You are on page 1of 76

ञ््‌

कल्याण विभाग

अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी


(वन अधिकाओों की मान्यता)
अधिनियम 2006 एवं नियम 2008

रांची , झारखण्ड
"कं बज
नरसरकार

कल्याण विभाज
शडु

पक अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी


(वन अधिकारों की मान्यता)
अधिनियम 2006 एवं नियम 2008

काल
८2

राँची, झारखण्ड
कि; पृष्ठ संख्या

जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार,


नई दिल्‍ली, 3 दिरुमयर, 2007
अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी
(बन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2005
(अ). हिन्दी में 3से ॥॥
(ब).. अंग्रेजी में 43 सै 2।

अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत यन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) 22 से 23


अधिनियम, 2006 के तहत्‌ नियम बनाने हेतु तकनीकि सहायक समूह का गठन - आदेश

अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत दन निवासी


(वन अधिकारों की मान्यता) नियम, 2008 *
(अ) हिन्दी में 24 से 36
(4)... अंगेजी में उ7 से 49
(ग)|. शुद्धि पत्र 50 से 5
नई दिल्‍ली, 6 फरवरी, 2008

अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत यन निवासी 52


(वन अधिकारों की मान्यता) अधिनिय्म-2006 की घारा-4
कै उपधारा-7 एवं 2008 के नियम-9 के अधीन राज्यस्तरीय
निगरानी समिति का गठन - संकल्प

अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्फ्रागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) 53 से 55


नियम 2008 के रुहत्‌ अनुमण्डल/ जिला स्तरीय समिति का गठन - अधिसूचना

अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (यन अधिकारों की म्ब्रन्यता) 56


अधिनियम-2006 एव निफ्मावली-2008 के अधीन नोडल पदाधिकारी वी प्रौषणा-संकल्प

अनुसूचित जनजाति और अन्य परप्परागत वन निवासी (यन अधिकारों की मान्यता) छा


अधिनियम-2006 के कार्यान्वयन हेतु विभान द्वारा निर्गत पत्र

अधिसूचित क्षेत्र (झारखण्ड राज्य) 58 से 63


आदेश-2007

झारखण्ड खत्म सभा (गठन, बैठक की प्रक्रिया एव काम-काज का संचालन) 64 से 70


नियमावली, 2003

0.0.030. 4023/07/2000-॥09#7ए&.।स,॥ 7। से 73
[भास्त के राजपत्र, असाधारण, भाग 2, खंड 3, उपखंड (%) खारीख 3 दिसम्बर 2007 में प्रकाशनार्थ]

भारत सरकार
जनजातीय कार्य मंत्रालय
नई दिवी, 3 दिसम्बर 2007

का. आ. (अ) केन्द्रीय सरकार अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरायत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 (2007
द 2.) की धाच की उपधारा (3) द्वाया प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, तारीख 3 दिसम्बर, 2007 को, उस तारीख के रूप में नियत करती है,
जिसको उक्त अधिनियम के उपबंध प्रयृत्त होंगे।

हस्त्थ् /-
(डॉ. बचित्तर सिंह)
संयुक्त सचिव, भ्छरत सरकार
(फा. सं. 77074/02/2007- पौसी एंड वी (जिल्द ॥))
रस्सिद्रीसं. डी -3%204
सर / ९९

भारत राजपनत्र
4४९ 602० ९ उध्वीत
व्का

भाग-॥ तप्ड-3-०उप दण्ड (+)


>#0९ ॥-500006 - 500-4%८७०७ का)
प्राषिकार से प्रकाशित
#08/.$980 8 &०7०0छशा१

सं, १6१४८] नई दिल्‍ली, सोमवार, दिसम्यर 3, 2007 / पौध 0, 929


१४०. 464] भ्रहे/ 080॥9, #0090/0, 0828#8झछ2२ 5, २०७ | ##05& 40, 4929

जनजातीय कार्य मंत्रालय ॥०४६४४३४ 0+# 7॥8& &88095


अधिसूचना ॥0॥8९४70४
४७४ 0097, 76 354 065680॥/9#, 2007
नई ट्री, 3] दिसयर, 2007
5.0. 2224 [8.. 9४ 6००७४८४७6 06 06 90709/8 ८07"/९/760
का.आ, 2224 (अ),- केन्द्रीय सरकार, अनुसूपित जनजाति और अन्य 99 5००-०३७८४८0 (3) 0 56८000 १ ० ३0७ 5000<60॥60
परूपरानत दन निवासी (यन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 965 ७06 0४06७ 77909009/ #07880। 0//0॥0#७
(2007 का 2) की धारा ! की उप-प्रारा (3) दर प्रदत्त शक्तियों का [8620०9098657 0/ #0७७ फ़िंक्र॥5) 8५, 2006 (2 ०
2007), छह ट#७8। 507९600९७08 १8760/ 309097/(5
प्रयोग करते हुए, तारीख 3 दिसम्बर, 2007 को, उस तारीख के रूप मैं
98 35७ 9७897 ० 000७7706, 2007 85 ४2 098 ०0
निफ्त रुरती है, जिसको उक्त अधिनियन के उपबंप्र प्रवृत्त होंगे। मजे प# 9707 57975 0/॥#6 580 /2८॥ #0॥ ८0०68 7080
#067९6.

फिसं १70१4/02/2007-पौसी एंड वी (जिल्द ७॥)])


[70४0. 7704/02/2007-70&५ (४०.४॥॥)
डॉ. बच्ित्तर फिंह, संदुक्त सचिव
0. 80008 58057, 3. 5०८५.

523 6//2007
शिंत्राह0 0५ 0४७ १है७/9८07, 09%, ए पीकर 655, फिंडा ति080, ॥09,/80>77, ४०४४ 2७७/|- 70064
30 7०)॥७900 09 ॥8 (00॥७0४ल ० ?/0%2395205, 0&8॥/8 - 0054
अमान ककी) नम भारत का राजपत्र
जप असाधारण
समर 39 9++++++ा---+--->+++ मम

अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन


निवासी (वन अधिकारों की मान्यता)
अधिनियम, 2006
(2007 का अधिनियम संख्यांक 2)

(29 दिसम्बर, 2006)

वन में निवास करने वाली ऐसी अनुसूचित जनजातियों और अन्य परंपरागत यन निवासियों के, जो
ऐसे यनों में पीढ़ियों से निवास कर रहे हैं, किन्तु उनके अधिकारों को अभिलिखित नहीं किया जा
सका है, वन अधिकारों और वन भूषि में अधिभोग को मान्यता देने और निहित करने;
वन भूमि में इस प्रकार निहित वन अधिकारों को अभिलिखित करने के
लिए संत्चना का और यन भूमि के सम्बन्ध में अधिकारों को ऐसी
मान्यता देने और निहित करने के लिए अपेक्षित
साक्ष्य की प्रकृति का उपबंध
करने के लिए
अधिनियम

वन में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियों और अन्य परम्परागतवन निवासियों के, मान्यताप्राप्
अधिकारों में, दीपकालीन उपयोग के लिए जिम्मेदारी और प्राधिकार, जैव विविधता का संरक्षण और
पारिश्थितिकी संतुलन को बनाये रखना और यन में मिवास करने वाली अनुसूचित जनजातियों और अन्य
फरपतागत यन निवासियों की जीविका तथा खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चितकरते समय वनों की संरक्षण व्यवस्था को
सुदृढ़ करना भी सम्मिमिलत
है;

और औपनिवेशिक काल के दौतान तथा स्वतंत्र भारत में राज्य दनों को समेकित करते समय उनकी
वैतृक भूमि पर वन अधिकारों और उनके निवास को पर्याप्त रूप से मान्यता नहीं दी गई थी, जिसके परिणामस्यरूप
बन में निवास करने वाली उन अनुसूचित जनजातियों और अन्य परंपरागत वन निवासियों के प्रति ऐतिहासिक
अन्याय हुआ है, जो वन पारिस्थितिकी प्रण्डली को बचाने और बनाये रखने के लिए अभिन्न अंग हैं;

और यह आवश्यक हो गया है कि वन में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियों और अन्य परंपरानत
दन निवासियों की, जिसके अंतर्गत वे ज़नजातियोँ भी हैं, जिन्हें राज्य के विकास से उत्पन्न हस्तक्षेप के कारण
अपने नियास दूसरी जगह बनाने के लिए मजबूर किया गया था, लंबे समय से चली आ रही भूमि सम्यन्धी असुरक्षा
तथा यों में पहुँच के अधिकारों पर ध्यान दिया जाए;

भारत गणराज्य के सतायनवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो :- रांक्षित नाम और
अध्याय-॥ महान
प्रारंभिक
।, (]) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवास (वन
अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 है,
(2) इसका विस्तार ऊम्मू-कश्मीर राज्य के सियाय सम्पूर्ण भारत पर है.
(3) यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा, जो केन्द्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करें,

2 ०
अुभाग० ।कक) आरत का राजफा असाधारण
लय न ननधाशब--------ननननीयध कप क्‍पनन-न-ननननिनिियपप--

2. इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भसे अन्यथा अपेक्षित न हो :-


(क) “सामुदायिकवन संसाधन” से ग्रम की परंपरागत या खूदिंगत सीमाओं के भीतर रूदिगत
सामान्‍य वनभूमि या चरुगाही समुदायों की दशा में भू-परिदृश्य का मौसमी उपयोग
अभिप्रेतहै, जिसके अंतर्गत आरक्षित दन, संरक्षित दन और संरक्षित ऐसे क्षेत्रों की भूमिहै
जैसे अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान जिनपर समुदायों की परंपरागत पहुँच थी;
(ख) "'संकटपूर्ण वन्य जीव आवास” से राष्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों के ऐसे क्षेत्र अभिप्रेत
है, जहाँ वैज्ञानिक और वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर, मामलेवार, विनिर्दिष्ट रूप से
और स्पष्ट रूप से यह स्थापित किया गया है कि ऐसे क्षेत्र वन्य जीव संरक्षण के प्रयोजनों
के लिए अनतिक्रात रखे जाने के लिए अपेक्षित है जैसा कि केन्द्रीय सरकार के पर्यावरण
और वन मंत्रालय द्वारा एक ऐसी विशेषज्ञ समिति से परामर्श की खुली प्रक्रिया के पश्चात्‌
अवधारित और अधिसूचित की जाए, जिसमें उस सरकार द्वारा नियुक्त उस परिक्षेत्र से
विशेषज्ञ सम्मिलित होंगे जिसमें घार 4 की उपधात (।]) और उपधाच (2) से उदभूत
प्रक्रियात्मक अपेक्षाओं के अनुसार ऐसे क्षेत्रों का अवधारण करने में जनजातीय मंत्रालय
का एक प्रतिनिधि भी सम्मिलित होगा; |
(ग) “वन में निवास करने वाली अनुसूचित जनजाति” से अनुसूचित जनजातियों के ऐसे
सदस्य या समुदाय अभिप्रेत हैं, जो प्राथमिक रूप से दरहे में निवास करते हैं और डीविका
की वास्तविक आवश्यकताओं के लिए वनों या बन घूनि पर निर्भर हैं और इसके अंतर्गत
अनुसूचित जनजाति चरागाही समुदग्य भी है;
(४) “दन भूमि” से किसी वन श्षेत्र के अंतर्गत आने वाली किसी प्रकार की भूमि अभिप्रेत है
और उसके अंतर्गत अवर्गीकृत यन, असीमांकित विद्यन्चन वन या समझे गए वन, संरक्षित
यन, आरक्षित वन, अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान भी है;
(ड) “वन अधिकारों'' से धारा 3में निर्टिष्ट घन अधिकार अषभिप्रेत हैं;
(च) “वन ग्राम'' से ऐसी बस्तियों अभिप्रेत हैं, जो किसी राज्य सरकारके वन विभाग द्वारा दन
सम्बन्धी संक्रियाओं के लिए वनों के भतर स्थापित की गई है या जो वन आरक्षण प्रक्रिया
के माध्यम से वन गार्मों में संपरियर्लित की गई हैं और जिनके उंतर्गत दन बस्ती ग्राम,
नियत मांग धृति, ऐसे ग्रामों के लिए सभी प्रकार भी है, चाहे वे किसी
की बनकृषरि बस्तियाँ
भी नाम से ज्ञात हों और इसके अंतर्गत सरकारद्वारा अनुझ्ाठ कृषि तथा अन्य उपयोगों
के लिए भूमि भी है;
(७) कै सभी वयस्क सदस्यों से मिलकर
“जम सभा" से ऐसी ग्राम सभा अभिप्रेत है, जो ग्रान
बनेगी और ऐसे राज्यों की दशा में, जिनसे कोई ग्राम पंचायत नहीं है, पाड़ा, टोला और
और निर्दाचित कम रमितियाँभी है जिनमें महिलाओं
ऐसी अन्य परम्परागत ग्राम संस्थाएँ
की पूर्णऔर अनिर्बचित भागीदारी है;
(ज) “'आवास'' के अंतर्गत ऐसा क्षेत्र भी है जिसमें आदिम जनजाति समूहों उऔैर कृषि पूर्व
समुदायों और अन्य वन निवासी अनुसूचित जनजातियों के आरक्षित वनों और संरक्षित
इन्बें मेंपरम्प्आवासतगत
और ऐसे अन्य आवास सम्मिलित हैं;
(झ) “औण वन उत्पाद" के अंतर्गत पादप मूल के सभी गैर-इन्नर्ती वनोत्पाद हैं, जिनमें,
बाँस, झाड़ झंखाड़, ठूंठ, बैंत, तुसार, कोया, शहद, मोम, लाख, तेंदूया केंदू पत्ते,
औषधीय पौधे और जड़ी बूटियाँ, मूल, कन्द और इत्ती प्रकार के उत्पाद सम्मिलित हैं;
(अ) ">मोडल अभिकरण' से धांत १7 में विनिर्दिष्ट नोडल अऑभिकरण अभिव्मेत है;
(ट) “अधिसूचना” से राजपर में प्रकाशित अधिसूचना अभिप्रेत है;
(5) “'वैहित'' से इस अधिनियम के अधीन बनाये गये नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है;
(ड) “अनुसूचित क्षेत्र” से संविधान के अनुच्छेद 244 के खण्ड (॥) मैं निर्दिष्ट अनुसूचित
क्षेत्र अभिप्रेत है;
आलुभाग- 3 क) आस आ खछ भारतकाराजफा
आरत का साजपत्र असाधारण
असाधारण

2003 का 48 (द) “सतत्‌ उपयोग” का वही अर्थ होगा, जो ऊँचव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 2
के खंड (ण) में है;
(ण). “अन्य परन्‍्परणत वन निवासी” से ऐसा कोई सदस्य या समुदाय अभ्ख्रित है, जो 3
दिसम्बर, 2005 से पूर्वकम से कम तीन पीढ़ियों तक प्राथमिक रूप से वन या वन भूमि में
निवास करता रह है और जो जीविका की वास्तविक आवश्यकताओं के लिएउन पर निर्भर है.
स्पष्टीकरण.-इस
खंड के प्रयोजन के लिए “पीढ़ी” से पत्चीस वर्ष की अवधि अभिप्रेत है;
(त) “ग्राम से निम्नलिखित
अभिप्रेत है -
(।) पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेज्ञें पर विस्तार) अधिनियम, 996 की घातत
4 के
4996 का 40 खण्ड (खत) में निर्दिष्ट
कोई ग्राम, या
(४) अनुसूचित क्षेत्रों से भिन्न पंचायतों से सम्बन्धित किसी राज्य विधि में ग्राम के रूप में
निर्दिष्ट कोई क्षेत्र;या

(#) वन ग्राम पुरातन निवास या बस्तियाँ और असर्वेक्षित ग्राम, चाहे वे ग्राम के रूप में
अधिसूचित
हों या नहीं; या
(५) उन राज्यों की दशा में, जहाँ पंचायतें नहीं हैं, पारम्परिक ग्राम, चाहे
वे किसी भी
नाम से ज्ञात हों.
(थ) “वन्य पशु” से वन्‍य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 972 की अनुसूची 4 से 4 में
4972 का 53 विनिर्दिष्ट पशुकी ऐसी प्रजातियाँ अभिप्रेत हैं, जो प्रकृति में वन्य के रूप में पाई जाती हैं.
अध्याय- 2
वन अधिकार
() इस अधिनियमके प्रयोजनों के लिए, वन में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियों
और अन्य परंपरागत वन निवासियों के सभी वनभूमि पर निम्नलिखित वन अधिकार होंगे, यन में निदास करने
जो य्यक्तिगत या सामुदायिक भूधृति या दोनों को सुरक्षित करते हैं अर्थात्‌ :- याली अनुसूचित
जनजातियों और
(क) बन में निवास करने याली अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासियों के अन्य परंपरागत यन
किसी सदस्य या किन्हीं सदस्यों द्रारा निवास के लिए या जीविका के लिए स्वयं खेती निवासियों के वन
करने के लिए य्यक्तियत या सामूहिक अधिभोग के अधीनबन भूमि को धारित करने और

(ख) निस्तार के रूप में सामुदायिक अधिकार चाहे किसी भी नाम से ज्ञात हों, जिनके अंतर्गत
तत्कालीन राजाओं के राज्यों, जमीदारों या ऐसे अन्य मध्यवर्ती शासमों में प्रयुक्त
अधिकार भी सम्मिलित हैं;
(ग).. गौँण बन उत्पादों के, जिनका गाँव की सीमा के भीतर या बाहर पारंपरिक रूप से संग्रह
किया जाता रहा है स्वामित्व संग्रह करने के लिए पहुँच, उनका उपयोग और व्ययन का
अधिकार रह है;

(घ) यायावरी या चार्गाही समुदायों की मत्स्य और जलाशयों के अन्य उत्पाद, चरागाह


(स्थापित और घुमक्कड़ दोनों) कै उपयोग या उन पर हकदारी और पारम्परिक मौसमी
संसाघनतं तक पहुँचके अन्य सामुदायिक अपिकार;
(ड) वे अधिकार, जिनके अंतर्गत आदिम जनजाति समूहों और कृषि पूर्व समुदायों के लिए गृह
और आवास की सामुदायिक भू-घृतियाँ
भी हैं;
(च).. किसी ऐसे राज्य मैं; जहाँ दावे विवादगरत हैं, किसी नाम पद्धति के अधीन विवादित भूमि
में या उस परकै अधिकार
(छ). बन भूमि पर हक के लिए किसी स्थानीय प्राधिकरण या किसी राज्य सरकार द्वारा जारी
पट्टों या पृतियों या अनुदानों के संपरिवर्तन के अधिक;

है) कह
भाग की
क॒ न मन भारत
मम का राजपत्र असाधारण मकान नाक न न तनमन पन्‍ ०

(ज) वनों के सभी वन ग्रामों, पुराने आवासों, असर्वेक्षित ग़रामों और अन्य ग्ाम्में के ब्सने और
संपरिवर्तन के अधिकार, चाहे ये याजस्वग्रामों में लेखबद्ध हों, अघिसूचित हों अथवा नहीं;
(झ) ऐसे किसी सामुदायिक वन संसाधन का संरक्षण, पुनरुज्जीदित या संरद्धित या प्रबंध
करने का अधिकार, जिसकी वे सतत्‌ उपयोग के लिए परंपरागत रूप से संरक्षा और
संरक्षण कर रहे हैं;
(ज) ऐसे अधिकार, जिनको किसी राज्य की विधि या किसी स्वशासी जिला परिषद्‌ या
स्वशासी क्षेत्रीय परिषद्‌ की विधियों के अधीन मान्यता दी गई है या जिन्हें
किसी राज्य की
सम्बन्धित जनजाति की किसी पारम्परिक या रूढ़िगत दिधि के अधीन जनजातियों के
अधिकारोंके रूप में स्वीकार किया बा है;
(ट) जैव विविधता तक पहुँच का अधिकार और जैव विविधता तथा सांस्कृतिक विविधता से
सम्बन्धित बौद्धिक सम्पदा और पारंपरिक ज्ञान का सामुदापिक अधिकार;
(5) कोई ऐसा अन्य पारंपरिक ऋधिकार जिसका, यथास्थिति, यन में निवास करने वाली उन
अनुसूचित जनजातियों या अन्य परंपरागत वन निवालियों द्वात रूडिगत रूप से उपभोग
किया जा रहा है, जो खंड (क) से खंड (2) में बर्कित हैं, किन्तु उनमें किसी प्रजाति के
वन्य जीव का शिकार करने या उन्हें फंसाने या उनके शरीर का कोई भाग निकालने का
परंप्कगत अधिकार नहीं है;
(ड) यथावत पुनर्वास का अधिकार, जिसके अंतर्गत उन मानत्यों में आनुकल्पिक भूमि भी है
जहाँ अनुसूचित जनजातियों और अन्य फरम्पतागत वन निवासियों को 3 दिसम्बर,
2005 के पूर्व किसी भी प्रकार की यनभूनि से पुनर्वास के उनके वैध हकप्राप्त किये बिना
अवैध रूप से वेदखल या विस्थापित किया गया हो.
4980 का 69 (2) वन (संरक्षण) अधिनियम, 980 में किसी ढाठ के होते डुए भी, केन्द्रीय सरकार,
सरकार द्वारा व्यवस्थित निम्नलिखित सुदिधाओं के लिए बन भूमि के परिवर्तन का
उपबंध करेगी जिसके अंतर्गत प्रति हेक्टेयर पचहहर से अनधिक पेड़ों का गिराया जाना
भी है, अर्थात्‌:-
(क) विद्यालय;
(ख) औषधालय या अस्पताल;
() ऑँगनबाड़ी;
(घ) उचित कीमत की दुकानें;
(ड) किद्दुत और दूरसंचार लाइनें
(घ) टैंकियां और अन्य लघु जलाशय;
(8) पेयजल की आपूर्ति और जल पाइफ्लाइनें;
(ज) जल या वर्षा जल संचयन संरचनाएँ;
(झ) लघु सिंचाई नहरें;
(ञ) अपार॑परिक ऊर्जा स्रोत; .
(2) कौशल उन्नयन या व्यावसापिक प्रशिक्षण केन्द्र;
(5) सड़कें; और
(ड) सामुदायिक केन्द्र;
परंतु वन भूमि के ऐसे परिवर्तन को तभी अनुज्ञात किया जायेगा, जब -
() इस उपपारा में वर्णित प्रयोजनों के लिए परिवर्तित की जाने दाली वनभूमि ऐसे प्रत्येक
मामले में एक हेक्टेयर से कम है; और
रो) ऐसी विकासशील परियोजनाओं की अनापहि इस शर्त के अधीन रहते हुए होगी कि उसकी
सिफारिश ग्राम सभा द्वारा की गई हो.
अनुभाग० ।कके) ) आरत का राजपत्र असाधारण2
पल क्मल्‍पन-ननन-ा-ाननननतभत५तचिचिफपपननन--ननननननन+

अध्याय-3
2००३ का 8.. दन अधिकारों की मान्यता, उनका पुन: स्थापन और निहित होना तथा संबंधित विषय
4... (+) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी और इस. पन में निवास करने
अधिनियम के उपबन्धोंके अधीन रहते हुए, कैन्द्रीय सरकार, - वाली अनुसूचित
(क) ऐसे राज्यों या राज्यों के उन कैज्े में वन में निकास फरने वाली अनुसूचित जनजातियों के, जनजातियों और
जहाँ उन्हें धात 3 में उल्लिखित सभी वन अधिकारों की बाबत अनुसूचित जनजातियों के. परम्परागत वन
रूप में घोषित किया गया है; निवासियों के वन
(ख) घारा 3 में उल्लिखित सभी दन अधिकारों की बाबत्‌ अन्य परंपरागत यन निकसियों के. . अधिकारों की
वन्द्रधिकारों को, मान्यता और उनका
मान्यता प्रदान करती है और उनमें निहित करती है. निड्टित होना.
(2) राष्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों के संकटग्रस्त वन्य जीव आवासों में इस अधिनियम के
अधीन मान्यताप्राम वन अधिकारों को, परचात्‌वर्ती रूप में उपान्तरित या पुनः स्थापित
किया जा सकेगा, परन्तु किसी भी वन अधिकार धारक को पुनःस्थापित नहीं किया
जावेगा या किसी भी रीति में उनके अधिकारों पर यन जीव संस्क्षण के लिए अनत्क्रिंत
सेत्रों के सृजन के प्रयोजनों के लिए निम्नलिखित सभी शर्तों के पूरा करने की दशा में के
सिवाय प्रभाव नहीं पड़ेया, अर्थात्‌ +
(क) विचाराधीन सभी क्षेत्रों में धार 6 में यथा बिनिर्दिष्ट अधिकारों की मान्यता और निहित
4972 का 53 करने की प्रक्रिया पूरी हो;

(ख) राज्य सरकार के संबद्ध अभिकरणों द्वारा वन्‍्य जीव संरक्षण अधिनियम, 972 के
अधीन अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह स्थापित किया गया है कि अधिकारों के
धारकोंकी उपस्थिति के वन्य पशुओं पर क्रियाकलाप या प्रभाव अपरिवर्तनीय नुकसान करने
के लिए पर्याप्त हैं और उक्त प्रजातिके अस्तित्व और उनके निवास के लिए खतरा है;
(ग). राज्य सरकार यह निष्कर्ष निकाल चुकी है कि सहअस्तित्व जैसे अन्य युक्‍्तियुक्त
विकल्प उपलब्ध नहीं हैं;
(६) एक या अनुकल्पी पैकेज तैयार और संसूचित किया गया है जो प्रभावित
व्यब्टियों और समुदायों के लिए सुनिश्चित जीवकि का उपबंध करता है और ऐसे
प्रभावित य्यष्टियों और समुदाय सरकार दी सुसंगत विधियों और नीति में दी
की केन्द्रीयों
एई अपेक्षाओं को पूरा करने फी व्यवस्था करता है;
(ड) प्रस्तावित पुनर्व्यवस्थापन और पैकेज के लिए संबद्ध क्षेत्रों में ग्राम सभाओं की स्वतंत्र
सूचित सहमति लिखित में प्राप्त कर ली गईं है;
(च) कोई पुनर्य्यस्थापन तभी होगा जब पुनर्वास अवस्थान पर सुविधाएँ और भूमि आवंटन
वायदा किये गये पैकेज के अनुसार पूरी की यई हो :
परंतु संकटगरस्त वन्‍य जीव आवास, जिससे अधिकार धारकों को इस प्रकार यन्य जीय संरक्षण के
प्रयोजनों के लिए पुनः स्थापित किया जाता है, पश्चात्‌वर्ती रूप से राज्य सरकार या कैन्द्रीय सरकार या फ़िसी
एककेद्वारा किसी अन्य उपकोगों के लिए अपयर्तित नहीं किया जायेगा,
(3) वन भूमि और उसके निवासियों की बाबत्‌ किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में वन
में निवास करने काली अनुसूचित जनजातियों और अन्य परम्परागत वन निवासियों को,
इस अगिनियम, के अधीन वन अधिकारों की मान्यता देना और उनका निहित किया
जाना इस शर्त के अध्यधीन होगा कि ऐसी जनजातियों या जनजाति समुदायों या अन्य
फरम्परा गत ने 3 दिसम्बर, 2005 से पूर्व वन भूमि अधिभोग में ले ली थी.
यन नियासियों
(4). उपधात () कर प्रदर कोई अधिक वंशगत होगा किन्तु संक्रमणीय या अन्तरणीय नहीं
होगा और विवाहित व्यक्तियों की दश में पति-पत्नी दोनों के नाम में संपुण्त रूप से और यदि
किसी घर का मुखिया एकल व्यक्ति है तो एकल मुखिया के नाम में रजिस्ट्रीकृत होगा तथा «
सीधे वारिस की अनुपस्थिति में देशागत अधिकार अगले निकटतम संबंधी को चला जायेगा

पा
अप ०| कक मे मा
का राज़फा
आर मरअस्घारण नकल कक न दम पकने

(5) जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके लियाए, किसी यन में निवास करने वाली अनुसूचित
जनजाति या अन्य परम्परागत वन निकतियों का कोई सदस्य उसके अधिभोगाधीन यन


भूमि से ठब तक बेदखल नहीं किया जायेगा या हटाया नहीं जायेगा ज्य तक कि मान्यता

+-++4
और सत्यापन प्रकिया पूरी नहीं हो जाती है,

नम. धन
(6) जहाँ उपधारा (॥) क्वारा माग्यताफ्रस और निहित वन अधिकार धात 3 की उपधारा (4)
के खंड (क) में वर्णित भूमि के संबंध में हैं, वहाँऐसी भूमि इस अधिनियमके प्रारम्भ की

4८++-_....-लन-+-मम3+.-न+---- “43-34 3-थ3-+3-3


तारख को किसी व्यष्टि या कुटुम्ब या समुदाय के अधिभोगाधीन होगी और ऐसी भूमि
वास्तविक अधिभोग के अधीन क्षेत्र तक निर्बन्धित होंगी और किसी दशा में इसका क्षेत्र
चार हेक्टेयर से अधिक का नहीं होगा.
(7) दन अधिकार, सभी विल्लंगमों और प्रक्रिया संबंधी अपेक्षाओं ते मुक्त रूप मैं प्रदत क्रिया 980 का 69
जायेगा, जिसमें वन (संरक्षण) अधिनियम, 980 के अधीन जनापति इस अपिनियम
में विनिर्दिष्ट के रिस्वाय वन भूमि में अपयोजन के लिए « ' शुद्ध वर्तमान मूल्य/” और
प्रतिकरात्मक वन रोपण का संदाय करने फी अपेक्षा सम्निलितहैं

(8) इस अधिनियम के अधीन मान्यताप्राप्त और निहित वन अधिकारी में दन मैं नियास करने
दाली अनुसूचित जनजातियों और अन्य परंपरानत वन निकासियाँ के वन भूनि अधिकार
सम्मिलित होंगे जो यह साबित कर सकते हैं कि ये तज्य विकास हस्तक्षेप के कारण भूमि
प्रतिकर के बिना उनके नियास और खेती से विस्थापित किये एये थे और जहाँ भूमि का
उपयोग उक्त अर्जन से पाँच यर्ष के भीतर उत प्रयोजन के लिए रहीं किया गया है,
जिसके रह वह अर्जित की गईं थी.
गन अधिकारों के 5, किसी वन्य अधिकार के घास्क, उन क्षेज्-,ं में जहाँइस अधिनिष्म के अधीन किन्हीं वन अधिकारों
धारकों के कर्तव्य, के धारक हैं, ग़ाम सभा और ग्राम स्तर की संस्याएँ निम्नलिखित के लिए सशक्त हैं, -
(क) यन्‍्य जीय, यन और उँव विविधता का सरह्षण करना;
(ख) यह सुनिश्चित करना कि लगा हुआ उल्हन बेत्र, उतखोत और अन्य पारिस्थितिकीय
संवेदनशील क्षेत्र पर्याप्त रूप से संरक्ित हैं;
(ग) यह सुनिश्चित करना कि वन में निवास करने बाली अनुसूचित जनजातियों और अन्य
परंपराणशत वन निदासियों का निवास किरशी प्रकार के विनाशकारी व्ययहारों से संरक्षित हैं
जो उनकी सांस्कृतिक और प्राकृतिक बिरासत को प्रभावित कसी हैं;
(०) यह सुनिश्चित करना कि सामुदादिक दन संसाधन तक पहुँच को विनियमित करने और
ऐसे किसी क्रियाकलाप को रोकने कै लिए, जो बन्य जीब, बन और जैव विविधता पर
प्रतिकूल प्रभाव डालता है, ग़म सभा में लिएगए बिनिश्कयों का पालन किया जाता है,
अध्याय-4
वन अधिकारों को निहित करने के लिए प्राधिकारी और प्रक्रिया
उन में नियास करने 6, (॥) ग्राम सभा को, ऐसे किसी व्यष्टिक या सामुदायिक वन्य अधिकारों या दोनों की प्रकृति
गाली अनुसूचित और सीमा को अवधारित करने के लिए प्रक्रिया आरभ करने का अधिकार होगा जो इस
जनजातियों और अप्िनियम के अधीन इसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाऊं के भीतर दन में मिवास
अन्य परम्परागत करने वाली और सत्यापन तथा ऐसी रीति में, जो दिहित की जाये, स्वफारिश किये वे
यन अधिकारों को प्रत्येक दावे के क्षेत्र को अंकित करते हुए, मानचित्र तैयार करके दिये जा सकेंगे और तब
जिहित करने के लिए ग़म सभा उस आशय का संकल्प पारित करेगी तथा उसके पश्चात्‌ उसकी एक प्रति
प्राधिकारी और
उपखंड स्तर की समिति को उह्योषित करेगी.
जखकी प्रक्रिया,
(2) ग्राम सभा के संकल्प से व्ययित कोई व्यक्ति उपधारा (3) के अधीन गठित उपखंड स्तर
की समिति को कोई यादिका दे सकेया और उपखंड स्तर की रूमिति ऐसी याचिका पर
विचार करेगी और उसका निपटारा करेगी ;-
परलततुफ्रत्येक ऐसी याचिका ग्राम सभा द्वारा संकल्प पारित करने की तारीख से साठ दिन के भीतर
दी जायेगी :
अनु ) भारत
भारत काराजपर
का राज्पत्र असाधारण
असाधारण

2003 का 88 परन्तुयह और कि ऐसी याचिका का, व्यथित व्यक्तियों के विरुद्ध निप्टारा तब तक नहीं किया जायैग जब
तक उन्हें अपने मामले को प्रस्तुत करने के लिए युक्तियुक्त अवसर नहीं दे दिया गया हो
(3) जज्य सरकार, ग्राम सभा द्वार पारित संकल्प की परीक्ष करे के लिए एक उप्संड स्तर की
खमिति का गठन करेगी और वन अधिकारों का अभिलेख तैयार करेगी तथा इसे उपलंड
अधिकारी कै रध्यम से ऑतिम विम्श्चय के लिए जिला स्तर की समिति को उशेषित करेपी
(4). उफ्यड़ स्तर की समिति के विनिश्चय रो व्यधित कोई व्यक्ति, उपखंड स्तर की समिति के
विनिश्ययकी तारीख से साठ दिन के भीतर जिला स्तर की समिति को कोई फषिका दे सकेगा
और जि स्तर की समिति ऐसी याचिका फर विचार करेगी .र उसका निपटा करेगी :
परन्तु गरम रभा के रुंकल्प के विरुद्ध कोई फचिका जिला स्तर की समिति के समश्न सीधे
हब तक नहीं दी जायेगी जब तक वह पहले उपखंड स्तर की समिति के समक्ष न दी गई हो
और उसके द्वारा उस पर विचारन कर लिया गण हो :
परतुयह और
कि याचिका का, व्ययित व्यक्तियों
के विरुद्ध निपटात रख तक नहीं किया जयेगा
जब तकउन्हें अपने मामले के प्रस्तुत फरने के लिए युक्‍्तिएुक्त अवसर नहीं दे दिया गया हो
(5). उाज्य सरकार, उपसंड स्तर की समिति द्वारा तैयार किये गये वन अधिकारों के अभिलेख
पर विचार करने और उनका अंतिम रूप से अनुमोदन करने के लिए एक जिलास्तर की
समिति का गठन करेगी.
(6) दन अधिकारों के अभिलेख पर जिला स्तर की समिति का विनिश्दप अतिष और
आबडकर होना.
(7). रुज्य सरकार, वन अधिकारों को मान्यता देने और उन्हें निहित करने वी प्रक्रिया को मानीटर
करने और ऐसी दिवरणियों और रिफेट को, जो उस अभिकरण द्वारा मांगी जायें, नोडल
अभिकरण केप्रस्तुत करने के लिए एक राज्य स्तर की म्नीटरी समिति क्या गठन करेगी
(8). उफ्संड स्तर की समिति, जिला स्तर की समिति और राज्य स्तर की मानीटरी सम्तिति में
राज्य सरकार
के राजस्य विभाग, बन विभाग और जनजातीय ममले विभाग के अधिकारी
और समुचित स्तर पर पंचायतीराज संस्थाओं के तीन सदस्य होंगे, जिन्हें संबंधित
पंचयतीराज संस्थाओं द्वाय नियुक्त किया जायेगा, जिनमें से दो सदस्य अनुसूचित
जनजाहिएेके होंगे और कम से कम एक महिला होगी, जैसा विहित किया जाये.
(9) उप्खंड स्तर की समिति, झिल्त स्तर की समिति और राज्य स्तर की भानीटरी समिति
की संरचना और कृत्य तथा उनके द्वारा अपने कृत्यों के निर्वहन में अनुसररित की जाने
वाली प्रक्रिया पह होगी, जो विहित की आए,

अध्याय-5
अपराध और शास्तियाँ
7... जहाँ कोई प्राधिकरण या समिति या ऐसे प्राध्रिकरण या समिति का कोई अधिकारी या सदस्य इस इस अधिनियम के
अधिनियम या उसके अधीन वन अधिकारों की मान्यता से संबंधित बनाये गये किसी नियम के... अप्रीन प्राधिकरणों
किन्हीं उपबंधों का उल्लंघन करेगा तो यह या ये इस अधिनियम के अधीन अपराध के दोष समझे. और रुमितियों के
जायेंगे और अपने विरुद्ध कार्रवाही! किये जाने और जुर्माने से, जो एक हजार रुपये तक का हो. रवर्यों या
सकेगा, दंडित किये जाने के भागी होंगे : अधिकारियों द्वारा
परन्तु इस उपधात की कोई भी बात इस धार में निर्दिष्ट प्राधिकरण या समिति के किती सदस्य
या विभागाध्यक्ष या किसी व्यक्ति को दंड का भागी नहीं बनायेगी यदि वह यह साबित कर देता है
कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था या उसने ऐसे अपराध के किये जाने का
निवारण करने के लिए सब सम्यक्‌ तत्परता बरती थी.
8. कोई भी न्यापालय इस अधिनियम की घात 7 के अधीन किसी अपराध का तब तक संज्ञान नहीं लेगा. अपराधों का संज्ञान
जब तक कि कोई वन में नियास करने वाली अनुसूचित जनजाति, किसी श्रम सभा के संकल्प से
संबंधित किसी विदाद के मामले में या किसी उच्च प्राधिकारी के विरुद्ध किसी संकल्प के माध्यम से
सील न- उ)रक
न ------००---------नन------------ भारत
रत का
का राजपब
राजपत्र असाधारण.
असाधारण

ग्राम सभा, राज्य स्तर की मानीटरी समिति को साठ दिन से अन्यून की सूचना नहींदे देती है और
राज्य स्तर की मानीटरी समिति ने ऐसे प्राधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही न कर ली हो.
अध्याय-6
प्रकीर्ण
प्राधिकरण, आदि के अध्याय 4 में निर्दिष्ट प्राधिकरणों का प्रत्येक सदस्य और इस अधिनियम द्वारा या उसके अधीन 4860 का 45
सदस्यों का लोक प्रदत्त शक्तियों
का प्रयोग करने याला प्रत्येक अन्य अधिकारी भारतीय दंड संहिता की धाच 2। के
अधन्तिर्मत लोक सेदक समझे जायेंगे.
रद्भावपूर्वक की गई 40, (4). इस अधिनियम के अधीन सद्भावपूर्वक की गईं या की जाने के लिए आशयित किसी बात
कार्रवाई के लिए के लिए कोई भी बाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही केन्द्रीय सरकार या राज्य
सरकार के किसी अधिकारी या कर्मचारीके विरुद्ध नहीं होनी.
(2) इस अधिनियम के अधीन सद्भावपूर्वक की गई या की जाने के लिए आशयित किसी बात
से हुए या हो सकने वाले किसी नुकसान के लिए कोई भी बाद या अन्य विधिक कार्यवाही
केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या उसके किसी अधिकारी या अन्य कर्मचारी के विरुद्ध
नहीं होगी.
(3) इस अधिनियम के अधीन सद्भावपूर्वक की गईं या की जाने के लिए आशयित किसी वात
के लिये कोई भी वाद या अन्य विधिक कार्ययडी जध्याय < में यथानिर्टिष्ट किसी

और अन्य कर्मचारी भी है, के विरुद्ध नहीं होनी.


3॥. जनजनजाति मामलों से संबोधित भारत सस्कार का मंत्र: या कैन्ट्रीय सरकार द्वार इस निमित्त
प्राधिकृत कोई अधिकारी या! प्राधिकारी इस अधिनियम के उपबंधों के कव्पन्दियन के लिए नोडल
कैन्द्रीय सरकार की अभिकरण होगा.
निदेश जारी करने फी 42, अध्याय 4 में निर्दिष्ट प्रत्येक प्राधिकारी इस अधिनियम द्वारा या उसके अधीन अपने कर्तव्यों का
शक्ति.
निर्वहन करने और अपनी शक्तियों का प्रयोग करने में, ऐसे साधारण या विशेष निदेशों के
अधिनियम का किसी अध् होगायधी
जे केन्द्रीयन सरकार, समय-पररूपय लिखित ने दे.
अन्य विधि के १3, इस अधिनियम और पंचायत उपकंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 996 में
अन्पीकरण में न होना
अन्यथा उपबंधित के सिवाय इस अधिनियम के उपबंध तत्सग्य प्रदृष्ठ किसी अन्य विधि के
नियम बनाने की उपबंधों के अतिरिक्त होंगे, न कि उनके अल्पीकरण में.
शक्ति. 4996 का 40
4, (). केन्द्रीय सरकार, इस अधिनियम के उपबंधों को कायॉन्‍्वित करने के लिए अधिसूचना
द्रारा और पूर्व प्रकाशन की शर्त के अधीन रहते हुए नियम बना सकेगी.
(2). विशिष्टतयां और पूर्षग्मी शक्तियों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे
नियम निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपबंध कर सकेंगे, अर्थ:
(क) धारा 6 में विभिर्दिष्ट प्रक्रिया के कार्यान्‍वयन के लिए प्रक्रिया संबंधी ब्यौरे
(ख) धारा 6 की उपधारा () के अधीन दावों को रमम्त करने, उन्हें सनेकित करने
और उनका सत्यापन करने तथा वन अधिकारों के प्रयोय के लिए सिफरिश किये
गये प्रत्येक दावे का क्षेत्र अंकित करते हुए मानचित्र तैयार करने की प्रक्रिया और
उस धाच की उपधारा (2) के अधीन उपखंड रूमेतिको याचिका देने की रीति;
(ग). धाय 6 की उपधारा (8) के अधीन उपखंड स्तर की समिति, जिला स्तर की
समिति और राज्य स्तर की मानीटरी समिति के सदस्यों के रूप में नियुक्त किये
जाने दाले राज्य सरकार के राजस्व विभाग, दन विभाग और जनजाति मामले
विभाग के अधिकारियों का स्तर;

5/0/%
अनुभाग ।क%क) पंत पम्प पपपन+---न-नननननननननननननननननननसधधपपभक्‍पक्‍पननन-+--

(घ) छारा 6 की उपप्रार (9) के अधीन उपखंड स्तर की समिति, फिल्म स्तर की
समिति और राज्य स्तर की मानीटरी समिति की संरचना और उसके कृत्य तथा
उनके द्वाय अपने कृत्यों के निर्वहन में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया;
2003 का ॥8 (ड). कोई अन्य विषय, जो विहित किया जाना अपेक्षित है या विहित किया जाए.
(3). इस अधिनियम के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम बनाये जाने के पश्चात्‌ यथाशीए्र,
संसदके प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अयधि के लिए
स्का जायेगा. यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो
सकेगी यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रनिक सर्जरीके ठीक कद के सत्र के अवसान के
पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जायें तो वह नियम
ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा, यदि उक्त अबसखान केपूर्व दोनोंसदन सहमत हो
खायें
कि वह नियम नहीं बनाया
जाना चाहिएतो तत्पश्दात्‌वह नियम, यथास्थिति, केवल
ऐसे उपांतरित रूप में ही प्रभावी होगा या निष्ममाव हो जायेगा; तथापि, ऐसे किसी
परिवर्तन या निष्प्रभाव होने से उस नियम के अधीन पहले की गई किसी बात की
विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.

धँ+ ूँ। ूँ»

2॥75
का अआज्िपन्र
5॥८ 0६०९ जी अष्वाद
ह्राए70/ आर)
भाग) खण्ड ।
रिरा ॥-$७68४6क 4
ग्राधिकार से प्रकाशित
7७8035#60 8५ #एम0कख्षा१

सं. 2) नई दिल्‍ली, मंगलवार, जनवरी2, 2007 / पौध 2, ॥928


४०. 2) ॥६५४ 058.0॥॥, 70६50%7, 3७0४७०॥२४ 2, 2007 / 2४७5४ 42, 928

इस भाग में भिन्न पृष्ठ संख्या दी जाती है जिससे कि यह अलग संकलन के रूप में रखा जा सफे।
5७937३0० 03079 $ 4एश॥ (0 [5 रि36 | 07967 (#9 ॥ 739 06 4॥80 339 8९7372908 60009॥90097

॥॥४५आ४३४४ 07.5५४ 800४0 >0श65


(६७प्रांड।.पए७ 0679#77शा()

॥४९७४४ 06%, 06 200 320700/09, 2007/2?809$8 42, 928 ।58/3)


उ#_800एशाय 50 ० 280॥9870९0॥ 7858/980 (8 355शआ 07॥08 ?85#0080 07 0५७७
290 060७॥7067, 2006, ॥79॥5॥#0#60,/ 700॥5॥606 0 ठछुक्षा७/0/ #0007790000 :--
7६ 57४६७०५
50 7985&5 8030 णाप्तक्त 86ण"॥9४४६ 7ष्छा ०७४६/६४७५७
(88005५भ7093 ७+ +क_्षद्टश ४5भ#ा59) &८, 2006
४0. 2 अ 2007
(2900 06267१0७, 2006)
80 2600 78005758 0 ४९७ ४७ 0/85[ 7075 &00 0०0८७/2800॥7 व /॥७54 000
॥ 06 9ए२९॥०9 5'965066 ॥न्‍ञ585 300 ०089 (90॥0078/ 607850 0४शीक#$ ५९१०७
#3५6 08७ ।85609॥7 0 5 एा8ड5 0 ठुशाअ90075 0चा एगी0586 09705 02000 १०( 06
70007060; [0 70४96 [06 8 ॥87780/097/९ 0 60"आध 06 0769 79/॥(5 50 ४९5७०
ख70 6 780076 0 6४ां3७7087600७7७0 छा 50208009॥0गा जाएं ए७छगतु थ 7857७०॥
00765(॥8॥0,
;४४९7७४७५ 0॥6 76९०0 7४५560 छंथव5 0 098 णज85 #४९॥७६५ 520809॥#00 ॥/9065 900
0०67 090॥॥009 07685॥ 0४७४७॥७/६ ॥0८५06 (॥6 ॥0570/7ञञ>॥985 800 39७(४०7४/ 0ा
वशाओाा का कु पक

50&9/7306 ७58, 6३९४३! रण 909ए७|॥ञ)/ 200 087/९097008 ० ७८०/09/८6|


90 08706 ॥#0 "#6/0/ #शाप/भषा।तु ॥8 ०050४90077/80076 ० 0॥8 (0888 ५४४७
€#5फ0च #५४९४॥४०0०00 ३.6 0909 $७९७७॥७ 0 06 065 0:7० 520800960 7 085
गाद्य 508 (8090073। 0788 0०७/९॥७४४5;
/#७09 ४७/१९/९895 (१४ [0785[ #0/7$ 00 8026$0/8| 8705 80 ॥॥७॥ #9/08[ ए/९ए॥8 7४0|
३30७प०७७8 79००च्रा४5७० 7 08 250॥09007 | 5$96 [078905 00799 ॥08 ८०४0786|
एश०00 38 ४४७॥| 85 ॥ ॥0807/0७/॥ ॥98850/॥90 #॥#5/0003/ ॥|७500000 ॥08 0/₹डां
9०/क्षा#५9 560600/९0 77%8$5 ॥१0 0067 ॥80#070//0765 0५४७४९७॥६ ५श0 88 तरांछप्ा!
00008 ४७/१/ $७/४५७| 8॥0 $0509॥/90॥00/ 0/08 07050 ७८०5॥5श॥॥

दी
प्रश्त& 522६६ 0#॥५४0/४८ €(78520%003०8१ शिक्ान

800 ४/७889$ ॥ कप
॥95 जप मम १0 800/855$ (6 000 $497/07
#50८07, रण शक्षाप्ांओं 300 3८2855 89रण दे! 0ए/९॥॥८ 52८॥690॥60 065 आन
0०0 0300079/ 0765 0५/९॥७/$ ॥#८ ॥7058 एश१० ४७७ ०7०९० 0 000966 ह।शाः
9ए/शआ्राशय्र 0080 58/6 9७०७० :शभ्रा।#॥0१७॥४०75,
86 ॥ ९४8०280 99 ?ि80काशा। # 6 तरी५-52९एछकाएं। १९७ ० ॥6 १९79७07० ०0
॥009397 0॥090/5 :--
काह्शक्क-4
शरा8.॥॥॥0४५४१४
जच०7१ छ06 भा? . ([॥ 0॥।-7 ५५ 96 ०३॥७० ॥४॥९ 53600880 ॥7085 370 0॥॥8/ ]790007॥/
न्णाशडा ॥5 [३९०090907 ०0 50788 ठि09/४5) 5८, 2006,
42 ॥00क४05॥0॥%8 ५/006 00009 ७०९०७०( ४७७ 5६86 06 क्षाए॥ ॥09॥(8क््राा
43] है. ॥3॥ ०जा8 ॥#(0 (तजरि०8 ० 5७९० 9906 85 [08 (९ 607/शाशक्षा
709) 9 00॥४02007॥॥ ॥08 (जीए्न॥ 582608, 89097.
2... #075 26, (॥/855 (6 000७90 000५४5५864७/85 ---
(तारा फछिछछा 8800008 77088 608॥0079/ ०00४४ जि ४970
शशि) 08 00900 07 0७5ज09/ 00.॥70965 एा 06 ,॥908 07 ६७5७०)
0जाधाणएए०5 ॥899980
ञ0
39 वि मिमी गा का
९ टाह/09| ४४७४७ ॥80/9' 78805 5900 695 ० ४3४070/ 78705 3१0
5आ७9765 ५४९४8 ॥85 0069॥ 9089/४08॥/ 900 (॥89/५ 65(90॥8/60,
63586 0]/ 0888, ०7 008 088 ० 8८976 800 009800४8 ८7॥879, 0)१9॥
शएल्ा न 2676804७/60 0 06 (९०९ 85 ॥7/008॥6 [0/ 0॥8 00565 ०
2४॥॥6 €0080५90॥0] 35 ॥79)/ 08 0९॥७##707/00 300 ॥00#00 0/ 0॥6
(शाए3। मम ॥॥0॥8 ७८०४८न ४३ छाशाज॥आशाए ०0 0885 भीश
0००श /00855 ०9 6035093907 भा &क+%थभा 0एजआाग।धए।[88, ##ंफी
॥#000065 6»79श0[5 #0॥7॥ ॥98 397%9720 09 ४४8 0507/शशाशशा।
प्रश।शछतर 370070/8500/9098 छा 0॥8 ॥॥609 ० ॥7908| 85 ॥४॥॥| ॥30 08
#00080, बा 0शश्ाओ्रएओओ ४09 #835 3000700805 (0 0॥8 #00600/:/
॥009ए४/४00755 97575 #0700 500 -३७८४0705 [] 800 (८) 04$७८४०॥ 4;
(09) 70685 0४४७॥॥० 309॥69000 ॥7985" ॥68॥$ 00७ 00905 07
000४7॥070/ ७ 08 500800॥80 ॥7%65 ४४१० 08097// 78$06 ॥ 9१0
४४० 090070 0४ 0॥९ 07685 0/ [07858 |8/005 ढ्ि 00709 ॥06 ॥५6॥/॥000 *
76805 80 #000065 06 5.0600॥60 7708 9850073॥& 00007007065;
(० “085 990/ ॥6995 90 ए 8५ पर 07 009 ५शंतती आ॥/
08$# 9888 90 ॥0002९5 एआ2/85ञ्ञी20 078$4$, ७७॥0९४79/03890
॥076$85 00350970 07 0९७760 [06575, 07000८060 ॥076$85, 7050/५४९०
॥086565, 580/09/965 970 |४३४॥४०7३ ?97/75;
(९) (#06575 #705 7695 ॥#08 07657%7(5/8/#760 (0॥ 56000] 3;
॥) (छह हर भी 76975 ॥४४ इशला।शाक्षा।5 ४/४८) ७५९ 0०
85780॥5760 08 (0९$$ 0/ 70 765॥ 00280770( 0 80५
5$9908 060४शश्राक्षा। जि (8४7५ 0०79३#9007$ 07 शश४#प्। ४४8
(रारक्रा60 ॥।0 065 शा|छठु७& ॥४४००५७ ॥8 085 7650५0/ा
कब 970 ॥८/७085 थिश्म ३6/आाशा शा ४ 2060 00७7080
(0095, ॥॥ (/०85 रण लंशो 3 अल कम प्रशी3॥9ए९ ॥भ08
0३॥९0, 00 5७९०॥ ५॥3५65 हिएभप085 05 0 00४9५8॥07 0
0०07 ७585 पक १)/॥१8 50५/800700श7;
(9) ॥59॥) 53003 ॥7695 3 ५४७26 जी ज्ञाओ॥ ०जक्रांञ अर 9॥ 830॥
एशा।एश5 रण 3 ४॥9प96 आ0 ॥ 0358 9,४09 ॥0 ?७४४9/४5,
२8985, ॥0085 900 0०0५९ ॥900079/ ५8४3565 ब्राआर0005 9४4 शल्ए?एं
२9५98 00077787985, ५शं0॥ (में १0 ७॥8॥7290 9-#फट/?आंठत अ ५/जाभा;
(0) ॥9 90" ॥॥040क्‍85 ॥6 888 नह ॥899 #8 "0डॉजा।अ५/ 829 आएं
00 00क्ष 9095 ॥ 708989५60 07058$ ॥00 97070८060 ॥0/65(५ ए[
[॥0७ ७४/०8॥ हि 90 20।0-09/700॥09 ८00700॥685 890 0७॥
65 02७४९॥५ 3८089060 ॥4#0965;
(॥ ॥/॥767 ॥09765%0 70308" 50685 9 70ानात्रा98/ (8६ 90700008
जिक्षा। 99 #000॥09 09000, 0705# ४४०००, 5.॥725, ८७४७, ॥0558/,
0000075, ॥979/, ४४8४, 80, (४00 07 090 ७8५९३, 78000007.9 0097(5
909 #905, ॥005, (७089/5 आ॥0 06 ॥26;

४]4 ;;
व॒#६ 5४2६ 05 0४०५७ ४९८788080॥3४8१"
डर

॥.. ३४०59 990॥2// #0905 08 0009 8900/ ५०8०॥80॥॥ $8८007 ];


॥0.. ४०४३० ॥088 3 #00#00007 200/6#209॥ 0॥6 (0/॥09 5972॥6;
॥.. !श65८४०९७७ #8805 90850069 0.7 /0085 73906 ७॥७७ (॥8 /८॥
(0) 5लञ60000 #8&/88" ॥र6905 0॥8 509/000॥00 /8/68$ ॥रशशा७० (0 #॥
805९ ([) 06 #४०७ 244 ० ॥ (०050000॥;
(0. '50880908 058" #0७॥ ॥8५8 06 $76 #09॥बव( 8$ 8$#9090 (0 |]
७०8५७७९ (0) ०$8०४07 2 0०॥08 800०908 0५७॥५ 80०, 2002;
8 ण 2003 (0. '०0ाक्ष ॥98007शभ छजिछआड 02शीक्ष/ ॥8आ5 आए ऐक्षीक्रैश 0
०णाध्राआ॥ ५४४० 35 0 3 685 0॥88 ठशाश३705 भर (0 08 30॥
५७9५ ०॑ 0009700, 2005 ज़ा।।आ॥ 7880890॥ 0 ४0 0800॥0 जा
6 065 0//078905 |90/ 0ा 0008 08 ॥४8४।00060605.
छक्भाबांज-- १०४१ 700096 0 ॥॥& (8058, (9श्रो७8॥07 ॥980593
98007 ००088 0 (४४७५-५७ /९#$;
(9) '५॥४स्‍9.9७ 77008$ --
40 ० 996 ॥॥. & २॥996रश्र९क्‍800॥॥ 0७056 (0) ७०४० 4 0 008 रि09/अ#05
० ॥98 २ि80003,/95 (छितल्लांता ॥0 008 500900000 8/8935) #एॉं,
4996; 0/
|). #प्राए भ०5 /शकषा३0 (0 85 3 ४॥990 ॥ ॥0/ 90908 ॥8४ ७७0॥9 (0
रि्ञा॥9)१5 ०00 (00 08 500890॥60 2/689$; 07
कं) *िणाछडा जॉ॥पु05, 00 ॥8900 ण 5९७॥॥॥008 900 ७050५७/७५
जं॥9985, ५#/श्राक्शष 700#80 85 ४॥996 ७ ॥0; 07
५) ॥0 ॥॥8 08586 ० 5865 '/श्क्ि४ #॥.68 36 ॥0 ?ि#.08)/85, 0॥6
90000 जं॥58, 0./ ५४४/३५४३ 78706 0॥॥७0;
53 3 97२ (व). "शत आश्रा)0/ ॥९अ% 97५ $080995 ० आगरा ॥००९४९०॥॥ 507७0005||0
॥४०॥॥७४४३४७॥४७॥सि०७८४००) #&0, 972 ॥॥0/007॥0 ४४० ॥7908.
साश्राह्मया
#5स्‍#59 #७ा$
3, [॥ #&0 (४08 709058 रण 05 80०, 06 000///9$ ॥9/5, शश०। $000/6
ग्राठणं५७॥॥ ॥ 00079 (श्राएाह8 ज 000, 509 08 008 0ा65[वंध्5 0. काव्! ऐंप्र5 ०
शिहडां 2, 52089060 वक्र85 ॥#॥0 0॥# ॥उठा।जिा३। 0णि085. जिल्क ऐ#/शा॥शत
७४४७॥७७ ०। 8॥ 065(800$, 00॥00/:-- न
(०. मिंद्ा।0॥00 भरा( #५७॥॥ ॥४8 085 0 जा0श (॥8 ॥0४908| .. एम्व0७७0#| 07९5
6007 ००5७098007 07 ॥80॥9097॥ 0 जि 5९/-५७॥४३४०० 60
#५०७॥४॥003 0५ 3 एश्रा00 07 #शश्०0श5 0 3 085: 0//७॥०५
5८068900॥69 ॥708 0 जार ॥00॥079|/0768॥ 00/९॥0७5;
(0) 0०॥॥70४४५ #905 800 35 #/509, 0/ ५/॥७४४४७॥ 0906 ०8॥९०,
ल्‍0000॥0 00056 ७३४80 # शष्जध्शा्रो8 शि#0७५ 50985, 29॥70ं 0
500 #/0॥7/00/87/ 7887088;
(० फ्री ण॑ 0शशाक्षक्रा0, 800855 40 0000०, ७४७, ७00 00056 0
प्रात्तिण 407650 9703008 एशी#॥॥ ॥85 0680 ॥89॥078॥/ ९०॥९८९९०
एगंतात्रा 5 00508 ४४॥७५७९ 0007097085;
(09. 07.७ ००॥॥७४५ १5 06 ७७8३ ए श्राए/्रास्‍७0$ $00 8$ छि/
90 णाक्ष 70002 0 भर 009065, ध्वाग्याप्र (000 5७॥॥80 0/
(आओ) आ00 080॥078॥ $९७५७०॥७ 78500008 8८८७५६5 0
१07080 07 0854075 000700/08$:
(७). ग्रिंक्ा$ ॥000979 ०0जञाध्राणाओ)/ (४065 0।॥#2090 ॥0 ॥3990097
0ि ?9/77॥४8 ॥%३। 670095 आ0 98-80/000॥५/8॥ 000॥700785;
(]. गांज्ञा।5 ॥#॥ ७ 006 080900 ॥905 जा06/ ७ ॥00)/४2/806
979 50880 ५७/१७४४७ (४७४॥$ 978 0900560;
(9) एंकच्र08 0णि ०५४०7 | २9088 070॥088965 00 धा008 59060 0१/ 80५
008 90000त9 ० भा। 988 60५७0000# 00 0789 |98005 (0 0४5;

6 थे
86 522६7 06 ॥४00& &(850700॥/५५१४ २िछ#-

(0) मिध॥05 0 5७ आ9 ०00५/0झ०7 0 ॥| 0065 ५॥95९$, 00


#9098007, ध॥$५७५/९० ४॥|७०8७ 800 00007 ५॥|3४85 #। 007855,
एशाढए॥0 76207080, 00॥#609 7 700॥000 7४५७॥७७ ५॥७9०5;
(0! #970 ६0 [#06८0, ॥७प्रशाक्षआ6 ० 00752796 ०7 ॥80896 97९
८0तंराणा।५ए छिलझ 78800606 शशांएा ॥ा6/ 8५९ ४68७॥।
7098980709/, #/06९कआद 800 000$8/५70 0 505(8॥806 ७58;
( फ्रिज ४४ आ8 76009#7580 एा5तं2/ ॥#79 50906 [8७/ 07 99/$ ०
37५ 2000070005 0500 (०0एाएों 6 8७00007005 रिश्घ्वांजाऊ'
(€०णाल्षी 5 २क्लांडी 96 382007020 85 795 0 (70805 एा0ं७ ५
प३9॥078| 67 ८७६0799/ 8४५ ए ॥6 0०ज०७४१९० (0965 ० 3५
586;
(0) शिंध्रा। रण 300855 १0 0009५एआं/ आ70 ०जागएए प्र ॥0
॥78॥6008| 97079क70/ 300 ॥8000979| 0एश/०9098 78/9080 (0
009एशजा[५ 900 एज।एास 0ए2आ५;
॥) #9/ 003 ध39॥0073| पगंधा। ०0डंतजाओआओजए ७90/७० 0) ४8 ज850
9०४०५ 5०0७00/७० 76985 07 00॥087 790#0079/07650 0/४७॥७४5,
85 (98 0886 779५ 06, ५/४0०॥ 88 ॥00 790॥0780 | ८80585 (9) (0
(0 00० ७०८८४७०॥५ 0४॥७ 0३७00 कफ 5 ॥0एएओत्त 07 ७392[/#0७४ ०
8+035975 3 0॥70 (008 000/ 06 9७. 82060028$ ० ५७/॥७० 8/४४४;
[श) डिध्ा।0 ॥ आए 7/.0908॥80॥07 #00थ ॥/9773098 |800 ॥0 ८8585
भशाक्ष७ 08 59॥600॥60 ॥7065 ७090 0067 ॥39#0009/ 076६३
090४४९॥छ35 8४४ 976.॥ ॥॥6६9॥/ ७५८१९७० 07 357903080 07 068
69 ० 4980
रा रा 800 938इललांएांण जांतीठएण 7658एं्रातु शा ७१8|
शधवशाओशा 40 ॥#३9४9ि907 फरांज [0 06 ॥3श 989 ०
0९७०९४०७०७, 2005;
(2) 40०४0७9799709 आश्रय ०07004#860 ॥ #8 +जलछ (00758/५2४0॥॥
श्दा 4980, 006 (७७॥0॥8!| 50ए७0स्‍70#70 5॥3॥ 9770706 607 0०ए8$807 ४

4078/ 870 07 ॥6 080४४709 30085 97908 0५ 0॥8 50५ए0/शञाशा


भार 0५0५8 8॥ 0 06685 70 8७००९९०॥४05 5९४९०(५४-ी४७६ 7९९5 &
8०9४8, 79700 :--
(9) 50॥00|5;
9) 057207059/']/ 0७ ॥059४3|;
(6) 979970/9805;
(9) ल 9706 50॥005;
(€) हल्टाए6 आठ (७8॥80"आध्राता४्ं ०३007 0085;
(0 (8९5 800 000्ष 70907 ४४७४ 000॥85;
(9) संतरात9 ए्ा७ः 5७०० भाए एछ/० 99थ्ी085;
(0) एश9ंशा 0 ४४४ ॥५8%#षय 5/७०।७/९५;
() #र॥007॥793009/] "935;
0) #0-007४९॥४स्‍४003500702 ठ ९759५;
(४) 560॥ ७०04/908007 9 ४०080098/ 9५5 "४765;
॥) 70805; 80
(00) 0७॥7007#9 ०७१॥॥९5;
शि0रां9809॥॥90 5900 30/#॥0०7 06/07650॥9//0 5॥93॥ 06 300५४80 0०५
(0) उक& 678 0 0 56 3॥ए९60 07 ॥#96 7070585 7087/॥॥09790 ॥0 [॥४$
$00-$5800075485$ (00 006 80(98/6 ॥ 880# 0858; 30
(0) वकन्‍8 ढाए३/भाए8 छा 5एट) 06९७७०आाशाओ 970|०७८5 5॥9॥ 08 5५0]|९० $0
(8 0ज)0॥00जा ए (08 $.78578007800080 0.9 ँ॥७ 0॥9870 530#9.

४ १6 ::
क्‍ । पप्न६ 5७2६5 5+ ॥४0/8 &१8५४०0 0॥3580 न्नन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्तल्लिि् ििवििनननरर>9न्‍ऋ9555८5८८5८८5555े
ल्‍ल्‍सस्््नन्न्स्स्स्स्ननखअ नननस्स्स्सन
ड------------नजञ्ेफ

पलधश्र्शह्य-॥
8६0050श700, 8६508%700 8000 ५६७0७ 0# 70855 8655 8४0
#ध.#ाछ0 भधाएछमप5क
4... ॥ए6मतीडाआा3॥9 ॥१॥059 ०जाज॥8७७ ॥ 00५ 00३७ 8५४ (जि 06 (08 #6००५४।४०॥
0 त जि०8, आए 5७0|९500 08 छ0५8075 0 05 80०, 00 (श्षाश3 बम्पर र
60एह/॥000(#060)/7800प7४$85 800 ५४७5६५/0050#9//5॥0-- शक गत,
(७) 86 0788 0ए०/शक्राठ 90080060 ॥॒त्०85 ॥ 908085 07 9/8895 था रकण्पूपप्ट,
50965 ४#१९78 009/ आ6 0662|8/09 85 500०00॥00 ॥7%88 जे ५
7659620/ ॥॥0/7%87पञ05 गरश्रा5089॥0 ६७९७०॥ 3; ग3एंदरांतयारां
(2) ॥॥96 0ि65 एरप5 7600970४589 (॥00 ॥#४$ /७॥0 ॥ ल्लांप्रं०9। ४श|9॥6
#079$5 0 8४0च8/| रि0(६ #१0 53८७छ93785 78, $७०58040आ॥॥॥ 06
70066 0776520000, 70४960 0४७४ 00 0785( 7प॥05 0।08/5 $/3॥| 08
76$90099 0 ॥8४6 (॥86 7दा॥5 बा 30./ ॥0878 309८060 [0 ॥॥७
7प72058$ ० 0३ #४00889 38885 (0 ४४॥०४6 00०058५800॥
8302809(॥7 ८8$8 9#08 0॥099709 6000॥0075 98 5899#00, 080000/ :--
(2 ॥॥6 90<6$5 07800087#007 90 ५७३४७॥५ ० ए9)//5 85 5/200/660|7
52९॥907 6 & ०07790।006 ॥ 3॥ ॥#6 368७8 ५067 000800900॥;
53 ०। 977 (9). ॥985 060 ७६:७०४६8॥॥90 0)/ ४॥8 000000090 3958/॥0085 0॥॥68 58(6
(80एक#7#0श॥॥, 0 808/056 07 (॥88 002९5 ७067 ॥08 ५श|0७ (36
(6८09) 0०७, 972 "वा 0॥७ ३०४४॥४85 07 0१99064 0 006
ए/890726 06॥0006३ 0 वंत्र5 0०9० ४र१0 ३735 & 5र्प्नाष्टिंका! (0
09058 #8/९७५७०४९७ 687998 900 (69070 ४8 ९१०5७॥॥0७ ए[ 536
808९0#85 कषा9 0 ४#/॥9:
(७. 706 50908 50४क7का 8$ 0०7०७०७४ (१७६ 0९7 78850030।8
0०0॥07$, 5७८7 35, 00-6:05(828 86॥/0( 9५3/30|6:
(6). & 7&65९(४शालष॥ 0 ऑ|ए0:9५४85 000/808 ॥४85 00शा 7707280 #१0
200770#08080 ४80 97070085 8 9908 #72॥006090 06 ४१४ ०९४20
॥#990088$ 800 ८जात्राआआऑ#65 900 िडि3 ॥॥8 ॥6क्‍ए/शाशक्ांड
5007 ७८४७७ ॥१७ ४-5 आ0 0000॥70988 दांर्शा ॥08700७५/आ:
[9775 आ9 0॥6 20॥0,/ ४ 08 0 5077१:
(8॥ ॥#6 #86 क्राि7॥80 ०050 0 (08 (79 530#95 # ४७ ७8885

णा5९7760 0 0॥8 [#0700560 ॥08560॥07000#70 900 0 08 9980४990
#85 06 009॥#60 #॥ एशंप;
॥. 70 76$80शा60ता #॥3॥ 4886 08808 एाए। &८2/॥08$ 800 ॥क0
लॉ008000 2 [8 7050॥07श॥ 00000 झ९ ०077/0/8 85 96/ ॥6
शिरा॥56७0 9904:996;
?२06097020 (४ 06 "त06| ४४0॥॥6 ॥900ठ5 #ण ४6॥५ 79#5 #॥000७5 आ0 (७४५
780०3060 07 [90000585 ए[। ४४४०॥6 ०00$५/0व 8 ॥00 06 5७0580080॥/)/ 0४९60 0;
0068 5908 (50५&700080६ 57 06 00॥ल्‍7४ 90एक्ष॥ा।॥३|# 67 आए जा।श का४0/ ० 0098 ७४8५,
(3) ॥67७६०57॥07 9879 ४७७त्र[ 0॥06057905 0७ 05 8८200 0806५
एाशत 900830॥80 70985 भाएं ॥0 जी।क्ष श३0003/0850 0//श॥#5॥॥
/अंत्राजा (0 99 596 66 (00 शिक्रोतताज ॥765760 0 (8, 900 आएं
(67 छह आओ 06 500620 40 008 090णा हाथ 5७८॥ 560800॥80
गग०65 07 हर 00585 छा 0शक्ष ॥880003/ (858 00४९४७७४5 ॥80
05007%00 0७५४ ॥8700 088078 0॥8 3॥0 089५ ० 06200, 2005.
(4). 8 खक्षगं ०0जराशिा80 9/ 500-5860097 () ञंध्छ। 06 ॥0800|8 09० ॥0०
3#6799066 07 ॥870<श/306 3700 509॥ 08 80]$92700 |०(५ # 0॥0 087१6
०७900 ४७ $000585 ब ८3858 0 ॥97780 [१७&0॥5 9907/ (५४७ 09760
॥06 $॥0/8 ॥830 ॥ ४00७ (8$8 06 3 ॥॥0056#000 ॥60080 0// 9 5॥0908
ए9७0800 300 | 06 3050706 0 8 0क 6८ #९॥, 096 ॥07526 79 $03॥
79955 रा [0 [06 76)6-0४॥.
(5) 58५6 35 ०0३५४३8 970श9890, ॥0 ग्रोश्षा|9# ० 3 0णिा65 ७४४श७॥०५
500800॥809 7[826 07 0॥00 ॥#3000709 07९५ 0४2३४ 809॥ 96 ७५०९०
06 ॥९0॥07९09 ॥#णा णिहड 00 छाएश 5 ००८७०७007 ॥॥ 08
॥600०प 0097 90 एसआंऑटंजा 970000076क्‍$ 000॥ल्‍808.

52347:8
पसजरर99999933 २222 982७]
2 सलाह
(# ॥॥र॥५ मल&४६7800080॥॥&8"
था 3 ७2००० 2.
-]]

[6॥ 'शाछाए एक 085! हिल १8९0 घािका जा ४छड्ाह0 एए का0-8कजाएा। [|]


शक वि 00) एक जिफए पका िमाकत ता एप्प कि णा हाई |] ता
इ0 एम 3 काजल क्या जीआ। ।म्राजातंशा॥।॥8 055 जां।जा ता था #िरतीशतए9। ता
जता का "णाग।ंबाबाओए छत एश एजिंक फा 0तात्राश्काटकालाबं का (ताडि #हा जाफ्ँ
छाती फक ॥छत्तादिंएत ॥0 एक साहस धततंशा' कटंा। तटजाकछांएत आज ड। 8 ॥7
गा 0858 शतक लात लाहस वा 00" #छ 0788.
| प्र ।जाएछ बोजएंड हज 08 ए0ााछशिाछत 88 ता 9 सालातालाएहड का है <१ नया]
छ:एचं।ाओं 7छत॥शञाज्ातांड, जह्धआञाज एरंहकासाएल पापा 8 ग्ताहडा
(ख्ाइछाम्ज्रांता) बट, ॥980, ।लदाआज्ाहा पा छक्शाह पीले छा एशकाओाओं
शकलिकी सा ऐऐांड्रन्शीइक्ताए।ए जा एप हफ जिन दित्र परी शक्ाकांफ़ा एाँ छिएफा किए,
है 08 पैदल प्रएफजोकिएं था एक 0०,
गफहछहडञा एद्57800६5]880 कक एड१ 80 (जाएँका पी हए सी धारक
(॥#8 व0ु6 दर क्ाव॑ [6 फ़िकेडां, तौकसाशिाए 90800 शक काश तांतीक्ता
प्रकशनिंकाओं फ़ित्डा दॉमशशीकषाफ फ्री एशात लधवांओीआ हीशां गीला ऋक्ष३
प्रीह्ा/|मिएश) शान शिक्षा! शछकरिलतु कात लावा अरतिज्राव। ध्लातत
एताफश्ाउफ़ा। एस 6 कीक्ांश 6870 [तहत शि!/हतमिंतब्रोक साफ परी
िक्र खि।0 गि8& ॥ए0ं फिक छ5७ती 0 (6 [जंएए56 िा' शशेहंएी | जज
80ाक्नशत जगं। 08 एफ पा ॥6 इक छप्रएक्रा।एा,
पक्रत00तांड एज आ। फिल्डा नि, जिसाा 55 छत जंतु क०छ पादाती। 0 तो शाह

का गिएाश्षा
कि रजत प्रॉस, 08का आत॑ फफलिलकांड ५
धो हिफकाह शि्ों हरतीयातातह पएशंहिीशाहाांड 388, रत ५त्ह5हड कात पतला
800॥0 एस! इ्ाड्ाधिफएह ताइयी क्ाए सएकाहायोएए [एक एणर्दा।
कं लिछाएह पीता ॥8 #7कता का हक तैणकशएप फिकररिक। ॥085 काटा
एफ वाजपीजिबाओं जिक्तां एैशसीाह 8 [88780 विछाश 87% फिती छा
परश्चााएशफ्छ काकलप्सड अीशलातितु #ही' कातिताओं लात तहत कटा लक :
[छ) छिष्कजक #8 एज एकएऐपफाफ छा लि पीछ अिखाा उद्धए।9 0 छड्माध्यथा8
काएछघच ॥0 हतात्राबाग।/ िछहां 7€६6507588 आते 500% शा 30 एगीटिी
अरसपशाउशए हॉीलिएड 06 एी१ शावतजांड, हक कार्ए पक फफपीएएा एए केाब!
एफशाएकिएं फोगी...
एग्रागह््.
ग्रणानए्ाशािहिड ७४०७ एक: 8958 (#त पह्दा॥॥ (7 6 तहडा #फता।5
साजीकांद्राहक पर: ॥॥॥ गक्रह छान 5809#6 इक 86 ॥ह ध#फवए (6 वार्मेक्िंह एैतर! एइफएएआामक का
पएाढ़ा।।ए।क। 7 एढांधाकं जाए छफाशा। एा विादशंपरी/क४ ता ॥ततशाजनाविए
शिएफ पांप्रां४ छा छा पाक ॥97 एक धुफिशा ॥0 ह%8 07850 (0छछ॥#
80#-7प्राह्ग ॥वरिकड़ तो तक तकाीएाओों िक्ा एफ फ्रातिज। ॥8
डा शाधोंड रा वींड जाडतीएाफा। पाजऐश एीडि #ले गए 8एकंसातत 68708,
00ा50ज897 3 छवि हन्छा) आजा 0हफाबाएं। 8 70 त0ताएजधाज
[तिह शाहत ताँ ककटोीत 780 रानत068 टॉज्ा। वी। दधटी क्‍काधाका' तक तह 0
फ्ंशक।06॥ 0 हराह्ाए5छ तर्व क्ञतएंती एप कराएं तीन जीजा प्रतीत हगीओी,
॥छञ, एज%5फ5:भ॥ा [0 9 छ्ीकिं कार स्‍्षएश्ीशा' फिशफाएं 9 एंताए
॥08 33779 0 099 50॥0-गप्रदछाा।ओं [87088
श _ाए फिलखा। आव्रा।शएलते 0 ह8 650 एा #छ (आता 580/8 गो
फ़ार्शल 3 तल्ांएतिी। (0 पक हित" ऐीफ्रोफ्राएताज। | हा (ततता।त90 एंजाकातियजाएं
पराएका ड00-इकलीएा) [3॥ गात॑ ॥68 छाोज-प्रफजाओ। हक (तताश|हस
छगठो। (जबरन हद! एी57050 एा छाए जगा दा:
शितणाएहय (क कणक्ए डा।एी एशांए ता इक ॥ 0 एबी काफएं फीता कंशाफ 007 वि हा
द9॥8 एा 0क%त[ु एव #न ॥8छ।ा 098 पाक 5क्रय;
गिरकर ्ा।ए पक्ष 00 छाती एशांगिफा हि [न एकिा068३ छा खाक 78 अतुजाए/सां
पएक्काजाबा, (055 8 #8 0687 एक 3 85घात्तास 5ुृच्ता0रतना'॥व0 (लंका तरंड टलडह,
3]) गक्ष छोज्ांछ जलकर धीओं शञ्ाकशाएए 8 जिई-जिएफ्रंतताओं |सांसां
[तात्रगांधहर 0 ह< कराएं (8 एंद0॥7तिो जिाइडकत 0 6 फाज्ा। उत्तम जाएँ
अए7काफं क्ष झिःएवएँ एा शिहकां एंज्रीजड शाह एमए मे जि, कि छा:
जिजंह्ांजाओं (एल (09 छाए |#ण्हईफ्राध्रातीएक फि अगिक त॑खउतत

8:
॥7/#६ 5«2६६& 0#7॥४0।8 ६&(॥080॥388/
न "| "7 7 7 7” ्-चल्-ल्‍स्‍-<5स्‍सय्ॉिॉििििििॉऑऑलवससममसककसमआआआआआआओआओ::,स:-

॒ाए एभज्णा 399700७७ 0 08 960४० रण 08 590-0४ं8079 (.6५९।


(4)
एजआध्रा॥ए66 79) #रछ67 3 08९000०0॥ 00 ॥6 0६॥00 ..७५९। (0007779098
धंता॥ 5909 098 #07 08 0908 0 080 /॥807 ० ॥॥8 500-00/003|
[6४७ 20०70४76७ ॥१9 08 0॥कांटा (8४९ 0०7ध्रा॥॥66 $9॥॥ ८'्राझंएंश
370 05[00$6 06 $0907 9७000".
०3७१७ (090 70 97०क0०/ #9॥ 96 >र्श#80 काएट/५ 008 06 05070 (.७५४।
(०आभा४#068 39978 08 7850ए/0 ० 08 (का) 59008 ध|855 ॥6 53006 ॥8$ 000
ज़शाशाह9 0660/6 9 ८00898760 0५ 0॥8 5009-09 ४०$09798५8|0070706:;
शिएरु963 ा0॥67 (४७ 00 5७०0 900007 #9॥ 98 38290$80 0 9099॥0 08 3999#0५७०
787७0), ध/७55 60785 98७॥ 4४७ 983507806 020000097/0/ 00 78907 5 ८७56.
45] गत6 5996 5070#7"#76 #॥३॥ 600570/8 3 06&960 (९४ (0007४0868
$0 ०090७ 970 जि9#9 970070४6 (08 760070 00650 79/45 789780
99008 500-0४8073 ७५७ 000५१४१७8.
(6) 6 962$09॥ [| 08 0500 [07७ 090777॥98 जा (४8 780070 00७७
प्रक्ा[5 $78॥ 08 08 90 007,
(7) रत 54988 50५87#000 आओ ०050/008 3 5098 [6५७ #/्राजिा।[प
(007#४(66 ॥0 ॥१00/00 प।७ 7700055 07 76209ऑ007 390 ४७50प 0०
(07७७ 709/॥$ 809 (0 900ा॥ं (0 ॥॥8 0009 39872, 5027 7888005 800
707075 85 779)/ 96 ५89॥९० 07 0) ४90 9900८५.
(8) ॥॥6 509-फएंकंता3। .6५७७| (00077#॥68, 06 छेंक्ांटा (७५७ (ञा॥४088
आ0 06 50808 [9५8 (०४४०४५ (7४098 503॥ ००55 0 0505
ता (08 5903777छ75 | व6४॥७७, 7068 300 ॥708| 845 0 08
5396 0507शशगा0॥ आए शंध्व७७8 70779685 ९ 08 7०00, थे
॥#कशएए0्र$ 8 ४५४७ 99एाणआंग8 ॥७५९, 990'090 0५ 0॥8 76879600५6
?8/2/9/30 मु #50070075 0 0शै॥जा) ६५४० #१9॥ 08 0॥8 520/800000 7708
#स्‍्षा०क३$ 900 2ं।85 णा8 ४४७ 96 8 ५/00590, 88 79) ०8 778507060,
(9 वगा6 ८णआाए0कंंणञा आय फ़िालाजाड ण॑॥#686 5५90-0फएंञ्ल009 (९५४७
(07७७, 06 एंज्ञाएड। (6०७ (एजाजा्ा।७७ 008 ४४७ 986 (७
त्रफाी।ए ०४88 १0 0१6 40 0७ 080५9४80 0/५/ 0
08 0&07996 ० ॥#0४ ७/0007$ #॥ 098 50८0 85 779५ 96 978$07000.
ए##शह्ा-प
0#8&४८&5 ७७४0 ?६/४४(.॥६$
५४४86 37५ 9पतागाए ण 0णा॥ा(06 0 जी ० शशा0एश ० 5७
3007070/ 9 00॥व्राह/88 0ज07४७765 भा 90एंहंण रण ह5 80 थ ॥॥) 7006
7806 (॥876000867 07०शाायु ।0७००.7/007 ० 0छा88 79#5, ॥, ज ॥॥0/,
5#9॥ 06 36३80 ॥0 098 (07) ण॑ आ। 0७028 ७०७७४ [४8 26 300 509॥| 06
॥99040 96 970088980 399॥756 809 0७॥#क80 एक) ब्रि8 "शंए। 79) ७०१३0
पा ललपजाजक

[0 008 (॥005$970/00885;
?7०५0980 (जज 0णांभाएय 00॥७॥060 ॥ (४5 $00-58८४०7 9 ॥॥007 ॥0/ 0१९00
ण॑ ॥8 80009 ् 0जाध्राह/06 तर 880 0० 0॥8 98273707707/ ज 3५ 78507।्/४60 (०
है प5 582007 9089 (0 आए एएऑडाशिशा | 08 [॥0५85 ॥8 ४6 ००७ ५४७३
०9060 एशं000 ॥$ 0726098 0 0 ॥७ ॥80 8:७2560 3॥ 0५8 0॥90७706 ॥0
ए97/6ए७7॥॥6 ०007775$0/ | 5५९#) ०७१०७.
० ००जा 5॥3॥ (8८6 ००90/297008 0 97// 000०९ 0000 $९५(०४ 7 ७०॥९६३ 90५
जणिछडा 0ए७॥॥59 520800960 वरं०8 0 ०858 ०00 8 08708 800६ (0 98
785000907 ०9 8 5979 58009 07 ॥08 छा 599#798 (07009 8 78$0000ा
39805 99 ॥रफ्राीक्ष 90#00त09 9088 3 00008 0॥0॥655 08॥ #>॥)॥ 039/$ (0
॥४8 50808 [€ए९ ०099 007077#096 0 008 5496 (९४७ 0४0४9
(रातरा।8॥3570 900७७०७० 89978 8७८) 99॥00709-
ए#स्‍#शछ्-णा
॥॥$०८६४७ ४0७६०७५
|शैहर०काऊ ठा
45&# 8650 ६५५ गाक्षा067 0 ४98 300707/॥#68 ॥्078० 0 ॥ (#9ए/श0 ४ 90 ९५९४) #५#700४6%,
जोश णी687 ९१८३०ंआ।[9 आ ण॑ प8 000४९ 680 0) ज॒ एञा0श९ 0४५ ५4 ७३0., 70 ७७
जग 08 06७7॥60 ६0 06 3 90760 5७५आ। ए/ं॥गद्ध ४१8 गरहख्ञाब्रठु ए 5छ७एांणा 70०४८
2 04078 ॥#0 97 7७॥8| (096.

5४:795
६ 5०2६6 06 ॥४०५५ ६१82080/॥४४8१५ 2?8/-]

#-04७टकांठा १0, [॥] २० 5एा, 05600 ० 00७ ।699| 9700009॥79 &9॥ ॥86 399॥9 ॥५
0. #५/07
६७४७॥ कह णजीएछा 67 0087 .900/66 0 06 (७॥8।| 50५९70॥70870/ 07 ॥6 55886
607थश्राभ0॥।|तणि आश्रय एाफंजा 5 ॥ 9000 । 308 (7 0॥90080 १०
98 3078 0, ० ७७०0७ (४5 ४८.
(2) #१० हक. 07 90७ !७६४ 7006७०/॥7६ 5&#9॥ ॥#8 9द9ांग्र॥ (8 (७४7४
(50एशाशाओ॥श 9 06 596 50५९00/767/ 07 8/ ० ॥$ ०८७85 0। 0॥॥87
870|000)/68& [07 ॥॥/ 007स्‍990 ७0960
८ ०7 ॥080/ (0 96 ०७७३९० 0५
आापात्राप शमांजी 8 था 9009 7 3008 ० ॥0॥909080 (0 86 0076 (१0७
॥॥65 8९.
(3॥ [० 5फां( 0 ०09 |6थ३। 970088799 803॥ ॥8 39750 30/ 890॥070/ 85
एर्शका०त 0 ॥ (8भभञल्ष ४ ॥दा्आाध 5 0॥४9ं72७5००, 77/07/0०७५,
धोशा।00-56८008/, "०७5 909 003 शए00,/०85 0 90/0॥#5
४४/४८/0३४5 # 9000 90 ) 00706 07 ॥#॥0१90040 06 3076 66 (5 /0०+.
40 ०। 996
]॥, उ॥6॥शींग्रांआा५ 0 8 (९७३ 507शगाशा 09॥05 ५श। । 609 ४975 00 8॥9
णीएछः 9 38५0॥9 900%07880 0)/ ॥8 (6७/४ज (0४आभाशाए 0 पांड 7
आठ 06 87099| 39870)/ 07 ४6 070900॥270[39007 ० 08 970५$0/7$ 0 0४5
#ां,
१2. ॥ ॥#6 70/00779॥06 07 75 30085 900 €:७९४७९ 0 75 70788 09 67 ७०0७/
पी 828, ७०९7५ 8७०४, र/#।९०॥0॥ (४870७ ४ ६४७४॥ 96 5०४७|००॥ (0 ६७०)
इश्षाह70| 0 57809। 9॥800075, 85 #8 (९७7॥॥ढ 507277077606 779५, #707! (१6
40 0776, कां४8॥0 ५४४४6,
43, 53५86 85 00॥छ४शॉ9९ ए90एं960 | एरं$ &ढा 20 (08 सिछशंडांजाड ० ॥08
२ि९08/9/5 (छत ॥0 9 5.069060 /7235) &८, 996, ६४७७
एिएशांडांजा$ ० (8 60 #9॥ 98 ॥# 399॥067 ४0 300 70[ # 0श००३3४०07 ० 0७
रि0एांडांठ5 09 8709 जरश 8ए४/0 8 एंता/९ 9७मादु 7 0708.
॥4, (]) ॥78 ए७॥#0४ ठ5०78000870 709५, 9५ 70#6७॥#070, ॥0 5७0७८ ६0 06
00॥५७0णा ए ९४००5 700॥23000, 778८6 7885 07 087/४09 ०0७ ॥॥6
्र0०५ंंजा50 0४ 8506.
(2) # 99ा60फए्क, 200 शांप्री०्या 7शुं०७८8७ [0 ५९ धशाशओआं।) ०ा॑ 6
।0७9079 7009७75, डफली ॥88 709/ 770२08 07 2॥# 66 90५ 0| 06
0॥0५भ75 7४3(87$, ॥#909 :-
(9. 2०069 0635 6 ब्राए/सत३79007 0० (6 9700060078
$7९८री80 ॥ $6८॥0॥ 6;
(00 776 ?006९00०/6 ७7 #ह८शसं१ठ आए5ड, ०0050॥09#79 370
प्रकाशक तताशा। आएं 78789 8 797 99॥08970 ६॥8 888 0
88९7 70800007080060 (90) 67 ७१९४।८४३४७ 0 /0765६ [थ्र॥5 ७087
5900-580407 ([) 0 56०#०7॥ 6 आएं छ8 गाआआछ/ 0 फ़र्शशा।व 8
०98७0॥607 0 ॥॥6 5900 ०5879 (00777766 ७0067 500-58८009॥7
(2॥ ०09 5९८00:
(०) 6 6९९ ० ०605 ० 08 087आआंगाशां5 0 १628008, 70785
30 7769॥ 895 0 ४९ 50908 0070७#97007/ ६0 96 9|0/00/00 35
गराशा0श९$ 0 0068 5७0-0४ंह्ञजाओं (.8एश (000॥7068, 6 0/506
[७४९। (000776685 आएं 0/6 50988 (७२ श०ता0779 (०79७7४96
(७7087 500-89९000॥ (8) 056८॥0॥# 6;
(0) ॥#8 ०णाफएठआठा आत चिश्टा005 | 08 3890-00 3&079/ [.6ए९॥
(एशाशाहए(99, 08 एंड0 (0०७ 007776898 900 08 5866 [९०३
0/ज्रां079 (०0770४066 800 ७ 97068906 ६० 06 [0॥0४५/७०४ ०५
ीशा। 0 08 0500998 ए शा ि000705५ ४08 5000-$80007 (9)
058९८॥0॥ 6;
(छ) 8779 जाश गराताश जरब्सा 5 एचए83 ॥0 08, 07 799 96,
76$ए॥४0९७,

0 ञ
आम
82207) 66 --- ०+-+>+०---०
(3) ६२४७१ 706 75908 0, 0॥6 "शत 50४क्षाकाआए ७७७87 (85 80 90| 06
[90, 85 5007 9$ 79, 098 9ीक्षि ॥ 5 7308, 7७078 ९७८॥ #009$8 00
रिक्लाप्क्रतशशा, ५शॉभ8 ते. 5 8 58550), 07 3 (जअ 98600 एा 007५ 99)॥5
५४५ 79) 96 ८000 :#520 0 008 ५९५० जम (१४०0 0 ॥00९ $000९5झ५९
39850705, आएं #, एश06 ४४७ ७697) रण ४8 585307॥ बरा॥60॥00॥
(0॥00४00 ॥08 ४8500 00 (08 500085॥४6 58587075 8/076580, 90
(400585 308 ह। 9075 #7./ 0700#09009॥7 (॥8/008 ५ 000॥/400505
89798 708! (॥8 /906 ४१00७ ॥00 08 ॥806, ४४8 7038 $008॥ (9/09ींशि
#8ए6 हह2॥ 07५ ॥ $0८ॉ 70080 छाए ७ 06 070 ९७८, 8$ ॥१6
0856 ॥08५9 098; 80, #09४878, शैशा आ)./ 5990 ॥700#0900॥ 07
कभा्ताक्षा। 509॥ 06 "४४०० एाशुए58 0 ४8 ५#फक्राए ण॑ आए।एात
7/०४०५३।५ 9006 ५०0७ 0॥)0॥8. |

। है ४०. ८४&0४४६०
। 580०५. 00 ४४७ 50०. ० ॥08

४24::
5, ॥४०. 7044/02/2007-7?08&५
6099४७0#0शाा 0 ॥#08
शिकरांडॉल्) ० 7799॥ /# 5

$॥8झ|7 803५970, ९०७०४ 0७॥#-4000॥


08080 ॥॥७ 20॥ £#807087५, 2007

08058
500: एण्राज्ञापणप॑ज ० 8 7047708 509707 छ67097 0ि #लश5 पितत&5$ एवरा007 06
54०09609 77985 0 0प्ा७ ॥30 059 0765६ 0४/७॥275 (%6००व7रांध॑ंठा 5
#07950 99/६5७) ७८१, 2006
(08९६०९७०६ ०0 08 ७१96070ा 0 ॥१९ 5ल्‍0800880 7 त००५ 800 00067 [7305079
5085 0//७॥७७ (#90096४/0॥ ० +जर०॥ पि75) 5८, 2006, ?500&७#७0 ॥ (9 5879॥08
रा ॥0098, छिडराकणाएांब्राआ५, रिक्रा। ॥ - 58९067 ॥ 50 रंा09) 2, 2007, ॥॥6 06703
90५शाश्रौाए॥॥ #॥880,/ ००5४॥000685 8 ॥6८/तां८अ 59777 070७० एा02/ (6
(णशाएक्षाताआं9 ० ०९ शिी्रा॥/५ ० ॥799 /#ाः5 00 #97079 #+0॥65 ७॥१०७९/ ॥४8
5५20000 77085 900 0000 7/3000709 0765४ 0५/2॥975 (892०97/08097 ० +7ढन
म्रिक्ञा5) 508, 20060 69/7)/॥79 ०ए 08 770जंझंठत5 56 0९ 5८0. 7/१6 007770$00॥7 0 40७0
उल्क्राग्राट्ड 5099707 (5०५७ 579॥ 06 85 ७7067.

॥00०४-०#मटा&.
॥. जड्ञाए 5.9. 5978 (७97/7#987
2... रिर्0, #/90॥39 63999 #४/९7087
3. 59 पिक्षा॥ 59/(७7१97 #४९७०॥०९7
4... 5 गिज्लञा) 09/2७/१७98 #४९॥087
5, श्रिर्ण.।(,0, ॥॥8॥७008 ९०0९7
6... 5त्रां 59)]9909993#,98)9 शिक्षा।067
7. 5॥07 मिज्ञात90 0008 ९७७४987
8. ?िर्णा, ४97क्‍॥४ 59/0987 शैशा।एटा
9. 507 0. 89700990॥/39 #/शाएला
१0,.. हा. 57779 5७009 ीशा।00
]],. 5ग्रा॥एात्तत् 5093॥08/ 'क्षा।027

जनमटादा
42... छएडस्‍0 5७0७3 ॥078६, 0080/890#7 प्रैशा०एला
33, सि९०8५श॥६900४९ 0 शींत्रांडा7,9 9 &0//तरञा३॥ & 27१०७
£0/8585 [00। 9800५५ 08 9// 0 .00070 582८7९(97५)
44,.. रिश/85273#098 0 089777007( 07[.300 ९067
ल850॥085 [00( 96॥0// 0॥8॥9#८ ० 000। 58८70097))
5.,.. विशञशा85शाक्षा०8 0 #॥४8४7%५ ए (8५० & 050८6 ९४08/
(६९वषां/8008 00798070070 [700 90880// [॥08 ।9/#:
0 300/ 560४९(8/१/)
१6,.. विक्षअ65शा(97४७8 0 | शीतां5॥09 ० ?8900॥9,/3॥ ९7०
'हि9] 007 920/00५५0॥8॥3॥/८ 0 076 56#287५)
॥7,.. छात्रा 50ए05 #ैंधीर, रिताभ28 5208687/, +०07/९5६१, ी९॥१0९॥
650५श!0॥#7शाए 0 0॥#9059आ[
8,. 9॥#75.0.9९फा, 58७॥87'./, [7903 00५९/07#0श7(, ॥४९४१७७९/
(50०00 0 |+77080॥8 ?:8065॥

2 22:5
9... एजाधरा5िआंजाहर & 580997/, #भक्रक्षा७8 0 श8४8._+- 0१०0
69695 390 882/07/870 (॥395585, 507शञाप्रा।॥॥
#8809)0, (0/४आ3#
20, 0०ा्रा#ं5४/90भ्च& 5909097५, ।%॥ 5605 त्ज 0०७
छ879शभांगि, 50५0॥#707॥06 85070, 09570॥,
650५५29/7
24... ० 799| 8#8#$
307 5627/809//, /क्ला|30५ नर #शक्षा।०8-(000४७॥07

2 7986 ॥6.॥09| 590707 (४०७४७ #१3॥ 97278/8 ४५४७ 9थी 4५65४ 0 एाशोध्य या
8 एाएए५४008 00 ४॥8 590083060 ॥065 ७00 000 ॥730#0708। 50765 0५/७॥९।$
(86००ट०पंणा ०0 £#0854 मिक्5) 80७. 2006 "श0ाव्रा 3 90000 06 3 0१095 60॥) ॥08 098/8
णदाहएाका ऊ ४७ 50929 ॥9 5७0007 ७७8७ $80॥20 08 60/श॥"#07.,

५. 956 765//४८७ 500970०07॥ 57000 जाओ 70७0 800 ७४०7८ 00 5 30007 [/9॥ 0
30४59 08 9090590 मिए/65, +0 ॥75 900058 06 ॥8"0709 5079707 0007 709/
॥00 ८0750/90075 ४४ 0॥6 998 50एशञाभा७॥/5/0व9' क्रा।070/ 09॥0$8॥/300%5
॥रताशं9७3॥ 0 (808 ८७/९ 0 598 50980"#6 (/शि'०७5. ॥6 ] 82003 509707 07000
703) 259 १090 70७जाओ 60ॉ४8285 ५४0 8090४540 गि।आं56 (6 3/90।0/85.

4. +#06 06 907090585 रण ॥8/08, 0॥8 ॥07-04#0989 #शैक्षा0875 ० ॥09 ॥82[003|


इछफऋ्रणा छाण्पए ५श॥ 06 ए88/80 8$ ९कुएंएआशा। 80 (7308- ०067$ 0॥ 08 (श7078|
65०ए#77/000 ७0#0093[0 03५89 0५ 9.

(07. 89679 99)


30०६ 50009" ४0 08 507077"क्षा ए| ॥093
१7७8७-0-23073847

(0०7०४॥०:

#&॥ 0#ट5 979 ४00-0/॥09॥ ॥९७॥४०0४$ ० (9 ।999॥03| 59970०07 57/009.

(०7०9५ एिा 7/0४59॥0/ १० :

. #तराहएतिइाक5 008 (ए मे. 50739 05॥709#, 250 ?/॥), 5000 9806९, ४९७४
एशाए;
2... (जाश 58ल्‍9ए0७करां॥! (907 ४॥|७ फउक्ृआत3, 8990079 56278097/), 9॥#73797
808५97, ४७४७४ 00७0
3, 5ल्‍७८7९87५, #ैशींग्रांइ॥/५ एा छिशाीएणशाशा! & +०७४8, 787./8५897॥ 803५9), 050
(0777/00८, ४९४५० 00॥#
4, 56678097५, एक ० ?0८003/3॥ रि3-९०98 803५37, |४७४४ 000
5... 56८278॥877, #/#ॉ509 मिछाअ 00एश०0्राक्ा। (0809777##0 ० [970 मिछ0पञ75),
(जा 88979, ४७७४ 0,॥४
8, 53७८7/63५, ।एब्रा579 ण॑ (9७ & 20508208 (६७१४४३४ए०७ 027990706व70, 50997
809५9, ४७७४ 00#
(शा 52078४9५9, 50/07्राशा( 0 09 0ुआ, लिअ?9५/
५० ९० 5५

छाएंश 5820आ, 00727! 0##7390९708 90899, 50798


(#ाश 582790979, 507/शाशाओ(० 8507॥, 0520, 059५४9/590

(छः. 89097 5979)


३0906 58089 (0 ४४९७ 50एशाधाओआ। 04 ॥0|8

बज
(भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग 2, खंड 3, उपखंड (॥), तारीख । जनवरी, 2008 में प्रकाशनार्थ)
भारत सरकार
जनजातीय कार्य मंत्रालय
नई दिल्‍ली, 04.04.2008
अधिसूचना
साका नि... .(अ).-अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता नियम,
2007 का प्रारूप अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (यन अधिकारों की मान्यता) नियम, 2007 का
प्रारूप अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 (2007
का 2] की घारा 4 की उपधारा () की अपेक्षानुसार भारत सरकार कै जनजातीय कार्य मंत्रालय की अधिसूचना सं,
साकानि, 437(अ), तारीख 9 जून, 2007 के अधीन तारीख 49 जून, 2007 के भारत कै राजपत्र, भाग 2,
खंड 3, उपखंड (]) में प्रकाश्ठित किया गया भा, जिसमें ऐसे सभी व्यक्तियों से, जिनके उनसे प्रभावित होने की
संभावना है, उस तारीख से, जिसको उक्त अधिसूचना से युक्त राज़पत्र की प्रतियाँ जनता को उपलब्ध करा दी गई थीं,
पतालीस दिन की अवधि की समाधि से पूर्व आश्षेप और सुझाव मांगे गये थे;
और उक्त राजपत्र की प्रतियां जनताको 25.06 2007 को उपलब्ध करा दी गई थीं,

और उक्त प्रारूप नियमों की बाबत जनता से प्राप्त आक्षेपों और सुझायें पर केन्द्रीय सरकार द्वारा सम्यक्‌ रूप से विधार
कर लिया गया है;

अतः अब, कैन्द्रीय सरकार अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत दन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता)
अधिनियम, 2006 (2007 का 2) की धारा 4 की उपधारा () और उपधार (2) द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते
हुए, दन में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियों और ऐसे वर्नों में निदास करने वाले अन्य परंपरागत यन निकसियों के
यन अधिकारों और वन भूमि पर अधिभोग को मान्यता देने और उनमें निहित करने कै लिए निम्नलिखित नियम बनाती है,
अर्थात्‌ :-
+. संक्षिप्त माम, विस्तार और प्रारम्भ -
(+) इस नियमों का संक्षिप्त नाम अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन नियासी (यन अधिकारों की
मान्यता) नियम, 2008 है।

(2) इनका विस्तार, जम्मू-कश्मीर राज्य को छोड़कर, सम्पूर्ण भारत पर होगा।


(3) येराजफ़ में प्रकाशन की करीख को प्रवृत्त होंगे।
2. परिभाषाएँ-

(+) इन नियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-


(क) "अधिनियम “ से अनुसूचित जनआति और अन्य परंपरागत वन निवासी (यन अधिकारों की
मान्यता) अधिनियम, 2006 (2007 का 2) अभिप्रेतहै;
(ख) “वास्तविक जीविका आवश्यकराओं'' से, जैसा कि अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (4) के खंड
(क) खंड (ग) और खंड (ध) में उपबंधित है, वन भूमि पर स्वयं सेती करके उत्पादन के माध्यम से
या उपज के विक्रय से स्वये की और कुट्ुँंब की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति अभ्हित है;
(ग) “दावेदार” से ऐसा य्यक्टि य्यस्टियों का समूह, कुदुंब था समुदाय अभिप्रेत है जो अधिनियम में
8.२.

सूचीबद्ध अधिकारों की मान्यता और उनके निहित होने के लिए दावा करता हैं;
34.

(घ) अधिनियम की घारा 3 की उपधारा (4) के खंड (ग) के अधीन “'बैण वन उपज के निपटान'' के अंतति
उपज को इकट्ठा करने वाले या समुदाय द्वात जीविका के लिए ऐसी उपज के उपयोग

४24:
के लिए स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण, मूल्य वर्द्धन, दन क्षेत्र में सिर पर रखकर, साईकिल द्वार या
ठेल्ढों के द्वारा परिवहन या विक्रय भी है;
(3) “वन अधिकार समिति से नियम 3 के अधीन ग्राम सभा द्वारा गठित समिति अभिप्रेत है;
(च) “धारा' से अधिनियम की धारा अभ्क्ित है।
। (2) उन शब्दों और पदों का, जो इन नियमों में प्रयुक्त हैं और पारिभाषित नहीं हैं किन्तु अधिनियम में परिभाषित हैं,
| यही अर्थ होगा जो अधिनियम में है।
। 3. ग्रामसभा-
(॥) ग्राम एंचायत द्वारा ग्राम सभाओं का संयोजन किया जाया और उसके पहले अधिवेशन में वह अपने सदस्यों मैं
से कम से कम दस किन्तु पंद्रह से अनधिक व्यक्तियों कौ दन अधिकार समिति के सदस्यों के रूप में
निर्वाचित करेगी जिसमें कम से कम एक तिहाई सदस्य अनुसूचित जनजातियों के होंगे :
परंतुऐसे सदस्यों में से कम से कम एक तिहाई सदस्य महिलाएँ होंगी :
वरंतु ऐसे यह और कि जहों कोई अनुसुचित जनजाति नहीं है वह ऐसे सदस्यों में से कम से कम एक हिाई.
सदस्य महिलाएँ होंगी। :
(2) वन अधियार समिति अध्यक्ष और सचिव का विनिश्चय करेगी और उसकी सूचना उफखंड स्तर की समिति
को देगी।
(3) जब वन अधिकार समिति का कोई सदस्य व्यष्टिक वन अधिकार का दावेदार भी है तब वह उसकी सूचना
समिति को देगा और जब उसके दाये पर विचार किया जायेगा तब 46 सत्यापन कार्यवाहियों में भाग नहीं लेगा।
4, ग्राम सभा के कृत्य-
(॥) ग्रामसभा-
(क) वन अधिकारों की प्रकृति और सीमा का अवधारण करने के लिए कार्यवाही आरंभ करेगी और उससे
संबंधित दावों की सुनवाई करेगी;
(ख) वन अधिकारों के दावेदारों की सूची तैयार करेगी और दावेदारों और उनके दायों के ऐसे ब्यौरों का एक
रजिस्टर रक्षेगी जे केन्द्रीय सरकार आदेश द्वारा अवधारित करे;
(7) वन अधिकारों के संबंध में दावों पर संकल्प, हितबद्ध व्यक्तियों और संबंधित प्राधिकारियों को
सुनवाई का युक्तियुकत अवसर दैने के पश्चात्‌, पारित करेगी और उन्हें उपखंड स्तर की समिति को
भेज देगी;
(घ) अधिनियम की धाच्र 4 की उपधारा (2) के खंड (ड) के अधीन पुनर्थ्यस्थापन पैकेंज़ं पर विचार
करेगी;और
(5) अधिनियम की धाच 5 के उपकंधों को कार्यानवित करने के लिए वन्यज़ीव, यन और जैव विविधता के
संरक्षण के लिए अपने सदस्यों में से समितियों का गठन करेगी।
(2) श्रम सभा के अधिवैशन में गणपूर्ति ऐसी ग्रम सभा के सभी सदस्यों के दो तिहाई से अन्यून सदस्यों द्वारा होगीः
परंतु जहाँ किसी गाँव में अनुसूचित जनजातियों और गैर अनुसूचित जनजातियों की विषम जनसंख्या है वहाँ
अनुसूचित जनजाति, आदिम जनजातीय समूहों और कृषि पूर्व समुदायों के सदस्यों का पर्याप्त रूप से
दियाित्व
प्रधिनिष जायेगा।
(3) गम सभा को राज्य के प्राधिकारियों द्वारा आवश्यक सहायता उपलग्प कराई जायेगी।
5... उपखं ड -
स्तर की समिति
राज्य सरकार निम्नलिखित सदस्यों के साथ उपखंड स्तर की समिति का मठन करेगी, अर्थात्‌ :-

2 ड9:3
(क) उपसंड अधिकारी वा समतल्य अधिकारी - फ्ष्यक
ख्) उपखंड का भार कंधक वन अधिकारी या सफनुल्य अधिकारी - सदस्य
[ग) इलॉफ या तहसील स्तर की पंकातों के तीन सदस्य जिन्हें जिला पंचायत द्वारा माम निर्देशित किया
जायेगा जिनमें से कम सै कम दो अनुसूधित जनजातियों के होंगेजो अधिमानतः ऐसे सदस्य
होंगे जो वन
निवासी हैं या जो आदिय जनजातीय समूह के हैं और जहाँ कोई अनुसूचित जनजातियाँ नहीं हैं
कहाँ ऐसे
दी सदस्य जो अधियानत: अन्य परयशगतवन निकासी हैंऔर एक महिला सदः्य होगी; था संविधान
की
छठी अनुत्तूदी के अंतर्गत आने वाले बौबों में तीन सदस्त त्वगासी फिल्म परिषदया. प्रदिभिक परिषद
या
अन्य समुचित जौनल स्तर की परिषद दवात ना निर्देशित किये जायेगे जिकमें से
कम से कथ एक महिला
सदस्य हो; और

[घ) जनजातीय कल्याण विभाग का उपछेड का भासताधक अधिकारी या जहोँ


ऐसा अधिकारी उपलब्ध नहीं
हैं वहाँ जनजातीय कार्य का भारत प्रक अधिकारों
- उपज स्तर की समिकेति
कुछ - उपस्तर
खं की समिति
ड -
क) प्रत्येक गण सभा को नाजुक पैड़-पौशे और जीव- जल्तु के संदर्भ में, जिन्हें सुरक्षित और संरक्षित
रखे जाने की आवश्यकता है, कन्‍्यजीय, बन और जैव विविधता के जतरक्षाण के
संबंध में तनके
फर्वाव्यों और बने अधिकारों के घारक के क्र्त॑प्वों तथा अन्य के कर्चाव्यों के
रे मैं जानकारी
उपक्ष करायेगी;
ग्राम सधा और वन अधिकारी सथिति को वन और राजस्व पानधित्र और
पतदाता सूची उपलब्ध
करुयेगी,

व) संबद
गम साथओं
्धके सभी संकल्
को पों
एक साथ पिल्लोगी,
(घ) गन सभाओं दा उपलब्ध कराये गये मानचित्रों और ब्यौरों को स्ेक्रित करेंगी;
() दावों की सभ्माई को सुनिश्चित करे के लिएगान सभाओं के संकल्प और पानपियोकें परीक्षा करंगी;
[ध) किन्हीं वन अधिकारों की प्रकृतिऔर सीमा के संबंषर मे ब्रम तफाओं के बीच विकादों की सुनवाई की
और उनका ध्यायनिर्णवत कपैगी;
| ग्राम सभाओं के संकल्पों से व्यवित व्यक्तियों, जिनके अंतर्गत जय अभिकरण
भी है, अर्जियों की
चुनदाई करेगी;
(ज) अतः उपर दागों के लिए उपजंड स्तर की सदियों के साधसमन्वय करी;
भ) सरकारी अभिलेखों में लामंजस्य करने के पश्चा प्रस्ततेत्त वन अधिकार के ध्हेंक या तहसील कार
प्रारूप ऋगिलेख तैगड करेगी;

(ञ्ञ) प्रस्तावित वन अधिकारों के प्ररूप अधिलेख के साथ दावों को जजंड अधिकारी


के वाध्यग से जिला
स्तर की समिति को संतिय दिनिश्वय के लिए आोषित करती;
(5) वन निवातियों में अधिनिदम के अधीन और नियपों में अधिकलित उ्देश्यों और प्रक्रियाओं के बा में
पैदा करेंगी;
जागरुकता
[ह) दावेयारों को द्वायों के गन नियमों के उपाबंध « ॥ (प्रारूप क और सख) में बधा उपड॑धित
प्रैफार्मा की
आसानी से और नि:शुल्क उपलगाता चुनिश्वित करती;
(ड) यह सुनिश्चित करेगी कि गाम सभा के अधिवेशन अ्ेहित यापूर्ति के त्ताथ बुत, छुलौ
और निपक्ष गति
में किये जाते हैं।

४४6:
7५ जिला स्तर की समिति - राज्य सरकार निम्नलिखित सदस्यों के साथ जिला स्तर की सभिति का गठन करेगी,
अर्थात्‌:-

(क) जिला कलक्टर


या उपायुक्त - अध्यक्ष

(ख) संबद्ध खंड वन अधिकारी


या संबद्ध उप वन संरक्षक - सदस्य

(ग) जिला स्तर की पंचायत के तीन सदस्य किन्हें जिला पंचायत द्वारा नाम निर्देशित किया जायेगा जिनमें से
कम से कप दो अनुसूचित जनजातियों के होंगे जो अधिमानतः ऐसे सदस्य होंगे जो वन निवासी
हैं या जो
आदिम जनजातीय समूहों कै हैं और जहाँ कोई अनुसूचित जनजातियों नहीं हैं यहाँ ऐसे दो सदस्य जो
अधिमानतः अन्य परंपचगत दन निवात्ती हैं और एक महिला सदस्य होगी; या संविधान की छठी
अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में तीन सदस्य स्वशासी जिला परिषद्‌या प्रादेशिक परिद्‌ या
समुचित जोनल स्तर की परिषद्‌ द्वारा नाम निर्देशित किये जायेंगे जिनमें से कम से कम एक महिला
सदस्य होगी; और

(घ) जनजातीय कल्याण विभाग का डिले का भारसाधक अधिकारी या जहाँ ऐसा अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं
वहाँ जनजातीय कार्य का भारसाधक अधिकारी -

जिला स्तर की समिति


के कृत्य - जिला स्तर थी समिति
(क) यह सुनिश्यित करेगी कि नियम 6 के खंड (ख) के अधीन अपेक्षित जानकारी ग्राम सभा या बन
अप्रिकारी समिति को उपलब्ध
करा दी गई है;
(ख) इस बारे मैं परीक्षा करेगी कि क्या सभी दावों, विशेषकर आदिम जनजालीय समूहों, पशु धारकों और
यायावर जनजातियों के सभी दावोंका अधिनियम के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए समाधान कर दिया
ण्या है;

(ग) उपखंड स्तर की समिति द्वाय तैयार किये गये यन अधिकारों के दादों और अभिलेख फर विचार करेगी
और अंतिम रूप से उनका अनुमोदन करेषी;
(घ) उपखंड स्तर की समिति के आदेशों से व्यथित व्यक्तियोंसे अर्जियोंकी सुनवाई करेगी;
(७) अंतः जिल्य दावों के संबंधमें अन्य जिलों
के साथ समन्वय करेची;
(च) सुसंगत सरकारी अभिलेखों, जिनके ऊंतर्भत अधिकारों का अभिलेख भी है, में वन अधिकारों के
समावेशन के लिए निदेश जारी करेगी;
(8) जैसे ही अभिलेख कौ अंतिम रूप दे दिया जायेण वन अधिकारों के अभिलेख का प्रकाशन सुनिश्चित
करैची और
(ज) यह सुनिश्चित करेगी कि अधिनियम के अधीन और इन नियमों के उपाबंध 2 और 3में यथाविनिर्दिष्ट
बन अधिकारों और हक के अभिलेख की अधिष्रमानित
प्रति संबद्ध दावेदार और संबंधित क्रम सभा को दे
दी गई है।
राज्य स्तर की निगरानी समिति - राज्य सरकार निम्नलिस्प्रित सदस्यों के साथ राज्य स्तर की निगरानी
समिति का गठन करेगी, अर्थात्‌ :-

(क) घुख्य सचिव - अध्यक्ष


(ख) सचिय, राजस्थ विभाग - सदस्य
(ग) सचिव, जनजातीय या समाज कल्याण विभाग - सदस्य
(घ) सचिव, वन विभाग - सदस्य

है 227 8
(ड) सचिव, पंचायती राज - सदस्य;
(च) प्रधान मुख्य वन संरक्षक - सदस्य;
(2) जनजातीय सलाहकार परिषद्‌ के तीन अनुसूचित जनजातीय सदस्य जिन्हें जनजातीय सलाहकार
परिषद्‌के अध्यक्ष द्वारा नाम निर्देशित किये जाने याले तीन अनुसूचित जनजातीय सदस्य;
(ज) आयुक्त, जनजातीय कल्याण या समतुल्य जो सदस्य-सचिव होगा।
40. राज्यस्तर की निगरानी
समिति के कृत्य - राज्य स्तर वी निगरानी समिति
(०) दन्‌ अधिकारों की मान्यता और उनके निहित होने की प्रक्रिया की निय्तनी के लिए मानदंड और संकेतक
त्य करेगी;

(रख) राज्य में वन अधिकारोंकी मान्यता, सत्यापन और उनके निडित होने की प्रक्रियाकी निगरानी करेगी;

(ग) यन अधिकारों की मान्यता, सत्यापन और उनके निहित होने की प्रक्रिया के संबंध में छह मासिक रिपौर्ट
प्रस्तुत करेगी और नोडल अभिकरण को ऐसी विवरणियाँ और रिपोर्टे प्रस्तुत करेगी जिनकी नोडल
अभिकरण द्वारा मांग की जाये;
(घ) अधिनियम की घारा 8 में यथा वर्णित सूचना की प्राप्ति पर अधिनियम के अधीम संबद्ध प्राधिकारियों के
विरुद्ध समुचित कार्रवाई करेगी; *
(ड) अधिनियम की धारा 4 की उपधारा (2) के अधीन पुनस्थपन की निफ्रानी करेगी।
4. ग्राम सभा द्वारा दावे फाइल करने, उनका अवधारण और सत्यापन करने की प्रक्रिया -
(॥)
(क) दाफ़ें के लिए मांग करेगी और नियमों के उपाबंध । में यथा उप्बंधित प्रालूप में, दाये स्वीकार
करने के लिए वनाधिकार समिति को प्राधिकृत कर सकेगी और ऐसे दावे, दावों की ऐसी माँग की
तारीख से तीन मास की अवधि के भीतर, नियम १3 में उल्लिखित कम से कम दो साक्ष्यों के
साथ किये जायेंगे:
परंतु ग्राम सभा, यदि आवश्यक समझे, तीन मास की उस अवधि को उसके लिए कारण लेखबद्ध करने
के पत्त्वातू, विस्तारित कर सकेगी।
(ख) अपने रमुदायिक वन संसाधन के अवधारण की प्रक्रिया आरंभ करने के लिए कोई तारीख नियम
करेगी और जहाँ सारवान अति व्यापति हो, वहाँ उससे लगी हुईं समीपस्थ ग्राम सभाओं कौ और
उपखंड स्तर समिति को सूचित करेगी।
(2) वनाधिकार समिति, ग्राम सभा ओ उसके निम्नलिखित कृत्यों को करने में सहायता देगी -
()).. विनिर्दिष्ट प्रारूप में दावे और ऐसे दावों के समर्थन में साक्ष्य प्रात करना, उनकी अभिस्वीकृति
देना और उन्हें रखना;
(॥) दावों और साक्ष्य का, मानचित्र सहित, अभिलेख तैयार करना;
(॥#) बनाधिकारों के संबंध में दावेदारों की सूची तैयार करना;
(।४) इन नियमों में उपबंधित किये गये अनुसार दावों का सत्यापन करना;
(५) दावे के स्वरूप और विस्तार के संदंध में अपने गिष्कर्षो को गरम सभा के समक्ष, उसके विचार के
लिए प्रस्तुत करेगी।
(3) प्राप्त किये गये प्रत्येक दावे की वनाधिकारी समिति द्वारा लिखित में सम्यक्‌ रूप से अभिस्वीकृतिकी
जायेगी।

४ 28:4५
(७) बनाधिकारी समिति, इन नियमों के उपाबंध । में यथा उपबंधित प्रारूप ख में सामुदायिक वच्शिकारों के
लिए ग्राम सभा की ओर से दावे भी तैयार करेगी।
(5) जाम सभा, उपनियम (2) के खंड (५) के अधीन निष्कर्षों की प्राप्ति पर वनाधिकार समिति के निष्कर्षो
पर विचार करने के लिए, पूर्व सूचना पर बैठक करेगी, समुचित संकल्प पारित करेग और उसे उप खंड
स्तर समिति को भेजेगी।
(6) ग्राम पंचायत का सचिव, अपने कृत्यों के निर्वहन में ग्राम सभाओं के सचिय के रूप में भी कार्य करेगा।
2. वनाधिकारी समिति द्वारा दावों का सत्यापन करने की प्रक्रिया -
(१). यनाधिकारी समिति, संबंधित दावेदार और वन विभाग को सम्यक्‌ सूचना देने के पश्चात्‌ --
(क) स्थल का दौरा करेगी और स्थल पर दापवे के स्वरूप और विस्तार तथा साक्ष्य का य्यक्तिगत
रूप से सत्यापन करेगी;

(ख) दावेदार और साक्षियों से कोई अतिरिक्त साक्ष्य स्रा अभिलेख प्राप्त करेगी;
(ग). यह सुनिश्चित करेगी कि चारागाही और यायावरी जनजातियों के उन दाकों को, जो व्यष्टिक
सदस्यों, समुदाय या परंपरागत सामुदायिक संस्था के माध्यम से प्रान्न हुए हों, उनके अधिकारों
के अवधारण के लिए, ऐसे समय पर सत्यापित किया जाता है, जब ऐसे व्यष्टि या समुदाय या
उनके प्रतिनिधि उपस्थित हों;
(६) यह सुनिश्चित करेगी कि प्राचीन जनजाति समूह या पूर्व कृषि समुदाय के सदस्य के दावे को, जो
उनके समुदाय या परंपरागत सामुदायिक संस्था के माध्यम से प्राप्त हुए हों, आवास के उनके
अधिकारों के अवधारण के लिए उस समय सत्यापित किया जाता है, जब ऐसे रूमुदाय या उनके
प्रतिनिधि उपस्थित हों; और .
(ड) मान्यता दिये जाने योग्य सीमाचिन्होंको उपदर्शित करते हुएप्रत्येक दावे के क्षेत्र को अंकित करने
दात्य मानचित्र लैयार करेगी।
(2) तत्पश्चातू वनाधिकारी समिति दावे के संबंध में अपने निष्कर्षों को अभिलिखित करेगी और उन्हें ग्राम
सभा को उसके विचार के लिए प्रस्तुत करेगी।
(3) यदि किसीदूसरे ग्राम की परंपरागतया रूढ़िगत सीमाओं के संबंधमें विरोधी दावे हैंया यदि किसी
वन क्षेत्र
का एक से उपयोग अधिक ग्राम समओं द्वात किया जाता है ते संबंधित क्रम सभाओं की वनाधिकारी
समितियाँ ऐसे दायों के उपभोग के स्वरूप का विचार करने के लिए संयुक्त रूप से बैठक करेगी और
संबंधित ग्राम सभाओं को लिखित में निष्कर्ष प्रस्तुत करेगी ;
परंतु यदि ग्राम सभाएँ विरोधी दावों का समाधान करने में समर्ध नहीं हैं तो उसे ग्राम सभा द्वारा उपखंड
स्तर समिति को उसका समाधान करने कै लिए निर्दिष्ट
किया जायेगा।
(4) सूच्छा, अभिलेखों या दस्तावेजों के लिए ग्राम सभा या वनाधिकार समिति के अनुरोध पर, संबंधित
प्राधिकारी, यथास्थिति, ग्राम सदा या क्माप्रिकार समिति को उसकी अधिप्रमाणित प्रति उपलब्ध
करायेंगे और यदि अपेक्षित हो, किसी प्राधिकृत अधिकारी के माध्यम से अपना स्पष्टीकरण सुकर
करायेंगे।
43, यनाधघिकारों के अवधारण के लिए साक्ष्य - वनाधिकारों को मान्यता देने और निहित करने के लिए साक्ष्य में,
उअन्‍्य बातोंके साथ निम्नलिख्धित सम्मिलित होगा :-
([क) गजेटियर, जनगणना, सर्वेक्षण और बंदोबस्त रिपोर्ट, मानचित्र, उपवहीय चित्र, कार्य योजनाएँ, प्रयंध
योजनाएँ, लघु योजनाएँ, दन जाँच रिपोर्ट, अन्य दन अभिलेख अधिकारों के अभिलेख, पट्टा या लीज,

४29 ::
चाहे कोई भी नाम हो, सरकार द्वारा गठित समितियों और आयोर्गों की रिपोर्टो, सरकारी आदेश,
अधिसूचनाएँ, परियत्र, संकल्प जैसे ल्ऐेक दस्तायेज, सरकारी अभिलेख;
(ख) मतदाता पहचानपत्र, राशनकार्ड, पासपोर्ट, गृहकर रसीदें, मूल निवास प्रमाणपत्र जैसे सरकारी प्राधिकृत
दस्तावेज,

(ग) गृह, झोपड़ी और भूमि में किये गये स्थायी सुधारों जैसे वास्तविक कार्य, जिसके अंतर्गत समतल करूनत्र,
बंध, चैकबांघ बनाना और इसी प्रकार
के कार्य हैं;
(घ) अर्डन्‍्याप्िक और न्यायिक अभिलेख जिसके अंतर्गत न्यायालय आदेश और निर्णयभी हैं;
(ड) उन रूढ़ियों और परंपराओं का अनुसंधान अध्ययन, दस्तावेजीकरण, जो किन्हीं बनाधिकारों के उपभोग
को स्पष्ट करते हैं और जिनमें भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण जैसी ख्यातिप्रा्त संस्थाओं द्वारा रूदिजन्य
विधि का बल है;
(थ) तत्कालीन रजवाड़ों या प्रांतों पा ऐसे अन्य मध्यवर्तियों से प्राप्त कोई अभिलेख, जिसके अंतर्गत मानधित्र
अधिकारों
का अभिलेख, विशेषाधिकार, रियायतें, समर्धन भी है

(8) कुएं, कब्रिस्तान, पवित्र स्थल जैसी पुरातंताको स्थापित करने वाली परंपरागत संरचनाएँ;
(ज) पूर्व भूमि अभिलेखोंमेंउल्लिखितया पुराने समय मेँ गाँव के वैध निवासीके रूप में मान्यता प्राप्त व्यष्टियों
के पुरखों का पता लगाने वाली वैशावली;
(झ) लेखबद्ध किये गये, दावेदार से भिन्न बुजु्खे का कथन।
(2) सामुदायिक वनाधिकातेंके साक्ष्यमें, अन्य बातोंके साध, निम्नलिखित सम्मिलित होंगे :-
(क) निस्तार जैसे सामुदायिक अधिकार, चाहे किसी
भी नाम से जाने जाते हों;
(उ) फरंपयगत चारागाह; जड़ें और कंद, चारा, वन्य खाद्य फल और अन्य लघु वन उत्पाद जमा करने
के क्षेत्र;
मछली पकड़ने के स्थान, सिंचाई प्रणालियाँ; मानव या पशु धन के उपयोग के लिए जल के स्रोत,
औषधीय पौधों का संग्रह, जड़ी-बूटी औषधि व्यवसाधियों के क्षेत्र;
(ग) स्थानीय समुदायों द्वारा बनाई गई संरचनाओं के अवशेष, पवित्र वृक्ष, गुफलँ और तालाब या नदी क्षेत्र,
कब्रिस्तान
या श्मशानयृह
(3) ग्राम सभा, उपखंड स्तर समिति और जिला समिति, वनाधिकारों का अवधारण करने में ऊपर
उल्लिखित
एक से अधिक साक्ष्यों पर विधार करेंगी।
4, उपखंड स्तर समिति को याचिकाएँ -
(3) जम सभा के संकल्प से व्यधित कोई व्यक्ति, संकल्प की तारीख से साठ दिन की अयधि के भीतर,
उपखंड स्तर समितिको याचिका फाइल कर सकेगा।

(2) उपखंड स्तर समिति, सुनवाई की तारीख नियत करेगी और याची और संबंधित ग्राम सभा को उसकी
लिखित में सूचना देने के साथ ही, सुनवाई के लिए नियत रारीख से कम से कम पंद्रह दिन पूर्य याची के
ग्राम में किसी सुविधाजनक सार्वजनिक स्थान पर, सूचना लगाकर भी सूचित करेगी।
(3) उपखंड स्तर समिति या तो याचिका को मंजूर या नामंजूर करेगी या उसे संबंधित ग्राम सभा को उसके
विचार के लिए निर्दिष्ट करेगी।
(4) ऐसे निर्देश की प्राप्ति के पश्चात्‌, ग्राम सभा तीस दिन की अवधि के भीतर बैठक करेगी, याची को सुनेगी,
उस निर्देश
पर कोई संकल्प पारित करेगी और उसे उपखंड स्तर समिति को भेजेगी।

(5) उपरडंड स्तर सनिति ग्राम सभा के संकल्प पर विचार करेगी और याचिका को या तो स्वीकार या
अस्वीकार करके समुचित आदेश पारित करेगी।

&स0५
(6) लंबित याचिकाओं एर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, उपखंड स्तर समिति, अन्य दादेदारों के वनाधिकारों
के अभिलेखों की परीक्षा करेगी और उन्हें एकब्रित करेगी तथा संबंधित उपखंड अधिकारी के माध्यम से
उन्हें जिला स्तर समिति को प्रस्तुत करेगी।
(7) दो या अधिक ग्राम सभाओंके बीच विवाद की दशा में और किसी ग्राम सभा द्वारा किये गये किसी आवेदन
पर या उपखंड स्तर समिति द्वारा स्वगररणा से विवाद का समाधान करने की दृष्टि से सैंकंघित ग्राम
सभाओं की संघुकत बैठक बुलायेगी और यदि तीस दिन की अवधि के भीतर किसी परस्पर रूप से
सहमत किया गया कोई समाधान नहीं हो सकता है तो उपखंड स्तर समिति संबंधित ग्राम सभाओं की
सुनवाई करने के पश्चात्‌ बियाद का दिनिश्वय करेगी और समुचित आदेश पारित करेगी।
जिला स्तर समिति को याचिकाएँ -
() उस्खंड स्तर समिति के दिनिश्वय से व्यधित कोई व्यक्ति, उपखंड स्तर समिति के विनिश्चय की
तारीखसे साठ दिन की अदधि के भीतर, जिला स्तर समिति को
याचिका फाइल कर सकेगा।
(2) जिला स्तर समिति, सुनवाई की तारीख नियत करेगी और याची तथा संबंधित उपखंड स्तर समिति को
उसकी लिखित में सूचना देने के साथ ही सुनवाई के लिए नियत तारीख से कम से कम पंद्रह दिन पूर्व
याची के ग्राम में किसी सुविधाजनक सार्वजनिक स्थान पर, सूचना लगाकर भी सूचित करेगी।
(3) जिला स्तर समिति या तो याषिका को मंजूरया नामंजूर करेगी या उसे संबंधित उपखंड स्तर समितिको
उसके विचार के लिए निर्दिष्ट करेी।
(4) ऐसे निर्देश की प्राप्ति के पश्चात्‌ उपखंड स्तर समिति तीस दिन की अवधि के भीतर बैठक करेगी, याची
और ग्राम सभा को सुनेगी, उस निर्देश का विनिश्वय करेगी और उसकी सूचना जिल्म स्तर समिति फो
देगी।
(5) तत्पश्चात्‌ जिल्म स्तर समिति याचिका पर विचार करेगी और याचिका को या तो स्वीकार या अस्वीकार
करके समुधित आदेश फारित करेगी।
(6) जिला स्तर समिति दावेदार या दावेदारों के वनाधिकारों के अभिलेखों को, सरकार के अभिलेखों में
आवश्यक संशोधन करने के लिए ज़िला कलक्टर या जिला आयुक्तको भेजेगी।
(7) दो या अधिक उपखंड स्तर समितियों के आदेशों के बीच किसी फर्क की दशा में, जिला स्तर समिति
स्वः
प्रैरणा से, मतभेदोंका समाधान करने की दृष्टि से संबंधित उपखंड स्तर समितियों की संयुक्त बैठक
बुलायेगी और यदि किसी परस्पर रूप से सहमत किया गया कोई सम्त्रधान नहीं हो सकता है तो जिला
स्तर समिति संबंधित उपखंड स्तर समितियों की सुनवाई करने के पश्चात्‌ विवाद को अधिनिर्णित करेगी
और समुचित आदेश पारित करेगी।

(फा्स, 7704/02/2007-पीसी. एंडवी (जिल्द ४॥))


डा. बचित्तर सिंह
संगुक्त सचिव, भारत सरकार

५ 35:
भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय
प्रारूप क॒
वन भूमि के अधिकारों के लिए दावा प्रारूप
अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत क्य मिवासी (वन अधिकारों की माव्यज्ञा) नियम 2008
का नियम [7॥] (क) देखें
खाग्रेदार (रो) का/के नाप
- मी,
यो.
पति/फनी का नाम
पिता/गात का नाप
हि.

जल:

पम :
छत...

ग्राम पंचायत:
बी

रहसीत/तालुका।
नय(

जिला:
हुए...

[क) अनुसूचित जनजाति: हाँ / नहीं


पके

(प्रमाणपत्र की अधियनाणित प्रति संज्न करें]


खि) अन्यफंफात वन निकती हाँ/नहीं
(यदि प्ति/फनी अनुसूचित जनजाति ले है प्रणणपत्र
की अधिप्रमाणिल प्रति संलग्न करें]
१0. कुटुंबके अन्य सदस्यों का नाम और आवु
(बालकों व वष्क आश्रितों सहित]
भूषि पर वावे का र्वरूप ;
त अधिभोग की गई भूमि का विस्तार
(क) निवास के लिए
(ज) स्वयं खेती के लिए एदिकोई हो:
विवादित भूमि, यदि कोई हो!
(सिधिनियव की धर 3[।) (क) देखें
पहे/पँ अनुदान, गदि कोई हो:
(अधिनियम की पारा 3(।) (छा देखें)
गथावत्‌ एुर्वातत के लिए भूनि या अलुकल्पिक घुषि गदि को हैं;
(अधिनिययकी धाच (१) (5) देखें]
पूणि, जहाँ से भूमि प्रतिकर दिये बिना विस्थापित किये गदी है .-

# 875
अधिनियम की धारा 4 (8) देखें)...
क्‍
6... इन ग्रा्मों में भूमि काविस्तार, यदि कोई हो :
अधिनियम
की धारा 3 (।) (ज) देखें)
7... अन्य कोई पारंपरिक अधिकार, यदि कोई हो :
(अधिनियम
की धारा 3 () (झ) देखें)

8... सर्मर्थन
में साक्ष्य :
(नियम 43 देखें)

89... अन्य कोई सूंपना:

दावेदार (रो) के हस्ताक्षर/ अंगूठे का निशान

47८ 44
प्ररूपख
सामुदायिक
अधिकारों के लिए दावा प्रारूप
अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन नियासी (वन अधिकारों की मान्यता) नियम 2008
का नियम 4 () (क) और 7 (4) देखें

!. दावेदार
(रॉ) का/ के नाम
(क) एफ-डी एस टी. समुदाय : हों/ नहीं
(ख) ओ.टी.एफ डी. समुदाय: हाँ/ नहीं
2. ग्राम:
3. ग्राम पंचायत :

4, तहसील/तालुका:
5, जिला;
प्रयोग किए गए सामुदायिक अधिकारों का स्वरूप :-
].. सामुदायिक अधिकार जैसे निस्तार, यदि कोई हो :
(अधिनियम की धारा 3 () (ख) देखें)
2... गौणवन उत्पादों पर अधिकार, यदि कोई हो :
(अधिनियम की धारा 3 () (ग) देखें)
3... सामुदायिक अधिकार
(क) उपयोग या पात्रता (मछली, जलाशय), यदि कोई हों :
(छ) दरले हेतु, यदि कोई हों :
(ग).. पारंपरिक संसाधनों तक यायावरों और पथुपालकों की पहुँच,
यदि कोई हों,
(अधिनियम
की घारा 3 () (छ) देखें)
4... पीटी,जी, व कृषि पूर्व समुदायों के लिए प्राकृतिक वास और पूर्दवास की सामुदायिक अवधियाँ, यदि कोई हो :
(अधिनियम
की धारा 3 () (ड) देखें)
5... जैव विविधता तक वीद्धिक संपदा और पारंपरिक ज्ञान तक पहुँच का अधिकार, यदि कोई हो :
(अधिनियम
की घारा 3 (4) (ट) देखें)
6, अन्य पारंपरिक अधिकार, यदि कोई हो :
(अधिनियम की धारा 3 (4) (5) देखें)
7 स्मर्थनमें सक्ष्य :
(नियम
१3 देखें)
8. अन्य
कोई सूचना :

दावेदार (रों) के हस्ताक्षर / अंगूठे का निशान

पर: 5६
उपाबंध-2
भारत सरकार, जनजाति कार्य मंत्रालय
अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (यन अधिकारों की मान्यता) नियम 2008
का नियम 8 (ज) देखें)

दअधिभोग के अधीन यन भूमि के लिए हक


4... वन अधिकारों के धारक (को) का/के नाम (पति या पत्नी सहित)
2 पिता/माता का नाम :
3... अश्रितों
का नाम:
5, पता:
एम:

ग्राम पंचायत :

तहसील/ तालुका :
जिला:
अनुसूचित ज़नजाति/ अन्य परंपरागत वन निवासी :
क्षेफल।
।3. खसरा/ कंपार्टपेंट सं, सहित प्रमुख सीमाचिट्ड द्वारा सीमाओं का विवरण
४६ हक दाय योग्य है किन्तु अधिनियम की धांय 4 की उपधारा (4) के अधीन अन्यसंक्राम्य या अंतरणीय नहीं है :-
+, अष्हस्ताक्षरी (राज्य का नाम) सरकार के लिए और उसकी ओर से उपतेक्त वन अधिकारों की पुष्टि
स्‍ने के लिए हस्ताक्षर
करते हैं।

बन अधिकारी/ उप वन संरक्षक किला जनजातीय कल्याण अधिकारी

जिला कसक्‍्टर/ उप आयुक्त

४35:5
उपायंध-3
भारत सरकार, जनजाति कार्य मंत्रालय
अनुसूचित जनजाति और अन्‍य परंपरागत यन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) नियम 2008
का नियम 8 (ज) देखें)
(सामुदायिक वन अधिकारों के लिए हक)

!. सामुदादिक वन अधिकारों के जारक (कों) का/ कै नाम:


(उपाढंध के अनुसार)
ग़राम/ ग्राम सभा :
४७

ग्राम पचायत !
९०

तहसील/तालुका मै
#+

जिला :
थी

अनुसूचित उनजाति/ अन्य फरंफ्तगत वन निवासी :


9

सम्ुदापिक अधिकारों का स्वरूप


>य

शर्तें यदि कई हो
6

निम्नलिखित के साध सीमाओं के विवरण


५०

सदिजन्य सीमा और / या खसरा/ कंपार्टमेंट सं


सहित प्रमुख सीमा चिड्ढ
सामुदायिक वन अधिकार का/ के धारक (को) का/ के नाम:

मे अयाइस 0002 5 >् (राज्य का नाम) सरकार के लिए और उसी और से, सामुदईबिकवन अधिकारोंके
उपरोक्त उलिखित धारकों के हक में यथा उत्तिखित वन अधिकार की पुष्टि करने के लिए हस्ताक्षर करते हैं। ! ध

मेडलीय यन अधिकारी/ उप वन संरक्षक जिला जनजातीय कल्याण अधिकारी

जिला कलक्टर/ उप आयुक्त


(0 8६ ?७88॥50#60 ॥४ 7#६ 5४8 2्टटा६ ०४ ॥४०॥४,
&छ788080॥087५, ?/क्षा ॥, 5६82700 3, 5०8-5807॥00 ॥)
0७7 0&६0 ॥श 38७४७७४॥/, 2008)
50५छआ४/छथा 06 ॥४0/8
॥॥४७७8४/ (४ 7888 &/88॥85
॥७४ 0220४, 08 ॥8 09५, 2008
॥७0॥+027700

987, 0२००2
05: 4५०० 48. -+ ५४//छम६55 (४6 0/भी $0080060 77085 आ१0
(0087 773360739 7085 0४/0॥05 [760०थ्रा700 ० £#0765 99॥४ (882057706॥
+0865॥ #िता।5), 808$, 2008 ४४९४७ 00५80, 85 70थ७/89 0/ 5७0-86८४07 (] 6
32८00०ा 44 ० ४6 52080000 0065 9१0 (00३ ॥780#00703 +07898 0५४880७5
(१8९००४ा॥ंणा +0ा6ड जिंए5) 50, 2006 [2 0 2007) ७॥७७/ ४१6 70079 0५१8
(609ए७॥र&6 0 909 # 008 शींत#79 एण॑ ॥083 8#/॥ा5 7७॥४%७ 5,5,8, 437 (6),
0980 06 90॥ ७७९, 2007 ॥#क्‍06 5982006 0 ॥069, ?रिकरा ॥, 56040/7 3, 5७४0-58८0॥07
(09 फ8 508 096, #रणीज्षा6तु 00|020075 3800 50998॥#075 07 ३ 98:50॥5 #0/0
086 362080 #08760,, 70/076 006 00(/४/ 0 ॥6 09700 0 070/-708 ७8|$ #07॥ (0१७
098 जा फर्जी #8 00085 ण॑ 8 5387006 ००ावं।।धु 06 500 70॥%03000 #6 ॥908
3५28॥80।6 (0 08 70000॥:;
#/५0 #४०६१६४५ 60०706७5 रण 09 59४0 053720९08 ४४७7७ 77906 3५8॥00|6 0 ॥00
7७0४८ ०70 25.06.2007;
8४० ५४४६३१६०४5७ ॥06 00|०८॥४0705$ 970 $७०५७६७॥॥/0/5 7808॥४80 7070 ४१७ 700॥6
ह 76876० रण प्री6 589 वी ॥0005 ॥0४8 0680 009 ००७ा96760 0५ ४१8 (७॥0।
80ए0त्राक्रा ;
४0५७४, 74६586870085, ॥0 6१७#(४5३ 0 ॥08 909785 6०९780 0.7 $५0-59०४०075
( आ0 (2) 04 56000०7 १4 0 8 5८0800॥00 7796$ ७0 (/॥९/ ॥7900#0079 #065/
02७0805 (865०थ्राएं0ा ण॑ +णछ फ्रिव्रा।5) 80, 2006 [2 ० 2007), राह (७॥आ
60एशात्राओ ॥980)/ ग्रा३८65 (08 [0॥00/मञाधु 7085 (ज 70007) ॥»0 ४९७७॥४५ ४१७
0/8$ 7 0977 800 000079#07 9 0788 900 ॥ 0885 0५७/९॥४५७ 520900060 ॥6065
0 006 ॥8/॥00703//0785 0:720875 /88070 06 5000 078865, 08008|५ :-
॥.... ञञाणा प्र, 80800 8000 000॥7#00987१87! - [] 7258 /0085 09/ 08 ८9॥60 08
800#800|60 ॥#65 800 00 ॥7309%8003 70650 0४2#थ$ [१९८०9//४0॥7॥ 0
+#0657 क9#05) 9७|७5, 2008,
2, #69 ज्ञाओं हडाशा (0 08 ७४०४8 ० ॥#00%8 6.00004 6 50986 0 9700 आएं
॥(85॥॥9.
3. 99 क्षौा॥॥ 68 गांठ 008 जा 8 086 ता पहांः 70080000॥7 मे। ॥0 (0679)]
(697०8.

४ 57:%
00#0075 -
(4)॥0 0856 7385, ॥855 06 2077605 ०0097५५५७ ॥९कआा85, -
(७) “8,७०६”! ॥१७ठब)७ ३१7७ २70<4७॥6<4 व्र॥65 0॥१0 (>चाछा ॥80007क्ष
एण७४ ७०४७/७६ (0७८०५४४४०/ ए ह०णा७श फेक्षो5) ४०, 2005 2
०2007];
(9) /98079गी986 ॥४७॥॥००० ॥6805"” ॥08875 छाताशाहः ||
595[00स्‍8008 08805 ० 5७ 90 शिा/ ॥700997 [#0900007/ 07
588 0 ॥00008 ॥850॥07६ #073 5०४-०७॥४७४०॥ 0० छह ॥870'
35 [॥0०५ंद890 ७७0७ 2।/30585 (9), (0) 900 [0) 0[500-580007" [])] ०
58007 3 0॥॥6 #८;
(6. /लशाशआ ॥8975 ॥॥0श009/, 97000 ० 709008|5, लि
0 एजराध्रा।व॥0/ गराकतातु 8 ठांत लि 760070 200 ००5एद्व ठा
॥9#75॥#$860॥0 0७ ४८०;
(9)... /'कल्क़09३३8/ 0 ग॥00 085 9700926/' ७0९7१ (४8७5७ (०) ० 5७0-
52०० [|) 0 566007 3 ता ॥8 82० 503॥ ॥700006 (0८8 ९०७
7006285809. '(७४७९ 30067, #5/2त्राकएंणा |) 088 883
ए099/॥# ॥88७-40905, 00/0४8७ 8090 ॥970087#5 006 ७४७ ० 50७८॥
2700006 ७. 596 9५ 98 कुक्ल/श्श 0० ४9 607770॥#0/ 0
॥५७॥॥०00;
(९॥ “#ठाछ स्िंदा5 0७7077॥88* 76॥5 3 ०077708 ८00500ए/60
0,/ 08 5797 530#9 ७०66/ १७06 3;
().. /४९८॥07/" #6895 ॥06 $७८०४०॥ 0 ४6 8०;
(2) व॥6 ४४०/05 ॥0 60097725$0705 ६७७७ 90 700 ठ९#780 ॥ ॥॥॥७5७ 7095 04६
तशी80॥ 06 800, ५8॥ ॥8४8 ४8 त/0897॥595789/00209/6॥/ 35$978200
&
साक्षा॥0॥6 ०.
69470 530/9 -
(7) 3#8 भा 599॥85 28॥ 08 ८00787080 0 (७४ (597 २8॥४0399॥ #00 ॥
5 गिछ ॥860059 # ज्ञा॥ अल्टा #वा) आंध्र 75 07005, 8
60णार#86 0700655 0 एश 90000 60:2880॥79 #॥8क) 98/5075 85
गिक्षा085 ०0 ४96 +ण85३ मिड एजआध्रा्ं88, एशीक्षओआं। आऑ 685 078-
(#79770९07700#75 308॥ 98 (७ 520800080 7085;:
यि०५७७७ (00 ॥85$ (॥8॥ 008-॥970 | 5७९ ॥%0#700#5 503॥ 96
शाजाशा।

शि०शा98० फि।/श #80 एश/+९७8 0986 876 90 5.0800॥60 77065, 8। ॥835/


(08-00 0 8८7 70070975 509/॥ 06 ५४४०7/क.
(2) उ#6 #0865 मिक्ा5 (०777॥686 509/॥ 69८06 560 3 'आ9७।50॥ 0 8
#00/6089 0 शांत्राः96 (80 ॥06 5900-0ल्‍४एं$#059 [७५०७ (०7॥77॥86.
(3) '/शा्षा 3 #क्‍शा।0७ ० (06 70785६ रिक्षा॥5 (0007076॥88 $$ 880 8 /ठगाशा।
9 ॥9शं9003॥ 085 797#॥, ॥6 #9॥ ब्रा0णिा) ४४७ 205व7777॥88 370 5॥8॥|
7० 7गाएटाए98 ॥ (8 ४छ७#८०३४०/ 970089'/76$ ४४७॥ #४5 टांआ।
0075$06/80,
+िजाट#05 ए 008 5797 590#93- [) 76 5797 5808/98 509॥-
(9) प्राप्॥४8 08 9706655 0 ठशक्षाए्रांग्रांए/ठ (8 ७8 900 83087 ० 085
79#$, 78८७५6 809 ॥887 06 0/3॥8798/90 (९7९४०;
(0) ?9709ख8-8 85( 0 ढाआ्ल975 0 #0855 एं975 90 09/7037 3 8च 587
एणागवंराब्रातु 50९ 368॥5 0 09॥7097/5 800 0 ८/७॥75 35 0१९ (0९7॥॥8|
60एश77क्षा। 799५ 0. 07087 08[89707॥76;
(| 79955 8 850[छ00/॥ 0 ८05 00 085 ॥99#745 30 दांशं09 788$0780|6
0०[22070एा॥/१/ 0 ता|छ8#80 9050705 3090 300व8॥8$ ८070067780 370
40५0 (8 59708 (0076 599-0[एं5/073/|[6४९। (000777/06७;

$४08:2
(७. ००छां5उश ॥85000भआझा। 990353965 ७00 (७9056 (6) ० 5७
३९०४७ (2) ० ३8८एंका 4 पीह #ढा 90 9355 3[/0[996
7850|0075; ॥0

. वजा#एए8 0०त7धर॥965 जि ॥6 970080007 रण ५४|७॥७, (8५


आएं 900॥0एशझ५, #॥णा आकतर्ड [5 7/0#70३$, ॥ 0708 (0
67) ०0 08 एएएंडांतआ$ एस $९९०७४०॥ 5 006 06.

(2) व#6 व०ए०एा। ०0 908 59 53008 #96079 आ9॥ 06 ॥008$5 9४४०0...


_पाब्र05 06 3 #श0085 080५ 5/॥7॥ 530|93;

शणजं9७० (७ एशीआ6 006 5 8 #९(80०92060७5 [20/20900॥ ०


80/0690॥80 ॥8095 300 700 $60900/80 ॥#965 ॥ 80/ ४॥॥9५98, (॥0
7रशा0्च$ जे 06 5.06000606 ॥6098, ए्रा।॥५6 0#03। व्वा०००5 (7065)
800 978-8फ्रां0पॉएा। ८009॥0॥7085 8)3॥ 06 8084089॥, ॥0[/850॥॥80,

(3) गा8 छक्का 5309 903॥ 96 9702060 एशंती 08 ॥806558/ 38$$$#908


99 08 80॥॥0#0985 ॥॥08 509/6.

500-0एंडांजाओं |७९७७ (0७७00॥॥088 - ॥6 586 (50५870000 59॥ ८0087008


5009-09 संड09.6७५७७ 0०7ग्रा/08 एशंए 8 0॥07श79 7/भश्षा।90$, ॥8008/॥ :-

(9) 5900-0४ं073 /॥608 07 8१०४५७७॥ जी#एक्ष- (8॥08750॥


(9) #०७५७१ (6७ ॥ ल्री896 एण॑ 8 509-9एं50॥ 0० ढवए॑ए७/७7/ एीीडएश-
#१९70 9;

(०) ४688 ॥0शाफरश5 ए॑ 8 8002 07 ॥005॥07९॥ ?9१009)/8/5 ॥0 0०७


5जा्रा8७0 0५ 08 0झञ0 ?8099,/9 0 ४४७१) 3 |९35 (४४० ॥09॥ 08
॥06 520800॥80 [7085 /#/श३७// 0058 ५४0 98 078$ 9५/९॥३४३, 04
श्ीौ० ०७0४0 08 77008 प्रं०3 क्रा0ए98 800 श्त)॥७ क्ष७ 88 00
52060069 ॥#96$, (५४४0 गाशा।|0एश्ष5 ४४)०0 88 एफ़र्शकष७०/५ 00३
पछक00978/ 97850 0५/९॥३5, 80 (38 झी3॥ 08 8 १/ए7॥ 0९00000 ० #
#ष०03$ ००५९८७७ छा987 ४8 590॥ 590800/6 १० 06 (०00500॥07, (॥86
#क्षा।085$ 707860 0, 0॥९ #'/णाणा०५5 एींडएंए (०णाएं। 0
रि७५०0३ 0007९ ० 0067 899/077ं6 र२०)३ |€५क्ष, छ कीणा। ॥688&
0786 508॥ 0७ 8 ५४०४१३॥ #007000; 90

(७) 80 0८७ रण 0१९ 7798| ४४8 007क॥/॥ञाए #-९8/98 ए 06 500-


ठारंडोंतत0 07 ७४१७७ 900॥ 00७7 $ 704 8५8४90॥6 (6 060 ॥#-९09898
0॥06 (0४03/ 995.

पजाटएंगा5ड ० ४8 5090-09 से$#0979 |.७५७ 000000098,- ॥6 590-0४50॥9


(०४४ 0८०॥7४0७०७७ (50 ९] #9॥-

(०) 70४98 ब्राजाा।॥97 0 83०) ठाआ। 5808 90०0॥ 0 00065 9॥0


90065 ए ॥006 0० 06 ग्रफ्रा5 आए 908६ [0४७05 77006000
७790७, ॥07698 300 0009ए0889 ४४ /रश/श७४क्‍/09 (0 (लञांप८3॥ 078 आ0
(8008 ९/0०)१7४७७०३४० 96 0075087५80 3000 #080060;

(9) ए०एं०0७ 0ा85 3090 70४800७8 ॥875 00 0७९१०9| 0॥5 (0 ॥५७ (870
5909 0 ॥॥९७ 7076५ गि9/7(5000॥7066;

(०) ८0॥96 3 8 785006075 06 00700९॥॥00 (95987) $30|95;

(० ८0750॥#086 75905 #0 06(क$ 9702099 0)/ #6 0708#0 580॥85;

2४894
(७) 8४906 96 7/6850॥0075 09 (॥8 7१375 ० श6 (ल्‍9907॥ 5909॥85 (0
350079॥॥6 ५९॥७०४॥५ ० ॥96 ८७४05;
() #697 300 30]09॥0906 05/06$ 0९(४४७७॥ (597 5900#8$ 00 (॥6 78[0७॥6
370 €+९0 06 90, 0/659/5;
(9) #89 79९0॥0075#077॥ 2875075, ॥000॥09 9[96 359७02#85, 399770४2९० 0५
(6 78$50[000705 ०6 (0९ 56.9 580॥095;
॥॥॥॥ 60-070#796 एशं॥ ए०॥३ 55-0४ ंज्कअ०03| (6४७ 090077985 07 नाक
5090-0[एं2/0708/ 29#705;

() 77९/298 9006९ > ॥0॥5॥-४४५8 उरी 780070 0 970.200880 [085 ख9/775


शीश 7/8007८/॥30/0 ० ध0एक#१९77800/05;
( खिशक४ा0 08 08॥5 ४४0) (08 0/शी 76८070 0/ /70.20560 0768 8905
जा0०0पा 0क्‍8 59-09/$079| 0#287 0 ५98 छॉांडएंटा (७४७ (00770096
60 8 08८90॥7;
(६) [838 9/2४87/00655 आ0ठात णि8छ 0५/श॥४$ 80000 (8 00]|०९०४४७$४ 8700
0०९७७॥85[890 90/श] ७७४ ॥॥6 5८0 970 | ॥१8 ।0895;
॥॥ 05५8 289) #0 ॥68 3५४आऑ308॥9५ छा फछा0ए8 ० 28775 40 (॥6
छंआंतआ।$ 85 ॥0५9607॥ 80॥90098-[7077)5 / & 8) 000858 70॥65;
(7) 075978 ॥90 ॥6 09 59909 7082॥095 आर ००7७७९४९७० ॥ 86, 020॥
970 4709॥7छ ५शं।१7९१ए॑५४6९ व५०एा.
एछांडपांट (6०९ (०वाव्राव/86.- ॥086 5088 507ल्‍#77007/0 $0७॥ ००॥5४४७७ >॥आएंल
[6५९ ८०॥१॥70७७ [0.0) ५४0४ 0७ 0॥00श 75 77/श7087/5, 09000 :-
(७) छाञञाए 00०॥०९७०7० 0७200 0०॥0४ं5ह॑ंगाल- (९/790 0807;
(9) ९ ०00७060. छंएंक्षणाओ 6७ (टिक 0 ०००९७॥७० 00009
(एशाइश५३०ा 0 +078#-ना१७।॥०९;
(०) प॥88 ॥0९0790$ ० 06 9&छक्वांटा 9995 00 96 000#॥/60 0५ (॥8
057ंट्ा 9906#89,8, 0 शरीर 2 65ञ9 [७२० $/४9॥ ७७ (8 500600॥20
॥60985 [अश्च30// 0॥058 एश४० आ8 0785 0/४9॥७75, 0 ५श॥0 09॥0१9 (0
गिक्षा।0९5 0 08 फ़ांगा्र/५४ ए09 ठा00095, आए एशीश8 0878 876 ॥१०
90800॥60 ॥0865, ॥९४0 ॥0शश00$ ४शी७ आ& ए/श/श३०।॥७ "गीक्ष
(8380॥00703// 085 07४४३, 800 (॥6 53 08 8 एशणा३१३0 7790॥0 0; ७7
37695 ०0५क्ष९0 ७१067 (॥8 8000 5008090॥86 [0 0॥8 00705#॥ए00/7, 00768
गाक्षा]005$ #0777860 0५9 08 #&09007076फ95 05920 005फ7स्‍०॥ 57
मि९९०७।॥ (0फाएं। 0 धशी0ा) 9 688 0०78 503॥ 08 3 ४४000807 ता#0७
0

(0) 'ी अी6क्ष 0 08 7799 ५/शमि6 00080707/7 ॥-3798 0 (४७ 3|॥ांटा


छा शशीक्ष8 5067 008 & ॥00 8५9|३७॥९, (8 0#267 ॥0037986 ० (06
(09 905.
+ा60075 0 0870 ।6५७॥ 0प्राओं/88 - 708 05&00|७6ए७| ((0॥0४7086 83 -

(9) €05च8 पाठ 06 एक्एांझोह "79600 ७७७0९7 23056 (09) 6 [छां& 6 ।85
098९0 070५08040 5आा। 5998 5 +०85६ रिंक्र8 00४ 086;
(०) €ा४06 ५/३॥७7/ 3॥ ७४॥75, 6578८४8॥५ ॥॥056 ० फग्रा॥।५७ (ए09
97005, 2850073535 60 ॥॥१)3080 (065, 9५8 0880 800/68560
46809 ॥॥॥9र0 06 00)8200९5 06 ७6 50(;

४40 ::
(०) (णाडांठक्ष 0 जि 990700५8 008 'ंआा)$ 80 0000 0 085 गंध
(0०9०० 0५ 06 500-५ं॥009||९५९| (काएा।।#6;
(७) #697 02007 #ज 785075 39979५80 ०५ 0॥6 00७5 ० ॥6 500-
छोरांडं009.6५९॥ (०006;
(७) 60-09॥086 ५४ ज्श त50050939॥9 ग्राक्ष-000 ५७॥॥$;
॥॥॥ 0 ० ३08 0ि85 गंक्षा।$ 0 0५8 7860५7(
६55७8 87800075 0ि #007007290
(0५0॥0॥श॥060705$॥090॥90600/0 | प 9५;
( शा5ए08 0ए/आ०ड0ण! 0०08 70000 0(/08$ 709#॥5 85 709५ 08 #08॥#260;

शाञ076 (घछ 8 ०९४60 ०००५ एण॑ 06 60070 ० 0णि05 7975 आ0 त0॥60
वकाहगा कक 7

0)
उ007 0॥6 ४८, 8$ $780०॥00 ॥॥ /७११600085 ॥ 8 ॥| (0 0056 70/6$, |$
9०एं9७७ 00 08७ 6जरा०श॥७७ 0७॥)9॥। भरत ह8 छाक्ता 53978
॥89000५४७५ ;
9, कछाठ6 ॥6ए९ #जा।जांतव (जाग्रा॥0९.- 7॥89 5936 00५शाशशा। 58
्र
<0ा50ए6 3 उा8 [९०९७ ०००४5 0णाशा्0868.- ४गीत 08 (0॥0४ांह्प
| #क0875, 097%8/) :-
(9) (फ्राश 50८/श॒३५ - ए9#[790४०॥;
। (9) 56672087५, +6५७७७ 09790/्षा।" श॥00;
। (०) इ227897५, [#09| तर 50088| ४४/शशिए 090907087(- ##शाएश;
(0 56५४७७५७, 7ण€५ 009आ[7शा -गारा०श;
(6) 56९9५, 7्रा0७५०४ ह8] *7१९0/0 0;
( शांए्रण9॥ 008४ 0008#५३०४ 0 70/655 » 0000;
(9) क्ञार8 50000006 8085 70७ 0 0॥8 7068 80५४50% (०७॥९॥, (0
86 7070980 0५ 08 00979श४07 0 008 ॥798$ /0०५४५०५ (०्फालं
आ0 एतीक्ष७ 96 45 00 ॥#065 800507५ 00ए/०, 06७ 5.00909॥800
२#985 7085 0 08 00777960 ./008 988 50५07;
|) (०गाणांइ008, ॥ं058 ;४श्शि० जे ०१ए५३४॥ एश० $08॥ 06 0॥6
/0४0९४-52०९76९(9५,

30,.. +फालांजा$ रण 6 5086 ..९५९॥ ॥०॥0॥9 (0शा॥।॥88.- 6 90906 [.6५९।


०00४00॥0 (0जा॥॥|॥88 $॥9 -
(8) ठ69४86 ८त॥8४8 ॥09 ॥0 0५5 फि ॥0#0गापए ॥१ 00855 र्णा
॥60007४00 99 ५९५07१५ 0 0ि8७&॥9॥॥$;
(0) ॥70ण70 ॥6 900855 "700097/007, ५छह।08॥00 909 ५७७०॥५ 0088
#975 थ। (0 9$96;
(6) जिए्ंह॥ 8 झं( ताजा 70700 जा ४8 9700855 0। ॥600परथा,
एश्षा९900)0 99 ४०७05 (ए ण65 प्रक्री!६ शत 5७०॥४॥ ॥0 ॥6 7003|
868/00/ 50९07 ॥000/0$ #90 ॥90075 3$ 008/ 98 ८39॥60 [07 0)/ ॥७ 709॥|
39800/ ;
(0) णा 6८0. | 3 00006 8$ गरक्षा।ंजा०० ॥# $8९४0०॥ 8 0 ॥॥6 80 (9/6
30770एा98 3५007$ 8985 0॥8 000500080 30॥70706$ छा967 00
#ल;
(७) 70४0 76500॥क्षााक्षा। 008 500-56८007 (2) 059०४ 4 0 0॥७ 6०.
44,.._ १0660078 07 ##, 0श्षक्षाह्ाओऑंणा आ60 ४शाांणा ७ ७0009 0) 0९ छाग्रा
580॥9.- [4) 76 57 580#85 803 *
(9 28॥ 6ा ८8% आ0 3000/26 (8 +065॥ ग9005 (जा॥॥7७8 (0 807७७
[6 ८705 भ] 06 #एा। 8$ 070४969॥॥ /(॥७१४१८ए७-। 0॥0858 ॥0॥85 880
5७00 08073 #9॥ 08 7808 जशं॥॥) 8 98600 0 00766 ॥0॥9 #णा। 8
0396 0० 5७० ८॥॥09 रण ढांगंा5 हज) शांत | ॥8850 (४० रण ॥छ

४44:५
8097085 #स्‍0000080 # 708 43, 50॥ 06 0900 एरंफ्ता) 3 96700
॥0866 #007005;
शि०४४५९७ 089 (6 6/0ा 590/8 9/, # ५00$00/ 606558/9५,
800000 5५८0 90700 0 0788 00005 रक्षा 7080070/9 (॥8 7885075
॥8800 ४४779.
(0! छि: 9 238868 (आग
ब्राएउप्राव 08 [00655 0 0७(७7009007 ०0 5
000॥70४9/ 0890 78$00/00 800 #88 08 $80१8 (0 (॥6 30]00॥79
छाग 58008$ ५४७7७ 0908 88 $00$#709/ 0/७805, आ0 (06 590-
एशंक्षांणआा3। [0५8| 000॥7#000,
(2॥ पक #0७8, मींध॥$ (आशएं।86 ५/)8॥ 85880 0॥8 097 58/008 ॥0 ॥($
छिट्रां005 (0 -
6. 7600४४8, 860007४0096 90 70॥ ॥५७ ८/७॥5 ॥ ॥6 509८॥80
ता आ्रा0 8०४0७009 # 8७007 06 5७0४ ०७७॥05;
(|... 07998 08 700070 06 ९/७॥8 80 ९४४७॥०४ 0000/70 #0005;
(0. फ़0098 990 0|॥४॥09॥5 ०] 0788 9/॥5;
(५). ५९7५ ९७४5 35 -70५४09390॥0 00886 /॥0॥05;
(४. एछ650ा शा #0॥095$ ०0 0॥8 ॥998 900 ०१७७॥ ० (॥6 ०७॥॥
06076 06 (॥आ। 59009 (0705 000307300॥,
(3) हए३५ क्षक्षा। 0828५890 $09॥ 96 00॥/ ७८/(07//७७१०० ॥ ५शा।।द्व 0५ 09
#088 9005 (0आ॥४॥66,
(4) ॥#67076 मांध5 00798 $09॥ ॥#50 9009978 ॥6 ४8॥008 00 00003#
एण तथा 580॥8 ि ८आ।वए0॥रए 0788 79#5 # +०॥॥ 8 35 97/0/080|0
87॥06:0७6 | 0 ॥॥858 २0685,
(5) ॥06 6आ7 530॥9 ह#॥ ता 0089 ० ॥08 ॥00॥0958 ७00 00058 (५) ०
$800-७।6 (2), ॥7660 धश0) 9007 0006, ॥0 ००03067 ॥॥8 ॥900769$ 0 (6
#ण8डा गिद्5 (000॥68, 09855 8/2070/07086 765000075, 8000 $/03॥|
(0५४90 ॥॥७ 58780 (08 500-0श/59073| [0०७ 00007॥॥08,
(6) वरा6 586997/ ०6 5ागा 7ि8009)/9 ४४४| 880 800 85 560700(97/ १० (५७
(छा 530॥95 ॥# 8८09796 ०4॥5 20075.
2, शि00९55 0 ५७॥४४४6 ८७॥॥5 0५ #ण७७ ४908 000॥0॥॥66,- () 7)6 60765
फ्रिता08 (00098 ॥89॥, कक 3५8 ॥#ं907 (0 0॥७ 0०४०७॥00 0॥॥70आ॥8
ख0॥8#0785 0908॥7707-
(9) भा 0॥8 508 900 9॥9808॥) ५७?) #6 0908 90 ९१७१६ 06 ॥॥6 ७७॥॥
870 6५४8॥८8 (6 ३88;
(0) 7006४8 9/ छिा07 6२४0७॥08 0 76000 ॥#0600 ॥908 (80॥80! 900
शंध95565;
(6) 0३5७8 (8 ॥6 आओ #07 908$009&5 300 ॥7300 ॥70965$ 07
0९७९७॥ञांर॥ंका ० शा वांक्ञा।5, शली 78/ शंएरक्ष 98 ॥४0७१॥
0५009 ॥शा।|0878, ॥॥80 0७ाधराआं) 00 030 9070/ 0०0राएाए५
॥#ष्यांता, 86 परशाहत 9 9 पंताह एशाक्षा 53०) 7000095,
एणाएफाए85 0 ॥४7/0/85९७४॥90५85 376 970507[;
(9) 80808 (90 (॥6 ८आा। जा 07067 06 3 .77/५8 ए83 97000 ०
ए6उप्चाण्पाप्ात। 00ाध्राजाए जि 00शा्रात॥0०) ० पक त9॥5 0
#0/8, शगांटी 79) शश 0७ ॥॥009/॥ 00 ०00000॥#9 0 03070079
(0०॥४७/0५ 50000, ॥6 ५९७/॥७0 ४शी७॥ 500॥ 2जा॥१७7॥७85 0 ॥#शा
700765#9॥५65 आ७8 [॥85छआ; 900
(९) मरि९2७४6 3 ॥90 00॥0890006 ॥॥8 #69 0 880॥ ८08॑ंग्री 02३69
॥60009/772890॥8 (900/9//:5,

2:55
|) 8 सहला पिज्ञात5 (एात्राशो|हिए हज वश 7:७0 5 भिएीएुक जा हीह
(ज्ञात 0 एाछडछा है [06 छाखा। 58098 08
6 उतरा एएांक्ांएकक0॥.

| ॥ कहा छा8 जादू ऐंशिगत मी ॥ह99800 ए ही व्गीफिक। का


एफआफजाकाए 0प्रातक्ाहिड ऐे आएशः गीवदुह छा गी | छिएडा कक 7 0१90
0 706 [क्रो छ8 जाए उत्त8, 8 िएका मिक्ीक ब/#05 0 ]8
88766 /४8 जिला] 5385 व।|| गाएह. | 07 (0 0ार्डायश' 6 #्ाजल ता
झएजाशा। पँँ छाए लक्राड क्षाए हाजी ॥9 गि0ीहुए [0 #8 057४8
जिला पश/सद नी हक;
गि9ए०38ए (ज ॥ एछ िखा। 53076 आह का 806 0 78508 [॥8
हजरत हंशातड,] 909॥ 08 धरा है0 ॥ ॥फ8 छातम्रात 5908 98 500-
#जडताश। 078 0तराएकाए एि गं5 6%0॥॥077,
[व] (का 8 'ज्राशा एस्यावंदां एॉ तह जिसा। 598 ता 8 जिक्का विप्ठात5
(आाशा।एंहिक फि ॥#क्ताा।कीफि, 80005 ए 00एए॥ागकिए5, ॥ि एफ: ह/767
कावणिण#865 झड़) 0008 80 तहशा।एशाएंएं 09 0॥/08 डआ8 (0 ॥8
(िख्ञा। उज्ातीज छा छिएड। पंप (छाताध्र।छ8, हेड ॥8 0858 799 08, आग
किक्ञतञंश 5 एशाए्शॉंका, छुआ, 07000ती भा कराती तांउस। एीछिश-,
3. हणंहैशाए8 फि तशल्रावबाशाणा ता णिकडा वधीड़, () फिछए छरएशाए8 णि
86097 जा छत पहडावु ऐ फ़िहडा तितड़ आठ, गत वक्त, वाएैप्रतए-
(छ जाओ 0द्ञआाएकतांक, उफछाबराशा वएणएंफ कञाएी बेड उद्वशहा।हक्षाई,
(हञाका।क, शज/छ॥ छाए 8शीकाशा। छृकंां5, तभीएंक, $क४॥9 शिाआशा,
शजातातु फिक्ा$, ताकाक्ाशाशां जिक्ाई, तािए-)क्रोड, फिक्तडं क्ाफ॒॥
एएप्रांक, एल छिछ 60005, ।6000 एा 7 09 एरी38एच/ ]98
(6, (95 छा छत्लझ85, ॥हफ़बाँ.$ 0 00985 9060 00॥॥7/588075
(०० ०]: +है।। ह।। ६०. 2 08]।
«५ /|0 08: । +।])०:॥ ०8०
जोएएकाई, (005;
| जिएएहावाएाएं क5छ७/ 00एशआाशाड धयाएी ह5 #एहा एलातफि एशए,
ज्ण 00, एडझुआं, किाए8 [छड5 8085, 0 एह एकीिीएंऑहड;

ह एाफपाएंसी शवाकिएहिड बाली 88 किशाइ8, वीधांह जाग एडााशिी।


शाएिएफक्षाहाा|ड विक्षएंश [0 लाएं तएा।वाएँं किए, फितओोड, ऐप्स:
(5 कराए 8 8;
9 वाजड़ां- 00079 छा ]ए्ीएं॥ ॥ह-छएँॉड ॥0ए7क्षितु 00७7 फएश5 शाएं
०रफदाष्शाह;
|! ॥889च7स॥ छाएपनंय, एएएववशााए[शीफि। ऐ एतडांएाड आए एक्रॉपिता5 [ता
आया 6 काइएशाणां.पत बात छिएड एंड आएं गक्षााप्र तह फिएत 0
द्राय्ाआक्राए' सिफ, 09 छत तांहत वाहगीाएणाड, 508 ते$ #//॥ 0598
छह)! ऐ ही
|) भाप किए विल्ाताल पाल, हफाएं का पताड़, एणाहत85,
एक का0 5, हि0078, #0ा) शहरी एक जिलाहड का गएा(8३ का
एक 0 थ।8907685:
आजा! झाप्एाताहड हड़ांआ005ाध्राह शशवणोंए #ाए। बे हेड, 00४॥9॥|
च्राफनीहडि, अजित एत 8285;
॥॥॥ प्रढ्ठाह#09॥ #40ीा9 878५ 0 #रए्री0085 7ह/0780 ॥॥ हि सि।।
8207088 छा' 000क्लारिएए ज5 गाव 08॥ छप्ीबितांए ।8डएंख्रा! रा []8
एीकिुए जां व ऐशा।हि एक एव (8;
| प्राछक्षाओा।
पा ह0क्षद् पक्ष (का एलिीाांड, एत0छए ध्राततु,
॥४) ता हएंत्छआाएक फिर "ऐश 08 जिक्र औ8॥, व 898, ॥7॥70क *
कि. धजाताशाएफ दा आती शेड रक्षिक्ञा 70 ए॥ीशञएफशा 908 एव
9). व29फकींणाज। प्ाग्यापु फ़एजाशक छाइड्रड ( 20॥8९ा एॉ 0कॉफ आए
ए/हाड, फिछा, शावित हर्तक्राह गज़ोंड आएं छातरण वर्षा फिहड
एाएत78 धातु ताएआएंड। तनिआऑफी अ|र्ाएांक:; 5604॥085 र्फ़ा

“बैठ |
शाह 07 #ए0॥97॥ 0 #५85/02८/९ ७58, 76029 987॥ ००॥७८४००
(ञा।0्रांह5 0॥6708| [|300॥078/5;
(0. क्षा0875 0 शपटाफा65 0७॥ 09 09 009 0000), $30/80
(605, धाएए85 भत्ते 70005 0० #४०९७॥000 87635, ए07४583| 0
लाशाओं0का 00705;
(3) प#& 59 539#93, ४१७ 500-छएंझंगा9 (.6०९७ (०आध्रा४ं008 3/0 0१९
एाञ्ञांट (9५४७ (ए/आप्राए88 89॥ ०00$8067 77076 (90 0008 0॥॥6 900५8-
प्रोश्ा00780 2एं007088॥॥ 0877५ ४8 0657 797॥5-
44, ?िह॥00575540 590-0/9%079 (6५8| 0000#7॥66.-
(॥) #07५ 9507 399/#9५60 9) 0॥8 7050॥0907 0 (0९ 5797) 580/#8 ॥089
जशरंतरांत 3 98700 एस झंडा 09/5 #00) ॥8 0806 0 ॥#68 705000007 88 8
ए०0॥00700 08 5५0-0४४ं5979.6७५७॥ (00॥77788.
(2। उ#॥6 590-09५अंजाठ (९४९। ९00॥77008 503॥ #90 3 0908 [0 ४8 ॥88/0॥5
खा ग्राधा98 ॥8 0शां।0ाश्ष ॥9 8 0जाठश780 5797 53908
४ांातद् 85 ५४७॥ 85 क0फथ्। 8 70008 80 8 000४७॥४00॥ 20090 98906 0
6 (॥॥३98 ० 06 28009070867 8॥ ॥8850 #600॥ 395 7007 (0 ॥08 0886
४9060 07 (0९ ॥2९9770,
(3) व#6 5५90-ए9४ंञ्रंणाओं (.8४३ (0७॥00086 ॥79/ श।छश 3॥0५97 06 79]|8८॥ 07
॥रस्‍ॉ6/ 76 96॥॥070 ८00०0९७॥760 5/97 580#8 07/5780075007ठ/0/,
(4) #78677800693 0 $0८॥ 76(७770७, ॥॥6 (5930) 53008 हञीओ 7068॥ ५शं(॥४॥ 8
7४०0 0॥9#70 995, #687 996 9श/॥07087, 09855 8 7880प009व7 0 ए8[
॥शश्िक्षाए78 आ0 (07५४870 #8 5976 0 [8 5909-0ए्क्वंत्रा३। (९ए७/
(07077॥66,
(5) ग6590-0शंडांठा (6०७४ (00788 589॥ ८009#0967 ((॥8785000[07 ०
(08४ 5 580#8 ॥00 9355 ॥>>09709068 0005, क्ष।8/ 8०८७० 07
(भुं४८७॥० 08 7शआएंठा.
(6) ॥शफ्ाठ्ण 7९|०७०८७ 0 6 970#797ध्र 7000/075, 590-0एं|0ा#8।| [७९
(जआ॥॥766 ॥9॥ 6)८३॥08 3009 ८0॥808 (॥७ 708८0705 ० #06579#॥5 [|
॥86 00087 '्क्कं।905 &00 5७७७६ (8 59776 [४४०0७०)॥ ॥%8 (07/0९7760
5फ90-फणंडंणा३ (ञीठछ (00% 0७एंटा (6०७ 00977686.
6॥। ॥ ८858 0 3 057008 004४४९९॥॥ (४४० 07 70076 (5780] 580#35 3/0 07 80)
370/#070ा 0 97५9 ०0 ॥#8 578 539#935 ७ ॥06 55-00 ाक्नंजा3 [००शे
(07077088 00॥5 0/श॥, 93॥ ०9॥ 7 3 ]जं॥ 7/8९॥॥70 0 0॥8 ८000/८७780'
छाआ 590#85 एगं। 8 शं३#७४ ३0 ॥650ण79 0१6 0579ए6 90 ॥# 70
॥7009॥|/ 397680 50007 6) 98 7882080 एशांधरप्ना 3 .987700 0 (0९४४४
999५5, 0॥8 550-एएंज्न॑णाक [0५९ (00॥07/088 | 58006 (४९ ऊ$79ए७९
शीक्ष ॥९३॥7॥5 ॥#8 60760760 57॥ा। 58009$ 300 935$ 99070[9930
0/0७॥5,
45. ?९॥#075क्‍0 0ञशावगंटा (8४९ (079१॥77॥०6,-
(॥] #शा५ 078507 99976५60 0५ 8 560०7 ० (08 500-0एंक/078/ [.७एश॑
(०7#7॥७8 77089 ४शो।का 3 9700 0 झ)0५ 69895 #977 008 38॥6 0 (॥8
98607 0 (08 590-0५०ं8&0708| [७५०९ (07707॥88 8 3 700007 १0 06
(0४8760क्‍९५७ (00077॥0७,
(2) 86 छाडएत ६७५९ (आधराएं/86 जी फि 3 0968 0 (8 ॥99779 ॥70
॥स्‍#7906 08 09800008 20 (08 00008700 500-005073 (6४९।
(0068 ॥ ५शात्रावु 35 ४७॥ 35 [र0ए७छुी 3 00006 2 3 ८00५९४४7
79ए06 99908 था 6 श॥३०४ (0१8 70007 30 6850 880 08.5 9700
0 006 0808 #.08007 (॥6 ॥#69॥॥0.
43) वाढ छॉाञञातदा [6०९ (०0777/06 70५ श।ह३ 3॥0५97 67 7शु७० 0 7र्श्र७/ (९
एशाएंगा ॥0 6908७0760 5090-00 9079 .6०४। 00768 ि ॥5
7॥6007$00879007.
(4) #8676529 ् 5७९०॥।७6 ४७०8, 0॥9 590-फ/ंडंजा9। |6५९ (080088
झील 0९४7 06 700000 08 5.87 590॥3 आ00॥8/06 8 06५/५#07 00
कक्क। श067808 900 ब्राशंएआ0 ४8 इसा8 0 086 एछंक्ांटा (0४७
(00४४786.
(5) ग6 ऊातंणा (0०९७ (000॥॥॥088 औ9॥ प_श्ा ०0जाआं0907 06 720॥007 आ0
9955 9779005906 07008, श॥॥४॥ 32087 राव ०70|७८४१७ ४6 ७४007.
है
6) ॥॥6 0 जञ्ञ0५ 97७ 007॥४र॥99 आ३॥ ३७70 (06 782070 0 08575 ०
(6 ढांओआशा! ७ एंंगाशओंड 0 06 05060 (086600 ०9 ०छतगंट।
(0/7#भ$$070क्ष 0ि 768085538'/ 0००7७८॥४0०॥ | (१४ 7800705 ०0 ॥06
(0०ए7क्राताक्ं,
(7) हा 6996 06 5 8 582767870५ 02/ए४९९॥॥ 00875 ए ७४० तर 706 5७0-
छीजांडांजाव। 6०७ (0जा।0॥॥608$, 6 छझञतगांए (0५९ (०7४06 00 5
एशशा, जीत ८8॥ 0 9 |जाध 06800 ४ (४0९ ८00086080 5009-0५ %४०7७|
[७०९ 00॥/7085 ५शंत 3 ४७५४० 760000॥6 0१8 ठीशिए0085 आ0॥ 00
॥98/५ 39/990 800७00॥ 0. 08 ॥600060, ॥#6 08060 (6५९|
(0768 #॥8॥ 80]90098 06 09000 शीश ॥6377 ७१७ 0000070280
500-0भरंज्अंजा3। 6०७ 00477॥885 800 355 82//00796 ०0७४६,

(#.॥७0. 7704/02/2007-7८&५ (४०,५॥))


0/.89८॥#(97 90097
४097१ 56८/8(97/

४45
+१850फ0शाहाशां ० ॥09
शी सर बल #शिड

0.409 70890 708 क्षत्ला5 70 0प्र६छ (७७७०0


[5866 708 4 [4] (8) ० 6 3८900॥6० ॥7965 99 0067
उा३आंएजाओं 65 09सी४५ (त०००9700ा॥ ० 7०७५६ +9॥505)
+0७/७५, 2008]
» ४० ७: ॥8776 06 (08 ८/आआओआ। (5) :
॥४8706 06॥॥6 590058 :
॥३80१6 0 शि/शशा/ ग/जा0्ष :
8909/655 ;
४9५86 :
५ 9 ए

छ6ाओआ। ?#४८08५/8( :
उ७9॥/ 790/8 :
एंञञाएए;
५० 9

(9) 500800॥80 7706 : ै७5/ ९०


(8॥9200 90॥807॥/038860 ८07५ 0 (७738)
(०) 000 779%[0079। 7065 0५/0॥७ : 765/ ९०
#॥ 9 870058 45 8 500600|80 ॥#98 (890७ ३0॥७॥009॥60 ८07५ ०
0०8॥॥038)
30... 878 0 000 7१शा।0क05 ॥ #8 877#9 ५शं/॥ 998 :
(बाटाएतत्रातु 0४॥97७॥ 3॥0 800॥ 08.90॥087॥5)

एल 0 छंजा। जा 0 :
१, &0807/ 0/00856|9709 02007|60
(9) 0णि03099097॥
(०) णि$शॉन०णॉए्आ०णा, 0५:
(588 580007 3[॥] (9) 006 ४८)
2... 08570060॥8/05$# 87५:
(866 5७८४07 3[) ०४8 #८]
3... ?8095/ ७8$85/ 99008, 90/ :
(5686 58607 3[4)[9] 06 50]
4... [8॥0/9॥ आऑए790॥900॥ ७ 8॥9808#५9॥800, 00);
(968 58८200॥ 3[4) 7) ० 0॥8 /०॥)
5... [80007 शक्र७ 0$8793090 ररं00000॥03 ८0079९४/७38007 :
(968 586007 4 [8) ०6 6८०)
6, एिंतश्ञा 0 |90 ॥ एछि85 ४७५९४, | 809:
(568 582८000 3 [4) [0] 0४6 80)
7, #५७ ण"राश 03007 09, 9५:
(568 586007 3 [4) ॥) ०0४08 600)
8, ६शांतशाठट8॥50/070[:
(5७66 +0|6 3)
9, #७9 णाॉश्ष राधा :

अंक्राभएा९/ ]#970 ॥7978550ा


० (५१6 0आरतआएं (5) :
“60ए७77707६ 06 ॥08॥3
॥(॥ल्‍स्‍8500५ ० 7688/| ४975
089 - 8
0.500 #08/॥0 708 000/0एशा५ ए5क_षाा$
[566 706 4] (१) (9) #४४0 ॥ (4) ० हा७ 5ल्‍06०७७/७० 77965 300 00087
॥390#0073| 76765 कक [ ००३ ०७ 0 #07९5९ 90970)

(७॥6 0॥6 ८/७7037[ 5);


8... 089 ९०४४७४0७७४७ : १९$/ ।५०
9. 0770 000५७ : १९६/ ४०
2, ४४998:
3, छाश्ा िशाट्रा9/भ:
4, 00३/ ]9॥0९8 :
5, एक्कांढा;

|३३॥७7७ 06 00त077/व9705 ७०,७०० :


4,. . (०7४/१७/॥9 (05 $00। 85 गरंडाआ, शा:
(986 50८४07 3 (3)0) 08006 &७7)
2... पस्लिक्ा507७/ात्री07 065 97000008, 99 :
(966 50८0॥0००7 3 ()[6) ०08 ४९५)
3, (णाणाक्ाए तंफ्रा5
8... ७३880 शॉएशाश्रा5 0, 88 00906$), 800 :
७०... 59779, 90
0७... ॥90)रांञञा#7650006 800855 0४ज7900 900 095&"2४8, # 0५:
(5866 5९८आंगा 3() [9] ४०५ ४५0
4... 0०प्रापरए |/श्ाएा85 0॥308 आ00॥580#9॥0॥
लि 765 0 98-09700ए७/| ८॥7॥१७/॥08$, 80५ :
(598 52५०7 3() (0) ०४७ ४०)
5... श97#॥00 80085$ 709ए850, #स्‍8॥8८५9/
0967५ 800 0809॥078||0%४890098,# १५:
(586 9$७थरांजा 3() 0 0008 260)
6... 00क॥3ऑऑणा9एंप्रा।, | #। ५:
(586 5०0%07 3|]) [॥ 0006 5५)
7, ६२स02७॥08 ४ 5%एणा :
(58७6 ९७७ 3)
8... #9 णाक्ष ब्रा0शाओंता;

झांध्ाअफा8/ 0 ता॥8४5॥०7१
006 (8॥70970 ($)

४47
हम
“॥०७४६एस६ -॥
(609०७#श0 ० 53
॥४7509 ०॑ ॥788| 4975
[906 70॥6 8 (#) 0 (06 5८069७०० 7096५ 370 0फ्रला
पएाब्तांधंठाओं शक 6422 अल ।
([866०97रांप॑०। ० 0765६ [5
#06५, 2008]

।४३॥०७ (5) 0|0006/ (5) ०(0705 79॥/5 ॥000%76 $/20७56)


ते

:
पिछञा१8 0 08 [8[87/ ॥00366 :
६७ 8७

[३8०१७ 0 0607000097/5 :
809097855 :
+

४॥॥७५७/ फ) 530#9 :
छा

67877 280049)/90 :
४३ 9

प्र७४७॥/ 7996८8 :
एक्तांटा :
9

४४९४४७४ 5८0000॥60 7706 9 00॥0 7750/00709॥ #0765: 00087


8763:
जज
>>. >>

9880४900ा ठ 00070ा8$ 9५ एाणा।।तशषा


्ज

पर

[893/25 700|७७॥०5 #878578/00772907760॥ ९०:


॥705 008 5 #07॥9008, ७७७ ॥0। 386780।6 ०7 प्रभार्ई९80॥8
छ0987 5७७ 5९९०४०॥
(4] 05७८007 4 0008 # ८,
४४७,
४॥७ ७008७/झ5760, ॥९760५, [०6 900 ०7 ०श।श्ना ० (6
50०९7080/[ ०
($७॥0० 0 ४७ 5090) ........................................ गए 0७ झंकु]॥
५785 (0 ८0गता (१७
80098 085 797.

छाशं$&009707९५ 0॥08// 000०(४ छाज्ञतद7709 ४४९/७/९ 000


(075607/५४(0/ ० +०78९5(5

एछांड्पांद 06८४००/ 00700, 06#/त7/550076#

४; 48 5:
“000०६:८७४६ -
60एशशाशाशां 0 0068
॥शींतरा$07)) ० ॥799/ 8#6ि॥5
[966 ॥छा&6 8 (0) ० ४8 5८0600॥60 ॥79७5 आ0 0067
'79970079/ 67650 0५/2॥67$
(१०००थ्चा४ं0४0० ० 6607650 शि6#05)
रिएता०5 2008]

४७॥१8 ५) 0 008 ॥0।00 (5) 04 0000/#9५ 085 एप :


2+

४॥४॥७9७/ 07.7 $00!9 :


03:

७970 ?#2८00)9 :
5७:69:

ग॒&जञ्ञ/ 70000 :
एका।ए:
:260

5५0600966 7706/ 000७ 7780#008// +07650 0/2७॥#ष :


२608

भिखाएा80 ०000॥707/9 70905 :


(णा9ाएठा$ 7 90५ :
49-89

08507/0070 0 900॥08785 00009


८५७5६00998/9५ 700003'] 90/0 0, |#/0"श्र)%ए#
09#79775 ॥#009#79 ॥।08॥3/ 600909/099070 (०:

रआ6 (5) ए 0॥6॥0 987 (5) ० 6जा0॥५/07७श दा

४४७, #6 ७१0/४अं[060, १8700.9, 0ि भा छ] 09 छा (68 50798//07 6 (ए87/6 ०


शक कशो > आर कम ट कपल नकद कम कम कप आए 00७ उांक्षाओंजा85 00 ०0097 0॥6
॥0656 वांधा। 85 00760 ॥ 08 ॥08 00 0॥७ 30008 7१80007080 #५006/5 ०
एजाशभाएणाए५ 08७ 79॥05.

एरां50799/707850 0##९9/ 0९/90७/५ एांडपांटा 7608 ४४७४९ ०७४


(०ा507४७०7 ०70/8$65

ए500 ९0०॥9९(07/ 0070/, (0008$09/7छ७7

४ 49 ::
रजिस्ट्री सं, डी.एस.-३3004/99

प्र
प्यारत |
४८९ (65% < रण ध्वाद
€>7२&000४/७४१४
भाग-॥ खण्ड-3-उप खण्ड (॥)
?रि#रा ॥-50<400 ॥- 590-60%968 ()
प्राधिकार से प्रकाशित
?085अ60 87 ४0॥४0श१

सं. 58] नई दिल्‍ली, बुधवार, फरयरी 6, 2008 / माघ 7, 929


४४०. 58] कहा 06 भा, ४६०१६50#80. #६8/0087२९ 6, 2008 / ॥#४.5048 47, 4929

जनजातीय कार्य मंत्रालय "'भारत सरकार


शुद्धि-पत्र जनजातीय कार्य मंत्रालय
नई दिल्ली, 6 फरवरी, 2008 अप स
सप्मुदायिक अधिकारों के लिए दावा प्रारूप
सा,का.नि. 73 (अ).- अनुसूचित जनजाति ३३२ अन्य परम्पराप्त वन
निकासी (कन अधिकारों की ऋष्यता) नियत, 2007 से संबंधित भारत
[अनुसूचित उनजाति और अन्य परंपरागत बन निवासी (यन
अधिकारों की मान्यता) नियम, 2008 का नियम ॥4 (॥)
त्तसकार के जनजातीय कार्य मंगलय की अधिसूचना में, जो भारत के
राजफा, असाधारण भाग ॥, खंड 3, उप खंड(।) में सं, साकानि 4 (ओ, (क) और 4 (4) देखें], पढ़ें;
तारीख 4 जनवरी, 2008 द्वारा उसी तारीख को प्रकाशित हुई थी :- पृष्ठ 9 मैं, "उपादंध 2
().. पृष्ठ ।, नियम । के उप नियम () में "नियम, 2007" के [नियम 5 (ज) देखें]'', के स्थान पर,
स्थान पर “नियम, 2008“ पढ़ें ; “ज्पादंध 2
शर्त जरकार
(॥) पृष्ठ में, “'प्रकृप-क
जनजातीय कार्य मंछलय
वन भूमि के अधिकातें के लिए दावा प्रारूप [नियम ॥ (१) (क)
देखें], के स्थान पर, [अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन नियासी (वन
अधिकारों की मान्यता) नियम, 2008 का नियम 8 (ज) देखें],
“भारत सरकार
पढ़ें;
जनजातीय कार्य मंत्रालय
प्ररूप-क (५) पृष्ठ 0 में, “'उपाबंध 3
वन भूमि के अधिकारों के ल्हिए दावा प्रारूप
[नियम 8 (ज) देखें]'', के स्थान पर,
(अनुसूचित जनजाति और अन्य परंफ्तक्‍्त यन नियासी (वन
उपयंध 3
अधिकारों की मान्यता) नियन, 2008 का नियम (4) (क)
भारत सरकार
देखें], पढ़ें; जनजातीय कार्य मंत्रालय
(॥#).. पृष्ठ
8 में, ''प्रारूप-ख
[अनुसूचित जनजाति और अन्य परंफ्रागत यन निवासी (वन
वन भूमि के अधिकारों के लिए दावा प्रारूप [नियम (॥) (क) अधिकारों की मान्यता) नियम, 2008 का नियम 8 (ज) देखें]'',
और (4) देखें], के स्थान पर, पदें हर

४50 :
__.... _]76७८टधा६0॥४०४:६७८७७७॥४४॥॥
गना६ 5४2धा६ ७४ : ६१77२८०४०॥४४४१४ >---.]
>> +_.
८००00
[?96--566.3 (|
7
्ोि्रिर्ि्र_र_र्रफर्र्असजअअअ्अ्ख्जफ््र्
0-3 ्ख्ल्ललस््िििललल>त नमन

(सं) पृष्ठ 70 के अंत में, ॥680 *'507शात्रा।आई 06॥70%


(६४50१ ० 77809। //(0॥$
“([फा, से, 7704/02/2007- पीसी एंड वी (जिल्ट ४॥))
#08//-8
डॉ. बच्षिततर सिंह, संयुक्त सचिव'' अंतःस्थापित करें।
0.909#0#0/7070000%0/५शञा१
[फा्स 7704/02/2007- पीसी एंड वी (जिल्द /॥)) #505
डॉ. बचित्तर सिंह, संगुक्ते सचिव [588 7७७ ] [) (8) #00 ] (4) 0 0॥6
5606009]60 ॥769685 870 00॥6/
ग१789700708| +07650 0५9/6।80॥5
॥॥॥४५४४ 0#7 70988/ ४67४क#5 (१6८०६7४००/ रण £07654 प्लिं॥॥5) ९७।७४,
00#85&४0५0 2008);
७४ 00॥9, ॥5७ 60 £6070989/, 2008 ]
39996 7,
65.5.8. 73 (8, ॥# ४6 ॥00#03097 ० ४8 गि. “#0४४६फहट-॥
650एकगका री हि0ं9 ॥ #0 सिए|ंडए/ रण ॥तं03
#जीआ5, 7000705 ॥9 08 5&600/00 ॥706$ ॥१0 0087 ($०87७।8 8 (0)]/,
99079 +ज्र०७ 2४.85 ([९००97#/9॥ 06 *०/७३४ 080 ““/&/४४६:८७४६-॥
पिता) ड0605, 2007, 9पआञ्ञा७0- शंठ७ 7५900 0507कत्रा॥॥। 0//0598
6.5.7॥ (68, 08080 09 50 38799 2008, ब ॥॥७0 ॥/॥॥50) ०77#03/ ४865
ठन्‍/शा8 रण ॥50, 5.९४8०४0709१9, ?िश ॥, 80007 3,
500-580009॥ (0 040॥8 99770 0908 ;- [500॥086 8 [॥] 06 008 ४०४४७७0॥७0 ॥7005
॥ 0 आ0 00७ 77950079/ #785१ 0४४७॥९४५
॥#... &# 7996 0, #॥ 599-70|8 () 6 ॥06
"865, 2007'',7080 “१७७७७, 2008/ (36७००५७॥७/0/ 6 70765 फ्रिए7/5) 0४605,
[॥) 29996 5, 2008॥";
0ण “70%9/-& (४) 3 0998 48,
0.0७॥१080/7/08 85#$70 लि. #7४४६०७६-॥
+0#६8547४0 (508९/७७ 8 (0)]7,
[58870/6 |) (8)! 7080. “//४४८०९७४६-७
708980 “50/थ्राशाक्रा। 08४08 (807क#7शरा( 0॥709
॥0870/ ० #09/ /(४४$ ४४११ ४ ]709 /# 75
#08//- & [508 708 8 [0] ०४76 520000/60 7065
0५0४ ४०00॥#08 क्षक््ना570 3270 09 7790#/07# 70/8॥ 0/४/शाक्ष$
[900057/000 ० #0१७5६ 897(5) १७॥७5,
#अछ्छा (०४०0
2008]7;
[966 [७8 ] () (3) रण 08 $60800॥00
ग्र7085 ७१0 00॥6/ ॥750079/ 00७ (५) 29998 3, 9 ४६ ९१0,
0सशा6ह5 (7७९८००॥॥४०७॥ ० *ीणह७क७ा हक [£,. ४0, 77044/02/2007-?0 &४
मरं9005) 0965, 2008]; (४०.५॥)
की). अ799908 6, छा. 88टाब्रा07 908/#, 3०56 08097॥/,
ण '00/-8 (४०, 77044/02/2007-70&५
0.5॥/708॥/70800//00/्ञा१ (४०-४॥))
87. 83009 आय, ज. 96७९५. |
[59827008 [) [8) 800 (4)]”

शाकेमुभो>5-24-4-08-25000,

६0
झारखण्ड मंत्रालय
कल्याण विभाग।
संकल्प
जनजातीय कार्यगंशलय भारत सरकार द्वार अधिसूचित अनुसूचित जनजाति और अन्य परमपराथल बन निवासी (कम अधिकारों
की मान्यता)
अधिसूचना 2006 के पारा 4 के उपघारा-7 एवं नियमादली 2008 के नियम 9 के अधीन राज्य स्तरीय निगरानी सविति
का गठन किया जाता है, जिसमें
निम्नलिखित सदस्य होंगे :-

मुख्य सचिव > अध्यक्ष


2... सचिव राजस्थ विभाग पु सदस्य
3... सचिद जनजातीय या >- सदस्य
समाज कल्याण विभाग
4. . सचिय वन विभाग > सदस्य
5... सचिव पंचायती राज - सदस्थ
6, प्रधान पुख्य वन संरक्षक - सदस्य
7. श्रीथॉम्स हॉँसदा (सबिस.) हि सदस्य (अध्यक्ष, जनजातीय सलाहकार परिषद दारा मनौनीत)
8. . ्रीकोचेघृुण्डा (सविस) न सदस्य (तदैव)
9. श्रीअमूल्यासरदार (सविस.).. - सदस्य (तहँव)
0.. आयुक्त आदिवासी कल्याण न सदस्य सचिव

राज्य स्तरीय निगरानी समिति उल्लिखित अधिनियर्मो एवं नियमादसी के कार्यान्वयन के लिए जिम्नॉकित कृत्य करेंचे ;-
(क) वन अधिकहों की माल्यता और उनके निहित होने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए मानदण्ड और संकेरुक ठय करेगी |
(ख) राज्य मैं दन अधिकारों की मान्यता सत्यापन और उनके निहित होने की प्रक्रिया की निशानी |
(१) बन अधिकाकीरों
मान्यता, सत्यापन और उनके निहित होने की प्रक्रिया के सम्डन्ध में छः मासिक रिफेंट प्रस्तुत करेगी और नोडल अभिकरण को ऐसी
विवरणियाँऔर रिपोर्ट प्रस्तुत करेणी जिनकी नोडल अभिक द्वारा मॉन
रण की जाए।
(ध) अधिसूचना की धारा 8 में यथा वर्णित सूचना वी प्राप्ति पर अधिनियन के अधीन संबद्ध प्राधिककीयों के विरुद्ध समुचित कार्रवाई करेगी ।
(3). अध्पिनियम की घारा 4 की उपचारा (2) के अधीन पुनर्स्थापन की निगरानी करेगी

८ एकल ््िं
2
(व्‌ )
सरकार के प्रधान रुचिव।

ज्ञापंक-3/बिबिध-63/2007- (खण्ड)-क-275 रची, दिनहंक 24 मई, 2008


प्रतिलिपि-माननीय मुख्य मंत्री के सचिव, झारखण्ड, रोंची/ मानमीय मंत्री कल्याण के आप्त सचिव, झारखण्ड /दुख्य संचिद झास्खण्ड/समिति के
सभी
सदस्य/सविय कल्याण के आप्र सचिव/सचिव समाज कल्याण के आप्त सचिव/सभी उपायुक्त/सभी उपखए्ड के प्रफारीपटाध्रिकारी /सभीजिला कल्याण
पदाधिका
/ निदेशक
री झारखण्ड जन जातीय कल्याण, शेध संस्थान, रोंची को सूचनार्थ प्रेषित ।

0404
(यू. के, संगमा)
सरकार के प्रधान सचिव ।

2:52:
झारखण्ड सरकार
कल्याण विभाग।
संचिका सं.-3, विविध-63/2007 (खण्ड )-49॥ दिनांक-8-06-08

अधिसूचना
विषय : केन्द्र सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति और परम्परागत यन निवासी (यन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 का अनुसूचित जनजाति
और परम्परागत दन नियास्री वन अधिकारों की मान्यता नियम 2007 जिसे दिनांक 0,04.03 को भारत सरकार के गजट में प्रकाशित किया
गया है, के आलोक में अनुमण्डल स्तरीय एवं जिला स्तरीय समितियोंका गठन।
केन्द्र सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति और परम्पतगत वन निदासी (यन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 का अनुखुचित जनजाति और परप्परागत दन
नियासी (वन अधिकारों की मान्य) नियम 2007 जिसे दिनांक 0.0.08 को भारत सरकार के गजट में प्रकाशित किया गया है, के आलोक में निम्न प्रकार से
अनुमण्डल स्तरीय वन अधिकःर समिति, एवं जिला स्तरीय बन अधिकार समिति का गठन किया जाता है :-
!. अनुगण्डल
स्तर की वन अधिकार समिति :- राज्य सरकार निम्नलिखित सदस्यों के साथ अनुमण्डल स्तर
की समिति का गठन करती है-
(क) अनुगण्डल अधिकारी या समतुल्य अधिकरी > अध्यक्ष
(ण) उलुमण्डल का भार साधक, वन अधिकारी
या समठुल्य अधिकारी - सदस्य
(/) ब्लॉक या ठहसील स्तर की पंचायतों के तीन सदस्य जिन्हें जिला पंचाल; द्वारा नाम निर्देशित किया जाएगा डिनमें कम से कम दो अनुसूचित
जनआतियों के होंगे, जो अग्रिमानतः ऐसे सदस्य होंगे जो वन निवासी है या ज़ो आदिम जनजातीय समूह के हैं और ऊहों कोई अनुसूचित
जनजातियों नहीं है वहाँ ऐसे दो सदस्य जो अधिमानतः अन्य परम्परागत वन निवासी है, और एक महिला सदस्य होनी, या संविधान की छठी
अनुसूची के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों में तीन सदस्य स्वशासी ज़िला परिषद या प्रादेशिक परिषद या अन्य समूचित जोगल स्तर की परिषद द्वारा
नाम निदेशित किए जाएँगे जिनमें से कम से कम एक महिला सदस्य होगी और (इनका मनोनयन संबिधित उपायुक्त द्वार किया जयेगा )
(४) अनुसूची जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग का अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी या भार साधक अधिकारी |
2... अनुमंडल स्तर की वन अधिकार समिति के कृर्य :- अनुमंडल स्तर की समिति :«
(क) प्रत्येक ग्राम समा कौ नाजुक पेड़-पौधे और जीव-उन्तुके संदर्भ में, जिन्हें सुक्षित और संरक्षित रखे जाने की आवश्यकता है, यन जीव, वन
और जैव विविधता के संरक्षण के संबंध में उनके कर्तप्यों और 'बन अधिकारों” के धारक के कर्तव्यों तथा अन्य के कर्तव्यों के ढरे मे जानकारी
उपलब्ध कराएगी। ;
(ख) ग़ाम सभा और वन अधिकार समिति को वन और राजस्य मानचित्रऔर मतदाता सूची उपलब्ध कराएगी
(१) संबद्ध ग्राम सभाओं के सभी संकल्पों क्रो एक साथ गिलाएगी,
(घ) ग्रामा सभाओं द्वारा उपलब्ध कराए गए मानचित्रों और ब्यौरोंको समेकित करेगी ।
(5) दायों की सगाई को सुनिश्चित करने के लिए ग्राम सभाओं के संकल्पोंऔर मानविजें की फ्रैकय करेगी,
(च) किन्हीं वन अधिकारों की प्रकृति और सीमा के संबंध में ग्राम सभाओं के बीच विदादों की सुनवाई करेची और उनका न्यायनिर्णयन करेगी ।
(9) ग्राम सभाओं के संकल्प से व्य्षित व्यक्तियों, जिनके अन्तर्गतराज्य अभिकरण भी है अर्जियों की सुनवाई करेगी।
(ज) अतः: अनुमंडल दायों के लिए अनुगंडल स्तर की समितियों के साथ समन्‍दय करेती।
(झ) सरकारी अभिलेखों में सामंजस्यके पश्चात प्रस्तावित यन अधिकारों के ब्लॉक वा ठहसीलवार प्रारूप अभिलेस तैयार करेगी,
(ञ) प्रस्तावित पन अधिकारों के प्रारूप अभिलेस के साथ दावोंको अनुफःडल पदाधिकारी के माध्यम से ज़िला स्तरकी समिति को अंतिम विनिश्चय
के लिए अग्रसारित करेगी,
(८) वन निदाततियों में अधिनियम के अधीन और नियमोंमें अध्रिकद्वित उद्देश्यों
और प्रक्रियाओं
के बारे मेंजागरूकता पैदा करेगी,
(5) दयेदारों को दावों के इन नियमों के उपबंध-॥ (प्रालंप- के और 'ख'] में गथा उपबंधित प्रोफार्र की आसानी से और निःशुल्क उपलब्धता
सुनिश्चित करेगी,
(5) यह सुनिश्चित करेगी कि ग्राम सभा
के अधिवेशन अपेक्ित गणपूर्ति के साथ मुक्त, खुली और निष्यक्ष रीतिमें किए जाते हैं।

४534;
जिला स्तर की वन अधिकार समिति :- राज्य सरकार द्वात निम्नलिखित सदस्योंके साथ जिला स्तर की समिति का गठन की जाती है :-
(क) जिला कलक्टर या उपायुक्त > अध्यक्ष
(ख) संबंद्ध खंड वन अधिकारी या संबंद्ध उप वन संरक्षक .- सदस्य (इनका मानोनयन वन प्रमंडल पदाधिकारी के परामर्श से संबंधित
उपायुक्त द्वारा किया जायेगा)
() जिला स्तर की पंचायत के तीन सदस्य जिन्हें जिला पंचायत द्वार नाम निर्देशित किया जाएगा, जिनमें से कम से कम दो अनुसूचित जनजातियों
के होंगे जो अधिमानतः ऐसे सदस्य होंगे जो वन निवासी हैं या जो आदिम जनजातीय समूहों के हैं और जहाँ कोई अनुसूचित जनजातियोँ नहीं हैं
यहाँ ऐसे दो सदस्य जो अधिग्ब्रनतः अन्य परंपरागत वन निवासी हैं और एक महिला सदस्य होगी या संविधान वी छठी अनुसूची के अंतर्गत आने -
वाले क्षेत्रों मेंलीन सदस्य स्वशासी जिला परिषद द्वारा नाम निर्देशित किए जाएंगे जिनमें से कम से कम एक महिला सदस्य होगी (इनका मनोनयन
संबंधित उपयुक्त द्वात किया जायेगा) और ु
(घ) अनु. जाति एवं अनु, जनजाति कल्याण विभाग का जिले का जिला कल्याण पदाधिकारी या जहाँ ऐसा अधिकारी उपलब्ध नहीं है वहाँ जिला
कल्याण पदाधिकारी के कार्य का भारस्ण्यक अधिकारी ।
जिला स्तर की वन अधिकार समिति
के कृत्य - जिला स्तर की समिति -
(क) यहसुनिश्चित करेगी कि नियम 6 के खंड 'ख' के अधीन अपेक्षित जानकारी ग्राम-सभा या वन अधिकार समिति को उपलब्ध करा दी गई है,
(ख) इस बारे में पत्तीक्षा करेगी कि क्या सभी दायों, विशेषकर आदिम जनजातीय समूहों, पशु चारकों और यायावर जनजातियों के सभी दाकों का
अधिनियम
के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए समाधान कर दिया गया है,
(ग) अनुमंडल स्तर की वन अधिकार समिति द्वारा तैयार किए गए वन अधिकारों के दावों और अभिलेख पर विचार करेगी और अंतिम रूप से उनका
अनुमोदन करेगी,
(घ) अनुमंडल स्तर की समिति के आदेशों से व्यधित व्यक्तियों से अर्जियोंकी सुनवाई करेगी,
(5) अतः जिला दावों के संबंध में अन्य जिलों के साथ समन्वय करेगी,
(च) सुसंगत सरकार अभिलेखों, जिनके अंतर्गत अधिकारों के अभिलेख भीहै, में दम अधिकारोंके समावेशन के लिए निवेश जारी करेगी,
(४) जैसे ही अभिलेख को अंतिम रूप दे दिया जाए, दन अधिकारोंके अभिलेख का प्रकाशन सुनिश्चित करेगी, और
(ज) यह सुनिश्चित करेगी कि अधिनियम के अधईन और इन नियमों के उपबंध 2 और 3 में यया विनिर्दिष्ट दन अधिकारों और हक के अभिलेख दी
अध्द्ममाणितप्रति संबंद्ध दावेदार और संबंधित ग्राम सभा को दे दी गई है।
उपस्ेक्त समितियां अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) नियमामबली 2007 के नियम से 4, 2, 3,
4 एवं 5 का पालन करते हुए अपने कर्तव्यों
का निर्वाह करेंग।

झारखण्ड के राज्यपाल

(यूके.
नीच ष्च
संगमा)
सरकार के प्रधान सच्द |

४54 :
ज्ञापंक-3/विविध-63/2007 (खण्ड) 49] | रांची, दिनाक-806-08
प्रतिलिपि- अधीक्षक राजकीय मुदणालय, डोरंडा, रोची को झारखण्ड राजपत
में प्रकाशनार्थ
्र प्रेषित ।

८फतह सरकरर के प्रधान सचिव

ज्ञापांक-3/विविध-63/2007 (खण्ड) 49॥ सेबी, दिनांक- ।806-08


प्रतिलिपि- मुख्य सचिव/विकास आयुक्त/ प्रधान सदिय, मुख्यमंत्री सचिवाल५/ सभी प्रधान सचिव एवं सचिव, सरकारके साई विभाग/ सभी
प्रणण्डलीय आयुक्त/ उप सचिव राज्यपाल सचिवालय/ माननीय उप मुख्यमंत्री के अप्त संधिव/ सभी उपायुक्त/ आदिवासी क. आयु, तैंदी/ रुभी उप विकास
आयुक्त/ सभी प्रमंडलीय उप निदेशक कल्याण/ सभी जिला कल्याण पदा./ सभी अनुमंडल पदा,/ सभी अनुमंडल कल्याण पदा / सभी प्रखण्ड विकास पदा, को
सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्य प्रेषित ल

८४
(यूके, संगमा)
सरकार के प्रधान सचिव ।

झापंक-3/विविध-63/2(सैण्ड)
007 49] सैंदी, दिनांक-806-08

प्रतिलिपि-
जनऊतीय क्षार्यनिदेश
मंत्रालय भारत सरकार,
क शास्त्री भवन, नई दिल्ली-00 5 को सूचनार्थ प्रेषित

४955
झारखण्ड मंत्रालय
कल्याण विभाग।

संकल्प
जनजातीय कार्यमंत्रालय, भारत सरकार द्वाच अधिसूचना अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत यन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिसूचना
2006 एवं नियमावली 2008 के कार्यान्वयन हेतु आदिवासी कल्याण आयुक्त, झारखण्ड, रांची को नोडल पदाधिकारी घोषित किया जाता है।
नोडल पदाधिकारी उपरोक्त उल्लिखित अधिनियम एवं नियमावली में प्रा प्रावधानों को लायू कराने का कार्य करेंगे ।
७४

ज्ञापांक-3/विविध-63/2007-खण्ड-487 रची, दिनांक- 8,06.08


प्रतिलिपि-निदेशक जनजातीय कार्यमंत्रालय मारत सरकार, शास्त्री भवन, नई दिल्ली-000 कोसूचनार्थ प्रेषित ।

ज्ञापंक-3/विविध-63/2007-सूण्ड-487 रांची, दिनांक- 8.06,08


प्रतिलिपि- माननीय मुख्यमंत्री के ऋप्त सचिव, झारखण्ड, राँची/ माननीय मंत्री कल्याण के आप सचिव/ मुख्य सचिव इकरखण्ड/ सचिव राजस्व
विभाग/ प्रधान सचिव कल्याण के आप्त सचिव/ सचिव वन विभाग/ सचिव पंचायती राज/ प्रधान घुठुय कन संरक्षक/ श्री थोमस हॉसदा (सविस )/ श्री कोचे
गुण्डा (सवि.स.)/ श्री अमुल्या सरदार (सबि.स,)/ आदियासी कल्याण आयुक्त, राँद्री/ सभी उगपयुक्त/ सभी प्रखण्ड के 7मारी पदाधिकारी/ सभी जिला
कल्याण पदाधिकारी को सूचनार्थएवं आवश्यक कार्यार्थ प्रेषित । ०्ट

कु सरकार के प्रधान सचिव ।

४56 ;;
झारखण्ड सरकार
कल्याण विधाग।
स्ं:3/विविध-63/2007 (सण्ड) 858
प्रैषक,
की सी निगम
विशेष सचिव,
हामाण विभाग

सैवा मैं,
आदियासी कल्याण आयुक्त सह
नोडल पदाधिकरी, झारखण्ड (क्न अधिकार अधिनिय्स)
श्री ज्वापुक्त, झासफण्ड

शाही दिनांक; 3.08. 2008

विषय : अनुसूचित जनजाति और अन्य फरम्पागत वन नियासी ( क्त अधिकारों की पास्यता) अपिनिय्त 2006 के कार्वान्‍ददनके संबंध में |

ऋषाय,

आप अकाल है कि तपतेक्त अधिनियम का कार्यात्कयत, गज़्य में पंचायती राज घुनाव नहीं होने के कारण, लम्दित था। इस संबंध में घारत सरकार ने
अधिनिगन की धार 2 में निहित शक्तियों
का उपयोग करतेहुए अपने फा से. डी,औ, मे. 7034/2/2007-7५8५/(४०-श॥) १) 0६ 9.7.2008 द्वात
या निदेश दिया है कि पंचायती गज विभाग से विधर्श कर जग सभाओं की बैठक आहत की जाथ। भारत सस्कार द्वारा दिये गए निदेश के आलोकमें दिनांक ।
आगस्त, 2008 को पंचायती
राज विधाग से दिपशेपरांत
इस अधिनियम के कार्षान्‍वधन
ऐैतु ग्राम सभाओं की बैठफ आहुत करने के संगरंध मैं किल्त निर्णय किये गए।
|, घारफणड ग़ाप सभा [गठन की प्रक्रिया एवं कामकाज का संवालन) निगनावली 20003 की पार 8 (क] एवं 8 (क) के अंत्रत निशेत शतित्यों का
जप्गौष करते हुए संबंधित जिलाधिकारी अपने-अपने कार्फ हैंत्र में गरम समेओं की बैठक जल्द से जल्द आहुत करवायें।
तपतेक्त अधिनियत ज्ं संबंधित नियमावली के ग्रावग्ासं के अनुस्तत गापसभाओं की बैठक आहुत कर “वन अधिकार समिति” का गठन नियमानुकार
करवाकर अ्ेत्तर कार्रवाईकी जाये।
कल्याण विधाण, झासखणड सरकल की अष्युच्ना सं, 49 दिनांक 8.8.08 द्वारा अधिसूधित प्रसाग्ड स्तरीय समितियों एवं राज्य स्तन
समितियों में गैर सरकारी सदस्यों का मगोौनयन जिर्पिकाडी द्वारा गाय समाओं से किकर-विषर्श कर, किया जाय। इन समितियोंमें महिलाओं एंव।दिम
जनजकीयों की सहभागिता थी अधिनियण एवं नियमावली के प्रकाझनों के अनुसार सुनिश्चित की जाथ।
एफोत्ता अधिनियम एवं नियमावली की प्रति आपको पूर्व में ही उपलब्ध करा दी गयी है। इसकी प्रतियो दैव्तकुट ५ ७ान.तो0 का. ४९.व। पर थी उपलका
है। इस अधिनियम के कार्यानवगन से संबंधित विभिन्न सूचनाओं का प्रेषण भारत सरकार के द्वारा निर्धारि समग्रादप्रि में इत्ती वैकताईड
पर उप्सक्ा लाए
के माध्ग से करना है। इस ॥#5के संचालन के संबंध में विस्तत सूचनाएं: के पास उपलबध हैं।
अलः आपसे अनुरोधहै कि आप अधिनियम के कार्यान्ययत के संबंधमें विभिन्न सूदताएँ
छा के का्यत से विषान को एक भारत साकारको यथा समय
उस कराये। कृपया इसे आयक्यक सपड़ो एवं इत निर्देशों का समुनालन दथा सबय हुनिश्लित कबते हा अनफालन प्रतिवेदन प्रतशोश ॥5 दिनों में
मना सूरिरिदित कर:

जिकफपाजन

सरकार के विशेष सचिव

9 है
* झारखण्ड सरकार
पंचायती राज, एन,आर,ई.पी. (विशेष प्रमंडल)
(पंचायत राज निदेशालय)
अधिसूचना
एस, ओ, संख्या - 984 चैंदी, दिनांक - 23.8.04
झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम, 200, की धारा 3। द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार, झारखण्ड ग्राम सभा (गठन, बैठक की प्रक्रिया
एवं कामकाज का संचालन) भियमावली, 2003 का प्रारूप
उठ धाराके उप धात् () में निहित प्रावधान के अनुसार पूर्व प्रकाशित किया जाताहै।
अधिसूचना के शासकीय मजट में प्रकाशन के एक गाह के अन्दर कोई भी व्यक्ति अधवा रूंगठन कोई आपत्ति/सुझाव, आयुक्त एवं सचिव, पंचायती राज,
एन.आरई पी, (विशेष प्रमंडल) झारखण्ड, रांची के कार्यालय में दे सकते हैं। प्रा कोई भी आपत्ति/ सुझाव पर राज्य सरकार द्वार यथोचित विचार किया जापेगा।
झारखण्ड कम सभा (75न, बैठक की प्रक्रिया एवं कामकाज का संचालन) नियमावली, 2003
.... संक्षिम
नाम और प्रारम्भ -
()).. यह नियमाबली “झारखण्ड गाम सभा (गठन, बैठक की प्रक्रिया एवं कामकाज संचालन) नियमावली, 2003" कहलायेगी।
(॥) एहसरक्ा अधिसूचना जारीरद्वारा
होने की तिथि से प्रवृत्त होगी।
2... परिभाषाएँ-
इस नियमावली में, जब तक कि संदर्भमें अन्यथा अपेक्षितन है -
(क) “अधिनियम” से अभिप्रेत है, झारखण् पंचायत राज अधिनियम,
ड 2003;
(स) “बैठक” से अभिप्रेतहै, ग़म सभा की बैठक;
(ग) “धात से अभिप्रेतहै,अधिनियम
की धारा;
(घ). “संदिव'' से अभिप्रेतहै, ग्राम पंचायत
का सचिव;
(ड) इस नियमावली में प्रयुक्त किन्तु अपरिभाषित अन्य सभी शब्दों और पर्दी के यही अर्थ होंगे जो उनके लिए अधिनियम में दिये गये हैं।
3... अधिनियम की घारा 3 (॥) के प्रायधानानुसार साधारणतया प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिये एक ग्राम सभा गठित की जयेषी अर्थात ग्राम पंचायत क्षेत्र के
भीतर समाविष प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिये एक ग्राम सभा होगी, परन्तु अनुसूचित क्षेत्र में गम पंचायत के चीतर एक से अधिक ग्राम सभाओं का गठन
नियम 4 में विहित प्रक्रिया के अनुसार किफा
जा सकेगा।
4... एफ राजस्य ग्राम में एक से अधिक ग्राम सभाओं के गठन की प्रक्रिया -
() निम्नलिखित क्षेत्र के लिए पृथक ग्राम सभा का गठन किया जा सकेगा-
(क) आदास या आवासों के समूह के लिए
(ख) . छेटे गाँव या गाँवों / टोलों का समूह
जिसमें समाविष्ट
समुदाय परन्पताओं और रु़ियेंके अनुसार अपने कार्यकलापो
का प्रदन्‍्ध कर्तां हो।
(४) ग्रामसभा क्षेत्र के निवासी मतदाता जो अलग ग्राम सभा के गठन की इच्छा रखते हों, ग्राम सभा के गठन के संबंध में फिल्ह गज़ट में अग्रिसूचना के
एक माह के अन्दर संकल्प पारित कर विहित प्रपत्र-। में आवेदन प्रस्तुत कर ज़िला दःडधिकारी/ उपायुक्त से उपनिदग 4 (!] के खण्ड (क) था खण्ड (स) में
समाकिष्ट क्षेत्र के लिए पृथक द्राम सभा के गठन कीप्रार्थना कर सकेंगे। एश माह के बाद प्राप्त आवेदन पर जिल्ड दण्डाबिकारै /उपादुक्त आमतौर पर विचार नहीं
करेंगे। जय तक आवेदन पत्र के साथ विलम्ब का कारण न दर्शाया गया हो और दशयि गये कारण को जिला दरडाधिकारी/ उपायुरू संतोषजनक पाते हैं।
(॥#) (क) उपगियम 4 (॥) में विनिर्दिष् उम्नेखित प्रस्ताव या आवेदन प्रा होने पर जिला दण्डाधिकारी /उप्हपुरू उपनिदम 4 (।) के खण्ड (क)
या खण्ड (ख) में वर्णित क्षेत्र के लिए पृथक ग्राम सभा गठन के आशय से एक सार्वजनिक सुचना प्रपत्र 2 में जारी करेगा।
(ख) प्रत्येक ऐसी सूचना में प्रस्तावित मये ग्राम सभा में समाविष्ट होने वाले क्षेत्र तथा दर्तधान ग्राम सभा से अपवर्जित होकर शेष रह जाने वाले
क्षेत्र तथा उसकी जनसंख्या का विवरण होगा। हे
(ग). ऐसी प्रत्येक सूचना में उसमें विनिर्दिषट तारीख तक उ#प्ि/सुक्वाय आमंत्रित किये जायेंगे और किसी व्यक्ति से विनिर्दिष पूर्व प्राए आपत्ति
या सुझाव पर जिला दण्डाधिकारी/ उपायुक्त द्वारा विचार किया ऊयेगा। |

५४58 ८
(घ) ऐसी प्रत्येक सूचना ज़िला दण्डाधिकारी/ उपायुक्त के कार्यालय संबंधित ग़ाम पंचायत तथा पंचायत समिति के सूचना पटल पर और
ऐसे आश्य से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में सहज दृश्य स्थान पर चिपकवाकर तथा ढोल पीट कर प्रकाशित की जायेगी।
(5). जिला दण्डाधिकारी उपर्युक्त खण्ड (ग) में वर्शित प्रक्रिया के अनुसार प्रस्तुत ऐसी आपत्तियोँ या सुझावों, यदि कोई हो, तथा प्रस्तावित
नये ग्राम सभा में सम्मिलित होने दाले क्षेत्र में खने वाले समुदाय तथा उनकी रुढ़ियों एवं परम्फ्ताओं आदि पर विचार कर नई ग्राम सभा
के गठन परनिर्णय लेगा।
(च) नईग्राम सभा के गठन के निर्णय लेगे के उपरांत पूर्वके शेष ग्राम सभा क्षेत्र को भी गाव सभा के रुप में घिनिर्दिष्ट गाना जायेगा ।
(५) (क) जिला दण्डाधिकारी/उपायुक्त पृथक ग्राम सभा के गठन की अपिसूचना प्रस्त्र 3 में ज़ारी करेग्न जिसमें उस गाय सभा में आने वाले
प्राम/ग्रामों के नाम तथा उनका विवरण होगा । पुर्नगठित ग्राम सभाएँ आगामी माह की प्रथम तारीख से अस्हिस्व में >येंगी।
(ख) ऐसी अधिसूचना का प्रकाशन नियम 4 के उपनियम (8) के खण्ड (घ) में विहित रीति वें किया जायेगा और उसकी एक प्रति जिला
दण्डाधिकारी/उपायुक्त, जिला परिषद, पंचायत समिति तथा संबंधित गाम पंचायत को भेजी जायेगी
ग्राम सभा की बैठक -
(७) ग्राम सभा की बैठक कम से कम तीन माहमें एक बार होगी, परन्तु ग्राम सभा के सदस्यों की कुल संख्याके एक तिहाईसे अधिक सदस्यों द्वारा
लिखित में अपेक्षा किए जाने पर या पंचायत समिति, जिला परिषद या जिला दण्ड/उपायुक्त ाधिक द्वाराारी
अपेक्षित किये जाने पर, ग्राम सभा वी
बैठक ऐसी अपेक्षा के तीस दिनोंके भौतरदुलाईजा सकेगी;
(ख) ग्राम सभाके किसी बैठकके लिए ग्राम सभा के कुल सदस्य
की बैध संख्या
ों के /0 (एक दांत) सदस्योंकी बैठक में उरस्थिति से कोरम
पूर्ण पूराहुआ मान लिया जायेगा। किन्तु कोरण के दर्शाशमें से महिलाओंकी उपस्थिति एक तिहाईसे कम नहीं होनी चाहिए.
परन्तु अनुसूचित क्षेत्र में गरम सभाके कुल सदस्यों की संख्या के एक तिहाई सदस्यों की संख्या कोरन के लिए अनियार्य है,किन्तु
इन
एक तिहाई सदस्यों की संख्यामें भी एक तिहाई महिला सदस्य की उपस्थिति अनिवार्य होगी। यदि /3 (एक तिहाई) के गनित में एक का अंश
सदस्य संख्या आती है तो उसे पूरा सदस्य गणना में लिया जायेगा। उदाहयदि रणस्
बैठक में सदस्यों
यरुप की कुल संख्या 9 है तो एक तिहाई
सदस्य से कम नहीं की पूर्ति करने के लिए 30,3 अर्थ पूर्ण संख्या 30 सदस्य एक तिहाई से कम होंगे, इसलिए 37 सदस्योंकी उपस्थिति
कोरम के लिए आवश्यक
है तथा, इन 37 सदस्यों में से एक तिष्ाई महिला सदस्य की अर्थात महिला सदस्य
की उपस्थिति
ों अहनियार्य है।
(ग) ग्राम सभा के बैठक की अध्यक्षता संबंधित ग्राम पंचायत के मुखिया द्वारा किया जायेगा। मुखिया की अनुपस्थिति में उप-मुखिया बैठक की |
अध्यक्षता करेगा। यदि दोनों ही अनुपस
हो ्थित
तो बैठक की अध्यक्षता के लिए उपस्थित सदस्यों के बहुमतसे निर्वाचित सदस्य ग्राम सभा की
बैठक की अध्यक्षता करेगा,
परन्तु अनुसूचित कैत्रों में गरम सभा के बैठक की अध्यक्षता, उस ग्राम सभा के अनुसूचित जनजातियों के ऐसे सदस्य क्वरा की जायेगी,
जो संबंधित पंचायत का मुखिया, उपमुख्या या प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य नहीं हो, और उस ग्राम सभा क्षेत्र में परन्‍्पक्त से प्रचलित रीति-
रिवाज के अनुसार मान्यता प्राप्त व्यक्ति हो जो ग्राम प्रधान जैसे मांगी, मुण्डा, पाहत, महतो या किसी अन्य नाम से जाना जाता हे या उनके द्वारा
मनोनीत/समर्थित व्यक्ति हो ।
परन्तुयह और कि जिस ग्राम सभा क्षेत्र में परम्परा से प्रचलित रीति-रिदाज के अनुसार मान्यता प्राज व्यक्ति, जो त्र प्रधान यथा मांझी,
मुण्डा, पाहम, महतो या अन्य नाम से जाना जाता हो गैर अनुसूचित जनजाति का सदस्य हो तो अनुसूचित ह्षेत्रों में ग्राम सभा के बैठक की
अध्यक्षता उनके द्वारा अथवा यदि उत्त क्षेत्रमें अनुसूचित जनजाति के अन्य रूदस्य हों तो ग्राम प्रधान द्वारा प्रस्तावित अधया बैठक में उपस्थित
सदस्यों की की बहुमत से मनोनीत/समर्थित ऐसे व्यक्ति और यदि अलुसूषित जनजाति के सदस्य न हो तो ऐसे प्रस्तावित अथवा
मनौोनीत/समर्थि
गैर अनुसूचित
त जनजात
के व्यक्तििद्वारा वी ऊायेसी।
(घ) यदि बैठक हेतु निर्धारित किए गये समय पर कोरन के लिए आवश्यक संख्या में सदस्य उपस्थित नहीं हैं, तो बैठक की अध्यक्षता करने याला
व्यक्ति बैठक को ऐसी #एचमी तिथि एवं समय के लिए स्थवित कर देया, ऊँसा
कि वह निश्चित करे तथा स्थगित बैठक फी एक नई सूचना नियम
7 के अनुसार देगा और ऐसे स्थगित बैठक के लिए कौरम आवश्यक नहीं होनी, परन्तु ऐसी बैठक में किसी गये विषय पर विचार नहीं किया
जायेगा।
"
(७) अधिसूचित क्षेत्रकी ऋम समा की अध्यक्षता करने वाला व्यक्ति जो या तो परम्फ्तनत ग्राम प्रधान हो या उसके द्वारा प्रस्तववित स्थायी अध्यक हो
को संबंधित पंचायत समिति के रूचि द्वारा प्राध्रेकृत पदाधिकारी /कर्मचारी, ग्रम सभा की प्रथम बैठक के पूर्व शज्य डहण/प्रतिज्ञा कठायेगा।
शप्ध्गह / प्रतिक्षा
ण संल्ग् प्रपत्र 7 में कराया जायेगा। शपथशहण/ प्रतिज्ञा करने कल ग्राम सभा के अध्यक्षों की सूची संबंधित प्रखण्ड विश्स
कार्यालय में संधारित की जायेनी।

5.59 ::
बैठक की तारीख समय तथा स्थान-
(क) ग्राम सभा के बैठक की तारीख, समय तथा स्थान मुर्रया द्वारा नियत किया जायेगा, मुख्या की अनुपस्थिति में उप-मुलिया द्वारा तथा पुखिया
तथा उप-मुखिय दोनों की अनुपस्थितति में पंधायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा या उनके द्वारा प्राधिकृत पंचायत समिति के सहायक
सचिव द्वारा नियत किया जायेगा।
(ख) प्राम पंचायत का मुखिया अधिनियम के अधीन नियमित समय के अन्तरत्यों पर बैठक बुलवाये जाने के लिए जिम्मेवार होगा। इस जिम्मेदारी कौ
निर्वहन करने के लिए उसे सतर्क और सावधान रहना चाहिए।
(ग). यदि मुखिया अधिनियम के अधीन विनिर्दिष्ट समय अंतरालों पर बैठक बुलवाने में असफल रहता है ले संबंधित पंचायत समिति के कार्यपालक
पदाधिकारी की अनुशंसा पर संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा मुखिया को अयोग्य करार करते हुए उसे पद से हटा दिया जायेगा, परन्तु
मुखिया को अयोग्य करार करने के पूर्व संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी द्वार निर्मित करने के आधार सहित कारण पृच्छा का युक्तियुक्त अवसर
देना होगा तथा लापरदाही या उपेक्षा जिसमें कुछ संदोष या आपराधिक त्रुटि उत्पन्न हो, वह देना होगा।
बैठक की सूचना देने की रीति-
(क) ग्राम सभा की प्रत्येक बैठक की सूचना जिसमें तारीख, समय तथा स्थान और व्यवहार किए जाने याले कारबार को विनिर्दिष्ट करते हुए बैठक की
तारीख से कम से कप रखतत दिन पूर्व इस नियमायली से संलग्र प्रपत्र-4 में दी जायेगी, परन्तु आपातकालीन स्थिति में ऋम सभा की बैठक पूरे
तीन दिन की पूर्व सूचना देकर भी बुलायी जा सकेगी।
(ख) बैठक की ऐसी सूचना संबंधित ग्राम पंचायत के प्रत्येक ग्रामों में सहजदृश्य/ सार्वऋगिक स्थानों पर और ग्राम पंचायत के कार्यालय पर इसकी एक
प्रति को चिपकाा जायेगा और प्राम पंचायत क्षेत्र में डरगडुगी या कोल फिटवाकर घोषणा करते हुए प्रकाशित की जायेची।
ग्राम सभा के समक्ष रखे यये अभिलेखों का निरीक्षण -
ग्राम सभा के प्रत्येक सदस्य को कम सभा के समक्ष रखे जाने वाले अभिलेसों का ग़म पंचायत के कार्यालय में कार्यांबाष्रि केटीसन निरीक्षण करने का
अधिकार होगा।
बैठक के अध्यक्ष के कर्तव्य एवं शक्तियाँ- है
(क) यदि संबंधित ग्राम पंचायत का सचिव ग़ाम सभा की ईठक के अध्यक्ष के आदेशों का जो अधिनियम के अधीन ठावित्कें के निर्वहन या क्रियान्वयन
करने के क्रम में पंचायत के सचिव के कृरफों में आते हैं, उन्हें वह पालन नहीं करना है तो अध्यक्ष द्वारा संबंधित पंचायत समिति के कार्यपालक
पदाधिकारी से उस पर नियंत्रण करने की अपेक्षा की जा सकती है।
(ख) यदि राज्य सरकार अपने व्यिक पर पंचायत के कार्यकलापो की जांच करती है, तब जाँचकर्ता प्रषिशारी के समझ लत में अध्यक्ष,
समस्याओं का समाधान चाहने हेतु निवेदन कर सकता है और बता सकता है कि उसे अपने कर्तव्यों के पालन में अभूक बाघोएं हैं, जिनसे
अधिनियम के उद्देश्यों के अनुकूल कार्य होने में समस्या आ रहो है।
(ग) अधिनियम के अधीन राज्य सरकार या विहित प्राधिकारी ऐसे संकर्मों के निष्पादन किये जाने का निर्देश दै रूकैय, जिसे पंचायत द्वारा नहीं किया
जा रहाहै तथा जिसका किया जाना लोकहित में आवश्यक है। अधिनियम के अघीन पंचायतों के कार्य का निरीक्षण होने के समय लिखित पें
अध्यक्ष द्वारा निरीक्षण कर्ता प्राधिकारी को ग्राम सभा संबंधी कठिनाईवोँ प्रस्तुत कर सकता है।
(घ). बैठक में यदि कोई सदस्य अभद्गता से पेश आता है, आपत्तिजनक वा संतापकारी शब्दों का प्रयोग कर्ता है और उन्हें वापस लेने या क्षमा मांगने से
इंकार करता है या बैठक के शांतिपूर्ण तथा व्यवस्थित संचालन में जान बूमकर गड़बड़ी पैदा कस्ताहै, या अध्यक्ष के किसी ३देश का पालन
करने से इंकार करता है या अध्यक्ष द्वारा स्थान ग्रहण के लिए आदेशित किये जाने पर भी अपना स्थान ग्रहण नहीं करता है तो वह सदस्य
व्यवस्था भंग करने का दोषी होगा तथा अध्यक्ष द्वात ऐसी किसी भी सदस्य को बैठक से तुरत निकल जे का निदेश दे सकेगा और इस प्रकार
निकल जाने के लिए आदेशित किया गया कोई सदस्य तुरंत ऐसा करेगा और उस दिन की बैठक की शेष अवधि के दौरान अनुपस्थित रहेगा।
(3). अध्यक्ष बैठक में गंभीर अय्यवस्था उत्पन्न होने की दशा में उसके द्वारा विनिश्चित तथा घोषित किए जाने गले सनव तक के लिए किसी बैठक को
स्थगित
कर सकेगा।
40. बहुमतद्वारा विनिश्चय -
(क) *म सभा की बैठक में लाए गये समस्त विषय उपस्थित सदस्यों की बहुमत से विनिश्वत किए जाएंगे और मतदान हाथ उठाकर किया जायेगा।
मत देने का अधिकार होना।
मत्रों की समानता की दशा में बैठक के अध्यक्ष को द्वितीयक या निर्णायक
(ख) यदि ऐसा कोई दिवाद उत्पन्न होता है जिससे कोई व्यक्ति मतदान का हकदार है या नहीं तो ग्राम समा क्षेत्र कै मतदाताओं की सूची में प्रविष्टि को
ध्यान में रखते हुए, अध्यक्षता करने वाले व्यक्ति द्वाराउसका विनिश्दप किया जाएगा और उसका विनिश्वय अंतिम होगा।

४60:
॥. क्ाप जगा की पैलक का मचाफान-

[क) छाप ज़रा की बैठक का संचालन उनकी अध्यक्षता करने वाज़े व्यक्ति हात किया जोन, जो आतयक्ष
के हम से संगीत किया जगेगा।

(सत्र) अध्यक्ष द्वात्त ग्राम सभा की राय से गम सभा के समश्न विचासर्थ लिये जाने वाले यु फा चर्चा की प्रक्रिया विनिश्चित किया जाएगा।
(3) है2क में एिए रे निएयों को सहिल जानकारी के लिए प़कर सुरया जादेगा। सद॑घित
परम पदयत के सथिद द्वार उसीके अनुसार विनिश्यया
को काया यंजी है अरिजिरिित करेगा।
॥३. जस्थिति पंजी-
कप सभा के बैठक में उपस्थित
होने वाले सदस्यों
के नाम ग्रफ़ा 5 में रखेगये उपस्थिति पंजी में दर्ज किये जदने।
|9. कार्यवाही अधिलेख-

(कि) गान सचकै प्रत्येक बैठक की, कार्मवाहियों के अपिलेख तथा विनिश्चा] तथा उत्मपें उपस्थित सहाय सो संपडणा लर्दवाही पी में गान पंचायत
के संपिव हल इस नियमावली के साथ संता प्रपत्र 6 में प्रविष्टि किया जायेगा और उसी बैठक में अध्यक्षता करने बले व्यक्ति
हरा उसकी पुष्टि
की जायेगी।
खि] का्मवाही हिन्दीमें देवनाफी
लि में लिसी जायेगी।
(7) जम सभा की कार्यवाही की प्रति संधिय द्वारा जाम पंचायत को प्रस्तुत
की जायेंगी।
(घ कप स़था की पिफारीशों को तय पंचागत कार्य चित करी अथवा करतोगी।
4., पाप कोप -

कि) गण समता की निधि में शामिल कोष मैं गम को एनहने बले दान, प्रोत्साहन
राशि एवं अन्य आग सम्मिलित किये जाएंगे,
ि] गत कोष का संचालन संबंधित गण रण वात बहुफत से पतोनीत एक परम सेभा कोगाध्यक्ष के द्वरा किया जायेगा ग़ाम सपा के व्मेघाध्यक्ष की
गहं जिमगवारी होगी कि वे ग्राम सभा की निधि को सरकार द्वारा ज़री किये गये दिशा-मिर्देश्ों के आन काम संचा के बेत्र या सकते नजदीक के
राष्ट्यकृत बैंक की बचत खाता पैं स्तेगा। गह बचा खाता संबंधित गाम सपा के नाप से होगा।
[व गा कोष मेंजय एम
का लेखा एक रजिस्टर में रखा जागेगा तथा उक्त रजिस्टर में गप सभा के अध्यक्ष, कोषणयह एवं संबंधित गान पंचायतके
पंचायत सथिय
का हस्ताक्षर होगा। उक्त रजिस्टर संबंधित श्राप पंचायतके सच्ि की अभिरक्षा में रला जायेगा ।
(घ॥ प्र कोषके सगे का संचालन संबंधित गान पंचाजत सचिव एवं गण संप्ता कोष्कलश्न के हत्ताक्षर से किया जायेगा ।
(ड़) ग्राम दौष में जमा धन क्र उपयोग राज्य सरकार
के निर्देश के आलोकमें अधिगिगम की जा 0 मैं व्कित कुरयों के लिए किया उयेंगा।
(व) ग़्प सभा कौष्कयक्ष का कार्यकाल तनोनयन की तिथिसे एक वर्ष
का होगा, परच्तु इस बीच मृत्यु व्यागफत् या अनहैंडा वा उकके कार्यकाल के
समाप्ति वे पूर्व कार्य करने में असार्थ होने की दजा में आकस्मिक रिक्ति होने पर उप नियम- (ख] के अनुखार कॉबाध्डन का वरेनयत किया
ज़गेक।

[छ) गम सभा के साधन के विभिन्न झौतो एवं इसे बहिंगनन तथा भारत के नियंपरक पहालेसा निर्यद्क के विकील परफड में ऑेसाण कियाके तद़त
लेखा का ग्ंधारण किया जागँगा।
॥ढ्, ग़म सभा के स्थायी समिति की गठन एवं बैठक की ग्रक्षिया -
(का) पान सभा, अधिनिया हुआ दिये गए कुत्ों एवं कर्तं के निर्वहन एवं सुविधा के दश्िशोण से आपने सटहओं हें से अधिनियम में वरित स्थायी
समितियों का एठन कर सकैंगी।
(ख) गाय सभाकी प्रततौक स्थायी समिति मैं जार कदस्य होगे जो इस फ़ोोजन केलिए खाब सष हाए विजिकत: बट परे बैठक
में सदप्णी हात अपने
कीए मैं से बहु द्वारा मनोनीत किए जोगी । इन चार सहस्यो मैंसे एक की अध्यक्त के रूप में मनोनीत किया जायगा।
जम सभा की प्रष्यैक स्थागी समिति के सदस्यों का कार्कदल बैठक में वनोगीत होने की विधि से एक वर्ष के लिए होगी, पहतु पुरनलिदाधन का
पात्र होगा।
ध) गन साथ के क्यागी समितियाँ
के सहफ्यता के लिए कोई ऑरक्ण
नही होगा।
|] ग्राम सपा की किसी स्थाजी सगिति के सदस्यों में से किसी सदस्य की मृत्यु, लाज़ापत्र या अरनाता या उसके कार्यकाल के समारि के पूर्व कार्य

7 5
करने में असमर्थ होने की दशा में, ऐसे पद में आकस्मिक रिक्ति हो गई समझी जायेगी और ऐसी रिक्ति को उप नियग (खत) में वर्णित रीति में
यभाशक्य शीए्ता से भरी जापेगी।
(६) ग्राम सभा के प्रत्येक स्थायी समिति का एक सचिव होगा जो उस ग्राम सभा की अध्यक्षता करने वाला व्यक्ति द्वार मनोनीत किया ज़ायेगा, परन्तु
ऐसा मनोनीत सदस्य ग्राम सभा के सदस्योंके बीच शा ही होगा, तथा उसका कार्यकाल उसकी सदस्यता की अवधि तक रहेगा।
(०) साधारणत: कामकाज के संचालन के लिए प्रत्येक स्थायी समिति की बैठक ग्राम सभा क्षेत्र के अन्दर जो ग्राम सभा की अध्यक्षता करनेवाली
व्यक्ति द्वारा निर्धारित होगी, स्थान पर माह में कम से कम एक बार ऐसी तारीख एवं समय पर होगी जैसा कि ग़ाम सभा के अध्यक्षता करने वाला
व्यक्ति द्वारा निर्धारित किया जाय।
(ज) बैठक की सूचना बैठक की तारीख से पूरे तीन दिन पूर्य
उसकी तारीख, समय तथा स्थान और उसमें किए जाने वाले कामकाज दर्शाते हुए समिति
के प्रत्येक सदस्य को दी जायेगी और गम सभा
के क्षेत्र के सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शितकी जाएनी।
(झ) इस प्रकारके बैठक की तारीख नियत करते
समय इस बात का ध्यान रखा जायेगाकि अन्य स्थायी सम्तियोँ के बैठक की तारीखों से टकराव न
ह्ो।
(८) स्थायी समितिवी बैठक के लिए गणपूर्ति (कोरम) तत्समय गठित स्थायी समितिके आधे सदस्यों
से होगी। यदि किसी बैठक में गनफूरतिन हो तो
समिति के सभापति बैठक को ऐसी तारीख तथा समय के लिए स्थगित कर सकेगा जौ उसके द्वारा नियत किया जायतथा इस प्रकार नियत किए
एए बैठक की सूचना ग़ाम सभा के सार्वजनिक स्थानों पर चिपकाई जायेगी तथा इस प्रकार स्थानित किए गये बैठक के लिए कोई गणपूर्ति
आवश्यक न होगी तथा ऐसे बैठक में कोई नया विषय विच्ारार्थ
नहीं लाया जायेगा।
(5) स्थायी समिति के किसी बैठक के समक्ष लाए गए समस्त प्रश्नों का विनिश्चय उपस्थित तथा मत देने कले सदस्य के बहुमत द्वारा किया ऊयेया।
मतों के बराबर होने की दशा में बैठक के सभापति का निर्णायक
मत होगा।
(5) स्थायी समिति मुख्यतया केवल उनको सौंपे गये मामलों के संबंध में ही दिनिश्वय करेगी। यदि मालले वें वेचीय पहलू अंतर्गस्त है तो वह उस
मामले को अपनी सिफारिश के साथ आगे और विचारार्थ गाम रुभा को निर्टिष्ट करेगी। यहाँ कोई मानला एक से अधिक स्थायी समिति से संबंधित
हो, वहाँ वह विनिश्चयके लिए ग्राम सभा के समक्ष रखा जायेगा।
(5) स्थायी समितियों में से प्रत्येक स्थायी समिति के बैठक की कार्यवाहियाँ, इस प्रयोजन के लिए सखी 5 कार्यवृत पुस्तक में अभिलिखित की
जाएँगी। बैठक का सभापति, बैठक की समाप्ति होने के पश्चात यथा संभव शौध्र झार्यदृत पुस्तक पर हस्ठाद्वर करेगा। कार्यवृत पुस्तिका स्थायी
समिति कै समक्ष विधारण के लिए उसके अगले बैठक में रखी जायेगी जब तक कि इस बीच यान सा के बैठक में उसकी पुष्टि न करदी जाय।
(ण) स्थायी समिति की कार्यवाहियाँ स्थायी समिति के बैठक के पश्चात किए गए अगले बैठक में ग्राम सभा के समक्ष
रखी जाएँगी। ग्राम सभा ऐसे बैठक
में स्थायी समिति के विनिश्चय की पुष्टि कर सकेगी या ऐसा निदेश दे सकेगी जैसा कि वह आवश्यक समझे!
46. कठिनाईयों को दूर करना-
यदि इस नियमावली के नियमों को प्रभावी करने में कोई कठिनाई उत्पन्न हो तो राज्य सरकार अवसर के अपेक्षानुसार शासकीय गज़ट में प्रकाशित आदेश
द्वारा ऐसा कुछ भी कर सकेगी, जो कठिनाई दूर करने में उसे आवश्यक प्रतीत हो।

संचिका संस्या-3प/नि2-१08 / 2003


झारखण्ड राज्यपाल के आदेश से

सरकार के सचिव
पंचायती राज, एन.आर
ई पी. (विशेष प्रमंडल) विभाग
झारखण्ड राँची।

४2625
ज्ञापंक-3प/नि 2-08/2003-98/प्राए, रची, दिनांक-23.8.04
प्रतिलिपि- अधीक्षक, राजकीय मुद्रगालप, डोरण्ठा, रौंची कोझारखण्ड गजंट के अगले असाधारण अंक्ष मैं प्रकाशनार्थ अग्सारित।
2... अनुरोध है कि अधिसूचना की दो सौ प्रतियाँ अविलम्ब पंचायत रुज निदेशालय को उपलब्ध कराने की कृप करें।

पंचायती राज, एन आर ई पी. (विशेष प्रनंडल) विभाग


झारखण्ड रोंची।

ज्ञापाक-3प/नि 2-08/2003-98/9.एं., तेंदी, दिनांक-23.8,04


प्रतिलिपि :- सभी उपयुक्त/ जिला पंचायत राज पदाधिकारी को सूचनार्थ एवं अविलम्य आवश्यक कार्रवाई
हेतु अगसारित।
2... अनुरोध हैकि इस नियमावली प्रारूप को झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम 200 की धारा 3। की उपचार () के प्रावधानोंके अनुसार अपने अपने
कार्यदाय के सूचना पट के साथ ही संबंधित सभी प्रखण्ड विकास कार्यालों के सूचना पट पर एक माह तक प्रकाशित स्खा जाय राथा इस पर प्रात
आपत्ति/सुझाव को अधेहस्ताढरी को उपलब्ध कराया जाय ।

जज कि

पंचायती राज, एन.आर ई.पी, (विशेष प्रसंडल) विभाग


झारखण्ड राँची।

४63 ::
प्रपत्रे-।
(नियम 4 (॥) देखिये)
ग्राम सभा विनिर्दिष्ट करने हेतु आवेदन पत्र
सारणी

प्रखण्ड का ग्राम पंचायत वर्तमान ग्राम प्रस्तावित ग्राम सभा जनसंख्या नया ग्राम सभा बनाने
नाम का नाम सभा का नाव के क्षेत्र में पड़ने वाले का औधित्य
ग्राम / टोलो का नाम

ग्राम सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर


प्रपत्न्‍न-2
(नियम 4 (7) देखिये)
सूचना

झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम, 200 के अल्तर्गत झारखण्ड ग्राम सभा (गठन, बैठक की प्रक्रिया एवं कार्य संघालन) भ्रयषादली, 2003 के
हुए नीचे दी गई सारणी के भीतर कॉलम 4 में वर्णित (प्री /प्रा्ो केसूद /टोल्डं एवं टोस्डें के समुह आदि के
नियम 4 (॥) केद्वार प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते
की जाती है।
लिए अलग ग्राम सभा के गठन के आशय वी जानकारी एलद द्वारा प्रकाशित
उन आपहियों /सुझावों पर, जो दिनांफ मल तक अधेशस्ताक् तर प्राप्त
होंगे, विधार किया जायेगा। उक्त तिथि
को प्रामषरी
आओ /सििफ दिक : में सुनवाई
०००२ नननरतमचरकततरम को कार्यालय की जायेगी।

सारणी

प्रखण्डका |. ग्रायपंचायत | वर्तमानयग्राष प्रस्तावित | अवशेष थाना संख्या अन्य


नाम का नाम रुभा में ग्राम सभा पें क्षेत्र विवरणी
शामिल क्षेत्र शामिल क्षेत्र
छः) किक) "जओ बलि ह््छज्ि काला छः |

स्थान -
जारी करने की तारीख-

जिला दण्डाध्रिकारी/ उपायुक्त

५०5५४
(नियम 4 (५) देखिये)

अधिसूचना

झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम, 200॥ के अन्तर्गत झारखण्ड ग्राय सभा (गठन, बैठक की प्रक्रिया एवं कामझाज संचालन) नियगावली, 2003
के लिए
के नियम 4 (9) द्वारा प्रद् शक्षियों को प्रयोगमें लाते हुए नीचे दी गई सारणीके कॉलम 2 में वर्णित ग्राम पंचायत की सीमा के भीतर कॉलम 5 में बम क्षेत्र

में आऐंगी।
अत ग्राम सभा का गठन करते हैं, जो आगामी माह की प्रधम तारीखसे अस्तित्

सात्गी

प्रखण्ड का ग्राम पंचायत ग्राम सभा राजस्व प्राम सम्मिलित घृख्यालय


नाम का नाम का नाम के नाम
व्रामों
5290 5)] ण्एशदु ऋाड:
छज्ब्श्खऋः ।77० !:६7७०] है ॥0इम्छप |

स्थान -

जारी करने की तारीख -


जिला दण्डाप्रिकारी/उपायुक्त
प्रपत्न- 4
(नियम- 7 (क) देखिये)
ग्राम सभा की बैठक की सूचना

गम सभा ......... क .....ह.ह0ह0ह.ह.ह................. के सभी सदस्यों को एसद द्वारा सूचित किया जाता है कि ग्राम समा की
विश लि 32 22 _. को निम्नलिखित ग्राम .........ह..........- "->+टक कक. -.. के
शक परम पर होगा।

ग्राम सभा के सभी सदस्य, जिनके नाम बतदाता सूची में दर्ज हैं, बैठक में भाग लेने के लिए आमंद्नित हैं।

बैठक बुलाने याला प्राधिकारी का हस्ताक्षर एवं मुहर

470५
(नियम १2 देखिये)

ग्राम सभा में उपस्थित सदस्यों की उपस्थिति पंजी

' ,.ग्रामपंछयत का नाम


व्रामसभाकानाम -
बैठक की तारीख... «
९०

वैठककासथान -+
वैठकका समथ.. *«
फ़

क्रमांक बैठक में उपस्थित सदस्यों के नाम सदस्यों के हस्ताक्षर

उपस्थित सदस्यों की कुल संख्या (शब्दोंमं) ....................0"0ह.त........०+----

ग्राम पंचायत सचिव के हस्ताक्षर


एवं मुहर
(मैन 73 (ऊ) देखिये)
ग्राम सभा में कार्यदाही अभिलेख

।:. ग्रपपंकयपतका
नल
2. . बैठककी लारेस
3... बैठककास्थान
$. . बैठक का समय
5. उपस्थित ग्राम सभा सदस्यों की संख्या -

क्रमांक ग्राम सभा के समक्ष रखे गये विषय बैठक


की कार्यदाही
छिलओ
५ 7 अमन ८ ||. 3० "हक हलक
हिला
2
न्््ज्
हिल
56 ता
6
ह्ह्ल्ल
/44 5088
हित

स्थान-
तारीख -

ग्राम पंचायत सचिव के हस्ताक्षर


एय मुहर

४::69 :
प्रपत्र- 7
(नियप-5 (ड) देखिए)

शपथ/ प्रतिज्ञा पत्र

ग़म सभा जल 3००० हि


मैं श्री/ अमती
प्रखण्ड 522७2: 29 70... 25 कै ग्राम सभा
प्रंचायत ......
ईश्वर की शफ्थ लेता/लेतहूँ/ी निष्पूर्वक प्रतिज्ञा करता/करती हूँ कि किधि द्वारा संस्थापित भारतीय संविधान के प्रति सचा विश्वास एवं निठा
के रुप मेंहत
के अध्य
रखते हुए सभी व्यक्तियों के लिए जो
स्खूँगा/स्खूँगी, झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम की व्यवस्थाओं के अनुसार ग्राम सभा की परम्पराओं एवं रुदियों को अशुर्ण
श्यायसंगत होगा दही करोँगा/ करेंगी ।

शपथ ग्रहण/ प्रतिज्ञाकर्ता का हस्ताक्षर

पिटटित पदाषिकारी /कर्मचारी के हस्ताक्षर एवं मुहर


संदिय, भारत सरकार
* $७८०/26387) 80 (0७ 30४श7ल्‍/शआ 0 028
जउनजालीप कार्य मंत्रालय
हल्पपैद उरक ॥#8४50५ ० 77999॥ 2/0#75
हास्ती भदन, नई दिल्ली-4000।
मीना गुप्ता झभ्काएं 89090, |४९७४४ 00॥/-4000
९२३ 50969 ४४७७७ ६७ : ४४४४२४.।म०३/.7४८-#।
उछ७ : 2338652 ४४४४४४.४४ं०. 9०९. गले
##%९ 5 23073460 ६-39 ; ॥7७७9.900093)0/८,0

4497 ४9७५, 2007

0.00, 7023/07/2000-08/८&/9५.॥

969 5४
॥09038 3 ८07/ 0/ 0.0, 229- (06 5.0600॥00 80885 (5986 06 .9700970) 0/067 2007, 790०065#/60
॥१ (॥6
68206 0॥09 ([8&079079097५, ?क्रा.॥-582007 3-5900-502८007 [] ७8080 0॥ 6०9७४, 2007
४४७ ५$॥०७॥ 0७७ फा»20०७।॥ 998 0796७ 5 07000 0 (6 70008 ० 3॥ 00000700 800007665 5०
शा 006
ग070998 06॥॥6 500॥0003९0 7606$ ४४१० ॥५8 ब। 0856 8/685 ॥0/ छश 08 9708000/7 0/॥॥6 97० ंक्ल०१5 9 (७
#।
50८76008 (0॥6 0 क।ए॥ 07.

'/0ए5 $#06/९/॥,,

(९७8 50709)

ञञाव 8श॥०७ (७४७ ९॥७थौ,


(#्श 96009,
(0५/श॥॥00 ० .93//॥70,
+90९॥

(०070, धर 8 ०००४७ ० 0४॥७ 0,0, ।४०. 229 0७760 0 900५8, [9५/३80७0 (० 5 ॥५.)४. 5/#9, 5808037५,
वा (शॉआढ 0079907शा, 5000पह्राशा। 0 8/९08॥0, २८४.

(0. ॥४७. (७७४)


<00ल्‍स्‍ 0/6९007

झारखण्ड सरकार
कज्यान विभाग सचिव कोषांग
बैं प्रेस 332 दिऋंक 5.5.07

$87|:4
वि६90, (४४ 0,.-.3777॥7४
/ 8४
गरियटी ले, डी एल, 53004

जप्य्त ह चजलप ने
दष्वीत
- ४९ 66६०० रण
शितार#एम्राजाष*ों
धागे छण्ड-१-उप खण्ड [!]
##पा ॥-3#एीका ॥. क60-8कल।फा [|
प्राधिकार से फ्रम्मतिति
महा छाए) ह॥ #&0ा॥#0क77

कं, 80] नहूँ दिल्ली, बुधवार, अप्रैल ॥॥, 2007 / चैत्र 2, ॥929
बिक, ॥भा| प्ाएग 0ह.॥ श्रधिक्रटक08॥, &77॥ .. 2007 / 6४898 2, 4979

बिगि और न्याय मंत्रालय


कण

छातेहार जि
एव

[विधाधी विभाग)
फ- क्टिपूत तिल
ह#ूाआ हु

अधिसूचना परह्थिंनी सिदर्ूण जिला


सत्यनयत्तक्ा किन
मई हिल, ] कॉल, 2007
बजा

सा, का, मि. 288 (अ]),- शहपति दयात किया रण निम्नलिखित आला दुनका खिला
नन्‍|+भ . पुँचो
नम

सर्गम्राएरगकी जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाती है :- प्कुर खत!


ही.

"पं, मा, 229" जल्ल्ल्त किन


कैसे
बके .. अपने. .

अनुसूधित भैत्र [झारखण्ड गज़्य) आवेश, 2007 पल जिला-सठबस्वा घवोका की गबदा और वकोरिया
ईं

घंचायते
शाहति, पाएत के संकिशन की पांच अनुसूची के पैया 6 के तप-
!4... गला जिता- भंकारिया ए्रकाक
पैस (2) द्वाउ प्दत शक्तियों का फ्रयौष कहते हुए, अनुसूचित हैत्र
$8... जोड्ा जिला-सुदर पइओी और बौरीजर प्लॉक
[एनीरशव, झारेखाड और मध्य प्रवश राज्य) आदेश, 2003 को, जहाँ
तक इसका संबंध झारखण्ड राज्य में अब शमाविए होत्रों सै है, विखंडित च्यशिकाश :- शंकाओं को दूर करने के शिए यह ऐोषणा की जाती
कस हैं और उत्त राज्य के राज्यपाल ते पराग्ग़रा के पश्चात मिंनलिखित है कि उा क्षेत्र वही हैं, घाहे उसें कियी नाम से पफारों फा, जो सं आ. १0)
जाडेश करते हैं, अर्थात + (अलुसूधित बैच [दिहर, गुजेसत, मह्य प्रदेश और उद्ीशा ग़ज़्य) आदेश,
१977], हरीख 37 विक्नबर, ]977 द्वागा तत्कालीन किक राज्य के
| ॥$॥॥ इस आदेश का संक्षि! नाम अनुसूचित कै (झारखण्ड
भागके रुप ने अनुसूचित बजे के रुप मैं अजुधूचित किएगए है।
गशज्य) आदेश, 2007 है।
3. . [ती पैर में फ़ोमिक खंड, उसे चडे किसी गाम से उपदाहिति
(2) यहयुरंत प्रूत होगा।
किया गण हो, किसी निर्देशका जा अर्धलगाज़ जाए कि यह हुफ खदेग के
2. . नीचे किनेटिंट क्षेत्र को झारखण्ड राज्य के भीतर अनुलुधित भैंड प्रारंभ फे उत्त बाग से विटामान एटेशिक छड़ के प्रतिनिवश है।
के रूप में पुनः परिभावित किया जाता है:
ए.पी.जे, अष्दुछ कलाम
झारखण्ड सहपति।

फासे9 (8]/2006-॥]
९ लॉहस्टगा जिला कै.एन, चतुर्वेदी, सचिव
3, - मुमला जिला
वाह 5रषाए फ़ क्राएआ5 : छा३इ8/#ए5तआ" [रक्ञा॥-58९.3 [|

जीफियाप्र॥ (४ [४॥॥/ 8४0 ॥०त्ाए६ 5. . जाप एिज्ांदों


000
8 :है॥ - |: ॥॥।।:.।|॥| है... धिदां जाद्ञीजिीफा! गिक्ञांस
श्िआओाए&।एक 7. '#/ह्डां-शती0॥0एााः णिक्षांटां
पिला गिल, 8 | / #[ज्ी॥, 2007 छ पंक्ति ाउ0फ़का एकांत
9. इक्राक्रकआए फिडाटा
5.5 मे 285 [£)- ॥80॥0एशा6 (एंड 809 7 ॥0... चाप आंडााएं
[6 लिक्कएंका। 5 00% शिकि। फि' एक्षालक ताफिितक्षाफा ॥],.. शक छंक्ांएं
2, >शावशार मिक्षा।ह
/ह, 22897
3, गखिछकागा। जिह्ाफ़िंनि्ातत काएं। ठितक0
छ 5#253॥60 &7685 जिमाह ता जाएशाती
#िक्राएपराएत्ाड ता पजाएच्राणत 007
छाए, 20४१7
ब,... उल्ला।एछ शिक्षा - दिक्षा/क्ञ9 40९४
॥॥ छाज्ाहबक जा ४ ॥7फक्षा$ई एंएराशिकं))। छ्प पा0
5.. 50770 एिंड्ांए - जिाएशएऔफ़ी ज्ात॑
7कांकफन (2) रण एगामगराणंी है एा 8 ती।। 5लीछव॥॥8
80कनाहुए' 95,
॥0 शक "एडजाप़ाएा विश्री, ॥छ गिछक08गां फिर)
॥हपभाछैड एक पशीशता।हएं #॥888 (दिक्षाएड का छजएजाओंफा - 0 ॥8 छता४७9४५॥ ता कं 5, ६ 5
(िमाकिडुआली, #9ातिीआत 00 ॥#क्त।08 गिशतंशकी। ॥हछ0% 09९880 [8 [छ _साएं 808६ आह [8 5क्ाएए,
(0, आज का इठ जि 85 # 889 [06 कएज5 07 0 जरीक्रॉएाश परक्रााह (हित, जड़ मापाह तएाहशिएं 85
0जाएजककओ ॥॥ (8 फजिह ता अआश्ातिकाएं क्रातरों बा उधाएत।|हिए #इस$ छ5 एगएन्‍] पाँ तह लडाज।।ह जग पे
एफ्ेकेऑकिडिश रीति 00 उ0रक्ाताएंा ऐॉ मां जिशां8, ६ हितिआ' भांछह (०0, 09 [06 फटाए0॥॥90 998 (ह965
एोशककक१9 लाकयछ ऐतछ एफ जि ऐड | 7काएफरो५ ६ पं; छिफरऋा , पिफशुप्साओं,. भी छ शिएकरैकागली५ करो पितौदकाश)
छिएंशा, 977], ताकत 8 3 50 006छञ॥06, 977.
!. . गए आह जिस गाए 08 स्गीकए ॥फ्नि
छ्टाह008ए 2/898 जाए त॑ जजाशीशाती जैं;. . आएाशशिहाएह मा 9 8097/70 ए9/9प9[#0
फ्क्ष, 2007, ह शञपात्त8| छीए8॥0॥॥ 09 -श0णह्ा गाज ॥06ंक्रांकर्त
श॒ हऋओ 06 नां0 0258हां फाह:8, झ9॥ 8 0आाज्ञा080 85 8 र्शहिह्ञाएंह [0 ॥ हातफांश
एधांह्रां। ऐ वीडी। वहाहे हेड हड़ींडॉंगापु मी वी
है. . जिछ कठछड आ8थल। फिश0फ 88. कस्षाश।.
एजआशाशाएशाशिाएओं ए॥5/(0घ.
हलक १0 08 (9 प060॥60 085 भरता
हक जिाछछॉ जीप्रोर(शाएएँं 2० मै... 000॥ ॥॥| #॥॥|
जन॥वाताह्ा्रत गिष्कांतशाएईं
हब िंडापए
इनक

[क-क्रआव ऐपल (६, ०, 9 [8॥/2006-। छा]


कुकी.

एंडलताक ऐॉडएांद ६. डम/ा#५६)॥, $0:%


पुन.

इलजोश्यु॥ िहएए
|%

रिताजंहरय एए 0 ्रैकरालगाक्ना, फिरापी, पा वि गिएड्प, विश गिएकए, वनिशाज[ताजों, बिंशए 7 ]0504


जाएं निजरलीड।एए। 00 ॥ (काश ता निईभीएओआंफाड, 08॥| + 0054

आज

You might also like