल इं ी ूट ऑफ िफिजकल एजुकेशन एं ड ोट् स (एसएनआईपीईएस)
का एसएआई के साथ िवलय कर िदया गया इसके बाद नेताजी सुभाष रा ीय खेल सं थान
(एनएसएनआईएस), पिटयाला और बंगलु , कोलकाता और गां धीनगर म इसके सहयोगी क ों और
ित वनंतपुरम थत ल ीबाई रा ीय शारी रक ायाम िश ा िव ालय (ल ीबाई नेशनल कॉलेज ऑफ
िफिजकल एजुकेशन) एसएआई के तहत आ गया अब इसके बंगलु , गां धीनगर, कोलकाता, सोनीपत,
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भोपाल, इं फाल, चंडीगढ़ और लखनऊ म े ीय क ह एसएआई िश ा (िहमाचल दे श) म एक उ


ऊंचाई िश ण क (हाई ए ी ूड टे िनंग सटर-एचएटीसी) का भी संचालन करता है एसएआई रा ीय
और अंतररा ीय र पर उ ृ ता ा करने के िलए सब-जूिनयर, जूिनयर और व र रों पर, जैसे-
रा ीय खेल ितभा ितयोिगता (एनएसटीसी), आम ॉयज ोटस कंपनी (एबीएससी), एसएआई
िश ण क (एसटीसी) और िवशेष े ीय खेलों के िलए िविभ योजनाओं का संचालन करता है िविश
वग के खलािड़यों के िलए एसएआई ने अपने ेक े ीय क ों म िविश ता क थािपत िकए ह एक
िविश ता क रा ीय खेल सं थान, पिटयाला म भी थािपत िकया गया है एकल अनुशासन आधार पर खेल
को बढ़ावा दे ने के उ े से, 14 से 25 वष के आयु वग म संबंिधत खेल अनुशासन म खेल ितभा को
आकिषत करने के िलए रा ीय खेल प रसंघों के सहयोग से एसएआई ारा रा ीय खेल अकादिमयों की
थापना की गई है इस योजना म आधुिनक िश ण क ों की प रक ना की गई है िजसम उ रीय
खेल सुिवधाएं , उपकरण, आव क खेल िव ान बुिनयादी ढां चे के साथ-साथ िश ािथयों की दै िनक
आव कताओं को पूरा करने के िलए यो िश क होंगे 2010 म ए रा मंडल खेलों के िलए पया
लागत पर नवीनीकरण िकए गए अपने पां च े िडयम का सव म उपयोग करने के िलए, भारतीय खेल
ािधकरण ने 2011 म ‘आओ और खेलो योजना’ शु की एसएआई े िडयम म नािमत े ों जैसे-
जवाहरलाल नेह े िडयम, डॉ. करनी िसंह शूिटं ग रज, डॉ. एस.पी.एम, तैराकी पूल प रसर, मेजर
ानचंद हॉकी े िडयम और इं िदरा गां धी इं डोर े िडयम (िजमना क, कु ी और साइकिलंग वेलोडोम)
को 2011 म थािपत ( ितभाशाली) खलािड़यों को और नए उभरते खलािड़यों को पेशेवर प से िश ण
दे ने के िलए खेलों म भाग लेने और े िडयम के इ तम उपयोग के िलए ो ािहत करने के उ े से खोला
गया था
िद ी म इस योजना की सफलता के बाद, एसएआई ने थानीय युवाओं को इन क ों म उपल खेल
सुिवधाओं का उपयोग और कोिचंग दान करने, खासतौर पर नए उभरते खलािड़यों को खेलों म भाग लेने
के िलए ो ािहत करने के उ े से 2011 से पूरे दे श म फैले अपने सभी क ों म ‘आओ और खेलो
योजना’ की शु आत की

ल ीबाई रा ीय शारी रक िश ा सं थान


आरं भ म इस सं थान की थापना एक कॉलेज के प म 1957 को ई थी यह भारत की आज़ादी की
पहली लड़ाई का शता ी वष था यह िव िव ालय ािलयर म थत है , जहां झां सी की रानी ल ीबाई ने
दे श के तं ता सं ाम म अपने ाण ौछावर कर िदए थे सं थान ारा शारी रक िश ा और खेलों म िदए
जाने वाले योगदान को एक पहचान दे ने के िलए इसे 1995 म डी ड यूिनविसटी (समक िव िव ालय) म
उ यन िकया गया ल ीबाई रा ीय शारी रक िश ा सं थान (एलएनआईपीई) को भारत सरकार से पूरी
िव ीय सहायता िमलती है सं थान िन िल खत पूणकािलक पा म दान करता है : (1) शारी रक िश ा
म ातक (बीपीई), (4 वष य िड ी कोस), (2) शारी रक िश ा म ा को र की िड ी (एमपीई), (2 साल
का कोस), (3) शारी रक िश ा म एम िफल िश ा (1 वष य पा म) और (4) शारी रक िश ा म
पीएचडी इनके अित र , सं थान ारा िन िल खत सिटिफकेट, िड ोमा और ातको र पा म भी
चलाए जाते ह: (क) साहिसक खेल, (ख) िवशेष खेल, (ग) युवा काय म, (घ) सूचना ौ ोिगकी, (ङ) खेल
कोिचंग, (च) योग और वैक क उपचार, (छ) खेल बंधन और (ज) खेल प का रता यह सं थान पूव
सै किमयों के िलए सेवारत िश ण काय म, िव िव ालयों, कॉलेजों और ू लों म शारी रक िश ा के
िश कों के िलए र े शर तथा ओ रएं टे शन काय मों का भी आयोजन करता है इस सं थान म िवदे शों से
भी छा आते ह एलएनआईपीई का एक उ र पूव प रसर गुवाहाटी (असम) म भी थािपत िकया गया जो
2010-11 से काम कर रहा है

रा ीय खेल िव िव ालय ( नेशनल ोट् स यूिनविसटी )


उ र पूव रा ों और िवशेष प से मिणपुर के खलािड़यों की ितभा और योगदान को एक पहचान दे ने
के िलए, भारत सरकार ने मिणपुर म एक रा ीय खेल िव िव ालय थािपत करने का िनणय िलया है
मिणपुर सरकार ने इस िव िव ालय को थािपत करने के िलए पि म इं फाल िजले म 325.90 एकड़ भूिम
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दान की है इसके अलावा सव े अंतररा ीय मानदं डों को अपनाकर चुिनंदा खेल िश णों के िलए एक
रा ीय िश ण क के प म काम करने के अलावा, यह िव िव ालय म खेल िव ान, खेल तकनीक, खेल
बंधन और खेल कोिचंग के िविभ े ों म खेल िश ा को बढ़ावा दे ने वाला यह अपनी तरह का एकमा
िव िव ालय है
िव िव ालय िविभ िश णों म खेल कोिचंग, खेल िव ान, और शारी रक िश ा म ातक, ा को र
और डॉ रे ट की िड ी दान करे गा भिव म िविभ खेल िश ा और कोिचंग िवषयों म िविश िड ी
काय मों की प रक ना की गई है अकादिमक स 2018-2019 से, एमएससी ( ोटस कोिचंग-खेल
कोिचंग) और एमए ( ोट् स साइकोलॉजी-खेल मनोिव ान) को पा म म शािमल िकया गया है

खेलो इं िडया
युवा मामले और खेल मं ालय 2008-2009 से 2013-14 तक पंचायत युवा ीड़ा और खेल अिभयान
(पीवाईकेकेए) नामक एक क ीय ायोिजत योजना को काया त कर रहे थे इस योजना का उ े गां व
और ॉक / पंचायत रों पर िवकास के ारा आधारभूत खेल संरचनाओं को िनिमत करना और वािषक
खेल ित धाओं के संचालन के मा म से खेल के मैदानों के रखरखाव और खेल म बड़े पैमाने पर भाग
लेने के िलए े रत करना था
अलग से, एक शहरी खेल बुिनयादी ढां चा योजना अबन ोट् स इं ा र ीम (यूएसआईएस) की
भी 2010-11 म शु आत की गई थी जो 2015-16 तक चलती रही पीईकेकेए योजना की म ाविध की
समी ा की गई उसके अनुसार, 2014-15 से 2015-16 के दौरान राजीव गां धी खेल अिभयान (आरजीकेए)
के प म इस योजना की समी ा और संशोधन िकया गया था िजसम सरकार की अ योजनाओं के साथ
अिभसरण के मा म से इनडोर और आउटडोर दोनों खेल सुिवधाओं को शािमल करते ए और खंडों
( ॉक) की ित धाओं को उ त बनाते ए , ॉक र के खेल प रसर के िनमाण की प रक ना की
गई थी वतमान म जारी योजना राजीव गां धी खेल अिभयान (आरजीकेए), शहरी खेल आधारभूत संरचना
योजना (यूएसआईएस) और रा ीय खेल ितभा खोज णाली काय म (एनएसटीएसएसपी) को समािहत
करने के बाद 2016-2017 के दौरान एक नई सम योजना ‘खेलो इं िडया’ शु की गई थी
रा ों और क शािसत दे शों के खेल िवभागों सिहत सभी िहतधारकों के साथ ब त िवचार-िवमश करने
के बाद नवीकृत ‘खेलो इं िडया’ को िवकिसत िकया गया है यह योजना क ीय े की योजना के पम
लागू की जा रही है नवीकृत खेलो इं िडया म बारह घटक ह िजसका उ े रा ीय खेल नीित 2001 के दो
ल ों को हािसल करना है ये ल ह- खेलों का आधार ापक बनाना और खेलों म े ता हािसल करना
इससे दे श म खेल सं ृ ित को बढ़ावा िमलेगा और इससे वे लाभ भी िमल सकगे जो खेल दान करता है
अथात्, ब ों और युवाओं का िवकास, सामुदाियक िवकास, लड़के-लड़की म समानता, थ रा , रा ीय
गौरव और खेल िवकास संबंधी आिथक अवसरों म बढ़ोतरी
इसके 12 घटक ह: े फी डे वलपमट, सामुदाियक कोिचंग डे वलपमट, रा रीय खेलो इं िडया
क , वािषक खेल ितयोिगताएं , ितभा खोज और िवकास, उपयोग और िनमाण/खेल बुिनयादी ढां चे का
उ यन, रा ीय/ े ीय/रा खेल अकादिमयों को सहयोग, ू ल जाने वाले ब ों के िलए शारी रक
िफटनेस, मिहलाओं के िलए खेल, िवकलां ग यों म खेल का चार, शां ित और िवकास के िलए खेल
और ामीण और दे शी/जनजातीय खेलों को बढ़ावा

खेलों म उ ृ ता का चार
रा ीय खेल प रसंघों को सहायता की योजना
इस योजना के अंतगत, भारत सरकार रा ीय खेल प रसंघों (एनएसएफ) को दे श म रा ीय व अंतररा ीय
ित धाएं आयोिजत करवाने, िवदे शों म आयोिजत खेल ित धाओं म भाग लेने तथा िश ण िशिवरों का
आयोजन, खेल संबंधी उपकरणों की खरीद और िवदे शी िश क (कोच) की िनयु आिद हे तु को
सहायता उपल कराती है
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खेलों म मानव संसाधन िवकास की योजना


ितभा खोज और िश ण की योजना के पूण पेण संशोधन के बाद 2013-14 म खेलों म मानव संसाधन
िवकास की योजना की शु आत की गई थी इस योजना का मु उ े खेल बंधन के अकादिमक
(शैि णक) और बौ क प को, यो अ िथयों को खेलों से संबंिधत ऐसे िविश े ों, िजनम अभी तक
अपया मानव संसाधन ह, म परा- ातक (मा स) और शोध (डॉ रे ट) र हे तु िविश अ यन के िलए
फैलोिशप दान करते ए मह दे ना है यह योजना िश ण/संगोि यों/स ेलनों/कायशालाओं के िलए
िव ीय सहायता भी दान करती है और रा ीय और अंतररा ीय र पर िश कों (कोच), तकनीकी और
सहायक कमचा रयों के िलए अ कािलक पा म भी उपल कराती है
रा ीय खेल िवकास कोष
रा ीय खेल िवकास कोष (एनएसडीएफ) की थापना 1998 म क सरकार ारा खेलों को बढ़ावा दे ने के
उ े से िनजी / कॉरपोरे ट े और अिनवासी भारतीयों सिहत सरकार के संसाधनों के साथ-साथ गैर-
सरकारी ोतों से धन जुटाने के उ े से की गई थी इस कोष म योगदान दे ने को आकषक बनाने के
िलए, इसम आयकर म 100 ितशत छूट दी जाती है एनएसडीएफ के तहत उपल कोष का इ ेमाल
खेलों का चार करने तथा रा ीय और अंतररा ीय र पर िवशेष खेल िश णों तथा खलािड़यों को े ता
हािसल करने, खलािड़यों, िश कों और खेल िवशेष ों को संबंिधत खेल े ों म िवशेष िश ण और
कोिचंग दान करने, खेल म उ ृ ता को बढ़ावा दे ने के िलए आव क बुिनयादी ढां चे का िनमाण और
रखरखाव करने, खेलों म उ ृ ता को बढ़ावा दे ने के िलए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों और
यों को उपकरणों की आपूित करने, सम ाओं की पहचान करने और खेलों म उ ृ ता लाने के िलए
समथन दान करने के िलए अनुसंधान और िवकास अ यन शु करने आिद के िलए िकया जाता है

खलािड़यों के िलए ो ाहन संबंधी योजनाएं


खेलों म आगे बढ़ने के िलए खलािड़यों को ो ाहन दे ने हे तु मं ालय ारा िविभ योजनाएं भी लागू की
जाती ह
राजीव गांधी खेल र पुर ार
1991-92 म खलािड़यों के र को बढ़ाने और उ समाज म स ान और एक पहचान िदलवाने के उ े
से इस पुर ार की शु आत की गई थी इस योजना के तहत, िजस वष पुर ार िदया जाना है , उससे
पहले चार साल की अविध म एक खलाड़ी ारा सबसे शानदार और उ ृ दशन के िलए यह पुर ार
िदया जाता है इस पुर ार म 7.5 लाख पये की रािश दान की जाती है
2018 के िलए, यह पुर ार भारो ोलन के िलए ीमती सैखोम मीराबाई चानू और ि केट के िलए ी
िवराट कोहली को िदया गया है
अजुन पुर ार
अजुन पुर ार की शु आत 1961 म की गई थी इस पुर ार को पाने के िलए न िसफ एक खलाड़ी के
िलए अंतररा ीय र पर िपछले चार वष के दौरान लगातार शानदार दशन करना ज री है , वरन् िजस
साल पुर ार की िसफा रश की गई हो, उस वष भी उसका दशन िविश होना चािहए इसके अलावा,
उस खलाड़ी म नेतृ , खेल भावना और अनुशासन का गुण भी होना चािहए पुर ार िवजेता को एक
ितमा, एक माण-प , समारोह की पोशाक और पां च लाख पये नकद िदए जाते ह 2018 के िलए
िविभ े ों के िलए 20 खलािड़यों को पुर ार िदया गया था
ानचंद लाइफटाइम अचीवमट अवॉड
यह पुर ार 2002 म शु िकया गया था यह पुर ार उन खलािड़यों को स ािनत करने के िलए िदया
जाता है िज ोंने अपने दशन से खेलों म योगदान िकया है और सि य खेल क रयर से सेवािनवृि के बाद
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भी वे खेलों को आगे बढ़ाने म योगदान कर रहे ह इस पुर ार म िवजेता को एक ितमा, एक माण-प ,


समारोह की पोशाक और पां च लाख पये नकद िदए जाते ह 2018 के िलए यह पुर ार चार खलािड़यों
को िदया गया था
ोणाचाय पुर ार
इस पुर ार की शु आत 1985 म उन िश कों को स ािनत करने के िलए की गई थी िज ोंने
सफलतापूवक खलािड़यों या टीमों को िशि त िकया है और उ अंतररा ीय ितयोिगताओं म
उ ेखनीय नतीजे हािसल करने म स म बनाया है पुर ार िवजेता को गु ोणाचाय की ितमा, एक
माणप , समारोह की पोशाक और पां च लाख नकद िदए जाते ह 2018 के िलए आठ लोगों को िविभ
िश णों के िलए यह पुर ार िदया गया
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद टॉफी
यह टॉफी 1956-57 म शु ई थी अंतरिव िव ालयी ितयोिगताओं म सव े दशन करने वाले
िव िव ालय को मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (माका) टॉफी दान की जाती है यह टॉफी एक रोिलंग
टॉफी है जो िपछले िवजेता से नए िवजेता के पास जाती है माका टॉफी का एक छोटा ित प भी
िव िव ालय को िदया जाता है , िजसे वे अपने पास रखता है 2018 के िलए यह टॉफी गु नानक दे व
िव िव ालय, अमृतसर ने जीती
रा ीय खेल ो ाहन पुर ार
खलािड़यों और िश कों के अलावा अ सं थाओं ारा खेल िवकास म िकए गए योगदान की सराहना
करने के उ े से, सरकार ने 2009 से ‘रा ीय खेल ो ाहन पुर ार’ नामक एक नए पुर ार की
शु आत की है इसम चार ेिणयां है : उभरती/युवा ितभाओं की पहचान और उ ो ाहन, कॉरपोरे ट
सामािजक दािय के ज रए खेलों को ो ाहन, खलािड़यों के रोज़गार और खेल क ाण उपायों और
िवकास के िलए खेल इन सभी ेिणयों म इस पुर ार के तहत एक शंसा-प और एक टॉफी दी जाती
है इसम कोई नकद रािश नहीं दी जाती है
2018 के िलए, तीन ेिणयों के िलए पुर ार िदए गए- उभरते/युवा ितभाओं की पहचान और उ
ो ाहन, कॉरपोरे ट सामािजक दािय के मा म से खेल के िलए ो ाहन, खलािड़यों के रोज़गार और
खेल क ाण उपायों और िवकास के िलए खेल
अंतररा ीय खेल ित धाओं म िवजेताओं और उनके िश कों को िवशेष
पुर ार
यह योजना 1986 म बेहद शानदार दशन करने वाले खलािड़यों को े रत और ो ािहत करने के िलए
शु की गई थी इसका उ े युवा पीढ़ी को खेल को एक क रयर के प म अपनाने के िलए ो ािहत
करना भी है इसके तहत, एक साल के दौरान आयोिजत मा ता ा अंतररा ीय खेल ितयोिगताओं के
पदक िवजेताओं और उनके िश कों को िन दरों के आधार पर िवशेष पुर ार िदए जाते ह:
(क) ेणी : ओपन ेणी खेल
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(ख) ेणी : पैरा- ोट् स

(ग) ेणी : ि बािधतों के खेल


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(घ) ेणी : बिधरों के िलए खेल

(ड) ेणी : िवशेष ओलंिपक खेल

(च) ेणी : ि बािधतों के िलए ि केट िव कप

ितयोिगता म कम से कम 180 िदन पहले से पदक िवजेताओं को िशि त करने वाले िश कों को भी
नकद पुर ार िदए जाते ह िशि त खलाड़ी को िजतनी पुर ार रािश दी जाती है , उसके िश क को
उसकी 50 फीसदी रािश पुर ार म दी जाती है यिद एक से अिधक िश क हों तो पुर ार रािश को
समान प से बां टा जाता है

शानदार दशन करने वाले खलािड़यों के िलए पशन की योजना


यह योजना 1994 म शु की गई थी इस योजना के अनुसार, वे खलाड़ी, जो भारतीय नाग रक ह और
िज ोंने ओलंिपक खेलों, िव कप/िव चिपयनिशप, एिशयाई खेलों, रा मंडल और पैरा-ओलंिपक खेलों
और पैरा-एिशयाई खेलों म ण, रजत और कां पदक जीते ह, िजनकी आयु 30 वष की हो चुकी है और
सि य खेल क रयर से रटायर हो चुके ह, वे जीवनभर के िलए पशन पाने यो ह अ ैल 2018 से पशन
की दर दोगुनी हो गई ह पशन की बढ़ी ई दर िन ानुसार है :
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पंिडत दीनदयाल उपा ाय रा ीय क ाण कोष


वष 2017 से खलािड़यों के िलए रा ीय क ाण कोष का नाम बदलकर पंिडत दीनदयाल उपा ाय रा ीय
क ाण कोष कर िदया गया था इस कोष की थापना 1982 म की गई थी, तािक वष पहले दे श को गौरव
िदलाने वाले उन उ ृ खलािड़यों की सहायता की जा सके जो इस समय गरीबी का जीवन जी रहे ह
खलािड़यों और उनके प रवार को यह सहायता िश ण या खेल या िफर अंतररा ीय ितयोिगता के दौरान
खलािड़यों को लगी घातक चोट या अ चोट की थित म, गरीबी म जीवन तीत कर रहे खलाड़ी के
प रवार के जीवनयापन के िलए, खलािड़यों के इलाज के िलए और खलािड़यों को बढ़ावा दे ने वाले (रे फरी,
कोच और अंपायर) गरीब यों को दी जाती है यह सहायता उ दी जाती है िजनकी सालाना
आमदनी सभी ोतों से 2,00,000 से कम होती है

एं टी-डोिपंग गितिविधयों के िलए सहायता की योजना


डोिपंग का अथ है अंतररा ीय ओलंिपक सिमित/व एं टी डोिपंग एजसी (वाडा) के मेिडकल कमीशन ारा
ितबंिधत पदाथ या तरीके का खलािड़यों ारा जानबूझकर या अनजाने म िकया गया इ ेमाल ण और
ित ा की चाह म, दु िनयाभर म बड़ी सं ा म खलाड़ी दू सरों पर ित धा क प से जीत हािसल करने
के यास म अपना दशन बढ़ाने वाले पदाथ का उपयोग करने के िलए े रत होते ह भारत भी इस
परे शानी से अछूता नहीं है ोबल (वैि क) एं टी डोिपंग समुदाय के सहयोग से डोिपंग की जां च करने के
िलए एक ठोस यास शु करने के िलए त ाल आव कता को समझते ए, भारत सरकार अंतररा ीय
ओलंिपक सिमित की पहल ारा थािपत फाउं डेशन बोड ऑफ वाडा का सद बन गया है

नेशनल एं टी डोिपंग एजसी


2009 म थािपत रा ीय एं टी डोिपंग एजसी (एनएडीए नाडा), दे श म खेल म डोिपंग िनयं ण काय म को
बढ़ावा दे ने, सम य करने और िनगरानी करने के िलए िज ेदार एक रा ीय संगठन है नाडा के एं टी
डोिपंग िनयमों का पालन वाडा के डोिपंग रोधी मानकों के अनु प िकया जाता है

रा ीय डोप परी ण योगशाला


रा ीय डोप परी ण योगशाला (एनडीटीएल) युवा मामले और खेल मं ालय के अधीन काय करने वाली
एक ाय िनकाय है यह आईएसओ 17025 (2003) और िव एं टी-डोिपंग एजसी (वाडा) (िसतंबर
2008) के िलए मानव ारा खेले जाने वाले खेलों से मू और र के नमूनों के परी ण के िलए, रा ीय
परी ण और अंशशोधन योगशाला ायन बोड एनएबीएल ारा मा ता ा है एनडीटीएल दु िनया म
33 बड़े मा ता ा योगशालाओं म से एक है और एिशया म सातव नंबर पर आती है इसम सामा
और अनुसंधान दोनों तरह की ि याकलापों के िलए अ ाधुिनक सुिवधाएं ह एनडीटीएल 2008 म
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रिज े शन ऑफ सोसाइटी ए , (सं था पंजीकरण अिधिनयम-1860) 1860 के तहत पंजीकृत ई थी


मानवीय डोप परी ण के अलावा, एनडीटीएल ने घोड़े के डोप परी ण और वीणता परी ण काय म के
े म भी िविवधता हािसल की है
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रा तथा क शािसत
30 दे श

आं दे श

इितहास और भूगोल
आं दे श के संबंध म ारं िभक उ ेख ऐतरे य ा ण (2000 ईसा पूव) म िमलता है इसम संकेत िदए गए
ह िक आं िनवासी मूल प से आय जाित के थे और उ र भारत म रहते थे, जहां से वे िवं पवतों के
दि ण म चले गए और बाद म गैर-आय के साथ घुल-िमल गए इितहासिवदों के अनुसार आं दे श का
िनयिमत इितहास 236 ईसा पूव से शु होता है इसी वष स ाट अशोक का िनधन आ था उसके बाद
की शता यों म सातवाहनों, शकों, इ ाकुओं, पूव चालु ों और ककितयों ने तेलुगू दे श पर शासन
िकया बाद म िवजयनगर और कुतुबशाही शासकों का शासन रहा और उनके बाद मीर कम ीन और
िनज़ाम के नाम से िस उसके उ रािधका रयों ने आं पर शासन िकया धीरे -धीरे 17वीं शता ी से
अं ेजों ने िनज़ाम के कई िह ों पर िनयं ण कर िलया और म ास ां त की थापना की तं ता के बाद
तेलुगू भाषी े ों को म ास ेजीडसी से अलग कर 1 अ ू बर, 1953 को नए आं दे श रा का गठन
िकया गया रा पुनगठन अिधिनयम, 1956 पा रत होने के साथ ही है दराबाद तथा आं दे श रा ों को
िमला िदया गया प रणाम प 1 नवंबर, 1956 को आं दे श रा अ म आया
आं दे श भारत के दि ण पूव तटीय े म थत है यह रा भारत का आठवां सबसे बड़ा रा है ,
िजसका े फल 1,60,205 वग िकलोमीटर है 2011 के जनगणना के अनुसार यह रा दसव थान पर है ,
िजसकी जनसं ा 4,93,86,799 है
भारत के सभी रा ों म गुजरात के बाद आं दे श दू सरा सबसे बड़ा रा है िजसकी तटरे खा 972
िकलोमीटर है इस रा की सीमाओं म उ र पि म म तेलंगाना, उ र म छ ीसगढ़, उ र पूव म
ओिडशा, पि म म कनाटक, दि ण म तिमलनाडु और पूव म तटरे खा वाली बंगाल की खाड़ी है रा के
उ र पूव म गोदावरी नदी के डे ा म पुद्ु दचेरी का 30 वग िकलोमीटर का छोटा-सा े है
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आं दे श पुनगठन अिधिनयम, 2014
आं दे श पुनगठन अिधिनयम, 2014 जोिक तेलंगाना अिधिनयम भी कहलाता है , भारतीय संसद का
अिधिनयम है , के अनुसार आं दे श का िवभाजन दो रा ों म आ है - तेलंगाना और शेष आं दे श इस
अिधिनयम म संपि और ऋण के िवभाजन के सारे पहलू ह साथ ही ािवत नए रा ों की सीमाएं
और है दराबाद का दजा िनधा रत है
कृिष
आं दे श के करीब 62 ितशत िह े की आबादी का मु वसाय खेती है चावल रा की मु
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फसल है तथा रा के कुल अनाज उ ादन म चावल का िह ा 77 ितशत है अ मुख फसल ह–


ार, बाजरा, रागी, तंबाकू, कपास, ग ा, म ा, दाल तथा अरबी इ ािद रा के कुल े फल के 23
ितशत िह े म वन ह मह पूण वन उ ादों म सागवान, यू स, काजू, बां स और इमारती लकड़ी
इ ािद शािमल ह
िसंचाई
‘जलय म’ काय म के तहत कुल 86 प रयोजनाओं को शािमल िकया गया है , िजसम से 44 बड़ी, 30
मझोली, 4 बां धों के तटबंध तथा 8 आधुिनकीकरण प रयोजनाएं ह इस काय म का उ े सभी संभव
ोतों से धन ा कर सभी चालू तथा नई प रयोजनाओं को रकॉड समय म पूरा करना है , िजसम पानी की
कमी वाले सभी े ों म िसंचाई सुिवधा उपल करवाने को उ ाथिमकता दी गई है
िबजली
रा की मह पूण िबजली प रयोजनाएं ह– नागाजुन सागर और नीलम संजीव रे ी सागर ( ीसेलम
पनिबजली प रयोजना), ऊपरी िसले , िनचला िसले , तुंगभ ा पनिबजली प रयोजना और ने ोर,
रामगुंडम, कोठागुडम, िवजयवाड़ा और मु ानूर तापिबजली प रयोजना 770 मेगावाट थािपत मता वाली
ीसेलम (दायां तट) पनिबजली प रयोजना, 900 मेगावाट मता की ीसेलम (बायां तट) पनिबजली
प रयोजना और 960 मेगावाट मता वाली नागाजुन सागर प रयोजना रा म पनिबजली के मुख ोत ह
1,260 मेगावाट मता वाला िवजयवाड़ा ताप िबजलीघर तथा 1,220 मेगावाट मता वाला कोठागुडम ताप
िबजलीघर ताप िबजली के मुख ोत ह 1,000 मेगावाट मता वाले कोयले पर आधा रत िसंहाि ताप
िबजलीघर का उ े संपूण िबजली उ ादन से दे श की िबजली आव कता को पूरा करना है
उ ोग
रा सरकार छोटे पैमाने के उ ोगों, छोटे -मोटे े ों और बड़े तथा म म पैमाने के उ ोगों को ो ाहन
दे ने के िलए िविभ कदम उठा रही है रा सरकार िनमाण े को ो ाहन दे ने के िलए सेज (िवशेष
आिथक जोन) म िवद् ु यत शु , भूिम आवंटन म रयायत दे कर तथा म कानूनों को उदार बना रही है
रा ने क सरकार से सि य िनजी भागीदारी ारा 59 आईटी/आईटीईएस सेज खोलने की िसफा रश की
है
खान एवं भूिव ान
आं दे श पूरे िव म च ानी तथा खिनज िविवधता के िलए िस है इसे ‘र गभा’ कहा जाता है रा
मउ रीय ाइसोलाइट एसबे स का सबसे बड़ा भंडार है रा के अ मह पूण खिनज तां बा,
मगनीज, अ क, कोयला तथा चूना प र है िसंगरे नी कोयला खदान से पूरे दि ण भारत म कोयले की
आपूित होती है रा 10-11 करोड़ टन औ ोिगक खिनज तथा 20 करोड़ घन मीटर प र और भवन
िनमाण साम ी का उ ादन करता है दे श म बै रट् स तथा चूना प र उ ादन म यह पहले थान पर है
सूचना ौ ोिगकी
सूचना ौ ोिगकी के े म रा तेजी से आगे बढ़ रहा है अवसरों का लाभ उठाने के मामले म यह अ
रा ों से ब त आगे है आईटी े म कुशल मानव संसाधन के अिधकतम उपयोग के िलए रा सरकार
ने ब त-सी योजनाएं शु की ह
प रवहन
सड़क : रा म मौजूदा सड़कों- आर एवं बी की कुल लंबाई 69,051 िक.मी. है िजसम रा से गुजरने वाले
रा ीय राजमाग 4,472 िक.मी. रा राजमाग 10,519 िकमी, मु िजला सड़क 32,170 िक.मी. तथा
ामीण सड़क 21.714 िक.मी. है रा म आर एवं बी सड़क नेटवक के संदभ के तहत घन 0.23 िकमी
ित वग िक.मी. तथा 0.86 िक.मी. ित 1,000 है
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रे लवे : रा के 5,107 िक.मी. रे ल माग म से 4,633 िक.मी. बड़ी लाइन के, 437 मीटर गेज के तथा 37
िकमी नैरो गेज के ह
उ यन : शमशाबाद, ित पित तथा िवशाखाप नम मह पूण हवाईअ े ह शमशाबाद से अंतररा ीय
हवाई सेवा उपल है
बंदरगाह : भारत सरकार का मु बंदरगाह िवशाखप नम तथा रा सरकार के 13 छोटे बंदरगाह रा
म थत ह समु ी गितिविधयों जैसे- अंतररा ीय िशिपंग, तटीय िशिपंग, पोत मर त, मछली पकड़ने,
िविश उ ोगों के िलए केि व पोट (िनजी बंदरगाह), हर मौसम के िलए अनुकूल बंदरगाहों, पयटन तथा
खेलों आिद के िलए बंदरगाह मह पूण िवकास की मता रखते ह
पयटन थल
आं दे श पयटन िवकास िनगम ने ईको-पयटन, बीच-पयटन तथा ू ज-पयटन जैसे नए पयटन काय मों
से पयटन को बढ़ावा दे ना जारी रखा है िनगम सभी मुख थानों पर 52 होटल चलाता है िजनम घरे लू
प रवेश से सुस त 1,043 कमरे और 2,222 िब र ह रा के भीतर और बाहर मुख पयटन थलों
तक प ं चने के िलए िनगम के पास 144 बस ह
है दराबाद म चारमीनार, सालारजंग सं हालय और गोलकुंडा िकला, वारं गल म सह ंभ मंिदर और
िकला, यादािग रं गु ा म ील ी नरिसंह ामी मंिदर, नागाजुनकोंडा, नागाजुन सागर म बौ ूप,
ित माला-ित पित म ी वकटे र मंिदर, ीसेलम का ीम काजुन ामी मंिदर, िवजयवाड़ा का कनक
दु गा मंिदर, अ ावरम म ी स नारायण ामी मंिदर, िसंहाचलम म ी वराह नरिसंह ामी मंिदर,
भ ाचलम म ी सीताराम मंिदर, अरकुघाटी, होसले पहािड़यां , नेलाप आिद आं दे श के मह पूण
पयटन थल ह
वेबसाइट : www.ap.gov.in

सरकार

अ णाचल दे श

इितहास और भूगोल
अ णाचल दे श को 20 फरवरी, 1987 को पूण रा का दजा िमला 1972 तक यह पूव र सीमां त एजसी
के नाम से जाना जाता था 20 जनवरी, 1972 को इसे क शािसत दे श का दजा िमला और अ णाचल
दे श नाम िदया गया 15 अग , 1975 को चयिनत िवधानसभा का गठन िकया गया तथा पहली मं ी
प रषद ने कायभार हण िकया थम आम चुनाव फरवरी 1978 म करवाए गए रा म 16 िजले ह
रा की राजधानी ईटानगर पापुम पारा िजले म है ईटानगर नाम ईटा िकले पर पड़ा है िजसका अथ है ईटों
का िकला 14वीं सदी म िनिमत इस िकले का िज कािलका पुराण तथा महाभारत म अ णाचल दे श का
उ ेख िमलता है यहां पुराणों म विणत भु पवत नामक थान है अ णाचल दे श के िविभ भागों म
फैले पुराता क अवशेषों से पता चलता है िक इसकी समृ सां ृ ितक परं परा रही है
कृिष और बागवानी
अ णाचल दे श के लोगों के जीवनयापन का मु आधार कृिष है यहां िक अथ व था मु तः झूम
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खेती पर आधा रत है अब नकदी फसल जैसे- आलू और बागवानी की फसल जैसे सेब, संतरे और
अ ानास आिद को बढ़ावा िदया जा रहा है
उ ोग और खिनज
रा की िवशाल खिनज संपदा का पता लगाने तथा उसके संर ण के िलए 1991 म अ णाचल दे श
खिनज िवकास और ापार िनगम िलिमटे ड (एपीएमडीटीसीएल) की थापना की गई िनगम ने नामिचक-
नामफुक कोयला े को अपने अिधकार म ले िलया है िश यों को िविवध उ मों म िश ण दे ने के
िलए रा म दो औ ोिगक िश ण सं थान ह ये िश ण सं थान रोइं ग और दपो रजो म थत है
ोहार
रा के कुछ मह पूण ोहारो म अदीस लोगों ारा मनाए जाने वाले मोिपन और सोलुंग; मोनपा लोगों का
ोहार लो ार; अपतानी लोगों का ीः तिगनों का सी-दो ाई; इदु -िमशमी समुदाय का रे ह; िनशीस लोगों
का ोकु म, िहल-िमरी और शरदकूपन समुदाय का बूरी बूत आिद शािमल ह अिधकां श ोहारो पर
पशुओं की बिल चढ़ाने का रवाज़ आम है
पयटन थल
रा के मुख पयटन थल ह— तवां ग, िदरां ग, बोमिडला, टीपी, ईटानगर, मािलनीथान, लीकाबाली, पासी
घाट, अलोंग, तेजू, िमयाओ, रोइं ग, दापो रजो, नामदफा, भी कनगर, परशुराम कुंड और खोंसा
वेबसाइट : www.arunachalpradesh.gov.in

सरकार

असम

इितहास और भूगोल
असम भारत के उ र-पूव कोने म 89°42 पूव से 96° पूव दे शां तर और 24°8 उ र से 282 उ र अ ां श के
बीच थत है सिदयों से लोग तथा िविभ समुदाय असम के उपजाऊ वातावरण तथा चुर ाकृितक
संसाधनों से आकिषत होते रहे ह लोगों के दल आए, िमले और घुल-िमल गए सं ृ ितयों तथा रीित-
रवाज़ों का िवलय आ और इस ि या म एक समृ और िमि त सं ृ ित का िवकास आ
असम, िजसे ‘लाल नदी और नीली पहािड़यों की भूिम’ के नाम से भी जाना जाता है , दे श के सवािधक
आकषक तथा रमणीक रा ों म से एक है िवशाल नदी पु इस रा से होकर बहती है , जो इसके
दोनों िकनारों पर बसे लोगों की जीवनरे खा के समान है माना जाता है िक असम श सं ृ त के ‘असोमा’
श से बना है , िजसका अथ है - अनुपम अथवा अि तीय एक अ अथ के अनुसार यह श मूल प से
‘अहोम’ से बना है ि िटश शासन म इसके िवलय से पूव लगभग छह सौ वष तक इस भूिम पर ‘अहोम’
राजाओं ने शासन िकया ऑ क, मंगोिलयन, िवड़ और आय जैसी िविभ जाितयां ाचीन काल से इस
दे श की पहािड़यों और घािटयों म समय-समय पर आकर बसी और यहां की समृ िमि त सं ृ ित म
अपना योगदान िकया
ाचीनकाल म असम को ‘ ा ोितष’ अथात ‘पूव ोितष’ का थान कहा जाता था बाद म इसका
नाम काम प पड़ गया काम प रा का सबसे ाचीन उ ेख इलाहाबाद म समु गु के िशलालेख म
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िमलता है इसम काम प का उ ेख ‘ ंत’ यानी ऐसे सीमावत दे श के प म िमलता है , जो गु


सा ा की अधीनता ीकार करता था और िजसके साथ उसके संबंध मै ीपूण थे चीन का िव ान या ी
े नसां ग लगभग 743 ई ी म राजा कुमार भा र बमन के िनमं ण पर काम प आया उसने काम प
का उ ेख ‘कामोलुपा’ के प म िकया 11वीं शता ी के अरब इितहासकार अलब नी की पु क म
भी काम प का उ ेख िमलता है इस कार महाका काल से लेकर 12वीं शता ी तक समूचे
आयावत म पूव सीमां त दे श को ा ोितष और काम प के नाम से जाना जाता था यहां के राजा अपने
आपको ा ोितष का नरे श कहते थे
सन् 1228 म पूव पहािड़यों पर ‘अहोम’ लोगों के प ं चने से इितहास म नया मोड़ आया उ ोंने लगभग
छह सौ वष तक असम पर शासन िकया जब राजदरबार म ा असंतोष और लड़ाई-झगड़ा के कारण
‘अहोम’ शासकों की श ीण होने लगी तो पूव सीमा से बम लोगों ने आ मण िकया उ ोंने यंडाबू
संिध के तहत 1826 म असम को ि िटश सरकार को सौंप िदया
असम 78,438 वग िकलोमीटर े म फैला है , जोिक दे श के कुल े फल का 2.39 ितशत है
अंतररा ीय सीमाएं , जो लगभग 3,200 िक.मी. तक फैली है , रा को घेरे ए ह उ रपूव रा ों का
वेश ार असम, भूटान तथा अ णाचल दे श से िघरा है इसके पूरब म मिणपुर, नागालड और अ णाचल
दे श ह, दि ण म ि पुरा और िमज़ोरम, पि म म बां ादे श, मेघालय और पि म बंगाल थित है
भौगोिलक िविश ता
असम की भौगोिलक िविश ता यह है िक इसम िगद–भारत के छह म से तीन भौगोिलक िवभाजन मौजूद ह-
उ री िहमालय (पूव चोिटयां ), उ री मैदान ( पु के मैदान) और द न घािटयां (काब एं ोंग)
पु के कारण असम की जलवायु ठं डी है और यहां बेहद वषा होती है काब एं ोंज, उ री कचार और
गुवाहाटी के िनकट की पहािड़यां कभी दि ण भारतीय घािटयों का िह ा थे जो अब पृथक हो चुके ह
दि ण म बरे ल रज से िनकलने वाली बराक कचार िजले म बहती है यह 40-50 िकमी चौड़ी घाटी म बहती
है और बां ादे श प ं च कर इसका नाम सुमा नदी हो जाता है बादामी आकार की यह घाटी अिधकां शतः
पु और उसकी धाराओं के जमाव के कारण अ म आई है असम के अिधकां श शहर तथा क े
इस घाटी म थत ह िजसकी लंबाई और चौड़ाई मशः 725 िक.मी. और 80-100 िक.मी. है मेघालय के
पठार और भूटान-अ णाचल-िहमालय के संकरे दर से होकर िनकलती यह घाटी अंत म उ री बंगाल के
मैदानों म जाकर खुलती है
असम का दू सरा ाकृितक िवभाजन बराक या सुरमा घाटी का है जो उ री काचर, मिणपुर और
िमजोरम से िघरी है इस घाटी म बराक नदी का िवशेष मह है यह समूची घाटी से होकर जाती है और
अंत म बां ादे श म पु से जा िमलती है इस घाटी म कई पहािड़यां और ‘बी ’ या झील ह यहां
अ र बाढ़ भी आ जाती ह िजसका असर घाटी की उवरक मता पर सीधे तौर पर पड़ता है
पहाड़ों की लंबी ृंखला दोनों घािटयों को अलग करती है पु घाटी के दि ण की ओर करबी और
एन.सी. की पहािड़यां ह करबी पहािड़यां मेघालय के पठारों का ही िह ा ह इन पहािड़यों म समतल े
भी ह पठारों की औसत ऊंचाई 600 मीटर है , िजनम चगेिहिसयन (1359 मी.) और दं ब ो (1361 मी.)
जैसी कुछ अिधक ऊंची पहािड़यां भी ह ह रयाली इन पहािड़यों की ख़ास पहचान है और दीमा हसाओ
िजले म यह ृंखला धीरे -धीरे अपना पूरा आकार लेते ए बरे ल ृंखला से िमलती जा रही है बरे ल असम की
सबसे ऊंची पवत ृंखला है थान िवशेष के अनुसार बरे ल ृंखला का उठान समु तट से 1000 से 2000
मीटर ऊंचा रहता है बरे ल ृंखला का दि णी िह ा काफी ढलवां है हे फलोंग के पूरब म महादे व चोटी
पर इसकी ऊंचाई सबसे अिधक, 1,953 फीट है यह घाटी घने जंगलों और व जनजीवन से भरी-पूरी है
अथ व था
रा की अथ व था म ब त सुधार आया है िपछले कुछ वष से यहां उ ोग और वसाय जगत ने
र ार पकड़ी है
कृिष
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असम का े फल 78,438 वग िक.मी. है और इसे बेहद उपजाऊ भूिम तथा बड़ी मा ा म जल संसाधनों का
वरदान ा है पु और बराक नदी अपनी 121 छोटी और सू सहायक निदयों और शाखाओं के
साथ दोनों घािटयों म बहती ह तथा रा को हमेशा उपजाऊ और शीतल रखती ह रा के जीडीपी म
कृिष योगदान म 40 ितशत की वृ ई है चावल का उ ादन बढ़कर 54.40 लाख मी.टन हो गया है
इसी तरह खा ानों का उ ादन भी 41.72 लाख मी.टन से बढ़कर 57.22 लाख मी.टन हो गया है
वन एवं व जीव
असम म कुल 29,282 वग िक.मी. े वन एवं वृ आ ािदत है जो रा के कुल े का 37.33 ितशत
है रा म 13,870 वग िक.मी. आरि त वन, 3,013 वग िक.मी. ािवत आरि त वन, 5,850 वग िक.मी.
अवग कृत रा वन और 3,925 वग िक.मी. संरि त े नेटवक ( ोतः एफएसआई डाटा और ‘असम
2011’ पृ -152) है
असम म नपायी जानवरों की करीब 180 जाितयां पाई जाती ह, िजसम गो न लंगूर, हलुक लंगुर,
बौना हॉग, िह ीड खरगोश, सफेद पंखवाला लकड़ी ब ख, बाघ, धूिमल तदु आ, हाथी, दलदली िहरण, गंगा
की डॉ न आिद जाितयां ह, िजनका अ खतरे म ह रा म पि यों की 800 से अिधक जाितयां
तथा सरीसृपों की करीब 195 जाितयां पाई जाती ह व जीव संर ण उपायों को स ी से लागू िकए जाने
के फल प रा म बाघों की सं ा बढी है और 2010-11 के 143 से बढ़कर 2014 म 167 हो गई है
2015 की गणना के मुतािबक असम म गडों की सं ा 2,624 है वन समुदायों को िटकाऊ आजीिवका
दान करने हे तु भी यास िकए जा रहे ह
उ ोग
आज का असम थायी तौर पर पयावरण के अनुकूल संपि यों के सृजन ारा नई पूंजी गठन पर जोर दे रहा
ह पीएमआरवाई योजना (2008 तक) और पीएमईजीपी योजना के अंतगत लघु उ ोगों और सेवा े को
ऋण िदया जा रहा है इन योजनाओं के अंतगत 2011 से 2014 के बीच 2,76,022 बेरोजगार युवाओं को
रोजगार के अवसर दान िकया गया है मु मं ी कम ोित अचोनी (एमएमकेए) योजना के अंतगत
वष 2014 तक िविभ एसएचजी के लाभािथयों के बीच 3,946.11 लाख पये के यं , उपकरण एवं क ी
सामि यां िवत रत की गई थीं रा सरकार ने 2010-11 म ‘एं जेल फंड’ की शु आत की िजसके अंतगत
लघु उ ोगों की थापना हे तु उ िमयों को 5 लाख पये तक का ऋण नाममा ाज पर िदया जाता है
िबजली
रा म िबजली उ ादन 2001 म 935 एमयू की तुलना म 2014-15 म 1894.7 एमयू रहा उपभो ाओं की
सं ा भी 2001 के 9 लाख से बढ़कर 33 लाख हो गई है इसी तरह, ित िबजली की उपल ता भी
2001 के 83 यूिनट से बढ़कर 232 यूिनट हो गई है िबजली उ ादन, िवतरण और टां सिमशन के े ों म
समयानुसार उ यन और नवीकरण काय के चलते ही यह संभव हो पाया है
प रवहन एवं संचार
रा सरकार ामीण सड़क नेटवक के सुधार और िव ार तथा पुराने लकड़ी के पुलों को सीमट कं ीट के
पुल बनाकर बदलने के काय को उ ाथिमकता दे रही है वष 2001 से अब तक 23,000 िक.मी. से
अिधक सभी मौसम के अनुकूल सड़क और करीब 3,800 आरसीसी पुल बनाए जा चुके ह तथा करीब
5,000 िक.मी. मौसम के अनुकूल सड़क तथा 1,250 आरसीसी पुल का काय गित पर है
ोहार
असम म, भारत म मनाए जाने वाले सभी ोहार मनाए जाते ह यहां के थानीय ोहारो की एक िविश
ृंखला है जो इस भूिम के सां ृ ितक सौंदय को बढ़ाती है ‘िब ’ असम का मह पूण ोहार है असिमया
नववष के दौरान पड़ने वाला रं गोली ‘िब ’ या ‘बोहाग िब ’ मु ‘िब ’ ोहार है , परं तु फसल कटाई के
समय आने वाला ‘भोगली िब ’ या ‘माघ िब ’ भी उतना ही मह पूण पव है ‘कां गली’ या ‘कटी िब ’
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नामक तीसरा ‘िब ’ भी है िजसे केवल ेम की उपासना के िलए ही मनाया जाता है कभी-कभार इसम यौन
उ ु ता की भी झलक िदखती है इसकी धुन भी खासी कण ि य होती है सबसे बड़ा जनजातीय समूह
बोडो ‘खेरई पूजा’ को ोहार की तरह मनाता है , जो कई थानों पर मेले का प ले लेता है ‘खेरई’ पूजा म
शमािन क नृ ुत िकया जाता है िजसम कुछ मिहला कलाकार भाव समािध म चली जाती ह और
कुछ िसर को तेजी से िहलाती-उछालती, हवा म अपने बाल लहराती ह बैथों बोडो समुदाय की एक
मह पूण पूजा है
पयटन
िपछले कुछ वष के दौरान असम, िजसे पूव र का ार कहा जाता है , लोकि य पयटन गंत के पम
उभरा है अपने ाकृितक सौंदय, वातावरण, भौगोिलक थित, अनूठी वन ितयों और जीव-जगत, जैव
िविवधता, अछूते जंगल, उ त चोिटयों तथा हरी-भरी घािटयों की वजह से असम इको-टू र तथा व जीव
का मुख थान बन गया है असम समु तल से करीब 79.5 मीटर की ऊंचाई पर थत है इसके पां च
रा ीय उ ान, उ ीस व जीव अभयार और तीन प ी अभयार दु लभ वन ितयों और जीवों के भंडार
ह पयटन के मुख े - कामा ा दे वी का मंिदर, उमानंद (मोर ीप), नव ह (नव ह मंिदर), बिश
आ म, डोलगोिबंदा, रा ीय ाणी उ ान, रा ीय सं हालय, मदन कणदे व मंिदर - जो िक पुराता क
मह का थान है , सरायघाट सेतु, ीमाता शंकरदे व कला े िव ान सं हालय, काजीरं गा पाक आिद
वेबसाइट : www.assam.gov.in

सरकार

िबहार

इितहास और भूगोल
िबहार का उ ेख वेदों, पुराणों और ाचीन महाका ों आिद म िमलता है तथा यह रा महा ा बु और
24 जैन तीथकरों की कमभूिम रहा है ईसा पूव काल म इस े पर िब सार, पाटिलपु शहर की थापना
करने वाले उदयन, चं गु मौय और मौय वंश के स ाट अशोक सिहत मौय, शुंग तथा क राजवंश के
नरे शों ने राज िकया इसके प ात कुषाण शासकों का समय आया और बाद म गु वंश के चं गु
िव मािद ने िबहार पर राज िकया म काल म मु म शासकों का इस े पर अिधकार रहा िबहार
पर िवजय पाने वाला पहला मु म शासक मोह द िबन ब यार खलजी था खलजी वंश के बाद
तुगलक वंश तथा मुगल वंश का आिधप था
िबहार भारत के मुख रा ों म से एक है इसके उ र म नेपाल, पूव म पि म बंगाल, पि म म उ र
दे श तथा दि ण म झारखंड रा है यहां अनेक निदयां बहती ह, िजनम मुख है गंगा अ निदयां ह–
सोन, पुनपुन, फ ु, कमनाशा, दु गावती, कोसी, गंडक, घाघरा आिद

कृिष
िबहार का कुल भौगोिलक े लगभग 93.60 लाख हे े यर है िजसम से केवल 55.54 लाख हे े यर पर ही
खेती होती है वैसे रा म लगभग 72.95 लाख हे े यर भूिम कृिष यो है यहां की मुख खा फसल ह:
धान, गे ं , म ा और दाल मु नकदी फसल ह: ग ा, आलू, तंबाकू, ितलहन, ाज, िमच, पटसन और
मे ा लगभग 6.22 लाख हे े यर े म वन फैले ह जो रा के कुल भौगोिलक े का करीब 6.65
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ितशत है लगभग 30.64 हजार हे े यर शु तथा 44.33 हजार हे े यर सकल े म िविभ ोतों से
िसंचाई सुिवधा ा ई
िसंचाई
िबहार म 28.73 लाख हे े यर की िसंचाई मता है जो बड़ी और मझोली िसंचाई प रयोजनाओं से जुटाई
जाती है और 6.63 लाख हे े यर लघु िसंचाई प रयोजनाओं से जुटाई जाती है
ोहार
ोहार िकसी भी भारतीय समाज की धमिनयों की तरह होते ह जो समूचे शरीर म फैली होती ह िबहार
इसका अपवाद नहीं है रा ीय र पर मनाए जाने वाले सभी ोहार जैसे दु गा पूजा, दीपावली, ज ा मी,
होली, ईद, ि समस आिद िबहार के सां ृ ितक और सामािजक जीवन से गहरे से जुड़े ह इसके अलावा,
कई अनोखे और मह पूण उ व भी ह जो रा के सामािजक ताने-बाने को ा ाियत करते ह िजनम
छठ पूजा, िजसे छठी, डाला छठ और सूय षि भी कहते ह, ‘सामा चकेबा’, सोनपुर का ह रहर मेला आिद
मुख ह
पयटन
इितहास और ान से समृ इस रा म कई पयटन थल ह केवल दे श से ही नहीं, िवदे शों से भी कई
सैलानी िबहार आते ह यहां पटना, बोध गया, गया, राजगीर जैसे िस पयटन थल ह सीता की
ज थली सीतामढ़ी भी िस पयटन थल है यहां बाराबार गुफाएं , केस रया ूप, औरं गाबाद म 100
फीट लंबा दे व सूय मंिदर, जैन मंिदर, बौ ूप भी ह
वेबसाइट : www.gov.bih.nic.in

सरकार

छ ीसगढ़

इितहास और भूगोल
म दे श के एक े को अलग कर के वष 2000 नवंबर म छ ीसगढ़ दे श के 26व रा के तौर पर
अ म आया था इसके िनमाण के साथ ही यहां के लोगों की बरसों पुरानी मां ग पूरी ई थी ाचीन
काल म इस े को दि ण-कौशल नाम से जाना जाता था छठी से बारहवीं सिदयों के बीच सरभपु रया,
पां डुवावंशी, सोमवंशी, कलचुरी और नागवंश सा ा ों का यहां शासन रहा कलचुरी सा ा ने 980 से
1790 ईसवीं तक छ ीसगढ़ पर राज िकया 1845 म अं ेजों के आगमन के साथ, राजधानी र पुर के थान
पर रायपुर की ित ा बढ़ गई 1904 म स लपुर को ओिडशा को सौंप िदया गया और सरगुजा रयासत
को बंगाल से छ ीगढ़ को सौंप िदया गया
छ ीसगढ़ की सीमा पूव म दि णी झारखंड और ओिडशा से लगती है इसके पि म म म दे श और
महारा , उ र म उ र दे श और पि मी झारखंड और दि ण म आं दे श की सीमाएं लगती ह
े फल के अनुसार छ ीसगढ़ नवां सबसे बड़ा रा है और जनसं ा के अनुसार यह दे श म स हव थान
पर आता है
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कृिष
रा का संपूण भौगोिलक े 137.90 लाख हे े यर है िजसम से कृिष यो भूिम 47.70 लाख हे े यर है
धान इस े की मुख ख़रीफ फसल है और जो खरीफ की 76 ितशत फसल है अ मु फसलों म
सोयाबीन, मूंगफली, उड़द दाल और अरहर होती है इसी तरह रबी की मुख फसलों म गे ं , चना, मटर,
सरसों और अलसी की पैदावार होती है
िसंचाई और िबजली
जब यह रा अ म आया, तब इसकी कुल िसंचाई मता 13.28 लाख हे े यर थी जोिक कुल बुवाई
े का 23 ितशत थी अब यह बढ़कर 18.44 लाख हे े यर हो गई है , जो कुल बुवाई े का 33.15
ितशत है
खिनज संसाधन
छ ीसगढ़ म आिथक प से मह पूण अनेक कार के खिनज पाए जाते ह कोयला, क ा लोहा, चूना
प र, बॉ ाइट, तथा डोलोमाइट के िवशाल भंडार रा के िविभ िह ों म पाए जाते ह उ री
छ ीसगढ़ के िजले जैसे सरगुजा, रायगढ़, को रया तथा िबलासपुर िवशाल कोयला भंडारों के िलए जाने जाते

उ ोग
छ ीसगढ़ म ाकृितक संसाधनों का असीम भंडार है िजस पर रा की अथ व था िटकी है सीमट,
ऊजा, खनन, इ ात तथा अ ुिमिनयम जैसे मुख े ों म छ ीसगढ़ और रा ों के मुकाबले बेहतर थित
म है भारत के सबसे समृ खिनज वाले रा ों म से एक छ ीसगढ़ सबसे ित ध कीमत पर सीमट
उ ादन का अवसर दान करता है
प रवहन
सड़क : पीड ूडी के तहत रा म सड़कों की कुल लंबाई 31,803 िक.मी. है रा ीय राजमाग की लंबाई
2,226 िक.मी., ां तीय राजमाग की लंबाई 5,240 िक.मी., िजला सड़कों की लंबाई 10,539.80 िक.मी. और
ामीण और अ सड़कों की लंबाई 13,798 िक.मी. है रा म सड़कों की लंबाई 17.75 िक.मी. से 21.40
िकमी ित 100 िक.मी. बढ़ी है
रे ल : रायपुर, िवलासपुर, दु ग, राजनां दगां व, रायगढ़ और कोरबा यहां के मुख रे लवे े शन ह
पयटन थल
भारत के क म थत छ ीसगढ़ म समृ सां ृ ितक परं परा और आकषक ाकृितक िविवधता है रा
म ाचीन ारक, दु लभ व जीव, न ाशीदार मंिदर, बौ थल, महल, जल- पात, पवतीय पठार, रॉक
पिटं ग और गुफाएं ह
वेबसाइट : www.cgstate.gov.in

सरकार

गोवा
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इितहास और भूगोल
गोवा ाचीनकाल म गोमां चल, गोपाकप म, गोपकपुरी, गोवापुरी और गोमां तक आिद कई नामों से िव ात
रहा है इस दे श की लंबी ऐितहािसक परं परा रही है रा के ारं िभक इितहास के संबंध म
जानकारी नहीं है ईसा पूव पहली शता ी म गोवा सातवाहन सा ा का अंग था उसके बाद कदं ब,
मलखेड़ के रा कूटों, चालु तथा िसलहार राजवंशों का इस पर शासन रहा 14वीं शता ी के अंत म
यादवों का सा ा समा आ और िद ी के खलजी वंश ने इस पर अपना अिधकार िकया इस कार
गोवा मु म शासकों के अधीन आ गया 1498 म वा ोिडगामा ारा भारत के िलए समु ी माग की खोज
के बाद कई पुतगाली या ी भारत प ं चे 1510 म ए ां सो द अलबुकक ने िवजयनगर के स ाट की
सहायता से गोवा पर आ मण कर इस पर क ा कर िलया 1542 म जेसुइट संत ां िसस जेिवयर के
आगमन से गोवा म धम प रवतन का काम आरं भ आ 17वीं शता ी के उ रा के कुछ वष को
छोड़कर, जब िशवाजी ने गोवा तथा उसके आस-पास के कुछ े ों पर अिधकार िकया, समूचे े पर
पुतगािलयों का शासन जारी रहा
भारत के तं होने के बाद भी गोवा पुतगािलयों के क े म रहा, िकंतु पुतगाली शासक गोवावािसयों
की आकां ाओं को पूरा नहीं कर पाए और अंततः 19 िदसंबर, 1961 को गोवा को मु करा िलया गया
और इसे दमन तथा दीव के साथ िमलाकर क शािसत दे श बनाया गया मई 1987 को गोवा को पूण रा
का दजा िदया गया और दमन तथा दीव को अलग क शािसत दे श बना िदया गया गोवा भारतीय
ाय ीप के पि मी तट पर थत है इसके उ र म तेरेखोल नदी बहती है , जो गोवा को महारा से अलग
करती है इसके दि ण म कनाटक का उ र क ड़ िजला और पूव म पि मी घाट तथा पि म म अरब
सागर है पणजी, मडगां व, वा ो, मापुसा, तथा पोंडा रा के मुख शहर ह
कृिष
गोवा म कुल 1,60,320 हे े यर े म खेती होती है जबिक कुल उ ादन 1,08,333 टन होता है
पॉलीहाउस और ीन हाउस िनमाण के िलए भी 90 ितशत तक स डी दान की जाती है इसी तरह की
स डी िडप िसंचाई तथा बायोगैस ां ट िनमाण के िलए भी उपल है
जल संसाधन
रा की घरे लू तथा औ ोिगक इकाइयों को क े पानी की आपूित करने और पीड ूडी की आपूित म
वृ करने का ाव है जल संसाधन िवभाग ने िसंचाई के िलए क े पानी की आपूित करने के अलावा
पीड ूडी की क े पानी की आपूित म भी वृ की है असोनरा वॉटर व की आपूित साल म चापोरा
नदी से 25 एमएलडी और अ थाने टक से 10 एमएलडी बढ़ाई गई है
उ ोग
रा औ ोिगक नीित के साथ-साथ रा बायोटे क नीित लागू रहे गी और उ आगे बढ़ावा िदया जाएगा
गोवा के िश कारों को ो ाहन दे ने के िलए गोवा और गोवा से बाहर ‘गोवा हाट-सह-िश ाम’ तथा
िव भर म ह िश सामानों की िब ी के िलए ई-पोटल िवकिसत करने का ाव है
प रवहन
सड़क : रा म रा ीय राजमाग की लंबाई 264 िकलोमीटर तथा ां तीय राजमाग की लंबाई 279.4
िकलोमीटर है इसके अलावा, 4501.18 िकलोमीटर िजला तथा अ माग ह
रे लवे : गोवा कोंकण रे लवे के मा म से मुंबई, मंगलोर और ित वनंतपुरम से जुड़ा है इस रे लमाग पर
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अनेक तेज र ार रे लगािड़यां शु की गई ह वा ोिडगामा दि ण म रे लवे के बंगलु और बेलगां व


े शनों से जुड़ा है इस माग का इ ेमाल िफलहाल केवल माल यातायात के िलए हो रहा है
उ यन : डबोिलम हवाईअ े से मुंबई, िद ी, ित वनंतपुरम, को , चे ई, और बंगलु के िलए िनयिमत
िवमान सेवाएं ह
बंदरगाह : मरमुगां व रा का मुख बंदरगाह है यहां मालवाहक जहाजों के िलए सुिवधाएं उपल ह
इसके अलावा पणजी, ितराकोल, चपोरा, बेतूल और तालपोना म भी छोटे बंदरगाह ह, मगर इनम से पणजी
मुख बंदरगाह है हाल म यहां जहाजों के िलए एक प न (पोट) चालू आ है
पयटन थल
गोवा के मह पूण पयटन थल ह– कोलवा, कालनगुटे, वागाटोर, बागा, हरमल, अंजुना और मीरामार समु
तट; पुराने गोवा म बैसीिलका ऑफ बोम जीसस और सट केथेडल चच; कावलेम, मारडोल, मंगेशी तथा
बनडोरा मंिदर; अगुअडा, तेरेखोल, चपोरा और काबो िड रामा िकले; ाकृितक सौंदय के िलए िस ह
दू धसागर और हरवालेम जल पात तथा माएम झील रसॉट ह रा म समृ व ाणी उ ान ह, जैसे—
बोंडला, कोटीगां व तथा मोलेम व ाणी उ ान और चोराव म डॉ. सािलम अली प ी उ ान, िजसका कुल
े फल 354 वग िकलोमीटर है
वन
गोवा म 33 ितशत रा ीय आव कता के मुकाबले 34 ितशत वन ह तथा करीब 67 ितशत वृ ों से
आ ािदत है

गोवा मधुमेह पंजीकरण आरं भ करने वाला दे श का पहला रा बना मडगां व तथा मापुसा म नये िजला
अ ताल और पोंडा म नया 170 िब र वाला सं ामक रोग अ ताल मह पूण है वेबसाइट :
www.goa.gov.in

सरकार

गुजरात

इितहास और भूगोल
गुजरात का इितहास ईसा पूव लगभग 2,000 साल पुराना है यह माना जाता है िक भगवान कृ मथुरा
छोड़कर सौरा के पि म तट पर जा बसे, जो ारका यानी वेश ार कहलाया बाद के वष म मौय, गु
तथा अ अनेक राजवंशों ने इस दे श पर राज िकया चालु (सोलंकी) राजाओं का शासनकाल गुजरात
म गित और समृ का युग था इस गौरवपूण काल के प ात गुजरात को मुसलमानों, मराठों और ि िटश
शासन के दौरान बुरे िदन दे खने पड़े आज़ादी से पहले गुजरात का वतमान े मु प से दो भागों म
बंटा था– एक ि िटश े और दू सरा दे शी रयासत रा ों के पुनगठन के कारण सौरा के रा ों और
क के क शािसत दे श के साथ पूव के ि िटश गुजरात को िमलाकर सबसे बड़े ि भाषी बंबई रा का
गठन आ 1 मई, 1960 को वतमान गुजरात रा अ म आया यह भारत के पि म तट पर थत
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है इसके पि म म अरब सागर, उ र म पािक ान तथा उ र पूव म राज थान, दि ण पूव म म दे श


और दि ण म महारा है
कृिष
कृिष संवृ दर को बढ़ाने और इसम और सुधार लाने के उ े से सरकार ने 2014-15 को ‘कृिष िवकास
वष’ के प म मनाया िकसानों को खेती की आधुिनक ौ ोिगिकयों और वै ािनक कृिष िविधयों से
अवगत कराने हे तु हर वष ‘कृिष महो व’ मनाया जा रहा है गुजरात कपास, मूंगफली तथा तंबाकू का
मुख उ ादक है और व , साबुन तथा तेल जैसे मह पूण उ ोगों म भी िनवेश उपल कराता है अ
मु नकदी फसल ह: धान, गे ं और बाजरा
िवद् ु यत
सौर ऊजा े को बढ़ावा दे ने के उ े से 2009 म सौर नीित बनाने वाला गुजरात पहला रा है इस
प रयोजना की थािपत मता 400 मेगावाट की है
सड़क
सड़क माग रा के िवकास म िनणायक भूिमका िनभाता है एक नई प ित के तहत, रा सरकार ने एक
मज़बूत सड़क तं के िनमाण के िलए िनजी े को सड़क िनमाण काय म शािमल िकया है बढ़ती
जनसं ा की आव कताओं को पूरा करने के उ े से अहमदाबाद म रत आवाजाही के िलए बस
रै िपड टां िज़ट िस म (बीआरटीसी) सुिवधा शु की गई है
बंदरगाह
िपछले दशक म गुजरात ने दे श के मुख समु वत रा का दजा ा िकया है दे श के गैर- मुख
बंदरगाहों के कुल यातायात का लगभग 80 ितशत और सभी बंदरगाहों के कुल यातायात का लगभग 48
ितशत गुजरात के बंदरगाहों से संचािलत होता है जो रा के िलए गौरव का िवषय है यहां 41 छोटे और
एक बड़ा बंदरगाह है , िजसका नाम है कां दला बंदरगाह
ोहार
सुर नगर िजले के तरणेतर गां व म भा पद मास (अग /िसतंबर) भगवान िशव की ुित म तरणेतर मेला
लगता है पोरबंदर के िनकट माधवपुर म माधवराय मेला लगता है चै (माच/अ ैल) के शु प की
नवमी को यह मेला लगता है बनासकां ठा िजले म अंबा दे वी को समिपत अंबाजी मेला लगता है भगवान
कृ के ज ो व ज ा मी पर लगने वाला मेला साल का सबसे बड़ा मेला है यह ारका तथा डाकोर म
बड़े धूमधाम से मनाया जाता है नवराि िव का सबसे बड़ा नृ मेला, जग ाथ रथ या ा िस रथ
उ व, उ री गुजरात के भगवान सूय मंिदर की पृ भूिम म मधेरा नृ उ व- उ रा महो व, रण
उ व-क के िव ृत म थल म चां दनी रातों म गुजरात के कुछ िस मेले तथा उ व ह इसके
अलावा, मकर-सं ां ित, डां ग दरबार, शामलाजी मेला तथा भावनाथ मेला यहां के कुछ अ ोहार ह
पयटन क
रा म पयटन की ि से मह पूण ारका सोमनाथ, पालीताना, पावागढ़, अंबाजी, भ े र, शामलाजी,
तरं गा और िगरनार जैसे धािमक थलों के अलावा महा ा गां धी की ज भूिम पोरबंदर तथा पुरात एवं
वा ुकला की ि से उ ेखनीय पाटन, िस पुर, घुरली, दाभेई, वड़नगर, मोधेरा, लोथल और अहमदाबाद
जैसे थान ह अहमदपुर, मां डवी, चोरवाड़, उभारत तथा तीथल जैसे समु ी तट, सपुतड़ा पवतीय थल, िगर
वनों म शेरों का अभयार , क े के छोटे से म थल म जंगली गधों का अभयार रा के मुख
पयटन थलों म से ह इसके अलावा साबरमती नदी का मुहाना िवकास का र तथा पयटन की संभावनाएं
दशाता है , वडोदरा म सुर सागर झील: पयटकों के आकषण का क , नालसरोवर प ी िवहारः दु िनयाभर से
आए वासी पि यों का गृह है
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बेवसाइट: www.gujratindia.com

सरकार

ह रयाणा

इितहास और भूगोल
ह रयाणा का इितहास बड़ा गौरवपूण है तथा यह वैिदक काल से आरं भ होता है यह रा पौरािणक भरत
वंश की ज भूिम माना जाता है , िजसके नाम पर इस दे श का नाम भारत पड़ा ह रयाणा की भूिम कला
और सं ृ ित का उ ि थल रही है 1915 म ई. गाय िपलि म ारा की गई पुरात ीय खोज से थािपत
होता है िक 1.5 करोड़ वष पहले ाचीन मानव िशवािलकों म रहते थे वामन पुराण म िज है िक राजा कु
ने कु े म सोने का हल चलाया था िजसे भगवान िशव के नंदी ने सात कोस के े म खींचा था
पौरािणक तथा वैिदक संदभ के अनुसार ह रयाणा का इितहास ब त ग रमामयी है वेद ास ने
महाभारत की रचना यहीं की भगवान कृ ने अजुन को कत का पाठ यहीं पढ़ाया था महाभारत का
महायु इसी भूिम पर लड़ा गया उ री भारत का ार होने के नाते यह े कई लड़ाइयों की यु भूिम रहा
है ण, तुक और तुगलकों ने भारत पर चढ़ाई की और कई िनणायक यु इस धरती पर लड़े गए 14वीं
शता ी के अंत म तैमूर अपनी फौज इसी रा े से िद ी लाया बाद म, सन् 1526 म पानीपत की
ऐितहािसक लड़ाई म मुगलों ने लोिदयों को हराया 1556 म एक अ िनणायक यु इसी भूिम पर लड़ा
गया िजसने भारत म ि िटश राज आने और िद ी के भारत सा ा क राजधानी और िद ी के भारत की
सा ा क राजधानी बनने तक मुगलों की स ा कायम रखी
इसके बाद ह रयाणा िद ी का ही िह ा बन गया और 1857 म तं ता के थम महासं ाम से पूव
तक यह गुमनाम बना रहा िव ोह को कुचलने के बाद जब ि िटश शासन िफर से थािपत आ तो झ र
और बहादु रगढ़ के नवाबों, ब भगढ़ के राजा तथा रवाड़ी के राव तुलाराम की स ा छीन ली गई उनके
े या तो ि िटश े ों म िमला िलए गए या पिटयाला, नाभा और जींद के शासकों को सौंप िदए गए इस
तरह ह रयाणा पंजाब ां त का िह ा बन गया नवंबर 1966 को पंजाब के पुनगठन के बाद ह रयाणा पूण
रा बन गया
ह रयाणा के पूव म उ र दे श, पि म म पंजाब, उ र म िहमाचल दे श और दि ण म राज थान है
रा ीय राजधानी े िद ी ह रयाणा से जुड़ा है रा ीय राजधानी े िद ी के दायरे म ह रयाणा भी है
मा 1.37 ितशत भू- े और दे श की कुल आबादी के केवल दो ितशत से भी कम के साथ ह रयाणा ने
अपनी अलग पहचान बनाई है दे श के सवािधक समृ रा ों म से एक, ह रयाणा सवािधक ित
आय की ि से, गोवा के बाद, दू सरे थान पर है
कृिष
ह रयाणा की 65 ितशत से अिधक जनसं ा की जीिवका का आधार कृिष है दे श के कुल खा ा
उ ादन म दू सरा सबसे बड़ा योगदान ह रयाणा का रहता है फसलों म िविवधता लाने के िलए ग ा,
कपास, ितलहन और स यों तथा फलों जैसी नकदी फसल अिधक उगाई जा रही ह रा म गहन और
िव ृत खेती को बढ़ावा दे ने के यास जारी ह संसाधन संर ण ौ ोिगिकयों तथा काबिनक कृिष के चार
के ज़ रये िचर थायी कृिष को संव न िदया जा रहा है
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िसंचाई
1,429 नहरों का ठोस तं ह रयाणा की िसंचाई णाली को आधार दान करता है , िजसम 6.83 लाख
ूबवेल और पंपसेटों की भूिमका भी कुछ कम नहीं है रा म मुख िसंचाई प रयोजनाएं ह-पि मी
यमुना नहर, भाखड़ा नहर और गुड़गां व नहर णाली भारत म पहली बार िल िसंचाई णाली को
ावहा रक आकार दे ते ए, ह रयाणा ने जवाहर लाल नेह नहर प रयोजना के ज रये जल का र िनचले
रों से ऊंची शु ढलानों तक प ं चाया है ह रयाणा ब उ े शीय सतलुज- ास प रयोजना के लाभािथयों
म से है इसके साथ दो अ लाभाथ पंजाब तथा राज थान ह
िबजली
ह रयाणा दे श का ऐसा पहला रा है जहां 1970 म ही सभी गां वों म िबजली प ं चा दी गई थी धीरे -धीरे
ह रयाणा िबजली े म िवद् ु यत अभाव वाले े से िवद् ु यत ‘सर स’ वाला रा बन रहा है
िश ा
ह रयाणा आधुिनक त िशला तथा नालंदा का प ले रहा है और िश ा के हब के प म अ सर है
ाथिमक िश ा को सभी ब ों की प ं च म लाने और िव रीय मानकों पर उ िश ा उपल करवा कर
ह रयाणा िश ा का आधुिनक क बनने के पथ पर तेज़ी से अ सर है ाथिमक िश ा रा के हर िह े म
उपल कराई जा रही है 2011 की जनगणना के अनुसार ह रयाणा म सा रता दर 76.64 ितशत है
जबिक अ खल भारतीय दर 74.04 ितशत है मिहला सा रता दर 66.77 ितशत तथा पु ष सा रता दर
85.38 ितशत है ामीण आबादी के िलए एक िक.मी. के दायरे म ाथिमक िव ालय, 1.17 िक.मी. के
दायरे म मा िमक िव ालय, 1.45 िक.मी. के दायरे म हाई ू ल तथा 2.10 िक.मी. के दायरे म उ तम
मा िमक िव ालय ह
उ ोग
सरकार की िनवेश और औ ोिगक समिथत नीितयों ने ह रयाणा को िनवेश की आं ख का तारा बना िदया है
और रा को औ ोिगक ां ित के कगार पर खड़ा कर िदया है ह रयाणा कारों, टै रों, मोटरसाइिकलों,
साइिकलों, रे ि जरे टरों, वै ािनक उपकरणों आिद का सबसे बड़ा उ ादक है इसके अलावा, ह रयाणा
िव बाजार म बासमती चावल का सबसे बड़ा िनयातक है पचरं गा अचार के अलावा पानीपत की हथकरघे
की बनी व ुएं और कालीन िव भर म िस ह

उिचत मू पर हर जगह ा सुिवधाएं दे ने के िलए िजला और उप-खंड अ तालों का रा ापी
नेटवक है ाफ तथा उपकरणों ारा इ मज़बूत िकया जा रहा है और रे फेरल सेवाओं की किमयों को
दू र िकया जा रहा है रा ापी ा क ों के अंतगत 56 अ ताल, 109 सामुदाियक ा क , 467
ाथिमक ा क , 2,630 उप-क , 15 िजला टीबी क , 639 आयुव िदक, हो ोपैथी तथा यूनानी क ,
90 शहरी ा पो (आरसीएच) काय कर रहे ह
सूचना ौ ोिगकी
रा म आईटी/साइबर पाक की थापना के िलए 85 ावों, िजनकी िसफ़ा रश इस उ े से बनाई गई
सिमित ारा की गई है , म से 35 को टाउन ए कंटी ािनंग िवभाग ारा लाइसस दान कर िदए गए ह
प रवहन
ह रयाणा म सड़क और रे ल प रवहन या ा का मुख साधन है हवाई यातायात की भी छोटी-सी भूिमका
है ह रयाणा म सभी गां व प ी सड़कों से जुड़े ह रा म सड़कों की कुल लंबाई 35,303 िकलोमीटर से
अिधक है
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रा के अंदर और रा से बाहर रे ल की मह पूण भूिमका है कालका, अंबाला, कु े , रोहतक,


जींद, िहसार, अंबाला, पानीपत और जाखल के रे लवे े शन मुख ह जगाधरी शहर म रे लवे की एक
वकशॉप है ह रयाणा म असैिनक हवाईअ े - िहसार, करनाल, िपंजौर, नारनौल और िभवानी म ह
पयटन थल
हाइवे पयटन म अ णी ह रयाणा म 43 पयटन प रसर ह िजनम 846 रहायशी कमरे ह ह रयाणा म
ितवष 70 लाख पयटक आते ह पयटन को बढ़ावा दे ने के िलए रा सरकार ने ब आयामी रणनीित
बनाई है इसके अलावा, पयटकों एवं थानीय लोगों की ज रतों को पूरा करने के िलए मुख शहरों एवं
िजला मु ालयों म भी पयटन सुिवधाएं थािपत की गई ह पयटन प रसरों म से कुछ ह: िद ी के िनकट
सूरजकुंड तथा बडकल झील, सु ानपुर प ी िवहार, (सु ानपुर), गु ाम म सोहना तथा दमदमा और
मनोरम चीड़ वन के िलए िस मोरनी िह अ मह पूण रज़ॉट ह- एथिनक इं िडया राय, ू जे
(समालखा), ाईलाक (पानीपत), च वत झील और ओएिसस (उचाना), पराकीट (पीपली), िकंगिफशर
(अंबाला), मैगपाई (फरीदाबाद), दबिचक (होडल), शमा (गुड़गां व), जंगल ब र (दा हे ड़ा), गौरै या
(बहादु रगढ़), मैना (रोहतक), ू बड (िहसार), रे ड िबशप (पंचकुला) और िपंजौर गाडन (िपंजौर)
वेबसाइट : www.haryana.gov.in

सरकार

िहमाचल दे श

इितहास और भूगोल
पि मी िहमालय की गोद म थत िहमाचल दे श खूबसूरत भूिम है मानिच पर यह 33.22.12’ उ री
अ ां श और 75.47’.12 पूव दे शां तर के बीच थत है यह रमणीक े िविभ जाितयों और धािमक समूहों
का घर है और इसे ‘दे वभूिम’ भी कहा जाता है िहमाचल का नाम िहमालय से ही े रत है , िजसका अथ है
‘िहमा ािदत भूिम’ इस े को तीन िह ों म बां टा जा सकता है , बाहरी िहमालय या िशवािलक, भीतरी
िहमालय या म वत पवतमाला और ेटर िहमालय या अ ाइन े समूचे रा म प र और लकड़ी से
बने ए अनेकानेक मंिदर ह िहमाचल की समृ सं ृ ित और परं परा दु िनया म अनोखी है गहरी घािटयां ,
मजबूत च ान, िवशाल िहमनद, ऊंचे दे वदार के पेड़, गजन करती निदयां और खूबसूरत वन ित िहमाचल
को उसके अि तीय प म ुत करती ह
िहमाचल का राजनीितक इितहास भी खासा रोचक रहा है 15 अ ैल, 1948 को त ालीन तीस पहाड़ी
रयासतों को िमलाकर यह रा अ म आया था इन रयासतों म िशमला के 26 पहाड़ी रा और
पंजाब सूबे की 4 पहाड़ी रयासत थी उस समय िहमाचल का कुल े 27,018 वग िक.मी. था और यहां की
आबादी 9,35,000 थी पंजाब सीमा सिमित की िसफा रश के बाद, भारत सरकार ने पंजाब को दो रा ों,
पंजाब और ह रयाणा म िवभ करते समय पंजाब के कुछ पहाड़ी े ों को िहमाचल दे श म िमला िदया
था यह े थे कां गड़ा िजला, िशमला, कु ू और लाहौल- ीित, अ ाला िजले का नालागढ़ े ,
होिशयारपुर िजले की उना तहसील और गुरदासपुर िजले की पठानकोट तहसील यह िवलयन 1 नवंबर,
1966 को संप आ और इसके बाद िहमाचल के े म 55,673 वग िक.मी. की वृ हो गई थी नए रा
का उद् घाटन िशमला म 1971 म िकया गया था इसके साथ ही िहमाचल दे श के तौर पर भारतीय संघ का
18वां रा अ म आया था
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कृिष
रा की 70 ितशत से अिधक कामकाजी आबादी आजीिवका के िलए सीधे कृिष से जुड़ी है कृिष और
संबंिधत े ों से ा होने वाली आय दे श के कुल घरे लू उ ाद का करीब 22.1 ितशत है कुल
भौगोिलक े 55,673 वग िक.मी. म से 9.79 लाख हे े यर भूिम कृिष काय को समिपत है
रा की कृिष जलवायु प र थितयां आलू, गैर मौसमी स यों और अदरक जैसी नकदी फसलों के
िलए उपयु है अनाज की बेहतर पैदावार ा के िलए, िकसानों के बीच अिधक फसल दे ने वाले बीजों
के िवतरण पर जोर िदया गया है िकसानों की उ ाह वृ के िलए ‘मु मं ी जैिवक खेती पुर ार
योजना’ की भी शु आत की गई है िहमाचल दे श को 2014-15 और 2015-16 के िलए लगातार रा ीय
र का ‘कृिष कम पुर ार’ भी ा आ है िकसानों के क ाण के िलए, रा भर म बकों की
2,061 शाखाएं िकसान े िडट काड योजना को अमल म ला रही ह खिलहानों को जंगली जानवरों से बचाने
के िलए उनके िगद सौर ऊजा यु बाड़ लगाने के िलए ‘मु मं ी खेत संर ण योजना’ की शु आत की
गई ओलावृि से बचने के िलए जालों पर छूट 50 ितशत से बढ़ाकर 80 ितशत तक कर दी गई है
बागवानी
िहमाचल दे श को दे श का ‘फल दाता’ कहा जाता है रा की कृिष आधा रत अथ व था म बागवानी
मह पूण भूिमका िनभाती है 2.27 लाख हे े यर से अिधक े को फलों की खेती और उ ादन के िलए
तैयार करने के बाद उ ाद 10.28 लाख एमटी तक प ं च गया है रा की उपयु जलवायु के कारण
यहां सेब, नाशपाती, आड़ू, आलूबुखारा, खुबानी, आम, लीची, अम द, झरबेरी और नींबू जातीय फलों
जैसे िविवध फलों का अ ा उ ादन होता है ओलावृि से बागवानी की र ा करने के िलए 15,51,813 वग
मी. े को एं टी-हे ल नेट्स से सुरि त िकया गया है बागवानी के एकीकृत िवकास के िलए बागवानी
ौ ोिगकी िमशन की थापना की जा रही है यह िमशन ‘अंत से अंत’ तक की अवधारणा पर आधा रत है
िजसके तहत रा म बागवानी िवकास की सभी तरह की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा आम, सेब
और नींबू जातीय फलों के लाभकारी मू सुिनि त करने के िलए रा सरकार माक िटं ग म वत
योजना की शु आत कर रही है
सड़क
पहाड़ी रा होने के कारण सड़क जीवनरे खा होने के साथ-साथ आवाजाही का मु साधन ह 1948 म
जब यह रा अ म आया, तो यहां केवल 288 िक.मी. लंबी सड़क थी रा म ‘ धानमं ी ाम
सड़क योजना’ के अंतगत असाधारण िवकास दे खा गया है योजना को गां वों/िनवास थानों को पूरी तरह
सड़कों से जोड़ने के िलए अमल म लाया जा रहा है
पनिबजली उ ादन
पनिबजली मता रा की खुशहाली का आधार है और 27,436 मेगावाट की कुल मौजूदा मता म से
रा म 10,351 मेगावाट िबजली की खपत होती है रा म सौ ितशत िबजली मुहैया कराई जा चुकी है
िसंचाई और जलापूित
पानी िकसी भी रा के िवकास का मह पूण अंश होता है इसके िलए रा म कृिष और बागवानी के
िलए िसंचाई व था उपल कराई जाती है िसंचाई के िलए 3.35 लाख हे े यर े म से 2.69 लाख
हे े यर े को िसंचाई योजनाओं के अंतगत लाया जा चुका है सभी पेयजल योजनाओं के तहत जल
उपचार संयं उपल कराए जाते ह
वािनकी
िहमाचल दे श का कुल वन े 37,033 वग िक.मी. है , िजस िहसाब से यह समूचे रा के भौगोिलक े
का 66.52 ितशत बैठता है वािनकी बंधन के अंतगत सरकार संर ण के साथ-साथ वन े के बेहतर
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इ ेमाल और उसका े बढ़ाने का भी काय कर रही है वािनकी योजना और मृदा संर ण योजनाओं के
अंतगत वनरोपण का काय भी जारी है छोटे िकसानों के रोजगार को ान म रखते ए एकीकृत प से
फसल और मवेशीपालन के साथ-साथ वृ ारोपण म वृ के िलए ‘सब-िमशन ऑन ए ो फॉरे ी’ नामक
नई योजना शु की गई व जीवन और ाकृितक संर ण से जुड़ी योजनाएं ाणी उ ानों एवं रा ीय पाक
की दशा म सुधार कर रहे ह, िजसके ज रए लु होने की कगार पर प ं च चुके प ी और जानवरों की सुर ा
हो रही है
पयटन
रा म पयटन को सफल बनाने से जुड़े सभी बुिनयादी ोत मौजूद ह, जैसे िक भौगोिलक और सां ृ ितक
िविवधता, और शां त पयावरण और खूबसूरत निदयां , पिव थल, ऐितहािसक इमारत और
मेहमाननवाज़ लोग पयटन उ ोग को यहां ब त ाथिमकता दी जाती है और सरकार ने इस िदशा म
समुिचत िवकास भी िकया है सरकार ने जनोपयोगी सेवाएं माग, संचार नेटवक, हवाई अ े , यातायात
सुिवधाएं , बस अ ों पर साफ टॉयलेट, रे रां और पेटोल पंप, जलापूित और अ ज री सुिवधाओं के िलए
उपयु अवसंरचना क ढां चा तैयार िकया है पयटन से रा के घरे लू उ ाद म 6.8 ितशत आय जुड़ती
है और 2020 तक यह आं कड़ा 10 ितशत तक प ं च जाएगा िबजली की संशोिधत दरों को नए पयटन
उ ोग को सौंपा गया है रा म पैकेज टू र भी िदए जा रहे ह और इनम मुख ान रोमां च, धािमक
पयटन, हे रटे ज, शीतकालीन खेलों, पैदल या ाओं और बाहरी गितिविधयों को िदया गया है इनके अलावा,
70869 िब रों वाले 2,064 होटल और करीब 787 होम े इकाइयां भी रा म ह
वेबसाइट : himachal.gov.in

सरकार

ज ू-क ीर

* े फल म पािक ान के अवैध क े वाला 78,114 वग िक.मी. े , पािक ान ारा चीन को अवैध प से िदया गया 5,180 वग िक.मी. े
और चीन के अवैध क े वाला 37,555 वग िक.मी. े शािमल है जनसं ा के आं कड़ों म पािक ान और चीन के अवैध क ों वाले े ों
की जनसं ा शािमल नहीं है जहां जनगणना नहीं कराई जा सकी

इितहास और भूगोल
राजतरं िगणी तथा नीलमत पुराण नामक दो ामािणक ंथों म यह आ ान िमलता है िक क ीर की घाटी
कभी ब त बड़ी झील आ करती थी इस कथा के अनुसार क प ऋिष ने यहां से पानी िनकाल िलया और
इसे मनोरम ाकृितक थल म बदल िदया िकंतु भू-गभशा यों का कहना है िक भू-गभ य प रवतनों के
कारण खिदयानयार, बारामुला म पहाड़ों के धंसने से झील का पानी बहकर िनकल गया और इस तरह पृ ी
पर ग कहलाने वाली क ीर घाटी अ म आई ईसा पूव तीसरी शता ी म स ाट अशोक ने
क ीर म बौ धम का सार िकया बाद म किन ने इसकी जड़ और गहरी की छठी शता ी के
आरं भ म क ीर पर णों का अिधकार हो गया य िप 530 ईसवी म घाटी िफर तं हो गई, लेिकन
इसके तुरंत बाद इस पर उ ैन सा ा का िनयं ण हो गया िव मािद राजवंश के पतन के प ात्
क ीर पर थानीय शासक राज करने लगे वहां िहं दू और बौ सं ृ ितयों का िमि त प िवकिसत
आ क ीर के िहं दू राजाओं म लिलतािद (697 से 738 ईसवी) सबसे िस राजा ए िजनका रा
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पूव म बंगाल तक, दि ण म कोंकण, उ र-पि म म तुिक ान, और उ र-पूव म ित त तक फैला था


लिलतािद ने अनेक भ भवनों का िनमाण िकया क ीर म इ ाम का आगमन 13वीं और 14वीं
शता ी म आ मु म शासकों म ज़ैन-उल-आबदीन (1420-70) सबसे िस शासक आ, जो क ीर
म उस समय स ा म आया, जब तातारों के हमले के बाद िहं दू राजा िसंहदे व भाग गए बाद म चक शासकों
ने जैन-उल-आबदीन के पु है दरशाह की सेना को खदे ड़ िदया और 1586 तक क ीर पर राज िकया सन्
1586 म अकबर ने क ीर को जीत िलया 1752 म क ीर त ालीन कमजोर मुगल शासक के हाथ से
िनकलकर अफगािन ान के अहमद शाह अ ाली के हाथों म चला गया 67 वष तक पठानों ने क ीर
घाटी पर शासन िकया
ज ू का उ ेख महाभारत म भी िमलता है अखनूर से ा हड़ ा कालीन अवशेषों तथा मौय,
कुषाण और गु काल की कलाकृितयों से ज ू के ाचीन प पर नया काश पड़ा है ज ू 22 पहाड़ी
रयासतों म बंटा आ था डोगरा शासक राजा मालदे व ने कई े ों को जीतकर अपने िवशाल रा की
थापना की 1733 से 1782 तक राजा रं जीत दे व ने ज ू पर शासन िकया िकंतु उनके उ रािधकारी
दु बल थे, इसिलए महाराजा रं जीत िसंह ने ज ू को पंजाब म िमला िलया बाद म उ ोंने डोगरा शाही
खानदान के वंशज राजा गुलाब िसंह को ज ू रा सौंप िदया गुलाब िसंह रं जीत िसंह के गवनरों म सबसे
श शाली बन गए और लगभग समूचे ज ू े को उ ोंने अपने रा म िमला िलया 1947 तक ज ू
पर डोगरा शासकों का शासन रहा इसके बाद महाराजा ह र िसंह ने 26 अ ू बर, 1947 को भारतीय संघ
म िवलय के समझौते पर ह ा र िकए
प रवहन
सड़क : रा 400 वग िक.मी. लंबे एक राजमाग (रा ीय राजमाग नंबर 1ए) ारा शेष दे श से जुड़ा आ है ,
िजसका रखरखाव सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ारा िकया जाता है रे ल यातायात शु आती चरण म
होने के कारण रा पूरी तरह से सड़क माग पर िनभर है , जो रा के दू र-दराज के े ों को जोड़ने का
मु ज रया है ज ू- ीनगर रा ीय राजमाग (एनएच 1ए) के रखरखाव का खच िव म सबसे अिधक है
रे लवे : भौगोिलक किठनाइयों के कारण रा म रे ल का िवकास, अ रा ों के समान नहीं हो पाया है
अभी तक ज ू रे ल लाइन को ऊधमपुर तक बढ़ाया गया है (53 िक.मी.) ऊधमपुर- बािनहाल रे ल लाइन
का काम चल रहा है और काजीगुंड से बारामुला के नीचे इ ा रे ल िलंक पूरा हो चुका है जुलाई 2014 को
रा म पहली कटरा उधमपुर टे न शु ई
उ यन : रा म तीन मुख हवाईअ े ह, जो रा के तीन े ों और दे श के बीच हवाई संपक उपल
कराते ह इसम से ीनगर हवाईअ े को अंतररा ीय र का बनाकर इसका नाम शेख-उल-आलम
हवाईअ ा रखा गया है लेह तथा ज ू हवाईअ ों का भी उ यन िकया गया है करिगल मु ालय पर एक
अ हवाईअ े को डकोटा सेवा से जोड़ा गया है
कृिष
कृिष रा की अथ व था का मह पूण घटक है रा की लगभग 70 ितशत आबादी या परो
प से अपनी जीिवका कृिष से अिजत करती है रा की अथ व था मु प से कृिष आधा रत है 49
ितशत (2011) कायरत आबादी म से 42 ितशत िकसान तथा 7 ितशत कृिष मजदू र ह, जो अपनी
आजीिवका के िलए प से कृिष पर िनभर ह कृिष संवृ का ामीण रोजगार तथा आय पर
भाव पड़ने के अलावा इसका ामीण गैर कृिष- े ों से मह पूण ि तीयक संबंध अिधक िनणायक है
केसर, शहद तथा बासमती जैसे दु लभ उ ादों के िनयात म कृिष का मह पूण योगदान है और यह कई
उ ोगों की क े माल की मां ग की आपूित करने का भी मह पूण ज रया है
िसंचाई
िसंचाई खेती का एक अिनवाय घटक है और िव के उन सभी िह ों म उपयोग म लाई जाती है जहां बा रश
का पानी धरती को पया नमी नहीं दे पाता रा म उपल िसंचाई मता के केवल 50 ितशत का ही
दोहन िकया गया है रा की संभािवत िसंचाई मता 1,358 हजार हे े यर है िजसम 250 हजार हे े यर
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बड़ी और मझोली िसंचाई के ज रये तथा 1,108 हजार हे े यर लघु िसंचाई से िवकिसत की जानी है
बागवानी
ज ू-क ीर दे श तथा िवदे शों म अपने बागवानी उ ादों के िलए िस है रा म सभी कार के
बागवानी उ ादों के िलए पया संभावनाएं ह िजनम सेब, नाशपाित, म, खुबानी, आडू, बादाम, चेरी जैसे
समशीतो और आम, अम द, नींबू, लीची आिद जैसे उपो किटबंधीय फल शािमल है इसके अलावा
यहां कुछ थानों पर केसर तथा जीरा जैसे मह पूण मसाले भी उगाए जाते ह
उ ोग
औ ोगीकरण के नए युग की शु आत के िलए 2004 म ापक औ ोिगक नीित बनाई गई जो 2015 तक
जारी रही इसके तहत रा म उ ोग को योजनाब ो ाहन िदया गया है इसे मु तः उपभो ा रा
के प म जाना जाता है ोंिक इसकी आव कताओं का र इसके उ ादन र के बराबर है रा
औ ोिगक नीित के तहत थानीय लोगों को रोजगार दे ने वाली इकाइयों की योजना के िलए उ ोगों को
ो ाहन िदया जाएगा, िजससे िनकट भिव म इसे उ ादक रा बनाया जा सके
हथकरघा
यह म आधा रत कुटीर उ ोग है िजसम रोजगार के काफी अवसर ह इस उ ोग की वृ के िलए रा
सरकार उ ाद के िडजाइन एवं िविवधीकरण, ऋण सुिवधाएं तथा कौशल और हथकरघा उ यन के मा म
से बुनकरों की उ ादकता बढ़ाने पर ान कि त कर रही है ापक चार तथा िवपणन ो ाहनों के
ज रए हथकरघा उ ादों के िलए बाजारी पैठ िव ृत की जा रही है
पयटन
ज ू-क ीर मह पूण पयटन थल है , जो सिदयों से पयटकों को आकिषत करता आ रहा है घने हरे
जंगल, मीठे झरने, सदाबहार निदयां , चीड़ के जंगलों के मनोहर नजारे और क ीर घाटी का सुहावना
मौसम-धरती का यह ग अंतररा ीय र पर िस पयटन थल है , जबिक ज ू े -मंिदरों की भूिम के
प म बड़ी सं ा म पयटकों को आकिषत करता है िजनम मुख मंिदर माता वै ों दे वी का है ल ाख-
मूनलड, िवशेष प से िवदे िशयों का ि य गंत थल है जो रोमां चक पयटन का मश र क है
िबजली
रा की पनिबजली मता 20,000 मेगावाट है िजसम से 16,480 मेगावाट िच त कर ली गई है
मेले और ोहार
मेले और ोहार रा की िविवध सां ृ ितक और सामािजक िवरासत का ितिबंब ह सभी िहं दू, मु म
और िसख ोहार पूरे हष ास के साथ मनाए जाते ह भारत के अ भागों की तरह ज ू-क ीर म भी
दीवाली, होली, ईद-उल-िफतर, ईद-उल-जुहा तथा िमलाद-उन-नबी मनाए जाते ह
वेबसाइट : www.jk.gov.in

सरकार

झारखंड
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इितहास और भूगोल
झारखंड 15 नवंबर, 2000 को संघ के 28व रा के प म अ म आया यह आिदवािसयों की
गृहभूिम है , जो लंबे समय से एक अलग रा का सपना दे ख रहे थे एक कथा के अनुसार, ओिडशा के
राजा जयिसंह दे व ने तेरहवीं शता ी म यं को झारखंड का शासक घोिषत कर िदया था झारखंड म
मु प से छोटानागपुर पठार और संथाल परगना के वन े शािमल ह यहां की िविश सां ृ ितक
परं पराएं ह तं ता ा के बाद के युग म झारखंड मु मोचा ने िनयिमत आं दोलन िकया, िजसकी
वजह से सरकार ने 1995 म झारखंड े ाय प रषद् की थापना की और अंततः पूण रा अ म
आया
झारखंड पूव म पि म बंगाल, पि म म उ र दे श और छ ीसगढ़, उ र म िबहार तथा दि ण म
ओिडशा से िघरा आ है
कृिष
रा के 79,714 वग िक.मी. े म से 18,423 वग िक.मी. े म वन ह कृिष और संबंिधत गितिविधयां
झारखंड की अथ व था का मुख आधार ह कृिष यो भूिम का े फल केवल 38 लाख हे े यर है
िसंचाई और िबजली
दामोदर, मयूरा ी, बराकर, उ री कोयल, दि णी कोयल, संख, सुवणरे खा, खरकई और अजय रा के
मुख जल ोत ह रा म कुल बुवाई े 18 लाख हे े यर है िजसम 8 ितशत े म ही िसंचाई की
सुिवधा उपल है
उ ोग और खिनज
झारखंड के कुछ बड़े उ ोग ह: सावजिनक े का बोकारो ील ां ट, जमशेदपुर म िनजी े की टाटा
आयरन एं ड ील कंपनी (िट ो) अ मुख उ ोग ह: टाटा इं जीिनय रं ग एं ड लोकोमोिटव कंपनी
(टे ो), िटमकेन इं िडया िलिमटे ड (जमशेदपुर), भारत कोिकंग कोल िलिमटे ड (धनबाद), खलाड़ी सीमट
फै री (पलामू), इं िडयन ए ुिमिनयम (मुरी), एसीसी सीमट (चाइबासा), सटल कोलफी ् स िलिमटे ड
(रां ची), उषा मािटन, उषा बे ान, यूरेिनयम कारपोरे शन (आई) िलिमटे ड (जादू गोड़ा), िहं दु ान कॉपर
िलिमटे ड (मुसाबनी), िटन ेट कंपनी ऑफ इं िडया िलिमटे ड (जमशेदपुर), इं िडयन ए ोिसव िलिमटे ड
(गोिमया) और िहं डालको बॉ ाइट (लोहरदगा), आिद
झारखंड खिनज संसाधनों के मामले म ब त समृ है मुख उपल खिनज ह: कोयला, क ा लोहा,
चूना प र, खिनज तां बा, बॉ ाइट, पाइराइट, चीनी िम ी, काइनाइट, िचकनी िम ी, डोलोमाइट, ेफाइट,
बटोनाइट, साबुन प र, िब ौरी रे त और िसिलका बालू इस नवगिठत रा म िवशेषकर िसंहभूम,
बोकारो, हजारीबाग, रां ची, कोडरमा और धनबाद म कोयला, अ क और अ खिनजों के दोहन की अपार
मताएं ह
प रवहन
सड़क : रा म सड़कों की कुल लंबाई 4,311 िकलोमीटर है इसम 1,500 िकलोमीटर रा ीय राजमाग
और 2,711 िकलोमीटर ां तीय राजमाग शािमल ह
रे लवे : रा म सुिवकिसत रे लवे णाली है रां ची, बोकारो, धनबाद और जमशेदपुर कुछ मुख रे लवे
े शन ह
उ यन : िवमान सेवा से रां ची िद ी, पटना और मुंबई से जुड़ा है जमशेदपुर, बोकारो, िग रडीह, दे वघर,
हजारीबाग, डा नगंज तथा नोआमुंडी म हवाईपि यां ह
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पयटन थल
रा म अनेक मनोरम थल ह ये ह: इचागढ़ प ी िवहार, उ व प ी िवहार— सािहबगंज (पठारा झील),
चाचरो मगरम पालन क — कोडरमा ( ितलैया बां ध), चं पुरा प ी िवहार, जवाहरलाल नेह जैिवक
उ ान (बोकारो), तेनुघाट प ी िवहार, डालमा व जीव अभयार (जमशेदपुर), टाटा ील जैिवक उ ान
(जमशेदपुर), पलकोट व जीव अभयार (गमला), भगवान िबरसा जैिवक उ ान (रां ची), िबरसा िहरन
अभयार (कालमाटी रां ची), बेतला रा ीय उ ान (पलामू), रां ची म क (रां ची), हजारीबाग रा ीय
उ ान, तातोलोई गम पानी झरना (दु मका) और सारं दा वन
उपयु के अलावा झारखंड म कुछ मश र मंिदर ह: झारखंड धाम, लं ता बाबा मंिदर/मजार,
िबंधवािसनी मंिदर, मसनजोर धाम आिद
वेबसाइट: www.jharkhand.gov.in

सरकार

कनाटक

इितहास और भूगोल
कनाटक का लगभग 2,000 वष से भी अिधक पुराना िल खत इितहास उपल है कनाटक पर नंद, मौय
और सातवाहन राजाओं के शासन के अलावा चौथी शता ी के म से इस े पर थानीय राजवंशों-
बनवासी के कदं ब तथा गंगों का अिधकार रहा ावणबेलगोला म िव िस गोमते र की िवशाल र
ितमा गंग वंश के एक मं ी चावुंडराया ने ही बनवाई थी ी गोमते र की यह िवशाल र ितमा जैन
कला म सबसे भ है इसे तथा अ ारकों को दे खने असं आगंतुक ावणबेलगोला आते ह बादामी
के चालु वंश (500 से 735 ई. तक) ने नमदा से कावेरी तक के िव ृत े म पुिलकेशी ि तीय (609 से
642 ई.) के समय से राज िकया और उसने क ौज के श शाली स ाट हषवधन को परािजत िकया इस
राजवंश ने बादामी, एहोल और प ादकल म अनेक सुंदर कला क तथा कालजयी ारकों का िनमाण
िकया इनम च ानों को तराशकर बनाए गए मंिदर भी शािमल ह एहोल दे श के ऐसे थानों म से है जहां
मंिदर वा ुकला पनपी चालु ों की जगह लेने वाले मा ेड़ के रा कूटों ने तो (753 से 973 ई.) क ौज
सा ा के वैभव वाले युग म वहां के शासकों से कर भी ा िकये इस काल म क ड़ सािह का
िवकास आ भारत के े जैन िव ान इन राजाओं के दरबारों की शोभा बढ़ाते थे क ाण के चालु
राजाओं (973 से 1189 ई.) और उनके परवत हलेिबड के होयसाल सामंतों ने सुंदर मंिदरों का िनमाण िकया
और सािह तथा लिलत कलाओं को ो ािहत िकया सुिव ात ायशा ी िव ाने र (कृितः िमता र)
क ाण के रहने वाले थे महान धािमक नेता वासवे र भी क ाण सा ा के मं ी थे िवजयनगर
सा ा (1335 से 1646 ई.) ने अपनी दे शज परं पराओं का पोषण िकया और कला, धम तथा सं ृ त,
क ड़, तेलुगु और तिमल सािह को ो ािहत िकया इस काल म िवदे शों म ापार खूब फला-फूला
बहमनी सु ानों (राजधानी : गुलबग एवं बाद म बीदर) और बीजापुर के आिदलशाहों ने भारतीय-
सारासैिनक शैली के भ भवनों का िनमाण िकया और उदू व फारसी सािह को ो ाहन िदया
पुतगािलयों के आगमन से रा म कई नई फसलों (तंबाकू, म ा, िमच, मूंगफली, आलू आिद) की खेती
होने लगी पेशवा (1818) और टीपू सुलतान (1799) की पराजय के प ात कनाटक ि िटश शासन के
अधीन हो गया 19वीं शता ी म ईसाई िमशन रयों ने अं ेजी िश ा तथा मशीनों से छपाई का सार िकया
तथा प रवहन, संचार और उ ोग के े म ां ित आई शहरी नगरों म म वग का उदय आ मैसूर
सा ा ने औ ोगीकरण एवं सां ृ ितक िवकास की शु आत की तं ता आं दोलन के बाद रा के
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एकीकरण का आं दोलन ारं भ आ


तं ता के बाद 1953 म मैसूर रा बना और क ड़ भािषयों की अिधकता वाले िविभ े ों का
एकीकरण िकया गया 1956 म क ड़ भु वाले सभी े ों को शािमल कर िव ा रत मैसूर रा बना
और 1973 म इसका नाम बदलकर ‘कनाटक’ कर िदया गया
कनाटक 11°31’ और 18°14’ उ री अ ां श के बीच तथा 74°12’ और 78°10’ पूव दे शां तर के बीच म
भारतीय ाय ीप के पि म क ीय भाग म थत है
वन और व जीव
वन िवभाग रा के 20.15 ितशत भौगोिलक े का बंध करता है वनों को इस कार वग कृत िकया
गया है — सुरि त वन, संरि त वन, अवग कृत वन, ामीण वन और िनजी वन यहां 5 रा ीय पाक और 23
व जीव अभयार है ईंधन की लकड़ी, चारा और इमारती लकड़ी की कमी को पूरा करने के िलए बेकार
जंगलों और भूिम को िवकिसत िकया जा रहा है पि मी घाट की कोमल पयावरण णाली के संर ण और
िवकास पर बल िदया जा रहा है ोजे टाइगर और ोजे एलीफट जैसी अनेक योजनाएं क ीय
सहायता से लागू की जा रही ह िवदे शी सहायता से शु की गई दो प रयोजनाओं-पि मी घाट वािनकी
और पयावरण प रयोजना (डीएफआईडी) तथा पूव मैदान वािनकी और पयावरण प रयोजना
(जेबीआईएस) म लागू संयु वन िनयोजन एवं बंधन की अवधारणा के प रणाम प ामीण वन
सिमितयों की थापना ारा ामीण वन िनयोजन एवं बंधन आ है
कृिष
कनाटक की करीब 66 ितशत आबादी ामीण है और लगभग 55.60 ितशत म श कृिष िमक ह
रा की 60 ितशत (114 लाख हे े यर) भूिम खेती यो है , िजसके 72 ितशत े म भरपूर वषा होती
है केवल 28 ितशत े म ही िसंचाई की जाती है रा म 10 कृिष मौसम े ह लाल िम ी रा की
मुख मृदा कार है , िजसके बाद काली िम ी आती है कुल भूिम का केवल 5.17 ितशत िह ा ही बुआई
े है
डे यरी
कनाटक दे श के मुख दु उ ादकों म से एक है कनाटक िम फेडरे शन के पास 21 डे यरी
सं रण संयं ह िजनकी मता 26.45 लाख लीटर ितिदन है तथा 42 ितशत शीत क ों की मता
14.60 लाख लीटर है
बागवानी
रा म 16.80 लाख हे े यर े म बागवानी होती है इसम 101 लाख मी. टन उ ादन होता है क
सरकार ने रा ीय बागवानी िमशन के अंतगत कनाटक के िलए 171.29 करोड़ पये िनधा रत िकए ह
िवद् ु यत उ ादन
कनाटक दे श का ऐसा अ णी रा है जहां पनिबजली संयं थािपत िकए गए आज रा की िबजली
उ ादन की थािपत मता 7,222.91 मेगावाट है और 31,229 िमिलयन यूिनट िबजली का उ ादन होता
है
जैव ौ ोिगकी
कनाटक रा और िवशेषकर बंगलु शहर दे श का सबसे बड़ा जैव भंडार बन गया है
प रवहन
सड़क : कनाटक म सड़कों की लंबाई 83,749 िक.मी. से बढ़ाकर 2,15,849 िक.मी. की गई है
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बंदरगाह : रा म 155 समु ी मील (300 िक.मी.) लंबे समु तट पर केवल एक बड़ा बंदरगाह है —
मंगलोर म यानी ू मंगलोर पोट इसके अलावा 10 छोटे बंदरगाह ह: कारवाड, बेलेकेरी, ता ी, भ ल,
कुंडापुर, हं गरक ा, मालपे, पदु िब ी, हो ावर और पुराना मंगलोर इन 10 बंदगाहों म से केवल कारवाड़
हर मौसम के िलए है , अ सभी रवराइन एं करे ज लाइटरे ज पोट ह
उ यन : अंतररा ीय याि यों म 50 ितशत और घरे लू याि यों म 44 ितशत की वृ के साथ नाग रक
उ यन के े म जबरद िवकास आ है
पयटन
‘एक रा कई दु िनया’ के प म जाना जाने वाला कनाटक दि ण भारत का मुख पयटन क बनता जा
रहा है सूचना ौ ोिगकी और जैव ौ ोिगकी के क कनाटक म हाल ही म ब त पयटक आए ह यह
रा अपने ारकों की िवरासत और ाकृितक पयटन के गंत के प म िस है ण रथ, िजसका
नाम दि ण भारत की िव धरोहर ‘हं पी’ के र रथ के नाम पर रखा गया है , ाचीन धरोहरों, भ
महलों, व जीवन और सुनहरे समु -तटों के बीच मण करे गा इसकी 7 रात और 8 िदन की या ा ेक
सोमवार को बंगलु से शु होती है मैसूर म ीरं गपटन, मैसूर महल, नगरहोल रा ीय पाक (कबीनी) की
सैर कराते ए 11वीं शता ी के होयसाला थाप और िव धरोहर वणबेलगोला, बेलूर, हलेिबडु , हं पी से
होते ए बदामी, प ादकल और ऐहोल की ि कोणीय धरोहर से गोवा के सुनहरे समु -तटों का अवलोकन
कराते ए अंत म यह बंगलु वापस आती है
वेबसाइट: www.karnataka.gov.in

सरकार

केरल

इितहास और भूगोल
केरल भारतीय उपमहा ीप के दि ण-पि म छोर पर थत है जब तं भारत म छोटी रयासतों का
िवलय आ तब ावनकोर तथा कोचीन रयासतों को िमलाकर जुलाई 1949 को ावणकोर-कोचीन रा
बना िदया गया, िकंतु मालाबार म ास ां त के अधीन रहा रा पुनगठन अिधिनयम, 1956 के तहत
ावणकोर-कोचीन रा तथा मालाबार को िमलाकर नवंबर 1956 को केरल रा बनाया गया
पूव म ऊंचे पि मी घाट और पि म म अरब सागर के बीच थत इस दे श की चौड़ाई 35 िक.मी. से
120 िक.मी. तक है भौगोिलक ि से केरल को पवतीय े , घाटी, म वत मैदान तथा तटवत े म
िवभािजत िकया जा सकता है केरल निदयों और तालाबों के मामले म समृ है 44 निदयां (41 पि म की
ओर और 3 पूव की ओर बहने वाली) अपनी सहायक निदयों और उपधाराओं के साथ रा से होकर
गुजरती ह समु ी झील केरल म आकषण का क तथा आिथक ि से मह पूण ह
कृिष
हरे -भरे धान के खेत, ना रयल के पेड़, खुशबूदार मसाले के बागान और ‘गॉड् स ओन कंटी’ के पम
मश र केरल भारत के दि णी छोर पर बसा है उपजाऊ जमीन तथा समशीतो उ किटबंधीय केरल
को िविभ कार की फसलों की खेती के िलए आदश े बनाती है , िजनम ना रयल, चावल, रबर, केला,
मसाले, फल, स यां , काजू, आलू, चाय, कॉफी, सुपारी तथा औषधीय पौधे आिद शािमल ह
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उ ोग
रा सरकार ने सभी े ों म मजबूत िनवेश के िलए िनवेशक िहतैषी औ ोिगक नीित लागू करने की पहल
की है , िजससे हर े म िव रीय मानक हािसल करने के उ े रत, सम तथा थायी आिथक
संवृ के साथ केरल को जीवंत उ मी समाज म बदला जा सके
िसंचाई
रा म भूतल िसंचाई का मुख िह ा है िसंचाई के िलए कुल 18 बां ध ह िसंचाई िवकास मु तः बड़ी
तथा म म दज की िसंचाई प रयोजनाओं के िवकास पर, सतही जल संसाधनों के िवकास पर कि त है
ेक योजना म बड़ी तथा म म दज की िसंचाई प रयोजनाओं के िवकास को ाथिमकता दी गई है
िसंचाई सुिवधाओं से लाभा त होने वाली मुख फसल धान की है केरल म कृिष के मोच पर तेजी से हो
रहे बदलावों से चावल की खेती के े म उ ेखनीय िगरावट आई है बदलावों के चलते चावलों की खेती
की गु िसंचाई सेवा के िलए िवकिसत की गई िवतरण णाली को भी िफर से ेणीब करने की
आव कता है
पेयजल
दे श म मानव गितिविधयों के बढ़ने के साथ ही पानी की मां ग भी बढ़ रही है पेयजल सुिवधा दान करना
रा ों की मुख िज ेदारी है 71 ितशत ामीण आबादी तथा 29 ितशत शहरी आबादी के िलए पेयजल
उपल है
िबजली
सभी िवकास गितिविधयों म िबजली े की भूिमका अहम है तः औ ोिगक े म नई पहल के िलए
िबजली सम ा मु अवरोधक है केरल उन कुछ रा ों म से है जहां िबजली की कमी है और यह रा
60 ितशत िबजली दू सरे रा ों से खरीदता है सबसे बड़ी उपल यह है िक रा के सभी गां वों म
िबजली है
प रवहन
अब िकसी भी दे श के सम िवकास म प रवहन एक िनणायक भूिमका िनभाता है , ोंिक यह दे शों के बीच
सामािजक, सां ृ ितक तथा ापा रक िवकास को स म बनाता है प रवहन की ढां चागत सुिवधाओं म
थािपत ित ान, सड़क, रे लमाग, वायुमाग, जलमाग, नहर, पाइपलाइन तथा टिमनल शािमल ह केरल म
प रवहन णाली अ ी है केरल म सड़कों का रखरखाव रा ीय राजमाग ािधकरण, प क व
िडपाटमट, थानीय िनकायों, िसंचाई िवभाग, केरल रा िवद् ु यत बोड, वन िवभाग, रे लवे इ ािद का
दािय है
बंदरगाह : केरल रा भारतीय ाय ीप के दि ण-पि म छोर पर है इसकी तटीय लंबाई 585 िक.मी. है
और इसकी औसत चौड़ाई लगभग 60 िक.मी. है को म इसका एक मुख बंदरगाह है तथा 17 अ
छोटे बंदरगाह ह केरल की भौगोिलक थित अंतररा ीय िशिपंग माग से बेहद करीब है यहां 17 छोटे
बंदरगाह ह, िजनम से तीन को, उनम उपल गोदी, पोतभार संचालन और भंडारण सुिवधाओं के आधार
पर म वत बंदरगाह माना जाता है इ ोंने दे श के उ ोग, ापार, वािण तथा कृिष िवकास म पया
योगदान िकया है
रे लवे : रे लमाग िनि त प से दे श की औ ोिगक उ ित का कारण है और यह आज भी दे श का सबसे
िवशाल रोज़गार दाता है केरल म रे लमाग की कुल लंबाई 1257 िक.मी. है और यह 13 रे लमाग को कवर
करता है
हवाई प रवहन : केरल म तीन- ित वंतपुरम, को तथा को रकोड हवाईअ े ह, जो घरे लू तथा
अंतररा ीय, दोनों ही कार की उड़ानों का संचालन करते ह ित वंतपुरम तथा को रकोड हवाईअ ा
को इं टरनेशनल एयरपोट िलिमटे ड का है , िजसकी थापना केरल सरकार ारा सावजिनक तथा िनजी
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े की भागीदारी (पीपीपी) से की गई है
ोहार
केरल म कई रं ग-िबरं गे ोहार मनाए जाते ह ओणम यहां का िविश ोहार है , जो फसल कटाई के समय
म आता है अब यह खगोलीय नव वष िदवस पर मनाया जाता है नवराि सर ती पूजा के प म मनाई
जाती है महा िशवराि पे रयार नदी के तट पर एक शानदार उ व के प म मनाई जाती है , िजसकी
तुलना कुंभ मेले से की जाती है 41 िदन चलने वाला यह उ व, जोिक सबरीमाला ामी मंिदर म
मकरिवला ु के साथ पड़ता है , दे श-िवदे श से लाखों लोगों को आकिषत करता है व मकिल अथवा
नौका दौड़ केरल की खािसयत है पु यदा झील म आयोिजत की जाने वाली नेह टाफी नौका रे स के
अलावा, केरल के सभी नौका उ व धािमक होते ह ि शूर म हर वष अ ैल-मई म पूरम उ व मनाया
जाता है , िजसम सुस त हािथयों का एक शानदार जुलूस िनकलता है और अनूठी आितशबाजी का दशन
िकया जाता है ईसाइयों के मुख ोहार ि समस तथा ई र ह पु ा रवरबेड पर हर वष होने वाला
मॉरमॉन स ेलन एिशया म ईसाइयों की सबसे बड़ी गो ी है मु म िमलाद-ए-शरीफ, रमजान, ईद-उल-
िफतर तथा बकरीद मनाते ह
पयटन
केरल भारत के दि ण-पि म छोर पर थत है इसकी अनूठी भौगोिलक थित ने इसे िव के सवािधक
पसंदीदा गंत ों म से एक बना िदया है गॉडस ओन कंटी कहे जाने वाले केरल को नेशनल ो ािफक
टै वलर ारा 50 ऐसे गंत ों म से एक के प म चुना है , जहां हर एक को जीवन म एक बार जाना ही
चािहये इसे दु िनया म मौजूद 13 ज तों म से एक बताया गया है इसके अनूठे ईको टू र यास, सं ृ ित
तथा परं पराएं और इसकी िविवध जनसां की ने इसे िव के सवािधक लोकि य गंत ों म से एक बना
िदया है सौ जलवायु, शां त समु तट, अ वाही जल (बैक वॉटर) का शां त सार, हरे -भरे पहाड़ी थल,
तथा अनोखे व जीव इस भूिम के मुख आकषण ह केरल घूमने का एक अनूठा लाभ ये भी है िक यहां
अिधकां श पयटन थल एक-दू सरे से केवल दो-चार घंटे की दू री पर ही ह
वेबसाइट : www.kerala.gov.in

सरकार

म दे श

इितहास और भूगोल
े फल की ि से म दे श दे श का दू सरा सबसे बड़ा रा है , िजसका े फल 3,08,000 वग
िकलोमीटर है भौगोिलक ि से यह दे श म मह पूण थान पर है स ाट अशोक ने सबसे पहले उ ैन
पर शासन िकया म भारत का काफी बड़ा िह ा गु सा ा (300-500 ई.) का भाग था ारहवीं
शता ी के ारं भ म म भारत म मुसलमानों का आगमन आ सबसे पहले महमूद गजनी यहां आया
और िफर मुह द गौरी, िजसने वहां के कुछ भागों को अपनी िद ी की स नत म िमला िलया म
भारत मुगल सा ा का भी िह ा रहा मराठों का भाव आरं भ होने से लेकर 1794 म माधोजी िसंिधया
के दे हां त तक म भारत पर मराठों का बोलबाला रहा परं तु उसके बाद छोटे -छोटे तं रा बनने
लगे ये छोटे रा ही आगे चलकर ि िटश स ा के पैर जमने का कारण बने
इं दौर की रानी अिह ाबाई हो र, गोंड की महारानी कमलापित और रानी दु गावती आिद कुछ महान
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मिहला शासकों ने अपने उ ृ शासन से अपनी अिमट छाप छोड़ी म दे श नवंबर 1956 को अ
म आया नये रा छ ीसगढ़ की थापना के िलए इसे नवंबर 2000 को पुनगिठत िकया गया है म
दे श के उ र म अब उ र दे श, पूव म छ ीसगढ़, दि ण म महारा और पि म म गुजरात तथा
राज थान है
अथ व था
म दे श ने आिथक िवकास के े म एक के बाद एक सफलताएं हािसल की ह और आज दे श म इसकी
सफलता अनेक अ यनों का िवषय है एक दशक के दौरान ही इसकी जीएसडीसी ₹ 1 लाख करोड़ से ₹
5 लाख तक प ं च चुकी है
कृिष
दे श म म दे श की कृिष िवकास दर म िपछले चार वष म औसतन 20 ितशत की वृ ई है दालों,
ितलहन, सोयाबीन, ाम, फिलयां , लहसुन, अम द एवं औषधीय व सुगंिधत जड़ी-बूिटयों के उ ादन म
रा दे श म अ णी है यहां बागवानी को भी बड़े तौर पर य िदया जा रहा है
िसंचाई
िसंचाई हे तु े को ाथिमकता दे ते ए दस वष म 7.5 लाख हे े यर से बढ़ाकर 40 लाख हे े यर कर
िदया गया है नमदा-ि ा िलंक ोजे भी सफलतापूवक पूरा िकया जा चुका है िपछले पां च वष के
दौरान तीन बड़ी, पां च मझोली और 700 लघु िसंचाई प रयोजनाओं को पूरा िकया गया िजसके बाद नहर
िसंचाई मता म 2.5 गुना इजाफा आ है
िबजली
म दे श म िबजली उ ादन े म असाधारण सफलता िमली है िपछले बारह वष म िवद् ु यत उ ादन
4,500 मेगावाट से बढ़कर 17,169 मेगावाट हो चुका है दे श का सबसे बड़ा 130 मेगावाट का सौर ऊजा
संयं नीमच म थािपत हो चुका है
उ ोग
लघु, छोटे और मझोले उ ोगों को बढ़ावा दे ने के िलए एमएसएमई िवभाग की थापना की गई है रा
सरकार की एमएसएमई नीित के अमलीकरण के िलए उ ोग आधा रत ापन के अंतगत 50,000 इकाइयों
का पंजीकरण िकया गया है ₹ 5 हजार करोड़ के िनवेश से थािपत उन इकाइयों म 2 लाख से अिधक
लोगों को रोजगार िमला है
आनंद िवभाग
लोगों को स और आनंदमय जीवन जीने के िलए उिचत वातावरण तैयार करने के यास म मदद के िलए
सरकार ने आनंद िवभाग की थापना की है भारत के ाचीन ान के आधार पर और साथ ही रा ीय
िवकास के संबंध म िविश अवयवों को सूचीब करने तथा हमारी नीितयों और कायकारी योजनाओं म
अ दे शों के अनुभवों के आधार पर रा ने स ता की अवधारणा को तय करने का िनणय िलया है
प रवहन
सड़क : म दे श म सड़कों की कुल लंबाई 58,423 िकलोमीटर है रा ीय राजमाग की लंबाई 4,709
िक.मी. और ां तीय राजमाग की लंबाई 10,501 िक.मी. है
रे लवे : उ र भारत को दि ण भारत से जोड़ने वाला मुख रे लमाग म दे श से होकर गुजरता है रा
म भोपाल, बीना, ािलयर, इं दौर, इटारसी, जबलपुर, कटनी, रतलाम और उ ैन मु जं न ह रे लवे
के े ीय मंडल मु ालय भोपाल, रतलाम और जबलपुर म ह
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ोहार
रा म कई ोहार और उ व मनाए जाते ह आिदवािसयों का एक मह पूण ोहार भगो रया है , जो
परं परागत हष ास से मनाया जाता है खजुराहो, भोजपुर, पचमढ़ी और उ ैन म िशवराि पव के दौरान
थानीय परं पराओं का रं ग िदखाई दे ता है िच कूट और ओरछा म रामनवमी पव के आयोजन की अनोखी
परं परा है ओरछा, मालवा और पचमढ़ी के उ वों म कला और सं ृ ित का बड़ा सुंदर मेल िदखाई दे ता
है ािलयर के तानसेन संगीत समारोह, मैहर के उ ाद अलाउ ीन खां संगीत समारोह, उ ैन के
कािलदास समारोह और खजुराहो के नृ समारोह म दे श के कुछ िस कला उ व ह
पयटन थल
अपनी म कालीन िवशेषताओं को सहे जकर रखे ए म दे श के शहर, ू ित भर दे ने वाले व जीव
अभयार , अतुलनीय ाकृितक सौंदय वाले थान और दे श के पिव तम तथा मह पूण तीथ इस रा म
पयटकों के आकषण के क ह पचमढ़ी का अद् ु भत सौंदय, भेड़ाघाट की चमचमाती संगमरमरी च ान
और जल पातों का शोर, का ा रा ीय उ ान, जहां अनूठे बारहिसंगे रहते ह, बां धवगढ़ रा ीय उ ान जहां
ागैितहािसक गुफाएं और व जीव ह—ये सब रा के मुख आकषण ह ािलयर, मां डू, दितया, चंदेरी,
जबलपुर, ओरछा, रायसेन, सां ची, िविदशा, उदयिग र, भीमबेटका, इं दौर और भोपाल ऐितहािसक मह के
थल ह माहे र, ओंकारे र, उ ैन, िच कूट और अमरकंटक ऐसे थान ह जहां आकर तीथयाि यों के
मन को शां ित िमलती है खजुराहो के मंिदर िव म अनूठे ह इसके अलावा, ओरछा, भोजपुर और
उदयपुर के मंिदर इितहास म िच रखने वाले लोगों और ालुओं को आकिषत करते ह सतना, सां ची,
िविदशा, ािलयर, इं दौर, मंदसौर, उ ैन, राजगढ़, भोपाल, जबलपुर, रीवां और अ अनेक थानों के
सं हालयों म पुरात ीय मह के भंडारों को संरि त रखा गया है माहे र, ओंकारे र तथा अमरकंटक
को उनके धािमक मह के अनुसार सम िवकास के िलए पिव शहर घोिषत िकया गया है
वेबसाइट: www.mp.gov.in

सरकार

महारा

इितहास और भूगोल
महारा के थम िस शासक सातवाहन (ई.पू. 230 से 225 ई.) थे जोिक महारा के सं थापक थे
उ ोंने अपने पीछे ब त से सािह क, कला क तथा पुराता क माण छोड़े ह इसके बाद वाकाटक
आए, िज ोंने सव-भारतीय सा ा की थापना की उनके शासनकाल म महारा म िश ा, कला तथा
धम सभी िदशाओं म िवकास आ उनके शासन के दौरान ही अजंता की गुफाओं म उ कोिट के
िभि िच बनाए गए वाकाटकों के बाद कुछ समय के िलए कलचुरी वंश ने शासन िकया और िफर चालु
स ा म आए इसके बाद तटवत इलाकों म िशलाहारों के अलावा महारा पर रा कूट तथा यादव शासकों
का िनयं ण रहा यादवों ने मराठी को शासन की भाषा बनाया और दि ण के एक बड़े भाग पर अपना
आिधप कायम िकया
हालां िक बहमनी शासकों ने महारा तथा इसकी सं ृ ित को कुछ हद तक सम त िकया, पर िशवाजी
के कुशल नेतृ म महारा का सवागीण िवकास आ और यह एक अलग पहचान के साथ उभरकर सामने
आया िशवाजी ने राज तथा रा ीयता की एक नई भावना पैदा की उनकी चंड श ने मुगलों को
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भारत के इस भाग म आगे नहीं बढ़ने िदया पेशवाओं ने दि ण के पठार से लेकर पंजाब पर हमला
बोलकर मराठाओं का आिधप थािपत िकया
तं ता सं ाम म महारा सबसे आगे था भारतीय रा ीय कां ेस का ज भी यहीं आ मुंबई तथा
महारा के अ शहरों के अनिगनत नेताओं ने पहले ितलक और बाद म महा ा गां धी के मागदशन म
कां ेस के आं दोलन को आगे बढ़ाया गां धीजी ने भी अपने आं दोलन का क महारा को बनाया था और
गां धी युग म रा वादी दे श की राजधानी सेवा ाम थी
दे श के रा ों के भाषायी पुनगठन के फल प मई 1960 को महारा रा का शासिनक ादु भाव
आ यह रा आसपास के मराठी भाषी े ों को िमलाकर बनाया गया, जोिक पहले चार अलग-अलग
शासनों के िनयं ण म थे इनम मूल ि िटश मुंबई ां त म शािमल दमन तथा गोवा के बीच का िजला,
है दराबाद के िनज़ाम की रयासत के पां च िजले, म ां त (म दे श) के दि ण के आठ िजले तथा
आसपास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रयासत शािमल थीं, जो समीपवत िजलों म िमल गई थीं महारा
ाय ीपीय भारत के उ र म बसा आ है और भौगोिलक ि से एक समान है यहां का मुंबई बंदरगाह
अरब सागर का मह पूण बंदरगाह है भौितक ि से यह रा मु तः पठारी है महारा पठारों का
पठार है इसके उठे ए पि मी िकनारे स ाि पहािड़यों का िनमाण करते ह और समु तट के समानां तर
ह तथा इसकी ढलान पूव तथा दि ण-पूव की ओर धीरे -धीरे बढ़ती है उ री भाग म सतपुड़ा की पहािड़यां
ह, जबिक अजंता तथा सतमाला पहािड़यां रा के म भाग से होकर जाती ह अरब सागर रा की
पि मी सीमा का हरी है , जबिक गुजरात और म दे श इसके उ र म ह रा की पूव सीमा पर
छ ीसगढ़ और तेलंगाना और कनाटक तथा आं दे श इसके दि ण म है
कृिष
महारा के लगभग 65 ितशत िमक कृिष तथा संबंिधत गितिविधयों पर िनभर ह यहां की मुख फसल
ह– धान, ार, बाजरा, गे ं , तूर, मूंग, उड़द, चना और अ दलहन यह रा ितलहनों का मुख
उ ादक है और मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन मुख ितलहनी फसल ह मह पूण नकदी फसल ह–
कपास, ग ा, ह ी और स यां
उ ोग
महारा को दे श का पावर हाउस माना जाता है और रा की राजधानी मुंबई दे श की िव ीय तथा
वािण क गितिविधयों का क है रा की अथ व था म औ ोिगक े का मह पूण थान है खा
उ ाद, ेवरीज, तंबाकू और इससे बनी चीज, सूती कपड़ा, कपड़े से बना सामान, कागज और इससे बनी
चीज, मु ण और काशन, रबड़, ा क, रसायन व रासायिनक उ ाद, मशीन, िबजली की मशीन, यं
व उपकरण तथा प रवहन उपकरण और उनके कलपुज आिद का रा के औ ोिगक उ ादन म
मह पूण योगदान है
प रवहन
सड़क : सड़कों की कुल लंबाई 2.43 लाख िक.मी. है , िजसम रा ीय राजमाग की लंबाई 4,376 िक.मी.,
ां तीय राजमाग की 34,157 िक.मी., मुख िजला सड़कों की 50,256 िक.मी., अ िजला सड़कों की लंबाई
46,817 िक.मी. और ामीण सड़कों की कुल लंबाई 1,06,601 िक.मी. है
रे लवे : महारा म 5,983 िक.मी. रे ल माग है जोिक दे श म कुल रे ल माग का 9.2 ितशत है
उ यन : रा म 3 अंतररा ीय तथा 5 घरे लू हवाईअ े ह मुंबई अंतररा ीय हवाईअ े पर भीड़ कम करने
के िलए नवी मुंबई म एक और हवाईअ े के िनमाण का ाव है
बंदरगाह : मुंबई मुख बंदरगाह है रा म दो बड़े और 48 छोटे अिधसूिचत बंदरगाह ह
पयटन थल
यहां के मह पूण पयटन क ह: अजंता, एलोरा, औरं गाबाद, एिलफटा, क े री और कारला गुफाएं ,
महाबले र, माथेरन और पंचगनी, जवाहर, मालशेजघाट, अंबोली, िचकलधारा और प ाला पवतीय थल
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पंढरपुर, नािसक, िशरडी, नां देड, औंधा नागनाथ, यंबके र, तुलजापुर, गणपितपुले, भीमशंकर, ह रहरे र,
शेगां व, को ापुर, जेजुरी तथा अंबजोगई िस धािमक थल ह
वेबसाइट : www.maharashtra.gov.in

सरकार

मिणपुर

इितहास और भूगोल
ईसा युग के ारं भ होने से पहले से ही मिणपुर का लंबा और शानदार इितहास है यहां के राजवंशों का
िल खत इितहास सन् 33 म नोगंडा लैरेन पखंगबा के रा ािभषेक के साथ शु होता है उसके बाद अनेक
राजाओं ने मिणपुर पर शासन िकया मिणपुर की तं ता और सं भुता 19वीं सदी के आरं भ तक बनी
रही उसके बाद सात वष (1819 से 1826 तक) बम लोगों ने यहां पर क ा करके शासन िकया 1897 म
मिणपुर ि िटश शासन के अधीन आ गया 1947 म इसे पुनः आज़ादी िमली और 1950 को यह एक मु
आयु के अधीन भारतीय संघ म भाग ‘सी’ के रा के प म िमला िदया गया 1950-51 के दौरान एक
सलाहकार के प म सरकार बनी बाद म 1957 म इसके थान पर एक ादे िशक प रषद् गिठत की गई
िजसम 30 चयिनत तथा 2 मनोनीत सद थे इसके बाद 1963 म क शािसत दे श अिधिनयम के अंतगत
30 चयिनत तथा 3 मनोनीत सद ों की एक िवधानसभा थािपत की गई िदसंबर 1969 से शासक का
दजा मु आयु से बढ़ाकर उपरा पाल कर िदया गया 1972 को मिणपुर को पूण रा का दजा िमला
और 60 िनवािचत सद ों वाली िवधानसभा गिठत की गई इसम से 19 अनुसूिचत जनजाित और 1
अनुसूिचत जाित के िलए आरि त है रा से लोकसभा म दो और रा सभा म एक ितिनिध है
मिणपुर भारत की पूव र सीमा पर थत है मिणपुर के पूव म उपरी ामां , उ र म नगालड, पि म म
असम का काचार िजला और दि ण म ामां की िचन पहािड़यों और िमज़ोरम से िघरा आ है मिणपुर की
सीमा रे खा कुल 854 िक.मी. है िजसम 352 िक.मी. पूव तथा दि ण पूव म ामां की अंतररा ीय सीमा रे खा
है भौगोिलक ि से यह अनोखी थित है , ोंिक यह भारत को दि ण पूव एिशया से िमलाता है यह
23.80° से 25.68° उ री अ ां श और 93.03° से 94.78° पूव दे शां तर के बीच थत है
रा का कुल े 22,327 वग िक.मी. है म भाग म एक छोटा अंडाकार मैदान है इं फाल घाटी के
नाम से जाना जाने वाला यह म भाग समु तल से लगभग 790 मीटर ऊपर है यह घाटी चारों ओर से
पहािड़यों से िघरी ई ह पहािड़यां रा के 9/10 िह े को घेरे ए ह पहािड़यां उ र म ऊंची है और
दि ण म कम होते होते समा हो जाती ह घाटीं भी दि ण की ओर ढल जाती है
कृिष
कृिष और संब गितिविधयां रा की अथ व था का मु आधार है 70 ितशत आबादी इस पर िनभर
करती है घाटी तथा पवत रा के दो मुख भौगोिलक े ह घाटी को चावल का कटोरा कहा जाता है
घाटी म उ किटबंधीय से उ -समशीतो जलवायु है पहािड़यों पर उ -समशीतो से समशीतो
जलवायु है , जहां पवतों की औसत ऊंचाई समु तल से 3,000 मीटर ऊपर की है रा म िविश तरह का
शीतकाल और गम, आ तथा बरसाती ी काल होता है िपछले 10 वष म रा म औसतन 1482.20
िम.मी. वषा ई जून, जुलाई तथा अग म सवािधक वषा होती है रा म कृिष का िवकास भी असमान
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है ोंिक यह बरसात पर िनभर करती है


वन
रा म 701 वग िक.मी. अ िधक घना, 5474 वग िक.मी. कम घना तथा 11,105 वग िकमी खुला वन े
है
िसंचाई
वष 1980 से रा म मझोली और बड़ी िसंचाई प रयोजनाएं शु की जा चुकी ह अभी तक 8 बड़ी और
म म िसंचाई एवं ब उ े शीय प रयोजनाएं शु की जा चुकी ह िजनम से 5 लोकटक िल िसंचाई
प रयोजना, खोपम बां ध प रयोजना, इं फाल बैराज प रयोजना, सेकमी बैराज प रयोजना और िसंगड़ा
ब उ े शीय प रयोजना पूरी कर ली गई है
वािण तथा उ ोग
हथकरघा उ ोग बड़ा और मह पूण कुटीर उ ोग है इससे बुनकरों की सामािजक-आिथक दशा सुधरती
है , आधुिनक मशीनी युग म भी इसकी उ ृ ता बरकरार है नेशनल कां उिसल ऑफ अ ाइड इकनॉिमक
रसच (एनसीएईआर) ारा कराई गई तीसरी बुनकरों और सहयोगी कामगारों की रा ीय हथकरघा
जनगणना 2010 के मुतािबक, मिणपुर बुनकर प रवार िह ेदारी म सबसे ऊपर है रा म कुल 218.753
हथकरघा कारीगर ह (िजसम 2,00,607 बुनकर और 18,146 िमक) जोिक दे श म चौथे थान पर है रा
म 1,90,634 हथकरघा ह िजसका दे श म तीसरा थान है और िजसम वष 2009-10 म सूत की खपत
1,86,703 िकलो ाम रही जोिक दे श म तीसरे थान पर है कुल हथकरघा िमकों म से लगभग 91 ितशत
को-ऑपरे िटव/मा र वीवस कॉप रे शन/केवीआईसी/िनजी े के मािलकों से अलग, तं प से काम
कर रहे ह इसिलए मिणपुर दे श के सव े चार ऐसे रा ों म से एक है , जो हथकरघा उ ोग को संव त
तथा पोिषत कर रा की जनसं ा के एक बड़े िह े के िलए रोज़गार पैदा कर रहा है
िबजली
मिणपुर रा की िवद् ु यत आपूित पूरी तरह पूव र े (एनईआर) म थत क ीय े के िवद् ु यत उ ादन
े शन पर िनभर है चूंिक रा म उ ादन े शन जल आधा रत ह इसिलए कम पानी की थित म
उ ादन घट जाता है और प रणाम प मिणपुर के िह े म भारी कमी आ जाती है
प रवहन
सड़क : चूंिक रा म कोई अंतदशीय जलमाग, रे लवे या रोपवे नहीं ह अतः सड़क प रवहन ही िवकास के
िलए एकमा संचार साधन है सारी िवकास गितिविधयां सड़क प रवहन सुिवधाओं पर िनभर ह तीन
रा ीय राजमाग सं ा 39, 53 तथा 150 रा के सभी िजलों को जोड़ते ह राजधानी इं फाल रा ीय राजमाग
39 ारा उ र म नगालड तथा पूव ामां से तथा एनएच 53 पि म म असम से तथा एनएच 150 दि ण म
िमज़ोरम से जोड़ता है
उ यन : इं फाल पूव र का दू सरा सबसे बड़ा हवाईअ ा है यह आईजॉल, गुवाहाटी, अगरतला और
दीमापुर, कोलकाता, पुणे, िसलचर, बंगलु तथा नई िद ी से वायु सेवा ारा जुड़ा है
रे लवे : 1990 म िजरीबम म रे ल का अंितम े शन हे ड खोले जाने के साथ ही रा दे श के रे ल मानिच पर
अंिकत हो गया यह इं फाल से 225 िक.मी. है इं फाल का िनकटवत रे ल का अंितम े शन िदमापुर
(नगालड) 215 िक.मी. है िजरीबम-तुपुल इं फाल रे लवे लाइन को रा ीय प रयोजना घोिषत िकया गया है
लाइन का िनमाण 2014 तक (तुपुल तक) पूरा होने का ल रखा गया है और इसे इं फाल तक 2016 म
बढ़ाया जाएगा
ोहार
मिणपुर म वषभर ोहार मनाए जाते ह शायद ही कोई महीना हो जब कोई ोहार न मनाया जाता हो
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ोहार मिणपुर िनवािसयों की सामािजक, सां ृ ितक तथा धािमक आकां ाओं के तीक ह रा के
मुख ोहार ह— लाई हारोबा, रास लीला, िचराओबा, िनंगोल चाक-कुबा, रथ या ा, ईद-उल-िफतर,
इमोइनुइराटपा, गान-नागाई, लुई-नगाई-नी, ईद-उल-जुहा, योशां ग (होली), दु गा पूजा, मेरा होचोंगबा,
िदवाली, कुट तथा ि समस आिद
पयटन थल
मिणपुर न केवल उ र पूव े का वेश ार है ब शौकीन पयटकों के िलए एक रोमां चक गंत भी
है ा द जलवायु तथा मनमोहक ाकृितक भू- ों से मिणपुर पयटकों को बार-बार आने के िलए
लुभाता है मु पयटन क — कां गला, ी ी गोिवंदाजी मंिदर, ारा ंद बाजार (इमा िकथेल), यु
ारक, शहीद मीनार, नूपी लेन ( यों का यु ) ारक प रसर, खोगंमप उ ान, आजाद िहं द सेना
(मोइरं ग) ारक, लोकटक झील, केइबुल लामजो रा ीय उ ान, सदरा, मोरह, िसरोय पहािड़यां , ू को
घाटी, रा सं हालय, कैना पयटक आवास, खों ोम यु ारक प रसर तथा भारत शां ित ारक (रे ड
िहल), इ ािद
वेबसाइट : www.manipur.gov.in

सरकार

मेघालय

इितहास और भूगोल
मेघालय का गठन असम के अंतगत 2 अ ैल, 1970 को एक ाय शासी रा के प म िकया गया एक
पूण रा के प म मेघालय 21 जनवरी, 1972 को अ म आया इसकी उ री और पूव सीमाएं
असम से और दि णी तथा पि मी सीमाएं बां ादे श से िमलती ह मेघालय, िजसका शा क अथ है –
‘मेघों का आलय’ यानी बादलों का घर, मूलतः एक पहाड़ी रा है यहां मु तः खासी, जयंितया और गारो
आिदवासी समुदाय के लोग रहते ह मेघालय के म और पूव भाग, िजसम खासी और जयंितया पहािड़यां
ह, िवशाल पठारी े है इस इलाके म िव ृत मैदान, पहािड़यां और नदी-घािटयां ह इस पठार के दि णी
इलाके म गहरे ख तथा खड़ी ढलान ह और पहाड़ की तलहटी पर समतल भूिम की संकरी प ी बां ादे श
की अंतररा ीय सीमा के साथ लगी है
कृिष
मेघालय बुिनयादी तौर पर कृिष धान रा है यहां की लगभग 81 ितशत जनसं ा आजीिवका के िलए
मु प से खेती-बाड़ी पर िनभर है यहां की िम ी और जलवायु बागवानी के अनुकूल होने के कारण
बागवानी के िवकास की यहां काफी मता है शीतो , उपो और उ किटबंधीय फलों और स यों
के उ ादन की भी यहां अ ी संभावनाएं ह चावल और म ा यहां की मु फसल ह इनके अित र
मेघालय अपने संतरे (खासी मडे रयन), अनानास, केला, कटहल और आलूबुखारा, नाशपाती तथा आडू जैसे
शीतो फलों के िलए िस है नकदी फसलों तथा चिलत व परं परागत ढं ग से उगाई जाने वाली फसलों
म आलू, ह ी, अदरक, काली िमच, सुपारी, पान, टै िपयोका, छोटे रे शे वाली कपास, पटसन और मे ा,
सरसों और तो रया शािमल ह इस समय गैर-परं परागत फसलों जैसे ितलहनों (मूंगफली, सोयाबीन और
सूरजमुखी), काजू, ॉबेरी, चाय और कॉफी, मश म, जड़ी-बूिटयों, आिकड और ावसाियक ि से
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उगाई जाने वाले फूलों की खेती पर िवशेष ान िदया जा रहा है


वन
रा म कुल 9,49,56,000 हे े यर वन े है िजसम आरि त, सुरि त, रा ीय उ ान और ेणीहीन उ ान
आते ह मु व उ ादन ह- लकड़ी, बां स, ईख, झाड़ू की डं डी, बत, औषधीय जड़ी-बूिटयां और पौधे,
इलायची और छ र घास अजालीस तथा बु ं श से खासी तथा जयंितयां पहािड़यां भरे ए होते ह इन
जंगलों म कई खूबसूरत ऑिकड़ भी पाए जाते ह जयंितयां पहािड़यों म कीट-पतंगों को खाने वाले अनोखे
िपचर पौधे भी िमलते ह यह बोटे िनकल अजूबे ह ऐसा कहा जाता है िक ऐसे पौधे दु िनया म और कहीं नहीं
िमलते जंगली साइटरस और बौना िलली जैसे दु लभ और रोचक पौधे भी यहां िमलते ह
व जीव
मेघालय का व जीवन ब त ही समृ है यहां पर हाथी, भालू, बाघ, जंगली सुअर, तदु ए, गो न
िब यां , तदु आ, िब यां , जंगली िब यां , िविभ कार के िहरण, िब ु रागस, ोलो रस, िविभ कार
के बंदर, सुनहरी लंगूर और लाक, उड़ने वाली िगलहरी तथा िवशालकाय िगलह रयां पाई जाती ह यहां
पर ब त ही िदलच और दु लभ जाित के प ी भी पाए जाते ह, जैसे- हॉनिबल, तीतर, टील, ाइप, हं स,
बतख और कोयल इन सब की र ा के िलए कानून बनाए गए ह रा म दो रा ीय उ ान ह; नोकरे क
और बालपकरम, और दो व जीव अभयार ह- नोंगखाइलम और सीजू
उ ोग
रा म सबसे मह पूण कृिष रिहत उ ोग सीमट है चूना प र की ब तायत के कारण यहां अनेक सीमट
ां ट सि य ह इसके अलावा, सेवा उ ोग, बेकरी, फन चर िनमाण, लौह एवं इ ात िनमाण, टायर
पुनिनमाण आिद लघु उ ोग भी लगातार बढ़ रहे ह मेघालय उ ोग िवकास संगठन छोटे उ िमयों से
पंजीकरण करने हे तु ो ािहत करता है तािक वह िव ीय एवं लाभां श सहभािगता के आधार पर छोटे एवं
लघु े ों म उ ोग को िमलने वाले सहयोग और िश ण का लाभ उठा सक
रोचक थल
मेघालय म अनेक रमणीक पयटन थल ह राजधानी िशलां ग म अनेक खूबसूरत थल ह वाड झील, फान
नोंगलेत पाक, उ रीय पोलो मैदान, एिलफट फा और शहर की ओर दे खती िशलां ग पहािड़यों मुख
ह उिमयम िशलां ग से 17 िकमी की दू री पर थत है और रा म मुख पयटन थल के तौर पर पहचान
बना रहा है इसी तरह िशलां ग चोटी शहर से 10 िकमी की दू री पर थत है और समु तट से यह 1960
मीटर की ऊंचाई पर थत है िशलां ग चोटी समु तट से 1960 मीटर की ऊंचाई पर थत आदश
िपकिनक थल है और यह शहर से 10 िकमी की दू री पर थत है भारी वषापात के िलए िस सोहरा
िशलां ग से 56 िकमी पर थत है इसी तरह िशलां ग के दि ण-पि म म थत मॉिस म िशलां ग-माफलां ग
माग के एक ओर थत है यहां सोहरा िजतनी ही वषा होती है ज े म जाना-माना हे रजॉट है जहां
स र जल के ोत ह माना जाता है िक यहां से िनकलने वाले जल म औषधीय त होते ह यह िशलां ग
से 64 िकमी दू र है रानीकोर िशलां ग से 140 िकमी दू र है यह थान रमणीक सौंदय से आ ािदत है
दावकी की दू री िशलां ग से 96 िकमी है यह बेहद सुंदर िपकिनक ॉट है जहां जल धाराएं और गहरे
पानी के ोत ह इसके एक ओर खासी की पहािड़यां ह और दू सरी ओर बां ादे श पड़ता है
प रवहन
सड़क : मेघालय से छह रा ीय राजमाग (कुल 606 िकलोमीटर) गुजरते ह रा म 9,350 िक.मी. लंबे माग
ह ेक 100 वग िक.मी. माग घन 41.69 िकमी है
उ यन : रा म एकमा हवाईअ ा उमरोई म है , जो िशलां ग से 35 िकलोमीटर दू र है
ाकृितक िवशेषताएं
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मेघालय के म और पूव िह े म पड़ने वाली खासी और जयंितयां पहािड़यां घास के मैदान, चोिटयों और
नदी-घािटयों के लुभावने पठार ह पठारों के दि णी िह े म गहरी घािटयां और ऊंची-नीची जमीन है इस
ऊबड़-खाबड़ जमीन के अंत म संकरी मैदानी प ी है जो बां ादे श की अंतररा ीय सीमा तक प ं चती है
मेघालय के पि मी िह े म गारो पहािड़यां अपे ाकृत छोटी ह गारो पहािड़यों का सबसे ऊपरी िह ा
ऊंचाई म 450 मीटर से 600 मीटर तक है और उ र म यह सीधा पु घाटी म और दि ण म बां ादे श
के मैदानों म उतरती ह पि मी मेघालय की सबसे ऊंची चोटी, तूरा नगर के पूव म थत 1412 मीटर ऊंची
नोकरे क चोटी है
इस पहाड़ी रा म कई निदयां ह, लेिकन इनम से िकसी म भी नाव नहीं चलाई जा सकती गारो
पहािड़यों म मंदा, दाम रं ग और जंजीराम निदयां उ र की ओर बहती ह जबिक गेनल पि मी िदशा की ओर
बहती है दि ण को बहने वाली िसमसां ग है , जोिक गारो पहािड़यों और भोगाई की सबसे बड़ी नदी है
वेबसाइट : www.meghalaya.gov.in

सरकार

िमज़ोरम

इितहास और भूगोल
िमज़ोरम पवतीय दे श है फरवरी 1987 म यह भारत का 23वां रा बना 1972 म क शािसत दे श
बनने से पहले तक यह असम का एक िजला था 1891 म ि िटश क े म जाने के बाद कुछ वष तक उ र
का लुशाई पवतीय े असम के और आधा दि णी भाग बंगाल के अधीन रहा 1898 म दोनों को िमलाकर
एक िजला बना िदया गया िजसका नाम पड़ा– लुशाई िह िजला और यह असम के मु आयु के
शासन म आ गया 1972 म पूव र े पुनगठन अिधिनयम लागू होने पर िमज़ोरम क शािसत दे श बन
गया भारत सरकार और िमजो नेशनल ं ट के बीच 1986 म ए ऐितहािसक समझौते के फल प 20
फरवरी, 1987 को इसे पूण रा का दजा िदया गया पूव और दि ण म ामां और पि म म बां ादे श के
बीच थत होने के कारण भारत के पूव र कोने म िमज़ोरम साम रक ि से अ िधक मह पूण रा है
रा म ाकृितक सौंदय िबखरा पड़ा है तथा इस े म कृित की िविभ छटाएं दे खने को िमलती ह यह
े िविभ जाितयों के ािणयों तथा वन ितयों से संप है
19वीं शता ी म यहां ि िटश िमशन रयों का भाव फैल गया और इस समय तो अिधकां श िमजो लोग
ईसाई धम को ही मानते ह िमज़ो भाषा की अपनी कोई िलिप नहीं है िमशन रयों ने िमजो भाषा और
औपचा रक िश ा के िलए रोमन िलिप को अपनाया
कृिष
िमज़ोरम के 60 ितशत लोग कृिष तथा संब गितिविधयों म लगे ह कृिष की मु णाली झूम या
थानां त रत कृिष है कुल े का 21 ितशत धान/मौसमी फसलों वाला े है लगभग 63 ितशत पर
झूम खेती होती है िवनाशक और अनु ादक झूम खेती को बदलने के िलए रा सरकार ने नई भूिम
उपयोग नीित लागू की है , जो सभी िजलों को कवर करती है झूम खेती े 2014-15 के अंतगत घटकर
20,000 हे े यर रह गया है जो िक 11वीं योजना म 44,947 हे े यर था यह कमी 55.36 ितशत की रही
झूम खेती म यह कमी एमएलयूपी, ना रयल तेल िवकास काय म, ग ा खेती काय म, आरकेवीई एवं
आरएडी को अमल म लाए जाने के कारण आई है
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बागवानी
अनुमािनत 21 लाख हे े यर भूिम म से 6.30 लाख हे े यर भूिम बागवानी के िलए उपल है बागवानी की
मु फसल फल ह इनम मैिड रयन संतरा, केला, सादे फल, अंगूर, हटकोरा, अ ानास और पपीता आिद
शािमल ह इसके अलावा यहां एं थु रयम, बड आफ पेराडाइज, आिकड, िचरासेिथंमम, गुलाब तथा अ
कई मौसमी फूलों की खेती होती है मसालों म अदरक, ह ी, काली िमच और िचिड़या की आं ख वाली
िमच भी उगाई जाती ह इजराइल की मेसस अग स (ए ी ोजे स) के साथ िचती म ब उ े शीय पैिकंग
हाउस थािपत िकया गया है
पु ो ादन िमज़ोरम म फलता-फूलता पेशा है ौ ोिगकी िमशन काय म के अंतगत 2002 म
एं थू रयम की खेती शु की आज िमज़ोरम एं थू रयम कट फूल दे श के अ रा ों और िवदे शों म िनयात
हो रहा है 2006 म हाईटे क ीन हाउस के तहत गुलाब की ापा रक खेती शु की गई अब लगभग
10,000 गुलाब के फूल रोज़ाना उगाए जा रहे ह
वन
िमज़ोरम दे श म सबसे अिधक घने वन े ों म से एक है इं िडया े ट ऑफ फॉरे रपोट-2015 के
अनुसार रा का 91.47 ितशत े वनों से ढका है किटबंधीय अध सदाबहार, किटबंधीय नम पणपाती,
उपकिटबंधीय वृहदपण िहल एवं उपकिटबंधीय चीड़ वृ यहां आमतौर पर पाए जाते ह यहां के 31
ितशत (6,446 वग िक.मी.) े म बां स की ब तायत होती है रा म बां स की 35 िक पाई जाती ह
िजनम 77 ितशत म मेलोकना बेिसफेरा (मॉतक) िक के बां स पाए जाते ह
झूम की खेती ाचीन परं परा थी और यह वन े के िलए नुकसानदे ह होती थी रा म सरकार की
नवीन भूिम उपयोग नीित के तहत हाल के दशकों म इस म कमी आई है ितवष वनरोपण और उनके
रखरखाव संबंधी गितिविधयों के चलते लोकि य एवं असरकारी ीन िमज़ोरम काय म चल रहा है रा ीय
वनरोपण काय म के अंतगत 4,700 हे े यर वनरोपण िकया गया है
िसंचाई
रा की पहाड़ी कृित के चलते सभी िसंचाई प रयोजनाएं लघु प रयोजनाएं ह िमज़ोरम रमोट सिसंग
ए ीकेशन सटर के अनुसार कुल वेट राइस क ीवेशन े अनुमािनत 74,644 हे े यर है अब तक
18,223 हे े यर कमां ड ए रया से 439 लघु प रयोजनाएं पूरी हो चुकी ह जो 1,559 हे े यर े कवर करती
ह 2016-17 के दौरान 1,117.90 हे े यर े कवर करने के िलए 25 नई लघु प रयोजनाएं शु की जाएं गी
िजससे 1,656 हे े यर िसंचाई मता का िवकास होगा ािवत प रयोजना से रा भर म 791 िकसानों
को लाभ प ं चेगा
उ ोग
अपनी थलाकृित तथा भौगोिलक थित और कम िवकिसत ढां चा तथा प रवहन सम ाओं के कारण
औ ोिगक िवकास धीमा है हालां िक ामां और बां ादे श के साथ सीमा ापार खुलने और भारत
सरकार की ‘लुक ए ई पॉिलसी’ तथा रा म शां ित के चलते भिव म औ ोगीकरण की र ार तेज
होने के आसार ह
रा के सामािजक-आिथक िवकास म लघु उ ोग का िवशेष थान है ामीण े ों म उ ोगों को
संवधन दे ने के उ े से रा सरकार 35 िश कों के साथ एक े ीय औ ोिगक िवकास िनगम और दो
सामा सुिवधा क चला रही है
चाय की वै ािनक तरीके से खेती आरं भ की गई है िनयातो ुखी औ ोिगक इकाइयों ( ईओयूज) की
थापना को बढ़ावा दे ने के िलए एपरे ल िश ण तथा िडजाइन क तथा र ों की कटाई तथा पॉिलश करने
की इकाइयां लगाने की योजना है कुटीर उ ोगों म हथकरघा तथा ह िश को उ ाथिमकता दी
जाती है तथा ये दोनों े िमज़ोरम तथा इसके पड़ोसी रा ों— मेघालय तथा नगालड म उपभो ाओं की
मां ग को पूरा करने के िलए फल-फूल रहे ह
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िबजली
भारत के 18व ऊजा सव ण के अनुसार, िमज़ोरम की कुल िबजली आव कता 201 मेगावाट है और उसे
103.09 मेगावाट ऊजा आवंिटत (आमतौर पर वा िवक समय म ऊजा ा ता 60 मेगावाट रहती है ) होती
है ित िबजली खपत 280 िकलोवाट है वतमान ज रत 102 मेगावाट है परं तु रा 29.35 मेगावाट
उ ादन े शनों से केवल 15 मेगावाट ऊजा ही बना पाता है एनईईपीसीओ, एनएचपीसी, एनटीपीसी जैसी
क ीय इकाइयों के रं गनदी थत लोकटक जैसे िविभ ोतों से शेष आव कता हे तु ऊजा आयात की
जाती है
प रवहन
सड़क : सड़क रा के भीतर, रा से बाहर तथा अंतररा ीय सीमाओं के पार संचार, प रवहन, याि यों
और सामान ढोने का साधन ह रा म सड़कों की कुल लंबाई 6,349.60 िक.मी. है और सड़क घन
3,00,012 िक.मी. ित 100 वग िक.मी. है 6 रा ीय राजमाग रा से गुजरते ह एनएच-54 आईजॉल को
िस चर के ज रये बाकी दे श से जोड़ता है आईजॉल अब िशलां ग और गुवाहाटी से भी जुड़ा है
रे ल : असम सीमा के पास बैराबी म ॉड गेज रे ल िलंक थािपत की गई है
उ यन : लगपुई हवाईअ े तक कोलकाता, इं फाल और गुवाहाटी से उड़ान प ं चती ह आइज़ॉल को
लगलेई, ां गतलाई, सेहा, चां ते, सेरिछप, च फाई, कोलािसब, ाजोल, मिमत और नािथयल तक
आं त रक हे िलकॉ र सेवा भी जोड़ती है
ोहार
िमज़ो लोग मूलतः िकसान ह अतः उनकी तमाम गितिविधयां तथा ोहार भी झूम खेती से ही जुड़े ह
ोहार के िलए िमज़ो श ‘कुट’ है िमज़ो लोगों के िविभ ोहारो म से आजकल केवल तीन मु
ोहार ‘चपचार कुट’ ‘िमम कुट’ और ‘थालफवां गकुट’ मनाए जाते ह
पयटन थल
िमज़ोरम चुर वान ितक ावली और मधुर जलवायु वाला े है समु तल से लगभग 3,715 फुट की
ऊंचाई पर थत पवतीय नगर आईजॉल, िमज़ोरम का धािमक और सां ृ ितक क है ामां की सीमा के
िनकट चंफाई एक सुंदर पयटन थल है तामिदल एक ाकृितक झील है जहां मनोहरी वन ह यह
आइजॉल से 76 िकलोमीटर और पयटक थल सैतुअल से 10 िकलोमीटर की दू री पर है वानतां ग
जल पात िमज़ोरम म सबसे ऊंचा और अित सुंदर जल पात है यह थेनज़ोल क े से पां च िकलोमीटर दू र
है जो हथकरघा का मुख े है फां गपुई इस रा की सबसे ऊंची चोटी है यह 2157 मीटर की ऊंचाई
पर थत है और पवतारोिहयों के िलए बड़ा आकषण है आइजॉल से 30 िकमी की दू री पर राईक चोटी भी
है पुराने िमजो गां व की तज पर ही आइजॉल से 24 िकमी दू र फाक्आइन म एक गां व थािपत िकया गया
है ह्ु मईफां ग तलां ग और िकयालसुक तलां ग आइजॉल से मशः 50 और 66 िकमी दू र ह और मुख
पयटन आकषण ह पयटन िवभाग ने रा म सभी बड़े क ों म पयटक आवास गृह तथा अ क ों म
राजमाग रे रां तथा या ी सरायों का िनमाण िकया है जोबौक के िनकट िजला पाक म अ ाइन िपकिनक
हट तथा बेरो ितिलंग म मनोरं जन क भी बनाए गए ह रे इक ां ग म िमज़ो गां व, आधुिनक िमज़ो गां व और
रजॉट बनाए गए ह
वेबसाइट: www.mizoram.gov.in

सरकार
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नगालड

इितहास और भूगोल
नगालड 1963 को भारतीय संघ का 16वां रा बना यह रा पूव म ामां , उ र म अ णाचल दे श,
पि म म असम और दि ण म मिणपुर से िघरा आ है यह पूव म 98° तथा 96° दे शां तर तथा भूम रे खा
के उ र म 26.6° तथा 27.4° अ ां श के बीच बसा आ है
नगा लोग भारतीय-मंगोल वग के लोगों म से ह, जो भारत की उ र-पूव पहािड़यों से सटे े ों और
पि मी ामां के ऊपरी भाग म रहते ह नगालड की मुख जनजाितयां ह: अंगामी, आओ, चाखेसां ग, चां ग,
खआमनीउं गन, कुकी, को ाक, कचारी लोथा, फौम, पोचुरी, र ा, संगताम, सुमी, ियमचुंग और
ज़ेिलआं ग नगा भाषा एक जनजाित से दू सरी जनजाित और कभी-कभी तो एक गां व से दू सरे गां व म भी
अलग हो जाती है तथािप इ ित त-बमा भाषा प रवार म वग कृत िकया गया है
बारहवीं-तेरहवीं शता ी म इन लोगों का आज के असम के अहोम लोगों से धीरे -धीरे संपक आ,
लेिकन इससे इन लोगों के रहन-सहन पर कोई िवशेष भाव नहीं पड़ा लेिकन उ ीसवीं शता ी म अं ेजों
के आगमन पर यह े ि िटश शासन के अधीन आ गया तं ता के प ात् 1957 म यह े
क शािसत दे श बन गया और असम के रा पाल ारा इसका शासन दे खा जाने लगा यह नगा िह
तुएनसां ग े कहलाया यह जनता की आकां ाओं पर खरा नहीं उतरा और असंतोष पनपने लगा अतः
1961 म इसका नाम बदलकर ‘नगालड’ रखा गया और इसे भारतीय संघ के रा का दजा िदया गया,
िजसका िविधवत उद् घाटन िदसंबर 1963 को आ
कृिष
नगालड मूलतः कृिष की भूिम है लगभग 70 ितशत जनता कृिष पर िनभर है रा म कृिष े का
मह पूण योगदान है चावल यहां का मु भोजन है कुल े के 70 ितशत म धान की खेती होती है
और रा के कुल खा ा उ ादन का 75 ितशत चावल है यहां मु तः ‘ ेश’ और ‘बन’ खेती चिलत
है , िजसे थानीय तौर पर झूम के नाम से जाना जाता है कुल कृिष े 7,21,924 हे े यर है
वन
कुल 16,579 वग िकलोमीटर भूिम े म से करीब 8,62,9.30 हे े यर े म वन ह पेरेन िजले म इं तंकी
रा ीय उ ान, तुएनसां ग िजले म फािकम, दीमापुर िजले म रं गापहाड़ और मोन िजले म िसंघफैन व जीव
अभयारणय तथा दीमापुर िजले म ाणी उ ान है
िबजली
रा म छोटी जल िवद् ु यत प रयोजनाओं की कुल थािपत मता मा 27.84 मेगावाट है जबिक मां ग 95
मेगावाट है अिधकतर िबजली क ीय िबजली आवंटन े से िमलती है
िसंचाई
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रा िसंचाई प रयोजनाओं का िनमाण कर रहा है तािक मु तः पहाड़ी झरनों की धारा मोड़कर घाटी म
धान की खेती की िसंचाई म काम आए और 82,150 हे े यर े की िसंचाई हो सके
प रवहन
दीमापुर दे श से हवाई और रे ल यातायात से जुड़ा है रा ीय राजमाग 39 दीमापुर से वाया कोिहमा मिणपुर
तक जाता है एनएच 39 शी ही सरकार की ‘लुक ई पॉिलसी’ के तहत अंतररा ीय माग बनने वाला है
शेष रा केवल सड़कों से ही जुड़ा आ है , िजनकी कुल लंबाई 24,709 िकलोमीटर है इसम रा ीय
राजमाग 61 तथा रा राजमाग भी शािमल ह रा सभी िजला मु ालयों म डाक सेवाओं, टे लीफोन और
मोबाइल सेवाओं से जुड़ा आ है
पयटन
ितबंिधत े परिमट (आरएपी) म ढील दे ने से रा म अंतररा ीय पयटकों का आना-जाना शु हो गया
है , अतः यहां दे शी-िवदे शी पयटक ितवष बड़ी सं ा म आते ह
पयटन िवभाग ितवष िदसंबर माह के थम स ाह म ‘हॉनिबल’ उ व आयोिजत करता है , िजसम
रा की सभी जनजाितयां एक जगह आकर उ व मनाती ह और अपनी पारं प रक व ुओ,ं खा पदाथ
और िश गत चीजों का दशन करती तथा बेचती ह तीन पारं प रक उ वों—कोिहमा िजले के तोउफेमा
म सेकरे ो (फरवरी); लोंगलग उपमंडल के पोंगो म मो ू (अ ैल) तथा मोकोकचुंग िजले के चुचुियमलां ग
म मोआ ु (मई) की उ व गंत ों के प म पहचान की गई है
संगीत और नृ नगा जनजीवन के मूलभूत अंग ह वीरता, सुंदरता, ेम और उदारता का गुणगान करने
वाले लोकगीत और लोकगाथाएं पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही ह इसी तरह नृ हर उ व का मह पूण
िह ा है हर ोहार पर दावत, नाच-गाना और उ ास होता है िविभ आिदवासी समूह तथा उनके
ोहार ह:- अंगामी-सेकरे ी, चाखेसां ग-सु ु े तथा ुखे े, चां ग-नाक ुलेम, खयाि युंगन- ोकुम,
कुकी-िममकुट, को क-आओिलयां ग मो ु, कचारी-बुशु, लोथा-तोखू, फोम-मो ु, पोचुरी-येमशी, रे ा-
नगदा, सुमी-तुलनी, संगतम-एमोंगमोंग, ियमचं -िमितिम ो, ज़ेिलयां ग-िमिलंगी/हे गा ल ं गी/चेगागड़ी
आिद
उ ोग
‘उ मी वष 2010’ के अंतगत, नगालड के सभी 11 िजलों म उ मी जाग कता काय म चलाये गए रा
ने 17 िसटोनेला दशन फाम (िजसे आिथक संयं कहा जाता है ) थािपत िकए ह ये रा भर म थािपत
िकये गए ह नगालड हथकरघा तथा ह िश िवकास िनगम िलिमटे ड, दीमापुर रा के ािम वाला
िनगम संगठन है , िजस पर रा म हथकरघा तथा ह िश उ ादों के संवधन तथा िवपणन का दािय
है गणेशनगर, दीमापुर म एक औ ोिगक िवकास क थािपत िकया गया है तािक उ िमयों तथा िशि त
बेरोज़गार युवाओं को उ ोगों के संवधन दे ने हे तु ो ािहत िकया जा सके
वेबसाइट : www.nagaland.gov.in

सरकार

ओिडशा
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इितहास और भूगोल
ओिडशा का इितहास ाचीन काल तक फैला है जब इसे किलंग, उ ल और ओ ा नामों से जाना जाता
था महावीर और बु के समय म समूचे पूव तट पर किलंग े की पहचान और िस थी ाचीन काल
म मौय स ाट अशोक ारा किलंग पर हमला अि तीय घटना थी िजसके ापक असर रहे थे किलंग पर
िवजय ा कर ली गई थी परं तु िवजय ने स ाट का दय प रवतन कर िदया था स ाट अशोक के इस
दय प रवतन ने न केवल भारतीय ब समूचे एिशया के धािमक और सां ृ ितक इितहास की िदशा को
बदल डाला था ओिडशा के इितहास का अगला िणम काल महामेघवाहन खारवेल के शासनकाल को
कहा जाता है िज ोंने दू सरी सदी ईसवी के पूवा म यहां शासन िकया किलंग पर खारवेल का शासन
उ र म गंगा नदी तक और दि ण म गोदावरी तक फैला था इसी तरह परवत राजवंशों म शैलो ाबस,
भौमकरा, सोमवंिशयों और गंगों ने न केवल महान सा ा ों की थापना की, ब वह कला, सािह और
सं ृ ित के संर क और ो ाहक भी थे कोणाक के िव िस सूय मंिदर की थापना तेरहवीं सदी म
नरिसंह दे व के राज म ई थी और पुरी का िस जग ाथ मंिदर बारहवीं सदी म अनंगभीम दे व के
शासनकाल म बना तथा भुवने र का िलंगराज मंिदर ारहवीं सदी के जजाित ि तीय ने बनवाया था
सोलहवीं सदी के म से 1592 तक ओिडशा पर तब पां च मु म शासकों का भी राज रहा, जब अकबर ने
इसे मुगल सा ा का िह ा बना िलया था मुगल सा ा के पतन के साथ ओिडशा पर मराठों का
क ा हो गया और 1803 म इस पर अं ेजों का राज थािपत आ
आधुिनक ओिडशा की नींव 1936 म पड़ी थी भगवान जग ाथ की यह भूिम बंगाल की खाड़ी से लगती
है और इसके उ र-पूव म पि म बंगाल, उ र म झारखंड, पि म म छ ीसगढ़ और तेलंगाना तथा दि ण म
आं दे श है इसका िविवध भू तटवत मैदानों, पहाड़ी दर , पठारों, स नदी घािटयों और झरनों,
जल ोत, झीलों तथा िविवध पी जंगलों से अटा है
कृिष
कृिष रा की अथ व था की रीढ़ है नेशनल सै ल सव ऑगनाइजेशन (एनएसएसओ) के 2012-13 के
सव ण के अनुसार 2002-03 के सव णों की अपे ा कृिष से आय दोगुनी हो चुकी है रा सरकार ने
भावी िव ार और उ ादन मता, फसल कटाई उपरां त के समाधान, असरकारी मू संवधन और
लाभकारी बाजार िवक ों के आधार पर थायी कृिष नीितयों के चलते िकसानों की आमदनी बढ़ाने के
यासों पर जोर िदया है
रा सरकार ने ‘बीजू कृषक क ाण योजना’ के अंतगत कृिष समुदाय के 1 लाख से 5 लाख सद ों
को ा सेवा दी गई है रा दे श भर म शकरक ी का सबसे बड़ा उ ादक है और समूचे दे श के
उ ाद का 30 ितशत यहां से आता है काजू उ ाद म भी रा दे श म तीसरे थान पर है आम की
कलम बां धने म भी ओिडशा अ णी है और इस े म उ ादन 23.85 लाख से बढ़कर 54.56 लाख तक
प ं च गया है िपछले पां च वष म 85200 एमटी वाले 19 नए को ोर थािपत िकए गए ह 2018-19 के
दौरान टमाटर, ाज और आलू के उ ाद, संसाधन और िवपणन को बढ़ावा दे ने के िलए एक िवशेष योजना
भी तैयार की गई है
िसंचाई
ओिडशा मूलतः कृिष आधा रत अथ व था है यहां जोती जाने वाली भूिम लगभग 87.46 लाख हे े यर है
िजसम से 18.79 लाख पर िसंचाई होती है मौसम कई तरह की फसलों के िलए लाभकारी रहता है िजसम
मुख ह चावल, दाल, ितलहन, पटसन, ग ा, ना रयल और ह ी रा सरकार ने िकसानों की िसंचाई
ज रतों को दे खते ए मेगा िल इ रगेशन प रयोजना, डीप बोर वेल, िनमाण काय म और चेक डै म
िनमाण योजनाओं की शु आत की है इसका ल 2019 के अंत तक अित र 10 लाख हे े यर िसंचाई
यो भूिम को जोड़ना है अपर इं ावती िल नहर व था म पावती िग र मेगा िल इ रगेशन वक के
अंतगत 171 मेगा िल योजनाओं को जोड़ा गया है
उ ोग
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रा म अिधकां श बड़े उ ोग खिनज आधा रत ह, जबिक यहां दे श के लौह अय का 25 ितशत रजव


है हािलया वष म रा को औ ोिगक े म भारी िवदे शी िनवेश ा आ है ओिडशा का दे श म
वसाय करने म आसानी की सूची म अ णी थान है और दे श म िनमाण संबंिधत िनवेश आकिषत करने म
इसका थान पहले तीन म है दे श म औ ोिगक प रयोजनाओं को अमल म लाने म भी रा सबसे अ णी
रा ों म से एक है थायी औ ोिगक िवकास, नवीकरण को ो ाहन, उ ोग प ीय नीित और समावेशी
ढां चे के काया यन म सरकार ने मह पूण कदम उठाए ह
प रवहन
सड़क: ामीण े ों म बेहतर अवसंरचना क ढां चे को िवकिसत करने और सड़कों से जोड़ने के िलए
सरकार कई योजनाएं अमल म ला रही है 2017-18 के दौरान बीजू सेतु योजना ामीण अवसंरचना िवकास
िनिध, धानमं ी ाम सड़क योजना और मु मं ी सड़क योजना के अंतगत 8000 िकलोमीटर लंबे ामीण
माग और उन पर 145 पुलों को बनाने का ल पूरा िकया गया है सरकार ने सड़क िनमाण म कई
उपल यां हािसल की ह औसतन, ितिदन लोक िनमाण िवभाग 2.1 िकलोमीटर सड़कों की मर त
करता है और इस वष िवभाग ने 20 बड़े पुलों का िनमाण िकया है
रे लवेः सरकार रा म रे ल के इ ेमाल को बढ़ावा दे ने को ितब है पहली बार मलकानिगरी और
नबरं गपुर िजलों म रे ल प ं चाने के िलए 130 िकलोमीटर लंबे जेपुर-मलकानिगरी और 38 िकलोमीटर लंबे
नबरं गपुर-जेपुर नामक दो प रयोजनाओं पर रे ल मं ालय के साथ समझौता ापन पर ह ा र िकए गए
सरकार ने 32 िकलोमीटर लंबी पुरी-कोणाक रे लवे प रयोजना के िनमाण और 50 ितशत भूिम आवंटन का
भी ाव रखा है
बंदरगाहः भारत सरकार ारा 1966 म पारादीप बंदरगाह को दे श के आठव सबसे बड़े बंदरगाह के तौर पर
घोिषत िकया गया था तं भारत म यह ओिडशा म पहला और पूव तट पर पहला मािणत बंदरगाह है
480 िकलोमीटर लंबी तटीय रे खा वाले ओिडशा म 13 छोटे बंदरगाहों के लायक भी थान है यह थान ह
गंजम िजले के गोपालपुर, बे दा मूहन और पलूर, पुरी िजले के बािलहरचंडी और अ रं गा, जगतिसंहपुर
िजले का जटाधर मूहन, बालासोर िजले के इं चरी, चंडीपुर, बहाभलपुर, िकतिनया और िबछ रतपुर तथा
भ क िजले के धामरा और चूड़ामिण ओिडशा सरकार पारादीप के िनकट महानदी म तटीय नौप रवहन
को बढ़ावा दे ने के िलए एक नदी बंदरगाह को िवकिसत करने के भी यास कर रही है
ओिडशा म अंतदशीय जल प रवहन (आईड ूटी) की ापक संभावना है परं तु छोटा नेटवक है
दू रदराज के े ों म या ी सेवाओं का इ ेमाल िकया जाता है जहां यातायात के अ साधन उपल नहीं
ह रा सरकार ारा अंतदशीय जल प रवहन उपल कराया जाता है
उ यन: उतकेला और जेपुर हवाई पि यों पर आरसीएस-उड़ान योजना को अमल म लाने के िलए सरकार
ने सि य कदम उठाए ह झारसुगुड हवाई अ ा अब पूरी तरह िवकिसत िकया जा चुका है
िबजलीः आिथक िवकास के िलए ऊजा बड़ी श होती है , चाहे वह कोयला, तेल और गैस के प म हो या
पनिबजली ऊजा और जैव ईंधन या उसके ारा ा िबजली के प म हो चौबीस घंटे आमजन को स ी
दरों पर गुणव ापरक और अबाध ऊजा उपल कराने के िलए सरकार ने संव त िवद् ु यत उ ादन के
िलए एक ापक नीित िवकिसत की है
पयटन
ओिडशा पयटकों के िलए आदश थल है जहां अलग-अलग िचयों और पसंद के अनुसार िविभ तरह के
अवसर उपल ह चंडीपुर के रे तीले समु तट, गोपालपुर का नीला सागर, कोणाक और पुरी के सुनहरी
तट, तालासारी तट के रे ड ै , पूरे वष पयटकों को आकिषत करते ह एिशया की सबसे बड़ी खारे पानी
की झील िचिलका ओिडशा के तटीय े के बीच म थत है िचिलका झील एक पा र थितक अजूबा है
और यह एिशया की खारे पानी की सबसे बड़ी झील है जो भारत के पूव तट पर ओिडशा म थत मह पूण
जलीय े है इसे रामसर थल भी कहा जाता है और यह थानीय और वासी पि यों की िविवधता के
िलए िस है भीतरकिणका दू सरा सबसे बड़ा म ोव पा र थितक तं है 672 वग िक.मी. के इस
व जीव अभयार के 175 वग िक.मी. े को 1998 म रा ीय उ ान घोिषत कर िदया गया था यह
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क ापारा िजले म थत है भीतरकिणका दे श के सबसे अद् ु भत और व जीव अभयार ों और रा ीय


उ ानों म से है यहां िवशु म ोव वृ और जलीय े ह यहां म ोव की 71 िक और संबंिधत न ,
सरीसृपों की 35 जाितयां , पि यों की 297 िक ों की जैव िविवधता संरि त है म एिशया और यूरोप से
शीतकाल के दौरान भी बड़ी सं ा म प ी यहां आते ह ध ेदार िहरण, सां बर, मछली पकड़ने वाली
िब ी, साही और ऊदिबलाव आिद जैसे नधा रयों की 26 िक भी यहां पाई जाती ह
वेबसाइट: www.odisha.gov.in

सरकार

पंजाब

इितहास और भूगोल
ाचीन पंजाब िकसी जमाने म िव ृत भारत-ईरानी े का िह ा रहा है बाद के वष म यहां मौय, यूनानी,
शक, कुषाण, गु जैसी अनेक श यों का उ ान और पतन आ म काल म पंजाब मुसलमानों के
अधीन रहा सबसे पहले गजनवी, िफर गौरी, गुलाम वंश, खलजी वंश, तुगलक, लोदी और मुगल वंशों का
पंजाब पर अिधकार रहा पं हवीं और सोलहवीं शता ी म पंजाब के इितहास ने नया मोड़ िलया गु
नानक दे व जी की िश ाओं से यहां भ आं दोलन ने जोर पकड़ा िसख पंथ ने एक धािमक और
सामािजक आं दोलन को ज िदया, िजसका मु उ े धम और समाज म फैली कुरीितयों को दू र करना
था दसव गु गोिबंद िसंह जी ने िसखों को खालसा पंथ के प म संगिठत िकया तथा उ सिदयों के दमन
और अ ाचार के खलाफ एकजुट िकया उ ोंने दे शभ , धमिनरपे ता और मानवीय मू ों पर
आधा रत पंजाबी राज की थापना की एक फारसी लेखक के श ों म, महाराजा रणजीत िसंह ने पंजाब
को ‘मदम कदा’ अथात् नरक से ‘बाग-ए-बिह ’ यानी ग म बदल िदया िकंतु उनके दे हां त के बाद
अंद नी सािजशों और अं ेजों की चालों के कारण पूरा सा ा िछ -िभ हो गया अं ेजों और िसखों के
बीच दो िन ल यु ों के बाद 1849 म पंजाब ि िटश शासन के अधीन हो गया
तं ता आं दोलन म गां धीजी के आगमन से ब त पहले ही पंजाब म ि िटश शासन के खलाफ संघष
आरं भ हो चुका था अं ेजों के खलाफ यह संघष सुधारवादी आं दोलनों के प म कट हो रहा था लाला
लाजपत राय ने तं ता सं ाम म अ णी भूिमका िनभाई चाहे दे श म हो या िवदे श म, पंजाब तं ता
सं ाम म हर मोच पर आगे रहा दे श की आज़ादी के बाद भी पंजाब के क ों का अंत नहीं आ और उसे
िवभाजन की िवभीिषका का सामना करना पड़ा िजसम बड़े पैमाने पर र पात तथा िव थापन आ
िव थािपत लोगों के पुनवास के साथ-साथ रा को नए िसरे से संगिठत करने की भी चुनौती थी
पूव पंजाब की आठ रयासतों को िमलाकर नए रा ‘पे ू’ अथात पूव पंजाब रा -संघ पिटयाला का
िनमाण िकया गया पिटयाला को इसकी राजधानी बनाया गया 1956 म पे ू को पंजाब म िमला िदया गया
और चंडीगढ़ को इसकी राजधानी बनाया गया बाद म 1966 म पंजाब से कुछ िह े िनकालकर ह रयाणा
बनाया गया पंजाब दे श के उ र-पि म भाग म थत है इसके पि म म पािक ान, उ र म ज ू-
क ीर, उ र-पूव म िहमाचल दे श और दि ण म ह रयाणा तथा राज थान है
दु िनया म समूचे गे ं उ ादन म पंजाब का सातवां थान है कनाडा और ऑ े िलया के बाद यह तीसरा
सबसे अिधक उ ादनकता है जो दु िनया म गे ं ापार का लगभग 1/10 िह ा है चावल उ ादन म
थाईलड के बाद इसका िब ी यो उ ाद दू सरे थान पर है ऐसा बेहतर अवसंरचना क ढां चे के िनमाण,
उिचत तकनीकी के इ ेमाल, कुशल सारण सेवाओं और सरकारी सहयोग और स म योजनाओं को
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अपनाने के कारण संभव हो सका है रा सरकार कृिष के िवकास पर लगातार जोर दे ती है 2016-17 म
कपास की रकाड पैदावार, 756 िक ा िलंट ित हे े यर रही 2017-18 के िलए कपास उ ादन के िलए
े 2.53 लाख हे े यर से बढ़कर 3.5 लाख हे े यर तक प ं च गया है
बागवानी पंजाब म उ लाभां श वाला े है रा म केवल 4 ितशत कुछ फसल वाले े के
बावजूद सकल घरे लू उ ाद म बागवानी की फसल कुल कृिष उ ाद म लगभग 10.5 ितशत का योगदान
दे ती ह
िसंचाई
रा म सतही और भूजल ोतों का पूरा दोहन हो चुका है , इसीिलए कृिष उ ादन अब पूरी तरह पानी के
कुशल इ ेमाल पर िनभर करता है रा इस िदशा म पानी के िमत यी इ ेमाल के िलए कई उपायों पर
जोर दे रहा है , िजनम मौजूदा नहर व था का आधुिनकीकरण भी शािमल है यह व था सिदयों पुरानी
है 2016-17 के दौरान जल संसाधनों को 4758 िकमी े म मब करने का काय िकया गया था िजससे
पंजाब जल ोत बंधन एवं िवकास कॉरपोरे शन ारा 210375 हे े यर े को बेहतर िसंचाई सुिवधाओं के
अंतगत लाया गया गहरे ूबवे और भूिमगत पाइपलाइनों के सं थापन के बाद 6,700 हे े यर े को
िसंचाई व था के अंतगत लाया जा चुका है
िबजली
पंजाब के तीन नए ताप ऊजा संयं ों, राजपुरा ां ट ( 1400 मेगावाट), तलवंडी साबो ( 1980 मेगावाट) और
गोंडवाल सािहब (540 मेगावाट) की वजह से रा दे श म अिधशेष िबजली वाला दे श बन गया है िजसकी
कुल मता 3920 मेगावाट तक प ं च चुकी है इसके साथ ही, रा की कुल थािपत मता 13,960
मेगावाट तक प ं च चुकी है , िजसम एनआरएसई प रयोजनाओं, बीबीएमबी और अ क ीय े
प रयोजनाओं की थािपत मताएं भी शािमल ह ह रत ऊजा के मोच पर, क ीय े प रयोजनाओं के
आधार पर पीएसपीसीएल की थािपत मता/िह ेदारी 1253 मेगावाट तक प ं च चुकी है िजसम सौर
प रयोजनाओं की मता 830 मेगावाट और शेष गैर-सौर ऊजा प रयोजनाओं का योगदान है िजसम
बायोमास और िमनी/माइ ो हाइडल प रयोजनाएं शािमल ह
सड़क
रा म माग की कुल लंबाई 71,742 िक.मी. है िजसम 2,630 िक.मी. रा ीय राजमाग, 1,133 िक.मी. रा
राजमाग ह 1826 िकमी बड़े िजला माग और 5119 अ िजला माग (ओडीआर) और 61034 िकमी ामीण
िलंक माग शािमल ह िलंक माग म पीड ूडी बीएं डआर 31,696 िक.मी. और पंजाब मंडी बोड 29,338
िक.मी. माग की दे खरे ख करता है
नाग रक उ यन
पंजाब म दो अंतररा ीय हवाईअ े अमृतसर (राजासां सी) और मोहाली म ह मोहाली हवाईअ े के टिमनल
भवन का पहला चरण पूरा हो चुका है और चालू िकए जाने की ती ा म है
मेले और ोहार
दशहरा, िदवाली, होली के अित र मु सर म माघी मेला, िकला रायपुर म ामीण खेल, पिटयाला का
बसंत, आनंदपुर सािहब म होला मोह ा, तलवंडी साबो म बैसाखी, सरिहं द म रौजा शरीफका उस, छ र
म छ ार मेला, फरीदबोट म फरीद आगमन पव, गां व राम तीरथ म राम तीरथ, सरिहं द म शहीदी जोड़-
मेल, जालंधर म हरब भ संगीत स ेलन बाबा सोदल मुख मेले और ोहार ह इनके अित र ,
अमृतसर, पिटयाला, कपूरथला म भी ितवष तीन पारं प रक मेले आयोिजत िकए जाते ह और यह पयटकों
के बीच ब त िस ह
वेबसाइट: www.punjabgovt.gov.in
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सरकार

राज थान

इितहास और भूगोल
े फल की ि से राज थान भारत का सबसे बड़ा रा है आज़ादी से पहले यह े राजपूताना या
राजपूत एक यो ा समुदाय कहलाता था राज थान का इितहास ागैितहािसक काल से शु होता है ईसा
पूव 3,000 से 1,000 के बीच यहां की सं ृ ित िसंधु घाटी स ता जैसी थी सातवीं शता ी म यहां चौहान
राजपूतों का भु बढ़ने लगा और बारहवीं शता ी तक उ ोंने सा ा थािपत कर िलया था चौहानों के
बाद इस यो ा जाित का नेतृ मेवाड़ के गहलोतों ने संभाला मेवाड़ के अलावा जो अ रयासत
ऐितहािसक ि से मुख रहीं, वे ह— मारवाड़, जयपुर, बूंदी, कोटा, भरतपुर और अलवर अ सभी
रयासत इ ीं रयासतों से बनीं इन सभी रयासतों ने 1818 म अधीन थ गठबंधन की ि िटश संिध ीकार
कर ली िजसम राजाओं के िहतों की र ा की व था थी, लेिकन इस संिध से आम जनता ाभािवक प से
असंतु थी
1857 के िव ोह के बाद लोग तं ता आं दोलन म भाग लेने के िलए महा ा गां धी के नेतृ म एकजुट
ए 1935 म अं ेजी शासन वाले भारत म ां तीय ाय ता लागू होने के बाद राज थान म नाग रक
तं ता तथा राजनीितक अिधकारों के िलए आं दोलन और तेज हो गया 1948 म इन िबखरी ई रयासतों
को एक करने की ि या शु ई, जो 1956 म रा म पुनगठन कानून लागू होने तक जारी रही सबसे
पहले 1948 म म संघ बना िजसम चंद रा ों के िह े थे, लेिकन धीरे -धीरे अ रा भी इस संघ म
आकर िमलने लगे 1949 तक बीकानेर, जयपुर, जोधपुर तथा जैसलमेर जैसे रा भी इस संघ से जुड़ गए
और यह े वृहत राज थान संयु रा (यूनाइटे ड े ट्स ऑफ ेटर राज थान) बन गया अंततः 1950
म वतमान राज थान औपचा रक प से अ म आया और अजमेर रा , आबू रोड तालुका और सुनेल
त ा भी शािमल हो गए
रा का पूरा पि मी भाग पािक ान से सटा आ है , उ र म पंजाब है , उ र पूव म उ र दे श, दि ण
पूव म म दे श और दि ण पि म म गुजरात है
कृिष
2014-15 म रा का कुल अनुमािनत बुवाई े 241.21 लाख हे े यर था मु फसल ह— चावल, जौ,
ार, बाजरा, म ा, चना, गे ं , ितलहन, दाल, कपास और तंबाकू इसके अलावा, िपछले कुछ वष म
स यों और संतरा तथा मा ा जैसे नींबू जाित के फलों के उ ादन म काफी वृ ई है लाल िमच,
सरसों, मेथी और जीरा ावसाियक फसल ह
उ ोग
राज थान सां ृ ितक प म समृ होने के साथ-साथ खिनजों के मामले म भी समृ रहा है और अब दे श
के औ ोिगक प र म भी तेजी से उभर रहा है रा के मुख क ीय ित ानों म दे वारी (उदयपुर)
और चंदे रया (िच ौड़गढ़) म िहं दु ान िजंक े र ां ट, खेतड़ी नगर (झुंझुनूं) म िहं दु ान तां बा संयं ,
सां भर (जयपुर) म िहं दु ान सॉ िलिमटे ड, अजमेर म एचएमटी िलिमटे ड और कोटा म ि सीज़न
इं मट् स फै ी शािमल है मु उ ोग ह : व , ऊनी कपड़े , इं जीिनय रं ग के समान, इले ॉिनक व ुएं
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ऑटोमोबाइ , खा सं रण, र एवं गहने, संगमरमर के ैब एवं टाइल, कां च और िसरािमक, सीमट,
ऑ ीजन, ज ा, उवरक, रे ल के िड े, बॉल िबय रं ग, पानी व िबजली के मीटर, टे लीिवजन सेट,
स ू रक एिसड, िसंथेिटक धागे, ह िश की व ुएं, े नलेस ील, र-रोिलंग, ील फाउं डी तथा
तापरोधी ईंट आिद ब मू और कम मू के र ों के अलावा का क सोडा, कै शयम काबाइड,
नाइलोन तथा टायर आिद अ मह पूण औ ोिगक इकाइयां ह
राज थान म िजंक, प ा, गानट, िज म, चां दी, अ क, धातु िवशेष और अ क के चुर भंडार ह रा
से भारी मा ा म िनयात भी होता है इसीिलए िनयात संव न औ ोिगक उ ान की थापना सीतापुरा
(जयपुर), बोरां डा (जोधपुर) म की गई है और उसे चालू भी कर िदया गया है िनयात को संव न दे ने के
िलए इ लड कंटे नर िडपो जयपुर, भीलवाड़ा, जोधपुर और िभवाड़ी (अलवर) म थािपत िकए गए ह
सीतापुरा म र और आभूषणों के िलए िवशेष आिथक जोन और बोरां डा (जोधपुर) म ह कला के िलए
िवशेष आिथक े थािपत िकए गए ह जयपुर के पीपीपी मॉडल म ब उ े शीय िवशेष आिथक े (जोन)
महे ा व िसटी भी थािपत की गई है
खिनज
राज थान दे श म खिनज उ ादन करने वाले रा ों म से एक मुख रा है रा के पास खान और
खिनज के े म एक गौरवशाली िवरासत है और खिनज संपदा के संबंध म झारखंड के बाद दू सरे थान
पर है रा को खिनजों का सं हालय के प म स ािनत िकया गया है जहां पर धातु और गैर-धातु दोनों
खिनज पाए जाते ह इसके अित र िस इमारत का प र और रे िडयो ए व खिनज, िल ाइट,
पेटोिलयम एवं ाकृितक गैस के संसाधन भी पाए जाते ह मह पूण खिनज िजनका नाम शु से इस रा
से जुड़ा आ है : वे ह अलौह धातु जैसे- सीसा, ज ा, ताबां और फेरोमैगनीिशयन धातु जैसे िक टं ग न,
ब त से औ ोिगक खिनज और िविभ कार के आयामी एवं सजावटी प र पाए जाते ह यहां 79 खिनज
उपल ह िजनम से 57 का वािण क उ ादन होता है वतमान म रा वोला ोनाइट, सीसा-ज ा,
कैलसाइट तथा सेलेनाइट का एक मा उ ादक है चां दी, संगमरमर, कैडिमयम, बॉल े, रॉक फॉ े ट,
िज म, फे पार का राज थान एक मुख उ ादक रा है रा म पाए जाने वाले िविभ रं गों के प र
जैसे- माबल, ेनाइट, सड ोन तथा कोटा ोन की न केवल दे श ब िवदे श म भी भारी मां ग है पि मी
राज थान म तेल तथा ाकृितक गैस के ोत पता लगने के बाद रा का क ा तेल उ ादक के पम
बां बे हाई के बाद दू सरा थान हो गया है
भारत के 85 ितशत से भी अिधक वोला ोनाइट, पोटाश, सीसा-ज ा तथा चां दी के संसाधन रा म
है रा म दे श के कुल संसाधनों म से पोटाश (94 ितशत), सीसा-ज ा अय (89 ितशत),
वोला ोनाइट (88 ितशत), चां दी अय (87 ितशत), िज म (82 ितशत), फुलसअथ (74 ितशत),
डायटोमाइट (72 ितशत), फे पार (66 ितशत), माबल (64 ितशत), ए े े स (61 ितशत), तां बा
अय (50 ितशत), के ाइट (50 ितशत), पाउडर साबुन का प र (49 ितशत), ेनाइट (42
ितशत), बॉल- े (38 ितशत), रॉक फॉ े ट ( 30 ितशत), ोराइट (29 ितशत), टं टन अय
(27 ितशत), लेटेराइट (26 ितशत), ण अय ( ाथिमक) (23 ितशत), माइका (21 ितशत) तथा
चीनी िम ी (16 ितशत) है
िबजली
रा म थािपत िबजली 15986.87 मेगावाट तक प ं च गई िजसम 5357.35 मेगावाट रा की
प रयोजनाओं, 853.44 मेगावाट सम त प रयोजनाओं तथा 2803.47 मेगावाट क ीय िवद् ु यत उ ादन
े शनों से ा की गई पवन, सौर तथा जैिवक प रयोजनाओं से 3916.61 मेगावाट और 3056 मेगावाट
िनजी े की प रयोजनाओं से ा ई
महा ा गांधी रा ीय ामीण रोजगार गारं टी ीम
यह योजना 6 िजलों (बां सवाड़ा, डूंगरपुर, झालावाड़, करौली, िसरोही तथा उदयपुर) म लागू की गई ि तीय
चरण म 6 िजलों (बाड़मेर, िच ौड़गढ़, जैसलमेर, जालौर, सवाई माधोपुर तथा टोंक) म लागू की गई तीसरे
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चरण म यह योजना रा के बाकी िजलों म लागू कर दी गई


प रवहन
सड़क: राज थान म सड़कों की अनुमािनत कुल लंबाई 2,07,019 िकमी है
रे लवेः जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, सवाई माधोपुर, कोटा, उदयपुर और भरतपुर रा के मुख रे लवे जं न
ह रा म रे लवे लाइन की कुल लंबाई 5871.65 िक.मी. है िजसम 4801.18 िक.मी. ॉड गेज, 983.71
िक.मी. मीटर गेज तथा 86.76 िक.मी. छोटी लाइन शािमल ह
जयपुर मेटोः मानसरोवर से जयपुर रे लवे े शन तक मेटो टै क काय का चरण-1ए पूरा हो चुका है इस माग
की कुल लंबाई 9.72 िक.मी. है चरण-1बीः चां द पोल से बड़ी चोपड़ तक कुल 2.35 िक.मी. मेटो लाइन का
काम गित पर है
उ यनः जयपुर हवाईअ े से सभी मुख शहर जुड़े ह इनम िद ी, मुंबई, अहमदाबाद, कोलकता, चे ई,
है दराबाद, बंगलु , पुणे और गुवाहाटी के िलए िनयिमत घरे लू िवमान सेवाएं ह दु बई, म त तथा शारजाह
के िलए जयपुर से अंतररा ीय िवमान सेवाएं भी उपल ह
ोहार
राज थान मेलों और उ वों की धरती है होली, दीपावली, िवजयदशमी, ि समस जैसे मुख रा ीय
ोहारो के अलावा अनेक दे वी-दे वताओं, संतों और लोकनायकों तथा नाियकाओं के ज िदन मनाए जाते
ह यहां के मह पूण मेले ह- तीज, गणगौर, होली-धुलंडी, पतंग तथा राज थान िदवस (जयपुर), अजमेर
शरीफ और गिलयाकोट के वािषक उस (अजमेर) तथा पु र मेला, रामदे वजी मवेशी मेला, (नागौर) ऊंट
मेला (बीकानेर), म थल उ व (जैसलमेर), बेने र मेला (डूंगरपुर), ज-होली महो व (भरतपुर)
केलादे वी मेला, ी महावीर जी मेला (करौली), रनकपुर उ व, गोदवार उ व (पाली), मेवाड़ उ व
(उदयपुर), ी और शीत उ व माउं ट आबू (िसरोही), कजली तीज और बूंदी उ व (बूंदी), दशहरा
उ व और साहिसक उ व (कोटा), म य उ व (अलवर), मारवाड़ उ व (जोधपुर), च भागा मेला
(झालावाड़), ज े र मेला और कोलायत मेला (नोखा-बीकानेर) और खाटू ामजी मेला (खाटू -सीकर)
आिद
पयटन थल
रा म पयटन के मुख क ह- जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, माउं ट आबू , रणथंभौर रा ीय उ ान
(बाघ रजव)- सवाई माधोपुर, अलवर म स र ा बाघ िवहार, भरतपुर म केवलादे व रा ीय उ ान, प ी
िवहार, अजमेर, जैसलमेर, पाली, िच ौड़गढ़, बूंदी, कोटा, झालावाड़ और शेखावटी आिद
वेबसाइट : www.rajsthan.gov.in

सरकार

िस म

इितहास और भूगोल
िस म का ारं िभक इितहास 13वीं शता ी से आरं भ होता है जब ले चा चीफटे न मुख थेकोंग-टे क और
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ित त के राजकुमार खे-बूमसा के बीच उ री िस म म काबी लुंग ोक म भाईचारे के एक समझौते पर


ह ा र ए इसके बाद 1641 म ित त के स ािनत लामा संतों ने पि मी िस म के युकसाम ां त की
ऐितहािसक या ा की, जहां उ ोंने खे-बूमसा के छठी पीढ़ी के वंशज फु ोग नाम ाल का िस म के
पहले चो ाल के प म रा ािभषेक िकया और इस तरह िस म म नाम ाल राजवंश का उदय आ
समय के बदलाव के साथ िस म लोकतां ि क ि या से गुजरा और 1975 म वह भारतीय संघ का अिभ
अंग बन गया 8वीं सदी म गु प संभव ने अपने ित त वास के दौरान इस थान को आशीवाद िदया
था िस म म सभी समुदायों के लोग आपसी स ाव से रहते ह िस म म िभ -िभ मतों से जुड़े लोग
ह और शायद यह भारतीय संघ म सां दाियक स ाव और मानवीय संबंधों को बढ़ावा दे ने वाला सवािधक
शां ित वाला रा है िजसकी भारत जैसे ब -सामािजक व था वाले दे श म िनतां त आव कता भी है
िव की तीसरी सबसे ऊंची चोटी, कंचनजंघा, िजसे िस म की र ा दे वी माना जाता है , इस रा पर
अपनी मं मु करने वाले ाकृितक सौंदय की छटा िबखेरती है िस म जैव िविवधताओं से भरा दु िनया
के 18 मुख े ों म एक है रा म आवृतबीजी वन ितयों की 5,000 जाितयां पाई जाती ह जो दे शभर
म पाई जाने वाली आवृतबीजी जाितयों का एक ितहाई है फूल वाले पौधों की 4,500 जाितयां , फन तथा
ए ी की 362 जाितयां , 30 जाितयां ाइमल की तथा बां स की 28 जाितयां , आिकड की 550 जाितयां ,
रोडे ान की 36 जाितयां , ओक की 11 जाितयां , उभयचर जीवों की 50 जाितयां , पि यों की 600
जाितयां , मछिलयों की 48 जाितयां , नधा रयों की 150 जाितयां , िततली की 700 जाितयां तथा
सरीसृपों की 80 जाितयां रा म पाई जाती ह
दु लभ और िव र पर खतरे की आशंका वाले िहम तदु ए, ित त की अरगली भेड़, लाल पां डा, याक
और साथ म अिधक ऊंचाइयों पर पालतु बोिवड, काली गदन वाले ( े न) सारस और फेरे रयम आिद यहां
पाई जाने वाली कुछ मह पूण जाितयां ह
पयटन
पूव िहमालय े म थत िस म भारत के सबसे सुंदर दे शों म से है िव के तीन सबसे ऊंचे पवतों म
से एक कंचनजंघा यहीं ह, िजसे इस े म र क के प म पूजा जाता है िस म की िहमा ािदत
पवतमालाएं , घने जंगल, आकषक वन ित तथा जीव- जंतु, अिवरल झरने, पिव झील, धािमक गुफाएं , गम
पानी के औषधीय ोत, पात के समान िगरती निदयां और सौ धाराएं इसे सदाबहार पयटन थल बनाती
ह यहां रह रहे िविभ समुदायों की सं ृ ित की िमि त छटा िलए ए यह रा एक-दू सरे समुदायों के
सभी ोहार तथा ज समान हष ास के साथ मनाता है ान लगाने हे तु एकां त चाहने वालों से लेकर
साहिसक पयटन के िलए छु ि यों पर जाने वालों तक के िलए यहां भरपूर आनंद है अिधक रोमां च चाहने
वालों के िलए टै िकंग है , रवर राफिटं ग है , माउं टेन बाइिकंग से लेकर, रॉक ाइ ंग, पैरा ाइिडं ग और
एं ंग तक सभी कुछ ह यहां आप बड वॉिचंग और बफ़ ली पहािड़यों का अहसास पाने के िलए
माउं टेन ाइट का लु भी उठा सकते ह
कृिष
कृिष े म बेबी कॉन और ीट कॉन जैसी फसलों की शु आत से सरकार ने मह पूण काय िकया है ,
िजससे िकसान प रवारों की आय बढ़ी है नमी प र थितयों म उगने वाली फसलों तथा और अ अनाज
िजनकी उ वैि क मां ग है , जैसे- कुट्ू ट, ार तथा अ मोटे अनाज पर अिधक जोर है
बागवानी
फलों का उ ादन 5,250 टन से बढ़कर 22,240 टन हो गया यानी 323 ितशत की रकाड वृ स यों
का उ ादन 22,130 टन से बढ़कर 78,820 टन हो गया यानी 256 ितशत की बढ़त सवािधक मह पूण
वृ बागवानी म दे खी गई जहां 200 हे े यर के उ ादन म 230 लाख कट फूल और पौध साम ी का
उ ादन आ
िसंचाई
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11वीं पंचवष य योजना 2010-11 के दौरान िसंचाई तथा बाढ़ िनयं ण िवभाग ने 3866.68 हे े यर कृिष यो
भूिम को िसंचाई सुिवधा उपल कराई है
िबजली
क ीय जल आयोग के मू ां कन के अनुसार िस म की कुल जल िवद् ु यत मता लगभग 8,000 मेगावाट
है िस म सरकार ने वष 2004 म रा म िवशाल जल िवद् ु यत मता के दोहन की ि से जल िवद् ु यत
िवकास के िविभ पहलुओं की जां च के िलए हाइडो सिमित गिठत की और जल िवद् ु यत प रयोजनाओं का
शी काया यन करने के िलए िसफा रश की
प रवहन
सड़क : गंगटोक सड़क माग से कोलकाता के दािजिलंग िजले और िस म के सभी िजला मु ालयों से
जुड़ा है रा म सड़कों की कुल लंबाई 3672.32 िक.मी. है और पुलों की सं ा 216 है इसम 873.40
िक.मी. सड़क सीमा सड़क संगठन ने बनाई ह
रे लवे और उ यन : रा के िनकटवत रे लवे े शन िसलीगुड़ी (113 िक.मी.) और ू जलपाईगुड़ी (125
िक.मी.) ह, जो इसे कोलकाता, िद ी तथा अ शहरों और बागडोगरा हवाईअ े से जोड़ते ह पूव
िस म के प ोंग म हवाईअड् ड़े का उद् घाटन हो गया है और इसके साथ ही यह रा का थम
हवाईअ ा है गंगटोक और बागडोगरा के बीच िनयिमत हे लीकॉ र सेवा उपल है
सूचना ौ ोिगकी
आईटी प रयोजनाओं के मा म से आम आदमी का जीवन सुधारने के िलए रा सरकार ने रा भर म,
ामीण इलाकों सिहत कई कदम उठाए ह, जैसे- 45 समुदाियक सेवा क ों (सीएससी) की थापना, े ट-
वाइड ए रया नेटवक ( ान), िजससे सूचना- ौ ोिगकी िब ु ल बुिनयादी र पर पैठ बना सके इससे
सरकार के साथ जनता का संपक काफी बढ़ा है और कुछ रा सेवाओं की गुणव ा म सुधार आया है
शेरथंग के सीएससी को िल का बुक ऑफ रकॉड् स ारा सव साइबर कैफे घोिषत िकया गया है
वेबसाइट : www.sikkim.gov.in

सरकार

तिमलनाडु

इितहास और भूगोल
तिमलनाडु का इितहास अ ंत ाचीन है य िप ारं िभक काल के संगम ंथों म इस े के इितहास का
अ उ ेख िमला है , िकंतु तिमलनाडु का िल खत इितहास प व राजाओं के समय से ही उपल है
दि ण भारत पर कई शता यों तक चोल, चेर और पां राजाओं का शासन रहा चौथी शता ी के
पूवा म प वों का वच कायम आ उ ोंने ही िवड़ शैली की िस मंिदर वा ुकला का सू पात
िकया अंितम प व राजा अपरािजत थे, िजनके रा म लगभग दसवीं शता ी म चोल शासकों ने
िवजयालय और आिद के मागदशन म अपना मह बढ़ाया ारहवीं शता ी के अंत म तिमलनाडु पर
चालु , चोल, पां जैसे अनेक राजवंशों का शासन रहा इसके बाद के 200 वष तक दि ण भारत पर
चोल सा ा का आिधप रहा
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मुसलमानों ने भी धीरे -धीरे अपनी थित मजबूत कर ली िजसे चौदहवीं शता ी के म म बहमनी
स नत कायम ई लगभग उसी समय िवजयनगर सा ा ने तेजी से अपनी थित मजबूत बना ली और
समूचे दि ण भारत तक अपना भाव बढ़ा िलया शता ी के अंत तक िवजयनगर सा ा दि ण की
सव श बन चुका था, िकंतु 1564 म तालीकोटा की लड़ाई म दि ण के सु ानों की सामूिहक फौजों
से वह परािजत हो गया
तालीकोटा के यु के बाद कुछ समय तक थित अ रही, लेिकन इस बीच यूरोप के ापारी अपने
ापा रक िहतों के िलए दि ण भारत म अपने पैर जमाने के िलए एक-दू सरे से होड़ करने लगे पुतगाल,
हॉलड, ां स और इं ड के ापारी एक के बाद एक आए और उ ोंने अपने ापा रक क थािपत कर
िलए, िज उन िदनों फै ीज़ कहा जाता था ई इं िडया कंपनी ने 1611 म मछलीप नम (जो अब आं
दे श म है ) म अपनी फै ी लगाई और धीरे -धीरे उ ोंने थानीय शासकों को एक-दू सरे के खलाफ करके
उनके े हिथया िलए ि िटश लोगों ने भारत म सबसे पहले तिमलनाडु म अपनी ब ी बसाई 1901 म
म ास ेसीडसी बना िजसम दि ण ाय ीप के अिधकतर िह े शािमल थे बाद म संयु म ास रा का
पुनगठन िकया गया और वतमान तिमलनाडु रा अ म आया
तिमलनाडु के उ र म आं दे श और कनाटक, पि म म केरल, पूव म बंगाल की खाड़ी और दि ण म
िहं द महासागर है
कृिष
मेटू ् टर बां ध 2011 म खोल िदया गया, िजससे धान के कृिष े म 1,80,000 एकड़ का इजाफ़ा आ इससे
लगभग 1,22,230 िकसान लाभा त ए िकसानों का बोझ कम करने हे तु कृिष आगतों तथा खेती की
मशीनरी इ ािद के िलए वैट म 4 ितशत की रयायत दी गई, िजससे 63.40 लाख िकसानों को लाभ आ
पयटन
कला तथा सं ृ ित का वा िवक खज़ाना, तिमलनाडु पयटकों के िलए हमेशा ही मुख आकषण रहा है
तिमलनाडु बीते समय की कला तथा सं ृ ित की जो उ ृ अिभ पेश करता है , वह दे श म और कहीं
भी दे खने को नहीं िमलती कला तथा सं ृ ित को सुरि त रखने के मामले म तिमलनाडु िस ितमाओं,
दीवारों तथा ंभों पर खुदी कलाकृितयों तथा िच का रयों, मंिदरों की िवशाल मीनारों; गोपुरम् का ामी है
तिमलनाडु म पयटकों के आकषण के कई थल ह, िजनम 1076 िकलोमीटर का समु तट, 30,000 से भी
अिधक मंिदर तथा पूजा थल, जो ईसवी सन् की शु आत से भी कहीं पहले के ह, जल- पात, अ ार ,
पहाड़ी थान, बां स से बने ह िश तथा हथकरघा, ऐितहािसक थल, पाक शैली, ापार के अवसर
इ ािद शािमल ह
पयटकों की सुिवधा के िलए तिमलनाडु पयटन िवभाग सभी मह पूण पयटन थलों पर बुिनयादी
ढां चागत सुिवधाएं तथा सेवाएं बेहतर बनाने के अथक यास कर रहा है िचिक ा पयटन, िश ा पयटन,
साहिसक पयटन, ामीण पयटन तथा ापार पयटन जैसी वैक क मां गों के ज रए भी रा पयटकों के
आगमन म भारी इजाफ़ा कर पाने म सफल रहा है
भू-त तथा खिनज
खिनज कई मह पूण उ ोगों के िलए मूल संसाधन होते ह और सकल रा घरे लू उ ाद तथा औ ोिगक
संवृ म मह पूण योगदान दे ते ह खिनजों को आिथक िवकास का मे दं ड माना जाता है और इ दे श
की संपदा समझा जाता है रा की िवकासा क गितिविधयां और इसकी आिथक समृ खिनज संपदा
की उपल ता तथा इसके िववेकपूण दोहन से ितिबंिबत होती है
रा िल ाइट, चूना प र, गानट सड, िसिलका सड गिटक तथा फे पा, ेफाइट, तेल तथा
ाकृितक गैस, मै ेसाइट, लौह अय इ ािद जैसे कई औ ोिगक खिनजों से संप है यहां आम योग
वाले कुछ साधारण खिनजों के भंडार भी पाये जाते ह, जैसे िव िस काला ेनाइट तथा म ी कलर
ेनाइट, िजससे रा म सीमट, रफै ी, कां च, सेरािमक तथा ेनाइट पॉिलिशंग उ ोग थािपत करने म
सहायता िमली है
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प रवहन
सड़क : 62,294 िक.मी. सड़कों का नेटवक राजमाग िवभाग के िनयं ण म है
रे लवे : (1) रे लवे लाइन की लंबाई 3,846 िकलोमीटर है
(2) माच 2015 तक रिनंग टे क की लंबाई 4,943 िकलोमीटर है
मु े शन ह; चे ई सटल, ित िचराप ी, मदु रै, ित नलवे ी, नागरकोइल, कोयंबटू र, इरोड, सलेम,
जोलारपे ी, कटपडी और एराकोणम
बंदरगाह : चे ई, ए ौर और तूतीको रन चे ई रा के मुख बंदरगाह ह इसके अलावा, सात सरकारी
छोटे बंदरगाहों- कु े लोर, नागाप ीनम, रामे रम, पंवन, कोलाचेल, क ाकुमारी, वेिलनो म - सिहत 23
घोिषत छोटे बंदरगाह ह 16 घोिषत कैि व छोटे पोट ह िजनम कट्ू टप ी, ए ोर माइनर पोट पीवाई-3
ऑयल फी और ित क ीयूर संचालन म है और अ वैधािनक मंजूरी ा करने और िवकास के िविभ
चरणों म है
वेबसाइट : www.tn.gov.in

सरकार

ि पुरा

इितहास और भूगोल
ि पुरा की अपनी अनोखी जनजातीय सं ृ ित तथा िदलच लोकगाथाएं ह इसके इितहास को ि पुरा
नरे श के बारे म ‘राजमाला’ गाथाओं तथा इितहासकारों के वणनों से जाना जा सकता है महाभारत और
पुराणों म भी ि पुरा का उ ेख िमलता है राजमाला के अनुसार ि पुरा के शासकों को ‘फा’ उपनाम से
पुकारा जाता था िजसका अथ ‘िपता’ होता है 14वीं शता ी म बंगाल के शासकों ारा ि पुरा नरे श की
मदद िकए जाने का भी उ ेख िमलता है ि पुरा के शासकों को मुगलों के बार-बार आ मण का भी
सामना करना पड़ा िजसम आ मणका रयों को कमोबेश सफलता िमलती रहती थी कई लड़ाइयों म
ि पुरा के शासकों ने बंगाल के सु ानों को हराया 19वीं शता ी म महाराजा वीरचं िकशोर मािण
बहादु र के शासनकाल म ि पुरा म नए युग का सू पात आ उ ोंने अपने शासिनक ढां चे को ि िटश
भारत के नमूने पर बनाया और कई सुधार लागू िकए उनके उ रािधकारों ने 15 अ ू बर, 1949 तक
ि पुरा पर शासन िकया इसके बाद ि पुरा भारत संघ म शािमल हो गया शु म यह भाग-सी के अंतगत
आने वाला रा था और 1956 म रा ों के पुनगठन के बाद यह क शािसत दे श बना 1972 म इसने पूण
रा का दजा ा िकया
ि पुरा बां ादे श तथा ामां की नदी घािटयों के बीच थत है इसके तीन तरफ बां ादे श है और
केवल उ र-पूव म यह असम और िमज़ोरम से जुड़ा आ है
कृिष
ि पुरा की अथ व था मु तः कृिष पर आधा रत है 24 ितशत भूिम इसी े से जुड़ी है 51 ितशत
आबादी अपनी आजीिवका के िलय कृिष पर ही िनभर है
िसंचाई
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ि पुरा रा मु तः पहाड़ी इलाका है इसका भौगोिलक े 10,49,169 हे े यर है अनुमान है िक


2,55,241 हे े यर भूिम कृिष यो है 11,700 हे े यर भूिम े म िसंचाई व था है
पयटन
ि पुरा दे श के उ र पूव े म छोटा परं तु मनोरम रा है यह लगभग 10,491,69 वग िक.मी. म फैला
आ है इसके उ र, दि ण और दि ण पूव म अंतररा ीय सीमाएं ह इसके पूव म बां ादे श है और
इसकी सीमा दो रा ों- असम तथा िमज़ोरम से लगी ई है इस खूबसूरत रा म 19 पारं प रक
जनजाितयां , बंगाली, मिणपुरी तथा अ रहते ह
ि पुरा के मनोहारी , इसकी समृ और िविवध सं ृ ित, पुरात तथा वा ुकला, इसकी ह िश
और ह कला के रं ग, िडजाइन और िश कारी सब अपनी ओर खींचते ह ि पुरा की झील, मौसम, पेड़-
पौधे और इससे ऊपर यहां के लोगों की मेहमाननवाजी सब आकिषत करते ह एक बार जो यहां आता है ,
वह बार-बार आना चाहता है
वेबसाइट: www.tripura.gov.in

सरकार

तेलंगाना

भारत के 29व रा तेलंगाना का गठन 2014 को आ इसकी राजधानी है दराबाद है 1956 म रा ों


के भाषाई पुनगठन के अनुसार तेलंगाना आं दे श रा का िह ा था है दराबाद सिहत तेलंगाना के दस
िजले ह इनके नाम ह- आिदलाबाद, ख म, करीमनगर, महबूबनगर, मेडक, नलगोंडा, िनज़ामाबाद,
रं गारे ी और वारं गल
तेलंगाना का इितहास
तेलंगाना नाम का संदभ ि िलंगा दे सा श से है रा म काले रम, ीसेलम और क म म भगवान
शंकर के तीन ाचीन मंिदरों की उप थित के वजह से यह नाम अिजत आ एक और ऐितहािसक कारण
यह है िक िनजामों के राज म यह े तेलुगू अंगना के नाम से जाना जाता था तािक इसे मराठी भाषी े ों से
अलग पहचाना जा सके इस े म सातवाहन, काकतीय, चालु , मुगल कुतुबशाही और आसफजाही
जैसे महान राजवंशों ने शासन िकया सातवाहनों ने तेलंगाना म दू सरी शता ी बीसी (ईसापूव) से दू सरी
शता ी (ईसवी) तक लगभग 400 वष तक शासन िकया िफर भी काकतीय का वा ुकला म योगदान
अिधक भावशा काकतीयों म ताप ा महान शासक था, िजसने 1,323 ई ी तक शासन िकया
तेलंगाना और आं के िवलय को र करने के िलए कई आं दोलन ए िजनम से 1969, 1972 और 2009
वाले आं दोलन मुख थे तेलंगाना को नया रा बनाने के िलए होने वाले आं दोलनों ने इन दशकों के दौरान
गित पकड़ी भारत सरकार ने 2009 को तेलंगाना रा के गठन की ि या घोिषत की घोषणा के तुरंत
बाद तटीय आं और रायल सीमा े ों म िहं सक िवरोध दशन ए और िदसंबर 2009 को इस फैसले पर
अमल रोक िदया गया है दराबाद और तेलंगाना के अ िजलों म आं दोलन जारी रहा अलग रा की मां ग
करते ए सैकड़ों आ दाह, हड़ताल, िवरोध दशन और सावजिनक जीवन की गड़बड़ी के मामले सामने
आए
जुलाई 2013 म कां ेस कायसिमित ने सवस ित से एक अलग रा के गठन की िसफा रश का ाव
पा रत िकया िविभ चरणों के बाद िवधेयक संसद म रखा गया फरवरी 2014 को आं दे श पुनगठन
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अिधिनयम, 2014, आं दे श के उ र पि म से दस िजलों वाले तेलंगाना रा के गठन के िलए भारतीय


संसद म पा रत िकया गया
भूगोल
तेलंगाना भारतीय ाय ीप के पूव समु तट के म खंड म द न के पठार पर थत है इसम 1,14,800
वग िकलोमीटर (44,300 वग मील) े शािमल है रा म 79 ितशत जल हण े के साथ गोदावरी
नदी और लगभग 69 ितशत जल हण े वाली कृ ा नदी दो मु निदयां बहती ह, परं तु िफर भी
अिधकतर े सूखा है तेलंगाना म भीमा, मंजीरा और मूसी जैसी और भी ब त-सी छोटी-छोटी निदयां
बहती ह रा के उ र तथा उ र पि म म महारा , पि म म कनाटक, उ र पूव म छ ीसगढ़ और पूव
म ओिडशा है
कृिष
चावल रा की मु फसल है तंबाकू, आम, कपास और ग ा अ मह पूण फसल ह मुख खरीफ
के मोटे अनाज म यहां म ा, ार, बाजरा तथा रागी का उ ादन होता है रा के कुल भौगोिलक े म
से 40.5 ितशत कुल बुवाई े , 23.9 ितशत वन के तहत, 10.5 ितशत परती भूिम, 7.7 ितशत गैर-
कृिष उपयोग के िलए और 5.4 ितशत बंजर एवं अकृ े के अंतगत आता है कुल फसली े 46.54
लाख हे े यर है कृिष उ ादन वहां होने वाली वषा पर िनभर करता है यहां मुख भाव दि ण-पि मी
मानसून का है
कला और िश
ह कला तेलंगाना का अिभ अंग रहा है यह े अद् ु भत ह िश दान करता है जैसे िबदरी िश ,
बंजारा सुई िश , डोकरा धातु िश , िनमल कला, कां की ढलाई बारीक सुई की कारीगरी हो, कां
की अद् ु भत ढलाई हो या धातु िश या िफर अित उ म पाषाण िश , तेलंगाना म ह कला के ापक
सं ह दे खने को िमलते ह
ोहार
‘बट्ू ठक ा’ रा का एक रं गीन और जीवंत ोहार है फूलों का यह अि तीय ोहार यहां की सां ृ ितक
पहचान का तीक है ‘दे वी महाकाली’ की पूजा वाला ‘बोनालू’ वािषक िहं दू ोहार भी हष ास के साथ
मनाया जाता है दशहरा, सम ा सार ा या ा, पीरला पा गा और रमजान आिद ोहार भी तेलंगाना म
धूमधाम से मनाए जाते ह
वेबसाइट : www.telangana.gov.in

सरकार

उ राखंड

इितहास और भूगोल
उ राखंड का उ ेख ाचीन िहं दू धम ंथों म केदारखंड, मानसखंड और िहमवंत के प म आ है इस
े पर कुषाणों, कुिनंदों, किन , समु गु , पौरवों, कतू रयों, पालों, चं ों, पंवारों और ि िटश शासकों ने
समय-समय पर राज िकया है इसके पिव थलों और तीथ थलों के कारण ब धा इसे दे वताओं की
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धरती-‘दे वभूिम’ कहा जाता है उ राखंड के पवतीय े पयटकों व तीथयाि यों को िनमल ाकृितक
दान करते ह वतमान उ राखंड रा पहले आगरा और अवध संयु ां त का िह ा था यह ां त
1902 म अ म आया 1935 म इसे सं ेप म केवल संयु ां त कहा जाने लगा जनवरी 1950 म
संयु ां त का नाम ‘उ र दे श’ रखा गया 2000 को भारत का 27वां रा बनने से पूव तक उ राखंड
उ र दे श का िह ा बना रहा
िहमालय की तलहटी म थत उ राखंड रा की अंतररा ीय सीमाएं उ र म चीन (ित त) और पूव म
नेपाल से िमलती ह इसके उ र-पि म म िहमाचल दे श और दि ण म उ र दे श है
कृिष
यहां की 90 ितशत आबादी कृिष पर िनभर है रा का कुल खेती यो े 7,67,459 हे े यर है
उ ोग और खिनज
रा म चूनाप र, रॉक फॉ े ट, संगमरमर, डोलोमाइट, मै ेसाइट, तां बा, ेफाइट, िज म आिद के चुर
भंडार ह
िसंचाई और िबजली
रा के 5,61,733 हे े यर कृिष े म िसंचाई की जा रही है रा के पास पनिबजली उ ादन की
जबद मता है यमुना, भागीरथी, भीलां गना, अलकनंदा, मंदािकनी, सरयू, गौरी, कोसी और काली
निदयों पर अनेक पनिबजली संयं ह, िजनम िबजली का उ ादन हो रहा है
प रवहन
सड़क : रा म प ी सड़कों की कुल लंबाई 33,914 िकलोमीटर है सावजिनक िनमाण िवभाग की
सड़कों की लंबाई 25,665 िकमी, थानीय िनकायों ारा बनाई गई सड़कों की लंबाई 2,674 िकमी है
रे लवे : मुख रे लवे े शन ह : दे हरादू न, ह र ार, ड़की, कोट ार, काशीपुर, ह ानी, ऊधमिसंह नगर,
रामनगर और काठगोदाम
उ यन : जौली ां ट (दे हरादू न) और पंतनगर (ऊधमिसंह नगर) म हवाईपिट् टयां ह नैनी-सैनी
(िपथौरागढ़), गौचर (चमोली) और िचनयािलसौर (उ रकाशी) म हवाईपि यां बनाई जा रही ह पवनहं स
िल. ने याग से केदारनाथ तक तीथ याि यों के िलए हे लीकॉ र सेवा शु की है
ोहार
िव िस कुंभ मेला/अ कुंभ मेला ह र ार म ित बारहव/छठे वष के अंतराल म मनाया जाता है अ
मुख मेले/ ोहार ह: दे वीधुरा मेला (चंपावत), पूणािग र मेला (चंपावत), नंदा दे वी मेला (अ ोड़ा), गौचर
मेला (चमोली), बैसाखी (उ रकाशी), माघ मेला (उ रकाशी), उ रायणी मेला (बागे र), िवशु मेला
(जौनसार भाबर), पीरान-किलयार ( ड़की) नंदा दे वी राज जात या ा हर बारहव वष होती है
पयटन थल
तीथयाि यों/पयटकों के आकषण के मुख थल ह: गंगो ी, यमुनो ी, ब ीनाथ, केदारनाथ, ह र ार,
ऋिषकेश, हे मकुंड सािहब, नानकम ा आिद कैलाश मानसरोवर की या ा कमाऊ े से होकर की जाती
है िव िस फूलों की घाटी, िपंडारी ेिशयर, पकुंड, दयारा बु ाल, औली तथा मसूरी, दे हरादू न,
चकराता, नैनीताल, रानीखेत, बागे र, भीमताल, कौसानी और लसडाउन जैसे पवतीय थल पयटकों के
आकषण के मह पूण थल ह
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सरकार
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उ र दे श

इितहास
उ र दे श का इितहास ब त ाचीन और िदलच है उ र वैिदक काल म इसे िष दे श या म दे श
के नाम से जाना जाता था यह वैिदक काल के कई महान ऋिष-मुिनयों, जैसे- भार ाज, गौतम, या व ,
विश , िव ािम और वा ीिक आिद की तपोभूिम रहा आय की कई पिव पु क भी यहीं िलखी गईं
ईसा पूव छठी शता ी म उ र दे श दो नए धम जैन और बौ के संपक म आया बु ने अपना सव थम
उपदे श सारनाथ म िदया और अपने सं दाय की शु आत की तथा उ र दे श के ही कुशीनगर म उ ोंने
िनवाण ा िकया उ र दे श म कई नगर जैसे- अयो ा, याग, वाराणसी और मथुरा िव ा अ यन के
िस क बन गए थे म काल म उ र दे श मु म शासकों के अधीन हो गया िजससे िहं दू और
इ ाम धम के संपक से नई िमली-जुली सं ृ ित का ज आ तुलसीदास और सूरदास, रामानंद और
उनके मु म िश कबीर तथा कई अ संतों ने िहं दी और अ भाषाओं के िवकास म योगदान िकया
उ र दे श ने अपनी बौ क े ता को ि िटश शासनकाल म भी बनाए रखा अं ेजों ने आगरा और
अवध नामक दो ां तों को िमलाकर एक ां त बनाया िजसे आगरा और अवध संयु ां त के नाम से पुकारा
जाने लगा बाद म 1935 म इसे सं ेप म केवल संयु ां त कर िदया गया तं ता ा के प ात्
जनवरी 1950 म संयु ां त का नाम ‘उ र दे श’ रखा गया उ र दे श के उ र म उ राखंड और
िहमाचल दे श, पि म म ह रयाणा, दि ण म म दे श तथा पूव म िबहार रा है उ र दे श को दो
मुख भागों म िवभ िकया जा सकता है : 1. दि णी पवत तथा 2. गंगा का मैदान
कृिष
लगभग 66 ितशत जनसं ा का मु वसाय कृिष है रा म कुल 164.17 लाख हे े यर े म कृिष
होती है
उ ोग और खिनज
रा म कुल 6,12,338 लघु इकाइयां थीं िजनम 7172 करोड़ पये की पूंजी लगी ई थी सावजिनक े
के अंतगत चूनाप र, मै ेसाइट, कोयला, रॉक फा े ट, डोलोमाइट और िसिलकन रे त का खनन िकया
जाता है छोटे खिनजों तथा कुछ और बड़े खिनजों, जैसे- चूनाप र, िसिलका, मैगनेसाइट,
फाइरोफाइलाइट और डायो ार के बड़े पैमाने पर उ ादन का अिधकतर काय िनजी े म है खिनज
आधा रत मह पूण उ ोगों म सोनभ का बड़ा सीमट संयं शािमल है
िसंचाई और िबजली
उ र दे श रा िबजली बोड को पुनगिठत करके उ र दे श िवद् ु यत िनगम, उ र दे श रा िवद् ु यत
उ ादन और उ र दे श पनिबजली िनगम की थापना की गई है िवद् ु यत आिथक िवकास का मह पूण
घटक है
प रवहन
सड़क : लोक िनमाण िवभाग की सड़कों की कुल लंबाई 1,46,728 िकलोमीटर है इसम 3,820 िकलोमीटर
लंबे रा ीय राजमाग, 8,391 िकलोमीटर लंबे ां तीय राजमाग, 1,19,726 िकलोमीटर अ िजला सड़क तथा
1,34,517 िकलोमीटर ामीण सड़क ह
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रे लवे : रे लवे के उ री नेटवक का मु जं न लखनऊ है अ मह पूण रे ल जं न ह- आगरा,


कानपुर, यागराज, मुगलसराय, झां सी, मुरादाबाद, वाराणसी, टुं डला, गोरखपुर, गोंडा, फैजाबाद, बरे ली
और सीतापुर
उ यन : दे श म लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, यागराज, आगरा, झां सी, बरे ली, िहं डन (गािजयाबाद),
गोरखपुर, सरसावा (सहारनपुर) और फुसतगंज (रायबरे ली) म हवाईअ े ह
ोहार
यागराज म ेक बारहव वष कुंभ मेला आयोिजत होता है जोिक संभवत: दु िनया का सबसे बड़ा मेला है
इसके अलावा, यागराज म ेक 6 साल म अ कुंभ मेले का आयोजन भी होता है यागराज म ही
ेक वष जनवरी म माघ मेला भी आयोिजत होता है , जहां बड़ी सं ा म लोग संगम म डु बकी लगाते ह
अ मेलों म मथुरा, वृंदावन व अयो ा के झूला मेले शािमल ह, िजनम ितमाओं को सोने एवं चां दी के झूलों
म रखा जाता है ये झूला मेले एक पखवाड़े तक चलते ह काितक पूिणमा के अवसर पर गंगा म डु बकी
लगाना अ ंत पिव माना जाता है और इसके िलए गढ़मु े र, सोरन, राजघाट, काकोरा, िबठूर, कानपुर,
यागराज, वाराणसी और अयो ा म बड़ी सं ा म लोग एकि त होते ह आगरा िजले के बटे र क े म
पशुओं का िस मेला लगता है बाराबंकी िजले का दे वा मेला मु म संत वा रस अली शाह के कारण
काफी िस हो गया है इसके अित र , यहां िहं दू तथा मु मों के सभी मुख ोहारो को रा भर म
मनाया जाता है
पयटन क
उ र दे श म सभी कार के सैलािनयों के िलए आकषण की कई चीज ह ाचीन तीथ थानों म वाराणसी,
िवं ाचल, अयो ा, िच कूट, याग, नैिमषार , मथुरा, वृंदावन, दे वा शरीफ, फतेहपुर सीकरी म शेख
सलीम िच ी की दरगाह, सारनाथ, ाव ी, कुशीनगर, संिकसा, कंिपल, िपपरहवा और कौशां बी मुख
ह आगरा, अयो ा, सारनाथ, वाराणसी, लखनऊ, झां सी, गोरखपुर, जौनपुर, क ौज, महोबा, दे वगढ़,
िबठूर और िवं ाचल म िहं दू एवं मु म वा ुिश और सं ृ ित के मह पूण खजाने ह
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सरकार

पि म बंगाल

इितहास
बंगाल अथवा बां ा नाम ाचीन रा वंग या बंग से िलया गया है हालां िक रा म खुदाई के दौरान
20,000 वष पुरानी पाषाणकालीन व ुएं ा ई ह िवड़ों, ित त-बमन और ऑ ो-एिशयाई लोगों ने
इसे बसाया यह े ाचीन भारत के वंग रा का िह ा था यह मगध स ा का एक िह ा था
महावीर और बु के समय म यह भारत के चार मुख रा ों म से एक था, िजसके तहत कई जनपद थे
ाचीन ीस ने लगभग 100 ई. पूव बंगाल को गंगारीदाई का नाम िदया, िजसका मतलब ऐसी धरती िजसके
दय म गंगा है बंगाल का पहला तं राजा शशां क था िजसने 7वीं सदी की शु आत म राज िकया कुछ
अविध की अ व था के बाद, लगभग चार सौ वष तक बौ अनुयायी पाल वंश ने इस े पर शासन
िकया इसके बाद छोटी अविध के िलए िहं दू सेन वंश का शासन भी रहा
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बंगाल म सूफी िमशनरी 12वीं शता ी म इ ाम धम लेकर आये बाद म मु म हमलावरों ने म द,


मदरसा और सूफी खानकाह के िनमाण से पां तरण की ि या शु की सोलहवीं शता ी म मुगलकाल
के ारं भ से पहले बंगाल पर अनेक मुसलमान राजाओं और सु ानों ने शासन िकया
मुगलों के प ात् आधुिनक बंगाल का इितहास यूरोपीय तथा अं ेजी ापा रक कंपिनयों के आगमन से
आरं भ होता है 1757 म ासी के यु ने इितहास की धारा को मोड़ िदया जब अं ेजों ने पहले-पहल बंगाल
और भारत म अपने पां व जमाए 1905 म राजनीितक लाभ के िलए अं ेजों ने बंगाल का िवभाजन कर
िदया रा के पूव म बां ादे श, पि म म नेपाल, उ र-पूव म भूटान, उ र म िस म, पि म म िबहार
और झारखंड, दि ण-पि म म ओिडशा तथा दि ण म बंगाल की खाड़ी है
कृिष
कृिष 70 ितशत जनसं ा की आय का मुख ोत है पटसन और चावल रा की मुख फसल ह
इनके अलावा चाय, म ा, त ाकू और ग े की भी खेती होती है
उ ोग
रा की औ ोिगक ो ाहन और आिथक िवकास की नीित के अंतगत िवदे शी तकनीक और िनवेश को
ीकार िकया जाता है िबजली उ ादन म िनजी े के िनवेश तथा औ ोिगक अवसंरचना संशोधन और
उ यन को रा का पूरा समथन है पेटोरसायन और संबंिधत उ ोग, इले ॉिन और सूचना
ौ ोिगकी, लौह और इ ात, धातु िव ान और अिभयां ि की, टे टाइल, चमड़ा और चमड़े के उ ाद,
खा सं रण, औषधीय पौधे, खा तेल, वन ित सं रण और मछली उ ादन रा के मुख उ ोग

िबजली और िसंचाई
सामािजक-आिथक िवकास के िलए ऊजा बड़ी ज रत है ोंिक यह आिथक िवकास को तेजी, रोजगार
उ ि , गरीबी उ ूलन के साथ-साथ मानव िवकास की अ ाव क ज रत है पि म बंगाल म ऊजा े
अिधकां शतः पनिबजली से जुड़ा है ोंिक यह आसान और स ी होती है ; रा की हाइडल– थमल ऊजा
का ितकूल अनुपात 3:97 है इसके िवपरीत, नवीकृत ऊजा के े म कई रों पर काम आ है रा
म तकनीकी प रयोजनाओं को अमल म लाने वाली मु एजसी ड ूबीआरईडीए ने सुंदरबन, पि मी
िमदनापुर और बंकुरा तथा मालदा, मुिशदाबाद के े ों के दू रदराज के कई गां वों म िबजली प ं चाने म
सफलता ा की है
प रवहन
याि यों और सामान को गंत तक प ं चाने का काय मु तः प रवहन िवभाग की िज ेदारी है िवभाग
यह काय यातायात आधा रत अवसंरचना के िवकास और उससे संबंिधत नीितयों को अमल म लाकर पूरा
करता है रा ीय यातायात उप म सामािजक ितब ता को पूरा करने म मह पूण भूिमका िनभाते ह
िवभाग ने यातायात व था को सुचा बनाने के िलए कुछ नई शु आत की ह िजनम मोटर वाहन िवभाग
का कं ूटरीकरण, सड़क सुर ा योजनाएं , बस ड योजनाएं टीओआईपी योजनाएं , दू षण िनयं ण, वाहन
दू षण पर रोक लगाने के िलए 2- ोक ऑटो र ा को 4- ोक ऑटो र ा से बदलना, 15 वष से पुरानी
बसों को बदलना आिद शािमल ह
ोहार
रा म दु गा पूजा, पोइला बैसाख (बंगाली नववष), रथया ा, डोलया ा या बसंत उ ब जैसे अनेकानेक
उ व मनाए जाते ह ि समस कािनवल से ईद उल-िफतर और मुहरम तक; बु पूिणमा से िस गंगा
सागर या ा तक जैसे उ व पूरे हष ास के साथ मनाए जाते ह
पयटन
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पि म बंगाल टे राकोटा काय, हथकरघा िसलाई, हे रटे ज सािड़यों और कई अ अनोखे ह िश काय के


िलए िस है रा म कई धािमक थल ह िजनम सबसे अिधक सं ा म श पीठ मुख ह कालीघाट
मंिदर और तारापीठ ऐसे धम थल ह बेलूर मठ, मायापुर इ ॉन मंिदर, हं गे री मंिदर और ताराके र
मंिदर, भ म द जैसे मुिशदाबाद की िनजामत इमामबाड़ा और कटरा म द, फुकुरा शरीफ और
कोलकाता थत टीपू सु ान शाही म द भी यहां थत ह कई गु ारे और शानदार िगरजाघर भी
पि म बंगाल म थत ह िजनम बंदेल का होली रोजरी, सट जॉन चच, सट जे चच, सट पॉ कैथेडल
और चच ऑफ लॉड जीज़स ह घूम का बौ मठ, भूितया ब ी, माग-डोग यो ोवा, थरपा चोिलंग, ज़ां ग
ढोक पलरी फोडं ग जैसे कई मठ रा के आकषण ह
रा म रोमां च आकषण की भी भरमार है सुंदरबन के घने म ोव म जलीय या ा का आनंद लेते ए
यहां की िविवध वन ित को दे खते ए रॉयल बंगाल टाइगर को भी यहां दे खा जा सकता है िहमालय पर
टे िकंग का आनंद या िचलापाता के ज ापारा के धुंध भरे जंगलों सफारी का भी आनंद िलया जा सकता है
वेबसाइट : www.westbengal.gov.in

सरकार

अंडमान और िनकोबार ीपसमूह

इितहास और भूगोल
क शािसत दे श अंडमान और िनकोबार ीपसमूह 6° और 14° उ री अ ां श तथा 92° और 94° पूव
दे शां तर म थत है 10° उ री अ ां श के उ र म थत ीप अंडमान ीपसमूह कहलाते ह जबिक 10°
उ री अ ां श के दि ण म थत ीप िनकोबार ीपसमूह कहलाते ह यहां की जलवायु नम,
उ किटबंधीय और तटीय है इस सम ीपसमूह म दि ण-पि मी तथा उ र-पूव -दोनों मानसूनों की
वषा होती है सवािधक वषा मई और िदसंबर के महीनों म होती है
इस ीपसमूह के मूल िनवासी जंगलों म रहते थे और िशकार तथा मछिलयां पकड़कर अपना गुजारा
चलाते थे अंडमान के ीपसमूहों म महा अंडमानी, ओंगे, जरवा और सटीनली नाम की चार िन ेटो जाितयां
ह तथा िनकोबार ीपसमूह म िनकोबारी तथा शोमपेन नाम की दो मंगोलाइड जाितयां ह
कृिष
कुल 8,249 वग िकमी के भाग म से केवल 6 ितशत (50,000 हे े यर) म से भी घटकर 47,000 हे े यर
भूिम 2004 के सुनामी के बाद कृिष के अंतगत है धान यहां की मुख खा ा फसल है जो िक मु तः
अंडमान ीपसमूह म उगाई जाती है जबिक िनकोबार ीपसमूह की मु नकदी फसल ना रयल और
सुपारी ह रबी के मौसम के दौरान दाल, ितलहन और स यां उगाई जाती ह, िजसके बाद धान की फसल
बोई जाती है यहां के िकसान पहाड़ी जमीन पर िभ -िभ कार के फल, जैसे– आम, चीकू, संतरा, केला,
पपीता, अ ानास और कंद-मूल आिद उगाते ह यहां ब फसल व था के अंतगत मसाले, जैसे- िमच,
लौंग, जायफल तथा दालचीनी आिद भी उगाई जाते ह इन ीपों म रबड़, रे ड आयल, ताड़ तथा काजू आिद
भी थोड़ी-ब त मा ा म उगाए जाते ह
वन
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इन ीपों के कुल भौगोिलक े का 7,171 वग िकलोमीटर भाग वनों से ढका आ है लगभग सभी कार
के वन जैसे उ किटबंधीय आ सदाबहार वन, उ किटबंधीय अ सदाबहार वन, आ पणपाती, िग र
िशखर पर होने वाले तथा तटवत और दलदली वन पाए जाते ह यहां िविभ कार की लकिड़यां पाई
जाती ह सबसे ब मू लकिड़यां पाडोक तथा गरजन की ह ये िनकोबार म नहीं िमलतीं
व जीव
इन ीपों म 96 व जीव अभयार , नौ रा ीय पाक तथा एक जैव संरि त े (बायो यर रजव) है
नपायी-अब तक अिधसूिचत कुल 55 थलीय एवं 7 समु ी नपायी जाितयों म से 32 े िवशेष म पाई
जाती ह प ी-इन ीपों म पि यों की 246 जाितयां एवं उप जाितयां िमलती ह िजनम से 99 जाितयां एवं
उप जाितयां े िवशेष म पाई जाती ह सरीसृप- इस रा म सरीसृपों की 76 जाितयां पाई जाती ह,
िजसम से 24 े िवशेष तक सीिमत ह समु ी जीव- इन ीपों के समु म मछिलयों की 1,200 से अिधक
जाितयां , इकाइनो डम की 359, घोंघा (मोल ) समूह की 1,067 तथा अ सू जाितयां पाई जाती ह
कशे की ािणयों म मु तः ूगॉग, डॉ न, े ल, खारे पानी के घिड़याल, समु ी कछु ए तथा समु ी
सप इ ािद िमलते ह पूव तट पर मु तः झ ेदार (ि ं िजंग) कार के तथा पि मी तट पर अवरोधी
(बै रयर) कार के वाल पाए जाते ह
उ ोग
रा म 1,833 लघु व म म उ म एवं ह िश इकाइयां पंजीकृत ह झींगा मछली सं रण के े म
दो इकाइयां शत- ितशत िनयातो ुख ह इसके अित र सीपी एवं लकड़ी आधा रत ह िश इकाइयां
ह छोटे पैमाने की इकाइयां पट तथा वािनश, छोटी आटा िपसाई च यां , शीतल पेय एवं शराब, ील
फन चर एवं अ उपकरण, रे डीमेड कपड़े , लोहे के दरवाजे, ि ल इ ािद के उ ादन का काय करती ह
लघु औ ोिगक इकाइयां सीपी िश , बेकरी उ ाद, चावल िनकालने तथा फन चर बनाने का काय भी कर
रही ह अंडमान एवं िनकोबार ीपसमूह सम त िवकास िनगम ने पयटन, म उ ोग तथा औ ोिगक
ऋण के े ों म काम करना आरं भ कर िदया है
प रवहन
मोटर प रवहन िवभाग उ री और दि णी ीपसमूह के 14 क ों से सेवा संचािलत करता है िवभाग के पास
कुल 264 बस ह, जो अंडमान-िनकोबार ीपसमूह के मु तः ामीण े ों म चलती ह वष 2007 से
एटीआर ए ेस सेवा के िलए कं ूटरीकृत िटकट णाली शु की गई है यहां से अि म िटकट ा
िकए जा सकते ह
पयटन
अंडमान और िनकोबार ीपसमूह पयावरण अनुकूल सुरि त पयटक थल के प म िव ात है पयटकों
के इस ग म से ूलर जेल, रॉस आइलड तथा है वलॉक आइलड जैसे िविश थान ह अंडमान के
उ किटबंधीय सदाबहार घने वन, सुंदर पहले व रे तीले समु तट, सपाकार म ोव यु ीक, दु लभ
समु ी वन ितयों एवं जीव-जंतुओं की जाितयों यु समु ी प रवेश तथा मूंगे यहां पयटकों को एक
रणीय अनुभव दान करते ह समु तट पर बने रसाट् स, जल ीड़ा क ों तथा पानी के साहिसक खेलों,
टे िकंग, आइलड किपंग, कृित के बीच िनवास (नेचर टे ल) ू बा डाइिवंग जैसे साहिसक पयटन के पम
यहां पयटन की अपार संभावनाएं ह
या ा पर आने वाले पयटकों के ठहरने की आरामदे ह व था के िलए पयटन िवभाग की ओर से ीपों
के िविभ भागों म िव ाम गृहों का संचालन िकया जाता है यहां के मुख पयटक थलों म नृ सं हालय,
समु ी सं हालय, जल ीड़ा प रसर, गां धी पाक, उ री खाड़ी (नाथ बे), वाइपर आइलड,रॉस आइलड,
िचिड़या टापू (बड वािचंग), रे ड न आइलड, कोिब कोव बीच तथा नील आइलड, है वलॉक आइलड,
िसं े , लघु अंडमान, िदगलीपुर (रॉस एवं थ) इ ािद ह
मु भूिम से ीप हवाई और समु ी या ा ारा अ ी तरह जुड़ा आ है कोलकाता और चे ई से पोट
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ेयर के बीच इं िडयन एयरलाइं स, डे न और जेटलाइट की िनयिमत उड़ान ह चे ई, कोलकाता और


िवशाखाप नम से यहां के िलए िनयिमत या ी नौका सेवा है
वेबसाइट : www.and.nic.in

सरकार

चंडीगढ़

इितहास और भूगोल
चंडीगढ़ आधुिनक िश कला के वैभव से संप दे श है िशवािलक पहािड़यों की नयनािभराम तलहटी म
बसा चंडीगढ़ वा िवक अथ म एक खूबसूरत शहर है ां सीसी वा ुिश ी ला काबूिजए ारा िनिमत यह
शहर आधुिनक थाप कला तथा नगर िनयोजन का शानदार उदाहरण है चंडीगढ़ और उसके आस-पास
के े को 1 नवंबर, 1966 को क शािसत दे श बनाया गया यह ह रयाणा और पंजाब दोनों की राजधानी
भी है इसके उ र और पि म म पंजाब तथा पूव और दि ण म ह रयाणा है
प रवहन
चंडीगढ़ शासन ने यो ा-अनुकूल प रवहन णाली की आव कता को महसूस करते ए ज ही, जन
रत प रवहन णाली शु करने का िन य िकया है चंडीगढ़ शासन तथा पंजाब और ह रयाणा रा
सरकार िमल कर इस प रयोजना पर काम कर रहीं ह
सीटीयू (चंडीगढ़ टां सपोट अंडरटे िकंग) का कं ूटरीकरण िकया जा रहा है तथा 70 ितशत काय पूरा
हो चुका है अपनी ीट की िनगरानी के िलए उप म चरणब ढं ग से ोबल पोिजशिनंग णाली;
जीपीएस भी थािपत करे गा
ामीण िवकास
गरीब तथा िपछड़े तबके के लोगों के िलए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी उ मुहैया कराने के िलए
िविभ गां वों म 14 िविध जाग कता सेिमनार आयोिजत िकए गए यह पहल रा िविध सेवा ािधकरण
ारा की गई खाजरी तथा पालसोरा गां व म सीमट कं ीट फुटपाथ तथा नािलयों को ढकने का काम पूरा
कर िलया गया है मौली जागरण गां व म 70 ितशत काम पूण हो गया है
सूचना ौ ोिगकी
चंडीगढ़ जनता को यो ा अनुकूल तथा रत सेवाएं उपल कराने के िलए सूचना ौ ोिगकी के योग
म रोल मॉडल बन चुका है ई-गवनस पहल के तहत धनास, खु ा ज ु, कबवाला, रायपुर खुद, रायपुर
कलां , म न माजरा तथा बहलाना म ाम संपक क थािपत िकए गए पलसोरा, दादू माजरा, ह ू
माजरा, खुदा अलीसर, द रया, मौली जागरण तथा मालोया म ाम संपक क कर रहे ह शासन ऊजा
संर ण के िलए भी काय कर रहा है टाटा बीपी सोलर िलिमटे ड को वन ित उ ान म ऊजा पाक थािपत
करने का आडर िदया गया है गां वों की सभी ीट लाइटों के थान पर सोलर ीट लाइट लगाई जाएं गी
उ ोग
शासन मौली जागरण गां व के राज इ े ट म औ ोिगक े के तीसरे चरण का िवकास कर रहा है
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पयटन
शासन पयटन को बढ़ावा दे ने के िलए अनेक पहल कर रहा है जैसे िववाह पयटन िचिक ीय, शैि क
तथा मनोरं जन सुिवधाओं म वृ कर शासन िसनेमैिटक, खेल तथा िचिक ा पयटन को बढ़ावा दे रहा है
चंडीगढ़ अंतररा ीय हवाईअ ा े म पयटन को ो ाहन दे ने म मह पूण भूिमका िनभा रहा है
िबजली
सभी िनवािसयों के िलए पया िबजली का ावधान शासन का ान आकिषत कर रहा है वो े ज
ोफाइल को सुधारने तथा िवद् ु यत िवतरण नेटवक पर दबाव को कम करने के िलए इले क िवंग ने
िविभ थानों पर थत 66 िकलोवाट ि ड सब- े शनों म 80 एमवीएआर चािलत कैपेिसटर बक लगाने
की योजना बनाई है सभी सरकारी भवनों म सीएफएल अिनवाय कर िदया गया है इसी कार शै िणक
भवन अपने प रसर के पािकग थानों पर सौर ऊजा का योग करगे
वेबसाइट: www.chandigarh.gov.in

सरकार

दादरा और नगर हवेली

इितहास और भूगोल
जनता ारा 1954 को मु कराने तक पुतगािलयों ने इस दे श पर शासन िकया 1954 से 1961 तक यह
दे श लगभग तं प से काम करता रहा िजसे ‘ तं दादरा एवं नगर हवेली शासन’ ने चलाया,
लेिकन 1961 को यह दे श भारतीय संघ म शािमल हो गया और तब से भारत सरकारक शािसत दे श के
प म इसका शासन कर रही है पुतगाल के चंगुल से इस े की मु के बाद से ‘व र पंचायत’
शासन की परामशदा ी सं था के प म काय कर रही थी परं तु इसे अग 1989 म भंग कर िदया गया
और अ खल भारतीय र पर संिवधान संशोधन के अनु प दादरा और नगर हवेली िजला पंचायत और 11
ाम पंचायतों की एक दे श प रषद गिठत कर दी गई दादरा और नगर हवेली 491 वग िक.मी. म फैला
छोटा-सा े है यह गुजरात और महारा रा ों से िघरा आ है इसके दो भाग ह: एक दादरा और दू सरा
नगर हवेली िनकटतम रे लवे े शन वापी म है , जो िसलवासा से 18 िकलोमीटर दू र है िसलवासा दादरा
और नगर हवेली की राजधानी है िसलवासा नगर प रषद 2006 म अ म आई और यह मु तः दो
नगरों से बनी है - िसलवासा और आमली 2011 की जनगणना म अ पां च गां वों-दादरा, नरोली, समरवाणी,
म तथा रखोली को गैर-संवैधािनक जनगणना शहर माना गया
कृिष
दादरा और नगर हवेली मु तः ामीण े है , जहां 79 ितशत आिदवासी रहते ह इसका कृिष े
लगभग 21,115 हे े यर है मु फसल धान (खरीफ) है तथा नागली और पहाड़ी बाजरा अ मुख
फसल ह फलों म आम, चीकू तथा केले का मु उ ादन होता है तथा कुल भू-भाग के 40 ितशत े म
वन ह िपछले कुछ वष से ग े की खेती म वृ ई है िसंिचत े ों म ब -फसल प ित के उपाय िकए
जा रहे ह गैर-सरकारी संगठन, बीएआईएफ, भारतीय ए ो इं ड ीज़ फाउं डेशन ारा नाबाड के िव ीय
सहयोग से दादरा तथा नगर हवेली के जनजातीय े म वाडी िवकास काय म शु िकया गया है
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उ ोग
1965-66 से पहले यहां कोई उ ोग नहीं था केवल कुछ द कार परं परागत प से बतन, च ल, जूते
जैसे चमड़े का कुछ सामान और बां स की चीज बनाते थे 1967-68 म दान उ ोग सहकारी संघ िल. ने
सहकारी े म औ ोिगक संपदा की थापना करके छोटे पैमाने पर औ ोिगक िवकास के काम की
शु आत की आिथक उदारता नीित लागू होने के बाद औ ोिगक िवकास म उछाल आया इसके बाद
िसलवासा, मसात और खदोली म तीन सरकारी औ ोिगक संपदाएं िवकिसत की गईं 1863 लघु उ ोग,
430 मझोली/लघु उ ोग इकाइयां कायरत थीं, िजनम 46,000 लोग काम कर रहे थे
िसंचाई और िबजली
इस े के तं होने से पहले, यहां िकसी कार की िसंचाई सुिवधाएं नहीं थीं और िकसानों को पूरी तरह
से वषा पर ही िनभर रहना पड़ता था दे श के भारतीय संघ म स िलत होने के बाद लघु िसंचाई े म
पया उपाय िकए गए ह अब तक िसंचाई कुओं से संबंिधत 128 िल िसंचाई प रयोजनाएं पूरी की जा
चुकी ह िजससे 1,851 हे े यर और अिधक िसंचाई मता बढ़ी है मंझोली िसंचाई प रयोजना जैसे
दमनगंगा आरि त जल प रयोजना के ज रए इस क शािसत दे श म 115 िक.मी. छोटी नहर और
िड ी ूटरी काम कर रही है 4,300 हे े यर म सभी तरह के फी चैनलों म िवकास काय पूरा हो चुका
है तथा 4,049 हे े यर म परी ण िकया गया है
प रवहन
क शािसत दे श पूरी तरह महारा और गुजरात के सड़क नेटवक पर िनभर है ोंिक मुंबई से इन दोनों
रा ों को पार करने के उपरां त ही दे श म प ं चा जा सकता है वतमान म सड़कों की कुल लंबाई 635
िक.मी. है िजसम से 570 िक.मी. प ी ह लगभग सभी गां व ऐसी सड़कों से जुड़े ह जो हर मौसम म ठीक
रहती ह मुंबई से अहमदाबाद का रे ल माग वापी से भी जुड़ा है िनकटतम हवाईअ ा मुंबई है बढ़ते
यातायात की ज रतों के म े नजर दे श म सड़क चौड़ी करने का काम हाल म शु िकया गया है तेजी से
बढ़ रहे औ ोगीकरण को दे खते ए िसलवासा और आस-पास के े ों म अ छु ट-पुट काय के अलावा
चार लेन सड़क-िनमाण का काय शु िकया गया है
पयटन थल
घने वन े तथा अनुकूल जलवायु को दे खते ए यहां पयटन े को उ ाथिमकता दी गई है पयटन
की ि से मुख थान ह- ताड़के र िशव मंिदर, िब ािवन, खानवेल का िहरण पाक, वाणगंगा झील और
ीप उ ान, दादरा, वनिवहार उ ान, लघु ाणी िवहार, बाल उ ान, आिदवासी ूिजयम और िसलवासा
थत िहरवावन उ ान िसलवासा के या ी पयटन को बढ़ावा दे ने के िलए हर साल तारपा उ व और िव
पयटन िदवस आिद आयोिजत िकए जाते ह
ोहार
इस े म सामा तया सभी िहं दू, मु म और ईसाई ोहार मनाए जाते ह आिदवासी अपने ही ोहार
मनाते ह ढोिडया और वत जनजाितयों ‘िदवसो’ ोहार मनाती ह और ढोिडया जनजाित र ाबंधन भी
मनाती है वल और कोली जनजाितयां भावड़ा ोहार मनाती ह यहां की सभी जाितयों के लोग फसल
काटने से पहले ाम दे वी की पूजा करते ह तथा फसल काटने के बाद ‘काली पूजा’ का ोहार मनाते ह
वेबसाइट : www.dnh.nic.in

दमन और दीव
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इितहास और भूगोल
दमन और दीव तथा गोवा दे श की आज़ादी के बाद भी पुतगाल के अधीन रहे 1961 म इ भारत का
अिभ िह ा बना िदया गया 30 मई, 1987 को गोवा को रा का दजा िदए जाने के बाद दमन और दीव
को अलग क शािसत दे श बनाया गया दमन मुंबई से लगभग 193 िकलोमीटर दू र है यह पूव म
गुजरात, पि म म अरब सागर, उ र म कोलक नदी तथा दि ण म कलाई नदी से िघरा है गुजरात का
वलसाड, दमन का पड़ोसी िजला है दीव दो पुलों से जुड़ा आ ीप है दीव का पड़ोसी िजला गुजरात का
जूनागढ़ है
कृिष और िसंचाई
दमन और दीव म कुल िसंिचत े 393.93 हे े यर है , जबिक अिसंिचत े 3304.73 हे े यर है यहां की
मह पूण फसल धान, रागी, बाजरा, ार, मूंगफली, दाल, सेम, गे ं , चीकू, आम, केला, ना रयल और ग ा
ह इस े म कोई बड़ा जंगल नहीं है
उ ोग और िबजली
दमन और दीव म 2,930 मंझोली तथा लघु उ ोग इकाइयां ह दमन म ओमनीबस औ ोिगक िवकास
िनगम ारा दो औ ोिगक े ों का िवकास िकया गया है दाभेल, भीमपोर, काचीगाम और कदाइया दू सरे
औ ोिगक े ह
सभी गां वों म िबजली प ं च गई है दमन और दीव को पि मी े के क ीय िबजलीघरों से पया
िबजली िमल रही है
प रवहन
सड़क : सड़कों की कुल लंबाई मशः 191 िक.मी. और 78 िक.मी. है
रे लवे : दमन और दीव रे लमाग से नहीं जुड़े ह दमन का िनकटतम रे लवे े शन वापी है जो पि म रे लवे के
मुंबई-िद ी माग पर है दीव का समीपवत रे लवे े शन मीटर गेज लाइन पर थत दलवाड़ा है
उ यन : दमन और दीव दोनों म ही हवाईअ े ह दीव िवमान सेवा से जुड़ा आ है तथा मुंबई से दीव तक
की िनयिमत िवमान सेवा उपल है
पयटन थल
दमन के मुख पयटन क ह- बॉम जीसस चच, अवर लेडी ऑफ सी चच, अवर लेडी ऑफ रे मेिडओज
चच, मोती दमन और नानी दमन के िकले, जंपौर और दे वका समु तट, नानी दमन और मोती दमन जे ी म
सावजिनक उ ान, परगोला गाडन, मोती दमन; ए ूजमट पाक, दे वका; दमनगंगा टू र कॉ े ,
कािचगाम; स सागर उ ान; िमरासोल गाडन, िमरासोल वाटर पाक
दीव म सट पॉल चच, दीव फोट और पानीकोटा फोट, नागोआ और च तीथ तथा घोघला और समर
हाउस िच न पाक मुख पयटन थल ह
वेबसाइट : www.daman.nic.in

िद ी
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इितहास और भूगोल
महाका महाभारत काल से ही िद ी का िवशेष उ ेख रहा है िद ी का शासन एक वंश से दू सरे वंश
को ह ां त रत होता गया यह मौय से आरं भ होकर प वों तथा म भारत के गु ों से होता आ 13वीं से
15वीं सदी तक अफगान के तुक और अंत म 16वीं सदी म मुगलों के हाथों म प ं चा 18वीं सदी के उ रा
और 19वीं सदी के पूवा म िद ी म अं ेजी शासन की थापना ई 1911 म कोलकाता से राजधानी
िद ी थानां त रत होने पर यह शहर सभी तरह की गितिविधयों का क बन गया 1956 म इसे क शािसत
दे श का दजा ा आ दे श के उ री भाग म थत िद ी पूव िदशा को छोड़कर सभी ओर से ह रयाणा
रा से िघरी है , पूव म उ र दे श की सीमा इससे लगती है िद ी के इितहास म 69वां संिवधान संशोधन
िवधेयक एक मह पूण घटना है , िजसके फल प रा ीय राजधानी े अिधिनयम, 1991 म लागू हो
जाने से िद ी म िवधानसभा का गठन आ
कृिष
गे ं , बाजरा, ार, चना और म ा यहां की मुख फसल ह, लेिकन अब िकसान अनाज वाली फसलों की
बजाय फलों और स यों, दु उ ादन, मुग पालन, फूलों की खेती को ादा मह दे रहे ह ये
गितिविधयां खा ा ों, फसलों के मुकाबले अिधक लाभदायक सािबत ई ह
उ ोग
िद ी न केवल उ र भारत का सबसे बड़ा ावसाियक क है , ब यह लघु उ ोगों का भी सबसे बड़ा
क है इनम टे लीिवजन, टे प रकाडर, ह ा इं जीिनय रं ग साज-सामान, मशीन, मोटरगािड़यों के िह े-
पुज, खेलकूद का सामान, साइिकल, पी.वी.सी. से बनी व ुएं, जूते-च ल, कपड़ा, उवरक, दवाएं , होजरी
का सामान, चमड़े की व ुएं, सॉ वेयर आिद िविभ व ुएं बनाई जाती ह
िसंचाई और िबजली
िद ी के गां वों का तेजी से शहरीकरण होने की वजह से िसंचाई के अंतगत आने वाली खेती यो भूिम धीरे -
धीरे कम होती जा रही है रा म ‘केशोपुर वाह िसंचाई योजना चरण तृतीय’ तथा ‘जल संशोधन संयं से
सुधार एवं वाह िव ार िसंचाई णाली’ नामक दो योजनाएं चलाई जा रही ह रा ीय राजधानी े , िद ी
के ामीण े म 350 हे े यर की िसंचाई रा नलकूपों ारा और 1,376 हे े यर की िसंचाई अित र
पानी ारा की जा रही है इसके अलावा 4,900 हे े यर भूिम की िसंचाई ह रयाणा सरकार के अधीन पि मी
यमुना नहर ारा की जा रही है
िद ी के िलए इसकी अपनी उ ादन इकाइयों- राजघाट िबजलीघर, इं थ े शन और बदरपुर ताप
िबजलीघर सिहत गैस टरबाइन पर आधा रत इकाई से 850-900 मेगावाट िबजली ा होती है शेष
िबजली उ र े ीय ि ड से ा की जाती है िद ी म कई िबजली उ ादन इकाइयां शु करने की
योजना है इं थ ए े ट म गित क ाइं ड साइिकल पावर ोजे थािपत िकया जा चुका है 330
मेगावाट गित पावर प रयोजना िनमाणाधीन है और ज ी ही चालू होने वाली है िबजली िवतरण को
सुचा बनाने के िलए िद ी िवद् ु यत बोड का िनजीकरण कर िदया गया है और िद ी की िबजली व था
अब दे श की दो जानी-मानी सं थाओं- बीएसईएस तथा टाटा पावर (एनडीपीएल) ारा दे खी जा रही है
प रवहन
िद ी सड़कों, रे ल लाइनों और िवमान सेवाओं के ज रये भारत के सभी भागों से भलीभां ित जुड़ी ई है
यहां तीन हवाईअ े ह इं िदरा गां धी अंतररा ीय हवाईअ ा अंतररा ीय उड़ानों के िलए पालम हवाईअ ा,
घरे लू उड़ानों के िलए तथा सफदरजंग हवाईअ ा, िश ण उड़ानों के िलए इ ेमाल िकया जा रहा है
िद ी म पां च मह पूण रे लवे े शन भी ह ये िद ी जं न, नई िद ी रे लवे े शन, िनजामु ीन रे लवे
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े शन, आनंद िवहार रे लवे े शन और सराय रोिह ा रे लवे े शन के नाम से जाने जाते ह तीन
अंतरा ीय बसअ े - क ीरी गेट, सराय काले खां और आनंद िवहार म ह
िद ी शहर म बढ़ते वाहन दू षण और यातायात की अ - थित को दे खते ए भारत सरकार ने
मास रे िपड टां िजट णाली (एमआरटीएस) लागू करने का िनणय िलया यह प रयोजना काया त की जा
रही है और इसम अ ाधुिनक तकनीक का इ ेमाल िकया जा रहा है मेटो रे ल प रयोजना िद ी म आ
गई है
ोहार
महानगर होने की वजह से यहां भारत के सभी मुख ोहार मनाए जाते ह इनके अलावा, िद ी पयटन
और प रवहन िवकास िनगम कुछ वािषक उ वों का भी आयोजन करते ह ये ह: रोशनआरा उ व,
शालीमार उ व, कुतुब मेला, शीतकालीन मेला, उ ान पयटन मेला, जहान-ए-खुसरो उ व तथा आम
महो व
पयटन थल
िद ी के मुख पयटन क ों म लाल िकला, जामा म द, कुतुब मीनार, इं िडया गेट, ल ीनारायण
(िबड़ला) मंिदर, मायूं का मकबरा, लोटस टपल, अ रधाम आिद मुख ह िद ी रा पयटन और
प रवहन िवकास िनगम पयटकों को यहां के िविभ थानों की सैर कराने के िलए िवशेष बस सेवाएं चलाता
है िनगम ने पैरा सेिलंग, रॉक ाइं िबंग और बोिटं ग जैसी साहिसक पयटन गितिविधयों के िलए सुिवधाएं
िवकिसत की ह िनगम ने दो ‘िद ी हाट’ का िवकास िकया है , जहां िविभ रा ों की खा व ुएं और
पेय एक ही जगह उपल ह िद ी के िविभ भागों म ऐसी ही ‘हाट’ बनाने की योजना है िनगम िद ी
के अनेक भागों म ‘कॉफी होम’ भी चला रहा है िद ी के दि णी िजले म ‘पंचि यों का पाक’ (गाडन
ऑफ फाइव ससेज) भी खुला है जो िद ी म आने वाले ब त-से पयटकों के आकषण का क है
वेबसाइट : www.delhi.gov.in

ल ीप

इितहास और भूगोल
इन ीपों के बारे म, इनके पूव इितहास के बारे म अिधक जानकारी उपल नहीं है समझा जाता है िक
पहले-पहल लोग आकर अमीनी, अन ौत, कवार ी और अगा ी ीपों पर बसे पहले यह िव ास िकया
जाता था िक ीप म आकर बसने वाले मूल लोग िहं दू थे और लगभग 14वीं शता ी म िकसी समय अरब
ापा रयों के भाव म आकर मुसलमान बन गए परं तु हाल म पुरात ीय खोजों से पता चलता है िक
लगभग छठी या सातवीं शता ी के आसपास यहां बौ रहते थे सव थम इ ाम धम को अपनाने वाले
िजन लोगों और िनवािसयों का पता चलता है , वे िहजरी वष 139 ( आठवीं शता ी) के समय के मालूम होते
ह इस तारीख का पता अगा ी म हाल म खोजे गए मकबरों के प रों पर खुदी तारीखों से लगता है
थानीय परं परागत मा ताओं के अनुसार, इस ीप म अरब सूफी उबैदु ा िहजरी सन 41 म इ ाम को
लेकर आए
शायद 16वीं शता ी तक तं इन ीपों म बसने वाले लोगों को पुतगािलयों के उपिनवेशों के
आिधप से मु पाने के िलए िचर ल के राजा की सहायता लेनी पड़ी इससे वह यहां अपना भु
जमा सका और बाद म इन ीपों को क ानूर म मोपला समुदाय के मुख अली राजा को जागीर के पम
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सौंप िदया जो बाद म तं शासक बन बैठा अ ल शासन लोकि य नहीं आ और 1787 म टीपू
सु ान ने इन ीपों पर क ा करने की उ र के ीपवािसयों की यािचका को ीकार कर िलया टीपू
सु ान के पतन के बाद ये ीप ई इं िडया कंपनी के अिधकार म दे िदए गए, परं तु इन पर क ानूर के
शासक व ुतः तब तक शासन करते रहे जब तक िक अंततः बीसवीं शता ी के आरं भ म अं ेजों ने इन पर
क ा नहीं कर िलया 1956 म इन ीपों को िमलाकर क शािसत दे श बना िदया गया और तब से इसका
शासन क सरकार के शासक के मा म से चल रहा है 1973 म ल ा दीव, िमनीकाय और अमीनदीवी
ीपसमूहों का नाम ल ीप कर िदया गया ल ीप वाल ीपों का एक समूह है िजसम 12 वाल ीप,
तीन वाल िभि और 6 जलम बालू के तट शािमल ह यहां के कुल 36 ीपों म से केवल 11 म आबादी
है ये ीप उ र म 8° और 12°3’ अ ां श पर तथा पूव म 71° और 74° दे शां तर पर केरल तट से लगभग
280 से 480 िक.मी. दू र अरब सागर म फैले ए ह
कृिष
यहां की मुख फसल ना रयल है और ितवष 60 िमिलयन ना रयल का उ ादन होता है 2,689 हे े यर
भूिम म यहां खेती की जाती है यहां के ना रयल को जैव उ ाद (आगिनक ोड ) के प म जाना गया
है भारत म सवािधक ना रयल उ ादन ल ीप म होता है तथा ित हे े यर उपज 20,600 ना रयल है
और ेक पेड़ से ितवष औसतन 82 ना रयलों का उ ादन होता है ल ीप के ना रयलों म िव के
अ ना रयलों के मुकाबले सवािधक तेल ( 82 ितशत) पाया जाता है
मछली पालन
मछली पकड़ना यहाँ का अ मुख काय है इसके चारों ओर के समु म मछिलयां ब त अिधक ह
ल ीप म ित मछली की उपल ता दे श म सवािधक है

उ ोग
ना रयल के रे शे और उससे बनने वाली व ुओं का उ ादन यहां का मु उ ोग है सरकारी े के
अधीन ना रयल के रे शों की सात फै यां , 5 रे शा उ ादन एवं दशन क और 7 रे शा बंटने वाली
इकाइयां ह इन इकाइयों म ना रयल रे शों और सुतली के उ ादन के अित र ना रयल के रे शे से बनी
र यां , कॉरीडोर मैट, चटाइयों और द रयों आिद का भी उ ादन िकया जाता है िविभ ीपों म िनजी
े म भी कई ना रयल रे शा इकाइयां काम कर रही ह

प रवहन
इस समय मु ीपीय े म और अंतः ीपीय े एम. वी. कावार ी, एम. वी. अरब सागर, एम. वी. टीपू
सु ान, एम. वी. भारत सीमा, एम. वी. िमिनकॉय, एम. वी. अमनदवी तथा एम. वी. दीपसेतु संचािलत ह
इसके अित र तीन 150 या ी हाई ीड वैसल (उ गित जहाज़) (एचएससी पराली, एचएससी
विलयापनी और एचएससी िचरयापन), तीन 50 या ी वाले उ गित जहाज़ (एचएससी प जैक,
एचएससी ू मािलन) और (एचएससी ेक मािलन), एक 15 या ी उ गित जहाज़, एचएसी वीरं जली
और दो 100 या ी फेरी जहाज़ (एमवी ख़दीजा बीवी और एम.वी. हमीद बी) अंतर ीपीय े ों म
कने िवटी बनाए रखती ह तीन 150 या ी एचएससी आव कता अनुसार ीप और मु े को
जोड़ते ह चार काग बाज- उबैदु ा, िथनाकारा, लाकािदव तथा चे रयम काग सुिवधा उपल कराते ह
ीपों से कावार ी तथा मु भूिम तक गंभीर रोिगयों को प ं चाने के िलए शासन चाटर पर दो पवन हं स
हे लीकॉ र चलाता है एयरलाइं स अगाती और को को जोड़ने के िलए भी रिववार छोड़कर इं िडयन
एयरलाइन की वायुयान सेवा उपल है

पयटन थल
एक मह पूण उ ोग के प म पयटन का िवकास हो रहा है अगाती, बंगारम, कलपेनी, कादमत,
कावार ी तथा िमनीकॉय आिद मु पयटन थल ह
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वेबसाइट : www.lakshadweep.gov.in

सरकार

पुद्ु दचेरी

इितहास और भूगोल
क शािसत दे श पुद्ु दचेरी, पूव ां सीसी कॉलोनी रही है , िजसम यहां के चार ाय े पुद्ु दचेरी,
करईकल, माहे और यनम आते ह पुद्ु दचेरी इस े की राजधानी है और एक समय यह भारत म ां सीसी
सरकार का मु ालय आ करती थी ां स सरकार ने इन े ों की शासन व था 1954 म भारत
सरकार को सौंप दी थी इन सभी े ों को क शािसत दे श पुद्ु दचेरी म शािमल कर िलया गया था
पुद्ु दचेरी के पूव म बंगाल की खाड़ी और शेष तीन ओर तिमलनाडु के कडलूर और िव ुपुरम िजले ह
कृिष
पोंडल की खेती के अंतगत आने वाले े को िव ार दे ने और उसकी उ ादन मता बढ़ाने के िलए
िकसानों को गोड स यां उगाने के िलए ो ािहत िकया जाता है इसके िलए उ िव ीय सहयोग िदया
जाता है तािक वह थायी पोंडल ढां चों को थािपत कर सके िनमाण की उ लागत के कारण िकसानों को
पोंडल ढां चों के िनमाण म काफी सम ाएं आती ह इस संबंध म 50 ितशत छूट से लेकर ित एकड़ 1
लाख पये की सहायता उपल कराई जा रही है स ी उ ादकों के िलए ित यूिनट े म पैदावार
बढ़ाने और आमदनी म वृ करने के िलए यह ब त ही उपयु िवक है
उ ोग
पुद्ु दचेरी का कुल े 479 वग िक.मी. है और िपछली जनगणना के अनुसार यहां की कुल आबादी 12.44
लाख़ है यहां दि ण भारत के चार तटीय े जुड़ते ह िनवेशो ुख होने के कारण िपछले कुछ वष म
यहां बड़ी सं ा म िनवेश और औ ोिगक िवकास दे खा गया है हालां िक, िपछले कुछ वष से अथ व था
की सु चाल के कारण औ ोिगक मंदी भी दे खने को िमली है , बावजूद इसके िवकास जारी है पुद्ु दचेरी
म 77 बड़े , 9,067 लघु, छोटी और मंझोली औ ोिगक इकाइयां ह इनम 2,909 करोड़ पये का िनवेश है
और यह इकाइयां े की जीवनधारा ह और इनम करीब एक लाख लोग काम करते ह
पयटन
शहर के पुराने िह े को बुलेवाड टाउन कहा जाता है यह चार बुलेवाड् स से जुड़ा है जो एक समय शहर
की बाहरी सीमा िनि त करते थे बुलेवाड टाउन म तिमल और ां सीसी अंशों का थाप झलकता है ,
िजनके बीच एक नहर बहती है और इ एक आयताकार ि ड योजना की मदद से जोड़ा गया है कुछ
ऐितहािसक इमारत भी ह और शहर के थाप पर तिमल एवं ां सीसी े ों म पारं प रक शैली से बने घरों
का गहरा असर पड़ा है िस दशनीय थलों म पुराता क थल अ रकमेडु है िजसकी खोज 200
ईसापूव रोमनों ने की थी इसका खुदाई काय अभी चल रहा है आयीं मंडपम का िनमाण नेपोिलयन तृतीय
के शासनकाल म आ था 1773 म बना आनंद रं गिप ई का भवन तथा अपने गॉिथक थाप के िलए
िस से े ड हाट ऑफ जीसस िगरजाघर दशनीय थल ह
िबजली
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संघ शािसत दे श की मौजूदा िबजली आपूित क सरकार के सटल जेनरे िटं ग े शंस (सीजीएस) और
िनकटवत रा ों के िबजली बोड (टीएएनजीईडीसीओ और केएसईबी) से होती है पुद्ु दचेरी पावर
कॉरपोरे शन िल. ारा चािलत करईकल े म एक 32.5 मेगावाट गैस आधा रत िबजली संयं भी है जो
करईकल े की िबजली ज रतों को कुछ हद तक पूरा करता है
वेबसाइट : www.py.gov.in
सरकार
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31 रा ीय घटना म

1 जनवरी, 2018 से 31 िदसंबर, 2018


जनवरी-2018

धानमं ी के सरकारी वेबसाइट की असिमया और मिणपुरी सं रण की शु आत की गई


क ीय मंि मंडल ने धानमं ी ा सुर ा योजना के तहत िबलासपुर (िहमाचल दे श) म नए ए
की थापना को मंजूरी दी
आिथक मामलों की मंि मंडलीय सिमित ने रा ीय जलमाग-1 (एनड ू-1) पर नौवहन की मता
संव न के िलए जलमाग िवकास प रयोजना के काया यन को मंजूरी दी इस पर 5,369.18 करोड़
पये की लागत आएगी िव बक इसम िनवेश और तकनीकी सहायता उपल कराएगा
आिथक मामलों की मंि मंडलीय सिमित ने ज ू-क ीर म रा ीय राजमाग-1ए को जोड़ने वाले
ीनगर-लेह खंड पर 95.00 िक.मी. और 118.00 िक.मी. पर उपमाग को छोड़कर पैरेलल ए े प
(ए ेस) सुरंग के साथ दो लेन की दो िदशाओं की ज़ोिजला सुरंग के िनमाण, चालन और रखरखाव
को मंजूरी दी
क सरकार ने कंपनी (संशोधन) अिधिनयम, 2017 (संशोधन अिधिनयम) को अिधसूिचत िकया
पहली पीआईओ-सां सद कां स नई िद ी म आयोिजत की गई
आईपीआर संव न तथा बंधन को (सीआईपीएएम), औ ोिगक नीित एवं संव न िवभाग ने
एसोचैम और ए र न इं िडया के सहयोग से महािव ालयों और िव िव ालयों के िव ािथयों के िलए
बौ क संपदा ितयोिगता आईपी र म शु की
िडज़ा र रीसाइिलएं ट इं ा र पर अंतररा ीय कायशाला का आयोजन िकया गया
खेलों म उ ृ ता को बढ़ावा दे ने और जन-भागीदारी को ो ािहत करने के िलए खेल और युवा
मामलों के मं ालय ने ‘खेलों इं िड़या गान’ का लोकापण िकया ‘खेलो इं िडया’ की शु आत का पहला
काय म 31 जनवरी, 2018 को शु ए ‘खेलो इं िडया ू ल’ खेल थे
भारत के रा पित ने वष 2016 के िलए संगीत नाटक अकादमी फैलोिशप (अकादमी र ) और संगीत
नाटक अकादमी पुर ार (अकादमी पुर ार) दान िकए
लंबी दू री की ज़मीन से ज़मीन तक मार करने वाली बैिल क िमसाइल अि -5 की पूण ृंखला का
ओिडशा के डॉ. अ ु ल कलाम ीप से सफल परी ण िकया गया यह इस िमसाइल का पां चवां
परी ण था यह रोड मोबाइल लॉ र पर एक कन र से लगातार तीसरा परी ण था सभी पां च
अिभयान सफल रहे ह
ी ओम काश रावत को मु िनवाचन आयु िनयु िकया गया
गणतं िदवस 2018 समारोहों के तहत सरकार ने िद ी के लालिकले पर 26 से 31 जनवरी, 2018
तक ‘भारत पव’ का आयोजन िकया
िव मं ी ने 2017-18 का आिथक सव ण संसद म पेश िकया इसम वष 2018-19 म 7-7.5 ितशत
िवकास दर का अनुमान िकया गया

फरवरी-2018

िव मं ी ने वष 2018-19 का आम बजट संसद म पेश िकया


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िव और कंपनी मामलों के क ीय मं ी ने ि िसल और िसडबी ारा संयु प से िवकिसत अित


लघु और लघु उ मों के िलए भारत के पहले सटीमट इं डे ि िसडए का शुभारं भ िकया
क ीय मंि मंडल ने पारा पर िमनामटा संिध की पुि के ाव और भारत को संिध का एक प बनाने
के िलए पुि के द ावेज दान करने को मंजूरी दी
आय पर करों के संदभ म िव ीय अपवंचन रोकने और दोहरे कर से बचने के िलए भारत और चीन के
बीच समझौते के संशोधन के ोटोकाल की पुि और ह ा र की मंजूरी
क ीय मंि मंडल ने ाय िनकायों- रा ीय आरो िनिध तथा जनसं ा थरता कोष को बंद करने
के ाव को मंजूरी दी और ये काय ा और प रवार क ाण िवभाग के तहत लाने का ाव
िदया गया
क ीय मंि मंडल ने 1,650 करोड़ पये की लागत से धानमं ी रसच फैलो योजना को 2018-19 से
सात वष के िलए काया यन के वा े मंजूरी दी
नीित आयोग ने थ रा , गितशील भारत रपोट की शु आत की सवागीण िन ादन के संदभ म
बड़े रा ों म केरल, पंजाब और तिमलनाडु सव प र रहे
धानमं ी नरे मोदी को ि प ीय संबंधों को बढ़ावा दे ने के िलए िफिल ीन के सबसे बड़े स ान
ां ड कॉलर ऑफ े ट ऑफ िफिल ीन दान िकया गया
कृिष और िकसान क ाण मं ालय ने नई िद ी म रा ीय कृिष िव ान प रसर, पूसा म रा ीय
स ेलन, कृिष 2022 तक िकसानों की आय दोगुनी करना का आयोजन िकया
क सरकार ने पूव र के िलए नीित फोरम की थापना की नीित आयोग के उपा और पूव र
े िवकास रा मं ी इसके सह-अ होंगे फोरम का सिचवालय पूव र े िवकास मं ालय म
होगा
भारतीय रा ीय मानक िनकाय-भारतीय मानक ूरो ने डाटा साइं स फाउं डेशन के सहयोग से नई
िद ी म पां चव अंतररा ीय डाटा साइं स सिमट का आयोजन िकया
डीआरडीओ ने म 2 की उड़ान अपने वैमािनक परी ण रज, िच दु ग से सफलतापूवक पूरी की
भारत सरकार के शासिनक सुधार एवं सावजिनक िशकायत िवभाग और इले ॉिन एवं सूचना
ौ ोिगकी मं ालय ने तेलंगाना सरकार के साथ िमलकर ई-गवनस पर 21व रा ीय स ेलन का
आयोजन िकया
टकरोधी िनयंि त िमसाइल नाग का सफल परी ण रे िग ानी प र थितयों म िविभ रज और समय
पर दो टक ल ों को िनशाना बनाकर िकया गया

माच-2018

क ीय मंि मंडल ने रा ीय िव ीय रप िटं ग ािधकरण की थापना के ाव को मंजूरी दी इस


ािधकरण की थापना का उ े लेखा परी ण वसाय के िलए एक तं िनकाय बनाना है यह
कंपनी अिधिनयम, 2013 के तहत िकए गए बदलावों म शािमल है
क ीय मंि मंडल ने भारत और ां स के बीच वासन और प रवतनीयता भागीदारी समझौते पर
ह ा र को मंजूरी दी
क ीय रसायन तथा उवरक और संसदीय काय मं ी ने धानमं ी जन औषिध प रयोजना के तहत
शत- ितशत ओ ो-बायोडी ेडेबल सेनेटरी नैपिकन ‘सुिवधा’ की शु आत की
अ खल भारतीय मेटो रे ल कंपनीज़ संघ, ‘आई-मैटोज’ की शु आत की गई
सरकार ने 9 अनुसंधान पाक, आईआईटी म ास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी मुंबई,
आईआईटी गां धीनगर, आईआईटी िद ी, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी कानपुर, आईआईटी
है दराबाद और भारतीय िव ान सं थान बंगलु म थािपत करने को मंजूरी दी
8 माच को अंतररा ीय मिहला िदवस के अवसर पर सू , लघु और म म उ ोग मं ालय ने भारत
की मिहला उ िमयों के िलए एक पोटल www.udyarmskhi.org की शु आत की
अंतररा ीय मिहला िदवस के अवसर पर धानमं ी ने रा ीय पोषण िमशन की शु आत की बेटी
बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का िव ार कर दे श के सभी 640 िजलों को इसके तहत लाया गया
पयटन दशनी इं टरनेशलन टू र स बोस 2018 म ऑ े िलया तथा ओिशआना ेणी के िलए भारत
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को सव े दशनकता का पुर ार िदया गया


क ीय मंि मंडल ने आय पर करों के संदभ म िव ीय अपवंचन रोकने और दोहरे कर से बचने के िलए
भारत और ईरान के बीच समझौते को मंजूरी दी
रा ीय अपराध रकाड ूरो ने अपना 33वां थापना िदवस मनाया और मोबाइल एप िसिटज़न
सिवसेस जारी िकया
धानमं ी और ां स के रा पित ने उ र दे श म सबसे बड़े 75 मेगावाट (101 डीसी) मता वाले सौर
ऊजा संयं का उद् घाटन िकया लगभग 528 करोड़ पये की लागत से िमजापुर म िनिमत इस संयं
म ितवष 13 करोड़ यूिनट िबजली का उ ादन होगा
धानमं ी ने मिणपुर म 750 करोड़ पये की लागत की िवकास प रयोजनाओं की शु आत की
क ीय सड़क प रवहन, राजमाग तथा जहाजरानी और जल संसाधन, नदी िवकास और गंगा पुनज वन
मं ी ने गोवा के बंदरगाह शहर वा ो म अंतरदे शीय नौका सेवाओं का उद् घाटन िकया
क ीय मंि मंडल ने 2018-2021 तक अ ीका म 18 नए भारतीय दू तावास खोलने की मंजूरी दी
आिथक मामलों की मंि मंडलीय सिमित ने क ायोिजत योजना, रा ीय उ तर िश ा अिभयान को
1 अ ैल, 2017 से 31 माच, 2020 तक जारी रखने को मंजूरी दी
भारत के िजयोिसं ोनस उप ह ेपण यान (जीएसएलवी-एफ) ने जीसैट-6ए उप ह को
िजयोिसं ोनस थानां तरण क ा म सफलतापूवक थािपत िकया
क ीय मंि मंडल ने क ायोिजत नई योजना आयु ान भारत रा ीय ा सुर ा िमशन की
शु आत को मंजूरी दी इसे ा और प रवार क ाण मं ालय के तहत आयु ान भारत िमशन
के अंतगत क ीय घटक के प म शु िकया गया है

अ ैल-2018

मानव संसाधन िवकास मं ालय ने उ िश ा सं थानों के काय िन ादन के आधार पर िविभ ेिणयों
म एनआईआरएफ भारत रै िकंग 2018 जारी की
क ीय मंि मंडल ने रे ल मं ालय के तहत क ीय सावजिनक े के उ म- बन डड कंपनी
िलिमटे ड को बंद करने की मंजूरी दी
क ीय मंि मंडल ने क शािसत दे शों के उप रा पालों के वेतन और भ े बढ़ाने की मंजूरी दी
इससे उनका वेतन और भ े भारत सरकार के सिचव के बराबर हो गए
इसरो के ुवीय उप ह ेपण यान पीएसएलवी-सी 41 ने अपनी 43वीं उड़ान म ीह रकोटा के
सतीश धवन अंत र क एसएचएआर से 1,425 िक. ा वजन के आईआरएनएसएस-2 का
सफलतापूवक ेपण िकया
धानमं ी ने डॉ. अंबेडकर रा ीय ारक का उद् घाटन िकया
क ीय गृहमं ी ने वेब आधा रत ए ीकेशन ई-एफआरआरओ (ई-फॉरनस रीजनल रिज े शन
कायालय) का शुभारं भ िकया
डाक िवभाग ने ू इं िडया के िलए ामीण डाक कायालय की िडिजटल गित (दपण) प रयोजना की
शु आत की इसका उ े डाक संबंधी और िव ीय लेनदे न की ऑनलाइन सुिवधा उपल कराना
है
मानव संसाधन िवकास मं ालय ने डी इन इं िडया पोटल का शुभारं भ कर ‘ डी इन इं िडया’
काय म की शु आत की
आिथक मामलों की मंि मंडलीय सिमित ने 2018-19 सीजन के िलए क े जूट के ूनतम समथन
मू म 200 पये तक की वृ की पुनगिठत रा ीय बां स िमशन को भी मंजूरी दी गई
ह े लड़ाकू िवमान तेजस ने हवा से हवा म मार करने वाली रज से परे की िमसाइल का
सफलतापूवक परी ण िकया
आिथक मामलों की मंि मंडलीय सिमित ने अं ेला ीम, कृिष े म ह रत ां ित कृषो ित योजना
को जारी रखने को मंजूरी दी

मई-2018
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क ीय मंि मंडल ने धानमं ी वय वंदन योजना के तहत व र नाग रकों के िलए िनवेश सीमा 7.5
लाख पये से बढ़ाकर दु गुनी कर 15 लाख पये करने को मंजूरी दी
आिथक मामलों की मंि मंडलीय सिमित ने कृिष े म ह रत ां ित कृषो ित योजना को 12वीं
पंचवष य योजना के बाद 2017-18 से 2019-20 तक जारी रखने को मंजूरी दी
क ीय मंि मंडल ने धानमं ी ा सुर ा योजना को 12वीं पंचवष य योजना के बाद 2017-18 से
2019-20 तक जारी रखने को मंजूरी दी
मानव संसाधन िवकास मं ालय ने एमओओसी के ेटफाम यं का इ ेमाल करने वाले 1.5
िमिलयन उ िश ा के िश को के ऑनलाइन ावसाियक िवकास के िलए एक बड़ी और अनूठी
पहल की शु आत की
भारत सरकार ने, भारत सरकार (कारोबार आवंटन) िनयम, 1961 म संशोधन करते ए वािण
िवभाग म डं िपंगरोधी और संब शु महािनदे शालय के थान पर ापार सुधार महािनदे शालय की
थापना की इससे भारत म ापक और ती ापार र ा तं उपल कराने के िलए एक एकीकृत
एकल थान रा ीय ािधकरण- ापार सुधार महािनदे शालय की थापना का रा ा साफ हो गया
क ीय मंि मंडल ने रा ीय जैव ईंधन नीित-2018 को मंजूरी दी
क ीय मंि मंडल ने धानमं ी ा सुर ा योजना के तहत झारखंड के दे वघर म एक नए अ खल
भारतीय आयुिव ान सं थान की थापना को मंजूरी दी
क ीय मंि मंडल ने सोसायटी पंजीकरण अिधिनयम, 1860 के तहत भोपाल म रा ीय मानिसक
ा पुनवास सं थान की थापना, एक सोसायटी के प म िद ां ग जन सश करण िवभाग के
त ाधान म करने को मंजूरी दी
धानमं ी ने ज ू-क ीर म पाकल डल िबजली प रयोजना की आधारिशला रखी और कृ गंगा
पनिबजली प रयोजना का उद् घाटन िकया
सेवा जीवन िव ार काय म के तहत ोस सुपरसॉिनक ू ज िमसाइल का ओिडशा के बालासोर म
एकीकृत परी ण रज से सफल परी ण िकया गया
भारतीय नौवहन पोत ता रणी (आईएनएसवी ता रणी) ऐितहािसक िव मण पूरा कर, गोवा बंदरगाह
प ं चा और आईएनएस मंडोवी घाट के िनकट रखा गया
िव िव ालय अनुदान आयोग ने उ िश ा म ऐितहािसक सुधार करते ए यूजीसी (ऑनलाइन
पा म) िनयम, 2018 को मंजूरी दी
जनरे टर की इनवॉइिसंग म पारदिशता लाने के िलए वेब पोटल और एप- ा (िबजली खरीद म
भुगतान संपुि और आकलन) www.praapti.in शु िकया गया

जून-2018

लंबी दू री की बैिल क िमसाइल अि -5 का डॉ. एपीजे अ ु ल कलाम ीप ( ीलर ीप) से सफल


परी ण िकया गया
भारत के िनवाचन आयोग ने अपने ऑनलाइन आरटीआई पोटल की शु आत की
खलािड़यों के क ाण की िदशा म एक मह पूण कदम उठाते ए ितभावान खलािड़यों की पशन
म वृ को मंजूरी दी गई अंतररा ीय ित धाओं म पदक जीतने वाले खलािड़यों की पशन दु गुनी
कर दी गई
मिहला और बाल िवकास मं ालय ने yoga For 9 to 5 की शु आत की ितयोिगता म मिहलाओं के
िलए काय थल पर योग के लाभ के बारे म जाग कता पैदा करने पर ान कि त िकया गया
रा ीय पठन िदवस के अवसर पर मानव संसाधन िवकास मं ालय की नई िडिजटल पहल नेशनल
िडिजटल लाइ ेरी ऑफ इं िडया की शु आत की गई
धानमं ी ने ए म बुजुग के िलए रा ीय क की आधारिशला रखी

जुलाई 2018

िनवाचन आयोग ने आदश चुनाव आचार संिहता उ ंघन के मामलों की िशकायत के िलए मोबाइल
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एप ई िविजल की शु आत की
पेयजल और ता मं ालय ने सव ण ामीण 2018 की शु आत की

अग -2018

डीआरडीओ ने बैिल क िमसाइल इं टरसे र एडवां ड ए रया िडफस का ओिडशा के अ ु ल कलाम


ीप से सफल परी ण िकया
भारत सरकार ने िव िव ालयों और उ िश ा सं थानों के िव ािथयों के िलए 100 घंटे का ता
काय म भारत ी कालीन िश ण की शु आत की

िसतंबर 2018

क ीय मंि मंडल ने िद ी, बोध गया, नागपुर, संबलपुर, िसरमौर, िवशाखाप नम और ज ू के सात


नये भारतीय बंधन सं थानों म थाई कपस की थापना और कायसंचालन को मंजूरी दी
आिथक मामलों की मंि मंडलीय सिमित ने आं गनबाड़ी कायकताओं/आं गनबाड़ी सहायकों का
पा र िमक बढ़ाने और एड ूएच (अं ेला एकीकृत बाल िवकास सेवा ीम) के िलए काय िन ादन
आधा रत ो ाहन को मंजूरी दी
िस म के पो ोंग म नये एयरपोट का उद् घाटन यह िहमालयन े का पहला तथा दे श का सौवां
हवाई अ ा है

अ ू बर 2018

भारतीय अंतररा ीय िव ान समारोह-2018 का लखनऊ म आयोजन िकया गया


िद ी के िलए वायु गुणव ा पूव चेतावनी णाली शु की गई
दु िनया की सबसे ऊंची ितमा, ‘ ै ू ऑफ यूिनटी’ रा को समिपत की गई गुजरात के नमदा िजले
के केवािड़या म थािपत सरदार व भ भाई पटे ल की 182 मीटर ऊंची यह ितमा उनकी जयंती पर
रा को समिपत की गई

नवंबर-2018

पेयजल और ता मं ालय ने रा ों और िजलों के िलए भारत िव शौचालय िदवस


ितयोिगता की घोषणा की
पूव धानमं ी भारत र अटल िबहारी वाजपेयी का दे हां त आ
भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन- इसरो के ुवीय उप ह परी ण यान (पीएसएलवी-सी 43) ने
ीह रकोटा के सतीश धवन अंत र क से 31 उप हों का सफलतापूवक ेपण िकया
49व भारतीय अंतररा ीय िफ ो व का आयोजन गोवा के पणजी म िकया गया उद् घाटन समारोह
म िफ सुिवधा कायालय के वेब पोटल की शु आत की गई इजरायल के मा र ॉ ् समैन डोन
वो ैन को लाइफटाइम अचीवमट पुर ार दान िकया गया
नौ िदन तक चले अंतररा ीय महो व समारोह का समापन जमनी की िफ - सी िल के व
ीिमयर के साथ आ इसम ण मयूर, रजत मयूर और लाइफटाइम अचीवमट पुर ार सिहत
िविभ िति त पुर ार दान िकए गए

िदसंबर-2018

भारतीय अंत र अनुसंधान संगठन के सबसे भारी, आधुिनकतम और उ वाह मता वाले संचार
उप ह जीसैट-11 को च गुयाना के अंत र क से सफलतापूवक ेिपत िकया गया
िडिजटल ाई ेटफाम की शु आत की गई भारत डोन, पायलटों और ऑपरे टरों का पंजीकरण
शु करे गा ऑनलाइन अनुमित के िलए रिज े शन पोटल की शु आत की गई
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सुनील अरोड़ा ने भारत के नए मु िनवाचन आयु का पद संभाला उ ोंने ओ. पी. रावत का थान
िलया वे भारत के 23व मु िनवाचन आयु बने
लाभ अंतरण के लाभािथयों को सुगम, उपयोगी और पारदश व था उपल कराने के िलए
ऑनलाइन पोटल ‘ए ोर’ की शु आत की गई
कृिष िनयात नीित 2018 को मंजूरी दी गई
िव ान और ौ ोिगकी िवभाग ने इं टरिडिसपिलनरी साइबर िफिजकल िस म के बारे म लागू िकए
जाने वाले रा ीय िमशन को मंजूरी दी
यागराज म कुंभ मेला के िलए एक नए हवाईअ ा प रसर और एक सम त कमान तथा िनयं ण
क का उद् घाटन िकया गया
क ीय मंि मंडल ने तिमलनाडु के मदु रई म दो नए अ खल भारतीय आयुिव ान सं थानों की थापना
की मंजूरी दी
रा पित के चुिनंदा भाषणों के सं ह द रप कन एिथक और लोकतं के र का लोकापण
पयावरण, वन और जलवायु प रवतन मं ालय ने एिशयाई शेरों की दु िनया की अंितम आबादी और
इससे संबंिधत पा र थितकी के संर ण और र ण के िलए ‘एिशयाई शेर संर ण प रयोजना’ शु
की
इं टरनेशनल सटर फॉर ऑटोमोिटव टे ोलॉजी ने जालसाजी को रोकने के िलए उ सुर ा व था
के साथ माणन की शु आत की
असम म बोगीबील पुल का उद् घाटन िकया गया यह धेमाजी और िड ूगढ़ के बीच पु नदी पर
बना रे ल और सड़क पुल है
मंि मंडल ने भारतीय मानव अंत र यान ‘पहल’ गगनयान काय म को मंजूरी दी दो मानवरिहत
और एक मानव सिहत उड़ान की योजना
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32 सामा सूचना

वरीयता तािलका1
रा पित ारा अनुमोिदत यों की रक और वरीयता म इस कार है :
1. रा पित
2. उप-रा पित
3. धानमं ी
4. अपने-अपने रा ों म रा ों के रा पाल
5. पूव रा पित
5क. उप- धानमं ी
6. भारत के धान ायाधीश
लोकसभा अ
7. क के कैिबनेट मं ी
रा ों के मु मं ी (अपने रा म)
उपा , नीित आयोग
पूव धानमं ी
रा सभा एवं लोकसभा म िवप के नेता
7क. भारत-र से अलंकृत/स ािनत
8. भारत म मा ता ा अ दे शों के असाधारण (िवशेष) तथा पूणािधकारी राजदू त तथा रा मंडल
दे शों के उ ायु
रा ों के मु मं ी (अपने-अपने रा ों के बाहर)
रा ों के रा पाल (अपने-अपने रा ों के बाहर)
9. उ तम ायालय के ायाधीश
9क. संघ लोक सेवा आयोग के अ
मु िनवाचन आयु
भारत के िनयं क एवं महालेखा-परी क
10. रा सभा के उप-सभापित
रा ों के उप-मु मं ी
लोकसभा उपा
नीित आयोग के सद
क के रा मं ी (और र ा मं ालय म र ा मामलों के िलए कोई अ मं ी)
11. भारत के महा ायवादी
मंि मंडल सिचव
अपने-अपने क शािसत दे शों म उप-रा पाल
12. पूण जनरल या समक रक के सेना
13. भारत म मा ता ा िवदे श के असाधारण दू त तथा पूणािधकारी मं ी
14. रा िवधाियकाओं के सभापित और अ (अपने-अपने रा ों म)
अपने े ािधकार म उ ायालयों के मु ायाधीश
15. अपने-अपने रा ों के कैिबनेट मं ी अपने-अपने क शािसत दे शों म मु मं ी और िद ी के
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मु कायकारी पाषद
(क) क के उपमं ी
16. ले नट जनरल या समक रक के थाप सेना
17. क ीय शासिनक अिधकरण के अ
रा ीय अ सं क आयोग के अ
अनुसूिचत जाित आयोग के अ
अनुसूिचत जनजाित आयोग के अ
अपने-अपने े ािधकार के बाहर उ ायालयों के मु ायाधीश
अपने े ािधकार म उ ायालयों के उ रवत ायाधीश
18. अपने-अपने रा ों से बाहर रा ों के कैिबनेट मं ी
अपने-अपने रा ों से बाहर रा िवधानमंडलों के सभापित और अ
एकािधकार एवं ितबंधक ापार कायकलाप आयोग के अ
अपने-अपने रा ों म रा िवधानमंडलों के उप-सभापित और उपा
अपने-अपने रा ों म रा ों के रा मं ी
अपने-अपने क शािसत दे शों म मं ी और िद ी के कायकारी पाषद,
अपने-अपने क शािसत दे शों की िवधानसभाओं के अ तथा िद ी महानगर प रषद के अ
19. अपने-अपने क शािसत दे शों म मंि प रषद रिहत क शािसत दे शों के मु आयु
अपने-अपने रा ों म रा ों के उपमं ी
अपने-अपने क शािसत दे शों म वहां की िवधानसभाओं के उपा और िद ी महानगर प रषद
के उपसभापित
20. अपने-अपने रा ों से बाहर रा िवधानमंडलों के उप-सभापित और उपा
अपने-अपने रा ों से बाहर रा ों के रा मं ी
अपने-अपने े ािधकार से बाहर उ ायालयों के उ रवत ायाधीश
21. संसद सद
22. अपने-अपने रा ों से बाहर रा ों के उप-मं ी
23. सेना कमां डर/थल सेना उपा या अ सेवाओं म समक पदािधकारी
अपने-अपने रा ों म रा सरकारों के मु सिचव
भाषाई अ सं क आयु
अनुसूिचत जाित एवं अनुसूिचत जनजाित आयु
अ सं क आयोग के सद
रा ीय अनुसूिचत जाित एवं अनुसूिचत जनजाित आयोग के सद
पूण जनरल रक तथा समक रक के अिधकारी
भारत सरकार के सिचव (इस पद को पदे न प म धारण करने वाले अिधका रयों सिहत)
अ सं क आयोग के सिचव
अनुसूिचत जाित और जनजाित आयोग के सिचव
रा पित के सिचव
धानमं ी के सिचव
रा सभा/लोकसभा के सिचव
सॉिलिसटर जनरल
क ीय शासिनक अिधकरण के उपा
24. ले नट जनरल या समक रक के अिधकारी
25. भारत सरकार के अपर सिचव
अपर सॉिलिसटर जनरल
रा ों के महािधव ा
शु आयोग (टै रफ कमीशन) के अ
भारी राजदू त तथा अंत रम कायवाहक उ ायु
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अपने-अपने क शािसत दे शों से बाहर के मु मं ी और िद ी के मु कायकारी पाषद


अपने-अपने रा से बाहर रा ों के मु सिचव
उप-िनयं क एवं महालेखा परी क अपने-अपने क शािसत दे शों से बाहर क शािसत दे शों की
िवधानसभाओं के उपा तथा िद ी महानगर प रषद के उपसभापित
िनदे शक, क ीय अ ेषण ूरो
महािनदे शक, सीमा सुर ा बल
महािनदे शक, क ीय रज़व पुिलस बल
िनदे शक, गु चर ूरो
अपने-अपने क शािसत दे शों से बाहर उप-रा पाल
क ीय शासिनक अिधकरण के सद
एकािधकार एवं ितबंिधत ापार कायकलाप आयोग के सद
संघ लोकसेवा आयोग के सद
अपने-अपने क शािसत दे शों से बाहर क शािसत दे शों के मं ी और िद ी के कायकारी पाषद
मेजर जनरल तथा समक रक के सश बलों के मुख ाफ अिधकारी
अपने-अपने क शािसत दे शों से बाहर क शािसत दे शों की िवधानसभाओं के सभापित और
िद ी महानगर प रषद के अ
26. भारत सरकार के संयु सिचव और समक र के अिधकारी मेजर जनरल और समक रक के
अिधकारी

नोट

नोट-1: वरीयता सूची केवल राजकीय और र ी समारोहों के िलए है और इसका दै िनक सरकारी काय से कोई संबंध नहीं
है
नोट-2: वरीयता सूची म उ खत अपने म के अनुसार थान हण करगे एक ही म म विणत िवि यां
वणमाला म के अनुसार दी गई ह एक ही म म जोड़े गए नामों के वरीयता म उसम की गई िवि की तारीख
के अनुसार होंगे य िप एक ही म म शािमल िविभ रा ों और क शािसत दे शों के गणमा , अपने
रा तथा क शािसत दे शों से बाहर िकसी समारोह म उप थत ह तथा उनकी िवि की तारीख सुिनि त करना
किठन है तो उनको उ म म िवि की तारीख के अनुसार वरीयता म िनधा रत िकए जा चुके यों के
बाद संबंिधत रा ों तथा क शािसत दे शों के नामों के वणमाला म के अनुसार वरीयता म िदया जा सकता है
नोट-3: म 7 म पूव धानमंि यों का वरीयता म क के कैिबनेट मंि यों तथा लोकसभा और रा सभा म िवरोधी दल के
नेताओं से पहले होगा अपने-अपने रा ों म रा ों के मु मंि यों को वरीयता म संबंिधत रा ों म आयोिजत
सरकारी समारोहों म क के कैिबनेट मंि यों से पहले होगा
नोट-4: म 8 म :
(क) असाधारण राजदू तों और पूणािधकारी राजदू तों तथा भारत म मा ता ा रा मंडल दे शों के उ ायु ों का
अ ता म सामूिहक प से अपने-अपने रा ों के बाहर रा ों के रा पालों से ऊपर होगा
(ख) अपने-अपने रा ों से बाहर के रा पाल सामूिहक प से अ ता म म अपने-अपने रा ों से बाहर के
मु मंि यों से ऊपर होंगे
नोट-5: िवदे श मं ालय दू सरे दे शों के गणमा यों और भारतीय राजदू तों, उ ायु ों तथा पूणािधकारी मंि यों की
भारत या ा के दौरान उ समुिचत रक दान कर सकता है
नोट-6: नोट-2 म िनधा रत ि या के बावजूद म 10 म विणत यों का पार रक अ ता म िन िल खत होगाः–
(1) उप-सभापित, रा सभा
(2) उपा , लोकसभा
(3) र ा मामलों को दे खने वाले र ा मं ालय म क के रा मं ी तथा कोई अ मं ी
(4) रा ों के उप-मु मं ी तथा
(5) नीित आयोग के सद
य िप अपने-अपने रा ों से बाहर रा ों के उप मु मंि यों का अ ता म हमेशा इस म म विणत अ सभी
गणमा यों के रक से नीचे होगा
नोट-7: एक ही िदन िनवािचत होने की थित म रा ों की िवधान प रषद के सभापितयों का अ ता- म िवधानसभाओं के
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अ ों से ऊपर होगा
नोट-8: बड़े राजकीय समारोहों म समूह म संसद सद ों को आमंि त िकए जाने की थित म उनके िलए आरि त थान
धान ायाधीश, लोकसभा अ तथा राजदू तों के बाद होना चािहए
नोट-9: क शािसत दे शों की िवधानसभाओं के अ तथा िद ी महानगर प रषद के सभापित का अ ता म उसी
म म शािमल मंि यों तथा िद ी के कायकारी पाषदों से पहले होगा
नोट-10: म सं ा 23 म :
(क) िवदे श सिचव को छोड़कर िवदे श मं ालय के सिचवों का पार रक अ ता म वही होगा जो भारतीय िवदे श
सेवा के ेड-1 म उनका व र तम म है तथा दोनों ही िवदे श सिचव के बाद होगा
अ सं क आयोग और अनुसूिचत जाित और अनुसूिचत जनजाित आयोग के सद ों का अ ता म हमेशा इन
आयोगों के सिचवों से ऊपर होगा
(ग) िद ी/नई िद ी म होने वाले सरकारी समारोहों म, सेना कमां डरों/थल सेना उपा ों तथा अ सेवाओं म उनके
समक अिधका रयों का अ ता म हमेशा भारत सरकार के सिचवों के बाद होगा
नोट-11: म सं ा 25 म :
(क) िवदे श मं ालय के अपर सिचवों का पार रक अ ता- म वही होगा जो भारतीय िवदे श सेवा के ेड-II म
उनका व र तम म है
(ख) अपर सॉिलिसटर जनरल का अ ता म रा ों के महािधव ाओं से ऊपर होगा
(ग) उप-रा पालों का अ ता- म मु मंि यों और िद ी के मु कायकारी पाषद से ऊपर होगा तथा मु मंि यों
और िद ी के मु कायकारी पाषद का अ ता- म िवधानसभाओं के अ ों तथा िद ी महानगर प रषद के
अ के पहले होगा
(ध) क शािसत दे शों की िवधानसभाओं के उपा ों तथा िद ी महानगर प रषद के उप-सभापित का अ ता- म
क शािसत दे शों के मंि यों और िद ी के कायकारी पाषदों के बाद होगा
नोट-12: म सं ा 26 के योजनाथ भारत सरकार के संयु सिचवों के समक पदों के अ ता- म का िनधारण गृह
मं ालय ारा िकया जाएगा
भारत के रा पित2

भारत के उप-रा पित 3


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भारत के धानमं ी4

भारत के मु ायाधीश5
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भारत के मु िनवाचन आयु 6

कैिबनेट सिचव7
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संघ लोक सेवा आयोग के अ 8


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नाग रक स ान
भारत र दे श का सबसे बड़ा नाग रक स ान है यह िकसी भी े म असाधारण मानवीय सेवा/काय के
िलए िदया जाता है 1954 म इसकी शु आत के बाद आज तक भारत र 45 लोगों को िदया जा चुका है
वष 2015 म दे श के रा पित ने पंिडत मदन मोहन मालवीय (मरणोपरां त) और ी अटल िबहारी वाजपेयी
को भारत र से स ािनत िकया था
भारत र से स ािनत
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गणतं िदवस, 2018 को घोिषत प पुर ार


प पुर ार
प पुर ार दे श के सबसे बड़े नाग रक पुर ारों म से ह प पुर ारों की तीन ेिणयां ह- ‘प
िवभूषण’, ‘प भूषण’ और ‘प ी’ यह पुर ार कला, सािह एवं िश ा, िव ान एवं अिभयां ि की,
खेल, िचिक ा आिद े ों के िलए िदए जाते ह ितवष गणतं िदवस की पूव सं ा पर प पुर ारों की
घोषणा होती है वष 2017 म, भारत के रा पित ने 88 प पुर ार दान िकए िजनकी सूची नीचे दी गई
है सूची म 7 प िवभूषण, 7 प भूषण और 74 प ी िवजेताओं के नाम ह स ािनतों म 19 मिहलाएं ह
और सूची म 10 िवदे शी, वासी भारतीय और मरणोपरां त िवजेता भी है
प िवभूषण से स ािनत

प भूषण से स ािनत

प ी से स ािनत
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जीवन र क पदक पुर ारों की ेणी


जीवन र ा पदक ृंखला पुर ार
जीवन र ा पदक ृंखला पुर ार भारी खतरे की प र थितयों म िह त और त रता िदखाकर, बचाने
वाले ारा अपने जीवन या शारी रक चोट की परवाह न करते ए मानवीय आधार पर िकए गए बचाव काय
के िलए िदए जाते ह िकसी को डूबने, आग म जलने, खान म फंसने से बचाने आिद जैसे संकटों से
बचाने वालों को इन पुर ारों से स ािनत िकया जाता है जीवन र ा पदक की तीन ेिणयां ह, िजनम
सव म र ा पदक, उ म जीवन र ा पदक और जीवन र ा पदक आते ह जीवन र ा पदकों के िलए
रा सरकारों/क शािसत दे शों के शासनों एवं क सरकार के मं ालयों/िवभागों से सं ुितयां ा की
जाती ह पुर ार सिमित की िसफा रशों के आधार पर रा पित ने 2016 के िलए 7 यों को सव म
जीवन र ा पदक, 13 यों को उ म र ा पदक और 23 यों को जीवन र ा पदक दान िकए
सव म जीवन र ा पदक (7)

उ म जीवन र ा पदक (13)

ोतः वेबसाइट: www.mha.nic.in & padmaawards.gov.in


जीवन र ा पदक ( 24 )
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नोबेल पुर ार िवजेता


कैलाश स ाथ ( ज 1954 ): कैलाश स ाथ को ब ों और युवाओं के दमन के िव तथा सभी ब ों
की िश ा के अिधकार की लड़ाई के िलए 2014 का नोबेल शां ित पुर ार िदया गया उनका ज म
दे श के िविदशा म आ उ ोंने इले कल इं जीिनय रं ग म िड ी तथा हाई वो े ज इं जीिनय रं ग म
ातको र िड ी ा की 1980 म इले कल इं जीिनय रं ग के क रयर को ितलां जिल दे ते ए उ ोंने
‘बचपन बचाओ’ आं दोलन की शु आत की उ ोंने बाल म के खलाफ अंतररा ीय आं दोलन का नेतृ
भी िकया यह सभी ब ों के अिधकारों के संर ण और ो ाहन के िलए एकजुटता का िव रीय
अिभयान था
वकटरामन रामकृ न ( ज 1952 ): वकटरामन रामकृ न को 2009 म रसायन िव ान के नोबेल
पुर ार से स ािनत िकया गया इ यह पुर ार कोिशका के अंदर ोटीन का िनमाण करने वाले
राइबोसोम की काय णाली व संरचना के उ ृ अ यन के िलए िदया गया है वकटरामन तिमलनाडु के
िचदं बरम म पैदा ए थे उ ोंने 1971 म बड़ौदा के एम.एस. िव िव ालय से भौितकी म ातक तक की
पढ़ाई पूरी की उ ओहायो िव िव ालय से 1971 म पीएचडी की िड ी ा ई उनका झुकाव भौितकी
से जीव िव ान की ओर आ और उ ोंने 1976 से 1978 तक कैिलफोिनया िव िव ालय म जीव िव ान
ातक िव ाथ के प म रोडो ीन नामक अणु का अ यन िकया
अम सेन (ज 1933 ): ोफेसर अम सेन को 1998 म अथशा म नोबेल पुर ार से स ािनत
िकया गया था वे यह स ान ा करने वाले पहले एिशयाई ह शां ित िनकेतन म ज यह अथशा ी
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लोक क ाणकारी अथशा म पारं गत ह उ ोंने क ाण और िवकास के प ों पर कई पु क तथा


शोध-प िलखे ह एक अलग कार के अथशा ी के प म वह मानवतावादी अथशा ी माने जाते ह
उ ोंने भुखमरी, गरीबी, लोकतं , िलंग और सामािजक सम ाओं पर उ ृ लेखन से अपनी पहचान
बनाई पहले केनेथ ऐरो नाम के अथशा ी ने असंभा ता िस ां त का ितपादन िकया था और कहा था िक
पूण िनजी िवक ों को संपूण समाज के िलए संतोषजनक पसंद बना पाना संभव नहीं है ोफेसर सेन ने
िदखाया िक गिणतीय आधार पर समाज के कमज़ोर प रणामों को समा करने के उपाय ढू ं ढ़े जा सकते ह
सु न चं शेखर ( 1910-1995 ): भारत म ज े खगोल भौितकी िव ानी को 1983 म भौितक शा
के िलए नोबेल पुर ार से स ािनत िकया गया चे ई के ेसीडसी कॉलेज म पढ़े सु न चं शेखर
नोबेल पुर ार िवजेता सर सी.वी. रमन के भतीजे थे बाद म चं शेखर अमरीका चले गए, जहां उ ोंने
खगोल भौितक शा तथा सौरमंडल से संबंिधत िवषयों पर अनेक पु क िलखीं उ ोंने ाइट ड् वाफ
यानी ेत बौने नाम के न ों के बारे म िस ां त का ितपादन िकया इन न ों के िलए उ ोंने जो सीमा
िनधा रत की है , उसे चं शेखर सीमा कहा जाता है उनके िस ां त से ां ड की उ ि के बारे म अनेक
रह ों का पता चला
मदर टे रेसा (1910-1997 ): मदर टे रेसा को 1979 म नोबेल शां ित पुर ार िमला मदर का ज
अ ािनया म ोपजे नामक थान पर आ था, जो अब यूगो ािवया म है उनका बचपन का नाम ए स
गों हा बोजा ऊ था सन् 1928 म वह ड न म आयरलड की सं था िस स ऑफ लोरे टो म शािमल
ईं और िमशनरी बनकर 1929 म कोलकाता आ गईं उ ोंने बेसहारा और बेघर लोगों के दु ख दू र करने
का महान त िलया िनधनों और बीमारों की सेवा के िलए उ ोंने िमशनरीज ऑफ चै रटी नाम की सं था
बनाई और भारतीय नाग रक बनकर कु रोिगयों, नशीले पदाथ की लत के िशकार लोगों तथा दीन-दु खयों
के िलए ‘िनमल दय’ नाम की सं था बनाई यह सं था उनकी गितिविधयों का क बनी उ ोंने पूरी िन ा
से न िसफ बेसहारा लोगों की िनः ाथ सेवा की, ब िव शां ित के िलए भी यास जारी रखे उ ीं की
बदौलत भारत शां ित के िलए अपने एक नाग रक ारा शां ित के िलए पहला नोबेल ा करने का गौरव
ा कर सका है
हरगोिबंद खुराना ( 1922-2011 ): हरगोिबंद खुराना को िचिक ा के े म अनुसंधान के िलए 1968 म
नोबेल पुर ार िदया गया भारतीय मूल के डॉ. खुराना का ज पंजाब म रायपुर (जो अब पािक ान म है )
म आ था उ ोंने िलवरपूल िव िव ालय से रसायन शा म डॉ रे ट की िड ी ली सन 1960 म वह
िव ॉ न िव िव ालय म ा ापक बने उ ोंने अपनी खोज से आनुवां िशक कोड की ा ा की और
ोटीन सं ेषण म इसकी भूिमका का पता लगाया इसके िलए उ नोबेल पुर ार से स ािनत िकया
गया
चं शेखर वकटरमन ( 1888-1970 ): भौितक शा के िलए नोबेल पुर ार ा करने वाले पहले
भारतीय डॉ. चं शेखर वकटरमन थे उ 1930 म यह पुर ार ा आ रमन का ज तिमलनाडु म
ित िचराप ी के पास ित वाइ ावल म आ था उ ोंने चे ई के ेसीडसी कॉलेज म िश ा ा की
बाद म वह कोलकाता िव िव ालय म भौितक शा के ोफेसर बने चं शेखर वकटरमन ने अनेक
पुर ार और स ान ा िकए उ सर की उपािध से भी स ािनत िकया गया और कािशकी के े
म मह पूण अनुसंधान के िलए नोबेल पुर ार िमला उ ोंने अपने अनुसंधान म इस बात का पता लगाया
िक िकस तरह अपस रत काश म अ तरं ग, लंबाई की िकरण भी मौजूद रहती ह उनकी खोज को रमन
भाव के नाम से भी जाना जाता है सन 1928 म की गई इस खोज से पारदश मा म से होकर गुज़रने
वाली काश िकरणों म आवृि प रवतन की ा ा की गई है
रवी ं नाथ ठाकुर ( 1861-1941 ): रवीं नाथ ठाकुर, सािह के िलए नोबेल पुर ार पाने वाले पहले
भारतीय थे गु दे व के नाम से िस रवीं नाथ ठाकुर का ज 7 मई, 1861 को कोलकाता म आ उ
उनकी किवताओं की पु क गीतां जिल के िलए 1913 का सािह का नोबेल पुर ार िदया गया रवीं नाथ
ठाकुर ने अनेक ेमगीत भी िलखे ह गीतां जिल और साधना उनकी मह पूण कृितयां ह महान किव,
नाटककार और उप ासकार के प म िस गु दे व ने भारत के रा गान की भी रचना की सन् 1901
म उ ोंने शां ित िनकेतन की थापना की, जो बाद म िव भारती िव िव ालय के नाम से िस आ
कमांडर इन चीफ
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थल सेना

ोतः www.indianarmy.nic.in
नौसेना अ
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ोतः www.india.gov.in
वायु सेना अ
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ोत : www.indianairforce.nic.in
परमवीर च िवजेता

1. मेजर सोमनाथ शमा, कुमाऊं रे जीमट (मरणोपरां त), नवंबर 1947 (क ीर ऑपरे शन 1947-48)
2. सेकड ले नट आर.आर राणे, ो ्स ऑफ इं जीिनयस, अ ैल 1948 (क ीर ऑपरे शन 1947-48)

3. कंपनी हवलदार मेजर पी िसंह, राजपूताना राइफ (मरणोपरां त), जुलाई 1948 (क ीर
ऑपरे शन 1947-48)
4. लां स नायक करम िसंह, िसख रे जीमट, अ ू बर 1948 (क ीर ऑपरे शन 1947-48)
5. नायक जदु नाथ िसंह राजपूत रे जीमट (मरणोपरां त), फरवरी 1948 (क ीर ऑपरे शन 1947-48)
6. कै न गुरबचन िसंह, सला रया, गोरखा राइफ (मरणोपरां त), िदसंबर 1961 (कां गो)
7. मेजर धन िसंह थापा, गोरखा राइफ , अ ू बर 1962 (ल ाख)
8. सूबेदार जोिगंदर िसंह, िसख रे जीमट (मरणोपरां त), अ ू बर 1962 (नेफा)
9. मेजर शैतान िसंह, कुमाऊं रे जीमट (मरणोपरां त), नवंबर 1962 (ल ाख)
10. कंपनी ाटर मा र हवलदार अ ु ल हमीद, ेनेिडयस (मरणोपरां त), िसतंबर 1965 (पािक ान के
खलाफ ऑपरे शन के दौरान)
11. ले नट कनल ए.बी. तारापोर, पूना हॉस (मरणोपरां त), अ ू बर 1965 (पािक ान के खलाफ
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ऑपरे शन के दौरान)
12. ाईंग ऑिफसर िनमलजीत िसंह सेखों, ाइं ग पायलट (मरणोपरां त), िदसंबर 1971 (भारत-पाक
यु )
13. मेजर होिशयार िसंह, ेनेिडयस, िदसंबर 1971 ( भारत-पाक यु )
14. सेकड ले नट अ ण खेतरपाल, 17 पूना हॉस (मरणोपरां त), िदसंबर 1971 ( भारत-पाक यु )
15. लां स नायक अ ट ए ा, ि गेड ऑफ गाड् स (मरणोपरां त), िदसंबर 1971 ( भारत-पाक यु )
16. नायब सूबेदार बाना िसंह, जे. एं ड. के. लाइट इनफटरी, जून 1987 (िसयाचीन ेिशयर ऑपरे शन)
17. मेजर रामा ामी परमे रन, महार रे जीमट (मरणोपरां त), नवंबर 1987 ( ीलंका म आईपीकेएफ
ऑपरे शन)
18. कै न िव म ब ा, 13 जे. एं ड के. राइफ (मरणोपरां त), जून 1999 (करिगल म ऑपरे शन िवजय)
19. ले नट मनोज कुमार पां डेय, 11 गोरखा राइफ (मरणोपरां त), जुलाई 1999 (करिगल म ऑपरे शन
िवजय)
20. राइफल मैन संजय कुमार, 13 जे. एं ड. के. राइफ , जुलाई 1999 (करिगल म ऑपरे शन िवजय)
21. ेनेिडयर योग िसंह यादव, 18 ेनेिडयस, जुलाई 1999 (करिगल म ऑपरे शन िवजय)

वीरता पुर ार
तं ता िदवस 2018 के अवसर पर िन को वीरता पुर ारों से स ािनत िकया गयाः

सािह अकादमी पुर ार 2017


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रा ीय खेल एवं साहस पुर ार


राजीव गां धी खेल र , िज खेलों के े म राजीव गां धी खेल र पुर ार के नाम से भी जाना जाता है ,
दे श म खेलों के िलए िदया जाने वाला सबसे िति त स ान है ितवष युवा काय म एवं खेल मं ालय यह
पुर ार दे ता है पुर ार हण करने वालों को अंतररा ीय र पर ‘चार वष की अविध के दौरान खेल के
मैदान म असाधारण दशन’ के आधार पर चुना जाता है
दे श म खेल एवं ीडा े म असाधारण िश कों को खेल िश ण दे ने के िलए ोणाचाय पुर ार
िदया जाता है ितवष यह पुर ार चार वष की अविध के दौरान लगातार ‘ खलािड़यों को अंतररा ीय
धाओं म िनरं तर उ कोिट के असाधारण दशन करने के िलए’ िशि त करने हे तु िदया जाता है
अजुन पुर ार खेलों म असाधारण उपल के िलए िदया जाता है
ानचंद पुर ार दे श म खेल े म लाइफटाइम अचीवमट पुर ार के तौर पर िदया जाता है
रा ीय खेल ो ाहन पुर ारों को चार ेिणयों म िदया जाता है ; (1) युवा ितभाओं की पहचान एवं उ
ो ाहन के िलए; (2) कॉरपोरे ट सोशल र ां िसिबिलटी के ज रए खेलों को ो ाहन; (3) खलािड़यों और
खेल क ाण योजनाओं को रोज़गार एवं ो ाहन; और (4) िवकास हे तु खेल
तेनिजंग नोरगे नेशनल एडवचर अवाड जमीन, समु और हवा म रोमां च से जुड़ी असाधारण उपल यों
के िलए िदया जाने वाला सव रा ीय स ान है यह खेल े म अजुन पुर ार के समक है
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िश ा मं ालय ारा ितवष िकसी एक िव िव ालय को अंतर िव िव ालय, रा ीय एवं अंतररा ीय


ित धाओं म ापक तौर पर बेहतरीन दशन के िलए मौलाना अबुल कलाम आजाद टॉफी दी जाती है

राजीव गांधी खेल र पुर ार 2018


एस. मीराबाई चानू और िवराट कोहली

ोणाचाय पुर ार 2018


सूबेदार छे नंद अचै ा कुट ा; िवजय शमा; ए, ीिनवास राव; सुखदे व िसंह प ू: ेरस लोबो; तारक
िस ा; जीवन कुमार शमा और वी. आर. बीडू

अजुन पुर ार 2018


नीरज चोपड़ा; नायब सूबेदार िजनसन जॉनसन; िहमा दास; नेलकुत िस ी रे ी; सूबेदार सतीश कुमार;
ृित मंधना; शुभां कर शमा; मन ीत िसंह; सिवता; कनल रिव राठौर; राही सरनोबत; अंकुर िम ल; ेयसी
िसंह; मिनका ब ा; जी. सिथयन; रोहन बोप ा; सुिमत; पूजा कािदयान; अंकुर धामा और मनोज सरकार

ानचंद पुर ार 2018


स दे व साद; भारत कुमार छे ी; बॉबी अलॉयिसयस और चौगले दादू द ा ेय

रा ीय खेल ो ाहन पुर ार 2018


• नवोिदत एवं युवा ितभाओं की पहचान और ो ाहन- रा ीय इ ात िनगम िलिमटे ड;
• कॉरपोरे ट सोशल र ां िसिबिलटी के ज रये खेलों को ो ाहन - जेएसड ू ोट् स;
• िवकास हे तु खेल - इशा आउटरीच

तेनिजंग नोरगे नेशनल एडवचर अवाड् स, 2017


डॉ. अंशु ज े ा; ग य ी रिव कुमार; ले. कमां डर वितका जोशी; ले. कमां डर ितभा जामवाल; ले.
कमां डर पतरलप ी ाित; ले. कमां डर शो ा म िवजया दे वी; ले. कमां डर ऐ य बोदप ी; ले. पायल
गु ा; कै न उिदत थापर; और सोनम वां ाल
वष 2017-18 के िलए गु नानक दे व िव िव ालय, अमृतसर को मौलाना अबुल कलाम आजाद
टॉफी से पुर ृ त िकया गया है
दे श के रा ीय राजमाग की रा वार सूची
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ोत: सड़क, प रवहन एवं राजमाग मं ालय

संिवधान म संशोधन
1. संिवधान ( थम संशोधन) अिधिनयम, 1950- इस संशोधन म संिवधान के अनु े द-19 म विणत वाणी की
तं ता और अिभ की तं ता के आधार तथा कोई वृि , उपजीिवका, ापार या कारोबार करने के
अिधकार पर ितबंध लगाने के नए अिधकारों की व था है इन ितबंधों का ावधान सावजिनक
व था, िवदे शी रा ों के साथ मै ीपूण संबंधों अथवा बोलने की तं ता के अिधकार के संदभ म अपराध-
उ ीपन और ावसाियक या तकनीकी अहताएं िविहत करने अथवा कोई ापार या कारोबार चलाने के
अिधकार के संदभ म रा आिद ारा कोई ापार, कारोबार, उ ोग अथवा सेवा चलाने के संबंध म िकया
गया है इस संशोधन ारा दो नए अनु े द-31क और 31ख तथा नौवीं अनुसूची को शािमल िकया गया,
तािक भूिम सुधार कानूनों को चुनौती न दी जा सके
2. संिवधान (ि तीय संशोधन) अिधिनयम, 1952— इस संशोधन ारा लोकसभा चुनाव के िलए ितिनिध
के अनुपात को पुनः समायोिजत िकया गया
3. संिवधान (तृतीय संशोधन) अिधिनयम, 1954— इस संशोधन ारा (सातवीं अनुसूची की) सूची 3 (समवत
सूची) की िवि 33 ित थािपत की गई है , तािक वह अनु े द-396 के सम प हो सके
4. संिवधान ( चतुथ संशोधन) अिधिनयम, 1955— िनजी संपि को अिनवायतः अिजत या अिध हीत करने
की रा की श यों की िफर से ठीक-ठीक ढं ग से ा ा करने और इसे उन मामलों से जहां रा की
िविनयमनकारी और ितषेधा क िविधयों के वतन से िकसी को संपि से वंिचत िकया गया हो,
अलग करने के िलए संिवधान के अनु े द-31(2) म संशोधन िकया गया संिवधान के अनु े द-31क की
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प रिध का जमींदारी उ ूलन जैसे आव क क ाणकारी कानूनों तक िव ार करने तथा शहरी एवं
ामीण े ों के समुिचत आयोजन और दे श के खिनज तथा तेल ोतों पर पूरा िनयं ण करने के उ े से
इस अनु े द म संशोधन िकया गया नौवीं अनुसूची म छह अिधिनयम भी शािमल िकए गए रा
एकािधप ों के िलए उपबंध करने वाली िविधयों के समथन म अनु े द- 305 म भी संशोधन िकया गया
5. संिवधान ( पां चवां संशोधन) अिधिनयम, 1955— इस संशोधन म अनु े द-3 म संशोधन िकया गया,
िजसम रा पित को यह श दी गई िक वह रा िवधान-मंडलों ारा अपने-अपने रा ों के े , सीमाओं
आिद पर भाव डालने वाली ािवत क ीय िविधयों के बारे म अपने िवचार भेजने के िलए कोई समय-
सीमा िनधा रत कर सकते ह
6. संिवधान (छठा संशोधन) अिधिनयम, 1956— इस संशोधन ारा अंतररा ीय ापार और वािण म
व ुओं के य-िव य पर करों के संबंध म अनु े द-269 और 286 म कुछ प रवतन िकए गए संिवधान
की सातवीं अनुसूची की संघ सूची म एक िवि 92क शािमल की गई
7. संिवधान (सातवां संशोधन) अिधिनयम, 1956— रा पुनगठन आयोग की िसफ़ा रशों को लागू करने
और पा रणािमक प रवतनों को शािमल करने के उ े से यह संशोधन िकया गया मोटे तौर पर त ालीन
रा ों और रा े ों का रा ों और क शािसत दे शों के प म वग करण िकया गया संशोधन म
लोकसभा का गठन, ेक जनगणना के प ात पुनः समायोजन, नए उ ायालयों की थापना और उ
ायालय के ायाधीशों आिद के बारे म उपबंधों की भी व था की गई है
8. संिवधान (आठवां संशोधन) अिधिनयम, 1960— संसद और रा िवधानमंडलों म अनुसूिचत जाितयों
तथा अनुसूिचत जनजाितयों के िलए और नाम िनदशन ारा आं -भारतीय समुदाय के िलए थानों के
आर ण की अविध 10 वष तक और बढ़ाने के िलए अनु े द-334 म संशोधन िकया गया
9. संिवधान (नौवां संशोधन) अिधिनयम, 1960— भारत और पािक ान की सरकारों के बीच ए करारों के
अनुसरण म पािक ान को कितपय रा े ों का ह ां तरण करने की ि से यह संशोधन िकया गया
यह संशोधन इसिलए आव क आ िक बे बाड़ी के ह ां तरण के मामले म उ तम ायालय ने यह
िनणय िदया था िक िकसी रा - े को िकसी दू सरे दे श को दे ने के करार को अनु े द-3 के अधीन बनाई
गई िकसी िविध ारा ि या त नहीं िकया जा सकता, अिपतु इसे संिवधान म संशोधन करके ही ि या त
िकया जा सकता है
10. संिवधान (10वां संशोधन) अिधिनयम, 1961— दादरा और नगर हवेली के े को क शािसत दे श के
प म शािमल करने और रा पित की अिधिनयम बनाने की श यों के तहत् उसम शासन की व था
करने के िलए अनु े द-240 और पहली अनुसूची को संशोिधत िकया गया
11. संिवधान (11वां संशोधन) अिधिनयम, 1961— इस संशोधन का उ े संिवधान के अनु े द-66 और
71 का इस ि से संशोधन करना था, िजसम उपयु िनवाचक मंडल म िकसी ख़ाली पद के आधार पर
रा पित और उप-रा पित के िनवाचन को चुनौती न दी जा सके
12. संिवधान (12वां संशोधन) अिधिनयम, 1962— इस संशोधन के ारा गोवा, दमन और दीव को
क शािसत दे श के प म शािमल िकया गया और इस योजन के िलए अनु े द-240 का संशोधन िकया
गया
13. संिवधान (13वां संशोधन) अिधिनयम, 1962— इस संशोधन ारा भारत सरकार और नगा पीपु
कंवशन के बीच ए एक करार के अनुसरण म नगालड रा के संबंध म िवशेष उपबंध करने के िलए एक
नया अनु े द-371(ए) जोड़ा गया
14. संिवधान (14वां संशोधन) अिधिनयम, 1962— इस अिधिनयम के ारा पुद्ु दचेरी क शािसत दे श के
प म थम अनुसूची म जोड़ा गया और इस अिधिनयम ारा िहमाचल दे श, मिणपुर, ि पुरा, गोवा, दमन
और दीव तथा पुद्ु दचेरी के क शािसत दे शों के िलए संसदीय िविध ारा िवधानमंडलों का गठन िकया जा
सका
15. संिवधान ( 15वां संसोधन अिधिनयम, 1963— इस संशोधन ारा उ ायालय के ायाधीशों की
सेवािनवृि की आयु बढ़ाने और एक उ ायालय से दू सरे उ ायालय म थानां त रत िकए जाने वाले
ायाधीशों को ितपूरक भ ा दे ने का उपबंध िकया गया इस अिधिनयम ारा सेवािनवृ ायाधीशों को
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उ ायालय के ायाधीशों के थान पर िनयु िकए जाने की भी व था की गई है अनु े द-226 का


भी िव ार िकया गया, तािक उ ायालयों को यह श दी जा सके िक वे िकसी ािधकारी को िनदश,
आदे श या नामा ( रट) जारी कर सक यिद ऐसी श के योग के िलए वाद का कारण उन रा
े ों म उ आ हो, िजनम वहां का उ ायालय े ािधकार का योग करता है , चाहे उस सरकारी
अिधकारी का थान इन रा े ों के अंदर नहीं हो इस अिधिनयम ारा सेवा आयोगों के अ की
अनुप थित म उसकी श यों का योग िकसी एक सद ारा िकए जाने का भी ावधान है
16. संिवधान ( 16वां संशोधन) अिधिनयम, 1963— इस अिधिनयम ारा अनु े द-19 म संशोधन िकया
गया, िजसम भारत की भुस ा और अखंडता के िहत म शां ितपूण और श हीन स लन तथा सं था
बनाने के िलए वाक् और अिभ की तं ता के अिधकारों पर ितबंध लगाया गया संसद और रा
िवधानमंडलों के िनवाचन के िलए उ ीदवारों ारा ली जाने वाली शपथ या अिधिनयम का संशोधन करके
उसम यह शत भी शािमल की गई िक वे भारत की भुस ा और अखंडता को अ ुण रखगे इन संशोधनों
का उ े रा ीय एकता को बढ़ावा दे ना है
17. संिवधान (17वां संशोधन) अिधिनयम, 1964— अनु े द-31क म और आगे संशोधन िकया गया, िजसके
अनुसार िनजी खेती के अधीन भूिम का अिध हण तब तक नहीं िकया जा सकता, जब तक िक ितपूित के
प म उसका बाज़ार मू न िदया जाए साथ ही, इस संशोधन ारा उ अनु े द म दी गई ‘संपदा’ की
प रभाषा को पीछे की तारीख से लागू िकया गया नौवीं अनुसूची म भी संशोधन िकया गया और उसम 44
और अिधिनयम शािमल िकए गए
18. संिवधान (18वां संशोधन) अिधिनयम, 1966— इस अिधिनयम ारा अनु े द-3 का संशोधन यह
करने के िलए िकया गया िक ‘रा ’ श म क शािसत दे श भी शािमल होगा और इस अनु े द के तहत्
नया रा बनाने की श म िकसी रा या क शािसत दे श के एक भाग को िकसी दू सरे रा या
क शािसत दे श से िमलाकर एक नया रा या क शािसत दे श बनाने की श को भी शािमल िकया
गया
19. संिवधान ( 19वां संशोधन) अिधिनयम, 1966— िनवाचन ायािधकरणों को समा करने और उ
ायालय ारा चुनाव यािचकाओं की सुनवाई िकए जाने के िनणय के प रणाम प अनु े द-324 का
संशोधन इस पा रणािमक प रवतन के िलए िकया गया
20. संिवधान (20वां संशोधन) अिधिनयम, 1966— यह संशोधन च मोहन बनाम उ र दे श सरकार के
मामले म उ तम ायालय के उस िनणय के कारण आव क आ, िजसम उ तम ायालय ने उ र
दे श रा म िजला ायाधीशों की कितपय िनयु यों को िनर घोिषत कर िदया था एक नया
अनु े द-233ए जोड़ा गया और रा पाल ारा की गई िनयु यों को वैध बना िदया गया
21. संिवधान (21वां संशोधन) अिधिनयम, 1967— इस अिधिनयम ारा िसंधी भाषा को अ म अनुसूची म
शािमल िकया गया
22. संिवधान (22वां संशोधन) अिधिनयम, 1969— यह अिधिनयम असम रा म एक नए ाय रा
मेघालय का िनमाण करने की ि से लागू िकया गया
23. संिवधान (23वां संशोधन) अिधिनयम, 1969— अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों तथा
आं -भारतीयों के िलए संसद और रा िवधानमंडलों म थानों के आर ण की अविध 10 वष तक और
बढ़ाने के िलए अनु े द-334 का संशोधन िकया गया
24. संिवधान (24वां संशोधन) अिधिनयम, 1971— यह संशोधन गोलकनाथ के मामले म उ तम ायालय
के िनणय से उ थित के संदभ म पा रत आ तद् ु नसार इस अिधिनयम ारा मूल अिधकारों सिहत
संिवधान म संशोधन करने के संसद के अिधकारों के बारे म सभी कार के संदेहों को दू र करने के िलए
अनु े द-13 और अनु े द-368 म संशोधन िकया गया
25. संिवधान (25वां संशोधन) अिधिनयम, 1971— इस संशोधन ारा बकों के रा ीयकरण के मामले को
दे खते ए अनु े द-31 म संशोधन िकया गया ‘मुआवज़ा’ श की ‘पया मुआवज़ा’ के प म ाियक
ा ा को दे खते ए ‘मुआवज़ा’ श के थान पर ‘रकम’ श रखा गया
26. संिवधान (26वां संशोधन) अिधिनयम, 1971— इस संशोधन ारा भारतीय रयासतों के शासकों के
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‘ि वी’ और िवशेषािधकारों को समा िकया गया यह संशोधन माधवराव के मामले म उ तम ायालय


के िनणय के प रणाम प पा रत िकया गया
27. संिवधान (27वां संशोधन) अिधिनयम, 1971— यह संशोधन अिधिनयम उ र-पूव रा ों के पुनगठन के
कारण आव क कितपय बातों की व था करने के िलए पा रत िकया गया एक नया अनु े द-239ख
जोड़ा गया, िजससे कुछ क शािसत दे शों के शासन अ ादे श जारी करने के िलए समथ हो गए
28. संिवधान (28वां संशोधन) अिधिनयम, 1972— यह संशोधन भारतीय िसिवल सेवा के सद ों की छु ी,
पशन और अनुशासन के मामलों के संबंध म िवशेषािधकारों को समा करने के िलए पा रत िकया गया
29. संिवधान (29वां संशोधन) अिधिनयम, 1972— संिवधान की नौंवी अनुसूची का संशोधन करके उसम
भूिम सुधार के बारे म केरल के दो अिधिनयम शािमल िकए गए
30. संिवधान (30वां संशोधन) अिधिनयम, 1972— इस संशोधन का उ े अनु े द-133 का संशोधन
करके उसम िनधा रत 20,000 पये की मू ां कन परी ा समा करना तथा उसके थान पर िसिवल
कायवाही म उ तम ायालय म अपील की व था करना है , जो केवल उ ायालय के इस माण-प
पर ही की जा सकेगी िक उस मामले म सामा मह की िविध का सारवान शािमल है और उ
ायालय की राय म उस पर उ तम ायालय ारा िनणय िलए जाने की आव कता है
31. संिवधान (31वां संशोधन) अिधिनयम, 1973— इस अिधिनयम ारा अ बातों के साथ-साथ लोकसभा
म रा ों के ितिनिध की अिधकतम सं ा 500 से बढ़कर 525 तथा क शािसत दे शों के सद ों की
अिधकतम सं ा को 25 से घटाकर 20 िकया गया
32. संिवधान (32वां संशोधन) अिधिनयम, 1973— इस अिधिनयम ारा आं दे श रा के िविभ े ों म
समान अवसर दान करने वाले उपबंध को लागू करने के िलए आव क संवैधािनक ािधकारी की
व था की गई और लोक सेवाओं से संबंिधत िशकायतों की सुनवाई की अिधका रता का एक शासिनक
ायािधकरण गिठत िकया गया इसके ारा संसद को यह श भी दी गई िक वह उस रा म एक
क ीय िव िव ालय की थापना के िलए कानून बना सकती है
33. संिवधान (33वां संशोधन) अिधिनयम, 1974— इस संशोधन ारा संसद सद ों और रा िवधानमंडलों
से ागप िदए जाने की ि या को सुचा बनाने के िलए अनु े द-101 तथा 190 म संशोधन िकया गया
34. संिवधान (34वां संशोधन) अिधिनयम, 1974— इस अिधिनयम ारा िविभ रा िवधानमंडलों ारा
बनाए गए 20 और का कारी व भूिम सुधार कानूनों को नौवीं अनुसूची म शािमल िकया गया
35. संिवधान (35वां संशोधन) अिधिनयम, 1974— इस अिधिनयम ारा एक नया अनु े द-2(क) जोड़ा
गया, िजसके ारा िस म को भारतीय क के सह-रा का दजा िदया गया अनु े द-80-81 म
प रणािमक संशोधन िकए गए एक नई अनुसूची, अथात 10वीं अनुसूची जोड़ी गई िजसम िस म के
भारतीय क म शािमल होने की िनयम एवं शत दी गई ह
36. संिवधान (36वां संशोधन) अिधिनयम, 1975— िस म को भारतीय संघ का पूण रा बनाने और
संिवधान की थम अनुसूची म शािमल करने और िस म को रा सभा और लोकसभा म एक-एक थान
दे ने के िलए यह अिधिनयम बनाया गया संिवधान (35वां संशोधन) अिधिनयम ारा जोड़े गए
अनु े द-2(क) और 10वीं अनुसूची को हटाकर अनु े द-80 और 81 म समुिचत संशोधन िकया गया
37. संिवधान (37वां संशोधन) अिधिनयम, 1975— इस अिधिनयम ारा क शािसत दे श अ णाचल दे श
म िवधानसभा की व था की गई, संिवधान के अनु े द-240 का भी संशोधन िकया गया और यह उपबंध
िकया गया िक िवधानमंडल वाले अ क शािसत दे शों की तरह क शािसत दे श अ णाचल दे श के
िलए िविनयम बनाने की रा पित की श का योग तब िकया जा सकेगा, जब िवधानसभा या तो भंग हो
गई हो या उसके काय िनलंिबत हों
38. संिवधान (38वां संशोधन) अिधिनयम, 1975— इस अिधिनयम ारा संिवधान के अनु े द-123, 213
और 352 म संशोधन करके यह उपबंध िकया गया िक इन अनु े दों म उ खत रा पित या रा पाल के
संवैधािनक िनणय को िकसी ायालय म चुनौती दी जा सकेगी
39. संिवधान (39वां संशोधन) अिधिनयम, 1975— इस अिधिनयम ारा रा पित, उपरा पित, धानमं ी
और लोकसभा अ के िनवाचन संबंधी िववादों पर ऐसे ािधकारी ारा िवचार िकया जा सकेगा, जो
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संसदीय कानून ारा िनयु िकया जाए इस अिधिनयम ारा नौवीं अनुसूची म कितपय क ीय कानूनों को
भी शािमल िकया गया
40. संिवधान (40वां संशोधन) अिधिनयम, 1976— इस अिधिनयम ारा रा ीय महासागरीय सीमा अथवा
महा ीपीय जल सीमा अथवा पूरी तरह भारत के आिथक े म आने वाली सभी खानों, खिनज पदाथ और
अ मू वान व ुओं को क के अिधकार म िनिहत करने का उपबंध िकया गया इसम इस बात का भी
उपबंध िकया गया िक भारत के आिथक े के सभी अ संसाधन भी पूरी तरह क के अिधकार म होंगे
इस अिधिनयम ारा इस बात का भी उपबंध िकया गया िक रा ीय जल सीमा, महा ीपीय जल सीमा और
भारत की आिथक े की सीमाएं तथा समु ी े पूरी तरह िविनिद होंगी, जो समय-समय पर संसद
अथवा संसद ारा िनिमत कानून के अधीन िनधा रत की जाएं गी साथ ही साथ, नौवीं अनुसूची म कुछ और
अिधिनयम जोड़े गए
41. संिवधान (41वां संशोधन) अिधिनयम, 1976— इस अिधिनयम के ारा अनु े द-316 म संशोधन करके
रा लोक सेवा और संयु लोक सेवा आयोगों के सद ों की सेवा-िनवृि की आयु को 60 से बढ़ाकर 62
वष कर िदया गया
42. संिवधान (42वां संशोधन) अिधिनयम, 1976— इस अिधिनयम ारा संिवधान म अनेक मह पूण
संशोधन िकए गए ये संशोधन मु तः णिसंह आयोग की िसफ़ा रशों को लागू करने के िलए थे
कुछ मह पूण संशोधन समाजवाद, धमिनरपे ता और रा की अखंडता के उ ादश को प से
प रभािषत करने, नीित िनदशक िस ां तों को अिधक ापक बनाने और उ उन मूल अिधकारों, िजनकी
आड़ लेकर सामािजक-आिथक सुधारों को िन ल बनाया जाता रहा है , पर वरीयता दे ने के उ े से िकए
गए इस संशोधनकारी अिधिनयम ारा नाग रकों के मूल कत ों के संबंध म एक नया अ ाय जोड़ा गया
और समाज िवरोधी गितिविधयों से चाहे वे यों ारा हों या सं थाओं ारा, िनपटने के िलए िवशेष
उपबंध िकए गए कानूनों की संवैधािनक वैधता से संबंिधत ों पर िनणय लेने के िलए ायाधीशों की
ूनतम सं ा िनधा रत करने तथा िकसी कानून को संवैधािनक ि से अवैध घोिषत करने के िलए कम-से-
कम दो ितहाई ायाधीशों की िवशेष ब मत व था करके ायापािलका संबंधी उपबंधों म भी संशोधन
िकया गया
उ ायालयों म अिनिणत मामलों की बढ़ती ई सं ा को कम करने के िलए और सेवा, राज ,
सामािजक-आिथक िवकास और गित के संदभ म कितपय अ मामलों के शी िनपटारे को सुिनि त
करने के िलए इस संशोधनकारी अिधिनयम ारा संिवधान के अनु े द-136 के अधीन ऐसे मामलों म
उ तम ायालय के अिधकार े को सुरि त रखते ए शासिनक और अ ायािधकरणों के गठन के
िलए उपबंध िकया गया अनु े द-226 के अधीन उ ायालयों के रट अिधकार े म भी कुछ संशोधन
िकया गया
43. संिवधान (43वां संशोधन) अिधिनयम, 1977— इस अिधिनयम के ारा अ बातों के साथ-साथ,
संिवधान (42वां संशोधन) अिधिनयम, 1976 के लागू होने से उ तम ायालय और उ ायालयों के
अिधकार े म जो कटौती हो गई थी, उसे बहाल करने का उपबंध िकया गया और तदनुसार उ
संशोधन ारा संिवधान म शािमल िकए गए अनु े द-32क, 131क, 144क 226क और 228क को इस
अिधिनयम ारा हटा िदया गया इस अिधिनयम ारा अनु े द-31 को भी, िजसके ारा रा िवरोधी
गितिविधयों के कितपय कानून बनाने के िलए संसद को िवशेष श यां दी गई थीं, हटा िदया गया
44. संिवधान (44वां संशोधन) अिधिनयम, 1978— संपि के अिधकार को, िजसके कारण संिवधान म कई
संशोधन करने पड़े , मूल अिधकार के प म हटाकर केवल िविधक अिधकार बना िदया गया िफर भी यह
सुिनि त िकया गया िक संपि के अिधकार को मूल अिधकारों की सूची से हटाने से अ सं कों के अपनी
पसंद के िश ा सं थानों की थापना करने और संचालन संबंधी अिधकारों पर कोई भाव न पड़े संिवधान
के अनु े द- 352 का संशोधन करके यह उपबंध िकया गया िक आपात थित की घोषणा के िलए एक
कारण ‘सश िव ोह’ होगा आं त रक गड़बड़ी, यिद यह सश िव ोह नहीं है तो आपात थित की
घोषणा के िलए आधार नहीं होगा गत तं ता के अिधकार को जैसा िक अनु े द-21 और 22 म
िदया गया है , इस उपबंध ारा और अिधक श शाली बनाया गया है िजसके तहत् िनवारक नज़रबंदी
कानून के अंतगत दो महीने से अिधक नज़रबंद नहीं िकया जा सकता, जब तक िक सलाहकार बोड यह
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रपोट नहीं दे ता िक ऐसी नज़रबंदी के पया कारण ह इसके िलए अित र संर ण की व था इस
अपे ा से की गई िक सलाहकार बोड का अ िकसी समुिचत उ ायालय का सेवारत ायाधीश
होगा और बोड का गठन उस उ ायालय के मु ायाधीश की िसफ़ा रशों के अनुसार िकया जाएगा
िवलंब से बचने के िलए अनु े द-132 और 134 म संशोधन िकया गया और एक नया अनु े द 134क
जोड़ा गया िजसके ारा यह उपबंध िकया गया िक िनणय, अंितम आदे श अथवा सज़ा सुनाए जाने के
त ाल बाद संबंिधत प के मौ खक आवेदन के आधार पर अथवा यिद उ ायालय उिचत समझे तो
यं ही उ तम ायालय म अपील करने के िलए माण-प मंजूर िकए जाने पर िवचार करे इस
अिधिनयम ारा िकए गए अ संशोधन मु प से आं त रक आपात थित की अविध के दौरान िकए
गए संशोधन के कारण संिवधान म आई िवकृितयों को दू र करने अथवा सुधार करने के िलए ह
45. संिवधान (45वां संशोधन) अिधिनयम, 1982— यह अिधिनयम संसद तथा रा िवधान सभाओं म
अनुसूिचत जाितयों, अनुसूिचत जनजाितयों और आं -भारतीयों के िलए थानों के आर ण संबंधी व था
को 10 वष की अविध के िलए और बढ़ाने के उ े से पा रत िकया गया
46. संिवधान (46वां संशोधन) अिधिनयम, 1982- इसके ारा अनु े द-269 म संशोधन िकया गया, तािक
अंतररा ीय ापार और वािण के दौरान भेजे जाने वाले सामान पर लगाया गया कर रा ों को सौंप
िदया जाए इस अनु े द का संशोधन इस ि से भी िकया गया, तािक संसद कानून ारा यह िनधा रत कर
सके िक िकस थित म भेजा जाने वाला माल अंतररा ीय ापार या वािण के तहत् भेजा आ माना
जाएगा क सूची म एक नई िवि 92 ख भी शािमल की गई, तािक ऐसी थित म जब माल अंतररा ीय
ापार या वािण के दौरान भेजा जाए तो उस माल पर कर लगाया जा सके
अनु े द 286 के खंड 3 का संशोधन िकया गया, तािक संसद कानून ारा काय-संिवदा के िन ादन के
दौरान व ुओं के ह ां तरण म, िकराया-ख़रीद अथवा िक ों म अदायगी के आधार पर माल की सुपुदगी
पर कर लगाने की णाली, दरों और अ बातों के संबंध म ितबंध और शत िविनिद कर सक
‘माल के य और िव य पर कर’ की प रभाषा म यह जोड़ने के िलए अनु े द-366 का यथोिचत
संशोधन िकया गया िक उसम िनयंि त व ुओं के ितफलाथ अंतरण, काय-संिवदा के िन ादन से संबंिधत
व ुओं के प म संपि का अंतरण, िकराया-खरीद अथवा िक ों म अदायगी आिद की णाली म माल
की सुपुदगी को भी शािमल िकया जा सके
47. संिवधान (47वां संशोधन) अिधिनयम, 1984- इस संशोधन का उ े संिवधान की नवम अनुसूची म
कितपय भूिम सुधार अिधिनयमों को शािमल करना है , तािक उन अिधिनयमों को लागू िकए जाने म कावट
डालने वाली मुकदमेबाजी को रोका जा सके
48. संिवधान (48वाँ संशोधन) अिधिनयम, 1984- संिवधान के अनु े द-356 के अधीन पंजाब रा के बारे
म रा पित ारा जारी की गई उद् घोषणा तब तक एक वष से अिधक समय तक लागू नहीं रह सकती, जब
तक िक उ अनु े द-के खंड 5 म उ खत शत पूरी नहीं होती चूंिक यह महसूस िकया गया है िक
उ उद् घोषणा का लागू रहना आव क है , इसिलए यह संशोधन िकया गया है , तािक इस मामले म
अनु े द-356 के खंड 5 म उ खत शत लागू न होने पाएं
49. संिवधान (49वां संशोधन) अिधिनयम, 1984- ि पुरा सरकार ने िसफ़ा रश की थी िक संिवधान की छठी
अनुसूची के उपबंधों को उस रा के जनजातीय े ों म लागू िकया जाए इस अिधिनयम ारा िकए गए
संशोधन का उ े रा म काम कर रही ाय शासी िजला प रषद को संवैधािनक सुर ा दान करना
है
50. संिवधान (50वां संशोधन) अिधिनयम, 1984- संिवधान के अनु े द-33 ारा संसद को यह िनधा रत
करने के िलए कानून बनाने की श दी गई है िक संिवधान के भाग 3 ारा द िकसी अिधकारी को
सश सेनाओं अथवा लोक- व था बनाए रखने के िलए िज़ ेदार बलों पर लागू करने म िकस सीमा तक
ितबंिधत अथवा िनराकृत िकया जाए, तािक उनके ारा कत ों के उिचत िनवहन और उनम अनुशासन
बनाए रखने को सुिनि त िकया जा सके
अनु े द-33 की प रिध म िन िल खत बातों को लाने के िलए इसका संशोधन ािवत है :
(1) रा की अथवा उसके भार या क े म संपि के संर ण के िलए भा रत बलों के सद , अथवा
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(2) आसूचना अथवा ित-आसूचना के योजन के िलए रा ारा थािपत ूरो अथवा अ संगठनों म
िनयु , अथवा
(3) िकसी बल, ूरो अथवा संगठन के योजन के िलए थािपत दू रसंचार णािलयों म िनयु अथवा
उनसे संबंिधत
अनुभव से पता चला है िक इनके ारा कत ों के उिचत िनवहन तथा उनम अनुशासन बनाए रखने को
सुिनि करने की आव कता रा ीय िहत म अ ंत मह पूण है
51. संिवधान (51वां संशोधन) अिधिनयम, 1984— इस अिधिनयम ारा अनु े द-330 म संशोधन िकया
गया, तािक मेघालय, नगालड, अ णाचल दे श और िमज़ोरम की अनुसूिचत जनजाितयों के िलए संसद म
थान सुरि त िकए जा सक साथ ही साथ, थानीय जनजाितयों की आकां ाओं को पूरा करने के िलए
अनु े द-332 म संशोधन करके नगालड और मेघालय की िवधानसभाओं म भी इसी तरह का आर ण
िकया गया
52. संिवधान (52वां संशोधन) अिधिनयम, 1985— इस संशोधन ारा यह व था की गई है िक यिद संसद-
सद या िवधानसभा-सद दल-बदल करता है या उस दल ारा िनकाल िदया जाता है , िजसने उसे चुनाव
म खड़ा िकया था, या कोई िनदलीय उ ीदवार जो चुने जाने के छह महीने के बाद िकसी राजनीितक दल
का सद बन जाता है , वह सदन का सद होने के अयो करार िदया जाएगा इस अिधिनयम म
राजनीितक दलों के िवभाजन तथा िवलय के संबंध म समुिचत ावधान है
53. संिवधान (52वां संशोधन) अिधिनयम, 1986— यह भारत सरकार और िमज़ोरम सरकार ारा िमज़ोरम
नेशनल ं ट के साथ 30 जून, 1986 को ए िमज़ोरम समझौते को लागू करने के िलए बनाया गया है इसके
िलए नया अनु े द-371-जी संिवधान म जोड़ा गया है , िजसम अ बातों के अलावा, िमज़ो लोगों के धािमक
और सामािजक रीित- रवाजों, परं परागत कानून और िविध के संबंध म संसद ारा कानून बनाने की मनाही,
दीवानी तथा फ़ौजदारी संबंधी मामलों, िजन पर िमज़ों लोगों के परं परागत कानून के अनुसार िनणय िलया
जाता है तथा जमीन के ािम और ह ां तरण के बारे म भी तब तक संसदीय कानून लागू नहीं होगा जब
तक िमज़ोरम की िवधानसभा इसे मंजूरी नहीं दे दे ती लेिकन यह धारा िमज़ोरम रा म संशोधन के जारी
होने से पहले से लागू होने वाले क ीय कानूनों पर लागू नहीं होगी नई धारा म यह भी व था है िक
िमज़ोरम िवधानसभा म कम-से-कम 40 सद होंगे
54. संिवधान (54वां संशोधन) अिधिनयम, 1986— इस अिधिनयम ारा उ तम ायालय एवं उ
ायालयों के ायाधीशों के वेतन को िन कार से बढ़ाया गया है

इस अिधिनयम ारा ि तीय अनुसूची के भाग ‘घ’ म संशोधन करके वेतन को उपयु कार से बढ़ाया
गया है तथा अनु े द-125 एवं 221 म यह ावधान रखा गया है िक संसद कानून बनाकर भिव म
ायाधीशों के वेतन म सुधार कर सकती है
55. संिवधान (55वां संशोधन) अिधिनयम, 1986— इसम क शािसत दे श अ णाचल दे श को रा का
दजा िदए जाने के भारत सरकार के ाव को लागू िकया गया है इसके िलए संिवधान म एक नया
अनु े द-371 एच जोड़ा गया है अ बातों के अलावा, इस अनु े द म अ णाचल दे श के रा पाल को
दे श की अ ंत नाजुक थित के कारण कानून और व था के े म िवशेष िज़ ेदारी सौंपी गई है
इसके अनुसार अपने दािय ों को पूरा करने म रा पाल मंि प रषद म सलाह-मशिवरा करके की जाने
वाली कारवाई के बारे म अपना गत िनणय ले सकगे यिद रा पित चाह तो रा पाल की यह
िज़ ेदारी ख की जा सकेगी नए अनु े द के अनुसार यह भी व था की गई है िक अ णाचल दे श
रा की िवधानसभा म 30 से कम सद नहीं होंगे
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56. संिवधान (56वां संशोधन) अिधिनयम, 1987— भारत सरकार के क शािसत दे श गोवा, दमन व दीव
के गोवा िजले म शािमल े को गोवा रा के प म तथा उसी क शािसत दे श के दमन व दीव म
शािमल े को दमन व दीव नामक एक नए क शािसत दे श के प म गठन का ाव िकया है इस
संदभ म यह ािवत िकया गया िक नए रा गोवा की िवधानसभा म 40 सद होंगे क शािसत दे श
गोवा, दमन व दीव की मौजूदा िवधानसभा म 30 िनवािचत सद ह तथा तीन मनोनीत सद ह ऐसा
िवचार िकया गया िक जब तक मौजूदा िवधानसभा की पां च वष की अविध समा होकर नए िनवाचन न
कर िलए जाएं , तब तक गोवा रा के िलए बनी नई िवधानसभा म दमन व दीव का ितिनिध करने वाले
दो सद ों को शािमल न िकया जाए अतएव, नए रा गोवा को ऐसी िवधानसभा दे ने का िन य िकया
गया, िजसम 30 से कम सद न हों इस संशोधन ने उ ाव को भावी बनाने के िलए अपेि त
िवशेष ावधान को भावी बनाया
57. संिवधान (57वां संशोधन) अिधिनयम, 1987— संिवधान (51वां संशोधन) अिधिनयम, 1984 लोकसभा म
नगालड, मेघालय, िमज़ोरम और अ णाचल दे श की अनुसूिचत जनजाितयों के िलए थान आरि त करने
तथा संिवधान के अनु े द-330 व 332 को समुिचत कार से संशोिधत करके नगालड और मेघालय की
िवधानसभाओं म अनुसूिचत जनजाितयों के िलए थान आरि त करने के िलए अिधिनयिमत िकया गया था
य िप ये े जनजाित-ब ल ह, तथािप इस संशोधन का उ े यह था िक इस े म रहने वाली
जनजाितयां अपना ूनतम ितिनिध तो कर ही सक, ोंिक वे िवकिसत वग के लोगों के साथ चुनाव
लड़ने म स म नहीं ह य िप संिवधान (51वां संशोधन) अिधिनयम औपचा रक प से भावी था, िफर भी
यह पूरी तरह से तब तक लागू नहीं हो सकता था, जब तक यह िनधा रत न हो जाए िक इन े ों म
अनुसूिचत जनजाितयों के िलए िकन-िकन थानों का आर ण करना है िकसी भी रा म अनुसूिचत जाित
व जनजाितयों के िलए थानों का आर ण संिवधान के अनु े द-332 के अंतगत संिवधान के
अनु े द-332(3) के ावधानों को ान म रखकर ही िनधा रत िकया जाता है , िकंतु उ र-पूव रा ों की
ऐितहािसक पृ भूिम को दे खते ए, इन रा ों की अनुसूिचत जनजाितयों के िवकास व अ संबंिधत बातों
पर िवचार करके यह ज री समझा गया िक इन े ों म रहने वाली अनुसूिचत जनजाितयों के आर ण के
िलए िवशेष ावधान िकए जाएं , तािक ये लोग भी, जैसा िक संिवधान म संक ना की गई है , सामा जीवन
तीत कर सक संिवधान के अनु े द-332 को अ थाई ावधान बनाने के िलए िफर से संशोिधत िकया
गया, िजससे अनु े द-170 के अंतगत वष 2000 के बाद पहली जनगणना के आधार पर अनुसूिचत
जनजाितयों के िलए थानों के आर ण का पुनः िनधारण िकया जा सके इस संशोधन म यह इ ा
की गई िक यिद ऐसे रा ों की िवधानसभाओं (जो संशोिधत अिधिनयम के लागू होने की ितिथ पर अ
म थीं) म सभी थान अनुसूिचत जनजाितयों के सद ों ारा अिध हीत िकए गए हों, तो एक को छोड़कर
सभी थान अनुसूिचत जनजाितयों के िलए आरि त िकए जाएं तथा अ िकसी मामले म जहां पर थानों की
सं ा कुल सं ा के बराबर हो, एक ऐसा अनुपात हो िजसम मौजूदा िवधानसभा के सद ों की सं ा
मौजूदा िवधानसभा के कुल सद ों की सं ा के बराबर हो यह अिधिनयम इन उ े ों को ा करता
है
58. संिवधान (58वां संशोधन) अिधिनयम, 1987– िहं दी म संिवधान के ािधकृत पाठ के काशन की मां ग
सामा तः रही है िविध ि या म संिवधान का आसानी से योग िकया जा सके, इसके िलए आव क है
िक इसका िहं दी पाठ भी ािधकृत हो संिवधान का कोई भी िहं दी सं रण न केवल संवैधािनक सभा ारा
कािशत िहं दी अनुवाद के अनु प हो, ब िहं दी म क ीय अिधिनयमों के ािधकृत पाठों की भाषा, शैली
व श ावली के भी अनु प हो संिवधान को संशोिधत करके रा पित को यह श दान की गई है िक
वह अपने ािधकार के तहत् संिवधान के िहं दी अनुवाद को, िजस पर संवैधािनक सभा के सद ों ने अपने
ह ा र िकए ए ह तथा िजनम उन सभी प रवतनों को शािमल कर िलया गया है िजससे यह िहं दी भाषा के
क ीय अिधिनयमों के ािधकृत पाठों की भाषा, शैली व श ावली के अनु प हो, कािशत करा सक
रा पित को यह श भी द की गई है िक वह संिवधान म िकए गए ेक अं ेज़ी संशोधन का िहं दी
अनुवाद कािशत करवाएं
59. संिवधान (59वां संशोधन) अिधिनयम, 1988– इस अिधिनयम ारा संिवधान के अनु े द -356 (5) का
संशोधन िकया गया, िजससे िक अनु े द -356 के खंड (1) के अधीन रा पित की उद् घोषणा का एक वष
की अविध से आगे िव ार िकया जा सके और यिद आव क हो तो पंजाब रा म अशां ित की थित बनी
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रहने के कारण अनु े द-356 के खंड (4) के अधीन यथा अनु ेय तीन वष की अविध तक भावी बनाया जा
सके इस अिधिनयम ारा आपात थित की उद् घोषणा से संबंिधत संिवधान के अनु े द-352 का, पंजाब
रा म इसे लागू िकए जाने की बाबत संशोधन िकया गया है िजसके अनुसार आं त रक गड़बड़ी को पंजाब
म आपात थित की उद् घोषणा हे तु एक आधार बनाया गया है अनु े द -352 म संशोधन िकए जाने के
प रणाम प, पंजाब रा के संबंध म अनु े द 358 और 359 के संशोधन की तारीख 30 माच, 1988 से
जो इस संशोधन के ारं भ की तारीख है , दो वष की अविध के िलए ही वतनीय रहगे
60. संिवधान (60वां संशोधन) अिधिनयम, 1988– अिधिनयम, संिवधान के अनु े द-276 के खंड (2) का
इस ि से संशोधन करता है , िजससे िक वसायों, ापारों, आजीिवकाओं और िनयोजनों पर कर की
अिधकतम सीमा को 250 पये ितवष से बढ़ाकर 2,500 पये ितवष िकया जा सके इस कर म वृ
करने से रा ों को अित र ोत जुटाने म सहायता िमलेगी धारा (2) के उपबंध का लोप िकया गया है
61. संिवधान (61वां संशोधन) अिधिनयम, 1989– इस अिधिनयम के ारा संिवधान के अनु े द 326 का
संशोधन करके मतािधकार की आयु 21 से घटकर 18 वष कर दी गई, तािक दे श के उस युवा- वग को िजसे
अभी तक कोई ितिनिध नहीं िमल पाया था, अपनी भावनाएं करने का अवसर िमल सके और वे
राजनीितक ि या का अंग बन सक
62. संिवधान (62वां संशोधन) अिधिनयम, 1989– संिवधान के अनु े द-334 म यह ावधान है िक
अनुसूिचत जाितयों तथा अनुसूिचत जनजाितयों की सीटों के आर ण तथा लोकसभा और िवधानसभाओं म
आं -भारतीय समुदाय के ितिनिध से संबंिधत व था संिवधान म लागू होने के 40 वष बाद समा हो
जाएगी हालां िक अनुसूिचत जाितयों और जनजाितयों ने गत 40 वष म पया गित की है , िकंतु संिवधान
सभा के सामने इस तरह की व था बनाते समय जो कारण थे, वे अभी बरकरार ह इस अिधिनयम के
ारा अनु े द-334 को संशोिधत करके यह व था की गई िक अनुसूिचत जाितयों और जनजाितयों का
आर ण और आं -भारतीय समुदाय का मनोनयन ारा ितिनिध अगले 10 वष तक जारी रहे गा
63. संिवधान (63वां संशोधन) अिधिनयम, 1989– संिवधान (59वां संशोधन) अिधिनयम माच 1988 म लागू
िकया गया, िजससे पंजाब म आपात थित की घोषणा और रा म रा पित शासन की अविध के संबंध म
कुछ प रवतन िकए गए थे इस पर पुनिवचार करने पर सरकार ने िनणय िकया िक संशोधन म पंजाब म
आपात थित की घोषणा के संबंध म िजस िवशेष अिधकारों की व था की गई थी, उनकी अब ज रत
नहीं रही तद् ु नसार, अनु े द–356 की धारा 5 तथा अनु े द 359(क) को हटा िदया गया है
64. संिवधान (64वां संशोधन) अिधिनयम, 1990– इस अिधिनयम के ारा संिवधान के अनु े द- 356 की
धारा 4 व 5 के अंतगत संिवधान के अनु े द-356 की धारा 1 के तहत् पंजाब के संबंध म 11 मई, 1987 को
संशोिधत की गई घोषणा की अविध को साढ़े तीन वष के िलए और बढ़ा िदया गया
65. संिवधान (65वां संशोधन) अिधिनयम, 1990– संिवधान के अनु े द-338 म एक िवशेष अिधकारी का
ावधान है , जो संिवधान के तहत् अनुसूिचत जाितयों और जनजाितयों के िहतों से संबंिधत मामलों की जां च
करे गा और इस संबंध म रा पित को अपनी रपोट भेजेगा यह अनु े द संशोिधत कर िदया गया है िजसम
अनुसूिचत जाितयों और जनजाितयों के िलए रा ीय आयोग के गठन की व था की गई है , िजसम एक
अ , एक उपा तथा पां च अ सद होंगे, िज रा पित अपनी मुहर से िनयु करगे संशोिधत
अनु े द म आयोग के काय के बारे म िव ार से बताया गया है और उसके उन कदमों के बारे म भी
बताया गया है , जो उसे क अथवा रा सरकार को कमीशन की रपोट के भावी काया यन के िलए
उठाने होंगे इसम यह भी व था की गई है िक आयोग के पास िशकायत पर की जाने वाली जां च के
दौरान वे सभी अिधकार होंगे, जो िक एक ाियक अदालत को होते ह और आयोग की रपोट संसद और
रा िवधानसभाओं के सम रखी जाएगी
66. संिवधान (66वां संशोधन) अिधिनयम, 1990– इस अिधिनयम के तहत् भूिम सुधार तथा कृिषभूिम की
सीमा से संबंिधत रा सरकारों के उन 55 िनयमों को संिवधान की नौंवी अनुसूची म शािमल तथा सुरि त
कर िदया गया है , िज आं दे श, िबहार, गुजरात, िहमाचल दे श, कनाटक, केरल, म दे श, चे ई,
ओिडशा, राज थान, तिमलनाडु , उ र दे श, पि म बंगाल और क शािसत दे श पुद्ु दचेरी के शासन ने
इस आशय से बनाया था िक इ अदालत म चुनौती नहीं दी जा सकेगी
67. संिवधान (67वां संशोधन) अिधिनयम, 1990– संिवधान के 64व संशोधन के तहत् पंजाब के संबंध म 11
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मई, 1987 को की गई तीन वष की अविध की घोषणा को साढ़े तीन वष िकया था 67व संशोधन के तहत्
अनु े द -356 की धारा 4 को पुनः संशोिधत करके इस अविध को बढ़ाकर चार वष कर िदया गया है
68. संिवधान (68वां संशोधन) अिधिनयम, 1991– संिवधान के 67व संशोधन के तहत् पंजाब के संबंध म 17
मई, 1987 को की गई घोषणा को बढ़ाकर चार वष िकया गया था 68व संशोधन के तहत् अनु े द-356 की
धारा 4 को संशोिधत करके इस अविध को बढ़ाकर पां च वष कर िदया गया है
69. संिवधान (69वां संशोधन) अिधिनयम, 1991– भारत सरकार ने 24 िदसंबर, 1987 को िद ी के शासन
से संबंिधत िविभ मामलों का अ यन करने तथा शासिनक ढां चे को चु बनाने के उपाय सुझाने के िलए
एक कमेटी गिठत की थी पूरी जां च-पड़ताल और अ यन के बाद इस सिमित ने यह िसफ़ा रश की थी िक
िद ी एक क शािसत दे श बना रहे और इसम एक िवधानसभा तथा एक मंि प रषद् भी हो, जो आम
आदमी से संबंिधत मामलों के बारे म पूरी तरह से अिधकार संप हो कमेटी ने िसफ़ा रश की थी िक
थािय और सु ढ़ता को ि म रखते ए ऐसी व था की जाए, िजससे रा ीय राजधानी को अ
क शािसत दे शों की तुलना म एक िवशेष दजा ा हो यह अिधिनयम उपरो िसफ़ा रशों को लागू
करने के िलए पा रत िकया गया
70. संिवधान (70वां संशोधन) अिधिनयम, 1992– संिवधान (74व संशोधन) िवधेयक, 1991 और रा ीय
राजधानी सीमा े सरकार, िवधेयक 1991 पर संसद के दोनों सदनों म िवचार कट करते समय
क शािसत दे शों की िवधानसभाओं के िनवािचत सद ों को भी संिवधान के अनु े द-54 के अंतगत
रा पित के चुनाव के िलए िनवाचनमंडल म शािमल करने के प म िवचार कट िकए गए
इस समय रा पित के िनवाचन से संबंिधत अनु े द-54 म िनवाचनमंडल के िलए केवल िनवािचत संसद
सद ों और रा ों के िवधानसभा सद ों (इसम क शािसत दे श शािमल नहीं ह) को शािमल करने का
ावधान है इसी कार अनु े द-55 म इस कार के चुनाव के तरीके के िलए रा ों की िवधानसभाओं की
भी बात की गई है
अनु े द-54 म शािमल की गई एक ा ा के अनुसार अनु े द-54 और 55 म रा के संदभ म इस
बात का ावधान िकया गया िक इसम रा पित के िनवाचन के िलए िनवाचनमंडल म रा ीय राजधानी सीमा
े िद ी और क शािसत दे श पुद्ु दचेरी को भी शािमल िकया जाएगा इससे अनु े द 239ए के
ावधानों के तहत् क शािसत दे श पुद्ु दचेरी के िलए बनाई गई िवधानसभा के िनवािचत सद ों और
अनु े द-239एए के अंतगत रा ीय राजधानी सीमा े िद ी की ािवत िवधानसभाओं के िनवािचत
सद ों को भी िनवाचनमंडल म शािमल िकया जा सकेगा
71. संिवधान (71वां संशोधन) अिधिनयम, 1992– संिवधान की आठवीं अनुसूची म कुछ और भाषाएं जोड़ने
की मां ग चल रही थी इस अिधिनयम से संिवधान की आठवीं अनुसूची म संशोधन करके इसम कोंकणी,
मिणपुरी और नेपाली भाषाओं को शािमल िकया गया है
72. संिवधान (72वां संशोधन) अिधिनयम, 1992– ि पुरा रा म जहां गड़बड़ी का माहौल बना आ है ,
शां ित और स ाव कायम करने के िलए गत 12 अग , 1988 को भारत सरकार और नेशनल वालिटयस
ि पुरा के बीच एक समझौते को लागू करने के िलए संिवधान (72वां संशोधन) अिधिनयम, 1972 के मा म
से संिवधान के अनु े द -332 म संशोधन िकया गया है , तािक ि पुरा रा िवधानसभा म अनुसूिचत
जनजाितयों के िलए सुरि त सीटों की सं ा िनधा रत करने के िलए तब तक के िलए अ थाई व था की
जा सके, जब तक िक संिवधान के 170व अनु े द के अंतगत वष 2000 के बाद थम जनगणना के आधार
पर सीटों का तालमेल न हो जाए
73. संिवधान (73वां संशोधन) अिधिनयम, 1993– संिवधान के अनु े द-40 म सुरि त िकए गए रा ों के
नीित िनदशक िस ां तों म से एक म यह कहा गया है िक रा ों को ाम पंचायतों का गठन करने और उ
वे सभी अिधकार दान करने के िलए क़दम उठाने चािहए, जो उ एक ाय शासी सरकार की इकाइयों
के प म काम करने के िलए आव क ह
इसके आलोक म पंचायतों से जुड़ा एक नया भाग IX संिवधान म जोड़ा गया है इसका उ े अ
चीजों के अलावा, एक गां व म अथवा गां वों के समूह म ामसभा थािपत करना, गां व के र पर तथा अ
रों पर पंचायतों का गठन करना, गां व और उसके बीच के र पर पंचायतों की सभी सीटों के िलए सीधे
चुनाव करना, ऐसे रों पर पंचायतों के यिद सरपंच ह तो उनका चुनाव कराना, पंचायतों म सद ता के
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िलए और सभी रों पर पंचायत के पदािधका रयों के चुनाव के िलए जनसं ा के आधार पर अनुसूिचत
जाित और जनजाितयों के िलए सीटों का आर ण, मिहलाओं के िलए कम-से कम एक-ितहाई सीटों का
आर ण, पंचायतों के िलए पां च साल की कायविध तय करना और यिद कोई पंचायत भंग हो जाती है तो छह
महीने के भीतर उसका चुनाव कराने की व था करना है
74. संिवधान (74वां संशोधन) अिधिनयम, 1993– िविभ कारणों से अनेक रा ों के थानीय िनकाय
कमजोर और बेअसर हो गए ह इनम िनयिमत चुनाव न होना, लंबे समय तक भंग रहना और कत ों तथा
अिधकारों का समुिचत ह ां तरण न होना शािमल ह इसके प रणाम प, शहरी थानीय िनकाय एक
ाय शासी सरकार की जीवंत लोकतां ि क इकाई के प म कारगर ढं ग से काम नहीं कर पा रहे ह
इन खािमयों को दे खते ए संिवधान म पािलकाओं के संबंध म एक नया भाग 9 ए शािमल िकया गया है ,
तािक अ चीज़ों के अलावा िन िल खत ावधान िकए जा सक: तीन तरह की पािलकाओं का गठन, जैसे
िक ामीण से शहरी े म प रवितत हो रहे े ों के िलए नगर पंचायतों, छोटे शहरी े ों के िलए नगर
प रषद और बड़े शहरी े ों के िलए नगर िनगम
75. संिवधान (75वां संशोधन) अिधिनयम, 1994– इन िदनों िविभ रा ों म जो िकराया िनयं ण कानून लागू
ह, उनम कई खािमयां ह, िजनके कारण अनेक अवां छनीय प रणाम हो रहे ह िकराया िनयं ण कानूनों के
कुछ वैधािनक दु रणाम ह- लगातार बढ़ती ई मुकदमेबाजी, ायालयों ारा समय पर ाय न दे पाना,
िकराया िनयं ण कानूनों से बचने के तरीके िनकालना और िकराए के िलए िमल सकने वाले मकानों की
िनरं तर कमी
उ तम ायालय ने दे श म िकराया िनयं ण कानूनों की अिनि त और तकरिहत थित को ान म
रखते ए भाकरण न र और अ बनाम तिमलनाडु रा (िसिवल रट पेटीशन सं ा 506 ऑफ 1986)
तथा अ रट यािचकाओं के संदभ म यह िवचार कट िकया था िक उ तम ायालय और उ
ायालयों को िकराया िववादों के जबरद भार से मु कर िदया जाना चािहए इन मुकदमों म अपील
करने के अवसर कम कर िदए जाने चािहएं िकराया िनयं ण कानून, सरल, िववेकपूण और होने
चािहएं मुकदमेबाजी ज ी ही अव समा हो जानी चािहए
इस कानून ारा संिवधान के भाग 14( क) के अनु े द-323(ख) म संशोधन िकया गया है तािक
िकराएदारों और मकान मािलकों को समय पर राहत िमल सके इस संशोधन म रा र पर िकराया
िनयं ण ायािधकरण थािपत करने और अ सभी अदालतों म मकान मािलक-िकराएदार से संबंिधत
मुकदमे दायर करने पर रोक लगाने की व था है इस व था के कारण से मुकदमों के फैसलों की
अपील संिवधान के अनु े द-136 के तहत् केवल उ तम ायालय म की जा सकेगी
76. संिवधान (76वां संशोधन) अिधिनयम, 1994– िपछड़े वग , अनुसूिचत जाितयों और जनजाितयों के िलए
िश ा सं थाओं और सरकारी नौक रयों म थान आरि त करने की नीित का लंबा इितहास 1921 म
तिमलनाडु से शु आ था रा सरकार अिधकां श लोगों की आव कता के अनु प आरि त थानों
की सं ा समय-समय पर बढ़ती रही अब आरि त थानों की सं ा बढ़कर 69 ितशत हो गई है -18
ितशत अनुसूिचत जाितयां , एक ितशत अनुसूिचत जनजाितयां और 50 ितशत अ िपछड़े वग
उ तम ायालय ने इं िदरा साहनी और अ बनाम भारत सरकार और अ (एआईआर 1993 एससी
477) म 16 नवंबर, 1992 को फैसला िदया िक अनु े द-16(4) के अधीन कुल आरि त थानों की सं ा
50 ितशत से अिधक नहीं होनी चािहए
तिमलनाडु सरकार ने तिमलनाडु िपछड़े वग , अनुसूिचत जाितयों और जनजाितयों (िश ा सं थाओं म
थान और रा के अधीन नौक रयां या पद् आर ण) िवधेयक 1993 पा रत कर, इसे संिवधान के
अनु े द-31सी की व थाओं के अनुसार भारत के रा पित के िवचाराथ भारत सरकार के पास भेजा
भारत ने रा सरकार के इस कानून की व थाओं का अनुमोदन िकया और रा पित ने तिमलनाडु के इस
िवधेयक को ीकृित दे दी इस िन य के प रणा प यह ज री था िक 1994 के तिमलनाडु कानून, 45
को संिवधान की नौवीं अनुसूची की प रिध म लाया जाए, तािक संिवधान के अनु े द-31बी के अधीन
ायालयों ारा िवचार न कर सकने के बारे म इस कानून को संर ण िमल सके
77. संिवधान (77वां संशोधन) अिधिनयम, 1995– अनुसूिचत जाित और जनजाित वग के लोगों को 1955 से
ही पदो ितयों म आर ण की सुिवधा िमल रही है लेिकन इं िदरा साहनी और अ बनाम भारत सरकार और
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अ के मुकदमे म 16 नवंबर, 1992 को उ तम ायालय ने अपने िनणय म कहा िक संिवधान के


अनु े द-16(4) के अंतगत िनयु यों अथवा पदों का आर ण केवल शु म की जाने वाली िनयु पर
लागू होता है तथा इसे पदो ितयों के मामले म आर ण पर लागू नहीं िकया जा सकता है उ तम
ायालय के इस फैसले से अनुसूिचत जाित और जनजाित के िहतों पर िवपरीत भाव पड़े गा चूंिक
अनुसूिचत जाित और जनजाित के लोगों का रा की नौक रयों म ितिनिध अभी उस र तक नहीं
प ं चा है िजस र पर होना चािहए था, अतः अनुसूिचत जाित और जनजाित के िलए पदो ित म आर ण
दान करने की वतमान छूट को जारी रखना आव क है अनुसूिचत जाित और जनजाित के िहतों की र ा
के ित सरकार की वचनब ता को दे खते ए सरकार ने अनुसूिचत जाित और जनजाित के िलए पदो ितयों
म आर ण की वतमान नीित को जारी रखने का फैसला िकया है इसके िलए यह आव क था िक
संिवधान के अनु े द-16 म एक नई धारा (4ए) जोड़कर उसम संशोधन िकया जाए, तािक अनुसूिचत जाित
और जनजाित को पदो ितयों म आर ण दान िकया जा सके
78. संिवधान (78वां संशोधन) अिधिनयम, 1995– संिवधान का अनु े द-31बी नौवीं अनुसूची म शािमल उन
कानूनों को इस आधार पर कानूनी चुनौती दे ने से संवैधािनक छूट दान करता है िक इससे संिवधान के
खंड-3 म सुरि त मौिलक अिधकारों का उ ंघन होता है इस अनुसूची म िविभ रा ों की सरकारों और
क ीय सरकार ारा बनाए गए कानूनों की सूची है , जो अ चीजों के अलावा भूिम-सिहत संपि के िहतों
और अिधकारों को भािवत करती है
पहले जब कभी यह महसूस िकया गया िक िजन गितशील कानूनों की प रक ना जनता के िहत म गई
है , उ मुकदमेबाजी का ख़तरा है तो उसके िलए नौवीं अनुसूची का सहारा िलया गया तद् ु नसार, भूिम
सुधारों और कृिष यो भूिम की हदबंदी से संबंिधत िविभ रा ों के कानूनों को पहले ही नौंवीं अनुसूची म
शािमल कर िलया गया है चूंिक सरकार भूिम सुधारों को मह दे ने के ित वचनब है , अतः भूिम सुधार
कानूनों को नौंवीं अनुसूची म शािमल करने का फैसला िलया गया, तािक उ अदालतों म चुनौती न दी जा
सके िबहार, कनाटक, केरल, उड़ीसा, राज थान, तिमलनाडु और पि म बंगाल की सरकारों ने भूिम से
संबंिधत अपने कानूनों को नौवीं अनुसूची म शािमल करने का सुझाव िदया है
चूंिक उन कानूनों म संशोधन को, जो पहले ही नौंवी अनुसूची म शािमल ह, कानूनी चुनौती से तः छूट
नहीं िमली ई है , अतः नौंवीं अनुसूची म कुछ मूलभूत कानूनों के साथ-साथ अनेक संशोिधत कानूनों को भी
शािमल िकया गया है , तािक यह सुिनि त िकया जा सके िक लागू होने पर ये कानून मुकदमेबाजी से
भािवत नहीं होंगे
79. संिवधान (79वां संशोधन) अिधिनयम, 1999— इस कानून ारा सरकार ने अनुसूिचत जाितयों और
जनजाितयों तथा आं -भारतीयों के िलए लोकसभा और िवधानसभाओं म आर ण दस वष के िलए बढ़ा
िदया है
80. संिवधान (80वां संशोधन) अिधिनयम, 2000- दसव िव आयोग की िसफ रशों के आधार पर संिवधान
(80वां संशोधन) अिधिनयम-2000 म क और रा ों के बीच करों से एक राज बां टने के बारे म
वैक क योजना पर अमल करने की व था की गई है इस योजना के अनुसार आयकर, उ ाद शु ों,
िवशेषतः उ ाद शु ों तथा रे ल या ी िकरायों पर कर के बदले अनुदानों के िलए अब तक रा सरकारों
को क ीय करों तथा शु ों से एक कुल राज का िजतना िह ा िमलता था अब उसके थान पर 26
ितशत भाग रा ों को िदया जाएगा
81. संिवधान (81वां संशोधन) अिधिनयम, 2000— इस संशोधन के ारा व था की गई है िक संिवधान के
अनु े द-16 की िकसी भी व था के अनुसार अनुसूिचत जाितयों और जनजाितयों के िलए आरि त वष म
िजतने ख़ाली सरकारी पद ह यिद वे पद उसी वष नहीं भरे जाते ह तो उन पर आगामी वष म या वष म
िनयु की जाएगी िज िनयु वष के कुल पदों के पचास ितशत आरि त पदों की अिधकतम म
शािमल नहीं िकया जाएगा
82. संिवधान (82वां संशोधन) अिधिनयम, 2000— इस संशोधन के ारा यह व था की गई है िक क या
िकसी रा के मामलों से संब िकसी सेवा के िक ीं वग या वग अथवा पदों पर पदो ित दे ने के िलए
अनुसूिचत जाितयों और जनजाितयों के सद ों के प म िकसी परी ा के अहता अंकों म अथवा मू ां कन
के रों म नरमी बरतने के िलए की गई िकसी व था को संिवधान के अनु े द-335 का कोई भी ावधान
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रा को नहीं रोक सकेगा


83. संिवधान (83वां संशोधन) अिधिनयम, 2000— इस कानून ारा संिवधान के अनु े द-243 (एम) म
संशोधन कर व था की गई है िक जनजाितयों से पूरी तरह आबाद अ णाचल दे श की पंचायतों म
अनुसूिचत जाितयों के िलए िकसी कार का आर ण करने की आव कता नहीं है
84. संिवधान (84वां संशोधन) अिधिनयम, 2001— इस कानून ारा संिवधान के अनु े द-82 और 170(3)
की शत म संशोधन िकया गया है तािक वष 1991 की जनगणना के दौरान सुिनि त की गयी आबादी के
आधार पर ेक रा के िलए आवंिटत लोकसभा सीटों और रा ों की िवधानसभा सीटों की सं ा म
कोई प रवतन िकए बगैर रा ों म िनवाचन े ों को प रवितत तथा पुनगिठत िकया जा सके इसम
अनुसूिचत जाित और जनजाित के िनवाचन े भी शािमल ह ऐसा िविभ िनवाचन े ों म आबादी-
मतदाताओं की सं ा म अिनयिमत वृ के कारण पैदा ए असंतुलन को दू र करने के िलए िकया गया है
इससे वष 1991 की जनगणना के दौरान सुिनि त की गयी आबादी के आधार पर रा ों की िवधानसभाओं
और लोकसभा के िलए आरि त, अनुसूिचत और जनजाित की सीटों की सं ा भी िफर से िनधा रत की जा
सकेगी
85. संिवधान (85वां संशोधन) अिधिनयम, 2001— इस कानून ारा संिवधान के अनु े द- 16 (4ए) म
संशोधन िकया गया है तािक अनुसूिचत जाित और अनुसूिचत जनजाित के सरकारी कमचा रयों को आर ण
िनयमों के तहत् पदो ित के मामले म आनुषंिगक वरीयता दान की जा सके इसे 17 जून, 1995 से भावी
माना गया है
86. संिवधान (86वां संशोधन) अिधिनयम, 2002— इसका संबंध अनु े द-21 के प ात् जोड़े गए नए
अनु े द-21 ए से है नया अनु े द-21ए, िश ा के अिधकार से संबंिधत है – ‘रा को छह से 14 साल तक
के सभी ब ों को िनशु तथा अिनवाय िश ा उपल करानी होगी यह संबंिधत रा ारा िनधा रत
कानून के तहत् होगी
संिवधान के अनु े द-45 को बदलकर नया अनु े द जोड़ा गया है संिवधान के अनु े द-45 छह साल से
कम उ के ब ों की शु आती दे खभाल और उनकी िश ा की व था संबंधी अनु े द बदला जाएगा
अनु े द-45 ‘रा को तब तक सभी ब ों की शु आती दे खभाल और िश ा की व था करने के िलए
यास करना होगा जब तक वह छह साल की आयु का नहीं हो जाता है ’
संिवधान के अन े द-51 ए म संशोधन करके (जे) के बाद नया अनु े द-(के) जोड़ा गया है , ‘इसम छह
साल से 14 साल तक की आयु के ब े के माता-िपता या अिभभावक अथवा संर क को अपने ब े को
िश ा िदलाने के िलए अवसर उपल कराने का ावधान है ’
87. संिवधान (87वां संशोधन) अिधिनयम, 2003— संिवधान के अनु े द-81 के खंड (3) के उपबंध म धारा
(II) म, ‘1991’ की जगह ‘2001’ िलखा जाए
संिवधान के अनु े द-32 के तीसरे उपबंध की धारा (II) म 1991 की जगह 2001 िलखा जाए
संिवधान के अनु े द-170 ा ा म (i) धारा 2 के उपबंध की ा ा म 1991 की जगह 2001 िलखा
जाए; (ii) धारा 3 के तीसरे उपबंध की ा ा म 1991 की जगह 2001 िलखा जाए
संिवधान के अनु े द-330 म ा ा म उपखंड म ‘1991’ की जगह ‘2001’ िलखा जाए
88. संिवधान (88वां संशोधन) अिधिनयम, 2003— यह संशोधन क सरकार ारा सरकारी बजट म
अिधसूिचत होने की तारीख से भावी माना जाएगा
संिवधान के अनु े द-268 के बाद िन िल खत अनु े द जोड़ा जाए:
‘268 ए (1) सेवाओं पर कर भारत सरकार ारा लगाया जाएगा और इन करों का सं हण और उपयोग
भारत सरकार और रा ों ारा धारा (2) म िदए ावधानों के अनुसार िकया जाएगा ’
(2) िकसी भी िव ीय वष म धारा (1) म िदए गए ावधानों के मुतािबक लगाए गए ऐसे िकसी भी कर को,
(क) भारत सरकार और रा एकि त करगे; (ख) भारत सरकार और रा ों ारा इसका उिचत इ ेमाल
िकया जाएगा और यह सं हण और उपयोग उन िस ां तों के आधार पर िकया जाएगा जैसा िक संसद के
कानून के ारा िनधा रत िकया हो
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संिवधान के अनु े द-270 की धारा (1) म ‘अिधिनयम 268 और 269’ के थान पर ‘अिधिनयम, 268,
268ए और 269’ िलखा जाए
संिवधान की सातवीं अनुसूची म सूची -क ीय सूची म 92 बी के बाद ‘92सी-सेवाओं पर कर’ को
सूचीब िकया जाए
89. संिवधान (89वां संशोधन) अिधिनयम, 2003— यह संशोधन उस िदन से भावी होगा िजस िदन से क
सरकार इसे अिधसूचना ारा सरकारी गजट म शािमल करे गी
संिवधान के अनु े द 338 म :
(ए) उपाितक (मािजनल) शीषक की जगह िन िल खत उपां ितक शीषक िलखा जाए:
‘अनुसूिचत जाितयों के िलए रा ीय आयोग’
(बी) धारा (1) और (2) के थान पर िन िल खत धाराएं शािमल की जाएं :
1. अनुसूिचत जाितयों के िलए एक आयोग होना चािहए िजसे अनुसूिचत जाितयों के िलए रा ीय आयोग
के नाम से जाना जाए
2. संसद ारा इस बारे म बनाए गए कानून के ावधानों के मुतािबक आयोग म एक अ , उपा
तथा तीन अ सद होंगे और िनयु िकए गए अ , उपा तथा तीन अ सद ों की सेवा की शत
तथा कायकाल रा पित ारा तय िनयमों से िनधा रत होंगे
(सी) धारा (5), (9) तथा (10) म जहां भी अनुसूिचत जनजाित श यु आ हो, उसे हटा िदया जाए
अनु े द-338 के थान पर िन िल खत अनु े द जोड़ा जाए
“338ए- (1) अनुसूिचत जनजाितयों के िलए एक आयोग होना चािहए िजसे अनुसूिचत जनजाितयों के
िलए रा ीय आयोग के नाम से जाना जाएगा
(2) संसद ारा इस संदभ म पा रत िकसी कानून के ावधानों के मुतािबक, आयोग म एक अ ,
उपा तथा तीन अ सद होंगे और िनयु िकए गए अ , उपा तथा तीन अ सद ों की
सेवा शत तथा कायकाल रा पित ारा तय िनयमों से िनधा रत होंगे
(3) आयोग के अ , उपा तथा अ सद ों की िनयु रा पित ारा अपने हाथ से जारी
सीलबंद वारं ट ारा की जाएगी
(4) आयोग को अपनी काय ि या यं िनधा रत करने का अिधकार होगा
(5) आयोग का यह कत होगा िक- (क) संिवधान या वतमान म लागू अ िकसी कानून के अंतगत या
सरकार ारा जारी िकसी आदे श के तहत् अनुसूिचत जाितयों को दी गई सुर ा से संबंिधत सभी मामलों की
छानबीन एवं िनगरानी तथा इन तय सुर ा मानदं डों का मू ां कन; (ख) अनुसूिचत जनजाितयों को उनके
अिधकारों तथा सुर ा से वंिचत करने के संदभ म िकसी िवशेष िशकायत की जां च; (ग) अनुसूिचत
जनजाितयों के सामािजक-आिथक िवकास की योजना ि या म शािमल होना एवं सलाह दे ना और क
तथा िकसी रा के अंतगत उनके िवकास का मू ां कन; (घ) िनधा रत सुर ा मानकों के कारगर होने या न
होने के बारे म आयोग अपनी रपोट वािषक तथा अ िकसी ऐसे समय, जब उसे उिचत लगे, रा पित को
सौंपेगा; (ङ) ऐसी रपोट अथवा िसफ़ा रश करे गा, उपाय सुझाएगा जो क या िकसी रा सरकार ारा इन
सुर ा उपायों को भावी ढं ग से लागू करने के िलए िकए जाएं गे तािक अनुसूिचत जनजाितयों के िहतों की
र ा, उनका क ाण और आिथक-सामािजक िवकास हो सके; और (च) अनुसूिचत जनजाितयों के संर ण,
क ाण एवं िवकास तथा उनकी गित संबंधी ऐसे अ काय करे गा जोिक संसद ारा बनाए गए िकसी
कानून के मुतािबक रा पित िनिद करे
(6) रा पित यह सुिनि त करगे िक ऐसी सभी रपोट संसद के ेक सदन के सम रखी जाए साथ
ही, क से संबंिधत िसफ़ा रशों के संदभ म उठाए गए या ािवत कदमों के बारे म ापन भी हो िजसम
िकसी िसफ़ा रश को अगर ीकार नहीं िकया गया हो तो उसका कारण भी िनिद हो
(7) जहां ऐसी कोई रपोट, या उसका कोई िह ा, िकसी ऐसे मामले से संबंिधत हो जोिक िकसी रा
सरकार से संब हो, ऐसी रपोट की एक ित रा के रा पाल को भेजी जानी चािहए जोिक यह सुिनि त
करे िक वह रपोट रा िवधानमंडल के सम रा से संबंिधत अनुशंसाओं के संदभ म 36 (ए) गए या
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ािवत कदमों के बारे म ापन सिहत रखी जाए साथ ही, रा से संब िसफ़ा रश को अगर ीकार
नहीं िकया गया है , तो उसकी अ ीकृित के कारणों के बारे म भी बताया जाए
(8) आयोग को धारा 5 की उपधारा (ए) म िदए गए िकसी मामले की छानबीन करने या उपधारा (बी) के
तहत् िकसी िशकायत की जां च करने के िलए वे सभी श यां ा ह जो िकसी मुकदम की सुनवाई के
दौरान िसिवल कोट को ा होती ह, िवशेषतौर से िन िल खत मामलों के संदभ म, जो इस कार ह:
(क) भारत के िकसी भी िह े से िकसी की उप थित के िलए उसे समन जारी करना तथा उसकी
उप थित दज करना और शपथ से उसकी जां च करना; (ख) िकसी द ावेज की खोज तथा ुित की
आव कता पड़ने पर; (ग) शपथ-प पर माण ा करने पर; (घ) िकसी अदालत या कायालय से कोई
सावजिनक रकाड या ित ा करने के िलए ाथना; (ङ) गवाहों तथा द ावेज़ों की जां च-परख के िलए
कमीशन जारी करना, (च) अ कोई मामला जो िकसी िनयम के मुतािबक रा पित सामने रखे
(9) क तथा सभी रा सरकार अनुसूिचत जनजाितयों को भािवत करने वाले सभी बड़े नीितगत
मामलों पर आयोग से िवचार-िवमश करगी ”
90. संिवधान (90वां संशोधन) अिधिनयम, 2003— संिवधान के अनु े द-332 की धारा (6) म िन िल खत
उपबंध जोड़ा जाए, जो िक इस कार है :
‘असम रा के िलए िवधानसभा चुनावों हे तु बोडोलड ादे िशक े ीय िजला सिहत िनवाचन े ों म
अनुसूिचत जनजाितयों तथा गैर-अनुसूिचत जनजाितयों का ितिनिध , जैसा िक अिधसूिचत हो, तथा जो
वतमान म बोडोलड े ीय िजला गिठत होने से पहले ह, को बरकरार रखा जाए ’
91. संिवधान (91वां संशोधन) अिधिनयम, 2003— संिवधान के अनु े द-75 म धारा (1) के बाद िन िल खत
धाराएं जोड़ी जाएं , जो िक इस कार ह:
‘(1ए) मंि प रषद म धानमं ी सिहत मंि यों की कुल सं ा सदन के सद ों की कुल सं ा के 15
ितशत से अिधक नहीं होनी चािहए ’
(1बी) संसद के िकसी भी सदन का सद जो िक िकसी भी राजनीितक दल से संब हो तथा उसे
दसवीं अनुसूची के पैरा 2 के अंतगत उस सदन का सद बनने के अयो घोिषत कर िदया हो, वह धारा
(1) के तहत् मं ी के पद पर िनयु के िलए भी अयो माना जाएगा और यह अविध उसे अयो घोिषत
िकए जाने की तारीख से शु होगी और उस तारीख तक लागू रहे गी िजस अविध तक उसका सद के
प म कायकाल समा नहीं होता या उस अविध के समा होने से पहले उस तारीख तक, जब वह कहीं
से संसद के िकसी भी सदन के िलए ए चुनाव म खड़ा आ हो, और उसे िनवािचत घोिषत िकया गया हो,
जो भी पहले हो
संिवधान के अनु े द-164 म धारा (1) के बाद िन िल खत धाराएं जोड़ी जाएं :
‘(1ए) रा म मंि प रषद म मु मं ी सिहत मंि यों की कुल सं ा रा की िवधानसभा के सद ों
की कुल सं ा के 15 ितशत से अिधक नहीं होनी चािहए:
बशत रा म मंि यों की कुल सं ा मु मं ी सिहत 12 से कम नहीं होः
बशत जहां िकसी रा म मं ीप रषद म मंि यों की कुल सं ा मु मं ी सिहत संिवधान (91वां
संशोधन) अिधिनयम, 2003 लागू होने की तारीख को उपरो 15 ितशत या पहले उपखंड म िनिद
सं ा से ादा हो, जैसा भी मामला हो, तब उस रा म मंि यों की कुल सं ा को इस धारा के ावधानों
के मुतािबक िनधा रत करने के िलए रा पित ारा इस बारे म सावजिनक अिधसूचना जारी करने की तारीख
के छह महीने के भीतर इस धारा के ावधानों का पालन िकया जाए
(1बी) रा िवधानसभा या रा िवधानमंडल के िकसी भी सदन, जहां िवधानप रषद हो, का सद जो
िकसी भी राजनीितक दल से संब हो तथा िजसे दसवीं अनुसूची के पैरा 2 के तहत् उस सदन का सद
बनने के अयो घोिषत कर िदया गया हो, धारा (1) के तहत् उसे मं ी पद पर िनयु के िलए भी अयो
माना जाएगा तथा वह अविध उसे अयो घोिषत िकए जाने की तारीख से उस तारीख तक जारी रहे गी जब
तक उसकी उस सद के प म िनयु की अविध समा नहीं हो जाती या उस अविध के समा होने
से पहले, उस तारीख से, जब वह रा िवधानसभा या िवधानमंडल के िकसी भी सदन के िलए चुनाव लड़े ,
जहां िवधानप रषद हो, जैसा भी मामला हो, उसे िनवािचत घोिषत िकया जाए, जो भी पहले हो
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संिवधान के अनु े द-361ए के बाद िन िल खत अनु े द जोड़ा जाए, जो इस कार है :


‘316-बी- िकसी भी राजनीितक दल से संब सदन का सद िजसे दसवीं अनुसूची के पैरा 2 के अंतगत
सदन की सद ता के अयो घोिषत िकया गया हो, वह उस अविध म िकसी लाभकारी राजनीितक पद के
िलए भी अयो माना जाएगा यह उसे अयो घोिषत िकए जाने की तारीख से तब तक के िलए होगा, जब
तक उसकी सद के प म िनयु की अविध समा नहीं हो जाती या उस तारीख तक, जब वह सदन
के िलए कोई चुनाव लड़े और िनवािचत घोिषत िकया जाए जो भी पहले हो ’
ा ाः इस अनु े द के उ े से-
(ए) ‘सदन’ का अथ वही समझा जाएगा जो दसवीं अनुसूची के पैरा 1 की धारा (ए) म िदया गया है
(बी) श ‘लाभकारी राजनीितक पद’ से ता य िकसी कायालय म (I) भारत सरकार या रा सरकार
के तहत्, जहां ऐसे कायालय म वेतन या पा र िमक भारत सरकार या रा सरकार के सावजिनक राज
से िदया जाता हो, जैसा भी मामला हो, या (II) ऐसा संकाय, जो िनगिमत हो या नहीं, पूरी तरह या आं िशक
प से भारत सरकार या रा सरकार के अधीन हो तथा ऐसे कायालय का वेतन या प र िमक ऐसे संकाय
ारा िदया जाता है , ऐसे मामलों को छोड़कर जहां ऐसा वेतन या पा र िमक ितपूरक के प म िदया जाता
हो
संिवधान की दसवीं अनुसूची म (ए) पैरा 1 म धारा बी म श ों तथा सं ा को ‘पैरा 3 या, जैसा भी
मामला हो, हटा िदया जाए;’ (बी) पैरा 2 के उप-पैरा (1) म श ों तथा सं ा ‘पैरा 3, 4 तथा 5’, के थान पर
‘पैरा 4 तथा 5’ िलखा जाए; (सी) पैरा 3 को हटा िदया जाए
92. संिवधान (92वां संशोधन) अिधिनयम, 2003— संिवधान की आठवीं अनुसूची म:
(क) वतमान िवि 3 को िवि 5 िकया जाए तथा िवि 5 से पहले िन िल खत िवि जोड़ी जाएं : ‘3
बोडो; 4 डोगरी’
(ख) वतमान 4 से 7 तक की िवि को मशः िवि 6 से 9 िलखा जाए;
(ग) वतमान िवि 8 के थान पर िवि 11 िलखा जाए तथा िवि 11 से पहले िन िल खत िवि को
जोड़ा जाए: ‘10 मैिथली’
(घ) वतमान 9 से 14 तक की िवि के थान पर मशः 12 से 17 िलखा जाए;
(ङ) वतमान िवि 15 की जगह िवि 19 िलखा जाए और िवि 19 से पहले िन िल खत िवि
जोड़ी जाएः ‘18 संथाली’
(च) वतमान िवि 16 से 18 के थान पर मशः िवि 20 से 22 िलखा जाए
93. संिवधान (93वां संशोधन) अिधिनयम, 2006— बड़ी सं ा म अनुसूिचत जाित, जनजाित के छा ों और
सामािजक तथा िश ा के र पर िपछड़े ए अ वग के नाग रकों के िलए ावसाियक िश ा सिहत उ
िश ा ा करना एक मह पूण सम ा है िश ा सं थानों म, अनुसूिचत जाित और जनजाित और अ
िपछड़े वग के नाग रकों के दा खले के िलए सीटों के आर ण की व था, संिवधान के अनु े द-15 की
धारा (4) के ावधानों के तहत् की गई है इस समय सहायता ा अथवा शासन ारा संचािलत सं थानों
म िवशेष तौर पर ावसाियक िश ा के िलए जो सीट उपल ह, वे गैर-सहायता ा िनजी सं थानों की
तुलना म सीिमत ह
संिवधान के अनु े द-30 की धारा (1) के ावधानों के तहत् सभी अ सं कों को अपनी इ ानुसार
िश ण सं थान थािपत करने और उसे संचािलत करने का अिधकार है अ सं क वग को सं थानों की
थापना और उसके संचालन के बारे म जो अिधकार िमले ए ह, उनकी र ा करना आव क है इसके
फल प िजन सं थानों को सरकार ने अनु े द-30 की धारा (1) के तहत् अ सं क घोिषत कर रखा
है , उ इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है
सामािजक और िश ा के र पर िपछड़े ए वग के नाग रकों, अथात अनुसूिचत जाित व जनजाित तथा
अ िपछड़े वग के छा ों को, अनु े द-30 की धारा (1) के तहत् आने वाले अ सं क िश ण सं थानों
को छोड़कर बाकी गैर सहायता ा िश ण सं थानों म दा खला दे ने के मामले म अनु े द-15 के ावधानों
का िव ार िकया गया है अनु े द-15 की नयी धारा (5) के तहत् संसद तथा रा ों की िवधाियकाएं ऊपर
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िदए गए उ े के िलए समुिचत कानून बना सकती ह


94. संिवधान (94वां संशोधन) अिधिनयम, 2006— संिवधान के अनु े द-164 की धारा (1) के ावधान म
‘िबहार’ श के थान पर ‘झारखंड, छ ीसगढ़’ श का इ ेमाल िकया जाएगा
95. संिवधान (95वां संशोधन) अिधिनयम, 2009— लोकसभा और रा सभा तथा िवधानमंडलों म
अनुसूिचत जाितयों और अनुसूिचत जनजाितयों के िलए थानों के आर ण की अविध 60 से बढ़ाकर 70 वष
करने के िलए अनु े द-334 म संशोधन िकया गया
96. संिवधान (26वां संशोधन) अिधिनयम, 2011— संिवधान की आठवीं अनुसूची म ‘उिडया’ के थान पर
‘ओिडया’ िलखा जाए
97. संिवधान (97वां संशोधन) अिधिनयम, 2011— अनु े द 19 (i) (ग) म अथवा ‘संघों’ श ों के बाद
अथवा ‘सहकारी सोसायटी’ श जोड़े गए अनु े द-43(ख) यानी सहकारी सोसायिटयों के संवधन को
शािमल िकया गया और खंड-18 यानी सहकारी सोसायटी जोड़ा गया
98. संिवधान (98वां संशोधन) अिधिनयम, 2012— संिवधान म अनु े द-371(जे) जोड़ा गया इसका उ े
कनाटक के रा पाल को है दराबाद-कनाटक े के िवकास के िलए कदम उठाने के िलए श दान
करना था
99. संिवधान (99वां संशोधन) अिधिनयम, 2014— नए अनु े द-124क, 124ख, 124ग को संिवधान के
अनु े द-124 के बाद शािमल िकया गया यह अिधिनयम ािवत रा ीय ाियक िनयु आयोग के
संगठन तथा अिधकार को तैयार करता है
100. संिवधान ( 100वां संशोधन) अिधिनयम, 2015— संिवधान की पहली अनुसूची को 16 मई, 1974 को
ह ा रत भू-सीमा के सीमां कन से समझौते तथा िदनां क 6 िसतंबर, 2011 को ह ा रत उसके मूल प
के अनुसरण म हािनकर आिधप को बनाए रखते ए तथा िवदे शी अंतः े की अदला-बदली के मा म
से भारत ारा रा े का ह ां तरण करने के योजन को लागू करने के िलए संशोिधत िकया गया
101. संिवधान (101वां संशोधन) अिधिनयम, 2016— इस अिधिनयम ारा “व ु एवं सेवा कर (जीएसटी)”
लागू करने के िलए संिवधान की धाराएं 248, 249, 250, 268, 269, 270, 271, 286, 366 एवं 368 म संशोधन
िकया गया है अनु े द 268ए को हटाकर नए अनु े द 269ए ( अंतररा ीय ापार अथवा वािण के
दौरान व ु एवं संवा कर की लेवी तथा सं ह) तथा 279ए (व ु एवं सेवा कर प रषद) जोड़े गए इस
अिधिनयम म व ु एवं सेवा कर लागू होने से रा ों के राज नुकसान की ितपूित का भी ावधान है

ोत : www.indiacode.nic.in
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प रिश
भारत सरकार
ी रामनाथ कोिवंद - रा पित
ी एम. वकैया नायडू - उपरा पित
मंि प रषद1
(31 िदसंबर, 2018 तक)
1. ी नर मोदी धान मं ी; साथ ही िन मं ालयों का भार है : कािमक, लोक
िशकायत और पशन; परमाणु ऊजा िवभाग; अंत र िवभाग
एवं अ सभी मह पूण नीितगत मामले और अ सभी
पोटफोिलयो जो िकसी िवभाग/अ मं ी को आवंिटत नहीं िकए
गए ह

कैिबनेट मं ी
2. ी राजनाथ िसंह गृह मं ी
3. ीमती सुषमा राज िवदे श मं ी
4. ी अ ण जेटली िव मं ी; कॉरपोरे ट मामलों के मं ी
5. ी िनितन जयराम गडकरी सड़क प रवहन तथा राजमाग मं ी; पोत प रवहन; जल
संसाधन; नदी िवकास और गंगा संर ण मं ी
6. ी सुरेश भु वािण तथा उ ोग मं ी और नागर िवमानन मं ी
7. ी डी.वी. सदानंद गौड़ा सां की एवं काय म काया यन और रसायन और उवरक
मं ी
8. सु ी उमा भारती पेयजल और ता मं ी
9. ी रामिवलास पासवान उपभो ा मामले, खा एवं सावजिनक िवतरण मं ी
10. ीमती मेनका संजय गां धी मिहला एवं बाल िवकास मं ी
11. ी रिव शंकर साद िविध एवं ाय मं ी और इले ॉिन एवं सूचना ौ ोिगकी
मं ी
12. ी जगत काश न ा ा एवं प रवार क ाण मं ी
13. ी अनंत गीते भारी उ ोग और लोक उ म मं ी
14. ीमित हरिसमरत कौर बादल खा सं रण उ ोग मं ी
15. ी नर िसंह तोमर संसदीय कायमं ी, ामीण िवकास मं ी, पंचायती राज; और
खान मं ी
16. ी चौधरी बीर िसंह इ ात मं ी
17. ी जुऐल ओराम जनजातीय काय मं ी
18. ी राधा मोहन िसंह कृिष एवं िकसान क ाण मं ी
19. ी थावर चंद गहलोत सामािजक ाय और अिधका रता मं ी
20. ीमती ृित जुिबन ईरानी व मं ी
21. डॉ. हषवधन िव ान एवं ौ ोिगकी मं ी; पृ ी िव ान मं ी और पयावरण
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वन एवं जलवायु प रवतन मं ी


22. ी काश जावडे कर मानव संसाधन िवकास मं ी
23. ी धम धान पेटोिलयम एवं ाकृितक गैस और कौशल िवकास एवं
उ मशीलता मं ी
24. ी पीयूष गोयल रे लवे और कोयला मं ी
25. ीमती िनमला सीतारमण र ा मं ी
26. ी मु ार अ ास नक़वी अ सं क काय मं ी
रा मं ी ( तं भार)2
1. ी राव इं जीत िसंह योजना रा मं ी ( तं भार); रसायन एवं उवरक रा मं ी
2. ी संतोष कुमार गंगवार म एवं रोज़गार रा मं ी ( तं भार)
3. ी ीपद ये ो नाईक आयुवद, योग एवं ाकृितक िचिक ा, यूनानी, िस और
हो ोपैथी (आयुष) मं ालय के रा मं ी ( तं भार)
4. डॉ. िजत िसंह पूव र िवकास रा मं ी ( तं भार); धानमं ी कायालय
म रा मं ी; कािमक, लोक िशकायत और पशन मं ालय म
रा मं ी; परमाणु ऊजा िवभाग म रा मं ी; और अंत र
िवभाग म रा मं ी
5. डॉ. महे श शमा सं ृ ित रा मं ी ( तं भार) और पयावरण, वन एवं
जलवायु प रवतन रा मं ी
6. ी िग रराज िसंह सू , लघु एवं म म उ म रा मं ी ( तं भार)
7. ी मनोज िस ा संचार रा मं ी ( तं भार) और रे ल रा मं ी
8. कनल रा वधन िसंह राठौर युवा मामले और खेल रा मं ी ( तं भार) सूचना और
सारण रा मं ी ( तं भार)
9. ी राजकुमार िसंह िवद् ु यत रा मं ी ( तं भार) और नवीन एवं नवीकरणीय
ऊजा रा मं ी ( तं भार)
10. ी हरदीप िसंह पुरी आवासीय एवं शहरी काय रा मं ी ( तं भार)
11. ी ए ोंस क नथानम पयटन रा मं ी ( तं भार)
रा मं ी3
1. ी िवजय गोयल संसदीय काय रा मं ी और सां की एवं काय म
काया यन रा मं ी
2. ी राधाकृ न पी. िव रा मं ी और पोत प रवहन रा मं ी
3. ी एस. एस. अहलूवािलया इले ॉिनकी एवं सूचना ौ ोिगक रा मं ी
4. ी रमेश चंद ा िजगािजनागी पेयजल और ता रा मं ी
5. ी रामदास आठवले सामािजक ाय एवं अिधका रता मं ालय म रा मं ी
6. ी िव ु दे व साइ इ ात रा मं ी
7. ी राम कृपाल यादव ामीण िवकास रा मं ी
8. ी हं सराज गंगाराम अहीर गृह रा मं ी
9. ी ह रभाई पारथीभाई चौधरी खान मं ालय म रा मं ी और कोयला रा मं ी
10. ी राजेन गोहे न रे ल रा मं ी
11. जनरल (सेवािनवृ ) वी.के. िवदे श रा मं ी
िसंह
12. ी परषो म पाला कृिष एवं िकसान क ाण रा मं ी और पंचायती राज मं ालय
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म रा मं ी
13. ी कृ पाल सामािजक ाय एवं अिधका रता रा मं ी
14. ी जसवंत िसंह सुमनभाई जनजातीय मामलों के मं ालय म रा मं ी
भाभोर
15. ी िशव ताप शु ा िव रा मं ी
16. ी अि नी कुमार चौबे ा एवं प रवार क ाण मं ालय म रा मं ी
17. ी सुदशन भगत जनजातीय मामलों के मं ालय म रा मं ी
19. ी िकरे न रिजजु गृह रा मं ी
20. डॉ. वीर कुमार मिहला एवं बाल िवकास रा मं ी और अ सं क मामलों के
मं ालय म रा मं ी
21. ी अनंतकुमार हे गड़े कौशल िवकास एवं उ मशीलता मं ालय म रा मं ी
22. सा ी िनरं जन ोित खा सं रण उ ोग मं ालय म रा मं ी
23. ी जयंत िस ा नागर िवमानन रा मं ी
24. ी बाबुल सुि यो भारी उ ोग एवं लोक उ म रा मं ी
25. ी िवजय सां पला सामािजक ाय एवं अिधका रता रा मं ी
26. ी अजुन राम मेघवाल संसदीय मामलों के रा मं ी और जल संसाधन, नदी िवकास
एवं गंगा संर ण रा मं ी
27. ी अजय ट टा व रा मं ी
28. ीमती कृ ा राज कृिष एवं िकसान क ाण मं ालय म रा मं ी
29. ी मनसुख एल. मां डिवया सड़क प रवहन एवं राजमाग रा मं ी; पोत प रवहन
रा मं ी; और रसायन एवं उवरक रा मं ी
30. ीमती अनुि या पटे ल ा एवं प रवार क ाण रा मं ी
31. ी सी. आर. चौधरी उपभो ा मामले, खा एवं सावजिनक िवतरण रा मं ी और
वािण एवं उ ोग रा मं ी
32. ी पी. पी. चौधरी िविध एवं ाय रा मं ी और कॉरपोरे ट मामलों के रा मं ी
33. डॉ. सुभाष रामराव भामरे र ा रा मं ी
34. ी गज िसंह शेखावत कृिष एवं िकसान क ाण रा मं ी
35. डॉ. स पाल िसंह मानव संसाधन िवकास रा मं ी और जल संसाधन, नदी
िवकास एवं गंगा संर ण रा मं ी
रा सभा4
रा सभा सद (रा वार सूची)
सभापित : ी एम. वकैया नायडू
उपसभापित : ी ह रवंश
.सं. नाम दल/समूह
रा
अ णाचल दे श (1)
1. ी मुकुट मीिथ भारतीय रा ीय कां ेस

असम (7)
2. ी िब जीत दै मारी बीपीएफ
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3. ी भुवने र कािलता भारतीय रा ीय कां ेस


4. डॉ. संजय िसंह भारतीय रा ीय कां ेस
5. डॉ. मनमोहन िसंह भारतीय रा ीय कां ेस
6. ी स युस कुजूर भारतीय रा ीय कां ेस
7. ीमित रानी नाराह भारतीय रा ीय कां ेस
8. ी रपुन बोरा भारतीय रा ीय कां ेस

आं दे श (11)
9. ी सी. एम. रमेश तेलुगू दे शम पाट
10. डॉ. टी. सु ारामी रे ी भारतीय रा ीय कां ेस
11. डॉ. के. केशव राव तेलंगाना रा सिमित
12. ी मोह द अली खान भारतीय रा ीय कां ेस
13. ी वाई. एस. चौधरी तेलुगू दे शम पाट
14. ी कनकमेदला रवी कुमार तेलुगू दे शम पाट
15. ी भाकर रे ी वेिमरे ी वाईएसआरसीपी
16. ीमती तोटा सीताराम ल ी तेलुगू दे शम पाट
17. ी सुरेश भु भारतीय जनता पाट
18. ी टी. जी. वकटे श तेलुगू दे शम पाट
19. ी वी. िवजयसाई रे ी वाईएसआरसीपी

ओिडशा ( 10 )
20. ी अ ुतानंद सामंत बीजू जनता दल
21. ी सौ ा आर. पटनायक बीजू जनता दल
22. ी शां त नंदा बीजू जनता दल
23. ीमती सरोिजनी हे म बीजू जनता दल
24. ी रं िजब िब ाल भारतीय रा ीय कां ेस
25. ी नर कुमार ैन बीजू जनता दल
26. ी भा र राव ने ां ित बीजू जनता दल
27. ी स आचाय बीजू जनता दल
28. ी ताप केसरी दे ब बीजू जनता दल
29. ी अनुभव मोहं ती बीजू जनता दल

उ र दे श (31)
30. डॉ. अिनल अ वाल भारतीय जनता पाट
31. डॉ. अिनल जैन भारतीय जनता पाट
32. डॉ. अशोक बाजपेयी भारतीय जनता पाट
33. ीमती कां ता कदम भारतीय जनता पाट
34. ी जी. वी. एल. नरिस ा राव भारतीय जनता पाट
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35. ी िवजयपाल िसंह तोमर भारतीय जनता पाट


36. ो. पी. एल. पुिनया भारतीय रा ीय कां ेस
37. ी अमर िसंह िनदलीय
38. ी किपल िस ल भारतीय रा ीय कां ेस
40. ी वीर िसंह ब जन समाज पाट
41. ीमती जया ब न समाजवादी पाट
42. ी सतीश चं िम ा ब जन समाज पाट
43. ी हरदीप िसंह पुरी भारतीय जनता पाट
44. ी सकलदीप राजभर भारतीय जनता पाट
45. ी हरनाथ िसंह यादव भारतीय जनता पाट
46. ी िवश र साद िनषाद समाजवादी पाट
47. डॉ. च पाल िसंह यादव समाजवादी पाट
48. ी जावेद अली खान समाजवादी पाट
49. डॉ. तज़ीन फातमा समाजवादी पाट
50. ी नीरज शेखर समाजवादी पाट
51. ी अ ण जेटली भारतीय जनता पाट
52. ी रिव काश वमा समाजवादी पाट
53. ी अशोक िस ाथ ब जन समाज पाट
54. ी बेनी साद वमा समाजवादी पाट
55. ी रे वती रमन िसंह समाजवादी पाट
56. ी िशव ताप शु भारतीय जनता पाट
57. ी संजय सेठ समाजवादी पाट
58. चौधरी सुखराम िसंह यादव समाजवादी पाट
59. ी सुर िसंह नागर समाजवादी पाट

उ राखंड (3)
60. ी दीप ट टा भारतीय रा ीय कां ेस
61. ी राज ब र भारतीय रा ीय कां ेस
62. ी अिनल बलूनी भारतीय जनता पाट

कनाटक (12)
63. ीमती िनमला सीतारमण भारतीय जनता पाट
64. ी डी. कुप रे ी जनता दल (एस)
65. ो. एम.वी. राजीव गौडा भारतीय रा ीय कां ेस
66. ी के.सी. राममूित भारतीय रा ीय कां ेस
67. डॉ. एल. हनुमंत ा भारतीय रा ीय कां ेस
68. ी जी. सी. चं शेखर भारतीय रा ीय कां ेस
69. ी राजीव चं शेखर भारतीय जनता पाट
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70. ी जयराम रमेश भारतीय रा ीय कां ेस


71. डॉ. भाकर कोरे भारतीय जनता पाट
72. ी बी.के. ह र साद भारतीय रा ीय कां ेस
73. ी ऑ र फनािडस भारतीय रा ीय कां ेस
74. ी सैयद नािसर सैन भारतीय रा ीय कां ेस

केरल (9)
75. ी वायालार रिव भारतीय रा ीय कां ेस
76. ी ए.के. अ ोनी भारतीय रा ीय कां ेस
77. ी अ ु ल वहाब आईयूएमएल
78. ी िबनोय िव म भारतीय क ुिन पाट
79. ी जोस के. मिण केरल कां ेस (एम)
80. ी इलामारम करीम भारतीय क ुिन पाट (मा.)
81. ी के.के. रागेश भारतीय क ुिन पाट (मा.)
82. ी एम.पी. वीरे कुमार जनता दल यूनाइटे ड
83. ी के. सोम साद भारतीय क ुिन पाट (मा.)

गोवा (1)
84. ी िवनय दीनू तदु लकर भारतीय जनता पाट

गुजरात ( 11 )
85. ी परशो म पाला भारतीय जनता पाट
86. डॉ. अमी यि क भारतीय रा ीय कां ेस
87. ी अहमद पटे ल भारतीय रा ीय कां ेस
88. ी अिमत अिनल चं शाह भारतीय जनता पाट
89. ीमती ृित ज़ूिबन इरानी भारतीय जनता पाट
90. ी मनसुख मां डिवया भारतीय जनता पाट
91. ी चुनीभाई कानजीभाई गोहे ल भारतीय जनता पाट
92. ी महं त शंभु साद जी. तुंिदया भारतीय जनता पाट
93. ी लाल िसंह वड़ोिदया भारतीय जनता पाट
94. ी मधुस़ूदन िम ी भारतीय रा ीय कां ेस
95. ी नारणभाई जे. राठवा भारतीय रा ीय कां ेस

छ ीसगढ़ (5)
96. ी मोतीलाल वोरा भारतीय रा ीय कां ेस
97. सु ी सरोज पा े य भारतीय जनता पाट
98. ी रामिवचार नेताम भारतीय जनता पाट
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99. ीमती छाया वमा भारतीय रा ीय कां ेस


100. ी रणिवजय िसंह जूदेव भारतीय जनता पाट

ज ू-क ीर (4)
101. ी शमशेर िसंह म ास भारतीय जनता पाट
102. मीर मोह द फ़ैयाज ज ू क ीर पीडीपी
103. ी नज़ीर अहमद लवाय ज ू-क ीर पीडीपी
104. ी गुलाम नबी आज़ाद भारतीय रा ीय कां ेस

झारखंड (6)
105. ी ेमचंद गु ा रा ीय जनता दल
106. डॉ. मु ार अ ास नक़वी भारतीय जनता पाट
107. ी प रमल नथवानी िनदलीय
108. ी धीरज साद सा भारतीय रा ीय कां ेस
109. ी समीर उरां व भारतीय जनता पाट
110. ी महे श पो ार भारतीय जनता पाट

पि म बंगाल ( 16 )
111. ी मनीष गु ा अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
112. ी मोह द निदमुल हक अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
113. ी अिभषेक मनु िसंघवी भारतीय रा ीय कां ेस
114. ी कनवर दीप िसंह अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
115. ी दे रेक ओ ाईन अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
116. ी मानस रं जन भूिनया अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
117. ी िप. भ ाचाय भारतीय रा ीय कां ेस
118. ी सुखदु शेखर राय अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
119. ोफेसर जोगेन चौधरी अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
120. ी शुभाशीष च बत अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
121. ी अहमद हसन अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
122. ी रीता ता बनज िनदलीय
123. डॉ. सां तनु सेन अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
124. ी अबीर रं जन िब ास अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
125. ीमती शां ता ी अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
126. सु ी दोला सेन अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस

पंजाब (7)
127. ी ताप िसंह बाजवा भारतीय रा ीय कां ेस
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128. ी ेत मिलक भारतीय जनता पाट


129. ी शमशेर िसंह ढु लो भारतीय रा ीय कां ेस
130. ी नरे श गुजराल िशरोमिण अकाली दल
131. सरदार बलिव र िसंह भुंडर िशरोमिण अकाली दल
132. सरदार सुखदे व िसंह िढं डसा िशरोमिण अकाली दल
133. ीमती अंिबका सोनी भारतीय रा ीय कां ेस

पुद्ु दचेरी (1)


134. ी एन. गोकुलकृ न एआईएडीएमके

िबहार ( 16 )
135. ी गोपाल नारायण िसंह भारतीय जनता पाट
136. ीमती मीशा भारती रा ीय जनता दल
137. डा. महे साद जनता दल यूनाईटे ड
138. ी आर. के. िस ा भारतीय जनता पाट
139. ी रामनाथ ठाकुर जनता दल यूनाईटे ड
140. ी ह रवंश जनता दल यूनाइटे ड
141. ीमित कहकशां परवीन जनता दल यूनाइटे ड
142. ी रामचं साद िसंह जनता दल यूनाइटे ड
143. ी अ खलेश साद िसंह भारतीय रा ीय कां ेस
144. ी राम जेठमलानी रा ीय जनता दल
145. ो. मनोज कुमार झा रा ीय जनता दल
146. ी रिव शंकर साद भारतीय जनता पाट
147. ी बिश नारायण िसंह जनता दल यूनाइटे ड
148. - -
149. डॉ. सी. पी. ठाकुर भारतीय जनता पाट
150. ी अहमद अशफाक करीम रा ीय जनता दल

महारा (19)
151. ी अमर शंकर साबले भारतीय जनता पाट
152. ी पी. िचदं बरम भारतीय रा ीय कां ेस
153. डॉ. िवकास महा े भारतीय जनता पाट
154. डॉ. िवनय पी. सह बु े भारतीय जनता पाट
155. ी नारायण राणे भारतीय जनता पाट
156. ी रामदास अठावले आरपीआई (ए)
157. ी संजय द ा य काकडे भारतीय रा ीय कां ेस
158. ी माजीद मेमन रा वादी कां ेस पाट
159. ी शरद पवार रा वादी कां ेस पाट
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160. ी काश जावडे कर भारतीय जनता पाट


161. ीमती वंदना च ाण रा वादी कां ेस पाट
162. ी अिनल दे साई िशवसेना
163. ी वी. मुरलीधरन भारतीय जनता पाट
164. ी पीयूष गोयल भारतीय जनता पाट
165. ी सैन दलवई भारतीय रा ीय कां ेस
166. ी राजकुमार धूत िशवसेना
167. ी संजय राउत िशवसेना
168. ी फु पटे ल रा वादी कां ेस पाट
169. ी कुमार केतकर भारतीय रा ीय कां ेस

म दे श (11)
170. ी एम.जे. अकबर भारतीय जनता पाट
171. ी िववेक के. त खा भारतीय रा ीय कां ेस
172. ी भात झा भारतीय जनता पाट
173. ी कैलाश सोनी भारतीय जनता पाट
174. ी धम धान भारतीय जनता पाट
175. ी अजय ताप िसंह भारतीय जनता पाट
176. ीमित संपितया उइके भारतीय जनता पाट
177. ी थावर चंद गहलोत भारतीय जनता पाट
178. डॉ. स नारायण जिटया भारतीय जनता पाट
179. ी िद जय िसंह भारतीय रा ीय कां ेस
180. ी राजमिण पटे ल भारतीय रा ीय कां ेस

मिणपुर (1)
181. ी के. भावानंद िसंह भारतीय जनता पाट

मेघालय (1)
182. ीमती वानसुक साइम भारतीय रा ीय कां ेस

िमज़ोरम (1)
183. ी रोना सपा लाउ भारतीय रा ीय कां ेस

तिमलनाडु ( 18 )
184. ी आर. वै िलंगम एआईएडीएमके
185. ी ए. िवजयकुमार एआईएडीएमके
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186. ी एस.आर. बालासु म न एआईएडीएमके


187. ी टी.के.एस. एलंगोवन डीएमके
188. ी आर.एस. भारती डीएमके
189. ी ए. नवनीतकृ न एआईएडीएमके
190. ी टी.के. रं गराजन भारतीय क ुिन पाट (मा.)
191. ीमती कानीमोझी डीएमके
192. ी डी. राजा भारतीय क ुिन पाट
193. डॉ. वी. मै ेयन एआईएडीएमके
194. ी ित ची िशवा डीएमके
195. ी के.आर. अजुनन एआईएडीएमके
195. डॉ. आर. ल णन एआईएडीएमके
197. ी टी. रितनावेल एआईएडीएमके
198. ी ए.के. से ाराज एआईएडीएमके
199. डा. शिशकला पु ा एआईएडीएमके
रामा ानमी
200. ीमती िविजला स ानंत एआईएडीएमके
201. ी एस. मु ुक न एआईएडीएमके

तेलंगाना ( 7 )
202. ी जोिगनीप ी संतोष कुमार टीआरएस
203. ी बी. िलं ाह यादव टीआरएस
204. डॉ. के.वी.पी. रामचं राव भारतीय रा ीय कां ेस
205. ी ग रकपित मोहन राव तेलुगू दे शम पाट
206. ी वी. ल ीकां त राव टीआरएस
207. ी धमपुरी ीिनवास टीआरएस
208. डॉ. बां डा काश टीआरएस

ि पुरा ( 1 )
209. ीमती झरना दास बै भारतीय क ुिन पाट ( मा )

नगालड ( 1 )
210. ी के.जी. के े नगालड पीपु ंट

राज थान ( 10 )
211. ी रामकुमार वमा भारती जनता पाट
212. ी हषवधन िसंह डु ं गरपुर भारती जनता पाट
213. ी िवजय गोयल भारती जनता पाट
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214. ी राम नारायण डूडी भारती जनता पाट


215. ी नारायण लाल पंचा रया भारती जनता पाट
216. डॉ. िकरोड़ी लाल मीणा भारती जनता पाट
217. ी ओम काश माथुर भारती जनता पाट
218. ी मदनलाल सैनी भारती जनता पाट
219. ी भूप यादव भारती जनता पाट
220. ी के.जे. ए ोंस भारती जनता पाट

रा ीय राजधानी े ( 3 )
221. ी संजय िसंह आम आदमी पाट
222. ी नारायण दास गु ा आम आदमी पाट
223. ी सुशील कुमार गु ा आम आदमी पाट

िस म(1)
224. ी िहशे लाचुंगपा एसडीएफ

िहमाचल दे श ( 3 )
225. ीमती िव व ठाकुर भारतीय रा ीय कां ेस
226. ी आनंद शमा भारतीय रा ीय कां ेस
227. ी जगत काश न ा़ भारतीय जनता पाट

ह रयाणा ( 5 )
228. कुमारी शैलजा भारतीय रा ीय कां ेस
229. ी राम कुमार क प इं िडयन नेशनत लोकदल
230. चौधरी बीर िसंह भारतीय जनता पाट
231. डॉ. डी.पी. व भारतीय जनता पाट
232. डॉ. सुभाष चं िनदलीय (आई एन डी)

नामांिकत ( 12 )
233. डॉ. सोनल मानिसंह भारतीय जनता पाट
234. ी के.टी.एस. तुलसी नामां िकत
235. डॉ. नर जाधव नामां िकत
236. ी पन दासगु ा नामां िकत
237. डॉ. रघुनाथ महापा भारतीय जनता पाट
238. ीमती एम.सी. मेरी कॉम नामां िकत
239. ी संभाजी छ पती भारतीय जनता पाट
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240. ी राम शकल भारतीय जनता पाट


241. ी राकेश िस ा भारतीय जनता पाट
242. ी गोपी सुरेश भारतीय जनता पाट
243. डॉ. सु म म ामी भारतीय जनता पाट
244. ीमती पा गां गुली भारतीय जनता पाट
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सद : लोकसभा5
ीकर : ीमती सुिम ा महाजन
िड ी ीकर : डॉ. एम. थंबी दु रई
.सं. िनवाचन े सद का नाम दल
अ णाचल दे श ( 2 )
1. अ णाचल पूव ी िननोंग इ रं ग भारतीय रा ीय कां ेस
2. अ णाचल पि म ी िकरन रजीजु भारतीय जनता पाट

असम ( 14 )
3. शासी िजला( अ.जा. ) ी िबरे निसंह इं गती भारतीय रा ीय कां ेस ( अ.ज.जा.
)
4. बारपेटा ी िसराजु ीन अजमल एआईयूडीएफ
5. धुबरी ी बद ीन अजमल एआईयूडीएफ
6. िड ुगढ़ ी रामे र तेली भारतीय जनता पाट
7. गौहाटी ीमती िवजया च वत भारतीय जनता पाट
8. जोरहाट ी कामा ा साद तासा भारतीय जनता पाट
9. किलयाबोर ी गौरव गोगोई भारतीय रा ीय कां ेस
10. करीमगंज( अ.जा. ) ी राधे ाम िब ास एआईयूडीएफ
11. कोकराझार( अ.ज.जा. ) ी नबा ( हीरा ) कुमार सरनीया िनदलीय
12. मंगलदोई ी रमेन डे का भारतीय जनता पाट
13. नौगोंग ी राजेन गोहे न भारतीय जनता पाट
14. िस चर कुमारी सु ता दे व भारतीय रा ीय कां ेस
15. तेजपुर ी राम साद शमा भारतीय जनता पाट
16. लखीमपुर ी दान ब आ भारतीय जनता पाट

आं दे श ( 25 )
17. अमलापुरम( अ.जा. ) डॉ. रिव बाबू पां डुला तेलुगू दे शम पाट
18. अनकाप ी ी मुथमसेटी ीिनवास राव ( तेलुगू दे शम पाट
अवंती )
19. अनंतपुर ी जे.सी. िदवाकर रे ी तेलुगू दे शम पाट
20. अराकु( अ.ज.जा. ) ीमती गीता कोथाप ी वाईएसआर कां ेस पाट
21. बापतला( अ.जा. ) ी ीराम मलयाि तेलुगू दे शम पाट
22. िच ूर( अ.जा. ) डॉ. नाराम ी िशव साद तेलुगू दे शम पाट
23. इलू ी वकटे र राव ( बाबू ) मगंती तेलुगू दे शम पाट
24. गुंटूर ी जैदेव ग ा तेलुगू दे शम पाट
25. िहं दुपुर ीि ा िन ला तेलुगू दे शम पाट
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26. काकीनाडा ी नरिस म थोटा तेलुगू दे शम पाट


27. कुरनूल ीमती रे णुका बु ा वाईएसआर कां ेस पाट
28. मछलीप नम ी कोनाक ा नारायण राव तेलुगू दे शम पाट
29. नां दयाल ी एस.पी.वाई. रे ी वाईएसआर कां ेस पाट
30. नरसाराओपेट ी रायापित स ािसवा राव तेलुगू दे शम पाट
31. नरसापुरम ी गोकाराजू गंगा राजू भारतीय जनता पाट
32. राजामुंदरी ी मुरली मोहन मगंती तेलुगू दे शम पाट
33. ीकाकुलम ी िक जरापु राम मोहन तेलुगू दे शम पाट
34. िवजयवाड़ा ी ीिनवास केिसनेनी तेलुगू दे शम पाट
35. िवशाखाप नम डॉ. ह र बाबू कंभमपित भारतीय जनता पाट
36. िविजयानगरम ी अशोक गजपित राजू तेलुगू दे शम पाट
37. कडपा — —
38. ने ौर — —
39. ओंगोले — —
40. राजमपेट — —
41. ित पित( अ.जा. ) — —

ओिडशा ( 21 )
43. बालासोर ी रवी कुमार िसंह बीजू जनता दल
44. बारगढ़ डॉ. भास कुमार िसंह बीजू जनता दल
45. बरहामपुर ी िस ां त महापा बीजू जनता दल
46. भ क( अ.जा. ) ी अजुन चरण सेठी बीजू जनता दल
47. भुवने र ी स कुमार पाटसाणी बीजू जनता दल
48. बोलनगीर ी किलकेश नारायण िसंह दे व बीजू जनता दल
49. कटक ी भतृह र महताब बीजू जनता दल
50. ढकानाल ी तथागत स थी बीजू जनता दल
51. जगतिसंहपुर( अ.जा. ) डॉ. कुलमिण सामल बीजू जनता दल
52. जाजपुर ( अ.जा. ) ीमती रीता तराई बीजू जनता दल
53. कालाहां डी ी अका केशरी दे व बीजू जनता दल
54. कंधमाल ीमती ुषा राजे री िसंह बीजू जनता दल
55. ोंझर( अ.ज.जा. ) ीमती सकुंतला लागुरी बीजू जनता दल
56. कोरापुट( अ.ज.जा. ) ी झीना हीकाका बीजू जनता दल
57. मयूरभंज( अ.ज.जा. ) ी रामच हाँ सदा बीजू जनता दल
58. नबरं गपुर( अ.ज.जा. ) ी बलभ माझी बीजू जनता दल
59. पुरी ी िपनाकी िम ा बीजू जनता दल
60. संबलपुर ी नागे कुमार धान बीजू जनता दल
61. सुंदरगढ़ ( अ.ज.जा. ) ी जुएल ओराम भारतीय जनता पाट
62. क पाड़ा — —
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उ र दे श ( 80 )

63. आगरा ो. रामशंकर भारतीय जनता पाट


64. अकबरपुर ी दे वे ( उफ ) भोले िसंह भारतीय जनता पाट
65. अलीगढ़ ी सतीश कुमार गौतम भारतीय जनता पाट
66. इलाहाबाद ी ामा चरण गु भारतीय जनता पाट
67. अंबेडकर नगर ी ह रओम पा े य भारतीय जनता पाट
68. अमेठी ी रा ल गां धी भारतीय रा ीय कां ेस
69. अमरोहा ी कंवर िसंह तंवर भारतीय जनता पाट
70. आं वला ी धम कुमार भारतीय जनता पाट
71. आज़मगढ़ ी मुलायम िसंह यादव समाजवादी पाट
72. बदायूं ी धम यादव समाजवादी पाट
73. बागपत डॉ. स पाल िसंह भारतीय जनता पाट
74. बहराइच( अ.जा. ) सा ी सािव ी बाई फूले भारतीय जनता पाट
75. बिलया ी भरत िसंह भारतीय जनता पाट
76. बां दा ी भैरों साद िम भारतीय जनता पाट
77. बां सगां व( अ.जा. ) ी कमलेश पासवान भारतीय जनता पाट
78. बाराबंकी ( अ.जा. ) ीमती ि यंका िसंह रावत भारतीय जनता पाट
79. बरे ली ी संतोष कुमार गंगवार भारतीय जनता पाट
80. ब ी ी हरीश ि वेदी भारतीय जनता पाट
81. भदोही ी वीरे िसंह भारतीय जनता पाट
82. िबजनौर कुंवर भारते िसंह भारतीय जनता पाट
83. बुलंदशहर ी भोला िसंह भारतीय जनता पाट
84. चंदौली डॉ. महे नाथ पा े य भारतीय जनता पाट
85. दे व रया ी कलराज िम भारतीय जनता पाट
36. धौरहरा ीमती रे खा अ ण वमा भारतीय जनता पाट
87. डु म रयागंज ी जगद का पाल भारतीय जनता पाट
88. एटा ी राजवीर (राजू भै ा) िसंह भारतीय जनता पाट
89. इटावा( अ.जा.) ी अशोक कुमार दोहरे भारतीय जनता पाट
90. फैजाबाद ी ल ू िसंह भारतीय जनता पाट
93. फ खाबाद ी मुकेश राजपूत भारतीय जनता पाट
92. फतेहपुर सा ी िनरं जन ोित भारतीय जनता पाट
93. फतेहपुर सीकरी ी बाबुलाल चौधरी भारतीय जनता पाट
94. िफरोजाबाद ी अ य यादव समाजवादी पाट
95. गौतमबु नगर ी महे श शमा भारतीय जनता पाट
96. गािज़याबाद जन. (सेवािनवृ )िवजय िसंह भारतीय जनता पाट
97. गाजीपुर ी मनोज कुमार िस ा भारतीय जनता पाट
98. घोसी ी ह रनरायन राजभर भारतीय जनता पाट
99. गोंडा ी कीितवधन िसंह भारतीय जनता पाट
100. हमीरपुर कुँवर पु िसंह चंदेल भारतीय जनता पाट
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101. हरदोई(अ.जा.) ी अंशुल वमा भारतीय जनता पाट


102. हाथरस(अ.जा.) ी राजेश कुमार िदवाकर भारतीय जनता पाट
103. जालौन( अ.जा.) ी भानु ताप िसंह वमा भारतीय जनता पाट
104. जौनपुर डॉ. कृ ताप िसंह भारतीय जनता पाट
105. झां सी सु ी उमा भारती भारतीय जनता पाट
106. कैराना बेगम तब ुम हसन आरएलडी
107. कैसरगंज ी बृजभूषण शरण िसंह भारतीय जनता पाट
108. क ौज ीमती िड ल यादव समाजवादी पाट
109. कानपुर डॉ. मुरली मनोहर जोशी भारतीय जनता पाट
110. कौशां बी( अ.जा.) ी िवनोद कुमार सोनकर भारतीय जनता पाट
111. खीरी ी अजय (टे नी) िम ा भारतीय जनता पाट
112. कुशीनगर ी राजेश पा े य भारतीय जनता पाट
113. लालगंज( अ.जा.) ीमती नीलम सोनकर भारतीय जनता पाट
114. लखनऊ ी राजनाथ िसंह भारतीय जनता पाट
115. मछलीशहर ी राम च र िनषाद भारतीय जनता पाट
116. महाराजगंज ी पंकज चौधरी भारतीय जनता पाट
117. मैनपुरी ी तेज ताप िसंह यादव समाजवादी पाट
118. मथुरा ीमती हे मा मािलनी भारतीय जनता पाट
119. मेरठ ी राजे अ वाल भारतीय जनता पाट
120. िमजापुर ीमती अनुि या पटे ल अपना दल
121. िम ेख( अ.जा.) ीमती अंजू बाला भारतीय जनता पाट
122. मोहनलालगंज( अ.जा.) ी कौशल िकशोर भारतीय जनता पाट
123. मुरादाबाद ी कुँवर सवश कुमार भारतीय जनता पाट
124. मुज रनगर डॉ. संजीव कुमार बािलयान भारतीय जनता पाट
125. नगीना( अ.जा.) डॉ. यशवंत िसंह भारतीय जनता पाट
126. पीलीभीत ीमती मेनका संजय गां धी भारतीय जनता पाट
127. तापगढ़ ी कुंवर ह रवंश िसंह अपना दल
128. रायबरे ली ीमती सोिनया गां धी भारतीय रा ीय कां ेस
129. रामपुर डॉ. नैपाल िसंह भारतीय जनता पाट
130. रॉबट् सगंज( अ.जा.) ी छोटे लाल भारतीय जनता पाट
131. सहारनपुर ी राघव लखनपाल भारतीय जनता पाट
132. सलेमपुर ी रिवंदर कुशवाहा भारतीय जनता पाट
133. संभल ी स पाल िसंह भारतीय जनता पाट
134. संत कबीर नगर ी शरद ि पाठी भारतीय जनता पाट
135. शाहजहाँ पुर( अ.जा.) ीमती कृ ा राज भारतीय जनता पाट
136. ाव ी ी द न िम ा भारतीय जनता पाट
137. सीतापुर ी राजेश वमा भारतीय जनता पाट
133. सु ानपुर ी व ण फीरोज़ गां धी भारतीय जनता पाट
139. उ ाव डॉ. ामी सा ीजी महाराज भारतीय जनता पाट
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140. वाराणसी ी नरे मोदी भारतीय जनता पाट


141. गोरखपुर ी वीन कुमार िनषाद समाजवादी पाट
142. फूलपुर नागे ताप िसंह पटे ल समाजवादी पाट

उ राखंड ( 5 )
143. अ ोड़ा(अ.जा.) ी अजय ट टा भारतीय जनता पाट
144. गढ़वाल मेजर जनरल भुवन च खडूड़ी भारतीय जनता पाट
एवीएसएम (सेवािनवृ )
145. ह र ार डॉ. रमेश पोख रयाल िनशंक भारतीय जनता पाट
146. नैनीताल-ऊधमिसंह ी भगत िसंह को ारी भारतीय जनता पाट
नगर
147. िटहरी गढ़वाल ीमती माला राजल ी शाह भारतीय जनता पाट

कनाटक (28)
148. बागलकोट ी पी.सी. ग ीगौदर भारतीय जनता पाट
149. बंगलु सटल ी पी.सी. मोहन भारतीय जनता पाट
150. बंगलु उ र ी डी.वी.सदानंद गौड़ा भारतीय जनता पाट
151. बंगलु ामीण ी डी.के. सुरेश भारतीय रा ीय कां ेस
153. बेलगाम ी सुरेश चनबस ा अंगड़ी भारतीय जनता पाट
154. बे ारी ी वी.एस. उगर ा भारतीय रा ीय कां ेस
155. बीदर ी भगवंत खुबा भारतीय जनता पाट
156. बीजापुर(अ.जा.) ी रमेश िजगािजनािग भारतीय जनता पाट
157. चामराजनगर ी आर. ुवनारायण भारतीय रा ीय कां ेस
158. िचकबलपुर ी एम. वीर ा मोइली भारतीय रा ीय कां ेस
159. िच ोडी ी काश े री भारतीय रा ीय कां ेस
160. िच दु ग(अ.जा.) ी बी.एन. च ा भारतीय रा ीय कां ेस
161. दि ण क ड़ ी निलन कुमार कटील भारतीय जनता पाट
162. दावनगेरे ी गौडर म काजुन ा िस े र भारतीय जनता पाट
163. धारवाड़ ी हलाद जोशी भारतीय जनता पाट
164. गुलबगा(अ.जा.) ी म काजुन खड़गे भारतीय रा ीय कां ेस
165. हसन ी एच. डी. दे वगौडा जनता दल
166. हावेरी ी िशवकुमार सी. उदासी भारतीय जनता पाट
167. कोलार ी के.एच. मुिनय ा भारतीय रा ीय कां ेस
168. को ल ी सनग ा अमर ा करादी भारतीय जनता पाट
169. मां डया ी एल. आर.िशवराम गौड़ा जनता दल
170. मैसूर ी ताप िस ा भारतीय जनता पाट
171. रायचूर ी बी.वी . नाईक भारतीय रा ीय कां ेस
172. िशमोगा ी राघवे ये ू ा भारतीय जनता पाट
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173. तुमकुर ी एस.पी. मुदाहनुमेगौड़ा भारतीय रा ीय कां ेस


174. उदु पी िचकमंगलूर कुमारी शोभा कारा लाजे भारतीय जनता पाट
175. उ रक ड़ ी अनंत कुमार हे गड़े भारतीय जनता पाट

केरल ( 20 )
176. अल ुझा ी के.सी. वेणुगोपाल भारतीय जनता पाट
177. अलथूर ी परयमपर ल कु न बीजू भारतीय क ुिन पाट (मा.)
178. अि ं गल ी अिन न संपत भारतीय क ुिन पाट (मा.)
179. चालाकुडी ी इ ोसट िनदलीय
180. एनाकुलम ो. के.वी. थॉमस भारतीय रा ीय कां ेस
181. इडु ी ी (एडवोकेट) जोएस जॉज िनदलीय
182. क ूर ीमती पी.के. ीमिथ टीचर भारतीय क ुिन पाट (मा.)
183. कासरगोड ी पी. क णाकरन भारतीय क ुिन पाट (मा.)
184. को म ी एन.के. ेमच न आर.एस.पी.
185. को ायम - -
186. कोझीकोड ी एम. के. राघवन भारतीय रा ीय कां ेस
187. मल ुरम ी कु ालीकु ी पी.के. आई.यू.एम.एल
188. मावेली रा ी सुरेश कोिडकु ील भारतीय रा ीय कां ेस
189. पल ाड ी एम. बी. राजेश भारतीय क ुिन पाट (मा.)
190. पथनमथी ा ी एं टो एं टोनी भारतीय रा ीय कां ेस
191. पो ानी ी ई.टी. मोह द बशीर आई.यू.एम.एल
192. ित वनंतपुरम डॉ. शिश थ र भारतीय रा ीय कां ेस
193. ि ूर ी सी.एन. जयदे वन भारतीय क ुिन पाट
194. वडकरा ी रामचं न मु ाप ी भारतीय रा ीय कां ेस

गोवा (2)
196. उ र गोवा ी ीपद येसो नाईक भारतीय जनता पाट
197. दि ण गोवा एडवोकेट ी नर केशव भारतीय जनता पाट
सवईकार

गुजरात (26)
198. अहमदाबाद पूव ी परे श रावल भारतीय जनता पाट
199. अहमदाबाद पि म डॉ. ( ो.) िक रट ेमजीभाई भारतीय जनता पाट
सोलंकी
200. अमरे ली ी नारणभाई काछिड़या भारतीय जनता पाट
201. आन ी िदलीप पटे ल भारतीय जनता पाट
202. बनासकां ठा ी ह रभाई चौधरी भारतीय जनता पाट
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203. बारडोली ी भुभाई नागरभाई वसवा भारतीय जनता पाट


204. भ च ी मनसुखभाई धनजीभाई वसवा भारतीय जनता पाट
205. भावनगर डॉ. भारती धी भाई िशयाल भारतीय जनता पाट
206. छोटा उदयपुर ी रामिसंह राठवा भारतीय जनता पाट
207. दाहोद ी जसवंतिसंह सुमनभाई भाभोर भारतीय जनता पाट
208. गां धीनगर ी लालकृ आडवाणी भारतीय जनता पाट
209. जामनगर ीमती पूनमबेन माडम भारतीय जनता पाट
210. जूनागढ़ ी राजेशभाई चुड़ासमा भारतीय जनता पाट
211. क (अ.जा.) ी िवनोद लखमाशी चावड़ा भारतीय जनता पाट
212. खेडा ी दे वुिसंह चौहान भारतीय जनता पाट
213. मेहसाणा ीमती जय ीबेन पटे ल भारतीय जनता पाट
214. नवसारी ी सी.आर. पाटील भारतीय जनता पाट
215. पंचमहल ी भातिसंह तापिसंह चौहान भारतीय जनता पाट
216. पाटन ी लीलाधरभाई खोडाजी वाघेला भारतीय जनता पाट
217. पोरबंदर ी िव लभाई हं सराजभाई भारतीय जनता पाट
रदािडया
218. राजकोट ी मोहनभाई क ाणजीभाई भारतीय जनता पाट
कुंद रया
219. साबरकंठा ी दीपिसंह शंकरिसंह राठौड़ भारतीय जनता पाट
220. सूरत ीमती दशना िव म जरदोश भारतीय जनता पाट
221. सुरे नगर ी दे वजीभाई गोिवंदभाई फतेपारा भारतीय जनता पाट
222. वडोदरा ीमती रं जनबेन धनंजय भ भारतीय जनता पाट
223. वलसाड(अ.ज.जा.) डॉ. के.सी.पटे ल भारतीय जनता पाट

चंडीगढ़ (1)
224. चंडीगढ़ ीमती िकरण खेर भारतीय जनता पाट

छ ीसगढ़ (11)
225. ब र(अ.ज.जा.) ी िदनेश क प भारतीय जनता पाट
226. िबलासपुर ी लखन लाल सा भारतीय जनता पाट
228. जां जगीर-चंपा( अ.जा.) ीमती कमला पाटले भारतीय जनता पाट
229. कां केर (अ.ज.जा.) ी िव म उसदी भारतीय जनता पाट
230. कोरबा डॉ. बंशीलाल महतो भारतीय जनता पाट
231. महासमुंद ी चंदुलाल सा भारतीय जनता पाट
232. रायगढ़ (अ.ज.जा.) ी िव ुदेव साय भारतीय जनता पाट
233. रायपुर ी रमेश बैस भारतीय जनता पाट
234. राजन गां व ी अिभषेक िसंह भारतीय जनता पाट
235. सरगुजा( अ.ज.जा.) ी कमल भान िसंह मराबी भारतीय जनता पाट
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ज ू-क ीर (6)

236. बारामु ा ी मुज र सैन बेग ज ू-क ीर पीडीपी


237. ज ू ी जुगल िकशोर शमा भारतीय जनता पाट
239. ीनगर डॉ. फा ख अ ु ा ज ू-क ीर एनसी
240. उधमपुर डॉ. िजत िसंह भारतीय जनता पाट

झारखंड ( 14 )
242. चतरा ी सुनील कुमार िसंह भारतीय जनता पाट
243. धनबाद ी पशुपित नाथ िसंह भारतीय जनता पाट
244. दु मका( अ.ज.जा.) ी िशबु सोरे न झारखंड मु मोचा
245. िग रडीह ी रवी कुमार पा े य भारतीय जनता पाट
246. गो ा ी िनिशकां त दु बे भारतीय जनता पाट
247. हज़ारीबाग ी जयंत िस ा भारतीय जनता पाट
243. जमशेदपुर ी िवद् ु यत वरन महतो भारतीय जनता पाट
249. खूँटी(अ.ज.जा.) ी किड़या मुंडा भारतीय जनता पाट
250. कोडरमा डॉ. रवी कुमार राय भारतीय जनता पाट
251. लोहरदगा(अ.ज.जा.) ी सुदशन भगत भारतीय जनता पाट
252. पलामू( अ.जा.) ी िव ु दयाल राम भारतीय जनता पाट
253. राजमहल( अ.ज.जा.) ी िवजय कुमार हां सदाक झारखंड मु मोचा
254. राँ ची ी रामटहल चौधरी भारतीय जनता पाट
255. िसंहभूम(अ.ज.जा.) ी ल ण िगलुवा भारतीय जनता पाट

पि म बंगाल (42)
256. अलीपुर ार( अ.ज.जा.) ी दशरथ ितक अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
257. आरामबाग(अ.जा.) ीमती अप पा पो ार अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
258. आसनसोल ी बाबुल सुि यो भारतीय जनता पाट
259. बहरामपुर ी अधीर रं जन चौधरी भारतीय रा ीय कां ेस
260. बलूरघाट कुमारी अिपता घोष अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
261. बनगां व(अ.जा.) ीमती ममता ठाकुर अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
262. बां कुरा ीमती दे व वमा अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
263. बारासात डॉ. ( ीमती) काकोली घोष अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
द ीदार
264. बधमान-पूव(अ.जा.) ी सुनील कुमार मंडल अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
265. बधमान-दु गापुर ो. डॉ. ममताज संघिमता अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
266. बैरकपुर ी िदनेश ि वेदी अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
267. बसीरहाट ी इद रस अली अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
268. बीरभूम ीमती शता ी राय अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
269. िव ुपुर( अ.जा.) ी सौिम खान अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
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270. बोलपुर(अ.जा.) डॉ. अनुपम हाजरा अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस


271. कूचिबहार ी ाथ ितम राय अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
272. दािजिलंग ी एस.एस. अहलुवािलया भारतीय जनता पाट
273. डायमंड हाबर ी अिभषेक बनज अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
274. दमदम ो. सौगत राय अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
275. घाटल ी दीपक (दे व) अिधकारी अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
276. गली डॉ. ( ीमती) र ा डे (नाग) अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
277. हावड़ा ी सून बनज अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
278. जादवपुर ो. (डॉ.) सुगात बोस अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
279. जलपाईगुड़ी(अ.जा.) ी िबजय च बमन अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
280. जंगीपुर ी अिभिजत मुखज भारतीय रा ीय कां ेस
281. जयनगर(अ.जा.) ीमती ितमा मंडल अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
282. झाड़ ाम( अ.ज.जा.) डॉ. उमा सरे न अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
283. कां थी ी िशिशर कुमार अिधकारी अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
284. कोलकाता दि ण ी सु त ब ी अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
285. कोलकाता उ र ी सुदीप बंदोपा ाय अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
286. कृ नगर ी तापस पाल अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
287. मा हा दि ण ी अबूहशीम खान चौधरी भारतीय रा ीय कां ेस
288. मा हा उ र ीमती मौसम नूर भारतीय रा ीय कां ेस
289. मथुरापुर( अ.जा.) ी चौधरी मोहन जटु आ अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
290. मेिदनीपुर ीमती सं ा राय अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
291. मुिशदाबाद मोह द बद द् ु दज़ा खान भा.क.पा.(मा.)
292. पु िलया डॉ. मृगां का महतो अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
293. रायगंज ी मोह द सलीम भा.क.पा.(मा.)
294. राणाघाट( अ.जा.) डॉ. तापस मंडल अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
295. ी रामपुर ी क ाण बनज अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
296. तामलुक ी िद दु अिधकारी अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस
297. उलूबे रया ीमती सज़दा अहमद अ खल भारतीय तृणमूल कां ेस

पंजाब (13)
298. अमृतसर ी गुरजीत िसंह औजला भारतीय रा ीय कां ेस
299. आनंदपुर सािहब ी ेम िसंह चंदूमाजरा िशरोमिण अकाली दल
300. भिटं डा ीमती हरिसमरत कौर बादल िशरोमिण अकाली दल
301. फरीदकोट(अ.जा.) ो. साधू िसंह आम आदमी पाट
302. फतेहगढ़ सािहब(अ.जा.) ी ह रं दर िसंह खालसा आम आदमी पाट
303. िफरोजपुर ी शेर िसंह गुबाया िशरोमिण अकाली दल
304. गुरदासपुर ी सुनील कुमार जाखड़ भारतीय रा ीय कां ेस
305. होिशयारपुर(अ.जा.) ी िवजय सां पला भारतीय जनता पाट
306. जालंधर ी संतोख िसंह चौधरी भारतीय रा ीय कां ेस
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307. खडूर सािहब ी रनजीत िसंह पुरा िशरोमिण अकाली दल


308. लुिधयाना ी रवनीत िसंह भारतीय रा ीय कां ेस
309. पिटयाला डॉ. धमवीर गां धी आम आदमी पाट
310. संग र ी भगवंत मान आम आदमी पाट

पुद्ु दचेरी (1)


311. पुद्ु दचेरी ी आर. राधाकृ न एआईएनआरसी

िबहार ( 40 )
312. आरा ी राजकुमार िसंह भारतीय जनता पाट
313. औरं गाबाद ी सुशील कुमार िसंह भारतीय जनता पाट
314. बां का ी जय काश नारायन यादव रा ीय जनता दल
315. बेगूसराय - -
316. भागलपुर ी शैलेश कुमार (बुलो मंडल) रा ीय जनता दल
317. ब र ी अि नी कुमार चौबे भारतीय जनता पाट
318. दरभंगा ी कीित आजाद भारतीय जनता पाट
319. गया( अ.जा.) ी ह र माझी भारतीय जनता पाट
320. गोपालगंज(अ.जा.) ी जनक राम भारतीय जनता पाट
321. हाजीपुर(अ.जा.) ी रामिवलास पासवान लोक जनश पाट
322. जहानाबाद डॉ. अ ण कुमार आरएलएसपी
323. जमुई(अ.जा.) ी िचराग पासवान लोक जनश पाट
324. झंझारपुर ी बीरे कुमार चौधरी भारतीय जनता पाट
325. काराकाट ी उपे कुशवाहा आरएलएसपी
326. किटहार ी ता रक अनवर रा वादी कां ेस पाट
327. खगिड़या चौधरी महबूब अली कैसर लोक जनश पाट
329. मधेपुरा ी राजेश रं जन (प ू यादव) रा ीय जनता दल
330. मधुबनी ी दे व नारायण यादव भारतीय जनता पाट
331. महाराजगंज ी जनादन िसंह िस ीवाल भारतीय जनता पाट
332. मुंगेर ीमती वीणा दे वी लोक जनश पाट
333. मुज रपुर ी अजय िनषाद भारतीय जनता पाट
334. नालंदा ी कौशल कुमार जनता दल यूनाइटे ड
335. नवादा ी िग रराज िसंह भारतीय जनता पाट
336. पि म चंपारण डॉ. संजय जायसवाल भारतीय जनता पाट
337. पाटिलपु ी राम कृपाल यादव भारतीय जनता पाट
338. पटना सािहब ी श ु िस ा भारतीय जनता पाट
339. पूिणया ी संतोष कुमार जनता दल यूनाइटे ड
340. पूव चंपारण ी राधा मोहन िसंह भारतीय जनता पाट
341. सम ीपुर(अ.जा.) ी रामच पासवान लोक जनश पाट
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342. सारण ी राजीव ताप डी भारतीय जनता पाट


343. सासाराम( अ.जा.) ी छे दी पासवान भारतीय जनता पाट
344. िशवहर ीमती रमा दे वी भारतीय जनता पाट
345. सीतामढ़ी ी कुशवाहा राम कुमार शमा आरएलएसपी
346. सीवान ी ओम काश यादव भारतीय जनता पाट
347. सुपौल ीमती रं जीत रं जन भारतीय रा ीय कां ेस
343. उिजयारपुर ी िन ान राय भारतीय जनता पाट
349. वैशाली ी रामािकशोर िसंह लोक जनश पाट
350. वा ीिक नगर ी सतीश चं दू बे भारतीय जनता पाट
351. अर रया ी सरफराज आलम भारतीय जनता दल

महारा ( 48 )
352. अहमदनगर ी िदलीप कुमार मनसुखलाल भारतीय जनता पाट
गां धी
353. अकोला ी संजय धो े भारतीय जनता पाट
354. अमरावती ी आनंदराव अडसुल िशवसेना
355. औरं गाबाद ी च कां त भाऊराव खैरे िशवसेना
356. बारामती ीमती सुि या सुले रा वादी कां ेस पाट
357. बीड डॉ. ीतम गोपीनाथ मुंडे भारतीय जनता पाट
358. भंडारा-गोंिदया ी मधुकर राव यशवंत राव रा वादी कां ेस पाट
कुकडे
359. िभवंडी ी किपल मोरे र पाटील भारतीय जनता पाट
360. बुलढाना ी तापराव जाधव िशवसेना
361. च पुर ी हं सराज गंगाराम अहीर भारतीय जनता पाट
362. धुले डॉ. सुभाष रामराव भामरे भारतीय जनता पाट
363. िद ोरी(अ.ज.जा.) ी ह र ं च ाण भारतीय जनता पाट
364. गढ़िचरोली- िचमुर( ी अशोक महादे वराव नेते भारतीय जनता पाट
अ.ज.जा.)
365. हातकणंगले ी राजू शे ी एस.ड ू.पी.
366. िहं गोली ी राजीव शंकरराव सातव भारतीय रा ीय कां ेस
367. जलगां व ी ए.टी. नाना पािटल भारतीय जनता पाट
368. जालना ी रावसाहे ब पाटील दानवे भारतीय जनता पाट
369. क ाण डॉ. ीकां त एकनाथ िशंदे िशवसेना
370. को ापुर ी धनंजय भीमराव महाडीक रा वादी कां ेस पाट
371. लातूर(अ.जा.) डॉ. सुनील बलीराम गायकवाड़ भारतीय जनता पाट
372. माधा ी िवजय िसंह मोिहते पाटील रा वादी कां ेस पाट
373. मावल ी ीरं ग आ ा बारणे िशवसेना
374. मुंबई दि ण-म ी रा ल रमेश शेवाले िशवसेना
375. मुंबई-उ र ी गोपाल िचनै ा शे ी भारतीय जनता पाट
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376. मुंबई उ र-म ीमती पूनम महाजन भारतीय जनता पाट


377. मुंबई उ र-पूव डॉ. िकरीट सोमैया भारतीय जनता पाट
378. मुंबई उ र-पि म ी गजानन चं कां त कीितकर िशवसेना
379. मुंबई-दि ण ी अरिवंद गणपत सावंत िशवसेना
380. नागपुर ी िनितन गडकरी भारतीय जनता पाट
381. नां देड ी अशोक शंकर राव च ाण भारतीय रा ीय कां ेस
382. नंदुरबार(अ.ज.जा.) डॉ. िहना िवजयकुमार गावीत भारतीय जनता पाट
383. नािसक ी हे मंत तुकाराम गोडसे िशवसेना
384. उ ानाबाद ो. रिव िव नाथ गायकवाड़ िशवसेना
385. पालघर ी राजे गािवत भारतीय जनता पाट
386. परभणी ी संजय ह रभाऊ जाधव िशवसेना
387. पुणे ी अिनल (उफ प ाकर) गुलाब भारतीय जनता पाट
राव िशरोले
388. रायगढ़ ी अनंत गंगाराम गीते िशवसेना
389. रामटे क( अ.जा.) ी कृपाल बालाजी तुमाने िशवसेना
390. र ािग र-िसंधुदुग ी िवनायक भाउराव राउत िशवसेना
391. रावेर ीमती र ा िन खल खाडसे भारतीय जनता पाट
392. सां गली ी संजय काका पाटील भारतीय जनता पाट
393. सतारा ी उदयनराजे भोंसले रा वादी कां ेस पाट
394. िशरडी (अ.जा.) ी सदािशव लोखंडे िशवसेना
395. िश र ी िशवाजी अधलराव पाटील िशवसेना
396. शोलापुर (अ.जा.) एडवोकेट शरद कुमार मा ित भारतीय जनता पाट
बंसोडे
397. ठाणे ी राजन िवचारे िशवसेना
393. वधा ी रामदास च भानजी तडस भारतीय जनता पाट
399. यवतमाल-वािशम सु ी भावना पुंडिलकराव िशवसेना
गवली(पाटील)

म दे श (29)
400. बालाघाट ी बोध िसंह भगत भारतीय जनता पाट
401. बेतूल(अ.ज.जा.) ी मती ोित धुव भारतीय जनता पाट
402. िभंड( अ.जा.) डॉ. भागीरथ साद भारतीय जनता पाट
403. भोपाल ी आलोक संजर भारतीय जनता पाट
404. िछं दवाड़ा ी कमल नाथ भारतीय रा ीय कां ेस
405. दमोह ी हलाद िसंह पटे ल भारतीय जनता पाट
406. दे वास ी मनोहर उटवाल भारतीय जनता पाट
407. धार(अ.ज.जा.) ीमती सािव ी ठाकुर भारतीय जनता पाट
408. गुना ी ोितरािद माधवराव भारतीय रा ीय कां ेस
िसंिधया
409. ािलयर ी नरे िसंह तोमर भारतीय जनता पाट
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410. होशंगाबाद ी उदय ताप िसंह भारतीय जनता पाट


411. इं दौर ीमती सुिम ा महाजन( ताई) भारतीय जनता पाट
412. जबलपुर ी राकेश िसंह भारतीय जनता पाट
413. खजुराहो ी नागे िसंह भारतीय जनता पाट
414. खंडवा ी न कुमार िसंह चौहान भारतीय जनता पाट
415. खरगौन(अ.ज.जा.) ी सुभाष पटे ल भारतीय जनता पाट
416. म ला(अ.ज.जा.) ी फ न िसंह कुल े भारतीय जनता पाट
417. मंदसौर ी सुधीर गु ा भारतीय जनता पाट
418. मुरैना ी अनूप िम ा भारतीय जनता पाट
419. राजगढ़ ी रोडमल नागर भारतीय जनता पाट
420. रतलाम( अ.ज.जा.) ी कां ितलाल भू रया भारतीय रा ीय कां ेस
421. रीवा ी जनादन िम भारतीय जनता पाट
422. सागर ी ल ी नारायण यादव भारतीय जनता पाट
423. सतना ी गणेश िसंह भारतीय जनता पाट
424. सीधी ीमती रीती पाठक भारतीय जनता पाट
425. टीकमगढ़(अ.जा.) डॉ. वीरे कुमार भारतीय जनता पाट
426. उ ैन(अ.जा.) ो. िचंतामिण मालवीय भारतीय जनता पाट
427. िविदशा ीमती सुषमा राज भारतीय जनता पाट
428. शहडोल( अ.जा.) ी ान िसंह भारतीय जनता पाट

मिणपुर (2)
429. आं त रक मिणपुर डॉ. थोकचोम मे ा भारतीय रा ीय कां ेस
430. बाहरी मिणपुर ी थां गसो बाइटे भारतीय रा ीय कां ेस
(अ.ज.जा.)

मेघालय ( 2 )
431. िशलां ग (अ.ज.जा.) ी िवनसट एच. पाला भारतीय रा ीय कां ेस
432. तुरा(अ.ज.जा.) र -

िमज़ोरम ( 1 )
433. िमजोरम(अ.ज.जा.) ी सी.एल. आला भारतीय रा ीय कां ेस

तिमलनाडु (39)
434. अराकोनम ी जी.हरी एआईएडीएमके
435. अरानी ी एलुमलाई वी. एआईएडीएमके
436. चे ई म ी एस.आर. िवजय कुमार एआईएडीएमके
437. चे ई उ र ी टी.जी. वकटे श बाबू एआईएडीएमके
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438. चे ई दि ण डॉ. जयकुमार जयवधन एआईएडीएमके


439. िचदं बरम( अ.जा.) ी एम. चं ाकाशी एआईएडीएमके
440. कोयंबटू र ी नागराजन पी. एआईएडीएमके
441. कु ालोर ी ए. अ णमिणदे वन एआईएडीएमके
442. धमपुरी डॉ. अंबुमिन रामदास पीएमके
443. िडं डीगुल ी एम.उदयकुमार एआईएडीएमके
444. इरोड ी एस. से ाकुमार िच ैयन एआईएडीएमके

445. क ाकु रची डॉ. के. कामराज एआईएडीएमके


446. कां चीपुरम(अ.जा.) ीमती के. मरगथम एआईएडीएमके
447. क ाकुमारी ी पोन राधाकृ न भारतीय जनता पाट
448. क र डॉ. एम. तंिबदु रै एआईएडीएमके
449. कृ ािग र ी के. अशोक कुमार एआईएडीएमके
450. मदु रै ी आर. गोपालकृ न एआईएडीएमके
451. मइलादु थुरई ी आर.के. भारती मोहन एआईएडीएमके
452. नागापि नम(अ.जा.) डॉ. के. गोपाल एआईएडीएमके
453. नामा ल ी पी.आर. सुंदरम एआईएडीएमके
454. नीलिग र( अ.जा.) ी गोपालकृ न िच ाराज एआईएडीएमके
455. पैर लुर ी आर.पी. म दराजा एआईएडीएमके
456. पो ाची ी सी. मह न एआईएडीएमके
457. रामनाथपुरम ी अनवर राज़ा एआईएडीएमके
458. सेलम ी वी. प ीर से म एआईएडीएमके
459. िशवगंगा ी पी.आर सेनिथलनाथन एआईएडीएमके
460. ीप ुदूर ी कृ न नारायणसामी रामचं न एआईएडीएमके
461. तेनकासी(अ.जा.) ीमती एम. वसंती एआईएडीएमके
462. तंजावूर ी परसुरमन के. एआईएडीएमके
463. थेनी ी आर. पािथपन एआईएडीएमके
464. थूथु ु डी एडवोकेट जे.जे.टी. न ज एआईएडीएमके
465. ित िचराप ी ी पी. कुमार एआईएडीएमके
466. ित नेलवेली ी के.आर.पी. भाकरन एआईएडीएमके
467. ित ुर ीमती वी.स बामा एआईएडीएमके
468. ित व ूर( अ.जा.) डॉ. पो ुसामी वेणुगोपाल एआईएडीएमके
469. ित व ामलाई ीमती आर. वनरोजा एआईएडीएमके
470. वे ौर ी बी. सेनगुटु् टवन एआईएडीएमके
471. िवलुपुरम( अ.जा.) ी एस. राज न एआईएडीएमके
472. िव धुनगर ी टी. राधाकृ न एआईएडीएमके

तेलंगाना ( 17 )
473. आिदलाबाद(अ.ज.जा.) ी नागेश गोडम ते.रा.स.
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474. भोंगीर डॉ. बूरा नरसै ा गौड ते.रा.स.


475. चेवे ा ी कु ा िव े र रे ी ते.रा.स.
476. है दराबाद ी असादु ीन ओवैसी एआईएमआईएम
477. करीमनगर ी िवनोद कुमार बोइनाप ी ते.रा.स.
478. ख म ी पोंगुलेिट ीिनवास रे ी वाईएसआर कां ेस पाट
479. महबूबाबाद डॉ. ( ो.) अजमीरा सीताराम ते.रा.स.
नायक
480. महबूबनगर ी ए.पी. िजते रे ी ते.रा.स.
481. म ाजिग र ी चा. म ा रे ी तेलुगू दे शम पाट
482. मेडक ी कोथा भाकर रे ी ते.रा.स.
483. नगरकुरनूल( अ.जा.) ी न ी ये ईया भारतीय रा ीय कां ेस
484. नालगौंडा ी सुक रे ी गु ा भारतीय रा ीय कां ेस
485. िनजामाबाद ीमती किवता क कुंतला ते.रा.स.
486. पे ाप े (अ.जा.) ी बलका सुमन ते.रा.स.
487. िसक राबाद ी बंडा द ा ेय भारतीय जनता पाट
488. वारं गल ी पसुनूरी दयाकर ते.रा.स.
489. ज़ाहीराबाद ी भीमराव बसवंतराव पाटील ते.रा.स.

ि पुरा (2)
490. ि पुरा पूव (अ.ज.जा.) ी िजते चौधरी भारतीय क ुिन पाट (मा)
491. ि पुरा पि म ी शंकर साद द ा भा.क.पा. (मा.)

दादर और नगर हवेली (1)


492. दादर और नागर हवेली( ी नट्ू टभाई गोमनभाई पटे ल भारतीय जनता पाट
अ.ज.जा.)

नगालड (1)
493. नगालड ी तोखेहो एनडीपीपी

राज थान ( 25 )
494. बां सवाड़ा( अ.ज.जा.) ी मानशंकर िननामा भारतीय जनता पाट
495. बाड़मेर कनल सोना राम चौधरी वीएसएम भारतीय जनता पाट
(सेवािनवृ )
496. भरतपुर (अ.जा.) ी बहादु र िसंह कोली भारतीय जनता पाट
497. भीलवाड़ा ी सुभाष च बहे िड़या भारतीय जनता पाट
498. बीकानेर( अ.जा.) ी अजुन राम मेघवाल भारतीय जनता पाट
499. िच ौड़गढ़ ी सी.पी. जोशी भारतीय जनता पाट
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500. चु ी रा ल क ां भारतीय जनता पाट


501. दौसा( अ.ज.जा.) ी हरीश च मीणा भारतीय रा ीय कां ेस
502. गंगानगर( अ.जा.) ी िनहाल चं चौहान भारतीय जनता पाट
503. जयपुर ी रामचरण बोहरा भारतीय जनता पाट
504. जयपुर ामीण कनल रा वधन िसंह राठौर भारतीय जनता पाट
505. जालौर ी दे वजी मानिसंहराम पटे ल भारतीय जनता पाट
506. झालावाड़-बारां ी दु ंत िसंह भारतीय जनता पाट
507. झुंझुनू ीमती संतोष अहलावत भारतीय जनता पाट
508. जोधपुर ी गजे िसंह शेखावत भारतीय जनता पाट
509. करौली-धौलपुर(अ.जा.) डॉ. मनोज राजो रया भारतीय जनता पाट
510. कोटा ी ओम िबरला भारतीय जनता पाट
511. नागौर ी सी.आर. चौधरी भारतीय जनता पाट
512. पाली ी पी.पी. चौधरी भारतीय जनता पाट
513. राजसमंद ी ह रओम िसंह राठौड़ भारतीय जनता पाट
514. सीकर ी सुमेधानंद सर ती भारतीय जनता पाट
515. टोंक-सवाई माधोपुर ी सुखबीर िसंह जौनपु रया भारतीय जनता पाट
516. उदयपुर ी अजुनलाल मीणा भारतीय जनता पाट
517. अजमेर डॉ. रघु शमा भारतीय रा ीय कां ेस
518. अलवर डॉ. करण िसंह यादव भारतीय रा ीय कां ेस

रा ीय राजधानी े िद ी (7)
519. चां दनी चौक डॉ. हषवधन भारतीय जनता पाट
520. पूव िद ी ी महे श िगरी भारतीय जनता पाट
521. नई िद ी ीमती मीना ी लेखी भारतीय जनता पाट
522. उ र-पूव िद ी ी मनोज कुमार ितवारी भारतीय जनता पाट
523. उ र-पि म िद ी डॉ. उिदत राज भारतीय जनता पाट
(अ.जा.)
524. दि ण िद ी ी रमेश िबधूड़ी भारतीय जनता पाट
525. पि म िद ी ी वेश सािहब िसंह भारतीय जनता पाट

िस म(1)
526. िस म ी ेम दास राई िस म डे मो े िटक ं ट

ल ीप (1)
527. ल ीप( अ.ज.जा.) ी फैजल पी.पी. मोह द रा वादी कां ेस पाट

िहमाचल दे श (4)
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528. हमीरपुर ी अनुराग िसंह ठाकुर भारतीय जनता पाट


529. कां गड़ा ी शां ता कुमार भारतीय जनता पाट
530. मंडी ी राम प शमा भारतीय जनता पाट
531. िशमला(अ.जा.) ी वीरे क प भारतीय जनता पाट

ह रयाणा ( 10 )
532. अंबाला( अ.जा.) ी र लाल कटा रया भारतीय जनता पाट
533. िभवानी-मह गढ़ ी धमवीर िसंह भारतीय जनता पाट
534. फरीदाबाद ी कृ पाल गूजर भारतीय जनता पाट

535. गु ाम ी राव इं जीत िसंह भारतीय जनता पाट


536. िहसार ी दु ंत चौटाला इं िडयन नेशनल लोकदल
537. करनाल ी अि नी कुमार भारतीय जनता पाट
538. कु े ी राज कुमार सैनी भारतीय जनता पाट
539. रोहतक ी दीपे िसंह ा भारतीय रा ीय कां ेस
540. िसरसा( अ.जा.) ी चरणजीत िसंह रोड़ी इं िडयन नेशनल लोकदल
541. सोनीपत ी रमेश च कौिशक भारतीय जनता पाट

अंडमान और िनकोबार ीप समूह (1)


542. अंडमान और िनकोबार ी िव ु पद राय भारतीय जनता पाट
ीपसमूह

दमन और दीव ( 1 )
543. दमन और दीव ी लालूभाई बाबूभाई पटे ल भारतीय जनता पाट

नािमत (2)
544. ी बेकर जॉज नािमत एं ो-इं िडयन (प. बंगाल) भारतीय जनता पाट
545. ो. हे . रचड नािमत एं ो-इं िडयन (केरल) भारतीय जनता पाट
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एक भारत े भारत
वािषक संदभ ंथ भारत 2019, िविभ े ों म दे श की गित को दशाने वाला वृहद सं ह है इसम गां वों से
लेकर शहरों तक, उ ोग से लेकर बुिनयादी ढां चे तक, िव ान तथा ौ ोिगकी से लेकर कला तथा सं ृ ित
तक, अथ व था, ा तथा र ा से लेकर िश ा और जनसंचार तक, िवकास के सभी पहलुओं की
जानकारी दी गई है
सामा ान, ताजा घटनाओं, खेलों तथा मह पूण आयोजनों के बारे म इसके खंड िव ृत जानकारी से
ओत- ोत ह और पाठकों की पहली पसंद है त ों और आं कड़ों की ामािणकता के कारण यह पु क
िव ािथयों, शोधकताओं और िश ािवदों के िलए ब त उपयोगी है
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पादलेख

1. भारत भूिम और उसके िनवासी

1 अनं ितम-आं कड़े

3. राजनीितक संरचना

1 मं ालय/िवभागों की सू ची समय-समय पर सं शोिधत कामकाज़ आवं टन िनयम, 1961 म दी गई सू चना पर आधा रत है और


कैिबनेट

32. सामा सूचना

1 ोतः http://mha.nic.in/sites/upload_files/mha files/table_of_precedence.pdf


2 ोतः भारत के रा पित की वेबसाइट : http://presidentofindia.nic.in
3 ोतः भारत के उप-रा पित की वेबसाइट : http://vicepresidentofindia.nic.in
4 ोत : धानमं ी कायालय की वेबसाइट : http://pmindia.nic.in
5 ोत : भारत के सव ायालय की वेबसाइट : http://supremecourtofindia.nic.in
6 ोत : भारतीय चुनाव आयोग की वेबसाइट : http://eci.nic.in
7 ोत : कैिबनेट सिचवालय की वेबसाइट : http://cabsec.nic.in
8 ोतः यूपीएससी की वािषक रपोट 2009-10, प रिश -44

प रिश

1 ोत : कैिबनेट सिचवालय की वेबसाइट : : www.cabsec.nic.in/council-ministerofstatephp,


2 ोत : कैिबनेट सिचवालय की वेबसाइट : www.cabsec.nic.in/council-ministerofstate.php,
3 ोत : कैिबनेट सिचवालय की वेबसाइट : www.cabsec.nic.in/council_ministerofstate.php,
4 ोत : http://rajyasabha.nic.in
5 ोत : http://loksabha.nic.in
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