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कर्ता (प्रथमा विभक्ति)

कारक उदा. – विक्रमः पठति

कर्म कारक (द्वितीया विभक्ति – को)


कारक उदा. – छात्रः पाठं पठति
शब्दरूप
प्रकृ ति – प्रातिपदिक करण कारक (तृतीया विभक्ति – से, के द्वारा)
(प्रकृ ति – प्रातिपदिक, प्रत्यय – सुप्)
उदा. – उदा. – बालकः हस्तेन लिखति

राम्अ + सु = रामः, प्रत्यय – सुप्


लत्आ + सु = लता वचन सम्प्रदान कारक (चतुर्थी विभक्ति - के लिए)
(एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) उदा. – अध्यापकः छात्राय पुस्तकं ददाति
फल्अ + सु = फलम्
(प्रकृ ति + प्रत्यय = पद)

अपादान कारक (पंचमी विभक्ति - से)


संस्कृ त पदरचना

उदा. – वृक्षात् पत्राणि पतन्ति

लकार
षष्ठी विभक्ति – सम्बन्ध
(लट् , लिट् , लुट् , लृट् , लेट् , लोट् , लङ् ,
लिङ् , लुङ् , लृङ् ) उदा. – रामः दशरथस्य पुत्रः आसीत्
प्रकृ ति – क्रिया या धातु

धातुरूप अधिकरण कारक (सप्तमी विभक्ति – में)


(प्रकृ ति – क्रिया या धातु, प्रत्यय – तिड् 。 ) लिंग उदा. – विद्यालये छात्रः पाठं पठति
उदा. – प्रत्यय – तिड् 。 (पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुंसक लिंग)
पठ् + तिड् 。 = पठति

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