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Personality Plus (Hindi)
Personality Plus (Hindi)
जब मने यह पु तक िलखी थी, उसके बाद अब मुझे और भी यादा िव ास हो गया है क चार कृ ितय का
िस ांत मानवीय वहार का सव े प ीकरण है।
पसनैिलटी ोफ़ाइल
आप अनूठे ह
हम सभी बेहतर ि व चाहते ह। हम सभी फ़टेसी आइलड पर अपनी त वीर देखते ह, जहाँ घंटी बजते ही हम
आकषक, वा पटु , मनमोहक पोशाक वाले कु लीन ि म बदल जाते ह। हम लड़खड़ाते, अटकते, फै लाते या
भटकते नह ह। इसके बजाय हम बातचीत करते, मन मोहते, आक षत और े रत करते ह। जब शो ख़ म हो
जाता है, तो हम अपने दमाग़ क न बंद कर देते ह और दोबारा पुराने ढर पर जीने लगते ह। अपनी खाली
न को घूरते समय हम सोचते ह क हमारी ‘िसतारा छिव” य ख़ म हो गई; हमारी जगह नए िसतारे य
आ गए, जो अपनी भूिमका को आ मिव ास से िनभाते ह; असली जीवन म हम सामंज य य नह बैठा पा
रहे ह?
हम पसनैिलटी कोसस क तरफ़ भागते ह, जो चौबीस घंट म हम वा पटु बनाने का वादा करते ह। हम
आ म-मू यांकन अनुभव क तरफ़ भागते ह, जो हम अिधकतम शि से लैस करके छोटे-मोटे ई र म बदलने का
दावा करते ह। हम संवेदनशीलता स क ओर भागते ह, ता क का पिनक भिव य म अपनी राह खोज सक। हम
चम कार क उ मीद म जाते ह, ले कन िनराश होकर घर लौटते ह। हम रोमांचक ि के साँचे म फट नह
बैठते ह, हमम संभावना का िव फोट नज़र नह आता है, हम उ कृ ता के मानदंड नह माने जाते ह। हमारी
अलग-अलग ेरणाएँ, यो यताएँ और ि व होते ह, इसिलए हमारे साथ एक सा वहार नह कया जा
सकता।
कोई भी दो ि एक से नह होते
अगर हम सभी ब से म रखे एक जैसे अंडे होते, तो कोई िवशाल मुग हम सेकर रातोरात आकषक मुग म बदल
सकती थी, ले कन हम सभी िभ ह। हम सभी अपनी िविश शि य और कमज़ो रय के साथ पैदा ए ह तथा
कोई जादुई फ़ॉमूला हम सभी के िलए चम कार नह कर सकता है। जब तक हम अपने अनूठेपन को नह पहचान
लेते, तब तक हम यह बात नह समझ सकते क लोग एक ही सेिमनार म एक ही व ा क बात सुनकर अलग-
अलग सफलता कै से हािसल कर लेते ह।
पसनैिलटी लस हमम से हर एक को चार मूलभूत कृ ितय का अनूठा सि म ण मानती है और हम
ो सािहत करती है क हम सतह पर दखने वाली चीज़ को बदलने क कोिशश करने से पहले अपने वा तिवक
व प को पहचान ल।
हमम से हर एक अनूठा है
हमम ऐसे गुण ह, जो हम अपने भाई-बहन से अलग करते ह। बरस तक लोग ने हम छीला है, आकार दया है,
हथौड़े मारे ह, छेनी चलाई है, रं दा मारा है। जब हम यह सोचने लगे क अब हम ितमा के प म बनकर तैयार
हो चुके ह, तभी कसी ने हम फर से आकार देना शु कर दया। कभी-कभार एकाध दन पाक म हम बड़ा मज़ा
आया, जब हमारे पास से गुज़रने वाले हर ि ने हमारी शंसा क , ले कन बाक़ समय हमारा मखौल उड़ाया
गया, िव ेषण कया गया या हम नज़रअंदाज़ कया गया।
हम सभी अपनी कृ ित के ल ण के साथ पैदा ए ह। यह हमारा क ा माल है, हमारी अनूठी च ान। हमम
से कु छ ेनाइट ह, कु छ संगमरमर, कु छ एलबा टर, कु छ सड टोन। हमारी च ान का कार नह बदलता है,
ले कन हमारे आकार बदले जा सकते ह। यही हमारे ि व के बारे म सही है। हम अपने नैस गक गुण के साथ
शु करते ह। हमारे कु छ गुण सुंदर होते ह, िजनम सोने क कनारी होती है। कु छ दोष भी होते ह, जहाँ दरार
दखती है। हमारी प रि थितयाँ, आई यू, रा ीयता, अथशा , प रवेश और माता-िपता का भाव हमारे
ि व को ढाल सकता है, ले कन अंदर क च ान वही रहती है।
मेरी कृ ित मेरा वा तिवक व प है। मेरा ि व वह पोशाक है, जो म अपने ऊपर पहनती ।ँ जब म
सुबह शीशे म देखती ,ँ तो मुझे एक सादा चेहरा, सीधे बाल और मोटा शरीर दखता है। यह मेरा असली व प
है। ले कन म एक घंटे के भीतर मेकअप से अपने चेहरे को रं गीन बना सकती ।ँ म अपने बाल फु लाने और घुँघराले
बनाने के िलए लोहे के रं स का योग कर सकती ँ तथा अपने मोटापे को िछपाने के िलए सुंदर पोशाक पहन
सकती ।ँ मने अपने वा तिवक व प को ढँक िलया है, ले कन इसके नीचे जो है, उसे म थायी प से नह बदल
पाई ।ँ
काश हम खुद को समझ सक और :
हम कहाँ शु कर?
आपम से कतन को माइकलएंजेलो कॉ ले स है ? आपम से कतने दूसरे लोग को क े माल क तरह देखते ह,
जो आपके िवशेष हाथ से ढल सकते ह? आपम से कतने कम से कम एक ि के बारे म सोच सकते ह, िजसे
आप सचमुच आकार दे सकते ह, बशत वह आपक बुि म ा के श द सुन भर ले? वह ि आपक बात सुनने के
िलए कतना उ सुक है ?
अगर दूसर को अपने मनचाहे साँचे म ढालना संभव होता, तो आज मेरे पित े ड और म आदश होते,
य क हम शु आत से ही एक-दूसरे को अपने साँचे म ढालने क ठान चुके थे। म जानती थी क अगर वे थोड़े खुल
जाएँ और मनोरं जक हो जाएँ, तो हमारा वैवािहक जीवन ब त अ छा हो सकता है; ले कन वे थे क मुझे
वि थत और िज़ मेदार बनाने पर तुले ए थे। हनीमून के दौरान ही मने पाया क े ड और म तो अंगूर खाने के
तरीक़े पर भी एकमत नह थे!
मुझे हमेशा अपने पास ठं ड,े हरे अंगूर का पूरा गु छा रखना अ छा लगता है। मुझे जो भी अंगूर अ छा
दखता है, म उसे तोड़कर खा लेती ।ँ जब तक मने े ड से शादी नह क थी, तब तक म नह जानती थी क
“अंगूर खाने के िनयम” भी होते ह। म नह जानती थी क जीवन के हर छोटे सुख का भी तथाकिथत सही तरीक़ा
होता है। जब म बरमुडा के कि ज बीच पर हमारे कॉटेज के बाहर बैठकर समु को िनहारते ए बड़े गु छे म से
अंगूर तोड़ रही थी, तो मने े ड के मुँह से पहली बार अंगूर खाने के िनयम के बारे म सुना। उस समय मुझे यह
एहसास नह था क े ड मेरे बेतरतीब अंगूर खाने का िव ेषण कर रहे थे, जब तक उ ह ने यह नह पूछा, " या
तु ह अंगूर पसंद ह ?”
“हाँ, ब त यादा पसंद ह!”
“तब तो शायद तुम यह जानना चाहोगी क उ ह सही तरीके से कै से खाया जाता है?”
यह सुनकर मेरी मानी फं तासी टू ट गई और मने एक ऐसा सवाल पूछा, जो बाद म मेरी दनचया का
िह सा बन गया : “मने या गलत कया ?”
“तुमने ग़लत कु छ नह कया; ले कन तुम इसे सही तरीके से नह कर रही हो।” मुझे इन दोन बात म कोई
अंतर नज़र नह आया, ले कन मने बात को उ ह के तरीक़े से कह दया।
“म या सही तरीक़े से नह कर रही ?ँ ”
“सभी जानते ह क अंगूर को सही तरीक़े से कै से खाया जाता है। हम एक बार म एक गु छा काटते ह, इस
तरह।”
े ड ने अपनी नाखून काटने वाली कची बाहर िनकाली और अंगूर का एक छोटा गु छा काटकर मेरे सामने
रख दया।
जब वे मेरी तरफ़ गव से देखते ए खड़े थे, तो मने पूछा, “ या इससे उनका वाद बढ़ जाता है?”
“यह वाद क बात नह है। यह तो इसिलए है, ता क बड़ा गु छा यादा समय तक आकषक लगे। िजस तरह
से तुम अंगूर खाती हो - कु छ अंगूर यहाँ से तोड़े, कु छ वहाँ से तोड़े - उससे गु छा ब त ख़राब दखने लगता है।
ज़रा देखो तो सही, तुमने इसका या हाल कर दया है! देखो वे छोटी-छोटी ख़ाली डंिडयाँ कतनी भ ी दख रही
ह। इनसे पूरा गु छा बुरा दखने लगता है।” मने चार तरफ़ नज़र डाली क कह अंगूर के यायाधीश तो आस-
पास नह िछपे ह, जो मेरे अंगूर के गु छे को कसी ितयोिगता म ले जाने वाले ह , ले कन जब मुझे कोई नह
दखा, तो मने कहा, “ कसे परवाह है?”
मने तब तक यह नह सीखा था क “ कसे परवाह है ?” जैसा वा य े ड से नह बोलना चािहए, य क
इससे उनका चेहरा लाल हो जाता था और वे हताशा से आह भरते ए कहते थे, “मुझे परवाह है और यह पया
होना चािहए।”
े ड को छोटी-छोटी बात क भी स ी परवाह है और उनके प रवार म मेरी उपि थित से पूरे गु छे क
सुंदरता ख़राब हो रही थी। मेरी मदद करने के िलए े ड ने मेहनत करके मुझे सुधारने का बीड़ा उठाया। उनक
बुि म ा क सराहना करने के बजाय म उनक रणनीित को िवफल करने म जुट गई और चतुराई से उ ह अपने
जैसा बनाने क कोिशश करने लगी। बरस तक े ड मेरी असफलता को दूर करने क कोिशश करते रहे - और
म उनक किमय को दूर करने क कोिशश करती रही - ले कन हमम से कसी म भी कोई सुधार नह आ।
जब हमने टम लाहेई क ि प रट कं ो ड टपरामट ( टनडेल हाउस) पढ़ी, तब जाकर हमारी आँख खुल क
हम या कर रहे थे। हम दोन ही सामने वाले को अपने साँचे म ढालने क कोिशश कर रहे थे। हम यह एहसास
ही नह था क कोई हमसे िभ होकर भी सही हो सकता है। मने पाया क म लोकि य आशावादी कृ ित क ,ँ
िजसे आनंद और रोमांच पसंद है; े ड पूण िनराशावादी कृ ित के ह, जो जीवन को गंभीर और मब रखना
चाहते ह।
जब हमने कृ ितय का और अ ययन कया, तो हम पता चला क हम दोन ही कु छ हद तक सश ोधी
कृ ित के थे, जो हमेशा सही होते ह और हर चीज़ जानते ह। कोई हैरानी नह क हमारा तालमेल नह बैठ पाया!
न िसफ़ हम अपने ि व और जीवन क िचय म िबलकु ल िवपरीत थे, बि क हम दोन ही ख़द को सही
मानते थे। या आप इस तरह के वैवािहक जीवन क क पना कर सकते ह?
यह पता चलना कतनी राहत क बात थी क हमारे िलए अब भी उ मीद बाक़ थी। हम एक-दूसरे क
कृ ितय को समझ गए और हमने एक-दूसरे के ि व को वीकार कर िलया। जब हमारा जीवन बदला, तो
हम कृ ितय के बारे म िसखाने, शोध करने और िलखने लगे। पसनैिलटी लस प ीस साल के सेिमनार म दए
गए भाषण , ि व परामश और लोग क कृ ितय के दन- ित दन के अवलोकन का फल है। यह पु तक
आपको आसान, रोचक श दावली म मनोिव ान का सबक़ िसखाएगी, ता क हम :
चार अलग-अलग कार क कृ ितय के बारे म जानने से पहले कु छ िमनट का समय िनकालकर हम अपनी खुद
क पसनैिलटी ोफ़ाइल के बारे म पता लगा ल, िजसे े ड ने तैयार कया है। जब आप िनदश के अनुसार चालीस
सवाल के जवाब पूरे कर ल, तो अपने अंक को कोर शीट पर भर ल और उ ह जोड़ ल। अगर आप लोकि य
आशावादी ह और कॉलम को देखकर दुिवधा म पड़ जाते ह, तो कसी पूण िनराशावादी ि को खोज, जो
जीवन को आँकड़ क ृंखला के प म देखता है और उसक मदद से अपनी शि य तथा कमज़ो रय का योग
कर ल।
कसी म भी कोई कृ ित शत- ितशत नह होती है, ले कन कोर से आपको अपनी मूलभूत शि य और
कमज़ो रय क सटीक जानकारी िमल जाएगी। अगर सभी कृ ितय म आपके समान अंक आते ह, तो शायद आप
शांत संतोषी ह, जो ब उ े यीय होता है।
आपक पसनैिलटी ोफ़ाइल अनूठी है, ले कन अपनी कृ ित क संरचना क जानकारी से आप ख़द को समझ
सकगे और दूसर को भी उनके वा तिवक प म वीकार कर सकगे। जब आप अपने प रवार और िम क ख़द
का िव ेषण करने के िलए ो सािहत करगे, तो आप सं ेषण के नए रा ते खोल दगे, जो ानवधक और
आनंददायक ह गे।
अपने कृ ित परी ण का कोर देखने के बाद आपको अपने अंद नी गुण के बारे म पता चल जाएगा -
आपके वे ज मजात गुण, िजनक वजह से आप प रि थितय के ित अपनी सामा य ित या करते ह। अपने
वा तिवक व प क अिधक गहरी समझ के िलए अगले पाँच अ याय पढ़ और अपने बारे म ब त सी नई बात
जान।
शि याँ
कमज़ो रयाँ
पसनैिलटी को रं ग शीट
अब अपने सभी X को पसनैिलटी को रं ग शीट पर उसी श द के सामने रख द। उदाहरण के िलए अगर आपने
ोफ़ाइल म जीवंत श द पर X िलखा हो, तो को रं ग शीट पर भी उसके पहले X िलख द। ( ट पणी : ोफ़ाइल
और को रं ग शीट म लाइन के श द तो वही ह, ले कन श द का म बदल गया है।)
शि याँ
योग शि याँ
कमज़ो रयाँ
िभ कृ ितय क शि याँ
हमारे ि गत गुण का सव ण
अब आपको अपने टे ट का कोर पता चल चुका है। अब आप जान चुके ह क आपक कृ ित या कृ ितय का
सामंज य कै सा है। अब हम हर कृ ित क शि याँ सं ेप म जान लेते ह। म शत लगाती ँ क आपको यह पता भी
नह होगा क आपम ये अ छे गुण ह! अपनी कृ ितय क खूिबय को जानने के बाद उनसे लाभ उठाएँ।
लोकि य आशावादी कृ ित
बिहमुखी • व ा • आशावादी
शि याँ लोकि य आशावादी ि के गुण
लोकि य आशावादी ि के गुण
आकषक ि व
बातूनी, कहानी सुनाने वाला
अ छा हा यबोध
रं ग क अ छी याददा त
ोता को शारी रक प से पकड़ने वाला
भावुक और दशनकारी
उ साही और अिभ ि म िनपुण
खुशिमज़ाज और जोशीला
िज ासु
मंच पर े
भोला और मासूम
वतमान म जीने वाला
पल-पाल वहार बदलने वाला
दल से स ा
हमेशा ब ा बना रहने वाला
िम के प म लोकि य आशावादी ि
आसानी से िम बनाता है
लोग से ेम करता है
शंसा को पसंद करता है
रोमांचक दखता है
दूसरे इससे ई या करते ह
मनमुटाव नह रखता है
ज दी माफ़ माँग लेता है
नीरस पल को रोकता है
अनायास होने वाली गितिविधय को
पसंद करता है
पूण िनराशावादी कृ ित
अंतमुखी • चंतक • िनराशावादी
शि याँ
पूण िनराशावादी ि के गुण
गहरा और िवचारशील
िव ेषणकारी
गंभीर और उ े यपूण
जीिनयस बनने क संभावना
गुणी और रचना मक
कला मक या संगीतमयी
दाशिनक और का ा मक
सौदय का शंसक
दूसर के ित संवेदनशील
यागपूण
अंतरा मा को िनदश मानने वाला
आदशवादी
िम के प म पूण िन ाशावादी ि
सावधानी से िम बनाता है
पृ भूिम म रहकर संतु रहता है
यान आक षत करने से कतराता है
िन ावान और वफ़ादार
िशकायत सुनता है
दूसर क सम याएँ सुलझा सकता है
दूसर के ित गहरी चंता रखता है
क णा से आँसू भर आते ह
आदश जीवनसाथी खोजता है
सश ोधी कृ ित
बिहमुखी • कमशील • आशावादी
शि याँ
सश ोधी ि के गुण
पैदाइशी नेतृ वकता
गितशील और स य
प रवतन क आव यकता महसूस करता है
गलितय को ठीक कए िबना नह रह सकता
दृढ़ इ छाशि और िनणय लेने वाला
भावहीन
आसानी से हताश नह होता
आ मिनभर और उपायकु शल
आ मिव ास झलकता है
कोई भी चीज़ सँभाल सकता है
अिभभावक के प म सश ोधी ि
बल नेतृ व मता कट करता है
ल य बनाता है
प रवार को कम के िलए े रत करता है
सही जवाब जानता है
घर को सु वि थत करता है
काम के े म श ोधी ि
ल यक त
पूरी त वीर देखता है
अ छी तरह योजना बनाता है
ावहा रक समाधान चाहता है
कम क ओर तेज़ी से वृ होता है
काम स पता है
उ पादन पर ज़ोर देता है
ल य बनाता है
गितिविधय को े रत करता है
िवरोध होने पर और अिधक े रत होता है
िम के प म सश ोधी ि
िम क ब त कम ज़ रत होती है
सामूिहक गितिविध के िलए काय करता है
आम तौर पर सही होता है
आपातकालीन ि थितय म े होता है
शांत संतोषी कृ ित
अंतमुखी • दशक • िनराशावादी
शि याँ
पसनैिलटी के काय-संबंधी गुण के बारे म अिधक जानकारी के िलए लोरस और मे रटा िलटार क पु तक
पसनैिलटी पज़ल पढ़ (रे वेल, 1992)।
अ याय 3
लोकि य आशावादी ब े
चूँ क हम सभी वहार के िविश गुण के साथ ज म लेते ह, इसिलए हमारी कृ ित बचपन म ही दख जाती है।
लोकि य आशावादी ब े आनंद और खेल क तलाश म रहते ह तथा वे बचपन से ही िज ासु और ख़शिमज़ाज
होते ह। ऐसे ब के हाथ जो भी चीज़ लगती है, वे उसी से खेलने लगते ह, हँसते-िखलिखलाते रहते ह और उ ह
लोग के साथ रहना ब त अ छा लगता है।
हमारी बेटी मे रटा लोकि य आशावादी है और बचपन से ही उसका हा यबोध ब त आनंददायक है। उसक
बड़ी-बड़ी आँख िजस पल खुली थ , उसी पल उनम चमक साफ़ दख रही थी। कु छ समय पहले जब हम उसके
बचपन और कू ल क त वीर साल-दर-साल जमा रहे थे, तो हम सभी को त वीर म उसका शरारती भाव दखा,
िजसक वजह से वह अ सर मुि कल म फँ स जाती थी, ले कन उसका साथ मज़ेदार लगता था। मे रटा हमेशा
बोलती रहती थी और उसम रचना मक ितभा कू ट-कू ट कर भरी ई थी। उसे जो चीज़ िमलती थी, वह उसम
रं ग भर देती थी, िजसम दीवार भी शािमल थ । जब हम कनेि टकट से दूसरी जगह रहने जाने लगे, तो म बेसमट
क दीवार क भी साथ ले जाना चाहती थी, य क उस पर छोटे-छोटे हाथ के नीले छापे बने ए थे, जो मे रटा
ने पो टर पट क बोतल फ़श पर िगराने के बाद बनाए थे। आज मे रटा मीिडया पि लिसटी के े म होने के साथ
ही लेिखका और वा पटु व ा भी है।
भावी ि व
हो सकता है क लोकि य आशावादी ि य म अ य कृ ितय के लोग क तुलना म यादा ितभा या अवसर
न ह , ले कन वे कसी भी ि थित का हमेशा सबसे यादा आनंद लेते ह। उनके उ साही ि व और नैस गक
आकषण से लोग उनक तरफ़ खंचे चले आते ह। लोकि य आशावादी ब के ब त से शंसक बन जाते ह, जो
उनके आगे-पीछे घूमते रहते ह, य क वे ऐसी जगह रहना चाहते ह, जहाँ दलच प घटनाएँ हो रही ह । हमारी
बेटी मे रटा बचपन म हर दम कोई न कोई रोमांचक काम करती रहती थी। जब बाक़ ब े अपनी िखलौना कार
से खेलते थे, तब उसने हमारी पहाड़ी के कनारे पर पूरा शहर बना डाला था। उसके िनदशन म उसने और उसके
िम ने सड़क और पा कग थान तक बना डाले थे। उसक पहली इमारत एक बक थी, िजसम मोनोपॉली गेम
का नक़ली पैसा रखा आ था। इस रोमांचक खेल म शािमल होने के िलए हर ब े को बक के शेयर खरीदने पड़ते
थे, िजसके िलए उसे एक असली डॉलर चुकाना पड़ता था। डॉलर के बदले उस ब े को नकली पए िमलते थे। इन
डॉलस से मे रटा ने लाि टक क ईट और सामान ख़रीद िलए, िज ह वह घर बना रहे दूसरे लोग को बेचने लगी।
शहर म ि थित (location) के अनुसार हर लॉट क क़ मत अलग-अलग होती थी और सबसे यादा पैसे वाल
को सबसे अ छी जगह िमलती थी।
ब े दन भर पहाड़ी पर चढ़ते-उतरते रहते थे। इसम असली डॉलर भी शािमल ह, यह मुझे तब तक पता
नह चला, जब तक क पाँच साल के े डी ने मुझे जंगली फू ल का एक गु छा बेचने क कोिशश नह क , ता क
उसे “खरीदने” के िलए पया पैसे िमल जाएँ। हमारे घर के आस-पास कई पहािड़याँ थ , जहाँ हर ब ा मु त म
अपना ख़द का शहर बना सकता था, ले कन मे रटा ने यह घोषणा क थी क उसक पहाड़ी “सबसे अ छी
जायदाद” थी और िसफ़ वही रहने कािबल थी।
बड़े होने के बाद भी लोकि य आशावादी ब े भीड़ को लुभाते रहते ह। वे अपने गग के लीडर बन जाते ह,
कू ल के नाटक म मु य भूिमकाएँ िनभाते ह और उनके बारे म अ सर कहा जाता है क जीवन म उनक सफलता
क संभावना सबसे यादा है। ऑ फ़स के काम म भी वे यान आक षत करते ह, पा टयाँ देते ह और समस क
सजावट का काम करते ह। जहाँ भी जीवन नीरस होता है, वहाँ वे रोमांच भर देते ह।
माँ के प म लोकि य आशावादी मिहला घर को सुखद बना देती है। वह पाइड पाइपर क तरह ब को
चुंबक जैसा आक षत करती है। चूँ क लोकि य आशावादी ि भीड़ के आकार के अनुपात म चमकते ह,
इसिलए उनक ितभा एक ोता के बजाय समूह के सामने यादा खर होती है। उनका सव े प भीड़ के
सामने ही कट होता है। इसीिलए लोकि य आशावादी माताएँ अपने छोटे ब े को अके ले कहानी सुनाने के
बजाय ब से भरे कमरे म नाटक य प से कहानी सुनाना यादा पसंद करती ह।
मैरी एिलस नामक युवती ने मेरे एक सेिमनार के बाद मुझे बताया क वह अपने इलाके म - दरअसल पूरे
शहर म - काफ़ लोकि य हो गई, जब उसे पता चला क बावन डॉलर म वह चार सौ गु बारे और हीिलयम का
टक ख़रीद सकती है। उसके बेटे क बथडे पाट थी और हर मेहमान ब े ने बारी-बारी से गु बारे भरकर उड़ाए।
जब चार सौ गु बारे हवा म उड़े, तो उसक पाट के चच शहर भर म होने लगे।
बहरहाल, लोकि य आशावादी ि य क रोमांचक गितिविधयाँ कई बार सीमाएँ लाँघ जाती ह। एक
रचना मक माँ ने मुझे बताया क वे आस-पड़ोस के ब म काफ़ लोकि य ह, य क वे अपने घर म हमेशा कु छ
न कु छ ख़ास करती रहती ह। एक दन उ ह ने अपने यहाँ आने वाले ब को बताया क पीछे के आँगन म ब त
सारे हाथी आ गए ह, इसिलए सबको िछप जाना चािहए। तभी दरवाज़े क घंटी बजी और वह माँ रगती ई
दरवाज़े तक ग । बाहर एक छोटी लड़क खड़ी थी, िजसने पूछा क वे ऐसे य चल रही ह। उ ह ने जवाब दया,
“घर के िपछवाड़े हाथी भरे ए ह और म यह नह चाहती क वे मुझे देख ल। अ छा रहेगा क तुम भी नीचे झुक
जाओ।” सभी ब े शांित से दुबके रहे। बीच-बीच म माँ बार-बार िखड़क के पास जाकर हािथय क जाँच करती
रही। आिखर पाँच बजे उ ह ने घोषणा क , “हाथी चले गए ह, इसिलए अब तुम सुरि त घर जा सकते हो।”
बाद म उ ह पता चला क एक छोटी ब ी ने घर जाकर अपनी माँ को बताया, “माँ, आज िमसेज़ ि मथ के
घर के िपछवाड़े हाथी आ गए थे, इसिलए उ ह दन भर घर म िछप-िछपकर चलना पड़ा।” उस माँ को लगा क
उसक बेटी झूठ बोल रही है, इसिलए उ ह ने उसे सज़ा दे दी।
लोकि य आशावादी ि यो, इस बारे म सावधान रह क आपका आनंद और म ती सीमा न लाँघ जाए।
पाट क जान
लोकि य आशावादी लोग क मूलभूत इ छा यह होती है क वे आकषण का क बन जाएँ। उनक दलच प
बात के साथ उनका यह गुण उ ह पाट क जान बना देता है। जब मेरा भाई रॉन कशोर था और म उसक हाई-
कू ल पीच टीचर थी, तो हम पा टय म जाने से पहले ख़ास-ख़ास पंि य क रहसल कर लेते थे। म उसे ताज़ा
राजनीितक-आ थक घटनाएँ बता दया करती थी और वह उनके बीच म मज़ेदार बात जोड़ देता था। जब भी
बात करते-करते वह िवषय आता था, तो हम अपना “ व रत” हा यबोध द शत करने के िलए तैयार रहते थे।
ज दी ही हमारी लोकि यता चार तरफ़ फै ल गई, हालाँ क हमारा रह य कसी को पता नह चल पाया। इसके
बाद तो हालत यह हो गई क लोग हम अपनी पा टय म बुलाने के िलए पैसे तक देने लगे।
लॉस एंजेिलस टाइ स म एक लेख छपा था, िजसम िलखा था, “पाट के िलए मेहमान कराए पर ल।” इसम
यह बताया गया था क लोग अपनी पा टय को सफल बनाने के िलए आकषक और वा पटु कृ ित के लोग को
कराए पर ले सकते ह। लोकि य आशावादी ि य के िलए यह कतना ब ढ़या वसाय है : हर रात को
पा टय म जाना और बदले म पैसे भी कमाना।
अगर आप लोकि य आशावादी लोग को कराए पर बुलाने का खच नह उठा सकते, तो ऐसे लोग से जान-
पहचान बढ़ा ल और यह सुिनि त कर क आपक िडनर पा टय म कम से कम ऐसे दो लोग ज़ र मौजूद रह।
बस इतना यान रख क उ ह पास-पास न बैठाएँ, वरना बाक़ लोग एकाक महसूस करने लगगे। इसके बजाय
उ ह टेबल के िवपरीत िसर पर बैठाएँ, ता क वे पूरी शाम िसफ़ एक-दूसरे का ही मनोरं जन न करते रह।
रं गीन
हालाँ क लोकि य आशावादी ि य के िलए नाम, तारीख, जगह और त य याद रखना मुि कल होता है,
ले कन उनम ज़ंदगी के रं गीन वणन याद रखने क अनूठी मता होती है। हो सकता है क कसी भाषण के बाद
उ ह यह याद न ही क व ा ने या कहा था, ले कन उ ह यह ज़ र याद रहता है क काय म म बोलने वाली ने
बगनी रं ग क पोशाक पहनी थी, िजसम सामने मोर बने थे और एक सीने पर पीला चाँद िनकल रहा था। हो
सकता है उ ह यह याद न रहे क वे चच म गए थे या संगीत काय म म, ले कन वे आपको समूहगान के संगीत-
िनदशक का मज़ेदार वणन सुना सकते ह, जो अपना अंद नी व पहनना भूल गई थी और लडलाइट म खड़ी
होने के कारण उसक गलती सबको नज़र आ रही थी।
मुझे नाम याद रखने म उलझन होती है, ले कन म रं गीन िवचार याद रख सकती ,ँ जैसे लोग का
वसाय। जब हमारी बेटी लॉरे न के कई तरह के बॉय स घर आते थे, तो मने उनके नाम याद रखने का एक
रचना मक तरीक़ा खोज िलया था। म उनके सरनेम क जगह पर उनके वसाय को रख देती थी, ता क उनका
नाम याद रह जाए। यह िसलिसला डेिवड से शु आ, जो एक बाइक टोर का मािलक था और उसका एक लंबा
सरनेम था, िजसके बीच म कह पर झेड था। आज तक म उसके नाम का उ ारण नह कर पाता ,ँ इसिलए मने
उसका नाम “डेिवड साइकल” रख दया, ता क वह "डेिवड कै मरा” से अलग हो जाए, जो फ़ोटो ाफ़र था। “डी
लेन” एक पायलट था और आप ‘‘डॉन एयर फ़ोस” के वसाय के बारे म खुद ही अंदाज़ा लगा सकते ह। “बॉबी
वॉटस” संचाई िवभाग म काम करता था, “रॉन लोन” बक म काम करता था और “जेफ़ बेरोज़गार” कोई काम
नह करता था। लॉरे न क शादी “रडी कॉइन” से ई, जो िस का सं ाहक तथा िवशेष था।
बाद म मे रटा के साथ भी यही आ और वह घर पर ोसरी टोर के मािलक “िजमी स ज़ी” को ले आई,
िजसके बाद “पॉल पुिलस” आया, जो पुिलस िवभाग म काम करता था। फर ‘पीटर पटर” आया, जो एक पट
कपनी का मािलक था और बाद म “मै ी मनी,” जो अमीर था।
खराब याददा त क कमज़ोरी को पा रवा रक परं परा म बदलने का काम िसफ़ लोकि य आशावादी लोग
ही कर सकते ह।
ोता को पकड़ना
चूँ क लोकि य आशावादी ि ब त गमजोश होते ह, इसिलए उनम अपने िम को गले लगाने, चूमने, धौल
जमाने और छू ने क आदत होती है। यह शारी रक संपक उनके िलए इतना वाभािवक होता है क उनका यान
इस तरफ़ जाता ही नह है और जब वे अपनी बाँह खोलकर आगे बढ़ते ह तो पूण िनराशावादी लोग पीछे क
तरफ़ हटने लगते ह।
मेरी बेटी मे रटा और म दोन ही लोकि य आशावादी ह और हम एक-दूसरे को गले लगाती रहती ह। चूँ क
हम दोन एक साथ काम करती ह, इसिलए हम ऑ फ़स म भी िमलती रहती ह और िनरं तर संपक म रहती ह।
एक दन मे रटा एक सहेली के साथ लंच करने गई और उसके बाद है रस नाम के िडपाटमटल टोर म शॉ पंग
करने चली गई। उसी दन अनायास ही म भी है रस टोर गई और मुझे मेकअप काउं टर पर मे रटा दख गई।
वाभािवक प से मने िच लाकर कहा, ‘मे रटा, मेरी यारी ब ी!” वह मेरी तरफ़ दौड़ती ई आई और बोली,
' यारी माँ!” हम झपटकर इस तरह गले लग गए, जैसे काफ़ समय से िबछु ड़ी ई सहेिलयाँ ह । हम टेलकम
पाउडर क टेबल के ऊपर एक-दूसरे को चूमती और गले लगाती रह । लक चुपचाप खड़ी रही। मे रटा ने उसे
बताया, ‘ये मेरी माँ ह।”
लक ने जवाब दया, “मने अंदाज़ा लगा िलया था। वैसे आप दोन कतने अरसे बाद एक-दूसरे से िमल रही
ह?”
मे रटा और मने एक साथ जवाब दया, ‘दो घंटे बाद।”
लक ने हैरानी से कहा, “ओह। मुझे तो लग रहा था क आप लोग कम से कम एक साल बाद िमल रही
ह गी।”
लोकि य आशावादी लोग म ‘छू ने” क आदत तो होती ही है, इसके अलावा वे अ सर अपने ोता को
पकड़कर भी रखते ह, ता क वह क़रीब ही रहे और कह भाग न जाए। लोकि य आशावादी लोग को सबसे
यादा चोट इस बात से प च
ँ ती है क उनका मज़ाक़ ख़ म होने से पहले ही उनका ोता भाग िनकले।
मंच पर उ कृ
जब आप ि व और उनक कृ ितय को समझने लगगे, तो आप जीवन के हर े म इस ान का इ तेमाल
करगे। इस ान के सही योग से आप ब त सी गलितय से बच जाएँगे और जान जाएँगे क लोग को सही जगह
पर कै से रखना है। लोकि य आशावादी लोग म नाटक यता क आांत रक अनुभूित होती है। उनम मंच और कै मरे
के लस के बीच रहने का चुंबक य आकषण होता है। वे रोमांच क तरफ़ खंचे चले जाते ह और अगर रोमांच कम
होने लगता है, तो वे इसे उ प भी कर देते ह।
लोकि य आशावादी ि उ कृ वागतकता, मेहमाननवाज़, रसे शिन ट, मा टस ऑफ़ सेरेमनी और
लब ेिसडट बनते ह। वे सबको आनं दत कर सकते ह और नीरस लोग म भी उ साह भर सकते ह। आप तो बस
उ ह दशक दे द, वे अपना नाटक ख़द िलख लगे।
उ सुक
लोकि य आशावादी ि हमेशा िज ासु होते ह और वे हर बात जानने के िलए छटपटाते ह। पा टय म अगर
ऐसा ि बातचीत करते समय कमरे के पार अपने नाम का िज़ सुन,े तो वह अपनी बात अधूरी छोड़कर नई
आवाज़ क तरफ़ मुड़ जाएगा। लोकि य आशावादी ि आम तौर पर एक ऐसे रे िडयो क तरह होता है, िजस
पर हर ि डायल घुमाकर अलग-अलग टेशन चलाता रहता है। ऐसे ि का मि त क तेज़ी से एक चचा से
दूसरी चचा पर जा सकता है, इसिलए उसे इस बात से कोई द क़त नह होती है।
लोकि य आशावादी ि हमेशा “हर बात” जानना चाहते ह। रह य उ ह पागल कर देता है। वे समस
के तोहफ़ का पता लगाने क ताक म रहते ह और रह यमयी बात का पता लगाने के बाद ही चैन से बैठते ह।
ऐसे लोग हर अनजान चीज़ को जानना चाहते ह। एक मिहला ने मुझे बताया क एक बार वे अपनी छत पर
लकड़ी के नए प टए लगवा रही थ । उ ह पता नह था क यह काम कै से कया जाता है, इसिलए वे सीढ़ी से
चढ़कर छत पर प च ँ गई। जब वे ऊपर प च ँ और िचमनी क तरफ़ रगकर गई, तो क पना क िजए, मज़दूर को
कतनी हैरानी ई होगी! मज़दूर ने उनसे अनुरोध कया क वहाँ िगरने का खतरा है, इसिलए वे नीचे लौट
जाएँ। बहरहाल, वे वहाँ से िहल तक नह । उ ह ने मज़दूर से कहा क वे बस यह जानना चाहती ह क छत पर
प टए कै से लगाए जाते ह। एक मज़दूर ने सहारा देकर उ ह िचमनी तक प च ँ ा दया, ता क वे वहाँ बैठकर काम
होते देख सक। वे सवाल पूछती रह और उ साह से हाथ िहलाती रह । हाथ िहलाते-िहलाते जब वे पीछे झुक , तो
उनका संतुलन गड़बड़ा गया और वे िचमनी म िगर गई। उनक चीख सुनकर मज़दूर उ ह बचाने के िलए दौड़े।
उ ह ख चकर बाहर िनकालने के िलए चार आदिमय क ज़ रत पड़ी। सबको उनके एक-एक हाथ-पैर पकड़ने
पड़े। ट क रगड़ के कारण मिहला क पूरी कमर िछल गई और सफ़े द पट राख म सन गया। मिहला को सहारा
देकर सीढ़ी तक प च ँ ाने के बाद एक मज़दूर बोला, “हम यहाँ मैरी पॉिप स जैसे नाटक क ज़ रत नह है।”
हमेशा बालपन
लोकि य आशावादी लोग बचपन क आदत को इसिलए भी नह छोड़ते ह, य क बचपन म वे ब त यारे थे।
उनके माता-िपता और टीचस उ ह लाड़ करते थे। वे “आकषण के क ” वाले इस जीवन को नह छोड़ना चाहते।
एक और कारण यह है क वे दरअसल बड़े होना ही नह चाहते ह। हालाँ क दूसरी कृ ित के ि बचपन को
पीछे छोड़कर बड़े होना चाहते ह, ले कन लोकि य आशावादी ि क पना क दुिनया म रहना पसंद करते ह।
सभी लड़ कयाँ सं ले ा होती ह और सभी लड़के सुंदर राजकु मार होते ह। परीकथा म सुंदर राजकु मार को
कोई काम नह करना पड़ता है। वे तो सफ़े द घोड़ पर बैठकर डू बते सूरज क दशा म बढ़ते जाते ह, ले कन उ ह
कभी नौकरी क तलाश म नह भटकना पड़ता है। उ के साथ िज़ मेदा रयाँ आती ह, ले कन लोकि य
आशावादी ि जीवन म घर-गृह थी क िज़ मेदा रय से बचने क भरसक कोिशश करते ह।
वे छा से मदद क पहल
चूँ क लोकि य आशावादी लोग मददगार और लोकि य बनना चाहते ह, इसिलए आगा-पीछा सोचे िबना ही
मदद का ताव रख देते ह। एक पाट म लंडा और वोिनस बेबी-िस टंग क सम या के बारे म बातचीत कर
रही थ । लंडा को अपने पाँच ब को सँभालने के िलए एक रात को बेबी-िसटर क ज़ रत थी। लोकि य
आशावादी वोिनस ने कहा, " लंडा, इस बारे म चंता मत करो। हम तु हारे िलए कोई न कोई बेबी-िसटर खोज
लगे।” कु छ दन बाद लंडा ने यह जानने के िलए वोिनस को फ़ोन कया क उसने या इं तज़ाम कया है।
बहरहाल, उसे यह पता लगा क वोिनस तो एक महीने क छु याँ मनाने के िलए यूरोप चली गई है।
लोकि य आशावादी लोग के मदद के वादे क मह व न द, य क उन लोग को अ सर यह याद ही नह
रहता है क उ ह ने कस काम म मदद करने का ताव रखा है।
एक रात को जब े ड और म यूयॉक म एक समूह के सामने कृ ितय के बारे म बता रहे थे, तो मने बताया
क लोकि य आशावादी लोग वे छा से मदद करने का ताव तो रख देते ह, ले कन काम को पूरा नह करते ह।
मने कहा, “उदाहरण के िलए, अगर कसी लोकि य आशावादी लड़क ने आज रात को हमारे ेक म कॉफ़ बनाने
के िलए वे छा से मदद करने का ताव रखा है, तो उस व हम यह पता चलेगा क वह कॉफ़ क मशीन का
ि वच चालू करना ही भूल गई है।” यह सुनते ही सामने वाली लाइन म बैठी चमक ली आँख वाली एक यारी
सी लड़क चीखी और गिलयारे से भागती ई कचन म ग़ायब हो गई। वह लोकि य आशावादी कृ ित क थी;
उसने कॉफ़ बनाने के िलए वे छा से मदद करने का ताव रखा था; वह कॉफ मशीन का ि वच चालू करना
भूल गई थी। नतीजा यह आ क उस रात को हम कॉफ़ नह िमल पाई। लोकि य आशावादी लोग को दूसर
क मदद करना अ छा लगता है और उनके इरादे नेक होते ह, ले कन अगर आप व पर कॉफ़ चाहते ह, तो
बेहतर होगा क यह काम आप खुद ही कर द।
रचना मक और रं गीन
लोकि य आशावादी ि का दमाग़ हमेशा नए और रोमांचक िवचार सोचता रहता है। हर दन उसके सामने
नई चुनौितयाँ आती ह, िजनका वह रचना मक समाधान सोचता है। कसी भी कमेटी क मी टंग म लोकि य
आशावादी लोग ही नए िवचार के सपने देखते ह, हॉल क सजावट क क पना करते ह और ोजे ट के िलए
अनूठी तथा रोमांचक िवषयव तु सोचते ह।
जब लॉरे न सेकंड ेड म पढ़ती थी, तो उसने अपनी टीचर को बताया, “मेरी माँ पा टय के िलए हमेशा खास
इं तज़ाम करती ह।” यह सुनकर टीचर ने मुझे म मदर बना दया। हैलोवीन क पाट मेरा पहला बड़ा आयोजन
थी और लॉरे न मुझे बार-बार याद दलाती रही क उसने वादा कया था क म सचमुच कु छ अलग हटकर क ँ गी।
ब ी के इस िव ास ने मेरी रचना मक इं य को जगा दया और म एक ऐसी हैलोवीन पाट क योजना
बनाने लगी, िजसे सेकंड ेड म पढ़ने वाले ब े कभी न भूल पाएँ। लॉरे न कू ल-एड और टाइरोफ़ोम के कप से
िचढ़ती थी, इसिलए मने काँच के बड़े याल म ऑरज जूस का पंच देने क योजना बनाई। जब मेरे दमाग़ ने इस
त वीर क क पना क , तो मने बफ़ क तैरती ई रं ग क क पना भी कर ली, जो कडी के क दू को घेरे ए हो।
पाट वाले दन मने बेकर के यहाँ जाकर सामा य कपके स िलए, िजनके ऊपर सुंदर काली िबि लयाँ थ । मने
हैलोवीन के ख़ास नैप कन और हर ब े के पहनने के िलए पाट हैट भी िलए। मने तीन गैलन ऑरज पंच बनाया
और उसे लाि टक क एक खुली बा टी म भर दया, िजसम बफ़ क रं ग सबसे ऊपर तैर रही थी। मने कार के
फ़श पर पीछे एक तरफ़ कपके क रखे और दूसरी तरफ़ बा टी रख ली।
ज़ािहर है, लोकि य आशावादी होने के कारण मुझे देर हो रही थी, इसिलए मने फटाफट पाट के िलए
बनाई नारं गी पोशाक पहनी और ज दी-ज दी अपने घर के ाइव से िनकली। जैसे ही म सड़क पर मुड़ी, एक कार
तेज़ी से सामने आ गई और मुझे धाड़ से ेक लगाना पड़ा। तभी मुझे समु क लहर के टकराने जैसी आवाज़
सुनाई दी। म फ़ौरन समझ गई क पाट शु होने से पहले ही ख़ म हो चुक है। मने डरते-डरते पीछे देखा। वहाँ
ऑरज जूस का समु था, िजसम कपके स के ऊपर अ ाईस काली िबि लयाँ तैर रही थ और डू बने से बचने क
कोिशश कर रही थ ।
म देर से कू ल प च
ँ ी और बड़ी ख़राब हालत म प चँ ी। मेरे हाथ म कू ल-एड के कु छ पैकेट और वैिनला
वेफ़स का बॉ स था, जब क मेरी बाई कलाई पर आइस रं ग थी। लॉरे न पूरी पाट म रोती रही और मुझे दोबारा
कभी म मदर नह बनाया गया!
लोकि य आशावादी ि य के मन म हमेशा रचना मक और रं गीन िवचार आते रहते ह, ले कन उ ह
साकार करने के िलए उ ह कु छ समझदार दो त क भी ज़ रत होती है।
दूसर को े रत और आक षत करता है
चूँ क लोकि य आशावादी ि य म चुर ऊजा और उ साह होता है, इसिलए वे दूसर को सहज ही आक षत
और े रत कर लेते ह। हैरी टू मैन ने एक बार कहा था क लीडरिशप का मतलब दूसर को काम करने के िलए इस
तरह े रत करने क यो यता है, ता क वे उस काम को ख़शी-ख़शी कर सक। यह वा य लोकि य आशावादी
ि य क िवशेषता और उनक लीडरिशप क सू म शैली के बारे म बता देता है। लोकि य आशावादी कृ ित
का भावी ि िवचार सोचता है और दूसर को उन िवचार पर काम करने के िलए े रत करता है। जब
लोकि य आशावादी लोग अपनी कृ ित के बारे म समझने लगते ह, तो उ ह यह एहसास हो जाता है क वे काम
को शु करने के मामले म तो िवशेष ह, ले कन उ ह ऐसे िम क ज़ रत है, जो काम को ख़ म करने के मामले
म िवशेष ह ।
लोकि य आशावादी नेता अपने मतदाता का िव ास हािसल कर लेते ह और उनसे अपना मनचाहा काम
करवा सकते ह। लोकि य आशावादी कृ ित के चतुर ि य के पास तो ऐसे लोग क भीड़ लग सकती है, जो
िबना तन वाह के उनके यहाँ काम करने के िलए लालाियत रहते ह। मेरे भाई रॉन म यह गुण बचपन से ही है।
मने आक षत और े रत करने क उसक यो यता को काफ़ पहले पहचान िलया था, हालाँ क उस समय मने
लोकि य आशावादी कृ ित के बारे म सुना भी नह था। रॉन अपने वाकचातुय और आकषण का योग करके
काम टालने का हरसंभव यास करता था।
को रया यु के दौरान रॉन सेना म भत हो गया था और उसे एक बड़े जहाज़ से समु पार भेज दया गया।
सैन ांिस को से बाहर िनकलते ही पहली रात को उसने यह घोषणा सुनी : “कल सुबह आप लोग डेक पर इक े
हो जाएँ। आपको या ा के दौरान काम बाँटे जाएँगे।”
चूँ क लोकि य आशावादी लोग कसी भी क़ मत पर काम से बचने क कोिशश करते ह, इसिलए रॉन एक
ऐसी योजना बनाने लगा, ता क उसे डेक पर झाडू -पोछा न लगाना पड़े। अगली सुबह जब सैिनक इक े ए, तो
रॉन एक ि लपबोड पर कागज़ और पेन लेकर काम स पने वाले साज ट क बग़ल म खड़ा हो गया। जब साज ट
नाम और काम पढ़ रहा था, “तुम दस लोग लै न का काम सँभालोगे, तुम बीस लोग पट उखाड़ने का,” तो रॉन
उ ह ो सािहत करते ए बीच-बीच म िलखता रहा। जब रॉन को छोड़कर बाक़ सभी सैिनक को काम स प
दए गए, तो साज ट ने उससे पूछा, ‘और तुम या करोगे?”
रॉन ने अिधकार भरी आवाज़ म कहा, ‘म यहाँ पर टेलट शो का भारी ।ँ ”
साज ट ने हैरानी से कहा, “मुझे नह मालूम था क यहाँ पर टेलट शो भी होने वाला है।”
‘ओह हाँ,” रॉन ने उसे आ त कया। “बंदरगाह पर प च ँ ने से पहले आिख़री रात को हम एक बेहतरीन शो
करगे। इसक योजना बनाने के िलए मुझे पूरी या ा म काफ़ मेहनत करनी पड़ेगी। वैसे सर, आपने काम ब त
अ छी तरह से बाँटे ह। हम आगे भी िमलते रहगे।” इन सकारा मक श द के साथ रॉन चल दया और दो ह त
तक चैन क बंसी बजाता रहा। डेक पर जब दूसरे सैिनक पट उखाड़ते रहते थे, तो वह टहलते ए उनसे पूछता था
क या उनम कोई िवशेष ितभा है। हैरानी क बात यह थी क कनारे पर जो लोग गायक नह थे, वे जहाज़
पर प चँ ते ही गायक बन गए। रॉन ने अपने ि लपबोड पर गायक और नतक के नाम क सूची बना ली।
आिख़री दोपहर को उसने उन सभी को इक ा करके रहसल करवाई और फर एक बेहतरीन काय म आयोिजत
करवाया, िजसम वह बीच-बीच म अपनी मज़ा क़या बात से लोग को आन दत कर रहा था। उस रात जहाज़
पर मौजूद हर आदमी को मज़ा आ गया। कसी ने उसके काम के बारे म कोई सवाल नह उठाया और वह शो एक
नीरस या ा का ब त ही मज़ेदार अंत सािबत आ। कु छ स ाह बाद रॉन को सरकार क तरफ़ से एक चमप
िमला, िजसम उसे सैिनक का मनोबल बढ़ाने के िलए स मािनत कया गया था। जहाज़ पर स मान पाने वाला
वह एकमा ि था।
िसफ़ लोकि य आशावादी ि ही दो स ाह तक िबना कु छ कए शंसाप पा सकता है।
आसानी से दो त बनाते ह
लोकि य आशावादी ि य के िलए कोई अनजान नह होता है, य क हैलो कहते ही वे त काल अजनबी को
भी दो त बना लेते ह। जब दूसरी कृ ित के लोग िझझकते ह या पीछे रहते ह, तब लोकि य आशावादी ि
सामने दखने वाले हर ि के साथ बातचीत शु कर देता है। जब म चेकआउट काउं टर पर लाइन म खड़ी
होती ,ँ तो म हमेशा कसी न कसी से बात करने लगती ।ँ उसक बा के ट म झाँकते ही मुझे बात करने का
िवषय िमल जाता है।
मेरा बेटा े डी पूण िनराशावादी कृ ित का आदश उदाहरण है। जब वह कशोराव था म था, तो एक दन
म उसके साथ लाइन म खड़ी ई थी। मने देखा क हमारे सामने वाली मिहला क पूरी बा के ट ेड से भरी ई
थी। मुझे यह बात असामा य लगी, इसिलए मने उससे पूछ िलया क वह इतनी सारी ेड य ले जा रही है।
उसने मुझे बताया क वह एक चच ारा आयोिजत ना ते म जा रही है और उसे ेड लाने का िज़ मा दया गया
है। मने उससे पूछा क वह कौन से चच जाती है और ज दी ही हम धमशा पर गहरी चचा करने लगे। हम दोन
का ही समय अ छा गुज़रा और हम अ छी सहेिलय क तरह अलग ई। कार क तरफ़ बढ़ते समय मेरे बेटे ने
कहा, ‘आपके साथ टोर आने म ब त शम आती है।”
मने आँख फाड़कर मासूिमयत से पूछा, ‘ य ?”
“आपने उस बेचारी मिहला से यह य पूछा क उसके पास इतनी सारी ेड य है? आपको इस बात से
कोई मतलब नह होना चािहए क कोई अजनबी कतनी ेड ख़रीदता है। अब आगे से म आपके साथ कभी लाइन
म खड़ा नह होऊँगा।”
लोकि य आशावादी ि अपने दो ताना वभाव को अ छा गुण मानता है, ले कन ज़ री नह है क
दूसरी कृ ित के ि भी ऐसा ही मान। एक शाम हम िडनर के िलए बाहर गए थे। म अपने पित को एक अ य
दंपित के साथ छोड़कर टॉयलेट गई। हाथ धोते समय मने देखा क एक लड़क लाि टक के सोफ़े पर बैठी सुबक
रही थी। मने पूछा, “ या कोई परे शानी है ?”
उसने आह भरी और सुबकने लगी, इसिलए म उसके पास बैठ गई। उसक हाल ही म शादी ई थी और
उसक अभी-अभी पित से लड़ाई ई थी। मने उसक सम या का िव ेषण कया, उसे माफ़ माँगने का तरीक़ा
बताया और उसे उसके पित के पास भेज दया। जब म अपनी टेबल पर लौटी, तो े ड ने पूछा क इतनी देर कै से
लग गई। मने उ ह बताया क मने कस तरह एक नई सहेली बनाई थी, िजसे मदद क ज़ रत थी। हमारे साथ
वाली मिहला ने मेरी तरफ़ दहशत से देखते ए कहा, “ या टॉयलेट म अजनिबय से दो ती करना खतरनाक
नह है?”
दूसरी कृ ित के लोग इसे खतरनाक मान सकते ह, ले कन लोकि य आशावादी ि कह भी आसानी से
दो त बना लेते ह, टॉयलेट म भी।
रोमांचक दखता है
चूँ क लोकि य आशावादी लोग हमेशा धमाके से काम करते ह, इसिलए उनका जीवन उनके दो त के जीवन से
यादा रोमांचक नज़र आता है। उनके काम तो ब त यादा रोमांचक नह होते ह, ले कन वे अपनी आपबीती
थोड़ी बढ़ा-चढ़ाकर और रोमांचक बनाकर सुनाते ह।
एक बार हवाई जहाज़ म मेरे पास एक लोकि य आशावादी ि बैठा। वह फ़ौरन हॉलीवुड के अिभनेता
और अिभनेि य के बारे म बात करने लगा। ऐसा लग रहा था, जैसे वह उन सभी को ब त अ छे से जानता हो।
जोआन ॉफ़ोड के साथ कतना बुरा आ ? उसके पीछे एक मिहला थी! हमारे शहर म कतना तूफ़ान मचा
था! जब हमने सूज़न हेवड को खो दया, तो म समझ गया क हॉलीवुड कं गाल हो गया। आिख़री बार जब म
उसके साथ हवाई अ े पर था, तो वह ब त सुंदर दख रही थी। म दूरबीन से उसक तरफ़ देखता रहा और उसके
सुंदर लाल बाल से नज़र नह हटा पाया। वह कसी महारानी क तरह शान से चल रही थी! जब बे ी डेिवस
चली जाएगी, तो सब कु छ ख़ म हो जाएगा!”
जब वह साँस लेने के िलए का, तो मने उससे पूछा क या वह हॉलीवुड क फ़ म का ो ूसर है। उसने
जवाब दया, "ओह नह , काश ऐसा होता! म तो अमे रकन एयरलाइं स म डे क लक ,ँ इसिलए मुझे फ़ म
टास अ सर दखते रहते ह।”
लोकि य आशावादी ि ही डे क लक होने के बावजूद हॉलीवुड क महारािनय के बारे म ि गत
िवचार बता सकता है। लोकि य आशावादी ि जो भी काम करते ह, वह हमेशा रोमांचक दखता है और
बाक़ लोग उनसे ई या करते ह, जब क हक़ क़त यह हो सकती है क उनके अनुभव बाक़ लोग से कम रोमांचक
ह।
लोकि य आशावादी ि य म एक अचेतन यो यता होती है क वे कसी भी सामा य काम को बड़ी घटना
म बदल सकते ह। एक शाम को जब हमारा पूरा प रवार हमारी बेटी लॉरे न के िल वंग म म इक ा था, तो
मे रटा ने पॉपकॉन बनाने का फै सला कया। वह उछलकर खड़ी ई और कचन क तरफ़ चल दी। चार साल का
रडी भी उसके पीछे-पीछे चला गया। लगभग दस िमनट बाद रडी भागता आ िल वंग म म आया। उसक
गोल-गोल ऑख हेडलाइट क तरह चमक रही थ ।
‘चलकर पॉपकॉन को तो देिखए। वे पूरे कचन म उड़ रहे ह!”
हम भागकर कचन म गए। वहाँ हमने देखा क एयर पॉपर म से पॉपकॉन िव फोट करते ए रॉके ट क
तरह उड़ रहे थे। हम सभी कटोरे उठाकर उड़ते ए पॉपकान को पकड़ने क कोिशश करने लगे। दरअसल मे रटा
ने नए एयर पॉपर म ब त यादा म ा डाल दी थी और उसे चलाने के बाद रडी को देखरे ख का काम स पकर खुद
बाथ म चली गई थी। इस ग़लती से एक मज़ेदार पाट गेम शु हो गया, य क हम सभी को हवा म उड़ते ए
पॉपकॉन को पकड़ने क कोिशश म मज़ा आ रहा था। छोटा रडी तो आज भी यही मानता है क पॉपकॉन बनाने
का मे रटा आंटी का तरीका ही सबसे सही तरीका है!
कृ ितय को समझने से पहले म ऐसे लोग को पसंद नह करती थी, जो मुझसे अलग वभाव के होते थे। म
चाहती थी क लोग जीवन का आनंद ल और उनका वभाव मौज-म ती का हो। म ख़द को इतना अ छा समझती
थी क मुझे अपनी किमय का एहसास ही नह आ या मदद क ज़ रत महसूस नह ई। जब म खुद का
िव ेषण करने लगी, तब मुझे एहसास आ क हालाँ क म बाहर से अ छी दखती थी, ले कन मुझम काम को
पूरा करने क वृि नह थी। म अपने पित े ड क गहराई, संवेदनशीलता, सुिनयोिजत वृि और सूिचय को
मह व देने लगी। तब जाकर म यह समझी क मुझे े ड जैसे स े सहायक और पूण िनराशावादी कृ ित के उन
िम क कतनी ज़ रत थी, जो जीवन क सतह से नीचे देख सकते थे।
पूण िनराशावादी ि दरअसल बचपन से ही गहरी सोच म डू बा दखता है। वह शांत रहता है, कोई
फ़रमाइश नह करता है और अके ले रहना पसंद करता है। वह शु आत से ही समय क पाबंदी पसंद करता है और
सुिनयोिजत माता या िपता से उसक अ छी पटरी बैठती है। उसे शोर-शराबे और दुिवधा से क होता है। साथ
ही, उसे यह भी अ छा नह लगता है क उसे ख चकर अलग-अलग जगह ले जाकर उसक दनचया म वधान
डाला जाए।
जब हमने अपने बेटे े डी को गोद िलया, तो हम कृ ितय के बारे म कु छ नह जानते थे, इसिलए हम पता
नह था क वह पूण िनराशावादी है। हम बताया गया था क वह गंभीर वभाव का था और कभी मु कराता नह
था। हम यह भी बताया गया था क तीन महीने क उ से ही वह पास से ग़ज़रने वाले हर ि का िव ेषण
करता दखता था। उसके ये गुण बाद म भी नह बदले। कशोराव था म वह गंभीर और िव सनीय था। वह
अ सर मे रटा के मसख़रे पन से िचढ़ जाता था। वह िज़दगी को ब त मज़ेदार नह मानता था और उसके िलए
सुबह-सुबह मु कराना लगभग असंभव होता था। आज भी वह अंतमुखी तथा गंभीर है और बल बिहमुखी
प रवार म रहने के बाद भी उसका वभाव ज़रा भी नह बदला है।
पूण िनराशावादी लोग चंतक होते ह। ये लोग ल य के ित गंभीर होते ह, व था व मब ता के ित
िन ावान होते ह और स दय तथा बुि के शंसक होते ह। वे रोमांच क तलाश म नह भटकते ह, बि क अपने
जीवन के िलए सव े योजना का िव ेषण करते ह। अगर पूण िनराशावादी ि न रह, तो हमारे समाज म
किवता, कला, सािह य, दशन या संगीत ब त कम रह जाएगा। हम सं कृ ित, प र कार, अिभ िच और ितभा से
मह म रह जाएँगे। हमारे पास ब त कम इं जीिनयर, आिव कारक और वै ािनक ह गे। हमारे अकाउं टंग लेज़र
बेकार हो जाएँगे और हमारे आय- य के कॉलम क सं या समान नह होगी।
पूण िनराशावादी कृ ित के ि मानवता क आ मा, मि त क और दय ह। ओह, दुिनया को पूण
िनराशावादी ि य क कतनी यादा ज़ रत है!
गंभीर और उ े यपूण
पूण िनराशावादी ि गंभीर होते ह। वे दीघकालीन ल य बनाते ह और िसफ़ वही काम करना चाहते ह, जो
उ ह ल य तक ले जाते ह । दुभा य से, उनक शादी आम तौर पर ऐसे लोग से होती है, जो मौज-म ती भरे
जीवन को पसंद करते ह, इसिलए वे उन ह क -फु क बात से परे शान हो सकते ह, िजनसे उनका जीवनसाथी
रोमांिचत होता है।
जब हमारी बेटी लॉरे न क नई-नई शादी ई, तो वह और म मकान ख़रीदने के अिभयान पर िनकल पड़े ।
हम दरअसल मकान ख़रीदने क ज दी नह थी। मकान देखने का काम ही अपने आप म मज़ेदार था। हर मकान
म कु छ गंभीर किमयाँ थ और दोपहर ढलने तक म अपने पित े ड को उन भयंकर मकान के बारे म बताने के
िलए बेताब होने लगी। म उनके िबज़नेस ऑ फ़स म धड़धड़ाती ई घुसी और बैठ गई, ता क उस दन क रं गीन
कहािनयाँ सुनाकर उनका दल बहला सकूँ । जब म अपनी मनमोहक कहानी सुना रही थी, तो े ड ने मामले क
तह तक प च ँ ाने वाला एक भयानक सवाल पूछ िलया, िजससे मेरी बकवास क गई, ‘ या लॉरे न ने मकान
ख़रीदा?”
म इस बात का जवाब नह देना चाहती थी, य क इसके बाद म लंबी-चौड़ी कहानी नह सुना सकती थी।
“देखो...”
“ या मकान खरीदा?”
“नह ,ले कन...”
“नह , ‘कोई ले कन नह ।' मेरे पास ब त से काम ह। मुझे इतनी फ़ु रसत नह है क म उन सभी मकान के
लंबे वणन सुनूँ, जो तुमने नह खरीदे।”
म घर क तरफ़ लौटते समय यह सोचने लगी क पूण िनराशावादी ि एक घंटे क बकवास नह सुनना
चाहते ह, जब स ाई िसफ़ एक श द “नह ” म बताई जा सकती हो।
ितभा-बुि
अर तू ने कहा था, “सभी ितभाशाली ि िनराशावादी कृ ित के होते ह।” लेखक, कलाकार और संगीतकार
आम तौर पर पूण िनराशावादी होते ह, य क वे उस नैस गक ितभा के साथ पैदा होते ह, िजसे सही तरीक़े से
े रत करने और तराशने पर वे महान बन सकते ह। माइकलएंजेलो िन संदह
े पूण िनराशावादी थे, हालाँ क इस
व त वे हमारे टे ट देने के िलए इस दुिनया म नह ह।
मोज़ेस, डेिवड और पाइटा क िव िव यात ितमाएँ गढ़ने से पहले उ ह ने मानव शरीर का गहन अ ययन
कया। वे मुदाघर म गए और उ ह ने लाश को खुद चीरकर मांसपेिशय का अ ययन कया। चूँ क वे अपने
ज़माने के औसत मू तकार से यादा गहराई म गए थे, इसिलए उनक ितमाएँ आज तक सुरि त रखी जाती ह
और उनका स मान कया जाता है।
अगर मुझसे मू त तराशने को कहा जाता, तो म संगमरमर क िशला पर पूरे जोश से हार करती और हर
उस चीज़ को ज दी से छील देती, जो डेिवड जैसी नह दखती थी। क़ मत अ छी होती, तो मेरी कलाकृ ित पॉइं ट
मुगु, पो ट ऑ फ़स के सामने वाली ख़ाली जगह पर रखी जा सकती थी, ले कन पाइटा आज सट पीटस के
बैिसिलका को सुशोिभत कर रही है।
माइकलएंजेलो आ कटे ट भी थे। उ ह ने किवताएँ भी िलखी ह। बहरहाल, रोम के वे टकन म िसि टन
चैपल क छत पर बने िभि िच के िलए उ ह सबसे यादा याद कया जाता है। ये नौ दृ य बुक ऑफ़ जेनेिसस
से िलए गए ह और उ ह ज़मीन से स र फ़ु ट ऊपर बने मचान पर पीठ के बल लेटकर बनाने म चार साल (1508-
1512) लगे थे।
या आप क पना कर सकते ह क अगर माइकलएंजेलो लोकि य आशावादी होते, तो या होता ? उनके
पास कोई योजना नह होती। वे एक कोने से शु करके त वीर बनाने लगते और उस व त जो उनके दमाग़ म
आता, उसका िच बना देते। मचान पर चढ़ने के बाद उ ह यह पता चलता क वे लाल पट तो नीचे ही भूल आए
थे और उ ह उसे लाने के िलए नीचे उतरना पड़ता। कु छ दन तक अके ले मचान पर रहने के बाद इस पूरे ोजे ट
म उनक िच ख म हो गई होती। उ ह ने वह काम छोड़ दया होता और एडम अंजीर के प के िबना ही रह
जाता। ले कन माइकलएंजेलो पूण िनराशावादी थे, इसीिलए आज उनका नाम सावकािलक महानतम
ितभावान रचनाकार म शािमल है।
अगर आप पूण िनराशावादी ह, तो या आप अपनी आंत रक यो यता को िवकिसत करने क सव े
कोिशश कर रहे ह ?
गुणी और रचना मक
पूण िनराशावादी ि सबसे यादा गुणी और रचना मक होते ह। उनक अिभ िच कला मक, सांगीितक,
दाशिनक, का ा मक या सािहि यक हो सकती है। वे गुणी लोग क क़ करते ह, ितभावान लोग क सराहना
करते ह और कभी-कभार भावना म एकाध आँसू भी बहा देते ह। वे हर े के महान लोग दारा अिभभूत होते
ह और कृ ित के रह य पर आ य करते ह। वे िस फ़नी म डू ब जाते ह और अपने पीकस क आवाज़ म खो
जाते ह। वे िजतने यादा पूण िनराशावादी होते ह, उ ह टी रयो के उतने ही साज़ो-सामान क ज़ रत होती है।
कु छ समय पहले हमने एक सेिमनार कया, िजसम हमने लोग को उनक कृ ित के अनुसार समूह म बाँट
दया। े ड ने यह पता लगाने का फ़ै सला कया क पूण िनराशावादी ि य वाले समूह म कतने लोग क
संगीत म िच थी। उ ह ने ुप लीडर से कमरे म मौजूद संगीत क अिभ िच वाले लोग क िगनती करके हम
बताने को कहा। जब ुप लीडर लौटा, तो उसने हम यह बताया :
हमारी पहली सम या तो संगीत क अिभ िच क प रभािषत करने क थी। हमम से कु छ को लगा क
इसका मतलब यह है क संगीत बजाने क ितभा होनी चािहए, जब क बाक़ लोग का यह िवचार था क
इसके िलए िसफ़ संगीत को पसंद करना ही काफ़ है। हमने कु छ समय तक इस बारे म िवचार कया और
फर वो टंग करवाने का फ़ै सला कया : एक संगीत को पसंद करने के िलए और दूसरा संगीत बजाने क
ितभा के िलए। मने पूछा क उनम से कतने लोग संगीत को पसंद करते ह। इस पर अठारह लोग ने अपने
हाथ उठा दए। जब म सं या िलखने लगा, तभी एक युवक ने पूछा, "इसके िलए शा ीय संगीत पसंद होना
चािहए या फर वतमान संगीत को पसंद करने से ही काम चल जाएगा ?” इस पर भी एकराय नह बन
पाई, इसिलए हमने एक बार फर वो टंग क : जो शा ीय संगीत को पसंद करते थे और जो कसी भी तरह
के संगीत को पसंद करते थे।
फर हम दूसरे िह से पर प च
ँ े और मने पूछा क उनम से कतन म संगीत बजाने क ितभा है। पं ह
ने अपने हाथ उठाए, ले कन एक मिहला ने बीच म टोकते ए पूछा, “ या इसके िलए यह ज़ री है क आप
इस समय कोई वा यं बजाते ह ? या फर अगर पहले कभी वा यं बजाया हो, तो भी चल जाएगा ? म
हाई कू ल म ले रनेट बजाती थी।” इस मु े पर भी गहन चचा होने लगी और हम सही जवाब तय करने क
कोिशश करने लगे। जब हमने यह पता लगाने के िलए एक बार फर वो टंग करवाने का फ़ै सला कया क
कतने लोग पहले वा यं बजाते थे और कतने इस व त बजाते ह, तभी एक ि ने यह सवाल पूछ
िलया, “अगर कोई कल से िपयानो सीखने लगे, तो या होगा ?” तभी हमारा समय ख़ म हो गया और मने
हार मान ली|
अगर हमने यह काम लोकि य आशावादी ि य के समूह को दया होता, तो वे सवाल को ही भूल गए होते।
ती ोधी ि य का चेयरमैन पूछता, ‘आपम से कतने लोग म संगीत ितभा है?” और इसके बाद फ़ौरन
हाथ िगन िलए होते। शांत संतोषी ि य के समूह ने कहा होता, “इससे या फ़क पड़ता है?” िसफ़ पूण
िनराशावादी ि ही संगीत क प रभाषा तय करने म पं ह िमनट लगा सकते थे और पाँच िह स म रपोट
तुत कर सकते थे।
मब और सुिनयोिजत
लोकि य आशावादी ि जीवन म आनंद क तलाश करते ह, जब क पूण िनराशावादी ि जीवन म
मब ता क तलाश करते ह। लोकि य आशावादी ि गंदे कचन या ठसाठस भरी डे क पर काम कर सकते
ह, ले कन पूण िनराशावादी ि मब ता और सु वि थत चीज़ के िबना काम नह कर सकते।
एक लड़क ने मुझे बताया क वह जेबख़च कमाने के िलए कू ल के बाद एक मिहला के घर क सफ़ाई करने
म उसक मदद कर रही थी। उसने अपना काम पूरा कर िलया और सभी बोतल को अलमारी म जमा दया। जब
वह चलने के िलए मुड़ी, तो मिहला ने उसे बुलाकर बताया क उसने सामान सही तरह से नह जमाया था।
लड़क के मुँह से आह िनकल गई, जब उस मिहला ने उसे शे फ़ पेपर पर बने गोले दखाए, जो इस बात के संकेत
थे क हर िड बा या बोतल कहाँ रखी जाए - एजा स के िलए गोला, वंडे स के िलए अंडाकार आकृ ित, िडटज ट
के िलए आयत, लीच के िलए बड़ा गोला। उस मिहला ने हर चीज़ को सही जगह पर रखते ए कहा, ‘जब आप
सामान को सही म म रखते ह, तो आपका हाथ उस पर ब त ज दी प च ँ जाता है।”
पूण िनराशावादी ि सु वि थत अलमा रय को पसंद करते ह। े ड ने छोटी आ तीन क शट , िनट
श स और स े शटस के िलए अलग-अलग खंड बना रखे ह। उनका हर पट एक अलग हगर पर टँगा होता है और
उसम बे ट भी लगा रहता है, ता क एक पट उठाने के च र म दो पट न खंच जाएँ या ज दबाज़ी म सही बे ट न
खोजना पड़े। उनके जैकेट और पट गोलाकार म म टगे रहते ह। रात को वे उ ह उतारकर बाई तरफ़ रख देते ह
और अगले दन दाई तरफ़ से कपड़े िनकालते ह। इस तरह से शैली म िविवधता आती है और कपड़े म से पहने
जाते ह। उनके जूते अलमारी के नीचे वाले खंड म क़रीने से जमे रहते ह और वे उन सब पर महीने म एक बार
ब त अ छी तरह पॉिलश करते ह।
जब हमारी नई-नई शादी ई थी, तो म लोकि य आशावादी शैली म े ड के कपड़े रखती थी। मुझे लगता
था क जैस-े तैसे कपड़े अंदर रखने के बाद अगर दराज़ बंद हो जाए, तो कला फ़तह हो जाता है। एक दन े ड ने
कहा, ‘म इस बात क शंसा करता ँ क तुम मेरे कपड़े धोती हो, ले कन आगे से तुम उ ह अंदर रखने के बजाय
बाहर ही छोड़ दया करो। उ ह म अपने िहसाब से खुद अंदर रख लूँगा।” जब मने अपना अ सर पूछा जाने वाला
सवाल पूछा, ‘मुझसे या ग़लती हो रही है?” तो उ ह ने मुझे दखाया क म उनके मोज़ को मोड़कर दराज़ म
फक देती थी। फर उ ह ने हर मोज़े को बीच से सही तरह से तह करके बताया और उ ह इस तरह जमाया, ता क
सबका एड़ी वाला िह सा एक दशा म रहे। जब उ ह ने यह सु वि थत काय म पूरा कर िलया, तो उनके दराज़
का सामान िज़गसाँ पज़ल क तरह ब ढ़या तरीके से जम गया।
चालीस साल म म कभी पूण िनराशावादी ि य क सुघड़ता से कपड़े तह करने क कला नह सीख पाई
।ँ इसके बजाय म तो उस मज़ेदार अनुभव से ही रोमांिचत होती ,ँ जब अ त- त दराज़ म कसी चीज़ के
िमलने से ही दल खुश हो जाता है!
एक डॉ टर क पूण िनराशावादी प ी ने सामािजक मेल-िमलाप का रकॉड रखने के िलए डबल फ़ाइ लंग
िस टम तैयार कया था। एक फ़ाइल बॉ स म काय म के अनुसार काड रखे थे, जैसे समस 1975, ई टर
1980, और उन सभी लोग क सूिचयाँ थ , िज ह ने उसम भाग िलया था। साथ ही उस दन का मीनू भी था।
दूसरे बॉ स म अितिथय के नाम के काडस थे, जो वणमाला के म से जमे थे। हर काड म उस ि के आने क
तारीख़ िलखी थी, मीनू पर उसक ित या भी िलखी थी (अगर उसने इस बारे म कोई ट पणी क हो), और
एक कॉलम बना था, िजस पर िलखा था क या उस मेहमान ने ध यवाद का प भेजा था। पीछे यह रकॉड भी
था क या उस मेहमान ने उसे अपने घर पर बुलाया था। इस तरह उस मिहला के पास िपछले चौदह साल क
हर िडनर पाट का हर वणन था।
जो लोग इस कृ ित के नह ह, उनके िलए यह जानना मह वपूण है क पूण िनराशावादी ि य के िलए
सु व था और मब ता कतनी मह वपूण होती है। वैसे हम सभी अगर इस दशा म थोड़ा यान द, तो इससे
हम भी मदद िमल सकती है।
साफ़-सुथरा
पूण िनराशावादी ि य का पहनावा आम तौर पर अ छा होता है और उनके कपड़े बेदाग रहते ह। पु ष
कायकु शल दखते ह और मिहला का > िलया िबलकु ल सही होता है। वे अपने आस-पास के माहौल को साफ़-
सुथरा रखना पसंद करते ह, इसिलए कई बार तो वे दूसर क फक ई चीज़े भी उठा लेते ह। जब पं ह साल
पहले े ड और म यूरोप गए, तो हमारे समूह म दो लोकि य आशावादी मिहलाएँ थ , िजनक दलच पी बस
सं हालय और िगरजाघर के सामने खड़े होकर त वीर खंचवाने म थी। उनके सूटके स म पोलेरॉइड फ़ म भरी
ई थी और जब बाक़ लोग पाथनॉन के बारे म टू र गाइड का वणन सुन रहे थे, तो वे पो टको के खंभ के पास
खड़ी होकर त वीर खंचवा रही थ । जब वे पोलेरॉइड कै मरे से त वीर बाहर िनकालती थ , तो त वीर के साथ
िचपकने वाले काले काग़ज़ वह फक देती थ और फ़ोटो खंचवाने के नए थान क तलाश म चल देती थ । े ड
क साफ़-सफ़ाई क इं य को यह बात गवारा नह थी क अमे रक लोग िचपकने वाले काले कागज़ के टु कड़े पूरे
यूरोप म िबखेरते जाएँ, इसिलए वे दो स ाह तक उनके पीछे-पीछे चलते रहे और महल को साफ़ रखने म
योगदान देते रहे। एक बार उ ह ने उन मिहला को उनक मुखता दखाने क कोिशश क और उनम से एक को
उसका फै लाया कचरा थमाते ए धीरे से कहा।
“माफ़ क िजए, यह आपके हाथ से िगर गया था।”
उस मिहला ने जवाब दया, "ओह, कोई द त नह है। यह हमारे कसी काम का नह है।”
हमारे बेटे े डी ने भी बचपन से ही पूण िनराशावादी कृ ित का दशन कया है। वह अपने पालने क छड़
के बीच से हमारा िव ेषण करता था। छु टपन म वह अपने िखलौन से साफ़-सुथरे ढंग से खेलता था और झपक
लेने से पहले अपने सभी क जमाकर रखता था। जैसे ही वह अपना िब तर लगाने लायक़ बड़ा आ, उसने यह
सुिनि त कया क उसक चादर क सभी बड़ी लाइन सीधी ह , कनारे भी। वह हर दन अपने हर िखलौने को
एक ही जगह पर रखता था और अगर कोई उसका एक िखलौना भी हटाता था, तो उसे पता चल जाता था।
एक पूण िनराशावादी युवक ने मुझे बताया क उसे एक लोकि य आशावादी युवती के साथ डे टंग पर जाना
था। वह उसे लेने के िलए िनधा रत समय पर उसके ऑ फ़स प च ँ गया। वहाँ वह उसक डे क क हालत देखकर
त ध रह गया और इस बात पर भी क वह कसी काम के िलए चली गई थी और प प से यह भूल गई थी
क उसे डे टंग पर जाना है। जब वह बैठकर उसका इं तज़ार करने लगा, तो उसका यान पास वाली डे क क
तरफ़ गया, जो साफ़-सुथरी थी। डे क के कै लडर पर साफ़-सुथरी इबारत थी, पिसल क नोक वाले िसरे एक
दशा म थे और इन तथा आउट बा के ट ख़ाली थ । जब साफ़-सुथरी डे क वाली लड़क अंदर आई, तो वह उसके
साथ बातचीत करने लगा। उस लड़क का पहनावा आकषक था और वह जानती थी क वह या कर रही थी।
उस युवक ने कहा, ‘अचानक मुझे एहसास आ क म ग़लत लड़क के पीछे पड़ा आ था। वैसे भी वह तो
आई नह थी, इसिलए म दूसरी लड़क क लंच पर ले गया और तब से हम - मब तरीके से - लगातार डे टंग
कर रहे ह।”
पूणतावादी –उ मानदंड
जीवन म पूण िनराशावादी ि का सू वा य होता है, अगर कोई काम करने लायक़ है, तो वह अ छी तरह से
करने लायक़ है। इस बात से कोई फ़क़ नह पड़ता क वह उस काम को कतनी तेज़ी से कर सकता है, फ़क़ तो इस
बात से पड़ता है क वह उस काम को कतनी अ छी तरह से कर सकता है। गुणव ा हमेशा मा ा से यादा
मह वपूण होती है और जब कसी काम का िज़ मा पूण िनराशावादी ि के पास हो, तो जान ल क काम सही
तरह से और समय पर हो जाएगा।
संडी ने मुझे बताया क उसके पूण िनराशावादी पित फ़ल अपने घर पर पट करवाना चाहते थे, ले कन वे
जानते थे क यह काम िसफ़ वे ही अ छी तरह से कर सकते ह। वे हर प टए को सडपेपर से रगड़ने लगे। घर को
पट करने म पूरा एक साल लग गया, िजस दौरान घर ब त गंदा दखने लगा। साल के अंत तक उ ह ने इस पर
शानदार पट कर दया था। बहरहाल, इसके बाद उनका तबादला हो गया और उ ह घर बेचना पड़ा। उस मिहला
ने वीकार कया क उसके पित ने इतना ब ढ़या पट कया था क उसक बदौलत उ ह मकान क यादा क़ मत
िमली।
हमारे पूण िनराशावादी पेपरबॉय ने मुझे कु छ मुड़-े तुड़े डॉलर दखाते ए कहा क कसी को देने से पहले
वह हमेशा उन पर ेस करके उ ह सीधा कर देता है, य क उसे मुड़-े तुड़े नोट से िचढ़ है। िसफ़ पूण िनराशावादी
ि ही अपने पैस पर ेस कर सकते ह।
हालाँ क मुझे लगता है क म ब त ही सुघड़ गृिहणी ,ँ ले कन मेरे पूण िनराशावादी बेटे े डी को लगता है
क म उसके तर तक नह प च ँ ी ।ँ एक बार जब मे रटा और म कु छ दन क या ा पर बाहर गए, तो े डी ने
राहत क साँस ली। उसने अपने िपता क तरफ़ देखते ए कहा, “अब मिहलाएँ तो चली गई ह। अब म इस घर को
सही तरीके से जमा सकता ।ँ ” पहली शाम को उसने फ़श पर वै यूम कया, िल वंग म के फ़न चर पर पॉिलश
क और शे फ़ पर रखी चीज़ को पूण िनराशावादी ि य क तरह सीधी क़तार म रखा।
आजकल के युग म दोयमता आम हो चुक है, ले कन पूण िनराशावादी ि उ मानदंड क मशाल ह,
िजनका बाक़ लोग को अनुसरण करना चािहए।
िमत यी
पूण िनराशावादी ि य क फ़तरत होती है क उ ह बबादी अ छी नह लगती है और वे पैसे बचाना पसंद
करते ह। मेरे पित े ड अखबार से रबेट कू पन सफ़ाई से काटते ह और सही व त के िलए जमाकर रख लेते ह।
अगर म कभी यह काम क ं , तो म अख़बार को आड़ा-ितरछा फाड़ लगी और टोर म अजीब से मुड़-े तुड़े अख़बार
के प े लेकर प चँ जाऊँगी। े ड के जीवन का मह वपूण पल तब आता है, जब एक प ड कॉफ़ पर उ ह कू पन के
कारण एक डॉलर क छू ट िमलती है और सुपरमाकट म डबल कू पन डे होता है। एक बार तो एक कै न म भी डबल
कू पन िनकला और े ड इस बात से उ सािहत हो गए क उ ह एक तरह से काफ़ पीने के बदले सतीस सट दए
जा रहे ह। लोकि य आशावादी ि इन रबेट कू पन का कभी फ़ायदा नह उठाते ह, ले कन पूण िनराशावादी
ि यह सुिनि त कर लेते ह क उ ह वह हर चीज़ िमले, िजसके वे हक़दार ह।
े ड न िसफ़ रबेट कू पन क तलाश म रहते ह, बि क वे ड टिबन उलट-पुलटकर यह भी देखते ह क म कह
कोई काम का सामान तो नह फक रही ।ँ वे यह फै सला करते ह क मेरे धोने के बाद उस गंदे िड बे का उपयोग
हो सकता है। वे यह फ़ै सला करते ह क िजन के ल को मने फक दया है, वे काम आ सकते ह तथा पुरानी झाडू
अभी कु छ समय तक और चल सकती है। अगर म कसी चीज़ को उनसे िछपाकर फकना चा ,ँ तो मुझे उसे पड़ोसी
के ड टिबन म िछपाना पड़ता है।
मेरी दादी र सी सँभालकर रखती थ । उनके पास एक िड बा था, िजस पर िलखा था : इतनी छोटी
रि सयाँ, िजनका उपयोग नह हो सकता। मेरी पहचान क एक मिहला पूण िनराशावादी है। वह बचे ए खाने
को लाि टक के एक बड़े िड बे म बंद करके ज म रख देती है। वह ऊपर हर आइटम के नाम के सामने उसे
रखने क तारीख़ भी िलख देती है। वह ताज़े बचे खाने को पीछे रखती है और बाक़ िड ब को आगे िखसका देती
है। इस तरह वह बचे ए खाने को म से खाती है और कोई चीज़ कभी बबाद नह होती है।
पूण िनराशावादी ि हािशए पर खड़ा होता है और इतने उथल-पुथल भरे जीवन को देखकर
आलोचना मक िनणय देता है। “काश वह शांत रहना सीख ले।” ‘काश वह अपनी भावना पर क़ाबू रखना सीख
ले।”
लंबा पैटन
पूण िनराशावादी ि य को यह एहसास ही नह होता है क वे भी भावुक ह, फ़क िसफ़ इतना है क उनके उ
बंद ु यादा ऊँचे होते ह और िन बंद ु यादा नीचे होते ह तथा पूरा पैटन यादा लंबा चलता है। मान लीिजए
इस समय पूण िनराशावादी ि सामा य मूड म है। अब तक उसे कसी बात से द क़त नह ई है। जब वह
अपना लंच बैग उठाता है, तो उसे पता चलता है क उसक लोकि य आशावादी प ी उसके िलए सडिवच
बनाना भूल गई है। वह यह बात बताते समय उसे घूरकर देखता है। वह फ़ौरन भागकर सडिवच बनाने लगती है।
सलाद काटते समय वह अपनी ऊँगिलयाँ चाटती है और वह सोचता है, कतनी बुरी हरक़त है! ले कन ज़ािहर है,
वह उसक प ी क तरह भावुक नह है, इसिलए चुप रहता है। प ी सडिवच उठाती है और ॉअर खोलती है,
िजसम बैग रखे ह। ॉअर फँ स जाता है, इसिलए वह उसे खोलने के िलए ज़ोर लगाती है। इस कारण वह पीछे क
तरफ़ िगर जाती है और उसके साथ ही सडिवच भी िगर जाता है। पित उसे फ़श से सडिवच उठाकर दोबारा रखते
ए देखता है। ऐसा करते समय वह कहती है, “थोड़ी सी धूल से कसी को नुक़सान नह होता है।” इससे पूण
िनराशावादी ि का पेट दहलने लगता है और वह सोचने लगता है क काश उसके मन म मैकडोन स जाने
का िवचार आ जाता!
घर से िनकलते समय वह ऊपर से तो शांत दखता है, ले कन मन ही मन भुनभुनाता रहता है। अगले दन
प ी फर सडिवच बनाना भूल जाती है और पित उसे आवाज़ लगाता है, ले कन फर खुद ही सडिवच बनाने
लगता है। सलाद बासी है और ेड सूखी है, य क प ी ने उसे ठीक से लपेटकर नह रखा है। वह इस बात को
प ता से अपनी प ी को बताता है, जो रोने लगती है, य क वह ब त भावुक और अि थर है।
तीसरे दन वह खुद ही सडिवच बनाता है। िपछली रात को वह सारा सामान घर ले आया था। जब वह
अपनी प ी को फ़ोन पर बात करते और हँसते ए सुनता है, तो भुनभुनाता रहता है, य क इस समय उसे अपने
पित के बारे म सोचना चािहए था। वह िबना गुड बाई कए चल देता है और िनकलते समय धड़ाम से दरवाज़ा
बंद करता है। प ी को थोड़ा िवचिलत तो करना ही चािहए। उस रात को घर लौटने के बाद वह चुप-चुप रहता
है। प ी उससे पूछती है क या गड़बड़ है। ले कन वह कु छ नह कहता है और यह खेल चलता रहता है।
जब वह एक स ाह तक हताश रहता है, तो प ी उससे स ाई उगलवा लेती है। अब वह जान जाती है क
पित का मुँह इसिलए फू ला आ है, य क वह उसके िलए सडिवच बनाना भूल गई थी। वह िच लाती है, “तुमने
सडिवच जैसी छोटी चीज़ के कारण मुझसे एक स ाह से बात नह क ?”
पित क हताशा और बढ़ जाती है। वह सोचने लगता है क उसक प ी इतनी भावुक य है। जब कई
स ाह तक प ी िनयम से सडिवच बनाती है, तब कह जाकर वह दोबारा सामा य हो पाता है। या आपको पैटन
दख गया? वे दोन ही भावुक ह। लोकि य आशावादी ि य के मूड हर िमनट ऊपर-नीचे होते रहते ह, जब क
पूण िनराशावादी ि य के मूड हर महीने ऊपर-नीचे होते ह।
सश ोधी ि ऊजावान होता है, असंभव सपने देखता है और िसतार तक प च ँ ने का ल य बनाता है।
रॉबट ाउ नंग क तरह ही वह भी सोचता है, ‘इं सान क कोिशश उसक प च ँ से यादा होनी चािहए, वरना
वग कसिलए है?” सश ोधी ि हमेशा ल य बनाता है, उस तक प च ँ ने क मेहनत करता है और सफल
होता है। जब लोकि य आशावादी ि बात बनाता रहता है और पूण िनराशावादी ि सोचता रहता है,
तब सश ोधी ि ल य तक प च ँ ने के िलए मेहनत करता रहता है। इस वृि के लोग को समझना और
उनके साथ चलना सबसे आसान है, जब तक क आप उनके व णम िस ांत के अनु प चल : “इस काम को मरे
िहसाब से कर - अभी!”
सश ोधी और लोकि य आशावादी ि य म यह समानता होती है क दोन ही बिहमुखी और
आशावादी होते ह। सश ोधी ि लोग के सामने खुलकर बोल सकता है और उसे पता होता है क अगर
नेतृ व क बागडोर उसके हाथ म है, तो अंत म सब कु छ सही हो जाएगा। वह बाक़ कृ ित वाले लोग से यादा
काम करता है और वह आपको यह प प से बता देता है क उसक ि थित या है। चूँ क सश ोधी ि
ल य क त होता है और उसम नैस गक लीडरिशप गुण होते ह, इसिलए वह जो भी कै रयर चुनता है, उसम
तर करता है।
हमारे यादातर नेता मूलतः सश ोधी कृ ित के होते ह। अ सी के दशक क शु आत म हमने इसके दो
उ कृ उदाहरण देखे, एक पु ष और एक मिहला : से े टरी ऑफ़ टेट अलै ज़डर हेग और ि टेन क धानमं ी
मागरे ट थैचर। टाइम मै ज़ीन क कवर टोरी (16 माच 1981) म जॉज जे. चच ने “द िवकार टे स चाज ” शीषक
वाले लेख म यह िलखा था :
... िजतनी तेज़ी से 56 वष य अलै ज़डर हेग, जूिनयर ने नए से े टरी ऑफ़ टेट बनने के बाद िवदेश नीित
का िनयं ण िलया है, उतनी तेज़ी ब त कम लोग दखा पाते थे। अलै ज़डर हेग वाटरगेट के सबसे याह
दन म हाइट हाउस के चीफ़ ऑफ़ टाफ़ रह चुके ह। वे पूव नाटो कमांडर, सैिनक-अफ़सरशाह- कू टनीित
ह, िजनका आ मिव ास उनक फ़ौलादी इ छाशि िजतना ही बल है। मैसा यूसे स के िलबरल
डेमो े टक सीनेटर पॉल ट गास ने जनवरी म हेग के अनुमोदन वाली सुनवाई के अंत म कहा था, “वे अपनी
ितभा का इ तेमाल इस शासन पर आिधप य थािपत करने के िलए करगे।”
अगर ऐसा नह आ, तो इसका कारण उनक कोिशश क कमी नह है। दसंबर म रीगन ने जब अपने
नामांकन क घोषणा क थी, तभी हेग ने अपने आिधप य थािपत करने के संक प का संकेत दे दया था।
उ ह ने िवदेश नीित का अ ययन करने वाली संिधकालीन टीम के सद य को बखा त कर इसक लंबी
रपोट को कू ड़ेदान म डाल दया था। रीगन के शपथ लेने के कु छ ही घंट म हेग ने रा पित के सलाहकार
एडिवन मीज़ को एक मेमो भेज दया, िजसम उ ह ने िवदेश नीित संबंधी िनणय लेने वाली मशीनरी के
पुनगठन का ताव रखा। इस ताव को अगर मान िलया जाता, तो से े टरी ऑफ़ टेट सवशि मान बन
जाता। दो स ाह पहले रीगन ने हेग को उनके दारा माँगे गए यादातर अिधकार दे दए (सभी नह )। इसके
बाद हेग ने बाक़ के िबनेट सद य से यादा तेज़ी से अधीन थ क लगभग पूरी टीम चुन ली.. .
ज मजात लीडर
सश ोधी ि ब त कम उ म ही िनयं ण अपने हाथ म ले लेते ह। वे पैदाइशी लीडर होते ह। वे पालने म
लेटे-लेटे ही यह योजना बनाते रहते ह क वे कतनी ज दी माँ से स ा छीनकर अपने हाथ म ले सकते ह। उनके
साथ सवाल यह नह होता है क या के िनयं ण लगे, बि क यह होता है क कब लगे । वे अपने माता-िपता को
प बता देते ह क वे जीवन म या चाहते ह। वे ब त ज दी ही अपने अिधकार क माँग करने लगते ह और
अपने िनयं ण को मज़बूत बनाने के िलए तेज़ आवाज़ या रोने-झगड़ने का योग करते ह।
जब म ि व को नह समझने वाली माता के साथ बातचीत करती ,ँ तो वे अ सर मुझे अपने दृढ़
इ छाशि वाले ब के बारे म बताती ह, जो कहा गया काम नह करते ह, पूरे प रवार के िलए िनणय लेते ह
और बचपन म ही पूरे घर को िनयंि त करने लगते ह।
हमारी बेटी लॉरे न सश ोधी कृ ित क है। जब से उसने चलना सीखा है, तभी से वह प रप है और पूरे
घर को चलाने म स म है। जब मे रटा पैदा ई, तो चार साल क लॉरे न अपने आप दूसरी माँ बन गई। उस पर
भरोसा कया जा सकता था क वह बोतल क सही तरह से गरम करे गी और बेबी-िसटस को िशि त करे गी।
जब वह नसरी कू ल म थी, तो उसक टीचर ने मुझे बताया, “मुझे कभी लास म मौजूद न रहने क चंता नह
होती है, य क म जानती ँ क लॉरे न िबना कसी बाहरी मदद के पूरी लास को चला सकती है।” और वे सही
थ । लॉरे न पूरे कू ल क लीडर थी और उसने मनोिव ान तथा िबज़नेस म अपनी ातक िड ी ली।
हाल ही म म एक घर म गई, जहाँ आठ साल क जेनी महारानी क तरह कू मत करती थी। उसके चार बड़े
भाई-बहन थे, जो उसके कहने पर ही िहलते थे। उसक सश ोधी माँ पा रवा रक वसाय करती थ , ले कन
जब वे घर आती थ , तो वे भी जेनी के िनयं ण के आगे समपण कर देती थ । उनका कहना था, “उससे जूझने से
तो यह यादा आसान है।”
एक शाम छह बजे माँ ने घोषणा क , “हम िमसेज़ िलटार को िडनर के िलए टोक हाउस ले जा रहे ह।”
जेनी ने प ता से कहा, “म िप ज़ा खाना चाहती !ँ ”
उसी व त जेनी और म समझ गए क हम िप ज़ा खाने जाएँगे, ले कन माँ मेरे सामने शि शाली दखना
चाहती थ , इसिलए उ ह ने अपनी बात दोहराई और जेनी क बाँह दबाई, ‘हम टीक खाने जा रहे ह।”
जेनी ने अपना हाथ छु ड़ाते ए कहा, “मेरा हाथ मत दबाओ। मुझे िप ज़ा खाना है।” उसने अपनी माँ क
तरह कहर ढाती नज़र से देखा और यह प हो गया क अंितम िवजय कसक होगी।
जेनी फ़श पर लोटने और रोने लगी। भाई-बहन भागते ए आए और पूछने लगे, “जेनी य रो रही है?”
“ य क वह िप ज़ा खाने के िलए बाहर जाना चाहती है।”
“तो फर हम वह चलकर उसे खुश य नह करते ?”
“अ छा, ठीक है। हम िप ज़ा खाने ही चलते ह।”
यह सुनते ही जेनी ज दी से उठ खड़ी ई। उसने जीत के उ लास म मेरी तरफ़ देखकर आँख मारी और हम
सभी िप ज़ा खाने चले गए।
अगले दन मने उसक माँ से पूछा, “जेनी ने सबसे पहले प रवार को िनयंि त करना कब शु कया ?”
उसक माँ ने आह भरते ए कहा, “मेरा अंदाज़ा है, जब वह तीन महीने क थी। उसने ज दी ही यह समझ िलया
था क उसके चीख़ने-िच लाने पर हम सब दौड़ने-भागने लगते थे और तभी से वह हम सब पर कू मत कर रही
है।”
मेरी बेटी मे रटा लोकि य आशावादी के साथ ही काफ़ सश ोधी भी है। एक बार वह कनाडा से घर
लौट रही थी। इस हवाई या ा के दौरान उसे पोके न से सीटल और फर लॉस एंजेिलस प च ँ ना था। जब उसका
हवाई जहाज़ पोके न म उतरा, तो उसे पता चला क सीटल क हवाई उड़ान उपल ध नह थी (एयरलाइन ने
इसका कोई प ीकरण नह दया)। वह बताए गए गेट क तरफ़ चल दी और वहाँ उसे ब त से उ ेिजत याि य
का समूह तो िमला, ले कन एयरलाइन का कोई कमचारी नह िमला। वह अगले गेट तक गई और लक से
यथासंभव अिधकतम जानकारी ली। लौटकर वह ऊँचे टकट काउं टर पर बैठ गई और अपने सीिमत ान से हर
पूछने वाले के सवाल के जवाब देने लगी। ज दी ही लोग उसे लीडर मानकर ब त से सवाल पूछने लगे, िजनम
पु ष के टॉयलेट क दशा पूछना भी शािमल था।
जब यह प हो गया क उड़ान म कई घंटे क देर हो जाएगी और याि य म बगावत फै लने लगी, तो
मे रटा ह ज़ के काउं टर पर गई। वहाँ उसने पूछा क सीटल तक कार कराए पर ले जाने म कतने पैसे लगगे।
सारे त य क जानकारी लेकर वह ऊँचे टकट काउं टर पर वापस लौटी और याि य का यान आक षत कया।
सभी ने पूरी दलच पी से उसक वैकि पक योजना सुनी। उसने कहा क जो लोग ह ज़ क कार कराए पर लेकर
सीटल जाना चाहते ह, वे अपने हाथ उठा द। फर उसने छह-छह लोग के समूह बना दए और हर समूह म एक
ि को कार चलाने के िलए तथा दूसरे ि को पैसे इक े करने के िलए िनयु कया। जब वह उन सभी को
खुशी-खुशी ह ज़ के ऑ फ़स क तरफ़ ले जाने लगी, तो एक औरत बोली,”एयरलाइन वाल ने हमारी देखभाल के
िलए कतनी यारी लड़क को िनयु कया है!”
संकट के समय सश ोधी ि िनयं ण अपने हाथ म ले लेते ह।
प रवतन क आव यकता
सश ोधी ि सुधारवादी होते ह और जहाँ भी वे कोई गड़बड़ी देखते ह, उसे सुधारने के िलए बेचैन हो जाते
ह। ऐसे ि सही ल य और अिभयान म मदद करने के िलए त काल उठ खड़े होते ह। वे कभी उदासीन नह
होते ह, बि क परवाह करने वाले और आ मिव ासी होते ह।
सश ोधी ि दूसर के घर म त वीर को सीधा करते ह और रे तराँ म चाँदी के बतन क
चमकाते ह। एक दन जब म एक लोकि य आशावादी सहेली के घर पर थी और बतन साफ़ करने म उसक मदद
कर रही थी, तो मने देखा क उसके बतन क दराज़ खाने के टु कड़ से भरी थी और बतन भी बेतरतीब जमे थे। म
या कर रही थी, यह सोचे िबना मने सारे बतन बाहर िनकाल दए, बीच म लगी े साफ़ क और बतन को
उनके सही खाँच म जमा दया। जब उसने सभी काँट को एक खंड म और सभी च मच को दूसरे खंड म रखे
देखा, तो पलक झपकाते ए कहा, “अब म समझी क इस े म ये छोटे-छोटे खंड कसिलए बने ह। अब तक म यह
बात समझ ही नह पाई थी।”
फ़ िन स म एक पसनैिलटी लस सेिमनार म मेरी सश ोधी सहेली मे रिलन और म बातचीत कर रहे थे।
तभी उसक बहन मैरी यू हमारे बीच आ गई। हमम से कसी ने भी कोई ित या नह क , ले कन मने देखा क
मैरी यू का कॉलर नीचे दबा आ है और मेरा हाथ अपने आप उसे ठीक करने के िलए वहाँ प च ँ गया। जब मेरा
हाथ उसके कं धे पर था, तो मने देखा क मे रिलन का हाथ उसके दूसरे कं धे पर था और उसके जैकेट पर लगी धूल
साफ़ कर रहा था। िबना यह जाने क हम या कर रहे थे, हम दोन सश ोधी मिहलाएँ छोटी-छोटी ग़लितयाँ
सुधार रही थ ।
ल य-क त
सश ोधी ि लोग को ख़श करने के बजाय ल य हािसल करने म हमेशा यादा दलच पी लेते ह। यह
बात सकारा मक भी है और नकारा मक भी, य क अ सर िशखर पर प च ँ ने के बाद वे अके ले पड़ जाते ह। म
जूिनयर िवमे स लब क एक ेिसडट क जानती ।ँ उ ह ने अपने कायकाल म अपनी शाखा के िलए
अिव सनीय ऊँचे ल य िनधा रत कए। उ ह ने अपने समूह को े रत कया और सब पर कड़ी िनगरानी करके
यह सुिनि त कया क वे सही तरह से काम कर। उनका कायकाल समा होने तक उनके लब ने बाक़ लब से
यादा िडि ट अवाड जीते, ले कन उ ह ने यह वीकार कया, “पूरे समूह म अब मेरी एक भी सहेली नह बची
है।”
जब म सैन बना डनो के िवमे स लब क ेिसडट थी, तो मने एक सश ोधी मिहला से कमेटी क
चेयरवुमैन बनने का आ ह कया। इस पर उसने जवाब दया, “मुझे चेयरवुमैन बनने म खुशी होगी, बशत मेरे
साथ कमेटी न हो। वे मिहलाएँ मेरे रा ते म अड़ंगा लगाती ह।”
सश ोधी ि हमेशा काम को यादा अ छी तरह से कर सकते ह, बशत दूसरे लोग उनके रा ते से हट
जाएँ। न चाहते ए भी वे अ सर अके ले रह जाते ह, य क कोई उनके िजतना तेज़ नह चल पाता और वे दूसर
को यह बता देते ह क वे गित म बाधक ह।
िमनट म उ ह ने अपने काम कर दए और हमने एक साथ बैठकर बेहतरीन िडनर का आनंद िलया। दस और
बारह साल के ब त कम ब े इतनी कु शलता से काम कर पाते ह, ले कन ऐसा इसिलए संभव आ य क एक
सु वि थत और कायकु शल माँ ने उ ह िशि त कया था।
जब मने चार तरफ़ देखा, तो मुझे नज़र आया क कॉनी ने काम क जगह पर ब को याद दलाने वाली
बात िलख रखी थ । टीवी के ऊपर एक ंटेड साइनबोड रखा था, “हर दन काम पूरा करने के बाद एक घंटे
टीवी। शिनवार और रिववार को टीवी िवशेष अनुमित से।”
िपयानो पर तीन बाइ पाँच का एक काड रखा था, िजस पर िलखा था, ज़ोर-ज़ोर से पढ़कर बजाओ।
बाथ म म शीशे पर टेप लगा आ था, “ संक और शीशे को साफ़ रखो।” और कचन म यह िलखा आ था,
अगर बतन संक म नह रखे, तो 25 सट।
बाक़ कृ ितय क माताएँ इस तरह क सु व था को ब त मेहनत वाला काम मानगी, ले कन म अनुभव
से जानती ँ क इससे घर ख़शनुमा और कायकु शल बनता है। जब मेरे ब े छोटे थे, तभी से मने उ ह िशि त
कया है क वे घर के काम म मदद कर। मने उनके िलए एक वक चाट तैयार कया है, ता क वे अपने काम पूरे
करने के बाद उस पर िनशान लगा सक। मेरा मानना है क जब माँ खड़ी होती है, तो हम सभी खड़े होते ह। जब
माँ काम करती है, तो हम सभी काम करते ह।
चूँ क मने उ ह अ छी तरह से वि थत और िशि त कया है, इसिलए वे बड़े होकर अनुशािसत काम
करने वाले बन गए ह, हालाँ क उन सभी क कृ ितयाँ िभ ह। कसी भी वसाय या घरे लू ि थित म ल य
हािसल करने के िलए सु व था आव यक है। जो ि यह नह जानता क वह कहाँ जा रहा है, वह वहाँ प च
ँ
भी नह पाता है। सश ोधी ि त काल, ावहा रक सुिनयोजन म मािहर होते ह।
काम स पता है
सश ोधी ि का सबसे बड़ा गुण यह होता है क उसम सफलता हािसल करने क यो यता बाक़ लोग से
यादा होती है। इस काम म सुिनयोजन का गुण उसक मदद करता है। जब भी वह कसी काम को देखता है, तो
उसे फ़ौरन समझ म आ जाता है क इसे कै से कया जाना चािहए और वह ोजे ट को मन ही मन टु कड़ म बाँट
देता है। वह जानता है क उसके समूह म कौन या कर सकता है और वह पूरे समूह म त काल काम बाँट देता है।
वह आस-पास खड़े िनठ ले लोग को भी िज़ मेदा रयाँ स प सकता है ( य क उसे लगता है क लोग हाथ पर
हाथ धरकर बैठने के बजाय काम करना यादा पसंद करते ह)।
मुझम और े ड दोन म ही सश ोधी कृ ित है। इसिलए जब ब े बड़े हो रहे थे, तो हमने वक चाट
बनाए। इन चाट पर हमने हर ब े क दैिनक िज़ मेदारी िलख दी। कू ल से घर लौटने के बाद ब े चाट देखते थे
क उ ह खेलने जाने से पहले कौन से काम करने ह। अगर कोई ब ा मेहमान के प म हमारे घर तीन दन से
यादा कता था, तो म उसका नाम भी चाट म िलखकर काम स प देती थी। मने एक दन सुना क एक ब ा मेरे
बेटे े डी से कह रहा था, “लगता है तु हारी माँ मुझे पसंद करती ह। तभी तो उ ह ने मेरा नाम वक चाट म िलखा
है।”
मुझे लगता है क ब त सारी माताएँ उस संभािवत म शि को नज़रअंदाज़ कर देती ह, जो उनके पास घर
म ही मौजूद है। और इसका कारण यह है क उ ह िज़ मेदा रयाँ स पने का आसान िस टम बनाना बड़ी मेहनत
का काम लगता है।
कु छ सश ोधी ि स त िनयं ण रखने के बारे म इतने चंितत होते ह क वे दूसर को िसफ़ घ टया
काम ही स पते ह और बड़े काम खुद के िलए बचाकर रख लेते ह। इस तरह के िनयं ण क अित उ ह बड़ी
सफलता पाने से रोकती है, य क अगर वे लोग के साथ काम करना और यादा समझदारी से दूसर को काम
स पना सीख लेते, तो वे यादा सफल हो सकते थे।
उसे दो त क ब त कम ज़ रत होती है
लोकि य आशावादी ि को ोता के िलए दो त क ज़ रत होती है और पूण िनराशावादी ि को
समथन के िलए िम क ज़ रत होती है, ले कन सश ोधी ि क कसी क ज़ रत नह होती। उसके
पास अपने ोजे ट होते ह और वह सामािजकता क समय क बबादी मानता है, य क उस दौरान वह कोई
साथक काम नह कर रहा होता है। सश ोधी ि सामूिहक प से तभी काम करगे, जब उनका कोई ल य
हो। वे आपके चंदा अिभयान को वि थत करने के िलए उछलकर शािमल हो जाएँगे, ले कन फालतू बकवास म
समय बबाद करना उ ह पसंद नह होता है।
“म अब उस उ म प च
ँ चुक ,ँ जहाँ म अँधेरे कोन म सबसे अ छी दखती ।ँ ”
“अब आप देख नह सकते ह, इसिलए आपको मेरी बात सुननी ही पड़ेगी।”
जब म भाषण क अपनी नई तावना क योजना बना रही थी, तभी िबजली आ गई और सांता रोज़ा ने अँधेरे
के वरदान पर मेरी तावना कभी नह सुनी।
एक बार जब म इं िडयानापोिलस के ाइनर ऑिडटो रयम म भाषण दे रही थी, तो अचानक बैगपाइप बड
बजने लगा। बड टेज के ठीक पीछे “द कपबे स आर क मंग” बजा रहा था। शोर म मेरी आवाज़ पूरी तरह से डू ब
गई और जब चेयरमैन बड को बंद कराने के िलए भागे, तो मने अपने भाषण म एक नया मोड़ उ प कर िलया।
ज दी ही बड का शोर टायर म से हवा िनकलने क तरह धीरे -धीरे शांत हो गया और चेयरमैन ने घोषणा क क
ाइनर का मा चग बड शिनवार क परे ड के िलए ैि टस कर रहा था और उन लोग को पता नह था क हम
उनसे िसफ़ एक दीवार दूर ह। त काल मने िज़ कया क यह कतना उिचत है क मेरे बोलते समय एक कॉ टश
बड बजने लगा था, य क मेरी माँ के टी मैकडू गल कभी बैगपाइप बजाया करती थ और माच कया करती थ ।
मने अपनी जीवनी को अपनी कॉ टश जड़ पर ख़ म कया।
ओह, सश ोधी ि आपातकालीन ि थितय को ब त पसंद करते ह, इसिलए वे अ यािशत ि थितय
से िनबट सकते ह और नई दशा म जा सकते ह, ख़ास तौर पर जब बैगपाइप बड अचानक बजने लगे।
लोग को समझने का पहला क़दम उनके ि व या कृ ितय को समझना है। अगर हम दूसर के अंद नी अंतर
नह देख पाएँ और उनके वतमान व प को वीकार नह कर पाएँ, तो हम यह सोचने लगगे क जो भी हमारी
तरह नह है, वह मानिसक प से थोड़ा-ब त असंतुिलत है।
कृ ितय को समझने के बाद हम यह पता चल जाता है क िवरोधी कृ ित वाले लोग हम य आक षत
करते ह। हम यह भी पता चलता है क एक प रवार म िभ -िभ कृ ितय के लोग के कारण ब त सारी
गितिविधयाँ और िचयाँ होती ह। ई र ने हम सभी को लोकि य आशावादी नह बनाया है। उस ि थित म हम
मज़ा तो ब त आता, ले कन हम कभी वि थत नह हो पाते। ई र ने हम सभी को सश ोधी लीडर भी नह
बनाया है। अगर ऐसा होता, तो हमारा अनुसरण कौन करता ?
ई र यह नह चाहता था क हम सभी पूण िनराशावादी बन, य क ि थितयाँ गड़बड़ होने पर हम सभी
हताश हो जाते।
ई र ने शांत संतोषी ि य को इसिलए बनाया है, ता क वे बाक़ तीन कृ ितय के लोग क भावना
के ितरोधक (buffer) का काम कर सक और थािय व तथा संतुलन दान कर सक।
शांत संतोषी ि लोकि य आशावादी ि य क हवाई योजना को वा तिवकता के धरातल तक
नीचे ले आता है। वह सश ोधी ि य के आकषक िनणय से भी ब त यादा भािवत नह होता है। वह
पूण िनराशावादी ि य क ज टल योजना को ब त यादा गंभीरता से नह लेता है।
शांत संतोषी ि हम सभी के बीच संतुलन बनाकर चलता है और हम सबको बताता है, "यह दरअसल
इतना मह वपूण नह है।” और लंबे समय म यह सचमुच मह वपूण नह होता है! हम सभी एक ज टल योजना के
िह से ह, िजसम सही तरह से काम करने वाली हर कृ ित सही जगह पर फ़ट हो जाती है और साथ िमलकर एक
रोमांचक तथा संतुिलत त वीर बनाती है।
हर ि थित से तालमेल
सभी कृ ितय के ि य म शांत संतोषी ि के साथ तालमेल बैठाना सबसे आसान होता है। शांत संतोषी
ब े बचपन से ही अपने माता-िपता के िलए वरदान होते ह। उनके आस-पास रहना अ छा लगता है। उ ह कह
भी ले जाया जाए, वे खुश रहते ह और वे अ त- त दनचया को भी सहन कर लेते ह। वे दो त को पसंद करते
ह, ले कन अके ले म भी चहकते रहते ह। उ ह कोई भी चीज़ परे शान नह करती और पास से गुज़रने वाले लोग
को देखना उ ह अ छा लगता है।
मेरे दामाद रडी के िपता ने मुझे रडी' के शांत संतोषी बचपन के बारे म बताया। वह िमलनसार था और
कसी भी ि थित के अनुसार ढल जाता था। वह हमेशा कताब म डू बा रहता था और उसक िस े इक े करने क
खूबी उसक पढ़ने क आदत का ही प रणाम थी। जब उसके माता-िपता स ाह म कई दन शाम को ि ज खेलते
थे, तो रडी पढ़ता रहता था। माता-िपता जहाँ भी जाते थे, अपने इकलौते बेटे और कु छ पु तक साथ ले जाते थे। वे
रडी को जहाँ भी रखते थे, वह वह खुशी-खुशी डेरा जमा लेता था और िबना ह ला मचाए पढ़ने लगता था।
उसके खुशनुमा वहार और ानिपपासा के कारण वह सोने के िस का िवशेष बन गया और काउं टी
यूिम मे टक एसोिसएशन का ेिसडट भी है। वह हर जगह तालमेल बैठा लेता है। ि थित के अनुसार वह ब त
वा पटु ता से बात कर सकता है या चुप रह सकता है। मेरी माँ कहती थ , ‘रडी तो संत है।”
शांत संतोषी ि संतुिलत ि होने के सबसे क़रीब होता है : वह जीवन क अित या अितरे क म काम
नह करता है, बि क ठोस म य माग पर चलता है और दोन तरफ़ के संघष तथा िनणय से बचता है। शांत
संतोषी ि कभी चोट नह प च ँ ाता है, कभी खुद को आकषण का क नह बनाता है और ेय पाने क
परवाह कए िबना चुपचाप अपेि त काम कर देता है। सश ोधी कृ ित का ि ‘पैदाइशी लीडर” होता है,
जब क शांत संतोषी ि ‘ विन मत लीडर” होता है। वह सही ेरणा िमलने पर िशखर तक प च ँ सकता है,
य क उसम सबके साथ तालमेल बैठाने क अ भुत मता होती है। सश ोधी ि हर काम को अपने
तरीके से करवाना चाहता है, जब क शांत संतोषी ि कभी खुद आगे नह बढ़ता है और तब तक पीछे रहता है,
जब तक कहा न जाए।
एक दन म शॉ पंग सटर के फ़ोन बूथ म गई। वहाँ एक युवा मिहला मेरी आवाज़ पहचान गई, य क उसने
पसनैिलटी लस टे स म मेरी आवाज़ सुनी थी। बातचीत के दौरान लोकि य आशावादी बडटा ने मुझे बताया क
वह अपने शांत संतोषी पित को फ़ोन करने आई थी। वह अपने पित से यह कहना चाहती थी क वह घर जाकर
ायर बंद कर दे, ता क वह समय पर टेिनस खेलने प च
ँ सके । मुझे यक़ न था क े ड इस ि थित म यह काम
नह करते, ले कन बडटा ने मुझे आ त कया क उसके पित सारे काम छोड़कर उस ायर को बंद करने जाएँगे,
िजसका टाइमर टू टा आ था, ता क कपड़े जल न जाएँ। जब वह टेिनस क स े म उछल रही थी, तो मने पूछा क
या वह आदश शांत संतोषी पित क शंसा म कु छ िलखना चाहेगी। उसने यह िलखकर भेजा है।
ि य लोरस,
सोमवार 14 दसंबर को साउथ को ट लाज़ा के एक टेलीफ़ोन बूथ म टेिनस क स े
पहनी एक मिहला ने आपक आवाज़ पहचान ली थी और कहा था, हेलो, यह म !ँ बातचीत
म आपने मुझसे शांत संतोषी ि य के बारे म सकारा मक बात पूछी थ । मने आपसे कहा
था क म आपको कु छ ऐसी बात ज़ र िलखकर भेजूँगी, य क बीस साल से म एक शांत
संतोषी ि क प ी ँ और मुझे इस बात क ब त खुशी है।
म लोकि य आशावादी/सश ोधी ।ँ म यह मानती ँ क लोकि य आशावादी
ि य के साथ रहना आनंददायक होता है और सश ोधी ि ही मह वपूण होते ह।
सामा य लोकि य आशावादी/सश ोधी ि क तरह म हमेशा सोचती ँ क मेरा
तरीक़ा ही सही तरीक़ा है।
जब मने शांत संतोषी ि य के बारे म सकारा मक बात सोचने क कोिशश क , तो
ई र ने दरअसल मुझे िवन बना दया। मेरे जीवन क शि और मेरे िववाह के थािय व
का ेय मेरे शांत संतोषी पित को जाता है।
हमेशा शांत, देर से ोिधत ( ोवब 14:29), तनाव म िनयं ण, कभी आवेगपूण नह ,
ता कक, िव सनीय, भरोसे के क़ािबल, वफ़ादार और धैयवान (इ ले. 7:8)। वे दूसर के
िलए ल य िनधा रत नह करते ह। वे अपनी पि य या ब को आ म-सुधार के पा म
म नह ले जाते ह, य क वे लोग को उसी प म वीकार कर लेते ह, जैसे वे होते ह।
शांत संतोषी ि उ कृ माता-िपता होते ह, हालाँ क वे ब को अनुशािसत रखने
के मामले म कमज़ोर होते ह। उनके आरामदेह नज़ रए के कारण ब े भी संतोषी होते ह।
मेरा दस साल का बेटा बेसबॉल का दीवाना है और िल टल लीग म खेलता है। चाहे उसक
टीम हारे या जीते, उसके िपता को दरअसल इस बात क परवाह ही नह होती है। वे तो बस
उसके िलए तािलयाँ बजाते रहते ह।
वे ब त अ छे बॉस सािबत होते ह। लोग उनके िलए काम करना पसंद करते ह। चूँ क वे
दबाव डालने या आलोचना करने जैसे काम नह करते ह, इसिलए उनक से े टरी उनका
थोड़ा यादा काम कर देती है। जब प रवेश और उ पादकता म सुधार होता है, तो उनका
आ म-स मान बढ़ जाता है।
वे आदश म य थ सािबत होते ह। शांत, भावहीन तक के कारण वे कु छ ह के से श द से
ही तनावपूण ि थित को सामा य बना देते ह।
शांत संतोषी मिहलाएँ वाभािवक प से शांत होती ह और लोकि य आशावादी
ि उनक दूर से शंसा करते ह। उनम अिभजा य मिहला का ऐसा नज़ रया होता है, जो
उ ह दूसरी मिहला से अलग करता है। उनका िवन और शांत भाव (1 पीटर 3:4) इतना
सुखद होता है क उनके आस-पास रहने को मन करता है।
मेरे शांत संतोषी पित का हा यबोध थोड़ा शु क है, जो जीवन को यादा गंभीरता से न
लेने का प रणाम है। जब म आपसे िमली, तो म सांटा एना के उनके ऑ फ़स म फ़ोन करके
उ ह बता रही थी क म ायर चालू छोड़ आई थी और अगर वे अपने बेवल िह स वाले
ऑ फ़स जा रहे ह , तो घर जाकर उसे बंद कर द। उनका जवाब था क म इस बारे म चंता
न क ं । अगर घर जल भी जाएगा, तो हम नया घर खरीद लगे। फर उ ह ने फ़ोन रखते
समय ज दी से एक और वा य जोड़ दया - य क वे ब त अ छी तरह जानते थे क म
बीमे का िबल नह चुकाती ँ या यह तक नह जानती ँ क हमारा कोई बीमा भी है या
नह "मुझे यक़ न है क तुमने उस आग वाले बीमे क क़ त चुका दी होगी, िजसक सूचना
िपछले स ाह आई थी!” उनके अ यािशत हा यबोध के कारण मेरी गंभीरता ख म हो गई।
शांत संतोषी ि य म सचमुच ब त से अ छे गुण होते ह और म सोचती ँ क हम
उनके आस-पास रहना चािहए।
आपक
बडेटा होने को
िनयंि त ि व
शांत संतोषी ि इतने ख़शनुमा और बुरा न मानने वाले होते ह क उ ह अपने आस-पास रखना ही चािहए।
अगर घर म ऐसे ब े न ह , तो हर प रवार को ऐसे ब े बाहर से ले आना चािहए। जब डा मेरे ब के साथ एक
स ाह के िलए कने आई, तो हम सभी उसके दीवाने हो गए। हमारे सश ोधी पा रवा रक दबाव क बीच
डा क िनयंि त ि व क बदौलत हम सभी का नज़ रया सही होने लगा। जो भी िवचार सामने आता था,
वह उससे सहमत हो जाती थी। यह एक ऐसा गुण था, जो सश ोधी ि य को ब त पसंद आता है, य क
वे हमेशा योजनाएँ बनाते रहते ह। उसे जहाँ रखा जाता था, वह वह फ़ट हो जाती थी। कोई भी यह नह चाहता
था क वह अपने घर जाए और वह हमारे प रवार का िह सा बन गई। छह साल बाद उसने शांत संतोषी कृ ित
के शु क हा यबोध वाली शैली म कहा, ‘म वहाँ से इसिलए नह गई, य क पै कं ग करने म ब त यादा मेहनत
लगती।”
युवा टम अपनी हाई कू ल लास का ेिसडट बन गया। वह एक िवरोध रै ली का नेतृ व करते ए राजधानी
तक गया। उसक लोकि य आशावादी माँ उसके असामा य आ ामक वहार से रोमांिचत हो गई और उसने
अपनी सहेिलय को छह बजे क यूज़ देखने के िलए इक ा कया, जब टम क रै ली को दखाया जाने वाला था।
जब िवरोध रै ली के सद य दखे, तो टम कह नज़र नह आ रहा था। जब कै मरा दशक पर पड़ा, तब जाकर टम
दखा। वह भीड़ म शािमल था और उसका िसर उसके हाथ म िछपा आ था। उसक माँ को इस हरकत पर बड़ा
गु सा आया। जब टम घर प च ँ ा, तो माँ ने उससे पूछा क वह रै ली का नेतृ व करते ए सबसे आगे य नह
चला। टम का जवाब था, ‘म मूख नह दखना चाहता था।”
भले ही शांत संतोषी ि लीडर बन जाए, ले कन वह सावजिनक चार से पहले उस ि थित से बाहर
िनकल आता है। उसम ेय पाने क लालसा नह होती है और वह िनि त प से मूख नह दखना चाहता है।
मने एक युवक से उसक शांत संतोषी ेिमका के बारे म पूछा, “तु ह उसके बारे म सबसे अ छी बात या
लगती है?”
उसने एक िमनट तक सोचा और कहा, ‘मुझे लगता है क वह पूरी क पूरी अ छी लगती है, य क यादा
कु छ बाहर नह दखता है।” यह सामा य वा य शांत संतोषी ि य का सार बता देता है। उनम दरअसल ऐसा
कु छ नह होता, जो बाहर से नज़र आ जाए। बहरहाल, वे आरामदेह होते ह और उनके आस-पास रहना सुखद
लगता है। वे कभी घमंड नह करते ह और हमेशा िवन ता से पीछे रहते ह। एक शांत संतोषी ि ने कहा था,
“मुझे लगता है क म एक औसत आदमी ।ँ ” इसी कृ ित के एक अ य ि ने अिव ास से आह भरते ए कहा,
“मुझे तो इस बात क हैरानी है क लोग मुझे पसंद करते ह।” शांत संतोषी ि य क िवन ता और स नता
ब त सुखद लगती है। अगर हम संत बनने क दशा म क़दम उठाना हो, तो हम इस कृ ित के सकारा मक गुण
सीखकर आगे बढ़ सकते ह।
आरामपसंद
शांत संतोषी ि जीवन को आराम से लेता है। वह यादा आगे तक नह सोचना चाहता है। युवा े ड का एक
िम है। मने उससे पूछा क या वह हमारे घर िडनर के िलए के गा। उसने जवाब दया, ‘मुझे सोचना पड़ेगा।
जब समय आएगा, तब देखूंगा।” मने उसके िलए कु स लगा दी और वह क गया।
िडनर के बाद मने उसके िलए टीवी चला दया और पूछा, “ या तुम कोई खास काय म देखना चाहते हो?”
उसने कहा, “जो भी आ रहा हो।”
बाद म एक िव ापन के दौरान वह बुदबुदाया, “म डॉजर वाला मैच देखना चाहता था।”
मने पूछा, “तो फर तुमने कहा य नह ?”
“मुझे डर था क वह आपको पसंद नह आएगा।” शांत संतोषी ि कभी सम या उ प नह करना
चाहता। वह प रवतन क माँग करने के बजाय यथाि थित को शांित से वीकार कर लेता है।
युवा े ड का एक और शांत संतोषी िम है, जो इतना आरामपसंद है क उसे िहल म भी द क़त होती है।
एक दन वह सोफे पर लेटा आ था।
मने उसक फटी ई जी स, उधड़ी ई टी-शट और िबखरे लंबे बाल को देखकर ट पणी क , “माइक, ऐसा
नह लगता है क तुमने आज अपने िलए को ठीक-ठाक करने म यादा समय लगाया है।”
दूसरे सोफ़े पर बैठे मेरे बेटे ने कहा, “माइक अ छा दखने म यादा यक़ न नह करता है।” शांत संतोषी
कृ ित के ि के िलए कतनी सटीक बात है।
हम बताया गया है क पूव रा पित जेरा ड आर. फ़ोड क मृित म एक यूिज़यम बनाया
जा रहा है, ले कन िमिशगन के नाग रक नेता इसके िलए चंदा करने म िझझक रहे ह। उनके
िजले के रपि लकन चेयरमैन के अनुसार इसका एक कारण यह है क फ़ोड “स य नह ,
बि क िनि य रा पित थे। िबगड़ी ि थितय के दौर म यह ब त ही मह वपूण बात थी।
ले कन आप कसी ऐसी चीज़ के िलए कोई मारक कै से बना सकते ह जो ई ही नह ?”
चेयरमैन क बात ग़ौर करने क़ािबल है। उन साल म िवराट घरे लू योजना म काफ़
कमी ई, िवदेशी गड़बिड़याँ कम और वह हंसक भेदभाव कम आ, िजसने एक दशक से
भी यादा समय तक अमे रक राजनीित के नाटक का मसाला दया था। इन सभी बात के
कारण जेरा ड फ़ोड सबसे बड़े और अ छे मारक के िलए आदश उ मीदवार बन सकते ह।
कतना अनूठा स मान है क कसी ऐसी चीज़ के िलए शंसा क जाए, जो आपने नह क और िजससे आप दूर
रहे। शांत संतोषी ि य के िलए आदश शंसा। एक ट पणीकार ने कहा था, ‘फ़ोड या थे, यह जानने से
यादा मह वपूण यह जानना है क वे या नह थे।”
शांत संतोषी ि क शासिनक यो यता सबको साथ लेकर चलने क उसक इ छा है, ता क नाव डू ब न
जाए। साथ ही उसक यो यता यह भी है क वह िबना जुड़े लोग का िन प िव ेषण करता है। यादातर कू ल
सुपरवाइिज़ग कमचारी शांत संतोषी होते ह, य क वे छा और िश क दोन से अ छी तरह तालमेल बैठा
सकते ह। सेना के अिधकारी अ सर शांत संतोषी होते ह, य क वे आदेश का पालन कर सकते ह, धैय से ऊँचे
पद पर तर कर सकते ह, दबाव के कारण दहशत म नह आते ह और उ ह रचना मक बनने या अपनी शान
झाड़ने क कोई ज़ रत महसूस नह होती है।
हाल के एक आँकड़े से पता चलता है क नौकरी से िनकाले गए 80 ितशत लोग को उनक अयो यता के
कारण नह िनकाला गया, बि क इसिलए िनकाला गया, य क उनम लोग को साथ लेकर चलने क यो यता
नह थी। इस बात को यान म रखते ए यह प हो जाता है क थायी व यो य रोज़गार के े म शांत संतोषी
ि बाक़ कृ ित के ि य से यादा े य होते ह।
सम या म म य थ का काम करते ह
जीवन के हर े म हर तरह का संघष होता है : अिभभावक/ ब े, िश क/िश य, बॉस/ कमचारी; दो त / दो त।
जब संघष के दौरान बाक़ तीन कृ ित के ि तनाव म रहते ह और हार करते ह, तब शांत संतोषी ि
उनके बीच सुलह कराने क कोिशश करते ह। जब बाक़ लोग समु ी लहर के बीच जूझते ह, तो शांत संतोषी
ि अपना िसर उठाकर समु को शांत कर देते ह। जब बाक़ लोग अपनी-अपनी चलाने के िलए संघष करते ह,
तब शांत संतोषी ि पीछे टककर बैठ जाते ह और िन प राय देते ह। हर घर और कं पनी म कम से कम एक
शांत संतोषी ि क ज़ रत होती है, जो दोन पहलु को देख सके और शांत, धैयवान तथा संयत जवाब
खोज सके ।
म एक शांत संतोषी कृ ित के मनोवै ािनक क बग़ल म बैठी थी। उ ह ने मुझे बताया क वे आदश वसाय
म थे। ‘और कस कृ ित का ि पूरे दन शांित से बैठकर दूसरे लोग क सम या को सुन सकता है और सही
उपचार सुझा सकता है?”
लॉस एंजेिलस टाइ स के लेख म ईरान बंधक संकट म मुख अमे रक वातांकार वॉरे न टोफ़र क शंसा
क गई। इस लेख म रॉबट जैकसन ने उनके बारे म ऐसे श द िलखे, जो शांत संतोषी ि य के िलए आम तौर
पर यु कए जाते ह : शांत, अनुशािसत, िमतभाषी, सपाट चेहरे वाला, कू टनीित , याग करने वाला, पीछे
रहने वाली शैली, िववेकशील, मधुरभाषी, सयत अंदाज़| वे “बंधक चचा म प े बाँटने के िलए आदश ि थे।”
उ ह कभी ग़ सा नह आया और उ ह ने संबंध को मधुर बनाया।
बाइबल हम बताती है क हम “दोषरिहत और हािनरिहत होना चािहए, ई र के पु होना चािहए, िबना
आलोचना कए ...” ( फ़ल. 2:15) और शांत संतोषी ि इस आव यकता को पूरा करने के सबसे क़रीब होते
ह। वे मुि कल पैदा नह करते ह। वे दूसर को साथ लेकर चलते ह, इसिलए उनका कोई दु मन नह होता है। जेरी
फ़ोड अपनी ितभाशाली योजना क बदौलत िशखर पर नह प च ँ े थे, बि क इसिलए प चँ े थे, य क
उ ह ने िशखर पर प च ँ ने क राह म दु मन नह बनाए थे। उ ह ने एक बार अपने बारे म कहा था, “मेरे ब त से
ित पध ह, ले कन जहाँ तक मुझे याद है, मेरा एक भी दु मन नह है।”
टाइ स पूव रा पित जॉज बुश के बारे म कहता है, “उनके कोई दीवाने अनुयायी नह ह, ले कन दो त ब त
सारे ह। उनका शायद एक भी श ु नह होगा और उनका सावजिनक सेवा का रकॉड बेदाग़ है।”
बाक़ कृ ितय के ि दो त बनाने और लोग को भािवत करने के िलए कड़ी मेहनत करते ह, ले कन
यह अनूठी िनपुणता शांत संतोषी ि य क सबसे मुख ितभा है। अ सर सेिमनार के बाद कोई न कोई
सश ोधी ि मेरे पास आकर पूछता है क मोशन उसके बजाय कसी दूसरे को य िमला, जब क उसने
कं पनी म इतना सारा रचना मक काम कया था। दरअसल, िजसे “बड़ा मोशन” िमला था, वह आम तौर पर
“िमतभाषी” होता है, िजसक तरफ़ कभी यान नह दया गया और िजसका रकॉड ब त उ वल नह था।
थोड़ी सी जाँच के बाद म आम तौर पर पाती ँ क मोशन पाने वाला ‘िमतभाषी” कमचारी शांत संतोषी था,
जो अपना काम अ छी तरह करता था, अपने सहक मय के साथ अ छी तरह से रहता था और कोई मुि कल
खड़ी नह करता था। सश ोधी ि के पास गितशील िवचार थे, वह सबसे आगे प चँ चुका था, ले कन
उसने राह म कई दु मन भी बना िलए थे। जब नए लीडर को चुनने का व आता है, तो मैनेजमट अ सर ऐसे
ि को चुनता है, िजसके दु मन नह होते ह।
ि य शारा,
जब म तु हारे साथ िबताए अठारह साल के बारे म सोचती ,ँ तो मुझे यह एहसास
होता है क हम ई र का एहसान मानना चािहए क उसने हम शांत संतोषी बेटी दी।
तु हारे कारण प रवार म मह वपूण संतुलन आया, िजसम सश ोधी िपता, पूण
िनराशावादी माँ और लोकि य आशावादी भाई था। जब तुम ब त छोटी थ , तो तुम अपने
िखलौन के साथ मजे से खेलती रहती थ । तब हमने घर म अपना िबज़नेस शु कया था
और तुम बुकक पंग म ब त अ छी तरह फ़ट हो गई थ ।
तु हारा भाई, जो तुमसे दो साल बड़ा है, शरारत और मज़े क योजनाएँ बनाता रहता
था। तु हारा मश र त कयाकलाम था, िजसके बारे म हम आज भी तु ह िचढ़ाते ह, “म भी।”
िपछले समस पर तुम कु छ कहने के िलए उतावली हो रही थ , ले कन हम सब ज़ोर-
ज़ोर से बात करने म जुटे थे। अपने शांत, शु क हा यबोध के साथ तुमने धीरे से कहा था,
"ओह, म तो टेप रकॉडर म अपनी बात टेप कर देती ,ँ ता क आप लोग बाद म मेरी बात
सुन सक।” इससे हमारा यान आक षत हो गया और हम ख़ब हँसे थे।
म माँ के प म इतनी ख़श ँ क मुझे कृ ितय के बारे म थोड़ी समझ िमल गई है। जब
कू ल टीचर ने यह ट पणी क , “सहेिलय के ित िन ावान होने के कारण शारा हमेशा देर
से आती है,” तो म इस बात को हा यबोध के साथ ले सकती थी।
मुझे याद है, जब एक सहेली ने तु ह यह गोपनीय जानकारी दी थी क वह घर से
भागना चाहती है, तो तुमने उसे शांत करने क कोिशश क थी और उसे माता-िपता का
नज़ रया समझाने क कोिशश क थी।
तुम जैसी हो, ख़द को खुशी-खुशी वीकार करती हो और अपने वभाव को इतनी
अ छी तरह समझती हो क तुमने एक बार मुझसे कहा था, “शांत संतोषी कृ ित के दो त
बनाना ब त अ छा होता है। वे मुि कल से िहलते ह, इसिलए आपके पास उनके फ़ोन नंबर
हमेशा होने चािहए।”
जहाँ तुम काम करती हो, वहाँ क मैनेजर िबज़नेस कम होने के बाद भी तु ह काम पर
रखना चाहती है, य क उसके श द म, “शारा ब त अ छी व कमठ कमचारी है और
ाहक के साथ ब त ख़शनुमा है। वह दूसरे कमचा रय के साथ ब त अ छी तरह फ़ट
होती है और हालाँ क उसे उपकरण साफ़ करने म ब त समय लगता है, ले कन वह उ ह
ब त अ छी तरह से साफ़ करती है।”
शारा, मने तु हारे साथ िबताए अठारह ब त मधुर साल का आनंद िलया है। म अब
यह इं तज़ार कर रही ँ क तुम अपने भिव य के बारे म या फ़ै सला करती हो। ले कन म
जानती ँ क तुम चाहे जो फ़ै सला करो, तुम िन ावान और संतु रहोगी।
यार सिहत,
म मी
ब त से दो त होते ह
शांत संतोषी ि सबसे अ छा दो त होता है, य क उसक सारी ितभा सकारा मक मानवीय संबंध म
िनिहत होती है। वह आरामदेह,आरामपसंद,शांत,धैयवान,अ छी तरह संतुिलत, सामंज यपूण, िन ग े ,
अना ामक और ख़शनुमा होता है। आपको कसी दो त म और या गुण चािहए? शांत संतोषी ि के पास
आपके िलए हमेशा समय होता है। जब आप कसी सश ोधी गल ड के घर जाते ह, तो बातचीत करते समय
वह पॉिलश करती रहती है, सामान जमाती रहती है या कपड़े तह करती रहती है, िजससे आपको यह एहसास
होता है क उसका समय इतना मू यवान है क वह उसे िसफ़ आप पर बबाद नह करना चाहती है। इसके
िवपरीत शांत संतोषी िम आपके प च
ँ ते ही हर काम छोड़कर बैठ जाती है और आराम से बात करती है।
मेरी एक शांत संतोषी सहेली थी, जो ब त अ छी माँ थी, ले कन घर का काम उसके िलए सबसे मह वपूण
नह था। अगर म सुबह उसके घर प च ँ जाती, तो कचन क मेज़ पर ना ते क कटो रयाँ, खुले िड बे और ना ते
का दूध रखा होता था। हम दोन सामान को एक तरफ़ िखसकाकर अपनी कोहिनय के िलए जगह बनाते और
बैठकर एक-दूसरे के साथ बातचीत का आनंद लेते। चूँ क इस अ व था से उसे कोई द क़त नह होती थी,
इसिलए मुझे भी कोई द क़त नह होती थी।
अ छा ोता होता है
शांत संतोषी ि य के ब त सारे दो त होने का एक और कारण यह है क वे अ छे ोता होते ह। समूह के प
म शांत संतोषी ि बोलने के बजाय हमेशा सुनते ह। शांत संतोषी ि शांत रह सकता है। उसे कु छ बोलने
क ज़ रत ही नह होती है। दूसरी कृ ित वाले लोग को ऐसे लोग अ छे लगते ह, िजन पर ज़ रत के समय वे
अपने अंदर का गुबार िनकाल सक। खास तौर पर लोकि य आशावादी ि य को शांत संतोषी िम क
ज़ रत होती है, जो उ ह बोलने देते ह और उनक बात यान से सुनते ह। जब म सैन बन डनो के िवमे स लब
क ेिसडट थी, तो मेरे पड़ोस म रहने वाली आदश शांत संतोषी लूसी मेरी सहेली थी। मी टंग के बाद हर बुधवार
को म उसके घर पर क जाती थी और लब म गुज़ारे गए दन के बारे म कुं ठाजनक और मज़ेदार क़ से सुनाया
करती थी। वह सुनती थी, मु कराती थी, अफ़सोस जताती थी, िसर िहलाती थी और जब म अपनी बात पूरी कर
लेती थी, तो वह मुझे आने के िलए ध यवाद देती थी और म चली आती थी।
सभी लोकि य आशावादी ि य को अ छे, शांत संतोषी िम क ज़ रत होती है!
ि व योजना
ि गत कमजो रय
को दूर करने
का तरीक़ा
तावमा
हम सभी म अ छे और बुरे दोन तरह के गुण होते ह - हमम कु छ ऐसे गुण होते ह, जो सकारा मक होते ह और
कु छ ऐसे गुण भी होते ह, जो दूसर म नकारा मक ित याएँ उ प करते ह। अ सर वही गुण सकारा मक और
नकारा मक दोन बन सकता है, जो उसक मा ा पर िनभर करता है। कई बार सकारा मक बात क अित होने
पर वे नकारा मक बन जाती ह।
लोकि य आशावादी ि म दलच प बात करने का ब त अ छा नर होता है। चाहे वह कै िलफ़ो नया म
रहता हो या काँगो म। लोग उसके इस गुण से ई या करते ह, ले कन इसक अित हो जाने पर लोकि य आशावादी
ि लगातार बात करता है, चचा पर एकािधकार करता है, दूसर क बात काटता है और स ाई से भटक
जाता है।
पूण िनराशावादी ि म गहन िव ेषणा मक चंतन का नर होता है। यह ितभाशाली ि का ऐसा
गुण है, िजसका बाक़ लोग ब त स मान करते ह। ले कन इसक अित हो जाने पर वह चंता और अवसाद से िघर
जाता है।
सश ोधी ि म नेतृ वकारी गुण होता है, जो आज जीवन के हर पहलू म ब त ज़ री है, ले कन अित
हो जाने पर ऐसे ि िनरं कुश, िनयं णकारी और चालबाज़ हो जाते ह।
शांत संतोषी ि का आरामपसंद वभाव इतना शंसनीय होता है क वह कसी भी समूह का ि य बन
जाता है, ले कन अित हो जाने पर ऐसा ि कु छ करने के बारे म परवाह नह करता है और उदासीन व
अिनणयवादी बन जाता है।
आइए, इन कृ ितय के गुण क तरफ़ देखते ए खुद क जाँच कर। ऐसा करते समय हम उन गुण को
देखना चािहए, जो दूसर म सकारा मक ित या उ प करते ह और हमारी आ म-छिव को बेहतर बनाते ह।
फर हम इन गुण पर िवचार करना चािहए। इसके बाद हम वहार क उस अित क तरफ़ िवशेष यान देना
चािहए, जो दूसर को बुरी लगती है और यह संक प करना चािहए क हम इन दोष को दूर करने के िलए अपने
मानवीय और आ याि मक संसाधन का योग करगे।
आपको शे सिपयर के महानायक याद ह : हैमलेट, मैकबेथ, कग िलयर और हेनरी ? वे सभी महान थे,
उ ह ने ब त बड़े-बड़े काम कए थे, ले कन येक म एक " ासद दोष” (tragic flaw) था, िजस कारण उसका
पतन आ।
हमम से हर एक क नस म नायक का र है! अपनी शि य का पता लगाना और उनका समझदारी से
इ तेमाल करना कतना रोमांचक है! ले कन शे सिपयर के महानायक क तरह ही हमम से हर एक म कोई न
कोई “ ासद दोष” भी है, िजस पर अगर यान नह दया गया, तो यह हमारा पतन भी करवा सकता है। आइए,
हम सभी यथाथवादी ढंग से अपनी जाँच कर और देर होने से पहले ही अपने दोष खोज ल।
अगर आप आलोचना को अ वीकार करते ह, तो ग़रीबी और अपमान का जीवन जीना
पड़ता है; अगर आप आलोचना को वीकार करते ह, तो आप शोहरत पते ह ।
ोव स 13:18 टीएलबी
अ याय 8
लोकि य आशावादी ि प रवतन करने के िलए सबसे यादा उ सुक होते ह। इसका कारण यह है क उ ह नए
िवचार और काम से ेम होता है। इसके अलावा, वे लोकि य बनना चाहते ह और कसी को चोट नह प च
ँ ाना
चाहते ह। बहरहाल, दो मुख कारण से लोकि य आशावादी ि इस दशा म आव यक सुधार नह कर पाते
ह।
दोष-रिहत लोग
दूसरी बात यह है क वे इतने खुशिमज़ाज और आकषक ि व वाले होते ह क उ ह यह यक़ न ही नह होता है
क उनम गंभीर दोष हो सकते ह। सच तो यह है क वे खुद को गंभीरता से नह लेते ह।
जब म कसी सेिमनार म लोकि य आशावादी ि य क कमज़ो रयाँ बताती ,ँ तो वे उन पर हँसते ह,
ले कन उ ह ये कमज़ो रयाँ इतनी बुरी नह लगती ह क इ ह सुधारने के िलए क़दम उठाया जाए। म उनक
मानिसक ि थित को समझ सकती ,ँ य क कभी मेरा भी यही हाल था। शादी से पहले मुझे सभी पसंद करते थे
और म पा टय क जान थी, ले कन शादी होते ही म रातोरात मूख बन गई। े ड ने मुझे बता दया क हैवरिहल
म लोग मुझे कतना ही आदश समझते ह , ले कन म यूयॉक म ब त दलच प नह ।ँ मेरे दमाग़ म यह याल
ही नह आया क उनक बात सही भी हो सकती है। मने सोचा क वे नीरस ह और उ ह तारीफ़ करना नह आता
है। इसिलए मने उनके सामने उनक मनचाही भूिमका िनभाई, ले कन दूसर के साथ रहते समय म अपने मूल
आकषक ि व पर लौट आती थी। जब तक मने ि व का अ ययन शु नह कया, तब तक मुझे यह
स ाई समझ नह आई क िसफ़ े ड का ही नह , बि क दूसरे लोग का भी मेरे बारे म यही दृि कोण था।
जब मने जाना क मेरी कमज़ो रयाँ िसफ़ े ड के दमाग़ म ही नह थ , तो मने अपने और अ य लोकि य
आशावादी ि य के सुधार के िलए कु छ उपाय खोजे।
याद रख
रं गीन बात क अित झूठ बन जाती है।
याद रख
दूसर क आव यकता के ित संवेदनशील बन और सुन क वे या कहना
चाहते ह।
समाधान 3 : ब को न भूल
म ब त सी लोकि य आशावादी मिहला से िमली ,ँ जो भुल ड़पन के कारण कम से कम एक-दो बार
अपने ब े कह छोड़ आई थ । एक मिहला अपनी लोकि य आशावादी सहेली के साथ कार से या ा कर रही थी।
वे दोन मज़े से बात कर रही थ । बहरहाल, रे िग तान म एक घंटे तक कार चलाने के बाद उस मिहला को यह
एहसास आ क उसका चार साल का बेटा पीछे वाली सीट पर नह है। उसने अपनी गाड़ी घुमाई और लौटकर
उसी गैस टेशन पर गई, जहाँ से उसने गैस भरवाई थी। वहाँ पर उसे अपना बेटा दखा, जो गैस भरने म अटडट
क मदद कर रहा था। मिहला के लौटने से अटडट ब त खुश आ, य क वह घर जाने वाला था और उसे यह
समझ म नह आ रहा था क वह अपने नए सहयोगी का या करे ।
एक मिहला ने मुझे बताया क वह थड ेड म पढ़ने वाले अपने ब े को कू ल से लाना भूल गई थी और उसे
इस बात का तब तक एहसास नह आ, जब तक क पूरा प रवार िडनर क टेबल पर नह बैठ गया और बेटे क
सीट ख़ाली नह दखी।
हमारे एक सेिमनार म लोकि य आशावादी ि य के समूह क एक रपोट म चेयरमैन ने बताया, “हमने
एक सव कया, िजसम यह पता चला क हम लोग इस स ाह 437 चीज़े भूले ह, िजनम सात ब े और एक दादी
माँ शािमल ह, जो दुभा य से एक िडपाटमट टोर म छू ट गई थ ।”
मेरी लोकि य आशावादी सहेली कै रोल और म बारी-बारी से कार से अपने ब को लेने जाते थे। हमारे
दोन बेटे पूण िनराशावादी थे और छोटी लास म पढ़ते थे। हम दोन ही अ सर देर से प चँ ती थ और हालाँ क
हम दोन एक-दूसरे को समझती थ , ले कन हमारे लड़के हमेशा िचढ़ जाते थे। जब म जे स जूिनयर को लेने जाती
थी, तो वह ना ते का िड बा लेकर दुखी अंदाज़ म घर से बाहर िनकलता था।
“म मी फ़ोन पर बात कर रही ह, इसिलए मुझे अपना यान ख़द रखना पडा।”
कै रोल जब भी े डी को लाती थी, तो वह लौटकर हमेशा बताता था क वे उसे कै से भूल ग या वे कस
तरह एक क म पीछे से ट र मारने वाली थ । कु छ समय पहले ही म कै रोल से ड लास म िमली थी। हम दोन
ही पुरानी बात को याद करते रहे। कार से बारी-बारी से बेट को लाने के अपने भुल ड़पन को याद करके हम
ख़ूब हँस।े हम दोन ही इस नतीजे पर प च ँ े क हमारी लेटलतीफ़ लड़क के िलए अ छी सािबत ई, य क
इससे उ ह लचीलेपन क िश ा िमली थी।
लोकि य आशावादी ि य म अपनी प कमज़ो रय को भी शि य के प म द शत करने क
रचना मक यो यता होती है।
याद रख
हालाँ क आप तक दे सकते ह क आपक याददा त य बुरी है, ले कन कोई
इसके बारे म नह सुनना चाहता है। लोग के नाम पर यान द, काम िलख ल
और यह भी िलख ल क आपने अपनी कार और ब े को कहाँ छोड़ा है।
समाधान 1 : द डिशप फ़ै टर पढ़
लोकि य आशावादी ि जीवन को रोमांचक बना देते ह, इसिलए उनके ब त से दो त होते ह, ले कन वे
खुद आम तौर पर “अ छे दो त” नह होते ह। अ छे समय म वे आस-पास रहते ह, ले कन आव यकता या
मुि कल के समय वे अपने पंख फै लाकर दूर उड़ जाते ह। उ ह “अ छे मौसम वाले दो त” कहा जा सकता है। मेरी
एक लोकि य आशावादी सहेली थी, जो “गीले मौसम वाली दो त” थी। वह मुझे तभी फ़ोन करती थी, जब
बा रश के कारण वह गो फ़ नह खेल पाती थी।
लोकि य आशावादी ि य के असली दो त ब त कम होते ह। इसके बजाय उनके अनुयायी या प रिचत
यादा होते ह। वे ऐसे लोग को इक ा कर लेते ह, जो उनक शंसा करते ह, उनसे यार करते ह और यहाँ तक
क उनक पूजा करते ह। वे देने वाले लोग को पसंद करते ह, ले कन जब दूसर को उनक आव यकता पड़ती है,
तो वे दूसरी तरफ़ देखने लगते ह। वे रोमांच और लैमर क तरफ़ देखने म इतने यादा त रहते ह क उनके
पास मुि कल क तरफ़ देखने क फ़ु रसत ही नह होती है।
जब मने एलन एल. मैि गिनस (ऑ सबग ेस) क पु तक द डिशप फ़ै टर (िम ता का मह व) पढ़ी, तो
मुझे पहली बार एहसास आ क हालाँ क मेरे ब त से प रिचत थे, ले कन मेरा कोई स ा दो त नह था। डॉ.
मैि गिनस ने मुझे चुनौती दी क म अपने जीवन म थायी संबंध क जाँच क ँ । इस जाँच म मने पाया क
मुलाक़ात न होने के कारण मेरी कु छ ि य सहेिलयाँ मुझसे दूर हो रही ह।
1980 म मने पूरे अमे रका से चालीस मिहला को पीकस े नंग सेिमनार के िलए रे डल स, कै िलफ़ो नया
आमंि त कया। छ ीस मिहलाएँ आ और एक ह ते के दौरान हमम अ छी दो ती हो गई। हमने एक-दूसरे के
सामने अपना दल खोलकर रख दया और सबम इतनी अ छी दो ती हो गई क हम जुदा नह होना चाहते थे।
अपनी दो ती को बरकरार रखने के िलए मने सभी को एक प भेजा, िजसम मने समी ा क थी क उनम से
येक ने मुझे या िलखा था और उ ह एक-दूसरे के हालचाल बताए। बुधवार क सुबह म अपने इलाक़े म रहने
वाली मिहला को मेरे घर पर एकि त करने लगी। हम सभी इस बात पर सहमत थ क अगर हम हर ह ते
एक बार िमलने के िलए ख़द को अनुशािसत नह करत , तो हम एक-दूसरे से दूर हो गई होत ।
समाधान 2 : दूसर क आव यकता को ाथिमकता द
लोकि य आशावादी ि स े दो त बनाने क कोिशश ब त कम करते ह। उ ह ज़ रतमंद लोग क मदद
करना या बीमार से िमलने जाना रास नह आता है। जब म सैन बना डनो के िवमे स लब क ेिसडट थी, तो
मुझसे यह उ मीद क जाती थी क सद य क बीमारी के समय मुझे उ ह देखने के िलए अ पताल जाना चािहए।
यह काम मेरी कृ ित से िबलकु ल मेल नह खाता था, इसिलए मुझे ऐसा करना ब त मुि कल लगता था। म बहाने
बनाती रहती थी और एक बार तो जब म एक सद य के पित को देखने प च ँ ी, तो मुझे पता चला क वह तो एक
दन पहले ही मर चुका है। मुझे ख़द को यक़ न दलाना पड़ा क दूसर क आव यकताएँ मह वपूण ह। इसके बाद
मुझे इस दशा म मेहनत करने के िलए अनुशािसत होना पड़ा। कई बार जब म मजबूरी म कह जाती थी, तो
ई र मुझे पुर कार म कोई न कोई समृ अनुभव दान करता था।
याद रख
लोकि य आशावादी ि यो, “अ छा दो त” बनना आसन नह होता है,
ले कन यह ब त मह वपूण है। ोता न खोज, दो त बन जाएँ।
जब ोता एडम से सवाल पूछने लगे, तो फ़ल उछलकर उनक तरफ़ से जवाब देने लगे। एक बार जब कसी
ोता ने एडम से एक सवाल पूछा, तो फ़ल ने एडम क तरफ़ से पूरा जवाब देने के बाद उनक तरफ़ मुड़कर
कहा, “आप इस बारे म ऐसा ही सोचते ह, है ना, एडम ?” एडम ने जवाब दया, “मुझसे य पूछते ह?”
उनसे पूछने क कोई ज़ रत भी नह थी, य क फ़ल को सबको अपना अनुमान बताने म मज़ा आ रहा था
क एडम का जवाब या होगा। लोकि य आशावादी ि को हमेशा लगता है क उसे हर एक क तरफ़ से
जवाब देना चािहए, य क वह उस बात को यादा अ छी तरह से बता सकता है।
हमारे घर म कोई भी कसी से भी सवाल पूछे, मे रटा और म फटाफट जवाब दे देते ह। एक शाम को िडनर
के व त े ड ने हमारे बेटे े डी से पूछा क कू ल म या आ। मे रटा ने त काल उसक तरफ़ से जवाब दे दया,
“वह ंिसपल के ऑ फ़स के बाहर बैठा था, इसिलए उसने ज़ र कोई ग़लत काम कया होगा।”
वह े डी के कू ल म नह थी, ले कन जब वह कू ल के पास से कार म गुज़री थी, तो उसने े डी को ऑ फ़स
के दरवाज़े पर बैठा देख िलया था। े डी अपनी बहन के जवाब देने से खुश नह आ और तब से मेरे पित े ड ने
एक नया िनयम बना दया, जो मे रटा और मुझे कभी पसंद नह आया : िजससे सवाल पूछा जाए, जवाब िसफ़
वही देगा।
जब प रवार का कोई िमतभाषी सद य एक आसान सा जवाब देने के िलए अपने िवचार को एकि त करता
है, तो यह अनुशासन बातचीत को धीमा कर देता है और कई बार तो इसके प रणाम व प ख़ामोशी भी छा
जाती है।
जब आप कृ ितय से यादा प रिचत हो जाएँगे, तो आप पाएँगे क लोकि य आशावादी ि दूसर क
तरफ़ से ब त ज दी जवाब देते ह और उ ह इस बात का पता भी नह रहता है क वे ऐसा कर रहे ह।
याद रख
जो दूसर क बात काटता है और दूसर क तरफ़ से जवाब देता है, उसे अस य
और िवचारहीन समझा जाता है और कु छ समय बाद उसका कह वावात नह
होता है।
सम या : लोकि य आशावादी ि अ वि थत और अप रप होता है
याद रख
लोकि य आशावादी ि को दैवी
सहायता क ज़ रत होती हे|
दैवी सहायता के िबना वह कै से :
अपनी ज़बान पर लगाम लगा सकता है।
अपने अहम् पर क़ाबू पा सकता है।
अपने बारे म यथाथवादी ढ़ंग से सोच सकता है।
अपनी याददा त को सुधार सकता है।
( मरण शि ई र देता हे!)
दूसर क चंता कर सकता है।
खुद के बजाय दूसर क तरफ़ देख सकता है।
क़ मत का अनुमान दन गा सकता है।
पूण िनराशावादी ि िवरोधाभास का अ ययन है। उसके उ बंद ु सबसे ऊँचे और िन बंद ु सबसे नीचे होते
ह। उसे कृ ितय का अ ययन करना पसंद होता है, य क इससे उसे िव ेषण करने के साधन िमलते ह, िजनसे
वह अपना अवलोकन कर सकता है। ले कन इसके बाद वह कृ ितय का ितरोध करने लगता है, य क उसे
लगता है क यह िस ांत ब त सरल है, समझने म आसान है और इतना गहरा नह है क इसे मह वपूण माना
जाए। वह नह चाहता है क उस पर लेबल िचपकाकर उसे कसी समूह म रख दया जाए, य क उसे लगता है
क बाक़ कृ ितय के िवपरीत वह इतना अनूठा तथा ज टल है क वह ख़द को भी नह जानता है और उसे कसी
समूह म दूसरे लोग के साथ रखा जाना तो िबलकु ल भी उिचत नह है।
असामा य ?
पूण िनराशावादी ि के बारे म एक आ यजनक स ाई यह है क उसे यह िव ास होता है क दुिनया म वह
अनूठा है और उसके जैसा कोई नह है। वह ख़द के सामने हमेशा यह सािबत करता है क वह सही है और पूरी
दुिनया गलत है। वह सोचता है क अगर दूसरे लोग उसके जैसे बन जाएँ, तो वह ख़श रह सकता है।
हमारे सेिमनार का एक आ यजनक फ़ायदा यह होता है क इसम पूण िनराशावादी ि य को यह
समझ म आ जाता है क वे असामा य नह ह। दूसरे लोग भी उनक तरह सोचते, देखते और काम करते ह। जब
हम पसनैिलटी ोफ़ाइल के कोर के अनुसार ितभािगय के समूह बनाते ह, तो पूण िनराशावादी ि
अिन छा से अपने समूह म शािमल होते ह। वे “खेल खेलना” नह चाहते ह और ई र न करे क उ ह खुश रहने
और मज़े करने को कहा जाए! बहरहाल, समूह के साथ जाने पर उ ह ऐसा लगता है, जैसे कोई पदा उठा दया
गया हो। वे सभी अपनी कु सय को सही तरीक़े से टेबल तक ख चते ह। उन सभी के कपड़े बेदाग़ होते ह। उन
सभी के हाथ म पेन होता है और वे सभी एक-दूसरे के ित शंकालु होते ह।
जब वे चार तरफ़ देखते ह तथा समूह का िव ेषण करते ह, तो उनक समझ का दायरा और बढ़ जाता है। वे
देखते ह क वे एक से ह। जब वे ख़ामोशी से एक-दूसरे का अवलोकन करते ह, तब जाकर उ ह कृ ितय के
अ ययन क ासंिगकता समझ म आती है। जब समूह म प दख रही एक पता समझ म आती है, तो कई बार
तो इ ा-दु ा लोग के चेहरे पर मु कान भी आ जाती है।
एक आदमी ने मुझे बताया क हमारे सेिमनार म ए इसी तरह के स े अनुभव ने उसके वैवािहक जीवन को
बदलकर रख दया। वह अपनी लोकि य आशावादी प ी के ज़ोर देने पर हमारे सेिमनार म आया था। उसक
प ी उसे दो बार पहले भी छोड़कर जा चुक थी और तीसरी बार भी जाने वाली थी। उस आदमी क नज़र म
उसक सारी सम या क जड़ उसक प ी थी : वह हर बात को ब त सतही तौर पर लेती थी, उसने ब को
र त देकर अपनी तरफ़ कर िलया था और वह 28 साल के वैवािहक जीवन के बाद भी घर का काम अ छी तरह
नह कर पाती थी। वह घर म अके ला रहता था। वह शारी रक, मानिसक तथा भावना मक दृि य से एक कोने म
दुबक जाता था और आठ ब को पालने का काम प ी के भरोसे छोड़ देता था।
जब वह उस दन फ़ िन स म पूण िनराशावादी ि य के समूह म गया, तो उसके मन म कु छ सीखने क
िबलकु ल इ छा नह थी। उसने मुझे बताया क जब उसने टेबल पर चार तरफ़ देखा और उसे अपने ही जैसे लोग
दखे, तो उसे सदमा प च
ँ ा था।
उसने कहा, “उसी पल मुझे यह नज़र आ गया क इतने साल से मेरी प ी मुझे कस प म देख रही थी।
मुझे दूसर के चेहर म अपना ित बंब दखाई दे रहा था। मुझे गहराई और ल य क गंभीरता दख रही थी,
ले कन साथ ही े ता का नज़ रया और हा यबोध का अभाव भी दख रहा था। उस रात घर प च ँ कर मने
अपनी प ी से माफ़ माँगी क म 28 साल से भावहीन यायाधीश क भूिमका िनभा रहा ।ँ आँख म आँसू
भरकर वह बोली, 'ई र का शु है! मने कभी सोचा भी नह था क तुम ख़द को उस तरह से देख पाओगे, िजस
तरह दूसरे तु ह देखते ह।'
“जब मने गमजोशी और प ाताप से उसे बाँह म िलया (इतनी गमजोशी मने पहले कभी नह दखाई थी),
तो म जान गया क हमारी वैवािहक सम या का उपचार हो गया था।”
अगर हम अपनी मूलभूत कृ ित के गुण क जाँच कर, तो हम कतना कु छ सीख सकते ह!
समाधान 2 : सम या को न खोज
पूण िनराशावादी ि हर चीज़ को ब त ि गत प से लेते ह और अ सर सम या को खोजते रहते
ह। एक मिहला ने मुझे बताया था, “मेरे पित इतने नकारा मक ह क अगर हम कोई बुरी फ़ म देखते ह, तो वे
मुझे ऐसा एहसास करा देते ह जैसे मने ही उसे बनाया है।”
पूण िनराशावादी ि य को ख़ास तौर पर लोकि य आशावादी/सश ोधी ि य के साथ मुि कल
आती है, य क इन कृ ितय के लोग प रणाम क परवाह कए बगैर कु छ भी बोल देते ह। पूण िनराशावादी
ि हर वा य कहने से पहले उस पर अ छी तरह िवचार करते ह और पहले से योजना बना लेते ह, इसिलए
उ ह लगता है क दूसरे भी ऐसा ही करते ह गे। यही वजह है क वे हर बात का गहरा िव ेषण करते ह और िछपे
ए अथ क तलाश करते ह।
पूण िनराशावादी ि यो, जब आप कृ ितय क िभ ता के बारे म समझने लगगे, तो आपके मन से एक
भारी बोझ हट जाएगा। तब आपको शायद पहली बार यह एहसास होगा क लोकि य आशावादी/सश ोधी
ि आपके पीछे नह पड़े ह। उ ह ने आपसे जो बात कही है, उस पर उ ह ने यादा नह सोचा और िनि त
प से उ ह ने आगे क योजना नह बनाई थी। जब आप अपने बजाय दूसर क कृ ित के गुण के आधार पर
उनका मू यांकन करना सीख लगे, तो लोग के बारे म आपका दृि कोण पूरी तरह बदल जाएगा। तब आप हर
ग़ज़रने वाले ि को मु कराकर देख सकते ह और मुि कल क तलाश बंद कर सकते ह।
पूण िनराशावादी ि अ सर अके लापन महसूस करते ह। वे अ सर सोचते ह क उ ह सामािजक
काय म म य नह बुलाया जाता है। बहरहाल, जब कोई उ ह बुलाता है, तो वे अ सर अपनी नकारा मक
ित या से लोग को दूर भगा देते ह। एक दन हमने एक मिहला को पाट म अपने घर आने का आमं ण
दया। उ साह दखाने के बजाय उसने यह जवाब दया, “देिखए, म पूरे दन बाहर र ग
ँ ी और कोई काम नह कर
पाऊँगी, इसिलए रात बबाद होने से भी मुझे कोई द क़त नह होगी।”
कई बार पूण िनराशावादी ि कसी सकारा मक ि थित को नकारा मक ि थित म भी बदल सकता है।
जब म िपछली बार हेयर स े र के यहाँ गई, तो उसने मेरे बैठते ही आह भरकर बताया, “म आपक बेटी के कारण
परे शान ।ँ ” मने सोचा क मे रटा अपॉइं टमट लेने के बाद देर से आई होगी, इसिलए मने पूछा, “उसने या
गड़बड़ कर दी?” हेयर स े र ने जवाब दया, “वह मेरे पास नए ाहक भेजती रहती है। उसने इस महीने कम से
कम दस नए ाहक भेज दए और इससे भी बुरी बात यह है क उन ाहक को मेरा काम पसंद आ गया है,
इसिलए वे बार-बार आ जाती ह!”
एक सहेली ने मुझे यह सूची भेजी है, जो उसे अपनी नानी क टेबल क दराज़ म िमली थी :
जीन ने मुझे दो साल से समस काड नह भेजा
यू ने मुझे चूमकर गुड-बाई नह कया
ईविलन अपने अहाते म आई थी, ले कन उसने मुझे देखकर कु छ
नह कहा
मेरे कहने के बावजूद थ मुझे घुमान नह ली गई
हेज़ल अपने नानाजी से िमलन नह आई और उसका कहना है क
वह उनक िज़ मेदारी नह उठाएगी।
कौन जाने नानी इस जानकारी का या करना चाहती थ , ले कन उ ह ने ये सारी बात इसिलए िलखी थ ,
ता क वे इ ह भूल न जाएँ।
पूण िनराशावादी ि य को नकारा मक बात याद रहती ह। इस िस ांत क जाँच के िलए मने
संगीतकार के एक समूह से पूछा क या उ ह अपने कू ल क कोई ऐसी घटना याद है, जब कसी टीचर ने उ ह
सज़ा दी हो। त काल सभी ने अपने हाथ उठा दए और फर तीस िमनट तक वे पूरे िव तार से उस घटना के बारे
म बताते रहे।
एक ने कं डरगाटन क उस टीचर के बारे म बताया, िज ह ने उसे खाने क चीज़ पर सज़ा दी थी; एक पर
अपने आगे बैठी लड़क के बाल ख चने का ग़लत आरोप लगाया गया था, जब क यह काम हरी शट वाले लड़के ने
कया था। एक तो उस टीचर से अब भी नाराज़ था, िजसने उसक शट पर िपन से एक नोट लगा दया था,
िजसका यह मतलब था क वह इतना माट नह था क उसे घर ले जा सके ।
े ड को भी अपने बचपन क ब त सी घटनाएँ याद ह, जब उनके साथ अ याय आ था। वे पाँच ब के
प रवार म तीसरे थे और उ ह लगता था क वे इतने बड़े भी नह थे क उ ह अिधकार िमल सक और इतने छोटे
भी नह थे क उ ह लाड़ कया जा सके । पा रवा रक फ़ म देखते समय वे अ सर आँसू बहाने लगते थे और उनके
भाई उ ह “रोतला” कहकर िचढ़ाते थे। हालाँ क अब वे जान चुके ह क उनक सम याएँ उनक पूण िनराशावादी
कृ ित के कारण बढ़ गई थ , ले कन उ ह अब भी नकारा मक बात पूरी प ता से याद ह।
मेरा पूण िनराशावादी बेटा े डी नकारा मक बात से रोमांिचत हो जाता है। जब कू ल का एक िह सा आग
म जल गया, जब नशेिड़य को पकड़ने के िलए पुिलस आई और आठव ेड के आधे ब े जेल चले गए, तब वह
रोमांिचत हो गया। दुघटना से कम कोई भी चीज़ उसे रोमांिचत नह कर पाती है और उसे नकारा मक बात पर
यान क त करने म मज़ा आता है।
यह मानना ता कक है क जब कोई ि नकारा मक बात पर यादा मानिसक ऊजा लगाता है, तो वह
आसानी से उदासी का िशकार बन सकता है। पूण िनराशावादी ि को सकारा मक बात पर यान क त
करना चािहए। िजस पल उसे लगे क वह कसी भी चीज़ के नकारा मक पहलू पर यान क त कर रहा है, तो
उसे उन िवचार को अपने दमाग से बाहर िनकाल देना चािहए। “िजसका मि त क आप पर क त है, आप उसे
पूण शांित दगे ...” (इसाक 26:3) “... अगर कोई गुण है और अगर कोई शंसा के क़ािबल बात है, तो उसके बारे
म सोची” ( फ़ल 4:8)।
समस पर छह साल का जोशुआ असंतु था, जैसी क उ मीद थी। सबसे पहले तो उसने अपने और अपनी
किज़न लॉरा को “िखलौन ” को तोहफ़ को देखा। उसने पाया क लॉरा को यादा िखलौने िमल थे। हालाँ क
जोशुआ को नए कपड़े और टार वास बे डंग िमल थे, ले कन लॉरा के यादा िखलौने देखकर उसक चहरे
पर आँसू बहने लगे और वह रोते-रोते बोला, “सांता लॉज़ लॉरा को यादा यार करते ह।”
याद रख
सकारा मक बात को बढ़ावा द।
नकारा मक बात को ख़ म कर।
याद रख
पूण िनराशावादी ि य म सफलता
पाने क सबसे यादा मता होती है।
अपने सबसे बुरे दु मन न बन।
याद रख
अगर पूण िनराशावादी ि योजना बनाने म इतना यादा समय न लगाएँ, तो बाक़ अयो य लोग िबना
तैयारीन के आगे बढ़कर उनके काम को घ टया तरीक़े से नह कर पाएँगे।
मेरे िलए इस बात को श द म बताना मुि कल है क कृ ितय पर िलखा यह खंड कतना मू यवान था। यह
यक़ न करना मुि कल है क यह िह पो े टीज़ िजतना ही पुराना है, ले कन मुझे यह जानकारी पहली बार
िमली है। म पूण िनराशावादी ँ और कृ ितय के बारे म जानने से मेरे दमाग क कई गुि थयाँ सुलझ गई
ह। म आपको बता नह सकती क दो त के कारण म कतनी बार आहत ई ।ँ अब म आसानी से देख
सकती ँ क मेरी यादातर सहेिलयाँ लोकि य आशावादी थ । वे मुझे चोट नह प च ँ ाना चाहती थ ,
ले कन म उनक तुलना म कु छ यादा ही संवेदनशील ।ँ इस बात से मुझे सबसे यादा हैरानी ई है क इसे
समझना इतना आसान है। अब म पूरी त वीर देख सकती ।ँ मुझे नह लगता क मेरी सहेिलयाँ या
र तेदार पूण िनराशावादी ह। मेरी भावनाएँ बाक़ लोग से यादा बल ह और म तो यहाँ तक सोचने
लगी थी क कह म मनोवै ािनक बीमारी का िशकार तो नह हो गई !ँ यह जानकर मेरे मन से ब त बड़ा
बोझ उतर गया है क म असामा य नह ,ँ बि क चार मूलभूत कृ ितय म से एक !ँ
याद रख
जीवन म हर चीज़ आदश नह हो सकती,
इसिलए आराम से रह।
बहरहाल! बाइबल हम याद दलाती है :
आइए सश ोधी ि य
को थोड़ा शांत कर
कोई-ग़लती नह
एक शाम एक वैवािहक सेिमनार के बीच म एक सश ोधी ि उ ेिजत होकर मंच पर आया। वह अपने
हाथ म कृ ितय से संबंिधत पच पकड़कर हवा म लहरा रहा था।
उसने िच लाकर कहा, “मुझम ये सारी शि याँ ह, ले कन एक भी कमज़ोरी नह है।” उसके पीछे उसक
शांत संतोषी प ी भी थी, जो अपना िसर िहलाकर नह कह रही थी, ले कन उसक कु छ कहने क िह मत नह
हो रही थी।
उस ि ने आगे कहा, “इसके अलावा ये बात कमज़ो रयाँ ह भी नह ।”
मने पूछा, “आपका या मतलब है?”
‘देिखए, अधीरता श द को ही ल। म कभी अधीर नह होता, बशत हर ि मेरा बताया काम करे और वह
उस काम को त काल कर दे!” सश ोधी ि क तरह उसने अपनी बात पर ज़ोर देने के िलए ले चर टड
पर मु ा मारा और िबना िझझके िन कष म वे श द कहे, जो िसफ़ सश ोधी ि ही कह सकता है,
“अधीरता मुझम गलत नह है; यह तो दूसर म ग़लत होती है।”
सश ोधी ि य के साथ यही द क़त है। इसी कारण वे सुधार करने क कोिशश नह करते ह। वे
हमेशा तक देकर सािबत कर सकते ह क उनके अवगुण ग़लत नह ह, वे तो दूसर म ग़लत होते ह। अगर सश
ोधी ि को अपने कठोर वभाव का यक़ न हो जाए, तो वह सबसे ज दी इस सम या को सुधार सकता है,
य क वह ल य-क त होता है और उसे खुद के सामने यह सािबत करना होता है क अगर वह ठान ले, तो कु छ
भी कर सकता है।
हमारे भीतर का सश ोधी वभाव हम हमेशा आगे धके लता रहता है। कभी खाली मत बैठो! अगर उठकर
कोई काम कर सकते हो, तो उसे अभी कर दी!
म एक बार अपनी एक शांत संतोषी सहेली को बता रही थी क मुझे ख़द को आराम करने के िलए मजबूर
करना पड़ता है और म यह सोचकर मजबूरी म सोती ँ क न द अ छी सेहत के िलए ज़ री है।
मने कहा, “आराम करते समय भी म यह योजना बनाती रहती ँ क उठने के बाद या क ं गी।”
मेरी सहेली ने जवाब दया, “यह तो बड़ी अजीब बात है क तुम आराम से लेटने के बजाय उठकर काम
करना चाहती हो। मेरे साथ िबलकु ल उलटा होता है। जब म जागती ,ँ तो पूरे समय सोचती रहती ँ क काश म
आराम से लेटी होती।”
हम दोन ही अपनी िभ ता पर हँस।े हम यह एहसास हो गया क सश ोधी ि काम का दीवाना
होता है, जब क शांत संतोषी ि आराम का दीवाना होता है।
िपछले साल े ड और मने फ़ै सला कया क हम आराम क स त ज़ रत है। मेरे भाई रॉन ने बहामा म एक
टापू पर जाने का सुझाव दया, जो इतनी दूर था क वहाँ हम मजबूरन आराम करना पड़ेगा। हम हवाई जहाज़ से
उस टापू क तरफ़ उड़ चले, जहाँ हमने आराम के िसवाय और कु छ न करने क योजना बनाई थी।
हम पहले दन ना ता नह िमला, य क जब तक हम नीचे प च ँ ,े तब तक टाफ़ जा चुका था! दूसरे दन
ना ते के बाद हम लोग उस लंबे, पतले टापू का मुआयना करने िनकले। हम टापू के ठीक बीच म थे और हमने
पाया क वहाँ पर हम िसफ़ दी ही काम कर सकते थे : दाई तरफ़ चलना या बाई तरफ़ चलना। लंच के समय तक
हम ये दोन ही काम कर चुके थे।
लंच के बाद े ड और म कमरे म आकर डबल बेड के कोने पर बैठ गए। े ड ने एक पैड बाहर िनकाला और
कहा, “मुझे लगता है क अब इन छु य को वि थत करने का समय आ गया है। अ छा यही रहेगा क हम
सुबह ज दी ना ता करने चल, ता क टाफ़ के जाने से पहले प च ँ सक। इसके बाद हम आराम से 9.30 पर अपने
बा थंग सूट पहन लगे। फर हम बाई तरफ़ घूमगे। चूँ क हम धूप सकना है, इसिलए हम 11 बजे तक समु तट पर
लेटगे। फर हम अपने कमरे म लौट आएँगे और कपड़े बदलकर लंच करने चलगे।”
मने िसर िहला दया। े ड ने एक-एक िमनट का िहसाब रखते ए शाम को 3 बजे तक का टाइमटेबल बना
दया, िजस समय हम दाई तरफ़ घूमने जाना था।
तभी मुझे एहसास आ क हम या कर रहे थे। िजन सश ोधी ि य को आराम क ज़ रत थी, वे
हर दन क योजना बना रहे थे, ता क उनक छु याँ बबाद न हो जाएँ। हालाँ क हम जानते थे क हमने इतनी
शांत जगह य चुनी है, ले कन चैन से बैठना हमारे वभाव के इतना िवपरीत था क हम अपने समय का यादा
से यादा फ़ायदा उठाने क योजना बना रहे थे!
सश ोधी ि य को यह एहसास होना चािहए क वे हाट अटैक के उ मीदवार ह, इसिलए उ ह
आराम से रहना सीखना होगा। म खुद को आराम करने के िलए िववश करती ँ और म इतनी अनुशािसत हो
चुक ँ क घर के बाहर रहते समय भी आधी रात से पहले सोने चली जाती ।ँ भले ही पाट चलती रहे, ले कन
म गुड नाइट कहकर सो जाती ।ँ
सश ोधी ि कभी आलस नह करता है, ले कन उसे यह एहसास होना चािहए क उसे हर व काम
करने क ज़ रत नह है।
याद रख
आराम करने म अपराधी महसूस करने क
कोई ज़ रत नह है।
याद रख
दूसर से चालबाज़ी करना और कमज़ोर नोटग
को िह कारत से देरवना बंद कर द।
हालाँ क पेगी िवचिलत थी, ले कन िच याँ देखकर म रोमांिचत हो गई और मने उ ह अपने पास रख िलया। ये
िच याँ सश ोधी ि के िनदश क आदश उदाहरण ह। इस तरह के िनदश उ ह उिचत लगते ह, जब क
बाक़ लोग को ये दबंग ि के िनदश लगते ह।
याद रख
कोई भी अधीर, दबंग, मुि कल पैदा करने वादने
दनो ग को पसंद नह करता है।
याद रख
अगर सश ोधी ि अपना दमाग़
खुला रखकर अपनी कमज़ो रय क तलाश
करे और यह वीकार करे क उसम कु छ
ख़ािमयाँ ह, तो वह वेसा ही आदश ि
बन सकता है, जैसा वह ख़द को मानता है।
सश ोधी ि यो, यह न भूल :
याद रख
उ साही बन। महीने म एक बार से शु
कर और आगे बढ़ते रह।
याद रख
हर स ाह कम से कम एक नया िवचार
सोचने क पूरी कोिशश कर। आपके
जीवनसाथी को बदलाव क ज़ रत है|
याद रख
शांत संतोषी ि यो, अगर आप
िज़ मेदारीपूण काम करने के िलए खुद को
े रत नह कर सकते, तो आप इसी कािबल ह
क आपको बार-बार ट चा जाए।
याद रख
इससे पहले क देर हो जाए, खुलकर बोल
अपनी रोशनी कसी झाड़ी के नीचे न िछपाएँ।
याद रख
न कहना सीख और िनणय लेने का अ यास कर।
अकार सभी इकतीस वाद पर एक साथ िवचार
करना ब त यादा लगे, तो चॉकलेट और वैिनला
म से कसी एक को चुनने के िनणय से शु कर।
जब आप िनणय ले ने से डर, तो याद रख क कोई है, जो आपक मदद कर सकता है।
ि व के
िस दांत
हर ि अनूठा सि म ण है
आपने अपनी पसनैिलटी ोफ़ाइल का कोर देखिलया है। आपको उससे पता चल चुका है क आप अनूठे ह।शायद
कसी दूसरे ि म उन शि य और कमज़ो रय का ठीक वही सि म ण (blend) नह होगा, जो आप म है।
अिधकांश लोग का कोर कसी एक कृ ित म यादा होता है, दूसरी कृ ित म उससे कम और बाक़ थोड़ा-थोड़ा
रहता है।कु छ लोग का कोर चार कृ ितय म बराबरी का होता है।ऐसे लोग आम तौर पर शांत संतोषी होते ह,
य क वे ब उ े यीय ि होते ह और साथ ही उ ह अपने गुण के बारे म िनणय लेने म सबसे यादा मुि कल
होती है।
आइए कु छ संभािवत सि म ण को देख :
वाभािवक सि म ण
जैसा आप चाट म देख सकते ह, लोकि य आशावादी / सश ोधी सि म ण वाभािवक है।वे दोन ही
बिहमुखी, आशावादी और प व ा होते ह। लोकि य आशावादी ि आनंद के िलए बोलता है, सश ोधी
ि काम करवाने के िलए बोलता है, ले कन वे दोन ही मुखर होते ह। अगर आप म यह सि म ण है, तो आप
म लीडरिशप क सबसे बड़ी ितभा है।अगर आप अपनी दोन शि य को एक कर द, तो आप एक ऐसे
ि बन जाते ह, जो दूसर को मागदशन दे सकता है और उनसे खुशी-खुशी काम करवा सकता है; ऐसा ि
जो आनंद से ेम करता है, ले कन ल य को हािसल कर सकता है; ऐसा ि िजस म ेरणा और संक प होता
है, ले कन िजसे उपलि धयाँ हािसल करने का नशा नह होता है।यह सि म ण काम और आनंद क अितय को
संतुिलत कर देता है, िजसके प रणाम व प ि काम और आनंद दोन को ही सही दृि कोण से लेता है।
ले कनअगर यह सि म ण नकारा मक बन जाए, तो ि दबंग बन जाता है और बेमतलब क बात करता है;
एक आवेगपूण ि जो गोल-गोल घूमता रहता है या एक अधीर ि जो हमेशा बीच म बाधा डालता है और
बातचीत पर एकािधकार करता है।
दूसरा वाभािवक सि म ण है पूण िनराशावादी/शांत संतोषी। वे दोन ही अंतमुखी, िनराशावादी और
िमतभाषी होते ह। वे यादा गंभीर होते ह, ि थितय क गहराई म देखते ह और मंच के बीच म खड़े नह रहना
चाहते ह। वे टेडी ज़वे ट क सलाह पर चलते ह, “धीरे बोलो और एक बड़ी छड़ी साथ म रखो।” शांत संतोषी
कृ ित पूण िनराशावादी कृ ित क गहराई को ह का करती है और पूण िनराशावादी कृ ित शांत संतोषी कृ ित
के ढीलेपन को ठीक करती है। इस तालमेल से महानतम िश ािवद् उ प होते ह, य क पूण िनराशावादी के
अ ययन और शोध का ेम शांत संतोषी लोग से तालमेल बैठाने और साम ी तुत करने क सुखद यो यता से
चमक उठता है। ले कन उ ह िनणय लेने म मुि कल हो सकती है। वे दोन ही इस े म धीमे होते ह, इसिलए वे
टालमटोल कर सकते ह। सबसे ब ढ़या तालमेल वह होता है, जब शांत संतोषी का संतुलन पूण िनराशावादी को
अवसाद म डू बने से रोके और पूणता क पूण िनराशावादी क इ छा शांत संतोषी को कम के िलए े रत करे ।
लोकि य आशावादी/सश ोधी कृ ित और पूण िनराशावादी/शांत संतोषी कृ ित वाभािवक सि म ण
ह। वे सगे भाई ह।
पूरक सि म ण
सश ोधी कृ ित/पूण िनराशावादी कृ ितय का तालमेल पूरक सि म ण है। यह एक ऐसा तालमेल है, जो
िबलकु ल सटीक बैठता है और कृ ितय क आपसी कमी का पूरक बन जाता है। सश ोधी/पूण िनराशावादी
कृ ितय वाला ि सव े िबज़नेसमैन बनता है, य क उसम सश ोधी कृ ित वाले ि क
लीडरिशप, उ साह और ल य का तालमेल होता है और आदश िवचारशील कृ ित वाले ि का
िव ेषणा मक, िववरण के ित जाग क, समयब ता वाला मि त क होता है। यह तालमेल अजेय होता है। कोई
भी चीज़ इस सि म ण क सीमा के परे नह होती है और वे िनि त प से सफल ह गे, चाहे इसम कतना ही
समय लग जाए। अगर वे कसी जीवनसाथी को सुधारने क ठान लेते ह, तो वे तब तक यह काम करते रहगे, जब
तक क सामने वाला आदश न बन जाए।
लुइसा नामक एक यारी युवती अपने वभाव को लेकर असमंजस म थी। जब मने उससे पूछा क वह
कॉलेज म कै सी थी, तो उसके चेहरे के भाव िबलकु ल ही बदल गए। वह एकदम संयत के उ साही हो गई, जब
उसने बताया क वह कॉलेज क िचयरलीडर थी और लोग के अनुसार उसक सफलता क सबसे यादा
संभावना थी। वह अपने बॉय ड के मागदशन मबदलने लगी थी, िजससे उसने बाद म शादी कर ली। उसका
बॉय ड सश ोधी/पूण िनराशावादी था, इसिलए वह उसे आदश बनाने के काम म जुट गया। जब वह कॉलेज
म पढ़ते समय उसे िच ी िलखती थी, तो वह लाल याही से उसक पे लंग ठीक करने के बारे म लगातार िनदश
देता था । अ छे इराद और अंतहीन लगन से उसने एक उछलती-कू दती उ साही लड़क को एक गंभीर,
ग रमामयी अिभने ी बना दया, जो यह नह जानती थी क वह कौन है ।
चूँ क यह सि म ण िनणयशील, सु वि थत, ल य-आधा रत होता है, इसिलए सश ोधी/पूण
िनराशावादी ि सबसे यादा े रत और संक पवान होता है तथा वह अनंत काल तक कसी उ े य म जुटा
रह सकता है । सकारा मक दशा म बढ़ने पर सश ोधी/पूण िनराशावादी ि सबसे यादा सफल होते ह,
ले कन जब अित हो जाए, तो इनक शि याँ भी असहनीय बन जाती ह ।
दूसरा पूरक सि म ण है लोकि य आशावादी/शांत संतोषी । एक ओर सश ोधी/पूण िनराशावादी
कृ ित के ि का काम क ओर झुकाव होता है, वह लोकि य आशावादी/शांत संतोषी ि आराम क
ज़ंदगी िबताना चाहता है और मज़े करना चाहता है । आरामदेह वभव और हा य के एस दोहरे तालमेल से
लोकि य आशावादी/शांत संतोषी लोग सबसे अ छे दो त होते ह । उनका गमजोशी भरा, शांत वभाव आकषक
होता है और लोग उनके साथ रहना पसंद करते ह । शांत संतोषी कृ ित लोकि य आशावादी कृ ित के उतार-
चढ़ाव को संयत करती ह, जब क लोकि य आशावादी ि व शांत संतोषी कृ ित को उ सािहत करता है ।
लोक- वहार क दृि से यह सि म ण सव े होता है । एसेलोग कमचारी, माता-िपता और लीडर के प म
े होते ह, य क उनम लोकि य आशावादी का मज़ेदार हा यपूण अंदाज़ और शांत संतोषी क ि थरता होती
है। दुभा य से, लोकि य आशावादी/शांत संतोषी सि म ण का दूसरा पहलू भी है। वे आलसी होते ह और काम से
बचना चाहते ह। िजस काम से बचा जा सके , उसे करने क उनक कोई इ छा नह होती है। इसके अलावा, वे पैसे
सँभालने के मामले म भी ब त कमज़ोर होते ह। हर वभाव के सि म ण क तरह ही इसम भी रोमांचक शि याँ
और कमज़ो रयाँ होती ह।
िवपरीत ूव
हमने वाभािवक और पूरक सि म ण देख िलए ह। अब हम िवपरीत सि म ण पर नज़र डालते ह। अगर एक ही
ि म लोकि य आशावादी/पूण िनराशावादी कृ ित ह या सश ोधी/शांत संतोषी कृ ित ह , तो आंत रक
संघष तय है - एक कृ ित अंतमुखी है, दूसरी बिहमुखी; एक का नज़ रया आशावादी है, दूसरी का िनराशावादी।
दोन सि म ण म लोकि य आशावादी/पूण िनराशावादी यादा भावुक होता है, य क एक ही शरीर म
लोकि य आशावादी लोग के पल-पल के उतार-चढ़ाव और पूण िनराशावादी कृ ित के अिधक गहरे तथा लंबे
सदमे रहते ह तथा इनम आसानी से संतुलन नह हो पाता है। इस खंिडत ि व (split personality) से
भावना मक सम याएँ उ प हो सकती ह। लोकि य आशावादी कृ ित कहती है, “आओ, चलो मज़े कर," ले कन
बीच म ही पूण िनराशावादी कृ ित गित रोक देती है।
इस कार क एक मिहला ने मुझे बताया क उसने अपने माता-िपता के िववाह क वषगाँठ पर पाट देने क
योजना बनाई थी। उसके लोकि य आशावादी िह से ने बेहतरीन िवचार सोचे थे, िजनम नए तरह के आमं ण,
के ट रं ग का िडनर और ऑक ा शािमल थे। बहरहाल, काय म के दो दन पहले उसके पूण िनराशावादी कृ ित
वाले िह से ने आगे आकर कहा, “तुम इतनी बड़ी पाट देने के झमेले म आिख़र य फँ स रही हो? इससे त काल
बाहर आ जाओ।” उस मिहला ने पाट र कर दी और फर कई ह त तक इस बात पर दुखी होती रही क उसके
इस िनणय से उसके माता-िपता कतने िनराश ए थे।
काम कर या न कर?
इस कार क अित करने वाले ि य के मामल के गहन अ ययन के दौरान हमने पाया क आम तौर पर यह
अतीत के आघात के कारण सीखी ई ित या होती है। हम इ ह “बचाव के नक़ाब” कहते ह। या तो पूण
िनराशावादी ब ा माता-िपता का यान आक षत करने के िलए लोकि यता का नक़ाब लगा लेता है या फर
लोकि य आशावादी ब ा अ वीकृ ित या मार के कारण अवसाद म डू ब जाता है और पूण िनराशावादी नक़ाब
लगा लेता है। गंभीर सम या वाले प रवार म बड़े होने वाले ब त से ब े आदश दखने का पूण िनराशावादी
नक़ाब लगा लेते ह। ‘‘अगर म आदश दखूंगा, तो डैडी मुझे नह मारगे और म मी मुझ पर नह िच लाएँगी।”
प रवार म अगर शराब, नशे, अ वीकृ ित, कामुक या भावना मक दु वहार क सम या हो, तो ब े ि व के
नक़ाब लगाने के िलए मजबूर हो जाते ह। वे यह नह जानते क िस टम से कै से लड़ा जाता है, इसिलए वे वही बन
जाते ह, िजससे उ ह बचने म मदद िमलती है।
वय क के प म उनका ि व खिडत नज़र आता है। वे अपनी ही मनोदशा के िवपरीत ुव को नह
समझ पाते ह और यह तय नह कर पाते ह क काम कर या न कर... चाहे वे उसके िलए े रत ह या न ह ।
सश ोधी/शांत संतोषी सि म ण वाले ि म िवपरीत कृ ितय के भावना मक दबाव ऐसे नह होते ह,
ले कन उनम “काम कर या न कर” का मह वपूण संघष होता है। शांत संतोषी कृ ित वाला िह सा हर चीज़ को
आराम से करना चाहता है, जब क सश ोधी कृ ित वाला िह सा जब कोई साथक काम नह करता है, तो ख़द
को अपराधी समझता है। इस सम या को सुलझाने के िलए आम तौर पर जीवन को दो िह स म िवभािजत करना
पड़ता है - नौकरी म कड़ी मेहनत और घर पर आराम।
कई बार सश ोधी ि अपने काम म पूरी ताक़त झ क देता है और घर लौटने तक या तो इतना थक
चुका होता है क उँ गली तक नह उठाना चाहता या फर उसे लगता है क घर इतना मह वपूण नह है क वहाँ
पर वह मेहनत करे । हो सकता है, शांत संतोषी ि नौकरी म मेहनत करे , जहाँ वह े रत होने के कारण सश
ोधी कृ ित का भी लग सकता है, ले कन शाम को घर लौटने पर पूरी तरह आराम करे ।
अगर आपम यह सि म ण दखता है, तो ख़द से पूछ क या आप मूलतः सश ोधी कृ ित के ह और घर
पर अपनी कृ ित को दबा रहे ह या फर आप शांत संतोषी कृ ित के ह और काम करने के िलए े रत ह।
अगर इन सवाल का कोई संतोषजनक जवाब न िमले, तो शायद आप बचाव का नक़ाब ओढ़े ह और आपको
यह एहसास ही नह है क आपके बचपन का कु छ दद अब भी आपके वय क जीवन को भािवत कर रहा है।
सश ोधी ब ा अपने माता-िपता क बहस और लड़ाई को देखने के बाद इस नतीजे पर प च ँ ता है क सबसे
अ छी नीित यही है क वह िनयं ण क अपनी इ छा को िछपा ले और शांत रहे। अगर इस ब े को प रवार के
िनणय म शािमल न कया जाए, जैसे उसके कपड़े, उसका कमरा, उसका पालतू कु ा, उसके कू ल के िवषय,
उसका कै रयर, और/या उसके जीवनसाथी का चुनाव, तो वह यह जान जाता है क या तो उसे िनयं ण के िलए
संघष करना होगा और “बुरे ब ”े क छिव के साथ जीना होगा या फर उसे हार मानकर दूसर क स ा को
वीकार करना होगा, जब तक क वह घर छोड़कर जाने क ि थित म न आ जाए। अगर सश ोधी कृ ित के
ब े के साथ दु वहार कया जाए, तो वह मन ही मन सोचता है, “म अभी तो इस बारे म चुप र ग ँ ा, ले कन जब
म यहाँ से बाहर िनकलूँगा, तो कोई भी मुझ पर दोबारा िनयं ण नह कर पाएगा।” ि थित चाहे इनम से कोई भी
हो, सश ोधी ब ा शांत संतोषी कृ ित का नक़ाब लगा लेता है। वय क बनने के बाद वह िनयं ण और
आ ाका रता के बीच झूलता रहता है और उसे समझ म नह आता है क ऐसा य हो रहा है।
शांत संतोषी ब ा िनयं ण नह करना चाहता है और आम तौर पर उसका वहार सबसे अ छा होता है।
यह ब ा शि का नक़ाब य ओढ़ता है और िनयं ण अपने हाथ म य लेता है? ऐसा िसफ तभी होता है, जब
वह अपने प रवार क ि थित को बेक़ाबू होते देखता है और सोचता है, “ कसी न कसी को तो इसे सही करना
होगा।” एक माता/िपता के प रवार म अ सर जो अिभभावक प रवार म नह रहता है, उसक िज़ मेदारी कसी
ब े पर डाल दी जाती है। अगर यह ब ा शांत संतोषी है, तो वह सश ोधी नक़ाब लगा लेता है, अपने शांत
वभाव का दमन करता है और िनयं ण अपने हाथ म ले लेता है। वय क के प म वह अिनवाय ि थितय म ही
िनयं ण लेता है और मौक़ा िमलते ही सब कु छ छोड़-छाड़कर आराम करने लगता है। वह हमेशा थका रहता है
और यह नह जानता है क वह अंदर से इतना खंिडत य महसूस कर रहा है।
अगर आपम िवपरीत कृ ितय का सि म ण हो, तो बचपन क अपनी भावना को याद कर और देख क
या इन प ीकरण से आपको कु छ समझ म आता है। अिधक अ ययन के िलए इं ग युअर माइं ड ॉम
मेमोरीज़ दैट बाइं ड और युअर पसनैिलटी ी पढ़, ख़ास तौर पर नक़ाब लगाने वाला अ याय ।
अगर आपम सभी कृ ितय के “थोड़े-थोड़े” गुण ह, तो ऐसा कई कारण से हो सकता है। हो सकता है, आपने
जाँच म ग़लत जवाब दए ह। आप श द को नह समझ पाए ह (पृ 242 पर दी प रभाषा को पढ़); आप शांत
संतोषी कृ ित के ह और आपको िनणय लेने म द क़त आती है; आप आदश ह और गित के िशखर पर प च ँ ने
वाले ह, या आप बचपन म इतने िनयंि त, िनदिशत या दबे ए थे क आप अब तक यह नह समझ पाए ह क
आप सचमुच कै से ह।
आप पसनैिलटी ोफ़ाइल म चाहे जहाँ भी ह , याद रख क मह वपूण बात लेबल नह है; मह वपूण बात तो
आपके ि व क शि य और कमज़ो रय क समझ है।
जब म पसनैिलटी लस सेिमनार म कृ ितय क अवधारणा बताती ,ँ तो कई बार लोग मुझसे पूछते ह, “आप
हम छोटे-छोटे ब स म रखने क कोिशश य कर रही ह?” मने इस सवाल के बारे म ब त सोचा है और म इस
नतीजे पर प चँ ी ँ क हम पहले से ही अपने छोटे-छोटे ब स म रह रहे ह। हम जीवन म चाहे जो कर, हमारा
तं हमारे साथ चलता है। हम उतनी ही दूर तक जाते ह, जहाँ तक हम आरामदेह महसूस करते ह। हम अपनी
दीवार को नह लाँघते ह और दरवाज़ा खोलने से पहले दरार म से नह झाँकते ह।
शु से ही ब से
जब हम पैदा होते ह, तो हम त काल एक छोटे ब से म प च ँ ा दया जाता है। हमारी छोटी सी जगह को दीवार
से घेर दया जाता है। उसम एक िखड़क भी होती है, िजसम से झाँककर ेमपूण र तेदार हमारे असहाय प को
देख सकते ह। घर लाते समय हम कपड़ म लपेट दया जाता है और एक नए ब से यानी पालने म रख दया
जाता है, िजसम हमारी सुर ा के िलए चार तरफ़ छड़ लगी रहती ह। बाहर ले जाते समय हम डिलया म रखा
जाता है या फर ब क सीट म बे ट से कस दया जाता है। सुपरमाकट म भी सुर ा के िलए हम शॉ पंग काट
के भीतर बैठाया जाता है। जब हम बड़े ब स म प च ँ ते ह, तो हम लेपेन म रख दया जाता है, जो हम अपनी
जगह पर बाँधे रखता है। बाद म हम अपने कमरे म पैदल चलने क इजाज़त दे दी जाती है, जब क दरवाज़े पर
छोटा गेट होता है। जब हम थोड़े साहसी बनते ह, तो हम चहारदीवारी वाले पीछे के आँगन म घूमने- फरने क
वतं ता दे दी जाती है। हर कू ल म हर लास का एक कमरा होता है और हम एक साल तक एक टीचर के साथ
उसी सुरि त थान पर रहते ह।
बड़े होने के बाद भी ब सा हमारा पीछा नह छोड़ता है। जब हम बड़ी दुिनया म क़दम रखते ह, तो अपनी
दीवार को अपने साथ लेकर चलते ह। जब मने कॉलेज म दािख़ला िलया, तो मुझे एक ममेट के साथ एक ब से
म रख दया गया, ले कन कु छ ही दन म हम दोन ने अपने बीच एक अदृ य दीवार ख च ली। िब तर पर
िबछाई जाने वाली चादर , दीवार के पो टर और सामान रखने के बारे म हमारी राय अलग-अलग थी, इसिलए
हमने फ़श पर एक सीमारे खा बना ली और कमरे को आधे-आधे िह स म बाँटकर एक-दूसरे क तरफ़ पीठ कर
ली। हम दोन ने ही अपने ख़द के ब से बना िलए, जहाँ हम सुरि त महसूस करते थे।
बहरहाल, कृ ितय क अवधारणा हम कसी पंजरे म बंद नह करती है और हमारे पैर को सीमट से नह
जोड़ती है। इससे तो हम यह देखने म मदद िमलती है क हम कस तरह के ब से म ह और वहाँ से बाहर कै से
िनकल सकते ह। जब हम यह एहसास होता है क हमारी मूलभूत कमज़ो रय ने हम कस तरह क़ै द कर रखा है,
तो हम दरवाज़ा खोलने और पास वाले घर के अहाते क तरफ़ बढ़ने क िह मत और मेहनत कर सकते ह।
ि व के बारे म मने यह ट पणी सबसे यादा बार सुनी है, “इसने मुझे मु कर दया है और अब म वह बन
गया/गई ,ँ जो म सचमुच ।ँ ” जब हम ख़द को समझ लेते ह और अपनी कृ ितय के ित स े बन जाते ह, तो
हम अपने आप उन लोग को वीकार करने लगते ह, जो हमारे नज़ रए से नह देखते ह और हमसे िवपरीत
जीवनशैली जीना चाहते ह।
जब हम शादी करते ह
जब हम इस बारे म सोचते ह क हम अपने ब से को बनाने और इसे अपनी ॉ फ़य से सजाने म कतने साल
लगते ह, तो इसम कोई हैरानी क बात नह है क जब हम कसी अलग तरह के ब से म रहने वाले ि से
शादी करते ह, तो हमारा तालमेल सही नह बैठता है!
हम िभ कृ ित के ि के साथ िववाह के बंधन म बँधते ह और हनीमून के दौरान ही सोचने लगते ह क
सामने वाला कतनी ज दी हमारे िस टम से तालमेल बैठाएगा। एक ही पलंग पर सोने के बावजूद हमारे आस-
पास चहारदीवारी क़ायम रहती है।
मेरे पास सलाह लेने आई एक मिहला ने मुझे यह कहानी सुनाई। िसि वया पूण िनराशावादी थी। उसक हर
चीज़ आदश थी : उसके बाल, उसका मेकअप, उसके नाख़ून। वह एक एयरलाइन म एयर हो टेस थी और एक
अंतरा ीय उड़ान के दौरान मनमोहक बड से िमली थी। बड ने लोकि य आशावादी ि व और वा पटु ता से
िसि वया का दल जीत िलया और कु छ महीन बाद ही दोन ने शादी कर ली। चूँ क िसि वया ने वे ट को ट पर
एक घर को फ़न चर से सजा िलया था, इसिलए वह इसे नह छोड़ना चाहती थी। बड भी इस बात से सहमत था,
य क वह तीन अ य पु ष के साथ एक अपाटमट म रह रहा था और उसके पास यादा फ़न चर भी नह था।
जब हनीमून के बाद िसि वया पहले दन काम पर जाने लगी, तो बड ने उससे कहा क वह कु छ सामान
लाने के िलए अपने अपाटमट जा रहा है। बहरहाल, जब िसि वया उस रात को घर लौटी, तो उसे अपनी आँख
पर यक़ न नह आ। बड अपना “कु छ सामान” ले आया था। उसने िसि वया के िपकासो के ं स के पास अपने
कु छ क पो टर लगा दए थे। मरे ए हाथी क तरह दखने वाली एक बदसूरत बीनबैग कु स न िसि वया के
एन सोफ़े के पास रखी थी और कचन काउं टर पर एक िनयॉन साइन लगा था, जो बडवीज़र िबयर के फ़ायदे बता
रहा था।
िसि वया बड के मदना ि व से यार करती थी, ले कन यह नह जानती थी क वह अपने ब से को भी
साथ ले आएगा।
म लोकि य आशावादी कृ ित का ,ँ ले कन
म लगातार बोलता ।ँ
म पूण िनराशावादी कृ ित का ,ँ ले कन
म ज दी ही िनराश हो जाता ।ँ
म सश ोधी कृ ित का ,ँ ले कन
म दबंग और अधीर ।ँ
म शांत संतोषी कृ ित का ,ँ ले कन
मुझम उ साह नह है।
ि गत योजना बना ल
अब आप चार मूलभूत कृ ितय के बारे म जान चुके ह और अपने कोर को देख चुके ह, िजससे आपको अपने
गुण का सि म ण पता चल चुका है। अब आप अपने सकारा मक गुण को बढ़ाने और नकारा मक गुण को ख़ म
करने के क़दम उठाने के िलए तैयार ह। अपनी पसनैिलटी ोफ़ाइल देख।
अपनी शि य का आकलन कर
लोकि य आशावादी और सश ोधी ि अपनी शि य को ब त ज दी देख लेते ह और उ ह फ़ौरन
वीकार कर लेते ह, ले कन पूण िनराशावादी तथा शांत संतोषी ि य को अपने िनराशावादी वभाव के
कारण अपने सकारा मक गुण को वीकार करने से पहले अ सर थोड़ी देर सोचना पड़ता है। चाहे आपका
वभाव कै सा भी हो, अपनी पसनैिलटी ोफ़ाइल को यथाथवादी ढंग से देख और यह फै सला कर क आपक नज़र
म लोक- वहार क आपक तीन मुख शि याँ कौन सी ह। नीचे उ ह िलख ल।
अगर आप अपने ि व को सचमुच यादा आकषक बनाना चाहते ह, तो दूसर से मदद माँगने म न िहचक।
दूसर क राय ल
दूसर से यह पूछने क िह मत कर, “अगर मुझे अपने ि व के कसी एक पहलू पर काम करना हो, तो आपके
िहसाब से मुझे कहाँ से शु करना चािहए?” फर वह काम कर, िजसे करना सबसे यादा मुि कल है : सुन।
जब वे अपनी राय बता द, तो उनसे यह न कह क उनका दमाग सरक गया है। र ा मक बनकर यह भी न
कह, “ले कन आप तो मुझसे भी यादा गए-गुज़रे ह।” सामने वाला चाहे जो कहे, उसे ध यवाद द और उसक
राय के बारे म सोच। अ सर लोग मुझे िबना माँगी सलाह देते ह और इसाई ेम के वशीभूत होकर मेरी
रचना मक आलोचना करते ह। हालाँ क म कभी इन सुझाव के बारे म रोमांिचत नह होती ,ँ ले कन मने उन
पर िवचार करना ज़ र सीख िलया है। अगर उनम कोई स ाई होती है, तो म उसे हण कर लेती ,ँ फर म ख़द
को िजतना बदल सकती ,ँ उतना बदल लेती ँ और बाक़ बात को नज़रअंदाज़ कर देती ।ँ आम तौर पर
नकारा मक ट पिणय म थोड़ी-ब त स ाई होती है और प रप बनने के िलए हम आलोचना को ग रमा तथा
कृ त ता के साथ वीकार करना चािहए।
स ी राय को ो सािहत कर
जब हमम से कोई भी दूसरे लोग के साथ ई बातचीत के बारे म सोचने का समय िनकालता है, तो हम एहसास
होता है क हम स ी राय को कतना कम ो सािहत करते ह। हम अपने चार तरफ़ अपने ब से बना लेते ह।
लोग सीख जाते ह क वे हमारी फ़स के कतने क़रीब आने क िह मत कर सकते ह, इसिलए वे हमारे साथ एक
ऐसा औपचा रक संबंध बना लेते ह, जो िबलकु ल कृ ि म हो सकता है। या आपके प रवार वाले आपको शांत
रखने के िलए कृ ि म वहार करते ह? या आपके सहकम जानते ह क वे आपके कतने क़रीब आ सकते ह,
िजसके बाद आप गु से म आ जाएँगे या झ लाने लगगे ? अगर लोग आपके साथ द ताने पहनकर पेश आ रहे ह,
तो शायद यही समय है क आप उनके साथ ईमानदार हो जाएँ और उ ह अपने बारे म ईमानदार होने क
अनुमित द।
ब त से दंपितय ने एक साथ बैठकर अपने चाट पर चचा करने के बाद हम बताया है क बरस बाद उनके
बीच पहली साथक बातचीत ई है। एक मिहला ने कहा, “जब भी हमारे सामने सम याएँ आती थ , हम एक-
दूसरे के साथ हमेशा र ा मक हो जाते थे। हम दोन ही दखावे का जीवन जी रहे थे। जब हमने बैठकर चाट पर
बातचीत क , तो पहली बार हमने अपने दोष को अपने मुँह से कहा। ऐसा लग रहा था क काग़ज़ बातचीत कर
रहा था, इसिलए हम एक-दूसरे पर ग़ सा नह ए। कृ ितय के इस अ ययन ने खुलकर और ईमानदारी से
बातचीत करने क हमारी मता को बदल दया है।”
कु छ लोग इतनी मोटी दीवार खड़ी कर लेते ह क कोई भी अंदर के वा तिवक व प को नह जान पाता है।
अ सर ऐसा करने के पीछे उनका इरादा भी यही होता है। (“अगर आप सचमुच जान गए क म भीतर से कै सा ,ँ
तो आप मेरी परवाह नह करगे।”) आइए हम अपने नक़ाब के पीछे से बाहर िनकल और बदलने क िह मत कर।
अतीत क हमारी असफलता से हम फस से िघरने क ज़ रत नह है। हम तो अपनी भावी संभावना के े म
क़दम बढ़ाने क ज़ रत है।
िवपरीत ुव आक षत होता ह
े ड माट थे - म मूख थी
े ड शि शाली थे - म कमज़ोर थी
े ड सही थे - म ग़लत थी
मुझे इनम से कोई िन कष पसंद नह था, ले कन मुझे पं ह साल तक इनके साथ रहना पड़ा, जब तक क हम
कृ ितय के बारे म पता नह चल गया। फर हम दोन ने ही पाया क अगर हमारा जीवनसाथी हमसे िभ है,
तो इसी कारण वह गलत नह हो जाता।
योजना? कै सी योजना?
हनीमून से लौटने के एक ह ते बाद हम एक फ़ म देखने गए। जब हम फ़ म देखकर बाहर िनकले, तो मने
सुझाव दया, “चलो, हॉवड जॉनसन के यहाँ चलकर एक आइस म कोन खा लेते ह?” मुझे लग रहा था क मेरे
मन म एक ब ढ़या िवचार आया था, ले कन े ड ने जवाब दया, “यह मेरी योजना
म शािमल नह है।”
“के सी योजना ?”
“म हर सुबह सात बजे एक योजना बनाता ।ँ अगर तु ह रात को यारह बजे आइस म कोन खाना है, तो
तु ह यह बात मुझे सुबह सात बजे बता देनी चािहए, ता क म उसे अपनी योजना म शािमल कर सकूँ ।”
“ले कन सुबह सात बजे मुझे यह पता नह था क रात को यारह बजे आइस म खाने क इ छा होगी।”
हम सीधे घर चले गए और म जान गई क यह शादी यादा मज़ेदार सािबत नह होगी।
शु से ही हमारे बीच टू थपे ट को लेकर द क़त आने लगी। े ड को लगता था क ूब को नीचे क तरफ़
से सफ़ाई से दबाना चािहए, जब क म तो बस ूब को उठाती थी और कह से भी दबा देती थी। वे मेरे बनाए
ग को ठीक करते रहते थे और ढ न साफ़ करते रहते थे। मज़े क बात यह थी क मने यान ही नह दया क वे
यह काम कर रहे ह। लोकि य आशावादी ि और पूण िनराशावादी ि के िववाह म एक मूलभूत संघष यह
होता है क लोकि य आशावादी ि को पता ही नह होता है क वह कोई काम गलत कर रहा है और पूण
िनराशावादी ि सम या को प ता से नह बताना चाहता है। वह चुपचाप सामने वाले क गलती को ठीक
करता रहता है और यह मान लेता है क लोकि य आशावादी ि देर-सबेर देखकर समझ जाएगा। ले कन
लोकि य आशावादी ि को संकेत समझ म नह आता है, इसिलए उसे समाधान के बारे म ज़रा भी पता नह
होता है। जब तक पूण िनराशावादी ि को लगता है क उसे इस बारे म कु छ करना होगा, तब तक उसक
भावनाएँ इतनी तनावपूण हो जाती ह क यह छोटा सा मु ा एक बड़े िववाद म बदल जाता है। ि व के ान
से इन सम या से बचा जा सकता है। पूण िनराशावादी ि पहले तो यह िनणय लेता है क यह मु ा
मह वपूण है या नह । फर वह िवचिलत होने से पहले ही पूरी बात खुलकर बता देता है। लोकि य आशावादी
ि सही काम करने क कोिशश करता है, जब क पूण िनराशावादी ि ग़लितय को अनदेखा करना
सीखता है।
े ड ने हमारे टू थपे ट क सम या को सुलझाने के िलए मेरे िलए एक अलग ूब ख़रीद दी, िजसे म मनचाही
जगह से दबा सकती थी।
िवपरीत ुव िनि त प से एक-दूसरे को आक षत करते ह और जब हम शि य पर यान क त करते ह,
तो हमारा तालमेल सही होता है, ले कन जब हम अपने ि व को नह समझते ह, तो हम कमज़ो रय पर
यान क त करने लगते ह और यह महसूस करने लगते ह क “मुझसे िभ ि ” गलत ही होगा।
मैने एक दंपित क परामश दया था, िजनके बीच लोकि य आशावादी/पूण िनराशावादी वाली सम या थी।
चक नाम का से समैन पाट क जान था और उसके पास हमेशा कोई न कोई मज़ेदार बात रहती थी। िम रयम
पूण िनराशावादी थी। उसने मुझे बताया क वह चक क तरफ़ त काल आक षत हो गई, य क चक म ज़बद त
आ मिव ास था, जब क वह असुरि त थी, सामािजक प से असहज महसूस करती थी और अ सर भीड़ से दूर
रहती थी। उसने चक का वणन करते ए कहा क वह बिहमुखी, आकषक, मनमोहक, बातूनी और वा पटु था। ये
गुण िम रयम म नह थे और उसे लगा क चक इनक भरपाई कर देगा।
जब तक िम रयम मेरे पास आई, तब तक वह बुरी तरह तनाव त हो चुक थी। वह एक आदश िववाह
चाहती थी, ले कन चक सही तरीक़े से काम नह करता था। वह अ सर िडनर के िलए देर से घर लौटता था,
जब क िम रयम हमेशा सही समय पर िडनर तैयार रखती थी। वह चक के देर से घर आने को अपना ि गत
अपमान मानती थी। इससे भी बुरी बात यह थी क जब वह आता था, तो उसे इस बात का एहसास भी नह
होता था क वह देर से आया है। िम रयम को लगता था क हर समझदार आदमी उसक तरह घड़ी के िहसाब से
चलता होगा, इसिलए उसने मान िलया क वह जान-बूझकर देर से घर आता होगा। उसने चक के साथ इस
सम या के बारे म बातचीत नह क , य क वह झगड़ा शु नह करना चाहती थी।
उसने यह भी देखा क चक ब त अ वि थत था और अ सर अपनी चािबयाँ इधर-उधर रख देता था।
िम रयम ने एक क बोड ख़रीदा, िजस पर चाबी टाँगने के क लगे ए थे और उसे सामने वाले दरवाज़े के पास
लगा दया। िम रयम सोच रही थी क चक उसे देख लेगा, ले कन जब उसने उसक तरफ़ यान नह दया, तो
वह िचढ़ गई, िजसका कारण चक को समझ म नह आया। जब िम रयम ने आिख़रकार उसे बताया क उसक
िचढ़ का कारण यह है क चक ने उसके ख़रीदे ए क बोड को नह देखा, तो चक ने कहा क वह मूख है। इससे वह
दोबारा िचढ़ गई।
चक के साथ कु छ पा टय म जाने के बाद उसे यह एहसास आ क वह पुराने मज़ाक़ बार-बार सुनाता रहता
था। िम रयम को चंचलता से िचढ़ थी और उसे वही मज़ाक़ बार-बार सुनना तो क़तई पसंद नह था। एक रात को
चक ने एक कहानी सुनाई, जो पूरी तरह से सच नह थी। िम रयम को यह जानकर सदमा लगा क उसका पित
झूठ भी बोलता है। िम रयम ने जब चक से कहा क उसने पूरी स ाई नह बताई थी, तो उसका जवाब था,
“उससे या फ़क़ पड़ता है? लोग हँसे तो थे ना ?”
जब मने चक से बात क , तो उसने अपना पहलू सामने रखा। वह एक आनंददायी, आकषक ि था और म
देख सकती थी क वह िम रयम क इतना पसंद य आया था। यादातर लोग क तरह ही उनका तालमेल भी
गड़बड़ था, ले कन चक को लगता था क अगर उसक प ी थोड़ी सी खुल जाए, तो हर चीज़ ठीक हो जाएगी।
“िम रयम अ छी, नम दल, संकोच लड़क है और मुझे उसक यह ख़ूबी पसंद है - ले कन शादी के बाद आधे
समय वह तनाव म रही है। वह मुझे मज़ेदार मानती थी - जैसा हर ि मानता है - ले कन अब वह मुझे झूठा
कहती है और चाहती है क मेरी कहािनयाँ िसफ़ त य तक ही सीिमत रहनी चािहए।
“वह एक अ छी गृिहणी है। दरअसल वह एक तरह से घर क साफ़-सफ़ाई के पीछे पागल है। अगर म अपना
कप नीचे रख दू,ँ तो वह उसे झपटकर उठाती है और कचन म ले जाती है। हम िल वंग म के िलए नया फ़न चर
लाए ह, ले कन उसने उसे चादर से ढँक रखा है, ता क उसका रं ग न उड़ जाए। वहाँ बैठकर तो मुझे लगता है, जैसे
म कसी मुदाघर म बैठा ।ँ वह कमरा भुतहा लगता है।
“अगर मुझे घर आने म दस िमनट क भी देर हो जाती है, तो वह तनाव म आ जाती है। वह यह बात
समझती ही नह है क म से समैन ँ और मुझे ाहक के सामान ख़रीदने तक कना पड़ता है। ऐसा लगता है,
जैसे म िबगड़ा आ ब ा ँ और मने कसी माँ से शादी कर ली है।”
हम चक और िम रयम का या कर ? जब दोन लोग िन प ता से सम या का िव ेषण करते ह, तो कई
सम याएँ अपने आप सुलझ जाती ह। मने इन दोन को पसनैिलटी लस के टे स दए और उनसे कहा क जब तक
वे दोन साथ बैठकर उ ह नह सुन लेते, तब तक म उनसे दोबारा नह िमलूँगी। िम रयम ने एक स ाह बाद मुझे
फ़ोन कया और उसक आवाज़ बदली-बदली लग रही थी। “ या म आपसे िमलने आ सकती ?ँ हम दोन ने
आपके टे स सुन िलए ह।”
उसने मुझे बताया :
ग़लती सुधारना
इन सम या से उबरने के िलए दंपितय को सबसे पहले अपने िवपरीत वभाव को समझना होगा और फर
सामंज य क दशा म एक साथ मेहनत करने का संक प करना होगा। लोकि य आशावादी ि चाहे पु ष ह
या मिहला, उ ह अपने जीवन को वि थत करना होगा, जब क पूण िनराशावादी ि य को यह समझना
होगा क लोकि य आशावादी ि य के िलए वि थत होना कतना मुि कल काम है। पूण िनराशावादी
ि को अपनी अपे ाएँ कम कर लेनी चािहए और इस बात पर नह पछताना चािहए क उसक शादी कतने
अपूण ि से ई है।
सश ोधी ि को शांत संतोषी जीवनसाथी को िनणय तथा िज़ मेदारी लेना िसखाना चािहए। शांत
संतोषी लोग को भी इस दशा म मेहनत करनी चािहए, ता क सश ोधी ि दोबारा लगाम अपने हाथ म
न ले ले। शांत संतोषी ि को मन मारकर रोचक गितिविधय क योजनाएँ बनानी चािहए और सश ोधी
ि को उनका आनंद लेने के िलए काम से समय िनकालना चािहए।
इन सब काम म कोिशश तथा मेहनत क ज़ रत होती है, ले कन अगर ऐसा नह कया गया, तो दो शादी-
शुदा लोग अलग-अलग जीवन िजएँगे, जब तक क उनम से कोई अलग होने का फ़ै सला न कर ले।
उ मीद क करण है! े ड और मने अपने वैवािहक जीवन का कायापलट करने के िलए ब त मेहनत क ।
मुझे वि थत होना और उ ह आनंद उठाना सीखना पड़ा, ले कन हम एक-दूसरे क इतनी यादा परवाह थी क
हमने यह काम कर दया। हमारे सेिमनार म भाग लेने वाले कई लोग ने िलखा है क ि व के ान से उ ह
ब त मदद िमली है।
ि व िववाह म घुल-िमल जाता है और “आप अपनी नई पहचान तभी पाते है, जब आप कसी
दुसरे ि व के साथ जुड़ जाते है... ेम एक ि व का दुसरे ि व म आनंदमयी िमलाप है|”
ओसना ड वबस
अ याय 15
हम ल गो क िभ ता को पहचान सकते ह
जब चार कृ ितय के अ ययन से हम ख़द को समझ लेते ह, तो हमारे सामने सकारा मक मानवीय संबंध का
एक िबलकु ल नया संसार खुल जाता है। हम सीखे ए िस ांत को ावहा रक िज़दगी म लागू कर सकते ह।
हम जान सकते ह :
सश ोधी ि सव े होते ह :
सश ोधी ि
लोकि य आशावादी ि क तरह ही सश ोधी ि को भी चैन से बैठने म मुि कल आती है। वह अपनी
कु स के कनारे पर बैठता है और काम करने के िलए त पर रहता है। आम तौर पर सश ोधी ि को गपशप
समय क बबादी लगती है। अगर बातचीत िबज़नेस के बारे म न हो या कसी ऐसी चीज़ के बारे म न हो, िजसम
वह दख़ल दे सके , तो वह शायद चुप ही रहेगा। अगर सश ोधी ि को कोई चीज़ चािहए, तो वह माँगने के
बजाय उसे उठा लेता है, हालाँ क यह हो सकता है क इस च र म वह कसी दूसरी चीज़ को लुढ़का दे।
सश ोधी ि हर िवषय के बारे म सब कु छ जानता है और वह आपक ज़ रत से यादा बात बताकर
खुश होता है। वह बड़बोला होता है और उसम दूसर को अनाड़ी मानने क वृि होती है। सामािजक ि थित म
उसका िवरोध करना ठीक नह है, य क उसे बहस करना अ छा लगता है और आपके सही होने के बावजूद वह
आपको ग़लत सािबत कर देगा। उसके माण से बचना आपके िलए मुि कल होगा और वह तक देते-देते आपके
पीछे आपक कार तक आ सकता है। यानी वह आपके पीछे तब तक पड़ा रहेगा, जब तक क आप इस बात से
सहमत न हो जाएँ क काली चीज़ सफ़े द है। सश ोधी ि य के मुँह से इस तरह क बात सुनी जा सकती ह
:
“मने यह बात आपको पहले ही बता दी थी।”
“ यान रखो, मूख!”
“िबलकु ल नह ।”
“ज़ािहर है।”
"िसफ़ एक मूख ि ही इस तरह क बात कह सकता है।”
“तु ह हो या गया है?”
“ या तु ह कोई चीज़ नह आती है?”
“अगर तुमम र ी भर भी अ ल होती, तो तुम समझ जात क म सही ।ँ ”
पूण िनराशावादी ि
ज़ोर से बोलने वाले लोकि य आशावादी तथा सश ोधी ि य के िवपरीत पूण िनराशावादी ि
चुपचाप और िबना शोर कए कमरे म दािख़ल होगा। वह उ मीद करता है क उसक तरफ़ कसी का यान नह
जाए। पूण िनराशावादी मिहला को लगता है क उसने ग़लत कपड़े पहने ह। पूण िनराशावादी पु ष वैसे भी
पा टय को पसंद नह करता है और उसे तो पाट म आने पर ही अफ़सोस होता है। पूण िनराशावादी ि अपने
हाथ जेब म डालकर समूह के बाहरी कोन के आस-पास खड़ा रहता है। जब तक उससे बैठने को नह कहा जाए,
तब तक वह कु स पर नह बैठता है। वह कसी को नाराज़ नह करना चाहता है और वह मेज़बान को बाद म
आलोचना या िशकायत करने का मौक़ा नह देना चाहता है। वह अ सर कसी लोकि य आशावादी ि क
ह क -फु क बात को दल पर ले लेता है और हो सकता है क वह इसके बाद तनाव त हो जाए और उस शाम
ख़ामोश रहे। मौक़ा िमलते ही वह अपनी प ी को ख चकर सामने वाले दरवाज़े से बाहर ले जाएगा और अपने
घर क सुर ा म प चँ कर इस बारे म सोचेगा क वह वहाँ से गया ही य था।
पूण िनराशावादी ि को शंसा वीकार करने म ब त मुि कल होती है और वह आम तौर पर इसके
जवाब म यह कहता है :
चूँ क पूण िनराशावादी ि म अ सर हीनता क भावना होती है, इसिलए उसमं यह कहने क वृि
होती है :
शांत संतोषी ि
शांत संतोषी ि ह क मु कराहट के साथ धीरे -धीरे यह सोचता आ आता है क इतने सारे लोग इतने
मह वहीन काय म म य आए ह। वह समूह क तरफ़ एक उड़ती ई नज़र डालता है और उ मीद करता है क
उसे न द नह आएगी। चूँ क वह इस िस ांत पर चलता है क जब बैठा जा सके , तो खड़े नह होना चािहए और
जब लेटा जा सके , तो बैठना नह चािहए, इसिलए वह आस-पास के सबसे नम सोफ़े क तरफ़ चल देता है। वह
ग ेदार सोफ़े पर लुढ़क जाता है और आपके देखते-देखते उस पर पसर जाता है। वह पूरी शाम ज हाइयाँ लेता
रहता है, हो सकता है क ऊँघ भी ले। अगर शांत संतोषी ि कसी कारण से बातचीत म शािमल हो जाए, तो
वह आम तौर पर सही समय पर वाकपटु ता क इ ा-दु ा बात कह देगा। शु क हा य क उसक ट पिणय को
अ सर नज़रअंदाज़ कर दया जाता है, य क वे इतने सामा य ढंग से कही जाती ह क कोई उनके सू म मह व
पर यान नह दे पाता है।
शांत संतोषी ि अपनी ऊजा का योग करने के बजाय आराम से बैठना पसंद करते ह। चूँ क उनका धाक
जमाने का कोई इरादा नह होता है, इसिलए वे अ सर सामा य वा य बोलते ह।
हमने अपनी शि य और कमज़ो रय का िव ेषण कर िलया है। हमने बेहतर बनने का स ा संक प भी कर
िलया है और इसक एक योजना भी बना ली है। अब सवाल यह उठता है क हम दूसर के साथ तालमेल बैठाने के
िलए इस ान का इ तेमाल कस तरह कर सकते ह ?
एक दन मेरे बेटे डी ने मुझसे मे रटा क िशकायत क । अपने पूण िनराशावादी अंदाज़ म उसने मुझे
बताया क वह ब त शोर मचाती है, कभी गंभीर नह रहती है और कचरा फै लाती
रहती है। “मुझे हमेशा उसके पीछे चलकर चीज़े बटोरनी पड़ती ह और म इससे तंग आ गया ।ँ ” मने उसक
ओर मुड़कर कहा, “ या तुम जानते हो क ई र ने तु ह मे रटा जैसी बहन य दी है? वह चाहता है क तु ह
कसी लोकि य आशावादी ि के साथ रहने का बरस तक अ यास हो जाए, य क वह जानता है क तुम
मे रटा जैसी लड़क से ही शादी करोगे।”
‘म कभी मे रटा जैसी लड़क से शादी नह क ँ गा,” उसने प ता से कहा और कमरे से बाहर चला गया।
कई दन बाद जब मेरा लोकि य आशावादी मि त क इस बातचीत को पूरी तरह से भूल गया, तो वह
कचन म आकर बोला, “आपने सही कहा था।”
मुझे ज़रा भी अंदाज़ा नह था क वह कस बारे म बोल रहा है, ले कन म रोमांिचत थी क बात चाहे जो हो,
म सही तो थी।
“आपने सही कहा था क म शायद मे रटा जैसी कसी लड़क से शादी क ँ गा। िपछले स ाह म कू ल म
बैठकर देखता रहा क मुझे कै सी लड़ कयाँ पसंद ह। वे सभी मे रटा जैसी ह। मुझे लगता है क अब मुझे उससे
तालमेल बैठाना सीखना होगा।”
मने इस घटना का िज़ मे रटा से नह कया। एक ह ते बाद मे रटा ने मुझसे पूछा, “आिखर े डी या
चाहता है?”
“ य ?”
“वह आजकल मेरे साथ ब त अ छा बताव कर रहा है और उसने कार से सामान उतारने म भी मेरी मदद
क थी।”
मने समझाया, “वह मेरी इस बात से सहमत हो गया है क उसक शादी शायद कसी लोकि य आशावादी
लड़क से ही होगी। तु हारे साथ तो वह िसफ़ तालमेल बैठाने का अ यास कर रहा है।”
जब हम अपने मूलभूत वभाव क िभ ता को समझने लगते ह, तो इससे हमारे मानवीय संबंध का
दबाव कम हो जाता है। हम दूसर क िभ ता को सकारा मक तरीक़े से देखने लगते ह और सभी को अपने
जैसा बनाने क कोिशश नह करते ह।
लोकि य आशावादी ि व
स ाई और ेम से उनक शंसा कर
पूण िनराशावादी ि दूसर के ेम के बारे म असुरि त महसूस करते ह, इसीिलए वे अपनी शंसा को भी
संदह
े से देखते ह। लोकि य आशावादी ि अ छे श द सुनने के िलए इतना लालाियत रहता है क वह अपमान
को भी शंसा म बदल लेता है, जब क पूण िनराशावादी ि अ सर अपनी शंसा को अपमान मान लेता है!
शंसा पर शक करने का एक कारण यह भी होता है क पूण िनराशावादी ि हर चीज़ का िव ेषण करते ह
और लोग को संदह े से देखते ह, खास तौर पर ख़श लोग को। उ ह लगता है क शंसा के पीछे कोई िछपा आ
उ े य होगा। ले कन इसके बावजूद वे दरअसल शंसा के भूखे होते ह। इस अंद नी संघष क वजह से पूण
िनराशावादी ि क शंसा करना लोग के िलए ब त मुि कल बन जाता है, य क शंसा स ी लगनी
चािहए। यह जानने के बाद आप ऐसे ि क स ी, शांत और ेमपूण शंसा कर सकते ह। इस बात से
िवचिलत न ह , अगर वह शंसा सुनकर कहे, ‘इस बात से आपका या मतलब था ?”
यह जान ल क साफ़-सफ़ाई ज़ री है
कसी पूण िनराशावादी ि को उदास करने का सबसे तेज़ तरीक़ा घर म चार तरफ़ सामान अ त- त कर
देना है, ता क यह पता ही न चल सके क कौन सी चीज़ कहाँ है। भले ही आप लोकि य आशावादी ह , ले कन
इसके बावजूद थोड़ी-ब त सु व था बनाने क कोिशश कर, चीज़ को लाँघने के बजाय उ ह उठाना सीख और
इ तेमाल करने के बाद सामान वापस जगह पर रख।
पूण िनराशावादी ि अ सर पूणता क अपनी इ छा को अित तक ले जाते ह। जैसा एक आदमी ने अपनी
लोकि य आशावादी दु हन से कहा था, “अगर तुम साफ़-सफ़ाई से सोना नह सीखोगी, तो म अलग पलंग पर
सोने लगूँगा।”
सश ोधी ि व
यह जान ल क वे पैदाइशी लीडर ह
सश ोधी ि य के साथ तालमेल बैठाने के िलए आपको पहली बात यह समझ लेनी चािहए क वे
पैदाइशी लीडस होते ह और अपने वभाव क वजह से वे िनयं ण करना अपने आप सीख जाते ह। वे शांत
संतोषी ि नह ह, िज ह ने कसी दन दुिनया म तहलका मचाने का फ़ै सला कया था। वे पूण िनराशावादी
नह ह, जो योजना बनाकर संक प के साथ कम म जुट गए ह। वे लोकि य आशावादी नह ह, जो आिख़रकार
काम म जुट गए ह। वे तो ऐसे लोग ह, िजनम बचपन से ही मागदशन देने क इ छा और लीडरिशप के ित ेम
रहता है। एक सश ोधी ब े ने सुना क उसके सश ोधी िपता उसक शांत संतोषी माँ पर िच ला रहे थे।
हालाँ क वह ि व क िभ ता के बारे म नह जानता था, ले कन उसने अपनी रोती ई माँ को यह कहकर
दलासा दया, “जब वे आप पर िच लाएँ, तो आप भी िच ला दया करो!” एक बार जब आप उनके वभाव को
समझ लेते ह, जो सकारा मक गुण से भरपूर होता है और कई बार अित तक प च ँ जाता है, तो आप उनके
िनयं ण लेने या बागडोर थामने पर हैरान या आहत नह ह गे।
चूँ क सश ोधी ि ब त सश होते ह, इसिलए उनसे तालमेल बैठाने वाले लोग को भी उतनी ही
शि से ितरोध करना होगा। वे जान-बूझकर अपनी-अपनी नह चलाना चाहते ह, वे तो बस त काल ि थितय
का ता कक जवाब देख लेते ह और मान लेते ह क आपको “सही” जवाब चािहए। जब आप उनके चंतन के
नज़ रए को समझ लगे, तो आप दृढ़ता से खड़े रहगे और इसके िलए वे आपका स मान करगे। अगर आप सश
ोधी ि के इशार पर नाचते रहगे, तो वह आपको लगातार नचाता रहेगा।
अपनी क़ मत न आज़माएँ
अगर सश ोधी ि के साथ आपका संबंध सुचा प से चल रहा हो, तो सम या को आमंि त न कर या
ऐसा कोई काम न कर, िजससे नकारा मक ित या शु हो जाए। ब े ज दी ही यह सीख लेते ह क सश
ोधी अिभभावक को यादा तंग न कया जाए या उनके सामने यादा जोिखम न िलया जाए।
एक दन म फ़ोन पर अपने लोकि य आशावादी नाती जोनाथन से बात कर रही थी, तभी मुझे उसके पीछे
से कु छ आवाज़े सुनाई द ।
मने पूछा, “ या आ, जोनाथन ?”
“म मी ायन पर िच ला रही ह।”
“ या वे ब त नाराज़ ह?”
“मुझसे नह । वे तो ायन से नाराज़ ह।”
“बाक़ तुम लोग कै से हो?”
इस पर दस साल के लड़के ने समझदारी भरा जवाब दया।
"हम सब यहाँ सीमारे खा पर खड़े ह और म सीमा लाँघकर यह नह
देखना चाहता ँ क या होगा।”
शांत संतोषी ि व
शांत िनयं ण का प है
चूँ क शांत संतोषी ि आम तौर पर अपने सश ोधी जीवनसािथय ारा िनयंि त रहते ह, इसिलए
वे टालमटोल का इ तेमाल अपनी र ा के साधन क तरह करते ह।
पॉल ने मेरे सामने यह वीकार कया क वह टालमटोल करता था। “म आिख़री िमनट तक इं तज़ार करता
था और फर फटाफट काम कर देता था।” उसक सश ोधी प ी जीन ने त काल जवाब दया, “तुमने आिख़री
िमनट तक इं तज़ार करने के बारे म तो िबलकु ल सही कहा है, ले कन तुमने िज़दगी म कभी फटाफट काम नह
कया है!” मेरी आँख के सामने ही उनम इस बात पर गम बहस िछड़ गई क लकड़ी से भरा बेसमट दीवार बनने
का इं तज़ार कर रहा है, पूल कवर को िड बे से नह िनकाला गया है, गैरेज म रखे पौधे सूरज क रोशनी देखे िबना
ही मुरझा गए ह। जब जीन ग़ से म आने लगी, तो पॉल ने शांित से ताना मारा, “मुझे तंग मत करो, वरना
तु हारा इनम से कोई भी काम नह होगा।”
छोटे ब े अगर कह, “मुझे परवाह नह है,” तो इसे वीकार न कर, बि क उ ह कसी मु े के दोन पहलू
देखने और फर कसी िनणय पर प च ँ ने के िलए िववश कर, भले ही उ ह कोई परवाह न हो। यह बता द क
प ता से मू यांकन करके िनणय लेने क मता उनके भावी जीवन के िलए ब त मह वपूण है।
दांप य जीवन म शांत संतोषी ि को पा रवा रक चचा करने और मु को सुलझाने के िलए मजबूर
करना चािहए। अगर आपके िवचार दृढ़ ह, तो आपको शांत संतोषी ि को कु छ े देने ह गे, जहाँ वह
िनयं ण कर सके और उन े से खुद को दूर रखना होगा। अ सर शांत संतोषी ि इस वजह से फ़ै सला नह
करता है, य क वह जानता है क सामने वाला वैसे भी वह काम अपने तरीक़े से करे गा। उसके िनणय लेने क
ो सािहत करने के िलए आपको उसे लगाम थमा देनी चािहए और फर प रणाम के साथ जीना चािहए। यह
करना सश ोधी ि के िलए ब त मुि कल होता है, य क वह त काल देख सकता है क कौन सी चीज़
गड़बड़ हो रही है और वह बीच म कू दकर ि थित को सही करना चाहता है। जब वह बार-बार बीच म कू दकर
िबगड़ी ई ि थित को सुधार देगा, तो शांत संतोषी जीवनसाथी हार मान लेगा और पा रवा रक लीडरिशप से
दूर हो जाएगा।
सारा दोष उन पर न मढ़
चूँ क शांत संतोषी ि ब त शांत होते ह और यथाि थित को वीकार कर लेते ह, इसिलए वे उन अिधक
साहसी वभाव के िलए आसान िनशाना होते ह, जो अपनी ग़लती का दोष कसी दूसरे पर मढ़ना चाहते ह। मने
अ सर ऐसी ि थितयाँ देखी ह, जहाँ सश ोधी ि ने ज दबाज़ी म कोई िनणय िलया, उसके िवनाशकारी
प रणाम ए और उसने वहाँ मौजूद शांत संतोषी ि पर दोष मढ़ दया। इस े म अपनी जाँच कर और देख
क या आप दूसर पर दोष मढ़ते ह।
एक शांत संतोषी मिहला ने मुझे बताया क उसके पित ने उससे यह चुनाव करवाया क प रवार म कस
तरह का कु ा होना चािहए। जब भी कु ा कोई गड़बड़ करता था, तो हर बार दोष उसके िसर पर मढ़ दया
जाता था।
हालाँ क हो सकता है क शांत संतोषी ि लादे गए काम को वीकार कर ल, ले कन इससे उनका आ म-
वािभमान कम हो जाता है, वे आपके साथ संबंध बनाने से कतराते ह और भावी िज़ मेदा रय से मुँह मोड़ लेते
ह।
अगर आप आज शांत सतोषी ि का इ तेमाल कचरे क बा टी क तरह करते ह, तो कल आपको हाथ म
एक बा के ट के स हो सकता है।
दूसर के साथ िमलनसार बनना चाहते ह? दयालुता क तरह कोई चीज़ सफल नह होती।
ि व शि
अपराधबोध से मुि
म बरस से लोग को कृ ितय के बारे म िसखा रही ।ँ इस दौरान मने देखा है क ब त से लोग
अपराधबोध से मु हो गए, जब उ ह यह एहसास आ क उ ह ने ेरणादायी साम ी के ित तथाकिथत
सामा य तरीक़े से ित या य नह क । लोकि य आशावादी ि क वि थत बनने क ज़ रत तो है,
ले कन वह इस बात पर अपराधी महसूस नह करता है क उसक सारी िज़दगी फ़ो डस म बंद नह है। पूण
िनराशावादी ि को थोड़ा खुलने और आशावादी बनने क ज़ रत है, ले कन अगर वह रातोरात बॉब होप म
नह बदलता है, तो उसे इस बारे म अपराधी महसूस करने क ज़ रत नह है। शांत संतोषी ि को अिधक
े रत होना चािहए और आगे बढ़ना चािहए, ले कन अगर उसके मन म इ छा क बल तरं ग िहलोर न मारने
लग, तो उसे अपराधी महसूस नह करना चािहए। सश ोधी ि को लाभकारी बात हण करके बाक़
सारी बात को बग़ैर कसी अपराधबोध के फक देना चािहए, ले कन उसे कृ ित क िभ ता का एहसास होना
चािहए और उन लोग पर नाक-भ नह िसकोड़नी चािहए, जो उसक दी गई भूिमका नह िनभा पाते या उसके
नेतृ व का अनुसरण नह कर पाते।
िनदश से थायी प रणाम ा नह कर पाने का दूसरा कारण यह है क हमम पराभौितक पांतरण क
शि नह होती है। हम आ याि मक ऊजा क ज़ रत होती है, ले कन हमम से यादातर लोग को पता नह
होता है क यह हम कहाँ िमलेगी। हम मं बुदबुदा सकते ह, अपनी कार के डैशबोड पर मू तयाँ लगा सकते ह,
िवकलांग क मदद के िलए दान दे सकते ह, ग़रीब के िलए कपड़े िसल सकते ह और िहमालय क या ा कर
सकते ह, ले कन इसके बावजूद हम अपने भीतर यादा बदलाव महसूस नह होता है।
अपने शरीर को सम पत कर दो
पूरे अि त व, समय, मि त क, आ मा, कृ ित, शि य और कमज़ो रय को सम पत कर द। कह, ‘‘यह लीिजए
ई र, यह सब आपका है। आपक जैसी इ छा हो, मेरे साथ वैसा ही कर।”
हमारा अनूठापन
हमने सीखा क ई र ने हम सभी को एक जैसा नह बनाया है। हमम से हर एक अनूठा है। पॉल ने हमसे कहा है
क हम अपनी जाँच करनी चािहए और यह पता लगाना चािहए क ई र ने हम कतनी ितभाएँ दी ह तथा
हमारी इ छाशि व उसक शि से वह हम कन कमज़ो रय से उबारना चाहता है। पॉल हमारी तुलना एक
शरीर से करते ह, िजसम ईसा मसीह हमारे म तक ह और हम िह से ह :
िह से ही पया नह ह
या हो अगर हमारे पास ये सारे िह से उपल ध ह - सभी अपना काम कर - ले कन ईसा मसीह का िनयं ण न
हो ? या हो अगर लोकि य आशावादी ि बात कर रहे ह , पूण िनराशावादी ि सोच रहे ह , सश
ोधी ि काम कर रहे ह और शांत संतोषी ि म य थता कर रहे ह , ले कन यह सब बग़ैर कसी
आ याि मक गहराई के हो रहा हो? उ े य क कोई एकता नह होगी। प रणाम का कोई सम वय नह होगा।
अंग के आदश काय के िलए हम अपने जीवन म ईसा मसीह क ज़ रत है।
मने ि गत प से यह िस ांत अपने दो बेट से सीखा, िजनके मि त क ित त थे। दोन ही देखने म
सुंदर थे। उनक आँख नीली थ , बाल सुनहरे थे, नाक ऊपर क तरफ़ मुड़ी ई थी, ठु ि य म डंपल थे। उनके
हाथ-पैर सामा य थे और िहलते-डु लते थे, ले कन उनके मि त क सामा य नह थे। उनम सभी अंग तो थे, ले कन
मा टर कं ोल नह था। उनक आँख तो थ , ले कन वे देख नह सकते थे; उनके कान तो थे, ले कन वे सुन नह
सकते थे; उनके हाथ तो थे, ले कन वे कु छ पकड़ नह सकते थे; उनके पैर तो थे, ले कन वे चल नह सकते थे। वे
बाहर से पूरी तरह ठीक दखते थे, ले कन मि त क के िबना कोई िह सा ठीक से काम नह करता था।
हमम से ब त से लोग मेरे बेट क तरह ह - हम बाहर से तो िबलकु ल ठीक दखते ह, ले कन चूँ क ईसा
मसीह हमारे िसर के थान पर नह ह, इसिलए यादा कु छ ठीक से काम नह करता है। पॉल कहते ह, “म तो बस
ईसा मसीह को जानना चाहता ँ और उनके पुनज वन क शि का अनुभव करना चाहता ,ँ उनके क म
िह सा बाँटना चाहता ँ और उनक तरह बनना चाहता ँ .” ( फ़ल. 3:10 जीएनबी)।
आपका सव े िम
या आपको कभी कोई ऐसा िम िमला है, िजससे आप इतना यादा ेम करते ह क आप हर समय उसके साथ
रहना चाहते ह और हर दन उसे यादा अ छी तरह से जानना चाहते ह ? या उसक उपि थित से आपके
जीवन म रोशनी होती है और उसके क़रीब रहने पर आप ऊजावान महसूस करते ह? या आप उसक इतनी
यादा परवाह करते ह क आप उसके बोझ उठाने और मुि कल समय म उसके साथ खड़े होने के इ छु क ह ? या
आपने कभी उसे इतने क़रीब से देखा है और उसका इतना यादा अनुसरण कया है क आप लगभग उसके जैसे
बन गए ह ? ईसा मसीह आपके साथ इसी तरह का संबंध चाहते ह। वे चाहते ह क आप बाइबल पढ़कर और
उनसे बात करके उ ह यादा अ छी तरह जान जाएँ। वे चाहते ह क आप अपने जीवन म उनक शि महसूस
करके अपनी कमज़ोरी से उबर सक। वे चाहते ह क आपको यह एहसास हो क उ ह ने भी आपक तरह क
उठाया था और वे आपके साथ इतना यादा समय िबताना चाहते ह ता क आप उनक तरह बन जाएँ।
अगर आप उनक तरह बनना चाहते ह, तो आपको अपनी शि य को बढ़ाने और अपनी कमज़ो रय को
ख म करने का ल य बनाना चािहए, य क ईसा मसीह म हर कृ ित के सव े गुण थे। उनम लोकि य
आशावादी कृ ित क कहानी सुनाने क ितभा थी, पूण िनराशावादी कृ ित क गहराई तथा संवेदनशीलता थी,
सश ोधी कृ ित क शासिनक मता थी और शांत संतोषी कृ ित का शांत वभाव था।
ईसा मसीह आज सभी िव ास करने वाल के दय म रहते ह, इसिलए जब आप ि गत सुधार क
योजना पर काय कर, तो यह िव ास रख क आप शि के उस ोत से जुड़े ए ह, जो इसे संभव बना देगा।
“ई र ने हमारे िलए महान काम कए ह.” (भजन 126:3)।
पसनैिलटी टे ट के श द क प रभाषाएँ
लेना बेटमैन क पु तक पसनैिलटी पैट स से पांत रत (ह टंगटन हाउस, इं क, लफ़ै इटी, एलए ारा कािशत)।
शि याँ
1
साहसी (Adventurous)। नए और जोिखम भरे काम िनपुणता के संक प के साथ करता है।
अनुकूलनशील (Adaptable)। कसी भी ि थित म आरामदेह रहता है और उसके अनु प ढल जाता है।
जीवंत (Animated)। जीवंतता से भरपूर; हाथ और चेहरे क मु ा का जीवंत योग।
िव ेषणा मक (Analytical)। ता कक और उिचत सम वय के िलए िह स क जाँच करना पसंद करता है।
2
लगनशील (Persistent)। दूसरा काम शु करने से पहले हाथ के काम को पूरा करता है।
िवनोदशील (Playful)। आनंद से भरपूर और हँसमुख।
िव ासो पादक (Persuasive)। आकषण या शि के बजाय तक और त य से िव ास दलाता है।
शांत (Peaceful)। अिवचिलत और शांत दखता है तथा कसी भी तरह के िववाद से दूर रहता है।
3
आ ाकारी (Submissive)। कसी दूसरे के दृि कोण को आसानी से वीकार कर लेता है और अपने िवचार करने क ज़ रत महसूस नह करता
है।
आ म- यागी (Self-sacrificing)। दूसर क ज़ रत या दूसर क ख़ाितर वे छा से अपनी ि गत इ छा का याग करता है।
िमलनसार (Sociable)। दूसर के साथ रहने को चुनौतीपूण काय या ावसाियक अवसर के बजाय मनोरं जन के आकषक अवसर के प म देखता है।
दृढ़-इ छापूण (Strong-willed)। अपनी इ छानुसार काम करने के िलए संक पवान रहता है।
4
यान रखने वाला (Considerate)। दूसर क आव यकता और भावना के ित स मान रखता है।
िनयंि त (Controlled)। दल म भावनाएँ होने के बावजूद उ ह ब त कम द शत करता है।
ित पध (Competitive)। हर ि थित, घटना या खेल को ितयोिगता म बदल लेता है और हमेशा जीतने के िलए खेलता है!
िव ास जगाने वाला (Convincing)। अपने ि व के आकषण ारा आपसे कोई भी बात मनवा सकता है।
5
फू ितदायक (Refreshing)। नवीनीकरण करता है, े रत करता है और दूसर को अ छा महसूस कराता है।
आदरपूण (Respectful)। सबसे स मान और आदर के साथ पेश आता है।
संयत (Reserved)। भावना या उ साह क अिभ ि म संयम बरतता है। उपायकु शल (Resourceful)। लगभग सभी ि थितय म त काल और
भावी ढंग से काम करने म स म होता है।
6
संतु (Satisfied)। आसानी से कसी भी प रि थित या ि थित को वीकार कर लेता है।
संवेदनशील (Sensitive)। गहराई से लोग और घटना के बारे म परवाह करता है।
आ म-िनभर (Self-reliant)। वतं ि , जो पूरी तरह अपनी मता , िनणयशि और संसाधन पर भरोसा कर सकता है।
फु ि लत (Spirited)। जीवन के आनंद और रोमांच से भरपूर।
7
योजनाकार (Planner)। ोजे ट या ल य को हािसल करने के िलए पहले एक िव तृत योजना बनाना पसंद करता है और काम करने के बजाय योजना
के िविभ चरण तथा अंितम प रणाम म शािमल होना पसंद करता है।
धैयावान (Patient)| िवलंब से अिवचिलत; शांत और सहनशील।
सकारा मक (Positive)। जानता है क अगर िनयं ण उसके हाथ म रहेगा, तो सब कु छ ठीक हो जाएगा।
वतक (Promoter)। अपने ि व के आकषण से दूसर को साथ चलने, शािमल होने या िनवेश करने के िलए े रत या िववश करता है।
8
असं द ध (Sure)। आ मिव ासी, शायद ही कभी िझझकता या िडगता है।
सहज (Spontaneous)। जीवन भर आवेगपूण व बग़ैर सोचे-समझे क़दम उठाना पसंद करता है; योजना का बंधन पसंद नह करता है।
समय-सा रणी बनाने वाला (Scheduled)। दैिनक योजना बनाता है और उसके अनुसार जीता है; योजना म बाधा पड़ने को पसंद नह करता है।
शम ला (Shy)। शांत; आसानी से बातचीत शु नह करता है।
9
मब द (Orderly)। िजसक चीज़ मब और िसलिसलेवार जमी रहती ह।
भ (Obliging)। उदार; दूसर के तरीक़े से काम करने के िलए त पर रहता है। प वादी (Outspoken)। खुलकर और िबना संकोच के बोलता है।
आशावादी (Optimistic)। सकारा मक वभाव वाला ि , जो खुद को और दूसर को यक़ न दला देता है क अंत म सब कु छ सही हो जाएगा।
10
दो ताना (Friendly)। शु आत करने के बजाय ित या करने वाला, कभी बातचीत शु नह करता है।
वफ़ादार (Faithful)। हमेशा िव सनीय, ि थर, वफ़ादार और िन ावान, कई बार अता कक प से।
मज़ा क़या (Funny)। मज़ेदार हा यबोध वाला, जो कसी भी कहानी को ब त मज़ेदार घटना म बदल सकता है।
सश (Forceful)। भावशाली ि व, िजसके िख़लाफ़ िवचार करने म लोग िझझकते ह।
11
जोिखमपूण (Daring)| जोिखम लेने का इ छु क; िनडर, साहसी।
आनंदपूण (Delightful)। िजसके साथ रहना मज़ेदार होता है।
कू टनीित (Diplomatic)। लोग के साथ वहारकु शलता, संवेदनशीलता और धैय से पेश आता है।
योरे वार (Detailed)। हर चीज़ को सही म म करता है; होने वाली सभी घटना को प प से याद रखता है।
12
ख़शिमज़ाज (Cheerful)। हमेशा ख़श रहने और दूसर को ख़श करने क कोिशश करता है।
सुसंगत (Consistent)। भावना मक प से संतुलन बनाए रखता है; अपेि त ित या करता है।
सुसं कृ त (Cultured)। िजसक िचयाँ बौि क और कला मक होती ह, जैसे रं गमंच, संगीत, बैले।
आ मिव ास से पूण (Confident)। आ मिव ास से भरा होता है; अपनी यो यता और सफलता पर भरोसा करता है।
13
आदशवादी (Idealistic)। चीज़ क उनके आदश प म क पना करता है और उस मानदंड के आधार पर खुद का मू यांकन करने क आव यकता
महसूस करता है। वतं (Independant)। आ मिनभर, वावलंबी, आ म-िव ासी; उसे दूसर क मदद क ब त कम ज़ रत होती है।
अना ामक (Inoffensive)। जो कोई अि य या आपि जनक बात न तो कहता है, न ही करता है।
ेरक (Inspiring)। दूसर को काम करने, शािमल होने या जुड़ने के िलए ो सािहत करता है और हर चीज़ को मज़ेदार बना देता है।
14
दशना मक (Demonstrative)। खुलकर भावनाएँ, ख़ास तौर पर ेह करता है और बात करते समय दूसर को छू ने से परहेज़ नह करता है।
िनणायक (Decisive)। ती ता से अंितम िनणय लेने क यो यता।
शु क हा यबोध (Dry humour)| “शु क वा पटु ता” द शत करता है, आम तौर पर एक लाइन क बात कहता है, जो ं या मक हो सकती है।
गहरा (Deep)। गहन और अ सर आ मिव ेषण करने वाला, िजसे सतही बातचीत और काम नापसंद होते ह।
15
म य थ (Mediator)। ख़द को लगातार संघष टालने और मतभेद सुलझाने वाले क भूिमका म पाता है।
संगीत ेमी (Musical)। संगीत पसंद होता है या ख़द वा यं बजा सकता है; दशन के आनंद के बजाय संगीत के कला प के ित िन ावान होता
है। तावक (Mover)। प रणाम पाने क आव यकता ारा संचािलत। लीडर होता है; िजसका दूसरे अनुसरण करते ह। ि थर बैठना इसे मुि कल
लगता है।
आसानी से घुलने-िमलने वाला (Mixes easily)। पाट से ेम करता है और सबसे िमलने के िलए बेताब रहता है। उसके िलए कोई अजनबी नह होता
है।
16
िवचारशील (Thoughtful)। दूसर का यान रखने वाला; इसे ख़ास अवसर याद रहते ह और दयालुतापूण काम त काल करता है।
अटल (Tenacious)। जब तक ल य हािसल न हो जाए, तब तक दृढ़ता से लगा रहता है और छोड़ता नह है।
बातूनी (Talker)। लगातार बोलता है; आम तौर पर मज़ेदार क़ से सुनाकर सबका मनोरं जन करता है; दूसर को आरामदेह बनाने के िलए ख़ामोशी
तोड़ने क ज़ रत महसूस करता है।
सिह णु (Tolerant)। दूसर से असहमत होने या उ ह बदलने क आव यकता के िबना उनके िवचार और तौर-तरीक़ को सहजता से वीकार करता
है।
17
ोता (Listener)। हमेशा आपक बात सुनने का इ छु क होता है।
िन ावान (Loyal)। कसी ि , आदश या नौकरी के ित वफ़ादार, कई बार तक से परे ।
लीडर (Leader)। ज मजात मागदशक, जो हमेशा भारी रहना चाहता है और अ सर यह मानने म मुि कल महसूस करता है क कोई और भी उस
काम को उतनी अ छी तरह से कर सकता है।
स य (Lively)। ज़ंदगी से भरपूर, उ साही, ऊजावान।
18
संतोषी (Contented)। अपने पास मौजूद चीज़ से आसानी से संतु हो जाता है; शायद ही कभी ई यां करता है।
मुख (Chief)। लीडर होता है और लोग से अनुसरण क उ मीद करता है।
चाट बनाने वाला (Chartmaker)। जीवन, काम और सम या सुलझाने के काम को सूिचयाँ, फ़ॉम या ाफ़ बनाकर सु वि थत करता है।
आकषक (Cute)। िजसे लोग ब त पसंद करते ह, आकषण का क ।
19
पूणतावादी (Perfectionist)। ख़द के िलए और अ सर दूसर के िलए ऊँचे मानदंड तय करता है और यह चाहता है क हर चीज़ हर समय सही म म
रहे।
सुखकर (Pleasant)। आरामदेह; इसके साथ रहना और बात करना आसान होता है।
उ पादनकारी (Productive)। लगातार काम करना या सफलता पाना चाहता है; इसे अ सर आराम करने म ब त द त आती है।
लोकि य (Popular)। पाट क जान; इसे अ सर पा टय म आमंि त कया जाता है।
20
उजावान (Bouncy)। जोशीला, जीवंत ि व; ऊजा से भरपूर।
िनभांक (Bold)। िनडर; जोिखम लेने वाला; जोिखम से नह घबराता है।
अ छा वहार करने वाला (Behaved)। हमेशा वही करना चाहता है, िजसे वह सही मानता है।
संतुिलत (Balanced)। ि थरिचत; म यमाग ि व; ज़ंदगी म तीखे उतार-चढ़ाव नह होते ह।
कमज़ो रयाँ
21
भावशू य (Blank)। ब त कम भाव द शत करता है।
झपू (Bashful)। संकोची; यान आक षत करने म िझझकता है।
ढीठ (Brassy)। चमक-दमक वाला, बल दखता है; ज़ोर से बोलता है।
रोब जमाने वाला (Bossy)। आदेश देने वाला; दबंग; वय क संबंध म कई बार रोब जमाने वाला।
22
अनुशासनहीन (Undisciplined)। जीवन के लगभग हर े म सु व था का अभाव नज़र आता है।
सहानुभूितहीन (Unsympathetic)। दूसर क सम या या आघात को महसूस करने म मुि कल होती है।
उ साहहीन (Unenthusiastic)। रोमांिचत नह होता है; अ सर सोचता है क यह सफल नह हो पाएगा।
माहीन (Unforgiving)। माफ़ करने, चोट भूलने या अपने साथ ए अ याय को भूलने म मुि कल आती है; मनमुटाव को भूलता नह है।
23
अ पभाषी (Relicent)। कसी बातचीत म शािमल नह होना चाहता, ख़ास तौर पर ज टल बातचीत म।
िव ष
े ी (Resentful)। अ सर असली या का पिनक दु वहार के कारण दुभावना पाल लेता है।
ितरोधी (Resistant)। अपने तरीक़े के अलावा कसी अ य तरीक़े को वीकार करने म िझझकता है; उसके िख़लाफ़ काम करता है।
दोहरावपूण (Repetitious)। आपको ख़श करने के िलए क़ स और घटना को दोहराता है। उसे यह एहसास भी नह होता है क वह आपको कोई
क़ सा पहले भी कई बार सुना चुका है। लगातार बात करना चाहता है।
24
बतंगड़ बनाने वाला (Fussy) छोटे-मोटे मामल या बात का बतंगड़ बना देता है, मह वहीन िववरण पर ब त यान देता है।
भयभीत (Fearful)। अ सर मन म गहरी चंता, भय या तनाव क भावनाएँ महसूस करता है|
भुल ड़ (Forgetful)। याददा त क कमी, जो आम तौर पर अनुशासन के अभाव के कारण होती है। अि य बात क याद रखने क ज़हमत नह उठाता
है।
मुँहफट (Frank)। प वादी, मुँहफट, िन कपट अपने िवचार बेिहचक बता देता है।
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अधीर (Impatient)। इसे िचढ़ झेलने या दूसर का इं तज़ार करने म मुि कल आती है।
असुरि त (Insecure)। भयभीत होता है या आ मिव ास क कमी होती है। अिनणायक (Indencisive)। इसे कोई भी िनणय लेना मुि कल लगता है।
(यह वैसा ि व नह है, जो सटीक िनणय लेने के िलए लंबा िवचार करे ।)
बीच म बोलता ह (Interrupts)। ोता के बजाय व ा होता है; दूसर क बात काटता है; दूसर के बोलते समय बीच म बोलने लगता है।
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अलोकि य (Unpopular)। िजसक गहनता और पूणता क माँग दूसर को दूर कर सकती है।
िचहीन (Uninvolved)। सुनने क कोई इ छा नह होती। लब , समूह , गितिविधय या दूसर के जीवन म कोई िच नह होती।
तरं गी (Unpredictable)। पल म फु ि लत और पल म िनराश हो सकता है; मदद करना चाहता है, ले कन मौक़ा पड़ने पर गायब हो जाता है; आने का
वादा करता है, ले कन भूल जाता है।
ेहरिहत (Unaffectionate)। इसके िलए शारी रक या शाि दक मा यम से खुलकर ेह जताना मुि कल होता है।
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िज़ ी (Headstrong)। अपनी मनमज़ चलाने पर ज़ोर देता है।
बेतरतीब (Haphazard)। काम करने का कोई एक सा तरीक़ा नह होता।
खुश करना मुि कल (Hard to please)। इसके मानदंड इतने ऊँचे होते ह क उन पर खरे उतरना मुि कल होता है।
िझझकने वाला (Hesistant)। आगे बढ़ने म धीमा; मुि कल से शािमल होता है।
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म यमाग (Plain)। म यमाग ि व, िजसम उतार-चढ़ाव नह होते ह, ब त कम भाव द शत करता है।
िनराशावादी (Pessimistic)। सव े क आशा करते समय भी आम तौर पर सबसे पहले कसी ि थित के नकारा मक पहलू को देखता है।
गव ला (Proud)। इसका आ म- वािभमान ब त यादा होता है; हमेशा खुद को सही और काम के िलए सबसे यो य ि मानता है।
वतं ता देने वाला (Permissive)। दूसर (ब े शािमल ह) को उनक मनमज़ से काम करने देता है, ता क वे उसे नापसंद न कर।
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आसानी से ोिधत (Angered easily)। जो ब क तरह बात-बात पर ठ जाता है और हंगामा मचाता है, िजसे त काल भूल भी जाता है।
ल यहीन (Aimless)। ल य िनधा रत नह करता है और करना भी नह चाहता है। िववादपूण (Argumentative)। आम तौर पर हर ि थित म बहस
करता है, य क वह सही है।
िवमुख (Alienated)। दूसर से अलग महसूस करता है; अ सर असुर ा या डर के कारण लोग को उसका साथ पसंद नह आता है।
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नादान (Naive)। भोला और ब जैसा दृि कोण; अिभजा य क कमी, उसे जीवन क गहराई समझ म नह आती है।
नकारा मक नज़ रया (Negative attitude)। इसका नज़ रया शायद ही कभी सकारा मक होता है और यह हमेशा हर ि थित के नकारा मक या याह
पहलू को ही देखता है।
दु साहसी (Nervy)। आ मिव ास, साहस और िनडरता से भरपूर, ले कन अ सर नकारा मक प म।
लापरवाह (Nonchalant)। आरामपसंद, बेपरवाह, उदासीन।
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चंितत (Worrier)। लगातार अिनि त, परे शान या तनावपूण महसूस करता है। असामािजक (Withdrawn)। खुद म िसमट जाता है; इसे अके ले म
ब त समय िबताने क ज़ रत होती है।
काम का दीवाना (Workaholic)। आ ामक ल य-िनधारक, जो हमेशा काम म जुटे रहना चाहता है और आराम करते समय अपराधी महसूस करता
है। पूणता के बजाय उपलि ध और पुर कार क आव यकता ारा संचािलत होता है।
ेय चाहता है (Wants credit)| दूसर ारा दए गए ेय या शंसा को पसंद करता है। मनोरं जन करने वाले के प म यह ोता क तािलयाँ, हँसी
और/या वीकृ ित चाहता है।
32
अित संवेदनशील (Too sensitive)। ब त यादा आ म-िव ेषण करता है; गलत समझे जाने पर ज दी ही बुरा मान जाता है।
अकु शल (Tactless)। कई बार अि य और अिवचा रत तरीक़े से बोलता है।
कायर (Timid)। मुि कल ि थितय से कतराता है।
नकारा मक नज़ रया (Negative attitude)। इसका नज़ रया शायद ही कभी सकारा मक होता है और यह हमेशा हर ि थित के नकारा मक या याह
पहलू को ही देखता है।
दु साहसी (Nervy)। आ मिव ास, साहस और िनडरता से भरपूर, ले कन अ सर नकारा मक प म।
लापरवाह (Nonchalant)। आरामपसंद, बेपरवाह, उदासीन।
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चंितत (Worrier)। लगातार अिनि त, परे शान या तनावपूण महसूस करता है। असामािजक (Withdrawn)। खुद म िसमट जाता है; इसे अके ले म
ब त समय िबताने क ज़ रत होती है।
काम का दीवाना (Workaholic)। आ ामक ल य-िनधारक, जो हमेशा काम म जुटे रहना चाहता है और आराम करते समय अपराधी महसूस करता
है। पूणता के बजाय उपलि ध और पुर कार क आव यकता ारा संचािलत होता है।
ेय चाहता है (Wants credit)| दूसर ारा दए गए ेय या शंसा को पसंद करता है। मनोरं जन करने वाले के प म यह ोता क तािलयाँ, हँसी
और/या वीकृ ित चाहता है।
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अित संवेदनशील (Too sensitive)। ब त यादा आ म-िव ेषण करता है; गलत समझे जाने पर ज दी ही बुरा मान जाता है।
अकु शल (Tactless)। कई बार अि य और अिवचा रत तरीक़े से बोलता है।
कायर (Timid)। मुि कल ि थितय से कतराता है।
वाचाल (Talkative)। मज़ेदार, लगातार बोलने वाला, जो सुनना ही नह चाहता है।
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संदह
े पूण (Doubtful) अिनि तता और आ मिव ास क कमी, कसी भी तरीके के कारगर होने के बारे म संदह
े रखता है।
अ वि थत (Disorganized) जीवन म मब तरीके से काम करने क यो यता का अभाव।
दबंग (Domineering)। ि थितय और/या लोग पर िनयं ण करता है; आम तौर पर दूसर को बताता है क या करना है।
उदास (Depressed)। यादातर समय िनराश रहता है।
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असगत (Inconsistent)। अिनि त; िवरोधाभासी; इसके काय और भावनाएँ तक पर आधा रत नह होते ह।
अंतमुखी (Introvert)। इसके िवचार और िचयाँ आंत रक होती ह, अपने भीतर जीता है।
असिह णु (Intorlerant)। कसी दूसरे के नज़ रए, दृि कोण या काम करने के तरीके को वीकार करने या झेलने म असमथ होता है।
उदासीन (Indifferent)। इसे यादातर चीज़ से कोई फ़क़ नह पड़ता है।
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अ त त (Messy)। अ व था म रहता है; इसे चीज़े ढू ँढ़ने म ब त मुि कल आती है।
मूडी (Moody)। भावना मक प से ब त खुश नह रहता है; आसानी से िनराशा के गत म प च ँ जाता है, ख़ास तौर पर जब उसे लगता है क उसके
मह व को नह पहचाना जा रहा है।
बड़बड़ाने वाला (Mumbless)। दबाव डालने पर धीरे -धीरे बड़बड़ाने लगता है; प ता से बोलने क ज़हमत नह उठाता।
चालबाज़ (Manhalatae)। अपने लाभ के िलए चालाक या कपट से दूसर को भािवत करता है; कसी न कसी तरह अपना काम करवाकर ही
मानता है।
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धीमा (Slow)। अ सर ज दी से िवचार या काम नह कर पाता है।
िज़ ी (Stubborn)। अपनी इ छा पूरी करवाने के िलए संक पवान, इससे अपनी बात मनवाना आसान नह होता है, हठी होता है।
शान झाड़ने वाला (Show-off)। आकषण का क बनना चाहता है; सबक नज़र म चढ़े रहना चाहता है।
संदह
े वादी (Skepitcal)। श द के पीछे के इरादे पर सवाल करता है; कसी क बात पर भरोसा नह करता है।
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एकाक (Loner)। यादातर अके ले म रहना चाहता है; लोग से कतराने क वृि होती है।
े ता जताने वाला (Lord over)। आपको यह बताने म नह िझझकता है क वह सही है या आपसे े है।
आलसी (Lazy)। काम या गितिविध का मू यांकन इस संदभ म करता है क इसम कतनी मेहनत लगेगी।
ज़ोर से बोलने वाला (Loud)। िजसक हँसी या आवाज़ कमरे म सबसे ऊँची हो।
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ढीला (Sluggish)। शु करने म धीमा, े रत होने के िलए कसी के ध े क ज़ रत होती है।
शंकालु (Suspecious)। दूसर या िवचार पर शक या अिव ास करता है।
तुनकिमजाज (Short-tempered) अधीरता के कारण ोध म आ जाता है और सहनशि ब त कम होती है। जब दूसरे पया तेज़ी से न बढ़े या बताया
आ काम पूरा न कर, तो गु सा हो जाता है।
बे यान (Scatterbrained)। एका ता या यान क शि का अभाव होता है; मनमौजी।
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ितशोधपूण (Revengful)। जाने-अनजाने दुभावना रखता है और अ सर दो ती या ेम म कमी करके अपराधी क सज़ा देता है।
बेचैन (Restless)। हमेशा नए काम को पसंद करता है, य क हर बार एक ही काम करने म मज़ा नह आता है।
अिन छु क (Reluctant)। अिन छु क, कसी काम या बातचीत म शािमल नह होना चाहता है।
ज दबाज़ (Rash)। अ सर िबना अ छी तरह सोचे-िवचारे ज दबाज़ी म काम करता है, आम तौर पर अधीरता के कारण।
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समझौतावादी (Compromising) संघष से बचने के िलए सामने वाले क बात मान लेता है, भले ही वह खुद सही हो।
आलोचना मक (Critical)। हमेशा मू यांकन करता है और िनणय लेता है; अ सर नकारा मक ित याएँ सोचता या करता है।
चालाक (Crafty)। चतुर, इि छत ल य तक प चँ ने का कोई न कोई तरीक़ा खोज ही लेता है।
प रवतनीय (Changeable)। ब क तरह यादा समय कसी चीज़ पर यान नह दे पाता; बो रयत से बचने के िलए इसे िनरं तर बदलाव और
िविवधता क ज़ रत होती है।