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आसाम
असम में असमिया तथा बोडा भाषा के अलावा निम्नांकित जनजातीय भाषाओं और बोलियों का प्रयोग किया जाता है -
1. बोडो-कछारी
2. सोनोवाल-कछारी

ये nksनों बोलियाँ कछारी भाषा के नाम से भी जानी जाती हैं। बोडो भाषा का प्रयोग कोकराझार, कामरूप, शोणितपुर, उदालगुडी, दरं ग तथा नलबाड़ी क्षेत्रों में किया जाता है तो सोनोवाल-कछारी का
प्रयोग दीमापरु क्षेत्र के अतिरिक्त नार्थ लखीमपरु , धेमाजी, डिफू और हाफलांग में भी किया जाता है ।
4. दे उरी
5. कारबी
6. लालंग
ु (तिवा)
7. मिसिंग (मिरी)
8. राभा
असम की जनजातीय भाषाओं या बोलियों में असमिया भाषा का सर्वाधिक प्रभाव राभा भाषा ने ग्रहण किया है ।
9. बर्मन क्षेत्र- बराक घाटी
10. हमार या मार- बराक घाटी, जिरिघाट
11. कुकी- मणिपुर, नगालैंड़
12. रें गमा-नगा
13. जिमी-नगा
14. हाजोंग
15. गारो
16. खासी
17. जयन्तिया
वैसे तो गारो, खासी, जयन्तिया मेघालय राज्य की मुख्य जनजातीय भाषाएं हैं किन्तु इन तीनों भाषाओं के बोलने वाले काफी तादाद में असम राज्य में भी निवास करते हैं।
राजस्थान
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9jkaxM+h & ekjokM+h o ekyoh dk lfEeJ.k
iz02. राजस्थान और आसाम का
पहनावा
राजस्थान
राजस्थान की पारं परिक पोशाक असाधारण रूप से जीवंत है , जो लोगों की भावना और क्षेत्र की संस्कृति को दर्शाती
है ।
पुरुषों के लिए राजस्थान की पारं परिक पोशाक
पगड़ी जिसे अंगारखा, धोती, कमरबंद या पटका (कमरबंद) के नाम से भी जाना जाता है , एक राजस्थानी पुरुष
पोशाक का एक अभिन्न अंग है ।

महिलाओं के लिए राजस्थान की पारं परिक पोशाक


महिलाओं के लिए राजस्थान की पारं परिक पोशाक में घाघरा-चोली और ओढ़नी शामिल हैं।
आसाम
असम की वेशभष ू ा – शीर्षक लेख की प्रारम्भ में एक बात जान लेते है की कोई भी वेशभष
ू ा या पहनावा किसी दे श या समाज की संस्कृति को प्रकाशित करने के लिए
काफी होता है ।
भारत के उत्तर-पर्वी
ू राज्य असम की वेशभष
ू ा भी इस राज्य की सभ्यता-संस्कृति को अति संद
ु रता से प्रकशित करती है ।
पुरषो के लिए असम की वेशभूषा
धोती: – धोती असम की पुरषो का मुख्य पहनावा है । इसको दराचल कमर से लेकर टांग के आधे हिस्से तक पहना जाता है । धोती मुख्य रूप से सफ़ेद रं ग की होती
है ।
कुर्ता: – ये एक लम्बा कमीज है , जो लम्बे हाथ का होता है और गले से लेकर कमर तक पहना जाता है । ज्यादातर लोगो द्वारा पहना गया कमीज सफ़ेद रं ग की ही
होती है ।

महिलाओ के लिए असम की वेशभूषा


चादर: – असम की महिलाओ का ये परं परागत पहनावा है । चादर एक ऐसा कपडा है जिसको असामीज महिलाये कंधे से लेकर कमर तक पहनती है ।
मेखला: – असामीज महिलाये इसको कमर से लेकर पाउ तक पहनती है । मेखला को विभिन्न रं ग और डिजाईन द्वारा बनाया जाता है ।
ब्लौज: – शरीर के छाती अंश में इसको पहना जाता है । हालाकि इसको भारत के हर एक संस्कृति के समाजो में महिलाये इसे पहनती है ।
iz03. राजस्थान और आसाम की प्रमख

इमारतें
आसाम
गगनचंब
ु ी नीले पर्वतों
शिवडोल मन्दिर, शिवसागर
श्री गुरु तेग बहादरु गुरुद्वारा

कामाख्या शक्तिपीठ

काजीरं गा नेशनल पार्क


हाफलॉन्‍ग
राजस्थान
lksukj fdyk & जैसलमेर चित्तौड़गढ़ fdyk - चित्तौड़गढ़ मेहरानगढ़ fdyk - जोधपुर

जन
ू ागढ़ किला - बीकानेर
सिटी पैलेस - जयपुर हवा महल- जयपुर
सिटी पैलेस - उदयपरु

जयगढ़ किला- जयपुर


नाहरगढ़ किला - जयपुर
आमेर किला- जयपुर
धन्यवाद

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