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Aryan Invasion Theory (AIT) सत्य य मि थ्य ?: By Yash Sampat जय स्वा मि नरयण
Aryan Invasion Theory (AIT) सत्य य मि थ्य ?: By Yash Sampat जय स्वा मि नरयण
(AIT)
सत्य या मिथ्या ?
By
Yash Sampat
जय स्वामिनरयण
Aryan Invasion Theory
ड्राविद लोग भारत भूमी के मूल निवासी थे और सन 1500 ई पू के दौरान आर्यान नाम की
बरबर जाती युरप से पंजाब आयी और उनपे आक्रमण िकया ।
भारत के मूल िनवासी काले वर्ण के थे जिन्हें मार के और दक्षिण भारत भागके आर्यान
जाती ने Indus Valley Civilisation बसाया
आर्यन जाती ने वेदो की रचना की और हिंदू धर्म और जाती वाद द्रविड़ लोगों पे ज़बरदस्ती
थोपा
यह theory किसने दी और क्यूँ?
Max Muller – German Scholar ने सन 1850 में इसकी रचना की और आर्य को
दो भाग में बाटा : 1. Migrated from Central Asia to Europe. 2.
Migrated from Europe to India
यह तक बोला गया के संस्कृ त पहले युरप में आयी और फिर भारत में
Pope के कहने पर दी ताकि , अंग्रेज़ भारत पे अपने राज को सही ठहरा सके
ताकि भारतवासीयो में अपने आप और अपने देश के प्रति मलींता रहे
उस समय के भारतीय क्रांतिकारी वह statesmen i.e. Pandit Jawaharlal Nehru,
Mahatma Gandhi, Bal Gangadhar Tilak तक इस तथ्य को सच मानते थे ।
हालाँकि Pandit Jawaharlal Nehru ने अपनी किताब में इस तथ्य को सच बताया है ।
सत्य या मिथ्या ?
Aryan Invasion Theory को कई तत्वचिंतको ने सबूतों के साथ नकारा है और
इस बारे में कई अलग प्रकार के सबूत है जो इस प्रकार है :-
Vedic History (वैदिक शास्त्र)
Itihaas Shastra (इतिहास शास्त्र)
Geological
Biological and Genetical
Archeological Evidences
वेदिक और इतिहास शास्त्र
रिग्वेद में आर्य शब्द 31 बार आता है जिसका संदर्भ किसी जाती से नहीं पर एक सज्जन पुरुष के
लिए दी गयी है
रिग्वेद में जो श्लोक और कविताओं में भारत की नदी और पाहाड़ों को मेरी नदी और मेरा पहाड़
कह के बताया गया है - कोई आक्रमणकारी किसी आक्रमण की हुई जगह को अपनी नहीं बताता ।
आर्य शब्द अमरकोश से आया है, और सन 450 AD की संस्कृ त शब्दकोश इस शब्द की
परिभाषा यह बताती है के जो कू लिं परिवार से हो और जिसका बर्ताव सज्जन और माननिय हो वो
आर्यान
रामायण में राम भगवान का परिचय : आर्य, जो सबकी समानता से सेवा करते थे और सबके प्यारे
थे । रामायण में वशिष्ट (आर्य) और अगतस्या (द्रविड़) भाई थे
पुरातत्व सबूत
भिर्राना, (Archeologocial Site) पे radiocarbon dating के पश्चात यह
पता चलता है के वो जगह 9500 साल पुरानी है और सरस्वती नदी किनारे है, 1500 ई.पू.
में लिप्त होगायी ।
Indus-Sarasvati Valley Civilisation के sites पे जितने कं काल मिले है
उनपे किसी आक्रमण या हथियार के निशान नहीं है ।
हाल ही में हरियाणा में राखिगिरी site पे नर कं काल के अवशेस मिले है जिस्से यह पता चला
है के उनके DNA भारतीय मूल के ही है ।
वैज्ञानिक सबूत और DNA Testing
Haplogroup Research – M 17 R1a1a (the oldest living
human gene) - यूरोप और भारत के कई लोगों में पाया गया, जिसका मूल भारत से है
Research और DNA testing से यह पता चला है के 4500 वर्षों पहले यूरोप में
काफ़ी भारी मात्रा में Migration पूर्व दिशा से हुआ था । इसका ज़िक्र महाभारत में भी है
Conclusion
आर्य कोई जाती नहीं परंतु एक सज्जन पुरुष की परिभाषा है ।
उत्तर भारतीय (आर्य) और दक्षिण भारतीय (द्रविदीयन) के DNA मिलते है ।
हमारे शास्त्र आर्यान आक्रमण तथ्य को नकारते है ।
पुरातत्व सबूत में पाए गए कं कालो पर किसी आक्रमण का निशान नहीं और उनके DNA का मूल
भारतीय है ।
सबसे पुराना DNA M17R1a1a का मूल भारतीय ।
इस तथ्य को सिर्फ़ भारतीय लोगों में मलिनता और अंग्रेज़ साशान को सही ठहरने के लिए Max
Muller ने Pope के आदेश पे बनाया और बाक़ी indologist ने झूठ इतिहास रचा