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पढ़ेगा भारत तो बढ़ेगा भारत

पढ़ेगा भारत बढेगा भारत,


हर मुकिल
कि मेकि लड़ेगा भारत,
सुप्रभात।आज मै 9 थ बी का छात्र हार्दिक खुराना 'पढ़ेगा
भारत तो बढ़ेगा भारत' विषय पर बोलना चाहूंगा। शि क्षाविकास की वह
प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति धीरे-धीरे अपनेभौतिक,
सामाजिक और आध्यात्मिक वातावरण को अलग-अलग
तरीकों से ढाल लेता है। लेकिन कोई भी दे इस लक्ष्य
को तभी हासिल कर सकता है जब बच्चों को रू से ही क्षित
करने का प्रयास किया जाए। तभी बच्चे बढ़ेंगे और दे भीतरक् की
करेगा। शिक्षा किसी के जीवन को बेहतर बनाने का एक हथियार है। यह शायद किसी के
जीवन को बदलने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। बच्चे की शिक्षा घर से शुरू होती है। यह एक
आजीवन प्रक्रिया है जो मृत्यु के साथ समाप्त होती है। शिक्षा निश्चित रूप से व्यक्ति के जीवन की
गुणवत्ता निर्धारित करती है। शिक्षा किसी के ज्ञान, कौशल में सुधार करती है और व्यक्तित्व और
दृष्टिकोण को विकसित करती है। सबसे उल्लेखनीय, शिक्षा लोगों के लिए रोजगार की संभावनाओं
को प्रभावित करती है। भारत में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है और इसे ठीक करने का एकमात्र
तरीका शिक्षा है। शिक्षा की सहायता से लोग अधिक परिपक्व होते हैं। शिक्षित लोगों के जीवन में
परिष्कार प्रवेश करता है। इन सबसे ऊपर, शिक्षा व्यक्तियों को अनुशासन का मूल्य सिखाती है।
पढ़े-लिखे लोग भी समय की कीमत को ज्यादा समझते हैं। उन्हें एहसास होता है कि समय पैसे
के बराबर है। ये कु छ प्रमुख कारण हैं कि भारत को प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित करने की
आवश्यकता क्यों है।
यह नवभारत अब रू हुआ है,
कोई न पकड़ पाएगा,
कुछ तो नयी बुलंदियों को
गढेगा हमारा नवभारत
धन्यवाद।

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