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वसीयतनामा

मैं श्रीमती चांदबी अब्दुल रहीम शेख, उम्र – ५९ साल, निवासी मानक संख्या प्लॉट नं. ४, वर्ड नंबर : ५,
आराधना को – ऑप, हाउसिंग सोसा. लि. नागपूर इस लेख पत्र को अपनी अंतिम वसीयत के रूप मे अपने स्वस्थचित एवं
पूर्ण होशहवास मे बिना किसी दबाव के एतदद्वारा लिखती हूँ और घोषित करती हूँ।
संपत्ति का वर्णन
मौजा नरसाळा, प.ह.नं. ३७, वार्ड नं. ४, ग्राम पंचायत नरसाळा, तह. नागपूर ग्रामीण, जि.नागपूर तह नागपूर
ग्रामीण, जि. नागपूर खसरा नंबर १९६ जो आराधना को – ऑप, हाउसिंग सोसा. लि. नागपूर इस संस्था के ले – आउट
मे प्लॉट नं. ४ जिसकी लंबाई उत्तर – दक्षिण ५० फिट व चौड़ाई पूर्व – पश्चिम ३० फिट जिसका एरिया १५०० चौरस
फिट हैं।
यहाकी चतुःसीमा इस प्रकार हैं
पूर्व : प्लॉट नं. ५
पश्चिम : प्लॉट नं. ३
उत्तर : ले-आउट
दक्षिण : २५ फिट रोड.
मेरी संपत्ति जिसका निष्पादन उक्त वसीयत द्वारा किया जा रहा हैं उसकी मैं एकमात्र स्वामी हूँ व उसके निष्पादन
की मुझे पूर्ण अधिकार हैं। जीवन का कोई भरोसा नहीं हैं अतः मैं चाहता हूँ की मेरी मृत्यु के बाद मेरी उक्त संपत्ति के
उत्तराधिकार के बारे मे किसी प्रकार का विवाद न हो इसीलिए मेरे जीवन काल मे ही वसीयत द्वारा संपत्ति का निष्पादन
करती हूँ। मेरे जीवन काल मे मेरी उक्त संपत्ति की मैं स्वयं मालिक व काबिज रहूँगी तथा किसी भी प्रकार से उपयोग व
उपभोग कर सकूँ गा। मेरी मृत्यु के बाद संपत्ति के निम्ननुसार उत्तराधिकारी मालिक होंगे।
मेरे पति की मृत्यु ११.११.२०२० को हुई हैं । उनके पश्चात मेरी २ बेटियाँ एवं २ बेटे हैं जिनके नाम.
1. फरजाना शेख उम्र : ३५ साल
2. शबाना शेख उम्र : ३२ साल
3. रहेमान शेख उम्र : ३० साल
4. रिजवान शेख उम्र : २८ साल
मेरी बड़ी बेटी जिसका नाम फरजाना शेख उम्र : ३५ साल हैं वो मेरे साथ ऊपर दिए गए संपत्ति मे रहती
हैं और मेरे साथ मेरा छोटा बेटा रिजवान शेख उम्र २८ साल राहत हैं। मेरी देखभाल वो करता हैं। उसी जगह मे
मेरा बड़ा बेटा रहेमान शेख उम्र ३० साल अपनी बीवी और २ बच्चों के साथ राहेता हैं। एवं मेरी छोटी बेटी शाबना
शेख उम्र ३२ साल शादी के बाद भोपाल मे अपने शोहर के साथ खुशी से जिंदगी बीता रही हैं।
मेरी उक्त संपत्ति का मैं जबतक हु तबतक सिर्फ मेरा हक रहेगा, उस संपत्ति को बेचने का, किराए से देने
का, तोफा पत्र बनानेका अधिकार मुझे रहेगा। अतः मेरी मौत के बाद उक्त संपत्ति के ३ हिस्से होंगे जो की २०%
मेरी दो बेटियाँ और बचे हुए ८०% मे बड़े बेटे को ४०% और छोटे बेटे को ४०% प्रतिशत मे दिया जाएगा यह
मेरी आखिरी ख्वाईश हैं और मैंने मेरे जीवन काल मे इसके अलावा एक भी वसीयतनाम कहीभी लिख कर रखा
नहीं हैं। और ऐसा कोई वसीयतनाम कोई व्यक्ति सामने लता हैं तो उसे कायदेसे अमान्य समझा जाएगा।
अतएव उपरोक्त के साक्ष्य स्वरूप मैंने बिना किसी दबाव के तथा अपने पूर्ण होशहोवास में निम्नलिखित
दो गवाहों के समक्ष हस्ताक्षर किए हैं।
यह वसीयत श्री. एडवोके ट गौरव चंद्रशेखर खोंड इन्होंने बनाई हैं।
गौरव चंद्रशेखर खोंड

हस्ताक्षर वसीयतकर्ता
श्रीमती चांदबी अब्दुल रहीम शेख

साक्षिगण

1. सलीम खान

2.

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