You are on page 1of 5

अ याय-3 (Vol-1)

drishtiias.com/hindi/printpdf/economy-survey-2019-chapter-3

यापार समथक बनाम प पातवाद

PRO-BUSINESS VS PRO-CRONY
भारत की 5 िटिलयन अमे िरकी डॉलर की अथ यव था बनने की आकां ा बाज़ार समथक नीितय को बढ़ावा दे ने
पर िनभर करती है जो एक ओर धन सृ जन के िलये ित प ी बाज़ार की शि त को छट ू दे ना चाहती है , वहीं
ू री ओर उन यापार समथक नीितय से दरू रहती है िजससे िनजी िहत , िवशे षकर शि तशाली कारोबारी
दस
घरान को बढ़ावा िमल सकता है ।

यापार समथक, रचना मक िव वंस और धन सृजन

(PRO-BUSINESS, CREATIVE DESTRUCTION AND WEALTH


CREATION):
वष 1991 म भारतीय अथ यव था के उदारीकरण के बाद ित प ी बाज़ार को खु ली छट ू िमल गई
िजससे रचना मक िव वंस करने वाली शि तयाँ सि य हो गई।
उदारीकरण के बाद ससे स म ते ज़ी से बढ़ो री हुई। जहाँ वष 1999 म ससे स को 5000 अं क तक
पहुँचने म 13 वष लग गए, वहीं अगले 5000 की ऊँचाई को छन ू े म लगने वाले समय म ते ज़ी से कमी
आई।
बाज़ार समथक नीित एवं रचना मक िव वं स के बीच सं बंध को ससे स की सं रचना से दशाया जाता है ।
वष 1986 म ससे स की शु आत के बाद वष 1996 तक ससे स सूचकांक के तहत पं जीकृत फमों
म शायद ही कोई बदलाव आया हो जो भारतीय अथ यव था म ि थरता की ि थित को कट करता
है ।
वष 1991 म उदारीकरण के बाद नई फमों, नए िवचार , नई ौ ोिगिकय और नई चालन
ि याओं का तीव गित से आगमन हुआ िजसके कारण वष 1996 म ससे स म ते ज़ी आई।
वष 1996 के बाद ये क 5 वषों म सूचकां क से लगभग एक-ितहाई फम ित थािपत हो गई।

1/5
वष 1996 के बाद ससे स म ते ज़ी आने के साथ-साथ जहाँ फमों की िविवधता म वृ ि हुई, वहीं फमों के
े ीय संकदण म कमी दे खी गई जो रचना मक िव वंस को दशाता है । िव ीय और सूचना ौ ोिगकी
े जो िक 1990 के दशक के ससे स म लगभग नग य थे , आज ससे स म 50% से अिधक बाज़ार
िह से दारी के िलये िज़ मे दार ह।
वतमान म ससे स म न केवल बड़ी सं या म िविभ न े शािमल ह बि क कंपिनय के आकार के सं बंध
म भी अब यह अिधक लोकतां ि क हुआ है । वष 1991 म बाज़ार पूँजीकरण के सं बंध म सूचकांक म
शािमल बड़ी फम छोटी फमों से लगभग 100 गु ना बड़ी थी, दस वषों बाद यह अनु पात घटकर 75 रह
गया है , जबिक वष 2018 म यह अनु पात घटकर मा 12 रह गया।
भारतीय अथ यव था म उदारीकरण के बाद रचना मक िव वंस जै सी शि तय के कारण िव ीय और
सूचना ौ ोिगकी जै से नए े का उदय हआ ु ।
1990 के दशक की शु आत म ससे स म िविभ न े जैसे- िव ीय एवं सूचना ौ ोिगकी की
िह से दारी लगभग न के बराबर थी िकंतु कुल बाज़ार पूंजीकरण म इन े की िह से दारी िपछले कुछ
वषों म बढ़ी (लगभग 50%) है । बाज़ार पूंजीकरण म बढ़ती िह से दारी कंपिनय के आकार म वृ ि के
बजाय उनकी सं या म वृ ि के कारण हुई है ।
रचना मक िव वं स बाज़ार म नवाचार लाता है जो लोग को पु रानी तकनीक की अपे ा बे हतर से वाएँ
दे ता है । यह बाज़ार म नए फमों के आगमन का माग श त करता है जो मौजूदा फमों के साथ
ित प ा करते ह और उपभो ताओं को लाभ पहच ु ँ ाने के िलये कीमत म कमी लाते ह। यह बाज़ार म
ऐसी गितशीलता लाता है िजससे फम िनरं तर सतक रहते हुए उपभो ताओं को बेहतर सेवाएँ दे ने के म म
बाज़ार पर नज़र रखती ह।
इस कार सबसे बड़ी और सबसे छोटी फम के आकार के बीच अं तर म ते ज़ी से कमी आ रही है ,
पिरणाम व प अथ यव था म फमोंके एकािधकार की शि त घट रही है और अिधक ित प ी बाज़ार
के िलये नए रा ते बन रहे ह।

प पातवाद और धन की बबादी

(PRO-CRONY AND WEALTH DESTRUCTION):


बाज़ारवादी नीितयों के िवपरीत प पातवादी नीितयों से अथ यव था म धन का रण होता है योंिक
प पातवादी नीितयों से रचना मक िव वंस की ि या क जाती है ।
2/5
सव ण म 75 भारतीय फमोंके टॉक माकट इं डे स को कािशत िकया गया है िज ह ‘कने टे ड’
(Connected) के प म पिरभािषत िकया गया है । ये ॉ सी फम प पातवादी नीितय से लाभ उठा
सकती ह।
वष 2010 से पहले यिद िकसी फम के वतक के राजनीितक सं पक होते थे तो उस फम और उसके
शे यरधारक को प ट लाभ ा त होता था। उदाहरण के तौर पर वष 2010 म िनयं क एवं महाले खा
परी क की 2जी पे टम आवं टन पर ले खा परी ा िरपोट म उन िनजी कंपिनय की सूची दान की गई,
िज ह 2जी पे टम आवं टन म लाभ पहुँचाया गया था।
यह प पातवादी दृि टकोण बाज़ारवादी नीितय की तु लना म िविभ न कार की अ य लागत
का कारक बनता है य िक जब लोग के पास अनु िचत तरीके से लाभ कमाने के अवसर मौजूद ह तो
फम ित प ा एवं नवाचार के ज़िरये िवकास करने के बजाय राजनीितक पै ठ का सहारा ले ने लगती
ह। अतः इससे अथ यव था म धन सृ जन करने की मता पर ितकू ल भाव पड़ता है ।
इसके अलावा प पातवादी नीितय के कारण ईमानदार िबज़ने समै न एवं आम नागिरक को नु कसान
होता है िजससे अथ यव था म आय असमानता बढ़ती है य िक कने टे ड फम उपल ध सं पि का
िव तार करने के बजाय मौजूदा संपि को हड़पने के िलये अपनी राजनीितक पै ठ का इ तेमाल
करती ह।

नीलािमयों के मा यम से आवंटन की तुलना म ाकृितक संसाधनों का मनमाना आवंटन

(DISCRETIONARY ALLOCATION OF NATURAL RESOURCES


VIS-À-VIS ALLOCATION VIA AUCTIONS):
इस सव ण म कोयला लॉक के सं दभ म नीलािमय के मा यम से आवं टन की तु लना म ाकृितक
सं साधन का मनमाना आवंटन को लेकर एक िव ले षणा मक अ ययन िकया गया है य िक भारत म
संयु त रा य अमे िरका, स, चीन और ऑ टे िलया के बाद कोयले का पाँ चवा सबसे बड़ा िरज़व भं डार है ।
कोयला भारत के िलये मह वपूण ऊजा ोत है और इससे भारत की लगभग आधी से अिधक ऊजा
आव यकताएँ पूरी होती ह।
वष 1993 से पहले आब खान के आवं टन के िलये कोई िविश ट मानदं ड मौजूद नहीं थे । जून 1993 म
कोल माइं स (रा टीयकरण) अिधिनयम, 1973 (Coal Mines (Nationalisation) Act, 1973) म िकए
गए सं शोधन ने िनजी कंपिनय को आब उपयोग के िलये कोयला खनन करने की अनु मित दान की।
वतमान म कोयला खदान का आवं टन कोयला खान (िवशे ष ावधान) अिधिनयम, 2015 (Coal Mines
(Special Provisions) Act, 2015) के तहत िकया जाता है । इस अिधिनयम ने यह सु िनि चत िकया िक
भिव य म कोयला लॉक का आवं टन पूरी तरह से ित प ी नीलामी ि या के मा यम से होगा।

ाकृितक संसाधनों के िववे काधीन आवंटन म संबंिधत पाटी ले न-दे न का उपयोग

(Use of Related Party Transactions in Discretionary Allotment


of Natural Resources):
सं बंिधत पाटी ले न-दे न (Related Party Transactions- RPT)- सं बंिधत पाटी ले न-दे न दो प के
बीच एक सौदा या यव था है जो पहले से मौजूद यापार संबंध या सामा य िहत के कारण शािमल होते ह।

3/5
सव ण ारा उपयोग िकये गए संबिं धत पाटी ले न-दे न (RPT):
सं बंिधत प से पूंजीगत व तु ओं/उपकरण को खरीदने के िलये ।
सं बंिधत प को भु गतान िकये गए पिरचालन खच के िलये ।
संबंिधत प ों से पिरचालन आय के िलये ।
ये तीन RPT पूववती तीन वषों की तु लना म सिमित-आधािरत आवं टन के मा यम से कोयला लॉक की
ाि त के बाद तीन वष की अविध म एक उ ले खनीय वृ ि िदखाते ह। नीलामी आधािरत आवं टन के
मामले म ऐसी कोई वृ ि नहीं दे खी गई है ।
सं बंिधत पाटी ले न-दे न (RTP) के अ य तीन मु य कार जै से- पूंजीगत िब ी, िलये एवं िदये गए ऋण
तथा अिगम दे य सिमित आधािरत आवं टन के मामले म कोई िवशे ष वृ ि नहीं िदखाते ह।
RPT के साथ गै र-सूचीब /िवदे शी सं थाएँ और संबंिधत पाटी िज ह अं तरा टीय तर पर मा यता
ा त है, को टै स है वन के प म पहचाना गया है । गै र-सूचीब /िवदे शी सं थाएँ या तो यि तगत या
गै र-सूचीब घरे लू उ म या िवदे शी े ािधकार म शािमल उ म ह।

िनदे शक मु आवजा और परामश यय

(Director Compensation and Consulting Expenses):


िनदे शक का कमीशन, अनु लाभ या अ य सु िवधाएँ और परामश शु क जै से एकमु त भु गतान िववे काधीन
आवं टन से बढ़ जाते ह। जबिक नीलामी के सं दभ म इस कार की कोई वृ ि नहीं होती है । वा तव म
आँ कड़ से ात हुआ है िक नीलामी आधािरत आवं टन के बाद िनदे शक के वे तन म कमी आई है ।
वष 1993 से वष 2011 तक सिमित आधािरत आवं टन ा त करने वाली फमों की बाज़ार िह से दारी म
िववे काधीन आवं टन के बावजूद िनरं तर िगरावट आई है िजससे डच यािध (Dutch Disease) की
सं भावना बढ़ जाती है ।

डच यािध (Dutch Disease):


िकसी भी अथ यव था म डच यािध की ि थित तब बनती है जब िकसी फम को मु त संसाधन िमलने
पर वह उ ह उ पादक गितिविधयों की बजाय अ यािशत लाभ ा त करने के माग तलाशने म लगाती
है ।

जोिखम रिहत ितफल: िवलफुल िडफा टर का मामला

(Riskless Returns: The Case of Wilful Default):


RBI िवलफुल िडफा टर को ऐसी फम के प म पिरभािषत करती है जो अपनी दे यताओं को पूरा करने की
मता होते हुए भी अपने पु नभु गतान दे यताओं को पूरा करने म चूक करती है ।
िकसी फम को िवलफुल िडफा टर तब कहा जा सकता है यिद वह अपनी िनिधय का उपयोग उन उ े य
से इतर िकसी अ य उ े य के िलये करती है िजसके िलये ऋणदाता ने उसे ऋण वीकृत िकया हो।

4/5
भारतीय अथ यव था म वष 2018 तक िवलफुल िडफा टस पर ऋणदाताओं का लगभग 1.4 लाख करोड़
पए बकाया है । यह बकाया रािश वा य, िश ा और सामािजक सु र ा की आबं टन रािश का दोगु ना
तथा मनरे गा को आबं िटत रािश का लगभग तीन गु ना है । ये िडफा टर कई े म फैले हुए है िजनम से
िविनमाण फमों की िह से दारी सबसे अिधक है ।
भारत म िवलफुल िडफा टस की तीन िविश ट िवशे षताएँ िदखाई दे ती ह।
िवलफुल िडफा टस गै र-िडफा टस और फम जो वा तिवक सं कट से गिसत ह, दोन की तु लना म
अिधक अपारदशी होते ह।
इरादतन चूकक ा फमों(Wilful Defaulting Firms) के मोटस अपनी पूंजी (शे यर) का
लगभग 50% ऋणदाताओं के पास िगरवी रख दे ते ह। इसके िवपरीत चूकक ाओं और गै र-
इरादतन चूकक ा मशः 30% और 11% ही रखते ह। हालाँ िक िवकिसत अथ यव थाओं म भी
शे यर का िगरवी रखना चिलत है िकंतु भारत म इसने अजीबो-गरीब प ले िलया है ।
िवलफुल िडफा टस सं बंिधत प को बड़े कज दे ते ह। सं कटग त चूकक ाओं (Distress
Defaulters) और गै र-चूकक ाओं (Non-Defaulters) सं बंिधत प को िदये गए ऋण का
बकाया शे ष नकारा मक होता है िजसका ता पय यह है िक नमूने म औसत फम सं बंिधत प के
ऋण की िनवल ा तक ा होती है । दस ू री तरफ इरादतन चूकक ा िनवल ऋण दानक ा होता
है ।

िन कष:
इस कार एक ओर जहाँ यापार समथक नीितयाँ ित प ा को बढ़ाती ह, बाज़ार िवफलता की ि थित को
ू री ओर प पातवादी नीितयाँ बाज़ार
ठीक करती है और यापािरक जवाबदे ही का समथन करती ह, वहीं दस
को नु कसान पहचु ँ ाती ह। अतः अिधक बाज़ार अनु कूल और कम यवसाय अनु कूल होने के िलये सरकार
को राजने ताओं और यापािरय के गठजोड़ पर लगाम लगनी चािहये ।

5/5

You might also like