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गुलामी की निशािी से भरे

IPC, CrPC एवं इं नियि एनविें स एक्ट निरस्त कर


न्याय दे िे वाले तीि िए निल

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आज के तीि निल

1. इं नियि पेिल कोि (IPC), 1860 → भारतीय न्याय संनिता

2. निनमिल प्रोसीजर कोि (CrPC), (1898) 1973

→ भारतीय िागररक सुरक्षा संनिता

3. इं नियि एनविें स एक्ट, 1872 → भारतीय साक्ष्य अनिनियम

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कोलोनियल नलगेसी
• कािूिी प्रनिया, दं ि नविाि प्रनिया पर ‘कोलोनियल’ छाप है ...
• जब 160 वर्ष पिले निनिशों के कािूि

• निनिश और लंदि में उिकी सरकार के नितों के अिुकूल


o मािव-वि या मनिलाओं परअत्याचार से मित्त्वपूर्ष राजद्रोि और

खजािे की रक्षा थी
o भारत के आम जि के मािवानिकारों से इम्पोिे न्ट ब्रिब्रिश शासन

बनाने का उद्दे श्य था

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• IPC, CrPC और इं नियि एनविें स एक्ट, की जनिल प्रनियाओं के कारण
o िमारी व्यवस्था लम्बित मामलों से ओवर-ििष िि हैं ,
o न्याय नमलिे में अत्यनिक नवलम्ि होता है तथा

o नििषि एवं सामानजक-आनथषक रूप से नपछडे समुदाय न्याय पािे


से वंब्रित रह जाते हैं ।

o कम्बिक्शि रे ि काफी कम है ,
o जेलों में Overcrowding की समस्या है ,

o Undertrial कैनदयों की ज्यादा संख्या ।

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पूवष में सुिारों की नसफाररशे
• भारत के नवनि आयोग िे अपिी नवनभन्ि ररपोिों में संशोधन की
नसफाररश की है ।

• िेजिरुआ सनमनत, नवश्विाथि सनमनत, मनलमथ सनमनत, मािि


मेिि सनमनत जैसी सनमनतयों िे भी सुिारों की मांग की।

• गृि मामलों पर संसदीय स्थाई सनमनत ने


o 2010 में अपिी 146वी ं ररपोिष में

o 111वी ं ररपोिष (2005) और


o 128वी ं ररपोिष (2006) में सुिार की मांग की थी ।
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नवचार-नवमशष प्रनिया
• 2019 को यह गृि मंत्रालय िे इस सुिार प्रनिया की शुरुवात की
o मा गृह मंत्री जी ने ब्रसतम्बर 2019 में सभी राज्यपालों, मुख्यमंनत्रयों,

उपराज्यपालों/प्रशासकों को पत्र ब्रिखा


o जनवरी 2020 में भारत के मुख्य न्यायािीश, सभी उच्च न्यायाियों

के मुख्य न्यायािीशों, िार काउं नसलों और नवनि नवश्वनवद्यालयों


o ब्रिसम्बर 2021 में माननीय संसद सदस्ों से भी सुझाव मां गे गए।

o BPRD िे सभी IPS अनिकाररयों को सुझावों के ब्रिए पत्र ब्रिखा।


o NLU, नदल्ली के कुलपनत की अध्यक्षता में एक सनमनत ।
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• अनेकों सुझाव प्राप्त हुए।
o 18 राज्यों, 06 संघ राज्य क्षेत्रों,
o भारत के सुप्रीम कोिष , 16 उच्च न्यायालयों,

o 05 न्यानयक अकादनमयों,
o 22 ब्रवब्रध ब्रवश्वब्रवद्याियों और

o 42 संसद सदस्ों से सुझाव प्राप्त हुए।


o IPS अब्रधकारी तथा राज्य एवं केंद्रीय बिों ने भी सुझाव भेजें।

• मा गृह मंत्री जी ने िगभग 58 औपिाररक और 100 अनौपिाररक समीक्षा


बैठकें की।
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पररवतषि
• भारतीय िागररक सुरक्षा संनिता
o इसमें 533 िाराएं होंगी

(CrPC की 478 धाराओं के स्थान पर)


o कुि 160 िाराओं में िदलाव हुआ है ,

o 9 िई िाराएं जोडी गई हैं तथा


o 9 िाराएं निरस्त/हिा िी गई हैं ।

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• भारतीय न्याय संनिता-
o इसमें 356 िाराएं होंगी (IPC की 511 धाराओं के स्थान पर)
o कुि 175 िाराओं में िदलाव हुआ है ,

o 8 िई िाराएं जोडी गई हैं तथा


o 22 िाराएं निरस्त/हिा िी गई हैं ।

• भारतीय साक्ष्य अनिनियम-


o इसमें 170 िाराएं होंगी (मूि 167 धाराओं के स्थान पर)

o कुि 23 िाराओं में िदलाव ब्रकया गया है ,


o 1 िई िारा जोडी गई है तथा 5 िाराएं निरस्त/हिा िी गई हैं ।
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• कोलोनियल शब्द को ििाये गए है
- ‘पाब्रिियामेंि ऑफ ि यूनाइिे ड ब्रकंगडम’,
- ‘प्रोब्रवंब्रशयि एक्ि’,
- ‘िंिन गजि’,
- ‘जुरी’, ‘बैररस्िर’ ‘िाहोर’, ‘कॉमनवेल्थ,’
- ‘यूनाइिे ड ब्रकंगडम ऑफ ग्रेि ब्रििे न एं ड आयरिैंड,’
- ‘हर मजेस्िीज गविन्मेंि गवनिमेंि,’
- ‘पजेसन ऑफ ि ब्रिब्रिश क्राउन ’
- ‘कोिि ऑफ जस्टिस इन इं ग्िै ण्ड ’,
- ‘हर मजेस्िीज डोब्रमब्रनयन्स’, का इस अब्रधब्रनयम से ब्रनकाि ब्रिया गया है ।
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िै क्िोलॉजी के इस्तेमाल को िढािा
• भारतीय साक्ष्य अनिनियम, 2023 में दस्तावेजों की पररभार्ा का
नवस्तार करते हुए इसमें

o इलेक्टरानिक या निनजिल ररकािष ,


o ईमेल, सवषर लॉग्स, कंप्यूिर पर उपिब्ध िस्तावेज,

o स्मािष फोि या लैपिॉप के मैसेजेज,


o वेिसाइि, लोकेशिल साक्ष्य,

o ब्रडब्रजिि निवाइस पर उपलब्ध मेल-मेसेजेज


को सम्बिनलत नकया गया है ।
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• FIR से केस िायरी, केस िायरी से चाजषशीि तथा जजमेंि सभी को
निनजिाइज्ड ब्रकया जाएगा।
• सिि और वारं ि, जारी करना, उिकी सनवषस तथा कायाषियि

• नशकायतकताष तथा गवािों का परीक्षर्


• जांच-पडताल तथा मुकदमे में साक्ष्यों की ररकानििं ग

• उच्च न्यायािय में मुकदमे एवं सभी अपीलीय कायषवानियां


• सभी पुनलस थािों और न्यायालयों द्वारा एक रनजस्टर द्वारा ई-मेल

एिर े स, फोि िंिर अथवा ऐसा कोई अन्य नववरर् रखा जाएगा।
• इिेक्ट्राब्रनक माध्यम से भेजे गए सम्मन को नवनिवत प्रेनर्त सिि
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सचष और जब्ती
• पुब्रिस द्वारा सचष और जब्ती की कायषवािी करिे के नलए भी
िे क्नोलॉजी का उपयोग ब्रकया जाएगा।

• पुब्रिस द्वारा सचष करिे की पूरी प्रनिया अथवा ब्रकसी संपनि का


अनिगृिर् करना, की इलेक्टरानिक निवाइस के माध्यम से

वीनियोग्राफी की जाएगी।
• पुनलस द्वारा ऐसी ररकानििं ग ब्रबना ब्रकसी नवलंि के संिंनित मैनजस्टरे ि

को भेजी जाएगी।

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फोरें नसक
• 90% से अनिक दोर्नसम्बि िर प्राप्त करने के ब्रिए, पुनलस द्वारा जांच,
अनभयोजि और फोरें नसक्स में सुिार आवश्यक है ।

• सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में फोरें नसक के इस्तेमाल को जरूरी ।


• 7 वर्ष या उससे अब्रधक के कारावास वाले दं ििीय अपरािों के सभी

मामिों में फोरें नसक नवशेर्ज्ों का उपयोग अनिवायष ब्रकया जाएगा।


• राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में जरुरी इं फ्रास्टर क्चर 5 वर्ष के भीतर तैयार

की जानी है ।

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िागररकों के नलए सुनविा सुनिनित करिा
• ‘जीरो FIR’- उस थािे की सीमा से िािर
• ई-FIR के नलए प्राविाि जोडे गए हैं ।

• राज्य सरकार प्रत्येक नजले में और प्रत्येक थािे में एक पुनलस


अनिकारी को पदिानमत करे गी, जो नकसी व्यम्बि की नगरफ्तारी की

सूिना िे गा।
• पुनलस अनिकारी 90 नदि के भीतर पीनडत को जांच की प्रगब्रत की

सूचिा, नजसमें निनजिल माध्यम से भी सूचिा िे ना शाब्रमि है ।

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• यौि निंसा के मामले में, पीनडता का ियाि एक मनिला न्यानयक
मनजस्टरे ि द्वारा ररकॉडि ब्रकया जाएगा
• यौि उत्पीिि के पीनडता का ियाि उसके आवास एक मनिला

पुनलस अनिकारी की उपम्बस्थनत में ब्रकया जाना वां छनीय होगा।


• ऐसा ियाि ररकॉिष करते समय, पीनडता के माता/नपता या अनभभावक

उपस्टस्थत रह सकते हैं ।


• जहां 7 वर्ष या उससे अनिक के कारावास मामिों में अब्रभयोजन को

सरकार वापस िेना िाहती है , वहां पीनडत पक्ष को सुिवाई का अवसर


प्रदाि ब्रकया जाएगा।
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सेडीशि – राजद्रोि
• सेडीशि / राजद्रोि को पूर्षतः निरस्त कर नदया गया िै ।
• नििश राज में सरकार के नवरूि िैिरेि, कंिे म्ट, निस-अफेक्शि को

अपराि ििाया गया था।

कम्युनििी सनवषस - सजा का िया तरीका


• पिली िार, सजा के एक िए तरीके के रूप में कम्युनििी सनवषस की

शुरूआत की गई है ।

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प्रनियाओं को सरल ििािा
• अब छोिे -मोिे मामलों में समरी िर ायल द्वारा तेजी लाई जाएगी।
• कम गंभीर मामलों, िोरी, िोरी की गई संपब्रि प्राप्त करना अथवा रखना,

घर में अनब्रधकृत प्रवेश, शां ब्रत भंग करने, आपराब्रधक धमकी आब्रि जैसे
मामिों, के ब्रिए समरी िर ायल को अनिवायष ििाया गया है ।

• उन मामिों में जिां सजा 3 वर्ष (पूवष में 2 वर्ष) तक है , मब्रजिर े ि ब्रिस्टखत
रूप में िजि कारणों के अंतगित ऐसे मामलों में समरी िर ायल कर सकता

है ।

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• आरोप पत्र िायर करने के बाि, यब्रि आगे जांच की आवश्यकता िै, तो
इसे 90 नदिों में पूरा नकया जाएगा,
• 90 नदि से अनिक का कोई समयावनि नवस्तार केवल न्यायालय की

अिुमनत से ही ब्रिया जाएगा।


• वारं ि के मामले में, एक प्रावधान ब्रकया गया है ब्रक न्यायािय द्वारा आरोप

तय करिे के नलए आरोप पर पिली सुिवाई की तारीख से 60 नदि


की समय सीमा ब्रवब्रहत की गई है ।

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• आरोनपत व्यम्बि आरोप तय करिे की िोनिस की तारीख से 60 नदि
की अवनि के भीतर ररिाई के ब्रिए अपील कर सकता है ।
• ििस पूरी िोिे के िाद न्यायाधीश 30 नदि की अवनि के भीतर,

यथाशीघ्र निर्षय दे सकेगा, ब्रजसे नवनशष्ट कारर्ों से 60 नदि की अवनि


तक िढाया जा सकता है ।

• दूसरे पक्ष की आपनियों को सुििे के बाि और ब्रिस्टखत में िजि ब्रवब्रशष्ट


कारणों से न्यायािय द्वारा अनिकतम दो स्थगि प्रदाि नकये जा सकते

हैं ।

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• नसनवल सवेन्ट्स के नवरुि प्रॉनसक्यूशि ििाने के ब्रिए सिमनत या
असिमनत पर सक्षम अब्रधकारी 120 नदिों के अंदर निर्षय लेगा,
• यब्रि ऐसा न हो, तो यह माि नलया जाएगा नक अिुमनत प्रदाि िो गई है ।

• नसनवल सवेन्ट्स, एक्सपि्ष स, पुनलस अनिकाररयों के साक्ष्य उसका


प्रभार िारर् करने वािा व्यम्बि ऐसे दस्तावेज या ररपोिष पर िे स्टीमिी

िे सकेगा।
• ‘जमाित’ एवं ‘िांि’ शब्ों ‘को स्पष्ट रूप से पररभानर्त नकया गया है ।

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अंिर िर ायल कैदी
• कोई व्यस्टि पिली िार अपरािी है , और ‘एक नतिाई कारवास’ काि
िूका है , तो उसे अिाित द्वारा जमाित पर ररिा कर नदया जाएगा।

• जहां ब्रविाराधीन कैिी ‘आिी या एक नतिाई अवनि’ पूरी कर िेता है ,


जेि अिीक्षक अदालत को तुरंत नलम्बखत में आवेदि िे ।

• ब्रविाराधीन कैिी को आजीवन कारावास या मौत की सजा में ररहाई


उपिब्ध नहीं होगी

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िई नवििेस प्रोिे क्शि स्कीम
• राज्य सरकार राज्य िेतु एक एनविें स प्रोिे क्शि स्कीम तैयार करे गी और
िोनिफाईि भी की जाएगी ।

घोनर्त अपरानियों की संपनि की कुकी


• 10 वर्ष अथवा अनिक की सजा अथवा आजीवि कारावास अथवा

मृत्युदंि की सजा वािे मामिों में दोर्ी को घोनर्त अपरािी (प्रोक्लेम्डि


ऑफेंडर) घोनर्त नकया जा सकता है ।

• घोब्रित अपराब्रधयों के मामिों में, भारत से िािर की संपनि की कुकी


और जब्ती के नलए एक िया प्राविाि ब्रकया गया है ।
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आतंकवाद
• भारतीय न्याय संब्रहता में पिली िार िे रररज्म की व्याख्या की गई है
• इसे दं ििीय अपराि ििा ब्रिया गया है ।

संगनित अपराि (ऑगषिाइज्ड िाइम)


• संगनित अपराि से संिंनित एक िई दांनिक िारा जोडी गई है ।

• नसंनिकेि से की गई नवनिनवरुि गनतनवनि को दं ििीय बनाया है ।


• नए प्रावधानों में सशस्त्र नवद्रोि, नवध्वंसक गनतनवनियां , अलगाववादी

गनतनवनियां अथवा भारत की संप्रभुता या एकता और अखंिता को


खतरे में िालिे वािे कृत्य को जोडा गया है ।
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मनिलाओं के प्रनत अपराि
• शादी, रोजगार और पदोन्ननत के झि
ू े वादे अथवा पिचाि प्रकि करिे
आब्रि के आिार पर यौि संिंि ििािे को एक िए अपराि श्रेर्ी में

शानमल ब्रकया गया है ।


• अब गैंगरे प के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवि

कारावास का प्राविाि होगा


• िेब्रकन 18 वर्ष से कम आयु की िम्बच्चयों के मामले में आजीवि

कारावास या मृत्यु दण्ि का प्राविाि ब्रकया गया है ।

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सामानजक समस्ाओं का निपिाि
• मॉि नलंनचंग का िया प्राविाि : िस्ल, जानत, समुदाय आनद के आधार
पर की गई हत्या से संबंब्रधत अपराि का एक िया प्राविाि सम्बिनलत

ब्रकया गया है ब्रजसके ब्रिये कम से कम 7 साल की सजा या आजीवन


कारावास अथवा मृत्यु िंड की सजा का प्रावधान ब्रकया गया है ।

• स्नैनचंग का भी एक िया प्राविाि


• गंभीर चोि के कारर् लगभग निम्बिय म्बस्थनत में जाने अथवा स्थाई

रूप से नवकलांग िोिे पर अब और अनिक किोर दं ि नदये जाएं गे।

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• िच्चों द्वारा अपराि करािे वाले व्यस्टि के ब्रिए न्यूितम 07 से 10 वर्ष
की जेि का प्रावधान ब्रकया गया है ।
• जुमाषिा काफी कम था, जो ब्रक 10 रूपये से 500 रूपये के बीि है ।

ब्रवब्रभन्न अपराधों के ब्रिए इि अथषदंिों और सजाओं को िई संनिता में


अि तकषसंगत ििाया गया है ।

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अपरानियों के नवरुि किोर कारष वाई
• एक प्राविाि अंतनवषष्ट नकया गया है , ब्रजसमें जो कोई भी
- नकसी जल्दिाजी अथवा लापरवािी के द्वारा नकसी व्यम्बि की मौत

का नजिेदार होता है , और अपराि स्थल से भाग जाता है ,


- तथा पुनलस/मैनजस्टरे ि के सामिे खुद को प्रस्तुत ििी ं करता है

- और घििा का खुलासा करिे में असफल होता है ,


तो उसे कैद की सजा दी जाएगी, ब्रजसे 10 वर्ष तक िढाया जा

सकता है , जो आरोपी पर लगाए गए जुमाषिे के अनतररि होगा।

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तकषसंगत सजा माफी
• मृत्यु की सजा को, आजीवि कारावास की सजा में िदलिा।
• आजीवन कारावास की सजा को, 07 वर्ष की अवनि के कारावास में

बििना।
• 07 विि के कारावास की सजा को 03 वर्ष के कारावास में बििना।

िर ायल इि एब्सेंनशया
• प्रोक्लैमि ओफेंिर की अिुपम्बस्थनत में मुक़दमा चलिे का िया

प्राविाि
• मुक़दमा जजमेंि तक चलाया जा सकेगा
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अपराि की आय से जुडी संपनि को कुकष
• ब्रकसी अपराि की आय से जुडी संपनि को कुकष करने, जब्त करिे के
संिंि में िई िारा को जोडा गया है ।

• जां ि करने वािा पुनलस अनिकारी इसका संज्ाि लेिे के ब्रिए न्यायालय
में आवेदि दे सकता है ब्रक संपब्रि को आपराब्रधक गब्रतब्रवब्रधयों के

पररणामस्वरूप प्राप्त ब्रकया गया है ।


• इस प्रकार की संपनि को न्यायालय द्वारा कुकष नकया जा सकता है , यब्रि

संपनििारक व्यम्बि अपिी उपम्बस्थनत के संिंि में िोस स्पष्टीकरर्


िे ने में असफि रहता है ।
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संपनियों का निपिाि
• िे श के पुनलस स्टे शिों में िडी संख्या में केस संपनियां पडी रहती हैं ।
• जां ि के िौरान, अदालत या मनजस्टरे ि द्वारा संपनि का नववरर् तैयार

करने और फोिोग्राफ/वीनियोग्राफी के िाद भी ऐसी संपनियों के


त्वररत निपिाि का प्राविाि ब्रकया गया है

• फोिो या वीब्रडयोग्राफी ब्रकसी भी जांच, परीक्षर् या अन्य कायषवािी में


साक्ष्य के रूप में उपयोग ब्रकया जा सकेगा।

• फोिो खी ंचिे/वीनियोग्राफी करिे के 30 नदिों के भीतर, संपनि के


निपिाि, निस्टर क्शि, जब्ती या ब्रवतरण का आिे श िे गा।
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िन्यवाद

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