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भारतीय सेना और राष्ट्र ननर्ाा ण र्ें इसकी भूनर्का

1. भारत का ऐनतहानसक प्रभाव और नवकास

2. भारत का वैनिक प्रभाव

3. नर्लेट्स

4. कर्त्ाव्य काल (पहले अर्ृत काल)

1. भारतीय सेना और राष्ट्र ननर्ााण र्ें इसकी भूनर्का

औपचारिक सेना की अवधािणा प्राचीन भाित में दे खी जा सकती है ।

दो प्रमुख भाितीय महाकाव्य, महाभाित औि िामायण मैं भी युद्ध औि सेना का जजक्र है

मौयय साम्राज्य के पास एक मजबूत औि सं गजित सेना थी।

मिािा साम्राज्य के पास एक शक्तिशाली सेना औि नौसेना भी थी।

1947 में जिजिश शासन के अंत के साथ, भाित को स्वतंत्रता जमली औि भाितीय सेना औपचारिक रूप

से भाित गणिाज्य की सेना के रूप में स्थाजपत हुई। यह दु जनया की सबसे बडी स्थायी सेनाओं में से एक

बन गई है ।

आधुजनक भाितीय सेना पिं पिा औि आधुजनकता का एक समृद्ध जमश्रण है । यह 'चेतवोड आदशय वाक्य'

के जसद्धां तों द्वािा जनदे जशत है जजसमें कहा गया है : "आपके दे श की सुिक्षा, सम्मान औि कल्याण सबसे

पहले आता है ।"

2. भारत का वैनिक प्रभाव

संयुक्त राष्ट्र शांनत नर्शन

भारतीय सेना का संयुक्त राष्ट्र शां नत नर्शन ं र्ें सेवा करने का एक लं बा और नवनशष्ट् इनतहास है । नसतंबर 2021

तक भारत ने 71 शां नत नर्शन ं र्ें से 49 र्ें सेवा करने के नलए 200,000 से अनिक सैन्य और पुनलस कनर्ा य ं क

प्रदान नकया है ।

भारतीय सेना के शां नत सैननक ं क उनकी व्यावसानयकता, अनु शानसत व्यवहार और संयुक्त राष्ट्र के र्ू ल् ं और
नसद्ां त ं के पालन के नलए नवि स्तर पर र्ान्यता नर्ली है । चाहे वह बुननयादी ढां चे का पुननना र्ाा ण करना ह , र्ानवीय
सहायता पहं चाना ह , नचनकत्सा सेवाएं प्रदान करना ह , स्थानीय बल ं क सलाह और प्रनशक्षण दे ना ह , या दु ननया
के कुछ सबसे अस्स्थर संघर्ा क्षेत् ं र्ें शां नत लागू करना ह , भारतीय सेना ने लगातार वैनिक शां नत और

सुरक्षा के नलए एक र्जबूत प्रनतबद्ता प्रदनशात की है ।

भारतीय सेना नवनभन्न प्रकार की भूनर्काओं और अनभयान ं र्ें शानर्ल रही है , नजन्हें ननम्ननलस्ित श्रेनणय ं
र्ें बां टा जा सकता है :

1. पारं पररक शांनत स्थापना: पारं पररक शां नत स्थापना नर्शन ं र्ें आर् तौर पर नकसी नववाद के प्रर्ुि पक्ष ं

की सहर्नत से नकए गए सैन्य अनभयान शानर्ल ह ते हैं , नजसर्ें सैन्य और पुनलस कर्ी शानर्ल ह ते हैं ,
लेनकन लडाकू सैननक नहीं। ये नर्शन अक्सर संघर्ा के बाद के क्षेत् ं र्ें शां नत प्रनियाओं की ननगरानी

और अवल कन के इदा -नगदा घूर्ते हैं ।

2. शां नत प्रवतान: शां नत प्रवता न नर्शन वे हैं नजनर्ें सं घर्ा क्षे त् ं र्ें शां नत और सु रक्षा लागू करने के नलए

सैन्य हस्तक्षेप की आवश्यकता ह ती है ।

3. संघर्ा के बाद: शां नत सेना क अक्सर संघर्ा के बाद पुनननार्ाा ण र्ें सहायता के नलए बुलाया जाता है ।
इसर्ें सुरक्षा प्रदान करने से लेकर कई प्रकार की गनतनवनियााँ शानर्ल ह सकती हैं ।

4. प्रनशक्षण और सलाह: भारतीय सेना ने अन्य दे श ं के सैननक ं क प्रनशक्षण और सलाह प्रदान करने

के नलए शां नत अनभयान ं र्ें अपने नवशाल अनुभव का लाभ उठाया है । वे र्ेजबान दे श ं र्ें स्थानीय सुरक्षा
बल ं की क्षर्ता ननर्ाा ण र्ें भी सहायता करते हैं , तानक वे लंबी अवनि र्ें शां नत और सुरक्षा बनाए रि

सकें।

5. निनकत्सा सहायता और र्ानवीय सहायता प्रदान करना: भारतीय सेना की नचनकत्सा क र ने कई

शां नत नर्शन ं र्ें नचनकत्सा सेवाएं प्रदान करने र्ें र्हत्वपूणा भूनर्का ननभाई है । उदाहरण के नलए, कां ग
र्ें संयुक्त राष्ट्र नर्शन (एर्ओएनयूसी) र्ें , भारतीय सेना ने अस्पताल ं की स्थापना की और शां नत सैननक ं

और स्थानीय आबादी क नचनकत्सा दे िभाल प्रदान की। नचनकत्सा सहायता के अलावा, भारतीय शां नत
सैननक अक्सर सर्ुदाय-आिाररत र्ानवीय पररय जनाओं, जैसे स्कूल ,ं अनाथालय ं और सावाजननक

भवन ं का ननर्ाा ण और स्थानीय सर्ुदाय ं क व्यावसानयक प्रनशक्षण प्रदान करने र्ें संलग्न ह ते हैं ।

6. लैंनिक सर्ानता की वकालत: भारतीय सेना शां नत नर्शन ं र्ें लैंनगक सर्ानता क बढावा दे ने र्ें भी
सहायक रही है । 2007 र्ें, भारत लाइबेररया र्ें संयुक्त राष्ट्र नर्शन र्ें एक पूणा र्नहला नननर्ात पुनलस

इकाई तैनात करने वाला पहला दे श था।


संयुक्त राष्ट्र शां नत नर्शन ं र्ें भारत की भूनर्का अंतरराष्ट्रीय शां नत और सुरक्षा क बनाए रिने के प्रनत

उसकी प्रनतबद्ता के प्रर्ाण के रूप र्ें काया करती है , यह एक ऐसी नजम्मेदारी है नजसे वह संयुक्त राष्ट्र
के तत्वाविान र्ें ननभाना जारी रिता है ।

51 उल्लेखनीय बिाव और र्ानवीय भूनर्काएँ

1. ऑपरे शन र्ेघ राहत (2014): यह जम्मू और कश्मीर र्ें 2014 की बाढ से प्रभानवत
नागररक ं क ननकालने के नलए भारतीय सेना द्वारा शु रू नकया गया एक बचाव अनभयान था। बाढ
प्रभानवत क्षेत् ं से 200,000 से अनिक ल ग ं क बचाया गया।

2. ऑपरे शन सूयाा होप (2013): भारतीय सेना ने 2013 र्ें उर्त्र भारत र्ें आई बाढ के जवाब
र्ें यह ऑपरे शन शुरू नकया था। सेना ने बाढ के कारण नहर्ालय के पहाड ं र्ें फंसे 100,000 से
अनिक ल ग ं क बचाया।

3. ऑपरे शन र्दद (2018): भारतीय सेना ने नौसेना और वायु सेना के साथ नर्लकर बाढ
प्रभानवत राज्य केरल र्ें बचाव अनभयान चलाया। उन्ह न ं े नचनकत्सा सहायता, िाद्य आपूनता प्रदान की
और बाढ से क्षनतग्रस्त बुननयादी ढां चे क बहाल नकया।

4. ऑपरे शन राहत (2015): यह अब तक नकए गए सबसे बडे नागररक ननकासी प्रयास ं र्ें से
एक था। यर्न संकट के जवाब र्ें, भारतीय सेना ने वायु सेना और नौसेना के साथ नर्लकर 41 दे श ं के
4,000 से अनिक भारतीय नागररक ं और 960 से अनिक नवदे शी नागररक ं क यर्न से ननकाला।

5. ऑपरे शन र्ैत्री (2015): नेपाल र्ें आए भीर्ण भूकंप के जवाब र्ें भारतीय सेना ने ऑपरे शन
र्ैत्ी लॉन्च नकया। ऑपरे शन र्ें बचाव प्रयास, नचनकत्सा सहायता और राहत अनभयान शानर्ल थे,
नजससे हजार ं प्रभानवत ल ग ं की सहायता की गई।

6. िक्रवात प्रनतनक्रया (नवनभन्न वर्ा): भारतीय सेना अक्सर दे श के नवनभन्न नहस् ं र्ें चिवात ं
के बाद बचाव और राहत कायों र्ें शानर्ल रही है , जै से पनिर् बंगाल र्ें चिवात अम्फान (2020),
ओनिशा र्ें चिवात फानी (2019), और आं ध्र प्रदे श र्ें चिवात हदहद (2014)।

7. COVID-19 र्हार्ारी प्रनतनक्रया (2020-2021): भारतीय सेना ने COVID-19 र्हार्ारी


का जवाब दे ने र्ें र्हत्वपूणा भूनर्का ननभाई। इसर्ें संगर ि सुनविाओं की स्थापना और प्रबंिन,
नचनकत्सा सहायता प्रदान करना और नागररक प्रशासन और कानून प्रवतान का सर्थान करना शानर्ल
था।

8. सुनार्ी राहत (2004): नहं द र्हासागर र्ें आई नवनाशकारी सुनार्ी के बाद, भारतीय सेना
अंिर्ान और ननक बार द्वीप सर्ूह और श्रीलंका और र्ालदीव जैसे अन्य दे श ं सनहत प्रभानवत क्षेत् ं र्ें
बडे पैर्ाने पर राहत और बचाव अनभयान का नहस्ा थी।
9. ऑपरे शन सद्भावना (सद्भावना) (1998 से िल रहा है ): इस ऑपरे शन के तहत,
भारतीय सेना जम्मू और कश्मीर और उर्त्र-पूवा राज्य ं र्ें नचनकत्सा दे िभाल, नशक्षा, बुननयादी ढां चा
और अन्य सुनविाएं प्रदान करके ल ग ं के नदल और नदर्ाग क जीतने पर कार् कर रही है । सेवाएाँ ।

10. ऑपरे शन ऑल आउट (िालू ): यह आतं कवाद से ननपटने और जम्मू -कश्मीर राज्य र्ें
गुर्राह युवाओं की र्दद और पुनवाा स के नलए शुरू नकया गया एक नर्शन है ।

11. ऑपरे शन इं साननयत (2017): भारतीय सेना ने बां ग्लादे श क र्ानवीय सहायता प्रदान
करने के नलए इस ऑपरे शन की शुरुआत की, ज म्ां र्ार से र नहं ग्या शरणानथाय ं की एक बडी आर्द
से ननपट रहा था।

12. ऑपरे शन सहयोि (2018): भारतीय राज्य केरल र्ें बाढ के जवाब र्ें भारतीय सेना ने यह
बचाव अनभयान चलाया। उन्ह न ं े ननकासी, नचनकत्सा सहायता और बुननयादी ढां चे के पुनननार्ाा ण सनहत
बडे पैर्ाने पर बचाव और राहत अनभयान चलाए।

13. ऑपरे शन नत्रवेणी (1971-2000): यह नक्सली-र्ाओवादी नवद्र ह से ननपटने और


प्रभानवत क्षेत् ं र्ें नागररक आबादी की रक्षा के नलए भारतीय सेना द्वारा चलाया गया एक र्हत्वपूणा
सुरक्षा और र्ानवीय अनभयान था।

14. ऑपरे शन स्नो लेपर्ा (1984 - वता र्ान): नसयानचन ग्लेनशयर क्षेत् र्ें, नजसे अक्सर दु ननया
का सबसे ऊंचा युद्क्षेत् कहा जाता है , भारतीय सेना न केवल दे श की संप्रभुता की रक्षा करती है ,
बस्ि बेहद चुनौतीपूणा पररस्स्थनतय ं र्ें कई बचाव अनभयान भी चलाती है । पवातार नहय ं और
ि जकताा ओं की जान बचाना।

15. ऑपरे शन ब्लैक टॉरनेर्ो (2008): 2008 के र्ुंबई हर्ल ं के जवाब र्ें, भारतीय सेना
(अपने नवशेर् बल ,ं राष्ट्रीय सुरक्षा गािा के र्ाध्यर् से) ने आतंकवानदय ं क बेअसर करने और सैकड ं
नागररक ं क बचाने के नलए एक बडा अनभयान चलाया।

16. िु जरात भूकंप (2001) के दौरान राहत अनभयान: भारतीय राज्य गुजरात र्ें आए
नवनाशकारी भूकंप के बाद, सेना व्यापक बचाव और राहत कायों र्ें शानर्ल थी, नजससे कई ल ग ं की
जान बचाई गई और पुनननार्ाा ण के प्रयास ं र्ें र्दद नर्ली।

17. िक्रवात ओखी (2017) के दौरान राहत अनभयान: भारतीय सेना ने भारत के दनक्षणी
राज्य ं और लक्षद्वीप द्वीप ं र्ें राहत और बचाव कायों र्ें र्हत्वपूणा भूनर्का ननभाई।

18. र्ालदीव र्ें ऑपरे शन (1988): ऑपरे शन कैक्टस के नहस्े के रूप र्ें, भारतीय पैराट्रूपसा
ने बंिक बनाए गए सरकारी अनिकाररय ं क बचाया और सरकार क बहाल नकया, नागररक ं की
सुरक्षा सुनननित की और अराजकता क र का।

19. पनिर् बंिाल र्ें बाढ़ राहत (2000): भारी बाररश और उसके पररणार्स्वरूप आई बाढ
के बाद, पनिर् बंगाल र्ें बचाव और राहत कायों के नलए सेना क बुलाया गया।
20. ओनर्शा सुपर साइक्लोन (1999) के दौरान राहत अनभयान: सुपर साइक्ल न के
बाद, भारतीय सेना ने ओनिशा के ल ग ं क राहत और सहायता प्रदान करने र्ें र्हत्वपूणा भूनर्का
ननभाई थी।

22. ऑपरे शन सहायता (2019): भारतीय सेना ने र्हाराष्ट्र र्ें भारी बाररश और बाढ के दौरान
बचाव अनभयान चलाया और 2000 से अनिक फंसे हए ल ग ं क बचाया।

23. पानकस्तान र्ें भूकंप राहत (2005): कश्मीर र्ें आए नवनाशकारी भूकंप के बाद भारतीय
सेना ने नचनकत्सा सहायता और अन्य सहायता प्रदान करते हए सीर्ा पार पानकस्तान क सहायता
भेजी।

24. ऑपरे शन र्े जटा स्टॉर्ा (1998): प िरण र्ें भारत द्वारा नकए गए परर्ाणु परीक्षण ं के
दौरान, भारतीय सेना साइट क सुरनक्षत करने और स्थानीय सर्ुदाय ं की सुरक्षा सुनननित करने र्ें
शानर्ल थी।

25. ऑपरे शन शक्तक्त (2016): अफगाननस्तान और पानकस्तान र्ें आए घातक भूकंप के बाद
भारतीय सेना ने ऑपरे शन शस्क्त के तहत द न ं दे श ं क राहत सार्ग्री पहं चाई।

26. ऑपरे शन िुर् सेर्ेररटन (1986-वता र्ान): नर्ज रर् र्ें चल रहा एक ऑपरे शन ज
स्थानीय सर्ुदाय ं क नवकासात्मक सहायता प्रदान करता है , नजसर्ें सडक ननर्ाा ण, स्वच्छता
पररय जनाएं , नचनकत्सा नशनवर और बहत कुछ शानर्ल है ।

27. ऑपरे शन सेर्ेररटन (1984): दु िद गैस ररसाव आपदा के बाद भ पाल र्ें बचाव और
राहत अनभयान चलाया गया।

28. ऑपरे शन र्ैत्री (2015): नेपाल भूकंप के दौरान, भारतीय सेना के ऑपरे शन र्ैत्ी ने हजार ं
पीनडत ं क बचाने और सहायता प्रदान करने र्ें र्दद की।

29. िक्रवात यास राहत (2021): भारतीय सेना ने पनिर् बंगाल और ओनिशा र्ें आए चिवात यास
के दौरान ननकासी, बचाव और राहत कायों र्ें र्हत्वपू णा भूनर्का ननभाई थी।

30. ऑपरे शन नर्स्ते (2020-21): पूरे दे श र्ें सहायता, नचनकत्सा सुनविाएं प्रदान करने और
लॉकिाउन उपाय ं क लागू करने के नलए COVID-19 र्हार्ारी से ननपटने के नलए शुरू नकया गया।

31. ऑपरे शन नहर् नवजय (2019): अरुणाचल प्रदे श र्ें एक सैन्य अभ्यास, सैननक
सार्ुदानयक आउटरीच और नवकासात्मक गनतनवनिय ं र्ें भी लगे हए हैं ।

32. ऑपरे शन नवजय (1999): इसे कारनगल यु द् के रूप र्ें भी जाना जाता है , नजसके दौरान
भारतीय सेना ने न केवल पानकस्तानी सैननक ं द्वारा आिर्ण की गई च नटय ं पर सफलतापूवाक कब्जा
कर नलया, बस्ि दु श्मन की भारी ग लाबारी के तहत नागररक ं और सैननक ं के नलए बचाव अनभयान
भी चलाया।
33. ऑपरे शन पराक्रर् (2001-2002): 1971 के युद् के बाद यह भारतीय बल ं की पहली
बडे पैर्ाने पर ल सफलता थी। इस तनावपूणा अवनि के दौरान, सेना ने सीर्ावती सर्ुदाय ं क
र्हत्वपूणा सेवाएं प्रदान कीं।

34. ऑपरे शन रक्षक (रक्षक) (1990 से िल रहा है ): नवनभन्न नवद्र ही सर्ूह ं के स्िलाफ
पंजाब और बाद र्ें जम्मू -कश्मीर र्ें शुरू नकया गया, भारतीय सेना न केवल आतं कवाद का र्ुकाबला
करती है , बस्ि नचनकत्सा नशनवर ,ं नशक्षा और बुननयादी ढां चे के पुनननार्ाा ण के साथ स्थानीय आबादी
की सहायता भी करती है ।

35. ईरान र्ें भूकंप राहत (2003): भारतीय सेना ने एक बडे भूकंप के बाद बचाव और राहत
कायों र्ें र्दद के नलए ईरान के बार् र्ें 25 िॉक्टर ं सनहत 80 कनर्ाय ं के साथ 30 नबस्तर ं वाला एक
अस्पताल भेजा।

36. इं र्ोनेनशया र्ें सुनार्ी राहत (2004): नहं द र्हासागर र्ें सुनार्ी के बाद, एक भारतीय
सैन्य दल क नचनकत्सा सहायता, िाद्य आपूनता और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के नलए
इं ि नेनशया भेजा गया था।

37. नबहार र्ें बाढ़ राहत (2008): नबहार र्ें क सी नदी र्ें आई नवनाशकारी बाढ के जवाब र्ें,
भारतीय सेना ने बडे पैर्ाने पर बचाव अनभयान चलाया, हजार ं ल ग ं क बचाया और आवश्यक आपूनता
प्रदान की।

38. ऑपरे शन स्टीपलिेज़ (1971): नक्सली नवद्र ह की अवनि के दौरान नक्सनलय ं के


स्िलाफ भारतीय सेना और राज्य पुनलस बल ं द्वारा एक संयुक्त अनभयान, स्थानीय आबादी क सुरक्षा
और सहायता प्रदान की गई।

39. ऑपरे शन नहफाज़त (1983): असर् आं द लन के दौरान नेल्ली नरसंहार के बाद, भारतीय
सेना ने व्यवस्था बहाल करने और प्रभानवत आबादी की सुरक्षा के नलए हस्तक्षेप नकया।

40. ऑपरे शन पवन (1987-1990): हालां नक र्ुख्य रूप से श्रीलंका र्ें एक शां नत स्थापना
अनभयान, भारतीय सेना भारतीय शां नत सेना (आईपीकेएफ) के नहस्े के रूप र्ें कई र्ानवीय कायों र्ें
शानर्ल थी।

41. ऑपरे शन ब्रासस्टै क्स (1986-1987): भारतीय सेना का अब तक का सबसे बडा सैन्य अभ्यास
राजस्थान के दू रदराज के इलाक ं र्ें सहायता और नवकास प्रदान करने का एक अवसर भी था।

42. ऑपरे शन ब्लू स्टार (1984): ऑपरे शन के बाद, सेना ने स्वणा र्ंनदर पररसर की बहाली र्ें
सहायता की।

43. असर् राइफल्स नसनवक एक्शन प्रोग्रार् (ARCAP): इस कायािर् के तहत, असर् राइफल्स
(भारतीय सेना का नहस्ा) उर्त्र-पूवा र्ें सडक ,ं पुल ,ं स्कूल ं और अस्पताल ं के ननर्ाा ण जैसी कई
नागररक कारा वाई पररय जनाएं चलाती है ।
44. उत्तराखंर् बाढ़ के दौरान राहत अनभयान (2013): भारतीय सेना ने उर्त्रािंि के बाढ प्रभानवत
क्षेत् ं र्ें व्यापक बचाव और राहत अनभयान चलाया।

45. िुजरात दं िों के दौरान सहायता (2002): गुजरात र्ें सां प्रदानयक दं ग ं के दौरान शां नत बहाल
करने के नलए भारतीय सेना क बुलाया गया था। उन्ह न
ं े पीनडत ं क सहायता और सहायता भी प्रदान
की।

46. राजस्थान र्ें सूखा राहत (1987): भारतीय सेना ने राजस्थान के सूिाग्रस्त क्षेत् ं र्ें र्हत्वपूणा
जल आपूनता प्रदान की।

47. ऑपरे शन वर्ाा (2005): यह ऑपरे शन जु लाई 2005 र्ें र्ुंबई बाढ के जवाब र्ें शुरू नकया गया
था। भारतीय सेना ने बचाव और राहत कायों के नलए अपने सैननक ं क तैनात नकया, नजससे अननगनत
ल ग ं की जान बचाई गई।

48. ऑपरे शन लहर (2014): जब चिवात हदहद ने भारत के पूवी तट पर हर्ला नकया, त भारतीय
सेना ने आं ध्र प्रदे श और ओनिशा र्ें राहत प्रदान करने के नलए ऑपरे शन लहर (वे व) शुरू नकया।
उन्ह न
ं े प्रभानवत क्षेत् ं र्ें भ जन, पानी और नचनकत्सा सहायता पहं चाई।

49. ऑपरे शन सहयोि (2001): यह ऑपरे शन भारतीय सेना द्वारा गुजरात र्ें भुज भूकंप के बाद
राहत और सहायता प्रदान करने के नलए चलाया गया था। उन्ह न ं े बचाव अनभयान चलाया, नचनकत्सा
सहायता प्रदान की और पुनननार्ाा ण के प्रयास ं र्ें र्दद की।

50. ऑपरे शन र्दद (2015): यह ऑपरे शन चेन्नई और दनक्षण भारत के अन्य नहस् ं र्ें तब चलाया
गया जब यह क्षेत् भारी वर्ाा और बाढ से प्रभानवत था। भारतीय सेना ने बाढ प्रभानवत इलाक ं र्ें फंसे
ल ग ं क बचाया और आवश्यक राहत और नचनकत्सा सहायता प्रदान की।

51. यर्न र्ें ऑपरे शन राहत (2015): हालां नक यह एक संघर्ा अनभयान नहीं है , लेनकन सबसे बडे
नागररक ननकासी अनभयान ं र्ें से एक र्ें भारतीय सेना की भूनर्का का उल्लेि करना उनचत है ।
भारतीय सेना ने भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के साथ नर्लकर 2015 र्ें यर्नी संकट के
दौरान यर्न से भारतीय नागररक ं और अन्य दे श ं के नागररक ं क ननकालने के नलए ऑपरे शन राहत
चलाया था। इस ऑपरे शन ने जनटल और बडे पैर्ाने पर ननकासी नर्शन ं क अंजार् दे ने की भारत की
क्षर्ता का प्रदशान नकया l

3.र्नहला सशक्तक्तकरण

भती नीनतयाँ: जब र्नहलाओं क पहली बार 1992 र्ें भारतीय सेना र्ें सेवा करने की अनुर्नत दी गई थी,
त उनकी भूनर्काएाँ र्ुख्य रूप से नचनकत्सा, कानूनी, शैनक्षक, नसग्नल और इं जीननयररं ग पद ं तक सीनर्त
थीं। हालााँ नक, सर्य के साथ, र्नहलाओं के नलए उपलब्ध पद ं की संख्या र्ें नवस्तार हआ है , और भारतीय
सेना लैंनगक सर्ावेनशता की ओर उर्त्र र्त्र आगे बढ रही है । उदाहरण के नलए, 2020 र्ें , भारत के
सवोच्च न्यायालय ने सरकार क र्नहला अनिकाररय ं क स्थायी कर्ीशन दे ने का आदे श नदया, नजससे
उन्हें इकाइय ं की कर्ान संभालने की अनुर्नत नर्ल गई, यह भूनर्का पहले पुरुर् ं के नलए आरनक्षत थी।

लैंनगक संवेदनशीलता क बढावा दे ने और आपसी सम्मान के र्ाहौल क प्र त्सानहत करने के नलए अक्सर
सेना के भीतर आय नजत नकया जाता है ।
भारतीय सेना के बारे र्ें रोिक तथ्य

जवश्व की सबसे बडी स्वयंसेवी सेना: भाितीय सेना जवश्व की सबसे बडी स्वयंसेवी से ना है । जबजक कुछ

िाष्ट्र अजनवायय से वा लागू किते हैं , भाितीय सेना के प्रत्ये क सैजनक ने स्वेच्छा से अपने दे श की िक्षा के

जलए हस्ताक्षि जकए हैं ।

1. ऑपिे शन मेघदू त: भाितीय सेना 1984 से ऑपिे शन मेघदू त के तहत दु जनया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र

जसयाजचन ग्लेजशयि पि तैनात है । जसयाजचन समुद्र तल से लगभग 5,400 मीिि (17,700 फीि) की

ऊंचाई पि है ।

2. गोिखा िे जजमेंि: 19वी ं सदी से भाितीय सेना में नेपाल के गोिखा सैजनकों की िे जजमेंि शाजमल हैं । इन
िे जीमेंिों का एक लंबा औि गौिवशाली इजतहास है , जो अपनी बहादु िी औि युद्ध कौशल के जलए प्रजतष्ठा

अजजयत किते हैं ।

3. लोंगेवाला की लडाई: 1971 के भाित-पाजकस्तान यु द्ध के दौिान, भाितीय सेना ने केवल 120

सैजनकों औि एक जीप-माउं िेड एम40 रिकॉयलेस िाइफल के साथ, बडे पैमाने पि पाजकस्तानी

बख्तिबंद हमले के क्तखलाफ लोंगेवाला में पोस्ट का सफलतापूवयक बचाव जकया, जजससे यह एक सैन्य

इजतहास में पौिाजणक स्टैं ड.

4. बचाव औि मानवीय अजभयान: भाितीय सेना न केवल अपने युद्धक्षेत्र कौशल के जलए, बक्ति अपने

मानवीय प्रयासों के जलए भी जानी जाती है । यह भाित औि जवदे श दोनों में कई बचाव कायों में शाजमल

िहा है , औि भूकंप, बाढ़ औि चक्रवात जैसी प्राकृजतक आपदाओं के दौिान सहायता प्रदान किता है ।

5. शक्ति अभ्यास: भाितीय सेना समय-समय पि जवजभन्न दे शों के साथ संयुि सै न्य अभ्यास किती

िहती है । एक उल्लेखनीय उदाहिण व्यायाम शक्ति है , जो फ्ां सीसी सेना के साथ संयुि अभ्यासों की

एक श्रृंखला है ।

6. सैन्य इं जीजनयरिं ग सेवा (एमईएस): भाितीय सेना के पास एमईएस के नाम से जाना जाने वाला एक

समजपयत इं जीजनयरिं ग समूह है , जो सडकों, पुलों औि हवाई क्षेत्रों सजहत सेना के जलए बुजनयादी ढां चे के

जनमाय ण के जलए जजम्मेदाि है ।

7. स्वदे शी उत्पादन: भाितीय सेना जवदे शी आपूजतयकताय ओं पि जनभयिता कम किके स्वदे शी हजथयाि

उत्पादन का एक महत्वपूणय चालक िही है । अजुयन मुख्य युद्धक िैं क औि उन्नत िोड आजिय लिी गन
जसस्टम (एिीएजीएस) भाित में जवकजसत औि जनजमयत हजथयािों के उदाहिण हैं ।
8. िाष्ट्रीय िक्षा अकादमी (एनडीए): भाितीय सेना, नौसेना औि वायु सेना के साथ, एनडीए में अपने

अजधकारियों को प्रजशजक्षत किती है , जो दु जनया की पहली जत्र-सेवा अकादमी है ।

9. कन्याकुमािी से लेह तक, जबना रुके साइजकल चलाने का रिकॉडय : 2011 में, भाितीय सेना की 9

कोि, जजसे 'िाइजजंग स्टाि कॉर्प्य ' के नाम से भी जाना जाता है , ने प्रायद्वीपीय भाित के सबसे दजक्षणी

जबंदु कन्याकुमािी से जबना रुके साइजकल चलाकि जवश्व रिकॉडय बनाया। उत्ति भाित में लेह तक, 3,800

जकलोमीिि से अजधक की दू िी।

3. नर्ले ट्स
भारत के सुझाव के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अं तराा ष्ट्रीय नर्लेट्स वर्ा घ नर्त नकया है के बाद
नर्लेट्स की िपत क बढावा दे ने के उद्दे श्य से , भारतीय सेना ने सैननक ं क प्रदान नकए जाने वाले
राशन र्ें नर्लेट्स के आटे क शानर्ल करने का कदर् उठाया है ।

यह ऐनतहानसक ननणाय यह सुनननित करे गा नक आिी सदी से भी अनिक सर्य के बाद सैननक ं क
दे शी और पारं पररक अनाज की आपूनता की जाएगी क् नं क गेहं के आटे के पक्ष र्ें नर्लेट्स के आटे की
आपूनता बंद कर दी गई थी।

नसद् स्वास्थ्य लाभ वाले और भौग नलक और जलवायु पररस्स्थनतय ं के अनुकूल पारं पररक नर्लेट्स
िाद्य पदाथा सैननक ं की जीवनशैली संबंिी बीर्ाररय ं क कर् करने र्ें एक र्हत्वपूणा कदर् ह ग
ं े।
नर्लेट्स अब सभी रैं क के सैननक ं और अनिकाररय ं के दै ननक भ जन का एक अनभन्न अंग ह गा।

नर्लेट्स के आटे की तीन ल कनप्रय नकस्में - बाजरा, ज्वार और रागी - जारी की जाएं गी। नर्लेट्स
प्र टीन, सूक्ष्म प र्क तत्व ं और फाइट -रसायन ं का एक अच्छा स्र त ह ने का लाभ दे ता है , नजससे
सैननक ं के आहार की प र्ण संबंिी प्र फाइल क बढावा नर्लता है । उर्त्री सीर्ाओं पर तैनात सैननक ं
के नलए र्ूल्वनिात नर्लेट्स वस्तुओं और स्नैक्स क पेश करने पर नवशेर् ज र नदया जा रहा है ।

CDS कैंटीन के र्ाध्यर् से नर्लेट्स िाद्य पदाथा पेश नकए जा रहे हैं और साथ ही शॉनपंग कॉम्लेक्स र्ें
सर्नपात क ने स्थानपत नकए जा रहे हैं ।

भाितीय सेना के द्वाि शैक्षनणक संस्थान ं र्ें भी 'अपने ” नर्लेट्स क जानें”' जागरूकता अनभयान चलाए

जा रहे हैं ।

अर्ृत काल अब कत्ताव्य काल


" हम स्वयं से ऊपि हैं " ल काचार क ि लना ‘अर्ृत काल' - अर्र सर्य - 4 जुलाई, 2023 क इसका
नार् बदलकर 'कताव्य काल' कर नदया गया। यह शब्द भारत की यात्ा र्ें एक पररवतानकारी अवनि का
प्रतीक है , ज 2023 से 2047 तक फैली हई है । यह युग एक ऐसे युग की कल्पना करता है जहां भारत
एक अग्रणी वैनिक शस्क्त के रूप र्ें उभरे गा। एक नवकनसत राष्ट्र र्ें रूपां तररत ह ना ज अंतरराष्ट्रीय
र्ंच पर प्रभावशाली और सम्माननत है ।
4 जुलाई, 2023 क भारत की स्वतंत्ता यात्ा की कहानी र्ें एक र्हत्वपूणा बदलाव आया। अर्ृत काल

शब्द, ज पहले भारत की आजादी के अगले 25 वर्ों क दशाा ने के नलए इस्तेर्ाल नकया जाता था, का

नार् बदलकर कर्त्ाव्य काल कर नदया गया। शब्दावली र्ें यह बदलाव प्रतीकात्मक से कहीं अनिक है ।

यह हर्ारे राष्ट्र के प्रनत हर्ारे सार्ूनहक कताव्य, या कता व्य पर नए नसरे से ध्यान केंनद्रत करता है । जैसे-

जैसे हर् आजादी के 100वें वर्ा की ओर बढ रहे हैं , हर् अपने 'अर्र सर्य' का जश्न र्नाने से हटकर

अपनी नजम्मेदाररय ं क पूरा करने के नलए सनिय कदर् उठा रहे हैं । इसनलए, इस युग र्ें नजसे अब

कताव्य काल कहा जाता है , “We over I” ल काचार र्ें गहराई से उतरें गे और पंच प्राण, या पां च

संकल्प ं का पता लगाएं गे , ज हर्ें कताव्य-बद् और उन्नत राष्ट्र की ओर हर्ारी यात्ा र्ें र्ागादशान

करें गे। इस यात्ा र्ें, 2047 तक अपने लक्ष् ं क प्राप्त करने के नलए, हर् अनुशासन,

साहस और ननस्वाथा सेवा की प्रतीक हर्ारी भारतीय सेना से प्रेरणा लेते हैं । प्रेरणा का ऐसा

ही एक स्र त सेना का र्ागादशाक नसद्ां त “सेवा परर् िर्ा " सेवा हर्ारा परर् कताव्य है l" हम

स्वयं से ऊपि” मैं से ऊपि हम

5.भारत के ‘अर्ृत काल’ हे तु ‘पं ि प्रण’ का संकल्प

भारत क आजादी नर्ले 75 वर्ा पूणा हए है । स्वतंत्ता के 75 वर्ा पूरे ह ने का जश्न भारत अर्ृत र्ह त्सव
के रूप र्ें र्नाया रहा है ।

आज़ादी का अर्ृत र्ह त्सव यानी- आज़ादी की ऊजाा का अर्ृत, आज़ादी का अर्ृत र्ह त्सव यानी –
स्वािीनता सेनाननय ं से प्रेरणाओं का अर्ृत। आज़ादी का अर्ृत र्ह त्सव यानी – नए नवचार ं का
अर्ृत। नए संकल्प ं का अर्ृत। आज़ादी का अर्ृत र्ह त्सव यानी – आत्मननभारता का अर्ृत। और
इसीनलए, ये र्ह त्सव राष्ट्र के जागरण का र्ह त्सव है । ये र्ह त्सव, सुराज्य के सपने क पूरा करने का
र्ह त्सव है । ये र्ह त्सव, वैनिक शां नत का, नवकास का र्ह त्सव है । इस वर्ा लाल नकले से दे श के नार्
अपने सम्ब िन र्ें प्रिानर्ंत्ी नरे न्द्र र् दी ने कहा नक भारत के नवकास और भनवष्य के नलए अगले 25
वर्ा बेहद र्हत्वपूणा हैं ।

आजादी के ‘अर्ृत काल’ र्ें ‘पंच प्रण’ के संकल्प का आह्वान है , ज दे श की आजादी के 100 वर्ा पूरे
ह ने पर दे श की स्स्थनत के नदशादशाक तत्व है । 2047 र्ें दे श की आजादी के 100 वर्ा पूरे ह जाएं गे
और इस पंच प्रण क स्वनणार् काल तक हर्े पूरा करना है ।

‘पंच प्रण’ र्ें ‘नवकनसत भारत’, ‘गुलार्ी से र्ुस्क्त’, ‘नवरासत पर गवा ’, ‘एकता और एकजुटता’ और
‘नागररक ं का कताव्य’ क रिा है ।

नवकनसत भारत‘पंच प्रण’ र्ें पहला बडा संकल्प है - नवकनसत भारत।


1.अब तक दे शबडे संकल्प लेकर चलेगा। छ टे -छ टे संकल्प का अब सर्य नहीं है । आने वाले 25 वर्ों

र्ें हर्ें नकसी भी कीर्त पर नवकनसत भारत चानहए, उससे कुछ कर् नहीं ह ना चानहए। स्वच्छता
अनभयान, क र ना वैक्सीनेशन अनभयान, ढाई कर ड ल ग ं क नबजली कनेक्शन, िुले र्ें शौच से

र्ुस्क्त, Renewable एनजी, हर् सभी र्ानक ं पर संकल्प से आगे बढ रहे हैं । इन्हीं सभी बडी चीज़ ं ने

भारत के नवकनसत दे श की नींव िाली है ।

2. िुलार्ी से र्ुक्तक्त पंच प्रण’ र्ें दू सरा संकल्प ‘गुलार्ी से र्ुस्क्त’ है । हर्ारे र्न के भीतर नकसी
भी क ने र्ें गुलार्ी का एक भी अंश न बचा रहे । यनद जरा भी गुलार्ी है त उसक नकसी भी
हालत र्ें बचने नहीं दे ना है । उसे उिाड फेंकना है । सैकड ं वर्ो की गुलार्ी ने ज हर्ें
जकडकर रिा है , हर्ें उससे 100 फीसदी र्ुस्क्त पानी ही ह गी। क् नं क गुलार्ी नकसी भी
दे श क दीर्क की तरह िीरे -िीरे िा जाती है , नजसका लंबे सर्य बाद पता चलता है ।

3. नवरासत पर िवा हर्ें अपने दे श की नवरासत पर गवा ह ना चानहए। हर्ें अपने सार्र्थ्ा पर
भर सा ह ना चानहए। इसी नवरासत ने भारत क कभी स्वणा काल नदया था। हर्ें अपनी
पाररवाररक व्यवस्था पर भी गवा करना है । हर्ारी नवरासत क नवि र्ान रहा है । भारत की
जीवनशैली से नवि प्रभानवत है । सबके सुि और सबके आर ग्य की बात करना हर्ारी
नवरासत की प्राथनर्कता है । हर् वे ल ग हैं ज जीव र्ें नशव दे िते हैं । हर्ें नवि से नकसी प्रर्ाण
पत् की आवश्यकता नहीं। दे श क अपना एक र्ानक बनाना ह गा। हर् अपनी िरती से
जुडेंगे, तभी ऊंचा उडें गे। ग्ल वल वानर्िंग के हल के नलए सर्ूचा नवि भारत की ओर दे ि
रहा है । हर्ारे पास नवि क दे ने के नलए बहत कुछ है । भारत के पास अनर् ल क्षर्ता है ।
हर्ारा अनुभव कहता है नक एक बार अगर हर् सब संकल्प लेकर पथ पर चल पडें त हर्
नननित ही ननिाा ररत लक्ष् ं क कैसे भी पार कर लेते हैं ।

4. एकता और एकजुटता हर्ें अपनी दे श की नवनविता क बडे उल्लास से र्नाना चानहए।


लैंनगक सर्ानता, फर्स्ा भारत, दे श के श्रनर्क ं का सम्मान इसी कडी का र्हत्वपूणा नहस्ा है ।
दे श र्ें नारी का अपर्ान एक प्रर्ुि नवकृनत है , नजससे ननजात पाने का रास्ता हर हाल र्ें
ि जना ही ह गा। जब हर् अपनी िरती से जुडेगे, तभी हर् ऊंची उडान भरें गे तभी नवि क
सर्ािान दे पाएं गे। क् नं क नकसी दे श की सबसे बडी ताक़त उस दे श की एकता और
एकजुटता र्ें लीन ह ती है । अगर ये न ह ं त दे श के पतन की शुरुआत ह ने लगती है ।

5. नािररकों का कताव्यनागररक ं का कताव्य दे श और सर्ाज की प्रगनत का रास्ता तैयार करता


है । यह र्ूलभूत प्रणशस्क्त है । दे श के प्रिानर्ंत्ी, र्ुख्यर्ंत्ी और राष्ट्रपनत भी इससे बाहर नहीं
हैं । नबजली की बचत, िेत ं र्ें नर्लने वाले पानी का पूरा इस्तेर्ाल, केनर्कल र्ुक्त िेती, हर
कीर्त पर भ्रष्ट्ाचार से दू री आनद हर क्षेत् र्ें नागररक ं की नजम्मेदारी और भूनर्का बनती है ।
नकसी दे श का प्रत्येक नागररक अगर अपना कताव्य ननष्ठा पूवाक ननभाने लगे त दे श हर्ेशा
र्जबूती से िडा रहता है और हर क्षेत् र्ें आगे बढता रहता है । आने वाले 25 वर्ा के नलए हर्ें
भी उन पंच प्रण पर अपनी शस्क्त क केंनद्रत करना ह गा। हर्ें पंच प्रण क लेकर वर्ा 2047
तक चलना है , जब आजादी के 100 वर्ा पूरे ह ग ं े। हर्ें आजादी के नदवान ं के सारे सपने पूरे
करने का नजम्मा उठाकर चलना ह गा।

गौरतलब है की आजादी के इतने दशक ं के बाद पूरे नवि का भारत की तरफ दे िने का नजररया बदल
चुका है । सर्स्याओं का सर्ािान सर्ूचा नवि भारत की िरती पर ि जने लगा है । नवि का ये बदलाव,
नवि की स च र्ें ये पररवतान 75 वर्ा की हर्ारी यात्ा का पररणार् है । ‘पंच प्रण’ के र्ाध्यर् से आने वाले
25 वर्ों का एक सुिद ब्लू नप्रंट तैयार है , ज यनद सफलतापूवाक पूरा ह जाए त व नदन दू र नहीं जब
हर्ारा दे श नवि शस्क्त के रूप र्ें स्थानपत ह जाएगा।

आकां क्षी सर्ाज नकसी भी दे श की बहत बडी शस्क्त ह ती है और हर्ें गवा है नक आज भारत के हर
क ने र्ें, हर सर्ाज के हर वगा र्ें, हर तबके र्ें, असीर् आकां क्षाएं है । दे श का हर नागररक
स्स्तनतया बदलना चाहता है , बदलते दे िना चाहता है , लेनकन इं तजार करने क तैयार नहीं है । 75 वर्ा
र्ें संज य हए सारे सपने अपनी ही आं ि ं के सार्ने पूरा करने के नलए व लालनयत है , उत्सानहत है ।

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