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आबादी

बढती जनसंख्या
बढती जनसंख्या
धरती पर उसका ही प्रभत्ु व है वहीँ अन्य जीवो व वनस्पतियों का जीवन उस पर आधारित हो गया ह

पेड़ से अलग हो जायेंगी ! मानव की बढती आबादी ने जंगलो को ख़त्म कर दिया है !

व में पैर पसार रहा है ! फलस्वरूप कम्पनियों की फक्ट्रियाँ अब गाँव की शद्ध


ु जलवायु में जहर घोल

जिससे खाने-पीने की चीजों की उत्पादकता में कमी आ रही है वही महं गाई को जन्म दे रही है !
र्षा का पानी पन ु : धरती में पहुचने में असमर्थ है !क्योंकि धरती का एक विशाल हिस्सा मानव ने अप
ढक दिया है ! और पानी का वाष्पीकरण हो जाता है धरती अपनी नमी खो रही है और उसकी बंजरत
किसानो के द्वारा उपयोग किये जाने वाले रासायनों ने धरती के गर्भ का जीवन खतरे में डाल दिया
ाले जीव अब मरनासन सिथ्ती में पहुँच गए है कई प्रजातियाँ दर्ल ु भ हो गयी है ! सिर्फ बढती जनसंख्
हे है ! बढती जनसंख्या ने बड़े जंगलो को उनके जीवो के साथ उन्हें चिड़िया घरो में बदल दिया है प
में घोसला बनाकर रहते है ! जहाँ उनकी जिंदगी मौत से साए में गुजरती है ! प्रकृति के बारे में एक बात
खिलाफ ही रही है ! थोडा सा भी परिवर्तन मानव के लिए अझेल हो जाता है एक बार सोच कर दे खिये
ला दिया होगा
जनसंख्या को रोकने के उपाए 
रुष नसबंदी 
गर्भ निरोधक गोलियां
कडोम का इस्तेमाल  
र से विवाह
ढती जनसँख्या से नक ु सान 
. गरीबी 
. अशिक्षा 
. बेरोजगारी 
. रोजगार , मकान और पीने योग्य पानी की कमी 
. महं गाई
. खाद्यान संकट 
. जनसँख्या बढ़ने से प्रदषु ण भी बढ़ता जा रहा है
जन जागरण अभियान 

१. हम दो हमारे दो 
२. छोटा परिवार सुखी परिवार 
३. बच्चे दो ही अच्छे  

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जनसंख्या विस्फोट से पथ्
ृ वी को खतराः 

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