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Criminal Bills
Criminal Bills
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आज के तीि निल
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कोलोनियल नलगेसी
• कािूिी प्रनिया, दं ि नविाि प्रनिया पर ‘कोलोनियल’ छाप है ...
• जब 160 वर्ष पिले निनिशों के कािूि
खजािे की रक्षा थी
o भारत के आम जि के मािवानिकारों से इम्पोिे न्ट ब्रिब्रिश शासन
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• IPC, CrPC और इं नियि एनविें स एक्ट, की जनिल प्रनियाओं के कारण
o िमारी व्यवस्था लम्बित मामलों से ओवर-ििष िि हैं ,
o न्याय नमलिे में अत्यनिक नवलम्ि होता है तथा
o कम्बिक्शि रे ि काफी कम है ,
o जेलों में Overcrowding की समस्या है ,
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पूवष में सुिारों की नसफाररशे
• भारत के नवनि आयोग िे अपिी नवनभन्ि ररपोिों में संशोधन की
नसफाररश की है ।
o 05 न्यानयक अकादनमयों,
o 22 ब्रवब्रध ब्रवश्वब्रवद्याियों और
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• भारतीय न्याय संनिता-
o इसमें 356 िाराएं होंगी (IPC की 511 धाराओं के स्थान पर)
o कुि 175 िाराओं में िदलाव हुआ है ,
एिर े स, फोि िंिर अथवा ऐसा कोई अन्य नववरर् रखा जाएगा।
• इिेक्ट्राब्रनक माध्यम से भेजे गए सम्मन को नवनिवत प्रेनर्त सिि
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सचष और जब्ती
• पुब्रिस द्वारा सचष और जब्ती की कायषवािी करिे के नलए भी
िे क्नोलॉजी का उपयोग ब्रकया जाएगा।
वीनियोग्राफी की जाएगी।
• पुनलस द्वारा ऐसी ररकानििं ग ब्रबना ब्रकसी नवलंि के संिंनित मैनजस्टरे ि
को भेजी जाएगी।
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फोरें नसक
• 90% से अनिक दोर्नसम्बि िर प्राप्त करने के ब्रिए, पुनलस द्वारा जांच,
अनभयोजि और फोरें नसक्स में सुिार आवश्यक है ।
की जानी है ।
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िागररकों के नलए सुनविा सुनिनित करिा
• ‘जीरो FIR’- उस थािे की सीमा से िािर
• ई-FIR के नलए प्राविाि जोडे गए हैं ।
सूिना िे गा।
• पुनलस अनिकारी 90 नदि के भीतर पीनडत को जांच की प्रगब्रत की
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• यौि निंसा के मामले में, पीनडता का ियाि एक मनिला न्यानयक
मनजस्टरे ि द्वारा ररकॉडि ब्रकया जाएगा
• यौि उत्पीिि के पीनडता का ियाि उसके आवास एक मनिला
शुरूआत की गई है ।
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प्रनियाओं को सरल ििािा
• अब छोिे -मोिे मामलों में समरी िर ायल द्वारा तेजी लाई जाएगी।
• कम गंभीर मामलों, िोरी, िोरी की गई संपब्रि प्राप्त करना अथवा रखना,
घर में अनब्रधकृत प्रवेश, शां ब्रत भंग करने, आपराब्रधक धमकी आब्रि जैसे
मामिों, के ब्रिए समरी िर ायल को अनिवायष ििाया गया है ।
• उन मामिों में जिां सजा 3 वर्ष (पूवष में 2 वर्ष) तक है , मब्रजिर े ि ब्रिस्टखत
रूप में िजि कारणों के अंतगित ऐसे मामलों में समरी िर ायल कर सकता
है ।
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• आरोप पत्र िायर करने के बाि, यब्रि आगे जांच की आवश्यकता िै, तो
इसे 90 नदिों में पूरा नकया जाएगा,
• 90 नदि से अनिक का कोई समयावनि नवस्तार केवल न्यायालय की
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• आरोनपत व्यम्बि आरोप तय करिे की िोनिस की तारीख से 60 नदि
की अवनि के भीतर ररिाई के ब्रिए अपील कर सकता है ।
• ििस पूरी िोिे के िाद न्यायाधीश 30 नदि की अवनि के भीतर,
हैं ।
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• नसनवल सवेन्ट्स के नवरुि प्रॉनसक्यूशि ििाने के ब्रिए सिमनत या
असिमनत पर सक्षम अब्रधकारी 120 नदिों के अंदर निर्षय लेगा,
• यब्रि ऐसा न हो, तो यह माि नलया जाएगा नक अिुमनत प्रदाि िो गई है ।
िे सकेगा।
• ‘जमाित’ एवं ‘िांि’ शब्ों ‘को स्पष्ट रूप से पररभानर्त नकया गया है ।
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अंिर िर ायल कैदी
• कोई व्यस्टि पिली िार अपरािी है , और ‘एक नतिाई कारवास’ काि
िूका है , तो उसे अिाित द्वारा जमाित पर ररिा कर नदया जाएगा।
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िई नवििेस प्रोिे क्शि स्कीम
• राज्य सरकार राज्य िेतु एक एनविें स प्रोिे क्शि स्कीम तैयार करे गी और
िोनिफाईि भी की जाएगी ।
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सामानजक समस्ाओं का निपिाि
• मॉि नलंनचंग का िया प्राविाि : िस्ल, जानत, समुदाय आनद के आधार
पर की गई हत्या से संबंब्रधत अपराि का एक िया प्राविाि सम्बिनलत
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• िच्चों द्वारा अपराि करािे वाले व्यस्टि के ब्रिए न्यूितम 07 से 10 वर्ष
की जेि का प्रावधान ब्रकया गया है ।
• जुमाषिा काफी कम था, जो ब्रक 10 रूपये से 500 रूपये के बीि है ।
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अपरानियों के नवरुि किोर कारष वाई
• एक प्राविाि अंतनवषष्ट नकया गया है , ब्रजसमें जो कोई भी
- नकसी जल्दिाजी अथवा लापरवािी के द्वारा नकसी व्यम्बि की मौत
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तकषसंगत सजा माफी
• मृत्यु की सजा को, आजीवि कारावास की सजा में िदलिा।
• आजीवन कारावास की सजा को, 07 वर्ष की अवनि के कारावास में
बििना।
• 07 विि के कारावास की सजा को 03 वर्ष के कारावास में बििना।
िर ायल इि एब्सेंनशया
• प्रोक्लैमि ओफेंिर की अिुपम्बस्थनत में मुक़दमा चलिे का िया
प्राविाि
• मुक़दमा जजमेंि तक चलाया जा सकेगा
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अपराि की आय से जुडी संपनि को कुकष
• ब्रकसी अपराि की आय से जुडी संपनि को कुकष करने, जब्त करिे के
संिंि में िई िारा को जोडा गया है ।
• जां ि करने वािा पुनलस अनिकारी इसका संज्ाि लेिे के ब्रिए न्यायालय
में आवेदि दे सकता है ब्रक संपब्रि को आपराब्रधक गब्रतब्रवब्रधयों के
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