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Feb18 Poultry Conclave PDF
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Poultry Conclave
First Digital Poultry News Letter
Editor – Dr. Ibne Ali (send your articles at ibnester@gmail.com)
- Cannibalism in
employment in the country. On one for Health Protection said: "All novel
side government emphasizing on influenza A infections, including H7N4,
are notifiable infectious diseases in
self-employment and supporting
policies of start-ups but on other Hong Kong. Poultry
side government left this promising - Source – Poultry World.Net
sector on mercy of private
capitalistic interests. Government
should bring some plausible Click here to buy
measures to strike out the balance
between breeders and small
farmers. Proper pricing policy must
be formulated and implemented
which safeguard interests of all
players equally. Otherwise sooner or
later this noble sector would strain
the neck of farmer eventually.
WhatsApp ग्रप जिाब सलखकर हमें भेजें| साथ में दिए र्गए
ु बनाया र्गया था जजससे कई लोर्ग
अवलोकन और जुड़े और अपनी समस्याओं का समाधान भी उन्हें नंबर पर WhatsApp के जररए पोस्टमाटम म
वप्रय ककसान भाइयों पोल्ट्री जर्गत में आजकल समस्याओं को पेश करते हैं तो समाधान ढूंढने में की सही संख्या और औसत िजन बताना
मर्ग
ु ी के पेट में पाचन होने के बाि आंतो से
पोषक तत्ि खन
ू में अिशोवषत हो जाते हैं यह
पोषक तत्ि कफर शरीर के विकास और अन्य
कियाओं के सलए काम आते हैं| पोषक तत्िों
के साथ साथ कुछ अन्य ज़हरीले तत्ि जैसे
बैक्टीररया, िायरस, माइकोटोजक्सन भी खून में
जाने की सम्भािना रखते हैं| इससलए शरीर में
जाने से पहले यह खून लीिर नामक अंर्ग में
जाता है लीिर एक कफल्ट्टर की तरह काम
करता हैं और हाननकारक पिाथो को आिश्यक
पोषक तत्िों से अलर्ग करता है | इसी तरह
लीिर शरीर में विसभन्न रसायननक कियाओं जाते हैं| लीिर अफलाटोजक्सन को न्यर
ू ल / और शरीर में कायमरत रहते हैं| लीिर की कायम
द्िारा बने विषैले हाननकारक पिाथो को भी detoxify करने की कोसशश करता है और क्षमता कम होने से क्या प्रभाि होते हैं इसके
बिलता है जजससे िो शरीर के सलए हाननकारक अपनी क्षमता अनुसार इन माइकोटोजक्सनस सलए हमें लीिर द्िारा ककये र्गए कायो को
नही रहते जैसे शरीर में बनने िाली अमोननया को ननजरिय भी करता है परन्तु जब फीड में समीक्षा करनी पड़ेर्गी
को यूररया और कफर यूररक एससड में बिल ननरं तर माइकोटोजक्सन आते रहते हैं तो लीिर
िे ता है | तो मोटे तौर पर यह कहा जा सकता
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उनसे लड़ने के सलए अपनी कोसशकाओं में
है की लीिर शरीर में प्रिेश करने िाले click here
िद्
ृ र्ध करने लर्गता है और यह िद्
ृ र्ध जल्ट्िी
ज़हर/विषैले पिाथो (Toxins) को न्यूरल तत्िों ही कैंसर का रूप धारण कर लेती है जजससे
में बिल िे ता है (जजसे detoxification कहा 1. शारीरक उजाण में लीवर का योगदान: मुर्गी
लीिर की कायम क्षमता बढ़ने के बजाये व्यापक
जाता है ) जजससे िो शरीर को हानन नहीं के शरीर में उजाम का एक मात्र स्रोत ग्लूकोस
रूप से र्र्गर जाती है| और इससे उत्पािन कम
पहुंचाते और ककडनी या आंतो के रस्ते बहार होता है | मक्का और अन्य अनाज के अन्िर
हो जाता है , रोर्ग प्रनतरोधक क्षमता
ननकल जाते हैं| परन्तु लीिर की मौजूि स्टाचम आंतो में पचकर ग्लूकोस बन
(immunity) र्र्गर जाती है और मोटे सलटी
detoxification करने की एक क्षमता होती है जाता है जो खून द्िारा अिशोवषत होकर लीिर
(mortality) बढ़ने लर्गती है | सबसे अर्धक
और अत्यर्धक कायम करने पर लीिर में में पहुाँचता है यहााँ से ग्लक
ू ोस शरीर की
असर FCR पर पड़ता है जो बढ़ने लर्गता है |
विकृनतयााँ आने लर्गती हैं जैसी विसभन्न आिश्यकता अनस
ु ार खन
ू में आता रहता है,
बबमाररयों में िे खने को समलती हैं| यहााँ पर यह तो ससफम एक उद्धरण है इसी तरह सैकड़ो अनतररक्त ग्लक
ू ोस ग्लाइकोजन नामक पिाथम
उद्धरण के तौर पर इस बात पर र्गौर ककया विषैले पिाथम खून से लीिर में जाते हैं जजन्हें में बिल जाता है और आिश्यकता अनुसार
जा सकता है की पोल्ट्री में माइकोटोजक्सन लीिर को ननजरकय करना पड़ता है | इससे आप ग्लूकोस बनता रहता है | मुर्गी के खून में
(mycotoxins/aflatoxins) द्िारा पहुचाई जाने लीिर के ऊपर ककतना भार होता है इसका 270mg/dl ग्लूकोस होती है जबकक मनुरयों में
िाली हानन को सबसे पहले लीिर में िे खा जाता अंिाज़ा लर्गा सकते हैं| शरीर में जजतनी भी इसकी मात्रा 120mg/dl होती है | ग्लूकोस का
है | अफलाटोजक्सन लीिर में कैंसर करते हैं और एंटीबायोदटक्स या अन्य ििाई जाती हैं सब लीिर में संयोजन और ननमामण उत्पािन में
रोर्ग प्रनतरोधक क्षमता को बहुत कम कर िे ते लीिर द्िारा ननजरिय की जाती हैं| यह विसभन्न सबसे अहम ् भूसमका ननभाता है क्यूंकक ग्लूकोस
हैं| यह पोल्ट्री के फीड के ज़ररये आंतो में हारमोंस को भी ननजरिय करता है और लीिर से उजाम बनती है और बबना उजाम के सब अंर्ग
पहुाँचते हैं और कफर खन खराबी की जस्थनत में हारमोंस टूट नहीं पाते बेकार हो जाते हैं|
ू से लीिर में आ
घर में बनाये ककडनी फ्लषर एक िौर था जब इन्सान छोटी बड़ी बबमाररयों का इलाज
िे सी जड़ी बदू टयों से करता था और उनसे फायिा भी समलता था| ऐसी ही बातो को ध्यान
में रखते हुए हमारे एक ककसान समत्र ने हमें अपनी एक अनोखी खोज से अिर्गत कराया|
िे खुि यूनानी ििाइयों के ज्ञाता भी हैं और एक छोटा पोल्ट्री फामम भी करते हैं| उन्होंने
हमें बताया की पोल्ट्री माककमट में ककडनी फ्लषर का आज कल बहुत मांर्ग है | अपने
सलाहकार डॉक्टर से बात करके उन्होंने इसके काम के बारे में पछ
ू ा तो पता चला की पता
चला की ककडनी फ्लषर मर्ग
ु ी के शरीर में ब्लड प्रेशर को बढ़ाते हैं जजससे ककडनी के अंिर
खून का प्रिाह बढ़ जाता है और खून से कफल्ट्रे शन तेजी से होने लर्गता है जजससे शरीर में
बन रही यूरेट बाहर ननकल जाते हैं| इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने चाय की पत्ती
और कॉफी को समलाकर एक समश्रण तैयार ककया जजसे िह रात भर सभर्गोकर रख िे ते हैं
और सब
ु ह पोल्ट्री के पानी में एक उपयक्
ु त मात्रा में समला िे ते हैं| उनका कहना है कक यह
एक नेचरु ल ककडनी फ्लषर है जजसमें खचाम अर्धक नहीं होता और काम उतना ही हो जाता
है | उनकी इस जानकारी के बाि मैंने भी कुछ अध्यन ककया जजसमे मुझे पता चला की
चाय की पत्ती और कॉफी में (Theophyline aur Theobromine) नामक तत्ि होते हैं जो
ककडनी में खून के प्रिाह को बढाते हैं साथ ही साथ यह सााँस लेने की नली को भी शजक्त
प्रिान करता है जजससे उसके अंिर लचीलापन बढ़ जाता है और अर्धक हिा का प्रिाह
बनाने में मिि समलती है | अन्य अध्ययनों में यह भी पता चला है कक यह तत्ि बीमारी
से लड़ने की ताकत को भी बढ़ाते हैं क्योंकक इनके अंिर anti leukotrine और anti
inflamatory र्गुण होते हैं| ककसान भाई अपने घर की चाय बनाने के बाि बची हुई पत्ती को
भी इस्तेमाल कर सकते हैं| 1000 मुर्र्गमयों के सलए 50 ग्राम पत्ती और 5 ग्राम कॉफी को
3 लीटर पानी में 15 घंटे के सलए सभर्गो िे ना चादहए| यह ध्यान रहे कक पानी अर्धक ठं डा
ना हो और पनत के डालने के बाि पानी को उबालना भी नहीं है | 15 घंटे बाि इस पानी
को छान लें और अनतररक्त 97 लीटर पानी में समला िें और यह पानी मुर्र्गमयों को
वपलाएं| बीब खान, फामण – बरे ली