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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Printable Versi - 1714537621411
Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Printable Versi - 1714537621411
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देवा;अगले ही पल अपने दोनों हाथों में शालु की कमर को पकड़ के अपना मूसल लंड शालु की गाण्ड में उतार देता है।
शालु;आहह मेरे लाल आह्ह्ह कितना मोटा है रे आह्ह्ह्ह्ह्ह।
मेरी गाण्ड फट जाएंगी आह्ह्ह्ह्ह्हह धीरे धीरे आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
मगर देवा ज़रा भी रहम नहीं खाता और शालु की गाण्ड को खोल के चीर के रख देता है।देवा जब शालू की गांड मारना शुरू
करता है तो शालू को अहसास होता है की देवा का लंड कितना मोटा है जो शालू जैसी चुदक्कड़ औरत की भी गांड चोद चोद
के फाड़ सकता है।
देवा शालू के मोटे चुतडो को कस-कस कर अपने हाथो से भिचता हुआ उसकी गान्ड मारने लगता है और शालू अपने हाथो के
पंजो से चादर को पकड़े हुए अपने देवा का मोटा लंड अपनी गदराई गान्ड मे लेने लगती है।
देवा करीब 15 मिनिट तक अपनी सासु माँ की धीरे-धीरे लेकिन गहरे धक्के मारता हुआ उसकी मोटी गान्ड चोदता रहता है,
उसके बाद देवा शालू की गान्ड को हुमच-हुमच कर चोदना शुरू कर देता है।
शालू: आह आहह्ह्ह्ह ओह देवा बहुत खुजली हो रही है आह बहुत अच्छा लग रहा है देवा।थोडा तेज चोदो आह-आह ओह
देवा तू कितना अच्छा है थोड़ा कस कर पेल। आह-आह, चोद देवा । आह-आह ओह और तेज पेल और तेज।
देवा शालू की मोटी गान्ड को सटासट चोदने लगता है और उसके चुतडो पर हल्के -हल्के थप्पड़ मारते हुए उसकी गान्ड मे
सटासट लंड पेलने लगता है।
कु छ देर गांड मारने के बाद देवा अपना लंड शालू की गांड से निकाल कर उसकी चूत में पेल देता है। शालू की चूत बहुत पानी
छोड़ रही थी वह पूरी तरह से गीली हो चुकी है। देवा का लंड आराम से शालू की चूत में घुस जाता है फिर देवा जोर जोर से
शालू की चूत में अपना मोटा लंड पेलने लगता है ।5 मिनट की बुर चुदाई में ही शालू की चूत पानी छोड़ देती है और वह झड़
जाती है। जब शालू झड़ जाती है तब देवा अपना लंड फिर से शालू की मोटी गांड में पेल देता है।
कु छ देर बाद फिर से देवा का लंड खड़ा हो जाता है।वह फिर से शालू की गीली चूत और मोटी गांड फाड़ने लगता है।
देवा;अपनी शालु को रात भर ऐसे ही चोदता है ।
शालू को चोदना देवा का बहुत दिनों का सपना था।देवा जबसे जवान हुआ था तभी से उसे गांव की दो औरतें सब से ज्यादा
पसंद थी।एक तो उसकी माँ रत्ना और दूसरी शालू।एक सपना आज उसका पूरा हो गया था।
वह शालू को रातभर बेदर्दी से चोदता है देवा का लंड कभी शालू की चूत में जाता है तो कभी उसकी गांड में। देवा शालू को
किसी रंडी की तरह चोदता है।
सुबह तक शालु ठीक से चल भी नहीं पाती और लडखडाती हुए अपने बिस्तर पर जा कर लेट जाती है।
और देवा सुबह सुबह अपने खेतों में चला जाता है।
उधर हवेली में हिम्मत का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर था उसे हर तरफ से नाकामी ही मिल रही थी।
वो जल्द से जल्द देवा की ज़मीन और रुक्मणी की जायदाद हथियाना चाहता था मगर उसके सारी चालें नाकाम साबित हो
रही थी।
झुंझलाया हुआ हिम्मत अपने रूम में रानी के साथ बैठा हुआ था।
रानी;बापू इतनी चिंता मत करो।
हिम्मत; हरामज़ादी मुझे मत सीखा।
तू किसी काम की नहीं है । तुझे भी आज़मा के देख चूका हूँ मै। अब मुझे ही कु छ करना होंगा।
रानी;क्या करने वाले हो आप।
हिम्मत; ख़ून।
रानी;खून किसका।
हिम्मत; देवा का। उस हराम के जने को मै हमेशा हमेशा के लिए दुनिया से भेज दूंगा वहां जहाँ उसका बाप है।
रानी;अपने बाप के ऑखों में उतरे खून को भाँप गई थी वो जान गई थी की हिम्मत कु छ ऐसा सोच चूका है। जिसका अंजाम
पूरे गांव वालों को और खास कर देवा के खानदान वालों को भुगतना होंगा।
हिम्मत;मैंने कु छ लोग शहर से बुलाये है रानी।
रानी;काँपते होठो से।
किसलिए बापु।
हिम्मत;अपनी बन्दूक उठाके उसका निशाना रानी के सर की तरफ करते हुए।
तू जानती है किसलिये।
बाहर खड़ी खड़ी रुक्मणी के हाथ पैर काँपने लगते है।
अपडेट 67
उधर से देवा अपने खेत से काम करके अपने घर की तरफ लौट रहा था।
और इधर से हिम्मत अपने कार में शराब पीता हुआ उसी रास्ते पर आ रहा था।
अचानक दोनों एक दूसरे के आमने सामने आ जाते है।
चररररर चरर की आवाज़ के साथ हिम्मत ब्रेक लगा देता है।
देवा बस कार के नीचे आते आते ही बचता है।
देवा;हिम्मत की तरफ देखता है और बिना कु छ बोले सर झुकाये आगे बढ़ जाता है।
हिम्मत;कार से उतरता है और देवा के सामने आ जाता है।
क्यूं बे कु त्ते अभी कार के नीचे आ जाता तो....
देवा;माफ़ करना मालिक मैंने आपकी कार देखी नही।
हिम्मत;शराब के नशे में धुत्त था।
मालिक के बच्चे हरामी साले कहाँ देख के चल रहा था। आईन्दा मेरे सामने दिखाई भी दिया न तो....
इस में की सारी गोलिया तेरे भेजे में उतार दूँगा।
देवा;दोनों हाथ जोड के हिम्मत से माफ़ी माँगता है।
हिम्मत की आवाज़ सुनके आस पास के खेत में काम करने वाले भी वहां जमा हो जाते है।
इसलिए हिम्मत राव बात को आगे नहीं बढाता।
वो तो बस चाहता था की देवा कु छ उल्टा सीधा कहे या कु छ बोले के वही उसका काम तमाम कर दे ....
मगर लोगों की मौजूदगी को देखते हुए हिम्मत अपने कार में बैठ के बिजली की तेजी से वहां से चला जाता है।
लोग हिम्मत को उसके जाने के बाद बुरा भला कहते है मगर देवा बिना कु छ कहे अपने घर की तरफ चल देता है।
हिम्मत;दिल ही दिल में सोचते हुए इस हरामी के लिए मुझे शहर ही जाना पडेगा।
अब बहुत हुआ। हाँ बहुत हुआ। वो कार शहर की तरफ मोड देता है।
जब देवा घर पहुँचता है तो ममता भागते हुए देवा से आके लिपट जाती है।
ममता;माँ देखो ना भैया आ गये है।
रत्ना;भी दौड़ते हुए देवा के क़रीब आ जाती है।
दोनो एक दूसरे की ऑखों में देखने लगते है।
मगर दोनों कु छ नहीं कहते।
रत्ना जैसे सारे गिले शिकवे भूलने को तैयार थी उसका बेटा देवा जो घर आ गया था।
ममता ;अब्ब यही खड़े रहोगे या अंदर भी चलोगे। आओ मैंने तुम्हारे लिए गरम गरम हलवा बनाई हूँ।
देवा;अपने रूम में चला जाता है और नहा धोके खाना खाने बैठ जाता है।
खाना खाते खाते भी सिर्फ ममता बड़ बड करती है। देवा और रत्ना चुप चाप खाना खाते है।
मगर रत्ना बार बार चोर नज़रों से देवा को देखती रहती है।
रत्ना खाना ख़तम करके अपने रूम में चलि जाती है।
ममता भी खाने के प्लेटें साफ़ करने बैठ जाती है।
इससे पहले की रत्ना कु छ कहती ममता के क़दमों की आहट दोनों के कानो में आ जाती है और
रत्ना देवा से अलग होकर बाहर निकल जाता है।
देवा एक तरफ खुश था की उसकी माँ पहले जैसा बर्ताव उसके साथ कर रही है।
मगर दूसरी तरफ देवा को बहुत ज़्यादा उत्सुक्ता भी थी ये जानने की आखिर रत्ना के दिल में है क्या।
ममता ;भैया आपका बिस्तर लगा दी हूँ । आप आराम करो।
देवा;ममता का हाथ पकड़ के अपने पास खीच लेता है
तू नहीं चलेंगी।
ममता ;देवा के मुँह पर हाथ रखते हुए माँ सुन लेगी धीरे बोलो।
देवा;सुनने दे चल मेरे साथ।
ममता; नहीं तुम अभी जाओ मै रात में माँ के सोने के बाद आती हूँ।
देवा;जल्दी आजा।
देवा; अपने रूम में जाने लगता है तो रत्ना उसे आवाज़ दे के अपने पास बुला लेती है।
रत्ना;अरे बेटा वो जहाँ ममता के रिश्ते की बात चल रही है ना वहां कल तुझे जाना है।
उन लोगों के कई बार बुलावा भेज चुके है तुझे याद कर रहे थे । जा एक दो दिन के लिए मिल आ। देवकी से भी और उन
लोगों के बारे में भी पता कर लेना।
देवा;ठीक है माँ मै कल सुबह चला जाऊँ गा।
रत्ना;ठीक है।
रत्ना और ममता एक रूम में आस पास सोई हुई थी। दोनों को लेटे हुए एक घण्टा बीत चूका था।
ममता उठके रत्ना की तरफ देखती है और रत्ना को गहरी नींद में सोता देख चुपचाप उठके अपने भाई के रूम में चली जाती
है।
ममता के रूम में घुसते ही रत्ना टक से अपनी ऑखें खोल देती है। शायद वो देखना चाहती थी की ममता जाती है या नहीं
अपने भाई से मिलने
रत्ना भी चुपचाप उठके देवा के रूम की खिडके के पास जाके खड़ी हो जाती है।
अंदर देवा और ममता एक दूसरे से लिपटे हुए एक दूसरे के मुँह में मुँह डाले एक दूसरे को मसल रहे थे।
ममता; भैया कहाँ थे इतने दिनों से । देखो न मेरी चूत सुख गई है आपके रस के बिना।
देवा;मेरा भी मुर्झा सा गया है बहना तेरी चूत के बिना।
ममता; इसे तो मै अभी गरम कर देती हूँ।
वो नीचे बैठ के देवा का पजामा उतार देती है और अपने हाथ में देवा का लंड पकड़ के पहले उसे चुमती है
और फिर मुँह में लेकर उसे गीला कर देती हैं गलप्प गलप्प्प।
देवा अपने बिस्तर पर लेट जाता है और ममता के कपडे भी निकाल के उसे पूरी नंगी कर देता है।
बाहर खड़ी रत्ना को अपने बेटी की हरक़तों पर यक़ीन नहीं होता मगर इस बार रत्ना की नज़र मे
ममता की चूत नहीं बल्कि देवा का वो मुसल लंड था। जिस पर से रत्ना की नज़र नहीं हट पा रही थी।
और ममता थी की बिना रुके देवा के लंड को मुँह में अंदर बाहर किये जा रही थी।
गलप्प गलप्प गलप्प करके चूस रही थी चाट रही थी।
देवा की नज़र अचानक ही खिडकी की तरफ जाती है और वहां खड़ी रत्ना उसे दिख जाती है।
देवा;आहह तेरी माँ रत्ना को चोदूँ धीरे धीरे चूस
ममता।
आह मेरा लौडा कै सा है ममता।
ममता;बहुत मीठा है भइया।
देवा;माँ को पसंद आएगा ऐ।
रत्ना की चूत से पहला पानी का कतरा निकल जाता है।
ममता; हाँ। माँ की चूत भी अभी जवान है गलप्प गलप्प।
ये तो हर किसी को पसंद आने जैसा है गलप्प गलप्प।
देवा; बस कर अब नहीं रुका जाता।
देवा ममता को लिटा देता है और उसकी चूत को सहलाने लगता है।
ये नज़ारा देख रत्ना का जिस्म इतना गरम हो जाता है जैसे अभी अभी वो भट्टी में से तप के आई हो।
रत्ना की चूत थी की पिघलते जा रही थी और पिघला हुआ गरम गरम पानी रत्ना के जांघो से होता हुआ नीचे गिर रहा था।
की तभी देवा और रत्ना की नज़र एक हो जाती है
और रत्ना मुँह पर हाथ रख के वहां से अपने रूम में भाग जाती है।
पप्पू;उठके दूसरे रूम में चला जाता है और वहां जाके अपने सारे कपडे उतार देता है और वो नंगा होके शालु का इंतज़ार
करने लगता है।
कु छ देर बाद शालु भी वहां आ जाती है और दरवाज़ा बंद करके अपने कपडे पप्पू को देखते हुए निकाल देती है।
शालु पप्पू के ऊपर आके चिपक जाती है।
ले आ गई तेरी माँ ।बोल क्यों बुलाया है।
शालु;आहह मेरी गाण्ड में ठीक से जाता है तेरा आहह मारते जा रे....और जोर जोर से अपनी माँ की गांड मार बेटा। पेल जोर
जोर से मेरी गाँड में बहुत खुजली हो रही है बेटा आह्ह्ह्ह।
पप्पू;दोनों हाथों में अपनी माँ की कमर पकड़ के सटा सट पीछे से शालु की गाण्ड मारने लगता है और शालु भी कमर हिलाते
हुए पप्पू का लंड गाण्ड में लेती चली जाती है।
ज्यादा देर भी नहीं गुज़रती की पप्पू के धक्के बढ़ जाते है और एक चीख़ के साथ पप्पू अपना माल शालु की गाण्ड में छोड़ने
लगता है।
शालु;आहह हरामी तू किसी काम का नहीं है।
शालु;अपनी दोनों टाँगें खोल के लेट जाती है और पप्पू का सर पकड़ के अपनी चूत से लगा देती है।
मेरी चूत में अपनी ज़ुबान घूस्सा अब।
पप्पू;अपनी माँ के ग़ुस्से को शांत करने के लिए ऐसा ही करता है और शालु की चूत को और गाण्ड को अपनी जीभ से चाटने
लगता है गलप्प गलप्प्पप्प।
शालु;आहह ऐसे ही मेरे लल्ला आहह।
चाट मेरी चूत को उसे तैयार कर देवा के लंड के लिये।
आह मेरी गाण्ड में भी तेरी ज़ुबान घूस्सा दे रे।
शालु;कमर उछालते हुए पप्पू की ज़ुबान का मज़्ज़ा लेने लगती है और फिर पप्पू के बालों को पकड़ के
उसे अपनी चूत पर दबाते हुए चीख़ पडती है आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
एक तेज़ धार पप्पू के मुँह पर छू टने लगता है और शालु निढाल से पड़ जाती है।
उधर हिम्मत राव शहर में अपने खास आदमी से जाके मिलता है।
वो खास आदमी था।
विक्रांत
विक्रान्त एक पेशेवर कातिल था उसका काम लोगों को लूटना डकै ती और खून करना था।
पूलिस की फाइल्स में विक्रांत के नाम पर कई गुनाह दर्ज थे।
और हिम्मत राव विक्रांत की मदद से रुक्मणी और देवा का काम तमाम करना चाहता था।
विक्रान्त हिम्मत से मिलता है।
विक्रान्त;कै से हैं जागीरदार साहब।
हिम्मत;ठीक तुम कै से हो।
विक्रान्त;दुआ है आपकी और कै से आना हुआ आपका।
हिम्मत;किसी का काम करना था तुम्हारे हाथो।
विक्रान्त; हो जाएंगा। काम जो आप चाहे किमत जो मै चाहूँ।
हिम्मत;मंज़ूर है।
दोनो बातें करने बैठ जाते है और हिम्मत विक्रांत को सारी बात समझा देता है।
हिम्मत की बात ख़तम होने पर
विक्रान्त: कहता है आप फिकर ना करें जागिरदार सहाब
मै अगले हफ्ते आपके गांव आऊँ गा आप मुझे उन दोनों के हुलिये बता देना समझ लो आपका सर दर्द हमेशा हमेशा के लिए
खतम।
हिम्मत;विक्रांत को कु छ एडवांस पैसे दे कर वहां से चला जाता है।
हिम्मत और विक्रांत बहुत पुराने दोस्त थे। जब भी हिम्मत को किसी को अपने रास्ते से हटाना होता तो उसे विक्रांत याद
आता।
हिम्मत बहुत खुश था की कु छ ही दिनों में देवा और रुक्मणी का काम हमेशा हमेशा के लिए ख़तम होने वाला है।
अपडेट 68
रात ममता को जम कर चोदने के बाद देवा गहरी नींद में सोया हुआ था । सुबह के 8 बज रहे थे।
मगर आज देवा न तो सुबह जल्दी उठा था और न अपने खेत में गया था।
ममता ;अपनी माँ के पास जाके सुबह सुबह लेट गई थी।
रत्ना;सुबह का नाश्ता बनाकर देवा को उठाने के लिए उसके रूम में चली जाती है।
देवा उस वक़्त सिर्फ लुंगी में सोया हुआ था पास ही में उसकी चड्डी पड़ी हुई थी।
लूँगी में तम्बू बना हुआ लंड रत्ना को दावत दे रहा था।
रत्ना;देवा के काँधे को हिलाने लगती है।
उठ भी जा बेटा बहुत देर हो गई है।
देवा; सोने दो न माँ अभी अभी तो आँख लगी थी मेरी।
रत्ना;रात भर जागेगा तो सुबह आँख कै से खुलेंगी तेरी। चल उठ जा।
देवा झटके से उठके बैठ जाता है और रात का वो रत्ना का खिडके से झाँकना उसे याद आ जाता है।
माँ तुम भी न। क्या वक़्त हुआ है अभी।
रत्ना;सूरज सर पर आ गया है और तुम यहाँ हो।
याद है ना अपने मामा के घर भी जाना है तुझे आज
देवा;हाँ याद है ना माँ।
वैसे माँ आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो इस साडी में।
तूम तो साडी पहनती ही नही।
रत्ना;बस बस मै ममता के लिए पूजा करने मंदिर गई थी इसलिए ये साडी पहन ली।
देवा;रत्ना का पल्लू पकड़ के उसे देखने लगता है।
बहुत खूबसूरत साडी है ये।
और अचानक पल्लू रत्ना की छाती से सरक जाता है।
रत्ना;उसे ठीक करने लगती है मगर उससे पहले देवा अपना हाथ सीधा रत्ना की ब्रैस्ट पर रख के उसे ज़ोर से मसल देता है।
रत्ना;आहह उन्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह।
एक सिसकी रत्ना के मुँह से निकल जाती है।
क्या कर रहा है रे
देवा;कु छ भी नहीं माँ।
रत्ना;देवा का हाथ नहीं हटाती बस मुँह से उसे रुकने के लिए कहती है। रात का नशा अब भी रत्ना की ऑखों में छाया हुआ
था।
चुदाई तो ममता की हुई थी मगर चूत रत्ना की सुलग रही थी।
देवा;बहुत नरम है ये।
रत्ना; छोड दे हरामी मेरे हाथों की मार भूल गया तु।
देवा;नही भुला माँ।
वो रत्ना की गर्दन को चुमने लगता है।
रत्ना;बस कर रे । ममता समझ रखा है क्या मुझे।
देवा;ममता तो बड़े प्यार से देती है रात भर। तू तो देख चुकी है माँ।
बस एक बार मुझे ये चखने दे।
देवा रत्ना की साडी के ऊपर से उसकी सुलगती चूत पर हाथ रख देता है।