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Economy Survey 2019 Chapter 3
Economy Survey 2019 Chapter 3
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PRO-BUSINESS VS PRO-CRONY
भारत की 5 िटिलयन अमे िरकी डॉलर की अथ यव था बनने की आकां ा बाज़ार समथक नीितय को बढ़ावा दे ने
पर िनभर करती है जो एक ओर धन सृ जन के िलये ित प ी बाज़ार की शि त को छट ू दे ना चाहती है , वहीं
ू री ओर उन यापार समथक नीितय से दरू रहती है िजससे िनजी िहत , िवशे षकर शि तशाली कारोबारी
दस
घरान को बढ़ावा िमल सकता है ।
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वष 1996 के बाद ससे स म ते ज़ी आने के साथ-साथ जहाँ फमों की िविवधता म वृ ि हुई, वहीं फमों के
े ीय संकदण म कमी दे खी गई जो रचना मक िव वंस को दशाता है । िव ीय और सूचना ौ ोिगकी
े जो िक 1990 के दशक के ससे स म लगभग नग य थे , आज ससे स म 50% से अिधक बाज़ार
िह से दारी के िलये िज़ मे दार ह।
वतमान म ससे स म न केवल बड़ी सं या म िविभ न े शािमल ह बि क कंपिनय के आकार के सं बंध
म भी अब यह अिधक लोकतां ि क हुआ है । वष 1991 म बाज़ार पूँजीकरण के सं बंध म सूचकांक म
शािमल बड़ी फम छोटी फमों से लगभग 100 गु ना बड़ी थी, दस वषों बाद यह अनु पात घटकर 75 रह
गया है , जबिक वष 2018 म यह अनु पात घटकर मा 12 रह गया।
भारतीय अथ यव था म उदारीकरण के बाद रचना मक िव वंस जै सी शि तय के कारण िव ीय और
सूचना ौ ोिगकी जै से नए े का उदय हआ ु ।
1990 के दशक की शु आत म ससे स म िविभ न े जैसे- िव ीय एवं सूचना ौ ोिगकी की
िह से दारी लगभग न के बराबर थी िकंतु कुल बाज़ार पूंजीकरण म इन े की िह से दारी िपछले कुछ
वषों म बढ़ी (लगभग 50%) है । बाज़ार पूंजीकरण म बढ़ती िह से दारी कंपिनय के आकार म वृ ि के
बजाय उनकी सं या म वृ ि के कारण हुई है ।
रचना मक िव वं स बाज़ार म नवाचार लाता है जो लोग को पु रानी तकनीक की अपे ा बे हतर से वाएँ
दे ता है । यह बाज़ार म नए फमों के आगमन का माग श त करता है जो मौजूदा फमों के साथ
ित प ा करते ह और उपभो ताओं को लाभ पहच ु ँ ाने के िलये कीमत म कमी लाते ह। यह बाज़ार म
ऐसी गितशीलता लाता है िजससे फम िनरं तर सतक रहते हुए उपभो ताओं को बेहतर सेवाएँ दे ने के म म
बाज़ार पर नज़र रखती ह।
इस कार सबसे बड़ी और सबसे छोटी फम के आकार के बीच अं तर म ते ज़ी से कमी आ रही है ,
पिरणाम व प अथ यव था म फमोंके एकािधकार की शि त घट रही है और अिधक ित प ी बाज़ार
के िलये नए रा ते बन रहे ह।
प पातवाद और धन की बबादी
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सव ण ारा उपयोग िकये गए संबिं धत पाटी ले न-दे न (RPT):
सं बंिधत प से पूंजीगत व तु ओं/उपकरण को खरीदने के िलये ।
सं बंिधत प को भु गतान िकये गए पिरचालन खच के िलये ।
संबंिधत प ों से पिरचालन आय के िलये ।
ये तीन RPT पूववती तीन वषों की तु लना म सिमित-आधािरत आवं टन के मा यम से कोयला लॉक की
ाि त के बाद तीन वष की अविध म एक उ ले खनीय वृ ि िदखाते ह। नीलामी आधािरत आवं टन के
मामले म ऐसी कोई वृ ि नहीं दे खी गई है ।
सं बंिधत पाटी ले न-दे न (RTP) के अ य तीन मु य कार जै से- पूंजीगत िब ी, िलये एवं िदये गए ऋण
तथा अिगम दे य सिमित आधािरत आवं टन के मामले म कोई िवशे ष वृ ि नहीं िदखाते ह।
RPT के साथ गै र-सूचीब /िवदे शी सं थाएँ और संबंिधत पाटी िज ह अं तरा टीय तर पर मा यता
ा त है, को टै स है वन के प म पहचाना गया है । गै र-सूचीब /िवदे शी सं थाएँ या तो यि तगत या
गै र-सूचीब घरे लू उ म या िवदे शी े ािधकार म शािमल उ म ह।
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भारतीय अथ यव था म वष 2018 तक िवलफुल िडफा टस पर ऋणदाताओं का लगभग 1.4 लाख करोड़
पए बकाया है । यह बकाया रािश वा य, िश ा और सामािजक सु र ा की आबं टन रािश का दोगु ना
तथा मनरे गा को आबं िटत रािश का लगभग तीन गु ना है । ये िडफा टर कई े म फैले हुए है िजनम से
िविनमाण फमों की िह से दारी सबसे अिधक है ।
भारत म िवलफुल िडफा टस की तीन िविश ट िवशे षताएँ िदखाई दे ती ह।
िवलफुल िडफा टस गै र-िडफा टस और फम जो वा तिवक सं कट से गिसत ह, दोन की तु लना म
अिधक अपारदशी होते ह।
इरादतन चूकक ा फमों(Wilful Defaulting Firms) के मोटस अपनी पूंजी (शे यर) का
लगभग 50% ऋणदाताओं के पास िगरवी रख दे ते ह। इसके िवपरीत चूकक ाओं और गै र-
इरादतन चूकक ा मशः 30% और 11% ही रखते ह। हालाँ िक िवकिसत अथ यव थाओं म भी
शे यर का िगरवी रखना चिलत है िकंतु भारत म इसने अजीबो-गरीब प ले िलया है ।
िवलफुल िडफा टस सं बंिधत प को बड़े कज दे ते ह। सं कटग त चूकक ाओं (Distress
Defaulters) और गै र-चूकक ाओं (Non-Defaulters) सं बंिधत प को िदये गए ऋण का
बकाया शे ष नकारा मक होता है िजसका ता पय यह है िक नमूने म औसत फम सं बंिधत प के
ऋण की िनवल ा तक ा होती है । दस ू री तरफ इरादतन चूकक ा िनवल ऋण दानक ा होता
है ।
िन कष:
इस कार एक ओर जहाँ यापार समथक नीितयाँ ित प ा को बढ़ाती ह, बाज़ार िवफलता की ि थित को
ू री ओर प पातवादी नीितयाँ बाज़ार
ठीक करती है और यापािरक जवाबदे ही का समथन करती ह, वहीं दस
को नु कसान पहचु ँ ाती ह। अतः अिधक बाज़ार अनु कूल और कम यवसाय अनु कूल होने के िलये सरकार
को राजने ताओं और यापािरय के गठजोड़ पर लगाम लगनी चािहये ।
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