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Special Item 29th August Tuesday
Special Item 29th August Tuesday
उनके इसी बात से हैरान होकर एक बार बीच में खेल रोककर
उनके हॉकी स्टिक को तोड़कर देखा गया कि कहीं इसमें कोई
चुंबक जैसी कोई चीज तो नहीं है जो गेंद को चिपकाए रखती है.
पर सा कुछ नहीं था वह सिर्फ उनका हुनर और काबिलियत था.
उन्होंने अपने पूरे करियर में लगभग 1000 गोल किए हैं
जिसमें से 400 से भी ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल है. इसके
अलावा भारत के लिए 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक में
स्वर्ण पदक भी जीते हैं. इस तरह मेजर ध्यानचंद हॉकी में तीन
बार ओलंपिक के स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन
गए.