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HINDI AS A SECOND LANGUAGE 0549/01


Paper 1 Reading and Writing February/March 2020

2 hours

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KI 181728/3
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2

अभ्यास 1: प्रश्न 1-6

‘रयाजकुमयारी अमत
ृ कौर’ आलेख को ध्या्नपूरक
्व पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजजए।

राजकुमारी अमत ृ कौर का जनम 2 फरवरी 1889 में कपरू थला के राज-पररवार में हुआ था। उनकी शिक्ा
इंगललैण्ड में लड़ककयों के िेरबोन्न सकूल में हुई। अपनी योगयता के कारण वे सकूल की हलै ्ड गल्न, करिकेट, हॉकी
और लारिॉस दल की कपतान बनीं। उनहोंने ऑकसफो्ड्न ववशवववदयालय से सनातक की उपाधि प्ापत की।

जब वे तीस वर्न की थीं, अमत


ृ सर में जशलयाँवाला बाग की घटना से ववचशलत होकर उनहोंने ब्रिटटि िासन से
टहंदस
ु तान की आज़ादी की लड़ाई में योगदान दे ने का ननशचय ककया और महातमा गाँिी से पछ ू ा कक वे उसमें
ककस प्कार से सहयोग दे सकती हैं। उनके व� ृ माता-वपता को उनके सवतंत्रता आंदोलन में सकरिय होने के
ननण्नय पर आपतत थी। इसशलए महातमा गाँिी ने उनहें मना कर टदया।

कफर भी टहंदस ु तान में स्सत्रयों की स्सथनत में बदलाव लाने के दृढ़ संकलप से उनहोंने ‘अखिल भारतीय मटहला
सममेलन’ की सथापना की। यह संसथा स्सत्रयों के अधिकारों की टहमायती थी और बाल-वववाह, पदा्न तथा नारी-
अशिक्ा जलैसी सामास्जक समसयाओं से जझ ू रही थी। 41 वर्न की उम्र में अपने वपता की मतृ यु के बाद वे
टहंदस
ु तान के सवतंत्रता संग्ाम से जड़ ु ीं। अपने राजमहल के ववलाशसता भरे जीवन के बदले में उनहोंने गाँिी जी
की सधचव के रूप में उनके साबरमती आश्रम के सादे जीवन को अपनाया। महातमा गाँिी के ‘दां्डी माच्न’ और
‘भारत-छोड़ो’ आंदोलनों में सकरिय रूप से भाग लेने पर महातमा गाँिी के साथ तीन वरषों तक जेल में रहीं।

15 अगसत 1947 में भारत की सवािीनता प्ास्पत के बाद वे मंब्त्रमण्डल की प्थम सवास्थय-मंत्री ननयक ु त
हुईं। वे मंत्रालय की एकमात्र मटहला सदसय तथा ‘ववशव-सवास्थय-परररद’ की पहली मटहला प्िान भी बनीं।
उनके ‘मलेररया शमटाओ’ अशभयान के तहत लगभग 40,000 लोगों की जान बची। वप्ंसटन ववशवववदयालय ने
उनको ्डॉकटर ऑफ लॉ की मानद उपाधि से सममाननत ककया। उनका मख ु य उ�ेशय नारी-आतमननभ्नरता और
उनहें मतदान का अधिकार टदलाने पर केंटरित था। 68 वर्न की उम्र में उनहोंने धचककतसा ववज्ान के प्शिक्ण
और अनस ु ंिान के शलए ‘अखिल भारतीय धचककतसा ववज्ान संसथान’ की सथापना की जो आज तक धचककतसा
ववज्ान और अनस ु ंिान के शलए भारतवर्न का सवा्नधिक प्नतस््ठित संसथान माना जाता हलै । स्सत्रयों को अधिकार
टदलाने और भारत की सवािीनता-संग्ाम में अपना जीवन समवप्नत करने वाली राजकुमारी अमत ृ कौर आज
लगभग भल ु ा दी गई हैं।

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1 अमत
ृ कौर का जनम ककस पररवार में हुआ था?

..................................................................................................................................................... [1]

2 उनके ववदयाथथी जीवन की ककनहीं दो उपलस््ियों के बारे में शलिें।

• .......................................................................................................................................................

• .................................................................................................................................................. [2]

3 उनहोंने टहंदस
ु तान की आज़ादी की लड़ाई में भाग लेने का ननशचय कयों ककया?

..................................................................................................................................................... [1]

4 उनके माता-वपता उनके ननण्नय के ववरु� कयों थे?

..........................................................................................................................................................

..................................................................................................................................................... [1]

5 अमत
ृ कौर के जीवन के दो उ�ेशय कया थे?

• .......................................................................................................................................................

• .................................................................................................................................................. [2]

6 धचककतसा के क्ेत्र में उनकी सबसे बड़ी उपलस््ि कया थी?

..................................................................................................................................................... [1]

[पूणाांक 8]

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अभ्यास 2: प्रश्न 7-15

‘गगलहरी’ के बयारे में छपे इस लेख को ध्या्न से पिें । प्रश्न 7 से 15 कया उत्तर दे ्ने के ललए उ्नके ्नीचे ढ़दए गए
अ्नच
ु छे दों (A से D) में से सही अ्नचु छे द च्नु कर उसके सयाम्ने के कोष्ठक में सही कया न्नशया्न लगयाएँ। अ्नच
ु छे दों
को एक से अगिक बयार च्न ु या जया सकतया है ।

A धगलहरी मूरक पररवार की एक छोटी, चुसत, टदनचर, सतनपायी और चंचल सवभाव वाली सदसय हलै । यह
मरुसथल, दलदल, घाटी, पहाड़, अथा्नत हर प्कार की भौगोशलक स्सथनत और जलवायु में रह सकती हलै ।
धगलहरी अमरीका, यूरेशिया और अफ्ीका में सबसे अधिक पाई जाती हलै । धगलहररयों की तीन प्जानतयाँ हैं –
वक् ृ -धगलहरी, भूशम-धगलहरी और उड़ाकू-धगलहरी। वक् ृ -धगलहरी पेड़ के तने के कटाव में नतनके, सूिे पतते
और घास से घोंसला बना कर रहती हलै । भूशम-धगलहरी िरती में ब्बल िोद कर अपना घोंसला बनाती हलै
और उड़ाकू-धगलहरी पेड़ों के झुरमुठि में रहती हलै । वह पक्यों की तरह से ऊँची उड़ान तो नहीं भर सकती,
लेककन एक पेड़ से तीन से पाँच फीट की दरू ी तक के दस ू रे पेड़ पर हवा में छलांग लगाने में माटहर होती
हलै । अधिकांि धगलहररयाँ सव्नहारी होती हैं। यह ज़यादातर दाना, फल, बीज, पेड़ की छाल, झड़बेरी, पक्यों
के अण्डे और कीड़े मकौड़े आटद िाती हलै । फलों के पेड़ से फल कुतर कर बरबाद करने, गमलों में नए
लगाए पौिों की शम�ी िोद कर न्ट करने और धचड़ड़यों को टदए अनाज के दानें और उनके घोंसले से
अण्डे चुराने के कारण धगलहररयाँ बाग और िशलहान के शलए ववधवंसक मानी जाती हैं और कुछ दे िों में
इनको मारना गलैरकानूनी नहीं हलै ।

B वक्
ृ -धगलहररयों की 70 से भी अधिक प्जानतयाँ हैं, कुछ चूहों स्जतनी छोटी और कुछ ब्बस्ललयों स्जतनी
बड़ी। उनमें से सबसे अधिक पहचानी जाने वाली यूरोप की लाल धगलहरी और उससे कुछ बड़ी उततरी
अमरीका की सलेटी रं ग की धगलहरी हलै । सबसे बड़ी धगलहररयों में मलेशिया की काले और पीले चम्न
वाली जायंट धगलहरी आती हलै । सलेटी धगलहरी उततरी अमरीका से उननीसवीं सदी में यूरोप में लाई गई
और बहुत जलदी ही उसकी संखया बढ़ती गई। लाल धगलहरी की अपेक्ा सलेटी धगलहरी की अतयधिक
आरिामक प्कृनत के फलसवरूप यूरोप की लाल धगलहरी की आबादी की संखया घटने लगी। लाल धगलहरी
की गणना अब एक संरक्त प्जानत और सलेटी धगलहरी की एक ववदे िी आरिामक समसया के रूप में की
जाती हलै ।

C मादा धगलहरी वर्न में दो बार प्सव करती हलै । िीत ऋतु में फरवरी या माच्न और ग्ी्म ऋतु में जून या
जुलाई के महीने में 39 टदनों के गभ्नकाल के बाद प्ाय: 4-6 शििुओं को जनम दे ती हलै । जनम के समय
शििु ननतांत असहाय, बहरे , अंिे और 1-2 औंस वजन के होते हैं। कुछ तो पूरी तरह पनप नहीं पाने
के कारण िीघ्र ही मर जाते हैं। मादा धगलहरी बचे हुए शििुओं की दे िभाल और पालन-पोरण अपना
दि ू वपला कर करती हलै । 3 सपताह के होने पर उनके िरीर में रोए उगने और िीरे -िीरे उनको टदिाई
दे ना आरमभ होता हलै । 4 सपताह के धगलहरी के बचचे के दाँत ननकलने लगते हैं उसके अगले चार दाँत
आजीवन बढ़ते रहते हैं। 10 सपताह का पूण्न ववकशसत धगलहरी का बचचा अपनी माँ का घोंसला छोड़ कर
अपने शलए अलग घोंसला बना लेता हलै । धगलहरी की औसत आयु 12 वर्न हलै , पर जंगल में वह 15 वरषों
तक जी सकती हलै ।

D प्कृनत में धगलहरी के अनेक ित्रओ ु ं में लोमड़ी, ब्बलली, भेड़ड़या, धग�, उललू आटद हैं। धगलहरी की नज़र
मन्ु य से भी तेज़ होती हलै । वह छोटी से छोटी चीज़ को भी बड़ी आसानी से दे ि सकती हलै और ख़तरा
महसस ू होने पर तरु ं त पेड़ पर चढ़ जाती हलै । अपने साथी को ख़तरे का संकेत दे ने के शलए वह अपने िरीर
स्जतनी लमबी रोंयेदार पँछ ू का इसतेमाल करती हलै । कुछ प्जानतयाँ सीटी बजाकर या दाँत ककटककटाकर
अपने साधथयों को आगाह करती हैं। धगलहरी फुतथी से 20 मील प्नत घणटे की रफतार से दौड़ सकती हलै ।
िहरों में उसे रात के समय गाड़ी के नीचे कुचलने का भी ख़तरा होता हलै ।

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्नीचे ढ़दए गए रकतव्ों (7-15) को पढ़िए तथया कोष्ठक में सही कया न्नशया्न लगया कर बतयाइए कक कौ्न सया
अ्नुचछे द ककस रकतव् से समबबंगित है ।

उदयाहरण: धगलहरी बहुत चंचल और चस


ु त जानवर हलै ।

A  B C D

7 सलेटी धगलहरी मूल रूप से अमरीका में पाई जाती थी।

A B C D [1]

8 धगलहरी टदन के समय जागती और रात को सोती हलै ।

A B C D [1]

9 धगलहरी पालतू जानवर नहीं हलै ।

A B C D [1]

10 धगलहरी अपनी पँछ


ू से अपने साधथयों को संकट से सचेत करती हलै ।

A B C D [1]

11 धगलहरी फल और फूलों को नुकसान पहुँचाती हलै ।

A B C D [1]

12 धगलहरी के नवजात बचचे पूरी तरह से माँ पर ननभ्नर होते हैं।

A B C D [1]

13 सलेटी धगलहरी के कारण लाल धगलहरी के अस्सततव पर ख़तरा आया।

A B C D [1]

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6

14 धगलहरी अपने को सुरक्त रिने में माटहर होती हलै ।

A B C D [1]

15 नर धगलहरी अपने बचचों को पालने में हाथ नहीं बँटाता।

A B C D [1]

[पूणाांक 9]

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अभ्यास 3: प्रश्न 16-19

‘पलयाज्टिक और प्या्वररण–सुरक्या’ के बयारे में न्नम्नललखखत आलेख को ध्या्नपूरक


्व पढ़िए।

पलास्सटक एक ऐसा चमतकारी पदाथ्न हलै स्जसका उपयोग दलै ननक जीवन के प्योग में आने वाले उपकरणों से
लेकर अंतररक् यान तक में ककया जाता हलै । इसके उपयोग की अधिकता का कारण आसानी से, ससते दाम में
बनाया जाना तथा टटकाऊपन हलै । दभ ु ा्नगय से उसकी यही वविेरताएँ पया्नवरण की सरु क्ा के शलए एक कटठिन
समसया पलैदा कर रही हैं। यह िायद लापरवाही से समरि ु में फेंके गए कचरों में सबसे अधिक नक़ ु सान-दायक
पदाथ्न हलै । पलास्सटक न आसानी से गलता हलै और न ही सड़ता हलै । पलास्सटक से बनी चीज़ों के समरि ु में ववघटन
की गनत के परीक्ण से वलैज्ाननकों ने यह नन्कर्न ननकाला कक समरि ु में धगराए गए पलास्सटक के धगलास और
दस
ू रे पात्रों को पानी में ववयोस्जत होने में 40 वर्न, बड़ी बोतलों और कनेसटरों को 400 वर्न तथा बचचों को
पहनाए जाने वाली लंगोटी को 450 वर्न तक का समय चाटहए। इसको जलाने से ननकली दवू रत गलैस ओज़ोन
परत को, जो प्थ ृ वी और पया्नवरण को सय ू ्न की ख़तरनाक पराबैंगनी ककरणों से बचाने के शलए सरु क्ा कवच का
काम करती हलै , हानन पँहुचाती हलै । प्कृनत, पि-ु पक्ी और मन्ु य के अस्सततव पर इसके समभाववत द्ु पररणामों
को दे िते हुए पया्नवरण के संरक्क इसके उपयोग पर प्शन धचनह लगा रहे हैं।

अनुमानत: संसार के समुरिों में लगभग 165 करोड़ टन पलास्सटक का कचरा भरा हुआ हलै । इनमें पलास्सटक की
थलैशलयाँ, िादय पदाथषों के उपयोग कर के फेंकने वाले ड़्ड्बे, बोतलें, मछली पकड़ने के जाल के टुकड़े आटद
हैं। दक्ण सपेन के समुरि तट पर मत ृ पाए गए लगभग 33 फीट लमबे और छ: टन से भी भारी एक िुरिाणु
वहे ल का िव-परीक्ण करने पर उस नर वहे ल की आँतों में पलास्सटक की थलैशलयाँ, राकफया के बोरे , मछली के
जाल, रससी के टुकड़े पानी की बड़ी बोतलें आटद का 29 ककलो कचरा शमला। इतने सारे पलास्सटक को पचा
पाना या िरीर से बाहर न ननकाल सकना उसकी मौत का कारण बना। समुरिी कछुए और मछशलयाँ पानी में
तलैरती पलास्सटक की थलैशलयों को सवाटद्ट जलैली कफि समझ कर ननगल जाते हैं और वह उनके गले में फँस
कर शवास प्णाली को अवरु� कर दे ती हलै । िादय-िंि ृ ला दवारा यह पलास्सटक मनु्यों की आँतों में पहुँच कर
नाना प्कार के रोग उतपनन करता हलै । मछली के जाल के टुकड़ों से उलझ कर न जाने ककतने जल-जंतुओं का
दम घुट जाता हलै । वलैज्ाननकों को 10 में से 9 मत
ृ जल-पक्यों के पेट में फँसा हुआ पलास्सटक शमला। पलास्सटक
के ववववि उपकरण समुरि के 40 प्नतित जीवों की मतृ यु के कारण माने जाते हैं।

पलास्सटक के तंतुओं से उलझने से प्वाल-शभस्ततयों (कोरल रीफस) के लुपत होने की आिंका हलै । वलैज्ाननकों का
ववशवास हलै कक पलास्सटक के टुकड़े रोगवाहक सूक्म जीवाणुओं को आकवर्नत कर सकते हैं स्जसकी वजह से
उनसे नघरी प्वाल शभस्ततयों में मारक संरिामक रोग लगने का ख़तरा बढ़ जाता हलै । प्वाल शभस्ततयाँ केवल
उनहीं सथलों में बनती हैं जहाँ पर जल ननम्नल और उ्ण होता हलै । दलै ननक उपयोग का अधिकांि पलास्सटक पौली
ववनाइल कलोराइ्ड स्जसे पी वी सी कहते हैं, से बनता हलै । इससे पानी के अंदर बीसफेनल नामक ववराकत गलैस
ननकलती हलै स्जसका द्ु प्भाव जीव-जंतुओं की प्जनन क्मता और शवसन प्णाली पर होता हलै । इस गलैस के
पानी में शमलने से पक्ाघात, हडड़्डयों का क्य, चम्न रोग और कैं सर जलैसी घातक बीमाररयों की संभावना बढ़ती
हलै । जमीन में दबे पलास्सटक से ननकले रसायन शम�ी तथा आस-पास के जल स्ोतों और भूजल में ररस सकता
हलै और दवू रत पानी पीने से सथलचारी जीवों के सवास्थय के शलए संकट हो सकता हलै ।

वत्नमान और भवव्य की पीटढ़यों को इन ख़तरों से सुरक्त रिने के शलए पया्नवरण-सुरक्ा संसथाएँ और अलग-
अलग दे िों की सरकारें सकरिय हैं। कुछ दे िों की सरकारों दवारा पलास्सटक की थलैशलयों के प्योग को सीशमत
करने का ननण्नय, पीने के काम आने वाले पलास्सटक के सट्ॉ और चममच पर प्नतबनि, घरे लू वयवहार में
आने वाले पलास्सटक के उपकरणों के ररसाइककल करने की योजना आटद अनेक सकारातमक कदम उठिाए गए
हैं। अमरीका में अंतररक्-उपकरणों तथा िादय-पदाथ्न के ड़्ड्बों के शलए पी वी सी के उपयोग पर प्नतबनि
लगाया गया हलै । पया्नवरण की सुरक्ा के शलए पलास्सटक एक बहुत बड़ी चुनौती हलै स्जसका सामना करने का
दानयतव ककसी एक वयस्कत या दे ि का नहीं वरन समपूण्न मानवता का हलै । इसके शलए सामूटहक जागरूकता
और प्नतब�ता की ज़रूरत हलै ।
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अभ्यास 3: प्रश्न 16-19

‘पलयाज्टिक और प्या्वररण-सरु क्या’ आलेख के आियार पर ्नीचे ढ़दए गए प्रत््ेक शीर्वक (16 से 19) के अबंतग्वत
सबंक्क्पत ्नोटि ललखें।

16 पलास्सटक के प्चलन के कारण

• .................................................................................................................................

• ............................................................................................................................ [2]

17 समुरिी जीव-जंतुओं पर समभाववत द्ु प्भाव

• .................................................................................................................................

8 • .................................................................................................................................

• ............................................................................................................................ [3]

18 मानव सवास्थय और पया्नवरण की सुरक्ा पर ितरे

• .................................................................................................................................

• ............................................................................................................................ [2]

19 समसया के समािान के प्यतन

• .................................................................................................................................

• ............................................................................................................................ [2]

[पूणाांक 9]

अभ्यास 4 में आप आलेख और अप्ने ्नोटस के आियार पर ‘पलयाज्टिक और प्या्वररण-सुरक्या’ शीर्वक लेख कया
सयारयाबंश ललखेंगे।

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अभ्यास 4: प्रश्न 20

अभयास 3 के आलेि में दलै ननक जीवन में पलास्सटक की उपयोधगता, उसके प्योग की बहुतायत से होने वाली
संभाववत समसयाओं और समािानों के उपाय का वण्नन हलै । अभयास 3 के आलेि और अपने बनाए नोटस के
आिार पर उसका सारांि शलिें।
आपका सारांि 100 शबदों से अधिक नहीं होना चाटहए।

आप यथासंभव अप्ने शबदों में शलिें।

आपको अबंतर्व्तु के ललए अधिकतम 4 अंक और सटिीक और सबंक्क्पत भयारया-शैली के ललए अधिकतम 6 अंक टदए
जाएंगे।

पलयाज्टिक की उप्ोगगतया, सम््याएँ और समयािया्न

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[पूणाांक 10]
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अभ्यास 5: प्रश्न 21

गमथी की छुट�यों में आप अपने शमत्रों के साथ एक वपकननक आयोस्जत कर रहे / रही हैं। शमत्र को ई-मेल दवारा
आमंब्त्रत करें । आपके ई-मेल में ननमनशलखित बातें सस्ममशलत होनी चाटहएं:

• वपकननक के आयोजन की सूचना


• शमत्र को आमंत्रण दे ना
• आमंत्रण के उततर की अपेक्ा।

आपकया ई-मेल लगभग 120 शबदों में हो्नया चयाढ़हए। आपको पता शलिने की आवशयकता ्नहीबं हलै ।

आपको 3 अंक अंतव्नसतु के शलए और 5 अंक सटिीक भारा और िलैली के शलए टदए जाएंगे।

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[पूणाांक 8]
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अभ्यास 6: प्रश्न 22

‘16-18 रर्व के ककशोर-ककशोरर्ों को मतदया्न कया अगिकयार लमल्नया चयाढ़हए।’

आप कहाँ तक इस मत से सहमत हैं? अपने ववचारों को समझाते हुए सकूल पब्त्रका के शलए अपना लेि लगभग
200 ि्दों में शलखिए। आपका लेि ववरय की जानकारी पर केस्नरित होना चाटहए।

मैं इतना पररपकव नहीं कक मतदान अपने बेहतर भवव्य के शलए मुझे
का दानयतव समहाल सकँू । मतदान का अधिकार शमलना चाटहए।

ऊपर दी गई ढ़टिपपखण्याँ आपके लेख्न के ललए ढ़दशया प्रदया्न कर सकती हैं। इ्नके मयाध्म से आप अप्ने
वरचयारों को वर्तयार दीजजए।

ललखखत प्र्तुनत पर अबंतर


्व ्तु के ललए 8 अबंक तक और सटिीक भयारया के ललए भी 8 अबंक तक ढ़दए जयाएबंगे।

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