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आजकल ववास्ततशवास्त कवा बबोलबवालवा हहै । एक सवामवान्य सस घर कबो ववास्तत कस इतनस जटटिल ननयमम मम बवाबाँध टदियवा जवातवा हहै
कक जजन्हम पढ़कर मनष्त य न कसवल भ्रममत हबो जवातवा हहै वरन जजनकस घर पपरत
र्ण : ववास्तत अनतसवार नहहह हबोतस, वस शहकवाओह कस
घसरस मम आ जवातस हह। ऐसस मनतष्य यवा तबो अपनवा घर बदिलनवा चवाहतस हह यवा शहककत मन सस घर मम ननववास करतस हह। ववास्तत
ववजवान कवा स्पष्टि अरर्ण हहै चवारम टदिशवाओह सस ममलनस ववालह ऊजवार्ण तरह गम कवा सहततलन...। यटदि यस तरह गम सहततमलत रूप सस
आपकबो पवाप्त हबो रहह हह, तबो घर मम स्ववास्थ्य व शवाहनत बनत रहस गत अन्यरवा ववास्तत दिबोष सस हबोनस ववालस दिष्त पभवाव कतछ इस
तरह कस हहै -
आररर्णक समस्यवाएह-
आररर्णक उन्ननत न हबोनवा, धन कवा कहहह उलझ जवानवा, लवाभम कवा दिस रह सस ममलनवा, आय सस अरधक व्यय हबोनवा, आवश्यकतवा
हबोनस पर धन कक व्यवस्रवा नवा हबो पवानवा, धन कवा चबोरह हबो जवानवा आटदि।
पवाररववाररक समस्यवाएह-
वहैववाटहक सहबहधम मम ववववादि, अलगवाव, ववववाह मम ववलम्ब, पवाररववाररक शतततवा हबो जवानवा, पडबोमसयम सस सहबहध बबगडनवा,
पवाररववाररक सदिस्यम सस ककसत भत कवारर अलगवाव, ववश्ववासघवात आटदि।
सहतवान सहबहधत रचन्तवाएह-
सहतवान कवा न हबोनवा, दिस रह सस हबोनवा, पतत यवा स्तत सहतवान कवा न हबोनवा, सहतवान कवा गलत मवागर्ण पर चलस जवानवा, सहतवान कवा गलत
व्यवहवार, सहतवान कक मशकवा व्यवस्रवा मम कममयवाह रहनवा आटदि।
व्यवावसवानयक समस्यवाएह-
कहैररयर कस सहह अवसर नहहह ममल पवानवा, ममलस अवसरम कवा सहह उपयबोग नहहह कर पवानवा, व्यवसवाय मम लवाभम कवा कम
हबोनवा, सवाझसदिवारम सस ववववादि, व्यवावसवानयक पनतद्वन्द्ववतवा मम वपछडनवा, ननौकरह आटदि मम उन्ननत व पबोमबोशन नहहह हबोनवा,
हस्तवान्तरर सहह जगह नहहह हबोनवा, सरकवारह ववभवागम मम कवाम अटिकनवा, महत्ववाकवाहकवाओह कवा पपरवा नहहह हबो पवानवा आटदि।
स्ववास्थ्य समस्यवाएह-
चबोरह कक समस्यवाएह-
ककसत घर मम चबोरह क्यम हबोतत हहै ? सरत कवा कक कमत और मवामलक कक लवापरववाहह। लसककन आप यककन नहहह करम गस कक
ववास्ततदिबोष भत ककसत घर मम चबोरह करवानस मम अहम भपममकवा ननभवातवा हहै । घर मम कतछ उत्पन्न ववास्ततदिबोष भत चबोरह कस मलए
जजम्मसदिवार हबोतवा हहै ।
घर मस अदृश्य शजक्तयवाबाँ भत पवसश करतत हहै जजसकस कवारर पररववार कस सदिस्यम कवा मवानमसक सहततलन बबगडतवा रहस तवा हहै
और तनवाव महस सस
त हबोतवा रहस तवा हहै । ककसत नस कतछ कर टदियवा हहै अरववा दिस खनस मम तबो सब ठठीक हहै परन्तत आपकस वपतर रुष्टि
हहै यससवा ननदिवान ननकलतवा हहै ..आटदि..आटदि..।
इन सब समस्यवा कस ननववारर हस तत हह आज कवा यह लसख हहै जजसमस पतरर्ण ववरध-ववधवान दिस रहवा हपह। यह "ववास्तत भगवतत"
सवाधनवा हहै जजससस समस्त पकवार कस ववास्ततदिबोषबो कवा ननववारर हबोतस दिस खवा गयवा हहै । इस सवाधनवा सस मशघ लवाभ दिस खनस ममलतवा
हहै ,यह सवाधनवा वहैटदिक कस सवार तवाहतबोत्क भत हहै । इसमस सवाधनवा सस पतवर्ण हह सवामगत कबो तयवार रखस और सवाधनवा कस मवाध्यम सस
स्वयह हह अपनस ववास्तत कबो दिबोषमतक्त करस तबो आपकबो अलग हह आनहदि कवा अनतभततत हबोगवा।
ककसत भत शतभ अवसर पर पवातत इस कमर्ण कबो सम्पवाटदित कर लसनवा चवाटहए । यटदि हम ववशसष मतहपतर्ण पर कर लम तबो कई
दृजष्टि सस यस बहतत हह अदत
त ववधवान सवाबबत हबोगवा,टदिशवा पपव,र्ण वस्त व आसन श्वसत यवा रक्त हमगस ।
सवाधनवा सवामगत:-
पपजन सवामगत मम आप "ववास्तत भगवतत महवायहत" और "हहह शजक्त मवालवा",कतमकतम ममरश्रित आधवा ककलबो अकत कक
व्यवस्रवा कर लम और जबो भत सवामवान्य पपजन सवामगत और पतष्प आटदि हम,उनकक भलह भवाबाँतत व्यवस्रवा कर लम ।
ववरध-ववधवान:-
मवा शवाहनतरस रध। यतबो यतत सममहसस ततबो नबो अभयह कतरु ।
सहकल्प-
ॐ ववष्रवत वर्णष्रवत वर्णष्रत:, ॐ अद्यरह्मरबोऽजह्न द्ववततय परवाधर श्रित श्वसतववारवाहकल्पस वहैवस्वतमन्वन्तरस ,
अष्टिवाववहशनततमस कमलयतगस, कमलपरम चररस जम्बपद्वतपस भरतखण्डस भवारतवषर पतण्य(अपनस नगर-गवाहव कवा नवाम)कसतस
बनौद्धवावतवारस वतरववक्रमवाटदित्यनप
म तस
(वतर्णमवान सहवत),तमसऽब्दिस क्रबोधत नवाम सहवत्सरस उत्तरवायरस (वतर्णमवान) ऋतबो महवामहगल्यपदिस मवासवानवाह मवासबोत्तमस
(वतर्णमवान)मवासस (वतर्णमवान)पकस (वतर्णमवान)नतरनौ (वतर्णमवान)ववासरस (गबोत कवा नवाम लम )गबोतबोत्पन्नबोऽहह अमतकनवामवा (अपनवा
नवाम लम)सकलपवापकयपपवक
र्ण ह सववार्णररष्टि शवाहनतननममत्तह सवर्णमहगलकवामनयवा-
श्रितनतस्मत्म यबोक्तफलपवाप्त्यरर मनसजप्सत कवायर्ण मसद्धयरर श्रित महवामत्म यतहजय सवाटहत्य सनौभवाग्य ववास्तत कमत्यवा पपजनह च अहह
कररष्यस। ( यटदि इतनवा नवा बबोलतस बनस तब भत मवात टहहदिह मम अपनवा सहकल्प बबोलकर जल भपमम पर छबोड दिम )
ननम्न महत बबोल कर मलखस गए अहग पर अपनस दिवाटहनस हवार कवा स्पशर्ण करस -
हहह सहत मख
त वाय नमत - ( मख
त पर )
नमस्कवार महत :-
अब सवामनस बवाजबोटि पर जजस पर श्वसत यवा रक्त वस्त बबछवा हतआ हबो,उस पर तवाम्बस कक रवालह स्रवावपत कर उस पर
महवायहत कबो स्रवावपत कर अगकक्रयवा करम -
गरपनत पपजन
और अब हवार मम पतष्प लसकर ननम्न महत कवा उच्चवारर करतस हतए भगववान न गरपनत कस सवामनस छबोड दिम -
नवगह आववाहन -
टहमकहत दि मर
म वालवाभह दिहै त्यवानवाह परमह गतरुम न I
छवायवामवातरड सहभत
प ह तह नमवामम शनहैश्चरम न II
ॐ क्रकह क्रकह हपबाँ हपबाँ टिह टिह कधवारररस रवाहवस रह हहह श्रितह भह स्ववाहवा
ॐ रह्मवा मतरवाररजस्तपतरवान्तकवारह भवानततशमश भपममसतबो बतधश्च गतरुश्च शतक्रत शनन रवाहतकसतवत सवरगहवात मतन्रवा सटहतवाय
शवाजन्तकरवा भवन्तत ॥
ननम्न महत कवा उच्चवारर करतस हतए रबोडस रबोडस अकत कस दिवानस महवायहत पर अवपर्णत करम -
षबोडशमवातक
म वा आववाहन -
ॐ भपभतव
र्ण त स्व: षबोडशमवातक
म वाभ्यबो नमत ||
इहवागच्छइह नतष्ठ ||
अब हवार जबोडकर ननम्न महत कवा उच्चवारर करतस हतए यन्त पर कतमकतम ममरश्रित अकत डवालम -
दिग
त वार्ण कमवा मशववाधवातत स्ववाहवा स्वधवा नमबोस्ततस्तस ||
कलश पपजन-
ॐ भपभतव
र्ण : स्व:भबो वरुर इहवागच्छ इहनतष्ठ। स्रवापयवामम पपजयवामम॥
ॐ आह हहह क्रम यह रह लह वह शह षह सह हम ॐ कह सह हह सत हहह ॐ आह हहह क्रम अस्य सनौभवाग्य ववास्तत कमत्यवा यन्त पवारवा इह पवारवात ।
ॐ आह हहह क्रम यह रह लह वह शह षह सह हम ॐ कह सह हह सत हहह ॐ आह हहह क्रम अस्य सनौभवाग्य ववास्तत कमत्यवा यन्त जतव इह जस्रतत ।
ॐ आह हहह क्रम यह रह लह वह शह षह सह हम ॐ कह सह हह सत हहह ॐ आह हहह क्रम अस्य सनौभवाग्य ववास्तत कमत्यवा यन्त सवर्वेंटदयवारत
ॐ मनबो जपनतजतष
र्ण तवामवाज्यस्य बह
म स्पनतयर्णजमममन्तनबोत्वररष्टिम यजह समममह दिधवातत ।
एष वहै पनतष्ठवा नवाम यजबो यत तसन यजसन यजन्तस ! सवर्णमसव पनतजष्ठतह भवनत ।।
कफर गहध , पतष्पवाटदि सस पहचबोपचवार ( स्नवान , चन्दिन , पतष्प , धपप- दिहप , नहैवसद्य एवह आरतत ) पपजन करम और यहत कस षबोडश
सहस्कवारम कक मसवद्ध कस मलए १६बवार ननम्न मन्त कवा उच्चवारर करतस हतए अकत डवालतस जवाएबाँ-
ॐ ववास्तबोष्पतस पनत जवानतद्यस्मवान स्ववावसशबो अनमत वबो भववान यत्वस महस पनततन्नबो जतषस्व शन्नबो भव द्ववपदिस शह
चतष्त प्दिस स्ववाहवा |
ॐ ववास्तबोष्पतस पतररबो न एरध गयस्फवानबो गबोमभ रश्वस मभररदिबो अजरवासस्तस सख्यस स्यवाम वपतसव पततवान्पनतन्नबो जतषस्य
शन्नबो भव द्ववपदिस शह चततष्प्दिस स्ववाहवा |
कफर हवार मम कतमकतम ममरश्रित अकत लसकर उस यन्त पर ननम्न महत बबोल कर अवपर्णत कर दिम -
ननम्न महत कवा ८ बवार उच्चवारर करतस हतए यन्त पर कतमकतम ममरश्रित अकत अवपर्णत करम .
चतष
त जष्टि यबोरगनत स्रवापन-
चतष
त ष्ठठी: यबोरगनतभ्यबो नमत
अब हवार जबोडकर हवार मम पतष्प लसकर सनौभवाग्यलरमत ध्यवान करम और ध्यवान महत कस उच्चवारर कस बवादि उस पतष्प कबो यन्त
पर अवपर्णत कर दिम -
ववपतल-कटटि-तटिह, पद-
दिलवायतवाकत।
गम्भतरवावतर्ण-नवामभत, स्तन-भर-
नममतवा, शतभ्र-वस्तबोत्तरहयवा।।
लरमत टदिव्यहैगज
र्ण सन्दहै त। मणर-
गज-खरचतहैत, स्नवावपतवा हस म-
कतम्भहैत।
“ॐ भपभतव
र्ण त स्वत सनौभवाग्यलरमत, इहवागच्छ इह नतष्ठ,
आसन :-
आसनवानवाररपतष्पवाणरसमपर्णयवामम।
ॐअश्वपपवरररमध्यवाहहजस्तनवादिपबबोरधनतम न।
रश्रियहदिसवतमतपह्वयसश्रितमवार्णदिसवतहजतषवातवाम न।।
पवादियबो:पवाद्यहसमपर्णयवामम।
जल चढवाएह
कफर ननम्न मन्तम कवा मवात १ बवार हह उच्चवारर करनवा हहै और यन्त पर अकत डवालतस जवानवा हहै -
ॐ तयम्बकवायहै नमत
ॐ ववद्यवालरम्यहै नम:
ॐ अमत
म लरम्यहै नम:
ॐ लरम्यहै नम:
ॐ भबोगलरम्यहै नम:
ॐ वसतन्धरवायहै नमत
ॐ उदिवारवाङ्गवायहै नमत
ॐ हररण्यहै नमत
ॐ हस ममवामलन्यहै नमत
ॐ मसद्धयस नमत
ॐ शतभपदिवायहै नमत
ॐ नप
म वसश्म गतवानन्दिवायहै नमत
ॐ वरलरम्यहै नमत
ॐ वसप
त दिवायहै नमत
ॐ शतभवायहै नमत
ॐ टहरण्यपवाकवारवायहै नमत
ॐ जयवायहै नमत
ॐ मङ्गलवायहै नमत
ॐ ववष्रतपत्न्यहै नमत
ॐ पसन्नवारयहै नमत
ॐ नवदिग
त वार्णयहै नमत
ॐ महवाकवाल्यहै नमत
ॐ भतवनसश्वयर नमत
ॐ पजवापतयस नमत
ॐ दिध
त ष
र्ण वार्णय नमत
ॐ रगरहशवाय नमत
ॐ रगररशवाय नमत
ॐ अनघवाय नमत
ॐ भगवार्णय नमत
ॐ रगररधन्वनस नमत
ॐ रगररवपयवाय नमत
ॐ कमजत्तववाससस नमत
ॐ पतरवारवातयस नमत
ॐ भगवतस नमत
ॐ पमधवारधपवाय नमत
ॐ सपरमतनवस नमत
ॐ जगद्व्यवावपनस नमत
ॐ जगद्गतरवस नमत
ॐ व्यबोमकसशवाय नमत
ॐ चवारुववक्रमवाय नमत
ॐ रुदवाय नमत
ॐ भपतपतयस नमत
ॐ स्रवारवस नमत
ॐ अटहभतथ्
र्ण न्यवाय नमत
ॐ टदिगम्बरवाय नमत
ॐ अष्टिमपतय
र्ण स नमत
ॐ अनसकवात्मनस नमत
ॐ स्ववाजत्त्वकवाय नमत
ॐ शद्ध
त ववगहवाय नमत
ॐ शवाश्वतवाय नमत
ॐ खण्डपरशवस नमत
ॐ अजवाय नमत
ॐ पवाशववमबोचकवाय नमत
ॐ मड
म वाय नमत
ॐ पशतपतयस नमत
"हहह शजक्त मवालवा" सस "ववास्तत भगवतत" महत कस पहलस और बवादि मम "हहह" बतज महत कवा ३-३ मवालवा करम और २१ मवालवा जवाप
"ववास्तत भगवतत" महत कवा करम -
ववास्तत भगवतत महत-
भववानन त्वत्पवाणरगहरपररपवाटिहफलममदिह
न ववजवानवापसकवा शमशमणत ख सख
त सच्छवावप न पतनत
अतस्त्ववाह सय
त वाचस जननन जननह यवातत मम वहै
मड
म वारत रुदवारत मशवमशव भववानतनत जपतत
करबोमम दिग
त र करुरवारर्णवसमश
नहैतच्छदित्वह मम भवावयसरवात
कतधवातष
म वातवार्ण जननतह स्मरह नत
अपरवाधपरह परवावत
म ह नटह मवातवा
समतपसकतस सततह
इसकस बवादि मवातवारवानत कक आरतत सहपन्न करम और महवायहत कबो पपजन स्रल मम हह स्रवावपत कर दिम और पररववार कस सवार
पसवादि गहर करम .यस महत्वपपरर्ण ववधवान व यन्त आपकस जतवन कबो उन्ननत सस यतक्त और बवाधवाओह सस ववहहन करस ,यहह मह
मवाबाँ भगवतत और मसरस सदिगतरुदिस व कस श्रित चररम मम पवारर्णनवा करतवा हपबाँ । उजम्मदि करतवा हप आप सभत सवाधनवा पयबोग सस लवाभ
उठवानस हस तत अपनस इच्छवाशजक्त कबो मजबपत बनवायसगस ।