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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Printable Versi - 1714537569390
Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Printable Versi - 1714537569390
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देवा;क्या।
नही नहीं तुम झूठ बोल रहे हो भला वो अपनी पत्नी को क्यों मारने लगे नहीं मुझे विश्वास नहीं होता।
बिंदिया ;अरे मै सच कह रही हूँ।
मुझे भी इसी शर्त पर वो यहाँ ले के आया है।
देवा;मगर तुम मुझे ये सब क्यों बता रही हो।
बिंदिया;सच कहूं देवा।
मुझे तुझसे पहली नज़र में ही प्यार हो गया था। हाँ जानती हूँ तू क्या सोचेगा की मै एक रखेल हूँ बातें बनाना जानती हूँ।
देवा;नहीं ऐसे बात नही।
बिंदिया ;हाँ हाँ मुझे सब पता है।
मगर मै हमेशा से ऐसी नहीं थी। एक सीधे साधे किसान की बेटी थी जिस पर हिम्मत राव की बुरी नज़र पड़ गई। शादी तो मेरी
होने से रही हिम्मत ने इसी का फायदा उठाके पूरे गांव भर में मुझे मशहूर करवा दिया की मै उसकी रखेल हूँ और कोई उससे
शादी न करे।
मै उस दिन बहुत रोई थी मगर उस कमिने ने मुझे झूठे वादे करके फँ सा लिया। ये कहके की वो मुझसे एक दिन शादी करेंगा
और अपने साथ हवेली में रखेगा मगर मुझे कु छ ही दिन पहले पता चला है की पास के एक गांव में भी चंपा नाम की औरत के
साथ वो यही कर चुका है ।
उस दिन मैंने सोच लिया की मै अपनी बर्बादी का बदला हिम्मत राव से ज़रूर लुंगी मगर किस्मत भी देख।
मुझे तू मिल गया।
तेरी भोलेपन को देख के मुझे एक बात तो समझ आ गई की हिम्मत की बूरी नज़र तुझ पर ज़रूर किसी वजह से है भला तूने
उसका क्या बिगाड़ा होगा। ये बात मुझे समझ नहीं आई।
देवा;यही बात तो मुझे भी पता करनी है बिंदिया।
बिंदिया ;वो तेरी बडी मालकिन को मारके उसकी जायदाद हड़पना चाहता है और मै जानती हूँ की वो जायदाद मिलने के बाद
मुझे भी नहीं पहचानेगा।
देवा;अपने कपडे पहनने लगता है।
चलो देर बहुत हो गई है।
बिंदिया;देख देवा तूने मेरी सर की कसम खाई है ये बात किसी को पता न चलने पाये वरना हिम्मत राव मुझे भी जान से मार
देगा उसकी पहुँच बड़े बड़े लोगों में है।
तूझे मेरी कसम है देवा।
देवा;मैंने तेरे सर की कसम खाया हूँ न। बस तुम फिकर मत करो मै ये बात किसी को भी नहीं बताऊँ गा। बस किसी तरह मुझे
अपने बापू के बारे में पता चल जाए अगर उनके ग़ायब होने के पीछे भी हिम्मत राव हुआ तो बहुत पछतायेगा वो हरामी।
बिंदिया ;तेरे बापू। क्या हुआ तेरे बापू को।
देवा;वो अचानक ग़ायब हो गये थे। हिम्मत राव की हवेली से उसके बाद कभी नहीं आए।
बिंदिया ;ज़रूर इस में भी उस कमिने का हाथ रहा होगा। भोले भाले लोगों को फँ सना उसे अच्छी तरह आता है । देख देवा वो
बहुत खतरनाक आदमी है उसे ज़रा बच के रहना तुम।
देवा;बचना तो अब उसे मुझसे पड़ेगा । देख लेना तुम अगर तुम्हे कोई बात पता चले तो मुझे ज़रूर बताना।
बिंदिया : मैं आज ही से पता लगाने की कोशिश करती हुए हूँ। क्योंकि शराब पीने के बाद उसे कु छ होश नहीं रहता की वो
क्या बोल रहा है। एक दिन शराब पीते पीते ही उसने मुझे चंपा कहके पुकारा था। उसी दिन मेरा माथा ठनका था और मैंने
चंपा के बारे में सब कु छ पता लगा ली थी । तेरे बापू के बारे में भी मै ज़रूर पता लगा लुंगी देवा । तू फिकर मत कर बस मेरा
ख्याल रखने आ जाया कर हवेली पर।
देवा; हँस पडता है और बातो बातों में वो दोनों हवेली पहुँच जाते है।
जब रुक्मणी देवा और बिंदिया को एक साथ आते देखती है तो जल भून जाती है और चिल्लाते हुए देवा को अपने रूम में
आने के लिए कहती है।
देवा;रुक्मणि के रूम में चला जाता है।
देवा सुबह का घर से निकला था और शाम हो गई थी। उसका बदन दर्द कर रहा था। वो सीधा घर पहुंच के हाथ मुँह धो के
खाना खा लेता है और वही कौशल्या और ममता से बातें करता हुआ सो जाता है।
कु छ ही देर में वो गहरी नींद में सो जाता है।
ममता; भाभी भइया तो थक के सो गये।
कौशल्या;अपनी चूत को सहलाते हुए हाँ रे मगर इसका क्या।
ममता;अपनी ज़ुबान बाहर निकाल के होठो पर फे रते हुए कौशल्या से कु छ कहती है और कौशल्या मुस्कु राते हुए ममता का
हाथ पकड़ के उसके रूम में चलि जाती है।
सुबह जब देवा की आँख खुलती है तो वो खुद को बहुत तरो ताज़ा महसुस करता है उसे अपने आस पास कोई नज़र नहीं
आता तो वो उठके ममता के रूम में देखने चला जाता है और जब वो ममता के रूम में पहुँचता है तो ममता और कौशल्या को
बिलकु ल नंगी एक दूसरे की बाहों में लिपटे हुए पाता है तो उसे बहुत गुस्सा आता है की रात को इनदोनों ने मुझे जगाया भी
नहीं और खुद नंगी मस्ती कर रही थी वैसे भी देवा को तेज पेशाब लगी हुई थी।
देवा कु छ सोच के अपने सारे कपडे उतार देता है।
और अपने लंड को हाथ में पकड़ के सीधा ममता और कौशल्या के मुँह पर पेशाब करने लगता है।
पेशाब मुँह पर पडते ही दोनों जग जाती है और उठके बैठने के बजाये मुँह खोल के पेशाब सीधा मुँह में लेने लगती है।
देवा का पेशाब सीधा ममता और कौशल्या के मुँह में छाती पर गिरने लगता है।
पेशाब करने के बाद देवा वही बैठ जाता है और ममता अपने मुँह में का पेशाब कौशल्या के मुँह में उंडेल के उसके होठो को
चुमने लगती है। गलप्प गलप्प्प गलप्प्प।
ये देख देवा उन दोनों को अपने पास खीच लेता है
और ममता को दोनों ब्रैस्ट एक साथ पकड़ने के लिए कहता है।
ममता जैसे ही दोनों ब्रैस्ट आपस में पकड़ती है देवा उन दोनों के बीच में अपना लंड घुस्सा देता है।
ममता;आहह भइया।
हमारी चूत को प्यासा रख के खुद सो गए थे ना तुम।
देवा;अब जग गया हूँ न बहना। अपनी प्यारी से बहन के चूत की प्यास बुझाने।
देवा;अपने लंड को आगे पीछे करने लगता है और उसे हाथ में पकड़ के ममता के चेहरे पर रगड़ने लगता है।
जैसे ही ममता अपना मुँह खोलती है कौशल्या लपक के देवा के लंड को हाथ में ले लेती है।
कौशल्या;आहह पीछे से भाई का गरम लंड और सामने से बहन की चिकनी चूत चाटने से कौशल्या की चूत पनिया जाती है।
और वो चीखते हुए ममता की चूत के अंदर ज़ुबान घुस्सा देती है।
कौशल्या;आहह देवा ज़ोर से हाँ हाँ ऐसे ही आह्ह्ह्ह्ह्ह।
एक और जबरदस्त धक्का कौशल्या की चूत से पानी के फु वार निकाल देता है जैसे ही कौशल्या की चूत से पानी निकलता है।
देवा ;उसके गाण्ड से लंड बाहर निकाल लेता है और ममता बिजली की तेजी से देवा के लंड को अपने भाई के लंड को अपने
मुँह में ले लेती है।
ममता;गलप्प गलप्प भैया मत दूर रखा करो अपनी बहन को इससे गलप्प गलप्प।
देवा;आहह तेरा ही तो है बहना आहह धीरे कर मुझे दर्द हो रहा है।
ममता;क्यों कल किसी की गाण्ड में डाल के आये थे क्या इसे।
देवा की ऑखें बडी सी हो जाती है मगर वो जल्द ही खुद को सँभाल लेता है।
बहन की चूत से अच्छा भला मुझे कही मिल सकती है आहह क्या।
ममता; जल्दी से चढ़ जाओ मेरे सांड भइया अपनी बहन के ऊपर । आज माँ आने वाली है अगर
उसने देख लिया तो.....
देवा;ममता के दोनों पैर खोल के अपने लंड को उसके चूत के मुहाने पर लगा के पूछता है।
अगर देख ली तो....
ममता ;मुझे नहीं पता बस इतना पता है की मुझे ये लंड किसी भी किमत पर चाहिये आखिर बहन का अधिकार है ये आहह
माँ।
उह्ह्ह्ह।
देवा;का लंड सीधा ममता की बच्चेदानी से जा टकराता है।
कौशल्या;देवा पानी बाहर निकालना वरना ममता पेट से ना रह जाए मेरी तरह।
ममता;पेट से तो मै भैया के पानी से ही होऊं गी शादी के बाद। करोगे न भाई मुझे पेट से। अपने बच्चे की माँ बनाएंगे ना मुझे।
देवा;हाँ ममता बनाऊँ गा न आह्ह्ह्ह।
देवा;अपनी बहन की दोनों टाँगे खोल के लंड को चूत के गहराइयों में उतारता चला जाता है।
अपडेट 60
देवा अपनी बहन की चूत में लंड उतार देता है।
ममता;अपने भाई के चेहरे को देखने लगती है उसका मुँह खुला ही रहता है। देवा के ज़ोरदार धक्के उसे साँस लेने भर की भी
फु र्सत नहीं दे रहे थे।
ममता;भैया मै बहुत खुशनसीब वाली हूँ जो आप जैसा भाई मुझे मिला है। मै सारी ज़िन्दगी आपके साथ गुज़ार दूंगी भैया
उईईईईई माँ।
कौशल्या ;पास में लेटे हुए देवा और ममता को ही देख रही थी।
देवा ने उसकी गाण्ड बुरी तरह सुजा दिया था।
देवा;अपनी रफ़्तार बढा देता है। वो जानता था रत्ना किसी भी वक़्त घर पहुँच सकती है।
नीचे लेटी ममता की चूत पर तो जैसे कहर टूट पड़ा था। देवा दोनों हाथों में कमर को दबोचे सटा सट ममता की चूत में लंड
पेलते जाता है और ममता चीखते हुए आखिर कर देवा के लंड पर ही झरने लगती है।
देवा;एक लम्बी चीख़ मारता है उसी वक़्त कौशल्या देवा का लंड हाथ में पकड़ के बाहर खीच लेती है और देवा का गाढा गाढा
पानी ममता की जांघ पर चूत के ऊपर गिरने लगता है।तभी बाहर से आवाज़ आती है...
देवा;नहा के बाहर आता है और अपने रूम में रत्ना को देख मुस्कु रा देता है।
देवा;अरे माँ तुम कब आई।
रत्ना: बस अभी अभी पहुंची हूँ बेटा।
देवा;किसके साथ आई हो।
रत्ना;वो रामु आया है कौशल्या को साथ भी ले जायेगा अपने। अच्छा सुन यहाँ बैठ।
देवा;रत्ना के पास जा के बैठ जाता है।
हाँ माँ क्या हुआ।
रत्ना;अरे एक बहुत अच्छी बात है।
एक लड़का है तेरे मामा के गांव का ही है हरी नाम है उसका । खेती बाड़ी है चार पांच भैंसें भी हैं एकलौता बेटा है अपने माँ
बाप का । मै उनके यहाँ चलि गई थी देवकी के साथ। बातों बातों में पता चला वो लोग एक बहु ढूंढ रहे हैं।
देवकी;को तू जानता ही है । उसका मुँह बंद रहता है क्या।
उसने वहां अपने ममता के बातचीत कर दी। वो लोग आने वाले है कल ममता को देखने।
देवा;सच माँ ये तो बहुत अच्छी खबर सुनाया है तुने।
रत्ना;बस भगवान करे ये रिश्ता जुड़ जाए मै गंगा नहा लुंगी।
देवा;माँ तूने अच्छे से जाँच पड़ताल तो की है ना।
रत्ना;हाँ हाँ सब अच्छे से कर चुकी हूँ तू भी देख लेना और मिलके पता भी लगा लेना लड़के के बारे में और सुन घर पर ही
रहना कल वरना चला जायेगा खेत में।
देवा;अपने कपडे पहनने लगता है।
ठीक है तुम चिंता मत करो देख बिचार के दूंगा मै अपनी ममता का हाथ किसी के हाथ में।
देवा; ये कहके बाहर रामु से मिलने चला जाता है।
रामु;खेत का काम मज़दूरों के भरोसे छोड के आया था। उसे घर जाने की बहुत जल्दी थी या फिर शायद कौशल्या को चोदने
की। वो कौशल्या को अपने साथ ले जाता है।
और कौशल्या जाते जाते अपने होने वाले बच्चे के बाप को घर आने का बोल जाती है । जाते वक़्त भी उसके ऑखों में ऑसू
थे जैसे अपने पति से दूर जा रही हो। ममता बहुत खुश थी ये सोच के की अब रात भर देवा सिर्फ उसे मसलेगा।
देवा;अपने खेत में चला जाता है और रत्ना शादी वाली बात ममता से करती है।
शादी की बात सुनके हर लड़की शरमा जाती है मगर ममता बेचैन सी हो गई थी। वो रत्ना के पास से उठके अंदर चली जाती
है और रत्ना ये समझ बैठी है की ममता शरमा गई है।
उधर हवेली में जैसे भूंचाल आने ही वाला था । एक तरफ जहाँ रुक्मणी बिंदिया से परेशान थी वही सबसे ज़्यादा रानी बिंदिया
के आने से नाखुश थी।
न हिम्मत राव रानी की तरफ ध्यान दे रहा था और न उसकी प्यासी चूत की उसे कोई परवाह थी जबसे बिंदिया हवेली में आई
थी रानी की चूत पर पानी की एक बूंद भी नहीं गिरी थी।
रात घिर जाती है और देवा थका माँन्दा अपने घर लौट आता है । आज उसे पप्पू कही नज़र नहीं आया था।
वो एक पल के लिए उसके घर की तरफ जाने का सोचता है मगर फिर कु छ सोचके अपने घर के अंदर चला जाता है।
रत्ना ममता के साथ रोटियां पका रही थी।
ममता की ऑखें सूजी हुई दिखाई दे रही थी।रत्ना ने ममता से पूछा भी की आँख क्यों सूज गई है मगर उसने कचरा चला गया
कहके बात ख़तम कर दी। जब देवा ममता के चेहरे की तरफ देखता है तो बात समझते उसे देर नहीं लगती की बात क्या है।
उधर
हवेली में हिम्मत रुक्मणी के सोने के बाद दबे पांव बिंदिया के रूम में चला जाता है। रुक्मणी उस वक़्त तक सोई नहीं थी वो
बस देखना चाहती थी की हिम्मत किस हद तक गिरता है।
बिंदिया;अपने रूम में हिम्मत का ही इंतज़ार कर रही थी मगर आज उसकी ऑखों में वो प्यार नहीं था जो हर रात हिम्मत के
साथ हुआ करता था।
अब बिंदिया की चूत और गाण्ड पर देवा का क़ब्ज़ा था।
हिम्मत ;बिंदिया को अपनी बाहों में जकड लेता है।
बिंदिया;आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या करते हैं जी आज नहीं। मुझे बहुत दर्द हो रहा है कमर में।
हिम्मत;क्या दर्द हो रहा है तो मै क्या करुं । चल आजा।
बिंदिया ;नहीं ना जी सुनो ना आहह नहीं सुनो आज नही।
हिम्मत राव;चपाट करके एक ज़ोरदार चपत बिंदिया के मुँह पर जड़ देता है तो तुझे मेरा नहीं चाहिए।
बिंदिया;कै सी बात कर रहे हैं आप ये।
हिम्मत;छी साली एक और चपत बिंदिया के मुँह पर पडता है और बिंदिया रोने लगती है।
हिम्मत राव;अपनी लुंगी उतार के लंड बाहर निकाल लेता है और बिंदिया के बाल पकड़ के उसे अपनी तरफ खीचता है ।चल
मुँह खोल। साली छिनाल है तू मेरी । तेरा काम है मेरी सेवा करना बदले में तुझे लंड मिलेगा मेरा । चल आ जा।
बिंदिया;हाथ में लंड पकड़ के मुँह में ले लेती है उसे। हिम्मत राव से नफरत सी होने लगी थी घिन आने लगी थी हिम्मत की
बातों से मगर वो मजबूर थी
हिम्मत ;अपने लंड को बिंदिया के मुँह में अंदर बाहर करने लगता है।
आह छिनाल साली चल कु तिया बन जा यहाँ मेरे सामने।
बिंदिया;उठके अपनी सलवार उतार के कु तिया की तरह झुक जाती है और हिम्मत पीछे से जाके उसकी कमर पर दो चार
और थप्पड जड़ देता है।
बिंदिया;आहह दर्द होता है न जी।
हिम्मत;अपने लंड पर थूक लगाता है और पीछे से बिंदिया की चूत और गाण्ड पर रगडने लगता है।
बिंदिया; ये माँ आहह।
हिम्मत राव; हाय मेरी छिनाल साली आहह।
हिम्मत;का लंड सीधा अंदर घुस जाता है और वो दोनों हाथों में बिंदिया की मोटी मोटी कमर पकड़ के लंड को अंदर बाहर
करने लगता है औरत का दिल कहे या ना कहे मगर जब लंड उसके चूत में उतर जाता है तो उसे भी मस्ती चढ़ ही जाती है ।
बिंदिया का भी वही हाल हुआ था हिम्मत की लंड से उसकी चूत भी रोने लगती है और चिपचिपा सा पानी बिंदिया की चूत से
बहने लगता है।
रुक्मणी; बाहर खड़ी अपने पति को देखने लगती है ये नज़ारा उसके लिए नया नहीं था मगर उसे एक बात तो पता चल गई थी
की उसके पति को औरत की कोई परवाह नहीं वो बस अपने काम से मतलब रखता है। बिंदिया की चीख़ें रुक्मणी की चूत
को और उकसा देती है और लंड लेने की इच्छा उसकी चूत में और ज़्यादा बढ़ती चली जाती है।
सुबह 7 बजे।
रत्ना;सुबह जल्दी जग गई थी और उसने शालु को भी घर बुला ली थी ममता को तैयार करवाने के लिये।
देवा;भी नहा धोके मेहमानो के इंतज़ार में बैठा हुआ था।
ममता को शालु तैयार तो कर रही थी मगर ममता का पूरा ध्यान देवा की तरफ था।
ममता;काकी देवा भैया को यहाँ भेज दोगी मुझे कु छ काम है।
शालु;अभी भेजती हूँ।
शालु;देवा अरे वो देवा इधर आ ममता को कु छ काम है तुझसे।
देवा;उठके ममता के पास आ जाता है।
हाँ बोल ममता क्या बात है।
रत्ना;अरे देवा तू यहाँ क्या कर रहा है मैंने तुझे मिठाई लाने के लिए कही थी न। लाया तु....
देवा;हाँ माँ मै अभी लाता हूँ।
ममता ;भैयाआआ।
कहते कहते रुक जाती है।
देवा: मैं अभी आता हूँ न ममता।
ये कहके देवा दुकान की तरफ चला जाता है।