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SURYA COLLEGE , JAGDALPUR

TOPIC : Paryavaran
Submitted to :-
Ishwar Sahu
Submitted by :-
Dasmati Wadde
B.Ed 1st Year
पर्या वरण

पर्यावरण (अंग्रेज़ी: Environment) शब्द कय निर्या ण दो शब्दों से नर्ल कर हुआ है ।


"परर" जो हर्यरे चयरों ओर है "आवरण" जो हर्ें चयरों ओर से घेरे हुए है । पर्या वरण उि
सभ़ी भौनिक, रयसयर्निक एवं जैनवक कयरकों क़ी सर्निगि इकयई है जो नकस़ी ज़ीवधयऱी
अथवय पयररिंत्ऱीर् आबयद़ी को प्रभयनवि करिे हैं िथय उिके रूप, ज़ीवि और ज़ीनविय
को िर् करिे हैं ।
पररचर्
र्यिव हस्तक्षेप के आधयर पर पर्या वरण को दो प्रखण्ों र्ें नवभयनजि नकर्य जयिय है -
प्रयकृनिक र्य िैसनगाक पर्या वरण और र्यिव निनर्ाि पर्या वरण।हयलयाँ नक पूणा रूप से
प्रयकृनिक पर्या वरण (नजसर्ें र्यिव हस्तक्षेप नबल्कुल ि हुआ हो) र्य पूणा रूपेण र्यिव
निनर्ाि पर्या वरण (नजसर्ें सब कुछ र्िुष्य निनर्ाि हो), कह़ीं िह़ीं पयए जयिे। र्ह नवभयजि
प्रयकृनिक प्रनिर्यओं और दशयओं र्ें र्यिव हस्तक्षेप क़ी र्यत्रय क़ी अनधकिय और न्यूििय
कय द्योिक र्यत्र है । पयररस्थथनिक़ी और पर्या वरण भूगोल र्ें प्रयकृनिक पर्या वरण शब्द कय
प्रर्ोग पर्या वयस (habitat) के नलर्े भ़ी होिय है ।
पर्या वरण कय ज्ञयि

आज पर्या वरण एक जरूऱी सवयल बस्ल्क ज्वलंि र्ुद्दय बिय हुआ है लेनकि आज लोगों र्ें
इसे लेकर कोई जयगरूकिय िह़ी ं है । ग्रयऱ्ीण सर्यज को छोड़ दें िो भ़ी र्हयिगऱीर् ज़ीवि
र्ें इसके प्रनि खयस उत्सुकिय िह़ीं पयई जयि़ी। पररणयर्स्वरूप पर्या वरण सुरक्षय र्हज एक
सरकयऱी एजेण्य ह़ी बि कर रह गर्य है । जबनक र्ह पूरे सर्यज से बहुि ह़ी घनिष्ठ सम्बन्ध
रखिे वयलय सवयल है । जब िक इसके प्रनि लोगों र्ें एक स्वयभयनवक लगयव पैदय िह़ीं होिय,
पर्या वरण संरक्षण एक दू र कय सपिय ह़ी बिय रहे गय।
पर्या वरण और पयररिंत्र

पर्या वरण अपि़ी सम्पूणािय र्ें एक इकयई है नजसर्ें अजैनवक और जैनवक संघटक आपस
र्ें नवनभन्न अन्तनिार्यओं द्वयरय संबद्ध और अंिगुास्फिि होिे हैं । इसक़ी र्ह नवशेषिय इसे
एक पयररिंत्र कय रूप प्रदयि करि़ी है क्ोंनक पयररस्थथनिक िंत्र र्य पयररिंत्र पृथ्व़ी के नकस़ी
क्षेत्र र्ें सर्स्त जैनवक और अजैनवक ित्ों के अंिसाम्बंनधि सर्ुच्चर् को कहिे हैं । अिः
पर्या वरण भ़ी एक पयररिंत्र है ।[8]
पृथ्व़ी पर पैर्यिे (scale) के नहसयब से सबसे वृहत्तर् पयररिंत्र जैवर्ंडल को र्यिय जयिय है ।
जैवर्ंडल पृथ्व़ी कय वह भयग है नजसर्ें ज़ीवधयऱी पयए जयिे हैं और र्ह थथलर्ंडल,
जलर्ण्ल िथय वयर्ुर्ण्ल र्ें व्ययप्त है । पूरे पयनथाव पर्या वरण क़ी रचिय भ़ी इऩ्ीं
इकयइर्ों से हुई है , अिः इि अथों र्ें वैनिक पर्या वरण, जैवर्ण्ल और पयनथाव पयररिंत्र
एक दू सरे के सर्यियथी हो जयिे हैं ।
संसयधन न्यूनीकरण

संसयधि न्यूि़ीकरण कय अथा है प्रयकृनिक संसयधिों कय र्िुष्य द्वयरय अपिे आनथाक लयभ हे िु
इिि़ी िेज़ी से दोहि नक उिकय प्रयकृनिक प्रनिर्यओं द्वयरय पुिभा रण (replenishment) ि
हो पयए। विार्यि पररप्रेक्ष्य र्ें संसयधि क्षरण के नलर्े जिसंख्यय के दबयव, िेज वृस्द्ध दर
और लोगों के उपभोग प्रनिरूप कय भ़ी प्रभयव नजम्मेवयर र्यिय जय रहय है ।
प्रदूषण

प्रदू षण अथवय पर्या वरण़ीर् प्रदू षण पर्या वरण र्ें नकस़ी पदयथा (ठोस, द्रव र्य गैस) अथवय
ऊजया (ऊष्मय, ध्वनि, रे नडर्ोधनर्ािय इत्ययनद) के प्रवेश को कहिे हैं र्नद इसक़ी गनि इिि़ी
िेज हो नक सयर्यन्य और प्रयकृनिक प्रनिर्यओं द्वयरय इसकय पररक्षेपण, र्ंदि, नवर्ोजि,
पुिचािण अथवय अहयनिकयरक रूप र्ें संरक्षण ि हो सके। इस प्रकयर प्रदू षण के दो स्पि
सूचक हैं , नकस़ी पदयथा र्य ऊजया कय पर्या वरण र्ें प्रवेश और उसकय प्रयकृनिक पर्या वरण के
प्रनि हयनिकयरक र्य अवयं नछि होिय। इस िरह के अवयं नछि ित् को प्रदू षक र्य दू षक
कहिे हैं ।
पर्यावरण के घटक
पर्या वरण र्ुख्य रूप से वयर्ुर्ंडल, जलर्ंडल, थथलर्ंडल और ज़ीवर्ंडल से बिय होिय
है । लेनकि इन्ें सयधयरणिर्य दो प्रकयर से नवभनजि नकर्य जय सकिय है
सूक्ष्म पर्यावरण, मैक्रो वयतयवरण सूक्ष्म पर्यावरण कय अथा है ज़ीव कय निकटिर्
थथयि़ीर् वयियवरण |
भौततक वयतयवरण सभ़ी अजैनवक कयरकों र्य स्थथनिर्ों को दशया िय है जैसे ियपर्यि,
प्रकयश, वषया , नर्ट्ट़ी, खनिज आनद| र्ह वयर्ुर्ंडल, थथलर्ंडल और जलर्ंडल से बिय
होिय है |
पर्या वरण प्रबंधि

पर्या वरण प्रबंधि कय ियत्पर्ा पर्या वरण के प्रबंधि से िह़ीं है , बस्ल्क आधुनिक र्यिव
सर्यज के पर्या वरण के सयथ संपका िथय उस पर पड़िे वयले प्रभयव के प्रबंधि से है ।
प्रबंधकों को प्रभयनवि करिे वयले ि़ीि प्रर्ुख र्ुद्दे हैं रयजि़ीनि (िेटवनकिंग), कयर्ािर्
(पररर्ोजियर्ें ) और संसयधि (धि, सुनवधयएाँ , आनद)। पर्या वरण प्रबंधि क़ी आवश्यकिय
को कई दृनिकोणों से दे खय जय सकिय है ।
पर्यावरण के अर्ा
पर्या वरण को वयियवरण र्य स्थथनि के रूप र्ें पररभयनषि नकर्य जय सकिय है नजसर्ें एक
व्यस्ि, ज़ीव, र्य पौधे रहिे हैं र्य कयर्ा करिे हैं | "पर्या वरण" शब्द भौनिक और जैनवक
दु निर्य के सभ़ी ित्ों, सयथ ह़ी इि सबके ब़ीच के सम्बन्धों को दशया िय है । र्ह र्िुष्य के
ज़ीवि चि र्ें पूवा प्रख्ययि भूनर्कय निभयिय है क्ोंनक र्यिव ज़ीवि पर्या वरण पर अत्यनधक
निभार है | पर्या वरण के पयस पर्या वरण उत्पयदक र्ूल्य, सौंदर्ाबोध / र्िोरं जि र्ूल्य है ;नजसे
बयद र्ें "पर्या वरण हर्यरे नलए क्य करिय है " के अिुच्छेद के िहि सर्झयर्य गर्य है ।

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