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Hindi Course B 2017 Sa2 Solutions
Hindi Course B 2017 Sa2 Solutions
E Board
कक्षा : 10
ह द
िं ी B – 2017
सिंकलित परीक्षा II
[Summative Assessment II]
समय : 3 घिंटे पर्
ू ाांक : 90
निदे श
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जिनकी पकड़ दो-तीन र्ा इससे ज्य़ादा क्षेत्रों में हो, िेककन हर क्षेत्र में उनसे
बेहतर उम्मीदवार मौिूद हों।
बहुमख
ु ी प्रनतभा वािे िोगों के भीतर कई कामों को साकार करने की
इच्छा बहुत तीव्र होती है । उनकी उत्सक
ु ता उन्हें एक दस
ू रे क्षेत्र में हाथ
आज़माने को बाध्र् करती है । समस्र्ा तब होती है, िब र्ह हाथ आज़माना
दख़ि करने िैसा हो िाता है । वे न इर्र के रह िाते हैं, और न उर्र के।
प्रबंर्न की दनु नर्ा में – ‘एक के सार्े सब सर्े, सब सार्े सब िाए’ का मंत्र
ही शरू
ु से प्रभावी है । र्हाँ उस पर ज्य़ादा फोकस नहीं ककर्ा िाता, िो सारे
अंडे एक टोकरी में न रखने की बात करता है । हम दस
ू रे क्षेत्रों में हाथ
आज़मा सकते हैं, पर एक क्षेत्र के महारथी होने में ब्रेकर की भलू मका न अदा
करें ।
क बहुमख
ु ी प्रनतभा क्र्ा है ? प्रनतभा से समस्र्ा कब, कैसे हो िाती है ?
उत्तर : एक ही व्र्जक्त में अनेक गण
ु ों का होना बहुमख
ु ी प्रनतभा कहिाती
है । बहुमख
ु ी प्रनतभा वािों को कई कामों को परू ा करने की इच्छा होती है
और र्ही उनकी समस्र्ा भी बन िाती है क्र्ोंकक कभी-कभी एक दस
ू रे
क्षेत्र में हाथ आिमाना दस
ू रे के काम में दखि दे ना िैसा हो िाता है ।
ख बहुमख
ु ी प्रनतभा वािों की ककन कलमर्ों की ओर संकेत है ?
उत्तर : बहुमख
ु ी िोग स्पर्ाय, असफिता और आिोचना से घबराते है ।
ग बहुमख
ु ी प्रनतभाधगर्ों की पकड़ ककन क्षेत्रों में होती है और उनकी
असफिता की संभावना क्र्ों है ?
उत्तर : बहुमख
ु ी प्रनतभाधगर्ों की पकड़ कई क्षेत्रों में होती है । उनकी
असफिता की संभावना इसलिए होती क्र्ोंकक वे एक चीि परू ी होने से
पहिे ही दस
ू री की ओर भागने िगते हैं।
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घ ऐसे िोगों का स्वभाव कैसा होता है और वे प्रार्: सफि क्र्ों नहीं हो
पाते?
उत्तर : बहुमख
ु ी प्रनतभा वािे िोगों के भीतर कई कामों को साकार करने
की इच्छा बहुत तीव्र होती है। उनकी उत्सक
ु ता उन्हें एक से दस
ू रे क्षेत्र में
हाथ आज़माने को बाध्र् करती है । वे एक चीि परू ी होने से पहिे ही
दस
ू री की ओर भागने िगते हैं इसलिए वे प्रार्ः सफि नहीं होते ।
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अर्रों में धचर नीरव रोदन,
र्ग
ु -र्ग
ु के तम से, ववषण्ण मन,
वह अपने घर में
प्रवालसनी !
तीस कोटट सन्तान नग्न तन
अर्य-क्षक्षधर्त, शोवषत, ननरस्त्र िन
मढ़
ू , असभ्र्, अलशक्षक्षत, ननर्यन,
नत मस्तक: तरु-ति
ननवालसनी !
खण्ड ख
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प्र 3. पद ककसे कहते हैं? उदहारण दे कर स्पष्ट कीजिए। 1 + 1 = 2
उत्तर : वाक्र् में प्रर्क्
ु त शब्द पद कहिाते हैं।
िैसे – टहमािर् भारत का प्रहरी है।
र्हाँ ‘टहमािर्’ एक पद है ।
(ii)ििप्रदष
ू ण
उत्तर : समास ववग्रह - िि का प्रदष
ू ण
समास - तत्परु
ु ष समास
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उत्तर : समस्त पद - नीि गगन
समास - कमयर्ारर् समास
(ii) आस और पास
उत्तर : समस्त पद – आसपास
समास – दवंदव समास
(ख) मझ
ु े केवि मात्र अपना अधर्कार चाटहए।
उत्तर : मझ
ु े केवि अपना अधर्कार चाटहए।
प्र 7. ननम्नलिखखत मह
ु ावरों का प्रर्ोग इस प्रकार कीजिए कक उनका अथय स्पष्ट हो
िाए : 1+1 = 2
बाट िोहना, सर्
ु -बर्
ु खोना
उत्तर : बाट िोहना – कई टदनों से हम ववदे श से वपतािी की आने की खबर
की बाट िोह रहे थे।
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सर्
ु -बर्
ु खोना - नन्हें -नन्हें बच्चों के अदभत
ु ् प्रदशयन को दे खकर दशयक अपनी
सर्
ु -बर्
ु खो बैठे।
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प्र. 9. िापान में मानलसक रोग के क्र्ा कारण बताए गए हैं? उससे होने वािे
प्रभाव का उल्िेख करते हुए लिखखए कक इसमें ‘टी सेरेमनी’ की क्र्ा
उपर्ोधगता है । 5
उत्तर : िापान में मानलसक रोग का मख्
ु र् कारण अमेररका से आधथयक
प्रनतस्पर्ाय को बतार्ा। जिसके पररणामस्वरूप दे श के िोग एक महीने का
काम एक टदन में करने का प्रर्ास करते हैं इस कारण वे शारीररक व
मानलसक रूप से बीमार रहने िगे हैं। िेखक के र्े ववचार सत्र् हैं क्र्ोंकक
शरीर और मन मशीन की तरह कार्य नहीं कर सकते और र्टद उन्हें ऐसा
करने के लिए वववश ककर्ा तो मानलसक संतुिन बबगड़ िाना स्वाभाववक है ।
ऐसे में टी सेरेमनी िापाननर्ों को भाग दौड़ से भरी जिन्दगी से दरू कुछ पि
अकेिे बबताने का मौका दे ती है और साथ ही िहाँ इंसान न भत
ू काि और
भववष्र्काि की धचंता से मक्
ु त हो कर वतयमान में िी पाए। इसलिए टी
सेरेमनी में केवि तीन ही िोगों को प्रवेश टदर्ा िाता है। इसका कारण र्ह
है की अधर्क आदलमर्ों के आने से शांनत के स्थान पर अशांनत का माहौि
बन िाता है ।
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(ख) शद
ु र् आदशय की तुिना सोने से और व्र्ावहाररकता की तुिना ताँबे से
क्र्ों की गई है ? ‘पतझर में टूटी पनतर्ाँ’ पाठ के आर्ार पर लिखखए।
उत्तर: शद
ु र् सोने में ककसी प्रकार की लमिावट नहीं की िा सकती।
ताँबे से सोना मिबत
ू हो िाता है परन्तु शद
ु र्ता समाप्त हो िाती है ।
इसी प्रकार व्र्वहाररकता में शद
ु र् आदशय समाप्त हो िाते हैं। परन्तु
िीवन में आदशय के साथ व्र्ावाहाररकता भी आवश्र्क है , क्र्ोंकक
व्र्ावाहाररकता के समावेश से आदशय सन्
ु दर व मिबत
ू हो िाते हैं।
क ‘कारतस
ू ’ पाठ में सआदत अिी को ककस प्रकार का व्र्जक्त बतार्ा
गर्ा है ?
उत्तर : सआदत अिी वज़ीर अिी का चाचा और नवाब आलसफउदौिा
का भाई था। िब तक आलसफउदौिा के कोई सन्तान नहीं थी,सआदत
अिी की नवाब बनने की परू ी सम्भावना थी। इसलिए िब उसे वज़ीर
अिी की पैदाइश हुई तो उन्हें वे खतरा िगने िगे। सआदत अिी
आराम पसंद अंग्रेज़ों का वपट्ठू था। उसने अंग्रेज़ों को आर्ी सम्पवत्त
और दस िाख रूपर्े टदए।
प्र. 11. (क) सच्चे मन में ‘ईश्वर बसते हैं’ इस भाव के संदभय में बबहारी के दोहे का
भाव स्पष्ट कीजिए। 2
उत्तर : बबहारी िी के अनस
ु ार भजक्त का सच्चा रूप हृदर् की सच्चाई
में ननटहत है ।बबहारी िी ईश्वर प्राजप्त के लिए र्मय कमयकांड को टदखावा
समझते थे।मािा िपने, छापे िगवाना, माथे पर नतिक िगवाने से
प्रभु नहीं लमिते। िो इन व्र्थय के आडंबरों में भटकते रहते हैं वे झठ
ू ा
प्रदशयन करके दनु नर्ा को र्ोखा दे सकते हैं,परन्तु भगवान राम तो
सच्चे मन की भजक्त से ही प्रसन्न होते हैं।
(ख) ‘मनष्ु र्ता’ कववता में कवव ने सबको एक होकर चिने की प्रेरणा क्र्ों
दी है ? 2
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उत्तर : कवव ने सबको एक होकर चिने की प्रेरणा इसलिए दी है ,
क्र्ोंकक एकता में बि होता है । मैत्री भाव से आपस में लमिकर रहने
से सभी कार्य सफि होते हैं, ऊँचनीच-, वगय भेद नहीं रहता।सभी एक
वपता परमेश्वर की संतान हैं।अतःसब एक हैं।इसलिए सभी को प्रेम भाव
से रहना चाटहए, सहार्ता करनी चाटहए,एक होकर चिना चाटहए।
प्र. 12. ‘कर चिे हम किदा’ – कववता की ऐनतहालसक पष्ृ ठभलू म का उल्िेख करते
हुए उसका प्रनतपादर् अपने शब्दों में लिखखए। 5
उत्तर: प्रस्तत
ु काव्र् र्द
ु र् की पष्ृ ठभलू म पर बनी कफल्म हकीकत के लिए
लिखा गर्ा था।कवव इसमें दे शभजक्त को ववकलसत करके दे श को िागरुक
करना चाहता है।र्ह गीत सन ् 1962 के भारतचीन र्द
ु र् की ऐनतहालसक -
पष्ृ ठभलू म पर लिखा गर्ा है ।चीन ने नतब्बत की ओर से आक्रमण ककर्ा
और भारतीर् वीरों ने इस आक्रमण का मक
ु ाबिा वीरता से ककर्ा।अपने दे श
के सम्मान और रक्षा के लिए सैननक हर चन
ु ौनतर्ों को स्वीकार करके
अपने िीवन का बलिदान करने के लिए तैर्ार रहते हैं। अपनी अंनतम साँस
तक दे श के मान की रक्षा कर उसे शत्रओ
ु ं से बचाते हैं।
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प्र. 13. पढ़ाई में तेज़ होने पर भी कक्षा में दो बार फेि हो िाने पर टोपी के साथ
घर पर र्ा ववदर्ािर् में िो व्र्वहार हुआ उस पर मानवीर्-मल्
ू र्ों की
दृजष्ट से टटप्पणी कीजिए। 5
उत्तर : एक ही कक्षा में दोदो बार बैठने से टोपी को कई भावनात्मक -
चन
ु ौनतर्ों का सामना करना पड़ा िैसे वह अध्र्ापकों की हँ सी का पात्र
होता क्र्ोंकक कमिोर िड़कों के रूप में अध्र्ापक उसका ही उदाहारण दे ते
थे। फेि होने के कारण उसके कोई नए लमत्र भी नहीं बन पाए। मास्टर
उसकी ककसी भी बात पर ध्र्ान ही नहीं दे ते थे वह ककसी से शमय के मारे
खि
ु कर बातें नहीं कर पाता था। बच्चे िेि होने पर भावनात्मक रूप से
आहत होते हैं और मानलसक रूप से परे शान रहने िगते हैं। वे शमय महसस
ू
करते हैं। इसके लिए ववदर्ाथी के पस्
ु तकीर् ज्ञान को ही न परखा िाए
बजल्क उसके अनभ
ु व व अन्र् कार्य कुशिता को भी दे खकर उसे प्रोत्साहन
दे ने के लिए लशक्षा व्र्वस्था में बदिाव ककर्ा िा सकता है । ऐसे बच्चों के
लिए वैकजल्पक लशक्षा की व्र्वस्था की िानी चाटहए। लशक्षकों को इस तरह
के बच्चों को समझने के लिए उधचत मनोवैज्ञाननक प्रलशक्षण टदर्ा िाना
चाटहए तथा पररवार वािों को उसकी भरपरू मदद करनी चाटहए न कक उसे
कमिोर कहकर उसपर व्र्ंग कसने चाटहए।
खण्ड घ
ख कम्पट
ू र हमारा लमत्र
क्र्ा है
ववदर्ाधथयर्ों के लिए उपर्ोग
सझ
ु ाव
आि के र्ग
ु को ववज्ञान का र्ग
ु कहा िाता है। ककसी दे श का ववकास उसके
वैज्ञाननक, औदर्ोधगक व तकनीकी प्रगनत पर ननभयर करता है । कंप्र्ट
ू र छात्रों को
ववषर्ों के लशक्षण का सबसे अच्छा तरीका है । इन टदनों, सभी स्कूिों और
कॉिेिों में कंप्र्ट
ू र िैब है िहाँ वे अपने लशक्षकों से व्र्ावहाररक ज्ञान प्राप्त
करके अपनी लशक्षा में उसका उपर्ोग करते हैं।
कंप्र्ट
ू र से ववदर्ाथी अपने पाठ्र्क्रम की िानकारी तो पा ही सकते उसके
अिावा उनकी रूधच के अनस
ु ार ववषर्ों की भी िानकारी चट
ु ककर्ों में पा सकते
हैं। आि कि इंटरनेट का चिन इतना बढ़ गर्ा है कक एक ववदर्ाथी दे श के ही
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लशक्षा संस्थान ही नहीं बजल्क ववदे शी लशक्षा संस्थान में बबना प्रवेश लिए
ऑनिाइन पढ़ सकता है , लशक्षकों से संवाद स्थावपत कर सकता है ,अपनी पढ़ाई
र्ा अन्र् ककसी ववषर् से संबंधर्त समस्र्ा का समार्ान कर सकता है और
अपना ववकास कर सकता है । परं तु ववदर्ाधथयर्ों को इसका अधर्क उपर्ोग भी
नहीं करना चाटहए क्र्ोंकक र्े उनमें आिस्र् भी ननमायण कर सकता है इसके
अत्र्धर्क प्रर्ोग से टदमागी क्षमता कम भी हो सकती है हम हर कार्य को करने
के ककर्े अपने टदमाग र्ा ज्ञान का उपर्ोग कर इस पर ननभयर हो िाते है ।
इसलिए अनत ककसी भी चीि की अच्छी नहीं होती।
ग स्वास्थ की रक्षा
आवश्र्कता
पोषक भोिन
िाभकारी सझ
ु ाव
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प्र. 15. ववदर्ािर् में छुट्टी के टदनों में भी प्रात:काि में र्ोग की अभ्र्ास कक्षाएँ
चिने की सच ू ना दे ते हुए इच्छुक ववदर्ाधथयर्ों दवारा अपना नाम दे ने हे तु
सच
ू ना-पट्ट के लिए एक सच ू ना िगभग 30 शब्दों में लिखखए। 5
प्रर्ानाचार्य
िर्परु
ववषर् : ववदर्ािर् के गेट पर ठे िे और रे हड़ी वािों दवारा िंक िूड बेचने संबधं र्त
लशकार्त पत्र।
महोदर्
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मैं ववदर्ािर् का हे ड बॉर् होने के कारण आपका ध्र्ान एक महत्त्वपण
ू य समस्र्ा की
ओर िेिाना चाहता हूँ। मध्र्ावकाश में हमारे ववदर्ािर् के गेट पर ठे िे और रे हड़ी
वािों दवारा िंक िूड बेचा िाता है िोकक ववदर्ाधथयर्ों की सेहत के लिए हाननकारक
है ।
सौरभ गुप्ता
हे ड बॉर्
प्र. 17. ओिंवपक खेिों में भारतीर् खखिाड़ड़र्ों के प्रदशयन के बारे में अपने लमत्र से
हुए संवाद को िगभग 50 शब्दों में लिखखए। 5
रवव : कैसे हो, कानतयक ?
कानतयक : मैं ठीक हूँ तुम बताओ कैसे हो और पढ़ाई कैसी चि रही है ?
रवव : मैं ठीक हूँ। पढ़ाई भी अच्छी चि रही है। और बताओ ओिजम्पक खेिों में
भारत के प्रदशयन के बारे में िानते हो र्ा नहीं ?
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रवव : ररर्ो ओिंवपक 2016 - 16 टदन तक चिे खेिों के सबसे बड़े महाकंु भ में
अमरीका ने 46 गोल्ड मेडिों के साथ कुि 121 पदक िीत कर अपना दबदबा
कार्म रखा। वहीं ग्रेट बब्रटे न दस
ू रे और चीन तीसरे स्थान पर रहा। भारत ने दो
मेडि िीते। र्ह मैडि हमारे दे श की दो िड़ककर्ों, साक्षी मलिक और पीवी लसंर्ु ने
िीता।
कानतयक : र्ह तो तम
ु ने बहुत बटढ़र्ाँ िानकारी दी।
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