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॥ओ३मम् सचच्चिददानन्ददेश् वरदाय नममो नममः॥

भभूच मकदा
चजिस समय ममैंनदे यह ग्रन्थ ‘सत्यदाथर्थप्रकदाश’ बनदायदा थदा, उस समय और उस सदे पभूवर्थ ससंस्कक तभदाषण
करनदे, पठन-पदाठन ममें ससंस्कक त हही बमोलनदे और जिन्मभभूचम ककी भदाषदा गगुजिरदातही हमोनदे कदे कदारण सदे मगुझ कमो इस भदाषदा
कदा चवशदेष पररजदान न थदा, इससदे भदाषदा अशगुद्ध बन गई थही। अब भदाषदा बमोलनदे और चलखनदे कदा अभ्यदास हमो गयदा हहै।
इसचलए इस ग्रन्थ कमो भदाषदा व्यदाकरणदानगुसदार शगुद्ध करकदे दस भू रही वदार छपवदायदा हहै। कहह-कहह शब्द, वदाक्य रचनदा कदा
भदेद हह आ हहै समो करनदा उचचत थदा, क्ययोंचक इसकदे भदेद चकए चवनदा भदाषदा ककी पररपदाटही सगुधरनही कचठन थही, परन्तगु
अथर्थ कदा भदेद नहह चकयदा गयदा हहै, प्रत्यगुत चवशदेष तमो चलखदा गयदा हहै। हदाह, जिमो प्रथम छपनदे ममें कहह-कहह भभूल रहही थही,
वह वह चनकदाल शमोधकर ठहीक-ठहीक कर दही गई हहै।
यह ग्रन्थ 14 चचौदह समगुलदास अथदार्थतम् चचौदह चवभदागयों ममें रचदा गयदा हहै। इसममें 10 दश समगुलदास पभूवदार्थद्धर्थ
और 4 चदार उत्तरदाद्धर्थ ममें बनदे हमैं, परन्तगु अन्त्य कदे दमो समगुलदास और पश्चदातम् स्वचसद्धदान्त चकसही कदारण सदे प्रथम
नहह छप सकदे थदे, अब वदे भही छपवदा चदयदे हमैं।

1. प्रथम समगुल दास ममें ईश्वर कदे ओङदारदाऽऽचद नदामयों ककी व्यदाख्यदा।
2. चद्वितहीय समगुल दास ममें सन्तदानयों ककी चशकदा।
3. तकत हीय समगुल दास ममें ब्रह्मचयर्थ, पठनपदाठनव्यवस्थदा, सत्यदाऽसत्य ग्रन्थयों कदे नदाम और
पढ़नदे पढ़दानदे ककी रहीचत।
4. चतगुथ र्थ समगुल दास ममें चववदाह और गकह दाश्रम कदा व्यवहदार।
5. पञ्चम समगुल दास ममें वदानप्रस्थ और ससंन् यदासदाश्रम कदा चवचध।
6. छठदे समगुल दास ममें रदाजिधमर्थ।
7. सप्तम समगुल दास ममें वदेद देश् वर-चवषय।
8. अष्टम समगुल दास ममें जिगतम् ककी उत्पचत्त, चस्थचत और प्रलय।
9. नवम समगुल दास ममें चवददा, अचवददा, बन्ध और ममोक ककी व्यदाख्यदा।
10. दशवमें समगुल दास ममें आचदार, अनदाचदार और भक्ष्यदाभक्ष्य चवषय।
11. एकदादश समगुल दास ममें आयदार्थव त्तर्त्ती य मत मतदान्तर कदा खण्डन मण्डन चवषय।
12. द्विदादश समगुल दास ममें चदारवदाक, बचौद्ध और जिहैन मत कदा चवषय।
13. त्रयमोदश समगुल दास ममें ईसदाई मत कदा चवषय।
14. चचौदहवमें समगुल दास ममें मगुस लमदानयों कदे मत कदा चवषय।
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः भभूच मकदा
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और चचौदह समगुलदासयों कदे अन्त ममें आयर्यों कदे सनदातन वदेदचवचहत मत ककी चवशदेषतमः व्यदाख्यदा चलखही हहै ,
चजिसकमो ममैं भही यथदावतम् मदानतदा हह ह।

मदेरदा इस ग्रन्थ कदे बनदानदे कदा मगुख्य प्रयमोजिन सत्य-सत्य अथर्थ कदा प्रकदाश करनदा हहै, अथदार्थतम् जिमो सत्य हहै
उस कमो सत्य और जिमो चमथ्यदा हहै उस कमो चमथ्यदा हही प्रचतपदादन करनदा सत्य अथर्थ कदा प्रकदाश समझदा हहै। वह सत्य
नहह कहदातदा जिमो सत्य कदे स्थदान ममें असत्य और असत्य कदे स्थदान ममें सत्य कदा प्रकदाश चकयदा जिदाय।
चकन्तगु जिमो पददाथर्थ जिहैस दा हहै, उसकमो वहैस दा हही कहनदा, चलखनदा और मदाननदा सत्य कहदातदा हहै। जिमो मनगुष्य
पकपदातही हमोतदा हहै, वह अपनदे असत्य कमो भही सत्य और दस भू रदे चवरमोधही मतवदालदे कदे सत्य कमो भही असत्य चसद्ध करनदे
ममें प्रवकत्त हमोतदा हहै, इसचलए वह सत्य मत कमो प्रदाप्त नहह हमो सकतदा। इसहीचलए चवद्विदानम् आप्तयों कदा यहही मगुख्य कदाम हहै
चक उपददेश वदा लदेख द्विदारदा सब मनगुष्ययों कदे सदामनदे सत्यदाऽसत्य कदा स्वरूप समचपर्थत कर दमें , पश्चदातम् वदे स्वयमम् अपनदा
चहतदाचहत समझ कर सत्यदाथर्थ कदा ग्रहण और चमथ्यदाथर्थ कदा पररत्यदाग करकदे सददा आनन्द ममें रहमें।

मनगुष्य कदा आत्मदा सत्यदाऽसत्य कदा जिदाननदे वदालदा हहै तथदाचप अपनदे प्रयमोजिन ककी चसचद्ध, हठ, दरगु दाग्रह और
अचवददाचद दमोषयों सदे सत्य कमो छमोड़ असत्य ममें झगुक जिदातदा हहै। परन्तगु इस ग्रन्थ ममें ऐसही बदात नहह रक्खही हहै और न
चकसही कदा मन दख गु दानदा वदा चकसही ककी हदाचन पर तदात्पयर्थ हहै, चकन्तगु चजिससदे मनगुष्य जिदाचत ककी उन्नचत और उपकदार हमो,
सत्यदाऽसत्य कमो मनगुष्य लमोग जिदान कर सत्य कदा ग्रहण और असत्य कदा पररत्यदाग करमें , क्ययोंचक सत्यमोपददेश कदे चवनदा
अन्य कमोई भही मनगुष्य जिदाचत ककी उन्नचत कदा कदारण नहह हहै।

इस ग्रन्थ ममें जिमो कहह-कहह भभूल-चभूक सदे अथवदा शमोधनदे तथदा छदापनदे ममें भभूल-चभूक रह जिदाय, उसकमो
जिदाननदे जिनदानदे पर जिहैसदा वह सत्य हमोगदा वहैसदा हही कर चदयदा जिदायदेगदा। और जिमो कमोई पकपदात सदे अन्यथदा शङदा वदा
खण्डन मण्डन करदेगदा, उस पर ध्यदान न चदयदा जिदायदेगदा। हदाह, जिमो वह मनगुष्यमदात्र कदा चहतहैषही हमोकर कगु छ जिनदावदेगदा
उस कमो सत्य-सत्य समझनदे पर उसकदा मत ससंगकहहीत हमोगदा।

यदचप आजिकल बहह त सदे चवद्विदानम् प्रत्यदेक मतयों ममें हमैं, वदे पकपदात छमोड़ सवर्थतन्त्र चसद्धदान्त अथदार्थतम् जिमो-जिमो
बदातमें सब कदे अनगुकभूल सब ममें सत्य हमैं, उनकदा ग्रहण और जिमो एक दस भू रदे सदे चवरुद्ध बदातमें हमैं, उनकदा त्यदाग कर
परस्पर प्रहीचत सदे वत्तर्त्तें वत्तदार्थवमें तमो जिगतम् कदा पभूणर्थ चहत हमोवदे। क्ययोंचक चवद्विदानयों कदे चवरमोध सदे अचवद्विदानयों ममें चवरमोध बढ़ कर
अनदेकचवध दमःगु ख ककी वकचद्ध और सगुख ककी हदाचन हमोतही हहै। इस हदाचन नदे , जिमो चक स्वदाथर्त्ती मनगुष्ययों कमो चप्रय हहै, सब
मनगुष्ययों कमो दमःगु खसदागर ममें डगु बदा चदयदा हहै।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः भभूच मकदा
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इनममें सदे जिमो कमोई सदावर्थजिचनक चहत लक्ष्य ममें धर प्रवकत्त हमोतदा हहै , उससदे स्वदाथर्त्ती लमोग चवरमोध करनदे ममें तत्पर
हमोकर अनदेक प्रकदार चवघ्न करतदे हमैं। परन्तगु ‘सत्यमदेव जियचत नदानकत सं सत्यदेन पन्थदा चवततमो ददेव यदानमः।’ अथदार्थतम्
सवर्थददा सत्य कदा चवजिय और असत्य कदा परदाजिय और सत्य हही सदे चवद्विदानयों कदा मदागर्थ चवस्तकत हमोतदा हहै। इस दृढ़
चनश्चय कदे आलम्बन सदे आप्त लमोग परमोपकदार करनदे सदे उददासहीन हमोकर कभही सत्यदाथर्थप्रकदाश करनदे सदे नहह हटतदे।

यह बड़दा दृढ़ चनश्चय हहै चक ‘यत्तदग्रदे चवषचमव पररणदामदेऽ मकत मोपममम्। ’ यह गहीतदा कदा वचन हहै। इसकदा
अचभप्रदाय यह हहै चक जिमो-जिमो चवददा और धमर्थप्रदाचप्त कदे कमर्थ हमैं, वदे प्रथम करनदे ममें चवष कदे तगुल्य और पश्चदातम् अमकत कदे
सदृश हमोतदे हमैं। ऐसही बदातयों कमो चचत्त ममें धरकदे ममैंनदे इस ग्रन्थ कमो रचदा हहै। श्रमोतदा वदा पदाठकगण भही प्रथम प्रदेम सदे ददेख कदे
इस ग्रन्थ कदा सत्य-सत्य तदात्पयर्थ जिदान कर यथदेष्ट करमें।

इसममें यह अचभप्रदाय रक्खदा गयदा हहै चक जिमो-जिमो सब मतयों ममें सत्य-सत्य बदातमें हमैं, वदे वदे सब ममें अचवरुद्ध हमोनदे
सदे उनकदा स्वहीकदार करकदे जिमो-जिमो मतमतदान्तरयों ममें चमथ्यदा बदातमें हमैं, उन-उन कदा खण्डन चकयदा हहै। इसममें यह भही
अचभप्रदाय रक्खदा हहै चक सब मतमतदान्तरयों ककी गगुप्त वदा प्रकट बगुरही बदातयों कदा प्रकदाश कर चवद्विदानम् अचवद्विदानम् सब
सदाधदारण मनगुष्ययों कदे सदामनदे रक्खदा हहै, चजिससदे सब सदे सब कदा चवचदार हमोकर परस्पर प्रदेमही हमो कदे एक सत्य मतस्थ
हमोवमें।

यदचप ममैं आयदार्थवत्तर्थ ददेश ममें उत्पन्न हह आ और वसतदा हह ह, तथदाचप जिहैसदे इस ददेश कदे मतमतदान्तरयों ककी झभूठही
बदातयों कदा पकपदात न कर यदाथदातथ्य प्रकदाश करतदा हह ह, वहैसदे हही दस भू रदे ददेशस्थ वदा मत वदालयों कदे सदाथ भही वत्तर्थतदा हह ह।
जिहैस दा स्वददेश वदालयों कदे सदाथ मनगुष् यमोन्नचत कदे चवषय ममें वत्तर्थत दा हह ह, वहैस दा चवददेच शययों कदे सदाथ भही तथदा सब
सज्जनयों कमो भही वत्तर्थन दा यमोग्य हहै। क्ययोंचक ममैं भही जिमो चकसही एक कदा पकपदातही हमोतदा तमो जिहैसदे आजिकल कदे स्वमत
ककी स्तगुचत, मण्डन और प्रचदार करतदे और दस भू रदे मत ककी चनन्ददा, हदाचन और बन्ध करनदे ममें तत्पर हमोतदे हमैं, वहैसदे ममैं
भही हमोतदा, परन्तगु ऐसही बदातमें मनगुष्यपन सदे बदाहर हमैं। क्ययोंचक जिहैसदे पशगु बलवदानम् हमो कर चनबर्थलयों कमो द मःगु ख ददेतदे और
मदार भही डदालतदे हमैं, जिब मनगुष्य शरहीर पदाकदे वहैसदा हही कमर्थ करतदे हमैं तमो वदे मनगुष्य स्वभदावयगुक्त नहह, चकन्तगु पशगुवतम् हमैं।
और जिमो बलवदानम् हमोकर चनबर्थलयों ककी रकदा करतदा हहै वहही मनगुष्य कहदातदा हहै और जिमो स्वदाथर्थवश हमोकर परहदाचनमदात्र
करतदा रहतदा हहै, वह जिदानमो पशगुओसं कदा भही बड़दा भदाई हहै।

अब आयदार्थवत्तर्त्तीययों कदे चवषय ममें चवशदेष कर 11 ग्यदारहवमें समगुलदास तक चलखदा हहै। इन समगुलदासयों ममें जिमो चक
सत्यमत प्रकदाचशत चकयदा हहै, वह वदेदमोक्त हमोनदे सदे मगुझ कमो सवर्थथदा मन्तव्य हहै और जिमो नवहीन पगुरदाण तन्त्रदाचद ग्रन्थमोक्त
बदातयों कदा खण्डन चकयदा हहै, वदे त्यक्तव्य हमैं।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः भभूच मकदा
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यदचप जिमो 12 बदारहवमें समगुलदास ममें चदारवदाक कदा मत, इस समय कहीणदाऽस्त सदा हहै और यह चदारवदाक
बचौद्ध जिहैन सदे बहह त सम्बन्ध अनहीश्वरवदाददाचद ममें रखतदा हहै। यह चदारवदाक सब सदे बड़दा नदाचस्तक हहै। उसककी चदेष्टदा कदा
रमोकनदा अवश्य हहै, क्ययोंचक जिमो चमथ्यदा बदात न रमोककी जिदाय तमो ससंसदार ममें बहह त सदे अनथर्थ प्रवकत्त हमो जिदायमें। चदारवदाक कदा
जिमो मत हहै वह, बचौद्ध और जिहैन कदा मत हहै, वह भही 12 बदारहवमें समगुलदास ममें ससंकदेप सदे चलखदा गयदा हहै। और बचौद्धयों
तथदा जिहैचनययों कदा भही चदारवदाक कदे मत कदे सदाथ मदेल हहै और कगु छ थमोड़दा सदा चवरमोध भही हहै। और जिहैन भही बहह त सदे
असंशयों ममें चदारवदाक और बचौद्धयों कदे सदाथ मदेल रखतदा हहै और थमोड़ही सही बदातयों ममें भदेद हहै , इसचलयदे जिहैनयों ककी चभन्न शदाखदा
चगनही जिदातही हहै। वह भदेद 12 बदारहवमें समगुलदास ममें चलख चदयदा हहै यथदायमोग्य वहह समझ लदेनदा। जिमो इसकदा चभन्न हहै,
समो-समो बदारहवमें समगुलदास ममें चदखलदायदा हहै। बचौद्ध और जिहैन मत कदा चवषय भही चलखदा हहै।

इनममें सदे बचौद्धयों कदे दहीपवसंशदाचद प्रदाचहीन ग्रन्थयों ममें बचौद्धमत ससंग्रह ‘सवर्थदशर्थनससंग्रह’ ममें चदखलदायदा हहै, उस ममें सदे
यहदासं चलखदा हहै और जिहैचनययों कदे चनम्नचलचखत चसद्धदान्तयों कदे पगुस्तक हमैं। उन ममें सदे—

4 चदार मभूलसभूत्र; जिहैसदे— 1 आवश्यकसभूत्र, 2 चवशदेष आवश्यकसभूत्र, 3 दशवहैकदाचलकसभूत्र, और 4


पदाचककसभूत्र।

11 ग्यदारह असंग; जिहैसदे—1 आचदारदासंगसभूत्र, 2 सगुगडदासंगसभूत्र, 3 थदाणदासंगसभूत्र, 4 समवदायदासंगसभूत्र, 5


भगवतहीसभूत्र, 6 जदातदाधमर्थकथदासभूत्र, 7 उपदासकदशदासभूत्र, 8 अन्तगड़दशदासभूत्र, 9 अनगुत्तरमोववदाईसभूत्र, 10
चवपदाकसभूत्र और 11 प्रश्नव्यदाकरणसभूत्र।

12 बदारह उपदासंग; जिहैसदे—1 उपवदाईसभूत्र, 2 रदावप्सदेनहीसभूत्र, 3 जिहीवदाचभगमसभूत्र, 4 पन्नगणदासभूत्र, 5


जिम्बगुद्विहीपपन्नतहीसभूत्र, 6 चन्दपन्नतहीसभूत्र, 7 सभूरपन्नतहीसभूत्र, 8 चनररयदावलहीसभूत्र, 9 कचप्पयदासभूत्र, 10
कपवड़हीसयदासभूत्र, 11 पभूचप्पयदासभूत्र, 12 पगुप्यचभूचलयदासभूत्र।

5 पदाहच कल्पसभूत्र; जिहैसदे—1 उत्तरदाध्ययनसभूत्र, 2 चनशहीथसभूत्र, 3 कल्पसभूत्र, 4 व्यवहदारसभूत्र, और


5 जिहीतकल्पसभूत्र।

6 छह छदेद; जिहैसदे—1 महदाचनशहीथबकहद्विदाचनदासभूत्र, 2 महदाचनशहीथ-लघगुवदाचनदासभूत्र, 3


मध्यमवदाचनदासभूत्र, 4 चपण्डचनरुचक्तसभूत्र, 5 औघचनरुचक्तसभूत्र, 6 पयभूर्थषणदासभूत्र।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः भभूच मकदा
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10 दश पयन्नदासभूत्र; जिहैसदे—1 चतगुस्सरणसभूत्र, 2 पञ्चखदाणसभूत्र, 3 तदल गु वहैयदाचलकसभूत्र, 4


भचक्तपररजदानसभूत्र, 5 महदाप्रत्यदाख्यदानसभूत्र, 6 चन्ददाचवजियसभूत्र, 7 गणहीचवजियसभूत्र, 8 मरणसमदाचधसभूत्र, 9
ददेवदेन्द्रस्तवनसभूत्र, और 10- ससंसदारसभूत्र तथदा नन्दहीसभूत्र, यमोगमोद्धदारसभूत्र भही प्रदामदाचणक मदानतदे हमैं।

5 पञ्चदाङ; जिहैसदे—1 पभूवर्थ सब ग्रन्थयों ककी टहीकदा, 2 चनरुचक्त, 3 चरणही, 4 भदाष्य। यदे चदार अवयव
और सब चमलकदे पञ्चदाङ कहदातदे हमैं।

इनममें ढभू संचढयदा अवयवयों कमो नहह मदानतदे और इन सदे चभन्न भही अनदेक ग्रन्थ हमैं चक चजिन कमो जिहैनही लमोग मदानतदे
हमैं। इन कदा चवशदेष मत पर चवचदार 12 बदारहवमें समगुलदास ममें ददेख लहीचजिए।

जिहैचनययों कदे ग्रन्थयों ममें लदाखयों पगुनरुक्त दमोष हमैं और इनकदा यह भही स्वभदाव हहै चक जिमो अपनदा ग्रन्थ द स भू रदे
मतवदालदे कदे हदाथ ममें हमो वदा छपदा हमो तमो कमोई -कमोई उस ग्रन्थ कमो अप्रमदाण कहतदे हमैं , यह बदात उन ककी चमथ्यदा हहै।
क्ययोंचक चजिस कमो कमोई मदानदे, कमोई नहह, इससदे वह ग्रन्थ जिहैन मत सदे बदाहर नहह हमो सकतदा। हदाह, चजिस कमो कमोई न
मदानदे और न कभही चकसही जिहैनही नदे मदानदा हमो, तब तमो अग्रदाह्य हमो सकतदा हहै। परन्तगु ऐसदा कमोई ग्रन्थ नहह हहै चक
चजिसकमो कमोई भही जिहैनही न मदानतदा हमो। इसचलए जिमो चजिस ग्रन्थ कमो मदानतदा हमोगदा उस ग्रन्थस्थ चवषयक खण्डन
मण्डन भही उसही कदे चलए समझदा जिदातदा हहै। परन्तगु चकतनदे हही ऐसदे भही हमैं चक उस ग्रन्थ कमो मदानतदे जिदानतदे हयों तमो भही
भू रदे मतस्थ कमो न ददेतदे ,
सभदा वदा ससंवदाद ममें बदल जिदातदे हमैं। इसही हदेतगु सदे जिहैन लमोग अपनदे ग्रन्थयों कमो चछपदा रखतदे हमैं। द स
न सगुनदातदे और न पढ़दातदे, इसचलए चक उन ममें ऐसही-ऐसही असम्भव बदातमें भरही हमैं चजिन कदा कमोई भही उत्तर जिहैचनययों ममें
सदे नहह ददे सकतदा। झभूठ बदात कदा छमोड़ ददेनदा हही उत्तर हहै।

13 वमें समगुलदास ममें ईसदाइययों कदा मत चलखदा हहै। यदे लमोग बदायचबल कमो अपनदा धमर्थ -पगुस्तक मदानतदे हमैं। इन
कदा चवशदेष समदाचदार उसही 13 तदेरहवमें समगुलदास ममें ददेचखए और 14 चचौदहवमें समगुलदास ममें मगुसलमदानयों कदे मत-
चवषय ममें चलखदा हहै। यदे लमोग कगु रदान कमो अपनदे मत कदा मभूल पगुस्तक मदानतदे हमैं। इनकदा भही चवशदेष व्यवहदार 14 वमें
समगुलदास ममें ददेचखए और इस कदे आगदे वहैचदकमत कदे चवषय ममें चलखदा हहै।

जिमो कमोई इस ग्रन्थकत्तदार्थ कदे तदात्पयर्थ सदे चवरुद्ध मनसदा सदे ददेखदेगदा उसकमो कगु छ भही अचभप्रदाय चवचदत न हमोगदा,
क्ययोंचक वदाक्यदाथर्थबमोध ममें चदार कदारण हमोतदे हमैं— आकदासंकदा, यमोग्यतदा, आसचत्त और तदात्पयर्थ। जिब इन चदारयों बदातयों पर
ध्यदान ददेकर, जिमो पगुरुष ग्रन्थ कमो ददेखतदा हहै, तब उस कमो ग्रन्थ कदा अचभप्रदाय यथदायमोग्य चवचदत हमोतदा हहै—

‘आकदाङदा’ चकसही चवषय पर वक्तदा ककी और वदाक्यस्थ पदयों ककी आकदासंकदा परस्पर हमोतही हहै।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः भभूच मकदा
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‘यमोग्यतदा’ वह कहदातही हहै चक चजिस सदे जिमो हमो सकदे , जिहैसदे जिल सदे सहचनदा।

‘आसचत्त’ चजिस पद कदे सदाथ चजिसकदा सम्बन्ध हमो, उसही कदे समहीप उस पद कमो बमोलनदा वदा चलखनदा।

‘तदात्पयर्थ’ चजिस कदे चलए वक्तदा नदे शब्दमोच्चिदारण वदा लदेख चकयदा हमो, उसही कदे सदाथ उस वचन वदा लदेख कमो
यगुक्त करनदा।

बहह त सदे हठही, दरगु दाग्रहही मनगुष्य हमोतदे हमैं चक जिमो वक्तदा कदे अचभप्रदाय सदे चवरुद्ध कल्पनदा चकयदा करतदे हमैं , चवशदेष
कर मत वदालदे लमोग। क्ययोंचक मत कदे आग्रह सदे उनककी बगुचद्ध अन्धकदार ममें फह स कदे नष्ट हमो जिदातही हहै। इसचलए जिहैसदा ममैं
पगुरदाण, जिहैचनययों कदे ग्रन्थ, बदायचबल और कगु रदान कमो प्रथम हही बगुरही दृचष्ट सदे न ददेखकर उन ममें सदे गगुणयों कदा ग्रहण और
दमोषयों कदा त्यदाग तथदा अन्य मनगुष्य जिदाचत ककी उन्नचत कदे चलए प्रयत्न करतदा हह सं, वहैसदा सबकमो करनदा यमोग्य हहै।

इन मतयों कदे थमोड़दे-थमोड़दे हही दमोष प्रकदाचशत चकए हमैं, चजिनकमो ददेखकर मनगुष्य लमोग सत्यदाऽसत्य मत कदा
चनणर्थय कर सकमें और सत्य कदा ग्रहण और असत्य कदा त्यदाग करनदे करदानदे ममें समथर्थ हमोवमें , क्ययोंचक एक मनगुष्य जिदाचत
ममें बहकदा कर, चवरुद्ध बगुचद्ध करदाकदे, एक दस भू रदे कमो शत्रगु बनदा, लड़दा मदारनदा चवद्विदानयों कदे स्वभदाव सदे बचहमः हहै।

यदचप इस ग्रन्थ कमो ददेखकर अचवद्विदानम् लमोग अन्यथदा हही चवचदारमेंगदे , तथदाचप बगुचद्धमदानम् लमोग यथदायमोग्य इस
कदा अचभप्रदाय समझमेंगदे, इसचलयदे ममैं अपनदे पररश्रम कमो सफल समझतदा और अपनदा अचभप्रदाय सब सज्जनयों कदे सदामनदे
धरतदा हह ह।

इस कमो ददेख-चदखलदा कदे मदेरदे श्रम कमो सफल करमें। और इसही प्रकदार पकपदात न करकदे सत्यदाथर्थ कदा प्रकदाश
करकदे मगुझ वदा सब महदाशययों कदा मगुख्य कत्तर्थव्य कदाम हहै।

सवदार्थत्मदा सवदार्थन्तयदार्थमही सचच्चिददानन्द परमदात्मदा अपनही कक पदा सदे इस आशय कमो चवस्तकत और चचरस्थदायही करदे।

॥अलमचतचवस्तरदेण बगुच द्धमद्विरचशरमोमचणषगु॥


॥इचत भभूच मकदा॥
(स्वदामही) दयदानन्द सरस्वतही

स्थदान महदारदाणदा जिही कदा उदयपगुर

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः भभूच मकदा
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भदाद्रपद, शगुक्लपक ससंवतम् 1939

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144004
॥ओ३मम्॥

अथ सत्यदाथर्थप्र कदाशमः
[अथ प्रथमसमगुल दासदारम्भमः]
ओ३मम् शन्नमो चमत्रमः शसं वरुणमः शन्नमो भवत्वयर्थमदा।
शन्नऽइन्द्रमो बकहस्पचतमः शन्नमो चवष्णगुऽरुरुक्रममः॥
नममो ब्रह्मणदे नमस्तदे वदायमो त्वमदेव प्रत्यकसं ब्रह्मदाचस। त्वदामदेव प्रत्यकसं ब्रह्म वचदष्यदाचम ऋतसं
वचदष्यदाचम सत्यसं वचदष्यदाचम तन्मदामवतगु तद्विक्तदारमवतगु। अवतगु मदामम् अवतगु वक्तदारमम्। ओ३मम्
शदाचन्तश्शदाचन्तश्शदाचन्तमः॥1॥
अथर्थ— (ओ३मम्) यह ओसंकदार शब्द परमदेश्वर कदा सवर्वोत्तम नदाम हहै, क्ययोंचक इसममें जिमो अ, उ और मम्
तहीन अकर चमलकर एक (ओ३मम्) समगुददाय हह आ हहै, इस एक नदाम सदे परमदेश्वर कदे बहह त नदाम आतदे हमैं जिहैसदे—
अकदार सदे चवरदाटम्, अचग्नि और चवश्वदाचद। उकदार सदे चहरण्यगभर्थ, वदायगु और तहैजिसदाचद। मकदार सदे ईश्वर, आचदत्य और
प्रदाजदाचद नदामयों कदा वदाचक और ग्रदाहक हहै। उसकदा ऐसदा हही वदेददाचद सत्यशदासयों ममें स्पष्ट व्यदाख्यदान चकयदा हहै चक
प्रकरणदानगुकभूल यदे सब नदाम परमदेश्वर हही कदे हमैं।
(प्रश्न) परमदेश्वर सदे चभन्न अथर्यों कदे वदाचक चवरदाटम् आचद नदाम क्ययों नहह? ब्रह्मदाण्ड, पकचथवही आचद भभूत,
इन्द्रदाचद ददेवतदा और वहैदकशदास ममें शगुण्ठदाचद ओषचधययों कदे भही यदे नदाम हमैं, वदा नहह?
(उत्तर) हमैं, परन्तगु परमदात्मदा कदे भही हमैं।
(प्रश्न) कदे वल ददेवयों कदा ग्रहण इन नदामयों सदे करतदे हमो वदा नहह?
(उत्तर) आपकदे ग्रहण करनदे ममें क्यदा प्रमदाण हहै?
(प्रश्न) ददेव सब प्रचसद्ध और वदे उत्तम भही हमैं, इससदे ममैं उनकदा ग्रहण करतदा हह।ह
(उत्तर) क्यदा परमदेश्वर अप्रचसद्ध और उससदे कमोई उत्तम भही हहै? पगुनमः यदे नदाम परमदेश्वर कदे भही क्ययों नहह
मदानतदे? जिब परमदेश्वर अप्रचसद्ध और उसकदे तगुल्य भही कमोई नहह तमो उससदे उत्तम कमोई क्ययोंकर हमो सकदे गदा। इससदे
आपकदा यह कहनदा सत्य नहह। क्ययोंचक आपकदे इस कहनदे ममें बहह त सदे दमोष भही आतदे हमैं, जिहैसदे— ‘उपचस्थतसं
पररत्यज्यदाऽनगुप चस्थतसं यदाचत इचत बदाचधतन्यदायमः’ चकसही नदे चकसही कदे चलए भमोजिन कदा पददाथर्थ रख कदे कहदा चक
आप भमोजिन ककीचजिए और वह जिमो उसकमो छमोड़ कदे अप्रदाप्त भमोजिन कदे चलए जिहदाह-तहदाह भ्रमण करदे उसकमो बगुचद्धमदानम् न
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः प्रथममः समगुल दासमः
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जिदाननदा चदाचहए, क्ययोंचक वह उपचस्थत नदाम समहीप प्रदाप्त हहए पददाथर्थ कमो छमोड़ कदे अनगुपचस्थत अथदार्थतम् अप्रदाप्त पददाथर्थ
ककी प्रदाचप्त कदे चलए श्रम करतदा हहै। इसचलए जिहैसदा वह पगुरुष बगुचद्धमदानम् नहह वहैसदा हही आपकदा कथन हह आ। क्ययोंचक आप
उन चवरदाटम् आचद नदामयों कदे जिमो प्रचसद्ध प्रमदाणचसद्ध परमदेश्वर और ब्रह्मदाण्डदाचद उपचस्थत अथर्यों कदा पररत्यदाग करकदे
असम्भव और अनगुपचस्थत ददेवदाचद कदे ग्रहण ममें श्रम करतदे हमैं, इसममें कमोई भही प्रमदाण वदा यगुचक्त नहह। जिमो आप ऐसदा
कहमें चक जिहदाह चजिस कदा प्रकरण हहै वहदाह उसही कदा ग्रहण करनदा यमोग्य हहै जिहैसदे चकसही नदे चकसही सदे कहदा चक ‘हदे भकत्य!
त्वसं सहैन्धवमदानय’ अथदार्थतम् तभू सहैन्धव कमो लदे आ। तब उस कमो समय अथदार्थतम् प्रकरण कदा चवचदार करनदा अवश्य हहै ,
क्ययोंचक सहैन्धव नदाम दमो पददाथर्यों कदा हहै एक घमोड़दे और दस भू रदा लवण कदा। जिमो स्वस्वदामही कदा गमन समय हमो तमो घमोड़दे
और भमोजिन कदा कदाल हमो तमो लवण कमो लदे आनदा उचचत हहै और जिमो गमन समय ममें लवण और भमोजिन-समय ममें
घमोड़दे कमो लदे आवदे तमो उसकदा स्वदामही उस पर क्रगुद्ध हमोकर कहदेगदा चक तभू चनबगुर्थचद्ध पगुरुष हहै। गमनसमय ममें लवण और
भमोजिनकदाल ममें घमोड़दे कदे लदानदे कदा क्यदा प्रयमोजिन थदा? तभू प्रकरणचवतम् नहह हहै, नहह तमो चजिस समय ममें चजिसकमो लदानदा
चदाचहए थदा उसही कमो लदातदा। जिमो तगुझ कमो प्रकरण कदा चवचदार करनदा आवश्यक थदा वह तभूनदे नहह चकयदा, इस सदे तभू
मभूखर्थ हहै, मदेरदे पदास सदे चलदा जिदा। इससदे क्यदा चसद्ध हह आ चक जिहदाह चजिसकदा ग्रहण करनदा उचचत हमो वहदाह उसही अथर्थ कदा
ग्रहण करनदा चदाचहए तमो ऐसदा हही हम और आप सब लमोगयों कमो मदाननदा और करनदा भही चदाचहए।
अथ मन्त्रदाथर्थमः
ओसं खम्ब्रह्म॥1॥
—यजिगुमः अ॰ 40। मसं॰ 17
ददेचखए वदेदयों ममें ऐसदे-ऐसदे प्रकरणयों ममें ‘ओमम्’ आचद परमदेश्वर कदे नदाम हमैं।
ओचमत्यदेत दकरमगुद हीथमगुप दासहीत॥2॥
—छदान्दमोग्य उपचनषतम्।
ओचमत्यदेत दकरचमदसं सवर्वं तस्यमोपव्यदाख्यदानमम्॥ 3॥
—मदाण्डभू क्य।
सवर्वे वदेद दा यत्पदमदामनचन्त तपदासंच स सवदार्थच ण च यद्विदचन्त।
यचदच्छन्तमो ब्रह्मचयर्वं चरचन्त तत्तदे पदसं ससंग्र हदेण ब्रवहीम्यमोचमत्यदेत तम्॥ 4॥
—कठमोपचनषतम्, वलही 2। मसं॰ 15॥

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प्रशदाचसतदारसं सवर्वेष दामणहीयदासंस मणमोरचप।


रुक्मदाभसं स्वप्नधहीगम्यसं चवददात्तसं पगुरु षसं परमम्॥ 5॥
एतमचग्निसं वदन्त्यदेकदे मनगुम न्यदे प्रजिदापचतमम्।
इन्द्रमदेकदे परदे प्रदाणमपरदे ब्रह्म शदाश्वतमम्॥ 6॥
—मनगुस्मकचत अध्यदाय 12। श्लमोक 122,123॥

स ब्रह्मदा स चवष्णगु मः स रुद्रस्स चशवस्समोऽकरस्स परममः स्वरदाटम् ।


स इन्द्रस्स कदालदाचग्निस्स चन्द्रमदामः॥7॥
—कहै वल्य उपचनषतम्।
इन्द्रसं चमत्रसं वरुणमचग्निमदाहह र थमो चदव्यस्स सगुप णर्वो गरुत्मदानम्।

एकसं सचद्विप्रदा बहह ध दा वदन्त्यचग्निसं यमसं मदातररश्वदानमदाहह मः ॥8॥

—ऋग्वदेद मसं॰ 1। सभूक्त 164। मन्त्र 46॥


भभूर चस भभूच मरस्यचदचतरचस चवश्वधदायदा चवश्वस्य भगुव नस्य धत्रर्त्ती ।
पकच थवह यच्छ पकच थवह दृसंह पकच थवह मदा चहसंस हीमः॥9॥
—यजिगुवर्वेद अध्यदाय 13। मन्त्र 18॥
इन्द्रमो महदा रमोदसही पप्रथच्छव इन्द्र सभूय मर्थ रमोचयतम्।
इन्द्रदे ह चवश्वदा भगुव नदाचन यदेच मर इन्द्रदे स्वनदास इन्दवमः॥10॥
—सदामवदेद प्रपदाठक 7। चत्रक 8। मन्त्र 2॥
प्रदाणदाय नममो यस्य सवर्थच मदसं वशदे।
यमो भभूत मः सवर्थस् यदेश् वरमो यचस्मन्त्सवर्वं प्रचतचष्ठितमम्॥ 11॥
—अथवर्थवददे कदाण्ड 11। प्रपदाठक 24। अ॰ 2। मन्त्र 8॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः प्रथममः समगुल दासमः
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अथर्थ— यहदाह इन प्रमदाणयों कदे चलखनदे ममें तदात्पयर्थ यहही हहै चक जिमो ऐसदे -ऐसदे प्रमदाणयों ममें ओङदारदाचद नदामयों सदे
परमदात्मदा कदा ग्रहण हमोतदा हहै चलख आयदे तथदा परमदेश्वर कदा कमोई भही नदाम अनथर्थक नहह, जिहैसदे लमोक ममें दररद्रही आचद
कदे धनपचत आचद नदाम हमोतदे हमैं। इससदे यह चसद्ध हह आ चक कहह गचौचणक, कहह कदाचमर्थक और कहह स्वदाभदाचवक अथर्यों
कदे वदाचक हमैं।
‘ओमम्’ आचद नदाम सदाथर्थक हमैं—जिहैसदे (ओसं खसं ॰ ) ‘अवतहीत्यमोमम्, आकदाशचमव व्यदापकत्वदातम् खमम्,
सवर्वेभ् यमो बकह त्वदादम् ब्रह्म’ रकदा करनदे सदे (ओमम्), आकदाशवतम् व्यदापक हमोनदे सदे (खमम्), सब सदे बड़दा हमोनदे सदे
ईश्वर कदा नदाम (ब्रह्म) हहै॥1॥
(ओ३मम्) चजिसकदा नदाम हहै और जिमो कभही नष्ट नहह हमोतदा, उसही ककी उपदासनदा करनही यमोग्य हहै, अन्य ककी
नहह॥2॥
(ओचमत्यदेत ॰) सब वदेददाचद शदासयों ममें परमदेश्वर कदा प्रधदान और चनजि नदाम ‘ओ३मम्’ कमो कहदा हहै, अन्य
सब गचौचणक नदाम हमैं॥3॥
(सवर्वे वदेद ॰) क्ययोंचक सब वदेद सब धमदार्थनगुष्ठिदानरूप तपश्चरण चजिसकदा कथन और मदान्य करतदे और
चजिसककी प्रदाचप्त ककी इच्छदा करकदे ब्रह्मचयदार्थश्रम करतदे हमैं, उसकदा नदाम ‘ओ३मम्’ हहै॥4॥
(प्रशदाचसतदा॰) जिमो सब कमो चशकदा ददेनदेहदारदा, सभूक्ष्म सदे सभूक्ष्म, स्वप्रकदाशस्वरूप, समदाचधस्थ बगुचद्ध सदे
जिदाननदे यमोग्य हहै, उसकमो ‘परम पगुरु ष’ जिदाननदा चदाचहए॥5॥
और स्वप्रकदाश हमोनदे सदे ‘अचग्नि’ चवजदानस्वरूप हमोनदे सदे ‘मनगु’ और सब कदा पदालन करनदे सदे ‘प्रजिदापचत’
और परमहैश्वयर्थवदानम् हमोनदे सदे ‘इन्द्र’ सब कदा जिहीवनमभूल हमोनदे सदे ‘प्रदाण’ और चनरन्तर व्यदापक हमोनदे सदे परमदेश्वर
कदा नदाम ‘ब्रह्म’ हहै॥6॥
(स ब्रह्मदा स चवष्णगु मः ॰) सब जिगतम् कदे बनदानदे सदे ‘ब्रह्मदा’, सवर्थत्र व्यदापक हमोनदे सदे ‘चवष्णगु ’, दष्टगु यों कमो
दण्ड ददेकदे रुलदानदे सदे ‘रुद्र’, मङलमय और सब कदा कल्यदाणकत्तदार्थ हमोनदे सदे ‘चशव’, ‘यमः सवर्थम श्नगुत दे न करचत
न चवनश्यचत तदकरमम्’ ‘यमः स्वयसं रदाजितदे स स्वरदाटम् ’ ‘यमोऽचग्निररव कदालमः कलचयतदा प्रलयकत्तदार्थ स
कदालदाचग्निरहीश्वरमः’ (अकर) जिमो सवर्थत्र व्यदाप्त अचवनदाशही, (स्वरदाटम् ) स्वयसं प्रकदाशस्वरूप और (कदालदाचग्नि॰)
प्रलय ममें सब कदा कदाल और कदाल कदा भही कदाल हहै, इसचलए परमदेश्वर कदा नदाम ‘कदालदाचग्नि’ हहै॥7॥
(इन्द्रसं चमत्रसं) जिमो एक अचद्वितहीय सत्यब्रह्म वस्तगु हहै, उसही कदे इन्द्रदाचद सब नदाम हमैं। ‘दगुष गु शगुद्ध देष गु पददाथर्वेष गु
भवमो चदव्यमः’, ‘शमोभनदाचन पणदार्थच न पदालनदाचन पभूण दार्थच न कमदार्थच ण वदा यस्य समः’, ‘यमो गगुव दार्थत् मदा स

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गरुत्मदानम्’, ‘यमो मदातररश्वदा वदायगु र रव बलवदानम् स मदातररश्वदा’, (चदव्य) जिमो प्रकक त्यदाचद चदव्य पददाथर्यों ममें
व्यदाप्त, (सगुप णर्थ) चजिसकदे उत्तम पदालन और पभूणर्थ कमर्थ हमैं, (गरुत्मदानम्) चजिसकदा आत्मदा अथदार्थतम् स्वरूप महदानम् हहै,
(मदातररश्वदा) जिमो वदायगु कदे समदान अनन्त बलवदानम् हहै, इसचलए परमदात्मदा कदे ‘चदव्य’, ‘सगुप णर्थ’, ‘गरुत्मदानम्’
और ‘मदातररश्वदा’ यदे नदाम हमैं। शदेष नदामयों कदा अथर्थ आगदे चलखमेंगदे॥8॥
(भभूच मरचस॰) ‘भवचन्त भभूत दाचन यस्यदासं सदा भभूच ममः’ चजिसममें सब भभूत प्रदाणही हमोतदे हमैं, इसचलए ईश्वर
कदा नदाम ‘भभूच म’ हहै। शदेष नदामयों कदा अथर्थ आगदे चलखमेंगदे॥9॥
(इन्द्रमो महदा॰) इस मन्त्र ममें ‘इन्द्र’ परमदेश्वर हही कदा नदाम हहै, इसचलए यह प्रमदाण चलखदा हहै॥10॥
(प्रदाणदाय) जिहैसदे प्रदाण कदे वश सब शरहीर इचन्द्रयदाह हमोतही हमैं वहैसदे परमदेश्वर कदे वश ममें सब जिगतम्
रहतदा हहै॥11॥
इत्यदाचद प्रमदाणयों कदे ठहीक-ठहीक अथर्यों कदे जिदाननदे सदे इन नदामयों करकदे परमदेश्वर हही कदा ग्रहण हमोतदा हहै। क्ययोंचक
‘ओ३मम्’ और अग्न्यदाचद नदामयों कदे मगुख्य अथर्थ सदे परमदेश्वर हही कदा ग्रहण हमोतदा हहै। जिहैसदा चक व्यदाकरण, चनरुक्त,
ब्रदाह्मण, सभूत्रदाचद ऋचष मगुचनययों कदे व्यदाख्यदानयों सदे परमदेश्वर कदा ग्रहण ददेखनदे ममें आतदा हहै , वहैसदा ग्रहण करनदा सब कमो
यमोग्य हहै, परन्तगु ‘ओ३मम्’ यह तमो कदे वल परमदात्मदा हही कदा नदाम हहै और अचग्नि आचद नदामयों सदे परमदेश्वर कदे ग्रहण ममें
प्रकरण और चवशदेषण चनयमकदारक हमैं। इससदे क्यदा चसद्ध हह आ चक जिहदाह-जिहदाह स्तगुचत, प्रदाथर्थनदा, उपदासनदा, सवर्थज,
व्यदापक, शगुद्ध, सनदातन और सकचष्टकत्तदार्थ आचद चवशदेषण चलखदे हमैं वहह-वहह इन नदामयों सदे परमदेश्वर कदा ग्रहण हमोतदा
हहै। और जिहदाह-जिहदाह ऐसदे प्रकरण हमैं चक—
ततमो चवरदाडजिदायत चवरदाजिमोऽअचध पभूरु षमः।
श्रमोत्रदाद्विदायगुश् च प्रदाणश्च मगुख दादचग्निरजिदायत।
तदेन ददेव दा अयजिन्त। पश्चदाद भूच ममथमो पगुर मः॥
—यजिगुमः अ॰ 31
तस्मदाद्विदा एतस्मदाददात्मन आकदाशमः सम्भभूत मः। आकदाशदाद्विदाय गु मः । वदायमोरचग्निमः। अग्निदेर दापमः।
अद् भ्यमः पकच थवही। पकच थव्यदा ओषधयमः। ओषचधभ्यमोऽन्नमम्। अन्नदाद्रदेत मः। रदेत समः पगुरु षमः। स वदा एष
पगुरु षमोऽन्नरसमयमः।
—यह तहैचत्तरहीयमोपचनषदम् कदा वचन हहै।

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ऐसदे प्रमदाणयों ममें चवरदाटम्, पगुरुष, ददेव, आकदाश, वदाय,गु अचग्नि, जिल, भभूचम आचद नदाम लचौचकक पददाथर्यों कदे
हमोतदे हमैं, क्ययोंचक जिहदाह-जिहदाह उत्पचत्त, चस्थचत, प्रलय, अल्पज, जिड़, दृश्य आचद चवशदेषण भही चलखदे हयों, वहदाह-
वहदाह परमदेश्वर कदा ग्रहण नहह हमोतदा। वह उत्पचत्त आचद व्यवहदारयों सदे पकथकम् हमैं और उपरमोक्त मन्त्रयों ममें उत्पचत्त आचद
व्यवहदार हमैं, इसही सदे यहदाह चवरदाटम् आचद नदामयों सदे परमदात्मदा कदा ग्रहण न हमो कदे ससंसदारही पददाथर्यों कदा ग्रहण हमोतदा हहै।
चकन्तगु जिहदाह-जिहदाह सवर्थजदाचद चवशदेषण हयों, वहह-वहह परमदात्मदा और जिहदाह-जिहदाह इच्छदा, द्विदेष, प्रयत्न, सगुख, दमःगु ख
और अल्पजदाचद चवशदेषण हयों, वहदाह-वहदाह जिहीव कदा ग्रहण हमोतदा हहै, ऐसदा सवर्थत्र समझनदा चदाचहए। क्ययोंचक परमदेश्वर कदा
जिन्म-मरण कभही नहह हमोतदा, इससदे चवरदाटम् आचद नदाम और जिन्मदाचद चवशदेषणयों सदे जिगतम् कदे जिड़ और जिहीवदाचद
पददाथर्यों कदा ग्रहण करनदा उचचत हहै, परमदेश्वर कदा नहह। अब चजिस प्रकदार चवरदाटम् आचद नदामयों सदे परमदेश्वर कदा ग्रहण
हमोतदा हहै, वह प्रकदार नहीचदे चलखदे प्रमदाणदे जिदानमो।

अथ ओङदारदाथर्थमः
1. ‘चव’ उपसगर्थपभूवर्थक (रदाजिक दहीप्तचौ) इस धदातगु सदे चक्विपम् प्रत्यय करनदे सदे ‘चवरदाटम् ’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै।
‘यमो चवचवधसं नदाम चरदाऽचरसं जिगद्रदाजियचत प्रकदाशयचत स चवरदाटम् ’ चवचवध अथदार्थतम् जिमो बहह प्रकदार कदे जिगतम् कमो
प्रकदाचशत करदे, इससदे ‘चवरदाटम् ’ नदाम सदे परमदेश्वर कदा ग्रहण हमोतदा हहै।
2. (अञ्चगु गचतपभूजि नयमोमः) (अग, अचग, इणम् गत्यथर्थक ) धदातगु हमैं, इनसदे ‘अचग्नि’ शब्द चसद्ध हमोतदा
हहै। ‘गतदेस यमोऽथदार्थमः जदानसं गमनसं प्रदाचप्तश्चदेच त, पभूजि नसं नदाम सत्कदारमः।’ ‘यमोऽञ्चचत, अच्यतदेऽ गत्यङत्यदेच त
समोऽयमचग्निमः’ जिमो जदानस्वरूप, सवर्थज, जिदाननदे, प्रदाप्त हमोनदे और पभूजिदा करनदे यमोग्य हहै, इससदे उस परमदेश्वर कदा
नदाम ‘अचग्नि’ हहै।
3. (चवश प्रवदेश नदे) इस धदातगु सदे ‘चवश्व’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘चवशचन्त प्रचवष्टदाचन
सवदार्थण् यदाकदाशदादहीचन भभूत दाचन यचस्मनम्। यमो वदाऽऽकदाशदाचदषगु सवर्वेष गु भभूत षदे गु प्रचवष्टमः स चवश्व ईश्वरमः ’ चजिस ममें
आकदाशदाचद सब भभूत प्रवदेश कर रहदे हमैं अथवदा जिमो इन ममें व्यदाप्त हमोकदे प्रचवष्ट हमो रहदा हहै , इसचलए उस परमदेश्वर कदा
नदाम ‘चवश्व’ हहै, इत्यदाचद नदामयों कदा ग्रहण अकदारमदात्र सदे हमोतदा हहै।
4. ‘ज्यमोचतवर्वै चहरण्यसं, तदेजि मो वहै चहरण्यचमत्यहैत रदेय शतपथब्रदाह्मणदे’ ‘यमो चहरण्यदानदासं सभूय दार्थद हीनदासं
तदेजि सदासं गभर्थ उत्पचत्तचनचमत्तमचधकरणसं स चहरण्यगभर्थमः ’ चजिसममें सभूयदार्थचद तदेजि वदालदे लमोक उत्पन्न हमोकदे चजिसकदे

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आधदार रहतदे हमैं अथवदा जिमो सभूयदार्थचद तदेजिमःस्वरूप पददाथर्यों कदा गभर्थ नदाम , (उत्पचत्त) और चनवदासस्थदान हहै, इससदे
उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘चहरण्यगभर्थ’ हहै। इसममें यजिगुवदर्वे कदे मन्त्र कदा प्रमदाण—
चहरण्यगभर्थमः समवतर्थत दाग्रदे भभूत स्य जिदातमः पचतरदेक आसहीतम्।
स ददाधदार पकच थवह ददामगुत मदे दासं कस्महै ददेव दाय हचवषदा चवधदेम ॥
इत्यदाचद स्थलयों ममें ‘चहरण्यगभर्थ’ सदे परमदेश्वर हही कदा ग्रहण हमोतदा हहै।
5. (वदा गचतगन्धनयमोमः) इस धदातगु सदे ‘वदाय’गु शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। (गन्धनसं चहसंस नमम्) ‘यमो वदाचत
चरदाऽचरञ्जगद्धरचत बचलनदासं बचलष्ठिमः स वदायगु मः ’ जिमो चरदाऽचर जिगतम् कदा धदारण, जिहीवन और प्रलय करतदा और
सब बलवदानयों सदे बलवदानम् हहै, इससदे उस ईश्वर कदा नदाम ‘वदायगु ’ हहै।
6. (चतजि चनशदानदे) इस धदातगु सदे ‘तदेजिमः’ और इससदे तचद्धत करनदे सदे ‘तहैजिस’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै।
जिमो आप स्वयसं प्रकदाश और सभूयदार्थचद तदेजिस्वही लमोकयों कदा प्रकदाश करनदे वदालदा हहै , इससदे ईश्वर कदा नदाम ‘तहैजि स’ हहै।
इत्यदाचद नदामदाथर्थ उकदारमदात्र सदे ग्रहण हमोतदे हमैं।
7. (ईश ऐश्वयर्वे) इस धदातगु सदे ‘ईश्वर’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘य ईष्टदे सवर्वैश् वयर्थव दानम् वत्तर्थत दे स
ईश्वरमः’ चजिस कदा सत्य चवचदारशहील जदान और अनन्त ऐश्वयर्थ हहै, इससदे उस परमदात्मदा कदा नदाम ‘ईश्वर’ हहै।
8-9. (दमो अवखण्डनदे) इस धदातगु सदे ‘अचदचत’ और इससदे तचद्धत करनदे सदे ‘आचदत्य’ शब्द चसद्ध
हमोतदा हहै। ‘न चवदतदे चवनदाशमो यस्य समोऽयमचदचतमः, अचदचतरदेव आचदत्यमः’ चजिसकदा चवनदाश कभही न हमो उसही
ईश्वर ककी ‘आचदत्य’ ससंजदा हहै।
10-11. (जदा अवबमोधनदे) ‘प्र’ पभूवर्थक इस धदातगु सदे ‘प्रज’ और इससदे तचद्धत करनदे सदे ‘प्रदाज’
शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः प्रकक ष्टतयदा चरदाऽचरस्य जिगतमो व्यवहदारसं जिदानदाचत स प्रजमः, प्रज एव प्रदाजमः’ जिमो
चनभ्रदार्थन्त जदानयगुक्त सब चरदाऽचर जिगतम् कदे व्यवहदार कमो यथदावतम् जिदानतदा हहै , इससदे ईश्वर कदा नदाम ‘प्रदाज’ हहै।
इत्यदाचद नदामदाथर्थ मकदार सदे गकहहीत हमोतदे हमैं। जिहैसदे एक-एक मदात्रदा सदे तहीन-तहीन अथर्थ यहदाह व्यदाख्यदात चकयदे हमैं वहैसदे हही
अन्य नदामदाथर्थ भही ओङदार सदे जिदानदे जिदातदे हमैं।
जिमो (शन्नमो चमत्रमः शसं व॰) इस मन्त्र ममें चमत्रदाचद नदाम हमैं वदे भही परमदेश्वर कदे हमैं, क्ययोंचक स्तगुचत, प्रदाथर्थनदा,
उपदासनदा श्रदेष्ठि हही ककी जिदातही हहै। श्रदेष्ठि उसकमो कहतदे हमैं जिमो अपनदे गगुण , कमर्थ, स्वभदाव और सत्य-सत्य व्यवहदारयों ममें
सब सदे अचधक हमो।

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उन सब श्रदेष्ठियों ममें भही जिमो अत्यन्त श्रदेष्ठि उस कमो परमदेश्वर कहतदे हमैं। चजिस कदे तगुल्य न कमोई हह आ, न हहै और
न हमोगदा। जिब तगुल्य नहह तमो उससदे अचधक क्ययोंकर हमो सकतदा हहै ? जिहैसदे परमदेश्वर कदे सत्य, न्यदाय, दयदा,
सवर्थसदामथ्यर्थ और सवर्थजत्वदाचद अनन्त गगुण हमैं, वहैसदे अन्य चकसही जिड़ पददाथर्थ वदा जिहीव कदे नहह हमैं। जिमो पददाथर्थ सत्य हहै,
उस कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव भही सत्य हही हमोतदे हमैं। इसचलयदे सब मनगुष्ययों कमो यमोग्य हहै चक परमदेश्वर हही ककी स्तगुचत,
प्रदाथर्थनदा और उपदासनदा करमें, उससदे चभन्न ककी कभही न करमें। क्ययोंचक ब्रह्मदा, चवष्णगु, महदाददेव नदामक पभूवर्थजि महदाशय
चवद्विदानम्, दहैत्य ददानवदाचद चनकक ष्ट मनगुष्य और अन्य सदाधदारण मनगुष्ययों नदे भही परमदेश्वर हही ममें चवश्वदास करकदे उसही ककी
स्तगुचत, प्रदाथर्थनदा और उपदासनदा करही, उससदे चभन्न ककी नहह ककी। वहैसदे हम सब कमो करनदा यमोग्य हहै। इस कदा चवशदेष
चवचदार मगुचक्त और उपदासनदा कदे चवषय ममें चकयदा जिदायगदा।
(प्रश्न) चमत्रदाचद नदामयों सदे सखदा और इन्द्रदाचद ददेवयों कदे प्रचसद्ध व्यवहदार ददेखनदे सदे उन्हह कदा ग्रहण करनदा
चदाचहए।
(उत्तर) यहदाह उन कदा ग्रहण करनदा यमोग्य नहह, क्ययोंचक जिमो मनगुष्य चकसही कदा चमत्र हहै, वहही अन्य कदा शत्रगु
और चकसही सदे उददासहीन भही ददेखनदे ममें आतदा हहै। इससदे मगुख्यदाथर्थ ममें सखदा आचद कदा ग्रहण नहह हमो सकतदा, चकन्तगु
जिहैसदा परमदेश्वर सब जिगतम् कदा चनचश्चत चमत्र, न चकसही कदा शत्रगु और न चकसही सदे उददासहीन हहै , इस सदे चभन्न कमोई
भही जिहीव इस प्रकदार कदा कभही नहह हमो सकतदा। इसचलयदे परमदात्मदा हही कदा ग्रहण यहदाह हमोतदा हहै। हदाह , गचौण अथर्थ ममें
चमत्रदाचद शब्द सदे सगुहृददाचद मनगुष्ययों कदा ग्रहण हमोतदा हहै।
12. (चञिचमददा स्नदेह नदे) इस धदातगु सदे औणदाचदक ‘क्त्र’ प्रत्यय कदे हमोनदे सदे ‘चमत्र’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै।
‘मदेद चत, चस्नह्यचत चस्नह्यतदे वदा स चमत्रमः’ जिमो सब सदे स्नदेह करकदे और सब कमो प्रहीचत करनदे यमोग्य हहै, इस सदे
उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘चमत्र’ हहै।
13. (वकञि म् वरणदे, वर ईप्सदायदामम्) इन धदातगुओसं सदे उणदाचद ‘उननम्’ प्रत्यय हमोनदे सदे ‘वरुण’ शब्द
चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः सवदार्थन म् चशष्टदानम् मगुम गुक भून म् धमदार्थत् मनमो वकण मोत्यथवदा यमः चशष्टहैम गुर्थम गुक गुच भधर्थम दार्थत् मचभचरर्थय तदे वयर्थत दे
वदा स वरुणमः परमदेश् वरमः’ जिमो आत्मयमोगही, चवद्विदानम्, मगुचक्त ककी इच्छदा करनदे वदालदे मगुक्त और धमदार्थत्मदाओसं कदा
स्वहीकदारकत्तदार्थ, अथवदा जिमो चशष्ट मगुमगुकगु मगुक्त और धमदार्थत्मदाओसं सदे ग्रहण चकयदा जिदातदा हहै वह ईश्वर ‘वरुण’ ससंजक हहै।
अथवदा ‘वरुणमो नदाम वरमः श्रदेष्ठि मः’ चजिसचलए परमदेश्वर सब सदे श्रदेष्ठि हहै, इसहीचलए उस कदा नदाम ‘वरुण’ हहै।
14. (ऋ गचतप्रदापणयमोमः) इस धदातगु सदे ‘यतम्’ प्रत्यय करनदे सदे ‘अयर्थ’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै और
‘अयर्थ’ पभूवर्थक (मदाङम् मदानदे) इस धदातगु सदे ‘कचननम्’ प्रत्यय हमोनदे सदे ‘अयर्थमदा’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमोऽयदार्थन म्
स्वदाचमनमो न्यदायदाधहीशदानम् चममहीतदे मदान्यदानम् करमोचत समोऽयर्थम दा’ जिमो सत्य न्यदाय कदे करनदेहदारदे मनगुष्ययों कदा मदान्य
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और पदाप तथदा पगुण्य करनदे वदालयों कमो पदाप और पगुण्य कदे फलयों कदा यथदावतम् सत्य-सत्य चनयमकतदार्थ हहै, इसही सदे उस
परमदेश्वर कदा नदाम ‘अयर्थम दा’ हहै।
15. (इचद परमहैश् वयर्वे) इस धदातगु सदे ‘रनम्’ प्रत्यय करनदे सदे ‘इन्द्र’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘य इन्दचत
गु हहै, इस सदे उस परमदात्मदा कदा नदाम ‘इन्द्र’
परमहैश् वयर्थव दानम् भवचत स इन्द्रमः परमदेश् वरमः’ जिमो अचखल ऐश्वयर्थयक्त
हहै।
16. ‘बकह तम्’ शब्दपभूवर्थक (पदा रकणदे) इस धदातगु सदे ‘डचत’ प्रत्यय, बकहतम् कदे तकदार कदा लमोप और
सगुडदागम हमोनदे सदे ‘बकहस्पचत’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमो बकह तदामदाकदाशदादहीनदासं पचतमः स्वदामही पदालचयतदा स
बकह स्पचतमः’ जिमो बड़यों सदे भही बड़दा और बड़दे आकदाशदाचद ब्रह्मदाण्डयों कदा स्वदामही हहै , इस सदे उस परमदेश्वर कदा नदाम
‘बकह स्पचत’ हहै।
17. (चवष्लक व्यदाप्तचौ) इस धदातगु सदे ‘नगु’ प्रत्यय हमोकर ‘चवष्णगु’ शब्द चसद्ध हह आ हहै। ‘वदेव चदे ष्ट
व्यदाप्नमोचत चरदाऽचरसं जिगतम् स चवष्णगु मः ’ चर और अचररूप जिगतम् ममें व्यदापक हमोनदे सदे परमदात्मदा कदा नदाम ‘चवष्णगु ’
हहै।
18. ‘उरुमर्थह दानम् क्रममः परदाक्रममो यस्य स उरुक्रममः’ अनन्त परदाक्रमयगुक्त हमोनदे सदे परमदात्मदा कदा नदाम
‘उरुक्रम’ हहै। जिमो परमदात्मदा (उरुक्रममः) महदापरदाक्रमयगुक्त (चमत्रमः) सब कदा सगुहृतम् अचवरमोधही हहै, वह (शमम्)
सगुखकदारक, वह (वरुणमः) सवर्वोत्तम (शमम्) सगुखस्वरूप, वह (अयर्थमदा) (शमम्) सगुखप्रचदारक, वह (इन्द्रमः)
(शमम्) सकल ऐश्वयर्थददायक, वह (बकहस्पचतमः) सब कदा अचधष्ठिदातदा (शमम्) चवददाप्रद और (चवष्णगुमः) जिमो सब ममें
व्यदापक परमदेश्वर हहै, वह (नमः) हमदारदा कल्यदाणकदारक (भवतगु) हमो।
19. (वदायमो तदे ब्रह्मणदे नममोऽस्तगु) (बकह बकच ह वकद्ध चौ) इन धदातगुओसं सदे ‘ब्रह्म’ शब्द चसद्ध हह आ हहै। जिमो
सब कदे ऊपर चवरदाजिमदान, सब सदे बड़दा, अनन्तबलयगुक्त परमदात्मदा हहै, उस ब्रह्म कमो हम नमस्कदार करतदे हमैं। हदे
परमदेश्वर! (त्वमदेव प्रत्यकसं ब्रह्मदाचस) आप हही अन्तयदार्थचमरूप सदे प्रत्यक ब्रह्म हमो (त्वदामदेव प्रत्यकसं ब्रह्म
वचदष्यदाचम) ममैं आप हही कमो प्रत्यक ब्रह्म कहह हगदा, क्ययोंचक आप सब जिगह ममें व्यदाप्त हमोकदे सब कमो चनत्य हही प्रदाप्त हमैं
(ऋतसं वचदष्यदाचम) जिमो आपककी वदेदस्थ यथदाथर्थ आजदा हहै उसही कमो ममैं सब कदे चलए उपददेश और आचरण भही
करूहगदा, (सत्यसं वचदष्यदाचम) सत्य बमोलभूह, सत्य मदानभूसं और सत्य हही करूहगदा (तन्मदामवतगु) समो आप मदेरही रकदा
ककीचजिए (तद्विक्तदारमवतगु) समो आप मगुझ आप्त सत्यवक्तदा ककी रकदा ककीचजिए चक चजिस सदे आप ककी आजदा ममें मदेरही बगुचद्ध
चस्थर हमोकर, चवरुद्ध कभही न हमो। क्ययोंचक जिमो आपककी आजदा हहै, वहही धमर्थ और जिमो चवरुद्ध, वहही अधमर्थ हहै। ‘अवतगु
मदामवतगु वक्तदारमम्’ यह दस भू रही वदार पदाठ अचधकदाथर्थ कदे चलयदे हहै। जिहैसदे ‘कचश्चतम् कञ्चतम् प्रचत वदचत त्वसं ग्रदामसं गच्छ
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गच्छ’ इसममें दमो वदार चक्रयदा कदे उच्चिदारण सदे तभू शहीघ्र हही ग्रदाम कमो जिदा ऐसदा चसद्ध हमोतदा हहै। ऐसदे हही यहदाह चक आप मदेरही
अवश्य रकदा करमो अथदार्थतम् धमर्थ ममें सगुचनचश्चत और अधमर्थ सदे घकणदा सददा करूह , ऐसही कक पदा मगुझ पर ककीचजिए। ममैं आपकदा
बड़दा उपकदार मदानभूहगदा।
(ओ३मम् शदाचन्तमः शदाचन्तमः शदाचन्तमः) इस ममें तहीन वदार शदाचन्तपदाठ कदा यह प्रयमोजिन हहै चक चत्रचवध तदाप
अथदार्थतम् इस ससंसदार ममें तहीन प्रकदार कदे दमःगु ख हमैं— एक ‘आध्यदाचत्मक’ जिमो आत्मदा शरहीर ममें अचवददा, रदाग, द्विदेष,
मभूखर्थतदा और ज्वर पहीड़दाचद हमोतदे हमैं। दस भू रदा ‘आचधभचौचतक’ जिमो शत्रगु, व्यदाघ्र और सपदार्थचद सदे प्रदाप्त हमोतदा हहै। तहीसरदा
‘आचधदहैच वक’ अथदार्थतम् जिमो अचतवकचष्ट, अचतशहीत, अचत उष्णतदा, मन और इचन्द्रययों ककी अशदाचन्त सदे हमोतदा हहै। इन
तहीन प्रकदार कदे क्लदेशयों सदे आप हम लमोगयों कमो दरभू करकदे कल्यदाणकदारक कमर्यों ममें सददा प्रवकत्त रचखए। क्ययोंचक आप हही
कल्यदाणस्वरूप, सब ससंसदार कदे कल्यदाणकत्तदार्थ और धदाचमर्थक मगुमगुकगुओसं कमो कल्यदाण कदे ददातदा हमैं। इसचलए आप
स्वयमम् अपनही करुणदा सदे सब जिहीवयों कदे हृदय ममें प्रकदाचशत हह चजिए चक चजिस सदे सब जिहीव धमर्थ कदा आचरण और
अधमर्थ कमो छमोड़कदे परमदानन्द कमो प्रदाप्त हयों और दमःगु खयों सदे पकथकम् रहमें।
‘सभूय र्थ आत्मदा जिगतस्तस्थगुष श्च’
20. इस यजिगुवर्वेद कदे वचन सदे जिमो जिगतम् नदाम प्रदाणही, चदेतन और जिसंगम अथदार्थतम् जिमो चलतदे-चफरतदे हमैं,
‘तस्थगुष मः’ अप्रदाणही अथदार्थतम् स्थदावर जिड़ अथदार्थतम् पकच थवही आचद हमैं, उन सब कदे आत्मदा हमोनदे और स्वप्रकदाशरूप
सब कदे प्रकदाश करनदे सदे परमदेश्वर कदा नदाम ‘सभूय र्थ’ हहै।
21-22. (अत सदातत्यगमनदे) इस धदातगु सदे ‘आत्मदा’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमोऽतचत व्यदाप्नमोचत
स आत्मदा’ जिमो सब जिहीवदाचद जिगतम् ममें चनरन्तर व्यदापक हमो रहदा हहै। ‘परश्चदासदावदात्मदा च य आत्मभ्यमो जिहीवदेभ् यमः
सभूक्ष् मदेभ् यमः परमोऽचतसभूक्ष् ममः स परमदात्मदा’ जिमो सब जिहीव आचद सदे उत्कक ष्ट और जिहीव, प्रकक चत तथदा आकदाश सदे भही
अचतसभूक्ष्म और सब जिहीवयों कदा अन्तयदार्थमही आत्मदा हहै, इस सदे ईश्वर कदा नदाम ‘परमदात्मदा’ हहै।
23. सदामथ्यर्थवदालदे कदा नदाम ईश्वर हहै। ‘य ईश्वरदेष गु समथर्वेष गु परममः श्रदेष्ठि मः स परमदेश् वरमः’ जिमो ईश्वरयों
अथदार्थतम् समथर्यों ममें समथर्थ, चजिस कदे तगुल्य कमोई भही न हमो, उस कदा नदाम ‘परमदेश् वर’ हहै।
24. (षगुञि म् अचभषवदे, षभूङम् प्रदाचणगभर्थच वममोचनदे) इन धदातगुओसं सदे ‘सचवतदा’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै।
‘अचभषवमः प्रदाचणगभर्थच वममोचनसं चमोत्पदादनमम्। यश्चरदाचरसं जिगतम् सगुन मोचत सभूत दे वमोत्पदादयचत स सचवतदा
परमदेश् वरमः’ जिमो सब जिगतम् ककी उत्पचत्त करतदा हहै, इसचलए परमदेश्वर कदा नदाम ‘सचवतदा’ हहै।

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25. (चदवगु क्रकीडदाचवचजिगहीषदाव्यवहदारदगुच तस्तगुच तममोदमदस्वप्नकदाचन्तगचतषगु ) इस धदातगु सदे ‘ददेव’


शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। (क्रकीडदा) जिमो शगुद्ध जिगतम् कमो क्रकीडदा करदानदे (चवचजिगहीषदा) धदाचमर्थकयों कमो चजितदानदे ककी इच्छदायक्त गु
(व्यवहदार) सब चदेष्टदा कदे सदाधनमोपसदाधनयों कदा ददातदा (दगुचत) स्वयसंप्रकदाशस्वरूप, सब कदा प्रकदाशक (स्तगुचत)
प्रशसंसदा कदे यमोग्य (ममोद) आप आनन्दस्वरूप और दस भू रयों कमो आनन्द ददेनदेहदारदा (मद) मदमोन्मत्तयों कदा तदाड़नदेहदारदा
(स्वप्न) सब कदे शयनदाथर्थ रदाचत्र और प्रलय कदा करनदेहदारदा (कदाचन्त) कदामनदा कदे यमोग्य और (गचत) जदानस्वरूप हहै,
इसचलयदे उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘ददेव ’ हहै। अथवदा ‘यमो दहीव्यचत क्रकीडचत स ददेव मः’ जिमो अपनदे स्वरूप ममें आनन्द
सदे आप हही क्रकीडदा करदे अथवदा चकसही कदे सहदाय कदे चवनदा क्रकीडदावतम् सहजि स्वभदाव सदे सब जिगतम् कमो बनदातदा वदा सब
क्रकीडदाओसं कदा आधदार हहै। ‘चवचजिगहीषतदे स ददेव मः’ जिमो सब कदा जिहीतनदेहदारदा, स्वयमम् अजिदेय अथदार्थतम् चजिस कमो कमोई
भही न जिहीत सकदे । ‘व्यवहदारयचत स ददेव मः’ जिमो न्यदाय और अन्यदायरूप व्यवहदारयों कदा जिनदानदे और उपददेष्टदा।’
‘यश्चरदाचरसं जिगतम् दमोतयचत’ जिमो सब कदा प्रकदाशक। ‘यमः स्तभूय तदे स ददेव मः’ जिमो सब मनगुष्ययों कमो प्रशसंसदा कदे
यमोग्य और चनन्ददा कदे यमोग्य न हमो। ‘यमो ममोदयचत स ददेव मः’ जिमो स्वयमम् आनन्दस्वरूप और दस भू रयों कमो आनन्द
करदातदा, चजिस कमो दमःगु ख कदा लदेश भही न हमो।‘यमो मदादचत स ददेव मः’ जिमो सददा हचषर्थत, शमोक रचहत और दस भू रयों कमो
हचषर्थत करनदे और दमःगु खयों सदे पकथकम् रखनदेवदालदा। ‘यमः स्वदापयचत स ददेव मः’ जिमो प्रलय समय अव्यक्त ममें सब जिहीवयों
कमो सगुलदातदा। ‘यमः कदामयतदे कदाम्यतदे वदा स ददेव मः’ चजिस कदे सब सत्य कदाम और चजिस ककी प्रदाचप्त ककी कदामनदा सब
चशष्ट करतदे हमैं। ‘यमो गच्छचत गम्यतदे वदा स ददेव मः’ जिमो सब ममें व्यदाप्त और जिदाननदे कदे यमोग्य हहै, इस सदे उस
परमदेश्वर कदा नदाम ‘ददेव ’ हहै।
26. (कगु चब आच्छदादनदे) इस धदातगु सदे ‘कगु बदेर’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः सवर्वं कगु म्बचत
स्वव्यदाप्त्यदाच्छदादयचत स कगु बदेर मो जिगदहीश्वरमः’ जिमो अपनही व्यदाचप्त सदे सब कदा आच्छदादन करदे , इस सदे उस
परमदेश्वर कदा नदाम ‘कगु बदेर ’ हहै।
27. (पकथ गु चवस्तदारदे) इस धदातगु सदे ‘पकचथवही’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै।’ ‘यमः पथर्थच त सवर्वं जिगचद्विस्तकण दाचत
तस्मदातम् स पकच थवही’ जिमो सब चवस्तकत जिगतम् कदा चवस्तदार करनदे वदालदा हहै , इसचलए उस ईश्वर कदा नदाम ‘पकच थवही’
हहै।
28. (जिल घदातनदे) इस धदातगु सदे ‘जिल’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै, ‘जिलचत घदातयचत द गुष्ट दानम्
सङदातयचत अव्यक्तपरमदाण्वदादहीनम् तद म् ब्रह्म जिलमम्’ जिमो दष्टगु यों कदा तदाड़न और अव्यक्त तथदा परमदाणओ
गु सं कदा
अन्यमोऽन्य ससंयमोग वदा चवयमोग करतदा हहै, वह परमदात्मदा ‘जिल’ ससंजक कहदातदा हहै।

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29. (कदाशक दहीप्तचौ) इस धदातगु सदे ‘आकदाश’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै, ‘यमः सवर्थत मः सवर्वं जिगतम्
प्रकदाशयचत स आकदाशमः’ जिमो सब ओर सदे सब जिगतम् कदा प्रकदाशक हहै, इसचलए उस परमदात्मदा कदा नदाम
‘आकदाश’ हहै।
30-31-32. (अदम् भकणदे) इस धदातगु सदे ‘अन्न’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै।
अदतदेऽ चत्त च भभूत दाचन तस्मदादन्नसं तद गुच् यतदे। अहमन्नमहमन्नमहमन्नमम्।
अहमन्नदादमोऽहमन्नदादमोऽहमन्नदादमः॥
—तहैचत्त॰ उपचन॰।
अत्तदा चरदाऽचरग्रहणदातम्॥
—यह व्यदासमगुचनकक त शदारहीरक सभूत्र हहै।
जिमो सब कमो भहीतर रखनदे, सब कमो ग्रहण करनदे यमोग्य, चरदाऽचर जिगतम् कदा ग्रहण करनदे वदालदा हहै, इस सदे
ईश्वर कदे ‘अन्न’, ‘अन्नदाद’ और ‘अत्तदा’ नदाम हमैं। और जिमो इस ममें तहीन वदार पदाठ हहै समो आदर कदे चलए हहै। जिहैसदे
गभूलर कदे फल ममें कक चम उत्पन्न हमोकदे उसही ममें रहतदे और नष्ट हमो जिदातदे हमैं , वहैसदे परमदेश्वर कदे बहीच ममें सब जिगतम् ककी
अवस्थदा हहै।
33. (वस चनवदासदे) इस धदातगु सदे ‘वसगु’ शब्द चसद्ध हह आ हहै। ‘वसचन्त भभूत दाचन यचस्मन्नथवदा यमः
सवर्वेष गु वसचत स वसगुर हीश्वरमः’ चजिसममें सब आकदाशदाचद भभूत वसतदे हमैं और जिमो सब ममें वदास कर रहदा हहै, इसचलए
उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘वसगु’ हहै।
34. (रुचदरम् अश्रगुच वममोचनदे) इस धदातगु सदे ‘चणचम्’ प्रत्यय हमोनदे सदे ‘रुद्र’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमो
रमोदयत्यन्यदायकदाररणमो जिनदानम् स रुद्रमः’ जिमो दष्टगु कमर्थ करनदेहदारयों कमो रुलदातदा हहै, इससदे परमदेश्वर कदा नदाम
‘रुद्र’ हहै।
यन्मनसदा ध्यदायचत तद्विदाचदा वदचत, यद्विदाचदा वदचत ततम् कमर्थण दा करमोचत यतम् कमर्थण दा
करमोचत तदचभसम्पदतदे॥
—यह यजिगुवर्वेद कदे ब्रदाह्मण कदा वचन हहै।
जिहीव चजिस कदा मन सदे ध्यदान करतदा उस कमो वदाणही सदे बमोलतदा, चजिस कमो वदाणही सदे बमोलतदा उस कमो कमर्थ सदे
करतदा, चजिस कमो कमर्थ सदे करतदा उसही कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै। इस सदे क्यदा चसद्ध हहआ चक जिमो जिहीव जिहैसदा कमर्थ करतदा हहै

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वहैसदा हही फल पदातदा हहै। जिब दष्टगु कमर्थ करनदेवदालदे जिहीव ईश्वर ककी न्यदायरूपही व्यवस्थदा सदे द मःगु खरूप फल पदातदे , तब
रमोतदे हमैं और इसही प्रकदार ईश्वर उन कमो रुलदातदा हहै, इसचलए परमदेश्वर कदा नदाम ‘रुद्र’ हहै।
35. आपमो नदारदा इचत प्रमोक्तदा आपमो वहै नरसभून वमः।
तदा यदस्यदायनसं पभूव र्वं तदेन नदारदायणमः स्मकत मः॥
—मनगु॰ अ॰ 1। श्लमोक 10॥
जिल और जिहीवयों कदा नदाम नदारदा हहै, वदे अयन अथदार्थतम् चनवदासस्थदान हमैं, चजिसकदा इसचलए सब जिहीवयों ममें
व्यदापक परमदात्मदा कदा नदाम ‘नदारदायण’ हहै।
36. (चचद आहदाददे) इस धदातगु सदे ‘चन्द्र’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यश्चन्दचत चन्दयचत वदा स
चन्द्रमः’ जिमो आनन्दस्वरूप और सब कमो आनन्द ददेनदेवदालदा हहै, इसचलए ईश्वर कदा नदाम ‘चन्द्र’ हहै।
37. (मचग गत्यथर्थक ) धदातगु सदे ‘मङदे र लचम्’ इस सभूत्र सदे ‘मङल’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमो मङचत
मङयचत वदा स मङलमः’ जिमो आप मङलस्वरूप और सब जिहीवयों कदे मङल कदा कदारण हहै, इसचलए उस परमदेश्वर
कदा नदाम ‘मङल’ हहै।
38. (बगुध अवगमनदे) इस धदातगु सदे ‘बगुध’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमो बगुध् यतदे बमोध्यतदे वदा स बगुध मः’
जिमो स्वयसं बमोधस्वरूप और सब जिहीवयों कदे बमोध कदा कदारण हहै। इसचलए उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘बगुध ’ हहै।
‘बकह स्पचत’ शब्द कदा अथर्थ कह चदयदा।
39. (ईशगुच चरम् पभूत हीभदावदे) इस धदातगु सदे ‘शगुक्र’ शब्द चसद्ध हह आ हहै। ‘यमः शगुच् यचत शमोचयचत वदा स
शगुक्र मः’ जिमो अत्यन्त पचवत्र और चजिसकदे ससंग सदे जिहीव भही पचवत्र हमो जिदातदा हहै, इसचलयदे ईश्वर कदा नदाम ‘शगुक्र ’ हहै।
40. (चर गचतभकणयमोमः) इस धदातगु सदे ‘शनहैसम्’ अव्यय उपपद हमोनदे सदे ‘शनहैश्चर’ शब्द चसद्ध हह आ
हहै। ‘यमः शनहैश् चरचत स शनहैश् चरमः’ जिमो सब ममें सहजि सदे प्रदाप्त धहैयर्थवदानम् हहै , इससदे उस परमदेश्वर कदा नदाम
‘शनहैश् चर’ हहै।
41. (रह त्यदागदे) इस धदातगु सदे ‘रदाहह’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमो रहचत पररत्यजिचत द गुष्ट दानम् रदाहयचत
त्यदाजियचत स रदाहह र हीश्वरमः’। जिमो एकदान्तस्वरूप चजिसकदे स्वरूप ममें दस भू रदा पददाथर्थ ससंयक्त
गु नहह, जिमो दष्टगु यों कमो छमोड़नदे
और अन्य कमो छगु ड़दानदे हदारदा हहै, इससदे परमदेश्वर कदा नदाम ‘रदाहह ’ हहै।

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42. (चकत चनवदासदे रमोगदापनयनदे च) इस धदातगु सदे ‘कदे तगु’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः कदे तयचत
चचचकत्सचत वदा स कदे तगुर हीश्वरमः’ जिमो सब जिगतम् कदा चनवदासस्थदान, सब रमोगयों सदे रचहत और मगुमगुकगुओसं कमो मगुचक्त
समय ममें सब रमोगयों सदे छगु ड़दातदा हहै, इसचलए उस परमदात्मदा कदा नदाम ‘कदे तगु’ हहै।
43. (यजि ददेव पभूजि दासङचतकरणददानदेष गु) इस धदातगु सदे ‘यज’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यजमो वहै चवष्णगु मः ’
यह ब्रदाह्मण ग्रन्थ कदा वचन हहै। ‘यमो यजिचत चवद्विचदररज्यतदे वदा स यजमः’ जिमो सब जिगतम् कदे पददाथर्यों कमो ससंयक्तगु
करतदा और सब चवद्विदानयों कदा पभूज्य हहै, और ब्रह्मदा सदे लदेकदे सब ऋचष मगुचनययों कदा पभूज्य थदा, हहै और हमोगदा, इससदे
उस परमदात्मदा कदा नदाम ‘यज’ हहै, क्ययोंचक वह सवर्थत्र व्यदापक हहै।
44. (हह द दानदाऽदनयमोमः, आददानदे चदेत् यदेकदे ) इस धदातगु सदे ‘हमोतदा’ शब्द चसद्ध हह आ हहै। ‘यमो जिगुह मोचत स
हमोतदा’ जिमो जिहीवयों कमो ददेनदे यमोग्य पददाथर्यों कदा ददातदा और ग्रहण करनदे यमोग्ययों कदा ग्रदाहक हहै , इससदे उस ईश्वर कदा नदाम
‘हमोतदा’ हहै।
45. (बन्ध बन्धनदे) इससदे ‘बन्धगु’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः स्वचस्मनम् चरदाचरसं जिगदम् बध्नदाचत
बन्धगुव द्धमदार्थत् मनदासं सगुख दाय सहदायमो वदा वत्तर्थत दे स बन्धगुमः ’ चजिस नदे अपनदे ममें सब लमोकलमोकदान्तरयों कमो चनयमयों सदे
बद्ध कर रक्खदे और सहमोदर कदे समदान सहदायक हहै, इसही सदे अपनही-अपनही पररचध वदा चनयम कदा उलसंघन नहह कर
सकतदे। जिहैसदे भ्रदातदा भदाइययों कदा सहदायकदारही हमोतदा हहै, वहैसदे परमदेश्वर भही पकचथव्यदाचद लमोकयों कदे धदारण, रकण और सगुख
ददेनदे सदे ‘बन्धगु’ ससंजक हहै।
46. (पदा रकणदे) इस धदातगु सदे ‘चपतदा’ शब्द चसद्ध हह आ हहै। ‘यमः पदाचत सवदार्थन म् स चपतदा’ जिमो सब
कदा रकक जिहैसदा चपतदा अपनदे सन्तदानयों पर सददा कक पदालगु हमोकर उन ककी उन्नचत चदाहतदा हहै, वहैसदे हही परमदेश्वर सब जिहीवयों
ककी उन्नचत चदाहतदा हहै, इस सदे उस कदा नदाम ‘चपतदा’ हहै।
47. ‘यमः चपततॄण दासं चपतदा स चपतदामहमः’ जिमो चपतदाओसं कदा भही चपतदा हहै, इससदे उस परमदेश्वर कदा नदाम
‘चपतदामहमः’ हहै।
48. ‘यमः चपतदामहदानदासं चपतदा स प्रचपतदामहमः’ जिमो चपतदाओसं कदे चपतरयों कदा चपतदा हहै इससदे परमदेश्वर कदा
नदाम ‘प्रचपतदामह’ हहै।
49. ‘यमो चममहीतदे मदानयचत सवदार्थञ्ज हीवदानम् स मदातदा’ जिहैसदे पभूणर्थककपदायक्त गु जिननही अपनदे सन्तदानयों कदा
सगुख और उन्नचत चदाहतही हहै, वहैसदे परमदेश्वर भही सब जिहीवयों ककी बढ़तही चदाहतदा हहै, इस सदे परमदेश्वर कदा नदाम ‘मदातदा’
हहै।

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50. (चर गचतभकणयमोमः) आङम् -पभूवर्थक इस धदातगु सदे ‘आचदायर्थ’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘य आचदारसं
ग्रदाहयचत, सवदार्थ चवददा बमोधयचत स आचदायर्थ ईश्वरमः’ जिमो सत्य आचदार कदा ग्रहण करदानदेहदारदा और सब चवददाओसं
ककी प्रदाचप्त कदा हदेतगु हमोकदे सब चवददा प्रदाप्त करदातदा हहै, इससदे परमदेश्वर कदा नदाम ‘आचदायर्थ’ हहै।
51. (गतॄ शब्ददे) इस धदातगु सदे ‘गगुरु’ शब्द बनदा हहै। ‘यमो धम्यदार्थन म् शब्ददानम् गकण दात्यगु प चदशचत स गगुरु मः’
‘स पभूव र्वेष दामचप गगुरु मः कदालदेन दानवच्छदेद दातम्’। यमोग॰। जिमो सत्यधमर्थप्रचतपदादक, सकल चवददायक्त गु वदेदयों कदा उपददेश
करतदा, सकचष्ट ककी आचद ममें अचग्नि, वदाय,गु आचदत्य, अरङरदा और ब्रह्मदाचद गगुरुओसं कदा भही गगुरु और चजिसकदा नदाश
कभही नहह हमोतदा, इसचलए उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘गगुरु ’ हहै।
52. (अजि गचतकदेप णयमोमः, जिनही प्रदादगुभ दार्थव दे) इन धदातगुओसं सदे ‘अजि’ शब्द बनतदा हहै। ‘यमोऽजिचत
सकच ष्टसं प्रचत सवदार्थन म् प्रकक त्यदादहीनम् पददाथदार्थन म् प्रचकपचत, जिदानदाचत, जिनयचत च कददाचचन्न जिदायतदे समोऽजिमः’ जिमो
सब प्रकक चत कदे अवयव आकदाशदाचद भभूत परमदाणओ गु सं कमो यथदायमोग्य चमलदातदा, जिदानतदा, शरहीर कदे सदाथ जिहीवयों कदा
सम्बन्ध करकदे जिन्म ददेतदा और स्वयसं कभही जिन्म नहह लदेतदा, इससदे उस ईश्वर कदा नदाम ‘अजि’ हहै।
53. (बकह बकच ह वकद्ध चौ) इन धदातगुओसं सदे ‘ब्रह्मदा’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमोऽचखलसं जिगचन्नमदार्थण नदे बहर्थच त
वद्धर्थय चत स ब्रह्मदा’ जिमो सम्पभूणर्थ जिगतम् कमो रच कदे बढ़दातदा हहै, इसचलए परमदेश्वर कदा नदाम ‘ब्रह्मदा’ हहै।
54-55-56. ‘सत्यसं जदानमनन्तसं ब्रह्म’
—यह तहैचत्तरहीयमोपचनषदम् कदा वचन हहै।
‘सन्तहीचत सन्तस्तदेष गु सत्सगु सदाधगु तत्सत्यमम्। यज्जदानदाचत चरदाऽचरसं जिगत्तज्जदानमम्। न
चवदतदेऽ न्तमोऽवचधमर्थय दार्थद दा यस्य तदनन्तमम्। सवर्वेभ् यमो बकह त्त्वदाद म् ब्रह्म’ जिमो पददाथर्थ हयों उनकमो सतम् कहतदे हमैं, उनममें
सदाधगु हमोनदे सदे परमदेश्वर कदा नदाम ‘सत्य’ हहै। जिमो जिदाननदेवदालदा हहै, इससदे परमदेश्वर कदा नदाम ‘जदान’ हहै। चजिसकदा
अन्त अवचध मयदार्थददा अथदार्थतम् इतनदा लम्बदा, चचौड़दा, छमोटदा, बड़दा हहै, ऐसदा पररमदाण नहह हहै, इसचलए परमदेश्वर कदे
नदाम ‘सत्य’, ‘जदान’ और ‘अनन्त’ हमैं।
57. (डगु ददाञिम् ददानदे) आङम् -पभूवर्थक इस धदातगु सदे ‘आचद’ शब्द और नञिम्-पभूवर्थक ‘अनदाचद’ शब्द चसद्ध
हमोतदा हहै। ‘यस्मदातम् पभूव र्वं नदाचस्त परसं चदाचस्त स आचदररत्यगुच् यतदे। ’, ‘न चवदतदे आचदमः कदारणसं यस्य
समोऽनदाचदरहीश्वरमः’ चजिसकदे पभूवर्थ कगु छ न हमो और परदे हमो, उसकमो आचद कहतदे हमैं, चजिस कदा आचद कदारण कमोई भही
नहह हहै, इसचलए परमदेश्वर कदा नदाम ‘अनदाचद’ हहै।

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58. (टगु नचद समकद्ध चौ) आङम् -पभूवर्थक इस धदातगु सदे ‘आनन्द’ शब्द बनतदा हहै। ‘आनन्दचन्त सवर्वे मगुक्त दा
यचस्मनम् यद्विदा यमः सवदार्थञ्ज हीवदानदानन्दयचत स आनन्दमः’ जिमो आनन्दस्वरूप, चजिस ममें सब मगुक्त जिहीव आनन्द कमो
प्रदाप्त हमोतदे और सब धमदार्थत्मदा जिहीवयों कमो आनन्दयगुक्त करतदा हहै, इससदे ईश्वर कदा नदाम ‘आनन्द’ हहै।
59. (अस भगुच व) इस धदातगु सदे ‘सतम्’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यदचस्त चत्रषगु कदालदेष गु न बदाधतदे ततम्
सदम् ब्रह्म’ जिमो सददा वत्तर्थमदान अथदार्थतम् भभूत, भचवष्यतम्, वत्तर्थमदान कदालयों ममें चजिसकदा बदाध न हमो, उस परमदेश्वर कमो
‘सतम्’ कहतदे हमैं।
60-61. (चचतही ससंज दानदे) इस धदातगु सदे ‘चचतम्’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यश्चदेत चत चदेत यचत
ससंज दापयचत सवदार्थन म् सज्जनदानम् यमोचगनस्तचच्चित्परसं ब्रह्म’ जिमो चदेतनस्वरूप सब जिहीवयों कमो चचतदानदे और सत्यदाऽसत्य
कदा जिनदानदेहदारदा हहै, इसचलए उस परमदात्मदा कदा नदाम ‘चचतम्’ हहै। इन तहीनयों शब्दयों कदे चवशदेषण हमोनदे सदे परमदेश्वर कमो
‘सचच्चिददानन्दस्वरूप’ कहतदे हमैं।
62. ‘यमो चनत्यधगुव मोऽचलमोऽचवनदाशही स चनत्यमः।’ जिमो चनश्चल अचवनदाशही हहै, समो ‘चनत्य’
शब्दवदाच्य ईश्वर हहै।
63. (शगुन् ध शगुद्ध चौ) इस सदे ‘शगुद्ध’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः शगुन् धचत सवदार्थन म् शमोधयचत वदा स शगुद्ध
ईश्वरमः’ जिमो स्वयसं पचवत्र सब अशगुचद्धययों सदे पकथकम् और सब कमो शगुद्ध करनदे वदालदा हहै , इससदे ईश्वर कदा नदाम
‘शगुद्ध ’ हहै।
64. (बगुध अवगमनदे) इस धदातगु सदे ‘क्त’ प्रत्यय हमोनदे सदे ‘बगुद्ध’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमो बगुद्ध वदानम्
सदहैव जदातदाऽचस्त स बगुद्ध मो जिगदहीश्वरमः’ जिमो सददा सब कमो जिदाननदेहदारदा हहै इससदे ईश्वर कदा नदाम ‘बगुद्ध ’ हहै।
65. (मगुच चॢ ममोचनदे) इस धदातगु सदे ‘मगुक्त’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमो मगुञ्च चत ममोचयचत वदा मगुम गुक नभू म् स
मगुक्त मो जिगदहीश्वरमः’ जिमो सवर्थददा अशगुचद्धययों सदे अलग और सब मगुमगुकगुओसं कमो क्लदेश सदे छगु ड़दा ददेतदा हहै , इसचलए
परमदात्मदा कदा नदाम ‘मगुक्त ’ हहै।
66. ‘अत एव चनत्यशगुद्ध बगुद्ध मगुक्त स्वभदावमो जिगदहीश्वरमः’ इसही कदारण सदे परमदेश्वर कदा स्वभदाव
चनत्यशगुद्ध बगुद्ध मगुक्त हहै।
67- चनरम् और आङम् -पभूवर्थक (डगु कक ञिम् करणदे) इस धदातगु सदे ‘चनरदाकदार’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘चनगर्थत
आकदारदातम् स चनरदाकदारमः’ चजिस कदा आकदार कमोई भही नहह और न कभही शरहीर -धदारण करतदा हहै, इसचलए
परमदेश्वर कदा नदाम ‘चनरदाकदार’ हहै।

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68. (अञ्जभू व्यचक्तम्लकणकदाचन्तगचतषगु) इस धदातगु सदे ‘अञ्जन’ शब्द और ‘चनरम्’ उपसगर्थ कदे यमोग सदे
‘चनरञ्जन’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘अञ्जनसं व्यचक्तम्लर्थक णसं कगु कदाम इचन्द्रयहैमः प्रदाचप्तश्चदेत् यस्मदादमो चनगर्थत मः पकथ ग्भभूत मः
स चनरञ्जनमः’ जिमो व्यचक्त अथदार्थतम् आकक चत, म्लदेच्छदाचदार, दष्टगु कदामनदा और चकगुरदाचद इचन्द्रययों कदे चवषययों कदे पथ सदे
पकथकम् हहै, इससदे ईश्वर कदा नदाम ‘चनरञ्जन’ हहै।
69-70. (गण ससंख् यदानदे) इस धदातगु सदे ‘गण’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै, इसकदे आगदे ‘ईश’ वदा ‘पचत’
शब्द रखनदे सदे ‘गणदेश’ और ‘गणपचत शब्द’ चसद्ध हमोतदे हमैं। ‘यदे प्रकक त्यदादयमो जिडदा जिहीवदाश्च गण्यन्तदे
ससंख् यदायन्तदे तदेष दामहीशमः स्वदामही पचतमः पदालकमो वदा’ जिमो प्रकक त्यदाचद जिड़ और सब जिहीव प्रख्यदात पददाथर्यों कदा
स्वदामही वदा पदालन करनदेहदारदा हहै, इससदे उस ईश्वर कदा नदाम ‘गणदेश ’ वदा ‘गणपचत’ हहै।
71. ‘यमो चवश्वमहीष्टदे स चवश्वदेश् वरमः’ जिमो ससंसदार कदा अचधष्ठिदातदा हहै, इससदे उस परमदेश्वर कदा नदाम
‘चवश्वदेश् वर’ हहै।
72. ‘यमः कभू टदेऽ नदेक चवधव्यवहदारदे स्वस्वरूपदेण वहै चतष्ठिचत स कभू टस्थमः परमदेश् वरमः’ जिमो सब
व्यवहदारयों ममें व्यदाप्त और सब व्यवहदारयों कदा आधदार हमोकदे भही चकसही व्यवहदार ममें अपनदे स्वरूप कमो नहह बदलतदा,
इससदे परमदेश्वर कदा नदाम ‘कभू टस्थ’ हहै।
73-74. चजितनदे ‘ददेव’ शब्द कदे अथर्थ चलखदे हमैं उतनदे हही ‘ददेवही’ शब्द कदे भही हमैं। परमदेश्वर कदे तहीनयों
चलगयों ममें नदाम हमैं। जिहैसदे—‘ब्रह्म चचचतरहीश्वरश्चदेच त’। जिब ईश्वर कदा चवशदेषण हमोगदा तब ‘ददेव’ जिब चचचत कदा हमोगदा
तब ‘ददेवही’, इससदे ईश्वर कदा नदाम ‘ददेव ही’ हहै।
75. (शकचॢ शक्तचौ) इस धदातगु सदे ‘शचक्त’ शब्द बनतदा हहै। ‘यमः सवर्वं जिगतम् कतगुर्वं शक्नमोचत स शचक्तमः’
जिमो सब जिगतम् कदे बनदानदे ममें समथर्थ हहै, इसचलए उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘शचक्त’ हहै।
76. (चश्रञिम् सदेव दायदामम्) इस धदातगु सदे ‘श्रही’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः श्रहीयतदे सदेव् यतदे सवर्वेण जिगतदा
चवद्विचदयर्वो च गचभश्च स श्रहीरहीश्वरमः’। चजिस कदा सदेवन सब जिगतम्, चवद्विदानम् और यमोगहीजिन करतदे हमैं, उस परमदात्मदा
कदा नदाम ‘श्रही’ हहै।
77. (लक दशर्थन दाङनयमोमः) इस धदातगु सदे ‘लक्ष्मही’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमो लकयचत पश्यत्यङतदे
चचहयचत चरदाचरसं जिगदथवदा वदेद रहै दाप्तहैय र्वो च गचभश्च यमो लक्ष्यतदे स लक्ष्महीमः सवर्थच प्रयदेश् वरमः’ जिमो सब चरदाचर
जिगतम् कमो ददेखतदा, चचचहत अथदार्थतम् दृश्य बनदातदा, जिहैसदे शरहीर कदे नदेत्र, नदाचसकदाचद और वकक कदे पत्र, पगुष्प, फल,
मभूल, पकचथवही, जिल कदे कक ष्ण, रक्त, श्वदेत, मकचत्तकदा, पदाषदाण, चन्द्र, सभूयदार्थचद चचह बनदातदा तथदा सब कमो ददेखतदा,

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सब शमोभदाओसं ककी शमोभदा और जिमो वदेददाचदशदास वदा धदाचमर्थक चवद्विदानम् यमोचगययों कदा लक्ष्य अथदार्थतम् ददेखनदे यमोग्य हहै , इससदे
उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘लक्ष्मही’ हहै।
78. (सक गतचौ) इस धदातगु सदे ‘सरसम्’ उस सदे मतगुपम् और ङहीपम् प्रत्यय हमोनदे सदे ‘सरस्वतही’ शब्द चसद्ध
हमोतदा हहै। ‘सरमो चवचवधसं जदानसं चवदतदे यस्यदासं चचतचौ सदा सरस्वतही’ चजिस कमो चवचवध चवजदान अथदार्थतम् शब्द अथर्थ,
सम्बन्ध प्रयमोग कदा जदान यथदावतम् हमोवदे, इससदे उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘सरस्वतही’ हहै।
79. ‘सवदार्थमः शक्तयमो चवदन्तदे यचस्मनम् स सवर्थश चक्तमदानहीश्वरमः’ जिमो अपनदे कदायर्थ करनदे ममें चकसही
अन्य ककी सहदायतदा ककी इच्छदा नहह करतदा, अपनदे हही सदामथ्यर्थ सदे अपनदे सब कदाम पभूरदा करतदा हहै , इसचलए उस
परमदात्मदा कदा नदाम ‘सवर्थश चक्तमदानम्’ हहै।
80. (णहीञिम् प्रदापणदे) इस धदातगु सदे ‘न्यदाय’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘प्रमदाणहैर थर्थप रहीकणसं न्यदायमः।’ यह
वचन न्यदायसभूत्रयों कदे ऊपर वदात्स्यदायनमगुचनकक त भदाष्य कदा हहै। ‘पकपदातरदाचहत्यदाचरणसं न्यदायमः’ जिमो प्रत्यकदाचद
प्रमदाणयों ककी परहीकदा सदे सत्य-सत्य चसद्ध हमो तथदा पकपदातरचहत धमर्थरूप आचरण हहै वह न्यदाय कहदातदा हहै। ‘न्यदायसं
कतगुर्वं शहीलमस्य स न्यदायकदारहीश्वरमः’ चजिस कदा न्यदाय अथदार्थतम् पकपदातरचहत धमर्थ करनदे हही कदा स्वभदाव हहै , इससदे
उस ईश्वर कदा नदाम ‘न्यदायकदारही’ हहै।
81. (दय ददानगचतरकणचहसंस दाददानदेष गु) इस धदातगु सदे ‘दयदा’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘दयतदे दददाचत
जिदानदाचत गच्छचत रकचत चहनचस्त ययदा सदा दयदा, बहम् वही दयदा चवदतदे यस्य स दयदालगुमः परमदेश् वरमः’ जिमो
अभय कदा ददातदा, सत्यदाऽसत्य सवर्थ चवददाओसं कदा जिदाननदे, सब सज्जनयों ककी रकदा करनदे और दष्टगु यों कमो यथदायमोग्य दण्ड
ददेनदेवदालदा हहै, इस सदे परमदात्मदा कदा नदाम ‘दयदालगु’ हहै।
82. ‘द्वियमोभदार्थव मो द्विदाभ्यदाचमतसं सदा चद्वितदा द्विहीतसं वदा सहैव तददेव वदा द्विहैत मम् , न चवदतदे द्विहैत सं
चद्वितहीयदेश् वरभदावमो यचस्मसंस् तदद्विहैत मम्। अथदार्थतम् ‘सजिदातहीयचवजिदातहीयस्वगतभदेद शभून् यसं ब्रह्म’ दमो कदा हमोनदा वदा दमोनयों
भू रदा मनगुष्य हमोतदा हहै ,
सदे यगुक्त हमोनदा वह चद्वितदा वदा द्विहीत अथवदा द्विहैत सदे रचहत हहै। सजिदातहीय जिहैसदे मनगुष्य कदा सजिदातहीय दस
चवजिदातहीय जिहैसदे मनगुष्य सदे चभन्न जिदाचतवदालदा वकक, पदाषदाणदाचद। स्वगत अथदार्थतम् जिहैसदे शरहीर ममें आहख , नदाक, कदान
आचद अवयवयों कदा भदेद हहै, वहैसदे दस भू रदे स्वजिदातहीय ईश्वर, चवजिदातहीय ईश्वर वदा अपनदे आत्मदा ममें तत्त्वदान्तर वस्तगुओसं सदे
रचहत एक परमदेश्वर हहै, इस सदे परमदात्मदा कदा नदाम ‘अद्विहैत ’ हहै।
83. ‘गण्यन्तदे यदे तदे गगुण दा यहैग र्थण यचन्त तदे गगुण दामः, यमो गगुण भ्दे यमो चनगर्थत मः स चनगगुणर्थ ईश्वरमः’ चजितनदे
सत्त्व, रजि, तम, रूप, रस, स्पशर्थ, गन्धदाचद जिड़ कदे गगुण, अचवददा, अल्पजतदा, रदाग, द्विदेष और अचवददाचद क्लदेश

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जिहीव कदे गगुण हमैं उन सदे जिमो पकथकम् हहै। इन ममें ‘अशब्दमस्पशर्थम रूपमव्ययमम्’ इत्यदाचद उपचनषदयों कदा प्रमदाण हहै। जिमो
शब्द, स्पशर्थ, रूपदाचद गगुणरचहत हहै, इससदे परमदात्मदा कदा नदाम ‘चनगगुणर्थ ’ हहै।
84. ‘यमो गगुण हैमः सह वत्तर्थत दे स सगगुण मः’ जिमो सब कदा जदान, सवर्थसगुख, पचवत्रतदा, अनन्त बलदाचद गगुणयों
सदे यगुक्त हहै, इसचलए परमदेश्वर कदा नदाम ‘सगगुण ’ हहै। जिहैसदे पकचथवही गन्धदाचद गगुणयों सदे ‘सगगुण’ और इच्छदाचद गगुणयों सदे
रचहत हमोनदे सदे ‘चनगगुणर्थ ’ हहै, वहैसदे जिगतम् और जिहीव कदे गगुणयों सदे पकथकम् हमोनदे सदे परमदेश्वर ‘चनगगुणर्थ ’ और सवर्थजदाचद गगुणयों
सदे सचहत हमोनदे सदे ‘सगगुण’ हहै। अथदार्थतम् ऐसदा कमोई भही पददाथर्थ नहह हहै जिमो सगगुणतदा और चनगगुर्थणतदा सदे पकथकम् हमो। जिहैसदे
चदेतन कदे गगुणयों सदे पकथकम् हमोनदे सदे जिड़ पददाथर्थ चनगगुर्थण और अपनदे गगुणयों सदे सचहत हमोनदे सगगुण , वहैसदे हही जिड़ कदे गगुणयों सदे
पकथकम् हमोनदे सदे जिहीव चनगगुणर्थ और इच्छदाचद अपनदे गगुणयों सदे सचहत हमोनदे सदे सगगुण। ऐसदे हही परमदेश्वर ममें भही समझनदा
चदाचहए।
85. ‘अन्तयर्थन् तगुसं चनयन्तगुसं शहीलसं यस्य समोऽयमन्तयदार्थम ही’ जिमो सब प्रदाणही और अप्रदाचणरूप जिगतम् कदे
भहीतर व्यदापक हमोकदे सब कदा चनयम करतदा हहै, इसचलए उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘अन्तयदार्थम ही’ हहै।
86. ‘यमो धमर्वे रदाजितदे स धमर्थर दाजिमः’ जिमो धमर्थ हही ममें प्रकदाशमदान और अधमर्थ सदे रचहत, धमर्थ हही कदा
प्रकदाश करतदा हहै, इसचलए उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘धमर्थर दाजि’ हहै।
87. (यमगु उपरमदे) इस धदातगु सदे ‘यम’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘य सवदार्थन म् प्रदाचणनमो चनयच्छचत स
यममः’ जिमो सब प्रदाचणययों कदे कमर्थफल ददेनदे ककी व्यवस्थदा करतदा और सब अन्यदाययों सदे पकथकम् रहतदा हहै, इसचलए
परमदात्मदा कदा नदाम ‘यम’ हहै।
88. (भजि सदेव दायदामम्) इस धदातगु सदे ‘भग’ इससदे मतगुपम् हमोनदे सदे ‘भगवदानम्’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘भगमः
सकलहैश् वयर्वं सदेव नसं वदा चवदतदे यस्य स भगवदानम् ’ जिमो समग्र ऐश्वयर्थ सदे यगुक्त वदा भजिनदे कदे यमोग्य हहै, इसहीचलए उस
ईश्वर कदा नदाम ‘भगवदानम्’ हहै।
89. (मन जदानदे) इस धदातगु सदे ‘मनगु’ शब्द बनतदा हहै। ‘यमो मन्यतदे स मनगुमः ’ जिमो मनगु अथदार्थतम्
चवजदानशहील और मदाननदे यमोग्य हहै, इसचलयदे उस ईश्वर कदा नदाम ‘मनगु’ हहै।
90. (पतॄ पदालनपभूर णयमोमः) इस धदातगु सदे ‘पगुरुष’ शब्द चसद्ध हह आ हहै ‘यमः स्वव्यदाप्त्यदा चरदाऽचरसं
जिगतम् पकण दाचत पभूर यचत वदा स पगुरु षमः’ जिमो सब जिगतम् ममें पभूणर्थ हमो रहदा हहै , इसचलए उस परमदेश्वर कदा नदाम
‘पगुरु ष’ हहै।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः प्रथममः समगुल दासमः
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91. (डगु भकञि म् धदारणपमोषणयमोमः) ‘चवश्व’ पभूवर्थक इस धदातगु सदे ‘चवश्वम्भर’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमो
चवश्वसं चबभचतर्थ धरचत पगुष् णदाचत वदा स चवश्वम्भरमो जिगदहीश्वरमः’ जिमो जिगतम् कदा धदारण और पमोषण करतदा हहै,
इसचलयदे उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘चवश्वम्भर’ हहै।
92. (कल ससंख् यदानदे) इस धदातगु सदे ‘कदाल’ शब्द बनदा हहै। ‘कलयचत ससंख् यदाचत सवदार्थन म् पददाथदार्थन म् स
कदालमः’ जिमो जिगतम् कदे सब पददाथर्थ और जिहीवयों ककी ससंख्यदा करतदा हहै, इसचलए उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘कदाल’ हहै।
93. (चशषचॢ चवशदेष णदे) इस धदातगु सदे ‘शदेष’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः चशष्यतदे स शदेष मः’ जिमो उत्पचत्त
और प्रलय सदे शदेष अथदार्थतम् बच रहदा हहै, इसचलए उस परमदात्मदा कदा नदाम ‘शदेष ’ हहै।
94. (आपचॢ व्यदाप्तचौ) इस धदातगु सदे ‘आप्त’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः सवदार्थन म् धमदार्थत् मन आप्नमोचत वदा
सवर्वैध र्थम दार्थत् मचभरदाप्यतदे छलदाचदरचहतमः स आप्तमः’ जिमो सत्यमोपददेशक, सकल चवददायक्त गु , सब धमदार्थत्मदाओसं कमो प्रदाप्त
हमोतदा हहै और धमदार्थत्मदाओसं सदे प्रदाप्त हमोनदे यमोग्य छल-कपटदाचद सदे रचहत हहै, इसचलयदे उस परमदात्मदा कदा नदाम ‘आप्त’
हहै।
95. (डगु कक ञिम् करणदे) ‘शमम्’ पभूवर्थक इस धदातगु सदे ‘शङर’ शब्द चसद्ध हह आ हहै। ‘यमः शङल्यदाणसं सगुखसं
करमोचत स शङरमः’ जिमो कल्यदाण अथदार्थतम् सगुख कदा करनदेहदारदा हहै, इससदे उस ईश्वर कदा नदाम ‘शङर’ हहै।
96. ‘महतम्’ शब्द पभूवर्थक ‘ददेव’ शब्द सदे ‘महदाददेव’ चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमो महतदासं ददेव मः स महदाददेव मः’
जिमो महदानम् ददेवयों कदा ददेव अथदार्थतम् चवद्विदानयों कदा भही चवद्विदानम्, सभूयदार्थचद पददाथर्यों कदा प्रकदाशक हहै, इसचलए उस परमदात्मदा कदा
नदाम ‘महदाददेव ’ हहै।
97. (प्रहीञिम् तपर्थण दे कदान्तचौ च) इस धदातगु सदे ‘चप्रय’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः पकण दाचत प्रहीयतदे वदा स
चप्रयमः’ जिमो सब धमदार्थत्मदाओसं, मगुमगुकगुओसं और चशष्टयों कमो प्रसन्न करतदा और सब कमो कदामनदा कदे यमोग्य हहै, इसचलए
उस ईश्वर कदा नदाम ‘चप्रय’ हहै।
98. (भभू सत्तदायदामम्) ‘स्वयसं’ पभूवर्थक इस धदातगु सदे ‘स्वयम्भभू’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः स्वयसं भवचत
स स्वयम्भभूर हीश्वरमः’ जिमो आप सदे आप हही हहै, चकसही सदे कभही उत्पन्न नहह हह आ, इस सदे उस परमदात्मदा कदा नदाम
‘स्वयम्भभू’ हहै।
99. (कगु शब्ददे) इस धदातगु सदे ‘कचव’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘यमः कचौचत शब्दयचत सवदार्थ चवददामः स
कचवरहीश्वरमः’ जिमो वदेद द्विदारदा सब चवददाओसं कदा उपददेष्टदा और वदेत्तदा हहै, इसचलए उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘कचव’ हहै।

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100. (चशवगु कल्यदाणदे) इस धदातगु सदे ‘चशव’ शब्द चसद्ध हमोतदा हहै। ‘बहह ल मदेत चन्नदशर्थन मम्’ इससदे
चशवगु धदातगु मदानदा जिदातदा हहै, जिमो कल्यदाणस्वरूप और कल्यदाण कदा करनदेहदारदा हहै, इसचलए उस परमदेश्वर कदा नदाम
‘चशव’ हहै।
यदे सचौ नदाम परमदेश्वर कदे चलखदे हमैं। परन्तगु इन सदे चभन्न परमदात्मदा कदे अससंख्य नदाम हमैं। क्ययोंचक जिहैसदे परमदेश्वर
कदे अनन्त गगुण, कमर्थ, स्वभदाव हमैं, वहैसदे उस कदे अनन्त नदाम भही हमैं। उनममें सदे प्रत्यदेक गगुण , कमर्थ और स्वभदाव कदा
एक-एक नदाम हहै। इस सदे यदे मदेरदे चलखदे नदाम समगुद्र कदे सदामनदे चवन्दवगु तम् हमैं। क्ययोंचक वदेददाचद शदासयों ममें परमदात्मदा कदे
अससंख्य गगुण, कमर्थ, स्वभदाव व्यदाख्यदात चकयदे हमैं। उनकदे पढ़नदे पढ़दानदे सदे बमोध हमो सकतदा हहै। और अन्य पददाथर्यों कदा
जदान भही उन्हह कमो पभूरदा-पभूरदा हमो सकतदा हहै, जिमो वदेददाचदशदासयों कमो पढ़तदे हमैं।
(प्रश्न) जिहैसदे अन्य ग्रन्थकदार लमोग आचद, मध्य और अन्त ममें मङलदाचरण करतदे हमैं वहैसदे आपनदे कगु छ भही
न चलखदा, न चकयदा?
(उत्तर) ऐसदा हम कमो करनदा यमोग्य नहह। क्ययोंचक जिमो आचद, मध्य और अन्त ममें मङल करदेगदा तमो उसकदे
ग्रन्थ ममें आचद मध्य तथदा अन्त कदे बहीच ममें जिमो कगु छ लदेख हमोगदा वह अमङल हही रहदेगदा। इसचलए ‘मङलदाचरणसं
चशष्टदाचदारदातम् फलदशर्थन दाच्छछ चततश्चदेच त ’ यह सदासंख्यशदास कदा वचन हहै। इस कदा यह अचभप्रदाय हहै चक जिमो न्यदाय ,
पकपदातरचहत, सत्य, वदेदमोक्त ईश्वर ककी आजदा हहै, उसही कदा यथदावतम् सवर्थत्र और सददा आचरण करनदा मङलदाचरण
कहदातदा हहै। ग्रन्थ कदे आरम्भ सदे लदे कदे समदाचप्तपयर्थन्त सत्यदाचदार कदा करनदा हही मङलदाचरण हहै , न चक कहह मङल
और कहह अमङल चलखनदा। ददेचखए, महदाशय महचषर्थययों कदे लदेख कमो—
यदान्यनवददाचन कमदार्थच ण तदाचन सदेच वतव्यदाचन नमो इतरदाचण॥
—यह तहैचत्तरहीयमोपचनषतम् कदा वचन हहै।
हदे सन्तदानमो! जिमो ‘अनवद’ अचनन्दनहीय अथदार्थतम् धमर्थयक्त
गु कमर्थ हमैं वदे हही तगुम कमो करनदे यमोग्य हमैं , अधमर्थयक्त
गु
नहह।
इसचलए जिमो आधगुचनक ग्रन्थयों ममें ‘श्रहीगणदेश दाय नममः’, ‘सहीतदारदामदाभ्यदासं नममः’, ‘रदाधदाकक ष्णदाभ्यदासं
नममः’, ‘श्रहीगगुरु चरणदारचवन्ददाभ्यदासं नममः’, ‘हनगुम तदे नममः’, ‘दगुग दार्थय है नममः’, ‘वटगु कदाय नममः’, ‘भहैर वदाय
नममः’, ‘चशवदाय नममः’, ‘सरस्वत्यहै नममः’, ‘नदारदायणदाय नममः’ इत्यदाचद लदेख ददेखनदे ममें आतदे हमैं, इन कमो
बगुचद्धमदानम् लमोग वदेद और शदासयों सदे चवरुद्ध हमोनदे सदे चमथ्यदा हही समझतदे हमैं। क्ययोंचक वदेद और ऋचषययों कदे ग्रन्थयों ममें कहह
ऐसदा मङलदाचरण ददेखनदे ममें नहह आतदा और आषर्थ ग्रन्थयों ममें ‘ओ३मम्’ तथदा ‘अथ’ शब्द तमो ददेखनदे ममें आतदा हहै।
ददेखमो—
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‘अथ शब्ददानगुश दासनमम्’। अथदेत् ययसं शब्दमोऽचधकदारदाथर्थमः प्रयगुज् यतदे।


—यह व्यदाकरणमहदाभदाष्य।
‘अथदातमो धमर्थच जिजदासदा’। अथदेत् यदानन्तयर्वे वदेद दाध्ययनदानन्तरमम्।
—यह पभूवर्थमहीमदासंसदा।
‘अथदातमो धमर्वं व्यदाख्यदास्यदाममः’। अथदेच त धमर्थक थनदानन्तरसं धमर्थल कणसं चवशदेष देण
व्यदाख्यदास्यदाममः।
—यह वहैशदेचषकदशर्थन।
‘अथ यमोगदानगुश दासनमम्’। अथदेत् ययमचधकदारदाथर्थमः ।
—यह यमोगशदास।
‘अथ चत्रचवधद गुमः खदात्यन्तचनवकच त्तरत्यन्तपगुरु षदाथर्थमः ।’ सदासंस दाररकचवषयभमोगदानन्तरसं चत्रचवध-
दगुमः खदात्यन्तचनवकत्त् यथर्थमः प्रयत्नमः कत्तर्थव् यमः।
—यह सदासंख्यशदास।
‘अथदातमो ब्रह्मचजिजदासदा’।
—यह वदेददान्तसभूत्र हहै।
‘ओचमत्यदेत दकरमगुद हीथमगुप दासहीत’।
—यह छदान्दमोग्य उपचनषतम् कदा वचन हहै।
‘ओचमत्यदेत दकरचमदसं सवर्वं तस्यमोपव्यदाख्यदानमम्’ ।
—यह मदाण्डभू क्य उपचनषतम् कदे आरम्भ कदा वचन हहै।
ऐसदे हही अन्य ऋचष मगुचनययों कदे ग्रन्थयों ममें ‘ओमम्’ और ‘अथ’ शब्द चलखदे हमैं, वहैसदे हही (अचग्नि, इटम् ,
अचग्नि, यदे चत्रषप्तदामः पररयचन्त) यदे शब्द चदारयों वदेदयों कदे आचद ममें चलखदे हमैं। ‘श्रहीगणदेश दाय नममः’ इत्यदाचद शब्द कहह
नहह। और जिमो वहैचदक लमोग वदेद कदे आरम्भ ममें ‘हररमः ओमम्’ चलखतदे और पढ़तदे हमैं, यह पचौरदाचणक और तदाचन्त्रक
लमोगयों ककी चमथ्यदा कल्पनदा सदे सहीखदे हमैं। वदेददाचदशदासयों ममें ‘हरर’ शब्द आचद ममें कहह नहह। इसचलए ‘ओ३मम्’ वदा
‘अथ’ शब्द हही ग्रन्थ कदे आचद ममें चलखनदा चदाचहए।
यह चकचञ्चत्मदात्र ईश्वर कदे चवषय ममें चलखदा, अब इस कदे आगदे चशकदा कदे चवषय ममें चलखदा जिदायगदा।
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे

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सगुभ दाषदाचवभभूच षत ईश्वरनदामचवषयदे


प्रथममः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥1॥

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अथ चद्वितहीयसमगुल दासदारम्भमः
अथ चशकदासं प्रवक्ष्यदाममः
मदातकम दानम् चपतकम दानदाचदायर्थव दानम् पगुरु षमो वदेद ।
—यह शतपथ ब्रदाह्मण कदा वचन हहै।
वस्तगुतमः जिब तहीन उत्तम चशकक अथदार्थतम् एक मदातदा, दस भू रदा चपतदा और तहीसरदा आचदायर्थ हमोवदे तभही मनगुष्य
जदानवदानम् हमोतदा हहै। वह कगु ल धन्य! वह सन्तदान बड़दा भदाग्यवदानम्! चजिसकदे मदातदा और चपतदा धदाचमर्थक चवद्विदानम् हयों।
चजितनदा मदातदा सदे सन्तदानयों कमो उपददेश और उपकदार पहह संचतदा हहै उतनदा चकसही सदे नहह। जिहैसदे मदातदा सन्तदानयों पर प्रदेम ,
उन कदा चहत करनदा चदाहतही हहै उतनदा अन्य कमोई नहह करतदा। इसहीचलए (मदातकमदानम्) अथदार्थतम् ‘प्रशस्तदा धदाचमर्थक की
चवदगुष ही मदातदा चवदतदे यस्य स मदातकम दानम्’ धन्य वह मदातदा हहै चक जिमो गभदार्थधदान सदे लदेकर जिब तक पभूरही चवददा न हमो
तब तक सगुशहीलतदा कदा उपददेश करदे।
मदातदा और चपतदा कमो अचत उचचत हहै चक गभदार्थधदान कदे पभूवर्थ, मध्य और पश्चदातम् मदादक द्रव्य, मद, दगगु र्थन्ध,
रूक, बगुचद्धनदाशक पददाथर्यों कमो छमोड़ कदे जिमो शदाचन्त, आरमोग्य, बल, बगुचद्ध, परदाक्रम और सगुशहीलतदा सदे सभ्यतदा कमो
प्रदाप्त करमें वहैसदे घकत, दग्गु ध, चमष्ट, अन्नपदान आचद श्रदेष्ठि पददाथर्यों कदा सदेवन करमें चक चजिससदे रजिसम् वहीयर्थ भही दमोषयों सदे
रचहत हमोकर अत्यगुत्तम गगुणयगुक्त हमो। जिहैसदा ऋतगुगमन कदा चवचध अथदार्थतम् रजिमोदशर्थन कदे पदासंचवमें चदवस सदे लदेकदे समोलहवमें
चदवस तक ऋतगुददान ददेनदे कदा समय हहै उन चदनयों ममें सदे प्रथम कदे चदार चदन त्यदाज्य हमैं, रहदे 12 चदन, उनममें
एकदादशही और त्रयमोदशही कमो छमोड़ कदे बदाककी 10 रदाचत्रययों ममें गभदार्थधदान करनदा उत्तम हहै। और रजिमोदशर्थन कदे चदन सदे
लदेकदे 16 वह रदाचत्र कमो पश्चदातम् न समदागम करनदा। पगुनमः जिब तक ऋतगुददान कदा समय पभूवर्वोक्त न आवदे तब तक और
गभर्थचस्थचत कदे पश्चदातम् एक वषर्थ तक ससंयक्त गु न हयों। जिब दमोनयों कदे शरहीर ममें आरमोग्य, परस्पर प्रसन्नतदा, चकसही प्रकदार
कदा शमोक न हमो। जिहैसदा चरक और सगुश्रगुत ममें भमोजिन छदादन कदा चवधदान और मनगुस्मकचत ममें सही पगुरुष ककी प्रसन्नतदा ककी
रहीचत चलखही हहै उसही प्रकदार करमें और वतर्त्तें। गभदार्थधदान कदे पश्चदातम् सही कमो बहह त सदावधदानही सदे भमोजिन छदादन करनदा
चदाचहए। पश्चदातम् एक वषर्थ पयर्थन्त सही पगुरुष कदा ससंग न करदे। बगुचद्ध, बल, रूप, आरमोग्य, परदाक्रम, शदाचन्त आचद
गगुणकदारक द्रव्ययों हही कदा सदेवन सही करतदे रहहै चक जिब तक सन्तदान कदा जिन्म न हमो।
जिब जिन्म हमो तब अच्छदे सगुगचन्धयगुक्त जिल सदे बदालक कमो स्नदान, नदाड़हीछदेदन करकदे सगुगचन्धयगुक्त घकतदाचद कदा
हमोम1 और सही कदे भही स्नदान भमोजिन कदा यथदायमोग्य प्रबन्ध करदे चक चजिस सदे बदालक और सही कदा शरहीर क्रमशमः
आरमोग्य और पगुष्ट हमोतदा जिदाय। ऐसदा पददाथर्थ उस ककी मदातदा वदा धदायही खदावदे चक चजिस सदे द धभू ममें भही उत्तम गगुण प्रदाप्त हयों।

1
बदालक कदे जिन्म समय ममें ‘जिदातकमर्थससंस्कदार’ हमोतदा हहै उस ममें हवनदाचद वदेदमोक्त कमर्थ हमोतदे हमैं वदे श्रही स्वदामही जिही नदे
‘ससंस्कदारचवचध’ ममें सचवस्तदार चलख चदयदे हमैं। समथर्थददान।
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चद्वितहीयमः समगुल दासमः
52

प्रसभूतदा कदा दधभू छमः चदन तक बदालक कमो चपलदावदे। पश्चदातम् धदायही चपलदायदा करदे परन्तगु धदायही कमो उत्तम पददाथर्यों कदा
खदान पदान मदातदा-चपतदा करदावमें। जिमो कमोई दररद्र हमो, धदायही कमो न रख सकदे तमो वदे गदाय वदा बकरही कदे दधभू ममें उत्तम
औषचध जिमो चक बगुचद्ध, परदाक्रम, आरमोग्य करनदे हदारही हयों उनकमो शगुद्ध जिल ममें चभजिदा, औटदा, छदान कदे दधभू कदे समदान
जिल चमलदाकदे बदालक कमो चपलदावमें। जिन्म कदे पश्चदातम् बदालक और उसककी मदातदा कमो दस भू रदे स्थदान जिहदाह कदा वदायगु शगुद्ध
हमो वहदासं रक्खमें सगुगन्ध तथदा दशर्थनहीय पददाथर्थ भही रक्खमें और उस ददेश ममें भ्रमण करदानदा उचचत हहै चक जिहदासं कदा वदाय गु
शगुद्ध हमो और जिहदासं धदायही, गदाय, बकरही आचद कदा दधभू न चमल सकदे वहदासं जिहैसदा उचचत समझमें वहैसदा करमें। क्ययोंचक
प्रसभूतदा सही कदे शरहीर कदे असंश सदे बदालक कदा शरहीर हमोतदा हहै, इसही सदे सही प्रसव समय चनबर्थल हमो जिदातही हहै इसचलयदे
प्रसभूतदा सही दधभू न चपलदावदे। दधभू रमोकनदे कदे चलयदे स्तन कदे चछद्र पर उस ओषधही कदा लदेप करदे चजिससदे दधभू स्रचवत न
हमो। ऐसदे करनदे सदे दस भू रदे महहीनदे ममें पगुनरचप यगुवतही हमो जिदातही हहै। तब तक पगुरुष ब्रह्मचयर्थ सदे वहीयर्थ कदा चनग्रह रक्खदे। इस
प्रकदार जिमो सही वदा पगुरुष करमेंगदे उनकदे उत्तम सन्तदान, दहीघदार्थय,गु बल परदाक्रम ककी वकचद्ध हमोतही हही रहदेगही चक चजिससदे
सब सन्तदान उत्तम बल, परदाक्रमयगुक्त, दहीघदार्थय,गु धदाचमर्थक हयों। सही यमोचनसङमोच , शमोधन और पगुरुष वहीयर्थ कदा
स्तम्भन करदे। पगुनमः सन्तदान चजितनदे हयोंगदे वदे भही सब उत्तम हयोंगदे। बदालकयों कमो मदातदा सददा उत्तम चशकदा करदे , चजिससदे
सन्तदान सभ्य हयों और चकसही अङ सदे कगु चदेष्टदा न करनदे पदावमें। जिब बमोलनदे लगमें तब उसककी मदातदा बदालक ककी चजिहदा
चजिस प्रकदार कमोमल हमोकर स्पष्ट उच्चिदारण कर सकदे वहैसदा उपदाय करदे चक जिमो चजिस वणर्थ कदा स्थदान , प्रयत्न अथदार्थतम्
जिहैसदे ‘प’ इसकदा ओष्ठि स्थदान और स्पकष्ट प्रयत्न दमोनयों ओष्ठियों कमो चमलदाकर बमोलनदा; ह्रस्व, दहीघर्थ, पहत अकरयों कमो
ठहीक-ठहीक बमोल सकनदा। मधगुर, गम्भहीर, सगुन्दर स्वर, अकर, मदात्र, पद, वदाक्य, ससंचहतदा अवसदान चभन्न-चभन्न
श्रवण हमोवदे। जिब वह कगु छ-कगु छ बमोलनदे और समझनदे लगदे तब सगुन्दर वदाणही और बड़दे , छमोटदे, मदान्य, चपतदा, मदातदा,
रदाजिदा, चवद्विदानम् आचद सदे भदाषण, उनसदे वत्तर्थमदान और उनकदे पदास बहैठनदे आचद ककी भही चशकदा करमें चजिस सदे कहह उन
कदा अयमोग्य व्यवहदार न हमो कदे सवर्थत्र प्रचतष्ठिदा हह आ करदे। जिहैसदे सन्तदान चजितदेचन्द्रय, चवददाचप्रय और सत्ससंग ममें रुचच करमें
वहैसदा प्रयत्न करतदे रहमें। व्यथर्थ क्रकीडदा, रमोदन, हदास्य, लड़दाई, हषर्थ, शमोक, चकसही पददाथर्थ ममें लमोलगुपतदा, ईष्यदार्थ,
द्विदेषदाचद न करमें। उपस्थदेचन्द्रय सदे स्पशर्थ और मदर्थन सदे वहीयर्थ ककी कहीणतदा, नपगुसंसकतदा हमोतही और हस्त ममें दगगु र्थन्ध भही
हमोतदा हहै इससदे उसकदा स्पशर्थ न करमें। सददा सत्यभदाषण शचौयर्थ , धहैयर्थ, प्रसन्नवदन आचद गगुणयों ककी प्रदाचप्त चजिस प्रकदार
हमो, करदावमें।
जिब पदासंच-पदासंच वषर्थ कदे लड़कदा लड़ककी हयों तब ददेवनदागरही अकरयों कदा अभ्यदास करदावमें। अन्य ददेशहीय भदाषदाओसं
कदे अकरयों कदा भही। उसकदे पश्चदातम् चजिन सदे अच्छही चशकदा, चवददा, धमर्थ, परमदेश्वर, मदातदा, चपतदा, आचदायर्थ, चवद्विदानम्,
अचतचथ, रदाजिदा, प्रजिदा, कगु टगु म्ब, बन्धगु, भचगनही, भकत्य आचद सदे कहै सदे-कहै सदे वत्तर्थनदा इन बदातयों कदे मन्त्र, श्लमोक,
सभूत्र, गद, पद भही अथर्थ सचहत कण्ठस्थ करदावमें। चजिन सदे सन्तदान चकसही धभूतर्थ कदे बहकदानदे ममें न आवमें और जिमो-जिमो
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चवददा, धमर्थचवरुद्ध भ्रदाचन्तजिदाल ममें चगरदानदे वदालदे व्यवहदार हमैं उन कदा भही उपददेश कर दमें चजिस सदे भभूत प्रदेत आचद चमथ्यदा
बदातयों कदा चवश्वदास न हमो।
गगुर मोमः प्रदेत स्य चशष्यस्तगु चपतकम धदे सं समदाचरनम्।
प्रदेत हदारहैमः समसं तत्र दशरदात्रदेण शगुद् ध्यचत॥ मनगु॰॥
अथर्थ— जिब गगुरु कदा प्रदाणदान्त हमो तब मकतकशरहीर चजिस कदा नदाम प्रदेत हहै उस कदा ददाह करनदेहदारदा चशष्य
प्रदेतहदार अथदार्थतम् मकतक कमो उठदानदे वदालयों कदे सदाथ दशवमें चदन शगुद्ध हमोतदा हहै।
और जिब उस शरहीर कदा ददाह हमो चगुकदा तब उस कदा नदाम भभूत हमोतदा हहै अथदार्थतम् वह अमगुकनदामदा पगुरुष थदा।
चजितनदे उत्पन्न हयों, वत्तर्थमदान ममें आ कदे न रहमें वदे भभूतस्थ हमोनदे सदे उन कदा नदाम भभूत हहै। ऐसदा ब्रह्मदा सदे लदेकदे आजि पयर्थन्त
कदे चवद्विदानयों कदा चसद्धदान्त हहै परन्तगु चजिस कमो शङदा, कगु ससंग, कगु ससंस्कदार हमोतदा हहै उस कमो भय और शसंकदारूप भभूत,
प्रदेत, शदाचकनही, डदाचकनही आचद अनदेक भ्रमजिदाल दमःगु खददायक हमोतदे हमैं।
ददेखमो! जिब कमोई प्रदाणही मरतदा हहै तब उसकदा जिहीव पदाप, पगुण्य कदे वश हमोकर परमदेश्वर ककी व्यवस्थदा सदे
सगुख दमःगु ख कदे फल भमोगनदे कदे अथर्थ जिन्मदान्तर धदारण करतदा हहै। क्यदा इस अचवनदाशही परमदेश्वर ककी व्यवस्थदा कदा कमोई
भही नदाश कर सकतदा हहै? अजदानही लमोग वहैदक शदास वदा पददाथर्थचवददा कदे पढ़नदे, सगुननदे और चवचदार सदे रचहत हमोकर
सचन्नपदातज्वरदाचद शदारहीररक और उन्मदाददाचद मदानस रमोगयों कदा नदाम भभूत प्रदेतदाचद धरतदे हमैं। उन कदा औषधसदेवन और
पथ्यदाचद उचचत व्यवहदार न करकदे उन धभूतर्थ, पदाखण्डही, महदामभूखर्थ, अनदाचदारही, स्वदाथर्त्ती, भङही, चमदार, शभूद्र,
म्लदेच्छदाचद पर भही चवश्वदासही हमोकर अनदेक प्रकदार सदे ढयोंग , छल, कपट और उचच्छष्ट भमोजिन, डमोरदा, धदागदा आचद
चमथ्यदा मन्त्र यन्त्र बदासंधतदे-बसंधवदातदे चफरतदे हमैं। अपनदे धन कदा नदाश, सन्तदान आचद ककी ददगु र्थशदा और रमोगयों कमो बढ़दा कर
दमःगु ख ददेतदे चफरतदे हमैं। जिब आसंख कदे अन्धदे और गदासंठ कदे पभूरदे उन दबगु गुर्थचद्ध पदापही स्वदाचथर्थययों कदे पदास जिदाकर पभूछतदे हमैं चक
—‘महदारदाजि! इस लड़कदा, लड़ककी, सही और पगुरुष कमो न जिदानदे क्यदा हमो गयदा हहै ?’ तब वदे बमोलतदे हमैं चक ‘इस कदे
शरहीर ममें बड़दा भभूत, प्रदेत, भहैरव, शहीतलदा आचद ददेवही आ गई हहै, जिब तक तगुम इस कदा उपदाय न करमोगदे तब तक यदे
न छभूटमेंगदे और प्रदाण भही लदे लमेंगदे। जिमो तगुम मलहीददा वदा इतनही भमेंट दमो तमो मन्त्र जिप पगुरश्चरण सदे झदाड़ कदे इन कमो
चनकदाल दमें। तब वदे अन्धदे और उन कदे सम्बन्धही बमोलतदे हमैं चक— ‘महदारदाजि! चदाहदे हमदारदा सवर्थस्व जिदाओ परन्तगु इन
कमो अच्छदा कर दहीचजिए। ’ तब तमो उन ककी बन पड़तही हहै। वदे धभूत्तर्थ कहतदे हमैं—‘अच्छदा लदाओ इतनही सदामग्रही, इतनही
दचकणदा, ददेवतदा कमो भमेंट और ग्रहददान करदाओ। ’ झदासंझ, मकदङ, ढमोल, थदालही लदेकदे उसकदे सदामनदे बजिदातदे गदातदे और
उन ममें सदे एक पदाखण्डही उन्मत्त हमोकदे नदाच कभू द कदे कहतदा हहै—‘ममैं इसकदा प्रदाण हही लदे लभूहगदा। ’ तब वदे अन्धदे उस
भङही चमदार आचद नहीच कदे पगयों ममें पड़ कदे कहतदे हमैं—‘आप चदाहमें समो लहीचजियदे इस कमो बचदाइयदे। ’ तब वह धभूत्तर्थ
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बमोलतदा हहै ममैं हनगुमदानम् हह ह, लदाओ पककी चमठदाई, तदेल, चसन्दरभू , सवदा मन कदा रमोट और लदाल लसंगमोट। ममैं ददेवही वदा भहैरव
हह सं, लदाओ पदासंच बमोतल मद, बहीस मगुगर्त्ती, पदासंच बकरदे, चमठदाई और वस। ’ जिब वदे कहतदे हमैं चक—‘जिमो चदाहमो समो
लमो’ तब तमो वह पदागल बहह त नदाचनदे कभू दनदे लगतदा हहै परन्तगु जिमो कमोई बगुचद्धमदानम् उनककी भमेंट ‘पदासंच जिभूतदा, दण्डदा वदा
चपदेटदा, लदातमें मदारमें’ तमो उसकदे हनगुमदानम्, ददेवही और भहैरव झट प्रसन्न हमोकर भदाग जिदातदे हमैं। क्ययोंचक वह उन कदा कदे वल
धनदाचद हरण करनदे कदे प्रयमोजिनदाथर्थ ढयोंग हहै।
और जिब चकसही ग्रहग्रस्त ग्रहरूप ज्यमोचतचवर्थददाभदास कदे पदास जिदाकदे वदे कहतदे हमैं—‘हदे महदारदाजि! इस कमो क्यदा
हहै?’ तब वदे कहतदे हमैं चक—‘इस पर सभूयदार्थचद क्रभूर ग्रह चढ़दे हमैं। जिमो तगुम इन ककी शदाचन्त, पदाठ, पभूजिदा, ददान करदाओ
तमो इस कमो सगुख हमो जिदाय, नहह तमो बहह त पहीचड़त हमोकर मर जिदाय तमो भही आश्चयर्थ नहह।’
(उत्तर) कचहयदे ज्यमोचतचवर्थतम्! जिहैसही यह पकचथवही जिड़ हहै वहैसदे हही सभूयदार्थचद लमोक हमैं, वदे तदाप और प्रकदाशदाचद
सदे चभन्न कगु छ भही नहह कर सकतदे। क्यदा यदे चदेतन हमैं जिमो क्रमोचधत हमोकदे दमःगु ख और शदान्त हमोकदे सगुख ददे सकमें ?
(प्रश्न) क्यदा जिमो यह ससंसदार ममें रदाजिदा प्रजिदा सगुखही दमःगु खही हमो रहदे हमैं यह ग्रहयों कदा फल नहह हहै?
(उत्तर) नहह, यदे सब पदाप पगुण्ययों कदे फल हमैं।
(प्रश्न) तमो क्यदा ज्यमोचतषशदास झभूठदा हहै?
(उत्तर) नहह, जिमो उसममें असंक, बहीजि, रदेखदागचणत चवददा हहै वह सब सच्चिही, जिमो फल ककी लहीलदा हहै वह
सब झभूठही हहै।
(प्रश्न) क्यदा जिमो यह जिन्मपत्र हहै समो चनष्फल हहै।
(उत्तर) हदासं, वह जिन्मपत्र नहह चकन्तगु उसकदा नदाम ‘शमोकपत्र’ रखनदा चदाचहयदे क्ययोंचक जिब सन्तदान कदा
जिन्म हमोतदा हहै तब सब कमो आनन्द हमोतदा हहै। परन्तगु वह आनन्द तब तक हमोतदा हहै चक जिब तक जिन्मपत्र बनकदे ग्रहयों
कदा फल न सगुनदे। जिब पगुरमोचहत जिन्मपत्र बनदानदे कमो कहतदा हहै तब उस कदे मदातदा, चपतदा पगुरमोचहत सदे कहतदे हमैं
—‘महदारदाजि! आप बहह त अच्छदा जिन्मपत्र बनदाइयदे’ जिमो धनदाढ्य हयों तमो बहह त सही लदाल पहीलही रदेखदाओसं सदे चचत्र
चवचचत्र और चनधर्थन हमो तमो सदाधदारण रहीचत सदे जिन्मपत्र बनदाकदे सगुनदानदे कमो आतदा हहै। तब उसकदे मदासं बदाप ज्यमोचतषही जिही
कदे सदामनदे बहैठ कदे कहतदे हमैं—‘इस कदा जिन्मपत्र अच्छदा तमो हहै?’ ज्यमोचतषही कहतदा हहै—‘जिमो हहै समो सगुनदा ददेतदा हह सं।
इसकदे जिन्मग्रह बहह त अच्छदे और चमत्रग्रह भही बहह त अच्छदे हमैं चजिन कदा फल धनदाढ्य और प्रचतष्ठिदावदानम् , चजिस सभदा ममें
जिदा बहैठदेगदा तमो सब कदे ऊपर इस कदा तदेजि पड़देगदा। शरहीर सदे आरमोग्य और रदाज्यमदानही हमोगदा। ’ इत्यदाचद बदातमें सगुनकदे
चपतदा आचद बमोलतदे हमैं—‘वदाह वदाह ज्यमोचतषही जिही! आप बहह त अच्छदे हमो।’ ज्यमोचतषही जिही समझतदे हमैं इन बदातयों सदे
कदायर्थ चसद्ध नहह हमोतदा। तब ज्यमोचतषही बमोलतदा हहै—‘यदे ग्रह तमो बहह त अच्छदे हमैं परन्तगु यदे ग्रह क्रभूर हमैं अथदार्थतम् फलदानदे-
फलदानदे ग्रह कदे यमोग सदे 8 वषर्थ ममें इस कदा मकत्यगुयमोग हहै।’ इस कमो सगुन कदे मदातदा चपतदाचद पगुत्र कदे जिन्म कदे आनन्द कमो
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छमोड़ कदे शमोकसदागर ममें डभू ब कर ज्यमोचतषही सदे कहतदे हमैं चक ‘महदारदाजि जिही! अब हम क्यदा करमें?’ तब ज्यमोचतषही जिही
कहतदे हमैं—‘उपदाय करमो’। गकहस्थ पभूछदे ‘क्यदा उपदाय करमें।’ ज्यमोचतषही जिही प्रस्तदाव करनदे लगतदे हमैं चक ‘ऐसदा-ऐसदा
ददान करमो। ग्रह कदे मन्त्र कदा जिप करदाओ और चनत्य ब्रदाह्मणयों कमो भमोजिन करदाओगदे तमो अनगुमदान हहै चक नवग्रहयों कदे
चवघ्न हट जिदायमेंगदे। ’ अनगुमदान शब्द इसचलयदे हहै चक जिमो मर जिदायदेगदा तमो कहमेंगदे हम क्यदा करमें परमदेश्वर कदे ऊपर कमोई
नहह हहै। हम नदे तमो बहह त सदा यत्न चकयदा और तगुम नदे करदायदा, उस कदे कमर्थ ऐसदे हही थदे। और जिमो बच जिदाय तमो कहतदे
हमैं चक ददेखमो—हमदारदे मन्त्र, ददेवतदा और ब्रदाह्मणयों ककी कहै सही शचक्त हहै? तगुम्हदारदे लड़कदे कमो बचदा चदयदा। यहदासं यह बदात
हमोनही चदाचहयदे चक जिमो इनकदे जिप पदाठ सदे कगु छ न हमो तमो दनभू दे चतगगुनदे रुपयदे उन धभूतर्यों सदे लदे लदेनदे चदाचहयदे और बच जिदाय
तमो भही लदे लदेनदे चदाचहयदे क्ययोंचक जिहैसदे ज्यमोचतचषययों नदे कहदा चक ‘इस कदे कमर्थ और परमदेश्वर कदे चनयम तमोड़नदे कदा
सदामथ्यर्थ चकसही कदा नहह।’ वहैसदे गकहस्थ भही कहमें चक ‘यह अपनदे कमर्थ और परमदेश्वर कदे चनयम सदे बचदा हहै, तगुम्हदारदे
करनदे सदे नहह’ और तहीसरदे गगुरु आचद भही पगुण्य ददान करदा कदे आप लदे लदेतदे हमैं तमो उनकमो भही वहही उत्तर ददेनदा, जिमो
ज्यमोचतचषययों कमो चदयदा थदा।
अब रह गई शहीतलदा और मन्त्र तन्त्र यन्त्र आचद। यदे भही ऐसदे हही ढयोंग मचदातदे हमैं। कमोई कहतदा हहै चक ‘जिमो हम
मन्त्र पढ़ कदे डमोरदा वदा यन्त्र बनदा ददेवमें तमो हमदारदे ददेवतदा और पहीर उस मन्त्र यन्त्र कदे प्रतदाप सदे उस कमो कमोई चवघ्न नहह
हमोनदे ददेतदे। ’ उन कमो वहही उत्तर ददेनदा चदाचहयदे चक क्यदा तगुम मकत्यगु, परमदेश्वर कदे चनयम और कमर्थफल सदे भही बचदा
सकमोगदे? तगुम्हदारदे इस प्रकदार करनदे सदे भही चकतनदे हही लड़कदे मर जिदातदे हमैं और तगुम्हदारदे घर ममें भही मर जिदातदे हमैं और क्यदा
तगुम मरण सदे बच सकमोगदे? तब वदे कगु छ भही नहह कह सकतदे और वदे धभूत्तर्थ जिदान लदेतदे हमैं चक यहदासं हमदारही ददाल नहह
गलदेगही। इस सदे इन सब चमथ्यदा व्यवहदारयों कमो छमोड़ कर धदाचमर्थक , सब ददेश कदे उपकदारकत्तदार्थ, चनष्कपटतदा सदे सब कमो
चवददा पढ़दानदे वदालदे, उत्तम चवद्विदानम् लमोगयों कदा प्रत्यगुपकदार करनदा जिहैसदा वदे जिगतम् कदा उपकदार करतदे हमैं , इस कदाम कमो
कभही न छमोड़नदा चदाचहयदे। और चजितनही लहीलदा रसदायन, मदारण, ममोहन, उच्चिदाटन, वशहीकरण आचद करनदा कहतदे हमैं
उन कमो भही महदापदामर समझनदा चदाचहयदे।
इत्यदाचद चमथ्यदा बदातयों कदा उपददेश बदाल्यदावस्थदा हही ममें सन्तदानयों कदे हृदय ममें डदाल दमें चक चजिस सदे स्वसन्तदान
चकसही कदे भ्रमजिदाल ममें पड़ कदे दमःगु ख न पदावमें और वहीयर्थ ककी रकदा ममें आनन्द और नदाश करनदे ममें द मःगु खप्रदाचप्त भही जिनदा
ददेनही चदाचहयदे। जिहैसदे— ‘ददेखमो चजिस कदे शरहीर ममें सगुरचकत वहीयर्थ रहतदा हहै तब उस कमो आरमोग्य , बगुचद्ध, बल, परदाक्रम
बढ़ कदे बहह त सगुख ककी प्रदाचप्त हमोतही हहै। इसकदे रकण ममें यहही रहीचत हहै चक चवषययों ककी कथदा, चवषयही लमोगयों कदा ससंग,
चवषययों कदा ध्यदान, सही कदा दशर्थन, एकदान्त सदेवन, सम्भदाषण और स्पशर्थ आचद कमर्थ सदे ब्रह्मचदारही लमोग पकथकम् रह
कर उत्तम चशकदा और पभूणर्थ चवददा कमो प्रदाप्त हमोवमें। चजिसकदे शरहीर ममें वहीयर्थ नहह हमोतदा वह नपगुसंसक महदाकगुलकणही और
चजिस कमो प्रमदेह रमोग हमोतदा हहै वह दबगु र्थल, चनस्तदेजि, चनबगुर्थचद्ध, उत्सदाह, सदाहस, धहैयर्थ, बल, परदाक्रमदाचद गगुणयों सदे
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रचहत हमोकर नष्ट हमो जिदातदा हहै। जिमो तगुम लमोग सगुचशकदा और चवददा कदे ग्रहण, वहीयर्थ ककी रकदा करनदे ममें इस समय चभूकमोगदे
तमो पगुनमः इस जिन्म ममें तगुम कमो यह अमभूल्य समय प्रदाप्त नहह हमो सकदे गदा। जिब तक हम लमोग गकहकमर्यों कदे करनदे वदालदे
जिहीतदे हमैं तभही तक तगुम कमो चवददा-ग्रहण और शरहीर कदा बल बढ़दानदा चदाचहयदे। ’ इसही प्रकदार ककी अन्य-अन्य चशकदा भही
मदातदा और चपतदा करमें।
इसहीचलए ‘मदातकमदानम् चपतकमदानम्’ शब्द कदा ग्रहण उक्त वचन ममें चकयदा हहै अथदार्थतम् जिन्म सदे 5 वमें वषर्थ तक
बदालकयों कमो मदातदा, 6 वषर्थ सदे 8 वमें वषर्थ तक चपतदा चशकदा करमें और 9 वमें वषर्थ कदे आरम्भ ममें चद्विजि अपनदे सन्तदानयों कदा
उपनयन करकदे आचदायर्थ कगु ल ममें अथदार्थतम् जिहदासं पभूणर्थ चवद्विदानम् और पभूणर्थ चवदषगु ही सही चशकदा और चवददाददान करनदे वदालही हयों
वहदासं लड़कदे और लड़चकययों कमो भदेजि दमें और शभूद्रदाचद वणर्थ उपनयन चकयदे चवनदा चवददाभ्यदास कदे चलयदे गगुरुकगु ल ममें भदेजि
दमें। उन्हह कदे सन्तदान चवद्विदानम्, सभ्य और सगुचशचकत हमोतदे हमैं, जिमो पढ़दानदे ममें सन्तदानयों कदा लदाड़न कभही नहह करतदे
चकन्तगु तदाड़नदा हही करतदे रहतदे हमैं। इसममें व्यदाकरण महदाभदाष्य कदा प्रमदाण हहै—
सदामकत हैमः पदाचणचभघ्नर्थच न्त गगुर वमो न चवषमोचकतहैमः ।
लदालनदाश्रचयणमो दमोषदास्तदाडनदाश्रचयणमो गगुण दामः॥
अथर्थ— जिमो मदातदा, चपतदा और आचदायर्थ, सन्तदान और चशष्ययों कदा तदाड़न करतदे हमैं वदे जिदानमो अपनदे सन्तदान
और चशष्ययों कमो अपनदे हदाथ सदे अमकत चपलदा रहदे हमैं और जिमो सन्तदानयों वदा चशष्ययों कदा लदाड़न करतदे हमैं वदे अपनदे
सन्तदानयों और चशष्ययों कमो चवष चपलदा कदे नष्ट भ्रष्ट कर ददेतदे हमैं। क्ययोंचक लदाड़न सदे सन्तदान और चशष्य दमोषयगुक्त तथदा
तदाड़नदा सदे गगुणयगुक्त हमोतदे हमैं और सन्तदान और चशष्य लमोग भही तदाड़नदा सदे प्रसन्न और लदाड़न सदे अप्रसन्न सददा रहदा
करमें। परन्तगु मदातदा, चपतदा तथदा अध्यदापक लमोग ईष्यदार्थ, द्विदेष सदे तदाड़न न करमें चकन्तगु ऊपर सदे भयप्रददान और भहीतर
सदे कक पदादृचष्ट रक्खमें।
जिहैसदे अन्य चशकदा ककी वहैसही चमोरही, जिदारही, आलस्य, प्रमदाद, मदादक द्रव्य, चमथ्यदाभदाषण, चहसंसदा, क्रभूरतदा,
ईष्यदार्थ, द्विदेष, ममोह आचद दमोषयों कमो छमोड़नदे और सत्यदाचदार कदे ग्रहण करनदे ककी चशकदा करमें। क्ययोंचक चजिस पगुरुष नदे
चजिसकदे सदामनदे एक वदार चमोरही, जिदारही, चमथ्यदाभदाषणदाचद कमर्थ चकयदा उस ककी प्रचतष्ठिदा उस कदे सदामनदे मकत्यगुपयर्थन्त नहह
हमोतही। जिहैसही हदाचन प्रचतजदा चमथ्यदा करनदे वदालदे ककी हमोतही हहै वहैसही अन्य चकसही ककी नहह। इस सदे चजिस कदे सदाथ जिहैसही
प्रचतजदा करनही उस कदे सदाथ वहैसदे हही पभूरही करनही चदाचहयदे अथदार्थतम् जिहैसदे चकसही नदे चकसही सदे कहदा चक ‘ममैं तगुम कमो वदा
तगुम मगुझ सदे अमगुक समय ममें चमलभूहगदा वदा चमलनदा अथवदा अमगुक वस्तगु अमगुक समय ममें तगुम कमो ममैं द गहभू दा। ’ इस कमो वहैसदे
हही पभूरही करदे नहह तमो उसककी प्रतहीचत कमोई भही न करदेगदा, इसचलयदे सददा सत्यभदाषण और सत्यप्रचतजदायक्त गु सब कमो
हमोनदा चदाचहयदे। चकसही कमो अचभमदान करनदा यमोग्य नहह, क्ययोंचक ‘अचभमदानमः चश्रयसं हचन्त’ यह चवदरगु नहीचत कदा वचन
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हहै। जिमो अचभमदान अथदार्थतम् अहङदार हहै वह सब शमोभदा और लक्ष्मही कदा नदाश कर ददेतदा हहै , इस वदास्तदे अचभमदान करनदा
न चदाचहयदे। छल, कपट वदा कक तघ्नतदा सदे अपनदा हही हृदय दमःगु चखत हमोतदा हहै तमो दस भू रदे ककी क्यदा कथदा कहनही चदाचहयदे।
छल और कपट उसकमो कहतदे हमैं जिमो भहीतर और बदाहर और दस भू रदे कमो ममोह ममें डदाल और दस भू रदे ककी हदाचन पर ध्यदान
न ददेकर स्वप्रयमोजिन चसद्ध करनदा। ‘कक तघ्नतदा’ उस कमो कहतदे हमैं चक चकसही कदे चकए हह ए उपकदार कमो न मदाननदा।
क्रमोधदाचद दमोष और कटगु वचन कमो छमोड़ शदान्त और मधगुर वचन हही बमोलदे और बहह त बकवदाद न करदे। चजितनदा बमोलनदा
चदाचहयदे उससदे न्यभून वदा अचधक न बमोलदे। बड़यों कमो मदान्य ददे उन कदे सदामनदे उठ कर जिदा कदे उच्चिदासन पर बहैठदावदे, प्रथम
‘नमस्तदे’ करदे। उनकदे सदामनदे उत्तमदासन पर न बहैठदे। सभदा ममें वहैसदे स्थदान ममें बहैठदे जिहैसही अपनही यमोग्यतदा हमो और द स भू रदा
कमोई न उठदावदे। चवरमोध चकसही सदे न करदे। सम्पन्न हमोकर गगुणयों कदा ग्रहण और दमोषयों कदा त्यदाग रक्खमें। सज्जनयों कदा ससंग
और दष्टगु यों कदा त्यदाग, अपनदे मदातदा, चपतदा और आचदायर्थ ककी तन, मन और धनदाचद उत्तम-उत्तम पददाथर्यों सदे
प्रहीचतपभूवर्थक सदेवदा करमें।
यदान्यस्मदाकसं सगुच ररतदाचन तदाचन त्वयमोपदास्यदाचन नमो इतरदाचण॥
—यह तहैचत्त॰।
इसकदा यह अचभप्रदाय हहै चक मदातदा चपतदा आचदायर्थ अपनदे सन्तदान और चशष्ययों कमो सददा सत्य उपददेश करमें
और यह भही कहमें चक जिमो-जिमो हमदारदे धमर्थयक्त
गु कमर्थ हमैं उन-उन कदा ग्रहण करमो और जिमो-जिमो दष्टगु कमर्थ हयों उनकदा त्यदाग
कर चदयदा करमो। जिमो-जिमो सत्य जिदानदे उन-उन कदा प्रकदाश और प्रचदार करदे। चकसही पदाखण्डही दष्टगु दाचदारही मनगुष्य पर
चवश्वदास न करमें और चजिस-चजिस उत्तम कमर्थ कदे चलयदे मदातदा, चपतदा और आचदायर्थ आजदा ददेवमें उस-उस कदा यथदेष्ट
पदालन करमो। जिहैसदे मदातदा, चपतदा नदे धमर्थ, चवददा, अच्छदे आचरण कदे श्लमोक ‘चनघण्टगु ’ ‘चनरुक्त’ ‘अष्टदाध्यदायही’
अथवदा अन्य सभूत्र वदा वदेदमन्त्र कण्ठस्थ करदायदे हयों उन-उन कदा पगुनमः अथर्थ चवददाचथययों कमो चवचदत करदावमें। जिहैसदे प्रथम
समगुलदास ममें परमदेश्वर कदा व्यदाख्यदान चकयदा हहै उसही प्रकदार मदान कदे उस ककी उपदासनदा करमें। चजिस प्रकदार आरमोग्य ,
चवददा और बल प्रदाप्त हमो उसही प्रकदार भमोजिन छदादन और व्यवहदार करमें करदावमें अथदार्थतम् चजितनही कगुधदा हमो उस सदे कगु छ
न्यभून भमोजिन करदे। मद मदासंसदाचद कदे सदेवन सदे अलग रहमें। अजदात गम्भहीर जिल ममें प्रवदेश न करमें क्ययोंचक जिलजिन्तगु वदा
चकसही अन्य पददाथर्थ सदे दमःगु ख और जिमो तरनदा न जिदानदे तमो डभू ब हही जिदा सकतदा हहै। ‘नदाचवजदातदे जिलदाशयदे’ यह मनगु कदा
वचन। अचवजदात जिलदाशय ममें प्रचवष्ट हमोकदे स्नदानदाचद न करमें।
दृचष्टपभूत सं न्यसदेत म् पदादसं वसपभूत सं जिलसं चपबदेत म्।
सत्यपभूत दासं वददेदम् वदाचसं मनमःपभूत सं समदाचरदेत म्॥ मनगु॰॥

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अथर्थ— नहीचदे दृचष्ट कर ऊहचदे नहीचदे स्थदान कमो ददेख कदे चलदे, वस सदे छदान कर जिल चपयदे, सत्य सदे पचवत्र
करकदे वचन बमोलदे, मन सदे चवचदार कदे आचरण करदे।
मदातदा शत्रगुमः चपतदा वहैर ही यदेन बदालमो न पदाचठतमः।
न शमोभतदे सभदामध्यदे हसंस मध्यदे वकमो यथदा॥
यह चकसही कचव कदा वचन हहै। वदे मदातदा और चपतदा अपनदे सन्तदानयों कदे पभूणर्थ वहैरही हमैं चजिन्हयोंनदे उन कमो चवददा ककी
प्रदाचप्त न करदाई, वदे चवद्विदानयों ककी सभदा ममें वहैसदे चतरस्कक त और कगु शमोचभत हमोतदे हमैं जिहैसदे हसंसयों कदे बहीच ममें बगगुलदा। यहही
मदातदा, चपतदा कदा कत्तर्थव्य कमर्थ परमधमर्थ और ककीचतर्थ कदा कदाम हहै जिमो अपनदे सन्तदानयों कमो तन, मन, धन सदे चवददा,
धमर्थ, सभ्यतदा और उत्तम चशकदायक्त गु करनदा।
यह बदालचशकदा ममें थमोड़दा सदा चलखदा, इतनदे हही सदे बगुचद्धमदानम् लमोग बहह त समझ लमेंगदे।
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे
सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे बदालचशकदाचवषयदे
चद्वितहीयमः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥2॥

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अथ तकत हीयसमगुल दासदारम्भमः
अथदाऽध्ययनदाऽध्यदापनचवचधसं व्यदाख्यदास्यदाममः
अब तहीसरदे समगुलदास ममें पढ़नदे कदा प्रकदार चलखतदे हमैं। सन्तदानयों कमो उत्तम चवददा, चशकदा, गगुण, कमर्थ और
स्वभदावरूप आभभूषणयों कदा धदारण करदानदा मदातदा, चपतदा, आचदायर्थ और सम्बचन्धययों कदा मगुख्य कमर्थ हहै। समोनदे , चदासंदही,
मदाचणक, ममोतही, मभूहगदा आचद रत्नयों सदे यगुक्त आभभूषणयों कदे धदारण करदानदे सदे मनगुष्य कदा आत्मदा सगुभभूचषत कभही नहह हमो
सकतदा। क्ययोंचक आभभूषणयों कदे धदारण करनदे सदे कदे वल ददेहदाचभमदान , चवषयदासचक्त और चमोर आचद कदा भय तथदा मकत्यगु
कदा भही सम्भव हहै। ससंसदार ममें ददेखनदे ममें आतदा हहै चक आभभूषणयों कदे यमोग सदे बदालकदाचदकयों कदा मकत्यगु दष्टगु यों कदे हदाथ सदे
हमोतदा हहै।
चवददाचवलदासमनसमो धकत शहीलचशकदामः
सत्यरतदा रचहतमदानमलदापहदारदामः।
ससंस दारदगुमः खदलनदेन सगुभ चभू षतदा यदे
धन्यदा नरदा चवचहतकमर्थप रमोपकदारदामः॥
चजिन पगुरुषयों कदा मन चवददा कदे चवलदास ममें तत्पर रहतदा, सगुन्दर शहील स्वभदाव यगुक्त, सत्यभदाषणदाचद चनयम
पदालनयगुक्त और अचभमदान अपचवत्रतदा सदे रचहत, अन्य ककी मलहीनतदा कदे नदाशक, सत्यमोपददेश, चवददाददान सदे ससंसदारही
जिनयों कदे दमःगु खयों कदे दरभू करनदे सदे सगुभभूचषत, वदेदचवचहत कमर्यों सदे परदायदे उपकदार करनदे ममें रहतदे हमैं , वदे नर और नदारही
धन्य हमैं। इसचलयदे आठ वषर्थ कदे हयों तभही लड़कयों कमो लड़कयों ककी और लड़चकययों कमो लड़चकययों ककी शदालदा ममें भदेजि ददेवमें।
जिमो अध्यदापक पगुरुष वदा सही दष्टगु दाचदारही हयों उन सदे चशकदा न चदलदावमें, चकन्तगु जिमो पभूणर्थ चवददायक्त
गु धदाचमर्थक हयों वदे हही पढ़दानदे
और चशकदा ददेनदे यमोग्य हमैं।
चद्विजि अपनदे घर ममें लड़कयों कदा यजमोपवहीत और कन्यदाओसं कदा भही यथदायमोग्य ससंस्कदार करकदे यथमोक्त आचदायर्थ
कगु ल अथदार्थतम् अपनही-अपनही पदाठशदालदा ममें भदेजि दमें। चवददा पढ़नदे कदा स्थदान एकदान्त ददेश ममें हमोनदा चदाचहयदे और वदे लड़कदे
और लड़चकययों ककी पदाठशदालदा दमो कमोश एक दस भू रदे सदे दरभू हमोनही चदाचहयदे। जिमो वहदासं अध्यदाचपकदा और अध्यदापक पगुरुष
वदा भकत्य अनगुचर हयों वदे कन्यदाओसं ककी पदाठशदालदा ममें सब सही और पगुरुषयों ककी पदाठशदालदा ममें पगुरुष रहमें। चसययों ककी
पदाठशदालदा ममें पदासंच वषर्थ कदा लड़कदा और पगुरुषयों ककी पदाठशदालदा ममें पदासंच वषर्थ ककी लड़ककी भही न जिदानदे पदावदे। अथदार्थतम् जिब
तक वदे ब्रह्मचदारही वदा ब्रह्मचदाररणही रहमें तब तक सही वदा पगुरुष कदा दशर्थन , स्पशर्थन, एकदान्तसदेवन, भदाषण, चवषयकथदा,
परस्परक्रकीडदा, चवषय कदा ध्यदान और सङ इन आठ प्रकदार कदे महैथगुनयों सदे अलग रहमें और अध्यदापक लमोग उन कमो
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इन बदातयों सदे बचदावमें। चजिस सदे उत्तम चवददा, चशकदा, शहील, स्वभदाव, शरहीर और आत्मदा कदे बलयगुक्त हमोकदे आनन्द
कमो चनत्य बढ़दा सकमें ।
पदाठशदालदाओसं सदे एक यमोजिन अथदार्थतम् चदार कमोश दरभू ग्रदाम वदा नगर रहदे। सब कमो तगुल्य वस, खदान-पदान,
आसन चदयदे जिदायमें, चदाहदे वह रदाजिकगु मदार व रदाजिकगु मदारही हमो, चदाहदे दररद्र कदे सन्तदान हयों, सब कमो तपस्वही हमोनदा
चदाचहयदे। उन कदे मदातदा चपतदा अपनदे सन्तदानयों सदे वदा सन्तदान अपनदे मदातदा चपतदाओसं सदे न चमल सकमें और न चकसही
प्रकदार कदा पत्र-व्यवहदार एक दसभू रदे सदे कर सकमें , चजिस सदे ससंसदारही चचन्तदा सदे रचहत हमोकर कदे वल चवददा बढ़दानदे ककी
चचन्तदा रखमें। जिब भ्रमण करनदे कमो जिदायमें तब उनकदे सदाथ अध्यदापक रहमैं, चजिस सदे चकसही प्रकदार ककी कगु चदेष्टदा न कर
सकमें और न आलस्य प्रमदाद करमें।
कन्यदानदासं सम्प्रददानसं च कगु मदारदाणदासं च रकणमम्॥ मनगु॰॥
इसकदा अचभप्रदाय यह हहै चक इस ममें रदाजिचनयम और जिदाचतचनयम हमोनदा चदाचहयदे चक पदासंचवमें अथवदा आठवमें वषर्थ
सदे आगदे अपनदे लड़कयों और लड़चकययों कमो घर ममें न रख सकमें । पदाठशदालदा ममें अवश्य भदेजि ददेवमें। जिमो न भदेजिदे वह
दण्डनहीय हमो। प्रथम लड़कयों कदा यजमोपवहीत घर ममें हही हमो और दस
भू रदा पदाठशदालदा ममें आचदायर्थकगुल ममें हमो। चपतदा मदातदा वदा
अध्यदापक अपनदे लड़कदा लड़चकययों कमो अथर्थसचहत गदायत्रही मन्त्र कदा उपददेश कर दमें। वह मन्त्र—
ओ३मम् भभूभ वगुर्थ मः स्वमः। तत्सचवतगुर म् वरदेण् यसं भगर्वो ददेव स्य धहीमचह। चधयमो यमो नमः
प्रचमोदयदातम्॥
इस मन्त्र ममें जिमो प्रथम (ओ३मम्) हहै उस कदा अथर्थ प्रथमसमगुलदास ममें कर चदयदा हहै, वहह सदे जिदान लदेनदा। अब
तहीन महदाव्यदाहृचतययों कदे अथर्थ ससंकदेप सदे चलखतदे हमैं—‘भभूर रचत वहै प्रदाणमः’ ‘यमः प्रदाणयचत चरदाऽचरसं जिगतम् स भभूमः
स्वयम्भभूर हीश्वरमः’ जिमो सब जिगतम् कदे जिहीवन कदा आधदार, प्रदाण सदे भही चप्रय और स्वयम्भभू हहै उस प्रदाण कदा वदाचक
हमोकदे ‘भभूमः ’ परमदेश्वर कदा नदाम हहै। ‘भगुव ररत्यपदानमः’ ‘यमः सवर्वं दगुमः खमपदानयचत समोऽपदानमः’ जिमो सब दमःगु खयों सदे
रचहत, चजिस कदे ससंग सदे जिहीव सब दमःगु खयों सदे छभूट जिदातदे हमैं इसचलयदे उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘भगुव मः’ हहै। ‘स्वररचत
व्यदानमः’ ‘यमो चवचवधसं जिगदम् व्यदानयचत व्यदाप्नमोचत स व्यदानमः’। जिमो नदानदाचवध जिगतम् ममें व्यदापक हमोकदे सब कदा
धदारण करतदा हहै इसचलयदे उस परमदेश्वर कदा नदाम ‘स्वमः’ हहै। यदे तहीनयों वचन तहैचत्तरहीय आरण्यक कदे हमैं।
(सचवतगुमः ) ‘यमः सगुन मोत्यगु त् पदादयचत सवर्वं जिगतम् स सचवतदा तस्य’। जिमो सब जिगतम् कदा उत्पदादक और
सब ऐश्वयर्थ कदा ददातदा हहै। (ददेव स्य) ‘यमो दहीव्यचत दहीव्यतदे वदा स ददेव मः’। जिमो सवर्थसगुखयों कदा ददेनदेहदारदा और चजिस
ककी प्रदाचप्त ककी कदामनदा सब करतदे हमैं। उस परमदात्मदा कदा जिमो (वरदेण् यमम्) ‘वत्तगुमर्थ हर्थम म्’ स्वहीकदार करनदे यमोग्य अचतश्रदेष्ठि

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(भगर्थमः ) ‘शगुद्ध स्वरूपमम्’ शगुद्धस्वरूप और पचवत्र करनदे वदालदा चदेतन ब्रह्म स्वरूप हहै (ततम्) उसही परमदात्मदा कदे
स्वरूप कमो हम लमोग (धहीमचह) ‘धरदेम चह’ धदारण करमें। चकस प्रयमोजिन कदे चलयदे चक (यमः) ‘जिगदहीश्वरमः’ जिमो
सचवतदा ददेव परमदात्मदा (नमः) ‘अस्मदाकमम्’ हमदारही (चधयमः) ‘बगुद्ध हीमः’ बगुचद्धययों कमो (प्रचमोदयदातम्) ‘प्रदेर यदेत म्’
प्रदेरणदा करदे अथदार्थतम् बगुरदे कदामयों सदे छगु ड़दा कर अच्छदे कदामयों ममें प्रवकत्त करदे।
हदे परमदेश् वर! हदे सचच्चिददानन्दस्वरूप! हदे चनत्यशगुद्ध बगुद्ध मगुक्त स्वभदाव! हदे अजि चनरञ्जन चनचवर्थक दार!
हदे सवदार्थन् तयदार्थच मनम्! हदे सवदार्थध दार जिगत्पतदे सकलजिगद गुत् पदादक! हदे अनदाददे! चवश्वम्भर सवर्थव् यदाचपनम्! हदे
करुणदामकत वदाररधदे! सचवतगुद वर्वे स्य तव यदयों भभूभ गुर्थव मः स्वरम् वरदेण् यसं भगर्वो ऽ चस्त तद्वियसं धहीमचह दधहीमचह ध्यदायदेम
वदा कस्महै प्रयमोजिनदायदेत् यत्रदाह। हदे भगवनम् ! यमः सचवतदा ददेव मः परमदेश् वरमो भवदान्नस्मदाकसं चधयमः प्रचमोदयदातम् स
एवदास्मदाकसं पभूज् य उपदासनहीय इष्टददेव मो भवतगु नदातमोऽन्यसं भवत्तगुल् यसं भवतमोऽचधकसं च कचञ्चतम्
कददाचचन्मन्यदामहदे।
हदे मनगुष्यमो! जिमो सब समथर्यों ममें समथर्थ सचच्चिददानन्ददानन्तस्वरूप, चनत्य शगुद्ध, चनत्य बगुद्ध, चनत्य
मगुक्तस्वभदाव वदालदा, कक पदासदागर, ठहीक-ठहीक न्यदाय कदा करनदेहदारदा, जिन्ममरणदाचद क्लदेशरचहत, आकदाररचहत, सब कदे
घट-घट कदा जिदाननदे वदालदा, सब कदा धतदार्थ, चपतदा, उत्पदादक, अन्नदाचद सदे चवश्व कदा पमोषण करनदेहदारदा, सकल
ऐश्वयर्थयक्त
गु जिगतम् कदा चनमदार्थतदा, शगुद्धस्वरूप और जिमो प्रदाचप्त ककी कदामनदा करनदे यमोग्य हहै उस परमदात्मदा कदा जिमो शगुद्ध
चदेतनस्वरूप हहै उसही कमो हम धदारण करमें। इस प्रयमोजिन कदे चलयदे चक वह परमदेश्वर हमदारदे आत्मदा और बगुचद्धययों कदा
गु मदागर्थ सदे हटदा कदे श्रदेष्ठिदाचदार सत्य मदागर्थ ममें चलदावमें , उस कमो छमोड़कर
अन्तयदार्थमहीस्वरूप हम कमो दष्टगु दाचदार अधमर्थयक्त
दसभू रदे चकसही वस्तगु कदा ध्यदान हम लमोग नहह करमें। क्ययोंचक न कमोई उसकदे तगुल्य और न अचधक हहै वहही हमदारदा चपतदा
रदाजिदा न्यदायदाधहीश और सब सगुखयों कदा ददेनदेहदारदा हहै।
इस प्रकदार गदायत्रही मन्त्र कदा उपददेश करकदे सन्ध्यमोपदासन ककी जिमो स्नदान, आचमन, प्रदाणदायदाम आचद
चक्रयदा हमैं चसखलदावमें। प्रथम स्नदान इसचलए हहै चक चजिस सदे शरहीर कदे बदाह्य अवयवयों ककी शगुचद्ध और आरमोग्य आचद
हमोतदे हमैं। इस ममें प्रमदाण—
अचदगदार्थत्र दाचण शगुध् यचन्त मनमः सत्यदेन शगुध् यचत।
चवददातपमोभ्यदासं भभूत दात्मदा बगुच द्धजदार्थन देन शगुध् यचत॥
—यह मनगुस्मकचत कदा श्लमोक हहै।

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जिल सदे शरहीर कदे बदाहर कदे अवयव, सत्यदाचरण सदे मन, चवददा और तप अथदार्थतम् सब प्रकदार कदे कष्ट भही
सह कदे धमर्थ हही कदे अनगुष्ठिदान करनदे सदे जिहीवदात्मदा, जदान अथदार्थतम् पकचथवही सदे लदेकदे परमदेश्वर पयर्थन्त पददाथर्यों कदे चववदेक सदे
बगुचद्ध दृढ़ चनश्चय पचवत्र हमोतदा हहै। इस सदे स्नदान भमोजिन कदे पभूवर्थ अवश्य करनदा।
भू रदा प्रदाणदायदाम, इसममें प्रमदाण—
दस
प्रदाणदायदामदादशगुच द्धकयदे जदानदहीचप्तरदाचववदेक ख्यदातदेमः ॥
—यह यमोगशदास कदा सभूत्र हहै।
जिब मनगुष्य प्रदाणदायदाम करतदा हहै तब प्रचतकण उत्तरमोत्तर कदाल ममें अशगुचद्ध कदा नदाश और जदान कदा प्रकदाश
हमोतदा जिदातदा हहै। जिब तक मगुचक्त न हमो तब तक उसकदे आत्मदा कदा जदान बरदाबर बढ़तदा जिदातदा हहै।
दह्यन्तदे ध्मदायमदानदानदासं धदातभून दासं च यथदा मलदामः।
तथदेच न्द्रयदाणदासं दह्यन्तदे दमोषदामः प्रदाणस्य चनग्रहदातम्॥
—यह मनगुस्मकचत कदा श्लमोक हहै।
जिहैसदे अचग्नि ममें तपदानदे सदे सगुवणदार्थचद धदातगुओसं कदा मल नष्ट हमोकर शगुद्ध हमोतदे हमैं वहैसदे प्रदाणदायदाम करकदे मन आचद
इचन्द्रययों कदे दमोष कहीण हमोकर चनमर्थल हमो जिदातदे हमैं।
प्रदाणदायदाम ककी चवचध—
प्रच्छदर्थन चवधदारणदाभ्यदासं वदा प्रदाणस्य।
—यमोगसभूत्र।
जिहैसदे अत्यन्त वदेग सदे वमन हमोकर अन्न जिल बदाहर चनकल जिदातदा हहै वहैसदे प्रदाण कमो बल सदे बदाहर फमें क कदे
बदाहर हही यथदाशचक्त रमोक ददेवदे। जिब बदाहर चनकदालनदा चदाहदे तब मभूलदेचन्द्रय कमो ऊपर खहच कदे वदायगु कमो बदाहर फमें क ददे।
जिब तक मभूलदेचन्द्रय कमो ऊपर खहच रक्खदे तब तक प्रदाण बदाहर रहतदा हहै। इसही प्रकदार प्रदाण बदाहर अचधक ठहर
सकतदा हहै। जिब घबरदाहट हमो तब धहीरदे-धहीरदे भहीतर वदायगु कमो लदे कदे चफर भही वहैसदे हही करतदा जिदाय चजितनदा सदामथ्यर्थ और
इच्छदा हमो और मन ममें (ओ३मम्) इस कदा जिप करतदा जिदाय इस प्रकदार करनदे सदे आत्मदा और मन ककी पचवत्रतदा और
चस्थरतदा हमोतही हहै।
एक ‘बदाह्यचवषय’ अथदार्थतम् बदाहर हही अचधक रमोकनदा। दस भू रदा ‘आभ्यन्तर’ अथदार्थतम् भहीतर चजितनदा प्रदाण रमोकदा
जिदाय उतनदा रमोक कदे । तहीसरदा ‘स्तम्भवकचत्त’ अथदार्थतम् एक हही वदार जिहदासं कदा तहदासं प्रदाण कमो यथदाशचक्त रमोक ददेनदा। चचौथदा
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‘बदाह्यदाभ्यन्तरदाकदेपही’ अथदार्थतम् जिब प्रदाण भहीतर सदे बदाहर चनकलनदे लगदे तब उससदे चवरुद्ध उस कमो न चनकलनदे ददेनदे कदे
चलयदे बदाहर सदे भहीतर लदे और जिब बदाहर सदे भहीतर आनदे लगदे तब भहीतर सदे बदाहर ककी ओर प्रदाण कमो धकदा ददेकर
रमोकतदा जिदाय। ऐसदे एक दस भू रदे कदे चवरुद्ध चक्रयदा करमें तमो दमोनयों ककी गचत रुक कर प्रदाण अपनदे वश ममें हमोनदे सदे मन और
इचन्द्रयदाह भही स्वदाधहीन हमोतदे हमैं। बल पगुरुषदाथर्थ बढ़ कर बगुचद्ध तहीर सभूक्ष्मरूप हमो जिदातही हहै चक जिमो बहह त कचठन और सभूक्ष्म
चवषय कमो भही शहीघ्र ग्रहण करतही हहै। इस सदे मनगुष्य शरहीर ममें वहीयर्थ वकचद्ध कमो प्रदाप्त हमोकर चस्थर, बल, परदाक्रम,
चजितदेचन्द्रयतदा, सब शदासयों कमो थमोड़दे हही कदाल ममें समझ कर उपचस्थत कर लदेगदा। सही भही इसही प्रकदार यमोगदाभ्यदास
करदे। भमोजिन, छदादन, बहैठनदे, उठनदे, बमोलनदे, चदालनदे, बड़दे छमोटदे सदे यथदायमोग्य व्यवहदार करनदे कदा उपददेश करमें।
सन्ध्यमोपदासन चजिसकमो ब्रह्मयज भही कहतदे हमैं। ‘आचमन’ उतनदे जिल कमो हथदेलही ममें लदे कदे उस कदे मभूल
और मध्यददेश ममें ओष्ठि लगदा कदे करदे चक वह जिल कण्ठ कदे नहीचदे हृदय तक पहह संचदे , न उससदे अचधक न न्यभून। उसदे
कण्ठस्थ कफ और चपत्त ककी चनवकचत्त थमोड़ही सही हमोतही हहै। पश्चदातम् ‘मदाजिर्थन’ अथदार्थतम् मध्यमदा और अनदाचमकदा असंगगुलही
कदे अग्रभदाग सदे नदेत्रदाचद अङयों पर जिल चछड़कदे , उस सदे आलस्य दरभू हमोतदा हहै जिमो आलस्य और जिल प्रदाप्त न हमो तमो न
करदे। पगुनमः समन्त्रक प्रदाणदायदाम, मनसदापररक्रमण, उपस्थदान, पहीछदे परमदेश्वर ककी स्तगुचत, प्रदाथर्थनदा और
उपदासनदा ककी रहीचत चशखलदावदे। पश्चदातम् ‘अघमषर्थण ’ अथदार्थतम् पदाप करनदे ककी इच्छदा भही कभही न करदे। यह
सन्ध्यमोपदासन एकदान्त ददेश ममें एकदाग्रचचत्त सदे करदे।

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अपदासं समहीपदे चनयतमो नहैत् यकसं चवचधमदाचस्थतमः।


सदाचवत्रहीमप्यधहीयहीत गत्वदारण्यसं समदाचहतमः॥
—यह मनगुस्मकचत कदा वचन हहै।
जिङल ममें अथदार्थतम् एकदान्त ददेश ममें जिदा सदावधदान हमो कदे
जिल कदे समहीप चस्थत हमो कदे चनत्य कमर्थ कमो करतदा हह आ सदाचवत्रही अथदार्थतम् गदायत्रही मन्त्र कदा
उच्चिदारण अथर्थजदान और उसकदे अनगुसदार अपनदे चदाल चलन कमो करदे परन्तगु यह जिन्म सदे
करनदा उत्तम हहै।
दभू स रदा ददेव यज—जिमो अचग्निहमोत्र और चवद्विदानयों कदा ससंग सदेवदाचदक सदे हमोतदा हहै।
सन्ध्यदा और अचग्निहमोत्र सदायसं प्रदातमः दमो हही कदाल ममें करदे। दमो हही रदात चदन ककी सचन्धवदेलदा हमैं , अन्य नहह। न्यभून सदे न्यभून
एक घण्टदा ध्यदान अवश्य करदे। जिहैसदे समदाचधस्थ हमोकर यमोगही लमोग परमदात्मदा कदा ध्यदान करतदे हमैं वहैसदे हही सन्ध्यमोपदासन
भही चकयदा करमें। यथदा सभूयर्वोदय कदे पश्चदातम् और सभूयदार्थस्त कदे पभूवर्थ अचग्निहमोत्र करनदे कदा भही समय हहै। उसकदे चलए एक
चकसही धदातगु वदा चमटही ककी ऊपर 12 वदा 16 असंगगुल चचौकमोर उतनही हही गचहरही और नहीचदे 3 वदा 4 असंगगुल पररमदाण
सदे वदेद ही इस प्रकदार बनदावदे अथदार्थतम् ऊपर चजितनही चचौड़ही हमो उसककी चतगुथदार्वंश नहीचदे चचौड़ही रहदे। उसममें चन्दन पलदाश वदा
आमदाचद कदे श्रदेष्ठि कदाष्ठियों कदे टगु कड़दे उसही वदेदही कदे पररमदाण सदे बड़दे छमोटदे करकदे उस ममें रक्खदे, उसकदे मध्य ममें अचग्नि
रखकदे पगुनमः उस पर सचमधदा अथदार्थतम् पभूवर्वोक्त इन्धन रख ददे। एक प्रमोकणहीपदात्र ऐसदा

और तहीसरदा प्रणहीतदापदात्र इस प्रकदार कदा और एक इस प्रकदार ककी आज्यस्थदालही अथदार्थतम् घकत रखनदे कदा
पदात्र और चमसदा ऐसदा समोनदे, चदासंदही वदा कदाष्ठि कदा बनवदा कदे प्रणहीतदा और प्रमोकणही ममें जिल
तथदा घकतपदात्र ममें घकत रख कदे घकत कमो तपदा लदेवदे। प्रणहीतदा जिल रखनदे और प्रमोकणही
इसचलयदे हहै चक उस सदे हदाथ धमोनदे कमो जिल लदेनदा सगुगम हहै। पश्चदातम् उस घही कमो अच्छदे
प्रकदार ददेख लदेवदे चफर मन्त्र सदे हमोम करमें।
ओसं भभूर ग्नियदे प्रदाणदाय स्वदाहदा। भगुव वदार्थय वदेऽ पदानदाय स्वदाहदा।
स्वरदाचदत्यदाय व्यदानदाय स्वदाहदा। भभूभ वगुर्थ मः स्वरचग्निवदाय्वदाचदत्यदेभ् यमः
प्रदाणदापदानव्यदानदेभ् यमः स्वदाहदा॥

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इत्यदाचद अचग्निहमोत्र कदे प्रत्यदेक मन्त्र कमो पढ़ कर एक-एक आहह चत ददेवदे और जिमो अचधक आहह चत ददेनदा हमो तमो

चवश्वदाचन ददेव सचवतद गुरर्थ रतदाचन परदा सगुव । यदद्रसं तन्न आ सगुव ॥
इस मन्त्र और पभूवर्वोक्त गदायत्रही मन्त्र सदे आहह चत ददेवदे। ‘ओसं’ ‘भभूमः’ और ‘प्रदाणमः’ आचद यदे सब नदाम परमदेश्वर
कदे हमैं। इनकदे अथर्थ कह चगुकदे हमैं। ‘स्वदाहदा’ शब्द कदा अथर्थ यह हहै चक जिहैसदा जदान आत्मदा ममें हमो वहैसदा हही जिहीभ सदे बमोलदे ,
चवपरहीत नहह।
जिहैसदे परमदेश्वर नदे सब प्रदाचणययों सदे सगुख कदे अथर्थ इस सब जिगतम् कदे पददाथर्थ रचदे हमैं वहैसदे मनगुष्ययों कमो भही
परमोपकदार करनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) हमोम सदे क्यदा उपकदार हमोतदा हहै?
(उत्तर) सब लमोग जिदानतदे हमैं चक दगगु र्थन्धयगुक्त वदायगु और जिल सदे रमोग, रमोग सदे प्रदाचणययों कमो दमःगु ख और सगुगचन्धत वदायगु
तथदा जिल सदे आरमोग्य और रमोग कदे नष्ट हमोनदे सदे सगुख प्रदाप्त हमोतदा हहै।
(प्रश्न) चन्दनदाचद चघस कदे चकसही कमो लगदावदे वदा घकतदाचद खदानदे कमो ददेवदे तमो बड़दा उपकदार हमो। अचग्नि ममें डदाल
कदे व्यथर्थ नष्ट करनदा बगुचद्धमदानयों कदा कदाम नहह।
(उत्तर) जिमो तगुम पददाथर्थचवददा जिदानतदे तमो कभही ऐसही बदात न कहतदे। क्ययोंचक चकसही द्रव्य कदा अभदाव नहह
हमोतदा। ददेखमो! जिहदासं हमोम हमोतदा हहै वहदासं सदे दरभू ददेश ममें चस्थत पगुरुष कदे नदाचसकदा सदे सगुगन्ध कदा ग्रहण हमोतदा हहै वहैसदे
दगगु र्थन्ध कदा भही। इतनदे हही सदे समझ लमो चक अचग्नि ममें डदालदा हह आ पददाथर्थ सभूक्ष्म हमो कदे फहै ल कदे वदायगु कदे सदाथ दरभू ददेश ममें
जिदाकर दगगु र्थन्ध ककी चनवकचत्त करतदा हहै।
(प्रश्न) जिब ऐसदा हही हहै तमो कदे शर, कस्तभूरही, सगुगचन्धत पगुष्प और अतर आचद कदे घर ममें रखनदे सदे
सगुगचन्धत वदायगु हमोकर सगुखकदारक हमोगदा।
(उत्तर) उस सगुगन्ध कदा वह सदामथ्यर्थ नहह हहै चक गकहस्थ वदाय गु कमो बदाहर चनकदाल कर शगुद्ध वदायगु कमो प्रवदेश
करदा सकदे क्ययोंचक उस ममें भदेदक शचक्त नहह हहै और अचग्नि हही कदा सदामथ्यर्थ हहै चक उस वदाय गु और दगगु र्थन्धयगुक्त पददाथर्यों
कमो चछन्न-चभन्न और हल्कदा करकदे बदाहर चनकदाल कर पचवत्र वदायगु कमो प्रवदेश करदा ददेतदा हहै।
(प्रश्न) तमो मन्त्र पढ़ कदे हमोम करनदे कदा क्यदा प्रयमोजिन हहै?

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
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(उत्तर) मन्त्रयों ममें वह व्यदाख्यदान हहै चक चजिससदे हमोम करनदे ममें लदाभ चवचदत हमो जिदायमें और मन्त्रयों ककी
आवकचत्त हमोनदे सदे कण्ठस्थ रहमें। वदेदपगुस्तकयों कदा पठन-पदाठन और रकदा भही हमोवदे।
(प्रश्न) क्यदा इस हमोम करनदे कदे चवनदा पदाप हमोतदा हहै?
(उत्तर) हदासं! क्ययों च क चजिस मनगुष् य कदे शरहीर सदे चजितनदा द गुग न्र्थ ध उत्पन्न हमो कदे वदायगु और जिल
कमो चबगदाड़ कर रमोगमोत्पचत्त कदा चनचमत्त हमोनदे सदे प्रदाचणययों कमो द गुमः ख प्रदाप्त करदातदा हहै उतनदा हही पदाप उस
मनगुष् य कमो हमोतदा हहै। इसचलयदे उस पदाप कदे चनवदारणदाथर्थ उतनदा सगुग न्ध वदा उससदे अचधक वदायगु और जिल
ममें फहै लदानदा चदाचहयदे। और चखलदानदे चपलदानदे सदे उसही एक व्यचक्त कमो सगुख चवशदेष हमोतदा हहै। चजितनदा घकत और
सगुगन्धदाचद पददाथर्थ एक मनगुष्य खदातदा हहै उतनदे द्रव्य कदे हमोम सदे लदाखयों मनगुष्ययों कदा उपकदार हमोतदा हहै परन्तगु जिमो मनगुष्य
लमोग घकतदाचद उत्तम पददाथर्थ न खदावमें तमो उन कदे शरहीर और आत्मदा कदे बल ककी उन्नचत न हमो सकदे , इस सदे अच्छदे
पददाथर्थ चखलदानदा चपलदानदा भही चदाचहयदे परन्तगु उससदे हमोम अचधक करनदा उचचत हहै इसचलए हमोम कदा करनदा
अत्यदावश्यक हहै।
(प्रश्न) प्रत्यदेक मनगुष्य चकतनही आहह चत करदे और एक-एक आहह चत कदा चकतनदा पररमदाण हहै?
(उत्तर) प्रत्यदेक मनगुष् य कमो समोलह-समोलह आहह च त और छमः-छमः मदाशदे घकत दाचद एक-एक आहह च त
कदा पररमदाण न्यभू न सदे न्यभू न चदाचहयदे और जिमो इससदे अचधक करदे तमो बहह त अच्छदा हहै। इसहीचलयदे
आयर्थव रचशरमोमचण महदाशय ऋचष, महचषर्थ, रदाजिदे, महदारदाजिदे लमोग बहह त सदा हमोम करतदे और करदातदे थदे। जिब
तक इस हमोम करनदे कदा प्रचदार रहदा तब तक आयदार्थव त्तर्थ ददेश रमोगयों सदे रचहत और सगुख यों सदे पभूर रत थदा ,
अब भही प्रचदार हमो तमो वहैस दा हही हमो जिदाय। यदे दमो यज अथदार्थतम् ब्रह्मयज जिमो पढ़नदा-पढ़दानदा सन्ध्यमोपदासन ईश्वर ककी
स्तगुचत, प्रदाथर्थनदा, उपदासनदा करनदा, दस भू रदा ददेवयज जिमो अचग्निहमोत्र सदे लदे कदे अश्वमदेध पयर्थन्त यज और चवद्विदानयों ककी
सदेवदा ससंग करनदा परन्तगु ब्रह्मचयर्थ ममें कदे वल ब्रह्मयज और अचग्निहमोत्र कदा हही करनदा हमोतदा हहै।
ब्रदाह्मणसयदाणदासं वणदार्थन दामगुप नयनसं कतगुर्थम हर्थच त रदाजिन्यमो द्वियस्य वहैश् यमो वहैश् यस्यहैव चदे त।
शभूद्र मचप कगु लगगुण सम्पन्नसं मन्त्रवजिर्थम नगुप नहीतमध्यदापयदेच दत्यदेकदे ।
—यह सगुश्रगुत कदे सभूत्रस्थदान कदे दस
भू रदे अध्यदाय कदा वचन हहै।
ब्रदाह्मण तहीनयों वणर्थ ब्रदाह्मण, कचत्रय और वहैश्य, कचत्रय कचत्रय और वहैश्य तथदा वहैश्य एक वहैश्य वणर्थ कमो
यजमोपवहीत करदाकदे पढ़दा सकतदा हहै और जिमो कगु लहीन शगुभलकणयगुक्त शभूद्र हमो तमो उस कमो मन्त्रससंचहतदा छमोड़ कदे सब
शदास पढ़दावदे। शभूद्र पढ़दे परन्तगु उस कदा उपनयन न करदे यह मत अनदेक आचदायर्यों कदा हहै। पश्चदातम् पदासंचवमें वदा आठवमें वषर्थ

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सदे लड़कदे लड़कयों ककी पदाठशदालदा ममें और लड़ककी लड़चकययों ककी पदाठशदालदा ममें जिदावमें। और चनम्नचलचखत चनयम-पभूवर्थक
अध्ययन कदा आरम्भ करमें।
षटम् चत्रसंश ददाचब्दकसं चयर्वं गगुर चौ त्रहैव चहै दकसं रतमम्।
तदचधर्थकसं पदाचदकसं वदा ग्रहणदाचन्तकमदेव वदा॥ मनगु॰॥
अथर्थ— आठवमें वषर्थ सदे आगदे छत्तहीसवमें वषर्थ पयर्थन्त अथदार्थतम् एक-एक वदेद कदे सदाङमोपदाङ पढ़नदे ममें बदारह-बदारह
वषर्थ चमल कदे छत्तहीस और आठ चमल कदे चवदालहीस अथवदा अठदारह वषर्यों कदा ब्रह्मचयर्थ और आठ पभूवर्थ कदे चमल कदे
छब्बहीस वदा नचौ वषर्थ तथदा जिब तक चवददा पभूरही ग्रहण न कर लदेवदे तब तक ब्रह्मचयर्थ रक्खदे।
पगुरु षमो वदाव यजस्तस्य यदाचन चतगुच वर्वंश चत वषदार्थच ण ततम् प्रदातमःसवनसं चतगुच वर्वंश त्यकरदा
गदायत्रही गदायत्रसं प्रदातमःसवनसं तदस्य वसवमोऽन्वदायत्तदामः प्रदाणदा वदाव वसव एतदे हहीदसं सवर्वं
वदासयचन्त॥1॥
तञ्चदेद देत चस्मनम् वयचस चकचञ्चद गुप तपदेत म् स ब्रभूय दातम् प्रदाणदा वसव इदसं मदे प्रदातमःसवनसं
मदाध्यचन्दनसं सवनमनगुस न्तनगुत देच त मदाहसं प्रदाणदानदासं वसभून दासं मध्यदे यजमो चवलमोप्सहीयदेत् य गुद्ध वहै तत
एत्यगदमो ह भवचत॥2॥
अथ यदाचन चतगुश् चत्वदाररसंश द्विषदार्थच ण तन्मदाध्यचन्दनसं सवनसं चतगुश् चत्वदाररसंश दकरदा चत्रष्टह पम्
त्रहैष्टह भसं मदाध्यचन्दनसं सवनसं तदस्य रुद्रदा अन्वदायत्तदामः प्रदाणदा वदाव रुद्रदा एतदे हहीदसं सवर्वं रमोदयचन्त॥
3॥
तसं चदेद देत चस्मनम् वयचस चकचञ्चद गुप तपदेत म् स ब्रभूय दातम् प्रदाणदा रुद्रदा इदसं मदे मदाध्यचन्दनसं सवनसं
तकत हीयसवनमनगुस न्तनगुत देच त मदाहसं प्रदाणदानदासं रुद्रदाणदासं मध्यदे यजमो चवलमोप्सहीयदेत् य गुद्ध वहै तत एत्यगदमो
ह भवचत॥4॥
अथ यदान्यष्टदाचत्वदाररसंश दम् वषदार्थच ण तत्तकत हीयसवनमष्टदाचत्वदाररसंश दकरदा जिगतही जिदागतसं
तकत हीयसवनसं तदस्यदाचदत्यदा अन्वदायत्तदामः प्रदाणदा वदावदाचदत्यदा एतदे हहीदसं सवर्थम दाददतदे॥ 5॥
तसं चदेद तदे चस्मनम् वयचस चकचञ्चद गुप तपदेत म् स ब्रभूय दातम् प्रदाणदा आचदत्यदा इदसं मदे
तकत हीयसवनमदायगु र नगुस न्तनगुत देच त मदाहसं प्रदाणदानदामदाचदत्यदानदासं मध्यदे यजमो चवलमोप्सहीयदेत् य गुद्ध वहै तत
एत्यगदमो हहैव भवचत॥6॥
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—यह छदान्दमोग्यमोपचनषतम् कदा वचन हहै।


ब्रह्मचयर्थ तहीन प्रकदार कदा हमोतदा हहै कचनष्ठि—जिमो पगुरुष अन्नरसमय ददेह और पगुरर अथदार्थतम् ददेह ममें शयन करनदे
वदालदा जिहीवदात्मदा, यज अथदार्थतम् अतहीव शगुभगगुणयों सदे सङत और सत्कत्तर्थव्य हहै इस कमो अवश्य हहै चक 24 वषर्थ पयर्थन्त
चजितदेचन्द्रय अथदार्थतम् ब्रह्मचदारही रह कर वदेददाचद चवददा और सगुचशकदा कदा ग्रहण करदे और चववदाह करकदे भही लम्पटतदा न
करमें तमो उसकदे शरहीर ममें प्रदाण बलवदानम् हमोकर सब शगुभगगुणयों कदे वदास करदानदे वदालदे हमोतदे हमैं॥1॥
इस प्रथम वय ममें जिमो उस कमो चवददाभ्यदास ममें सन्तप्त करदे और वह आचदायर्थ वहैसदा हही उपददेश चकयदा करदे और
ब्रह्मचदारही ऐसदा चनश्चय रक्खदे चक जिमो ममैं प्रथम अवस्थदा ममें ठहीक-ठहीक ब्रह्मचयर्थ सदे रहह हगदा तमो मदेरदा शरहीर और आत्मदा
आरमोग्य बलवदानम् हमोकदे शगुभगगुणयों कमो बसदानदे वदालदे मदेरदे प्रदाण हयोंगदे। हदे मनगुष्यमो तगुम इस प्रकदार सदे सगुखयों कदा चवस्तदार
करमो, जिमो ममैं ब्रह्मचयर्थ कदा लमोप न करूसं। 24 वषर्थ कदे पश्चदातम् गकहदाश्रम करूसंगदा तमो प्रचसद्ध हहै चक रमोगरचहत रहह हगदा
और आयगु भही मदेरही 70 वदा 80 वषर्थ हमोगही॥2॥
मध्यम ब्रह्मचयर्थ—यह हहै जिमो मनगुष्य 44 वषर्थ पयर्थन्त ब्रह्मचदारही रह कर वदेददाभ्यदास करतदा हहै उसकदे प्रदाण,
इचन्द्रयदाह, अन्तमःकरण और आत्मदा बलयगुक्त हमोकदे सब दष्टगु यों कमो रुलदानदे और श्रदेष्ठियों कदा पदालन करनदेहदारदे हमोतदे हमैं॥3॥
जिमो ममैं इसही प्रथम वय ममें जिहैसदा आप कहतदे हमैं कगु छ तपश्चयदार्थ करूसं तमो मदेरदे यदे रुद्ररूप प्रदाणयगुक्त यह मध्यम
ब्रह्मचयर्थ चसद्ध हमोगदा। हदे ब्रह्मचदारही लमोगमो! तगुम इस ब्रह्मचयर्थ कमो बढ़दाओ। जिहैसदे ममैं इस ब्रह्मचयर्थ कदा लमोप न करकदे
यजस्वरूप हमोतदा हह ह और उसही आचदायर्थकगुल सदे आतदा और रमोगरचहत हमोतदा हह ह जिहैसदा चक यह ब्रह्मचदारही अच्छदा कदाम
करतदा हहै वहैसदा तगुम चकयदा करमो॥4॥
उत्तम ब्रह्मचयर्थ—48 वषर्थ पयर्थन्त कदा तहीसरदे प्रकदार कदा हमोतदा हहै। जिहैसदे 48 अकर ककी जिगतही वहैसदे जिमो
48 वषर्थ पयर्थन्त यथदावतम् ब्रह्मचयर्थ करतदा हहै उसकदे प्रदाण अनगुकभूल हमोकर सकल चवददाओसं कदा ग्रहण करतदे हमैं॥5॥
आचदायर्थ और मदातदा चपतदा अपनदे सन्तदानयों कमो प्रथम वय ममें चवददा और गगुणग्रहण कदे चलयदे तपस्वही कर और
उसही कदा उपददेश करमें और वदे सन्तदान आप हही आप अखसंचडत ब्रह्मचयर्थ सदेवन सदे तहीसरदे उत्तम ब्रह्मचयर्थ कदा सदेवन
करकदे पभूणर्थ अथदार्थतम् चदार सचौ वषर्थ पयर्थन्त आयगु कमो बढ़दावमें वहैसदे तगुम भही बढ़दाओ। क्ययोंचक जिमो मनगुष्य इस ब्रह्मचयर्थ कमो
प्रदाप्त हमोकर लमोप नहह करतदे वदे सब प्रकदार कदे रमोगयों सदे रचहत हमोकर धमर्थ, अथर्थ, कदाम और ममोक कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं॥
6॥

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चतस्रमोऽवस्थदामः शरहीरस्य वकच द्धयर्यौ व नसं सम्पभूण र्थत दा चकचञ्चत्पररहदाचणश्चदेच त। आषमोडशदाद म्


वकच द्धमः। आपञ्चचवसंश तदेय र्यौ व नमम्। आचत्वदाररसंश तमः सम्पभूण र्थत दा। ततमः चकचञ्चत्पररहदाचणश्चदेच त।
पञ्चचवसंश दे ततमो वषर्वे पगुम दानम् नदारही तगु षमोडशदे। समत्वदागतवहीयर्यौ तचौ जिदानहीयदातम् कगु शलमो चभषकम् ॥
—यह सगुश्रत कदे शरहीर स्थदान कदा वचन हहै।
इस शरहीर ककी चदार अवस्थदा हमैं। एक (वकच द्ध) जिमो 16 वमें वषर्थ सदे लदेकदे 25 वमें वषर्थ पयर्थन्त सब धदातगुओसं ककी
बढ़तही हमोतही हहै। दस भू रदा (यचौवन) जिमो 25 वमें वषर्थ कदे अन्त और 26 वमें वषर्थ कदे आचद ममें यगुवदावस्थदा कदा आरम्भ
हमोतदा हहै। तहीसरही (सम्पभूण र्थत दा) जिमो पच्चिहीसवमें वषर्थ सदे लदेकदे चदालहीसवमें वषर्थ पयर्थन्त सब धदातगुओसं ककी पगुचष्ट हमोतही हहै। चचौथही
(चकचञ्चत्पररहदाचणमः) तब सब सदाङमोपदाङ शरहीरस्थ सकल धदातगु पगुष्ट हमोकदे पभूणर्थतदा कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं। तदनन्तर जिमो
धदातगु बढ़तदा हहै वह शरहीर ममें नहह रहतदा, चकन्तगु स्वप्न, प्रस्वदेददाचद द्विदारदा बदाहर चनकल जिदातदा हहै वहही 40 वदासं वषर्थ
उत्तम समय चववदाह कदा हहै अथदार्थतम् उत्तममोत्तम तमो अड़तदालहीसवमें वषर्थ ममें चववदाह करनदा।
(प्रश्न) क्यदा यह ब्रह्मचयर्थ कदा चनयम सही वदा पगुरुष दमोनयों कदा तगुल्य हही हहै।
(उत्तर) नहह, जिमो 25 वषर्थ पयर्थन्त पगुरुष ब्रह्मचयर्थ करमें तमो 16 वषर्थ पयर्थन्त कन्यदा। जिमो पगुरुष तहीस वषर्थ
पयर्थन्त ब्रह्मचदारही रहहै तमो सही 17 वषर्थ, जिमो पगुरुष छत्तहीस वषर्थ तक रहहै तमो सही 18 वषर्थ, जिमो पगुरुष 40 वषर्थ
पयर्थन्त ब्रह्मचयर्थ करदे तमो सही 20 वषर्थ, जिमो पगुरुष 44 वषर्थ पयर्थन्त ब्रह्मचयर्थ करदे तमो सही 22 वषर्थ, जिमो पगुरुष 48
वषर्थ ब्रह्मचयर्थ करदे तमो सही 24 चचौबहीस वषर्थ पयर्थन्त ब्रह्मचयर्थ सदेवन रक्खमें अथदार्थतम् 48 वमें वषर्थ सदे आगदे पगुरुष और
24 वमें वषर्थ सदे आगदे सही कमो ब्रह्मचयर्थ न रखनदा चदाचहयदे परन्तगु यह चनयम चववदाह करनदे वदालदे पगुरुष और चसययों कदा हहै
जिमो चववदाह करनदा हही न चदाहमैं वदे मरणपयर्थन्त ब्रह्मचदारही रह सकतदे हयों तमो भलदे हही रहमैं परन्तगु यह कदाम पभूणर्थ चवददा वदालदे
चजितदेचन्द्रय और चनदर्वोष यमोगही सही और पगुरुष कदा हहै। यह बड़दा कचठन कदाम हहै चक जिमो कदाम कदे वदेग कमो थदाम कदे
इचन्द्रययों कमो अपनदे वश ममें रखनदा।
ऋतसं च स्वदाध्यदायप्रवचनदे च। सत्यसं च स्वदाध्यदायप्रवचनदे च। तपश्च स्वदाध्यदायप्रवचनदे
च। दमश्च स्वदाध्यदायप्रवचनदे च। शमश्च स्वदाध्यदायप्रवचनदे च। अग्नियश्च स्वदाध्यदायप्रवचनदे च।
अचग्निहमोत्रसं च स्वदाध्यदायप्रवचनदे च। अचतथयश्च स्वदाध्यदायप्रवचनदे च। मदानगुष सं च
स्वदाध्यदायप्रवचनदे च। प्रजिदा च स्वदाध्यदायप्रवचनदे च। प्रजिनश्च स्वदाध्यदायप्रवचनदे च। प्रजिदाचतश्च
स्वदाध्यदायप्रवचनदे च।
—यह तहैचत्तरहीयमोपचनषतम् कदा वचन हहै।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
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यदे पढ़नदे पढ़दानदे वदालयों कदे चनयम हमैं। (ऋतसं॰ ) यथदाथर्थ आचरण सदे पढ़में और पढ़दावमें, (सत्यसं॰ ) सत्यदाचदार
सदे सत्यचवददाओसं कमो पढ़में वदा पढ़दावमें, (तपमः॰) तपस्वही अथदार्थतम् धमदार्थनगुष्ठिदान करतदे हह ए वदेददाचद शदासयों कमो पढ़में और
पढ़दावमें, (दममः॰) बदाह्य इचन्द्रययों कमो बगुरदे आचरणयों सदे रमोक कदे पढ़में और पढ़दातदे जिदायमें, (शममः॰) अथदार्थतम् मन ककी
वकचत्त कमो सब प्रकदार कदे दमोषयों सदे हटदा कदे पढ़तदे पढ़दातदे जिदायमें, (अग्नियमः॰) आहवनहीयदाचद अचग्नि और चवदगुतम् आचद
कमो जिदान कदे पढ़तदे पढ़दातदे जिदायमें, और (अचग्निहमोत्रसं॰ ) अचग्निहमोत्र करतदे हह ए पठन और पदाठन करमें करदावमें ,
(अचतथयमः॰) अचतचथययों ककी सदेवदा करतदे हह ए पढ़में और पढ़दावमें, (मदानगुष सं॰ ) मनगुष्यसम्बन्धही व्यवहदारयों कमो
यथदायमोग्य करतदे हह ए पढ़तदे पढ़दातदे रहमैं, (प्रजिदा॰) अथदार्थतम् सन्तदान और रदाज्य कदा पदालन करतदे हह ए पढ़तदे पढ़दातदे
जिदायमें, (प्रजिन॰) वहीयर्थ ककी रकदा और वकचद्ध करतदे हह ए पढ़तदे पढ़दातदे जिदायमें, (प्रजिदाचतमः॰) अथदार्थतम् अपनदे सन्तदान
और चशष्य कदा पदालन करतदे हह ए पढ़तदे पढ़दातदे जिदायमें।
यमदानम् सदेव देत सततसं न चनयमदानम् कदे वलदानम् बगुध मः।
यमदानम् पतत्यकगु वदार्थण मो चनयमदानम् कदे वलदानम् भजिनम्॥ मनगु॰॥
यम पदासंच प्रकदार कदे हमोतदे हमैं—
तत्रदाचहसंस दासत्यदास्तदेय ब्रह्मचयदार्थप ररग्रहदा यमदामः॥ यमोगसभूत्र॥
अथदार्थतम् (अचहसंसदा) वहैरत्यदाग, (सत्य) सत्य मदाननदा, सत्य बमोलनदा और सत्य हही करनदा, (अस्तदेय)
अथदार्थतम् मन वचन कमर्थ सदे चमोरहीत्यदाग , (ब्रह्मचयर्थ) अथदार्थतम् उपस्थदेचन्द्रय कदा ससंयम, (अपररग्रह) अत्यन्त लमोलगुपतदा
स्वत्वदाचभमदानरचहत हमोनदा, इन पदासंच यमयों कदा सदेवन सददा करमें। कदे वल चनयमयों कदा सदेवन अथदार्थतम्—
शचौचसन्तमोषतपमःस्वदाध्यदायदेश् वरप्रचणधदानदाचन चनयमदामः॥ यमोगसभूत्र॥
(शचौच) अथदार्थतम् स्नदानदाचद सदे पचवत्रतदा (सन्तमोष) सम्यकम् प्रसन्न हमोकर चनरुदम रहनदा सन्तमोष नहह चकन्तगु
पगुरुषदाथर्थ चजितनदा हमो सकदे उतनदा करनदा, हदाचन लदाभ ममें हषर्थ वदा शमोक न करनदा (तप) अथदार्थतम् कष्टसदेवन सदे भही
गु कमर्यों कदा अनगुष्ठिदान (स्वदाध्यदाय) पढ़नदा पढ़दानदा (ईश्वरप्रचणधदान) ईश्वर ककी भचक्तचवशदेष ममें आत्मदा कमो
धमर्थयक्त
अचपर्थत रखनदा, यदे पदासंच चनयम कहदातदे हमैं। यमयों कदे चवनदा कदे वल इन चनयमयों कदा सदेवन न करदे चकन्तगु इन दमोनयों कदा
सदेवन चकयदा करदे। जिमो यमयों कदा सदेवन छमोड़ कदे कदे वल चनयमयों कदा सदेवन करतदा हहै वह उन्नचत कमो नहह प्रदाप्त हमोतदा
चकन्तगु अधमोगचत अथदार्थतम् ससंसदार ममें चगरदा रहतदा हहै।
कदामदात्मतदा न प्रशस्तदा न चहैव हदे स्त्यकदामतदा।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
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कदाम्यमो चह वदेद दाचधगममः कमर्थय मोगश्च वहैच दकमः॥ मनगु॰॥


अथर्थ— अत्यन्त कदामदातगुरतदा और चनष्कदामतदा चकसही कदे चलयदे भही श्रदेष्ठि नहह, क्ययोंचक जिमो कदामनदा न करदे
तमो वदेदयों कदा जदान और वदेदचवचहत कमदार्थचद उत्तम कमर्थ चकसही सदे न हमो सकमें । इसचलयदे—
स्वदाध्यदायदेन रतहैह र्वो म स
है हैच वददेन ज्दे ययदा सगुत हैमः ।
महदायजहैश् च यजहैश् च ब्रदाह्महीयसं चक्रयतदे तनगुमः ॥ मनगु॰॥
अथर्थ— (स्वदाध्यदाय) सकल चवददा पढ़तदे-पढ़दातदे (रत) ब्रह्मचयर्थ सत्यभदाषणदाचद चनयम पदालनदे (हमोम)
अचग्निहमोत्रदाचद हमोम, सत्य कदा ग्रहण असत्य कदा त्यदाग और सत्य चवददाओसं कदा ददान ददेनदे (त्रहैचवददेन) वदेदस्थ
कमर्वोपदासनदा जदान चवददा कदे ग्रहण (इज्ययदा) पकदेष्टदाचद करनदे (सगुतहैमः) सगुसन्तदानमोत्पचत्त (महदायजहैमः) ब्रह्म, ददेव,
चपतक, वहैश्वददेव और अचतचथययों कदे सदेवनरूप पञ्चमहदायज और (यजहैमः) अचग्निष्टमोमदाचद तथदा चशल्पचवददाचवजदानदाचद
यजयों कदे सदेवन सदे इस शरहीर कमो ब्रदाह्मही अथदार्थतम् वदेद और परमदेश्वर ककी भचक्त कदा आधदाररूप ब्रदाह्मण कदा शरहीर बनतदा
हहै। इतनदे सदाधनयों कदे चवनदा ब्रदाह्मणशरहीर नहह बन सकतदा।
इचन्द्रयदाणदासं चवचरतदासं चवषयदेष् वपहदाररषगु।
ससंय मदे यत्नमदाचतष्ठिदेदम् चवद्विदानम् यन्तदेव वदाचजिनदामम्॥ मनगु॰॥
अथर्थ— जिहैसदे चवद्विदानम् सदारचथ घमोड़यों कमो चनयम ममें रखतदा हहै वहैसदे मन और आत्मदा कमो खमोटदे कदामयों ममें खमैंचनदे
वदालदे चवषययों ममें चवचरतही हह ई इचन्द्रययों कदे चनग्रह ममें प्रयत्न सब प्रकदार सदे करमें। क्ययोंचक—
इचन्द्रयदाणदासं प्रसङदे न दमोषमम् ऋच्छत्यससंश यमम्।
सचन्नयम्य तगु तदान्यदेव ततमः चसचद्धसं चनयच्छचत॥ मनगु॰॥
अथर्थ— जिहीवदात्मदा इचन्द्रययों कदे वश हमोकदे चनचश्चत बड़दे-बड़दे दमोषयों कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै और जिब इचन्द्रययों कमो
अपनदे वश ममें करतदा हहै तभही चसचद्ध कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै।
वदेद दास्त्यदागश्च यजदाश्च चनयमदाश्च तपदासंच स च।
न चवप्रद गुष्ट भदावस्य चसचद्धसं गच्छचन्त कचहर्थच चतम्॥ मनगु॰॥
जिमो दष्टगु दाचदारही-अचजितदेचन्द्रय पगुरुष हमैं उसकदे वदेद, त्यदाग, यज, चनयम और तप तथदा अन्य अच्छदे कदाम
कभही चसचद्ध कमो नहह प्रदाप्त हमोतदे।

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वदेद मोपकरणदे चहैव स्वदाध्यदायदे चहैव नहैत् यकदे ।


नदानगुर मोधमोऽस्त्यनध्यदायदे हमोममन्त्रदेष गु चहैव चह॥1॥ मनगु॰॥
नहैत् यकदे नदास्त्यनध्यदायमो ब्रह्मसत्रसं चह ततम् स्मकत मम्।
ब्रह्मदाहह च तहह त सं पगुण् यमम् अनध्यदायवषट्कक तमम्॥ 2॥ मनगु॰॥
वदेद कदे पढ़नदे-पढ़दानदे, सन्ध्यमोपदासनदाचद पञ्चमहदायजयों कदे करनदे और हमोममन्त्रयों ममें अनध्यदायचवषयक अनगुरमोध
(आग्रह) नहह हहै क्ययोंचक॥1॥चनत्यकमर्थ ममें अनध्यदाय नहह हमोतदा। जिहैसदे श्वदासप्रश्वदास सददा चलयदे जिदातदे हमैं बन्ध नहह
चकयदे जिदातदे वहैसदे चनत्यकमर्थ प्रचतचदन करनदा चदाचहयदे न चकसही चदन छमोड़नदा क्ययोंचक अनध्यदाय ममें भही अचग्निहमोत्रदाचद उत्तम
कमर्थ चकयदा हह आ पगुण्यरूप हमोतदा हहै। जिहैसदे झभूठ बमोलनदे ममें सददा पदाप और सत्य बमोलनदे ममें सददा पगुण्य हमोतदा हहै। वहैसदे हही
बगुरदे कमर्थ करनदे ममें सददा अनध्यदाय और अच्छदे कमर्थ करनदे ममें सददा स्वदाध्यदाय हही हमोतदा हहै॥2॥
अचभवदादनशहीलस्य चनत्यसं वकद्ध मोपसदेच वनमः।
चत्वदारर तस्य वद्धर्थन् त आय गुच वर्थद दा यशमो बलमम्॥ मनगु॰॥
जिमो सददा नम सगुशहील चवद्विदानम् और वकद्धयों ककी सदेवदा करतदा हहै , उसकदा आयगु, चवददा, ककीचतर्थ और बल यदे चदार
सददा बढ़तदे हमैं और जिमो ऐसदा नहह करतदे उनकदे आयगु आचद चदार नहह बढ़तदे।
अचहसंस यहैव भभूत दानदासं कदायर्वं श्रदेय मोऽनगुश दासनमम्।
वदाकम् चहैव मधगुर दा श्लक्ष्णदा प्रयमोज्यदा धमर्थच मच्छतदा॥1॥
यस्य वदाङ्मनसदे शगुद्ध दे सम्यग्गगुप्त दे च सवर्थद दा।
स वहै सवर्थम वदाप्नमोचत वदेद दान्तमोपगतसं फलमम्॥ 2॥ मनगु॰॥
चवद्विदानम् और चवददाचथर्थययों कमो यमोग्य हहै चक वहैरबगुचद्ध छमोड़ कदे सब मनगुष्ययों कदे कल्यदाण कदे मदागर्थ कदा
उपददेश करमें और उपददेष्टदा सददा मधगुर सगुशहीलतदायक्त गु वदाणही बमोलदे। जिमो धमर्थ ककी उन्नचत चदाहहै वह सददा सत्य
ममें चलदे और सत्य हही कदा उपददेश करदे॥1॥
चजिस मनगुष्य कदे वदाणही और मन शगुद्ध तथदा सगुरचकत सददा रहतदे हमैं , वहही सददा वदेददान्त अथदार्थतम्
सब वदेदयों कदे चसद्धदान्तरूप फल कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै॥2॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
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सम्मदानदादम् ब्रदाह्मणमो चनत्यमगुच द्विजिदेत चवषदाचदव।


अमकत स्यदेव चदाकदाङदे द वमदानस्य सवर्थद दा॥ मनगु॰॥
वहही ब्रदाह्मण समग्र वदेद और परमदेश्वर कमो जिदानतदा हहै जिमो प्रचतष्ठिदा सदे चवष कदे तगुल्य सददा डरतदा हहै और
अपमदान ककी इच्छदा अमकत कदे समदान चकयदा करतदा हहै।
अनदेन क्रमयमोगदेन ससंस् कक तदात्मदा चद्विजिमः शनहैमः ।
गगुर चौ वसनम् सचञ्चनगुय दादम् ब्रह्मदाचधगचमकसं तपमः॥ मनगु॰॥
इसही प्रकदार सदे कक तमोपनयन चद्विजि ब्रह्मचदारही कगु मदार और ब्रह्मचदाररणही कन्यदा धहीरदे-धहीरदे वदेददाथर्थ कदे जदानरूप
उत्तम तप कमो बढ़दातदे चलदे जिदायमें।
यमोऽनधहीत्य चद्विजिमो वदेद मन्यत्र कगु रुतदे श्रममम्।
स जिहीवन्नदेव शभूद्र त्वमदाशगु गच्छचत सदान्वयमः॥ मनगु॰॥
जिमो वदेद कमो न पढ़ कदे अन्यत्र श्रम चकयदा करतदा हहै वह अपनदे पगुत्र पचौत्र सचहत शभूद्रभदाव कमो शहीघ्र हही प्रदाप्त हमो
जिदातदा हहै।
वजिर्थय न्दे मधगुम दासंस ञ्च गन्धसं मदाल्यसं रसदानम् चसयमः।
शगुक्त दाचन यदाचन सवदार्थच ण प्रदाचणनदासं चहैव चहसंस नमम्॥ 1॥
अभ्यङमञ्जनसं चदाक्ष्णमोरुपदानच्छत्रधदारणमम्।
कदामसं क्रमोधसं च लमोभसं च नत्तर्थन सं गहीतवदादनमम्॥ 2॥
दभूत सं च जिनवदादसं च पररवदादसं तथदानकत मम्।
सहीणदासं च प्रदेक णदालम्भमगुप घदातसं परस्य च॥3॥
एकमः शयहीत सवर्थत्र न रदेत मः स्कन्दयदेत म् क् वचचतम्।
कदामदाचद्ध स्कन्दयनम् रदेत मो चहनचस्त रतमदात्मनमः॥4॥

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ब्रह्मचदारही और ब्रह्मचदाररणही मद, मदासंस, गन्ध, मदालदा, रस, सही और पगुरुष कदा ससंग, सब खटदाई,
प्रदाचणययों ककी चहसंसदा॥1॥अङयों कदा मदर्थन, चवनदा चनचमत्त उपस्थदेचन्द्रय कदा स्पशर्थ, आसंखयों ममें अञ्जन, जिभूतदे और छत्र कदा
धदारण, कदाम, क्रमोध, लमोभ, ममोह, भय, शमोक, ईष्यदार्थ, द्विदेष और नदाच गदान, बदाजिदा बजिदानदा॥2॥दभूत, चजिस
चकसही ककी कथदा, चनन्ददा, चमथ्यदाभदाषण, चसययों कदा दशर्थन, आश्रय, दस भू रदे ककी हदाचन आचद कगु कमर्यों कमो सददा छमोड़
ददेवमें॥3॥सवर्थत्र एकदाककी समोवदे, वहीयर्थ स्खचलत कभही न करमें, जिमो कदामनदा सदे वहीयर्थस्खचलत कर ददे तमो जिदानमो चक अपनदे
ब्रह्मचयर्थरत कदा नदाश कर चदयदा॥4॥
वदेद मनभूच् यदाचदायर्वो ऽ न्तदेव दाचसनमनगुश दाचस्त। सत्यसं वद। धमर्वं चर। स्वदाध्यदायदान्मदा प्रमदमः।
आचदायदार्थय चप्रयसं धनमदाहृत्य प्रजिदातन्तगुसं मदा व्यवच्छदेत् सहीमः। सत्यदान्न प्रमचदतव्यमम्। धमदार्थन्न
प्रमचदतव्यमम्। कगु शलदान्न प्रमचदतव्यमम्। स्वदाध्यदायप्रवचनदाभ्यदासं न प्रमचदतव्यमम्।
ददेव चपतकक दायदार्थभ् यदासं न प्रमचदतव्यमम्॥ 1॥
मदातकद वदे मो भव। चपतकद वदे मो भव। आचदायर्थद वदे मो भव। अचतचथददेव मो भव। यदान्यनवददाचन
कमदार्थच ण तदाचन सदेच वतव्यदाचन नमो इतरदाचण। यदान्यस्मदाकसं सगुच ररतदाचन तदाचन त्वयमोपदास्यदाचन नमो
इतरदाचण॥2॥
यदे कदे चदास्मच्छछ यदे दासंस मो ब्रदाह्मणदास्तदेष दासं त्वयदासनदेन प्रश्वचसतव्यमम्। श्रद्धयदा ददेय मम्।
अश्रद्धयदा ददेय मम्। चश्रयदा ददेय मम्। चह्रयदा ददेय मम्। चभयदा ददेय मम्। ससंच वददा ददेय मम्॥ 3॥
अथ यचद तदे कमर्थच वचचचकत्सदा वदा वकत्त चवचचचकत्सदा वदा स्यदातम् यदे तत्र ब्रदाह्मणदामः
समदचशर्थन मो यगुक्त दा अयगुक्त दा अलभूक दा धमर्थक दामदामः स्य गुय थर्थ दा तदे तत्र वत्तर्वेर नम्। तथदा तत्र वत्तर्वेथ दामः॥4॥
एष आददेश एष उपददेश एषदा वदेद मोपचनषतम्। एतदनगुश दासनमम्। एवमगुप दाचसतव्यमम्। एवमगु
चहैत दगुप दास्यमम्॥ 5॥ तहैचत्तरहीय॰॥
आचदायर्थ अन्तदेवदासही अथदार्थतम् अपनदे चशष्य और चशष्यदाओसं कमो इस प्रकदार उपददेश करदे चक तभू सददा सत्य
बमोल, धमदार्थचदार कर, प्रमदादरचहत हमोकदे पढ़ पढ़दा, पभूणर्थ ब्रह्मचयर्थ सदे समस्त चवददाओसं कमो ग्रहण कर और आचदायर्थ कदे
चलयदे चप्रय धन ददेकर चववदाह करकदे सन्तदानमोत्पचत्त कर। प्रमदाद सदे सत्य कमो कभही मत छमोड़ , प्रमदाद सदे धमर्थ कदा त्यदाग
मत कर, प्रमदाद सदे आरमोग्य और चतगुरदाई कमो मत छमोड़, प्रमदाद सदे पढ़नदे और पढ़दानदे कमो कभही मत छमोड़। ददेव
चवद्विदानम् और मदातदा चपतदाचद ककी सदेवदा ममें प्रमदाद मत कर। जिहैसदे चवद्विदानम् कदा सत्कदार करदे उसही प्रकदार मदातदा, चपतदा,
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आचदायर्थ और अचतचथ ककी सदेवदा सददा चकयदा कर। जिमो अचनचन्दत धमर्थय क्त गु कमर्थ हमैं उन सत्यभदाषणदाचद कमो चकयदा कर,
उन सदे चभन्न चमथ्यदाभदाषणदाचद कभही मत कर। जिमो हमदारदे सगुचररत्र अथदार्थतम् धमर्थयक्त गु कमर्थ हयों उनकमो ग्रहण कर और जिमो
हमदारदे पदापदाचदारण हयों उन कमो कभही मत कर। जिमो कमोई हमदारदे मध्य ममें उत्तम चवद्विदानम् धमदार्थत्मदा ब्रदाह्मण हमैं उन्हह कदे
समहीप बहैठ और उन्हह कदा चवश्वदास चकयदा कर, श्रद्धदा सदे ददेनदा, अश्रद्धदा सदे ददेनदा, शमोभदा सदे ददेनदा, लज्जदा सदे ददेनदा,
भय सदे ददेनदा और प्रचतजदा सदे भही ददेनदा चदाचहए। जिब कभही तगुझ कमो कमर्थ वदा शहील तथदा उपदासनदा जदान ममें चकसही प्रकदार
कदा ससंशय उत्पन्न हमो तमो जिमो वदे समदशर्त्ती पकपदातरचहत यमोगही अयमोगही आद्रर्थचचत्त धमर्थ ककी कदामनदा करनदे वदालदे धमदार्थत्मदा
जिन हयों जिहैसदे वदे धमर्थमदागर्थ ममें वतर्त्तें वहैसदे तभू भही उसममें वत्तदार्थ कर। यहही आददेश आजदा, यहही उपददेश, यहही वदेद ककी
उपचनषतम् और यहही चशकदा हहै। इसही प्रकदार वत्तर्थनदा और अपनदा चदाल चलन सगुधदारनदा चदाचहए।
अकदामस्य चक्रयदा कदाचचदम् दृश्यतदे नदेह कचहर्थच चतम्।
यदचद्ध कगु रुतदे चकचञ्चतम् तत्तत्कदामस्य चदेच ष्टतमम्॥ मनगु॰॥
मनगुष्ययों कमो चनश्चय करनदा चदाचहए चक चनष्कदाम पगुरुष ममें नदेत्र कदा ससंकमोच चवकदास कदा हमोनदा भही सवर्थथदा
असम्भव हहै। इस सदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक जिमो-जिमो कगु छ भही करतदा हहै वह-वह चदेष्टदा कदामनदा कदे चवनदा नहह हहै।
आचदारमः परममो धमर्थमः श्रगुत् य गुक्त मः स्मदात्तर्थ एव च।
तस्मदादचस्मन्सददा यगुक्त मो चनत्यसं स्यदाददात्मवदानम् चद्विजिमः॥1॥
आचदारदाद् चवच्यगुत मो चवप्रमो न वदेद फलमश्नगुत ।दे
आचदारदेण तगु ससंयगुक्त मः सम्पभूण र्थफ लभदागम् भवदेत म्॥ 2॥ मनगु॰॥
कहनदे, सगुननदे, सगुनदानदे, पढ़नदे, पढ़दानदे, कदा फल यहही हहै चक जिमो वदेद और वदेददानगुकभूल स्मकचतययों ममें
प्रचतपदाचदत धमर्थ कदा आचरण करनदा, इसचलयदे धमदार्थचदार ममें सददा यगुक्त रहदे॥1॥क्ययोंचक जिमो धमदार्थचरण सदे रचहत हहै वह
वदेदप्रचतपदाचदत धमर्थजिन्य सगुखरूप फल कमो प्रदाप्त नहह हमो सकतदा और जिमो चवददा पढ़ कदे धमदार्थचरण करतदा हहै वहही
सम्पभूणर्थ सगुख कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै॥2॥
यमोऽवमन्यदेत तदे मभूल दे हदेत गुश दासदाश्रयदाद म् चद्विजिमः।
स सदाधगुच भबर्थच हष्कदायर्वो नदाचस्तकमो वदेद चनन्दकमः॥1॥ मनगु॰॥
जिमो वदेद और वदेददानगुकभूल आप्त पगुरुषयों कदे चकयदे शदासयों कदा अपमदान करतदा हहै उस वदेदचनन्दक नदाचस्तक कमो
जिदाचत, पचङक्त और ददेश सदे बदाह्य कर ददेनदा चदाचहयदे।

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क्ययोंचक—
श्रगुच तमः स्मकच तमः सददाचदारमः स्वस्य च चप्रयमदात्मनमः।
एतच्चितगुच वर्थध सं प्रदाहह मः सदाकदाद्धमर्थस् य लकणमम्॥ मनगु॰॥
श्रगुचत वदेद, स्मकचत वदेददानगुकभूल आप्तमोक्त मनगुस्मकत्यदाचद शदास, सत्पगुरुषयों कदा आचदार जिमो सनदातन अथदार्थतम्
वदेदद्विदारदा परमदेश्वरप्रचतपदाचदत कमर्थ और अपनदे आत्मदा ममें चप्रय अथदार्थतम् चजिस कमो आत्मदा चदाहतदा हहै जिहैसदे चक
सत्यभदाषण यदे चदार धमर्थ कदे लकण अथदार्थतम् इन्हह ममें धमदार्थधमर्थ कदा चनश्चय हमोतदा हहै। जिमो पकपदातरचहत न्यदाय , सत्य कदा
ग्रहण, असत्य कदा सवर्थथदा पररत्यदागरूप आचदार हहै उसही कदा नदाम धमर्थ और इस सदे चवपरहीत जिमो पकपदात सचहत
अन्यदायदाचरण सत्य कदा त्यदाग और असत्य कदा ग्रहण रूप कमर्थ हहै उसही कमो अधमर्थ कहतदे हमैं।
अथर्थक दामदेष् वसक्तदानदासं धमर्थज दानसं चवधहीयतदे।
धमर्वं चजिजदासमदानदानदासं प्रमदाणसं परमसं श्रगुच तमः॥ मनगु॰॥
जिमो पगुरुष (अथर्थ) सगुवणदाचर्थ द रत्न और (कदाम) सहीसदेवनदाचद ममें नहह फसंसतदे हमैं उन्हह कमो धमर्थ कदा जदान प्रदाप्त
हमोतदा हहै जिमो धमर्थ कदे जदान ककी इच्छदा करमें वदे वदेद द्विदारदा धमर्थ कदा चनश्चय करमें क्ययोंचक धमदार्थऽधमर्थ कदा चनश्चय चवनदा वदेद
कदे ठहीक-ठहीक नहह हमोतदा।
इस प्रकदार आचदायर्थ अपनदे चशष्य कमो उपददेश करदे और चवशदेषकर रदाजिदा इतर कचत्रय, वहैश्य और उत्तम शभूद्र
जिनयों कमो भही चवददा कदा अभ्यदास अवश्य करदावमें , क्ययोंचक जिमो ब्रदाह्मण हमैं वदे हही कदे वल चवददाभ्यदास करमें और कचत्रयदाचद
न करमें तमो चवददा, धमर्थ, रदाज्य और धनदाचद ककी वकचद्ध कभही नहह हमो सकतही। क्ययोंचक ब्रदाह्मण तमो कदे वल पढ़नदे पढ़दानदे
और कचत्रयदाचद सदे जिहीचवकदा कमो प्रदाप्त हमोकदे जिहीवन धदारण कर सकतदे हमैं। जिहीचवकदा कदे आधहीन और कचत्रयदाचद कदे
आजदाददातदा और यथदावतम् परहीकक दण्डददातदा न हमोनदे सदे ब्रदाह्मणदाचद सब वणर्थ पदाखण्ड हही ममें फसं स जिदातदे हमैं और जिब
कचत्रयदाचद चवद्विदानम् हमोतदे हमैं तब ब्रदाह्मण भही अचधक चवददाभ्यदास और धमर्थपथ ममें चलतदे हमैं और उन कचत्रयदाचद चवद्विदानयों
कदे सदामनदे पदाखण्ड, झभूठदा व्यवहदार भही नहह कर सकतदे और जिब कचत्रयदाचद अचवद्विदानम् हमोतदे हमैं तमो वदे जिहैसदा अपनदे मन
ममें आतदा हहै वहैसदा हही करतदे करदातदे हमैं। इसचलयदे ब्रदाह्मण भही अपनदा कल्यदाण चदाहमैं तमो कचत्रयदाचद कमो वदेददाचद सत्यशदास
कदा अभ्यदास अचधक प्रयत्न सदे करदावमें। क्ययोंचक कचत्रयदाचद हही चवददा, धमर्थ, रदाज्य और लक्ष्मही ककी वकचद्ध करनदे हदारदे हमैं,
वदे कभही चभकदावकचत्त नहह करतदे, इसचलए वदे चवददा व्यवहदार ममें पकपदातही भही नहह हमो सकतदे। और जिब सब वणर्यों ममें
चवददा सगुचशकदा हमोतही हहै तब कमोई भही पदाखण्डरूप अधमर्थयक्त गु चमथ्यदा व्यवहदार कमो नहह चलदा सकतदा। इससदे क्यदा
चसद्ध हह आ चक कचत्रयदाचद कमो चनयम ममें चलदानदे वदालदे ब्रदाह्मण और ससंन्यदासही तथदा ब्रदाह्मण और ससंन्यदासही कमो सगुचनयम
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ममें चलदानदे वदालदे कचत्रयदाचद हमोतदे हमैं। इसचलयदे सब वणर्यों कदे सही पगुरुषयों ममें चवददा और धमर्थ कदा प्रचदार अवश्य हमोनदा
चदाचहयदे।
अब जिमो-जिमो पढ़नदा-पढ़दानदा हमो वह-वह अच्छही प्रकदार परहीकदा करकदे हमोनदा यमोग्य हहै। परहीकदा पदासंच प्रकदार सदे
हमोतही हहै—
एक— जिमो-जिमो ईश्वर कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव और वदेदयों सदे अनगुकभूल हमो वह-वह सत्य और उससदे चवरुद्ध
असत्य हहै।
दभू स रही— जिमो-जिमो सकचष्टक्रम सदे अनगुकभूल वह-वह सत्य और जिमो-जिमो सकचष्टक्रम सदे चवरुद्ध हहै वह सब
असत्य हहै। जिहैसदे—कमोई कहहै ‘चवनदा मदातदा चपतदा कदे यमोग सदे लड़कदा उत्पन्न हह आ’ ऐसदा कथन सकचष्टक्रम सदे चवरुद्ध
हमोनदे सदे सवर्थथदा असत्य हहै।
तहीसरही— ‘आप्त’ अथदार्थतम् जिमो धदाचमर्थक चवद्विदानम्, सत्यवदादही, चनष्कपचटययों कदा ससंग उपददेश कदे अनगुकभूल हहै
वह-वह ग्रदाह्य और जिमो-जिमो चवरुद्ध वह-वह अग्रदाह्य हहै।
चचौथही— अपनदे आत्मदा ककी पचवत्रतदा चवददा कदे अनगुकभूल अथदार्थतम् जिहैसदा अपनदे कमो सगुख चप्रय और दमःगु ख
अचप्रय हहै वहैसदे हही सवर्थत्र समझ लदेनदा चक ममैं भही चकसही कमो दमःगु ख वदा सगुख दगहभू दा तमो वह भही अप्रसन्न और प्रसन्न हमोगदा।
और पदासंच वह— आठयों प्रमदाण अथदार्थतम् प्रत्यक, अनगुम दान, उपमदान, शब्द, ऐचतह्य, अथदार्थप चत्त,
सम्भव और अभदाव। इनममें सदे प्रत्यक कदे लकणदाचद कदे जिमो-जिमो सभूत्र नहीचदे चलखमेंगदे वदे-वदे सब न्यदायशदास कदे प्रथम
और चद्वितहीय अध्यदाय कदे जिदानमो।
इचन्द्रयदाथर्थस चन्नकषर्वो त् पन्नसं जदानमव्यपददेश् यमव्यचभचदारर-व्यवसदायदात्मकसं प्रत्यकमम्।
—न्यदाय॰ अध्यदाय 1। आचहक 1। सभूत्र 4॥
जिमो श्रमोत्र, त्वचदा, चकगु, चजिहदा और घ्रदाण कदा शब्द, स्पशर्थ, रूप, रस और गन्ध कदे सदाथ अव्यवचहत
अथदार्थतम् आवरणरचहत सम्बन्ध हमोतदा हहै, इचन्द्रययों कदे सदाथ मन कदा और मन कदे सदाथ आत्मदा कदे ससंयमोग सदे जदान
उत्पन्न हमोतदा हहै उस कमो प्रत्यक कहतदे हमैं परन्तगु जिमो व्यपददेश्य अथदार्थतम् ससंजदाससंजही कदे सम्बन्ध सदे उत्पन्न हमोतदा हहै वह-
वह जदान न हमो। जिहैसदा चकसही नदे चकसही सदे कहदा चक ‘तभू जिल लदे आ’ वह लदाकदे उस कदे पदास धर कदे बमोलदा चक ‘यह
जिल हहै’ परन्तगु वहदासं ‘जिल’ इन दमो अकरयों ककी ससंजदा लदानदे वदा मसंगवदानदे वदालदा नहह ददेख सकतदा हहै। चकन्तगु चजिस
पददाथर्थ कदा नदाम जिल हहै वहही प्रत्यक हमोतदा हहै और जिमो शब्द सदे जदान उत्पन्न हमोतदा हहै वह शब्द-प्रमदाण कदा चवषय हहै।
‘अव्यचभचदारर’ जिहैस दे चकसही नदे रदाचत्र ममें खम्भदे कमो ददेख कदे पगुरुष कदा चनश्चय कर चलयदा, जिब चदन ममें उसकमो ददेखदा

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तमो रदाचत्र कदा पगुरुषजदान नष्ट हमोकर स्तम्भजदान रहदा, ऐसदे चवनदाशही जदान कदा नदाम व्यचभचदारही हहै। ‘व्यवसदायदात्मक’
चकसही नदे दरभू सदे नदही ककी बदालभू कमो ददेख कदे कहदा चक ‘वहदासं वस सभूख रहदे हमैं, जिल हहै वदा और कगु छ हहै’ ‘वह ददेवदत्त
खड़दा हहै वदा यजदत्त’ जिब तक एक चनश्चय न हमो तब तक वह प्रत्यक जदान नहह हहै चकन्तगु जिमो अव्यपददेश् य,
अव्यचभचदारर और चनश्चयदात्मक जदान हहै उसही कमो प्रत्यक कहतदे हमैं। दस भू रदा अनगुमदान—
अथ तत्पभूव र्थकसं चत्रचवधमनगुम दानसं पभूव वर्थ च्छदेष वतम् सदामदान्यतमोदृष्टञ्च॥
—न्यदाय॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 5॥
जिमो प्रत्यकपभूवर्थक अथदार्थतम् चजिसकदा कमोई एक ददेश वदा सम्पभूणर्थ द्रव्य चकसही स्थदान वदा कदाल ममें प्रत्यक हह आ हमो
उसकदा दरभू ददेश ममें सहचदारही एक ददेश कदे प्रत्यक हमोनदे सदे अदृष्ट अवयवही कदा जदान हमोनदे कमो अनगुम दान कहतदे हमैं। जिहैसदे
पगुत्र कमो ददेख कदे चपतदा, पवर्थतदाचद ममें धभूम कमो ददेख कदे अचग्नि, जिगतम् ममें सगुख दमःगु ख ददेख कदे पभूवर्थजिन्म कदा जदान हमोतदा हहै।
वह अनगुमदान तहीन प्रकदार कदा हहै। एक ‘पभूव वर्थ तम्’ जिहैसदे बद्दलयों कमो ददेख कदे वषदार्थ, चववदाह कमो ददेख कदे सन्तदानमोत्पचत्त,
पढ़तदे हह ए चवददाचथर्थययों कमो ददेख कदे चवददा हमोनदे कदा चनश्चय हमोतदा हहै, इत्यदाचद जिहदासं-जिहदासं कदारण कमो ददेख कदे कदायर्थ कदा
जदान हमो वह ‘पभूवर्थवतम्’। दभू स रदा ‘शदेष वतम्’ अथदार्थतम् जिहदासं कदायर्थ कमो ददेख कदे कदारण कदा जदान हमो। जिहैसदे नदही कदे प्रवदाह
ककी बढ़तही ददेख कदे ऊपर हह ई वषदार्थ कदा, पगुत्र कमो ददेख कदे चपतदा कदा, सकचष्ट कमो ददेख कदे अनदाचद कदारण कदा तथदा कत्तदार्थ
ईश्वर कदा और पदाप पगुण्य कदे आचरण कमो ददेख कदे सगुख दमःगु ख कदा जदान हमोतदा हहै , इसही कमो ‘शदेषवतम्’ कहतदे हमैं।
तहीसरदा ‘सदामदान्यतमोदृष्ट’ जिमो कमोई चकसही कदा कदायर्थ कदारण न हमो परन्तगु चकसही प्रकदार कदा सदाधम्यर्थ एक द स भू रदे कदे
सदाथ हमो जिहैसदे कमोई भही चवनदा चलदे दस भू रदे स्थदान कमो नहह जिदा सकतदा वहैसदे हही दसभू रयों कदा भही स्थदानदान्तर ममें जिदानदा चवनदा
गमन कदे कभही नहह हमो सकतदा। अनगुमदान शब्द कदा अथर्थ यहही हहै चक अनगु अथदार्थतम् ‘प्रत्यकस्य पश्चदान्महीयतदे जदायतदे
यदेन तदनगुम दानमम्’ जिमो प्रत्यक कदे पश्चदातम् उत्पन्न हमो जिहैसदे धभूम कदे प्रत्यक ददेखदे चवनदा अदृष्ट अचग्नि कदा जदान कभही नहह
हमो सकतदा। तहीसरदा उपमदान—
प्रचसद्धसदाधम्यदार्थत म् सदाध्यसदाधनमगुप मदानमम्॥
—न्यदाय॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 6॥
जिमो प्रचसद्ध प्रत्यक सदाधम्यर्थ सदे सदाध्य अथदार्थतम् चसद्ध करनदे यमोग्य जदान ककी चसचद्ध करनदे कदा सदाधन हमो उसकमो
उपमदान कहतदे हमैं। ‘उपमहीयतदे यदेन तद गुप मदानमम्’ जिहैसदे चकसही नदे चकसही भकत्य सदे कहदा चक ‘तभू ददेवदत्त कदे सदृश
चवष्णगुचमत्र कमो बगुलदा लदा’ वह बमोलदा चक ‘ममैंनदे उसकमो कभही नहह ददेखदा’ उस कदे स्वदामही नदे कहदा चक ‘जिहैसदा यह
ददेवदत्त हहै वहैसदा हही वह चवष्णगुचमत्र हहै’ वदा ‘जिहैसही यह गदाय हहै वहैसदा हही गवय अथदार्थतम् नहीलगदाय हमोतदा हहै।’ जिब वह वहदासं
गयदा और ददेवदत्त कदे सदृश उस कमो ददेख चनश्चय कर चलयदा चक यहही चवष्णगुचमत्र हहै , उसकमो लदे आयदा। अथवदा चकसही
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जिङल ममें चजिस पशगु कमो गदाय कदे तगुल्य ददेखदा उसकमो चनश्चय कर चलयदा चक इसही कदा नदाम गवय हहै। चचौथदा
शब्दप्रमदाण—
आप्तमोपददेश मः शब्दमः॥
—न्यदाय॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 7॥
जिमो आप्त अथदार्थतम् पभूणर्थ चवद्विदानम्, धमदार्थत्मदा, परमोपकदारचप्रय, सत्यवदादही, पगुरुषदाथर्त्ती, चजितदेचन्द्रय पगुरुष जिहैसदा
अपनदे आत्मदा ममें जिदानतदा हमो और चजिस सदे सगुख पदायदा हमो उसही कदे कथन ककी इच्छदा सदे प्रदेररत सब मनगुष्ययों कदे
कल्यदाणदाथर्थ उपददेष्टदा हमो अथदार्थतम् चजितनदे पकचथवही सदे लदेकदे परमदेश्वर पयर्थन्त पददाथर्यों कदा जदान प्रदाप्त हमोकर उपददेष्टदा हमोतदा
हहै। जिमो ऐसदे पगुरुष और पभूणर्थ आप्त परमदेश्वर कदे उपददेश वदेद हमैं, उन्हह कमो शब्दप्रमदाण जिदानमो। पदासंच वदासं ऐचतह्य—
न चतगुष् ट्वमहैच तह्यदाथदार्थप चत्तसम्भवदाभदावप्रदामदाण्यदातम्॥
—न्यदाय॰ अ॰ 2। आ॰ 2। सभू॰ 1॥
जिमो इचत ह अथदार्थतम् इस प्रकदार कदा थदा उस नदे इस प्रकदार चकयदा अथदार्थतम् चकसही कदे जिहीवन-चररत्र कदा नदाम
ऐचतह्य हहै। छठदा अथदार्थप चत्त—
‘अथदार्थद दापदतदे सदा अथदार्थप चत्तमः’ कदे नचचदच्गु यतदे ‘सत्सगु घनदेष गु वकच ष्टमः, सचत कदारणदे कदायर्वं भवतहीचत
चकमत्र प्रसज्यतदे, असत्सगु घनदेष गु वकच ष्टरसचत कदारणदे च कदायर्वं न भवचत।’ जिहैसदे चकसही नदे चकसही सदे कहदा चक
‘बद्दल कदे हमोनदे सदे वषदार्थ और कदारण कदे हमोनदे सदे कदायर्थ उत्पन्न हमोतदा हहै’ इस सदे चवनदा कहदे यह दस
भू रही बदात चसद्ध हमोतही
हहै चक चवनदा बद्दल वषदार्थ और चवनदा कदारण कदायर्थ कभही नहह हमो सकतदा। सदातवदासं सम्भव—
‘सम्भवचत यचस्मनम् स सम्भवमः’ कमोई कहदे चक ‘मदातदा चपतदा कदे चवनदा सन्तदानमोत्पचत्त, चकसही नदे मकतक
चजिलदायदे, पहदाड़ उठदायदे, समगुद्र ममें पत्थर तरदायदे, चन्द्रमदा कदे टगु कड़दे चकयदे, परमदेश्वर कदा अवतदार हह आ, मनगुष्य कदे
सहग ददेखदे और वन्ध्यदा कदे पगुत्र और पगुत्रही कदा चववदाह चकयदा, इत्यदाचद सब असम्भव हमैं। क्ययोंचक यदे सब बदातमें सकचष्टक्रम
सदे चवरुद्ध हमैं। जिमो बदात सकचष्टक्रम कदे अनगुकभूल हमो वहही सम्भव हहै। आठवदासं अभदाव—
‘न भवचन्त यचस्मनम् समोऽभदावमः’ जिहैसदे चकसही नदे चकसही सदे कहदा चक ‘हदाथही लदे आ’ वह वहदासं हदाथही कदा
अभदाव ददेख कर जिहदासं हदाथही थदा वहदासं सदे लदे आयदा। यदे आठ प्रमदाण। इन ममें सदे जिमो शब्द ममें ऐचतह्य और अनगुमदान ममें
अथदार्थपचत्त, सम्भव और अभदाव ककी गणनदा करमें तमो चदार प्रमदाण रह जिदातदे हमैं। इन चदार प्रकदार ककी परहीकदाओसं सदे मनगुष्य
सत्यदासत्य कदा चनश्चय कर सकतदा हहै अन्यथदा नहह।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
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धमर्थच वशदेष प्रसभूत दादम् द्रव्यगगुण कमर्थस दामदान्यचवशदेष समवदायदानदासं पददाथदार्थन दासं सदाधम्यर्थव धहै म्यदार्थभ् यदासं
तत्त् व जदानदाचन् नमःश्रदेय समम्॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 4॥
जिब मनगुष्य धमर्थ कदे यथदायमोग्य अनगुष्ठिदान करनदे सदे पचवत्र हमोकर ‘सदाधम्यर्थ’ अथदार्थतम् जिमो तगुल्य धमर्थ हहै जिहैसदा
पकचथवही जिड़ और जिल भही जिड़, ‘वहैधम्यर्थ’ अथदार्थतम् पकचथवही कठमोर और जिल कमोमल, इसही प्रकदार सदे द्रव्य, गगुण,
कमर्थ, सदामदान्य, चवशदेष और समवदाय इन छमः पददाथर्यों कदे तत्त्वजदान अथदार्थतम् स्वरूपजदान सदे ‘चनमःश्रदेयसमम्’ ममोक प्रदाप्त
हमोतदा हहै।
पकच थव्यदापस्तदेजि मोवदायगुर दाकदाशसं कदालमो चदगदात्मदा मन इचत द्रव्यदाचण॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 5॥
पकचथवही, जिल, तदेजि, वदाय,गु आकदाश, कदाल, चदशदा, आत्मदा और मन यदे नव द्रव्य हमैं।
चक्रयदागगुण वत्समवदाचयकदारणचमचत द्रव्यलकणमम्॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 15॥
‘चक्रयदाश्च गगुण दाश्च चवदन्तदे यचस्मसंस् ततम् चक्रयदागगुण वतम् ’ चजिस ममें चक्रयदा, गगुण और कदे वल गगुण भही रहमैं
उस कमो द्रव्य कहतदे हमैं। उन ममें सदे पकचथवही, जिल, तदेजि, वदाय,गु मन और आत्मदा यदे छमः द्रव्य चक्रयदा और गगुणवदालदे हमैं
तथदा आकदाश, कदाल और चदशदा यदे तहीन चक्रयदारचहत गगुण वदालदे हमैं।
(समवदाचय) ‘समवदेत गुसं’ शहीलसं यस्य ततम् समवदाचय प्रदाग्वकच त्तत्वसं कदारणसं समवदाचय च तत्कदारणसं च
समवदाचयकदारणमम्। ’ ‘लक्ष्यतदे यदेन तलकणमम्’ जिमो चमलनदे कदे स्वभदावयगुक्त कदायर्थ सदे कदारण पभूवर्थकदालस्थ हमो उसही
कमो ‘द्रव्य’ कहतदे हमैं। चजिस सदे लक्ष्य जिदानदा जिदाय जिहैसदा आसंख सदे रूप जिदानदा जिदातदा हहै उसकमो ‘लकण’ कहतदे हमैं।
रूपरसगन्धस्पशर्थव तही पकच थवही॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 1। सभू॰ 1॥
रूप, रस, गन्ध, स्पशर्थवदालही पकचथवही हहै। उस ममें रूप, रस और स्पशर्थ अचग्नि, जिल और वदायगु कदे यमोग सदे हमैं।
व्यवचस्थतमः पकच थव्यदासं गन्धमः॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 2। सभू॰ 2॥
पकचथवही ममें गन्ध गगुण स्वदाभदाचवक हहै। वहैसदे हही जिल ममें रस, अचग्नि ममें रूप, वदायगु ममें स्पशर्थ और आकदाश ममें शब्द
स्वदाभदाचवक हहै।
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रूपरसस्पशर्थव त्य आपमो द्रवदामः चस्नग्धदामः॥


—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 1। सभू॰ 2॥
रूप, रस और स्पशर्थवदानम् द्रवहीभभूत और कमोमल जिल कहदातदा हहै। परन्तगु इन ममें जिल कदा रस स्वदाभदाचवक गगुण
तथदा रूप, स्पशर्थ अचग्नि और वदायगु कदे यमोग सदे हमैं।
अप्सगु शहीततदा॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 1। सभू॰ 5॥
और जिल ममें शहीतलत्व गगुण भही स्वदाभदाचवक हहै।
तदेजि मो रूपस्पशर्थव तम्॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 1। सभू॰ 3॥
जिमो रूप और स्पशर्थवदालदा हहै वह तदेजि हहै। परन्तगु इस ममें रूप स्वदाभदाचवक और स्पशर्थ वदाय गु यमोग सदे हहै।
स्पशर्थव दानम् वदायगु मः ॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 1। सभू॰ 4॥
स्पशर्थ गगुणवदालदा वदायगु हहै परन्तगु इस ममें भही उष्णतदा, शहीततदा, तदेजि और जिल कदे यमोग सदे रहतदे हमैं।
त आकदाशदे न चवदन्तदे॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 1। सभू॰ 5॥
रूप, रस, गन्ध और स्पशर्थ आकदाश ममें नहह हमैं। चकन्तगु शब्द हही आकदाश कदा गगुण हहै।
चनष्क्रमणसं प्रवदेश नचमत्यदाकदाशस्य चलङमम्॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 1। सभू॰ 20॥
चजिसममें प्रवदेश और चनकलनदा हमोतदा हहै वह आकदाश कदा चलङ हहै।
कदायदार्थन् तरदाप्रदाद गुभ दार्थव दाच्चि शब्दमः स्पशर्थव तदामगगुण मः॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 1। सभू॰ 25॥
अन्य पकचथवही आचद कदायर्यों सदे प्रकट न हमोनदे सदे शब्द; स्पशर्थगगुणवदालदे भभूचम आचद कदा गगुण नहह हमैं चकन्तगु शब्द
आकदाश हही कदा गगुण हहै।
अपरचस्मन्नपरसं यगुग पचच्चिरसं चकप्रचमचत कदालचलङदाचन॥
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—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 2। सभू॰ 6॥
चजिस ममें अपर पर (यगुगपतम्) एक वदार (चचरमम्) चवलम्ब (चकप्रमम्) शहीघ्र इत्यदाचद प्रयमोग हमोतदे हमैं उसकमो
‘कदाल’ कहतदे हमैं।
चनत्यदेष् वभदावदादचनत्यदेष गु भदावदात्कदारणदे कदालदाख्यदेच त॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 2। सभू॰ 9॥
जिमो चनत्य पददाथर्यों ममें न हमो और अचनत्ययों ममें हमो इसचलयदे कदारण ममें हही कदाल ससंजदा हहै।
इत इदचमचत यतस्तचद्दश्यसं चलङमम्॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 2। सभू॰ 10॥
यहदासं सदे वह पभूवर्थ, दचकण, पचश्चम, उत्तर, ऊपर, नहीचदे, चजिस ममें यह व्यवहदार हमोतदा हहै उसही कमो ‘चदशदा’
कहतदे हमैं।
आचदत्यससंय मोगदादम् भभूत पभूव दार्थदम् भचवष्यतमो भभूत दाच्चि प्रदाचही॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 2। सभू॰ 14॥
चजिस ओर प्रथम आचदत्य कदा ससंयमोग हह आ हहै, हमोगदा, उस कमो पभूवर्थ चदशदा कहतदे हमैं। और जिहदासं अस्त हमो
उस कमो पचश्चम कहतदे हमैं। पभूवदार्थचभमगुख मनगुष्य कदे ददाचहनही ओर दचकण और बदाई सं ओर उत्तर चदशदा कहदातही हहै।
एतदेन चदगन्तरदालदाचन व्यदाख्यदातदाचन॥
—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 2। सभू॰ 16॥
इस सदे पभूवर्थ दचकण कदे बहीच ककी चदशदा कमो आग्निदेयही, दचकण पचश्चम कदे बहीच कमो नहैऋत, पचश्चम उत्तर कदे
बहीच कमो वदायवही और उत्तर पभूवर्थ कदे बहीच कमो ऐशदानही चदशदा कहतदे हमैं।
इच्छदाद्विदेष प्रयत्नसगुख द गुमः खजदानदान्यदात्मनमो चलङचमचत॥
—न्यदाय॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 10॥
चजिस ममें (इच्छदा) रदाग, (द्विदेष) वहैर, (प्रयत्न) पगुरुषदाथर्थ, सगुख, दमःगु ख, (जदान) जिदाननदा, गगुण हयों वह
जिहीवदात्मदा हहै। वहैशदेचषक ममें इतनदा चवशदेष हहै—
प्रदाणदाऽपदानचनमदेष मोन्मदेष जिहीवनमनमोगतहीचन्द्रयदान्तचवर्थक दारदामः सगुख द गुमः खदे च् छदाद्विदेष -
प्रयत्नदाश्चदात्मनमो चलङदाचन॥
—वहै॰ अ॰ 3। आ॰ 2। सभू॰ 4॥

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(प्रदाण) भहीतर सदे वदायगु कमो चनकदालनदा (अपदान) बदाहर सदे वदायगु कमो भहीतर लदेनदा (चनमदेष) आसंख कमो नहीचदे
ढदासंकनदा (उन्मदेष) आसंख कदा ऊपर उठदानदा (जिहीवन) प्रदाण कदा धदारण करनदा (मनमः) मनन चवचदार अथदार्थतम् जदान
(गचत) यथदेष्ट गमन करनदा (इचन्द्रय) इचन्द्रययों कमो चवषययों ममें चलदानदा उन सदे चवषययों कदा ग्रहण करनदा (अन्तचवर्थकदार)
कगुधदा, तकषदा, ज्वर, पहीड़दा आचद चवकदारयों कदा हमोनदा, सगुख, दमःगु ख, इच्छदा, द्विदेष और प्रयत्न यदे सब आत्मदा कदे चलङ
अथदार्थतम् कमर्थ और गगुण हमैं।
यगुग पज्जदानदानगुत् पचत्तमर्थन समो चलङमम्॥
—न्यदाय॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 16॥
चजिस सदे एक कदाल ममें दमो पददाथर्यों कदा ग्रहण जदान नहह हमोतदा उस कमो मन कहतदे हमैं। यह द्रव्य कदा स्वरूप
और लकण कहदा। अब गगुणयों कदा कहतदे हमैं—
रूपरसगन्धस्पशदार्थमः ससंख् यदामः पररमदाणदाचन पकथ क्त्वसं ससंय मोगचवभदागचौ परत्वदाऽपरत्वदे बगुद्ध यमः
सगुख दगुमः खदे इच्छदाद्विदेष चौ प्रयत्नदाश्च गगुण दामः॥
—वहै॰अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 6॥
रूप, रस, गन्ध, स्पशर्थ, ससंख्यदा, पररमदाण, पकथक्त्व, ससंयमोग, चवभदाग, परत्व, अपरत्व, बगुचद्ध, सगुख,
दमःगु ख, इच्छदा, द्विदेष, प्रयत्न, गगुरुत्व, द्रवत्व, स्नदेह, ससंस्कदार, धमर्थ, अधमर्थ और शब्द यदे 24 गगुण कहदातदे हमैं।
द्रव्यदाश्रयगगुण वदानम् ससंय मोगचवभदागदेष् वकदारणमनपदेक इचत गगुण लकणमम्॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 16॥
गगुण उसकमो कहतदे हमैं चक जिमो द्रव्य कदे आश्रय रहहै, अन्य गगुण कदा धदारण न करदे, ससंयमोग और चवभदाग ममें
कदारण न हमो, अनपदेक अथदार्थतम् एक दस
भू रदे ककी अपदेकदा न करदे उसकदा नदाम ‘गगुण’ हहै।
श्रमोत्रमोपलचब्धबगुर्थच द्धचनग्रदार्थह्य मः प्रयमोगदेण दाऽचभज्वचलत आकदाशददेश मः शब्दमः॥
—महदाभदाष्य॥
चजिस ककी श्रमोत्रयों सदे प्रदाचप्त, जिमो बगुचद्ध सदे ग्रहण करनदे यमोग्य और प्रयमोग सदे प्रकदाचशत तथदा आकदाश चजिस कदा
ददेश हहै वह ‘शब्द’ कहदातदा हहै। नदेत्र सदे चजिस कदा ग्रहण हमो वह रूप, चजिहदा सदे चजिस चमष्टदाचद अनदेक प्रकदार कदा ग्रहण
हमोतदा हहै वह रस, नदाचसकदा सदे चजिस कदा ग्रहण हमोतदा हहै वह गन्ध, त्वचदा सदे चजिसकदा ग्रहण हमोतदा हहै वह स्पशर्थ , एक
चद्वि इत्यदाचद गणनदा चजिस सदे हमोतही हहै वह ससंख्यदा, चजिस सदे तचौल अथदार्थतम् हल्कदा भदारही चवचदत हमोतदा हहै वह पररमदाण ,
एक दस भू रदे सदे अलग हमोनदा वह पकथक्त्व, एक दस भू रदे कदे सदाथ चमलनदा वह ससंयमोग, एक दस भू रदे सदे चमलदे हह ए कदे अनदेक
टगु कड़दे हमोनदा वह चवभदाग, इस सदे यह पर हहै वह पर, उस सदे यह उरदे हहै वह अपर, चजिस सदे अच्छदे बगुरदे कदा जदान

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हमोतदा हहै वह बगुचद्ध, आनन्द कदा नदाम सगुख, क्लदेश कदा नदाम दमःगु ख, (इच्छदा) रदाग, (द्विदेष) चवरमोध, (प्रयत्न) अनदेक
प्रकदार कदा बल पगुरुषदाथर्थ, (गगुरुत्व) भदारहीपन, (द्रवत्व) चपघल जिदानदा, (स्नदेह) प्रहीचत और चचकनदापन,
(ससंस्कदार) दस भू रदे कदे यमोग सदे वदासनदा कदा हमोनदा, (धमर्थ) न्यदायदाचरण और कचठनत्वदाचद (अधमर्थ) अन्यदायदाचरण
औदेर कचठनतदा सदे चवरुद्ध कमोमलतदा यदे 24 गगुण हमैं।
उत्कदेप णमवकदेप णमदाकगु ञ्चनसं प्रसदारणसं गमनचमचत कमदार्थच ण॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 7॥
‘उत्कदेपण’ ऊपर कमो चदेष्टदा करनदा ‘अवकदेपण’ नहीचदे कमो चदेष्टदा करनदा ‘आकगु ञ्चन’ सङमोच करनदा ‘प्रसदारण’
फहै लदानदा ‘गमन’ आनदा जिदानदा घभूमनदा आचद इन कमो ‘कमर्थ’ कहतदे हमैं। अब कमर्थ कदा लकण—
एकद्रव्यमगगुण सं ससंय मोगचवभदागदेष् वनपदेक कदारणचमचत कमर्थल कणमम्॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 17॥
‘एकसं द्रव्यमदाश्रय आधदारमो यस्य तददेक द्रव्यसं न चवदतदे गगुण मो यस्य यचस्मनम् वदा तदगगुण सं ससंय मोगदेष गु
चवभदागदेष गु चदाऽपदेक दारचहतसं कदारणसं तत्कमर्थल कणसं ’ अथवदा ‘यतम् चक्रयतदे तत्कमर्थ, लक्ष्यतदे यदेन तलकणमम्,
कमर्थण मो लकणसं कमर्थल कणमम्’ एक द्रव्य कदे आचश्रत गगुणयों सदे रचहत ससंयमोग और चवभदाग हमोनदे ममें अपदेकदा रचहत कदारण
हमो उसकमो कमर्थ कहतदे हमैं।
द्रव्यगगुण कमर्थण दासं द्रव्यसं कदारणसं सदामदान्यमम्॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 18॥
जिमो कदायर्थ द्रव्य गगुण और कमर्थ कदा कदारण द्रव्य हहै। वह सदामदान्य द्रव्य हहै।
द्रव्यदाणदासं द्रव्यसं कदायर्वं सदामदान्यमम्॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 23॥
जिमो द्रव्ययों कदा कदायर्थ द्रव्य हहै वह कदायर्थपन सदे सब कदायर्यों ममें सदामदान्य हहै।
द्रव्यत्वसं गगुण त्वसं कमर्थत् वञ्च सदामदान्यदाचन चवशदेष दाश्च॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 2। सभू॰ 5॥
द्रव्ययों ममें द्रव्यपन, गगुणयों ममें गगुणपन, कमर्यों ममें कमर्थपन यदे सब सदामदान्य और चवशदेष कहदातदे हमैं। क्ययोंचक द्रव्ययों
ममें द्रव्यत्व सदामदान्य और गगुणत्व कमर्थत्व सदे द्रव्यत्व चवशदेष हहै इसही प्रकदार सवर्थत्र जिदाननदा।
सदामदान्यसं चवशदेष इचत बगुद् ध्यपदेक मम्॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 2। सभू॰ 3॥

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सदामदान्य और चवशदेष बगुचद्ध ककी अपदेकदा सदे चसद्ध हमोतदे हमैं। जिहैसदे—मनगुष्य व्यचक्तययों ममें मनगुष्यत्व सदामदान्य और
पशगुत्वदाचद सदे चवशदेष तथदा सहीत्व और पगुरुषत्व इनममें ब्रदाह्मणत्व कचत्रयत्व वहैश्यत्व शभूद्रत्व भही चवशदेष हमैं। ब्रदाह्मण
व्यचक्तययों ममें ब्रदाह्मणत्व सदामदान्य और कचत्रयदाचद सदे चवशदेष हहै इसही प्रकदार सवर्थत्र जिदानमो।
इहदेद चमचत यतमः कदायर्थक दारणयमोमः स समवदायमः॥
—वहै॰ अ॰ 7। आ॰ 2। सभू॰ 26॥
कदारण अथदार्थतम् अवयवयों ममें अवयवही कदायर्यों ममें चक्रयदा चक्रयदावदानम् , गगुण गगुणही, जिदाचत व्यचक्त कदायर्थ कदारण,
अवयव अवयवही, इन कदा चनत्य सम्बन्ध हमोनदे सदे समवदाय कहदातदा हहै और जिमो दस भू रदा द्रव्ययों कदा परस्पर सम्बन्ध
हमोतदा हहै वह ससंयमोग अथदार्थतम् अचनत्य सम्बन्ध हहै।
द्रव्यगगुण यमोमः सजिदातहीयदारम्भकत्वसं सदाधम्यर्थम म्॥
—वहै॰अ॰ 1। आ॰ 1। सभू॰ 9॥
जिमो द्रव्य और गगुण कदा समदान जिदातहीयक कदायर्थ कदा आरम्भ हमोतदा हहै उस कमो सदाधम्यर्थ कहतदे हमैं। जिहैसदे पकचथवही
ममें जिड़त्व धमर्थ और घटदाचद कदायर्वोत्पदादकत्व स्वसदृश धमर्थ हहै वहैसदे हही जिल ममें भही जिडत्व और चहम आचद स्वसदृश
कदायर्थ कदा आरम्भ पकचथवही कदे सदाथ जिल कदा और जिल कदे सदाथ पकचथवही कदा तगुल्य धमर्थ हहै। अथदार्थतम्
‘द्रव्यगगुण यमोचवर्थजि दातहीयदारम्भकत्वसं वहैध म्यर्थम म्’ यह चवचदत हह आ चक जिमो द्रव्य और गगुण कदा चवरुद्ध धमर्थ और कदायर्थ
कदा आरम्भ हहै उस कमो वहैधम्यर्थ कहतदे हमैं। जिहैसदे पकचथवही ममें कचठनत्व, शगुष्कत्व और गन्धवत्त्व धमर्थ जिल सदे चवरुद्ध और
जिल कदा द्रवत्व, कमोमलतदा, और रसगगुणयगुक्ततदा पकचथवही सदे चवरुद्ध हहै।
कदारणभदावदात्कदायर्थभ दावमः॥
—वहै॰ अ॰ 4। आ॰ 1। सभू॰ 3॥
कदारण कदे हमोनदे हही सदे कदायर्थ हमोतदा हहै।
न तगु कदायदार्थभ दावदात्कदारणदाभदावमः॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 2। सभू॰ 2॥
कदायर्थ कदे अभदाव सदे कदारण कदा अभदाव नहह हमोतदा।
कदारणदाऽभदावदात्कदायदार्थऽ भदावमः॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 2। सभू॰ 1॥
कदारण कदे न हमोनदे सदे कदायर्थ कभही नहह हमोतदा।
कदारणगगुण पभूव र्थक मः कदायर्थग णगु मो दृष्टमः॥

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—वहै॰ अ॰ 2। आ॰ 1। सभू॰ 24॥


जिहैसदे कदारण ममें गगुण हमोतदे हमैं वहैसदे हही कदायर्थ ममें हमोतदे हमैं। पररमदाण दमो प्रकदार कदा हहै—
अणगु म हचदचत तचस्मचन्वशदेष भदावदाद् चवशदेष दाभदावदाच्चि॥
—वहै॰ अ॰ 7। आ॰ 1। सभू॰ 11॥
(अणगु) सभूक्ष्म (महतम्) बड़दा। जिहैसदे त्रसरदेणगु चलकदा सदे छमोटदा और द्व्यणगुक सदे बड़दा तथदा पहदाड़ पकचथवही सदे
छमोटदे, वककयों सदे बड़दे हमैं।
सचदचत यतमो द्रव्यगगुण कमर्थस गु सदा सत्तदा॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 2। सभू॰ 7॥
जिमो द्रव्य, गगुण, कमर्यों कदे सतम् शब्द अचन्वत रहतदा हहै अथदार्थतम् ‘सदम् द्रव्यमम्, सतम् गगुणमः, सत्कमर्थ’ सतम्
द्रव्य, सतम् गगुण, सतम् कमर्थ अथदार्थतम् वत्तर्थमदान कदालवदाचही शब्द कदा अन्वय सब कदे सदाथ रहतदा हहै।
भदावमोऽनगुव कत्त रदे देव हदेत त्गु वदात्सदामदान्यमदेव ॥
—वहै॰ अ॰ 1। आ॰ 2। सभू॰ 4॥
जिमो सब कदे सदाथ अनगुवत्तर्थमदान हमोनदे सदे सत्तदारूप भदाव हहै समो महदासदामदान्य कहदातदा हहै। यह क्रम भदावरूप
द्रव्ययों कदा हहै और जिमो अभदाव हहै वह पदासंच प्रकदार कदा हमोतदा हहै।
चक्रयदागगुण व्यपददेश दाभदावदात्प्रदागसतम्॥
—वहै॰ अ॰ 9। आ॰ 1। सभू॰ 1॥
चक्रयदा और गगुण कदे चवशदेष चनचमत्त कदे अभदाव सदे प्रदाकम् अथदार्थतम् पभूवर्थ (असतम्) न थदा जिहैसदे घट, वसदाचद
उत्पचत्त कदे पभूवर्थ नहह थदे इसकदा नदाम ‘प्रदागभदाव’। दस
भू रदा—
सदसतम्।
—वहै॰ अ॰ 9। आ॰ 1। सभू॰ 2॥
जिमो हमोकदे न रहहै जिहैसदे घट उत्पन्न हमोकदे नष्ट हमो जिदाय यह ‘प्रध्वसंसदाभदाव’ कहदातदा हहै।
तहीसरदा—
सच्चिदासतम्॥
—वहै॰ अ॰ 9। आ॰ 1। सभू॰ 4॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
88

जिमो हमोवदे और न हमोवदे जिहैसदे ‘अगचौरश्वमोऽनश्वमो गचौमः’ यह घमोड़दा गदाय नहह और गदाय घमोड़दा नहह अथदार्थतम् घमोड़दे
ममें गदाय कदा और गदाय ममें घमोडदेडे़ कदा अभदाव और गदाय ममें गदाय , घमोड़दे ममें घमोड़दे कदा भदाव हहै। यह ‘अन्यमोऽन्यदाभदाव’
कहदातदा हहै। चचौथदा—
यच्चिदान्यदसदतस्तदसतम्॥
—वहै॰ अ॰ 9। आ॰ 1। सभू॰ 5॥
जिमो पभूवर्वोक्त तहीनयों अभदावयों सदे चभन्न हहै उसकमो ‘अत्यन्तदाभदाव’ कहतदे हमैं।
जिहैसदे—‘नर शकङ’ अथदार्थतम् मनगुष्य कदा सहग ‘खपगुष्प’ आकदाश कदा फभू ल और ‘बन्ध्यदा पगुत्र’ बन्ध्यदा कदा पगुत्र
इत्यदाचद। पदासंचवदासं—
नदाचस्त घटमो गदेह इचत सतमो घटस्य गदेह ससंस गर्थप्र चतषदेध मः॥
—वहै॰ अ॰ 9। आ॰ 1। सभू॰ 10॥
घर ममें घड़दा नहह अथदार्थतम् अन्यत्र हहै, घर कदे सदाथ घड़दे कदा सम्बन्ध नहह हहै। यह ससंसगदार्थभदाव कहदातदा हहै। यदे
पदासंच अभदाव कहदातदे हमैं।
इचन्द्रयदमोषदात्ससंस् कदारदमोषदाच्चिदाचवददा॥
—वहै॰ अ॰ 9। आ॰ 2। सभू॰ 10॥
इचन्द्रययों और ससंस्कदार कदे दमोष सदे अचवददा उत्पन्न हमोतही हहै।
तद्द गुष्ट सं जदानमम्॥
—वहै॰ अ॰ 9। आ॰ 2। सभू॰ 11॥
जिमो दष्टगु अथदार्थतम् चवपरहीत जदान हहै उस कमो ‘अचवददा’ कहतदे हमैं।
अदगुष्ट सं चवददा॥
—वहै॰ अ॰ 9। आ॰ 2। सभू॰ 12॥
जिमो अदष्टगु अथदार्थतम् यथदाथर्थ जदान हहै उसकमो ‘चवददा’ कहतदे हमैं॥
पकच थव्यदाचदरूपरसगन्धस्पशदार्थ द्रव्यदाऽचनत्यत्वदादचनत्यदाश्च॥
—वहै॰ अ॰ 7। आ॰ 1। सभू॰ 2॥
एतदेन चनत्यदेष गु चनत्यत्वमगुक्त मम्॥
—वहै॰ अ॰ 7। आ॰ 1। सभू॰ 3॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
88

जिमो कदायर्थरूप पकचथव्यदाचद पददाथर्थ और उनममें रूप, रस, गन्ध, स्पशर्थ गगुण हमैं यदे सब द्रव्ययों कदे अचनत्य हमोनदे
सदे अचनत्य हमैं और जिमो इस सदे कदारणरूप पकचथव्यदाचद चनत्य द्रव्ययों ममें गन्धदाचद गगुण हमैं वदे चनत्य हमैं।
सदकदारणवचन्नत्यमम्॥
—वहै॰ अ॰ 4। आ॰ 1। सभू॰ 1॥
जिमो चवदमदान हमो और चजिस कदा कदारण कमोई भही न हमो वह चनत्य हहै अथदार्थतम्— ‘सत्कदारणवदचनत्यमम्’ जिमो
कदारण वदालदे कदायर्थरूप द्रव्य गगुण हमैं वदे अचनत्य कहदातदे हमैं।
अस्यदेद सं कदायर्वं कदारणसं ससंय मोचग चवरमोचध समवदाचय चदेच त लहैर ङकमम्॥
—वहै॰ अ॰ 9। आ॰ 2। सभू॰ 1॥
इसकदा यह कदायर्थ वदा कदारण हहै इत्यदाचद समवदाचय, ससंयमोचग, एकदाथर्थसमवदाचय और चवरमोचध यह चदार प्रकदार
कदा लहैरङक अथदार्थतम् चलङचलङही कदे सम्बन्ध सदे जदान हमोतदा हहै। ‘समवदाचय’ जिहैसदे आकदाश पररमदाण वदालदा हहै, ‘ससंयमोचग’
जिहैसदे शरहीर त्वचदा वदालदा हहै इत्यदाचद कदा चनत्य ससंयमोग हहै, ‘एकदाथर्थसमवदाचय’ एक अथर्थ ममें दमो कदा रहनदा जिहैसदे कदायर्थ
‘रूप’ स्पशर्थ कदायर्थ कदा चलङ अथदार्थतम् जिनदानदे वदालदा हहै, ‘चवरमोचध’ जिहैसदे हह ई वकचष्ट हमोनदे वदालही वकचष्ट कदा चवरमोधही चलङ हहै।
‘व्यदाचप्त’—
चनयतधमर्थस दाचहत्यमगुभ यमोरदेक तरस्य व्यदाचप्तमः॥
चनजिशक्त्यगुद वचमत्यदाचदायदार्थमः ॥
आधदेय शचक्तयमोग इचत पञ्चचशखमः॥
—सदासंख्यसभूत्र 29, 31, 32॥
जिमो दमोनयों सदाध्य सदाधन अथदार्थतम् चसद्ध करनदे यमोग्य और चजिस सदे चसद्ध चकयदा जिदाय उन दमोनयों अथवदा एक,
सदाधनमदात्र कदा चनचश्चत धमर्थ कदा सहचदार हहै उसही कमो व्यदाचप्त कहतदे हमैं। जिहैसदे धभूम और अचग्नि कदा सहचदार हहै॥29॥
तथदा व्यदाप्त जिमो धभूम उस ककी चनजि शचक्त सदे उत्पन्न हमोतदा हहै अथदार्थतम् जिब ददेशदान्तर ममें द रभू धभूम जिदातदा हहै तब
चवनदा अचग्नियमोग कदे भही धभूम स्वयसं रहतदा हहै। उसही कदा नदाम व्यदाचप्त हहै अथदार्थतम् अचग्नि कदे छदेदन, भदेदन, सदामथ्यर्थ सदे
जिलदाचद पददाथर्थ धभूमरूप प्रकट हमोतदा हहै॥31॥
जिहैसदे महत्तत्त्वदाचद ममें प्रकक त्यदाचद ककी व्यदापकतदा बगुद्ध्यदाचद ममें व्यदाप्यतदा धमर्थ कदे सम्बन्ध कदा नदाम व्यदाचप्त हहै
जिहैसदे शचक्त आधदेयरूप और शचक्तमदानम् आधदाररूप कदा सम्बन्ध हहै॥32॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
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इत्यदाचद शदासयों कदे प्रमदाणदाचद सदे परहीकदा करकदे पढ़दे और पढ़दावदे। अन्यथदा चवददाचथर्थययों कमो सत्य बमोध कभही
नहह हमो सकतदा। चजिस-चजिस ग्रन्थ कमो पढ़दावमें उस-उस ककी पभूवर्वोक्त प्रकदार सदे परहीकदा करकदे जिमो-जिमो सत्य ठहरदे वह-
वह ग्रन्थ पढ़दावमें। जिमो-जिमो इन परहीकदाओसं सदे चवरुद्ध हयों उन-उन ग्रन्थयों कमो न पढ़में न पढ़दावमें। क्ययोंचक—
लकणप्रमदाणदाभ्यदासं वस्तगुच सचद्धमः॥
लकण जिहैसदा चक ‘गन्धवतही पकच थवही’ जिमो पकचथवही हहै वह गन्धवदालही हहै। ऐसदे लकण और प्रत्यकदाचद प्रमदाण
इन सदे सब सत्यदासत्य और पददाथर्यों कदा चनणर्थय हमो जिदातदा हहै। इसकदे चवनदा कगु छ भही नहह हमोतदा।
अथ पठनपदाठनचवचधमः
अब पढ़नदे पढ़दानदे कदा प्रकदार चलखतदे हमैं— प्रथम पदाचणचनमगुचनकक तचशकदा जिमो चक सभूत्ररूप हहै उस ककी रहीचत
अथदार्थतम् इस अकर कदा यह स्थदान, यह प्रयत्न, यह करण हहै। जिहैसदे ‘प’ इस कदा ओष्ठि स्थदान, स्पकष्ट प्रयत्न और
प्रदाण तथदा जिहीभ ककी चक्रयदा करनही करण कहतदा हहै। इसही प्रकदार यथदायमोग्य सब अकरयों कदा उच्चिदारण मदातदा, चपतदा,
आचदायर्थ चसखलदावमें। तदनन्तर व्यदाकरण अथदार्थतम् प्रथम अष्टदाध्यदायही कदे सभूत्रयों कदा पदाठ जिहैसदे ‘वकच द्धरदादहैच म्’ चफर
पदच्छदेद जिहैसदे ‘वकच द्धमः, आतम्, ऐचम् वदा आदहैच म्’, चफर समदास ‘आच्चि ऐच्चि आदहैच म्’ और अथर्थ जिहैसदे ‘आदहैच दासं
वकच द्धससंज दा चक्रयतदे’ अथदार्थतम् आ, ऐ, औ ककी वकचद्ध ससंजदा हहै। ‘तमः परमो यस्मदातम् स तपरस्तदादचप परस्तपरमः’
तकदार चजिस सदे परदे और जिमो तकदार सदे भही परदे हमो वह तपर कहदातदा हहै। इस सदे क्यदा चसद्ध हह आ जिमो आकदार सदे परदे तम्
और तम् सदे परदे ऐचम् दमोनयों तपर हमैं। तपर कदा प्रयमोजिन यह हहै चक ह्रस्व और पहत ककी वकचद्ध ससंजदा न हहई।
उददाहरण (भदागमः) यहदासं ‘भजिम्’ धदातगु सदे ‘घञिम्’ प्रत्यय कदे परदे ‘घम्, ञिम्’ ककी इत्ससंजदा हमोकर लमोप हमो गयदा।
पश्चदातम् ‘भजिम् अ’ यहदासं जिकदार कदे पभूवर्थ भकदारमोत्तर अकदार कमो वकचद्धससंजक आकदार हमो गयदा हहै। तमो भदाजिम् पगुनमः ‘जिम्’
कमो गम् हमो अकदार कदे सदाथ चमलकदे ‘भदागमः’ ऐसदा प्रयमोग हह आ।
‘अध्यदायमः’ यहदाह अचधपभूवर्थक ‘इङम् ’ धदातगु कदे ह्रस्व इ कदे स्थदान ममें ‘घञिम्’ प्रत्यय कदे परदे ‘ऐ’ वकचद्ध और
उस कमो आयम् हमो चमल कदे ‘अध्यदायमः’।
‘नदायकमः’ यहदाह ‘नहीञिम्’ धदातगु कदे दहीघर्थ ईकदार कदे स्थदान ममें ‘ण्वगुलम्’ प्रत्यय कदे परदे ‘ऐ’ वकचद्ध और उस कमो
आयम् हमोकर चमलकदे ‘नदायकमः’।
और ‘स्तदावकमः’ यहदासं ‘स्तगु’ धदातगु सदे ‘ण्वगुलम्’ प्रत्यय हमोकर ह्रस्व उकदार कदे स्थदान ममें ‘औ’ वकचद्ध, आवम्
आददेश हमोकर अकदार ममें चमल गयदा तमो ‘स्तदावकमः’।

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88

(कक ञिम्) धदातगु सदे आगदे ‘ण्वगुलम्’ प्रत्यय, उस कदे ‘णम् लम्’ ककी इत्ससंजदा हमोकदे लमोप, ‘वगु’ कदे स्थदान ममें अक
आददेश और ऋकदार कदे स्थदान ममें ‘आरम्’ वकचद्ध हमोकर ‘कदारकमः’ चसद्ध हह आ।
जिमो-जिमो सभूत्र आगदे-पहीछदे कदे प्रयमोग ममें लगमें उन कदा कदायर्थ सब बतलदातदा जिदाय और चसलदेट अथवदा लकड़ही कदे
पट्टदे पर चदखलदा-चदखलदा कदे कच्चिदा रूप धर कदे जिहैसदे ‘भजि + घञिम् + सगु’ इस प्रकदार धर कदे प्रथम धदातगु कदे
अकदार कदा लमोप पश्चदातम् घम्-कदार कदा चफर ञिम् कदा लमोप हमोकर ‘भजिम् + अ + सगु’ ऐसदा रहदा, चफर अ कमो
आकदार वकचद्ध और जिम् कदे स्थदान ममें ‘गम्’ हमोनदे सदे ‘भदागम् + अ + सगु’ पगुनमः अकदार ममें चमल जिदानदे सदे ‘भदाग +
सगु’ रहदा, अब उकदार ककी इत्ससंजदा ‘सम्’ कदे स्थदान ममें ‘रुह’ हमोकर पगुनमः उकदार ककी इत्ससंजदा लमोप हमो जिदानदे पश्चदातम्
‘भदागरम्’ ऐसदा रहदा, अब रदेफ कदे स्थदान ममें (ःमः) चवसजिर्थनहीय हमोकर ‘भदागमः’ यह रूप चसद्ध हह आ।
चजिस-चजिस सभूत्र सदे जिमो-जिमो कदायर्थ हमोतदा हहै उस-उस कमो पढ़ पढ़दा कदे और चलखवदा कर कदायर्थ करदातदा जिदाय।
इस प्रकदार पढ़नदे पढ़दानदे सदे बहह त शहीघ्र दृढ़ बमोध हमोतदा हहै।
एक बदार इसही प्रकदार अष्टदाध्यदायही पढ़दा कदे धदातगुप दाठ अथर्थसचहत और दश लकदारयों कदे रूप तथदा प्रचक्रयदा
सचहत सभूत्रयों कदे उत्सगर्थ अथदार्थतम् सदामदान्यसभूत्र जिहैसदे ‘कमर्थण् यणम् ’ कमर्थ उपपद लगदा हमो तमो धदातगुमदात्र सदे अणम् प्रत्यय हमो,
जिहैसदे ‘कगु म्भकदारमः’। पश्चदातम् अपवदाद सभूत्र जिहैसदे ‘आतमोऽनगुप सगर्वे कमः’ उपसगर्थचभन्न कमर्थ उपपद लगदा हमो तमो
आकदारदान्त धदातगु सदे ‘क’ प्रत्यय हमोवदे अथदार्थतम् जिमो बहह व्यदापक जिहैसदा चक कमर्वोपपद लगदा हमो तमो सब धदातगुओसं सदे
‘अणम्’ प्रदाप्त हमोतदा हहै उससदे चवशदेष अथदार्थतम् अल्प चवषय उसही पभूवर्थ सभूत्र कदे चवषय ममें सदे आकदारदान्त धदातगु कमो ‘क’
प्रत्यय नदे ग्रहण कर चलयदा जिहैसदे उत्सगर्थ कदे चवषय ममें अपवदाद सभूत्र ककी प्रवकचत्त हमोतही हहै वहैसदे अपवदाद सभूत्र कदे चवषय ममें
उत्सगर्थ सभूत्र ककी प्रवकचत्त नहह हमोतही। जिहैसदे चक्रवतर्त्ती रदाजिदा कदे रदाज्य ममें मदाण्डचलक और भभूचमवदालयों ककी प्रवकचत्त हमोतही हहै
वहैसदे मदाण्डचलक रदाजिदाचद कदे रदाज्य ममें चक्रवतर्त्ती ककी प्रवकचत्त नहह हमोतही।
इसही प्रकदार पदाचणचन महचषर्थ नदे सहस्र श्लमोकयों कदे बहीच ममें अचखल शब्द, अथर्थ और सम्बन्धयों ककी चवददा
प्रचतपदाचदत कर दही हहै। धदातगुपदाठ कदे पश्चदातम् उणदाचदगण कदे पढ़दानदे ममें सवर्थ सगुबन्त कदा चवषय अच्छही प्रकदार पढ़दा कदे ,
पगुनमः दसभू रही वदार शङदा, समदाधदान वदाचतर्थक, कदाररकदा, पररभदाषदा ककी घटनदापवभू र्थक अष्टदाध्यदायही ककी चद्वितहीयदानगुवकचत्त
पढ़दावदे।
तदनन्तर महदाभदाष्य पढ़दावदे। अथदार्थतम् जिमो बगुचद्धमदानम्, पगुरुषदाथर्त्ती, चनष्कपटही, चवददावकचद्ध कदे चदाहनदे वदालदे चनत्य
पढ़में-पढ़दावमें तमो डदेढ़ वषर्थ ममें अष्टदाध्यदायही और डदेढ़ वषर्थ ममें महदाभदाष्य पढ़ कदे तहीन वषर्थ ममें पभूणर्थ वहैयदाकरण हमोकर वहैचदक
और लचौचकक शब्दयों कदा व्यदाकरण सदे, पगुनमः अन्य शदासयों कमो शहीघ्र सहजि ममें पढ़ पढ़दा सकतदे हमैं। चकन्तगु जिहैसदा बड़दा
पररश्रम व्यदाकरण ममें हमोतदा हहै वहैसदा श्रम अन्य शदासयों ममें करनदा नहह पड़तदा। और चजितनदा बमोध इनकदे पढ़नदे सदे तहीन
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
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वषर्यों ममें हमोतदा हहै उतनदा बमोध कगु ग्रन्थ अथदार्थतम् सदारस्वत, चचन्द्रकदा, कचौमगुदही, मनमोरमदाचद कदे पढ़नदे सदे पचदास वषर्यों ममें
भही नहह हमो सकतदा क्ययोंचक जिमो महदाशय महचषर्थ लमोगयों नदे सहजितदा सदे महदानम् चवषय अपनदे ग्रन्थयों ममें प्रकदाचशत चकयदा हहै
वहैसदा इन कगुद्रदाशय मनगुष्ययों कदे कचल्पत ग्रन्थयों ममें क्ययोंकर हमो सकतदा हहै?
महचषर्थ लमोगयों कदा आशय, जिहदाह तक हमो सकदे वहदाह तक सगुगम और चजिस कदे ग्रहण ममें समय थमोड़दा लगदे इस
प्रकदार कदा हमोतदा हहै और कगुद्रदाशय लमोगयों ककी मनसदा ऐसही हमोतही हहै चक जिहदाह तक बनदे वहदाह तक कचठन रचनदा करनही ,
चजिस कमो बड़दे पररश्रम सदे पढ़ कदे अल्प लदाभ उठदा सकमें जिहैसदे पहदाड़ कदा खमोदनदा कचौड़ही कदा लदाभ हमोनदा। और आषर्थ
ग्रन्थयों कदा पढ़नदा ऐसदा हहै चक जिहैसदा एक गमोतदा लगदानदा बहह मभूल्य ममोचतययों कदा पदानदा।
व्यदाकरण कमो पढ़ कदे यदास्कमगुच नकक त चनघण्टगु और चनरुक्त छमः वदा आठ महहीनदे ममें सदाथर्थक पढ़में और पढ़दावमें।
अन्य नदाचस्तककक त अमरकमोशदाचद ममें अनदेक वषर्थ व्यथर्थ न खमोवमें।
तदनन्तर चपङलदाचदायर्थकक त छन्दमोग्रन्थ चजिस सदे वहैचदक लचौचकक छन्दयों कदा पररजदान , नवहीन रचनदा और
श्लमोक बनदानदे ककी रहीचत भही यथदावतम् सहीख।में इस ग्रन्थ और श्लमोकयों ककी रचनदा तथदा प्रस्तदार कमो चदार महहीनदे ममें सहीख
पढ़ पढ़दा सकतदे हमैं। और वकत्तरत्नदाकदार आचद अल्पबगुचद्धप्रकचल्पत ग्रन्थयों ममें अनदेक वषर्थ न खमोवमें।
तत्पश्चदातम् मनगुस् मकच त, वदाल्महीचक रदामदायण और महदाभदारत कदे उदमोगपवदार्थन्तगर्थत चवदगुर नहीचत आचद
अच्छदे-अच्छदे प्रकरण चजिनसदे दष्टगु व्यसन दरभू हयों और उत्तमतदा सभ्यतदा प्रदाप्त हमो वहैसदे कमो कदाव्यरहीचत सदे अथदार्थतम्
पदच्छदेद , पददाथर्वो च क्त, अन्वय, चवशदेष् य चवशदेष ण और भदावदाथर्थ कमो अध्यदापक लमोग जिनदावमें और चवददाथर्त्ती लमोग
जिदानतदे जिदायमें। इन कमो वषर्थ कदे भहीतर पढ़ लमें।
तदनन्तर पभूव मर्थ हीमदासंस दा, वहैश देच षक, न्यदाय, यमोग, सदासंख् य और वदेद दान्त अथदार्थतम् जिहदाह तक बन सकदे
वहदाह तक ऋचषकक त व्यदाख्यदासचहत अथवदा उत्तम चवद्विदानयों ककी सरल व्यदाख्यदायक्त गु छमः शदासयों कमो पढ़में-पढ़दावमें परन्तगु
वदेददान्त सभूत्रयों कदे पढ़नदे कदे पभूवर्थ ईश, कदे न, कठ, प्रश्न, मगुण् डक, मदाण्डभू क्य, ऐतरदेय , तहैच त्तरहीय, छदान्दमोग्य
और बकह ददारण्यक इन दश उपचनषदयों कमो पढ़ कदे छमः शदासयों कदे भदाष्य वकचत्तसचहत सभूत्रयों कमो दमो वषर्थ कदे भहीतर पढ़दावमें
और पढ़ लदेवमें।
पश्चदातम् छमः वषर्यों कदे भहीतर चदारयों ब्रदाह्मण अथदार्थत म् ऐतरदेय , शतपथ, सदाम और गमोपथ ब्रदाह्मणयों कदे
सचहत चदारयों वदेद यों कदे स्वर, शब्द, अथर्थ, सम्बन्ध तथदा चक्रयदासचहत पढ़नदा यमोग्य हहै। इसममें प्रमदाण—
स्थदाणगु र यसं भदारहदारमः चकलदाभभूद धहीत्य वदेद सं न चवजिदानदाचत यमोऽथर्थम म्।
यमोऽथर्थज इत्सकलसं भद्रमश्नगुत दे नदाकमदेच त जदानचवधभूत पदाप्मदा॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
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—यह चनरुक्त ममें मन्त्र हहै


जिमो वदेद कमो स्वर और पदाठमदात्र पढ़ कदे अथर्थ नहह जिदानतदा वह जिहैसदा वकक , डदालही पत्तदे, फल, फभू ल और
अन्य पशगु धदान्य आचद कदा भदार उठदातदा हहै वहैसदे भदारवदाह अथदार्थतम् भदार कमो उठदानदे वदालदा हहै और जिमो वदेद कमो पढ़तदा
और उनकदा यथदावतम् अथर्थ जिदानतदा हहै जदान सदे पदापयों कमो छमोड़ पचवत्र धमदार्थचरण कदे प्रतदाप सदे वहही सम्पभूणर्थ आनन्द कमो
प्रदाप्त हमोकदे ददेहदान्त कदे पश्चदातम् सवदार्थनन्द कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
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उत त्वमः पश्यन्न ददशर्थ वदाचमगुत त्वमः शकण् वन्न शकण मोत्यदेन दामम्।
उतमो त्वस्महै तन्वसं चव सस्रदे जिदायदेव पत्य उशतही सगुव दासदामः॥
—ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 71। मसं॰ 4॥
जिमो अचवद्विदानम् हमैं वदे सगुनतदे हह ए नहह सगुनतदे, ददेखतदे हह ए नहह ददेखतदे, बमोलतदे हह ए नहह बमोलतदे अथदार्थतम् अचवद्विदानम्
लमोग इस चवददा वदाणही कदे रहस्य कमो नहह जिदान सकतदे चकन्तगु जिमो शब्द अथर्थ और सम्बन्ध कदा जिदाननदे वदालदा हहै उस
कदे चलयदे चवददा—जिहैसदे सगुन्दर वस आभभूषण धदारण करतही अपनदे पचत ककी कदामनदा करतही हह ई सही अपनदा शरहीर और
स्वरूप कदा प्रकदाश पचत कदे सदामनदे करतही हहै वहैसदे चवददा चवद्विदानम् कदे चलयदे अपनदे स्वरूप कदा प्रकदाश करतही हहै ,
अचवद्विदानयों कदे चलयदे नहह।
ऋचमो अकरदे परमदे व्यमोमन्यचस्मन्ददेव दा अचध चवश्वदे चनषदेद गुमः ।
यस्तन्न वदेद चकमकच दा कररष्यचत य इत्तचद्विद गुस् त इमदे समदासतदे॥
—ऋ॰ मसं॰ 1। सभू॰ 164। मसं॰ 39॥
चजिस व्यदापक अचवनदाशही सवर्वोत्कक ष्ट परमदेश्वर ममें सब चवद्विदानम् और पकचथवही सभूयर्थ आचद सब लमोक चस्थत हमैं चक
चजिसममें सब वदेदयों कदा मगुख्य तदात्पयर्थ हहै उस ब्रह्म कमो जिमो नहह जिदानतदा वह ऋग्वदेददाचद सदे क्यदा कगु छ सगुख कमो प्रदाप्त हमो
सकतदा हहै? नहह-नहह, चकन्तगु जिमो वदेदयों कमो पढ़ कदे धमदार्थत्मदा यमोगही हमोकर उस ब्रह्म कमो जिदानतदे हमैं वदे सब परमदेश्वर ममें
चस्थत हमोकदे मगुचक्तरूपही परमदानन्द कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं। इसचलए जिमो कगु छ पढ़नदा वदा पढ़दानदा हमो वह अथर्थजदान सचहत
चदाचहयदे।
इस प्रकदार सब वदेदयों कमो पढ़ कदे आयगुवर्वेद अथदार्थतम् जिमो चरक, सगुश्र गुत आचद ऋचष मगुचन-प्रणहीत वहैदक शदास
हहै, उस कमो अथर्थ, चक्रयदा, शस, छदेदन, भदेदन, लदेप, चचचकत्सदा, चनददान, औषध, पथ्य, शदारहीर, ददेश, कदाल
और वस्तगु कदे गगुण जदानपभूवर्थक 4 वषर्थ कदे भहीतर पढ़में पढ़दावमें।
तदनन्तर धनगुव दर्वे अथदार्थतम् रदाजिसम्बन्धही कदाम करनदा हहै इसकदे दमो भदेद, एक चनजि रदाजिपगुरुषसम्बन्धही और
दस
भू रदा प्रजिदासम्बन्धही हमोतदा हहै। रदाजिकदायर्थ ममें सब सदेनदा कदे अध्यक शसदासचवददा नदानदा प्रकदार कदे व्यभूहयों कदा अभ्यदास
अथदार्थतम् चजिसकमो आजिकल ‘कवदायद’ कहतदे हमैं जिमो चक शत्रगुओसं सदे लड़दाई कदे समय ममें चक्रयदा करनही हमोतही हहै उन कमो
यथदावतम् सहीखमें और जिमो जिमो प्रजिदा कदे पदालनदे और वकचद्ध करनदे कदा प्रकदार हहै उन कमो सहीख कदे न्यदायपभूवर्थक सब प्रजिदा
कमो प्रसन्न रक्खमें दष्टगु यों कमो यथदायमोग्य दण्ड, श्रदेष्ठियों कदे पदालन कदा प्रकदार सब प्रकदार सहीख लमें।

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इस रदाजिचवददा कमो दमो-दमो वषर्थ ममें सहीख कर गदान्धवर्थव देद चक चजिस कमो गदानचवददा कहतदे हमैं। उस ममें स्वर,
रदाग, रदाचगणही, समय, तदाल, ग्रदाम, तदान, वदाचदत्र, नकत्य, गहीत आचद कमो यथदावतम् सहीखमें परन्तगु मगुख्य करकदे
सदामवदेद कदा गदान वदाचदत्रवदादनपभूव र्थक सहीखमें और नदारदससंच हतदा आचद जिमो-जिमो आषर्थ ग्रन्थ हमैं उन कमो पढ़में परन्तगु
भड़वदे वदेश्यदा और चवषयदासचक्तकदारक वहैरदाचगययों कदे गदर्थभशब्दवतम् व्यथर्थ आलदाप कभही न करमें।
अथर्थव ददे चक चजिस कमो चशल्पचवददा कहतदे हमैं उस कमो पददाथर्थ गगुण चवजदान चक्रयदाकचौशल, नदानदाचवध पददाथर्यों
कदा चनमदार्थण, पकचथवही सदे लदेकदे आकदाश पयर्थन्त ककी चवददा कमो यथदावतम् सहीख कदे अथर्थ अथदार्थतम् जिमो ऐश्वयर्थ कमो बढ़दानदे
वदालदा हहै उस चवददा कमो सहीख कदे दमो वषर्थ ममें ज्यमोचतषशदास सभूय र्थच सद्धदान्तदाचद चजिस ममें बहीजिगचणत, अङ,
भभूग मोल, खगमोल और भभूग भर्थच वददा हहै इस कमो यथदावतम् सहीख।में
तत्पश्चदातम् सब प्रकदार ककी हस्तचक्रयदा, यन्त्रकलदा आचद कमो सहीखमें, परन्तगु चजितनदे ग्रह, नकत्र, जिन्मपत्र,
रदाचश, मगुहहतर्थ आचद कदे फल कदे चवधदायक ग्रन्थ हमैं उन कमो झभूठ समझ कदे कभही न पढ़में और पढ़दावमें।
ऐसदा प्रयत्न पढ़नदे और पढ़दानदे वदालदे करमें चक चजिस सदे तहीस वदा चचौंतहीस वषर्थ कदे भहीतर समग्र चवददा उत्तम
चशकदा प्रदाप्त हमोकदे मनगुष्य लमोग कक तकक त्य हमोकर सददा आनन्द ममें रहमैं। चजितनही चवददा इस रहीचत सदे तहीस वदा चचौं त हीस
वषर्यों ममें हमो सकतही हहै उतनही अन्य प्रकदार सदे शत-वषर्थ ममें भही नहह हमो सकतही।
ऋचषप्रणहीत ग्रन्थयों कमो इसचलयदे पढ़नदा चदाचहयदे चक वदे बड़दे चवद्विदानम् सब शदासचवतम् और धमदार्थत्मदा थदे। और
अनकचष अथदार्थतम् जिमो अल्पशदास पढ़दे हमैं और चजिन कदा आत्मदा पकपदातसचहत हहै, उनकदे बनदाए हह ए ग्रन्थ भही वहैसदे हही हमैं।
पभूव र्थम हीमदासंस दा पर व्यदासमगुच नकक त व्यदाख्यदा, वहैश देच षक पर गमोतममगुच नकक त न्यदायसभूत्र पर
वदात्स्यदायनमगुच नकक त भदाष्य, पतञ्जचलमगुच नकक तसभूत्र पर व्यदासमगुच नकक त भदाष्य, कचपलमगुच नकक त सदासंख् यसभूत्र
पर भदागगुर रमगुच नकक त भदाष्य, व्यदासमगुच नकक त वदेद दान्तसभूत्र पर वदात्स्यदायनमगुच नकक त भदाष्य अथवदा
बचौधदायनमगुच नकक त भदाष्य वकच त्त सचहत पढ़में पढ़दावमें। इत्यदाचद सभूत्रयों कमो कल्प अङ ममें भही चगननदा चदाचहयदे।
जिहैस दे ऋग्यजिगुमः सदाम और अथवर्थ चदारयों वदेद ईश्वरकक त हमैं वहैस दे ऐतरदेय , शतपथ, सदाम और गमोपथ
चदारयों ब्रदाह्मण, चशकदा, कल्प, व्यदाकरण, चनघण्टगु , चनरुक्त, छन्द और ज्यमोचतष छमः वदेद यों कदे अङ,
महीमदासंस दाचद छमः शदास वदेद यों कदे उपदाङ; आयगु व दर्वे , धनगुव दर्वे , गदान्धवर्थव देद और अथर्थव ददे यदे चदार वदेद यों कदे
उपवदेद इत्यदाचद सब ऋचष मगुच न कदे चकयदे ग्रन्थ हमैं। इनममें भही जिमो जिमो वदेदचवरुद्ध प्रतहीत हमो उस-उस कमो छमोड़
ददेनदा क्ययोंचक वदेद ईश्वरकक त हमोनदे सदे चनभ्रदार्थन्त स्वतमःप्रमदाण अथदार्थतम् वदेद कदा प्रमदाण वदेद हही सदे हमोतदा हहै। ब्रदाह्मणदाचद सब
ग्रन्थ परतमः प्रमदाण अथदार्थतम् इनकदा प्रमदाण वदेददाधहीन हहै। वदेद ककी चवशदेष व्यदाख्यदा ‘ऋग्वदेद दाचदभदाष्यभभूच मकदा’ ममें
ददेख लहीचजियदे और इस ग्रन्थ ममें भही आगदे चलखमेंगदे।
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अब जिमो पररत्यदाग कदे यमोग्य ग्रन्थ हमैं उनकदा पररगणन ससंकदेप सदे चकयदा जिदातदा हहै अथदार्थतम् जिमो-जिमो नहीचदे ग्रन्थ
चलखमेंगदे वह-वह जिदाल ग्रन्थ समझनदा चदाचहयदे। व्यदाकरण ममें कदातन्त्र, सदारस्वत, चचन्द्रकदा, मगुग्धबमोध, कचौमगुदही,
शदेखर, मनमोरमदा आचद। कमोश ममें अमरकमोशदाचद। छन्दमोग्रन्थ ममें वकत्तरत्नदाकरदाचद। चशकदा ममें ‘अथ चशकदासं प्रवक्ष्यदाचम
पदाचणनहीयसं मतसं यथदा’ इत्यदाचद। ज्यमोचतष ममें शहीघ्रबमोध, मगुहहत्तर्थचचन्तदामचण आचद। कदाव्य ममें नदाचयकदाभदेद,
कगु वलयदानन्द, रघगुवसंश, मदाघ, चकरदातदाजिगुर्थनहीयदाचद। महीमदासंस दा ममें धमर्थचसन्धगु, रतदाकदार्थचद। वहैश चदे षक ममें तकर्थससंग्रहदाचद।
न्यदाय ममें जिदागदहीशही आचद। यमोग ममें हठप्रदहीचपकदाचद। सदासंख् य ममें सदासंख्यतत्त्वकचौमगुददाचद। वदेद दान्त ममें यमोगवदाचसष्ठि
पञ्चदश्यदाचद। वहैद क ममें शदाङधर्थरदाचद। स्मकच तययों ममें मनगुस्मकचत कदे प्रचकप्त श्लमोक और अन्य सब स्मकचत, सब तन्त्र
ग्रन्थ, सब पगुरदाण, सब उपपगुरदाण, तगुलसहीददासकक त भदाषदारदामदायण, रुचक्मणहीमङलदाचद और सवर्थभदाषदाग्रन्थ यदे सब
कपमोलकचल्पत चमथ्यदा ग्रन्थ हमैं।
(प्रश्न) क्यदा इन ग्रन्थयों ममें कगु छ भही सत्य नहह?
(उत्तर) थमोड़दा सत्य तमो हहै परन्तगु इसकदे सदाथ बहह त सदा असत्य भही हहै। इस सदे ‘चवषसम्पकक्त दान्नवतम्
त्यदाज्यदामः’ जिहैसदे अत्यगुत्तम अन्न चवष सदे यगुक्त हमोनदे सदे छमोड़नदे यमोग्य हमोतदा हहै वहैसदे यदे ग्रन्थ हमैं।
(प्रश्न) क्यदा आप पगुरदाण इचतहदास कमो नहह मदानतदे?
(उत्तर) हदासं मदानतदे हमैं परन्तगु सत्य कमो मदानतदे हमैं चमथ्यदा कमो नहह।
(प्रश्न) कचौन सत्य और कचौन चमथ्यदा हहै?
(उत्तर) ब्रदाह्मणदानहीचतहदासदानम् पगुर दाणदाचन कल्पदानम् गदाथदा नदारदाशसंस हीररचत॥
—यह गकह्यसभूत्रदाचद कदा वचन हहै।
जिमो ऐतरदेय, शतपथदाचद ब्रदाह्मण चलख आयदे उन्हह कदे इचतहदास, पगुरदाण, कल्प, गदाथदा और नदारदाशसंसही पदासंच
नदाम हमैं; श्रहीमददागवतदाचद कदा नदाम पगुरदाण नहह।
(प्रश्न) जिमो त्यदाज्य ग्रन्थयों ममें सत्य हहै उसकदा ग्रहण क्ययों नहह करतदे?
(उत्तर) जिमो-जिमो उनममें सत्य हहै समो-समो वदेददाचद सत्य शदासयों कदा हहै और चमथ्यदा उनकदे घर कदा हहै। वदेददाचद
सत्य शसयों कदे स्वहीकदार ममें सब सत्य कदा ग्रहण हमो जिदातदा हहै। जिमो कमोई इन चमथ्यदा ग्रन्थयों सदे सत्य कदा ग्रहण करनदा
चदाहहै तमो चमथ्यदा भही उस कदे गलदे चलपट जिदावदे। इसचलए ‘असत्यचमश्रसं सत्यसं दभू र तस्त्यदाज्यचमचत’ असत्य सदे यगुक्त
ग्रन्थस्थ सत्य कमो भही वहैसदे छमोड़ ददेनदा चदाचहए जिहैसदे चवषयगुक्त अन्न कमो।

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(प्रश्न) तगुम्हदारदा मत क्यदा हहै?


(उत्तर) वदेद अथदार्थतम् जिमो-जिमो वदेद ममें करनदे और छमोड़नदे ककी चशकदा ककी हहै उस-उस कदा हम यथदावतम्
करनदा, छमोड़नदा मदानतदे हमैं। चजिसचलयदे वदेद हम कमो मदान्य हहै इसचलयदे हमदारदा मत वदेद हहै। ऐसदा हही मदानकर सब मनगुष्ययों
कमो चवशदेष आयर्यों कमो ऐकमत्य हमोकर रहनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) जिहैसदा सत्यदासत्य और दस भू रदे ग्रन्थयों कदा परस्पर चवरमोध हहै वहैसदे अन्य शदासयों ममें भही हहै। जिहैसदा
सकचष्टचवषय ममें छमः शदासयों कदा चवरमोध हहै—महीमदासंसदा कमर्थ , वहैशदेचषक कदाल, न्यदाय परमदाण,गु यमोग पगुरुषदाथर्थ, सदासंख्य
प्रकक चत और वदेददान्त ब्रह्म सदे सकचष्ट ककी उत्पचत्त मदानतदा हहै, क्यदा यह चवरमोध नहह हहै?
(उत्तर) प्रथम तमो चवनदा सदासंख्य और वदेददान्त कदे दस भू रदे चदार शदासयों ममें सकचष्ट ककी उत्पचत्त प्रचसद्ध नहह
चलखही और इन ममें चवरमोध नहह क्ययोंचक तगुम कमो चवरमोधदाचवरमोध कदा जदान नहह। ममैं तगुम सदे पभूछतदा हह सं चक चवरमोध चकस
स्थल ममें हमोतदा हहै? क्यदा एक चवषय ममें अथवदा चभन्न-चभन्न चवषययों ममें?
(प्रश्न) एक चवषय ममें अनदेकयों कदा परस्पर चवरुद्ध कथन हमो तमो उस कमो चवरमोध कहतदे हमैं यहदासं भही सकचष्ट
एक हही चवषय हहै।
(उत्तर) क्यदा चवददा एक हहै वदा दमो? एक हहै। जिमो एक हहै तमो व्यदाकरण, वहैदक, ज्यमोचतष आचद कदे चभन्न-
चभन्न चवषय क्ययों हमैं? जिहैसदा एक चवददा ममें अनदेक चवददा कदे अवयवयों कदा एक दस भू रदे सदे चभन्न प्रचतपदादन हमोतदा हहै वहैसदे हही
सकचष्टचवददा कदे चभन्न-चभन्न छमः अवयवयों कदा छमः शदासयों ममें प्रचतपदादन करनदे सदे इन ममें कगु छ भही चवरमोध नहह। जिहैसदे घड़दे
कदे बनदानदे ममें कमर्थ, समय, चमटही, चवचदार, ससंयमोग चवयमोगदाचद कदा पगुरुषदाथर्थ, प्रकक चत कदे गगुण और कगुसं भदार कदारण हमैं।
वहैसदे हही सकचष्ट कदा जिमो कमर्थ कदारण हहै उस ककी व्यदाख्यदा महीमदासंसदा ममें , समय ककी व्यदाख्यदा वहैशदेचषक ममें, उपदाददान कदारण
ककी व्यदाख्यदा न्यदाय ममें, पगुरुषदाथर्थ ककी व्यदाख्यदा यमोग ममें, तत्त्वयों कदे अनगुक्रम सदे पररगणन ककी व्यदाख्यदा सदासंख्य ममें और
चनचमत्तकदारण जिमो परमदेश्वर हहै उस ककी व्यदाख्यदा वदेददान्त-शदास ममें हहै। इस सदे कगु छ भही चवरमोध नहह। जिहैसदे वहैदकशदास
ममें चनददान, चचचकत्सदा, औषचधददान और पथ्य कदे प्रकरण चभन्न-चभन्न कचथत हमैं परन्तगु सब कदा चसद्धदान्त रमोग ककी
चनवकचत्त हहै। वहैसदे हही सकचष्ट कदे छमः कदारण हमैं। इन ममें सदे एक-एक कदारण ककी व्यदाख्यदा एक-एक शदासकदार नदे ककी हहै।
इसचलए इनममें कगु छ भही चवरमोध नहह। इस ककी चवशदेष व्यदाख्यदा सकचष्टप्रकरण ममें कहमेंगदे।
जिमो चवददा पढ़नदे पढ़दानदे कदे चवघ्न हमैं उनकमो छमोड़ ददेवमें। जिहैसदा कगु सङ अथदार्थतम् दष्टगु चवषयही जिनयों कदा ससंग ,
दष्टगु व्यसन जिहैसदा मददाचद सदेवन और वदेश्यदागमनदाचद बदाल्यदावस्थदा ममें चववदाह अथदार्थतम् पच्चिहीस वषर्यों सदे पभूवर्थ पगुरुष और
समोलहवमें वषर्थ सदे पभूवर्थ सही कदा चववदाह हमो जिदानदा; पभूणर्थ ब्रह्मचयर्थ न हमोनदा; रदाजिदा, मदातदा, चपतदा और चवद्विदानयों कदा प्रदेम
वदेददाचद शदासयों कदे प्रचदार ममें न हमोनदा; अचतभमोजिन, अचत जिदागरण करनदा, पढ़नदे पढ़दानदे परहीकदा लदेनदे वदा ददेनदे ममें
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आलस्य वदा कपट करनदा; सवर्वोपरर चवददा कदा लदाभ न समझनदा; बल, बगुचद्ध, परदाक्रम, आरमोग्य, रदाज्य, धन ककी
वकचद्ध न मदाननदा; ईश्वर कदा ध्यदान छमोड़ अन्य पदाषदाणदाचद जिड़ ‘मभूचत्तर्थ कदे दशर्थन-पभूजिन ममें व्यथर्थ कदाल खमोनदा; मदातदा,
चपतदा, अचतचथ और आचदायर्थ, चवद्विदानम्, इन कमो सत्यमभूचत्तर्थ मदान कर सदेवदा सत्ससंग न करनदा; वणदार्थश्रम कदे धमर्थ कमो
छमोड़ ऊध्वर्थपगुण्डछ , चतलक, कण्ठही, मदालदाधदारण, एकदादशही, त्रयमोदशही आचद रत करनदा, कदाश्यदाचद तहीथर्थ और
रदाम, कक ष्ण, नदारदायण, चशव, भगवतही, गणदेशदाचद कदे नदामस्मरण सदे पदाप दरभू हमोनदे कदा चवश्वदास, पदाखचण्डययों कदे
उपददेश सदे चवददा पढ़नदे ममें अश्रद्धदा कदा हमोनदा, चवददा धमर्थ यमोग परमदेश्वर ककी उपदासनदा कदे चवनदा चमथ्यदा पगुरदाणनदामक
भदागवतदाचद ककी कथदाचद सदे मगुचक्त कदा मदाननदा; लमोभ सदे धनदाचद ममें प्रवकचत्त हमोकर चवददा ममें प्रहीचत न रखनदा; इधर उधर
व्यथर्थ घभूमतदे रहनदा इत्यदाचद चमथ्यदा व्यवहदारयों ममें फसंस कदे ब्रह्मचयर्थ और चवददा कदे लदाभ सदे रचहत हमोकर रमोगही और मभूखर्थ
बनदे रहतदे हमैं।
आजिकल कदे सम्प्रददायही और स्वदाथर्त्ती ब्रदाह्मण आचद जिमो दस
भू रयों कमो चवददा सत्ससंग सदे हटदा और अपनदे जिदाल ममें
फसंसदा कदे उन कदा तन, मन, धन नष्ट कर ददेतदे हमैं और चदाहतदे हमैं चक जिमो कचत्रयदाचद वणर्थ पढ़ कर चवद्विदानम् हमो जिदायमेंगदे तमो
हमदारदे पदाखण्डजिदाल सदे छभू ट और हमदारदे छल कमो जिदानकर हमदारदा अपमदान करमेंगदे इत्यदाचद चवघ्नयों कमो रदाजिदा और प्रजिदा
दरभू करकदे अपनदे लड़कयों और लड़चकययों कमो चवद्विदानम् करनदे कदे चलयदे तन, मन, धन सदे प्रयत्न चकयदा करमें।
(प्रश्न) क्यदा सही और शभूद्र भही वदेद पढ़में? जिमो यदे पढ़मेंगदे तमो हम चफर क्यदा करमेंगदे? और इनकदे पढ़नदे ममें
प्रमदाण भही नहह हमैं। जिहैसदा यह चनषदेध हहै—
सहीशभूद्र चौ नदाधहीयदातदाचमचत श्रगुत देमः ।
सही और शभूद्र न पढ़में यह श्रगुचत हहै।
(उत्तर) सब सही और पगुरुष अथदार्थतम् मनगुष्यमदात्र कमो पढ़नदे कदा अचधकदार हहै। तगुम कगु आ ममें पड़मो और यह
श्रगुचत तगुम्हदारही कपमोलकल्पनदा सदे हह ई हहै। चकसही प्रदामदाचणक ग्रन्थ ककी नहह। और सब मनगुष्ययों कदे वदेददाचद शदास पढ़नदे
सगुननदे कदे अचधकदार कदा प्रमदाण यजिगुवर्वेद कदे छब्बहीसवमें अध्यदाय ममें दस
भू रदा मन्त्र हहै—
यथदेम दासं वदाचसं कल्यदाणहीमदावददाचन जिनदेभ् यमः।
ब्रह्मरदाजिन्यदाभ्यदासं शभूद्र दाय चदायदार्थय च स्वदाय चदारणदाय॥
परमदेश्वर कहतदा हहै चक (यथदा) जिहैसदे ममैं (जिनदेभ्यमः) सब मनगुष्ययों कदे चलयदे (इमदामम्) इस (कल्यदाणहीमम्)
कल्यदाण अथदार्थतम् ससंसदार और मगुचक्त कदे सगुख ददेनदेहदारही (वदाचमम्) ऋग्वदेददाचद चदारयों वदेदयों ककी वदाणही कदा (आ वददाचन)
उपददेश करतदा हह सं वहैसदे तगुम भही चकयदा करमो।
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यहदाह कमोई ऐसदा प्रश्न करदे चक जिन शब्द सदे चद्विजियों कदा ग्रहण करनदा चदाचहयदे क्ययोंचक स्मकत्यदाचद ग्रन्थयों ममें
ब्रदाह्मण, कचत्रय, वहैश्य हही कदे वदेदयों कदे पढ़नदे कदा अचधकदार चलखदा हहै सही और शभूद्रदाचद वणर्यों कदा नहह।
(उत्तर) (ब्रह्मरदाजिन्यदाभ्यदासं) इत्यदाचद ददेखमो परमदेश्वर स्वयसं कहतदा हहै चक हम नदे ब्रदाह्मण, कचत्रय,
(अयदार्थय) वहैश्य, (शभूद्रदाय) शभूद्र, और (स्वदाय) अपनदे भकत्य वदा चसयदाचद (अरणदाय) और अचतशभूद्रदाचद कदे चलयदे
भही वदेदयों कदा प्रकदाश चकयदा हहै अथदार्थतम् तब मनगुष्य वदेदयों कमो पढ़ पढ़दा और सगुन सगुनदाकर चवजदान कमो बढ़दा कदे अच्छही
बदातयों कदा ग्रहण और बगुरही बदातयों कदा त्यदाग करकदे दमःगु खयों सदे छभूट कर आनन्द कमो प्रदाप्त हयों। कचहयदे। अब तगुम्हदारही बदात
मदानमें वदा परमदेश्वर ककी? परमदेश्वर ककी बदात अवश्य मदाननहीय हहै इतनदे पर भही जिमो कमोई इस कमो न मदानदेगदा वह
नदाचस्तक कहदावदेगदा क्ययोंचक ‘नदाचस्तकमो वदेद चनन्दकमः’ वदेदयों कदा चनन्दक और न मदाननदे वदालदा नदाचस्तक कहदातदा हहै।
क्यदा परमदेश्वर शभूद्रयों कदा भलदा करनदा नहह चदाहतदा? क्यदा ईश्वर पकपदातही हहै चक वदेदयों कदे पढ़नदे सगुननदे कदा शभूद्रयों कदे
चलयदे चनषदेध और चद्विजियों कदे चलयदे चवचध करदे? जिमो परमदेश्वर कदा अचभप्रदाय शभूद्रदाचद कदे पढ़दानदे सगुनदानदे कदा न हमोतदा तमो
इनकदे शरहीर ममें वदाकम् और श्रमोत्र इचन्द्रय क्ययों रचतदा? जिहैसदे परमदात्मदा नदे पकचथवही, जिल, अचग्नि, वदाय,गु चन्द्र, सभूयर्थ
और अन्नदाचद पददाथर्थ सब कदे चलयदे बनदायदे हमैं वहैसदे हही वदेद भही सबकदे चलयदे प्रकदाचशत चकयदे हमैं। और जिहदाह-जिहदाह चनषदेध
चकयदा हहै उस कदा यह अचभप्रदाय हहै चक चजिस कमो पढ़नदे पढ़दानदे सदे कगु छ भही न आवदे वह चनबगुर्थचद्ध और मभूखर्थ हमोनदे सदे शभूद्र
कहदातदा हहै। उस कदा पढ़नदा पढ़दानदा व्यथर्थ हहै। और जिमो चसययों कदे पढ़नदे कदा चनषदेध करतदे हमो वह तगुम्हदारही मभूखर्थतदा,
स्वदाथर्थतदा और चनबगुर्थचद्धतदा कदा प्रभदाव हहै। ददेखमो! वदेद ममें कन्यदाओसं कदे पढ़नदे कदा प्रमदाण—
ब्रह्मचयर्वेण कन्यदा यगुव दानसं चवन्दतदे पचतमम्॥
—अथवर्थ॰ अ॰ 3। प्र॰ 24। कदासं॰ 11। मसं॰ 18॥
जिहैसदे लड़कदे ब्रह्मचयर्थ सदेवन सदे पभूणर्थ चवददा और सगुचशकदा कमो प्रदाप्त हमोकदे यगुवतही, चवदषगु ही, अपनदे अनगुकभूल चप्रय
सदृश चसययों कदे सदाथ चववदाह करतदे हमैं वहैसदे (कन्यदा) कगु मदारही (ब्रह्मचयर्वेण) ब्रह्मचयर्थ सदेवन सदे वदेददाचद शदासयों कमो पढ़
पभूणर्थ चवददा और उत्तम चशकदा कमो प्रदाप्त यगुवतही हमोकदे पभूणर्थ यगुवदावस्थदा ममें अपनदे सदृश चप्रय चवद्विदानम् (यगुवदानमम्) और पभूणर्थ
गु पगुरुष कमो (चवन्दतदे) प्रदाप्त हमोवदे। इसचलयदे चसययों कमो भही ब्रह्मचयर्थ और चवददा कदा ग्रहण अवश्य करनदा
यगुवदावस्थदायक्त
चदाचहयदे।
(प्रश्न) क्यदा सही लमोग भही वदेदयों कमो पढ़में?
(उत्तर) अवश्य; ददेखमो श्रचौतसभूत्रदाचद ममें—इमसं मन्त्रसं पत्नही पठदेत म्।

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अथदार्थतम् सही यज ममें इस मन्त्र कमो पढ़दे। जिमो वदेददाचद शदासयों कमो न पढ़ही हमोवदे तमो यज ममें स्वरसचहत मन्त्रयों कदा
उच्चिदारण और ससंस्कक तभदाषण कहै सदे कर सकदे ? भदारतवषर्थ ककी चसययों ममें भभूषणरूप गदागर्त्ती आचद वदेददाचद शदासयों कमो पढ़
पभूणर्थ चवदषगु ही हह ई थह यह शतपथब्रदाह्मण ममें स्पष्ट चलखदा हहै। भलदा जिमो पगुरुष चवद्विदानम् और सही अचवद षगु ही और सही चवदषगु ही
और पगुरुष अचवद्विदानम् हमो तमो चनत्यप्रचत ददेवदासगुर-ससंग्रदाम घर ममें मचदा रहहै चफर सगुख कहदासं? इसचलयदे जिमो सही न पढ़दे तमो
कन्यदाओसं ककी पदाठशदालदा ममें अध्यदाचपकदा क्ययोंकर हमो सकमें तथदा रदाजिकदायर्थ न्यदायदाधहीशत्वदाचद; गकहदाश्रम कदा कदायर्थ जिमो
पचत कमो सही और सही कमो पचत प्रसन्न रखनदा; घर कदे सब कदाम सही कदे आधहीन रहनदा चवनदा चवददा कदे इत्यदाचद कदाम
अच्छदे प्रकदार कभही ठहीक नहह हमो सकतदे।
ददेखमो! आयदार्थवत्तर्थ कदे रदाजिपगुरुषयों ककी चसयदासं धनगुवर्वेद अथदार्थतम् यगुद्धचवददा भही अच्छही प्रकदार जिदानतही थह क्ययोंचक
जिमो न जिदानतही हमोतह तमो कहै कदे यही आचद दशरथ आचद कदे सदाथ यगुद्ध ममें क्ययोंकर जिदा सकतही? और यगुद्ध कर सकतही।
इसचलयदे ब्रदाह्मणही कमो सब चवददा, कचत्रयदा कमो सब चवददा और यगुद्ध तथदा रदाजिचवददाचवशदेष, वहैश्यदा कमो व्यवहदारचवददा
और शभूद्रदा कमो पदाकदाचद सदेवदा ककी चवददा अवश्य पढ़नही चदाचहयदे। जिहैसदे पगुरुषयों कमो व्यदाकरण, धमर्थ और अपनदे व्यवहदार
ककी चवददा न्यभून सदे न्यभून अवश्य पढ़नही चदाचहयदे। वहैसदे चसययों कमो भही व्यदाकरण, धमर्थ, वहैदक, गचणत, चशल्पचवददा तमो
अवश्य हही सहीखनही चदाचहयदे। क्ययोंचक इनकदे सहीखदे चवनदा सत्यदाऽसत्य कदा चनणर्थय ; पचत आचद सदे अनगुकभूल वत्तर्थमदान,
यथदायमोग्य सन्तदानमोत्पचत्त, उनकदा पदालन, वद्धर्थन और सगुचशकदा करनदा, घर कदे सब कदायर्यों कमो जिहैसदा चदाचहयदे वहैसदा
करनदा करदानदा वहैदकचवददा सदे औषधवतम् अन्न पदान बनदा और बनवदानदा नहह कर सकतही। चजिससदे घर ममें रमोग कभही न
आवदे और सब लमोग सददा आनचन्दत रहमैं। चशल्पचवददा कदे जिदानदे चवनदा घर कदा बनवदानदा, वस आभभूषण आचद कदा
बनदानदा बनवदानदा, गचणतचवददा कदे चवनदा सब कदा चहसदाब समझनदा समझदानदा, वदेददाचद शदासचवददा कदे चवनदा ईश्वर और
धमर्थ कमो न जिदानकदे अधमर्थ सदे कभही नहह बच सकदे ।
इसचलयदे वदे हही धन्यवदाददाहर्थ और कक तकक त्य हमैं चक जिमो अपनदे सन्तदानयों कमो ब्रह्मचयर्थ, उत्तम चशकदा और चवददा
सदे शरहीर और आत्मदा कदे पभूणर्थ बल कमो बढ़दावमें। चजिस सदे वदे सन्तदान मदातक , चपतक, पचत, सदासगु, श्वसगुर, रदाजिदा, प्रजिदा,
पड़मोसही, इष्टचमत्र और सन्तदानदाचद सदे यथदायमोग्य धमर्थ सदे वतर्त्तें। यहही कमोश अकय हहै। इस कमो चजितनदा व्यय करदे उतनदा
हही बढ़तदा जिदाय। अन्य सब कमोश व्यय करनदे सदे घट जिदातदे हमैं और ददायभदागही भही चनजि भदाग लदेतदे हमैं। और चवददाकमोश
कदा चमोर वदा ददायभदागही कमोई भही नहह हमो सकतदा। इस कमोश ककी रकदा और वकचद्ध करनदे वदालदा चवशदेष रदाजिदा और प्रजिदा
भही हमैं।
कन्यदानदासं सम्प्रददानसं च कगु मदारदाणदासं च रकणमम्॥ मनगु॰॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः तकत हीयमः समगुल दासमः
88

रदाजिदा कमो यमोग्य हहै चक सब कन्यदा और लड़कयों कमो उक्त समय तक ब्रह्मचयर्थ ममें रखकदे चवद्विदानम् करदानदा। जिमो
कमोई इस आजदा कमो न मदानदे तमो उस कदे मदातदा चपतदा कमो दण्ड ददेनदा अथदार्थतम् रदाजिदा ककी आजदा सदे आठ वषर्थ कदे पश्चदातम्
लड़कदा वदा लड़ककी चकसही कदे घर ममें न रहनदे पदावमें चकन्तगु आचदायर्थकगुल ममें रहमैं। जिब तक समदावत्तर्थन कदा समय न आवदे
तब तक चववदाह न हदानदे पदावदे।
सवर्वेष दामदेव ददानदानदासं ब्रह्मददानसं चवचशष्यतदे।
वदायर्थन्न गमोमहहीवदासचस्तलकदाञ्चनसचपर्थष दामम्॥ मनगु॰॥
ससंसदार ममें चजितनदे ददान हमैं अथदार्थतम् जिल, अन्न, गचौ, पकचथवही, वस, चतल, सगुवणर्थ और घकतदाचद इन सब
ददानयों सदे वदेदचवददा कदा ददान अचतश्रदेष्ठि हहै। इसचलयदे चजितनदा बन सकदे उतनदा प्रयत्न तन, मन, धन सदे चवददा ककी वकचद्ध
ममें चकयदा करमें। चजिस ददेश ममें यथदायमोग्य ब्रह्मचयर्थ चवददा और वदेदमोक्त धमर्थ कदा प्रचदार हमोतदा हहै वहही ददेश सचौभदाग्यवदानम् हमोतदा
हहै।
यह ब्रह्मचयदार्थश्रम ककी चशकदा ससंकदेप सदे चलखही गई। इसकदे आगदे चचौथदे समगुलदास ममें समदावत्तर्थन चववदाह और
गकहदाश्रम ककी चशकदा चलखही जिदायगही।
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे
सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे चशकदाचवषयदे
तकत हीयमः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥3॥

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अथ चतगुथ र्थस मगुल दासदारम्भमः
अथ समदावत्तर्थन चववदाहगकह दाश्रमचवचधसं वक्ष्यदाममः
वदेद दानधहीत्य वदेद चौ वदा वदेद सं वदाचप यथदाक्रममम्।
अचवपहत ब्रह्मचयर्वो गकह स्थदाश्रममदाचवशदेत म्॥ 1॥ मनगु॰॥
जिब यथदावतम् ब्रह्मचयर्थ आचदायदार्थनगुकभूल वत्तर्थकर, धमर्थ सदे चदारयों, तहीन वदा दमो, अथवदा एक वदेद कमो सदाङमोपदाङ
पढ़ कदे चजिस कदा ब्रह्मचयर्थ खचण्डत न हह आ हमो, वह पगुरुष वदा सही गकहदाश्रम ममें प्रवदेश करदे॥1॥
तसं प्रतहीतसं स्वधमर्वेण ब्रह्मददायहरसं चपतगुमः ।
स्रचग्वणसं तल्प आसहीनमहर्थय देत म् प्रथमसं गवदा॥2॥ मनगु॰॥
जिमो स्वधमर्थ अथदार्थतम् यथदावतम् आचदायर्थ और चशष्य कदा धमर्थ हहै उससदे यगुक्त चपतदा जिनक वदा अध्यदापक सदे
ब्रह्मददाय अथदार्थतम् चवददारूप भदाग कदा ग्रहण और मदालदा कदा धदारण करनदे वदालदा अपनदे पलङ पर बहैठदे हह ए आचदायर्थ कदा
प्रथम गमोददान सदे सत्कदार करदे। वहैसदे लकणयगुक्त चवददाथर्त्ती कमो भही कन्यदा कदा चपतदा गमोददान सदे सत्कक त करदे॥2॥
गगुरु णदानगुम तमः स्नदात्वदा समदावकत्त मो यथदाचवचध।
उद्विहदेत चद्विजिमो भदायदार्वं सवणदार्वं लकणदाचन्वतदामम्॥ 3॥ मनगु॰॥
गगुरु ककी आजदा लदे स्नदान कर गगुरुकगु ल सदे अनगुक्रमपभूवर्थक आ कदे ब्रदाह्मण, कचत्रय, वहैश्य अपनदे वणदार्थनगुकभूल
सगुन्दर लकणयगुक्त कन्यदा सदे चववदाह करदे॥3॥
असचपण्डदा च यदा मदातगुर सगमोत्रदा च यदा चपतगुमः ।
सदा प्रशस्तदा चद्विजिदातहीनदासं ददारकमर्थच ण महैथ नगु दे॥ 4॥ मनगु॰॥
जिमो कन्यदा मदातदा कदे कगु ल ककी छमः पहीचढ़ययों ममें न हमो और चपतदा कदे गमोत्र ककी न हमो तमो उस कन्यदा सदे चववदाह
करनदा उचचत हहै॥4॥इसकदा यह प्रयमोजिन हहै चक—
परमोकचप्रयदा इव चह ददेव दामः प्रत्यकचद्विषमः॥ शतपथ॰॥
यह चनचश्चत बदात हहै चक जिहैसही परमोक पददाथर्थ ममें प्रहीचत हमोतही हहै वहैसही प्रत्यक ममें नहह। जिहैसदे चकसही नदे चमश्रही कदे
गगुण सगुनदे हयों और खदाई न हमो तमो उसकदा मन उसही ममें लगदा रहतदा हहै। जिहैसदे चकसही परमोक वस्तगु ककी प्रशसंसदा सगुनकर
चमलनदे ककी उत्कट इच्छदा हमोतही हहै, वहैसदे हही दरभू स्थ अथदार्थतम् जिमो अपनदे गमोत्र वदा मदातदा कदे कगु ल ममें चनकट सम्बन्ध ककी न
हमो उसही कन्यदा सदे वर कदा चववदाह हमोनदा चदाचहयदे।
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
163

चनकट और दरभू चववदाह करनदे ममें गगुण यदे हमैं—


(1) एक—जिमो बदालक बदाल्यदावस्थदा सदे चनकट रहतदे हमैं, परस्पर क्रकीडदा, लड़दाई और प्रदेम करतदे, एक
भू रदे कदे गगुण, दमोष, स्वभदाव, बदाल्यदावस्थदा कदे चवपरहीत आचरण जिदानतदे और नङदे भही एक दस
दस भू रदे कमो ददेखतदे हमैं उन
कदा परस्पर चववदाह हमोनदे सदे प्रदेम कभही नहह हमो सकतदा।
(2) दस भू रदा—जिहैसदे पदानही ममें पदानही चमलनदे सदे चवलकण गगुण नहह हमोतदा, वहैसदे एक गमोत्र चपतक वदा मदातककगुल ममें
चववदाह हमोनदे ममें धदातगुओसं कदे अदल-बदल नहह हमोनदे सदे उन्नचत नहह हमोतही।
(3) तहीसरदा—जिहैसदे दधभू ममें चमश्रही वदा शगुण्ठदाचद औषचधययों कदे यमोग हमोनदे सदे उत्तमतदा हमोतही हहै वहैसदे हही
चभन्न गमोत्र मदातक चपतक कगु ल सदे पकथकम् वत्तर्थमदान सही पगुरुषयों कदा चववदाह हमोनदा उत्तम हहै।
(4) चचौथदा—जिहैसदे एक ददेश ममें रमोगही हमो वह दस भू रदे ददेश ममें वदायगु और खदान पदान कदे बदलनदे सदे रमोग रचहत
हमोतदा हहै वहैसदे हही दरभू ददेशस्थयों कदे चववदाह हमोनदे ममें उत्तमतदा हहै।
(5) पदासंचवमें—चनकट सम्बन्ध करनदे ममें एक दस भू रदे कदे चनकट हमोनदे ममें सगुख दमःगु ख कदा भदान और चवरमोध
हमोनदा भही सम्भव हहै, दरभू ददेशस्थयों ममें नहह और दरभू स्थयों कदे चववदाह ममें दरभू -दरभू प्रदेम ककी डमोरही लम्बही बढ़ जिदातही हहै
चनकटस्थ चववदाह ममें नहह।
(6) छठदे—दरभू -दरभू ददेश कदे वत्तर्थमदान और पददाथर्यों ककी प्रदाचप्त भही दरभू सम्बन्ध हमोनदे ममें सहजितदा सदे हमो
सकतही हहै, चनकट चववदाह हमोनदे ममें नहह। इसचलयदे—
दगुच हतदा दगुच हर्थत दा दभू र दे चहतदा भवतहीचत॥ चनरु॰॥
कन्यदा कदा नदाम दचगु हतदा इस कदारण सदे हहै चक इसकदा चववदाह दरभू ददेश ममें हमोनदे सदे चहतकदारही हमोतदा हहै चनकट
रहनदे ममें नहह।
(7) सदातवमें—कन्यदा कदे चपतककगुल ममें ददाररद्छय हमोनदे कदा भही सम्भव हहै क्ययोंचक जिब-जिब कन्यदा चपतककगुल ममें
आवदेगही तब-तब इस कमो कगु छ न कगु छ ददेनदा हही हमोगदा।
(8) आठवदासं—कमोई चनकट हमोनदे सदे एक दस भू रदे कमो अपनदे-अपनदे चपतककगुल कदे सहदाय कदा घमण्ड और जिब
कगु छ भही दमोनयों ममें वहैमनस्य हमोगदा तब सही झट हही चपतदा कगु ल ममें चलही जिदायदेगही। एक दस
भू रदे ककी चनन्ददा अचधक हमोगही
और चवरमोध भही, क्ययोंचक प्रदायमः चसययों कदा स्वभदाव तहीक्ष्ण और मकद गु हमोतदा हहै, इत्यदाचद कदारणयों सदे चपतदा कदे एकगमोत्र
मदातदा ककी छमः पहीढ़ही और समहीप ददेश ममें चववदाह करनदा अच्छदा नहह।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
163

महदान्त्यचप समकद्ध दाचन गमोऽजिदाचव-धन-धदान्यतमः।


सहीसम्बन्धदे दशहैत दाचन कगु लदाचन पररवजिर्थय तदे म्॥ 1॥ मनगु॰॥
चदाहदे चकतनदे हही धन, धदान्य, गदाय, अजिदा, हदाथही, घमोड़दे, रदाज्य, श्रही आचद सदे समकद्ध यदे कगु ल हयों तमो भही
चववदाह सम्बन्ध ममें चनम्नचलचखत दश कगु लयों कदा त्यदाग कर ददे॥1॥
हहीनचक्रयसं चनष्पगुरु षसं चनश्छन्दमो रमोमशदाशर्थस मम्।
कय्यदामयदाव्यपस्मदाररचश्वचत्रकगु चष्ठिकगु लदाचन च॥2॥ मनगु॰॥
जिमो कगु ल सचत्क्रयदा सदे हहीन, सत्पगुरुषयों सदे रचहत, वदेददाध्ययन सदे चवमगुख, शरहीर पर बड़दे बड़दे लमोम, अथवदा
बवदासहीर, कयही, दमदा, खदासंसही, आमदाशय, चमरगही, श्वदेतकगु ष्ठि और गचलतकगु ष्ठियगुक्त कगु लयों ककी कन्यदा वदा वर कदे सदाथ
चववदाह हमोनदा न चदाचहए, क्ययोंचक यदे सब दगगु गुर्थण और रमोग चववदाह करनदे वदालदे कदे कगु ल ममें भही प्रचवष्ट हमो जिदातदे हमैं ,
इसचलयदे उत्तम कगु ल कदे लड़कदे और लड़चकययों कदा आपस ममें चववदाह हमोनदा चदाचहयदे॥2॥
नमोद्विहदेत म् कचपलदासं कन्यदासं नदाऽचधकदाङह न रमोचगणहीमम्।
नदालमोचमकदासं नदाचतलमोमदासं न वदाचदाटदान्न चपङलदामम्॥ 3॥ मनगु॰॥
न पहीलदे वणर्थ वदालही, न अचधकदाङही अथदार्थतम् पगुरुष सदे लम्बही चचौड़ही अचधक बलवदालही, न रमोगयगुक्तदा, न
लमोमरचहत, न बहह त लमोमवदालही, न बकवदाद करनदेहदारही और भभूरदे नदेत्रवदालही॥3॥
नकर्थव कक नदहीनदाम् नह नदान्त्यपवर्थत नदाचमकदामम्।
न पक्ष्यचहप्रदेष् यनदाम् नह न च भहीषणनदाचमकदामम्॥ 4॥ मनगु॰॥
न ऋक अथदार्थतम् अचश्वनही, भरणही, रमोचहणहीददेई, रदेवतहीबदाई, चचत्तदारही आचद नकत्र नदाम वदालही; तगुलचसयदा,
गमेंददा, गगुलदाब, चम्पदा, चमदेलही आचद वकक नदामवदालही; गसंगदा, जिमगुनदा आचद नदही नदामवदालही; चदाण्डदालही आचद अन्त्य
नदामवदालही; चवन्ध्यदा, चहमदालयदा, पदावर्थतही आचद पवर्थत नदामवदालही; कमोचकलदा, महैनदा आचद पकही नदामवदालही; नदागही,
भगुजिसंगदा आचद सपर्थ नदामवदालही; मदाधमोददासही, महीरदाददासही आचद प्रदेष्य नदामवदालही और भहीमकगु अरर, चचण्डकदा, कदालही
आचद भहीषण नदामवदालही कन्यदा कदे सदाथ चववदाह न करनदा चदाचहयदे क्ययोंचक यदे नदाम कगु चत्सत और अन्य पददाथर्यों कदे भही
हमैं॥4॥
अव्यङदाङह सचौम्यनदाम् नह हसंस वदारणगदाचमनहीमम्।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
163

तनगुल मोमकदे शदशनदासं मकद्वि ङहीमगुद्वि हदेत म् चसयमम्॥ 5॥ मनगु॰॥


चजिस कदे सरल सभूधदे अङ हयों चवरुद्ध न हयों, चजिस कदा नदाम सगुन्दर अथदार्थतम् यशमोददा, सगुखददा आचद हमो, हसंस
और हचथनही कदे तगुल्य चजिस ककी चदाल हमो, सभूक्ष्म लमोम कदे श और ददातसं यगुक्त और चजिस कदे सब अङ कमोमल हयों वहैसही
सही कदे सदाथ चववदाह करनदा चदाचहयदे॥5॥
(प्रश्न) चववदाह कदा समय और प्रकदार कचौन सदा अच्छदा हहै?
(उत्तर) समोलहवमें वषर्थ सदे लदेकदे चचौबहीसवमें वषर्थ तक कन्यदा और 25 पच्चिहीसवमें वषर्थ सदे लदे कदे 48 वमें वषर्थ
तक पगुरुष कदा चववदाह समय उत्तम हहै। इस ममें जिमो समोलह और पच्चिहीस ममें चववदाह करदे तमो चनकक ष्ट; अठदारह बहीस वषर्थ
ककी सही तथदा तहीस पमैंतहीस वदा चदालहीस वषर्थ कदे पगुरुष कदा मध्यम; चचौबहीस वषर्थ ककी सही और अड़तदालहीस वषर्थ कदे पगुरुष
कदा चववदाह उत्तम हहै। चजिस ददेश ममें इसही प्रकदार चववदाह ककी चवचध श्रदेष्ठि और ब्रह्मचयर्थ चवददाभ्यदास अचधक हमोतदा हहै वह
ददेश सगुखही और चजिस ददेश ममें ब्रह्मचयर्थ, चवददाग्रहणरचहत बदाल्यदावस्थदा और अयमोग्ययों कदा चववदाह हमोतदा हहै वह ददेश
दमःगु ख ममें डभू ब जिदातदा हहै। क्ययोंचक ब्रह्मचयर्थ चवददा कदे ग्रहणपभूवर्थक चववदाह कदे सगुधदार हही सदे सब बदातयों कदा सगुधदार और
चबगड़नदे सदे चबगदाड़ हमो जिदातदा हहै।
(प्रश्न) अष्टवषदार्थ भवदेदम् गचौरही नववषदार्थ च रमोचहणही।
दशवषदार्थ भवदेत् कन्यदा तत ऊध्वर्वं रजिस्वलदा॥1॥
मदातदा चहैव चपतदा तस्यदा ज्यदेष्ठि मो भ्रदातदा तथहैव च।
त्रयस्तदे नरकसं यदाचन्त दृष्ट्वदा कन्यदासं रजिस्वलदामम्॥ 2॥
यदे श्लमोक पदारदाशरही और शहीघ्रबमोध ममें चलखदे हमैं। अथर्थ यह हहै चक कन्यदा आठवमें वषर्थ गचौरही, नवमदे वषर्थ रमोचहणही,
दशवमें वषर्थ कन्यदा और उस कदे आगदे रजिस्वलदा ससंजदा हमो जिदातही हहै॥1॥दसवमें वषर्थ तक चववदाह न करकदे रजिस्वलदा
कन्यदा कमो मदातदा चपतदा और भदाई यदे तहीनयों ददेख कदे नरक ममें चगरतदे हमैं॥2॥
(उत्तर) ब्रह्ममोवदाच—
एककणदा भवदेदम् गचौरही चद्विकणदे यन्तगु रमोचहणही।
चत्रकणदा सदा भवदेत म् कन्यदा ह्यत ऊध्वर्वं रजिस्वलदा॥1॥
मदातदा चपतदा तथदा भ्रदातदा मदातगुल मो भचगनही स्वकदा।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
163

सवर्वे तदे नरकसं यदाचन्त दृष्ट्वदा कन्यदासं रजिस्वलदामम्॥ 2॥


—यह सदमोचनचमर्थत ब्रह्मपगुरदाण कदा वचन हहै।
अथर्थ— चजितनदे समय ममें परमदाणगु एक पलटदा खदावदे उतनदे समय कमो कण कहतदे हमैं। जिब कन्यदा जिन्मदे तब
भू रदे कण ममें रमोचहणही, तहीसरदे ममें कन्यदा और चचौथदे ममें रजिस्वलदा हमो जिदातही हहै॥1॥उस रजिस्वलदा
एक कण ममें गचौरही, दस
कमो ददेख कदे उसककी मदातदा, चपतदा, भदाई, मदामदा और बचहन सब नरक कमो जिदातदे हमैं॥2॥
(प्रश्न) यदे श्लमोक प्रमदाण नहह।
(उत्तर) क्ययों प्रमदाण नहह? जिमो ब्रह्मदा जिही कदे श्लमोक प्रमदाण नहह तमो तगुम्हदारदे भही प्रमदाण नहह हमो सकतदे।
(प्रश्न) वदाह-वदाह! परदाशर और कदाशहीनदाथ कदा भही प्रमदाण नहह करतदे।
(उत्तर) वदाह जिही वदाह! क्यदा तगुम ब्रह्मदा जिही कदा प्रमदाण नहह करतदे , परदाशर कदाशहीनदाथ सदे ब्रह्मदा जिही बड़दे
नहह हमैं? जिमो तगुम ब्रह्मदा जिही कदे श्लमोकयों कमो नहह मदानतदे तमो हम भही परदाशर कदाशहीनदाथ कदे श्लमोकयों कमो नहह मदानतदे।
(प्रश्न) तगुम्हदारदे श्लमोक असम्भव हमोनदे सदे प्रमदाण नहह, क्ययोंचक सहस्रयों कण जिन्म समय हही ममें बहीत जिदातदे
हमैं तमो चववदाह कहै सदे हमो सकतदा हहै और उस समय चववदाह करनदे कदा कगु छ फल भही नहह दहीखतदा।
(उत्तर) जिमो हमदारदे श्लमोक असम्भव हमैं तमो तगुम्हदारदे भही असम्भव हमैं क्ययोंचक आठ, नचौ और दसवमें वषर्थ भही
चववदाह करनदा चनष्फल हहै क्ययोंचक समोलहवमें वषर्थ कदे पश्चदातम् चचौबहीसवमें वषर्थ पयर्थन्त चववदाह हमोनदे सदे पगुरुष कदा वहीयर्थ
पररपक्वि, शरहीर बचलष्ठि, सही कदा गभदार्थशय पभूरदा और शरहीर भही बलयगुक्त हमोनदे सदे सन्तदान उत्तम हमोतदे हमैं। 1 जिहैसदे आठवमें
वषर्थ ककी कन्यदा ममें सन्तदानमोत्पचत्त कदा हमोनदा असम्भव हहै वहैसदे हही गचौरही, रमोचहणही नदाम ददेनदा भही अयगुक्त हहै। यचद गमोरही
कन्यदा न हमो चकन्तगु कदालही हमो तमो उस कदा नदाम गचौरही रखनदा व्यथर्थ हहै और गचौरही महदादवदे ककी सही, रमोचहणही वसगुदवदे ककी
1
उचचत समय सदे न्यभून आयगु वदालदे सही पगुरुष कमो गभदार्थधदान ममें मगुचनवर धन्वन्तरर जिही सगुश्रगुत ममें चनषदेध करतदे हमैं—
ऊनषमोडशवषदार्थयदामप्रदाप्तमः पञ्चचवसंशचतमम्।
यददाधत्तदे पगुमदानम् गभर्वं कगु चकस्थमः स चवपदतदे॥1॥
जिदातमो वदा न चचरञ्जिहीवदेज्जहीवदेदम् वदा दबगु र्थलदेचन्द्रयमः।
तस्मदादत्यन्तबदालदायदासं गभदार्थधदानसं न कदारयदेतम्॥2॥
अथर्थ— समोलह वषर्थ सदे न्यभून वयवदालही सही ममें, पच्चिहीस वषर्थ सदे न्यभून आयगु वदालदा पगुरुष जिमो गभर्थ कमो स्थदापन करदे तमो वह
कगु चकस्थ हहआ गभर्थ चवपचत्त कमो प्रदाप्त हमोतदा अथदार्थतम् पभूणर्थ कदाल तक गभदार्थशय ममें रह कर उत्पन्न नहह हमोतदा॥ 1॥
अथवदा उत्पन्न हमो तमो चचरकदाल तक न जिहीवदे वदा जिहीवदे तमो दबगु र्थलदेचन्द्रय हमो। इस कदारण सदे अचत बदाल्यदावस्थदा वदालही सही ममें
गभर्थ स्थदाचपत न करदे॥2॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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सही थही उस कमो तगुम पचौरदाचणक लमोग मदातकसमदान मदानतदे हमो। जिब कन्यदामदात्र ममें गचौरही आचद ककी भदावनदा करतदे हमो तमो
चफर उन सदे चववदाह करनदा कहै सदे सम्भव और धमर्थयक्त गु हमो सकतदा हहै? इसचलयदे तगुम्हदारदे और हमदारदे दमो-दमो श्लमोक
चमथ्यदा हही हमैं क्ययोंचक जिहैसदे हमनदे ‘ब्रह्ममोवदाच’ करकदे श्लमोक बनदा चलयदे हमैं। वहैसदे वदे भही परदाशर आचद कदे नदाम सदे बनदा
चलयदे हमैं। इसचलयदे इन सब कदा प्रमदाण छमोड़ कदे वदेदयों कदे प्रमदाण सदे सब कदाम चकयदा करमो। ददेखमो मनगु ममें—
त्रहीचण वषदार्थण् यगुद हीकदेत कगु मदायक र्थत गुम तही सतही।
ऊध्वर्वं तगु कदालदाददेत स्मदादम् चवन्ददेत सदृशसं पचतमम्॥ मनगु॰॥
ऐसदे-ऐसदे शदासमोक्त चनयम और सकचष्टक्रम कमो ददेखनदे और बगुचद्ध सदे चवचदारनदे सदे यहही चसद्ध हमोतदा हहै चक 16
वषर्थ सदे न्यभून सही और 25 वषर्थ सदे न्यभून आयगु वदालदा पगुरुष कभही गभदार्थधदान करनदे कदे यमोग्य नहह हमोतदा। इन चनयमयों सदे
चवपरहीत जिमो करतदे हमैं वदे दमःगु खभदागही हमोतदे हमैं।
कन्यदा रजिस्वलदा हह ए पहीछदे तहीन वषर्थ पयर्थन्त पचत ककी खमोजि करकदे अपनदे तगुल्य पचत कमो प्रदाप्त हमोवदे। तब
प्रचतमदास रजिमोदशर्थन हमोतदा हहै तमो तहीन वषर्यों ममें 36 वदार रजिस्वलदा हह ए पश्चदातम् चववदाह करनदा यमोग्य हहै, इससदे पभूवर्थ
नहह।
कदाममदामरणदातम् चतष्ठिदेदम् गकह दे कन्यतगुर्थम त्यचप।
न चहैव नहै दासं प्रयच्छदेत म् तगु गगुण हहीनदाय कचहर्थच चतम्॥ मनगु॰॥
चदाहदे लड़कदा लड़ककी मरणपयर्थन्त कगु मदार रहमैं परन्तगु असदृश अथदार्थतम् परस्पर चवरुद्ध गगुण , कमर्थ, स्वभदाव
वदालयों कदा चववदाह कभही न हमोनदा चदाचहयदे। इस सदे चसद्ध हह आ चक न पभूवर्वोक्त समय सदे प्रथम वदा असदृशयों कदा चववदाह
हमोनदा यमोग्य हहै।
(प्रश्न) चववदाह मदातदा चपतदा कदे आधहीन हमोनदा चदाचहयदे वदा लड़कदा लड़ककी कदे आधहीन रहहै?
(उत्तर) लड़कदा लड़ककी कदे आधहीन चववदाह हमोनदा उत्तम हहै। जिमो मदातदा चपतदा चववदाह करनदा कभही चवचदारमें तमो
भही लड़कदा लड़ककी ककी प्रसन्नतदा कदे चवनदा न हमोनदा चदाचहयदे। क्ययोंचक एक दस भू रदे ककी प्रसन्नतदा सदे चववदाह हमोनदे ममें चवरमोध
बहह त कम हमोतदा हहै और सन्तदान उत्तम हमोतदे हमैं। अप्रसन्नतदा कदे चववदाह ममें चनत्य क्लदेश हही रहतदा हहै। चववदाह ममें मगुख्य
प्रयमोजिन वर और कन्यदा कदा हहै मदातदा चपतदा कदा नहह। क्ययोंचक जिमो उनममें परस्पर प्रसन्नतदा रहदे तमो उन्हह कमो सगुख और
चवरमोध ममें उन्हह कमो दमःगु ख हमोतदा।
और—

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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सन्तगुष्ट मो भदायर्थय दा भत्तदार्थ भत्रदार्थ भदायदार्थ तथहैव च।


यचस्मन्नदेव कगु लदे चनत्यसं कल्यदाणसं तत्र वहै धगुव मम्॥ मनगु॰॥
चजिस कगु ल ममें सही सदे पगुरुष और पगुरुष सदे सही सददा प्रसन्न रहतही हहै उसही कगु ल ममें आनन्द लक्ष्मही और ककीचत्तर्थ
चनवदास करतही हहै और जिहदाह चवरमोध, कलह हमोतदा हहै वहदाह दमःगु ख, ददाररद्छय और चनन्ददा चनवदास करतही हहै।
इसचलयदे जिहैसही स्वयसंवर ककी रहीचत आयदार्थवत्तर्थ ममें परम्परदा सदे चलही आतही हहै वहही चववदाह उत्तम हहै। जिब सही
पगुरुष चववदाह करनदा चदाहमैं तब चवददा, चवनय, शहील, रूप, आयगु, बल, कगु ल, शरहीर, कदा पररमदाणदाचद यथदायमोग्य
हमोनदा चदाचहयदे। जिब तक इन कदा मदेल नहह हमोतदा तब तक चववदाह ममें कगु छ भही सगुख नहह हमोतदा और न बदाल्यदावस्थदा ममें
चववदाह करनदे सदे सगुख हमोतदा।
यगुव दाचप सगुव दासदामः पररवहीत आगदातम् स उ श्रदेय दानम् भवचत जिदायमदानमः।
तसं धहीरदासमः कवय उन्नयचन्त स्वदाध्यमो मनसदा ददेव यन्तमः॥1॥
—ऋ॰ मसं॰ 3। सभू॰ 8। मसं॰ 4॥
आ धदेन वमो धगुन यन्तदामचशश्वहीमः सबद गुघर्थ दामः शशयदा अप्रद गुग् धदामः।
नव्यदानव्यदा यगुव तयमो भवन्तहीमर्थह द्ददेव दानदामसगुर त्वमदेक मम्॥ 2॥
—ऋ॰ मसं॰ 3। सभू॰ 55। मसं॰ 16॥
पभूव र्त्ती र हसं शरदमः शश्रमदाणदा दमोषदावस्तमो रुषसमो जिरयन्तहीमः।
चमनदाचतचश्रयसं जिररमदा तनभून दामप्यभू नगु पत्नहीवकषर्थ णमो जिगम्य गु मः ॥3॥
—ऋ॰ मसं॰ 1। सभू॰ 179। मसं॰ 1॥
जिमो पगुरुष (पररवहीतमः) सब ओर सदे यजमोपवहीत, ब्रह्मचयर्थ सदेवन सदे उत्तम चशकदा और चवददा सदे यगुक्त
(सगुवदासदामः) सगुन्दर वस धदारण चकयदा हह आ ब्रह्मचयर्थयक्त गु (यगुवदा) पभूणर्थ ज्वदान हमोकदे चवददाग्रहण कर गकहदाश्रम ममें
(आगदातम्) आतदा हहै ( स उ) वहही दस भू रदे चवददाजिन्म ममें (जिदायमदानमः) प्रचसद्ध हमोकर (श्रदेयदानम्) अचतशय शमोभदायक्त
गु
मङलकदारही (भवचत) हमोतदा हहै (स्वदाध्यमः) अच्छदे प्रकदार ध्यदानयगुक्त (मनसदा) चवजदान सदे (ददेवयन्तमः) चवददावकचद्ध ककी
गु (धहीरदासमः) धहैयर्थयक्त
कदामनदायक्त गु (कवयमः) चवद्विदानम् लमोग (तमम्) उसही पगुरुष कमो (उन्नयचन्त) उन्नचतशहील करकदे

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प्रचतचष्ठित करतदे हमैं और जिमो ब्रह्मचयर्थधदारण, चवददा, उत्तम चशकदा कदा ग्रहण चकयदे चवनदा अथवदा बदाल्यदावस्थदा ममें चववदाह
करतदे हमैं वदे सही पगुरुष नष्ट भ्रष्ट हमोकर चवद्विदानयों ममें प्रचतष्ठिदा कमो प्रदाप्त नहह हमोतदे॥1॥
जिमो (अप्रदग्गु धदामः) चकसही सदे दहगु ही न हमो उन (धदेनवमः) गचौओसं कदे समदान (अचशश्वहीमः) बदाल्यदावस्थदा सदे रचहत
(सबदघर्थगु दामः) सब प्रकदार कदे उत्तम व्यवहदारयों कदा पभूणर्थ करनदेहदारही (शशयदामः) कगु मदारदावस्थदा कमो उलसंघन करनदे हदारही
(नव्यदानव्यदामः) नवहीन-नवहीन चशकदा और अवस्थदा सदे पभूणर्थ (भवन्तहीमः) वत्तर्थमदान (यगुवतयमः) पभूणर्थ यगुवदावस्थदास्थ
चसयदासं (ददेवदानदामम्) ब्रह्मचयर्थ, सगुचनयमयों सदे पभूणर्थ चवद्विदानयों कदे (एकमम्) अचद्वितहीय (महतम्) बड़दे (असगुरत्वमम्) प्रजदा
शदासचशकदायक्त गु प्रजदा ममें रमण कदे भदावदाथर्थ कमो प्रदाप्त हमोतही हह ई तरुण पचतययों कमो प्रदाप्त हमोकदे (आधगुनयन्तदामम्) गभर्थ
धदारण करदे कभही भभूल कदे भही बदाल्यदावस्थदा ममें पगुरुष कदा मन सदे भही ध्यदान न करमें क्ययोंचक यहही कमर्थ इस लमोक और
परलमोक कदे सगुख कदा सदाधन हहै। बदाल्यदावस्थदा ममें चववदाह सदे चजितनदा पगुरुष कदा नदाश उस सदे अचधक सही कदा नदाश हमोतदा
हहै॥2॥
जिहैसदे (नगु) शहीघ्र (शश्रमदाणदामः) अत्यन्त श्रम करनदेहदारदे (वकषणमः) वहीयर्थ सहचनदे ममें समथर्थ पभूणर्थ यगुवदावस्थदायक्त गु
पगुरुष (पत्नहीमः) यगुवदावस्थदास्थ हृदययों कमो चप्रय चसययों कमो (जिगम्यगुमः) प्रदाप्त हमोकर पभूणर्थ शतवषर्थ वदा उससदे अचधक वषर्थ
आयगु कमो आनन्द सदे भमोगतदे और पगुत्र पचौत्रदाचद सदे ससंयक्त गु रहतदे रहमैं वहैसदे सही पगुरुष सददा वतर्त्तें , जिहैसदे (पभूवर्त्तीमः) पभूवर्थ
वत्तर्थमदान (शरदमः) शरदम् ऋतगुओसं और (जिरयन्तहीमः) वकद्धदावस्थदा कमो प्रदाप्त करदानदे वदालही (उषसमः) प्रदातमःकदाल ककी
वदेलदाओसं कमो (दमोषदामः) रदात्रही और (वस्तमोमः) चदन (तनभूनदामम्) शरहीरयों ककी (चश्रयमम्) शमोभदा कमो (जिररमदा) अचतशय
वकद्धपन बल और शमोभदा कमो (चमनदाचत) दरभू कर ददेतदा हहै वहैसदे (अहमम्) ममैं सही वदा पगुरुष (उ) अच्छदे प्रकदार (अचप)
चनश्चय करकदे ब्रह्मचयर्थ सदे चवददा चशकदा शरहीर और आत्मदा कदे बल और यगुवदावस्थदा कमो प्रदाप्त हमो हही कदे चववदाह करूह
इस सदे चवरुद्ध करनदा वदेदचवरुद्ध हमोनदे सदे सगुखददायक चववदाह कभही नहह हमोतदा॥3॥
जिब तक इसही प्रकदार सब ऋचष-मगुचन रदाजिदा महदारदाजिदा आयर्थ लमोग ब्रह्मचयर्थ सदे चवददा पढ़ हही कदे स्वयसंवर
चववदाह करतदे थदे तब तक इस ददेश ककी सददा उन्नचत हमोतही थही। जिब सदे यह ब्रह्मचयर्थ सदे चवददा कदा न पढ़नदा ,
बदाल्यदावस्थदा ममें परदाधहीन अथदार्थतम् मदातदा चपतदा कदे आधहीन चववदाह हमोनदे लगदा तब सदे क्रमशमः आयदार्थवत्तर्थ ददेश ककी हदाचन
हमोतही चलही आई हहै। इस सदे इस दष्टगु कदाम कमो छमोड़ कदे सज्जन लमोग पभूवर्वोक्त प्रकदार सदे स्वयसंवर चववदाह चकयदा करमें। समो
चववदाह वणदार्थनगुक्रम सदे करमें और वणर्थव्यवस्थदा भही गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदे अनगुसदार हमोनही चदाचहयदे।
(प्रश्न) क्यदा चजिस कदे मदातदा चपतदा ब्रदाह्मण हयों वह ब्रदाह्मणही ब्रदाह्मण हमोतदा हहै और चजिसकदे मदातदा चपतदा अन्य
वणर्थस्थ हयों उन कदा सन्तदान कभही ब्रदाह्मण हमो सकतदा हहै?

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(उत्तर) हदासं बहह त सदे हमो गयदे, हमोतदे हमैं और हयोंगदे भही। जिहैसदे छदान्दमोग्य उपचनषद म् ममें जिदाबदाल ऋचष
अजदातकगु ल, महदाभदारत ममें चवश्वदाचमत्र कचत्रय वणर्थ और मदातङ ऋचष चदाण्डदाल कगु ल सदे ब्रदाह्मण हमो गयदे थदे। अब भही जिमो
उत्तम चवददा स्वभदाव वदालदा हहै वहही ब्रदाह्मण कदे यमोग्य और मभूखर्थ शभूद्र कदे यमोग्य हमोतदा हहै और वहैसदा हही आगदे भही हमोगदा।
(प्रश्न) भलदा जिमो रजि वहीयर्थ सदे शरहीर हह आ हहै वह बदल कर दस
भू रदे वणर्थ कदे यमोग्य कहै सदे हमो सकतदा हहै।
(उत्तर) रजि वहीयर्थ कदे यमोग सदे ब्रदाह्मण शरहीर नहह हमोतदा चकन्तगु—
स्वदाध्यदायदेन जिपहैह र्वो म हैस चहै वददेन देज् ययदा सगुत हैमः ।
महदायजहैश् च यजहैश् च ब्रदाह्महीयसं चक्रयतदे तनगुमः ॥ मनगु॰॥
इस कदा अथर्थ पभूवर्थ कर आयदे हमैं अब यहदासं भही ससंकदेप सदे करतदे हमैं। (स्वदाध्यदायदेन) पढ़नदे पढ़दानदे (जिपहैमः) चवचदार
करनदे करदानदे नदानदाचवध हमोम कदे अनगुष्ठिदान, सम्पभूणर्थ वदेदयों कमो शब्द, अथर्थ, सम्बन्ध, स्वरमोच्चिदारणसचहत पढ़नदे पढ़दानदे
(इज्ययदा) पचौणर्थमदासही, इचष्ट आचद कदे करनदे, पभूवर्वोक्त चवचधपभूवर्थक (सगुतहैमः) धमर्थ सदे सन्तदानमोत्पचत्त (महदायजहैश्च)
पभूवर्वोक्त ब्रह्मयज, ददेवयज, चपतकयज, वहैश्वददेवयज और अचतचथयज, (यजहैश्च) अचग्निष्टमोमदाचद-यज, चवद्विदानयों कदा
ससंग, सत्कदार, सत्यभदाषण, परमोपकदारदाचद सत्कमर्थ और सम्पभूणर्थ चशल्पचवददाचद पढ़ कदे दष्टगु दाचदार छमोड़ श्रदेष्ठिदाचदार ममें
वत्तर्थनदे सदे (इयमम्) यह (तनगुमः) शरहीर (ब्रदाह्मही) ब्रदाह्मण कदा (चक्रयतदे) चकयदा जिदातदा हहै। क्यदा इस श्लमोक कमो तगुम नहह
मदानतदे? मदानतदे हमैं। चफर क्ययों रजि वहीयर्थ कदे यमोग सदे वणर्थव्यवस्थदा मदानतदे हमो? ममैं अकदे लदा नहह मदानतदा चकन्तगु बहह त सदे
लमोग परम्परदा सदे ऐसदा हही मदानतदे हमैं।
(प्रश्न) क्यदा तगुम परम्परदा कदा भही खण्डन करमोगदे?
(उत्तर) नहह, परन्तगु तगुम्हदारही उलटही समझ कमो नहह मदान कदे खण्डन भही करतदे हमैं।
(प्रश्न) हमदारही उलटही और तगुम्हदारही सभूधही समझ हहै इस ममें क्यदा प्रमदाण?
(उत्तर) यहही प्रमदाण हहै चक जिमो तगुम पदासंच सदात पहीचढ़ययों कदे वत्तर्थमदान कमो सनदातन व्यवहदार मदानतदे हमो और
हम वदेद तथदा सकचष्ट कदे आरम्भ सदे आजिपयर्थन्त ककी परम्परदा मदानतदे हमैं। ददेखमो! चजिस कदा चपतदा श्रदेष्ठि उस कदा पगुत्र दष्टगु
और चजिस कदा पगुत्र श्रदेष्ठि उस कदा चपतदा दष्टगु तथदा कहह दमोनयों श्रदेष्ठि वदा दष्टगु ददेखनदे ममें आतदे हमैं इसचलयदे तगुम लमोग भ्रम ममें
पड़दे हमो। ददेखमो! मनगु महदारदाजि नदे क्यदा कहदा हहै—
यदेन दास्य चपतरमो यदातदा यदेन यदातदा चपतदामहदामः।
तदेन यदायदातम् सतदासं मदागर्वं तदेन गच्छन्न ररष्यतदे॥ मनगु॰॥
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चजिस मदागर्थ सदे इस कदे चपतदा, चपतदामह चलदे हयों उस मदागर्थ ममें सन्तदान भही चलमें परन्तगु (सतदामम्) जिमो सत्पगुरुष
चपतदा चपतदामह हयों उन्हह कदे मदागर्थ ममें चलमें और जिमो चपतदा, चपतदामह दष्टगु हयों तमो उन कदे मदागर्थ ममें कभही न चलमें। क्ययोंचक
उत्तम धमदार्थत्मदा पगुरुषयों कदे मदागर्थ ममें चलनदे सदे दमःगु ख कभही नहह हमोतदा इस कमो तगुम मदानतदे हमो वदा नहह?
हदासं हदासं मदानतदे हमैं।
और ददेखमो जिमो परमदेश्वर ककी प्रकदाचशत वदेदमोक्त बदात हहै वहही सनदातन और उस कदे चवरुद्ध हहै वह सनदातन
कभही नहह हमो सकतही। ऐसदा हही सब लमोगयों कमो मदाननदा चदाचहयदे वदा नहह?
अवश्य चदाचहयदे।
जिमो ऐसदा न मदानदे उस सदे कहमो चक चकसही कदा चपतदा दररद्र हमो उस कदा पगुत्र धनदाढ्य हमोवदे तमो क्यदा अपनदे चपतदा
ककी दररद्रदावस्थदा कदे अचभमदान सदे धन कमो फमें क ददेवदे? क्यदा चजिस कदा चपतदा अन्धदा हमो उस कदा पगुत्र भही अपनही आसंखयों
कमो फमोड़ लदेवदे? चजिस कदा चपतदा कगु कमर्त्ती हमो क्यदा उस कदा पगुत्र भही कगु कमर्थ कमो हही करदे? नहह-नहह चकन्तगु जिमो-जिमो
पगुरुषयों कदे उत्तम कमर्थ हयों उन कदा सदेवन और दष्टगु कमर्यों कदा त्यदाग कर ददेनदा सब कदा अत्यदावश्यक हहै।
जिमो कमोई रजि वहीयर्थ कदे यमोग सदे वणदार्थश्रम-व्यवस्थदा मदानदे और गगुण कमर्यों कदे यमोग सदे न मदानदे तमो उस सदे पभूछनदा
चदाचहयदे चक जिमो कमोई अपनदे वणर्थ कमो छमोड़ नहीच , अन्त्यजि अथवदा कक श्चहीन, मगुसलमदान हमो गयदा हमो उस कमो भही
ब्रदाह्मण क्ययों नहह मदानतदे? यहदासं यहही कहमोगदे चक उस नदे ब्रदाह्मण कदे कमर्थ छमोड़ चदयदे इसचलयदे वह ब्रदाह्मण नहह हहै। इस
सदे यह भही चसद्ध हमोतदा हहै जिमो ब्रदाह्मणदाचद उत्तम कमर्थ करतदे हमैं वदे हही ब्रदाह्मणदाचद और जिमो नहीच भही उत्तम वणर्थ कदे गगुण ,
कमर्थ, स्वभदाव वदालदा हमोवदे तमो उस कमो भही उत्तम वणर्थ ममें और जिमो उत्तम वणर्थस्थ हमोकदे नहीच कदाम करदे तमो उसकमो नहीच
वणर्थ ममें चगननदा अवश्य चदाचहयदे।
(प्रश्न) यह यजिगुवर्वेद कदे 31 वमें अध्यदाय कदा 11 वदासं मन्त्र हहै। इसकदा यह अथर्थ हहै चक ब्रदाह्मण ईश्वर कदे
मगुख, कचत्रय बदाहह, वहैश्य ऊरू और शभूद्र पगयों सदे उत्पन्न हह आ हहै। इसचलयदे जिहैसदे मगुख न बदाहह आचद और बदाहह आचद
न मगुख हमोतदे हमैं, इसही प्रकदार ब्रदाह्मण न कचत्रयदाचद और कचत्रयदाचद न ब्रदाह्मण हमो सकतदे हमैं।
(उत्तर) इस मन्त्र कदा अथर्थ जिमो तगुम नदे चकयदा वह ठहीक नहह क्ययोंचक यहदासं पगुरुष अथदार्थतम् चनरदाकदार व्यदापक
परमदात्मदा ककी अनगुवकचत्त हहै। जिब वह चनरदाकदार हहै तमो उसकदे मगुखदाचद अङ नहह हमो सकतदे , जिमो मगुखदाचद अङ वदालदा हमो
वह पगुरुष अथदार्थतम् व्यदापक नहह और जिमो व्यदापक नहह वह सवर्थशचक्तमदानम् जिगतम् कदा स्रष्टदा, धत्तदा,र्थ प्रलयकत्तदार्थ जिहीवयों
कदे पगुण्य पदापयों ककी व्यवस्थदा करनदे हदारदा, सवर्थज, अजिन्मदा, मकत्यगुरचहत आचद चवशदेषणवदालदा नहह हमो सकतदा।

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इसचलयदे इस कदा यह अथर्थ हहै चक जिमो (अस्य) पभूणर्थ व्यदापक परमदात्मदा ककी सकचष्ट ममें मगुख कदे सदृश सब ममें
मगुख्य उत्तम हमो वह (ब्रदाह्मणमः) ब्रदाह्मण (बदाहह) ‘बदाहह व र्वै बलसं बदाहह व र्वै वहीयर्थम म्’ शतपथब्रदाह्मण। बल वहीयर्थ कदा नदाम
बदाहह हहै वह चजिस ममें अचधक हमो समो (रदाजिन्यमः) कचत्रय (ऊरू) कचट कदे अधमो और जिदानगु कदे उपररस्थ भदाग कदा नदाम
हहै जिमो सब पददाथर्यों और सब ददेशयों ममें ऊरू कदे बल सदे जिदावदे आवदे प्रवदेश करदे वह (वहैश्यमः) वहैश्य और (पद्भ्यदामम्) जिमो
पग कदे अथदार्थतम् नहीच अङ कदे सदृश मभूखर्थत्वदाचद गगुणवदालदा हमो वह शभूद्र हहै। अन्यत्र शतपथ ब्रदाह्मणदाचद ममें भही इस मन्त्र
कदा ऐसदा हही अथर्थ चकयदा हहै। जिहैसदे—
‘यस्मदाददेत दे मगुख् यदास्तस्मदान्मगुख तमो ह्यसकज् यन्त।’ इत्यदाचद।
चजिस सदे यदे मगुख्य हमैं इस सदे मगुख सदे उत्पन्न हह ए ऐसदा कथन ससंगत हमोतदा हहै। अथदार्थतम् जिहैसदा मगुख सब अङयों ममें
श्रदेष्ठि हहै वहैसदे पभूणर्थ चवददा और उत्तम गगुण, कमर्थ, स्वभदाव सदे यगुक्त हमोनदे सदे मनगुष्यजिदाचत ममें उत्तम ब्रदाह्मण कहदातदा हहै। जिब
परमदेश्वर कदे
ब्रदाह्मणमोऽस्य मगुख मदासहीदम् बदाहह रदाजिन्यमः कक तमः।
ऊरू तदस्य यद्विहैश् यमः पद्भ्यदासं शभूद्र मो अजिदायत॥
चनरदाकदार हमोनदे सदे मगुखदाचद अङ हही नहह हमैं तमो मगुख आचद सदे उत्पन्न हमोनदा असम्भव हहै। जिहैसदा चक वन्ध्यदा सही
आचद कदे पगुत्र कदा चववदाह हमोनदा! और जिमो मगुखदाचद अङयों सदे ब्रदाह्मणदाचद उत्पन्न हमोतदे तमो उपदाददान कदारण कदे सदृश
ब्रदाह्मणदाचद ककी आकक चत अवश्य हमोतही। जिहैसदे मगुख कदा आकदार गमोल ममोल हहै वहैसदे हही उन कदे शरहीर कदा भही गमोलममोल
मगुखदाककचत कदे समदान हमोनदा चदाचहयदे। कचत्रययों कदे शरहीर भगुजिदा कदे सदृश, वहैश्ययों कदे ऊरू कदे तगुल्य और शभूद्रयों कदे शरहीर
पग कदे समदान आकदार वदालदे हमोनदे चदाचहयदे। ऐसदा नहह हमोतदा और जिमो कमोई तगुम सदे प्रश्न करदेगदा चक जिमो जिमो मगुखदाचद सदे
उत्पन्न हह ए थदे उन ककी ब्रदाह्मणदाचद ससंजदा हमो परन्तगु तगुम्हदारही नहह क्ययोंचक जिहैसदे और सब लमोग गभदार्थशय सदे उत्पन्न हमोतदे
हमैं वहैसदे तगुम भही हमोतदे हमो। तगुम मगुखदाचद सदे उत्पन्न न हमोकर ब्रदाह्मणदाचद ससंजदा कदा अचभमदान करतदे हमो इसचलयदे तगुम्हदारदा
कहदा अथर्थ व्यथर्थ हहै और जिमो हम नदे अथर्थ चकयदा हहै वह सच्चिदा हहै। ऐसदा हही अन्यत्र भही कहदा हहै। जिहैसदा—
शभूद्र मो ब्रदाह्मणतदामदेच त ब्रदाह्मणश्चहैच त शभूद्र तदामम्।
कचत्रयदाज्जदातमदेव न्तगु चवददादम् वहैश् यदातम् तथहैव च॥ मनगु॰॥
जिमो शभूद्रकगु ल ममें उत्पन्न हमोकदे ब्रदाह्मण, कचत्रय और वहैश्य कदे समदान गगुण, कमर्थ, स्वभदाव वदालदा हमो तमो वह शभूद्र
ब्रदाह्मण, कचत्रय और वहैश्य हमो जिदाय, वहैसदे हही ब्रदाह्मण कचत्रय और वहैश्यकगु ल ममें उत्पन्न हहआ हमो और उस कदे गगुण,
कमर्थ, स्वभदाव शभूद्र कदे सदृश हयों तमो वह शभूद्र हमो जिदाय। वहैसदे कचत्रय, वहैश्य कदे कगु ल ममें उत्पन्न हमोकदे ब्रदाह्मण वदा शभूद्र कदे
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समदान हमोनदे सदे ब्रदाह्मण और शभूद्र भही हमो जिदातदा हहै। अथदार्थतम् चदारयों वणर्यों ममें चजिस-चजिस वणर्थ कदे सदृश जिमो-जिमो पगुरुष वदा
सही हमो वह-वह उसही वणर्थ ममें चगनही जिदावदे।
धमर्थच यर्थय दा जिघन्यमो वणर्थमः पभूव र्वं पभूव र्वं वणर्थम दापदतदे जिदाचतपररवकत्त चौ॥1॥
अधमर्थच यर्थय दा पभूव र्वो वणर्वो जिघन्यसं जिघन्यसं वणर्थम दापदतदे जिदाचतपररवकत्त चौ॥2॥
—यदे आपस्तम्ब कदे सभूत्र हमैं।
धमदार्थचरण सदे चनकक ष्ट वणर्थ अपनदे सदे उत्तम-उत्तम वणर्थ कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै और वह उसही वणर्थ ममें चगनदा जिदावदे चक
चजिस-चजिस कदे यमोग्य हमोवदे॥1॥
वहैसदे अधमदार्थचरण सदे पभूवर्थ अथदार्थतम् उत्तम वणर्थवदालदा मनगुष्य अपनदे सदे नहीचदे -नहीचदे वदालदे वणर्थ कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै
और उसही वणर्थ ममें चगनदा जिदावदे॥2॥
जिहैसदे पगुरुष चजिस-चजिस वणर्थ कदे यमोग्य हमोतदा हहै वहैसदे हही चसययों ककी भही व्यवस्थदा समझनही चदाचहयदे। इससदे क्यदा
चसद्ध हह आ चक इस प्रकदार हमोनदे सदे सब वणर्थ अपनदे -अपनदे गगुण, कमर्थ, स्वभदावयगुक्त हमोकर शगुद्धतदा कदे सदाथ रहतदे हमैं।
अथदार्थतम् ब्रदाह्मणकगु ल ममें कमोई कचत्रय वहैश्य और शभूद्र कदे सदृश न रहदे। और कचत्रय वहैश्य तथदा शभूद्र वणर्थ भही शगुद्ध रहतदे हमैं।
अथदार्थतम् वणर्थससंकरतदा प्रदाप्त न हमोगही। इस सदे चकसही वणर्थ ककी चनन्ददा वदा अयमोग्यतदा भही न हमोगही।
(प्रश्न) जिमो चकसही कदे एक हही पगुत्र वदा पगुत्रही हमो वह दसभू रदे वणर्थ ममें प्रचवष्ट जिमो जिदाय तमो उसकदे मदाह बदाप ककी
सदेवदा कचौन करदेगदा और वसंशच्छदेदन भही हमो जिदायदेगदा। इस ककी क्यदा व्यवस्थदा हमोनही चदाचहयदे ?
(उत्तर) न चकसही ककी सदेवदा कदा भङ और न वसंशच्छदेदन हमोगदा क्ययोंचक उन कदा अपनदे लड़कदे लड़चकययों कदे
भू रदे सन्तदान चवददासभदा और रदाजिसभदा ककी व्यवस्थदा सदे चमलमेंगदे , इसचलयदे कगु छ भही
बदलदे स्ववणर्थ कदे यमोग्य दस
अव्यवस्थदा न हमोगही।
यह गगुण कमर्यों सदे वणर्यों ककी व्यवस्थदा कन्यदाओसं ककी समोलहवमें वषर्थ और पगुरुषयों ककी पच्चिहीसवमें वषर्थ ककी परहीकदा ममें
चनयत करनही चदाचहयदे। और इसही क्रम सदे अथदार्थतम् ब्रदाह्मण वणर्थ कदा ब्रदाह्मणही, कचत्रय वणर्थ कदा कचत्रयदा, वहैश्य वणर्थ कदा
वहैश्यदा और शभूद्र वणर्थ कदा शभूद्रदा कदे सदाथ चववदाह हमोनदा चदाचहयदे। तभही अपनदे -अपनदे वणर्यों कदे कमर्थ और परस्पर प्रहीचत भही
यथदायमोग्य रहदेगही। इन चदारयों वणर्यों कदे कत्तर्थव्य कमर्थ और गगुण यदे हमैं—
[ब्रदाह्मण—]
अध्यदापनमध्ययनसं यजिनसं यदाजिनसं तथदा।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
163

ददानसं प्रचतग्रहश्चहैव ब्रदाह्मणदानदामकल्पयतम्॥ 1॥


शममो दमस्तपमः शचौचसं कदाचन्तरदाजिर्थव मदेव च।
जदानसं चवजदानमदाचस्तक्यसं ब्रह्मकमर्थस् वभदावजिमम्॥ 2॥ भ॰ गही॰॥
ब्रदाह्मण कदे पढ़नदा, पढ़दानदा, यज करनदा करदानदा, ददान ददेनदा, लदेनदा यदे छमः कमर्थ हमैं परन्तगु ‘प्रचतग्रहमः
प्रत्यवरमः’ मनगु॰ अथदार्थतम् प्रचतग्रह लदेनदा नहीच कमर्थ हहै॥1॥
(शममः) मन सदे बगुरदे कदाम ककी इच्छदा भही न करनही और उस कमो अधमर्थ ममें कभही प्रवकत्त न हमोनदे ददेनदा; (दममः)
श्रमोत्र और चकगु आचद इचन्द्रययों कमो अन्यदायदाचरण सदे रमोक कर धमर्थ ममें चलदानदा, (तपमः) सददा ब्रह्मचदारही चजितदेचन्द्रय
हमोकदे धमदार्थनगुष्ठिदान करनदा; (शचौच)—
अचदगदार्थत्र दाचण शगुध् यचन्त मनमः सत्यदेन शगुध् यचत।
चवददातपमोभ्यदासं भभूत दात्मदा बगुच द्धजदार्थन देन शगुध् यचत॥ मनगु॰॥
जिल सदे बदाहर कदे अङ, सत्यदाचदार सदे मन, चवददा और धमदार्थनगुष्ठिदान सदे जिहीवदात्मदा और जदान सदे बगुचद्ध पचवत्र
हमोतही हहै। भहीतर कदे रदाग, द्विदेषदाचद दमोष और बदाहर कदे मलयों कमो दरभू कर शगुद्ध रहनदा अथदार्थतम् सत्यदासत्य कदे चववदेकपभूवर्थक
सत्य कदे ग्रहण और असत्य कदे त्यदाग सदे चनश्चय पचवत्र हमोतदा हहै। (कदाचन्त) अथदार्थतम् चनन्ददा स्तगुचत, सगुख दमःगु ख,
शहीतमोष्ण, कगुधदा तकषदा, हदाचन लदाभ, मदानदापमदान आचद हषर्थ शमोक, छमोड़ कदे धमर्थ ममें दृढ़ चनश्चय रहनदा। (आजिर्थव)
कमोमलतदा, चनरचभमदान, सरलतदा, सरलस्वभदाव रखनदा, कगु चटलतदाचद दमोष छमोड़ ददेनदा। (जदानमम्) सब वदेददाचद
शदासयों कमो सदाङमोपदाङ पढ़नदे पढ़दानदे कदा सदामथ्यर्थ, चववदेक सत्य कदा चनणर्थय जिमो वस्तगु जिहैसदा हमो अथदार्थतम् जिड़ कमो जिड़
चदेतन कमो चदेतन जिदाननदा और मदाननदा। (चवजदान) पकचथवही सदे लदेकदे परमदेश्वर पयर्थन्त पददाथर्यों कमो चवशदेषतदा सदे जिदानकर
उन सदे यथदायमोग्य उपयमोग लदेनदा। (आचस्तक्य) कभही वदेद, ईश्वर, मगुचक्त, पभूवर्थ परजिन्म, धमर्थ, चवददा, सत्सङ,
मदातदा, चपतदा, आचदायर्थ और अचतचथययों ककी सदेवदा कमो न छमोड़नदा और चनन्ददा कभही न करनदा। यदे पन्द्रह कमर्थ और गगुण
ब्रदाह्मण वणर्थस्थ मनगुष्ययों ममें अवश्य हमोनदे चदाचहए॥2॥
कचत्रय—
प्रजिदानदासं रकणसं ददानचमज्यदाध्ययनमदेव च।
चवषयदेष् वप्रसचक्तश्च कचत्रयस्य समदासतमः॥1॥ मनगु॰॥
शचौयर्वं तदेजि मो धकच तददार्थक्ष् यसं य गुद्ध दे चदाप्यपलदायनमम्।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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ददानमहीश्वरभदावश्च कदात्रसं कमर्थ स्वभदावजिमम्॥ 2॥ भ॰ गही॰॥


न्यदाय सदे प्रजिदा ककी रकदा अथदार्थतम् पकपदात छमोड़ कदे श्रदेष्ठियों कदा सत्कदार और दष्टगु यों कदा चतरस्कदार करनदा सब
प्रकदार सदे सब कदा पदालन (ददान) चवददा, धमर्थ ककी प्रवकचत्त और सगुपदात्रमें ककी सदेवदा ममें धनदाचद पददाथर्यों कदा व्यय करनदा
(इज्यदा) अचग्निहमोत्रदाचद यज करनदा वदा करदानदा (अध्ययन) वदेददाचद शदासयों कदा पढ़नदा तथदा पढ़दानदा और चवषययों ममें न
फसंस कर चजितदेचन्द्रय रह कदे सददा शरहीर और आत्मदा सदे बलवदानम् रहनदा॥1॥
(शचौयर्थ) सहैकड़यों सहस्रयों सदे भही यगुद्ध करनदे ममें अकदे लदे कमो भय न हमोनदा। (तदेजिमः) सददा तदेजिस्वही अथदार्थतम्
दहीनतदारचहत प्रगल्भ दृढ़ रहनदा। (धकचत) धहैयर्थवदानम् हमोनदा (ददाक्ष्य) रदाजिदा और प्रजिदासम्बन्धही व्यवहदार और सब शदासयों
ममें अचत चतगुर हमोनदा। (यगुद्धदे) यगुद्ध ममें भही दृढ़ चनमःशसंक रहकदे उस सदे कभही न हटनदा न भदागनदा अथदार्थतम् इस प्रकदार सदे
लड़नदा चक चजिस सदे चनचश्चत चवजिय हमोवदे, आप बचदे, जिमो भदागनदे सदे वदा शत्रगुओसं कमो धमोखदा ददेनदे सदे जिहीत हमोतही हमो तमो
ऐसदा हही करनदा। (ददान) ददानशहीलतदा रखनदा। (ईश्वरभदाव) पकपदातरचहत हमोकदे सब कदे सदाथ यथदायमोग्य वत्तर्थनदा,
चवचदार कदे ददेवदे, प्रचतजदा पभूरदा करनदा, उस कमो कभही भङ हमोनदे न ददेनदा। यदे ग्यदारह कचत्रय वणर्थ कदे गगुण हमैं॥2॥
वहैश् य—
पशभून दासं रकणसं ददानचमज्यदाध्ययनमदेव च।
वचणक्पथसं कगु सहीदसं च वहैश् यस्य कक चषमदेव च॥ मनगु॰॥
(पशगुरकदा) गदाय आचद पशगुओसं कदा पदालन-वद्धर्थन करनदा (ददान) चवददा धमर्थ ककी वकचद्ध करनदे करदानदे कदे चलयदे
धनदाचद कदा व्यय करनदा (इज्यदा) अचग्निहमोत्रदाचद यजयों कदा करनदा (अध्ययन) वदेददाचद शदासयों कदा पढ़नदा (वचणक्पथ)
सब प्रकदार कदे व्यदापदार करनदा (कगु सहीद) एक सहैकड़दे ममें चदार, छमः, आठ, बदारह, समोलह, वदा बहीस आनयों सदे
अचधक ब्यदाजि और मभूल सदे दनभू दा अथदार्थतम् एक रुपयदा चदयदा तमो सचौ वषर्थ ममें भही दमो रुपयदे सदे अचधक न लदेनदा और न
ददेनदा (कक चष) खदेतही करनदा। यदे वहैश्य कदे गगुण कमर्थ हमैं।
शभूद्र —
एकमदेव चह शभूद्र स्य प्रभगुमः कमर्थ समदाचदशतम्।
एतदेष दामदेव वणदार्थन दासं शगुश्र षभू दामनसभूय यदा॥ मनगु॰॥
शभूद्र कमो यमोग्य हहै चनन्ददा, ईष्यदार्थ, अचभमदान आचद दमोषयों कमो छमोड़ कदे ब्रदाह्मण, कचत्रय और वहैश्ययों ककी सदेवदा
यथदावतम् करनदा और उसही सदे अपनदा जिहीवन-यदापन करनदा यहही एक शभूद्र कदा कमर्थ गगुण हहै॥1॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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यदे ससंकदेप सदे वणर्यों कदे गगुण और कमर्थ चलखदे। चजिस-चजिस पगुरुष ममें चजिस-चजिस वणर्थ कदे गगुण कमर्थ हयों उस-उस
वणर्थ कदा अचधकदार ददेनदा। ऐसही व्यवस्थदा रखनदे सदे सब मनगुष्य उन्नचतशहील हमोतदे हमैं। क्ययोंचक उत्तम वणर्यों कमो भय हमोगदा
चक जिमो हमदारदे सन्तदान मभूखर्थत्वदाचद दमोषयगुक्त हयोंगदे तमो शभूद्र हमो जिदायमेंगदे और सन्तदान भही डरतदे रहमैंगदे चक जिमो हम उक्त
चदालचलन और चवददायक्त गु न हयोंगदे तमो शभूद्र हमोनदा पड़देगदा और नहीच वणर्यों कमो उत्तम वणर्थस्थ हमोनदे कदे चलए उत्सदाह
बढ़देगदा।
चवददा और धमर्थ कदे प्रचदार कदा अचधकदार ब्रदाह्मण कमो ददेनदा क्ययोंचक वदे पभूणर्थ चवददावदानम् और धदाचमर्थक हमोनदे सदे उस
कदाम कमो यथदायमोग्य कर सकतदे हमैं। कचत्रययों कमो रदाज्य कदे अचधकदार ददेनदे सदे कभही रदाज्य ककी हदाचन वदा चवघ्न नहह हमोतदा।
पशगुपदालनदाचद कदा अचधकदार वहैश्ययों हही कमो हमोनदा यमोग्य हहै क्ययोंचक वदे इस कदाम कमो अच्छदे प्रकदार कर सकतदे हमैं। शभूद्र कमो
सदेवदा कदा अचधकदार इसचलयदे हहै चक वह चवददा रचहत मभूखर्थ हमोनदे सदे चवजदानसम्बन्धही कदाम कगु छ भही नहह कर सकतदा
चकन्तगु शरहीर कदे कदाम सब कर सकतदा हहै। इस प्रकदार वणर्यों कमो अपनदे -अपनदे अचधकदार ममें प्रवकत्त करनदा रदाजिदा आचद
सभ्य जिनयों कदा कदाम हहै।
चववदाह कदे लकण
ब्रदाह्ममो दहैव स्तथहैव दाषर्थमः प्रदाजिदापत्यस्तथदाऽऽसगुर मः।
गदान्धवर्वो रदाकसश्चहैव पहैश दाचश्चदाष्टममोऽधममः॥ मनगु॰॥
चववदाह आठ प्रकदार कदा हमोतदा हहै। एक ब्रदाह्म, दस भू रदा दहैव, तहीसरदा आषर्थ, चचौथदा प्रदाजिदापत्य, पदासंचवदासं आसगुर,
छठदा गदान्धवर्थ, सदातवदासं रदाकस, आठवदासं पहैशदाच। इन चववदाहयों ककी यह व्यवस्थदा हहै चक-वर कन्यदा दमोनयों यथदावतम्
ब्रह्मचयर्थ सदे पभूणर्थ चवद्विदानम् धदाचमर्थक और सगुशहील हयों उन कदा परस्पर प्रसन्नतदा सदे चववदाह हमोनदा ‘ब्रदाह्म’ कहदातदा हहै।
चवस्तकतयज करनदे ममें ऋचत्वकम् कमर्थ करतदे हह ए जिदामदातदा कमो अलङदारयगुक्त कन्यदा कदा ददेनदा ‘दहैव ’। वर सदे कगु छ लदेकदे
चववदाह हमोनदा ‘आषर्थ’। दमोनयों कदा चववदाह धमर्थ ककी वकचद्ध कदे अथर्थ हमोनदा ‘प्रदाजिदापत्य’। वर और कन्यदा कमो कगु छ ददेकदे
चववदाह ‘आसगुर ’। अचनयम, असमय चकसही कदारण सदे वर-कन्यदा कदा इच्छदापभूवर्थक परस्पर ससंयमोग हमोनदा ‘गदान्धवर्थ’।
लड़दाई करकदे बलदात्कदार अथदार्थतम् छहीन, झपट वदा कपट सदे कन्यदा कदा ग्रहण करनदा ‘रदाकस’। शयन वदा मददाचद पही
हह ई पदागल कन्यदा सदे बलदात्कदार ससंयमोग करनदा ‘पहैश दाच’।
इन सब चववदाहयों ममें ब्रदाह्मचववदाह सवर्वोत्कक ष्ट, दहैव मध्यम, आषर्थ, आसगुर और गदान्धवर्थ चनकक ष्ट, रदाकस अधम
और पहैशदाच महदाभ्रष्ट हहै। इसचलयदे यहही चनश्चय रखनदा चदाचहयदे चक कन्यदा और वर कदा चववदाह कदे पभूवर्थ एकदान्त ममें मदेल
न हमोनदा चदाचहए क्ययोंचक यगुवदावस्थदा ममें सही पगुरुष कदा एकदान्तवदास दषभू णकदारक हहै। परन्तगु जिब कन्यदा वदा वर कदे चववदाह

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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कदा समय हमो अथदार्थतम् जिब एक वषर्थ वदा छमः महहीनदे ब्रह्मचयदार्थश्रम और चवददा पभूरही हमोनदे ममें शदेष रहमैं तब उन कन्यदा और
कगु मदारयों कदा प्रचतचबम्ब अथदार्थतम् चजिस कमो ‘फमोटमोग्रदाफ’ कहतदे हमैं अथवदा प्रचतकक चत उतदार कदे कन्यदाओसं ककी
अध्यदाचपकदाओसं कदे पदास कगु मदारयों ककी, कगु मदारयों कदे अध्यदापकयों कदे पदास कन्यदाओसं ककी प्रचतकक चत भदेजि ददेवमें। चजिस-चजिस
कदा रूप चमल जिदाय उस-उस कदे इचतहदास अथदार्थतम् जिन्म सदे लदेकदे उस चदन पयर्थन्त जिन्मचररत्र कदा पगुस्तक हमो उस कमो
अध्यदापक लमोग मसंगवदा कदे ददेख।में जिब दमोनयों कदे गगुण कमर्थ स्वभदाव सदृश हयों तब चजिस-चजिस कदे सदाथ चजिस-चजिस कदा
चववदाह हमोनदा यमोग्य समझमें उस-उस पगुरुष और कन्यदा कदा प्रचतचबम्ब और इचतहदास कन्यदा और वर कदे हदाथ ममें ददेवमें
और कहमें चक इस ममें जिमो तगुम्हदारदा अचभप्रदाय हमो समो हम कमो चवचदत कर ददेनदा। जिब उन दमोनयों कदा चनश्चय परस्पर
चववदाह करनदे कदा हमो जिदाय तब उन दमोनयों कदा समदावत्तर्थन एक हही समय ममें हमोवदे।
जिमो वदे दमोनयों अध्यदापकयों कदे सदामनदे चववदाह करनदा चदाहमें तमो वहदासं, नहह तमो कन्यदा कदे मदातदा चपतदा कदे घर ममें
चववदाह हमोनदा यमोग्य हहै। जिब वदे समक हयों तब उन अध्यदापकयों वदा कन्यदा कदे मदातदा चपतदा आचद भद्रपगुरुषयों कदे सदामनदे उन
दमोनयों ककी आपस ममें बदातचहीत, शदासदाथर्थ करदानदा और जिमो कगु छ गगुप्त व्यवहदार पभूछमें समो भही सभदा ममें चलखकदे एक दस भू रदे
कदे हदाथ ममें ददेकर प्रश्नमोत्तर कर लदेवमें।
जिब दमोनयों कदा दृढ़ प्रदेम चववदाह करनदे ममें हमो जिदाय तब सदे उनकदे खदान -पदान कदा उत्तम प्रबन्ध हमोनदा चदाचहयदे
चक चजिस सदे उनकदा शरहीर जिमो पभूवर्थ ब्रह्मचयर्थ और चवददाध्ययनरूप तपश्चयदार्थ और कष्ट सदे द बगु र्थल हमोतदा हहै वह चन्द्रमदा
ककी कलदा कदे समदान बढ़ कदे पगुष्ट थमोड़दे हही चदनयों ममें हमो जिदाय।
पश्चदातम् चजिस चदन कन्यदा रजिस्वलदा हमोकर जिब शगुद्ध हमो तब वदेदही और मण्डप रचकदे अनदेक सगुगन्ध्यदाचद
द्रव्य और घकतदाचद कदा हमोम तथदा अनदेक चवद्विदानम् पगुरुष और चसययों कदा यथदाथमोग्य सत्कदार करमें।
पश्चदातम् चजिस चदन ऋतगुददान ददेनदा यमोग्य समझमें उसही चदन ‘ससंस्कदारचवचध’ पगुस्तकस्थ चवचध कदे अनगुसदार
सब कमर्थ करकदे मध्यरदाचत्र वदा दश बजिदे अचत प्रसन्नतदा सदे सब कदे सदामनदे पदाचणग्रहणपभूवर्थक चववदाह ककी चवचध कमो पभूरदा
करकदे एकदान्तसदेवन करमें। पगुरुष वहीयर्थस्थदापन और सही वहीयदार्थकषर्थण ककी जिमो चवचध हहै उसही कदे अनगुसदार दमोनयों करमें। जिहदासं
तक बनदे वहदासं तक ब्रह्मचयर्थ कदे वहीयर्थ कमो व्यथर्थ न जिदानदे दमें क्ययोंचक उस वहीयर्थ वदा रजि सदे जिमो शरहीर उत्पन्न हमोतदा हहै वह
अपभूवर्थ उत्तम सन्तदान हमोतदा हहै। जिब वहीयर्थ कदा गभदार्थशय ममें चगरनदे कदा समय हमो उस समय सही और पगुरुष दमोनयों चस्थर
और नदाचसकदा कदे सदामनदे नदाचसकदा, नदेत्र कदे सदामनदे नदेत्र अथदार्थतम् सभूधदा शरहीर और अत्यन्त प्रसन्नचचत्त रहमैं , चडगमें नहह।
पगुरुष अपनदे शरहीर कमो ढहीलदा छमोड़दे और सही वहीयर्थप्रदाचप्त समय अपदान वदाय गु कमो ऊपर खहचदे , यमोचन कमो ऊपर ससंकमोच
कर वहीयर्थ कदा ऊपर आकषर्थण करकदे गभदार्थशय ममें चस्थत करदे। पश्चदातम् दमोनयों शगुद्ध जिल सदे स्नदान करमें।1
1
यह बदात रहस्य ककी हहै इसचलयदे इतनदे सदे हही समग्र बदातमें समझ लदेनही चदाचहयदे चवशदेष चलखनदा उचचत नहह।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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गभर्थचस्थचत हमोनदे कदा पररजदान चवदषगु ही सही कमो तमो उसही समय हमो जिदातदा हहै परन्तगु इस कदा चनश्चय एक मदास
कदे पश्चदातम् रजिस्वलदा न हमोनदे पर सब कमो हमो जिदातदा हहै। सयोंठ , कदे शर, असगन्ध, छमोटही इलदायचही और सदालमचमश्रही
डदाल कदे गमर्थ करकदे जिमो प्रथम हही रक्खदा हह आ ठण्डदा दधभू हहै उस कमो यथदारुचच दमोनयों पही कदे अलग-अलग अपनही-
अपनही शयम्यदा ममें शयन करमें। यहही चवचध जिब-जिब गभदार्थधदान चक्रयदा करमें तब-तब करनदा उचचत हहै।
जिब महहीनदे भर ममें रजिस्वलदा न हमोनदे सदे गभर्थचस्थचत कदा चनश्चय हमो जिदाय तब सदे एक वषर्थ पयर्थन्त सही पगुरुष
कदा समदागम कभही न हमोनदा चदाचहयदे। क्ययोंचक ऐसदा न हमोनदे सदे सन्तदान उत्तम और पगुनमः द स भू रदा सन्तदान भही वहैसदा हही
हमोतदा हहै। अन्यथदा वहीयर्थ व्यथर्थ जिदातदा दमोनयों ककी आयगु घट जिदातही और अनदेक प्रकदार कदे रमोग हमोतदे हमैं परन्तगु ऊपर सदे
भदाषणदाचद प्रदेमयगुक्त व्यवहदार दमोनयों कमो अवश्य रखनदा चदाचहयदे। पगुरुष वहीयर्थ ककी चस्थचत और सही गभर्थ ककी रकदा और
भमोजिन छदादन इस प्रकदार कदा करदे चक चजिस सदे पगुरुष कदा वहीयर्थ स्वप्न ममें भही नष्ट न हमो और गभर्थ ममें बदालक कदा शरहीर
अत्यगुत्तम रूप लदावण्य, पगुचष्ट, बल, परदाक्रमयगुक्त हमोकर दशवमें महहीनदे ममें जिन्म हमोवदे। चवशदेष उस ककी रकदा चचौथदे महहीनदे
सदे और अचतचवशदेष आठवमें महहीनदे सदे आगदे करनही चदाचहयदे। कभही गभर्थवतही सही रदेचक, रूक, मदादकद्रव्य, बगुचद्ध और
बलनदाशक पददाथर्यों कदे भमोजिनदाचद कदा सदेवन न करदे चकन्तगु घही, दधभू , उत्तम चदावल, गदेहहसं, मभूहग, उदर्थ आचद अन्न पदान
और ददेशकदाल कदा भही सदेवन यगुचक्तपभूवर्थक करदे।
गभर्थ ममें दमो ससंस्कदार एक चचौथदे महहीनदे पगुसंसवन और द स
भू रदा आठवमें महहीनदे ममें सहीमन्तमोन्नयन चवचध कदे अनगुकभूल
करदे। जिब सन्तदान कदा जिन्म हमो तब सही और लड़कदे कदे शरहीर ककी रकदा बहह त सदावधदानही सदे करदे अथदार्थतम् शगुण्ठहीपदाक
अथवदा सचौभदाग्यशगुण्ठहीपदाक प्रथम हही बनवदा रक्खमें। उस समय सगुगचन्धयगुक्त उष्ण जिल जिमो चक चकचञ्चतम् उष्ण रहदा हमो
उसही सदे सही स्नदान करदे और बदालक कमो भही स्नदान करदावदे। तत्पश्चदातम् नदाड़हीछदेदन-बदालक ककी नदाचभ कदे जिड़ ममें एक
कमोमल सभूत सदे बदासंध चदार असंगगुल छमोड़ कदे ऊपर सदे कदाट डदालदे। उस कमो ऐसदा बदासंधदे चक चजिस सदे शरहीर सदे रुचधर कदा
एक चबन्दगु भही न जिदानदे पदावदे। पश्चदातम् उस स्थदान कमो शगुद्ध करकदे उस कदे द्विदार कदे भहीतर सगुगन्धदाचदयगुक्त घकतदाचद कदा
हमोम करदे। तत्पश्चदातम् सन्तदान कदे कदान ममें चपतदा ‘वदेद मोऽसहीचत’ अथदार्थत म् ‘तदेर दा नदाम वदेद हहै’ सगुन दाकर घही
और सहत कमो लदेकदे समोनदे ककी शलदाकदा सदे जिहीभ पर ‘ओ३मम्’ अकर चलख कर मधगु और घकत कमो उसही
शलदाकदा सदे चटवदावदे। पश्चदातम् उसककी मदातदा कमो ददे ददेवदे। जिमो दधभू पहीनदा चदाहहै तमो उस ककी मदातदा चपलदावदे जिमो उस ककी
मदातदा कदे दधभू न हमो तमो चकसही सही ककी परहीकदा कर कदे उसकदा दधभू चपलदावदे।
पश्चदातम् दस भू रदे शगुद्ध कमोठरही वदा जिहदासं कदा वदायगु शगुद्ध हमो उसममें सगुगचन्धत घही कदा हमोम प्रदातमः और सदायसंकदाल
चकयदा करदे और उसही ममें प्रसभूतदा सही तथदा बदालक कमो रक्खदे। छमः चदन तक मदातदा कदा दधभू चपयदे और सही भही अपनदे
शरहीर कदे पगुचष्ट कदे अथर्थ अनदेक प्रकदार कदे उत्तम भमोजिन करदे और यमोचनससंकमोचदाचद भही करदे। छठदे चदन सही बदाहर चनकलदे

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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और सन्तदान कदे दधभू पहीनदे कदे चलयदे कमोई धदायही रक्खदे। उस कमो खदानपदान अच्छदा करदावदे। वह सन्तदान कमो दधभू चपलदायदा
करदे और पदालन भही करदे परन्तगु उस ककी मदातदा लड़कदे पर पभूणर्थ दृचष्ट रक्खदे , चकसही प्रकदार कदा अनगुचचत व्यवहदार उस
कदे पदालन ममें न हमो। सही दधभू बन्ध करनदे कदे अथर्थ स्तन कदे अग्रभदाग पर ऐसदा लदेप करदे चक चजिस सदे दधभू स्रचवत न हमो।
उसही प्रकदार खदान-पदान कदा व्यवहदार भही यथदायमोग्य रक्खदे।
पश्चदातम् नदामकरणदाचद ससंस्कदार ‘ससंस्कदारचवचध’ ककी रहीचत सदे यथदाकदाल करतदा जिदाय। जिब सही चफर
रजिस्वलदा हमो तब शगुद्ध हमोनदे कदे पश्चदातम् उसही प्रकदार ऋतगुददान ददेवदे।
ऋतगुक दालदाचभगदामही स्यदातम् स्वददारचनरतमः सददा।
ब्रह्मचदायर्वेव भवचत यत्र तत्रदाश्रमदे वसनम्॥ मनगु॰॥
जिमो अपनही हही सही सदे प्रसन्न और ऋतगुगदामही हमोतदा हहै वह गकहस्थ भही ब्रह्मचदारही कदे सदृश हहै।
सन्तगुष्ट मो भदायर्थय दा भत्तदार्थ भत्रदार्थ भदायदार्थ तथहैव च।
यचस्मन्नदेव कगु लदे चनत्यसं कल्यदाणसं तत्र वहै धगुव मम्॥ 1॥
यचद चह सही न रमोचदेत पगुम दासंस न्न प्रममोदयदेत म्।
सं मः प्रजिनसं न प्रवत्तर्थत दे॥ 2॥
अप्रममोददातम् पगुन मः पगुस
चसयदासं तगु रमोचमदानदायदासं सवर्वं तद्रमोचतदे कगु लमम्।
तस्यदासं त्वरमोचमदानदायदासं सवर्थम वदे न रमोचतदे॥ 3॥ मनगु॰॥
चजिस कगु ल ममें भदायदार्थ सदे भत्तदार्थ और पचत सदे पत्नही अच्छदे प्रकदार प्रसन्न रहतही हहै उसही कगु ल ममें सब सचौभदाग्य
और ऐश्वयर्थ चनवदास करतदे हमैं। जिहदासं कलह हमोतदा हहै वहदासं दचौभदार्थग्य और ददाररद्छय चस्थर हमोतदा हहै॥1॥
जिमो सही पचत सदे प्रहीचत और पचत कमो प्रसन्न नहह करतही तमो पचत कदे अप्रसन्न हमोनदे सदे कदाम उत्पन्न नहह
हमोतदा॥2॥
चजिस सही ककी प्रसन्नतदा ममें सब कगु ल प्रसन्न हमोतदा उसककी अप्रसन्नतदा ममें सब अप्रसन्न अथदार्थतम् दमःगु खददायक हमो
जिदातदा हहै॥3॥
चपतकच भभ्रदार्थत कच भश्चहैत दामः पचतचभदर्वेव रहैस् तथदा।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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पभूज् यदा भभूष चयतव्यदाश्च बहह क ल्यदाणमहीप्सगुच भमः॥1॥


यत्र नदायर्थस् तगु पभूज् यन्तदे रमन्तदे तत्र ददेव तदामः।
यत्रहैत दास्तगु न पभूज् यन्तदे सवदार्थस् तत्रदाऽफलदामः चक्रयदामः॥2॥
शमोचचन्त जिदामयमो यत्र चवनश्यत्यदाशगु तत्कगु लमम्।
न शमोचचन्त तगु यत्रहैत दा वद्धर्थत दे तचद्ध सवर्थद दा॥3॥
तस्मदाददेत दामः सददा पभूज् यदा भभूष णदाच्छदादनदाशनहैमः ।
भभूच तकदामहैर म् नरहैच नर्थत् यसं सत्कदारदेष त्भू सवदेष गु च॥4॥ मनगु॰॥
चपतदा, भदाई, पचत और ददेवर इन कमो सत्कदारपभूवर्थक भभूषणदाचद सदे प्रसन्न रक्खमें, चजिन कमो बहह त कल्यदाण ककी
इच्छदा हमो वदे ऐसदे करमें॥1॥
चजिस घर ममें चसययों कदा सत्कदार हमोतदा हहै उस ममें चवददायक्त
गु पगुरुष हमोकदे ददेवससंजदा धरदा कदे आनन्द सदे क्रकीड़दा
करतदे हमैं और चजिस घर ममें चसययों कदा सत्कदार नहह हमोतदा वहदासं सब चक्रयदा चनष्फल हमो जिदातही हमैं॥2॥
चजिस घर वदा कगु ल ममें सही लमोग शमोकदातगुर हमोकर दमःगु ख पदातही हमैं वह कगु ल शहीघ्र नष्ट भ्रष्ट हमो जिदातदा हहै और
चजिस घर वदा कगु ल ममें सही लमोग आनन्द सदे उत्सदाह और प्रसन्नतदा सदे भरही हह ई रहतही हमैं वह कगु ल सवर्थददा बढ़तदा रहतदा
हहै॥3॥
इसचलए ऐश्वयर्थ ककी कदामनदा करनदेहदारदे मनगुष्ययों कमो यमोग्य हहै चक सत्कदार और उत्सव कदे समययों ममें भभूषण वस
और भमोजिनदाचद सदे चसययों कदा चनत्यप्रचत सत्कदार करमें॥4॥
यह बदात सददा ध्यदान ममें रखनही चदाचहयदे चक ‘पभूजि दा’ शब्द कदा अथर्थ सत्कदार हहै और चदन रदात ममें
जिब-जिब प्रथम चमलमें वदा पकथ कम् हयों तब-तब प्रहीचतपभूव र्थक ‘नमस्तदे’ एक दभू स रदे सदे करमें।
सददा प्रहृष्टयदा भदाव्यसं गकह कदायर्वेष गु दकयदा।
सगुस स्सं कक तमोपस्करयदा व्ययदे चदामगुक्त हस्तयदा॥ मनगु॰॥
सही कमो यमोग्य हहै चक अचतप्रसन्नतदा सदे घर कदे कदामयों ममें चतगुरदाईयगुक्त सब पददाथर्यों कदे उत्तम ससंस्कदार , घर ककी
शगुचद्ध और व्यय ममें अत्यन्त उददार न रहमैं अथदार्थतम् सब चहीजिमें पचवत्र और पदाक इस प्रकदार बनदावमें जिमो औषधरूप हमोकर

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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शरहीर वदा आत्मदा ममें रमोग कमो न आनदे ददेवदे। जिमो-जिमो व्यय हमो उस कदा चहसदाब यथदावतम् रखकदे पचत आचद कमो सगुनदा
चदयदा करदे। घर कदे नचौकर चदाकरयों सदे यथदायमोग्य कदाम लदेवदे। घर कदे चकसही कदाम कमो चबगड़नदे न ददेवदे।
चसयमो रत्नदान्यथमो चवददा सत्यसं शचौचसं सगुभ दाचषतमम्।
चवचवधदाचन च चशल्पदाचन समदाददेय दाचन सवर्थत मः॥ मनगु॰।।
उत्तम सही, नदानदा प्रकदार कदे रत्न, चवददा, सत्य, पचवत्रतदा, श्रदेष्ठिभदाषण और नदानदा प्रकदार ककी चशल्पचवददा
अथदार्थतम् कदारहीगरही सब ददेश तथदा सब मनगुष्ययों सदे ग्रहण करदे।
सत्यसं ब्रभूय दातम् चप्रयसं ब्रभूय दान्न ब्रभूय दातम् सत्यमचप्रयमम्।
चप्रयसं च नदानकत सं ब्रभूय दाददेष धमर्थमः सनदातनमः॥1॥
भद्रसं भद्रचमचत ब्रभूय दादम् भद्रचमत्यदेव वदा वददेत म्।
शगुष् कवहैर सं चववदादसं च न कगु यदार्थत म् कदे नचचतम् सह॥2॥ मनगु॰॥
सददा चप्रय सत्य दस भू रदे कदा चहतकदारक बमोलदे अचप्रय सत्य अथदार्थतम् कदाणदे कमो कदाणदा न बमोलदे। अनकत अथदार्थतम्
झभूठ दस भू रदे कमो प्रसन्न करनदे कदे अथर्थ न बमोलदे॥1॥सददा भद्र अथदार्थतम् सब कदे चहतकदारही वचन बमोलदा करदे। शगुष्कवहैर
अथदार्थतम् चवनदा अपरदाध चकसही कदे सदाथ चवरमोध वदा चववदाद न करदे॥2॥जिमो-जिमो दस भू रदे कदा चहतकर हमो और बगुरदा भही मदानदे
तथदाचप कहदे चवनदा न रहहै।
पगुरु षदा बहवमो रदाजिनम् सततसं चप्रयवदाचदनमः।
अचप्रयस्य तगु पथ्यस्य वक्तदा श्रमोतदा च द गुल भर्थ मः॥
—उदमोगपवर्थ-चवदरगु नहीचत॰॥
हदे धकतरदाष्टछ! इस ससंसदार ममें दस भू रदे कमो चनरन्तर प्रसन्न करनदे कदे चलयदे चप्रय बमोलनदे वदालदे प्रशसंसक लमोग बहह त हमैं
परन्तगु सगुननदे ममें अचप्रय चवचदत हमो और वह कल्यदाण करनदेवदालदा वचन हमो उस कदा कहनदे और सगुननदेवदालदा पगुरुष
दल गु र्थभ हहै। क्ययोंचक सत्पगुरुषयों कमो यमोग्य हहै चक मगुख कदे सदामनदे दस भू रदे कदा दमोष कहनदा और अपनदा दमोष सगुननदा, परमोक ममें
दसभू रदे कदे गगुण सददा कहनदा। और दष्टगु यों ककी यहही रहीचत हहै चक सम्मगुख ममें गगुण कहनदा और परमोक ममें दमोषयों कदा प्रकदाश
करनदा। जिब तक मनगुष्य दस भू रदे सदे अपनदे दमोष नहह सगुनतदा वदा कहनदे वदालदा नहह कहतदा तब तक मनगुष्य दमोषयों सदे
छभूटकर गगुणही नहह हमो सकतदा।
कभही चकसही ककी चनन्ददा न करदे। जिहैसदे— ‘गगुण षदे गु दमोषदारमोपणमसभूय दा’ अथदार्थतम् ‘दमोषदेष गु
गगुण दारमोपणमप्यसभूय दा,’ ‘गगुण षदे गु गगुण दारमोपणसं दमोषदेष गु दमोषदारमोपणसं च स्तगुच तमः’ जिमो गगुणयों ममें दमोष, दमोषयों ममें गगुण
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लगदानदा वह चनन्ददा और गगुणयों ममें गगुण, दमोषयों ममें दमोषयों कदा कथन करनदा स्तगुचत कहदातही हहै। अथदार्थतम् चमथ्यदाभदाषण कदा
नदाम चनन्ददा और सत्यभदाषण कदा नदाम स्तगुचत हहै।
बगुच द्धवकच द्धकरदाण्यदाशगु धन्यदाचन च चहतदाचन च।
चनत्यसं शदासदाण्यवदेक देत चनगमदासंश् चहैव वहैच दकदानम्॥ 1॥
यथदा यथदा चह पगुरु षमः शदाससं समचधगच्छचत।
तथदा तथदा चवजिदानदाचत चवजदानसं चदास्य रमोचतदे॥ 2॥ मनगु॰॥
जिमो शहीघ्र बगुचद्ध, धन और चहत ककी वकचद्ध करनदेहदारदे शदास और वदेद हमैं उन कमो चनत्य सगुनमें और सगुनदावमें।
ब्रह्मचयदार्थश्रम ममें पढ़दे हयों उन कमो सही पगुरुष चनत्य चवचदारदा और पढ़दायदा करमें॥ 1॥क्ययोंचक जिहैसदे—जिहैसदे मनगुष्य शदासयों
कमो यथदावतम् जिदानतदा हहै वहैसदे—वहैसदे उस चवददा कदा चवजदान बढ़तदा जिदातदा और उसही ममें रुचच बढ़तही रहतही हहै॥2॥
ऋचषयजसं ददेव यजसं भभूत यजसं च सवर्थद दा।
नकय जसं चपतकय जसं च यथदाशचक्त न हदापयदेत म्॥ 1॥
अध्यदापनसं ब्रह्मयजमः चपतकय जश्च तपर्थण मम्।
हमोममो दहैव मो बचलभर्यौ त मो नकय जमोऽचतचथपभूजि नमम्॥ 2॥
स्वदाध्यदायदेन दाचर्थय तदे षर्त्ती न म् हमोमहैद वर्वे दानम् यथदाचवचध।
चपततॄन म् श्रदाद्धहैश् च नतॄन न्नहैभ तभूर्थ दाचन बचलकमर्थण दा॥3॥ मनगु॰॥
दमो यज ब्रह्मचयर्थ ममें चलख आयदे वदे अथदार्थतम् एक वदेददाचद शदासयों कमो पढ़नदा पढ़दानदा, सन्ध्यमोपदासन,
यमोगदाभ्यदास। दसभू रदा ददेवयज-चवद्विदानयों कदा ससंग, सदेवदा, पचवत्रतदा, चदव्य गगुणयों कदा धदारण, ददातकत्व, चवददा ककी उन्नचत
करनदा हहै, यदे दमोनयों यज सदायसं प्रदातमः करनदे हमोतदे हमैं।
सदायसं सदायसं गकह पचतनर्वो अचग्निमः प्रदातमः प्रदातमः सचौमनस्य ददातदा॥1॥
प्रदातमः प्रदातगकर्थह पचतनर्वो अचग्निमः सदायसं सदायसं सचौमनस्य ददातदा॥2॥
—अ॰ कदासं॰ 19। अनगु॰ 7। मसं॰ 3। 4॥
तस्मदादहमोरदात्रस्य ससंय मोगदे ब्रदाह्मणमः सन्ध्यदामगुप दासहीत।
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उदन्तमस्तसं यदान्तमम् आचदत्यमम् अचभध्यदायनम्॥ 3॥ ब्रदाह्मणदे॥


न चतष्ठिचत तगु यमः पभूव दार्वं नमोपदास्तदे यस्तगु पचश्चमदामम्।
स सदाधगुच भबर्थच हष्कदायर्थमः सवर्थस् मदाद म् चद्विजिकमर्थण मः॥4॥ मनगु॰॥
जिमो सन्ध्यदा-सन्ध्यदा कदाल ममें हमोम हमोतदा हहै वह हह तद्रव्य प्रदातमःकदाल तक वदायशगु गुचद्ध द्विदारदा सगुखकदारही हमोतदा हहै॥
1॥जिमो अचग्नि ममें प्रदातमः-प्रदातमःकदाल ममें हमोम चकयदा जिदातदा हहै वह-वह हह तद्रव्य सदायसंकदाल पयर्थन्त वदायगु कदे शगुचद्ध द्विदारदा बल
बगुचद्ध और आरमोग्यकदारक हमोतदा हहै॥2॥इसचलयदे चदन और रदाचत्र कदे सचन्ध ममें अथदार्थतम् सभूयर्वोदय और अस्त समय ममें
परमदेश्वर कदा ध्यदान और अचग्निहमोत्र अवश्य करनदा चदाचहयदे॥3॥और जिमो यदे दमोनयों कदाम सदायसं और प्रदातमःकदाल ममें न करदे
उस कमो सज्जन लमोग सब चद्विजियों कदे कमर्यों सदे बदाहर चनकदाल ददेवमें अथदार्थतम् उसदे शभूद्रवतम् समझमें॥4॥
(प्रश्न) चत्रकदाल सन्ध्यदा क्ययों नहह करनदा?
(उत्तर) तहीन समय ममें सचन्ध नहह हमोतही। प्रकदाश और अन्धकदार ककी सचन्ध भही सदायसं प्रदातमः दमो हही वदेलदा ममें
हमोतही हहै। जिमो इस कमो न मदानकर मध्यदाहकदाल ममें तहीसरही सन्ध्यदा मदानदे वह मध्यरदाचत्र ममें भही सन्ध्यमोपदासन क्ययों न
करदे? जिमो मध्यरदाचत्र ममें भही करनदा चदाहहै तमो प्रहर-प्रहर घड़ही-घड़ही पल-पल और कण-कण ककी भही सचन्ध हमोतही हहै,
उनममें भही सन्ध्यमोपदासन चकयदा करदे। जिमो ऐसदा भही करनदा चदाहहै तमो हमो हही नहह सकतदा। और चकसही शदास कदा
मध्यदाहसन्ध्यदा ममें प्रमदाण भही नहह। इसचलयदे दमोनयों कदालयों ममें सन्ध्यदा और अचग्निहमोत्र करनदा समगुचचत हहै , तहीसरदे कदाल
ममें नहह। और जिमो तहीन कदाल हमोतदे हमैं वदे भभूत, भचवष्यतम् और वत्तर्थमदान कदे भदेद सदे हमैं, सन्ध्यमोपदासन कदे भदेद सदे नहह।
तहीसरदा ‘चपतकय ज’ अथदार्थतम् चजिस ममें जिमो ददेव चवद्विदानम्, ऋचष जिमो पढ़नदे-पढ़दानदे हदारदे, चपतर मदातदा चपतदा आचद
वकद्ध जदानही और परमयमोचगययों ककी सदेवदा करनही। चपतकय ज कदे दमो भदेद हमैं एक श्रदाद्ध और दभू स रदा तपर्थण । श्रदाद्ध
अथदार्थत म् ‘श्रतम्’ सत्य कदा नदाम हहै ‘श्रत्सत्यसं दधदाचत ययदा चक्रययदा सदा श्रद्धदा श्रद्धयदा यचत्क्रयतदे तच्छछ दाद्धमम्’
चजिस चक्रयदा सदे सत्य कदा ग्रहण चकयदा जिदाय उस कमो श्रद्धदा और जिमो श्रद्धदा सदे कमर्थ चकयदा जिदाय उसकदा
नदाम श्रदाद्ध हहै। और ‘तकप् यचन्त तपर्थय चन्त यदेन चपततॄन म् तत्तपर्थण मम्’ चजिस-चजिस कमर्थ सदे तकप्त अथदार्थत म् चवदमदान
मदातदा चपतदाचद चपतर प्रसन्न हयों और प्रसन्न चकयदे जिदायमें उस कदा नदाम तपर्थण हहै। परन्तगु यह जिहीचवतयों कदे
चलयदे हहै मकत कयों कदे चलयदे नहह।
ओसं ब्रह्मदादयमो ददेव दास्तकप् यन्तदामम्। ब्रह्मदाचदददेव पत्न्यस्तकप् यन्तदामम्।
ब्रह्मदाचदददेव सगुत दास्तकप् यन्तदामम्। ब्रह्मदाचदददेव गणदास्तकप् यन्तदामम्॥

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—इचत ददेवतपर्थणमम्॥
‘चवद्विदासंस मो चह ददेव दामः।’ —यह शतपथ ब्रदाह्मण कदा वचन हहै।
जिमो चवद्विदानम् हमैं उन्हह कमो ददेव कहतदे हमैं। जिमो सदाङमोपदाङ चदार वदेदयों कदे जिदाननदे वदालदे हयों उन कदा नदाम ब्रह्मदा और
जिमो उन सदे न्यभून पढ़दे हयों उन कदा भही नदाम ददेव अथदार्थतम् चवद्विदानम् हहै। उनकदे सदृश चवदषगु ही सही, उनककी ब्रह्मदाणही और
ददेवही, उनकदे तगुल्य पगुत्र और चशष्य तथदा उनकदे सदृश उन कदे गण अथदार्थतम् सदेवक हयों उन ककी सदेवदा करनदा हहै उस कदा
नदाम ‘श्रदाद्ध’ और ‘तपर्थण’ हहै।
अथचषर्थत पर्थण मम्
ओसं मरहीच्यदादय ऋषयस्तकप् यन्तदामम्। मरहीच्यदादकच षपत्न्यस्तकप् यन्तदामम्।
मरहीच्यदादकच षसगुत दास्तकप् यन्तदामम्। मरहीच्यदादकच षगणदास्तकप् यन्तदामम्॥
—इचत ऋचषतपर्थणमम्॥
जिमो ब्रह्मदा कदे प्रपचौत्र मरहीचचवतम् चवद्विदानम् हमोकर पढ़दावमें और जिमो उनकदे सदृश चवददायक्त
गु उनककी चसयदासं कन्यदाओसं
कमो चवददाददान ददेवमें उनकदे तगुल्य पगुत्र और चशष्य तथदा उन कदे समदान उनकदे सदेवक हयों, उन कदा सदेवन सत्कदार करनदा
ऋचषतपर्थण हहै।
अथ चपतकत पर्थण मम्
ओसं समोमसदमः चपतरस्तकप् यन्तदामम्। अचग्निष्वदात्तदामः चपतरस्तकप् यन्तदामम्। बचहर्थष दमः
चपतरस्तकप् यन्तदामम्। समोमपदामः चपतरस्तकप् यन्तदामम्। हचवभगुजि र्थ मः चपतरस्तकप् यन्तदामम्। आज्यपदामः
चपतरस्तकप् यन्तदामम्। यमदाचदभ्यमो नममः यमदादहस्तपर्थय दाचम। चपत्रदे स्वधदा नममः चपतरसं तपर्थय दाचम।
चपतदामहदाय स्वधदा नममः चपतदामहसं तपर्थय दाचम। मदात्रदे स्वधदा नममो मदातरसं तपर्थय दाचम। चपतदामह्यहै
स्वधदा नममः चपतदामहह तपर्थय दाचम। स्वपत्न्यहै स्वधदा नममः स्वपत्नह तपर्थय दाचम। सम्बचन्धभ्यमः
स्वधदा नममः सम्बन्धहस्तपर्थय दाचम। सगमोत्रदेभ् यमः स्वधदा नममः सगमोत्रदासंस् तपर्थय दाचम॥
—इचत चपतकतपर्थणमम्॥
‘यदे समोमदे जिगदहीश्वरदे पददाथर्थच वददायदासं च सहीदचन्त सदे समोमसदमः’ जिमो परमदात्मदा और पददाथर्थ चवददा ममें
चनपगुण हयों वदे समोमसद। ‘यहैर ग्निदेच वर्थद गुत मो चवददा गकह हीतदा तदे अचग्निष्वदात्तदामः’ जिमो अचग्नि अथदार्थतम् चवदगुददाचद पददाथर्यों कदे
जिदाननदे वदालदे हयों वदे अचग्निष्वदात्त। ‘यदे बचहर्थचष उत्तमदे व्यवहदारदे सहीदचन्त तदे बचहर्थषदमः’ जिमो उत्तम चवददावकचद्धयगुक्त व्यवहदार ममें
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चस्थत हयों वदे बचहर्थषद। ‘यदे समोममहैश् वयर्थम मोषधहीरससं वदा पदाचन्त चपबचन्त वदा तदे समोमपदामः’ जिमो ऐश्वयर्थ कदे रकक और
महचौषचध रस कदा पदान करनदे सदे रमोगरचहत और अन्य कदे ऐश्वयर्थ कदे रकक औषधयों कमो ददेकदे रमोगनदाशक हयों वदे समोमपदा।
‘यदे हचवहर्वो त गुम त्तगुम हर्वं भगुञ्ज तदे भमोजियचन्त वदा तदे हचवभगुर्थजि मः’ जिमो मदादक और चहसंसदाकदारक द्रव्ययों कमो छमोड़ कदे
भमोजिन करनदेहदारदे हयों वदे हचवभगुर्थजि। ‘य आज्यसं जदातगुसं प्रदाप्तगुसं वदा यमोग्यसं रकचन्त वदा चपबचन्त त आज्यपदामः’ जिमो
जिदाननदे कदे यमोग्य वस्तगु कदे रकक और घकत दग्गु धदाचद खदानदे और पहीनदेहदारदे हयों वदे आज्यपदा। ‘शमोभनमः कदालमो चवदतदे
यदेष दान्तदे सगुक दाचलनमः’ चजिन कदा अच्छदा धमर्थ करनदे कदा सगुखरूप समय हमो वदे सगुकदाचलनम्। ‘यदे दगुष्ट दानम् यच्छचन्त
चनगकह्ण चन्त तदे यमदा न्यदायदाधहीशदा’ जिमो दष्टगु यों कमो दण्ड और श्रदेष्ठियों कदा पदालन करनदेहदारदे न्यदायकदारही हयों वदे यम। ‘यमः
पदाचत स चपतदा’ जिमो सन्तदानयों कदा अन्न और सत्कदार सदे रकक वदा जिनक हमो वह चपतदा। ‘चपतगुमः चपतदा चपतदामहमः,
चपतदामहस्य चपतदा प्रचपतदामहमः’ जिमो चपतदा कदा चपतदा हमो वह चपतदामह और जिमो चपतदामह कदा चपतदा हमो वह
प्रचपतदामह। ‘यदा मदानयचत सदा मदातदा’ जिमो अन्न और सत्कदारयों सदे सन्तदानयों कदा मदान्य करदे वह मदातदा। ‘यदा
चपतगुम दार्थत दा सदा चपतदामहही चपतदामहस्य मदातदा प्रचपतदामहही’ जिमो चपतदा ककी मदातदा हमो वह चपतदामहही और चपतदामह
ककी मदातदा हमो वह प्रचपतदामहही। अपनही सही तथदा भचगनही सम्बन्धही और एक गमोत्र कदे तथदा अन्य कमोई भद्र पगुरुष वदा वकद्ध
हयों उन सब कमो अत्यन्त श्रद्धदा सदे उत्तम अन्न, वस, सगुन्दर यदान आचद ददेकर अच्छदे प्रकदार जिमो तकप्त करनदा अथदार्थतम्
चजिस-चजिस कमर्थ सदे उनकदा आत्मदा तकप्त और शरहीर स्वस्थ रहहै उस-उस कमर्थ सदे प्रहीचतपभूवर्थक उनककी सदेवदा करनही वह
श्रदाद्ध और तपर्थण कहदातदा हहै।
चचौथदा वहैश् वददेव —अथदार्थतम् जिब भमोजिन चसद्ध हमो तब जिमो कगु छ भमोजिनदाथर्थ बनदे, उसममें सदे खटदा लवणदान्न
और कदार कमो छमोड़ कदे घकत चमष्टयगुक्त अन्न लदेकर चभूल्हदे सदे अचग्नि अलग धर चनम्नचलचखत मन्त्रयों सदे आहह चत और भदाग
करदे।
वहैश् वददेव स्य चसद्धस्य गकह्यदे ऽ ग्निचौ चवचधपभूव क
र्थ मम्।
आभ्यमः कगु यदार्थदम् ददेव तदाभ्यमो ब्रदाह्मणमो हमोममन्वहमम्॥ मनगु॰॥
जिमो कगु छ पदाकशदालदा ममें भमोजिनदाथर्थ चसद्ध हमो, उस कदा चदव्य गगुणयों कदे अथर्थ उसही पदाकदाचग्नि ममें चनम्नचलचखत
मन्त्रयों सदे चवचधपभूवर्थक हमोम चनत्य करदे।
हमोम कदे मन्त्र
ओमम् अग्नियदे स्वदाहदा। समोमदाय स्वदाहदा। अग्निहीषमोमदाभ्यदासं स्वदाहदा। चवश्वदेभ् यमो ददेव भ्दे यमः स्वदाहदा।
धन्वन्तरयदे स्वदाहदा। कगु हहै स्वदाहदा। अनगुम त्यहै स्वदाहदा। प्रजिदापतयदे स्वदाहदा। सह ददावदापकच थवहीभ्यदासं
स्वदाहदा। चस्वष्टकक तदे स्वदाहदा।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
163

इन प्रत्यदेक मन्त्रयों सदे एक-एक बदार आहह चत प्रज्वचलत अचग्नि ममें छमोड़दे। पश्चदातम् थदालही अथवदा भभूचम ममें पत्तदा
रख कदे पभूवर्थ चदशदाचद क्रमदानगुसदार यथदाक्रम इन मन्त्रयों सदे भदाग रक्खदे—
ओसं सदानगुग दायदेन् द्रदाय नममः। सदानगुग दाय यमदाय नममः। सदानगुग दाय वरुणदाय नममः। सदानगुग दाय
समोमदाय नममः। मरुद् भ्यमो नममः। अद् भ्यमो नममः। वनस्पचतभ्यमो नममः। चश्रयहै नममः। भद्रकदाल्यहै
नममः। ब्रह्मपतयदे नममः। वदास्तगुप तयदे नममः। चवश्वदेभ् यमो ददेव भ्दे यमो नममः। चदवदाचरदेभ् यमो भभूत भ्दे यमो नममः।
नक्तञ्चदाररभ्यमो भभूत भ्दे यमो नममः। सवदार्थत् मभभूत यदे नममः॥
इन भदागयों कमो जिमो कमोई अचतचथ हमो तमो उस कमो चजिमदा ददेवदे अथवदा अचग्नि ममें छमोड़ ददेवदे। इनकदे अनन्तर
लवणदान्न अथदार्थतम् ददाल, भदात, शदाक, रमोटही आचद लदेकर छमः भदाग भभूचम ममें धरदे। इसममें प्रमदाण—
शगुन दासं च पचततदानदासं च श्वपचदासं पदापरमोचगणदामम्।
वदायसदानदासं कक महीणदासं च शनकहै चनर्थव र्थप ददे म् भगुच व॥ मनगु॰॥
इस प्रकदार ‘श्वभ्यमो नममः, पचततदेभ् यमो नममः, श्वपग्भ्यमो नममः, पदापरमोचगभ्यमो नममः, वदायसदेभ् यमो
नममः, कक चमभ्यमो नममः।’ धर कर पश्चदातम् चकसही दमःगु खही बगुभगुचकत प्रदाणही अथवदा कगु त्तदे, कचौवदे आचद कमो ददे ददेवदे।
यहदासं नममः शब्द कदा अथर्थ अन्न अथदार्थतम् कगु त्तदे, पदापही, चदाण्डदाल, पदापरमोगही कचौवदे और कक चम अथदार्थतम् चहटही
आचद कमो अन्न ददेनदा यह मनगुस्मकचत आचद ककी चवचध हहै।
हवन करनदे कदा प्रयमोजिन यह हहै चक—पदाकशदालदास्थ वदायगु कदा शगुद्ध हमोनदा और जिमो अजदात अदृष्ट जिहीवयों
ककी हत्यदा हमोतही हहै उस कदा प्रत्यगुपकदार कर ददेनदा।
अब पदासंचवह अचतचथसदेव दा—अचतचथ उस कमो कहतदे हमैं चक चजिस ककी कमोई चतचथ चनचश्चत न हमो अथदार्थतम्
अकस्मदातम् धदाचमर्थक, सत्यमोपददेशक, सब कदे उपकदारदाथर्थ सवर्थत्र घभूमनदे वदालदा, पभूणर्थ चवद्विदानम्, परमयमोगही, ससंन्यदासही
गकहस्थ कदे यहदासं आवदे तमो उस कमो प्रथम पदाद , अघर्थ और आचमनहीय तहीन प्रकदार कदा जिल ददेकर, पश्चदातम् आसन
पर सत्कदारपभूवर्थक चबठदाल कर, खदान, पदान आचद उत्तममोत्तम पददाथर्यों सदे सदेवदा शगुश्रभूषदा कर कदे , उन कमो प्रसन्न करदे।
पश्चदातम् सत्सङ कर उन सदे जदान चवजदान आचद चजिन सदे धमर्थ , अथर्थ, कदाम और ममोक ककी प्रदाचप्त हमोवदे ऐसदे-ऐसदे
उपददेशयों कदा श्रवण करदे और चदाल चलन भही उनकदे सदपगु ददेशदानगुसदार रक्खदे। समय पदाकदे गकहस्थ और रदाजिदाचद भही
अचतचथवतम् सत्कदार करनदे यमोग्य हमैं। परन्तगु—
पदाषचण्डनमो चवकमर्थस् थदानम् वहैड दालवकच त्तकदानम् शठदानम्।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
163

हहैत गुक दानम् वकवकत्त हश्च वदाङ्मदात्रदेण दाचप नदाचर्थय तदे म्॥ मनगु॰॥
(पदाषण्डही) अथदार्थतम् वदेदचनन्दक, वदेदचवरुद्ध आचरण करनदेहदारदे (चवकमर्थस्थ) जिमो वदेदचवरुद्ध कमर्थ कदा कत्तदार्थ
चमथ्यदाभदाषणदाचद यगुक्त, वहैडदालवकचत्तक जिहैसदे चवड़दालदा चछप और चस्थर हमोकर तदाकतदा-तदाकतदा झपट सदे मभूषदे आचद
प्रदाचणययों कमो मदार अपनदा पदेट भरतदा हहै वहैसदे जिनयों कदा नदाम वहैडदालवकचत्त, (शठ) अथदार्थतम् हठही, दरगु दाग्रहही, अचभमदानही,
आप जिदानमें नहह, औरयों कदा कहदा मदानमें नहह, (हहैतगुक) कगु तककीर्थ व्यथर्थ बकनदे वदालदे जिहैसदे चक आजिकल कदे वदेददान्तही
बकतदे हमैं ‘हम ब्रह्म और जिगतम् चमथ्यदा हहै वदेददाचद शदास और ईश्वर भही कचल्पत हमैं ’ इत्यदाचद गपमोड़दा हदासंकनदे वदालदे
(वकवकचत्त) जिहैसदे वक एक पहैर उठदा ध्यदानदावचस्थत कदे समदान हमोकर झट मच्छही कदे प्रदाण हरकदे अपनदा स्वदाथर्थ चसद्ध
करतदा हहै वहैसदे आजिकल कदे वहैरदागही और खदाखही आचद हठही दरगु दाग्रहही वदेदचवरमोधही हमैं, ऐसयों कदा सत्कदार वदाणहीमदात्र सदे भही
न करनदा चदाचहयदे। क्ययोंचक इनकदा सत्कदार करनदे सदे यदे वकचद्ध कमो पदाकर ससंसदार कमो अधमर्थय क्त गु करतदे हमैं। आप तमो
अवनचत कदे कदाम करतदे हही हमैं परन्तगु सदाथ ममें सदेवक कमो भही अचवददारूपही महदासदागर ममें डगु बदा ददेतदे हमैं।
इन पदासंच महदायजयों कदा फल यह हहै चक ब्रह्मयज कदे करनदे सदे चवददा, चशकदा, धमर्थ, सभ्यतदा आचद शगुभ
गगुणयों ककी वकचद्ध।
अचग्निहमोत्र सदे वदायगु , वकच ष्ट, जिल ककी शगुच द्ध हमोकर वकच ष्ट द्विदारदा ससंस दार कमो सगुख प्रदाप्त हमोनदा अथदार्थत म्
शगुद्ध वदायगु कदा श्वदास, स्पशर्थ, खदान पदान सदे आरमोग्य, बगुच द्ध, बल, परदाक्रम बढ़ कदे धमर्थ, अथर्थ, कदाम
और ममोक कदा अनगुष्ठि दान पभूर दा हमोनदा। इसहीचलयदे इस कमो ददेव यज कहतदे हमैं।
चपतकय ज सदे जिब मदातदा चपतदा और जदानही महदात्मदाओसं ककी सदेवदा करदेगदा तब उस कदा जदान बढ़देगदा। उस सदे
सत्यदासत्य कदा चनणर्थय कर सत्य कदा ग्रहण और असत्य कदा त्यदाग करकदे सगुखही रहदेगदा। दस भू रदा कक तजतदा अथदार्थतम् जिहैसही
सदेवदा मदातदा चपतदा और आचदायर्थ नदे सन्तदान और चशष्ययों ककी ककी हहै उसकदा बदलदा ददेनदा उचचत हही हहै।
बचलवहैश् वददेव कदा भही फल जिमो पभूवर्थ कह आयदे , वहही हहै। जिब तक उत्तम अचतचथ जिगतम् ममें नहह हमोतदे तब
तक उन्नचत भही नहह हमोतही। उनकदे सब ददेशयों ममें घभूमनदे और सत्यमोपददेश करनदे सदे पदाखण्ड ककी वकचद्ध नहह हमोतही और
सवर्थत्र गकहस्थयों कमो सहजि सदे सत्य चवजदान ककी प्रदाचप्त हमोतही रहतही हहै और मनगुष्यमदात्र ममें एक हही धमर्थ चस्थर रहतदा हहै।
चवनदा अचतचथययों कदे सन्ददेहचनवकचत्त नहह हमोतही। सन्ददेहचनवकचत्त कदे चवनदा दृढ़ चनश्चय भही नहह हमोतदा। चनश्चय कदे चवनदा
सगुख कहदासं?—
ब्रदाह्मदे मगुहह त्त र्वे बगुध् यदेत धमदार्थथ र्यौ चदानगुच चन्तयदेत म्।
कदायक्लदे शदाहश् च तन्मभूल दानम् वदेद तत्त् व दाथर्थम देव च॥ मनगु॰॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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रदाचत्र कदे चचौथदे प्रहर अथवदा चदार घड़ही रदात सदे उठदे। आवश्यक कदायर्थ करकदे धमर्थ और अथर्थ , शरहीर कदे रमोगयों
कदा चनददान और परमदात्मदा कदा ध्यदान करदे। कभही अधमर्थ कदा आचरण न करदे। क्ययोंचक—
नदाधमर्थश् चररतमो लमोकदे सदमः फलचत गचौररव।
शनहैर दावत्तर्थम दानस्तगु कत्तगुमर्थ भूर्थल दाचन कक न्तचत॥ मनगु॰॥
चकयदा हह आ अधमर्थ चनष्फल कभही नहह हमोतदा परन्तगु चजिस समय अधमर्थ करतदा हहै उसही समय फल भही नहह
हमोतदा। इसचलयदे अजदानही लमोग अधमर्थ सदे नहह डरतदे। तथदाचप चनश्चय जिदानमो चक वह अधमदार्थचरण धहीरदे -धहीरदे तगुम्हदारदे
सगुख कदे मभूलयों कमो कदाटतदा चलदा जिदातदा हहै। इस क्रम सदे—
अधमर्वेण हैध तदे तदावत्ततमो भद्रदाचण पश्यचत।
ततमः सपत्नदाञ्जयचत समभूल स्तगु चवनश्यचत॥ मनगु॰॥
जिब अधमदार्थत्मदा मनगुष्य धमर्थ ककी मयदार्थददा छमोड़ (जिहैसदे तदालदाब कदे बन्ध तमोड़ जिल चदारयों ओर फहै ल जिदातदा हहै
वहैसदे) चमथ्यदाभदाषण, कपट, पदाखण्ड अथदार्थतम् रकदा करनदे वदालदे वदेदयों कदा खण्डन और चवश्वदासघदातदाचद कमर्यों सदे परदायदे
पददाथर्यों कमो लदेकर प्रथम बढ़तदा हहै। पश्चदातम् धनदाचद ऐश्वयर्थ सदे खदान , पदान, वस, आभभूषण, यदान, स्थदान, मदान,
प्रचतष्ठिदा कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै। अन्यदाय सदे शत्रगुओसं कमो भही जिहीततदा हहै , पश्चदातम् शहीघ्र नष्ट हमो जिदातदा हहै। जिहैसदे जिड़ कदाटदा
हह आ वकक नष्ट हमो जिदातदा हहै वहैसदे अधमर्त्ती नष्ट भ्रष्ट हमो जिदातदा हहै।
सत्यधमदार्थय वर्थ कत्त षदे गु शचौचदे चहैव दारमदेत म् सददा।
चशष्यदासंश् च चशष्यदाद्धमर्वेण वदाग्बदाहह द रससंय तमः॥ मनगु॰॥
वदेदमोक्त सत्य धमर्थ अथदार्थतम् पकपदातरचहत हमोकर सत्य कदे ग्रहण और असत्य कदे पररत्यदाग न्यदायरूप वदेदमोक्त
धमदार्थचद, आयर्थ अथदार्थतम् उत्तम पगुरुषयों कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव और पचवत्रतदा हही ममें सददा रमण करदे। वदाणही बदाहह उदर
आचद अङयों कदा ससंयम अथदार्थतम् धमर्थ ममें चलदातदा हह आ धमर्थ सदे चशष्ययों कमो चशकदा चकयदा करदे।
ऋचत्वक्पगुर मोचहतदाचदायर्वैम दार्थत गुल दाचतचथससंच श्रतहैमः ।
बदालवकद्ध दातगुर हैव द
र्वै हैज दार्थच तसम्बचन्धबदान्धवहैमः ॥1॥
मदातदाचपतकभ् यदासं यदाचमचभभ्रदार्थत्र दा पगुत्र देण भदायर्थय दा।
दगुच हत्रदा ददासवगर्वेण चववदादसं न समदाचरदेत म्॥ 2॥ मनगु॰॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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(ऋचत्वकम् ) यज कदा करनदेहदारदा, (पगुरमोचहत) सददा उत्तम चदाल चलन ककी चशकदा कदारक, (आचदायर्थ) चवददा
पढ़दानदेहदारदा, (मदातगुल) मदामदा, (अचतचथ) अथदार्थतम् चजिस ककी कमोई आनदे जिदानदे ककी चनचश्चत चतचथ न हमो (ससंचश्रत)
अपनदे आचश्रत (बदाल) बदालक (वकद्ध) बगुडम्ढदे (आतगुर) पहीचड़त (वहैद) आयगुवर्वेद कदा जदातदा, (जदाचत) स्वगमोत्र वदा
स्ववणर्थस्थ, (सम्बन्धही) श्वशगुर आचद, (बदान्धव) चमत्र॥1॥
(मदातदा) मदातदा, (चपतदा) चपतदा, (यदाचम) बचहन, (भ्रदातदा) भदाई, (पगुत्र) पगुत्र, (भदायदार्थ) सही, (दचगु हतदा)
पगुत्रही और सदेवक लमोगयों सदे चववदाद अथदार्थतम् चवरुद्ध लड़दाई बखदेड़दा कभही न करदे॥2॥
अतपदास्त्वनधहीयदानमः प्रचतग्रहरुचचचद्विर्थजि मः।
अम्भस्यश्मपवदेन वहै सह तहैन वहै मज्जचत॥ मनगु॰॥
एक (अतपदामः) ब्रह्मचयर्थ सत्यभदाषणदाचद तपरचहत, दस भू रदा (अनधहीयदानमः) चवनदा पढ़दा हहआ, तहीसरदा
(प्रचतग्रहरुचचमः) अत्यन्त धमदार्थथर्थ दस भू रयों सदे ददान लदेनदेवदालदा, यदे तहीनयों पत्थर ककी नचौकदा सदे समगुद्र ममें तरनदे कदे समदान
अपनदे दष्टगु कमर्यों कदे सदाथ हही दमःगु खसदागर ममें डभू बतदे हमैं। वदे तमो डभू बतदे हही हमैं परन्तगु ददातदाओसं कमो सदाथ डगु बदा लदेतदे हमैं।
चत्रष्वप्यदेत देष गु दत्तसं चह चवचधनदाप्यचजिर्थत सं धनमम्।
ददातगुभ र्थव त्यनथदार्थय परत्रदाददातगुर वदे च॥ मनगु॰॥
जिमो धमर्थ सदे प्रदाप्त हह ए धन कदा उक्त तहीनयों कमो ददेनदा हहै वह ददानददातदा कदा नदाश इसही जिन्म और लदेनदेवदालदे कदा
नदाश परजिन्म ममें करतदा हहै।
जिमो वदे ऐसदे हयों तमो क्यदा हमो—
यथदा पवदेन चौपलदेन चनमज्जत्य गुद कदे तरनम्।
तथदा चनमज्जतमोऽधस्तदादजचौ ददातकप्र तहीच्छकचौ॥ मनगु॰॥
जिहैसदे पत्थर ककी नचौकदा ममें बहैठ कदे जिल ममें तरनदे वदालदा डभू ब जिदातदा हहै वहैसदे अजदानही ददातदा और ग्रहहीतदा दमोनयों
अधमोगचत अथदार्थतम् दमःगु ख कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं।
पदाखचण्डययों कदे लकण
धमर्थध् वजिही सददा लगुब् धश्छदाचद्मिकमो लमोकदम्भकमः।
वहैड दालरचतकमो जदेय मो चहसंस्र मः सवदार्थच भसन्धकमः॥1॥
अधमोदृचष्टनर्वैष् कक चतकमः स्वदाथर्थस दाधनतत्परमः।
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शठमो चमथ्यदाचवनहीतश्च वकरतचरमो चद्विजिमः॥2॥ मनगु॰॥


(धमर्थध्वजिही) धमर्थ कगु छ भही न करदे परन्तगु धमर्थ कदे नदाम सदे लमोगयों कमो ठगदे (सददा लगुब्धमः) सवर्थददा लमोभ सदे यगुक्त
(छदाचद्मिकमः) कपटही (लमोकदम्भकमः) ससंसदारही मनगुष्ययों कदे सदामनदे अपनही बड़दाई कदे गपमोड़दे मदारदा करदे (चहसंस्रमः) प्रदाचणययों
कदा घदातक, अन्य सदे वहैरबगुचद्ध रखनदेवदालदा (सवदार्थचभसन्धकमः) सब अच्छदे और बगुरयों सदे भही मदेल रक्खदे उस कमो
वहैडदालरचतक अथदार्थतम् चवडदाल कदे समदान धभूत्तर्थ और नहीच समझमो॥1॥
(अधमोदृचष्टमः) ककीचतर्थ कदे चलयदे नहीचदे दृचष्ट रक्खदे (नहैष्कक चतकमः) ईष्यर्थक चकसही नदे उस कदा पहैसदा भर अपरदाध
चकयदा हमो तमो उसकदा बदलदा लदेनदे कमो प्रदाण तक तत्पर रहहै (स्वदाथर्थसदाधनतत्परमः) चदाहहै कपट अधमर्थ चवश्वदासघदात
क्ययों न हमो अपनदा प्रयमोजिन सदाधनदे ममें चतगुर (शठमः) चदाहहै अपनही बदातमें झभूठही क्ययों न हयों परन्तगु हठ कभही न छमोड़दे
(चमथ्यदाचवनहीतमः) झभूठ मभूहठ ऊपर सदे शहील सन्तमोष और सदाधगुतदा चदखलदावदे उस कमो (वकरत) बगगुलदे कदे समदान
नहीच समझमो। ऐसदे-ऐसदे लकणयों वदालदे पदाखण्डही हमोतदे हमैं, उन कदा चवश्वदास व सदेवदा कभही न करमें॥2॥
धमर्वं शनहैमः सचञ्चनगुय दादम् वल्महीकचमव पगुच त्तकदामः।
परलमोकसहदायदाथर्वं सवर्थल मोकदान्यपहीडयनम्॥ 1॥
नदामगुत्र चह सहदायदाथर्वं चपतदा मदातदा च चतष्ठितमः।
न पगुत्र ददारसं न जदाचतधर्थम चर्थ स्तष्ठिचत कदे वलमः॥2॥
एकमः प्रजिदायतदे जिन्तगुर क
दे एव प्रलहीयतदे।
एकमो नगु भगुङ क्तदे सगुकक तमदेक एव च द गुष् कक तमम्॥ 3॥
एकमः पदापदाचन कगु रुतदे फलसं भगुङ क्तदे महदाजिनमः।
भमोक्तदारमो चवप्रमगुच् यन्तदे कत्तदार्थ दमोषदेण चलप्यतदे॥ 4॥
मकत सं शरहीरमगुत् सकज् य कदाष्ठिलमोष्ठिसमसं चकतचौ।
चवमगुख दा बदान्धवदा यदाचन्त धमर्थस् तमनगुग च्छचत॥5॥ मनगु॰॥
सही और पगुरुष कमो चदाचहयदे चक जिहैसदे पगुचत्तकदा अथदार्थतम् दहीमक वल्महीक अथदार्थतम् बदासंबही कमो बनदातही हहै वहैसदे सब
भभूतयों कमो पहीड़दा न ददेकर परलमोक अथदार्थतम् परजिन्म कदे सगुखदाथर्थ वमहीरदे-वमहीरदे धमर्थ कदा सञ्चय करदे॥1॥क्ययोंचक परलमोक
ममें न मदातदा न चपतदा न पगुत्र न सही न जदाचत सहदाय कर सकतदे हमैं चकन्तगु एक धमर्थ हही सहदायक हमोतदा हहै॥ 2॥ददेचखयदे
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अकदे लदा हही जिहीव जिन्म और मरण कमो प्रदाप्त हमोतदा, एक हही धमर्थ कदा फल सगुख और अधमर्थ कदा जिमो द मःगु ख रूप फल
उस कमो भमोगतदा हहै॥3॥यह भही समझ लमो चक कगु टगु म्ब ममें एक पगुरुष पदाप करकदे पददाथर्थ लदातदा हहै और महदाजिन अथदार्थतम्
कगु टगु म्ब उस कमो भमोक्तदा हहै। भमोगनदेवदालदे दमोषभदागही नहह हमोतदे चकन्तगु अधमर्थ कदा कत्तदार्थ हही दमोष कदा भदागही हमोतदा हहै॥ 4॥जिब
कमोई चकसही कदा सम्बन्धही मर जिदातदा हहै उस कमो मटही कदे ढदेलदे कदे समदान भभूचम ममें छमोड़ कर पहीठ ददे बन्धगुवगर्थ चवमगुख
हमोकर चलदे जिदातदे हमैं। कमोई उसकदे सदाथ जिदानदेवदालदा नहह हमोतदा चकन्तगु एक धमर्थ हही उस कदा सङही हमोतदा हहै॥5॥
तस्मदाद्धमर्वं सहदायदाथर्वं चनत्यसं सचञ्चनगुय दाच्छनहैमः ।
धमर्वेण हही सहदायदेन तमस्तरचत द गुस् तरमम्॥ 1॥
धमर्थप्र धदानसं पगुरु षसं तपसदा हतचकचल्वषमम्।
परलमोकसं नयत्यदाशगु भदास्वतसं खशरहीररणमम्॥ 2॥ मनगु॰॥
उस हदेतगु सदे परलमोक अथदार्थतम् परजिन्म ममें सगुख और इस जिन्म कदे सहदायतदाथर्थ चनत्य धमर्थ कदा सञ्चय धहीरदे -धहीरदे
करतदा जिदाय क्ययोंचक धमर्थ हही कदे सहदाय सदे बड़दे-बड़दे दस्गु तर दमःगु खसदागर कमो जिहीव तर सकतदा हहै॥ 1॥चकन्तगु जिमो पगुरुष
धमर्थ हही कमो प्रधदान समझतदा हहै चजिस कदा धमर्थ कदे अनगुष्ठिदान सदे कत्तर्थव्य पदाप दरभू हमो गयदा उस कमो प्रकदाशस्वरूप और
आकदाश चजिस कदा शरहीरवतम् हहै उस परलमोक अथदार्थतम् परमदशर्थनहीय परमदात्मदा कमो धमर्थ हही शहीघ्र प्रदाप्त करदातदा हहै॥2॥
इसचलयदे—
दृढकदारही मकद गुद दार्थन् तमः क्रभू रदाचदारहैर ससंव सनम्।
अचहसंस्र मो दमददानदाभ्यदासं जियदेत म् स्वगर्वं तथदा रतमः॥1॥
वदाच्यथदार्थ चनयतदामः सवर्वे वदाङ्मह लदा वदाचग्वचनमःसकत दामः।
तदासं तगु यमः स्तदेन यदेद्वि दाचसं स सवर्थस् तदेय कक न्नरमः॥2॥
आचदारदालभतदे ह्यदायगुर दाचदारदादहीचप्सतदामः प्रजिदामः।
आचदारदाद्धनमकय्यमदाचदारमो हन्त्यलकणमम्॥ 3॥ मनगु॰॥
सददा दृढ़कदारही, कमोमल स्वभदाव, चजितदेचन्द्रय, चहसंसक, क्रभूर, दष्टगु दाचदारही पगुरुषयों सदे पकथकम् रहनदेहदारदा धमदार्थत्मदा
मन कमो जिहीत और चवददाचद ददान सदे सगुख कमो प्रदाप्त हमोवदे॥1॥
परन्तगु यह भही ध्यदान ममें रक्खमें चक चजिस वदाणही ममें सब अथर्थ अथदार्थतम् व्यवहदार चनचश्चत हमोतदे हमैं वह वदाणही हही
उन कदा मभूल और वदाणही हही सदे सब व्यवहदार चसद्ध हमोतदे हमैं उस वदाणही कमो जिमो चमोरतदा अथदार्थतम् चमथ्यदाभदाषण करतदा हहै
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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वह सब चमोरही आचद पदापयों कदा करनदे वदालदा हहै॥2॥इसचलयदे चमथ्यदाभदाषणदाचदरूप अधमर्थ कमो छमोड़ जिमो धमदार्थचदार अथदार्थतम्
ब्रह्मचयर्थ चजितदेचन्द्रयतदा सदे पभूणर्थ आयगु और धमदार्थचदार सदे उत्तम प्रजिदा तथदा अकय धन कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै तथदा जिमो
धमदार्थचदार ममें वत्तर्थकर दष्टगु लकणयों कदा नदाश करतदा हहै उसकदे आचरण कमो सददा चकयदा करदे॥3॥क्ययोंचक—
दगुर दाचदारमो चह पगुरु षमो लमोकदे भवचत चनचन्दतमः।
दगुमः खभदागही च सततसं व्यदाचधतमोऽल्पदाय गुर वदे च॥ मनगु॰॥
जिमो दष्टगु दाचदारही पगुरुष हहै वह ससंसदार ममें सज्जनयों कदे मध्य ममें चनन्ददा कमो प्रदाप्त दमःगु खभदागही और चनरन्तर व्यदाचधयगुक्त
हमोकर अल्पदायगु कदा भही भमोगनदेहदारदा हमोतदा हहै।
इसचलयदे ऐसदा प्रयत्न करदे—
यदतम् परवशसं कमर्थ तत्तदम् यत्नदेन वजिर्थय देत म्।
यदददात्मवशसं तगु स्यदातम् तत्ततम् सदेव देत यत्नतमः॥1॥
सवर्वं परवशसं द गुमः खसं सवर्थम दात्मवशसं सगुख मम्।
एतदम् चवददातम् समदासदेन लकणसं सगुख द गुमः खयमोमः॥2॥ मनगु॰॥
जिमो-जिमो परदाधहीन कमर्थ हमो उस-उस कदा प्रयत्न सदे त्यदाग और जिमो जिमो स्वदाधहीन कमर्थ हमो उस-उस कदा प्रयत्न
कदे सदाथ सदेवन करदे॥1॥
क्ययोंचक जिमो-जिमो परदाधहीनतदा हहै वह-वह सब दमःगु ख और जिमो-जिमो स्वदाधहीनतदा हहै वह-वह सब सगुख यहही ससंकदेप
सदे सगुख और दमःगु ख कदे लकण जिदाननदा चदाचहयदे॥2॥
परन्तगु जिमो एक दस भू रदे कदे आधहीन कदाम हहै वह-वह आवमहीनतदा सदे हही करनदा चदाचहयदे जिहैसदा चक सही और पगुरुष
कदा एक दस भू रदे कदे आधहीन व्यवहदार। अथदार्थतम् सही पगुरुष कदा और पगुरुष सही कदा परस्पर चप्रयदाचरण अनगुकभू ल रहनदा
व्यचभचदार वदा चवरमोध कभही न करनदा। पगुरुष ककी आजदानगुकभूल घर कदे कदाम सही और बदाहर कदे कदाम पगुरुष कदे आधहीन
रहनदा, दष्टगु व्यसन ममें फह सनदे सदे एक दस भू रदे कमो रमोकनदा अथदार्थतम् यहही चनश्चय जिदाननदा।
जिब चववदाह हमोवदे तब सही कदे हदाथ पगुरुष और पगुरुष कदे हदाथ सही चबक चगुककी अथदार्थतम् जिमो सही और पगुरुष कदे
सदाथ हदाव, भदाव, नखचशखदाग्रपयर्थन्त जिमो कगु छ हमैं वह वहीयदार्थचद एक दस
भू रदे कदे आधहीन हमो जिदातदा हहै।
सही वदा पगुरुष प्रसन्नतदा कदे चवनदा कमोई भही व्यवहदार न करमें। इन ममें बड़दे अचप्रयकदारक व्यचभचदार , वदेश्यदा,
परपगुरुषगमनदाचद कदाम हमैं। इन कमो छमोड़ कदे अपनदे पचत कदे सदाथ सही और सही कदे सदाथ पचत सददा प्रसन्न रहमैं।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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जिमो ब्रदाह्मणवणर्थस्थ हयों तमो पगुरुष लड़कयों कमो पढ़दावदे तथदा सगुचशचकतदा सही लड़चकययों कमो पढ़दावदे। नदानदाचवध
उपददेश और वक्तकत्व करकदे उन कमो चवद्विदानम् करमें। सही कदा पभूजिनहीय ददेव पचत और पगुरुष ककी पभूजिनहीय अथदार्थतम् सत्कदार
करनदे यमोग्य ददेवही सही हहै।
जिब तक गगुरुकगु ल ममें रहमैं तब तक मदातदा चपतदा कदे समदान अध्यदापकयों कमो समझमें और अध्यदापक अपनदे
सन्तदानयों कदे समदान चशष्ययों कमो समझमें। पढ़दानदेहदारदे अध्यदापक और अध्यदाचपकदा कहै सदे हमोनदे चदाचहयदे—
आत्मजदानसं समदारम्भचस्तचतकदा धमर्थच नत्यतदा।
यमथदार्थ नदापकषर्थच न्त स वहै पचण्डत उच्यतदे॥ 1॥
चनषदेव तदे प्रशस्तदाचन चनचन्दतदाचन न सदेव तदे।
अनदाचस्तकमः श्रद्दधदान एततम् पचण्डतलकणमम्॥ 2॥
चकप्रसं चवजिदानदाचत चचरसं शकण मोचत,
चवजदाय चदाथर्वं भजितदे न कदामदातम्।
नदासम्पकष्ट मो ह्यगु प यगु ङ क्तदे परदाथर्वे,
ततम् प्रजदानसं प्रथमसं पचण्डतस्य॥3॥
नदाप्रदाप्यमचभवदाञ्छचन्त नष्टसं नदेच् छचन्त शमोचचतगुम ।म्
आपत्सगु च न मगुह्य चन्त नरदामः पचण्डतबगुद्ध यमः॥4॥
प्रवकत्त वदाकम् चचत्रकथ ऊहवदानम् प्रचतभदानवदानम्।
आशगु ग्रन्थस्य वक्तदा च यमः स पचण्डत उच्यतदे॥ 5॥
श्रगुत सं प्रजदानगुग सं यस्य प्रजदा चहैव श्रगुत दानगुग दा।
असचम्भन्नदायर्थम यदार्थद मः पचण्डतदाख्यदासं लभदेत समः॥6॥
—यदे सब महदाभदारत उदमोगपवर्थ चवदरगु प्रजिदागर कदे श्लमोक हमैं।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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अथर्थ— चजिस कमो आत्मजदान सम्यकम् आरम्भ अथदार्थतम् जिमो चनकम्मदा आलसही कभही न रहहै सगुख दमःगु ख,
हदाचन लदाभ, मदानदापमदान, चनन्ददा स्तगुचत ममें हषर्थ शमोक कभही न करदे धमर्थ हही ममें चनत्य चनचश्चत रहहै चजिस कदे मन कमो
उत्तम-उत्तम पददाथर्थ अथदार्थतम् चवषय सम्बन्धही वस्तगु आकषर्थण न कर सकमें वहही पचण्डत कहदातदा हहै॥1॥
सददा धमर्थयक्त
गु कमर्यों कदा सदेवन; अधमर्थयक्त गु कदामयों कदा त्यदाग; ईश्वर, वदेद, सत्यदाचदार ककी चनन्ददा न
करनदेहदारदा; ईश्वर आचद ममें अत्यन्त श्रद्धदालगु हमो वहही पचण्डत कदा कत्तर्थव्यदाकत्तर्थव्य कमर्थ हहै॥2॥
जिमो कचठन चवषय कमो भही शहीघ्र जिदान सकदे ; बहह त कदालपयर्थन्त शदासयों कमो पढ़दे सगुनदे और चवचदारदे जिमो कगु छ
जिदानदे उस कमो परमोपकदार ममें प्रयगुक्त करदे अपनदे स्वदाथर्थ कदे चलयदे कमोई कदाम न करदे चवनदा पभूछदे वदा चवनदा यमोग्य समय जिदानदे
दसभू रदे कदे अथर्थ ममें सम्मचत न ददे। वहही प्रथम प्रजदान पचण्डत कमो हमोनदा चदाचहयदे॥3॥
जिमो प्रदाचप्त कदे अयमोग्य ककी इच्छदा कभही न करदे नष्ट हह ए पददाथर्थ पर शमोक न करदे आपत्कदाल ममें ममोह कमो न प्रदाप्त
अथदार्थतम् व्यदाकगुल न हमो वहही बगुचद्धमदानम् पचण्डत हहै॥4॥
चजिस ककी वदाणही सब चवददाओसं और प्रश्नमोत्तरयों कदे करनदे ममें अचतचनपगुण ; चवचचत्र शदासयों कदे प्रकरणयों कदा
वक्तदा; यथदायमोग्य तकर्थ और स्मकचतमदानम् ग्रन्थयों कदे यथदाथर्थ अथर्थ कदा शहीघ्र वक्तदा हमो वहही पचण्डत कहदातदा हहै॥5॥
चजिस ककी प्रजदा सगुनदे हहए सत्य अथर्थ कदे अनगुकभूल और चजिस कदा श्रवण बगुचद्ध कदे अनगुसदार हमो जिमो कभही आयर्थ
अथदार्थतम् श्रदेष्ठि धदाचमर्थक पगुरुषयों ककी मयदार्थददा कदा छदेदन न करदे वहही पचण्डत ससंजदा कमो प्रदाप्त हमोवदे॥6॥
जिहदासं ऐसदे-ऐसदे सही पगुरुष पढ़दानदे वदालदे हमोतदे हमैं वहदासं चवददा धमर्थ और उत्तमदाचदार ककी वकचद्ध हमोकर प्रचतचदन
आनन्द हही बढ़तदा रहतदा हहै।
पढ़दानदे ममें अयमोग्य और मभूखर्थ कदे लकण—
अश्रगुत श्च समगुन्न द्धमो दररद्रश्च महदामनदामः।
अथदार्वंश् चदाऽकमर्थण दा प्रदेप् सगुम भूर्थढ इत्य गुच् यतदे बगुध हैमः ॥1॥
अनदाहह त मः प्रचवशचत ह्यपकष्ट मो बहह भदाषतदे।
अचवश्वस्तदे चवश्वचसचत मभूढ चदेत दा नरदाधममः॥2॥
—यदे श्लमोक भही महदाभदारत उदमोग पवर्थ चवदरगु प्रजिदागर कदे हमैं।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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अथर्थ— चजिस नदे कमोई शदास न पढ़दा न सगुनदा अतहीव घमण्डही, दररद्र हमोकर बड़दे-बड़दे मनमोरथ करनदेहदारदा,
चवनदा कमर्थ सदे पददाथर्यों ककी प्रदाचप्त ककी इच्छदा करनदे वदालदा हमो, उसही कमो बगुचद्धमदानम् लमोग मभूढ़ कहतदे हमैं॥1॥
जिमो चवनदा बगुलदायदे सभदा वदा चकसही कदे घर ममें प्रचवष्ट हमो उच्चि आसन पर बहैठनदा चदाहहै चवनदा पभूछदे सभदा ममें बहह त
सदा बकदे ; चवश्वदास कदे अयमोग्य वस्तगु वदा मनगुष्य ममें चवश्वदास करदे वहही मभूढ़ और सब मनगुष्ययों ममें नहीच मनगुष्य कहदातदा हहै॥
2॥
जिहदासं ऐसदे पगुरुष अध्यदापक, उपददेशक, गगुरु और मदाननहीय हमोतदे हमैं वहदासं अचवददा, अधमर्थ, असभ्यतदा,
कलह, चवरमोध और फभू ट बढ़ कदे दमःगु ख हही बढ़तदा जिदातदा हहै।
अब चवददाचथर्थययों कदे लकण—
आलस्यसं मदममोहचौ च चदापल्यसं गमोचष्ठिरदेव च।
स्तब्धतदा चदाचभमदाचनत्वसं तथदाऽत्यदाचगत्वमदेव च।
एतदे वहै सप्त दमोषदामः स्यगु मः सददा चवददाचथर्थन दासं मतदामः॥1॥
सगुख दाचथर्थन मः कगु तमो चवददा कगु तमो चवददाचथर्थन मः सगुख मम्।
सगुख दाथर्त्ती वदा त्यजिदेदम् चवददासं चवददाथर्त्ती वदा त्यजिदेत म् सगुख मम्॥ 2॥
—यदे भही चवदरगु प्रजिदागर कदे श्लमोक हमैं।
(आलस्य) शरहीर और बगुचद्ध ममें जिड़तदा, नशदा, ममोह=चकसही वस्तगु ममें फसंसदावट, चपलतदा और इधर-
उधर ककी व्यथर्थ कथदा करनदा सगुननदा, पढ़तदे पढ़दातदे रुक जिदानदा, अचभमदानही, अत्यदागही हमोनदा यदे सदात दमोष चवददाचथर्थययों
ममें हमोतदे हमैं॥1॥जिमो ऐसदे हमोतदे हमैं उन कमो चवददा कभही नहह आतही। सगुख भमोगनदे ककी इच्छदा करनदे वदालदे कमो चवददा कहदासं ?
और चवददा पढ़नदे वदालदे कमो सगुख कहदासं? क्ययोंचक चवषयसगुखदाथर्त्ती चवददा कमो और चवददाथर्त्ती चवषयसगुख कमो छमोड़ ददे॥2॥
ऐसदे चकयदे चवनदा चवददा कभही नहह हमो सकतही। और ऐसदे कमो चवददा हमोतही हहै—
सत्यदे रतदानदासं सततसं ददान्तदानदामभूध् वर्थर देत सदामम्।
ब्रह्मचयर्वं दहदेदम् रदाजिनम् सवर्थप दापदान्यगुप दाचसतमम्॥ 1॥
जिमो सददा सत्यदाचदार ममें प्रवकत्त, चजितदेचन्द्रय और चजिन कदा वहीयर्थ अधमःस्खचलत कभही न हमो उन्हह कदा ब्रह्मचयर्थ
सच्चिदा और वदे हही चवद्विदानम् हमोतदे हमैं॥1॥इसचलयदे शगुभ लकणयगुक्त अध्यदापक और चवददाचथर्थययों कमो हमोनदा चदाचहयदे।
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अध्यदापक लमोग ऐसदा यत्न चकयदा करमें चजिस सदे चवददाथर्त्ती लमोग सत्यवदादही, सत्यमदानही, सत्यकदारही सभ्यतदा,
चजितदेचन्द्रय, सगुशहीलतदाचद शगुभगगुणयगुक्त शरहीर और आत्मदा कदा पभूणर्थ बल बढ़दा कदे समग्र वदेददाचद शदासयों ममें चवद्विदानम् हयों।
सददा उन ककी कगु चदेष्टदा छगु ड़दानदे ममें और चवददा पढ़दानदे ममें चदेष्टदा चकयदा करमें और चवददाथर्त्ती लमोग सददा चजितदेचन्द्रय, शदान्त,
पढ़दानदेहदारयों ममें प्रदेम, चवचदारशहील, पररश्रमही हमोकर ऐसदा पगुरुषदाथर्थ करमें चजिस सदे पभूणर्थ चवददा, पभूणर्थ आयगु, पररपभूणर्थ धमर्थ
और पगुरुषदाथर्थ करनदा आ जिदाय इत्यदाचद ब्रदाह्मण वणर्यों कदे कदाम हमैं। कचत्रययों कदा कमर्थ रदाजिधमर्थ ममें कहमेंगदे।
जिमो वहैश्य हयों वदे ब्रह्मचयदार्थचद सदे वदेददाचद चवददा पढ़ चववदाह करनदे नदानदा ददेशयों ककी भदाषदा, नदानदा प्रकदार कदे व्यदापदार
ककी रहीचत, उन कदे भदाव जिदाननदा, बदेचनदा, खरहीदनदा द्विहीपद्विहीपदान्तर ममें जिदानदा आनदा, लदाभदाथर्थ कदाम कमो आरम्भ
करनदा, पशगुपदालन और खदेतही ककी उन्नचत चतगुरदाई सदे करनही करदानही, धन कमो बढ़दानदा, चवददा और धमर्थ ककी उन्नचत ममें
व्यय करनदा, सत्यवदादही चनष्कपटही हमोकर सत्यतदा सदे सब व्यदापदार करनदा, सब वस्तगुओसं ककी रकदा ऐसही करनही चजिस
सदे कमोई नष्ट न हमोनदे पदावदे।
शभूद्र सब सदेवदाओसं ममें चतगुर, पदाकचवददा ममें चनपगुण, अचतप्रदेम सदे चद्विजियों ककी सदेवदा और उन्हह सदे अपनही
उपजिहीचवकदा करदे और चद्विजि लमोग इसकदे खदान, पदान, वस, स्थदान, चववदाहदाचद ममें जिमो कगु छ व्यय हमो सब कगु छ ददेवमें
अथवदा मदाचसक कर ददेवमें।
चदारयों वणर्थ परस्पर प्रहीचत, उपकदार, सज्जनतदा, सगुख, दमःगु ख, हदाचन, लदाभ ममें ऐकमत्य रहकर रदाज्य और
प्रजिदा ककी उन्नचत ममें तन, मन, धन कदा व्यय करतदे रहमें। सही और पगुरुष कदा चवयमोग कभही न हमोनदा चदाचहए। क्ययोंचक

पदानसं दगुजि र्थन ससंस गर्थमः पत्यदा च चवरहमोऽटनमम्।
स्वप्नमोऽन्यगदेह वदासश्च नदारहीसन्द भू ष णदाचन षटम् ॥ मनगु॰॥
मद, भदासंग आचद मदादक द्रव्ययों कदा पहीनदा, दष्टगु पगुरुषयों कदा सङ, पचतचवयमोग, अकदे लही जिहदासं तहदासं व्यथर्थ
पदाखण्डही आचद कदे दशर्थन चमस सदे चफरतही रहनदा और परदायदे घर ममें जिदाकदे शयन करनदा वदा वदास यदे छमः सही कमो दचभू षत
करनदे वदालदे दगगु गुर्थण हमैं और यदे पगुरुषयों कदे भही हमैं। पचत और सही कदा चवयमोग दमो प्रकदार कदा हमोतदा हहै—कहह कदायदार्थथर्थ
ददेशदान्तर ममें जिदानदा और दस भू रदा मकत्यगु सदे चवयमोग हमोनदा इन ममें सदे प्रथम कदा उपदाय यहही हहै चक द रभू ददेश ममें यदात्रदाथर्थ जिदावदे
तमो सही कमो भही सदाथ रक्खदे। इस कदा प्रयमोजिन यह हहै चक बहह त समय तक चवयमोग न रहनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) सही और पगुरुष कदा बहह चववदाह हमोनदा यमोग्य हहै वदा नहह?
(उत्तर) यगुगपतम् न अथदार्थतम् एक समय ममें नहह।
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(प्रश्न) क्यदा समयदान्तर ममें अनदेक चववदाह हमोनदे चदाचहयमें?


(उत्तर) हदासं जिहैसदे—
यदा सही त्वकतयमोचनमः स्यदाद म् गतप्रत्यदागतदाचप वदा।
पचौनभर्थव देन भत्रदार्थ सदा पगुन मः ससंस् कदारमहर्थच त॥ मनगु॰॥
चजिस सही वदा पगुरुष कदा पदाचणग्रहणमदात्र ससंस्कदार हह आ हमो और ससंयमोग न हह आ हमो अथदार्थतम् अकतयमोचन सही
और अकतवहीयर्थ पगुरुष हमो, उनकदा अन्य सही वदा पगुरुष कदे सदाथ पगुनचवर्थवदाह हमोनदा चदाचहयदे। चकन्तगु ब्रदाह्मण कचत्रय और
वहैश्य वणर्यों ममें कतयमोचन सही कतवहीयर्थ पगुरुष कदा पगुनचवर्थवदाह न हमोनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) पगुनचवर्थवदाह ममें क्यदा दमोष हहै?
(उत्तर) (पहलदा) सही पगुरुष ममें प्रदेम न्यभून हमोनदा क्ययोंचक जिब चदाहदे तब पगुरुष कमो सही और सही कमो पगुरुष
छमोड़ कर दस भू रदे कदे सदाथ सम्बन्ध कर लदे। (दस भू रदा) जिब सही वदा पगुरुष पचत सही मरनदे कदे पश्चदातम् दस भू रदा चववदाह
करनदा चदाहमें तब प्रथम सही कदे वदा पभूवर्थ पचत कदे पददाथर्यों कमो उड़दा लदे जिदानदा और उनकदे कगु टगु म्ब वदालयों कदा उन सदे झगड़दा
करनदा (तहीसरदा) बहह त सदे भद्रकगु ल कदा नदाम वदा चचह भही न रह कर उसकदे पददाथर्थ चछन्न चभन्न हमो जिदानदा (चचौथदा)
पचतरत और सहीरत धमर्थ नष्ट हमोनदा इत्यदाचद दमोषयों कदे अथर्थ चद्विजियों ममें पगुनचवर्थवदाह वदा अनदेक चववदाह कभही न हमोनदे
चदाचहयदे।
(प्रश्न) जिब वसंशच्छदेदन हमो जिदाय तब भही उस कदा कगु ल नष्ट हमो जिदायगदा और सही पगुरुष व्यचभचदारदाचद कमर्थ
कर कदे गभर्थपदातनदाचद बहह त दष्टगु कमर्थ करमेंगदे इसचलयदे पगुनचवर्थवदाह हमोनदा अच्छदा हहै।
(उत्तर) नहह-नहह क्ययोंचक जिमो सही पगुरुष ब्रह्मचयर्थ ममें चस्थर रहनदा चदाहमैं तमो कमोई भही उपद्रव न हमोगदा और
जिमो कगु ल ककी परम्परदा रखनदे कदे चलयदे चकसही अपनदे स्वजिदाचत कदा लड़कदा गमोद लदे लमेंगदे उस सदे कगु ल चलदेगदा और
व्यचभचदार भही न हमोगदा और जिमो ब्रह्मचयर्थ न रख सकमें तमो चनयमोग करकदे सन्तदानमोत्पचत्त कर लमें।
(प्रश्न) पगुनचवर्थवदाह और चनयमोग ममें क्यदा भदेद हहै?
(उत्तर) (पहलदा) जिहैसदे चववदाह करनदे ममें कन्यदा अपनदे चपतदा कदा घर छमोड़ पचत कदे घर कमो प्रदाप्त हमोतही हहै
और चपतदा सदे चवशदेष सम्बन्ध नहह रहतदा और चवधवदा सही उसही चववदाचहत पचत कदे घर ममें रहतही हहै। (दस भू रदा) उसही
चववदाचहतदा सही कदे लड़कदे उसही चववदाचहत पचत कदे ददायभदागही हमोतदे हमैं और चवधवदा सही कदे लड़कदे वहीयदर्थ दातदा कदे न पगुत्र
कहलदातदे न उस कदा गमोत्र हमोतदा और न उस कदा स्वत्व उन लड़कयों पर रहतदा चकन्तगु मकतपचत कदे पगुत्र बजितदे , उसही

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कदा गमोत्र रहतदा और उसही कदे पददाथर्यों कदे ददायभदागही हमोकर उसही घर ममें रहतदे हमैं। (तहीसरदा) चववदाचहत सही-पगुरुष कमो
परस्पर सदेवदा और पदालन करनदा अवश्य हहै। और चनयगुक्त सही-पगुरुष कदा कगु छ भही सम्बन्ध नहह रहतदा। (चचौथदा)
चववदाचहत सही-पगुरुष कदा सम्बन्ध मरणपयर्थन्त रहतदा और चनयगुक्त सही-पगुरुष कदा कदायर्थ कदे पश्चदातम् छभूट जिदातदा हहै।
(पदासंचवदासं) चववदाचहत सही-पगुरुष आपस ममें गकह कदे कदायर्यों ककी चसचद्ध करनदे ममें यत्न चकयदा करतदे और चनयगुक्त सही-पगुरुष
अपनदे-अपनदे घर कदे कदाम चकयदा करतदे हमैं।
(प्रश्न) चववदाह और चनयमोग कदे चनयम एक सदे हमैं वदा पकथकम् -पकथकम् ?
(उत्तर) कगु छ थमोड़दा सदा भदेद हहै। चजितनदे पभूवर्थ कह आयदे और यह चक चववदाचहत सही-पगुरुष एक पचत और
एक हही सही चमल कदे दश सन्तदान तक उत्पन्न कर सकतदे हमैं और चनयगुक्त सही वदा पगुरुष दमो वदा चदार सदे अचधक
सन्तदानमोत्पचत्त नहह कर सकतदे। अथदार्थतम् जिहैसदा कगु मदार कगु मदारही हही कदा चववदाह हमोतदा हहै वहैसदे चजिस ककी सही वदा पगुरुष मर
जिदातदा हहै उन्हह कदा चनयमोग हमोतदा हहै कगु मदारही कदा नहह। जिहैसदे चववदाचहत सही पगुरुष सददा ससंग ममें रहतदे वहैसदे चनयगुक्त सही
पगुरुष कदा व्यवहदार नहह चकन्तगु चवनदा ऋतगुददान कदे समय एकत्र न हयों। जिमो सही अपनदे चलयदे चनयमोग करदे तमो जिब द स भू रदा
गभर्थ रहदे उसही चदन सदे सही पगुरुष कदा सम्बन्ध छभू ट जिदाय और जिमो पगुरुष अपनदे चलयदे करदे तमो भही दस भू रदे गभर्थ रहनदे सदे
सम्बन्ध छभूट जिदाय। परन्तगु वहही चनयगुक्त सही दमो तहीन वषर्थ पयर्थन्त उन लड़कयों कदा पदालन करकदे चनयगुक्त पगुरुष कमो ददे
ददेवदे। ऐसदे एक चवधवदा सही दमो अपनदे चलयदे और दमो-दमो अन्य चदार चनयगुक्त पगुरुषयों कदे चलए दमो-दमो सन्तदान कर सकतही
और एक मकतसहीपगुरुष भही दमो अपनदे चलयदे और दमो-दमो अन्य अन्य चदार चवधवदाओसं कदे चलयदे पगुत्र उत्पन्न कर सकतदा
हहै। ऐसदे चमलकर दस-दस सन्तदानमोत्पचत्त ककी आजदा वदेद ममें हहै। जिहैसदे—
इमदासं त्वचमन्द्र महीढ्वमः सगुप त्रगु दासं सगुभ गदासं कक णगु।
दशदास्यदासं पगुत्र दानदाधदेच ह पचतमदेक दादशसं कक चध॥
—ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 85। मसं॰ 45॥
हदे (महीढ्व इन्द्र) वहीयर्थ सदेचन ममें समथर्थ ऐश्वयर्थयक्त
गु पगुरुष! तभू इस चववदाचहत सही वदा चवधवदा चसययों कमो श्रदेष्ठि
पगुत्र और सचौभदाग्ययगुक्त कर। इस चववदाचहत सही ममें दश पगुत्र उत्पन्न कर और ग्यदारहवह सही कमो मदान ! हदे सही! तभू भही
चववदाचहत पगुरुष वदा चनयगुक्त पगुरुषयों सदे दश सन्तदान उत्पन्न कर और ग्यदारहवमें पचत कमो समझ। इस वदेद ककी आजदा सदे
ब्रदाह्मण, कचत्रय और वहैश्यवणर्थस्थ सही और पगुरुष दश-दश सन्तदान सदे अचधक उत्पन्न न करमें। क्ययोंचक अचधक करनदे
सदे सन्तदान चनबर्थल, चनबगुर्थचद्ध, अल्पदायगु हमोतदे हमैं और सही तथदा पगुरुष भही चनबर्थल , अल्पदायगु और रमोगही हमोकर
वकद्धदावस्थदा ममें बहह त सदे दमःगु ख पदातदे हमैं।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
163

(प्रश्न) यह चनयमोग ककी बदात व्यचभचदार कदे समदान दहीखतही हहै।


(उत्तर) जिहैसदे चवनदा चववदाचहतयों कदा व्यचभचदार हमोतदा हहै वहैसदे चवनदा चनयगुक्तयों कदा व्यचभचदार कहदातदा हहै। इस सदे
यह चसद्ध हह आ चक जिहैसदा चनयम सदे चववदाह हमोनदे पर व्यचभचदार नहह कहदातदा तमो चनयमपभूवर्थक चनयमोग हमोनदे सदे व्यचभचदार
न कहदावदेगदा। जिहैसदे—दस
भू रदे ककी कन्यदा कदा दस भू रदे कदे कगु मदार कदे सदाथ शदासमोक्त चवचधपभूवर्थक चववदाह हमोनदे पर समदागम ममें
व्यचभचदार वदा पदाप लज्जदा नहह हमोतही, वहैसदे हही वदेदशदासमोक्त चनयमोग ममें व्यचभचदार पदाप लज्जदा न मदाननदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) हहै तमो ठहीक, परन्तगु यह वदेश्यदा कदे सदृश कमर्थ चदखतदा हहै।
(उत्तर) नहह, क्ययोंचक वदेश्यदा कदे समदागम ममें चकसही चनचश्चत पगुरुष वदा कमोई चनयम नहह हहै और चनयमोग ममें
चववदाह कदे समदान चनयम हमैं। जिहैसदे दस भू रदे कमो लड़ककी ददेनदे, दस भू रदे कदे सदाथ समदागम करनदे ममें चववदाहपभूवर्थक लज्जदा नहह
हमोतही, वहैसदे हही चनयमोग ममें भही न हमोनही चदाचहयदे। क्यदा जिमो व्यचभचदारही पगुरुष वदा सही हमोतदे हमैं वदे चववदाह हमोनदे पर भही कगु कमर्थ
सदे बचतदे हमैं?
(प्रश्न) हम कमो चनयमोग ककी बदात ममें पदाप मदालभूम पड़तदा हहै।
(उत्तर) जिमो चनयमोग ककी बदात ममें पदाप मदानतदे हमो तमो चववदाह ममें पदाप क्ययों नहह मदानतदे ? पदाप तमो चनयमोग कदे
रमोकनदे ममें हहै। क्ययोंचक ईश्वर कदे सकचष्टक्रमदानगुकभूल सही पगुरुष कदा स्वदाभदाचवक व्यवहदार रुक हही नहह सकतदा, चसवदाय
वहैरदाग्यवदानम् पभूणर्थ चवद्विदानम् यमोचगययों कदे । क्यदा गभर्थपदातनरूप भ्रभूणहत्यदा और चवधवदा सही और मकतकसही पगुरुष कदे
महदासन्तदाप कमो पदाप नहह चगनतदे हमो? क्ययोंचक जिब तक वदे यगुवदावस्थदा ममें हमैं मन ममें सन्तदानमोत्पचत्त और चवषय ककी
चदाहनदा हमोनदे वदालयों कमो चकसही रदाजिव्यवहदार वदा जिदाचतव्यवहदार सदे रुकदावट हमोनदे सदे गगुप्त -गगुप्त कगु कमर्थ बगुरही चदाल सदे हमोतदे
रहतदे हमैं।
इस व्यचभचदार और कगु कमर्थ कदे रमोकनदे कदा एक यहही श्रदेष्ठि उपदाय हहै चक जिमो चजितदेचन्द्रय रह सकमें चववदाह वदा
चनयमोग भही न करमें तमो ठहीक हहै। परन्तगु जिमो ऐसदे नहह हमैं उन कदा चववदाह और आपत्कदाल ममें चनयमोग अवश्य हमोनदा
चदाचहयदे। इस सदे व्यचभचदार कदा न्यभून हमोनदा, प्रदेम सदे उत्तम सन्तदान हमोकर मनगुष्ययों ककी वकचद्ध हमोनदा सम्भव हहै और
गभर्थहत्यदा सवर्थथदा छभूट जिदातही हहै। नहीच पगुरुषयों सदे उत्तम सही और वदेश्यदाचद नहीच चसययों सदे उत्तम पगुरुषयों कदा
व्यचभचदाररूप कगु कमर्थ, उत्तम कगु ल ममें कलसंक, वसंश कदा उच्छदेद, सही और पगुरुषयों कमो सन्तदाप और गभर्थहत्यदाचद
कगु कमर्थ चववदाह और चनयमोग सदे चनवकत्त हमोतदे हमैं, इसचलयदे चनयमोग करनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) चनयमोग ममें क्यदा-क्यदा बदात हमोनही चदाचहयदे?

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
163

(उत्तर) जिहैसदे प्रचसचद्ध सदे चववदाह, वहैसदे हही प्रचसचद्ध सदे चनयमोग। चजिस प्रकदार चववदाह ममें भद्र पगुरुषयों ककी
अनगुमचत और कन्यदा-वर ककी प्रसन्नतदा हमोतही हहै, वहैसदे चनयमोग ममें भही। अथदार्थतम् जिब सही-पगुरुष कदा चनयमोग हमोनदा हमो तब
अपनदे कगु टगु म्ब ममें पगुरुष चसययों कदे सदामनदे-‘हम दमोनयों चनयमोग सन्तदानमोत्पचत्त कदे चलयदे करतदे हमैं। जिब चनयमोग कदा चनयम
पभूरदा हमोगदा तब हम ससंयमोग न करमेंगदे। जिमो अन्यथदा करमें तमो पदापही और जिदाचत वदा रदाज्य कदे दण्डनहीय हयों। महहीनदे ममें
एकवदार गभदार्थधदान कदा कदाम करमेंगदे, गभर्थ रहदे पश्चदातम् एक वषर्थ पयर्थन्त पकथकम् रहमेंगदे। ’
(प्रश्न) चनयमोग अपनदे वणर्थ ममें हमोनदा चदाचहयदे वदा अन्य वणर्यों कदे सदाथ भही?
(उत्तर) अपनदे वणर्थ ममें वदा अपनदे सदे उत्तमवणर्थस्थ पगुरुष कदे सदाथ अथदार्थतम् वहैश्यदा सही वहैश्य, कचत्रय और
ब्रदाह्मण कदे सदाथ; कचत्रयदा कचत्रय और ब्रदाह्मण कदे सदाथ; ब्रदाह्मणही ब्रदाह्मण कदे सदाथ चनयमोग कर सकतही हहै। इसकदा
तदात्पयर्थ यह हहै चक वहीयर्थ सम वदा उत्तम वणर्थ कदा चदाचहयदे , अपनदे सदे नहीचदे वणर्थ कदा नहह। सही और पगुरुष ककी सकचष्ट कदा
यहही प्रयमोजिन हहै चक धमर्थ सदे अथदार्थतम् वदेदमोक्त रहीचत सदे चववदाह वदा चनयमोग सदे सन्तदानमोत्पचत्त करनदा।
(प्रश्न) पगुरुष कमो चनयमोग करनदे ककी क्यदा आवश्यकतदा हहै क्ययोंचक वह दस
भू रदा चववदाह करदेगदा?
(उत्तर) हम चलख आयदे हमैं, चद्विजियों ममें सही और पगुरुष कदा एक हही वदार चववदाह हमोनदा वदेददाचद शदासयों ममें
चलखदा हहै, चद्वितहीय वदार नहह। कगु मदार और कगु मदारही कदा चववदाह हमोनदे ममें न्यदाय और चवधवदा सही कदे सदाथ कगु मदार पगुरुष
और कगु मदारही सही कदे सदाथ मकतसही पगुरुष कदे चववदाह हमोनदे ममें अन्यदाय अथदार्थतम् अधमर्थ हहै। जिहैसदे चवधवदा सही कदे सदाथ
कगु मदार पगुरुष चववदाह नहह चकयदा चदाहतदा, वहैसदे हही चववदाचहत सही सदे समदागम चकयदे हह ए पगुरुष कदे सदाथ चववदाह करनदे ककी
इच्छदा कगु मदारही भही न करदेगही। जिब चववदाह चकयदे हह ए पगुरुष कमो कमोई कगु मदारही कन्यदा और चवधवदा सही कदा ग्रहण कमोई
कगु मदार पगुरुष न करदेगदा तब पगुरुष और सही कमो चनयमोग करनदे ककी आवश्यकतदा हमोगही और यहही धमर्थ हहै चक जिहैसदे कदे
सदाथ वहैसदे हही कदा सम्बन्ध हमोनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) जिहैसदे चववदाह ममें वदेददाचद शदासयों कदा प्रमदाण हहै, वहैसदे चनयमोग ममें प्रमदाण हहै वदा नहह?
(उत्तर) इस चवषय ममें बहह त प्रमदाण हमैं। ददेखमो और सगुनमो—
कगु ह चस्वदम् दमोषदा कगु ह वस्तमोरचश्वनदा कगु हदाचभचपत्वसं करतमः कगु हमोषतगुमः । कमो वदासं शयगुत्र दा
चवधवदेव ददेव रसं मयर्वं न यमोषदा कक णगु त दे सधस्थ आ॥ —ऋ॰ मसं॰
10। सभू॰ 40। मसं॰ 2॥
उदहीष्वर्थ नदायर्थच भजिहीवलमोकसं गतदासगुम तदे मगुप शदेष एचह।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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हस्तग्रदाभस्य चदचधषमोस्तवदेद सं पत्य गुजि र्थच नत्वमचभ ससंब भभूथ ॥2॥


—ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 18। मसं॰ 8॥
हदे (अचश्वनदा ) सही पगुरुषमो! जिहैसदे (ददेवरसं चवधवदेव) ददेवर कमो चवधवदा और (यमोषदा मयर्थन्न) चववदाचहतदा सही
अपनदे पचत कमो (सधस्थदे) समदान स्थदान शय्यदा ममें एकत्र हमोकर सन्तदानमोत्पचत्त कमो (आ कक णगुत)दे सब प्रकदार सदे
उत्पन्न करतही हहै, वहैसदे तगुम दमोनयों सही पगुरुष (कगु ह चस्वद्दमोषदा) कहदासं रदाचत्र और (कगु ह वस्तमः) कहदासं चदन ममें वसदे थदे?
(कगु हदाचभचपत्वमम्) कहदासं पददाथर्यों ककी प्रदाचप्त (करतमः) ककी? और (कगु हमोषतगुमः) चकस समय कहदासं वदास करतदे थदे?
(कमो वदासं शयगुत्रदा) तगुम्हदारदा शयनस्थदान कहदासं हहै? तथदा कचौन वदा चकस ददेश कदे रहनदे वदालदे हमो? इससदे यह चसद्ध हह आ
चक ददेश चवददेश ममें सही पगुरुष ससंग हही ममें रहमैं और चववदाचहत पचत कदे समदान चनयगुक्त पचत कमो ग्रहण करकदे चवधवदा सही
भही सन्तदानमोत्पचत्त कर लदेवदे।
(प्रश्न) यचद चकसही कदा छमोटदा भदाई हही न हमो तमो चवधवदा चनयमोग चकसकदे सदाथ करदे?
(उत्तर) ददेवर कदे सदाथ, परन्तगु ददेवर शब्द कदा अथर्थ जिहैसदा तगुम समझदे हमो वहैसदा नहह। ददेखमो चनरुक्त ममें—
ददेव रमः कस्मदादम् चद्वितहीयमो वर उच्यतदे।
—चनरु॰ अ॰ 3। खण्ड 15॥
ददेवर उस कमो कहतदे हमैं चक जिमो चवधवदा कदा दस भू रदा पचत हमोतदा हहै, चदाहदे छमोटदा भदाई वदा बड़दा भदाई, अथवदा
अपनदे वणर्थ वदा अपनदे सदे उत्तम वणर्थ वदालदा हमो, चजिस सदे चनयमोग करदे उसही कदा नदाम ददेवर हहै।
(नदारर) चवधवदे तभू (एतसं गतदासगुमम्) इस मरदे हह ए पचत ककी आशदा छमोड़ कदे (शदेषदे) बदाककी पगुरुषयों ममें सदे (अचभ
जिहीवलमोकमम्) जिहीतदे हह ए दस
भू रदे पचत कमो (उपहैचह) प्रदाप्त हमो और (उदहीष्वर्थ) इस बदात कदा चवचदार और चनश्चय रख चक
जिमो (हस्तग्रदाभस्य चदचधषमोमः) तगुम चवधवदा कदे पगुनमः पदाचणग्रहण करनदे वदालदे चनयगुक्त पचत कदे सम्बन्ध कदे चलयदे चनयमोग
हमोगदा तमो (इदमम्) यह (जिचनत्वमम्) जिनदा हह आ बदालक उसही चनयगुक्त (पत्यगुमः) पचत कदा हमोगदा और जिमो तभू अपनदे चलयदे
चनयमोग करदेगही तमो यह सन्तदान (तव) तदेरदा हमोगदा। ऐसदे चनश्चय यगुक्त (अचभ समम् बभभूथ) हमो और चनयगुक्त पगुरुष भही
इसही चनयम कदा पदालन करदे।
अददेव घ्क न्यपचतघ् नहीहहैच ध चशवदा पशगुभ् यमः सगुय मदा सगुव चदार्थमः ।
प्रजिदावतही वहीरसभूद वर्वे कक दामदा स्यमोनदेम मचग्निसं गदाहर्थप त्यसं सपयर्थ॥
—अथवर्थ॰ कदा॰ 14। अनगु॰ 2। मसं॰ 18॥
हदे (अपचतघ्न्यददेवकचघ्न) पचत और ददेवर कमो दमःगु ख न ददेनदे वलही सही तभू (इह) इस गकहदाश्रम ममें (पशगुभ्यमः)
पशगुओसं कदे चलयदे (चशवदा) कल्यदाण करनदेहदारही (सगुयमदा) अच्छदे प्रकदार धमर्थ-चनयम ममें चलनदे (सगुवचदार्थमः) रूप और
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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सवर्थशदास चवददायक्त गु (प्रजिदावतही) उत्तम पगुत्र पचौत्रदाचद सदे सचहत (वहीरसभूमः) शभूरवहीर पगुत्रयों कमो जिननदे (ददेवककदामदा) ददेवर
ककी कदामनदा करनदे वदालही (स्यमोनदा) और सगुख ददेनदेहदारही पचत वदा ददेवर कमो (एचध) प्रदाप्त हमोकदे (इममम्) इस
(गदाहर्थपत्यमम्) गकहस्थ सम्बन्धही (अचग्निमम्) अचग्निहमोत्र कमो (सपयर्थ) सदेवन चकयदा कर।
तदामनदेन चवधदानदेन चनजिमो चवन्ददेत ददेव रमः॥ मनगु॰॥
जिमो अकतयमोचन सही चवधवदा हमो जिदाय तमो पचत कदा चनजि छमोटदा भदाई उस सदे चववदाह कर सकतदा हहै।
(प्रश्न) एक सही वदा पगुरुष चकतनदे चनयमोग कर सकतदे हमैं और चववदाचहत चनयगुक्त पचतययों कदा नदाम क्यदा हमोतदा
हहै?
(उत्तर) समोममः प्रथममो चवचवददे गन्धवर्वो चवचवद उत्तरमः।
तकत हीयमो अचग्निष्टदे पचतस्तगुर हीयस्तदे मनगुष् यजिदामः॥
—ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 85। मसं॰ 40॥
हदे चस! जिमो (तदे) तदेरदा (प्रथममः) पहलदा चववदाचहत (पचतमः) पचत तगुझ कमो (चवचवददे) प्रदाप्त हमोतदा हहै उस कदा
नदाम (समोममः) सगुकगुमदारतदाचद गगुणयगुक्त हमोनदे सदे समोम, जिमो दस भू रदा चनयमोग हमोनदे सदे (चवचवददे) प्रदाप्त हमोतदा वह (गन्धवर्थमः)
एक सही सदे ससंभमोग करनदे सदे गन्धवर्थ, जिमो (तकतहीय उत्तरमः) दमो कदे पश्चदातम् तहीसरदा पचत हमोतदा हहै वह (अचग्निमः)
अत्यगुष्णतदायक्तगु हमोनदे सदे अचग्निससंजक और जिमो (तदे) तदेरदे (तगुरहीयमः) चचौथदे सदे लदेकदे ग्यदारहवमें तक चनयमोग सदे पचत हमोतदे हमैं
वदे (मनगुष्यजिदामः) मनगुष्य नदाम सदे कहदातदे हमैं। जिहैसदा (इमदासं त्वचमन्द्र) इस मन्त्र ममें ग्यदारहवमें पगुरुष तक सही चनयमोग कर
सकतही हहै, वहैसदे पगुरुष भही ग्यदारहवह सही तक चनयमोग कर सकतदा हहै।
(प्रश्न) एकदादश शब्द सदे दश पगुत्र और ग्यदारहवमें पचत कमो क्ययों चगनदे?
(उत्तर) जिमो ऐसदा अथर्थ करमोगदे तमो ‘चवधवदेव ददेव रमम्’ ‘ददेव रमः कस्मदादम् चद्वितहीयमो वर उच्यतदे’
‘अददेव चक घ्न’ और ‘गन्धवर्वो चवचवद उत्तरमः’ इत्यदाचद वदेदप्रमदाणयों सदे चवरुद्धदाथर्थ हमोगदा क्ययोंचक तगुम्हदारदे अथर्थ सदे दस
भू रदा
भही पचत प्रदाप्त नहह हमो सकतदा।
ददेव रदादम् वदा सचपण्डदादम् वदा चसयदा सम्यङम् चनयगुक्त यदा।
प्रजिदेच प्सतदाचधगन्तव्यदा सन्तदानस्य पररकयदे॥ 1॥
ज्यदेष्ठि मो यवहीयसमो भदायदार्थ यवहीयदानम् वदाग्रजिचसयमम्।
पचततचौ भवतमो गत्वदा चनय गुक्त दावप्यनदापचद॥2॥

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औरसमः कदेत्र जिश्चहैव ॰॥3॥ मनगु॰॥


इत्यदाचद मनगु जिही नदे चलखदा हहै चक (सचपण्ड) अथदार्थतम् पचत ककी छमः पहीचढ़ययों ममें पचत कदा छमोटदा वदा बड़दा भदाई
अथवदा स्वजिदातहीय तथदा अपनदे सदे उत्तम जिदाचतस्थ पगुरुष सदे चवधवदा सही कदा चनयमोग हमोनदा चदाचहयदे। परन्तगु जिमो वह
मकतसहीपगुरुष वदा चवधवदा सही सन्तदानमोत्पचत्त ककी इच्छदा करतही हमो तमो चनयमोग हमोनदा उचचत हहै। और जिब सन्तदान कदा
सवर्थथदा कय हमो तब चनयमोग हमोवदे। जिमो आपत्कदाल अथदार्थतम् सन्तदानयों कदे हमोनदे ककी इच्छदा न हमोनदे ममें बड़दे भदाई ककी सही सदे
छमोटदे कदा और छमोटदे ककी सही सदे बड़दे भदाई कदा चनयमोग हमोकर सन्तदानमोत्पचत्त हमो जिदानदे पर भही पगुनमः वदे चनयगुक्त आपस ममें
समदागम करमें तमो पचतत हमो जिदायमें। अथदार्थतम् एक चनयमोग ममें दस भू रदे पगुत्र कदे गभर्थ रहनदे तक चनयमोग ककी अवचध हहै , इसकदे
पश्चदातम् समदागम न करमें और जिमो दमोनयों कदे चलयदे चनयमोग हह आ हमो तमो चचौथदे गभर्थ तक अथदार्थतम् पभूवर्वोक्त रहीचत सदे दस
सन्तदान तक हमो सकतदे हमैं। पश्चदातम् चवषयदासचक्त चगनही जिदातही हहै, इस सदे वदे पचतत चगनदे जिदातदे हमैं और जिमो चववदाचहत
सही पगुरुष भही दशवमें गभर्थ सदे अचधक समदागम करमें तमो कदामही और चनचन्दत हमोतदे हमैं ? अथदार्थतम् चववदाह वदा चनयमोग
सन्तदानयों हही कदे अथर्थ चकयदे जिदातदे हमैं पशगुवतम् कदामक्रकीडदा कदे चलयदे नहह।
(प्रश्न) चनयमोग मरदे पहीछदे हही हमोतदा हहै वदा जिहीतदे पचत कदे भही?
(उत्तर) जिहीतदे भही हमोतदा हहै—
अन्यचमच्छस्व सगुभ गदे पचतसं मतम्॥
—ऋ॰ मसं॰ 11। सभू॰ 10॥
जिब पचत सन्तदानमोत्पचत ममें असमथर्थ हमोवदे तब अपनही सही कमो आजदा ददेवदे चक हदे सगुभगदे ! सचौभदाग्य ककी इच्छदा
करनदे हदारही सही तभू (मतम्) मगुझ सदे (अन्यमम्) दस भू रदे पचत ककी (इच्छस्व) इच्छदा कर क्ययोंचक अब मगुझ सदे
सन्तदानमोत्पचत्त ककी आशदा मत कर। तब सही दस भू रदे सदे चनयमोग करकदे सन्तदानमोत्पचत्त करदे परन्तगु उस चववदाचहत महदाशय
पचत ककी सदेवदा ममें तत्पर रहहै। वहैसदे हही सही भही जिब रमोगदाचद दमोषयों सदे ग्रस्त हमोकर सन्तदानमोत्पचत्त ममें असमथर्थ हमोवदे तब
अपनदे पचत कमो आजदा ददेवदे चक हदे स्वदामही आप सन्तदानमोत्पचत्त ककी इच्छदा मगुझ सदे छमोड़ कदे चकसही दस भू रही चवधवदा सही सदे
चनयमोग करकदे सन्तदानमोत्पचत्त ककीचजियदे। जिहैसदा चक पदाण्डगु रदाजिदा ककी सही कगु न्तही और मदाद्रही आचद नदे चकयदा और जिहैसदा
व्यदास जिही नदे चचत्रदाङद और चवचचत्रवहीयर्थ कदे मर जिदानदे पश्चदातम् उन अपनदे भदाइययों ककी चसययों सदे चनयमोग करकदे अचम्बकदा
ममें धकतरदाष्टछ और अम्बदाचलकदा ममें पदाण्डगु और ददासही ममें चवदरगु ककी उत्पचत्त ककी। इत्यदाचद इचतहदास भही इस बदात ममें प्रमदाण
हहै।
प्रमोचषतमो धमर्थक दायदार्थथ र्वं प्रतहीक्ष्यमोऽष्टचौ नरमः समदामः।
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चवददाथर्वं षडम् यशमोऽथर्वं वदा कदामदाथर्वं त्रहस्तगु वत्सरदानम्॥ 1॥


वन्ध्यदाष्टमदेऽ चधवदेद दाब्ददे दशमदे तगु मकत प्रजिदामः।
एकदादशदे सहीजिननही सदस्त्वचप्रयवदाचदनही॥2॥ मनगु॰॥
चववदाचहत सही जिमो चववदाचहत पचत धमर्थ कदे अथर्थ परददेश गयदा हमो तमो आठ वषर्थ, चवददा और ककीचतर्थ कदे चलयदे गयदा
हमो तमो छमः और धनदाचद कदामनदा कदे चलयदे गयदा हमो तमो तहीन वषर्थ तक बदाट ददेख कदे , पश्चदातम् चनयमोग करकदे
सन्तदानमोत्पचत्त कर लदे। जिब चववदाचहत पचत आवदे तब चनयगुक्त पचत छभूट जिदावदे॥ 1॥वहैसदे हही पगुरुष कदे चलयदे भही चनयम हहै
चक वन्ध्यदा हमो तमो आठवमें (चववदाह सदे आठ वषर्थ तक सही कमो गभर्थ न रहहै ), सन्तदान हमोकर मर जिदायमें तमो दशवमें, जिब-
जिब हमो तब-तब कन्यदा हही हमोवदे पगुत्र न हयों तमो ग्यदारहवमें वषर्थ तक और जिमो अचप्रय बमोलनदे वदालही हमो तमो सदमः उस सही
कमो छमोड़ कदे दस भू रही सही सदे चनयमोग करकदे सन्तदानमोत्पचत्त कर लदेवदे॥2॥
वहैसदे हही जिमो पगुरुष अत्यन्त दमःगु खददायक हमो तमो सही कमो उचचत हहै चक उस कमो छमोड़ कदे दस भू रदे पगुरुष सदे चनयमोग
कर सन्तदानमोत्पचत्त करकदे उसही चववदाचहत पचत कदे ददायभदागही सन्तदानमोत्पचत्त कर लदेवदे। इत्यदाचद प्रमदाण और यगुचक्तययों सदे
स्वयसंवर चववदाह और चनयमोग सदे अपनदे-अपनदे कगु ल ककी उन्नचत करदे। जिहैसदा ‘औरस’ अथदार्थतम् चववदाचहत पचत सदे उत्पन्न
हह आ पगुत्र चपतदा कदे पददाथर्यों कदा स्वदामही हमोतदा हहै वहैसदे हही ‘कदेत्रजि’ अथदार्थतम् चनयमोग सदे उत्पन्न हह ए पगुत्र भही चपतदा कदे
ददायभदागही हमोतदे हमैं।
अब इस पर सही और पगुरुष कमो ध्यदान रखनदा चदाचहयदे चक वहीयर्थ और रजि कमो अमभूल्य समझमें। जिमो कमोई इस
अमभूल्य पददाथर्थ कमो परसही, वदेश्यदा वदा दष्टगु पगुरुषयों कदे ससंग ममें खमोतदे हमैं वदे महदामभूखर्थ हमोतदे हमैं। क्ययोंचक चकसदान वदा मदालही
मभूखर्थ हमोकर भही अपनदे खदेत वदा वदाचटकदा कदे चवनदा अन्यत्र बहीजि नहह बमोतदे। जिमो चक सदाधदारण बहीजि और मभूखर्थ कदा ऐसदा
वतर्थमदान हहै तमो जिमो सवर्वोत्तम मनगुष्यशरहीर रूप वकक कदे बहीजि कमो कगु कदेत्र ममें खमोतदा हहै वह महदामभूखर्थ कहदातदा हहै , क्ययोंचक
उस कदा फल उस कमो नहह चमलतदा और ‘आत्मदा वहै जिदायतदे पगुत्र मः’ यह ब्रदाह्मण ग्रन्थयों कदा वचन हहै।
अङदादङदातम् सम्भवचस हृदयदादचध जिदायसदे।
आत्मदाचस पगुत्र मदा मकथ दामः स जिहीव शरदमः शतमम्॥
—यह सदामवदेद कदे ब्रदाह्मण कदा वचन हहै।
हदे पगुत्र! तभू अङ-अङ सदे उत्पन्न हह ए वहीयर्थ सदे और हृदय सदे उत्पन्न हमोतदा हहै, इसचलयदे तभू मदेरदा आत्मदा हहै,
मगुझ सदे पभूवर्थ मत मरदे चकन्तगु सचौ वषर्थ तक जिही। चजिस सदे ऐसदे -ऐसदे महदात्मदा और महदाशययों कदे शरहीर उत्पन्न हमोतदे हमैं उस
कमो वदेश्यदाचद दष्टगु कदेत्र ममें बमोनदा वदा दष्टगु बहीजि अच्छदे कदेत्र ममें बगुवदानदा महदापदाप कदा कदाम हहै।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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(प्रश्न) चववदाह क्ययों करनदा? क्ययोंचक इस सदे सही पगुरुष कमो बन्धन ममें पड़कदे बहह त ससंकमोच करनदा और
दमःगु ख भमोगनदा पड़तदा हहै इसचलयदे चजिस कदे सदाथ चजिस ककी प्रहीचत हमो तब तक वदे चमलदे रहमें , जिब प्रहीचत छभूट जिदाय तमो
छमोड़ ददेवमें।
(उत्तर) यह पशगु पचकययों कदा व्यवहदार हहै, मनगुष्ययों कदा नहह। जिमो मनगुष्ययों ममें चववदाह कदा चनयम न रहहै तमो
गकहदाश्रम कदे अच्छदे-अच्छदे व्यवहदार सब नष्ट भ्रष्ट हमो जिदायमें। कमोई चकसही ककी सदेवदा भही न करदे। और महदाव्यचभचदार बढ़
कर सब रमोगही चनबर्थल और अल्पदायगु हमोकर शहीघ्र-शहीघ्र मर जिदायमें। कमोई चकसही सदे भय वदा लज्जदा न करदे। वकद्धदावस्थदा ममें
कमोई चकसही ककी सदेवदा भही नहह करदे और महदाव्यचभचदार बढ़ कर सब रमोगही चनबर्थल और अल्पदाय गु हमोकर कगु लयों कदे कगु ल
नष्ट हमो जिदायमें। कमोई चकसही कदे पददाथर्यों कदा स्वदामही वदा ददायभदागही भही न हमो सकदे और न चकसही कदा चकसही पददाथर्थ पर
दहीघर्थकदालपयर्थन्त स्वत्व रहहै। इत्यदाचद दमोषयों कदे चनवदारणदाथर्थ चववदाह हही हमोनदा सवर्थथदा यमोग्य हहै।
(प्रश्न) जिब एक चववदाह हमोगदा एक पगुरुष कमो एक सही और एक सही कमो एक पगुरुष रहदेगदा जिब सही गभर्थवतही
चस्थररमोचगणही अथवदा पगुरुष दहीघर्थरमोगही हमो और दमोनयों ककी यगुवदावस्थदा हमो, रहदा न जिदाय तमो चफर क्यदा करदे?
(उत्तर) इस कदा प्रत्यगुत्तर चनयमोग चवषय ममें ददे चगुकदे हमैं। और गभर्थवतही सही सदे एक वषर्थ समदागम न करनदे कदे
समय ममें दहीघर्थरमोगही पगुरुष ककी सही सदे न रहदा जिदाय तमो चकसही सदे चनयमोग करकदे उस कदे चलए पगुत्रमोत्पचत्त कर ददे , परन्तगु
वदेश्यदागमन वदा व्यचभचदार कभही न करदे।
जिहदासं तक हमो वहदासं तक अप्रदाप्त वस्तगु ककी इच्छदा, प्रदाप्त कदा रकण और रचकत ककी वकचद्ध, बढ़दे हह ए धन कदा
व्यय ददेशमोपकदार करनदे ममें चकयदा करमें। सब प्रकदार कदे अथदार्थतम् पभूवर्वोक्त रहीचत सदे अपनदे -अपनदे वणदार्थश्रम कदे व्यवहदारयों कमो
अत्यगुत्सदाहपभूवर्थक प्रयत्न सदे तन, मन, धन सदे सवर्थददा परमदाथर्थ चकयदा करमें। अपनदे मदातदा, चपतदा, शदाशगु श्वशगुर ककी
अत्यन्त शगुश्रभूषदा करमें। चमत्र और अड़मोसही पड़मोसही, रदाजिदा, चवद्विदानम्, वहैद और सत्पगुरुषयों सदे प्रहीचत रख कदे और जिमो दष्टगु
अधमर्त्ती हयों उनसदे उपदेकदा अथदार्थतम् द्रमोह छमोड़ कर उनकदे सगुधदारनदे कदा प्रयत्न चकयदा करमें। जिहदाह तक बनदे वहदासं तक प्रदेम सदे
अपनदे सन्तदानयों कदे चवद्विदानम् और सगुचशकदा करनदे करदानदे ममें धनदाचद पददाथर्यों कदा व्यय करकदे उनकमो पभूणर्थ चवद्विदानम्
सगुचशकदायक्तगु कर दमें और धमर्थयक्त गु व्यवहदार करकदे ममोक कदा भही सदाधन चकयदा करमें चक चजिसककी प्रदाचप्त सदे परमदानन्द
भमोगमें। और ऐसदे-ऐसदे श्लमोकयों कमो न मदानमें। जिहैसदे—
पचततमोऽचप चद्विजिमः श्रदेष्ठि मो न च शभूद्र मो चजितदेच न्द्रयमः।
चनदगुर्थग् धदा चदाचप गचौमः पभूज् यदा न च द गुग् धवतही खरही॥1॥
अश्वदालम्भसं गवदालम्भसं ससंन् यदाससं पलपहैच त्रकमम्।
ददेव रदाच्चि सगुत मोत्पचत्तसं कलचौ पञ्च चववजिर्थय देत म्॥ 2॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुथ र्थमः समगुल दासमः
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नष्टदे मकत दे प्ररचजितदे क्लकीबदे च पचततदे पतचौ।


पञ्चस्वदापत्सगु नदारहीणदासं पचतरन्यमो चवधहीयतदे॥ 3॥
—यदे कपमोलकचल्पत पदारदाशरही कदे श्लमोक हमैं।
जिमो दष्टगु कमर्थकदारही चद्विजि कमो श्रदेष्ठि और श्रदेष्ठि कमर्थकदारही शभूद्र कमो नहीच मदानमैं तमो इस सदे परदे पकपदात , अन्यदाय,
अधमर्थ दस भू रदा अचधक क्यदा हमोगदा? क्यदा दधभू ददेनदे वदालही वदा न ददेनदे वदालही गदाय गमोपदालयों कमो पदालनहीय हमोतही हहै , वहैसदे
कगु म्हदार आचद कमो गधहही पलनहीय नहह हमोतही? और यह दृष्टदान्त भही चवषम हहै, क्ययोंचक चद्विजि और शभूद्र मनगुष्य जिदाचत
गदाय और गधहही चभन्न जिदाचत हमैं। कथचञ्चतम् पशगु जिदाचत सदे दृष्टदान्त कदा एकददेश ददाष्टदार्थन्त ममें चमल भही जिदावदे तमो भही इसकदा
आशय अयगुक्त हमोनदे सदे यदे श्लमोक चवद्विदानयों कदे मदाननहीय कभही नहह हमो सकतदे॥1॥
जिब अश्वदालम्भ अथदार्थतम् घमोड़दे कमो मदार कदे अथवदा गदाय कमो मदार कदे हमोम करनदा हही वदेदचवचहत नहह हहै तमो
उसकदा कचलयगुग ममें चनषदेध करनदा वदेदचवरुद्ध क्ययों नहह? जिमो कचलयगुग ममें इस नहीच कमर्थ कदा चनषदेध मदानदा जिदाय तमो
त्रदेतदा आचद ममें चवचध आ जिदाय तमो इस ममें ऐसदे दष्टगु कदाम कदा श्रदेष्ठि यगुग ममें हमोनदा सवर्थथदा असम्भव हहै। और ससंन्यदास ककी
वदेददाचद शदासयों ममें चवचध हहै उस कदा चनषदेध करनदा चनमभूर्थल हहै। जिब मदासंस कदा चनषदेध हहै तमो सवर्थददा हही चनषदेध हहै। जिब ददेवर
सदे पगुत्रमोत्पचत्त करनही वदेदयों ममें चलखही हहै तमो यह श्लमोककतदार्थ क्ययों भभूसंषतदा हहै?॥2॥
यचद (नष्टदे) अथदार्थतम् पचत चकसही ददेश ददेशदान्तर कमो चलदा गयदा हमो घर ममें सही चनयमोग कर लदेवदे उसही समय
चववदाचहत पचत आ जिदाय तमो वह चकस ककी सही हमो? कमोई कहदे चक चववदाचहत पचत ककी। हम नदे मदानदा; परन्तगु ऐसही
व्यवस्थदा पदारदाशरही ममें नहह चलखही। क्यदा सही कदे पदासंच हही आपत्कदाल हमैं? जिमो रमोगही पड़दा हमो वदा लड़दाई हमो गई हमो
इत्यदाचद आपत्कदाल पदासंच सदे भही अचधक हमैं। इसचलयदे ऐसदे-ऐसदे श्लमोकयों कमो कभही न मदाननदा चदाचहयदे॥3॥
(प्रश्न) क्ययों जिही तगुम परदाशर मगुचन कदे वचन कमो भही नहह मदानतदे?
(उत्तर) चदाहदे चकसही कदा वचन हमो परन्तगु वदेदचवरुद्ध हमोनदे सदे नहह मदानतदे। और यह तमो परदाशर कदा वचन
भही नहह हहै क्ययोंचक जिहैसदे ‘ब्रह्ममोवदाच, वचसष्ठि उवदाच, रदाम उवदाच, चशव उवदाच, चवष्णगु रु वदाच, ददेव् यगु व दाच’
इत्यदाचद श्रदेष्ठियों कदा नदाम चलख कदे ग्रन्थरचनदा इसचलयदे करतदे हमैं चक सवर्थमदान्य कदे नदाम सदे इन ग्रन्थयों कमो सब ससंसदार
मदान लदेवदे और हमदारही पगुष्कल जिहीचवकदा भही हमो। इसचलयदे अनथर्थ गदाथदाय क्त गु ग्रन्थ बनदातदे हमैं। कगु छ-कगु छ प्रचकप्त
श्लमोकयों कमो छमोड़ कदे मनगुस् मकच त हही वदेद दानगुकभू ल हहै, अन्य स्मकच त नहह। ऐसदे हही अन्य जिदालग्रन्थयों ककी भही
व्यवस्थदा समझ लमो।
(प्रश्न) गकहदाश्रम सब सदे छमोटदा वदा बड़दा हहै?
(उत्तर) अपनदे-अपनदे कत्तर्थव्यकमर्यों ममें सब बड़दे हमैं। परन्तगु—
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यथदा नदहीनददामः सवर्वे सदागरदे यदाचन्त ससंच स्थचतमम्।


तथहैव दाश्रचमणमः सवर्वे गकह स्थदे यदाचन्त ससंच स्थचतमम्॥ 1॥
यथदा वदायगु सं समदाचश्रत्य वत्तर्थन् तदे सवर्थजि न्तवमः।
तथदा गकह स्थमदाचश्रत्य वत्तर्थन् तदे सवर्थ आश्रमदामः॥2॥
यस्मदातम् त्र्यमोऽप्यदाश्रचमणमो ददानदेन दान्नदेन चदान्वहमम्।
गकह स्थदेन वहै धदायर्थन् तदे तस्मदाज्जयदेष्ठि दाश्रममो गकह ही॥3॥
स ससंध दायर्थमः प्रयत्नदेन स्वगर्थम कयचमच्छतदा।
सगुखसं चदेह देच् छतदा चनत्यसं यमोऽधदायर्वो द गुब ल र्थ चदे न्द्रयहैमः ॥4॥ मनगु॰॥
जिहैसदे नदही और बड़दे-बड़दे नद तब तक भ्रमतदे हही रहतदे हमैं जिब तक समगुद्र कमो प्रदाप्त नहह हमोतदे , वहैसदे गकहस्थ हही
कदे आश्रय सदे सब आश्रम चस्थर रहतदे हमैं॥1॥
चवनदा इस आश्रम कदे चकसही आश्रम कदा कमोई व्यवहदार चसद्ध नहह हमोतदा॥2॥चजिस सदे ब्रह्मचदारही, वदानप्रस्थ
और ससंन्यदासही तहीन आश्रमयों कमो ददान और अन्नदाचद ददेकदे प्रचतचदन गकहस्थ हही धदारण करतदा हहै इससदे गकहस्थ ज्यदेष्ठिदाश्रम
हहै, अथदार्थतम् सब व्यवहदारयों ममें धगुरन्धर कहदातदा हहै॥3॥
इसचलयदे जिमो (अकय) ममोक और ससंसदार कदे सगुख ककी इच्छदा करतदा हमो वह प्रयत्न सदे गकहदाश्रम कदा धदारण
करदे। जिमो गकहदाश्रम दबगु र्थलदेचन्द्रय अथदार्थतम् भहीरु और चनबर्थल पगुरुषयों सदे धदारण करनदे कदे अयमोग्य हहै उसकमो अच्छदे प्रकदार
धदारण करदे॥4॥
इसचलयदे चजितनदा कगु छ व्यवहदार ससंसदार ममें हहै उस कदा आधदार गकहदाश्रम हहै। जिमो यह गकहदाश्रम न हमोतदा तमो
सन्तदानमोत्पचत्त कदे न हमोनदे सदे ब्रह्मचयर्थ, वदानप्रस्थ और ससंन्यदास आश्रम कहदासं सदे हमो सकतदे ? जिमो कमोई गकहदाश्रम ककी
चनन्ददा करतदा हहै वहही चनन्दनहीय हहै और जिमो प्रशसंसदा करतदा हहै वहही प्रशसंसनहीय हहै। परन्तगु तभही गकहदाश्रम ममें सगुख हमोतदा हहै
जिब सही पगुरुष दमोनयों परस्पर प्रसन्न, चवद्विदानम्, पगुरुषदाथर्त्ती और सब प्रकदार कदे व्यवहदारयों कदे जदातदा हयों। इसचलयदे गकहदाश्रम
कदे सगुख कदा मगुख्य कदारण ब्रह्मचयर्थ और पभूवर्वोक्त स्वयसंवर चववदाह हहै।
यह ससंकदेप सदे समदावत्तर्थन चववदाह और गकहदाश्रम कदे चवषय ममें चशकदा चलख दही। इसकदे आगदे वदानप्रस्थ और
ससंन्यदास कदे चवषय ममें चलखदा जिदायदेगदा।
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे
सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे समदावत्तर्थन चववदाहगकह दाश्रमचवषयदे
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चतगुथ र्थमः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥4॥

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अथ पञ्चमसमगुल दासदारम्भमः
अथ वदानप्रस्थससंन् यदासचवचधसं वक्ष्यदाममः
ब्रह्मचयदार्थश्र मसं समदाप्य गकह ही भवदेत म् गकह ही भभूत् वदा वनही भवदेद म् वनही भभूत् वदा प्ररजिदेत ॥म्
—शत॰ कदासं॰ 14॥
मनगुष्ययों कमो उचचत हहै चक ब्रह्मचयदार्थश्रम कमो समदाप्त करकदे गकहस्थ हमोकर वदानप्रस्थ और वदानप्रस्थ हमोकदे
ससंन्यदासही हमोवमें अथदार्थतम् अनगुक्रम सदे आश्रम कदा चवधदान हहै।
एवसं गकह दाश्रमदे चस्थत्वदा चवचधवतम् स्नदातकमो चद्विजिमः।
वनदे वसदेत म् तगु चनयतमो यथदावदम् चवचजितदेच न्द्रयमः॥1॥
गकह स्थस्तगु यददा पश्यदेदम् वलहीपचलतमदात्मनमः।
अपत्यस्यहैव चदापत्यसं तददारण्यसं समदाश्रयदेत म्॥ 2॥
सन्त्यज्य ग्रदाम्यमदाहदारसं सवर्वं चहैव पररच्छदमम्।
पगुत्र देष गु भदायदार्वं चनमःचकप्य वनसं गच्छदेत म् सहहैव वदा॥3॥
अचग्निहमोत्रसं समदाददाय गकह्यसं चदाचग्निपररच्छदमम्।
ग्रदामदादरण्यसं चनमःसकत् य चनवसदेच न्नयतदेच न्द्रयमः॥4॥
मगुन् यन्नहैच वर्थच वधहैम ध्र्वे यहैमः शदाकमभूल फलदेन वदा।
एतदानदेव महदायजदानम् चनवर्थप देत म् चवचधपभूव क र्थ मम्॥ 5॥
इस प्रकदार स्नदातक अथदार्थतम् ब्रह्मचयर्थपभूवर्थक गकहदाश्रम कदा कत्तदार्थ चद्विजि अथदार्थतम् ब्रदाह्मण कचत्रय और वहैश्य
गकहदाश्रम ममें ठहर कर चनचश्चतदात्मदा और यथदावतम् इचन्द्रययों कमो जिहीत कदे वन ममें वसमें॥1॥
परन्तगु जिब गकहस्थ चशर कदे श्वदेत कदे श और त्वचदा ढहीलही हमो जिदाय और लड़कदे कदा लड़कदा भही हमो गयदा हमो तब
वन ममें जिदाकदे वसदे॥2॥
सब ग्रदाम कदे आहदार और वसदाचद सब उत्तममोत्तम पददाथर्यों कमो छमोड़ पगुत्रयों कदे पदास सही कमो रख वदा अपनदे
सदाथ लदे कदे वन ममें चनवदास करदे॥3॥
सदाङमोपदाङ अचग्निहमोत्र कमो लदे कदे ग्रदाम सदे चनकल दृढदेचन्द्रय हमोकर अरण्य ममें जिदाकदे वसदे॥4॥
नदानदा प्रकदार कदे सदामदा आचद अन्न, सगुन्दर-सगुन्दर शदाक, मभूल, फल, फभू ल, कन्ददाचद सदे पभूवर्वोक्त
पञ्चमहदायजयों कमो करदे और उसही सदे अचतचथ सदेवदा और आप भही चनवदार्थह करमें॥5॥
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स्वदाध्यदायदे चनत्ययगुक्त मः स्यदादम् ददान्तमो महैत्र मः समदाचहतमः।


ददातदा चनत्यमनदाददातदा सवर्थभ तभू दानगुक म्पकमः॥1॥
अप्रयत्नमः सगुख दाथर्वेष गु ब्रह्मचदारही धरदाशयमः।
शरणदेष् वममश्चहैव वकक मभूल चनकदे तनमः॥2॥
स्वदाध्यदाय अथदार्थतम् पढ़नदे पढ़दानदे ममें चनत्ययगुक्त, चजितदात्मदा, सब कदा चमत्र, इचन्द्रययों कदा चनत्य दमनशहील,
चवददाचद कदा ददान ददेनदेहदारदा और सब पर दयदालगु, चकसही सदे कगु छ भही पददाथर्थ न लदेवदे इस प्रकदार सददा वत्तर्थमदान करदे॥1॥
शरहीर कदे सगुख कदे चलयदे अचत प्रयत्न न करदे चकन्तगु ब्रह्मचदारही रहदे अथदार्थतम् अपनही सही सदाथ हमो तथदाचप उस सदे
चवषयचदेष्टदा कगु छ न करदे भभूचम ममें समोवदे। अपनदे आचश्रत वदा स्वककीय पददाथर्यों ममें ममतदा न करदे। वकक कदे मभूल ममें वसदे॥2॥
तपमःश्रद्धदे यदे ह्यगु प वसन्त्यरण्यदे
शदान्तदा चवद्विदासंस मो भहैक चयदार्वं चरन्तमः।
सभूय द्विर्थ दारदेण तदे चवरजिदामः प्रयदाचन्त
यत्रदाऽमकत मः स पगुरु षमो ह्यव्ययदात्मदा॥1॥
—मगुण्ड॰ खसं॰ 2। मसं॰ 11॥
जिमो शदान्त चवद्विदानम् लमोग वन ममें तप धमदार्थनगुष्ठिदान और सत्य ककी श्रद्धदा करकदे चभकदाचरण करतदे हह ए जिसंगल ममें
वसतदे हमैं, वदे जिहदाह नदाशरचहत पभूणर्थ पगुरुष हदाचन लदाभरचहत परमदात्मदा हहै वहदासं चनमर्थल हमोकर प्रदाणद्विदार सदे उस परमदात्मदा
कमो प्रदाप्त हमोकदे आनचन्दत हमो जिदातदे हमैं॥1॥
अभ्यदादधदाचम सचमधमग्निदे रतपतदे त्वचय।
रतञ्च श्रद्धदासं चमोपहैम हीन्धदे त्वदा दहीचकतमो अहमम्॥ 1॥
—यजिगुवर्वेददे अध्यदायदे 20। मन्त्र 24॥
वदानप्रस्थ कमो उचचत हहै चक-ममैं अचग्नि ममें हमोम कर दहीचकत हमोकर रत, सत्यदाचरण और श्रद्धदा कमो प्रदाप्त
हमोऊसं-ऐसही इच्छदा करकदे वदानप्रस्थ हमो नदानदा प्रकदार ककी तपश्चयदार्थ , सत्ससंग, यमोगदाभ्यदास, सगुचवचदार सदे जदान और
पचवत्रतदा प्रदाप्त करदे। पश्चदातम् जिब ससंन्यदासग्रहण ककी इच्छदा हमो तब सही कमो पगुत्रयों कदे पदास भदेजि ददेवदे चफर ससंन्यदास ग्रहण
करदे।
इचत ससंक देप णदे वदानप्रस्थचवचधमः।

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अथ ससंन् यदासचवचधमः
वनदेष गु च चवहृत्यहैव सं तकत हीयसं भदागमदाय गुष मः।
चतगुथ मर्थ दायगुष मो भदागसं त्यक्त्वदा सङदानम् परररजिदेत ॥म् मनगु॰॥
इस प्रकदार वनयों ममें आयगु कदा तहीसरदा भदाग अथदार्थतम् पचदासवमें वषर्थ सदे पचहत्तरवमें वषर्थ पयर्थन्त वदानप्रस्थ हमोकदे
आयगु कदे चचौथदे भदाग ममें ससंगयों कमो छमोड़ कदे परररदाटम् अथदार्थतम् ससंन्यदासही हमो जिदावदे।
(प्रश्न) गकहदाश्रम और वदानप्रस्थदाश्रम न करकदे -ससंन्यदासदाश्रम करदे उस कमो पदाप हमोतदा हहै वदा नहह?
(उत्तर) हमोतदा हहै और नहह भही हमोतदा।
(प्रश्न) यह दमो प्रकदार ककी बदात क्ययों कहतदे हमो?
(उत्तर) दमो प्रकदार ककी नहह, क्ययोंचक जिमो बदाल्यदावस्थदा ममें चवरक्त हमो कर चवषययों ममें फसंसदे वह महदापदापही
और जिमो न फसंसदे वह महदापगुण्यदात्मदा सत्पगुरुष हहै।
यदहरदेव चवरजिदेत म् तदहरदेव प्ररजिदेद म् वनदादम् वदा गकह दादम् वदा ब्रह्मचयदार्थद वदे प्ररजिदेत म्॥
—यदे ब्रदाह्मण ग्रन्थ कदे वचन हमैं।
चजिस चदन वहैरदाग्य प्रदाप्त हमो उसही चदन घर वदा वन सदे ससंन्यदास ग्रहण कर लदेवदे। पहलदे ससंन्यदास कदा पकक्रम
कहदा। और इस ममें चवकल्प अथदार्थतम् वदानप्रस्थ न करदे , गकहस्थदाश्रम हही सदे ससंन्यदास ग्रहण करदे और तकतहीय पक हहै चक
जिमो पभूणर्थ चवद्विदानम् चजितदेचन्द्रय चवषय भमोग ककी कदामनदा सदे रचहत परमोपकदार करनदे ककी इच्छदा सदे यगुक्त पगुरुष हमो, वह
ब्रह्मचयदार्थश्रम हही सदे ससंन्यदास लदेवदे।
और वदेदयों ममें भही “यतयमः ब्रदाह्मणस्य चवजिदानतमः” इत्यदाचद पदयों सदे ससंन्यदास कदा चवधदान हहै। परन्तगु—
नदाचवरतमो द गुश् चररतदान्नदाशदान्तमो नदासमदाचहतमः।
नदाशदान्तमदानसमो वदाचप प्रजदानदेन हैन मदाप्नगुय दातम्॥
—कठ॰ वलही 2। मसं॰ 24॥
जिमो दरगु दाचदार सदे पकथकम् नहह, चजिसकमो शदाचन्त नहह, चजिस कदा आत्मदा यमोगही नहह और चजिस कदा मन शदान्त
नहह हहै, वह ससंन्यदास लदे कदे भही प्रजदान सदे परमदात्मदा कमो प्रदाप्त नहह हमोतदा। इसचलए—
यच्छदेदम् वदाङ्मनसही प्रदाजस्तदच्छदेदम् जदान आत्मचन।
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जदानमदात्मचन महचत चनयच्छदेत म् तद म् यच्छदेच् छदान्त आत्मचन॥


—कठ॰ वलही 3। मसं॰ 13॥
ससंन्यदासही बगुचद्धमदानम् वदाणही और मन कमो अधमर्थ सदे रमोकदे। उन कमो जदान और आत्मदा ममें लगदावदे और उस जदान ,
स्वदात्मदा कमो परमदात्मदा ममें लगदावदे और उस चवजदान कमो शदान्तस्वरूप आत्मदा ममें चस्थर करदे।
परहीक्ष्य लमोकदानम् कमर्थच चतदानम् ब्रदाह्मणमो चनवर्वेद मदायदान्नदास्त्यकक तमः कक तदेन ।
तचद्विजदानदाथर्वं स गगुरु मदेव दाचभगच्छदेत म् सचमत्पदाचणमः श्रमोचत्रयसं ब्रह्मचनष्ठिमम्॥
—मगुण्ड॰ खण्ड 2। मसं॰ 12॥
सब लचौचकक भमोगयों कमो कमर्थ सदे सचञ्चत हह ए ददेख कर ब्रदाह्मण अथदार्थतम् ससंन्यदासही वहैरदाग्य कमो प्रदाप्त हमोवदे। क्ययोंचक
अकक त अथदार्थतम् न चकयदा हह आ परमदात्मदा कक त अथदार्थतम् कदे वल कमर्थ सदे प्रदाप्त नहह हमोतदा। इसचलयदे कगु छ अपर्थण कदे अथर्थ
हदाथ ममें लदे कदे वदेदचवतम् और परमदेश्वर कमो जिदाननदे वदालदे गगुरु कदे पदास चवजदान कदे चलयदे जिदावदे। जिदाकदे सब सन्ददेहयों ककी
चनवकचत्त करदे। परन्तगु सददा इन कदा ससंग छमोड़ ददेवदे चक जिमो—
अचवददायदामन्तरदे वत्तर्थम दानदामः स्वयसं धहीरदामः पचण्डतम्मन्यमदानदामः।
जिङन्यमदानदामः पररयचन्त मभूढ दा अन्धदेन हैव नहीयमदानदा यथदान्धदामः॥1॥
अचवददायदासं बहह ध दा वत्तर्थम दानदा वयसं कक तदाथदार्थ इत्यचभमन्यचन्त बदालदामः।
यत्कचमर्थण मो न प्रवदेद यचन्त रदागदातम् तदेन दातगुर दामः कहीणलमोकदाश्च्यवन्तदे॥ 2॥
—मगुण्ड॰ 1। खण्ड 2। मसं॰ 8। 9॥
जिमो अचवददा कदे भहीतर खदेल रहदे, अपनदे कमो धहीर और पचण्डत मदानतदे हमैं, वदे नहीच गचत कमो जिदानदेहदारदे मभूढ़
जिहैसदे अन्धदे कदे पहीछदे अन्धदे ददगु र्थशदा कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं वहैसदे दमःगु खयों कमो पदातदे हमैं॥1॥
जिमो बहह धदा अचवददा ममें रमण करनदे वदालदे बदालबगुचद्ध हम कक तदाथर्थ हमैं ऐसदा मदानतदे हमैं, चजिस कमो कदे वल कमर्थकदाण्डही
लमोग रदाग सदे ममोचहत हमोकर नहह जिदान और जिनदा सकतदे, वदे आतगुर हमोकदे जिन्म मरणरूप दमःगु ख ममें चगरदे रहतदे हमैं॥2॥
इसचलयदे—
वदेद दान्तचवजदानसगुच नचश्चतदाथदार्थमः
ससंन् यदासयमोगदादम् यतयमः शगुद्ध सत्त् व दामः।
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तदे ब्रह्मलमोकदे षगु परदान्तकदालदे


परदामकत दामः पररमगुच् यचन्त सवर्वे॥
—मगुण्ड॰ 3। खण्ड 2। मसं॰ 6॥
जिमो वदेददान्त अथदार्थतम् परमदेश्वर प्रचतपदादक वदेदमन्त्रयों कदे अथर्थजदान और आचदार ममें अच्छदे प्रकदार चनचश्चत
ससंन्यदासयमोग सदे शगुद्धदान्तमःकरण ससंन्यदासही हमोतदे हमैं, वदे परमदेश्वर ममें मगुचक्त सगुख कमो प्रदाप्त हमो भमोग कदे पश्चदातम् जिब मगुचक्त
ममें सगुख ककी अवचध पभूरही हमो जिदातही हहै तब वहदासं सदे छभू ट कर ससंसदार ममें आतदे हमैं। मगुचक्त कदे चवनदा दमःगु ख कदा नदाश नहह
हमोतदा। क्ययोंचक—
न सशरहीरस्य सतमः चप्रयदाचप्रययमोरपहचतरस्त्यशरहीरसं वदाव सन्तसं न चप्रयदाचप्रयदे स्पकश तमः॥
—छदान्दमो॰॥
जिमो ददेहधदारही हहै वह सगुख दमःगु ख ककी प्रदाचप्त सदे पकथकम् कभही नहह रह सकतदा और जिमो शरहीररचहत जिहीवदात्मदा
मगुचक्त ममें सवर्थव्यदापक परमदेश्वर कदे सदाथ शगुद्ध हमोकर रहतदा हहै, तब उस कमो सदासंसदाररक सगुख दमःगु ख प्रदाप्त नहह हमोतदा।
इसचलयदे—
लमोकहै षणदायदाश्च चवत्तहैष णदायदाश्च पगुत्र हैष णदायदाश्चमोत्थदायदाथ भहैक चयर्वं चरचन्त॥
—शत॰ कदासं॰ 14॥
लमोक ममें प्रचतष्ठिदा वदा लदाभ धन सदे भमोग वदा मदान्य पगुत्रदाचद कदे ममोह सदे अलग हमो कदे ससंन्यदासही लमोग चभकगुक हमो
कर रदात चदन ममोक कदे सदाधनयों ममें तत्पर रहतदे हमैं।
प्रदाजिदापत्यदासं चनरूप्यदेच ष्टसं तस्यदासं सवर्थव ददे ससं हह त् वदा ब्रदाह्मणमः प्ररजिदेत म्॥ 1॥
—यजिगुवर्वेदब्रदाह्मणदे॥
प्रदाजिदापत्यदासं चनरूप्यदेच ष्टसं सवर्थव ददे सदचकणदामम्।
आत्मन्यग्निहीनम् समदारमोप्य ब्रदाह्मणमः प्ररजिदेद म् गकह दातम्॥ 1॥
यमो दत्त् व दा सवर्थभ भूत भ्दे यमः प्ररजित्यभयसं गकह दातम्।
तस्य तदेजि मोमयदा लमोकदा भवचन्त ब्रह्मवदाचदनमः॥2॥ मनगु॰॥

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प्रजिदापचत अथदार्थतम् परमदेश्वर ककी प्रदाचप्त कदे अथर्थ इचष्ट अथदार्थतम् यज करकदे उस ममें यजमोपवहीत चशखदाचद चचहयों कमो
छमोड़ आहवनहीयदाचद पदासंच अचग्निययों कमो प्रदाण, अपदान, व्यदान, उददान और समदान इन पदासंच प्रदाणयों ममें आरमोपण करकदे
ब्रदाह्मण ब्रह्मचवतम् घर सदे चनकल कर ससंन्यदासही हमो जिदावदे॥1॥
जिमो सब भभूत प्रदाचणमदात्र कमो अभयददान ददेकर घर सदे चनकल कदे ससंन्यदासही हमोतदा हहै उस ब्रह्मवदादही अथदार्थतम्
परमदेश्वर प्रकदाचशत वदेदमोक्त धमदार्थचद चवददाओसं कदे उपददेश करनदे वदालदे ससंन्यदासही कदे चलयदे प्रकदाशमय अथदार्थतम् मगुचक्त कदा
आनन्दस्वरूप लमोक प्रदाप्त हमोतदा हहै॥2॥
(प्रश्न) ससंन्यदाचसययों कदा क्यदा धमर्थ हहै।
(उत्तर) धमर्थ तमो पकपदातरचहत न्यदायदाचरण, सत्य कदा ग्रहण, असत्य कदा पररत्यदाग, वदेदमोक्त ईश्वर ककी
आजदा कदा पदालन, परमोपकदार, सत्यभदाषणदाचद लकण सब आश्रचमययों कदा अथदार्थतम् सब मनगुष्यमदात्र कदा एक हही हहै ,
परन्तगु ससंन्यदासही कदा चवशदेष धमर्थ यह हहै चक—
दृचष्टपभूत सं न्यसदेत म् पदादसं वसपभूत सं जिलसं चपबदेत म्।
सत्यपभूत दासं वददेदम् वदाचसं मनमःपभूत सं समदाचरदेत म्॥ 1॥
क्रगु द्ध्यन्तसं न प्रचतक्रगु ध्यदेद दाक्रगु ष्टमः कगु शलसं वददेत ।म्
सप्तद्विदारदावककीणदार्वं च न वदाचमनकत दासं वददेत म्॥ 2॥
अध्यदात्मरचतरदासहीनमो चनरपदेक मो चनरदाचमषमः।
आत्मनहैव सहदायदेन सगुख दाथर्त्ती चवचरदेच दह॥3॥
कचॢ प्तकदे शनखश्मश्रगुमः पदात्रही दण्डही कगु सगुम् भवदानम्।
चवचरदेच न्नयतमो चनत्यसं सवर्थभ भूत दान्यपहीडयनम्॥ 4॥
इचन्द्रयदाणदासं चनरमोधदेन रदागद्विदेष कयदेण च।
अचहसंस यदा च भभूत दानदाममकत त्वदाय कल्पतदे॥ 5॥
दभू च षतमोऽचप चरदेदम् धमर्वं यत्र तत्रदाश्रमदे रतमः।
सममः सवर्वेष गु भभूत देष गु न चलङसं धमर्थक दारणमम्॥ 6॥
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फलसं कतकवकक स्य यदप्यम्बगुप्र सदादकमम्।


न नदामग्रहणदाददेव तस्य वदारर प्रसहीदचत॥7॥
प्रदाणदायदामदा ब्रदाह्मणस्य त्रयमोऽचप चवचधवत्कक तदामः।
व्यदाहृचतप्रणवहैयगुक्त
र्थ दा चवजदेय सं परमसं तपमः॥8॥
दह्यन्तदे ध्मदायमदानदानदासं धदातभून दासं चह यथदा मलदामः।
तथदेच न्द्रयदाणदासं दह्यन्तदे दमोषदामः प्रदाणस्य चनग्रहदातम्॥ 9॥
प्रदाणदायदामहैद हर्थ ददे म् दमोषदानम् धदारणदाचभश्च चकचल्वषमम्।
प्रत्यदाहदारदेण ससंस गदार्थन म् ध्यदानदेन दानहीश्वरदानम् गगुण दानम्॥ 10॥
उच्चिदावचदेष गु भभूत देष गु द गुज यर्वे दामकक तदात्मचभमः।
ध्यदानयमोगदेन सम्पश्यदेदम् गचतमस्यदान्तरदात्मनमः॥11॥
अचहसंस यदेच न्द्रयदासङ गहैव चर्वै दकहै श्चहैव कमर्थच भमः।
तपसश्चरणहैश् चमोग्रहैस् सदाधयन्तहीह तत्पदमम्॥ 12॥
यददा भदावदेन भवचत सवर्थभ दावदेष गु चनमःस्पकह मः।
तददा सगुख मवदाप्नमोचत प्रदेत् य चदेह च शदाश्वतमम्॥ 13॥
चतगुच भर्थर चप चहैव तहै हैच नर्थत् यमदाश्रचमचभचद्विर्थजि हैमः ।
दशलकणकमो धमर्थमः सदेच वतव्यमः प्रयत्नतमः॥14॥
धकच तमः कमदा दममोऽस्तदेय सं शचौचचमचन्द्रयचनग्रहमः।
धहीचवर्थद दा सत्यमक्रमोधमो दशकसं धमर्थल कणमम्॥ 15॥
अनदेन चवचधनदा सवदार्वंस् त्यक्त्वदा सङञ्छनहैमः शनहैमः ।
सवर्थद्वि न्द्विचवचनमगुर्थक्त मो ब्रह्मण्यदेव दावचतष्ठितदे॥ 16॥

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—मनगु॰ अ॰ 6॥
जिब ससंन्यदासही मदागर्थ ममें चलदे तब इधर-उधर न ददेख कर नहीचदे पकचथवही पर दृचष्ट रख कदे चलदे। सददा वस सदे
छदान कर जिल पहीयदे, चनरन्तर सत्य हही बमोलदे, सवर्थददा मन सदे चवचदार कदे सत्य कदा ग्रहण कर असत्य कमो छमोड़ ददेवदे॥
1॥
जिब कहह उपददेश वदा ससंवदाददाचद ममें कमोई ससंन्यदासही पर क्रमोध करदे अथवदा चनन्ददा करदे तमो ससंन्यदासही कमो उचचत
हहै चक उस पर आप क्रमोध न करदे चकन्तगु सददा उसकदे कल्यदाणदाथर्थ उपददेश हही करदे और एक मगुख कदे , दमो नदाचसकदा कदे ,
दमो आहख कदे और दमो कदान कदे चछद्रयों ममें चबखरही हह ई वदाणही कमो चकसही कदारण चमथ्यदा कभही न बमोलदे॥2॥
अपनदे आत्मदा और परमदात्मदा ममें चस्थर अपदेकदा रचहत मद मदासंसदाचद वचजिर्थत हमोकर, आत्मदा हही कदे सहदाय सदे
सगुखदाथर्त्ती हमोकर इस ससंसदार ममें धमर्थ और चवददा कदे बढ़दानदे ममें उपददेश कदे चलयदे सददा चवचरतदा रहहै॥3॥
कदे श, नख, डदाढ़ही, मभूहछ कदा छदेदन करवदावदे। सगुन्दर पदात्र, दण्ड और कगु सगुम्भ आचद सदे रसंगदे हह ए वसयों कमो
ग्रहण करकदे चनचश्चतदात्मदा सब भभूतयों कमो पहीड़दा न ददेकर सवर्थत्र चवचरदे॥4॥
इचन्द्रययों कमो अधमदार्थचरण सदे रमोक, रदाग-द्विदेष कमो छमोड़, सब प्रदाचणययों सदे चनवर्वैर वत्तर्थकर ममोक कदे चलयदे
सदामथ्यर्थ बढ़दायदा करदे॥5॥
कमोई ससंसदार ममें उसकमो दचभू षत वदा भभूचषत करदे तमो भही चजिस चकसही आश्रम ममें वत्तर्थतदा हह आ पगुरुष अथदार्थतम्
ससंन्यदासही सब प्रदाचणययों ममें पकपदातरचहत हमोकर स्वयसं धमदार्थत्मदा और अन्ययों कमो धमदार्थत्मदा करनदे ममें प्रयत्न चकयदा करदे।
और यह अपनदे मन ममें चनचश्चत जिदानदे चक दण्ड, कमण्डलगु और कदाषदायवस आचद चचह धदारण धमर्थ कदा कदारण नहह
हहै। सब मनगुष्यदाचद प्रदाचणययों ककी सत्यमोपददेश और चवददाददान सदे उन्नचत करनदा ससंन्यदासही कदा मगुख्य कमर्थ हहै॥ 6॥
क्ययोंचक यदचप चनमर्थलही वकक कदा फल पहीस कदे गदरदे जिल ममें डदालनदे सदे जिल कदा शमोधक हमोतदा हहै , तदचप
चवनदा डदालदे उसकदे नदामकथन वदा श्रवणमदात्र सदे उसकदा जिल शगुद्ध नहह हमो सकतदा॥7॥
इसचलयदे ब्रदाह्मण अथदार्थतम् ब्रह्मचवतम् ससंन्यदासही कमो उचचत हहै चक ओसंकदारपभूवर्थक सप्तव्यदाहृचतययों सदे चवचधपभूवर्थक
प्रदाणदायदाम चजितनही शचक्त हमो उतनदे करदे। परन्तगु तहीन सदे तमो न्यभून प्रदाणदायदाम कभही न करदे, यहही ससंन्यदासही कदा परमतप
हहै॥8॥
क्ययोंचक जिहैसदे अचग्नि ममें तपदानदे और गलदानदे सदे धदातगुओसं कदे मल नष्ट हमो जिदातदे हमैं, वहैसदे हही प्रदाणयों कदे चनग्रह सदे
मन आचद इचन्द्रययों कदे दमोष, भस्महीभभूत हमोतदे हमैं॥9॥

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इसचलयदे ससंन्यदासही लमोग चनत्यप्रचत प्रदाणदायदामयों सदे आत्मदा अन्तमःकरण और इचन्द्रययों कदे दमोष, धदारणदाओसं सदे
पदाप, प्रत्यदाहदार सदे ससंगदमोष, ध्यदान सदे अनहीश्वर कदे गगुणयों अथदार्थतम् हषर्थ शमोक और अचवददाचद जिहीव कदे दमोषयों कमो
भस्महीभभूत करमें॥10॥
इसही ध्यदानयमोग सदे जिमो अयमोगही अचवद्विदानयों कदे दमःगु ख सदे जिदाननदे यमोग्य छमोटदे बड़दे पददाथर्यों ममें परमदात्मदा ककी
व्यदाचप्त उसकमो और अपनदे आत्मदा और अन्तयदार्थमही परमदेश्वर ककी गचत कमो ददेखदे॥11॥
सब भभूतयों सदे चनवर्वैर, इचन्द्रययों कदे दष्टगु चवषययों कदा त्यदाग, वदेदमोक्त कमर्थ और अत्यगुग्र तपश्चरण सदे ससंसदार ममें
ममोकपद कमो पभूवर्वोक्त ससंन्यदासही हही चसद्ध कर और करदा सकतदे हमैं अन्य नहह॥12॥
जिब ससंन्यदासही सब भदावयों ममें अथदार्थतम् पददाथर्यों ममें चनमःस्पकह कदासंकदारचहत और सब बदाहर भहीतर कदे व्यवहदारयों ममें
भदाव सदे पचवत्र हमोतदा हहै, तभही इस ददेह ममें और मरण पदाकदे चनरन्तर सगुख कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै॥13॥
इसचलयदे ब्रह्मचदारही, गकहस्थ, वदानप्रस्थ और ससंन्यदाचसययों कमो यमोग्य हहै चक प्रयत्न सदे दश लकणयगुक्त
चनम्नचलचखत धमर्थ कदा सदेवन चनत्य करमें॥14॥
पहलदा लकण—(धकचत) सददा धहैयर्थ रखनदा। दस भू रदा—(कमदा) जिमो चक चनन्ददा स्तगुचत मदानदापमदान हदाचनलदाभ
आचद दमःगु खयों ममें भही सहनशहील रहनदा। तहीसरदा—(दम) मन कमो सददा धमर्थ ममें प्रवकत्त कर अधमर्थ सदे रमोक ददेनदा अथदार्थतम्
अधमर्थ करनदे ककी इच्छदा भही न उठदे। चचौथदा— (अस्तदेय) चमोरही त्यदाग अथदार्थतम् चवनदा आजदा वदा छल कपट चवश्वदासघदात
वदा चकसही व्यवहदार तथदा वदेदचवरुद्ध उपददेश सदे परपददाथर्थ कदा ग्रहण करनदा चमोरही और उस कमो छमोड़ ददेनदा सदाहह कदारही
कहदातही हहै। पदासंचवदासं—(शचौच) रदाग-द्विदेष पकपदात छमोड़ कदे भहीतर और जिल मकचत्तकदा मदाजिर्थन आचद सदे बदाहर ककी
पचवत्रतदा रखनही। छठदा—(इचन्द्रयचनग्रह) अधमदार्थचरणयों सदे रमोक कदे इचन्द्रययों कमो धमर्थ ममें हही सददा चलदानदा। सदातवदासं—
(धहीमः) मदादकद्रव्य बगुचद्धनदाशक अन्य पददाथर्थ दष्टगु यों कदा ससंग आलस्य प्रमदाद आचद कमो छमोड़ कदे श्रदेष्ठि पददाथर्यों कदा सदेवन
सत्पगुरुषयों कदा सङ यमोगदाभ्यदास धमदार्थचरण ब्रह्मचयर्थ आचद शगुभकमर्यों सदे बगुचद्ध कदा बढ़दानदा। आठवदासं -(चवददा) पकचथवही सदे
लदेकदे परमदेश्वर पयर्थन्त यथदाथर्थजदान और उन सदे यथदायमोग्य उपकदार लदेनदा, सत्य जिहैसदा आत्मदा ममें वहैसदा मन ममें, जिहैसदा
मन ममें वहैसदा वदाणही ममें, जिहैसदा वदाणही ममें वहैसदा कमर्थ ममें वत्तर्थनदा चवददा, इससदे चवपरहीत अचवददा हहै। नववदासं—(सत्य) जिमो
पददाथर्थ जिहैसदा हमो उसकमो वहैसदा हही समझनदा वहैसदा हही बमोलनदा और वहैसदा हही करनदा भही। तथदा दशवदासं -(अक्रमोध)
क्रमोधदाचद दमोषयों कमो छमोड़कदे शदान्त्यदाचद गगुणयों कदा ग्रहण करनदा धमर्थ कदा लकण हहै। इस दश लकणयगुक्त पकपदातरचहत
न्यदायदाचरण धमर्थ कदा सदेवन चदारयों आश्रम वदालदे करमें और इसही वदेदमोक्त धमर्थ हही ममें आप चलनदा और द स भू रयों कमो समझदा
कर चलदानदा ससंन्यदाचसययों कदा चवशदेष धमर्थ हहै॥15॥

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इसही प्रकदार सदे धहीरदे-धहीरदे सब सङदमोषयों कमो छमोड़ हषर्थ शमोकदाचद सब द्विन्द्वियों सदे चवमगुक्त हमोकर ससंन्यदासही ब्रह्म हही
ममें अवचस्थत हमोतदा हहै। ससंन्यदाचसययों कदा मगुख्य कमर्थ यहही हहै चक सब गकहस्थदाचद आश्रमयों कमो सब प्रकदार सदे व्यवहदारयों कदा
सत्य चनश्चय करदा अधमर्थ व्यवहदारयों सदे छगु ड़दा सब ससंशययों कदा छदेदन कर सत्य धमर्थयक्त गु व्यवहदारयों ममें प्रवकत्त करदायदा
करमें॥16॥
(प्रश्न) ससंन्यदासग्रहण करनदा ब्रदाह्मण हही कदा धमर्थ हहै वदा कचत्रयदाचद कदा भही?
(उत्तर) ब्रदाह्मण हही कमो अचधकदार हहै, क्ययोंचक जिमो सब वणर्यों ममें पभूणर्थ चवद्विदानम् धदाचमर्थक परमोपकदारचप्रय मनगुष्य
हहै उसही कदा ब्रदाह्मण नदाम हहै। चवनदा पभूणर्थ चवददा कदे धमर्थ परमदेश्वर ककी चनष्ठिदा और वहैरदाग्य कदे ससंन्यदास ग्रहण करनदे ममें
ससंसदार कदा चवशदेष उपकदार नहह हमो सकतदा। इसहीचलयदे लमोकश्रगुचत हहै चक ब्रदाह्मण कमो ससंन्यदास कदा अचधकदार हहै , अन्य
कमो नहह यह मनगु कदा प्रमदाण भही हहै—
एष वमोऽचभचहतमो धमर्वो ब्रदाह्मणस्य चतगुच वर्थध मः।
पगुण् यमोऽकयफलमः प्रदेत् य रदाजिधमर्वं चनबमोधत॥ मनगु॰॥
यह मनगु जिही महदारदाजि कहतदे हमैं चक हदे ऋचषययों! यह चदार प्रकदार अथदार्थतम् ब्रह्मचयर्थ, गकहस्थ, वदानप्रस्थ और
ससंन्यदासदाश्रम करनदा ब्रदाह्मण कदा धमर्थ हहै। यहदासं वत्तर्थमदान ममें पगुण्यस्वरूप और शरहीर छमोड़दे पश्चदातम् मगुचक्तरूप अकय
आनन्द कदा ददेनदे वदालदा ससंन्यदास धमर्थ हहै। इस कदे आगदे रदाजिदाओसं कदा धमर्थ मगुझ सदे सगुनमो। इस सदे यह चसद्ध हहआ चक
ससंन्यदासग्रहण कदा अचधकदार मगुख्य करकदे ब्रदाह्मण कदा हहै और कचत्रयदाचद कदा ब्रह्मचयदार्थश्रम हहै।
(प्रश्न) ससंन्यदासग्रहण ककी आवश्यकतदा क्यदा हहै?
(उत्तर) जिहैसदे शरहीर ममें चशर ककी आवश्यकतदा हहै वहैसदे हही आश्रमयों ममें ससंन्यदासदाश्रम ककी आवश्यकतदा हहै।
क्ययोंचक इसकदे चवनदा चवददा धमर्थ कभही नहह बढ़ सकतदे और दस भू रदे आश्रमयों कमो चवददाग्रहण गकहकक त्य और तपश्चयदार्थचद
कदा सम्बन्ध हमोनदे सदे अवकदाश बहह त कम चमलतदा हहै। पकपदात छमोड़ कर वत्तर्थनदा दस भू रदे आश्रमयों कमो दष्गु कर हहै। जिहैसदा
ससंन्यदासही सवर्थतमोमगुक्त हमोकर जिगतम् कदा उपकदार करतदा हहै, वहैसदा अन्य आश्रमही नहह कर सकतदा। क्ययोंचक ससंन्यदासही कमो
सत्यचवददा सदे पददाथर्यों कदे चवजदान ककी उन्नचत कदा चजितनदा अवकदाश चमलतदा हहै उतनदा अन्य आश्रमही कमो नहह चमल
सकतदा। परन्तगु जिमो ब्रह्मचयर्थ सदे ससंन्यदासही हमोकर जिगतम् कमो सत्यचशकदा करकदे चजितनही उन्नचत कर सकतदा हहै उतनही
गकहस्थ वदा वदानप्रस्थ आश्रम करकदे ससंन्यदासदाश्रमही नहह कर सकतदा।

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(प्रश्न) ससंन्यदास ग्रहण करनदा ईश्वर कदे अचभप्रदाय सदे चवरुद्ध हहै क्ययोंचक ईश्वर कदा अचभप्रदाय मनगुष्ययों ककी
बढ़तही करनदे ममें हहै। जिब गकहदाश्रम नहह करदेगदा तमो उस सदे सन्तदान हही न हयोंगदे। जिब ससंन्यदासदाश्रम हही मगुख्य हहै और सब
मनगुष्य करमें तमो मनगुष्ययों कदा मभूलच्छदेदन हमो जिदायदेगदा।
(उत्तर) अच्छदा, चववदाह करकदे भही बहह तयों कदे सन्तदान नहह हमोतदे अथवदा हमोकर शहीघ्र नष्ट हमो जिदातदे हमैं चफर
वह भही ईश्वर कदे अचभप्रदाय सदे चवरुद्ध करनदे वदालदा हह आ। जिमो तगुम कहमो चक ‘यत्नदे कक तदे यचद न चसध्यचत कमोऽत्र
दमोषमः।’ यह चकसही कचव कदा वचन हहै।
(अथर्थ) जिमो यत्न करनदे सदे भही कदायर्थ चसद्ध न हमो तमो इस ममें क्यदा दमोष ? अथदार्थतम् कमोई भही नहह। तमो हम तगुम
सदे पभूछतदे हमैं चक गकहदाश्रम सदे बहह त सन्तदान हमोकर आपस ममें चवरुद्धदाचरण कर लड़ मरमें तमो हदाचन चकतनही बड़ही हमोतही हहै।
समझ कदे चवरमोध सदे लड़दाई बहह त हमोतही हहै। जिब ससंन्यदासही एक वदेदमोक्त धमर्थ कदे उपददेश सदे परस्पर प्रहीचत उत्पन्न
करदावदेगदा तमो लदाखयों मनगुष्ययों कमो बचदा ददेगदा। सहस्रयों गकहस्थ कदे समदान मनगुष्ययों ककी बढ़तही करदेगदा। और सब मनगुष्य
ससंन्यदासग्रहण कर हही नहह सकतदे। क्ययोंचक सब ककी चवषयदासचक्त कभही नहह छभू ट सकदे गही। जिमो-जिमो ससंन्यदाचसययों कदे
उपददेश सदे धदाचमर्थक मनगुष्य हयोंगदे वदे सब जिदानमो ससंन्यदासही कदे पगुत्र तगुल्य हमैं।
(प्रश्न) ससंन्यदासही लमोग कहतदे हमैं चक हम कमो कगु छ कत्तर्थव्य नहह। अन्न वस लदेकर आनन्द ममें रहनदा,
अचवददारूप ससंसदार सदे मदाथदापच्चिही क्ययों करनदा? अपनदे कमो ब्रह्म मदानकर सन्तगुष्ट रहनदा। कमोई आकर पभूछदे तमो उस कमो
भही वहैसदा हही उपददेश करनदा चक तभू भही ब्रह्म हहै। तगुझ कमो पदाप पगुण्य नहह लगतदा क्ययोंचक शहीतमोष्ण शरहीर , कगुधदा तकषदा
प्रदाण और सगुख दमःगु ख मन कदा धमर्थ हहै। जिगतम् चमथ्यदा और जिगतम् कदे व्यवहदार भही सब कचल्पत अथदार्थतम् झभूठदे हमैं इसचलयदे
इस ममें फसंसनदा बगुचद्धमदानयों कदा कदाम नहह। जिमो कगु छ पदाप पगुण्य हमोतदा हहै वह ददेह और इचन्द्रययों कदा धमर्थ हहै आत्मदा कदा
नहह। इत्यदाचद उपददेश करतदे हमैं और आपनदे कगु छ चवलकण ससंन्यदास कदा धमर्थ कहदा हहै। अब हम चकस ककी बदात सच्चिही
और चकस ककी झभूठही मदानमें?
(उत्तर) क्यदा उन कमो अच्छदे कमर्थ भही कत्तर्थव्य नहह? ददेखमो ‘वहैच दकहै श्चहैव कमर्थच भमः’ मनगु जिही नदे वहैचदक
गु सत्य कमर्थ हमैं, ससंन्यदाचसययों कमो भही अवश्य करनदा चलखदा हहै। क्यदा भमोजिन छदादनदाचद कमर्थ वदे छमोड़
कमर्थ जिमो धमर्थयक्त
सकमें गदे? जिमो यदे कमर्थ नहह छभू ट सकतदे तमो उत्तम कमर्थ छमोड़नदे सदे वदे पचतत और पदापभदागही नहह हयोंगदे ? जिब गकहस्थयों सदे
अन्न वसदाचद लदेतदे हमैं और उन कदा प्रत्यगुपकदार नहह करतदे तमो क्यदा वदे महदापदापही नहह हयोंगदे ? जिहैसदे आसंख सदे ददेखनदा
कदान सदे सगुननदा न हमो तमो आसंख और कदान कदा हमोनदा व्यथर्थ हहै , वहैसदे हही जिमो ससंन्यदासही सत्यमोपददेश और वदेददाचद
सत्यशदासयों कदा चवचदार, प्रचदार नहह करतदे तमो वदे भही जिगतम् ममें व्यथर्थ भदाररूप हमैं।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः पञ् चममः समगुल दासमः
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और जिमो अचवददा रूप ससंसदार सदे मदाथदापच्चिही क्ययों करनदा आचद चलखतदे और कहतदे हमैं वहैसदे उपददेश करनदे वदालदे
हही चमथ्यदारूप और पदाप कदे बढ़दानदे हदारदे पदापही हमैं। जिमो कगु छ शरहीरदाचद सदे कमर्थ चकयदा जिदातदा हहै वह आत्मदा हही कदा और
उस कदे फल कदा भमोगनदे वदालदा भही आत्मदा हहै।
जिमो जिहीव कमो ब्रह्म बतलदातदे हमैं वदे अचवददा चनद्रदा ममें समोतदे हमैं। क्ययोंचक जिहीव अल्प, अल्पज और ब्रह्म
सवर्थव्यदापक सवर्थज हहै। ब्रह्म चनत्य, शगुद्ध, बगुद्ध, मगुक्तस्वभदावयगुक्त हहै। और जिहीव कभही बद्ध कभही मगुक्त रहतदा हहै। ब्रह्म
कमो सवर्थव्यदापक सवर्थज हमोनदे सदे भ्रम वदा अचवददा कभही नहह हमो सकतही। और जिहीव कमो कभही चवददा और कभही अचवददा
हमोतही हहै। ब्रह्म जिन्ममरण दमःगु ख कमो कभही नहह प्रदाप्त हमोतदा हहै और जिहीव प्रदाप्त हमोतदा हहै। इसचलयदे वह उनकदा उपददेश
चमथ्यदा हहै।
(प्रश्न) ‘ससंन् यदासही सवर्थक मर्थच वनदाशही’ और अचग्नि तथदा धदातगु कमो स्पशर्थ नहह करतदे। यह बदात सच्चिही हहै वदा
नहह?
(उत्तर) नहह। ‘सम्यङम् चनत्यमदास्तदे यचस्मनम् यद्विदा सम्यङम् न्यस्यचन्त द गुमः खदाचन कमदार्थच ण यदेन स
ससंन् यदासमः, स प्रशस्तमो चवदतदे यस्य स ससंन् यदासही’। जिमो ब्रह्म और उसककी आजदा ममें उपचवष्ट अथदार्थतम् चस्थत और
चजिस सदे दष्टगु कमर्यों कदा त्यदाग चकयदा जिदाय ससंन्यदास, वह उत्तम स्वभदाव चजिस ममें हमो वह ससंन्यदासही कहदातदा हहै। इस ममें
सगुकमर्थ कदा कत्तदार्थ और दष्टगु कमर्यों कदा चवनदाश करनदे वदालदा ससंन्यदासही कहदातदा हहै।
(प्रश्न) अध्यदापन और उपददेश गकहस्थ चकयदा करतदे हमैं, पगुनमः ससंन्यदासही कदा क्यदा प्रयमोजिन?
(उत्तर) सत्यमोपददेश सब आश्रमही करमें और सगुनमें परन्तगु चजितनदा अवकदाश और चनष्पकपदाततदा ससंन्यदासही
कमो हमोतही हहै उतनही गकहस्थयों कमो नहह। हदाह! जिमो ब्रदाह्मण हमैं उनकदा यहही कदाम हहै चक पगुरुष पगुरुषयों कमो और सही चसययों
कमो सत्यमोपददेश और पढ़दायदा करमें। चजितनदा भ्रमण कदा अवकदाश ससंन्यदासही कमो चमलतदा हहै उतनदा गकहस्थ ब्रदाह्मणदाचदकयों
कमो कभही नहह चमल सकतदा। जिब ब्रदाह्मण वदेदचवरुद्ध आचरण करमें तब उनकदा चनयन्तदा ससंन्यदासही हमोतदा हहै। इसचलयदे
ससंन्यदास कदा हमोनदा उचचत हहै।
(प्रश्न) ‘एकरदाचत्रसं वसदेदम् ग्रदामदे’ इत्यदाचद वचनयों सदे ससंन्यदासही कमो एकत्र एकरदाचत्रमदात्र रहनदा अचधक
चनवदास न करनदा चदाचहयदे।
(उत्तर) यह बदात थमोड़दे सदे असंश ममें तमो अच्छही हहै चक एकत्र वदास करनदे सदे जिगतम् कदा उपकदार अचधक नहह
हमो सकतदा और स्थदानदान्तर कदा भही अचभमदान हमोतदा हहै। रदाग , द्विदेष भही अचधक हमोतदा हहै। परन्तगु जिमो चवशदेष उपकदार
एकत्र रहनदे सदे हमोतदा हमो तमो रहदे। जिहैसदे जिनक रदाजिदा कदे यहदासं चदार-चदार महहीनदे तक पञ्चचशखदाचद और अन्य ससंन्यदासही

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चकतनदे हही वषर्यों तक चनवदास करतदे थदे और ‘एकत्र न रहनदा’ यह बदात आजिकल कदे पदाखण्डही सम्प्रददाचयययों नदे बनदाई
हहै। क्ययोंचक जिमो ससंन्यदासही एकत्र अचधक रहदेगदा तमो हमदारदा पदाखण्ड खचण्डत हमोकर अचधक न बढ़ सकदे गदा।
(प्रश्न) यतहीनदासं कदाञ्चनसं दददातम् तदाम्बभूल सं ब्रह्मचदाररणदामम्।
चचौरदाणदामभयसं दददातम् स नरमो नरकसं रजिदेत म्॥
—इत्यदाचद वचनयों कदा अचभप्रदाय यह हहै चक ससंन्यदाचसययों कमो जिमो सगुवणर्थ ददान ददे तमो ददातदा नरक कमो प्रदाप्त हमोवदे।
(उत्तर) यह बदात भही वणदार्थश्रमचवरमोधही सम्प्रददायही और स्वदाथर्थचसन्धगु वदालदे पचौरदाचणकयों ककी कल्पही हह ई हहै,
क्ययोंचक ससंन्यदाचसययों कमो धन चमलदेगदा तमो वदे हमदारदा खण्डन बहह त कर सकमें गदे और हमदारही हदाचन हमोगही तथदा वदे हमदारदे
अधहीन भही न रहमेंगदे। और जिब चभकदाचद व्यवहदार हमदारदे आधहीन रहदेगदा तमो डरतदे रहमेंगदे। जिब मभूखर्थ और स्वदाचथर्थययों कमो
ददान ददेनदे ममें अच्छदा समझतदे हमैं तमो चवद्विदानम् और परमोपकदारही ससंन्यदाचसययों कमो ददेनदे ममें कगु छ भही दमोष नहह हमो सकतदा। ददेखमो

चवचवधदाचन च रत्नदाचन चवचवक्तदे षभूप पदादयदेत म्॥ मनगु॰॥
नदानदा प्रकदार कदे रत्न सगुवणदाचर्थ द धन (चवचवक्त) अथदार्थतम् ससंन्यदाचसययों कमो ददेवमें और वह श्लमोक भही अनथर्थक हहै।
क्ययोंचक ससंन्यदासही कमो सगुवणर्थ ददेनदे सदे यजिमदान नरक कमो जिदावदे तमो चदासंदही, ममोतही, हहीरदा आचद ददेनदे सदे स्वगर्थ कमो जिदायदेगदा।
(प्रश्न) यह पचण्डत जिही इस कदा पदाठ बमोलतदे समय भभूल गयदे। यह ऐसदा हहै चक ‘यचतहस्तदे धनसं दददातम्’
अथदार्थतम् जिमो ससंन्यदाचसययों कदे हदाथ ममें धन ददेतदा हहै वह नरक ममें जिदातदा हहै।
(उत्तर) यह भही वचन अचवद्विदानम् कदे कपमोलकल्पनदा सदे रचदा हहै। क्ययोंचक जिमो हदाथ ममें धन ददेनदे सदे ददातदा नरक
कमो जिदाय तमो पग पर धरनदे वदा गठरही बदासंध कर ददेनदे सदे स्वगर्थ कमो जिदायदेगदा। इसचलए ऐसही कल्पनदा मदाननदे यमोग्य नहह।
हदासं! यह बदात तमो हहै चक जिमो ससंन्यदासही यमोगकदेम सदे अचधक रक्खदेगदा तमो चमोरदाचद सदे पहीचड़त और ममोचहत भही हमो जिदायगदा
परन्तगु जिमो चवद्विदानम् हहै वह अयगुक्त व्यवहदार कभही न करदेगदा, न ममोह ममें फसंसदेगदा। क्ययोंचक वह प्रथम गकहदाश्रम ममें अथवदा
ब्रह्मचयर्थ ममें सब भमोग कर वदा सब ददेख चगुकदा हहै और जिमो ब्रह्मचयर्थ सदे हमोतदा हहै वह पभूणर्थ वहैरदाग्ययगुक्त हमोनदे सदे कभही कहह
नहह फसंसतदा।
(प्रश्न) लमोग कहतदे हमैं चक श्रदाद्ध ममें ससंन्यदासही आवदे वदा चजिमदावदे तमो उस कदे चपतर भदाग जिदायमें और नरक ममें
चगरमें।

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(उत्तर) प्रथम तमो मरदे हहए चपतरयों कदा आनदा और चकयदा हह आ श्रदाद्ध मरदे हहए चपतरयों कमो पहह संचनदा हही
असम्भव, वदेद और यगुचक्तचवरुद्ध हमोनदे सदे चमथ्यदा हहै। और जिब आतदे हही नहह तमो भदाग कचौन जिदायमेंगदे ? जिब अपनदे पदाप
पगुण्य कदे अनगुसदार ईश्वर ककी व्यवस्थदा सदे मरण कदे पश्चदातम् जिहीव जिन्म लदेतदे हमैं तमो उन कदा आनदा कहै सदे हमो सकतदा हहै?
इसचलयदे यह भही बदात पदेटदाथर्त्ती पगुरदाणही और वहैरदाचगययों ककी चमथ्यदा कल्पही हहई हहै। हदासं यह तमो ठहीक हहै चक जिहदासं ससंन्यदासही
जिदायमेंगदे वहदासं यह मकतकश्रदाद्ध करनदा वदेददाचद शदासयों सदे चवरुद्ध हमोनदे सदे पदाखण्ड दरभू भदाग जिदायगदा।
(प्रश्न) जिमो ब्रह्मचयर्थ सदे ससंन्यदास लदेवदेगदा उस कदा चनवदार्थह कचठनतदा सदे हमोगदा और कदाम कदा रमोकनदा भही अचत
कचठन हहै। इसचलए गकहदाश्रम वदानप्रस्थ हमोकर जिब वकद्ध हमो जिदाय तभही ससंन्यदास लदेनदा अच्छदा हहै।
(उत्तर) जिमो चनवदार्थह न कर सकदे , इचन्द्रययों कमो न रमोक सकदे , वह ब्रह्मचयर्थ सदे ससंन्यदास न लदेवदे। परन्तगु जिमो
रमोक सकदे वह क्ययों न लदेवदे? चजिस पगुरुष नदे चवषय कदे दमोष और वहीयर्थससंरकण कदे गगुण जिदानदे हमैं वह चवषयदासक्त कभही
नहह हमोतदा। और उस कदा वहीयर्थ चवचदारदाचग्नि कदा इन्धनवतम् हहै अथदार्थतम् उसही ममें व्यय हमो जिदातदा हहै। जिहैसदे वहैद और औषधयों
ककी आवश्यकतदा रमोगही कदे चलयदे हमोतही हहै वहैसही नहीरमोगही कदे चलयदे नहह। इसही प्रकदार चजिस पगुरुष वदा सही कमो चवददा
धमर्थवकचद्ध और सब ससंसदार कदा उपकदार करनदा हही प्रयमोजिन हमो वह चववदाह न करदे। जिहैसदे पञ्चचशखदाचद पगुरुष और गदागर्त्ती
आचद चसयदासं हहई थह।
इसचलयदे ससंन्यदासही हमोनदा अचधकदाररययों कमो उचचत हहै। और जिमो अनचधकदारही ससंन्यदास ग्रहण करदेगदा तमो आप
डभू बदेगदा औरयों कमो भही डगु बदावदेगदा। जिहैसदे ‘समदाटम् ’ चक्रवतर्त्ती रदाजिदा हमोतदा हहै वहैसदे ‘परररदाटम्’ ससंन्यदासही हमोतदा हहै। प्रत्यगुत रदाजिदा
अपनदे ददेश ममें वदा स्वसम्बचन्धययों ममें सत्कदार पदातदा हहै और ससंन्यदासही सवर्थत्र पभूचजित हमोतदा हहै।
चवद्वित्त् व सं च नकप त्वसं च नहैव तगुल् यसं कददाचन।
स्वददेश दे पभूज् यतदे रदाजिदा चवद्विदानम् सवर्थत्र पभूज् यतदे॥ 1॥
—यह चदाणक्य-नहीचतशदास कदा श्लमोक हहै।
चवद्विदानम् और रदाजिदा ककी कभही तगुल्यतदा नहह हमो सकतही, क्ययोंचक रदाजिदा अपनदे रदाज्य हही ममें मदान और सत्कदार
पदातदा हहै और चवद्विदानम् सवर्थत्र मदान और प्रचतष्ठिदा कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै। इसचलयदे चवददा पढ़नदे , सगुचशकदा लदेनदे और बलवदानम्
हमोनदे आचद कदे चलयदे ब्रह्मचयर्थ, सब प्रकदार कदे उत्तम व्यवहदार चसद्ध करनदे कदे अथर्थ गकहस्थ; चवचदार ध्यदान और चवजदान
बढ़दानदे तपश्चयदार्थ करनदे कदे चलयदे वदानप्रस्थ; और वदेददाचद सत्यशदासयों कदा प्रचदार, धमर्थ व्यवहदार कदा ग्रहण और दष्टगु
व्यवहदार कदे त्यदाग, सत्यमोपददेश और सब कमो चनमःसन्ददेह करनदे आचद कदे चलयदे ससंन्यदासदाश्रम हहै। परन्तगु जिमो इस
ससंन्यदास कदे मगुख्य धमर्थ सत्यमोपददेशदाचद नहह करतदे वदे पचतत और नरकगदामही हमैं इस सदे ससंन्यदाचसययों कमो उचचत हहै चक

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः पञ् चममः समगुल दासमः
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सददा सत्यमोपददेश शङदासमदाधदान, वदेददाचद सत्यशदासयों कदा अध्यदापन और वदेदमोक्त धमर्थ ककी वकचद्ध प्रयत्न सदे करकदे सब
ससंसदार ककी उन्नचत चकयदा करमें।
(प्रश्न) जिमो ससंन्यदासही सदे अन्य सदाधगु, वहैरदागही, गगुसदाई,सं खदाखही आचद हमैं वदे भही ससंन्यदासदाश्रम ममें चगनदे जिदायमेंगदे
वदा नहह?
(उत्तर) नहह। क्ययोंचक उन ममें ससंन्यदास कदा एक भही लकण नहह। वदे वदेदचवरुद्ध मदागर्थ ममें प्रवकत्त हमोकर वदेद सदे
अचधक अपनदे सम्प्रददाय कदे आचदायर्यों कदे वचन मदानतदे और अपनदे हही मत ककी प्रशसंसदा करतदे चमथ्यदा प्रपसंच ममें फसं सकर
भू रयों कमो अपनदे-अपनदे मत ममें फसंसदातदे हमैं। सगुधदार करनदा तमो दरभू रहदा, उस कदे बदलदे ममें ससंसदार
अपनदे स्वदाथर्थ कदे चलयदे दस
कमो बहकदा कर अधमोगचत कमो प्रदाप्त करदातदे और अपनदा प्रयमोजिन चसद्ध करतदे हमैं। इसचलयदे इन कमो ससंन्यदासदाश्रम ममें नहह
चगन सकतदे चकन्तगु यदे स्वदाथदार्थश्रमही तमो पकदे हमैं। इस ममें कगु छ सन्ददेह नहह।
जिमो स्वयसं धमर्थ ममें चलकर सब ससंसदार कमो चलदातदे हमैं , जिमो आप और सब ससंसदार कमो इस लमोक अथदार्थतम्
वत्तर्थमदान जिन्म ममें, परलमोक अथदार्थतम् दस
भू रदे जिन्म ममें स्वगर्थ अथदार्थतम् सगुख कदा भमोग करतदे करदातदे हमैं। वदे हही धमदार्थत्मदा जिन
ससंन्यदासही और महदात्मदा हमैं।
यह ससंकदेप ममें ससंन्यदासदाश्रम ककी चशकदा चलखही। अब इस कदे आगदे रदाजि-प्रजिदाधमर्थ चवषय चलखदा जिदाएगदा।
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे
सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे वदानप्रस्थससंन् यदासदाश्रमचवषयदे
पञ्चममः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥5॥

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अथ षष्ठिसमगुल दासदारम्भमः
अथ रदाजिधमदार्थन म् व्यदाख्यदास्यदाममः
रदाजिधमदार्थन म् प्रवक्ष्यदाचम यथदावकत्त मो भवदेन्न पक मः।
सम्भवश्च यथदा तस्य चसचद्धश्च परमदा यथदा॥1॥
ब्रदाह्मसं प्रदाप्तदेन ससंस् कदारसं कचत्रयदेण यथदाचवचध।
सवर्थस् यदास्य यथदान्यदायसं कत्तर्थव् यसं परररकणमम्॥ 2॥ मनगु॰॥
अब मनगु जिही महदारदाजि ऋचषययों सदे कहतदे हमैं चक चदारयों वणर्थ और चदारयों आश्रमयों कदे व्यवहदार कथन कदे पश्चदातम् रदाजिधमर्यों
कमो कहमेंगदे चक चजिस प्रकदार कदा रदाजिदा हमोनदा चदाचहयदे और जिहैसदे इस कदे हमोनदे कदा सम्भव तथदा जिहैसदे इस कमो परमचसचद्ध
प्रदाप्त हमोवदे उस कमो सब प्रकदार कहतदे हमैं॥1॥चक जिहैसदा परम चवद्विदानम् ब्रदाह्मण हमोतदा हहै वहैसदा चवद्विदानम् सगुचशचकत हमोकर
कचत्रय कमो यमोग्य हहै चक इस सब रदाज्य ककी रकदा यथदावतम् करदे॥2॥उस कदा प्रकदार यह हहै—
त्रहीचण रदाजिदानदा चवदथदे पगुरू चण पररचवश्वदाचन भभूष थमः सददासंच स॥
—ऋ॰ मसं॰ 3। सभू॰ 38। मसं॰ 6॥
ईश्वर उपददेश करतदा हहै चक (रदाजिदानदा) रदाजिदा और प्रजिदा कदे पगुरुष चमल कदे (चवदथदे) सगुखप्रदाचप्त और
चवजदानवकचद्धकदारक रदाजिदा प्रजिदा कदे सम्बन्धरूप व्यवहदार ममें (त्रहीचण सददासंचस) तहीन सभदा अथदार्थतम् चवददायर्थसभदा,
धमदार्थयर्थसभदा, रदाजिदायर्थसभदा चनयत करकदे (पगुरूचण) बहह त प्रकदार कदे (चवश्वदाचन) समग्र प्रजिदासम्बन्धही मनगुष्यदाचद
प्रदाचणययों कमो (पररभभूषथमः) सब ओर सदे चवददा, स्वदातन्त्र्य, धमर्थ, सगुचशकदा और धनदाचद सदे अलसंककत करमें।
तसं सभदा च सचमचतश्च सदेन दा च॥1॥
—अथवर्थ॰ कदासं॰ 15। अनगु॰ 2। व॰ 9। मसं॰ 2॥
सभ्य सभदासं मदे पदाचह यदे च सभ्यदामः सभदासदमः॥2॥
—अथवर्थ॰ कदासं॰ 19। अनगु॰ 7। व॰ 55। मसं॰ 6॥
(तमम्) उस रदाजिधमर्थ कमो (सभदा च) तहीनयों सभदा (सचमचतश्च) ससंग्रदामदाचद ककी व्यवस्थदा और (सदेनदा च)
सदेनदा चमलकर पदालन करमें॥1॥
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
244

सभदासदम् और रदाजिदा कमो यमोग्य हहै चक रदाजिदा सब सभदासदयों कमो आजदा ददेवदे चक हदे (सभ्य) सभदा कदे यमोग्य
मगुख्य सभदासदम् तभू (मदे) मदेरही (सभदामम्) सभदा ककी धमर्थयक्त
गु व्यवस्थदा कदा (पदाचह) पदालन कर और (यदे च ) जिमो
(सभ्यदामः) सभदा कदे यमोग्य (सभदासदमः) सभदासद हमैं वदे भही सभदा ककी व्यवस्थदा कदा पदालन चकयदा करमें॥2॥
इस कदा अचभप्रदाय यह हहै चक एक कमो स्वतन्त्र रदाज्य कदा अचधकदार न ददेनदा चदाचहए चकन्तगु रदाजिदा जिमो
सभदापचत तदधहीन सभदा, सभदाधहीन रदाजिदा, रदाजिदा और सभदा प्रजिदा कदे आधहीन और प्रजिदा रदाजिसभदा कदे आधहीन रहहै।
यचद ऐसदा न करमोगदे तमो—
रदाष्टछ मदेव चवश्यदा हचन्त तस्मदाद्रदाष्टछ ही चवशसं घदातगुक मः॥
चवशमदेव रदाष्टछ दायदाददासं करमोचत तस्मदाद्रदाष्टछ ही चवशमचत्त
न पगुष्ट सं पशगुसं मन्यत इचत॥1॥
—शत॰ कदासं॰ 13। अनगु॰ 2। ब्रदा॰ 3॥
जिमो प्रजिदा सदे स्वतन्त्र स्वदाधहीन रदाजिवगर्थ रहहै तमो (रदाष्टछमदेव चवश्यदा हचन्त) रदाज्य ममें प्रवदेश करकदे प्रजिदा कदा नदाश
चकयदा करदे। चजिसचलयदे अकदे लदा रदाजिदा स्वदाधहीन वदा उन्मत्त हमोकदे (रदाष्टछही चवशसं घदातगुकमः) प्रजिदा कदा नदाशक हमोतदा हहै
अथदार्थतम् (चवशमदेव रदाष्टछदायदाददासं करमोचत) वह रदाजिदा प्रजिदा कमो खदायदे जिदातदा (अत्यन्त पहीचड़त करतदा) हहै इसचलयदे चकसही
एक कमो रदाज्य ममें स्वदाधहीन न करनदा चदाचहयदे। जिहैसदे चससंह वदा मदासंसदाहदारही हृष्ट पगुष्ट पशगु कमो मदार कर खदा लदेतदे हमैं , वहैसदे
(रदाष्टछही चवशमचत्त) स्वतन्त्र रदाजिदा प्रजिदा कदा नदाश करतदा हहै अथदार्थतम् चकसही कमो अपनदे सदे अचधक न हमोनदे ददेतदा, श्रहीमदानम्
कमो लभूट खभूसंट अन्यदाय सदे दण्ड लदेकदे अपनदा प्रयमोजिन पभूरदा करदेगदा। इसचलयदे—
इन्द्रमो जियदाचत न परदा जियदातदा अचधरदाजिमो रदाजिसगु रदाजियदातहै।
चककर्थ त्य ईडमो वन्दश्चमोपसदमो नमस्यमो भवदेह ॥
—अथवर्थ॰ कदासं॰ 6। अनगु॰ 10। व॰ 98। म॰ 1॥
हदे मनगुष्यमो! जिमो (इह) इस मनगुष्य कदे समगुददाय ममें (इन्द्रमः) परम ऐश्वयर्थ कदा कत्तदार्थ शत्रगुओसं कमो (जियदाचत)
जिहीत सकदे (न परदाजियदातहै) जिमो शत्रगुओसं सदे परदाचजित न हमो (रदाजिसगु) रदाजिदाओसं ममें (अचधरदाजिमः) सवर्वोपरर चवरदाजिमदान
(रदाजियदातहै) प्रकदाशमदान हमो (चककर्थ त्यमः) सभदापचत हमोनदे कमो अत्यन्त यमोग्य (ईडमः) प्रशसंसनहीय गगुण, कमर्थ,
स्वभदावयगुक्त (वन्दमः) सत्करणहीय (चमोपसदमः) समहीप जिदानदे और शरण लदेनदे यमोग्य (नमस्यमः) सब कदा मदाननहीय
(भव) हमोवदे उसही कमो सभदापचत रदाजिदा करमें।

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इमसं ददेव दाऽ असपत्नसं सगुव ध्वसं महतदे कत्रदाय महतदे ज्यहैष् ठदाय महतदे
जिदानरदाज्यदायदेन् द्रस्यदेच न्द्रयदाय॥1॥ —यजिगुमः॰ अ॰ 9। मन्त्र 40॥
हदे (ददेवदामः) चवद्विदानमो रदाजिप्रजिदाजिनमो तगुम (इममम्) इस प्रकदार कदे पगुरुष कमो (महतदे कत्रदाय) बड़दे चक्रवचतर्थ
रदाज्य (महतदे ज्यहैष्ठदाय) सब सदे बड़दे हमोनदे (महतदे जिदानरदाज्यदाय) बड़दे-बड़दे चवद्विदानयों सदे यगुक्त रदाज्य पदालनदे और
(इन्द्रस्यदेचन्द्रयदाय) परम ऐश्वयर्थयक्त गु रदाज्य और धन कदे पदालन कदे चलयदे (असपत्नसं सगुवध्वमम्) सम्मचत करकदे सवर्थत्र
पकपदातरचहत पभूणर्थ चवददा चवनययगुक्त सब कदे चमत्र सभदापचत रदाजिदा कमो सवदार्थधहीश मदान कदे सब भभूगमोल शत्रगुरचहत करमो॥
और—
चस्थरदा वमः सन्त्वदायगुध दा परदाणगु द दे वहीळभू उत प्रचपचतष्कभदे।
यगुष् मदाकमस्तगु तचवषही पनहीयसही मदा मत्यर्थस् य मदाचयनमः॥
—ऋ॰ मसं॰ 1। सभू॰ 39। मसं॰ 2॥
ईश्वर उपददेश करतदा हहै चक हदे रदाजिपगुरुषमो! (वमः) तगुम्हदारदे (आयगुधदा) आग्निदेयदाचद अस और शतघ्नही (तमोप)
भगुशगुण्डही (बन्दकभू ) धनगुष बदाण करवदाल (तलवदार) आचद शस शत्रगुओसं कदे (परदाणदगु दे) परदाजिय करनदे (उत
प्रचतष्कभदे) और रमोकनदे कदे चलए (वहीळभू) प्रशसंचसत और (चस्थरदा) दृढ़ (सन्तगु) हयों (यगुष्मदाकमम्) और तगुम्हदारही
(तचवषही) सदेनदा (पनहीयसही) प्रशसंसनहीय (अस्तगु) हमोवदे चक चजिस सदे तगुम सददा चवजियही हमोवमो परन्तगु (मदा मत्यर्थस्य
मदाचयनमः) जिमो चनचन्दत अन्यदायरूप कदाम करतदा हहै उस कदे चलयदे पभूवर्थ चहीजिमें मत हयों अथदार्थतम् जिब तक मनगुष्य धदाचमर्थक
रहतदे हमैं तभही तक रदाज्य बढ़तदा रहतदा हहै और जिब दष्टगु दाचदारही हमोतदे हमैं तब नष्ट भ्रष्ट हमो जिदातदा हहै।
महदाचवद्विदानयों कमो चवददासभदाऽचधकदारही; धदाचमर्थक चवद्विदानयों कमो धमर्थसभदाऽचधकदारही, प्रशसंसनहीय धदाचमर्थक पगुरुषयों कमो
रदाजिसभदा कदे सभदासदम् और जिमो उन सब ममें सवर्वोत्तम गगुण , कमर्थ, स्वभदावयगुक्त महदानम् पगुरुष हमो उसकमो रदाजिसभदा कदा
पचतरूप मदान कदे सब प्रकदार सदे उन्नचत करमें। तहीनयों सभदाओसं ककी सम्मचत सदे रदाजिनहीचत कदे उत्तम चनयम और चनयमयों
कदे आधहीन सब लमोग वतर्त्तें, सब कदे चहतकदारक कदामयों ममें सम्मचत करमें। सवर्थचहत करनदे कदे चलयदे परतन्त्र और धमर्थयक्त गु
कदामयों ममें अथदार्थतम् जिमो-जिमो चनजि कदे कदाम हमैं उन-उन ममें स्वतन्त्र रहमैं। पगुनमः उस सभदापचत कदे गगुण कहै सदे हमोनदे चदाचहयदे—
इन्द्रदाऽचनलयमदाकदार्थण दामग्निदेश् च वरुणस्य च।
चन्द्रचवत्तदेश यमोश्चहैव मदात्रदा चनहृर्थत् य शदाश्वतहीमः॥1॥
तपत्यदाचदत्यवच्चिहैष चकभूचसं ष च मनदासंच स च।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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न चहैन सं भगुच व शक्नमोचत कचश्चदप्यचभवहीचकतगुम म्॥ 2॥


समोऽचग्निभर्थव चत वदायगुश् च समोऽकर्थ मः समोममः स धमर्थर दाटम् ।
स कगु बदेर मः स वरुणमः स महदेन् द्रमः प्रभदावतमः॥3॥
वह सभदेश रदाजिदा इन्द्र अथदार्थतम् चवदगुतम् कदे समदान शहीघ्र ऐश्वयर्थकत्तदार्थ, वदायगु कदे समदान सब कदे प्रदाणवतम् चप्रय
और हृदय ककी बदात जिदाननदेहदारदा, यम पकपदातरचहत न्यदायदाधहीश कदे समदान वत्तर्थनदेवदालदा, सभूयर्थ कदे समदान न्यदाय, धमर्थ,
चवददा कदा प्रकदाशक अन्धकदार अथदार्थतम् अचवददा अन्यदाय कदा चनरमोधक; अचग्नि कदे समदान दष्टगु यों कमो भस्म करनदेहदारदा,
वरुण अथदार्थतम् बदासंधनदेवदालदे कदे सदृश दष्टगु यों कमो अनदेक प्रकदार सदे बदासंधनदेवदालदा, चन्द्र कदे तगुल्य श्रदेष्ठि पगुरुषयों कमो
आनन्दददातदा, धनदाध्यक कदे समदान कमोशयों कदा पभूणर्थ करनदे वदालदा सभदापचत हमोवदे॥1॥
जिमो सभूयर्थवतम् प्रतदापही सब कदे बदाहर और भहीतर मनयों कमो अपनदे तदेजि सदे तपदानदेहदारदा, चजिस कमो पकचथवही ममें
करड़ही दृचष्ट सदे ददेखनदे कमो कमोई भही समथर्थ न हमो॥2॥
और जिमो अपनदे प्रभदाव सदे अचग्नि, वदाय,गु सभूयर्थ, समोम, धमर्थप्रकदाशक, धनवद्धर्थक, दष्टगु यों कदा बन्धनकत्तदार्थ, बड़दे
ऐश्वयर्थवदालदा हमोवदे, वहही सभदाध्यक सभदेश हमोनदे कदे यमोग्य हमोवदे॥3॥सच्चिदा रदाजिदा कचौन हहै—
स रदाजिदा पगुरु षमो दण्डमः स नदेत दा शदाचसतदा च समः।
चतगुण दार्थम दाश्रमदाणदासं च धमर्थस् य प्रचतभभूमः स्मकत मः॥1॥
दण्डमः शदाचस्त प्रजिदामः सवदार्थ दण्ड एवदाचभरकचत।
दण्डमः सगुप्त देष गु जिदागचतर्थ दण्डसं धमर्वं चवद गुब धगुर्थ दामः॥2॥
समहीक्ष्य स धकत मः सम्यकम् सवदार्थ रञ्जयचत प्रजिदामः।
असमहीक्ष्य प्रणहीतस्तगु चवनदाशयचत सवर्थत मः॥3॥
दगुष् यदेयगु मः सवर्थव णदार्थश् च चभददेर नम् सवर्थस तदे वमः।
सवर्थल मोकप्रकमोपश्च भवदेदम् दण्डस्य चवभ्रमदातम्॥ 4॥
यत्र श्यदाममो लमोचहतदाकमो दण्डश्चरचत पदापहदा।
प्रजिदास्तत्र न मगुह्य चन्त नदेत दा चदेत म् सदाधगु पश्यचत॥5॥
तस्यदाहह मः सम्प्रणदेत दारसं रदाजिदानसं सत्यवदाचदनमम्।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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समहीक्ष्यकदाररणसं प्रदाजसं धमर्थक दामदाथर्थक मोचवदमम्॥ 6॥


तसं रदाजिदा प्रणयनम् सम्यकम् चत्रवगर्वेण दाचभवद्धर्थत ।दे
कदामदात्मदा चवषममः कगुद्र मो दण्डदेन वहै चनहन्यतदे॥ 7॥
दण्डमो चह सगुम हत्तदेजि मो द गुध रर्थ श्चदाकक तदात्मचभमः।
धमदार्थदम् चवचचलतसं हचन्त नकप मदेव सबदान्धवमम्॥ 8॥
समोऽसहदायदेन मभूढ देन लगुब् धदेन दाकक तबगुच द्धनदा।
न शक्यमो न्यदायतमो नदेत गुसं सक्तदे न चवषयदेष गु च॥9॥
शगुच चनदा सत्यसन्धदेन यथदाशदासदानगुस दाररणदा।
प्रणदेत गुसं शक्यतदे दण्डमः सगुस हदायदेन धहीमतदा॥10॥ मनगु॰॥
जिमो दण्ड हहै वहही पगुरुष रदाजिदा, वहही न्यदाय कदा प्रचदारकत्तदार्थ और सब कदा शदासनकत्तदार्थ, वहही चदार वणर्थ और
आश्रमयों कदे धमर्थ कदा प्रचतभभू अथदार्थतम् जिदाचमन हहै॥1॥
वहही प्रजिदा कदा शदासनकत्तदार्थ सब प्रजिदा कदा रकक, समोतदे हह ए प्रजिदास्थ मनगुष्ययों ममें जिदागतदा हहै इसही चलयदे
बगुचद्धमदानम् लमोग दण्ड हही कमो धमर्थ कहतदे हमैं॥2॥
जिमो दण्ड अच्छदे प्रकदार चवचदार सदे धदारण चकयदा जिदाय तमो वह सब प्रजिदा कमो आनचन्दत कर ददेतदा हहै और जिमो
चवनदा चवचदारदे चलदायदा जिदाय तमो सब ओर सदे रदाजिदा कदा चवनदाश कर ददेतदा हहै॥3॥
चवनदा दण्ड कदे सब वणर्थ दचभू षत और सब मयदार्थददा चछन्न-चभन्न हमो जिदायमें। दण्ड कदे यथदावतम् न हमोनदे सदे सब
लमोगयों कदा प्रकमोप हमो जिदावदे॥4॥
जिहदासं कक ष्णवणर्थ रक्तनदेत्र भयङर पगुरुष कदे समदान पदापयों कदा नदाश करनदेहदारदा दण्ड चवचरतदा हहै वहदासं प्रजिदा ममोह
कमो प्रदाप्त न हमोकदे आनचन्दत हमोतही हहै परन्तगु जिमो दण्ड कदा चलदानदे वदालदा पकपदातरचहत चवद्विदानम् हमो तमो॥5॥
जिमो उस दण्ड कदा चलदानदे वदालदा सत्यवदादही, चवचदार कदे करनदेहदारदा, बगुचद्धमदानम्, धमर्थ, अथर्थ और कदाम ककी
चसचद्ध करनदे ममें पचण्डत रदाजिदा हहै उसही कमो उस दण्ड कदा चलदानदेहदारदा चवद्विदानम् लमोग कहतदे हमैं॥6॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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जिमो दण्ड कमो अच्छदे प्रकदार रदाजिदा चलदातदा हहै वह धमर्थ, अथर्थ और कदाम ककी चसचद्ध कमो बढ़दातदा हहै और जिमो
चवषय ममें लम्पट, टदेढ़दा, ईष्यदार्थ करनदेहदारदा, कगुद्र नहीचबगुचद्ध न्यदायदाधहीश रदाजिदा हमोतदा हहै, वह दण्ड सदे हही मदारदा जिदातदा हहै॥
7॥
जिब दण्ड बड़दा तदेजिमोमय हहै उस कमो अचवद्विदानम्, अधमदार्थत्मदा धदारण नहह कर सकतदा। तब वह दण्ड धमर्थ सदे
रचहत कगु टगु म्बसचहत रदाजिदा हही कदा नदाश कर ददेतदा हहै॥8॥
क्ययोंचक जिमो आप्त पगुरुषयों कदे सहदाय, चवददा, सगुचशकदा सदे रचहत, चवषययों ममें आसक्त मभूढ़ हहै वह न्यदाय सदे दण्ड
कमो चलदानदे ममें समथर्थ कभही नहह हमो सकतदा॥9॥
और जिमो पचवत्र आत्मदा सत्यदाचदार और सत्पगुरुषयों कदा सङही यथदावतम् नहीचतशदास कदे अनगुकभूल चलनदेहदारदा श्रदेष्ठि
पगुरुषयों कदे सहदाय सदे यगुक्त बगुचद्धमदानम् हहै वहही न्यदायरूपही दण्ड कदे चलदानदे ममें समथर्थ हमोतदा हहै॥10॥इसचलयदे—
सहैन दापत्यसं च रदाज्यसं च दण्डनदेत त्क वमदेव च।
सवर्थल मोकदाचधपत्यसं च वदेद शदासचवदहर्थच त॥1॥
दशदावरदा वदा पररषदसं धमर्वं पररकल्पयदेत म्।
त्र्यवरदा वदाचप वकत्त स्थदा तसं धमर्वं न चवचदालयदेत म्॥ 2॥
त्रहैच वदमो हहैत क
गु स्तककीर्थ नहैरु क्तमो धमर्थप दाठकमः।
त्रयश्चदाश्रचमणमः पभूव र्वे पररषतम् स्यदाद्दशदावरदा॥3॥
ऋग्वदेद चवदम् यजिगुच वर्थच्चि सदामवदेद चवददेव च।
त्र्यवरदा पररषज्जदेय दा धमर्थस शसं यचनणर्थय ॥दे 4॥
एकमोऽचप वदेद चवदम् धमर्वं यसं व्यवस्यदेदम् चद्विजिमोत्तममः।
स चवजदेय मः परमो धमर्वो नदाजदानदामगुच दतमोऽय गु त हैमः ॥5॥
अरतदानदाममन्त्रणदासं जिदाचतमदात्रमोपजिहीचवनदामम्।
सहस्रशमः समदेत दानदासं पररषत्त् व सं न चवदतदे॥ 6॥
यसं वदचन्त तममोभभूत दा मभूख दार्थ धमर्थम तचद्विदमः।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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तत्पदापसं शतधदा भभूत् वदा तद्विक्ततॄ ननगुग च्छचत॥7॥ मनगु॰॥


सब सदेनदा और सदेनदापचतययों कदे ऊपर रदाज्यदाचधकदार, दण्ड ददेनदे ककी व्यवस्थदा कदे सब कदायर्यों कदा आचधपत्य
और सब कदे ऊपर वत्तर्थमदान सवदार्थधहीश रदाज्यदाचधकदार इन चदारयों अचधकदारयों ममें सम्पभूणर्थ वदेद शदासयों ममें प्रवहीण पभूणर्थ
चवददावदालदे धमदार्थत्मदा चजितदेचन्द्रय सगुशहील जिनयों कमो स्थदाचपत करनदा चदाचहयदे अथदार्थतम् मगुख्य सदेनदापचत, मगुख्य
रदाज्यदाचधकदारही, मगुख्य न्यदायदाधहीश, प्रधदान और रदाजिदा यदे चदार सब चवददाओसं ममें पभूणर्थ चवद्विदानम् हमोनदे चदाचहयमें॥1॥
न्यभून सदे न्यभून दश चवद्विदानयों अथवदा बहह त न्यभून हयों तमो तहीन चवद्विदानयों ककी सभदा जिहैसही व्यवस्थदा करदे उस धमर्थ
अथदार्थतम् व्यवस्थदा कदा उलसंघन कमोई भही न करदे॥2॥
इस सभदा ममें चदारयों वदेद, हहैतगुक अथदार्थतम् कदारण अकदारण कदा जदातदा न्यदायशदास, चनरुक्त, धमर्थशदास आचद कदे
वदेत्तदा चवद्विदानम् सभदासदम् हयों परन्तगु वदे ब्रह्मचदारही, गकहस्थ और वदानप्रस्थ हयों तब यह सभदा चक चजिसममें दश चवद्विदानयों सदे
न्यभून न हमोनदे चदाचहयदे॥3॥
और चजिस सभदा ममें ऋग्वदेद, यजिगुवर्वेद, सदामवदेद कदे जिदाननदे वदालदे तहीन सभदासदम् हमोकदे व्यवस्थदा करमें उस सभदा
ककी ककी हह ई व्यवस्थदा कमो भही कमोई उलसंघन न करदे॥4॥

यचद एक अकदे लदा सब वदेदयों कदा जिदाननदेहदारदा चद्विजियों ममें उत्तम ससंन्यदासही चजिस धमर्थ ककी व्यवस्थदा करदे वहही श्रदेष्ठि
धमर्थ हहै क्ययोंचक अजदाचनययों कदे सहस्रयों लदाखयों क्रमोड़यों चमल कदे जिमो कगु छ व्यवस्थदा करमें उस कमो कभही न मदाननदा चदाचहयदे॥
5॥

जिमो ब्रह्मचयर्थ सत्यभदाषणदाचद रत वदेदचवददा वदा चवचदार सदे रचहत जिन्ममदात्र सदे शभूद्रवतम् वत्तर्थमदान हमैं उन सहस्रयों
मनगुष्ययों कदे चमलनदे सदे भही सभदा नहह कहदातही॥6॥

जिमो अचवददायक्त गु मभूखर्थ वदेदयों कदे न जिदाननदेवदालदे मनगुष्य चजिस धमर्थ कमो कहमें उस कमो कभही न मदाननदा चदाचहयदे
क्ययोंचक जिमो मभूखर्यों कदे कहदे हह ए धमर्थ कदे अनगुसदार चलतदे हमैं उनकदे पहीछदे सहैकड़यों प्रकदार कदे पदाप लग जिदातदे हमैं॥7॥

इसचलयदे तहीनयों अथदार्थतम् चवददासभदा, धमर्थसभदा और रदाज्यसभदाओसं ममें मभूखर्यों कमो कभही भरतही न करदे। चकन्तगु
सददा चवद्विदानम् और धदाचमर्थक पगुरुषयों कदा स्थदापन करदे। और सब लमोग ऐसदे—

त्रहैच वददेभ् यसयह चवददासं दण्डनहीचतसं च शदाश्वतहीमम्।


आन्वहीचकककीसं चदात्मचवददासं वदात्तदार्थर म्भदाहश् च लमोकतमः॥1॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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इचन्द्रयदाणदासं जियदे यमोगसं समदाचतष्ठिदेद म् चदवदाचनशमम्।


चजितदेच न्द्रयमो चह शक्नमोचत वशदे स्थदापचयतगुसं प्रजिदामः॥2॥
दश कदामसमगुत् थदाचन तथदाष्टचौ क्रमोधजिदाचन च।
व्यसनदाचन द गुर न्तदाचन प्रयत्नदेन चववजिर्थय तदे म्॥ 3॥
कदामजिदेष गु प्रसक्तमो चह व्यसनदेष गु महहीपचतमः।
चवयगुज् यतदेऽ थर्थध मदार्थभ् यदासं क्रमोधजिदेष् वदात्मनहैव तगु॥ 4॥
मकग यदाकमो चदवदास्वप्नमः परहीवदादमः चसयमो मदमः।
तचौयर्थच त्रकसं वकथ दाटदा च कदामजिमो दशकमो गणमः॥5॥
पहैश गुन् यसं सदाहससं द्रमोह ईष्यदार्थस यभू दाथर्थद भू ष णमम्।
वदाग्दण्डजिसं च पदारुष्यसं क्रमोधजिमोऽचप गणमोऽष्टकमः॥6॥
द्वियमोरप्यदेत यमोमभूल
र्थ सं यसं सवर्वे कवयमो चवद गुमः ।
तसं यत्नदेन जियदेल मोभसं तज्जदावदेत दावगुभ चौ गणचौ॥7॥
पदानमकदामः चसयश्चहैव मकग यदा च यथदाक्रममम्।
एतत्कष्टतमसं चवददाच्चितगुष् कसं कदामजिदे गणदे॥ 8॥
दण्डस्य पदातनसं चहैव वदाक्पदारुष्यदाथर्थद भू ष णदे।
क्रमोधजिदेऽ चप गणदे चवददातम् कष्टमदेत तम् चत्रकसं सददा॥9॥
सप्तकस्यदास्य वगर्थस् य सवर्थत्र वहै दानगुष रङणमः।
पभूव र्वं पभूव र्वं गगुरु तरसं चवददादम् व्यसनमदात्मवदानम्॥ 10॥
व्यसनस्य च मकत् यमोश्च व्यसनसं कष्टमगुच् यतदे।
व्यसन्यधमोऽधमो रजिचत स्वयदार्थत् यव्यसनही मकत मः॥11॥ मनगु॰॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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रदाजिदा और रदाजिसभदा कदे सभदासदम् तब हमो सकतदे हमैं चक जिब वदे चदारयों वदेदयों ककी कमर्वोपदासनदा जदान चवददाओसं कदे
जिदाननदेवदालयों सदे तहीनयों चवददा सनदातन दण्डनहीचत न्यदायचवददा आत्मचवददा अथदार्थतम् परमदात्मदा कदे गगुण , कमर्थ, स्वभदाव
रूप कमो यथदावतम् जिदाननदेरूप ब्रह्मचवददा और लमोक सदे वदातदार्थओसं कदा आरम्भ (कहनदा और पभूछनदा) सहीखकर सभदासदम्
वदा सभदापचत हमो सकमें ॥1॥
सब सभदासदम् और सभदापचत इचन्द्रययों कमो जिहीतनदे अथदार्थतम् अपनदे वश ममें रख कदे सददा धमर्थ ममें वतर्त्तें और अधमर्थ
सदे हठदे हठदाए रहमैं। इसचलयदे रदात चदन चनयत समय ममें यमोगदाभ्यदास भही करतदे रहमैं , क्ययोंचक जिमो अचजितदेचन्द्रय चक अपनही
इचन्द्रययों (जिमो मन, प्रदाण और शरहीर प्रजिदा हहै इस) कमो जिहीतदे चवनदा बदाहर ककी प्रजिदा कमो अपनदे वश ममें स्थदापन करनदे
कमो समथर्थ कभही नहह हमो सकतदा॥2॥
दृढ़मोत्सदाहही हमोकर जिमो कदाम सदे दश और क्रमोध सदे आठ दष्टगु व्यसन चक चजिनममें फसंसदा हह आ मनगुष्य कचठनतदा
सदे चनकल सकदे उन कमो प्रयत्न सदे छमोड़ और छगु ड़दा ददेवदे॥3॥
क्ययोंचक जिमो रदाजिदा कदाम सदे उत्पन्न हह ए दश दष्टगु व्यसनयों ममें फसंसतदा हहै वह अथर्थ अथदार्थतम् रदाज्य धनदाचद और
धमर्थ सदे रचहत हमो जिदातदा हहै और जिमो क्रमोध सदे उत्पन्न हह ए आठ बगुरदे व्यसनयों ममें फसतदा हहै वह शरहीर सदे भही रचहत हमो
जिदातदा हहै॥4॥
कदाम सदे उत्पन्न हह ए व्यसन चगनदातदे हमैं, ददेखमो-मकगयदा खदेलनदा, (अक) अथदार्थतम् चमोपड़ खदेलनदा, जिगुआ
खदेलनदाचद, चदन ममें समोनदा, कदामकथदा व दस भू रदे ककी चनन्ददा चकयदा करनदा, चसययों कदा अचत ससंग, मदादक द्रव्य अथदार्थतम्
मद, अफकीम, भदासंग, गदासंजिदा, चरस आचद कदा सदेवन, गदानदा, बजिदानदा, नदाचनदा वदा नदाच करदानदा सगुननदा और ददेखनदा;
वकथदा इधर-उधर घभूमतदे रहनदा यदे दश कदाममोत्पन्न व्यसन हमैं॥5॥
क्रमोध सदे उत्पन्न व्यसनयों कमो चगनदातदे हमैं— ‘पहैशगुन्यमम्’ अथदार्थतम् चगुगलही करनदा, सदाहस चवनदा चवचदारदे
बलदात्कदार सदे चकसही ककी सही सदे बगुरदा कदाम करनदा, द्रमोह = द्रमोह रखनदा, ‘ईष्यदार्थ’ अथदार्थतम् दस
भू रदे ककी बड़दाई वदा उन्नचत
ददेख कर जिलदा करनदा, ‘असभूयदा’ दमोषयों ममें गगुण, गगुणयों ममें दमोषदारमोपण करनदा, ‘अथर्थदषभू ण’ अथदार्थतम् अधमर्थयक्त गु बगुरदे
कदामयों सदे धनदाचद कदा व्यय करनदा, वदाग्दण्ड, कठमोर वचन बमोलनदा और पदारुष्यसं=चवनदा अपरदाध कड़दा वचन वदा
चवशदेष दण्ड ददेनदा यदे आठ दगगु गुर्थण क्रमोध सदे उत्पन्न हमोतदे हमैं॥6॥
चजिसदे सब चवद्विदानम् लमोग कदामजि और क्रमोधजियों कदा मभूल जिदानतदे हमैं चक चजिस सदे यदे सब द गगु णगुर्थ मनगुष्य कमो प्रदाप्त
हमोतदे हमैं उस लमोभ कमो प्रयत्न सदे छमोड़दे॥7॥

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कदाम कदे व्यसनयों ममें बड़दे दगगु गुर्थण एक मददाचद अथदार्थतम् मदकदारक द्रव्ययों कदा सदेवन, दस
भू रदा पदासयों आचद सदे जिगुआ
खदेलनदा, तहीसरदा चसययों कदा चवशदेष सङ, चचौथदा मकगयदा खदेलनदा चदे चदार महदादष्टगु व्यसन हमैं॥8॥
और क्रमोधजियों ममें चबनदा अपरदाध दण्ड ददेनदा, कठमोर वचन बमोलनदा और धनदाचद कदा अन्यदाय ममें खचर्थ करनदा यदे
तहीन क्रमोध सदे उत्पन्न हह ए बड़दे दमःगु खददायक दमोष हमैं॥9॥
जिमो यदे सदात दगगु गुर्थण दमोनयों कदामजि और क्रमोधजि दमोषयों ममें चगनदे हमैं इन सदे पभूवर्थ -पभूवर्थ अथदार्थतम् व्यथर्थ व्यय सदे कठमोर
वचन, कठमोर वचन सदे अन्यदाय सदे दण्ड ददेनदा, इस सदे मकगयदा खदेलनदा, इस सदे चसययों कदा अत्यन्त सङ, इस सदे
जिगुआ अथदार्थतम् दभूत करनदा और इस सदे भही मददाचद सदेवन करनदा बड़दा दष्टगु व्यसन हहै॥10॥

इस ममें यह चनश्चय हहै चक दष्टगु व्यसन ममें फसंसनदे सदे मर जिदानदा अच्छदा हहै क्ययोंचक जिमो दष्टगु दाचदारही पगुरुष हहै वह
अचधक चजियदेगदा तमो अचधक-अचधक पदाप करकदे नहीच-नहीच गचत अथदार्थतम् अचधक-अचधक दमःगु ख कमो प्रदाप्त हमोतदा जिदायदेगदा
और जिमो चकसही व्यसन ममें नहह फसंसदा वह मर भही जिदायगदा तमो भही सगुख कमो प्रदाप्त हमोतदा जिदायगदा इसचलयदे चवशदेष रदाजिदा
और सब मनगुष्ययों कमो उचचत हहै चक कभही मकगयदा और मदपदानदाचद द ष्टगु कदामयों ममें न फसंसमें और दष्टगु व्यसनयों सदे पकथकम्
गु गगुण, कमर्थ, स्वभदावयों ममें सददा वत्तर्थ कदे अच्छदे-अच्छदे कदाम चकयदा करमें॥11॥
हमोकर धमर्थयक्त

रदाजिसभदासदम् और मन्त्रही कहै सदे हमोनदे चदाचहयदे—

मचौलदानम् शदासचवदमः शभूर दासंल ब्धलक्ष्यदानम् कगु लमोदतदानम्।


सचचवदानम् सप्त चदाष्टचौ वदा प्रकगु वर्त्ती त परहीचकतदानम्॥ 1॥
अचप यतम् सगुक रसं कमर्थ तदप्यदेकदे न दगुष् करमम्।
चवशदेष तमोऽसहदायदेन चकन्तगु रदाज्यसं महमोदयमम्॥ 2॥
तहैमः सदाद्धर्वं चचन्तयदेच न्नत्यसं सदामदान्यसं सचन्धचवग्रहमम्।
स्थदानसं समगुद यसं गगुच प्तसं लब्धप्रशमनदाचन च॥3॥
तदेष दासं स्वसं स्वमचभप्रदायमगुप लभ्य पकथ कम् -पकथ कम् ।
समस्तदानदाञ्च कदायर्वेष गु चवदध्यदाचद्धतमदात्मनमः॥4॥
अन्यदानचप प्रकगु वर्त्ती त शगुच हीनम् प्रजदानवचस्थतदानम्।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
244

सम्यगथर्थस मदाहततॄनर्थ म् अमदात्यदानम् सगुप रहीचकतदानम्॥ 5॥


चनवत्तर्वेत दास्य यदावचदररचतकतर्थव् यतदा नकच भमः।
तदावतमोऽतचन्द्रतदानम् दकदानम् प्रकगु वर्त्ती त चवचकणदानम्॥ 6॥
तदेष दामथर्वे चनयगु ञ्ज हीत शभूर दानम् दकदानम् कगु लमोदतदानम्।
शगुच हीनम् आकरकमदार्थन् तदे भहीरूनम् अन्तचनर्थव शदे नदे॥ 7॥
दभू त सं चहैव प्रकगु वर्त्ती त सवर्थश दासचवशदारदमम्।
इरङतदाकदारचदेष्ट जसं शगुच चसं दकसं कगु लमोदतमम्॥ 8॥
अनगुर क्तमः शगुच चदर्थक मः स्मकच तमदानम् ददेश कदालचवतम्।
वपगुष् मदानम् वहीतभहीवदार्थग् मही दभू त मो रदाजमः प्रशस्यतदे॥ 9॥ मनगु॰॥
स्वरदाज्य स्वददेश ममें उत्पन्न हह ए, वदेददाचद शदासयों कदे जिदाननदे वदालदे, शभूरवहीर, चजिन कदा लक्ष्य अथदार्थतम् चवचदार
चनष्फल न हमो और कगु लहीन, अच्छदे प्रकदार सगुपरहीचकत, सदातवदा आठ उत्तम धदाचमर्थक चतगुर ‘सचचवदानम्’ अथदार्थतम् मन्त्रही
करदे॥1॥
क्ययोंचक चवशदेष सहदाय कदे चवनदा जिमो सगुगम कमर्थ हहै वह भही एक कदे करनदे ममें कचठन हमो जिदातदा हहै, जिब ऐसदा हहै
तमो महदानम् रदाज्यकमर्थ एक सदे कहै सदे हमो सकतदा हहै? इसचलयदे एक कमो रदाजिदा और एक ककी बगुचद्ध पर रदाज्य कदे कदायर्थ कदा
चनभर्थर रखनदा बहह त हही बगुरदा कदाम हहै॥2॥
इस सदे सभदापचत कमो उचचत हहै चक चनत्यप्रचत उन रदाज्यकमर्यों ममें कगु शल चवद्विदानम् मचन्त्रययों कदे सदाथ सदामदान्य
करकदे चकसही सदे (सचन्ध) चमत्रतदा चकसही सदे (चवग्रह) चवरमोध (स्थदान) चस्थचत समय कमो ददेख कदे चगुपचदाप रहनदा,
अपनदे रदाज्य ककी रकदा करकदे बहैठदे रहनदा (समगुदयमम्) जिब अपनदा उदय अथदार्थतम् वकचद्ध हमो तब दष्टगु शत्रगु पर चढ़दाई करनदा
(गगुचप्तमम्) मभूल रदाजिसदेनदा कमोश आचद ककी रकदा (लब्धप्रशमनदाचन) जिमो-जिमो ददेश प्रदाप्त हमो उस-उस ममें शदाचन्तस्थदापन
उपद्रवरचहत करनदा इन छमः गगुणयों कदा चवचदार चनत्यप्रचत चकयदा करदे॥3॥
चवचदार सदे करनदा चक उस सभदासदयों कदा पकथकम् -पकथकम् अपनदा-अपनदा चवचदार और अचभप्रदाय कमो सगुनकर
बहह पकदानगुसदार कदायर्यों ममें जिमो कदायर्थ अपनदा और अन्य कदा चहतकदारक हमो वह करनदे लगनदा॥4॥

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अन्य भही पचवत्रदात्मदा, बगुचद्धमदानम्, चनचश्चतबगुचद्ध, पददाथर्यों कदे ससंग्रह करनदे ममें अचतचतगुर, सगुपरहीचकत मन्त्रही
करदे॥5॥
चजितनदे मनगुष्ययों सदे कदायर्थ चसद्ध हमो सकदे उतनदे आलस्यरचहत बलवदानम् और बड़दे-बड़दे चतगुर प्रधदान पगुरुषयों कमो
(अचधकदारही) अथदार्थतम् नचौकर करदे॥6॥
इन कदे आधहीन शभूरवहीर बलवदानम् कगु लमोत्पन्न पचवत्र भकत्ययों कमो बड़दे-बड़दे कमर्यों ममें और भहीरु डरनदे वदालयों कमो
भहीतर कदे कमर्यों ममें चनयगुक्त करदे॥7॥
जिमो प्रशसंचसत कगु ल ममें उत्पन्न चतगुर, पचवत्र, हदावभदाव और चदेष्टदा सदे भहीतर हृदय और भचवष्यतम् ममें हमोनदे वदालही
बदात कमो जिदाननदेहदारदा सब शदासयों ममें चवशदारद चतगुर हहै उस दतभू कमो भही रक्खदे॥8॥
वह ऐसदा हमो चक रदाजि कदाम ममें अत्यन्त उत्सदाह प्रहीचतयगुक्त, चनष्कपटही, पचवत्रदात्मदा, चतगुर, बहह त समय ककी
बदात कमो भही न भभूलनदे वदालदा, ददेश और कदालदानगुकभूल वत्तर्थमदान कदा कत्तदार्थ, सगुन्दर रूपयगुक्त चनभर्थय और बड़दा वक्तदा हमो,
वहही रदाजिदा कदा दतभू हमोनदे ममें प्रशस्त हहै॥9॥चकस-चकस कमो क्यदा-क्यदा अचधकदार ददेनदा यमोग्य हहै—
अमदात्यदे दण्ड आयत्तमो दण्डदे वहैन चयककी चक्रयदा।
नकप तचौ कमोशरदाष्टछ दे च दभू त दे सचन्धचवपयर्थय चौ॥1॥
दभू त एव चह सन्धत्तदे चभनत्त् य वदे च ससंह तदानम्।
दभू त स्तत्कगु रुतदे कमर्थ चभदन्तदे यदेन वदा न वदा॥2॥
बगुद् ध्वदा च सवर्वं तत्त् व देन पररदाजिचचककीचषर्थत मम्।
तथदा प्रयत्नमदाचतष्ठिदेदम् यथदात्मदानसं न पहीडयदेत म्॥ 3॥
धनगुदगुगर्थ र्वं महहीद गुग र्थम ब्दगुग र्वं वदाकर्थम वदे वदा।
नकदगुग र्वं चगररद गुग र्वं वदा समदाचश्रत्य वसदेत म् पगुर मम्॥ 4॥
एकमः शतसं यमोधयचत प्रदाकदारस्थमो धनगुध रर्थ मः।
शतसं दशसहस्रदाचण तस्मदादम् दगुग र्वं चवधहीयतदे॥ 5॥
तत्स्यदाददायगुध सम्पन्नसं धनधदान्यदेन वदाहनहैमः ।

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ब्रदाह्मणहैमः चशचल्पचभयर्थन् त्रहैय वर्थ सदेन मोदकदे न च॥6॥


तस्य मध्यदे सगुप यदार्थप्त सं कदारयदेदम् गकह मदात्मनमः।
गगुप्त सं सवर्थत्त गुर्थकसं शगुभ्र सं जिलवकक समचन्वतमम्॥ 7॥
तदध्यदास्यमोद्विहदेद दायदार्वं सवणदार्वं लकणदाचन्वतदामम्।
कगु लदे महचत सम्भभूत दासं हृददासं रूपगगुण दाचन्वतदामम्॥ 8॥
पगुर मोचहतसं प्रकगु वर्त्ती त वकणगुय दाददेव चचत्वर्थजि मम्।
तदेऽ स्य गकह्य दाचण कमदार्थच ण कगु यगुवर्थ तर्वै दाचनकदाचन च॥9॥ मनगु॰॥
अमदात्य कमो दण्डदाचधकदार, दण्ड ममें चवनय चक्रयदा अथदार्थतम् चजिस सदे अन्यदायरूप ण्ड न हमोनदे पदावदे , रदाजिदा कदे
आधहीन कमोश और रदाजिकदायर्थ तथदा सभदा कदे आधहीन सब कदायर्थ और दतभू कदे आधहीन चकसही सदे मदेल वदा चवरमोध करनदा
अचधकदार ददेवदे॥1॥
दतभू उस कमो कहतदे हमैं जिमो फभू ट ममें मदेल और चमलदे हह ए दष्टगु यों कमो फमोड़ तमोड़ ददेवदे। दतभू वह कमर्थ करदे चजिस सदे
शत्रगुओसं ममें फभू ट पड़दे॥2॥
वह सभदापचत और सब सभदासदम् वदा दतभू आचद यथदाथर्थ सदे दस
भू रदे चवरमोधही रदाजिदा कदे रदाज्य कदा अचभप्रदाय जिदान
कदे वहैसदा यत्न करदे चक चजिस सदे अपनदे कमो पहीड़दा न हमो॥3॥
इसचलयदे सगुन्दर जिङल, धन धदान्ययगुक्त ददेश ममें (धनगुदर्थगगु र्थमम्) धनगुधदार्थरही पगुरुषयों सदे गहन (महहीदगगु र्थमम्) मटही सदे
चकयदा हह आ (अब्दगगु र्थमम्) जिल सदे घदेरदा हह आ (वदाकर्थमम्) अथदार्थतम् चदारयों ओर वन (नकदगगु र्थमम्) चदारयों ओर सदेनदा रहदे
(चगररदगगु र्थमम्) अथदार्थतम् चदारयों ओर पहदाड़यों कदे बहीच ममें कमोट बनदा कदे इस कदे मध्य ममें नगर बनदावदे॥4॥
और नगर कदे चदारयों ओर (प्रदाकदार) प्रकमोट बनदावदे, क्ययोंचक उस ममें चस्थत हह आ एक वहीर धनगुधदार्थरही शसयगुक्त
पगुरुष सचौ कदे सदाथ और सचौ दश हजिदार कदे सदाथ यगुद्ध कर कर सकतदे हमैं इसचलयदे अवश्य दगगु र्थ कदा बनदानदा उचचत हहै॥
5॥
वह दगगु र्थ शसदास, धन, धदान्य, वदाहन, ब्रदाह्मण जिमो पढ़दानदे उपददेश करनदे हदारदे हयों (चशल्पही) कदारहीगर,
यन्त्र, नदानदा प्रकदार ककी कलदा, (यवसदेन ) चदारदा घदास और जिल आचद सदे सम्पन्न अथदार्थतम् पररपभूणर्थ हमो॥6॥

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उस कदे मध्य ममें जिल वकक पगुष्पदाचदक सब प्रकदार सदे रचकत सब ऋतगुओसं ममें सगुखकदारक श्वदेतवणर्थ अपनदे चलयदे
घर चजिस ममें सब रदाजिकदायर्थ कदा चनवदार्थह हमो वहैसदा बनवदावदे॥7॥
इतनदा अथदार्थतम् ब्रह्मचयर्थ सदे चवददा पढ़ कदे यहदासं तक रदाजिकदाम करकदे पश्चदातम् सचौन्दयर्थ रूप गगुणयगुक्त हृदय कमो
अचतचप्रय बड़दे उत्तम कगु ल ममें उत्पन्न सगुन्दर लकणयगुक्त अपनदे कचत्रयकगु ल ककी कन्यदा जिमो चक अपनदे सदृश चवददाचद गगुण
कमर्थ स्वभदाव ममें हमो उस एक हही सही कदे सदाथ चववदाह करदे दस भू रही सब चसययों कमो अगम्य समझ कर दृचष्ट सदे भही न
ददेखदे॥8॥
पगुरमोचहत और ऋचत्वजिम् कदा स्वहीकदार इसचलयदे करदे चक वदे अचग्निहमोत्र और पकदेचष्ट आचद सब रदाजिघर कदे कमर्थ
चकयदा करमें और आप सवर्थददा रदाजिकदायर्थ ममें तत्पर रहहै अथदार्थतम् यहही रदाजिदा कदा सन्ध्यमोपदासनदाचद कमर्थ हहै जिमो रदात चदन
रदाजिकदायर्थ ममें प्रवकत्त रहनदा और कमोई रदाजिकदाम चबगड़नदे न ददेनदा॥9॥
सदासंव त्सररकमदाप्तहैश् च रदाष्टछ दाददाहदारयदेदम् बचलमम्।
स्यदाच्चिदाम् नदायपरमो लमोकदे वत्तर्वेत चपतकव न्नकष ॥गु 1॥
अध्यकदानम् चवचवधदानम् कगु यदार्थत म् तत्र तत्र चवपचश्चतमः।
तदेऽ स्य सवदार्थण् यवदेक रदे न्नकण दासं कदायदार्थच ण कगु वर्थत दामम्॥ 2॥
आवकत्त दानदासं गगुरु कगु लदादम् चवप्रदाणदासं पभूजि कमो भवदेत ।म्
नकप दाणदामकयमो ह्यदे ष चनचधब्रदार्थह्म मो चवधहीयतदे॥ 3॥
सममोत्तमदाधमहै रदाजिदा त्वदाहह त मः पदालयनम् प्रजिदामः।
न चनवतर्वेत ससंग्र दामदातम् कदात्रसं धमर्थम म् अनगुस् मरनम्॥ 4॥
आहवदेष गु चमथमोऽन्यमोन्यसं चजिघदासंस न्तमो महहीचकतमः।
यगुध् यमदानदामः परसं शक्त्यदा स्वगर्वं यदान्त्यपरदाङ्मह खदामः॥5॥
न च हन्यदातम् स्थलदारूढसं न क्लकीबसं न कक तदाञ्जचलमम्।
न मगुक्त कदे शसं नदासहीनसं न तवदास्महीचत वदाचदनमम्॥ 6॥
न सगुप्त सं न चवसन्नदाहसं न नग्निसं न चनरदाय गु ध मम्।
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नदायगु ध् यमदानसं पश्यन्तसं न परदेण समदागतमम्॥ 7॥


नदायगु ध व्यसनसं प्रदाप्तसं नदात्तर्वं नदाचतपररकतमम्।
न भहीतसं न परदावकत्त सं सतदासं धमर्थम नगुस् मरनम्॥ 8॥
यस्तगु भहीतमः परदावकत्त मः सङग्रदामदे हन्यतदे परहैमः ।
भत्तगुयर्थ दर्थ म् दगुष् कक तसं चकचञ्चत्तत्सवर्वं प्रचतपदतदे॥ 9॥
यच्चिदास्य सगुकक तसं चकचञ्चदमगुत्र दाथर्थम गुप दाचजिर्थत मम्।
भत्तदार्थ तत्सवर्थम दादत्तदे परदावकत्त हतस्य तगु॥ 10॥
रथदाश्वसं हचस्तनसं छत्रसं धनसं धदान्यसं पशभून म् चसयमः।
सवर्थद्र व्यदाचण कगु प्यसं च यमो यज्जयचत तस्य ततम्॥ 11॥
रदाजश्च ददगुरु द्धदारचमत्यदेष दा वहैच दककी श्रगुच तमः।
रदाजदा च सवर्थय मोधदेभ् यमो ददातव्यमपकथ चग्जितमम्॥ 12॥ मनगु॰॥
प्रजिदा सदे वदाचषर्थक कर आप्तपगुरुषयों कदे द्विदारदा ग्रहण करदे और सभदापचतरूप रदाजिदा आचद प्रधदान पगुरुष हमैं वदे सब
तथदा सभदा वदेददानगुकभूल हमोकर प्रजिदा कदे सदाथ चपतदा कदे समदान वतर्त्तें॥1॥
उस रदाज्यकदायर्थ ममें चवचवध प्रकदार कदे चवद्विदानम् अध्यकयों कमो सभदा चनयत करदे, इन कदा यहही कदाम हहै चजितनदे-
चजितनदे चजिस-चजिस कदाम ममें रदाजिपगुरुष हयों वदे चनयमदानगुसदार वत्तर्थ कर यथदावतम् कदाम करतदे हमैं वदा नहह, जिमो यथदावतम् करमें
तमो उनकदा सत्कदार और जिमो चवरुद्ध करमें तमो उन कमो यथदावतम् दण्ड चकयदा करमें॥2॥
सददा जिमो रदाजिदाओसं कदा वदेद प्रचदार रूप अकय कमोष हहै उस कदे प्रचदार कदे चलयदे जिमो कमोई यथदावतम् ब्रह्मचयर्थ सदे
वदेददाचद शदासयों कमो पढ़कर गगुरुकगु ल सदे आवदे उस कदा सत्कदार रदाजिदा और सभदा यथदावतम् करमें तथदा उन कदा भही चजिन कदे
पढ़दायदे हह ए चवद्विदानम् हमोवमें। इस बदात कदे करनदे सदे रदाज्य ममें चवददा ककी उन्नचत हमोकर अत्यन्त उन्नचत हमोतही हहै॥3॥
जिब कभही प्रजिदा कदा पदालन करनदे वदालदे रदाजिदा कमो कमोई अपनदे सदे छमोटदा, तगुल्य और उत्तम ससंग्रदाम ममें आहदान
करदे तमो कचत्रययों कदे धमर्थ कदा स्मरण करकदे ससंग्रदाम ममें जिदानदे सदे कभही चनवकत्त न हमो अथदार्थतम् बड़ही चतगुरदाई कदे सदाथ उनसदे
यगुद्ध करदे चजिस सदे अपनदा हही चवजिय हमो॥4॥

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जिमो ससंग्रदामयों ममें एक दस


भू रदे कमो हनन करनदे ककी इच्छदा करतदे हह ए रदाजिदा लमोग चजितनदा अपनदा सदामथ्यर्थ हमो चवनदा
डर पहीठ न चदखदा यगुद्ध करतदे हमैं वदे सगुख कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं इस सदे चवमगुख कभही न हमो, चकन्तगु कभही-कभही शत्रगु कमो
जिहीतनदे कदे चलयदे उन कदे सदामनदे सदे चछप जिदानदा उचचत हहै क्ययोंचक चजिस प्रकदार सदे शत्रगु कमो जिहीत सकदे वहैसदे कदाम करदे।
जिहैसदा चससंह क्रमोध ममें सदामनदे आकर शसदाचग्नि ममें शहीघ्र भस्म हमो जिदातदा हहै वहैसदे मभूखर्थतदा सदे नष्ट भ्रष्ट न हमो जिदावमें॥5॥
यगुद्ध समय ममें न इधर-उधर खड़दे, न नपगुसंसक, न हदाथ जिमोड़दे हह ए, न चजिस कदे चशर कदे बदाल खगुल गयदे हयों,
न बहैठदे हह ए, न ‘ममैं तदेरदे शरण हह सं’ ऐसदे कमो॥6॥
न समोतदे हह ए, न मभूछदार्थ कमो प्रदाप्त हह ए, न नग्नि हह ए, न आयगुध सदे रचहत, न यगुद्ध करतदे हह ओसं कमो ददेखनदे वदालयों,
न शत्रगु कदे सदाथही॥7॥
न आयगुध कदे प्रहदार सदे पहीड़दा कमो प्रदाप्त हह ए, न दमःगु खही, न अत्यन्त घदायल, न डरदे हह ए और न पलदायन
करतदे हह ए पगुरुष कमो, सत्पगुरुषयों कदे धमर्थ कदा स्मरण करतदे हह ए, यमोद्धदा लमोग कभही मदारमें चकन्तगु उन कमो पकड़ कदे जिमो
अच्छदे हयों बन्दहीगकह ममें रख ददे और भमोजिन आच्छदादन यथदावतम् ददेवदे और जिमो घदायल हह ए हयों उन ककी औषधदाचद
चवचधपभूवर्थक करदे। न उन कमो चचड़दावदे न दमःगु ख ददेवदे। जिमो उन कदे यमोग्य कदाम हमो करदावदे। चवशदेष इस पर ध्यदान रक्खदे चक
सही, बदालक, वकद्ध और आतगुर तथदा शमोकयगुक्त पगुरुषयों पर शस कभही न चलदावदे। उनकदे लड़कदे -बदालयों कमो अपनदे
सन्तदानवतम् पदालदे और चसययों कमो भही पदालदे। उन कमो अपनही मदाह बचहन और कन्यदा कदे समदान समझदे, कभही
चवषयदासचक्त ककी दृचष्ट सदे भही न ददेखदे। जिब रदाज्य अच्छदे प्रकदार जिम जिदाय और चजिन ममें पगुनमः पगुनमः यगुद्ध करनदे ककी शङदा
न हमो उन कमो सत्कदारपभूवर्थक छमोड़ कर अपनदे -अपनदे घर व ददेश कमो भदेजि ददेवदे और चजिन सदे भचवष्यतम् कदाल ममें चवघ्न
हमोनदा सम्भव हमो उन कमो सददा कदारदागदार ममें रक्खदे॥8॥
और जिमो पलदायन अथदार्थतम् भदागदे और डरदा हह आ भकत्य शत्रगुओसं सदे मदारदा जिदाय वह उस स्वदामही कदे अपरदाध कमो
प्रदाप्त हमोकर दण्डनहीय हमोवदे॥9॥
और जिमो उस ककी प्रचतष्ठिदा हहै चजिस सदे इस लमोक और परलमोक ममें सगुख हमोनदे वदालदा थदा उस कमो उस कदा
स्वदामही लदे लदेतदा हहै, जिमो भदागदा हह आ मदारदा जिदाय उस कमो कगु छ भही सगुख नहह हमोतदा, उस कदा पगुण्यफल सब नष्ट हमो
जिदातदा हहै और उस प्रचतष्ठिदा कमो वह प्रदाप्त हमो चजिस नदे धमर्थ सदे यथदावतम् यगुद्ध चकयदा हमो॥10॥
इस व्यवस्थदा कमो कभही न तमोड़दे चक जिमो-जिमो लड़दाई ममें चजिस-चजिस भकत्य वदा अध्यक नदे रथ घमोड़दे, हदाथही,
छत्र, धन-धदान्य, गदाय आचद पशगु और चसयदासं तथदा अन्य प्रकदार कदे सब द्रव्य और घही, तदेल आचद कदे कगु प्पदे जिहीतदे
हयों वहही उस-उस कदा ग्रहण करदे॥11॥

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परन्तगु सदेनदास्थ जिन भही उन जिहीतदे हह ए पददाथर्यों ममें सदे समोलहवदासं भदाग रदाजिदा कमो ददेवमें और रदाजिदा भही सदेनदास्थ
यमोद्धदाओसं कमो उस धन ममें सदे, जिमो सब नदे चमल कदे जिहीतदा हहै, समोलहवदासं भदाग ददेवदे और जिमो कमोई यगुद्ध ममें मर गयदा हमो
उस ककी सही और सन्तदान कमो उस कदा भदाग ददेवदे और उस ककी सही तथदा असमथर्थ लड़कयों कदा यथदावतम् पदालन करदे।
जिब उसकदे लड़कदे समथर्थ हमो जिदायमें तब उनकमो यथदायमोग्य अचधकदार ददेवदे। जिमो कमोई अपनदे रदाज्य ककी रकदा, वकचद्ध,
प्रचतष्ठिदा, चवजिय और आनन्दवकचद्ध ककी इच्छदा रखतदा हमो वह इस मयदार्थददा कदा उलसंघन कभही न करदे॥ 12॥
अलब्धसं चहैव चलप्सदेत लब्धसं रकदेत म् प्रयत्नतमः।
रचकतसं वद्धर्थय च्चिदे वहै वकद्ध सं पदात्रदेष गु चनमःचकपदेत म्॥ 1॥2॥
अलब्धचमच्छदेदम् दण्डदेन लब्धसं रकदेद वदेक यदा।
रचकतसं वद्धर्थय ददे म् वकद् ध्यदा वकद्ध सं ददानदेन चनमःचकपदेत म्॥ 3॥
अमदाययहैव वतर्वेत न कथञ्चन मदाययदा।
बगुध् यदेत दाररप्रयगुक्त दासं च मदायदासं चनत्यसं स्वससंव तक मः॥4॥
नदास्यसं चछद्रसं परमो चवददाचच्छद्रसं चवददातम् परस्य तगु।
गभूह तदे म् कभू मर्थ इवदाङदाचन रकदेदम् चववरमदात्मनमः॥5॥
वकवचच्चिन्तयदेद थदार्थन म् चससंह वच्चि परदाक्रमदेत म्।
वकक वच्चिदावलगुम् पदेत शशवच्चि चवचनष्पतदेत म्॥ 6॥
एवसं चवजियमदानस्य यदेऽ स्य स्य गु मः पररपचन्थनमः।
तदानदानयदेदम् वशसं सवदार्थन म् सदामदाचदचभरुपक्रमहैमः ॥7॥8॥
यथमोद्धरचत चनददार्थत दा ककसं धदान्यसं च रकचत।
तथदा रकदेन्न पक मो रदाष्टछ सं हन्यदाच्चि पररपचन्थनमः॥9॥
ममोहदादम् रदाजिदा स्वरदाष्टछ सं यमः कषर्थय त्यनवदेक यदा।
समोऽचचरदादम् भकश् यतदे रदाज्यदाज्जहीचवतदाच्चि सबदान्धवमः॥10॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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शरहीरकषर्थण दातम् प्रदाणदामः कहीयन्तदे प्रदाचणनदासं यथदा।


तथदा रदाजदामचप प्रदाणदामः कहीयन्तदे रदाष्टछ कषर्थण दातम्॥ 11॥
रदाष्टछ स्य ससंग्र हदे चनत्यसं चवधदानचमदमदाचरदेत म्।
सगुस संग हक हीतरदाष्टछ मो चह पदाचथर्थव मः सगुख मदेध तदे॥ 12॥
द्वियमोसयदाणदासं पञ्चदानदासं मध्यदे गगुल् ममचधचष्ठितमम्।
तथदा ग्रदामशतदानदासं च कगु यदार्थद्र दाष्टछ स्य ससंग्र हमम्॥ 13॥
ग्रदामस्यदाचधपचतसं कगु यदार्थदम् दशग्रदामपचतसं तथदा।
चवसंश तहीशसं शतदेश सं च सहस्रपचतमदेव च॥14॥
ग्रदामदमोषदानम् समगुत् पन्नदानम् ग्रदाचमकमः शनकहै मः स्वयमम्।
शसंस ददे म् ग्रदामदशदेश दाय दशदेश मो चवसंश तहीचशनमम्॥ 15॥
चवसंश तहीशस्तगु तत्सवर्वं शतदेश दाय चनवदेद यदेत ।म्
शसंस ददे म् ग्रदामशतदेश स्तगु सहस्रपतयदे स्वयमम्॥ 16॥
तदेष दासं ग्रदाम्यदाचण कदायदार्थच ण पकथ कम् कदायदार्थच ण चहैव चह।
रदाजमोऽन्यमः सचचवमः चस्नग्धस्तदाचन पश्यदेद तचन्द्रतमः॥17॥
नगरदे नगरदे चहैकसं कगु यदार्थत म् सवदार्थथ चर्थ चन्तकमम्।
उच्चिहैमः स्थदानसं घमोररूपसं नकत्रदाणदाचमव ग्रहमम्॥ 18॥
स तदाननगुप ररकदामदेत म् सवदार्थन वदे सददा स्वयमम्।
तदेष दासं वकत्त सं पररणयदेत म् सम्यग्रदाष्टछ षदे गु तच्चिरहैमः ॥19॥
रदाजमो चह रकदाचधकक तदामः परस्वदाददाचयनमः शठदामः।
भकत् यदा भवचन्त प्रदायदेण तदेभ् यमो रकदेच दमदामः प्रजिदामः॥20॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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यदे कदाचयर्थकदे भ्यमोऽथर्थम देव गकह्ण हीयगु मः पदापचदेत समः।


तदेष दासं सवर्थस् वमदाददाय रदाजिदा कगु यदार्थत म् प्रवदासनमम्॥ 21॥ मनगु॰॥
रदाजिदा और रदाजिसभदा अलब्ध ककी प्रदाचप्त ककी इच्छदा, प्रदाप्त ककी प्रयत्न सदे रकदा करदे, रचकत कमो बढ़दावदे और बढ़दे
हह ए धन कमो वदेदचवददा, धमर्थ कदा प्रचदार, चवददाथर्त्ती, वदेदमदागर्वोपददेशक तथदा असमथर्थ अनदाथयों कदे पदालन ममें लगदावदे॥1॥
इस चदार प्रकदार कदे पगुरुषदाथर्थ कदे प्रयमोजिन कमो जिदानदे। आलस्य छमोड़कर इस कदा भलहीभदासंचत चनत्य अनगुष्ठिदान
करदे॥2॥
दण्ड सदे अप्रदाप्त ककी प्रदाचप्त ककी इच्छदा, चनत्य ददेखनदे सदे प्रदाप्त ककी रकदा, रचकत कमो वकचद्ध अथदार्थतम् ब्यदाजिदाचद सदे
बढ़दावदे और बढ़दे हह ए धन कमो पभूवर्वोक्त मदागर्थ ममें चनत्य व्यय करदे॥3॥
कददाचप चकसही कदे सदाथ छल सदे न वतर्वे चकन्तगु चनष्कपट हमोकर सब सदे वत्तदार्थव रखदे और चनत्यप्रचत अपनही
रकदा कर कदे शत्रगु कदे चकयदे हह ए छल कमो जिदान कदे चनवकत्त करदे॥4॥
कमोई शत्रगु अपनदे चछद्र अथदार्थतम् चनबर्थलतदा कमो न जिदान सकदे और स्वयसं शत्रगु कदे चछद्रयों कमो जिदानतदा रहहै , जिहैसदे
कछगु आ अपनदे अङयों कमो गगुप्त रखतदा हहै वहैसदे शत्रगु कदे प्रवदेश करनदे कदे चछद्र कमो गगुप्त रक्खदे॥5॥
जिहैसदे बगगुलदा ध्यदानदावचस्थत हमोकर मच्छही पकड़नदे कमो तदाकतदा हहै वहैसदे अथर्थससंग्रह कदा चवचदार चकयदा करदे ,
द्रव्यदाचद पददाथर्थ और बल ककी वकचद्ध कर शत्रगु कमो जिहीतनदे कदे चलयदे चससंह कदे समदान परदाक्रम करदे। चहीतदा कदे समदान
चछपकर शत्रगुओसं कमो पकड़दे और समहीप आयदे बलवदानम् शत्रगुओसं सदे सस्सदा कदे समदान दरभू भदाग जिदाय और पश्चदातम् उन
कमो छल सदे पकड़दे॥6॥
इस प्रकदार चवजिय करनदे वदालदे सभदापचत कदे रदाज्य ममें जिमो पररपन्थही अथदार्थतम् डदाकभू लगुटदेरदे हयों उन कमो (सदाम)
चमलदा लदेनदा (ददाम) कगु छ ददेकर (भदेद) फमोड़ तमोड़ करकदे वश ममें करदे॥7॥और जिमो इनसदे वश ममें न हयों तमो
अचतकचठन दण्ड सदे वश ममें करदे॥8॥
जिहैसदे धदान्य कदा चनकदालनदे वदालदा चछलकयों कमो अलग कर धदान्य ककी रकदा करतदा अथदार्थतम् टभू टनदे नहह ददेतदा हहै
वहैसदे रदाजिदा डदाकभू चमोरयों कमो मदारदे और रदाज्य ककी रकदा करदे॥9॥
जिमो रदाजिदा ममोह सदे, अचवचदार सदे अपनदे रदाज्य कमो दबगु र्थल करतदा हहै, वह रदाज्य और अपनदे बन्धगुसचहत जिहीवन
सदे पभूवर्थ हही शहीघ्र नष्ट भ्रष्ट हमो जिदातदा हहै॥10॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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जिहैसदे प्रदाचणययों कदे प्रदाण शरहीरयों कदे कक चशत करनदे सदे कहीण हमो जिदातदे हमैं वहैसदे हही प्रजिदाओसं कमो दबगु र्थल करनदे सदे
रदाजिदाओसं कदे प्रदाण अथदार्थतम् बलदाचद बन्धगुसचहत नष्ट हमो जिदातदे हमैं॥11॥
इसचलयदे रदाजिदा और रदाजिसभदा रदाजिकदायर्थ ककी चसचद्ध कदे चलयदे ऐसदा प्रयत्न करमें चक चजिस सदे रदाजिकदायर्थ यथदावतम्
चसद्ध हयों। जिमो रदाजिदा रदाज्यपदालन ममें सब प्रकदार तत्पर रहतदा हहै उसकमो सगुख सददा बढ़तदा हहै॥12॥
इसचलयदे दमो, तहीन; पदासंच और सचौ ग्रदामयों कदे बहीच ममें रदाजिस्थदान रक्खमें चजिस ममें यथदायमोग्य भकत्य अथदार्थतम्
कदामददार आचद रदाजिपगुरुषयों कमो रखकर सब रदाज्य कदे कदायर्यों कमो पभूणर्थ करदे॥13॥
एक-एक ग्रदाम ममें एक-एक प्रधदान पगुरुष कमो रक्खमें उन्हह दश ग्रदामयों कदे ऊपर दस
भू रदा, उन्हह वहीश ग्रदामयों कदे
ऊपर तहीसरदा, उन्हह सचौ ग्रदामयों कदे ऊपर चचौथदा और उन्हह सहस्र ग्रदामयों कदे ऊपर पदासंचवदासं पगुरुष रक्खदे॥अथदार्थतम् जिहैसदे
आजिकल एक ग्रदाम ममें एक पटवदारही, उन्हह दश ग्रदामयों ममें एक थदानदा और दमो थदानयों पर एक बड़दा थदानदा और उन पदासंच
थदानयों पर एक तहसहील और दश तहसहीलयों पर एक चजिलदा चनयत चकयदा हहै यह वहही अपनदे मनगु आचद धमर्थशदास सदे
रदाजिनहीचत कदा प्रकदार चलयदा हहै॥14॥
इसही प्रकदार प्रबन्ध करदे और आजदा ददेवदे चक वह एक-एक ग्रदामयों कदा पचत ग्रदामयों ममें चनत्यप्रचत जिमो-जिमो दमोष
उत्पन्न हयों उन-उन कमो गगुप्ततदा सदे दश ग्रदाम कदे पचत कमो चवचदत कर ददे और वह दश ग्रदामदाचधपचत उसही प्रकदार वहीस
ग्रदाम कदे स्वदामही कमो दश ग्रदामयों कदा वत्तर्थमदान चनत्यप्रचत जिनदा ददेवदे॥15॥
और बहीस ग्रदामयों कदा अचधपचत बहीस ग्रदामयों कदे वत्तर्थमदान शतग्रदामदाचधपचत कमो चनत्यप्रचत चनवदेदन करदे। वहैसदे सचौ-
सचौ ग्रदामयों कदे पचत आप सहस्रदाचधपचत अथदार्थतम् हजिदार ग्रदामयों कदे स्वदामही कमो सचौ-सचौ ग्रदामयों कदे वत्तर्थमदान प्रचतचदन जिनदायदा
करमें। (और बहीस-बहीस ग्रदाम कदे पदासंच अचधपचत सचौ-सचौ ग्रदाम कदे अध्यक कमो) और वदे सहस्र-सहस्र कदे दश अचधपचत
दशसहस्र कदे अचधपचत कमो और वदे दश-दश हजिदार कदे दश अचधपचत लकग्रदामयों ककी रदाजिसभदा कमो प्रचतचदन कदा
वत्तर्थमदान जिनदायदा करमें। और वदे सब रदाजिसभदा महदारदाजिसभदा अथदार्थतम् सदावर्थभचौमचक्रवचतर्थ महदारदाजिसभदा ममें सब भभूगमोल कदा
वत्तर्थमदान जिनदायदा करमें॥16॥
और एक-एक दश-दशसहस्र ग्रदामयों पर दमो सभदापचत वहैसदे करमें चजिन ममें एक रदाजिसभदा ममें और दस
भू रदा अध्यक
आलस्य छमोड़कर सब न्यदायदाधहीशदाचद रदाजिपगुरुषयों कदे कदामयों कमो सददा घभूमकर ददेखतदे रहमैं॥17॥
बड़दे-बड़दे नगरयों ममें एक-एक चवचदार करनदे वदालही सभदा कदा सगुन्दर उच्चि और चवशदाल जिहैसदा चक चन्द्रमदा हहै वहैसदा
एक-एक घर बनदावमें, उस ममें बड़दे-बड़दे चवददावकद्ध चक चजिन्हयोंनदे चवददा सदे सब प्रकदार ककी परहीकदा ककी हमो वदे बहैठकर

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चवचदार चकयदा करमें। चजिन चनयमयों सदे रदाजिदा और प्रजिदा ककी उन्नचत हमो वहैसदे—वहैसदे चनयम और चवददा प्रकदाचशत चकयदा
करमें॥18॥
जिमो चनत्य घभूमनदेवदालदा सभदापचत हमो उसकदे आधहीन सब गगुप्तचर अथदार्थतम् दतभू यों कमो रक्खदे। जिमो रदाजिपगुरुष और
प्रजिदापगुरुषयों कदे सदाथ चनत्य सम्बन्ध रखतदे हयों और वदे चभन्न-चभन्न जिदाचत कदे रहमैं, उन सदे सब रदाजि और रदाजिपगुरुषयों कदे
सब दमोष और गगुण गगुप्तरहीचत सदे जिदानदा करदे, चजिनकदा अपरदाध हमो उन कमो दण्ड और चजिन कदा गगुण हमो उनककी प्रचतष्ठिदा
सददा चकयदा करदे॥19॥
रदाजिदा चजिन कमो प्रजिदा ककी रकदा कदा अचधकदार ददेवदे वदे धदाचमर्थक सगुपरहीचकत चवद्विदानम् कगु लहीन हयों उनकदे आधहीन
प्रदायमः शठ और परपददाथर्थ हरनदेवदालदे चमोर डदाकगुओसं कमो भही नचौकर रख कदे उन कमो दष्टगु कमर्थ सदे बचदानदे कदे चलयदे रदाजिदा कदे
नचौकर करकदे उन्हह रकदा करनदे वदालदे चवद्विदानयों कदे स्वदाधहीन करकदे उन सदे इस प्रजिदा ककी रकदा यथदावतम् करदे॥20॥
जिमो रदाजिपगुरुष अन्यदाय सदे वदादही प्रचतवदादही सदे गगुप्त धन लदेकदे पकपदात सदे अन्यदाय करदे उन कदा सवर्थस्वहरण
करकदे यथदायमोग्य दण्ड ददेकर ऐसदे ददेश ममें रक्खदे चक जिहदाह सदे पगुनमः लचौटकर न आ सकदे क्ययोंचक यचद उस कमो दण्ड न
चदयदा जिदाय तमो उस कमो ददेख कदे अन्य रदाजिपगुरुष भही ऐसदे दष्टगु कदाम करमें और दण्ड चदयदा जिदाय तमो बचदे रहमैं॥21॥
परन्तगु चजितनदे सदे उन रदाजिपगुरुषयों कदा यमोगकदेम भलहीभदासंचत हमो और वदे भलहीभदासंचत धनदाढ्य भही हयों उतनदा धन
वदा भभूचम रदाजि ककी ओर सदे मदाचसक वदा वदाचषर्थक अथवदा एक वदार चमलदा करदे और जिमो वकद्ध हयों उन कमो भही आधदा चमलदा
करदे परन्तगु यह ध्यदान ममें रक्खदे चक जिब तक वदे चजियमें तब तक वह जिहीचवकदा बनही रहहै पश्चदातम् नहह, परन्तगु इन कदे
सन्तदानयों कदा सत्कदार वदा नचौकरही उन कदे गगुण कदे अनगुसदार अवश्य ददेवदे और चजिस कदे बदालक जिब तक समथर्थ हयों उन
ककी सही जिहीतही हमो तमो उन सब कदे चनवदार्थहदाथर्थ रदाज्य ककी ओर सदे यथदायमोग्य धन चमलदा करदे। परन्तगु जिमो उस ककी सही वदा
लड़कदे कगु कमर्त्ती हमो जिदायमें तमो कगु छ भही न चमलदे, ऐसही नहीचत रदाजिदा बरदाबर रक्खदे॥
यथदा फलदेन यगुज् यदेत रदाजिदा कत्तदार्थ च कमर्थण दामम्।
तथदाऽवदेक्ष् य नकप मो रदाष्टछ दे कल्पयदेत म् सततसं करदानम्॥ 1॥
यथदाल्पदाऽल्पमदन्त्यदादसं वदायर्वो क मोवत्सषट्पददामः।
तथदाऽल्पदाऽल्पमो ग्रहहीतव्यमो रदाष्टछ दाद्रदाजदाचब्दकमः करमः॥2॥
नमोचच्छन्ददाददात्मनमो मभूल सं परदेष दासं चदाचततकष् णयदा।
उचच्छन्दनम् ह्यदात्मनमो मभूल मदात्मदानसं तदासंश् च पहीडयदेत म्॥ 3॥

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तहीक्ष्णश्चहैव मकद गुश् च स्यदातम् कदायर्वं वहीक्ष्य महहीपचतमः।


तहीक्ष्णश्चहैव मकद गुश् चहैव रदाजिदा भवचत सम्मतमः॥4॥
एवसं सवर्वं चवधदायदेद मम् इचत कत्तर्थव् यमम् आत्मनमः।
यगुक्त श्चहैव दाप्रमत्तश्च परररकदेच दमदामः प्रजिदामः॥5॥
चवक्रमोशन्त्यमो यस्य रदाष्टछ दादम् चधयन्तदे दस्यगुच भमः प्रजिदामः।
सम्पश्यतमः सभकत् यस्य मकत मः स न तगु जिहीवचत॥6॥
कचत्रयस्य परमो धमर्थमः प्रजिदानदामदेव पदालनमम्।
चनचदर्थष्ट फलभमोक्तदा चह रदाजिदा धमर्वेण य गुज् यतदे॥ 7॥ मनगु॰॥
जिहैसदे रदाजिदा और कमर्यों कदा कत्तदार्थ रदाजिपगुरुष वदा प्रजिदाजिन सगुखरूप फल सदे यगुक्त हमोवदे वहैसदे चवचदार करकदे रदाजिदा
तथदा रदाजिसभदा रदाज्य ममें कर स्थदापन करदे॥1॥
जिहैसदे जियोंक बछड़दा और भमरदा थमोड़दे-थमोड़दे भमोग्य पददाथर्थ कमो(ग्रहण करतदे हमैं वहैसदे रदाजिदा प्रजिदा सदे थमोड़दा-थमोड़दा
वदाचषर्थक कर लदेवदे॥2॥

अचत लमोभ सदे अपनदे, दस भू रयों कदे सगुख कदे मभूल कमो उचच्छन्न अथदार्थतम् नष्ट कददाचप न करदे क्ययोंचक जिमो व्यवहदार
और सगुख मभूल कदा छदेदन करतदा हहै वह अपनदे और उन कमो पहीड़दा हही ददेतदा हहै॥3॥

जिमो महहीपचत कदायर्थ कमो ददेख कदे तहीक्ष्ण और कमोमल भही हमोवदे वह दष्टगु यों पर तहीक्ष्ण और श्रदेष्ठियों पर कमोमल रहनदे
सदे रदाजिदा अचतमदाननहीय हमोतदा हहै॥4॥

इस प्रकदार सब रदाज्य कदा प्रबन्ध करकदे सददा इस ममें यगुक्त और प्रमदादरचहत हमोकर अपनही प्रजिदा कदा पदालन
चनरन्तर करदे॥5॥

चजिस भकत्यसचहत ददेखतदे हह ए रदाजिदा कदे रदाज्य ममें सदे डदाकभू लमोग रमोतही चवलदाप करतही प्रजिदा कदे पददाथर्थ और प्रदाणयों
कमो हरतदे रहतदे हमैं वह जिदानमो भकत्य अमदात्यसचहत मकतक हहै जिहीतदा नहह और महदादमःगु ख कदा पदानदे वदालदा हहै॥6॥

इसचलयदे रदाजिदाओसं कदा प्रजिदापदालन हही करनदा परमधमर्थ हहै और जिमो मनगुस्मकचत कदे सप्तमदाध्यदाय ममें कर लदेनदा
चलखदा हहै और जिहैसदा सभदा चनयत करदे उस कदा भमोक्तदा रदाजिदा धमर्थ सदे यगुक्त हमोकर सगुख पदातदा हहै, इस कदे चवपरहीत दमःगु ख
कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै॥7॥
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उत्थदाय पचश्चमदे यदामदे कक तशचौचमः समदाचहतमः।


हह त दाचग्निब्रदार्थह्म णदासंश् चदाच्यर्थ प्रचवशदेत म् स शगुभ दासं सभदामम्॥ 1॥
तत्र चस्थतमः प्रजिदामः सवदार्थमः प्रचतनन्द चवसजिर्थय देत ।म्
चवसकज् य च प्रजिदामः सवदार्थ मन्त्रयदेत म् सह मचन्त्रचभमः॥2॥
चगररपकष्ठि सं समदारुह्य प्रदासदादसं वदा रहमोगतमः।
अरण्यदे चनमःशलदाकदे वदा मन्त्रयदेद चवभदाचवतमः॥3॥
यस्य मन्त्रसं न जिदानचन्त समदागम्य पकथ गम् जिनदामः।
स कक त्स्नदासं पकच थवह भगुङ क्तदे कमोशहहीनमोऽचप पदाचथर्थव मः॥4॥ मनगु॰॥
जिब चपछलही प्रहर रदाचत्र रहहै तब उठ शचौच और सदावधदान हमोकर परमदेश्वर कदा ध्यदान , अचग्निहमोत्र, धदाचमर्थक
चवद्विदानयों कदा सत्कदार और भमोजिन करकदे भहीतर सभदा ममें प्रवदेश करदे॥1॥

वहदासं खड़दा रहकर जिमो प्रजिदाजिन उपचस्थत हयों उन कमो मदान्य ददे और उन कमो छमोड़कर मगुख्य मन्त्रही कदे सदाथ
रदाज्यव्यवस्थदा कदा चवचदार करदे॥2॥

पश्चदातम् उस कदे सदाथ घभूमनदे कमो चलदा जिदाय, पवर्थत कदे चशखर अथवदा एकदान्त घर वदा जिङल चजिस ममें एक
शलदाकदा भही न हमो वहैसदे एकदान्त स्थदान ममें बहैठकर चवरुद्ध भदावनदा कमो छमोड़ मन्त्रही कदे सदाथ चवचदार करदे॥3॥

चजिस रदाजिदा कदे गभूढ चवचदार कमो अन्य जिन चमलकर नहह जिदान सकतदे अथदार्थतम् चजिस कदा चवचदार गम्भहीर शगुद्ध
परमोपकदारदाथर्थ सददा गगुप्त रहहै वह धनहहीन भही रदाजिदा सब पकचथवही कदे रदाज्य करनदे ममें समथर्थ हमोतदा हहै। इसचलयदे अपनदे मन
सदे एक भही कदाम न करदे चक जिब तक सभदासदयों ककी अनगुमचत न हमो॥4॥

आसनसं चहैव यदानसं च सचन्धसं चवग्रहमदेव च।


कदायर्वं वहीक्ष्य प्रयगु ञ्ज हीत द्विहैध सं ससंश्र यमदेव च॥1॥
सचन्धसं तगु चद्विचवधसं चवददाद्रदाजिदा चवग्रहमदेव च।
उभदे यदानदासनदे चहैव चद्विचवधमः ससंश्र यमः स्मकत मः॥2॥
समदानयदानकमदार्थ च चवपरहीतस्तथहैव च।
तथदा त्वदायचतससंयगुक्त मः सचन्धजर्वेय मो चद्विलकणमः॥3॥
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स्वयसंकक तश्च कदायदार्थथ मर्थ कदालदे कदाल एव वदा।


चमत्रस्य चहैव दापकक तदे चद्विचवधमो चवग्रहमः स्मकत मः॥4॥
एकदाचकनश्चदात्यचयकदे कदायर्वे प्रदाप्तदे यदृच्छयदा।
ससंह तस्य च चमत्रदेण चद्विचवधसं यदानमम् उच्यतदे॥ 5॥
कहीणस्य चहैव क्रमशमो दहैव दातम् पभूव क
र्थ क तदेन वदा।
चमत्रस्य चदानगुर मोधदेन चद्विचवधसं स्मकत मदासनमम्॥ 6॥
बलस्य स्वदाचमनश्चहैव चस्थचतमः कदायदार्थथ चर्थ सद्धयदे।
चद्विचवधसं ककीत्यर्थत दे द्विहैध सं षदाड्गगुण् यगगुण वदेच दचभमः॥7॥
अथर्थस म्पदादनदाथर्वं च पहीडमदानमः स शत्रगुच भमः।
सदाधगुष गु व्यपददेश दाथर्वं चद्विचवधमः ससंश्र यमः स्मकत मः॥8॥
यददावगच्छदेदम् आयत्यदामम् आचधक्यसं धगुव मदात्मनमः।
तददात्वदे चदाचल्पकदासं पहीडदासं तददा सचन्धसं समदाश्रयदेत म्॥ 9॥
यददा प्रकक ष्टदा मन्यदेत सवदार्थस् तगु प्रकक तहीभकर्थश मम्।
अत्यगुच च्छछ तसं तथदात्मदानसं तददा कगु वर्त्ती त चवग्रहमम्॥ 10॥
यददा मन्यदेत भदावदेन हृष्टसं पगुष्ट सं बलसं स्वकमम्।
परस्य चवपरहीतसं च तददा यदायदाचद्रपगुसं प्रचत॥11॥
यददा तगु स्यदातम् पररकहीणमो वदाहनदेन बलदेन च।
तददासहीत प्रयत्नदेन शनकहै मः सदान्त्वयन्नरहीनम्॥ 12॥
मन्यदेत दाररसं यददा रदाजिदा सवर्थथ दा बलवत्तरमम्।
तददा चद्विधदा बलसं कक त्वदा सदाधयदेत म् कदायर्थम दात्मनमः॥13॥

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यददा परबलदानदासं तगु गमनहीयतममो भवदेत म्।


तददा तगु ससंश्र यदेत म् चकप्रसं धदाचमर्थकसं बचलनसं नकप मम्॥ 14॥
चनग्रहसं प्रकक तहीनदासं च कगु यदार्थद मोऽररबलस्य च।
उपसदेव देत तसं चनत्यसं सवर्थय त्नहैग गुर्थरुसं यथदा॥15॥
यचद तत्रदाचप सम्पश्यदेदम् दमोषसं ससंश्र यकदाररतमम्।
सगुयगुद्ध मदेव तत्रदाऽचप चनचवर्थश ङमः समदाचरदेत म्॥ 16॥ मनगु॰॥
जिब रदाजिदाचद रदाजिपगुरुषयों कमो यह बदात लक्ष्य ममें रखनदे यमोग्य हहै जिमो (आसन) चस्थरतदा (यदान) शत्रगु सदे लड़नदे
कदे चलयदे जिदानदा (सचन्ध) उन सदे मदेल कर लदेनदा (चवग्रह) दष्टगु शत्रगुओसं सदे लड़दाई करनदा (द्विहैध॰) दमो प्रकदार ककी सदेनदा
करकदे स्वचवजिय कर लदेनदा (ससंश्रय) और चनबर्थलतदा ममें दस भू रदे प्रबल रदाजिदा कदा आश्रय लदेनदा यदे छमः प्रकदार कदे कमर्थ
यथदायमोग्य कदायर्थ कमो चवचदार कर उसममें यगुक्त करनदा चदाचहयदे॥1॥
रदाजिदा जिमो सचन्ध, चवग्रह, यदान, आसन, द्विहैधहीभदाव और ससंश्रय दमो-दमो प्रकदार कदे हमोतदे हमैं उन कमो यथदावतम्
जिदानदे॥2॥
(सचन्ध) शत्रगु सदे मदेल अथवदा उस सदे चवपरहीततदा करदे परन्तगु वत्तर्थमदान और भचवष्यतम् ममें करनदे कदे कदाम
बरदाबर करतदा जिदाय यह दमो प्रकदार कदा मदेल कहदातदा हहै॥3॥
(चवग्रह) कदायर्थ चसचद्ध कदे चलयदे उचचत व अनगुचचत समय ममें स्वयसं चकयदा वदा चमत्र कदे अपरदाध करनदे वदालदे शत्रगु
कदे सदाथ चवरमोध दमो प्रकदार सदे करनदा चदाचहयदे॥4॥
(यदान) अकस्मदातम् कमोई कदायर्थ प्रदाप्त हमोनदे ममें एकदाककी वदा चमत्र कदे सदाथ चमल कदे शत्रगु ककी ओर जिदानदा यह दमो
प्रकदार कदा गमन कहदातदा हहै॥5॥
स्वयसं चकसही प्रकदार क्रम सदे कहीण हमो जिदाय अथदार्थतम् चनबर्थल हमो जिदाय अथवदा चमत्र कदे रमोकनदे सदे अपनदे स्थदान ममें
बहैठ रहनदा यह दमो प्रकदार कदा आसन कहदातदा हहै॥6॥
कदायर्थचसचद्ध कदे चलयदे सदेनदापचत और सदेनदा कदे दमो चवभदाग करकदे चवजिय करनदा दमो प्रकदार कदा द्विहैध कहदातदा हहै॥
7॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
244

एक चकसही अथर्थ ककी चसचद्ध कदे चलयदे चकसही बलवदानम् रदाजिदा वदा चकसही महदात्मदा ककी शरण लदेनदा चजिस सदे शत्रगु सदे
पहीचड़त न हमो दमो प्रकदार कदा आश्रय लदेनदा कहदातदा हहै॥8॥
जिब यह जिदान लदे चक इस समय यगुद्ध करनदे सदे थमोड़ही पहीड़दा प्रदाप्त हमोगही और पश्चदातम् करनदे सदे अपनही वकचद्ध
और चवजिय अवश्य हमोगदा तब शत्रगु सदे मदेल कर कदे उचचत समय तक धहीरजि करदे॥9॥
जिब अपनही सब प्रजिदा वदा सदेनदा अत्यन्त प्रसन्न उन्नचतशहील और श्रदेष्ठि जिदानदे , वहैसदे अपनदे कमो भही समझदे तभही
शत्रगु सदे चवग्रह (यगुद्ध) कर लदेवदे॥10॥
जिब अपनदे बल अथदार्थतम् सदेनदा कमो हषर्थ और पगुचष्टयगुक्त प्रसन्न भदाव सदे जिदानदे और शत्रगु कदा बल अपनदे सदे
चवपरहीत चनबर्थल हमो जिदावदे तब शत्रगु ककी ओर यगुद्ध करनदे कदे चलयदे जिदावदे॥11॥
जिब सदेनदा बल वदाहन सदे कहीण हमो जिदाय तब शत्रगुओसं कमो धहीरदे-धहीरदे प्रयत्न सदे शदान्त करतदा हह आ अपनदे स्थदान
ममें बहैठदा रहहै॥12॥
जिब रदाजिदा शत्रगु कमो अत्यन्त बलवदानम् जिदानदे तब चद्विगगुणदा वदा दमो प्रकदार ककी सदेनदा करकदे अपनदा कदायर्थ चसद्ध
करदे॥13॥
जिब आप समझ लदेवदे चक अब शहीघ्र शत्रगुओसं ककी चढ़दाई मगुझ पर हमोगही तभही चकसही धदाचमर्थक बलवदानम् रदाजिदा कदा
आश्रय शहीघ्र लदे लदेवदे॥14॥
जिमो प्रजिदा और अपनही सदेनदा और शत्रगु कदे बल कदा चनग्रह करदे अथदार्थतम् रमोकदे उस ककी सदेवदा सब यत्नयों सदे गगुरु
कदे सदृश चनत्य चकयदा करदे॥15॥
चजिस कदा आश्रय लदेवदे उस पगुरुष कदे कमर्यों ममें दमोष ददेखदे तमो वहदासं भही अच्छदे प्रकदार यगुद्ध हही कमो चनमःशसंक हमोकर
करदे॥16॥
जिमो धदाचमर्थक रदाजिदा हमो उस सदे चवरमोध कभही न करदे चकन्तगु उस सदे सददा मदेल रक्खदे और जिमो दष्टगु प्रबल हमो
उसही कदे जिहीतनदे कदे चलयदे यदे पभूवर्वोक्त प्रयमोग करनदा उचचत हहै।
सवर्वो प दायहैस् तथदा कगु यदार्थन्न हीचतजमः पकच थवहीपचतमः।
यथदास्यदाभ्यचधकदा न स्य गु च मर्थत्र मोददासहीनशत्रवमः॥1॥
आयचतसं सवर्थक दायदार्थण दासं तददात्वसं च चवचदारयदेत म्।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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अतहीतदानदासं च सवर्वेष दासं गगुण दमोषचौ च तत्त् व तमः॥2॥


आयत्यदासं गगुण दमोषजस्तददात्वदे चकप्रचनश्चयमः।
अतहीतदे कदायर्थश देष जमः शत्रगुच भनदार्थच भभभूय तदे॥ 3॥
यथहैन सं नदाचभसन्दध्यगुच मर्थत्र मोददासहीनशत्रवमः।
तथदा सवर्वं ससंच वदध्यदाददेष सदामदाचसकमो नयमः॥4॥ मनगु॰॥
नहीचत कमो जिदाननदे वदालदा पकचथवहीपचत रदाजिदा चजिस प्रकदार इस कदे चमत्र, उददासहीन (मध्यस्थ) और शत्रगु
अचधक न हयों ऐसदे सब उपदाययों सदे वत्तर्वे॥1॥

सब कदायर्यों कदा वत्तर्थमदान ममें कत्तर्थव्य और भचवष्यतम् ममें जिमो-जिमो करनदा चदाचहयदे और जिमो-जिमो कदाम कर चगुकदे उन
सब कदे यथदाथर्थतदा सदे गगुण दमोषयों कमो चवचदारदे॥2॥

पश्चदातम् दमोषयों कदे चनवदारण और गगुणयों ककी चस्थरतदा ममें यत्न करदे। जिमो रदाजिदा भचवष्यतम् अथदार्थतम् आगदे करनदे वदालदे
कमर्यों ममें गगुण दमोषयों कदा जदातदा वत्तर्थमदान ममें तगुरन्त चनश्चय कदा कत्तदार्थ और चकयदे हह ए कदायर्यों ममें शदेष कत्तर्थव्य कमो जिदानतदा हहै
वह शत्रगुओसं सदे परदाचजित कभही नहह हमोतदा॥3॥

सब प्रकदार सदे रदाजिपगुरुष चवशदेष सभदापचत रदाजिदा ऐसदा प्रयत्न करदे चक चजिस प्रकदार रदाजिदाचद जिनयों कदे चमत्र
उददासहीन और शत्रगु कमो वश ममें करकदे अन्यथदा न करदावदे, ऐसदे ममोह ममें कभही न फसंसदे, यहही ससंकदेप सदे चवनय अथदार्थतम्
रदाजिनहीचत कहदातही हहै॥4॥

कक त्वदा चवधदानसं मभूल दे तगु यदाचत्रकसं च यथदाचवचध।


उपगकह्य दास्पदसं चहैव चदारदानम् सम्यगम् चवधदाय च॥1॥
ससंश मोध्य चत्रचवधसं मदागर्वं षचड्वधसं च बलसं स्वकमम्।
सदाम्परदाचयककल्पदेन यदायदादम् अररपगुर सं शनहैमः ॥2॥
शत्रगुस चदे वचन चमत्रदे च गभूढ दे य गुक्त तरमो भवदेत म्।
गतप्रत्यदागतदे चहैव स चह कष्टतरमो ररपगुमः ॥3॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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दण्डव्यभू ह नदे तन्मदागर्वं यदायदातम् तगु शकटदेन वदा।


वरदाहमकरदाभ्यदासं वदा सभूच् यदा वदा गरुडदेन वदा॥4॥
यतश्च भयमदाशङदे त म् ततमो चवस्तदारयदेदम् बलमम्।
पद्मिदेन चहैव व्यभू ह नदे चनचवशदेत सददा स्वयमम्॥ 5॥
सदेन दापचतबलदाध्यकचौ सवर्थच दकगु चनवदेश यदेत म्।
यतश्च भयमदाशङदे त म् प्रदाचह तदासं कल्पयदेदम् चदशमम्॥ 6॥
गगुल् मदासंश् च स्थदापयदेद दाप्तदानम् कक तससंज दानम् समन्ततमः।
स्थदानदे यगुद्ध दे च कगु शलदानभहीरूनचवकदाररणमः॥7॥
ससंह तदानम् यमोधयदेद ल्पदानम् कदामसं चवस्तदारयदेद म् बहह न ।म्
सभूच् यदा वजदेण चहैव हैत दानम् व्यभू ह नदे व्यभू ह्य यमोधयदेत म्॥ 8॥
स्यन्दनदाश्वहैमः समदे यगुध् यदेद नभूप दे नचौचद्विपहैस् तथदा।
वकक गगुल् मदावकत दे चदापहैर चसचमदार्थय गुध हैमः स्थलदे॥ 9॥
प्रहषर्थय ददे म् बलसं व्यभू ह्य तदासंश् च सम्यकम् परहीकयदेत म्।
चदेष्ट दाश्चहैव चवजिदानहीयदादरहीनम् यमोधयतदामचप॥10॥
उपरुध्यदाररमदासहीत रदाष्टछ सं चदास्यमोपपहीडयदेत म्।
दभू ष यदेच्चि दास्य सततसं यवसदान्नमोदकदे न्धनमम्॥ 11॥
चभन्ददाच्चिहैव तडदागदाचन प्रदाकदारपररखदास्तथदा।
समवस्कन्दयदेत म् त्वहैन सं रदात्रचौ चवत्रदासयदेत म् तथदा॥12॥
प्रमदाणदाचन च कगु वर्त्ती त तदेष दासं धमदार्थन म् यथमोचदतदानम्।
रत्नहैश् च पभूजि यदेद नदे सं प्रधदानपगुरु षहैमः सह॥13॥

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आददानमचप्रयकरसं ददानञ्च चप्रयकदारकमम्।


अभहीचप्सतदानदामथदार्थन दासं कदालदे य गुक्तसं प्रशस्यतदे॥ 14॥ मनगु॰॥
जिब रदाजिदा शत्रगुओसं कदे सदाथ यगुद्ध करनदे कमो जिदावदे तब अपनदे रदाज्य ककी रकदा कदा प्रबन्ध और यदात्रदा ककी सब
सदामग्रही यथदाचवचध करकदे सब सदेनदा, यदान, वदाहन, शसदासदाचद पभूणर्थ लदेकर सवर्थत्र दतभू यों अथदार्थतम् चदारयों ओर कदे
समदाचदारयों कमो ददेनदे वदालदे
पगुरुषयों कमो गगुप्त स्थदापन कर कदे शत्रगुओसं ककी ओर यगुद्ध करनदे कमो जिदावदे॥1॥
तहीन प्रकदार कदे मदागर्थ अथदार्थतम् एक स्थल (भभूचम) ममें, दस भू रदा जिल (समगुद्र वदा नचदययों) ममें, तहीसरदा
आकदाशमदागर्यों कमो यगुद्ध बनदाकर भभूचममदागर्थ ममें रथ, अश्व, हदाथही, जिल ममें नचौकदा और आकदाश ममें चवमदानदाचद यदानयों सदे
जिदावदे और पहैदल, रथ, हदाथही, घमोड़दे, शस और अस खदानपदानदाचद सदामग्रही कमो यथदावतम् सदाथ लदे बलयगुक्त पभूणर्थ
करकदे चकसही चनचमत्त कमो प्रचसद्ध करकदे शत्रगु कदे नगर कदे समहीप धहीरदे-धहीरदे जिदावदे॥2॥
जिमो भहीतर सदे शत्रगु सदे चमलदा हमो और अपनदे सदाथ भही ऊपर सदे चमत्रतदा रक्खदे, गगुप्ततदा सदे शत्रगु कमो भदेद ददेवदे,
उस कदे आनदे जिदानदे ममें उस सदे बदात करनदे ममें अत्यन्त सदावधदानही रक्खदे , क्ययोंचक भहीतर शत्रगु ऊपर चमत्र पगुरुष कमो बड़दा
शत्रगु समझनदा चदाचहयदे॥3॥
सब रदाजिपगुरुषयों कमो यगुद्ध करनदे ककी चवददा चसखदावदे और आप सहीखदे तथदा अन्य प्रजिदाजिनयों कमो चसखदावदे जिमो
पभूवर्थ चशचकत यमोद्धदा हमोतदे हमैं वदे हही अच्छदे प्रकदार लड़ लड़दा जिदानतदे हमैं। जिब चशकदा करदे तब (दण्डव्यभूह) दण्डदा कदे समदान
सदेनदा कमो चलदावदे (शकट॰) जिहैसदा शकट अथदार्थतम् गदाड़ही कदे समदान (वरदाह॰) जिहैसदे सगुअर एक दस भू रदे कदे पहीछदे दचौड़तदे
जिदातदे हमैं और कभही-कभही सब चमलकर झगुण्ड हमो जिदातदे हमैं वहैसदे (मकर॰) जिहैसदा मगर पदानही ममें चलतदे हमैं वहैसदे सदेनदा कमो
बनदावदे (सभूचहीव्यभूह) जिहैसदे सभूई कदा अग्रभदाग सभूक्ष्म पश्चदातम् स्थभूल और उस सदे सभूत्र स्थभूल हमोतदा हहै वहैसही चशकदा सदे सदेनदा
कमो बनदावदे और जिहैसदे (नहीलकण्ठ) ऊपर नहीचदे झपट मदारतदा हहै इस प्रकदार सदेनदा कमो बनदाकर लड़दावदे॥4॥
चजिधर भय चवचदत हमो उसही ओर सदेनदा कमो फहै लदावदे, सब सदेनदा कदे पचतययों कमो चदारयों ओर रख कदे (चक्रव्यभूह)
अथदार्थतम् चक्रदाकदार चदारयों ओर सदे सदेनदाओसं कमो रखकदे मध्य ममें आप रहहै॥5॥
सदेनदापचत और बलदाध्यक अथदार्थतम् आजदा कदा ददेनदे और सदेनदा कदे सदाथ लड़नदे लड़दानदे वदालदे वहीरयों कमो आठयों
चदशदाओसं ममें रक्खदे, चजिस ओर सदे लड़दाई हमोतही हमो उसही ओर सदे सब सदेनदा कदा मगुख रक्खदे परन्तगु दस भू रही ओर भही
पकदा प्रबन्ध रक्खदे नहह तमो पहीछदे वदा पदाश्वर्थ सदे शत्रगु ककी घदात हमोनदे कदा सम्भव हमोतदा हहै॥6॥

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जिमो गगुल्म अथदातम्र्थ दृढ़ स्तम्भयों कदे तगुल्य यगुद्धचवददा सदे सगुचशचकत धदाचमर्थक चस्थत हमोनदे और यगुद्ध करनदे ममें चतगुर
भयरचहत और चजिनकदे मन ममें चकसही प्रकदार कदा चवकदार न हमो उन कमो चदारयों ओर सदेनदा कदे रक्खदे॥7॥
जिमो थमोड़दे पगुरुषयों सदे बहह तयों कदे सदाथ यगुद्ध करनदा हमो तमो चमलकर लड़दावमें और कदाम पड़दे तमो उन्हह कमो झट
फहै लदा ददेवदे। जिब नगर दगगु र्थ वदा शत्रगु ककी सदेनदा ममें प्रचवष्ट हमोकर यगुद्ध करनदा हमो तमो सब ‘सभूचहीव्यभूह’ अथवदा ‘वजव्यभूह’
जिहैसदे दधगु दारदा खड्ग, दमोनयों ओर यगुद्ध करतदे जिदायमें और प्रचवष्ट भही हमोतदे चलमें वहैसदे अनदेक प्रकदार कदे व्यभूह अथदार्थतम् सदेनदा
कमो बनदाकर लड़दावमें जिमो सदामनदे (शतघ्नही) तमोप वदा (भगुशगुण्डही) बन्दक भू छभूट रहही हमो तमो ‘सपर्थव्यभूह’ अथदार्थतम् सपर्थ कदे
समदान समोतदे समोतदे चलदे जिदायमें, जिब तमोपयों कदे पदास पहह संचमें तब उनकमो मदार वदा पकड़ तमोपयों कदा मगुख शत्रगु ककी ओर पफदे र
उन्हह तमोपयों सदे वदा बन्दक भू आचद सदे उन शत्रगुओसं कमो मदारमें अथवदा वकद्ध पगुरुषयों कमो तमोपयों कदे मगुख कदे सदामनदे घमोड़यों पर
सवदार करदा दचौड़दावमें और मदारमें, बहीच ममें अच्छदे-अच्छदे सवदार रहमैं, एक बदार धदावदा कर शत्रगु ककी सदेनदा कमो चछन्न-चभन्न
कर पकड़ लमें अथवदा भगदा दमें॥8॥
जिमो समभभूचम ममें यगुद्ध करनदा हमो तमो रथ घमोड़दे और पददाचतययों सदे और जिमो समगुद्र ममें यगुद्ध करनदा हमो तमो नचौकदा
और थमोड़दे जिल ममें हदाचथययों पर, वकक और झदाड़ही ममें बदाण तथदा स्थल बदालभू ममें तलवदार और ढदाल सदे यगुद्ध करमें करदावमें॥
9॥
चजिस समय यगुद्ध हमोतदा हमो उस समय लड़नदे वदालयों कमो उत्सदाचहत और हचषर्थत करमें। जिब यगुद्ध बन्ध हमो जिदाय
तब चजिस सदे शचौयर्थ और यगुद्ध ममें उत्सदाह हमो वहैसदे वक्तकत्वयों सदे सब कदे चचत्त कमो खदान -पदान, अस-शस सहदाय और
औषधदाचद सदे प्रसन्न रक्खमें। व्यभूह कदे चवनदा लड़दाई न करदे न करदावदे , लड़तही हहई अपनही सदेनदा ककी चदेष्टदा कमो ददेखदा करदे
चक ठहीक-ठहीक लड़तही हहै वदा कपट रखतही हहै॥10॥
चकसही समय उचचत समझदे तमो शत्रगु कमो चदारयों ओर सदे घदेर कर रमोक रक्खमें और इसकदे रदाज्य कमो पहीचड़त कर
शत्रगु कदे चदारदा, अन्न, जिल और इन्धन कमो नष्ट दचभू षत कर ददे॥11॥
शत्रगु कदे तदालदाब, नगर कदे प्रकमोट और खदाई कमो तमोड़ फमोड़ ददे, रदाचत्र ममें उन कमो (त्रदास) भय ददेवदे और
जिहीतनदे कदा उपदाय करदे॥12॥
जिहीत कर उन कदे सदाथ प्रमदाण अथदार्थतम् प्रचतजदाचद चलखदा लदेवदे और जिमो उचचत समय समझदे तमो उसही कदे
वसंशस्थ चकसही धदाचमर्थक पगुरुष कमो रदाजिदा कर ददे और उस सदे चलखदा लदेवदे चक तगुम कमो हमदारही आजदा कदे अनगुकभूल अथदार्थतम्
जिहैसही धमर्थयक्त
गु रदाजिनहीचत हहै उस कदे अनगुसदार चल कदे न्यदाय सदे प्रजिदा कदा पदालन करनदा हमोगदा ऐसदे उपददेश करदे और
ऐसदे पगुरुष उनकदे पदास रक्खदे चक चजिससदे पगुनमः उपद्रव न हमो और जिमो हदार जिदाय उसकदा सत्कदार प्रधदान पगुरुषयों कदे
सदाथ चमलकर रत्नदाचद उत्तम पददाथर्यों कदे ददान सदे करदे और ऐसदा न करदे चक चजिस सदे उस कदा यमोगकदेम भही न हमो, जिमो
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उस कमो बन्दहीगकह करदे तमो भही उस कदा सत्कदार यथदायमोग्य रक्खदे चजिस सदे वह हदारनदे कदे शमोक सदे रचहत हमोकर आनन्द
ममें रहदे॥13॥
क्ययोंचक ससंसदार ममें दस
भू रदे कदा पददाथर्थ ग्रहण करनदा अप्रहीचत और ददेनदा प्रहीचत कदा कदारण हहै और चवशदेष करकदे
समय पर उचचत चक्रयदा करनदा और उस परदाचजित कदे मनमोवदाचञ्छत पददाथर्यों कदा ददेनदा बहह त उत्तम हहै और कभही उस
कमो चचड़दावदे नहह, न हसंसही और ठटदा करदे, न उस कदे सदामनदे हमनदे तगुझ कमो परदाचजित चकयदा हहै ऐसदा भही कहहै , चकन्तगु
आप हमदारदे भदाई हमैं इत्यदाचद मदान्य प्रचतष्ठिदा सददा करदे॥14॥
चहरण्यभभूच मसम्प्रदाप्त्यदा पदाचथर्थव मो न तथहैध तदे।
यथदा चमत्रसं धगुव सं लब्ध्वदा कक शमप्यदायचतकममम्॥ 1॥
धमर्थज सं च कक तजसं च तगुष्ट प्रकक चतमदेव च।
अनगुर क्तसं चस्थरदारम्भसं लघगुच मत्रसं प्रशस्यतदे॥ 2॥
प्रदाजसं कगु लहीनसं शभूर सं च दकसं ददातदारमदेव च।
कक तजसं धकच तमन्तञ्च कष्टमदाहह र ररसं बगुध दामः॥3॥
आयर्थत दा पगुरु षजदानसं शचौयर्वं करुणवदेच दतदा।
स्थचौललक्ष्यसं च सततमगुद दासहीनगगुण मोदयमः॥4॥ मनगु॰॥
चमत्र कदा लकण यह हहै—रदाजिदा सगुवणर्थ और भभूचम ककी प्रदाचप्त सदे वहैसदा नहह बढ़तदा चक जिहैसदे चनश्चल प्रदेमयगुक्त
भचवष्यतम् ककी बदातयों कमो समोचनदे और कदायर्थ चसद्ध करनदे वदालदे समथर्थ चमत्र अथवदा दबगु र्थल चमत्र कमो भही प्रदाप्त हमोकदे बढ़तदा
हहै॥1॥
धमर्थ कमो जिदाननदे और कक तज अथदार्थतम् चकयदे हह ए उपकदार कमो सददा मदाननदे वदालदे प्रसन्नस्वभदाव अनगुरदागही
चस्थरदारम्भही लघगु छमोटदे भही चमत्र कमो प्रदाप्त हमोकर प्रशसंचसत हमोतदा हहै॥2॥
सददा इस बदात कमो दृढ़ रक्खदे चक कभही बगुचद्धमदानम्, कगु लहीन, शभूरवहीर, चतगुर, ददातदा, चकयदे हह ए कमो
जिदाननदेहदारदे और धहैयर्थवदानम् पगुरुष कमो शत्रगु न बनदावदे क्ययोंचक जिमो ऐसदे कमो शत्रगु बनदावदेगदा वह दमःगु ख पदावदेगदा॥3॥
उददासहीन कदा लकण—चजिस ममें प्रशसंचसत गगुणयगुक्त अच्छदे बगुरदे मनगुष्ययों कदा जदान , शभूरवहीरतदा करुणदा भही,
स्थभूल लक्ष्य अथदार्थतम् ऊपर-ऊपर ककी बदातयों कमो चनरन्तर सगुनदायदा करदे वह उददासहीन कहदातदा हहै॥4॥

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एवसं सवर्थच मदसं रदाजिदा सह सम्मन्त्र्य मचन्त्रचभमः।


व्यदायदाम्यदापहत् य मध्यदाहदे भमोक् तगुम न्तमःपगुर सं चवशदेत म्॥ 1॥
पभूवर्वोक्त प्रदातमःकदाल समय उठ शचौचदाचद सन्ध्यमोपदासन अचग्निहमोत्र कर वदा करदा सब मचन्त्रययों सदे चवचदार कर
सभदा ममें जिदा सब भकत्य और सदेनदाध्यकयों कदे सदाथ चमल, उन कमो हचषर्थत कर, नदानदा प्रकदार ककी व्यभूहचशकदा अथदार्थतम्
कवदायद कर करदा, सब घमोड़दे, हदाथही, गदाय आचद स्थदान शस और अस कदा कमोश तथदा वहैददालय, धन कदे कमोषयों
कमो ददेख सब पर दृचष्ट चनत्यप्रचत ददेकर जिमो कगु छ उनममें खमोट हयों उन कमो चनकदाल, व्यदायदामशदालदा ममें जिदा, व्यदायदाम
करकदे भमोजिन कदे चलयदे ‘अन्तमःपगुर’ अथदार्थतम् पत्नही आचद कदे चनवदासस्थदान ममें प्रवदेश करदे और भमोजिन सगुपरहीचकत,
बगुचद्धबल परदाक्रमवद्धर्थक, रमोगचवनदाशक, अनदेक प्रकदार कदे अन्न व्यञ्जन पदान आचद सगुगचन्धत चमष्टदाचद अनदेक रसयगुक्त
उत्तम करदे चक चजिस सदे सददा सगुखही रहहै, इस प्रकदार सब रदाज्य कदे कदायर्यों ककी उन्नचत चकयदा करदे॥1॥
प्रजिदा सदे कर लदेन दे कदा प्रकदार—
पञ्चदाशदम् भदाग आददेय मो रदाजदा पशगुच हरण्ययमोमः।
धदान्यदानदामष्टममो भदागमः षष्ठिमो द्विदादश एव वदा॥ मनगु॰॥
जिमो व्यदापदार करनदे वदालदे वदा चशल्पही कमो सगुवणर्थ चदादसं ही कदा चजितनदा लदाभ हमो, उस ममें सदे पचदासवदासं भदाग, चदावल
आचद अन्नयों ममें छठदा, आठवदासं वदा बदारहवदासं भदाग चलयदा करदे, और जिमो धन लदेवदे तमो भही उस प्रकदार लदेवदे चक चजिस सदे
चकसदान आचद खदानदे पहीनदे और धन सदे रचहत हमोकर दमःगु ख न पदावमें॥1॥

क्ययोंचक प्रजिदा कदे धनदाढ्य आरमोग्य खदान पदान आचद सदे सम्पन्न रहनदे पर रदाजिदा ककी बड़ही उन्नचत हमोतही हहै।
प्रजिदा कमो अपनदे सन्तदान कदे सदृश सगुख ददेवदे और प्रजिदा अपनदे चपतदा सदृश रदाजिदा और रदाजिपगुरुषयों कमो जिदानदे। यह बदात
ठहीक हहै चक रदाजिदाओसं कदे रदाजिदा चकसदान आचद पररश्रम करनदे वदालदे हमैं और रदाजिदा उन कदा रकक हहै। जिमो प्रजिदा
न हमो तमो रदाजिदा चकस कदा? और रदाजिदा न हमो तमो प्रजिदा चकस ककी कहदावदे? दमोनयों अपनदे-अपनदे कदाम ममें स्वतन्त्र और
चमलदे हहए प्रहीचतयगुक्त कदाम ममें परतन्त्र रहमैं। प्रजिदा ककी सदाधदारण सम्मचत कदे चवरुद्ध रदाजिदा वदा रदाजिपगुरुष न हयों , रदाजिदा ककी
आजदा कदे चवरुद्ध रदाजिपगुरुष वदा प्रजिदा न चलदे, यह रदाजिदा कदा रदाजिककीय चनजि कदाम अथदार्थतम् चजिस कमो ‘पमोचलचटकल’
कहतदे हमैं ससंकदेप सदे कह चदयदा।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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अब जिमो चवशदेष ददेखनदा चदाहहै वह चदारयों वदेद , मनगुस् मकच त, शगुक्र नहीचत, महदाभदारतदाचद ममें ददेखकर चनश्चय
करदे और जिमो प्रजिदा कदा न्यदाय करनदा हहै वह व्यवहदार मनगुस्मकचत कदे अष्टम और नवमदाध्यदाय आचद ककी रहीचत सदे करनदा
चदाचहयदे। परन्तगु यहदासं भही ससंकदेप सदे चलखतदे हमैं—

प्रत्यहसं ददेश दृष्टहैश् च शदासदृष्टहैश् च हदेत चगु भमः।


अष्टदादशसगु मदागर्वेष गु चनबद्धदाचन पकथ कम् पकथ कम् ॥1॥
तदेष दामदादमकण दाददानसं चनकदेप मोऽस्वदाचमचवक्रयमः।
सम्भभूय च समगुत् थदानसं दत्तस्यदानपकमर्थ च॥2॥
वदेत नस्यहैव चदाददानसं ससंच वदश्च व्यचतक्रममः।
क्रयचवक्रयदानगुश यमो चववदादमः स्वदाचमपदालयमोमः॥3॥
सहीमदाचववदादधमर्थश् च पदारुष्यदे दण्डवदाचचकदे ।
स्तदेय सं च सदाहससं चहैव सहीसङग्रहणमदेव च॥4॥
सहीपगुधसं मर्वो चवभदागश्च दभूत मदाहय एव च।
पददान्यष्टदादशहैत दाचन व्यवहदारचस्थतदाचवह॥5॥
एषगु स्थदानदेष गु भभूच यष्ठिसं चववदादसं चरतदासं नकण दामम्।
धमर्वं शदाश्वतमदाचश्रत्य कगु यदार्थत म् कदायर्थच वचनणर्थय मम्॥ 6॥
धमर्वो चवद्धस्त्वधमर्वेण सभदासं यत्रमोपचतष्ठितदे।
शल्यसं चदास्य न कक न्तचन्त चवद्धदास्तत्र सभदासदमः॥7॥
सभदा वदा न प्रवदेष्ट व्यदा वक्तव्यसं वदा समञ्जसमम्।
अब्रगुव नम् चवब्रगुव नम् वदाचप नरमो भवचत चकचल्वषही॥8॥
यत्र धमर्वो ह्यधमर्वेण सत्यसं यत्रदानकत देन च।
हन्यतदे प्रदेक मदाणदानदासं हतदास्तत्र सभदासदमः॥9॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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धमर्थ एव हतमो हचन्त धमर्वो रकचत रचकतमः।


तस्मदादम् धमर्वो न हन्तव्यमो मदा नमो धमर्वो हतमोऽवधहीतम्॥ 10॥
वकष मो चह भगवदानम् धमर्थस् तस्य यमः कगु रुतदे ह्यलमम्।
वकष लसं तसं चवद गुद वर्वे दास्तस्मदादम् धमर्वं न लमोपयदेत म्॥ 11॥
एक एव सगुहृ दम् धमर्वो चनधनदेऽ प्यनगुय दाचत यमः।
शरहीरदेण समसं नदाशसं सवर्थम न्यचद्ध गच्छचत॥12॥
पदादमोऽधमर्थस् य कत्तदार्थर सं पदादमः सदाचकणमकच् छचत।
पदादमः सभदासदमः सवदार्थन म् पदादमो रदाजिदानमकच् छचत॥13॥
रदाजिदा भवत्यनदेन दास्तगु मगुच् यन्तदे च सभदासदमः।
एनमो गच्छचत कत्तदार्थर सं चनन्ददाहर्वो यत्र चनन्दतदे॥ 14॥ मनगु॰॥
सभदा रदाजिदा और रदाजिपगुरुष सब लमोग सददाचदार और शदासव्यवहदार हदेतगुओसं सदे चनम्नचलचखत अठदारह
चववदाददास्पद मदागर्यों ममें चववदादयगुक्त कमर्यों कदा चनणर्थय प्रचतचदन चकयदा करमें और जिमो-जिमो चनयम शदासमोक्त न पदावमें और उन
कदे हमोनदे ककी आवश्यकतदा जिदानमें तमो उत्तममोत्तम चनयम बदासंवममें चक चजिससदे रदाजिदा और प्रजिदा ककी उन्नचत हमो॥1॥
अठदारह मदागर्थ यदे हमैं— उन ममें सदे 1-(ऋणदाददान) चकसही सदे ऋण लदेनदे ददेनदे कदा चववदाद। 2-(चनकदेप)
धरदावट अथदार्थतम् चकसही नदे चकसही कदे पदास पददाथर्थ धरदा हमो और मदासंगदे पर न ददेनदा। 3-(अस्वदाचमचवक्रय) दस
भू रदे कदे
भू रदा बदेच लदेवदे। 4-(सम्भभूय च समगुत्थदानमम्) चमल चमलदा कदे चकसही पर अत्यदाचदार करनदा। 5-
पददाथर्थ कमो दस
(दत्तस्यदानपकमर्थ च ) चदयदे हह ए पददाथर्थ कदा न ददेनदा॥2॥
6-(वदेतनस्यहैव चदाददानमम्) वदेतन अथदार्थतम् चकसही ककी ‘नचौकरही’ ममें सदे लदे लदेनदा वदा कम ददेनदा अथवदा न ददेनदा।
7-(प्रचतजदा) प्रचतजदा सदे चवरुद्ध वत्तर्थनदा। 8-(क्रय-चवक्रयदानगुशय) अथदार्थतम् लदेन ददेन ममें झगड़दा हमोनदा। 9-पशगु कदे
स्वदामही और पदालनदे वदालदे कदा झगड़दा॥3॥
10-सहीमदा कदा चववदाद। 11-चकसही कमो कठमोर दण्ड ददेनदा। 12-कठमोर वदाणही कदा बमोलनदा। 13-चमोरही
डदाकदा मदारनदा। 14-चकसही कदाम कमो बलदात्कदार सदे करनदा। 15-चकसही ककी सही वदा पगुरुष कदा व्यचभचदार हमोनदा॥4॥

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16-सही और पगुरुष कदे धमर्थ ममें व्यचतक्रम हमोनदा। 17-चवभदाग अथदार्थतम् ददायभदाग ममें वदाद उठनदा। 18-दभूत
अथदार्थतम् जिड़ पददाथर्थ और समदाहय अथदार्थतम् चदेतन कमो ददाव ममें धर कदे जिगुआ खदेलनदा। यदे अठदारह प्रकदार कदे परस्पर
चवरुद्ध व्यवहदार कदे स्थदान हमैं॥5॥
इन व्यवहदारयों ममें बहह त सदे चववदाद करनदे वदालदे पगुरुषयों कदे न्यदाय कमो सनदातनधमर्थ कदे आश्रय करकदे चकयदा करदे
अथदार्थतम् चकसही कदा पकपदात कभही न करदे॥6॥
चजिस सभदा ममें अधमर्थ सदे घदायल हमोकर धमर्थ उपचस्थत हमोतदा हहै जिमो उसकदा शल्य अथदार्थतम् तहीरवतम् धमर्थ कदे
कलसंक कमो चनकदालनदा और अधमर्थ कदा छदेदन करतदे अथदार्थतम् धमर्त्ती कमो मदान अधमर्त्ती कमो दण्ड नहह चमलतदा उस सभदा ममें
चजितनदे सभदासदम् हमैं वदे सब घदायल कदे समदान समझदे जिदातदे हमैं॥7॥
धदाचमर्थक मनगुष्य कमो यमोग्य हहै चक सभदा ममें कभही प्रवदेश न करदे और जिमो प्रवदेश चकयदा हमो तमो सत्य हही बमोलदे। जिमो
कमोई सभदा ममें अन्यदाय हमोतदे हह ए कमो ददेखकर मचौन रहदे अथवदा सत्य न्यदाय कदे चवरुद्ध बमोलदे वह महदापदापही हमोतदा हहै॥8॥
चजिस सभदा ममें अधमर्थ सदे धमर्थ, असत्य सदे सत्य सब सभदासदयों कदे ददेखतदे हह ए मदारदा जिदातदा हहै उस सभदा ममें सब
मकतक कदे समदान हमैं जिदानमो उन ममें कमोई भही नहह जिहीतदा॥9॥
मदारदा हह आ धमर्थ मदारनदे वदालदे कदा नदाश और रचकत चकयदा हह आ धमर्थ रकक ककी रकदा करतदा हहै इसचलयदे धमर्थ
कदा हनन कभही न करनदा इस डर सदे चक मदारदा हह आ धमर्थ कभही हम कमो न मदार डदालदे॥10॥
जिमो सब ऐश्वयर्यों कदे ददेनदे और सगुखयों ककी वषदार्थ करनदे वदालदा धमर्थ हहै उस कदा लमोप करतदा हहै उसही कमो चवद्विदानम्
लमोग वकषल अथदार्थतम् शभूद्र और नहीच जिदानतदे हमैं। इसचलयदे चकसही मनगुष्य कमो धमर्थ कदा लमोप करनदा उचचत नहह॥11॥
इस ससंसदार ममें एक धमर्थ हही सगुहृदम् हहै जिमो मकत्यगु कदे पश्चदातम् भही सदाथ चलतदा हहै और सब पददाथर्थ वदा ससंगही शरहीर
कदे नदाश कदे सदाथ हही नदाश कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं अथदार्थतम् सब कदा ससंग छभू ट जिदातदा हहै परन्तगु धमर्थ कदा ससंग कभही नहह छभू टतदा॥
12॥
जिब रदाजिसभदा ममें पकपदात सदे अन्यदाय चकयदा जिदातदा हहै वहदासं अधमर्थ कदे चदार चवभदाग हमो जिदातदे हमैं उनममें एक
अधमर्थ कदे कत्तदार्थ, दस
भू रदा सदाकही, तहीसरदा सभदासदयों और चचौथदा पदाद अधमर्त्ती सभदा कदे सभदापचत रदाजिदा कमो प्रदाप्त हमोतदा
हहै॥13॥
चजिस सभदा ममें चनन्ददा कदे यमोग्य ककी चनन्ददा, स्तगुचत कदे यमोग्य ककी स्तगुचत, दण्ड कदे यमोग्य कमो दण्ड और मदान्य
कदे यमोग्य कमो मदान्य हमोतदा हहै वहदासं रदाजिदा और सभदासदम् पदाप सदे रचहत और पचवत्र हमो जिदातदे हमैं पदाप कदे कत्तदार्थ हही कमो पदाप
प्रदाप्त हमोतदा हहै॥14॥
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अब सदाकही कहै सदे करनदे चदाचहयदे—


आप्तदामः सवर्वेष गु वणर्वेष गु कदायदार्थमः कदायर्वेष गु सदाचकणमः।
सवर्थध मर्थच वदमोऽलगुब् धदा चवपरहीतदासंस् तगु वजिर्थय तदे म्॥ 1॥
सहीणदासं सदाक्ष्यसं चसयमः कगु यगुचर्थ द्विर्थजि दानदासं सदृशदा चद्विजिदामः।
शभूद्र दाश्च सन्तमः शभूद्र दाणदामन्त्यदानदामन्त्ययमोनयमः॥2॥
सदाहसदेष गु च सवर्वेष गु स्तदेय सङग्रहणदेष गु च।
वदाग्दण्डयमोश्च पदारुष्यदे न परहीकदेत सदाचकणमः॥3॥
बहह त् वसं पररगकह्ण हीयदातम् सदाचकद्विहैध दे नरदाचधपमः।
समदेष गु तगु गगुण मोत्कक ष्टदानम् गगुच णद्विहैध दे चद्विजिमोत्तमदानम्॥ 4॥
समकदशर्थन दातम् सदाक्ष्यसं श्रवणदाच्चिहैव चसध्यचत।
तत्र सत्यसं ब्रगुव नम् सदाकही धमदार्थथ दार्थभ् यदासं न हहीयतदे॥ 5॥
सदाकही दृष्टश्रगुत दादन्यदम् चवब्रगुव न्नदायर्थस संस चद।
अवदाङनरकमभ्यदेच त प्रदेत् य स्वगदार्थच्चि हहीयतदे॥ 6॥
स्वभदावदेन हैव यदम् ब्रभूयगुस् तदम् ग्रदाह्यसं व्यदावहदाररकमम्।
अतमो यदन्यदम् चवब्रभूयगुध र्थम दार्थथ र्वं तदपदाथर्थक मम्॥ 7॥
सभदान्तमःसदाचकणमः प्रदाप्तदानम् अचथर्थप्र त्यचथर्थस चन्नधचौ।
प्रदाचड्ववदाकमोऽनगुयगुञ्ज हीत चवचधनदाऽनदेन सदान्त्वयनम्॥ 8॥
यदम् द्वियमोरनयमोवर्वेत् थ कदायर्वेऽ चस्मसंश् चदेच ष्टतसं चमथमः।
तदम् ब्रभूत सवर्वं सत्यदेन यगुष् मदाकसं ह्यत्र सदाचकतदा॥9॥
सत्यसं सदाक्ष्यदे ब्रगुव न्सदाकही लमोकदानदाप्नमोचत पगुष् कलदानम्।
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इह चदानगुत्त मदासं ककीचतर्वं वदागदेष दा ब्रह्मपभूच जितदा॥10॥


सत्यदेन पभूय तदे सदाकही धमर्थमः सत्यदेन वद्धर्थत दे।
तस्मदातम् सत्यसं चह वक्तव्यसं सवर्थव णर्वेष गु सदाचकचभमः॥11॥
आत्महैव ह्यदात्मनमः सदाकही गचतरदात्मदा तथदात्मनमः।
मदावमसंस् थदामः स्वमदात्मदानसं नकण दासं सदाचकणमगुत्त ममम्॥ 12॥
यस्य चवद्विदानम् चह वदतमः कदेत्र जमो नदाचभशङतदे।
तस्मदान्न ददेव दामः श्रदेय दासंस सं लमोकदे ऽन्यसं पगुरु षसं चवद गुमः ॥13॥
एकमोऽहमस्महीत्यदात्मदानसं यत्त् व सं कल्यदाणसं मन्यसदे।
चनत्यसं चस्थतस्तदे हृददेष मः पगुण् यपदापदेच कतदा मगुच नमः॥14॥ मनगु॰॥
सब वणर्यों ममें धदाचमर्थक, चवद्विदानम्, चनष्कपटही, सब प्रकदार धमर्थ कमो जिदाननदे वदालदे, लमोभरचहत, सत्यवदाचदययों कमो
न्यदायव्यवस्थदा ममें सदाकही करदे इन सदे चवपरहीतयों कमो कभही न करदे॥1॥
चसययों ककी सदाकही सही, चद्विजियों कदे चद्विजि, शभूद्रयों कदे शभूद्र और अन्त्यजियों कदे अन्त्यजि सदाकही हयों॥2॥
चजितनदे बलदात्कदार कदाम, चमोरही, व्यचभचदार, कठमोर वचन, दण्डचनपदातन रूप अपरदाध हमैं उन ममें सदाकही ककी
परहीकदा न करदे और अत्यदावश्यक भही न समझदे क्ययोंचक यदे कदाम सब गगुप्त हमोतदे हमैं॥3॥
दमोनयों ओर कदे सदाचकययों ममें सदे बहह पकदानगुसदार, तगुल्य सदाचकययों ममें उत्तम गगुणही पगुरुष ककी सदाकही कदे अनगुकभूल
और दमोनयों कदे सदाकही उत्तम गगुणही और तगुल्य हयों तमो चद्विजिमोत्तम अथदार्थतम् ऋचष महचषर्थ और यचतययों ककी सदाकही कदे अनगुसदार
न्यदाय करदे॥4॥
दमो प्रकदार सदे सदाकही हमोनदा चसद्ध हमोतदा हहै एक सदाकदातम् ददेखनदे और द स
भू रदा सगुननदे सदे जिब सभदा ममें पभूछमें तब जिमो
सदाकही सत्य बमोलमें वदे धमर्थहहीन और दण्ड कदे यमोग्य न हमोवमें और जिमो सदाकही चमथ्यदा बमोलमें वदे यथदायमोग्य दण्डनहीय हयों॥5॥
जिमो रदाजिसभदा वदा चकसही उत्तम पगुरुषयों ककी सभदा ममें सदाकही ददेखनदे और सगुननदे सदे चवरुद्ध बमोलदे तमो वह
(अवदाघ्नरक) अथदार्थतम् चजिहदा कदे छदेदन सदे दमःगु खरूप नरक कमो वत्तर्थमदान समय ममें प्रदाप्त हमोवदे और मरदे पश्चदातम् सगुख सदे
हहीन हमो जिदाय॥6॥

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सदाकही कदे उस वचन कमो मदाननदा चक जिमो स्वभदाव हही सदे व्यवहदार सम्बन्धही बमोलदे और चसखदायदे हह ए इस सदे
चभन्न जिमो-जिमो वचन बमोलदे उस-उस कमो न्यदायदाधहीश व्यथर्थ समझमें॥7॥
जिब अथर्त्ती (वदादही) और प्रत्यथर्त्ती (प्रचतवदादही) कदे सदामनदे सभदा कदे समहीप प्रदाप्त हहए सदाचकययों कमो शदाचन्तपभूवकर्थ
न्यदायदाधहीश और प्रदाचड्ववदाक अथदार्थतम् वककील वदा वहैररस्टर इस प्रकदार सदे पभूछमें॥8॥
हदे सदाचक लमोगमो! इस कदायर्थ ममें इन दमोनयों कदे परस्पर कमर्यों ममें जिमो तगुम जिदानतदे हमो उस कमो सत्य कदे सदाथ
बमोलमो-तगुम्हदारही इस कदायर्थ ममें सदाकही हहै॥9॥
जिमो सदाकही सत्य बमोलतदा हहै वह जिन्मदान्तर ममें उत्तम जिन्म और उत्तम लमोकदान्तरयों ममें जिन्म कमो प्रदाप्त हमोकदे
सगुख भमोगतदा हहै। इस जिन्म वदा परजिन्म ममें उत्तम ककीचत्तर्थ कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै , क्ययोंचक जिमो यह वदाणही हहै वहही वदेदयों ममें
सत्कदार और चतरस्कदार कदा कदारण चलखही हहै। जिमो सत्य बमोलतदा हहै वह प्रचतचष्ठित और चमथ्यदावदादही चनचन्दत हमोतदा हहै॥
10॥
सत्य बमोलनदे सदे सदाकही पचवत्र हमोतदा और सत्य हही बमोलनदे सदे धमर्थ बढ़तदा हहै, इस सदे सब वणर्यों ममें सदाचकययों कमो
सत्य हही बमोलनदा यमोग्य हहै॥11॥
आत्मदा कदा सदाकही आत्मदा और आत्मदा ककी गचत आत्मदा हहै इसकमो जिदान कदे हदे पगुरुष! तभू सब मनगुष्ययों कदा
उत्तम सदाकही अपनदे आत्मदा कदा अपमदान मत कर अथदार्थतम् सत्यभदाषण जिमो चक तदेरदे आत्मदा मन वदाणही ममें हहै वह सत्य
और जिमो इस सदे चवपरहीत हहै वह चमथ्यदाभदाषण हहै॥12॥
चजिस बमोलतदे हह ए पगुरुष कदा चवद्विदानम् कदेत्रज अथदार्थतम् शरहीर कदा जिदाननदे हदारदा आत्मदा भहीतर शङदा कमो प्रदाप्त नहह
हमोतदा उस सदे चभन्न चवद्विदानम् लमोग चकसही कमो उत्तम पगुरुष नहह जिदानतदे॥13॥
हदे कल्यदाण ककी इच्छदा करनदेहदारदे पगुरुष! जिमो तभू ‘ममैं अकदे लदा हह सं’ ऐसदा अपनदे आत्मदा ममें जिदानकर चमथ्यदा
बमोलतदा हहै समो ठहीक नहह हहै चकन्तगु जिमो दस
भू रदा तदेरदे हृदय ममें अन्तयदार्थमहीरूप सदे परमदेश्वर पगुण्य पदाप कमो ददेखनदे वदालदा
मगुचन चस्थत हहै उस परमदात्मदा सदे डरकर सददा सत्य बमोलदा कर॥14॥
लमोभदान्ममोहदादम् भयदान्महैत्र दातम् कदामदातम् क्रमोधदात्तथहैव च।
अजदानदादम् बदालभदावदाच्चि सदाक्ष्यसं चवतथमगुच् यतदे॥ 1॥
एषदामन्यतमदे स्थदानदे यमः सदाक्ष्यमनकत सं वददेत म्।
तस्य दण्डचवशदेष दासंस् तगु प्रवक्ष्यदाम्यनगुप भूव शर्थ मः॥2॥
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लमोभदातम् सहस्रसं दण्डस्तगु ममोहदातम् पभूव न्र्थ तगु सदाहसमम्।


भयदादम् द्विचौ मध्यमचौ दण्डचौ महैत्र दातम् पभूव र्वं चतगुग गुर्थण मम्॥ 3॥
कदामदादम् दशगगुण सं पभूव र्वं क्रमोधदातम् तगु चत्रगगुण सं परमम्।
अजदानदादम् द्विदे शतदे पभूण र्वे बदाचलश्यदाच्छतमदेव तगु॥ 4॥
उपस्थमगुद रसं चजिहदा हस्तचौ पदादचौ च पञ्चममम्।
चकगुन दार्थस दा च कणर्यौ च धनसं ददेह स्तथहैव च॥5॥
अनगुब न्धसं पररजदाय ददेश कदालचौ च तत्त्वतमः।
सदारदाऽपरदाधचौ चदालमोक्य दण्डसं दण्डदेष गु पदातयदेत ॥म् 6॥
अधमर्थद ण्डनसं लमोकदे यशमोघ्नसं ककीचत्तर्थन दाशनमम्।
अस्वग्यर्थञ्च परत्रदाचप तस्मदातम् ततम् पररवजिर्थय देत म्॥ 7॥
अदण्डदानम् दण्डयनम् रदाजिदा दण्डदासंश् चहैव दाप्यदण्डयनम्।
अयशमो महदम् आप्नमोचत नरकसं चहैव गच्छचत॥8॥
वदाग्दण्डसं प्रथमसं कगु यदार्थदम् चधग्दण्डसं तदनन्तरमम्।
तकत हीयसं धनदण्डसं तगु वधदण्डमतमः परमम्॥ 9॥ मनगु॰॥
जिमो लमोभ, ममोह, भय, चमत्रतदा, कदाम, क्रमोध, अजदान और बदालकपन सदे सदाकही ददेवदे वह सब चमथ्यदा
समझही जिदावदे॥1॥
इनममें सदे चकसही स्थदान ममें सदाकही झभूठ बमोलदे उस कमो वक्ष्यमदाण अनदेकचवध दण्ड चदयदा करदे॥2॥
जिमो लमोभ सदे झभूठही सदाकही ददेवदे उस सदे 15।। =)(पन्द्रह रुपयदे दश आनदे) दण्ड लदेवदे, जिमो ममोह सदे झभूठही
सदाकही ददेवदे उस सदे 3=) (तहीन रुपयदे दमो आनदे) दण्ड लदेवदे, जिमो भय सदे चमथ्यदा सदाकही ददेवदे उस सदे 6। ) (सवदा
छमः रुपयदे ) दण्ड लदेवदे और जिमो पगुरुष चमत्रतदा सदे झभूठही सदाकही ददेवदे उससदे 12।। ) (सदाढ़दे बदारह रुपयदे) दण्ड लदेवदे॥
3॥

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जिमो पगुरुष कदामनदा सदे चमथ्यदा सदाकही ददेवदे उससदे 25) (पच्चिहीस रुपयदे) दण्ड लदेवदे, जिमो पगुरुष क्रमोध सदे झभूठही
सदाकही ददेवदे उससदे 46।।।=) छयदालहीस रुपयदे चचौदह आनदे) दण्ड लदेवदे, जिमो पगुरुष अजदानतदा सदे झभूठही सदाकही ददेवदे
उससदे 3) (तहीन रुपयदे) दण्ड लदेवदे और जिमो बदालकपन सदे चमथ्यदा सदाकही ददेवदे तमो उससदे 1।। -) (एक रुपयदा नचौ
आनदे) दण्ड लदेवदे॥4॥
दण्ड कदे उपस्थदेचन्द्रय, उदर, चजिहदा, हदाथ, पग, आसंख, नदाक, कदान, धन और ददेह यदे दश स्थदान हमैं
चक चजिन पर दण्ड चदयदा जिदातदा हहै॥5॥
परन्तगु जिमो-जिमो दण्ड चलखदा हहै और चलखमेंगदे जिहैसदे लमोभ कदे सदाकही ददेनदे ममें पन्द्रह रुपयदे दश आनदे दण्ड चलखदा
हहै परन्तगु जिमो अत्यन्त चनधर्थन हमो तमो उस सदे कम और धनदाढ्य हमो तमो उससदे द नभू दा, चतगगुनदा और चचौगगुनदा तक भही लदे
लदेवदे अथदार्थतम् जिहैसदा ददेश, जिहैसदा कदाल और जिहैसदा पगुरुष हमो उस कदा जिहैसदा अपरदाध हमो वहैसदा हही दण्ड करदे॥6॥
क्ययोंचक इस ससंसदार ममें जिमो अधमर्थ सदे दण्ड करनदा हहै वह पभूवर्थ प्रचतष्ठिदा वत्तर्थमदान और भचवष्यतम् ममें और परजिन्म
ममें हमोनदे वदालही ककीचतर्थ कदा नदाश करनदेहदारदा हहै और परजिन्म ममें भही द मःगु खददायक हमोतदा हहै इसचलयदे अधमर्थयक्त गु दण्ड चकसही
पर न करदे॥7॥
जिमो रदाजिदा दण्डनहीययों कमो न दण्ड और अदण्डनहीययों कमो दण्ड ददेतदा हहै अथदार्थतम् दण्ड ददेनदे यमोग्य कमो छमोड़ ददेतदा
और चजिस कमो दण्ड ददेनदा न चदाचहयदे उस कमो दण्ड ददेतदा हहै वह जिहीतदा हहआ बड़ही चनन्ददा कमो और मरदे पहीछदे बड़दे दमःगु ख
कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै इसचलयदे जिमो अपरदाध करदे उस कमो सददा दण्ड ददेवदे और अनपरदाधही कमो दण्ड कभही न ददेवदे॥ 8॥

प्रथम वदाणही कदा दण्ड अथदार्थतम् उस ककी ‘चनन्ददा’ दस


भू रदा ‘चधकम् ’ दण्ड अथदार्थतम् तगुझ कमो चधकदार हहै तभूनदे ऐसदा
बगुरदा कदाम क्ययों चकयदा, तहीसरदा उस सदे ‘धन लदेनदा’ और ‘वध’ दण्ड अथदार्थतम् उस कमो कमोड़दा यदा बमेंत सदे मदारनदा वदा
चशर कदाट ददेनदा॥9॥

यदेन यदेन यथदाङदे न स्तदेन मो नकष गु चवचदेष्ट तदे।


तत्तददेव हरदेद स्य प्रत्यदाददेश दाय पदाचथर्थव मः॥1॥
चपतदाचदायर्थमः सगुहृ न्मदातदा भदायदार्थ पगुत्र मः पगुर मोचहतमः।
नदादण्डमो नदाम रदाजमोऽचस्त यमः स्वधमर्वे न चतष्ठिचत॥2॥
कदाषदार्थप णसं भवदेदम् दण्डमो यत्रदान्यमः प्रदाकक तमो जिनमः।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
244

तत्र रदाजिदा भवदेद्द ण्डमः सहस्रचमचत धदारणदा॥3॥


अष्टदापदादन्तगु शभूद्र स्य स्तदेय दे भवचत चकचल्वषमम्।
षमोडशहैव तगु वहैश् यस्य द्विदाचत्रसंश तम् कचत्रयस्य च॥4॥
ब्रदाह्मणस्य चतगुमः षचष्टमः पभूण र्वं वदाचप शतसं भवदेत ।म्
चद्विगगुण दा वदा चतगुमः षचष्टस्तद्दमोषगगुण चवचद्ध समः॥5॥
ऐन्द्रसं स्थदानमचभप्रदेप् सगुय शर्थ श्चदाकयमव्ययमम्।
नमोपदेक तदे कणमचप रदाजिदा सदाहचसकसं नरमम्॥ 6॥
वदाग्दगुष्ट दातम् तस्करदाच्चिहैव दण्डदेन वहै च चहसंस तमः।
सदाहसस्य नरमः कत्तदार्थ चवजदेय मः पदापकक त्तममः॥7॥
सदाहसदे वत्तर्थम दानसं तगु यमो मषर्थय चत पदाचथर्थव मः।
स चवनदाशसं रजित्यदाशगु चवद्विदेष सं चदाचधगच्छचत॥8॥
न चमत्रकदारणदादम् रदाजिदा चवपगुल दादम् वदा धनदागमदातम्।
समगुत् सकजि तदे म् सदाहचसकदानम् सवर्थभ तभू भयदावहदानम्॥ 9॥
गगुरुसं वदा बदालवकद्ध चौ वदा ब्रदाह्मणसं वदा बहह श्र तगु मम्।
आततदाचयनमदायदान्तसं हन्यदाददेव दाचवचदारयनम्॥ 10॥
नदाततदाचयवधदे दमोषमो हन्तगुभ वर्थ चत कश्चन।
प्रकदाशसं वदाऽप्रकदाशसं वदा मन्य गुस् तन्मकत् यगुम कच् छचत॥11॥
यस्य स्तदेन मः पगुर दे नदाचस्त नदान्यसहीगमो न द गुष्ट वदाकम् ।
न सदाहचसकदण्डघ्नचौ स रदाजिदा शक्रलमोकभदाकम् ॥12॥ मनगु॰॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
244

चमोर चजिस प्रकदार चजिस-चजिस अङ सदे मनगुष्ययों ममें चवरुद्ध चदेष्टदा करतदा हहै उस-उस अङ कमो सब मगुनष्ययों ककी
चशकदा कदे चलयदे रदाजिदा हरण अथदार्थतम् छदेदन कर ददे॥1॥
चदाहदे चपतदा, आचदायर्थ, चमत्र, मदातदा, सही, पगुत्र और पगुरमोचहत क्ययों न हमो जिमो स्वधमर्थ ममें चस्थत नहह रहतदा
वह रदाजिदा कदा अदण्ड्य नहह हमोतदा अथदार्थतम् जिब रदाजिदा न्यदायदासन पर बहैठ न्यदाय करदे तब चकसही कदा पकपदात न करदे
चकन्तगु यथमोचचत दण्ड ददेवदे॥2॥
चजिस अपरदाध ममें सदाधदारण मनगुष्य पर एक पहैसदा दण्ड हमो उसही अपरदाध ममें रदाजिदा कमो सहस्र पहैसदा दण्ड हमोवदे
अथदार्थतम् सदाधदारण मनगुष्य सदे रदाजिदा कमो सहस्र गगुणदा दण्ड हमोनदा चदाचहयदे। मन्त्रही अथदार्थतम् रदाजिदा कदे दहीवदान कमो आठ सचौ
गगुणदा उससदे न्यभून सदात सचौ गगुणदा और उस सदे भही न्यभून कमो छमः सचौ गगुणदा इसही प्रकदार उत्तर-उत्तर अथदार्थतम् जिमो एक
छमोटदे सदे छमोटदा भकत्य अथदार्थतम् चपरदासही हहै उस कमो आठ गगुणदे दण्ड सदे कम न हमोनदा चदाचहयदे। क्ययोंचक यचद प्रजिदापगुरुषयों सदे
रदाजिपगुरुषयों कमो अचधक दण्ड न हमोवदे तमो रदाजिपगुरुष प्रजिदा पगुरुषयों कदा नदाश कर ददेवदे , जिहैसदे चससंह अचधक और बकरही
थमोड़दे दण्ड सदे हही वश ममें आ जिदातही हहै। इसचलयदे रदाजिदा सदे लदेकर छमोटदे सदे छमोटदे भकत्य पयर्थन्त रदाजिपगुरुषयों कमो अपरदाध ममें
प्रजिदापगुरुषयों सदे अचधक दण्ड हमोनदा चदाचहयदे॥3॥
वहैसदे हही जिमो कगु छ चववदेककी हमोकर चमोरही करदे उस शभूद्र कमो चमोरही सदे आठ गगुणदा, वहैश्य कमो समोलह गगुणदा, कचत्रय
कमो बत्तहीस गगुणदा॥4॥
ब्रदाह्मण कमो चचौसठ गगुणदा वदा सचौ गगुणदा अथवदा एक सचौ अटदाईस गगुणदा दण्ड हमोनदा चदाचहयदे अथदार्थतम् चजितनदा
चजितनदा जदान और चजितनही प्रचतष्ठिदा अचधक हमो उस कमो अपरदाध ममें उतनदा हही अचधक दण्ड हमोनदा चदाचहए॥5॥
रदाज्य कदा अचधकदारही धमर्थ और ऐश्वयर्थ ककी इच्छदा करनदे वदालदा रदाजिदा बलदात्कदार कदाम करनदे वदालदे डदाकगु ओसं कमो
दण्ड ददेनदे ममें एक कण भही ददेर न करदे॥6॥
सदाहचसक पगुरु ष कदा लकण—
जिमो दष्टगु वचन बमोलनदे, चमोरही करनदे, चबनदा अपरदाध कदे दण्ड ददेनदे वदालदे सदे भही सदाहस बलदात्कदार कदाम करनदे
वदालदा हहै वह अतहीव पदापही दष्टगु हहै॥7॥
जिमो रदाजिदा सदाहस ममें वत्तर्थमदान पगुरुष कमो न दण्ड ददेकर सहन करतदा हहै वह रदाजिदा शहीघ्र हही नदाश कमो प्रदाप्त हमोतदा
हहै और रदाज्य ममें द्विदेष उठतदा हहै॥8॥

न चमत्रतदा, न पगुष्कल धन ककी प्रदाचप्त सदे भही जिमो रदाजिदा सब प्रदाचणययों कमो दमःगु ख ददेनदे वदालदे सदाहचसक मनगुष्य कमो
बन्धन छदेदन चकयदे चबनदा कभही न छमोड़दे॥9॥
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चदाहदे गगुरु हमो, चदाहदे पगुत्रदाचद बदालक हयों, चदाहदे चपतदा आचद वकद्ध, चदाहदे ब्रदाह्मण और चदाहदे बहह त शदासयों कदा
श्रमोतदा क्ययों न हमो, जिमो धमर्थ कमो छमोड़ अधमर्थ ममें वत्तर्थमदान, दसभू रदे कमो चवनदा अपरदाध मदारनदेवदालदे हमैं उन कमो चवनदा चवचदारदे
मदार डदालनदा अथदार्थतम् मदार कदे पश्चदातम् चवचदार करनदा चदाचहयदे॥10॥

दष्टगु पगुरुषयों कदे मदारनदे ममें हन्तदा कमो पदाप नहह हमोतदा, चदाहदे प्रचसद्ध मदारदे चदाहदे अप्रचसद्ध, क्ययोंचक क्रमोधही कमो
क्रमोध सदे मदारनदा जिदानमो क्रमोध सदे क्रमोध ककी लड़दाई हहै॥11॥

चजिस रदाजिदा कदे रदाज्य ममें न चमोर, न परसहीगदामही, न दष्टगु वचन बमोलनदेहदारदा, न सदाहचसक डदाकभू और न
दण्डघ्न अथदार्थतम् रदाजिदा ककी आजदा कदा भङ करनदे वदालदा हहै वह रदाजिदा अतहीव श्रदेष्ठि हहै॥12॥

भत्तदार्थर सं लङयदेद दा सही स्वजदाचतगगुण दचपर्थत दा।


तदासं श्वचभमः खदादयदेद्र दाजिदा ससंस् थदानदे बहह स चसं स्थतदे॥ 1॥
पगुम दासंस सं ददाहयदेत म् पदापसं शयनदे तप्त आयसदे।
अभ्यदादध्यगुश् च कदाष्ठिदाचन तत्र दह्यदे त पदापकक तम्॥ 2॥
दहीघदार्थध् वचन यथदाददेश सं यथदाकदालसं करमो भवदेत ।म्
नदहीतहीरदेष गु तदम् चवददातम् समगुद्र दे नदाचस्त लकणमम्॥ 3॥
अहन्यहन्यवदेक तदे कमदार्थन् तदानम् वदाहनदाचन च।
आयव्ययचौ च चनयतदावदाकरदानम् कमोषमदेव च॥4॥
एवसं सवदार्थच नमदानम् रदाजिदा व्यवहदारदानम् समदापयनम्।
व्यपमोह्य चकचल्वषसं सवर्वं प्रदाप्नमोचत परमदासं गचतमम्॥ 5॥ मनगु॰॥
जिमो सही अपनही जिदाचत गगुण कदे घमण्ड सदे पचत कमो छमोड़ व्यचभचदार करदे उस कमो बहह त-बहह त सही और पगुरुषयों
कदे सदामनदे जिहीतदे हह ई कगु त्तयों सदे रदाजिदा कटवदा कर मरवदा डदालदे॥1॥
उसही प्रकदार अपनही सही कमो छमोड़ परसही वदा वदेश्यदागमन करदे उस पदापही कमो लमोहदे कदे पलग्ड्ढ कमो अचग्नि सदे तपदा
कर लदाल कर उस पर सगुलदा कदे जिहीतदे कमो बहह त पगुरुषयों कदे सम्मगुख भस्म कर ददेवदे॥2॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
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(प्रश्न) जिमो रदाजिदा वदा रदाणही अथवदा न्यदायदाधहीश वदा उसककी सही व्यचभचदारदाचद कगु कमर्थ करदे तमो उस कमो कचौन
दण्ड ददेवदे?
(उत्तर) सभदा, अथदार्थतम् उन कमो तमो प्रजिदापगुरुषयों सदे भही अचधक दण्ड हमोनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) रदाजिदाचद उन सदे दण्ड क्ययों ग्रहण करमेंगदे?
(उत्तर) रदाजिदा भही एक पगुण्यदात्मदा भदाग्यशदालही मनगुष्य हहै। जिब उसही कमो दण्ड न चदयदा जिदाय और वह दण्ड
ग्रहण न करदे तमो दस भू रदे मनगुष्य दण्ड कमो क्ययों मदानमेंगदे? और जिब सब प्रजिदा और प्रधदान रदाज्यदाचधकदारही और सभदा
धदाचमर्थकतदा सदे दण्ड ददेनदा चदाहमें तमो अकदे लदा रदाजिदा क्यदा कर सकतदा हहै? जिमो ऐसही व्यवस्थदा न हमो तमो रदाजिदा प्रधदान और
सब समथर्थ पगुरुष अन्यदाय ममें डभू ब कर न्यदाय धमर्थ कमो डगु बदा कदे सब प्रजिदा कदा नदाश कर आप भही नष्ट हमो जिदायमें , अथदार्थतम्
उस श्लमोक कदे अथर्थ कदा स्मरण करमो चक न्यदाययगुक्त दण्ड हही कदा नदाम रदाजिदा और धमर्थ हहै जिमो उस कदा लमोप करतदा हहै
उस सदे नहीच पगुरुष दस भू रदा कचौन हमोगदा?
(प्रश्न) यह कड़दा दण्ड हमोनदा उचचत नहह, क्ययोंचक मनगुष्य चकसही अङ कदा बनदानदेहदारदा वदा चजिलदानदेवदालदा
नहह हहै, इसचलयदे ऐसदा दण्ड न ददेनदा चदाचहयदे?
(उत्तर) जिमो इस कमो कड़दा दण्ड जिदानतदे हमैं वदे रदाजिनहीचत कमो नहह समझतदे , क्ययोंचक एक पगुरुष कमो इस
प्रकदार दण्ड हमोनदे सदे सब लमोग बगुरदे कदाम करनदे सदे अलग रहमेंगदे और बगुरदे कदाम कमो छमोड़कर धमर्थमदागर्थ ममें चस्थत रहमेंगदे।
सच पभूछमो तमो यहही हहै चक एक रदाई भर भही यह दण्ड सब कदे भदाग ममें न आवदेगदा। और जिमो सगुगम दण्ड चदयदा जिदाय तमो
दष्टगु कदाम बहह त बढ़कर हमोनदे लगमें। वह चजिस कमो तगुम सगुगम दण्ड कहतदे हमो वह क्रमोड़यों गगुणदा अचधक हमोनदे सदे क्रमोणयों
गगुणदा कचठन हमोतदा हहै क्ययोंचक जिब बहह त मनगुष्य दष्टगु कमर्थ करमेंगदे तब थमोड़दा-थमोड़दा दण्ड भही ददेनदा पड़देगदा अथदार्थतम् जिहैसदे
एक कमो मन भर दण्ड हहआ और दस भू रदे कमो पदाव भर तमो पदाव भर अचधक एक मन दण्ड हमोतदा हहै तमो प्रत्यदेक मनगुष्य
कदे भदाग ममें आध पदाव बहीस सदेर दण्ड पड़दा तमो ऐसदे सगुगम दण्ड कमो दष्टगु लमोग क्यदा समझतदे हमैं ? जिहैसदे एक कमो मन
और सहस्र मनगुष्ययों कमो पदाव-पदाव दण्ड हह आ तमो 6। सवदा छमः मन मनगुष्य जिदाचत पर दण्ड हमोनदे सदे अचधक और यहही
कड़दा तथदा वह एक मन दण्ड न्यभून और सगुगम हमोतदा हहै। जिमो लम्बदे मदागर्थ ममें समगुद्र ककी खदाचड़यदासं वदा नदही तथदा बड़दे नदयों
ममें चजितनदा लम्बदा ददेश हमो उतनदा कर स्थदापन करदे और महदासमगुद्र ममें चनचश्चत कर स्थदापन नहह हमो सकतदा चकन्तगु
जिहैसदा अनगुकभूल ददेखदे चक चजिस सदे रदाजिदा और बड़दे-बड़दे नचौकदाओसं कदे समगुद्र ममें चलदानदे वदालदे दमोनयों लदाभ यगुक्त हयों वहैसही
व्यवस्थदा करदे। परन्तगु यह ध्यदान रखनदा चदाचहयदे चक जिमो कहतदे हमैं चक प्रथम जिहदाजि नहह चलतदे थदे , वदे झभूठदे हमैं। और
ददेश-ददेशदान्तर द्विहीप-द्विहीपदान्तरयों ममें नचौकदा सदे जिदानदेवदालदे अपनदे प्रजिदास्थ पगुरुषयों ककी सवर्थत्र रकदा कर उन कमो चकसही प्रकदार
कदा दमःगु ख न हमोनदे ददेवदे॥3॥
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रदाजिदा प्रचतचदन कमर्यों ककी समदाचप्तययों कमो, हदाथही, घमोड़दे आचद वदाहनयों कमो, चनयत लदाभ और खरच,
‘आकर’ रत्नदाचदकयों ककी खदानमें और कमोष (खजिदानदे) कमो ददेखदा करदे॥4॥
रदाजिदा इस प्रकदार सब व्यवहदारयों कमो यथदावतम् समदाप्त करतदा करदातदा हह आ सब पदापयों कमो छगु ड़दा कदे परमगचत
ममोक सगुख कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै॥5॥
(प्रश्न) ससंस्कक तचवददा ममें पभूरही-पभूरही रदाजिनहीचत हहै वदा अधभूरही?
(उत्तर) पभूरही हहै, क्ययोंचक जिमो-जिमो भभूगमोल ममें रदाजिनहीचत चलही और चलदेगही वह सब ससंस्कक त चवददा सदे लही हहै।
और चजिन कदा प्रत्यक लदेख नहह हहै उनकदे चलयदे—
प्रत्यहसं लमोकदृष्टहैश् च शदासदृष्टहैश् च हदेत चगु भमः॥मनगु॰॥
जिमो-जिमो चनयम रदाजिदा और प्रजिदा कदे सगुखकदारक और धमर्थयक्त गु समझमें उन-उन चनयमयों कमो पभूणर्थ चवद्विदानयों ककी
रदाजिसभदा बदासंधदा करदे। परन्तगु इस पर चनत्य ध्यदान रक्खदे चक जिहदाह तक बन सकदे वहदासं तक बदाल्यदावस्थदा ममें चववदाह न
करनदे ददेवमें। यगुवदावस्थदा ममें भही चवनदा प्रसन्नतदा कदे चववदाह न करनदा करदानदा और न करनदे ददेनदा। ब्रह्मचयर्थ कदा यथदावतम्
सदेवन करनदा करदानदा। व्यचभचदार और बहह चववदाह कमो बन्ध करमें चक चजिस सदे शरहीर और आत्मदा ममें पभूणर्थ बल सददा रहहै।
क्ययोंचक जिमो कदे वल आत्मदा कदा बल अथदार्थतम् चवददा जदान बढ़दायदे जिदायमें और शरहीर कदा बल न बढ़दावमें तमो एक हही बलवदानम्
पगुरुष जदानही और सहैकड़यों चवद्विदानयों कमो जिहीत सकतदा हहै। और जिमो कदे वल शरहीर हही कदा बल बढ़दायदा जिदाय , आत्मदा कदा
नहह तमो भही रदाज्यपदालन ककी उत्तम व्यवस्थदा चवनदा चवददा कदे कभही नहह हमो सकतही। चवनदा व्यवस्थदा कदे सब आपस ममें
हही फभू ट-टभू ट, चवरमोध, लड़दाई-झगड़दा, करकदे नष्ट भ्रष्ट हमो जिदायमें। इसचलयदे सवर्थददा शरहीर और आत्मदा कदे बल कमो
बढ़दातदे रहनदा चदाचहयदे। जिहैसदा बल और बगुचद्ध कदा नदाशक व्यवहदार व्यचभचदार और अचतचवषयदासचक्त हहै वहैसदा और कमोई
नहह हहै।
चवशदेषतमः कचत्रययों कमो दृढदासंग और बलयगुक्त हमोनदा चदाचहयदे क्ययोंचक जिब वदे हही चवषयदासक्त हयोंगदे तमो रदाजिधमर्थ हही
नष्ट हमो जिदायगदा और इस पर भही ध्यदान रखनदा चदाचहयदे चक ‘यथदा रदाजिदा तथदा प्रजिदामः’ जिहैसदा रदाजिदा हहै वहैसही हही उस
ककी प्रजिदा हमोतही हहै। इसचलयदे रदाजिदा और रदाजिपगुरुषयों कमो अचत उचचत हहै चक कभही द ष्टगु दाचदार न करमें चकन्तगु सब चदन धमर्थ
न्यदाय सदे वत्तर्थकर सब कदे सगुधदार कदा दृष्टदान्त बनमें।
यह ससंकदेप सदे रदाजिधमर्थ कदा वणर्थन यहदासं चकयदा हहै। चवशदेष वदेद , मनगुस्मकचत कदे सप्तम, अष्टम, नवम अध्यदाय ममें
और शगुक्रनहीचत तथदा चवदरगु प्रजिदागर और महदाभदारत शदाचन्तपवर्थ कदे रदाजिधमर्थ और आपद्धमर्थ आचद पगुस्तकयों ममें ददेख कर
पभूणर्थ रदाजिनहीचत कमो धदारण करकदे मदाण्डचलक अथवदा सदावर्थभचौम चक्रवतर्त्ती रदाज्य करमें और यह समझमें चक—‘वयसं

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः षष्ठिमः समगुल दासमः
244

प्रजिदापतदेमः प्रजिदा अभभूम ’ यह यजिगुवदर्वे कदा वचन हहै। हम प्रजिदापचत अथदार्थतम् परमदेश्वर ककी प्रजिदा और परमदात्मदा हमदारदा
रदाजिदा हम उस कदे चकसंकर भकत्यवतम् हमैं। वह कक पदा करकदे अपनही सकचष्ट ममें हम कमो रदाज्यदाचधकदारही करदे और हमदारदे हदाथ सदे
अपनदे सत्य न्यदाय ककी प्रवकचत्त करदावदे।
अब आगदे ईश्वर और वदेदचवषय ममें चलखदा जिदायगदा।
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे
सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे रदाजिधमर्थच वषयदे
षष्ठिमः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥6॥

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अथ सप्तमसमगुल दासदारम्भमः
ऋचमो अकरदे परमदे व्यमोमन्यचस्मनम्
ददेव दा अचध चवश्वदे चनषदेद गुमः ।
यस्तन्न वदेद चकमकच दा कररष्यचत
य इत्तचद्विद गुस् त इमदे समदासतदे॥ 1॥
—ऋ॰ मसं॰ 1। सभू॰ 164। मसं॰ 39॥
ईशदा वदास्यचमदसं सवर्वं यचत्कञ्च जिगत्यदाञ्जगतम्।
तदेन त्यक्तदे न भगुञ्ज हीथदामः मदा गकध मः कस्य चस्वद म् धनमम्॥ 2॥
—यजिगु॰ अ॰ 40। मसं॰ 1॥
अहम्भगुव सं वसगुन मः पभूव् यर्थस् पचतरहसं धनदाचन ससं जियदाचम शश्वतमः।
मदासं हवन्तदे चपतरसं न जिन्तवमोऽहसं ददाशगुष दे चवभजिदाचम भमोजिनमम्॥ 3॥
—ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 48। मसं॰ 1॥
अहचमन्द्रमो न परदा चजिग्य इद्धनसं न मकत् यवदेऽ वतस्थदे कददाचन।
समोमचमन्मदा सगुन् वन्तमो यदाचतदा वसगु न मदे पभूर वमः सख्यदे ररषदाथन॥4॥
—ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 48। मसं॰ 5॥
अहसं ददासं गकण तदे पभूव् यर्वं वस्वहसं ब्रह्म कक णवसं मह्यसं वधर्थन मम्।
अहसं भगुव सं यजिमदानस्य चमोचदतदाऽयज्वनमः सदाचक चवश्वचस्मन्भरदे॥ 5॥
—ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 49। मसं॰ 1॥
(ऋचमो अकरदे) इस मन्त्र कदा अथर्थ ब्रह्मचयदार्थश्रम ककी चशकदा ममें चलख चगुकदे हमैं अथदार्थतम् जिमो सब चदव्य गगुण ,
कमर्थ, स्वभदाव, चवददायक्त गु और चजिस ममें पकचथवही सभूयदार्थचद लमोक चस्थत हमैं और जिमो आकदाश कदे समदान व्यदापक सब
ददेवयों कदा ददेव परमदेश्वर हहै उस कमो जिमो मनगुष्य न जिदानतदे न मदानतदे और उस कदा ध्यदान नहह करतदे वदे नदाचस्तक
मन्दमचत सददा दमःगु खसदागर ममें डभू बदे हही रहतदे हमैं। इसचलयदे सवर्थददा उसही कमो जिदानकर सब मनगुष्य सगुखही हमोतदे हमैं।
(प्रश्न) वदेद ममें ईश्वर अनदेक हमैं इस बदात कमो तगुम मदानतदे हमो वदा नहह?
(उत्तर) नहह मदानतदे क्ययोंचक चदारयों वदेदयों ममें ऐसदा कहह नहह चलखदा चजिस सदे अनदेक ईश्वर चसद्ध हयों। चकन्तगु
यह तमो चलखदा हहै चक ईश्वर एक हहै।
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः सप्तममः समगुल दासमः
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(प्रश्न) वदेदयों ममें जिमो अनदेक ददेवतदा चलखदे हमैं उस कदा क्यदा अचभप्रदाय हहै?
(उत्तर) ददेवतदा चदव्य गगुणयों सदे यगुक्त हमोनदे कदे कदारण कहदातदे हमैं जिहैसही चक पकचथवही, परन्तगु इस कमो कहह
ईश्वर वदा उपदासनहीय नहह मदानदा हहै। ददेखमो! इसही मन्त्र ममें चक ‘चजिस ममें सब ददेवतदा चस्थत हमैं, वह जिदाननदे और
उपदासनदा करनदे यमोग्य ईश्वर हहै।’ यह उनककी भभूल हहै जिमो ददेवतदा शब्द सदे ईश्वर कदा ग्रहण करतदे हमैं। परमदेश्वर ददेवयों कदा
ददेव हमोनदे सदे महदाददेव इसहीचलयदे कहदातदा हहै चक वहही सब जिगतम् ककी उत्पचत्त, चस्थचत, प्रलयकत्तदार्थ, न्यदायदाधहीश,
अचधष्ठिदातदा हहै।
जिमो ‘त्रयचससंश तम् चत्रशतदा॰’ इत्यदाचद वदेदयों ममें प्रमदाण हमैं इस ककी व्यदाख्यदा शतपथ ममें ककी हहै चक तमेंतहीस ददेव
अथदार्थतम् पकचथवही, जिल, अचग्नि, वदाय,गु आकदाश, चन्द्रमदा, सभूयर्थ और नकत्र सब सकचष्ट कदे चनवदास स्थदान हमोनदे सदे आठ
वसगु। प्रदाण, अपदान, व्यदान, उददान, समदान, नदाग, कभू मर्थ, कक कल, ददेवदत्त, धनञ्जय और जिहीवदात्मदा यदे ग्यदारह रुद्र
इसचलयदे कहदातदे हमैं चक जिब शरहीर कमो छमोड़तदे हमैं तब रमोदन करदानदे वदालदे हमोतदे हमैं। ससंवत्सर कदे बदारह महहीनदे बदारह
आचदत्य इसचलयदे हमैं चक यदे सब ककी आयगु कमो लदेतदे जिदातदे हमैं। चबजिलही कदा नदाम इन्द्र इस हदेतगु सदे हहै चक परम ऐश्वयर्थ कदा
हदेतगु हहै। यज कमो प्रजिदापचत कहनदे कदा कदारण यह हहै चक चजिस सदे वदाय गु वकचष्ट जिल ओषधही ककी शगुचद्ध, चवद्विदानयों कदा
सत्कदार और नदानदा प्रकदार ककी चशल्पचवददा सदे प्रजिदा कदा पदालन हमोतदा हहै। यदे तमेंतहीस पभूवर्वोक्त गगुणयों कदे यमोग सदे ददेव कहदातदे
हमैं। इन कदा स्वदामही और सब सदे बड़दा हमोनदे सदे परमदात्मदा चचौंतहीसवदासं उपदास्यददेव शतपथ कदे चचौदहवमें कदाण्ड ममें स्पष्ट
चलखदा हहै। इसही प्रकदार अन्यत्र भही चलखदा हहै। जिमो यदे इन शदासयों कमो ददेखतदे तमो वदेदयों ममें अनदेक ईश्वर मदाननदेरूप
भ्रमजिदाल ममें चगरकर क्ययों बहकतदे?॥1॥
हदे मनगुष्य! जिमो कगु छ इस ससंसदार ममें जिगतम् हहै उस सब ममें व्यदाप्त हमोकर जिमो चनयन्तदा हहै वह ईश्वर कहदातदा हहै।
उस सदे डर कर तभू अन्यदाय सदे चकसही कदे धन ककी आकदासंकदा मत कर। उस अन्यदाय कदे त्यदाग और न्यदायदाचरणरूप धमर्थ
सदे अपनदे आत्मदा सदे आनन्द कमो भमोग॥2॥
ईश्वर सब कमो उपददेश करतदा हहै चक हदे मनगुष्यमो! ममैं ईश्वर सब कदे पभूवर्थ चवदमदान सब जिगतम् कदा पचत हह सं। ममैं
सनदातन जिगत्कदारण और सब धनयों कदा चवजिय करनदेवदालदा और ददातदा हह सं। मगुझ हही कमो सब जिहीव जिहैसदे चपतदा कमो
सन्तदान पगुकदारतदे हमैं वहैसदे पगुकदारमें। ममैं सब कमो सगुख ददेनदेहदारदे जिगतम् कदे चलयदे नदानदा प्रकदार कदे भमोजिनयों कदा चवभदाग पदालन कदे
चलयदे करतदा हह सं॥3॥
ममैं परमहैश्वयर्थवदानम् सभूयर्थ कदे सदृश सब जिगतम् कदा प्रकदाशक हह सं। कभही परदाजिय कमो प्रदाप्त नहह हमोतदा और न कभही
मकत्यगु कमो प्रदाप्त हमोतदा हह सं। ममैं हही जिगतम् रूप धन कदा चनमदार्थतदा हह सं। सब जिगतम् ककी उत्पचत्त करनदे वदालदे मगुझ हही कमो जिदानमो। हदे

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जिहीवमो! ऐश्वयर्थ प्रदाचप्त कदे यत्न करतदे हह ए तगुम लमोग चवजदानदाचद धन कमो मगुझ सदे मदासंगमो और तगुम लमोग मदेरही चमत्रतदा सदे
अलग मत हमोओ॥4॥
हदे मनगुष्यमो! ममैं सत्यभदाषणरूप स्तगुचत करनदेवदालदे मनगुष्य कमो सनदातन जदानदाचद धन कमो ददेतदा हह।सं ममैं ब्रह्म
अथदार्थतम् वदेद कदा प्रकदाश करनदेहदारदा और मगुझ कमो वह वदेद यथदावतम् कहतदा उस सदे सब कदे जदान कमो ममैं बढ़दातदा; ममैं
सत्पगुरुष कदा प्रदेरक यज करनदेहदारदे कमो फलप्रददातदा और इस चवश्व ममें जिमो कगु छ हहै उस सब कदायर्थ कदा बनदानदे और
धदारण करनदेवदालदा हह सं। इसचलयदे तगुम लमोग मगुझ कमो छमोड़ चकसही दस भू रदे कमो मदेरदे स्थदान ममें मत पभूजिमो, मत मदानमो और मत
जिदानमो॥5॥
चहरण्यगभर्थमः समवत्तर्थत दाग्रदे भभूत स्य जिदातमः पचतरदेक आसहीतम्।
स ददाधदार पकच थवह ददामगुत मदे दासं कस्महै ददेव दाय हचवषदा चवधदेम ॥
यह यजिगुवर्वेद कदा मन्त्र हहै—
हदे मनगुष्यमो! जिमो सकचष्ट कदे पभूवर्थ सब सभूयदार्थचद तदेजिवदालदे लमोकयों कदा उत्पचत्त स्थदान , आधदार और जिमो कगु छ
उत्पन्न हह आ थदा, हहै और हमोगदा उसकदा स्वदामही थदा, हहै और हमोगदा। वह पकचथवही सदे लदेकदे सभूयर्थलमोक पयर्थन्त सकचष्ट कमो
बनदा कदे धदारण कर रहदा हहै। उस सगुखस्वरूप परमदात्मदा हही ककी भचक्त जिहैसदे हम करमें वहैसदे तगुम लमोग भही करमो।
(प्रश्न) आप ईश्वर-ईश्वर कहतदे हमो परन्तगु इसककी चसचद्ध चकस प्रकदार करतदे हमो?
(उत्तर) सब प्रत्यकदाचद प्रमदाणयों सदे।
(प्रश्न) ईश्वर ममें प्रत्यकदाचद प्रमदाण कभही नहह घट सकतदे।
(उत्तर) इचन्द्रयदाथर्थस चन्नकषर्वो त् पन्नसं जदानमव्यपददेश् यमव्यचभचदारर व्यवसदायदात्मकसं
प्रत्यकमम्॥
—यह गचौतम महचषर्थककत न्यदायदशर्थन कदा सभूत्र हहै।
जिमो श्रमोत्र, त्वचदा, चकगु, चजिहदा, घ्रदाण और मन कदा शब्द, स्पशर्थ, रूप, रस, गन्ध, सगुख, दमःगु ख,
सत्यदासत्य चवषययों कदे सदाथ सम्बन्ध हमोनदे सदे जदान उत्पन्न हमोतदा हहै उसकमो प्रत्यक कहतदे हमैं परन्तगु वह चनभ्रर्थम हमो।
अब चवचदारनदा चदाचहयदे चक इचन्द्रययों और मन सदे गगुणयों कदा प्रत्यक हमोतदा हहै गगुणही कदा नहह। जिहैसदे चदारयों त्वचदा
आचद इचन्द्रययों सदे स्पशर्थ, रूप, रस और गन्ध कदा जदान हमोनदे सदे गगुणही जिमो पकचथवही उस कदा आत्मदायक्त गु मन सदे प्रत्यक
चकयदा जिदातदा हहै, वहैसदे इस प्रत्यक सकचष्ट ममें रचनदा चवशदेष आचद जदानदाचद गगुणयों कदे प्रत्यक हमोनदे सदे परमदेश्वर कदा भही
प्रत्यक हहै।

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और जिब आत्मदा मन और मन इचन्द्रययों कमो चकसही चवषय ममें लगदातदा वदा चमोरही आचद बगुरही वदा परमोपकदार आचद
अच्छही बदात कदे करनदे कदा चजिस कण ममें आरम्भ करतदा हहै, उस समय जिहीव ककी ‘इच्छदा, जदानदाचद उसही इचच्छत
चवषय पर झगुक जिदातदे हमैं। उसही कण ममें आत्मदा कदे भहीतर सदे बगुरदे कदाम करनदे ममें भय, शङदा और लज्जदा तथदा अच्छदे
कदामयों कदे करनदे ममें अभय, चनमःशङतदा और आनन्दमोत्सदाह उठतदा हहै। वह जिहीवदात्मदा ककी ओर सदे नहह चकन्तगु परमदात्मदा
ककी ओर सदे हहै।
और जिब जिहीवदात्मदा शगुद्ध हमोकदे परमदात्मदा कदा चवचदार करनदे ममें तत्पर रहतदा हहै उस कमो उसही समय दमोनयों
प्रत्यक हमोतदे हमैं। जिब परमदेश्वर कदा प्रत्यक हमोतदा हहै तमो अनगुमदानदाचद सदे परमदेश्वर कदे जदान हमोनदे ममें क्यदा सन्ददेह हहै?
क्ययोंचक कदायर्थ कमो ददेख कदे कदारण कदा अनगुमदान हमोतदा हहै।
(प्रश्न) ईश्वर व्यदापक हहै वदा चकसही ददेशचवशदेष ममें रहतदा हहै?
(उत्तर) व्यदापक हहै, क्ययोंचक जिमो एक ददेश ममें रहतदा तमो सवदार्थन्तयदार्थमही सवर्थज, सवर्थचनयन्तदा, सब कदा स्रष्टदा,
सब कदा धत्तदार्थ और प्रलयकत्तदार्थ नहह हमो सकतदा। अप्रदाप्त ददेश ममें कत्तदार्थ ककी चक्रयदा कदा असम्भव हहै।
(प्रश्न) परमदेश्वर दयदालगु और न्यदायकदारही हहै वदा नहह?
(उत्तर) हहै।
(प्रश्न) यदे दमोनयों गगुण परस्पर चवरुद्ध हमैं। जिमो न्यदाय करदे तमो दयदा और दयदा करदे तमो न्यदाय छभू ट जिदाय।
क्ययोंचक न्यदाय उस कमो कहतदे हमैं चक जिमो कमर्यों कदे अनगुसदार न अचधक न न्यभून सगुख दमःगु ख पहह संचदानदा और दयदा उस कमो
कहतदे हमैं जिमो अपरदाधही कमो चबनदा दण्ड चदयदे छमोड़ ददेनदा।
(उत्तर) न्यदाय और दयदा कदा नदाममदात्र हही भदेद हहै क्ययोंचक जिमो न्यदाय सदे प्रयमोजिन चसद्ध हमोतदा हहै वहही दयदा
सदे। दण्ड ददेनदे कदा प्रयमोजिन हहै चक मनगुष्य अपरदाध करनदे सदे बन्ध हमोकर दमःगु खयों कमो प्रदाप्त न हयों वहही दयदा कहदातही हहै। जिमो
परदायदे दमःगु खयों कदा छगु ड़दानदा और जिहैसदा अथर्थ दयदा और न्यदाय कदा तगुम नदे चकयदा हहै वह ठहीक नहह क्ययोंचक चजिस नदे जिहैसदा
चजितनदा बगुरदा कमर्थ चकयदा हमो उस कमो उतनदा वहैसदा हही दण्ड ददेनदा चदाचहयदे , उसही कदा नदाम न्यदाय हहै। और जिमो अपरदाधही
कमो दण्ड न चदयदा जिदाय तमो दयदा कदा नदाश हमो जिदाय। क्ययोंचक एक अपरदाधही डदाकभू कमो छमोड़ ददेनदे सदे सहस्रयों धमदार्थत्मदा
पगुरुषयों कमो दमःगु ख ददेनदा हहै। जिब एक कदे छमोड़नदे सदे सहस्रयों मनगुष्ययों कमो दमःगु ख प्रदाप्त हमोतदा हहै वह दयदा चकस प्रकदार हमो
सकतही हहै? दयदा वहही हहै चक उस डदाकभू कमो कदारदागदार ममें रखकर पदाप करनदे सदे बचदानदा डदाकभू पर और उस डदाकभू कमो
मदार ददेनदे सदे अन्य सहस्रयों मनगुष्ययों पर दयदा प्रकदाचशत हमोतही हहै।

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(प्रश्न) चफर दयदा और न्यदाय दमो शब्द क्ययों हह ए? क्ययोंचक उन दमोनयों कदा अथर्थ एक हही हमोतदा हहै तमो दमो
शब्दयों कदा हमोनदा व्यथर्थ हहै। इसचलयदे एक शब्द कदा रहनदा तमो अच्छदा थदा। इस सदे क्यदा चवचदत हमोतदा हहै चक दयदा और
न्यदाय कदा एक प्रयमोजिन नहह हहै।
(उत्तर) क्यदा एक अथर्थ कदे अनदेक नदाम और एक नदाम कदे अनदेक अथर्थ नहह हमोतदे?
(प्रश्न) हमोतदे हमैं।
(उत्तर) तमो पगुनमः तगुम कमो शङदा क्ययों हह ई?
(प्रश्न) ससंसदार ममें सगुनतदे हमैं इसचलयदे।
(उत्तर) ससंसदार ममें तमो सच्चिदा झभूठदा दमोनयों सगुननदे ममें आतदा हहै परन्तगु उस कदा चवचदार सदे चनश्चय करनदा अपनदा
कदाम हहै।
ददेखमो! ईश्वर ककी पभूणर्थ दयदा तमो यह हहै चक चजिस नदे सब जिहीवयों कदे प्रयमोजिन चसद्ध हमोनदे कदे अथर्थ जिगतम् ममें
सकल पददाथर्थ उत्पन्न करकदे ददान ददे रक्खदे हमैं। इस सदे चभन्न दस भू रही बड़ही दयदा कचौन सही हहै ? अब न्यदाय कदा फल
प्रत्यक दहीखतदा हहै चक सगुख दमःगु ख ककी व्यवस्थदा अचधक और न्यभूनतदा सदे फल कमो प्रकदाचशत कर रहही हहै इन दमोनयों कदा
इतनदा हही भदेद हहै चक जिमो मन ममें सब कमो सगुख हमोनदे और दमःगु ख छभूटनदे ककी इच्छदा और चक्रयदा करनदा हहै वह दयदा और
बदाह्य चदेष्टदा अथदार्थतम् बन्धन छदेदनदाचद यथदावतम् दण्ड ददेनदा न्यदाय कहदातदा हहै। दमोनयों कदा एक प्रयमोजिन यह हहै चक सब कमो
पदाप और दमःगु खयों सदे पकथकम् कर ददेनदा।
(प्रश्न) ईश्वर सदाकदार हहै वदा चनरदाकदार?
(उत्तर) चनरदाकदार। क्ययोंचक जिमो सदाकदार हमोतदा तमो व्यदापक नहह हमो सकतदा। जिब व्यदापक न हमोतदा तमो
सवर्थजदाचद गगुण भही ईश्वर ममें न घट सकतदे। क्ययोंचक पररचमत वस्तगु ममें गगुण , कमर्थ, स्वभदाव भही पररचमत रहतदे हमैं तथदा
शहीतमोष्ण, कगुधदा, तकषदा और रमोग, दमोष, छदेदन, भदेदन आचद सदे रचहत नहह हमो सकतदा। इस सदे यहही चनचश्चत हहै चक
ईश्वर चनरदाकदार हहै। जिमो सदाकदार हमो तमो उसकदे नदाक, कदान, आसंख आचद अवयवयों कदा बनदानदेहदारदा दस भू रदा हमोनदा
चदाचहयदे। क्ययोंचक जिमो ससंयमोग सदे उत्पन्न हमोतदा हहै उस कमो ससंयक्त
गु करनदेवदालदा चनरदाकदार चदेतन अवश्य हमोनदा चदाचहयदे। जिमो
कमोई यहदासं ऐसदा कहहै चक ईश्वर नदे स्वदेच्छदा सदे आप हही आप अपनदा शरहीर बनदा चलयदा तमो भही वहही चसद्ध हह आ चक
शरहीर बननदे कदे पभूवर्थ चनरदाकदार थदा। इसचलए परमदात्मदा कभही शरहीर धदारण नहह करतदा चकन्तगु चनरदाकदार हमोनदे सदे सब
जिगतम् कमो सभूक्ष्म कदारणयों सदे स्थभूलदाकदार बनदा ददेतदा हहै।
(प्रश्न) ईश्वर सवर्थशचक्तमदानम् हहै वदा नहह?
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(उत्तर) हहै। परन्तगु जिहैसदा तगुम सवर्थशचक्तमदानम् शब्द कदा अथर्थ जिदानतदे हमो वहैसदा नहह। चकन्तगु सवर्थशचक्तमदानम् शब्द
कदा यहही अथर्थ हहै चक ईश्वर अपनदे कदाम अथदार्थतम् उत्पचत्त, पदालन, प्रलय आचद और सब जिहीवयों कदे पगुण्य पदाप ककी
यथदायमोग्य व्यवस्थदा करनदे ममें चकचञ्चतम् भही चकसही ककी सहदायतदा नहह लदेतदा अथदार्थतम् अपनदे अनन्त सदामथ्यर्थ सदे हही सब
अपनदा कदाम पभूणर्थ कर लदेतदा हहै।
(प्रश्न) हम तमो ऐसदा मदानतदे हमैं चक ईश्वर चदाहहै समो करदे क्ययोंचक उसकदे ऊपर दस
भू रदा कमोई नहह हहै।
(उत्तर) वह क्यदा चदाहतदा हहै? जिमो तगुम कहमो चक सब कगु छ चदाहतदा और कर सकतदा हहै तमो हम तगुम सदे
पभूछतदे हमैं चक परमदेश्वर अपनदे कमो मदार, अनदेक ईश्वर बनदा, स्वयमम् अचवद्विदानम्, चमोरही, व्यचभचदारदाचद पदाप कमर्थ कर
और दमःगु खही भही हमो सकतदा हहै? जिहैसदे यदे कदाम ईश्वर कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव सदे चवरुद्ध हमैं तमो जिमो तगुम्हदारदा कहनदा चक
वह सब कगु छ कर सकतदा हहै, यह कभही नहह घट सकतदा। इसहीचलए सवर्थशचक्तमदानम् शब्द कदा अथर्थ जिमो हम नदे कहदा
वहही ठहीक हहै।
(प्रश्न) परमदेश्वर आचद हहै वदा अनदाचद?
(उत्तर) अनदाचद अथदार्थतम् चजिस कदा आचद कमोई कदारण वदा समय न हमो उस कमो अनदाचद कहतदे हमैं। इत्यदाचद
सब अथर्थ प्रथम समगुलदास ममें कर चदयदा हहै ददेख लहीचजियदे।
(प्रश्न) परमदेश्वर क्यदा चदाहतदा हहै?
(उत्तर) सब ककी भलदाई और सब कदे चलए सगुख चदाहतदा हहै परन्तगु स्वतन्त्रतदा कदे सदाथ चकसही कमो चवनदा
पदाप चकयदे परदाधहीन नहह करतदा।
(प्रश्न) परमदेश्वर ककी स्तगुचत, प्रदाथर्थनदा और उपदासनदा करनही चदाचहए वदा नहह?
(उत्तर) करनही चदाचहयदे।
(प्रश्न) क्यदा स्तगुचत आचद करनदे सदे ईश्वर अपनदा चनयम छमोड़ स्तगुचत, प्रदाथर्थनदा करनदेवदालदे कदा पदाप छगु ड़दा
ददेगदा?
(उत्तर) नहह।
(प्रश्न) तमो चफर स्तगुचत प्रदाथर्थनदा क्ययों करनदा?
(उत्तर) उनकदे करनदे कदा फल अन्य हही हहै।
(प्रश्न) क्यदा हहै?

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(उत्तर) स्तगुचत सदे ईश्वर ममें प्रहीचत, उस कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव सदे अपनदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदा
सगुधदारनदा, प्रदाथर्थनदा सदे चनरचभमदानतदा, उत्सदाह और सहदाय कदा चमलनदा, उपदासनदा सदे परब्रह्म सदे मदेल और उसकदा
सदाकदात्कदार हमोनदा।
(प्रश्न) इनकमो स्पष्ट करकदे समझदाओ।
(उत्तर) जिहैसदे—
स पयर्थग दाच्छगु क्रमकदायमरणमस्नदाचवरसं शगुद्ध मपदापचवद्धमम्।
कचवमर्थन हीषही पररभभूमः स्वयम्भभूर म् यदाथदातथ्यतमोऽथदार्थन म्
व्यदधदाच्छदाश्वतहीभ्यमः समदाभ्यमः॥1॥
—यजिगु॰ अ॰ 40। मसं॰ 8॥
ईश्वर ककी स्तगुच त—वह परमदात्मदा सब ममें व्यदापक, शहीघ्रकदारही और अनन्त बलवदानम् जिमो शगुद्ध, सवर्थज,
सब कदा अन्तयदार्थमही, सवर्वोपरर चवरदाजिमदान, सनदातन, स्वयसंचसद्ध, परमदेश्वर अपनही जिहीवरूप सनदातन अनदाचद प्रजिदा
कमो अपनही सनदातन चवददा सदे यथदावतम् अथर्यों कदा बमोध वदेद द्विदारदा करदातदा हहै। यह सगगुण स्तगुच त अथदार्थतम् चजिस-चजिस
गगुण सदे सचहत परमदेश्वर ककी स्तगुचत करनदा वह सगगुण ; (अकदाय) अथदार्थतम् वह कभही शरहीर धदारण व जिन्म नहह लदेतदा,
चजिस ममें चछद्र नहह हमोतदा, नदाड़ही आचद कदे बन्धन ममें नहह आतदा और कभही पदापदाचरण नहह करतदा, चजिस ममें क्लदेश,
दमःगु ख, अजदान कभही नहह हमोतदा, इत्यदाचद चजिस-चजिस रदाग, द्विदेषदाचद गगुणयों सदे पकथकम् मदानकर परमदेश्वर ककी स्तगुचत
करनदा हहै वह चनगगुर्थण स्तगुच त हहै। इस सदे फल यह हहै चक जिहैसदे परमदेश्वर कदे गगुण हमैं वहैसदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव अपनदे भही
करनदा। जिहैसदे वह न्यदायकदारही हहै तमो आप भही न्यदायकदारही हमोवदे। और जिमो कदे वल भदासंड कदे समदान परमदेश्वर कदे गगुणककीतर्थन
करतदा जिदातदा और अपनदे चररत्र नहह सगुधदारतदा उसकदा स्तगुचत करनदा व्यथर्थ हहै।
प्रदाथर्थन दा—
यदासं मदेध दासं ददेव गणदामः चपतरश्चमोपदासतदे।
तयदामदामद मदेध यदाग्निदे मदेध दाचवनसं कगु रु स्वदाहदा॥1॥
—यजिगु॰ अ॰ 32। मसं॰ 14॥
तदेजि मोऽचस तदेजि मो मचय धदेच ह। वहीयर्थम चस वहीयर्वं मचय धदेच ह।
बलमचस बलसं मचय धदेच ह। ओजिमोऽस्यमोजिमो मचय धदेच ह।
मन्यगु र चस मन्यगु सं मचय धदेच ह। सहमोऽचस सहमो मचय धदेच ह॥2॥
—यजिगुमः अ॰ 19। मसं॰ 9॥
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यज्जदाग्रतमो दभू र मगुद चहै त दहैव सं तद गु सगुप्त स्य तथहैव चहै त।


दभू र ङमसं ज्यमोचतषदासं ज्यमोचतरदेकसं तन्मदे मनमः चशवसङल्पमस्तगु॥ 3॥
यदेन कमदार्थण् यपसमो मनहीचषणमो यजदे कक ण्वचन्त चवदथदेष गु धहीरदामः।
यदपभूव र्वं यकमन्तमः प्रजिदानदासं तन्मदे मनमः चशवसङल्पमस्तगु॥ 4॥
यत्प्रजदानमगुत चदेत मो धकच तश्च यज्ज्यमोचतरन्तरमकत सं प्रजिदासगु।
यस्मदान्नऽऋतदे चकञ्चन कमर्थ चक्रयतदे तन्मदे मनमः चशवसङल्पमस्तगु॥ 5॥
यदेन देद सं भभूत सं भगुव नसं भचवष्यतम् पररगकह हीतममकत देन सवर्थम म्।
यदेन यजस्तदायतदे सप्त हमोतदा तन्मदे मनमः चशवसङल्पमस्तगु॥ 6॥
यचस्मन्नकच मः सदामयजिभूचसं ष यचस्मनम् प्रचतचष्ठितदा रथनदाभदाचववदारदामः।
यचस्मसंच श्चत्तसं सवर्थम मोतसं प्रजिदानदासं तन्मदे मनमः चशवसङल्पमस्तगु॥ 7॥
सगुष दारचथरश्वदाचनव यन्मनगुष् यदान्नदेन हीयतदेऽ भहीशगुच भवदार्थच जिनऽइव।
हृत्प्रचतष्ठिसं यदचजिरसं जिचवष्ठिसं तन्मदे मनमः चशवसङल्पमस्तगु॥ 8॥
—यजिगु॰ अ॰ 34। मसं॰ 1। 2। 3। 4। 5। 6॥
हदे अग्निदे! अथदार्थतम् प्रकदाशस्वरूप परमदेश्वर आप ककी कक पदा सदे चजिस बगुचद्ध ककी उपदासनदा चवद्विदानम् , जदानही और
यमोगही लमोग करतदे हमैं उसही बगुचद्ध सदे यगुक्त हम कमो इसही वत्तर्थमदान समय ममें आप बगुचद्धमदानम् ककीचजियदे॥1॥
आप प्रकदाशस्वरूप हमैं कक पदा कर मगुझ ममें भही प्रकदाश स्थदापन ककीचजियदे। आप अनन्त परदाक्रम यगुक्त हमैं इसचलयदे
मगुझ ममें भही कक पदाकटदाक सदे पभूणर्थ परदाक्रम धररयदे। आप अनन्त बलयगुक्त हमैं इसचलयदे मगुझ ममें भही बल धदारण ककीचजियदे।
आप अनन्त सदामथ्यर्थयक्त गु हमैं, मगुझ कमो भही पभूणर्थ सदामथ्यर्थ दहीचजियदे। आप दष्टगु कदाम और दष्टगु यों पर क्रमोधकदारही हमैं, मगुझ
कमो भही वहैसदा हही ककीचजियदे। आप चनन्ददा, स्तगुचत और स्वअपरदाचधययों कदा सहन करनदे वदालदे हमैं, कक पदा सदे मगुझ कमो भही
वहैसदा हही ककीचजियदे॥2॥
हदे दयदाचनधदे! आप ककी कक पदा सदे जिमो मदेरदा मन जिदागतदे ममें दरभू -दरभू जिदातदा, चदव्यगगुणयगुक्त रहतदा हहै, और वहही
समोतदे हह ए मदेरदा मन सगुषगुचप्त कमो प्रदाप्त हमोतदा वदा स्वप्न ममें दरभू -दरभू जिदानदे कदे समदान व्यवहदार करतदा सब प्रकदाशकयों कदा

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प्रकदाशक, एक वह मदेरदा मन चशवससंकल्प अथदार्थतम् अपनदे और दस भू रदे प्रदाचणययों कदे अथर्थ कल्यदाण कदा ससंकल्प
गु कभही न हमोवदे॥3॥
करनदेहदारदा हमोवदे। चकसही ककी हदाचन करनदे ककी इच्छदायक्त
हदे सवदार्थन्तयदार्थमही! चजिससदे कमर्थ करनदेहदारदे धहैयर्थयक्त
गु चवद्विदानम् लमोग यज और यगुद्धदाचद ममें कमर्थ करतदे हमैं जिमो अपभूवर्थ
गु , पभूजिनहीय और प्रजिदा कदे भहीतर रहनदेवदालदा हहै, वह मदेरदा मन धमर्थ करनदे ककी इच्छदायक्त
सदामथ्यर्थयक्त गु हमोकर अधमर्थ कमो
सवर्थथदा छमोड़ ददेवदे॥4॥

जिमो उत्कक ष्ट जदान और दस


भू रदे कमो चचतदानदेहदारदा चनश्चयदात्मकवकचत्त हहै और जिमो प्रजिदाओसं ममें भहीतर प्रकदाशयगुक्त
और नदाशरचहत हहै चजिसकदे चवनदा कमोई कगु छ भही कमर्थ नहह कर सकतदा, वह मदेरदा मन शगुद्ध गगुणयों ककी इच्छदा करकदे दष्टगु
गगुणयों सदे पकथकम् रहहै॥5॥

हदे जिगदहीश्वर! चजिससदे सब यमोगही लमोग इन सब भभूत, भचवष्यतम्, वत्तर्थमदान व्यवहदारयों कमो जिदानतदे, जिमो
नदाशरचहत जिहीवदात्मदा कमो परमदात्मदा कदे सदाथ चमलकदे सब प्रकदार चत्रकदालज करतदा हहै, चजिस ममें जदान और चक्रयदा हहै,
गु रहतदा हहै, उस यमोगरूप यज कमो चजिस सदे बढ़दातदे हमैं, वह मदेरदा मन यमोग
पदासंच जदानदेचन्द्रय बगुचद्ध और आत्मदायक्त
चवजदानयगुक्त हमोकर अचवददाचद क्लदेशयों सदे पकथकम् रहहै॥6॥

हदे परम चवद्विनम् परमदेश्वर! आप ककी कक पदा सदे मदेरदे मन ममें जिहैसदे रथ कदे मध्य धगुरदा ममें आरदा लगदे रहतदे हमैं वहैसदे
ऋग्वदेद, यजिगुवर्वेद, सदामवदेद और चजिस ममें अथवर्थवदेद भही प्रचतचष्ठित हमोतदा हहै और चजिस ममें सवर्थज सवर्थव्यदापक प्रजिदा कदा
सदाकही चचत्त चदेतन चवचदत हमोतदा हहै वह मदेरदा मन अचवददा कदा अभदाव कर चवददाचप्रय सददा रहहै॥7॥

हदे सवर्थचनयन्तदा ईश्वर! जिमो मदेरदा मन रस्सही सदे घमोड़यों कदे समदान अथवदा घमोड़यों कदे चनयन्तदा सदारचथ कदे तगुल्य
मनगुष्ययों कमो अत्यन्त इधर-उधर डगु लदातदा हहै, जिमो हृदय ममें प्रचतचष्ठित गचतमदानम् और अत्यन्त वदेग वदालदा हहै , वह सब
इचन्द्रययों कमो अधमदार्थचरण सदे रमोक कदे धमर्थपथ ममें सददा चलदायदा करदे। ऐसही कक पदा मगुझ पर ककीचजियदे॥8॥

अग्निदे नय सगुप थदा रदायदे अस्मदानम् चवश्वदाचन ददेव वय गुन दाचन चवद्विदानम्।
यगुय मोध्यस्मज्जगुहह र दाणमदेन मो भभूच यष्ठिदासं तदे नम ऽउचक्तसं चवधदेम ॥1॥
—यजिगु॰ अ॰ 40। मसं॰ 16॥
हदे सगुख कदे ददातदा स्वप्रकदाशस्वरूप सब कमो जिदाननदेहदारदे परमदात्मनम्! आप हम कमो श्रदेष्ठि मदागर्थ सदे सम्पभूणर्थ
प्रजदानयों कमो प्रदाप्त करदाइयदे और जिमो हम ममें कगु चटल पदापदाचरणरूप मदागर्थ हहै उस सदे पकथकम् ककीचजियदे। इसहीचलयदे हम लमोग
नमतदापभूवर्थक आपककी बहह त सही स्तगुचत करतदे हमैं चक हम कमो पचवत्र करमें॥1॥
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मदा नमो महदान्तमगुत मदा नमोऽअभर्थकसं


मदा न उकन्तमगुत मदा न उचकतमम्।
मदा नमो वधहीमः चपतरसं ममोत मदातरसं
मदा नमः चप्रयदास्तन्वमो रुद्र रहीररषमः॥1॥
—यजिगु॰ अ॰ 16। मसं॰ 15॥
हदे रुद्र! (दष्टगु यों कमो पदाप कदे दमःगु खस्वरूप फल कमो ददेकदे रुलदानदे वदालदे परमदेश्वर) आप हमदारदे छमोटदे बड़दे जिन,
गभर्थ, मदातदा, चपतदा और चप्रय बन्धगुवगर्थ तथदा शरहीरयों कदा हनन करनदे कदे चलयदे प्रदेररत मत ककीचजियदे। ऐसदे मदागर्थ सदे हम कमो
चलदाइयदे चजिस सदे हम आपकदे दण्डनहीय न हयों॥1॥
असतमो मदा सदम् गमय, तमसमो मदा ज्यमोचतगर्थम य, मकत् यमोमदार्थऽ मकत सं गमयदेच त॥
—शतपथ ब्रदा॰॥
हदे परमगगुरमो परमदात्मनम्! आप हम कमो असतम् मदागर्थ सदे पकथकम् कर सन्मदागर्थ ममें प्रदाप्त ककीचजियदे। अचवददान्धकदार
कमो छगु ड़दा कदे चवददारूप सभूयर्थ कमो प्रदाप्त ककीचजियदे और मकत्यगु रमोग सदे पकथकम् करकदे ममोक कदे आनन्दरूप अमकत कमो प्रदाप्त
ककीचजियदे। अथदार्थतम् चजिस-चजिस दमोष वदा दगगु गुर्थण सदे परमदेश्वर और अपनदे कमो भही पकथकम् मदान कदे परमदेश्वर ककी प्रदाथर्थनदा ककी
जिदातही हहै वह चवचध चनषदेधमगुख हमोनदे सदे सगगुण , चनगगुर्थण प्रदाथर्थनदा। जिमो मनगुष्य चजिस बदात ककी प्रदाथर्थनदा करतदा हहै उस कमो
वहैसदा हही वत्तर्थमदान करनदा चदाचहयदे अथदार्थतम् जिहैसदे सवर्वोत्तम बगुचद्ध ककी प्रदाचप्त कदे चलयदे परमदेश्वर ककी प्रदाथर्थनदा करदे उस कदे
चलयदे चजितनदा अपनदे सदे प्रयत्न हमो सकदे उतनदा चकयदा करदे। अथदार्थतम् अपनदे पगुरुषदाथर्थ कदे उपरदान्त प्रदाथर्थनदा करनही यमोग्य हहै।
ऐसही प्रदाथर्थनदा कभही न करनही चदाचहयदे और न परमदेश्वर उस कमो स्वहीकदार करतदा हहै चक जिहैसदे हदे परमदेश्वर!
आप मदेरदे शत्रगुओसं कदा नदाश, मगुझ कमो सब सदे बड़दा, मदेरही हही प्रचतष्ठिदा और मदेरदे आधहीन सब हमो जिदायह इत्यदाचद, क्ययोंचक
जिब दमोनयों शत्रगु एक दस भू रदे कदे नदाश कदे चलए प्रदाथर्थनदा करमें तमो क्यदा परमदेश्वर दमोनयों कदा नदाश कर ददे ? जिमो कमोई कहहै चक
चजिस कदा प्रदेम अचधक उस ककी प्रदाथर्थनदा सफल हमो जिदावदे। तब हम कह सकतदे हमैं चक चजिस कदा प्रदेम न्यभून हमो उसकदे शत्रगु
कदा भही न्यभून नदाश हमोनदा चदाचहयदे।
ऐसही मभूखर्थतदा ककी प्रदाथर्थनदा करतदे-करतदे कमोई ऐसही भही प्रदाथर्थनदा करदेगदा—हदे परमदेश्वर! आप हम कमो रमोटही बनदा
कर चखलदाइयदे, मकदान ममें झदाड़भू लगदाइयदे, वस धमो दहीचजियदे और खदेतही बदाड़ही भही ककीचजियदे। इस प्रकदार जिमो परमदेश्वर कदे

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भरमोसदे आलसही हमोकर बहैठदे रहतदे हमैं वदे महदामभूखर्थ हमैं क्ययोंचक जिमो परमदेश्वर ककी पगुरुषदाथर्थ करनदे ककी आजदा हहै उस कमो जिमो
कमोई तमोड़देगदा वह सगुख कभही न पदावदेगदा। जिहैसदे—
कगु वर्थन्न वदे हदे कमदार्थच ण चजिजिहीचवषदेच् छतसं समदामः॥2॥
—य॰अ॰ 40। मसं॰ 2
परमदेश्वर आजदा ददेतदा हहै चक मनगुष्य सचौ वषर्थ पयर्थन्त अथदार्थतम् जिब तक जिहीवदे तब तक कमर्थ करतदा हह आ जिहीनदे
ककी इच्छदा करदे, आलसही कभही न हमो।
ददेखमो! सकचष्ट कदे बहीच ममें चजितनदे प्रदाणही हमैं अथवदा अप्रदाणही हमैं, वदे सब अपनदे-अपनदे कमर्थ और यत्न करतदे हही
रहतदे हमैं। जिहैसदे चपपहीचलकदा आचद सददा प्रयत्न करतदे , पकचथवही आचद सददा घभूमतदे और वकक आचद सददा बढ़तदे घटतदे
रहतदे हमैं वहैसदे यह दृष्टदान्त मनगुष्ययों कमो भही ग्रहण करनदा यमोग्य हहै। जिहैसदे पगुरुषदाथर्थ करतदे हहए पगुरुष कदा सहदाय दस
भू रदा भही
करतदा हहै वहैसदे धमर्थ सदे पगुरुषदाथर्त्ती पगुरुष कदा सहदाय ईश्वर भही करतदा हहै। जिहैसदे कदाम करनदे वदालदे पगुरुष कमो भकत्य करतदे हमैं
और अन्य आलसही कमो नहह। ददेखनदे ककी इच्छदा करनदे और नदेत्र वदालदे कमो चदखलदातदे हमैं अन्धदे कमो नहह।
इसही प्रकदार परमदेश्वर भही सब कदे उपकदार करनदे ककी प्रदाथर्थनदा ममें सहदायक हमोतदा हहै हदाचनकदारक कमर्थ ममें नहह।
जिमो कमोई गगुड़ महीठदा हहै ऐसदा कहतदा हहै उस कमो गगुड़ प्रदाप्त वदा उस कमो स्वदाद प्रदाप्त कभही नहह हमोतदा और जिमो यत्न करतदा
हहै उस कमो शहीघ्र वदा चवलम्ब सदे गगुड़ चमल हही जिदातदा हहै।
अब तहीसरही उपदासनदा—
समदाचधचनधभूतर्थ मलस्य चदेत समो
चनवदेच शतस्यदात्मचन यत्सगुखसं भवदेत म्।
न शक्यतदे वणर्थच यतगुसं चगरदा तददा
स्वयसं तदन्तमःकरणदेन गकह्य तदे॥ 1॥
—यह उपचनषतम् कदा वचन हहै।
चजिस पगुरुष कदे समदाचधयमोग सदे अचवददाचद मल नष्ट हमो गयदे हमैं, आत्मस्थ हमोकर परमदात्मदा ममें चचत्त चजिस नदे
लगदायदा हहै उस कमो जिमो परमदात्मदा कदे यमोग कदा सगुख हमोतदा हहै वह वदाणही सदे कहदा नहह जिदा सकतदा क्ययोंचक उस आनन्द
कमो जिहीवदात्मदा अपनदे अन्तमःकरण सदे ग्रहण करतदा हहै। उपदासनदा शब्द कदा अथर्थ समहीपस्थ हमोनदा हहै। अष्टदासंग यमोग सदे

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परमदात्मदा कदे समहीपस्थ हमोनदे और उस कमो सवर्थव्यदापही, सवदार्थन्तयदार्थमहीरूप सदे प्रत्यक कदे चलयदे जिमो-जिमो कदाम करनदा
हमोतदा हहै वह-वह सब करनदा चदाचहयदे। अथदार्थतम्—
तत्रदाऽचहसंस दासत्यदाऽस्तदेय ब्रह्मचयदार्थऽ पररग्रहदा यमदामः॥
—इत्यदाचद सभूत्र पदातञ्जलयमोगशदास कदे हमैं।
जिमो उपदासनदा कदा आरम्भ करनदा चदाहहै उस कदे चलयदे यहही आरम्भ हहै चक वह चकसही सदे वहैर न रक्खदे, सवर्थददा
सब सदे प्रहीचत करदे। सत्य बमोलदे। चमथ्यदा कभही न बमोलदे। चमोरही न करदे। सत्य व्यवहदार करदे। चजितदेचन्द्रय हमो। लम्पट न हमो
और चनरचभमदानही हमो। अचभमदान कभही न करदे। यदे पदासंच प्रकदार कदे यम चमल कदे उपदासनदायमोग कदा प्रथम असंग हहै।
शचौचसन्तमोषतपमःस्वदाध्यदायदेश् वरप्रचणधदानदाचन चनयमदामः॥
—यमोग सभू॰॥
रदाग द्विदेष छमोड़ भहीतर और जिलदाचद सदे बदाहर पचवत्र रहहै। धमर्थ सदे पगुरुषदाथर्थ करनदे सदे लदाभ ममें न प्रसन्नतदा और
हदाचन ममें न अप्रसन्नतदा करदे। प्रसन्न हमोकर आलस्य छमोड़ सददा पगुरुषदाथर्थ चकयदा करदे। सददा द मःगु ख सगुखयों कदा सहन और
धमर्थ हही कदा अनगुष्ठिदान करदे, अधमर्थ कदा नहह। सवर्थददा सत्य शदासयों कमो पढ़दे पढ़दावदे। सत्पगुरुषयों कदा ससंग करदे और ‘ओ३मम्’
इस एक परमदात्मदा कदे नदाम कदा अथर्थ चवचदार करदे चनत्यप्रचत जिप चकयदा करदे। अपनदे आत्मदा कमो परमदेश्वर ककी
आजदानगुकभूल समचपर्थत कर ददेवदे। इन पदासंच प्रकदार कदे चनयमयों कमो चमलदा कदे उपदासनदायमोग कदा दस भू रदा असंग कहदातदा हहै।
इसकदे आगदे छमः असंग यमोगशदास वदा ऋग्वददे दाचदभदाष्यभभूचमकदा1 ममें ददेख लदेवमें।
जिब उपदासनदा करनदा चदाहमैं तब एकदान्त शगुद्ध ददेश ममें जिदाकर, आसन लगदा, प्रदाणदायदाम कर बदाह्य चवषययों सदे
इचन्द्रययों कमो रमोक, मन कमो नदाचभप्रददेश ममें वदा हृदय, कण्ठ, नदेत्र, चशखदा अथवदा पहीठ कदे मध्य हदाड़ ममें चकसही स्थदान
पर चस्थर कर अपनदे आत्मदा और परमदात्मदा कदा चववदेचन करकदे परमदात्मदा ममें मग्नि हमो कर ससंयमही हमोवमें।
जिब इन सदाधनयों कमो करतदा हहै तब उस कदा आत्मदा और अन्तमःकरण पचवत्र हमोकर सत्य सदे पभूणर्थ हमो जिदातदा
हहै। चनत्यप्रचत जदान चवजदान बढ़दाकर मगुचक्त तक पहहचसं जिदातदा हहै। जिमो आठ पहर ममें एक घड़ही भर भही इस प्रकदार ध्यदान
करतदा हहै वह सददा उन्नचत कमो प्रदाप्त हमो जिदातदा हहै। वहदासं सवर्थजदाचद गगुणयों कदे सदाथ परमदेश्वर ककी उपदासनदा करनही सगगुण
और द्विदेष, रूप, रस, गन्ध, स्पशदार्थचद गगुणयों सदे पकथकम् मदान, अचतसभूक्ष्म आत्मदा कदे भहीतर बदाहर व्यदापक परमदेश्वर ममें
दृढ़ चस्थत हमो जिदानदा चनगगुर्थणमोपदासनदा कहदातही हहै।

1
ऋग्वदेददाचदभदाष्यभभूचमकदा कदे उपदासनदा चवषय ममें इनकदा वणर्थन हहै।
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इस कदा फल-जिहैसदे शहीत सदे आतगुर पगुरुष कदा अचग्नि कदे पदास जिदानदे सदे शहीत चनवकत्त हमो जिदातदा हहै वहैसदे परमदेश्वर
कदे समहीप प्रदाप्त हमोनदे सदे सब दमोष दमःगु ख छभूट कर परमदेश्वर कदे गगुण , कमर्थ, स्वभदाव कदे सदृश जिहीवदात्मदा कदे गगुण, कमर्थ,
स्वभदाव पचवत्र हमो जिदातदे हमैं, इसचलयदे परमदेश्वर ककी स्तगुचत, प्रदाथर्थनदा और उपदासनदा अवश्य करनही चदाचहयदे।
इस सदे इस कदा फल पकथकम् हमोगदा परन्तगु आत्मदा कदा बल इतनदा बढ़देगदा, चक पवर्थत कदे समदान दमःगु ख प्रदाप्त हमोनदे
पर भही न घबरदायदेगदा और सब कमो सहन कर सकदे गदा। क्यदा यह छमोटही बदात हहै? और जिमो परमदेश्वर ककी स्तगुचत,
प्रदाथर्थनदा और उपदासनदा नहह करतदा वह कक तघ्न और महदामभूखर्थ भही हमोतदा हहै। क्ययोंचक चजिस परमदात्मदा नदे इस जिगतम् कदे
सब पददाथर्थ जिहीवयों कमो सगुख कदे चलयदे ददे रक्खदे हमैं, उस कदा गगुण भभूल जिदानदा, ईश्वर हही कमो न मदाननदा, कक तघ्नतदा और
मभूखर्थतदा हहै।
(प्रश्न) जिब परमदेश्वर कदे श्रमोत्र नदेत्रदाचद इचन्द्रयदासं नहह हमैं चफर इचन्द्रययों कदा कदाम कहै सदे कर सकतदा हहै?
(उत्तर) अपदाचणपदादमो जिवनमो ग्रहहीतदा पश्यत्यचकगुमः स शकण मोत्यकणर्थमः ।
स वदेच त्त चवश्वसं न च तस्यदाचस्त वदेत्त दा तमदाहह र ग्छय सं पगुरु षसं पगुर दाणमम्॥ 1॥
—यह उपचनषतम् कदा वचन हहै।
परमदेश्वर कदे हदाथ नहह परन्तगु अपनही शचक्तरूप हदाथ सदे सब कदा रचन, ग्रहण करतदा, पग नहह परन्तगु
व्यदापक हमोनदे सदे सब सदे अचधक वदेगवदानम् चकगु कदा गमोलक नहह परन्तगु सब कमो यथदावतम् ददेखतदा; श्रमोत्र नहह तथदाचप
सब ककी बदातमें सगुनतदा, अन्तमःकरण नहह परन्तगु सब जिगतम् कमो जिदानतदा हहै और उस कमो अवचधसचहत जिदाननदेवदालदा
कमोई भही नहह। उसही कमो सनदातन, सब सदे श्रदेष्ठि सब ममें पभूणर्थ हमोनदे सदे पगुरुष कहतदे हमैं। वह इचन्द्रययों और अन्तमःकरण कदे
चवनदा अपनदे सब कदाम अपनदे सदामथ्यर्थ सदे करतदा हहै।
(प्रश्न) उस कमो बहह त सदे मनगुष्य चनचष्क्रय और चनगगुणर्थ कहतदे हमैं?
(उत्तर)
न तस्य कदायर्वं करणसं च चवदतदे
न तत्समश्चदाभ्यचधकश्च दृश्यतदे।
परदास्य शचक्तचवर्थच वधहैव श्रभूय तदे
स्वदाभदाचवककी जदानबलचक्रयदा च॥1॥
—यह उपचनषतम् कदा वचन हहै।

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परमदात्मदा सदे कमोई तद्रभूप कदायर्थ और उस कमो करण अथदार्थतम् सदाधकतम दस भू रदा अपदेचकत नहह। न कमोई उस कदे
तगुल्य और न अचधक हहै। सवर्वोत्तमशचक्त अथदार्थतम् चजिस ममें अनन्त जदान , अनन्त बल और अनन्त चक्रयदा हहै वह
स्वदाभदाचवक अथदार्थतम् सहजि उस ममें सगुनही जिदातही हहै। जिमो परमदेश्वर चनचष्क्रय हमोतदा तमो जिगतम् ककी उत्पचत्त, चस्थचत,
प्रलय न कर सकतदा। इसचलयदे वह चवभगु तथदाचप चदेतन हमोनदे सदे उस ममें चक्रयदा भही हहै।
(प्रश्न) जिब वह चक्रयदा करतदा हमोगदा तब अन्तवदालही चक्रयदा हमोतही हमोगही वदा अनन्त?
(उत्तर) चजितनदे ददेश कदाल ममें चक्रयदा करनही उचचत समझतदा हहै उतनदे हही ददेश कदाल ममें चक्रयदा करतदा हहै। न
अचधक न न्यभून, क्ययोंचक वह चवद्विदानम् हहै।
(प्रश्न) परमदेश्वर अपनदा अन्त जिदानतदा हहै वदा नहह?
(उत्तर) परमदात्मदा पभूणर्थ जदानही हहै। क्ययोंचक जदान उस कमो कहतदे हमैं चक चजिस सदे ज्ययों कदा त्ययों जिदानदा जिदाय।
अथदार्थतम् जिमो पददाथर्थ चजिस प्रकदार कदा हमो उसकमो उसही प्रकदार जिदाननदे कदा नदाम जदान हहै।
जिब परमदेश्वर अनन्त हहै तमो उस कमो अनन्त हही जिदाननदा जदान , उस कदे चवरुद्ध अजदान अथदार्थतम् अनन्त कमो
सदान्त और सदान्त कमो अनन्त जिदाननदा भ्रम कहदातदा हहै। ‘यथदाथर्थद शर्थन सं जदानचमचत’ चजिस कदा जिहैसदा गगुण, कमर्थ,
स्वभदाव हमो उस पददाथर्थ कमो वहैसदा जिदानकर मदाननदा हही जदान और चवजदान कहदातदा हहै और उस सदे उलटदा अजदान।
इसचलयदे—
क्लदे शकमर्थच वपदाकदाशयहैर परदामकष्ट मः पगुरु षचवशदेष ईश्वरमः॥
—यमोगसभू॰॥
जिमो अचवददाचद क्लदेश, कगु शल, अकगु शल, इष्ट, अचनष्ट और चमश्र फलददायक कमर्यों ककी वदासनदा सदे रचहत हहै
वह सब जिहीवयों सदे चवशदेष ईश्वर कहदातदा हहै।
(प्रश्न) ईश्वरदाचसद्धदेमः ॥1॥
प्रमदाणदाभदावदान्न तचत्सचद्धमः॥2॥
सम्बन्धदाभदावदान्नदानगुम दानमम्॥ 3॥
—सदासंख्य सभू॰॥

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प्रत्यक सदे घट सकतदे ईश्वर ककी चसचद्ध नहह हमोतही॥ 1॥क्ययोंचक जिब उस ककी चसचद्ध ममें प्रत्यक हही नहह तमो
अनगुमदानदाचद प्रमदाण नहह घट सकतदे॥2॥और व्यदाचप्त सम्बन्ध न हमोनदे सदे अनगुमदान भही नहह हमो सकतदा। पगुनमः
प्रत्यकदानगुमदान कदे न हमोनदे सदे शब्दप्रमदाण आचद भही नहह घट सकतदे। इस कदारण ईश्वर ककी चसचद्ध नहह हमो सकतही॥ 3॥
(उत्तर) यहदासं ईश्वर ककी चसचद्ध ममें प्रत्यक प्रमदाण नहह हहै और न ईश्वर जिगतम् कदा उपदाददान कदारण हहै। और
पगुरुष सदे चवलकण अथदार्थतम् सवर्थत्र पभूणर्थ हमोनदे सदे परमदात्मदा कदा नदाम पगुरुष और शरहीर ममें शयन करनदे सदे जिहीव कदा भही
नदाम पगुरुष हहै। क्ययोंचक इसही प्रकरण ममें कहदा हहै—
प्रधदानशचक्तयमोगदाच्चिदेत म् सङदापचत्तमः॥1॥
सत्तदामदात्रदाच्चिदेत म् सवर्वैश् वयर्थम म्॥ 2॥
श्रगुच तरचप प्रधदानकदायर्थत् वस्य॥3॥
—सदासंख्य सभू॰॥
यचद पगुरुष कमो प्रधदानशचक्त कदा यमोग हमो तमो पगुरुष ममें सङदापचत्त हमो जिदाय। अथदार्थतम् जिहैसदे प्रकक चत सभूक्ष्म सदे
चमलकर कदायर्थरूप ममें सङत हह ई हहै वहैसदे परमदेश्वर भही स्थभूल हमो जिदायदे। इसचलयदे परमदेश्वर जिगतम् कदा उपदाददान कदारण
नहह चकन्तगु चनचमत्त कदारण हहै॥1॥जिमो चदेतन सदे जिगतम् ककी उत्पचत्त हमो तमो जिहैसदा परमदेश्वर समग्रहैश्वयर्थय क्त गु हहै वहैसदा
ससंसदार ममें भही सवर्वैश्वयर्थ कदा यमोग हमोनदा चदाचहयदे, समो नहह हहै। इसचलयदे परमदेश्वर जिगतम् कदा उपदाददान कदारण नहह चकन्तगु
चनचमत्त कदारण हहै॥2॥क्ययोंचक उपचनषदम् भही प्रधदान हही कमो जिगतम् कदा उपदाददान कदारण कहतही हहै॥3॥जिहैसदे—
अजिदामदेक दासं लमोचहतशगुक्ल कक ष्णदासं
बहम् वहीमः प्रजिदामः सकजि मदानदासं स्वरूपदामः॥
—यह श्वदेतदाश्वतर उपचनषतम् कदा वचन हहै।
जिमो जिन्मरचहत सत्त्व, रजि, तममोगगुणरूप प्रकक चत हहै वहही स्वरूपदाकदार सदे बहह त प्रजिदारूप हमो जिदातही हहै अथदार्थतम्
प्रकक चत पररणदाचमनही हमोनदे सदे अवस्थदान्तर हमो जिदातही हहै और पगुरुष अपररणदामही हमोनदे सदे वह अवस्थदान्तर हमोकर द स भू रदे
रूप ममें कभही नहह प्रदाप्त हमोतदा, सददा कभू टस्थ चनचवर्थकदार रहतदा हहै और प्रकक चत सकचष्ट ममें सचवकदार और प्रलय ममें
चनचवर्थकदार रहतही हहै।
इसहीचलयदे जिमो कमोई कचपलदाचदायर्थ कमो अनहीश्वरवदादही कहतदा हहै जिदानमो वहही अनहीश्वरवदादही हहै , कचपलदाचदायर्थ नहह
तथदा महीमदासंसदा कदा धमर्थ धमर्त्ती सदे ईश्वर। वहैशदेचषक और न्यदाय भही ‘आत्म’ शब्द सदे अनहीश्वरवदादही नहह। क्ययोंचक
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सवर्थजत्वदाचद धमर्थयक्त
गु और ‘अतचत सवर्थत्र व्यदाप्नमोतहीत्यदात्मदा’ जिमो सवर्थत्र व्यदापक और सवर्थजदाचद धमर्थयक्त
गु सब
जिहीवयों कमो आत्मदा हहै उस कमो महीमदासंसदा वहैशदेचषक और न्यदाय ईश्वर मदानतदे हमैं।
(प्रश्न) ईश्वर अवतदार लदेतदा हहै वदा नहह?
(उत्तर) नहह, क्ययोंचक ‘अजि एकपदातम्’ , ‘सपयर्थग दाच्छगु क्रमकदायमम्’ —यदे यजिगुवर्वेद कदे वचन हमैं।
इत्यदाचद वचनयों सदे परमदेश्वर जिन्म नहह लदेतदा।
(प्रश्न) यददा यददा चह धमर्थस् य ग्लदाचनभर्थव चत भदारत।
अभ्यगुत् थदानमधमर्थस् य तददात्मदानसं सकजि दाम्यहमम्॥ भ॰ गही॰॥
श्रहीककष्ण जिही कहतदे हमैं चक जिब-जिब धमर्थ कदा लमोप हमोतदा हहै तब-तब ममैं शरहीर धदारण करतदा हह सं।
(उत्तर) यह बदात वदेदचवरुद्ध हमोनदे सदे प्रमदाण नहह और ऐसदा हमो सकतदा हहै चक श्रहीकक ष्ण धमदार्थत्मदा और धमर्थ
ककी रकदा करनदा चदाहतदे थदे चक ममैं यगुग-यगुग ममें जिन्म लदेकदे श्रदेष्ठियों ककी रकदा और दष्टगु यों कदा नदाश करूसं तमो कगु छ दमोष नहह।
क्ययोंचक ‘परमोपकदारदाय सतदासं चवभभूत यमः’ परमोपकदार कदे चलए सत्पगुरुषयों कदा तन, मन, धन हमोतदा हहै तथदाचप इस सदे
श्रहीककष्ण ईश्वर नहह हमो सकतदे।
(प्रश्न) जिमो ऐसदा हहै तमो ससंसदार ममें चचौबहीस ईश्वर कदे अवतदार हमोतदे हमैं और इन कमो अवतदार क्ययों मदानतदे हमैं?
(उत्तर) वदेददाथर्थ कदे न जिदाननदे, सम्प्रददायही लमोगयों कदे बहकदानदे और अपनदे आप अचवद्विदानम् हमोनदे सदे भ्रमजिदाल
ममें फसंस कदे ऐसही-ऐसही अप्रदामदाचणक बदातमें करतदे और मदानतदे हमैं।
(प्रश्न) जिमो ईश्वर अवतदार न लदेवदे तमो कसंस रदावणदाचद दष्टगु यों कदा नदाश कहै सदे हमो सकदे ?
(उत्तर) प्रथम तमो जिमो जिन्मदा हहै वह अवश्य मकत्यगु कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै। जिमो ईश्वर अवतदार शरहीर धदारण चकयदे
चवनदा जिगतम् ककी उत्पचत्त चस्थचत, प्रलय करतदा हहै उस कदे सदामनदे कसंस और रदावणदाचद एक ककीड़ही कदे समदान भही नहह।
वह सवर्थव्यदापक हमोनदे सदे कसंस रदावणदाचद कदे शरहीर ममें भही पररपभूणर्थ हमो रहदा हहै। जिब चदाहहै उसही समय ममर्थच्छदेदन कर नदाश
कर सकतदा हहै। भलदा इस अनन्त गगुण , कमर्थ, स्वभदावयगुक्त, परमदात्मदा कमो एक कगुद्र जिहीव कदे मदारनदे कदे चलयदे
जिन्ममरणयगुक्त कहनदे वदालदे कमो मभूखर्थपन सदे अन्य कगु छ चवशदेष उपमदा चमल सकतही हहै?
और जिमो कमोई कहदे चक भक्तजिनयों कदे उद्धदार करनदे कदे चलयदे जिन्म लदेतदा हहै तमो भही सत्य नहह। क्ययोंचक जिमो
भक्तजिन ईश्वर ककी आजदानगुकभूल चलतदे हमैं उन कदे उद्धदार करनदे कदा पभूरदा सदामथ्यर्थ ईश्वर ममें हहै। क्यदा ईश्वर कदे पकचथवही,

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सभूयर्थ, चन्द्रदाचद जिगतम् कमो बनदानदे, धदारण और प्रलय करनदे रूप कमर्यों सदे कसंस रदावणदाचद कदा वध और गमोवधर्थनदाचद
पवर्थतयों कदा उठदानदा बड़दे कमर्थ हमैं?
जिमो कमोई इस सकचष्ट ममें परमदेश्वर कदे कमर्यों कदा चवचदार करदे तमो ‘न भभूत मो न भचवष्यचत’ ईश्वर कदे सदृश कमोई
न हहै, न हमोगदा। और यगुचक्त सदे भही ईश्वर कदा जिन्म चसद्ध नहह हमोतदा। जिहैसदे कमोई अनन्त आकदाश कमो कहहै चक गभर्थ ममें
आयदा वदा मभूठही ममें धर चलयदा, ऐसदा कहनदा कभही सच नहह हमो सकतदा। क्ययोंचक आकदाश अनन्त और सब ममें व्यदापक
हहै। इस सदे न आकदाश बदाहर आतदा और न भहीतर जिदातदा, वहैसदे हही अनन्त सवर्थव्यदापक परमदात्मदा कदे हमोनदे सदे उस कदा
आनदा जिदानदा कभही चसद्ध नहह हमो सकतदा। जिदानदा वदा आनदा वहदासं हमो सकतदा हहै जिहदासं न हमो। क्यदा परमदेश्वर गभर्थ ममें
व्यदापक नहह थदा जिमो कहह सदे आयदा? और बदाहर नहह थदा जिमो भहीतर सदे चनकलदा? ऐसदा ईश्वर कदे चवषय ममें कहनदा
और मदाननदा चवददाहहीनयों कदे चसवदाय कचौन कह और मदान सकदे गदा। इसचलयदे परमदेश्वर कदा जिदानदा-आनदा, जिन्म-मरण
कभही चसद्ध नहह हमो सकतदा। इसचलयदे ‘ईसदा’ आचद भही ईश्वर कदे अवतदार नहह ऐसदा समझ लदेनदा। क्ययोंचक वदे रदाग ,
द्विदेष, कगुधदा, तकषदा, भय, शमोक, दमःगु ख, सगुख, जिन्म, मरण आचद गगुणयगुक्त हमोनदे सदे मनगुष्य थदे।
(प्रश्न) ईश्वर अपनदे भक्तयों कदे पदाप कमदा करतदा हहै वदा नहह?
(उत्तर) नहह। क्ययोंचक जिमो पदाप कमदा करदे तमो उस कदा न्यदाय नष्ट हमो जिदायदे और सब मनगुष्य महदापदापही हमो
जिदायमें। क्ययोंचक कमदा ककी बदात सगुन हही कदे उन कमो पदाप करनदे ममें चनभर्थयतदा और उत्सदाह हमो जिदायदे। जिहैसदे रदाजिदा
अपरदाचधययों कदे अपरदाध कमो कमदा कर ददे तमो वदे उत्सदाहपभूवर्थक अचधक-अचधक बड़दे-बड़दे पदाप करमें। क्ययोंचक रदाजिदा अपनदा
अपरदाध कमदा कर ददेगदा और उन कमो भही भरमोसदा हमो जिदाय चक रदाजिदा सदे हम हदाथ जिमोड़नदे आचद चदेष्टदा कर अपनदे
अपरदाध छगु ड़दा लमेंगदे और जिमो अपरदाध नहह करतदे वदे भही अपरदाध करनदे सदे न डर कर पदाप करनदे ममें प्रवकत्त हमो जिदायमेंगदे।
इसचलयदे सब कमर्यों कदा फल यथदावतम् ददेनदा हही ईश्वर कदा कदाम हहै कमदा करनदा नहह।
(प्रश्न) जिहीव स्वतन्त्र हहै वदा परतन्त्र?
(उत्तर) अपनदे कत्तर्थव्य कमर्यों ममें स्वतन्त्र और ईश्वर ककी व्यवस्थदा ममें परतन्त्र हहै। ‘स्वतन्त्रमः कत्तदार्थ’ यह
पदाचणनहीय व्यदाकरण कदा सभूत्र हहै। जिमो स्वतन्त्र अथदार्थतम् स्वदाधहीन हहै वहही कत्तदार्थ हहै।
(प्रश्न) स्वतन्त्र चकस कमो कहतदे हमैं?
(उत्तर) चजिस कदे आधहीन शरहीर, प्रदाण, इचन्द्रय और अन्तमःकरणदाचद हयों। जिमो स्वतन्त्र न हमो तमो उस कमो
पदाप पगुण्य कदा फल प्रदाप्त कभही नहह हमो सकतदा। क्ययोंचक जिहैसदे भकत्य, स्वदामही और सदेनदा, सदेनदाध्यक ककी आजदा अथवदा
प्रदेरणदा सदे यगुद्ध ममें अनदेक पगुरुषयों कमो मदार कदे अपरदाधही नहह हमोतदे, वहैसदे परमदेश्वर ककी प्रदेरणदा और आधहीनतदा सदे कदाम

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चसद्ध हयों तमो जिहीव कमो पदाप वदा पगुण्य न लगदे। उस फल कदा भदागही प्रदेरक परमदेश्वर हमोवदे। स्वगर्थ -नरक, अथदार्थतम् सगुख-
दमःगु ख ककी प्रदाचप्त भही परमदेश्वर कमो हमोवदे। जिहैसदे चकसही मनगुष्य नदे शसचवशदेष सदे चकसही कमो मदार डदालदा तमो वहही मदारनदे
वदालदा पकड़दा जिदातदा हहै और वहही दण्ड पदातदा हहै, शस नहह। वहैसदे हही परदाधहीन जिहीव पदाप पगुण्य कदा भदागही नहह हमो
सकतदा। इसचलयदे अपनदे सदामथ्यदार्थनगुकभूल कमर्थ करनदे ममें जिहीव स्वतन्त्र परन्तगु जिब वह पदाप कर चगुकतदा हहै तब ईश्वर ककी
व्यवस्थदा ममें परदाधहीन हमोकर पदाप कदे फल भमोगतदा हहै। इसचलयदे कमर्थ करनदे ममें जिहीव स्वतन्त्र और पदाप कदे दमःगु ख रूप
फल भमोगनदे ममें परतन्त्र हमोतदा हहै।
(प्रश्न) जिमो परमदेश्वर जिहीव कमो न बनदातदा और सदामथ्यर्थ न ददेतदा तमो जिहीव कगु छ भही न कर सकतदा!
इसचलए परमदेश्वर ककी प्रदेरणदा हही सदे जिहीव कमर्थ करतदा हहै।
(उत्तर) जिहीव उत्पन्न कभही न हह आ, अनदाचद हहै। जिहैसदा ईश्वर और जिगतम् कदा उपदाददान कदारण चनत्य हहै।
और जिहीव कदा शरहीर तथदा इचन्द्रययों कदे गमोलक परमदेश्वर कदे बनदायदे हह ए हमैं परन्तगु वदे सब जिहीव कदे आधहीन हमैं। जिमो कमोई
मन, कमर्थ, वचन सदे पदाप पगुण्य करतदा हहै वहही भमोक्तदा हहै ईश्वर नहह।
जिहैसदे चकसही कदारहीगर नदे पहदाड़ सदे लमोहदा चनकदालदा, उस लमोहदे कमो चकसही व्यदापदारही नदे चलयदा, उस ककी दक गु दान
सदे लमोहदार नदे लदे तलवदार बनदाई, उससदे चकसही चसपदाहही नदे तलवदार लदे लही, चफर उस सदे चकसही कमो मदार डदालदा। अब
यहदासं जिहैसदे वह लमोहदे कमो उत्पन्न करनदे , उस सदे लदेनदे, तलवदार बनदानदे वदालदे और तलवदार कमो पकड़ कर रदाजिदा दण्ड
नहह ददेतदा चकन्तगु चजिस नदे तलवदार सदे मदारदा वहही दण्ड पदातदा हहै। इसही प्रकदार शरहीरदाचद ककी उत्पचत्त करनदे वदालदा
परमदेश्वर उस कदे कमर्यों कदा भमोक्तदा नहह हमोतदा, चकन्तगु जिहीव कमो भगुगदानदे वदालदा हमोतदा हहै। जिमो परमदेश्वर कमर्थ करदातदा हमोतदा
तमो कमोई जिहीव पदाप नहह करतदा, क्ययोंचक परमदेश्वर पचवत्र और धदाचमर्थक हमोनदे सदे चकसही जिहीव कमो पदाप करनदे ममें प्रदेरणदा
नहह करतदा। इसचलए जिहीव अपनदे कदाम करनदे ममें स्वतन्त्र हहै। जिहैसदे जिहीव अपनदे कदामयों कदे करनदे ममें स्वतन्त्र हहै वहैसदे हही
परमदेश्वर भही अपनदे कमर्यों कदे करनदे ममें स्वतन्त्र हहै।
(प्रश्न) जिहीव और ईश्वर कदा स्वरूप, गगुण, कमर्थ और स्वभदाव कहै सदा हहै?
(उत्तर) दमोनयों चदेतनस्वरूप हमैं। स्वभदाव दमोनयों कदा पचवत्र, अचवनदाशही और धदाचमर्थकतदा आचद हहै। परन्तगु
परमदेश्वर कदे सकचष्ट ककी उत्पचत्त, चस्थचत, प्रलय, सब कमो चनयम ममें रखनदा, जिहीवयों कमो पदाप पगुण्ययों कदे फल ददेनदा
आचद धमर्थयक्तगु कमर्थ हमैं। और जिहीव कदे सन्तदानमोत्पचत्त उन कदा पदालन, चशल्पचवददा आचद अच्छदे बगुरदे कमर्थ हमैं। ईश्वर कदे
चनत्यजदान, आनन्द, अनन्त बल आचद गगुण हमैं। और जिहीव कदे —
इच्छदाद्विदेष प्रयत्नसगुख द गुमः खजदानदान्यदात्मनमो चलङचमचत॥

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—न्यदाय सभू॰।
प्रदाणदापदानचनमदेष मोन्मदेष जिहीवनमनमोगतहीचन्द्रयदान्तचवर्थक दारदामः सगुख द गुमः खदे इच्छदाद्विदेष चौ
प्रयत्नदाश्चदात्मनमो चलङदाचन॥
—वहैशदेचषक सभूत्र॥
दमोनयों सभूत्रयों ममें (इच्छदा) पददाथर्यों ककी प्रदाचप्त ककी अचभलदाषदा (द्विदेष) दमःगु खदाचद ककी अचनच्छदा, वहैर, (प्रयत्न)
पगुरुषदाथर्थ, बल (सगुख) आनन्द (दमःगु ख) चवलदाप, अप्रसन्नतदा (जदान) चववदेक, पचहचदाननदा यदे तगुल्य हमैं परन्तगु
वहैशदेचषक ममें (प्रदाण) प्रदाणवदायगु कमो बदाहर चनकदालनदा (अपदान) प्रदाण कमो बदाहर सदे भहीतर कमो लदेनदा (चनमदेष) आसंख कमो
महचनदा (उन्मदेष) आसंख कमो खमोलनदा (जिहीवन) प्रदाण कदा धदारण करनदा (मनमः) चनश्चय स्मरण और अहसंकदार
करनदा, (गचत) चलनदा (इचन्द्रय) सब इचन्द्रययों कमो चलदानदा (अन्तचवर्थकदार) चभन्न-चभन्न कगुधदा, तकषदा, हषर्थ
शमोकदाचदयगुक्त हमोनदा, यदे जिहीवदात्मदा कदे गगुण परमदात्मदा सदे चभन्न हमैं। इन्हह सदे आत्मदा ककी प्रतहीचत करनही ,
क्ययोंचक वह स्थभूल नहह हहै।
जिब तक आत्मदा ददेह ममें हमोतदा हहै तभही तक यदे गगुण प्रकदाचशत रहतदे हमैं और जिब शरहीर छमोड़ चलदा जिदातदा हहै
तब यदे गगुण शरहीर ममें नहह रहतदे। चजिस कदे हमोनदे सदे जिमो हयों और न हमोनदे सदे न हयों वदे गगुण उसही कदे हमोतदे हमैं। जिहैस दे दहीप
और सभूय दार्थच द कदे न हदानदे सदे प्रकदाशदाचद कदा न हमोनदा और हमोनदे सदे हमोनदा हहै , वहैस दे हही जिहीव और परमदात्मदा
कदा चवजदान गगुण द्विदारदा हमोतदा हहै।
(प्रश्न) परमदेश्वर चत्रकदालदशर्त्ती हहै इस सदे भचवष्यतम् ककी बदातमें जिदानतदा हहै। वह जिहैसदा चनश्चय करदेगदा जिहीव
वहैसदा हही करदेगदा। इस सदे जिहीव स्वतन्त्र नहह और जिहीव कमो ईश्वर दण्ड भही नहह ददे सकतदा क्ययोंचक जिहैसदा ईश्वर नदे
अपनदे जदान सदे चनचश्चत चकयदा हहै वहैसदा हही जिहीव करतदा हहै।
(उत्तर) ईश्वर कमो चत्रकदालदशर्त्ती कहनदा मभूखर्थतदा कदा कदाम हहै। क्ययोंचक जिमो हमोकर न रहहै वह भभूतकदाल और
न हमोकदे हमोवदे वह भचवष्यत्कदाल कहदातदा हहै। क्यदा ईश्वर कमो कमोई जदान हमोकदे नहह रहतदा तथदा न हमोकदे हमोतदा हहै?
इसचलयदे परमदेश्वर कदा जदान सददा एकरस, अखचण्डत वतर्थमदान रहतदा हहै। भभूत, भचवष्यतम् जिहीवयों कदे चलयदे हहै। हदासं जिहीवयों
कदे कमर्थ ककी अपदेकदा सदे चत्रकदालजतदा ईश्वर ममें हहै , स्वतमः नहह। जिहैसदा स्वतन्त्रतदा सदे जिहीव करतदा हहै वहैसदा हही सवर्थजतदा
सदे ईश्वर जिदानतदा हहै और जिहैसदा ईश्वर जिदानतदा हहै वहैसदा जिहीव करतदा हहै। अथदार्थतम् भभूत , भचवष्यतम्, वतर्थमदान कदे जदान
और फल ददेनदे ममें ईश्वर स्वतन्त्र और जिहीव चकचञ्चतम् वतर्थमदान और कमर्थ करनदे ममें स्वतन्त्र हहै। ईश्वर कदा अनदाचद जदान

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हमोनदे सदे जिहैसदा कमर्थ कदा जदान हहै वहैसदा हही दण्ड ददेनदे कदा भही जदान अनदाचद हहै। दमोनयों जदान उस कदे सत्य हमैं। क्यदा कमर्थजदान
सच्चिदा और दण्डजदान चमथ्यदा कभही हमो सकतदा हहै? इसचलयदे इस ममें कमोई भही दमोष नहह आतदा।
(प्रश्न) जिहीव शरहीर ममें चभन्न चवभगु हहै वदा पररचच्छन्न?
(उत्तर) पररचच्छन्न। जिमो चवभगु हमोतदा तमो जिदाग्रतम्, स्वप्न, सगुषगुचप्त, मरण, जिन्म, ससंयमोग, चवयमोग, जिदानदा,
आनदा कभही नहह हमो सकतदा। इसचलए जिहीव कदा स्वरूप अल्पज, अल्प अथदार्थतम् सभूक्ष्म हहै और परमदेश्वर अतहीव
सभूक्ष्मदात्सभूक्ष्मतर, अनन्त सवर्थज और सवर्थव्यदापक स्वरूप हहै। इसहीचलयदे जिहीव और परमदेश्वर कदा व्यदाप्य व्यदापक
सम्बन्ध हहै।
(प्रश्न) चजिस जिगह ममें एक वस्तगु हमोतही हहै उस जिगह ममें दस
भू रही वस्तगु नहह रह सकतही। इसहीचलयदे जिहीव और
ईश्वर कदा ससंयमोग सम्बन्ध हमो सकतदा हहै व्यदाप्य व्यदापक नहह।
(उत्तर) यह चनयम समदान आकदारवदालदे पददाथर्यों ममें घट सकतदा हहै असमदानदाककचत ममें नहह। जिहैसदे लमोहदा
स्थभूल, अचग्नि सभूक्ष्म हमोतदा हहै, इस कदारण सदे लमोहदे ममें चवदगुतम्, अचग्नि व्यदापक हमोकर एक हही अवकदाश ममें दमोनयों रहतदे
हमैं, वहैसदे जिहीव परमदेश्वर सदे स्थभूल और परमदेश्वर जिहीव सदे सभूक्ष्म हमोनदे सदे परमदेश्वर व्यदापक और जिहीव व्यदाप्य हहै। जिहैसदे
यह व्यदाप्य व्यदापक सम्बन्ध जिहीव ईश्वर कदा हहै वहैसदा हही सदेव्य सदेवक, आधदारदाधदेय, स्वदामही भकत्य, रदाजिदा प्रजिदा और
चपतदा पगुत्र आचद भही सम्बन्ध हमैं।
(प्रश्न) ब्रह्म और जिहीव जिगुददे हमैं वदा एक?
(उत्तर) अलग-अलग हमैं।
(प्रश्न) जिमो पकथकम् -पकथकम् हमैं तमो—
प्रजदानसं ब्रह्म॥1॥
अहसं ब्रह्मदाचस्म॥2॥
तत्त् व मचस॥3॥
अयमदात्मदा ब्रह्म॥4॥
वदेदयों कदे इन महदावदाक्ययों कदा अथर्थ क्यदा हहै?
(उत्तर) यदे वदेदवदाक्य हही नहह हमैं चकन्तगु ब्रदाह्मण ग्रन्थयों कदे वचन हमैं और इन कदा नदाम महदावदाक्य कहह सत्य
शदासयों ममें नहह चलखदा। अथदार्थतम् ब्रह्म प्रकक ष्ट जदान-स्वरूप हहै। (अहमम्) ममैं (ब्रह्म) अथदार्थतम् ब्रह्मस्थ (अचस्म) हह सं। यहदासं
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तदात्स्थ्यमोपदाचध हहै जिहैसदे ‘मञ्चदामः क्रमोशचन्त’ मचदान पगुकदारतदे हमैं। मचदान जिड़ हमैं , उनममें पगुकदारनदे कदा सदामथ्यर्थ नहह,
इसचलयदे मञ्चस्थ मनगुष्य पगुकदारतदे हमैं। इसही प्रकदार यहदासं भही जिदाननदा।
कमोई कहहै चक ब्रह्मस्थ सब पददाथर्थ हमैं पगुनमः जिहीव कमो ब्रह्मस्थ कहनदे ममें क्यदा चवशदेष हहै ? इस कदा उत्तर यह हहै
चक सब पददाथर्थ ब्रह्मस्थ हमैं परन्तगु जिहैसदा सदाधम्यर्थयक्त
गु चनकटस्थ जिहीव हहै वहैसदा अन्य नहह। और जिहीव कमो ब्रह्म कदा
जदान और मगुच क्त ममें वह ब्रह्म कदे सदाकदात्सम्बन्ध ममें रहतदा हहै। इसचलयदे जिहीव कमो ब्रह्म कदे सदाथ तदात्स्थ्य वदा
तत्सहचररतमोपदाचध अथदार्थतम् ब्रह्म कदा सहचदारही जिहीव हहै। इस सदे जिहीव और ब्रह्म एक नहह।
जिहैसदे कमोई चकसही सदे कहहै चक ममैं और यह एक हमैं अथदार्थतम् अचवरमोधही हमैं। वहैसदे जिमो जिहीव समदाचधस्थ परमदेश्वर ममें
प्रदेमबद्ध हमोकर चनमग्नि हमोतदा हहै वह कह सकतदा हहै चक ममैं और ब्रह्म एक अथदार्थतम् अचवरमोधही एक अवकदाशस्थ हमैं। जिमो
जिहीव परमदेश्वर कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदे अनगुकभूल अपनदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव करतदा हहै वहही सदाधम्यर्थ सदे ब्रह्म कदे
सदाथ एकतदा कह सकतदा हहै।
(प्रश्न) अच्छदा तमो इस कदा अथर्थ कहै सदा करमोगदे? (ततम्) ब्रह्म (त्वसं) तभू जिहीव (अचस) हहै। हदे जिहीव!
(त्वमम्) तभू (ततम्) वह ब्रह्म (अचस) हहै।
(उत्तर) तगुम ‘ततम्’ शब्द सदे क्यदा लदेतदे हमो?
‘ब्रह्म’।
ब्रह्मपद ककी अनगुवकचत्त कहदासं सदे लदायदे?
‘सददेव समोम्यदेद मग्र आसहीददेक मदेव दाचद्वितहीयसं ब्रह्म।’ इस पभूवर्थ वदाक्य सदे।
तगुम नदे इस छदान्दमोग्य उपचनषतम् कदा दशर्थन भही नहह चकयदा। जिमो वह ददेखही हमोतही तमो वहदासं ब्रह्म शब्द कदा पदाठ हही
नहह हहै। ऐसदा झभूठ क्ययों कहतदे? चकन्तगु छदान्दमोग्य ममें तमो—
‘सददेव समोम्यदेद मग्र आसहीददेक मदेव दाचद्वितहीयमम्। ’
—ऐसदा पदाठ हहै। वहदासं ब्रह्म शब्द नहह।
(प्रश्न) तमो आप तच्छब्द सदे क्यदा लदेतदे हमैं?
(उत्तर) स य एषमोऽचणमहैत ददात्म्यचमदसं सवर्वं तत्सत्यसं स आत्मदा तत्त् व मचस श्वदेत कदे तमो
इचत॥
—छदान्दमो॰॥

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वह परमदात्मदा जिदाननदे यमोग्य हहै जिमो यह अत्यन्त सभूक्ष्म इस सब जिगतम् और जिहीव कदा आत्मदा हहै। वहही
सत्यस्वरूप और अपनदा आत्मदा आप हही हहै। हदे श्वदेत कदे तमो चप्रयपगुत्र ! तददात्मकस्तदन्तयदार्थम ही त्वमचस। उस
परमदात्मदा अन्तयदार्थमही सदे तभू यगुक्त हहै। यहही अथर्थ उपचनषदयों सदे अचवरुद्ध हहै। क्ययोंचक—
य आत्मचन चतष्ठिन्नदात्मनमोऽन्तरमो
यमदात्मदा न वदेद यस्यदात्मदा शरहीरमम्।
आत्मनमोऽन्तरमो यमयचत स
त आत्मदान्तयदार्थम् यमकत मः।
—यह बकहददारण्यक कदा वचन हहै।
महचषर्थ यदाजवल्क्य अपनही सही महैत्रदेयही सदे कहतदे हमैं चक हदे महैत्रदेचय! जिमो परमदेश्वर आत्मदा अथदार्थतम् जिहीव ममें चस्थत
और जिहीवदात्मदा सदे चभन्न हहै चजिस कमो मभूढ़ जिहीवदात्मदा नहह जिदानतदा चक वह परमदात्मदा मदेरदे ममें व्यदापक हहै चजिस परमदेश्वर
कदा जिहीवदात्मदा शरहीर अथदार्थतम् जिहैसदे शरहीर ममें जिहीव रहतदा हहै वहैसदे हही जिहीव ममें परमदेश्वर व्यदापक हहै। जिहीवदात्मदा सदे चभन्न
रहकर जिहीव कदे पदाप पगुण्ययों कदा सदाकही हमोकर उन कदे फल जिहीवयों कमो ददेकर चनयम ममें रखतदा हहै वहही अचवनदाशहीस्वरूप
तदेरदा भही अन्तयदार्थमही आत्मदा अथदार्थतम् तदेरदे भहीतर व्यदापक हहै उस कमो तभू जिदान। क्यदा कमोई इत्यदाचद वचनयों कदा अन्यथदा
अथर्थ कर सकतदा हहै?
‘अयमदात्मदा ब्रह्म’ अथदार्थतम् समदाचधदशदा ममें जिब यमोगही कमो परमदेश्वर प्रत्यक हमोतदा हहै तब वह कहतदा हहै चक
यह जिमो मदेरदे ममें व्यदापक हहै वहही ब्रह्म सवर्थत्र व्यदापक हहै इसचलयदे जिमो आजिकल कदे वदेददान्तही जिहीव ब्रह्म ककी एकतदा करतदे हमैं
वदे वदेददान्तशदास कमो नहह जिदानतदे।
(प्रश्न) अनदेन आत्मनदा जिहीवदेन दानगुप्र चवश्य नदामरूपदे व्यदाकरवदाचण॥
—छदासं॰॥
ततम् सकष् ट्वदा तददेव दानगुप्र दाचवशतम्॥
—तहैचत्तरहीय॰॥
परमदेश्वर कहतदा हहै चक ममैं जिगतम् और शरहीर कमो रचकर जिगतम् ममें व्यदापक और जिहीवरूप हमोकदे शरहीर ममें प्रचवष्ट
हमोतदा हह आ नदाम और रूप ककी व्यदाख्यदा करूसं॥1॥

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परमदेश्वर नदे उस जिगतम् और शरहीर कमो बनदा कर उस ममें वहही प्रचवष्ट हह आ। इत्यदाचद श्रगुचतययों कदा अथर्थ दस
भू रदा
कहै सदे कर सकमोगदे?॥2॥
(उत्तर) जिमो तगुम पद, पददाथर्थ और वदाक्यदाथर्थ जिदानतदे तमो ऐसदा अनथर्थ कभही न करतदे ! क्ययोंचक यहदासं ऐसदा
समझमो एक प्रवदेश और दस भू रदा अनगुप्रवदेश अथदार्थतम् पश्चदातम् प्रवदेश कहदातदा हहै। परमदेश्वर शरहीर ममें प्रचवष्ट हह ए जिहीवयों कदे
सदाथ अनगुप्रचवष्ट कदे समदान हमोकर वदेद द्विदारदा सब नदाम रूप आचद ककी चवददा कमो प्रकट करतदा हहै। और शरहीर ममें जिहीव
कमो प्रवदेश करदा आप जिहीव कदे भहीतर अनगुप्रचवष्ट हमो रहदा हहै। जिमो तगुम अनगु शब्द कदा अथर्थ जिदानतदे तमो वहैसदा चवपरहीत अथर्थ
कभही न करतदे।
(प्रश्न) ‘समोऽयसं ददेव दत्तमो य उष्णकदालदे कदाश्यदासं दृष्टमः स इददानह प्रदावकट् समयदे मथगुर दायदासं
दृश्यतदे। ’ अथदार्थतम् जिमो ददेवदत्त ममैंनदे उष्णकदाल ममें कदाशही ममें ददेखदा थदा उसही कमो वषदार्थ समय ममें मथगुरदा ममें ददेखतदा हहसं। यहदासं
वह कदाशही ददेश उष्णकदाल, यह मथगुरदा ददेश और वषदार्थकदाल कमो छमोड़ कर शरहीरमदात्र ममें लक्ष्य करकदे ददेवदत्त लचकत
हमोतदा हहै। वहैसदे इस भदागत्यदागलकणदा सदे ईश्वर कदा परमोक ददेश , कदाल, मदायदा, उपदाचध और जिहीव कदा यह ददेश, कदाल,
अचवददा और अल्पजतदा उपदाचध छमोड़ चदेतनमदात्र ममें लक्ष्य ददेनदे सदे एक हही ब्रह्म वस्तगु दमोनयों ममें लचकत हमोतदा हहै। इस
भदागत्यदागलकणदा अथदार्थतम् कगु छ ग्रहण करनदा और कगु छ छमोड़ ददेनदा जिहैसदा सवर्थजत्वदाचद वदाच्यदाथर्थ ईश्वर कदा और
अल्पजत्वदाचद वदाच्यदाथर्थ जिहीव कदा छमोड़ कर चदेतनमदात्र लक्ष्यदाथर्थ कदा ग्रहण करनदे सदे अद्विहैत चसद्ध हमोतदा हहै। यहदासं क्यदा
कह सकमोगदे?
(उत्तर) प्रथम तगुम जिहीव और ईश्वर कमो चनत्य मदानतदे हमो वदा अचनत्य?
(प्रश्न) इन दमोनयों कमो उपदाचधजिन्य कचल्पत हमोनदे सदे अचनत्य मदानतदे हमैं।
(उत्तर) उस उपदाचध कमो चनत्य मदानतदे हमो वदा अचनत्य?
(प्रश्न) हमदारदे मत ममें—
जिहीवदेश चौ च चवशगुद्ध दाचचचद्विभदेद स्तगु तयमोद्विर्थय मोमः।
अचवददा तचच्चितमोयर्वो ग मः षडस्मदाकमनदादयमः॥1॥
कदायर्वो प दाचधरयसं जिहीवमः कदारणमोपदाचधरहीश्वरमः।
कदायर्थक दारणतदासं चहत्वदा पभूण र्थब मोधमोऽवचशष्यतदे॥ 2॥
—यदे ‘ससंक देप शदारहीरक’ और ‘शदारहीरकभदाष्य’ ममें कदाररकदा हमैं।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः सप्तममः समगुल दासमः
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हम वदेददान्तही छमः पददाथर्यों अथदार्थतम् एक जिहीव, दस


भू रदा ईश्वर, तहीसरदा ब्रह्म, चचौथदा जिहीव और ईश्वर कदा चवशदेष
भदेद, पदासंचवदासं अचवददा अजदान और छठदा अचवददा और चदेतन कदा यमोग इन कमो अनदाचद मदानतदे हमैं॥ 1॥परन्तगु एक ब्रह्म
अनदाचद, अनन्त और अन्य पदासंच अनदाचद सदान्त हमैं जिहैसदा चक प्रदागभदाव हमोतदा हहै। जिब तक अजदान रहतदा हहै तब तक
यदे पदासंच रहतदे हमैं और इन पदासंच ककी आचद चवचदत नहह हमोतही। इसचलयदे अनदाचद और जदान हमोनदे कदे पश्चदातम् नष्ट हमो
जिदातदे हमैं इसचलयदे सदान्त अथदार्थतम् नदाशवदालदे कहदातदे हमैं॥2॥
(उत्तर) यदे तगुम्हदारदे दमोनयों श्लमोक अशगुद्ध हमैं क्ययोंचक अचवददा कदे यमोग कदे चवनदा जिहीव और मदायदा कदे यमोग कदे
चवनदा ईश्वर तगुम्हदारदे मत ममें चसद्ध नहह हमो सकतदा।
इससदे ‘तचच्चितमोयर्वो ग मः’ जिमो छठदा पददाथर्थ तगुमनदे चगनदा हहै वह नहह रहदा। क्ययोंचक वह अचवददा मदायदा जिहीव ईश्वर
ममें चररतदाथर्थ हमो गयदा और ब्रह्म तथदा मदायदा और अचवददा कदे यमोग कदे चवनदा ईश्वर नहह बनतदा चफर ईश्वर कमो अचवददा
और ब्रह्म सदे पकथकम् चगननदा व्यथर्थ हहै। इसचलयदे दमो हही पददाथर्थ अथदार्थतम् ब्रह्म और अचवददा तगुम्हदारदे मत ममें चसद्ध हमो सकतदे
हहै, छमः नहह।
तथदा आपकदा प्रथम कदायर्वोपदाचध और कदारणमोपदाचध सदे जिहीव और ईश्वर कदा चसद्ध करनदा तब हमो सकतदा चक
जिब अनन्त, चनत्य, शगुद्ध, बगुद्ध, मगुक्तस्वभदाव, सवर्थव्यदापक ब्रह्म ममें अजदान चसद्ध करमें। जिमो उसकदे एक ददेश ममें
स्वदाश्रय और स्वचवषयक अजदान अनदाचद सवर्थत्र मदानमोगदे तमो सब ब्रह्म शगुद्ध नहह हमो सकतदा। और जिब एक ददेश ममें
अजदान मदानमोगदे तमो वह पररचच्छन्न हमोनदे सदे इधर-उधर आतदा जिदातदा रहदेगदा। जिहदासं-जिहदासं जिदायगदा वहदासं-वहदासं कदा ब्रह्म
अजदानही और चजिस-चजिस ददेश कमो छमोड़तदा जिदायगदा उस-उस ददेश कदा ब्रह्म जदानही हमोतदा रहदेगदा तमो चकसही ददेश कदे ब्रह्म
कमो अनदाचद शगुद्ध जदानयगुक्त न कह सकमोगदे और जिमो अजदान ककी सहीमदा ममें ब्रह्म हहै वह अजदान कमो जिदानदेगदा। बदाहर और
भहीतर कदे ब्रह्म कदे टगु कड़दे हमो जिदायमेंगदे।
जिमो कहमो चक टगु कड़दा हमो जिदाओ, ब्रह्म ककी क्यदा हदाचन? तमो अखण्ड नहह। जिमो अखण्ड हहै तमो अजदानही नहह।
तथदा जदान कदे अभदाव वदा चवपरहीत जदान भही गगुण हमोनदे सदे चकसही द्रव्य कदे सदाथ चनत्य सम्बन्ध सदे रहदेगदा। यचद ऐसदा हहै
तमो समवदाय सम्बन्ध हमोनदे सदे अचनत्य कभही नहह हमो सकतदा। जिहैसदे शरहीर कदे एक ददेश ममें फमोड़दा हमोनदे सदे सवर्थत्र दमःगु ख
फहै ल जिदातदा हहै वहैसदे हही एक ददेश ममें अजदान सगुख दमःगु ख क्लदेशयों ककी उपलचब्ध हमोनदे सदे सब ब्रह्म दमःगु खदाचद कदे अनगुभव सदे
यगुक्त हमोगदा और सब ब्रह्म कमो शगुद्ध न कह सकमोगदे।
वहैसदे हही कदायर्वोपदाचध अथदार्थतम् अन्तमःकरण ककी उपदाचध कदे यमोग सदे ब्रह्म कमो जिहीव मदानमोगदे तमो हम पभूछतदे हमैं चक
ब्रह्म व्यदापक हहै वदा पररचच्छन्न? जिमो कहमो व्यदापक उपदाचध पररचच्छन्न हहै अथदार्थतम् एकददेशही और पकथकम् -पकथकम् हहै तमो
अन्तमःकरण चलतदा चफरतदा हहै वदा नहह?
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(उत्तर) चलतदा चफरतदा हहै।


(प्रश्न) अन्तमःकरण कदे सदाथ ब्रह्म भही चलतदा चफरतदा हहै वदा चस्थर रहतदा हहै?
(उत्तर) चस्थर रहतदा हहै।
(प्रश्न) जिब अन्तमःकरण चजिस-चजिस ददेश कमो छमोड़तदा हहै उस-उस ददेश कदा ब्रह्म अजदानरचहत और चजिस-
चजिस ददेश कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै उस-उस ददेश कदा शगुद्ध ब्रह्म अजदानही हमोतदा हमोगदा। वहैसदे कण ममें जदानही और अजदानही ब्रह्म
हमोतदा रहदेगदा। इससदे ममोक और बन्ध भही कणभङ हमोगदा और जिहैसदे अन्य कदे ददेखदे कदा अन्य स्मरण नहह कर सकतदा वहैसदे
कल ककी ददेखही सगुनही हह ई वस्तगु वदा बदात कदा जदान नहह रह सकतदा। क्ययोंचक चजिस समय ददेखदा सगुनदा थदा वह द स भू रदा ददेश
और दस भू रदा कदाल; चजिस समय स्मरण करतदा वह दस भू रदा ददेश और कदाल हहै।
जिमो कहमो चक ब्रह्म एक हहै तमो सवर्थज क्ययों नहह? जिमो कहमो चक अन्तमःकरण चभन्न-चभन्न हमैं, इस सदे वह भही
चभन्न-चभन्न हमो जिदातदा हमोगदा तमो वह जिड़ हहै। उस ममें जदान नहह हमो सकतदा। जिमो कहमो चक न कदे वल ब्रह्म और न कदे वल
अन्तमःकरण कमो जदान हमोतदा हहै चकन्तगु अन्तमःकरणस्थ चचददाभदास कमो जदान हमोतदा हहै तमो भही चदेतन हही कमो अन्तमःकरण
द्विदारदा जदान हह आ तमो वह नदेत्र द्विदारदा अल्प अल्पज क्ययों हहै? इसचलयदे कदारणमोपदाचध और कदायर्वोपदाचध कदे यमोग सदे ब्रह्म
जिहीव और ईश्वर नहह बनदा सकमोगदे। चकन्तगु ईश्वर नदाम ब्रह्म कदा हहै और ब्रह्म सदे चभन्न अनदाचद, अनगुत्पन्न और
अमकतस्वरूप जिहीव कदा नदाम जिहीव हहै।
जिमो तगुम कहमो चक जिहीव चचददाभदास कदा नदाम हहै तमो वह कणभङ हमोनदे सदे नष्ट हमो जिदायगदा तमो ममोक कदा सगुख
कचौन भमोगदेगदा? इसचलयदे ब्रह्म जिहीव और जिहीव ब्रह्म कभही न हह आ, न हहै और न हमोगदा।
(प्रश्न) तमो ‘सददेव समोम्यदेद मग्र आसहीददेक मदेव दाचद्वितहीयमम्’ ॥
—छदान्दमोग्य॰॥
अद्विहैतचसचद्ध कहै सदे हमोगही? हमदारदे मत ममें तमो ब्रह्म सदे पकथकम् कमोई सजिदातहीय, चवजिदातहीय और स्वगत अवयवयों
कदे भदेद न हमोनदे सदे एक ब्रह्म हही चसद्ध हमोतदा हहै। जिब जिहीव दस भू रदा हहै तमो अद्विहैतचसचद्ध कहै सदे हमो सकतही हहै?
(उत्तर) इस भ्रम ममें पड़ क्ययों डरतदे हमो? चवशदेष्य चवशदेषण चवददा कदा जदान करमो चक उस कदा क्यदा फल हहै।
जिमो कहमो चक ‘व्यदावत्तर्थकसं चवशदेष णसं भवतहीचत।’ चवशदेषण भदेदकदारक हमोतदा हहै तमो इतनदा और भही मदानमो चक ‘प्रवत्तर्थकसं
प्रकदाशमचप चवशदेष णसं भवतहीचत।’ चवशदेषण प्रवत्तर्थक और प्रकदाशक भही हमोतदा हहै तमो समझमो चक अद्विहैत चवशदेषण ब्रह्म
कदा हहै। इस ममें व्यदावत्तर्थक धमर्थ यह हहै चक अद्विहैत वस्तगु अथदार्थतम् जिमो अनदेक जिहीव और तत्त्व हमैं उन सदे ब्रह्म कमो पकथकम्
करतदा हहै और चवशदेषण कदा प्रकदाशक धमर्थ यह हहै चक ब्रह्म कदे एक हमोनदे ककी प्रवकचत्त करतदा हहै। जिहैसदे
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—‘अचस्मन्नगरदेऽ चद्वितहीयमो धनदाढ्यमो ददेव दत्तमः। अस्यदासं सदेन दायदामचद्वितहीयमः शभूर वहीरमो चवक्रमचसहमः।’ चकसही नदे
चकसही सदे कहदा चक इस नगर ममें अचद्वितहीय धनदाढ्य ददेवदत्त और इस सदेनदा ममें अचद्वितहीय शभूरवहीर चवक्रमचससंह हहै। इस सदे
क्यदा चसद्ध हह आ चक ददेवदत्त कदे सदृश इस नगर ममें दस भू रदा धनदाढ्य और इस सदेनदा ममें चवक्रमचससंह कदे समदान दसभू रदा
शभूरवहीर नहह हहै। न्यभून तमो हमैं और पकचथवही आचद जिड़ पददाथर्थ , पश्वदाचद प्रदाणही और वककदाचद भही हमैं, उन कदा चनषदेध नहह
हमो सकतदा। वहैसदे हही ब्रह्म कदे सदृश जिहीव वदा प्रकक चत नहह हहै, चकन्तगु न्यभून तमो हमैं।
इस सदे यह चसद्ध हह आ चक ब्रह्म सददा एक हहै और जिहीव तथदा प्रकक चतस्थ तत्त्व अनदेक हमैं। उन सदे चभन्न कर
ब्रह्म कदे एकत्व कमो चसद्ध करनदे हदारदा अद्विहैत वदा अचद्वितहीय चवशदेषण हहै। इस सदे जिहीव वदा प्रकक चत कदा और कदायर्थरूप जिगतम्
कदा अभदाव और चनषदेध नहह हमो सकतदा। चकन्तगु यदे सब हमैं , परन्तगु ब्रह्म कदे तगुल्य नहह। इस सदे न अद्विहैतचसचद्ध और न
द्विहैतचसचद्ध ककी हदाचन हमोतही हहै। घबरदाहट ममें मत पड़मो समोचमो और समझमो।
(प्रश्न) ब्रह्म कदे सतम्, चचतम्, आनन्द और जिहीव कदे अचस्त, भदाचत, चप्रयरूप सदे एकतदा हमोतही हहै। चफर
क्ययों खण्डन करतदे हमो?
(उत्तर) चकचञ्चतम् सदाधम्यर्थ चमलनदे सदे एकतदा नहह हमो सकतही। जिहैसदे पकचथवही जिड़, दृश्य हहै वहैसदे जिल और
अचग्नि आचद भही जिड़ और दृश्य हमैं इतनदे सदे एकतदा नहह हमोतही। इनममें वहैधम्यर्थ भदेदकदारक अथदार्थतम् चवरुद्ध धमर्थ जिहैसदे गन्ध,
रूकतदा, कदाचठन्य आचद गगुण पकचथवही और रस द्रवत्व कमोमलत्वदाचद धमर्थ जिल और रूप ददाहकत्वदाचद धमर्थ अचग्नि कदे
हमोनदे सदे एकतदा नहह। जिहैसदे मनगुष्य और ककीड़ही आसंख सदे ददेखतदे , मगुख सदे खदातदे, पग सदे चलतदे हमैं तथदाचप मनगुष्य ककी
आकक चत दमो पग और ककीड़ही ककी आकक चत अनदेक पग आचद चभन्न हमोनदे सदे एकतदा नहह हमोतही। वहैसदे परमदेश्वर कदे अनन्त
जदान, आनन्द, बल, चक्रयदा, चनभ्रदार्थचन्तत्व और व्यदापकतदा जिहीव सदे और जिहीव कदे अल्पजदान, अल्पबल,
अल्पस्वरूप, सब भ्रदाचन्तत्व और पररचच्छन्नतदाचद गगुण ब्रह्म सदे चभन्न हमोनदे सदे जिहीव और परमदेश्वर एक नहह। क्ययोंचक
इनकदा स्वरूप भही (परमदेश्वर अचतसभूक्ष्म और जिहीव उस सदे कगु छ स्थभूल हमोनदे सदे) चभन्न हहै।
(प्रश्न) अथमोदरमन्तरसं कगु रुतदे, अथ तस्य भयसं भवचत। चद्वितहीयदाद्विहै भयसं भवचत॥
—यह बकहददारण्यक कदा वचन हहै।
जिमो ब्रह्म और जिहीव ममें थमोड़दा भही भदेद करतदा हहै। उसकमो भय प्रदाप्त हमोतदा हहै, क्ययोंचक दस
भू रदे हही सदे भय हमोतदा हहै।
(उत्तर) इस कदा अथर्थ यह नहह हहै चकन्तगु जिमो जिहीव परमदेश्वर कदा चनषदेध वदा चकसही एक ददेश , कदाल ममें
पररचच्छन्न परमदात्मदा कमो मदानदे वदा उस ककी आजदा और गगुण , कमर्थ, स्वभदाव सदे चवरुद्ध हमोवदे अथवदा चकसही दस भू रदे
मनगुष्य सदे वहैर करदे उस कमो भय प्रदाप्त हमोतदा हहै। क्ययोंचक चद्वितहीय बगुचद्ध अथदार्थतम् ईश्वर कदा मगुझ सदे कगु छ सम्बन्ध नहह

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तथदा चकसही मनगुष्य सदे कहहै चक तगुझ कमो ममैं कगु छ नहह समझतदा, तभू मदेरदा कगु छ भही नहह कर सकतदा वदा चकसही ककी हदाचन
करतदा और दमःगु ख ददेतदा जिदाय तमो उस कमो उन सदे भय हमोतदा हहै। और सब प्रकदार कदा अचवरमोध हमो तमो वदे एक कहदातदे हमैं।
जिहैसदे ससंसदार ममें कहतदे हमैं चक ददेवदत्त, यजदत्त और चवष्णगुचमत्र एक हमैं अथदार्थतम् अचवरुद्ध हमैं। चवरमोध न रहनदे सदे सगुख
और चवरमोध सदे दमःगु ख प्रदाप्त हमोतदा हहै।
(प्रश्न) ब्रह्म और जिहीव ककी सददा एकतदा अनदेकतदा रहतही हहै वदा कभही दमोनयों चमल कदे एक भही हमोतदे हमैं वदा
नहह?
(उत्तर) अभही इस कदे पभूवर्थ कगु छ उत्तर ददे चदयदा हहै परन्तगु सदाधम्यर्थ अन्वयभदाव सदे एकतदा हमोतही हहै। जिहैसदे
आकदाश सदे मभूत्तर्थ द्रव्य जिड़त्व हमोनदे सदे और कभही पकथकम् न रहनदे सदे एकतदा और आकदाश कदे चवभगु , सभूक्ष्म, अरूप,
अनन्त आचद गगुण और मभूत्तर्थ कदे पररचच्छन्न दृश्यत्व आचद वहैधम्यर्थ सदे भदेद हमोतदा हहै। अथदार्थतम् जिहैसदे पकचथव्यदाचद द्रव्य
आकदाश सदे चभन्न कभही नहह रहतदे क्ययोंचक अन्वय अथदार्थतम् अवकदाश कदे चवनदा मभूत्तर्थ द्रव्य कभही नहह रह सकतदा और
व्यचतरदेक अथदार्थतम् स्वरूप सदे चभन्न हमोनदे सदे पकथक्तदा हहै। वहैसदे ब्रह्म कदे व्यदापक हमोनदे सदे जिहीव और पकचथवही आचद द्रव्य उस
सदे अलग नहह रहतदे और स्वरूप सदे एक भही नहह हमोतदे। जिहैसदे घर कदे बनदानदे कदे पभूवर्थ चभन्न-चभन्न ददेश ममें मटही, लकड़ही
और लमोहदा आचद पददाथर्थ आकदाश ममें हही रहतदे हमैं। जिब घर बन गयदा तब भही आकदाश ममें हमैं और जिब वह नष्ट हमो गयदा
अथदार्थतम् उस घर कदे सब अवयव चभन्न-चभन्न ददेश ममें प्रदाप्त हमो गयदे तब भही आकदाश ममें हमैं। अथदार्थतम् तहीन कदाल ममें
आकदाश सदे चभन्न नहह हमो सकतदे औदेर स्वरूप सदे चभन्न हमोनदे सदे न कभही एक थदे हमैं और हयोंगदे। इसही प्रकदार जिहीव तथदा
सब ससंसदार कदे पददाथर्थ परमदेश्वर ममें व्यदाप्य हमोनदे सदे परमदात्मदा सदे तहीनयों कदालयों ममें चभन्न और स्वरूप चभन्न हमोनदे सदे एक
कभही नहह हमोतदे।
आजिकल कदे वदेददाचन्तययों ककी दृचष्ट कदाणदे पगुरुष कदे समदान अन्वय ककी ओर पड़ कदे व्यचतरदेकभदाव सदे छभू ट
चवरुद्ध हमो गई हहै। कमोई भही ऐसदा द्रव्य नहह हहै चक चजिस ममें सगगुण -चनगगुणर्थ तदा, अन्वय-व्यचतरदेक, सदाधम्यर्थ-वहैधम्यर्थ और
चवशदेष्य-चवशदेषण भदाव न हमो।
(प्रश्न) परमदेश्वर सगगुण हहै वदा चनगगुर्थण?
(उत्तर) दमोनयों प्रकदार हहै।
(प्रश्न) भलदा एक चमयदान ममें दमो तलवदार कभही नहह रह सकतही हमैं! एक पददाथर्थ ममें सगगुणतदा और चनगगुर्थणतदा
कहै सदे रह सकतही हमैं?
(उत्तर) जिहैसदे जिड़ कदे रूपदाचद गगुण हमैं और चदेतन कदे जदानदाचद गगुण जिड़ ममें नहह हमैं। वहैसदे चदेतन ममें इच्छदाचद
गगुण हमैं और रूपदाचद जिड़ कदे गगुण नहह हमैं। इसचलयदे ‘यद णगु हैस् सह वत्तर्थम दानसं तत्सगगुण मम्’ , गगुण भ्दे यमो यचन्नगर्थत सं
पकथ ग्भभूत सं तचन्नगगुर्थण मम्’ जिमो गगुणयों सदे सचहत वह सगगुण और जिमो गगुणयों सदे रचहत वह चनगगुणर्थ कहदातदा हहै। अपनदे -अपनदे
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स्वदाभदाचवक गगुणयों सदे सचहत और दस भू रदे चवरमोधही कदे गगुणयों सदे रचहत हमोनदे सदे सब पददाथर्थ, सगगुण और चनगगुर्थण हमैं। कमोई भही
ऐसदा पददाथर्थ नहह हहै चक चजिस ममें कदे वल चनगगुर्थणतदा वदा कदे वल सगगुणतदा हमो चकन्तगु एक हही ममें सगगुणतदा और चनगगुणर्थ तदा
सददा रहतही हहै। वहैसदे हही परमदेश्वर अपनदे अनन्त जदान बलदाचद गगुणयों सदे सचहत हमोनदे सदे सगगुण रूपदाचद जिड़ कदे तथदा
द्विदेषदाचद जिहीव कदे गगुणयों सदे पकथकम् हमोनदे सदे चनगगुणर्थ कहदातदा हहै।
(प्रश्न) ससंसदार ममें चनरदाकदार कमो चनगगुर्थण और सदाकदार कमो सगगुण कहतदे हमैं। अथदार्थतम् जिब परमदेश्वर जिन्म नहह
लदेतदा तब चनगगुर्थण और जिब अवतदार लदेतदा हहै तब सगगुण कहदातदा हहै?
(उत्तर) यह कल्पनदा कदे वल अजदानही और अचवद्विदानयों ककी हहै। चजिन कमो चवददा नहह हमोतही वदे पशगु कदे समदान
यथदा तथदा बड़दार्थयदा करतदे हमैं। जिहैसदे सचन्नपदात ज्वरयगुक्त मनगुष्य अण्डबण्ड बकतदा हहै वहैसदे हही अचवद्विदानयों कदे कहदे वदा लदेख
कमो व्यथर्थ समझनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) परमदेश्वर रदागही हहै वदा चवरक्त?
(उत्तर) दमोनयों ममें नहह। क्ययोंचक रदाग अपनदे सदे चभन्न उत्तम पददाथर्यों ममें हमोतदा हहै , समो परमदेश्वर सदे कमोई
पददाथर्थ पकथकम् वदा उत्तम नहह हहै। इसचलए उस ममें रदाग कदा सम्भव नहह। और जिमो प्रदाप्त कमो छमोड़ ददेवदे उस कमो चवरक्त
कहतदे हमैं। ईश्वर व्यदापक हमोनदे सदे चकसही पददाथर्थ कमो छमोड़ हही नहह सकतदा, इसचलयदे चवरक्त भही नहह।
(प्रश्न) ईश्वर ममें इच्छदा हहै वदा नहह।
(उत्तर) वहैसही इच्छदा नहह। क्ययोंचक इच्छदा भही अप्रदाप्त, उत्तम और चजिस ककी प्रदाचप्त सदे सगुख चवशदेष हमोवदे तमो
ईश्वर ममें इच्छदा हमो सकदे । न उससदे कमोई अप्रदाप्त पददाथर्थ, न कमोई उससदे उत्तम और पभूणर्थ सगुखयगुक्त हमोनदे सदे सगुख ककी
अचभलदाषदा भही नहह हहै। इसचलयदे ईश्वर ममें इच्छदा कदा तमो सम्भव नहह, चकन्तगु ईकण अथदार्थतम् सब प्रकदार ककी चवददा कदा
दशर्थन और सब सकचष्ट कदा करनदा कहदातदा हहै वह ईकण हहै। इत्यदाचद ससंचकप्त चवषययों सदे हही सज्जन लमोग चवस्तरण कर
लमेंगदे।
अब ससंकदेप सदे ईश्वर कदा चवषय चलखकर वदेद कदा चवषय चलखतदे हमैं—
यस्मदादृचमो अपदातकनम् यजिगुय स्र्थ मदादपदाकषनम्।
सदामदाचन यस्य लमोमदान्यथवदार्थर ङरसमो मगुखसं
स्कम्भन्तसं ब्रभूच ह कतममः चस्वददेव समः॥
—अथवर्थ॰ कदासं॰ 10। प्रपदा॰ 23। अनगु॰ 4। मसं॰ 20॥
चजिस परमदात्मदा सदे ऋग्वदेद, यजिगुवर्वेद, सदामवदेद और अथवर्थवददे प्रकदाचशत हह ए हमैं वह कचौन सदा ददेव हहै?

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इसकदा (उत्तर)—जिमो सब कमो उत्पन्न करकदे धदारण कर रहदा हहै वह परमदात्मदा हहै।
स्वयम्भभूय थदार्थत थ्यतमोऽथदार्थन म् व्यदधदाच्छदाश्वतहीभ्यमः समदाभ्यमः॥
—यजिगु॰ अ॰ 40। मसं॰ 8॥
जिमो स्वयम्भभू, सवर्थव्यदापक, शगुद्ध, सनदातन, चनरदाकदार परमदेश्वर हहै वह सनदातन जिहीवरूप प्रजिदा कदे
कल्यदाणदाथर्थ यथदावतम् रहीचतपभूवर्थक वदेद द्विदारदा सब चवददाओसं कदा उपददेश करतदा हहै।
(प्रश्न) परमदेश्वर कमो आप चनरदाकदार मदानतदे हमो वदा सदाकदार?
(उत्तर) चनरदाकदार मदानतदे हमैं।
(प्रश्न) जिब चनरदाकदार हहै तमो वदेदचवददा कदा उपददेश चवनदा मगुख कदे वणर्वोच्चिदारण कहै सदे हमो सकदा हमोगदा? क्ययोंचक
वणर्यों कदे उच्चिदारण ममें तदाल्वदाचद स्थदान, चजिहदा कदा प्रयत्न अवश्य हमोनदा चदाचहयदे।
(उत्तर) परमदेश्वर कदे सवर्थशचक्तमदानम् और सवर्थव्यदापक हमोनदे सदे जिहीवयों कमो अपनही व्यदाचप्त सदे वदेदचवददा कदे
उपददेश करनदे ममें कगु छ भही मगुखदाचद ककी अपदेकदा नहह हहै। क्ययोंचक मगुख चजिहदा सदे वणर्वोच्चिदारण अपनदे सदे चभन्न कमो बमोध हमोनदे
कदे चलयदे चकयदा जिदातदा हहै कगु छ अपनदे चलयदे नहह। क्ययोंचक मगुख चजिहदा कदे व्यदापदार करदे चवनदा हही मन ममें अनदेक व्यवहदारयों
कदा चवचदार और शब्दमोच्चिदारण हमोतदा रहतदा हहै। कदानयों कमो असंगगुचलययों सदे मभूदह ददेखमो, सगुनमो चक चवनदा मगुख चजिहदा तदाल्वदाचद
स्थदानयों कदे कहै सदे-कहै सदे शब्द हमो रहदे हमैं। वहैसदे जिहीवयों कमो अन्तयदार्थमहीरूप सदे उपददेश चकयदा हहै। चकन्तगु कदे वल दस
भू रदे कमो
समझदानदे कदे चलयदे उच्चिदारण करनदे ककी आवश्यकतदा हहै। जिब परमदेश्वर चनरदाकदार सवर्थव्यदापक हहै तमो अपनही अचखल
वदेदचवददा कदा उपददेश जिहीवस्थ स्वरूप सदे जिहीवदात्मदा ममें प्रकदाचशत कर ददेतदा हहै। चफर वह मनगुष्य अपनदे मगुख सदे उच्चिदारण
करकदे दस भू रयों कमो सगुनदातदा हहै। इसचलयदे ईश्वर ममें यह दमोष नहह आ सकतदा।
(प्रश्न) चकन कदे आत्मदा ममें कब वदेदयों कदा प्रकदाश चकयदा?
(उत्तर) अग्निदेव दार्थ ऋग्वदेद मो जिदायतदे वदायमोयर्थजि गुव दर्वे मः सभूय दार्थत् सदामवदेद मः॥
—शत॰॥
प्रथम सकचष्ट ककी आचद ममें परमदात्मदा नदे अचग्नि, वदाय,गु आचदत्य तथदा अरङरदा इन ऋचषययों कदे आत्मदा ममें एक-
एक वदेद कदा प्रकदाश चकयदा।
(प्रश्न) यमो वहै ब्रह्मदाणसं चवदधदाचत पभूव र्वं यमो वहै वदेद दासंश् च प्रचहणमोचत तस्महै॥
—यह उपचनषतम् कदा वचन हहै।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः सप्तममः समगुल दासमः
352

इस वचन सदे ब्रह्मदा जिही कदे हृदय ममें वदेदयों कदा उपददेश चकयदा हहै। चफर अग्न्यदाचद ऋचषययों कदे आत्मदा ममें क्ययों
कहदा?
(उत्तर) ब्रह्मदा कदे आत्मदा ममें अचग्नि आचद कदे द्विदारदा स्थदाचपत करदायदा। ददेखमो!
मनगु ममें क्यदा चलखदा हहै—
अचग्निवदायगु र चवभ्यस्तगु त्रयसं ब्रह्म सनदातनमम्।
दगुद मोह यजचसद्ध्यथर्थम कग् यजिगुमः सदामलकणमम्॥ मनगु॰॥
चजिस परमदात्मदा नदे आचद सकचष्ट ममें मनगुष्ययों कमो उत्पन्न करकदे अचग्नि आचद चदारयों महचषर्थययों कदे द्विदारदा चदारयों वदेद
ब्रह्मदा कमो प्रदाप्त करदायदे और उस ब्रह्मदा नदे अचग्नि, वदाय,गु आचदत्य और अरङरदा सदे ऋगम् यजिगुमः सदाम और अथवर्थवदेद कदा
ग्रहण चकयदा।
(प्रश्न) उन चदारयों हही ममें वदेदयों कदा प्रकदाश चकयदा अन्य ममें नहह। इस सदे ईश्वर पकपदातही हमोतदा हहै।
(उत्तर) वदे हही चदार सब जिहीवयों सदे अचधक पचवत्रदात्मदा थदे। अन्य उन कदे सदृश नहह थदे। इसचलयदे पचवत्र
चवददा कदा प्रकदाश उन्हह ममें चकयदा।
(प्रश्न) चकसही ददेश-भदाषदा ममें वदेदयों कदा प्रकदाश न करकदे ससंस्कक त ममें क्ययों चकयदा?
(उत्तर) जिमो चकसही ददेश-भदाषदा ममें प्रकदाश करतदा तमो ईश्वर पकपदातही हमो जिदातदा।
क्ययोंचक चजिस ददेश ककी भदाषदा ममें प्रकदाश करतदा उन कमो सगुगमतदा और चवददेचशययों कमो कचठनतदा वदेदयों कदे पढ़नदे
पढ़दानदे ककी हमोतही। इसचलयदे ससंस्कक त हही ममें प्रकदाश चकयदा; जिमो चकसही ददेश ककी भदाषदा नहह और वदेदभदाषदा अन्य सब
भदाषदाओसं कदा कदारण हहै। उसही ममें वदेदयों कदा प्रकदाश चकयदा। जिहैसदे ईश्वर ककी पकचथवही आचद सकचष्ट सब ददेश और ददेशवदालयों
कदे चलयदे एक सही और सब चशल्पचवददा कदा कदारण हहै। वहैसदे परमदेश्वर ककी चवददा ककी भदाषदा भही एक सही हमोनही चदाचहयदे चक
सब ददेशवदालयों कमो पढ़नदे पढ़दानदे ममें तगुल्य पररश्रम हमोनदे सदे ईश्वर पकपदातही नहह हमोतदा। और सब भदाषदाओसं कदा कदारण भही
हहै।
(प्रश्न) वदेद ईश्वरकक त हमैं अन्यकक त नहह। इस ममें क्यदा प्रमदाण?
(उत्तर) जिहैसदा ईश्वर पचवत्र, सवर्थचवददाचवतम्, शगुद्धगगुणकमर्थस्वभदाव, न्यदायकदारही, दयदालगु आचद गगुण वदालदा
हहै वहैसदे चजिस पगुस्तक ममें ईश्वर कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदे अनगुकभूल कथन हमो वह ईश्वरकक त; अन्य नहह। और चजिस
ममें सकचष्टक्रम प्रत्यकदाचद प्रमदाण आप्तयों कदे और पचवत्रदात्मदा कदे व्यवहदार सदे चवरुद्ध कथन न हमो वह ईश्वरमोक्त।

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जिहैसदा ईश्वर कदा चनभ्रर्थम जदान वहैसदा चजिस पगुस्तक ममें भ्रदाचन्तरचहत जदान कदा प्रचतपदादन हमो वह ईश्वरमोक्त। जिहैसदा
परमदेश्वर हहै और जिहैसदा सकचष्टक्रम रक्खदा हहै वहैसदा हही ईश्वर, सकचष्ट, कदायर्थ, कदारण और जिहीव कदा प्रचतपदादन चजिस ममें
हमोवदे वह परमदेश्वरमोक्त पगुस्तक हमोतदा हहै और जिमो प्रत्यकदाचद प्रमदाण चवषययों सदे अचवरुद्ध शगुद्धदात्मदा कदे स्वभदाव सदे चवरुद्ध
न हमो इस प्रकदार कदे वदेद हमैं। अन्य बदाइबल, कगु रदान आचद पगुस्तकमें नहह। इसककी स्पष्ट व्यदाख्यदा बदाइबल और कगु रदान कदे
प्रकरण ममें तदेरहवमें और चचौदहवमें समगुलदास ममें ककी जिदायगही।
(प्रश्न) वदेद ककी ईश्वर सदे हमोनदे ककी आवश्यकतदा कगु छ भही नहह। क्ययोंचक मनगुष्य लमोग क्रमशमः जदान बढ़दातदे
जिदाकर पश्चदातम् पगुस्तक भही बनदा लमेंगदे।
(उत्तर) कभही नहह बनदा सकतदे। क्ययोंचक चवनदा कदारण कदे कदायर्वोत्पचत्त कदा हमोनदा असम्भव हहै। जिहैसदे जिङलही
मनगुष्य सकचष्ट कमो ददेख कर भही चवद्विदानम् नहह हमोतदे और जिब उन कमो कमोई चशकक चमल जिदाय तमो चवद्विदानम् हमो जिदातदे हमैं।
और अब भही चकसही सदे पढ़दे चवनदा कमोई भही चवद्विदानम् नहह हमोतदा। इस प्रकदार जिमो परमदात्मदा उन आचदसकचष्ट कदे ऋचषययों
कमो वदेदचवददा न पढ़दातदा और वदे अन्य कमो न पढ़दातदे तमो सब लमोग अचवद्विदानम् हही रह जिदातदे। जिहैसदे चकसही कदे बदालक कमो
जिन्म सदे एकदान्त ददेश, अचवद्विदानयों वदा पशगुओसं कदे ससंग ममें रख ददेवदे तमो वह जिहैसदा ससंग हहै वहैसदा हही हमो जिदायदेगदा। इसकदा
दृष्टदान्त जिङलही भहील आचद हमैं।
जिब तक आयदार्थवत्तर्थ ददेश सदे चशकदा नहह गई थही तब तक चमश्र, यभूनदान और यभूरमोप ददेश आचदस्थ मनगुष्ययों ममें
कगु छ भही चवददा नहह हहई थही और इसंगलहैण्ड कदे कगु लगुम्बस आचद पगुरुष अमदेररकदा ममें जिब तक नहह गयदे थदे तब तक वदे
भही सहस्रयों, लदाखयों क्रमोड़यों वषर्यों सदे मभूखर्थ अथदार्थतम् चवददाहहीन थदे। पगुनमः सगुचशकदा कदे पदानदे सदे चवद्विदानम् हमो गयदे हमैं वहैसदे हही
परमदात्मदा सदे सकचष्ट ककी आचद ममें चवददा चशकदा ककी प्रदाचप्त सदे उत्तरमोत्तर कदाल ममें चवद्विदानम् हमोतदे आयदे।
स पभूव षर्वे दामचप गगुरु मः कदालदेन दानवच्छदेद दातम्॥ —यमोग सभू॰॥
जिहैसदे वत्तर्थमदान समय ममें हम लमोग अध्यदापकयों सदे पढ़ हही कदे चवद्विदानम् हमोतदे हमैं वहैसदे परमदेश्वर सकचष्ट कदे आरम्भ ममें
उत्पन्न हह ए अचग्नि आचद ऋचषययों कदा गगुरु अथदार्थतम् पढ़दानदेहदारदा हहै। क्ययोंचक जिहैसदे जिहीव सगुषगुचप्त और प्रलय ममें जदानरचहत हमो
जिदातदे हमैं वहैसदा परमदेश्वर नहह हमोतदा। उस कदा जदान चनत्य हहै। इसचलयदे यह चनचश्चत जिदाननदा चदाचहयदे चक चवनदा चनचमत्त
सदे नहैचमचत्तक अथर्थ चसद्ध कभही नहह हमोतदा।
(प्रश्न) वदेद ससंस्कक तभदाषदा ममें प्रकदाचशत हह ए और वदे अचग्नि आचद ऋचष लमोग उस ससंस्कक तभदाषदा कमो नहह
जिदानतदे थदे चफर वदेदयों कदा अथर्थ उन्हयोंनदे कहै सदे जिदानदा?

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(उत्तर) परमदेश्वर नदे जिनदायदा। और धमदार्थत्मदा यमोगही महचषर्थ लमोग जिब-जिब चजिस-चजिस कदे अथर्थ कमो जिदाननदे
ककी इच्छदा करकदे ध्यदानदावचस्थत हमो परमदेश्वर कदे स्वरूप ममें समदाचधस्थ हह ए तब-तब परमदात्मदा नदे अभहीष्ट मन्त्रयों कदे
अथर्थ जिनदायदे। जिब बहह तयों कदे आत्मदाओसं ममें वदेददाथर्थप्रकदाश हह आ तब ऋचष मगुचनययों नदे वह अथर्थ और ऋचष मगुचनययों कदे
इचतहदासपभूवर्थक ग्रन्थ बनदायदे। उन कदा नदाम ब्रदाह्मण अथदार्थतम् ब्रह्म जिमो वदेद उसकदा व्यदाख्यदान ग्रन्थ हमोनदे सदे ब्रदाह्मण नदाम
हह आ। और—
ऋषयमो मन्त्रदृष्टयमः मन्त्रदानम् सम्प्रदाद गुमः ।
चजिस-चजिस मन्त्रदाथर्थ कदा दशर्थन चजिस-चजिस ऋचष कमो हहआ और प्रथम हही चजिस कदे पहलदे उस मन्त्र कदा अथर्थ
चकसही नदे प्रकदाचशत नहह चकयदा थदा; चकयदा और दस भू रयों कमो पढ़दायदा भही। इसचलयदे अददावचध उस-उस मन्त्र कदे सदाथ
ऋचष कदा नदाम स्मरणदाथर्थ चलखदा आतदा हहै। जिमो कमोई ऋचषययों कमो मन्त्रकत्तदार्थ बतलदावमें उन कमो चमथ्यदावदादही समझमें। वदे तमो
मन्त्रयों कदे अथर्थप्रकदाशक हमैं।
(प्रश्न) वदेद चकन ग्रन्थयों कदा नदाम हहै?
(उत्तर) ऋकम् , यजिगुमः, सदाम और अथवर्थ मन्त्रससंचहतदाओसं कदा; अन्य कदा नहह।
(प्रश्न) मन्त्रब्रदाह्मणयमोवर्वेद नदामधदेय मम्॥
—इत्यदाचद कदात्यदायनदाचदकक त प्रचतजदासभूत्रदाचद कदा अथर्थ क्यदा करमोगदे?
(उत्तर) ददेखमो! ससंचहतदा पगुस्तक कदे आरम्भ अध्यदाय ककी समदाचप्त ममें वदेद यह सनदातन सदे शब्द चलखदा
आतदा हहै और ब्रदाह्मण पगुस्तक कदे आरम्भ वदा अध्यदाय ककी समदाचप्त ममें कहह नहह चलखदा। और चनरुक्त ममें—
इत्यचप चनगममो भवचत। इचत ब्रदाह्मणमम्॥
छदान्दमोब्रदाह्मणदाचन च तचद्विषयदाचण॥
—यह पदाचणनहीय सभूत्र हहै।
इस सदे भही स्पष्ट चवचदत हमोतदा हहै चक वदेद मन्त्रभदाग और ब्रदाह्मण व्यदाख्यदाभदाग हमैं। इस ममें जिमो चवशदेष ददेखनदा
चदाहमैं तमो मदेरही बनदाई ‘ऋग्वदेददाचदभदाष्यभभूचमकदा’ ममें ददेख लहीचजियदे। वहदासं अनदेकशमः प्रमदाणयों सदे चवरुद्ध हमोनदे सदे यह
कदात्यदायन कदा वचन नहह हमो सकतदा ऐसदा हही चसद्ध चकयदा गयदा हहै। क्ययोंचक जिमो मदानमें तमो वदेद सनदातन कभही नहह हमो
सकमें क्ययोंचक ब्रदाह्मण पगुस्तकयों ममें बहह त सदे ऋचष महचषर्थ और रदाजिदाचद कदे इचतहदास चलखदे हमैं और इचतहदास चजिस कदा हमो
उस कदे जिन्म कदे पश्चदातम् चलखदा जिदातदा हहै। वह ग्रन्थ भही उस कदे जिन्मदे पश्चदातम् हमोतदा हहै। वदेदयों ममें चकसही कदा इचतहदास
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नहह चकन्तगु चवशदेष चजिस-चजिस शब्द सदे चवददा कदा बमोध हमोवदे उस-उस शब्द कदा प्रयमोग चकयदा हहै। चकसही मनगुष्य ककी
ससंजदा वदा चवशदेष कथदा कदा प्रससंग वदेदयों ममें नहह।
(प्रश्न) वदेदयों ककी चकतनही शदाखदा हमैं?
(उत्तर) एक हजिदार एक सचौ सत्तदाईस।
(प्रश्न) शदाखदा क्यदा कहदातही हमैं?
(उत्तर) व्यदाख्यदान कमो शदाखदा कहतदे हमैं।
(प्रश्न) ससंसदार ममें चवद्विदानम् वदेद कदे अवयवभभूत चवभदागयों कमो शदाखदा मदानतदे हमैं?
(उत्तर) तचनक सदा चवचदार करमो तमो ठहीक। क्ययोंचक चजितनही शदाखदा हमैं वदे आश्वलदायन आचद ऋचषययों कदे
नदाम सदे प्रचसद्ध हमैं और मन्त्रससंचहतदा परमदेश्वर कदे नदाम सदे प्रचसद्ध हमैं। जिहैसदे चदारयों वदेदयों कमो परमदेश्वरकक त मदानतदे हमैं वहैसदे
आश्वलदायनही आचद शदाखदाओसं कमो उस-उस ऋचषकक त मदानतदे हमैं और सब शदाखदाओसं ममें मन्त्रयों ककी प्रतहीक धर कदे
व्यदाख्यदा करतदे हमैं। जिहैसदे तहैचत्तरहीय शदाखदा ममें ‘इषदे त्वमोजिर्वे त्वदेच त’ इत्यदाचद प्रतहीकमें धर कदे व्यदाख्यदान चकयदा हहै। और
वदेदससंचहतदाओसं ममें चकसही ककी प्रतहीक नहह धरही। इसचलयदे परमदेश्वरकक त चदारयों वदेद मभूल वकक और आश्वलदायनदाचद सब
शदाखदा ऋचष मगुचनकक त हमैं परमदेश्वरकक त नहह। जिमो इस चवषय ककी चवशदेष व्यदाख्यदा ददेखनदा चदाहमैं वदे
‘ऋग्वदेददाचदभदाष्यभभूचमकदा’ ममें ददेख लदेवमें।
जिहैसदे मदातदा चपतदा अपनदे सन्तदानयों पर कक पदादृचष्ट कर उन्नचत चदाहतदे हमैं वहैसदे हही परमदात्मदा नदे सब मनगुष्ययों पर
कक पदा करकदे वदेदयों कमो प्रकदाचशत चकयदा हहै। चजिस सदे मनगुष्य अचवददान्धकदार भ्रमजिदाल सदे छभू टकर चवददा चवजदानरूप सभूयर्थ
कमो प्रदाप्त हमोकर अत्यदानन्द ममें रहमैं। और चवददा तथदा सगुखयों ककी वकचद्ध करतदे जिदायमें।
(प्रश्न) वदेद चनत्य हमैं वदा अचनत्य?
(उत्तर) चनत्य हमैं। क्ययोंचक परमदेश्वर कदे चनत्य हमोनदे सदे उस कदे जदानदाचद गगुण भही चनत्य हमैं। जिमो चनत्य पददाथर्वं
हमैं उन कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव चनत्य और अचनत्य द्रव्य कदे अचनत्य हमोतदे हमैं।
(प्रश्न) क्यदा यह पगुस्तक भही चनत्य हहै?
(उत्तर) नहह। क्ययोंचक पगुस्तक तमो पत्रदे और स्यदाहही कदा बनदा हहै वह चनत्य कहै सदे हमो सकतदा हहै ? चकन्तगु जिमो
शब्द अथर्थ और सम्बन्ध हमैं वदे चनत्य हमैं?
(प्रश्न) ईश्वर नदे उन ऋचषययों कमो जदान चदयदा हमोगदा और उस जदान सदे लमोगयों नदे वदेद बनदा चलयदे हयोंगदे?

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(उत्तर) जदान जदेय कदे चवनदा नहह हमोतदा। गदायत्र्यदाचद छन्द षड्जिदाचद और उददात्तदाऽनगुददात्तदाचद स्वर कदे
जदानपभूवर्थक गदायत्र्यदाचद छन्दयों कदे चनमदार्थण करनदे ममें सवर्थज कदे चवनदा चकसही कदा सदामथ्यर्थ नहह हहै चक इस प्रकदार कदा
सवर्थजदानयगुक्त शदास बनदा सकमें ।
हदासं! वदेद कमो पढ़नदे कदे पश्चदातम् व्यदाकरण, चनरुक्त और छन्द आचद ग्रन्थ ऋचष मगुचनययों नदे चवददाओसं कदे
प्रकदाश कदे चलयदे चकयदे हमैं। जिमो परमदात्मदा वदेदयों कदा प्रकदाश न करदे तमो कमोई कगु छ भही न बनदा सकदे । इसचलयदे वदेद
परमदेश्वरमोक्त हमैं। इन्हह कदे अनगुसदार सब लमोगयों कमो चलनदा चदाचहयदे और जिमो कमोई चकसही सदे पभूछदे चक तगुम्हदारदा क्यदा मत हहै
तमो यहही उत्तर ददेनदा चक हमदारदा मत वदेद अथदार्थतम् जिमो कगु छ वदेदयों ममें कहदा हहै हम उस कमो मदानतदे हमैं।
अब इसकदे आगदे सकचष्ट कदे चवषय ममें चलखमेंगदे। यह ससंकदेप सदे ईश्वर और वदेदचवषय ममें व्यदाख्यदान चकयदा हहै॥7॥
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्तहीस्वदाचमकक तदे
सत्यदाथर्थप्र कदाशदे ईश्वरवदेद चवषयदे सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे
सप्तममः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥7॥

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अथदाष्टमसमगुल दासदारम्भमः

अथ सकष् टगु त् पचत्तचस्थचतप्रलयचवषयदानम् व्यदाख्यदास्यदाममः

इयसं चवसकच ष्टयर्थत आ बभभूव यचद वदा दधदे यचद वदा न।


यमो अस्यदाध्यकमः परमदे व्यमोमन्त्समो अङ
वदेद यचद वदा न वदेद ॥1॥
—ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 129। मसं॰ 7॥
तम आसहीत्तमसदा गभूळ मग्रदे ऽप्रकदे तसं सचललसं सवर्थम दा इदमम्।
तगुच् छ्यदेन दाभ्वचपचहतसं यददासहीत्तपसस्तन्मचहनदा जिदायतहैक मम्॥ 2॥
—ऋ॰ मसं॰। सभू॰। मसं॰॥
चहरण्यगभर्थमः समवत्ततदार्थग्र दे भभूत स्य जिदातमः पचतरदेक आसहीतम्।
स ददाधदार पकच थवह ददामगुत मदे दासं कस्महै ददेव दाय हचवषदा चवधदेम ॥3॥
—ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 129। मसं॰ 1॥
पगुरु ष एवदेद सं सवर्वं यद भूत सं यच्चि भदाव्यमम्।
उतदामकत त्वस्यदेश दानमो यदन्नदेन दाचतरमोहचत॥4॥
—यजिगुमः अ॰ 31। मसं॰ 2॥
यतमो वदा इमदाचन भभूत दाचन जिदायन्तदे यदेन जिदातदाचन जिहीवचन्त।
यत्प्रयन्त्यचभससंच वशचन्त तचद्विचजिजदासस्व तद म् ब्रह्म॥5॥
—तहैचत्तरहीयमोपचन॰।
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः अष् टममः समगुल दासमः
417
PAND
IT
हदे (अङ) मनगुष्य! चजिस सदे यह चवचवध सकचष्ट प्रकदाचशत हहई हहै जिमो धदारLEKH ण और प्रलयकत्तदार्थ हहै जिमो इस जिगतम्
RAM
कदा स्वदामही हहै चजिस व्यदापक ममें यह सब जिगतम् उत्पचत्त, चस्थचत, प्रलय कमो प्रदाप्तVEDI हमोतदा हहै समो परमदात्मदा हहै। उस कमो
तभू जिदान और दस भू रदे कमो सकचष्टकत्तदार्थ मत मदान॥1॥ C
MISSI
यह सब जिगतम् सकचष्ट सदे पहलदे अन्धकदार सदे आवकत , रदाचत्ररूप ममें जिदाननदे ON
कदे अयमोग्य, आकदाशरूप सब जिगतम्
तथदा तगुच्छ अथदार्थतम् अनन्त परमदेश्वर कदे सम्मगुख एकददेशही आच्छदाचदत थदा। पश्चदातम् परमदेश्वर नदे अपनदे सदामथ्यर्थ सदे
कदारणरूप सदे कदायर्थरूप कर चदयदा॥2॥
हदे मनगुष्यमो! जिमो सब सभूयदार्थचद तदेजिस्वही पददाथर्यों कदा आधदार और जिमो यह जिगतम् हह आ हहै और हमोगदा उस कदा
एक अचद्वितहीय पचत परमदात्मदा इस जिगतम् ककी उत्पचत्त कदे पभूवर्थ चवदमदान थदा। और चजिस नदे पकचथवही सदे लदेकदे सभूयर्थपयर्थन्त
जिगतम् कमो उत्पन्न चकयदा हहै उस परमदात्मदा ददेव ककी प्रदेम सदे भचक्त चकयदा करमें॥3॥
हदे मनगुष्यमो! जिमो सब ममें पभूणर्थ पगुरुष और जिमो नदाश रचहत कदारण और जिहीव कदा स्वदामही जिमो पकचथव्यदाचद जिड़
और जिहीव सदे अचतररक्त हहै वहही पगुरुष इस सब भभूत भचवष्यतम् और वतर्थमदानस्थ जिगतम् कदा बनदानदे वदालदा हहै॥4॥
चजिस परमदात्मदा ककी रचनदा सदे यदे सब पकचथव्यदाचद भभूत उत्पन्न हमोतदे हमैं चजिस सदे जिहीतदे और चजिस ममें प्रलय कदा
प्रदाप्त हमोतदे हहै वह ब्रह्म हहै। उस कदे जिदाननदे ककी इच्छदा करमो॥5॥
जिन्मदादस्य यतमः॥
—शदारहीरक सभू॰ अ॰ 1। सभूत्र॰ 2॥
चजिस सदे इस जिगतम् कदा जिन्म, चस्थचत और प्रलय हमोतदा हहै वहही ब्रह्म जिदाननदे यमोग्य हहै।
(प्रश्न) यह जिगतम् परमदेश्वर सदे उत्पन्न हह आ हहै वदा अन्य सदे?
(उत्तर) चनचमत्त कदारण परमदात्मदा सदे उत्पन्न हह आ हहै परन्तगु इसकदा उपदाददान कदारण प्रकक चत हहै।
(प्रश्न) क्यदा प्रकक चत परमदेश्वर नदे उत्पन्न नहह ककी?
(उत्तर) नहह। वह अनदाचद हहै।
(प्रश्न) अनदाचद चकसकमो कहतदे और चकतनदे पददाथर्थ अनदाचद हमैं?
(उत्तर) ईश्वर, जिहीव और जिगतम् कदा कदारण यदे तहीन अनदाचद हमैं।
(प्रश्न) इसममें क्यदा प्रमदाण हहै।
(उत्तर) द्विदा सगुप णदार्थ सयगु जि दा सखदायदा समदानसं वकक सं परर षस्वजिदातदे।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः अष् टममः समगुल दासमः
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तयमोरन्यमः चपप्पलसं स्वदाद्वित्त् य नश्नन्नन्यमो अचभ चदाकशहीचत॥1॥
LEKH
RAM
—ऋ॰ मसं॰ 1। सभू॰ 164।
VEDI मसं॰ 20॥
C
शदाश्वतहीभ्यमः समदाभ्यमः॥2॥ MISSI
ON
—यजिगुमः॰ अ॰ 40। मसं॰ 8॥
(द्विदा) जिमो ब्रह्म और जिहीव दमोनयों (सगुपणदार्थ) चदेतनतदा और पदालनदाचद गगुणयों सदे सदृश (सयगुजिदा) व्यदाप्य
व्यदापक भदाव सदे ससंयक्त गु (सखदायदा) परस्पर चमत्रतदायक्त गु सनदातन अनदाचद हमैं और (समदानमम्) वहैसदा हही (वककमम्)
अनदाचद मभूलरूप कदारण और शदाखदारूप कदायर्थयक्त गु वकक अथदार्थतम् जिमो स्थभूल हमोकर प्रलय ममें चछन्न चभन्न हमो जिदातदा हहै वह
तहीसरदा अनदाचद पददाथर्थ इन तहीनयों कदे गगुण, कमर्थ और स्वभदाव भही अनदाचद हमैं (तयमोरन्यमः) इन जिहीव और ब्रह्म ममें सदे
एक जिमो जिहीव हहै वह इस वककरूप ससंसदार ममें पदापपगुण्यरूप फलयों कमो (स्वदाद्विचत्त) अच्छदे प्रकदार भमोक्तदा हहै और दस भू रदा
परमदात्मदा कमर्यों कदे फलयों कमो (अनश्ननम्) न भमोक्तदा हह आ चदारयों ओर अथदार्थतम् भहीतर बदाहर सवर्थत्र प्रकदाशमदान हमो रहदा
हहै। जिहीव सदे ईश्वर, ईश्वर सदे जिहीव और दमोनयों सदे प्रकक चत चभन्न स्वरूप; तहीनयों अनदाचद हमैं॥1॥
(शदाश्वतही॰) अथदार्थतम् अनदाचद सनदातन जिहीवरूप प्रजिदा कदे चलयदे वदेद द्विदारदा परमदात्मदा नदे सब चवददाओसं कदा बमोध
चकयदा हहै॥2॥
अजिदामदेक दासं लमोचहतशगुक्ल कक ष्णदासं बहम् वहीमः प्रजिदामः सकजि मदानदासं सरूपदामः।
अजिमो ह्यदे क मो जिगुष मदाणमोऽनगुश देत दे जिहदात्यदेन दासं भगुक्त भमोगदामजिमोऽन्यमः॥
—यह उपचनषतम् कदा वचन हहै।
प्रकक चत, जिहीव और परमदात्मदा तहीनयों अजि अथदार्थतम् चजिन कदा जिन्म कभही नहह हमोतदा और न कभही जिन्म लदेतदे
अथदार्थतम् यदे तहीन सब जिगतम् कदे कदारण हमैं। इन कदा कदारण कमोई नहह। इस अनदाचद प्रकक चत कदा भमोग अनदाचद जिहीव करतदा
हह आ फसंसतदा हहै और उस ममें परमदात्मदा न फसंसतदा और न उस कदा भमोग करतदा हहै।
ईश्वर और जिहीव कदा लकण ईश्वर चवषय ममें कह आयदे। अब प्रकक चत कदा लकण चलखतदे हमैं—
सत्त् व रजिस्तमसदासं सदाम्यदावस्थदा प्रकक चतमः प्रकक तदेम र्थह दानम् महतमोऽहङदारमोऽहङदारदातम्
पञ्चतन्मदात्रदाण्यगु भ यचमचन्द्रयसं पञ्चतन्मदात्रदेभ् यमः स्थभूल भभूत दाचन पगुरु ष इचत पञ्चचवसंश चतगर्थण मः॥
—सदाङख्यसभूत्र॥
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(सत्त्व) शगुद्ध (रजिमः) मध्य (तममः) जिदाड्य अथदार्थतम् जिड़तदा तहीन वस्तगुLEKH चमलकर जिमो एक ससंघदात हहै उस कदा
RAM
नदाम प्रकक चत हहै। उस सदे महत्तत्त्व बगुचद्ध, उस सदे अहङदार, उस सदे पदासंच तन्मदात्रVEDI दा सभूक्ष्म भभूत और दश इचन्द्रयदासं तथदा
ग्यदारहवदासं मन, पदासंच तन्मदात्रदाओसं सदे पकचथव्यदाचद पदासंच भभूत यदे चचौबहीस और पच्चिहीसवदाCसं पगुरुष अथदार्थतम् जिहीव और परमदेश्वर
MISSI
हमैं। इन ममें सदे प्रकक चत अचवकदाररणही और महत्तत्त्व अहङदार तथदा पदासंच सभूक्ष्म भभूतON प्रकक चत कदा कदायर्थ और इचन्द्रयदासं मन
तथदा स्थभूलभभूतयों कदा कदारण हहै। पगुरुष न चकसही ककी प्रकक चत उपदाददान कदारण और न चकसही कदा कदायर्थ हहै।

(प्रश्न) सददेव समोम्यदेद मग्र आसहीतम्॥ 1॥


असद्विदा इदमग्र आसहीतम्॥ 2॥
आत्मदा वदा इदमग्र आसहीतम्॥ 3॥
ब्रह्म वदा इदमग्र आसहीतम्॥ 4॥
—यदे उपचनषदयों कदे वचन हमैं।
हदे श्वदेतकदे तमो! यह जिगतम् सकचष्ट कदे पभूवर्थ सतम्॥1॥ असतम्॥2॥ आत्मदा॥3॥ और ब्रह्मरूप थदा॥4॥ पश्चदातम्

तदहैक त बहह मः स्यदासं प्रजिदायदेय चदे त॥1॥
समोऽकदामयत बहह मः स्यदासं प्रजिदायदेय देच त॥2॥
—यह तहैचत्तरहीयमोपचनषतम् कदा वचन हहै।
वहही परमदात्मदा अपनही इच्छदा सदे बहह रूप हमो गयदा हहै॥1॥॥2॥
सवर्वं खचल्वदसं ब्रह्म नदेह नदानदाचस्त चकञ्चन॥
—यह भही उपचनषतम् कदा वचन हहै।
जिमो यह जिगतम् हहै वह सब चनश्चय करकदे ब्रह्म हहै। उस ममें दस
भू रदे नदानदा प्रकदार कदे पददाथर्थ कगु छ भही नहह चकन्तगु
सब ब्रह्मरूप हमैं।
(उत्तर) क्ययों इन वचनयों कदा अनथर्थ करतदे हमो? क्ययोंचक उन्हह उपचनषदयों ममें—

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अन्नदेन समोम्य शगुङदे न दापमो मभूल मचन्वच्छ अचदस्समोम्य शगुङLEKH दे न तदेजि मोमभूल मचन्वच्छ तदेजि सदा
RAM
समोम्य शगुङदे न सन्मभूल मचन्वच्छ सन्मभूल दामः समोम्यदेम दामः प्रजिदामः सददायतनदामः
VEDIसत्प्रचतष्ठिदामः॥
C
MISSI —छदान्दमोग्य उपचन॰॥
ON
हदे श्वदेतकदे तमो! अन्नरूप पकचथवही कदायर्थ सदे जिलरूप मभूल कदारण कमो तभू जिदान। कदायर्थरूप जिल सदे तदेजिमोरूप मभूल
और तदेजिमोरूप कदायर्थ सदे सद्रभूप कदारण जिमो चनत्य प्रकक चत हहै उस कमो जिदान। यहही सत्यस्वरूप प्रकक चत सब जिगतम् कदा मभूल
घर और चस्थचत कदा स्थदान हहै। यह सब जिगतम् सकचष्ट कदे पभूवर्थ असतम् कदे सदृश और जिहीवदात्मदा, ब्रह्म और प्रकक चत ममें
लहीन हमोकर वत्तर्थमदान थदा; अभदाव न थदा और जिमो (सवर्वं खलगु॰) यह वचन ऐसदा हहै जिहैसदा चक ‘कहह ककी ईटसं कहह कदा
रमोड़दा भदानमतही नदे कगु नवदाह जिमोड़दा’ ऐसही लहीलदा कदा हहै। क्ययोंचक—
सवर्वं खचल्वदसं ब्रह्म तज्जलदाचनचत शदान्त उपदासहीत।
—छदान्दमोग्य॥
और—
नदेह नदानदाचस्त चकञ्चन॥
—यह कठवलही कदा वचन हहै॥
जिहैसदे शरहीर कदे अङ जिब तक शरहीर कदे सदाथ रहतदे हमैं तब तक कदाम कदे और अलग हमोनदे सदे चनकम्मदे हमो जिदातदे
हमैं, वहैसदे हही प्रकरणस्थ वदाक्य सदाथर्थक और प्रकरण सदे अलग करनदे वदा चकसही अन्य कदे सदाथ जिमोड़नदे सदे अनथर्थक हमो
जिदातदे हमैं। सगुनमो!
इस कदा अथर्थ यह हहै—हदे जिहीव! तभू उस ब्रह्म ककी उपदासनदा कर। चजिस ब्रह्म सदे जिगतम् ककी उत्पचत्त, चस्थचत
और जिहीवन हमोतदा हहै चजिस कदे बनदानदे और धदारण सदे यह सब जिगतम् चवदमदान हहआ हहै वदा ब्रह्म सदे सहचररत हहै उस कमो
छमोड़कर दस भू रदे ककी उपदासनदा न करनही। इस चदेतनमदात्र अखण्डहैकरस ब्रह्मस्वरूप ममें नदानदा वस्तगुओसं कदा मदेल नहह हहै
चकन्तगु यदे सब पकथकम् -पकथकम् स्वरूप ममें परमदेश्वर कदे आधदार ममें चस्थत हमैं।
(प्रश्न) जिगतम् कदे कदारण चकतनदे हमोतदे हमैं?
(उत्तर) तहीन। एक चनचमत्त, दस भू रदा उपदाददान, तहीसरदा सदाधदारण। चनचमत्त कदारण उस कमो कहतदे हमैं चक
चजिस कदे बनदानदे सदे कगु छ बनदे, न बनदानदे सदे न बनदे, आप स्वयसं बनदे नहह दस भू रदे कमो प्रकदारदान्तर बनदा ददेवदे। दस
भू रदा

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उपदाददान कदारण उस कमो कहतदे हमैं चजिस कदे चबनदा कगु छ न बनदे वहही अवस्थदान्तर LEKHरूप हमोकदे बनदे चबगड़दे भही। तहीसरदा
RAM
सदाधदारण कदारण उस कमो कहतदे हमैं चक जिमो बनदानदे ममें सदाधन और सदाधदारण चनचमत्तVEDI हमो।
C
चनचमत्त कदारण दमो प्रकदार कदे हमोतदे हमैं। एक-सब सकचष्ट कमो कदारण MISSIसदे बनदानदे, धदारनदे और प्रलय करनदे
तथदा सब ककी व्यवस्थदा रखनदे वदालदा मगुख् य चनचमत्त कदारण परमदात्मदा। दस ON श्वर ककी सकचष्ट ममें सदे पददाथर्यों कमो
भू रदा-परमदे
लदेकर अनदेकचवध कदायदार्थन्तर बनदानदे बनदानदे वदालदा सदाधदारण चनचमत्त कदारण जिहीव।
उपदाददान कदारण—प्रकक चत, परमदाणगु चजिस कमो सब ससंसदार कदे बनदानदे ककी सदामग्रही कहतदे हमैं। वह जिड़ हमोनदे
सदे आपसदे आप न बन और न चबगड़ सकतही हहै चकन्तगु दस भू रदे कदे बनदानदे सदे बनतही और चबगदाड़नदे सदे चबगड़तही हहै।
कहह-कहह जिड़ कदे चनचमत्त सदे जिड़ भही बन और चबगड़ भही जिदातदा हहै। जिहैस दे परमदेश् वर कदे रचचत बहीजि
पकच थवही ममें चगरनदे और जिल पदानदे सदे वकक दाकदार हमो जिदातदे हमैं और अचग्नि आचद जिड़ कदे ससंय मोग सदे चबगड़ भही
जिदातदे हमैं परन्तगु इनकदा चनयमपभूव क
र्थ बननदा और वदा चबगड़नदा परमदेश् वर और जिहीव कदे आधहीन हहै।
जिब कमोई वस्तगु बनदाई जिदातही हहै तब चजिन-चजिन सदाधनयों सदे अथदार्थतम् जदान, दशर्थन, बल, हदाथ और नदानदा
प्रकदार कदे सदाधन और चदशदा, कदाल और आकदाश सदाधदारण कदारण। जिहैसदे घड़दे कमो बनदानदे वदालदा कगु म्हदार चनचमत्त;
चमटही उपदाददान और दण्ड चक्र आचद सदामदान्य चनचमत्त; चदशदा, कदाल, आकदाश, प्रकदाश, आसंख, हदाथ, जदान,
चक्रयदा आचद चनचमत्त सदाधदारण और चनचमत्त कदारण भही हमोतदे हमैं। इन तहीन कदारणयों कदे चवनदा कमोई भही वस्तगु नहह बन
सकतही और न चबगड़ सकतही हहै।
(प्रश्न) नवहीन वदेददान्तही लमोग कदे वल परमदेश्वर हही कमो जिगतम् कदा अचभन्न चनचमत्तमोपदाददान कदारण मदानतदे हमैं

यथमोणर्थन दाचभमः सकजि तदे गकह्ण तदे च।
—यह उपचनषतम् कदा वचन हहै।
जिहैसदे मकड़ही बदाहर सदे कमोई पददाथर्थ नहह लदेतही अपनदे हही ममें सदे तन्तगु चनकदाल जिदालदा बनदाकर आप हही उस ममें
खदेलतही हहै वहैसदे ब्रह्म अपनदे ममें सदे जिगतम् कमो बनदा आप जिगददाकदार बन आप हही क्रकीड़दा कर रहदा हहै। समो ब्रह्म इच्छदा और
कदामनदा करतदा हह आ चक ममैं बहह रूप अथदार्थतम् जिगददाकदार हमो जिदाऊह; सङल्पमदात्र सदे सब जिगद्रभूप बन गयदा। क्ययोंचक—
आददावन्तदे च यन्नदाचस्त वत्तर्थम दानदेऽ चप तत्तथदा॥
—यह मदाण्डभू क्यमोपचनषतम् पर कदाररकदा हहै।

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जिमो प्रथम न हमो, अन्त ममें न रहहै, वह वत्तर्थमदान ममें भही नहह हहै। चकन्तगु LEKH सकचष्ट ककी आचद ममें जिगतम् न थदा ब्रह्म
RAM
थदा। प्रलय कदे अन्त ममें ससंसदार न रहदेगदा तमो वत्तर्थमदान ममें सब जिगतम् ब्रह्म क्ययों नहह?VEDI
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(उत्तर) जिमो तगुम्हदारदे कहनदे कदे अनगुसदार जिगतम् कदा उपदाददान कदाMISSI रण ब्रह्म हमोवदे तमो वह पररणदामही
अवस्थदान्तरयगुक्त चवकदारही हमो जिदावदे और उपदाददान कदारण कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव ON कदायर्थ ममें भही आतदे हमैं—
कदारणगगुण पभूव र्थक मः कदायर्थग णगु मो दृष्टमः॥
—वहैशदेचषक सभूत्र॥
उपदाददान कदारण कदे सकदश कदायर्थ ममें गगुण हमोतदे हमैं तमो ब्रह्म सचच्चिददानन्दस्वरूप; जिगतम् कदायर्थरूप सदे असतम्,
जिड़ और आनन्दरचहत; ब्रह्म अजि और जिगतम् उत्पन्न हह आ हहै। ब्रह्म अदृश्य और जिगतम् दृश्य हहै। ब्रह्म अखण्ड और
जिगतम् खण्डरूप हहै। जिमो ब्रह्म सदे पकचथव्यदाचद कदायर्थ उत्पन्न हमोवदे तमो पकचथव्यदाचद कदायर्थ कदे जिड़दाचद गगुण ब्रह्म ममें भही हमोवमें
अथदार्थतम् जिहैसदे पकचथव्यदाचद जिड़ हमैं वहैसदा ब्रह्म भही जिड़ हमो जिदाय और जिहैसदा परमदेश्वर चदेतन हहै वहैसदा पकचथव्यदाचद कदायर्थ भही
चदेतन हमोनदा चदाचहए।

और जिमो मकड़ही कदा दृष्टदान्त चदयदा वह तगुम्हदारदे मत कदा सदाधक नहह चकन्तगु बदाधक हहै क्ययोंचक वह जिड़रूप
शरहीर तन्तगु कदा उपदाददान और जिहीवदात्मदा चनचमत्त कदारण हहै। और यह भही परमदात्मदा ककी अद तगु रचनदा कदा प्रभदाव हहै।
क्ययोंचक अन्य जिन्तगु कदे शरहीर सदे जिहीव तन्तगु नहह चनकदाल सकतदा। वहैसदे हही व्यदापक ब्रह्म नदे अपनदे भहीतर व्यदाप्य
प्रकक चत और परमदाणगु कदारण सदे स्थभूल जिगतम् कमो बनदा कर बदाहर स्थभूलरूप कर आप उसही ममें व्यदापक हमोकदे हमोकदे
सदाकहीभभूत आनन्दमय हमो रहदा हहै।

और जिमो परमदात्मदा नदे ईकण अथदार्थतम् दशर्थन, चवचदार और कदामनदा ककी चक ममैं सब जिगतम् कमो बनदाकर प्रचसद्ध
हमोऊसं अथदार्थतम् जिब जिगतम् उत्पन्न हमोतदा हहै तभही जिहीवयों कदे चवचदार, जदान, ध्यदान, उपददेश, श्रवण ममें परमदेश्वर प्रचसद्ध
और बहह त स्थभूल पददाथर्यों सदे सह वत्तर्थमदान हमोतदा हहै। जिब प्रलय हमोतदा हहै तब परमदेश्वर और मगुक्तजिहीवयों कमो छमोड़ कदे
उस कमो कमोई नहह जिदानतदा।

और जिमो वह कदाररकदा हहै वह भ्रममभूलक हहै। क्ययोंचक प्रलय ममें जिगतम् प्रचसद्ध नहह थदा और सकचष्ट कदे अन्त
अथदार्थतम् प्रलय कदे आरम्भ सदे जिब तक दस भू रही वदार सकचष्ट न हमोगही तब तक भही जिगतम् कदा कदारण सभूक्ष्म हमोकर अप्रचसद्ध
हहै। क्ययोंचक—

तम आसहीत्तमसदा गभूळ मग्रदे॥ 1॥


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LEKH —ऋग्वदेद कदा वचन हहै।
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आसहीचददसं तममोभभूत मप्रजदातमलकणमम्। VEDI
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अप्रतक्यर्थम चवजदेय सं प्रसगुप्त चमव सवर्थत मः॥2॥ MISSI
ON
यह सब जिगतम् सकचष्ट कदे पहलदे प्रलय ममें अन्धकदार सदे आवकत आच्छदाचदत थदा। और प्रलयदारम्भ कदे पश्चदातम्
भही वहैसदा हही हमोतदा हहै। उस समय न चकसही कदे जिदाननदे, न तकर्थ ममें लदानदे और न प्रचसद्ध चचहयों सदे यगुक्त इचन्द्रययों सदे
जिदाननदे यमोग्य थदा और न हमोगदा। चकन्तगु वत्तर्थमदान ममें जिदानदा जिदातदा हहै और प्रचसद्ध चचहयों सदे यगुक्त जिदाननदे यमोग्य हमोतदा और
यथदावतम् उपलब्ध हहै। पगुनमः उस कदाररकदाकदार नदे वत्तर्थमदान ममें भही जिगतम् कदा अभदाव चलखदा समो सवर्थथदा अप्रमदाण हहै।
क्ययोंचक चजिस कमो प्रमदातदा प्रमदाणयों सदे जिदानतदा और प्रदाप्त हमोतदा हहै वह अन्यथदा कभही नहह हमो सकतदा।
(प्रश्न) जिगतम् कदे बनदानदे ममें परमदेश्वर कदा क्यदा प्रयमोजिन हहै?
(उत्तर) नहह बनदानदे ममें क्यदा प्रयमोजिन हहै?
(प्रश्न) जिमो न बनदातदा तमो आनन्द ममें बनदा रहतदा और जिहीवयों कमो भही सगुख-दमःगु ख प्रदाप्त न हमोतदा।
(उत्तर) यह आलसही और दररद्र लमोगयों ककी बदातमें हमैं पगुरुषदाथर्त्ती ककी नहह और जिहीवयों कमो प्रलय ममें क्यदा सगुख
वदा दमःगु ख हहै? जिमो सकचष्ट कदे सगुख दमःगु ख ककी तगुलनदा ककी जिदाय तमो सगुख कई गगुनदा अचधक हमोतदा और बहह त सदे पचवत्रदात्मदा
जिहीव मगुचक्त कदे सदाधन कर ममोक कदे आनन्द कमो भही प्रदाप्त हमोतदे हमैं। प्रलय ममें चनकम्मदे जिहैसदे सगुषगुचप्त ममें पडदेडे़ रहतदे हमैं वहैसदे
रहतदे हमैं और प्रलय कदे पभूवर्थ सकचष्ट ममें जिहीवयों कदे चकयदे पदाप पगुण्य कमर्यों कदा फल ईश्वर कहै सदे ददे सकतदा और जिहीव क्ययों
कर भमोग सकतदे?
जिमो तगुम सदे कमोई पभूछदे चक आसंख कदे हमोनदे ममें क्यदा प्रयमोजिन हहै? तगुम यहही कहमोगदे ददेखनदा तमो जिमो ईश्वर ममें
जिगतम् ककी रचनदा करनदे कदा चवजदान, बल और चक्रयदा हहै उस कदा क्यदा प्रयमोजिन; चवनदा जिगतम् ककी उत्पचत्त करनदे कदे ?
दसभू रदा कगु छ भही न कह सकमोगदे।
और परमदात्मदा कदे न्यदाय, धदारण, दयदा आचद गगुण भही तभही सदाथर्थक हमो सकतदे हमैं जिब जिगतम् कमो बनदावदे। उस
कदा अनन्त सदामथ्यर्थ जिगतम् ककी उत्पचत्त, चस्थचत, प्रलय और व्यवस्थदा करनदे हही सदे सफल हहै। जिहैसदे नदेत्र कदा
स्वदाभदाचवक गगुण ददेखनदा हहै वहैसदे परमदेश्वर कदा स्वदाभदाचवक गगुण जिगतम् ककी उत्पचत्त करकदे सब जिहीवयों कमो अससंख्य पददाथर्थ
ददेकर परमोपकदार करनदा हहै।
(प्रश्न) बहीजि पहलदे हहै वदा वकक?

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(उत्तर) बहीजि। क्ययोंचक बहीजि, हदेतगु, चनददान, चनचमत्त और कदारण इत्यदा
LEKHचद शब्द एकदाथर्थवदाचक हमैं। कदारण
RAM
कदा नदाम बहीजि हमोनदे सदे कदायर्थ कदे प्रथम हही हमोतदा हहै। VEDI
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(प्रश्न) जिब परमदेश्वर सवर्थशचक्तमदानम् हहै तमो वह कदारण और जिहीव कमोMISSI
भही उत्पन्न कर सकतदा हहै। जिमो नहह
कर सकतदा तमो सवर्थशचक्तमदानम् भही नहह रह सकतदा? ON

(उत्तर) सवर्थशचक्तमदानम् कदा अथर्थ पभूवर्थ चलख आयदे हमैं परन्तगु क्यदा सवर्थशचक्तमदानम् वह कहदातदा हहै चक जिमो
असम्भव बदात कमो भही कर सकदे ? जिमो कमोई असम्भव बदात अथदार्थतम् जिहैसदा कदारण कदे चवनदा कदायर्थ कमो कर सकतदा हहै तमो
चवनदा कदारण दस भू रदे ईश्वर ककी उत्पचत्त कर और स्वयसं मकत्यगु कमो प्रदाप्त ; जिड़, दमःगु खही, अन्यदायकदारही, अपचवत्र और
कगु कमर्त्ती आचद हमो सकतदा हहै वदा नहह? जिमो स्वदाभदाचवक चनयम अथदार्थतम् जिहैसदा अचग्नि उष्ण, जिल शहीतल और
पकचथव्यदाचद सब जिड़यों कमो चवपरहीत गगुणवदालदे ईश्वर भही नहह कर सकतदा। जिहैस दे आप जिड़ नहह हमो सकतदा वहैस दे जिड़
कमो चदेत न भही नहह कर सकतदा।
और ईश्वर कदे चनयम सत्य और पभूरदे हमैं इसचलयदे पररवतर्थन नहह कर सकतदा। इसचलयदे सवर्थशचक्तमदानम् कदा
अथर्थ इतनदा हही हहै चक परमदात्मदा चवनदा चकसही कदे सहदाय कदे अपनदे सब कदायर्थ पभूणर्थ कर सकतदा हहै।
(प्रश्न) ईश्वर सदाकदार हहै वदा चनरदाकदार? जिमो चनरदाकदार हहै तमो चवनदा हदाथ आचद सदाधनयों कदे जिगतम् कमो न
बनदा सकदे गदा और जिमो सदाकदार हहै तमो कमोई दमोष नहह आतदा?
(उत्तर) ईश्वर चनरदाकदार हहै। जिमो सदाकदार अथदार्थतम् शरहीरयगुक्त हहै वह ईश्वर हही नहह। क्ययोंचक वह पररचमत
शचक्तयगुक्त, ददेश कदाल वस्तगुओसं ममें पररचच्छन्न, कगुधदा, तकषदा, छदेदन, भदेदन, शहीतमोष्ण, ज्वर, पहीड़दाचद सचहत हमोवदे।
उस ममें जिहीव कदे चवनदा ईश्वर कदे गगुण कभही नहह घट सकतदे। जिहैसदे तगुम और हम सदाकदार अथदार्थतम् शरहीरधदारही हमैं इस सदे
त्रसरदेण,गु अणगु, परमदाणगु और प्रकक चत कमो अपनदे वश ममें नहह लदा सकतदे और न उन सभूक्ष्म पददाथर्यों कमो पकड़ कर
स्थभूल बनदा सकतदे हमैं। वहैसदे हही स्थभूल ददेहधदारही परमदेश्वर भही उन सभूक्ष्म पददाथर्यों सदे स्थभूल जिगतम् नहह बनदा सकतदा।
जिमो परमदेश्वर भचौचतक इचन्द्रयगमोलक हस्त पदाददाचद अवयवयों सदे रचहत हहै परन्तगु उस ककी अनन्त शचक्त बल
परदाक्रम हमैं उन सदे सब कदाम करतदा हहै। जिमो जिहीव और प्रकक चत सदे कभही न हमो सकतदे। जिब वह प्रकक चत सदे भही सभूक्ष्म
और उन ममें व्यदापक हहै तभही उन कमो पकड़ कर जिगददाकदार कर ददेतदा हहै। और सवर्थग त हमोनदे सदे सब कदा धदारण
और प्रलय भही कर सकतदा हहै।

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(प्रश्न) जिहैसदे मनगुष्यदाचद कदे मदासं बदाप सदाकदार हमैं उन कदा सन्तदान भही सदाLEKH
कदार हमोतदा हहै। जिमो यदे चनरदाकदार हमोतदे
RAM
तमो इनकदे लड़कदे भही चनरदाकदार हमोतदे। वहैसदे परमदेश्वर चनरदाकदार हमो तमो उस कदाVEDI बनदायदा जिगतम् भही चनरदाकदार हमोनदा
चदाचहयदे। C
MISSI
(उत्तर) यह तगुम्हदारदा प्रश्न लड़कदे कदे समदान हहै। क्ययोंचक हम अभही यह ONकह चगुकदे हमैं चक परमदेश्वर जिगतम्

कदा उपदाददान कदारण नहह चकन्तगु चनचमत्त कदारण हहै और जिमो स्थभूल हमोतदा हहै वह प्रकक चत और परमदाणगु जिगतम् कदा
उपदाददान कदारण हहै। और वदे सवर्थथदा चनरदाकदार नहह चकन्तगु परमदेश्वर सदे स्थभूल और अन्य कदायर्थ सदे सभूक्ष्म आकदार रखतदे
हमैं।
(प्रश्न) क्यदा कदारण कदे चवनदा परमदेश्वर कदायर्थ कमो नहह कर सकतदा?
(उत्तर) नहह। क्ययोंचक चजिस कदा अभदाव अथदार्थतम् जिमो वतर्थमदान नहह हहै उस कदा भदाव वतर्थमदान हमोनदा सवर्थथदा
असम्भव हहै। जिहैसदे कमोई गपमोड़दा हदासंक ददे चक ममैंनदे बन्ध्यदा कदे पगुत्र और पगुत्रही कदा चववदाह ददेखदा। वह नर शकङ कदा धनगुष
और दमोनयों खपगुष्प ककी मदालदा पचहरदे हह ए थदे। मकगतकचष्णकदा कदे जिल ममें स्नदान करतदे और गन्धवर्थनगर ममें रहतदे थदे। वहदासं
बद्दल कदे चवनदा वषदार्थ पकचथवही कदे चवनदा सब अन्नयों ककी उत्पचत्त आचद हमोतही थही। वहैसदा हही कदारण कदे चवनदा कदायर्थ कदा हमोनदा
असम्भव हहै। जिहैसदे कमोई कहदे चक ‘मम मदातदाचपतरचौ न स्तमोऽहमदेव मदेव जिदातमः। मम मगुखदे चजिहदा नदाचस्त वददाचम
च।’ अथदार्थतम् मदेरदे मदातदा-चपतदा न थदे ऐसदे हही ममैं उत्पन्न हह आ हह सं। मदेरदे मगुख ममें जिहीभ नहह हहै परन्तगु बमोलतदा हह सं। चबल ममें सपर्थ
न थदा चनकल आयदा। ममैं कहह नहह थदा, यदे भही कहह न थदे और हम सब जिनदे आयदे हमैं। ऐसही असम्भव बदात प्रमत्तगहीत
अथदार्थतम् पदागल लमोगयों ककी हहै।
(प्रश्न) जिमो कदारण कदे चवनदा कदायर्थ नहह हमोतदा तमो कदारण कदा कदारण कचौन हहै?
(उत्तर) जिमो कदे वल कदारणरूप हही हमैं वदे कदायर्थ चकसही कदे नहह हमोतदे और जिमो चकसही कदा कदारण और चकसही
कदा कदायर्थ हमोतदा हहै वह दस
भू रदा कहदातदा हहै। जिहैसदे पकचथवही घर आचद कदा कदारण और जिल आचद कदा कदायर्थ हमोतदा हहै। परन्तगु
जिमो आचदकदारण प्रकक चत हहै वह अनदाचद हहै।
मभूल दे मभूल दाभदावदादमभूल सं मभूल मम्॥ —सदासंख्य सभू॰॥
मभूल कदा मभूल अथदार्थतम् कदारण कदा कदारण नहह हमोतदा। इस सदे अकदारण सब कदायर्यों कदा कदारण हमोतदा हहै। क्ययोंचक
चकसही कदायर्थ कदे आरम्भ समय कदे पभूवर्थ तहीनयों कदारण अवश्य हमोतदे हमैं। जिहैसदे कपड़दे बनदानदे कदे पभूवर्थ तन्तगुवदाय , रुई कदा सभूत
और नचलकदा आचद पभूवर्थ वत्तर्थमदान हमोनदे सदे वस बनतदा हहै वहैसदे जिगतम् ककी उत्पचत्त कदे पभूवर्थ परमदेश्वर, प्रकक चत, कदाल

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः अष् टममः समगुल दासमः
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और आकदाश तथदा जिहीवयों कदे अनदाचद हमोनदे सदे इस जिगतम् ककी उत्पचत्त हमोतही हहै। यचद इन ममें
LEKH सदे एक भही न हमो तमो जिगतम्
RAM
भही न हमो। VEDI
C
अत्र नदाचस्तकदा आहह मः — MISSI
ON
शभून् यसं तत्त् व सं भदावमोऽचप नश्यचत वस्तगुध मर्थत् वदाद म् चवनदाशस्य॥1॥
—सदासंख्य सभू॰॥
अभदावदातम् भदावमोत्पचत्तनदार्थन गुप मकद प्रदाद गुभ दार्थव दातम्॥ 2॥
ईश्वरमः कदारणसं पगुरु षकमदार्थफ ल्यदशर्थन दातम्॥ 3॥
अचनचमत्ततमो भदावमोत्पचत्तमः कण्टकतहैक्ष् ण्यदाचददशर्थन दातम्॥ 4॥
सवर्थम चनत्यमगुत् पचत्तचवनदाशधमर्थक त्वदातम्॥ 5॥
सवर्वं चनत्यसं पञ्चभभूत चनत्यत्वदातम्॥ 6॥
सवर्वं पकथ गम् भदावलकणपकथ क्त्वदातम्॥ 7॥
सवर्थम भदावमो भदावदेच ष्वतरदेत रदाभदावचसद्धदेमः ॥8॥
—न्यदायसभू॰। अ॰ 4। आचह॰ 1॥
यहदासं नदाचस्तक लमोग ऐसदा कहतदे हमैं चक 1—शभून्य हही एक पददाथर्थ हहै। सकचष्ट कदे पभूवर्थ शभून्य थदा, अन्त ममें शभून्य
हमोगदा क्ययोंचक जिमो भदाव हहै अथदार्थतम् वत्तर्थमदान पददाथर्थ हहै उस कदा अभदाव हमोकर शभून्य हमो जिदायदेगदा।
(उत्तर) शभून्य आकदाश, अदृश्य, अवकदाश और चवन्द गु कमो भही कहतदे हमैं। शभून्य जिड़ पददाथर्थ। इस शभून्य ममें
सब पददाथर्थ अदृश्य रहतदे हमैं। जिहैसदे एक चवन्द गु सदे रदेखदा, रदेखदाओसं सदे वतगुर्थलदाकदार हमोनदे सदे भभूचम पवर्थतदाचद ईश्वर ककी रचनदा
सदे बनतदे हमैं और शभून्य कदा जिदाननदे वदालदा शभून्य नहह हमोतदा॥1॥
दभू स रदा नदाचस्तक—अभदाव सदे भदाव ककी उत्पचत्त हमोतही हहै। जिहैसदे बहीजि कदा मदर्थन चकयदे चवनदा असंकगु र उत्पन्न
नहह हमोतदा और बहीजि कमो तमोड़ कर ददेखमें तमो असंकगुर कदा अभदाव हहै। जिब प्रथम असंकगुर नहह दहीखतदा थदा तमो अभदाव सदे
उत्पचत्त हह ई।

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(उत्तर) जिमो बहीजि कदा उपमदर्थन करतदा हहै वह प्रथम हही बहीजि ममें थदा।LEKH जिमो न हमोतदा तमो उत्पन्न कभही नहह
RAM
हमोतदा॥2॥ VEDI
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तहीसरदा नदाचस्तक—कहतदा हहै चक कमर्यों कदा फल पगुरुष कदे कमर्थ करनदेMISSI सदे नहह प्रदाप्त हमोतदा। चकतनदे हही कमर्थ
ONप्रदाप्त हमोनदा ईश्वर कदे आधहीन हहै।
चनष्फल दहीखनदे ममें आतदे हमैं। इसचलयदे अनगुमदान चकयदा जिदातदा हहै चक कमर्यों कदा फल
चजिस कमर्थ कदा फल ईश्वर ददेनदा चदाहहै ददेतदा हहै। चजिस कमर्थ कदा फल ददेनदा नहह चदाहतदा नहह ददेतदा। इस बदात सदे कमर्थफल
ईश्वरदाधहीन हहै।
(उत्तर) जिमो कमर्थ कदा फल ईश्वरदाधहीन हमो तमो चबनदा कमर्थ चकयदे ईश्वर फल क्ययों नहह ददेतदा? इसचलयदे
जिहैसदा कमर्थ मनगुष्य करतदा हहै वहैसदा हही फल ईश्वर ददेतदा हहै। इस सदे ईश्वर स्वतन्त्र पगुरुष कमो कमर्थ कदा फल नहह ददे
सकतदा। चकन्तगु जिहैसदा कमर्थ जिहीव करतदा हहै वहैसदा हही फल ईश्वर ददेतदा हहै॥3॥
चचौथदा नदाचस्तक—कहतदा हहै चक चवनदा चनचमत्त कदे पददाथर्यों ककी उत्पचत्त हमोतही हहै। जिहैसदा बबभूल आचद वककयों कदे
कदासंटदे तहीक्ष्ण अचणवदालदे ददेखनदे ममें आतदे हमैं। इससदे चवचदत हमोतदा हहै चक जिब-जिब सकचष्ट कदा आरम्भ हमोतदा हहै तब-तब
शरहीरदाचद पददाथर्थ चवनदा चनचमत्त कदे हमोतदे हमैं।
(उत्तर) चजिस सदे पददाथर्थ उत्पन्न हमोतदा हहै वहही उस कदा चनचमत्त हहै। चवनदा कण्टककी वकक कदे कदासंटदे उत्पन्न क्ययों
नहह हमोतदे?॥4॥
पदासंच वदासं नदाचस्तक—कहतदा हहै चक सब पददाथर्थ उत्पचत्त और चवनदाश वदालदे हमैं इसचलयदे सब अचनत्य हमैं।
श्लमोकदाधर्वेन प्रवक्ष्यदाचम यद गुक्तसं ग्रन्थकमोचटचभमः।
ब्रह्म सत्यसं जिगचन्मथ्यदा जिहीवमो ब्रह्महै व नदापरमः॥
—यह चकसही ग्रन्थ कदा श्लमोक हहै।
नवहीन वदेददान्तहीलमोग पदासंचवमें नदाचस्तक ककी कमोटही ममें हमैं। क्ययोंचक वदे ऐसदा कहतदे हमैं चक क्रमोड़यों ग्रन्थयों कदा यह
चसद्धदान्त हहै—‘ब्रह्म सत्य जिगतम् चमथ्यदा और जिहीव ब्रह्म सदे चभन्न नहह।’
(उत्तर) जिमो सब ककी चनत्यतदा चनत्य हहै तमो सब अचनत्य नहह हमो सकतदा।
(प्रश्न) सब ककी चनत्यतदा भही अचनत्य हहै जिहैसदे अचग्नि कदाष्ठियों कमो नष्ट कर आप भही नष्ट हमो जिदातदा हहै।

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(उत्तर) जिमो यथदावतम् उपलब्ध हमोतदा हहै उस कदा वत्तर्थमदान ममें अचनत्यत्व LEKH और परमसभूक्ष्म कदारण कमो
RAM
अचनत्य कहनदा कभही नहह हमो सकतदा। जिमो वदेददान्तही लमोग ब्रह्म सदे जिगतम् ककी उत्पचत्त
VEDIमदानतदे हमैं तमो ब्रह्म कदे सत्य हमोनदे
C कहमैं तमो भही नहह बन सकतदा।
सदे उस कदा कदायर्थ असत्य कभही नहह हमो सकतदा। जिमो स्वप्न रज्जभू सपदार्थचदवतम् कचल्पत
MISSI
क्ययोंचक कल्पनदा गगुण हहै, गगुण सदे द्रव्य और गगुण द्रव्य सदे पकथकम् नहह ONरह सकतदा। जिब कल्पनदा कदा कत्तदार्थ
चनत्य हहै तमो उसककी कल्पनदा भही चनत्य हमोनही चदाचहए, नहह तमो उस कमो भही अचनत्य मदानमो।
जिहैसदे स्वप्न चवनदा ददेखदे सगुनदे कभही नहह आतदा। जिमो जिदागकत अथदार्थतम् वत्तर्थमदान समय ममें सत्य पददाथर्थ हमैं उनकदे
सदाकदातम् सम्बन्ध सदे प्रत्यकदाचद जदान हमोनदे पर ससंस्कदार अथदार्थतम् उन कदा वदासनदारूप जदान आत्मदा ममें चस्थत हमोतदा हहै
स्वप्न ममें उन्हह कमो प्रत्यक ददेखतदा हहै। जिहैसदे सगुषगुचप्त हमोनदे सदे बदाह्य पददाथर्यों कदे जदान कदे अभदाव ममें भही बदाह्य पददाथर्थ
चवदमदान रहतदे हमैं वहैसदे प्रलय ममें भही कदारण द्रव्य वत्तर्थमदान रहतदा हहै। जिमो ससंस्कदार कदे चवनदा स्वप्न हमोवदे तमो जिन्मदान्ध कमो
भही रूप कदा स्वप्न हमोवदे। इसचलयदे वहदासं उन कदा जदानमदात्र हहै और बदाहर सब पददाथर्थ वत्तर्थमदान हमैं।
(प्रश्न) जिहैसदे जिदागकत कदे पददाथर्थ स्वप्न और दमोनयों कदे सगुषगुचप्त ममें अचनत्य हमो जिदातदे हमैं वहैसदे जिदागकत कदे पददाथर्यों
कमो भही स्वप्न कदे तगुल्य मदाननदा चदाचहयदे।
(उत्तर) ऐसदा कभही नहह मदान सकतदे क्ययोंचक स्वप्न और सगुषचप्त ममें बदाह्य पददाथर्यों कदा अजदानमदात्र हमोतदा हहै
अभदाव नहह। जिहैसदे चकसही कदे पहीछदे ककी ओर बहह त सदे पददाथर्थ अदृष्ट रहतदे हमैं उनकदा अभदाव नहह हमोतदा; वहैसदे हही स्वप्न
और सगुषगुचप्त ककी बदात हहै। इसचलयदे जिमो पभूवर्थ कह आयदे चक ब्रह्म जिहीव और जिगतम् कदा कदारण अनदाचद चनत्य हमैं , वहही
सत्य हहै॥5॥
छठदा नदाचस्तक—कहतदा हहै चक पदासंच भभूतयों कदे चनत्य हमोनदे सदे जिगतम् चनत्य हहै।
(उत्तर) यह बदात सत्य नहह। क्ययोंचक चजिन पददाथर्यों कदा उत्पचत्त और चवनदाश कदा कदारण ददेखनदे ममें आतदा हहै
वदे सब चनत्य हयों तमो सब स्थभूल जिगतम् तथदा शरहीर घट पटदाचद पददाथर्यों कमो उत्पन्न और चवनष्ट हमोतदे ददेखतदे हही हमैं। इस
सदे कदायर्थ कमो चनत्य नहह मदान सकतदे॥6॥
सदातवदासं नदाचस्तक—कहतदा हहै चक सब पकथकम् -पकथकम् हमैं। कमोई एक पददाथर्थ नहह हहै। चजिस-चजिस पददाथर्थ कमो
भू रदा एक पददाथर्थ कमोई भही नहह दहीखतदा। अवयवयों ममें अवयवही, वत्तर्थमदानकदाल, आकदाश,
हम ददेखतदे हमैं चक उन ममें दस
परमदात्मदा और जिदाचत पकथकम् -पकथकम् पददाथर्थ समभूहयों ममें एक-एक हमैं। उनसदे पकथकम् कमोई पददाथर्थ नहह हमो सकतदा। इसचलयदे
सब पकथकम् पददाथर्थ नहह चकन्तगु स्वरूप सदे पकथकम् -पकथकम् हमैं और पकथकम् -पकथकम् पददाथर्यों ममें एक पददाथर्थ भही हहै॥7॥

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आठवदासं नदाचस्तक—कहतदा हहै चक सब पददाथर्यों ममें इतरदेतर अभदाव ककीLEKH चसचद्ध हमोनदे सदे सब अभदावरूप हमैं
RAM
जिहैसदे ‘अनश्वमो गचौमः। अगचौरश्वमः’ गदाय घमोड़दा नहह और घमोड़दा गदाय नहह। इसचलयदे सब VEDI कमो अभदावरूप मदाननदा चदाचहए।
C
(उत्तर) सब पददाथर्यों ममें इतरदेतरदाभदाव कदा यमोग हमो परन्तगु ‘गचव गचौरश्वदे ऽ श्वमो भदावरूपमो वतर्थत एव’ गदाय
MISSI
ममें गदाय और घमोड़दे ममें घमोड़दे कदा भदाव हही हहै अभदाव कभही नहह हमो सकतदा। जिमो पददाON
थर्यों कदा भदाव न हमो तमो इतरदेतरदाभदाव
भही चकस ममें कहदा जिदावदे?॥8॥
नववदासं नदाचस्तक—कहतदा हहै चक स्वभदाव सदे जिगतम् ककी उत्पचत्त हमोतही हहै। जिहैसदे पदानही, अन्न एकत्र हमो सड़नदे
सदे कक चम उत्पन्न हमोतदे हमैं। और बहीजि पकचथवही जिल कदे चमलनदे सदे घदास वककदाचद और पदाषदाणदाचद उत्पन्न हमोतदे हमैं। जिहैसदे
समगुद्र वदायगु कदे यमोग सदे तरङ और तरङयों सदे समगुद्रफदे न; हल्दही, चभूनदा और नहबभू कदे रस चमलदानदे सदे रमोरही बन जिदातही हहै
वहैसदे सब जिगतम् तत्त्वयों कदे स्वभदाव गगुणयों सदे उत्पन्न हहआ हहै। इसकदा बनदानदे वदालदा कमोई भही नहह।
(उत्तर) जिमो स्वभदाव सदे जिगतम् ककी उत्पचत्त हमोवदे तमो चवनदाश कभही न हमोवदे और जिमो चवनदाश भही स्वभदाव सदे
मदानमो तमो उत्पचत्त न हमोगही। और जिमो दमोनयों स्वभदाव यगुगपतम् द्रव्ययों ममें मदानमोगदे तमो उत्पचत्त और चवनदाश ककी व्यवस्थदा
कभही न हमो सकदे गही और जिमो चनचमत्त कदे हमोनदे सदे उत्पचत्त और नदाश मदानमोगदे तमो ‘चनचमत्त’ सदे उत्पचत्त और चवनदाश
हमोनदे वदालदे द्रव्ययों सदे पकथकम् मदाननदा पड़देगदा। जिमो स्वभदाव हही सदे उत्पचत्त और चवनदाश हमोतदा तमो एक समय हही ममें उत्पचत्त
और चवनदाश कदा हमोनदा सम्भव नहह। जिमो स्वभदाव सदे उत्पन्न हमोतदा हमो तमो इस भभूगमोल कदे चनकट ममें दस भू रदा भभूगमोल,
चन्द्र, सभूयर्थ आचद उत्पन्न क्ययों नहह हमोतदे?
और चजिस-चजिस कदे यमोग सदे जिमो-जिमो उत्पन्न हमोतदा हहै वह-वह ईश्वर कदे उत्पन्न चकयदे हह ए बहीजि, अन्न,
जिलदाचद कदे ससंयमोग सदे घदास, वकक और कक चम आचद उत्पन्न हमोतदे हमैं चवनदा उन कदे नहह। जिहैसदे हल्दही, चभूनदा और नहीबभू
कदा रस दरभू -दरभू ददेश सदे आकर आप नहह चमलतदे चकसही कदे चमलदानदे सदे चमलतदे हमैं। उस ममें भही यथदायमोग्य चमलदानदे सदे
रमोरही हमोतही हहै। अचधक न्यभून वदा अन्यथदा करनदे सदे रमोरही नहह बनतही। वहैसदे हही प्रकक चत परमदाणओगु सं कमो जदान और यगुचक्त सदे
परमदेश्वर कदे चमलदायदे चबनदा जिड़ पददाथर्थ स्वयसं कगु छ भही कदायर्थचसचद्ध कदे चलयदे चवशदेष पददाथर्थ नहह बन सकतदे। इसचलयदे
स्वभदावदाचद सदे सकचष्ट नहह हमोतही, परमदेश्वर ककी रचनदा सदे हमोतही हहै॥9॥
(प्रश्न) इस जिगतम् कदा कत्तदार्थ न थदा, न हहै और न हमोगदा चकन्तगु अनदाचद कदाल सदे यह जिहैसदा कदा वहैसदा बनदा
हहै। न कभही इस ककी उत्पचत्त हह ई न कभही चवनदाश हमोगदा।
(उत्तर) चवनदा कत्तदार्थ कदे कमोई भही चक्रयदा वदा चक्रयदाजिन्य पददाथर्थ नहह बन सकतदा। चजिन पकचथवही आचद
पददाथर्यों ममें ससंयमोग चवशदेष सदे रचनदा दहीखतही हहै वदे अनदाचद कभही नहह हमो सकतदे। और जिमो ससंयमोग सदे बनतदा हहै वह ससंयमोग

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कदे पभूवर्थ नहह हमोतदा और चवयमोग कदे अन्त ममें नहह रहतदा। जिमो तगुम इस कमो न मदानLEKH
मो तमो कचठन सदे कचठन पदाषदाण हहीरदा
RAM
और पमोलदाद आचद तमोड़, टगु कड़दे कर, गलदा वदा भस्म कर ददेखमो चक इन ममें परमदाVEDI ण गु पकथकम् -पकथकम् चमलदे हमैं वदा नहह?
जिमो चमलदे हमैं तमो वदे समय पदाकर अलग-अलग भही अवश्य हमोतदे हमैं॥10॥ C
MISSI
(प्रश्न) अनदाचद ईश्वर कमोई नहह चकन्तगु जिमो यमोगदाभ्यदास सदे अचणमदाचON
द ऐश्वयर्थ कमो प्रदाप्त हमोकर सवर्थजदाचद
गगुणयगुक्त कदे वल जदानही हमोतदा हहै वहही जिहीव परमदेश्वर कहदातदा हहै।
(उत्तर) जिमो अनदाचद ईश्वर जिगतम् कदा स्रष्टदा न हमो तमो सदाधनयों सदे चसद्ध हमोनदे वदालदे जिहीवयों कदा आधदार
जिहीवनरूप जिगतम्, शरहीर और इचन्द्रययों कदे गमोलक कहै सदे बनतदे? इनकदे चवनदा जिहीव सदाधन नहह कर सकतदा। जिब
सदाधन न हमोतदे तमो चसद्ध कहदासं सदे हमोतदा?
जिहीव चदाहहै जिहैसदा सदाधन कर चसद्ध हमोवदे तमो भही ईश्वर ककी जिमो स्वयसं सनदातन अनदाचद चसचद्ध हहै चजिस ममें
अनन्त चसचद्ध हहै उसकदे तगुल्य कमोई भही जिहीव नहह हमो सकतदा। क्ययोंचक जिहीव कदा परम अवचध तक जदान बढ़दे तमो भही
पररचमत जदान और सदामथ्यर्थवदालदा हमोतदा हहै। अनन्त जदान और सदामथ्यर्थ वदालदा कभही नहह हमो सकतदा।
ददेखमो! कमोई भही आजि तक ईश्वरकक त सकचष्टक्रम कमो बदलनदेहदारदा नहह हह आ हहै और न हमोगदा। जिहैसदा अनदाचद
चसद्ध परमदेश्वर नदे नदेत्र सदे ददेखनदे और कदानयों सदे सगुननदे कदा चनबन्ध चकयदा हहै इस कमो कमोई भही यमोगही बदल नहह
सकतदा। जिहीव ईश्वर कभही नहह हमो सकतदा।
(प्रश्न) कल्प कल्पदान्तर ममें ईश्वर सकचष्ट चवलकण-चवलकण बनदातदा हहै अथवदा एक सही?
(उत्तर) जिहैसही चक अब हहै वहैसही पहलदे थही और आगदे हमोगही; भदेद नहह करतदा।
सभूय दार्थच न्द्रमसचौ धदातदा यथदापभूव र्थम कल्पयतम्।
चदवसं च पकच थवह चदान्तररकमथमो स्वमः॥
—ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 190। मसं॰ 3॥
(धदातदा) परमदेश्वर जिहैसदे पभूवर्थ कल्प ममें सभूयर्थ, चन्द्र, चवदगुतम्, पकचथवही, अन्तररक आचद बनदातदा थदा। वहैसदे हही
अब बनदायदे हमैं और आगदे भही वहैसदे हही बनदावदेगदा॥ 1॥इसचलयदे परमदेश्वर कदे कदाम चवनदा भभूल चभूक कदे हमोनदे सदे सददा एक सदे
हही हह आ करतदे हमैं। जिमो अल्पज और चजिस कदा जदान वकचद्ध कय कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै उसही कदे कदाम ममें भभूल चभूक हमोतही हहै
ईश्वर कदे कदाम ममें नहह।
(प्रश्न) सकचष्ट-चवषय ममें वदेददाचद शदासयों कदा अचवरमोध हहै वदा चवरमोध?
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(उत्तर) अचवरमोध हहै। LEKH
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(प्रश्न) जिमो अचवरमोध हहै तमो— VEDI
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तस्मदाद्विदा एतस्मदाददात्मन आकदाशमः सम्भभूत मः। आकदाशदाद म् वदायगु मः ।
वदायमोरचग्निमः। अग्निदेर दापमः।
MISSI
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अद् भ्यमः पकच थवही। पकच थव्यदा ओषधयमः। ओषचधभ्यमोऽन्नमम्। अन्नदाद्रदेत मः। रदेत समः पगुरु षमः। स वदा एष
पगुरु षमोऽन्नरसमयमः॥
—यह तहैचत्तरहीय उपचनषतम् कदा वचन हहै।
उस परमदेश्वर और प्रकक चत सदे आकदाश अवकदाश अथदार्थतम् जिमो कदारणरूप द्रव्य सवर्थत्र फहै ल रहदा थदा उस कमो
इकटदा करनदे सदे अवकदाश उत्पन्न सदा हमोतदा हहै। वदास्तव ममें आकदाश ककी उत्पचत्त नहह हमोतही क्ययोंचक चवनदा आकदाश कदे
प्रकक चत और परमदाणगु कहदासं ठहर सकमें ?
आकदाश कदे पश्चदातम् वदाय,गु वदायगु कदे पश्चदातम् अचग्नि, अचग्नि कदे पश्चदातम् जिल, जिल कदे पश्चदातम् पकचथवही, पकचथवही
सदे ओषचध, ओषचधययों सदे अन्न, अन्न सदे वहीयर्थ, वहीयर्थ सदे पगुरुष अथदार्थतम् शरहीर उत्पन्न हमोतदा हहै। यहदासं आकदाशदाचद क्रम
सदे और छदान्दमोग्य ममें अग्न्यदाचद; ऐतरदेय ममें जिलदाचद क्रम सदे सकचष्ट हह ई। वदेदयों ममें कहह पगुरुष, कहह चहरण्यगभर्थ आचद सदे
महीमदासंसदा ममें कमर्थ, वहैशदेचषक कदाल, न्यदाय ममें परमदाण,गु यमोग ममें पगुरुषदाथर्थ, सदासंख्य ममें प्रकक चत और वदेददान्त ममें ब्रह्म सदे
सकचष्ट ककी उत्पचत्त मदानही हहै। अब चकस कमो सच्चिदा और चकस कमो झभूठदा मदानमें?
(उत्तर) इस ममें सब सच्चिदे कमोई झभूठदा नहह। झभूठदा वह हहै जिमो चवपरहीत समझतदा हहै। क्ययोंचक परमदेश्वर चनचमत्त
और प्रकक चत जिगतम् कदा उपदाददान कदारण हहै। जिब महदाप्रलय हमोतदा हहै उस कदे पश्चदातम् आकदाशदाचद क्रम अथदार्थतम् जिब
आकदाश और वदायगु कदा प्रलय नहह हमोतदा और अग्न्यदाचद कदा हमोतदा हहै अग्न्यदाचद-क्रम सदे और जिब चवदगुतम् अचग्नि कदा भही
नदाश नहह हमोतदा तब जिल-क्रम सदे सकचष्ट हमोतही हहै। अथदार्थतम् चजिस-चजिस प्रलय ममें जिहदासं-जिहदासं तक प्रलय हमोतदा हहै वहदासं-
वहदासं सदे सकचष्ट ककी उत्पचत्त हमोतही हहै।
पगुरुष और चहरण्यगभदार्थचद प्रथम समगुलदास ममें चलख भही आयदे हमैं वदे सब नदाम परमदेश्वर कदे हमैं। परन्तगु चवरमोध
उस कमो कहतदे हमैं चक एक कदायर्थ ममें एक हही चवषय पर चवरुद्ध वदाद हमोवदे। छमः शदासयों ममें अचवरमोध ददेख मो इस प्रकदार
हहै—
महीमदासंस दा ममें— ‘ऐसदा कमोई भही कदायर्थ जिगतम् ममें नहह हमोतदा चक चजिस कदे बनदानदे ममें कमर्थचदेष्टदा न ककी जिदाय’।
वहैश चदे षक ममें—‘समय न लगदे चवनदा बनदे हही नहह’। न्यदाय ममें—‘उपदाददान कदारण न हमोनदे सदे कगु छ भही नहह बन

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सकतदा’। यमोग ममें—‘चवददा, जदान, चवचदार न चकयदा जिदाय तमो नहह बन सकतदाLEKH ’। सदासंख् य ममें—‘तत्त्वयों कदा मदेल न
RAM
हमोनदे सदे नहह बन सकतदा’। और वदेद दान्त ममें—‘बनदानदे वदालदा न बनदावदे तमो कमोVEDI
ई भही पददाथर्थ उत्पन्न हमो न सकदे ’।
इसचलयदे सकचष्ट छमः कदारणयों सदे बनतही हहै उन छमः कदारणयों ककी व्यदाख्यदा एक-एकCककी एक-एक शदास ममें हहै। इसचलए
MISSI
उनममें चवरमोध कगु छ भही नहह? ON

जिहैसदे छमः पगुरुष चमल कदे एक छप्पर उठदा कर चभचत्तययों पर धरमैं वहैसदा हही सकचष्टरूप कदायर्थ ककी व्यदाख्यदा छमः
शदासकदारयों नदे चमलकर पभूरही ककी हहै। जिहैसदे पदासंच अन्धदे और एक मन्ददृचष्ट कमो चकसही नदे हदाथही कदा एक-एक ददेश
बतलदायदा। उन सदे पभूछदा चक हदाथही कहै सदा हहै? उन ममें सदे एक नदे कहदा—खम्भदे, दसभू रदे नदे कहदा—सभूप, तहीसरदे नदे कहदा
—मभूसल, चचौथदे नदे कहदा—झदाडभू, पदासंचवमें नदे कहदा—चचौतरदा और छठदे नदे कहदा—कदालदा-कदालदा चदार खम्भयों कदे
ऊपर कगु छ भमैंसदा सदा आकदार वदालदा हहै।
इसही प्रकदार आजि कल कदे अनदाषर्थ नवहीन ग्रन्थयों कदे पढ़नदे और प्रदाककत भदाषदा वदालयों नदे ऋचषप्रणहीत ग्रन्थ न
पढ़कर, नवहीन कगुद्रबगुचद्धकचल्पत ससंस्कक त और भदाषदाओसं कदे ग्रन्थ पढ़कर, एक दस भू रदे ककी चनन्ददा ममें तत्पर हमोकदे झभूठदा
झगड़दा मचदायदा हहै। इन कदा कथन बगुचद्धमदानयों कदे वदा अन्य कदे मदाननदे यमोग्य नहह। क्ययोंचक जिमो अन्धयों कदे पहीछदे अन्धदे चलमें
तमो दमःगु ख क्ययों न पदावमें? वहैसदे हही आजि कल कदे अल्प चवददायक्त
गु , स्वदाथर्त्ती, इचन्द्रयदारदाम पगुरुषयों ककी लहीलदा ससंसदार कदा
नदाश करनदे वदालही हहै।
(प्रश्न) जिब कदारण कदे चवनदा कदायर्थ नहह हमोतदा तमो कदारण कदा कदारण क्ययों नहह?
(उत्तर) अरदे भमोलदे भदाइयमो! कगु छ अपनही बगुचद्ध कमो कदाम ममें क्ययों नहह लदातदे?
ददेखमो! ससंसदार ममें दमो हही पददाथर्थ हमोतदे हमैं— एक कदारण दस
भू रदा कदायर्थ। जिमो कदारण हहै वह कदायर्थ नहह और चजिस
समय कदायर्थ हहै वह कदारण नहह। जिब तक मनगुष्य सकचष्ट कमो यथदावतम् नहह समझतदा तब तक उस कमो यथदावतम् जदान
प्रदाप्त नहह हमोतदा—
चनत्यदायदामः सत्त् व रजिस्तमसदासं सदाम्यदावस्थदायदामः प्रकक तदेरु त्पन्नदानदासं परमसभूक्ष् मदाणदासं पकथ कम्
पकथ ग्वत्तर्थम दानदानदासं तत्त् व परमदाणभू न दासं प्रथममः ससंय मोगदारम्भमः ससंय मोगचवशदेष दादवस्थदान्तरस्य
स्थभूल दाकदारप्रदाचप्तमः सकच ष्टरुच्यतदे॥
अनदाचद चनत्य स्वरूप सत्त्व, रजिसम् और तममो गगुणयों ककी एकदावस्थदारूप प्रकक चत सदे उत्पन्न जिमो परमसभूक्ष्म
पकथकम् -पकथकम् तत्त्वदावयव चवदमदान हमैं उन्हह कदा प्रथम हही जिमो ससंयमोग कदा आरम्भ हहै ससंयमोग चवशदेषयों सदे अवस्थदान्तर
दस भू रही अवस्थदा कमो सभूक्ष्म सदे स्थभूल-स्थभूल बनतदे बनदातदे चवचचत्ररूप बनही हहै। इसही सदे यह ससंसगर्थ हमोनदे सदे सकचष्ट
भू रही-दस
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कहदातही हहै। भलदा जिमो प्रथम ससंयमोग ममें चमलनदे और चमलदानदे वदालदा पददाथर्थ हहै जिमो ससंयLEKH
मोग कदा आचद और चवयमोग कदा अन्त
RAM
अथदार्थतम् चजिस कदा चवभदाग नहह हमो सकतदा उस कमो कदारण और जिमो ससंयमोग कदे VEDI पहीछदे बनतदा और चवयमोग कदे पश्चदातम्
वहैसदा नहह रहतदा वह कदायर्थ कहदातदा हहै। जिमो उस कदारण कदा कदारण, कदायर्थ कदा कदा C यर्थ, कत्तदार्थ कदा कत्तदार्थ, सदाधन कदा
MISSI
सदाधन और सदाध्य कदा सदाध्य कहदातदा हहै वह ददेखतदा अन्धदा, सगुनतदा बचहरदा और ONजिदानतदा हह आ मभूढ़ हहै। क्यदा आसंख
ककी आसंख, दहीपक कदा दहीपक और सभूयर्थ कदा सभूयर्थ कभही हमो सकतदा हहै। जिमो चजिस सदे उत्पन्न हमोतदा हहै वह कदारण और
जिमो उत्पन्न हमोतदा हहै वह कदायर्थ और जिमो कदारण कमो कदायर्थरूप बनदानदेहदारदा हहै वह कत्तदार्थ कहदातदा हहै।
नदासतमो चवदतदे भदावमो नदाभदावमो चवदतदे सतमः।
उभयमोरचप दृष्टमोऽन्तस्त्वनयमोस्तत्त् व दचशर्थच भमः॥ भगवदहीतदा॥
कभही असतम् कदा भदाव वत्तर्थमदान और सतम् कदा अभदाव अवत्तर्थमदान नहह हमोतदा। इन दमोनयों कदा चनणर्थय तत्त्वदशर्त्ती
लमोगयों नदे जिदानदा हहै। अन्य पकपदातही आग्रहही मलहीनदात्मदा अचवद्विदानम् लमोग इस बदात कमो सहजि ममें कहै सदे जिदान सकतदे हमैं?
क्ययोंचक जिमो मनगुष्य, चवद्विदानम्, सत्ससंगही हमोकर पभूरदा चवचदार नहह करतदा वह सददा भ्रमजिदाल ममें पड़दा रहतदा हहै। धन्य वदे
पगुरुष हमैं जिमो चक सब चवददाओसं कदे चसद्धदान्तयों कमो जिदानतदे हमैं और जिदाननदे कदे चलए पररश्रम करतदे हमैं। जिदानकर औरयों कमो
चनष्कपटतदा सदे जिनदातदे हमैं। इस सदे जिमो कमोई कदारण कदे चवनदा सकचष्ट मदानतदा हहै वह कगु छ भही नहह जिदानतदा।
जिब सकचष्ट कदा समय आतदा हहै तब परमदात्मदा उन परमसभूक्ष्म पददाथर्यों कमो इकटदा करतदा हहै। उस ककी प्रथम
अवस्थदा ममें जिमो परमसभूक्ष्म प्रकक चतरूप कदारण सदे कगु छ स्थभूल हमोतदा हहै उस कदा नदाम महत्तत्त्व और जिमो उस सदे कगु छ
स्थभूल हमोतदा हहै उस कदा नदाम अहङदार और अहङदार सदे चभन्न-चभन्न पदासंच सभूक्ष्मभभूत; श्रमोत्र, त्वचदा, नदेत्र , चजिहदा,
घ्रदाण पदासंच जदानदेच न्द्रयदासं वदाकम् , हस्त, पदाद, उपस्थ, और गगुद दा यदे पदासंच कमर्थ-इचन्द्रयदासं हमैं और ग्यदारहवदासं मन
कगु छ स्थभूल उत्पन्न हमोतदा हहै। और उन पञ्चतन्मदात्रदाओसं सदे अनदेक स्थभूलदावस्थदाओसं कमो प्रदाप्त हमोतदे हह ए क्रम सदे पदासंच
स्थभूलभभूत चजिन कमो हम लमोग प्रत्यक ददेखतदे हमैं उत्पन्न हमोतदे हमैं। उन सदे नदानदा प्रकदार ककी ओषचधयदासं , वकक आचद; उन
सदे अन्न, अन्न सदे वहीयर्थ और वहीयर्थ सदे शरहीर हमोतदा हहै। परन्तगु आचद सकचष्ट महैथगुनही नहह हमोतही। क्यमोचक जिब सही पगुरुषयों कदे
शरहीर परमदात्मदा बनदा कर उन ममें जिहीवयों कदा ससंयमोग कर ददेतदा हहै तदनन्तर महैथगुनही सकचष्ट चलतही हहै।
ददेखमो! शरहीर ममें चकस प्रकदार ककी जदानपभूवर्थक सकचष्ट रचही हहै चक चजिस कमो चवद्विदानम् लमोग ददेखकर आश्चयर्थ मदानतदे
हमैं। भहीतर हदाड़यों कदा जिमोड़ नदाचड़ययों कदा बन्धन; मदासंस कदा लदेपन; चमड़ही कदा ढकन; पहीहदा, यकक तम्, फदे फड़दा, पसंखदा
कलदा कदा स्थदापन; रुचधरशमोधन, प्रचदालन; चवदगुतम् कदा स्थदापन; जिहीव कदा ससंयमोजिन; चशरमोरूप मभूलरचन; लमोम,
नखदाचद कदा स्थदापन; आसंख ककी अतहीव सभूक्ष्म चशरदा कदा तदारवतम् ग्रन्थन; इचन्द्रययों कदे मदागर्यों कदा प्रकदाशन; जिहीव कदे

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जिदागकत, स्वप्न, सगुषगुचप्त अवस्थदा कदे भमोगनदे कदे चलयदे स्थदान चवशदेषयों कदा चनमदार्थण ;LEKH
सब धदातगु कदा चवभदागकरण; कलदा,
RAM
कचौशल, स्थदापनदाचद अदतगु सकचष्ट कमो चवनदा परमदेश्वर कदे कचौन कर सकतदा हहै? VEDI
C
इसकदे चवनदा नदानदा प्रकदार कदे रत्न धदातगु सदे जिचड़त भभूचम; चवचवध प्रकदाMISSI र वट वकक आचद कदे बहीजियों ममें अचत
सभूक्ष्म रचनदा, अससंख्य हररत, श्वदेत, पहीत, कक ष्ण, चचत्र, मध्यरूपयों सदे यगुक्त ONपत्र; पगुष्प, फल, मभूलचनमदार्थण;

चमष्ट, कदार, कटगु क, कषदाय, चतक्त, अम्लदाचद चवचवध रस; सगुगन्धदाचदयगुक्त पत्र, पगुष्प, फल, अन्न, कन्द,
मभूलदाचद रचन; अनदेकदानदेक क्रमोड़यों भभूगमोल, सभूयर्थ, चन्द्रदाचद लमोकचनमदार्थण; धदारण; भ्रदामण; चनयमयों ममें रखनदा आचद
परमदेश्वर कदे चवनदा कमोई भही नहह कर सकतदा।
जिब कमोई चकसही पददाथर्थ कमो ददेख तदा हहै तमो दमो प्रकदार कदा जदान उत्पन्न हमोतदा हहै। एक जिहैस दा वह
पददाथर्थ हहै और दभू स रदा उनममें रचनदा ददेख कर बनदानदे वदालदे कदा जदान हहै। जिहैसदे चकसही पगुरुष नदे सगुन्दर आभभूषण
जिसंगल ममें पदायदा। ददेखदा तमो चवचदत हह आ चक यह सगुवणर्थ कदा हहै और चकसही बगुचद्धमदानम् कदारहीगर नदे बनदायदा हहै। इसही प्रकदार
यह नदानदा प्रकदार सकचष्ट ममें चवचवध रचनदा बनदानदे वदालदे परमदेश्वर कमो चसद्ध करतही हहै।
(प्रश्न) मनगुष्य ककी सकचष्ट प्रथम हहई यदा पकचथवही आचद ककी?
(उत्तर) पकचथवही आचद ककी। क्ययोंचक पकचथव्यदाचद कदे चवनदा मनगुष्य ककी चस्थचत और पदालन नहह हमो सकतदा।
(प्रश्न) सकचष्ट ककी आचद ममें एक वदा अनदेक मनगुष्य उत्पन्न चकयदे थदे वदा क्यदा?
(उत्तर) अनदेक। क्ययोंचक चजिन जिहीवयों कदे कमर्थ ऐश्वरही सकचष्ट ममें उत्पन्न हमोनदे कदे थदे उन कदा जिन्म सकचष्ट ककी
आचद ममें ईश्वर ददेतदा हहै। क्ययोंचक ‘मनगुष् यदा ऋषयश्च यदे। ततमो मनगुष् यदा अजिदायन्त’ यह यजिगुवर्वेद ममें चलखदा हहै। इस
प्रमदाण सदे यहही चनश्चय हहै चक आचद ममें अनदेक अथदार्थतम् सहैकड़यों, सहस्रयों मनगुष्य उत्पन्न हह ए। और सकचष्ट ममें ददेखनदे सदे भही
चनचश्चत हमोतदा हहै चक मनगुष्य अनदेक मदाह बदाप कदे सन्तदान हमैं।
(प्रश्न) आचद सकचष्ट ममें मनगुष्य आचद ककी बदाल्य, यगुवदा वदा वकद्धदावस्थदा ममें सकचष्ट हह ई थही अथवदा तहीनयों ममें?
(उत्तर) यगुवदावस्थदा ममें। क्ययोंचक जिमो बदालक उत्पन्न करतदा तमो उनकदे पदालन कदे चलए दस भू रदे मनगुष्य
आवश्यक हमोतदे और वकद्धदावस्थदा ममें बनदातदा तमो महैथगुनही सकचष्ट न हमोतही। इसचलयदे यगुवदावस्थदा ममें सकचष्ट ककी हहै।
(प्रश्न) कभही सकचष्ट कदा प्रदारम्भ हहै वदा नहह?
(उत्तर) नहह। जिहैसदे चदन कदे पभूवर्थ रदात और रदात कदे पभूवर्थ चदन तथदा चदन कदे पहीछदे रदात और रदात कदे पहीछदे
चदन बरदाबर चलदा आतदा हहै, इसही प्रकदार सकचष्ट कदे पभूवर्थ प्रलय और प्रलय कदे पभूवर्थ सकचष्ट तथदा सकचष्ट कदे पहीछदे प्रलय और

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प्रलय कदे आगदे सकचष्ट; अनदाचद कदाल सदे चक्र चलदा आतदा हहै। इस कदा आचद वदा LEKH अन्त नहह चकन्तगु जिहैसदे चदन वदा रदात
RAM
कदा आरम्भ और अन्त ददेखनदे ममें आतदा हहै उसही प्रकदार सकचष्ट और प्रलय कदा आचदVEDI अन्त हमोतदा रहतदा हहै। क्ययोंचक जिहैसदे
परमदात्मदा, जिहीव, जिगतम् कदा कदारण तहीन स्वरूप सदे अनदाचद हमैं वहैसदे जिगतम् ककी उत्पचत्त,
C चस्थचत और प्रलय प्रवदाह सदे
MISSI
अनदाचद हमैं। जिहैसदे नदही कदा प्रवदाह वहैसदा हही दहीखतदा हहै, कभही सभूख जिदातदा, कभहीON
कभही नहह दहीखतदा चफर बरसदात ममें
दहीखतदा और उष्णकदाल ममें नहह दहीखतदा। ऐसदे व्यवहदारयों कमो प्रवदाहरूप जिदाननदा चदाचहए। जिहैसदे परमदेश्वर कदे गगुण,
कमर्थ, स्वभदाव अनदाचद हमैं वहैसदे हही उसकदे जिगतम् ककी उत्पचत्त, चस्थचत, प्रलय करनदा भही अनदाचद हमैं। जिहैसदे कभही ईश्वर
कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदा आरम्भ और अन्त नहह इसही प्रकदार उस कदे कत्तर्थव्य कमर्यों कदा भही आरम्भ और अन्त
नहह।
(प्रश्न) ईश्वर नदे चकन्हह जिहीवयों कमो मनगुष्य जिन्म; चकन्हह कमो चससंहदाचद क्रभूर जिन्म; चकन्हह कमो हररण, गदाय
आचद पशगु चकन्हह कमो वककदाचद कक चम ककीट पतङदाचद जिन्म चदयदे हमैं। इस सदे परमदात्मदा ममें पकपदात आतदा हहै।
(उत्तर) पकपदात नहह आतदा। क्ययोंचक उन जिहीवयों कदे पभूवर्थ सकचष्ट ममें चकयदे हह ए कमदार्थनगुसदार व्यवस्थदा करनदे सदे।
जिमो कमर्थ कदे चबनदा जिन्म ददेतदा तमो पकपदात आतदा।
(प्रश्न) मनगुष्ययों ककी आचद सकचष्ट चकस स्थल ममें हह ई?
(उत्तर) चत्रचवष्टप अथदार्थतम् चजिस कमो ‘चतब्बत’ कहतदे हमैं।
(प्रश्न) आचद सकचष्ट ममें एक जिदाचत थही वदा अनदेक?
(उत्तर) एक मनगुष्य जिदाचत थही। पश्चदातम् ‘चवजिदानहीह्यदायदार्थन् यदे च दस्यवमः’ यह ऋग्वदेद कदा वचन हहै। श्रदेष्ठियों
कदा नदाम आयर्थ, चवद्विदानम् ददेव और दष्टगु यों कदे दस्यगु अथदार्थतम् डदाकभू, मभूखर्थ नदाम हमोनदे सदे आयर्थ और दस्यगु दमो नदाम हह ए। ‘उत
शभूद्र दे उतदायर्वे’ वदेद वचन। आयर्यों ममें पभूवर्वोक्त प्रकदार सदे ब्रदाह्मण, कचत्रय, वहैश्य और शभूद्र चदार भदेद हह ए। चद्विजि चवद्विदानयों कदा
नदाम आयर्थ और मभूखर्यों कदा नदाम शभूद्र और अनदायर्थ अथदार्थतम् अनदाड़ही नदाम हह आ।
(प्रश्न) चफर वदे यहदाह कहै सदे आयदे?
(उत्तर) जिब आयर्थ और दस्यगुओसं ममें अथदार्थतम् चवद्विदानम् जिमो ददेव अचवद्विदानम् जिमो असगुर , उन ममें सददा लड़दाई
बखदेड़दा हह आ चकयदा, जिब बहह त उपद्रव हमोनदे लगदा तब आयर्थ लमोग सब भभूगमोल ममें उत्तम इस भभूचम कदे खण्ड कमो
जिदानकर यहह आकर बसदे। इसही सदे ददेश कदा नदाम ‘आयदार्थवत्तर्थ’ हह आ।
(प्रश्न) आयदार्थवत्तर्थ ककी अवचध कहदासं तक हहै?

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(उत्तर) आसमगुद्र दात्तगु वहै पभूव दार्थद दासमगुद्र दात्तगु पचश्चमदातम्। LEKH
RAM
तयमोरदेव दान्तरसं चगयर्वो र दायदार्थव त्तर्वं चवद गुब धगुर्थ दामः॥1॥ VEDI
C
MISSI
सरस्वतही दृषद्वित्यमोदर्वेव नदमोयर्थद न्तरमम्। ON
तसं ददेव चनचमर्थत सं ददेश मदायदार्थव त्तर्वं प्रचकतदे॥ 2॥ मनगु॰॥
उत्तर ममें चहमदालय, दचकण ममें चवन्ध्यदाचल, पभूवर्थ और पचश्चम ममें समगुद्र॥1॥तथदा सरस्वतही पचश्चम ममें
अटक नदही, पभूवर्थ ममें दृषद्वितही जिमो नदेपदाल कदे पभूवर्थ भदाग पहदाड़ सदे चनकल कदे बसंगदाल कदे आसदाम कदे पभूवर्थ और ब्रह्मदा कदे
पचश्चम ओर हमोकर दचकण कदे समगुद्र ममें चमलही हहै चजिस कमो ब्रह्मपगुत्र कहतदे हमैं और जिमो उत्तर कदे पहदाड़यों सदे चनकल कदे
दचकण कदे समगुद्र ककी खदाड़ही ममें अटक चमलही हहै। चहमदालय ककी मध्यरदेखदा सदे दचकण और पहदाड़यों कदे भहीतर और
रदामदेश्वर पयर्थन्त चवन्ध्यदाचल कदे भहीतर चजितनदे ददेश हमैं उन सब कमो आयदार्थवत्तर्थ इसचलयदे कहतदे हमैं चक यह आयदार्थवत्तर्थ ददेव
अथदार्थतम् चवद्विदानयों नदे बसदायदा और आयर्थजिनयों कदे चनवदास करनदे सदे आयदार्थव त्तर्थ कहदायदा हहै।
(प्रश्न) प्रथम इस ददेश कदा नदाम क्यदा थदा और इस ममें कचौन बसतदे थदे?
(उत्तर) इस कदे पभूवर्थ इस ददेश कदा नदाम कमोई भही नहह थदा और न कमोई आयर्यों कदे पभूवर्थ इस ददेश ममें बसतदे थदे।
क्ययोंचक आयर्थ लमोग सकचष्ट ककी आचद ममें कगु छ कदाल कदे पश्चदातम् चतब्बत सदे सभूधदे इसही ददेश ममें आकर बसदे थदे।
(प्रश्न) कमोई कहतदे हमैं चक यदे लमोग ईरदान सदे आयदे। इसही सदे इन लमोगयों कदा नदाम आयर्थ हह आ हहै। इन कदे पभूवर्थ
यहदासं जिसंगलही लमोग बसतदे थदे चक चजिन कमो असगुर और रदाकस कहतदे थदे। आयर्थ लमोग अपनदे कमो ददेवतदा बतलदातदे थदे और
उन कदा जिब ससंग्रदाम हह आ उसकदा नदाम ददेवदासगुर ससंग्रदाम कथदाओसं ममें ठहरदायदा।
(उत्तर) यह बदात सवर्थथदा झभूठ हहै। क्ययोंचक—
चव जिदानहीह्यदायदार्थन् यदे च दस्यवमो बचहर्थष् मतदे रन्धयदाशदासदरतदानम्॥
—ऋ॰ मसं॰ 1। सभू॰ 51। मसं॰ 8॥
उत शभूद्र दे उतदायर्वे॥
—यह भही वदेद कदा प्रमदाण हहै।

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यह चलख चगुकदे हमैं चक आयर्थ नदाम धदाचमर्थक , चवद्विदानम्, आप्त पगुरुषयों कदा LEKH
और इन सदे चवपरहीत जिनयों कदा नदाम
RAM
दस्यगु अथदार्थतम् डदाकभू, दष्टगु , अधदाचमर्थक और अचवद्विदानम् हहै तथदा ब्रदाह्मण, कचत्रय, VEDI
वहैश्य चद्विजियों कदा नदाम आयर्थ और शभूद्र
कदा नदाम अनदायर्थ अथदार्थतम् अनदाड़ही हहै। C
MISSI
जिब वदेद ऐसदे कहतदा हहै तमो दस चवददेचशययों कदे कपमोलकचल्पत कमो बगुचON
भू रदे द्धमदानम् लमोग कभही नहह मदान सकतदे
और ददेवदासगुर ससंग्रदाम ममें आयर्थवत्तर्त्तीय अजिगुर्थन तथदा महदारदाजिदा दशरथ आचद; चहमदालय पहदाड़ ममें आयर्थ और दस्यगु म्लदेच्छ
असगुरयों कदा जिमो यगुद्ध हह आ थदा; उस ममें ददेव अथदार्थतम् आयर्यों ककी रकदा और असगुरयों कदे परदाजिय करनदे कमो सहदायक हह ए थदे।
इस सदे यहही चसद्ध हमोतदा हहै चक आयदार्थवत्तर्थ कदे बदाहर चदारयों ओर जिमो चहमदालय कदे पभूवर्थ आग्निदेय, दचकण, नहैटर्थत, पचश्चम,
वदायव्य, उत्तर, ईशदान ददेश ममें मनगुष्य रहतदे हमैं उन्हह कदा नदाम असगुर चसद्ध हमोतदा हहै। क्ययोंचक जिब-जिब चहमदालय
प्रददेशस्थ आयर्यों पर लड़नदे कमो चढ़दाई करतदे थदे तब-तब यहदासं कदे रदाजिदा महदारदाजिदा लमोग उन्हह उत्तर आचद ददेशयों ममें
आयर्यों कदे सहदायक हमोतदे थदे। और श्रहीरदामचन्द्र जिही सदे दचकण ममें यगुद्ध हह आ हहै। उस कदा नदाम ददेवदासगुर ससंग्रदाम नहह हहै
चकन्तगु उस कमो रदाम-रदावण अथवदा आयर्थ और रदाकसयों कदा ससंग्रदाम कहतदे हमैं।
चकसही ससंस्कक त ग्रन्थ ममें वदा इचतहदास ममें नहह चलखदा चक आयर्थ लमोग ईरदान सदे आयदे और यहदासं कदे जिङचलययों
कमो लड़कर, जिय पदाकदे, चनकदाल कदे इस ददेश कदे रदाजिदा हह ए। पगुनमः चवददेचशययों कदा लदेख मदाननहीय कहै सदे हमो सकतदा हहै ?
और—
आयर्थव दाचमो म्लदेच् छवदाचमः सवर्वे तदे दस्यवमः स्मकत दामः॥1॥
म्लदेच् छददेश स्त्वतमः परमः॥2॥ मनगु॰॥
जिमो आयदार्थवत्तर्थ ददेश सदे चभन्न ददेश हमैं वदे दस्यगुद देश और म्लदेच् छददेश कहदातदे हमैं। इस सदे भही यह चसद्ध हमोतदा हहै
चक आयदार्थवत्तर्थ सदे चभन्न पभूवर्थ ददेश सदे लदेकर ईशदान, उत्तर, वदायव्य और पचश्चम ददेशयों ममें रहनदे वदालयों कदा नदाम दस्यगु
और म्लदेच् छ तथदा असगुर हहै और नहैऋर्थत, दचकण तथदा आग्निदेय चदशदाओसं ममें आयदार्थवत्तर्थ ददेश सदे चभन्न रहनदे वदालदे
मनगुष्ययों कदा नदाम रदाकस हहै।
अब भही ददेख लमो! हबशही लमोगयों कदा स्वरूप भयसंकर जिहैसदा रदाकसयों कदा वणर्थन चकयदा हहै वहैसदा हही दहीख पड़तदा
हहै और आयदार्थवत्तर्थ ककी सभूध पर नहीचदे रहनदे वदालयों कदा नदाम नदाग और उस ददेश कदा नदाम पदातदाल इसचलयदे कहतदे हमैं चक
वह ददेश आयर्थवत्तर्त्तीय मनगुष्ययों कदे पदाद अथदार्थतम् पग कदे तलदे हहै और उन कमो नदागवसंशही अथदार्थतम् नदाग नदाम वदालदे पगुरुष कदे
वसंश कदे रदाजिदा हमोतदे थदे। उसही ककी उलमोपही रदाजिकन्यदा सदे अजिगुनर्थ कदा चववदाह हह आ थदा अथदार्थतम् इक्ष्वदाकगु सदे लदेकर कचौरव
पदाण्डव तक सवर्थ भभूगमोल ममें आयर्यों कदा रदाज्य और वदेदयों कदा थमोड़दा-थमोड़दा प्रचदार आयदार्थवत्तर्थ सदे चभन्न ददेशयों ममें भही रहदा।

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इस ममें यह प्रमदाण हहै चक ब्रह्मदा कदा पगुत्र चवरदाटम्, चवरदाटम् कदा मनगुLEKH
, मनगु कदा मरहीच्यदाचद दश इनकदे
RAM
स्वदायम्भगुवदाचद सदात रदाजिदा और उन कदे सन्तदान इक्ष्वदाकगु आचद रदाजिदा जिमो आयदार्थवVEDI
त्तर्थ कदे प्रथम रदाजिदा हहए चजिन्हयोंनदे यह
आयर्थवत्तर्थ बसदायदा हहै। अब अभदाग्यमोदय सदे और आयर्यों कदे आलस्य, प्रमदाद, परस्पर C कदे चवरमोध सदे अन्य ददेशयों कदे
MISSI
रदाज्य करनदे ककी तमो कथदा हही क्यदा कहनही चकन्तगु आयदार्थवत्तर्थ ममें भही आयर्यों कदा अखण्ड,
ON स्वतन्त्र, स्वदाधहीन, चनभर्थय
रदाज्य इस समय नहह हहै। जिमो कगु छ हहै समो भही चवददेचशययों कदे पदाददाक्रदान्त हमो रहदा हहै। कगु छ थमोड़दे रदाजिदा स्वतन्त्र हमैं। दचगु दर्थन
जिब आतदा हहै तब ददेशवदाचसययों कमो अनदेक प्रकदार कदा दमःगु ख भमोगनदा पड़तदा हहै। कमोई चकतनदा हही करदे परन्तगु जिमो
स्वददेश हीय रदाज्य हमोतदा हहै वह सवर्वो प रर उत्तम हमोतदा हहै। अथवदा मत -मतदान्तर कदे आग्रहरचहत अपनदे और
परदायदे कदा पकपदातशभून् य प्रजिदा पर चपतदा मदातदा कदे समदान कक पदा, न्यदाय और दयदा कदे सदाथ चवददेच शययों कदा
रदाज्य भही पभूण र्थ सगुख ददायक नहह हहै। परन्तगु चभन्न-चभन्न भदाषदा, पकथकम् -पकथकम् चशकदा, अलग व्यवहदार कदा चवरमोध
छभूटनदा अचत दष्गु कर हहै। चवनदा इसकदे छभूटदे परस्पर कदा पभूरदा उपकदार और अचभप्रदाय चसद्ध हमोनदा कचठन हहै। इसचलयदे जिमो
कगु छ वदेददाचद शदासयों ममें व्यवस्थदा वदा इचतहदास चलखदे हमैं उसही कदा मदान्य करनदा भद्रपगुरुषयों कदा कदाम हहै।
(प्रश्न) जिगतम् ककी उत्पचत्त ममें चकतनदा समय व्यतहीत हह आ?
(उत्तर) एक अबर्थ, छदानवमें क्रमोड़, कई लदाख और कई सहस्र वषर्थ जिगतम् ककी उत्पचत्त और वदेदयों कदे प्रकदाश
हमोनदे ममें हहए हमैं। इस कदा स्पष्ट व्यदाख्यदान मदेरही बनदाई भभूचमकदा1 ममें चलखदा हहै ददेख लहीचजियदे। इत्यदाचद प्रकदार सकचष्ट कदे
बनदानदे और बननदे ममें हमैं और यह भही हहै चक सब सदे सभूक्ष्म टगु कड़दा अथदार्थतम् जिमो कदाटदा नहह जिदातदा उस कदा नदाम परमदाणगु ,
सदाठ परमदाणगु ओ सं कदे चमलदे हह ए कदा नदाम अणगु , दमो अणगु कदा एक द्व्यणगु क जिमो स्थभूल वदायगु हहै, तहीन द्वियणगु क
कदा अचग्नि, चदार द्व्यणगु क कदा जिल, पदासंच द्व्यणगु क ककी पकच थवही अथदार्थत म् तहीन द्व्यणगु क कदा त्रसरदेणगु और
उस कदा दभू न दा हमोनदे सदे पकच थवही आचद दृश्य पददाथर्थ हमोतदे हमैं । इसही प्रकदार क्रम सदे चमलदा कर भभूगमोलदाचद परमदात्मदा नदे
बनदायदे हमैं।
(प्रश्न) इस कदा धदारण कचौन करतदा हहै। कमोई कहतदा हहै शदेष अथदार्थतम् सहस्र फण वदालदे सपर्थ कदे चशर पर
पकचथवही हहै। दस भू रदा कहतदा हहै चक बहैल कदे सहग पर, तहीसरदा कहतदा हहै चक चकसही पर नहह, चचौथदा कहतदा हहै चक वदायगु कदे
आधदार, पदासंचवदासं कहतदा हहै सभूयर्थ कदे आकषर्थण सदे खमैंचही हह ई अपनदे चठकदानदे पर चस्थत, छठदा कहतदा हहै चक पकचथवही भदारही
हमोनदे सदे नहीचदे-नहीचदे आकदाश ममें चलही जिदातही हहै इत्यदाचद ममें चकस बदात कमो सत्य मदानमें?
(उत्तर) जिमो शदेष, सपर्थ और बहैल कदे सहग पर धरही हह ई पकचथवही चस्थत बतलदातदा हहै उस कमो पभूछनदा चदाचहयदे
चक सपर्थ और बहैल कदे मदासं बदाप कदे जिन्म समय चकस पर थही? तथदा सपर्थ और बहैल आचद चकस पर हमैं? बहैल वदालदे
1
ऋग्वदेददाचदभदाष्यभभूचमकदा कदे वदेदमोत्पचत्त चवषय कमो ददेखमो।
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मगुसलमदान तमो चगुप हही कर जिदायमेंगदे। परन्तगु सपर्थ वदालदे कहमेंगदे चक सपर्थ कभू मर्थ पर, कभूLEKH
मर्थ जिल पर, जिल अचग्नि पर, अचग्नि
RAM
वदायगु पर, वदायगु आकदाश ममें ठहरदा हहै। उन सदे पभूछनदा चदाचहयदे चक सब चकस पर हमैंVEDI ? तमो अवश्य कहमेंगदे परमदेश्वर पर।
जिब उन सदे कमोई पभूछदेगदा चक शदेष और बहैल चकस कदा बच्चिदा हहै ? कहमेंगदे शदेष कश्यप C कद्रभू और बहैल गदाय कदा। कश्यप
MISSI
मरहीचही, मरहीचही मनगु, मनगु चवरदाटम्, चवरदाटम् ब्रह्मदा कदा पगुत्र, ब्रह्मदा आचद सकचष्ट कदा थदा
ON । जिब शदेष कदा जिन्म हही नहह हह आ
थदा उसकदे पहलदे पदासंच पहीढ़ही हमो चगुककी हमैं तब चकस नदे धदारण ककी थही? अथदार्थतम् कश्यप कदे जिन्म समय ममें पकचथवही चकस
पर थही? तमो ‘तदेरही चगुप मदेरही भही चगुप’ और लड़नदे लग जिदायमेंगदे।
इस कदा सच्चिदा अचभप्रदाय यह हहै चक जिमो ‘बदाककी’ रहतदा हहै उस कमो शदेष कहतदे हमैं। समो चकसही कचव नदे
‘शदेष दाधदारदा पकच थवहीत्यगु क्त मम्’ ऐसदा कहदा चक शदेष कदे आधदार पकचथवही हहै। दस
भू रदे नदे उसकदे अचभप्रदाय कमो न समझ कर
सपर्थ ककी चमथ्यदा कल्पनदा कर लही। परन्तगु चजिसचलयदे परमदेश्वर उत्पचत्त और प्रलय सदे बदाककी अथदार्थतम् पकथकम् रहतदा हहै
इसही सदे उस कमो ‘शदेष’ कहतदे हमैं और उसही कदे आधदार पकचथवही हहै—
सत्यदेन मोत्तचभतदा भभूच ममः॥
—यह ऋग्वदेद कदा वचन हहै।
(सत्य) अथदार्थतम् जिमो त्रहैकदाल्यदाबदाध्य चजिसकदा कभही नदाश नहह हमोतदा उस परमदेश्वर नदे भभूचम, आचदत्य और
सब लमोकयों कदा धदारण चकयदा हहै।
उकदा ददाधदार पकच थवहीमगुत ददामम्॥
—यह भही ऋग्वददे कदा वचन हहै।
इसही (उकदा) शब्द कमो ददेख कर चकसही नदे बहैल कदा ग्रहण चकयदा हमोगदा। क्ययोंचक उकदा बहैल कदा भही नदाम हहै।
परन्तगु उस मभूढ़ कमो यह चवचदत न हह आ चक इतनदे बड़दे भभूगमोल कदे धदारण करनदे कदा सदामथ्यर्थ बहैल ममें कहदासं सदे आवदेगदा!
इसचलयदे उकदा वषदार्थ द्विदारदा भभूगमोल कदे सदेचन करनदे सदे सभूय र्थ कदा नदाम हहै। उस नदे अपनदे आकषर्थण सदे पकचथवही कमो धदारण
चकयदा हहै। परन्तगु सभूयदार्थचद कदा धदारण करनदे वदालदा चवनदा परमदेश्वर कदे दस भू रदा कमोई भही नहह हहै।
(प्रश्न) इतनदे-इतनदे बड़दे भभूगमोलयों कमो परमदेश्वर कहै सदे धदारण कर सकतदा हमोगदा?
(उत्तर) जिहैसदे अनन्त आकदाश कदे सदामनदे बड़दे-बड़दे भभूगमोल कगु छ भही अथदार्थतम् समगुद्र कदे आगदे जिल कदे छमोटदे
कण कदे तगुल्य भही नहह हमैं वहैसदे अनन्त परमदेश्वर कदे सदामनदे अससंख्यदात लमोक एक परमदाणगु कदे तगुल्य भही नहह कह
सकतदे। वह बदाहर भहीतर सवर्थत्र व्यदापक अथदार्थतम् ‘चवभभूमः प्रजिदासगु’ यह यजिगुवर्वेद कदा वचन हहै—वह परमदात्मदा सब

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प्रजिदाओसं ममें व्यदापक हमोकर सब कदा धदारण कर रहदा हहै। जिमो वह ईसदाई मगुसलमदानLEKH पगुरदाचणययों कदे कथनदानगुसदार चवभभू न
RAM
हमोतदा तमो इस सब सकचष्ट कदा धदारण कभही नहह कर सकतदा क्ययोंचक चवनदा प्रदाचप्त VEDI कदे चकसही कमो कमोई धदारण नहह कर
सकतदा। C
MISSI
कमोई कहहै चक यदे सब लमोक परस्पर आकषर्थण सदे धदाररत हयोंगदे पगुनमः परमदेश्ON
वर कदे धदारण करनदे ककी क्यदा अपदेकदा
हहै? उन कमो यह उत्तर ददेनदा चदाचहयदे चक यह सकचष्ट अनन्त हहै वदा सदान्त? जिमो अनन्त कहमैं तमो आकदार वदालही वस्तगु
अनन्त कभही नहह हमो सकतही और जिमो सदान्त कहमैं तमो उन कदे पर भदाग सहीमदा अथदार्थतम् चजिस कदे परदे कमोई भही दस भू रदा
लमोक नहह हहै वहदासं चकस कदे आकषर्थण सदे धदारण हमोगदा? जिहैसदे समचष्ट और व्यचष्ट अथदार्थतम् जिब सब समगुददाय कदा नदाम
वन रखतदे हमैं तमो समचष्ट कहदातदा हहै और एक-एक वककदाचद कमो चभन्न-चभन्न गणनदा करमें तमो व्यचष्ट कहदातदा हहै, वहैसदे सब
भभूगमोलयों कमो समचष्ट चगन कर जिगतम् कहमैं तमो सब जिगतम् कदा धदारण और आकषर्थण कदा कत्तदार्थ चवनदा परमदेश्वर कदे दस भू रदा
कमोई भही नहह। इसचलए जिमो सब जिगतम् कमो रचतदा हहै वहही—
स ददाधदार पकच थवहीमगुत ददामम्॥
—यह यजिगुवर्वेद कदा वचन हहै।
जिमो पकचथव्यदाचद प्रकदाशरचहत लमोकदालमोकदान्तर पददाथर्थ तथदा सभूयदार्थचद प्रकदाशसचहत लमोक और पददाथर्यों कदा रचन
धदारण परमदात्मदा करतदा हहै। जिमो सब ममें व्यदापक हमो रहदा हहै, वहही सब जिगतम् कदा कत्तदार्थ और धदारण करनदे वदालदा हहै।
(प्रश्न) पकचथव्यदाचद लमोक घभूमतदे हमैं वदा चस्थर?
(उत्तर) घभूमतदे हमैं।
(प्रश्न) चकतनदे हही लमोग कहतदे हमैं चक सभूयर्थ घभूमतदा हहै और पकचथवही नहह घभूमतही। द स
भू रदे कहतदे हमैं चक पकचथवही
घभूमतही हहै सभूयर्थ नहह घभूमतदा। इसममें सत्य क्यदा मदानदा जिदाय?
(उत्तर) यदे दमोनयों आधदे झभूठदे हमैं क्ययोंचक वदेद ममें चलखदा हहै चक—
आयसं गचौमः पकच श्नरक्रमहीदसदन्मदातरसं पगुर मः। चपतरसं च प्रयन्त्स्वमः॥
—यजिगुमः॰ अ॰ 3। मसं॰ 6॥
अथदार्थतम् यह भभूगमोल जिल कदे सचहत सभूयर्थ कदे चदारयों ओर घभूमतदा जिदातदा हहै इसचलयदे भभूचम घभूमदा करतही हहै।
आ कक ष्णदेन रजिसदा वत्त्मदार्थन मो चनवदेश यन्नमकत सं मत्यर्वं च।
चहरण्ययदेन सचवतदा रथदेन दा ददेव मो यदाचत भगुव नदाचन पश्यनम्॥
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—यजिगुमः॰ अ॰ 33। मसं॰ 43॥
LEKH
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जिमो सचवतदा अथदार्थतम् सभूयर्थ वषदार्थचद कदा कत्तदार्थ, प्रकदाशस्वरूप, तदेजिमोमय,VEDI
रमणहीयस्वरूप कदे सदाथ वत्तर्थमदान;
सब प्रदाणही अप्रदाचणययों ममें अमकतरूप वकचष्ट वदा चकरण द्विदारदा अमकत कदा प्रवदेश करदा C और सब मभूचतर्थमदानम् द्रव्ययों कमो
MISSI
चदखलदातदा हह आ सब लमोकयों कदे सदाथ आकषर्थण गगुण सदे सह वत्तर्थमदान; अपनही पररचध ON ममें घभूमतदा रहतदा हहै चकन्तगु चकसही
लमोक कदे चदारयों ओर नहह घभूमतदा। वहैसदे हही एक-एक ब्रह्मदाण्ड ममें एक सभूयर्थ प्रकदाशक और दस
भू रदे सब लमोकलमोकदान्तर
प्रकदाश्य हमैं। जिहैसदे—
चदचव समोममो अचध चश्रतमः॥ —अथवर्थ॰ कदासं॰ 14। अनगु॰ 1। मसं॰ 1॥
जिहैसदे यह चन्द्रलमोक सभूयर्थ सदे प्रकदाचशत हमोतदा हहै वहैसदे हही पकचथव्यदाचद लमोक भही सभूयर्थ कदे प्रकदाश हही सदे प्रकदाचशत
हमोतदे हमैं। परन्तगु रदात और चदन सवर्थददा वत्तर्थमदान रहतदे हमैं क्ययोंचक पकचथव्यदाचद लमोक घभूम कर चजितनदा भदाग सभूयर्थ कदे सदामनदे
आतदा हहै उतनदे ममें चदन और चजितनदा पकष्ठि ममें अथदार्थतम् आड़ ममें हमोतदा जिदातदा हहै उतनदे ममें रदात। अथदार्थतम् उदय, अस्त,
सन्ध्यदा, मध्यदाह, मध्यरदाचत्र आचद चजितनदे कदालदावयव हमैं वदे ददेशददेशदान्तरयों ममें सददा वत्तर्थमदान रहतदे हमैं अथदार्थतम् जिब
आयदार्थवत्तर्थ ममें सभूयर्वोदय हमोतदा हहै उस समय पदातदाल अथदार्थतम् ‘अमदेररकदा’ ममें अस्त हमोतदा हहै और जिब आयदार्थवत्तर्थ ममें अस्त
हमोतदा हहै तब पदातदाल ददेश ममें उदय हमोतदा हहै। जिब आयदार्थवत्तर्थ ममें मध्य चदन वदा मध्य रदात हहै उसही समय पदातदाल ददेश ममें
मध्य रदात और मध्य चदन रहतदा हहै।
जिमो लमोग कहतदे हमैं चक सभूयर्थ घभूमतदा और पकचथवही नहह घभूमतही वदे सब अज हमैं। क्ययोंचक जिमो ऐसदा हमोतदा तमो कई
सहस्र वषर्थ कदे चदन और रदात हमोतदे। अथदार्थतम् सभूयर्थ कदा नदाम (ब्रध्नमः) हहै। यह पकचथवही सदे लदाखयों गगुणदा बड़दा और क्रमोड़यों
कमोश दरभू हहै। जिहैसदे रदाई कदे सदामनदे पहदाड़ घभूमदे तमो बहह त ददेर लगतही और रदाई कदे घभूमनदे ममें बहह त समय नहह लगतदा वहैसदे
हही पकचथवही कदे घभूमनदे सदे यथदायमोग्य चदन रदात हमोतदे हमैं सभूयर्थ कदे घभूमनदे सदे नहह।
जिमो सभूयर्थ कमो चस्थर कहतदे हमैं वदे भही ज्यमोचतचवर्थददाचवतम् नहह। क्ययोंचक यचद सभूयर्थ न घभूमतदा हमोतदा तमो एक रदाचश
स्थदान सदे दस
भू रही रदाचश अथदार्थतम् स्थदान कमो प्रदाप्त न हमोतदा। और गगुरु पददाथर्थ चवनदा घभूमदे आकदाश ममें चनयत स्थदान पर
कभही नहह रह सकतदा।
और जिमो जिहैनही कहतदे हमैं चक पकचथवही घभूमतही नहह चकन्तगु नहीचदे -नहीचदे चलही जिदातही हहै और दमो सभूयर्थ और दमो चन्द्र
कदे वल जिम्बभूद्विहीप ममें बतलदातदे हमैं वदे तमो गहरही भदासंग कदे नशदे ममें चनमग्नि हमैं। क्ययों? जिमो नहीचदे-नहीचदे चलही जिदातही तमो चदारयों
ओर वदायगु कदे चक्र न बननदे सदे पकचथवही चछन्न चभन्न हमोतही और चनम्न स्थलयों ममें रहनदे वदालयों कमो वदाय गु कदा स्पशर्थ न हमोतदा।
नहीचदे वदालयों कमो अचधक हमोतदा और एक सही वदायगु ककी गचत हमोतही।

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दमो सभूयर्थ चन्द्र हमोतदे तमो रदात और कक ष्णपक कदा हमोनदा हही नष्ट भ्रष्ट हमोतदा LEKH
हहै। इसचलयदे एक भभूचम कदे पदास एक
RAM
चन्द्र, और अनदेक चन्द्र, अनदेक भभूचमययों कदे मध्य ममें एक सभूयर्थ रहतदा हहै। VEDI
C
(प्रश्न) सभूयर्थ चन्द्र और तदारदे क्यदा वस्तगु हमैं और उनममें मनगुष्यदाचद सकचष्ट MISSI
हहै वदा नहह?
ON
(उत्तर) यदे सब भभूगमोल लमोक और इनममें मनगुष्यदाचद प्रजिदा भही रहतही हमैं क्ययोंचक—
एतदेष गु हहीदसं सवर्वं वसगुच हतमदेत दे हहीदसं सवर्वं वदासयन्तदे तदचददसं सवर्वं वदासयन्तदे तस्मदाद म् वसव
इचत॥ —शत॰ कदा॰ 14॥
पकचथवही, जिल, अचग्नि, वदाय,गु आकदाश, चन्द्र, नकत्र और सभूयर्थ इन कदा वसगु नदाम इसचलयदे हहै चक इन्हह ममें
सब पददाथर्थ और प्रजिदा वसतही हमैं और यदे हही सब कमो वसदातदे हमैं। चजिस चलयदे वदास कदे चनवदास करनदे कदे घर हमैं इसचलयदे
इन कदा नदाम वसगु हहै। जिब पकचथवही कदे समदान सभूयर्थ चन्द्र और नकत्र वसगु हमैं पश्चदातम् उन ममें इसही प्रकदार प्रजिदा कदे हमोनदे ममें
क्यदा सन्ददेह? और जिहैसदे परमदेश्वर कदा यह छमोटदा सदा लमोक मनगुष्यदाचद सकचष्ट सदे भरदा हह आ हहै तमो क्यदा यदे सब लमोक
शभून्य हयोंगदे? परमदेश्वर कदा कमोई भही कदाम चनष्प्रयमोजिन नहह हमोतदा तमो क्यदा इतनदे अससंख्य लमोकयों ममें मनगुष्यदाचद सकचष्ट न
हमो तमो सफल कभही हमो सकतदा हहै? इसचलयदे सवर्थत्र मनगुष्यदाचद सकचष्ट हहै।
(प्रश्न) जिहैसदे इस ददेश ममें मनगुष्यदाचद सकचष्ट ककी आकक चत अवयव हमैं वहैसदे हही अन्य लमोकयों ममें हमोगही वदा
चवपरहीत?
(उत्तर) कगु छ-कगु छ आकक चत ममें भदेद हमोनदे कदा सम्भव हहै। जिहैसदे इस ददेश ममें चहीनदे , हबशही और आयदार्थवत्तर्थ,
यभूरमोप ममें अवयव और रङ रूप आकक चत कदा भही थमोड़दा-थमोड़दा भदेद हमोतदा हहै इसही प्रकदार लमोकलमोकदान्तरयों ममें भही भदेद
हमोतदे हमैं। परन्तगु चजिस जिदाचत ककी जिहैसही सकचष्ट इस ददेश ममें हहै वहैसही जिदाचत हही ककी सकचष्ट अन्य लमोकयों ममें भही हहै। चजिस-चजिस
शरहीर कदे प्रददेश ममें नदेत्रदाचद अङ हमैं उसही-उसही प्रददेश ममें लमोकदान्तर ममें भही उसही जिदाचत कदे अवयव भही वहैसदे हही हमोतदे हमैं।
क्ययोंचक—
सभूय दार्थच न्द्रमसचौ धदातदा यथदापभूव र्थम कल्पयतम्।
चदवसं च पकच थवह चदान्तररकमथमो स्वमः॥ —ऋ॰ मसं॰ 10। सभू॰ 190॥
धदातदा परमदात्मदा (नदे) चजिस प्रकदार कदे सभूयर्थ, चन्द्र, दचौ, भभूचम, अन्तररक और तत्रस्थ सगुख चवशदेष पददाथर्थ
पभूवर्थकल्प ममें रचदे थदे वहैसदे हही इस कल्प अथदार्थतम् इस सकचष्ट ममें रचदे हमैं तथदा सब लमोक लमोकदान्तरयों ममें भही बनदायदे गयदे हमैं।
भदेद चकचञ्चत्मदात्र नहह हमोतदा।

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(प्रश्न) चजिन वदेदयों कदा इस लमोक ममें प्रकदाश हहै उन्हह कदा उन लमोकयों ममेंLEKH
भही प्रकदाश हहै वदा नहह?
RAM
(उत्तर) उन्हह कदा हहै। जिहैसदे एक रदाजिदा ककी रदाज्यव्यवस्थदा नहीचत सब VEDI ददेशयों ममें समदान हमोतही हहै उसही प्रकदार
C
परमदात्मदा रदाजिरदाजिदेश्वर ककी वदेदमोक्त नहीचत अपनदे सकचष्टरूप सब रदाज्य ममें एक सही हहैMISSI

ON
(प्रश्न) जिब यदे जिहीव और प्रकक चतस्थ तत्त्व अनदाचद और ईश्वर कदे बनदायदे नहह हमैं तमो ईश्वर कदा अचधकदार
भही इन पर न हमोनदा चदाचहयदे क्ययोंचक सब स्वतन्त्र हह ए?
(उत्तर) जिहैसदे रदाजिदा और प्रजिदा समकदाल ममें हमोतदे हमैं और रदाजिदा कदे आधहीन प्रजिदा हमोतही हहै वहैसदे हही परमदेश्वर
कदे आधहीन जिहीव और जिड़ पददाथर्थ हमैं। जिब परमदेश्वर सब सकचष्ट कदा बनदानदे, जिहीवयों कदे कमर्थफलयों कदे ददेनदे, सब कदा
यथदावतम् रकक और अनन्त सदामथ्यर्थ वदालदा हहै तमो अल्प सदामथ्यर्थ भही और जिड़ पददाथर्थ उसकदे आधहीन क्ययों न हयों?
इसचलए जिहीव कमर्थ करनदे ममें स्वतन्त्र परन्तगु कमर्यों कदे फल भमोगनदे ममें ईश्वर ककी व्यवस्थदा सदे परतन्त्र हमैं। वहैसदे
हही सवर्थशचक्तमदानम् सकचष्ट, ससंहदार और पदालन सब चवश्व कदा कत्तदार्थ हहै।
इसकदे आगदे चवददा, अचवददा, बन्ध और ममोक चवषय ममें चलखदा जिदायदेगदा। यह आठवदासं समगुलदास पभूरदा हह आ।
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे
सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे सकष् टगु त् पचत्तचस्थचतप्रलयचवषयदे
अष्टममः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥8॥

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अथ नवमसमगुल दासदारम्भमः
अथ चवददाऽचवददाबन्धममोकचवषयदानम् व्यदाख्यदास्यदाममः

चवददासं चदाचवददासं च यस्तद्विदेद मोभयसं सह।


अचवदयदा मकत् यगु सं तहीत्वदार्थ चवदयदामकत मश्नगुत ॥दे
—यजिगुमः॰ अ॰ 40। मसं॰ 14॥
जिमो मनगुष्य चवददा और अचवददा कदे स्वरूप कमो सदाथ हही सदाथ जिदानतदा हहै वह अचवददा अथदार्थतम् कमर्वोपदासनदा सदे
मकत्यगु कमो तर कदे चवददा अथदार्थतम् यथदाथर्थ जदान सदे ममोक कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै। अचवददा कदा लकण—
अचनत्यदाशगुच चद गुमः खदानदात्मसगु चनत्यशगुच चसगुख दात्मख्यदाचतरचवददा॥
—यह यमोगसभूत्र कदा वचन हहै।
जिमो अचनत्य ससंसदार और ददेहदाचद ममें चनत्य अथदार्थतम् जिमो कदायर्थ जिगतम् ददेखदा, सगुनदा जिदातदा हहै सददा रहदेगदा, सददा सदे
हहै और यमोगबल सदे यहही ददेवयों कदा शरहीर सददा रहतदा हहै वहैसही चवपरहीत बगुचद्ध हमोनदा अचवददा कदा प्रथम भदाग हहै।
अशगुचच अथदार्थतम् मलमय स्त्र्यदाचद कदे शरहीर और चमथ्यदाभदाषण, चमोरही आचद अपचवत्र ममें पचवत्र बगुचद्ध। दसभू रदा,
अत्यन्त चवषयसदेवनरूप दमःगु ख ममें सगुखबगुचद्ध आचद तहीसरदा, अनदात्मदा ममें आत्मबगुचद्ध करनदा अचवददा कदा चचौथदा भदाग हहै।
यह चदार प्रकदार कदा चवपरहीत जदान अचवददा कहदातही हहै।
इस कदे चवपरहीत अथदार्थतम् अचनत्य ममें अचनत्य और चनत्य ममें चनत्य, अपचवत्र ममें अपचवत्र और पचवत्र ममें पचवत्र,
दमःगु ख ममें दमःगु ख, सगुख ममें सगुख, अनदात्मदा ममें अनदात्मदा और आत्मदा ममें आत्मदा कदा जदान हमोनदा चवददा हहै। अथदार्थतम् ‘वदेच त्त
यथदावतम् तत्त् व सं पददाथर्थस् वरूपसं ययदा सदा चवददा। ययदा तत्त् व स्वरूपसं न जिदानदाचत भ्रमदादन्यचस्मन्नन्यचन्नचश्चनमोचत
सदाऽचवददा।’ चजिस सदे पददाथर्यों कदा यथदाथर्थ स्वरूप बमोध हमोवदे वह चवददा और चजिस सदे तत्त्वस्वरूप न जिदान पड़दे अन्य
ममें अन्य बगुचद्ध हमोवदे वह अचवददा कहदातही हहै। अथदार्थतम् कमर्थ और उपदासनदा अचवददा इसचलयदे हहै चक यह बदाह्य और
अन्तर चक्रयदाचवशदेष नदाम हहै जदानचवशदेष नहह। इसही सदे मन्त्र ममें कहदा हहै चक चवनदा शगुद्ध कमर्थ और परमदेश्वर ककी उपदासनदा
कदे मकत्यगु दमःगु ख सदे पदार कमोई नहह हमोतदा। अथदार्थतम् पचवत्र कमर्थ, पचवत्रमोपदासनदा और पचवत्र जदान हही सदे मगुचक्त और
अपचवत्र चमथ्यदाभदाषणदाचद कमर्थ पदाषदाणमभूत्यदार्थचद ककी उपदासनदा और चमथ्यदाजदान सदे बन्ध हमोतदा हहै।
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः नवममः समगुल दासमः
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कमोई भही मनगुष्य कणमदात्र भही कमर्थ, उपदासनदा और जदान सदे रचहत नहह हमोतदा। इसचलयदे धमर्थयक्त
गु
सत्यभदाषणदाचद कमर्थ करनदा और चमथ्यदाभदाषणदाचद अधमर्थ कमो छमोड़ ददेनदा हही मगुचक्त कदा सदाधन हहै।
(प्रश्न) मगुचक्त चकस कमो प्रदाप्त नहह हमोतही?
(उत्तर) जिमो बद्ध हहै!
(प्रश्न) बद्ध कचौन हहै?
(उत्तर) जिमो अधमर्थ अजदान ममें फसंसदा हह आ जिहीव हहै।
(प्रश्न) बन्ध और ममोक स्वभदाव सदे हमोतदा हहै वदा चनचमत्त सदे?
(उत्तर) चनचमत्त सदे। क्ययोंचक जिमो स्वभदाव सदे हमोतदा तमो बन्ध और मगुचक्त ककी चनवकचत्त कभही नहह हमोतही।
(प्रश्न) न चनरमोधमो न चमोत्पचत्तनर्थ बद्धमो न च सदाधकमः।
न मगुम गुक गुन र्थ वहै मगुच क्तररत्यदेष दा परमदाथर्थत दा॥
—यह श्लमोक मदाण्डभू क्यमोपचनषतम् पर हहै।
जिहीव ब्रह्म हमोनदे सदे वस्तगुतमः जिहीव कदा चनरमोध अथदार्थतम् न कभही आवरण ममें आयदा, न जिन्म लदेतदा, न बन्ध हहै
और न सदाधक अथदार्थतम् न कगु छ सदाधनदा करनदेहदारदा हहै। न छभू टनदे ककी इच्छदा करतदा और न इस ककी कभही मगुचक्त हहै
क्ययोंचक जिब परमदाथर्थ सदे बन्ध हही नहह हह आ तमो मगुचक्त क्यदा?
(उत्तर) यह नवहीन वदेददाचन्तययों कदा कहनदा सत्य नहह। क्ययोंचक जिहीव कदा स्वरूप अल्प हमोनदे सदे आवरण ममें
आतदा, शरहीर कदे सदाथ प्रकट हमोनदे रूप जिन्म लदेतदा, पदापरूप कमर्यों कदे फल भमोगरूप बन्धन ममें फसंसतदा, उस कदे
छगु ड़दानदे कदा सदाधन करतदा, दमःगु ख सदे छभूटनदे ककी इच्छदा करतदा और दमःगु खयों सदे छभूट कर परमदानन्द परमदेश्वर कमो प्रदाप्त
हमोकर मगुचक्त कमो भही भमोगतदा हहै।
(प्रश्न) यदे सब धमर्थ ददेह और अन्तमःकरण कदे हमैं। जिहीव कदे नहह। क्ययोंचक जिहीव तमो पदाप पगुण्य सदे रचहत
सदाकहीमदात्र हहै। शहीतमोष्णदाचद शरहीरदाचद कदे धमर्थ हमैं आत्मदा चनलर्वेप हहै।
(उत्तर) ददेह और अन्तमःकरण जिड़ हमैं उन कमो शहीतमोष्ण प्रदाचप्त और भमोग नहह हहै। जिहैसदे पत्थर कमो शहीत
और उष्ण कदा भदान वदा भमोग नहह हहै। जिमो चदेतन मनगुष्यदाचद प्रदाणही उसकदा स्पशर्थ करतदा हहै उसही कमो शहीत उष्ण कदा भदान
और भमोग हमोतदा हहै। वहैसदे प्रदाण भही जिड़ हमैं। न उन कमो भभूख न चपपदासदा चकन्तगु प्रदाण वदालदे जिहीव कमो कगुधदा, तकषदा लगतही
हहै। वहैसदे हही मन भही जिड़ हहै। न उस कमो हषर्थ , न शमोक हमो सकतदा हहै चकन्तगु मन सदे हषर्थ, शमोक, दमःगु ख, सगुख कदा भमोग
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जिहीव करतदा हहै। जिहैसदे बचहष्करण श्रमोत्रदाचद इचन्द्रययों सदे अच्छदे बगुरदे शब्ददाचद चवषययों कदा ग्रहण करकदे जिहीव सगुखही दमःगु खही
हमोतदा हहै वहैसदे हही अन्तमःकरण अथदार्थतम् मन, बगुचद्ध, चचत्त, अहङदार सदे सङल्प, चवकल्प, चनश्चय, स्मरण और
अचभमदान कदा करनदे वदालदा दण्ड और मदान्य कदा भदागही हमोतदा हहै।
जिहैसदे तलवदार सदे मदारनदे वदालदा दण्डनहीय हमोतदा हहै तलवदार नहह हमोतही वहैसदे हही ददेहदेचन्द्रय अन्तमःकरण और
प्रदाणरूप सदाधनयों सदे अच्छदे बगुरदे कमर्यों कदा कत्तदार्थ जिहीव सगुख दमःगु ख कदा भमोक्तदा हहै। जिहीव कमर्यों कदा सदाकही नहह, चकन्तगु
कत्तदार्थ भमोक्तदा हहै। कमर्यों कदा सदाकही तमो एक अचद्वितहीय परमदात्मदा हहै। जिमो कमर्थ करनदे वदालदा जिहीव हहै वहही कमर्यों ममें चलप्त हमोतदा
हहै वह ईश्वर सदाकही नहह।
(प्रश्न) जिहीव ब्रह्म कदा प्रचतचबम्ब हहै। जिहैसदे दपर्थण कदे टभू टनदे फभू टनदे सदे चबम्ब ककी कगु छ हदाचन नहह हमोतही, इसही
प्रकदार अन्तमःकरण ममें ब्रह्म कदा प्रचतचबम्ब जिहीव तब तक हहै चक जिब तक वह अन्तमःकरणमोपदाचध हहै। जिब अन्तमःकरण
नष्ट हमो गयदा तब जिहीव मगुक्त हहै।
(उत्तर) यह बदालकपन ककी बदात हहै। क्ययोंचक प्रचतचबम्ब सदाकदार कदा सदाकदार ममें हमोतदा हहै। जिहैसदे मगुख और
दपर्थण आकदार वदालदे हमैं और पकथकम् भही हमैं जिमो पकथकम् न हमो तमो भही प्रचतचबम्ब नहह हमो सकतदा। ब्रह्म चनरदाकदार ,
सवर्थव्यदापक हमोनदे सदे उस कदा प्रचतचबम्ब हही नहह हमो सकतदा।
(प्रश्न) ददेखमो! गम्भहीर स्वच्छ जिल ममें चनरदाकदार और व्यदापक आकदाश कदा आभदास पड़तदा हहै। इसही प्रकदार
स्वच्छ अन्तमःकरण ममें परमदात्मदा कदा आभदास हहै। इसचलयदे इस कमो चचददाभदास कहतदे हमैं।
(उत्तर) यह बदालबगुचद्ध कदा चमथ्यदा प्रलदाप हहै। क्ययोंचक आकदाश दृश्य नहह तमो उस कमो आसंख सदे कमोई भही
क्ययोंकर ददेख सकतदा हहै।
(प्रश्न) यह जिमो ऊपर कमो नहीलदा और धभूसंधलदापन दहीखतदा हहै वह आकदाश नहीलदा दहीखतदा हहै वदा नहह?
(उत्तर) नहह।
(प्रश्न) तमो वह क्यदा हहै?
(उत्तर) अलग-अलग पकचथवही, जिल और अचग्नि कदे त्रसरदेणगु दहीखतदे हमैं।
उस ममें जिमो नहीलतदा दहीखतही हहै वह अचधक जिल जिमो चक वषर्थतदा हहै समो वहही नहील ; जिमो धभूसंधलदापन दहीखतदा हहै
वह पकचथवही सदे धभूलही उड़कर वदायगु ममें घभूमतही हहै वह दहीखतही और उसही कदा प्रचतचबम्ब जिल वदा दपर्थण ममें दहीखतदा हहै
आकदाश कदा कभही नहह।

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(प्रश्न) जिहैसदे घटदाकदाश, मठदाकदाश, मदेघदाकदाश और महददाकदाश कदे भदेद व्यवहदार ममें हमोतदे हमैं वहैसदे हही ब्रह्म
कदे ब्रह्मदाण्ड और अन्तमःकरण उपदाचध कदे भदेद सदे ईश्वर और जिहीव नदाम हमोतदा हहै। जिब घटदाचद नष्ट हमो जिदातदे हमैं तब
महदाकदाश हही कहदातदा हहै।
(उत्तर) यह भही बदात अचवद्विदानयों ककी हहै। क्ययोंचक आकदाश कभही चछन्न-चभन्न नहह हमोतदा। व्यवहदार ममें भही
‘घड़दा लदाओ’ इत्यदाचद व्यवहदार हमोतदे हमैं। कमोई नहह कहतदा चक घड़दे कदा आकदाश लदाओ। इसचलयदे यह बदात ठहीक नहह।
(प्रश्न) जिहैसदे समगुद्र कदे बहीच ममें मच्छही, ककीड़दे और आकदाश कदे बहीच ममें पकही आचद घभूमतदे हमैं वहैसदे हही
चचददाकदाश ब्रह्म ममें सब अन्तमःकरण घभूमतदे हमैं। वदे स्वयसं तमो जिड़ हमैं परन्तगु सवर्थव्यदापक परमदात्मदा ककी सत्तदा सदे जिहैसदा चक
अचग्नि सदे लमोहदा; वहैसदे चदेतन हमो रहदे हमैं। जिहैसदे वदे चलतदे चफरतदे और आकदाश तथदा ब्रह्म चनश्चल हहै वहैसदे जिहीव कमो ब्रह्म
मदाननदे ममें कमोई दमोष नहह आतदा।
(उत्तर) यह भही तगुम्हदारदा दृष्टदान्त सत्य नहह क्ययोंचक जिमो सवर्थव्यदापही ब्रह्म अन्तमःकरणयों ममें प्रकदाशमदान हमोकर
जिहीव हमोतदा हहै तमो सवर्थजदाचद गगुण उस ममें हमोतदे हमैं वदा नहह? जिमो कहमो चक आवरण हमोनदे सदे सवर्थजतदा नहह हमोतही तमो कहमो
चक ब्रह्म आवकत्त और खचण्डत हहै वदा अखचण्डत? जिमो कहमो चक अखचण्डत हहै तमो बहीच ममें कमोई पड़ददा नहह डदाल
सकतदा। जिब पड़ददा नहह तमो सवर्थजतदा क्ययों नहह? जिमो कहमो चक अपनदे स्वरूप कमो भभूलकर अन्तमःकरण कदे सदाथ
चलतदा सदा हहै स्वरूप सदे नहह? जिब स्वयसं नहह चलतदा तमो अन्तमःकरण चजितनदा-चजितनदा पभूवर्थ प्रदाप्त ददेश छमोड़तदा और
आगदे-आगदे जिहदासं-जिहदासं सरकतदा जिदायदेगदा वहदासं-वहदासं कदा ब्रह्म भ्रदान्त; अजदानही हमोतदा जिदायदेगदा और चजितनदा-चजितनदा
छभूटतदा जिदायदेगदा वहदासं-वहदासं जदानही, पचवत्र और मगुक्त हमोतदा जिदायदेगदा। इसही प्रकदार सवर्थत्र सकचष्ट कदे ब्रह्म कमो अन्तमःकरण
चबगदाड़दा करमेंगदे और बन्ध मगुचक्त भही कण-कण ममें हहआ करदेगही। तगुम्हदारदे कहदे प्रमदाणदे जिमो वहैसदा हमोतदा तमो चकसही जिहीव कमो
पभूवर्थ ददेखदे सगुनदे कदा स्मरण न हमोतदा क्ययोंचक चजिस ब्रह्म नदे ददेखदा वह नहह रहदा इसचलयदे ब्रह्म जिहीव , जिहीव ब्रह्म एक कभही
नहह हमोतदा; सददा पकथकम् -पकथकम् हमैं।
(प्रश्न) यह सब अध्यदारमोपमदात्र हहै अथदार्थतम् अन्य वस्तगु ममें अन्य वस्तगु कदा स्थदापन करनदा अध्यदारमोप
कहदातदा हहै। वहैसदे हही ब्रह्म वस्तगु ममें सब जिगतम् और इस कदे व्यवहदार कदा अध्यदारमोप करनदे सदे चजिजदासगु कमो बमोध करदानदा
हमोतदा हहै वदास्तव ममें सब ब्रह्म हही हहै।
(प्रश्न) अध्यदारमोप कदा करनदे वदालदा कचौन हहै?
(उत्तर) जिहीव।
(प्रश्न) जिहीव चकस कमो कहतदे हमो?

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(उत्तर) अन्तमःकरणदावचच्छन्न चदेतन कमो।


(प्रश्न) अन्तमःकरणदावचच्छन्न चदेतन दस
भू रदा हहै वदा वहही ब्रह्म?
(उत्तर) वहही ब्रह्म हहै।
(प्रश्न) तमो क्यदा ब्रह्म हही नदे अपनदे ममें जिगतम् ककी झभूठही कल्पनदा कर लही?
(उत्तर) हमो, ब्रह्म ककी इससदे क्यदा हदाचन?
(प्रश्न) जिमो चमथ्यदा कल्पनदा करतदा हहै क्यदा वह झभूठह दा नहह हमोतदा?
(उत्तर) नहह। क्ययोंचक जिमो मन, वदाणही सदे कचल्पत वदा कचथत हहै वह सब झभूसंठदा हहै।
(प्रश्न) चफर मन वदाणही सदे झभूठही कल्पनदा करनदे और चमथ्यदा बमोलनदे वदालदा ब्रह्म कचल्पत और चमथ्यदावदादही
हह आ वदा नहह?
(उत्तर) हमो, हम कमो इष्टदापचत्त हहै।
वदाह रदे झभूठदे वदेददाचन्तयमो! तगुम नदे सत्यस्वरूप, सत्यकदाम, सत्यसङल्प परमदात्मदा कमो चमथ्यदाचदारही कर
चदयदा। क्यदा यह तगुम्हदारही दगगु र्थचत कदा कदारण नहह हहै ? चकस उपचनषतम्, सभूत्र वदा वदेद ममें चलखदा हहै चक परमदेश्वर
चमथ्यदासङल्प और चमथ्यदावदादही हहै? क्ययोंचक जिहैसदे चकसही चमोर नदे कमोतवदाल कमो दण्ड चदयदा अथदार्थतम् ‘उलचट चमोर
कमोतवदाल कमो दण्डदे’ इस कहदानही कदे सदृश तगुम्हदारही बदात हह ई। यह तमो बदात उचचत हहै चक कमोतवदाल चमोर कमो दण्डदे
परन्तगु यह बदात चवपरहीत हहै चक चमोर कमोतवदाल कमो दण्ड ददेवदे। वहैसदे हही तगुम चमथ्यदा ससंकल्प और चमथ्यदावदादही हमोकर
वहही अपनदा दमोष ब्रह्म ममें व्यथर्थ लगदातदे हमो।
जिमो ब्रह्म चमथ्यदाजदानही, चमथ्यदावदादही, चमथ्यदाकदारही हमोवदे तमो सब अनन्त ब्रह्म वहैसदा हही हमो जिदाय क्ययोंचक वह
एकरस हहै सत्यस्वरूप, सत्यमदानही, सत्यवदादही और सत्यकदारही हहै। यदे सब दमोष तगुम्हदारदे हमैं ब्रह्म कदे नहह।
चजिस कमो तगुम चवददा कहतदे हमो वह अचवददा हहै और तगुम्हदारदा अध्यदारमोप भही चमथ्यदा हहै क्ययोंचक आप ब्रह्म न
हमोकर अपनदे कमो ब्रह्म और ब्रह्म कमो जिहीव मदाननदा यह चमथ्यदा जदान नहह तमो क्यदा हहै ? जिमो सवर्थव्यदापक हहै वह
पररचच्छन्न न हमोनदे सदे अजदान और बन्ध ममें कभही नहह चगरतदा क्ययोंचक अजदान पररचच्छन्न एकददेशही अल्प अल्पज जिहीव
ममें हमोतदा हहै सवर्थज सवर्थव्यदापही ब्रह्म ममें नहह।
अब मगुचक्त बन्ध कदा वणर्थन करतदे हमैं
(प्रश्न) मगुचक्त चकसकमो कहतदे हमैं?
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(उत्तर) ‘मगुञ्च चन्त पकथ ग्भवचन्त जिनदा यस्यदासं सदा मगुच क्तमः’ चजिस ममें छभूट जिदानदा हमो उस कदा नदाम मगुचक्त
हहै।
(प्रश्न) चकस सदे छभूट जिदानदा?
(उत्तर) चजिस सदे छभूटनदे ककी इच्छदा सब जिहीव करतदे हमैं?
(प्रश्न) चकस सदे छभूटनदे ककी इच्छदा करतदे हमैं?
(उत्तर) चजिस सदे छभूटनदा चदाहतदे हमैं?
(प्रश्न) चकस सदे छभूटनदा चदाहतदे हमैं।
(उत्तर) दमःगु ख सदे।
(प्रश्न) छभूट कर चकस कमो प्रदाप्त हमोतदे और कहदासं रहतदे हमैं?
(उत्तर) सगुख कमो प्रदाप्त हमोतदे और ब्रह्म ममें रहतदे हमैं।
(प्रश्न) मगुचक्त और बन्ध चकन-चकन बदातयों सदे हमोतदा हहै?
(उत्तर) परमदेश्वर ककी आजदा पदालनदे, अधमर्थ, अचवददा, कगु सङ, कगु ससंस्कदार, बगुरदे व्यसनयों सदे अलग रहनदे
और सत्यभदाषण, परमोपकदार, चवददा, पकपदातरचहत न्यदाय, धमर्थ ककी वकचद्ध करनदे पभूवर्वोक्त प्रकदार सदे परमदेश्वर ककी
स्तगुचत प्रदाथर्थनदा और उपदासनदा अथदार्थतम् यमोगदाभ्यदास करनदे चवददा पढ़नदे , पढ़दानदे और धमर्थ सदे पगुरुषदाथर्थ कर जदान ककी
उन्नचत करनदे सब सदे उत्तम सदाधनयों कमो करनदे और जिमो कगु छ करदे वह सब पकपदातरचहत न्यदायधमदार्थनगुसदार हही करदे।
इत्यदाचद सदाधनयों सदे मगुचक्त और इन सदे चवपरहीत ईश्वरदाजदाभङ करनदे आचद कदाम सदे बन्ध हमोतदा हहै।
(प्रश्न) मगुचक्त ममें जिहीव कदा लय हमोतदा हहै वदा चवदमदान रहतदा हहै।
(उत्तर) चवदमदान रहतदा हहै।
(प्रश्न) कहदासं रहतदा हहै?
(उत्तर) ब्रह्म ममें।
(प्रश्न) ब्रह्म कहदासं हहै और वह मगुक्त जिहीव एक चठकदानदे रहतदा हहै वदा स्वदेच्छदाचदारही हमोकर सवर्थत्र चवचरतदा हहै?
(उत्तर) जिमो ब्रह्म सवर्थत्र पभूणर्थ हहै उसही ममें मगुक्त जिहीव अव्यदाहतगचत अथदार्थतम् उस कमो कहह रुकदावट नहह
चवजदान, आनन्दपभूवर्थक स्वतन्त्र चवचरतदा हहै।

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(प्रश्न) मगुक्त जिहीव कदा स्थभूल शरहीर रहतदा हहै वदा नहह?
(उत्तर) नहह रहतदा।
(प्रश्न) चफर वह सगुख और आनन्द भमोग कहै सदे करतदा हहै?
(उत्तर) उस कदे सत्यसङल्पदाचद स्वदाभदाचवक गगुण सदामथ्यर्थ सब रहतदे हमैं भचौचतक सङ नहह रहतदा। जिहैसदे—
शकण् वनम् श्रमोत्रसं भवचत, स्पशर्थय नम् त्वगम् भवचत, पश्यनम् चकगुभ वर्थ चत, रसयनम् रसनदा भवचत,
चजिघ्रनम् घ्रदाणसं भवचत, मन्वदानमो मनमो भवचत, बमोधयनम् बगुच द्धभर्थव चत,
चदेत यसंच श्चत्तम्भवत्यहङह वदार्थण मोऽहङदारमो भवचत॥
—शतपथ कदासं॰ 14॥
ममोक ममें भचौचतक शरहीर वदा इचन्द्रययों कदे गमोलक जिहीवदात्मदा कदे सदाथ नहह रहतदे चकन्तगु अपनदे स्वदाभदाचवक शगुद्ध
गगुण रहतदे हमैं। जिब सगुननदा चदाहतदा हहै तब श्रमोत्र , स्पशर्थ करनदा चदाहतदा हहै तब त्वचदा, ददेखनदे कदे सङल्प सदे चकगु, स्वदाद
कदे अथर्थ रसनदा, गन्ध कदे चलयदे घ्रदाण, सङल्प चवकल्प करतदे समय मन, चनश्चय करनदे कदे चलयदे बगुचद्ध, स्मरण
करनदे कदे चलए चचत्त और अहङदार कदे अथर्थ अहङदाररूप अपनही स्वशचक्त सदे जिहीवदात्मदा मगुचक्त ममें हमो जिदातदा हहै और
सङल्पमदात्र शरहीर हमोतदा हहै जिहैसदे शरहीर कदे आधदार रहकर इचन्द्रययों कदे गमोलक कदे द्विदारदा जिहीव स्वकदायर्थ करतदा हहै वहैसदे
अपनही शचक्त सदे मगुचक्त ममें सब आनन्द भमोग लदेतदा हहै।
(प्रश्न) उस ककी शचक्त कहै प्रकदार ककी और चकतनही हहै?
(उत्तर) मगुख्य एक प्रकदार ककी शचक्त हहै परन्तगु बल, परदाक्रम, आकषर्थण, प्रदेरणदा, गचत, भहीषण,
चववदेचन, चक्रयदा, उत्सदाह, स्मरण, चनश्चय, इच्छदा, प्रदेम, द्विदेष, ससंयमोग, चवभदाग, ससंयमोजिक, चवभदाजिक, श्रवण,
स्पशर्थन, दशर्थन, स्वदादन और गन्धग्रहण तथदा जदान इन 24 चचौबहीस प्रकदार कदे सदामथ्यर्थयक्त गु जिहीव हमैं। इस सदे मगुचक्त
ममें भही आनन्द ककी प्रदाचप्तरूप भमोग करतदा हहै।
जिमो मगुचक्त ममें जिहीव कदा लय हमोतदा तमो मगुचक्त कदा सगुख कचौन भमोगतदा? और जिमो जिहीव कदे नदाश हही कमो मगुचक्त
समझतदे हमैं वदे तमो महदामभूढ़ हमैं क्ययोंचक मगुचक्त जिहीव ककी यह हहै चक द मःगु खयों सदे छभूट कर आनन्दस्वरूप, सवर्थव्यदापक,
अनन्त, परमदेश्वर ममें जिहीवयों कदा आनन्द ममें रहनदा। ददेखमो वदेददान्त शदारहीरक सभूत्रयों ममें—
अभदावसं बदादरररदाह ह्यदे व मम्।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः नवममः समगुल दासमः
430

जिमो बदादरर व्यदास जिही कदा चपतदा हहै वह मगुचक्त ममें जिहीव कदा और उस कदे सदाथ मन कदा भदाव मदानतदा हहै अथदार्थतम्
जिहीव और मन कदा लय परदाशर जिही नहह मदानतदे। वहैसदे हही—
भदावसं जिहैच मचनचवर्थक ल्पदामननदातम्।
और जिहैचमचन आचदायर्थ मगुक्त पगुरुष कदा मन कदे समदान सभूक्ष्म शरहीर, इचन्द्रयदासं, प्रदाण आचद कमो भही चवदमदान
मदानतदे हमैं। अभदाव नहह।
द्विदादशदाहवद गुभ यचवधसं बदादरदायणमोऽतमः।
व्यदास मगुचन मगुचक्त ममें भदाव और अभदाव इन दमोनयों कमो मदानतदे हमैं। अथदार्थतम् शगुद्ध सदामथ्यर्थय क्त
गु जिहीव मगुचक्त ममें बनदा
रहतदा हहै। अपचवत्रतदा, पदापदाचरण, दमःगु ख, अजदानदाचद कदा अभदाव मदानतदे हमैं।
यददा पञ्चदावचतष्ठिन्तदे जदानदाचन मनसदा सह।
बगुच द्धश्च न चवचदेष्ट तदे तदामदाहह मः परमदासं गचतमम्॥
—यह उपचनषदम् कदा वचन हहै।
जिब शगुद्ध मनयगुक्त पदासंच जदानदेचन्द्रय जिहीव कदे सदाथ रहतही हमैं और बगुचद्ध कदा चनश्चय चस्थर हमोतदा हहै। उस कमो
परमगचत अथदार्थतम् ममोक कहतदे हमैं।
य आत्मदा अपहतपदाप्मदा चवजिरमो चवमकत् य गुच वर्थश मोकमोऽचवचजिघत्समोऽचपपदासमः सत्यकदाममः
सत्यसङल्पमः समोऽन्वदेष्ट व्यमः स चवचजिजदाचसतव्यमः सवदार्वंश् च लमोकदानदाप्नमोचत सवदार्वंश् च कदामदानम्
यस्तमदात्मदानमनगुच वद चवजिदानदातहीचत॥
स वदा एष एतदेन दहैव नदे चकगुष दा मनसहैत दानम् कदामदानम् पश्यनम् रमतदे।
य एतदे ब्रह्मलमोकदे तसं वदा एतसं ददेव दा आत्मदानमगुप दासतदे तस्मदात्तदेष दासं सवर्वे च लमोकदा आत्तदा सवर्वे
च कदामदामः स सवदार्वंश् च लमोकदानदाप्नमोचत सवदार्वंश् च कदामदान्यस्तमदात्मदानमनगुच वद चवजिदानदातहीचत॥
मघवनम् मत्यर्वं वदा इदसं शरहीरमदात्तसं मकत् य गुन दा
तदस्यदाऽमकत स्यदाऽशरहीरस्यदात्मनमोऽचधष्ठिदानमदात्तमो वहै सशरहीरमः चप्रयदाचप्रयदाभ्यदासं न वहै सशरहीरस्य
सतमः चप्रयदाचप्रययमोरपहचतस्त्यशरहीरसं वदाव सन्तसं न चप्रयदाचप्रयदे स्पकश तमः॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः नवममः समगुल दासमः
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—छदान्दमो॰॥
जिमो परमदात्मदा अपहतपदाप्मदा सवर्थ पदाप, जिरदा, मकत्यगु, शमोक, कगुधदा, चपपदासदा सदे रचहत, सत्यकदाम,
सत्यससंकल्प हहै उस ककी खमोजि और उसही ककी जिदाननदे ककी इच्छदा करनही चदाचहए। चजिस परमदात्मदा कदे सम्बन्ध सदे मगुक्त
जिहीव सब लमोकयों और सब कदामयों कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै जिमो परमदात्मदा कमो जिदान कदे ममोक कदे सदाधन और अपनदे कमो शगुद्ध
करनदा जिदानतदा हहै समो यह मगुचक्त कमो प्रदाप्त जिहीव शगुद्ध चदव्य नदेत्र और शगुद्ध मन सदे कदामयों कमो ददेखतदा, प्रदाप्त हमोतदा हह आ
रमण करतदा हहै।
जिमो यदे ब्रह्मलमोक अथदार्थतम् दशर्थनहीय परमदात्मदा ममें चस्थत हमोकदे ममोक सगुख कमो भमोगतदे हमैं और इसही परमदात्मदा कदा
जिमो चक सब कदा अन्तयदार्थमही आत्मदा हहै उस ककी उपदासनदा मगुचक्त ककी प्रदाचप्त करनदे वदालदे चवद्विदानम् लमोग करतदे हमैं। उस सदे
उन कमो सब लमोक और सब कदाम प्रदाप्त हमोतदे हमैं अथदार्थतम् जिमो-जिमो ससंकल्प करतदे हमैं वह-वह लमोक और वह-वह कदाम
प्रदाप्त हमोतदा हहै और वदे मगुक्त जिहीव स्थभूल शरहीर छमोड़कर सङल्पमय शरहीर सदे आकदाश ममें परमदेश्वर ममें चवचरतदे हमैं।
क्ययोंचक जिमो शरहीर वदालदे हमोतदे हमैं वदे सदासंसदाररक दमःगु ख सदे रचहत नहह हमो सकतदे।
जिहैसदे इन्द्र सदे प्रजिदापचत नदे कहदा हहै चक हदे परमपभूचजित धनयगुक्त पगुरुष! यह स्थभूल शरहीर मरणधमदार्थ हहै और
जिहैसदे चससंह कदे मगुख ममें बकरही हमोवदे वहैसदे यह शरहीर मकत्यगु कदे मगुख कदे बहीच हहै समो शरहीर इस मरण और शरहीर रचहत
जिहीवदात्मदा कदा चनवदास स्थदान हहै।
इसहीचलयदे यह जिहीव सगुख और दमःगु ख सदे सददा ग्रस्त रहतदा हहै क्ययोंचक शरहीर सचहत जिहीव ककी सदासंसदाररक
प्रसन्नतदा ककी चनवकचत्त हमोतही हही हहै और जिमो शरहीर रचहत मगुक्त जिहीवदात्मदा ब्रह्म ममें रहतदा हहै उस कमो सदासंसदाररक सगुख द मःगु ख
कदा स्पशर्थ भही नहह हमोतदा चकन्तगु सददा आनन्द ममें रहतदा हहै।
(प्रश्न) जिहीव मगुचक्त कमो प्रदाप्त हमोकर पगुनमः जिन्म मरणरूप दमःगु ख ममें कभही आतदे हमैं वदा नहह? क्ययोंचक—
न च पगुन रदावत्तर्थत दे न च पगुन रदावत्तर्थत्त इचत॥ उपचनषद्विचनमम्॥
अनदावकच त्तमः शब्ददादनदावकच त्तमः शब्ददातम्॥ शदारहीरक सभूत्र॥
यदम् गत्वदा न चनवत्तर्थन् तदे तद्धदाम परमसं मम॥ भगवदहीतदा॥
इत्यदाचद वचनयों सदे चवचदत हमोतदा हहै चक मगुचक्त वहही हहै चक चजिससदे चनवकत्त हमोकर पगुनमः ससंसदार ममें कभही नहह
आतदा।
(उत्तर) यह बदात ठहीक नहह क्ययोंचक वदेद ममें इस बदात कदा चनषदेध चकयदा हहै—

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कस्य नभून सं कतमस्यदामकत दानदासं मनदामहदे चदारु ददेव स्य नदाम।


कमो नमो मह्यदा अचदतयदे पगुन ददार्थत म् चपतरसं च दृशदेय सं मदातरसं च॥1॥
अग्निदेव र्थय सं प्रथमस्यदामकत दानदासं मनदामहदे चदारु ददेव स्यनदाम।
स नमो मह्यदा अचदतयदे पगुन ददार्थत म् चपतरसं च दृशदेय सं मदातरसं च॥2॥
—ऋ॰ मसं॰ 1। सभूक्त॰ 24। मसं॰ 1। 2॥
इददानहीचमव सवर्थत्र नदात्यन्तमोच्छदेद मः॥
—सदासंख्य सभूत्र॥
(प्रश्न) हम लमोग चकस कदा नदाम पचवत्र जिदानमें? कचौन नदाशरचहत पददाथर्यों कदे मध्य ममें वत्तर्थमदान ददेव सददा
प्रकदाशस्वरूप हहै। हम कमो मगुचक्त कदा सगुख भगुगदा कर पगुनमः इस ससंसदार ममें जिन्म ददेतदा और मदातदा तथदा चपतदा कदा दशर्थन
करदातदा हहै?॥1॥
(उत्तर) हम इस स्वप्रकदाशस्वरूप अनदाचद सददा मगुक्त परमदात्मदा कदा नदाम पचवत्र जिदानमें जिमो हम कमो मगुचक्त ममें
आनन्द भगुगदा कर पकचथवही ममें पगुनमः मदातदा चपतदा कदे सम्बन्ध ममें जिन्म ददेकर मदातदा चपतदा कदा दशर्थन करदातदा हहै। वहही
परमदात्मदा मगुचक्त ककी व्यवस्थदा करतदा सब कदा स्वदामही हहै॥2॥
जिहैसदे इस समय बन्ध मगुक्त जिहीव हमैं वहैसदे हही सवर्थददा रहतदे हमैं, अत्यन्त चवच्छदेद बन्ध मगुचक्त कदा कभही नहह
हमोतदा चकन्तगु बन्ध और मगुचक्त सददा नहह रहतही।
(प्रश्न) तदत्यन्तचवममोकमोऽपवगर्थमः ।
दगुमः खजिन्मप्रवकच त्तदमोषचमथ्यदाजदानदानदामगुत्त रमोत्तरदापदायदे तदनन्तरदापदायदादपवगर्थमः ॥
—न्यदायसभूत्र॥
जिमो दमःगु ख कदा अत्यन्त चवच्छदेद हमोतदा हहै वहही मगुचक्त कहदातही हहै क्ययोंचक जिब चमथ्यदाजदान अचवददा, लमोभदाचद
दमोष, चवषय दष्टगु व्यसनयों ममें प्रवकचत्त, जिन्म और दमःगु ख कदा उत्तर-उत्तर कदे छभूटनदे सदे पभूवर्थ-पभूवर्थ कदे चनवकत्त हमोनदे हही सदे
ममोक हमोतदा हहै जिमो चक सददा बनदा रहतदा हहै।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः नवममः समगुल दासमः
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(उत्तर) यह आवश्यक नहह हहै चक अत्यन्त शब्द अत्यन्तदाभदाव हही कदा नदाम हमोवदे। जिहैसदे ‘अत्यन्तसं
दगुमः खमत्यन्तसं सगुखसं चदास्य वत्तर्थत दे’ बहह त दमःगु ख और बहह त सगुख इस मनगुष्य कमो हहै। इस सदे यहही चवचदत हमोतदा हहै चक
इस कमो बहह त सगुख वदा दमःगु ख हहै। इसही प्रकदार यहदासं भही अत्यन्त शब्द कदा अथर्थ जिदाननदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) जिमो मगुचक्त सदे भही जिहीव चफर आतदा हहै तमो वह चकतनदे समय तक मगुचक्त ममें रहतदा हहै?
(उत्तर) तदे ब्रह्मलमोकदे ह परदान्तकदालदे परदामकत दातम् पररमगुच् यचन्त सवर्वे।
—यह मगुण्डक उपचनषतम् कदा वचन हहै।
वदे मगुक्त जिहीव मगुचक्त ममें प्रदाप्त हमोकदे ब्रह्म ममें आनन्द कमो तब तक भमोग कदे पगुनमः महदाकल्प कदे पश्चदातम् मगुच क्त
सगुख कमो छमोड़ कदे ससंस दार ममें आतदे हमैं। इसककी ससंख् यदा यह हहै चक तमेंत दालहीस लदाख बहीस सहस्र वषर्यों ककी एक
चतगुयगुगर्थ ही, दमो सहस्र चतगुयगुचर्थ गययों कदा एक अहमोरदात्र, ऐसदे तहीस अहमोरदात्रमें कदा एक महहीनदा, ऐसदे बदारह
महहीनयों कदा एक वषर्थ, ऐसदे शत वषर्यों कदा परदान्तकदाल हमोतदा हहै। इसकमो गचणत ककी रहीचत सदे यथदावतम् समझ
लहीचजिए। इतनदा समय मगुचक्त ममें सगुख भमोगनदे कदा हहै।
(प्रश्न) सब ससंसदार और ग्रन्थकदारयों कदा यहही मत हहै चक चजिस सदे पगुनमः जिन्म मरण ममें कभही न आवमें।
(उत्तर) यह बदात कभही नहह हमो सकतही क्ययोंचक प्रथम तमो जिहीव कदा सदामथ्यर्थ शरहीरदाचद पददाथर्थ और सदाधन
पररचमत हमैं पगुनमः उस कदा फल अनन्त कहै सदे हमो सकतदा हहै? अनन्त आनन्द कदा भमोगनदे कदा असहीम सदामथ्यर्थ कमर्थ
और सदाधन जिहीवयों ममें नहह, इसचलयदे अनन्त सगुख नहह भमोग सकतदे। चजिन कदे सदाधन अचनत्य हमैं उन कदा फल चनत्य
कभही नहह हमो सकतदा। और जिमो मगुचक्त ममें सदे कमोई भही लचौट कर जिहीव इस ससंसदार ममें न आवदे तमो ससंसदार कदा उच्छदेद
अथदातम्र्थ जिहीव चनश्शदेष हमो जिदानदे चदाचहयदे।
(प्रश्न) चजितनदे जिहीव मगुक्त हमोतदे हमैं उतनदे ईश्वर नयदे उत्पन्न करकदे ससंसदार ममें रख ददेतदा हहै इसचलयदे चनश्शदेष
नहह हमोतदे।
(उत्तर) जिमो ऐसदा हमोवदे तमो जिहीव अचनत्य हमो जिदायमें क्ययोंचक चजिस ककी उत्पचत्त हमोतही हहै उस कदा नदाश अवश्य
हमोतदा हहै चफर तगुम्हदारदे मतदानगुसदार मगुचक्त पदाकर भही चवनष्ट हमो जिदायमें। मगुचक्त अचनत्य हमो गई और मगुचक्त कदे स्थदान ममें बहह त
सदा भहीड़ भड़कदा हमो जिदायदेगदा क्ययोंचक वहदासं आगम अचधक और व्यय कगु छ भही नहह हमोनदे सदे बढ़तही कदा पदारदावदार न
रहदेगदा और दमःगु ख कदे अनगुभव कदे चवनदा सगुख कगु छ भही नहह हमो सकतदा।

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जिहैसदे कटगु न हमो तमो मधगुर क्यदा, जिमो मधगुर न हमो तमो कटगु क्यदा कहदावदे? क्ययोंचक एक स्वदाद कदे एक रस कदे
चवरुद्ध हमोनदे सदे दमोनयों ककी परहीकदा हमोतही हहै। जिहैसदे कमोई मनगुष्य महीठदा मधगुर हही खदातदा पहीतदा जिदाय उस कमो वहैसदा सगुख नहह
हमोतदा जिहैसदा सब प्रकदार कदे रसयों कदे भमोगनदे वदालदे कमो हमोतदा हहै।
और जिमो ईश्वर अन्त वदालदे कमर्यों कदा अनन्त फल ददेवदे तमो उस कदा न्यदाय नष्ट हमो जिदाय। जिमो चजितनदा भदार
उठदा सकदे उतनदा उस पर धरनदा बगुचद्धमदानयों कदा कदाम हहै। जिहैसदे एक मन भर उठदानदे वदालदे कदे चशर पर दश मन धरनदे सदे
भदार धरनदे वदालदे ककी चनन्ददा हमोतही हहै वहैसदे अल्पज अल्प सदामथ्यर्थ वदालदे जिहीव पर अनन्त सगुख कदा भदार धरनदा ईश्वर कदे
चलए ठहीक नहह।
और जिमो परमदेश्वर नयदे जिहीव उत्पन्न करतदा हहै तमो चजिस कदारण सदे उत्पन्न हमोतदे हमैं वह चगुक जिदायदेगदा। क्ययोंचक
चदाहमैं चकतनदा हही बड़दा धनकमोश हमो परन्तगु चजिस ममें व्यय हहै और आय नहह उसकदा कभही न कभही चदवदालदा चनकल हही
जिदातदा हहै। इसचलयदे यहही व्यवस्थदा ठहीक हहै चक मगुचक्त ममें जिदानदा वहदासं सदे पगुनमः आनदा हही अच्छदा हहै। क्यदा थमोड़दे सदे कदारदागदार
सदे जिन्मकदारदागदार दण्ड, कदालदे पदानही अथवदा फदासंसही कमो कमोई अच्छदा मदानतदा हहै? जिब वहदासं सदे आनदा हही न हमो तमो
जिन्म कदारदागदार सदे इतनदा हही अन्तर हहै चक वहदासं मजिभूरही नहह करनही पड़तही और ब्रह्म ममें लय हमोनदा समगुद्र ममें डभू ब मरनदा
हहै।
(प्रश्न) जिहैसदे परमदेश्वर चनत्यमगुक्त, पभूणर्थ सगुखही हहै वहैसदे हही जिहीव भही चनत्यमगुक्त और सगुखही रहदेगदा तमो कमोई
दमोष न आवदेगदा।
(उत्तर) परमदेश्वर अनन्त स्वरूप, सदामथ्यर्थ, गगुण, कमर्थ स्वभदाववदालदा हहै इसचलयदे वह कभही अचवददा और
दमःगु ख बन्धन ममें नहह चगर सकतदा। जिहीव मगुक्त हमोकर भही शगुद्धस्वरूप, अल्पज और पररचमत गगुण, कमर्थ, स्वभदाव
वदालदा रहतदा हहै, परमदेश्वर कदे सदृश कभही नहह हमोतदा।
(प्रश्न) जिब ऐसही हहै, तमो मगुचक्त भही जिन्म मरण कदे सदृश हहै इसचलयदे श्रम करनदा व्यथर्थ हहै।
(उत्तर) मगुचक्त जिन्म मरण कदे सदृश नहह, क्ययोंचक जिब तक 36000 छत्तहीस सहस्र वदार उत्पचत्त
और प्रलय कदा चजितनदा समय हमोतदा हहै उतनदे समय पयर्थन्त जिहीवयों कमो मगुचक्त कदे आनन्द ममें रहनदा, दमःगु ख कदा न हमोनदा,
क्यदा छमोटही बदात हहै? जिब आजि खदातदे पहीतदे हमो कल भभूख लगनदे वदालही हहै पगुनमः इस कदा उपदाय क्ययों करतदे हमो? जिब
कगुधदा, तकषदा, कगुद्र धन, रदाज्य, प्रचतष्ठिदा, सही, सन्तदान आचद कदे चलयदे उपदाय करनदा आवश्यक हहै तमो मगुचक्त कदे चलयदे
क्ययों न करनदा? जिहैसदे मरनदा अवश्य हहै तमो भही जिहीवन कदा उपदाय चकयदा जिदातदा हहै वहैसदे हही मगुचक्त सदे लचौट कर जिन्म ममें
आनदा हहै तथदाचप उस कदा उपदाय करनदा अत्यदावश्यक हहै?

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(प्रश्न) मगुचक्त कदे क्यदा-क्यदा सदाधन हमैं?


(उत्तर) कगु छ सदाधन तमो प्रथम चलख आयदे हमैं परन्तगु चवशदेष उपदाय यदे हमैं। जिमो मगुचक्त चदाहहै वह जिहीवनमगुक्त
अथदार्थतम् चजिन चमथ्यदाभदाषणदाचद पदाप कमर्यों कदा फल दमःगु ख हहै उन कमो छमोड़ सगुखरूप फल कमो ददेनदे वदालदे सत्यभदाषणदाचद
धमदार्थचरण अवश्य करदे। जिमो कमोई दमःगु ख कमो छगु ड़दानदा और सगुख कमो प्रदाप्त हमोनदा चदाहहै वह अधमर्थ कमो छमोड़ धमर्थ अवश्य
करदे। क्ययोंचक दमःगु ख कदा पदापदाचरण और सगुख कदा धमदार्थचरण मभूल कदारण हहै।
सत्पगुरुषयों कदे ससंग सदे चववदेक अथदार्थतम् सत्यदासत्य, धमदार्थधमर्थ कत्तर्थव्यदाकत्तर्थव्य कदा चनश्चय अवश्य करमें,
पकथकम् -पकथकम् जिदानमें। और शरहीर अथदार्थतम् जिहीव पञ्चकमोशयों कदा चववदेचन करमें। एक ‘अन्नमय’ जिमो त्वचदा सदे लदेकर
अचस्थपयर्थन्त कदा समगुददाय पकचथवहीमय हहै। दस भू रदा ‘प्रदाणमय’ चजिस ममें ‘प्रदाण’ अथदार्थतम् जिमो भहीतर सदे बदाहर जिदातदा,
‘अपदान’ जिमो बदाहर सदे भहीतर आतदा, ‘समदान’ जिमो नदाचभस्थ हमोकर सवर्थत्र शरहीर ममें रस पहह संचदातदा, ‘उददान’ चजिस
सदे कण्ठस्थ अन्न पदान खमैंचदा जिदातदा और बल परदाक्रम हमोतदा हहै, ‘व्यदान’ चजिस सदे सब शरहीर ममें चदेष्टदा आचद कमर्थ जिहीव
करतदा हहै। तहीसरदा ‘मनमोमय’ चजिस ममें मन कदे सदाथ अहङदार, वदाकम्, पदाद, पदाचण, पदायगु और उपस्थ पदासंच कमर्थ-
इचन्द्रयदासं हमैं। चचौथदा ‘चवजदानमय’ चजिस ममें बगुचद्ध, चचत्त, श्रमोत्र, त्वचदा, नदेत्र, चजिहदा और नदाचसकदा यदे पदासंच जदान-
इचन्द्रयदाह चजिन सदे जिहीव जदानदाचद व्यवहदार करतदा हहै। पदासंचवदासं ‘आनन्दमयकमोश’ चजिस ममें प्रहीचत प्रसन्नतदा, न्यभून
आनन्द, अचधकदानन्द, आनन्द और आधदार कदारण रूप प्रकक चत हहै। यदे पदासंच कमोष कहदातदे हमैं। इन्हह सदे जिहीव सब
प्रकदार कदे कमर्थ, उपदासनदा और जदानदाचद व्यवहदारयों कमो करतदा हहै।
तहीन अवस्थदा—एक ‘जिदागकत’ दस
भू रही ‘स्वप्न’ और तहीसरही ‘सगुषगुचप्त’ अवस्थदा कहदातही हहै।
तहीन शरहीर हमैं— एक ‘स्थभूल’ जिमो यह दहीखतदा हहै। दस भू रदा पदासंच प्रदाण, पदासंच जदानदेचन्द्रयदासं, पदासंच सभूक्ष्म भभूत
और मन तथदा बगुचद्ध इन सत्तरह तत्त्वयों कदा समगुददाय ‘सभूक्ष्मशरहीर’ कहदातदा हहै। यह सभूक्ष्म शरहीर जिन्ममरणदाचद ममें भही
जिहीव कदे सदाथ रहतदा हहै। इस कदे दमो भदेद हमैं— एक भचौचतक अथदार्थतम् जिमो सभूक्ष्म भभूतयों कदे असंशयों सदे बनदा हहै। दस भू रदा
स्वदाभदाचवक जिमो जिहीव कदे स्वदाभदाचवक गगुण रूप हमैं। यह दस भू रदा अभचौचतक शरहीर मगुचक्त ममें भही रहतदा हहै। इसही सदे जिहीव
मगुचक्त ममें सगुख कमो भमोगतदा हहै। तहीसरदा कदारण चजिस ममें सगुषगुचप्त अथदार्थतम् गदाढ़ चनद्रदा हमोतही हहै वह प्रकक चत रूप हमोनदे सदे सवर्थत्र
चवभगु और सब जिहीवयों कदे चलए एक हहै। चचौथदा तगुरहीय शरहीर वह कहदातदा हहै चजिस ममें समदाचध सदे परमदात्मदा कदे
आनन्दस्वरूप ममें मग्नि जिहीव हमोतदे हमैं। इसही समदाचध ससंस्कदारजिन्य शगुद्ध शरहीर कदा परदाक्रम मगुचक्त ममें भही यथदावतम्
सहदायक रहतदा हहै।
इन सब कमोष, अवस्थदाओसं सदे जिहीव पकथकम् हहै, क्ययोंचक यह सब कमो चवचदत हहै चक अवस्थदाओसं सदे जिहीव
पकथकम् हहै। क्ययोंचक जिब मकत्यगु हमोतदा हहै तब सब कमोई कहतदे हमैं चक जिहीव चनकल गयदा यहही जिहीव सब कदा प्रदेरक, सब कदा
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः नवममः समगुल दासमः
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धत्तदार्थ, सदाकहीकत्तदार्थ, भमोक्तदा कहदातदा हहै। जिमो कमोई ऐसदा कहदे चक जिहीव कत्तदार्थ भमोक्तदा नहह तमो उस कमो जिदानमो चक वह
अजदानही, अचववदेककी हहै। क्ययोंचक चवनदा जिहीव कदे जिमो यदे सब जिड़ पददाथर्थ हमैं इन कमो सगुख -दमःगु ख कदा भमोग वदा पदाप पगुण्य
कतकर्थत्व कभही नहह हमो सकतदा। हदासं, इन कदे सम्बन्ध सदे जिहीव पदाप पगुण्ययों कदा कत्तदार्थ और सगुख दमःगु खयों कदा भमोक्तदा हहै।
जिब इचन्द्रयदासं अथर्यों ममें मन इचन्द्रययों और आत्मदा मन कदे सदाथ ससंयक्त गु हमोकर प्रदाणयों कमो प्रदेरणदा करकदे अच्छदे वदा
बगुरदे कमर्यों ममें लगदातदा हहै तभही वह बचहमगुर्थख हमो जिदातदा हहै। उसही समय भहीतर सदे आनन्द, उत्सदाह, चनभर्थयतदा और बगुरदे
कमर्यों ममें भय, शसंकदा, लज्जदा उत्पन्न हमोतही हहै। वह अन्तयदार्थमही परमदात्मदा ककी चशकदा हहै। जिमो कमोई इस चशकदा कदे अनगुकभूल
वत्तर्थतदा हहै वहही मगुचक्तजिन्य सगुखयों कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै। और जिमो चवपरहीत वत्तर्थतदा हहै वह बन्धजिन्य दमःगु ख भमोगतदा हहै।
दभू स रदा सदाधन ‘वहैर दाग्य’— अथदार्थतम् जिमो चववदेक सदे सत्यदासत्य कमो जिदानदा हमो उसममें सदे सत्यदाचरण कदा
ग्रहण और असत्यदाचरण कदा त्यदाग करनदा चववदेक हहै—जिमो पकचथवही सदे लदेकर परमदेश्वर पयर्थन्त पददाथर्यों कदे गगुण, कमर्थ,
स्वभदाव सदे जिदानकर उस ककी आजदा पदालन और उपदासनदा ममें तत्पर हमोनदा, उस सदे चवरुद्ध न चलनदा, सकचष्ट सदे
उपकदार लदेनदा चववदेक कहदातदा हहै।
तत्पश्चदातम् तहीसरदा सदाधन— ‘षट्क सम्पचत्त’ अथदार्थतम् छमः प्रकदार कदे कमर्थ करनदा-एक ‘शम’ चजिस सदे
अपनदे आत्मदा और अन्तमःकरण कमो अधमदार्थचरण सदे हटदाकर धमदार्थचरण ममें प्रवकत्त रखनदा। द स भू रदा ‘दम’ चजिस सदे
श्रमोत्रदाचद इचन्द्रययों और शरहीर कमो व्यचभचदारदाचद बगुरदे कमर्यों सदे हटदा कर चजितदेचन्द्रयत्वदाचद शगुभ कमर्यों ममें प्रवकत्त रखनदा।
तहीसरदा ‘उपरचत’ चजिस सदे दष्टगु कमर्थ करनदे वदालदे पगुरुषयों सदे सददा दरभू रहनदा। चचौथदा ‘चतचतकदा’ चदाहदे चनन्ददा, स्तगुचत,
हदाचन, लदाभ चकतनदा हही क्ययों न हमो परन्तगु हषर्थ शमोक कमो छमोड़ मगुचक्त सदाधनयों ममें सददा लगदे रहनदा। पदासंचवदासं ‘श्रद्धदा’ जिमो
वदेददाचद सत्य शदास और इन कदे बमोध सदे पभूणर्थ आप्त चवद्विदानम् सत्यमोपददेष्टदा महदाशययों कदे वचनयों पर चवश्वदास करनदा। छठदा
‘समदाधदान’ चचत्त ककी एकदाग्रतदा यदे छमः चमलकर एक ‘सदाधन’ तहीसरदा कहदातदा हहै।
चचौथदा ‘मगुम गुक गुत् व’ अथदार्थतम् जिहैसदे कगुधदा तकषदातगुर कमो चसवदाय अन्न जिल कदे दस
भू रदा कगु छ भही अच्छदा नहह लगतदा
वहैसदे चवनदा मगुचक्त कदे सदाधन और मगुचक्त कदे दस भू रदे ममें प्रहीचत न हमोनदा।
यदे चदार सदाधन और चदार अनगुब न्ध अथदार्थतम् सदाधनयों कदे पश्चदातम् यदे कमर्थ करनदे हमोतदे हमैं।
इन ममें सदे जिमो 1-इन चदार सदाधनयों सदे यगुक्त पगुरुष हमोतदा हहै वहही ममोक कदा अचधकदारही हमोतदा हहै।
दभू स रदा ‘सम्बन्ध’ ब्रह्म ककी प्रदाचप्त रूप मगुचक्त प्रचतपदाद और वदेददाचद शदास प्रचतपदादक कमो यथदावतम् समझ
कर अचन्वत करनदा।

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तहीसरदा ‘चवषयही’ सब शदासयों कदा प्रचतपदादन चवषय ब्रह्म उस ककी प्रदाचप्तरूप चवषय वदालदे पगुरुष कदा नदाम
चवषयही हहै।
चचौथदा ‘प्रयमोजिन’ सब दमःगु खयों ककी चनवकचत्त और परमदानन्द कमो प्रदाप्त हमोकर मगुचक्त सगुख कदा हमोनदा। यदे चदार
अनगुबन्ध कहदातदे हमैं।
तदनन्तर ‘श्रवणचतगुष्ट य’ एक ‘श्रवण’ जिब कमोई चवद्विदानम् उपददेश करदे तब शदान्त, ध्यदान ददेकर सगुननदा,
चवशदेष ब्रह्मचवददा कदे सगुननदे ममें अत्यन्त ध्यदान ददेनदा चदाचहयदे चक यह सब चवददाओसं ममें सभूक्ष्म चवददा हहै। सगुन कर द स
भू रदा
‘मनन’ एकदान्त ददेश ममें बहैठ कदे सगुनदे हह ए कदा चवचदार करनदा। चजिस बदात ममें शसंकदा हमो पगुनमः पभूछनदा और सगुनतदे समय भही
वक्तदा और श्रमोतदा उचचत समझमें तमो पभूछनदा और समदाधदान करनदा। तहीसरदा ‘चनचदध्यदासन’ जिब सगुननदे और मनन
करनदे सदे चनसन्ददेह हमो जिदाय तब समदाचधस्थ हमो कर उस बदात कमो ददेखनदा समझनदा चक वह जिहैसदा सगुनदा थदा चवचदारदा थदा
वहैसदा हही हहै वदा नहह? ध्यदानयमोग सदे ददेखनदा। चचौथदा ‘सदाकदात्कदार’ अथदार्थतम् जिहैसदा पददाथर्थ कदा स्वरूप गगुण और स्वभदाव
हमो वहैसदा यदाथदातथ्य जिदान लदेनदा हही ‘श्रवणचतगुष्टय’ कहदातदा हहै।
सददा तममोगगुण अथदार्थतम् क्रमोध, मलहीनतदा, आलस्य, प्रमदाद आचद; रजिमोगगुण अथदार्थतम् ईष्यदार्थ, द्विदेष, कदाम,
अचभमदान, चवकदेप आचद दमोषयों सदे अलग हमोकदे सत्त्व अथदार्थतम् शदान्त प्रकक चत, पचवत्रतदा, चवददा, चवचदार आचद गगुणयों कमो
धदारण करदे।
(महैत्रही) सगुखही जिनयों ममें चमत्रतदा, (करुणदा) दमःगु खही जिनयों पर दयदा, (मगुचदतदा) पगुण्यदात्मदाओसं सदे हचषर्थत हमोनदा,
(उपदेकदा) दष्टगु दात्मदाओसं ममें न प्रहीचत और न वहैर करनदा। चनत्यप्रचत न्यभून सदे न्यभून दमो घण्टदा पयर्थन्त मगुमगुकगु ध्यदान अवश्य
करदे चजिस सदे भहीतर कदे मन आचद पददाथर्थ सदाकदातम् हयों।
ददेखमो! अपनदे चदेतनस्वरूप हमैं इसही सदे जदानस्वरूप और मन कदे सदाकही हमैं क्ययोंचक जिब मन शदान्त, चञ्चल,
आनचन्दत वदा चवषदादयगुक्त हमोतदा हहै उस कमो यथदावतम् ददेखतदे हमैं वहैसदे हही इचन्द्रयदासं प्रदाण आचद कदा जदातदा, पभूवदृर्थ ष्ट कदा
स्मरणकत्तदार्थ और एक कदाल ममें अनदेक पददाथर्यों कदे वदेत्तदा, धदारणदाकषर्थणकत्तदार्थ और सब सदे पकथकम् हमैं। जिमो पकथकम् न हमोतदे
तमो स्वतन्त्र कत्तदार्थ इन कदे प्रदेरक अचधष्ठिदातदा कभही नहह हमो सकतदे।
अचवददाऽचस्मतदारदागद्विदेष दाचभचनवदेश दामः पञ्च क्लदे शदामः।
—यमोगदे शदासदे पदाददे 2। सभू॰ 3॥
इन ममें सदे अचवददा कदा स्वरूप कह आयदे। पकथकम् वत्तर्थमदान बगुचद्ध कमो आत्मदा सदे चभन्न न समझनदा अचस्मतदा,
सगुख ममें प्रहीचत रदाग, दमःगु ख ममें अप्रहीचत द्विदेष और सब प्रदाचणमदात्र कमो यह इच्छदा सददा रहतही हहै चक ‘ममैं सददा शरहीरस्थ

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रहह सं, मरूह नहह’ मकत्यगु दमःगु ख सदे त्रदास अचभचनवदेश कहदातदा हहै। इन पदासंच क्लदेशयों कमो यमोगदाभ्यदास चवजदान सदे छगु ड़दा कदे ब्रह्म
कमो प्रदाप्त हमो कदे मगुचक्त कदे परमदानन्द कमो भमोगनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) जिहैसही मगुचक्त आप मदानतदे हमैं वहैसही अन्य कमोई नहह मदानतदा, ददेखमो! जिहैनही लमोग ममोकचशलदा, चशवपगुर
ममें जिदाकदे चगुपचदाप बहैठदे रहनदा, ईसदाई चचौथदा आसमदान चजिस ममें चववदाह लड़दाई बदाजिदे गदाजिदे वसदाचद धदारण सदे आनन्द
भमोगनदा; वहैसदे हही मगुसलमदान सदातवमें आसमदान; वदाममदागर्त्ती श्रहीपगुर; शहैव कहै लदाश; वहैष्णव वहैकगुण्ठ और गमोकगुचलयदे
गमोसदाई सं गमोलमोक आचद ममें जिदाकदे उत्तम सही, अन्न, पदान, वस, स्थदान आचद कमो प्रदाप्त हमोकर आनन्द ममें रहनदे कमो
मगुचक्त मदानतदे हमैं। पचौरदाचणक लमोग (सदालमोक्य) ईश्वर कदे लमोक ममें चनवदास, (सदानगुज् य) छमोटदे भदाई कदे सदृश ईश्वर
कदे सदाथ रहनदा, (सदारूप्य) जिहैसही उपदासनहीय ददेव ककी आकक चत हहै वहैसदा बन जिदानदा, (सदामहीप्य) सदेवक कदे समदान
ईश्वर कदे समहीप रहनदा, (सदायज्गु य) ईश्वर सदे ससंयक्त गु हमो जिदानदा यदे चदार प्रकदार ककी मगुचक्त मदानतदे हमैं। वदेददान्तही लमोग ब्रह्म
ममें लय हमोनदे कमो ममोक समझतदे हमैं।
(उत्तर) जिहैनही (12) बदारहवमें, ईसदाई (13) तदेरहवमें और चचौदहवमें समगुलदास ममें मगुसलमदानयों ककी मगुचक्त
आचद चवषय चवशदेष कर चलखमेंगदे। जिमो वदाममदागर्त्ती श्रहीपगुर ममें जिदाकर लक्ष्मही कदे सदृश चसयदासं, मद मदासंसदाचद खदानदा पहीनदा
रसंग रदाग भमोग करनदा मदानतदे हमैं वह यहदाह सदे कगु छ चवशदेष नहह। वहैसदे हही शहैव तथदा वहैष्णवयों कदा महदादवदे और चवष्णगु कदे
सदृश आकक चत वदालदे पदावर्थतही और लक्ष्मही कदे सदृश सहीयक्त गु हमोकर आनन्द भमोगनदा; यहदासं कदे धनदाढ्य रदाजिदाओसं सदे
अचधक इतनदा हही चलखतदे हमैं चक वहदासं रमोग न हयोंगदे और यगुवदावस्थदा सददा रहदेगही। यह उन ककी बदात चमथ्यदा हहै क्ययोंचक
जिहदासं भमोग वहदासं रमोग और जिहदासं रमोग वहदाह वकद्धदावस्थदा अवश्य हमोतही हहै।
और पचौरदाचणकयों सदे पभूछनदा चदाचहयदे चक जिहैसही तगुम्हदारही चदार प्रकदार ककी मगुचक्त हहै वहैसही तमो कक चम, ककीट, पतङ,
पश्वदाचदकयों कमो भही स्वतमःचसद्ध प्रदाप्त हहै, क्ययोंचक यदे चजितनदे लमोक हमैं वदे सब ईश्वर कदे हमैं। इन्हह ममें सब जिहीव रहतदे हमैं
इसचलयदे ‘सदालमोक्य’ मगुचक्त अनदायदास प्रदाप्त हहै। ‘सदामहीप्य’ ईश्वर सवर्थत्र व्यदाप्त हमोनदे सदे सब उस कदे समहीप हमैं
इसचलयदे ‘सदामहीप्य’ मगुचक्त भही स्वतमःचसद्ध हहै। ‘सदानगुज् य’ जिहीव ईश्वर सदे सब प्रकदार छमोटदा और चदेतन हमोनदे सदे
स्वतमः बन्धगुवतम् हहै इससदे ‘सदानगुज् य’ मगुचक्त भही चवनदा प्रयत्न कदे चसद्ध हहै। और सब जिहीव सवर्थव्यदापक परमदात्मदा ममें
गु हमैं इस सदे ‘सदायगु ज् य’ मगुचक्त भही स्वतमःचसद्ध हहै।
व्यदाप्य हमोनदे सदे ससंयक्त
और जिमो अन्य सदाधदारण नदाचस्तक लमोग मरनदे सदे तत्त्वयों ममें चमलकर परम मगुचक्त मदानतदे हमैं वह तमो कगु त्तदे गदहदे
आचद कमो भही प्रदाप्त हहै। यदे मगुचक्तयदासं नहह हमैं चकन्तगु एक प्रकदार कदा बन्धन हमैं क्ययोंचक यदे लमोग चशवपगुर , ममोकचशलदा, चचौथदे
आसमदान, सदातवमें आसमदान, श्रहीपगुर, कहै लदाश, वहैकगुण्ठ, गमोलमोक कमो एक ददेश ममें स्थदान चवशदेष मदानतदे हमैं। जिमो वदे उन
स्थदानयों सदे पकथकम् हयों तमो मगुचक्त छभूट जिदाय। इसहीचलए जिहैसदे 12 पत्थर कदे भहीतर दृचष्टबन्ध हमोतदे हमैं उस कदे समदान

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बन्धन ममें हयोंगदे! मगुचक्त तमो यहही हहै चक जिहदासं इच्छदा हमो वहदासं चवचरदे कहह अटकदे नहह। न भय, न शङदा, न दमःगु ख हमोतदा
हहै। जिमो जिन्म हहै वह उत्पचत्त और मरनदा प्रलय कहदा हहै। समय पर जिन्म लदेतदे हमैं।
(प्रश्न) जिन्म एक हहै वदा अनदेक?
(उत्तर) अनदेक।
(प्रश्न) जिमो अनदेक हयों तमो पभूवर्थ जिन्म और मकत्यगु ककी बदातयों कदा स्मरण क्ययों नहह?
(उत्तर) जिहीव अल्पज हहै चत्रकदालदशर्त्ती नहह इसचलयदे स्मरण नहह रहतदा। और चजिस मन सदे जदान करतदा हहै
वह भही एक समय ममें दमो जदान नहह कर सकतदा। भलदा पभूवर्थ जिन्म ककी बदात तमो दरभू रहनदे दहीचजियदे , इसही ददेह ममें जिब गभर्थ
ममें जिहीव थदा, शरहीर बनदा, पश्चदातम् जिन्मदा पदासंचवमें वषर्थ सदे पभूवर्थ तक जिमो-जिमो बदातमें हह ई हमैं उन कदा स्मरण क्ययों नहह कर
सकतदा? और जिदागकत वदा स्वप्न ममें बहह त सदा व्यवहदार प्रत्यक ममें करकदे जिब सगुषगुचप्त अथदार्थतम् गदाढ़ चनद्रदा हमोतही हहै तब
जिदागकत आचद व्यवहदार कदा स्मरण क्ययों नहह कर सकतदा? और तगुम सदे कमोई पभूछदे चक बदारह वषर्थ कदे पभूवर्थ तदेरहवमें वषर्थ कदे
पदासंचवमें महहीनदे कदे नवमदे चदन दस बजिदे पर पहलही चमनट ममें तगुमनदे क्यदा चकयदा थदा? तगुम्हदारदा मगुख, हदाथ, कदान, नदेत्र,
शरहीर चकस ओर चकस प्रकदार कदा थदा? और मन ममें क्यदा चवचदार थदा? जिब इसही शरहीर ममें ऐसदा हहै तमो पभूवर्थ जिन्म ककी
बदातयों कदे स्मरण ममें शङदा करनही कदे वल लड़कपनदे ककी बदात हहै।
और जिमो स्मरण नहह हमोतदा हहै इसही सदे जिहीव सगुखही हहै। नहह तमो सब जिन्मयों कदे दमःगु खयों कमो ददेख-ददेख दचगु खत
हमोकर मर जिदातदा। जिमो कमोई पभूवर्थ और पहीछदे जिन्म कदे वत्तर्थमदान कमो जिदाननदा चदाहहै तमो भही नहह जिदान सकतदा क्ययोंचक जिहीव
कदा जदान और स्वरूप अल्प हहै। यह बदात ईश्वर कदे जिदाननदे यमोग्य हहै जिहीव कदे नहह।
(प्रश्न) जिब जिहीव कमो पभूवर्थ कदा जदान नहह और ईश्वर इस कमो दण्ड ददेतदा हहै तमो जिहीव कदा सगुधदार नहह हमो
सकतदा क्ययोंचक जिब उस कमो जदान हमो चक हमनदे अमगुक कदाम चकयदा थदा उसही कदा यह फल हहै तभही वह पदापकमर्यों सदे
बच सकदे ?
(उत्तर) तगुम जदान कहै प्रकदार कदा मदानतदे हमो?
(प्रश्न) प्रत्यकदाचद प्रमदाणयों सदे आठ प्रकदार कदा।
(उत्तर) तमो जिब तगुम जिन्म सदे लदेकर समय-समय ममें रदाजि, धन, बगुचद्ध, चवददा, ददाररद्रड्ढ, चनबगुर्थचद्ध,
मभूखर्थतदा आचद सगुख-दमःगु ख ससंसदार ममें ददेखकर पभूवर्थजिन्म कदा जदान क्ययों नहह करतदे ? जिहैसदे एक अवहैद और एक वहैद कमो
कमोई रमोग हमो उस कदा चनददान अथदार्थतम् कदारण वहैद जिदान लदेतदा और अचवद्विदानम् नहह जिदान सकतदा। उस नदे वहैदक चवददा
पढ़ही हहै और दस भू रदे नदे नहह। परन्तगु ज्वरदाचद रमोग हमोनदे सदे अवहैद भही इतनदा जिदान सकतदा हहै चक मगुझ सदे कमोई कगु पथ्य हमो
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गयदा हहै चजिस सदे मगुझदे यह रमोग हह आ हहै। वहैसदे हही जिगतम् ममें चवचचत्र सगुख दमःगु ख आचद ककी घटतही बढ़तही ददेख कदे पभूवर्थजिन्म
कदा अनगुमदान क्ययों नहह जिदान लदेतदे? और जिमो पभूवर्थजिन्म कमो न मदानमोगदे तमो परमदेश्वर पकपदातही हमो जिदातदा हहै क्ययोंचक चवनदा
पदाप कदे ददाररद्छयदाचद दमःगु ख और चवनदा पभूवर्थसचञ्चत पगुण्य कदे रदाज्य धनदाढ्यतदा और चनबगुर्थचद्धतदा उस कमो क्ययों दही? और
पभूवर्थजिन्म कदे पदाप पगुण्य कदे अनगुसदार दमःगु ख सगुख कदे ददेनदे सदे परमदेश्वर न्यदायकदारही यथदावतम् रहतदा हहै।
(प्रश्न) एक जिन्म हमोनदे सदे भही परमदेश्वर न्यदायकदारही हमो सकतदा हहै। जिहैसदे सवर्वोपरर रदाजिदा जिमो करदे समो न्यदाय।
जिहैसदे मदालही अपनदे उपवन ममें छमोटदे और बड़दे वकक लगदातदा चकसही कमो कदाटतदा उखदाड़तदा और चकसही ककी रकदा करतदा
बढ़दातदा हहै। चजिस ककी जिमो वस्तगु हहै उसकमो वह चदाहहै जिहैसदे रक्खदे। उस कदे ऊपर कमोई भही दस भू रदा न्यदाय करनदे वदालदा नहह
जिमो उस कमो दण्ड ददे सकदे वदा ईश्वर चकसही सदे डरदे।
(उत्तर) परमदात्मदा चजिस चलए न्यदाय चदाहतदा करतदा; अन्यदाय कभही नहह करतदा इसहीचलयदे वह पभूजिनहीय
और बड़दा हहै। जिमो न्यदायचवरुद्ध करदे वह ईश्वर हही नहह। जिहैसदे मदालही यगुचक्त कदे चवनदा मदागर्थ वदा अस्थदान ममें वकक लगदानदे , न
कदाटनदे यमोग्य कमो कदाटनदे, अयमोग्य कमो बढ़दानदे, यमोग्य कमो न बढ़दानदे सदे दचभू षत हमोतदा हहै इसही प्रकदार चवनदा कदारण कदे
करनदे सदे ईश्वर कमो दमोष लगदे। परमदेश्वर कदे ऊपर न्यदाययगुक्त कदाम करनदा अवश्य हहै क्ययोंचक वह स्वभदाव सदे पचवत्र
और न्यदायकदारही हहै। जिमो उन्मत्त कदे समदान कदाम करदे तमो जिगतम् कदे श्रदेष्ठि न्यदायदाधहीश सदे भही न्यभून और अप्रचतचष्ठित हमोवदे।
क्यदा इस जिगतम् ममें चवनदा यमोग्यतदा कदे उत्तम कदाम चकयदे प्रचतष्ठिदा और दष्टगु कदाम चकयदे चवनदा दण्ड ददेनदे वदालदा चनन्दनहीय
अप्रचतचष्ठित नहह हमोतदा? इसहीचलयदे ईश्वर अन्यदाय नहह करतदा इसही सदे चकसही सदे नहह डरतदा।
(प्रश्न) परमदात्मदा नदे प्रथम हही सदे चजिस कदे चलए चजितनदा ददेनदा चवचदारदा हहै उतनदा ददेतदा और चजितनदा कदाम
करनदा हहै उतनदा करतदा हहै।
(उत्तर) उस कदा चवचदार जिहीवयों कदे कमदार्थनगुसदार हमोतदा हहै अन्यथदा नहह। जिमो अन्यथदा हमो तमो वह भही अपरदाधही
अन्यदायकदारही हमोवदे।
(प्रश्न) बड़दे छमोटयों कमो एक सदा हही सगुख दमःगु ख हहै। बड़यों कमो बड़ही चचन्तदा और छमोटयों कमो छमोटही। जिहैसदे—
चकसही सदाहहकदार कदा चववदाद रदाजिघर ममें लदाख रुपयदे कदा हमो तमो वह अपनदे घर सदे पदालककी ममें बहैठ कर कचहरही ममें
उष्णकदाल ममें जिदातदा हमो, बदाजिदार ममें हमो कदे उस कमो जिदातदा ददेख कर अजदानही लमोग कहतदे हमैं चक ददेखमो पगुण्य पदाप कदा
फल, एक पदालककी ममें आनन्दपभूवर्थक बहैठदा हहै और दस भू रदे चवनदा जिभूतदे पचहरदे नहीचदे सदे तप्यमदान हमोतदे हह ए पदालककी कमो उठदा
कर लदे जिदातदे हमैं। परन्तगु बगुचद्धमदानम् लमोग इस ममें यह जिदानतदे हमैं चक जिहैसदे—जिहैसदे कचहरही चनकट आतही जिदातही हहै वहैसदे—
वहैसदे सदाहहकदार कमो बड़दा शमोक और सन्ददेह बढ़तदा जिदातदा और कहदारयों कमो आनन्द हमोतदा जिदातदा हहै। जिब कचहरही ममें
पहह संचतदे हमैं तब सदेठ जिही इधर उधर जिदानदे कदा चवचदार करतदे हमैं चक प्रदाचड्ववदाक (वककील) कदे पदास जिदाऊह वदा
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सररश्तदेददार कदे पदास। आजि हदारूसंगदा वदा जिहीतभूहगदा न जिदानदे क्यदा हमोगदा? और कहदार लमोग तमदाखभू पहीतदे परस्पर बदातमें चहीतमें
करतदे हह ए प्रसन्न हमोकर आनन्द ममें समो जिदातदे हमैं। जिमो वह जिहीत जिदाय तमो कगु छ सगुख और हदार जिदायदे तमो सदेठ जिही
दमःगु खसदागर ममें डभू ब जिदाय और वदे कहदार जिहैसदे कदे वहैसदे रहतदे हमैं।
इसही प्रकदार जिब रदाजिदा सगुन्दर कमोमल चबछमोनदे ममें समोतदा हहै तमो भही शहीघ्र चनद्रदा नहह आतही और मजिभूर कसं कर
पत्थर और मटही ऊहचदे नहीचदे स्थल पर समोतदा हहै उस कमो झट हही चनद्रदा आतही हहै। ऐसदे हही सवर्थत्र समझमो।
(उत्तर) यह समझ अजदाचनययों ककी हहै। क्यदा चकसही सदाहहकदार सदे कहमें चक तभू कहदार बन जिदा और कहदार सदे
कहमें चक तभू सदाहहकदार बन जिदा तमो सदाहहकदार कभही कहदार बननदा नहह और कहदार सदाहहकदार बननदा चदाहतदे हमैं। जिमो सगुख
दमःगु ख बरदाबर हमोतदा तमो अपनही-अपनही अवस्थदा छमोड़ नहीच और ऊसंच बननदा दमोनयों न चदाहतदे।
ददेखमो! एक जिहीव चवद्विदानम्, पगुण्यदात्मदा, श्रहीमदानम् रदाजिदा ककी रदाणही कदे गभर्थ ममें आतदा और दस भू रदा महदादररद्र
घचसयदारही कदे गभर्थ ममें आतदा हहै। एक कमो गभर्थ सदे लदेकर सवर्थथदा सगुख और दस भू रदे कमो सब प्रकदार दमःगु ख चमलतदा हहै। एक
जिब जिन्मतदा हहै तब सगुन्दर सगुगचन्धतयगुक्त जिलदाचद सदे स्नदान, यगुचक्त सदे नदाड़ही छदेदन, दग्गु धपदानदाचद यथदायमोग्य प्रदाप्त हमोतदे
हमैं। जिब वह दधभू पहीनदा चदाहतदा हहै तमो उस कदे सदाथ चमश्रही आचद चमलदा कर यथदेष्ट चमलतदा हहै। उसकमो प्रसन्न रखनदे कदे
चलयदे नचौकर चदाकर चखलचौनदा सवदारही उत्तम स्थदानयों ममें लदाड़ सदे आनन्द हमोतदा हहै। दस भू रदे कदा जिन्म जिङल ममें हमोतदा,
स्नदान कदे चलयदे जिल भही नहह चमलतदा, जिब दधभू पहीनदा चदाहतदा तब दधभू कदे बदलदे ममें घभूसंसदा थपदेड़दा आचद सदे पहीटदा जिदातदा
हहै। अत्यन्त आतर्थस्वर सदे रमोतदा हहै। कमोई नहह पभूछतदा। इत्यदाचद जिहीवयों कमो चवनदा पगुण्य पदाप कदे सगुख दमःगु ख हमोनदे सदे
परमदेश्वर पर दमोष आतदा हहै।
दस भू रदा जिहैसदे चवनदा चकयदे कमर्यों कदे सगुख दमःगु ख चमलतदे हमैं तमो आगदे नरक स्वगर्थ भही न हमोनदा चदाचहयदे। क्ययोंचक जिहैसदे
परमदेश्वर नदे इस समय चवनदा कमर्यों कदे सगुख दमःगु ख चदयदा हहै वहैसदे मरदे पहीछदे भही चजिस कमो चदाहदेगदा उस कमो स्वगर्थ ममें और
चजिस कमो चदाहदे नरक ममें भदेजि ददेगदा। पगुनमः सब जिहीव अधमर्थयक्त गु हमो जिदायमेंगदे , धमर्थ क्ययों करमें? क्ययोंचक धमर्थ कदा फल
चमलनदे ममें सन्ददेह हहै। परमदेश्वर कदे हदाथ हहै, जिहैसदे उस ककी प्रसन्नतदा हमोगही वहैसदा करदेगदा तमो पदापकमर्यों ममें भय न हमोकर
ससंसदार ममें पदाप ककी वकचद्ध और धमर्थ कदा कय हमो जिदायदेगदा। इसचलयदे पभूवर्थ जिन्म कदे पगुण्य पदाप कदे अनगुसदार वत्तर्थमदान जिन्म
और वत्तर्थमदान तथदा पभूवर्थजिन्म कदे कमदार्थनगुसदार भचवष्यतम् जिन्म हमोतदे हमैं।
(प्रश्न) मनगुष्य और अन्य पश्वदाचद कदे शरहीर ममें जिहीव एक सदा हहै वदा चभन्न-चभन्न जिदाचत कदे ?
(उत्तर) जिहीव एक सदे हमैं परन्तगु पदाप पगुण्य कदे यमोग सदे मचलन और पचवत्र हमोतदे हमैं।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः नवममः समगुल दासमः
430

(प्रश्न) मनगुष्य कदा जिहीव पश्वदाचद ममें और पश्वदाचद कदा मनगुष्य कदे शरहीर ममें और सही कदा पगुरुष कदे और
पगुरुष कदा सही कदे शरहीर ममें जिदातदा आतदा हहै वदा नहह?
(उत्तर) हदासं! जिदातदा आतदा हहै। क्ययोंचक जिब पदाप बढ़ जिदातदा पगुण्य न्यभून हमोतदा हहै तब मनगुष्य कदा जिहीव
पश्वदाचद नहीच शरहीर और जिब धमर्थ अचधक तथदा अधमर्थ न्यभून हमोतदा हहै तब ददेव अथदार्थतम् चवद्विदानयों कदा शरहीर चमलतदा और
जिब पगुण्य पदाप बरदाबर हमोतदा हहै तब सदाधदारण मनगुष्य जिन्म हमोतदा हहै। इस ममें भही पगुण्य पदाप कदे उत्तम, मध्यम और
चनकक ष्ट हमोनदे सदे मनगुष्यदाचद ममें भही उत्तम, मध्यम, चनकक ष्ट शरहीरदाचद सदामग्रही वदालदे हमोतदे हमैं। और जिब अचधक पदाप कदा
फल पश्वदाचद शरहीर ममें भमोग चलयदा हहै पगुनमः पदाप पगुण्य कदे तगुल्य रहनदे सदे मनगुष्य शरहीर ममें आतदा हहै और पगुण्य कदे फल
भमोग कर चफर भही मध्यस्थ मनगुष्य कदे शरहीर ममें आतदा हहै।
जिब शरहीर सदे चनकलतदा हहै उसही कदा नदाम ‘मकत्यगु’ और शरहीर कदे सदाथ ससंयमोग हमोनदे कदा नदाम ‘जिन्म’ हहै। जिब
शरहीर छमोड़तदा तब यमदालय अथदार्थतम् आकदाशस्थ वदायगु ममें रहतदा हहै क्ययोंचक ‘यमदेन वदायगुन दा’ वदेद ममें चलखदा हहै चक यम
नदाम वदायगु कदा हहै गरुड़ पगुरदाण कदा कचल्पत यम नहह। इस कदा चवशदेष खण्डन मण्डन ग्यदारहवमें समगुलदास ममें चलखमेंगदे।
पश्चदातम् धमर्थरदाजि अथदार्थतम् परमदेश्वर उस जिहीव कदे पदाप पगुण्यदानगुसदार जिन्म ददेतदा हहै। वह वदायगु, अन्न, जिल
अथवदा शरहीर कदे चछद्र द्विदारदा दसभू रदे कदे शरहीर ममें ईश्वर ककी प्रदेरणदा सदे प्रचवष्ट हमोतदा हहै। जिमो प्रचवष्ट हमोकर क्रमशमः वहीयर्थ ममें
जिदा गभर्थ ममें चस्थत हमो, शरहीर धदारण कर, बदाहर आतदा हहै। जिमो सही कदे शरहीर धदारण करनदे यमोग्य कमर्थ हयों तमो सही और
पगुरुष कदे शरहीर धदारण करनदे यमोग्य कमर्थ हयों तमो पगुरुष कदे शरहीर ममें प्रवदेश करतदा हहै। और नपगुसंसक गभर्थ ककी चस्थचत-समय
सही पगुरुष कदे शरहीर ममें सम्बन्ध करकदे रजि वहीयर्थ कदे बरदाबर हमोनदे सदे हमोतदा हहै।
इसही प्रकदार नदानदा प्रकदार कदे जिन्म मरण ममें तब तक जिहीव पड़दा रहतदा हहै चक जिब तक उत्तम कमर्वोपदासनदा
जदान कमो करकदे मगुचक्त कमो नहह पदातदा। क्ययोंचक उत्तम कमदार्थचद करनदे सदे मनगुष्ययों ममें उत्तम जिन्म और मगुचक्त ममें महदाकल्प
पयर्थन्त जिन्म मरण दमःगु खयों सदे रचहत हमोकर आनन्द ममें रहतदा हहै।
(प्रश्न) मगुचक्त एक जिन्म ममें हमोतही हहै वदा अनदेकयों ममें?
(उत्तर) अनदेक जिन्मयों ममें। क्ययोंचक—
चभदतदे हृदयग्रचन्थचश्छदन्तदे सवर्थस शसं यदामः।
कहीयन्तदे चदास्य कमदार्थच ण तचस्मन्दृष्टदे परदाऽवरदे॥ 1॥
—मगुण्डक॥

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जिब इस जिहीव कदे हृदय ककी अचवददा अजदानरूपही गदासंठ कट जिदातही, सब ससंशय चछन्न हमोतदे और दष्टगु कमर्थ कय
कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं तभही उस परमदात्मदा जिमो चक अपनदे आत्मदा कदे भहीतर और बदाहर व्यदाप रहदा हहै उस ममें चनवदास करतदा
हहै।
(प्रश्न) मगुचक्त ममें परमदेश्वर ममें जिहीव चमल जिदातदा हहै वदा पकथकम् रहतदा हहै?
(उत्तर) पकथकम् रहतदा हहै। क्ययोंचक जिमो चमल जिदाय तमो मगुचक्त कदा सगुख कचौन भमोगदे और मगुचक्त कदे चजितनदे
सदाधन हमैं वदे सब चनष्फल हमो जिदावमें। वह मगुचक्त तमो नहह चकन्तगु जिहीव कदा प्रलय जिदाननदा चदाचहयदे। जिब जिहीव परमदेश्वर ककी
आजदापदालन, उत्तम कमर्थ, सत्सङ, यमोगदाभ्यदास पभूवर्वोक्त सब सदाधन करतदा हहै वहही मगुचक्त कमो पदातदा हहै।
सत्यसं जदानमनन्तसं ब्रह्म यमो वदेद चनचहतसं गगुह दायदासं परमदे व्यमोमनम्।
समोऽश्नगुत दे सवदार्थन म् कदामदानम् सह ब्रह्मणदा चवपचश्चतदेच त॥
—तहैचत्तरही॰॥
जिमो जिहीवदात्मदा अपनही बगुचद्ध और आत्मदा ममें चस्थत सत्य जदान और अनन्त आनन्दस्वरूप परमदात्मदा कमो
जिदानतदा हहै वह उस व्यदापकरूप ब्रह्म ममें चस्थत हमोकदे उस ‘चवपचश्चतम्’ अनन्तचवददायक्त गु ब्रह्म कदे सदाथ कदामयों कमो प्रदाप्त
हमोतदा हहै। अथदार्थतम् चजिस-चजिस आनन्द ककी कदामनदा करतदा हहै उस-उस आनन्द कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै। यहही मगुच क्त कहदातही
हहै।
(प्रश्न) जिहैसदे शरहीर कदे चवनदा सदासंसदाररक सगुख नहह भमोग सकतदा वहैसदे मगुचक्त ममें चवनदा शरहीर आनन्द कहै सदे
भमोग सकदे गदा?
(उत्तर) इस कदा समदाधदान पभूवर्थ कह आयदे हमैं और इतनदा अचधक सगुनमो-जिहैसदे सदासंसदाररक सगुख शरहीर कदे
आधदार सदे भमोगतदा हहै वहैसदे परमदेश्वर कदे आधदार मगुचक्त कदे आनन्द कमो जिहीवदात्मदा भमोगतदा हहै। वह मगुक्त जिहीव अनन्त
व्यदापक ब्रह्म ममें स्वच्छन्द घभूमतदा, शगुद्ध जदान सदे सब सकचष्ट कमो ददेखतदा, अन्य मगुक्तयों कदे सदाथ चमलतदा, सकचष्टचवददा कमो
क्रम सदे ददेखतदा हह आ सब लमोकलमोकदान्तरयों ममें अथदार्थतम् चजितनदे यदे लमोक दहीखतदे हमैं, और नहह दहीखतदे उन सब ममें घभूमतदा
हहै। वह सब पददाथर्यों कमो जिमो चक उस कदे जदान कदे आगदे हमैं सब कमो ददेखतदा हहै। चजितनदा जदान अचधक हमोतदा हहै उसकमो
उतनदा हही आनन्द अचधक हमोतदा हहै। मगुचक्त ममें जिहीवदात्मदा चनमर्थल हमोनदे सदे पभूणर्थ जदानही हमोकर उस कमो सब सचन्नचहत
पददाथर्यों कदा भदान यथदावतम् हमोतदा हहै।
यहही सगुखचवशदेष स्वगर्थ और चवषय तकष्णदा ममें फसंस कर दमःगु खचवशदेष भमोग करनदा नरक कहदातदा हहै। ‘स्वमः’
सगुख कदा नदाम हहै। ‘स्वमः सगुखसं गच्छचत यचस्मनम् स स्वगर्थमः ’ ‘अतमो चवपरहीतमो दगुमः खभमोगमो नरक इचत’ जिमो
सदासंसदाररक सगुख हहै वह सदामदान्य स्वगर्थ और जिमो परमदेश्वर ककी प्रदाचप्त सदे आनन्द हहै वहही चवशदेष स्वगर्थ कहदातदा हहै।

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सब जिहीव स्वभदाव सदे सगुखप्रदाचप्त ककी इच्छदा और दमःगु ख कदा चवयमोग हमोनदा चदाहतदे हमैं परन्तगु जिब तक धमर्थ नहह
करतदे और पदाप नहह छमोड़तदे तब तक उन कमो सगुख कदा चमलनदा और द मःगु ख कदा छभूटनदा न हमोगदा। क्ययोंचक चजिस कदा
कदारण अथदार्थतम् मभूल हमोतदा हहै वह नष्ट कभही नहह हमोतदा। जिहैसदे—
चछन्नदे मभूल दे वकक मो नश्यचत तथदा पदापदे कहीणदे द गुमः खसं नश्यचत।
जिहैसदे मभूल कट जिदानदे सदे वकक नष्ट हमो जिदातदा हहै वहैसदे पदाप कमो छमोड़नदे सदे दमःगु ख नष्ट हमोतदा हहै। ददेखमो! मनगुस्मकचत ममें
पदाप और पगुण्य ककी बहह त प्रकदार ककी गचत—
मदानससं मनसहैव दायमगुप भगुङ क्तदे शगुभ दाऽशगुभ मम्।
वदाचदा वदाचदा कक तसं कमर्थ कदायदेन हैव च कदाचयकमम्॥ 1॥
शरहीरजिहैमः कमर्थद मोषहैय दार्थच त स्थदावरतदासं नरमः।
वदाचचकहै मः पचकमकग तदासं मदानसहैर न्त्यजिदाचततदामम्॥ 2॥
यमो यदहैष दासं गगुण मो ददेह दे सदाकल्यदेन दाचतररच्यतदे।
स तददा तद गुण प्रदायसं तसं करमोचत शरहीररणमम्॥ 3॥
सत्त् व सं जदानसं तममोऽजदानसं रदागद्विदेष चौ रजिमःस्मकत मम्।
एतदम् व्यदाचप्तमददेत षदे दासं सवर्थभ तभू दाचश्रतसं वपगुमः ॥4॥
तत्र यत्प्रहीचतससंयगु क्तसं चकचञ्चददात्मचन लकयदेत म्।
प्रशदान्तचमव शगुद्ध दाभसं सत्त् व सं तद गुप धदारयदेत ॥म् 5॥
यत्तगु दगुमः खसमदायगुक्त मम् अप्रहीचतकरमदात्मनमः।
तद्रजिमोऽप्रचतघसं चवददातम् सततसं हदारर ददेच हनदामम्॥ 6॥
यत्तगु स्यदान्ममोहससंयगु क्त मव्यक्तसं चवषयदात्मकमम्।
अप्रतक्यर्थम म् अचवजदेय सं तमस्तदम् उपधदारयदेत ॥म् 7॥
त्रयदाणदामचप चहैत देष दासं गगुण दानदासं यमः फलमोदयमः।
अग्छय मो मध्यमो जिघन्यश्च तसं प्रवक्ष्यदाम्यशदेष तमः॥8॥
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वदेद दाभ्यदासस्तपमो जदानसं शचौचचमचन्द्रयचनग्रहमः।


धमर्थच क्रयदात्मचचन्तदा च सदाचत्त्वकसं गगुण लकणमम्॥ 9॥
आरम्भरुचचतदाऽधहैय मर्थ म् असत्कदायर्थप ररग्रहमः।
चवषयमोपसदेव दा चदाजिस्रसं रदाजिससं गगुण लकणमम्॥ 10॥
लमोभमः स्वप्नमोऽधकच तमः क्रचौयर्वं नदाचस्तक्यसं चभन्नवकच त्ततदा।
यदाचचष्णगुत दा प्रमदादश्च तदामससं गगुण लकणमम्॥ 11॥
यत्कमर्थ कक त्वदा कगु वर्वंश् च कररष्यसंश् चहैव लज्जचत।
तज्जदेय सं चवद गुष दा सवर्वं तदामससं गगुण लकणमम्॥ 12॥
यदेन दाचस्मन्कमर्थण दा लमोकदे ख्यदाचतचमच्छचत पगुष् कलदामम्।
न च शमोचत्यसम्पत्तचौ तचद्विजदेय सं तगु रदाजिसमम्॥ 13॥
यत्सवर्वेण देच् छचत जदातगुसं यन्न लज्जचत चदाचरनम्।
तदेन तगुष् यचत चदात्मदास्य तत्सत्त् व गगुण लकणमम्॥ 14॥
तमसमो लकणसं कदाममो रजिसस्त्वथर्थ उच्यतदे।
सत्त् व स्य लकणसं धमर्थमः श्रहैष् ठमदेष दासं यथमोत्तरमम्॥ 15॥
—मनगु॰ अ॰ 12॥
अथदार्थतम् मनगुष्य इस प्रकदार अपनदे श्रदेष्ठि, मध्य और चनकक ष्ट स्वभदाव कमो जिदानकर उत्तम स्वभदाव कदा ग्रहण;
मध्य और चनकक ष्ट कदा त्यदाग करदे और यह भही चनश्चय जिदानदे चक यह जिहीव मन सदे चजिस शगुभ वदा अशगुभ कमर्थ कमो
करतदा हहै उस कमो मन, वदाणही सदे चकयदे कमो वदाणही और शरहीर सदे चकयदे कमो शरहीर सदे अथदार्थतम् सगुख दमःगु ख कमो भमोगतदा हहै॥
1॥
जिमो नर शरहीर सदे चमोरही, परसहीगमन, श्रदेष्ठियों कमो मदारनदे आचद दष्टगु कमर्थ करतदा हहै उस कमो वककदाचद स्थदावर कदा
जिन्म; वदाणही सदे चकयदे पदाप कमर्यों सदे पकही और मकगदाचद; तथदा मन सदे चकयदे दष्टगु कमर्यों सदे चदाण्डदाल आचद कदा शरहीर
चमलतदा हहै॥2॥
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जिमो गगुण इन जिहीवयों कदे ददेह ममें अचधकतदा सदे वत्तर्थतदा हहै वह गगुण उस जिहीव कमो अपनदे सदृश कर ददेतदा हहै॥3॥
जिब आत्मदा ममें जदान हमो तब सत्त्व; जिब अजदान रहदे तब तम; और जिब रदाग द्विदेष ममें आत्मदा लगदे तब
रजिमोगगुण जिदाननदा चदाचहयदे। यदे तहीन प्रकक चत कदे गगुण सब ससंसदारस्थ पददाथर्यों ममें व्यदाप्त हमो कर रहतदे हमैं॥4॥
उस कदा चववदेक इस प्रकदार करनदा चदाचहयदे चक जिब आत्मदा ममें प्रसन्नतदा मन प्रसन्न प्रशदान्त कदे सदृश
शगुद्धभदानयगुक्त वत्तर्वे तब समझनदा चक सत्त्वगगुण प्रधदान और रजिमोगगुण तथदा तममोगगुण अप्रधदान हमैं॥5॥
जिब आत्मदा और मन दमःगु खससंयक्त गु प्रसन्नतदारचहत चवषय ममें इधर उधर गमन आगमन ममें लगदे तब समझनदा
चक रजिमोगगुण प्रधदान, सत्त्वगगुण और तममोगगुण अप्रधदान हहै॥6॥
जिब ममोह अथदार्थतम् सदासंसदाररक पददाथर्यों ममें फसंसदा हह आ आत्मदा और मन हमो, जिब आत्मदा और मन ममें कगु छ
चववदेक न रहहै चवषययों ममें आसक्त तकर्थ चवतकर्थ रचहत जिदाननदे कदे यमोग्य न हमो तब चनश्चय समझनदा चदाचहयदे चक इस
समय मगुझ ममें तममोगगुण प्रधदान और सत्त्वगगुण तथदा रजिमोगगुण अप्रधदान हहै॥7॥
अब जिमो इन तहीनयों गगुणयों कदा उत्तम, मध्यम और चनकक ष्ट फलमोदय हमोतदा हहै उस कमो पभूणर्थभदाव सदे कहतदे हमैं॥
8॥
जिमो वदेदयों कदा अभ्यदास, धमदार्थनगुष्ठिदान, जदान ककी वकचद्ध, पचवत्रतदा ककी इच्छदा, इचन्द्रययों कदा चनग्रह, धमर्थ चक्रयदा
और आत्मदा कदा चचन्तन हमोतदा हहै यहही सत्त्वगगुण कदा लकण हहै॥9॥
जिब रजिमोगगुण कदा उदय, सत्त्व और तममोगगुण कदा अन्तभदार्थव हमोतदा हहै तब आरम्भ ममें रुचचतदा, धहैयर्थ-त्यदाग,
असतम् कमर्यों कदा ग्रहण, चनरन्तर चवषययों ककी सदेवदा ममें प्रहीचत हमोतही हहै तभही समझनदा चक रजिमोगगुण प्रधदानतदा सदे मगुझ ममें
वत्तर्थ रहदा हहै॥10॥
जिब तममोगगुण कदा उदय और दमोनयों कदा अन्तभदार्थव हमोतदा हहै तब अत्यन्त लमोभ अथदार्थतम् सब पदापयों कदा मभूल
बढ़तदा, अत्यन्त आलस्य और चनद्रदा, धहैयर्थ कदा नदाश, क्रभूरतदा कदा हमोनदा, नदाचस्तक्य अथदार्थतम् वदेद और ईश्वर ममें श्रद्धदा
कदा न रहनदा, चभन्न-चभन्न अन्तमःकरण ककी वकचत्त और एकदाग्रतदा कदा अभदाव चजिस चकसही सदे यदाचनदा अथदार्थतम् मदासंगनदा,
प्रमदाद अथदार्थतम् मदपदानदाचद दष्टगु व्यसनयों ममें फसंसनदा हमोवदे तब समझनदा चक तममोगगुण मगुझ ममें बढ़ कर वत्तर्थतदा हहै॥11॥

यह सब तममोगगुण कदा लकण चवद्विदानम् कमो जिदाननदे यमोग्य हहै तथदा जिब अपनदा आत्मदा चजिस कमर्थ कमो करकदे
करतदा हह आ और करनदे ककी इच्छदा सदे लज्जदा, शसंकदा और भय कमो प्रदाप्त हमोवदे तब जिदानमो चक मगुझ ममें प्रवकद्ध तममोगगुण हहै॥
12॥

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चजिस कमर्थ सदे इस लमोक ममें जिहीवदात्मदा पगुष्कल प्रचसचद्ध चदाहतदा, दररद्रतदा हमोनदे ममें भही चदारण, भदाट आचद कमो
ददान ददेनदा नहह छमोड़तदा तब समझनदा चक मगुझ ममें रजिमोगगुण प्रबल हहै॥13॥

और जिब मनगुष्य कदा आत्मदा सब सदे जिदाननदे कमो चदाहहै , गगुण ग्रहण करतदा जिदाय, अच्छदे कमर्यों ममें लज्जदा न करदे
और चजिस कमर्थ सदे आत्मदा प्रसन्न हमोवदे अथदार्थतम् धमदार्थचरण ममें हही रुचच रहदे तब समझनदा चक मगुझ ममें सत्त्वगगुण प्रबल हहै॥
14॥

तममोगगुण कदा लकण कदाम, रजिमोगगुण कदा अथर्थससंग्रह ककी इच्छदा और सत्त्वगगुण कदा लकण धमर्थसदेवदा करनदा हहै
परन्तगु तममोगगुण सदे रजिमोगगुण और रजिमोगगुण सदे सत्त्वगगुण श्रदेष्ठि हहै॥15॥

अब चजिस-चजिस गगुण सदे चजिस-चजिस गचत कमो जिहीव प्रदाप्त हमोतदा हहै उस-उस कमो आगदे चलखतदे हमैं—

ददेव त्वसं सदाचत्त्वकदा यदाचन्त मनगुष् यत्वञ्च रदाजिसदामः।


चतयर्थक् त्वसं तदामसदा चनत्यचमत्यदेष दा चत्रचवधदा गचतमः॥1॥
स्थदावरदा कक चमककीटदाश्च मत्स्यदामः सपदार्थश् च कच्छपदामः।
पशवश्च मकग दाश्चहैव जिघन्यदा तदामसही गचतमः॥2॥
हचस्तनश्च तगुर गश्च शभूद्र दा म्लदेच् छदाश्च गचहर्थत दामः।
चससंह दा व्यदाघ्रदा वरदाहदाश्च मध्यमदा तदामसही गचतमः॥3॥
चदारणदाश्च सगुप णदार्थश् च पगुरु षदाश्चहैव ददाचम्भकदामः।
रकदासंच स च चपशदाचदाश्च तदामसहीषभूत्त मदा गचतमः॥4॥
झलदा मलदा नटदाश्चहैव पगुरु षदामः शसवकत्त यमः।
दभूत पदानप्रसक्तदाश्च जिघन्यदा रदाजिसही गचतमः॥5॥
रदाजिदानमः कचत्रयदाश्चहैव रदाजदासं चहैव पगुर मोचहतदामः।
वदादयगुद्ध प्रधदानदाश्च मध्यमदा रदाजिसही गचतमः॥6॥
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गन्धवदार्थ गगुह्य कदा यकदा चवबगुध दानगुच रदाश्च यदे।


तथहैव दाप्सरसमः सवदार्थ रदाजिसहीषभूत्त मदा गचतमः॥7॥
तदापसदा यतयमो चवप्रदा यदे च वहैम दाचनकदा गगुण दामः।
नकत्रदाचण च दहैत् यदाश्च प्रथमदा सदाचत्त्वककी गचतमः॥8॥
यज्वदान ऋषयमो ददेव दा वदेद दा ज्यमोतहचष वत्सरदामः।
चपतरश्चहैव सदाध्यदाश्च चद्वितहीयदा सदाचत्त्वककी गचतमः॥9॥
ब्रह्मदा चवश्वसकजि मो धमर्वो महदानव्यक्तमदेव च।
उत्तमदासं सदाचत्त्वककीमदेत दासं गचतमदाहह म नर्थ हीचषणमः॥10॥
इचन्द्रयदाणदासं प्रसङदे न धमर्थस् यदासदेव नदेन च।
पदापदानम् ससंय दाचन्त ससंस दारदानम् अचवद्विदासंस मो नरदाधमदामः॥11॥
जिमो मनगुष्य सदाचत्त्वक हमैं वदे ददेव अथदार्थतम् चवद्विदानम्, जिमो रजिमोगगुणही हमोतदे हमैं वदे मध्यम मनगुष्य और जिमो तममोगगुणयगुक्त
हमोतदे हमैं वदे नहीच गचत कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं॥1॥
जिमो अत्यन्त तममोगगुणही हमैं वदे स्थदावर वककदाचद, कक चम, ककीट, मत्स्य, सपर्थ, कच्छप, पशगु और मकग कदे जिन्म
कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं॥2॥
जिमो मध्यम तममोगगुणही हमैं वदे हदाथही, घमोड़दा, शभूद्र, म्लदेच्छ चनचन्दत कमर्थ करनदे हदारदे चससंह, व्यदाघ्र, वरदाह
अथदार्थतम् सभूकर कदे जिन्म कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं॥3॥
जिमो उत्तम तममोगगुणही हमैं वदे चदारण (जिमो चक कचवत्त दमोहदा आचद बनदाकर मनगुष्ययों ककी प्रशसंसदा करतदे हमैं ) सगुन्दर
पकही, ददाचम्भक पगुरुष अथदार्थतम् अपनदे मगुख सदे अपनही प्रशसंसदा करनदे हदारदे , रदाकस जिमो चहसंसक, चपशदाच जिमो अनदाचदारही
अथदार्थतम् मददाचद कदे आहदारकत्तदार्थ और मचलन रहतदे हमैं वह उत्तम तममोगगुण कदे कमर्थ कदा फल हहै॥4॥

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जिमो अत्यन्त रजिमोगगुणही हमैं वदे झलदा अथदार्थतम् तलवदार आचद सदे मदारनदे वदा कगु ददार आचद सदे खमोदनदेहदारदे , मलदा
अथदार्थतम् नचौकदा आचद कदे चलदानदे वदालदे, नट जिमो बदासंस आचद पर कलदा कभू दनदा चढ़नदा उतरनदा आचद करतदे हमैं ,
शसधदारही भकत्य और मद पहीनदे ममें आसक्त हयों ऐसदे जिन्म नहीच रजिमोगगुण कदा फल हहै॥5॥
जिमो अधम रजिमोगगुणही हमोतदे हमैं वदे रदाजिदा कचत्रयवणर्थस्थ रदाजिदाओसं कदे पगुरमोचहत, वदादचववदाद करनदे वदालदे, दतभू ,
प्रदाचड्ववदाक (वककील बदाररष्टर), यगुद्ध-चवभदाग कदे अध्यक कदे जिन्म पदातदे हमैं॥6॥
जिमो उत्तम रजिमोगगुणही हमैं वदे गन्धवर्थ (गदानदे वदालदे) गगुह्यक (वदाचदत्र बजिदानदेहदारदे), यक (धनदाढ्य) चवद्विदानयों कदे
सदेवक और अप्सरदा अथदार्थतम् जिमो उत्तम रूप वदालही सही कदा जिन्म पदातदे हमैं॥7॥
जिमो तपस्वही, यचत, ससंन्यदासही, वदेदपदाठही, चवमदान कदे चलदानदे वदालदे, ज्यमोचतषही और दहैत्य अथदार्थतम् ददेहपमोषक
मनगुष्य हमोतदे हमैं उनकमो प्रथम सत्त्वगगुण कदे कमर्थ कदा फल जिदानमो॥8॥
जिमो मध्यम सत्त्वगगुण यगुक्त हमोकर कमर्थ करतदे हमैं वदे जिहीव यजकत्तदार्थ, वदेददाथर्थचवतम्, चवद्विदानम्, वदेद, चवदगुतम् आचद
कदाल चवददा कदे जदातदा, रकक, जदानही और (सदाध्य) कदायर्थचसचद्ध कदे चलयदे सदेवन करनदे यमोग्य अध्यदापक कदा जिन्म
पदातदे हमैं॥9॥
जिमो उत्तम सत्त्वगगुणयगुक्त हमोकदे उत्तम कमर्थ करतदे हमैं वदे ब्रह्मदा सब वदेदयों कदा वदेत्तदा चवश्वसकजिम् सब सकचष्टक्रम चवददा
कमो जिदानकर चवचवध चवमदानदाचद यदानयों कमो बनदानदेहदारदे , धदाचमर्थक सवर्वोत्तम बगुचद्धयगुक्त और अव्यक्त कदे जिन्म और
प्रकक चतवचशत्व चसचद्ध कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं॥10॥
जिमो इचन्द्रय कदे वश हमोकर चवषयही, धमर्थ कमो छमोड़कर अधमर्थ करनदेहदारदे अचवद्विदानम् हमैं वदे मनगुष्ययों ममें नहीच जिन
बगुरदे-बगुरदे दमःगु खरूप जिन्म कमो पदातदे हमैं॥11॥
इसही प्रकदार सत्त्व, रजि और तममोगगुण यगुक्त वदेग सदे चजिस-चजिस प्रकदार कदा कमर्थ जिहीव करतदा हहै उस-उस कमो
उसही-उसही प्रकदार फल प्रदाप्त हमोतदा हहै। जिमो मगुक्त हमोतदे हमैं वदे गगुणदातहीत अथदार्थतम् सब गगुणयों कदे स्वभदावयों ममें न फसंसकर
महदायमोगही हमोकदे मगुचक्त कदा सदाधन करमें। क्ययोंचक—
यमोगचश्चत्तवकच त्तचनरमोधमः॥1॥
तददा द्रष्टह मः स्वरूपदेऽ वस्थदानमम्॥ 2॥
—यदे यमोगशदास पदातञ्जल कदे सभूत्र हमैं।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः नवममः समगुल दासमः
430

मनगुष्य रजिमोगगुण, तममोगगुण यगुक्त कमर्यों सदे मन कमो रमोक शगुद्ध सत्त्वगगुणयगुक्त कमर्यों सदे भही मन कमो रमोक , शगुद्ध
सत्त्वगगुणयगुक्त हमो पश्चदातम् उस कदा चनरमोध कर, एकदाग्र अथदार्थतम् एक परमदात्मदा और धमर्थयक्त गु कमर्थ इनकदे अग्रभदाग ममें
चचत्त कदा ठहरदा रखनदा चनरुद्ध अथदार्थतम् सब ओर सदे मन ककी वकचत्त कमो रमोकनदा॥1॥
जिब चचत्त एकदाग्र और चनरुद्ध हमोतदा हहै तब सब कदे द्रष्टदा ईश्वर कदे स्वरूप ममें जिहीवदात्मदा ककी चस्थचत हमोतही हहै॥
2॥इत्यदाचद सदाधन मगुचक्त कदे चलयदे करदे। और—
अथ चत्रचवधद गुमः खदात्यन्तचनवकच त्तरत्यन्तपगुरु षदाथर्थमः ॥
—यह सदासंख्य कदा सभूत्र हहै।
जिमो आध्यदाचत्मक अथदार्थतम् शरहीर सम्बन्धही पहीड़दा, आचधभचौचतक जिमो दस
भू रदे प्रदाचणययों सदे दमःगु चखत हमोनदा,
आचधदहैचवक जिमो अचतवकचष्ट, अचततदाप, अचतशहीत, मन इचन्द्रययों ककी चञ्चलतदा सदे हमोतदा हहै इस चत्रचवध दमःगु ख कमो छगु ड़दा
कर मगुचक्त पदानदा अत्यन्त पगुरुषदाथर्थ हहै।
इसकदे आगदे आचदार अनदाचदार और भक्ष्यदाभक्ष्य कदा चवषय चलखमेंगदे॥9॥
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे
सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे चवददाऽचवददाबन्धममोकचवषयदे
नवममः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥9॥

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144004
अथ दशमसमगुल दासदारम्भमः
अथदाऽऽचदारदाऽनदाचदारभक्ष्यदाऽभक्ष्यचवषयदानम् व्यदाख्यदास्यदाममः
अब जिमो धमर्थयक्त
गु कदामयों कदा आचरण, सगुशहीलतदा, सत्पगुरुषयों कदा ससंग और सचद्विददा कदे ग्रहण ममें रुचच आचद
आचदार और इन सदे चवपरहीत अनदाचदार कहदातदा हहै उस कमो चलखतदे हमैं—
चवद्विचदमः सदेच वतमः सचदचनर्थत् यमद्विदेष रदाचगचभमः।
हृदयदेन दाभ्यनगुज दातमो यमो धमर्थस् तचन्नबमोधत॥1॥
कदामदात्मतदा न प्रशस्तदा न चहैव हदे दास्त्यकदामतदा।
कदाम्यमो चह वदेद दाचधगममः कमर्थय मोगश्च वहैच दकमः॥2॥
सङल्पमभूल मः कदाममो वहै यजदामः सङल्पसम्भवदामः।
रतदाचन यमधमदार्थश् च सवर्वे सङल्पजिदामः स्मकत दामः॥3॥
अकदामस्य चक्रयदा कदाचचदम् दृश्यतदे नदेह कचहर्थच चतम्।
यदचद्ध कगु रुतदे चकचञ्चतम् तत्तत्कदामस्य चदेच ष्टतमम्॥ 4॥
वदेद मोऽचखलमो धमर्थम ल
भू सं स्मकच तशहीलदे च तचद्विददामम्।
आचदारश्चहैव सदाधभून दामदात्मनस्तगुच ष्टरदेव च॥5॥
सवर्थन् तगु समवदेक्ष् यदेद सं चनचखलसं जदानचकगुष दा।
श्रगुच तप्रदामदाण्यतमो चवद्विदानम् स्वधमर्वे चनचवशदेत वहै॥ 6॥
श्रगुच तस्मकत् यगु च दतसं धमर्थम नगुच तष्ठिनम् चह मदानवमः।
इह ककीचत्तर्थम वदाप्नमोचत प्रदेत् य चदानगुत्त मसं सगुख मम्॥ 7॥8॥
यमोऽवमन्यदेत तदे मभूल दे हदेत गुश दासश्रयदाद म् चद्विजिमः।
स सदाधगुच भबर्थच हष्कदायर्वो नदाचस्तकमो वदेद चनन्दकमः॥9॥
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः दशममः समगुल दासमः
492

वदेद मः स्मकच तमः सददाचदारमः स्वस्य च चप्रयमदात्मनमः।


एतच्चितगुच वर्थध सं प्रदाहह मः सदाकदादम् धमर्थस् य लकणमम्॥ 10॥
अथर्थक दामदेष् वसक्तदानदासं धमर्थज दानसं चवधहीयतदे।
धमर्वं चजिजदासमदानदानदासं प्रमदाणसं परमसं श्रगुच तमः॥11॥
वहैच दकहै मः कमर्थच भमः पगुण् यहैच नर्थष क
दे दाचदचद्विर्थजि न्मनदामम्।
कदायर्थमः शरहीरससंस् कदारमः पदावनमः प्रदेत् य चदेह च॥12॥
कदे शदान्तमः षमोडशदे वषर्वे ब्रदाह्मणस्य चवधहीयतदे।
रदाजिन्यबन्धमोद्विदार्थच वसंश दे वहैश् यस्य द्व्यचधकदे ततमः॥13॥
—मनगु॰ अ॰ 2॥
मनगुष्ययों कमो सददा इस बदात पर ध्यदान रखनदा चदाचहयदे चक चजिस कदा सदेवन रदागद्विदेषरचहत चवद्विदानम् लमोग चनत्य
करमें चजिस कमो हृदय अथदार्थतम् आत्मदा सदे सत्य कत्तर्थव्य जिदानमें, वहही धमर्थ मदाननहीय और करणहीय हहै॥1॥
क्ययोंचक इस ससंसदार ममें अत्यन्त कदामदात्मतदा और चनष्कदामतदा श्रदेष्ठि नहह हहै। वदेददाथर्थजदान और वदेदमोक्त कमर्थ यदे
सब कदामनदा हही सदे चसद्ध हमोतदे हमैं॥2॥
जिमो कमोई कहदे चक ममैं चनररच्छ और चनष्कदाम हह सं वदा हमो जिदाऊह तमो वह कभही नहह हमो सकतदा क्ययोंचक सब कदाम
अथदार्थतम् यज, सत्यभदाषणदाचद रत, यम चनयमरूपही धमर्थ आचद ससंकल्प हही सदे बनतदे हमैं॥3॥
क्ययोंचक जिमो-जिमो हस्त, पदाद, नदेत्र, मन आचद चलदायदे जिदातदे हमैं वदे सब कदामनदा हही सदे चलतदे हमैं। जिमो इच्छदा न
हमो तमो आसंख कदा खमोलनदा और महीचनदा भही नहह हमो सकतदा॥4॥
इसचलयदे सम्पभूणर्थ वदेद, मनगुस्मकचत तथदा ऋचषप्रणहीत शदास, सत्पगुरुषयों कदा आचदार और चजिस-चजिस कमर्थ ममें
अपनदा आत्मदा प्रसन्न रहदे अथदार्थतम् भय, शसंकदा, लज्जदा चजिस ममें न हमो उन कमर्यों कदा सदेवन करनदा उचचत हहै। ददेखमो!
जिब कमोई चमथ्यदाभदाषण, चमोरही आचद ककी इच्छदा करतदा हहै तभही उस कदे आत्मदा ममें भय, शसंकदा, लज्जदा अवश्य उत्पन्न
हमोतही हहै इसचलयदे वह कमर्थ करनदे यमोग्य नहह॥5॥
मनगुष्य सम्पभूणर्थ शदास, वदेद, सत्पगुरुषयों कदा आचदार, अपनदे आत्मदा कदे अचवरुद्ध अच्छदे प्रकदार चवचदार कर
जदाननदेत्र करकदे श्रगुचत-प्रमदाण सदे स्वदात्मदानगुकभूल धमर्थ ममें प्रवदेश करदे॥6॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः दशममः समगुल दासमः
492

क्ययोंचक जिमो मनगुष्य वदेदमोक्त धमर्थ और जिमो वदेद सदे अचवरुद्ध स्मकत्यगुक्त धमर्थ कदा अनगुष्ठिदान करतदा हहै वह इस लमोक
ममें ककीचतर्थ और मरकदे सवर्वोत्तम सगुख कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै॥7॥
श्रगुचत वदेद और स्मकचत धमर्थशदास कमो कहतदे हमैं। इन सदे सब कत्तर्थव्यदाकत्तर्थव्य कदा चनश्चय करनदा चदाचहयदे॥8॥
जिमो कमोई मनगुष्य वदेद और वदेददानगुकभूल आप्तग्रन्थयों कदा अपमदान करदे उस कमो श्रदेष्ठि लमोग जिदाचतबदाह्य कर दमें।
क्ययोंचक जिमो वदेद ककी चनन्ददा करतदा हहै वहही नदाचस्तक कहदातदा हहै॥9॥

इसचलयदे वदेद, स्मकचत, सत्पगुरुषयों कदा आचदार और अपनदे आत्मदा कदे जदान सदे अचवरुद्ध चप्रयदाचरण, यदे चदार
धमर्थ कदे लकण अथदार्थतम् इन्हह सदे धमर्थ लचकत हमोतदा हहै॥10॥

परन्तगु जिमो द्रव्ययों कदे लमोभ और कदाम अथदार्थतम् चवषयसदेवदा ममें फसंसदा हह आ नहह हमोतदा उसही कमो धमर्थ कदा जदान
हमोतदा हहै। जिमो धमर्थ कमो जिदाननदे ककी इच्छदा करमें उनकदे चलयदे वदेद हही परम प्रमदाण हहै॥11॥

इसही सदे सब मनगुष्ययों कमो उचचत हहै चक वदेदमोक्त पगुण्यरूप कमर्यों सदे ब्रदाह्मण, कचत्रय, वहैश्य अपनदे सन्तदानयों कदा
चनषदेकदाचद ससंस्कदार करमें। जिमो इस जिन्म वदा परजिन्म ममें पचवत्र करनदे वदालदा हहै॥12॥

ब्रदाह्मण कदे समोलहवमें, कचत्रय कदे बदाईसवमें और वहैश्य कदे चचौबहीसवमें वषर्थ ममें कदे शदान्त कमर्थ और मगुण्डन हमो जिदानदा
चदाचहयदे अथदार्थतम् इस चवचध कदे पश्चदातम् कदे वल चशखदा कमो रख कदे अन्य डदाढ़ही मभूहछ और चशर कदे बदाल सददा मगुसंडवदातदे
रहनदा चदाचहयदे अथदार्थतम् पगुनमः कभही न रखनदा और जिमो शहीतप्रधदान ददेश हमो तमो कदामचदार हहै चदाहहै चजितनदे कदे श रक्खदे और
जिमो अचत उष्ण ददेश हमो तमो सब चशखदा सचहत छदेदन करदा ददेनदा चदाचहयदे क्ययोंचक चशर ममें बदाल रहनदे सदे उष्णतदा अचधक
हमोतही हहै और उससदे बगुचद्ध कम हमो जिदातही हहै। डदाढ़ही मभूहछ रखनदे सदे भमोजिन पदान अच्छदे प्रकदार नहह हमोतदा और उचच्छष्ट
भही बदालयों ममें रह जिदातदा हहै॥13॥

इचन्द्रयदाणदासं चवचरतदासं चवषयदेष् वपहदाररषगु।


ससंय मदे यत्नमदाचतष्ठिदेदम् चवद्विदानम् यन्तदेव वदाचजिनदामम्॥ 1॥
इचन्द्रयदाणदासं प्रसङदे न दमोषमकच् छत्यससंश यमम्।
सचन्नयम्य तगु तदान्यदेव ततमः चसचद्धसं चनयच्छचत॥2॥
न जिदातगु कदाममः कदामदानदामगुप भमोगदेन शदाम्यचत।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः दशममः समगुल दासमः
492

हचवषदा कक ष्णवत्मर्वेव भभूय एवदाचभवद्धर्थत ॥दे 3॥


वदेद दास्त्यदागश्च यजदाश्च चनयमदाश्च तपदासंच स च।
न चवप्रद गुष्ट भदावस्य चसचद्धसं गच्छचन्त कचहर्थच चतम्॥ 4॥
वशदे कक त्वदेच न्द्रयग्रदामसं ससंय म्य च मनस्तथदा।
सवदार्थन म् ससंस दाधयदेद थदार्थन चकण्वनम् यमोगतस्तनगुम म्॥ 5॥
श्रगुत् वदा स्पकष् ट्वदा च दृष्ट्वदा च भगुक् त्वदा घ्रदात्वदा च यमो नरमः।
न हृष्यचत ग्लदायचत वदा स चवजदेय मो चजितदेच न्द्रयमः॥6॥
नदापकष्ट मः कस्यचचदम् ब्रभूय दान्न चदान्यदायदेन पकच् छतमः।
जिदानन्नचप चह मदेध दावही जिडवलमोक आचरदेत म्॥ 7॥
चवत्तसं बन्धगुव यर्थ मः कमर्थ चवददा भवचत पञ्चमही।
एतदाचन मदान्यस्थदानदाचन गरहीयमो यदद गुत्त रमम्॥ 8॥
अजमो भवचत वहै बदालमः चपतदा भवचत मन्त्रदमः।
अजसं चह बदालचमत्यदाहह मः चपतदेत् यदेव तगु मन्त्रदमम्॥ 9॥
न हदायनहैन र्थ पचलतहैन र्थ चवत्तदेन न बन्धगुच भमः।
ऋषयश्चचक्ररदे धमर्वं यमोऽनभूच दानमः स नमो महदानम्॥ 10॥
चवप्रदाणदासं जदानतमो ज्यहैष् ठसं कचत्रयदाणदासं तगु वहीयर्थत मः।
वहैश् यदानदासं धदान्यधनतमः शभूद्र दाणदामदेव जिन्मतमः॥11॥
न तदेन वकद्ध मो भवचत यदेन दास्य पचलतसं चशरमः।
यमो वहै यगुव दाप्यधहीयदानस्तसं ददेव दामः स्थचवरसं चवद गुमः ॥12॥
यथदा कदाष्ठिमयमो हस्तही यथदा चमर्थम यमो मकग मः।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः दशममः समगुल दासमः
492

यश्च चवप्रमोऽनधहीयदानसयस्तदे नदाम चबभ्रचत॥13॥


अचहसंस यहैव भभूत दानदासं कदायर्वं श्रदेय मोऽनगुश दासनमम्।
वदाकम् चहैव मधगुर दा श्लक्ष्णदा प्रयमोज्यदा धमर्थच मच्छतदा॥14॥
—मनगु॰ अ॰ 2॥
मनगुष्य कदा यहही मगुख्य आचदार हहै चक जिमो इचन्द्रयदासं चचत्त कदा हरण करनदे वदालदे चवषययों ममें प्रवकत्त करदातही हमैं उन
कमो रमोकनदे ममें प्रयत्न करदे। जिहैसदे घमोड़यों कमो सदारचथ रमोक कर शगुद्ध मदागर्थ ममें चलदातदा हहै इस प्रकदार इन कमो अपनदे वश ममें
करकदे अधमर्थमदागर्थ सदे हटदा कदे धमर्थमदागर्थ ममें सददा चलदायदा करदे॥1॥
क्ययोंचक इचन्द्रययों कमो चवषयदासचक्त और अधमर्थ ममें चलदानदे सदे मनगुष्य चनचश्चत दमोष कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै और जिब
इन कमो जिहीत कर धमर्थ ममें चलदातदा हहै तभही अभहीष्ट चसचद्ध कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै॥2॥
यह चनश्चय हहै चक जिहैसदे अचग्नि ममें इन्धन और घही डदालनदे सदे बढ़तदा जिदातदा हहै वहैसदे हही कदामयों कदे उपभमोग सदे
कदाम शदान्त कभही नहह हमोतदा चकन्तगु बढ़तदा हही जिदातदा हहै। इसचलयदे मनगुष्य कमो चवषयदासक्त कभही न हमोनदा चदाचहयदे॥3॥
जिमो अचजितदेचन्द्रय पगुरुष हहै उसकमो ‘चवप्रदष्टगु ’ कहतदे हमैं। उस कदे करनदे सदे न वदेदजदान, न त्यदाग, न यज, न
चनयम और न धमदार्थचरण चसचद्ध कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं चकन्तगु यदे सब चजितदेचन्द्रय धदाचमर्थक जिन कमो चसद्ध हमोतदे हमैं॥4॥
इसचलयदे पदासंच कमर्थ पदासंच जदानदेचन्द्रय और ग्यदारहवमें मन कमो अपनदे वश ममें करकदे यगुक्तदाहदार चवहदार यमोग सदे शरहीर
ककी रकदा करतदा हह आ सब अथर्यों कमो चसद्ध करदे॥5॥
चजितदेचन्द्रय उस कमो कहतदे हमैं जिमो स्तगुचत सगुन कदे हषर्थ और चनन्ददा सगुन कदे शमोक ; अच्छदा स्पशर्थ करकदे सगुख
और दष्टगु स्पशर्थ सदे दमःगु ख, सगुन्दर रूप ददेख कदे प्रसन्न और दष्टगु रूप ददेख कदे अप्रसन्न, उत्तम भमोजिन करकदे
आनचन्दत और चनकक ष्ट भमोजिन करकदे दमःगु चखत, सगुगन्ध ममें रुचच और दगगु र्थन्ध ममें अरुचच नहह करतदा हहै॥6॥
कभही चवनदा पभूछदे वदा अन्यदाय सदे पभूछनदे वदालदे कमो चक जिमो कपट सदे पभूछतदा हमो उस कमो उत्तर न ददेवदे। उन कदे
सदामनदे बगुचद्धमदानम् जिड़ कदे समदान रहमें। हदासं! जिमो चनष्कपट और चजिजदासगु हयों उन कमो चवनदा पभूछदे भही उपददेश करदे॥7॥
एक धन, दस भू रदे बन्धगु कगु टगु म्ब कगु ल, तहीसरही अवस्थदा, चचौथदा उत्तम कमर्थ और पदासंचवह श्रदेष्ठि चवददा यदे पदासंच
मदान्य कदे स्थदान हमैं। परन्तगु धन सदे उत्तम बन्धगु , बन्धगु सदे अचधक अवस्थदा, अवस्थदा सदे श्रदेष्ठि कमर्थ और कमर्थ सदे पचवत्र
चवददा वदालदे उत्तरमोत्तर अचधक मदाननहीय हमैं॥8॥

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क्ययोंचक चदाहहै सचौ वषर्थ कदा भही हमो परन्तगु जिमो चवददा चवजदानरचहत हहै वह बदालक और जिमो चवददा चवजदान कदा
ददातदा हहै उस बदालक कमो भही वकद्ध मदाननदा चदाचहयदे। क्ययोंचक सब शदास आप्त चवद्विदानम् अजदानही कमो बदालक और जदानही कमो
चपतदा कहतदे हमैं॥9॥
अचधक वषर्यों कदे बहीतनदे, श्वदेत बदाल कदे हमोनदे, अचधक धन सदे और बड़दे कगु टगु म्ब कदे हमोनदे सदे वकद्ध नहह हमोतदा।
चकन्तगु ऋचष महदात्मदाओसं कदा यहही चनश्चय हहै चक जिमो हमदारदे बहीच ममें चवददा चवजदान ममें अचधक हहै वहही वकद्ध पगुरुष कहदातदा
हहै॥10॥
ब्रदाह्मण जदान सदे, कचत्रय बल सदे, वहैश्य धनधदान्य सदे और शभूद्र जिन्म अथदार्थतम् अचधक आयगु सदे वकद्ध हमोतदा हहै॥
11॥
चशर कदे बदाल श्वदेत हमोनदे सदे बगुढदा नहह हमोतदा चकन्तगु जिमो यगुवदा चवददा पढ़दा हह आ हहै उसही कमो चवद्विदानम् लमोग बड़दा
जिदानतदे हमैं॥12॥
और जिमो चवददा नहह पढ़दा हहै वह जिहैसदा कदाष्ठि कदा हदाथही; चमड़दे कदा मकग हमोतदा हहै वहैसदा अचवद्विदानम् मनगुष्य जिगतम्
ममें नदाममदात्र मनगुष्य कहदातदा हहै॥13॥
इसचलयदे चवददा पढ़, चवद्विदानम् धमदार्थत्मदा हमोकर चनवर्वैरतदा सदे सब प्रदाचणययों कदे कल्यदाण कदा उपददेश करदे। और
उपददेश ममें वदाणही मधगुर और कमोमल बमोलदे। जिमो सत्यमोपददेश सदे धमर्थ ककी वकचद्ध और अधमर्थ कदा नदाश करतदे हमैं वदे पगुरुष
धन्य हमैं॥14॥
चनत्य स्नदान, वस, अन्न, पदान, स्थदान सब शगुद्ध रक्खदे क्ययोंचक इन कदे शगुद्ध हमोनदे ममें चचत्त ककी शगुचद्ध और
आरमोग्यतदा प्रदाप्त हमोकर पगुरुषदाथर्थ बढ़तदा हहै। शचौच उतनदा करनदा यमोग्य हहै चक चजितनदे सदे मल दगगु र्थन्ध दरभू हमो जिदायदे।
आचदारमः परममो धमर्थमः श्रगुत् य गुक्त मः स्मदात्तर्थ एव च॥ मनगु॰॥
जिमो सत्यभदाषणदाचद कमर्यों कदा आचरण करनदा हहै वहही वदेद और स्मकचत ममें कहदा हह आ आचदार हहै।
मदा नमो वधहीमः चपतरसं ममोत मदातरमम्।
आचदायर्थ उपनयमदानमो ब्रह्मचदाररणचमच्छतदे॥
मदातकद वदे मो भव। चपतकद वदे मो भव। आचदायर्थद वदे मो भव। अचतचथददेव मो भव॥
—तहैचत्तरही॰॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः दशममः समगुल दासमः
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मदातदा, चपतदा, आचदायर्थ और अचतचथ ककी सदेवदा करनदा ददेवपभूजिदा कहदातही हहै। और चजिस-चजिस कमर्थ सदे जिगतम्
कदा उपकदार हमो वह-वह कमर्थ करनदा और हदाचनकदारक छमोड़ ददेनदा हही मनगुष्य कदा मगुख्य कत्तर्थव्य कमर्थ हहै। कभही
नदाचस्तक, लम्पट, चवश्वदासघदातही, चमोर, चमथ्यदावदादही, स्वदाथर्त्ती, कपटही, छलही आचद दष्टगु मनगुष्ययों कदा सङ न करदे।
आप्त जिमो सत्यवदादही धमदार्थत्मदा परमोपकदारचप्रय जिन हमैं उनकदा सददा ससंग करनदे हही कदा नदाम श्रदेष्ठिदाचदार हहै।
(प्रश्न) आयदार्थवत्तर्थ ददेशवदाचसययों कदा आयदार्थवत्तर्थ ददेश सदे चभन्न-चभन्न ददेशयों ममें जिदानदे सदे आचदार नष्ट हमो जिदातदा हहै
वदा नहह?
(उत्तर) यह बदात चमथ्यदा हहै। क्ययोंचक जिमो बदाहर भहीतर ककी पचवत्रतदा करनही, सत्यभदाषणदाचद आचरण
करनदा हहै वह जिहदाह कहह करदेगदा आचदार और धमर्थभ्रष्ट कभही न हमोगदा। और जिमो आयदार्थवत्तर्थ ममें रह कर भही द ष्टगु दाचदार करदेगदा
वहही धमर्थ और आचदारभ्रष्ट कहदावदेगदा। जिमो ऐसदा हही हमोतदा तमो—
मदेर मोहर्थर श्दे च द्विदे वषर्वे वषर्वं हहैम वतसं ततमः।
क्रमदेण हैव व्यचतक्रम्य भदारतसं वषर्थम दासदतम्॥ 1॥
स ददेश दानम् चवचवधदानम् पश्यसंश् चहीनहह ण चनषदेच वतदानम्॥ 2॥
—यदे श्लमोक महदाभदारत शदाचन्तपवर्थ ममोकधमर्थ ममें व्यदास-शगुक-ससंवदाद ममें हमैं।
अथदार्थतम् एक समय व्यदास जिही अपनदे पगुत्र शगुक और चशष्य सचहत पदातदाल अथदार्थतम् चजिस कमो इस समय
‘अमदेररकदा’ कहतदे हमैं उस ममें चनवदास करतदे थदे। शगुकदाचदायर्थ नदे चपतदा सदे एक प्रश्न पभूछदा चक आत्मचवददा इतनही हही हहै वदा
अचधक? व्यदास जिही नदे जिदानकर उस बदात कदा प्रत्यगुत्तर न चदयदा क्ययोंचक उस बदात कदा उपददेश कर चगुकदे थदे। दस भू रदे ककी
सदाकही कदे चलयदे अपनदे पगुत्र शगुक सदे कहदा चक हदे पगुत्र ! तभू चमचथलदापगुरही ममें जिदाकर यहही प्रश्न जिनक रदाजिदा सदे कर। वह
इस कदा यथदायमोग्य उत्तर ददेगदा। चपतदा कदा वचन सगुन कर शगुकदाचदायर्थ पदातदाल सदे चमचथलदापगुरही ककी ओर चलदे। प्रथम मदेरु
अथदार्थतम् चहमदालय सदे ईशदान उत्तर और वदायव्य चदशदा ममें जिमो ददेश बसतदे हमैं उन कदा नदाम हररवषर्थ थदा। अथदार्थतम् हरर कहतदे
हमैं बन्दर कमो, उस ददेश कदे मनगुष्य अब भही रक्तमगुख अथदार्थतम् वदानर कदे समदान भभूरदे नदेत्र वदालदे हमोतदे हमैं। चजिन ददेशयों कदा
नदाम इस समय ‘यभूरमोप’ हहै उन्हह कमो ससंस्कक त ममें ‘हररवषर्थ’ कहतदे थदे। उन ददेशयों कमो ददेखतदे हह ए और चजिन कमो हह ण
‘यहह दही’ भही कहतदे हमैं उन ददेशयों कमो ददेख कर चहीन ममें आयदे। चहीन सदे चहमदालय और चहमदालय सदे चमचथलदापगुरही कमो
आयदे।
और श्रहीककष्ण तथदा अजिगुर्थन पदातदाल ममें अश्वतरही अथदार्थतम् चजिस कमो अचग्नियदान नचौकदा कहतदे हमैं पर बहैठ कदे
पदातदाल ममें जिदाकदे महदारदाजिदा यगुचधचष्ठिर कदे यज ममें उद्ददालक ऋचष कमो लदे आयदे थदे। धकतरदाष्टछ कदा चववदाह गदान्धदार चजिस कमो
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‘कन्धदार’ कहतदे हमैं वहह ककी रदाजिपगुत्रही सदे हह आ। मदाद्रही पदाण्डगु ककी सही ‘ईरदान’ कदे रदाजिदा ककी कन्यदा थही। और अजिगुर्थन
कदा चववदाह पदातदाल ममें चजिस कमो ‘अमदेररकदा’ कहतदे हमैं वहदासं कदे रदाजिदा ककी लड़ककी उलमोपही कदे सदाथ हह आ थदा। जिमो
ददेशददेशदान्तर, द्विहीप-द्विहीपदान्तर ममें न जिदातदे हमोतदे तमो यदे सब बदातमें क्ययों कर हमो सकतह? मनगुस्मकचत ममें जिमो समगुद्र ममें जिदानदे
वदालही नचौकदा पर कर लदेनदा चलखदा हहै वह भही आयदार्थवत्तर्थ सदे द्विहीपदान्तर ममें जिदानदे कदे कदारण हहै। और जिब महदारदाजिदा
यगुचधचष्ठिर नदे रदाजिसभूय यज चकयदा थदा उस ममें सब भभूगमोल कदे रदाजिदाओसं कमो बगुलदानदे कमो चनमन्त्रण ददेनदे कदे चलयदे भहीम ,
अजिगुर्थन, नकगु ल और सहददेव चदारयों चदशदाओसं ममें गयदे थदे, जिमो दमोष मदानतदे हमोतदे तमो कभही न जिदातदे। समो प्रथम
आयदार्थवत्तर्थददेशहीय लमोग व्यदापदार, रदाजिकदायर्थ और भ्रमण कदे चलयदे सब भभूगमोल ममें घभूमतदे थदे। और जिमो आजिकल छभू तछदात
और धमर्थनष्ट हमोनदे ककी शसंकदा हहै वह कदे वल मभूखर्यों कदे बहकदानदे और अजदान बढ़नदे सदे हहै।
जिमो मनगुष्य ददेशददेशदान्तर और द्विहीपद्विहीपदान्तर ममें जिदानदे आनदे ममें शसंकदा नहह करतदे वदे ददेशददेशदान्तर कदे अनदेकचवध
मनगुष्ययों कदे समदागम, रहीचत भदासंचत ददेखनदे, अपनदा रदाज्य और व्यवहदार बढ़दानदे सदे चनभर्थय शभूरवहीर हमोनदे लगतदे और
अच्छदे व्यवहदार कदा ग्रहण बगुरही बदातयों कदे छमोड़नदे ममें तत्पर हमोकदे बड़दे ऐश्वयर्थ कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं। भलदा जिमो महदाभ्रष्ट
म्लदेच्छकगु लमोत्पन्न वदेश्यदा आचद कदे समदागम सदे आचदारभ्रष्ट धमर्थहहीन नहह हमोतदे चकन्तगु ददेशददेशदान्तर कदे उत्तम पगुरुषयों कदे
सदाथ समदागम ममें छभूत और दमोष मदानतदे हमैं!!! यह कदे वल मभूखर्थतदा ककी बदात नहह तमो क्यदा हहै? हदाह, इतनदा कदारण तमो
हहै चक जिमो लमोग मदासंसभकण और मदपदान करतदे हमैं उन कदे शरहीर और वहीयदार्थचद धदातगु भही दगगु र्थन्धदाचद सदे दचभू षत हमोतदे हमैं
इसचलयदे उनकदे सङ करनदे सदे आयर्यों कमो भही यदे कगु लकण न लग जिदायमें यह तमो ठहीक हहै। परन्तगु जिब इन सदे व्यवहदार
और गगुणग्रहण करनदे ममें कमोई भही दमोष वदा पदाप नहह हहै चकन्तगु इन कदे मदपदानदाचद दमोषयों कमो छमोड़ गगुणयों कमो ग्रहण करमें
तमो कगु छ भही हदाचन नहह। जिब इन कदे स्पशर्थ और ददेखनदे सदे भही मभूखर्थ जिन पदाप चगनतदे हमैं इसही सदे उन सदे यगुद्ध कभही नहह
कर सकतदे क्ययोंचक यगुद्ध ममें उन कमो ददेखनदा और स्पशर्थ हमोनदा अवश्य हहै।
सज्जन लमोगयों कमो रदाग, द्विदेष अन्यदाय चमथ्यदाभदाषणदाचद दमोषयों कमो छमोड़ चनवर्वैर प्रहीचत परमोपकदार सज्जनतदाचद कदा
धदारण करनदा उत्तम आचदार हहै। और यह भही समझ लमें चक धमर्थ हमदारदे आत्मदा और कत्तर्थव्य कदे सदाथ हहै। जिब हम
अच्छदे कदाम करतदे हमैं तमो हम कमो ददेशददेशदान्तर और द्विहीपद्विहीपदान्तर जिदानदे ममें कगु छ भही दमोष नहह लग सकतदा। दमोष तमो
पदाप कदे कदाम करनदे ममें लगतदे हमैं।
हदासं, इतनदा अवश्य चदाचहयदे चक वदेदमोक्त धमर्थ कदा चनश्चय और पदाखण्डमत कदा खण्डन करनदा अवश्य सहीख
लमें। चजिस सदे कमोई हम कमो झभूठदा चनश्चय न करदा सकदे । क्यदा चवनदा ददेशददेशदान्तर और द्विहीपद्विहीपदान्तर ममें रदाज्य वदा
व्यदापदार चकयदे स्वददेश ककी उन्नचत कभही हमो सकतही हहै? जिब स्वददेश हही ममें स्वददेशही लमोग व्यवहदार करतदे और परददेश ही
स्वददेश ममें व्यवहदार वदा रदाज्य करमें तमो चवनदा ददाररद्छय और द गुमः ख कदे दभू स रदा कगु छ भही नहह हमो सकतदा।

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पदाखण्डही लमोग यह समझतदे हमैं चक जिमो हम इन कमो चवददा पढ़दावमेंगदे और ददेशददेशदान्तर ममें जिदानदे ककी आजदा ददेवगमें दे
तमो यदे बगुचद्धमदानम् हमोकर हमदारदे पदाखण्ड-जिदाल ममें न फसंसनदे सदे हमदारही प्रचतष्ठिदा और जिहीचवकदा नष्ट हमो जिदावदेगही। इसहीचलयदे
भमोजिन छदादन ममें बखदेड़दा डदालतदे हमैं चक वदे दसभू रदे ददेश ममें न जिदा सकमें ।
हदासं, इतनदा अवश्य चदाचहयदे चक मद, मदासंस कदा ग्रहण कददाचप भभूल कर भही न करमें। क्यदा सब बगुचद्धमदानयों नदे
यह चनश्चय नहह चकयदा हहै चक जिमो रदाजिपगुरुषयों ममें यगुद्ध-समय ममें भही चचौकदा लगदा कर रसमोई बनदा कदे खदानदा अवश्य
परदाजिय कदा हदेतगु हहै? चकन्तगु कचत्रय लमोगयों कदा यगुद्ध ममें एक हदाथ सदे रमोटही खदातदे, जिल पहीतदे जिदानदा और दसभू रदे हदाथ सदे
शत्रगुओसं कमो घमोड़दे, हदाथही, रथ पर चढ़ वदा पहैदल हमोकदे मदारतदे जिदानदा अपनदा चवजिय करनदा हही आचदार और परदाचजित
हमोनदा अनदाचदार हहै। इसही मभूढ़तदा सदे इन लमोगयों नदे चचौकदा लगदातदे-लगदातदे चवरमोध करतदे करदातदे, सब स्वदातन्त्र्य, आनन्द,
धन, रदाज्य, चवददा और पगुरुषदाथर्थ पर चचौकदा लगदा कर हदाथ पर हदाथ धरदे बहैठदे हमैं और इच्छदा करतदे हमैं चक कगु छ पददाथर्थ
चमलदे तमो पकदा कर खदावमें। परन्तगु वहैसदा न हमोनदे पर जिदानमो सब आयदार्थवत्तर्थ ददेश भर ममें चचौकदा लगदा कदे सवर्थथदा नष्ट कर
चदयदा हहै।
हदासं! जिहदासं भमोजिन करमें उस स्थदान कमो धमोनदे, लदेपन करनदे, झदाड़भू लगदानदे, कभू ड़दा ककर्थट दरभू करनदे ममें प्रयत्न
अवश्य करनदा चदाचहयदे न चक मगुसलमदान वदा ईसदाइययों कदे समदान भ्रष्ट पदाकशदालदा करनदा।
(प्रश्न) सखरही चनखरही क्यदा हहै?
(उत्तर) सखरही जिमो जिल आचद ममें अन्न पकदायदे जिदातदे और जिमो घही दधभू ममें पकदातदे हमैं वह चनखरही अथदार्थतम्
चमोखही। यह भही इन धभूतर्यों कदा चलदायदा हह आ पदाखण्ड हहै क्ययोंचक चजिस ममें घही दधभू अचधक लगदे उस कमो खदानदे ममें स्वदाद
और उदर ममें चचकनदा पददाथर्थ अचधक जिदावदे इसचलयदे यह प्रपञ्च रचदा हहै। नहह तमो जिमो अचग्नि वदा कदाल सदे पकदा हह आ
पददाथर्थ पकदा और न पकदा हह आ कच्चिदा हहै। जिमो पकदा खदानदा और कच्चिदा न खदानदा हहै यह भही सवर्थत्र ठहीक नहह। क्ययोंचक
चणदे आचद कच्चिदे भही खदायदे जिदातदे हमैं।
(प्रश्न) चद्विजि अपनदे हदाथ सदे रसमोई बनदा कदे खदावमें वदा शभूद्र कदे हदाथ ककी बनदाई खदावमें?
(उत्तर) शभूद्र कदे हदाथ ककी बनदाई खदावमें क्ययोंचक ब्रदाह्मण, कचत्रय और वहैश्य वणर्थस्थ सही पगुरुष चवददा पढ़दानदे,
रदाज्यपदालनदे और पशगुपदालन खदेतही और व्यदापदार कदे कदाम ममें तत्पर रहमैं और शभूद्र कदे पदात्र ममें तथदा उस कदे घर कदा पकदा
हह आ अन्न आपत्कदाल कदे चवनदा न खदावमें। सगुनमो प्रमदाण—
आयदार्थच धचष्ठितदा वदा शभूद्र दामः ससंस् कत्तदार्थर मः स्य गु मः ।
—यह आपस्तम्ब कदा सभूत्र हहै।

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आयर्यों कदे घर ममें शभूद्र अथदार्थतम् मभूखर्थ सही पगुरुष पदाकदाचद सदेवदा करमें परन्तगु वदे शरहीर वस आचद सदे पचवत्र रहमैं।
आयर्यों कदे घर ममें जिब रसमोई बनदावमें तब मगुख बदासंध कदे बनदावमें, क्ययोंचक उनकदे मगुख सदे उचच्छष्ट और चनकलदा हह आ
श्वदास भही अन्न ममें न पड़दे। आठवमें चदन कचौर , नखच्छदेदन करदावमें। स्नदान करकदे पदाक बनदायदा करमें। आयर्यों कमो चखलदा कदे
आप खदावमें।
(प्रश्न) शभूद्र कदे छगु ए हह ए पकदे अन्न कदे खदानदे ममें जिब दमोष लगदातदे हमैं तमो उस कदे हदाथ कदा बनदायदा कहै सदे खदा
सकतदे हमैं?
(उत्तर) यह बदात कपमोलकचल्पत झभूठही हहै। क्ययोंचक चजिन्हयोंनदे गगुड़, चहीनही, घकत, दधभू , चपशदान, शदाक,
फल, मभूल खदायदा उन्हयोंनदे जिदानमो सब जिगतम् भर कदे हदाथ कदा बनदायदा और उचच्छष्ट खदा चलयदा। क्ययोंचक जिब शभूद्र ,
चमदार, भङही, मगुसलमदान, ईसदाई आचद लमोग खदेतयों ममें सदे ईख कमो कदाटतदे , छहीलतदे, पहीलकर रस चनकदालतदे हमैं तब
मलमभूत्रमोत्सगर्थ करकदे उन्हह चवनदा धमोयदे हदाथयों सदे छभू तदे, उठदातदे, धरतदे आधदा सदासंठदा चभूहस रस पहीकदे आधदा उसही ममें डदाल
ददेतदे और रस पकदातदे समय उस रस ममें रमोटही भही पकदाकर खदातदे हमैं। जिब चहीनही बनदातदे हमैं तब पगुरदानदे जिभूतदे चक चजिस कदे
तलदे ममें चवष्ठिदा, मभूत्र, गमोबर, धभूलही लगही रहतही हहै उन्हह जिभूतयों सदे उस कमो रगड़तदे हमैं। दधभू ममें अपनदे घर कदे उचच्छष्ट पदात्रमें
कदा जिल डदालतदे उसही ममें घकतदाचद रखतदे और आटदा पहीसतदे समय भही वहैसदे हही उचच्छष्ट हदाथयों सदे उठदातदे और पसहीनदा
भही आटदे ममें टपकतदा जिदातदा हहै इत्यदाचद और फल मभूल कन्द ममें भही ऐसही हही लहीलदा हमोतही हहै। जिब इन पददाथर्यों कमो खदायदा
तमो जिदानमो सब कदे हदाथ कदा खदा चलयदा।
(प्रश्न) फल, मभूल, कन्द और रस इत्यदाचद अदृष्ट ममें दमोष नहह मदानतदे?
(उत्तर) अच्छदा तमो भसंगही वदा मगुसलमदान अपनदे हदाथयों सदे दस
भू रदे स्थदान ममें बनदाकर तगुम कमो आकदे ददेवदे तमो खदा
लमोगदे वदा नहह? जिमो कहमो चक नहह तमो अदृष्ट ममें भही दमोष हहै।
हदासं! मगुसलमदान, ईसदाई आचद मद मदासंसदाहदाररययों कदे हदाथ कदे खदानदे ममें आयर्यों कमो भही मद, मदासंसदाचद खदानदा
पहीनदा अपरदाध पहीछदे लग पड़तदा हहै परन्तगु आपस ममें आयर्यों कदा एक भमोजिन हमोनदे ममें कमोई भही दमोष नहह दहीखतदा।
जिब तक एक मत, एक हदाचन लदाभ, एक सगुख दगुमः ख परस्पर न मदानमें तब तक उन्नचत हमोनदा बहह त
कचठन हहै। परन्तगु कदे वल खदानदा पहीनदा हही एक हमोनदे सदे सगुध दार नहह हमो सकतदा चकन्तगु जिब तक बगुर ही बदातमें
नहह छमोड़तदे और अच्छही बदातमें नहह करतदे तब तक बढ़तही कदे बदलदे हदाचन हमोतही हहै।
चवददेचशययों कदे आयदार्थवत्तर्थ ममें रदाज्य हमोनदे कदे कदारण आपस ककी फभू ट, मतभदेद, ब्रह्मचयर्थ कदा सदेवन न करनदा;
चवददा न पढ़नदा पढ़दानदा वदा बदाल्यदावस्थदा ममें अस्वयसंवर चववदाह , चवषयदासचक्त, चमथ्यदाभदाषणदाचद कगु लकण, वदेदचवददा
कदा अप्रचदार आचद कगु कमर्थ हमैं। जिब आपस ममें भदाई-भदाई लड़तदे हमैं तभही तहीसरदा चवददेशही आकर पञ्च बन बहैठतदा हहै।
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क्यदा तगुम लमोग महदाभदारत ककी बदातमें जिमो पदासंच सहस्र वषर्थ कदे पहलदे हह ई थह उन कमो भही भभूल गयदे? ददेखमो!
महदाभदारत यगुद्ध ममें सब लमोग लड़दाई ममें सवदाररययों पर खदातदे पहीतदे थदे, आपस ककी फभू ट सदे कचौरव पदाण्डव और यदादवयों
कदा सत्यदानदाश हमो गयदा समो तमो हमो गयदा परन्तगु अब तक भही वहही रमोग पहीछदे लगदा हहै। न जिदानदे यह भयसंक र रदाकस
कभही छभू टदेग दा वदा आयर्यों कमो सब सगुख यों सदे छगु ड़दाकर दगुमः खसदागर ममें डगु बदा मदारदेग दा? उसही दगुष्ट दगुय र्वो ध न गमोत्र-
हत्यदारदे, स्वददेश चवनदाशक, नहीच कदे दगुष्ट मदागर्थ ममें आयर्थ लमोग अब तक भही चल कर द गुमः ख बढ़दा रहदे हमैं।
परमदेश् वर कक पदा करदे चक यह रदाजिरमोग हम आयर्यों ममें सदे नष्ट हमो जिदाय।
भक्ष्यदाभक्ष्य दमो प्रकदार कदा हमोतदा हहै। एक धमर्थशदासमोक्त दस
भू रदा वहैदकशदासमोक्त। जिहैसदे धमर्थशदास ममें—
अभक्ष्यदाचण चद्विजिदातहीनदाममदेध् यप्रभवदाचण च॥
—मनगु॰॥
चद्विजि अथदार्थतम् ब्रदाह्मण, कचत्रय, वहैश्य और शभूद्रयों कमो मलहीन चवष्ठिदा मभूत्रदाचद कदे ससंसगर्थ सदे उत्पन्न हह ए शदाक फल
मभूलदाचद न खदानदा।
वजिर्थय न्दे मधगुम दासंस सं च॥
—मनगु॰॥
जिहैसदे अनदेक प्रकदार कदे मद, गदासंजिदा, भदासंग, अफकीम आचद—
बगुच द्धसं लगुम् पचत यदम् द्रव्यसं मदकदारही तद गुच् यतदे॥
जिमो-जिमो बगुचद्ध कदा नदाश करनदे वदालदे पददाथर्थ हमैं उन कदा सदेवन कभही न करमें और चजितनदे अन्न सड़दे , चबगड़दे
दगगु र्थन्धदाचद सदे दचभू षत, अच्छदे प्रकदार न बनदे हह ए और मद, मदासंसदाहदारही म्लदेच्छ चक चजिन कदा शरहीर मद, मदासंस कदे
परमदाणओ गु सं हही सदे पभूररत हहै उनकदे हदाथ कदा न खदावमें।
चजिस ममें उपकदारक प्रदाचणययों ककी चहसंसदा अथदार्थतम् जिहैसदे एक गदाय कदे शरहीर सदे दधभू , घही, बहैल, गदाय उत्पन्न हमोनदे
सदे एक पहीढ़ही ममें चदार लदाख पचहत्तर सहस्र छमः सचौ मनगुष्ययों कमो सगुख पहहचसं तदा हहै वहैसदे पशगुओसं कमो न मदारमें न मदारनदे दमें।
जिहैसदे चकसही गदाय सदे बहीस सदेर और चकसही सदे दमो सदेर दधभू प्रचतचदन हमोवदे उस कदा मध्यभदाग ग्यदारह सदेर प्रत्यदेक गदाय सदे
दधभू हमोतदा हहै। कमोई गदाय अठदारह और कमोई छमः महहीनदे दधभू ददेतही हहै , उस कदा भही मध्य भदाग बदारह महहीनदे हह ए। अब
प्रत्यदेक गदाय कदे जिन्म भर कदे दधभू सदे 24960 (चचौबहीस सहस्र नचौ सचौ सदाठ) मनगुष्य एक बदार ममें तकप्त हमो सकतदे
हमैं। उसकदे छमः बचछयदासं छमः बछड़दे हमोतदे हमैं उन ममें सदे दमो मर जिदायमें तमो भही दश रहदे। उनममें सदे पदासंच बछचड़ययों कदे जिन्म भर

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कदे दधभू कमो चमलदा कर 124800 (एक लदाख चचौबहीस सहस्र आठ सचौ) मनगुष्य तकप्त हमो सकतदे हमैं। अब रहदे पदासंच
बहैल, वदे जिन्म भर ममें 5000 (पदासंच सहस्र) मन अन्न न्यभून सदे न्यभून उत्पन्न कर सकतदे हमैं। उस अन्न ममें सदे
प्रत्यदेक मनगुष्य तहीन पदाव खदावदे तमो अढ़दाई लदाख मनगुष्ययों ककी तकचप्त हमोतही हहै। दधभू और अन्न चमलदा कर 374800
(तहीन लदाख चचौहत्तर हजिदार आठ सचौ) मनगुष्य तकप्त हमोतदे हमैं। दमोनयों ससंख्यदा चमलदा कदे एक गदाय ककी एक पहीढ़ही ममें
475600 (चदार लदाख पचहत्तर सहस्र छमः सचौ) मनगुष्य एक वदार पदाचलत हमोतदे हमैं और पहीढ़ही परपहीढ़ही बढ़दा कर
लदेखदा करमें तमो अससंख्यदात मनगुष्ययों कदा पदालन हमोतदा हहै इस सदे चभन्न बहैलगदाड़ही सवदारही भदार उठदानदे आचद कमर्यों सदे
मनगुष्ययों कदे बड़दे उपकदारक हमोतदे हमैं तथदा गदाय दधभू ममें अचधक उपकदारक हमोतही हहै परन्तगु जिहैसदे बहैल उपकदारक हमोतदे हमैं
वहैसदे भमैंसदे भही हमैं। परन्तगु गदाय कदे दधभू घही सदे चजितनदे बगुचद्धवकचद्ध सदे लदाभ हमोतदे हमैं उतनदे भमैंस कदे दधभू सदे नहह। इससदे
मगुख्यमोपकदारक आयर्यों नदे गदाय कमो चगनदा हहै। और जिमो कमोई अन्य चवद्विदानम् हमोगदा वह भही इसही प्रकदार समझदेगदा।
बकरही कदे दधभू सदे 25920 (पच्चिहीस सहस्र नचौ सचौ बहीस) आदचमययों कदा पदालन हमोतदा हहै वहैसदे हदाथही,
घमोड़दे, ऊसंट, भदेड़, गदहदे आचद सदे भही बड़दे उपकदार हमोतदे हमैं। इन पशगुओसं कमो मदारनदे वदालयों कमो सब मनगुष्ययों ककी हत्यदा
करनदे वदालदे जिदाचनयदेगदा।
ददेखमो! जिब आयर्यों कदा रदाज्य थदा तब यदे महमोपकदारक गदाय आचद पशगु नहह मदारदे जिदातदे थदे , तभही आयदार्थवत्तर्थ वदा
अन्य भभूगमोल ददेशयों ममें बड़दे आनन्द ममें मनगुष्यदाचद प्रदाणही वत्तर्थतदे थदे। क्ययोंचक द धभू , घही, बहैल आचद पशगुओसं ककी बहह तदाई
हमोनदे सदे अन्न रस पगुष्कल प्रदाप्त हमोतदे थदे। जिब सदे चवददेश ही मदासंस दाहदारही इस ददेश ममें आकदे गमो आचद पशगुओ सं कदे
मदारनदे वदालदे मदपदानही रदाज्यदाचधकदारही हह ए हमैं तब सदे क्रमशमः आयर्यों कदे दगुमः ख ककी बढ़तही हमोतही जिदातही हहै।
क्ययोंचक—
नष्टदे मभूल दे नहैव फलसं न पगुष् पमम्।
जिब वकक कदा मभूल हही कदाट चदयदा जिदाय तमो फल फभू ल कहदासं सदे हयों?
(प्रश्न) जिमो सभही अचहसंसक हमो जिदायमें तमो व्यदाघ्रदाचद पशगु इतनदे बढ़ जिदायमें चक सब गदाय आचद पशगुओसं कमो मदार
खदायमें तगुम्हदारदा पगुरुषदाथर्थ हही व्यथर्थ जिदाय?
(उत्तर) यह रदाजिपगुरुषयों कदा कदाम हहै चक जिमो हदाचनकदारक पशगु वदा मनगुष्य हयों उन्हमें दण्ड ददेवमें और प्रदाण भही
चवयगुक्त कर दमें।
(प्रश्न) चफर क्यदा उन कदा मदासंस फमें क दमें?

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(उत्तर) चदाहमें फमें क दमें, चदाहमें कगु त्तदे आचद मदासंसदाहदाररययों कमो चखलदा ददेवमें वदा जिलदा ददेवमें अथवदा कमोई मदासंसदाहदारही
खदावदे तमो भही ससंसदार ककी कगु छ हदाचन नहह हमोतही चकन्तगु उस मनगुष्य कदा स्वभदाव मदासंसदाहदारही हमोकर चहसंसक हमो सकतदा हहै।
चजितनदा चहसंसदा और चमोरही चवश्वदासघदात, छल, कपट आचद सदे पददाथर्यों कमो प्रदाप्त हमोकर भमोग करनदा हहै वह
अभक्ष्य और अचहसंसदा धमदार्थचद कमर्यों सदे प्रदाप्त हमोकर भमोजिनदाचद करनदा भक्ष्य हहै। चजिन पददाथर्यों सदे स्वदास्थ्य रमोगनदाश
बगुचद्धबलपरदाक्रमवकचद्ध और आयगुवकचद्ध हमोवदे उन तण्डगु लदाचद, गमोधभूम, फल, मभूल, कन्द, दधभू , घही, चमष्टदाचद पददाथर्यों
कदा सदेवन यथदायमोग्य पदाक मदेल करकदे यथमोचचत समय पर चमतदाहदार भमोजिन करनदा सब भक्ष्य कहदातदा हहै। चजितनदे
पददाथर्थ अपनही प्रकक चत सदे चवरुद्ध चवकदार करनदे वदालदे हमैं चजिस-चजिस कदे चलयदे जिमो-जिमो पददाथर्थ वहैद कशदास ममें
वचजिर्थत चकयदे हमैं, उन-उन कदा सवर्थथ दा त्यदाग करनदा और जिमो-जिमो चजिस कदे चलयदे चवचहत हमैं उन-उन
पददाथर्यों कदा ग्रहण करनदा यह भही भक्ष्य हहै।
(प्रश्न) एक सदाथ खदानदे ममें कगु छ दमोष हहै वदा नहह?
(उत्तर) दमोष हहै। क्ययोंचक एक कदे सदाथ दस भू रदे कदा स्वभदाव और प्रकक चत नहह चमलतही। जिहैसदे कगु ष्ठिही आचद कदे
सदाथ खदानदे सदे अच्छदे मनगुष्य कदा भही रुचधर चबगड़ जिदातदा हहै वहैसदे दस
भू रदे कदे सदाथ खदानदे ममें भही कगु छ चबगदाड़ हही हमोतदा हहै
सगुधदार नहह। इसहीचलयदे—
नमोचच्छष्टसं कस्यचचदम् दददान्नदाददाच्चिहैव तथदान्तरदा।
न चहैव दात्यशनसं कगु यदार्थन्न चमोचच्छष्टमः क्विचचदम् रजिदेत म्॥
—मनगु॰॥
न चकसही कमो अपनदा झभूहठदा पददाथर्थ ददे और न चकसही कदे भमोजिन कदे बहीच आप खदावदे। न अचधक भमोजिन करदे
और न भमोजिन चकयदे पश्चदातम् हदाथ मगुख धमोयदे चवनदा कहह इधर-उधर जिदाय।
(प्रश्न) ‘गगुर मोरुचच्छष्टभमोजिनमम्’ इस वदाक्य कदा क्यदा अथर्थ हमोगदा?
(उत्तर) इस कदा यह अथर्थ हहै चक गगुरु कदे भमोजिन चकयदे पश्चदातम् जिमो पकथकम् अन्न शगुद्ध चस्थत हहै उस कदा
भमोजिन करनदा अथदार्थतम् गगुरु कमो प्रथम भमोजिन करदाकदे पश्चदातम् चशष्य कमो भमोजिन करनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) जिमो उचच्छष्टमदात्र कदा चनषदेध हहै तमो मचक्खययों कदा उचच्छष्ट सहत, बछड़दे कदा उचच्छष्ट दधभू और एक
ग्रदास खदानदे कदे पश्चदातम् अपनदा भही उचच्छष्ट हमोतदा हहै पगुनमः उन कमो भही न खदानदा चदाचहयदे।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः दशममः समगुल दासमः
492

(उत्तर) सहत कथनमदात्र हही उचच्छष्ट हमोतदा हहै परन्तगु वह बहह त सही औषचधययों कदा सदार ग्रदाह्य; बछड़दा
अपनही मदासं कदे बदाचहर कदा दधभू पहीतदा हहै भहीतर कदे दधभू कमो नहह पही सकतदा, इसचलयदे उचच्छष्ट नहह परन्तगु बछड़दे कदे
चपयदे पश्चदातम् जिल सदे उस ककी मदासं कदा स्तन धमोकर शगुद्ध पदात्र ममें दमोहनदा चदाचहयदे। और अपनदा उचच्छष्ट अपनदे कमो
चवकदारकदारक नहह हमोतदा। ददेखमो! स्वभदाव सदे यह बदात चसद्ध हहै चक चकसही कदा उचच्छष्ट कमोई भही न खदावदे। जिहैसदे अपनदे
मगुख, नदाक, कदान, आसंख, उपस्थ और गगुह्यचदे न्द्रययों कदे मलमभूत्रदाचद कदे स्पशर्थ ममें घकणदा नहह हमोतही वहैसदे चकसही दस
भू रदे कदे
मल मभूत्र कदे स्पशर्थ ममें हमोतही हहै। इस सदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक यह व्यवहदार सकचष्टक्रम सदे चवपरहीत नहह हहै। इसचलयदे
मनगुष्यमदात्र कमो उचचत हहै चक चकसही कदा उचच्छष्ट अथदार्थतम् जिभूहठदा न खदायमें।
(प्रश्न) भलदा सही पगुरुष भही परस्पर उचच्छष्ट न खदावमें?
(उत्तर) नहह। क्ययोंचक उनकदे भही शरहीरयों कदा स्वभदाव चभन्न-चभन्न हहै।
(प्रश्न) कहमो जिही! मनगुष्यमदात्र कदे हदाथ ककी ककी हह ई रसमोई उस अन्न कदे खदानदे ममें क्यदा दमोष हहै ? क्ययोंचक
ब्रदाह्मण सदे लदेकदे चदाण्डदाल पयर्थन्त कदे शरहीर हदाड़, मदासंस, चमडदेडे़ कदे हमैं और जिहैसदा रुचधर ब्रदाह्मण कदे शरहीर ममें वहैसदा हही
चदाण्डदाल आचद कदे ; पगुनमः मनगुष्यमदात्र कदे हदाथ ककी पककी हह ई रसमोई कदे खदानदे ममें क्यदा दमोष हहै?
(उत्तर) दमोष हहै। क्ययोंचक चजिन उत्तम पददाथर्यों कदे खदानदे पहीनदे सदे ब्रदाह्मण और ब्रदाह्मणही कदे शरहीर ममें दगगु र्थन्धदाचद
दमोष रचहत रजि वहीयर्थ उत्पन्न हमोतदा हहै वहैसदा चदाण्डदाल और चदाण्डदालही कदे शरहीर ममें नहह।
क्ययोंचक चदाण्डदाल कदा शरहीर दगगु र्थन्ध कदे परमदाणओ
गु सं सदे भरदा हह आ हमोतदा हहै वहैसदा ब्रदाह्मणदाचद वणर्यों कदा नहह।
इसचलयदे ब्रदाह्मणदाचद उत्तम वणर्यों कदे हदाथ कदा खदानदा और चदाण्डदालदाचद नहीच भसंगही चमदार आचद कदा न खदानदा। भलदा जिब
कमोई तगुम सदे पभूछदेगदा चक जिहैसदा चमड़दे कदा शरहीर मदातदा, सदास, बचहन, कन्यदा, पगुत्रवधभू कदा हहै वहैसदा हही अपनही सही कदा
भही हहै तमो क्यदा मदातदा आचद चसययों कदे सदाथ स्वसही कदे समदान वतर्वोगदे? तब तगुम कमो ससंकगुचचत हमोकर चगुप हही रहनदा
पड़देगदा। जिहैसदे उत्तम अन्न हदाथ और मगुख सदे खदायदा जिदातदा हहै वहैसदे दगगु र्थन्ध भही खदायदा जिदा सकतदा हहै तमो क्यदा मलदाचद भही
खदाओगदे? क्यदा ऐसदा भही कमोई हमो सकतदा हहै?
(प्रश्न) जिमो गदाय कदे गमोबर सदे चचौकदा लगदातदे हमो तमो अपनदे गमोबर सदे क्ययों नहह लगदातदे ? और गमोबर कदे चचौकदे
ममें जिदानदे सदे चचौकदा अशगुद्ध क्ययों नहह हमोतदा?
(उत्तर) गदाय कदे गमोबर सदे वहैसदा दगगु र्थन्ध नहह हमोतदा जिहैसदा चक मनगुष्य कदे मल सदे। यह चचकनदा हमोनदे सदे शहीघ्र
नहह उखड़तदा न कपड़दा चबगड़तदा न मलहीन हमोतदा हहै। जिहैसदा चमटही सदे महैल चढ़तदा हहै वहैसदा सभूख दे गमोबर सदे नहह हमोतदा।
मटही और गमोबर सदे चजिस स्थदान कदा लदेपन करतदे हमैं वह ददेखनदे ममें अचतसगुन्दर हमोतदा हहै। और जिहदासं रसमोई बनतही हहै वहदासं

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः दशममः समगुल दासमः
492

भमोजिनदाचद करनदे सदे घही, चमष्ट और उचच्छष्ट भही चगरतदा हहै। उस सदे मक्खही, ककीड़ही आचद बहह त सदे जिहीव मचलन स्थदान
कदे रहनदे सदे आतदे हमैं। जिमो उस ममें झदाड़भू लदेपन सदे शगुचद्ध प्रचतचदन न ककी जिदावदे तमो जिदानमो पदाखदानदे कदे समदान वह स्थदान हमो
जिदातदा हहै। इसचलयदे प्रचतचदन गमोबर चमटही झदाड़भू सदे सवर्थथदा शगुद्ध रखनदा। और जिमो पकदा मकदान हमो तमो जिल सदे धमोकर
शगुद्ध रखनदा चदाचहयदे। इस सदे पभूवर्वोक्त दमोषयों ककी चनवकचत्त हमो जिदातही हहै। जिहैसदे चमयदासं जिही कदे रसमोई कदे स्थदान ममें कहह
कमोयलदा, कहह रदाख, कहह लकड़ही, कहह फभू टही हदासंडही, जिभूसंठही रकदे बही, कहह हदाड़ गमोड़ पड़दे रहतदे हमैं और मचक्खययों
कदा तमो क्यदा कहनदा! वह स्थदान ऐसदा बगुरदा लगतदा हहै चक जिमो कमोई श्रदेष्ठि मनगुष्य जिदाकर बहैठदे तमो उसदे वदान्त हमोनदे कदा भही
सम्भव हहै और उस दगगु र्थन्ध स्थदान कदे समदान हही वह स्थदान दहीखतदा हहै। भलदा जिमो कमोई इन सदे पभूछदे चक कमोई यचद
गमोबर सदे चचौकदा लगनदे ममें तमो तगुम दमोष चगनतदे हमो परन्तगु चभूल्हदे ममें कण्डदे जिलदानदे , उस ककी आग सदे तमदाखभू पहीनदे, घर
ककी भहीचत पर लदेपन करनदे आचद सदे चमयदासं जिही कदा भही चचौकदा भ्रष्ट हमो जिदातदा हमोगदा इस ममें क्यदा सन्ददेह !
(प्रश्न) चचौकदे ममें बहैठ कदे भमोजिन करनदा अच्छदा वदा बदाहर बहैठ कदे ?
(उत्तर) जिहदासं पर अच्छदा रमणहीय सगुन्दर स्थदान दहीखदे वहदासं भमोजिन करनदा चदाचहयदे। परन्तगु आवश्यक
यगुद्धदाचदकयों ममें तमो घमोडदेडे़ आचद यदानयों पर बहैठ कदे वदा खड़दे-खड़दे भही खदानदा पहीनदा अत्यन्त उचचत हहै।
(प्रश्न) क्यदा अपनदे हही हदाथ कदा खदानदा और दस
भू रदे कदे हदाथ कदा नहह?
(उत्तर) जिमो आयर्यों ममें शगुद्ध रहीचत सदे बनदावदे तमो बरदाबर सब आयर्यों कदे हदाथ कदा खदानदे ममें कगु छ भही हदाचन नहह।
क्ययोंचक जिमो ब्रदाह्मणदाचद वणर्थस्थ सही पगुरुष रसमोई बनदानदे, चचौकदा ददेनदे, वत्तर्थन भदासंडदे मदासंजिनदे आचद बखदेड़यों ममें पड़दे रहमैं तमो
चवददाचद शगुभगगुणयों ककी वकचद्ध कभही नहह हमो सकदे ।
ददेखमो! महदारदाजि यगुचधचष्ठिर कदे रदाजिसभूय यज ममें भभूगमोल कदे रदाजिदा, ऋचष, महचषर्थ आयदे थदे। एक हही पदाकशदालदा
सदे भमोजिन चकयदा करतदे थदे। जिब सदे ईसदाई , मगुसलमदान आचद कदे मतमतदान्तर चलदे आपस ममें वहैर चवरमोध हह आ;
उन्हयोंनदे मदपदान, गमोमदासंसदाचद कदा खदानदा पहीनदा स्वहीकदार चकयदा उसही समय सदे भमोजिनदाचद ममें बखदेड़दा हमो गयदा।
ददेखमो! कदाबगुल, कन्धदार, ईरदान, अमदेररकदा, यभूरमोप आचद ददेशयों कदे रदाजिदाओसं ककी कन्यदा गदान्धदारही, मदाद्रही,
उलमोपही आचद कदे सदाथ आयदार्थवत्तर्थददेशहीय रदाजिदा लमोग चववदाह आचद व्यवहदार करतदे थदे। शकगु चन आचद, कचौरव पदाण्डवयों
कदे सदाथ खदातदे पहीतदे थदे कगु छ चवरमोध नहह करतदे थदे। क्ययोंचक उस समय सवर्थ भभूगमोल ममें वदेदमोक्त एक मत थदा। उसही ममें
सब ककी चनष्ठिदा थही और एक दस भू रदे कदा सगुख-दमःगु ख हदाचन-लदाभ आपस ममें अपनदे समदान समझतदे थदे। तभही भभूगमोल ममें
सगुख थदा। अब तमो बहह त सदे मत वदालदे हमोनदे सदे बहह त सदा दमःगु ख चवरमोध बढ़ गयदा हहै। इस कदा चनवदारण करनदा बगुचद्धमदानयों
कदा कदाम हहै।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः दशममः समगुल दासमः
492

परमदात्मदा सब कदे मन ममें सत्य मत कदा ऐसदा असंकगु र डदालदे चक चजिससदे चमथ्यदा मत शहीघ्र हही प्रलय
कमो प्रदाप्त हयों। इस ममें सब चवद्विदानम् लमोग चवचदार कर चवरमोधभदाव छमोड़ कदे अचवरुद्धमत कदे स्वहीकदार सदे सब
जिनदे चमल कर सब कदे आनन्द कमो बढ़दावमें।
यह थमोड़दा सदा आचदार अनदाचदार भक्ष्यदाभक्ष्य चवषय ममें चलखदा।
इस ग्रन्थ कदा पभूवदार्थद्धर्थ इसही दशमदे समगुलदास कदे सदाथ पभूरदा हमो गयदा। इन समगुलदासयों ममें चवशदेष खण्डन-मण्डन
इसचलयदे नहह चलखदा चक जिब तक मनगुष्य सत्यदासत्य कदे चवचदार ममें कगु छ भही सदामथ्यर्थ न बढ़दातदे तब तक स्थभूल और
सभूक्ष्म खण्डनयों कदे अचभप्रदाय कमो नहह समझ सकतदे—इसचलयदे प्रथम सब कमो सत्य चशकदा कदा उपददेश करकदे अब
उत्तरदाद्धर्थ अथदार्थतम् चजिसममें चदार समगुलदास हमैं उन ममें चवशदेष खण्डन-मण्डन चलखमेंगदे। इन चदारयों ममें सदे प्रथम समगुलदास ममें
आयदार्थवत्तर्त्तीय मतमतदान्तर, दस भू रदे ममें जिहैचनययों कदे तहीसरदे ममें ईसदाइययों और चचौथदे ममें मगुसलमदानयों कदे मतमतदान्तरयों कदे
खण्डन मण्डन कदे चवषय ममें चलखमेंगदे। और पश्चदातम् चचौदहवमें समगुलदास कदे अन्त ममें स्वमत भही चदखलदायदा जिदायगदा। जिमो
कमोई चवशदेष खण्डन मण्डन ददेखनदा चदाहमें वदे इन चदारयों समगुलदासयों ममें ददेख ।में परन्तगु सदामदान्य करकदे कहह-कहह दश
समगुलदासयों ममें भही कगु छ थमोड़दा सदा खण्डन-मण्डन चकयदा हहै।
इन चचौदह समगुलदासयों कमो पकपदात छमोड़ न्यदायदृचष्ट सदे जिमो ददेखदेगदा उस कदे आत्मदा ममें सत्य अथर्थ कदा प्रकदाश
हमोकर आनन्द हमोगदा। और जिमो हठ दरगु दाग्रह और ईष्यदार्थ सदे ददेखदे सगुनदेगदा उस कमो इस ग्रन्थ कदा अचभप्रदाय यथदाथर्थ चवचदत
हमोनदा बहह त कचठन हहै। इसचलयदे जिमो कमोई इस कमो यथदावतम् न चवचदारदेगदा वह इस कदा अचभप्रदाय न पदाकर गमोतदा खदायदा
करदेगदा। और चवद्विदानयों कदा यहही कदाम हहै चक सत्यदासत्य कदा चनणर्थय करकदे सत्य कदा ग्रहण असत्य कदा त्यदाग करकदे परम
आनचन्दत हमोतदे हमैं। वदे हही गगुणग्रदाहक पगुरुष चवद्विदानम् हमोकर धमर्थ , अथर्थ, कदाम और ममोकरूप फलयों कमो प्रदाप्त हमो कर
प्रसन्न रहतदे हमैं॥10॥
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे
सगुभ दाषदाचवभभूच षत आचदारदानदाचदारभक्ष्यदाभक्ष्यचवषयदे
दशममः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥10॥
॥समदाप्तमोऽयसं पभूव दार्थद्ध र्थमः ॥

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अनगुभ भूच मकदा (1)

यह चसद्ध बदात हहै चक पदासंच सहस्र वषर्यों कदे पभूवर्थ वदेदमत सदे चभन्न दस भू रदा कमोई भही मत न थदा क्ययोंचक वदेदमोक्त
सब बदातमें चवददा सदे अचवरुद्ध हमैं। वदेदयों ककी अप्रवकचत्त हमोनदे कदा कदारण महदाभदारत यगुद्ध हह आ। इन ककी अप्रवकचत्त सदे
अचवददाऽन्धकदार कदे भभूगमोल ममें चवस्तकत हमोनदे सदे मनगुष्ययों ककी बगुचद्ध भ्रमयगुक्त हमोकर चजिस कदे मन ममें जिहैसदा आयदा वहैसदा
मत चलदायदा। उन सब मतयों ममें 4 चदार मत अथदार्थतम् जिमो वदेद-चवरुद्ध पगुरदाणही, जिहैनही, चकरदानही और कगु रदानही सब मतयों
कदे मभूल हमैं वदे क्रम सदे एक कदे पहीछदे दस
भू रदा तहीसरदा चचौथदा चलदा हहै। अब इन चदारयों ककी शदाखदा एक सहस्र सदे कम नहह हमैं।
इन सब मतवदाचदययों, इन कदे चदेलयों और अन्य सब कमो परस्पर सत्यदाऽसत्य कदे चवचदार करनदे ममें अचधक पररश्रम न
हमो इसचलए यह ग्रन्थ बनदायदा हहै।
जिमो-जिमो इस ममें सत्य मत कदा मण्डन और असत्य मत कदा खण्डन चलखदा हहै वह सब कमो जिनदानदा हही
प्रयमोजिन समझदा गयदा हहै। इस ममें जिहैसही मदेरही बगुचद्ध, चजितनही चवददा और चजितनदा इन चदारयों मतयों कदे मभूल ग्रन्थ ददेखनदे सदे
बमोध हह आ हहै उस कमो सब कदे आगदे चनवदेचदत कर ददेनदा ममैंनदे उत्तम समझदा हहै क्ययोंचक चवजदान गगुप्त हह ए कदा पगुनचमर्थलनदा
सहजि नहह हहै। पकपदात छमोड़कर इस कमो ददेखनदे सदे सत्यदाऽसत्य मत सब कमो चवचदत हमो जिदायदेगदा। पश्चदातम् सब कमो
अपनही-अपनही समझ कदे अनगुसदार सत्यमत कदा ग्रहण करनदा और असत्य मत कमो छमोड़नदा सहजि हमोगदा। इन ममें सदे जिमो
पगुरदाणदाचद ग्रन्थयों सदे शदाखदा शदाखदान्तर रूप मत आयदार्थवत्तर्थ ददेश ममें चलदे हमैं उन कदा ससंकदेप सदे गगुण दमोष इस 11 वमें
समगुलदास ममें चदखलदायदा जिदातदा हहै।
इस मदेरदे कमर्थ सदे यचद उपकदार न मदानमें तमो चवरमोध भही न करमें। क्ययोंचक मदेरदा तदात्पयर्थ चकसही ककी हदाचन वदा चवरमोध
करनदे ममें नहह चकन्तगु सत्यदाऽसत्य कदा चनणर्थय करनदे करदानदे कदा हहै। इसही प्रकदार सब मनगुष्ययों कमो न्यदायदृचष्ट सदे वतर्थनदा
अचत उचचत हहै। मनगुष्यजिन्म कदा हमोनदा सत्यदाऽसत्य कदा चनणर्थय करनदे करदानदे कदे चलयदे हहै; न चक वदादचववदाद चवरमोध
करनदे करदानदे कदे चलयदे। इसही मतदामतदान्तर कदे चववदाद सदे जिगतम् ममें जिमो-जिमो अचनष्ट फल हह ए, हमोतदे हमैं और आगदे हयोंगदे
उन कमो पकपदातरचहत चवद्विज्जन जिदान सकतदे हमैं।
जिब तक इस मनगुष्य जिदाचत ममें परस्पर चमथ्यदा मतमतदान्तर कदा चवरुद्ध वदाद न छभू टदेगदा तब तक अन्यमोऽन्य
कमो आनन्द न हमोगदा। यचद हम सब मनगुष्य और चवशदेष चवद्विज्जन ईष्यदार्थ द्विदेष छमोड़ सत्यदाऽसत्य कदा चनणर्थय करकदे सत्य
कदा ग्रहण और असत्य कदा त्यदाग करनदा करदानदा चदाहमैं तमो हमदारदे चलयदे यह बदात असदाध्य नहह हहै।
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः अनगुभ भूच मकदा (1)
495

यह चनश्चय हहै चक इन चवद्विदानयों कदे चवरमोध हही नदे सब कमो चवरमोध -जिदाल ममें फसंसदा रखदा हहै। यचद यदे लमोग अपनदे
प्रयमोजिन ममें न फसंस कर सब कदे प्रयमोजिन कमो चसद्ध करनदा चदाहमैं तमो अभही ऐक्यमत हमो जिदायमें। इस कदे हमोनदे ककी यगुचक्त
इस ककी पभूचतर्थ ममें चलखमेंगदे। सवर्थशचक्तमदानम् परमदात्मदा एक मत ममें प्रवकत्त हमोनदे कदा उत्सदाह सब मनगुष्ययों कदे आत्मदाओसं ममें
प्रकदाचशत करदे।
अलमचतचवस्तरदेण चवपचश्चद्विरचशरमोमचणषगु।

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उत्तरदाद्धर्थमः

अथहैक दादशसमगुल दासदारम्भमः


अथदाऽऽयदार्थव त्तर्त्ती य मतखण्डनमण्डनदे चवधदास्यदाममः
अब आयर्थ लमोगयों कदे चक जिमो आयदार्थवत्तर्थ ददेश ममें वसनदे वदालदे हमैं उन कदे मत कदा खण्डन तथदा मण्डन कदा चवधदान
करमेंगदे। यह आयदार्थवत्तर्थ ददेश ऐसदा ददेश हहै चजिसकदे सदृश भभूगमोल ममें दस भू रदा कमोई ददेश नहह हहै। इसहीचलयदे इस भभूचम कदा नदाम
सगुवणर्थभभूचम हहै क्ययोंचक यहही सगुवणदार्थचद रत्नयों कमो उत्पन्न करतही हहै। इसहीचलयदे सकचष्ट ककी आचद ममें आयर्थ लमोग इसही ददेश ममें
आकर बसदे। इसचलए हम सकचष्टचवषय ममें कह आयदे हमैं चक आयर्थ नदाम उत्तम पगुरुषयों कदा हहै और आय्यर्यों सदे चभन्न मनगुष्ययों
कदा नदाम दस्यगु हहै। चजितनदे भभूगमोल ममें ददेश हमैं वदे सब इसही ददेश ककी प्रशसंसदा करतदे और आशदा रखतदे हमैं चक पदारसमचण
पत्थर सगुनदा जिदातदा हहै वह बदात तमो झभूठही हहै परन्तगु आयदार्थवत्तर्थ ददेश हही सच्चिदा पदारसमचण हहै चक चजिस कमो लमोहदेरूप दररद्र
चवददेशही छभूतदे कदे सदाथ हही सगुवणर्थ अथदार्थतम् धनदाढ्य हमो जिदातदे हमैं।
एतद्ददेश प्रसभूत स्य सकदाशदादम् अग्रजिन्मनमः।
स्वसं स्वसं चररत्रसं चशकदेर नम् पकच थव्यदासं सवर्थम दानवदामः॥ मनगु॰॥
सकचष्ट सदे लदे कदे पदासंच सहस्र वषर्यों सदे पभूवर्थ समय पयर्थन्त आयर्यों कदा सदावर्थभचौम चक्रवतर्त्ती अथदार्थतम् भभूगमोल ममें
सवर्वोपरर एकमदात्र रदाज्य थदा। अन्य ददेशयों ममें मदाण्डचलक अथदार्थतम् छमोटदे-छमोटदे रदाजिदा रहतदे थदे क्ययोंचक कचौरव पदाण्डव
पयर्थन्त यहदासं कदे रदाज्य और रदाजिशदासन ममें सब भभूगमोल कदे सब रदाजिदा और प्रजिदा चलदे थदे क्ययोंचक यह मनगुस् मकच त जिमो
सकच ष्ट ककी आचद ममें हह ई हहै उस कदा प्रमदाण हहै। इसही आयदार्थवत्तर्थ ददेश ममें उत्पन्न हह ए ब्रदाह्मण अथदार्थतम् चवद्विदानयों सदे भभूगमोल
कदे मनगुष्य ब्रदाह्मण, कचत्रय, वहैश्य, शभूद्र, दस्यगु, म्लदेच्छ आचद सब अपनदे-अपनदे यमोग्य चवददा चररत्रयों ककी चशकदा और
चवददाभ्यदास करमें। और महदारदाजिदा यगुचधचष्ठिर जिही कदे रदाजिसभूय यज और महदाभदारत यगुद्धपयर्थन्त यहदासं कदे रदाज्यदाधहीन सब
रदाज्य थदे।
सगुनमो! चहीन कदा भगदत्त, अमदेररकदा कदा बब्रगुवदाहन, यभूरमोपददेश कदा चवडदालदाक अथदार्थतम् मदाजिदार्थर कदे सदृश
आसंखवदालदे, यवन चजिस कमो यभूनदान कह आयदे और ईरदान कदा शल्य आचद सब रदाजिदा रदाजिसभूय यज और महदाभदारत
यगुद्ध ममें सब आजदानगुसदार आयदे थदे। जिब रघगुगण रदाजिदा थदे तब रदावण भही यहदासं कदे आधहीन थदा। जिब रदामचन्द्र कदे समय ममें
चवरुद्ध हमो गयदा तमो उस कमो रदामचन्द्र नदे दण्ड ददेकर रदाज्य सदे नष्ट कर उस कदे भदाई चवभहीषण कमो रदाज्य चदयदा थदा।
स्वदायम्भगुव रदाजिदा सदे लदेकर पदाण्डवपयर्थन्त आय्यर्यों कदा चक्रवतर्त्ती रदाज्य रहदा। तत्पश्चदातम् आपस कदे चवरमोध सदे
लड़ कर नष्ट हमो गयदे क्ययोंचक इस परमदात्मदा ककी सकचष्ट ममें अचभमदानही, अन्यदायकदारही, अचवद्विदानम् लमोगयों कदा रदाज्य बहह त
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

चदन तक नहह चलतदा। और यह ससंसदार ककी स्वदाभदाचवक प्रवकचत्त हहै चक जिब बहह त सदा धन अससंख्य प्रयमोजिन सदे
अचधक हमोतदा हहै तब आलस्य, पगुरुषदाथर्थरचहततदा; ईष्यदार्थ, द्विदेष, चवषयदासचक्त और प्रमदाद बढ़तदा हहै। इस सदे ददेश ममें
चवददा सगुचशकदा नष्ट हमो कर दगगु गुर्थण और दष्टगु व्यसन बढ़ जिदातदे हमैं। जिहैसदे चक मद-मदासंससदेवन, बदाल्यदावस्थदा ममें चववदाह
और स्वदेच्छदाचदारदाचद दमोष बढ़ जिदातदे हमैं। और जिब यगुद्धचवभदाग ममें यगुद्धचवददाकचौशल और सदेनदा इतनही बढ़दे चक चजिस कदा
सदामनदा करनदे वदालदा भभूगमोल ममें दस भू रदा न हमो तब उन लमोगयों ममें पकपदात अचभमदान बढ़ कर अन्यदाय बढ़ जिदातदा हहै। जिब
यदे दमोष हमो जिदातदे हमैं तब आपस ममें चवरमोध हमो कर अथवदा उन सदे अचधक द स भू रदे छमोटदे कगु लयों ममें सदे कमोई ऐसदा समथर्थ
पगुरुष खड़दा हमोतदा हहै चक उन कदा परदाजिय करनदे ममें समथर्थ हमोवदे। जिहैसदे मगुसलमदानयों ककी बदादशदाहही कदे सदामनदे चशवदा जिही,
गमोचवन्दचससंह जिही नदे खड़दे हमोकर मगुसलमदानयों कदे रदाज्य कमो चछन्न-चभन्न कर चदयदा।
अथ चकमदेत हैव दार्थ परदेऽ न्यदे महदाधनगुध रर्थ दाश्चक्रवचतर्थन मः कदे चचतम्
सगुद गुम् नभभूर रदगुम् नदेन् द्रद्यगु म् नकगु वलयदाश्वयचौवनदाश्ववद्ध्य्रश्वदाश्वपचतशशचवन्द गु-
हररश्चन्द्रदाऽम्बरहीषननक् तगुश यदार्थच तययदात्यनरण्यदाकसदेन दादयमः। अथ मरुत्तभरतप्रभकत यमो
रदाजिदानमः॥
—महैत्र्यपगु चन॰
इत्यदाचद प्रमदाणयों सदे चसद्ध हहै चक सकचष्ट सदे लदेकर महदाभदारतपयर्थन्त चक्रवतर्त्ती सदावर्थभचौम रदाजिदा आयर्थकगुल ममें हही
हह ए थदे। अब इनकदे सन्त्तदानयों कदा अभदाग्यमोदय हमोनदे सदे रदाजिभ्रष्ट हमोकर चवददेचशययों कदे पदाददाक्रदान्त हमो रहदे हमैं। जिहैसदे यहदासं
सगुदगुम्न, भभूररदगुम्न, इन्द्रदगुम्न, कगु वलयदाश्व, यचौवनदाश्व, वद्ध्छयश्व, अश्वपचत, शशचवन्द,गु हररश्चन्द्र, अम्बरहीष,
ननक्तगु, शयदार्थचत, ययदाचत, अनरण्य, अकसदेन, मरुत्त और भरत सदावर्थभचौम सब भभूचम ममें प्रचसद्ध चक्रवतर्त्ती रदाजिदाओसं
कदे नदाम चलखदे हमैं वहैसदे स्वदायम्भगुवदाचद चक्रवतर्त्ती रदाजिदाओसं कदे नदाम स्पष्ट मनगुस्मकचत, महदाभदारतदाचद ग्रन्थयों ममें चलखदे हमैं। इस
कमो चमथ्यदा करनदा अजदानही और पकपदाचतययों कदा कदाम हहै।
(प्रश्न) जिमो आग्निदेयदास आचद चवददा चलखही हमैं वदे सत्य हमैं वदा नहह? और तमोप तथदा बन्दक
भू तमो उस समय
ममें थह वदा नहह?
(उत्तर) यह बदात सच्चिही हहै। यदे शस भही थदे, क्ययोंचक पददाथर्थचवददा सदे इन सब बदातयों कदा सम्भव हहै।
(प्रश्न) क्यदा यदे ददेवतदाओसं कदे मन्त्रयों सदे चसद्ध हमोतदे थदे?
(उत्तर) नहह। यदे सब बदातमें चजिन सदे अस शसयों कमो चसद्ध करतदे थदे वदे ‘मन्त्र’ अथदार्थतम् चवचदार सदे चसद्ध
करतदे और चलदातदे थदे। और जिमो मन्त्र अथदार्थतम् शब्दमय हमोतदा हहै उस सदे कमोई द्रव्य उत्पन्न नहह हमोतदा। और जिमो कमोई
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

कहदे चक मन्त्र सदे अचग्नि उत्पन्न हमोतदा हहै तमो वह मन्त्र कदे जिप करनदे वदालदे कदे हृदय और चजिहदा कमो भस्म कर ददेवदे। मदारनदे
जिदाय शत्रगु कमो और मर रहदे आप। इसचलयदे मन्त्र नदाम हहै चवचदार कदा जिहैसदा ‘रदाजिमन्त्रही’ अथदार्थतम् रदाजिकमर्यों कदा चवचदार
करनदे वदालदा कहदातदा हहै, वहैसदा मन्त्र अथदार्थतम् चवचदार सदे सब सकचष्ट कदे पददाथर्यों कदा प्रथम जदान और पश्चदातम् चक्रयदा करनदे
सदे अनदेक प्रकदार कदे पददाथर्थ और चक्रयदाकचौशल उत्पन्न हमोतदे हमैं।
जिहैसदे कमोई एक लमोहदे कदा बदाण वदा गमोलदा बनदाकर उस ममें ऐसदे पददाथर्थ रक्खदे चक जिमो अचग्नि कदे लगदानदे सदे वदायगु ममें
धगुआसं फहै लनदे और सभूयर्थ ककी चकरण वदा वदायगु कदे स्पशर्थ हमोनदे सदे अचग्नि जिल उठदे इसही कदा नदाम ‘आग्निदेयदास’ हहै। जिब
भू रदा इस कदा चनवदारण करनदा चदाहहै तमो उसही पर ‘वदारुणदास छमोड़ ददे। अथदार्थतम् जिहैसदे शत्रगु नदे शत्रगु ककी सदेनदा पर
दस
आग्निदेयदास छमोड़कर नष्ट करनदा चदाहदा वहैसदे हही अपनही सदेनदा ककी रकदाथर्थ सदेनदापचत वदारुणदास सदे आग्निदेयदास कदा चनवदारण
करदे। वह ऐसदे द्रव्ययों कदे यमोग सदे हमोतदा हहै चजिस कदा धगुआसं वदायगु कदे स्पशर्थ हमोतदे हही बद्दल हमोकदे झट वषर्थनदे लग जिदावदे ; अचग्नि
कमो बगुझदा ददेवदे। ऐसदे हही ‘नदागपदाश’ अथदार्थतम् जिमो शत्रगु पर छमोड़नदे सदे उस कदे अङयों कमो जिकड़ कदे बदासंध लदेतदा हहै। वहैसदे हही
एक ‘ममोहनदास’ अथदार्थतम् चजिस ममें नशदे ककी चहीजि डदालनदे सदे चजिस कदे धगुएसं कदे लगनदे सदे सब शत्रगु ककी सदेनदा चनद्रदास्थ
अथदार्थतम् मभूचछर्थत हमो जिदाय। इसही प्रकदार सब शसदास हमोतदे थदे। और एक तदार सदे वदा शहीसदे सदे अथवदा चकसही और पददाथर्थ
सदे चवदगुतम् उत्पन्न करकदे शत्रगुओसं कदा नदाश करतदे थदे उसकमो भही ‘आग्निदेयदास’ तथदा ‘पदाशगुपतदास’ कहतदे हमैं।
‘तमोप’ और ‘बन्दक भू ’ यदे नदाम अन्य ददेशभदाषदा कदे हमैं। ससंस्कक त और आयदार्थवत्तर्त्तीय भदाषदा कदे नहह चकन्तगु चजिस
कमो चवददेशही जिन तमोप कहतदे हमैं ससंस्कक त और भदाषदा ममें उस कदा नदाम ‘शतघ्नही’ और चजिस कमो बन्दक भू कहतदे हमैं उस
कमो ससंस्कक त और आयर्थभदाषदा ममें ‘भगुशगुण्डही’ कहतदे हमैं। जिमो ससंस्कक त चवददा कमो नहह पढ़दे वदे भ्रम ममें पड़ कर कगु छ कदा कगु छ
चलखतदे और कगु छ कदा कगु छ बकतदे हमैं। उस कदा बगुचद्धमदानम् लमोग प्रमदाण नहह कर सकतदे। और चजितनही चवददा भभूगमोल ममें
फहै लही हहै वह सब आयदार्थवत्तर्थ ददेश सदे चमश्र वदालयों , उन सदे यभूनदानही, उन सदे रूम और उन सदे यभूरमोप ददेश ममें, उन सदे
अमदेररकदा आचद ददेशयों ममें फहै लही हहै। अब तक चजितनदा प्रचदार ससंस्कक त चवददा कदा आयदार्थवत्तर्थ ददेश ममें हहै उतनदा चकसही अन्य
ददेश ममें नहह। जिमो लमोग कहतदे हमैं चक—जिमर्थनही ददेश ममें ससंस्कक त चवददा कदा बहह त प्रचदार हहै और चजितनदा ससंस्कक त
ममोकमभूलर सदाहब पढ़दे हमैं उतनदा कमोई नहह पढ़दा। यह बदात कहनदेमदात्र हहै क्ययोंचक ‘यचस्मन्ददेश दे द्रगुम मो नदाचस्त
तत्रहैर ण्डमोऽचप द्रगुम दायतदे’ अथदार्थतम् चजिस ददेश ममें कमोई वकक नहह हमोतदा उस ददेश ममें एरण्ड हही कमो बड़दा वकक मदान लदेतदे हमैं।
वहैसदे हही यभूरमोप ददेश ममें ससंस्कक त चवददा कदा प्रचदार न हमोनदे सदे जिमर्थन लमोगयों और ममोकमभूलर सदाहब नदे थमोड़दा सदा पढ़दा वहही
उस ददेश कदे चलयदे अचधक हहै। परन्तगु आयदार्थवत्तर्थ ददेश ककी ओर ददेखमें तमो उन ककी बहह त न्यभून गणनदा हहै। क्ययोंचक ममैंनदे
जिमर्थनही ददेशचनवदासही कदे एक ‘चप्रचन्सपल’ कदे पत्र सदे जिदानदा चक जिमर्थनही ददेश ममें ससंस्कक त चचटही कदा अथर्थ करनदे वदालदे भही
बहह त कम हमैं। और ममोकमभूलर सदाहब कदे ससंस्कक त सदाचहत्य और थमोड़ही सही वदेद ककी व्यदाख्यदा ददेख कर मगुझ कमो चवचदत

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हमोतदा हहै चक ममोकमभूलर सदाहब नदे इधर उधर आयदार्थवत्तर्त्तीय लमोगयों ककी ककी हह ई टहीकदा ददेख कर कगु छ-कगु छ यथदा तथदा
चलखदा हहै। जिहैसदा चक
यगुञ्ज चन्त ब्रध्नमरुषसं चरन्तसं परर तस्थगुष मः। रमोचन्तदे रमोचनदा चदचव॥
इस मन्त्र कदा अथर्थ घमोड़दा चकयदा हहै। इस सदे तमो जिमो सदायणदाचदायर्थ नदे सभूयर्थ अथर्थ चकयदा हहै समो अच्छदा हहै। परन्तगु
इसकदा ठहीक अथर्थ परमदात्मदा हहै समो मदेरही बनदाई ‘ऋग्वदेददाचदभदाष्यभभूचमकदा’ ममें ददेख लहीचजियदे। उस ममें इस मन्त्र कदा अथर्थ
यथदाथर्थ चकयदा हहै। इतनदे सदे जिदान लहीचजियदे चक जिमर्थनही ददेश और ममोकमभूलर सदाहब ममें ससंस्कक त चवददा कदा चकतनदा
पदाचण्डत्य हहै।
यह चनश्चय हहै चक चजितनही चवददा और मत भभूगमोल ममें फहै लदे हमैं वदे सब आयदार्थवत्तर्थ ददेश हही सदे प्रचररत हह ए हमैं।
ददेखमो! एक गमोल्डस्टकर सदाहब पहैरस अथदार्थतम् फदासंस ददेश चनवदासही अपनही ‘बदायचबल इन इचण्डयदा’ ममें चलखतदे हमैं चक
सब चवददा और भलदाइययों कदा भण्डदार आयदार्थवत्तर्थ ददेश हहै और सब चवददा तथदा मत इसही ददेश सदे फहै लदे हमैं। और
परमदात्मदा ककी प्रदाथर्थनदा करतदे हमैं चक हदे परमदेश्वर! जिहैसही उन्नचत आयदार्थवत्तर्थ ददेश ककी पभूवर्थकदाल ममें थही वहैसही हही हमदारदे ददेश
ककी ककीचजियदे; चलखतदे हमैं उस ग्रन्थ ममें ददेख लमो।
तथदा ‘ददारदाचशकमोह’ बदादशदाह नदे भही यहही चनश्चय चकयदा थदा चक जिहैसही पभूरही चवददा ससंस्कक त ममें हहै वहैसही चकसही
भदाषदा ममें नहह। वदे ऐसदा उपचनषदयों कदे भदाषदान्तर ममें चलखतदे हमैं चक ममैंनदे अबर्त्ती आचद बहह त सही भदाषदा पढ़ह परन्तगु मदेरदे मन
कदा सन्ददेह छभूट कर आनन्द न हह आ। जिब ससंस्कक त ददेखदा और सगुनदा तब चनस्सन्ददेह हमो कर मगुझ कमो बड़दा आनन्द
हह आ हहै।
ददेखमो कदाशही कदे ‘मदानमचन्दर’ ममें चशशगुमदारचक्र कमो चक चजिस ककी पभूरही रकदा भही नहह रहही हहै तमो भही चकतनदा
उत्तम हहै चजिस ममें अब तक भही खगमोल कदा बहह त सदा वकत्तदान्त चवचदत हमोतदा हहै। जिमो ‘सवदाई जियपगुरदाधहीश’ उस कमो
ससंभदाल और टभू टदे फभू टदे कमो बनवदायदा करमेंगदे तमो बहह त अच्छदा हमोगदा।
परन्तगु ऐसदे चशरमोमचण ददेश कमो महदाभदारत कदे यगुद्ध नदे ऐसदा धकदा चदयदा चक अब तक भही यह अपनही पभूवर्थ दशदा
ममें नहह आयदा। क्ययोंचक जिब भदाई कमो भदाई मदारनदे लगदे तमो नदाश हमोनदे ममें क्यदा सन्ददेह?
चवनदाशकदालदे चवपरहीतबगुच द्धमः।
—यह चकसही कचव कदा वचन हहै।
जिब नदाश हमोनदे कदा समय चनकट आतदा हहै तब उल्टही बगुचद्ध हमोकर उल्टदे कदाम करतदे हमैं। कमोई उन कमो सभूधदा
समझदावदे तमो उलटदा मदानमें और उलटदा समझदावमें उस कमो सभूधही मदानमें। जिब बड़दे -बड़दे चवद्विदानम्, रदाजिदा, महदारदाजिदा, ऋचष,
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महचषर्थ लमोग महदाभदारत यगुद्ध ममें बहह त सदे मदारदे गयदे और बहह त सदे मर गयदे तब चवददा और वदेदमोक्त धमर्थ कदा प्रचदार नष्ट हमो
चलदा। ईष्यदार्थ, द्विदेष, अचभमदान, आपस ममें करनदे लगदे। जिमो बलवदानम् हह आ वह ददेश कमो ददाब कर रदाजिदा बन बहैठदा। वहैसदे हही
सवर्थत्र आयदार्थवत्तर्थ ददेश ममें खण्ड-बण्ड रदाज्य हमो गयदा। पगुनमः द्विहीपद्विहीपदान्तर कदे रदाज्य ककी व्यवस्थदा कचौन करदे! जिब
ब्रदाह्मण लमोग चवददाहहीन हह ए तब कचत्रय, वहैश्य और शभूद्रयों कदे अचवद्विदानम् हमोनदे ममें कथदा हही क्यदा कहनही? जिमो परम्परदा सदे
वदेददाचद शदासयों कदा अथर्थसचहत पढ़नदे कदा प्रचदार थदा वह भही छभू ट गयदा। कदे वल जिहीचवकदाथर्थ पदाठमदात्र ब्रदाह्मण लमोग पढ़तदे
रहदे समो पदाठमदात्र भही कचत्रय आचद कमो न पढ़दायदा। क्ययोंचक जिब अचवद्विदानम् हह ए गगुरु बन गयदे तब छल, कपट, अधमर्थ भही
उन ममें बढ़तदा चलदा। ब्रदाह्मणयों नदे चवचदारदा चक अपनही जिहीचवकदा कदा प्रबन्ध बदासंधनदा चदाचहयदे। सम्मचत करकदे यहही चनश्चय
कर कचत्रय आचद कमो उपददेश करनदे लगदे चक हम हही तगुम्हदारदे पभूज्यददेव हमैं। चवनदा हमदारही सदेवदा चकयदे तगुम कमो स्वगर्थ वदा
मगुचक्त न चमलदेगही। चकन्तगु जिमो तगुम हमदारही सदेवदा न करमोगदे तमो घमोर नरक ममें पड़मोगदे। जिमो-जिमो पभूणर्थ चवददा वदालदे धदाचमर्थकयों कदा
नदाम ब्रदाह्मण और पभूजिनहीय वदेद और ऋचष मगुचनययों कदे शदास ममें चलखदा थदा उन कमो अपनदे मभूखर्थ, चवषयही, कपटही,
लम्पट, अधचमर्थययों पर घटदा बहैठदे। भलदा वदे आप्त चवद्विदानयों कदे लकण इन मभूखर्यों ममें कब घट सकतदे हमैं? परन्तगु जिब
कचत्रयदाचद यजिमदान ससंस्कक त चवददा सदे अत्यन्त रचहत हह ए तब उनकदे सदामनदे जिमो-जिमो गप्प मदारही समो-समो चवचदारयों नदे सब
मदान लही। तब इन नदाममदात्र ब्रदाह्मणयों ककी बन पड़ही। सब कमो अपनदे वचन जिदाल ममें बदासंध कर वशहीभभूत कर चलयदा और
कहनदे लगदे चक—
ब्रह्मवदाक्यसं जिनदादर्थन मः।
अथदार्थतम् जिमो कगु छ ब्रदाह्मणयों कदे मगुख ममें सदे वचन चनकलतदा हहै वह जिदानमो सदाकदातम् भगवदानम् कदे मगुख सदे चनकलदा।
जिब कचत्रयदाचद वणर्थ आसंख कदे अन्धदे और गदासंठ कदे पभूरदे अथदार्थतम् भहीतर चवददा ककी आसंख फभू टही हहई और चजिन कदे पदास धन
पगुष्कल हहै ऐसदे-ऐसदे चदेलदे चमलदे। चफर इन व्यथर्थ ब्रदाह्मण नदाम वदालयों कमो चवषयदानन्द कदा उपवन चमल गयदा। यह भही उन
लमोगयों नदे प्रचसद्ध चकयदा चक जिमो कगु छ पकचथवही ममें उत्तम पददाथर्थ हमैं वदे सब ब्रदाह्मणयों कदे चलयदे हमैं। अथदार्थतम् जिमो गगुण, कमर्थ,
स्वभदाव सदे ब्रदाह्मणदाचद वणर्थव्यवस्थदा थही उस कमो नष्ट कर जिन्म पर रक्खही और मकतकपयर्थन्त कदा भही ददान यजिमदानयों सदे
लदेनदे लगदे। जिहैसही अपनही इच्छदा हह ई वहैसदा करतदे चलदे। यहदासं तक चकयदा चक ‘हम भभूददेव हमैं’ हमदारही सदेवदा कदे चवनदा
ददेवलमोक चकसही कमो नहह चमल सकतदा। इन सदे पभूछनदा चदाचहयदे चक तगुम चकस लमोक ममें पधदारमोगदे ? तगुम्हदारदे कदाम तमो घमोर
नरक भमोगनदे कदे हमैं; कक चम, ककीट, पतगचद बनमोगदे। तब तमो बड़दे क्रमोचधत हमोकर कहतदे हमैं—हम ‘शदाप’ दमेंगदे तमो
तगुम्हदारदा नदाश हमो जिदायदेगदा क्ययोंचक चलखदा हहै— ‘ब्रह्मद्रमोहही चवनश्यचत’ चक जिमो ब्रदाह्मणयों सदे द्रमोह करतदा हहै उस कदा
नदाश हमो जिदातदा हहै। हदासं! यह बदात तमो सच्चिही हहै चक जिमो पभूणर्थ वदेद और परमदात्मदा कमो जिदाननदे वदालदे , धमदार्थत्मदा सब जिगतम्

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कदे उपकदारक पगुरुषयों सदे कमोई द्विदेष करदेगदा, वह अवश्य नष्ट हमोगदा। परन्तगु जिमो ब्रदाह्मण नहह हयों, उन कदा न ब्रदाह्मण नदाम
और न उन ककी सदेवदा करनही यमोग्य हहै।
(प्रश्न) तमो हम कचौन हमैं?
(उत्तर) तगुम पमोप हमो।
(प्रश्न) पमोप चकस कमो कहतदे हमैं?
(उत्तर) उस ककी सभूचनदा रूमनम् भदाषदा ममें तमो बड़दा और चपतदा कदा नदाम पमोप हहै परन्तगु अब छल कपट सदे
दस
भू रदे कमो ठग कर अपनदा प्रयमोजिन सदाधनदे वदालदे कमो पमोप कहतदे हमैं।
(प्रश्न) हम तमो ब्रदाह्मण और सदाधगु हमैं क्ययोंचक हमदारदा चपतदा ब्रदाह्मण और मदातदा ब्रदाह्मणही तथदा हम अमगुक
सदाधगु कदे चदेलदे हमैं।
(उत्तर) यह सत्य हहै परन्तगु सगुनमो भदाई! मदाह बदाप ब्रदाह्मण हमोनदे सदे और चकसही सदाधगु कदे चशष्य हमोनदे पर
ब्रदाह्मण वदा सदाधगु नहह हमो सकतदे चकन्तगु ब्रदाह्मण और सदाधगु अपनदे उत्तम गगुण , कमर्थ, स्वभदाव सदे हमोतदे हमैं जिमो चक
परमोपकदारही हयों। सगुनदा हहै चक जिहैसदे रूम कदे ‘पमोप’ अपनदे चदेलयों कमो कहतदे थदे चक तगुम अपनदे पदाप हमदारदे सदामनदे कहमोगदे तमो
हम कमदा कर दमेंगदे। चवनदा हमदारही सदेवदा और आजदा कदे कमोई भही स्वगर्थ ममें नहह जिदा सकतदा। जिमो तगुम स्वगर्थ ममें जिदानदा चदाहमो
तमो हमदारदे पदास चजितनदे रुपयदे जिमदा करमोगदे उतनदे हही ककी सदामग्रही स्वगर्थ ममें तगुम कमो चमलदेगही। ऐसदा सगुन कर जिब कमोई
आसंख कदे अन्धदे और गदासंठ कदे पभूरदे स्वगर्थ ममें जिदानदे ककी इच्छदा करकदे ‘पमोप जिही’ कमो यथदेष्ट रुपयदा ददेतदा थदा तब वह ‘पमोप
जिही’ ईसदा और मररयम ककी मभूचत्तर्थ कदे सदामनदे खड़दा हमोकर इस प्रकदार ककी हह ण्डही चलखकर ददेतदा थदा-‘हदे खगुददावन्द
ईसदामसही! अमगुक मनगुष्य नदे तदेरदे नदाम पर लदाख रुपयदे स्वगर्थ ममें आनदे कदे चलयदे हमदारदे पदास जिमदा कर चदयदे हमैं। जिब वह
स्वगर्थ ममें आवदे तब तभू अपनदे चपतदा कदे स्वगर्थ कदे रदाज्य ममें पच्चिहीस सहस्र रुपययों ममें बदागबगहीचदा और मकदानदात , पच्चिहीस
सहस्र ममें सवदारही चशकदारही और नचौकर चदाकर, पच्चिहीस सहस्र रुपययों ममें खदानदा पहीनदा कपड़दा लत्तदा और पच्चिहीस सहस्र
रुपयदे इस कदे इष्ट चमत्र भदाई बन्धगु आचद कदे चजियदाफत कदे वदास्तदे चदलदा ददेनदा।’ चफर उस हहण्डही कदे नहीचदे पमोप जिही
अपनही सहही करकदे हह ण्डही उसकदे हदाथ ममें ददेकर कह ददेतदे थदे चक ‘जिब तभू मरदे तब इस हह ण्डही कमो कबर ममें अपनदे चसरदानदे
धर लदेनदे कदे चलए अपनदे कगु टगु म्ब कमो कह रखनदा। चफर तगुझदे लदे जिदानदे कदे चलयदे फररश्तदे आवमेंगदे तब तगुझदे और तदेरही हह ण्डही
कमो स्वगर्थ ममें लदे जिदा कर चलखदे प्रमदाणदे सब चहीजिमें तगुझ कमो चदलदा दमेंगदे।’

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अब ददेचखयदे जिदानमो स्वगर्थ कदा ठदेकदा पमोप जिही नदे हही लदे चलयदा हमो। जिब तक यभूरमोप ददेश ममें मभूखर्थतदा थही तभही तक
वहदासं पमोप जिही ककी लहीलदा चलतही थही परन्तगु अब चवददा कदे हमोनदे सदे पमोप जिही ककी झभूठही लहीलदा बहह त नहह चलतही चकन्तगु
चनमभूर्थल भही नहह हह ई।
वहैसदे हही आयदार्थवत्तर्थ ददेश ममें भही जिदानमो पमोप जिही नदे लदाखयों अवतदार लदेकर लहीलदा फहै लदाई हमो। अथदार्थतम् रदाजिदा और
प्रजिदा कमो चवददा न पढ़नदे ददेनदा, अच्छदे पगुरुषयों कदा सङ न हमोनदे ददेनदा, रदात चदन बहकदानदे कदे चसवदाय दस भू रदा कगु छ भही
कदाम नहह करनदा हहै। परन्तगु यह बदात ध्यदान ममें रखनदा चक जिमो-जिमो छलकपटदाचद कगु चत्सत व्यवहदार करतदे हमैं वदे हही पमोप
कहदातदे हमैं। जिमो कमोई उन ममें भही धदाचमर्थक चवद्विदानम् परमोपकदारही हमैं वदे सच्चिदे ब्रदाह्मण और सदाधगु हमैं।
अब उन्हह छलही कपटही स्वदाथर्त्ती लमोगयों (मनगुष्ययों कमो ठग कर अपनदा प्रयमोजिन चसद्ध करनदे वदालयों हही कदा ग्रहण
‘पमोप’ शब्द सदे करनदा और ब्रदाह्मण तथदा सदाधगु नदाम सदे उत्तम पगुरुषयों कदा स्वहीकदार करनदा यमोग्य हहै। ददेखमो! जिमो कमोई
भही उत्तम ब्रदाह्मण वदा सदाधगु न हमोतदा तमो वदेददाचद सत्यशदासयों कदे पगुस्तक स्वरसचहत कदा पठन-पदाठन जिहैन, मगुसलमदान,
ईसदाई आचद कदे जिदाल सदे बचदाकर आयर्यों कमो वदेददाचद सत्यशदासयों ममें प्रहीचतयगुक्त वणदार्थश्रमयों ममें रखनदा ऐसदा कचौन कर
सकतदा? चसवदाय ब्रदाह्मण सदाधगुओसं कदे ! ‘चवषदादप्यमकत सं ग्रदाह्यमम्। ’ मनगु॰॥चवष सदे भही अमकत कदे ग्रहण करनदे कदे
समदान पमोपलहीलदा सदे बहकदानदे ममें सदे भही आय्यर्यों कदा जिहैन आचद मतयों सदे बचदा रहनदा जिदानमो चवष ममें अमकत कदे समदान गगुण
समझनदा चदाचहयदे।
जिब यजिमदान चवददाहहीन हह ए और आप कगु छ पदाठ पभूजिदा पढ़ कर अचभमदान ममें आकदे सब लमोगयों नदे परस्पर
सम्मचत करकदे रदाजिदा आचद सदे कहदा चक ब्रदाह्मण और सदाधगु अदण्ड हमैं। ददेखमो ‘ब्रदाह्मणमो न हन्तव्यमः’ ‘सदाधगुन र्थ
हन्तव्यमः’ ऐसदे ऐसदे वचन जिमो चक सच्चिदे ब्रदाह्मण और सच्चिदे सदाधगुओसं कदे चवषय ममें थदे समो पमोपयों नदे अपनदे पर घटदा चलयदे।
और भही झभूठदे-झभूठदे वचनयगुक्त ग्रन्थ रच कर उन ममें ऋचष मगुचनययों कदे नदाम धर कदे उन्हह कदे नदाम सदे सगुनदातदे रहदे। उन
प्रचतचष्ठित ऋचष महचषर्थययों कदे नदाम सदे अपनदे पर सदे दण्ड ककी व्यवस्थदा उठवदा दही। पगुनमः यथदेष्टदाचदार करनदे लगदे अथदार्थतम्
ऐसदे करडदे चनयम चलदायदे चक उन पमोपयों ककी आजदा कदे चवनदा समोनदा, उठनदा, बहैठनदा, जिदानदा, आनदा, खदानदा, पहीनदा,
आचद भही नहह कर सकतदे थदे। रदाजिदाओसं कमो ऐसदा चनश्चय करदायदा चक पमोप ससंजक कहनदे मदात्र कदे ब्रदाह्मण सदाधगु चदाहदे समो
करमें। उन कमो कभही दण्ड न ददेनदा अथदार्थतम् उन पर मन ममें भही दण्ड ददेनदे ककी इच्छदा न करनही चदाचहयदे।
जिब ऐसही मभूखर्थतदा हहई तब जिहैसही पमोपयों ककी इच्छदा हह ई वहैसदा करनदे करदानदे लगदे। अथदार्थतम् इस चबगदाड़ कदे मभूल
महदाभदारत यगुद्ध सदे पभूवर्थ एक सहस्र वषर्थ सदे प्रवकत्त हहए थदे। क्ययोंचक उस समय ममें ऋचष मगुचन भही थदे तथदाचप कगु छ-कगु छ
आलस्य, प्रमदाद, ईष्यदार्थ, द्विदेष कदे असंकगुर उगदे थदे वदे बढ़तदे-बढ़तदे वकद्ध हमो गयदे। जिब सच्चिदा उपददेश न रहदा तब आयदार्थवत्तर्थ
ममें अचवददा फहै लकर परस्पर लड़नदे झगड़नदे लगदे। क्ययोंचक—

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

उपददेश् यमोपददेष्टक त्वदातम् तचत्सचद्धमः॥इतरथदान्धपरम्परदा॥


—सदासंख्य सभू॰॥
अथदार्थतम् जिब उत्तम-उत्तम उपददेशक हमोतदे हमैं तब अच्छदे प्रकदार धमर्थ, अथर्थ, कदाम और ममोक चसद्ध हमोतदे हमैं।
और जिब उत्तम उपददेशक और श्रमोतदा नहह रहतदे तब अन्ध परम्परदा चलतही हहै। चफर भही जिब सत्पगुरुष उत्पन्न हमोकर
सत्यमोपददेश करतदे हमैं तभही अन्धपरम्परदा नष्ट हमोकर प्रकदाश ककी परम्परदा चलतही हहै।
पगुनमः वदे पमोप लमोग अपनही और अपनदे चरणयों ककी पभूजिदा करदानदे लगदे और कहनदे लगदे चक इसही ममें तगुम्हदारदा
कल्यदाण हहै। जिब यदे लमोग इन कदे वश ममें हमो गयदे तब प्रमदाद और चवषयदासचक्त ममें चनमग्नि हमोकर गड़ररयदे कदे समदान झभूठदे
गगुरु और चदेलदे फसंसदे। चवददा, बल, बगुचद्ध, परदाक्रम, शभूरवहीरतदाचद शगुभगगुण सब नष्ट हमोतदे चलदे।
पश्चदातम् जिब चवषयदासक्त हह ए तमो मदासंस, मद कदा सदेवन गगुप्त-गगुप्त करनदे लगदे। पश्चदातम् उन्हह ममें सदे एक नदे
वदाममदागर्थ खड़दा चकयदा। ‘चशव उवदाच’ ‘पदावर्थत्यगुवदाच’ ‘भहैरव उवदाच’ इत्यदाचद नदाम चलख कर उन कदा तन्त्र नदाम धरदा।
उन ममें ऐसही-ऐसही चवचचत्र लहीलदा ककी बदातमें चलखह चक—
मदसं मदासंस सं च महीनसं च मगुद्र दा महैथ नगु मदेव च।
एतदे पञ्च मकदारदामः स्यगु म र्वो क ददा चह यगु ग दे यगुग दे॥ 1॥
प्रवकत्त दे भहैर वहीचक्रदे सवर्वे वणदार्थ चद्विजिदातयमः।
चनवकत्त दे भहैर वहीचक्रदे सवर्वे वणदार्थमः पकथ कम् पकथ कम् ॥2॥
पहीत्वदा पहीत्वदा पगुन मः पहीत्वदा यदावत्पतचत भभूत लदे।
पगुन रुत्थदाय वहै पहीत्वदा पगुन जिर्थन् म न चवदतदे॥ 3॥
मदातकय मोचनसं पररत्यज्य चवहरदेत म् सवर्थय मोचनषगु॥ 4॥
वदेद शदासपगुर दाणदाचन सदामदान्यगचणकदा इव।
एकहै व शदाम्भवही मगुद्र दा गगुप्त दा कगु लवधभूर रव॥5॥
अथदार्थतम् ददेखमो इन गवगर्थण्ड पमोपयों ककी लहीलदा जिमो चक वदेदचवरुद्ध महदा अधमर्थ कदे कदाम हमैं उन्हह कमो श्रदेष्ठि
वदाममचगर्थययों नदे मदानदा। मद, मदासंस, महीन अथदार्थतम् मच्छही, मगुद्रदा पभूरही कचचौरही और बड़दे रमोटही आचद चवर्थण , यमोचन,
पदात्रधदार, मगुद्रदा और पदासंचवदासं महैथगुन अथदार्थतम् पगुरुष सब चशव और सही सब पदावर्थतही कदे समदान मदान कर—
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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अहसं भहैर वस्त्वसं भहैर वही ह्यदावयमोरस्तगु सङममः॥


चदाहदे कमोई पगुरुष वदा सही हमो इस ऊटपटदासंग वचन कमो पढ़ कदे समदागम करनदे ममें वदे वदाममदागर्त्ती दमोष नहह मदानतदे।
अथदार्थतम् चजिन नहीच चसययों कमो छभू नदा नहह उनकमो अचतपचवत्र उन्हयोंनदे मदानदा हहै। जिहैसदे शदासयों ममें रजिस्वलदा आचद चसययों
कदे स्पशर्थ कदा चनषदेध हहै उन कमो वदाममदाचगर्थययों नदे अचतपचवत्र मदानदा हहै। सगुनमो इन कदा श्लमोक खण्ड बण्ड—
तहीथर्वं रजिस्वलदा पगुष् करसं तहीथर्वं चदाण्डदालही तगु स्वयसं कदाशही, चमर्थक दारही प्रयदागमः स्यदाद्रजिककी
मथगुर दा मतदा। अयमोध्यदा पगुक सही प्रमोक्तदा॥
—इत्यदाचद।
रजिस्वलदा कदे सदाथ समदागम करनदे सदे जिदानमो पगुष्कर कदा स्नदान , चदाण्डदालही सदे समदागम ममें कदाशही ककी यदात्रदा,
चमदारही सदे समदागम करनदे सदे मदानमो प्रयदागस्नदान, धमोबही ककी सही कदे सदाथ समदागम करनदे ममें मथगुरदा यदात्रदा और कसंजिरही कदे
सदाथ लहीलदा करनदे सदे मदानमो अयमोध्यदा तहीथर्थ कर आयदे। मद कदा नदाम धरदा ‘तहीथर्थ’, मदासंस कदा नदाम शगुचद्ध और ‘पगुष्प’
मच्छही कदा नदाम ‘तकतहीयदा’ और ‘जिलतगुचम्बकदा’, मगुद्रदा कदा नदाम ‘चतगुथर्त्ती’, महैथगुन कदा नदाम ‘पञ्चमही’। इसचलयदे ऐसदे-
ऐसदे नदाम धरदे हमैं चक चजिस सदे दस भू रदा न समझ सकदे । अपनदे कचौल, आद्रर्थवहीर, शदाम्भव और गण आचद नदाम रक्खदे हमैं।
और जिमो वदाममदागर्थ मत ममें नहह हमैं। उनकदा ‘कण्टक’ ‘चवमगुख’, शगुष्कपशगु’ आचद नदाम धरदे हमैं और कहतदे हमैं चक जिब
भहैरवहीचक्र हमो तब उस ममें ब्रदाह्मण सदे लदेकर चदाण्डदालपयर्थन्त कदा नदाम चद्विजि हमो जिदातदा हहै और जिब भहैरवहीचक्र सदे अलग
हयों तब सब अपनदे-अपनदे वणर्थस्थ हमो जिदायमें।
भहैरवहीचक्र ममें वदाममदागर्त्ती लमोग भभूचम वदा पट्टदे पर एक चवन्द गु चत्रकमोण, चतगुष्कमोण, वत्तगुर्थलदाकदार बनदा कर उस
पर मद कदा घड़दा रखकदे उस ककी पभूजिदा करतदे हमैं। चफर ऐसदा मन्त्र पढ़तदे हमैं ‘ब्रह्म शदापसं चवममोचथ’ हदे मद! तभू ब्रह्मदा
आचद कदे शदाप सदे रचहत हमो। एक गगुप्त स्थदान ममें चक जिहदासं चसवदाय वदाममदागर्त्ती कदे दस भू रदे कमो नहह आनदे ददेतदे वहदासं सही और
पगुरुष इकटदे हमोतदे हमैं। वहदासं एक सही कमो नङही कर पभूजितदे और सही लमोग चकसही पगुरुष कमो नङदा कर पभूजितही हमैं। पगुनमः
कमोई चकसही ककी सही कमोई अपनही वदा दस भू रदे ककी कन्यदा, कमोई चकसही ककी वदा अपनही मदातदा, भचगनही, पगुत्रवधभू आचद
आतही हमैं। पश्चदातम् एक पदात्र ममें मद भरकदे मदासंस और बड़दे आचद एक स्थदालही ममें धर रखतदे हमैं। उस मद कदे प्यदालदे कमो
जिमो चक उन कदा आचदायर्थ हमोतदा हहै वह हदाथ ममें लदेकर बमोलतदा हहै चक ‘भहैर वमोऽहमम्’ ‘चशवमोऽहमम्’ ममैं भहैरव वदा चशव हह सं
कह कर पही जिदातदा हहै। चफर उसही झभूठदे पदात्र सदे सब पहीतदे हमैं। और जिब चकसही ककी सही वदा वदेश्यदा नङही कर अथवदा
चकसही पगुरुष कमो नङदा कर हदाथ ममें तलवदार ददे कदे उस कदा नदाम ददेवही और पगुरुष कदा नदाम महदाददेव धरतदे हमैं। उन कदे
उपस्थ इचन्द्रय ककी पभूजिदा करतदे हमैं तब उस ददेवही वदा चशव कमो मद कदा प्यदालदा चपलदा कर उसही झभूठदे पदात्र सदे सब लमोग

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एक-एक प्यदालदा पहीतदे हमैं। चफर उसही प्रकदार क्रम सदे पही-पही कदे उन्मत्त हमोकर चदाहमें कमोई चकसही ककी बचहन, कन्यदा वदा
मदातदा क्ययों न हमो, चजिस ककी चजिस कदे सदाथ इच्छदा हमो उस कदे सदाथ कगु कमर्थ करतदे हमैं। कभही-कभही बहह त नशदा चढ़नदे सदे
जिभूतदे, लदात, मगुकदामगुककी, कदे शदाकदेशही, आपस ममें लड़तदे हमैं चकसही-चकसही कमो वहह धन हमोतदा हहै। उन ममें जिमो पहह संचदा
हह आ अघमोरही अथदार्थतम् सब ममें चसद्ध चगनदा जिदातदा हहै। वह धन हहई चहीजि कमो भही खदा लदेतदा हहै। अथदार्थतम् इन कदे सबसदे बडदेडे़
चसद्ध ककी यदे बदातमें हमैं चक—
हदालदासं चपबचत दहीचकतस्य मचन्दरदे सगुप्त मो चनशदायदासं गचणकदागकह षदे ।गु चवरदाजितदे
कचौलवचक्रवतर्त्ती ॥
जिमो दहीचकत अथदार्थतम् कलदार कदे घर ममें जिदाकदे बमोतल पर बमोतल चढ़दावदे। रचण्डययों कदे घर ममें जिदाकदे उन सदे कगु कमर्थ
करकदे समोवदे जिमो इत्यदाचद कमर्थ चनलर्थज्ज, चनमःशङ हमोकर करदे वहही वदाममदाचगर्थययों ममें सवर्वोपरर मगुख्य चक्रवतर्त्ती रदाजिदा कदे
समदान मदानदा जिदातदा हहै। अथदार्थतम् जिमो बड़दा कगु कमर्त्ती वहही उन ममें बड़दा और जिमो अच्छदे कदाम करदे और बगुरदे कदामयों सदे डरदे
वहही छमोटदा। क्ययोंचक—
पदाशबद्धमो भवदेज्ज हीवमः पदाशमगुक्त मः सददा चशवमः॥
ऐसदा तन्त्र ममें कहतदे हमैं चक जिमो लमोकलज्जदा, शदासलज्जदा, कगु ललज्जदा, ददेशलज्जदा आचद पदाशयों ममें बसंधदा हहै वह
जिहीव और जिमो चनलर्थज्ज हमोकर बगुरदे कदाम करदे वहही सददा चशव हमैं।
उडहीस तन्त्र आचद ममें एक प्रयमोग चलखदा हहै चक एक घर ममें चदारयों ओर आलय हयों। उन ममें मद कदे बमोतल भर
कदे धर ददेवदे। इस आलय सदे एक बमोतल पही कदे दस भू रदे आलय पर जिदावदे। उसममें सदे पही तहीसरदे और तहीसरदे ममें सदे पहीकदे
चचौथदे आलय ममें जिदावदे। खड़दा-खड़दा तब तक मद पहीवदे चक जिब तक लकड़ही कदे समदान पकचथवही ममें न चगर पड़दे। चफर
जिब नशदा उतरदे तब उसही प्रकदार पहीकर चगर पड़दे। पगुनमः तहीसरही वदार इसही प्रकदार पहीकदे चगर कदे उठदे तमो उस कदा
पगुनजिर्थन्म न हमो अथदार्थतम् सच तमो यह हहै चक ऐसदे -ऐसदे मनगुष्ययों कदा पगुनमः मनगुष्यजिन्म हमोनदा हही कचठन हहै चकन्तगु नहीच
यमोचन ममें पड़ कर बहह कदालपयर्थन्त पड़दा रहदेगदा।
वदाचमययों कदे तन्त्र ग्रन्थयों ममें यह चनयम हहै चक एक मदातदा कमो छमोड़ कदे चकसही सही कमो भही न छमोड़नदा चदाचहयदे
अथदार्थतम् चदाहदे कन्यदा हमो वदा भचगनही आचद क्ययों न हमो। सब कदे सदाथ ससंगम करनदा चदाचहयदे। इन वदाममचगर्थययों ममें दश
महदाचवददा प्रचसद्ध हमैं उनममें सदे एक मदातङही चवददावदालदा कहतदा हहै चक ‘मदातरमचप न त्यजिदेत म्’ अथदार्थतम् मदातदा कमो भही
समदागम चकयदे चवनदा न छमोड़नदा चदाचहयदे। और सही पगुरुष कदे समदागम समय ममें मन्त्र जिपतदे हमैं चक हम कमो चसचद्ध प्रदाप्त
हमो जिदायमें। ऐसदे पदागल महदामभूखर्थ मनगुष्य भही ससंसदार ममें बहह त न्यभून हयोंगदे!!! जिमो मनगुष्य झभूसंठ चलदानदा चदाहतदा हहै वह सत्य

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ककी चनन्ददा अवश्य हही करतदा हहै। ददेखमो! वदाममदागर्त्ती क्यदा कहतदे हमैं? वदेद, शदास और पगुरदाण यदे सब सदामदान्य वदेश्यदाओसं
कदे समदान हमैं और जिमो यह शदाम्भवही वदाममदागर्थ ककी मगुद्रदा हहै वह गगुप्त कगु ल ककी सही कदे तगुल्य हहै। इसहीचलयदे इन लमोगयों नदे
कदे वल वदेद-चवरुद्ध मत खड़दा चकयदा हहै। पश्चदातम् इन लमोगयों कदा मत बहह त चलदा। तब धभूत्तर्थत्तदा करकदे वदेदयों कदे नदाम सदे भही
वदाममदागर्थ ककी थमोड़ही-थमोड़ही लहीलदा चलदाई। अथदार्थतम्—
सचौत्रदामण्यदासं सगुर दासं चपबदेत म्। प्रमोचकतसं भकयदेन् मदासंस मम्।
वहैच दककी चहसंस दा चहसंस दा न भवचत॥
न मदासंस भकणदे दमोषमो न मददे न च महैथ गुन ।दे
प्रवकच त्तरदेष दा भभूत दानदासं चनवकच त्तस्तगु महदाफलदा॥ मनगु॰॥
सचौत्रदामचण यज ममें मद पहीवदे। इस कदा अथर्थ तमो यह हहै चक सचौत्रदामचण यज ममें समोमरस अथदार्थतम् समोमवलही कदा
रस पहीयदे। प्रमोचकत अथदार्थतम् यज ममें मदासंस खदानदे ममें दमोष नहह ऐसही पदामरपन ककी बदातमें वदाममदाचगर्थययों नदे चलदाई हमैं। उन सदे
पभूछनदा चदाचहयदे चक जिमो वहैचदककी चहसंसदा चहसंसदा न हमो तमो तगुझ और तदेरदे कगु टगु म्ब कमो मदार कदे हमोम कर डदालमें तमो क्यदा चचन्तदा
हहै? मदासंसभकण करनदे, मद पहीनदे, परसहीगमन करनदे आचद ममें दमोष नहह हहै। यह कहनदा छमोकड़पन हहै। क्ययोंचक चवनदा
प्रदाचणययों कदे पहीड़दा चदयदे मदासंस प्रदाप्त नहह हमोतदा और चवनदा अपरदाध कदे पहीड़दा ददेनदा धमर्थ कदा कदाम नहह। मदपदान कदा तमो
सवर्थथदा चनषदेध हही हहै क्ययोंचक अब तक वदाममदाचगर्थययों कदे चवनदा चकसही ग्रन्थ ममें नहह चलखदा चकन्तगु सवर्थत्र चनषदेध हहै। और
चवनदा चववदाह कदे महैथगुन ममें भही दमोष हहै। इस कमो चनदर्वोष कहनदेवदालदा सदमोष हहै। ऐसदे -ऐसदे वचन भही ऋचषययों कदे ग्रन्थ ममें
डदाल कदे चकतनदे हही ऋचष मगुचनययों कदे नदाम सदे ग्रन्थ बनदा कर गमोमदेध , अश्वमदेध नदाम यज भही करदानदे लगदे थदे। अथदार्थतम्
इन पशगुओसं कमो मदारकदे हमोम करनदे सदे यजिमदान और पशगु कमो स्वगर्थ ककी प्रदाचप्त हमोतही हहै ; ऐसही प्रचसचद्ध ककी। चनश्चय तमो
यह हहै चक जिमो ब्रदाह्मणग्रन्थयों ममें अश्वमदेध , गमोमदेध, नरमदेध आचद शब्द हमैं उन कदा ठहीक-ठहीक अथर्थ नहह जिदानदा हहै
क्ययोंचक जिमो जिदानतदे तमो ऐसदा अनथर्थ क्ययों करतदे?
(प्रश्न) अश्वमदेध, गमोमदेध, नरमदेध आचद शब्दयों कदा अथर्थ क्यदा हहै?
(उत्तर) इन कदा अथर्थ तमो यह हहै चक—
रदाष्टछ सं वदा अश्वमदेध मः। अन्नसं चह गचौमः। अचग्निवदार्थ अश्वमः। आज्यसं मदेध मः॥
—शतपथब्रदाह्मणदे॥

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घमोड़दे, गदाय आचद पशगु तथदा मनगुष्य मदार कदे हमोम करनदा कहह नहह चलखदा। कदे वल वदाममदाचगर्थययों कदे ग्रन्थयों ममें
ऐसदा अनथर्थ चलखदा हहै। चकन्तगु यह भही बदात वदाममदाचगर्थययों नदे चलदाई। और जिहदाह -जिहदाह लदेख हहै वहदाह-वहदाह भही वदाममदाचगर्थययों
नदे प्रकदेप चकयदा हहै।
ददेखमो! रदाजिदा न्यदाय धमर्थ सदे प्रजिदा कदा पदालन करदे , चवददाचद कदा ददेनदेहदारदा और यजिमदान द्विदारदा अचग्नि ममें घही
आचद कदा हमोम करनदा अश्वमदेध, अन्न, इचन्द्रयदासं, चकरण, पकचथवही आचद कमो पचवत्र रखनदा गमोमदेध; जिब मनगुष्य मर
जिदाय तब उसकदे शरहीर कदा चवचधपभूवर्थक ददाह करनदा नरमदेध कहदातदा हहै।
(प्रश्न) यजकत्तदार्थ कहतदे हमैं चक यज करनदे सदे यजिमदान औदेर पशगु स्वगर्थगदामही तथदा हमोम करकदे चफर पशगु कमो
जिहीतदा करतदे थदे। यह बदात सच्चिही हहै वदा नहह?
(उत्तर) नहह। जिमो स्वगर्थ कमो जिदातदे हयों तमो ऐसही बदात कहनदे वदालदे कमो मदार कदे हमोम कर स्वगर्थ ममें पहह संचदानदा
चदाचहयदे वदा उस कदे चप्रय मदातदा, चपतदा, सही और पगुत्रदाचद कमो मदार हमोम कर स्वगर्थ ममें क्ययों नहह पहह संचदातदे? वदा वदेदही ममें
सदे पगुनमः क्ययों नहह चजिलदा लदेतदे हमैं?
(प्रश्न) जिब यज करतदे हमैं तब वदेदयों कदे मन्त्र पढ़तदे हमैं। जिमो वदेदयों ममें न हमोतदा तमो कहदाह सदे पढ़तदे?
(उत्तर) मन्त्र चकसही कमो कहह पढ़नदे सदे नहह रमोकतदा क्ययोंचक वह एक शब्द हहै। परन्तगु उन कदा अथर्थ ऐसदा
नहह हहै चक पशगु कमो मदारकदे हमोम करनदा। जिहैसदे ‘अग्नियदे स्वदाहदा’ इत्यदाचद मन्त्रयों कदा अथर्थ अचग्नि ममें हचव, पगुष्टदाचदकदारक
घकतदाचद उत्तम पददाथर्यों कदे हमोम करनदे सदे वदायगु, वकचष्ट, जिल शगुद्ध हमोकर जिगतम् कमो सगुखकदारक हमोतदे हमैं। परन्तगु इन सत्य
अथर्यों कमो वदे मभूढ़ नहह समझतदे थदे क्ययोंचक जिमो स्वदाथर्थबगुचद्ध हमोतदे हमैं। वदे कदे वल अपनदे स्वदाथर्थ करनदे कदे दस
भू रदा कगु छ भही
नहह जिदानतदे; मदानतदे।
जिब इन पमोपयों कदा ऐसदा अनदाचदार ददेखदा और दस भू रदा मरदे कदा तपर्थण श्रदाद्धदाचद करनदे कमो ददेख कर एक
महदाभयङर वदेददाचद शदासयों कदा चनन्दक बचौद्ध वदा जिहैन मत प्रचचलत हह आ हहै। सगुनतदे हमैं चक एक इसही ददेश ममें गमोरखपगुर
कदा रदाजिदा थदा। उस सदे पमोपयों नदे यज करदायदा। उस ककी चप्रय रदाणही कदा समदागम घमोड़दे कदे सदाथ करदानदे सदे उसकदे मर जिदानदे
पर पश्चदातम् वहैरदाग्यवदानम् हमोकर अपनदे पगुत्र कमो रदाज्य ददे, सदाधगु हमो, पमोपयों ककी पमोल चनकदालनदे लगदा। इसही ककी शदाखदारूप
चदारवदाक और आभदाणक मत भही हहआ थदा। उन्हयोंनदे इस प्रकदार कदे श्लमोक बनदायदे हमैं—
पशगुश् चदेच न्नहतमः स्वगर्वं ज्यमोचतष्टमोमदे गचमष्यचत।
स्वचपतदा यजिमदानदेन तत्र कथसं न चहसंस् यतदे॥
मकत दानदाचमह जिन्तभून दासं श्रदाद्धसं चदेत म् तकच प्तकदारणमम्।

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गच्छतदाचमह जिन्तभून दासं व्यथर्वं पदाथदेय कल्पनमम्॥


जिमो पशगु मदार कर अचग्नि ममें हमोम करनदे सदे पशगु स्वगर्थ कमो जिदातदा हहै तमो यजिमदान अपनदे चपतदा आचद कमो मदार कदे
स्वगर्थ ममें क्ययों नहह भदेजितदे। जिमो मरदे हह ए मनगुष्ययों ककी तकचप्त कदे चलयदे श्रदाद्ध और तपर्थण हमोतदा हहै तमो चवददेश ममें जिदानदे वदालदे
मनगुष्य कमो मदागर्थ कदा खचर्थ खदानदे पहीनदे कदे चलयदे बदासंधनदा व्यथर्थ हहै। क्ययोंचक जिब मकतक कमो श्रदाद्ध , तपर्थण सदे अन्न, जिल
पहह संचतदा हहै तमो जिहीतदे हह ए परददेश ममें रहनदे वदालदे वदा मदागर्थ ममें चलनदेहदारयों कमो घर ममें रसमोई बनही हह ई कदा पत्तल परमोस,
लमोटदा भर कदे उस कदे नदाम पर रखनदे सदे क्ययों नहह पहह हचतदा? जिमो जिहीतदे हह ए दरभू ददेश अथवदा दश हदाथ पर दरभू बहैठदे हह ए
कमो चदयदा हह आ नहह पहह संचतदा तमो मरदे हह ए कदे पदास चकसही प्रकदार नहह पहह संच सकतदा। उन कदे ऐसदे यगुचक्तचसद्ध उपददेशयों
कमो मदाननदे लगदे और उन कदा मत बढ़नदे लगदा।
जिब बहह त सदे रदाजिदा भभूचमयदे उन कदे मत ममें हह ए तब पमोप जिही भही उन ककी ओर झगुकदे क्ययोंचक इन कमो चजिधर
गफ्फदा अच्छदा चमलदे वहह चलदे जिदायमें। झट जिहैन बननदे चलदे। जिहैन ममें भही और प्रकदार ककी पमोप -लहीलदा बहह त हहै समो
12 वमें समगुलदास ममें चलखमेंगदे। बहह तयों नदे इन कदा मत स्वहीकदार चकयदा परन्तगु चकतनदे हही जिमो पवर्थत , कदाशही, कन्नचौजि,
पचश्चम, दचकण ददेश वदालदे थदे उन्हयोंनदे जिहैनयों कदा मत स्वहीकदार नहह चकयदा थदा। वदे जिहैनही वदेद कदा अथर्थ न जिदानकर बदाहर
ककी पमोपलहीलदा कमो भ्रदाचन्त सदे वदेद पर मदानकर वदेदयों ककी भही चनन्ददा करनदे लगदे। उस कदे पठनपदाठन यजमोपवहीतदाचद और
ब्रह्मचयदार्थचद चनयमयों कमो भही नदाश चकयदा। जिहदासं चजितनदे पगुस्तक वदेददाचद कदे पदायदे नष्ट चकयदे। आय्यर्यों पर बहह त सही
रदाजिसत्तदा भही चलदाई। दमःगु ख चदयदा। जिब उन कमो भय शङदा न रहही तब अपनदे मत वदालदे गकहस्थ और सदाधगुओसं ककी
प्रचतष्ठिदा और वदेदमदाचगर्थययों कदा अपमदान और पकपदात सदे दण्ड भही ददेनदे लगदे। और आप सगुख आरदाम और घमण्ड ममें आ
फभू लकर चफरनदे लगदे। ऋषभददेव सदे लदेकदे महदावहीर पयर्थन्त अपनदे तहीथर्वंकरयों ककी बड़ही-बड़ही मभूचत्तर्थयदाह बनदा कर पभूजिदा करनदे
लगदे अथदार्थत म् पदाषदाणदाचद मभूच त्तर्थप भूजि दा ककी जिड़ जिहैच नययों सदे प्रचचलत हह ई । परमदेश्वर कदा मदाननदा न्यभून हह आ,
पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा ममें लगदे। ऐसदा तहीन सचौ वषर्थ पयर्थन्त आयदार्थवत्तर्थ ममें जिहैनयों कदा रदाजि रहदा। प्रदायमः वदेददाथर्थजदान सदे शभून्य हमो
गयदे थदे। इस बदात कमो अनगुमदान सदे अढ़दाई सहस्र वषर्थ व्यतहीत हह ए हयोंगदे।
बदाईस सचौ वषर्थ हह ए चक एक शङरदाचदायर्थ द्रचवड़ददेशमोत्पन्न ब्रदाह्मण ब्रह्मचयर्थ सदे व्यदाकरणदाचद सब शदासयों कमो
पढ़कर समोचनदे लगदे चक अहह! सत्य आचस्तक वदेद मत कदा छभू टनदा और जिहैन नदाचस्तक मत कदा चलनदा बड़ही हदाचन
ककी बदात हहई हहै। इन कमो चकसही प्रकदार हटदानदा चदाचहयदे। शङरदाचदायर्थ शदास तमो पढ़दे हही थदे परन्तगु जिहैन मत कदे भही पगुस्तक
पढ़दे थदे और उन ककी यगुचक्त भही बहह त प्रबल थही। उन्हयोंनदे चवचदारदा चक इन कमो चकस प्रकदार हटदावमें ? चनश्चय हह आ चक
उपददेश और शदासदाथर्थ करनदे सदे यदे लमोग हटमेंगदे। ऐसदा चवचदार कर उज्जहैन नगरही ममें आयदे। वहदासं उस समय सगुधन्वदा रदाजिदा
थदा, जिमो जिहैचनययों कदे ग्रन्थ और कगु छ ससंस्कक त भही पढ़दा थदा। वहदाह जिदाकर वदेद कदा उपददेश करनदे लगदे और रदाजिदा सदे चमल

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

कर कहदा चक आप ससंस्कक त और जिहैचनययों कदे भही ग्रन्थयों कमो पढ़दे हमो और जिहैन मत कमो मदानतदे हमो। इसचलयदे आपकमो ममैं
कहतदा हह सं चक जिहैचनययों कदे पचण्डतयों कदे सदाथ मदेरदा शदासदाथर्थ करदाइयदे। इस प्रचतजदा पर, जिमो हदारदे समो जिहीतनदे वदालदे कदा मत
स्वहीकदार कर लदे। और आप भही जिहीतनदे वदालदे कदा मत स्वहीकदार ककीचजियदेगदा।
यदचप सगुधन्वदा जिहैन मत ममें थदे तथदाचप ससंस्कक त ग्रन्थ पढ़नदे सदे उन ककी बगुचद्ध ममें कगु छ चवददा कदा प्रकदाश थदा।
इस सदे उन कदे मन ममें अत्यन्त पशगुतदा नहह छदाई थही। क्ययोंचक जिमो चवद्विदानम् हमोतदा हहै वह सत्यदाऽसत्य ककी परहीकदा करकदे
सत्य कदा ग्रहण और असत्य कमो छमोड़ ददेतदा हहै। जिब तक सगुधन्वदा रदाजिदा कमो बड़दा चवद्विदानम् उपददेशक नहह चमलदा थदा तब
तक सन्ददेह ममें थदे चक इन ममें कचौन सदा सत्य और कचौन सदा असत्य हहै। जिब शङरदाचदायर्थ ककी यह बदात सगुनही और बड़ही
प्रसन्नतदा कदे सदाथ बमोलदे चक हम शदासदाथर्थ करदाकदे सत्यदाऽसत्य कदा चनणर्थय अवश्य करदावमेंगदे। जिहैचनययों कदे पचण्डतयों कमो
दरभू -दरभू सदे बगुलदाकर सभदा करदाई।
उसममें शङरदाचदायर्थ कदा वदेदमत और जिहैचनययों कदा वदेदचवरुद्ध मत थदा अथदार्थतम् शङरदाचदायर्थ कदा पक वदेदमत कदा
स्थदापन और जिहैचनययों कदा खण्डन और जिहैचनययों कदा पक अपनदे मत कदा स्थदापन और वदेद कदा खण्डन थदा। शदासदाथर्थ
कई चदनयों तक हह आ। जिहैचनययों कदा मत यह थदा चक सकचष्ट कदा कत्तदार्थ अनदाचद ईश्वर कमोई नहह। यह जिगतम् और जिहीव
अनदाचद हमैं। इन दमोनयों ककी उत्पचत्त और नदाश कभही नहह हमोतदा। इस सदे चवरुद्ध शङरदाचदायर्थ कदा मत थदा चक अनदाचद
चसद्ध परमदात्मदा हही जिगतम् कदा कत्तदार्थ हहै। यह जिगतम् और जिहीव झभूठदा हहै क्ययोंचक उस परमदेश्वर नदे अपनही मदायदा सदे जिगतम्
बनदायदा। वहही धदारण और प्रलय कत्तदार्थ हहै। और यह जिहीव और प्रपञ्च स्वप्नवतम् हहै। परमदेश्वर आप हही सब रूप हमोकर
लहीलदा कर रहदा हहै।
बहह त चदन तक शदासदाथर्थ हमोतदा रहदा। परन्तगु अन्त ममें यगुचक्त और प्रमदाण सदे जिहैचनययों कदा मत खचण्डत और
शङरदाचदायर्थ कदा मत अखचण्डत रहदा। तब उन जिहैचनययों कदे पचण्डत और सगुधन्वदा रदाजिदा नदे वदेद मत कमो स्वहीकदार कर
चलयदा। जिहैनमत कमो छमोड़ चदयदा। पगुनमः बड़दा हलदा गगुलदा हह आ और सगुधन्वदा रदाजिदा नदे अन्य अपनदे इष्ट चमत्र रदाजिदाओसं कमो
चलखकर शङरदाचदायर्थ सदे शदासदाथर्थ करदायदा। परन्तगु जिहैन कदा परदाजिय समय हमोनदे सदे परदाचजित हमोतदे गयदे।
पश्चदातम् शङरदाचदायर्थ कदे सवर्थत्र आयदार्थवत्तर्थ ददेश ममें घभूमनदे कदा प्रबन्ध सगुधन्वदाचद रदाजिदाओसं नदे कर चदयदा और उन
ककी रकदा कदे चलयदे सदाथ ममें नचौकर चदाकर भही रख चदयदे। उसही समय सदे सब कदे यजमोपवहीत हमोनदे लगदे और वदेदयों कदा
पठन-पदाठन भही चलदा। दस वषर्थ कदे भहीतर सवर्थत्र आयदार्थवत्तर्थ ददेश ममें घभूम कर जिहैचनययों कदा खण्डन और वदेदयों कदा मण्डन
चकयदा। परन्तगु शङरदाचदायर्थ कदे समय ममें जिहैन चवध्वसंस अथदार्थतम् चजितनही मभूचत्तर्थयदासं जिहैचनययों ककी चनकलतही हमैं। वदे शङरदाचदायर्थ
कदे समय ममें टभू टही थह और जिमो चवनदा टभू टही चनकलतही हमैं वदे जिहैचनययों नदे भभूचम ममें गदाड़ दही थह चक तमोड़ही न जिदायमें। वदे अब
तक कहह भभूचम ममें सदे चनकलतही हमैं।

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शसंकरदाचदायर्थ कदे पभूवर्थ शहैवमत भही थमोड़दा सदा प्रचररत थदा। उस कदा भही खण्डन चकयदा। वदाममदागर्थ कदा खण्डन
चकयदा। उस समय इस ददेश ममें धन बहह त थदा और स्वददेशभचक्त भही थही। जिहैचनययों कदे मचन्दर शङरदाचदायर्थ और सगुधन्वदा
रदाजिदा नदे नहह तगुड़वदायदे थदे क्ययोंचक उन ममें वदेददाचद ककी पदाठशदालदा करनदे ककी इच्छदा थही। जिब वदेदमत कदा स्थदापन हमो
चगुकदा औदेर चवददा प्रचदार करनदे कदा चवचदार करतदे हही थदे। उतनदे ममें दमो जिहैन ऊपर सदे कथनमदात्र वदेदमत और भहीतर सदे
कऋर जिहैन अथदार्थतम् कपटमगुचन थदे। शङरदाचदायर्थ उन पर अचत प्रसन्न थदे। उन दमोनयों नदे अवसर पदाकर शङरदाचदायर्थ कमो
ऐसही चवषयगुक्त वस्तगु चखलदाई चक उन ककी कगुधदा मन्द हमो गई। पश्चदातम् शरहीर ममें फमोड़दे फगु न्सही हमोकर छमः महहीनदे कदे
भहीतर शरहीर छभूट गयदा। तब सब चनरुत्सदाहही हमो गयदे और जिमो चवददा कदा प्रचदार हमोनदे वदालदा थदा वह भही न हमोनदे पदायदा।
जिमो-जिमो उन्हयोंनदे शदारहीरक भदाष्यदाचद बनदायदे थदे उन कदा प्रचदार शङरदाचदायर्थ कदे चशष्य करनदे लगदे। अथदार्थतम् जिमो
जिहैचनययों कदे खण्डन कदे चलयदे ब्रह्म सत्य जिगतम् चमथ्यदा और जिहीव ब्रह्म ककी एकतदा कथन ककी थही उस कदा उपददेश करनदे
लगदे। दचकण ममें शकसंगदेरही, पभूवर्थ ममें भभूगमोवधर्थन, उत्तर ममें जिमोशही और द्विदाररकदा ममें शदारददामठ बदासंध कर शङरदाचदायर्थ कदे चशष्य
महन्त बन और श्रहीमदानम् हमोकर आनन्द करनदे लगदे क्ययोंचक शङरदाचदायर्थ कदे पश्चदातम् उन कदे चशष्ययों ककी बड़ही प्रचतष्ठिदा
हमोनदे लगही।
अब इसममें चवचदारनदा चदाचहयदे चक जिमो जिहीव ब्रह्म ककी एकतदा चमथ्यदा शसंकरदाचदायर्थ कदा चनजि मत थदा तमो वह
अच्छदा मत नहह और जिमो जिहैचनययों कदे खण्डन कदे चलयदे उस मत कदा स्वहीकदार चकयदा हमो तमो कगु छ अच्छदा हहै। नवहीन
वदेददाचन्तययों कदा मत ऐसदा हहै—
(प्रश्न) जिगतम् स्वप्नवतम्, रज्जभू ममें सपर्थ, सहीप ममें चदादसं ही, मकगतकचष्णकदा ममें जिल, गन्धवर्थनगर इन्द्रजिदालवतम्
यह ससंसदार झभूठदा हहै। एक ब्रह्म हही सच्चिदा हहै।
(चसद्धदान्तही) झभूठदा तगुम चकस कमो कहतदे हमो?
(नवहीन वदेद दान्तही) जिमो वस्तगु न हमो और प्रतहीत हमोवदे।
(चसद्धदान्तही) जिमो वस्तगु हही नहह उस ककी प्रतहीचत कहै सदे हमो सकतही हहै?
(नवहीन॰) अध्यदारमोप सदे।
(चसद्धदान्तही) अध्यदारमोप चकस कमो कहतदे हमो?
(नवहीन॰) ‘वस्तगुन् यवस्त्वदारमोपणमध्यदासमः’॥
‘अध्यदारमोपदापवदाददाभ्यदासं चनष्प्रपञ्चसं प्रपञ्च्यतदे ’॥

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पददाथर्थ कगु छ और हमो उस ममें अन्य वस्तगु कदा आरमोपण करनदा अध्यदास , अध्यदारमोप और उस कदा चनरदाकरण
करनदा अपवदाद कहदातदा हहै। इन दमोनयों सदे प्रपसंच रचहत ब्रह्म ममें प्रपसंचरूप जिगतम् चवस्तदार करतदे हमैं।
(चसद्धदान्तही) तगुम रज्जभू कमो वस्तगु और सपर्थ कमो अवस्तगु मदान कर इस भ्रमजिदाल ममें पड़दे हमो। क्यदा सपर्थ वस्तगु
नहह हहै। जिमो कहमो चक रज्जभू ममें नहह तमो ददेशदान्तर ममें और उसकदा ससंस्कदारमदात्र हृदय ममें हहै। चफर वह सपर्थ भही अवस्तगु
नहह रहदा। वहैसदे हही स्थदाणगु ममें पगुरुष, सहीप ममें चदादसं ही आचद ककी व्यवस्थदा समझ लदेनदा। और स्वप्न ममें भही चजिनकदा भदान
हमोतदा हहै वदे ददेशदान्तर ममें हमैं और उनकदे ससंस्कदार आत्मदा ममें भही हमैं। इसचलयदे वह स्वप्न भही वस्तगु ममें अवस्तगु कदे आरमोपण
कदे समदान नहह।
(नवहीन॰) जिमो कभही न ददेखदा, न सगुनदा, जिहैसदा चक अपनदा चशर कटदा हहै और आप रमोतदा हहै। जिल ककी धदारदा
ऊपर चलही जिदातही हहै। जिमो कभही न हह आ थदा। ददेखदा जिदातदा हहै वह सत्य क्ययोंकर हमो सकदे ?
(चसद्धदान्तही) यह भही दृष्टदान्त तगुम्हदारदे पक कमो चसद्ध नहह करतदा क्ययोंचक चवनदा ददेखदे सगुनदे ससंस्कदार नहह
हमोतदा। ससंस्कदार कदे चवनदा स्मकचत और स्मकचत कदे चवनदा सदाकदातम् अनगुभव नहह हमोतदा। जिब चकसही सदे सगुनदा वदा ददेखदा चक
अमगुक कदा चशर कटदा और उसकदे भदाई वदा बदाप आचद कमो लड़दाई ममें प्रत्यक रमोतदे ददेखदा और फमोहदारदे कदा जिल ऊपर
चढ़तदे ददेखदा वदा सगुनदा ससंस्कदार उसही कदे आत्मदा ममें हमोतदा हहै। जिब यह जिदाग्रत कदे पददाथर्थ सदे अलग हमोकदे ददेखतदा हहै तब
अपनदे आत्मदा ममें उन्हह पददाथर्यों कमो, चजिन कमो ददेखदा वदा सगुनदा हमोतदा ददेखतदा हहै। जिब अपनदे हही ममें ददेखतदा हहै तब जिदानमो
अपनदा चशर कटदा, आप रमोतदा और ऊपर जिदातही जिल ककी धदारदा कदा ददेखतदा हहै। यह भही वस्तगु ममें अवस्तगु कदे आरमोपण
कदे सदृश नहह चकन्तगु जिहैसदे नक्शदा चनकदालनदे वदालदे पभूवर्थ दृष्ट श्रगुत वदा चकयदे हह ओसं कमो आत्मदा ममें सदे चनकदाल कर कदागजि
पर चलख ददेतदे हमैं अथवदा प्रचतचबम्ब कदा उतदारनदे वदालदा चबम्ब कमो ददेख आत्मदा ममें आकक चत कमो धर बरदाबर चलख ददेतदा
हहै। हदासं! इतनदा हहै चक कभही-कभही स्वप्न ममें स्मरणयगुक्त प्रतहीचत जिहैसदा चक अपनदे अध्यदापक कमो ददेखतदा हहै और कभही
बहह त ददेखनदे और सगुननदे ममें अतहीत जदान कमो सदाकदात्कदार करतदा हहै। तब स्मरण नहह रहतदा चक जिमो ममैंनदे उस समय
ददेखदा, सगुनदा वदा चकयदा थदा उसही कमो ददेखतदा वदा करतदा हह सं। जिहैसदा जिदागकत ममें स्मरण करतदा हहै वहैसदा स्वप्न ममें नहह हमोतदा।
ददेखमो! इसचलयदे तगुम्हदारदा अध्यदास और आरमोप कदा लकण झभूठदा हहै। और जिमो वदेददान्तही लमोग चववत्तर्थवदाद अथदार्थतम् रज्जभू ममें
सपदार्थचद कदे भदान हमोनदे कदा दृष्टदान्त ब्रह्म ममें जिगतम् कदे भदान हमोनदे ममें ददेतदे हमैं। वह भही ठहीक नहह।
(नवहीन) अचधष्ठिदान कदे चवनदा अध्यस्त प्रतहीत नहह हमोतदा जिहैसदे रज्जभू न हमो तमो सपर्थ कदा भही भदान नहह हमो
सकतदा। जिहैसदे रज्जभू ममें सपर्थ तहीन कदाल ममें नहह परन्तगु अन्धकदार और कगु छ प्रकदाश कदे मदेल ममें अकस्मदातम् रज्जभू कमो ददेखनदे
सदे सपर्थ कदा भ्रम हमोकर भय सदे कसंपतदा हहै। जिब उस कमो दहीप आचद सदे ददेख लदेतदा हहै उसही समय भ्रम और भय चनवकत्त

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हमो जिदातदा हहै। वहैसदे ब्रह्म ममें जिमो जिगतम् ककी चमथ्यदा प्रतहीचत हहई हहै वह ब्रह्म कदे सदाकदात्कदार हमोनदे ममें उस जिगतम् ककी चनवकचत्त
और ब्रह्म ककी प्रतहीचत हमोतही हहै। जिहैसही चक सपर्थ ककी चनवकचत्त और रज्जभू ककी प्रतहीचत हमोतही हहै।
(चसद्धदान्तही) ब्रह्म ममें जिगतम् कदा भदान चकसकमो हहआ?
(नवहीन) जिहीव कमो।
(चसद्धदान्तही) जिहीव कहदासं सदे हह आ?
(नवहीन) अजदान सदे।
(चसद्धदान्तही) अजदान कहदासं सदे हह आ और कहदासं रहतदा हहै?
(नवहीन) अजदान अनदाचद और ब्रह्म ममें रहतदा हहै।
(चसद्धदान्तही) ब्रह्म ममें ब्रह्म कदा अजदान हह आ वदा चकसही अन्य कदा और वह अजदान चकस कमो हह आ?
(नवहीन) चचददाभदास कमो।
(चसद्धदान्तही) चचददाभदास कदा स्वरूप क्यदा हहै?
(नवहीन) ब्रह्म। ब्रह्म कमो ब्रह्म कदा अजदान अथदार्थतम् स्वरूप कमो आप हही भभूल जिदातदा हहै।
(चसद्धदान्तही) उसकदे भभूलनदे ममें चनचमत्त क्यदा हहै?
(नवहीन) अचवददा।
(चसद्धदान्तही) अचवददा सवर्थव्यदापही सवर्थज कदा गगुण हहै वदा अल्पज कदा?
(नवहीन) अल्पज कदा।
(चसद्धदान्तही) तमो तगुम्हदारदे मत ममें चवनदा एक अनन्त सवर्थज चदेतन कदे दस भू रदा कमोई चदेतन हहै वदा नहह? और
अल्पज कहदासं सदे आयदा? हदासं! जिमो अल्पज चदेतन ब्रह्म सदे चभन्न मदानमो तमो ठहीक हहै। जिब एक चठकदानदे ब्रह्म कमो अपनदे
स्वरूप कदा अजदान हमो तमो सवर्थत्र अजदान फहै ल जिदाय। जिहैसदे शरहीर ममें फमोड़दे ककी पहीड़दा सब शरहीर कदे अवयवयों कमो
चनकम्मदा कर ददेतही हहै। इसही प्रकदार ब्रह्म भही एकददेश ममें अजदानही और क्लदेशयगुक्त हमो तमो सब ब्रह्म भही अजदानही और पहीड़दा
कदे अनगुभवयगुक्त हमो जिदाय।
(नवहीन) यह सब उपदाचध कदा धमर्थ हहै, ब्रह्म कदा नहह।
(चसद्धदान्तही) उपदाचध जिड़ हहै वदा चदेतन और सत्य वदा असत्य।

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(नवहीन) अचनवर्थचनहीय हहै अथदार्थतम् चजिस कमो जिड़ वदा चदेतन, सत्य वदा असत्य नहह कह सकतदे।
(चसद्धदान्तही) यह तगुम्हदारदा कहनदा ‘वदतमो व्यदाघदातमः’ कदे तगुल्य हहै क्ययोंचक कहतदे हमो अचवददा हहै चजिस कमो
जिड़, चदेतन, सतम्, असतम् नहह कह सकतदे। यह ऐसही बदात हहै चक जिहैसदे समोनदे ममें पहीतल चमलदा हमो उस कमो सरदाफ कदे
पदास परहीकदा करदावदे चक यह समोनदा हहै वदा पहीतल। तब यहही कहमोगदे चक इस कमो हम न समोनदा न पहीतल कह सकतदे हमैं
चकन्तगु इस ममें दमोनयों धदातगु चमलही हमैं।
(नवहीन) ददेखमो! जिहैसदे घटदाकदाश, मठदाकदाश, मदेघदाकदाश और महददाकदाशमोपदाचध अथदार्थतम् घड़दा घर और मदेघ
कदे हमोनदे सदे चभन्न-चभन्न प्रतहीत हमोतदे हमैं, वदास्तव ममें महददाकदाश हही हहै। ऐसदे हही मदायदा, अचवददा, समचष्ट, व्यचष्ट और
अन्तमःकरणयों ककी उपदाचधययों सदे ब्रह्म अजदाचनययों कमो पकथकम् -पकथकम् प्रतहीत हमो रहदा हहै। वदास्तव ममें एक हही हहै। ददेखमो!
अचग्रम प्रमदाण ममें क्यदा कहदा हहै—
अचग्नियर्थथ क
है मो भगुव नसं प्रचवष्टमो रूपसं रूपसं प्रचतरूपमो बभभूव ।
एकस्तथदा सवर्थभ तभू दान्तरदात्मदा रूपसं रूपसं प्रचतरूपमो बचहश्च॥
—उपचनषदम्
जिहैसदे अचग्नि लम्बदे, चचौड़दे, गमोल, छमोटदे, बड़दे सब आकक चत वदालदे पददाथर्यों ममें व्यदापक हमोकर तददाकदार दहीखतदा
और उन सदे पकथकम् हहै। वहैसदे सवर्थव्यदापक परमदात्मदा अन्तमःकरणयों ममें व्यदापक हमोकदे अन्तमःकरणदाऽऽकदार हमो रहदा हहै परन्तगु
उन सदे अलग हहै।
(चसद्धदान्तही) यह भही तगुम्हदारदा कहनदा व्यथर्थ हहै क्ययोंचक जिहैसदे घट, मठ, मदेघयों और आकदाश कमो चभन्न
मदानतदे हमो वहैसदे कदारणकदायर्थरूप जिगतम् और जिहीव कमो ब्रह्म सदे और ब्रह्म कमो इनसदे चभन्न मदान लमो?
(नवहीन) जिहैसदा अचग्नि सब ममें प्रचवष्ट हमोकर ददेखनदे ममें तददाकदार दहीखतदा हहै इसही प्रकदार परमदात्मदा जिड़ और
जिहीव ममें व्यदापक हमोकर आकदारवदालदा, अजदाचनययों कमो आकदारयगुक्त दहीखतदा हहै। वदास्तव ममें ब्रह्म न जिड़ और न जिहीव हहै।
जिहैसदे सहस्र जिल कदे कभू ण्डदे धरदे हयों उनममें सभूयर्थ कदे सहस्रयों प्रचतचबम्ब दहीखतदे हमैं। वस्तगुतमः सभूयर्थ एक हहै। कभू ण्डयों कदे नष्ट
हमोनदे सदे जिल कदे चलनदे वदा फहै लनदे सदे सभूयर्थ न नष्ट हमोतदा हहै , न चलतदा और न फहै लतदा। इसही प्रकदार अन्तमःकरणयों ममें
ब्रह्म कदा आभदास चजिस कमो चचददाभदास कहतदे हमैं। पड़दा हहै। जिब तक अन्तमःकरण हहै तभही तक जिहीव हहै। जिब
अन्तमःकरण जदान सदे नष्ट हमोतदा हहै तब जिहीव ब्रह्मस्वरूप हहै। इस चचददाभदास कमो अपनदे ब्रह्मस्वरूप कदा अजदान कत्तदार्थ ,
भमोक्तदा सगुखही, दमःगु खही। पदापही, पगुण्यदात्मदा, जिन्म, मरण अपनदे ममें आरमोचपत करतदा हहै। तब तक ससंसदार कदे बन्धनयों सदे
नहह छभूटतदा।

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(चसद्धदान्तही) यह दृष्टदान्त तगुम्हदारदा व्यथर्थ हहै क्ययोंचक सभूयर्थ आकदार वदालदा। जिल कभू ण्डदे भही आकदार वदालदे हमैं।
सभूयर्थ जिलकभू ण्डदे सदे चभन्न और सभूयर्थ सदे जिल कभू ण्डदे चभन्न हमैं तभही प्रचतचबम्ब पड़तदा हहै। यचद चनरदाकदार हमोतदे तमो उन कदा
प्रचतचबम्ब कभही न हमोतदा। और जिहैसदे परमदेश्वर चनरदाकदार , सवर्थत्र आकदाशवतम् व्यदापक हमोनदे सदे ब्रह्म सदे कमोई पददाथर्थ वदा
पददाथर्यों सदे ब्रह्म पकथकम् नहह हमो सकतदा और व्यदाप्यव्यदापक सम्बन्ध सदे एक भही नहह हमो सकतदा। अथदार्थतम् अन्वय
व्यचतरदेक भदाव सदे ददेखनदे सदे व्यदाप्यव्यदापक चमलदे हह ए और सददा पकथकम् रहतदे हमैं। जिमो एक हमो तमो अपनदे ममें व्यदाप्यव्यदापक
भदाव सम्बन्ध कभही नहह घट सकतदा। समो बकहददारण्यक कदे अन्तयदार्थमही ब्रदाह्मण ममें स्पष्ट चलखदा हहै और ब्रह्म कदा आभदास
भही नहह पड़ सकतदा क्ययोंचक चवनदा आकदार कदे आभदास कदा हमोनदा असम्भव हहै। जिमो अन्तमःकरणमोपदाचध सदे ब्रह्म कमो जिहीव
मदानतदे हमो समो तगुम्हदारही बदात बदालक कदे समदान हहै क्ययोंचक अन्तमःकरण चलदायमदान , खण्ड-खण्ड और ब्रह्म अचल
और अखण्ड हहै। यचद तगुम ब्रह्म और जिहीव कमो पकथकम् -पकथकम् न मदानमोगदे तमो इसकदा उत्तर दहीचजियदे चक जिहदाह-जिहदाह
अन्तमःकरण चलदा जिदायगदा वहदाह-वहदाह कदे ब्रह्म कमो अजदानही और चजिस-चजिस ददेश कमो छमोड़देगदा वहदाह-वहदाह कदे ब्रह्म कमो
जदानही कर ददेवदेगदा वदा नहह? जिहैसदे छदातदा प्रकदाश कदे बहीच ममें जिहदाह-जिहदाह जिदातदा हहै वहदाह-वहदाह कदे प्रकदाश कमो आवरणयगुक्त
और जिहदाह-जिहदाह सदे हटतदा हहै वहदाह-वहदाह कदे प्रकदाश कमो आवरणरचहत कर ददेतदा हहै। वहैसदे हही अन्तमःकरण ब्रह्म कमो कण-
कण ममें जदानही, अजदानही, बद्ध और मगुक्त करतदा जिदायगदा। अखण्ड ब्रह्म कदे एक ददेश ममें आवरण कदा प्रभदाव सवर्थददेश ममें
हमोनदे सदे सब ब्रह्म अजदानही हमो जिदायगदा क्ययोंचक वह चदेतन हहै। और मथगुरदा ममें चजिस अन्तमःकरणस्थ ब्रह्म नदे जिमो वस्तगु
ददेखही उसकदा स्मरण उसही अन्तमःकरणस्थ सदे कदाशही ममें नहह हमो सकतदा क्ययोंचक ‘अन्यदृष्टमन्यमो न स्मरतहीचत
न्यदायदातम्’ और कदे ददेखदे कदा स्मरण और कमो नहह हमोतदा। चजिस चचददाभदास नदे मथगुरदा ममें ददेखदा वह चचददाभदास कदाशही ममें
नहह रहतदा चकन्तगु जिमो मथगुरदास्थ अन्तमःकरण कदा प्रकदाशक हहै वह कदाशहीस्थ ब्रह्म नहह हमोतदा। जिमो ब्रह्म हही जिहीव हहै ,
पकथकम् नहह तमो जिहीव कमो सवर्थज हमोनदा चदाचहयदे। यचद ब्रह्म कदा प्रचतचबम्ब पकथकम् हहै तमो प्रत्यचभजदा अथदार्थतम् पभूवर्थ दृष्ट, श्रगुत
कदा जदान चकसही कमो नहह हमो सकदे गदा। जिमो कहमो चक ब्रह्म एक हहै इसचलयदे स्मरण हमोतदा हहै तमो एक चठकदानदे अजदान वदा
दमःगु ख हमोनदे सदे सब ब्रह्म कमो अजदान वदा दमःगु ख हमो जिदानदा चदाचहयदे। और ऐसदे -ऐसदे दृष्टदान्तयों सदे चनत्य, शगुद्ध, बगुद्ध,
मगुक्तस्वभदाव ब्रह्म कमो तगुमनदे अशगुद्ध अजदानही और बद्ध आचद दमोषयगुक्त कर चदयदा हहै और अखण्ड कमो खण्ड-खण्ड कर
चदयदा।
(नवहीन) चनरदाकदार कदा भही आभदास हमोतदा हहै जिहैसदा चक दपर्थण वदा जिलदाचद ममें आकदाश कदा आभदास पड़तदा हहै।
वह नहीलदा वदा चकसही अन्य प्रकदार गम्भहीर गहरदा दहीखतदा हहै वहैसदा ब्रह्म कदा भही सब अन्तमःकरणयों ममें आभदास पड़तदा हहै।
(चसद्धदान्तही) जिब आकदाश ममें रूप हही नहह हहै तमो उस कमो आसंख सदे कमोई भही नहह ददेख सकतदा। जिमो पददाथर्थ
दहीखतदा हही नहह वह दपर्थण और जिलदाचद ममें कहै सदे दहीखदेगदा? गहरदा वदा चछदरदा सदाकदार वस्तगु दहीखतदा हहै। चनरदाकदार नहह।

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(नवहीन) तमो चफर जिमो यह ऊपर नहीलदा सदा दहीखतदा हहै, वहही आदशर्थ वदा जिल ममें भदान हमोतदा हहै। वह क्यदा
पददाथर्थ हहै?
(चसद्धदान्तही) वह पकचथवही सदे उड़ कर जिल, पकचथवही और अचग्नि कदे त्रसरदेणगु हमैं। जिहदासं सदे वषदार्थ हमोतही हहै वहदासं
जिल न हमो तमो वषदार्थ कहदासं सदे हमोवदे ? इसचलयदे जिमो दरभू -दरभू तम्बभू कदे समदान दहीखतदा हहै वह जिल कदा चक्र हहै। जिहैसदे कगु चहर
दरभू सदे घनदाकदार दहीखतदा हहै और चनकट सदे चछचदरदा और डदेरदे कदे समदान भही दहीखतदा हहै वहैसदा आकदाश ममें जिल दहीखतदा
हहै।
(नवहीन) क्यदा हमदारदे रज्जभू, सपर्थ और स्वप्नदाचद कदे दृष्टदान्त चमथ्यदा हमैं?
(चसद्धदान्तही) नहह। तगुम्हदारही समझ चमथ्यदा हहै। समो हम नदे पभूवर्थ चलख चदयदा। भलदा यह तमो कहमो चक प्रथम
अजदान चकस कमो हमोतदा हहै?
(नवहीन) ब्रह्म कमो।
(चसद्धदान्तही) ब्रह्म अल्पज हहै वदा सवर्थज।
(नवहीन) न सवर्थज, न अल्पज। क्ययोंचक सवर्थजतदा और अल्पजतदा उपदाचध सचहत ममें हमोतही हहै।
(चसद्धदान्तही) उपदाचध सदे सचहत कचौन हहै?
(नवहीन) ब्रह्म।
(चसद्धदान्तही) तमो ब्रह्म हही सवर्थज और अल्पज हह आ तमो तगुमनदे सवर्थज और अल्पज कदा चनषदेध क्ययों चकयदा
थदा? जिमो कहमो चक उपदाचध कचल्पत अथदार्थतम् चमथ्यदा हहै तमो कल्पक अथदार्थतम् कल्पनदा करनदे वदालदा कचौन हहै?
(नवहीन) जिहीव ब्रह्म हहै वदा अन्य?
(चसद्धदान्तही) अन्य हहै। क्ययोंचक जिमो ब्रह्मस्वरूप हहै तमो चजिस नदे चमथ्यदा कल्पनदा ककी वह ब्रह्म हही नहह हमो
सकतदा। चजिस ककी कल्पनदा चमथ्यदा हहै वह सच्चिदा कब हमो सकतदा हहै?
(नवहीन) हम सत्य और असत्य कमो झभूठ मदानतदे हमैं और वदाणही सदे बमोलनदा भही चमथ्यदा हहै।
(चसद्धदान्तही) जिब तगुम झभूठ कहनदे और मदाननदे वदालदे हमो तमो झभूठदे क्ययों नहह?
(नवहीन) रहमो। झभूठ और सच हमदारदे हही ममें कचल्पत हहै और हम दमोनयों कदे सदाकही अचधष्ठिदान हमैं।
(चसद्धदान्तही) जिब तगुम सत्य और झभूठ कदे आधदार हह ए तमो सदाहहकदार और चमोर कदे सदृश तगुम्हह हह ए। इससदे
तगुम प्रदामदाचणक भही नहह रहदे। क्ययोंचक प्रदामदाचणक वह हमोतदा हहै जिमो सवर्थददा सत्य मदानदे , सत्य बमोलदे, सत्य करदे, झभूठ न
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मदानदे, झभूठ न बमोलदे और झभूठ कददाचचतम् न करदे। जिब तगुम अपनही बदात कमो आप हही झभूठ करतदे हमो तमो तगुम अनदाप्त
चमथ्यदावदादही हमो।
(नवहीन) अनदाचद मदायदा जिमो चक ब्रह्म कदे आश्रय और ब्रह्म हही कदा आवरण करतही हहै उस कमो मदानतदे हमो वदा
नहह?
(चसद्धदान्तही) नहह मदानतदे। क्ययोंचक तगुम मदायदा कदा अथर्थ ऐसदा करतदे हमो चक जिमो वस्तगु न हमो और भदासदे हहै तमो
इस बदात कमो वह मदानदेगदा चजिस कदे हृदय ककी आसंख फभू ट गई हमो। क्ययोंचक जिमो वस्तगु नहह उस कदा भदासमदान हमोनदा
सवर्थथदा असम्भव हहै। जिहैसदा बन्ध्यदा कदे पगुत्र कदा प्रचतचबम्ब कभही नहह हमो सकतदा। और यह ‘सन्मभूल दामः समोम्यदेम दामः
प्रजिदामः’ इत्यदाचद छदान्दमोग्य उपचनषतम् कदे वचनयों सदे चवरुद्ध कहतदे हमो?
(नवहीन) क्यदा तगुम वचसष्ठि, शङरदाचदायर्थ आचद और चनश्चलददास पयर्थन्त जिमो तगुम सदे अचधक पचण्डत हह ए हमैं
उन्हयोंनदे चलखदा हहै उस कदा खण्डन करतदे हमो? हम कमो तमो वचसष्ठि, शङरदाचदायर्थ और चनश्चलददास आचद अचधक
दहीखतदे हमैं।
(चसद्धदान्तही) तगुम चवद्विदानम् हमो वदा अचवद्विदानम्?
(नवहीन) हम भही कगु छ चवद्विदानम् हमैं।
(चसद्धदान्तही) अच्छदा तमो वचसष्ठि, शङरदाचदायर्थ और चनश्चलददास कदे पक कदा हमदारदे सदामनदे स्थदापन करमो।
हम खण्डन करतदे हमैं। चजिस कदा पक चसद्ध हमो वहही बड़दा हहै। जिमो उन ककी और तगुम्हदारही बदात अखण्डनहीय हमोतही हहै तमो
तगुम उन ककी यगुचक्तयदासं लदेकर हमदारही बदात कदा खण्डन क्ययों न कर सकतदे ? तब तगुम्हदारही और उन ककी बदात मदाननहीय
हमोवदे।
अनगुमदान हहै चक शङरदाचदायर्थ आचद नदे तमो जिहैचनययों कदे मत कदे खण्डन करनदे हही कदे चलयदे यह मत स्वहीकदार
चकयदा हमो क्ययोंचक ददेश कदाल कदे अनगुकभूल अपनदे पक कमो चसद्ध करनदे कदे चलयदे बहह त सदे स्वदाथर्त्ती चवद्विदानम् अपनदे आत्मदा
कदे जदान सदे चवरुद्ध भही कर लदेतदे हमैं। और जिमो इन बदातयों कमो अथदार्थतम् जिहीव ईश्वर ककी एकतदा, जिगतम् चमथ्यदा आचद
व्यवहदार सच्चिदा हही मदानतदे थदे तमो उन ककी बदात सच्चिही नहह हमो सकतही।
और चनश्चलददास कदा पदाचण्डत्य ददेखमो ऐसदा हहै ‘जिहीवमो ब्रह्मदाऽचभन्नश्चदेत नत्वदातम्’ उन्हयोंनदे ‘वकचत्तप्रभदाकर’
ममें जिहीव ब्रह्म ककी एकतदा कदे चलयदे अनगुमदान चलखदा हहै चक चदेतन हमोनदे सदे जिहीव ब्रह्म सदे अचभन्न हहै। यह बहह त कम समझ
पगुरुष ककी बदात कदे सदृश बदात हहै। क्ययोंचक सदाधम्यर्थमदात्र सदे एक दसभू रदे कदे सदाथ एकतदा नहह हमोतही। वहैधम्यर्थ भदेदक हमोतदा
हहै। जिहैसदे कमोई कहदे चक ‘पकचथवही जिलदाऽचभन्नदा जिडत्वदातम्’ जिड़ कदे हमोनदे सदे पकचथवही जिल सदे अचभन्न हहै। जिहैसदा यह वदाक्य

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सङत कभही नहह हमो सकतदा वहैसदे चनश्चलददास जिही कदा भही लकण व्यथर्थ हहै। क्ययोंचक जिमो अल्प, अल्पजतदा और
भ्रदाचन्तमत्त्वदाचद धमर्थ जिहीव ममें ब्रह्म सदे और सवर्थगत सवर्थजतदा और चनभ्रदार्थचन्तत्वदाचद वहैधम्यर्थ ब्रह्म ममें जिहीव सदे चवरुद्ध हहै इस
सदे ब्रह्म और जिहीव चभन्न-चभन्न हमैं। जिहैसदे गन्धवत्त्व कचठनत्व आचद भभूचम कदे धमर्थ, रसवत्त्व द्रवत्वदाचद जिल कदे धमर्थ सदे
चवरुद्ध हमोनदे सदे पकचथवही और जिल एक नहह हमैं। वहैसदे जिहीव और ब्रह्म कदे वहैधम्यर्थ हमोनदे सदे जिहीव और ब्रह्म एक न कभही
थदे, न हमैं न कभही हयोंगदे।
इतनदे हही सदे चनश्चलददासदाचद कमो समझ लहीचजियदे चक उन ममें चकतनदा पदाचण्डत्य थदा और चजिस नदे यमोगवदाचसष्ठि
बनदायदा हहै वह कमोई आधगुचनक वदेददान्तही थदा। न वदाल्महीचक, वचसष्ठि और रदामचन्द्र कदा बनदायदा वदा कहदा सगुनदा हहै। क्ययोंचक
वदे सब वदेददानगुयदायही थदे वदेद सदे चवरुद्ध न बनदा सकतदे और न कह सगुन सकतदे थदे।
(प्रश्न) क्यदा व्यदास जिही नदे जिमो शदारहीरक सभूत्र बनदायदे हमैं उन ममें भही जिहीव ब्रह्म ककी एकतदा दहीखतही हहै?
ददेखमो—
सम्पददाऽऽचवभदार्थव मः स्वदेन शब्ददातम्॥ 1॥
ब्रदाह्मदे ण जिहैच मचनरुपन्यदासदाचदभ्यमः॥2॥
चचचत तन्मदात्रदेण तददात्मकत्वदाचदत्यचौडगु लमोचममः॥3॥
एवमप्यगुप न्यदासदातम् पभूव भर्थ दावदादचवरमोधसं बदादरदायणमः॥4॥
अत एव चदानन्यदाचधपचतमः॥5॥
अथदार्थतम् जिहीव अपनदे स्वरूप कमो प्रदाप्त हमोकर प्रकट हमोतदा हहै जिमो चक पभूवर्थ ब्रह्मस्वरूप थदा क्ययोंचक स्व शब्द सदे
अपनदे ब्रह्मस्वरूप कदा ग्रहण हमोतदा हहै॥1॥
‘अयमदात्मदा अपहतपदाप्मदा’ इत्यदाचद उपन्यदास ऐश्वयर्थ प्रदाचप्त पयर्थन्त हदेतगुओसं सदे ब्रह्मस्वरूप सदे जिहीव चस्थत
हमोतदा हहै ऐसदा जिहैचमचन आचदायर्थ कदा मत हहै॥2॥
और औडगु लमोचम आचदायर्थ तददात्मकस्वरूप चनरूपणदाचद बकहददारण्यक कदे हदेतगुरूप कदे वचनयों सदे चहैतन्यमदात्र
स्वरूप सदे जिहीव मगुचक्त ममें चस्थत रहतदा हहै॥3॥
व्यदास जिही इन्हह पभूवर्वोक्त उपन्यदासदाचद ऐश्वयर्थप्रदाचप्तरूप हदेतगुओसं सदे जिहीव कदा ब्रह्मस्वरूप हमोनदे ममें अचवरमोध
मदानतदे हमैं॥4॥
यमोगही ऐश्वयर्थसचहत अपनदे ब्रह्मस्वरूप कमो प्रदाप्त हमोकर अन्य अचधपचत सदे रचहत अथदार्थतम् स्वयमम् आप अपनदा
और सब कदा अचधपचतरूप ब्रह्मस्वरूप सदे मगुचक्त ममें चस्थत रहतदा हहै॥5॥

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(उत्तर) इन सभूत्रयों कदा अथर्थ इस प्रकदार कदा नहह चकन्तगु इन कदा यथदाथर्थ अथर्थ यह हहै। सगुचनयदे ! जिब तक
जिहीव अपनदे स्वककीय शगुद्धस्वरूप कमो प्रदाप्त, सब मलयों सदे रचहत हमोकर पचवत्र नहह हमोतदा तब तक यमोग सदे ऐश्वयर्थ कमो
प्रदाप्त हमोकर अपनदे अन्तयदार्थमही ब्रह्म कमो प्रदाप्त हमोकदे आनन्द ममें चस्थत नहह हमो सकतदा॥1॥
इसही प्रकदार जिब पदापदाचद रचहत ऐश्वयर्थयक्त
गु यमोगही हमोतदा हहै तभही ब्रह्म कदे सदाथ मगुचक्त कदे आनन्द कमो भमोग
सकतदा हहै। ऐसदा जिहैचमचन आचदायर्थ कदा मत हहै॥2॥
जिब अचवददाचद दमोषयों सदे छभू ट शगुद्ध चहैतन्यमदात्र स्वरूप सदे जिहीव चस्थर हमोतदा हहै तभही ‘तददात्मकत्व’ अथदार्थतम्
ब्रह्मस्वरूप कदे सदाथ सम्बन्ध कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै॥3॥
जिब ब्रह्म कदे सदाथ ऐश्वयर्थ और शगुद्ध चवजदान कमो जिहीतदे हही जिहीवन्मगुक्त हमोतदा हहै तब अपनदे चनमर्थल पभूवर्थ स्वरूप
कमो प्रदाप्त हमोकर आनचन्दत हमोतदा हहै ऐसदा व्यदासमगुचन जिही कदा मत हहै॥4॥
जिब यमोगही कदा सत्य सङल्प हमोतदा हहै तब स्वयसं परमदेश्वर कमो प्रदाप्त हमो कर मगुचक्तसगुख कमो पदातदा हहै। वहदासं
स्वदाधहीन स्वतन्त्र रहतदा हहै। जिहैसदा ससंसदार ममें एक प्रधदान दस
भू रदा अप्रधदान हमोतदा हहै वहैसदा मगुचक्त ममें नहह। चकन्तगु सब मगुक्त
जिहीव एक सदे रहतदे हमैं॥5॥
जिमो ऐसदा न हमो तमो—
नदेत रमोऽनगुप पत्तदेमः ॥1॥
भदेद व्यपददेश दाच्चि॥2॥
चवशदेष णभदेद व्यपददेश दाभ्यदासं च नदेत रचौ॥3॥
अचस्मन्नस्य च तदमोगसं शदाचस्त॥4॥
अन्तस्तद्धमर्वो प ददेश दातम्॥ 5॥
भदेद व्यपददेश दाच्चिदान्यमः॥6॥
गगुह दासं प्रचवष्टदावदात्मदानचौ चह तद्दशर्थन दातम्॥ 7॥
अनगुप पत्तदेस् तगु न शदारहीरमः॥8॥
अन्तयदार्थम् यचधदहैव दाचदषगु तद्धमर्थव् यपददेश दातम्॥ 9॥

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शदारहीरश्चमोभयदेऽ चप चह भदेद नदे हैन मधहीयतदे॥ 10॥


—व्यदासमगुचनकक तवदेददान्तसभूत्रदाचण॥

ब्रह्म सदे इतर जिहीव सकचष्टकत्तदार्थ नहह हहै क्ययोंचक इस अल्प, अल्पज सदामथ्यर्थवदालदे जिहीव ममें सकचष्टकतकर्थत्व नहह
घट सकतदा। इससदे जिहीव ब्रह्म नहह॥1॥

‘रससं ह्यदे व दायसं लब्ध्वदानन्दही भवचत’


—यह उपचनषतम् कदा वचन हहै।

जिहीव और ब्रह्म चभन्न हमैं क्ययोंचक इन दमोनयों कदा भदेद प्रचतपदादन चकयदा हहै। जिमो ऐसदा न हमोतदा तमो रस अथदार्थतम्
आनन्दस्वरूप ब्रह्म कमो प्रदाप्त हमोकर जिहीव आनन्दस्वरूप हमोतदा हहै यह प्रदाचप्तचवषय ब्रह्म और प्रदाप्त हमोनदे वदालदे जिहीव कदा
चनरूपण नहह घट सकतदा। इसचलयदे जिहीव और ब्रह्म एक नहह॥2॥

चदव्यमो ह्यमभूत्त र्थमः पगुरु षमः स बदाह्यदाभ्यन्तरमो ह्यजिमः।


अप्रदाणमो ह्यमनदामः शगुभ्र मो ह्यकरदात्परतमः परमः॥
—मगुण्डकमोपचनषचद॥
चदव्य, शगुद्ध, मभूचत्तर्थमत्त्वरचहत, सब ममें पभूणर्थ, बदाहर-भहीतर चनरन्तर व्यदापक, अजि, जिन्म-मरण
शरहीरधदारणदाचद रचहत, श्वदास प्रश्वदास, शरहीर और मन कदे सम्बन्ध सदे रचहत, प्रकदाशस्वरूप इत्यदाचद परमदात्मदा कदे
चवशदेषण और अकर नदाशरचहत प्रकक चत सदे परदे अथदार्थतम् सभूक्ष्म जिहीव उससदे भही परमदेश्वर परदे अथदार्थतम् ब्रह्म सभूक्ष्म हहै।
प्रकक चत और जिहीवयों सदे ब्रह्म कदा भदेद प्रचतपदादनरूप हदेतगुओसं सदे प्रकक चत और जिहीवयों सदे ब्रह्म चभन्न हहै॥3॥
इसही सवर्थव्यदापक ब्रह्म ममें जिहीव कदा यमोग वदा जिहीव ममें ब्रह्म कदा यमोग प्रचतपदादन करनदे सदे जिहीव और ब्रह्म चभन्न
हमैं, क्ययोंचक यमोग चभन्न पददाथर्यों कदा हह आ करतदा हहै॥4॥
इस ब्रह्म कदे अन्तयदार्थमही आचद धमर्थ कथन चकयदे हमैं और जिहीव कदे भहीतर व्यदापक हमोनदे सदे व्यदाप्य जिहीव ब्रह्म सदे
चभन्न हहै क्ययोंचक व्यदाप्य—व्यदापक सम्बन्ध भही भदेद ममें ससंघचटत हमोतदा हहै॥5॥
जिहैसदे परमदात्मदा जिहीव सदे चभन्नस्वरूप हहै वहैसदे इचन्द्रय, अन्तमःकरण, पकचथवही आचद भभूत, चदशदा, वदायगु सभूयदार्थचद
चदव्यगगुणयों कदे यमोग सदे ददेवतदा वदाच्य चवद्विदानयों सदे भही परमदात्मदा चभन्न हहै॥6॥

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‘गगुह दासं प्रचवष्टचौ सगुकक तस्य लमोकदे ’ इत्यदाचद उपचनषदयों कदे वचनयों सदे जिहीव और परमदात्मदा चभन्न हमैं। वहैसदा हही
उपचनषदयों ममें बहह त चठकदानदे चदखलदायदा हहै॥7॥
‘शरहीरदे भवमः शदारहीरमः’ शरहीरधदारही जिहीव ब्रह्म नहह हहै क्ययोंचक ब्रह्म कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव जिहीव ममें नहह
घटतदे॥8॥
(अचधदहैव) सब चदव्य मन आचद इचन्द्रयदाचद पददाथर्यों (अचधभभूत) पकचथव्यदाचद भभूत (अध्यदात्म) सब जिहीवयों
ममें परमदात्मदा अन्तयदार्थमहीरूप सदे चस्थत हहै क्ययोंचक उसही परमदात्मदा कदे व्यदापकत्वदाचद धमर्थ सवर्थत्र उपचनषदयों ममें व्यदाख्यदात
हमैं॥9॥
शरहीरधदारही जिहीव ब्रह्म नहह हहै क्ययोंचक ब्रह्म सदे जिहीव कदा भदेद स्वरूप सदे चसद्ध हहै॥10॥
इत्यदाचद शदारहीरक सभूत्रयों सदे भही स्वरूप सदे ब्रह्म और जिहीव कदा भदेद चसद्ध हहै। वहैसदे हही वदेददाचन्तययों कदा उपक्रम
और उपससंहदार भही नहह घट सकतदा, क्ययोंचक ’उपक्रम’ अथदार्थतम् आरम्भ ब्रह्म सदे और ‘उपससंहदार’ अथदार्थतम् प्रलय भही
ब्रह्म हही ममें करतदे हमैं। जिब दस
भू रदा कमोई वस्तगु नहह मदानतदे तमो उत्पचत्त औदेर प्रलय भही ब्रह्म कदे धमर्थ हमो जिदातदे हमैं। और
उत्पचत्त चवनदाशरचहत ब्रह्म कदा प्रचतपदादन वदेददाचद सत्यशदासयों ममें चकयदा हहै। वह नवहीन वदेददाचन्तययों पर कमोप करदेगदा।
क्ययोंचक चनचवर्थकदार, अपररणदामही, शगुद्ध, सनदातन चनभ्रदार्थन्तत्वदाचद चवशदेषणयगुक्त ब्रह्म ममें चवकदार, उत्पचत्त और अजदान
आचद कदा सम्भव चकसही प्रकदार नहह हमो सकतदा। तथदा उपससंहदार (प्रलय) कदे हमोनदे पर भही ब्रह्म, कदारणदात्मक जिड़
और जिहीव बरदाबर बनदे रहतदे हमैं। इसचलयदे उपक्रम और उपससंहदार ककी भही इन वदेददाचन्तययों ककी कल्पनदा झभूठही हहै। ऐसही
अन्य बहह त सही अशगुद्ध बदातमें हमैं चक जिमो शदास और प्रत्यकदाचद प्रमदाणयों सदे चवरुद्ध हमैं।
इस कदे पश्चदातम् कगु छ जिहैचनययों और कगु छ शङरदाचदायर्थ कदे अनगुयदायही लमोगयों कदे उपददेश कदे ससंस्कदार आयदार्थवत्तर्थ ममें
फहै लदे थदे आपस ममें खण्डन मण्डन भही चलतदा थदा।
शङरदाचदायर्थ कदे तहीन सचौ वषर्थ कदे पश्चदातम् उज्जहैन नगरही ममें चवक्रमदाचदत्य रदाजिदा कगु छ प्रतदापही हह आ। चजिस नदे सब
रदाजिदाओसं कदे मध्य प्रवकत्त हह ई लड़दाई कमो चमटदा कर शदाचन्त स्थदापन ककी। तत्पश्चदातम् भतकर्थहरर रदाजिदा कदाव्यदाचद शदास और
अन्य ममें भही कगु छ-कगु छ चवद्विदानम् हह आ। उसनदे वहैरदाग्यवदानम् हमोकर रदाज्य कमो छमोड़ चदयदा। चवक्रमदाचदत्य कदे पदाहच सचौ वषर्थ कदे
पश्चदातम् रदाजिदा भमोजि हह आ। उसनदे थमोड़दा सदा व्यदाकरण और कदाव्यदालङरदाचद कदा इतनदा प्रचदार चकयदा चक चजिस कदे
रदाज्य ममें कदाचलददास बकरही चरदानदे वदालदा भही रघगुवसंश कदाव्य कदा कत्तदार्थ हह आ। रदाजिदा भमोजि कदे पदास जिमो कमोई अच्छदा
श्लमोक बनदा कर लदे जिदातदा थदा उस कमो बहह त सदा धन ददेतदे थदे और प्रचतष्ठिदा हमोतही थही। उस कदे पश्चदातम् रदाजिदाओसं
श्रहीमदानयों नदे पढ़नदा हही छमोड़ चदयदा।

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यदचप शसंकरदाचदायर्थ कदे पभूवर्थ वदाममदाचगर्थययों कदे पश्चदातम् शहैव आचद सम्प्रददायस्थ मतवदादही भही हह ए थदे परन्तगु उन
कदा बहह त बल नहह थदा। महदारदाजिदा चवक्रमदाचदत्य सदे लदेकदे शहैवयों कदा बल बढ़तदा आयदा। शहैवयों ममें पदाशगुपतदाचद बहह त सही
शदाखदा हह ई थह। जिहैसही वदाममदाचगर्थययों ममें दश महदाचवददाचद ककी शदाखदा हमैं। लमोगयों नदे शसंकरदाचदायर्थ कमो चशव कदा अवतदार
ठहरदायदा। उन कदे अनगुयदायही ससंन्यदासही भही शहैवमत ममें प्रवकत्त हमो गयदे और वदाममदाचगर्थययों कमो भही चमलतदे रहदे। वदाममदागर्त्ती ,
ददेवही जिमो चशव जिही ककी पत्नही हहै उसकदे उपदासक और शहैव महदाददेव कदे उपदासक हह ए। यदे दमोनयों रुद्रदाक और भस्म
अददावचध धदारण करतदे हमैं परन्तगु चजितनदे वदाममदागर्त्ती वदेदचवरमोधही हमैं वहैसदे शहैव नहह हमैं।
चधकम् चधकम् कपदालसं भस्मरुद्रदाकचवहहीनमम्॥ 1॥
रुद्रदाकदानम् कण्ठददेश दे दशनपररचमतदानम् मस्तकदे चवसंश तही द्विदे, षटम् षटम् कणर्थप्र ददेश दे
करयगुग लगतदानम् द्विदादशदानम् द्विदादशहैव । बदाहम् वमोररन्दमोमः कलदाचभमः पकथ चगचत गचदतमदेक मदेव सं चशखदायदासं ,
वकस्यष्टदाऽचधकसं यमः कलयचत शतकसं स स्वयसं नहीलकण्ठमः॥2॥
इत्यदाचद बहह त प्रकदार कदे श्लमोक इन लमोगयों नदे बनदायदे और कहनदे लगदे चक चजिस कदे कपदाल ममें भस्म और
कण्ठ ममें रुद्रदाक नहह हहै उस कमो चधकदार हहै। ‘तसं त्यजिदेद न्त्यजिसं यथदा’ उस कमो चदाण्डदाल कदे तगुल्य त्यदाग करनदा
चदाचहयदे॥1॥
जिमो कण्ठ ममें 32, चशर ममें 40, छमः छमः कदानयों ममें, बदारह-बदारह करयों ममें, समोलह-समोलह भगुजिदाओसं ममें,
1 चशखदा ममें और हृदय ममें 108 रुद्रदाक धदारण करतदा हहै वह सदाकदातम् महदाददेव कदे सदृश हहै॥2॥ऐसदा हही शदाक्त भही
मदानतदे हमैं।
पश्चदातम् इन वदाममदागर्त्ती और शहैवयों नदे सम्मचत करकदे भग चलङ कदा स्थदापन चकयदा चजिस कमो जिलदाधदारही और
चलङ कहतदे हमैं और उस ककी पभूजिदा करनदे लगदे। उन चनलर्थज्जयों कमो तचनक भही लज्जदा न आई चक यह पदामरपन कदा कदाम
हम क्ययों करतदे हमैं? चकसही कचव नदे कहदा हहै चक ‘स्वदाथर्त्ती दमोषसं न पश्यचत’ स्वदाथर्त्ती लमोग अपनदे स्वदाथर्थचसचद्ध करनदे
ममें दष्टगु कदामयों कमो भही श्रदेष्ठि मदान दमोष कमो नहह ददेखतदे हमैं। उसही पदाषदाणदाचद मभूचतर्थ और भग चलङ ककी पभूजिदा ममें सदारदे धमर्थ ,
अथर्थ, कदाम, ममोक आचद चसचद्धयदासं मदाननदे लगदे। जिब रदाजिदा भमोजि कदे पश्चदातम् जिहैनही लमोग अपनदे मचन्दरयों ममें मभूचत्तर्थस्थदापन
करनदे और दशर्थन, स्पशर्थन कमो आनदे जिदानदे लगदे तब तमो इन पमोपयों कदे चदेलदे भही जिहैन मचन्दर ममें जिदानदे आनदे लगदे और
उधर पचश्चम ममें कगु छ दस भू रयों कदे मत और यवन लमोग भही आयदार्थवतर्थ ममें आनदे जिदानदे लगदे। तब पमोपयों नदे यह श्लमोक
बनदायदा—
न वददेद दावनह भदाषदासं प्रदाणहैमः कण्ठगतहैर चप।
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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

हचस्तनदा तदाडमदानमोऽचप न गच्छदेज्ज हैन मचन्दरमम्॥


चदाहदे चकतनदा हही दमःगु ख प्रदाप्त हमो और प्रदाण कण्ठगत अथदार्थतम् मकत्यगु कदा समय भही क्ययों न आयदा हमो तमो भही
यदावनही अथदार्थतम् म्लदेच्छभदाषदा मगुख सदे न बमोलनही। और उन्मत्त हस्तही मदारनदे कमो क्ययों न दचौड़दा आतदा हमो और जिहैन कदे
मचन्दर ममें जिदानदे सदे प्रदाण बचतदा हमो तमो भही जिहैन मचन्दर ममें प्रवदेश न करदे। चकन्तगु जिहैन मचन्दर ममें प्रवदेश कर बचनदे सदे
हदाथही कदे सदामनदे जिदाकर मर जिदानदा अच्छदा हहै। ऐसदे-ऐसदे अपनदे चदेलयों कमो उपददेश करनदे लगदे। जिब उन सदे कमोई प्रमदाण
पभूछतदा थदा चक तगुम्हदारदे मत ममें चकसही मदाननहीय ग्रन्थ कदा भही प्रमदाण हहै ? तमो कहतदे थदे चक हदासं हहै। जिब वदे पभूछतदे थदे चक
चदखलदाओ? तब मदाकर्थण्डदेय पगुरदाणदाचद कदे वचन पढ़तदे और सगुनदातदे थदे जिहैसदा चक दगगु दार्थपदाठ ममें ददेवही कदा वणर्थन चलखदा हहै।
रदाजिदा भमोजि कदे रदाज्य ममें व्यदास जिही कदे नदाम सदे मदाकर्थण्डदेय और चशवपगुरदाण चकसही नदे बनदा कर खड़दा चकयदा थदा।
उसकदा समदाचदार रदाजिदा भमोजि कमो हमोनदे सदे उन पचण्डतयों कमो हस्तच्छदेदनदाचद दण्ड चदयदा और उन सदे कहदा चक जिमो कमोई
कदाव्यदाचद ग्रन्थ बनदावदे तमो अपनदे नदाम सदे बनदावदे। ऋचष मगुचनययों कदे नदाम सदे नहह। यह बदात रदाजिदा भमोजि कदे बनदायदे
सञ्जहीवनही नदामक इचतहदास ममें चलखही हहै चक जिमो ग्वदाचलयर कदे रदाज्य ‘चभण्ड’ नदामक नगर कदे चतवदाड़ही ब्रदाह्मणयों कदे घर
ममें हहै। चजिस कमो लखगुनदा कदे रदावसदाहब और उन कदे गगुमदाश्तदे रदामदयदाल चचौबदे जिही नदे अपनही आसंखयों सदे ददेखदा हहै। उस ममें
स्पष्ट चलखदा हहै चक व्यदास जिही नदे चदार सहस्र चदार सचौ और उनकदे चशष्ययों नदे पदासंच सहस्र छमः सचौ श्लमोकयगुक्त अथदार्थतम्
सब दश सहस्र श्लमोकयों कदे प्रमदाण भदारत बनदायदा थदा। वह महदारदाजिदा चवक्रमदाचदत्य कदे समय ममें बहीस सहस्र, महदारदाजिदा
भमोजि कहतदे हमैं चक मदेरदे चपतदा जिही कदे समय ममें पच्चिहीस और मदेरही आधही उमर ममें तहीस सहस्र श्लमोकयगुक्त महदाभदारत कदा
पगुस्तक चमलतदा हहै। जिमो ऐसदे हही बढ़तदा चलदा तमो महदाभदारत कदा पगुस्तक एक ऊसंट कदा बमोझदा हमो जिदायदेगदा और ऋचष
मगुचनययों कदे नदाम सदे पगुरदाणदाचद ग्रन्थ बनदावमेंगदे तमो आयदार्थवत्तर्त्तीय लमोग भ्रमजिदाल ममें पड़ वहैचदकधमर्थचवहहीन हमोकदे भ्रष्ट हमो
जिदायमेंगदे। इस सदे चवचदत हमोतदा हहै चक रदाजिदा भमोजि कमो कगु छ-कगु छ वदेदयों कदा ससंस्कदार थदा। इन कदे भमोजिप्रबन्ध ममें चलखदा हहै
चक—
घटम् यदेक यदा क्रमोशदशहैक मश्वमः सगुकक चत्रममो गच्छचत चदारुगत्यदा।
वदायगु सं दददाचत व्यजिनसं सगुप ष्गु कलसं चवनदा मनगुष् यदेण चलत्यजिस्रमम्॥
रदाजिदा भमोजि कदे रदाज्य ममें और समहीप ऐसदे-ऐसदे चशल्पही लमोग थदे चक चजिन्हयोंनदे घमोड़दे कदे आकदार एक यदान
यन्त्रकलदायक्त
गु बनदायदा थदा चक जिमो एक कच्चिही घड़ही ममें ग्यदारह कमोश और एक घण्टदे ममें सदाढ़दे सत्तदाईस कमोश जिदातदा थदा।
वह भभूचम और अन्तररक ममें भही चलतदा थदा। और दस भू रदा पसंखदा ऐसदा बनदायदा थदा चक चवनदा मनगुष्य कदे चलदायदे कलदायन्त्र
कदे बल सदे चनत्य चलदा करतदा और पगुष्कल वदाय गु ददेतदा थदा। जिमो यदे दमोनयों पददाथर्थ आजि तक बनदे रहतदे तमो यभूरमोचपयन
इतनदे अचभमदान ममें न चढ़ जिदातदे।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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जिब पमोप जिही अपनदे चदेलयों कमो जिहैचनययों सदे रमोकनदे लगदे तमो भही मचन्दरयों ममें जिदानदे सदे न रुक सकदे और जिहैचनययों
ककी कथदा ममें भही लमोग जिदानदे लगदे। जिहैचनययों कदे पमोप इन पगुरदाचणययों कदे पमोपयों कदे चदेलयों कमो बहकदानदे लगदे। तब पगुरदाचणययों नदे
चवचदारदा चक इस कदा कमोई उपदाय करनदा चदाचहयदे। नहह तमो अपनदे चदेलदे जिहैनही हमो जिदायमेंगदे। पश्चदातम् पमोपयों नदे यहही सम्मचत
ककी चक जिहैचनययों कदे सदृश अपनदे भही अवतदार, मचन्दर, मभूचत्तर्थ और कथदा कदे पगुस्तक बनदावमें। इन लमोगयों नदे जिहैचनययों कदे
चचौबहीस तहीथर्वंकरयों कदे सदृश चचौबहीस अवतदार, मचन्दर और मभूचत्तर्थयदासं बनदाई।सं और जिहैसदे जिहैचनययों कदे आचद और उत्तर-
पगुरदाणदाचद हमैं वहैसदे अठदारह पगुरदाण बनदानदे लगदे।
रदाजिदा भमोजि कदे डदेढ़ सचौ वषर्थ कदे पश्चदातम् वहैष्णवमत कदा आरम्भ हह आ। एक शठकमोप नदामक कसंजिरवणर्थ ममें
उत्पन्न हह आ थदा, उस सदे थमोड़दा सदा चलदा। उस कदे पश्चदातम् मगुचनवदाहन भसंगही-कगु लमोत्पन्न और तहीसरदा यदावनदाचदायर्थ
यवनकगु लमोत्पन्न आचदायर्थ हह आ। तत्पश्चदातम् ब्रदाह्मण कगु लजि चचौथदा रदामदानगुजि हह आ उस नदे अपनदा मत फहै लदायदा। शहैवयों नदे
चशवपगुरदाणदाचद, शदाक्तयों नदे ददेवहीभदागवतदाचद वहैष्णवयों नदे चवष्णगुपगुरदाणदाचद बनदायदे। उन ममें अपनदा नदाम इसचलयदे नहह धरदा चक
हमदारदे नदाम सदे बनमेंगदे तमो कमोई प्रमदाण न करदेगदा। इसचलयदे व्यदास आचद ऋचष मगुचनययों कदे नदाम धरकदे पगुरदाण बनदायदे। नदाम
भही इन कदा वदास्तव ममें नवहीन रखनदा चदाचहयदे थदा परन्तगु जिहैसदे कमोई दररद्र अपनदे बदेटदे कदा नदाम महदारदाजिदाचधरदाजि और
आधगुचनक पददाथर्थ कदा नदाम सनदातन रख ददे तमो क्यदा आश्चयर्थ हहै? अब इन कदे आपस कदे जिहैसदे झगड़दे हमैं। वहैसदे पगुरदाणयों
ममें भही धरदे हमैं।
ददेखमो! ददेवहीभदागवत ममें ‘श्रही’ नदामदा एक ददेवही सही जिमो श्रहीपगुर ककी स्वदाचमनही चलखही हहै। उसही नदे सब जिगतम् कमो
बनदायदा और ब्रह्मदा, चवष्णगु, महदाददेव कमो भही उसही नदे रचदा। जिब उस ददेवही ककी इच्छदा हहई तब उसनदे अपनदा हदाथ चघसदा।
उस कदे हदाथ ममें एक छदालदा हह आ। उस ममें सदे ब्रह्मदा ककी उत्पचत्त हह ई। उस सदे ददेवही नदे कहदा चक तभू मगुझ सदे चववदाह कर।
ब्रह्मदा नदे कहदा चक तभू मदेरही मदातदा हहै ममैं तगुझ सदे चववदाह नहह कर सकतदा। ऐसदा सगुन कर मदातदा कमो क्रमोध चढ़दा और लड़कदे
कमो भस्म कर चदयदा। और चफर हदाथ चघस कदे उसही प्रकदार दस भू रदा लड़कदा उत्पन्न चकयदा। उस कदा नदाम चवष्णगु रक्खदा।
उस सदे भही उसही प्रकदार कहदा। उसनदे न मदानदा तमो उस कमो भही भस्म कर चदयदा। पगुनमः उसही प्रकदार तहीसरदे लड़कदे कमो
उत्पन्न चकयदा। उस कदा नदाम महदाददेव रक्खदा और उस सदे कहदा चक मगुझ सदे चववदाह कर। महदाददेव बमोलदा चक ममैं तगुझ सदे
चववदाह नहह कर सकतदा। तभू दस भू रही सही कदा शरहीर धदारण कर। वहैसदा हही ददेवही नदे चकयदा। तब महदाददेव बमोलदा चक यह दमो
चठकदानदे रदाख सही क्यदा पड़ही हहै? ददेवही नदे कहदा चक यदे दमोनयों तदेरदे भदाई हमैं। इन्हयोंनदे मदेरही आजदा न मदानही इसचलयदे भस्म
कर चदयदे। महदादवदे नदे कहदा चक ममैं अकदे लदा क्यदा करूहगदा, इन कमो चजिलदा ददे और दमो सही और उत्पन्न कर, तहीनयों कदा
चववदाह तहीनयों सदे हमोगदा। ऐसदा हही ददेवही नदे चकयदा। चफर तहीनयों कदा तहीनयों कदे सदाथ चववदाह हह आ। वदाह रदे! मदातदा सदे चववदाह
न चकयदा और बचहन सदे कर चलयदा। क्यदा इस कमो उचचत समझनदा चदाचहयदे ? पश्चदातम् इन्द्रदाचद कमो उत्पन्न चकयदा।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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ब्रह्मदा, चवष्णगु, रुद्र और इन्द्र इन कमो पदालककी कदे उठदानदे वदालदे कहदार बनदायदा, इत्यदाचद गपमोड़दे लम्बदे चचौड़दे मनमदानदे
चलखदे हमैं।
कमोई उन सदे पभूछदे चक उस ददेवही कदा शरहीर और उस श्रहीपगुर कदा बनदानदे वदालदा और ददेवही कदे चपतदा मदातदा कचौन
थदे? जिमो कहमो चक ददेवही अनदाचद हहै तमो जिमो ससंयमोगजिन्य वस्तगु हहै वह अनदाचद कभही नहह हमो सकतदा। जिमो पगुत्र मदातदा सदे
चववदाह करनदे ममें डरदे तमो भदाई बचहन कदे चववदाह ममें कचौन सही अच्छही बदात चनकलतही हहै? जिहैसही इस ददेवहीभदागवत ममें
महदाददेव, चवष्णगु और ब्रह्मदाचद ककी कगुद्रतदा और ददेवही ककी बड़दाई चलखही हहै इसही प्रकदार चशवपगुरदाण ममें ददेवही आचद ककी
बहह त कगुद्रतदा चलखही हहै। अथदार्थतम् यदे सब महदादवदे कदे ददास और महदाददेव सब कदा ईश्वर हहै। जिमो रुद्रदाक अथदार्थतम् एक वकक
कदे फल ककी गमोठलही और रदाख धदारण करनदे सदे मगुचक्त मदानतदे हमैं तमो रदाख ममें लमोटनदेहदारदे गदहदा आचद पशगु और घगुसंघगुसंचही
आचद कदे धदारण करनदे वदालदे भहील कसंजिर आदाचद मगुचक्त कमो जिदावमें और सभूअर, कगु त्तदे, गधदा आचद पशगु रदाख ममें लमोटनदे
वदालयों ककी मगुचक्त क्ययों नहह हमोतही?
(प्रश्न) कदालदाचग्निरुद्रमोपचनषदम् ममें भस्म लगदानदे कदा चवधदान चलखदा हहै। वह क्यदा झभूठदा हहै ? और ‘त्र्यदायगुष सं
जिमदग्निदेमः ॰’ यजिगुवर्वेदवचन। इत्यदाचद वदेदमन्त्रयों सदे भही भस्म धदारण कदा चवधदान और पगुरदाणयों ममें रुद्र ककी आसंखयों कदे
अश्रगुपदात सदे जिमो वकक हह आ उसही कदा नदाम रुद्रदाक हहै। इसहीचलयदे उसकदे धदारण ममें पगुण्य चलखदा हहै। एक भही रुद्रदाक धदारण
करदे तमो सब पदापयों सदे छभूट स्वगर्थ कमो जिदाय। यमरदाजि और नरक कदा डर न रहहै।
(उत्तर) कदालदाचग्निरुद्रमोपचनषदम् चकसही रखमोचड़यदा मनगुष्य अथदार्थतम् रदाख धदारण करनदे वदालदे नदे बनदाई हहै। क्ययोंचक
‘यदाऽस्य प्रथमदा रदेख दा सदा भभूल र्वो क मः’ इत्यदाचद वचन उस ममें अनथर्थक हमैं। जिमो प्रचतचदन हदाथ सदे बनदाई रदेखदा हहै वह
भभूलमोक वदा इस कदा वदाचक कहै सदे हमो सकतदे हमैं। और जिमो ‘त्र्यदायगुष सं जिमदग्निदेमः ॰’ इत्यदाचद मन्त्र हमैं वदे भस्म वदा चत्रपगुण्डछ
धदारण कदे वदाचही नहह चकन्तगु ‘चकगुव र्वै जिमदचग्निमः’ शतपथ। हदे परमदेश्वर! मदेरदे नदेत्र ककी ज्यमोचत (त्र्यदायषगु मम्) चतगगुणही
अथदार्थतम् तहीन सचौ वषर्थ पयर्थन्त रहहै और ममैं भही ऐसदे धमर्थ कदे कदाम करूह चजिससदे दृचष्टनदाश न हमो।
भलदा यह चकतनही बड़ही मभूखर्थतदा ककी बदात हहै चक आसंख कदे अश्रगुपदात सदे भही वकक उत्पन्न हमो सकतदा हहै ? क्यदा
परमदेश्वर कदे सकचष्टक्रम कमो कमोई अन्यथदा कर सकतदा हहै ? जिहैसदा चजिस वकक कदा बहीजि परमदात्मदा नदे रचदा हहै उसही सदे वह
वकक उत्पन्न हमो सकतदा हहै अन्यथदा नहह। इससदे चजितनदा रुद्रदाक , भस्म, तगुलसही, कमलदाक, घदास, चन्दन आचद कमो
कण्ठ ममें धदारण करनदा हहै वह सब जिसंगलही पशगुवतम् मनगुष्य कदा कदाम हहै। ऐसदे वदाममदागर्त्ती और शहैव बहह त चमथ्यदाचदारही,
चवरमोधही और कत्तर्थव्य कमर्थ कदे त्यदागही हमोतदे हमैं। उन ममें जिमो कमोई श्रदेष्ठि पगुरुष हहै वह इन बदातयों कदा चवश्वदास न करकदे अच्छदे
कमर्थ करतदा हहै। जिमो रुद्रदाक भस्म धदारण सदे यमरदाजि कदे दतभू डरतदे हमैं तमो पगुचलस कदे चसपदाहही भही डरतदे हयोंगदे!! जिब

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रुद्रदाक भस्म धदारण करनदे वदालयों सदे कगु त्तदा, चससंह, सपर्थ, चबच्छभू, मक्खही और मच्छर आचद भही नहह डरतदे तमो
न्यदायदाधहीश कदे गण क्ययों डरमेंगदे?
(प्रश्न) वदाममदागर्त्ती और शहैव तमो अच्छदे नहह परन्तगु वहैष्णव तमो अच्छदे हमैं?
(उत्तर) यदे भही वदेदचवरमोधही हमोनदे सदे उनसदे भही अचधक बगुरदे हमैं।
(प्रश्न) ‘नमस्तदे रुद्र मन्यवदे’। ‘वहैष् णवमचस’। ‘वदामनदाय च ’। ‘गणदानदासं त्वदा गणपचतसं
हवदामहदे’। ‘भगवतही भभूय दामः’। ‘सभूय र्थ आत्मदा जिगतस्तस्थगुष श्च’
—इत्यदाचद वदेद प्रमदाणयों सदे शहैवदाचद मत चसद्ध हमोतदे हमैं। पगुनमः क्ययों खण्डन करतदे हमो?
(उत्तर) इन वचनयों सदे शहैवदाचद सम्प्रददाय चसद्ध नहह हमोतदे। क्ययोंचक ‘रुद्र’ परमदेश्वर, प्रदाणदाचद वदाय,गु जिहीव,
अचग्नि आचद कदा नदाम हहै। जिमो क्रमोधकत्तदार्थ रुद्र अथदार्थतम् दष्टगु यों कमो रुलदानदे वदालदे परमदात्मदा कमो नमस्कदार करनदा, प्रदाण और
जिदाठरदाचग्नि कमो अन्न ददेनदा, (नम इचत अन्ननदाम चनघसं॰ 2। 7)। जिमो मङलकदारही सब ससंसदार कदा अत्यन्त कल्यदाण
करनदे वदालदा हहै। उस परमदात्मदा कमो नमस्कदार करनदा चदाचहयदे।
‘चशवस्य परमदेश् वरस्यदायसं भक्तमः शहैव मः’। ‘चवष्णमोमः परमदात्मनमोऽयसं भक्तमो वहैष् णवमः’।
‘गणपतदेमः सकलजिगत्स्वदाचमनमोऽयसं सदेव कमो गदाणपतमः’। ‘भगवत्यदा वदाण्यदा अयसं सदेव कमो
भदागवतमः’। ‘सभूय स्र्थ य चरदाचरदात्मनमोऽयसं सदेव कमः सचौरमः’
—यदे सब रुद्र, चशव, चवष्णगु, गणपचत, सभूयदार्थचद परमदेश्वर कदे और भगवतही सत्यभदाषणयगुक्त वदाणही कदा
नदाम हहै। इस ममें चवनदा समझदे ऐसदा झगड़दा मचदायदा हहै। जिहैसदे—
एक चकसही वहैरदागही कदे दमो चदेलदे थदे। वदे प्रचतचदन गगुरु कदे पग ददाबदा करतदे थदे। एक नदे ददाचहनदे पग और दस भू रदे नदे
बदायमें पग ककी सदेवदा करनही बदासंट लही थही। एक चदन ऐसदा हह आ चक एक चदेलदा कहह बदाजिदार हदाट कमो चलदा गयदा और
दस
भू रदा अपनदे सदेव्य पग ककी सदेवदा कर रहदा थदा। इतनदे ममें गगुरु जिही नदे करवट फदे रदा तमो उसकदे पग पर दस भू रदे गगुरुभदाई कदा
सदेव्य पग पड़दा। उस नदे लदे डण्डदा पग पर धर मदारदा। गगुरु नदे कहदा चक अरदे द ष्टगु ! तभू नदे यह क्यदा चकयदा? चदेलदा बमोलदा
चक मदेरदे सदेव्य पग कदे ऊपर यह पग क्ययों आ चढ़दा? इतनदे ममें दस भू रदा चदेलदा जिमो चक बदाजिदार हदाट कमो गयदा थदा। आ
पहह संचदा। वह भही अपनदे सदेव्य पग ककी सदेवदा करनदे लगदा। ददेखदा तमो पग सभूजिदा पड़दा हहै। बमोलदा चक गगुरु जिही! यह मदेरदे सदेव्य
पग ममें क्यदा हह आ? गगुरु नदे सब वकत्तदान्त सगुनदा चदयदा। वह भही मभूखर्थ न बमोलदा न चदालदा। चगुपचदाप डण्डदा उठदा कदे बड़दे बल
सदे गगुरु कदे दसभू रदे पग ममें मदारदा तमो गगुरु नदे उच्चिस्वर सदे पगुकदार मचदाई। तब तमो दमोनयों चदेलदे डण्डदा लदेकदे पड़दे और गगुरु कदे
पगयों कमो पहीटनदे लगदे। तब तमो बड़दा कमोलदाहल मचदा और लमोग सगुन कर आयदे। कहनदे लगदे चक सदाधगु जिही! क्यदा हह आ?
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उन ममें सदे चकसही बगुचद्धमदानम् पगुरुष नदे सदाधगु कमो छगु ड़दा कदे पश्चदातम् उन मभूखर्थ चदेलयों कमो उपददेश चकयदा चक ददेखमो! यदे दमोनयों
पग तगुम्हदारदे गगुरु कदे हमैं। उन दमोनयों ककी सदेवदा करनदे सदे उसही कमो सगुख पहहचसं तदा और दमःगु ख ददेनदे सदे भही उसही एक कमो दमःगु ख
हमोतदा हहै।
जिहैसदे एक गगुरु ककी सदेवदा ममें चदेलदाओसं नदे लहीलदा ककी इसही प्रकदार जिमो एक अखण्ड, सचच्चिददानन्ददानन्तस्वरूप
परमदात्मदा कदे चवष्णगु, रुद्रदाचद अनदेक नदाम हमैं। इन नदामयों कदा अथर्थ जिहैसदा चक प्रथम समगुलदास ममें प्रकदाश कर आयदे हमैं उस
सत्यदाथर्थ कमो न जिदान कर शहैव, शदाक्त, वहैष्णवदाचद सम्प्रददायही लमोग परस्पर एक दस भू रदे कदे नदाम ककी चनन्ददा करतदे हमैं।
मन्दमचत तचनक भही अपनही बगुचद्ध कमो फहै लदा कर नहह चवचदारतदे हमैं चक यदे सब चवष्णगु, रुद्र, चशव आचद नदाम एक
अचद्वितहीय सवर्थचनयन्तदा, सवदार्थन्तयदार्थमही, जिगदहीश्वर कदे अनदेक गगुण, कमर्थ, स्वभदावयगुक्त हमोनदे सदे उसही कदे वदाचक हमैं।
भलदा क्यदा ऐसदे लमोगयों पर ईश्वर कदा कमोप न हमोतदा हमोगदा? अब ददेचखयदे चक्रदारङत वहैष्णवयों ककी अदतगु मदायदा—
तदापमः पगुण् डछ सं तथदा नदाम मदालदा मन्त्रस्तथहैव च।
अमही चह पञ्च ससंस् कदारदामः परमहैक दान्तहदेत वमः॥1॥
अतप्ततनभून र्थ तददाममो अश्नगुत दे। इचत श्रगुत देमः ॥
अथदार्थतम् (तदापमः) शङ, चक्र, गददा और पद्मि कदे चचहयों कमो अचग्नि ममें तपदा कदे भगुजिदा कदे मभूल ममें ददाग ददेकर
पश्चदातम् दग्गु धयगुक्त पदात्र ममें बगुझदातदे हमैं और कमोई उस दधभू कमो पही भही लदेतदे हमैं। अब ददेचखयदे ! प्रत्यक हही मनगुष्य कदे मदासंस
कदा भही स्वदाद उस ममें आतदा हमोगदा। ऐसदे -ऐसदे कमर्यों सदे परमदेश्वर कमो प्रदाप्त हमोनदे ककी आशदा करतदे हमैं और कहतदे हमैं चक
चवनदा शङ चक्रदाचद सदे शरहीर तपदायदे जिहीव परमदेश्वर कमो प्रदाप्त नहह हमोतदा क्ययोंचक वह (आममः) अथदार्थतम् कच्चिदा हहै। और
जिहैसदे रदाज्य कदे चपरदास आचद चचहयों कदे हमोनदे सदे रदाजिपगुरुष जिदान उस सदे सब लमोग डरतदे हमैं वहैसदे हही चवष्णगु कदे शङ
चक्रदाचद आयगुधयों कदे चचह ददेख कर यमरदाजि और उनकदे गण डरतदे हमैं। और कहतदे हमैं चक—
दमोहदा— बदानदा बड़दा दयदाल कदा, चतलक छदाप और मदाल।
यम डरपहै कदालभू कहदे, भय मदानदे भभूप दाल॥
अथदार्थतम् भगवदानम् कदा बदानदा चतलक, छदाप और मदालदा धदारण करनदा बड़दा हहै। चजिस सदे यमरदाजि और रदाजिदा भही
डरतदे हमैं। (पगुण्डछ मम्) चत्रशभूल कदे सदृश ललदाट ममें चचत्र चनकदालनदा (नदाम) नदारदायणददास चवष्णगुददास अथदार्थतम्
ददासशब्ददान्त नदाम रखनदा (मदालदा) कमलगट्टदे ककी रखनदा और पदासंचवदासं (मन्त्र) जिहैसदे—
ओसं नममो नदारदायणदाय॥1॥
यह इन्हयोंनदे सदाधदारण मनगुष्ययों कदे चलयदे मन्त्र बनदा रक्खदा हहै। तथदा—
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श्रहीमन्नदारदायणचरणसं शरणसं प्रपददे॥ 1॥


श्रहीमतदे नदारदायणदाय नममः॥2॥
श्रहीमतदे रदामदानगुजि दाय नममः॥3॥
इत्यदाचद मन्त्र धनदाढ्य और मदाननहीययों कदे चलयदे बनदा रक्खदे हमैं। ददेचखयदे यह भही एक दक गु दान ठहरही! जिहैसदा मगुख
वहैसदा चतलक। इन पदासंच ससंस्कदारयों कमो चक्रदारङत मगुचक्त कदे हदेतगु मदानतदे हमैं। इन मन्त्रयों कदा अथर्थ—
ममैं नदारदायण कमो नमस्कदार करतदा हह॥सं 1॥और ममैं लक्ष्महीयक्त
गु नदारदायण कदे चरणदारचवन्द कदे शरण कमो प्रदाप्त
हमोतदा हह सं॥2॥
और श्रहीयतगु नदारदायण कमो नमस्कदार करतदा हह सं अथदार्थतम् जिमो शमोभदायक्त
गु नदारदायण हहै उस कमो मदेरदा नमस्कदार
हमोवदे॥3॥
जिहैसदे वदाममदागर्त्ती पदासंच मकदार मदानतदे हमैं वहैसदे चक्रदारङत पदासंच ससंस्कदार मदानतदे हमैं और अपनदे शङ चक्र सदे ददाग
ददेनदे कदे चलयदे जिमो वदेदमन्त्र कदा प्रमदाण रक्खदा हहै। उस कदा इस प्रकदार कदा पदाठ और अथर्थ हहै—
पचवत्रसं तदे चवततसं ब्रह्मणस्पतदे प्रभगुग दार्थत्र दाचण पयर्वेच ष चवश्वतमः।
अतप्ततनभून र्थ तददाममो अश्नगुत दे शकत दास इद्विहन्तस्तत्समदाशत॥1॥
तपमोष्पचवत्रसं चवततसं चदवस्पददे॥ 2॥
—ऋ॰ म॰ 9। सभू॰ 83। मन्त्र 1, 2॥
गु सवर्थशचक्तमनम्! आपनदे अपनही व्यदाचप्त सदे
हदे ब्रह्मदाण्ड और वदेदयों कदे पदालन करनदे वदालदे प्रभगु सवर्थसदामथ्यर्थयक्त
ससंसदार कदे सब अवयवयों कमो व्यदाप्त कर रक्खदा हहै। उस आपकदा जिमो व्यदापक पचवत्र स्वरूप हहै उस कमो ब्रह्मचयर्थ ,
सत्यभदाषण, शम, दम, यमोगदाभ्यदास, चजितदेचन्द्रय, सत्ससंगदाचद तपश्चयदार्थ सदे रचहत जिमो अपररपक्वि आत्मदा
अन्तमःकरणयगुक्त हहै वह उस तदेरदे स्वरूप कमो प्रदाप्त नहह हमोतदा और जिमो पभूवर्वोक्त तप सदे शगुद्ध हमैं। वदे हही इस तप कदा
आचरण करतदे हह ए उस तदेरदे शगुद्धस्वरूप कमो अच्छदे प्रकदार प्रदाप्त हमोतदे हमैं॥1॥
जिमो प्रकदाशस्वरूप परमदेश्वर ककी सकचष्ट ममें चवस्तकत पचवत्रचरणरूप तप करतदे हमैं वदे हही परमदात्मदा कमो प्रदाप्त हमोनदे
ममें यमोग्य हमोतदे हमैं॥2॥
अब चवचदार ककीचजियदे चक रदामदानगुजिहीयदाचद लमोग इस मन्त्र सदे चक्रदारङत हमोनदा चसद्ध क्ययोंकर करतदे हमैं ? भलदा
कचहयदे वदे चवद्विदानम् थदे वदा अचवद्विदानम् ? जिमो कहमो चक चवद्विदानम् थदे तमो ऐसदा असम्भदाचवत अथर्थ इस मन्त्र कदा क्ययों करतदे ?

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क्ययोंचक इस मन्त्र ममें ‘अतप्ततनभूमः ’ शब्द हहै चकन्तगु ‘अतप्तभगुजि क है ददेश मः’ नहह। पगुनमः ‘अतप्ततनभूमः ’ यह
नखचशखदाग्रपयर्थन्त समगुददाय अथर्थ हहै। इस प्रमदाण करकदे अचग्नि हही सदे तपदानदा चक्रदारङत लमोग स्वहीकदार करमें तमो अपनदे -
अपनदे शरहीर कमो भदाड़ ममें भयोंक कदे सब शरहीर कमो जिलदावमें तमो भही इस मन्त्र कदे अथर्थ सदे चवरुद्ध हहै क्ययोंचक इस मन्त्र ममें
सत्यभदाषणदाचद पचवत्र कमर्थ करनदा तप चलयदा हहै।
ऋतसं तपमः सत्यसं तपमो दमस्तपमः स्वदाध्यदायस्तपमः॥
—तहैचत्तरहीय॰॥
इत्यदाचद तप कहदातदा हहै। अथदार्थतम् (ऋतसं तपमः) यथदाथर्थ शगुद्धभदाव, सत्य मदाननदा, सत्य बमोलनदा, सत्य
करनदा, मन कमो अधमर्थ ममें न जिदानदे ददेनदा, बदाह्य इचन्द्रययों कमो अन्यदायदाचरणयों ममें जिदानदे सदे रमोकनदा अथदार्थतम् शरहीर इचन्द्रययों
और मन सदे शगुभ कमर्यों कदा आचरण करनदा, वदेददाचद सत्य चवददाओसं कदा पढ़नदा पढ़दानदा, वदेददानगुसदार आचरण करनदा
आचद उत्तम धमर्थयक्त
गु कमर्यों कदा नदाम तप हहै। धदातगु कमो तपदा कदे चमड़ही कमो जिलदानदा तप नहह कहदातदा।
ददेखमो! चक्रदारङत लमोग अपनदे कमो बड़दे वहैष्णव मदानतदे हमैं परन्तगु अपनही परम्परदा और कगु कमर्थ ककी ओर ध्यदान
नहह ददेतदे चक प्रथम इन कदा मभूलपगुरुष ‘शठकमोप’ हह आ चक जिमो चक्रदारङतयों हही कदे ग्रन्थयों और भक्तमदाल ग्रन्थ जिमो
नदाभदा डभू म नदे बनदायदा हहै।
उनममें चलखदा हहै—
चवक्रकीय शभूप र्वं चवचचदार यमोगही॥
इत्यदाचद वचन चक्रदारङतयों कदे ग्रन्थयों ममें चलखदे हमैं। शठकमोप यमोगही सभूप कमो बनदा, बदेच कर, चवचरतदा थदा
अथदार्थतम् कसंजिर जिदाचत ममें उत्पन्न हह आ थदा। जिब उस नदे ब्रदाह्मणयों सदे पढ़नदा वदा सगुननदा चदाहदा हमोगदा तब ब्रदाह्मणयों नदे
चतरस्कदार चकयदा हमोगदा। उस नदे ब्रदाह्मणयों कदे चवरुद्ध सम्प्रददाय चतलक चक्रदारङत आचद शदासचवरुद्ध मनमदानही बदातमें
चलदाई हयोंगही। उस कदा चदेलदा ‘मगुचनवदाहन’ जिमो चक चदाण्डदाल वणर्थ ममें उत्पन्न हह आ थदा। उस कदा चदेलदा ‘यदावनदाचदायर्थ’ जिमो
चक यवनकगु लमोत्पन्न थदा चजिस कदा नदाम बदल कदे कमोई-कमोई ‘यदामगुनदाचदायर्थ’ भही कहतदे हमैं। उन कदे पश्चदातम् ‘रदामदानगुजि’
ब्रदाह्मणकगु ल ममें उत्पन्न हमोकर चक्रदारङत हह आ। उसकदे पभूवर्थ कगु छ भदाषदा कदे ग्रन्थ बनदायदे थदे। रदामदानगुजि नदे कगु छ ससंस्कक त पढ़
कदे ससंस्कक त ममें श्लमोकबद्ध ग्रन्थ और शदारहीरक सभूत्र और उपचनषदयों ककी टहीकदा शङरदाचदायर्थ ककी टहीकदा सदे चवरुद्ध बनदाई।
और शङरदाचदायर्थ ककी बहह त सही चनन्ददा ककी।
जिहैसदा शङरदाचदायर्थ कदा मत हहै चक अद्विहैत अथदार्थतम् जिहीव ब्रह्म एक हही हमैं दस
भू रही कमोई वस्तगु वदास्तचवक नहह,
जिगतम् प्रपञ्च, सब चमथ्यदा मदायदारूप अचनत्य हहै। इस सदे चवरुद्ध रदामदानगुजि कदा जिहीव ब्रह्म और मदायदा तहीनयों चनत्य हमैं।
यहदासं शङरदाचदायर्थ कदा मत ब्रह्म सदे अचतररक्त जिहीव और कदारण वस्तगु कदा न मदाननदा अच्छदा नहह। और रदामदानगुजि इस
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असंश ममें, जिमो चक चवचशष्टदाद्विहैत जिहीव और मदायदासचहत परमदेश्वर एक हहै यह तहीन कदा मदाननदा और अद्विहैत कदा कहनदा
सवर्थथदा व्यथर्थ हहै और ईश्वर कदे आधहीन परतन्त्र जिहीव कमो मदाननदा, कण्ठही, चतलक, मदालदा मभूचत्तर्थपभूजिनदाचद पदाखण्ड
मत चलदानदे आचद बगुरही बदातमें चक्रदारङत आचद ममें हमैं। जिहैसदे चक्रदारङत आचद वदेदचवरमोधही हमैं। वहैसदे शङरदाचदायर्थ कदे मत कदे
नहह।
(प्रश्न) मभूचत्तर्थपभूजिदा कहदासं सदे चलही?
(उत्तर) जिहैचनययों सदे।
(प्रश्न) जिहैचनययों नदे कहदासं सदे चलदाई?
(उत्तर) अपनही मभूखर्थतदा सदे।
(प्रश्न) जिहैनही लमोग कहतदे हमैं चक शदान्त ध्यदानदावचस्थत बहैठही हह ई मभूचत्तर्थ ददेख कदे अपनदे जिहीव कदा भही शगुभ
पररणदाम वहैसदा हही हमोतदा हहै।
(उत्तर) जिहीव चदेतन और मभूचत्तर्थ जिड़। क्यदा मभूचत्तर्थ कदे सदृश जिहीव भही जिड़ हमो जिदायगदा? यह मभूचत्तर्थपभूजिदा
कदे वल पदाखण्ड मत हहै। जिहैचनययों नदे चलदाई हहै। इसचलयदे इन कदा खण्डन 12 वदे समगुलदास ममें करमेंगदे।
(प्रश्न) शदाक्त आचद नदे मभूचत्तर्थययों ममें जिहैचनययों कदा अनगुकरण नहह चकयदा हहै क्ययोंचक जिहैचनययों ककी मभूचत्तर्थययों कदे
सदृश वहैष्णवदाचद ककी मभूचत्तर्थयदासं नहह हमैं।
(उत्तर) हदासं! यह ठहीक हहै। जिमो जिहैचनययों कदे तगुल्य बनदातदे तमो जिहैनमत ममें चमल जिदातदे। इसचलयदे जिहैनयों ककी
मभूचत्तर्थययों सदे चवरुद्ध बनदाई,सं क्ययोंचक जिहैनयों सदे चवरमोध करनदा इन कदा कदाम और इन सदे चवरमोध करनदा मगुख्य उन कदा
कदाम थदा। जिहैसदे जिहैनयों नदे मभूचत्तर्थयदासं नसंगही, ध्यदानदावचस्थत और चवरक्त मनगुष्य कदे समदान बनदाई हमैं। उन सदे चवरुद्ध
वहैष्णवदाचद नदे यथदेष्ट शकङदाररत सही कदे सचहत रसंग रदाग भमोग चवषयदासचक्त सचहतदाकदार खड़ही और बहैठही हह ई बनदाई हमैं।
जिहैनही लमोग बहह त सदे शङ घण्टदा घररयदार आचद बदाजिदे नहह बजिदातदे। यदे लमोग बड़दा कमोलदाहल करतदे हमैं। तब तमो ऐसही
लहीलदा कदे रचनदे सदे वहैष्णवदाचद सम्प्रददायही पमोपयों कदे चदेलदे जिहैचनययों कदे जिदाल सदे बच कदे इन ककी लहीलदा ममें आ फसंसदे और
बहह त सदे व्यदासदाचद महचषर्थययों कदे नदाम सदे मनमदानही असम्भव गदाथदायक्त गु ग्रन्थ बनदायदे। उन कदा नदाम ‘पगुरदाण’ रख कर
कथदा भही सगुनदानदे लगदे। और चफर ऐसही-ऐसही चवचचत्र मदायदा रचनदे लगदे चक पदाषदाण ककी मभूचत्तर्थयदासं बनदाकर गगुप्त कहह पहदाड़
वदा जिसंगलदाचद ममें धर आयदे वदा भभूचम ममें गदाड़ दह। पश्चदातम् अपनदे चदेलयों ममें प्रचसद्ध चकयदा चक मगुझ कमो रदाचत्र कमो स्वप्न ममें
महदाददेव, पदावर्थतही, रदाधदा, कक ष्ण, सहीतदा, रदाम वदा लक्ष्मही, नदारदायण और भहैरव, हनगुमदानम् आचद नदे कहदा हहै चक हम

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अमगुक-अमगुक चठकदानदे हमैं। हम कमो वहदासं सदे लदा, मचन्दर ममें स्थदापन कर और तभू हही हमदारदा पगुजिदारही हमोवदे तमो हम
मनमोवदाचञ्छत फल ददेवमें।
जिब आसंख कदे अन्धदे और गदासंठ कदे पभूरदे लमोगयों नदे पमोप जिही ककी लहीलदा सगुनही तब तमो सच हही मदान लही। और उन
सदे पभूछदा चक ऐसही वह मभूचत्तर्थ कहदासं पर हहै ? तब तमो पमोप जिही बमोलदे चक अमगुक पहदाड़ वदा जिसंगल ममें हहै चलमो मदेरदे सदाथ
चदखलदा द।संभू तब तमो वदे अन्धदे उस धभूत्तर्थ कदे सदाथ चलकदे वहदासं पहह संच कर ददेखदा। आश्चयर्थ हमोकर उस पमोप कदे पग ममें चगर
कहदा चक आपकदे ऊपर इस ददेवतदा ककी बड़ही हही कक पदा हहै। अब आप लदे चचलयदे और हम मचन्दर बनवदा ददेवगमें दे। उस ममें
इस ददेवतदा ककी स्थदापनदा कर आप हही पभूजिदा करनदा। और हम लमोग भही इस प्रतदापही ददेवतदा कदे दशर्थन पसर्थन करकदे
मनमोवदाचञ्छत फल पदावगमें दे। इसही प्रकदार जिब एक नदे लहीलदा रचही तब तमो उस कमो ददेख सब पमोप लमोगयों नदे अपनही
जिहीचवकदाथर्थ छल कपट सदे मभूचत्तर्थयदासं स्थदापन ककीसं।
(प्रश्न) परमदेश्वर चनरदाकदार हहै वह ध्यदान ममें नहह आ सकतदा इसचलयदे अवश्य मभूचत्तर्थ हमोनही चदाचहयदे। भलदा
जिमो कगु छ भही नहह करदे तमो मभूचत्तर्थ कदे सम्मगुख जिदा, हदाथ जिमोड़ परमदेश्वर कदा स्मरण करतदे और नदाम लदेतदे हमैं, इस ममें
क्यदा हदाचन हहै?
(उत्तर) जिब परमदेश्वर चनरदाकदार, सवर्थव्यदापक हहै तब उस ककी मभूचत्तर्थ हही नहह बन सकतही और जिमो मभूचत्तर्थ कदे
दशर्थनमदात्र सदे परमदेश्वर कदा स्मरण हमोवदे तमो परमदेश्वर कदे बनदायदे पकचथवही, जिल, अचग्नि, वदायगु और वनस्पचत आचद
अनदेक पददाथर्थ, चजिन ममें ईश्वर नदे अदतगु रचनदा ककी हहै। क्यदा ऐसही रचनदायक्त गु पकचथवही पहदाड़ आचद परमदेश्वर रचचत
महदामभूचत्तर्थयदासं चक चजिन पहदाड़ आचद सदे वदे मनगुष्यकक त मभूचत्तर्थयदाह बनतही हमैं उन कमो ददेख कर परमदेश्वर कदा स्मरण नहह हमो
सकतदा? जिमो तगुम कहतदे हमो चक मभूचत्तर्थ कदे ददेखनदे सदे परमदेश्वर कदा स्मरण हमोतदा हहै यह तगुम्हदारदा कथन सवर्थथदा चमथ्यदा
हहै। और जिब वह मभूचत्तर्थ सदामनदे न हमोगही तमो परमदेश्वर कदे स्मरण न हमोनदे सदे मनगुष्य एकदान्त पदाकर चमोरही जिदारही आचद
कगु कमर्थ करनदे ममें प्रवकत्त भही हमो सकतदा हहै। क्ययोंचक वह जिदानतदा हहै चक इस समय यहदाह मगुझदे कमोई नहह ददेखतदा। इसचलयदे
वह अनथर्थ करदे चवनदा नहह चभूकतदा। इत्यदाचद अनदेक दमोष पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा करनदे सदे चसद्ध हमोतदे हमैं।
अब ददेचखयदे! जिमो पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थययों कमो न मदान कर सवर्थददा, सवर्थव्यदापक, सवदार्थन्तयदार्थमही, न्यदायकदारही
परमदात्मदा कमो सवर्थत्र जिदानतदा और मदानतदा हहै वह पगुरुष सवर्थत्र , सवर्थददा परमदेश्वर कमो सब कदे बगुरदे भलदे कमर्यों कदा द्रष्टदा
जिदान कर एक कणमदात्र भही परमदात्मदा सदे अपनदे कमो पकथकम् न जिदान कदे कगु कमर्थ करनदा तमो कहदासं रहदा चकन्तगु मन ममें कगु चदेष्टदा
भही नहह कर सकतदा। क्ययोंचक वह जिदानतदा हहै, जिमो ममैं मन, वचन और कमर्थ सदे भही कगु छ बगुरदा कदाम करूहगदा तमो इस
अन्तयदार्थमही कदे न्यदाय सदे चवनदा दण्ड पदायदे कददाचप न बचभूसंगदा। और नदामस्मरणमदात्र सदे कगु छ भही फल नहह हमोतदा। जिहैसदा

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चक चमशरही-चमशरही कहनदे सदे मगुसंह महीठदा और नहीम-नहीम कहनदे सदे कडगु वदा नहह हमोतदा चकन्तगु जिहीभ सदे चदाखनदे हही सदे
महीठदा वदा कडगु वदापन जिदानदा जिदातदा हहै।
(प्रश्न) क्यदा नदाम लदेनदा सवर्थथदा चमथ्यदा हहै जिमो सवर्थत्र पगुरदाणयों ममें नदामस्मरण कदा बड़दा मदाहदात्म्य चलखदा हहै?
(उत्तर) नदाम लदेनदे ककी तगुम्हदारही रहीचत उत्तम नहह। चजिस प्रकदार तगुम नदामस्मरण करतदे हमो वह रहीचत झभूठही हहै।
(प्रश्न) हमदारही कहै सही रहीचत हहै?
(उत्तर) वदेदचवरुद्ध।
(प्रश्न) भलदा अब आप हम कमो वदेदमोक्त नदामस्मरण ककी रहीचत बतलदायमें?
(उत्तर) नदामस्मरण इस प्रकदार करनदा चदाचहयदे— जिहैसदे ‘न्यदायकदारही’ ईश्वर कदा एक नदाम हहै। इस नदाम सदे
जिमो इस कदा अथर्थ हहै चक जिहैसदे पकपदात रचहत हमोकर परमदात्मदा सब कदा यथदावतम् न्यदाय करतदा हहै वहैसदे उस कमो ग्रहण
कर न्यदाययगुक्त व्यवहदार सवर्थददा करनदा। अन्यदाय कभही न करनदा। इस प्रकदार एक नदाम सदे भही मनगुष्य कदा कल्यदाण हमो
सकतदा हहै।
(प्रश्न) हम भही जिदानतदे हमैं चक परमदेश्वर चनरदाकदार हहै परन्तगु उस नदे चशव, चवष्णगु, गणदेश, सभूयर्थ और ददेवही
आचद कदे शरहीर धदारण करकदे रदाम, कक ष्णदाचद अवतदार चलयदे। इस सदे उसककी मभूचत्तर्थ बनतही हहै। क्यदा यह भही बदात झभूठही
हहै?
(उत्तर) हदासं-हदासं झभूठही। क्ययोंचक ‘अजि एकपदातम्’ ‘अकदायमम्’ इत्यदाचद चवशदेषणयों सदे परमदेश्वर कमो
जिन्ममरण और शरहीरधदारणरचहत वदेदयों ममें कहदा हहै तथदा यगुचक्त सदे भही परमदेश्वर कदा अवतदार कभही नहह हमो सकतदा
क्ययोंचक जिमो आकदाशवतम् सवर्थत्र व्यदापक, अनन्त और सगुख, दमःगु ख, दृश्यदाचद गगुणरचहत हहै वह एक छमोटदे सदे वहीयर्थ ,
गभदार्थशय और शरहीर ममें क्ययोंकर आ सकतदा हहै? आतदा जिदातदा वह हहै चक जिमो एकददेशहीय हमो। और जिमो अचल,
अदृश्य, चजिस कदे चवनदा एक परमदाणगु भही खदालही नहह हहै। उस कदा अवतदार कहनदा जिदानमो वन्ध्यदा कदे पगुत्र कदा चववदाह
कर उस कदे पचौत्र कदे दशर्थन करनदे ककी बदात कहनदा हहै।
(प्रश्न) जिब परमदेश्वर व्यदापक हहै तमो मभूचत्तर्थ ममें भही हहै। पगुनमः चदाहमें चकसही पददाथर्थ ममें भदावनदा करकदे पभूजिदा करनदा
अच्छदा क्ययों नहह? ददेखमो—
न कदाष्ठिदे चवदतदे ददेव मो न पदाषदाणदे न मकण् मयदे।
भदावदे चह चवदतदे ददेव स्तस्मदाददावमो चह कदारणमम्॥

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परमदेश्वर ददेव न कदाष्ठि, न पदाषदाण, न मकचत्तकदा सदे बनदायदे पददाथर्यों ममें हहै चकन्तगु परमदेश्वर तमो भदाव ममें चवदमदान
हहै। जिहदासं भदाव करमें वहदासं हही परमदेश्वर चसद्ध हमोतदा हहै।
(उत्तर) जिब परमदेश्वर सवर्थत्र व्यदापक हहै तमो चकसही एक वस्तगु ममें परमदेश्वर ककी भदावनदा करनदा अन्यत्र न
करनदा यह ऐसही बदात हहै चक जिहैसही चक्रवतर्त्ती रदाजिदा कमो सब रदाज्य ककी सत्तदा सदे छगु ड़दा कदे एक छमोटही सही झयोंपड़ही कदा
स्वदामही मदाननदा। ददेखमो! यह चकतनदा बड़दा अपमदान हहै? वहैसदा तगुम परमदेश्वर कदा भही अपमदान करतदे हमो। जिब व्यदापक
मदानतदे हमो तमो वदाचटकदा ममें सदे पगुष्पपत्र तमोड़ कदे क्ययों चढ़दातदे? चन्दन चघस कदे क्ययों लगदातदे? धभूप कमो जिलदा कदे क्ययों
ददेतदे? घण्टदा, घररयदाल, झदासंजि, पखदाजियों कमो लकड़ही सदे कभू टनदा पहीटनदा क्ययों करतदे हमो? तगुम्हदारदे हदाथयों ममें हहै, क्ययों
जिमोड़तदे? चशर ममें हहै, क्ययों चशर नमदातदे? अन्न, जिलदाचद ममें हहै, क्ययों नहैवदेद धरतदे? जिल ममें हहै, स्नदान क्ययों करदातदे?
क्ययोंचक उन सब पददाथर्यों ममें परमदात्मदा व्यदापक हहै।
और तगुम व्यदापक ककी पभूजिदा करतदे हमो वदा व्यदाप्य ककी? जिमो व्यदापक ककी करतदे हमो तमो पदाषदाण लकड़ही आचद
पर चन्दन पगुष्पदाचद क्ययों चढ़दातदे हमो। और जिमो व्यदाप्य ककी करतदे हमो तमो हम परमदेश्वर ककी पभूजिदा करतदे हमैं , ऐसदा झभूठ
क्ययों बमोलतदे हमो? हम पदाषदाणदाचद कदे पगुजिदारही हमैं। ऐसदा सत्य क्ययों नहह बमोलतदे?
अब कचहयदे ‘भदाव’ सच्चिदा हहै वदा झभूठदा? जिमो कहमो सच्चिदा हहै तमो तगुम्हदारदे भदाव कदे आधहीन हमोकर परमदेश्वर बद्ध
हमो जिदायगदा और तगुम मकचत्तकदा ममें सगुवणर्थ, रजितदाचद। पदाषदाण ममें हहीरदा, पन्नदा आचद। समगुद्रफदे न ममें ममोतही, जिल ममें घकत,
दग्गु ध, दचध आचद और धभूचल ममें महैददा, शकर आचद ककी भदावनदा करकदे उन कमो वहैसदे क्ययों नहह बनदातदे हमो? तगुम लमोग
दमःगु ख ककी भदावनदा कभही नहह करतदे। वह क्ययों हमोतदा? और सगुख ककी भदावनदा सदहैव करतदे हमो। वह क्ययों नहह प्रदाप्त
हमोतदा? अन्धदा पगुरुष नदेत्र ककी भदावनदा करकदे क्ययों नहह ददेखतदा? मरनदे ककी भदावनदा नहह करतदे। क्ययों मर जिदातदे हमो?
इसचलयदे तगुम्हदारही भदावनदा सच्चिही नहह। क्ययोंचक जिहैसदे ममें वहैसही करनदे कदा नदाम भदावनदा कहतदे हमैं। जिहैसदे अचग्नि ममें अचग्नि, जिल
ममें जिल जिदाननदा और जिल ममें अचग्नि, अचग्नि ममें जिल समझनदा अभदावनदा हहै। क्ययोंचक जिहैसदे कमो वहैसदा जिदाननदा जदान और
अन्यथदा जिदाननदा अजदान हहै। इसचलयदे तगुम अभदावनदा कमो भदावनदा और भदावनदा कमो अभदावनदा कहतदे हमो।
(प्रश्न) अजिही! जिब तक वदेद मन्त्रयों सदे आवदाहन नहह करतदे तब तक ददेवतदा नहह आतदा और आवदाहन
करनदे सदे झट आतदा और चवसजिर्थन करनदे सदे चलदा जिदातदा हहै।
(उत्तर) जिमो मन्त्र कमो पढ़ कर आवदाहन करनदे सदे तब तक ददेवतदा आ जिदातदा हहै तमो मभूचत्तर्थ चदेतन क्ययों नहह
हमो जिदातही? और चवसजिर्थन करनदे सदे चलदा जिदातदा हहै तमो वह कहदासं सदे आतदा और कहदासं जिदातदा हहै?

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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सगुनमो भदाई! पभूणर्थ परमदात्मदा न आतदा और न जिदातदा हहै। जिमो तगुम मन्त्रबल सदे परमदेश्वर कमो बगुलदा लदेतदे हमो तमो
उन्हह मन्त्रयों सदे अपनदे मरदे हह ए पगुत्र कदे शरहीर ममें जिहीव कमो क्ययों नहह बगुलदा लदेतदे? और शत्रगु कदे शरहीर ममें जिहीवदात्मदा कदा
चवसजिर्थन करकदे क्ययों नहह मदार सकतदे?
सगुनमो भदाई भमोलदे लमोगमो! यदे पमोप जिही तगुम कमो ठग कर अपनदा प्रयमोजिन चसद्ध करतदे हमैं ? वदेदयों ममें पदाषदाणदाचद
मभूचत्तर्थपभूजिदा और परमदेश्वर कदे आवदाहन चवसजिर्थन करनदे कदा एक अकर भही नहह हहै।
(प्रश्न) प्रदाणदा इहदागच्छन्तगु सगुखसं चचरसं चतष्ठिन्तगु स्वदाहदा।
आत्मदेह दागच्छतगु सगुखसं चचरसं चतष्ठितगु स्वदाहदा।
इचन्द्रयदाणहीहदागच्छन्तगु सगुखसं चचरसं चतष्ठिन्तगु स्वदाहदा॥
—इत्यदाचद वदेदमन्त्र हमैं क्ययों कहतदे हमो नहह हमैं?
(उत्तर) अरदे भदाई! बगुचद्ध कमो थमोड़ही सही तमो अपनदे कदाम ममें लदाओ ! यदे सब कपमोल-कचल्पत वदाममदाचगर्थययों
ककी वदेदचवरुद्ध तन्त्रग्रन्थयों ककी पमोपरचचत पसंचक्तयदासं हमैं। वदेदवचन नहह।
(प्रश्न) क्यदा तन्त्र झभूठदा हहै?
(उत्तर) हदासं! सवर्थथदा झभूठदा हहै। जिहैसदे आवदाहन, प्रदाणप्रचतष्ठिदाचद पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थ-चवषयक वदेदयों ममें एक मन्त्र
भही नहह वहैसदे ‘स्नदानसं समपर्थय दाचम’ इत्यदाचद वचन भही नहह हहै। अथदार्थतम् इतनदा भही नहह हहै चक ‘पदाषदाणदाचदमभूच त्तर्वं
रचचयत्वदा मचन्दरदेष गु ससंस् थदाप्य गन्धदाचदचभरचर्थय देत म्। ’ अथदार्थतम् पदाषदाण ककी मभूर्थचत्तर्थ बनदा, मचन्दरयों ममें स्थदापन कर,
चन्दन अकतदाचद सदे पभूजिदे। ऐसदा लदेशमदात्र भही नहह।
(प्रश्न) जिमो वदेदयों ममें चवचध नहह तमो खण्डन भही नहह हहै। और जिमो खण्डन हहै तमो ‘प्रदाप्तचौ सत्यदासं चनषदेध मः’
मभूचत्तर्थ कदे हमोनदे हही सदे खण्डन ससंगत हमो सकतदा हहै।
(उत्तर) चवचध तमो नहह। परन्तगु परमदेश्वर कदे स्थदान ममें चकसही अन्य पददाथर्थ कमो पभूजिनहीय न मदाननदा और
सवर्थथदा चनषदेध चकयदा हहै। क्यदा अपभूवर्थचवचध नहह हमोतदा?
सगुनमो यह हहै—
अन्धन्तम: प्र चवशचन्त यदेऽ सम्भभूच तमगुप दासतदे।
ततमो भभूय ऽइव तदे तममो यऽउ सम्भभूत् यदासं रतदामः॥1॥
—यजिगुमः॰ अ॰ 40। मसं॰ 9॥

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न तस्य प्रचतमदाऽअचस्त॥2॥
—यजिगुमः॰ अ॰ 32। मसं॰ 3॥
यद्विदाचदानभ्यगुच दतसं यदेन वदागभ्यगुद तदे।
तददेव ब्रह्म त्वसं चवचद्ध नदेद सं यचददमगुप दासतदे॥ 1॥
यन्मनसदा न मनगुत दे यदेन दाहह म र्थन मो मतमम्।
तददेव ब्रह्म त्वसं चवचद्ध नदेद सं यचददमगुप दासतदे॥ 2॥
यच्चिकगुष दा न पश्यचत यदेन चकभूचसं ष पश्यचन्त।
तददेव ब्रह्म त्वसं चवचद्ध नदेद सं यचददमगुप दासतदे॥ 3॥
यच्छछ मोत्रदेण न शकण मोचत यदेन श्रमोत्रचमदसं श्रगुत मम्।
तददेव ब्रह्म त्वसं चवचद्ध नदेद सं यचददमगुप दासतदे॥ 4॥
यत्प्रदाणदेन न प्रदाचणचत यदेन प्रदाणमः प्रणहीयतदे।
तददेव ब्रह्म त्वसं चवचद्ध नदेद सं यचददमगुप दासतदे॥ 5॥
—कदे नमोपचन॰॥
जिमो असम्भभूचत अथदार्थतम् अनगुत्पन्न अनदाचद प्रकक चत कदारण ककी ब्रह्म कदे स्थदान ममें उपदासनदा करतदे हमैं वदे अन्धकदार
अथदार्थतम् अजदान और दमःगु खसदागर ममें डभू बतदे हमैं। और सम्भभूचत जिमो कदारण सदे उत्पन्न हह ए कदायर्थरूप पकचथवही आचद भभूत
पदाषदाण और वककदाचद अवयव और मनगुष्यदाचद कदे शरहीर ककी उपदासनदा ब्रह्म कदे स्थदान ममें करतदे हमैं वदे उस अन्धकदार सदे
भही अचधक अन्धकदार अथदार्थतम् महदामभूखर्थ चचरकदाल घमोर दमःगु खरूप नरक ममें चगरकदे महदाक्लदेश भमोगतदे हमैं॥1॥
जिमो सब जिगतम् ममें व्यदापक हहै उस चनरदाकदार परमदात्मदा ककी प्रचतमदा पररमदाण सदादृश्य वदा मभूचत्तर्थ नहह हहै॥2॥
जिमो वदाणही ककी ‘इदन्तदा’ अथदार्थतम् यह जिल हहै लहीचजियदे, वहैसदा चवषय नहह। और चजिस कदे धदारण और सत्तदा सदे
वदाणही ककी प्रवकचत्त हमोतही हहै उसही कमो ब्रह्म जिदान और उपदासनदा कर। और जिमो उससदे चभन्न हहै वह उपदासनहीय नहह॥1॥
जिमो मन सदे ‘इयत्तदा’ करकदे मन ममें नहह आतदा, जिमो मन कमो जिदानतदा हहै उसही ब्रह्म कमो तभू जिदान और उसही ककी
उपदासनदा कर। जिमो उस सदे चभन्न जिहीव और अन्तमःकरण हहै उस ककी उपदासनदा ब्रह्म कदे स्थदान ममें मत कर॥2॥
जिमो आसंख सदे नहह दहीख पड़तदा और चजिस सदे सब आसंख में ददेखतही हमैं, उसही कमो तभू ब्रह्म जिदान और उसही ककी
उपदासनदा कर। और जिमो उस सदे चभन्न सभूयर्थ, चवदगुतम् और अचग्नि आचद जिड़ पददाथर्थ हमैं उन ककी उपदासनदा मत कर॥3॥
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जिमो श्रमोत्र सदे नहह सगुनदा जिदातदा और चजिस सदे श्रमोत्र सगुनतदा हहै उसही कमो तभू ब्रह्म जिदान और उसही ककी उपदासनदा
कर। और उस सदे चभन्न शब्ददाचद ककी उपदासनदा उस कदे स्थदान ममें मत कर॥4॥
जिमो प्रदाणयों सदे चलदायमदान नहह हमोतदा चजिस सदे प्रदाण गमन कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै उसही ब्रह्म कमो तभू जिदान और उसही
ककी उपदासनदा कर। जिमो यह उस सदे चभन्न वदायगु हहै उस ककी उपदासनदा मत कर॥5॥
इत्यदाचद बहह त सदे चनषदेध हमैं। चनषदेध प्रदाप्त और अप्रदाप्त कदा भही हमोतदा हहै। ‘प्रदाप्त’ कदा जिहैसदे कमोई कहह बहैठदा हमो
उस कमो वहदासं सदे उठदा ददेनदा। ‘अप्रदाप्त’ कदा जिहैसदे हदे पगुत्र! तभू चमोरही कभही मत करनदा, कगु वदे ममें मत चगरनदा। दष्टगु यों कदा ससंग
मत करनदा। चवददाहहीन मत रहनदा। इत्यदाचद अप्रदाप्त कदा भही चनषदेध हमोतदा हहै। समो मनगुष्ययों कदे जदान ममें अप्रदाप्त , परमदेश्वर
कदे जदान ममें प्रदाप्त कदा चनषदेध चकयदा हहै। इसचलयदे पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा अत्यन्त चनचषद्ध हहै?
(प्रश्न) मभूचत्तर्थपभूजिदा ममें पगुण्य नहह तमो पदाप तमो नहह हहै?
(उत्तर) कमर्थ दमो प्रकदार कदे हमोतदे हमैं—एक चवचहत-जिमो कत्तर्थव्यतदा सदे वदेद ममें सत्यभदाषणदाचद प्रचतपदाचदत हमैं।
भू रदे चनचषद्ध-जिमो अकत्तर्थव्यतदा सदे चमथ्यदाभदाषणदाचद वदेद ममें चनचषद्ध हमैं। जिहैसदे चवचहत कदा अनगुष्ठिदान करनदा वह धमर्थ , उस
दस
कदा न करनदा अधमर्थ हहै। वहैसदे हही चनचषद्ध कमर्थ कदा करनदा अधमर्थ और न करनदा धमर्थ हहै। जिब वदेदयों सदे चनचषद्ध
मभूचत्तर्थपभूजिदाचद कमर्यों कमो तगुम करतदे हमो तमो पदापही क्ययों नहह?
(प्रश्न) ददेखमो! वदेद अनदाचद हमैं। उस समय मभूचत्तर्थपभूजिदा कदा क्यदा कदाम थदा? क्ययोंचक पहलदे तमो ददेवतदा प्रत्यक
थदे। यह रहीचत तमो पहीछदे सदे तन्त्र और पगुरदाणयों सदे चलही हहै। जिब मनगुष्ययों कदा जदान और सदामथ्यर्थ न्यभून हमो गयदा तमो
परमदेश्वर कमो ध्यदान ममें नहह लदा सकदे और मभूचत्तर्थ कदा ध्यदान तमो कर सकतदे हमैं। इस कदारण अजदाचनययों कदे चलयदे
मभूचत्तर्थपभूजिदा हहै। क्ययोंचक सहीढ़ही-सहीढ़ही सदे चढ़दे तमो भवन पर पहह संच जिदाय। पहलही सहीढ़ही छमोड़ कर ऊपर जिदानदा चदाहहै तमो
नहह जिदा सकतदा, इसचलयदे मभूचत्तर्थ प्रथम सहीढ़ही हहै। इस कमो पभूजितदे -पभूजितदे जिब जदान हमोगदा और अन्तमःकरण पचवत्र हमोगदा
तब परमदात्मदा कदा ध्यदान कर सकदे गदा। जिहैसदे लक्ष्य कदे मदारनदे वदालदा प्रथम स्थभूल लक्ष्य ममें तहीर , गमोलही वदा गमोलदा आचद
मदारतदा-मदारतदा पश्चदातम् सभूक्ष्म ममें भही चनशदानदा मदार सकतदा हहै। वहैसदे स्थभूल मभूचत्तर्थ ककी पभूजिदा करतदा-करतदा पगुनमः सभूक्ष्म
ब्रह्म कमो भही प्रदाप्त हमोतदा हहै। जिहैसदे लड़चकयदाह गगुचड़ययों कदा खदेल तब तक करतही हमैं चक जिब तक सच्चिदे पचत कमो प्रदाप्त नहह
हमोतह। इत्यदाचद प्रकदार सदे मभूचत्तर्थपभूजिदा करनदा दष्टगु कदाम नहह।
(उत्तर) जिब वदेदचवचहत धमर्थ और वदेदचवरुद्धदाचरण ममें अधमर्थ हहै तमो पगुनमः तगुम्हदारदे कहनदे सदे भही मभूचत्तर्थपभूजिदा
करनदा अधमर्थ ठहरदा। जिमो-जिमो ग्रन्थ वदेद सदे चवरुद्ध हमैं उन-उन कदा प्रमदाण करनदा जिदानमो नदाचस्तक हमोनदा हहै। सगुनमो—
नदाचस्तकमो वदेद चनन्दकमः॥1॥

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यदा वदेद बदाह्यदामः स्मकत यमो यदाश्च कदाश्च कगु दृष्टयमः।


सवदार्थस् तदा चनष्फलदामः प्रदेत् य तममोचनष्ठिदा चह तदामः स्मकत दामः॥2॥
उत्पदन्तदे च्यवन्तदे च यदान्यतमोऽन्यदाचन कदाचनचचतम्।
तदान्यवदार्थक दाचलकतयदा चनष्फलदान्यनकत दाचन च॥3॥
—मनगु॰ अ॰ 12॥
मनगु जिही कहतदे हमैं चक जिमो वदेदयों ककी चनन्ददा अथदार्थतम् अपमदान , त्यदाग, चवरुद्धदाचरण करतदा हहै वह नदाचस्तक
कहदातदा हहै॥1॥
जिमो ग्रन्थ वदेदबदाह्य कगु चत्सत पगुरुषयों कदे बनदायदे ससंसदार कमो दमःगु खसदागर ममें डगु बमोनदे वदालदे हमैं वदे सब चनष्फल,
असत्य, अन्धकदाररूप, इस लमोक और परलमोक ममें दमःगु खददायक हमैं॥2॥
जिमो इन वदेदयों सदे चवरुद्ध ग्रन्थ उत्पन्न हमोतदे हमैं वदे आधगुचनक हमोनदे सदे शहीघ्र नष्ट हमो जिदातदे हमैं। उन कदा मदाननदा
चनष्फल और झभूसंठदा हहै॥3॥
इसही प्रकदार ब्रह्मदा सदे लदेकर जिहैचमचन महचषर्थपयर्थन्त कदा मत हहै चक वदेदचवरुद्ध कमो न मदाननदा चकन्तगु वदेददानगुकभू ल
हही कदा आचरण करनदा धमर्थ हहै। क्ययों? वदेद सत्य अथर्थ कदा प्रचतपदादक हहै इस सदे चवरुद्ध चजितनदे तन्त्र और पगुरदाण हमैं
वदेदचवरुद्ध हमोनदे सदे झभूसंठदे हमैं चक जिमो वदेद सदे चवरुद्ध चलतदे हमैं उन ममें कहही हह ई मभूचत्तर्थपभूजिदा भही अधमर्थरूप हहै। मनगुष्ययों कदा
जदान जिड़ ककी पभूजिदा सदे नहह बढ़ सकतदा चकन्तगु जिमो कगु छ जदान हहै वह नष्ट हमो जिदातदा हहै। इसचलयदे जदाचनययों ककी सदेवदा,
ससंग सदे जदान बढ़तदा हहै। पदाषदाणचद सदे नहह। क्यदा पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा सदे परमदेश्वर कमो ध्यदान ममें कभही लदा सकतदा हहै?
नहह-नहह, मभूचत्तर्थपभूजिदा सहीढ़ही नहह चकन्तगु एक बड़ही खदाई हहै चजिस ममें चगरकर चकनदाचभूर हमो जिदातदा हहै। पगुनमः
उस खदाई सदे चनकल नहह सकतदा चकन्तगु उसही ममें मर जिदातदा हहै। हदासं! छमोटदे धदाचमर्थक चवद्विदानयों सदे लदेकर परम चवद्विदानम्
यमोचगययों कदे ससंग सदे सचद्विददा और सत्यभदाषणदाचद परमदेश्वर ककी प्रदाचप्त ककी सहीचढ़यदा हमैं जिहैसही ऊपर घर ममें जिदानदे ककी
चनमःश्रदेणही हमोतही हहै। चकन्तगु मभूचत्तर्थपभूजिदा करतदे-करतदे जदानही तमो कमोई न हह आ प्रत्यगुत सब मभूचत्तर्थपभूजिक अजदानही रह कर
मनगुष्यजिन्म व्यथर्थ खमोकदे बहह त सदे मर गयदे और जिमो अब हमैं वदा हयोंगदे वदे भही मनगुष्यजिन्म कदे धमर्थ , अथर्थ, कदाम और ममोक
ककी प्रदाचप्तरूप फलयों सदे चवमगुख हमोकर चनरथर्थ नष्ट हमो जिदायमेंगदे। मभूचत्तर्थपभूजिदा ब्रह्म ककी प्रदाचप्त ममें स्थभूल लक्ष्यवतम् नहह चकन्तगु
धदाचमर्थक चवद्विदानम् और सकचष्टचवददा हहै। इस कमो बढ़दातदा-बढ़दातदा ब्रह्म कमो भही पदातदा हहै। और मभूचत्तर्थपभूजिदा गगुचड़ययों कदे खदेलवतम्

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नहह चकन्तगु प्रथम अकरदाभ्यदास सगुचशकदा कदा हमोनदा गगुचड़ययों कदे खदेलवतम् ब्रह्म ककी प्रदाचप्त कदा सदाधन हहै। सगुचनयदे ! जिब
अच्छही चशकदा और चवददा कमो प्रदाप्त हमोगदा तब सच्चिदे स्वदामही परमदात्मदा कमो भही प्रदाप्त हमो जिदायदेगदा।
(प्रश्न) सदाकदार ममें मन चस्थर हमोतदा और चनरदाकदार ममें चस्थर हमोनदा कचठन हहै इसचलयदे मभूचत्तर्थपभूजिदा रहनही
चदाचहयदे।
(उत्तर) सदाकदार ममें मन चस्थर कभही नहह हमो सकतदा क्ययोंचक उस कमो मन झट ग्रहण करकदे उसही कदे एक-
एक अवयव ममें घभूमतदा और दस भू रदे ममें दचौड़ जिदातदा हहै। और चनरदाकदार अनन्त परमदात्मदा कदे ग्रहण ममें यदावत्सदामथ्यर्थ मन
अत्यन्त दचौड़तदा हहै तमो भही अन्त नहह पदातदा। चनरवयव हमोनदे सदे चसंचल भही नहह रहतदा चकन्तगु उसही कदे गगुण, कमर्थ,
स्वभदाव कदा चवचदार करतदा-करतदा आनन्द ममें मग्नि हमोकर चस्थर हमो जिदातदा हहै। और जिमो सदाकदार ममें चस्थर हमोतदा तमो सब
जिगतम् कदा मन चस्थर हमो जिदातदा क्ययोंचक जिगतम् ममें मनगुष्य, सही, पगुत्र, धन, चमत्र आचद सदाकदार ममें फसंसदा रहतदा हहै
परन्तगु चकसही कदा मन चस्थर नहह हमोतदा। जिब तक चनरदाकदार ममें न लगदावदे। क्ययोंचक चनरवयव हमोनदे सदे उस ममें मन चस्थर
हमो जिदातदा हहै। इसचलयदे मभूचत्तर्थपभूजिदा करनदा अधमर्थ हहै। दभू स रदा—उस ममें क्रमोड़यों रुपयदे मचन्दरयों ममें व्यय करकदे दररद्र हमोतदे हमैं
और उस ममें प्रमदाद हमोतदा हहै। तहीसरदा—सही पगुरुषयों कदा मचन्दरयों ममें मदेलदा हमोनदे सदे व्यचभचदार, लड़दाई बखदेड़दा और
रमोगदाचद उत्पन्न हमोतदे हमैं। चचौथदा—उसही कमो धमर्थ, अथर्थ, कदाम और मगुचक्त कदा सदाधन मदानकदे पगुरुषदाथर्थ रचहत हमोकर
मनगुष्यजिन्म व्यथर्थ गमदातदा हहै। पदासंच वदासं— नदानदा प्रकदार ककी चवरुद्धस्वरूप नदाम चररत्रयगुक्त मभूचत्तर्थययों कदे पगुजिदाररययों कदा
ऐक्यमत नष्ट हमोकदे चवरुद्धमत ममें चल कर आपस ममें फभू ट बढ़दा कदे ददेश कदा नदाश करतदे हमैं। छठदा—उसही कदे भरमोसदे ममें
शत्रगु कदा परदाजिय और अपनदा चवजिय मदान बहैठदे रहतदे हमैं। उन कदा परदाजिय हमो कर रदाज्य, स्वदातन्त्र्य और धन कदा
सगुख उनकदे शत्रगुओसं कदे स्वदाधहीन हमोतदा हहै और आप परदाधहीन भचठयदारदे कदे टट्टभू और कगु म्हदार कदे गदहदे कदे समदान
शत्रगुओसं कदे वश ममें हमोकर अनदेकचवचध दमःगु ख पदातदे हमैं। सदातवदासं— जिब कमोई चकसही कमो कहदे चक हम तदेरदे बहैठनदे कदे
आसन वदा नदाम पर पत्थर धरमें तमो जिहैसदे वह उस पर क्रमोचधत हमोकर मदारतदा वदा गदालही प्रददान ददेतदा हहै वहैसदे हही जिमो
परमदेश्वर ककी उपदासनदा कदे स्थदान हृदय और नदाम पर पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थयदासं धरतदे हमैं उन द ष्टगु बगुचद्धवदालयों कदा सत्यदानदाश
परमदेश्वर क्ययों न करदे? आठवदासं— भ्रदान्त हमोकर मचन्दर-मचन्दर ददेशददेशदान्तर ममें घभूमतदे-घभूमतदे दमःगु ख पदातदे, धमर्थ,
ससंसदार और परमदाथर्थ कदा कदाम नष्ट करतदे, चमोर आचद सदे पहीचड़त हमोतदे, ठगयों सदे ठगदातदे रहतदे हमैं।
नववदासं— दष्टगु पभूजिदाररययों कमो धन ददेतदे हमैं वदे उस धन कमो वदेश्यदा, परसहीगमन, मद, मदासंसदाहदार, लड़दाई
बखदेडयों ममें व्यय करतदे हमैं चजिस सदे ददातदा कदा सगुख कदा मभूल नष्ट हमोकर द मःगु ख हमोतदा हहै। दशवदासं— मदातदा चपतदा आचद
मदाननहीययों कदा अपमदान कर पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थययों कदा मदान करकदे कक तघ्न हमो जिदातदे हमैं। ग्यदारहवदासं— उन मभूचत्तर्थययों कमो
कमोई तमोड़ डदालतदा वदा चमोर लदे जिदातदा हहै तब हदा-हदा करकदे रमोतदे रहतदे हमैं। बदारहवदासं— पभूजिदारही परचसययों कदे ससंग और

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पभूजिदाररन परपगुरुषयों कदे ससंग सदे प्रदायमः दचभू षत हमोकर सही पगुरुष कदे प्रदेम कदे आनन्द कमो हदाथ सदे खमो बहैठतदे हमैं। तदेर हवदासं—
स्वदामही सदेवक ककी आजदा कदा पदालन यथदावतम् न हमोनदे सदे परस्पर चवरुद्धभदाव हमोकर नष्ट भ्रष्ट हमो जिदातदे हमैं।
चचौदहवदासं— जिड़ कदा ध्यदान करनदे वदालदे कदा आत्मदा भही जिड़ बगुचद्ध हमो जिदातदा हहै क्ययोंचक ध्यदेय कदा जिड़त्व धमर्थ
अन्तमःकरण द्विदारदा आत्मदा ममें अवश्य आतदा हहै। पन्द्रहवदासं— परमदेश्वर नदे सगुगचन्धयगुक्त पगुष्पदाचद पददाथर्थ वदायगु जिल कदे
दगगु र्थन्ध चनवदारण और आरमोग्यतदा कदे चलयदे बनदायदे हमैं। उन कमो पगुजिदारही जिही तमोड़तदाड़ कर न जिदानदे उन पगुष्पयों ककी चकतनदे
चदन तक सगुगचन्ध आकदाश ममें चढ़ कर वदाय गु जिल ककी शगुचद्ध करतदा और पभूणर्थ सगुगचन्ध कदे समय तक उस कदा सगुगन्ध
हमोतदा हहै। उस कदा नदाश मध्य ममें हही कर ददेतदे हमैं। पगुष्पदाचद ककीच कदे सदाथ चमल सड़ कर उलटदा दगगु र्थन्ध उत्पन्न करतदे हमैं।
क्यदा परमदात्मदा नदे पत्थर पर चढ़दानदे कदे चलयदे पगुष्पदाचद सगुगचन्धयगुक्त पददाथर्थ रचदे हमैं। समोलहवदासं— पत्थर पर चढ़दे हह ए
पगुष्प, चन्दन और अकत आचद सब कदा जिल और मकचत्तकदा कदे ससंयमोग हमोनदे सदे ममोरही वदा कगु ण्ड ममें आकर सड़ कदे
इतनदा उस सदे दगगु र्थन्ध आकदाश ममें चढ़तदा हहै चक चजितनदा मनगुष्य कदे मल कदा। और सहस्रयों जिहीव उस ममें पड़तदे उसही ममें
मरतदे और सड़तदे हमैं। ऐसदे-ऐसदे अनदेक मभूचत्तर्थपभूजिदा कदे करनदे ममें दमोष आतदे हमैं। इसचलयदे सवर्थथदा पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा
सज्जन लमोगयों कमो त्यक्तव्य हहै। और चजिन्हयोंनदे पदाषदाणमय मभूचत्तर्थ ककी पभूजिदा ककी हहै , करतदे हमैं और करमेंगदे। वदे पभूवर्वोक्त दमोषयों सदे
न बचदे। न बचतदे हमैं, और न बचमेंगदे।
(प्रश्न) चकसही प्रकदार ककी मभूचत्तर्थपभूजिदा करनही करदानही नहह और जिमो अपनदे आयदार्थवत्तर्थ ममें पञ्चददेवपभूजिदा शब्द
प्रदाचहीन परम्परदा सदे चलदा आतदा हहै उस कदा यहही पञ्चदायतनपभूजिदा जिमो चक चशव, चवष्णगु, अचम्बकदा, गणदेश और सभूयर्थ
ककी मभूचत्तर्थ बनदाकर पभूजितदे हमैं। यह पञ्चदायतनपभूजिदा हहै वदा नहह?
(उत्तर) चकसही प्रकदार ककी मभूचत्तर्थपभूजिदा न करनदा चकन्तगु ‘मभूचत्तर्थमदानम्’ जिमो नहीचदे कहमेंगदे उन ककी पभूजिदा अथदार्थतम्
सत्कदार करनदा चदाचहयदे। वह पञ्चददेवपभूजिदा, पञ्चदायतनपभूजिदा शब्द बहह त अच्छदा अथर्थ वदालदा हहै परन्तगु चवददाहहीन मभूढयों नदे
उसकदे उत्तम अथर्थ कमो छमोड़ कर चनकक ष्ट अथर्थ पकड़ चलयदा। जिमो आजिकल चशवदाचद पदासंचयों ककी मभूचत्तर्थयदासं बनदाकर पभूजितदे
हमैं उन कदा खण्डन तमो अभही कर चगुकदे हमैं। पर जिमो सच्चिही पञ्चदायतन वदेदमोक्त और वदेददानगुकभूलमोक्त ददेवपभूजिदा और मभूचत्तर्थपभूजिदा
हहै वह सगुनमो—
मदा नमो वधहीमः चपतरसं ममोत मदातरमम्॥ 1॥
—यजिगु॰॥
आचदायर्थऽ उपनयमदानमो ब्रह्मचदाररणचमच्छतदे॥ 2॥
अचतचथगकर्थह दानगुप गच्छदेत ॥म् 3॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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—अथवर्थ॰॥
अचर्थत प्रदाचर्थत चप्रयमदेध दासमो अचर्थत ॥4॥
—ऋग्वदेददे॰॥
त्वमदेव प्रत्यकसं ब्रह्मदाचस त्वदामदेव प्रत्यकसं ब्रह्म वचदष्यदाचम॥5॥
—तहैचत्तरहीयमोप॰॥
कतम एकमो ददेव इचत स ब्रह्म त्यचदत्यदाचकतदे॥ 6॥
—शतपथ प्रपदाठ॰ 5। ब्रदाह्मण 7। कचण्डकदा 10॥
मदातकद वदे मो भव चपतकद वदे मो भव आचदायर्थद वदे मो भव अचतचथददेव मो भव॥7॥
—तहैचत्तरहीयमोप॰॥
चपतकच भभ्रदार्थत कच भश्चहैत दामः पचतचभदर्वेव रहैस् तथदा।
पभूज् यदा भभूष चयतव्यदाश्च बहह क ल्यदाणमहीप्सगुच भमः॥8॥
पभूज् यमो ददेव वत्पचतमः॥9॥
—मनगुस्मकतचौ॥
प्रथम मदातदा मभूचत्तर्थमतही पभूजिनहीय ददेवतदा, अथदार्थतम् सन्तदानयों कमो तन, मन, धन सदे सदेवदा करकदे मदातदा कमो
प्रसन्न रखनदा, चहसंसदा अथदार्थतम् तदाड़नदा कभही न करनदा। दस भू रदा चपतदा सत्कत्तर्थव्य ददेव। उस ककी भही मदातदा कदे समदान सदेवदा
करनही॥1॥
तहीसरदा आचदायर्थ जिमो चवददा कदा ददेनदे वदालदा हहै उस ककी तन, मन, धन सदे सदेवदा करनही॥2॥
चचौथदा अचतचथ जिमो चवद्विदानम्, धदाचमर्थक, चनष्कपटही, सब ककी उन्नचत चदाहनदे वदालदा जिगतम् ममें भ्रमण करतदा
हह आ, सत्य उपददेश सदे सब कमो सगुखही करतदा हहै उस ककी सदेवदा करमें॥3॥
पदासंचवदासं सही कदे चलयदे पचत और पगुरुष कदे चलयदे स्वपत्नही पभूजिनहीय हहै॥8॥
यदे पदासंच मभूचत्तर्थमदानम् ददेव चजिन कदे ससंग सदे मनगुष्यददेह ककी उत्पचत्त, पदालन, सत्यचशकदा, चवददा और सत्यमोपददेश
ककी प्रदाचप्त हमोतही हमैं यदे हही परमदेश्वर कमो प्रदाचप्त हमोनदे ककी सहीचढ़यदासं हमैं। इन ककी सदेवदा न करकदे जिमो पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थ पभूजितदे हमैं
वदे अतहीव पदामर, नरकगदामही तथदा वदेदचवरमोधही हमैं।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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(प्रश्न) मदातदा चपतदा आचद ककी सदेवदा करमें और मभूचत्तर्थपभूजिदा भही करमें तब तमो कमोई दमोष नहह?
(उत्तर) पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा तमो सवर्थथदा छमोड़नदे और मदातदाचद मभूचत्तर्थमदानयों ककी सदेवदा करनदे हही ममें कल्यदाण हहै।
बड़दे अनथर्थ ककी बदात हहै चक सदाकदातम् मदातदा आचद प्रत्यक सगुखददायक ददेवयों कमो छमोड़ कदे अददेव पदाषदाणदाचद ममें चशर मदारनदा
स्वहीकदार चकयदा। इसकमो लमोगयों नदे इसहीचलयदे स्वहीकदार चकयदा हहै चक जिमो मदातदा चपतदाचद कदे सदामनदे नहैवदेद वदा भमेंट पभूजिदा
धरमेंगदे तमो वदे स्वयसं खदा लमेंगदे और भमेंट पभूजिदा लदे लमेंगदे तमो हमदारदे मगुख वदा हदाथ ममें कगु छ न पड़देगदा। इससदे पदाषदाणदाचद ककी मभूचत्तर्थ
बनदा, उस कदे आगदे नहैवदेद धर, घण्टदानदाद टसं टसं पभूसं पभूसं और शङ बजिदा, कमोलदाहल कर, असंगभूठदा चदखलदा अथदार्थतम्
‘त्वमङह ष्ठिसं गकह दाण भमोजिनसं पददाथर्वं वदाऽहसं ग्रचहष्यदाचम’ जिहैसदे कमोई चकसही कमो छलदे वदा चचढ़दावदे चक तभू घण्टदा लदे और
असंगभूठदा चदखलदावदे उस कदे आगदे सदे सब पददाथर्थ लदे आप भमोगदे, वहैसही हही लहीलदा इन पभूजिदाररययों अथदार्थतम् पभूजिदा नदाम सत्कमर्थ
कदे शत्रगुओसं ककी हहै। यदे लमोग चटक मटक, चलक भलक मभूचत्तर्थययों कमो बनदा ठनदा, आप ठगयों कदे तगुल्य बन ठन कदे
चवचदारदे चनबगुर्थचद्ध अनदाथयों कदा मदाल मदारकदे मचौजि करतदे हमैं। जिमो कमोई धदाचमर्थक रदाजिदा हमोतदा तमो इन पदाषदाणचप्रययों कमो पत्थर
तमोड़नदे, बनदानदे और घर रचनदे आचद कदामयों ममें लगदाकदे खदानदे पहीनदे कमो ददेतदा; चनवदार्थह करदातदा।
(प्रश्न) जिहैसदे सही ककी पदाषदाणदाचद मभूचतर्थ ददेखनदे सदे कदाममोत्पचत्त हमोतही हहै वहैसही वहीतरदाग शदान्त ककी मभूचत्तर्थ ददेखनदे
सदे वहैरदाग्य और शदाचन्त ककी प्रदाचप्त क्ययों न हमोगही?
(उत्तर) नहह हमो सकतही। क्ययोंचक उस मभूच त्तर्थ कदे जिड़त्व धमर्थ आत्मदा ममें आनदे सदे चवचदारशचक्त घट
जिदातही हहै। चववदेक कदे चवनदा न वहैर दाग्य और वहैर दाग्य कदे चवनदा चवजदान, चवजदान कदे चवनदा शदाचन्त नहह हमोतही।
और जिमो कगु छ हमोतदा हहै समो उनकदे ससंग , उपददेश और उनकदे इचतहदासदाचद कदे ददेख नदे सदे हमोतदा हहै क्ययोंचक
चजिस कदा गगुण वदा दमोष न जिदानकदे उस ककी मभूच त्तर्थम दात्र ददेख नदे सदे प्रहीचत नहह हमोतही। प्रहीचत हमोनदे कदा कदारण
गगुण जदान हहै। ऐसदे मभूच त्तर्थप भूजि दा आचद बगुर दे कदारणयों हही सदे आयदार्थव त्तर्थ ममें चनकम्मदे पगुजि दारही चभकगुक आलसही
पगुरु षदाथर्थ रचहत क्रमोड़यों मनगुष् य हह ए हमैं। सब ससंस दार ममें मभूढ़ तदा उन्हह नदे फहै लदाई हहै। झभूठ छल भही बहह त सदा
फहै लदा हहै।
(प्रश्न) ददेखमो! कदाशही ममें ‘औरसंगजिदेब’ बदादशदाह कमो ‘लदाटभहैरव’ आचद नदे बड़दे-बड़दे चमत्कदार चदखलदायदे
थदे। जिब मगुसलमदान उन कमो तमोड़नदे गयदे और उन्हयोंनदे जिब उन पर तमोप गमोलदा आचद मदारदे तब बड़दे -बड़दे भमरदे चनकल
कर सब फचौजि कमो व्यदाकगुल कर भगदा चदयदा।
(उत्तर) यह पदाषदाण कदा चमत्कदार नहह चकन्तगु वहदासं भमरदे कदे छत्तदे लग रहदे हयोंगदे। उन कदा स्वभदाव हही क्रभूर
हहै। जिब कमोई उन कमो छदेड़दे तमो वदे कदाटनदे कमो दचौड़तदे हमैं। और जिमो द धभू ककी धदारदा कदा चमत्कदार हमोतदा थदा वह पगुजिदारही जिही
ककी लहीलदा थही।
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(प्रश्न) ददेखमो! महदाददेव म्लदेच्छ कमो दशर्थन न ददेनदे कदे चलयदे कभू प ममें और वदेणहीमदाधव एक ब्रदाह्मण कदे घर ममें
जिदा चछपदे। क्यदा यह भही चमत्कदार नहह हहै?
(उत्तर) भलदा चजिस कदे कमोटपदाल, कदालभहैरव, लदाटभहैरव आचद भभूत प्रदेत और गरुड़ आचद गणयों नदे
मगुसलमदानयों कमो लड़कदे क्ययों न हटदायदे? जिब महदाददेव और चवष्णगु ककी पगुरदाणयों ममें कथदा हहै चक अनदेक चत्रपगुरदासगुर आचद
बड़दे भयङर दष्टगु यों कमो भस्म कर चदयदा तमो मगुसलमदानयों कमो भस्म क्ययों न चकयदा? इस सदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक वदे
चबचदारदे पदाषदाण क्यदा लड़तदे लड़दातदे? जिब मगुसलमदान मचन्दर और मभूचत्तर्थययों कमो तमोड़तदे-फमोड़तदे हह ए कदाशही कदे पदास आए
तब पभूजिदाररययों नदे उस पदाषदाण कदे चलङ कमो कभू प ममें डदाल और वदेणहीमदाधव कमो ब्रदाह्मण कदे घर ममें चछपदा चदयदा। जिब कदाशही
ममें कदालभहैरव कदे डर कदे मदारदे यमदतभू नहह जिदातदे और प्रलय समय ममें भही कदाशही कदा नदाश हमोनदे नहह ददेतदे तमो म्लदेच्छयों कदे
दतभू क्ययों न डरदायदे? और अपनदे रदाजि कदे मचन्दरयों कदा क्ययों नदाश हमोनदे चदयदा? यह सब पमोपमदायदा हहै।
(प्रश्न) गयदा ममें श्रदाद्ध करनदे सदे चपतरयों कदा पदाप छभू ट कर वहदासं कदे श्रदाद्ध कदे पगुण्य प्रभदाव सदे चपतर स्वगर्थ ममें
जिदातदे और चपतर अपनदा हदाथ चनकदाल कर चपण्ड लदेतदे हमैं। क्यदा यह भही बदात झभूठही हहै?
(उत्तर) सवर्थथदा झभूठ। जिमो वहदासं चपण्ड ददेनदे कदा वहही प्रभदाव हहै तमो चजिन पण्डयों कमो चपतरयों कदे सगुख कदे चलए
लदाखयों रुपयदे ददेतदे हमैं उन कदा व्यय गयदावदालदे वदेश्यदागमनदाचद पदाप ममें करतदे हमैं वह पदाप क्ययों नहह छभू टतदा? और हदाथ
चनकलतदा आजि कल कहह नहह दहीखतदा। चवनदा पण्डयों कदे हदाथयों कदे । यह कभही चकसही धभूत्तर्थ नदे पकचथवही ममें गगुफदा खमोद
उस ममें एक मनगुष्य बहैठदा चदयदा हमोगदा। पश्चदातम् उस कदे मगुख पर कगु छ चबछदा, चपण्ड चदयदा हमोगदा और उस कपटही नदे
उठदा चलयदा हमोगदा। चकसही आसंख कदे अन्धदे गदासंठ कदे पभूर दे कमो इस प्रकदार ठगदा हमो तमो आश्चयर्थ नहह। वहैसदे हही वहैजिनदाथ
कमो रदावण लदायदा थदा। यह भही चमथ्यदा बदात हहै।
(प्रश्न) ददेखमो! कलकत्तदे ककी कदालही और कदामदाकदा आचद ददेवही कमो लदाखयों मनगुष्य मदानतदे हमैं। क्यदा यह
चमत्कदार नहह हहै?
(उत्तर) कगु छ भही नहह। वदे अन्धदे लमोग भदेड़ कदे तगुल्य एक कदे पहीछदे दस भू रदे चलतदे हमैं। कभू प खदाड़दे ममें चगरतदे हमैं ;
हट नहह सकतदे। वहैसदे हही एक मभूखर्थ कदे पहीछदे दस
भू रदे चलकर मभूचत्तर्थपभूजिदा रूप गढ़दे ममें फसंसकर दमःगु ख पदातदे हमैं।
(प्रश्न) भलदा यह तमो जिदानदे दमो परन्तगु जिगन्नदाथ जिही ममें प्रत्यक चमत्कदार हहै। एक कलदेवर बदलनदे कदे समय
चन्दन कदा लकड़दा समगुद्र ममें सदे स्वयमदेव आतदा हहै। चभूल्हदे पर ऊपर-ऊपर सदात हण्डदे धरनदे सदे ऊपर-ऊपर कदे
पहलदे-पहलदे पकतदे हमैं। और जिमो कमोई वहदासं जिगन्नदाथ ककी परसदादही न खदावदे तमो कगु ष्ठिही हमो जिदातदा हहै और रथ आप सदे
आप चलतदा पदापही कमो दशर्थन नहह हमोतदा हहै। इन्द्रदमन कदे रदाज्य ममें ददेवतदाओसं नदे मचन्दर बनदायदा हहै। कलदेवर बदलनदे कदे
समय एक रदाजिदा, एक पण्डदा, एक बढ़ई मर जिदानदे आचद चमत्कदारयों कमो तगुम झभूठ न कर सकमोगदे?
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(उत्तर) चजिस नदे बदारह वषर्थ पयर्थन्त जिगन्नदाथ ककी पभूजिदा ककी थही वह चवरक्त हमो कर मथगुरदा ममें आयदा थदा; मगुझ
सदे चमलदा थदा। ममैंनदे इन बदातयों कदा उत्तर पभूछदा थदा। उस नदे यदे सब बदातमें झभूठ बतलदाई।सं चकन्तगु चवचदार सदे चनश्चय यह हहै
—जिब कलदेवर बदलनदे कदा समय आतदा हहै तब नचौकदा ममें चन्दन ककी लकड़ही लदे समगुद्र ममें डदालतदे हमैं वह समगुद्र ककी
लहररययों सदे चकनदारदे लग जिदातही हहै। उस कमो लदे सगुतदार लमोग मभूचत्तर्थयदासं बनदातदे हमैं। जिब रसमोई बनतही हहै तब कपदाट बन्द
करकदे रसमोइययों कदे चवनदा अन्य चकसही कमो न जिदानदे, न ददेखनदे ददेतदे हमैं। भभूचम पर चदारयों ओर छमः और बहीच ममें एक
चक्रदाकदार चभूल्हदे बनदातदे हमैं। उन हण्डयों कदे नहीचदे घही, मटही और रदाख लगदा छमः चभूल्हयों पर चदावल पकदा, उनकदे तलदे
मदासंजि कर, उस बहीच कदे हण्डदे ममें उसही समय चदावल डदाल छमः चभूल्हयों कदे मगुख लमोहदे कदे तवयों सदे बदासंध कर, दशर्थन
करनदे वदालयों कमो जिमो चक धनदाढ्य हयों, बगुलदा कदे चदखलदातदे हमैं। ऊपर-ऊपर कदे हण्डयों सदे चदावल चनकदाल, पकदे हह ए
चदावलयों कमो चदखलदा, नहीचदे कदे कच्चिदे चदावल चनकदाल चदखदा कदे उन सदे कहतदे हमैं चक कगु छ हण्डदे कदे चलयदे रख दमो। आसंख
कदे अन्धदे गदासंठ कदे पभूर दे रुपयदा अशफकीर्थ धरतदे और कमोई-कमोई मदाचसक भही बदासंध ददेतदे हमैं।
शभूद्र नहीच लमोग मचन्दर ममें नहैवदेद लदातदे हमैं। जिब नहैवदेद हमो चगुकतदा हहै तब वदे शभूद्र नहीच लमोग झभूठदा कर ददेतदे हमैं।
पश्चदातम् जिमो कमोई रुपयदा ददेकर हण्डदा लदेवदे उस कदे घर पहह संचदातदे और दहीन गकहस्थ और सदाधगु सन्तयों कमो लदेकदे शभूद्र और
अन्त्यजि पयर्थन्त एक पसंचक्त ममें बहैठ झभूसंठदा एक दस भू रदे कदा भमोजिन करतदे हमैं। जिब वह पसंचक्त उठतही हहै तब उन्हह पत्तलयों पर
भू रदे कमो बहैठदातदे जिदातदे हमैं; महदा अनदाचदार हहै। और बहह तदेरदे मनगुष्य वहदाह जिदाकर, उन कदा झभूसंठदा न खदाकदे, अपनदे हदाथ
दस
बनदा खदाकर चलदे आतदे हमैं, कगु छ भही कगु ष्ठिदाचद रमोग नहह हमोतदे। औदेर उस जिगन्नदाथपगुरही ममें भही बहह त सदे परसदादही नहह
खदातदे। उन कमो भही कगु ष्ठिदाचद रमोग नहह हमोतदे। और उस जिगन्नदाथपगुरही ममें भही बहह त सदे कगु ष्ठिही हमैं, चनत्यप्रचत झभूसंठदा खदानदे सदे
भही रमोग नहह छभूटतदा।
और यह जिगन्नदाथ ममें वदाममदाचगर्थययों नदे भहैरवहीचक्र बनदायदा हहै क्ययोंचक सगुभद्रदा, श्रही कक ष्ण और बलददेव ककी बचहन
लगतही हहै। उसही कमो दमोनयों भदाइययों कदे बहीच ममें सही और मदातदा कदे स्थदान बहैठदाई हहै। जिमो भहैरवहीचक्र न हमोतदा तमो यह बदात
कभही न हमोतही।
और रथ कदे पचहयदे कदे सदाथ कलदा बनदाई हहै। जिब उन कमो सभूधही घगुमदातदे हमैं घभूमतही हहै , तब रथ चलतदा हहै। जिब
मदेलदे कदे बहीच ममें पहह संचतदा हहै तभही उस ककी ककील कमो उल्टही घगुमदा ददेनदे सदे रथ खड़दा रह जिदातदा हहै। पगुजिदारही लमोग पगुकदारतदे
हमैं ददान ददेओ, पगुण्य करमो, चजिस सदे जिगन्नदाथ प्रसन्न हमोकर अपनदा रथ चलदावमें, अपनदा धमर्थ रहहै। जिब तक भमेंट आतही
जिदातही हहै तब तक ऐसदे हही पगुकदारतदे जिदातदे हमैं। जिब आ चगुकतही हहै तब एक रजिवदासही अच्छदे कपड़दे द सगु दालदा ओढ़ कर
आगदे खड़दा रहकदे हदाथ जिमोड़ स्तगुचत करतदा हहै चक ‘हदे जिगन्नदाथ स्वदाचमनम्! आप कक पदा करकदे रथ कमो चलदाइयदे, हमदारदा

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धमर्थ रक्खमो’ इत्यदाचद बमोल कदे सदाष्टदासंग दण्डवतम् प्रछणदाम कर रथ पर चढ़तदा हहै। उसही समय ककील कमो सभूधदा घगुमदा ददेतदे हमैं
और जिय-जिय शब्द बमोल, सहस्रयों मनगुष्य रस्सदा खहीचतदे हमैं, रथ चलतदा हहै।
जिब बहह त सदे लमोग दशर्थन कमो जिदातदे हमैं तब इतनदा बड़दा मचन्दर हहै चक चजिस ममें चदन ममें भही अन्धदेरदा रहतदा हहै
और दहीपक जिलदानदा पड़तदा हहै। उन मभूचत्तर्थययों कदे आगदे पड़ददे खमैंच कर लगदानदे कदे पदर्वे दमोनयों ओर रहतदे हमैं। पण्डदे पगुजिदारही
भहीतर खड़दे रहतदे हमैं। जिब एक ओर वदालदे नदे पदर्वे कमो खहचदा, झट मभूचत्तर्थ आड़ ममें आ जिदातही हहै। तब सब पण्डदे पगुजिदारही
पगुकदारतदे हमैं—तगुम भमेंट धरमो, तगुम्हदारदे पदाप छभूट जिदायमेंगदे, तब दशर्थन हमोगदा। शहीघ्र करमो। वदे चबचदारदे भमोलदे मनगुष्य धभूत्तर्यों कदे
हदाथ लभूटदे जिदातदे हमैं। और झट पददार्थ दसभू रदा खमैंच लदेतदे हमैं तभही दशर्थन हमोतदा हहै। तब जिय शब्द बमोल कदे प्रसन्न हमोकर धकदे
खदाकदे चतरस्कक त हमो चलदे आतदे हमैं।
इन्द्रदमन वहही हहै चक चजिस कदे कगु ल कदे लमोग अब तक कलकत्तदे ममें हमैं। वह धनदाढ्य रदाजिदा और ददेवही कदा
उपदासक थदा। उसनदे लदाखयों रुपयदे लगदा कर मचन्दर बनवदायदा थदा। इसचलयदे चक आयदार्थवत्तर्थ ददेश कदे भमोजिन कदा बखदेड़दा
इस रहीचत सदे छगु ड़दावमें। परन्तगु वदे मभूखर्थ कब छमोड़तदे हमैं? ददेव मदानमो तमो उन्हह कदारहीगरयों कमो मदानमो चक चजिन चशचल्पययों नदे
मचन्दर बनदायदा।
रदाजिदा, पण्डदा और बढ़ई उस समय नहह मरतदे परन्तगु वदे तहीनयों वहदासं प्रधदान रहतदे हमैं। छमोटयों कमो द मःगु ख ददेतदे
हयोंगदे। उन्हयोंनदे सम्मचत करकदे (उसही समय अथदार्थतम् कलदेवर बदलनदे कदे समय वदे तहीनयों उपचस्थत रहतदे हमैं। मभूचत्तर्थ कदा
हृदय पमोलदा रक्खदा हहै। उस ममें समोनदे कदे सम्पगुट ममें एक सदालगरदाम रखतदे हमैं चक चजिस कमो प्रचतचदन धमोकर चरणदामकत
बनदातदे हमैं। उस पर रदात्रही ककी शयन आत्तर्त्ती ममें उन लमोगयों नदे चवष कदा तदेजिदाब लपदेट चदयदा हमोगदा। उस कमो धमोकदे उन्हह
तहीनयों कमो चपलदायदा हमोगदा चक चजिस सदे वदे कभही मर गयदे हयोंगदे। मरदे तमो इस प्रकदार और भमोजिनभटयों नदे प्रचसद्ध चकयदा
हमोगदा चक जिगन्नदाथ जिही अपनदे शरहीर बदलनदे कदे समय तहीनयों भक्तयों कमो भही सदाथ लदे गयदे। ऐसही झभूसंठही बदातमें परदायदे धन
ठगनदे कदे चलयदे बहह त सही हह आ करतही हमैं।
(प्रश्न) जिमो रदामदेश्वर ममें गसंगमोत्तरही कदे जिल चढ़दातदे समय चलङ बढ़ जिदातदा हहै क्यदा यह भही बदात झभूठसं ही हहै?
(उत्तर) झभूसंठही! क्ययोंचक उस मचन्दर ममें भही चदन ममें अन्धदेरदा रहतदा हहै। दहीपक रदात चदन जिलदा करतदे हमैं। जिब
जिल ककी धदारदा छमोड़तदे हमैं तब उस जिल ममें चबजिगुलही कदे समदान दहीपक कदा प्रचतचबम्ब चलकतदा हहै और कगु छ भही नहह। न
पदाषदाण घटदे, न बढ़दे, चजितनदा कदा उतनदा रहतदा हहै। ऐदेसही लहीलदा करकदे चबचदारदे चनबगुर्थचद्धययों कमो ठगतदे हमैं।
(प्रश्न) रदामदेश्वर कमो रदामचन्द्र नदे स्थदापन चकयदा हहै। जिमो मभूचत्तर्थपभूजिदा वदेदचवरुद्ध हमोतही तमो रदामचन्द्र
मभूचत्तर्थस्थदापन क्ययों करतदे और वदाल्महीचक जिही रदामदायण ममें क्ययों चलखतदे?

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

(उत्तर) रदामचन्द्र कदे समय ममें उस चलङ वदा मचन्दर कदा नदाम चचह भही न थदा चकन्तगु यह ठहीक हहै चक
दचकण ददेशस्थ रदामनदामक रदाजिदा नदे मचन्दर बनवदा, चलङ कदा नदाम रदामदेश्वर धर चदयदा हहै। जिब रदामचन्द्र सहीतदा जिही कमो
लदे हनगुमदानम् आचद कदे सदाथ लटदा सदे चल आकदाश मदागर्थ ममें चवमदान पर बहैठ अयमोध्यदा कमो आतदे थदे तब सहीतदा जिही सदे
कहदा हहै चक—
अत्र पभूव र्वं महदाददेव मः प्रसदादमकरमोद म् चवभगुमः ।
सदेत गुब न्ध इचत चवख्यदातमम्॥
—वदाल्महीचक रदा॰। लङदा कदासं॰॥
हदे सहीतदे! तदेरदे चवयमोग सदे हम व्यदाकगुल हमोकर घभूमतदे थदे और इसही स्थदान ममें चदातगुमदार्थस चकयदा थदा और
परमदेश्वर ककी उपदासनदा ध्यदान भही करतदे थदे। वहही जिमो सवर्थत्र चवभगु (व्यदापक) ददेवयों कदा ददेव महदाददेव परमदात्मदा हहै उस
ककी कक पदा सदे हम कमो सब सदामग्रही यहदासं प्रदाप्त हहई। और ददेख ! यह सदेतगु हम नदे बदासंध कर लटदा ममें आकदे , उस रदावण कमो
मदार, तगुझ कमो लदे आयदे। इसकदे चसवदाय वहदासं वदाल्महीचक नदे अन्य कगु छ भही नहह चलखदा। क्ययों
(प्रश्न) ‘रसंग हहै कदाचलयदाकन्त कमो चजिसनदे हह क दा चपलदायदा सन्त कमो’। दचकण ममें एक कदाचलयदाकन्त
ककी मभूचत्तर्थ हहै। वह अब तक हहकदा चपयदा करतही हहै। जिमो मभूचत्तर्थ झभूसंठही हमो तमो यह चमत्कदार भही झभूसंठ हमो जिदाय।
(उत्तर) झभूसंठही-झभूसंठही। यह सब पमोपलहीलदा हहै। क्ययोंचक वह मभूचत्तर्थ कदा मगुख पमोलदा हमोगदा। उसकदा चछद्र पकष्ठि ममें
चनकदाल कदे चभत्तही कदे पदार दसभू रदे मकदान ममें नल लगदा हमोगदा। जिब पगुजिदारही हह कदा भरवदा पमेंचवदासं लगदा, मगुख ममें नलही जिमदा
कदे ,पड़ददे डदाल चनकल आतदा हमोगदा तभही पहीछदे वदालदा आदमही मगुख सदे खहचतदा हमोगदा तमो इधर हह कदा गड़-गड़ बमोलतदा
हमोगदा। दसभू रदा चछद्र नदाक और मगुख कदे सदाथ लगदा हमोगदा। जिब पहीछदे फभूसं कमें मदार ददेतदा हमोगदा तब नदाक और मगुख कदे चछद्रयों
सदे धगुआसं चनकलतदा हमोगदा उस समय बहह त सदे मभूढयों कमो धनदाचद पददाथर्यों सदे लभूट कर धनरचहत करतदे हयोंगदे।
(प्रश्न) ददेखमो! डदाकमोर जिही ककी मभूचत्तर्थ द्विदाररकदा सदे भगत कदे सदाथ चलही आई। एक सवदा रत्तही समोनदे ममें कई
मन ककी मभूचत्तर्थ तगुल गई। क्यदा यह भही चमत्कदार नहह?
(उत्तर) नहह! वह भक्त मभूचत्तर्थ कमो चमोर लदे आयदा हमोगदा और सवदा रत्तही कदे बरदाबर मभूचत्तर्थ कदा तगुलनदा चकसही
भसंगड़ आदमही नदे गप्प मदारदा हमोगदा।
(प्रश्न) ददेखमो! समोमनदाथ जिही पकचथवही कदे ऊपर रहतदा थदा और बड़दा चमत्कदार थदा क्यदा यह भही चमथ्यदा
बदात हहै?

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

(उत्तर) हदासं चमथ्यदा हहै। सगुनमो! ऊपर नहीचदे चगुम्बक पदाषदाण लगदा रक्खदे थदे। उसकदे आकषर्थण सदे वह मभूचत्तर्थ
अधर खड़ही थही। जिब ‘महमभूद गजिनवही’ आकर लड़दा तब यह चमत्कदार हह आ चक उस कदा मचन्दर तमोड़दा गयदा और
पगुजिदारही भक्तयों ककी ददगु र्थशदा हमो गई और लदाखयों फचौजि दश सहस्र फचौजि सदे भदाग गई। जिमो पमोप पगुजिदारही पभूजिदा, पगुरश्चरण,
स्तगुचत, प्रदाथर्थनदा करतदे थदे चक ‘हदे महदाददेव! इस म्लदेच्छ कमो तभू मदार डदाल, हमदारही रकदा कर, और वदे अपनदे चदेलदे
रदाजिदाओसं कमो समझदातदे थदे ‘चक आप चनचश्चन्त रचहयदे। महदाददेव जिही, भहैरव अथम्ःदावदा वहीरभद्र कमो भदेजि दमेंगदे। वदे सब
म्लदेच्छयों कमो मदार डदालमेंगदे वदा अन्धदा कर दमेंगदे। अभही हमदारदा ददेवतदा प्रचसद्ध हमोतदा हहै। हनगुमदानम् , दगगु दार्थ और भहैरव नदे स्वप्न
चदयदा हहै चक हम सब कदाम कर दमेंगदे। ’ वदे चवचदारदे भमोलदे रदाजिदा और कचत्रय पमोपयों कदे बहकदानदे सदे चवश्वदास ममें रहदे। चकतनदे
हही ज्यमोचतषही पमोपयों नदे कहदा चक अभही तगुम्हदारही चढ़दाई कदा मगुहहत्तर्थ नहह हहै। एक नदे आठवदासं चन्द्रमदा बतलदायदा, दस भू रदे नदे
यमोचगनही सदामनदे चदखलदाई। इत्यदाचद बहकदावट ममें रहदे।
जिब म्लदेच्छयों ककी फचौजि नदे आकर घदेर चलयदा तब ददगु र्थशदा सदे भदागदे , चकतनदे हही पमोप पगुजिदारही और उन कदे चदेलदे
पकड़दे गयदे। पगुजिदाररययों नदे यह भही हदाथ जिमोड़ कर कहदा चक तहीन क्रमोड़ रुपयदा लदे लमो मचन्दर और मभूचत्तर्थ मत तमोड़मो।
मगुसलमदानयों नदे कहदा चक हम ‘बगुत्परस्त’ नहह चकन्तगु ‘बगुतचशकनम् अथदार्थतम् मभूचत्तर्थपभूजिक नहह चकन्तगु मभूचत्तर्थभञ्जक हमैं। जिदा
कदे झट मचन्दर तमोड़ चदयदा। जिब ऊपर ककी छत टभू टही तब चगुम्बक पदाषदाण पकथकम् हमोनदे सदे मभूचत्तर्थ चगर पड़ही। जिब मभूचत्तर्थ
तमोड़ही तब सगुनतदे हमैं चक अठदारह करमोड़ कदे रत्न चनकलदे। जिब पगुजिदारही और पमोपयों पर कमोड़दा पड़दे तमो रमोनदे लगदे। कहदा
चक कमोष बतलदाओ। मदार कदे मदारदे झट बतलदा चदयदा। तब सब कमोष लभूट मदार कभू ट कर पमोप और उन कदे चदेलयों कमो
‘गगुलदाम’ चबगदारही बनदा, चपसनदा चपसवदायदा, घदास खगुदवदायदा, मल मभूत्रदाचद उठवदायदा और चनदा खदानदे कमो चदयदे। हदाय !
क्ययों पत्थर ककी पभूजिदा कर सत्यदानदाश कमो प्रदाप्त हह ए? क्ययों परमदेश्वर ककी भचक्त न ककी? जिमो म्लदेच्छयों कदे ददासंत तमोड़
डदालतदे और अपनदा चवजिय करतदे। ददेखमो! चजितनही मभूचत्तर्थयदाह हमैं उतनही शभूरवहीरयों ककी पभूजिदा करतदे तमो भही चकतनही रकदा
हमोतही? पगुजिदाररययों नदे इन पदाषदाणयों ककी इतनही भचक्त ककी चकन्तगु मभूचत्तर्थ एक भही उन कदे चशर पर उड़ कदे न लगही। जिमो
चकसही एक शभूरवहीर पगुरुष ककी मभूचत्तर्थ कदे सदृश सदेवदा करतदे तमो वह अपनदे सदेवकयों कमो यथदाशचक्त बचदातदा और उन
शत्रगुओसं कमो मदारतदा।
(प्रश्न) द्विदाररकदा जिही कदे रणछमोड़ जिही चजिस नदे ‘नसर्त्तीमचहतदा’ कदे पदास हह ण्डही भदेजि दही और उस कदा ऋण
चगुकदा चदयदा इत्यदाचद बदात भही क्यदा झभूठ हहै?
(उत्तर) चकसही सदाहहकदार नदे रुपयदे ददे चदयदे हयोंगदे। चकसही नदे झभूठदा नदाम उड़दा चदयदा हमोगदा चक श्रही कक ष्ण नदे
भदेजिदे। जिब ससंवतम् 1914 कदे वषर्थ ममें तमोपयों कदे मदारदे मचन्दर मभूचत्तर्थयदासं असंगरदेजियों नदे उड़दा दही थह तब मभूचत्तर्थ कहदासं गई थह?
प्रत्यगुत बदाघदेर लमोगयों नदे चजितनही वहीरतदा ककी और लड़दे शत्रगुओसं कमो मदारदा परन्तगु मभूचत्तर्थ एक मक्खही ककी टदासंग भही न तमोड़

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727

सककी। जिमो श्रहीककष्ण कदे सदृश कमोई हमोतदा तमो इनकदे धगुरर्वे उड़दा ददेतदा और यदे भदागतदे चफरतदे। भलदा यह तमो कहमो चक चजिस
कदा रकक मदार खदाय उस कदे शरणदागत क्ययों न पहीटदे जिदायमें?
(प्रश्न) ज्वदालदामगुखही तमो प्रत्यक ददेवही हहै सब कमो खदा जिदातही हहै। और प्रसदाद ददेवमें तमो आधदा खदा जिदातही और
आधदा छमोड़ ददेतही हहै। मगुसलमदान बदादशदाहयों नदे उस पर जिल ककी नहर छगु ड़वदाई और लमोहदे कदे तवदे जिड़वदायदे थदे तमो भही
ज्वदालदा न बगुभही और न रुककी। वहैसदे चहसंगलदाजि भही आधही रदात कमो सवदारही कर पहदाड़ पर चदखदाई ददेतही, पहदाड़ कमो
गजिर्थनदा करदातही हहै। चन्द्रकभू प बमोलतदा और यमोचनयन्त्र सदे चनकलनदे सदे पगुनजिर्थन्म नहह हमोतदा, ठभू मरदा बदासंधनदे सदे पभूरदा
महदापगुरुष कहदातदा। जिब तक चहगलदाजि न हमो आवदे तब तक आधदा महदापगुरुष बजितदा हहै। इत्यदाचद सब बदातमें क्यदा मदाननदे
यमोग्य नहह?
(उत्तर) नहह। क्ययोंचक वह ज्वदालदामगुखही पहदाड़ सदे आगही चनकलतही हहै। उस ममें पगुजिदारही लमोगयों ककी चवचचत्र
लहीलदा हहै। जिहैसदे बघदार कदे घही कदे चमचदे ममें ज्वदालदा आ जिदातही अलग करनदे सदे वदा फभूसं क मदारनदे सदे बगुझ जिदातही और थमोड़दा
सदे घही कमो खदा जिदातही, शदेष छमोड़ जिदातही हहै। उसही कदे समदान वहदासं भही हहै। जिहैसदे चभूल्हदे ककी ज्वदालदा ममें जिमो डदालदा जिदाय सब
भस्म हमो जिदातदा, जिसंगल वदा घर ममें लग जिदानदे सदे सब कमो खदा जिदातही हहै , इस सदे वहदासं क्यदा चवशदेष हहै? चवनदा एक
मचन्दर, कगु ण्ड और इधर उधर नल रचनदा कदे चहसंगलदाजि ममें न कमोई सवदारही हमोतही और जिमो कगु छ हमोतदा हहै वह सब पमोप
भू रदा कगु छ भही नहह। एक जिल और दलदल कदा कगु ण्ड बनदा रखदा हहै, चजिसकदे नहीचदे सदे बगुदबगुम् ददे
पगुजिदाररययों ककी लहीलदा सदे दस
उठतदे हमैं। उस कमो सफल यदात्रदा हमोनदा मभूढ़ मदानतदे हमैं। यमोचन कदा यन्त्र उन लमोगयों नदे धन हरनदे कदे चलयदे बनवदा रखदा हहै
और ठगु मरदे भही उसही प्रकदार पमोपलहीलदा कदे हमैं। उस सदे महदापगुरुष हमो तमो एक पशगु पर ठगु मरदे कदा बमोझ लदाद दमें तमो क्यदा
महदापगुरुष हमो जिदायगदा? महदापगुरुष तमो बड़दे उत्तम धमर्थयक्तगु पगुरुषदाथर्थ सदे हमोतदा हहै।
(प्रश्न) अमकतसर कदा तदालदाब अमकतरूप, एक मगुरदेठही कदा फल आधदा महीठदा और एक चभत्तही नमतही और
चगरतही नहह, रदेवदालसर ममें बदेड़दे तरतदे, अमरनदाथ ममें आप सदे आप चलङ बन जिदातदे, चहमदालय सदे कबभूतर कदे जिमोड़दे आ
कदे सब कमो दशर्थन ददेकर चलदे जिदातदे हमैं, क्यदा यह भही मदाननदे यमोग्य नहह?
(उत्तर) नहह। उस तदालदाब कदा नदाममदात्र अमकतसर हहै। जिब कभही जिसंगल हमोगदा तब उस कदा जिल अच्छदा
हमोगदा। इस सदे उस कदा नदाम अमकतसर धरदा हमोगदा। जिमो अमकत हमोतदा तमो पगुरदाचणययों कदे मदाननदे कदे तगुल्य कमोई क्ययों मरतदा।
चभत्तही ककी कगु छ बनदावट ऐसही हमोगही चजिससदे नमतही हमोगही और चगरतही न हमोगही। रहीठदे कलम कदे पहैबन्दही हयोंगदे अथवदा
गपमोड़दा हमोगदा। रदेवदालसर ममें बदेड़दा तरनदे ममें कगु छ कदारहीगरही हमोगही। अमरनदाथ ममें बफर्थ कदे पहदाड़ बनतदे हमैं तमो जिल जिम कदे
छमोटदे चलङ कदा बननदा कचौन आश्चयर्थ हहै ? और कबभूतर कदे जिमोड़दे पदाचलत हयोंगदे, पहदाड़ ककी आड़ ममें सदे मनगुष्य छमोड़तदे
हयोंगदे, चदखलदा कर टकदा हरतदे हयोंगदे।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

(प्रश्न) हरद्विदार स्वगर्थ कदा द्विदार हर ककी पहैड़ही ममें स्नदान करदे तमो पदाप छभू ट जिदातदे हमैं और तपमोवन ममें रहनदे सदे
तपस्वही हमोतदा, ददेवप्रयदाग, गसंगमोत्तरही ममें गमोमगुख, उत्तरकदाशही ममें गगुप्तकदाशही, चत्रयगुगही नदारदायण कदे दशर्थन हमोतदे हमैं। कदे ददार
और बदरहीनदारदायण ककी पभूजिदा छमः महहीनदे तक मनगुष्य और छमः महहीनदे तक ददेवतदा करतदे हमैं। महदाददेव कदा मगुख नहैपदाल ममें
पशगुपचत, चभूतड़ कदे ददार और तगुसंगनदाथ ममें, जिदानगु और पग अमरनदाथ ममें। इन कदे दशर्थन, स्पशर्थन, स्नदान करनदे सदे मगुचक्त
हमो जिदातही हहै। वहदासं कदे ददार और बदरही सदे स्वगर्थ जिदानदा चदाहहै तमो जिदा सकतदा हहै। इत्यदाचद बदातमें कहै सही हमैं?
(उत्तर) हरद्विदार उत्तर पहदाड़यों ममें जिदानदे कदा एक मदागर्थ कदा आरम्भ हहै। हर ककी पहैड़ही एक स्नदान कदे चलयदे कगु ण्ड
ककी सहीचढ़ययों कमो बनदायदा हहै। सच पभूछमो तमो ‘हदाड़पहैड़ही’ हहै क्ययोंचक ददेशददेशदान्तर कदे मकतकयों कदे हदाड़ उस ममें पड़दा करतदे
हमैं। पदाप कभही कहह नहह छभू ट सकतदे, चवनदा भमोगदे अथवदा नहह कटतदे। ‘तपमोवन’ जिब हमोगदा तब हमोगदा। अब तमो
‘चभकगुकवन’ हहै। तपमोवन ममें जिदानदे, रहनदे सदे तप नहह हमोतदा चकन्तगु तप तमो करनदे सदे हमोतदा हहै। क्ययोंचक वहदाह बहह त सदे
दक गु दानददार झभूठ बमोलनदे वदालदे भही रहतदे हमैं।
‘चहमवतमः प्रभवचत गङदा’ पहदाड़ कदे ऊपर सदे जिल चगरतदा हहै। गमोमगुख कदा आकदार टकदा लदेनदे वदालयों नदे
बनदायदा हमोगदा और वहही पहदाड़ पमोप कदा स्वगर्थ हहै। वहदाह उत्तरकदाशही आचद स्नदान ध्यदाचनययों कदे चलयदे अच्छदा हहै परन्तगु
दक गु दानददारयों कदे चलयदे वहदासं भही दक
गु दानददारही हहै। ददेवप्रयदाग पगुरदाणयों कदे गपमोड़यों ककी लहीलदा हहै अथदार्थतम् जिहदासं अलखनन्ददा और
गसंगदा चमलही हहै इसचलयदे वहदासं ददेवतदा वसतदे हमैं। ऐसदे गपमोड़दे न मदारमें तमो वहदासं कचौन जिदाय ? और टकदा कचौन ददेवदे?
गगुप्तकदाशही तमो नहह हहै वह प्रचसद्ध कदाशही हहै। तहीन यगुग ककी धभूनही तमो नहह दहीखतही परन्तगु पमोपयों ककी दश-बहीस पहीढ़ही ककी
हमोगही। जिहैसही खदाचखययों ककी धभूनही और पदाचसर्थययों ककी अग्यदारही सदहैव जिलतही रहतही हहै। तप्तकगु ण्ड भही पहदाड़यों कदे भहीतर
ऊष्मदा गमर्त्ती हमोतही हहै उसममें तप कर जिल आतदा हहै। उसकदे पदास दस भू रदे कगु ण्ड ममें ऊपर कदा जिल वदा जिहदासं गमर्त्ती नहह वहदासं
कदा आतदा हहै। इस सदे ठण्डदा हहै। कदे ददार कदा स्थदान वह भभूचम बहह त अच्छही हहै। परन्तगु वहदासं भही एक जिमदे हह ए पत्थर पर
पगुजिदारही वदा उनकदे चदेलयों नदे मचन्दर बनदा रखदा हहै। वहदासं महन्त पगुजिदारही पण्डदे आसंख कदे अन्धदे गदासंठ कदे पभूर यों सदे मदाल
लदेकर चवषयदानन्द करतदे हमैं। वहैसदे हही बदरहीनदारदायण ममें ठग चवददावदालदे बहह त सदे बहैठदे हमैं। ‘रदावल जिही’ वहदासं कदे मगुख्य हमैं।
एक सही छमोड़ अनदेक सही रख बहैठदे हमैं। पशगुपचत एक मचन्दर और पञ्चमगुखही मभूचत्तर्थ कदा नदाम धर रखदा हहै। जिब कमोई न
पभूछदे तभही ऐसही लहीलदा बलवतही हमोतही हहै। परन्तगु जिहैसदे तहीथर्थ कदे लमोग धभूतर्थ धनहरदे हमोतदे हमैं वहैसदे पहदाड़ही लमोग नहह हमोतदे।
वहदासं ककी भभूचम बड़ही रमणहीय और पचवत्र हहै।
(प्रश्न) चवन्ध्यदाचल ममें चवन्ध्यदेश्वरही कदालही अष्टभगुजिदा प्रत्यक सत्य हहै। चवन्ध्यदेश्वरही तहीन समय ममें तहीन रूप
बदलतही हहै और उसकदे बदाड़दे ममें मक्खही एक भही नहह हमोतही। प्रयदाग तहीथर्थरदाजि वहदासं चशर मगुण्डदायदे चसचद्ध, गसंगदा यमगुनदा कदे
ससंगम ममें स्नदान करनदे सदे इच्छदाचसचद्ध हमोतही हहै। वहैसदे हही अयमोध्यदा कई बदार उड़ कर सब बस्तही सचहत स्वगर्थ ममें चलही

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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गई। मथगुरदा सब तहीथर्यों सदे अचधक। वकन्ददावन लहीलदास्थदान और गमोवद्धर्थन रजियदात्रदा बड़दे भदाग्य सदे हमोतही हहै। सभूयर्थग्रहण ममें
कगु रुकदेत्र ममें लदाखयों मनगुष्ययों कदा मदेलदा हमोतदा हहै। क्यदा यदे सब बदातमें चमथ्यदा हमैं?
(उत्तर) प्रत्यक तमो आसंखयों सदे तहीनयों मभूचत्तर्थयदासं दहीखतही हमैं चक पदाषदाण ककी मभूचत्तर्थयदासं हमैं। और तहीन कदाल ममें तहीन
प्रकदार कदे रूप हमोनदे कदा कदारण पगुजिदारही लमोगयों कदे वस आचद आभभूषण पचहरदानदे ककी चतगुरदाई हहै और मचक्खयदासं सहस्रयों
लदाखयों हमोतही हमैं। ममैंनदे अपनही आसंखयों सदे ददेखदा हहै। प्रयदाग ममें कमोई नदाचपत श्लमोक बनदानदेहदारदा अथवदा पमोप जिही कमो कगु छ
धन ददेकदे मगुण्डन करदानदे कदा मदाहदात्म्य बनदायदा वदा बनवदायदा हमोगदा। प्रयदाग ममें स्नदान करकदे स्वगर्थ कमो जिदातदा तमो लचौटकर
घर ममें आतदा कमोई भही नहह दहीखतदा चकन्तगु घर कमो सब आतदे हहए दहीखतदे हमैं। अथवदा जिमो कमोई वहदासं डभू ब मरतदा और
उस कदा जिहीव भही आकदाश ममें वदायगु कदे सदाथ घभूम कर जिन्म लदेतदा हमोगदा। तहीथर्थरदाजि भही नदाम टकदा लदेनदे वदालयों नदे धरदा हहै।
जिड़ ममें रदाजिदा प्रजिदाभदाव कभही नहह हमो सकतदा। यह बड़ही असम्भव बदात हहै चक अयमोध्यदा नगरही वस्तही, कगु त्तदे, गधदे,
भसंगही, चमदार, जिदाजिरू सचहत तहीन बदार स्वगर्थ ममें चलही गई। स्वगर्थ ममें तमो नहह गई, वहह ककी वहह हहै परन्तगु पमोप जिही कदे
मगुख गपमोड़यों ममें अयमोध्यदा स्वगर्थ कमो उड़ गई। यह गपमोड़दा शब्दरूप उड़तदा चफरतदा हहै। ऐसही हही नहैचमषदारण्य आचद ककी
भही पमोपलहीलदा जिदाननही।
‘मथगुर दा तहीन लमोक सदे चनरदालही’ तमो नहह परन्तगु उसममें तहीन जिन्तगु बड़दे लहीलदाधदारही हमैं चक चजिन कदे मदारदे
जिल, स्थल और अन्तररक ममें चकसही कमो सगुख चमलनदा कचठन हहै। एक चचौबदे जिमो कमोई स्नदान करनदे जिदाय अपनदा कर
लदेनदे कमो खड़दे रह कर बकतदे रहतदे हमैं— ‘लदाओ यजिमदान। भदासंग मचर्त्ती और लडम् डभू खदावमें, पहीवमें। यजिमदान ककी जिहै-जिहै
मनदावमें।’ दसभू रदे जिल ममें कछगु वदे कदाट हही खदातदे हमैं, चजिन कदे मदारदे स्नदान करनदा भही घदाट पर कचठन पड़तदा हहै। तहीसरदे
आकदाश कदे ऊपर लदालमगुख कदे बन्दर पगड़ही, टमोपही, गहनदे और जिभूतदे तक भही नहह छमोड़में, कदाट खदावमें, धकदे ददे,
चगरदा मदार डदालमें और यदे तहीनयों पमोप और पमोप जिही कदे चदेलयों कदे पभूजिनहीय हमैं। मनयों चनदा आचद अन्न कछगु वदे और बन्दरयों
कमो चनदा गगुड़ आचद और चचौबयों ककी दचकणदा और लडहओसं सदे उन कदे सदेवक सदेवदा चकयदा करतदे हमैं। और वकन्ददावन जिब
थदा तब थदा अब तमो वदेश्यदावनवतम् ललदा ललही और गगुरु चदेलही आचद ककी लहीलदा फहै ल रहही हहै। वहैसदे हही दहीपमदाचलकदा कदा
मदेलदा गमोवद्धर्थन और रजियदात्रदा ममें भही पमोपयों ककी बन पड़तही हहै। कगु रुकदेत्र ममें भही वहही जिहीचवकदा ककी लहीलदा समझ लमो। इन ममें
जिमो कमोई धदाचमर्थक परमोपकदारही पगुरुष हहै इस पमोपलहीलदा सदे पकथकम् हमो जिदातदा हहै।
(प्रश्न) यह मभूचत्तर्थपभूजिदा और तहीथर्थ सनदातन सदे चलदे आतदे हमैं। झभूठदे क्ययोंकर हमो सकतदे हमैं?
(उत्तर) तगुम सनदातन चकस कमो कहतदे हमो। जिमो सददा सदे चलदा आतदा हहै। जिमो यह सददा सदे हमोतदा तमो वदेद और
ब्रदाह्मणदाचद ऋचषमगुचनकक त पगुस्तकयों ममें इन कदा नदाम क्ययों नहह? यह मभूचत्तर्थपभूजिदा अढ़दाई तहीन सहस्र वषर्थ कदे इधर-इधर
वदाममदागर्त्ती और जिहैचनययों सदे चलही हहै। प्रथम आयदार्थवत्तर्थ ममें नहह थही। और यदे तहीथर्थ भही नहह थदे। जिब जिहैचनययों नदे चगरनदार ,

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

पदाचलटदानदा, चशखर, शत्रगुञ्जय और आबभू आचद तहीथर्थ बनदायदे, उन कदे अनगुकभूल इन लमोगयों नदे भही बनदा चलयदे। जिमो कमोई
इनकदे आरम्भ ककी परहीकदा करनदा चदाहमें वदे पण्डयों ककी पगुरदानही सदे पगुरदानही बहही और तदासंबदे कदे पत्र आचद लदेख ददेखमें तमो
चनश्चय हमो जिदायदेगदा चक यदे सब तहीथर्थ पदाहच सचौ अथवदा सहस्र वषर्थ सदे इधर हही बनदे हमैं। सहस्र वषर्थ कदे उधर कदा लदेख
चकसही कदे पदास नहह चनकलतदा, इस सदे आधगुचनक हमैं।
(प्रश्न) जिमो-जिमो तहीथर्थ वदा नदाम कदा मदाहदात्म्य अथदार्थतम् जिहैसदे ‘अन्यकदेत्र दे कक तसं पदापसं कदाशहीकदेत्र दे चवनश्यचत।’
इत्यदाचद बदातमें हमैं वदे सच्चिही हमैं वदा नहह?
(उत्तर) नहह। क्ययोंचक जिमो पदाप छभू ट जिदातदे हयों तमो दररद्रयों कमो धन, रदाजिपदाट। अन्धयों कमो आसंख चमल जिदातही।
कमोचढ़ययों कदा कमोढ़ आचद रमोग छभू ट जिदातदा। ऐसदा नहह हमोतदा। इसचलयदे पदाप वदा पगुण्य चकसही कदा नहह छभू टतदा।
(प्रश्न) गङदा गङदे च त यमो ब्रभूय दादमोजिनदानदासं शतहैर चप।
मगुच् यतदे सवर्थप दापदेम् यमो चवष्णगुल मोकसं स गच्छचत॥1॥
हररहर्थर चत पदापदाचन हररररत्यकरद्वियमम्॥ 2॥
प्रदातमःकदालदे चशवसं दृष्ट्वदा चनचश पदापसं चवनश्यचत।
आजिन्मकक तसं मध्यदाहदे सदायदाहदे सप्तजिन्मनदामम्॥ 3॥
इत्यदाचद श्लमोक पमोपपगुरदाण कदे हमैं। जिमो सहैकड़यों सहस्रयों कमोश दरभू सदे भही गङदा-गङदा कहहै तमो उस कदे सब पदाप
नष्ट हमोकर वह चवष्णगुलमोक अथदार्थतम् वहैकगुण्ठ कमो जिदातदा हहै॥1॥
‘हरर’ इन दमो अकरयों कदा नदाममोच्चिदारण सब पदाप कमो हर लदेतदा हहै। वहैसदे हही रदाम , कक ष्ण, चशव, भगवतही आचद
नदामयों कदा मदाहदात्म्य हहै॥2॥
और जिमो मनगुष्य प्रदातमःकदाल ममें चशव अथदार्थतम् चलङ वदा उस ककी मभूचत्तर्थ कदा दशर्थन करदे तमो रदाचत्र ममें चकयदा हहआ।
मध्यदाह ममें दशर्थन सदे जिन्म भर कदा, सदायसंकदाल ममें दशर्थन करनदे सदे सदात जिन्मयों कदा पदाप छभू ट जिदातदा हहै। यह दशर्थन कदा
मदाहदात्म्य हहै॥3॥
क्यदा झभूठदा हमो जिदायदेगदा?
(उत्तर) चमथ्यदा हमोनदे ममें क्यदा शङदा? क्ययोंचक गङदा-गङदा वदा हरदे, रदाम, कक ष्ण, नदारदायण, चशव और
भगवतही नदामस्मरण सदे पदाप कभही नहह छभू टतदा। जिमो छभूटदे तमो दमःगु खही कमोई न रहहै। और पदाप करनदे सदे कमोई भही न डरदे ,
जिहैसदे आजिकल पमोपलहीलदा ममें पदाप बढ़ कर हमो रहदे हमैं। मभूढ़यों कमो चवश्वदास हहै चक हम पदाप कर नदामस्मरण वदा तहीथर्थयदात्रदा
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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करमेंगदे तमो पदापयों ककी चनवकचत्त हमो जिदायदेगही। इसही चवश्वदास पर पदाप करकदे इस लमोक और परलमोक कदा नदाश करतदे हमैं। पर
चकयदा हह आ पदाप भमोगनदा हही पड़तदा हहै।
(प्रश्न) तमो कमोई तहीथर्थ नदामस्मरण सत्य हहै वदा नहह?
(उत्तर) हहै—वदेददाचद सत्य शदासयों कदा पढ़नदा-पढ़दानदा, धदाचमर्थक चवद्विदानयों कदा ससंग, परमोपकदार, धमदार्थनगुष्ठिदान,
यमोगदाभ्यदास, चनवर्वैर, चनष्कपट, सत्यभदाषण, सत्य कदा मदाननदा। सत्य करनदा। ब्रह्मचयर्थ, आचदायर्थ, अचतचथ, मदातदा,
चपतदा ककी सदेवदा। परमदेश्वर ककी स्तगुचत प्रदाथर्थनदा, उपदासनदा। शदाचन्त, चजितदेचन्द्रयतदा, सगुशहीलतदा, धमर्थयक्त गु पगुरुषदाथर्थ,
जदान-चवजदान आचद शगुभगगुण, कमर्थ दमःगु खयों सदे तदारनदे वदालदे हमोनदे सदे तहीथर्थ हमैं। और जिमो जिल स्थलमय हमैं वदे तहीथर्थ कभही
नहह हमो सकतदे क्ययोंचक ‘जिनदा यहैस् तरचन्त तदाचन तहीथदार्थच न’ मनगुष्य चजिन करकदे दमःगु खयों सदे तरमें उन कदा नदाम तहीथर्थ
हहै। जिल स्थल तरदानदे वदालदे नहह चकन्तगु डगु बदाकर मदारनदे वदालदे हमैं। प्रत्यगुत नचौकदा आचद कदा नदाम तहीथर्थ हमो सकतदा हहै
क्ययोंचक उन सदे भही समगुद्र आचद कमो तरतदे हमैं।
समदानतहीथर्वे वदासही॥1॥
—अष्टदा॰ 4। 4। 107॥
नमस्तहीरम्थ् यदाय च॥2॥
—यजिगुमः॰ अ॰ 16॥
जिमो ब्रह्मचदारही एक आचदायर्थ सदे और एक शदास कमो सदाथ -सदाथ पढ़तदे हयों वदे सब सतहीथ्यर्थ अथदार्थतम्
समदानतहीथर्थसदेवही हमोतदे हमैं॥1॥
जिमो वदेददाचद शदास और सत्यभदाषणदाचद धमर्थ लकणयों ममें सदाधगु हमो उस कमो अन्नदाचद पददाथर्थ ददेनदा और उन सदे
चवददा लदेनही इत्यदाचद तहीथर्थ कहदातदे हमैं॥2॥नदामस्मरण इस कमो कहतदे हमैं चक—
यस्य नदाम महदशमः॥
—यजिगु॰॥
परमदेश्वर कदा नदाम बड़दे यश अथदार्थतम् धमर्थयक्त गु कदामयों कदा करनदा हहै। जिहैसदे ब्रह्म, परमदेश्वर, ईश्वर,
न्यदायकदारही, दयदालगु, सवर्थशचक्तमदानम् आचद नदाम परमदेश्वर कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव सदे हमैं। जिहैसदे ब्रह्म सब सदे बड़दा,
परमदेश्वर ईश्वरयों कदा ईश्वर, ईश्वर सदामथ्यर्थयक्तगु , न्यदायकदारही कभही अन्यदाय नहह करतदा, दयदालगु सब पर कक पदादृचष्ट
रखतदा, सवर्थशचक्तमदानम् अपनदे सदामथ्यर्थ हही सदे सब जिगतम् ककी उत्पचत्त, चस्थचत, प्रलय करतदा, सहदाय चकसही कदा नहह

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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लदेतदा। ब्रह्मदा चवचवध जिगतम् कदे पददाथर्यों कदा बनदानदेहदारदा, चवष्णगु सब ममें व्यदापक हमोकर रकदा करतदा, महदाददेव सब ददेवयों कदा
ददेव, रुद्र प्रलय करनदेहदारदा, आचद नदामयों कदे अथर्यों कमो अपनदे ममें धदारण करदे अथदार्थतम् बड़दे कदामयों सदे बड़दा हमो, समथर्यों ममें
समथर्थ हमो, सदामथ्यर्यों कमो बढ़दातदा जिदाय। अधमर्थ कभही न करदे। सब पर दयदा रक्खदे। सब प्रकदार कदे सदाधनयों कमो समथर्थ
करदे। चशल्प चवददा सदे नदानदा प्रकदार कदे पददाथर्यों कमो बनदावदे। सब ससंसदार ममें अपनदे आत्मदा कदे तगुल्य सगुख-दमःगु ख समझदे।
सब ककी रकदा करदे। चवद्विदानयों ममें चवद्विदानम् हमोवदे। दष्टगु कमर्थ और दष्टगु कमर्थ करनदे वदालयों कमो प्रयत्न सदे दण्ड और सज्जनयों ककी
रकदा करदे। इस प्रकदार परमदेश्वर कदे नदामयों कदा अथर्थ जिदानकर परमदेश्वर कदे गगुण , कमर्थ, स्वभदाव कदे अनगुकभूल अपनदे गगुण,
कमर्थ, स्वभदाव कमो करतदे जिदानदा हही परमदेश्वर कदा नदामस्मरण हहै।
(प्रश्न) गगुरु ब्रर्थह्म दा गगुरु चवर्थष् णगु ग गुर्थरु दर्वेव मो महदेश् वरमः।
गगुरु रदेव परसं ब्रह्म तस्महै श्रहीगगुर वदे नममः॥
इत्यदाचद गगुरुमदाहदात्म्य तमो सच्चिदा हहै? गगुरु कदे पग धमोकदे पहीनदा, जिहैसही आजदा करदे वहैसदा करनदा, गगुरु लमोभही हमो
तमो वदामन कदे समदान, क्रमोधही हमो तमो नरचससंह कदे सदृश, ममोहही हमो तमो रदाम कदे तगुल्य और कदामही हमो तमो कक ष्ण कदे समदान
गगुरु कमो जिदाननदा। चदाहहै गगुरु जिही कहै सदा हही पदाप करदे तमो भही अश्रद्धदा न करनही। सन्त वदा गगुरु कदे दशर्थन कमो जिदानदे ममें पग-
पग ममें अश्वमदेध कदा फल हमोतदा हहै। यह बदात ठहीक हहै वदा नहह?
(उत्तर) ठहीक नहह। ब्रह्मदा, चवष्णगु, महदेश्वर और परब्रह्म परमदेश्वर कदे नदाम हमैं। उसकदे तगुल्य गगुरु कभही
नहह हमो सकतदा। यह गगुरुमदाहदात्म्य गगुरुगहीतदा भही एक बड़ही पमोपलहीलदा हहै। गगुरु तमो मदातदा, चपतदा, आचदायर्थ और अचतचथ
हमोतदे हमैं। उन ककी सदेवदा करनही, उन सदे चवददा, चशकदा लदेनही ददेनही, चशष्य और गगुरु कदा कदाम हहै। परन्तगु जिमो गगुरु लमोभही,
क्रमोधही, ममोहही और कदामही हमो तमो उस कमो सवर्थथदा छमोड़ ददेनदा, चशकदा करनही, सहजि चशकदा सदे न मदानदे तमो अघ्यर्थ, पदाद
अथदार्थतम् तदाड़नदा दण्ड प्रदाणहरण तक भही करनदे ममें कगु छ भही दमोष नहह। जिमो चवददाचद सदगगुणयों ममें गगुरुत्व नहह हहै, झभूठ-
मभूठ कण्ठही चतलक वदेद-चवरुद्ध मन्त्रमोपददेश करनदे वदालदे हमैं वदे गगुरु हही नहह चकन्तगु गड़ररयदे जिहैसदे हमैं। जिहैसदे गड़ररयदे अपनही
भदेड़ बकररययों सदे दधभू आचद सदे प्रयमोजिन चसद्ध करतदे हमैं वहैसदे हही चशष्ययों कदे चदेलदे चदेचलययों कदे धन हर कदे अपनदा प्रयमोजिन
करतदे हमैं। वदे—
दमो॰— गगुरु लमोभही चदेल दा लदालचही, दमोनयों खदे ल में ददाव।
भवसदागर ममें डभू बतदे, बहैठ पत्थर ककी नदाव॥
गगुरु समझमें चक चदेलदे चदेलही कगु छ न कगु छ ददेवमें हहगदे और चदेलदा समझदे चक चलमो गगुरु झभूठदे समोगन्द खदानदे , पदाप
छगु ड़दानदे आचद लदालच सदे दमोनयों कपटमगुचन भवसदागर कदे दमःगु ख ममें डभू बतदे हमैं। जिहैसदे पत्थर ककी नचौकदा ममें बहैठनदे वदालदे समगुद्र

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ममें डभू ब मरतदे हमैं। ऐसदे गगुरु और चदेलयों कदे मगुख पर धभूड़ रदाख पड़दे। उस कदे पदास कमोई भही खड़दा न रहहै जिमो रहहै वह
दमःगु खसदागर ममें पड़देगदा। जिहैसही पमोपलहीलदा पगुजिदारही पगुरदाचणययों नदे चलदाई हहै वहैसही इन गड़ररयदे गगुरुओसं नदे भही लहीलदा मचदाई हहै।
यह सब कदाम स्वदाथर्त्ती लमोगयों कदा हहै। जिमो परमदाथर्त्ती लमोग हमैं वदे आप द मःगु ख पदावमें तमो भही जिगतम् कदा उपकदार करनदा नहह
छमोड़तदे। और गगुरु मदाहदात्म्य तथदा गगुरुगहीतदा आचद भही इन्हह लमोभही कगु कमर्त्ती गगुरुओसं नदे बनदाई हहै।
(प्रश्न) अष्टदादशपगुर दाणदानदासं कत्तदार्थ सत्यवतहीसगुत मः॥1॥
इचतहदासपगुर दाणदाभ्यदासं वदेद दाथर्थम पगु बकहसं यदेत म्॥ 2॥
—महदाभदारतदे॥
पगुर दाणदाचन चखलदाचन च॥3॥
—मनगु॰॥
इचतहदासपगुर दाणमः पञ्चममो वदेद दानदासं वदेद मः॥4॥
—छदान्दमोग्य॥
दशमदेऽ हचन चकचञ्चत्पगुर दाणमदाचकहीत॥5॥
पगुर दाणचवददा वदेद मः॥6॥
—सभूत्रमम्॥
अठदारह पगुरदाणयों कदे कत्तदार्थ व्यदास जिही हमैं। व्यदासवचन कदा प्रमदाण अवश्य करनदा चदाचहयदे॥1॥
इचतहदास, महदाभदारत, अठदारह पगुरदाणयों सदे वदेदयों कदा अथर्थ पढ़में पढ़दावमें क्ययोंचक इचतहदास और पगुरदाण वदेदयों हही कदे
अथर्थ अनगुकभूल हमैं॥2॥
चपतककमर्थ ममें पगुरदाण और हररवसंश ककी कथदा सगुनमें॥3॥
इचतहदास और पगुरदाण पञ्चम वदेद कहदातदे हमैं॥4॥
अश्वमदेध ककी समदाचप्त ममें दशमदे चदन थमोड़ही सही पगुरदाण ककी कथदा सगुनमें॥5॥
पगुरदाण चवददा वदेददाथर्थ कदे जिनदानदे हही सदे वदेद हमैं॥6॥
इत्यदाचद प्रमदाणयों सदे पगुरदाणयों कदा प्रमदाण और इन कदे प्रमदाणयों सदे मभूचत्तर्थपभूजिदा और तहीथर्यों कदा भही प्रमदाण हहै क्ययोंचक
पगुरदाणयों ममें मभूचत्तर्थपभूजिदा और तहीथर्यों कदा चवधदान हहै।

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(उत्तर) जिमो अठदारह पगुरदाणयों कदे कत्तदार्थ व्यदास जिही हमोतदे तमो उन ममें इतनदे गपमोड़दे न हमोतदे। क्ययोंचक शदारहीरक
सभूत्रयों, यमोगशदास कदे भदाष्य आचद व्यदासमोक्त ग्रन्थयों कदे ददेखनदे सदे चवचदत हमोतदा हहै चक व्यदास जिही बड़दे चवद्विदानम् ,
सत्यवदादही, धदाचमर्थक, यमोगही थदे। वदे ऐसही चमथ्यदा कथदा कभही न चलखतदे। और इस सदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक चजिन
सम्प्रददायही परस्पर चवरमोधही लमोगयों नदे भदागवतदाचद नवहीन कपमोलकचल्पत ग्रन्थ बनदायदे हमैं उन ममें व्यदास जिही कदे गगुणयों कदा
लदेश भही नहह थदा। और वदेदशदास चवरुद्ध असत्यवदाद चलखनदा व्यदास जिही सदृश चवद्विदानयों कदा कदाम नहह चकन्तगु यह
कदाम वदेदशदास चवरमोधही, स्वदाथर्त्ती, अचवद्विदानम् लमोगयों कदा हहै। इचतहदास और पगुरदाण चशवपगुरदाणदाचद कदा नदाम नहह। चकन्तगु

ब्रदाह्मणदानहीचतहदासदानम् पगुर दाणदाचन कल्पदानम् गदाथदानदारदाशसंस हीररचत॥
यह ब्रदाह्मण और सभूत्रयों कदा वचन हहै। ऐतरदेय , शतपथ, सदाम और गमोपथ ब्रदाह्मण ग्रन्थयों हही कदे इचतहदास,
पगुरदाण, कल्प, गदाथदा और नदारदाशसंसही यदे पदासंच नदाम हमैं। (इचतहदास) जिहैसदे जिनक और यदाजवल्क्य कदा ससंवदाद।
(पगुरदाण) जिगदत्गु पचत्त आचद कदा वणर्थन। (कल्प) वदेद शब्दयों कदे सदामथ्यर्थ कदा वणर्थन, अथर्थ चनरूपण करनदा (गदाथदा)
चकसही कदा दृष्टदान्त ददाष्टदार्थन्तरूप कथदा प्रससंग कहनदा। (नदारदाशसंसही) मनगुष्ययों कदे प्रशसंनहीय वदा अप्रशसंनहीय कमर्यों कदा कथन
करनदा। इन हही सदे वदेददाथर्थ कदा बमोध हमोतदा हहै।
चपतककमर्थ अथदार्थतम् जदाचनययों ककी प्रशसंसदा ममें कगु छ सगुननदा। अश्वमदेध कदे अन्त ममें भही इन्हह कदा सगुननदा चलखदा हहै
क्ययोंचक जिमो व्यदासकक त ग्रन्थ हमैं उन कदा सगुननदा सगुनदानदा व्यदास जिही कदे जिन्म कदे पश्चदातम् हमो सकतदा हहै; पभूवर्थ नहह। जिब
व्यदास जिही कदा जिन्म भही नहह थदा तब वदेददाथर्थ कमो पढ़तदे -पढ़दातदे सगुनतदे-सगुनदातदे थदे। इसहीचलयदे सब सदे प्रदाचहीन ब्रदाह्मण
ग्रन्थयों हही ममें यह सब घटनदा हमो सकतही हमैं। इन नवहीन कपमोलकचल्पत श्रहीमददागवत चशवपगुरदाणदाचद चमथ्यदा वदा द चभू षत
ग्रन्थयों ममें नहह घट सकतही?
जिब व्यदास जिही नदे वदेद पढ़दे और पढ़दा कर वदेददाथर्थ फहै लदायदा इसहीचलयदे उन कदा नदाम ‘वदेदव्यदास’ हह आ। क्ययोंचक
व्यदास कहतदे हमैं वदार पदार ककी मध्य रदेखदा कमो अथदार्थतम् ऋग्वदेद कदे आरम्भ सदे लदेकर अथवर्थवदेद कदे पदार पयर्थन्त चदारयों वदेद
पढ़दे थदे और शगुकददेव तथदा जिहैचमचन आचद चशष्ययों कमो पढ़दायदे भही थदे। नहह तमो उन कदा जिन्म कदा नदाम ‘कक ष्णद्विहैपदायन’
थदा जिमो कमोई यह कहतदे हमैं चक वदेदयों कमो व्यदास जिही नदे इकटदे चकयदे यह बदात झभूठही हहै क्ययोंचक व्यदास जिही कदे चपतदा,
चपतदामह, प्रचपतदामह, परदाशर, शचक्त वचशष्ठि और ब्रह्मदा आचद नदे भही चदारयों वदेद पढ़दे थदे। यह बदात क्ययोंकर घट सकदे ?
(प्रश्न) पगुरदाणयों ममें सब बदातमें झभूठही हमैं वदा कमोई सच्चिही भही हहै?

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(उत्तर) बहह त सही बदातमें झभूठही हमैं और कमोई घगुणदाकरन्यदाय सदे सच्चिही भही हमैं। जिमो सच्चिही हमैं वदे वदेददाचद सत्यशदासयों
ककी और जिमो झभूठही हमैं वदे इन पमोपयों कदे पगुरदाणरूप घर ककी हमैं। जिहैसदे चशवपगुरदाण ममें शहैवयों नदे चशव कमो परमदेश्वर मदान कदे
चवष्णगु, ब्रह्मदा, इन्द्र, गणदेश और सभूयदार्थचद कमो उन कदे ददास ठहरदायदे। वहैष्णवयों नदे चवष्णगुपगुरदाण आचद ममें चवष्णगु कमो
परमदात्मदा मदानदा और चशव आचद कमो चवष्णगु कदे ददास। ददेवहीभदागवत ममें ददेवही कमो परमदेश्वरही और चशव, चवष्णगु आचद कमो
उस कदे चकसंकर बनदायदे। गणदेशखण्ड ममें गणदेश कमो ईश्वर और शदेष सब कमो ददास बनदायदे। भलदा यह बदात इन सम्प्रददायही
लमोगयों ककी नहह तमो चकन ककी हहै? एक मनगुष्य कदे बनदानदे ममें ऐसही परस्पर चवरुद्ध बदात नहह हमोतही तमो चवद्विदानम् कदे बनदायदे
ममें कभही नहह आ सकतही। इस ममें एक बदात कमो सच्चिही मदानमें तमो दस भू रही झभूठही और जिमो दस भू रही कमो सच्चिही मदानमें तमो तहीसरही
झभूठही और जिमो तहीसरही कमो सच्चिही मदानमें अन्य सब झभूठही हमोतही हमैं।
चशवपगुरदाणवदालदे नदे चशव सदे, चवष्णगुपगुरदाणवदालयों नदे चवष्णगु सदे, ददेवहीपगुरदाणवदालदे नदे ददेवही सदे, गणदेशखण्डवदालदे नदे
गणदेश सदे, सभूयर्थपगुरदाणवदालदे नदे सभूयर्थ सदे और वदायपगु गुरदाणवदालदे नदे वदायगु सदे सकचष्ट ककी उत्पचत्त प्रलय चलखकदे पगुनमः एक-एक
सदे एक-एक जिमो जिगतम् कदे कदारण चलखदे उन ककी उत्पचत्त एक-एक सदे चलखही। कमोई पभूछदे चक जिमो जिगतम् ककी उत्पचत्त,
चस्थचत, प्रलय करनदेवदालदा हहै वह उत्पन्न और जिमो उत्पन्न हमोतदा हहै वह सकचष्ट कदा कदारण कभही हमो सकतदा हहै वदा नहह?
तमो कदे वल चगुप रहनदे कदे चसवदाय कगु छ भही नहह कह सकतदे औदेर इन सब कदे शरहीर ककी उत्पचत्त भही इसही सदे हह ई हमोगही
चफर वदे आप सकचष्ट पददाथर्थ और पररचच्छन्न हमोकर ससंसदार ककी उत्पचत्त कदे कत्तदार्थ क्ययोंकर हमो सकतदे हमैं ? और उत्पचत्त
भही चवलकण-चवलकण प्रकदार सदे मदानही हहै जिमो चक सवर्थथदा असम्भव हहै। जिहैसदे—
चशवपगुरदाण ममें चशव नदे इच्छदा ककी चक ममैं सकचष्ट करूसं तमो एक नदारदायण जिलदाशय कमो उत्पन्न कर उस ककी नदाचभ
सदे कमल, कमल ममें सदे ब्रह्मदा उत्पन्न हहआ। उस नदे ददेखदा चक सब जिलमय हहै। जिल ककी असंजिचल उठदा ददेख जिल ममें
पटक दही। उस सदे एक बगुददगु दा उठदा और बगुददगु दे ममें सदे एक पगुरुष उत्पन्न हह आ। उस नदे ब्रह्मदा सदे कहदा चक हदे पगुत्र! सकचष्ट
उत्पन्न कर। ब्रह्मदा नदे उस सदे कहदा चक ममैं तदेरदा पगुत्र नहह चकन्तगु तभू मदेरदा पगुत्र हहै। उन ममें चववदाद हह आ और
चदव्यसहस्रवषर्थपयर्थन्त दमोनयों जिल पर लड़तदे रहदे। तब महदाददेव नदे चवचदार चकयदा चक चजिन कमो ममैंनदे सकचष्ट करनदे कदे चलयदे
भदेजिदा थदा वदे दमोनयों आपस ममें लड़ झगड़ रहदे हमैं। तब उन दमोनयों कदे बहीच ममें सदे एक
तदेजिमोमय चलङ उत्पन्न हह आ और वह शहीघ्र आकदाश ममें चलदा गयदा। उस कमो ददेख कदे दमोनयों सदाश्चयर्थ हमो गयदे।
चवचदारदा चक इस कदा आचद अन्त लदेनदा चदाचहयदे। जिमो आचद अन्त लदेकदे शहीघ्र आवदे वह चपतदा और पहीछदे वदा थदाह लदेकदे न
आवदे वह पगुत्र कहदावदे।
चवष्णगु कभू मर्थ कदा स्वरूप धर कदे नहीचदे कमो चलदा और ब्रह्मदा हसंस कदा शरहीर धदारण करकदे ऊपर कमो उड़दा। दमोनयों
मनमोवदेग सदे चलदे। चदव्यसहस्रवषर्थ पयर्थन्त दमोनयों चलतदे रहदे तमो भही उस कदा अन्त न पदायदा। तब नहीचदे सदे ऊपर चवष्णगु

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और ऊपर सदे नहीचदे ब्रह्मदा चलदा। ब्रह्मदा नदे चवचदारदा चक जिमो वह छदेड़दा लदे आयदा हमोगदा तमो मगुझ कमो पगुत्र बननदा पड़देगदा। ऐसदा
समोच रहदा थदा चक उसही समय एक गदाय और कदे तककी कदा वकक ऊपर सदे उतर आयदा। उन सदे ब्रह्मदा नदे पभूछदा चक तगुम
कहदासं सदे आयदे? उन्हयोंनदे कहदा हम सहस्र वषर्यों सदे इस चलङ कदे आधदार सदे चलदे आतदे हमैं। ब्रह्मदा नदे पभूछदा चक इस चलङ
कदा थदाह हहै वदा नहह? उन्हयोंनदे कहदा चक नहह। ब्रह्मदा नदे उन सदे कहदा चक तगुम हमदारदे सदाथ चलमो और ऐसही सदाकही ददेओ
चक ममैं इस चलङ कदे चशर पर दधभू ककी धदारदा वषदार्थतही थही और वकक कहदे चक ममैं फभू ल वषदार्थतदा थदा। ऐसही सदाकही ददेओ तमो ममैं
तगुम कमो चठकदानदे पर लदे चलभूसं ; उन्हयोंनदे कहदा चक हम झभूठही सदाकही नहह दमेंगदे। तब ब्रह्मदा कगु चपत हमोकर बमोलदा जिमो सदाकही
नहह ददेओगदे तमो ममैं तगुम कमो अभही भस्म करदे ददेतदा हह।सं तब दमोनयों नदे डर कदे कहदा चक हम जिहैसही तगुम कहतदे हमो वहैसही सदाकही
ददेवगमें दे। तब तहीनयों नहीचदे ककी ओर चलदे।
चवष्णगु प्रथम हही आ गयदे थदे, ब्रह्मदा भही पहह संचदा। चवष्णगु सदे पभूछदा चक तभू थदाह लदे आयदा वदा नहह? तब चवष्णगु
बमोलदा मगुझ कमो इसकदा थदाह नहह चमलदा। ब्रह्मदा नदे कहदा ममैं लदे आयदा। चवष्णगु नदे कहदा कमोई सदाकही ददेओ। तब गदाय और
वकक नदे सदाकही दही। हम दमोनयों चलङ कदे चसर पर थदे। तब चलङ ममें सदे शब्द चनकलदा और वकक कमो शदाप चदयदा चक चजिस सदे
तभू झभूठ बमोलदा इसचलयदे तदेरदा फभू ल मगुझ पर वदा अन्य ददेवतदा पर जिगतम् ममें कहह नहह चढ़देगदा और जिमो कमोई चढ़दावदेगदा उस
कदा सत्यदानदाश हमोगदा। गदाय कमो शदाप चदयदा चजिस मगुख सदे तभू झभूठ बमोलही उसही सदे चवष्ठिदा खदायदा करदेगही। तदेरदे मगुख ककी पभूजिदा
कमोई नहह करदेगदा चकन्तगु पभूहछ ककी करमेंगदे। और ब्रह्मदा कमो शदाप चदयदा चक तभू चमथ्यदा बमोलदा इसचलयदे तदेरही पभूजिदा ससंसदार ममें
कहह न हमोगही। और चवष्णगु कमो वर चदयदा तभू सत्य बमोलदा इस सदे तदेरही पभूजिदा सवर्थत्र हमोगही।
पगुनमः दमोनयों नदे चलङ ककी स्तगुचत ककी। उस सदे प्रसन्न हमोकर उस चलङ सदे एक जिटदाजिभूट मभूचत्तर्थ चनकल आई और
कहदा चक तगुम कमो ममैंनदे सकचष्ट करनदे कदे चलयदे भदेजिदा थदा; झगड़दे ममें क्ययों लगदे रहदे? ब्रह्मदा और चवष्णगु नदे कहदा चक हम
चवनदा सदामग्रही सकचष्ट कहदासं सदे करमें। तब महदाददेव नदे अपनही जिटदा ममें सदे एक भस्म कदा गमोलदा चनकदाल कर चदयदा चक जिदाओ
इस ममें सदे सब सकचष्ट बनदाओ; इत्यदाचद।
भलदा कमोई इन पगुरदाणयों कदे बनदानदे वदालयों सदे पभूछदे चक जिब सकचष्ट तत्त्व और पञ्चमहदाभभूत भही नहह थदे तमो ब्रह्मदा,
चवष्णगु, महदाददेव कदे शरहीर, जिल, कमल, चलङ, गदाय और कदे तककी कदा वकक और भस्म कमो गमोलदा क्यदा तगुम्हदारदे बदाबदा
कदे घर ममें सदे आ चगरदे?
वहैसदे हही भदागवत ममें चवष्णगु ककी नदाचभ सदे कमल, कमल सदे ब्रह्मदा और ब्रह्मदा कदे दचहनदे पग कदे असंगभूठदे सदे
स्वदायम्भव और बदायमें असंगभूठदे सदे शतरूपदा रदाणही, ललदाट सदे रुद्र और मरहीचच आचद दश पगुत्र, उन सदे दक प्रजिदापचत,
उन ककी तदेरह लड़चकययों कदा चववदाह कश्यप सदे, उनममें सदे चदचत सदे दहैत्य, दनगु सदे ददानव, अचदचत सदे आचदत्य,

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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चवनतदा सदे पकही, कद्रद्र्रू सदे सपर्थ, सरमदा सदे कगु त्तदे, स्यदाल आचद और अन्य चसययों सदे हदाथही, घमोड़दे, ऊसंट, गधदा,
भमैंसदा, घदास, फभू स और बबभूल आचद वकक कदासंटदे सचहत उत्पन्न हमो गयदे।
वदाह रदे वदाह! भदागवत कदे बनदानदे वदालदे लदालभगुजिकड़? क्यदा कहनदा! तगुझ कमो ऐसही-ऐसही चमथ्यदा बदातमें
चलखनदे ममें तचनक भही लज्जदा और शमर्थ न आई, चनपट अन्धदा हही बन गयदा। सही पगुरुष कदे रजिवहीयर्थ कदे ससंयमोग सदे मनगुष्य
तमो बनतदे हही हमैं परमदेश्वर ककी सकचष्टक्रम कदे चवरुद्ध पशगु , पकही, सपर्थ आचद कभही उत्पन्न नहह हमो सकतदे। और हदाथही,
ऊहट, चससंह, कगु त्तदा, गधदा और वककदाचद कदा सही कदे गभदार्थशय ममें चस्थत हमोनदे कदा अवकदाश कहदासं हमो सकतदा हहै ? और
चससंह आचद उत्पन्न हमोकर अपनदे मदासं बदाप कमो क्ययों न खदा गयदे ? और मनगुष्य-शरहीर सदे पशगु पकही वककदाचद कदा उत्पन्न
हमोनदा क्ययों कर सम्भव हमो सकतदा हहै?
शमोक हहै, इन लमोगयों ककी रचही हहई इस महदा असम्भव लहीलदा पर चजिस नदे ससंसदार कमो अभही तक भ्रमदा रक्खदा
हहै! भलदा इन महदाझभूठ बदातयों कमो वदे अन्धदे पमोप और बदाहर भहीतर ककी फभू टही आसंखयों वदालदे उन कदे चदेलदे सगुनतदे और
मदानतदे हमैं। बडदेडे़ हही आश्चयर्थ ककी बदात हहै चक यदे मनगुष्य हमैं वदा अन्य कमोई !!! इन भदागवतदाचद पगुरदाणयों कदे बनदानदे हदारदे
जिन्मतदे हही क्ययों नहह गभर्थ हही ममें नष्ट हमो गयदे ? वदा जिन्मतदे समय मर क्ययों न गयदे ? क्ययोंचक इन पदापयों सदे बचतदे तमो
आयदार्थवत्तर्थ ददेश दमःगु खयों सदे बच जिदातदा।
(प्रश्न) इन बदातयों ममें चवरमोध नहह आ सकतदा क्ययोंचक ‘चजिसकदा चववदाह उसही कदे गहीत’ जिब चवष्णगु ककी
स्तगुचत करनदे लगदे तब चवष्णगु कमो परमदेश्वर अन्य कमो ददास। जिब चशव कदे गगुण गदानदे लगदे तब चशव कमो परमदात्मदा अन्य
कमो चकसंकर बनदायदा। और परमदेश्वर ककी मदायदा ममें सब बन सकतदा हहै। मनगुष्य सदे पशगु आचद और पशगु आचद सदे
मनगुष्यदाचद ककी उत्पचत्त परमदेश्वर कर सकतदा हहै। ददेखमो! चवनदा कदारण अपनही मदायदा सदे सब सकचष्ट खड़ही कर दही हहै। उस
ममें कचौन सही बदात अघचटत हहै? जिमो करनदा चदाहहै समो सब कर सकतदा हहै।
(उत्तर) अरदे भमोलदे लमोगमो! चववदाह ममें चजिस कदे गहीत गदातदे हमैं उस कमो सब सदे बड़दा और दसभू रयों कमो छमोटदा
वदा चनन्ददा अथवदा उस कमो सब कदा बदाप तमो नहह बनदातदे? कहमो पमोप जिही। तगुम भदाट और खगुशदामदही चदारणयों सदे भही बढ़
कर गप्पही हमो अथवदा नहह? चक चजिस कदे पहीछदे लगमो उसही कमो सब सदे बड़दा बनदाओ और चजिस सदे चवरमोध करमो उस
कमो सब सदे नहीचदे ठहरदाओ। तगुम कमो सत्य और धमर्थ सदे क्यदा प्रयमोजिन? चकन्तगु तगुम कमो तमो अपनदे स्वदाथर्थ हही सदे कदाम
हहै।
मदायदा मनगुष्य ममें हमो सकतही हहै। जिमो चक छलही कपटही हमैं उन्हह कमो मदायदावही कहतदे हमैं। परमदेश्वर ममें छल
कपटदाचद दमोष न हमोनदे सदे उस कमो मदायदावही नहह कह सकतदे। जिमो आचद सकचष्ट ममें कश्यप और कश्यप ककी चसययों सदे

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पशगु, पकही, सपर्थ, वककदाचद हह ए हमोतदे तमो आजिकल भही वहैसदे सन्तदान क्ययों नहह हमोतदे? सकचष्टक्रम जिमो पहलदे चलख आयदे।
वहही ठहीक हहै। और अनगुमदान हहै चक पमोप जिही यहह सदे धमोखदा खदाकर बकदे हयोंगदे—
तस्मदातम् कदाश्यप्य इमदामः प्रजिदामः॥
शतपथ ममें यह चलखदा हहै चक यह सब सकचष्ट कश्यप ककी बनदाई हह ई हहै।
कश्यपमः कस्मदातम् पश्यकमो भवतहीचत॥
—चनरु॰॥
सकचष्टकत्तदार्थ परमदेश्वर कदा नदाम कश्यप इसचलयदे हहै चक पश्यक अथदार्थतम् ‘पश्यतहीचत पश्यमः एव पश्यकमः’
जिमो चनभ्रर्थम हमोकर चरदाचर जिगतम्, सब जिहीव और इन कदे कमर्थ, सकल चवददाओसं कमो यथदावतम् ददेखतदा हहै और
‘आदन्तचवपयर्थय श्च’ इस महदाभदाष्य कदे वचन सदे आचद कदा अकर अन्त और अन्त कदा वणर्थ आचद ममें आनदे सदे
‘पश्यक’ सदे ‘कश्यप’ बन गयदा हहै। इस कदा अथर्थ न जिदान कदे भदासंग कदे लमोटदे चढ़दा अपनदा जिन्म सकचष्टचवरुद्ध कथन
करनदे ममें नष्ट चकयदा।
जिहैसदे मदाकर्थण्डदेयपगुरदाण कदे दगगु दार्थपदाठ ममें ददेवयों कदे शरहीरयों सदे तदेजि चनकल कदे एक ददेवही बनही। उस नदे मचहषदासगुर कमो
मदारदा। रक्तबहीजि कदे शरहीर सदे एक चबन्दगु भभूचम ममें पड़नदे सदे उस कदे सदृश रक्तबहीजि कदे उत्पन्न हमोनदे सदे सब जिग्त ममें
रक्तबहीजि भर जिदानदा, रुचधर ककी नदही कदा बह चलनदा आचद गपमोड़दे बहह त सदे चलख रक्खदे हमैं। जिब रक्तबहीजि सदे सब
जिगतम् भर गयदा थदा तमो ददेवही और ददेवही कदा चससंह और उस ककी सदेनदा कहदासं रहही थही? जिमो कहमो चक ददेवही सदे दरभू -दरभू
रक्तबहीजि थदे तमो सब जिगतम् रक्तबहीजि सदे नहह भरदा थदा? जिमो भर जिदातदा तमो पशगु, पकही, मनगुष्यदाचद प्रदाणही और जिलस्थ
मगरमच्छ, कच्छप, मत्स्यदाचद, वनस्पचत आचद वकक कहदासं रहतदे? यहदासं यहही चनचश्चत जिदाननदा चक दगगु दार्थपदाठ बनदानदे
वदालदे पमोप कदे घर ममें भदाग कर चलदे गयदे हयोंगदे !!! ददेचखयदे! क्यदा हही असम्भव कथदा कदा गपमोड़दा भसंग ककी लहरही ममें
उड़दायदा चजिसकदा ठचौर न चठकदानदा।
अब चजिस कमो ‘श्रहीमददागवत’ कहतदे हमैं उस ककी लहीलदा सगुनमो! ब्रह्मदा जिही कमो नदारदायण नदे चतगुमःश्लमोककी
भदागवत कदा उपददेश चकयदा—
जदानसं परमगगुह्यसं मदे यचद्विजदानसमचन्वतमम्।
सरहस्यसं तदङञ्च गकह दाण गचदतसं मयदा॥
—भदागवत॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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अथर्थ— हदे ब्रह्मदा जिही! तभू मदेरदा परमगगुह्य जदान जिमो चवजदान औहैर रहस्ययगुक्त और धमर्थ, अथर्थ, कदाम, ममोक कदा
असंग हहै उसही कदा मगुझ सदे ग्रहण कर। जिब चवजदानयगुक्त जदान कहदा तमो परम अथदार्थतम् जदान कदा चवशदेषण रखनदा व्यथर्थ हहै
और गगुह्य चवशदेषण सदे रहस्य भही पगुनरुक्त हहै। जिब मभूल श्लमोक अनथर्थक हमैं तमो ग्रन्थ अनथर्थक क्ययों नहह?
जिब भदागवत कदा मभूल हही झभूठदा हहै तमो उस कदा वकक क्ययों न झभूठदा हमोगदा? ब्रह्मदा जिही कमो वर चदयदा चक—
भवदानम् कल्पचवकल्पदेष गु न चवमगुह्य चत कचहर्थच चतम्॥
—भदाग॰॥
आप कल्प सकचष्ट और चवकल्प प्रलय ममें भही ममोह कमो कभही न प्रदाप्त हयोंगदे ऐसदा चलख कदे पगुनमः दशमस्कन्ध ममें
ममोचहत हमोकदे वत्सहरण चकयदा। इन दमोनयों ममें सदे एक बदात सच्चिही दस भू रही झभूठही। ऐसदा हमोकर दमोनयों बदात झभूठही। जिब वहैकगुण्ठ
ममें रदाग, द्विदेष, क्रमोध, ईष्यदार्थ, दमःगु ख नहह हहै तमो सनकदाचदकयों कमो वहैकगुण्ठ कदे द्विदार ममें क्रमोध क्ययों हह आ? जिमो क्रमोध हहआ
तमो वह स्वगर्थ हही नहह। तब जिय चवजिय द्विदारपदाल थदे। स्वदामही ककी आजदा पदालनही अवश्य थही। उन्हयोंनदे सनकदाचदकयों कमो
रमोकदा तमो क्यदा अपरदाध हह आ? इस पर चवनदा अपरदाध शदाप हही नहह लग सकतदा। जिब शदाप लगदा चक तगुम पकचथवही ममें
चगर पड़मो, इस कहनदे सदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक वहदासं पकचथवही न हमोगही। आकदाश , वदाय,गु चअग्नि और जिल हमोगदा तमो ऐसदा
द्विदार मचन्दर और जिल चकस कदे आधदार थदे? पगुनमः जिय चवजिय नदे सनकदाचदकयों ककी स्तगुचत ककी चक महदारदाजि ! पगुनमः हम
वहैकगुण्ठ ममें कब आवमेंगदे? उन्हयोंनदे उन सदे कहदा चक जिमो प्रदेम सदे नदारदायण ककी भचक्त करमोगदे तमो सदातवमें जिन्म और जिमो
चवरमोध सदे भचक्त करमोगदे तमो तहीसरदे जिन्म वहैकगुण्ठ कमो प्रदाप्त हमोओगदे।
इस ममें चवचदारनदा चदाचहयदे चक जिय चवजिय नदारदायण कदे नचौकर थदे। उन ककी रकदा और सहदाय करनदा नदारदायण
कदा कत्तर्थव्य कदाम थदा। जिमो अपनदे नचौकरयों कमो चवनदा अपरदाध दमःगु ख ददेवमें उन कमो उन कदा स्वदामही दण्ड न ददेवदे तमो उस कदे
नचौकरयों ककी ददगु र्थशदा सब कमोई कर डदालदे। नदारदायण कमो उचचत थदा चक जिय चवजिय कदा सत्कदार और सनकदाचदकयों कमो
खभूब दण्ड ददेतदे, क्ययोंचक उन्हयोंनदे भहीतर आनदे कदे चलयदे हठ क्ययों चकयदा? और नचौकरयों सदे लड़दे, क्ययों शदाप चदयदा?
उन कदे बदलदे सनकदाचदकयों कमो पकचथवही ममें डदाल ददेनदा नदारदायण कदा न्यदाय थदा? जिब इतनदा अन्धदेर नदारदायण कदे घर ममें
हहै तमो उस कदे सदेवक जिमो चक वहैष्णव कहदातदे हमैं उनककी चजितनही ददगु र्थशदा हमो उतनही थमोड़ही हहै। पगुनमः वदे चहरण्यदाक और
चहण्यकचशपगु उत्पन्न हह ए। उन ममें सदे चहरण्यदाक कमो वरदाह नदे मदारदा। उस ककी कथदा इस प्रकदार सदे चलखही हहै चक वह
पकचथवही कमो चटदाई कदे समदान लपदेट चशरदानदे धर समो गयदा। चवष्णगु नदे वरदाह कदा स्वरूप धदारण करकदे चशर कदे नहीचदे सदे
पकचथवही कमो मगुख ममें धर चलयदा। वह उठदा। दमोनयों ककी लड़दाई हहई। वरदाह नदे चहरण्यदाक कमो मदार डदालदा।

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इन सदे कमोई पभूछदे पकचथवही गमोल हहै वदा चटदाई कदे समदान? तमो कगु छ न कह सकमें गदे, क्ययोंचक पचौरदाचणक लमोग
भभूगमोलचवददा कदे शत्रगु हमैं। भलदा जिब लपदेट कर चशरदानदे धर लही, आप चकस पर समोयदा? और वरदाह जिही चकस पर पग
धर कदे दचौड़ आयदे? पकचथवही कमो तमो वरदाह जिही नदे मगुख ममें रक्खही चफर दमोनयों चकस पर खड़दे हमोकदे लड़दे। वहदासं तमो और
कमोई ठहरनदे ककी जिगह नहह थही। चकन्तगु भदागवतदाचद पगुरदाण बनदानदे वदालदे पमोप जिही ककी छदातही पर ठड़दे हमोकदे लड़दे हयोंगदे ?
परन्तगु पमोप जिही चकस पर समोयदा हमोगदा? यह बदात—जिहैसदे ‘गप्पही कदे घर गप्पही आयदे बमोलदे गप्पही जिही’ जिब
चमथ्यदावदाचदययों कदे घर ममें दसभू रदे गप्पही लमोग आतदे हमैं चफर गप्प मदारनदे ममें क्यदा कमतही, इसही प्रकदार ककी हहै!
अब रहदा चहरण्यकचशपगु, उस कदा लड़कदा जिमो प्रहदाद थदा वह भक्त हह आ थदा। उस कदा चपतदा पढ़दानदे कमो
पदाठशदालदा ममें भदेजितदा थदा। तब वह अध्यदापकयों सदे कहतदा थदा चक मदेरही पटही ममें रदाम -रदाम चलख ददेओ। जिब उस कदे बदाप
नदे सगुनदा, उस सदे कहदा—तभू हमदारदे शत्रगु कदा भजिन क्ययों करतदा हहै ? छमोकरदे नदे न मदानदा। तब उस कदे बदाप नदे उस कमो
बदासंध कदे पहदाड़ सदे चगरदायदा, कभू प ममें डदालदा परन्तगु उस कमो कगु छ न हह आ। तब उसनदे एक लमोहदे कदा खम्भदा आगही ममें
तपदाकदे उस सदे बमोलदा जिमो तदेरदा इष्टददेव रदाम सच्चिदा हमो तमो तभू इस कमो पकड़नदे सदे न जिलदेगदा। प्रहदाद पकड़नदे कमो चलदा।
मन ममें शङदा हहई जिलनदे सदे बचभूसंगदा वदा नहह? नदारदायण नदे उस खम्भदे पर छमोटही-छमोटही चहीचटययों ककी पसंचक्त चलदाई। उस
कमो चनश्चय हह आ, झट खम्भदे कमो जिदा पकड़दा। वह फट गयदा। उस ममें सदे नकचससंह चनकलदा और उस कदे बदाप कमो पकड़
पदेट फदाड़ मदार डदालदा। पश्चदातम् प्रहदाद कमो लदाड़ सदे चदाटनदे लगदा। प्रहदाद सदे कहदा वर मदासंग। उस नदे अपनदे चपतदा ककी
सदचत हमोनही मदासंगही। नकचससंह नदे वर चदयदा चक तदेरदे इककीस पगुरुषदे सदचत कमो गयदे।
अब ददेखमो! यह भही दस भू रदे गपमोड़दे कदा भदाई गपमोड़दा हहै। चकसही भदागवत सगुननदे वदा बदासंचनदेवदालदे कमो पकड़ पहदाड़
कदे ऊपर सदे चगरदावदे तमो कमोई न बचदावदे चकनदाचभूर हमोकर मर हही जिदावदे। प्रहदाद कमो उस कदा चपतदा पढ़नदे कदे चलयदे भदेजितदा
थदा। क्यदा बगुरदा कदाम चकयदा थदा? और वह प्रहदाद ऐसदा मभूखर्थ पढ़नदा छमोड़ वहैरदागही हमोनदा चदाहतदा थदा। जिमो जिलतदे हह ए
खम्भदे सदे ककीड़ही चढ़नदे लगही और प्रहदाद स्पशर्थ करनदे सदे न जिलदा। इस बदात कमो जिमो सच्चिही मदानदे उस कमो भही खम्भदे कदे
सदाथ लगदा ददेनदा चदाचहयदे। जिमो यह न जिलदे तमो जिदानमो वह भही न जिलदा हमोगदा और नकचससंह भही क्ययों न जिलदा?
प्रथम तहीसरदे जिन्म ममें वहैकगुण्ठ ममें आनदे कदा वर सनकदाचदक कदा थदा। क्यदा उस कमो तगुम्हदारदा नदारदायण भभूल
गयदा? भदागवत ककी रहीचत सदे ब्रह्मदा, प्रजिदापचत, कश्यप, चहरण्यकचशपगु चचौथही पहीढ़ही ममें हमोतदा हहै। इककीस पहीढ़ही प्रहदाद
ककी हह ई भही नहह पगुनमः इककीस पगुरुषदे सदचत कमो गयदे कह ददेनदा चकतनदा प्रमदाद हहै। और चफर वदे हही चहरण्यदाक ,
चहरण्यकचशपगु, रदावण, कगु म्भकरण, पगुनमः चशशगुपदाल, दन्तवक्त्र उत्पन्न हह ए तमो नकचससंह कदा वर कहदासं उड़ गयदा? ऐसही
प्रमदाद ककी बदात प्रमदादही करतदे, सगुनतदे और मदानतदे हमैं; चवद्विदानम् नहह।
पभूतनदा और अक्रभूर जिही कदे चवषय ममें ददेखमो—

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रथदेन वदायगुव गदे देन जिगदाम गमोकगु लसं प्रचत॥


अक्रभूर जिही कसंस कदे भदेजिनदे सदे वदायगु कदे वदेग कदे समदान दचौड़नदे वदालदे घमोड़यों कदे रथ पर बहैठ कर सभूयर्वोदय सदे चलदे
और चदार महील गमोकगुल ममें सभूयदार्थस्त समय पहह संचदे। शदायद घमोड़दे भदागवत बनदानदे वदालदे ककी पररक्रमदा करतदे रहदे हयोंगदे ? वदा
मदागर्थ भभूल कर भदागवत बनदानदे वदालदे कदे घर ममें घमोड़दे हदाहकनदे वदालदे और अक्रभूर जिही आकर समो गयदे हयोंगदे? पभूतनदा कदा
शरहीर छमः कमोश चचौड़दा और बहह त सदा लम्बदा चलखदा हहै। मथगुरदा और गमोकगुल कदे बहीच ममें उस कमो मदारकर श्रहीककष्ण जिही नदे
डदाल चदयदा। जिमो ऐसदा हमोतदा तमो मथगुरदा और गमोकगुल दमोनयों दबकर इस पमोप जिही कदा घर भही दब गयदा हमोतदा। और
अजिदामदेल ककी कथदा ऊटपटदासंग चलखही हहै—उसनदे नदारद कदे कहनदे सदे अपनदे लड़कदे कदा नदाम ‘नदारदायण’ रक्खदा थदा।
मरतदे समय अपनदे पगुत्र कमो पगुकदारदा। बहीच ममें नदारदायण कभू द पड़दे। क्यदा नदारदायण उस कदे अन्तमःकरण कदे भदाव कमो नहह
जिदानतदे थदे चक वह अपनदे पगुत्र कमो पगुकदारतदा हहै मगुझ कमो नहह। जिमो ऐसदा हही नदाम मदाहदात्म्य हहै तमो आजि कल भही नदारदायण
कदे स्मरण करनदे वदालयों कदे दमःगु ख छगु ड़दानदे कमो क्ययों नहह आतदे। यचद यह बदात सच्चिही हमो तमो कहै दही लमोग नदारदायण नदारदायण
करकदे क्ययों नहह छभूट जिदातदे?
ऐसदा हही ज्यमोचतष शदास सदे चवरुद्ध सगुमदेरु पवर्थत कदा पररमदाण चलखदा हहै। और चप्रयरत रदाजिदा कदे रथ कदे चक्र
ककी लहीक सदे समगुद्र हहए। उञ्चदास कमोचट यमोजिन पकचथवही हहै। इत्यदाचद चमथ्यदा बदातयों कदा गपमोड़दा भदागवत ममें चलखदा हहै चजिस
कदा कगु छ पदारदावदार नहह।
और यह भदागवत बमोबददेव कदा बनदायदा हहै चजिसकदे भदाई जियददेव नदे ‘गहीतगमोचवन्द’ बनदायदा हहै। ददेखमो! उसनदे यदे
श्लमोक अपनदे बनदायदे ‘चहमदाचद्र’ नदामक ग्रन्थ ममें चलखदे हमैं चक श्रहीमददागवतपगुरदाण ममैंनदे बनदायदा हहै। उस लदेख कदे तहीन पत्र
हमदारदे पदास थदे। उन ममें सदे एक पत्र खमो गयदा हहै। उस पत्र ममें श्लमोकयों कदा जिमो आशय थदा उस आशय कदे हम नदे दमो
श्लमोक बनदा कदे नहीचदे चलखदे हमैं। चजिस कमो ददेखनदा हमो वह चहमदाचद्र ग्रन्थ ममें ददेख लदेवमें—
चहमदाद्रदेमः सचचवस्यदाथर्वे सभूच नदा चक्रयतदेऽ धगुन दा।
स्कन्धदाऽध्यदायकथदानदासं च यत्प्रमदाणसं समदासतमः॥1॥
श्रहीमददागवतसं नदाम पगुर दाणसं च मयदेर रतमम्।
चवदगुष दा बमोबददेव नदे श्रहीकक ष्णस्य यशमोऽचन्वतमम्॥ 2॥
इसही प्रकदार कदे नष्टपत्र ममें श्लमोक थदे। अथदार्थतम् रदाजिदा कदे सचचव चहमदाचद्र नदे बमोबददेव पचण्डत सदे कहदा चक मगुझ
कमो तगुम्हदारदे बनदायदे श्रहीमददागवत कदे सम्पभूणर्थ सगुननदे कदा अवकदाश नहह हहै इसचलयदे तगुम ससंकदेप ममें श्लमोकबद्ध सभूचहीपत्र
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बनदाओ चजिस कमो ददेख कदे ममैं श्रहीमददागवत ककी कथदा कमो ससंकदेप ममें जिदान लभूसं। समो नहीचदे चलखदा हह आ सभूचहीपत्र उस
बमोबददेव नदे बनदायदा। उस ममें सदे उस नष्टपत्र ममें दस 10 श्लमोक खमो गयदे हमैं ग्यदारहवमें श्लमोक सदे चलखतदे हमैं। यदे नहीचदे
चलखदे श्लमोक सब बमोबददेव कदे बनदायदे हमैं। वदे—
बमोधयन्तहीचत चह प्रदाहह मः श्रहीमददागवतसं पगुन मः।
पञ्च प्रश् नदामः शचौनकस्य सभूत स्यदात्रमोत्तरसं चत्रषगु॥ 11॥
प्रश्नदावतदारयमोश्चहैव व्यदासस्य चनवकचर्थ तमः कक तदातम्।
नदारदस्यदात्र हदेत चभू क्तमः प्रतहीत्यथर्वं स्वजिन्म च॥12॥
सगुप्त घ्नसं द्रमोण्यचभभवस्तदसदातम् पदाण्डवदा वनमम्।
भहीष्मस्य स्वपदप्रदाचप्तमः कक ष्णस्य द्विदाररकदागममः॥13॥
श्रमोतगुमः परहीचकतमो जिन्म धकत रदाष्टछ स्य चनगर्थम मः।
कक ष्णमत्यर्थत् यदागसभूच दा ततमः पदाथर्थ महदापथमः॥14॥
इत्यष्टदादशचभमः पदादहैर ध्यदायदाथर्थमः क्रमदातम् स्मकत मः।
स्वपरप्रचतबन्धमोनसं स्फकीतसं रदाज्यसं जिहचौ नकप मः॥15॥
इचत वहै रदाजमो ददाढ्यर्वो क्त चौ प्रमोक्तदा द्रचौचणजियदादयमः।
—इचत प्रथममः स्कन्धमः॥1॥
इत्यदाचद बदारह स्कन्धयों कदा सभूचहीपत्र इसही प्रकदार बमोबददेव पचण्डत नदे बनदाकर चहमदाचद्र सचचव कमो चदयदा। जिमो
चवस्तदार ददेखनदा चदाहहै वह बमोबददेव कदे बनदायदे चहमदाचद्र ग्रन्थ ममें ददेख लदेवदे। इसही प्रकदार अन्य पगुरदाणयों ककी भही लहीलदा
समझनही। परन्तगु उन्नहीस, बहीस, इककीस, एक दस भू रदे सदे बढ़ कर हमैं।
ददेख मो! श्रहीकक ष्ण जिही कदा इचतहदास महदाभदारत ममें अत्यगु त्त म हहै। उन कदा गगुण , कमर्थ, स्वभदाव और
चररत्र आप्त पगुरु षयों कदे सदृश हहै। चजिस ममें कमोई अधमर्थ कदा आचरण श्रहीकक ष्ण जिही नदे जिन्म सदे मरणपयर्थन् त
बगुर दा कदाम कगु छ भही चकयदा हमो ऐसदा नहह चलखदा। और इस भदागवत वदालदे नदे अनगुचचत मनमदानदे दमोष लगदायदे हमैं।

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दधभू , दहही, मक्खन आचद ककी चमोरही। और कगु ब्जिदाददासही सदे समदागम, परचसययों सदे रदासमण्डल क्रकीडदा आचद चमथ्यदा
दमोष श्रहीककष्ण जिही ममें लगदायदे हमैं। इस कमो पढ़-पढ़दा सगुन-सगुनदा कदे अन्य मत वदालदे श्रहीककष्ण जिही ककी बहह त सही चनन्ददा
करतदे हमैं। जिमो यह भदागवत न हमोतदा तमो श्रहीककष्ण जिही कदे सदृश महदात्मदाओसं ककी झभूठही चनन्ददा क्ययोंकर हमोतही? चशवपगुरदाण
ममें बदारह ज्यमोचतचलर्थङम्ग चलखदे हमैं। उसककी कथदा सवर्थथदा असम्भव हहै। नदाम धरदा हहै ज्यमोचतचलर्थगम् और चजिस ममें प्रकदाश कदा
लदेश भही नहह। रदाचत्र कमो चवनदा दहीप चकयदे चलङ भही अन्धदेरदे ममें नहह दहीखतदे, यदे सब लहीलदा पमोप जिही ककी हहै।
(प्रश्न) जिब वदेद पढ़नदे कदा सदामथ्यर्थ नहह रहदा तब स्मकचत, जिब स्मकचत कदे पढ़नदे ककी बगुचद्ध नहह रहही तब
शदास, जिब शदास पढ़नदे कदा सदामथ्यर्थ न रहदा तब पगुरदाण बनदायदे , कदे वल सही और शभूद्रयों कदे चलयदे। क्ययोंचक इन कमो वदेद
पढ़नदे सगुननदे कदा अचधकदार नहह हहै।
(उत्तर) यह बदात चमथ्यदा हहै। क्ययोंचक सदामथ्यर्थ पढ़नदे-पढ़दानदे हही सदे हमोतदा हहै और वदेद पढ़नदे सगुननदे कदा
अचधकदार सब कमो हहै। ददेखमो! गदागर्त्ती आचद चसयदासं और छदान्दमोग्य ममें जिदानश्रगुचत शभूद्र नदे भही वदेद ‘रहैक्यमगुचन’ कदे पदास
पढ़दा थदा और यजिगुवदर्वे कदे 26 वमें अध्यदाय कदे दस भू रदे मन्त्र ममें स्पष्ट चलखदा हहै चक वदेदयों कदे पढ़नदे और सगुननदे कदा
अचधकदार मनगुष्यमदात्र कमो हहै। पगुनमः जिमो ऐसदे-ऐसदे चमथ्यदा ग्रन्थ बनदा लमोगयों कमो सत्यग्रन्थयों सदे चवमगुख कर जिदाल ममें फसंसदा
अपनदे प्रयमोजिन कमो सदाधतदे हमैं वदे महदापदापही क्ययों नहह?
ददेखमो! ग्रहयों कदा चक्र कहै सदा चलदायदा हहै चक चजिस नदे चवददाहहीन मनगुष्ययों कमो ग्रस चलयदा हहै।
आ कक ष्णदेन रजिसदा॥1॥
—सभूयर्थ कदा मन्त्र।
इमसं ददेव दाऽअसपत्नसं सगुव ध्वमम्॰ ॥2॥
—चन्द्र।
अचग्निमभूद्ध
र्थ दार्थ चदवमः ककगु त्पचतमः॰॥3॥
—मङल।
उद गुध् यस्वदाग्निदे॰ ॥4॥
—बगुध।
बकह स्पतदे ऽअचत यदयर्वो ॥ 5॥

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—बकहस्पचत।
शगुक्र मन्धस:॥6॥
—शगुक्र।
शन्नमो ददेव हीरचभष्टय॰॥7॥
—शचन।
कयदा नचश्चत्र आ भगुव ॰॥8॥
—रदाहह और
कदे तगुसं वकण् वन्न कदे तवदे॥ 9॥
—इस कमो कदे तगु ककी कचण्डकदा कहतदे हमैं।
(आ कक ष्णदेन॰) यह सभूयर्थ और भभूचम कदा आकषर्थण॥1॥दस भू रदा रदाजिगगुण चवधदायक॥2॥तहीसरदा अचग्नि॥3॥और
चचौथदा यजिमदान॥4॥पदासंचवदासं चवद्विदानम्॥5॥छठदा वहीयर्थ अन्न॥6॥सदातवदासं जिल, प्रदाण और परमदेश्वर॥7॥आठवदासं चमत्र॥
8॥नववदासं जदानग्रहण कदा चवधदायक मन्त्र हहै; ग्रहयों कदे वदाचक नहह॥9॥अथर्थ न जिदाननदे सदे भ्रमजिदाल ममें पड़दे हमैं।
(प्रश्न) ग्रहयों कदा फल हमोतदा हहै वदा नहह?
(उत्तर) जिहैसदा पमोपलहीलदा कदा हहै वहैसदा नहह चकन्तगु जिहैसदा सभूयर्थ चन्द्रमदा ककी चकरण द्विदारदा उष्णतदा शहीतलतदा
अथवदा ऋतगुवत्कदालचक्र कदे सम्बन्धमदात्र सदे अपनही प्रकक चत कदे अनभूकगुल प्रचतकभू ल सगुख-दमःगु ख कदे चनचमत्त हमोतदे हमैं।
परन्तगु जिमो पमोपलहीलदा वदालदे कहतदे हमैं सगुनमो ‘महदारदाजि’! सदेठ जिही! यजिमदानमो? तगुम्हदारदे आजि आठवदासं चन्द्र सभूयदार्थचद
क्रभूर घर ममें आयदे हमैं। अढ़दाई वषर्थ कदा शनहैश्चर पग ममें आयदा हहै। तगुम कमो बड़दा चवघ्न हमोगदा। घर द्विदार छगु ड़दाकर परददेश ममें
घगुमदावदेगदा परन्तगु जिमो तगुम ग्रहयों कदा ददान, जिप, पदाठ, पभूजिदा करदाओगदे तमो दमःगु ख सदे बचमोगदे।’
इन सदे कहनदा चदाचहयदे चक सगुनमो पमोप जिही! तगुम्हदारदा और ग्रहयों कदा क्यदा सम्बन्ध हहै? ग्रह क्यदा वस्तगु हमैं?
(पमोप जिही) दहैव दाधहीनसं जिगत्सवर्वं मन्त्रदाधहीनदाश्च ददेव तदामः।
तदे मन्त्रःदा ब्रदाह्मणदाधहीनदास्तस्मदादम् ब्रदाह्मणदहैव तमम्॥
ददेखमो! कहै सदा प्रमदाण हहै—ददेवतदाओसं कदे आधहीन सब जिगतम्, मन्त्रयों कदे आधहीन सब ददेवतदा और वदे मन्त्र
ब्रदाह्मणयों कदे आधहीन हमैं इसचलयदे ब्रदाह्मण ददेवतदा कहदातदे हमैं। क्ययोंचक चदाहमैं चजिस ददेवतदा कमो मन्त्र कदे बल सदे बगुलदा, प्रसन्न
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कर, कदाम चसद्ध करदानदे कदा हमदारदा हही अचधकदार हहै। जिमो हम ममें मन्त्रशचक्त न हमोतही तमो तगुम्हदारदे सदे नदाचस्तक हम कमो
ससंसदार ममें रहनदे हही न ददेतदे।
(सत्यवदादही) जिमो चमोर, डदाकभू, कगु कमर्त्ती लमोग हमैं वदे भही तगुम्हदारदे ददेवतदाओसं कदे आधहीन हयोंगदे ? ददेवतदा हही उन
सदे दष्टगु कदाम करदातदे हयोंगदे? जिमो वहैसदा हहै तमो तगुम्हदारदे ददेवतदा और रदाकसयों ममें कगु छ भदेद न रहदेगदा। जिमो तगुम्हदारदे आधहीन मन्त्र
हमैं उन सदे तगुम चदाहमो समो करदा सकतदे हमो तमो उन मन्त्रयों सदे ददेवतदाओसं कमो वश कर, रदाजिदाओसं कदे कमोष उठवदा कर अपनदे
घर ममें भरकर बहैठ कदे आनन्द क्ययों नहह भमोगतदे? घर-घर ममें शनहैश्चरदाचद कदे तहैल आचद कदा छदायदाददान लदेनदे कमो मदारदे-
मदारदे क्ययों चफरतदे हमो? और चजिस कमो तगुम कगु बदेर मदानतदे हमो उस कमो वश करकदे चदाहमो चजितनदा धन चलयदा करमो। चबचदारदे
गरहीबयों कमो क्ययों लभूटतदे हमो?
तगुम कमो ददान ददेनदे सदे ग्रह प्रसन्न और न ददेनदे सदे अप्रसन्न हमोतदे हयों तमो हम कमो सभूयदार्थचद ग्रहयों ककी प्रसन्नतदा
अप्रसन्नतदा प्रत्यक चदखलदाओ। चजिस कमो 8 वदासं सभूयर्थ चन्द्र और दस भू रदे कमो तहीसरदा हमो उन दमोनयों कमो ज्यदेष्ठि महहीनदे ममें
चबनदा जिभूतदे पचहनदे तपही हह ई भभूचम पर चलदाओ। चजिस पर प्रसन्न हमैं उन कदे पग, शरहीर न जिलनदे और चजिस पर क्रमोचधत
हमैं उन कदे जिल जिदानदे चदाचहयदे तथदा पचौष मदास ममें दमोनयों कमो नसंगदे कर पचौणर्थमदासही ककी रदाचत्र भर महैददान ममें रक्खमें। एक कमो
शहीत लगदे दस भू रदे कमो नहह तमो जिदानमो चक ग्रह क्रभूर और सचौम्य दृचष्ट वदालदे हमोतदे हमैं।
और क्यदा तगुम्हदारदे ग्रह सम्बन्धही हमैं? और तगुम्हदारही डदाक वदा तदार उन कदे पदास आतदा जिदातदा हहै? अथवदा तगुम
उन कदे वदा वदे तगुम्हदारदे पदास आतदे जिदातदे हमैं? जिमो तगुम ममें मन्त्रशचक्त हमो तमो तगुम स्वयसं रदाजिदा वदा धनदाढ्य क्ययों नहह बन
जिदाओ? वदा शत्रगुओसं कमो अपनदे वश ममें क्ययों नहह कर लदेतदे हमो?
नदाचस्तक वह हमोतदा हहै जिमो वदेद ईश्वर ककी आजदा वदेदचवरुद्ध पमोपलहीलदा चलदावदे। जिब तगुम कमो ग्रहददान न ददेवदे
चजिस पर ग्रह हहै वहही ग्रहददान कमो भमोगदे तमो क्यदा चचन्तदा हहै? जिमो तगुम कहमो चक नहह हम हही कमो ददेनदे सदे वदे प्रसन्न हमोतदे हमैं
अन्य कमो ददेनदे सदे नहह तमो क्यदा तगुम नदे ग्रहयों कदा ठदेकदा लदे चलयदा हहै ? जिमो ठदेकदा चलयदा हमो तमो सभूयदार्थचद कमो अपनदे घर ममें
बगुलदा कदे जिल मरमो।
सच तमो यह हहै चक सभूयदार्थचद लमोक जिड़ हमैं। वदे न चकसही कमो द मःगु ख और न सगुख ददेनदे ककी चदेष्टदा कर सकतदे हमैं
चकन्तगु चजितनदे तगुम ग्रहददानमोपजिहीवही हमो वदे सब तगुम ग्रहयों ककी मभूचत्तर्थयदासं हमो क्ययोंचक ग्रह शब्द कदा अथर्थ भही तगुम ममें हही घचटत
हमोतदा हहै। ‘यदे गकह्ण चन्त तदे ग्रहदामः’ जिमो ग्रहण करतदे हमैं उन कदा नदाम ग्रह हहै। जिबतक तगुम्हदारदे चरण रदाजिदा, रईस सदेठ
सदाहहकदार और दररद्रयों कदे पदास नहह पहह संचतदे तबतक चकसही कमो नवग्रह कदा स्मरण भही नहह हमोतदा। जिब तगुम सदाकदातम्
सभूयर्थ शनहैश्चरदाचद मभूचत्तर्थमदानम् क्रभूर रूप धर उन पर जिदा चढ़तदे हमो तब चवनदा ग्रहण चकयदे उन कमो कभही नहह छमोड़तदे और
जिमो कमोई तगुम्हदारदे ग्रदास ममें न आवदे उन ककी चनन्ददा नदाचस्तकदाचद शब्दयों सदे करतदे चफरतदे हमो।
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(पमोप जिही) ददेखमो! ज्यमोचतष कदा प्रत्यक फल। आकदाश ममें रहनदे वदालदे सभूयर्थ , चन्द्र और रदाहह, कदे तगु कदा
ससंयमोग रूप ग्रहण कमो पहलदे हही कह ददेतदे हमैं। जिहैसदा यह प्रत्यक हमोतदा हहै वहैसदा ग्रहयों कदा भही फल प्रत्यक हमो जिदातदा हहै।
ददेखमो! धनदाढ्य, दररद्र, रदाजिदा, रसंक, सगुखही, दमःगु खही ग्रहयों हही सदे हमोतदे हमैं।
(सत्यवदादही) जिमो यह ग्रहणरूप प्रत्यक फल हहै समो गचणतचवददा कदा हहै। फचलत कदा नहह। जिमो गचणतचवददा
हहै वह सच्चिही और फचलतचवददा स्वदाभदाचवक सम्बन्ध जिन्य कमो छमोड़ कदे झभूठही हहै। जिहैसदे अनगुलमोम प्रचतलमोम घभूमनदेवदालदे
पकचथवही और चन्द्र कदे गचणत सदे स्पष्ट चवचदत हमोतदा हहै चक अमगुक समय, अमगुक ददेश, अमगुक अवयव ममें सभूयर्थ वदा
चन्द्रग्रहण हमोगदा। जिहैसदे—
छदादयत्यकर्थ चमन्दगुच वर्थध गुसं भभूच मभदामः।
—यह चसद्धदान्तचशरमोमचण कदा वचन हहै।
और इसही प्रकदार सभूयर्थचसद्धदान्तदाचद ममें भही हहै अथदार्थतम् जिब सभूयर्थ और भभूचम कदे मध्य ममें चन्द्रमदा आतदा हहै तब
सभूयर्थग्रहण ओहैर जिब सभूयर्थ और चन्द्र कदे बहीच ममें भभूचम आतही हहै तब चन्द्रग्रहण हमोतदा हहै। अथदार्थतम् चन्द्रमदा ककी छदायदा भभूचम
पर और भभूचम ककी छदायदा चन्द्रमदा पर पड़तही हहै। सभूयर्थ प्रकदाशरूप हमोनदे सदे सम्मगुख छदायदा चकसही ककी नहह पड़तही चकन्तगु
जिहैसदे प्रकदाशमदान सभूयर्थ वदा दहीप सदे ददेहदाचद ककी छदायदा उल्टही जिदातही हहै वहैसदे हही ग्रहण ममें समझमो।
जिमो धनदाढ्य, दररद्र, प्रजिदा, रदाजिदा, रसंक हमोतदे हमैं वदे अपनदे कमर्यों सदे हमोतदे हमैं ग्रहयों सदे नहह। बहह त सदे ज्यमोचतषही
लमोग अपनदे लड़कदे , लड़ककी कदा चववदाह ग्रहयों ककी गचणतचवददा कदे अनगुसदार करतदे हमैं पगुनमः उन ममें चवरमोध वदा चवधवदा
अथवदा मकतसहीक पगुरुष हमो जिदातदा हहै। जिमो फल सच्चिदा हमोतदा तमो ऐसदा क्ययों हमोतदा? इसचलयदे कमर्थ ककी गचत सच्चिही और
ग्रहयों ककी गचत सगुख दमःगु ख भमोग ममें कदारण नहह।
भलदा ग्रह आकदाश ममें और पकचथवही भही आकदाश ममें बहह त दरभू पर हमैं इन कदा सम्बन्ध कत्तदार्थ और कमर्यों कदे
सदाथ सदाकदातम् नहह। कमर्थ और कमर्थ कदे फल कदा कत्तदार्थ, भमोक्तदा जिहीव और कमर्यों कदे फल भमोगदानदेहदारदा परमदात्मदा हहै।
जिमो तगुम ग्रहयों कदा फल मदानमो तमो इस कदा उत्तर ददेओ चक चजिस कण ममें एक मनगुष्य कदा जिन्म हमोतदा हहै चजिस
कमो तगुम धगुवदा त्रगुचट मदानकर जिन्मपत्र बनदातदे हमो उसही समय ममें भभूगमोल पर द स
भू रदे कदा जिन्म हमोतदा हहै वदा नहह? जिमो कहमो
नहह तमो झभूठ, और जिमो कहमो हमोतदा हहै तमो एक चक्रवतर्त्ती कदे सदृश भभूगमोल ममें दस भू रदे चक्रवतर्त्ती रदाजिदा क्ययों नहह हमोतदा?
हदासं! इतनदा तगुम कह सकतदे हमो चक यह लहीलदा हमदारदे उदर भरनदे ककी हहै तमो कमोई मदान भही लदेवदे।
(प्रश्न) क्यदा गरुड़पगुरदाण भही झभूठदा हहै?
(उत्तर) हदासं असत्य हहै।
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(प्रश्न) चफर मरदे हह ए जिहीव ककी क्यदा गचत हमोतही हहै?


(उत्तर) जिहैसदे उस कदे कमर्थ हमैं।
(प्रश्न) जिमो यमरदाजि रदाजिदा, चचत्रगगुप्त मन्त्रही, उस कदे बड़दे भयसंकर गण कज्जल कदे पवर्थत कदे तगुल्य शरहीरवदालदे
जिहीव कमो पकड़ कर लदे जिदातदे हमैं। पदाप , पगुण्य कदे अनगुसदार नरक, स्वगर्थ ममें डदालतदे हमैं। उस कदे चलयदे ददान, पगुण्य,
श्रदाद्ध, तपर्थण, गमोददानदाचद, वहैतरणही नदही तरनदे कदे चलयदे करतदे हमैं। यदे सब बदातमें झभूठ क्ययोंकर हमो सकतही हमैं।
(उत्तर) यदे बदातमें पमोपलहीलदा कदे गपमोड़दे हमैं। जिमो अन्यत्र कदे जिहीव वहदासं जिदातदे हमैं उन कदा धमर्थरदाजि चचत्रगगुप्त आचद
न्यदाय करतदे हमैं तमो वदे यमलमोक कदे जिहीव पदाप करमें तमो दस भू रदा यमलमोक मदाननदा चदाचहयदे चक वहदासं कदे न्यदायदाधहीश उन कदा
न्यदाय करमें और पवर्थत कदे समदान यमगणयों कदे शरहीर हयों तमो दहीखतदे क्ययों नहह? और मरनदे वदालदे जिहीव कमो लदेनदे ममें छमोटदे
द्विदार ममें उन ककी एक असंगगुलही भही नहह जिदा सकतही और सड़क गलही ममें क्ययों नहह रुक जिदातदे। जिमो कहमो चक वदे सभूक्ष्म ददेह
भही धदारण कर लदेतदे हमैं तमो प्रथम पवर्थतवतम् शरहीर कदे बड़दे-बड़दे हदाड़ पमोप जिही चवनदा अपनदे घर कदे कहदासं धरमेंगदे?
जिब जिसंगल ममें आगही लगतही हहै तब एकदम चपपहीचलकदाचद जिहीवयों कदे शरहीर छभूटतदे हमैं। उन कमो पकड़नदे कदे चलयदे
अससंख्य यम कदे गण आवमें तमो वहदासं अन्धकदार हमो जिदानदा चदाचहयदे और जिब आपस ममें जिहीवयों कमो पकड़नदे कमो दचौड़मेंगदे तब
कभही उन कदे शरहीर ठमोकर खदा जिदायमेंगदे तमो जिहैसदे पहदाड़ कदे बड़दे -बड़दे चशखर टभू ट कर पकचथवही पर चगरतदे हमैं वहैसदे उनकदे
बड़दे-बड़दे अवयव गरुड़पगुरदाण कदे बदासंचनदे, सगुननदे वदालयों कदे आसंगन ममें चगर पड़मेंगदे तमो वदे दब मरमेंगदे वदा घर कदा द्विदार अथवदा
सड़क रुक जिदायगही तमो वदे कहै सदे चनकल और चल सकमें गदे?
श्रदाद्ध, तपर्थण, चपण्डप्रददान उन मरदे हह ए जिहीवयों कमो तमो नहह पहहचसं तदा चकन्तगु मकतकयों कदे प्रचतचनचध पमोप जिही कदे
घर, उदर और हदाथ ममें पहह हचतदा हहै। जिमो वहैतरणही कदे चलयदे गमोददान लदेतदे हमैं वह तमो पमोप जिही कदे घर ममें अथवदा कसदाई
आचद कदे घर ममें पहह संचतदा हहै। वहैतरणही पर गदाय नहह जिदातही पगुनमः चकस ककी पभूसंछ पकड़ कर तरदेगदा? और हदाथ तमो यहह
जिलदायदा वदा गदाड़ चदयदा गयदा चफर पभूसंछ कमो कहै सदे पकड़देगदा? यहदासं एक दृष्टदान्त इस बदात ममें उपयगुक्त हहै चक—
एक जिदाट थदा। उस कदे घर ममें एक गदाय बहह त अच्छही और बहीस सदेर दधभू ददेनदेवदालही थही। दधभू उस कदा बड़दा
स्वदाचदष्ठि हमोतदा थदा। कभही-कभही पमोप जिही कदे मगुख ममें भही पड़तदा थदा। उस कदा पगुरमोचहत यहही ध्यदान कर रहदा थदा चक जिब
जिदाट कदा बगुडम्ढदा बदाप मरनदे लगदेगदा तब इसही गदाय कदा सङल्प करदा लभूसंगदा। कगु छ चदनयों ममें दहैवयमोग सदे उस कदे बदाप कदा
मरण समय आयदा। जिहीभ बन्द हमो गई और खदाट सदे भभूचम पर लदे चलयदा अथदार्थतम् प्रदाण छमोड़नदे कदा समय आ पहह संचदा।
उस समय जिदाट कदे इष्ट चमत्र और सम्बन्धही भही उपचस्थत हह ए थदे। तब पमोप जिही नदे पगुकदारदा चक यजिमदान! अब तभू
इसकदे हदाथ सदे गमोददान करदा। जिदाट नदे 10) रुपयदा चनकदाल चपतदा कदे हदाथ ममें रख कर बमोलदा पढ़मो सङल्प। पमोप जिही

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बमोलदा वदाह-वदाह! क्यदा बदाप वदारसंवदार मरतदा हहै? इस समय तमो सदाकदातम् गदाय कमो लदाओ जिमो दधभू ददेतही हमो, बगुड्ढही न
हमो, सब प्रकदार उत्तम हमो। ऐसही गचौ कदा ददान करनदा चदाचहयदे।
(जिदाट जिही) हमदारदे पदास तमो एक हही गदाय हहै उस कदे चवनदा हमदारदे लड़कदे -बदालयों कदा चनवदार्थह न हमो सकदे गदा
इसचलयदे उसकमो न दसंगभू दा। लमो 20) रुपयदे कदा सङल्प पढ़ ददेओ और इन रुपययों सदे दस भू रही दधगु दार गदाय लदे लदेनदा।
(पमोप जिही) वदाह जिही वदाह! तगुम अपनदे बदाप सदे भही गदाय कमो अचधक समझतदे हमो? क्यदा अपनदे बदाप कमो
वहैतरणही नदही ममें डगु बदा कर दमःगु ख ददेनदा चदाहतदे हमो। तगुम अच्छदे सगुपगुत्र हह ए ? तब तमो पमोप जिही ककी ओर सब कगु टगु म्बही हमो
गयदे क्ययोंचक उन सब कमो पहलदे हही पमोप जिही नदे बहकदा रक्खदा थदा और उस समय भही इशदारदा कर चदयदा। सब नदे चमल
कर हठ सदे उसही गदाय कदा ददान उसही पमोप कमो चदलदा चदयदा। उस समय जिदाट कगु छ भही न बमोलदा। उसकदा चपतदा मर गयदा
और पमोप जिही बच्छदा सचहत गदाय और दमोहनदे ककी बटलमोहही कमो लदे अपनदे घर ममें गदाय बछड़दे कमो बदासंध बटलमोहही धर
पगुनमः जिदाट कदे घर आयदा और मकतक कदे सदाथ श्मशदानभभूचम ममें जिदाकर ददाहकमर्थ करदायदा। वहदाह भही कगु छ-कगु छ पमोपलहीलदा
चलदाई। पश्चदातम् दशगदात्र सचपण्डही करदानदे आचद ममें भही उस कमो मभूसंडदा। महदाब्रदाह्मणयों नदे भही लभूटदा और भगुक्खड़यों नदे भही
बहह त सदा मदाल पदेट ममें भरदा अथदार्थतम् जिब सब चक्रयदा हमो चगुककी तब जिदाट नदे चजिस चकसही कदे घर सदे दधभू मदासंग -मभूसंग चनवदार्थह
चकयदा। चचौदहवमें चदन प्रदातमःकदाल पमोप जिही कदे घर पहह संचदा। ददेखदा तमो गदाय दहगु , बटलमोई भर, पमोप जिही ककी उठनदे ककी
तहैयदारही थही। इतनदे हही ममें जिदाट जिही पहह संचदे। उस कमो ददेख पमोप जिही बमोलदा आइयदे! यजिमदान बहैचठयदे!
(जिदाट जिही) तगुम भही पगुरमोचहत जिही इधर आओ।
(पमोप जिही) अच्छदा दधभू धर आऊसं।
(जिदाट जिही) नहह-नहह दधभू ककी बटलमोई इधर लदाओ। पमोप जिही चवचदारदे
जिदा बहैठदे और बटलमोई सदामनदे धर दही।
(जिदाट जिही) तगुम बड़दे झभूठदे हमो।
(पमोप जिही) क्यदा झभूठ चकयदा?
(जिदाट जिही) कहमो! तगुमनदे गदाय चकसचलयदे लही थही?
(पमोप जिही) तगुम्हदारदे चपतदा कदे वहैतरणही नदही तरनदे कदे चलयदे।
(जिदाट जिही) अच्छदा तमो वहदासं वहैतरणही कदे चकनदारदे पर गदाय क्ययों न पहह संचदाई? हम तमो तगुम्हदारदे भरमोसदे पर रहदे
और तगुम अपनदे घर बदासंध बहैठदे। न जिदानदे मदेरदे बदाप नदे वहैतरणही ममें चकतनदे गमोतदे खदायदे हयोंगदे?

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727

(पमोप जिही) नहह-नहह, वहदासं इस ददान कदे पगुण्य कदे प्रभदाव सदे दस
भू रही गदाय बन कर उतदार चदयदा हमोगदा।
(जिदाट जिही) वहैतरणही नदही यहदाह सदे चकतनही दरभू और चकधर ककी ओर हहै।
(पमोप जिही) अनगुमदान सदे कमोई तहीस क्रमोड़ कमोश दरभू हहै क्ययोंचक उञ्चदास कमोचट यमोजिन पकचथवही हहै और दचकण
नहैऋतर्थ चदशदा ममें वहैतरणही नदही हहै।
(जिदाट जिही) इतनही दरभू तगुम्हदारही चचटही वदा तदार कदा समदाचदार गयदा हमो उस कदा उत्तर आयदा हमो चक वहदासं पगुण्य
ककी गदाय बन गई। अमगुक कदे चपतदा कमो पदार उतदार चदयदा। चदखलदाओ?
(पमोप जिही) हमदारदे पदास गरुड़पगुरदाण कदे लदेख कदे चवनदा डदाक वदा तदारवककीर्थ दस
भू रही कमोई नहह।
(जिदाट जिही) इस गरुड़पगुरदाण कमो हम सच्चिदा कहै सदे मदानमें?
(पमोप जिही) जिहैसदे सब मदानतदे हमैं।
(जिदाट जिही) यह पगुस्तक तगुम्हदारदे पगुरुषदाओसं नदे तगुम्हदारही जिहीचवकदा कदे चलयदे बनदायदा हहै क्ययोंचक चपतदा कमो चवनदा
अपनदे पगुत्रयों कदे कमोई चप्रय नहह। जिब मदेरदा चपतदा मदेरदे पदास चचटही पत्रही वदा तदार भदेजिदेगदा तभही ममैं वहैतरणही नदही कदे चकनदारदे
गदाय पहह संचदा दगसंभू दा और उन कमो पदार उतदार पगुनमः गदाय कमो घर ममें लदे आ द धभू कमो ममैं और मदेरदे लड़कदे बदालदे चपयदा करमेंगदे।
लदाओ! दधभू ककी भरही हह ई बटलमोहही, गदाय, बछड़दा लदेकर जिदाट जिही अपनदे घर कमो चलदा।
(पमोप जिही) तगुम ददान ददेकर लदेतदे हमो तगुम्हदारदा सत्यदानदाश हमो जिदायगदा।
(जिदाट जिही) चगुप रहमो! नहह तमो तदेरह चदन लयों दधभू कदे चवनदा चजितनदा दमःगु ख हम नदे पदायदा हहै सब कसर
चनकदाल दगसंभू दा। तब पमोप जिही चगुप रहदे और जिदाट जिही गदाय बछड़दा लदे अपनदे घर पहह संचदे। जिब ऐसदे हही जिदाट जिही कदे सदे पगुरुष
हयों तमो पमोपलहीलदा ससंसदार ममें न चलदे। जिमो यदे लमोग कहतदे हमैं चक दशगदात्र कदे चपण्डयों सदे दश असंग सचपण्डही करनदे सदे शरहीर
कदे सदाथ जिहीव कदा मदेल हमोकदे असंगगुष्ठिमदात्र शरहीर बन कदे पश्चदातम् यमलमोक कमो जिदातदा हहै तमो मरतही समय यमदतभू यों कदा
आनदा व्यथर्थ हमोतदा हहै। त्रयमोदशदाह कदे पश्चदातम् आनदा चदाचहयदे। जिमो शरहीर बन जिदातदा हमो तमो अपनही सही, सन्तदान और इष्ट
चमत्रयों कदे ममोह सदे क्ययों नहह लचौट आतदा हहै?
(प्रश्न) स्वगर्थ ममें कगु छ भही नहह चमलतदा जिमो ददान चकयदा जिदातदा हहै वहही वहदासं चमलतदा हहै। इसचलयदे सब ददान
करनदे चदाचहयदे।

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(उत्तर) उस तगुम्हदारदे स्वगर्थ सदे यहही लमोक अच्छदा हहै चजिस ममें धमर्थशदालदा हमैं , लमोग ददान ददेतदे हमैं, इष्ट चमत्र
और जिदाचत ममें खभूब चनमन्त्रण हमोतदे हमैं, अच्छदे-अच्छदे वस चमलतदे हमैं, तगुम्हदारदे कहनदे प्रमदाणदे स्वगर्थ ममें कगु छ भही नहह
चमलतदा। ऐसदे चनदर्थय, कक पण, कसंगलदे स्वगर्थ ममें पमोप जिही जिदाकदे खरदाब हमोवमें, वहदाह भलदे-भलदे मनगुष्ययों कदा क्यदा कदाम?
(प्रश्न) जिब तगुम्हदारदे कहनदे सदे यमलमोक और यम नहह हमैं तमो मर कर जिहीव कहदासं जिदातदा और इन कदा न्यदाय
कचौन करतदा हहै?
(उत्तर) तगुम्हदारदे गरुड़पगुरदाण कदा कहदा हह आ तमो अप्रमदाण हहै परन्तगु जिमो वदेदमोक्त हहै चक—
यमदेन । वदायगुन दा। सत्यरदाजिनम्॥
इत्यदाचद वदेदवचनयों सदे चनश्चय हहै चक ‘यम’ नदाम वदायगु कदा हहै। शरहीर छमोड़ कदे सदाथ अन्तररक ममें जिहीव रहतदे हमैं
और जिमो सत्यकत्तदार्थ पकपदातरचहत परमदात्मदा ‘धमर्थरदाजि’ हहै वहही सब कदा न्यदायकत्तदार्थ हहै।
(प्रश्न) तगुम्हदारदे कहनदे सदे गमोददानदाचद ददान चकसही कमो न ददेनदा और न कगु छ ददान पगुण्य करनदा, ऐसदा चसद्ध
हमोतदा हहै।
(उत्तर) यह तगुम्हदारदा कहनदा सवर्थथदा व्यथर्थ हहै क्ययोंचक सगुपदात्रयों कमो, परमोपकदाररययों कमो परमोपकदारदाथर्थ समोनदा,
चदासंदही, हहीरदा, ममोतही, मदाचणक, अन्न, जिल, स्थदान, वस, गदाय आचद ददान अवश्य करनदा उचचत हहै चकन्तगु कगु पदात्रयों
कमो कभही न ददेनदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) कगु पदात्र और सगुपदात्र कदा लकण क्यदा हहै?
(उत्तर) जिमो छलही, कपटही, स्वदाथर्त्ती, चवषयही, कदाम, क्रमोध, लमोभ, ममोह सदे यगुक्त, परहदाचन करनदे वदालदे
लम्पटही, चमथ्यदावदादही, अचवद्विदानम्, कगु ससंगही, आलसही। जिमो कमोई ददातदा हमो उसकदे पदास बदारम्बदार मदासंगनदा, धरनदा ददेनदा,
नदा चकयदे पश्चदातम् भही हठतदा सदे मदासंगतदे हही जिदानदा, सन्तमोष न हमोनदा, जिमो न ददे उस ककी चनन्ददा करनदा, शदाप और
गदाचलप्रददानदाचद ददेनदा। अनदेक वदार जिमो सदेवदा करदे और एक वदार न करदे तमो उस कदा शगुत्र बन जिदानदा, ऊपर सदे सदाधगु कदा
वदेश बनदा लमोगयों कमो बहकदाकर ठगनदा और अपनदे पदास पददाथर्थ हमो तमो भही मदेरदे पदास कगु छ भही नहह हहै कहनदा, सब कमो
फगु सलदा फगु सलभू कर स्वदाथर्थ चसद्ध करनदा, रदात चदन भहीख मदासंगनदे हही ममें प्रवकत्त रहनदा, चनमन्त्रण चदयदे पर यथदेष्ट भसंगदाचद
मदादक द्रव्य खदा पहीकर बहह त सदा परदायदा पददाथर्थ खदानदा, पगुनमः उन्मत्त हमोकर प्रमदादही हमोनदा, सत्य मदागर्थ कदा चवरमोध
और झभूठ मदागर्थ ममें अपनदे प्रयमोजिनदाथर्थ चलनदा, वहैसदे हही अपनदे चदेलयों कमो कदे वल अपनही हही सदेवदा करनदे कदा उपददेश
करनदा, अन्य यमोग्य पगुरुषयों ककी सदेवदा करनदे कदा नहह, सचद्विददाचद प्रवकचत्त कदे चवरमोधही, जिगतम् कदे व्यवहदार अथदार्थतम् सही,

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पगुरुष, मदातदा, चपतदा, सन्तदान, रदाजिदा, प्रजिदा इष्टचमत्रयों ममें अप्रहीचत करदानदा चक यदे सब असत्य हमैं और जिगतम् भही
चमथ्यदा हहै। इत्यदाचद दष्टगु उपददेश करनदा आचद कगु पदात्रयों कदे लकण हमैं।
और जिमो ब्रह्मचदारही, चजितदेचन्द्रय, वदेददाचद चवददा कदे पढ़नदे पढ़दानदे हदारदे, सगुशहील, सत्यवदादही, परमोपकदारचप्रय,
पगुरुषदाथर्त्ती, उददार, चवददा धमर्थ ककी चनरन्तर उन्नचत करनदेहदारदे, धमदार्थत्मदा, शदान्त, चनन्ददा स्तगुचत ममें हषर्थ शमोकरचहत,
चनभर्थय, उत्सदाहही, यमोगही, जदानही, सकचष्टक्रम, वदेददाजदा, ईश्वर कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदावदानगुकभूल वत्तर्थमदान करनदेहदारदे,
न्यदाय ककी रहीचत यगुक्त, पकपदातरचहत, सत्यमोपददेश और सत्यशदासयों कदे पढ़नदे पढ़दानदेहदारदे कदे परहीकक, चकसही कमो ललमो
पत्तमो न करमें, प्रश्नयों कदे यथदाथर्थ समदाधदानकत्तदार्थ, अपनदे आत्मदा कदे तगुल्य अन्य कदा भही सगुख, दमःगु ख, हदाचन, लदाभ
समझनदे वदालदे, अचवददाचद क्लदेश, हठ, दरगु दाग्रहदाऽचभमदानरचहत, अमकत कदे समदान अपमदान और चवष कदे समदान मदान
कमो समझनदे वदालदे, सन्तमोषही, जिमो कमोई प्रहीचत सदे चजितनदा ददेवदे उतनदे हही सदे प्रसन्न, एक वदार आपत्कदाल ममें मदासंगदे भही न
ददेनदे वदा वजिर्थनदे पर भही दमःगु ख वदा बगुरही चदेष्टदा न करनदा, वहदासं सदे भट लचौट जिदानदा, उस ककी चनन्ददा न करनदा, सगुखही
पगुरुषयों कदे सदाथ चमत्रतदा, दचगु खययों पर करुणदा, पगुण्यदात्मदाओसं सदे आनन्द और पदाचपययों सदे उपदेकदा अथदार्थतम् रदागद्विदेषरचहत
रहनदा, सत्यमदानही, सत्यवदादही, सत्यकदारही, चनष्कपट, ईष्यदार्थद्विदेषरचहत, गम्भहीरदाशय, सत्पगुरुष, धमर्थ सदे यगुक्त और
सवर्थथदा दष्टगु दाचदार सदे रचहत अपनदे तन मन धन कमो परमोपकदार करनदे ममें लगदानदे वदालदे , परदायदे सगुख कदे चलयदे अपनदे प्रदाणयों
कमो भही समचपर्थतकत्तदार्थ इत्यदाचद शगुभलकणयगुक्त सगुपदात्र हमोतदे हमैं। परन्तगु दचगु भर्थकदाचद आपत्कदाल ममें अन्न, जिल, वस और
औषचध पथ्य स्थदान कदे अचधकदारही सब प्रदाणहीमदात्र हमो सकतदे हमैं।
(प्रश्न) ददातदा चकतनदे प्रकदार कदे हमोतदे हमैं?
(उत्तर) तहीन प्रकदार कदे —उत्तम, मध्यम और चनकक ष्ट। उत्तम ददातदा उस कमो कहतदे हमैं जिमो ददेश कदाल और
पदात्र कमो जिदानकर सत्यचवददा, धमर्थ ककी उन्नचतरूप परमोपकदारदाथर्थ ददेवदे। मध्यम वह हहै जिमो ककीचतर्थ वदा स्वदाथर्थ कदे चलए ददान
करदे। नहीच वह हहै चक अपनदा वदा परदायदा कगु छ उपकदार न कर सकदे चकन्तगु वदेश्यदागमनदाचद वदा भदासंड भदाटयों आचद कमो ददेवदे ,
ददेतदे समय चतरस्कदार अपमदानदाचद कगु चदेष्टदा भही करदे, पदात्र कगु पदात्र कदा कगु छ भही भदेद न जिदानदे चकन्तगु ‘सब अन्न बदारह
पसदेर ही’ बदेचनदे वदालयों कदे समदान चववदाद लड़दाई, दस भू रदे धमदार्थत्मदा कमो दमःगु ख ददेकर सगुखही हमोनदे कदे चलयदे चदयदा करदे , वह
अधम ददातदा हहै। अथदार्थतम् जिमो परहीकदापभूवर्थक चवद्विदानम् धमदार्थत्मदाओसं कदा सत्कदार करदे वह उत्तम और जिमो कगु छ परहीकदा करदे वदा
न करदे परन्तगु चजिस ममें अपनही प्रशसंसदा हमो उस कमो मध्यम और जिमो अन्धदाधगुन्ध परहीकदारचहत चनष्फल ददान चदयदा करदे
वह नहीच ददातदा कहदातदा हहै।
(प्रश्न) ददान कदे फल यहदासं हमोतदे हमैं वदा परलमोक ममें?
(उत्तर) सवर्थत्र हमोतदे हमैं।
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(प्रश्न) स्वयसं हमोतदे हमैं वदा कमोई फल ददेनदे वदालदा हहै?


(उत्तर) फल ददेनदे वदालदा ईश्वर हहै। जिहैसदे कमोई चमोर डदाकभू स्वयसं बन्दहीघर ममें जिदानदा नहह चदाहतदा, रदाजिदा उस
कमो अवश्य भदेजितदा हहै, धमदार्थत्मदाओसं कदे सगुख ककी रकदा करतदा, भगुगदातदा, डदाकभू आचद सदे बचदाकर उन कमो सगुख ममें
रखतदा हहै वहैसदे हही परमदात्मदा सब कमो पदाप पगुण्य कदे दमःगु ख और सगुखरूप फलयों कमो यथदावतम् भगुगदातदा हहै।
(प्रश्न) जिमो यदे गरुड़पगुरदाणदाचद ग्रन्थ हमैं वदेददाथर्थ वदा वदेद ककी पगुचष्ट करनदे वदालदे हमैं वदा नहह?
(उत्तर) नहह, चकन्तगु वदेद कदे चवरमोधही और उलटदे चलतदे हमैं तथदा तन्त्र भही वहैसदे हही हमैं। जिहैसदे कमोई मनगुष्य
एक कदा चमत्र सब ससंसदार कदा शत्रगु हमो, वहैसदा हही पगुरदाण और तन्त्र कदा मदाननदे वदालदा पगुरुष हमोतदा हहै क्ययोंचक एक द स भू रदे
सदे चवरमोध करदानदे वदालदे यदे ग्रन्थ हमैं। इन कदा मदाननदा चकसही चवद्विदानम् कदा कदाम नहह चकन्तगु इन कमो मदाननदा अचवद्वित्तदा हहै।
ददेखमो! चशवपगुरदाण ममें त्रयमोदशही, समोमवदार, आचदत्यपगुरदाण ममें रचव; चन्द्रखण्ड ममें समोमग्रह वदालदे मसंगल, बगुध,
बकहस्पचत, शगुक्र, शनहैश्चर, रदाहह, कदे तगु कदे ; वहैष्णव एकदादशही; वदामन ककी द्विदादशही; नकचससंह वदा अनन्त ककी चतगुदर्थशही;
चन्द्रमदा ककी पचौणर्थमदासही; चदक्पदालयों ककी दशमही; दगगु दार्थ ककी नचौमही; वसगुओसं ककी अष्टमही; मगुचनययों ककी सप्तमही; कदाचतर्थक
स्वदामही ककी षष्ठिही; नदाग ककी पञ्चमही; गणदेश ककी चतगुथर्त्ती; गचौरही ककी तकतहीयदा; अचश्वनहीकगुमदार ककी चद्वितहीयदा; आददाददेवही
ककी प्रचतपददा और चपतरयों ककी अमदावदास्यदा पगुरदाणरहीचत सदे यदे चदन उपवदास करनदे कदे हमैं। औदेर सवर्थत्र यहही चलखदा हहै चक
जिमो मनगुष्य इन वदार और चतचथययों ममें अन्न, पदान ग्रहण करदेगदा वह नरकगदामही हमोगदा।
अब पमोप और पमोप जिही कदे चदेलयों कमो चदाचहयदे चक चकसही वदार अथवदा चकसही चतचथ ममें भमोजिन न करमें क्ययोंचक
जिमो भमोजिन वदा पदान चकयदा तमो नरकगदामही हयोंगदे। अब ‘चनणर्थयचसन्धगु’, ‘धमर्थचसन्धगु’, ‘रतदाकर्थ’ आचद ग्रन्थ जिमो चक
प्रमदादही लमोगयों कदे बनदायदे हमैं उन्हह ममें एक-एक रत ककी ऐसही ददगु र्थशदा ककी हहै चक जिहैसदे एकदादशही कमो शहैव, दशमही चवद्धदा,
कमोई द्विदादशही ममें एकदादशही रत करतदे हमैं अथदार्थतम् क्यदा बड़ही चवचचत्र पमोपलहीलदा हहै चक भभूख दे मरनदे ममें भही वदाद चववदाद हही
करतदे हमैं। जिमो एकदादशही कदा रत चलदायदा हहै उस ममें अपनदा स्वदाथर्थपन हही हहै और दयदा कगु छ भही नहह। वदे कहतदे हमैं—
एकदादश्यदामन्नदे पदापदाचन वसचन्त॥
चजितनदे पदाप हमैं वदे सब एकदादशही कदे चदन अन्न ममें वसतदे हमैं। इस पमोप जिही सदे पभूछनदा चदाचहयदे चक चकस कदे पदाप
उस ममें बसतदे हमैं? तदेरदे वदा तदेरदे चपतदा आचद कदे ? जिमो सब कदे पदाप एकदादशही ममें जिदा बसमें तमो एकदादशही कदे चदन चकसही
कमो दमःगु ख न रहनदा चदाचहयदे। ऐसदा तमो नहह हमोतदा चकन्तगु उल्टदा कगुधदा आचद सदे द मःगु ख हमोतदा हहै। दमःगु ख पदाप कदा फल हहै।
इस सदे भभूखदे मरनदा पदाप हहै। इस कदा बड़दा मदाहदात्म्य बनदायदा हहै चजिस ककी कथदा बदासंच कदे बहह त ठगदे जिदातदे हमैं। उस ममें एक
गदाथदा हहै चक—

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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ब्रह्मलमोक ममें एक वदेश्यदा थही। उस नदे कगु छ अपरदाध चकयदा। उस कमो शदाप हह आ। तभू पकचथवही पर चगर। उस नदे
स्तगुचत ककी चक ममैं पगुनमः स्वगर्थ ममें क्ययोंकर आ सकभूह गही? उस नदे कहदा जिब कभही एकदादशही कदे रत कदा फल तगुझदे कमोई
ददेगदा तभही तभू स्वगर्थ ममें आ जिदायदेगही। वह चधदान सचहत चकसही नगर ममें चगर पड़ही। वहदाह कदे रदाजिदा नदे उस सदे पभूछदा चक तभू
कचौन हहै। तब उस नदे सब वकत्तदान्त कह सगुनदायदा और कहदा चक जिमो कमोई मगुझदे एकदादशही कदा फल अपर्थण करदे तमो चफर
भही स्वगर्थ कमो जिदा सकतही हह सं। रदाजिदा नदे नगर ममें खमोजि करदायदा। कमोई भही एकदादशही कदा रत करनदे वदालदा न चमलदा। चकन्तगु
एक चदन चकसही शभूद्र सही पगुरुष ममें लड़दाई हहई थही। क्रमोध सदे सही चदन रदात भभूखही रहही थही। दहैवयमोग सदे उस चदन
एकदादशही हही थही। उस नदे कहदा चक ममैंनदे एकदादशही जिदानकर तमो नहह ककी। अकस्मदातम् उस चदन भभूखही रह गई थही। ऐसदे
रदाजिदा कदे भकत्ययों सदे कहदा। तब तमो वदे उस कमो रदाजिदा कदे सदामनदे लदे आयदे। उस सदे रदाजिदा नदे कहदा चक तभू इस चधदान कमो छभू ।
उस नदे छभूआ तमो उसही समय चधदान ऊपर कमो उड़ गयदा। यह तमो चवनदा जिदानदे एकदादशही कदे रत कदा फल हहै। जिमो जिदानकदे
करदे तमो उस कदे फल कदा क्यदा पदारदावदार हहै!!!
वदाह रदे आसंख कदे अन्धदे लमोगमो! जिमो यह बदात सच्चिही हमो तमो हम एक पदान कदा बहीड़दा जिमो चक स्वगर्थ ममें नहह
हमोतदा। भदेजिनदा चदाहतदे हमैं। सब एकदादशही वदालदे अपनदा-अपनदा फल ददे दमो। जिमो एक पदानबहीड़दा ऊपर कमो चलदा जिदायदेगदा
तमो पगुनमः लदाखयों क्रमोड़यों पदान वहदासं भदेजिमेंगदे और हम भही एकदादशही चकयदा करमेंगदे और जिमो ऐसदा न हमोगदा तमो तगुम लमोगयों कमो
इस भभूखदे मरनदेरूप आपत्कदाल सदे बचदावमेंगदे।
इन चचौबहीस एकदादचशययों कदे नदाम पकथकम् -पकथकम् रक्खदे हमैं। चकसही कदा ‘धनददा’ चकसही कदा ‘कदामददा’ चकसही
कदा ‘पगुत्रददा’ चकसही कदा ‘चनजिर्थलदा’। बहह त सदे दररद्र, बहह त सदे कदामही और बहह त सदे चनवर्वंशही लमोग एकदादशही करकदे बभूढ़दे
हमो गयदे और मर भही गयदे परन्तगु धन, कदामनदा और पगुत्र प्रदाप्त न हह आ औदेदेर ज्यदेष्ठि महहीनदे कदे शगुक्लपक ममें चक चजिस समय
एक घड़ही भर जिल न पदावदे तमो मनगुष्य व्यदाकगुल हमो जिदातदा हहै। रत करनदे वदालयों कमो महदादमःगु ख प्रदाप्त हमोतदा हहै। चवशदेष कर
बसंगदालदे ममें सब चवधवदा चसययों ककी एकदादशही कदे चदन बड़ही ददगु र्थशदा हमोतही हहै। इस चनदर्थयही कसदाई कमो चलखतदे समय कगु छ
भही मन ममें दयदा न आई, नहह तमो चनजिर्थलदा कदा नदाम सजिलदा और पचौष महहीनदे ककी शगुक्लपक ककी एकदादशही कदा नदाम
चनजिर्थलदा रख ददेतदा तमो भही कगु छ अच्छदा हमोतदा। परन्तगु इस पमोप कमो दयदा सदे क्यदा कदाम ? ‘कमोई जिहीवमो वदा मरमो पमोप
जिही कदा पदेट पभूर दा भरमो।’
गभर्थवतही वदा सदमोचववदाचहतदा सही, लड़कदे वदा यगुवदा पगुरुषयों कमो तमो कभही उपवदास न करनदा चदाचहयदे। परन्तगु
चकसही कमो करनदा भही हमो तमो चजिस चदन अजिहीणर्थ हमो कगुधदा न लगदे, उस चदन शकर्थरदावतम् (शबर्थत) वदा दधभू पहीकर रहनदा
चदाचहयदे। जिमो भभूख ममें नहह खदातदे और चवनदा भभूख कदे भमोजिन करतदे हमैं वदे दमोनयों रमोगसदागर ममें गमोतदे खदा दमःगु ख पदातदे हमैं। इन
प्रमदाचदययों कदे कहनदे चलखनदे कदा प्रमदाण कमोई भही न करदे।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

अब गगुरु चशष्य मन्त्रमोपददेश औहैर मतमतदान्तर कदे चररत्रयों कदा वत्तर्थमदान कहतदे हमैं—
मभूचत्तर्थपभूजिक सम्प्रददायही लमोग प्रश्न करतदे हमैं चक वदेद अनन्त हमैं। ऋग्वददे ककी 21, यजिगुवर्वेद ककी 101,
सदामवदेद ककी 1000 और अथवर्थवदेद ककी 9 शदाखदा हमैं। इन ममें सदे थमोड़ही सही शदाखदा चमलतही हमैं शदेष लमोप हमो गई हमैं।
उन्हह ममें पभूजिदा और तहीथर्यों कदा प्रमदाण हमोगदा। जिमो न हमोतदा तमो पगुरदाणयों ममें कहदासं सदे आतदा? जिब कदायर्थ ददेख कर कदारण
कदा अनगुमदान हमोतदा हहै तब पगुरदाणयों कमो ददेखकर मभूचत्तर्थपभूजिदा ममें क्यदा शसंकदा हहै?
(उत्तर) जिहैसदे शदाखदा चजिस वकक ककी हमोतही हहै उस कदे सदृश हह आ करतही हहै; चवरुद्ध नहह। चदाहहै शदाखदा छमोटही
बड़ही हयों परन्तगु उन ममें चवरमोध नहह हमो सकतदा। वहैसदे हही चजितनही शदाखदा चमलतही हमैं जिब इन ममें पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थ और
जिल स्थल चवशदेष तहीथर्यों कदा प्रमदाण नहह चमलतदा तमो उन लगुप्त शदाखदाओसं ममें भही नहह थदा। और चदार वदेद पभूणर्थ चमलतदे हमैं
उन सदे चवरुद्ध शदाखदा कभही नहह हमो सकतह और जिमो चवरुद्ध हमैं उन कमो शदाखदा कमोई भही चसद्ध नहह कर सकतदा। जिब
यह बदात हहै तमो पगुरदाण वदेदयों ककी शदाखदा नहह चकन्तगु सम्प्रददायही लमोगयों नदे परस्पर चवरुद्धरूप ग्रन्थ बनदा रखदे हमैं।
वदेदयों कमो तगुम परमदेश्वरकक त मदानतदे हमो वदा मनगुष्यकक त? परमदेश्वरकक त? जिब परमदेश्वरकक त मदानतदे हमो तमो
‘आश्वलदायनदाचद’ ऋचष मगुचनययों कदे नदाम प्रचसद्ध ग्रन्थयों कमो वदेद क्ययों मदानतदे हमो? जिहैसदे डदालही और पत्तयों कदे ददेखनदे सदे
पहीपल, बड़ और आम आचद वककयों ककी पचहचदान हमोतही हहै वहैसदे हही ऋचष मगुचनययों कदे चकयदे वदेददागसं , चदारयों ब्रदाह्मण, असंग।
उपदासंग औदेर उपवदेद आचद सदे वदेददाथर्थ पचहचदानदा जिदातदा हहै। इसचलयदे इन ग्रन्थयों कमो शदाखदा मदानदा हहै।
जिमो वदेदयों सदे चवरुद्ध हहै उस कदा प्रमदाण और अनगुकभूल कदा अप्रमदाण नहह हमो सकतदा। जिमो तगुम अदृष्ट शदाखदाओसं
ममें मभूचत्तर्थ आचद कदे प्रमदाण ककी कल्पनदा करमोगदे तमो जिब कमोई ऐसदा पक करदेगदा चक लगुप्त शदाखदाओसं ममें वणदार्थश्रम व्यवस्थदा
उलटही अथदार्थतम् अन्त्यजि और शभूद्र कदा नदाम ब्रदाह्मणदाचद और ब्रदाह्मणदाचद कदा नदाम शभूद्र अन्त्यजिदाचद, अगमनहीयदागमन,
अकत्तर्थव्य कत्तर्थव्य, चमथ्यदाभदाषणदाचद धमर्थ, सत्यभदाषणदाचद अधमर्थ आचद चलखदा हमोगदा तमो तगुम उस कमो वहही उत्तर दमोगदे
जिमो चक हम नदे चदयदा अथदार्थतम् वदेद औदेर प्रचसद्ध शदाखदाओसं ममें जिहैसदा ब्रदाह्मणदाचद कदा नदाम ब्रदाह्मणदाचद और शभूद्रदाचद कदा नदाम
शभूद्रदाचद चलखदा हहै, वहैसदा हही अदृष्ट शदाखदाओसं ममें भही मदाननदा चदाचहयदे नहह तमो वणदार्थश्रम व्यवस्थदा आचद सब अन्यथदा हमो
जिदायमेंगदे।
भलदा जिहैचमचन, व्यदास और पतञ्जचल कदे समय पयर्थन्त तमो सब शदाखदा चवदमदान थह वदा नहह? यचद थह तमो
तगुम कभही चनषदेध न कर सकमोगदे और जिमो कहमो चक नहह थह तमो चफर शदाखदाओसं कदे हमोनदे कदा क्यदा प्रमदाण हहै ? ददेखमो!
जिहैचमचन नदे महीमदासंसदा ममें सब कमर्थकदाण्ड, पतञ्जचल मगुचन नदे यमोगशदास ममें सब उपदासनदाकदाण्ड और व्यदासमगुचन नदे
शदारहीरक सभूत्रयों ममें सब जदानकदाण्ड वदेददानगुकभूल चलखदा हहै। उन ममें पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा वदा प्रयदागदाचद तहीथर्यों कदा नदाम तक
भही नहह चलखदा। चलखमें कहदासं सदे? जिमो कहह वदेदयों ममें हमोतदा तमो चलखदे चवनदा कभही न छमोड़तदे। इसचलयदे लगुप्त शदाखदाओसं ममें
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भही इन मभूचत्तर्थपभूजिदाचद कदा प्रमदाण नहह थदा। यदे सब शदाखदा वदेद नहह हमैं क्ययोंचक इनममें ईश्वरकक त वदेदयों कदे प्रतहीक धर कदे
व्यदाख्यदा और ससंसदारही जिनयों कदे इचतहदासदाचद चलखदे हमैं इसचलयदे यदे वदेद कभही नहह हमो सकतदे। वदेदयों ममें तमो कदे वल मनगुष्ययों
कमो चवददा कदा उपददेश चकयदा हहै। चकसही मनगुष्य कदा नदाममदात्र भही नहह। इसचलए मभूचत्तर्थपभूजिदा कदा सवर्थथदा खण्डन हहै।
ददेखमो! मभूचत्तर्थपभूजिदा सदे श्रहीरदामचन्द्र, श्रहीककष्ण, नदारदायण और चशवदाचद ककी बड़ही चनन्ददा और उपहदास हमोतदा हहै।
सब कमोई जिदानतदे हमैं चक वदे बड़दे महदारदाजिदाचधरदाजि और उनककी सही सहीतदा तथदा रुचक्मणही, लक्ष्मही और पदावर्थतही आचद
महदारदाचणयदासं थह, परन्तगु जिब उन ककी मभूचत्तर्थयदासं मचन्दर आचद ममें रख कदे पगुजिदारही लमोग उनकदे नदाम सदे भहीख मदासंगतदे हमैं
अथदार्थतम् उन कमो चभखदारही बनदातदे हमैं चक आओ महदारदाजि ! रदाजिदा जिही! सदेठ! सदाहहकदारमो! दशर्थन ककीचजियदे, बहैचठयदे,
चरणदामकत लहीचजियदे, कगु छ भमेंट चढ़दाइयदे। महदारदाजि! सहीतदा रदाम, कक ष्ण, रुचक्मणही वदा रदाधदा कक ष्ण, लक्ष्मही नदारदायण
और महदाददेव पदावर्थतही जिही कमो तहीन चदन सदे बदालभमोग वदा रदाजिभमोग अथदार्थतम् जिलपदान वदा खदानपदान भही नहह चमलदा हहै।
आजि इन कदे पदास कगु छ भही नहह हहै। सहीतदा आचद कमो नथगुनही आचद रदाणही जिही वदा सदेठदानही जिही बनवदा दहीचजियदे। अन्न
आचद भदेजिमो तमो रदाम कक ष्णदाचद कमो भमोग लगदावमें। वस सब फट गयदे हमैं। मचन्दर कदे कमोनदे सब चगर पड़दे हमैं। ऊपर सदे चभूतदा
हहै और दष्टगु चमोर जिमो कगु छ थदा उसदे उठदा लदे गयदे। कगु छ ऊसंदरयों (चभूहयों) नदे कदाट कभू ट डदालदे। ददेचखयदे? एक चदन ऊसंदरयों
नदे ऐसदा अनथर्थ चकयदा चक इनककी आसंख भही चनकदाल कदे भदाग गयदे। अब हम चदासंदही ककी आसंख न बनदा सकदे इसचलयदे
कचौड़ही ककी लगदा दही हहै।
रदामलहीलदा और रदासमण्डल भही करवदातदे हमैं। सहीतदारदाम रदाधदाककष्ण नदाच रहदे हमैं।
रदाजिदा और महन्त आचद उन कदे सदेवक आनन्द ममें बहैठदे हमैं। मचन्दर ममें सहीतदा रदामदाचद खड़दे और पगुजिदारही वदा
महन्त जिही आसन अथवदा गद्दही पर तचकयदा लगदायदे बहैठतदे हमैं। महदागरमही ममें भही तदालदा लगदा भहीतर बन्ध कर ददेतदे हमैं और
आप सगुन्दर वदायगु ममें पलसंग चबछदाकर समोतदे हमैं। बहह त सदे पभूजिदारही अपनदे नदारदायण कमो डब्बही ममें बन्ध कर ऊपर सदे कपड़दे
आचद बदासंध गलदे ममें लटकदा लदेतदे हमैं जिहैसदे चक वदानरही अपनदे बच्चिदे कमो गलदे ममें लटकदा लदेतही हहै वहैसदे पभूजिदाररययों कदे गलदे ममें भही
लटकतदे हमैं। जिब कमोई मभूचत्तर्थ कमो तमोड़तदा हहै तब हदाय -हदाय कर छदातही पहीट बकतदे हमैं चक सहीतदा रदाम जिही रदाधदा कक ष्ण जिही
और चशव पदावर्थतही कमो दष्टगु यों नदे तमोड़ डदालदा! अब दस भू रही मभूचत्तर्थ मसंगवदा कर जिमो अच्छदे चशल्पही नदे ससंगमरमर ककी बनदाई हमो
स्थदापन कर पभूजिनही चदाचहयदे।
नदारदायण कमो घही कदे चवनदा भमोग नहह लगतदा। बहह त नहह तमो थमोड़दा सदा अवश्य भदेजि ददेनदा। इत्यदाचद बदातमें इन
पर ठहरदातदे हमैं। और रदासमण्डल वदा रदामलहीलदा कदे अन्त ममें सहीतदारदाम वदा रदाधदाककष्ण सदे भहीख मसंगवदातदे हमैं। जिहदासं मदेलदा
ठदेलदा हमोतदा हहै वह छमोकरदे पर मगुकगुट धर कन्हहैयदा बनदा मदागर्थ ममें बहैठदाकर भहीख मसंगवदातदे हमैं।

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इत्यदाचद बदातयों कमो आप लमोग चवचदार लहीचजियदे चक चकतनदे बड़दे शमोक ककी बदात हहै ! भलदा कहमो तमो सहीतदारदामदाचद
ऐसदे दररद्र और चभकगुक थदे? यह उन कदा उपहदास और चनन्ददा नहह तमो क्यदा हहै? इस सदे बड़ही अपनदे मदाननहीय पगुरुषयों
ककी चनन्ददा हमोतही हहै। भलदा चजिस समय यदे चवदमदान थदे उस समय सहीतदा, रुचक्मणही, लक्ष्मही और पदावर्थतही कमो सड़क
पर वदा चकसही मकदान ममें खड़ही कर पभूजिदारही कहतदे चक आओ इन कदा दशर्थन करमो और कगु छ भमेंट पभूजिदा धरमो तमो सहीतदा
रदामदाचद इन मभूखर्यों कदे कहनदे सदे ऐसदा कदाम कभही न करतदे और न करनदे ददेतदे। जिमो कमोई ऐसदा उपहदास उन कदा करतदा हहै
उस कमो चवनदा दण्ड चदयदे कभही छमोड़तदे ? हदासं जिब उन्हयों सदे दण्ड न पदायदा तमो इन कदे कमर्यों नदे पभूजिदाररययों कमो बहह त सही
मभूचत्तर्थचवरमोचधययों सदे प्रसदादही चदलदा दही और अब भही चमलतही हहै और जिब तक इस कगु कमर्थ कमो न छमोड़मेंगदे तब तक
चमलदेगही।
इस ममें क्यदा सन्ददेह हहै चक जिमो आयदार्थवत्तर्थ ककी प्रचतचदन महदाहदाचन पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिकयों कदा परदाजिय इन्हह
कमर्यों सदे हमोतदा हहै, क्ययोंचक पदाप कदा फल दमःगु ख हहै। इन्हह पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थययों कदे चवश्वदास सदे बहह त सही हदाचन हमो गई।
जिमो न छमोड़मेंगदे तमो प्रचतचदन अचधक-अचधक हमोतही जिदायगही, इन ममें सदे वदाममदागर्त्ती बड़दे भदारही अपरदाधही हमैं। जिब वदे चदेलदा
करतदे हमैं तब सदाधदारण कमो—
दसं दगुग दार्थय है नममः। भसं भहैर वदाय नममः। ऐसं ह्रह क्लकीसं चदामगुण् डदायहै चवच्चिदे॥
इत्यदाचद मन्त्रयों कदा उपददेश कर ददेतदे हमैं और बसंगदालदे ममें चवशदेष करकदे एकदाकरही मन्त्रमोपददेश करतदे हमैं। जिहैसदा—
ह्रह, श्रह, क्लकीसं॥
इत्यदाचद और धनदाढ्ययों कदा पभूणदार्थचभषदेक करतदे हमैं। ऐसदे दश महदाचवददाओसं कदे मन्त्र—
ह्रदासं ह्रह ह्रभू सं बगलदामगुख् यहै फटम् स्वदाहदा॥
कहह-कहह—
हह सं फटम् स्वदाहदा॥
और मदारण, ममोहन, उच्चिदाटन, चवद्विदेषण, वशहीकरण आचद प्रयमोग करतदे हमैं। समो मन्त्र सदे तमो कगु छ भही नहह
हमोतदा चकन्तगु चक्रयदा सदे सब कगु छ करतदे हमैं। जिब चकसही कमो मदारनदे कदा प्रयमोग करतदे हमैं तब इधर करदानदे वदालदे सदे धन लदे
कदे आटदे वदा चमटही कदा पभूतलदा चजिस कमो मदारनदा चदाहतदे हमैं उस कदा बनदा लदेतदे हमैं ! उस ककी छदातही, नदाचभ, कण्ठ ममें छगु रदे
प्रवदेश कर ददेतदे हमैं। आसंख, हदाथ, पग ममें ककीलमें ठमोकतदे हमैं। उस कदे ऊपर भहैरव वदा दगगु दार्थ ककी मभूचत्तर्थ बनदा हदाथ ममें चत्रशभूल
ददे उस कदे हृदय पर लगदातदे हमैं। एक वदेदही बनदाकर मदासंस आचद कदा हमोम करनदे लगतदे हमैं और उधर द तभू आचद भदेजि कदे

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उस कमो चवष आचद सदे मदारनदे कदा उपदाय करतदे हमैं जिमो अपनदे पगुरश्चरण कदे बहीच ममें उस कमो मदार डदालदा तमो अपनदे कमो
भहैरव ददेवही ककी चसचद्ध वदालदे बतलदातदे हमैं।
“भहैर वमो भभूत नदाथश्च” इत्यदाचद कदा पदाठ करतदे हमैं।
मदारय-मदारय, उच्चिदाटय-उच्चिदाटय, चवद्विदेष य-चवद्विदेष य, चछचन्ध-चछचन्ध, चभचन्ध-
चभचन्ध, वशहीकगु रु-वशहीकगु रु, खदादय-खदादय, भकय-भकय, त्रमोटय-त्रमोटय, नदाशय-
नदाशय, मम शत्रभून म् वशहीकगु रु-वशहीकगु रु, हह ः ह फटम् स्वदाहदा॥
इत्यदाचद मन्त्र जिपतदे, मद मदासंसदाचद यथदेष्ट खदातदे-पहीतदे, भककगुटही कदे बहीच ममें चसन्दरभू रदेखदा ददेतदे, कभही-कभही
कदालही आचद कदे चलयदे चकसही आदमही कमो पकड़ मदार हमोम कर कगु छ-कगु छ उस कदा मदासंस खदातदे भही हमैं। जिमो कमोई
भहैरवहीचक्र ममें जिदावदे, मद मदासंस न पहीवदे, न खदावदे तमो उस कमो मदार हमोम कर ददेतदे हमैं। उन ममें सदे जिमो अघमोरही हमोतदा हहै वह
मकत मनगुष्य कदा भही मदासंस खदातदा हहै। अजिरही बजिरही करनदे वदालदे चवष्ठिदा मभूत्र भही खदातदे-पहीतदे हमैं।
एक चमोलहीमदागर्थ और बहीजिमदागर्त्ती भही हमोतदे हमैं। चमोलही मदागर्थवदालदे एक गगुप्त स्थदान वदा भभूचम ममें एक स्थदान बनदातदे हमैं।
वहदासं सब ककी चसयदासं, पगुरुष, लड़कदा, लड़ककी, बचहन, मदातदा, पगुत्रवधभू आचद सब इकटदे हमो सब लमोग चमलचमलदा
कर मदासंस खदातदे, मद पहीतदे, एक सही कमो नसंगही कर उस कदे गगुप्त इचन्द्रय ककी पभूजिदा सब पगुरुष करतदे हमैं और उस कदा
नदाम दगगु दार्थददेवही धरतदे हमैं। एक पगुरुष कमो नसंगदा कर उस कदे गगुप्त इचन्द्रय ककी पभूजिदा सब चसयदासं करतही हमैं। जिब मद पही-पही
कदे उन्मत्त हमो जिदातदे हमैं तब सब चसययों कदे छदातही कदे वस चजिसकमो चमोलही कहतदे हमैं एक बड़ही चमटही ककी नदासंद ममें सब
वस चमलदाकर रखकदे एक-एक पगुरुष उस ममें हदाथ डदाल कदे चजिस कदे हदाथ ममें चजिस कदा वस आवदे वह मदातदा, बचहन,
कन्यदा और पगुत्रवधभू क्ययों न हमो उस समय कदे चलयदे वह उस ककी सही हमो जिदातही हहै ! आपस ममें कगु कमर्थ करनदे और बहह त
नशदा चढ़नदे सदे जिभूतदे आचद सदे लड़तदे चभड़तदे हमैं। जिब प्रदातमःकदाल कगु छ अन्धदेरदे ममें अपनदे -अपनदे घर कमो चलदे जिदातदे हमैं तब
मदातदा मदातदा, कन्यदा कन्यदा, बचहन बचहन और पगुत्रवधभू पगुत्रवधभू हमो जिदातही हमैं। और बहीजिमदागर्त्ती सही पगुरुष कदे समदागम
कर जिल ममें वहीयर्थ डदाल चमलदाकर पहीतदे हमैं। यदे पदामर ऐसदे कमर्यों कमो मगुचक्त कदे सदाधन मदानतदे हमैं। चवददा चवचदार सज्जनतदाचद
रचहत हमोतदे हमैं।
(प्रश्न) शहैव मत वदालदे तमो अच्छदे हमोतदे हमैं?
(उत्तर) अच्छदे कहदासं सदे हमोतदे हमैं? ‘जिहैस दा प्रदेत नदाथ वहैस दा भभूत नदाथ’ जिहैसदे वदाममदागर्त्ती मन्त्रमोपददेशदाचद सदे
उन कदा धन हरतदे हमैं वहैसदे शहैव भही ‘ओसं नममः चशवदाय’ इत्यदाचद पञ्चदाकरदाचद मन्त्रयों कदा उपददेश करतदे , रुद्रदाक भस्म
धदारण करतदे, मटही कदे और पदाषदाणदाचद कदे चलङ बनदाकर पभूजितदे हमैं और हर-हर बसं बसं और बकरदे कदे शब्द कदे समदान

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बड़ बड़ बड़ मगुख सदे शब्द करतदे हमैं। उस कदा कदारण यह कहतदे हमैं चक तदालही बजिदानदे औहैर बसं -बसं शब्द बमोलनदे सदे
पदावर्थतही प्रसन्न और महदाददेव अप्रसन्न हमोतदा हहै। क्ययोंचक जिब भस्मदासगुर कदे आगदे सदे महदादवदे भदागदे थदे तब बसं -बसं और ठटदे
ककी तदाचलयदासं बजिही थह और गदाल बजिदानदे सदे पदावर्थतही अप्रसन्न और महदादवदे प्रसन्न हमोतदे हमैं क्ययोंचक पदावर्थतही कदे चपतदा
दकप्रजिदापचत कदा चशर कदाट आगही ममें डदाल उस कदे धड़ पर बकरदे कदा चशर लगदा चदयदा थदा। उसही ककी नकल बकरदे कदे
शब्द कदे तगुल्य गदाल बजिदानदा मदानतदे हमैं। चशवरदात्रही प्रदमोष कदा रत करतदे हमैं इत्यदाचद सदे मगुचक्त मदानतदे हमैं , इसचलयदे जिहैसदे
वदाममदागर्त्ती भ्रदान्त हमैं वहैसदे शहैव भही। इन ममें चवशदेषकर कनफटदे, नदाथ, चगरही, पगुरही, वन, आरण्य, पवर्थत और सदागर
तथदा गकहस्थ भही शहैव हमोतदे हमैं। कमोई-कमोई ‘दमोनयों घमोड़यों पर चढ़तदे हमैं’ अथदार्थतम् वदाम और शहैव दमोनयों मतयों कमो मदानतदे हमैं
और चकतनदे हही वहैष्णव भही रहतदे हमैं। उनकदा—
अन्तमःशदाक्तदा बचहश्शहैव दा सभदामध्यदे च वहैष् णवदामः।
नदानदारूपधरदामः कचौलदा चवचरन्तहीह महहीतलदे॥
—यह तन्त्र कदा श्लमोक हहै।
भहीतर शदाक्त अथदार्थतम् वदाममदागर्त्ती बदाहर शहैव अथदार्थतम् रुद्रदाक, भस्म धदारण करतदे हमैं और सभदा ममें वहैष्णव कहदातदे
हमैं चक हम चवष्णगु कदे उपदासक हमैं। ऐसदे नदानदा प्रकदार कदे रूप धदारण करकदे वदाममदागर्त्ती लमोग पकचथवही ममें चवचरतदे हमैं।
(प्रश्न) वहैष्णव तमो अच्छदे हमैं?
(उत्तर) क्यदा धभूड़ अच्छदे हमैं। जिहैसदे वदे वहैसदे यदे हमैं। ददेख लमो वहैष्णवयों ककी लहीलदा।अपनदे कमो चवष्णगु कदा ददास
मदानतदे हमैं। उन ममें सदे श्रहीवहैष्णव जिमो चक चक्रदारङत हमोतदे हमैं वदे अपनदे कमो सवर्वोपरर मदानतदे हमैं समो कगु छ भही नहह हमैं।
(प्रश्न) क्ययों! कगु छ भही नहह? सब कगु छ हमैं। ददेखमो! ललदाट ममें नदारदायण कदे चरणदारचवन्द कदे सदृश चतलक
और बहीच ममें पहीलही रदेखदा श्रही हमोतही हहै, इसचलयदे हम श्रहीवहैष्णव कहदातदे हमैं। एक नदारदायण कमो छमोड़ दसभू रदे चकसही कमो नहह
मदानतदे। महदाददेव कदे चलङ कदा दशर्थन भही नहह करतदे क्ययोंचक हमदारदे ललदाट ममें श्रही चवरदाजिमदान हहै वह लचज्जत हमोतही हहै।
आलमन्ददारदाचद स्तमोत्रयों कदे पदाठ करतदे हमैं। मदासंस नहह खदातदे न मद पहीतदे हमैं। चफर अच्छदे क्ययों नहह?
(उत्तर) इस तगुम्हदारदे चतलक कमो हररपददाकक चत इस पहीलही रदेखदा कमो श्रही मदाननदा व्यथर्थ हहै क्ययोंचक यह तमो
तगुम्हदारदे हदाथ ककी कदारहीगरही और ललदाट कदा चचत्र हहै जिहैसदा हदाथही कदा ललदाट चचत्र-चवचचत्र करतदे हमैं तगुम्हदारदे ललदाट ममें
चवष्णगु कदे पद कदा चचह कहदासं सदे आयदा? क्यदा कमोई वहैकगुण्ठ ममें जिदाकर चवष्णगु कदे पग कदा चचह ललदाट ममें करदा आयदा
हहै?
(चववदेक की) और श्रही जिड़ हहै वदा चदेतन?
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(वहैष् णव) चदेतन हहै।


(चववदेक की) तमो यह रदेखदा जिड़ हमोनदे सदे श्रही नहह हहै। हम पभूछतदे हमैं चक श्रही बनदाई हह ई हहै वदा चवनदा बनदाई ? जिमो
चवनदा बनदाई हहै तमो यह श्रही नहह क्ययोंचक इस कमो तमो तगुम चनत्य अपनदे हदाथ सदे बनदातदे हमो चफर श्रही नहह हमो सकतही। जिमो
तगुम्हदारदे ललदाट ममें श्रही हमो तमो चकतनदे हही वहैष्णवयों कदा बगुरदा मगुख अथदार्थतम् शमोभदा रचहत क्ययों दहीखतदा हहै ? ललदाट ममें श्रही
और घर-घर भहीख मदासंगतदे और सददावत्तर्थ लदेकर पदेट भरतदे क्ययों चफरतदे हमो? यह बदात स्रहीड़ही और चनलर्थज्जयों ककी हहै चक
कपदाल ममें श्रही और महदादररद्रयों कदे कदाम करतदे हमैं।
इनममें एक ‘पररकदाल’ नदामक वहैष्णव भक्त थदा। वह चमोरही डदाकदा मदार, छल कपट कर, परदायदा धन हर,
वहैष्णवयों कदे पदास धर, प्रसन्न हमोतदा थदा। एक समय उस कमो चमोरही ममें पददाथर्थ कमोई नहह चमलदा चक चजिस कमो लभूटदे।
व्यदाकगुल हमोकर चफरतदा थदा। नदारदायण नदे समझदा चक हमदारदा भक्त दमःगु ख पदातदा हहै। सदेठ जिही कदा स्वरूप धर असंगभूठही आचद
आभभूषण पचहन रथ ममें बहैठ कदे सदामनदे आयदे। तब तमो पररकदाल रथ कदे पदास गयदा। सदेठ सदे कहदा सब वस्तगु शहीघ्र उतदार
दमो नहह तमो ममैं मदार डदालभूसंगदा। उतदारतदे-उतदारतदे असंगभूठही उतदारनदे ममें ददेर लगही। पररकदाल नदे नदारदायण ककी असंगगुलही कदाट
असंगभूठही लदे लही। नदारदायण नदे बड़दे प्रसन्न हमो चतगुभगुर्थजि शरहीर बनदा दशर्थन चदयदा। कहदा चक तभू मदेरदा बड़दा चप्रय भक्त हहै क्ययोंचक
सब धन मदार लभूट चमोरही कर वहैष्णवयों ककी सदेवदा करतदा हहै इसचलयदे तभू धन्य हहै। चफर उस नदे जिदाकर वहैष्णवयों कदे पदास
सब गहनदे धर चदयदे।
एक समय पररकदाल कमो कमोई सदाहहकदार नचौकर कर जिहदाजि ममें चबठदा कदे ददेशदान्तर ममें लदे गयदा। वहदासं सदे जिहदाजि
ममें सगुपदारही भरही। पररकदाल नदे एक सगुपदारही तमोड़ आधदा टगु कड़दा कर बचनयदे सदे कहदा यह मदेरही आधही सगुपदारही जिहदाजि ममें धर
दमो और चलख दमो चक जिहदाजि ममें आधही सगुपदारही पररकदाल ककी हहै। बचनयदे नदे कहदा चक चदाहदे तगुम हजिदार सगुपदारही लदे लदेनदा।
पररकदाल नदे कहदा-नहह, हम अधमर्त्ती नहह हमैं जिमो हम झभूठ मभूठ लमें। हम कमो तमो आधही चदाचहयदे। बचनयदा चवचदारदा भमोलदा
भदालदा थदा उसनदे चलख चदयदा। जिब अपनदे ददेश ममें बन्दर पर जिहदाजि आयदा और सगुपदारही उतदारनदे ककी तहैयदारही हह ई तब
पररकदाल नदे कहदा हमदारही आधही सगुपदारही ददे दमो। बचनयदा वहही सगुपदारही ददेनदे लगदा। तब पररकदाल झगड़नदे लगदा मदेरही तमो
जिहदाजि ममें आधही सगुपदारही हहै। आधदा बदासंट लभूसंगदा। रदाजिपगुरुषयों तक झगड़दा गयदा। पररकदाल नदे बचनयदे कदा लदेख चदखलदायदा
चक इस नदे आधही सगुपदारही ददेनही चलखही हहै। बचनयदा बहह त सदा कहतदा रहदा परन्तगु उस नदे न मदानदा। आधही सगुपदारही लदेकर
वहैष्णवयों कदे अपर्थण कर दही। तब तमो वहैष्णव बड़दे प्रसन्न हह ए। अब तक उस डदाकभू चमोर पररकदाल ककी मभूचत्तर्थ मचन्दर ममें
रखतदे हमैं। यह कथदा भक्तमदाल ममें चलखही हहै। बगुचद्धमदानम् ददेख में चक वहैष्णव, उन कदे सदेवक और नदारदायण तहीनयों
चमोरमण्डलही हमैं वदा नहह?

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

यदचप मतमतदान्तरयों ममें कमोई थमोड़दा अच्छदा भही हमोतदा हहै तथदाचप उस मत ममें रह कर सवर्थथदा अच्छदा नहह हमो
सकतदा। अब जिहैसदा वहैष्णवयों ममें फभू ट-टभू ट चभन्न-चभन्न चतलक कण्ठही धदारण करतदे हमैं, रदामदानन्दही बगल ममें गमोपहीचन्दन
बहीच ममें लदाल; नहीमदावत दमोनयों पतलही रदेखदा बहीच ममें कदालदा चबन्द,गु मदाधव कदालही रदेखदा और गचौड़ बगलही कटदारही कदे
तगुल्य और रदामप्रसदादवदालदे दमोनयों चदासंदलदा रदेखदा कदे बहीच ममें एक सफदे द गमोल टहीकदा इत्यदाचद इन कदा कथन चवलकण-
चवलकण हहै। रदामदानन्दही लदाल रदेखदा कमो लक्ष्मही कदा चचह और नदारदायण कदे हृदय ममें , श्रही कक ष्णचन्द्र जिही कदे हृदय ममें
रदाधदा चवरदाजिमदान हहै। इत्यदाचद कथन करतदे हमैं।
एक कथदा भक्तमदाल ममें चलखही हहै। कमोई एक मनगुष्य वकक कदे नहीचदे समोतदा थदा। समोतदा-समोतदा हही मर गयदा। ऊपर
सदे एक कदाक नदे चवष्ठिदा कर दही। वह ललदाट पर चतलकदाकदार हमो गई थही। वहदासं यम कदे दतभू उस कमो लदेनदे आयदे। इतनदे ममें
चवष्णगु कदे दतभू भही पहह संच गयदे। दमोनयों चववदाद करतदे थदे चक यह हमदारदे स्वदामही ककी आजदा हहै ; हम यमलमोक ममें लदे जिदायमेंगदे।
चवष्णगु कदे दतभू यों नदे कहदा चक हमदारदे स्वदामही ककी आजदा हहै वहैकगुण्ठ ममें लदे जिदानदे ककी। ददेखमो! इस कदे ललदाट ममें वहैष्णवही
चतलक हहै। तगुम कहै सदे लदे जिदाओगदे? तब तमो यम कदे दतभू चगुप हमोकर चलदे गयदे। चवष्णगु कदे दतभू सगुख सदे उस कमो वहैकगुण्ठ ममें
लदे गयदे। नदारदायण नदे उस कमो वहैकगुण्ठ ममें रक्खदा। ददेखमो! जिब अकस्मदातम् चतलक बन जिदानदे कदा ऐसदा मदाहदात्म्य हहै तमो जिमो
अपनही प्रहीचत और हदाथ सदे चतलक करतदे हमैं वदे नरक सदे छभू ट वहैकगुण्ठ ममें जिदावमें तमो इस ममें क्यदा आश्चयर्थ हहै?
हम पभूछतदे हमैं चक जिब छमोटदे सदे चतलक कदे करनदे सदे वहैकगुण्ठ ममें जिदावमें तमो सब मगुख कदे ऊपर लदेपन करनदे वदा
कदालदामगुख करनदे वदा शरहीर पर लदेपन करनदे सदे वहैकगुण्ठ सदे भही आगदे चसधदार जिदातदे हमैं वदा नहह? इस सदे यदे बदातमें सब
व्यथर्थ हमैं। अब इन ममें बहह त सदे खदाखही लकड़दे ककी लगदेलही लगदा धभूनही तदापतदे , जिटदा बढ़दातदे, चसद्ध कदा वदेश कर लदेतदे हमैं।
बगगुलदे कदे समदान ध्यदानदावचस्थत हमोतदे हमैं। गदासंजिदा, भदासंग चरस कदे दम लगदातदे; लदाल नदेत्र कर रखतदे; सब सदे चगुटककी-
चगुटककी अन्न, चपसदान, कचौड़ही, पहैसदे मदासंगतदे, गकहस्थयों कदे लड़कयों कमो बहकदाकर चदेलदे बनदा लदेतदे हमैं। बहह त करकदे मजिभूर
लमोग उन ममें हमोतदे हमैं। कमोई चवददा कमो पढ़तदा हमो तमो उसकमो पढ़नदे नहह ददेतदे चकन्तगु कहतदे हमैं चक—
पचठतव्यसं तदचप मत्तर्थव् यसं दन्तकटदाकटदेच त चकसं कत्तर्थव् यमम्॥
सन्तयों कमो चवददा पढ़नदे सदे क्यदा कदाम क्ययोंचक चवददा पढ़नदे वदालदे भही मर जिदातदे हमैं चफर दन्त कटदाकट क्ययों
करनदा? सदाधगुओसं कमो चदार धदाम चफर आनदा, सन्तयों ककी सदेवदा करनही, रदाम जिही कदा भजिन करनदा।
जिमो चकसही नदे मभूखर्थ अचवददा ककी मभूचत्तर्थ न ददेखही हमो तमो खदाखही जिही कदा दशर्थन कर आवमें। उन कदे पदास जिमो कमोई
जिदातदा हहै उन कमो बच्चिदा बच्चिही कहतदे हमैं चदाहमें वदे खदाखही जिही कदे बदाप मदाह कदे समदान क्ययों न हयों। जिहैसदे खदाखही जिही हमैं वहैसदे हही
रूसंखड़, सभूसंखड़, गमोदचड़यदे और जिमदात वदालदे सगुतरदेसदाई और अकदालही, कदानफटदे, जिमोगही, औघड़, आचद सब एक
सदे हमैं।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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एक खदाखही कदा चदेलदा ‘श्रहीगणदेश दाय नममः’ घमोखतदा-घमोखतदा कगु वमें पर जिल भरनदे कमो गयदा। वहदासं पचण्डत
बहैठदा थदा। वह उस कमो ‘स्रहीगनदे सदाजिनममें’ घमोखतदे ददेखकर बमोलदा, अरदे सदाधगु! अशगुद्ध घमोखतदा हहै ‘श्रहीगणदेश दाय
नममः’ ऐसदा घमोख। उस नदे झट लमोटदा भर गगुरु जिही कदे पदास जिदा कहदा चक ए बम्मन मदेरदे घमोखनदे कमो असगुद्ध कहतदा हहै।
ऐसदा सगुन कर झट खदाखही जिही उठदा, कभू प पर गयदा और पचण्डत सदे कहदा—तभू मदेरदे चदेलदे कमो बहकदातदा हहै? तभूसं गगुरु ककी
लसंडही क्यदा पढ़दा हहै? ददेख तभूसं एक प्रकदार कदा पदाठ जिदानतदा हहै हम तहीन प्रकदार कदा जिदानतदे हमैं। ‘स्रहीगनदेस दाजिन्नममें’
‘स्रहीगनदेस दा यन्नममें’ ‘श्रहीगनदेस दाय नममें’।
(पचण्डत) सगुनमो सदाधगु जिही! चवददा ककी बदात बहह त कचठन हहै। चवनदा पढ़दे नहह आतही।
(खदाखही) चल बदे, सब चवद्विदानम् कमो हम नदे रगड़ मदारदे, गदासंजिदे भदासंग ममें घमोट एकदम सब उड़दा चदयदे। सन्तयों
कदा घर बड़दा हहै। तभू बदाबभूडदा क्यदा जिदानदे?
(पचण्डत) ददेखमो! जिमो तगुम नदे चवददा पढ़ही हमोतही तमो ऐसदे अपशब्द क्ययों बमोलतदे ? सब प्रकदार कदा तगुम कमो
जदान हमोतदा।
(खदाखही) अबदे तभू हमदारदा गगुरु बनतदा हहै? तदेरदा उपददेश हम नहह सगुनतदे।
(पचण्डत) सगुनमो कहदासं सदे? बगुचद्ध हही नहह हहै। उपददेश सगुननदे समझनदे कदे चलयदे चवददा चदाचहयदे।
(खदाखही) जिमो सब वदेद शदास पढ़दे, सन्तयों कमो न मदानदे तमो जिदानमो चक वह कगु छ भही नहह पढ़दा।
(पचण्डत) हदासं! हम सन्तयों ककी सदेवदा करतदे हमैं परन्तगु तगुम्हदारदे सदे हहदर्थगमें ककी नहह करतदे , क्ययोंचक सन्त,
सज्जन, चवद्विदानम्, धदाचमर्थक, परमोपकदारही पगुरुषयों कमो कहतदे हमैं।
(खदाखही) ददेख! हम रदात चदन नसंगदे रहतदे , धभूनही तदापतदे, गदासंजिदा चरस कदे सहैकड़यों दम लगदातदे, तहीन-तहीन
लमोटदा भदासंग पहीतदे, गदासंजिदे, भदासंग, धतभूरदा ककी पत्तही ककी भदाजिही (शदाक) बनदा खदातदे, ससंचखयदा और अफकीम भही चट
चनगल जिदातदे, नशदा ममें गकर्थ रदात चदन बदेग़म रहतदे, दचगु नयदा कमो कगु छ नहह समझतदे, भहीख मदासंगकर चटकड़ बनदा खदातदे,
रदात भर ऐसही खदासंसही उठतही जिमो पदास ममें समोवदे उस कमो भही नहद कभही न आवदे , इत्यदाचद चसचद्धयदासं और सदाधभूपन हम
ममें हमैं, चफर तभू हमदारही चनन्ददा क्ययों करतदा हहै? चदेत बदाबभूड़दे! जिमो हम कमो चदक करदेगदा हम तगुम कमो भस्म कर डदालमेंगदे।
(पचण्डत) यदे सब लकण असदाधगु मभूखर्थ और गवगर्थण्डयों कदे हमैं। सदाधगुओसं कदे नहह! सगुनमो! ‘सदाध् नमोचत
परदाचण धमर्थक दायदार्थच ण स सदाधगुमः ’ जिमो धमर्थयक्त
गु उत्तम कदाम करदे, सददा परमोपकदार ममें प्रवकत्त हमो, कमोई दगगु णगुर्थ चजिसममें
न हमो, चवद्विदानम्, सत्यमोपददेश सदे सब कदा उपकदार करदे उस कमो ‘सदाधगु’ कहतदे हमैं।

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(खदाखही) चल बदे, तभू सदाधभू कदे कमर्थ क्यदा जिदानदे? सन्तयों कदा घर बड़दा हहै। चकसही सन्त सदे अटकनदा नहह,
नहह तमो ददेख एक चहीमटदा उठदाकर मदारदेगदा, कपदाल फगु ड़वदा लदेगदा।
(पचण्डत) अच्छदा खदाखही! जिदाओ अपनदे आसन पर, हम सदे बहह त गगुस्सदे मत हमो। जिदानतदे हमो रदाज्य कहै सदा
हहै? चकसही कमो मदारमोगदे तमो पकड़दे जिदाओगदे, कदारदावदास भमोगमोगदे, बमेंत खदाओगदे वदा कमोई तगुम कमो भही मदार बहैठदेगदा चफर
क्यदा करमोगदे? यह सदाधगु कदा लकण नहह।
(खदाखही) चल बदे चदेलदे! चकस रदाकस कदा मगुख चदखलदायदा।
(पचण्डत) तगुम नदे कभही चकसही महदात्मदा कदा ससंग नहह चकयदा हहै। नहह तमो ऐसदे जिड़, मभूखर्थ नहह रहतदे।
(खदाखही) हम आप हही महदात्मदा हमैं। हम कमो चकसही दस
भू रदे ककी गजिर्थ नहह।
(पचण्डत) चजिन कदे भदाग्य नष्ट हमोतदे हमैं उन ककी तगुम्हदारही सही बगुचद्ध और अचभमदान हमोतदा हहै। खदाखही चलदा गयदा
आसन पर और पचण्डत घर कमो गयदे। जिब सन्ध्यदा आतर्त्ती हमो गई तब उस खदाखही कमो बगुडम् ढदा समझ बहह त सदे खदाखही
‘डण्डमोत-डण्डमोत’ कहतदे सदाष्टदासंग करकदे बहैठदे। उस खदाखही नदे पभूछदा अबदे रदामददाचसयदा! तभू क्यदा पढ़दा हहै?
(रदामददास) महदारदाजि! ममैंनदे ‘वदेस्नगुसहसरनदाम’ पढ़दा हहै। अबदे गमोचवन्दददाचसयदे! तभू क्यदा पढ़दा हहै?
(गमोचवन्दददास) ममैं ‘रदामसतबरदाजि’ पढ़दा हह सं। अमगुक खदाखही जिही कदे पदास सदे। तब रदामददास बमोलदा चक
महदारदाजि आप क्यदा पढ़दे हमैं?
(खदाखही) हम गहीतदा पढ़दे हमैं।
(रदामददास) चकसकदे पदास?
(खदाखही) चल बदे छमोकरदे! हम चकसही कमो गगुरु नहह करतदे। ददेख! हम ‘परदागरदाजि’ ममें रहतदे थदे हम कमो
अक्खर नहह आतदा थदा। जिब चकसही लम्बही धमोतही वदालदे पचण्डत कमो ददेखतदा थदा तब गहीतदा कदे गमोटकदे ममें पभूछतदा थदा। चक
कलङहीवदालदे अक्खर कदा क्यदा नदाम हहै? ऐसदे पभूछतदा-पभूछतदा अठदारदा अध्यदाय गहीतदा रगड़ मदारही। गगुरु एक भही नहह
चकयदा। भलदा ऐसदे चवददा कदे शत्रगुओसं कमो अचवददा घर करकदे ठहरदे नहह तमो कहदासं जिदाय?
यदे लमोग चवनदा नशदा, प्रमदाद, लड़नदा, खदानदा, समोनदा, भदासंभ पहीटनदा, घण्टदा घचड़यदाल शसंख बजिदानदा, धभूनही
चचतदा रखनही, नहदानदा, धमोनदा, सब चदशदाओसं ममें व्यथर्थ घभूमतदे चफरनदे कदे अन्य कगु छ भही अच्छदा कदाम नहह करतदे। चदाहदे
कमोई पत्थर कमो भही चपघलदा लदेवदे, परन्तगु इन खदाचखययों कदे आत्मदाओसं कमो बमोध करदानदा कचठन हहै क्ययोंचक बहह धदा वदे

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शभूद्रवणर्थ मजिभूर, चकसदान, कहदार आचद अपनही मजिभूरही छमोड़ कदे वल खदाख रमदा कदे वहैरदागही खदाखही आचद हमो जिदातदे हमैं।
उन कमो चवददा वदा सत्ससंग आचद कदा मदाहदात्म्य नहह जिदान पड़ सकतदा।
इन ममें सदे नदाथयों कदा मन्त्र ‘नममः चशवदाय’। खदाचखययों कदा ‘नकच सहदाय नममः’। रदामदावतयों कदा
‘श्रहीरदामचन्द्रदाय नममः’ अथवदा ‘सहीतदारदामदाभ्यदासं नममः’। कक ष्णमोपदासकयों कदा ‘श्रहीरदाधदाकक ष्णदाभ्यदासं नममः’ ‘नममो
भगवतदे वदासगुद वदे दाय’ और बगचलययों कदा ‘गमोचवन्ददाय नममः’। इन मन्त्रयों कमो कदान ममें पढ़नदे मदात्र सदे चशष्य कर लदेतदे
हमैं और ऐसही-ऐसही चशकदा करतदे हमैं चक बच्चिदे! तभूसंबदे कदा मन्त्र पढ़ लदे—
जिल पचवतर सथल पचवतर और पचवतर कगु आ।
चशव कहदे सगुन पदावर्थत ही तभूबसं दा पचवतर हह आ ॥
भलदा ऐसदे ककी यमोग्यतदा सदाधगु वदा चवद्विदानम् हमोनदे अथवदा जिगतम् कदे उपकदार करनदे ककी कभही हमो सकतही हहै ?
खदाखही रदात चदन लकड़, छदानदे (जिसंगलही कण्डदे) जिलदायदा करतदे हमैं। एक महहीनदे ममें कई रुपयदे ककी लकड़ही फभूसं क ददेतदे हमैं।
जिमो एक महहीनदे ककी लकड़ही कदे मभूल्य सदे कम्बलदाचद वस लदे लमें तमो शतदासंश धन सदे आनन्द ममें रहमैं। उन कमो इतनही बगुचद्ध
कहदासं सदे आवदे? और अपनदा नदाम उसही धभूनही ममें तपनदे हही सदे तपस्वही धर रखदा हहै। जिमो इस प्रकदार तपस्वही हमो सकमें तमो
जिसंगलही मनगुष्य इन सदे भही अचधक तपस्वही हमो जिदावमें। जिमो जिटदा बढ़दानदे , रदाख लगदानदे, चतलक करनदे सदे तपस्वही हमो जिदाय
तमो सब कमोई कर सकदे । यदे ऊपर कदे त्यदागस्वरूप और भहीतर कदे महदाससंग्रहही हमोतदे हमैं।
(प्रश्न) कबहीरपन्थही तमो अच्छदे हमैं?
(उत्तर) नहह।
(प्रश्न) क्ययों अच्छदे नहह? पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा कदा खण्डन करतदे हमैं। कबहीर सदाहब फभू लयों सदे उत्पन्न हह ए
और अन्त ममें भही फभू ल हमो गयदे। ब्रह्मदा, चवष्णगु, महदाददेव कदा जिन्म जिब नहह थदा तब भही कबहीर सदाहब थदे। बड़दे चसद्ध;
ऐसदे चक चजिस बदात कमो वदेद पगुरदाण भही नहह जिदान सकतदा उस कमो कबहीर जिदानतदे हमैं। सच्चिदा रदास्तदा हहै समो कबहीर हही नदे
चदखलदायदा हहै। इनकदा मन्त्र ‘सत्यनदाम कबहीर’ आचद हहै।
(उत्तर) पदाषदाणदाचद कमो छमोड़ पलङ, गद्दही, तचकयदे, खड़दाऊसं, ज्यमोचत अथदार्थतम् दहीप आचद कदा पभूजिनदा
पदाषदाणमभूचत्तर्थ सदे न्यभून नहह। क्यदा कबहीर सदाहब भगुनगुगदा थदा वदा कचलयदासं थदा जिमो फभू लयों सदे उत्पन्न हह आ? और अन्त ममें
फभू ल हमो गयदा?
यहदासं जिमो बदात सगुनही जिदातही हहै वहही सच्चिही हमोगही चक कमोई जिगुलदाहदा कदाशही ममें रहतदा थदा। उसकदे लड़कदे बदालक
नहह थदे। एक समय थमोड़ही सही रदात्रही थही। एक गलही ममें चलदा जिदातदा थदा तमो ददेखदा सड़क कदे चकनदारदे ममें एक टमोकनही ममें
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फभू लयों कदे बहीच ममें उसही रदात कदा जिन्मदा बदालक थदा। वह उस कमो उठदा लदे गयदा; अपनही सही कमो चदयदा; उस नदे पदालन
चकयदा। जिब वह बड़दा हह आ तब जिगुलदाहदे कदा कदाम करतदा थदा। चकसही पचण्डत कदे पदास ससंस्कक त पढ़नदे कदे चलयदे गयदा। उस
नदे उस कदा अपमदान चकयदा। कहदा चक हम जिगुलदाहदे कमो नहह पढ़दातदे। इसही प्रकदार कई पचण्डतयों कदे पदास चफरदा परन्तगु
चकसही नदे न पढ़दायदा। तब ऊटपटदासंग भदाषदा बनदाकर जिगुलदाहदे आचद नहीच लमोगयों कमो समझदानदे लगदा। तसंबभूरदे लदेकर गदातदा
थदा; भजिन बनदातदा थदा। चवशदेष पचण्डत, शदास, वदेदयों ककी चनन्ददा चकयदा करतदा थदा। कगु छ मभूखर्थ लमोग उस कदे जिदाल ममें
फसंस गयदे। जिब मर गयदा तब लमोगयों नदे उस कमो चसद्ध बनदा चलयदा। जिमो-जिमो उसनदे जिहीतदे जिही बनदायदा थदा उस कमो उस कदे
चदेलदे पढ़तदे रहदे। कदान कमो मभूदसं कदे जिमो शब्द सगुनदा जिदातदा हहै उस कमो अनहद शब्दचसद्धदान्त ठहरदायदा। मन ककी वकचत्त कमो
‘सगुरचत’ कहतदे हमैं। उस कमो उस शब्द सगुननदे ममें लगदानदा उसही कमो सन्त और परमदेश्वर कदा ध्यदान बतलदातदे हमैं। वहदासं
कदाल नहह पहह हचतदा। बछर्त्ती कदे समदान चतलक और चन्दनदाचद लकड़दे ककी कण्ठही बदासंधतदे हमैं। भलदा चवचदार ददेखमो चक इस
ममें आत्मदा ककी उन्नचत और जदान क्यदा बढ़ सकतदा हहै? यह कदे वल लड़कयों कदे खदेल कदे समदान लहीलदा हहै।
(प्रश्न) पसंजिदाब ददेश ममें नदानक जिही नदे एक मदागर्थ चलदायदा हहै। क्ययोंचक वदे भही मभूचत्तर्थ कदा खण्डन करतदे थदे।
मगुसलमदान हमोनदे सदे बचदायदे। वदे सदाधगु भही नहह हहए चकन्तगु गकहस्थ बनदे रहदे। ददेखमो! उन्हयोंनदे यह मन्त्र उपददेश चकयदा हहै
इसही सदे चवचदत हमोतदा हहै चक उन कदा आशय अच्छदा थदा—
ओसं सत्यनदाम कत्तदार्थ पगुरु ष चनभर्वो चनवर्वैर अकदालमभूत्त र्थ अजिमोचन सहभसं गगुरु प्रसदाद जिप
आचद सच जिगुग दाचद सच हहै भही सच नदानक हमोसही भही सच॥
(ओ३मम्) चजिस कदा सत्य नदाम हहै वह कत्तदार्थ पगुरुष भय और वहैररचहत अकदाल मभूचत्तर्थ जिमो कदाल ममें और
जिमोचन ममें नहह आतदा; प्रकदाशमदान हहै उसही कदा जिप गगुरु ककी कक पदा सदे कर। वह परमदात्मदा आचद ममें सच थदा; जिगुगयों ककी
आचद ममें सच; वत्तर्थमदान ममें सच; और हमोगदा भही सच।
(उत्तर) नदानक जिही कदा आशय तमो अच्छदा थदा परन्तगु चवददा कगु छ भही नहह थही। हदासं! भदाषदा उस ददेश ककी जिमो
चक ग्रदामयों ककी हहै उसदे जिदानतदे थदे। वदेददाचद शदास और ससंस्कक त कगु छ भही नहह जिदानतदे थदे। जिमो जिदानतदे हमोतदे तमो ‘चनभर्थय’
शब्द कमो ‘चनभर्वो’ क्ययों चलखतदे? और इस कदा दृष्टदान्त उन कदा बनदायदा ससंस्कक तही स्तमोत्र हहै। चदाहतदे थदे चक ममैं ससंस्कक त
ममें भही ‘पग अड़दाऊसं’ परन्तगु चवनदा पढ़दे ससंस्कक त कहै सदे आ सकतदा हहै? हदासं उन ग्रदामहीणयों कदे सदामनदे चक चजिन्हयोंनदे ससंस्कक त
कभही सगुनदा भही नहह थदा ‘ससंस्कक तही’ बनदा कर ससंस्कक त कदे भही पचण्डत बन गयदे हयोंगदे। यह बदात अपनदे मदान प्रचतष्ठिदा और
अपनही प्रख्यदाचत ककी इच्छदा कदे चबनदा कभही न करतदे। उन कमो अपनही प्रचतष्ठिदा ककी इच्छदा अवश्य थही। नहह तमो जिहैसही
भदाषदा जिदानतदे थदे कहतदे रहतदे और यह भही कह ददेतदे चक ममैं ससंस्कक त नहह पढ़दा। जिब कगु छ अचभमदान थदा तमो मदान प्रचतष्ठिदा
कदे चलयदे कगु छ दम्भ भही चकयदा हमोगदा। इसहीचलयदे उन कदे ग्रन्थ ममें जिहदासं तहदासं वदेदयों ककी चनन्ददा और स्तगुचत भही हहै; क्ययोंचक
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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जिमो ऐदेसदा न करतदे तमो उन सदे भही कमोई वदेद कदा अथर्थ पभूछतदा, जिब न आतदा तब प्रचतष्ठिदा नष्ट हमोतही। इसहीचलयदे पहलदे हही
अपनदे चशष्ययों कदे सदामनदे कहह-कहह वदेदयों कदे चवरुद्ध बमोलतदे थदे और कहह-कहह वदेद कदे चलयदे अच्छदा भही कहदा हहै।
क्ययोंचक जिमो कहह अच्छदा न कहतदे तमो लमोग उन कमो नदाचस्तक बनदातदे। जिहैसदे—
वदेद पढ़त ब्रह्मदा मरदे चदारयों वदेद कहदाचन।
सन्त चक मचहमदा वदेद न जिदानही॥
ब्रह्मजदानही आप परमदेश् वर॥
क्यदा वदेद पढ़नदे वदालदे मर गयदे और नदानक जिही आचद अपनदे कमो अमर समझतदे थदे। क्यदा वदे नहह मर गयदे ? वदेद
तमो सब चवददाओसं कदा भण्डदार हहै परन्तगु जिमो चदारयों वदेदयों कमो कहदानही कहदे उस ककी सब बदातमें कहदानही हमैं। जिमो मभूखर्यों कदा
नदाम सन्त हमोतदा हहै वदे चवचदारदे वदेदयों ककी मचहमदा कभही नहह जिदान सकतदे। जिमो नदानक जिही वदेदयों हही कदा मदान करतदे तमो उन
कदा सम्प्रददाय न चलतदा, न वदे गगुरु बन सकतदे थदे क्ययोंचक ससंस्कक त चवददा तमो पढ़दे हही नहह थदे तमो दस भू रदे कमो पढ़दा कर
चशष्य कहै सदे बनदा सकतदे थदे?
यह सच हहै चक चजिस समय नदानक जिही पसंजिदाब ममें हह ए थदे उस समय पसंजिदाब ससंस्कक त चवददा सदे सवर्थथदा रचहत
मगुसलमदानयों सदे पहीचड़त थदा। उस समय उन्हयोंनदे कगु छ लमोगयों कमो बचदायदा। नदानक जिही कदे सदामनदे कगु छ उन कदा सम्प्रददाय
वदा बहह त सदे चशष्य नहह हह ए थदे। क्ययोंचक अचवद्विदानयों ममें यह चदाल हहै चक मरदे पहीछदे उन कमो चसद्ध बनदा लदेतदे हमैं , पश्चदातम्
बहह त सदा मदाहदात्म्य करकदे ईश्वर कदे समदान मदान लदेतदे हमैं।
हदासं! नदानक जिही बड़दे धनदाढ्य और रईस भही नहह थदे परन्तगु उन कदे चदेलयों नदे ‘नदानकचन्द्रमोदय’ और
‘जिन्मशदाखही’ आचद ममें बड़दे चसद्ध और बड़दे-बड़दे ऐश्वयर्थ वदालदे थदे; चलखदा हहै। नदानक जिही ब्रह्मदा आचद सदे चमलदे; बड़ही
बदातचहीत ककी, सब नदे इन कदा मदान्य चकयदा। नदानक जिही कदे चववदाह ममें बहह त सदे घमोड़दे, रथ, हदाथही, समोनदे, चदासंदही,
ममोतही, पन्नदा, आचद रत्नयों सदे सजिदे हह ए और अमभूल्य रत्नयों कदा पदारदावदार न थदा; चलखदा हहै। भलदा यदे गपमोड़दे नहह तमो
क्यदा हमैं? इस ममें इनकदे चदेलयों कदा दमोष हहै, नदानक जिही कदा नहह।
दस
भू रदा जिमो उन कदे पहीछदे उनकदे लड़कदे सदे उददासही चलदे। और रदामददास आचद सदे चनमर्थलदे। चकतनदे हही गद्दहीवदालयों
नदे भदाषदा बनदाकर ग्रन्थ ममें रक्खही हहै। अथदार्थतम् इन कदा गगुरु गमोचवन्दचससंह जिही दशमदा हह आ। उन कदे पहीछदे उस ग्रन्थ ममें
चकसही ककी भदाषदा नहह चमलदाई गई चकन्तगु वहदासं तक कदे चजितनदे छमोटदे-छमोटदे पगुस्तक थदे उन सब कमो इकटदे करकदे चजिल्द
बसंधवदा दही। इन लमोगयों नदे भही नदानक जिही कदे पहीछदे बहह त सही भदाषदा बनदाई। चकतनयों हही नदे नदानदा प्रकदार ककी पगुरदाणयों ककी
चमथ्यदा कथदा कदे तगुल्य बनदा चदयदे। परन्तगु ब्रह्मजदानही आप परमदेश्वर बन कदे उस पर कमर्थ उपदासनदा छमोड़कर इन कदे
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चशष्य झगुकतदे आयदे इस नदे बहह त चबगदाड़ कर चदयदा। नहह, जिमो नदानक जिही नदे कगु छ भचक्त चवशदेष ईश्वर ककी चलखही थही
उसदे करतदे आतदे तमो अच्छदा थदा। अब उददासही कहतदे हमैं हम बड़दे, चनमर्थलदे कहतदे हमैं हम बड़दे, अकदालही तथदा सभूतरहसदाई
कहतदे हमैं चक सवर्वोपरर हम हमैं। इन ममें गमोचवन्दचससंह जिही शभूरवहीर हह ए। जिमो मगुसलमदानयों नदे उनकदे पगुरुषदाओसं कमो बहह त सदा
दमःगु ख चदयदा थदा उन सदे वहैर लदेनदा चदाहतदे थदे परन्तगु इन कदे पदास कगु छ सदामग्रही न थही और इधर मगुसलमदानयों ककी
बदादशदाहही प्रज्वचलत हमो रहही थही। इन्हयोंनदे एक पगुरश्चरण करवदायदा। प्रचसचद्ध ककी चक मगुझ कमो ददेवही नदे वर और खड्ग
चदयदा हहै चक तगुम मगुसलमदानयों सदे लड़मो; तगुम्हदारदा चवजिय हमोगदा। बहह त सदे लमोग उन कदे सदाथही हमो गयदे और उन्हयोंनदे; जिहैसदे
वदाममदाचगर्थययों नदे ‘पञ्च मकदार’ चक्रदासंचकतयों नदे ‘पञ्च ससंस्कदार’ चलदायदे थदे वहैसदे ‘पञ्च ककदार’ चलदायदे। अथदार्थतम् इनकदे पञ्च
ककदार यगुद्ध ममें उपयमोगही थदे। एक ‘कदे श’ अथदार्थतम् चजिस कदे रखनदे सदे लड़दाई ममें लकड़ही औहैर तलवदार सदे कगु छ बचदावट
हमो। दस भू रदा ‘कसंगण’ जिमो चशर कदे ऊपर पगड़ही ममें अकदालही लमोग रखतदे हमैं औदेर हदाथ ममें ‘कड़दा’ चजिस सदे हदाथ और
चशर बच सकमें । तहीसरदा ‘कदाछ’ अथदार्थतम् जिदानगु कदे ऊपर एक जिदासंचघयदा चक जिमो दचौड़नदे और कभू दनदे ममें अच्छदा हमोतदा हहै
बहह त करकदे अखदाड़मल और नट भही इस कमो धदारण इसहीचलयदे करतदे हमैं चक चजिस सदे शरहीर कदा ममर्थस्थदान बचदा रहहै
और अटकदाव न हमो। चचौथदा ‘कसंगदा’ चक चजिस सदे कदे श सगुधरतदे हमैं। पदासंचवदासं ‘कदाचभू’ चक चजिस सदे शत्रगु सदे भमेंट भड़कदा
हमोनदे सदे लड़दाई ममें कदाम आवदे। इसहीचलयदे यह रहीचत गमोचवन्दचससंह जिही नदे अपनही बगुचद्धमत्तदा सदे उस समय कदे चलयदे ककी
थही। अब इस समय ममें उन कदा रखनदा कगु छ उपयमोगही नहह हहै। परन्तगु अब जिमो यगुद्ध कदे प्रयमोजिन कदे चलयदे बदातमें कत्तर्थव्य
थह उन कमो धमर्थ कदे सदाथ मदान लही हमैं।
मभूचत्तर्थपभूजिदा तमो नहह करतदे चकन्तगु उस सदे चवशदेष ग्रन्थ ककी पभूजिदा करतदे हमैं , क्यदा यह मभूचत्तर्थपभूजिदा नहह हहै? चकसही
जिड़ पददाथर्थ कदे सदामनदे चशर झगुकदानदा वदा उस ककी पभूजिदा करनही सब मभूचत्तर्थपभूजिदा हहै। जिहैसदे मभूचत्तर्थवदालयों नदे अपनही द क गु दान
जिमदाकर जिहीचवकदा ठदाड़ही ककी हहै वहैसदे इन लमोगयों नदे भही कर लही हहै। जिहैसदे पभूजिदारही लमोग मभूचत्तर्थ कदा दशर्थन करदातदे ; भमेंट
चढ़वदातदे हमैं वहैसदे नदानकपन्थही लमोग ग्रन्थ ककी पभूजिदा करतदे ; करदातदे; भमेंट भही चढ़वदातदे हमैं। अथदार्थतम् मभूचत्तर्थपभूजिदा वदालदे चजितनदा
वदेद कदा मदान्य करतदे हमैं उतनदा यदे लमोग ग्रन्थसदाहब वदालदे नहह करतदे। हदासं ! यह कहदा जिदा सकतदा हहै चक इन्हयोंनदे वदेदयों कमो
न सगुनदा न ददेखदा; क्यदा करमें? जिमो सगुननदे और ददेखनदे ममें आवमें तमो बगुचद्धमदानम् लमोग जिमो चक हठही द रगु दाग्रहही नहह हमैं वदे सब
सम्प्रददाय वदालदे वदेदमत ममें आ जिदातदे हमैं। परन्तगु इन सब नदे भमोजिन कदा बखदेड़दा बहह त सदा हटदा चदयदा हहै। जिहैसदे इस कमो
हटदायदा वहैसदे चवषयदासचक्त दरगु चभमदान कमो भही हटदाकर वदेदमत ककी उन्नचत करमें तमो बहह त अच्छही बदात हहै।
(प्रश्न) ददादपभू न्थही कदा मदागर्थ तमो अच्छदा हहै?
(उत्तर) अच्छदा तमो वदेदमदागर्थ हहै, जिमो पकड़दा जिदाय तमो पकड़मो, नहह तमो सददा गमोतदे खदातदे रहमोगदे। इनकदे मत ममें
ददादभू जिही कदा जिन्म गगुजिरदात ममें हह आ थदा। पगुनमः जियपगुर कदे पदास ‘आमदेर’ ममें रहतदे थदे। तदेलही कदा कदाम करतदे थदे। ईश्वर

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ककी सकचष्ट ककी चवचचत्र लहीलदा हहै चक ददादभू जिही भही पगुजिदानदे लग गयदे। अब वदेददाचद शदासयों ककी सब बदातमें छमोड़कर ‘ददादरभू दाम-
ददादरभू दाम’ ममें हही मगुचक्त मदान लही हहै। जिब सत्यमोपददेशक नहह हमोतदा तब ऐसदे-ऐसदे हही बखदेड़दे चलदा करतदे हमैं।
थमोडदेडे़ चदन हह ए चक एक ‘रदामसनदेहही’ मत शदाहपगुरदा सदे चलदा हहै। उन्हयोंनदे सब वदेदमोक्त धमर्थ कमो छमोड़कदे ‘रदाम-
रदाम’ पगुकदारनदा अच्छदा मदानदा हहै। उसही ममें जदान , ध्यदान, मगुचक्त मदानतदे हमैं। परन्तगु जिब भभूख लगतही हहै तब ‘रदामनदाम’ ममें
सदे रमोटही शदाक नहह चनकलतदा क्ययोंचक खदानपदान आचद तमो गकहस्थयों कदे घर हही ममें चमलतदे हमैं। वदे भही मभूचत्तर्थपभूजिदा कमो
चधकदारतदे हमैं परन्तगु आप स्वयसं मभूचत्तर्थ बन रहदे हमैं। चसययों कदे ससंग ममें बहह त रहतदे हमैं, क्ययोंचक रदाम जिही कमो ‘रदाम ककी’ कदे
चवनदा आनन्द हही नहह चमल सकतदा।
एक रदामचरण नदामक सदाधगु हह आ हहै चजिस कदा मत मगुख्य कर ‘शदाहपगुरदा’ स्थदान मदेवदाड़ सदे चलदा हहै। वदे ‘रदाम-
रदाम’ कहनदे हही कमो परममन्त्र और इसही कमो चसद्धदान्त मदानतदे हमैं। उन कदा एक ग्रन्थ चक चजिस ममें सन्त ददास जिही आचद
ककी वदाणही हमैं। ऐसदा चलखतदे हमैं—
उनकदा वचन
भरम रमोग तब हही चमटदा, रटदा चनरसंजि न रदाइ।
तब जिम कदा कदागजि फटदा, कटदा कमर्थ तब जिदाइ॥1॥ सदाखही 6॥
अब बगुचद्धमदानम् लमोग चवचदार लदेवमें चक ‘रदाम-रदाम’ करनदे सदे भ्रम जिमो चक अजदान हहै, वदा यमरदाजि कदा
पदापदानगुकभूल शदासन अथवदा चकयदे हह ए कमर्थ कभही छभूट सकतदे हमैं वदा नहह? यह कदे वल मनगुष्ययों कमो पदापयों ममें फसंसदानदा और
मनगुष्यजिन्म कमो नष्ट कर ददेनदा हहै। अब इन कदा जिमो मगुख्य गगुरु हह आ हहै—‘रदामचरण’ उसकदे वचन—
महमदा नदासंव प्रतदाप ककी, सगुण चौ सरवण चचत लदाइ।
रदामचरण रसनदा रटचौ, क्रम सकल झड़ जिदाइ॥
चजिन चजिन सगुच मयदार्थ नदासंव कभूसं , समो सब उतयदार्थ पदार।
रदासंम चरण जिमो वहीसयदार्थ, समो हही जिम कदे द्विदार॥
रदासंम चवनदा सब झभूठ बतदायमो। रदासंम भजित छभू टदा सब क्रम्मदा॥
चसंद अरु सभूर ददेइ परकम्मदा। रदाम कहदे चतन कभूसं भहै नदाहह॥
तहीन लमोक ममें ककीरचत गदाहह। रदासंम रटत जिम जिमोर न लदागहै॥
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रदासंम नदाम चलख पथर तरदाई। भगचत हदेच त औतदार हही धरहही॥
ऊसं च नहीच कगु ल भदेद चबचदारहै। समो तमो जिनम आपणमो हदारहै॥
सन्तदासं कहै कगु ल दहीसहै नदाहह। रदासंम रदासंम कह रदाम सम्हदासंह ह॥
ऐसमो कगु ण जिमो ककीरचत गदावहै। हरर हररजिन ककी पदार न पदावहै॥
रदासंम ससंत दासं कदा अन्त न आवहै। आप आपककी बगुच द्ध सम गदावहै॥
इनकदा खण्डन—प्रथम तमो रदामचरण आचद कदे ग्रन्थ ददेखनदे सदे चवचदत हमोतदा हहै चक यह ग्रदामहीण एक सदाददा
सहीधदा मनगुष्य थदा। न वह कगु छ पढ़दा थदा; नहह तमो ऐसही गपड़चचौथ क्ययों चलखतदा? यह कदे वल इन कमो भ्रम हहै चक
रदाम-रदाम कहनदे सदे कमर्थ छभू ट जिदायमें। कदे वल यदे अपनदा और दस भू रयों कदा जिन्म खमोतदे हमैं। जिम कदा भय बड़दा भदारही हहै परन्तगु
रदाजिचसपदाहही, चमोर, डदाकभू, व्यदाघ्र, सपर्थ, बहीछभू और मच्छर आचद कदा भय कभही नहह छभू टतदा। चदाहदे रदात चदन रदाम-
रदाम चकयदा करदे कगु छ भही नहह हमोगदा। जिहैसदे ‘सकर-सकर’ कहनदे सदे मगुख महीठदा नहह हमोतदा वहैसदे सत्यभदाषणदाचद कमर्थ
चकयदे चवनदा रदाम-रदाम करनदे सदे कगु छ भही नहह हमोगदा। और यचद रदाम -रदाम करनदा, इन कदा रदाम नहह सगुनतदा तमो जिन्म
भर कहनदे सदे भही नहह सगुनदेगदा और जिमो सगुनतदा हहै तमो दस भू रही वदार भही रदाम-रदाम कहनदा व्यथर्थ हहै। इन लमोगयों नदे अपनदा पदेट
भरनदे और दस भू रयों कदा भही जिन्म नष्ट करनदे कदे चलयदे एक पदाखण्ड खड़दा चकयदा हहै। समो यह बड़दा आश्चयर्थ हम सगुनतदे
और ददेखतदे हमैं चक नदाम तमो धरदा रदामस्नदेहही और कदाम करतदे हमैं रदासंडसनदेहही कदा। जिहदासं ददेखमो वहदासं रदासंड हही रदासंड सन्तयों कमो
घदेर रहही हमैं। यचद ऐसदे-ऐसदे पदाखण्ड न चलतदे तमो आयदार्थवत्तर्थ ददेश ककी ददगु र्थशदा क्ययों हमोतही? यदे लमोग अपनदे चदेलयों कमो
झभूसंठन चखलदातदे हमैं और चसयदासं भही लम्बही पड़ कदे दण्डवतम् प्रणदाम करतही हमैं। एकदान्त ममें भही चसययों और सदाधगुओसं ककी
बहैठक हमोतही रहतही हहै।
अब दस भू रही इन ककी शदाखदा ‘खदेड़दापदा’ ग्रदाम मदारवदाड़ ददेश सदे चलही हहै। उस कदा इचतहदास—एक रदामददास
नदामक जिदाचत कदा ढदेढ़ बड़दा चदालदाक थदा। उस कदे दमो चसयदासं थह। वह प्रथम बहह त चदन तक औघड़ हमोकर कगु त्तयों कदे
सदाथ खदातदा रहदा। पहीछदे वदामही कभू ण्डदापसंथही। पहीछदे ‘रदामददेव’ कदा ‘कदामचड़यदा’1 बनदा। अपनही दमोनयों चसययों कदे सदाथ गदातदा
थदा। ऐसदे घभूमतदा-घभूमतदा ‘सहीथल’2 ममें ढदेढ़यों कदा गगुरु ‘हररदामददास’ थदा; उस सदे चमलदा। उस नदे उस कमो ‘रदामददेव’
कदा पन्थ बतदा कदे अपनदा चदेलदा बनदायदा। उस रदामददास नदे खदेड़दापदा ग्रदाम ममें जिगह बनदाई और इस कदा इधर मत चलदा।
1
रदाजिपभूतदानदे ममें ‘चमदार’ लमोग भगवदे वस रसंग कर ‘रदामददेव’ आचद कदे गहीत, चजिन कमो वदे ‘शब्द’ कहतदे हमैं, चमदारयों और
अन्य जिदाचतययों कमो सगुनदातदे हमैं वदे ‘कदामचड़यदे’ कहलदातदे हमैं।
2
‘सहीथल’ जिमोधपगुर कदे रदाज्य ममें एक बड़दा ग्रदाम हहै।
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उधर शदाहपगुरदे ममें रदामचरण कदा। उस कदा भही इचतहदास ऐसदा सगुनदा हहै चक वह जियपगुर कदा बचनयदासं थदा। उसनदे ‘ददासंतड़दा’
ग्रदाम ममें एक सदाधगु सदे वदेष चलयदा और उस कमो गगुरु चकयदा और शदाहपगुरदे ममें आकदे चटककी जिमदाई। भमोलदे मनगुष्ययों ममें
पदाखण्ड ककी जिड़ शहीघ्र जिम जिदातही हहै; जिम गई। इन सब ममें ऊपर कदे रदामचरण कदे वचनयों कदे प्रमदाण सदे चदेलदा करकदे
ऊसंच नहीच कदा कगु छ भदेद नहह। ब्रदाह्मण सदे अन्त्यजि पयर्थन्त इन ममें चदेलदे बनतदे हमैं। अब भही कभू ण्डदापन्थही सदे हही हमैं क्ययोंचक
मटही कदे कभू ण्डयों ममें हही खदातदे हमैं। और सदाधगुओसं ककी झभूठन खदातदे हमैं। वदेदधमर्थ सदे, मदातदा, चपतदा ससंसदार कदे व्यवहदार सदे
बहकदा कर छगु ड़दा ददेतदे और चदेलदा बनदा लदेतदे हमैं , अब रदाम नदाम कमो महदामन्त्र मदानतदे हमैं और इसही कमो ‘छगु च्छम’1 वदेद
भही कहतदे हमैं। रदाम-रदाम कहनदे सदे अनन्त जिन्मयों कदे पदाप छभूट जिदातदे हमैं। इस कदे चवनदा मगुचक्त चकसही ककी नहह हमोतही। जिमो
श्वदास और प्रश्वदास कदे सदाथ रदाम-रदाम कहनदा बतदावदे उस कमो सत्यगगुरु कहतदे हमैं और सत्यगगुरु कमो परमदेश्वर सदे भही
बड़दा मदानतदे हमैं और उस ककी मभूचत्तर्थ कदा ध्यदान करतदे हमैं। सदाधगुओसं कदे चरण धमो कदे पहीतदे हमैं। जिब गगुरु सदे चदेलदा दरभू जिदावदे
तमो गगुरु कदे नख और डदाढ़ही कदे बदाल अपनदे पदास रख लदेवदे। उस कदा चरणदामकत चनत्य लदेवदे , रदामददास और हररदामददास
कदे वदाणही कदे पगुस्तक कमो वदेद सदे अचधक मदानतदे हमैं। उस ककी पररक्रमदा और आठ दण्डवतम् प्रणदाम करतदे हमैं और जिमो गगुरु
समहीप हमो तमो गगुरु कमो दण्डवतम् प्रणदाम कर लदेतदे हमैं। सही वदा पगुरुष कमो रदाम -रदाम एक सदा हही मन्त्रमोपददेश करतदे हमैं और
नदामस्मरण हही सदे कल्यदाण मदानतदे हमैं। पगुनमः पढ़नदे ममें पदाप समझतदे हमैं। उन ककी सदाखही—
पसंड तदाइ पदानदे पड़ही, ओ पभूर ब लमो पदाप।
रदाम-रदाम सगुम यदार्वं चवनदा, रइग्यचौ रहीतमो आप॥1॥
वदेद पगुर दाण पढ़दे पढ़ गहीतदा, रदासंम भजिन चबन रइ गयदे रहीतदा॥
ऐसदे-ऐसदे पगुस्तक बनदायदे हमैं। सही कमो पचत ककी सदेवदा करनदे ममें पदाप और गगुरु सदाधगु ककी सदेवदा ममें धमर्थ बतलदातदे हमैं।
वणदार्थश्रम कमो नहह मदानतदे। जिमो ब्रदाह्मण रदामस्नदेहही न हमो तमो उस कमो नहीच और चदाण्डदाल रदामस्नदेहही हमो तमो उस कमो
उत्तम जिदानतदे हमैं। अब ईश्वर कदा अवतदार नहह मदानतदे और रदामचरण कदा वचन जिमो ऊपर चलख आयदे चक—
भगचत हदेच त औतदार हही धरहही॥
भचक्त और सन्तयों कदे चहत अवतदार कमो भही मदानतदे हमैं। इत्यदाचद पदाखण्ड प्रपञ्च इन कदा चजितनदा हहै समो
आयदार्थवत्तर्थ ददेश कदा अचहतकदारक हहै। इतनदे हही सदे बगुचद्धमदानम् बहह त सदा समझ लमेंगदे।
(प्रश्न) गमोकगुचलयदे गगुसदासंइययों कदा मत तमो बहह त अच्छदा हहै। ददेखमो! कहै सदा ऐश्वयर्थ भमोगतदे हमैं। क्यदा यह ऐश्वयर्थ
लहीलदा कदे चवनदा ऐसदा हमो सकतदा हहै?

1
छगु च्छम अथदार्थतम् सभूक्ष्म।
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(उत्तर) यह ऐश्वयर्थ गकहस्थ लमोगयों कदा हहै। गगुसदासंइययों कदा कगु छ नहह।
(प्रश्न) वदाह-वदाह! गगुसदासंइययों कदे प्रतदाप सदे हहै। क्ययोंचक ऐसदा ऐश्वयर्थ दस
भू रयों कमो क्ययों नहह चमलतदा?
(उत्तर) दस भू रदे भही इसही प्रकदार कदा छल प्रपञ्च रचमें तमो ऐश्वयर्थ चमलनदे ममें क्यदा सन्ददेह हहै ? और जिमो इन सदे
अचधक धभूत्तर्थतदा करतदे तमो अचधक भही ऐश्वयर्थ हमो सकतदा हहै।
(प्रश्न) वदाह जिही वदाह! इस ममें क्यदा धभूत्तर्थतदा हहै? यह तमो सब गमोलमोक ककी लहीलदा हहै।
(उत्तर) गमोलमोक ककी लहीलदा नहह चकन्तगु गगुसदासंइययों ककी लहीलदा हहै। जिमो गमोलमोक ककी लहीलदा हहै तमो गमोलमोक भही
ऐसदा हही हमोगदा। यह मत ‘तहैलङ’ ददेश सदे चलदा हहै। क्ययोंचक एक तहैलङही लक्ष्मणभट नदामक ब्रदाह्मण चववदाह कर चकसही
कदारण सदे मदातदा चपतदा और सही कमो छमोड़ कदाशही ममें जिदा कदे उस नदे ससंन्यदास लदे चलयदा थदा और झभूठ बमोलदा थदा चक मदेरदा
चववदाह नहह हह आ। दहैवयमोग सदे उस कदे मदातदा, चपतदा और सही नदे सगुनदा चक कदाशही ममें ससंन्यदासही हमो गयदा हहै। उसकदे
मदातदा-चपतदा और सही कदाशही ममें पहह संच कर चजिस नदे उस कमो ससंन्यदास चदयदा थदा उस सदे कहदा चक इस कमो ससंन्यदासही
क्ययों चकयदा? ददेखमो! इस ककी यह यगुवचत सही हहै और सही नदे कहदा चक यचद आप मदेरदे पचत कमो मदेरदे सदाथ न करमें तमो
मगुझ कमो भही ससंन्यदास ददे दहीचजियदे। तब तमो उस कमो बगुलदा कदे कहदा चक तभू बड़दा चमथ्यदावदादही हहै। ससंन्यदास छमोड़ गकहदाश्रम
कर क्ययोंचक तभूनदे झभूठ बमोल कर ससंन्यदास चलयदा। उसनदे पगुनमः वहैसदा हही चकयदा। ससंन्यदास छमोड़ उस कदे सदाथ हमो चलयदा।
ददेखमो! इस मत कदा मभूल हही झभूठ कपट सदे जिमदा। जिब तहैलङ ददेश ममें गयदे उस कमो जिदाचत ममें चकसही नदे न चलयदा। तब
वहदासं सदे चनकल कर घभूमनदे लगदे। ‘चरणदागर्थढ़’ जिमो कदाशही कदे पदास हहै उस कदे समहीप ‘चम्पदारण्य’ नदामक जिङल ममें चलदे
जिदातदे थदे। वहदासं कमोई एक लड़कदे कमो जिङल ममें छमोड़ चदारयों ओर दरभू -दरभू आगही जिलदा कर चलदा गयदा थदा। क्ययोंचक छमोड़नदे
वदालदे नदे यह समझदा थदा जिमो आगही न जिलदाऊसंगदा तमो अभही कमोई जिहीव मदार डदालदेगदा। लक्ष्मणभट औहैर उस ककी सही नदे
लड़कदे कमो लदेकर अपनदा पगुत्र बनदा चलयदा। चफर कदाशही ममें जिदा रहदे। जिब वह लड़कदा बड़दा हह आ तब उस कदे मदासं, बदाप
कदा शरहीर छभूट गयदा। कदाशही ममें बदाल्यदावस्थदा सदे यगुवदावस्थदा तक कगु छ पढ़तदा भही रहदा, चफर और कहह जिदा कदे एक
चवष्णगुस्वदामही कदे मचन्दर ममें चदेलदा हमो गयदा। वहदासं सदे कभही कगु छ खटपट हमोनदे सदे कदाशही कमो चफर चलदा गयदा और ससंन्यदास
लदे चलयदा। चफर कमोई वहैसदा हही जिदाचतबचहष्कक त ब्रदाह्मण कदाशही ममें रहतदा थदा। उसककी लड़ककी यगुवचत थही। उस नदे इस सदे
कहदा चक तभू ससंन्यदास छमोड़ मदेरही लड़ककी सदे चववदाह कर लदे। वहैसदा हही हह आ। चजिस कदे बदाप नदे जिहैसही लहीलदा ककी थही वहैसही
पगुत्र क्ययों न करदे? उस सही कमो लदेकदे वहह चलदा गयदा चक जिहदासं प्रथम चवष्णगुस्वदामही कदे मचन्दर ममें चदेलदा हह आ थदा।
चववदाह करनदे सदे उन कमो वहदासं सदे चनकदाल चदयदा। चफर ब्रजि ददेश ममें चक जिहदासं अचवददा नदे घर कर रखदा हहै। जिदाकर
अपनदा प्रपञ्च अनदेक प्रकदार ककी छल यगुचक्तययों सदे फहै लदानदे लगदा और चमथ्यदा बदातयों ककी प्रचसचद्ध करनदे लगदा चक श्रहीककष्ण
मगुझ कमो चमलदे और कहदा चक ‘जिमो गमोलमोक सदे ‘दहैवही जिहीव’ मत्यर्थलमोक ममें आयदे हमैं उन कमो ब्रह्मसम्बन्ध आचद सदे पचवत्र

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करकदे गमोलमोक ममें भदेजिमो।’ इत्यदाचद मभूखर्यों कमो प्रलमोभन ककी बदातमें सगुनदा कदे थमोड़दे सदे लमोगयों कमो अथदार्थतम् 84 चचौरदासही
वहैष्णव बनदायदे और चनम्नचलचखत मन्त्र बनदा चलयदे और उन ममें भही भदेद रक्खदा। जिहैसदे—
श्रहीकक ष्णमः शरणसं मम॥1॥
क्लकीसं कक ष्णदाय गमोपहीजिनवलभदाय स्वदाहदा॥2॥
यदे दमोनयों सदाधदारण मन्त्र हमैं परन्तगु अगलदा मन्त्र ब्रह्मसम्बन्ध और समपर्थण करदानदे कदा हहै—
श्रहीकक ष्णमः शरणसं मम सहस्रपररवत्सरचमतकदालजिदात-
कक ष्णचवयमोगजिचनततदापक्लदे शदानन्तचतरमोभदावमोऽहसं भगवतदे कक ष्णदाय ददेह चदे न्द्रय-
प्रदाणदान्तमःकरणतद्धमदार्वंश् च ददारदागदारपगुत्र दाप्तचवत्तदेह परदाण्यदात्मनदा सह समपर्थय दाचम ददासमोऽहसं कक ष्ण
तवदाचस्म॥
इस मन्त्र कदा उपददेश करकदे चशष्य, चशष्यदाओसं कमो समपर्थण करदातदे हमैं। ‘क्लकीसं कक ष्णदायदेच त’—यह ‘क्लकीसं’
तन्त्र ग्रन्थ कदा हहै। इस सदे चवचदत हमोतदा हहै चक यह वलभ मत भही वदाममदाचगर्थययों कदा भदेद हहै। इसही सदे सही ससंग गगुसदाई सं
लमोग बहह धदा करतदे हमैं।
‘गमोपहीवलभदेच त’—क्यदा कक ष्ण गमोचपययों हही कमो चप्रय थदे; अन्य कमो नहह? चसययों कमो चप्रय वह हमोतदा हहै जिमो
सहैण अथदार्थतम् सहीभमोग ममें फसंसदा हमो। क्यदा श्रहीककष्ण जिही ऐसदे थदे?
अब ‘सहस्रपररवत्सरदेच त’—सहस्र वषर्यों ककी गणनदा व्यथर्थ हहै क्ययोंचक बलभ और उस कदे चशष्य कगु छ
सवर्थज नहह हमैं। क्यदा कक ष्ण कदा चवयमोग सहस्र वषर्यों सदे हह आ और आजि लयों अथदार्थतम् जिब लयों बलभ कदा मत न थदा; न
बलभ जिन्मदा थदा; उस कदे पभूवर्थ अपनदे दहैवही जिहीवयों कदे उद्धदार करनदे कमो क्ययों न आयदा?
‘तदाप’ और ‘क्लदेश’ यदे दमोनयों पयदार्थयवदाचही हमैं। इन ममें सदे एक कदा ग्रहण करनदा उचचत थदा; दमो कदा नहह।
‘अनन्त’ शब्द कदा पदाठ करनदा व्यथर्थ हहै, क्ययोंचक जिमो अनन्त शब्द रक्खमो तमो ‘सहस्र’ शब्द कदा पदाठ न
रखनदा चदाचहयदे और जिमो सहस्र शब्द कदा पदाठ रक्खमो तमो अनन्त शब्द कदा पदाठ रखनदा सवर्थथदा व्यथर्थ हहै। और जिमो
अनन्तकदाल लयों ‘चतरमोचहत’ अथदार्थतम् आच्छदाचदत रहहै उस ककी मगुचक्त कदे चलयदे बलभ कदा हमोनदा भही व्यथर्थ हहै , क्ययोंचक
अनन्त कदा अन्त नहह हमोतदा।
भलदा! ददेहदेचन्द्रय, प्रदाणदान्तमःकरण और उसकदे धमर्थ सही, स्थदान, पगुत्र, प्रदाप्तधन कदा अपर्थण कक ष्ण कमो क्ययों
करनदा? क्ययोंचक कक ष्ण पभूणर्थकदाम हमोनदे सदे चकसही कदे ददेहदाचद ककी इच्छदा नहह कर सकतदे और ददेहदाचद कदा अपर्थण करनदा

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भही नहह हमो सकतदा क्ययोंचक ददेह कदे अपर्थण सदे; नखचशखदाग्रपयर्थन्त ददेह कहदातदा हहै; उस ममें जिमो कगु छ अच्छही बगुरही वस्तगु
हहै मल मभूत्रदाचद कदा भही अपर्थण कहै सदे कर सकमोगदे?
और जिमो पदाप पगुण्यरूप कमर्थ हमोतदे हमैं उन कमो कक ष्णदापर्थण करनदे सदे उन कदे फलभदागही भही कक ष्ण हही हमोवमें अथदार्थतम्
नदाम तमो कक ष्ण कदा लदेतदे हमैं और समपर्थण अपनदे चलयदे करदातदे हमैं। जिमो कगु छ ददेह ममें मलमभूत्रदाचद हमैं वह भही गमोसदाई सं जिही कदे
अपर्थण क्ययों नहह हमोतदा? ‘क्यदा महीठदा-महीठदा गड़प्प और कडगु वदा-कडगु वदा थभू?’
और यह भही चलखदा हहै चक गमोसदाई सं जिही कदे अपर्थण करनदा, अन्य मत वदालदे कदे नहह। यह सब स्वदाथर्थचसन्धगुपन
और परदायदे धनदाचद पददाथर्थ हरनदे और वदेदमोक्त धमर्थनदाश करनदे ककी लहीलदा रचही हहै। ददेखमो! यह वलभ कदा प्रपञ्च—
श्रदावणस्यदामलदे पकदे, एकदादश्यदासं महदाचनचश।
सदाकदादम् भगवतदा प्रमोक्तसं तदकरश उच्यतदे॥ 1॥
ब्रह्मसम्बन्धकरणदातम् सवर्वेष दासं ददेह जिहीवयमोमः।
सवर्थद मोषचनवकच त्तचहर्थ दमोषदामः पञ्चचवधदामः स्मकत दामः॥2॥
सहजिदा ददेश कदालमोत्थदा लमोकवदेद चनरूचपतदामः।
ससंय मोगजिदामः स्पशर्थजि दाश्च न मन्तव्यदामः कददाचन॥3॥
अन्यथदा सवर्थद मोषदाणदासं न चनवकच त्तमः कथञ्चन।
असमचपर्थत वस्तभून दासं तस्मदादम् वज्जर्थन मदाचरदेत म्॥ 4॥
चनवदेच दचभमः समप्यर्वैव सवर्वं कगु यदार्थच दचत चस्थचतमः।
न मतसं ददेव ददेव स्य स्वदाचमभगुच क्तसमपर्थण मम्॥ 5॥
तस्मदाददादचौ सवर्थक दायर्वे सवर्थव स्तगुस मपर्थण मम्।
दत्तदापहदारवचनसं तथदा च सकलसं हरदेमः ॥6॥
न ग्रदाह्यचमचत वदाक्यसं चह चभन्नमदागर्थप रसं मतमम्।
सदेव कदानदासं यथदा लमोकदे व्यवहदारमः प्रचसध्यचत॥7॥
तथदा कदायर्वं समप्यर्वैव सवर्वेष दासं ब्रह्मतदा ततमः।
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गङदात्वदे गगुण दमोषदाणदासं गगुण दमोषदाचदवणर्थन मम्॥ 8॥


इत्यदाचद श्लमोक गमोसदासंइययों कदे चसद्धदान्तरहस्यदाचद ग्रन्थयों ममें चलखदे हमैं। यहही गमोसदासंइययों कदे मत कदा मभूल तत्त्व हहै।
भलदा इन सदे कमोई पभूछदे चक श्रहीककष्ण कदे ददेहदान्त हह ए कगु छ कम पदासंच सहस्र वषर्थ बहीतदे। वह वलभ सदे श्रदावण मदास ककी
आधही रदात कमो कहै सदे चमल सकदे ?॥1॥
जिमो गमोसदाई सं कदा चदेलदा हमोतदा हहै और उस कमो सब पददाथर्यों कदा समपर्थण करतदा हहै उस कदे शरहीर और जिहीव कदे
सब दमोषयों ककी चनवकचत्त हमो जिदातही हहै। यहही वलभ कदा प्रपञ्च मभूखर्यों कमो बहकदा कर अपनदे मत ममें लदानदे कदा हहै। जिमो गमोसदाई सं
कदे चदेलदे चदेचलययों कदे सब दमोष चनवकत्त हमो जिदावमें तमो रमोग ददाररद्छयदाचद दमःगु खयों सदे पहीचड़त क्ययों रहमैं ? और वदे दमोष पदासंच
प्रकदार कदे हमोतदे हमैं॥2॥
एक-सहजि दमोष जिमो चक स्वदाभदाचवक अथदार्थतम् कदाम, क्रमोधदाचद सदे उत्पन्न हमोतदे हमैं। दस भू रदे-चकसही ददेश कदाल ममें
नदानदा प्रकदार कदे पदाप चकयदे जिदायमें। तहीसरदे -लमोक ममें चजिन कमो भक्ष्यदाभक्ष्य कहतदे और वदेदमोक्त जिमो चक चमथ्यदाभदाषणदाचद
हमैं। चचौथदे-ससंयमोगजि जिमो चक बगुरदे ससंग सदे अथदार्थतम् चमोरही, जिदारही, मदातदा, भचगनही, कन्यदा, पगुत्रवधभू, गगुरुपत्नही आचद सदे
ससंयमोग करनदा। पदासंचवमें-स्पशर्थजि अस्पशर्थनहीययों कमो स्पशर्थ करनदा। इन पदासंच दमोषयों कमो गमोसदाई सं लमोगयों कदे मत वदालदे कभही न
मदानमें अथदार्थतम् यथदेष्टदाचदार करमें॥3॥
अन्य कमोई प्रकदार दमोषयों ककी चनवकचत्त कदे चलयदे नहह हहै चवनदा गमोसदाई सं जिही कदे मत कदे । इसचलयदे चवनदा समपर्थण
चकयदे पददाथर्थ कमो गमोसदाई सं जिही कदे चदेलदे न भमोगमें। इसहीचलयदे इनकदे चदेलदे अपनही सही, कन्यदा, पगुत्रवधभू और धनदाचद पददाथर्यों
कमो भही समचपर्थत करतदे हमैं परन्तगु समपर्थण कदा चनयम यह हहै चक जिब लयों गमोसदाई सं जिही ककी चरणसदेवदा ममें समचपर्थत न हमोवदे
तब लयों उस कदा स्वदामही स्वसही कमो स्पशर्थ न करदे॥4॥
इस सदे गमोसदाइययों कदे चदेलदे समपर्थण करकदे पश्चदातम् अपनदे-अपनदे पददाथर्थ कदा भमोग करमें क्ययोंचक स्वदामही कदे भमोग
करदे पश्चदातम् समपर्थण नहह हमो सकतदा॥5॥
इस सदे प्रथम सब कदामयों ममें सब वस्तगुओसं कदा समपर्थण करमें। प्रथम गमोसदाई सं जिही कमो भदायदार्थचद समपर्थण करकदे
पश्चदातम् ग्रहण करमें वहैसदे हही हरर कमो सम्पभूणर्थ पददाथर्थ समपर्थण करकदे ग्रहण करमें॥6॥
गमोसदाई सं जिही कदे मत सदे चभन्न मदागर्थ कदे वदाक्यमदात्र कमो भही गमोसदासंइययों कदे चदेलदा, चदेलही कभही न सगुनमें, न ग्रहण
करमें। यहही उन कदे चशष्ययों कदा व्यवहदार प्रचसद्ध हहै॥7॥

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वहैसदे हही सब वस्तगुओसं कदा समपर्थण करकदे सब कदे बहीच ममें ब्रह्मबगुचद्ध करदे। उस कदे पश्चदातम् जिहैसदे गङदा ममें अन्य
जिल चमलकर गङदारूप हमो जिदातदे हमैं वहैसदे हही अपनदे मत ममें गगुण और दस भू रदे कदे मत ममें दमोष हमैं इसचलयदे अपनदे मत ममें गगुणयों
कदा वणर्थन चकयदा करमें॥8॥
अब ददेचखयदे! गमोसदासंइययों कदा मत सब मतयों सदे अचधक अपनदा प्रयमोजिन चसद्ध करनदेहदारदा हहै। भलदा इन
गमोसदासंइययों कमो कमोई पभूछदे चक ब्रह्म कदा एक लकण भही तगुम नहह जिदानतदे तमो चशष्य चशष्यदाओसं कमो ब्रह्मसम्बन्ध कहै सदे करदा
सकमोगदे? जिमो कहमो चक हम हही ब्रह्म हमैं हमदारदे सदाथ सम्बन्ध हमोनदे सदे ब्रह्मसम्बन्ध हमो जिदातदा हहै। समो तगुम ममें ब्रह्म कदे
गगुण, कमर्थ, स्वभदाव एक भही नहह हहै, पगुनमः क्यदा तगुम कदे वल भमोग चवलदास कदे चलयदे ब्रह्म बन बहैठदे हमो? भलदा! चशष्य,
चशष्यदाओसं कमो तमो तगुम अपनदे सदाथ समचपर्थत करकदे शगुद्ध करतदे हमो परन्तगु तगुम और तगुम्हदारही सही, कन्यदा तथदा पगुत्रवधभू
आचद असमचपर्थत रह जिदानदे सदे अशगुद्ध रह गयदे वदा नहह? और तगुम असमचपर्थत वस्तगु कमो अशगुद्ध मदानतदे हमो पगुनमः उन सदे
उत्पन्न हह ए तगुम लमोग अशगुद्ध क्ययों नहह? इसचलयदे तगुम कमो भही उचचत हहै चक अपनही सही, कन्यदा तथदा पगुत्रवधभू आचद
कमो अन्य मत वदालयों कदे सदाथ समचपर्थत करदायदा करमो।
जिमो कहमो चक नहह-नहह तमो तगुम भही अन्य सही पगुरुष धनदाचद पददाथर्यों कमो समचपर्थत करनदा करदानदा छमोड़ ददेओ।
भलदा अब लयों जिमो हह आ समो हह आ परन्तगु अब अपनही चमथ्यदा प्रपञ्चदाचद बगुरदाइययों कमो छमोड़मो और सगुन्दर ईश्वरमोक्त
वदेदचवचहत सगुपथ ममें आकर अपनदे मनगुष्यरूपही जिन्म कमो सफल कर धमर्थ , अथर्थ, कदाम, ममोक इस चतगुष्टय फल कमो
प्रदाप्त हमोकर आनन्द भमोगमो।
और ददेचखयदे! यदे गमोसदाई सं लमोग अपनदे सम्प्रददाय कमो ‘पगुचष्ट’ मदागर्थ कहतदे हमैं अथदार्थतम् खदानदे, पहीनदे, पगुष्ट हमोनदे
और सब चसययों कदे ससंग यथदेष्ट भमोग चवलदास करनदे कमो पगुचष्टमदागर्थ कहतदे हमैं परन्तगु इनसदे पभूछनदा चदाचहयदे चक जिब बड़दे
दमःगु खददायही भगन्दरदाचद रमोगग्रस्त हमोकर ऐसदे भहक-भहक मरतदे हमैं चक चजिस कमो यदे हही जिदानतदे हयोंगदे। सच पभूछमो तमो
पगुचष्टमदागर्थ नहह चकन्तगु कगु चष्ठिमदागर्थ हहै। जिहैसदे कगु ष्ठिही कदे शरहीर ककी सब धदातगु चपघल-चपघल कर चनकल जिदातही हमैं और चवलदाप
करतदा हह आ शरहीर छमोड़तदा हहै ऐसही हही लहीलदा इन ककी भही ददेखनदे ममें आतही हहै। इसचलयदे नरकमदागर्थ भही इसही कमो कहनदा
ससंघचटत हमो सकतदा हहै। क्ययोंचक दमःगु ख कदा नदाम नरक और सगुख कदा नदाम स्वगर्थ हहै। इसही प्रकदार चमथ्यदा जिदाल रच कदे
चवचदारदे भमोलदे-भमोलदे मनगुष्ययों कमो जिदाल ममें फसंसदायदा और अपनदे आपकमो श्रहीककष्ण मदान कर सब कदे स्वदामही बनतदे हमैं।
यह कहतदे हमैं चक चजितनदे दहैवही जिहीव गमोलमोक सदे यहदासं आयदे हमैं उन कदे उद्धदार करनदे कदे चलयदे हम लहीलदा
पगुरुषमोत्तम जिन्मदे हमैं। जिब लयों हमदारदा उपददेश न लदे तब लयों गमोलमोक ककी प्रदाचप्त नहह हमोतही। वहदासं एक श्रहीकक ष्ण पगुरुष और
सब चसयदासं हमैं। वदाह जिही वदाह! भलदा तगुम्हदारदा मत हहै!! गमोसदासंइययों कदे चजितनदे चदेलदे हमैं वदे सब गमोचपयदासं बन जिदावमेंगही। अब
चवचदाररयदे! भलदा चजिस पगुरुष कदे दमो सही हमोतही हमैं उस ककी बड़ही ददगु र्थशदा हमो जिदातही हहै तमो जिहदासं एक पगुरुष और क्रमोड़यों

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सही एक कदे पहीछदे लगही हमैं उस कदे दमःगु ख कदा क्यदा पदारदावदार हहै ? जिमो कहमो चक श्रहीककष्ण ममें बड़दा भदारही सदामथ्यर्थ हहै , सब
कमो प्रसन्न करतदे हमैं तमो जिमो उस ककी सही चजिस कमो स्वदाचमनही जिही कहतदे हमैं उस ममें भही श्रहीककष्ण कदे समदान सदामथ्यर्थ हमोगदा
क्ययोंचक वह उन ककी अद्धदार्वंगही हहै।
जिहैसदे यहदाह सही पगुरुष ककी कदामचदेष्टदा तगुल्य अथवदा पगुरुष सदे सही ककी अचधक हमोतही हहै तमो गमोलमोक ममें क्ययों
नहह? जिमो ऐसदा हहै तमो अन्य चसययों कदे सदाथ स्वदाचमनही जिही ककी अत्यन्त लड़दाई बखदेड़दा मचतदा हमोगदा क्ययोंचक
सपत्नहीभदाव बहह त बगुरदा हमोतदा हहै। पगुनमः गमोलमोक स्वगर्थ ककी अपदेकदा नरकवतम् हमो गयदा हमोगदा अथवदा जिहैसदे बहह त सहीगदामही
पगुरुष भगन्दरदाचद रमोगयों सदे पहीचड़त रहतदा हहै वहैसदा हही गमोलमोक ममें भही हमोगदा। चछ! चछ!! चछ!!! ऐसदे गमोलमोक सदे
मत्यर्थलमोक हही चवचदारदा भलदा हहै।
ददेखमो! जिहैसदे यहदासं गमोसदाई सं जिही अपनदे कमो श्रहीककष्ण मदानतदे हमैं और बहह त चसययों कदे सदाथ लहीलदा करनदे सदे
भगन्दर तथदा प्रमदेहदाचद रमोगयों सदे पहीचड़त हमोकर महदादमःगु ख भमोगतदे हमैं। अब कचहयदे चजिन कदा स्वरूप गमोसदाई सं पहीचड़त हमोतदा
हहै तमो गमोलमोक कदा स्वदामही श्रहीककष्ण इन रमोगयों सदे पहीचड़त क्ययों न हमोगदा? और जिमो नहह हहै तमो उन कदा स्वरूप गमोसदाई सं
जिही पहीचड़त क्ययों हमोतदे हमैं?
(प्रश्न) मत्यर्थलमोक ममें लहीलदावतदार धदारण करनदे सदे रमोग दमोष हमोतदा हहै। गमोलमोक ममें नहह। क्ययोंचक वहदासं रमोग
दमोष हही नहह हहै।
(उत्तर) ‘भमोगदे रमोगभयमम्’। जिहदासं भमोग हहै वहदासं रमोग अवश्य हमोतदा हहै। और श्रहीककष्ण कदे क्रमोड़दानम् क्रमोड़
चसययों सदे सन्तदान हमोतदे हमैं वदा नहह और जिमो हमोतदे हमैं तमो लड़कदे -लड़कदे हमोतदे हमैं वदा लड़ककी-लड़ककी? अथवदा दमोनयों?
जिमो कहमो चक लड़चकयदासं हही लड़चकयदासं हमोतही हमैं तमो उन कदा चववदाह चकन कदे सदाथ हमोतदा हमोगदा? क्ययोंचक वहदासं चवनदा
श्रहीककष्ण कदे दस
भू रदा कमोई पगुरुष नहह। जिमो दस
भू रदा हहै तमो तगुम्हदारही प्रचतजदा हदाचन हह ई। जिमो कहमो लड़कदे हही लड़कदे हमोतदे हमैं तमो
भही यहही दमोष आन पड़देगदा चक उन कदा चववदाह कहदासं और चकन कदे सदाथ हमोतदा हहै? अथवदा घर कदे घर ममें हही गटपट
कर लदेतदे हमैं अथवदा अन्य चकसही ककी लड़चकयदासं वदा लड़कदे हमैं तमो भही तगुम्हदारही प्रचतजदा ‘गमोलमोक ममें एक हही श्रहीककष्ण
पगुरुष नष्ट हमो जिदायदेगही और जिमो कहमो चक सन्तदान हमोतदे हही नहह तमो श्रहीकक ष्ण ममें नपगुसंसकत्व औदेर चसययों ममें बन्ध्यदापन
दमोष आवदेगदा। भलदा यह गमोलमोक क्यदा हह आ? जिदानमो चदलही कदे बदादशदाहयों ककी बहीचबययों ककी सदेनदा हह ई।
अब जिमो गमोसदाई सं लमोग चशष्य और चशष्यदाओसं कदा तन, मन तथदा धन अपनदे अपर्थण करदा लदेतदे हमैं समो भही ठहीक
नहह क्ययोंचक तन तमो चववदाह समय ममें सही और पचत कदे समपर्थण हमो जिदातदा हहै पगुनमः मन भही दसभू रदे कदे समपर्थण नहह हमो
सकतदा क्ययोंचक मन हही कदे सदाथ तन कदा भही समपर्थण करनदा बन सकतदा हहै और जिमो करमें तमो व्यचभचदारही कहदावमेंगदे। अब
रहदा धन उस ककी भही यहही लहीलदा समझमो अथदार्थतम् मन कदे चवनदा कगु छ भही अपर्थण नहह हमो सकतदा।
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इन गमोसदासंइययों कदा अचभप्रदाय यह हहै चक कमदावमें तमो चदेलदा और आनन्द करमें हम। चजितनदे वलभ सम्प्रददायही
गमोसदाई सं लमोग हमैं वदे अब लयों तहैलङही जिदाचत ममें नहह हमैं और जिमो कमोई इन कमो भभूलदे भटकदे लड़ककी ददेतदा हहै वह भही
जिदाचतबदाह्य हमोकर भ्रष्ट हमो जिदातदा हहै क्ययोंचक यदे जिदाचत सदे पचतत चकयदे गयदे और चवददाहहीन रदात चदन प्रमदाद ममें रहतदे हमैं।
और ददेचखयदे! जिब कमोई गमोसदाई सं जिही ककी पधरदावनही करतदा हहै तब उसकदे घर पर जिदाकर, चगुपचदाप कदाठ ककी
पगुतलही कदे समदान बहैठदा रहतदा हहै। न कगु छ बमोलतदा न चदालतदा। चबचदारदा बमोलदे तमो तब जिमो मभूखर्थ न हमोवदे ‘मभूख दार्थण दासं बलसं
मचौनमम्’ क्ययोंचक मभूखर्यों कदा बल मचौन हहै जिमो बमोलदे तमो उस ककी पमोल चनकल जिदाय परन्तगु चसययों ककी ओर खभूब ध्यदान
लगदा कदे तदाकतदा रहतदा हहै और चजिस ककी ओर गमोसदाई सं जिही ददेखमें तमो जिदानमो बड़दे हही भदाग्य ककी बदात हहै और उसकदा पचत,
भदाई, बन्धगु, मदातदा, चपतदा बड़दे प्रसन्न हमोतदे हमैं। वहदासं सब चसययों गमोसदाई सं जिही कदे पग छभूतही हमैं। चजिस पर गमोसदाई सं जिही कदा
मन लगदे वदा कक पदा हमो उस ककी असंगगुलही पहैर सदे दबदा ददेतदे हमैं। वह सही और उस कदे पचत आचद अपनदा धन्य भदाग्य
समझतदे हमैं और उस सही सदे उस कदे पचत आचद सब कहतदे हमैं चक तभू गमोसदाई सं जिही ककी चरणसदेवदा ममें जिदा। और जिहदासं
कहह उस कदे पचत आचद प्रसन्न नहह हमोतदे वहदासं दतभू ही और कगु टचनययों सदे कदाम चसद्ध करदा लदेतदे हमैं। सच पभूछमो तमो ऐसदे
कदाम करनदे वदालदे उन कदे मचन्दरयों ममें और उन कदे समहीप बहह त सदे रहदा करतदे हमैं।
अब इन ककी दचकणदा ककी लहीलदा अथदार्थतम् इस प्रकदार मदासंगतदे हमैं—लदाओ भमेंट गमोसदाई सं जिही ककी, बहह जिही ककी,
लदाल जिही ककी, बदेटही जिही ककी, मगुचखयदा जिही ककी, बदाहररयदा जिही ककी, गवहैयदा जिही ककी और ठदाकगुर जिही ककी, इन सदात-
आठ दक गु दानयों सदे यथदेष्ट मदाल मदारतदे हमैं। जिब कमोई गमोसदाई सं जिही कदा सदेवक मरनदे लगतदा हहै तब उस ककी छदातही ममें पग
गमोसदाई सं जिही धरतदे हमैं और जिमो कगु छ चमलतदा हहै उस कमो गमोसदाई सं जिही ‘गड़क’ कर जिदातदे हमैं। क्यदा यह कदाम महदाब्रदाह्मण
और कचटर्थयदा वदा मगुददार्थवलही कदे समदान नहह हहै?
कमोई-कमोई चदेलदा चववदाह ममें गगुसदाई सं जिही कमो बगुलदा कर उन्हह सदे लड़कदे -लड़ककी कदा पदाचणग्रहण करदातदे हमैं और
कमोई-कमोई सदेवक जिब कदे शररयदा स्नदान अथदार्थतम् गमोसदाई जिही कदे शरहीर पर सही लमोग कदे शर कदा उबटनदा करकदे चफर एक
बड़दे पदात्र ममें पटदा रख कदे गमोसदाई सं जिही कमो सही पगुरुष चमल कदे स्नदान करदातदे हमैं परन्तगु चवशदेष सहीजिन स्नदान करदातही हमैं।
पगुनमः जिब गमोसदाई सं जिही पहीतदाम्बर पचहर और खड़दाऊसं पर चढ़ बदाहर चनकल आतदे हमैं और धमोतही उसही ममें पटक ददेतदे हमैं।
चफर उस जिल कदा आचमन उस कदे सदेवक करतदे हमैं और अच्छदे मसदालदा धरकदे पदान बहीड़दा गमोसदाई सं जिही कमो ददेतदे हमैं। वह
चदाब कर कगु छ चनगल जिदातदे हमैं, शदेष एक चदासंदही कदे कटमोरदे ममें चजिस कमो उन कदा सदेवक मगुख कदे आगदे कर ददेतदा हहै उस
ममें पहीक उगल ददेतदे हमैं। उस ककी भही प्रसदादही बसंटतही हहै चजिस कमो ‘खदास’ प्रसदादही कहतदे हमैं। अब चवचदाररयदे चक यदे लमोग
चकस प्रकदार कदे मनगुष्य हमैं। जिमो मभूढ़पन और अनदाचदार हमोगदा तमो इतनदा हही हमोगदा!

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बहह त सदे समपर्थण लदेतदे हमैं। उन ममें सदे चकतनदे हही वहैष्णवयों कदे हदाथ कदा खदातदे हमैं। अन्य कदा नहह। चकतनदे हही
वहैष्णवयों कदे हदाथ कदा भही नहह खदातदे। लकड़दे लयों धमो लदेतदे हमैं परन्तगु आटदा, गगुड़, चहीनही, घही आचद धमोयदे चवनदा उनकदा
अस्पशर्थ चबगड़ जिदातदा हहै। क्यदा करमें चवचदारदे! जिमो इन कमो धमोवमें तमो पददाथर्थ हही हदाथ सदे खमो बहैठमें।
वदे कहतदे हमैं चक हम ठदाकगुर जिही कदे रङ, रदाग, भमोग ममें बहह त सदा धन लगदा ददेतदे हमैं परन्तगु वदे रङ, रदाग भमोग
आप हही करतदे हमैं और सच पभूछमो तमो बड़दे-बड़दे अनथर्थ हमोतदे हमैं अथदार्थतम् हमोलही कदे समय चपचकदाररयदासं भर कर चसययों कदे
अस्पशर्थनहीय अवयव अथदार्थतम् जिमो गगुप्त स्थदान हमैं उन पर मदारतदे हमैं और रसचवक्रय ब्रदाह्मण कदे चलए चनचषद्ध कमर्थ हहै उस
कमो भही करतदे हमैं।
(प्रश्न) गगुसदाई सं जिही रमोटही, ददाल, कढ़ही, भदात, शदाक और मठरही तथदा लडम् डभू आचद कमो प्रत्यक हदाट ममें
बहैठ कदे तमो नहह बदेचतदे चकन्तगु अपनदे नचौकर चदाकरयों कमो पत्तलमें बदासंट ददेतदे हमैं वदे लमोग बदेचतदे हमैं गगुसदाई सं जिही नहह।
(उत्तर) गमोसदाई सं जिही उन कमो मदाचसक रुपयदे ददेवमें तमो वदे पत्तलमें क्ययों लदेवमें? गगुसदाई सं जिही अपनदे नचौकरयों कदे हदाथ
ददाल, भदात आचद नचौकरही कदे बदलदे ममें बदेच ददेतदे हमैं तमो वदे लदे जिदाकर हदाट बदाजिदार ममें बदेचतदे हमैं। जिमो गगुसदाई सं जिही स्वयसं बदाहर
बदेचतदे तमो नचौकर जिमो ब्रदाह्मणदाचदक हमैं वदे तमो रसचवक्रय दमोष सदे बच जिदातदे और अकदे लदे गमोसदाई सं जिही हही रसचवक्रयरूपही
पदाप कदे भदागही हमोतदे। प्रथम तमो इस पदाप ममें आप डभू बदे चफर औरयों कमो भही समदेटदा और कहह-कहह नदाथद्विदारदा आचद ममें
गमोसदाई सं जिही भही बदेचतदे हमैं। रसचवक्रय करनदा नहीचयों कदा कदाम हहै , उत्तमयों कदा नहह। ऐसदे-ऐसदे लमोगयों नदे इस आयदार्थवत्तर्थ ककी
अधमोगचत कर दही।
(प्रश्न) स्वदामहीनदारदायण कदा मत कहै सदा हहै?
(उत्तर) ‘यदादृशही शहीतलदा ददेव ही तदादृशमो वदाहनमः खरमः’ जिहैसही गगुसदाई सं जिही ककी धनहरणदाचद ममें चवचचत्र
लहीलदा हहै वहैसही हही स्वदामहीनदारदायण ककी भही हहै। एक ‘सहजिदानन्द’ नदामक अयमोध्यदा कदे समहीप एक ग्रदाम कदा जिन्मदा हह आ
थदा। वह ब्रह्मचदारही हमोकर गगुजिरदात, कदाचठयदावदाड़, कच्छ, भगुजि आचद ददेशयों ममें चफरतदा थदा। उसनदे ददेखदा चक यह ददेश
मभूखर्थ भमोलदा भदालदा हहै। चदाहमें जिहैसदे इन कमो अपनदे मत ममें झगुकदा लमें वहैसदे हही यदे लमोग झगुक सकतदे हमैं। वहदासं उस नदे दमो चदार
चशष्य बनदायदे। उन नदे आपस ममें सम्मचत कर प्रचसद्ध चकयदा चक सहजिदानन्द नदारदायण कदा अवतदार और बड़दा चसद्ध हहै
और भक्तयों कमो चतगुभगुर्थजि मभूचतर्थ धदारण कर सदाकदातम् दशर्थन भही ददेतदा हहै।
एक वदार कदाचठयदावदाड़ ममें चकसही कदाठही अथदार्थतम् चजिस कदा ‘ददाददाखदाचर’ गडम् ढदे कदा भभूचमयदा (चजिमहीददार) थदा।
उस कमो चशष्ययों नदे कहदा चक तगुम चतगुभगुर्थजि नदारदायण कदा दशर्थन करनदा चदाहमो तमो हम सहजिदानन्द जिही सदे प्रदाथर्थनदा करमें ?
उस नदे कहदा बहह त अच्छही बदात हहै। वह भमोलदा आदमही थदा। एक कमोठरही ममें सहजिदानन्द नदे चशर पर मगुकट धदारण कर
और शसंख चक्र अपनदे हदाथ ममें ऊपर कमो धदारण चकयदा और एक दस भू रदा आदमही उसकदे पहीछदे खड़दा रह कर गददा पद्मि
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अपनदे हदाथ ममें लदेकर सहजिदानन्द ककी बगल ममें सदे आगदे कमो हदाथ चनकदाल चतगुभगुर्थजि कदे तगुल्य बन ठन गयदे। ददाददाखदाचर
सदे उन कदे चदेलयों नदे कहदा चक एक बदार आसंख उठदा कर ददेख कदे चफर आसंख महच लदेनदा और झट इधर कमो चलदे आनदा।
जिमो बहह त ददेखमोगदे तमो नदारदायण कमोप करमेंगदे अथदार्थतम् चदेलयों कदे मन ममें तमो यह थदा चक हमदारदे कपट ककी परहीकदा न कर लदेवदे।
उस कमो लदे गयदे। वह सहजिदानन्द कलदाबत्तभू और चलकतदे हह ए रदेशमही कपड़दे धदारण चकयदे थदा।
अन्धदेरही कमोठरही ममें खड़दा थदा। उस कदे चदेलयों नदे एकदम लदालटदेन सदे कमोठरही ककी ओर उजिदालदा चकयदा।
ददाददाखदाचर नदे ददेखदा तमो चतगुभगुर्थजि मभूचत्तर्थ दहीखही, चफर झट दहीपक कमो आड़ ममें कर चदयदा। वदे सब नहीचदे चगर, नमस्कदार
कर दस भू रही ओर चलदे आयदे और उसही समय बहीच ममें बदातमें ककीसं चक तगुम्हदारदा धन्य भदाग्य हहै। अब तगुम महदारदाजि कदे चदेलदे
हमो जिदाओ। उस नदे कहदा बहह त अच्छही बदात। जिब लयों चफर कदे दस भू रदे स्थदान ममें गयदे तब लयों दस
भू रदे वस धदारण करकदे
सहजिदानन्द गद्दही पर बहैठदा चमलदा। तब चदेलयों नदे कहदा चक ददेखमो अब द स भू रदा रूप धदारण करकदे यहदासं चवरदाजिमदान हमैं। वह
ददाददाखदाचर इन कदे जिदाल ममें फसंस गयदा। वहह सदे उन कदे मत ककी जिड़ जिमही क्ययोंचक वह एक बड़दा भभूचमयदा थदा। वहह
अपनही जिड़ जिमदा लही। पगुनमः इधर उधर घभूमतदा रहदा। सब कमो उपददेश करतदा थदा। बहह तयों कमो सदाधगु भही बनदातदा थदा।
कभही-कभही चकसही सदाधगु ककी कण्ठ ककी नदाड़ही कमो मल कर मभूचछर्थत भही कर ददेतदा थदा और सब सदे कहतदा थदा चक हमनदे
इन कमो समदाचध चढ़दा दही हहै। ऐसही-ऐसही धभूत्तर्थतदा ममें कदाचठयदावदाड़ कदे भमोलदे भदालदे लमोग उसकदे पदेच ममें फसंस गयदे। जिब वह
मर गयदा तब उस कदे चदेलयों नदे बहह त सदा पदाखण्ड फहै लदायदा। इस ममें यह दृष्टदान्त उचचत हमोगदा चक जिहैसदे कमोई एक चमोरही
करतदा पकड़दा गयदा थदा। न्यदायदाधहीश नदे उस ककी नदाक कदाट डदालनदे कदा दण्ड चकयदा। जिब उस ककी नदाक कदाटही गई तब
वह धभूत्तर्थ नदाचनदे गदानदे और हसंसनदे लगदा। लमोगयों नदे पभूछदा चक तभू क्ययों हसंसतदा हहै ? उस नदे कहदा कगु छ कहनदे ककी बदात नहह
हहै! लमोगयों नदे पभूछदा-ऐसही कचौन सही बदात हहै? उस नदे कहदा बड़ही भदारही आश्चयर्थ ककी बदात हहै, हम नदे ऐसही कभही नहह
ददेखही। लमोगयों नदे कहदा-कहमो! क्यदा बदात हहै? उस नदे कहदा चक मदेरदे सदामनदे सदाकदातम् चतगुभगुर्थजि नदारदायण खड़दे हमैं। ममैं ददेख
कर बड़दा प्रसन्न हमोकर नदाचतदा गदातदा अपनदे भदाग्य कमो धन्यवदाद ददेतदा हह सं चक ममैं नदारदायण कदा सदाकदातम् दशर्थन कर रहदा हह सं।
लमोगयों नदे कहदा हम कमो दशर्थन क्ययों नहह हमोतदा? वह बमोलदा नदाक ककी आड़ हमो रहही हहै। जिमो नदाक कटवदा डदालमो तमो
नदारदायण दहीखदे, नहह तमो नहह। उन ममें सदे चकसही मभूखर्थ नदे कहदा चक नदाक जिदाय तमो जिदाय परन्तगु नदारदायण कदा दशर्थन
अवश्य करनदा चदाचहयदे। उस नदे कहदा चक मदेरही भही नदाक कदाटमो, नदारदायण कमो चदखलदाओ। उस नदे उस ककी नदाक कदाट
कर कदान ममें कहदा चक तभू भही ऐसदा हही कर, नहह तमो मदेरदा और तदेरदा उपहदास हमोगदा। उस नदे भही समझदा चक अब नदाक
तमो आतही नहह इसचलए ऐसदा हही कहनदा ठहीक हहै। तब तमो वह भही वहदासं उसही कदे समदान नदाचनदे, कभू दनदे, गदानदे, बजिदानदे,
हसंसनदे और कहनदे लगदा चक मगुझ कमो भही नदारदायण दहीखतदा हहै। वहैसदे हमोतदे -हमोतदे एक सहस्र मनगुष्य कदा झगुण्ड हमो गयदा
और बड़दा कमोलदाहल मचदा और अपनदे सम्प्रददाय कदा नदाम ‘नदारदायणदशर्त्ती’ रक्खदा। चकसही मभूखर्थ रदाजिदा नदे सगुनदा, उन

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कमो बगुलदायदा। जिब रदाजिदा उन कदे पदास गयदा तब तमो वदे बहह त नदाचनदे, कभू दनदे, हसंसनदे लगदे। तब रदाजिदा नदे पभूछदा चक यह
क्यदा बदात हहै। उन्हयोंनदे कहदा चक सदाकदातम् नदारदायण हम कमो दहीखतदा हहै।
(रदाजिदा) हम कमो क्ययों नहह दहीखतदा?
(नदारदायणदशर्त्ती ) जिब तक नदाक हहै तब तक नहह दहीखदेगदा और जिब नदाक कटवदा लमोगदे तब नदारदायण प्रत्यक
दहीखगमें दे। उस रदाजिदा नदे चवचदारदा चक यह बदात ठहीक हहै।
ज्यमोचतषही जिही! मगुहहत्तर्थ ददेचखयदे।
ज्यमोचतषही जिही नदे उत्तर चदयदा—जिमो हह कम अन्नददातदा! दशमही कदे चदन प्रदातमःकदाल आठ बजिदे नदाक कटवदानदे
और नदारदायण कदे दशर्थन करनदे कदा बड़दा अच्छदा मगुहहत्तर्थ हहै। वदाह रदे पमोप जिही! अपनही पमोथही ममें नदाक कदाटनदे कटवदानदे कदा
भही मगुहहत्तर्थ चलख चदयदा। जिब रदाजिदा ककी इच्छदा हह ई और उन सहस्र नकटयों कदे सहीधदे बदासंध चदयदे तब तमो वदे बड़दे हही प्रसन्न
हमोकर नदाचनदे, कभू दनदे और गदानदे लगदे। यह बदात रदाजिदा कदे दहीवदान आचद कगु छ-कगु छ बगुचद्ध वदालयों कमो अच्छही न लगही।
रदाजिदा कदे एक चदार पहीढ़ही कदा बभूढ़दा 90 वषर्थ कदा दहीवदान थदा। उस कमो जिदाकर उस कदे परपमोतदे नदे जिमो चक उस समय
दहीवदान थदा। वह बदात सगुनदाई। तब उस वकद्ध नदे कहदा चक वदे धभूत्तर्थ हमैं। तभू मगुझ कमो रदाजिदा कदे पदास लदे चल। वह लदे गयदा।
बहैठतदे समय रदाजिदा नदे बड़दे हचषर्थत हमोकदे उन नदाककटयों ककी बदातमें सगुनदाई।सं दहीवदान नदे कहदा चक सगुचनयदे महदारदाजि ! ऐसही
शहीघ्रतदा न करनही चदाचहए। चवनदा परहीकदा चकयदे पश्चदात्तदाप हमोतदा हहै।
(रदाजिदा) क्यदा वदे सहस्र पगुरुष झभूठ बमोलतदे हयोंगदे?
(दहीवदान) झभूठ बमोलमो यदा सच, चवनदा परहीकदा कदे सच झभूठ कहै सदे कह सकतदे हमैं?
(रदाजिदा) परहीकदा चकस प्रकदार करनही चदाचहए।
(दहीवदान) चवददा, सकचष्टक्रम, प्रत्यकदाचद प्रमदाणयों सदे।
(रदाजिदा) जिमो पढ़दा न हमो वह परहीकदा कहै सदे करदे?
(दहीवदान) चवद्विदानयों कदे ससंग सदे जदान ककी वकचद्ध करकदे ।
(रदाजिदा) जिमो चवद्विदानम् न चमलदे तमो?
(दहीवदान) पगुरुषदाथर्त्ती कमो कमोई बदात दल
गु र्थभ नहह हहै।
(रदाजिदा) तमो आप हही कचहए कहै सदा चकयदा जिदाय?

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(दहीवदान) ममैं बगुडम्ढदा और घर ममें बहैठदा रहतदा हह सं और अब थमोड़दे चदन जिहीऊसंगदा भही। इसचलए प्रथम परहीकदा ममैं
कर लदेऊह। तत्पश्चदातम् जिहैसदा उचचत समझमें वहैसदा ककीचजियदेगदा।
(रदाजिदा) बहह त अच्छही बदात हहै। ज्यमोचतषही जिही! दहीवदान जिही कदे चलयदे मगुहहत्तर्थ ददेखमो।
(ज्यमोचतषही) जिमो महदारदाजि ककी आजदा। यहही शगुक्ल पञ्चमही 10 बजिदे कदा मगुहहत्तर्थ अच्छदा हहै। जिब पञ्चमही आई
तब रदाजिदा जिही कदे पदास आ कर आठ बजिदे बगुडम्ढदे दहीवदान जिही नदे रदाजिदा जिही सदे कहदा चक सहस्र दमो सहस्र सदेनदा लदेकदे
चलनदा चदाचहए।
(रदाजिदा) वहदासं सदेनदा कदा क्यदा कदाम हहै?
(दहीवदान) आपकमो रदाज्यव्यवस्थदा ककी जिदानकदारही नहह हहै। जिहैसदा ममैं कहतदा हह सं वहैसदा ककीचजियदे।
(रदाजिदा) अच्छदा जिदाओ भदाई, सदेनदा कमो तहैयदार करमो। सदाढ़दे नचौ बजिदे सवदारही करकदे रदाजिदा सब कमो लदेकर गयदा।
उस कमो ददेख कर वदे नदाचनदे और गदानदे लगदे। जिदाकर बहैठदे। उनकदे महन्त चजिस नदे यह सम्प्रददाय चलदायदा थदा, चजिस ककी
प्रथम नदाक कटही थही उस कमो बगुलदाकर कहदा चक आजि हमदारदे दहीवदान जिही कमो नदारदायण कदा दशर्थन करदाओ। उस नदे
कहदा अच्छदा। दश बजिदे कदा समय जिब आयदा तब एक थदालही मनगुष्य नदे नदाक कदे नहीचदे पकड़ रक्खही। उस नदे पहैनदा चदाकभू
लदे नदाक कदाट थदालही ममें डदाल दही और दहीवदान जिही ककी नदाक सदे रुचधर ककी धदार छभू टनदे लगही। दहीवदान जिही कदा मगुख
मचलन पड़ गयदा। चफर उस धभूत्तर्थ नदे दहीवदान जिही कदे कदान ममें मन्त्रमोपददेश चकयदा चक आप भही हसंसकर सब सदे कचहयदे चक
मगुझ कमो नदारदायण दहीखतदा हहै। अब नदाक कटही हह ई नहह आवदेगही। जिमो ऐसदा नदा कहमोगदे तमो तगुम्हदारदा बड़दा ठठ्ठदा हमोगदा।
सब लमोग हसंसही करमेंगदे। वह इतनदा कह अलग हहआ और दहीवदान जिही नदे असंगमोछदा हदाथ ममें लदे नदाक ककी आड़ ममें लगदा
चदयदा। जिब दहीवदान जिही सदे रदाजिदा नदे पभूछदा, कचहयदे! नदारदायण दहीखतदा हहै वदा नहह? दहीवदान जिही नदे रदाजिदा कदे कदान ममें
कहदा चक कगु छ भही नहह दहीखतदा। वकथदा इस धभूत्तर्थ नदे सहस्रयों मनगुष्ययों कमो भ्रष्ट चकयदा। रदाजिदा नदे दहीवदान सदे कहदा अब क्यदा
करनदा चदाचहयदे? दहीवदान नदे कहदा-इन कमो पकड़ कदे कचठन दण्ड ददेनदा चदाचहए। जिब लयों जिहीवमें तब लयों बन्दहीघर ममें
रखनदा चदाचहए और इस दष्टगु कमो चक चजिस नदे इन सब कमो चबगदाड़दा हहै गधदे पर चढ़दा बड़ही ददगु र्थशदा कदे सदाथ मदारनदा
चदाचहए। जिब रदाजिदा और दहीवदान कदान ममें बदातमें करनदे लगदे तब उन्हयोंनदे डरकदे भदागनदे ककी तहैयदारही ककी परन्तगु चदारयों और
फचौजि नदे घदेरदा ददे रक्खदा थदा, न भदाग सकदे । रदाजिदा नदे आजदा दही चक सब कमो पकड़ बदेचड़यदासं डदाल दमो और इस दष्टगु कदा
कदालदा मगुख कर गधदे पर चढ़दा, इस कदे कण्ठ ममें फटदे जिभूतयों कदा हदार पचहनदा सवर्थत्र घगुमदा छमोकरयों सदे धभूड़ रदाख इस पर
डलवदा चचौक-चचौक ममें जिभूतयों सदे चपटवदा कगु त्तयों सदे लगुसंचवदा मरवदा डदालदा जिदावदे। जिमो ऐसदा न हमोवदे तमो पगुनमः दस
भू रदे भही ऐसदा
कदाम करतदे न डरमेंगदे। जिब ऐसदा हह आ तब नदाककटदे कदा सम्प्रददाय बन्द हह आ।

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इसही प्रकदार सब वदेदचवरमोधही दस भू रयों कदा धन हरनदे ममें बड़दे चतगुर हमैं। यह सम्प्रददाययों ककी लहीलदा हहै। यदे
स्वदाचमनदारदायण मत वदालदे धनहरदे छल कपटयगुक्त कदाम करतदे हमैं। चकतनदे हही मभूखर्यों कदे बहकदानदे कदे चलयदे मरतदे समय
कहतदे हमैं चक सफदे द घमोड़दे पर बहैठ सहजिदानन्द जिही मगुचक्त कमो लदे जिदानदे कदे चलयदे आयदे हमैं और चनत्य इस मचन्दर ममें एक
बदार आयदा करतदे हमैं।
जिब मदेलदा हमोतदा हहै तब मचन्दर कदे भहीतर पगुजिदारही रहतदे हमैं और नहीचदे दक गु दान लगदा रक्खही हहै। मचन्दर ममें सदे
दक
गु दान ममें जिदानदे कदा चछद्र रखतदे हमैं। जिमो चकसही कदा नदाररयल चढ़दायदा वहही दकगु दान ममें फमें क चदयदा अथदार्थतम् इसही प्रकदार एक
नदाररयल चदन ममें सहस्र बदार चबकतदा हहै। ऐसदे हही सब पददाथर्यों कमो बदेचतदे हमैं।
चजिस जिदाचत कदा सदाधगु हमो उन सदे वहैसदा हही कदाम करदातदे हमैं। जिहैसदे नदाचपत हमो उस सदे नदाचपत कदा, कगु म्हदार सदे
कगु म्हदार कदा, चशल्पही सदे चशल्पही कदा, बचनयदे सदे बचनयदे कदा और शभूद्र सदे शभूद्रदाचद कदा कदाम लदेतदे हमैं।
अपनदे चदेलयों पर एक कर (चटकस) बदासंध रक्खदा हहै। लदाखयों क्रमोड़यों रुपयदे ठग कदे एकत्र कर चलयदे हमैं और
करतदे जिदातदे हमैं। जिमो गद्दही पर बहैठतदा हहै वह गकहस्थ (चववदाह) करतदा हहै, आभभूषणदाचद पचहनतदा हहै। जिहदासं कहह पधरदावनही
हमोतही हहै वहदासं गमोकगुचलयदे कदे समदान गमोसदाई सं जिही, बहह जिही आचद कदे नदाम सदे भमेंट पभूजिदा लदेतदे हमैं। अपनदे ‘सत्सङही’ और
दस भू रदे मत वदालयों कमो ‘कगु सङही’ कहतदे हमैं। अपनदे चसवदाय दस भू रदा कहै सदा हही उत्तम धदाचमर्थक, चवद्विदानम् पगुरुष क्ययों न हमो
परन्तगु उस कदा मदान्य और सदेवदा कभही नहह करतदे क्ययोंचक अन्य मतस्थ ककी सदेवदा करनदे ममें पदाप चगनतदे हमैं। प्रचसचद्ध ममें
उन कदे सदाधगु सहीजिनयों कदा मगुख नहह ददेखतदे परन्तगु गगुप्त न जिदानदे क्यदा लहीलदा हमोतही हमोगही? इस ककी प्रचसचद्ध सवर्थत्र न्यभून
हह ई हहै। कहह-कहह सदाधगुओसं ककी परसहीगमनदाचद लहीलदा प्रचसद्ध हमो गई हहै और उन ममें जिमो-जिमो बड़दे-बड़दे हमैं वदे जिब मरतदे
हमैं तब उन कमो गगुप्त कगु वदे ममें फमें क ददेकर प्रचसद्ध करतदे हमैं चक अमगुक महदारदाजि सददेह वहैकगुण्ठ ममें गयदे। सहजिदानन्द जिही
आकदे लदे गयदे। हम नदे बहह त प्रदाथर्थनदा करही चक महदारदाजि इन कमो न लदे जिदाइयदे क्ययोंचक इस महदात्मदा कदे यहदासं रहनदे सदे
अच्छदा हहै। सहजिदानन्द जिही नदे कहदा चक नहह अब इन ककी वहैकगुण्ठ ममें बहह त आवश्यकतदा हहै इसचलए लदे जिदातदे हमैं। हम नदे
अपनही आसंख सदे सहजिदानन्द जिही कमो और चधदान कमो ददेखदा तथदा जिमो मरनदे वदालदे थदे उन कमो चधदान ममें बहैठदा चदयदा। ऊपर
कमो लदे गयदे और पगुष्पयों ककी वषदार्थ करतदे गयदे।
और जिब कमोई सदाधगु बहीमदार पड़तदा हहै और उस कदे बचनदे ककी आशदा नहह हमोतही तब कहतदा हहै चक ममैं कल
रदात कमो वहैकगुण्ठ ममें जिदाऊसंगदा। सगुनदा हहै चक उस रदात ममें जिमो उस कदे प्रदाण न छभूटदे और मभूचछर्थत हमो गयदा हमो तमो भही कगु वदे ममें
फमें क ददेतदे हमैं क्ययोंचक जिमो उस रदात कमो न फमें क दमें तमो झभूठदे पड़में इसचलयदे ऐसदा कदाम करतदे हयोंगदे। ऐसदे हही जिब गमोकगुचलयदा
गमोसदाई सं मरतदा हहै तब उन कदे चदेलदे कहतदे हमैं चक गमोसदाई सं जिही लहीलदा चवस्तदार कर गयदे।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

जिमो इन गमोसदाई,सं स्वदामहीनदारदायणवदालयों कदा उपददेश करनदे कदा मन्त्र हहै वह एक हही हहै। ‘श्रहीकक ष्णमः शरणसं
मम’ इसकदा अथर्थ ऐसदा करतदे हमैं चक श्रहीककष्ण मदेरदा शरण हहै अथदार्थतम् ममैं श्रहीककष्ण कदे शरणदागत हह सं परन्तगु इस कदा अथर्थ
श्रहीककष्ण मदेरदे शरण कमो प्रदाप्त अथदार्थतम् मदेरदे शरणदागत हयों ऐसदा भही हमो सकतदा हहै। यदे सब चजितनदे मत हमैं वदे चवददाहहीन हमोनदे
सदे ऊटपटदासंग शदासचवरुद्ध वदाक्यरचनदा करतदे हमैं क्ययोंचक उन कमो चवददा कदे चनयम ककी जिदानकदारही नहह।
(प्रश्न) मदाध्व मत तमो अच्छदा हहै?
(उत्तर) जिहैसदे अन्य मतदावलम्बही हमैं वहैसदा हही मदाध्व भही हहै क्ययोंचक यदे भही चक्रदारङत हमोतदे हमैं। इन ममें
चक्रदारङतयों सदे इतनदा चवशदेष हहै चक रदामदानगुजिहीय एक वदार चक्रदारङत हमोतदे हमैं और मदाध्व वषर्थ -वषर्थ ममें चफर-चफर
चक्रदारङत हमोतदे जिदातदे हमैं। चक्रदारङत कपदाल ममें पहीलही रदेखदा और मदाध्व कदालही रदेखदा लगदातदे हमैं। एक मदाध्व पचण्डत सदे
चकसही एक महदात्मदा कदा शदासदाथर्थ हह आ थदा—
(महदात्मदा) तगुम नदे यह कदालही रदेखदा और चदासंदलदा (चतलक) क्ययों लगदायदा?
(शदासही) इसकदे लगदानदे सदे हम वहैकगुण्ठ कमो जिदायमेंगदे और श्रहीककष्ण कदा भही शरहीर श्यदाम रसंग थदा इसचलए हम
कदालदा चतलक करतदे हमैं।
(महदात्मदा) जिमो कदालही रदेखदा और चदासंदलदा लगदानदे सदे वहैकगुण्ठ ममें जिदातदे हयों तमो सब मगुख कदालदा कर लदेओ तमो
कहदासं जिदाओगदे? क्यदा वहैकगुण्ठ कदे भही पदार उतर जिदाओगदे? और जिहैसदा श्रहीककष्ण कदा सब शरहीर कदालदा थदा। वहैसदा तगुम भही
सब शरहीर कदालदा कर चलयदा करमो तब श्रहीककष्ण कदा सदादृश्य हमो सकतदा हहै। इसचलए यह भही पभूवर्यों कदे सदृश हहै।
(प्रश्न) चलङदारङत कदा मत कहै सदा हहै?
(उत्तर) जिहैसदा चक्रदारङत कदा; जिहैसदे चक्रदारङत चक्र सदे ददागदे जिदातदे और नदारदायण कदे चबनदा चकसही कमो नहह
मदानतदे वहैसदे चलङदारङत चलङदाककचत सदे ददागदे जिदातदे और चवनदा महदाददेव कदे अन्य चकसही कमो नहह मदानतदे। इन ममें चवशदेष
यह हहै चक चलङदारङत पदाषदाण कदा एक चलङ समोनदे अथवदा चदासंदही ममें मढ़वदा कदे गलदे ममें डदाल रखतदे हमैं। जिब पदानही भही
पहीतदे हमैं तब उसकमो चदखदा कदे पहीतदे हमैं। उनकदा भही मन्त्र शहैव कदे तगुल्य रहतदा हहै।
ब्रदाह्मसमदाजि और प्रदाथर्थन दासमदाजि
(प्रश्न) ब्रदाह्मसमदाजि और प्रदाथर्थनदासमदाजि तमो अच्छदा हहै वदा नहह?
(उत्तर) कगु छ-कगु छ बदातमें अच्छही और बहह त सही बगुरही हमैं।
(प्रश्न) ब्रदाह्मसमदाजि और प्रदाथर्थनदासमदाजि सब सदे अच्छदा हहै क्ययोंचक इस कदे चनयम बहह त अच्छदे हमैं।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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(उत्तर) चनयम सवदार्वंश ममें अच्छदे नहह क्ययोंचक वदेदचवददाहहीन लमोगयों ककी कल्पनदा सवर्थथदा सत्य क्ययोंकर हमो
सकतही हहै? जिमो कगु छ ब्रदाह्मसमदाजि और प्रदाथर्थनदासमदाचजिययों नदे ईसदाई मत ममें चमलनदे सदे थमोड़दे मनगुष्ययों कमो बचदायदे और
कगु छ-कगु छ पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा कमो हटदायदा अन्य जिदाल ग्रन्थयों कदे फन्द सदे भही कगु छ बचदायदे इत्यदाचद अच्छही बदातमें हमैं।
1. परन्तगु इन लमोगयों ममें स्वददेश भचक्त बहह त न्यभू न हहै। ईसदाइययों कदे आचरण बहह त सदे लदे चलयदे हमैं।
खदानपदान चववदाहदाचद कदे चनयम भही बदल चदयदे हमैं।
2. अपनदे ददेश ककी प्रशसंस दा वदा पभूव र्थजि यों ककी बड़दाई करनही तमो द भू र उस कदे स्थदान ममें पदेट भर
चनन्ददा करतदे हमैं। व्यदाख्यदानयों ममें ईसदाई आचद असंग रदेजि यों ककी प्रशसंस दा भरपदेट करतदे हमैं। ब्रह्मदाचद महचषर्थययों
कदा नदाम भही नहह लदेतदे प्रत्यगुत ऐसदा कहतदे हमैं चक चवनदा असंग रदेजि यों कदे सकच ष्ट ममें आजि पयर्थन् त कमोई भही चवद्विदानम्
नहह हह आ । आयदार्थव त्तर्त्ती लमोग सददा सदे मभूखर्थ चलदे आयदे हमैं। इन ककी उन्नचत कभही नहह हह ई ।
3. वदेददाचदकयों ककी प्रचतष्ठिदा तमो दरभू रहही परन्तगु चनन्ददा करनदे सदे भही पकथकम् नहह रहतदे।
ब्रदाह्मसमदाजि कदे उद्ददेश्य कदे पगुस्तक ममें सदाधगुओ सं ककी ससंख् यदा ममें ‘ईसदा’, ‘मभूस दा’, ‘मगुह म्मद’, ‘नदानक’
और ‘चहैत न्य’ चलखदे हमैं। चकसही ऋचष महचषर्थ कदा नदाम भही नहह चलखदा। इस सदे जिदानदा जिदातदा हहै चक इन
लमोगयों नदे चजिन कदा नदाम चलखदा हहै उन्हह कदे मतदानगुसदारही मत वदालदे हमैं। भलदा! जिब आयदार्थव त्तर्थ ममें उत्पन्न हह ए
हमैं और इसही ददेश कदा अन्न जिल खदायदा चपयदा, अब भही खदातदे पहीतदे हमैं। अपनदे मदातदा, चपतदा,
चपतदामहदाचद कदे मदागर्थ कमो छमोड़ दभू स रदे चवददेश ही मतयों पर अचधक झगुक जिदानदा, ब्रदाह्मसमदाजिही और
प्रदाथर्थन दासमदाचजिययों कदा एतद्ददेश स्थ ससंस् कक त चवददा सदे रचहत अपनदे कमो चवद्विदानम् प्रकदाचशत करनदा,
इसंग चलश भदाषदा पढ़कदे पचण्डतदाचभमदानही हमोकर झचटचत एक मत चलदानदे ममें प्रवकत्त हमोनदा, मनगुष् ययों कदा
चस्थर और वकच द्धकदारक कदाम क्ययों क र हमो सकतदा हहै?
4. असंगरदेजि, यवन, अन्त्यजिदाचद सदे भही खदानदे कदा भदेद नहह रक्खदा। इन्हयोंनदे यहही समझदा हमोगदा
चक खदानदे पहीनदे और जिदाचतभदेद तमोड़नदे सदे हम और हमदारदा ददेश सगुधर जिदायदेगदा परन्तगु ऐसही बदातयों सदे सगुधदार तमो
कहदासं हहै, उल्टदा चबगदाड़ हमोतदा हहै।
5. (प्रश्न) जिदाचतभदेद ईश्वरकक त हहै वदा मनगुष्यकक त?
(उत्तर) ईश्वरकक त और मनगुष्यकक त भही जिदाचतभदेद हहै।
(प्रश्न) कचौन सदे ईश्वरकक त और कचौन सदे मनगुष्यकक त?
(उत्तर) मनगुष्य, पशगु, पकही, वकक, जिलजिन्तगु आचद जिदाचतयदासं परमदेश्वरकक त हमैं। जिहैसदे पशगुओसं ममें गचौ,
अश्व, हचस्त आचद जिदाचतयदासं, वककयों ममें पहीपल, वट, आम आचद। पचकययों ममें हसंस, कदाक, वकदाचद। जिलजिन्तगुओसं ममें
मत्स्य, मकरदाचद जिदाचतभदेद हमैं वहैसदे मनगुष्ययों ममें ब्रदाह्मण, कचत्रय, वहैश्य, शभूद्र, अन्त्यजि जिदाचतभदेद हमैं। ईश्वरकक त हमैं।
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परन्तगु मनगुष्ययों ममें ब्रदाह्मणदाचद कमो सदामदान्य जिदाचत ममें नहह चकन्तगु सदामदान्य चवशदेषदात्मक जिदाचत ममें चगनतदे हमैं। जिहैसदे पभूवर्थ
वणदार्थश्रमव्यवस्थदा ममें चलख आयदे वहैसदे हही गगुण, कमर्थ, स्वभदाव सदे वणर्थव्यवस्थदा मदाननही अवश्य हमैं। इसममें मनगुष्यकक तत्व
उनकदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव सदे पभूवर्वोक्तदानगुसदार ब्रदाह्मण, कचत्रय, वहैश्य, शभूद्रदाचद वणर्यों ककी परहीकदापभूवर्थक व्यवस्थदा करनही
रदाजिदा और चवद्विदानयों कदा कदाम हहै। भमोजिनभदेद भही ईश्वरकक त और मनगुष्यकक त भही हहै। जिहैसदे चससंह मदासंसदाहदारही और
अणदार्थभमैंसदा घदासदाचद कदा आहदार करतदे हमैं यह ईश्वरकक त और ददेशकदाल वस्तगु भदेद सदे भमोजिनभदेद मनगुष्यकक त हहै।
ददेखमो! यभूरमोचपयन लमोग मगुसंडदे जिभूतदे, कमोट पतलभून पहरतदे, हमोटल ममें सब कदे हदाथ कदा खदातदे हमैं इसहीचलए
अपनही बढ़तही करतदे जिदातदे हमैं।
(उत्तर) यह तगुम्हदारही भभूल हहै क्ययोंचक मगुसलमदान अन्त्यजि लमोग सब कदे हदाथ कदा खदातदे हमैं पगुनमः उन ककी
उन्नचत क्ययों नहह हमोतही? जिमो यभूरमोचपयनयों ममें बदाल्यदावस्थदा ममें चववदाह न करनदा, लड़कदा-लड़ककी कमो चवददा सगुचशकदा
करनदा करदानदा, स्वयसंवर चववदाह हमोनदा, बगुरदे-बगुरदे आदचमययों कदा उपददेश नहह हमोतदा। वदे चवद्विदानम् हमोकर चजिस चकसही कदे
पदाखण्ड ममें नहह फसंसतदे जिमो कगु छ करतदे हमैं वह सब परस्पर चवचदार और सभदा सदे चनचश्चत करकदे करतदे हमैं। अपनही
स्वजिदाचत ककी उन्नचत कदे चलयदे तन, मन, धन व्यय करतदे हमैं। आलस्य कमो छमोड़ उदमोग चकयदा करतदे हमैं।
ददेखमो! अपनदे ददेश कदे बनदे हह ए जिभूतदे कमो कदायदार्थलय (आचफस) और कचहरही ममें जिदानदे ददेतदे हमैं इस ददेशही जिभूतदे
कमो नहह। इतनदे हही ममें समझ लदेओ चक अपनदे ददेश कदे बनदे जिभूतयों कदा भही चकतनदा मदान प्रचतष्ठिदा करतदे हमैं, उतनदा भही
अन्य ददेशस्थ मनगुष्ययों कदा नहह करतदे। ददेखमो! कगु छ सचौ वषर्थ सदे ऊपर इस ददेश ममें आयदे यभूरमोचपयनयों कमो हह ए और आजि
तक यदे लमोग ममोटदे कपड़दे आचद पचहरतदे हमैं जिहैसदा चक स्वददेश ममें पचहरतदे थदे परन्तगु उन्हयोंनदे अपनदे ददेश कदा चदाल
चलन नहह छमोड़दा और तगुम ममें सदे बहह त सदे लमोगयों नदे उनकदा अनगुक रण कर चलयदा। इसही सदे तगुम चनबगुचर्थ द्ध
और वदे बगुच द्धमदानम् ठहरतदे हमैं। अनगुकरण कदा करनदा चकसही बगुचद्धमदानम् कदा कदाम नहह। और जिमो चजिस कदाम पर रहतदा
हहै उस कमो यथमोचचत करतदा हहै। आजदानगुवतर्त्ती बरदाबर रहतदे हमैं। अपनदे ददेशवदालयों कमो व्यदापदार आचद ममें सहदाय ददेतदे हमैं।
इत्यदाचद गगुणयों और अच्छदे-अच्छदे कमर्यों सदे उन ककी उन्नचत हहै। मगुण्डदे जिभूतदे, कमोट, पतलभून, हमोटल ममें खदानदे पहीनदे आचद
सदाधदारण और बगुरदे कदामयों सदे नहह बढ़दे हमैं। और इन ममें जिदाचतभदेद भही हहै। ददेखमो! जिब कमोई यभूरमोचपयन चदाहहै चकतनदे बड़दे
अचधकदार पर और प्रचतचष्ठित हमो चकसही अन्य ददेश अन्य मत वदालयों ककी लड़ककी वदा यभूरमोचपयन ककी लड़ककी अन्य
ददेशवदालदे सदे चववदाह कर लदेतही हहै तमो उसही समय उस कदा चनमन्त्रण, सदाथ बहैठ कर खदानदे और चववदाह आचद कमो अन्य
लमोग बसंध कर ददेतदे हमैं। यह जिदाचतभदेद नहह तमो क्यदा हहै? और तगुम भमोलदे भदालयों कमो बहकदातदे हमैं चक हम ममें जिदाचतभदेद
नहह। तगुम अपनही मभूखर्थतदा सदे मदान भही लदेतदे हमो। इसचलयदे जिमो कगु छ करनदा वह समोच -चवचदार कर करनदा चदाचहयदे चजिसममें
पगुनमः पश्चदात्तदाप करनदा न पड़दे।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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ददेखमो! वहैद और औषध ककी आवश्यकतदा रमोगही कदे चलए हहै। नहीरमोग कदे चलयदे नहह। चवददावदानम् नहीरमोग और
चवददारचहत अचवददारमोग सदे ग्रस्त रहतदा हहै। उस रमोग कदे छगु ड़दानदे कदे चलयदे सत्य चवददा और सत्यमोपददेश हहै। उन कमो
अचवददा सदे यह रमोग हहै चक खदानदे पहीनदे हही ममें धमर्थ रहतदा और जिदातदा हहै। जिब चकसही कमो खदानदे पहीनदे ममें अनदाचदार करतदा
ददेखतदे हमैं तब कहतदे और जिदानतदे हमैं चक वह धमर्थभ्रष्ट हमो गयदा। उस ककी बदात न सगुनतदे और न उस कदे पदास बहैठतदे , न
उस कमो अपनदे पदास बहैठनदे ददेतदे।
अब कचहयदे चक तगुम्हदारही चवददा स्वदाथर्थ कदे चलयदे हहै अथवदा परमदाथर्थ कदे चलयदे। परमदाथर्थ तमो तभही हमोतदा चक जिब
तगुम्हदारही चवददा सदे उन अजदाचनययों कमो लदाभ पहह संचतदा। जिमो कहमो चक वदे नहह लदेतदे हम क्यदा करमें ? यह तगुम्हदारदा दमोष हहै
उन कदा नहह। क्ययोंचक तगुम जिमो अपनदा आचरण अच्छदा रखतदे तमो तगुम सदे प्रदेम कर वदे उपकक त हमोतदे , समो तगुम नदे सहस्रयों
कदा उपकदार-नदाश करकदे अपनदा हही सगुख चकयदा समो यह तगुम कमो बड़दा अपरदाध लगदा, क्ययोंचक परमोपकदार करनदा
धमर्थ और परहदाचन करनदा अधमर्थ कहदातदा हहै। इसचलए चवद्विदानम् कमो यथदायमोग्य व्यवहदार करकदे अजदाचनययों कमो
दगुमः खसदागर सदे तदारनदे कदे चलयदे नचौकदारूप हमोनदा चदाचहयदे। सवर्थथ दा मभूख र्यों कदे सदृश कमर्थ न करनदे चदाचहए
चकन्तगु चजिस ममें उन ककी और अपनही चदन प्रचतचदन उन्नचत हमो वहैस दे कमर्थ करनदे उचचत हमैं।
(प्रश्न) हम कमोई पगुस्तक ईश्वरप्रणहीत वदा सवदार्वंश सत्य नहह मदानतदे क्ययोंचक मनगुष्ययों ककी बगुचद्ध चनभ्रदार्थन्त
नहह हमोतही इस सदे उन कदे बनदायदे ग्रन्थ सब भ्रदान्त हमोतदे हमैं। इसचलयदे हम सब सदे सत्य ग्रहण करतदे और असत्य कमो
छमोड़ ददेतदे हमैं। चदाहदे सत्य वदेद ममें, बदाइचबल ममें वदा कगु रदान ममें और अन्य चकसही ग्रन्थ ममें हमो। हम कमो ग्रदाह्य हहै। असत्य
चकसही कदा नहह।
(उत्तर) चजिस बदात सदे तगुम सत्यग्रदाहही हमोनदा चदाहतदे हमो उसही बदात सदे असत्यग्रदाहही भही ठहरतदे हमो क्ययोंचक
जिब सब मनगुष्य भ्रदाचन्तरचहत नहह हमो सकतदे तमो तगुम भही मनगुष्य हमोनदे सदे भ्रदाचन्तसचहत हमो। जिब भ्रदाचन्तसचहत कदे वचन
सवदार्वंश ममें प्रदामदाचणक नहह हमोतदे तमो तगुम्हदारदे वचन कदा भही चवश्वदास नहह हमोगदा। चफर तगुम्हदारदे वचन पर भही सवर्थथदा
चवश्वदास न करनदा चदाचहयदे। जिब ऐसदा हहै तमो चवषयगुक्त अन्न कदे समदान त्यदाग कदे यमोग्य हमैं। चफर तगुम्हदारदे व्यदाख्यदान
पगुस्तक बनदायदे कदा प्रमदाण चकसही कमो भही न करनदा चदाचहयदे। ‘चलदे तमो चचौबदे जिही छब्बदे जिही बननदे कमो, गदासंठ कदे दमो
खमोकर दगुब दे जिही बन गयदे। ’ कगु छ तगुम सवर्थज नहह जिहैसदे चक अन्य मनगुष्य सवर्थज नहह हमैं। कददाचचतम् भ्रम सदे असत्य
कमो ग्रहण कर सत्य कमो छमोड़ भही ददेतदे हमोगदे। इसचलयदे सवर्थज परमदात्मदा कदे वचन कदा सहदाय हम अल्पजयों कमो अवश्य
हमोनदा चदाचहए।
जिहैसदा चक वदेद कदे व्यदाख्यदान ममें चलख आयदे हमैं वहैसदा तगुम कमो अवश्य हही मदाननदा चदाचहए। नहह तमो ‘यतमो
भ्रष्टस्ततमो भ्रष्टमः’ हमो जिदानदा हहै। जिब सवर्थ सत्य वदेदयों सदे प्रदाप्त हमोतदा हहै, चजिन ममें असत्य कगु छ भही नहह तमो उनकदा

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ग्रहण करनदे ममें शसंकदा करनही अपनही और परदाई हदाचनमदात्र कर लदेनही हहै। इसही बदात सदे तगुम कमो आयदार्थवत्तर्त्तीय लमोग अपनदे
नहह समझतदे और तगुम आयदार्थवत्तर्थ ककी उन्नचत कदे कदारण भही नहह हमो सकदे क्ययोंचक तगुम सब घर कदे चभकगुक ठहरदे। तगुम
नदे समझदा हहै चक इस बदात सदे हम लमोग अपनदा और परदायदा उपकदार कर सकमें गदे समो न कर सकमोगदे। जिहैसदे चकसही कदे दमो
हही मदातदा चपतदा सब ससंसदार कदे लड़कयों कदा पदालन करनदे लगमें। सब कदा पदालन करनदा तमो असम्भव हहै चकन्तगु उस बदात
सदे अपनदे लड़कयों कमो भही नष्ट कर बहैठमें , वहैसदे हही आप लमोगयों ककी गचत हहै। भलदा! वदेददाचद सत्य शदासयों कमो मदानदे चवनदा
तगुम अपनदे वचनयों ककी सत्यतदा और असत्यतदा ककी परहीकदा और आयदार्थवत्तर्थ ककी उन्नचत भही कभही कर सकतदे हमो?
चजिस ददेश कमो रमोग हहआ हहै उस ककी औषचध तगुम्हदारदे पदास नहह और यभूरमोचपयन लमोग तगुम्हदारही अपदेकदा नहह
करतदे और आयदार्थवत्तर्त्तीय लमोग तगुम कमो अन्य मचतययों कदे सदृश समझतदे हमैं। अब भही समझ कर वदेददाचद कदे मदान्य सदे
ददेशमोन्नचत करनदे लगमो तमो भही अच्छदा हहै। जिमो तगुम यह कहतदे हमो चक सब सत्य परमदेश्वर सदे प्रकदाचशत हमोतदा हहै पगुनमः
ऋचषययों कदे आत्मदाओसं ममें ईश्वर सदे प्रकदाचशत हह ए सत्यदाथर्थ वदेदयों कमो क्ययों नहह मदानतदे? हदासं! यहही कदारण हहै चक तगुम
लमोग वदेद नहह पढ़दे और न पढ़नदे ककी इच्छदा करतदे हमो। क्ययोंकर तगुम कमो वदेदमोक्त जदान हमो सकदे गदा?
6. दस भू रदा जिगतम् कदे उपदाददान कदारण कदे चवनदा जिगतम् ककी उत्पचत्त और जिहीव कमो भही उत्पन्न
मदानतदे हमो, जिहैसदा ईसदाई और मगुसलमदान आचद मदानतदे हमैं। इस कदा उत्तर सकष्टगुत्पचत्त और जिहीवदेश्वर ककी
व्यदाख्यदा ममें ददेख लहीचजिए। कदारण कदे चवनदा कदायर्थ कदा हमोनदा सवर्थथदा असम्भव और उत्पन्न वस्तगु कदा नदाश न
हमोनदा भही वहैसदा हही असम्भव हहै।
7. एक यह भही तगुम्हदारदा दमोष हहै जिमो पश्चदात्तदाप और प्रदाथर्थनदा सदे पदापयों ककी चनवकचत्त मदानतदे हमो।
इसही बदात सदे जिगतम् ममें बहह त सदे पदाप बढ़ गयदे हमैं। क्ययोंचक पगुरदाणही लमोग तहीथदार्थचद यदात्रदा सदे, जिहैनही लमोग भही
नवकदार मन्त्र जिप और तहीथदार्थचद सदे। ईसदाई लमोग ईसदा कदे चवश्वदास सदे। मगुसलमदान लमोग ‘तमोबदामः’ करनदे सदे
पदाप कदा छभूट जिदानदा चवनदा भमोग कदे मदानतदे हमैं। इस सदे पदापयों सदे भय न हमोकर पदाप ममें प्रवकचत्त बहह त हमो गई हहै। इस
बदात ममें ब्रदाह्म और प्रदाथर्थनदासमदाजिही भही पगुरदाणही आचद कदे समदान हमैं। जिमो वदेदयों कमो सगुनतदे तमो चवनदा भमोग कदे पदाप
पगुण्य ककी चनवकचत्त न हमोनदे सदे पदापयों सदे डरतदे और धमर्थ ममें सददा प्रवकत्त रहतदे। जिमो भमोग कदे चवनदा चनवकचत्त मदानमें तमो
ईश्वर अन्यदायकदारही हमोतदा हहै।
8. जिमो तगुम जिहीव ककी अनन्त उन्नचत मदानतदे हमो समो कभही नहह हमो सकतही क्ययोंचक ससहीम जिहीव
कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदा फल भही ससहीम हमोनदा अवश्य हहै।
(प्रश्न) परमदेश्वर दयदालगु हहै। ससहीम कमर्यों कदा फल अनन्त ददे ददेगदा।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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(उत्तर) ऐसदा करदे तमो परमदेश्वर कदा न्यदाय नष्ट हमो जिदाय और सत्कमर्यों ककी उन्नचत भही कमोई न करदेगदा।
क्ययोंचक थमोड़दे सदे भही सत्कमर्थ कदा अनन्त फल परमदेश्वर ददे ददेगदा और पश्चदात्तदाप वदा प्रदाथर्थनदा सदे पदाप चदाहमें चजितनदे हयों
छभूट जिदायमेंगदे। ऐसही बदातयों सदे धमर्थ ककी हदाचन और पदापकमर्यों ककी वकचद्ध हमोतही हहै।
(प्रश्न) हम स्वदाभदाचवक जदान कमो वदेद सदे बड़दा मदानतदे हमैं। नहैचमचत्तक कमो नहह। क्ययोंचक जिमो स्वदाभदाचवक
जदान परमदेश्वरदत्त हम ममें न हमोतदा तमो वदेदयों कमो भही कहै सदे पढ़ पढ़दा, समझ समझदा सकतदे। इसचलए हम लमोगयों कदा मत
बहह त अच्छदा हहै।
(उत्तर) यह तगुम्हदारही बदात चनरथर्थक हहै। क्ययोंचक जिमो चकसही कदा चदयदा हह आ जदान हमोतदा हहै वह स्वदाभदाचवक
नहह हमोतदा। जिमो स्वदाभदाचवक हहै वह सहजि जदान हमोतदा हहै और न वह बढ़ घट सकतदा। उस सदे उन्नचत कमोई भही नहह
कर सकतदा। क्ययोंचक जिसंगलही मनगुष्ययों ममें भही स्वदाभदाचवक जदान हहै तमो भही वदे अपनही उन्नचत नहह कर सकतदे ? और जिमो
नहैचमचत्तक जदान हहै वहही उन्नचत कदा कदारण हहै। ददेखमो! तगुम हम बदाल्यदावस्थदा ममें कत्तर्थव्यदाकत्तर्थव्य और धमदार्थधमर्थ कगु छ भही
ठहीक-ठहीक नहह जिदानतदे थदे। जिब हम चवद्विदानयों सदे पढ़दे तभही कत्तर्थव्यदाकत्तर्थव्य और धमदार्थधमर्थ कमो समझनदे लगदे। इसचलए
स्वदाभदाचवक जदान कमो सवर्वोपरर मदाननदा ठहीक नहह।
9. जिमो आप लमोगयों नदे पभूवर्थ और पगुनजिर्थन्म नहह मदानदा हहै वह ईसदाई मगुसलमदानयों सदे चलयदा हमोगदा। इस कदा
भही उत्तर पगुनजिर्थन्म ककी व्यदाख्यदा सदे समझ लदेनदा। परन्तगु इतनदा समझमो चक जिहीव शदाश्वत अथदार्थत म् चनत्य हहै और
उस कदे कमर्थ भही प्रवदाहरूप सदे चनत्य हमैं। कमर्थ और कमर्थव दानम् कदा चनत्य सम्बन्ध हमोतदा हहै। क्यदा वह जिहीव कहह
चनकम्मदा बहैठदा रहदा थदा? वदा रहदेगदा? और परमदेश्वर भही चनकम्मदा तगुम्हदारदे कहनदे सदे हमोतदा हहै पभूवदार्थपर जिन्म न मदाननदे सदे
कक तहदाचन और अकक तदाभ्यदागम, नहैघकर्थण्य और वहैषम्य दमोष भही ईश्वर ममें आतदे हमैं , क्ययोंचक जिन्म न हमो तमो पदाप पगुण्य कदे
फल-भमोग ककी हदाचन हमो जिदाय। क्ययोंचक चजिस प्रकदार दस भू रदे कमो सगुख, दमःगु ख, हदाचन, लदाभ पहह हचदायदा हमोतदा हहै वहैसदा उस
कदा फल चवनदा शरहीर धदारण चकयदे नहह हमोतदा। दस भू रदा पभूवर्थजिन्म कदे पदाप पगुण्ययों कदे चवनदा सगुख , दमःगु ख ककी प्रदाचप्त इस
जिन्म ममें क्ययोंकर हमोवदे? जिमो पभूवर्थजिन्म कदे पदाप पगुण्यदानगुसदार न हमोवदे तमो परमदेश्वर अन्यदायकदारही और चवनदा भमोग चकयदे
नदाश कदे समदान कमर्थ कदा फल हमो जिदावदे इसचलए यह भही बदात आप लमोगयों ककी अच्छही नहह।
10. और एक यह चक ईश्वर कदे चवनदा चदव्य गगुणवदालदे पददाथर्यों और चवद्विदानयों कमो भही ददेव न मदाननदा ठहीक
नहह क्ययोंचक परमदेश्वर महदाददेव और ददेव न हमोतदा तमो सब ददेवयों कदा स्वदामही हमोनदे सदे महदाददेव क्ययों कहदातदा?
11. एक अचग्निहमोत्रदाचद परमोपकदारक कमर्यों कमो कत्तर्थव्य न समझनदा अच्छदा नहह।
12. ऋचष महचषर्थययों कदे चकयदे उपकदारयों कमो न मदानकर ईसदा आचद कदे पहीछदे झगुक पड़नदा अच्छदा नहह।
13. और चवनदा कदारणचवददा वदेदयों कदे अन्य कदायर्थचवददाओसं ककी प्रवकचत्त मदाननदा सवर्थथदा असम्भव हहै।

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14. और जिमो चवददा कदा चचह यजमोपवहीत और चशखदा कमो छमोड़ मगुसलमदान ईसदाइययों कदे सदृश बन बहैठनदा
यह भही व्यथर्थ हहै। जिब पतलभून आचद वस पचहरतदे हमो और ‘तमगयों’ ककी इच्छदा करतदे हमो तमो क्यदा यजमोपवहीत आचद
कदा कगु छ बड़दा भदार हमो गयदा थदा?
15. और ब्रह्मदा सदे लदेकर पहीछदे-पहीछदे आयदार्थवत्तर्थ ममें बहह त सदे चवद्विदानम् हमो गयदे हमैं। उन ककी प्रशसंसदा न करकदे
यभूरमोचपयन हही ककी स्तगुचत ममें उतर पड़नदा पकपदात और खगुशदामद कदे चवनदा क्यदा कहदा जिदाए?
16. और बहीजिदासंकगुर कदे समदान जिड़चदेतन कदे यमोग सदे जिहीवमोत्पचत्त मदाननदा, उत्पचत्त कदे पभूवर्थ जिहीवतत्त्व कदा
न मदाननदा और उत्पन्न कदा न नदाश मदाननदा पभूवदार्थपर चवरुद्ध हहै। जिमो उत्पचत्त कदे पभूवर्थ चदेतन और जिड़ वस्तगु न थदा तमो
जिहीव कहदासं सदे आयदा और ससंयमोग चकन कदा हह आ? जिमो इन दमोनयों कमो सनदातन मदानतदे हमो तमो ठहीक हहै परन्तगु सकचष्ट कदे
पभूवर्थ ईश्वर कदे चवनदा दस
भू रदे चकसही तत्त्व कमो न मदाननदा यह आपकदा पक व्यथर्थ हमो जिदायदेगदा। इसचलयदे जिमो उन्नचत करनदा
चदाहमो तमो ‘आयर्थस मदाजि’ कदे सदाथ चमलकर उस कदे उद्ददेश् यदानगुस दार आचरण करनदा स्वहीकदार ककीचजियदे , नहह
तमो कगु छ हदाथ न लगदेग दा। क्ययों च क हम और आपकमो अचत उचचत हहै चक चजिस ददेश कदे पददाथर्यों सदे अपनदा
शरहीर बनदा। अब भही पदालन हमोतदा हहै। आगदे हमोगदा। उसककी उन्नचत तन, मन, धन सदे सब जिनदे चमलकर
प्रहीचत सदे करमें। इसचलए जिहैस दा आयर्थस मदाजि आयदार्थव त्तर्थ ददेश ककी उन्नचत कदा कदारण हहै वहैस दा द भू स रदा नहह हमो
सकतदा। यचद इस समदाजि कमो यथदावतम् सहदायतदा ददेवमें तमो बहह त अच्छही बदात हहै, क्ययोंचक समदाजि कदा सचौभदाग्य बढ़दानदा
समगुददाय कदा कदाम हहै। एक कदा नहह।
(प्रश्न) आप सब कदा खण्डन करतदे हही आतदे हमो परन्तगु अपनदे -अपनदे धमर्थ ममें सब अच्छदे हमैं। खण्डन चकसही
कदा न करनदा चदाचहए। जिमो करतदे हमो तमो आप इन सदे चवशदेष क्यदा बतलदातदे हमो। जिमो बतलदातदे हमो तमो क्यदा आप सदे
अचधक वदा तगुल्य कमोई पगुरुष न थदा? और न हहै? ऐसदा अचभमदान करनदा आप कमो उचचत नहह, क्ययोंचक परमदात्मदा
ककी सकचष्ट ममें एक-एक सदे अचधक, तगुल्य और न्यभून बहह त हमैं। चकसही कमो घमण्ड करनदा उचचत नहह?
(उत्तर) धमर्थ सब कदा एक हमोतदा हहै वदा अनदेक? जिमो कहमो अनदेक हमोतदे हमैं तमो एक दस भू रदे कदे चवरुद्ध हमोतदे हमैं
वदा अचवरुद्ध? जिमो कहमो चक चवरुद्ध हमोतदे हमैं तमो एक कदे चवनदा दस भू रदा धमर्थ नहह हमो सकतदा और जिमो कहमो चक अचवरुद्ध
हमैं तमो पकथकम् -पकथकम् हमोनदा व्यथर्थ हहै। इसचलए धमर्थ और अधमर्थ एक हही हमैं। अनदेक नहह। यहही हम चवशदेष कहतदे हमैं चक
जिहैसदे सब सम्प्रददाययों कदे उपददेशकयों कमो कमोई रदाजिदा इकटदा करदे तमो एक सहस्र सदे कम नहह हयोंगदे परन्तगु इन कदा मगुख्य
भदाग ददेखमो तमो पगुरदानही, चकरदानही, जिहैनही और कगु रदानही चदार हही हमैं। क्ययोंचक इन चदारयों ममें सब सम्प्रददाय आ जिदातदे हमैं। कमोई
रदाजिदा उन ककी सभदा करकदे वदा कमोई चजिजदासगु हमोकर प्रथम वदाममदागर्त्ती सदे पभूछदे -हदे महदारदाजि! ममैंनदे आजि तक न कमोई गगुरु
और न चकसही धमर्थ कदा ग्रहण चकयदा हहै। कचहयदे! सब धमर्यों ममें सदे उत्तम धमर्थ चकस कदा हहै? चजिस कमो ममैं ग्रहण करूसं?
(वदाममदागर्त्ती ) हमदारदा हहै।
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(चजिजदासगु) यदे नचौ सचौ चनन्न्यदानवदे कहै सदे हमैं?


(वदाममदागर्त्ती ) सब झभूठदे और नरकगदामही हमैं क्ययोंचक ‘कचौलदातम् परतरसं नचह’। इस वचन कदे प्रमदाण सदे हमदारदे
धमर्थ सदे परदे कमोई धमर्थ नहह हहै।
(चजिजदासगु) आप कदा क्यदा धमर्थ हहै?
(वदाममदागर्त्ती ) भगवतही कदा मदाननदा, मद-मदासंसदाचद पसंच मकदारयों कदा सदेवन और रुद्रयदामल आचद चचौसठ तन्त्रमें
कदा मदाननदा इत्यदाचद, जिमो तभू मगुचक्त ककी इच्छदा करतदा हहै तमो हमदारदा चदेलदा हमो जिदा।
(चजिजदासगु) अच्छदा! परन्तगु और महदात्मदाओसं कदा भही दशर्थन कर पभूछपदाछ आऊहगदा। पश्चदातम् चजिस ममें मदेरही
श्रद्धदा और प्रहीचत हमोगही उस कदा चदेलदा हमो जिदाऊहगदा।
(वदाममदागर्त्ती ) अरदे! क्ययों भ्रदाचन्त ममें पड़दा हहै। यदे लमोग तगुझ कमो बहकदा कर अपनदे जिदाल ममें फसं सदा दमेंगदे। चकसही
कदे पदास मत जिदावदे। हमदारदे हही शरणदागत हमो जिदा नहह तमो पछतदावदेगदा। ददेख! हमदारदे मत ममें भमोग और ममोक दमोनयों हमैं।
(चजिजदासगु) अच्छदा ददेख तमो आऊह। आगदे चलकर शहैव कदे पदास जिदाकदे पभूछदा तमो ऐसदा हही उत्तर उस नदे चदयदा।
इतनदा चवशदेष कहदा चक चवनदा चशव, रुद्रदाक, भस्म-धदारण और चलङदाचर्थन कदे मगुचक्त कभही नहह हमोतही। वह उसकमो
छमोड़ नवहीन वदेददान्तही जिही कदे पदास गयदा।
(चजिजदासगु) कहमो महदारदाजि! आप कदा धमर्थ क्यदा हहै?
(वदेद दान्तही) हम धमदार्थऽधमर्थ कगु छ भही नहह मदानतदे। हम सदाकदातम् ब्रह्म हमैं। हम ममें धमदार्थऽधमर्थ कहदासं हहै ? यह जिगतम्
सब चमथ्यदा हहै। और जिमो जदानही शगुद्ध चदेतन हह आ चदाहहै तमो अपनदे कमो ब्रह्म मदान। जिहीवभदाव कमो छमोड़। चनत्यमगुक्त हमो
जिदायदेगदा।
(चजिजदासगु) जिमो तगुम ब्रह्म चनत्यमगुक्त हमो तमो ब्रह्म कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव तगुम ममें क्ययों नहह? और शरहीर ममें
क्ययों बसंधदे हमो?
(वदेद दान्तही) तगुझ कमो शरहीर दहीखतदे हमैं इसही सदे तभू भ्रदान्त हहै। हम कमो कगु छ नहह दहीखतदा। चवनदा ब्रह्म कदे ।
(चजिजदासगु) तगुम ददेखनदे वदालदे कचौन और चकसकमो ददेखतदे हमो?
(वदेद दान्तही) ददेखनदेवदालदा ब्रह्म और ब्रह्म कमो ब्रह्म ददेखतदा हहै।
(चजिजदासगु) क्यदा दमो ब्रह्म हमैं?
(वदेद दान्तही) नहह। अपनदे आप कमो ददेखतदा हहै।
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(चजिजदासगु) क्यदा कमोई अपनदे कन्धदे पर आप चढ़ सकतदा हहै? तगुम्हदारही बदात


कगु छ नहह कदे वल पदागलपनदे ककी हहै। उस नदे आगदे चलकर जिहैचनययों कदे पदास जिदाकर पभूछदा। उन्हयोंनदे भही वहैसदा हही
कहदा परन्तगु इतनदा चवशदेष कहदा चक ‘चजिणधमर्थ’ कदे चवनदा सब धमर्थ खमोटदा। जिगतम् कदा कत्तदार्थ अनदाचद ईश्वर कमोई नहह।
जिगतम् अनदाचद कदाल सदे जिहैसदा कदा वहैसदा बनदा हहै और बनदा रहदेगदा। आ तभू हमदारदा चदेलदा हमो जिदा। क्ययोंचक हम सम्यक्त्वही
अथदार्थतम् सब प्रकदार सदे अच्छदे हमैं। उत्तम बदातयों कमो मदानतदे हमैं। जिहैन मदागर्थ सदे चभन्न सब चमथ्यदात्वही हमैं।
आगदे चल कदे ईसदाई सदे पभूछदा। उसनदे वदाममदागर्त्ती कदे तगुल्य सब जिवदाब सवदाल चकयदे। इतनदा चवशदेष बतलदायदा
‘सब मनगुष्य पदापही हमैं, अपनदे सदामथ्यर्थ सदे पदाप नहह छभू टतदा। चवनदा ईसदा पर चवश्वदास कदे पचवत्र हमोकर मगुचक्त कमो नहह
पदा सकतदा। ईसदा नदे सब कदे प्रदायचश्चत्त कदे चलए अपनदे प्रदाण ददेकर दयदा प्रकदाचशत ककी हहै। तभू हमदारदा हही चदेलदा हमो जिदा।’

चजिजदासगु सगुनकर मचौलवही सदाहब कदे पदास गयदा। उन सदे भही ऐसदे हही जिवदाब सवदाल हह ए। इतनदा चवशदेष कहदा
—‘लदाशरहीक’ खगुददा उस कदे पहैगम्बर औदेर कगु रदानशरहीफ कदे चवनदा मदानदे कमोई चनजिदात नहह पदा सकतदा। जिमो इस
मजिहब कमो नहह मदानतदा वह दमोजिखही और कदाचफर हहै वदाचजिबगुल्कत्ल हहै।

चजिजदासगु सगुनकर वहैष्णव कदे पदास गयदा। वहैसदा हही ससंवदाद हह आ। इतनदा चवशदेष कहदा चक ‘हमदारदे चतलक छदापदे
ददेखकर यमरदाजि डरतदा हहै।’ चजिजदासगु नदे मन ममें समझदा चक जिब मच्छर, मक्खही, पगुचलस कदे चसपदाहही, चमोर, डदाकभू
और शत्रगु नहह डरतदे तमो यमरदाजि कदे गण क्ययों डरमेंगदे?

चफर आगदे चलदा तमो सब मतवदालयों नदे अपनदे-अपनदे कमो सच्चिदा कहदा। कमोई हमदारदा कबहीर सच्चिदा, कमोई नदानक,
कमोई ददाद,भू कमोई बलभ, कमोई सहजिदानन्द, कमोई मदाध्व आचद कमो बड़दा और अवतदार बतलदातदे सगुनदा। सहस्र सदे पभूछ
उन कदे परस्पर एक दस भू रदे कदा चवरमोध ददेख, चवशदेष चनश्चय चकयदा चक इन ममें कमोई गगुरु करनदे यमोग्य नहह। क्ययोंचक
एक-एक ककी झभूठ ममें नचौ सचौ चनन्न्यदानवदे गवदाह हमो गयदे। जिहैसदे झभूठदे द क गु दानददार वदा वदेश्यदा और भडगु वदा आचद अपनही-
अपनही वस्तगु ककी बड़दाई दसभू रदे ककी बगुरदाई करतदे हमैं वहैसदे हही यदे हमैं। ऐसदा जिदान—

तचद्विजदानदाथर्वं स गगुरु मदेव दाचभगच्छदेत ।म्


सचमत्पदाचणमः श्रमोचत्रयसं ब्रह्मचनष्ठिमम्॥ 1॥
तस्महै स चवद्विदानगुप सन्नदाय सम्यकम् प्रशदान्तचचत्तदाय शमदाचन्वतदाय।
यदेन दाकरसं पगुरु षसं वदेद सत्यसं प्रमोवदाच तदासं तत्त् व तमो ब्रह्मचवददामम्॥ 2॥

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—उपचनषदम्
उस सत्य कदे चवजदानदाथर्थ वह सचमत्पदाचण अथदार्थतम् हदाथ जिमोड़ अररक्तहस्त हमोकर वदेदचवतम् ब्रह्मचनष्ठि परमदात्मदा
कमो जिदाननदेहदारदे गगुरु कदे पदास जिदावदे। इन पदाखचण्डययों कदे जिदाल ममें न चगरदे॥1॥
जिब ऐसदा चजिजदासगु चवद्विदानम् कदे पदास जिदाय, उस शदान्तचचत्त चजितदेचन्द्रय समहीप प्रदाप्त चजिजदासगु कमो यथदाथर्थ
ब्रह्मचवददा परमदात्मदा कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदा उपददेश करदे और चजिस-चजिस सदाधन सदे वह श्रमोतदा धमदार्थथर्थ, कदाम,
ममोक और परमदात्मदा कमो जिदान सकदे वहैसही चशकदा चकयदा करदे॥2॥
जिब वह ऐसदे पगुरुष कदे पदास जिदाकर बमोलदा चक महदारदाजि अब इन सम्प्रददाययों कदे बखदेड़यों सदे मदेरदा चचत्त भ्रदान्त हमो
गयदा क्ययोंचक जिमो ममैं इन ममें सदे चकसही एक कदा चदेलदा हमोऊसंगदा तमो नचौ सचौ चनन्न्यदानवदे सदे चवरमोधही हमोनदा पड़देगदा। चजिस कदे
नचौ सचौ चनन्न्यदानवदे शत्रगु और एक चमत्र हहै उस कमो सगुख कभही नहह हमो सकतदा। इसचलए आप मगुझ कमो उपददेश ककीचजियदे
चजिस कमो ममैं ग्रहण करूसं।
आप्तचवद्विदानम्— यदे सब मत अचवददाजिन्य चवददाचवरमोधही हमैं मभूखर्थ , पदामर और जिसंगलही मनगुष्य कमो बहकदाकर
अपनदे जिदाल ममें फसंसदा कदे अपनदा प्रयमोजिन चसद्ध करतदे हमैं। वदे चवचदारदे अपनदे मनगुष्यजिन्म कदे फल सदे रचहत हमोकर अपनदा
मनगुष्यजिन्म व्यथर्थ गमदातदे हमैं। ददेख! चजिस बदात ममें यदे सहस्र एकमत हयों वह वदेदमत ग्रदाह्य हहै और चजिस ममें परस्पर
चवरमोध हमो वह कचल्पत, झभूठदा, अधमर्थ, अग्रदाह्य हहै।
(चजिजदासगु) इसककी परहीकदा कहै सदे हमो?
(आप्त) तभू जिदाकर इन-इन बदातयों कमो पभूछ। सब ककी एक सम्मचत हमो जिदायगही। तब वह उन सहस्र ककी
मण्डलही कदे बहीच ममें खड़दा हमोकर बमोलदा चक सगुनमो सब लमोगमो! सत्यभदाषण ममें धमर्थ हहै वदा चमथ्यदा ममें? सब एक स्वर
हमोकर बमोलदे चक सत्यभदाषण ममें धमर्थ और असत्यभदाषण ममें अधमर्थ हहै। वहैसदे हही चवददा पढ़नदे , ब्रह्मचयर्थ करनदे, पभूणर्थ
यगुवदावस्थदा ममें चववदाह, सत्ससंग, पगुरुषदाथर्थ, सत्य व्यवहदार, आचद ममें धमर्थ और अचवददा ग्रहण, ब्रह्मचयर्थ न करनदे,
व्यचभचदार करनदे, कगु ससंग, आलस्य, असत्य व्यवहदार, छल, कपट, चहसंसदा, परहदाचन करनदे आचद कम्मर्यों ममें?
सब नदे एक मत हमोकदे कहदा चक चवददाचद कदे ग्रहण ममें धमर्थ और अचवददाचद कदे ग्रहण ममें अधमर्थ।
तब चजिजदासगु नदे सब सदे कहदा चक तगुम इसही प्रकदार सब जिनदे एकमत हमो सत्य-धमर्थ ककी उन्नचत और
चमथ्यदामदागर्थ ककी हदाचन क्ययों नहह करतदे हमो? वदे सब बमोलदे-जिमो हम ऐसदा करमें तमो हम कमो कचौन पभूछदे ? हमदारदे चदेलदे हमदारही
आजदा ममें न रहमैं। जिहीचवकदा नष्ट हमो जिदाय। चफर जिमो हम आनन्द कर रहदे हमैं समो सब हदाथ सदे जिदाय। इसचलयदे हम जिदानतदे
हमैं तमो भही अपनदे-अपनदे मत कदा उपददेश और आग्रह करतदे हही जिदातदे हमैं क्ययोंचक ‘रमोटही खदाइयदे शकर सदे और

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दगुच नयदा ठचगयदे मकर सदे’ ऐसही बदात हहै। ददेखमो! ससंसदार ममें सभूधदे सच्चिदे मनगुष्य कमो कमोई नहह ददेतदा और न पभूछतदा। जिमो
कगु छ ढयोंगबदाजिही और धभूत्तर्थतदा करतदा हहै वहही पददाथर्थ पदातदा हहै।
(चजिजदासगु) जिमो तगुम ऐसदा पदाखण्ड चलदाकर अन्य मनगुष्ययों कमो ठगतदे हमो तगुम कमो रदाजिदा दण्ड क्ययों नहह
ददेतदा?
(मत वदालदे) हम नदे रदाजिदा कमो भही अपनदा चदेलदा बनदा चलयदा हहै। हम नदे पकदा प्रबन्ध चकयदा हहै। छभूटदेगदा नहह।
(चजिजदासगु) जिब तगुम छल सदे अन्य मतस्थ मनगुष्ययों कमो ठग उन ककी हदाचन करतदे हमो परमदेश्वर कदे सदामनदे
क्यदा उत्तर दमोगदे? और घमोर नरक ममें पड़मोगदे। थमोडदेडे़ जिहीवन कदे चलए इतनदा बड़दा अपरदाध करनदा क्ययों नहह छमोड़तदे?
(मत वदालदे) जिब जिहैसदा हमोगदा तब ददेखदा जिदाएगदा। नरक और परमदेश्वर कदा दण्ड जिब हमोगदा तब हमोगदा अब
तमो आनन्द करतदे हमैं। हम कमो प्रसन्नतदा सदे धनदाचद पददाथर्थ ददेतदे हमैं कगु छ बलदात्कदार सदे नहह लदेतदे चफर रदाजिदा दण्ड क्ययों
ददेवदे?
(चजिजदासगु) जिहैसदे कमोई छमोटदे बदालक कमो फगु सलदा कदे धनदाचद पददाथर्थ हर लदेतदा हहै जिहैसदे उस कमो दण्ड चमलतदा
हहै वहैसदे तगुम कमो क्ययों नहह चमलतदा? क्ययोंचक—
अजमो भवचत वहै बदालमः चपतदा भवचत मन्त्रदमः॥
—मनगु॰॥
जिमो जदानरचहत हमोतदा हहै वह बदालक और जिमो जदान कदा ददेनदे वदालदा हहै वह चपतदा और वकद्ध कहदातदा हहै। जिमो
बगुचद्धमदानम् चवद्विदानम् हहै वह तमो तगुम्हदारही बदातयों ममें नहह फसंसतदा चकन्तगु अजदानही लमोग जिमो बदालक कदे सदृश हमैं उन कमो ठगनदे
ममें तगुम कमो रदाजिदण्ड अवश्य हमोनदा चचहए।
(मत वदालदे) जिब रदाजिदा प्रजिदा सब हमदारदे मत ममें हमैं तमो हम कमो दण्ड कचौन ददेनदे वदालदा हहै ? जिब ऐसही
व्यवस्थदा हमोगही तब इन बदातयों कमो छमोड़ कर दस
भू रही व्यवस्थदा करमेंगदे।
(चजिजदासगु) जिमो तगुम बहैठदे-बहैठदे व्यथर्थ मदाल मदारतदे हमो समो चवददाभ्यदास कर गकहस्थयों कदे लड़कदे लड़चकययों कमो
पढ़दाओ तमो तगुम्हदारदा और गकहस्थयों कदा कल्यदाण हमो जिदाय।
(मत वदालदे) जिब हम बदाल्यदावस्थदा सदे लदेकर मरण तक कदे सगुखयों कमो छमोड़में। बदाल्यदावस्थदा सदे यगुवदावस्थदा
पयर्थन्त चवददा पढ़नदे ममें रहमैं। पश्चदातम् पढ़दानदे ममें और उपददेश करनदे ममें जिन्म भर पररश्रम करमें , हम कमो क्यदा प्रयमोजिन?
हम कमो ऐसदे हही लदाखयों रुपयदे चमल जिदातदे हमैं। चहैन करतदे हमैं। उस कमो क्ययों छमोड़में?

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
727

(चजिजदासगु) इस कदा पररणदाम तमो बगुरदा हहै। ददेखमो, तगुम कमो बड़दे रमोग हमोतदे हमैं। शहीघ्र मर जिदातदे हमो। बगुचद्धमदानयों ममें
चनचन्दत हमोतदे हमो। चफर भही क्ययों नहह समझतदे?
(मत वदालदे) अरदे भदाई!
टकदा धमर्थष्ट कदा कमर्थ टकदा चह परमसं पदमम्।
यस्य गकह दे टकदा नदाचस्त हदा! टकदासं टकटकदायतदे॥ 1॥
आनदा असंश कलदामः प्रमोक्तदामः रूप्यमोऽसचौ भगवदानम् स्वयमम्।
अतस्तसं सवर्थ इच्छचन्त रूप्यसं चह गगुण वत्तममम्॥ 2॥
तभू लड़कदा हहै ससंसदार ककी बदातमें नहह जिदानतदा। ददेख ! टकदा कदे चवनदा धमर्थ, टकदा कदे चवनदा कमर्थ, टकदा कदे चवनदा
परमपद नहह हमोतदा। चजिस कदे घर ममें टकदा नहह हहै वह हदाय ! टकदा-टकदा करतदा-करतदा उत्तम पददाथर्यों कमो टक-टक
ददेखतदा रहतदा हहै चक हदाय! मदेरदे पदास टकदा हमोतदा तमो इस उत्तम पददाथर्थ कमो ममैं भमोगतदा॥ 1॥क्ययोंचक सब कमोई समोलह
कलदायक्त
गु अदृश्य भगवदानम् कदा कथन श्रवण करतदे हमैं समो तमो नहह दहीखतदा, परन्तगु समोलह आनदे और पहैसदे कचौड़हीरूप
असंश कलदायक्त गु जिमो रुपहैयदा हहै वहही सदाकदातम् भगवदानम् हहै। इसहीचलए सब कमोई रुपययों ककी खमोजि ममें लगदे रहतदे हमैं , क्ययोंचक
सब कदाम रुपययों सदे चसद्ध हमोतदे हमैं॥2॥
(चजिजदासगु) ठहीक हहै। तगुम्हदारही भहीतर ककी लहीलदा बदाहर आ गई। तगुम नदे चजितनदा यह पदाखण्ड खड़दा चकयदा हहै
वह सब अपनदे सगुख कदे चलए चकयदा हहै परन्तगु इस ममें जिगतम् कदा नदाश हमोतदा हहै क्ययोंचक जिहैसदा सत्यमोपददेश सदे ससंसदार कमो
लदाभ पहह हचतदा हहै वहैसही हही असत्यमोपददेश सदे हदाचन हमोतही हहै। जिब तगुम कमो धन कदा हही प्रयमोजिन थदा तमो नचौकरही और
व्यदापदारदाचद कमर्थ करकदे धन इकटदा क्ययों नहह कर लदेतदे हमो?
(मत वदालदे) उस ममें पररश्रम अचधक और हदाचन भही हमो जिदातही हहै परन्तगु इस हमदारही लहीलदा ममें हदाचन कभही
नहह हमोतही चकन्तगु सवर्थददा लदाभ हही लदाभ हमोतदा हहै। ददेखमो! तगुलसहीदल डदाल कदे चरणदामकत ददे, कण्ठही बदासंध ददेतदे, चदेलदा
मभूड़नदे सदे जिन्मभर कमो पशगुवतम् हमो जिदातदा हहै। चफर चदाहमैं जिहैसदे चलदावमें। चल सकतदा हहै।
(चजिजदासगु) यदे लमोग तगुमकमो बहह त सदा धन चकस चलयदे ददेतदे हमैं?
(मत वदालदे) धमर्थ, स्वगर्थ और मगुचक्त कदे अथर्थ।
(चजिजदासगु) जिब तगुम हही मगुक्त नहह और न मगुचक्त कदा स्वरूप वदा सदाधन जिदानतदे हमो तमो तगुम्हदारही सदेवदा करनदे
वदालयों कमो क्यदा चमलदेगदा?
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः एकदादशमः समगुल दासमः
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(मत वदालदे) क्यदा इस लमोक ममें चमलतदा हहै? नहह, चकन्तगु मरकर पश्चदातम् परलमोक ममें चमलतदा हहै। चजितनदा
यदे लमोग हम कमो ददेतदे हमैं और सदेवदा करतदे हमैं वह सब इन लमोगयों कमो परलमोक ममें चमल जिदातदा हहै।
(चजिजदासगु) इन कमो तमो चदयदा हह आ चमल जिदातदा हहै वदा नहह। तगुम लदेनदे वदालयों कमो क्यदा चमलदेगदा? नरक वदा
अन्य कगु छ?
(मत वदालदे) हम भजिन करदा करतदे हमैं। इस कदा सगुख हम कमो चमलदेगदा।
(चजिजदासगु) तगुम्हदारदा भजिन तमो टकदा हही कदे चलयदे हहै। वदे सब टकदे यहह पड़दे रहमेंगदे और चजिस मदासंसचपण्ड कमो
यहदासं पदालतदे हमो वह भही भस्म हमोकर यहह रह जिदायदेगदा। जिमो तगुम परमदेश्वर कदा भजिन करतदे हमोतदे तमो तगुम्हदारदा आत्मदा भही
पचवत्र हमोतदा।
(मत वदालदे) क्यदा हम अशगुद्ध हमैं?
(चजिजदासगु) भहीतर कदे बड़दे महैलदे हमो।
(मत वदालदे) तगुमनदे कहै सदे जिदानदा?
(चजिजदासगु) तगुम्हदारदे चदाल चलन व्यवहदार सदे।
(मत वदालदे) महदात्मदाओसं कदा व्यवहदार हदाथही कदे ददासंत कदे समदान हमोतदा हहै। जिहैसदे हदाथही कदे ददासंत खदानदे कदे चभन्न
और चदखलदानदे कदे चभन्न हमोतदे हमैं। वहैसदे हही भहीतर सदे हम पचवत्र हमैं और बदाहर सदे लहीलदामदात्र करतदे हमैं।
(चजिजदासगु) जिमो तगुम भहीतर सदे शगुद्ध हमोतदे तमो तगुम्हदारदे बदाहर कदे कदाम भही शगुद्ध हमोतदे इसचलए भहीतर भही महैलदे
हमो।
(मत वदालदे) हम चदाहमैं जिहैसदे हयों परन्तगु हमदारदे चदेलदे तमो अच्छदे हमैं।
(चजिजदासगु) जिहैसदे तगुम गगुरु हमो वहैसदे तगुम्हदारदे चदेलदे भही हयोंगदे।
(मत वदालदे) एक मत कभही नहह हमो सकतदा क्ययोंचक मनगुष्ययों कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव चभन्न-चभन्न हमैं।
(चजिजदासगु) जिमो बदाल्यदावस्थदा ममें एक सही चशकदा हमो, सत्यभदाषणदाचद धमर्थ कदा ग्रहण और चमथ्यदाभदाषणदाचद
अधमर्थ कदा त्यदाग करमें तमो एकमत अवश्य हमो जिदायमें और दमो मत अथदार्थतम् धमदार्थत्मदा और अधमदार्थत्मदा सददा रहतदे हमैं वदे तमो
रहमैं। परन्तगु धमदार्थत्मदा अचधक हमोनदे और अधमर्त्ती न्यभून हमोनदे सदे ससंसदार ममें सगुख बढ़तदा हहै और जिब अधमर्त्ती अचधक हमोतदे हमैं
तब दमःगु ख। जिब सब चवद्विदानम् एक सदा उपददेश करमें तमो एकमत हमोनदे ममें कगु छ भही चवलम्ब न हमो।
(मत वदालदे) आजिकल कचलयगुग हहै सतयगुग ककी बदात मत चदाहमो।
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(चजिजदासगु) कचलयगुग नदाम कदाल कदा हहै। कदाल चनचष्क्रय हमोनदे सदे कगु छ धमदार्थधमर्थ कदे करनदे ममें सदाधक बदाधक
नहह, चकन्तगु तगुम हही कचलयगुग ककी मभूचत्तर्थयदासं बन रहदे हमो। जिमो मनगुष्य हही सत्ययगुग कचलयगुग न हयों तमो कमोई भही ससंसदार ममें
धमदार्थत्मदा नहह हमोतदा। यदे सब सङ कदे गगुण दमोष हमैं। स्वदाभदाचवक नहह। इतनदा कहकर आप्त कदे पदास गयदा। उन सदे कहदा
चक महदारदाजि! तगुम नदे मदेरदा उद्धदार चकयदा, नहह तमो ममैं भही चकसही कदे जिदाल ममें फसंसकर नष्ट-भ्रष्ट हमो जिदातदा। अब ममैं भही
इन पदाखचण्डययों कदा खण्डन और वदेदमोक्त सत्य मत कदा मण्डन चकयदा करूहगदा।
(आप्त) यहही सब मनगुष्ययों कदा चवशदेष चवद्विदानम् और ससंन्यदाचसययों कदा कदाम हहै चक सब मनगुष्ययों कमो सत्य कदा
मण्डन और असत्य खण्डन पढ़दा सगुनदा कदे सत्यमोपददेश सदे उपकदार पहह संचदानदा चदाचहयदे।
(प्रश्न) जिमो ब्रह्मचदारही ससंन्यदासही हमैं वदे तमो ठहीक हमैं?
(उत्तर) यदे आश्रम तमो ठहीक हमैं परन्तगु आजिकल इन ममें भही बहह त सही गड़बड़ हहै। चकतनदे हही नदाम ब्रह्मचदारही
रखतदे हमैं और झभूठ-मभूठ जिटदा बढ़दाकर चसद्धदाई करतदे और जिप पगुरश्चरणदाचद ममें फसंसदे रहतदे हमैं, चवददा पढ़नदे कदा नदाम
नहह लदेतदे चक चजिस हदेतगु सदे ब्रह्मचदारही नदाम हमोतदा हहै उस ब्रह्म अथदार्थतम् वदेद पढ़नदे ममें पररश्रम कगु छ भही नहह करतदे।
वदे ब्रह्मचदारही बकरही कदे गलदे कदे स्तन कदे सदृश चनरथर्थक हमैं। और जिमो वहैसदे ससंन्यदासही चवददाहहीन , दण्ड
कमण्डलगु सदे चभकदामदात्र करतदे चफरतदे हमैं, जिमो कगु छ भही वदेदमदागर्थ ककी उन्नचत नहह करतदे, छमोटही अवस्थदा ममें ससंन्यदास
लदेकर घभूमदा करतदे हमैं और चवददाभ्यदास कमो छमोड़ ददेतदे हमैं। ऐसदे ब्रह्मचदारही और ससंन्यदासही इधर उधर जिल, स्थल,
पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थययों कदा दशर्थन, पभूजिन करतदे चफरतदे, चवददा जिदानकर भही मचौन हमो रहतदे, एकदान्त ददेश ममें यथदेष्ट खदा
पहीकर समोतदे पड़दे रहतदे हमैं और ईष्यदार्थ द्विदेष ममें फसंसकर चनन्ददा कगु चदेष्टदा करकदे चनवदार्थह करतदे, कदाषदाय वस और दण्ड
ग्रहणमदात्र सदे अपनदे कमो कक तकक त्य समझतदे और सवर्वोत्कक ष्ट जिदानकर उत्तम कदाम नहह करतदे वहैसदे ससंन्यदासही भही जिगतम् ममें
व्यथर्थ वदास करतदे हमैं। और जिमो सब जिगतम् कदा चहत सदाधतदे हमैं, वदे ठहीक हमैं।
(प्रश्न) चगरही, पगुरही, भदारतही आचद गगुसदाई सं लमोग तमो अच्छदे हमैं? क्ययोंचक मण्डलही बदाहधकर इधर उधर घभूमतदे
हमैं। सहैकड़यों सदाधगुओसं कमो आनन्द करदातदे हमैं और सवर्थत्र अद्विहैत मत कदा उपददेश करतदे हमैं और कगु छ-कगु छ पढ़तदे पढ़दातदे
भही हमैं। इसचलयदे वदे अच्छदे हयोंगदे।
(उत्तर) यदे सब दश नदाम पहीछदे सदे कचल्पत चकयदे गयदे हमैं। सनदातन नहह। उन ककी मण्डचलयदाह कदे वल
भमोजिनदाथर्थ हमैं। बहह त सदे सदाधगु भमोजिन हही कदे चलए मण्डचलययों ममें रहतदे हमैं। दम्भही भही हमैं क्ययोंचक एक कमो महन्त बनदा
सदायसंकदाल ममें एक महन्त जिमो चक उन ममें प्रधदान हमोतदा हहै वह गद्दही पर बहैठ जिदातदा हहै। सब ब्रदाह्मण और सदाधगु खड़दे हमोकर
हदाथ ममें पगुष्प लदे—

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नदारदायणसं पद्मिभवसं वचसष्ठिसं शचक्तसं च तत्पगुत्र परदाशरसं च।


व्यदाससं शगुकसं गचौडपदसं महदान्तमम्॥
इत्यदाचद श्लमोक पढ़ कदे हर-हर बमोल उन कदे ऊपर पगुष्प वषदार्थ कर सदाष्टदाङ नमस्कदार करतदे हमैं। जिमो कमोई ऐसदा
न करदे उस कमो वहदासं रहनदा भही कचठन हहै। यह दम्भ ससंसदार कमो चदखलदानदे कदे चलए करतदे हमैं चजिससदे जिगतम् ममें प्रचतष्ठिदा
हमोकर मदाल चमलदे। चकतनदे हही मठधदारही गकहस्थ हमोकर भही ससंन्यदास कदा अचभमदानमदात्र करतदे हमैं। कमर्थ कगु छ नहह।
ससंन्यदास कदा वहही कमर्थ हहै जिमो पदासंचवमें समगुलदास ममें चलख आयदे हमैं , उस कमो न करकदे व्यथर्थ समय खमोतदे हमैं जिमो कमोई
अच्छदा उपददेश करदे उस कदे भही चवरमोधही हमोतदे हमैं। बहह धदा यदे लमोग , भस्म, रुद्रदाक धदारण करतदे और कमोई-कमोई शहैव
सम्प्रददाय कदा अचभमदान रखतदे हमैं और जिब कभही शदासदाथर्थ करतदे हमैं तमो अपनदे मत अथदार्थतम् शङरदाचदायर्वोक्त कदा स्थदापन
और चक्रदारङत आचद कदे खण्डन ममें प्रवकत्त रहतदे हमैं। वदेदमदागर्थ ककी उन्नचत और यदावत्पदाखण्ड मदागर्थ हमैं तदावतम् कदे खण्डन
ममें प्रवकत्त नहह हमोतदे।
यदे ससंन्यदासही लमोग ऐसदा समझतदे हमैं चक हम कमो खण्डन मण्डन सदे क्यदा प्रयमोजिन? हम तमो महदात्मदा हमैं। ऐसदे
लमोग भही ससंसदार ममें भदाररूप हमैं। जिब ऐसदे हमैं तभही तमो वदेदमदागर्थचवरमोधही वदाममदागदार्थचद सम्प्रददायही, ईसदाई, मगुसलमदान,
जिहैनही आचद बढ़ गयदे। अब बढ़तदे जिदातदे हमैं और इन कदा नदाश हमोतदा जिदातदा हहै तमो भही इन ककी आसंख नहह खगुलतही! खगुलदे
कहदाह सदे? जिमो कगु छ उन कदे मन ममें परमोपकदार बगुचद्ध और कत्तर्थव्यकमर्थ करनदे ममें उत्सदाह हमोवदे ! चकन्तगु यदे लमोग अपनही
प्रचतष्ठिदा खदानदे पहीनदे कदे सदामनदे अन्य अचधक कगु छ भही नहह समझतदे और ससंसदार ककी चनन्ददा सदे बहह त डरतदे हमैं। पगुनमः
(लमोकहैषणदा) लमोक ममें प्रचतष्ठिदा (चवत्तहैषणदा) धन बढ़दानदे ममें तत्पर हमोकर चवषयभमोग (पगुत्रहैषणदा) पगुत्रदावतम् चशष्ययों पर
ममोचहत हमोनदा, इन तहीन एषणदाओसं कदा त्यदाग करनदा उचचत हहै। जिब एषणदा हही नहह छभू टही पगुनमः ससंन्यदास क्ययोंकर हमो
सकतदा हहै? अथदार्थतम् पकपदातरचहत वदेदमदागर्वोपददेश सदे जिगतम् कदे कल्यदाण करनदे ममें अहचनर्थश प्रवकत्त रहनदा ससंन्यदाचसययों कदा
मगुख्य कदाम हहै। जिब अपनदे-अपनदे अचधकदार कमर्यों कमो नहह करतदे पगुनमः ससंन्यदासदाचद नदाम धरदानदा व्यथर्थ हहै। नहह तमो जिहैसदे
गकहस्थ व्यवहदार और स्वदाथर्थ ममें पररश्रम करतदे हमैं, उनसदे अचधक पररश्रम परमोपकदार करनदे ममें ससंन्यदासही भही तत्पर रहमैं
तभही सब आश्रम उन्नचत पर रहमैं।
ददेखमो! तगुम्हदारदे सदामनदे पदाखण्ड मत बढ़तदे जिदातदे हमैं, ईसदाई, मगुसलमदान तक हमोतदे जिदातदे हमैं। तचनक भही तगुम सदे
अपनदे घर ककी रकदा और दस भू रयों कदा चमलदानदा नहह बन सकतदा। बनदे तमो तब जिब तगुम करनदा चदाहमो! जिब लयों वत्तर्थमदान
और भचवष्यतम् ममें ससंन्यदासही उन्नचतशहील नहह हमोतदे तब लयों आयदार्थवत्तर्थ और अन्य ददेशस्थ मनगुष्ययों ककी वकचद्ध नहह हमोतही।
जिब वकचद्ध कदे कदारण वदेददाचद सत्यशदासयों कदा पठनपदाठन, ब्रह्मचयर्थ आचद आश्रमयों कदे यथदावतम् अनगुष्ठिदान सत्यमोपददेश
हमोतदे हमैं तभही ददेशमोन्नचत हमोतही हहै।
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चदेत रक्खमो! बहह त सही पदाखण्ड ककी बदातमें तगुम कमो सचमगुच दहीख पड़तही हमैं। जिहैसदे कमोई सदाधगु , दक गु दानददार
पगुत्रदाचद ददेनदे ककी चसचद्धयदासं बतलदातदा हहै तब उस कदे पदास बहह त सही जिदातही हमैं और हदाथ जिमोड़कर पगुत्र मदासंगतही हमैं। और
बदाबदा जिही सब कमो पगुत्र हमोनदे कदा आशहीवदार्थद ददेतदा हहै। उन ममें सदे चजिस-चजिस कदे पगुत्र हमोतदा हहै वह-वह समझतही हमैं चक
बदाबदा जिही कदे वचन सदे ऐसदा हह आ। जिब उन सदे कमोई पभूछदे चक सभूअरही, कगु त्तही, गधही और कगु कहटही आचद कदे कच्चिदे बच्चिदे
चकस बदाबदा जिही कदे वचन सदे हमोतदे हमैं? तब कगु छ भही उत्तर न ददे सकमें गही! जिमो कमोई कहदे चक ममैं लड़कदे कमो जिहीतदा रख
सकतदा हह सं तमो आप हही क्ययों मर जिदातदा हहै?
चकतनदे हही धभूत्तर्थ लमोग ऐसही मदायदा रचतदे हमैं चक बड़दे -बड़दे बगुचद्धमदानम् भही धमोखदा खदा जिदातदे हमैं, जिहैसदे धनसदारही कदे
ठग। यदे लमोग पदासंच सदात चमल कदे दरभू -दरभू ददेश ममें जिदातदे हमैं। जिमो शरहीर सदे डचौलडदाल ममें अच्छदा हमोतदा हहै उस कमो चसद्ध
बनदा लदेतदे हमैं। चजिस नगर वदा ग्रदाम ममें धनदाढ्य हमोतदे हमैं उस कदे समहीप जिसंगल ममें उस चसद्ध कमो बहैठदातदे हमैं। उसकदे सदाधक
नगर ममें जिदाकदे अजिदान बनकदे चजिस चकसही कमो पभूछतदे हमैं—‘तगुम नदे ऐसदे महदात्मदा कमो यहदासं कहह ददेखदा वदा नहह? वदे ऐसदा
सगुनकर पभूछतदे हमैं चक वह महदात्मदा कचौन और कहै सदा हहै?
सदाधक कहतदा हहै— बड़दा चसद्ध पगुरुष हहै। मन ककी बदातमें बतलदा ददेतदा हहै। जिमो मगुख सदे कहतदा हहै वह हमो जिदातदा
हहै। बड़दा यमोगहीरदाजि हहै, उसकदे दशर्थन कदे चलए हम अपनदे घर द्विदार छमोड़कर ददेखतदे चफरतदे हमैं। ममैंनदे चकसही सदे सगुनदा थदा चक
वदे महदात्मदा इधर ककी ओर आयदे हमैं।
गकह स्थ कहतदा हहै— जिब वह महदात्मदा तगुम कमो चमलदे तमो हम कमो भही कहनदा। दशर्थन करमेंगदे और मन ककी बदातमें
पभूछमेंगदे। इसही प्रकदार चदन भर नगर ममें चफरतदे और प्रत्यदेक कमो उस चसद्ध ककी बदात कहकर रदाचत्र कमो इकटदे चसद्ध
सदाधक हमोकर खदातदे पहीतदे और समो रहतदे हमैं। चफर भही प्रदातमःकदाल नगर वदा ग्रदाम ममें जिदाकदे उसही प्रकदार दमो तहीन चदन
कहकर चफर चदारयों सदाधक चकसही एक-एक धनदाढ्य सदे बमोलतदे हमैं चक वह महदात्मदा चमल गयदे। तगुम कमो दशर्थन करनदा हमो
तमो चलमो। वदे जिब तहैय्यदार हमोतदे हमैं तब सदाधक उन सदे पभूछतदे हमैं चक तगुम क्यदा बदात पभूछनदा चदाहतदे हमो? हम सदे कहमो।
कमोई पगुत्र ककी इच्छदा करतदा, कमोई धन ककी, कमोई रमोग-चनवदारण ककी और कमोई शत्रगु कदे जिहीतनदे ककी। उन कमो वदे सदाधक
लदे जिदातदे हमैं। चसद्ध सदाधकयों नदे जिहैसदा ससंकदेत चकयदा हमोतदा हहै अथदार्थतम् चजिस कमो धन ककी इच्छदा हमो उस कमो ददाचहनही ओर,
चजिस कमो पगुत्र ककी इच्छदा हमो उसकमो सम्मगुख, और चजिस कमो रमोग-चनवदारण ककी इच्छदा हमो उस कमो बदाई सं ओर और
चजिस कमो शत्रगु जिहीतनदे ककी इच्छदा हमो उस कमो पहीछदे सदे लदे जिदा कदे सदामनदे वदालदे कदे बहीच ममें बहैठदातदे हमैं। जिब नमस्कदार
करतदे हमैं उसही समय वह चसद्ध अपनही चसद्धदाई ककी झपट सदे उच्चि स्वर सदे बमोलतदा हहै ‘क्यदा यहदासं हमदारदे पदास पगुत्र रक्खदे
हमैं जिमो तभू पगुत्र ककी इच्छदा करकदे आयदा हहै? इसही प्रकदार धन ककी इच्छदा वदालदे सदे ‘क्यदा यहदासं थहैचलयदासं रक्खही हमैं जिमो धन
ककी इच्छदा करकदे आयदा हहै? ‘फककीरयों कदे पदास धन कहदासं धरदा हहै?’ रमोगवदालदे सदे ‘क्यदा हम वहैद हमैं जिमो तभू रमोग छगु ड़दानदे

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ककी इच्छदा सदे आयदा? हम वहैद नहह जिमो तदेरदा रमोग छगु ड़दावमें। जिदा चकसही वहैद कदे पदास’ परन्तगु जिब उस कदा चपतदा रमोगही
हमो तमो उस कदा सदाधक असंगभूठदा। जिमो मदातदा रमोगही हमो तमो तजिर्थनही। जिमो भदाई रमोगही हमो मध्यमदा, जिमो सही रमोगही हमो तमो
अनदाचमकदा। जिमो कन्यदा रमोगही हमो तमो कचनचष्ठिकदा असंगगुलही चलदा ददेतदा हहै। उस कमो ददेख वह चसद्ध कहतदा हहै चक तदेरदा चपतदा
रमोगही हहै। तदेरही मदातदा, तदेरदा भदाई, तदेरही सही, और तदेरही कन्यदा रमोगही हहै। तब तमो वदे चदारयों कदे चदारयों बड़दे ममोचहत हमो जिदातदे
हमैं। सदाधक लमोग उन सदे कहतदे हमैं, ददेखमो! हम नदे कहदा थदा वहैसदे हही हमैं वदा नहह?
गकह स्थ कहतदे हमैं— हदासं जिहैसदा तगुमनदे कहदा थदा वहैसदे हही हमैं। तगुम नदे हमदारदा बड़दा उपकदार चकयदा और हमदारदा भही
बड़दा भदाग्यमोदय थदा जिमो ऐसदे महदात्मदा चमलदे। चजिस कदे दशर्थन करकदे हम कक तदाथर्थ हह ए।
सदाधक कहतदा हहै— सगुनमो भदाई! यदे महदात्मदा मनमोगदामही हमैं। यहदासं बहह त चदन रहनदे वदालदे नहह। जिमो कगु छ इन
कदा आशहीवदार्थद लदेनदा हमो तमो अपनही-अपनही सदामथ्यर्थ कदे अनगुकभूल इन ककी तन, मन, धन सदे सदेवदा करमो, क्ययोंचक
‘सदेवदा सदे मदेवदा चमलतही हहै।’ जिमो चकसही पर प्रसन्न हमो गयदे तमो जिदानदे क्यदा वर ददे दमें। ‘सन्तयों ककी गचत अपदार हहै।’ गकहस्थ
ऐसदे ललमो-पत्तमो ककी बदातमें सगुनकर बड़दे हषर्थ सदे उनककी प्रशसंसदा करतदे हह ए घर ककी ओर जिदातदे हमैं। सदाधक भही उनकदे सदाथ
हही चलदे जिदातदे हमैं क्ययोंचक मदागर्थ ममें कमोई उन कदा पदाखण्ड खमोल न ददेवदे। उन धनदाढ्ययों कदा जिमो कमोई चमत्र चमलदा उस सदे
प्रशसंसदा करतदे हमैं। इसही प्रकदार जिमो-जिमो सदाधकयों कदे सदाथ जिदातदे हमैं उन-उन कदा वकत्तदान्त सब कह ददेतदे हमैं। जिब नगर ममें
हलदा मचतदा हहै चक अमगुक ठचौर एक बड़दे भदारही चसद्ध आयदे हमैं। चलमो उन कदे पदास। जिब मदेलदा कदा मदेलदा जिदाकर बहह त सदे
लमोग पभूछनदे लगतदे हमैं चक महदारदाजि! मदेरदे मन कदा वकत्तदान्त कचहयदे। तब तमो व्यवस्थदा कदे चबगड़ जिदानदे सदे चगुपचदाप हमोकर
मचौन सदाध जिदातदा हहै और कहतदा हहै चक हम कमो बहह त मत सतदाओ। तब तमो झट उसकदे सदाधक भही कहनदे लग जिदातदे हमैं
जिमो तगुम इन कमो बहह त सतदाओगदे तमो चलदे जिदायमेंगदे और जिमो कमोई बड़दा धनदाढ्य हमोतदा हहै वह सदाधक कमो अलग बगुलदा
कर पभूछतदा हहै चक हमदारदे मन ककी बदात कहलदा दमो तमो हम सच मदानमें। सदाधक नदे पभूछदा चक क्यदा बदात हहै ? धनदाढ्य नदे
उस सदे कह दही। तब उस कमो उसही प्रकदार कदे ससंकदेत सदे लदे जिदा कदे बहैठदाल ददेतदा हहै। उसदे चसद्ध नदे समझ कदे झट कह
चदयदा, तब तमो सब मदेलदा भर नदे सगुन लही चक अहमो! बड़दे हही चसद्ध पगुरुष हमैं। कमोई चमठदाई, कमोई पहैसदा, कमोई रुपयदा,
कमोई अशफकीर्थ, कमोई कपड़दा और कमोई सहीधदा सदामग्रही भमेंट करतदा हहै। चफर जिब तक मदानतदा बहह त सही रहही तब तक
यथदेष्ट लभूट करतदे हमैं और चकन्हह-चकन्हह दमो एक आसंख कदे अन्धदे गदासंठ कदे पभूरयों कमो पगुत्र हमोनदे कदा आशहीवदार्थद वदा रदाख
उठदा कदे ददे ददेतदा हहै और उस सदे सहस्रयों रुपयदे लदेकर कह ददेतदा हहै चक तदेरही सच्चिही भचक्त हमोगही तमो तदेरदा पगुत्र हमो जिदायगदा।
इस प्रकदार कदे बहह त सदे ठग हमोतदे हमैं चजिन कमो चवद्विदानम् हही परहीकदा कर सकतदे हमैं और कमोई नहह। इसचलए वदेददाचद चवददा
कदा पढ़नदा, सत्ससंग करनदा हमोतदा हहै चजिस सदे कमोई उस कमो ठगदाई ममें न फसंसदा सकदे , औरयों कमो भही बचदा सकदे । क्ययोंचक
मनगुष्य कदा नदेत्र चवददा हही हहै। चवनदा चवददा चशकदा कदे जदान नहह हमोतदा। जिमो बदाल्यदावस्थदा सदे उत्तम चशकदा पदातदे हमैं वदे हही

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मनगुष्य और चवद्विदानम् हमोतदे हमैं। चजिन कमो कगु ससंग हहै वदे दष्टगु पदापही महदामभूखर्थ हमो कर बड़दे दमःगु ख पदातदे हमैं। इसहीचलयदे जदान कमो
चवशदेष कहदा हहै चक जिमो जिदानतदा हहै वहही मदानतदा हहै।
न वदेच त्त यमो यस्य गगुण प्रकषर्वं स तस्य चनन्ददासं सततसं करमोचत।
यथदा चकरदातही कररकगु म्भजिदातदा मगुक्त दामः पररत्यज्य चबभचतर्थ गगुञ्ज दामः॥
यह चकसही कचव कदा श्लमोक हहै। जिमो चजिस कदा गगुण नहह जिदानतदा वह उस ककी चनन्ददा चनरन्तर करतदा हहै। जिहैसदे
जिसंगलही भहील गजिमगुक्तदाओसं कमो छमोड़ गगुञ्जदा कदा हदार पचहन लदेतदा हहै वहैसदे हही जिमो पगुरुष चवद्विदानम् , जदानही, धदाचमर्थक सत्पगुरुषयों
कदा ससंगही, यमोगही, पगुरुषदाथर्त्ती, चजितदेचन्द्रय सगुशहील हमोतदा हहै वहही धमदार्थथर्थ, कदाम, ममोक कमो प्रदाप्त हमोकर इस जिन्म और
परजिन्म ममें सददा आनन्द ममें रहतदा हहै।
यह आयदार्थवत्तर्थचनवदासही लमोगयों कदे मत चवषय ममें ससंकदेप सदे चलखदा हहै। इस कदे आगदे जिमो थमोड़दा सदा आयर्थरदाजिदाओसं
कदा इचतहदास चमलदा हहै इस कमो सब सज्जनयों कमो जिनदानदे कदे चलयदे प्रकदाचशत चकयदा जिदातदा हहै।
अब आयदार्थवत्तर्थददेशहीय रदाजिवसंश चक चजिस ममें श्रहीमदानम् महदारदाजि ‘यगुचधचष्ठिर’ सदे लदेकदे महदारदाजि ‘यशपदाल’
पयर्थन्त हह ए हमैं उस इचतहदास कमो चलखतदे हमैं। और श्रहीमदानम् महदारदाजि ‘स्वदायम्भगुव मनगु जिही’ सदे लदेकदे महदारदाजिदा
‘यगुचधचष्ठिर’ पयर्थन्त कदा इचतहदास महदाभदारतदाचद ममें चलखदा हही हहै और इस सदे सज्जन लमोगयों कमो इधर कदे कगु छ इचतहदास
कदा वत्तर्थमदान चवचदत हमोगदा। यदचप यह चवषय चवददाथर्त्ती सचम्मचलत ‘हररश्चन्द्रचचन्द्रकदा’ और ‘ममोहनचचन्द्रकदा’ जिमो
चक पदाचककपत्र श्रहीनदाथद्विदारदे सदे चनकलतदा थदा जिमो रदाजिपभूतदानदा ददेश मदेवदाड़ रदाजि उदयपगुर , चचतचौड़गढ़ ममें सब कमो चवचदत
हहै। यह उस सदे हम नदे अनगुवदाद चकयदा हहै। यचद ऐसदे हही हमदारदे आयर्थ सज्जन लमोग इचतहदास और चवददा पगुस् तकयों
कदा खमोजि कर प्रकदाश करमेंग दे तमो ददेश कमो बड़दा हही लदाभ पहह संच गदे दा। उस पत्र सम्पदादक महदाशय नदे अपनदे चमत्र सदे
एक प्रदाचहीन पगुस्तक जिमो चक ससंवतम् चवक्रम कदे 1782 (सत्रह सचौ बयदासही) कदा चलखदा हह आ थदा, उस सदे ग्रहण
कर अपनदे ससंवतम् 1939 मदागर्थशहीषर्थ शगुक्लपक 19-20 चकरण अथदार्थतम् दमो पदाचकक-पत्रयों ममें छदापदा हहै समो चनम्न
चलखदे प्रमदाणदे जिदाचनयदे।
आयदार्थव त्तर्थद देश हीय रदाजिवसंश दावलही
इन्द्रप्रस्थ ममें आयर्थ लमोगयों नदे श्रहीमन्महदारदाजि ‘यशपदाल’ पयर्थन् त रदाज्य चकयदा। चजिन ममें
श्रहीमन्महदारदाजिदे ‘यगु च धचष्ठिर’ सदे महदारदाजिदे ‘यशपदाल’ तक वसंश अथदार्थत म् पहीढ़ही अनगुम दान 124 (एक सचौ
चचौबहीस रदाजिदा)। वषर्थ 4157, मदास 9, चदन 14, समय ममें हह ए हमैं।
इनकदा ब्यचौरदा—
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रदाजिदा शक वषर्थ मदास चदन


आयर्थरदाजिदा 124 4157 9 14

श्रहीमन्महदारदाजिदे यगुच धचष्ठिर वसंश अनगुम दान


पहीढ़ही 30, वषर्थ 1770, मदास 11, चदन 10
इनकदा चवस्तदार—
आयर्थर दाजिदा वषर्थ मदास चदन
1 रदाजिदा यगुचधचष्ठिर 36 8 25
2 रदाजिदा परहीचकत 60 0 0
3 रदाजिदा जिनमदेजिय 84 7 23
4 रदाजिदा अश्वमदेध 82 8 22
5 चद्वितहीयरदाम 88 2 8
6 छत्रमल 81 11 27
7 चचत्ररथ 75 3 18
8 दष्टगु शहैल्य 75 10 24
9 रदाजिदा उग्रसदेन 78 7 21
10 रदाजिदा शभूरसदेन 78 7 21
11 भगुवनपचत 69 5 5
12 रणजिहीत 65 10 4
13 ऋकक 64 7 4
14 सगुखददेव 62 0 24
15 नरहररददेव 51 10 2
16 सगुचचरथ 42 11 2
17 शभूरसदेन (दस भू रदा) 58 10 8
18 पवर्थतसदेन 55 8 10
19 मदेधदावही 52 10 10
20 समोनचहीर 50 8 21
21 भहीमददेव 47 9 20
22 नकहररददेव 45 11 23

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23 पभूणर्थमल 44 8 7
24 करदवही 44 10 8
25 अलसंचमक 50 11 8
26 उदयपदाल 38 9 0
27 दवगु नमल 40 10 26
28 दमदात 32 0 0
29 भहीमपदाल 58 5 8
30 कदेमक 48 11 21

रदाजिदा कदेम क कदे प्रधदान चवश्रवदा नदे कदेम क रदाजिदा कमो मदार कर रदाज्य चकयदा।
पहीढ़ही 14, वषर्थ 500, मदास 3, चदन 17
इनकदा चवस्तदार—
आयर्थर दाजिदा वषर्थ मदास चदन
1 चवश्रवदा 17 3 29
2 पगुरसदेनही 42 8 21
3 वहीरसदेनही 52 10 7
4 अनग्शदायही 47 8 23
5 हररचजित 35 9 17
6 परमसदेनही 44 2 23
7 सगुखपदातदाल 30 2 21
8 कद्रगुत 42 9 24
9 सज्ज 32 2 14
10 अमरचभूड़ 27 3 16
11 अमहीपदाल 22 11 25
12 दशरथ 25 4 12
13 वहीरसदाल 31 8 11
14 वहीरसदालसदेन 47 0 14

रदाजिदा वहीरसदालसदेन कमो वहीरमहदा प्रधदान नदे मदार कर रदाज्य चकयदा।


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वसंश 16, वषर्थ 445, मदास 5, चदन 3


इनकदा चवस्तदार—
आयर्थर दाजिदा वषर्थ मदास चदन
1 रदाजिदा वहीरमहदा 35 10 8
2 अचजितचससंह 27 7 19
3 सवर्थदत्त 28 3 10
4 भगुवनपचत 15 4 10
5 वहीरसदेन 21 2 13
6 महहीपदाल 40 8 7
7 शत्रगुशदाल 26 4 3
8 ससंघरदाजि 17 2 10
9 तदेजिपदाल 28 11 10
10 मदाचणकचन्द 37 7 21
11 कदामसदेनही 42 5 10
12 शत्रगुमदर्थन 8 11 13
13 जिहीवनलमोक 28 9 17
14 हरररदाव 26 10 29
15 वहीरसदेन (दस भू रदा) 35 2 20
16 आचदत्यकदे तगु 23 11 13

रदाजिदा आचदत्यकदे तगु मगधददेश कदे रदाजिदा कमो ‘धन्धर’ नदामक रदाजिदा प्रयदाग कदे नदे मदार कर रदाज्य
चकयदा।
वसंश पहीढ़ही 9, वषर्थ 374, मदास 11, चदन 26
इनकदा चवस्तदार—
आयर्थर दाजिदा वषर्थ मदास चदन
1 रदाजिदा धन्धर 42 7 24
2 महचषर्थ 41 2 29
3 सनरच्चिही 50 10 19
4 महदायद्धगु 30 3 8
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5 दरगु नदाथ 28 5 25
6 जिहीवनरदाजि 45 2 5
7 रुद्रसदेन 47 4 28
8 आरहीलक 52 10 8
9 रदाजिपदाल 36 0 0
रदाजिदा रदाजिपदाल कमो सदामन्त महदान्पदाल नदे मदार कर रदाज्य चकयदा। पहीढ़ही 1, वषर्थ 14, मदास
0, चदन 0 इनकदा चवस्तदार नहह हहै।
रदाजिदा महदानम् पदाल कदे रदाज्य पर रदाजिदा चवक्रमदाचदत्य नदे ‘अवचन्तकदा’ (उज्जहैन ) सदे चढ़दाई करकदे
रदाजिदा महदानम् पदाल कमो मदार कदे रदाज्य चकयदा। पहीढ़ही 1, वषर्थ 93, मदास 0, चदन 0 इन कदा चवस्तदार
नहह हहै।
रदाजिदा चवक्रमदाचदत्य कमो शदाचलवदाहन कदा उमरदाव समगुद्र पदाल यमोगही पहैठ ण कदे नदे मदार कर रदाज्य
चकयदा।
पहीढ़ही 16, वषर्थ 372, मदास 4, चदन 27
इन कदा चवस्तदार —
आयर्थर दाजिदा वषर्थ मदास चदन
1 समगुद्रपदाल 54 2 20
2 चन्द्रपदाल 36 5 4
3 सहदायपदाल 11 4 11
4 ददेवपदाल 27 1 28
5 नरचससंहपदाल 18 0 20
6 सदामपदाल 27 1 17
7 रघगुपदाल 22 3 25
8 गमोचवन्दपदाल 27 1 17
9 अमकतपदाल 36 10 13
10 बलहीपदाल 12 5 27
11 महहीपदाल 13 8 4
12 हरहीपदाल 14 8 4
13 सहीसपदाल1 11 10 13
1
चकसही इचतहदास ममें भहीमपदाल भही चलखदा।
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14 मदनपदाल 17 10 19
15 कमर्थपदाल 16 2 2
16 चवक्रमपदाल 24 11 13

रदाजिदा चवक्रमपदाल नदे पचश्चम चदशदा कदा रदाजिदा (मलगुख चन्द बमोहरदा थदा) इन पर चढ़दाई करकदे
महैद दान ममें लड़दाई ककी इस लड़दाई ममें मलगुख चन्द नदे चवक्रमपदाल कमो मदार कर इन्द्रप्रस्थ कदा रदाज्य चकयदा।
पहीढ़ही 10, वषर्थ 191, मदास 1, चदन 16
इनकदा चवस्तदार—
आयर्थर दाजिदा वषर्थ मदास चदन
1 मलगुखचन्द 54 2 20
2 चवक्रमचन्द 12 7 12
3 अमहीनचन्द1 10 0 5
4 रदामचन्द 13 11 8
5 हरहीचन्द 14 9 24
6 कल्यदाणचन्द 10 5 4
7 भहीमचन्द 16 2 9
8 लमोवचन्द 26 3 22
9 गमोचवन्दचन्द 31 7 12
2
10 रदानही पद्मदावतही 1 0 0
रदानही पद् मदावतही मर गई। इसकदे पगुत्र भही कमोई नहह थदा। इसचलए सब मगुत् सचद्दययों नदे सलदाह करकदे
हररप्रदेम वहैर दागही कमो गद्दही पर बहैठ दा कदे मगुत् सद्दही रदाज्य करनदे लगदे। पहीढ़ही 4, वषर्थ 50, मदास 0, चदन
21 हररप्रदेम कदा चवस्तदार—
आयर्थर दाजिदा वषर्थ मदास चदन
1 हररप्रदेम 7 5 16
2 गमोचवन्दप्रदेम 20 2 8
3 गमोपदालप्रदेम 15 7 28
4 महदाबदाहह 6 8 29
1
इनकदा नदाम कहह मदानकचन्द भही चलखदा हहै।
2
यह पद्मदावतही गमोचवन्दचन्द ककी रदानही थही।
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रदाजिदा महदाबदाहह रदाज्य छमोड़ कदे वन ममें तपश्चयदार्थ करनदे लगदे। यह बसंग दाल कदे रदाजिदा आधहीसदेन नदे सगुन
कदे इन्द्रप्रस्थ ममें आकदे आप रदाज्य करनदे लगदे।
पहीढ़ही 12, वषर्थ 151, मदास 11, चदन 2 इनकदा चवस्तदार—
आयर्थर दाजिदा वषर्थ मदास चदन
1 रदाजिदा आधहीसदेन 18 5 21
2 चवलदावलसदेन 12 4 2
3 कदे शवसदेन 15 7 12
4 मदाधवसदेन 12 4 2
5 मयभूरसदेन 20 11 27
6 भहीमसदेन 5 10 9
7 कल्यदाणसदेन 4 8 21
8 हरहीसदेन 12 0 25
9 कदेमसदेन 8 11 15
10 नदारदायणसदेन 2 2 29
11 लक्ष्महीसदेन 26 10 0
12 ददाममोदरसदेन 11 5 9

रदाजिदा ददाममोदरसदेन नदे अपनदे उमरदाव कमो बहह त दगुमः ख चदयदा। इसचलए रदाजिदा कदे उमरदाव दहीपचससंह नदे
सदेन दा चमलदा कदे रदाजिदा कदे सदाथ लड़दाई ककी। उस लड़दाई ममें रदाजिदा कमो मदार कर दहीपचससंह आप रदाज्य करनदे
लगदे।
पहीढ़ही 6, वषर्थ 107, मदास 6, चदन 22
इन कदा चवस्तदार—
आयर्थर दाजिदा वषर्थ मदास चदन
1 दहीपचससंह 17 1 26
2 रदाजिचससंह 14 5 0
3 रणचससंह 9 8 11
4 नरचससंह 45 0 15
5 हररचससंह 13 2 29
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6 जिहीवनचससंह 8 0 1
रदाजिदा जिहीवनचससंह नदे कगु छ कदारण कदे चलए अपनही सब सदेन दा उत्तर चदशदा कमो भदेजि दही। यह खबर
पकथ् वहीरदाजि चहदाण वहैर दाट कदे रदाजिदा सगुन कर जिहीवनचससंह कदे ऊपर चढ़दाई करकदे आयदे और लड़दाई ममें
जिहीवनचससंह कमो मदार कर इन्द्रप्रस्थ कदा रदाज्य चकयदा।
पहीढ़ही 5, वषर्थ 86, मदास 0, चदन 20
इनकदा चवस्तदार—
आयर्थर दाजिदा वषर्थ मदास चदन
1 पकचथवहीरदाजि 12 2 19
2 अभयपदाल 14 5 17
3 दजि गु र्थनपदाल 11 4 14
4 उदयपदाल 11 7 3
5 यशपदाल 36 4 27
रदाजिदा यशपदाल कदे ऊपर सगुलतदान शदाहबगुद्दहीन गचौरही गढ़ गजिनही सदे चढ़दाई करकदे आयदा और रदाजिदा यशपदाल
कमो प्रयदाग कदे चकलदे ममें ससंवतम् 1249 सदाल ममें पकड़ कर कहै द चकयदा। पश्चदातम् ‘इन्द्रप्रस्थ’ अथदार्थतम् चदलही कदा
रदाज्य आप (सगुलतदान शहदाबगुद्दहीन) करनदे लगदा। पहीढ़ही 53, वषर्थ 745, मदास 1, चदन 17 इन कदा चवस्तदार
बहह त इचतहदास पगुस्तकयों ममें चलखदा हहै, इसचलए यहदासं नहह चलखदा।
इसकदे आगदे बचौद्ध जिहैनमत चवषय ममें चलखदा जिदायदेगदा।
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे
सगुभ दाषदाचवभभूच षत आयदार्थव त्तर्त्ती य मतखण्डनमण्डनचवषय
एकदादशमः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥11॥

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अनगुभ भूच मकदा (2)
जिब आयदार्थवत्तर्थस्थ मनगुष्ययों ममें सत्यदाऽसत्य कदा यथदावतम् चनणर्थय करदानदेवदालही वदेदचवददा छभू टकर अचवददा फहै ल
कदे मतमतदान्तर खड़दे हह ए, यहही जिहैन आचद कदे चवददाचवरुद्ध मतप्रचदार कदा चनचमत्त हह आ। क्ययोंचक वदाल्महीककीय और
महदाभदारतदाचद ममें जिहैचनययों कदा नदाममदात्र भही नहह चलखदा और जिहैचनययों कदे ग्रन्थयों ममें वदाल्महीककीय और भदारत ममें ‘रदाम’,
कक ष्णदाचद’ ककी गदाथदा बड़दे चवस्तदारपभूवर्थक चलखही हमैं! इस सदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक यह मत इनकदे पहीछदे चलदा क्ययोंचक
जिहैसदा अपनदे मत कमो बहह त प्रदाचहीन जिहैनही लमोग चलखतदे हमैं वहैसदा हमोतदा तमो वदाल्महीककीय आचद ग्रन्थयों ममें उनककी कथदा
अवश्य हमोतही इसचलए जिहैनमत इन ग्रन्थयों कदे पहीछदे चलदा हहै।
कमोई कहदे चक जिहैचनययों कदे ग्रन्थयों ममें सदे कथदाओसं कमो लदेकर वदाल्महीककीय आचद ग्रन्थ बनदे हयोंगदे तमो उन सदे पभूछनदा
चदाचहए चक वदाल्महीककीय आचद ममें तगुम्हदारदे ग्रन्थयों कदा नदाम लदेख भही क्ययों नहह? और तगुम्हदारदे ग्रन्थयों ममें क्ययों हहै? क्यदा
चपतदा कदे जिन्म कदा दशर्थन पगुत्र कर सकतदा हहै ? कभही नहह। इस सदे यहही चसद्ध हमोतदा हहै चक जिहैन बचौद्ध मत। शहैव
शदाक्तदाचद मतयों कदे पहीछदे चलदा हहै।
अब इस 12 बदारहवमें समगुलदास ममें जिमो-जिमो जिहैचनययों कदे मतचवषयक ममें चलखदा गयदा हहै समो-समो उनकदे ग्रन्थयों
कदे पतदे पभूवक चलखदा हहै। इस ममें जिहैनही लमोगयों कमो बगुरदा न मदाननदा चदाचहयदे क्ययोंचक जिमो-जिमो हम नदे इन कदे मत चवषय ममें
चलखदा हहै वह कदे वल सत्यदाऽसत्य कदे चनणर्थयदाथर्थ हहै न चक चवरमोध वदा हदाचन करनदे कदे अथर्थ। इस लदेख कमो जिब जिहैनही बचौद्ध
वदा अन्य लमोग ददेखगमें दे तब सब कमो सत्यदाऽसत्य कदे चनणर्थय ममें चवचदार और लदेख करनदे कदा समय चमलदेगदा और बमोध भही
हमोगदा। जिब तक वदादही प्रचतवदादही हमोकर प्रहीचत सदे वदाद वदा लदेख न चकयदा जिदाय तब तक सत्यदासत्य कदा चनणर्थय नहह हमो
सकतदा।
जिब चवद्विदानम् लमोगयों ममें सत्यदाऽसत्य कदा चनश्चय नहह हमोतदा तभही अचवद्विदानयों कमो महदाअन्धकदार ममें पड़कर बहह त
दमःगु ख उठदानदा पड़तदा हहै, इसचलए सत्य कदे जिय और असत्य कदे कय कदे अथर्थ चमत्रतदा सदे वदाद वदा लदेख करनदा हमदारही
मनगुष्यजिदाचत कदा मगुख्य कदाम हहै। यचद ऐसदा न हमो तमो मनगुष्ययों ककी उन्नचत कभही न हमो।
और यह बचौद्ध जिहैन मत कदा चवषय चवनदा इन कदे अन्य मत वदालयों कमो अपभूवर्थ लदाभ और बमोध करदानदे वदालदा
हमोगदा क्ययोंचक यदे लमोग अपनदे पगुस्तकयों कमो चकसही अन्य मत वदालदे कमो ददेखनदे , पढ़नदे वदा चलखनदे कमो भही नहह ददेतदे। बड़दे
पररश्रम सदे मदेरदे और चवशदेष आयर्थसमदाजि मगुम्बई कदे मन्त्रही ‘सदेठ सदेवकलदाल कक ष्णददास’ कदे पगुरुषदाथर्थ सदे ग्रन्थ प्रदाप्त हह ए
हमैं। तथदा कदाशहीस्थ ‘जिहैनप्रभदाकर’ यन्त्रदालय ममें छपनदे और मगुम्बई ममें ‘प्रकरणरत्नदाकर’ ग्रन्थ कदे छपनदे सदे भही सब
लमोगयों कमो जिहैचनययों कदा मत ददेखनदा सहजि हह आ हहै।
भलदा यह चकन चवद्विदानयों ककी बदात हहै चक अपनदे मत कदे पगुस्तक आप हही ददेखनदा और दस भू रयों कमो न
चदखलदानदा! इसही सदे चवचदत हमोतदा हहै चक इन ग्रन्थयों कदे बनदानदे वदालयों कमो प्रथम हही शसंकदा थही चक इन ग्रन्थयों ममें
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः अनगुभ चभू मकदा (2)
730

असम्भव बदातमें हमैं जिमो दस भू रदे मत वदालदे ददेखगमें दे तमो खण्डन करमेंगदे और हमदारदे मत वदालदे दस
भू रयों कदा ग्रन्थ ददेखगमें दे तमो इस
मत ममें श्रद्धदा न रहदेगही। अस्तगु जिमो हमो परन्तगु बहह त मनगुष्य ऐसदे हमैं चजिन कमो अपनदे दमोष तमो नहह दहीखतदे चकन्तगु द स भू रयों कदे
दमोष ददेखनदे ममें अचत उदगुक्त रहतदे हमैं। यह न्यदाय ककी बदात नहह क्ययोंचक प्रथम अपनदे दमोष ददेख चनकदाल कदे पश्चदातम्
दसभू रदे कदे दमोषयों ममें दृचष्ट ददेकदे चनकदालमें! अब इन बचौद्ध, जिहैचनययों कदे मत कदा चवषय सब सज्जनयों कदे सम्मगुख धरतदा हह सं।
जिहैसदा हहै वहैसदा चवचदारमें।
चकमचधकलदेखदे न बगुच द्धमद्विय्यर्वेष ।गु

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अथ द्विदादशसमगुल दासदारम्भमः
अथ नदाचस्तकमतदान्तगर्थत चदारवदाकबचौद्धजिहैन मतखण्डनमण्डन -चवषयदानम्
व्यदाख्यदास्यदाममः
कमोई एक बकहस्पचत नदामदा पगुरुष हह आ थदा जिमो वदेद, ईश्वर और यजदाचद उत्तम कमर्यों कमो भही नहह मदानतदा थदा।
उन कदा मत—
यदावज्जहीवसं सगुखसं जिहीवदेन्न दाचस्त मकत् यमोरगमोचरमः।
भस्महीभभूत स्य ददेह स्य पगुन रदागमनसं कगु तमः॥
कमोई मनगुष्यदाचद प्रदाणही मकत्यगु कदे अगमोचर नहह हहै अथदार्थतम् सब कमो मरनदा हहै इसचलयदे जिब तक शरहीर ममें जिहीव
रहहै तब तक सगुख सदे रहहै। जिमो कमोई कहदे चक धमदार्थचरण सदे कष्ट हमोतदा हहै जिमो धमर्थ कमो छमोड़दे तमो पगुनजिर्थन्म ममें बड़दा द मःगु ख
पदावमें। उस कमो ‘चदारवदाक’ उत्तर ददेतदा हहै चक अरदे भमोलदे भदाई! जिमो मरदे कदे पश्चदातम् शरहीर भस्म हमो जिदातदा हहै चक चजिस
नदे खदायदा चपयदा हहै वह पगुनमः ससंसदार ममें न आवदेगदा। इसचलयदे जिहैसदे हमो सकदे वहैसदे आनन्द ममें रहमो। लमोक ममें नहीचत सदे चलमो,
ऐश्वयर्थ कमो बढ़दाओ और उस सदे इचच्छत भमोग करमो। यहही लमोक समझमो। परलमोक कगु छ नहह।
ददेखमो! पकचथवही, जिल, अचग्नि, वदायगु इन चदार भभूतयों कदे पररणदाम सदे यह शरहीर बनदा हहै। इस ममें इन कदे यमोग सदे
चहैतन्य उत्पन्न हमोतदा हहै। जिहैसदे मदादक द्रव्य खदानदे पहीनदे सदे मद (नशदा) उत्पन्न हमोतदा हहै इसही प्रकदार जिहीव शरहीर कदे सदाथ
उत्पन्न हमोकर शरहीर कदे नदाश कदे सदाथ आप हही नष्ट हमो जिदातदा हहै। चफर चकस कमो पदाप पगुण्य कदा फल हमोगदा?
तच्चिहैत न्यचवचशष्टददेह एव आत्मदा ददेह दाचतररक्त आत्मचन प्रमदाणदाभदावदातम्॥
इस शरहीर ममें चदारयों भभूतयों कदे ससंयमोग सदे जिहीवदात्मदा उत्पन्न हमोकर उन्हह कदे चवयमोग कदे सदाथ हही नष्ट हमो जिदातदा हहै
क्ययोंचक मरदे पहीछदे कमोई भही जिहीव प्रत्यक नहह हमोतदा। हम एक प्रत्यक हही कमो मदानतदे हमैं क्ययोंचक प्रत्यक कदे चबनदा
अनगुमदानदाचद हमोतदे हही नहह। इसचलयदे मगुख्य प्रत्यक कदे सदामनदे अनगुमदानदाचद गचौण हमोनदे सदे उस कदा ग्रहण नहह करतदे।
सगुन्दर सही कदे आचलङन सदे आनन्द कदा करनदा पगुरुषदाथर्थ कदा फल हहै।
(उत्तर) यदे पकचथव्यदाचद भभूत जिड़ हमैं। उन सदे चदेतन ककी उत्पचत्त कभही नहह हमो सकतही। जिहैसदे अब मदातदा-
चपतदा कदे ससंयमोग सदे ददेह ककी उत्पचत्त हमोतही हहै वहैसदे हही आचद सकचष्ट ममें मनगुष्यदाचद शरहीरयों ककी आकक चत परमदेश्वर कत्तदार्थ कदे
चवनदा कभही नहह हमो सकतही। मद कदे समदान चदेतन ककी उत्पचत्त और चवनदाश नहह हमोतदा, क्ययोंचक मद चदेतन कमो हमोतदा
हहै जिड़ कमो नहह। पददाथर्थ नष्ट अथदार्थतम् अदृष्ट हमोतदे हमैं परन्तगु अभदाव चकसही कदा नहह हमोतदा। इसही प्रकदार अदृश्य हमोनदे सदे
जिहीव कदा भही अभदाव न मदाननदा चदाचहयदे। जिब जिहीवदात्मदा सददेह हमोतदा हहै तभही उस ककी प्रकटतदा हमोतही हहै। जिब शरहीर कमो
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छमोड़ ददेतदा हहै तब यह शरहीर जिमो मकत्यगु कमो प्रदाप्त हह आ हहै वह जिहैसदा चदेतनयगुक्त पभूवर्थ थदा वहैसदा नहह हमो सकतदा। यहही बदात
बकहददारण्यक ममें कहही हहै—
नदाहसं ममोहसं ब्रवहीचम अनगुच च्छचत्तधमदार्थय मदात्मदेच त॥
यदाजवल्क्य कहतदे हमैं चक हदे महैत्रदेचय! ममैं ममोह सदे बदात नहह करतदा चकन्तगु आत्मदा अचवनदाशही हहै चजिस कदे यमोग
सदे शरहीर चदेष्टदा करतदा हहै। जिब जिहीव शरहीर सदे पकथ कम् हमो जिदातदा हहै तब शरहीर ममें जदान कगु छ भही नहह रहतदा। जिमो
ददेह सदे पकथ कम् आत्मदा न हमो तमो चजिस कदे ससंय मोग सदे चदेत नतदा और चवयमोग सदे जिड़तदा हमोतही हहै , वह ददेह सदे
पकथ कम् हहै। जिहैस दे आहख सब कमो ददेख तही हहै परन्तगु अपनदे कमो नहह। इसही प्रकदार प्रत्यक कदा करनदे वदालदा
अपनदे कमो ऐचन्द्रय प्रत्यक नहह कर सकतदा। जिहैस दे अपनही आहख सदे सब घट पटदाचद पददाथर्थ ददेख तदा हहै वहैस दे
आहख कमो अपनदे जदान सदे ददेख तदा हहै। जिमो द्रष्टदा हहै वह द्रष्टदा हही रहतदा हहै दृश्य कभही नहह हमोतदा। जिहैस दे चवनदा
आधदार आधदेय , कदारण कदे चवनदा कदायर्थ, अवयवही कदे चबनदा अवयव और कत्तदार्थ कदे चबनदा कमर्थ नहह रह
सकतदे वहैस दे कत्तदार्थ कदे चवनदा प्रत्यक कहै सदे हमो सकतदा हहै?
जिमो सगुन्दर सही कदे सदाथ समदागम करनदे हही कमो पगुरुषदाथर्थ कदा फल मदानमो तमो कचणक सगुख और उस सदे द मःगु ख
भही हमोतदा हहै वह भही पगुरुषदाथर्थ हही कदा फल हमोगदा। जिब ऐसदा हहै तमो स्वगर्थ ककी हदाचन हमोनदे सदे दमःगु ख भमोगनदा पड़देगदा। जिमो कहमो
दमःगु ख कदे छगु ड़दानदे और सगुख कदे बढ़दानदे ममें यत्न करनदा चदाचहयदे तमो मगुचक्त सगुख ककी हदाचन हमो जिदातही हहै इसचलए वह
पगुरुषदाथर्थ कदा फल नहह।
(चदारवदाक) जिमो दमःगु ख ससंयक्त
गु सगुख कदा त्यदाग करतदे हमैं वदे मभूखर्थ हमैं। जिहैसदे धदान्यदाथर्त्ती धदान्य कदा ग्रहण और बगुस
कदा त्यदाग करतदा हहै वहैसदे इस ससंसदार ममें बगुचद्धमदानम् सगुख कदा ग्रहण और दमःगु ख कदा त्यदाग करमें। क्ययोंचक इस लमोक कदे
उपचस्थत सगुख कमो छमोड़ कदे अनगुपचस्थत स्वगर्थ कदे सगुख ककी इच्छदा कर धभूतर्थ कचथत वदेदमोक्त अचग्निहमोत्रदाचद कमर्थ उपदासनदा
और जदानकदाण्ड कदा अनगुष्ठिदान परलमोक कदे चलयदे करतदे हमैं वदे अजदानही हमैं। जिमो परलमोक हहै हही नहह तमो उसककी आशदा
करनदा मभूखर्थतदा कदा कदाम हहै। क्ययोंचक—
अचग्निहमोत्रसं त्रयमो वदेद दाचसदण्डसं भस्मगगुण् ठनमम्।
बगुच द्धपचौरुषहहीनदानदासं जिहीचवकदे चत बकह स्पचतमः॥
चदारवदाकमतप्रचदारक ‘बकहस्पचत’ कहतदा हहै चक अचग्निहमोत्र, तहीन वदेद, तहीन दण्ड और भस्म कदा लगदानदा
बगुचद्ध और पगुरुषदाथर्थ रचहत पगुरुषयों नदे जिहीचवकदा बनदा लही हहै। चकन्तगु कदासंटदे लगनदे आचद सदे उत्पन्न हह ए दमःगु ख कदा नदाम
नरक। लमोकचसद्ध रदाजिदा परमदेश्वर और ददेह कदा नदाश हमोनदा ममोक अन्य कगु छ भही नहह हहै।
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(उत्तर) चवषयरूपही सगुखमदात्र कमो पगुरुषदाथर्थ कदा फल मदानकर चवषय द मःगु ख- चनवदारणमदात्र ममें कक तकक त्यतदा
और स्वगर्थ मदाननदा मभूखर्थतदा हहै। अचग्निहमोत्रदाचद यजयों सदे वदायगु , वकच ष्ट, जिल ककी शगुच द्ध द्विदारदा आरमोग्यतदा कदा हमोनदा
उस सदे धमर्थ, अथर्थ, कदाम और ममोक ककी चसचद्ध हमोतही हहै उस कमो न जिदानकर वदेद ईश्वर और वदेद मोक्त धमर्थ
ककी चनन्ददा करनदा धभूत र्यों कदा कदाम हहै। जिमो चत्रदण्ड और भस्मधदारण कदा खण्डन हहै समो ठहीक हहै। यचद कण्टकदाचद सदे
उत्पन्न हही दमःगु ख कदा नदाम नरक हमो तमो उस सदे अचधक महदारमोगदाचद नरक क्ययों नहह?
यदचप रदाजिदा कमो ऐश्वयर्थवदानम् और प्रजिदापदालन ममें समथर्थ हमोनदे सदे श्रदेष्ठि मदानमें तमो ठहीक हहै परन्तगु जिमो अन्यदायकदारही
पदापही रदाजिदा हमो उस कमो भही परमदेश्वरवतम् मदानतदे हमो तमो तगुम्हदारदे जिहैसदा कमोई भही मभूखर्थ नहह। शरहीर कदा चवच्छदेद हमोनदा मदात्र
ममोक हहै तमो गदहदे, कगु त्तदे आचद और तगुम ममें क्यदा भदेद रहदा। चकन्तगु आकक चत हही मदात्र चभन्न रहही। चदारवदाक—
अचग्निरुष्णमो जिलसं शहीतसं समस्पशर्थस् तथदाऽचनलमः।
कदे नदेद सं चचचत्रतसं तस्मदातम् स्वभदावदात्तदव्यवचस्थचतमः॥1॥
न स्वगर्वो नदाऽपवगर्वो वदा नहैव दात्मदा पदारलचौचककमः।
नहैव वणदार्थश्र मदादहीनदासं चक्रयदाश्च फलददाचयकदामः॥2॥
पशगुश् चदेच न्नहतमः स्वगर्वं ज्यमोचतष्टमोमदे गचमष्यचत।
स्वचपतदा यजिमदानदेन तत्र कस्मदान्न चहसंस् यतदे॥ 3॥
मकत दानदामचप जिन्तभून दासं श्रदाद्धसं चदेत्त चक प्तकदारणमम्।
गच्छतदाचमह जिन्तभून दासं व्यथर्वं पदाथदेय कल्पनमम्॥ 4॥
स्वगर्थच स्थतदा यददा तकच प्तसं गच्छदेय गु स् तत्र ददानतमः।
प्रदासदादस्यमोपररस्थदानदामत्र कस्मदान्न दहीयतदे॥ 5॥
यदावज्जहीवदेत म् सगुखसं जिहीवदेदृ णसं कक त्वदा घकत सं चपबदेत म्।
भस्महीभभूत स्य ददेह स्य पगुन रदागमनसं कगु तमः॥6॥
यचद गच्छदेत् परसं लमोकसं ददेह दाददेष चवचनगर्थत मः।
कस्मदादम् भभूय मो न चदायदाचत बन्धगुस् नदेह समदाकगु लमः॥7॥
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ततश्च जिहीवनमोपदायमो ब्रदाह्मणहैच वर्थच हतचस्त्वह।


मकत दानदासं प्रदेत कदायदार्थच ण न त्वन्यद म् चवदतदे क्विचचतम्॥ 8॥
त्रयमो वदेद स्य कत्तदार्थर मो भण्डधभूत र्थच नशदाचरदामः।
जिफर्थ रहीतगुफर्थ रहीत्यदाचद पचण्डतदानदासं वचमः स्मकत मम्॥ 9॥
अश्वस्यदात्र चह चशश्नन्तगु पत्नहीग्रदाह्यसं प्रककीचत्तर्थत मम्।
भण्डहैस् तद्वित्परसं चहैव ग्रदाह्यजिदातसं प्रककीचत्तर्थत मम्॥ 10॥
मदासंस दानदासं खदादनसं तद् वचन्नशदाचरसमहीररतमम्॥ 11॥
चदारवदाक, आभदाणक, बचौद्ध और जिहैन भही जिगतम् ककी उत्पचत्त स्वभदाव सदे मदानतदे हमैं। जिमो-जिमो स्वदाभदाचवक गगुण
हमैं उस-उस सदे द्रव्य ससंयक्त
गु हमोकर सब पददाथर्थ बनतदे हमैं। कमोई जिगतम् कदा कत्तदार्थ नहह॥1॥
परन्तगु इन ममें सदे चदारवदाक ऐसदा मदानतदा हहै चकन्तगु परलमोक और जिहीवदात्मदा बचौद्ध , जिहैन मदानतदे हमैं; चदारवदाक
नहह। शदेष इन तहीनयों कदा मत कमोई-कमोई बदात छमोड़ कदे एक सदा हहै। न कमोई स्वगर्थ, न कमोई नरक और न कमोई परलमोक
ममें जिदानदे वदालदा आत्मदा हहै और न वणदार्थश्रम ककी चक्रयदा फलददायक हहै॥2॥
जिमो यज ममें पशगु कमो मदार हमोम करनदे सदे वह स्वगर्थ कमो जिदातदा हमो तमो यजिमदान अपनदे चपतदाचद कमो मदार हमोम
करकदे स्वगर्थ कमो क्ययों नहह भदेजितदा?॥3॥
जिमो मरदे हह ए जिहीवयों कमो श्रदाद्ध और तपर्थण तकचप्तकदारक हमोतदा हहै तमो परददेश ममें जिदानदे वदालदे मदागर्थ ममें चनवदार्थहदाथर्थ अन्न,
वस और धनदाचद कमो क्ययों लदे जिदातदे हमैं? क्ययोंचक जिहैसदे मकतक कदे नदाम सदे अपर्थण चकयदा हह आ पददाथर्थ स्वगर्थ ममें पहह संचतदा हहै
तमो परददेश ममें जिदानदे वदालयों कदे चलयदे उनकदे सम्बन्धही भही घर ममें उन कदे नदाम सदे अपर्थण करकदे ददेशदान्तर ममें पहह संचदा ददेवमें।
जिमो यह नहह पहह संचतदा तमो स्वगर्थ ममें वह क्ययोंकर पहह हच सकतदा हहै?॥4॥
जिमो मत्यर्थलमोक ममें ददान करनदे सदे स्वगर्थवदासही तकप्त हमोतदे हमैं तमो नहीचदे ददेनदे सदे घर कदे ऊपर चस्थत पगुरुष तकप्त क्ययों
नहह हमोतदा?॥5॥
इसचलयदे जिब तक जिहीवदे तब तक सगुख सदे जिहीवदे। जिमो घर ममें पददाथर्थ न हयों तमो ऋण लदेकदे आनन्द करदे। ऋण
ददेनदा नहह पड़देगदा क्ययोंचक चजिस शरहीर ममें जिहीव नदे खदायदा चपयदा हहै उन दमोनयों कदा पगुनरदागमन न हमोगदा चफर चकस सदे कचौन
मदासंगदेगदा और कचौन ददेवदेगदा॥6॥

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जिमो लमोग कहतदे हमैं चक मकत्यगुसमय जिहीव शरहीर सदे चनकल कदे परलमोक कमो जिदातदा हहै; यह बदात चमथ्यदा हहै
क्ययोंचक जिमो ऐसदा हमोतदा तमो कगु टगु म्ब कदे ममोह सदे बद्ध हमोकर पगुनमः घर ममें क्ययों नहह आ जिदातदा?॥7॥
इसचलयदे यह सब ब्रदाह्मणयों नदे अपनही जिहीचवकदा कदा उपदाय चकयदा हहै। जिमो दशगदात्रदाचद मकतकचक्रयदा करतदे हमैं यह
सब उनककी जिहीचवकदा ककी लहीलदा हहै॥8॥
वदेद कदे बनदानदेहदारदे भदासंड, धभूत्तर्थ और चनशदाचर अथदार्थतम् रदाकस यदे तहीन हमैं। ‘जिफर्थरही’ ‘तगुफर्थरही’ इत्यदाचद पचण्डतयों
गु वचन हमैं॥9॥
कदे धभूत्तर्थतदायक्त
ददेखमो धभूत्तर्यों ककी रचनदा! घमोड़दे कदे चलङ कमो सही ग्रहण करदे; उस कदे सदाथ समदागम यजिमदान ककी सही सदे
करदानदा; कन्यदा सदे ठटदा आचद चलखनदा धभूत्तर्यों कदे चवनदा नहह हमो सकतदा॥10॥
और जिमो मदासंस कदा खदानदा चलखदा हहै वह वदेदभदाग रदाकस कदा बनदायदा हहै॥11॥
(उत्तर) चबनदा चदेतन परमदेश्वर कदे चनमदार्थण चकयदे जिड़ पददाथर्थ स्वयमम् आपस ममें स्वभदाव सदे चनयमपभूवर्थक
चमलकर उत्पन्न नहह हमो सकतदे। इस वदास्तदे सकचष्ट कदा कत्तदार्थ अवश्य हमोनदा चदाचहए। जिमो स्वभदाव सदे हही हमोतदे हयों तमो
चद्वितहीय सभूयर्थ, चन्द्र, पकचथवही और नकत्रदाचद लमोक आप सदे आप क्ययों नहह बन जिदातदे हमैं॥1॥
स्वगर्थ सगुख भमोग और नरक दमःगु ख भमोग कदा नदाम हहै। जिमो जिहीवदात्मदा न हमोतदा तमो सगुख दमःगु ख कदा भमोक्तदा कचौन हमो
सकदे ? जिहैसदे इस समय सगुख दमःगु ख कदा भमोक्तदा जिहीव हहै वहैसदे परजिन्म ममें भही हमोतदा हहै। क्यदा सत्यभदाषण और
परमोपकदारदाचद चक्रयदा भही वणदार्थश्रचमययों ककी चनष्फल हयोंगही? कभही नहह॥2॥
पशगु मदार कदे हमोम करनदा वदेददाचद सत्यशदासयों ममें कहह नहह चलखदा और मकतकयों कदा श्रदाद्ध , तपर्थण करनदा
कपमोलकचल्पत हहै क्ययोंचक यह वदेददाचद सत्यशदासयों कदे चवरुद्ध हमोनदे सदे भदागवतदाचद पगुरदाणमतवदालयों कदा मत हहै इसचलयदे
इस बदात कदा खण्डन अखण्डनहीय हहै॥3-5॥
जिमो वस्तगु हहै उस कदा अभदाव कभही नहह हमोतदा। चवदमदान जिहीव कदा अभदाव नहह हमो सकतदा। ददेह भस्म हमो
जिदातदा हहै; जिहीव नहह। जिहीव तमो दस
भू रदे शरहीर ममें जिदातदा हहै इसचलयदे जिमो कमोई ऋणदाचद कर चवरदानदे पददाथर्यों सदे इस लमोक ममें
भमोग कर नहह ददेतदे हमैं वदे चनश्चय पदापही हमोकर दस भू रदे जिन्म ममें दमःगु खरूपही नरक भमोगतदे हमैं इस ममें कगु छ भही सन्ददेह नहह॥
6॥
ददेह सदे चनकल कर जिहीव स्थदानदान्तर और शरहीरदान्तर कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै और उस कमो पभूवर्थजिन्म तथदा
कगु टगु म्बदाचद कदा जदान कगु छ भही नहह रहतदा इसचलयदे पगुनमः कगु टगु म्ब ममें नहह आ सकतदा॥7॥
हदासं! ब्रदाह्मणयों नदे प्रदेतकमर्थ अपनही जिहीचवकदाथर्थ बनदा चलयदा हहै परन्तगु वदेदमोक्त न हमोनदे सदे खण्डनहीय हहै॥8॥
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अब कचहयदे! जिमो चदारवदाक आचद नदे वदेददाचद सत्यशदास ददेखदे सगुनदे वदा पढदेडे़ हमोतदे तमो वदेदयों ककी चनन्ददा कभही न
करतदे चक वदेद भदासंड धभूत्तर्थ और चनशदाचरवतम् पगुरुषयों नदे बनदायदे हमैं ऐसदा वचन कभही न चनकदालतदे। हदासं ! भदासंड धभूत्तर्थ
चनशदाचरवतम् महहीधरदाचद टहीकदाकदार हह ए हमैं। उन ककी धभूत्तर्थत्तदा हहै; वदेदयों ककी नहह। परन्तगु शमोक हहै चदारवदाक, आभदाणक,
बचौद्ध और जिहैचनययों पर चक इन्हयोंनदे मभूल चदार वदेदयों ककी ससंचहतदाओसं कमो भही न सगुनदा, न ददेखदा और न चकसही चवद्विदानम् सदे
पढ़दा, इसहीचलयदे नष्ट-भ्रष्ट बगुचद्ध हमोकर ऊटपटदासंग वदेदयों ककी चनन्ददा करनदे लगदे। दष्टगु वदाममदाचगर्थययों ककी प्रमदाणशभून्य
कपमोलकचल्पत भ्रष्ट टहीकदाओसं कमो ददेख कर वदेदयों सदे चवरमोधही हमो कर अचवददारूपही अगदाध समगुद्र ममें जिदा चगरदे॥ 9॥
भलदा! चवचदारनदा चदाचहयदे चक सही सदे अश्व कदे चलङ कदा ग्रहण करदाकदे उस सदे समदागम करदानदा और यजिमदान
ककी कन्यदा सदे हदाहसही ठटदा आचद करनदा चसवदाय वदाममदागर्त्ती लमोगयों सदे अन्य मनगुष्ययों कदा कदाम नहह हहै। चवनदा इन महदापदापही
वदाममदाचगर्थययों कदे भ्रष्ट, वदेददाथर्थ सदे चवपरहीत, अशगुद्ध व्यदाख्यदान कचौन करतदा? अत्यन्त शमोक तमो इन चदारवदाक आचद पर
हहै जिमो चक चवनदा चवचदारदे वदेदयों ककी चनन्ददा करनदे पर तत्पर हह ए। तचनक तमो अपनही बगुचद्ध सदे कदाम लदेतदे। क्यदा करमें चवचदारदे
उन ममें चवददा हही नहह थही जिमो सत्यदासत्य कदा चवचदार कर सत्य कदा मण्डन और असत्य कदा खण्डन करतदे॥ 10॥
और जिमो मदासंस खदानदा हहै यह भही उन्हह वदाममदागर्त्ती टहीकदाकदारयों ककी लहीलदा हहै इसचलयदे उन कमो रदाकस कहनदा
उचचत हहै परन्तगु वदेदयों ममें कहह मदासंस कदा खदानदा नहह चलखदा इसचलयदे चमथ्यदा बदातयों कदा पदाप उन टहीकदाकदारयों कमो और
चजिन्हयोंनदे वदेदयों कदे जिदानदे सगुनदे चवनदा मनमदानही चनन्ददा ककी हहै ; चनमःसन्ददेह उन कमो लगदेगदा। सच तमो यह हहै चक चजिन्हयोंनदे
वदेदयों कदा चवरमोध चकयदा और करतदे हमैं और करमेंगदे वदे अवश्य अचवददारूपही अन्धकदार ममें पड़ कदे सगुख कदे बदलदे ददारुण
दमःगु ख चजितनदा पदावमें उतनदा हही न्यभून हहै। इसचलयदे मनगुष्यमदात्र कमो वदेददानगुकभूल चलनदा समगुचचत हहै॥11॥
जिमो वदाममदाचगर्थययों नदे चमथ्यदा कपमोलकल्पनदा करकदे वदेदयों कदे नदाम सदे अपनदा प्रयमोजिन चसद्ध करनदा अथदार्थतम् यथदेष्ट
मदपदान, मदासंस खदानदे और परसहीगमन करनदे आचद दष्टगु कदामयों ककी प्रवकचत्त हमोनदे कदे अथर्थ वदेदयों कमो कलङ लगदायदा इन्हह
बदातयों कमो ददेख कर चदारवदाक, बचौद्ध तथदा जिहैन लमोग वदेदयों ककी चनन्ददा करनदे लगदे और पकथकम् एक वदेदचवरुद्ध
अनहीश्वरवदादही अथदार्थतम् नदाचस्तक मत चलदा चलयदा। जिमो चदारवदाकदाचद वदेदयों कदा मभूलदाथर्थ चवचदारतदे तमो झभूठही टहीकदाओसं कमो
ददेख कर सत्य वदेदमोक्त मत सदे क्ययों हदाथ धमो बहैठतदे? क्यदा करमें चवचदारदे ‘चवनदाशकदालदे चवपरहीतबगुच द्धमः’। जिब नष्ट भ्रष्ट
हमोनदे कदा समय आतदा हहै तब मनगुष्य ककी उल्टही बगुचद्ध हमो जिदातही हहै।
अब जिमो चदारवदाकदाचदकयों ममें भदेद हहै समो चलखतदे हमैं। यदे चदारवदाकदाचद बहह त सही बदातयों ममें एक हमैं परन्तगु चदारवदाक
ददेह ककी उत्पचत्त कदे सदाथ जिहीवमोत्पचत्त और उस कदे नदाश कदे सदाथ हही जिहीव कदा भही नदाश मदानतदा हहै। पगुनजिर्थन्म और
परलमोक कमो नहह मदानतदा।

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एक प्रत्यक प्रमदाण कदे चवनदा अनगुमदानदाचद प्रमदाणयों कमो भही नहह मदानतदा। चदारवदाक शब्द कदा अथर्थ— जिमो
बमोलनदे ममें ‘प्रगल्भ’ और चवशदेषदाथर्थ ‘वहैतचण्डक’ हमोतदा हहै। और बचौद्ध जिहैन प्रत्यकदाचद चदारयों प्रमदाण, अनदाचद जिहीव,
पगुनजिर्थन्म, परलमोक और मगुचक्त कमो भही मदानतदे हमैं। इतनदा हही चदारवदाक सदे बचौद्ध और जिहैचनययों कदा भदेद हहै परन्तगु
नदाचस्तकतदा, वदेद, ईश्वर ककी चनन्ददा, परमतद्विदेष, छमः यतनदा और जिगतम् कदा कत्तदार्थ कमोई नहह इत्यदाचद बदातयों ममें सब
एक हही हमैं। यह चदारवदाक कदा मत ससंक पदे सदे दशदार्थ चदयदा। अब बचौद्धमत कदे चवषय ममें ससंकदेप सदे चलखतदे हमैं—
कदायर्थक दारणभदावदादम् वदा स्वभदावदादम् वदा चनयदामकदातम्।
अचवनदाभदावचनयममो दशर्थन दान्तरदशर्थन दातम्॥ 1॥
कदायर्थकदारणभदाव अथदार्थतम् कदायर्थ कदे दशर्थन सदे कदारण और कदारण कदे दशर्थन सदे कदायदार्थचद कदा सदाकदात्कदार प्रत्यक
सदे शदेष ममें अनगुमदान हमोतदा हहै। इसकदे चवनदा प्रदाचणययों कदे सम्पभूणर्थ व्यवहदार पभूणर्थ नहह हमो सकतदे, इत्यदाचद लकणयों सदे
अनगुमदान कमो अचधक मदानकर चदारवदाक सदे चभन्न शदाखदा बचौद्धयों ककी हहई हहै। बचौद्ध चदार प्रकदार कदे हमैं—
एक ‘मदाध्यचमक’ दस भू रदा ‘यमोगदाचदार’ तहीसरदा ‘सचौत्रदाचन्तक’ और चचौथदा ‘वहैभदाचषक’ ‘बगुद् ध्यदा चनवर्थत्त र्थत दे
समः बचौद्धमः’ जिमो बगुचद्ध सदे चसद्ध हमो अथदार्थतम् जिमो-जिमो बदात अपनही बगुचद्ध ममें आवदे उस-उस कमो मदानदे और जिमो-जिमो बगुचद्ध
ममें न आवदे उस-उस कमो नहह मदानदे।
इनममें सदे पहलदा ‘मदाध्यचमक’ सवर्थश भून् य मदानतदा हहै। अथदार्थतम् चजितनदे पददाथर्थ हमैं वदे सब शभून्य अथदार्थतम्
आचद ममें नहह हमोतदे; अन्त ममें नहह रहतदे; मध्य ममें जिमो प्रतहीत हमोतदा हहै वह भही प्रतहीत समय ममें हहै पश्चदातम् शभून्य हमो
जिदातदा हहै। जिहैसदे उत्पचत्त कदे पभूवर्थ घट नहह थदा; प्रध्वसंस कदे पश्चदातम् नहह रहतदा और घटजदान समय ममें भदासतदा
पददाथदार्थन्तर ममें जदान जिदानदे सदे घटजदान नहह रहतदा इसचलयदे शभून्य हही एक तत्त्व हहै।
दभू स रदा ‘यमोगदाचदार’ जिमो बदाह्य शभून् य मदानतदा हहै। अथदार्थतम् पददाथर्थ भहीतर जदान ममें भदासतदे हमैं; बदाहर नहह।
जिहैसदे घटजदान आत्मदा ममें हहै तभही मनगुष्य कहतदा हहै चक यह घट हहै ; जिमो भहीतर जदान न हमो तमो नहह कह सकतदा। ऐसदा
मदानतदा हहै।
तहीसरदा ‘सचौत्रदाचन्तक’ जिमो बदाहर अथर्थ कदा अनगुम दान मदानतदा हहै। क्ययोंचक बदाहर कमोई पददाथर्थ सदासंगमोपदासंग
प्रत्यक नहह हमोतदा चकन्तगु एकददेश प्रत्यक हमोनदे सदे शदेष ममें अनगुमदान चकयदा जिदातदा हहै! इस कदा ऐसदा मत हहै।
चचौथदा ‘वहैभ दाचषक’ हहै उसकदा मत बदाहर पददाथर्थ प्रत्यक हमोतदा हहै ; भहीतर नहह। जिहैसदे ‘अयसं नहीलमो
घटमः’ इस प्रतहीचत ममें नहीलयगुक्त घटदाककचत बदाहर प्रतहीत हमोतही हहै; यह ऐसदा मदानतदा हहै। यदचप इन कदा आचदायर्थ बगुद्ध
एक हहै तथदाचप चशष्ययों कदे बगुचद्धभदेद सदे चदार प्रकदार ककी शदाखदा हमो गई हमैं। जिहैसदे सभूयदार्थस्त हमोनदे ममें जिदार पगुरुष परसहीगमन,
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चमोर चचौरहीकमर्थ और चवद्विदानम् सत्यभदाषणदाचद श्रदेष्ठि कमर्थ करतदे हमैं। समय एक परन्तगु अपनही-अपनही बगुचद्ध कदे अनगुसदार
चभन्न-चभन्न चदेष्टदा करतदे हमैं।
अब इन पभूवर्वोक्त चदारयों ममें ‘मदाध्यचमक’ सब कमो कचणक मदानतदा हहै। अथदार्थतम् कण-कण ममें बगुचद्ध कदे पररणदाम
भू रदे कण ममें नहह रहतदा इसचलयदे सब कमो कचणक मदाननदा चदाचहयदे ;
हमोनदे सदे जिमो पभूवर्थ कण ममें जदात वस्तगु थदा वहैसदा हही दस
ऐसदे मदानतदा हहै।
दस भू रदा ‘यमोगदाचदार’ जिमो प्रवकचत्त हहै समो सब दमःगु खरूप हहै क्ययोंचक प्रदाचप्त ममें सन्तगुष्ट कमोई भही नहह रहतदा। एक ककी
भू रदे ककी इच्छदा बनही हही रहतही हहै; इस प्रकदार मदानतदा हहै।
प्रदाचप्त ममें दस
तहीसरदा ‘सचौत्रदाचन्तक’ सब पददाथर्थ अपनदे-अपनदे लकणयों सदे लचकत हमोतदे हमैं जिहैसदे गदाय कदे चचहयों सदे गदाय और
घमोड़दे कदे चचहयों सदे घमोड़दा जदात हमोतदा हहै वहैसदे लकण लक्ष्य ममें सददा रहतदे हमैं; ऐसदा कहतदा हहै।
चचौथदा ‘वहैभदाचषक’ शभून्य हही कमो एक पददाथर्थ मदानतदा हहै। प्रथम मदाध्यचमक सब कमो शभून्य मदानतदा थदा उसही कदा
पक वहैभदाचषक कदा भही हहै। इत्यदाचद बचौद्धयों ममें बहह त सदे चववदाद पक हमैं। इस प्रकदार चदार प्रकदार ककी भदावनदा मदानतदे हमैं।
(उत्तर) जिमो सब शभून्य हमो तमो शभून्य कदा जिदाननदे वदालदा शभून्य नहह हमो सकतदा और जिमो सब शभून्य हमोवदे तमो
शभून्य कमो शभून्य नहह जिदान सकदे इसचलए शभून्य कदा जदातदा और जदेय दमो पददाथर्थ चसद्ध हमोतदे हमैं। और जिमो यमोगदाचदार बदाह्य
शभून्यत्व मदानतदा हहै तमो पवर्थत इस कदे भहीतर हमोनदा चदाचहयदे। जिमो कहदे चक पवर्थत भहीतर हहै तमो उस कदे हृदय ममें पवर्थत कदे
समदान अवकदाश कहदासं हहै? इसचलए बदाहर पवर्थत हहै और पवर्थतजदान आत्मदा ममें रहतदा हहै।
सचौत्रदाचन्तक चकसही पददाथर्थ कमो प्रत्यक नहह मदानतदा तमो वह आप स्वयमम् और उस कदा वचन भही अनगुमदेय
हमोनदा चदाचहयदे। प्रत्यक नहह। जिमो प्रत्यक न हमो तमो ‘अयसं घटमः’ यह प्रयमोग भही न हमोनदा चदाचहयदे चकन्तगु ‘अयसं
घटहैक ददेश मः’ यह घट कदा एक ददेश हहै और एक ददेश कदा नदाम घट नहह चकन्तगु समगुददाय कदा नदाम घट हहै। ‘यह घट
हहै’ यह प्रत्यक हहै, अनगुमदेय नहह क्ययोंचक सब अवयवयों ममें अवयवही एक हहै। उस कदे प्रत्यक हमोनदे सदे सब घट कदे
अवयव भही प्रत्यक हमोतदे हमैं अथदार्थतम् सदावयव घट प्रत्यक हमोतदा हहै।
चचौथदा ‘वहैभदाचषक’ बदाह्य पददाथर्यों कमो प्रत्यक मदानतदा हहै वह भही ठहीक नहह। क्ययोंचक जिहदासं जदातदा और जदान
हमोतदा हहै वहह प्रत्यक हमोतदा हहै अथदार्थतम् आत्मदा ममें सब कदा प्रत्यक हमोतदा हहै। यदचप प्रत्यक कदा चवषय बदाहर हमोतदा हहै ;
तददाकदार जदान आत्मदा कमो हमोतदा हहै। वहैसदे जिमो कचणक पददाथर्थ और उस कदा जदान कचणक बदाहर हमोतदा हमो तमो
‘प्रत्यचभजदा’ अथदार्थतम् ममैंनदे वह बदात ककी थही ऐसदा स्मरण न हमोनदा चदाचहयदे परन्तगु पभूवर्थ दृष्ट, श्रगुत कदा स्मरण हमोतदा हहै
इसचलए कचणकवदाद भही ठहीक नहह। जिमो सब दमःगु ख हही हमो और सगुख कगु छ भही न हमो तमो सगुख ककी अपदेकदा कदे चवनदा

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दमःगु ख चसद्ध नहह हमो सकतदा। जिहैसदे रदाचत्र ककी अपदेकदा सदे चदन और चदन ककी अपदेकदा सदे रदाचत्र हमोतही हहै इसचलयदे सब द मःगु ख
मदाननदा ठहीक नहह। जिमो स्वलकण हही मदानमें तमो नदेत्र रूप कदा लकण हहै और रूप लक्ष्य हहै जिहैसदे घट कदा रूप। घट कदे
रूप कदा लकण चकगु लक्ष्य सदे चभन्न हहै और गन्ध पकचथवही सदे अचभन्न हहै इसही प्रकदार चभन्नदाऽचभन्न लक्ष्य लकण मदाननदा
चदाचहयदे। शभून्य कदा जिमो उत्तर पभूवर्थ चदयदा हहै वहही अथदार्थतम् शभून्य कदा जिदाननदे वदालदा शभून्य सदे चभन्न हमोतदा हहै।
सवर्थस् य ससंस दारस्य द गुमः खदात्मकत्वसं सवर्थत हीथर्थङ रसम्मतमम्॥
चजिन कमो बचौद्ध तहीथर्वंकर मदानतदे हमैं उन्हह कमो जिहैन भही मदानतदे हमैं इसचलयदे यदे दमोनयों एक हमैं। और पभूवर्वोक्त
भदावनदाचतगुष्टय अथदार्थतम् चदार भदावनदाओसं सदे सकल वदासनदाओसं ककी चनवकचत्त सदे शभून्यरूप चनवदार्थण अथदार्थतम् मगुचक्त मदानतदे हमैं।
अपनदे चशष्ययों कमो यमोग और आचदार कदा उपददेश करतदे हमैं। गगुरु कदे वचन कदा प्रमदाण करनदा। अनदाचद बगुचद्ध ममें वदासनदा
हमोनदे सदे बगुचद्ध हही अनदेकदाकदार भदासतही हहै और चचत्तचहैत्तदात्मक स्कन्ध पदासंच प्रकदार कदा मदानतदे हमैं—
रूपचवजदानवदेद नदाससंज दाससंस् कदारससंज कमः॥
उनममें सदे-(प्रथम) जिमो इचन्द्रययों सदे रूपदाचद चवषय ग्रहण चकयदा जिदातदा हहै वह ‘रूपस्कन्ध’ (दस भू रदा)
आलयचवजदान प्रवकचत्त कदा जिदाननदारूप व्यवहदार कमो ‘चवजदान-स्कन्ध’ (तहीसरदा) रूपस्कन्ध और चवजदानस्कन्ध
सदे उत्पन्न हह आ सगुख दमःगु ख आचद प्रतहीचत रूप व्यवहदार कमो ‘वदेद नदास्कन्ध’ (चचौथदा) गचौ आचद ससंजदा कदा सम्बन्ध
नदामही कदे सदाथ मदाननदे रूप कमो ‘ससंज दास्कन्ध’ (पदासंचवदासं) वदेदनदास्कन्ध सदे रदागद्विदेषदाचद क्लदेश और कगुधदा तकषदाचद
उपक्लदेश, मद, प्रमदाद, अचभमदान, धमर्थ और अधमर्थरूप व्यवहदार कमो ‘ससंस् कदारस्कन्ध’ मदानतदे हमैं।
सब ससंसदार ममें दमःगु खरूप दमःगु ख कदा घर दमःगु ख कदा सदाधनरूप भदावनदा करकदे ससंसदार सदे छभूटनदा; चदारवदाकयों ममें
अचधक मगुचक्त और अनगुमदान तथदा जिहीव कमो न मदाननदा; बचौद्ध मदानतदे हमैं।
ददेश नदा लमोकनदाथदानदासं सत्त् व दाशयवशदानगुग दामः।
चभदन्तदे बहह ध दा लमोकदे उपदायहैब र्थहह च भमः चकल॥1॥
गम्भहीरमोत्तदानभदेद देन क्विचचच्चिमोभयलकणदा।
चभन्नदा चह ददेश नदाऽचभन्नदा शभून् यतदाऽद्वियलकणदा॥2॥
द्विदादशदायतनपभूजि दा श्रदेय स्करहीचत बचौद्धदा मन्यन्तदे-
अथदार्थन पगु दाज्यर्थ बहह श मो द्विदादशदायतनदाचन वहै।

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पररतमः पभूजि नहीयदाचन चकमन्यहैर रह पभूच जितहैमः ॥3॥


जदानदेच न्द्रयदाचण पञ् चहैव तथदा कमर्वेच न्द्रयदाचण च।
मनमो बगुच द्धररचत प्रमोक्तसं द्विदादशदायतनसं बगुध हैमः ॥4॥
अथदार्थतम् जिमो जदानही, चवरक्त, जिहीवनमगुक्त लमोकयों कदे नदाथ बगुद्ध आचद तहीथर्थङरयों कदे पददाथर्यों कदे स्वरूप कमो
जिनदानदे वदालदा जिमो चक चभन्न-चभन्न पददाथर्यों कदा उपददेशक हहै चजिस कमो बहह त सदे भदेद और बहह त सदे उपदाययों सदे कहदा हहै
उसकमो मदाननदा॥1॥
बड़दे गम्भहीर और प्रचसद्ध भदेद सदे कहह-कहह गगुप्त और प्रकटतदा सदे चभन्न-चभन्न गगुरुओसं कदे उपददेश जिमो चक
शभून्य लकणयगुक्त पभूवर्थ कह आयदे, उनकमो मदाननदा॥2॥
जिमो द्विदादशदायतन पभूजिदा हहै वहही ममोक करनदे वदालही हहै। उस पभूजिदा कदे चलयदे बहह त सदे द्रव्यदाचद पददाथर्यों कमो प्रदाप्त
हमोकदे द्विदादशदायतन अथदार्थतम् बदारह प्रकदार कदे स्थदान चवशदेष बनदा कदे सब प्रकदार सदे पभूजिदा करनही चदाचहए; अन्य ककी पभूजिदा
करनदे सदे क्यदा प्रयमोजिन॥3॥
इन ककी द्विदादशदायतन पभूजिदा यह हहै—पदासंच जदानदेचन्द्रय अथदार्थतम् श्रमोत्र , त्ववम्, चकगु, चजिहदा और नदाचसकदा; पदासंच
कमर्वेचन्द्रय अथदार्थतम् वदावम्, हस्त, पदाद, गगुह्य और उपस्थ; यदे 10 इचन्द्रयदासं और मन, बगुचद्ध इन हही कदा सत्कदार
अथदार्थतम् इन कमो आनन्द ममें प्रवकत्त रखनदा इत्यदाचद बचौद्ध कदा मत हहै॥4॥
(उत्तर) जिमो सब ससंस दार द गुमः खरूप हमोतदा तमो चकसही जिहीव ककी प्रवकच त्त न हमोनही चदाचहयदे। ससंस दार ममें
जिहीवयों ककी प्रवकच त्त प्रत्यक दहीखतही हहै इसचलयदे सब ससंस दार द गुमः खरूप नहह हमो सकतदा चकन्तगु इस ममें सगुख
दगुमः ख दमोनयों हमैं और जिमो बचौद्ध लमोग ऐसदा हही चसद्धदान्त मदानतदे हमैं तमो खदानपदानदाचद करनदा और पथ्य तथदा ओषध्यदाचद
सदेवन करकदे शरहीररकण करनदे ममें प्रवकत्त हमोकर सगुख क्ययों मदानतदे हमैं ? जिमो कहमैं चक हम प्रवकत्त तमो हमोतदे हमैं परन्तगु इस
कमो दमःगु ख हही मदानतदे हमैं तमो यह कथन हही सम्भव नहह। क्ययोंचक जिहीव सगुख जिदान कर प्रवकत्त और द मःगु ख जिदान कदे चनवकत्त
हमोतदा हहै। ससंस दार ममें धमर्थच क्रयदा, चवददा, सत्सङदाचद श्रदेष्ठि व्यवहदार सगुख कदारक हमैं, इन कमो कमोई भही चवद्विदानम्
दगुमः ख कदा चलङ नहह मदान सकतदा; चवनदा बचौद्धयों कदे । जिमो पदासंच स्कन्ध हमैं वदे भही पभूणर्थ अपभूणर्थ हमैं क्ययोंचक जिमो ऐसदे -
ऐसदे स्कन्ध चवचदारनदे लगमें तमो एक-एक कदे अनदेक भदेद हमो सकतदे हमैं। चजिन तहीथर्थङरयों कमो उपददेशक और लमोकनदाथ
मदानतदे हमैं और अनदाचद जिमो नदाथयों कदा भही नदाथ परमदात्मदा हहै उस कमो नहह मदानतदे तमो उन तहीथर्थङरयों नदे उपददेश चकस सदे
पदायदा? जिमो कहमैं चक स्वयसं प्रदाप्त हहआ तमो ऐसदा कथन सम्भव नहह क्ययोंचक कदारण कदे चवनदा कदायर्थ नहह हमो सकतदा।
अथवदा उनकदे कथनदानगुसदार ऐसदा हही हमोतदा तमो अब उन ममें चवनदा पढ़दे-पढ़दायदे, सगुनदे-सगुनदायदे और जदाचनययों कदे सत्ससंग
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चकयदे चवनदा जदानही क्ययों नहह हमो जिदातदे? जिब नहह हमोतदे तमो ऐसदा कथन सवर्थथदा चनमभूर्थल और यगुचक्तशभून्य सचन्नपदात
रमोगग्रस्त मनगुष्य कदे बड़दार्थनदे कदे समदान हहै।
जिमो शभून्यरूप हही अद्विहैत उपददेश बचौद्धयों कदा हहै तमो चवदमदान वस्तगु शभून्यरूपकभही नहह हमो सकतही। हदासं ! सभूक्ष्म
कदारणरूप तमो हमो जिदातही हहै इसचलयदे यह भही कथन भ्रमरूपही हहै। जिमो द्रव्ययों कदे उपदाजिर्थन सदे हही पभूवर्वोक्त द्विदादशदायतनपभूजिदा
कमो ममोक कदा सदाधन मदानतदे हमैं तमो दश प्रदाण और ग्यदारहवमें जिहीवदात्मदा ककी पभूजिदा क्ययों नहह करतदे ? जिब इचन्द्रय और
अन्तमःकरण ककी पभूजिदा भही ममोकप्रद हहै तमो इन बचौद्धयों और चवषयहीजिनयों ममें क्यदा भदेद रहदा? जिमो उन सदे यदे बचौद्ध नहह बच
सकदे तमो वहदासं मगुचक्त भही कहदासं रहही। जिहदासं ऐसही बदातमें हमैं वहदासं मगुचक्त कदा क्यदा कदाम?

क्यदा हही इन्हयोंनदे अपनही अचवददा ककी उन्नचत ककी हहै। चजिस कदा सदादृश्य इनकदे चवनदा दस भू रयों सदे नहह घट
सकतदा। चनश्चय तमो यहही हमोतदा हहै चक इन कमो वदेद , ईश्वर सदे चवरमोध करनदे कदा यहही फल चमलदा। पभूवर्थ तमो ससंसदार ककी
दमःगु खरूपही भदावनदा ककी। चफर बहीच ममें द्विदादशदायतनपभूजिदा लगदा दही। क्यदा इन ककी द्विदादशदायतनपभूजिदा ससंसदार कदे पददाथर्यों सदे
बदाहर ककी हहै जिमो मगुचक्त ककी ददेनदे हदारही हमो सकदे ? तमो भलदा कभही आसंख महीच कदे कमोई रत्न ढभू हढ़दा चदाहमैं वदा ढभू हढ़में कभही प्रदाप्त
हमो सकतदा हहै? ऐसही हही इनककी लहीलदा वदेद, ईश्वर कमो न मदाननदे सदे हह ई।

अब भही सगुख चदाहमैं तमो वदेद ईश्वर कदा आश्रय लदेकर अपनदा जिन्म सफल करमें। चववदेकचवलदास ग्रन्थ ममें बचौद्धयों
कदा इस प्रकदार कदा मत चलखदा हहै—

बचौद्धदानदासं सगुग तमो ददेव मो चवश्वसं च कणभङह रमम्।


आयर्थस त्त् व दाख्ययदा तत्त् व चतगुष्ट यचमदसं क्रमदातम्॥ 1॥
दगुमः खमम् आयतनसं चहैव ततमः समगुद यमो मतमः।
मदागर्थश् चदेत् यस्य च व्यदाख्यदा क्रमदेण श्रभूय तदामतमः॥2॥
दगुमः खसं ससंस दाररणमः स्कन्धदास्तदे च पञ्च प्रककीचत्तर्थत दामः।
चवजदानसं वदेद नदा ससंज दा ससंस् कदारमो रूपमदेव च॥3॥
पञ्चदेच न्द्रयदाचण शब्ददाददा चवषयदामः पञ्च मदानसमम्।
धमदार्थय तनमम् एतदाचन द्विदादशदायतनदाचन तगु॥ 4॥
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रदागदादहीनदासं गणमो यमः स्यदातम् समगुद चदे त नकण दासं हृचद।


आत्मदात्महीयस्वभदावदाख्यमः स स्यदातम् समगुद यमः पगुन मः॥5॥
कचणकदामः सवर्थस स्सं कदारदा इचत यदा वदासनदा चस्थरदा।
स मदागर्थ इचत चवजदेय मः स च ममोकमोऽचभधहीयतदे॥ 6॥
प्रत्यकमम् अनगुम दानसं च प्रमदाणचद्वितयसं तथदा।
चतगुमः प्रस्थदाचनकदा बचौद्धदामः ख्यदातदा वहैभ दाचषकदादयमः॥7॥
अथर्वो जदानदाचन्वतमो वहैभ दाचषकदे ण बहह मन्यतदे।
सचौत्रदाचन्तकदे न प्रत्यकग्रदाह्यमोऽथर्वो न बचहमर्थत मः॥8॥
आकदारसचहतदा बगुच द्धयर्वो ग दाचदारस्य सम्मतदा।
कदे वलदासं ससंच वदसं स्वस्थदासं मन्यन्तदे मध्यमदामः पगुन मः॥9॥
रदागदाचद - जदानसन्तदानवदासनदाच्छदेद - सम्भवदा।
चतगुण दार्थम चप बचौद्धदानदासं मगुच क्तरदेष दा प्रककीचतर्थत दा॥10॥
कक चत्तमः कमण्डलगुम र्यौ ण् डसं चहीरसं पभूव दार्थह्ण भमोजिनमम्।
सङमो रक्तदाम्बरत्वसं च चशचश्रयदे बचौद्धचभकगुच भमः॥11॥
बचौद्धयों कदा सगुगतददेव बगुद्ध भगवदानम् पभूजिनहीय ददेव और जिगतम् कणभसंगगुर , आयर्थ पगुरुष और आयदार्थ सही तथदा तत्त्वयों
ककी आख्यदा ससंजदाचद प्रचसचद्ध यदे चदार तत्त्व बचौद्धयों ममें मन्तव्य पददाथर्थ हमैं॥1॥
इस चवश्व कमो दमःगु ख कदा घर जिदानदे, तदनन्तर समगुदय अथदार्थतम् उन्नचत हमोतही हहै और मदागर्थ, इन ककी व्यदाख्यदा
क्रम सदे सगुनमो॥2॥
ससंसदार ममें दमःगु ख हही हहै जिमो पञ्चस्कन्ध पभूवर्थ कह आयदे हमैं उन कमो जिदाननदा॥3॥
पञ्च जदानदेचन्द्रय, उनकदे शब्ददाचद चवषय पदासंच और मन बगुचद्ध अन्तमःकरण धमर्थ कदा स्थदान यदे द्विदादश हमैं॥4॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः द्विदादशमः समगुल दासमः
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जिमो मनगुष्ययों कदे हृदय ममें रदागद्विदेषदाचद समभूह ककी उत्पचत्त हमोतही हहै वह समगुदय और जिमो आत्मदा, आत्मदा कदे
सम्बन्धही और स्वभदाव हहै वह आख्यदा इन्हह सदे चफर समगुदय हमोतदा हहै॥5॥
सब ससंस्कदार कचणक हमैं जिमो यह वदासनदा चस्थर हमोनदा वह बचौद्धयों कदा मदागर्थ हहै और वहही शभून्य तत्त्व शभून्यरूप हमो
जिदानदा ममोक हहै॥6॥
बचौद्ध लमोग प्रत्यक और अनगुमदान दमो हही प्रमदाण मदानतदे हमैं। चदार प्रकदार कदे इन कदे भदेद हमैं—वहैभदाचषक,
सचौत्रदाचन्तक, यमोगदाचदार और मदाध्यचमक॥7॥
इन ममें वहैभदाचषक जदान ममें जिमो अथर्थ हहै उस कमो चवदमदान मदानतदा हहै क्ययोंचक जिमो जदान ममें नहह हहै उस कदा हमोनदा
चसद्ध पगुरुष नहह मदान सकतदा। और सचौत्रदाचन्तक भहीतर कमो प्रत्यक पददाथर्थ मदानतदा हहै, बदाहर नहह॥8॥
यमोगदाचदार आकदार सचहत चवजदानयगुक्त बगुचद्ध कमो मदानतदा हहै और मदाध्यचमक कदे वल अपनदे ममें पददाथर्यों कदा
जदानमदात्र मदानतदा हहै; पददाथर्यों कमो नहह मदानतदा॥9॥
और रदागदाचद जदान कदे प्रवदाह ककी वदासनदा कदे नदाश सदे उत्पन्न हहई मगुचक्त चदारयों बचौद्धयों ककी हहै॥10॥
मकगदाचद कदा चमड़दा, कमण्डलगु, मभूसंड मगुसंडदायदे, वल्कल वस, पभूवदार्थह अथदार्थतम् 9 बजिदे सदे पभूवर्थ भमोजिन, अकदे लदा
न रहहै, रक्त वस कदा धदारण यह बचौद्धयों कदे सदाधगुओसं कदा वदेश हहै॥11॥
(उत्तर) जिमो बचौद्धयों कदा सगुगत बगुद्ध हही ददेव हहै तमो उस कदा गगुरु कचौन थदा? और जिमो चवश्व कणभसंग हमो तमो
चचरदृष्ट पददाथर्थ कदा यह वहही हहै ऐसदा स्मरण न हमोनदा चदाचहयदे। जिमो कणभसंग हमोतदा तमो वह पददाथर्थ हही नहह रहतदा, पगुनमः
स्मरण चकस कदा हमोवदे? जिमो कचणकवदाद हही बचौद्धयों कदा मदागर्थ हहै तमो इन कदा ममोक भही कणभसंग हमोगदा। जिमो जदान सदे यगुक्त
अथर्थ द्रव्य हमो तमो जिड़ द्रव्य ममें भही जदान हमोनदा चदाचहयदे इसचलयदे जदान ममें अथर्थ कदा प्रचतचबम्ब सदा रहतदा हहै। जिमो भहीतर
जदान ममें द्रव्य हमोवदे तमो बदाहर न हमोनदा चदाचहयदे और वह चदालनदाचद चक्रयदा चकस पर करतदा हहै? भलदा जिमो बदाहर दहीखतदा
हहै वह चमथ्यदा कहै सदे हमो सकतदा हहै? जिमो आकदार सदे सचहत बगुचद्ध हमोवदे तमो दृश्य हमोनदा चदाचहयदे। जिमो कदे वल जदान हही हृदय
ममें आत्मस्थ हमोवदे, बदाह्य पददाथर्यों कमो कदे वल जदान रूप हही मदानदा जिदाय तमो जदेय पददाथर्थ कदे चवनदा जदान हही नहह हमो
सकतदा जिमो वदासनदाच्छदेद हही मगुचक्त हहै तमो सगुषचप्त ममें भही मगुचक्त मदाननही चदाचहयदे। ऐसदा मदाननदा चवददा सदे चवरुद्ध हमोनदे कदे
कदारण चतरस्करणहीय हहै। इत्यदाचद बदातमें ससंकदेपतमः बचौद्ध मतस्थयों ककी प्रदचशर्थत कर दही हमैं। अब बगुचद्धमदानम् चवचदारशहील
पगुरुष अवलमोकन करकदे जिदान जिदायमेंगदे चक इन ककी कहै सही चवददा और कहै सदा मत हहै। इसकमो जिहैन लमोग भही मदानतदे हमैं। यहदासं
सदे आगदे जिहैन मत कदा वणर्थन हहै—प्रकरणरत्नदाकर 1 भदाग, नयचक्रसदार ममें चनम्नचलचखत बदातमें चलखही हमैं—

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः द्विदादशमः समगुल दासमः
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बचौद्ध लमोग समय-समय ममें नवहीनपन सदे (1) आकदाश, (2) कदाल, (3) जिहीव, (4) पगुदल यदे चदार
द्रव्य मदानतदे हमैं और जिहैनही लमोग धमदार्थच स्तकदाय, अधमदार्थच स्तकदाय, आकदाशदाचस्तकदाय, पगुद लदाचस्तकदाय,
जिहीवदाचस्तकदाय और कदाल इन छमः द्रव्ययों कमो मदानतदे हमैं। इन ममें कदाल कमो अचस्तकदाय नहह मदानतदे चकन्तगु ऐसदा कहतदे
हमैं चक कदाल उपचदार सदे द्रव्य हहै। वस्तगुतमः नहह। उन ममें सदे ‘धमदार्थचस्तकदाय’ जिमो गचतपररणदामहीपन सदे पररणदाम कमो प्रदाप्त
हह आ जिहीव और पगुदल इस ककी गचत कदे समहीप सदे स्तम्भन करनदे कदा हदेतगु हहै। वह धमदार्थच स्तकदाय और वह अससंख्य
प्रददेश पररमदाण और लमोक ममें व्यदापक हहै। दस भू रदा ‘अधमदार्थच स्तकदाय’ यह हहै चक चस्थरतदा सदे पररणदामही हह ए जिहीव तथदा
पगुदल ककी चस्थचत कदे आश्रय कदा हदेतगु हहै। तहीसरदा ‘आकदाशदाचस्तकदाय’ उस कमो कहतदे हमैं चक जिमो सब द्रव्ययों कदा
आधदार चजिस ममें अवगदाहन, प्रवदेश, चनगर्थम आचद चक्रयदा करनदे वदालदे जिहीव तथदा पगुदलयों कमो अवगदाहन कदा हदेतगु और
सवर्थव्यदापही हहै। चचौथदा ‘पगुद लदाचस्तकदाय’ यह हहै चक जिमो कदारणरूप सभूक्ष्म, चनत्य, एकरस, वणर्थ, गन्ध, स्पशर्थ,
कदायर्थ कदा चलङ पभूरनदे और गलनदे कदे स्वभदाव वदालदा हमोतदा हहै। पदासंचवदा ‘जिहीवदाचस्तकदाय’ जिमो चदेतनदालकण जदान दशर्थन
ममें उपयगुक्त अनन्त पयदार्थययों सदे पररणदामही हमोनदे वदालदा कत्तदार्थ भमोक्तदा हहै। और छमःठदा ‘कदाल’ यह हहै चक जिमो पभूवर्वोक्त
पञ्चदाचस्तकदाययों कदा परत्व अपरत्व नवहीन प्रदाचहीनतदा कदा चचहरूप प्रचसद्ध वत्तर्थमदानरूप पयदार्थययों सदे यगुक्त हहै वह कदाल
कहदातदा हहै।
(समहीकक) जिमो बचौद्धयों नदे चदार द्रव्य प्रचतसमय ममें नवहीन-नवहीन मदानदे हमैं वदे झभूठदे हमैं क्ययोंचक आकदाश, कदाल,
जिहीव और परमदाणगु यदे नयदे वदा पगुरदानदे कभही नहह हमो सकतदे क्ययोंचक यदे अनदाचद और कदारणरूप सदे अचवनदाशही हमैं ; पगुनमः
नयदा और पगुरदानदापन कहै सदे घट सकतदा हहै? और जिहैचनययों कदा मदाननदा भही ठहीक नहह क्ययोंचक धमदार्थऽधमर्थ द्रव्य नहह
चकन्तगु गगुण हमैं। यदे दमोनयों जिहीवदाचस्तकदाय ममें आ जिदातदे हमैं। इसचलयदे आकदाश , परमदाणगु, जिहीव और कदाल मदानतदे तमो ठहीक
थदा। और जिमो नव द्रव्य वहैशदेचषक ममें मदानदे हमैं वदे हही ठहीक हमैं क्ययोंचक पकचथव्यदाचद पदासंच तत्त्व , कदाल, चदशदा, आत्मदा और
मन यदे नव पकथकम् - पकथकम् पददाथर्थ चनचश्चत हमैं। एक जिहीव कमो चदेतन मदानकर ईश्वर कमो न मदाननदा यह जिहैन , बचौद्धयों ककी
चमथ्यदा पकपदात ककी बदात हहै।
अब जिमो बचौद्ध और जिहैन ही लमोग सप्तभसंग ही और स्यदाद्विदाद मदानतदे हमैं समो यह हहै चक—‘सनम् घटमः’ इस
कमो प्रथम भङ कहतदे हमैं क्ययोंचक घट अपनही वत्तर्थमदानतदा सदे यगुक्त अथदार्थतम् घड़दा हहै। इस नदे अभदाव कदा चवरमोध चकयदा हहै।
दभू स रदा भङ ‘असनम् घटमः’ घड़दा नहह हहै। प्रथम घट कदे भदाव सदे, यह घड़दे कदे असददाव सदे दस भू रदा भङ हहै। तहीसरदा
भङ यह हहै चक ‘सन्नसनम् घटमः’ अथदार्थतम् यह घड़दा तमो हहै परन्तगु पट नहह क्ययोंचक उन दमोनयों सदे पकथकम् हमो गयदा। चचौथदा
भङ ‘घटमोऽघटमः’ जिहैसदे ‘अघटमः पटमः’ दस भू रदे पट कदे अभदाव ककी अपदेकदा अपनदे ममें हमोनदे सदे घट अघट कहदातदा हहै।
यगुगपतम् उस ककी ससंजदा अथदार्थतम् घट और अघट भही हहै। पदासंच वदासं भङ यह हहै चक जिमो घट कमो पट कहनदा अयमोग्य अथदार्थतम्
उस ममें घटपन वक्तव्य हहै और पटपन अवक्तव्य हहै। छठदा भङ यह हहै चक जिमो घट नहह हहै वह कहनदे यमोग्य भही नहह
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और जिमो हहै वह हहै और कहनदे यमोग्य भही हहै। और सदातवदासं भङ यह हहै चक जिमो कहनदे कमो इष्ट हहै परन्तगु वह नहह हहै और
कहनदे कदे यमोग्य भही घट नहह। यह सप्तम भङ कहदातदा हहै। इसही प्रकदार—
स्यदादचस्त जिहीवमोऽयसं प्रथममो भङमः॥1॥
स्यदान्नदाचस्त जिहीवमो चद्वितहीयमो भङमः॥2॥
स्यदादवक्तव्यमो जिहीवस्तकत हीयमो भङमः॥3॥
स्यदादचस्त नदाचस्तरूपमो जिहीवश्चतगुथ र्वो भङमः॥4॥
स्यदादचस्त अवक्तव्यमो जिहीवमः पञ्चममो भङमः॥5॥
स्यदान्नदाचस्त अवक्तव्यमो जिहीवमः षष्ठिमो भङमः॥6॥
स्यदादचस्त नदाचस्त अवक्तव्यमो जिहीव इचत सप्तममो भङमः॥7॥
अथदार्थत म्— हहै जिहीव, ऐसदा कथन हमोवदे तमो जिहीव कदे चवरमोधही जिड़ पददाथर्यों कदा जिहीव ममें अभदावरूप भङ प्रथम
कहदातदा हहै। दस भू रदा भङ यह हहै चक—नहह हहै जिहीव जिड़ ममें ऐसदा कथन भही हमोतदा हहै इस सदे यह द स भू रदा भङ कहदातदा हहै।
जिहीव हहै परन्तगु कहनदे यमोग्य नहह यह तहीसरदा भङ। जिब जिहीव शरहीर धदारण करतदा हहै। तब प्रचसद्ध और जिब शरहीर सदे
पकथकम् हमोतदा हहै तब अप्रचसद्ध रहतदा हहै ऐसदा कथन हमोवदे उस कमो चतगुथर्थ भङ कहतदे हमैं। जिहीव हहै परन्तगु कहनदे यमोग्य नहह
जिमो ऐसदा कथन हहै उसकमो पञ्चम भङ कहतदे हमैं। जिहीव प्रत्यक प्रमदाण सदे कहनदे ममें नहह आतदा इसचलए चकगु प्रत्यक नहह
हहै ऐसदा व्यवहदार हहै उस कमो छठदा भङ कहतदे हमैं। एक कदाल ममें जिहीव कदा अनगुमदान सदे हमोनदा और अदृश्यपन ममें न हमोनदा
और एक सदा न रहनदा चकन्तगु कण-कण ममें पररणदाम कमो प्रदाप्त हमोनदा अचस्त नदाचस्त न हमोवदे और नदाचस्त अचस्त
व्यवहदार भही न हमोवदे यह सदातवदासं भङ कहदातदा हहै। इसही प्रकदार चनत्यत्व सप्तभसंगही और अचनत्यत्व सप्तभङही तथदा
सदामदान्य धमर्थ, चवशदेष धमर्थ गगुण और पयदार्थययों ककी प्रत्यदेक वस्तगु ममें सप्तभङही हमोतही हहै। वहैसदे द्रव्य, गगुण, स्वभदाव और
पयदार्थययों कदे अनन्त हमोनदे सदे सप्तभङही भही अनन्त हमोतही हहै। ऐसदा बचौद्ध तथदा जिहैचनययों कदा स्यदाद्विदाद और सप्तभङही न्यदाय
कहदातदा हहै।
(समहीकक) यह कथन एक अन्यमोऽन्यदाभदाव ममें सदाधम्यर्थ और वहैधम्यर्थ ममें चररतदाथर्थ हमो सकतदा हहै। इस सरल
प्रकरण कमो छमोड़कर कचठन जिदाल रचनदा कदे वल अजदाचनययों कदे फसंसदानदे कदे चलयदे हमोतदा हहै। ददेखमो! जिहीव कदा अजिहीव ममें
और अजिहीव कदा जिहीव ममें अभदाव रहतदा हही हहै। जिहैसदे जिहीव और जिड़ कदे वत्तर्थमदान हमोनदे सदे सदाधम्यर्थ और चदेतन तथदा जिड़
हमोनदे सदे वहैधम्यर्थ अथदार्थतम् जिहीव ममें चदेतनत्व (अचस्त) हहै और जिड़त्व (नदाचस्त) नहह हहै। इसही प्रकदार जिड़ ममें जिड़त्व हहै

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और चदेतनत्व नहह हहै। इस सदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदे समदान धमर्थ और चवरुद्ध धमर्थ कदे चवचदार सदे सब इन कदा
सप्तभङही और स्यदाद्विदाद सहजितदा सदे समझ ममें आतदा हहै चफर इतनदा प्रपञ्च बढ़दानदा चकस कदाम कदा हहै ? इस ममें बचौद्ध
और जिहैनयों कदा एक मत हहै। थमोड़दा सदा हही पकथकम् -पकथकम् हमोनदे सदे चभन्न भदाव भही हमो जिदातदा हहै।
अब इस कदे आगदे कदे वल जिहैन मत चवषय ममें चलखदा जिदातदा हहै—
चचदचचदम् द्विदे परदे तत्त् व दे चववदेक स्तचद्विवदेच नमम्।
उपदाददेय मगुप दाददेय सं हदेय सं हदेय सं च कगु वर्थत मः॥1॥
हदेय सं चह कतकरर्थ दागदाचद तत्कदायर्थम चववदेच कनमः।
उपदाददेय सं परसं ज्यमोचतरुपयमोगहैक लकणमम्॥ 2॥
जिहैन लमोग ‘चचतम्’ और ‘अचचतम्’ अथदार्थतम् चदेतन और जिड़ दमो हही परतत्त्व मदानतदे हमैं। उन दमोनयों कदे चवचदेचन
कदा नदाम चववदेक, जिमो-जिमो ग्रहण कदे यमोग्य हहै उस-उस कदा ग्रहण और जिमो-जिमो त्यदाग करनदे यमोग्य हहै उस-उस कदा
त्यदाग करनदे वदालदे कमो चववदेककी कहतदे हमैं॥1॥
जिगतम् कदा कत्तदार्थ और रदागदाचद तथदा ईश्वर नदे जिगतम् चकयदा हहै इस अचववदेककी मत कदा त्यदाग और यमोग सदे
लचकत परमज्यमोचतस्वरूप जिमो जिहीव हहै उस कदा ग्रहण करनदा उत्तम हहै॥2॥
अथदार्थतम् जिहीव कदे चवनदा दस
भू रदा चदेतन तत्त्व ईश्वर कमो नहह मदानतदे। कमोई भही अनदाचद चसद्ध ईश्वर नहह; ऐसदा
बचौद्ध जिहैन लमोग मदानतदे हमैं।
इस ममें रदाजिदा चशवप्रसदाद जिही ‘इचतहदासचतचमरनदाशक’ ग्रन्थ ममें चलखतदे हमैं चक इन कदे दमो नदाम हमैं; एक जिहैन
और दस भू रदा बचौद्ध। यदे पयदायर्थवदाचही शब्द हमैं परन्तगु बचौद्धयों ममें वदाममदागर्त्ती मद-मदासंसदाहदारही बचौद्ध हमैं उन कदे सदाथ जिहैचनययों कदा
चवरमोध हहै परन्तगु जिमो महदावहीर और गचौतम गणधर हमैं उनकदा नदाम बचौद्धयों नदे बगुद्ध रक्खदा हहै और जिहैचनययों नदे गणधर और
चजिनवर। इस ममें चजिन ककी परम्परदा जिहैनमत हहै उन रदाजिदा चशवप्रसदाद जिही नदे अपनदे ‘इचतहदासचतचमरनदाशक’ ग्रन्थ कदे
तहीसरदे खण्ड ममें चलखदा हहै चक “स्वदामही शङरदाचदायर्थ सदे पहलदे चजिन कमो हह ए कगु ल हजिदार वषर्थ कदे लगभग गगुजिरदे हमैं। सदारदे
भदारतवषर्थ ममें बचौद्ध अथवदा जिहैनमत फहै लदा हह आ थदा।”
इस पर नमोट—“------बचौद्ध कहनदे सदे हमदारदा आशय उस मत सदे हहै जिमो महदावहीर कदे गणधर गचौतम स्वदामही
कदे समय तक वदेद चवरुद्ध सदारदे भदारतवषर्थ ममें फहै लदा रहदा और चजिस कमो अशमोक और सम्प्रचत महदारदाजि नदे मदानदा। जिहैन
उस सदे बदाहर चकसही तरह नहह चनकल सकतदे। -------चजिन, चजिस सदे जिहैन चनकलदा और बगुद्ध, चजिस सदे बचौद्ध

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चनकलदा दमोनयों पयदार्थय शब्द हमैं। कमोश ममें दमोनयों कदा अथर्थ एक हही चलखदा हहै और गचौतम कमो दमोनयों मदानतदे हमैं। वरनम् दहीपवसंश
इत्यदाचद पगुरदानदे बचौद्ध ग्रन्थयों ममें शदाक्यमगुचन गचौतम बगुद्ध कमो अक्सर महदावहीर हही कदे नदाम सदे चलखदा हहै। बस उन कदे समय
ममें एक हही उन कदा मत रहदा हमोगदा। हम नदे जिमो जिहैन न चलख कर गचौतम कदे मत वदालयों कमो बचौद्ध चलखदा उस कदा
प्रयमोजिन कदे वल इतनदा हही हहै चक दस भू रदे ददेश वदालयों नदे बचौद्ध हही कदे नदाम सदे चलखदा हहै---।” ऐसदा हही अमरकमोश ममें भही
चलखदा हहै—
सवर्थज मः सगुग तमो बगुद्ध मो धमर्थर दाजिस्तथदागतमः।
समन्तभद्रमो भगवदान्मदारचजिलमोकचजिचज्जनमः॥1॥
षडचभजमो दशबलमोऽद्वियवदादही चवनदायकमः।
मगुन हीन्द्रमः श्रहीघनमः शदास्तदा मगुच नमः शदाक्यमगुच नस्तगु यमः॥2॥
स शदाक्यचससंह मः सवदार्थथ र्थमः चसद्धश्शचौद्धमोदचनश्च समः।
गचौतमश्चदाकर्थ बन्धगुश् च मदायदाददेव हीसगुत श्च समः॥3॥
—अमरकमोश कदासं॰ 1। वगर्थ 1। श्लमोक 8 सदे 10 तक॥
अब ददेखमो! बगुद्ध, चजिन और बचौद्ध तथदा जिहैन एक कदे नदाम हमैं वदा नहह? क्यदा ‘अमरचससंह’ भही बगुद्ध चजिन कदे
एक चलखनदे ममें भभूल गयदा हहै? जिमो अचवद्विदानम् जिहैन हमैं वदे तमो न अपनदा जिदानतदे और न दस भू रदे कदा; कदे वल हठमदात्र सदे
बड़दार्थयदा करतदे हमैं परन्तगु जिमो जिहैनयों ममें चवद्विदानम् हमैं वदे सब जिदानतदे हमैं चक ‘बगुद्ध’ और ‘चजिन’ तथदा ‘बचौद्ध’ और ‘जिहैन’
पयदार्थयवदाचही हमैं, इस ममें कगु छ सन्ददेह नहह।
जिहैन लमोग कहतदे हहै चक जिहीव हही परमदेश्वर हमो जिदातदा हहै वदे जिमो अपनदे तहीथर्थङरयों हही कमो कदे वलही मगुचक्त प्रदाप्त और
परमदेश्वर मदानतदे हमैं, अनदाचद परमदेश्वर कमोई नहह। सवर्थज, वहीतरदाग, अहर्थनम्, कदे वलही, तहीथर्थककत, चजिन यदे छमः
नदाचस्तकयों कदे ददेवतदाओसं कदे नदाम हमैं। आचदददेव कदा स्वरूप चन्द्रसभूरर नदे ‘आप्तचनश्चयदालङदार’ ग्रन्थ ममें चलखदा हहै—
सवर्थज मो वहीतरदागदाचददमोषसहैल मोक्यपभूच जितमः।
यथदाचस्थतदाथर्थव दादही च ददेव मोऽहर्थन म् परमदेश् वरमः॥1॥
वहैसदे हही ‘तचौतदाचततयों’ नदे भही चलखदा हहै चक—
सवर्थज मो दृश्यतदे तदावन्नदेद दानहीमस्मददाचदचभमः।
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दृष्टमो न चहैक ददेश मोऽचस्त चलङसं वदा यमोऽनगुम दापयदेत म्॥ 2॥


न चदागमचवचधमः कचश्चचन्नत्यसवर्थज बमोधकमः।
न च तत्रदाथर्थव दाददानदासं तदात्पयर्थम चप कल्पतदे॥ 3॥
न चदान्यदाथर्थप्र धदानहैस् तहैस् तदचस्तत्वसं चवधहीयतदे।
न चदानगुव दाचदतगुसं शक्यमः पभूव मर्थ न्यहैर बमोचधतमः॥4॥
जिमो रदागदाचद दमोषयों सदे रचहत, त्रहैलमोक्य ममें पभूजिनहीय, यथदावतम् पददाथर्यों कदा वक्तदा, सवर्थज अहर्थनम् ददेव हहै वहही
परमदेश्वर हहै॥1॥
चजिसचलयदे हम इस समय परमदेश्वर कमो नहह ददेखतदे इसचलयदे कमोई सवर्थज अनदाचद परमदेश्वर प्रत्यक नहह। जिब
ईश्वर ममें प्रत्यक प्रमदाण नहह तमो अनगुमदान भही नहह घट सकतदा क्ययोंचक एकददेश प्रत्यक कदे चवनदा अनगुमदान नहह हमो
सकतदा॥2॥
जिब प्रत्यक, अनगुमदान नहह तमो आगम अथदार्थतम् चनत्य अनदाचद सवर्थज परमदात्मदा कदा बमोधक शब्दप्रमदाण भही
नहह हमो सकतदा। जिब तहीनयों प्रमदाण नहह तमो अथर्थवदाद अथदार्थतम् स्तगुचत, चनन्ददा, परकक चत अथदार्थतम् परदायदे चररत्र कदा वणर्थन
और पगुरदाकल्प अथदार्थतम् इचतहदास कदा तदात्पयर्थ भही नहह घट सकतदा॥3॥
और अन्यदाथर्थप्रधदान अथदार्थतम् बहह रहीचह समदास कदे तगुल्य परमोक परमदात्मदा ककी चसचद्ध कदा चवधदान भही नहह हमो
सकतदा। पगुनमः ईश्वर कदे उपददेष्टदाओसं सदे सगुनदे चवनदा अनगुवदाद भही कहै सदे हमो सकतदा हहै?॥4॥
(इसकदा प्रत्यदाख्यदान अथदार्थत म् खण्डन)—जिमो अनदाचद ईश्वर न हमोतदा तमो ‘अहर्थनम्’ ददेव कदे मदातदा, चपतदा
आचद कदे शरहीर कदा सदासंचदा कचौन बनदातदा? चवनदा ससंयमोगकत्तदार्थ कदे यथदायमोग्य सवदार्थऽवयवसम्पन्न, यथमोचचत कदायर्थ करनदे
ममें उपयगुक्त शरहीर बन हही नहह सकतदा। और चजिन पददाथर्यों सदे शरहीर बनदा हहै। उन कदे जिड़ हमोनदे सदे स्वयमम् इस प्रकदार
ककी उत्तम रचनदा सदे यगुक्त शरहीर रूप नहह बन सकतदे क्ययोंचक उन ममें यथदायमोग्य बननदे कदा जदान हही नहह। और जिमो
रदागदाचद दमोषयों सदे सचहत हमोकर पश्चदातम् दमोष रचहत हमोतदा हहै वह ईश्वर कभही नहह हमो सकतदा क्ययोंचक चजिस चनचमत्त सदे
वह रदागदाचद सदे मगुक्त हमोतदा हहै वह मगुचक्त उस चनचमत्त कदे छभूटनदे सदे उस कदा कदायर्थ मगुचक्त भही अचनत्य हमोगही।
जिमो अल्प और अल्पज हहै वह सवर्थव्यदापक और सवर्थज कभही नहह हमो सकतदा क्ययोंचक जिहीव कदा स्वरूप
एकददेशही और पररचमत गगुण, कमर्थ, स्वभदाव वदालदा हमोतदा हहै वह सब चवददाओसं ममें सब प्रकदार यथदाथर्थवक्तदा नहह हमो
सकतदा, इसचलयदे तगुम्हदारदे तहीथर्थङर परमदेश्वर कभही नहह हमो सकतदे॥1॥

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क्यदा तगुम जिमो प्रत्यक पददाथर्थ हमैं उन्हह कमो मदानतदे हमो; अप्रत्यक कमो नहह? जिहैस दे कदान सदे रूप
और चकगु सदे शब्द कदा ग्रहण नहह हमो सकतदा वहैस दे अनदाचद परमदात्मदा कमो ददेख नदे कदा सदाधन
शगुद्ध दान्तमःकरण, चवददा और यमोगदाभ्यदास सदे पचवत्रदात्मदा, परमदात्मदा कमो प्रत्यक ददेख तदा हहै। जिहैस दे चवनदा पढ़दे
चवददा कदे प्रयमोजिनयों ककी प्रदाचप्त नहह हमोतही वहैस दे हही यमोगदाभ्यदास और चवजदान कदे चवनदा परमदात्मदा भही नहह
दहीख पड़तदा।जिहैस दे भभूच म कदे रूपदाचद गगुण हही कमो ददेख जिदान कदे गगुण यों सदे अव्यवचहत सम्बन्ध सदे पकच थवही
प्रत्यक हमोतही हहै वहैस दे इस सकच ष्ट ममें परमदात्मदा कदे रचनदा चवशदेष चलङ ददेख कदे परमदात्मदा प्रत्यक हमोतदा हहै।
और जिमो पदापदाचरणदेच् छदा समय ममें भय, शसंक दा, लज्जदा उत्पन्न हमोतही हहै वह अन्तयदार्थम ही परमदात्मदा ककी ओर
सदे हहै। इस सदे भही परमदात्मदा प्रत्यक हमोतदा हहै। अनगुम दान कदे हमोनदे ममें क्यदा सन्ददेह हमो सकतदा हहै॥ 2॥
और प्रत्यक तथदा अनगुमदान कदे हमोनदे सदे आगम प्रमदाण भही चनत्य, अनदाचद, सवर्थज ईश्वर कदा बमोधक हमोतदा हहै
इसचलए शब्दप्रमदाण भही ईश्वर ममें हहै। जिब तहीनयों प्रमदाणयों सदे ईश्वर कमो जिहीव जिदान सकतदा हहै तब अथर्थवदाद अथदार्थतम्
परमदेश्वर कदे गगुणयों ककी प्रशसंसदा करनदा भही यथदाथर्थ घटतदा हहै। क्ययोंचक जिमो चनत्य पददाथर्थ हमैं उन कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव
भही चनत्य हमोतदे हमैं। उन ककी प्रशसंसदा करनदे ममें कमोई भही प्रचतबन्धक नहह॥3॥
जिहैसदे मनगुष्ययों ममें कत्तदार्थ कदे चबनदा कमोई भही कदायर्थ नहह हमोतदा वहैसदे हही इस महत्कदायर्थ कदा कत्तदार्थ कदे चवनदा हमोनदा
सवर्थथदा असम्भव हहै। जिब ऐसदा हहै तमो ईश्वर कदे हमोनदे ममें मभूढ़ कमो भही सन्ददेह नहह हमो सकतदा। जिब परमदात्मदा कदे उपददेश
करनदे वदालयों सदे सगुनमेंगदे पश्चदातम् उस कदा अनगुवदाद करनदा भही सरल हहै॥4॥
—इससदे जिहैनयों कदे प्रत्यकदाचद प्रमदाणयों सदे ईश्वर कदा खण्डन करनदा आचद व्यवहदार अनगुचचत हहै।
(प्रश्न) अनदाददेर दागमस्यदाथर्वो न च सवर्थज आचदमदानम्।
कक चत्रमदेण त्वसत्यदेन स कथसं प्रचतपदादतदे॥ 1॥
अथ तद्विचनदेन हैव सवर्थज मोऽन्यहैमः प्रतहीयतदे।
प्रकल्प्यदेत कथसं चसचद्धरन्यमोऽन्यदाश्रययमोस्तयमोमः॥2॥
सवर्थज मोक्ततयदा वदाक्यसं सत्यसं तदेन तदचस्ततदा।
कथसं तदगुभ यसं चसध्यदेत म् चसद्धमभूल दान्तरदादृतदे॥ 3॥
बहीच ममें सवर्थज हह आ अनदाचद शदास कदा अथर्थ नहह हमो सकतदा क्ययोंचक चकए हह ए असत्य वचन सदे उस कदा
प्रचतपदादन चकस प्रकदार सदे हमो सकदे ?॥1॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः द्विदादशमः समगुल दासमः
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और जिमो परमदेश्वर हही कदे वचन सदे परमदेश्वर चसद्ध हमोतदा हहै तमो अनदाचद ईश्वर सदे अनदाचद शदास ककी चसचद्ध;
अनदाचद शदास सदे अनदाचद ईश्वर ककी चसचद्ध; अन्यमोऽन्यदाश्रय दमोष आतदा हहै॥2॥
क्ययोंचक सवर्थज कदे कथन सदे वह वदेदवदाक्य सत्य और उसही वदेदवचन सदे ईश्वर ककी चसचद्ध करतदे हमो यह कहै सदे
चसद्ध हमो सकतदा हहै? उस शदास और परमदेश्वर ककी चसचद्ध कदे चलयदे तहीसरदा कमोई प्रमदाण चदाचहयदे। जिमो ऐसदा मदानमोगदे तमो
अनवस्थदा दमोष आवदेगदा॥3॥
(उत्तर) हम लमोग परमदेश्वर और परमदेश्वर कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कमो अनदाचद मदानतदे हमैं। अनदाचद चनत्य
पददाथर्यों ममें अन्यमोऽन्यदाश्रय दमोष नहह आ सकतदा जिहैसदे कदायर्थ सदे कदारण कदा जदान और कदारण सदे कदायर्थ कदा बमोध हमोतदा
हहै। कदायर्थ ममें कदारण कदा स्वभदाव और कदारण ममें कदायर्थ कदा स्वभदाव चनत्य हहै वहैसदे परमदेश्वर और परमदेश्वर कदे अनन्त
चवददाचद गगुण चनत्य हमोनदे सदे ईश्वरप्रणहीत वदेद ममें अनवस्थदा दमोष नहह आतदा॥ 1। 2। 3॥
और तगुम तहीथर्वंकरयों कमो परमदेश्वर मदानतदे हमो यह कभही नहह घट सकतदा क्ययोंचक चवनदा मदातदा, चपतदा कदे उन
कदा शरहीर हही नहह हमोतदा तमो वदे तपश्चयदार्थ, जदान और मगुचक्त कमो कहै सदे पदा सकतदे हमैं? वहैसदे हही ससंयमोग कदा आचद अवश्य
हमोतदा हहै क्ययोंचक चवनदा चवयमोग कदे ससंयमोग हमो हही नहह सकतदा इसचलयदे अनदाचद सकचष्टकत्तदार्थ परमदात्मदा कमो मदानमो।
ददेखमो! चदाहदे चकतनदा हही कमोई चसद्ध हमो तमो भही शरहीर आचद ककी रचनदा कमो पभूणर्थतदा सदे नहह जिदान सकतदा। जिब
चसद्ध जिहीव सगुषगुचप्त दशदा ममें जिदातदा हहै तब उस कमो कगु छ भही भदान नहह रहतदा। जिब जिहीव दमःगु ख कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै तब उस
कदा जदान भही न्यभून हमो जिदातदा हहै। ऐसदे पररचच्छन्न सदामथ्यर्थ वदालदे एकददेश ममें रहनदे वदालदे कमो ईश्वर मदाननदा चवनदा
भ्रदाचन्तबगुचद्धयगुक्त जिहैचनययों सदे अन्य कमोई भही नहह मदान सकतदा। जिमो तगुम कहमो चक वदे तहीथर्थङर अपनदे मदातदा, चपतदाओसं सदे
हह ए तमो वदे चकन सदे और उनकदे मदातदा चपतदा चकन सदे ? चफर उन कदे भही मदातदा, चपतदा चकन सदे उत्पन्न हह ए? इत्यदाचद
अनवस्थदा आवदेगही।
आचस्तक और नदाचस्तक कदा ससंव दाद
इस कदे आगदे प्रकरणरत्नदाकर कदे दस भू रदे भदाग आचस्तक, नदाचस्तक कदे ससंवदाद कदे प्रश्नमोत्तर यहदासं चलखतदे हमैं।
चजिस कमो बड़दे-बड़दे जिहैचनययों नदे अपनही सम्मचत कदे सदाथ मदानदा और मगुम्बई ममें छपवदायदा हहै।
(नदाचस्तक) ईश्वर ककी इच्छदा सदे कगु छ नहह हमोतदा जिमो कगु छ हमोतदा हहै वह कमर्थ सदे।
(आचस्तक) जिमो सब कमर्थ सदे हमोतदा हहै तमो कमर्थ चकस सदे हमोतदा हहै? जिमो कहमो चक जिहीव आचद सदे हमोतदा हहै तमो
चजिन श्रमोत्रदाचद सदाधनयों सदे कमर्थ जिहीव करतदा हहै वदे चकन सदे हह ए? जिमो कहमो चक अनदाचदकदाल और स्वभदाव सदे हमोतदे हमैं तमो
अनदाचद कदा छभूटनदा असम्भव हमोकर तगुम्हदारदे मत ममें मगुचक्त कदा अभदाव हमोगदा। जिमो कहमो चक प्रदागभदाववतम् अनदाचद सदान्त हमैं
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तमो चवनदा यत्न कदे सब कमर्थ चनवकत्त हमो जिदायमेंगदे। यचद ईश्वर फलप्रददातदा न हमो तमो पदाप कदे फल दमःगु ख कमो जिहीव अपनही
इच्छदा सदे कभही नहह भमोगदेगदा। जिहैसदे चमोर आचद चमोरही कदा फल दण्ड अपनही इच्छदा सदे नहह भमोगतदे चकन्तगु रदाज्यव्यवस्थदा
सदे भमोगतदे हमैं वहैसदे हही परमदेश्वर कदे भगुगदानदे सदे जिहीव पदाप और पगुण्य कदे फलयों कमो भमोगतदे हमैं अन्यथदा कमर्थसङर हमो जिदायमेंगदे
अन्य कदे कमर्थ अन्य कमो भमोगनदे पड़मेंगदे।
(नदाचस्तक) ईश्वर अचक्रय हहै क्ययोंचक जिमो कमर्थ करतदा हमोतदा तमो कमर्थ कदा फल भही भमोगनदा पड़तदा। इसचलयदे
जिहैसदे हम कदे वलही प्रदाप्त मगुक्तयों कमो अचक्रय मदानतदे हमैं वहैसदे तगुम भही मदानमो।
(आचस्तक) ईश्वर अचक्रय नहह चकन्तगु सचक्रय हहै। जिब चदेतन हहै तमो कत्तदार्थ क्ययों नहह? और जिमो कत्तदार्थ हहै
तमो वह चक्रयदा सदे पकथकम् कभही नहह हमो सकतदा। जिहैसदा तगुम्हदारदा कक चत्रम बनदावट कदा ईश्वर तहीथर्थङर कमो जिहीव सदे बनदे हह ए
मदानतदे हमो इस प्रकदार कदे ईश्वर कमो कमोई भही चवद्विदानम् नहह मदान सकतदा। क्ययोंचक जिमो चनचमत्त सदे ईश्वर बनदे तमो अचनत्य
और परदाधहीन हमो जिदाय क्ययोंचक ईश्वर बनदे कदे प्रथम जिहीव थदा पश्चदातम् चकसही चनचमत्त सदे ईश्वर बनदा तमो चफर भही जिहीव
हमो जिदायदेगदा। अपनदे जिहीवत्व स्वभदाव कमो कभही नहह छमोड़ सकतदा क्ययोंचक अनन्तकदाल सदे जिहीव हहै और अनन्तकदाल
तक रहदेगदा। इसचलए इस अनदाचद स्वतमःचसद्ध ईश्वर कमो मदाननदा यमोग्य हहै।
ददेखमो! जिहैसदे वत्तर्थमदान समय ममें जिहीव पदाप पगुण्य करतदा, सगुख दमःगु ख भमोगतदा हहै वहैसदे ईश्वर कभही नहह हमोतदा।
जिमो ईश्वर चक्रयदावदानम् न हमोतदा तमो इस जिगतम् कमो कहै सदे बनदा सकतदा? जिमो कमर्यों कमो प्रदागभदाववतम् अनदाचद सदान्त मदानतदे
हमो तमो कमर्थ समवदाय सम्बन्ध सदे नहह रहदेगदा। जिमो समवदाय सम्बन्ध सदे नहह वह ससंयमोगजि हमोकदे अचनत्य हमोतदा हहै। जिमो
मगुचक्त ममें चक्रयदा हही न मदानतदे हमो तमो वदे मगुक्त जिहीव जदान वदालदे हमोतदे हमैं वदा नहह? जिमो कहमो हमोतदे हमैं तमो अन्तमःचक्रयदा वदालदे
हह ए। क्यदा मगुचक्त ममें पदाषदाणवतम् जिड़ हमो जिदातदे; एक चठकदानदे पड़दे रहतदे और कगु छ भही चदेष्टदा नहह करतदे तमो मगुचक्त क्यदा हह ई
चकन्तगु अन्धकदार और बन्धन ममें पड़ गयदे।
(नदाचस्तक) ईश्वर व्यदापक नहह हहै जिमो व्यदापक हमोतदा तमो सब वस्तगु चदेतन क्ययों नहह हमोतही? और ब्रदाह्मण,
कचत्रय, वहैश्य, शभूद्र आचद ककी उत्तम, मध्यम, चनकक ष्ट अवस्थदा क्ययों हह ई? क्ययोंचक सब ममें ईश्वर एक सदा व्यदाप्त हहै
तमो छगु टदाई-बड़दाई न हमोनही चदाचहयदे।
(आचस्तक) व्यदाप्य और व्यदापक एक नहह हमोतदे चकन्तगु व्यदाप्य एकददेशही और व्यदापक सवर्थददेशही हमोतदा हहै।
जिहैसदे आकदाश सब ममें व्यदापक हहै और भभूगमोल और घटपटदाचद सब व्यदाप्य एकददेशही हमैं। जिहैसदे पकचथवही आकदाश एक नहह
वहैसदे ईश्वर और जिगतम् एक नहह। जिहैस दे सब घट पटदाचद ममें आकदाश व्यदापक हहै और घटपटदाचद आकदाश नहह ,
वहैस दे परमदेश् वर चदेत न सब ममें हहै ओहैर सब चदेत न नहह हमोतदा। जिहैस दे आकदाश सब ममें बरदाबर हहै पकथ् वही आचद
कदे अवयव बरदाबर नहह वहैस दे परमदेश् वर कदे बरदाबर कमोई नहह। जिहैसदे चवद्विदानम्, अचवद्विदानम् और धमदार्थत्मदा,
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अधमदार्थत्मदा बरदाबर नहह हमोतदे वहैसदे चवददाचद सदणगु और सत्यभदाषणदाचद कमर्थ सगुशहीलतदाचद स्वभदाव कदे न्यभूनदाचधक हमोनदे
सदे ब्रदाह्मण, कचत्रय, वहैश्य, शभूद्र और अन्त्यजि बड़दे छमोटदे मदानदे जिदातदे हमैं। वणर्यों ककी व्यदाख्यदा जिहैसही ‘चतगुथर्थसमगुलदास’ ममें
चलख आयदे हमैं वहदाह ददेख लमो।
(नदाचस्तक) ईश्वर नदे जिगतम् कदा अचधपचतत्व और जिगतम् रूप ऐश्वयर्थ चकस कदारण स्वहीकदार चकयदा?
(आचस्तक) ईश्वर नदे कभही अचधपचतत्व न छमोड़दा थदा; न ग्रहण चकयदा हहै चकन्तगु अचधपचतत्व और जिगतम्
रूप ऐश्वयर्थ ईश्वर हही ममें हहै। न कभही उस सदे अलग हमो सकतदा हहै तमो ग्रहण क्यदा करदेगदा? क्ययोंचक अप्रदाप्त कदा ग्रहण
हमोतदा हहै। व्यदाप्य सदे व्यदापक और व्यदापक सदे व्यदाप्य पकथकम् कभही नहह हमो सकतदा इसचलयदे सदहैव स्वदाचमत्व और
अनन्त ऐश्वयर्थ अनदाचद कदाल सदे ईश्वर ममें हहै। इस कदा ग्रहण और त्यदाग जिहीवयों ममें घट सकतदा हहै; ईश्वर ममें नहह।
(नदाचस्तक) जिमो ईश्वर ककी रचनदा सदे सकचष्ट हमोतही तमो मदातदा, चपतदाचद कदा क्यदा कदाम?
(आचस्तक) ऐश्वरही सकचष्ट कदा ईश्वर कत्तदार्थ हहै; जिहैवही सकचष्ट कदा नहह। जिमो जिहीवयों कदे कत्तर्थव्य कमर्थ हमैं उन कमो
ईश्वर नहह करतदा चकन्तगु जिहीव हही करतदा हहै। जिहैसदे वकक , फल, ओषचध, अन्नदाचद ईश्वर नदे उत्पन्न चकयदा हहै। उस कमो
लदेकर मनगुष्य न पहीसमें, न कभू टमें, न रमोटही आचद पददाथर्थ बनदावमें और न खदावमें तमो क्यदा ईश्वर उस कदे बदलदे इन कदामयों
कमो कभही करदेगदा? और जिमो न करमें तमो जिहीव कदा जिहीवन भही न हमो सकदे । इसचलए आचद सकचष्ट ममें जिहीव कदे शरहीरयों और
सदासंचयों कमो बनदानदा ईश्वरदाधहीन; पश्चदातम् उन सदे पगुत्रदाचद ककी उत्पचत्त करनदा जिहीव कदा कत्तर्थव्य कदाम हहै।
(नदाचस्तक) जिब परमदात्मदा शदाश्वत, अनदाचद, चचददानन्द, जदानस्वरूप हहै तमो जिगतम् कदे प्रपञ्च और दमःगु ख
ममें क्ययों पड़दा? आनन्द छमोड़ दमःगु ख कदा ग्रहण ऐसदा कदाम कमोई सदाधदारण मनगुष्य भही नहह करतदा; ईश्वर नदे ऐसदा क्ययों
चकयदा?
(आचस्तक) परमदात्मदा चकसही प्रपञ्च और दमःगु ख ममें नहह चगरतदा, न अपनदे आनन्द कमो छमोड़तदा हहै क्ययोंचक
प्रपञ्च और दमःगु ख ममें चगरनदा जिमो एकददेशही हमो उस कदा हमो सकतदा हहै ; सवर्थददेशही कदा नहह। जिमो अनदाचद, चचददानन्द,
जदानस्वरूप परमदात्मदा जिगतम् कमो न बनदावदे तमो अन्य कचौन बनदा सकदे ? जिगतम् बनदानदे कदा जिहीव ममें सदामथ्यर्थ नहह और
जिड़ ममें स्वयसं बननदे कदा भही सदामथ्यर्थ नहह। इससदे यह चसद्ध हह आ चक परमदात्मदा हही जिगतम् कमो बनदातदा और सददा
आनन्द ममें रहतदा हहै। जिहैसदे परमदात्मदा परमदाणओ
गु सं सदे सकचष्ट करतदा हहै वहैसदे मदातदा चपतदारूप चनचमत्तकदारण सदे भही उत्पचत्त
कदा प्रबन्ध चनयम उसही नदे चकयदा हहै।
(नदाचस्तक) ईश्वर मगुचक्तरूप सगुख कमो छमोड़ जिगतम् कदा सकचष्टकरण धदारण और प्रलय करनदे कदे बखदेड़दे ममें
क्ययों पड़दा?

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(आचस्तक) ईश्वर सददा मगुक्त हमोनदे सदे तगुम्हदारदे सदाधनयों सदे चसद्ध हह ए तहीथर्थङरयों कदे समदान एकददेश ममें रहनदे
हदारदे बन्धपभूवर्थक मगुचक्त सदे यगुक्त, सनदातन परमदात्मदा नहह हहै। जिमो अनन्तस्वरूप गगुण, कमर्थ, स्वभदावयगुक्त परमदात्मदा हहै
वह इस चकचञ्चत्मदात्र जिगतम् कमो बनदातदा, धरतदा और प्रलय करतदा हह आ भही बन्ध ममें नहह पड़तदा क्ययोंचक बन्ध और
ममोक सदापदेकतदा सदे हहै। जिहैसदे मगुचक्त ककी अपदेकदा सदे बन्ध और बन्ध ककी अपदेकदा सदे मगुचक्त हमोतही हहै। जिमो कभही बद्ध नहह थदा
वह मगुक्त क्ययोंकर कहदा जिदा सकतदा हहै? और जिमो एकददेशही जिहीव हमैं वदे हही बद्ध और मगुक्त सददा हह आ करतदे हमैं। अनन्त,
सवर्थददेशही, सवर्थव्यदापक ईश्वर बन्धन वदा नहैचमचत्तक मगुचक्त कदे चक्र ममें जिहैसदे चक तगुम्हदारदे तहीथर्थङर हमैं ; कभही नहह पड़तदा।
इसचलयदे वह परमदात्मदा सदहैव मगुक्त कहदातदा हहै।
(नदाचस्तक) जिहीव कमर्यों कदे फल ऐसदे हही भमोग सकतदे हमैं जिहैसदे भदासंग पहीनदे कदे मद कमो स्वयमदेव भमोगतदा हहै। इस
ममें ईश्वर कदा कदाम नहह।
(आचस्तक) जिहैसदे चवनदा रदाजिदा कदे डदाकभू, लम्पट, चमोरदाचद दष्टगु मनगुष्य स्वयसं फदासंसही वदा कदारदागकह ममें नहह
जिदातदे; न वदे जिदानदा चदाहतदे हमैं चकन्तगु रदाजि ककी न्यदायव्यवस्थदानगुसदार बलदात्कदार सदे पकड़दाकर यथमोचचत रदाजिदा दण्ड ददेतदा
हहै। इसही प्रकदार जिहीव कमो भही ईश्वर न्यदायव्यवस्थदा सदे स्व-स्व कमदार्थनगुसदार यथदायमोग्य दण्ड ददेतदा हहै। क्ययोंचक कमोई भही
जिहीव अपनदे दष्टगु कमर्यों कदे फल भमोगनदा नहह चदाहतदा इसचलयदे अवश्य परमदात्मदा न्यदायदाधहीश हमोनदा चदाचहयदे।
(नदाचस्तक) जिगतम् ममें एक ईश्वर नहह चकन्तगु चजितनदे मगुक्त जिहीव हमैं वदे सब ईश्वर हमैं।
(आचस्तक) यह कथन सवर्थथदा व्यथर्थ हहै क्ययोंचक जिमो प्रथम बद्ध हमोकर मगुक्त हमो तमो पगुनमः बन्ध ममें अवश्य
पड़दे क्ययोंचक वदे स्वदाभदाचवक सदहैव मगुक्त नहह। जिहैसदे तगुम्हदारदे चचौबहीस तहीथर्थङर पहलदे बद्ध थदे पगुनमः मगुक्त हह ए चफर भही बन्ध
ममें अवश्य चगरमेंगदे औदेर जिब बहह त सदे ईश्वर हमैं तमो जिहैसदे जिहीव अनदेक हमोनदे सदे लड़तदे चभड़तदे चफरतदे हमैं वहैसदे ईश्वर भही
लड़दा चभड़दा करमेंगदे।
(नदाचस्तक) हदे मभूढ़! जिगतम् कदा कत्तदार्थ कमोई नहह चकन्तगु जिगतम् स्वयसंचसद्ध हहै।
(आचस्तक) यह जिहैचनययों ककी चकतनही बड़ही भभूल हहै! भलदा चवनदा कत्तदार्थ कदे कमोई कमर्थ, कमर्थ कदे चवनदा कमोई
कदायर्थ जिगतम् ममें हमोतदा दहीखतदा हहै! यह ऐसही बदात हहै चक जिहैसदे गदेहहसं कदे खदेत ममें स्वयसंचसद्ध चपसदान, रमोटही बन वदे जिहैचनययों
कदे पदेट ममें चलही जिदातही हमो। कपदास, सभूत, कपड़दा, अग्खदार्थ, दपगु टदा, धमोतही, पगड़ही आचद बनकदे कभही नहह आतदे। जिब
ऐसदा नहह तमो ईश्वर कत्तदार्थ कदे चवनदा यह चवचवध जिगतम् और नदानदा प्रकदार ककी रचनदा चवशदेष कहै सदे बन सकतही? जिमो
हठधमर्थ सदे स्वयसंचसद्ध जिगतम् कमो मदानमो तमो स्वयसंचसद्ध उपरमोक्त वसदाचदकयों कमो कत्तदार्थ कदे चवनदा प्रत्यक कर चदखलदाओ।
जिब ऐसदा चसद्ध नहह कर सकतदे पगुनमः तगुम्हदारदे प्रमदाणशभून्य कथन कमो कचौन बगुचद्धमदानम् मदान सकतदा हहै?

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(नदाचस्तक) ईश्वर चवरक्त हहै वदा ममोचहत? जिमो चवरक्त हहै तमो जिगतम् कदे प्रपञ्च ममें क्ययों पड़दा? जिमो ममोचहत हहै
तमो जिगतम् कदे बनदानदे कमो समथर्थ नहह हमो सकदे गदा।
(आचस्तक) परमदेश्वर ममें वहैरदाग्य वदा ममोह कभही नहह घट सकतदा क्ययोंचक जिमो सवर्थव्यदापक हहै वह चकस कमो
छमोड़दे औदेर चकस कमो ग्रहण करदे। ईश्वर सदे उत्तम वदा उस कमो अप्रदाप्त कमोई पददाथर्थ नहह हहै इसचलयदे चकसही ममें ममोह भही
नहह हमोतदा। वहैरदाग्य और ममोह कदा हमोनदा जिहीव ममें घटतदा हहै; ईश्वर ममें नहह।
(नदाचस्तक) जिमो ईश्वर कमो जिगतम् कदा कत्तदार्थ और जिहीवयों कदे कमर्यों कदे फलयों कदा ददातदा मदानमोगदे तमो ईश्वर
प्रपञ्चही हमोकर दमःगु खही हमो जिदायदेगदा।
(आचस्तक) भलदा! अनदेकचवध कमर्यों कदा कत्तदार्थ और प्रदाचणययों कमो फलयों कदा ददातदा धदाचमर्थक न्यदायदाधहीश
चवद्विदानम् कमर्यों ममें नहह फसंसतदा न प्रपञ्चही हमोतदा हहै तमो परमदेश्वर अनन्त सदामथ्यर्थ वदालदा प्रपञ्चही और द मःगु खही क्ययोंकर
हमोगदा? हदासं! तगुम अपनदे और अपनदे तहीथर्थङरयों कदे समदान परमदेश्वर कमो भही अपनदे अजदान सदे समझतदे हमो समो तगुम्हदारही
अचवददा ककी लहीलदा हहै। जिमो अचवददाचद दमोषयों सदे छभू टनदा चदाहमो तमो वदेददाचद सत्यशदासयों कदा आश्रय लदेओ। क्ययों भ्रम ममें
पड़दे-पड़दे ठमोकर खदातदे हमो?
अब जिहैन लमोग जिगतम् कमो जिहैसदा मदानतदे हमैं वहैसदा इन कदे सभूत्रयों कदे अनगुसदार चदखलदातदे और ससंकदेपतमः मभूलदाथर्थ कदे
चकयदे पश्चदातम् सत्य झभूठ ककी समहीकदा करकदे चदखलदातदे हमैं—
मभूल — सदाचम अणदाइ अणन्तदे, चउगइ ससंस दारघमोरकदान्तदारदे।
ममोहदाइ कम्मगगुरु चठइ, चववदाग वसउ भमइ जिहीवमो॥
—प्रकरणरत्नदाकर भदाग दस
भू रदा (2)। पष्टहीशतक 60। सभूत्र 2॥
यह प्रकरणरत्नदाकर नदामक ग्रन्थ कदे सम्यकम् त्वप्रकदाश प्रकरण ममें गचौतम और महदावहीर कदा ससंवदाद हहै। इस
कदा ससंकदेप सदे उपयमोगही यह अथर्थ हहै चक यह ससंसदार अनदाचद अनन्त हहै। न कभही इस ककी उत्पचत्त हहई न कभही चवनदाश
हमोतदा हहै अथदार्थतम् चकसही कदा बनदायदा जिगतम् नहह। समो हही आचस्तक नदाचस्तक कदे ससंवदाद ममें—हदे मभूढ़ ! जिगतम् कदा कत्तदार्थ
कमोई नहह; न कभही बनदा और न कभही नदाश हमोतदा।
(समहीकक) जिमो ससंयमोग सदे उत्पन्न हमोतदा हहै वह अनदाचद और अनन्त कभही नहह हमो सकतदा। और उत्पचत्त
तथदा चवनदाश हह ए चवनदा कमर्थ नहह रहतदा। जिगतम् ममें चजितनदे पददाथर्थ उत्पन्न हमोतदे हमैं वदे सब ससंयमोगजि उत्पचत्त चवनदाश वदालदे
ददेखदे जिदातदे हमैं। पगुनमः जिगतम् उत्पन्न और चवनदाश वदालदा क्ययों नहह? इसचलयदे तगुम्हदारदे तहीथर्थङरयों कमो सम्यग्बमोध नहह थदा।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः द्विदादशमः समगुल दासमः
819

जिमो उन कमो सम्यग्जदान हमोतदा तमो ऐसही असम्भव बदातमें क्ययों चलखतदे? जिहैसदे तगुम्हदारदे गगुरु हमैं वहैसदे तगुम चशष्य भही हमो।
तगुम्हदारही बदातमें सगुननदे वदालयों कमो पददाथर्थजदान कभही नहह हमो सकतदा।
भलदा! जिमो प्रत्यक ससंयक्त गु पददाथर्थ दहीखतदा हहै उस ककी उत्पचत्त और चवनदाश क्ययोंकर नहह मदानतदे ? अथदार्थतम्
इनकदे आचदायर्थ वदा जिहैचनययों कमो भभूगमोल खगमोल चवददा भही नहह आतही थही और न अब यह चवददा इन ममें हहै। नहह तमो
चनम्नचलचखत ऐसही असम्भव बदातमें क्ययोंकर मदानतदे और कहतदे?
ददेखमो! इस सकचष्ट ममें पकचथवहीकदाय अथदार्थतम् पकचथवही भही जिहीव कदा शरहीर हहै और जिलकदायदाचद जिहीव भही मदानतदे हमैं।
इस कमो कमोई भही नहह मदान सकतदा। और भही ददेखमो इन ककी चमथ्यदा बदातमें। चजिन तहीथर्थङरयों कमो जिहैन लमोग सम्यग्जदानही
और परमदेश्वर मदानतदे हमैं उन ककी चमथ्यदा बदातयों कदे यदे नमभूनदे हमैं। (रत्नसदारभदाग) कदे पकष्ठि 145। इस ग्रन्थ कमो जिहैन
लमोग मदानतदे हमैं और यह (ईसवही सनम् 1879 अप्रहैल तदा॰ 28 ममें) बनदारस जिहैनप्रभदाकर प्रदेस ममें नदानकचन्द
जितही नदे छपवदा कर प्रचसद्ध चकयदा हहै। उस कदे पभूवर्वोक्त पकष्ठि ममें कदाल ककी इस प्रकदार व्यदाख्यदा ककी हहै—
अथदार्थतम् समय कदा नदाम सभूक्ष्म कदाल हहै और अससंख्यदात समययों कमो ‘आवचल’ कहतदे हमैं। एक क्रमोड़, ससर्थठ
लदाख, सत्तर सहस्र दमो सचौ समोलह आवचलययों कदा एक मगुहहत्तर्थ हमोतदा हहै। वहैसदे तहीस मगुहहत्तर्यों कदा एक चदवस; वहैसदे पन्द्रह
चदवसयों कदा एक पक; वहैसदे दमो पकयों कदा एक मदास; वहैसदे बदारह महहीनयों कदा एक वषर्थ हमोतदा हहै। वहैसदे सत्तर लदाख क्रमोड़ ,
छप्पन सहस्र क्रमोड़ वषर्यों कदा एक पभूवर्थ हमोतदा हहै। ऐसदे अससंख्यदात पभूवर्यों कदा एक ‘पल्यमोपम’ कदाल कहतदे हमैं।
अससंख् यदात इस कमो कहतदे हमैं चक एक चदार कमोश कदा चचौरस और उतनदा हही गचहरदा कगु आ खमोद कर उस कमो
जिगुगचलयदे मनगुष्य कदे शरहीर कदे चनम्नचलचखत बदालयों कदे टगु कड़यों सदे भरनदा अथदार्थतम् वत्तर्थमदान मनगुष्य कदे बदाल सदे जिगुगगुचलयदे
मनगुष्ययों कदा बदाल चदार हजिदार छदानवमें भदाग सभूक्ष्म हमोतदा हहै। जिब जिगुगगुचलयदे मनगुष्ययों कदे चदार सहस्र छदानवमें बदालयों कमो
इकटदा करमें तमो इस समय कदे मनगुष्ययों कदा एक बदाल हमोतदा हहै। ऐसदे जिगुगगुचलयदे मनगुष्य कदे एक बदाल कदे एक असंगगुल भदाग कदे
सदात वदार आठ-आठ टगु कड़दे करनदे सदे 2097152 अथदार्थतम् बहीस लदाख, सत्तदानवमें सहस्र, एक सचौ बदावन
टगु कड़दे हमोतदे हमैं। ऐसदे टगु कड़यों सदे पभूवर्वोक्त कगु आ कमो भरनदा, उस ममें सदे सचौ वषर्थ कदे अन्तरदे एक-एक टगु कड़दा चनकदालनदा।
जिब सब टगु कड़दे चनकल जिदावमें और कगु आ खदालही हमो जिदाय तमो भही वह ससंख् यदात कदाल हहै।
और जिब उन ममें सदे एक-एक टगु कड़दे कदे अससंख्यदात टगु कड़दे करकदे उन टगु कड़यों सदे उसही कगु ए कमो ऐसदा ठस
भरनदा चक उस कदे ऊपर सदे चक्रवत्तर्त्ती रदाजिदा ककी सदेनदा चलही जिदाय तमो भही न दबदे। उन टगु कड़यों ममें सदे सचौ वषर्थ कदे अन्तरदे
एक टगु कड़दा चनकदालदे। जिब वह कगु आ रहीतदा हमो जिदाय तब उस ममें अससंख्यदात पभूवर्थ पड़में तब एक-एक पल्यमोपम कदाल
हमोतदा हहै। वह पल्यमोपम कदाल कगु आ कदे दृष्टदान्त सदे जिदाननदा।

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जिब ‘दश क्रमोड़दानम् क्रमोड़ पल्यमोपम कदाल बहीतमें तब एक ‘सदागरमोपम’ कदाल हमोतदा हहै। जिब दश क्रमोड़दानम् क्रमोड़
सदागरमोपम कदाल बहीत जिदाय तब एक ‘उत्सचप्पर्थण ही’ कदाल हमोतदा हहै। और जिब एक उत्सचप्पर्थणही और एक
अवसचप्पर्थणही कदाल बहीत जिदाय तब एक ‘कदालचक्र’ हमोतदा हहै। जिब अनन्त कदालचक्र बहीत जिदावमें तब एक
‘पगुद लपरदावत्तर्थ’ हमोतदा हहै।
अब अनन्तकदाल चकस कमो कहतदे हमैं? जिमो चसद्धदान्त पगुस्तकयों ममें नव दृष्टदान्तयों सदे कदाल ककी ससंख्यदा ककी हहै
उस सदे उपरदान्त ‘अनन्तकदाल’ कहदातदा हहै। वहैसदे अनन्त पगुदलपरदावत्तर्थ कदाल जिहीव कमो भ्रमतदे हह ए बहीतदे हमैं; इत्यदाचद।
(समहीकक) सगुनमो भदाई! गचणतचवददावदालदे लमोगमो! जिहैचनययों कदे ग्रन्थयों ककी कदालससंख्यदा कर सकमोगदे वदा
नहह? और तगुम इस कमो सच भही मदान सकमोगदे वदा नहह? ददेखमो! तहीथर्थङरयों नदे ऐसही गचणतचवददा पढ़ही थही। ऐसदे-ऐसदे
तमो इन कदे मत ममें गगुरु और चशष्य हमैं चजिन ककी अचवददा कदा कगु छ पदारदावदार नहह। और भही इन कदा अन्धदेर सगुनमो।
रत्नसदार भदाग 1 पक॰ 134 सदे लदेकदे जिमो कगु छ बभूटदाबमोल अथदार्थतम् जिहैचनययों कदे चसद्धदान्त ग्रन्थ जिमो चक उनकदे
तहीथर्थङर अथदार्थतम् ऋषभददेव सदे लदेकदे महदावहीर पयर्थन्त चचौबहीस हह ए हमैं, उन कदे वचनयों कदा सदारससंग्रह हहै ऐसदा रत्नसदारभदाग
पक॰ 148 ममें चलखदा हहै चक पकचथवहीकदाय कदे जिहीव मटही, पदाषदाणदाचद पकचथवही वदे भदेद जिदाननदा। उन ममें रहनदे वदालदे जिहीवयों
कदे शरहीर कदा पररमदाण एक असंगगुल कदा अससंख्यदातवदासं भदाग समझनदा अथदार्थतम् अतहीव सभूक्ष्म हमोतदे हमैं। उन कदा आयगुमदान
अथदार्थतम् वदे अचधक सदे अचधक 22 सहस्र वषर्थ पयर्थन्त जिहीतदे हमैं।
रत्न॰ पक॰ 149; वनस्पचत कदे एक शरहीर ममें अनन्त जिहीव हमोतदे हमैं। वदे सदाधदारण वनस्पचत कहदातही हमैं जिमो
चक कन्दमभूलप्रमगुख और अनन्तकदायप्रमगुख हमोतदे हमैं उन कमो सदाधदारण वनस्पचत कदे जिहीव कहनदे चदाचहयदे। उन कदा
आयगुमदान अनन्तमगुहहत्तर्थ हमोतदा हहै परन्तगु यहदासं पभूवर्वोक्त इन कदा मगुहहत्तर्थ समझनदा चदाचहए।
और एक शरहीर ममें जिमो एकदे चन्द्रय अथदार्थतम् स्पशर्थ इचन्द्रय इन ममें हहै और उस ममें एक जिहीव रहतदा हहै उस कमो
प्रत्यदेक वनस्पचत कहतदे हमैं। उस कदा ददेहमदान एक सहस्र यमोजिन अथदार्थतम् पगुरदाचणययों कदा यमोजिन 4 कमोश कदा परन्तगु
जिहैचनययों कदा यमोजिन 10000 दश सहस्र कमोशयों कदा हमोतदा हहै। ऐसदे चदार सहस्र कमोश कदा शरहीर हमोतदा हहै , उस कदा
आयगुमदान अचधक सदे अचधक दश सहस्र वषर्थ कदा हमोतदा हहै।
अब दमो इचन्द्रय वदालदे जिहीव अथदार्थतम् एक उन कदा शरहीर और एक मगुख जिमो शङ, कचौड़ही और जिभूसं आचद हमोतदे हमैं
उन कदा ददेहमदान अचधक सदे अचधक अड़तदालहीस कमोश कदा स्थभूल शरहीर हमोतदा हहै। और उन कदा आयगुमदान अचधक सदे
अचधक बदारह वषर्थ कदा हमोतदा हहै।

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(समहीकक) यहदासं बहह त हही भभूल गयदा क्ययोंचक इतनदे बड़दे शरहीर कदा आयगु अचधक चलखतदा और अड़तदालहीस
कमोश ककी स्थभूल जिभूसं जिहैचनययों कदे शरहीर ममें पड़तही हमोगही और उन्हह नदे ददेखही भही हमोगही। और कदा भदाग्य ऐसदा कहदासं जिमो
इतनही बड़ही जिभूसं कमो ददेखदे!!!
रत्नसदार भदाग 1 पक॰ 150; और ददेखमो इन कदा अन्धदाधगुन्ध! बहीछभू, बगदाई, कसदारही और मक्खही एक
यमोजिन कदे शरहीर वदालदे हमोतदे हमैं। इन कदा आयगुमदान अचधक सदे अचधक छमः महहीनदे कदा हहै।
(समहीकक) ददेखमो भदाई! चदार चदार कमोश कदा बहीछभू अन्य चकसही नदे ददेखदा न हमोगदा। जिमो आठ महील तक कदा
शरहीर वदालदा बहीछभू और मक्खही भही जिहैचनययों कदे मत ममें हमोतही हमैं। ऐसदे बहीछभू और मक्खही उन्हह कदे घर ममें रहतदे हयोंगदे और
उन्हह नदे ददेखदे हयोंगदे। अन्य चकसही नदे ससंसदार ममें नहह ददेखदे हयोंगदे। कभही ऐसदे बहीछभू चकसही जिहैनही कमो कदाटमें तमो उस कदा क्यदा
हमोतदा हमोगदा?
जिलचर मच्छही आचद कदे शरहीर कदा मदान एक सहस्र यमोजिन अथदार्थतम् 1000 कमोश कदे यमोजिन कदे चहसदाब
सदे 1,00,00,000 एक करमोड़ कमोश कदा शरहीर हमोतदा हहै और एक करमोड़ पभूवर्थ वषर्यों कदा इन कदा आयगु हमोतदा हहै।
वहैसदा स्थभूल जिलचर चसवदाय जिहैचनययों कदे अन्य चकसही नदे न ददेखदा हमोगदा। और चतगुष्पदातम् हदाथही आचद कदा ददेहमदान दमो
कमोश सदे नव कमोशपयर्थन्त और आयगुमदान चचौरदासही सहस्र वषर्यों कदा इत्यदाचद। ऐसदे बड़दे -बड़दे शरहीर वदालदे जिहीव भही जिहैनही
लमोगयों नदे ददेखदे हयोंगदे और मदानतदे हमैं और कमोई बगुचद्धमदानम् नहह मदान सकतदा।
(रत्नसदार भदा॰ 1 पक॰ 151) जिलचर गभर्थजि जिहीवयों कदा ददेहमदान उत्कक ष्ट एक सहस्र यमोजिन अथदार्थतम्
10000000 एक करमोड़ कमोशयों कदा और आयगुमदान एक करमोड़ पभूवर्थ वषर्यों कदा हमोतदा हहै।
(समहीकक) इतनदे बड़दे शरहीर और आयगु वदालदे जिहीवयों कमो भही इन्हह कदे आचदायर्यों नदे स्वप्न ममें ददेखदे हयोंगदे। क्यदा
यह महदाझभूठ बदात नहह चक चजिस कदा कददाचप सम्भव न हमो सकदे ?।
अब सगुच नयदे भभूच म कदे पररमदाण कमो। (रत्नसदार भदा॰ पक॰ 152); इस चतरछदे लमोक ममें अससंख्यदात द्विहीप
और अससंख्यदात समगुद्र हमैं। इन अससंख्यदात कदा प्रमदाण अथदार्थतम् जिमो अढ़दाई सदागरमोपम कदाल ममें चजितनदा समय हमो उतनदे
द्विहीप तथदा समगुद्र जिदाननदा। अब इस पकचथवही ममें एक ‘जिम्बभूद्विहीप’ प्रथम सब द्विहीपयों कदे बहीच ममें हहै। इस कदा प्रमदाण एक
लदाख यमोजिन अथदार्थतम् चदार लदाख कमोश कदा हहै और इस कदे चदारयों ओर लवण समगुद्र हहै। उस कदा प्रमदाण दमो लदाख
यमोजिन कमोश कदा हहै अथदार्थतम् आठ लदाख कमोश कदा। इस जिम्बभूद्विहीप कदे चदारयों ओर जिमो ‘धदातककीखण्ड’ नदाम द्विहीप हहै उस
कदा चदार लदाख यमोजिन अथदार्थतम् समोलह लदाख कमोश कदा प्रमदाण हहै। उस कदे पहीछदे ‘कदालमोदचध’ समगुद्र हहै उस कदा आठ
लदाख अथदार्थतम् बत्तहीस लदाख कमोश कदा प्रमदाण हहै। उस कदे पहीछदे ‘पगुष्करदावत्तर्थ’ द्विहीप हहै। उस कदा प्रमदाण समोलह लदाख

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यमोजिन कमोश कदा हहै। उस द्विहीप कदे भहीतर ककी कमोरमें हमैं। उस द्विहीप कदे आधदे ममें मनगुष्य बसतदे हमैं और उस कदे उपरदान्त
अससंख्यदात द्विहीप समगुद्र हमैं। उनममें चतयर्थगम् यमोचन कदे जिहीव रहतदे हमैं।
(रत्नसदार भदा॰ 1 पक॰ 153)—जिम्बभूद्विहीप ममें एक चहमवन्त, एक ऐरण्यवन्त, एक हररवषर्थ, एक
रम्यवम्, एक दहैवकगु रु, एक उत्तरकगु रु यदे छमः कदेत्र हमैं।
(समहीकक) सगुनमो भदाई! भभूगमोलचवददा कदे जिदाननदे वदालदे लमोगमो! भभूगमोल कदे पररमदाण करनदे ममें तगुम भभूलदे वदा
जिहैन? जिमो जिहैन भभूल गयदे हयों तमो तगुम उन कमो समझदाओ और जिमो तगुम भभूलदे हमो तमो उन सदे समझ लदेओ। थमोड़दा सदा
चवचदार कर ददेखमो तमो यहही चनश्चय हमोतदा हहै चक जिहैचनययों कदे आचदायर्थ और चशष्ययों नदे भभूगमोल खगमोल और गचणतचवददा
कगु छ भही नहह पढ़ही थही। जिमो पढ़दे हमोतदे तमो महदा असम्भव गपमोड़दा क्ययों मदारतदे?
भलदा ऐसदे अचवद्विदानम् पगुरुष जिगतम् कमो अकतकर्थक और ईश्वर कमो न मदानमें तमो इस ममें क्यदा आश्चयर्थ हहै ? इसचलयदे
जिहैनही लमोग अपनदे पगुस्तकयों कमो चकन्हह चवद्विदानम् अन्य मतस्थयों कमो नहह ददेतदे। क्ययोंचक चजिन कमो यदे लमोग प्रदामदाचणक
तहीथर्थङरयों कदे बनदायदे हह ए चसद्धदान्त ग्रन्थ मदानतदे हमैं, उन ममें इसही प्रकदार ककी अचवददायक्त
गु बदातमें भरही पड़ही हमैं इसचलयदे
नहह ददेखनदे ददेतदे। जिमो ददेवमें तमो पमोल खगुल जिदाय। इन कदे चवनदा जिमो कमोई मनगुष्य कगु छ भही बगुचद्ध रखतदा हमोगदा वह कददाचप
इस गपमोड़दाध्यदाय कमो सत्य नहह मदान सकदे गदा। यह सब प्रपञ्च जिहैचनययों नदे जिगतम् कमो अनदाचद मदाननदे कदे चलयदे खड़दा
चकयदा हहै परन्तगु यह चनरदा झभूठ हहै।
हदासं! जिगतम् कदा कदारण अनदाचद हहै क्ययोंचक वदे परमदाण गु आचद तत्त्वस्वरूप अकतकर्थक हमैं परन्तगु उन ममें
चनयमपभूवर्थक बननदे वदा चबगड़नदे कदा सदामथ्यर्थ कगु छ भही नहह। क्ययोंचक जिब एक परमदाणगु द्रव्य चकसही कदा नदाम हहै और
स्वभदाव सदे पकथकम् -पकथकम् रूप और जिड़ हमैं वदे अपनदे आप यथदायमोग्य नहह बन सकतदे , इसचलयदे इन कदा बनदानदे वदालदा
चदेतन अवश्य हहै और वह बनदानदे वदालदा जदानस्वरूप हहै।
ददेखमो! पकचथवही सभूयदार्थचद सब लमोकयों कमो चनयम ममें रखनदा अनन्त, अनदाचद, चदेतन परमदात्मदा कदा कदाम हहै।
चजिन ममें ससंयमोग रचनदा चवशदेष दहीखतदा हहै वह स्थभूल जिगतम् अनदाचद कभही नहह हमो सकतदा। जिमो कदायर्थ जिगतम् कमो चनत्य
मदानमोगदे तमो उस कदा कदारण कमोई न हमोगदा चकन्तगु वहही कदायर्थकदारणरूप हमो जिदायगदा। जिमो ऐसदा कहमोगदे तमो अपनदा कदायर्थ
और कदारण आप हही हमोनदे सदे अन्यमोन्यदाश्रय और आत्मदाश्रय दमोष आवदेगदा। जिहैसदे अपनदे कन्धदे पर आप चढ़नदा और
अपनदा चपतदा पगुत्र आप नहह हमो सकतदा। इसचलयदे जिगतम् कदा कत्तदार्थ अवश्य हही मदाननदा हहै।
(प्रश्न) जिमो ईश्वर कमो जिगतम् कदा कत्तदार्थ मदानतदे हमो तमो ईश्वर कदा कत्तदार्थ कचौन हहै?

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(उत्तर) कत्तदार्थ कदा कत्तदार्थ और कदारण कदा कदारण कमोई भही नहह हमो सकतदा क्ययोंचक प्रथम कत्तदार्थ और
कदारण कदे हमोनदे सदे हही कदायर्थ हमोतदा हहै। चजिस ममें ससंयमोग चवयमोग नहह हमोतदा जिमो प्रथम ससंयमोग चवयमोग कदा कदारण हहै उस कदा
कत्तदार्थ वदा कदारण चकसही प्रकदार नहह हमो सकतदा। इस ककी चवशदेष व्यदाख्यदा आठवमें समगुलदास ममें सकचष्ट ककी व्यदाख्यदा ममें
चलखही हहै; ददेख लदेनदा।
इन जिहैन लमोगयों कमो स्थभूल बदात कदा भही यथदावतम् जदान नहह तमो परम सभूक्ष्म सकचष्टचवददा कदा बमोध कहै सदे हमो
सकतदा हहै? इसचलयदे जिमो जिहैनही लमोग सकचष्ट कमो अनदाचद, अनन्त मदानतदे और द्रव्यपयदार्थययों कमो भही अनदाचद अनन्त
मदानतदे हमैं और प्रचतगगुण, प्रचतददेश ममें पयदार्थययों और प्रचतवस्तगु ममें भही अनन्त पयदार्थय कमो मदानतदे हमैं ; यह प्रकरणरत्नदाकर
कदे प्रथम भदाग ममें चलखदा हहै; यह भही बदात कभही नहह घट सकतही। क्ययोंचक चजिन कदा अन्त अथदार्थतम् मयदार्थददा हमोतही हहै उन
कदे सब सम्बन्धही अन्तवदालदे हही हमोतदे हमैं। यचद अनन्त कमो अससंख्य कहतदे तमो भही नहह घट सकतदा चकन्तगु जिहीवदापदेकदा ममें
यह बदात घट सकतही हहै; परमदेश्वर कदे सदामनदे नहह। क्ययोंचक एक-एक द्रव्य ममें अपनदे-अपनदे एक-एक कदायर्थकदारण
सदामथ्यर्थ कमो अचवभदाग पयदार्थययों सदे अनन्त सदामथ्यर्थ मदाननदा कदे वल अचवददा ककी बदात हहै। जिब एक परमदाणगु द्रव्य ककी
सहीमदा हहै तमो उस ममें अनन्त चवभदागरूप पयदार्थय कहै सदे रह सकतदे हमैं ? ऐसदे हही एक-एक द्रव्य ममें अनन्त गगुण और एक
गगुण प्रददेश ममें अचवभदागरूप अनन्त पयदार्थययों कमो भही अनन्त मदाननदा कदे वल बदालकपन ककी बदात हहै। क्ययोंचक चजिस कदे
अचधकरण कदा अन्त हहै तमो उस ममें रहनदे वदालयों कदा अन्त क्ययों नहह? ऐसही हही लम्बही चचौड़ही चमथ्यदा बदातमें चलखही हमैं—
अब जिहीव और अजिहीव इन दमो पददाथर्यों कदे चवषय ममें जिहैचनययों कदा चनश्चय ऐसदा हहै—
चदेत नदालकणमो जिहीवमः स्यदादजिहीवस्तदन्यकमः।
सत्कमर्थप दगु लःमः पगुण् यसं पदापसं तस्य चवपयर्थय मः॥
—यह चजिनदत्तसभूरर कदा वचन हहै।
और यहही प्रकरणरत्नदाकर भदाग पहलदे ममें नयचक्रसदार ममें भही चलखदा हहै चक चदेतनदालकण जिहीव और
चदेतनदारचहत अजिहीव अथदार्थतम् जिड़ हहै। सत्कमर्थरूप पगुदल पगुण्य और पदापकमर्थरूप पगुदल पदाप कहदातदे हमैं।
(समहीकक) जिहीव और जिड़ कदा लकण तमो ठहीक हहै परन्तगु जिमो जिड़रूप पगुदल हमैं वदे पदापपगुण्ययगुक्त कभही नहह
हमो सकतदे, क्ययोंचक पदाप पगुण्य करनदे कदा स्वभदाव चदेतन ममें हमोतदा हहै। ददेखमो! यदे चजितनदे जिड़ पददाथर्थ हमैं—वदे सब पदाप,
पगुण्य सदे रचहत हमैं। जिमो जिहीवयों कमो अनदाचद मदानतदे हमैं यह तमो ठहीक हहै परन्तगु उसही अल्प और अल्पज जिहीव कमो मगुचक्त
दशदा ममें सवर्थज मदाननदा झभूठ हहै। क्ययोंचक जिमो अल्प और अल्पज हहै उस कदा सदामथ्यर्थ भही सवर्थददा ससहीम रहदेगदा।

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जिहैनही लमोग जिगतम् जिहीव, जिहीव कदे कमर्थ और बन्ध अनदाचद मदानतदे हमैं। यहदासं भही जिहैचनययों कदे तहीथर्थङर भभूल गयदे हमैं
गु जिगतम् कदा कदायर्थकदारण, प्रवदाह सदे कदायर्थ, और जिहीव कदे कमर्थ, बन्ध भही अनदाचद नहह हमो सकतदे। जिब
क्ययोंचक ससंयक्त
ऐसदा मदानतदे हमो तमो कमर्थ और बन्ध कदा छभू टनदा क्ययों मदानतदे हमो? क्ययोंचक जिमो अनदाचद पददाथर्थ हहै वह कभही नहह छभू ट
सकतदा। जिमो अनदाचद कदा भही नदाश मदानमोगदे तमो तगुम्हदारदे सब अनदाचद पददाथर्यों कदे नदाश कदा प्रससंग हमोगदा। और जिब अनदाचद
कमो चनत्य मदानमोगदे तमो कमर्थ और बन्ध भही चनत्य हमोगदा। और जिब सब कमर्यों कदे छभूटनदे सदे मगुचक्त मदानतदे हमो तमो सब कमर्यों
कदा छभूटनदारूप मगुचक्त कदा चनचमत्त हह आ तब नहैचमचत्तककी मगुचक्त हमोगही जिमो सददा नहह रह सकदे गही और कमर्थ कतदार्थ कदा चनत्य
सम्बन्ध हमोनदे सदे कमर्थ भही कभही न छभू टमेंगदे। पगुनमः जिब तगुम नदे अपनही मगुचक्त और तहीथर्थङरयों ककी मगुचक्त चनत्य मदानही हहै समो
नहह बन सकदे गही।
(प्रश्न) जिहैसदे धदान्य कदा चछलकदा उतदारनदे वदा अचग्नि कदे ससंयमोग हमोनदे सदे वह बहीजि पगुनमः नहह उगतदा इसही
प्रकदार मगुचक्त ममें गयदा हह आ जिहीव पगुनमः जिन्ममरणरूप ससंसदार ममें नहह आतदा।
(उत्तर) जिहीव और कमर्थ कदा सम्बन्ध चछलकदे और बहीजि कदे समदान नहह हहै चकन्तगु इन कदा समवदाय सम्बन्ध
हहै। इस सदे अनदाचद कदाल सदे जिहीव और उस ममें कमर्थ और कतकर्थत्वशचक्त कदा सम्बन्ध हहै। जिमो उस ममें कमर्थ करनदे ककी
शचक्त कदा भही अभदाव मदानमोगदे तमो सब जिहीव पदाषदाणवतम् हमो जिदायमेंगदे और मगुचक्त कमो भमोगनदे कदा हही सदामथ्यर्थ नहह रहदेगदा।
जिहैसदे अनदाचद कदाल कदा कमर्थ-बन्धन छभूट कर जिहीव मगुक्त हमोतदा हहै तमो तगुम्हदारही चनत्य मगुचक्त सदे भही छभू ट कर बन्धन ममें
पड़देगदा। क्ययोंचक जिहैसदे कमर्थरूप मगुचक्त कदे सदाधनयों सदे भही छभूट कर जिहीव कदा मगुक्त हमोनदा मदानतदे हमो वहैसदे हही चनत्य मगुचक्त सदे
भही छभूट कदे बन्धन ममें पड़देगदा। सदाधनयों सदे चसद्ध हह आ पददाथर्थ चनत्य कभही नहह हमो सकतदा और जिमो सदाधन चसद्ध कदे
चबनदा मगुचक्त मदानमोगदे तमो कमर्यों कदे चबनदा हही बन्ध प्रदाप्त हमो सकदे गदा। जिहैसदे वसयों ममें महैल लगतदा और धमोनदे सदे छभू ट जिदातदा हहै
पगुनमः महैल लग जिदातदा हहै वहैसदे चमथ्यदात्वदाचद हदेतगुओसं सदे रदाग, द्विदेषदाचद कदे आश्रय सदे जिहीव कमो कमर्थरूप मल लगतदा हहै और
जिमो सम्यग्जदान दशर्थन चदाररत्र सदे चनमर्थल हमोतदा हहै। और मल लगनदे कदे कदारणयों सदे मलयों कदा लगनदा मदानतदे हमो तमो मगुक्त
जिहीव ससंसदारही और ससंसदारही जिहीव कदा मगुक्त हमोनदा अवश्य मदाननदा पड़देगदा। क्ययोंचक जिहैसदे चनचमत्तयों सदे मचलनतदा छभू टतही हहै
वहैसदे चनचमत्तयों सदे मचलनतदा लग भही जिदायदेगही। इसचलयदे जिहीव कमो बन्ध और मगुचक्त प्रवदाहरूप सदे अनदाचद मदानमो; अनदाचद
अनन्ततदा सदे नहह।
(प्रश्न) जिहीव चनमर्थल कभही नहह थदा चकन्तगु मलसचहत हहै।
(उत्तर) जिमो कभही चनमर्थल नहह थदा तमो चनमर्थल भही कभही नहह हमो सकदे गदा। जिहैसदे शगुद्ध वस ममें पहीछदे सदे लगदे हह ए
महैल कमो धमोनदे सदे छगु ड़दा ददेतदे हमैं। उस कदे स्वदाभदाचवक श्वदेत वणर्थ कमो नहह छगु ड़दा सकतदे। महैल चफर भही वस ममें लग जिदातदा
हहै। इसही प्रकदार मगुचक्त ममें भही लगदेगदा।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः द्विदादशमः समगुल दासमः
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(प्रश्न) जिहीव पभूवर्वोपदाचजिर्थत कमर्थ हही सदे स्वयसं शरहीर धदारण कर लदेतदा हहै। ईश्वर कदा मदाननदा व्यथर्थ हहै।
(उत्तर) जिमो कदे वल कमर्थ हही शरहीर धदारण ममें चनचमत्त हमो; ईश्वर कदारण न हमो तमो वह जिहीव बगुरदा जिन्म चक
जिहदासं बहह त दमःगु ख हमो उस कमो धदारण कभही न करदे चकन्तगु सददा अच्छदे -अच्छदे जिन्म धदारण चकयदा करदे। जिमो कहमो चक
कमर्थ प्रचतबन्धक हहै तमो भही जिहैसदे चमोर आप सदे आकदे बन्दहीगकह ममें नहह जिदातदा और स्वयसं फदासंसही भही नहह खदातदा चकन्तगु
रदाजिदा ददेतदा हहै। इसही प्रकदार जिहीव कमो शरहीर धदारण करदानदे और उस कदे कमदार्थनगुसदार फल ददेनदे वदालदे परमदेश्वर कमो तगुम
भही मदानमो।
(प्रश्न) मद (नशदा) कदे समदान कमर्थफल स्वयसं प्रदाप्त हमोतदा हहै। फल ददेनदे ममें दस भू रदे ककी आवश्यकतदा नहह।
(उत्तर) जिमो ऐसदा हमो तमो जिहैसदे मदपदान करनदे वदालयों कमो मद कम चढ़तदा; अनभ्यदासही कमो बहह त चढ़तदा हहै,
वहैसदे चनत्य बहह त पदाप, पगुण्य करनदे वदालयों कमो न्यभून और कभही-कभही थमोड़दा-थमोड़दा पदाप, पगुण्य करनदे वदालयों कमो
अचधक फल हमोनदा चदाचहए और छमोटदे कमर्थ वदालयों कमो अचधक फल हमोवदे।
(प्रश्न) चजिस कदा जिहैसदा स्वभदाव हमोतदा हहै उस कमो वहैसदा हही फल हह आ करतदा हहै।
(उत्तर) जिमो स्वभदाव सदे हहै तमो उस कदा छभूटनदा वदा चमलनदा नहह हमो सकतदा। हदासं! जिहैसदे शगुद्ध वस ममें चनचमत्तयों
सदे मल लगतदा हहै उस कदे छगु ड़दानदे कदे चनचमत्तयों सदे छभूट भही जिदातदा हहै; ऐसदा मदाननदा ठहीक हहै।
(प्रश्न) ससंयमोग कदे चवनदा कमर्थ पररणदाम कमो प्रदाप्त नहह हमोतदा। जिहैसदे दधभू और खटदाई कदे ससंयमोग कदे चवनदा दहही
नहह हमोतदा। इसही प्रकदार जिहीव और कमर्थ कदे यमोग सदे कमर्थ कदा पररणदाम हमोतदा हहै।
(उत्तर) जिहैसदे दधभू और खटदाई कमो चमलदानदे वदालदा तहीसरदा हमोतदा हहै वहैसदे हही जिहीवयों कमो कमर्यों कदे फल कदे सदाथ
चमलदानदे वदालदा तहीसरदा ईश्वर हमोनदा चदाचहयदे। क्ययोंचक जिड़ पददाथर्थ स्वयसं चनयम सदे ससंय क्त गु नहह हमोतदे और जिहीव भही
अल्पज हमोनदे सदे स्वयमम् अपनदे कमर्थफल कमो प्रदाप्त नहह हमो सकतदे। इस सदे यह चसद्ध हह आ चक चवनदा ईश्वरस्थदाचपत
सकचष्टक्रम कदे कमर्थफलव्यवस्थदा नहह हमो सकतही।
(प्रश्न) जिमो कमर्थ सदे मगुक्त हमोतदा हहै वहही ईश्वर कहदातदा हहै।
(उत्तर) जिब अनदाचद कदाल सदे जिहीव कदे सदाथ कमर्थ लगदे हमैं उन सदे जिहीव मगुक्त कभही नहह हमो सकमें गदे।
(प्रश्न) कमर्थ कदा बन्ध सदाचद हहै।
(उत्तर) जिमो सदाचद हहै तमो कमर्थ कदा यमोग अनदाचद नहह और ससंयमोग कदे आचद ममें जिहीव चनष्कमर्थ हमोगदा और जिमो
चनष्कमर्थ कमो कमर्थ लग गयदा तमो मगुक्तयों कमो भही लग जिदायगदा और कमर्थ कत्तदार्थ कदा समवदाय अथदार्थतम् चनत्य सम्बन्ध हमोतदा हहै
यह कभही नहह छभूटतदा, इसचलयदे जिहैसदा 9 वमें समगुलदास ममें चलख आयदे हमैं वहैसदा हही मदाननदा ठहीक हहै।
जिहीव चदाहहै जिहैसदा अपनदा जदान और सदामथ्यर्थ बढ़दावदे तमो भही उस ममें पररचमत जदान और ससहीम सदामथ्यर्थ रहदेगदा।
ईश्वर कदे समदान कभही नहह हमो सकतदा। हदासं! चजितनदा सदामथ्यर्थ बढ़नदा उचचत हहै उतनदा यमोग सदे बढ़दा सकतदा हहै।
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और जिहैचनययों ममें आहर्थत लमोग ददेह कदे पररमदाण सदे जिहीव कदा भही पररमदाण मदानतदे हमैं उन सदे पभूछनदा चदाचहयदे चक
जिमो ऐसदा हमो तमो हदाथही कदा जिहीव ककीड़ही ममें और ककीड़ही कदा जिहीव हदाथही ममें कहै सदे समदा सकदे गदा? यह भही एक मभूखर्थतदा ककी
बदात हहै। क्ययोंचक जिहीव एक सभूक्ष्म पददाथर्थ हहै जिमो चक एक परमदाण गु ममें भही रह सकतदा हहै परन्तगु उस ककी शचक्तयदासं शरहीर ममें
प्रदाण, चबजिगुलही और नदाड़ही आचद कदे सदाथ ससंयक्त गु हमो रहतही हमैं। उन सदे सब शरहीर कदा वत्तर्थमदान जिदानतदा हहै। अच्छदे ससंग
सदे अच्छदा और बगुरदे ससंग सदे बगुरदा हमो जिदातदा हहै। अब जिहैन लमोग धमर्थ इस प्रकदार कदा मदानतदे हमैं—
मभूल — रदे जिहीव भव द गुह दाइसं, इकसं चचय हरइ चजिणमयसं धम्मसं।
इयरदाणसं पणमसंत मो, सगुह कय्यदे मभूढ मगुच सओचस॥
—प्रकरणरत्नदाकर, भदाग 2। षष्टहीशतक 60। सभूत्रट 3॥
ससंक देप सदे अथर्थ— रदे जिहीव! एक हही चजिनमत श्रहीवहीतरदागभदाचषत धमर्थ ससंसदार सम्बन्धही जिन्म, जिरदा,
मरणदाचद दमःगु खयों कदा हरणकत्तदार्थ हहै। इसही प्रकदार सगुददेव और सगुगगुरु भही जिहैन मत वदालदे कमो जिदाननदा। इतर जिमो वहीतरदाग
ऋषभददेव सदे लदेकदे महदावहीर पयर्थन्त वहीतरदाग ददेवयों सदे चभन्न अन्य हरर, हर, ब्रह्मदाचद कगु ददेव हमैं उन ककी अपनदे
कल्यदाणदाथर्थ जिमो जिहीव पभूजिदा करतदे हमैं वदे सब मनगुष्य ठगदायदे गयदे हमैं।

इस कदा यह भदावदाथर्थ हहै चक जिहैनमत कदे सगुदवदे सगुगगुरु तथदा सगुधमर्थ कमो छमोड़ कदे अन्य कगु ददेव कगु गगुरु तथदा कगु धमर्थ
कमो सदेवन सदे कगु छ भही कल्यदाण नहह हमोतदा। 3॥

(समहीकक) अब चवद्विदानयों कमो चवचदारनदा चदाचहयदे चक कहै सदे चनन्ददायक्त


गु इन कदे धमर्थ कदे पगुस्तक हमैं।

मभूल — अररहसं ददेव मो सगुग रु


गु सगुद् धसं धम्मसं च पसंच नवकदारमो।
धन्नदाणसं कयच्छदाणसं, चनरन्तरसं वसइ चहययचम्म॥
—प्रक॰ भदा॰2। षष्टही॰ 60। सभूत्र॰ 1॥
जिमो अररहनम् ददेवदेन्द्रकक त पभूजिदाचदकन कदे यमोग्य दस भू रदा पददाथर्थ उत्तम कमोई नहह ऐसदा जिमो ददेवयों कदा ददेव
शमोभदायमदान अररहन्त ददेव जदान चक्रयदावदानम्, शदासयों कदा उपददेष्टदा, शगुद्ध कषदाय मलरचहत सम्यक्त्व चवनय दयदामभूल
श्रहीचजिनभदाचषत जिमो धमर्थ हहै वहही दगगु र्थचत ममें पड़नदे वदालदे प्रदाचणययों कदा उद्धदार करनदे वदालदा हहै और अन्य हररहरदाचद कदा धमर्थ
ससंसदार सदे उद्धदार करनदे वदालदा नहह। और पञ्च अररहन्तदाचदक परमदेष्ठिही तत्सम्बन्धही उन कमो नमस्कदार। यदे चदार पददाथर्थ
धन्य हमैं अथदार्थतम् श्रदेष्ठि हमैं अथदार्थतम् दयदा, कमदा, सम्यक्त्व, जदान, दशर्थन और चदाररत्र यह जिहैनयों कदा धमर्थ हहै॥1॥
(समहीकक) जिब मनगुष्यमदात्र पर दयदा नहह वह दयदा न कमदा। जदान कदे बदलदे अजदान दशर्थन अन्धदेर और
चदाररत्र कदे बदलदे भभूखदे मरनदा कचौनसही अच्छही बदात हहै?

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जिहैन मत कदे धमर्थ ककी प्रशसंस दा—


मभूल —
जिइ न कगु णचस तव चरणसं, न पढचस न गगुण चदे स ददेच स नमो ददाणमम्।
तदा इचत्तयसं न सचकचस, जिसं ददेव मो इक् क अररहन्तमो॥
—प्रकरण॰ भदा॰ 2। षष्टही 60। सभू॰ 2।
हदे मनगुष्य! जिमो तभू तप चदाररत्र नहह कर सकतदा, न सभूत्र पढ़ सकतदा, न प्रकरणदाचद कदा चवचदार कर सकतदा
और सगुपदात्रदाचद कमो ददान नहह ददे सकतदा तमो भही जिमो तभू ददेवतदा एक अररहन्त हही हमदारदे आरदाधनदा कदे यमोग्य सगुगगुरु सगुधमर्थ
जिहैन मत ममें श्रद्धदा रखनदा सवर्वोत्तम बदात और उद्धदार कदा कदारण हहै॥2॥
(समहीकक) यदचप दयदा और कमदा अच्छही वस्तगु हहै तथदाचप पकपदात ममें फसंसनदे सदे दयदा अदयदा और कमदा
अकमदा हमो जिदातही हहै। इस कदा प्रयमोजिन यह हहै चक चकसही कमो जिहीव कमो द मःगु ख न ददेनदा यह बदात सवर्थथदा सम्भव नहह हमो
सकतही क्ययोंचक दष्टगु यों कदे दण्ड ददेनदा भही दयदा ममें गणनहीय हहै। जिमो एक द ष्टगु कमो दण्ड न चदयदा जिदाय तमो सहस्रयों मनगुष्ययों
कमो दमःगु ख प्रदाप्त हमो, इसचलयदे वह दयदा अदयदा और कमदा अकमदा हमो जिदाय।
यह तमो ठहीक हहै चक सब प्रदाचणययों कदे दमःगु खनदाश और सगुख ककी प्रदाचप्त कदा उपदाय करनदा दयदा कहदातही हहै। कदे वल
जिल छदान कदे पहीनदा, कगुद्र जिन्तगुओसं कमो बचदानदा हही दयदा नहह कहदातही चकन्तगु इस प्रकदार ककी दयदा जिहैचनययों कदे कथनमदात्र
हही हहै क्ययोंचक वहैसदा वत्तर्थतदे नहह। क्यदा मनगुष्यदाचद पर चदाहमें चकसही मत ममें क्ययों न हमो दयदा करकदे उस कमो अन्नपदानदाचद सदे
सत्कदार करनदा और दस भू रदे मत कदे चवद्विदानयों कदा मदान्य और सदेवदा करनदा दयदा नहह हहै?
जिमो इन ककी सच्चिही दयदा हमोतही तमो ‘चववदेकसदार’ कदे पकष्ठि 221 ममें ददेखमो क्यदा चलखदा हहै। एक ‘परमतही ककी
स्तगुचत’ अथदार्थतम् उन कदा गगुणककीतर्थन कभही न करनदा। दस भू रदा ‘उनकमो नमस्कदार’ अथदार्थतम् वन्दनदा भही न करनही। तहीसरदा
‘आलपन’ अथदार्थतम् अन्य मत वदालयों कदे सदाथ थमोड़दा बमोलनदा। चचौथदा ‘ससंलपन’ अथदार्थतम् उन सदे बदार-बदार न बमोलनदा।
पदासंचवदासं ‘उन कमो अन्न वसचद ददान’ अथदार्थतम् उन कमो खदानदे पहीनदे ककी वस्तगु भही न ददेनही। छठदा ‘गन्धपगुष्पदाचद ददान’
अन्य मत ककी प्रचतमदा पभूजिन कदे चलए गन्धपगुष्पदाचद भही न ददेनदा। यदे छमः यतनदा अथदार्थतम् इन छमः प्रकदार कदे कमर्यों कमो जिहैन
लमोग कभही न करमें।
(समहीकक) अब बगुचद्धमदानयों कमो चवचदारनदा चदाचहए चक इन जिहैनही लमोगयों ककी अन्य मत वदालदे मनगुष्ययों पर
चकतनही अदयदा, कगु दृचष्ट और द्विदेष हहै। जिब अन्य मतस्थ मनगुष्ययों पर इतनही अदयदा हहै तमो चफर जिहैचनययों कमो दयदाहहीन
कहनदा सम्भव हहै क्ययोंचक अपनदे घर वदालयों हही ककी सदेवदा करनदा चवशदेष धमर्थ नहह कहदातदा। उन कदे मत कदे मनगुष्य उन कदे

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घर कदे समदान हमैं। इसचलए उन ककी सदेवदा करतदे; अन्य मतस्थयों ककी नहह; चफर उन कमो दयदावदानम् कचौन बगुचद्धमदानम् कह
सकतदा हहै?
चववदेक॰ पकष्ठि 108 ममें चलखदा हहै चक मथगुरदा कदे रदाजिदा कदे नमगुचही नदामक दहीवदान कमो जिहैनयचतययों नदे अपनदा
चवरमोधही समझ कर मदार डदालदा और आलमोयणदा करकदे शगुद्ध हमो गयदे।
(समहीकक) क्यदा यह भही दयदा और कमदा कदा नदाशक कमर्थ नहह हहै ? जिब अन्य मत वदालयों पर प्रदाण लदेनदे
पयर्थन्त वहैरबगुचद्ध रखतदे हमैं तमो इन कमो दयदालगु कदे स्थदान पर चहसंसक कहनदा हही सदाथर्थक हहै।
अब सम्यकम् त्व दशर्थनदाचद कदे लकण आहर्थत प्रवचनससंग्रह परमदागम सदार ममें कचथत हमैं। सम्यकम् श्रद्धदान,
सम्यकम् दशर्थन, जदान और चदाररत्र यदे चदार ममोक मदागर्थ कदे सदाधन हमैं। इन ककी व्यदाख्यदा यमोगददेव नदे ककी हहै। चजिस रूप सदे
जिहीवदाचद द्रव्य अवचस्थत हमैं उसही रूप सदे चजिनप्रचतपदाचदत ग्रन्थदानगुसदार चवपरहीत अचभचनवदेशदाचदरचहत जिमो श्रद्धदा अथदार्थतम्
चजिनमत ममें प्रहीचत हहै समो ‘सम्यकम् श्रद्धदान’ और ‘सम्यकम् दशर्थन हहै’।
रुचचचजिर्थन मोक्ततत्त् व षदे गु सम्यकम् श्रद्धदानमगुच् यतदे।
चजिनमोक्त तत्त्वयों ममें सम्यकम् श्रद्धदा करनही चदाचहए अथदार्थतम् अन्यत्र कहह नहह।
यथदावचस्थततत्त् व दानदासं ससंक देप दाचद्विस्तरदेण वदा।
यमोऽवबमोधस्तमत्रदाहह मः सम्यग्जदानसं मनहीचषणमः॥
चजिस प्रकदार कदे जिहीवदाचद तत्त्व हमैं उन कदा ससंकदेप वदा चवस्तदार सदे जिमो बमोध हमोतदा हहै उसही कमो ‘सम्यकम् जदान’
बगुचद्धमदानम् कहतदे हमैं।
सवर्थथ दाऽनवदयमोगदानदासं त्यदागश्चदाररत्रमगुच् यतदे।
ककीचत्तर्थत सं तदचहसंस दाचदरतभदेद देन पञ्चधदा।
अचहसंस दासभून तक दास्तदेय ब्रह्मचयदार्थप ररग्रहदामः॥
सब प्रकदार सदे चनन्दनहीय अन्य मत सम्बन्ध कदा त्यदाग चदाररत्र कहदातदा हहै और अचहसंसदाचद भदेद सदे पदासंच प्रकदार
कदा रत हहै। एक (अचहसंसदा) चकसही प्रदाचणमदात्र कदा न मदारनदा। दस
भू रदा (सभूनकतदा) चप्रय वदाणही बमोलनदा। तहीसरदा (अस्तदेय)
चमोरही न करनदा। चचौथदा (ब्रह्मचयर्थ) उपस्थ इचन्द्रय कदा ससंयमन। और पदासंचवदासं (अपररग्रह) सब वस्तगुओसं कदा त्यदाग
करनदा।

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इन ममें बहह त सही बदातमें अच्छही हमैं अथदार्थतम् अचहसंसदा और चमोरही आचद चनन्दनहीय कमर्यों कदा त्यदाग अच्छही बदात हहै
परन्तगु यदे सब अन्य मत ककी चनन्ददा करनही आचद दमोषयों सदे सब अच्छही बदातमें भही दमोषयगुक्त हमो गई हमैं। जिहैसदे प्रथम सभूत्र ममें
चलखही हहै—‘अन्य हररहरदाचद कदा धमर्थ ससंसदार ममें उद्धदार करनदे वदालदा नहह। क्यदा यह छमोटही चनन्ददा हहै चक चजिन कदे ग्रन्थ
ददेखनदे सदे हही पभूणर्थ चवददा और धदाचमर्थकतदा पदाई जिदातही हहै उन कमो बगुरदा कहनदा? और अपनदे महदा असम्भव जिहैसदा चक पभूवर्थ
चलख आयदे वहैसही बदातयों कदे कहनदे वदालदे अपनदे तहीथर्थङरयों ककी स्तगुचत करनदा? कदे वल हठ ककी बदातमें हमैं। भलदा जिमो जिहैनही
कगु छ चदाररत्र न कर सकदे , न पढ़ सकदे , न ददान ददेनदे कदा सदामथ्यर्थ हमो तमो भही जिहैन मत सच्चिदा हहै क्यदा इतनदा कहनदे हही सदे
वह उत्तम हमो जिदायदे? और अन्य मत वदालदे श्रदेष्ठि भही अश्रदेष्ठि हमो जिदायमें? ऐसदे कथन करनदे वदालदे मनगुष्ययों कमो भ्रदान्त और
बदालबगुचद्ध न कहदा जिदाय तमो क्यदा कहमें?
इस ममें यहही चवचदत हमोतदा हहै चक इनकदे आचदायर्थ स्वदाथर्त्ती थदे ; पभूणर्थ चवद्विदानम् नहह। क्ययोंचक जिमो सब ककी चनन्ददा न
करतदे तमो ऐसही झभूठही बदातयों ममें कमोई न फसंसतदा, न उन कदा प्रयमोजिन चसद्ध हमोतदा। ददेखमो! यह तमो चसद्ध हमोतदा हहै चक
जिहैचनययों कदा मत डगु बदानदे वदालदा और वदेदमत सब कदा उद्धदार करनदेहदारदा, हररहरदाचद ददेव सगुददेव और इन कदे ऋषभददेवदाचद
सब कगु ददेव दस भू रदे लमोग कहमें तमो क्यदा वहैसदा हही इन कमो बगुरदा न लगदेगदा?
और भही इन कदे आचदायर्थ और मदाननदे वदालयों ककी भभूल ददेख लमो—
मभूल — चजिणवर आणदा भसंग सं, उमग्ग उस्सगुत्त लदेस ददेस णउ।
आणदा भसंग दे पदावसं तदा चजिणमय द गुक् करसं धम्ममम्॥
—प्रकरण भदाग 2। षष्टही श॰ 61। सभू॰ 11॥
उन्मदागर्थ उत्सभूत्र कदे लदेख चदखदानदे सदे जिमो चजिनवर अथदार्थतम् वहीतरदाग तहीथर्थङरयों ककी आजदा कदा भसंग हमोतदा हहै वह
दमःगु ख कदा हदेतगु पदाप हहै। चजिनदेश्वर कहदे सम्यकम् त्वदाचद धमर्थ ग्रहण करनदा बड़दा कचठन हहै इसचलयदे चजिस प्रकदार चजिन
आजदा कदा भसंग न हमो वहैसदा करनदा चदाहयदे॥11॥
(समहीकक) जिमो अपनदे हही मगुख सदे अपनही प्रशसंसदा और अपनदे हही धमर्थ कमो बड़दा कहनदा और द स भू रदे ककी
चनन्ददा करनही हहै वह मभूखर्थतदा ककी बदात हहै क्ययोंचक प्रशसंसदा उसही ककी ठहीक हहै चक चजिस ककी दस भू रदे चवद्विदानम् करमें। अपनदे मगुख
सदे अपनही प्रशसंसदा तमो चमोर भही करतदे हमैं तमो क्यदा वदे प्रशसंसनहीय हमो सकतदे हमैं? इसही प्रकदार ककी इन ककी बदातमें हमैं।
मभूल — बहह ग गुण चवज्झदा चनलओ, उसगुत्त भदासही तहदा चवमगुत्त व्वमो।
जिह वर मचण जिगुत्त मो चवहह , चवग्घकरही चवसहरमो लमोए॥

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—प्रकरण भदा॰2। षष्टही॰ सभू॰ 18।


जिहैसदे चवषधर सपर्थ ममें मचण त्यदागनदे यमोग्य हहै वहैसदे जिमो जिहैनमत ममें नहह वह चदाहहै चकतनदा बड़दा धदाचमर्थक पचण्डत
हमो उस कमो त्यदाग ददेनदा हही जिहैचनययों कमो उचचत हहै॥18॥
(समहीकक) ददेचखयदे! चकतनही भभूल ककी बदात हहै। जिमो इन कदे चदेलदे और आचदायर्थ चवद्विदानम् हमोतदे तमो चवद्विदानयों सदे
प्रदेम करतदे। जिब इन कदे तहीथर्थङर सचहत अचवद्विदानम् हमैं तमो चवद्विदानयों कदा मदान्य क्ययों करमें ? क्यदा सगुवणर्थ कमो मल वदा धभूल ममें
पड़दे कमो कमोई त्यदागतदा हहै? इस सदे यह चसद्ध हह आ चक चवनदा जिहैचनययों कदे वहैसदे दस भू रदे कचौन पकपदातही हठही दरगु दाग्रहही
चवददाहहीन हयोंगदे?
मभूल — अइसय पदाचवय पदावदा, धचम्मअ पव्वदेस गु तमोचव पदाव रयदा।
न चलचन्त सगुद्ध धम्मदा, धन्नदा चकचवपदाव पव्वदेस ॥गु
—प्रकरण भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 29॥
अन्य दशर्थनही कगु चलसंगही अथदार्थतम् जिहैनमत चवरमोधही उन कदा दशर्थन भही जिहैनही लमोग न करमें॥29॥
(समहीकक) बगुचद्धमदानम् लमोग चवचदार लमेंगदे चक यह चकतनही पदामरपन ककी बदात हहै। सच तमो यह हहै चक चजिस
कदा मत सत्य हहै उस कमो चकसही सदे डर नहह हमोतदा। इन कदे आचदायर्थ जिदानतदे थदे चक हमदारदा मत पमोलपदाल हहै जिमो दस
भू रदे
कमो सगुनदावगमें दे तमो खण्डन हमो जिदायदेगदा इसचलयदे सब ककी चनन्ददा करमो और मभूखर्थ जिनयों कमो फसंसदाओ।
मभूल — नदामसंच प तस्स असगुह सं, जिदेण चनचदठदाइ चमच्छ पव्वदाइ।
जिदेच स अणगुस संग दाउ, धम्महीणचव हमोइ पदाव मई॥
—-प्रक॰भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 27॥
जिमो जिहैनधमर्थ सदे चवरुद्ध धमर्थ हमैं वदे मनगुष्ययों कमो पदापही करनदे वदालदे हमैं इसचलयदे चकसही कदे अन्य धमर्थ कमो न मदान
कर जिहैनधमर्थ हही कमो मदाननदा श्रदेष्ठि हहै॥27॥
(समहीकक) इस सदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक सब सदे वहैर, चवरमोध, चनन्ददा, ईष्यदार्थ आचद दष्टगु कमर्थरूप सदागर
ममें डगु बदानदे वदालदा जिहैन मदागर्थ हहै। जिहैसदे जिहैनही लमोग सब कदे चनन्दक हमैं वहैसदा कमोई भही दस
भू रदा मत वदालदा महदाचनन्दक और
अधमर्त्ती न हमोगदा। क्यदा एक ओर सदे सब ककी चनन्ददा और अपनही अचतप्रशसंसदा करनदा शठ मनगुष्ययों ककी बदातमें नहह हमैं ?
चववदेककी लमोग तमो चदाहमें चकसही कदे मत कदे हयों उन ममें अच्छदे कमो अच्छदा और बगुरदे कमो बगुरदा कहतदे हमैं।
मभूल —
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हदा हदा गगुरु अ अकज्झसं, सदामही न हह अचच्छ कस्स पगुक् कररममो।


कह चजिण वयण कह सगुग रुगु ; सदावयदा कह इय अकज्झसं॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही सभू॰ 35॥
सवर्थजभदाचषत चजिन वचन, जिहैन कदे सगुगगुरु और जिहैनधमर्थ कहदासं और उन सदे चवरुद्ध कगु गगुरु अन्य मदागर्त्ती कदे
उपददेशक कहदासं अथदार्थतम् हमदारदे सगुगगुरु, सगुदवदे , सगुधमर्थ और अन्य कदे कगु ददेव, कगु गगुरु, कगु धमर्थ हमैं॥35॥
(समहीकक) यह बदात बदेर बदेचनदेहदारही कभूसं जिड़ही कदे समदान हहै। जिहैसदे वह अपनदे खट्टदे बदेरयों कमो महीठदा और
भू रही कदे महीठयों कमो भही खटदा और चनकम्मदे बतलदातही हहै, इसही प्रकदार ककी जिहैचनययों ककी बदातमें हमैं। यदे लमोग अपनदे मत सदे
दस
चभन्न मत वदालयों ककी सदेवदा ममें बडदा अकदायर्थ अथदार्थतम् पदाप चगनतदे हमैं।
मभूल — सप्पमो इकसं मरणसं, कगु गगुरु आणसंत दाइ ददेइ मरणदाइ।
तमो वररसप्पसं गचहयगु,सं मदा कगु गगुरु सदेव णसं भद्दमम्॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 37॥
जिहैसदे प्रथम चलख आयदे चक सपर्थ ममें मचण कदा भही त्यदाग करनदा उचचत हहै वहैसदे अन्यमदाचगर्थययों ममें श्रदेष्ठि धदाचमर्थक
पगुरुषयों कदा भही त्यदाग कर ददेनदा। अब उस सदे भही चवशदेष चनन्ददा अन्य मत वदालयों ककी करतदे हमैं—जिहैनमत सदे चभन्न सब
कगु गगुरु अथदार्थतम् वदे सपर्थ सदे भही बगुरदे हमैं। उन कदा दशर्थन, सदेवदा, ससंग कभही न करनदा चदाचहयदे। क्ययोंचक सपर्थ कदे ससंग सदे एक
बदार मरण हमोतदा हहै और अन्यमदागर्त्ती कगु गगुरुओसं कदे ससंग सदे अनदेक बदार जिन्म मरण ममें चगरनदा पड़तदा हहै। इसचलए हदे भद्र!
अन्यमदाचगर्थययों कदे गगुरुओसं कदे पदास भही मत खड़दा रह क्ययोंचक जिमो तभू अन्यमदाचगर्थययों ककी कगु छ भही सदेवदा करदेगदा तमो दमःगु ख ममें
पड़देगदा॥37॥
(समहीकक) ददेचखयदे! जिहैचनययों कदे समदान कठमोर, भ्रदान्त, द्विदेषही, चनन्दक, भभूलदे हह ए दस भू रदे मतवदालदे कमोई
भही न हयोंगदे। इन्हयोंनदे मन सदे यह चवचदारदा हहै चक जिमो हम अन्य ककी चनन्ददा और अपनही प्रशसंसदा न करमेंगदे तमो हमदारही सदेवदा
और प्रचतष्ठिदा न हमोगही। परन्तगु यह बदात उन कदे दचौभदार्थग्य ककी हहै क्ययोंचक जिब तक उत्तम चवद्विदानयों कदा ससंग सदेवदा न करमेंगदे
तब तक इन कमो यथदाथर्थ जदान और सत्य धमर्थ ककी प्रदाचप्त कभही न हमोगही। इसचलए जिहैचनययों कमो उचचत हहै चक अपनही
चवददाचवरुद्ध चमथ्यदा बदातमें छमोड़ वदेदमोक्त सत्य बदातयों कदा ग्रहण करमें तमो उन कदे चलयदे बड़दे कल्यदाण ककी बदात हहै।
मभूल — चक भचणममो चक कररममो, तदाण हयदासदाण चधट द गुट दाणसं।
जिदे दसंच स ऊण चलसंग सं चखवसंच त न रयचम्म मगुद्ध जिणसं॥
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—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 40॥


चजिस ककी कल्यदाण ककी आशदा नष्ट हमो गई; धहीठ, बगुरदे कदाम करनदे ममें अचतचतगुर दष्टगु दमोष वदालदे सदे क्यदा
कहनदा? और क्यदा करनदा? क्ययोंचक जिमो उस कदा उपकदार करमो तमो उलटदा उस कदा नदाश करदे। जिहैसदे कमोई दयदा करकदे
अन्धदे चससंह ककी आसंख खमोलनदे कमो जिदायदे तमो वह उसही कमो खदा लदेवदे। वहैसदे हही कगु गगुरु अथदार्थतम् अन्यमदाचगर्थययों कदा उपकदार
करनदा अपनदा नदाश कर लदेनदा हहै अथदार्थतम् उनसदे सददा अलग हही रहनदा॥40॥
(समहीकक) जिहैसदे जिहैन लमोग चवचदारतदे हमैं वहैसदे दस
भू रदे मत वदालदे भही चवचदारमें तमो जिहैचनययों ककी चकतनही ददगु र्थशदा
हमो? और उन कदा कमोई चकसही प्रकदार कदा उपकदार न करदे तमो उन कदे बहह त सदे कदाम नष्ट हमोकर चकतनदा दमःगु ख प्रदाप्त
हमो? वहैसदा अन्य कदे चलयदे जिहैनही क्ययों नहह चवचदारतदे?
मभूल — जिह जिह तटइ धम्ममो, जिह जिह द गुट दाण हमोई अइ उदउ।
समदम् चदटम् चठ चजियदाणसं, तह तह उलसइ समत्तसं॥
—प्रक॰ भदा॰2। षष्टही॰ सभू॰ 42॥
जिहैसदे—जिहैसदे दशर्थनभ्रष्ट चनहव, पदाच्छत्तदा, उसन्नदा तथदा कगु सहीचलयदाचदक और अन्य दशर्थनही, चत्रदण्डही,
परररदाजिक तथदा चवप्रदाचदक दष्टगु लमोगयों कदा अचतशय बल सत्कदार पभूजिदाचदक हमोवदे वहैसदे -वहैसदे सम्यग्दृचष्ट जिहीवयों कदा
सम्यक्त्व चवशदेष प्रकदाचशत हमोवदे यह बड़दा आश्चयर्थ हहै॥42॥
(समहीकक) अब ददेखमो! क्यदा इन जिहैनयों सदे अचधक ईष्यदार्थ, द्विदेष, वहैरबगुचद्धयगुक्त दस भू रदा कमोई हमोगदा? हदासं दस
भू रदे
मत ममें भही ईष्यदार्थ, द्विदेष हहै परन्तगु चजितनही इन जिहैचनययों ममें हहै उतनही चकसही ममें नहह। और द्विदेष हही पदाप कदा मभूल हहै इसचलए
जिहैचनययों ममें पदापदाचदार क्ययों न हमो?।
मभूल — ससंग मोचव जिदाण अचहउ, तदेच स धम्मदाइ जिदे पकगु व्वचन्त।
मगुत्त भूण चमोर ससंग सं, करचन्त तदे चमोररयसं पदावदा॥
—प्रक॰भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 75॥
इस कदा मगुख्य प्रयमोजिन इतनदा हही हहै चक जिहैसदे मभूढ़जिन चमोर कदे ससंग सदे नदाचसकदाछदेददाचद दण्ड सदे भय नहह
करतदे वहैसदे जिहैनमत सदे चभन्न चमोर धमर्यों ममें चस्थत जिन अपनदे अकल्यदाण सदे भय नहह करतदे॥ 75॥
(समहीकक) जिमो जिहैसदा मनगुष्य हमोतदा हहै वह प्रदायमः अपनदे हही सदृश दस
भू रयों कमो समझतदा हहै। क्यदा यह बदात
सत्य हमो सकतही हहै चक अन्य सब चमोरमत और जिहैन कदा सदाहहकदार मत हहै? जिब तक मनगुष्य ममें अचत अजदान और
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भू रयों कदे सदाथ अचत ईष्यदार्थ, द्विदेषदाचद दष्टगु तदा नहह छमोड़तदा। जिहैसदा जिहैनमत परदायदा
कगु ससंग सदे भ्रष्ट बगुचद्ध हमोतही हहै तब तक दस
द्विदेषही हहै ऐसदा अन्य कमोई नहह।
मभूल — जिच्छ पसगुम चहसलरकदा पव्वसं हमोमचन्त पदाव नवमहीए।
पभूअ चन्त तसंच प सढदा, हदा हहीलदा वहीयरदायस्स॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 76॥
पभूवर्थ सभूत्र ममें जिमो चमथ्यदात्वही अथदार्थतम् जिहैनमदागर्थ चभन्न सब चमथ्यदात्वही और आप सम्यकम् त्वही अथदार्थतम् अन्य सब
पदापही, जिहैन लमोग सब पगुण्यदात्मदा, इसचलयदे जिमो कमोई चमथ्यदात्वही कदे धमर्थ कदा स्थदापन करदे वहही पदापही हहै॥76॥
(समहीकक) जिहैसदे अन्य कदे स्थदानयों ममें चदामगुण्डदा, कदाचलकदा, ज्वदालदा, प्रमगुख कदे आगदे पदापनचौमही अथदार्थतम्
दगगु दार्थनचौमही चतचथ आचद सब बगुरदे हमैं वहैसदे क्यदा तगुम्हदारदे पजिभूसण आचद रत बगुरदे नहह हमैं चजिन सदे महदाकष्ट हमोतदा हहै ? यहदासं
वदाममदाचगर्थययों ककी लहीलदा कदा खण्डन तमो ठहीक हहै परन्तगु जिमो शदासनददेवही और मरुत्ददेवही आचद कमो मदानतदे हमैं उन कदा भही
खण्डन करतदे तमो अच्छदा थदा। जिमो कहमैं चक हमदारही ददेवही चहसंसक नहह तमो इन कदा कहनदा चमथ्यदा हहै क्ययोंचक शदासनददेवही
नदे एक पगुरुष और दस भू रदे बकरदे ककी आसंखमें चनकदाल लही थह। पगुनमः वह रदाकसही और दगगु दार्थ कदाचलकदा ककी सगही बचहन क्ययों
नहह? और अपनदे पच्चिखदाण आचद रतयों कमो अचतश्रदेष्ठि और नधही आचद कमो दष्टगु कहनदा मभूढ़तदा ककी बदात हहै क्ययोंचक
भू रदे कदे उपवदासयों ककी तमो चनन्ददा और अपनदे उपवदासयों ककी स्तगुचत करनदा मभूखर्थ तदा ककी बदात हहै। हदासं! जिमो सत्यभदाषणदाचद
दस
रत धदारण करनदे हमैं वदे तमो सब कदे चलए उत्तम हमैं। जिहैचनययों और अन्य चकसही कदा उपवदास सत्य नहह हहै।
मभूल — वदेस दाण वसंच दयदाणय, मदाहण डगु संब दाण जिरकचसरकदाणसं।
भत्तदा भरकटदाणसं, चवयदाणसं जिचन्त दभू र णदे सं॥
—प्रक॰भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 82॥
इस कदा मगुख्य प्रयमोजिन यह हहै चक जिमो वदेश्यदा, चदारण, भदाटदाचद लमोगयों, ब्रदाह्मण, यक, गणदेशदाचदक
चमथ्यदादृचष्ट ददेवही आचद ददेवतदाओसं कदा भक्त हहै जिमो इन कदे मदाननदे वदालदे हमैं वदे सब डभू बनदे और डगु बदानदे वदालदे हमैं क्ययोंचक
उन्हह कदे पदास वदे सब वस्तगुएसं मदासंगतदे हमैं और वहीतरदाग पगुरुषयों सदे दरभू रहतदे हमैं॥82॥
(समहीकक) अन्यमदाचगर्थययों कदे ददेवतदाओसं कमो झभूठ कहनदा और अपनदे ददेवतदाओसं कमो सच कहनदा कदे वल
पकपदात ककी बदात हहै। और अन्य वदाममदाचगर्थययों ककी ददेवही आचद कदा चनषदेध करतदे हमैं परन्तगु जिमो ‘श्रदाद्ध चदनकक त्य’ कदे पकष्ठि
46 ममें चलखदा हहै चक शदासनददेवही नदे रदाचत्र ममें भमोजिन करनदे कदे कदारण एक पगुरुष कदे थपदेड़दा मदारदा उस ककी आसंखमें

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चनकदाल डदालह। उस कदे बदलदे बकरदे ककी आसंख चनकदाल कर उस मनगुष्य कदे लगदा दह। इस ददेवही कमो चहसंसक क्ययों नहह
मदानतदे? रत्नसदार भदाग 1 पक॰ 67 ममें ददेखमो क्यदा चलखदा हहै—मरुत्ददेवही पचथकयों कमो पत्थर ककी मभूचत्तर्थ हमोकर सहदाय
करतही थही। इस कमो भही वहैसही क्ययों नहह मदानतदे?
मभूल — चकसं समोचप जिणचण जिदाओ, जिदाणमो जिणणहीइ चकसं गओ चवचद्धसं।
जिई चमच्छरओ जिदाओ, गगुण स
दे गु तह मच्छरसं वहइ॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 81॥
जिमो जिहैनमत चवरमोधही चमथ्यदात्वही अथदार्थतम् चमथ्यदा धमर्थ वदालदे हमैं वदे क्ययों जिन्मदे ? जिमो जिन्मदे तमो बढ़दे क्ययों? अथदार्थतम्
शहीघ्र हही नष्ट हमो जिदातदे तमो अच्छदा हमोतदा॥81॥
(समहीकक) ददेखमो! इन कदे वहीतरदागभदाचषत दयदा, धमर्थ दस भू रदे मत वदालयों कदा जिहीवन भही नहह चदाहतदे। कदे वल
इन ककी दयदा धमर्थ कथनमदात्र हहै। और जिमो हहै समो कगुद्र जिहीवयों और पशगुओसं कदे चलयदे हहै; जिहैनचभन्न मनगुष्ययों कदे चलयदे नहह।
मभूल — सगुद्ध दे मग्गदे जिदायदा, सगुह ण
दे गच्छचत्त सगुद्ध मग्गचमसं।
जिदे पगुण अमग्गजिदायदा, मग्गदे गच्छचन्त तसं चगुय् यसं॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 83॥
ससं॰ अथर्थ— इस कदा मगुख्य प्रयमोजिन यह हहै चक जिमो जिहैनकगु ल ममें जिन्म लदेकर मगुचक्त कमो जिदाय तमो कगु छ
आश्चयर्थ नहह परन्तगु जिहैनचभन्न कगु ल ममें जिन्मदे हह ए चमथ्यदात्वही अन्यमदागर्त्ती मगुचक्त कमो प्रदाप्त हयों इस ममें बड़दा आश्चयर्थ हहै। इस
कदा फचलतदाथर्थ यह हहै चक जिहैनमत वदालदे हही मगुचक्त कमो जिदातदे हमैं अन्य कमोई नहह। जिमो जिहैनमत कदा ग्रहण नहह करतदे वदे
नरकगदामही हमैं॥83॥
(समहीकक) क्यदा जिहैनमत ममें कमोई दष्टगु वदा नरकगदामही नहह हमोतदा? सब हही मगुचक्त ममें जिदातदे हमैं? और अन्य
कमोई नहह? क्यदा यह उन्मत्तपन ककी बदात नहह हहै? चवनदा भमोलदे मनगुष्ययों कदे ऐसही बदात कचौन मदान सकतदा हहै?
मभूल — चतच्छयरदाणसं पभूआ , ससंम त्त गगुण दाणकदाररणही भचणयदा।
सदाचवय चमच्छत्तयरही, चजिण समयदे ददेच सयदा पभूआ ॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 90॥
ससं॰ अथर्थ— एक चजिन मभूचत्तर्थययों ककी पभूजिदा सदार और इस सदे चभन्नमदाचगर्थययों ककी मभूचत्तर्थपभूजिदा असदार हहै। जिमो चजिन
मदागर्थ ककी आजदा पदालतदा हहै वह तत्त्वजदानही जिमो नहह पदालतदा हहै वह तत्त्वजदानही नहह॥90॥

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(समहीकक) वदाह जिही! क्यदा कहनदा!! क्यदा तगुम्हदारही मभूचत्तर्थ पदाषदाणदाचद जिड़ पददाथर्यों ककी नहह जिहैसही चक
वहैष्णवदाचदकयों ककी हमैं? जिहैसही तगुम्हदारही मभूचत्तर्थपभूजिदा चमथ्यदा हहै वहैसही हही मभूचत्तर्थपभूजिदा वहैष्णवदाचदकयों ककी भही चमथ्यदा हहै। जिमो तगुम
तत्त्वजदानही बनतदे हमो और अन्ययों कमो अतत्त्वजदानही बनदातदे हमो इससदे चवचदत हमोतदा हहै चक तगुम्हदारदे मत ममें तत्त्वजदान नहह
हहै।
मभूल — चजिन आणदाए धम्ममो, आणदा रचहआण फगु ड अहमगुच त्त।
इय मगुच ण ऊणय तत्तसं, चजिण आणदा कगु णहह धम्मसं॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 92॥
ससं॰ अथर्थ— जिमो चजिनददेव ककी आजदा दयदा कमदाचद रूप धमर्थ हहै उस सदे अन्य सब आजदा अधमर्थ हमैं॥92॥
(समहीकक) यह चकतनदे बडदेडे़ अन्यदाय ककी बदात हहै। क्यदा जिहैनमत सदे चभन्न कमोई भही पगुरुष सत्यवदादही धमदार्थत्मदा
नहह हहै? क्यदा उस धदाचमर्थक जिन कमो न मदाननदा चदाचहयदे। हदासं! जिमो जिहैनमतस्थ मनगुष्ययों कदे मगुख चजिहदा चमड़दे ककी न
हमोतही और अन्य ककी चमडदेडे़ ककी हमोतही तमो यह बदात घट सकतही थही। इस सदे अपनदे हही मत कदे ग्रन्थ वचन सदाधगु आचद
ककी ऐसही बड़दाई ककी हहै चक जिदानमो भदाटयों कदे बड़दे भदाई हही जिहैन लमोग बन रहदे हमैं।
मभूल — वन्नदेच म नदारयदाउचव, जिदेच स द गुर कदाइ सम्भरसं तदाणमम्।
भव्वदाण जिणइ हरर हरसं, ररचद्ध सचमद्धहीचव उदमोससं॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 95॥
ससं॰ अथर्थ— इस कदा मगुख्य तदात्पयर्थ यह हहै चक जिमो हररहरदाचद ददेवयों ककी चवभभूचत हहै वह नरक कदा हदेतगु हहै। उस
कमो ददेखकदे जिहैचनययों कदे रमोमदाञ्च खड़दे हमो जिदातदे हमैं। जिहैसदे रदाजिदाजदा भसंग करनदे सदे मनगुष्य मरण तक द मःगु ख पदातदा हहै वहैसदे
चजिनदेन्द्र आजदा भसंग सदे क्ययों न जिन्म मरण दमःगु ख पदावदेगदा?॥95॥
(समहीकक) ददेचखयदे! जिहैचनययों कदे आचदायर्थ आचद ककी मदानसही वकचत्त अथदार्थतम् ऊपर कदे कपट और ढयोंग ककी
लहीलदा। अब तमो इन कदे भहीतर ककी भही खगुल गई। हररहरदाचद और उन कदे उपदासकयों कदे ऐश्वयर्थ और बढ़तही कमो ददेख भही
नहह सकतदे। उन कदे रमोमदाञ्च इसचलयदे खड़दे हमोतदे हमैं चक दस भू रदे ककी बढ़तही क्ययों हह ई ? बहह धदा वहैसदे चदाहतदे हयोंगदे चक इन कदा
सब ऐश्वयर्थ हम कमो चमल जिदाय और यदे दररद्र हमो जिदायमें तमो अच्छदा। और रदाजिदाजदा कदा दृष्टदान्त इसचलयदे ददेतदे हमैं चक यदे
जिहैन लमोग रदाज्य कदे बड़दे खगुशदामदही झभूठदे और डरपगुकनदे हमैं। क्यदा झभूठही बदात भही रदाजिदा ककी मदान लदेनही चदाचहयदे ? जिमो
ईष्यदार्थ-द्विदेषही हमो तमो जिहैचनययों सदे बढ़ कदे दस
भू रदा कमोई भही न हमोगदा।

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मभूल — जिमो ददेई सगुद्ध धम्मसं, समो परमप्पदा जियचम्म न हह अन्नमो।


चक कप्पद्द म्गु म सररसमो, इयर तरू हमोई कइयदाचव॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 101॥
ससं॰ अथर्थ— वदे मभूखर्थ लमोग हमैं जिमो जिहैनधमर्थ सदे चवरुद्ध हमैं। और जिमो चजिनदेन्द्रभदाचषत धमर्वोपददेष्टदा सदाधगु वदा गकहस्थ
अथवदा ग्रन्थकत्तदार्थ हमैं वदे तहीथर्थङरयों कदे तगुल्य हमैं; उन कदे तगुल्य कमोई भही नहह॥101॥
(समहीकक) क्ययों न हमो! जिमो जिहैनही लमोग छमोकरबगुचद्ध न हमोतदे तमो ऐसही बदातमें क्ययों मदान बहैठतदे ? जिहैसदे वदेश्यदा
चवनदा अपनदे कदे दस
भू रही ककी स्तगुचत नहह करतही वहैसदे हही यह बदात भही दहीखतही हहै।
मभूल — जिदे अमगुच ण य गगुण दमोषदा तदे कहअ द गुह दाण हह चसं त मझच्छदा।
अह तदे चवहह मझच्छदा तदा चवस अचमआण तगुल त्तसं॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 103॥
ससं॰ अथर्थ— चजिनदेन्द्र ददेव तदक्त
गु चसद्धदान्त और चजिनमत कदे उपददेष्टदाओसं कदा त्यदाग करनदा जिहैचनययों कमो उचचत
नहह हहै॥103॥
(समहीकक) यह जिहैचनययों कदा हठ, पकपदात और अचवददा कदा फल नहह तमो क्यदा हहै ? चकन्तगु जिहैचनययों ककी
थमोड़ही सही बदात छमोड़ कदे अन्य सब त्यक्तव्य हमैं। चजिस ककी कगु छ थमोड़ही सही भही बगुचद्ध हमोगही वह जिहैचनययों कदे ददेव,
चसद्धदान्तग्रन्थ और उपददेष्टदाओसं कमो ददेखदे, सगुनदे, चवचदारदे तमो उसही समय चनमःसन्ददेह छमोड़ ददेगदा।
मभूल — वयणदे चव सगुग गुरु चजिणवलहस्स कदे चससं न उलसइ सम्मसं।
अह कह चदणमचण तदेय सं, उलगुआ णसं हरइ अन्धत्तसं॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 108॥
ससं॰ अथर्थ— जिमो चजिनवचन कदे अनगुकभूल चलतदे हमैं वदे पभूजिनहीय और जिमो चवरुद्ध चलतदे हमैं वदे अपभूज्य हमैं। जिहैन
गगुरुओसं कमो मदाननदा अथदार्थतम् अन्यमदाचगर्थययों कमो न मदाननदा॥108॥
(समहीकक) भलदा जिमो जिहैन लमोग अन्य अजदाचनययों कमो पशगुवतम् चदेलदे करकदे न बदासंधतदे तमो उन कदे जिदाल ममें सदे
छभूट कर अपनही मगुचक्त कदे सदाधन कर जिन्म सफल कर लदेतदे। भलदा जिमो कमोई तगुम कमो कगु मदागर्त्ती , कगु गगुरु, चमथ्यदात्वही

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः द्विदादशमः समगुल दासमः
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और कभू पददेष्टदा कहमैं तमो तगुम कमो चकतनदा दमःगु ख लगदे? वहैसदे हही जिमो तगुम दस
भू रदे कमो दमःगु खददायक हमो इसहीचलयदे तगुम्हदारदे मत
ममें असदार बदातमें बहह त सही भरही हमैं।
मभूल — चतहह अ ण जिणसं मरसंत सं, दट् ठभू ण चनअचन्त जिदे न अप्पदाणसं।
चवरमसंच त न पदावदाउ, चवद् धही चधटत्तणसं तदाणसं॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 109॥
ससं॰ अथर्थ— जिमो मकत्यगुपयर्थन्त दमःगु ख हमो तमो भही कक चष व्यदापदारदाचद कमर्थ जिहैनही लमोग न करमें क्ययोंचक यदे कमर्थ नरक
ममें लदे जिदानदे वदालदे हमैं॥109॥
(समहीकक) अब कमोई जिहैचनययों सदे पभूछदे चक तगुम व्यदापदारदाचद कमर्थ क्ययों करतदे हमो? इन कमर्यों कमो क्ययों नहह
छमोड़ ददेतदे? और जिमो छमोड़ ददेओ तमो तगुम्हदारदे शरहीर कदा पदालन, पमोषण भही न हमो सकदे और जिमो तगुम्हदारदे कहनदे सदे सब
लमोग छमोड़ दमें तमो तगुम क्यदा वस्तगु खदाकदे जिहीओगदे? ऐसदा अत्यदाचदार कदा उपददेश करनदा सवर्थथदा व्यथर्थ हहै। क्यदा करमें
चवचदारदे। चवददा, सत्ससंग कदे चवनदा जिमो मन ममें आयदा समो बक चदयदा।
मभूल — तइयदा हमदाण अहमदा, कदारणरचहयदा अनदाणगव्वदेण ।
जिदे जिसंप चन्त उस्सगुत्त सं, तदेच ससं, चदचद्धच्छ पसंच डच्चिसं॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 121॥
ससं॰ अथर्थ— जिमो जिहैनदागम सदे चवरुद्ध शदासयों कमो मदाननदे वदालदे हमैं वदे अधमदाधम हमैं। चदाहमें कमोई प्रयमोजिन भही
चसद्ध हमोतदा हमो तमो भही जिहैन मत सदे चवरुद्ध न बमोलदे; न मदानदे। चदाहमें कमोई प्रयमोजिन चसद्ध हमोतदा हहै तमो भही अन्य मत कदा
त्यदाग कर ददे॥121॥
(समहीकक) तगुम्हदारदे मभूलपगुरुषयों सदे लदे कदे आजि तक चजितनदे हमो गयदे और हयोंगदे उन्हयोंनदे चवनदा दस भू रदे मत कमो
गदाचलप्रददान कदे अन्य कगु छ भही दस भू रही बदात न ककी और न करमेंगदे। भलदा! जिहदासं-जिहदासं जिहैनही लमोग अपनदा प्रयमोजिन चसद्ध
हमोतदा ददेखतदे हमैं वहदासं चदेलयों कदे भही चदेलदे बन जिदातदे हमैं तमो ऐसही चमथ्यदा लम्बही चचौड़ही बदातयों कदे हदासंकनदे ममें तचनक भही लज्जदा
नहह आतही यह बडदेडे़ शमोक ककी बदात हहै।
मभूल — जिसं वहीरचजिणस्स चजिओ, चमरई उस्सगुत्त लदेस ददेस णओ।
सदागर कमोडदाकमोचडसं चहसंड इ अइभहीमभवरण्णदे॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः द्विदादशमः समगुल दासमः
819

—प्रक॰भदा॰ 2। षष्टही॰सभू॰ 122॥


ससं॰ अथर्थ— जिमो कमोई ऐसदा कहदे चक जिहैन सदाधगुओसं ममें धमर्थ हहै ; हमदारदे और अन्य ममें भही धमर्थ हहै तमो वह
मनगुष्य क्रमोड़दान क्रमोड़ वषर्थ तक नरक ममें रह कर चफर भही नहीच जिन्म पदातदा हहै॥122॥
(समहीकक) वदाह रदे! वदाह!! चवददा कदे शत्रगुओ! तगुम नदे यहही चवचदारदा हमोगदा चक हमदारदे चमथ्यदा वचनयों कमो
कमोई खण्डन न करदे इसहीचलयदे यह भयसंकर वचन चलखदा हहै समो असम्भव हहै। अब कहदासं तक तगुम कमो समझदावमें। तगुम नदे
तमो झभूठ चनन्ददा और अन्य मतयों सदे वहैर चवरमोध करनदे पर हही कचटबद्ध हमो कर अपनदा प्रयमोजिन चसद्ध करनदा ममोहनभमोग
कदे समदान समझ चलयदा हहै।
मभूल — दभू र दे करणसं दभू र चम्म सदाहणसं तह पभदावणदा द भू र ।दे
चजिण धम्म सद्दहदाणसं चप चतरकद गुर कदाइ चनटवइ॥
—प्रक॰भदा॰ 2। षष्टही॰सभू॰ 127॥
ससं॰ अथर्थ— चजिस मनगुष्य सदे जिहैन धमर्थ कदा कगु छ भही अनगुष्ठिदान न हमो सकदे तमो भही जिमो ‘जिहैन धमर्थ सच्चिदा हहै अन्य
कमोई नहह’ इतनही श्रद्धदामदात्र हही सदे दमःगु खयों सदे तर जिदातदा हहै॥127॥
(समहीकक) भलदा! इस सदे अचधक मभूखर्यों कमो अपनदे मतजिदाल ममें फसंसदानदे ककी दस भू रही कचौन सही बदात हमोगही?
क्ययोंचक कगु छ कमर्थ करनदा न पड़दे और मगुचक्त हमो हही जिदाय ऐसदा भभूदसं भू मत कचौन सदा हमोगदा?
मभूल — कइयदा हमोहही चदवसमो, जिइयदा सगुग गुरू ण पदायमभूल चम्म।
उस्सगुत्त लदेस चवसलव, रचहओ चनसगुण स
दे गु चजिण धम्मसं॥
—प्रक॰भदा॰ 2। षष्टही॰सभू॰ 128॥
ससं॰ अथर्थ— जिमो मनगुष्य चजिनदागम अथदार्थतम् जिहैनयों कदे शदासयों कमो सगुनभूसंगदा, उत्सभूत्र अथदार्थतम् अन्य मत कदे ग्रन्थयों
कमो कभही न सगुनभूसंगदा इतनही इच्छदा करदे वह इतनही इच्छदामदात्र हही सदे दमःगु खसदागर सदे तर जिदातदा हहै॥128॥
(समहीकक) यह भही बदात भमोलदे मनगुष्ययों कमो फसंसदानदे कदे चलए हहै। क्ययोंचक इस पभूवर्वोक्त इच्छदा सदे यहदासं कदे
दमःगु खसदागर सदे भही नहह तरतदा और पभूवर्थजिन्म कदे भही ससंचचत पदापयों कदे दमःगु खरूपही फल भमोगदे चवनदा नहह छभू ट सकतदा। जिमो
ऐसही-ऐसही झभूठ अथदार्थतम् चवददाचवरुद्ध बदातमें न चलखतदे तमो इन कदे अचवददारूप ग्रन्थयों कमो वदेददाचद शदास ददेख सगुन
सत्यदाऽसत्य जिदान कर इनकदे पमोकल ग्रन्थयों कमो छमोड़ ददेतदे। परन्तगु ऐसदा जिकड़ कर इन अचवद्विदानयों कमो बदासंधदा हहै चक इस

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जिदाल सदे कमोई एक बगुचद्धमदानम् सत्ससंगही चदाहमें छभू ट सकदे तमो सम्भव हहै परन्तगु अन्य जिड़बगुचद्धययों कदा छभू टनदा तमो अचत
कचठन हहै।
मभूल — जिम्हदा जिदेण चहसं भचणयसं, सगुय ववहदारसं चवसमोचहयसं तस्स।
जिदायइ चवसगुद्ध बमोहही, चजिण आणदारदाहगत्तदाओ॥
—प्रक॰भदा॰ 2। षष्टही॰सभू॰ 138॥
ससं॰ अथर्थ— जिमो चजिनदाचदायर्यों नदे कहदे सभूत्र चनरुचक्त वकचत्त भदाष्यचभूणर्त्ती मदानतदे हमैं वदे हही शगुभ व्यवहदार और द मःगु सह
व्यवहदार कदे करनदे सदे चदाररत्रयगुक्त हमोकर सगुखयों कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं; अन्य मत कदे ग्रन्थ ददेखनदे सदे नहह॥138॥
(समहीकक) क्यदा अत्यन्त भभूखदे मरनदे आचद कष्ट सहनदे कमो चदाररत्र कहतदे हमैं? जिमो भभूखदा, प्यदासदा मरनदा
आचद हही चदाररत्र हहै तमो बहह त सदे मनगुष्य अकदाल वदा चजिन कमो अन्नदाचद नहह चमलतदे भभूखदे मरतदे हमैं वदे शगुद्ध हमो कर शगुभ
फलयों कमो प्रदाप्त हमोनदे चदाचहयदे। समो न यदे शगुद्ध हमोवमें और न तगुम चकन्तगु चपत्तदाचद कदे प्रकमोप सदे रमोगही हमोकर सगुख कदे बदलदे
दमःगु ख कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं। धमर्थ तमो न्यदायदाचरण, ब्रह्मचयर्थ, सत्यभदाषणदाचद हहै और असत्यभदाषण अन्यदायदाचरणदाचद पदाप
हहै और सब सदे प्रहीचतपभूवर्थक परमोपकदारदाथर्थ वत्तर्थनदा शगुभ चररत्र कहदातदा हहै। जिहैनमतस्थयों कदा भभूखदा, प्यदासदा रहनदा आचद
धमर्थ नहह। इन सभूत्रदाचद कमो मदाननदे सदे थमोड़दा सदा सत्य और अचधक झभूठ कमो प्रदाप्त हमोकर दमःगु खसदागर ममें डभू बतदे हमैं।
मभूल — जिइ जिदाचणचस चजिण नदाहमो, लमोयदायदारदा चवपरकए भभूओ ।
तदा तसं तसं मन्नसंत मो, कह मन्नचस लमोअ आयदारसं॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰सभू॰ 148॥
ससं॰ अथर्थ— जिमो उत्तम प्रदारब्धवदानम् मनगुष्य हमोतदे हमैं वदे हही चजिन धमर्थ कदा ग्रहण करतदे हमैं अथदार्थतम् जिमो
चजिनधमर्थ कदा ग्रहण नहह करतदे उन कदा प्रदारब्ध नष्ट हहै॥148॥
(समहीकक) क्यदा यह बदात भभूल ककी और झभूठ नहह? क्यदा अन्य मत ममें श्रदेष्ठि प्रदारब्धही और जिहैन मत ममें
नष्ट प्रदारब्धही कमोई भही नहह हहै? और जिमो यह कहदा चक सदाधमर्त्ती अथदार्थतम् जिहैन धमर्थ वदालदे आपस ममें क्लदेश न करमें चकन्तगु
प्रहीचतपभूवर्थक वत्तर्त्तें। इस सदे यह बदात चसद्ध हमोतही हहै चक दस
भू रदे कदे सदाथ कलह करनदे ममें बगुरदाई जिहैन लमोग नहह मदानतदे हयोंगदे।
यह भही इन ककी बदात अयगुक्त हहै क्ययोंचक सज्जन पगुरुष सज्जनयों कदे सदाथ प्रदेम और दष्टगु यों कमो चशकदा ददेकर सगुचशचकत करतदे
हमैं। और जिमो यह चलखदा चक ब्रदाह्मण, चत्रदण्डही, परररदाजिकदाचदायर्थ अथदार्थतम् ससंन्यदासही और तदापसदाचद अथदार्थतम् वहैरदागही
आचद सब जिहैनमत कदे शत्रगु हमैं। अब ददेचखयदे चक सब कमो शत्रगुभदाव सदे ददेखतदे और चनन्ददा करतदे हमैं तमो जिहैचनययों ककी दयदा

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और कमदारूप धमर्थ कहदासं रहदा? क्ययोंचक जिब दस भू रदे पर द्विदेष रखनदा दयदा, कमदा कदा नदाश और इस कदे समदान कमोई
दस
भू रदा चहसंसदारूप दमोष नहह। जिहैसदे द्विदेषमभूचत्तर्थयदासं जिहैनही लमोग हमैं वहैसदे दस
भू रदे थमोड़दे हही हयोंगदे। ऋषभददेव सदे लदेकदे महदावहीरपयर्थन्त
24 तहीथर्थङरयों कमो रदागही, द्विदेषही, चमथ्यदात्वही कहमें और जिहैनमत मदाननदे वदालयों कमो सचन्नपदातज्वर ममें फसं सदे हह ए मदानमें और
उन कदा धमर्थ नरक और चवष कदे समदान समझमें तमो जिहैचनययों कमो चकतनदा बगुरदा लगदेगदा? इसचलयदे जिहैनही लमोग चनन्ददा और
परमतद्विदेषरूप नरक ममें डभू ब कर महदाक्लदेश भमोग रहदे हमैं। इस बदात कमो छमोड़ दमें तमो बहह त अच्छदा हमोवदे।
मभूल — एगमो अ गगुरु एगमो चव सदावगमो चदेइ आचण चववहदाचण।
तच्छय जिसं चजिणदव्वसं, परुप्परसं तसं न चवच्चिचन्त॥
—प्रक॰ भदा॰ 2। षष्टही॰ सभू॰ 150॥
ससं॰ अथर्थ— सब श्रदावकयों कदा ददेव गगुरु धमर्थ एक हहै, चहैत्यवन्दन अथदार्थतम् चजिन प्रचतचबम्ब मभूचत्तर्थददेवल और
चजिन द्रव्य ककी रकदा और मभूचत्तर्थ ककी पभूजिदा करनदा धमर्थ हहै॥150॥
(समहीकक) अब ददेखमो! चजितनदा मभूचत्तर्थपभूजिदा कदा झगड़दा चलदा हहै वह सब जिहैचनययों कदे घर सदे ! और
पदाखण्डयों कदा मभूल भही जिहैनमत हहै।
श्रदाद्धचदनकक त्य पकष्ठि 1 ममें मभूचत्तर्थपभूजिदा कदे प्रमदाण—
नवकदारदेण चववमोहमो॥1॥
अणगु स रणसं सदावउ॥2॥
वयदाइसं इमदे॥ 3॥
जिमोगमो॥4॥
चचय वन्दणगमो॥5॥
पच्चिरकदाणसं तगु चवचह पगुच् छमम्॥ 6॥
इत्यदाचद श्रदावकयों कमो पहलदे द्विदार ममें नवकदार कदा जिप कर जिदानदा॥ 1॥दसभू रदा नवकदार जिपदे पहीछदे ममैं श्रदावक हह सं
स्मरण करनदा॥2॥तहीसरदे अणगुरतदाचदक हमदारदे चकतनदे हमैं॥3॥चचौथदे द्विदारदे चदार वगर्थ ममें अग्रगदामही ममोक हहै उस कदा कदारण
जदानदाचदक हहै समो यमोग, उस कदा सब अतहीचदार चनमर्थल करनदे सदे छमः आवश्यक कदारण समो भही उपचदार सदे यमोग कहदातदा

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हहै समो यमोग कहमेंगदे॥4॥पदासंचवमें चहैत्यवन्दन अथदार्थतम् मभूचत्तर्थ कमो नमस्कदार द्रव्यभदाव पभूजिदा कहमेंगदे॥ 5॥छठदा प्रत्यदाख्यदान द्विदार
नवकदारसहीप्रमगुख चवचधपभूवर्थक कहह संगदा इत्यदाचद॥6॥
और इसही ग्रन्थ ममें आगदे-आगदे बहह त सही चवचध चलखही हमैं अथदार्थतम् सन्ध्यदा कदे भमोजिन समय ममें चजिनचबम्ब
अथदार्थतम् तहीथर्थङरयों ककी मभूचत्तर्थ पभूजिनदा और द्विदार पभूजिनदा और द्विदार पभूजिनदा ममें बड़दे -बड़दे बखदेड़दे हमैं। मचन्दर बनदानदे कदे चनयम,
पगुरदानदे मचन्दरयों कमो बनवदानदे और सगुधदारनदे सदे मगुचक्त हमो जिदातही हहै। मचन्दर ममें इस प्रकदार जिदाकर बहैठदे। बड़दे भदाव प्रहीचत सदे
पभूजिदा करमें। “नममो चजिनदेन् द्रदेभ् यमः” इत्यदाचद मन्त्रयों सदे स्नदानदाचद करदानदा। और “फलचन्दनपगुष् पधभूप दहीपनहैमः ” इत्यदाचद
सदे गन्धदाचद चढ़दावमें। रत्नसदार भदाग कदे 12 वमें पकष्ठि ममें मभूचत्तर्थपभूजिदा कदा फल यह चलखदा हहै चक पगुजिदारही कमो रदाजिदा वदा प्रजिदा
कमोई भही न रमोक सकदे ।
(समहीकक) यदे बदातमें सब कपमोलकचल्पत हमैं क्ययोंचक बहह त सदे जिहैन पभूजिदाररययों कमो रदाजिदाचद रमोकतदे हमैं।
रत्नसदार॰ पकष्ठि 13 ममें चलखदा हहै—मभूचत्तर्थपभूजिदा सदे रमोग, पहीड़दा और महदादमोष छभू ट जिदातदे हमैं। एक चकसही नदे 5 कचौड़ही
कदा फभू ल चढ़दायदा। उसनदे 18 ददेश कदा रदाजि पदायदा। उसकदा नदाम कगु मदारपदाल हह आ थदा इत्यदाचद सब बदातमें झभूठही और
मभूखर्यों कमो लगुभदानदे ककी हमैं क्ययोंचक अनदेक जिहैनही लमोग पभूजिदा करतदे -करतदे रमोगही रहतदे हमैं और एक बहीघदे कदा भही रदाज्य
पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा सदे नहह चमलतदा! और जिमो पदासंच कचौड़ही कदे फभू ल चढ़दानदे सदे रदाजि चमलदे तमो पदासंच-पदासंच कचौड़ही कदे
फभू ल चढ़दा कदे सब भभूगमोल कदा रदाजि क्ययों नहह कर लदेतदे ? और रदाजिदण्ड क्ययों भमोगतदे हमैं? और जिमो मभूचत्तर्थपभूजिदा करकदे
भवसदागर सदे तर जिदातदे हमो तमो जदान सम्यग्दशर्थन और चदाररत्र क्ययों करतदे हमो? रत्नसदार भदाग पकष्ठि 13 ममें चलखदा हहै
चक गमोतम कदे असंगभूठदे ममें अमकत और उस कदे स्मरण सदे मनमोवदासंचछत फल पदातदा हहै।
(समहीकक) जिमो ऐसदा हमो तमो सब जिहैनही लमोग अमर हमो जिदानदे चदाचहयमें समो नहह हमोतदे। इस सदे यह इन ककी
कदे वल मभूखर्यों कदे बहकदानदे ककी बदात हहै, दस
भू रदा इस ममें कगु छ भही तत्त्व नहह। इन ककी पभूजिदा करनदे कदा श्लमोक चववदेकसदार
पकष्ठि 52 ममें—
जिलचन्दनधभूप नहैर थदहीपदाकतकहै चनर्थव द
दे वसहैमः ।
उपचदारवरहैच जिर्थन न्दे द्रदानम् रुचचरहैर द यजिदामहदे॥
हम जिल, चन्दन चदावल, पगुष्प, धभूप, दहीप, नहैवदेद, वस और अचतश्रदेष्ठि उपचदारयों सदे चजिनदेन्द्र अथदार्थतम्
तहीथर्थङरयों ककी पभूजिदा करमें।
(समहीकक) इसही सदे हम कहतदे हमैं चक मभूचत्तर्थपभूजिदा जिहैचनययों सदे चलही हहै। चववदेकसदार पकष्ठि 21-चजिनमचन्दर ममें
ममोह नहह आतदा और भवसदागर कदे पदार उतदारनदे वदालदा हहै। चववदेकसदार पकष्ठि 51-52-मभूचत्तर्थपभूजिदा सदे मगुचक्त हमोतही हहै

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और चजिनमचन्दर ममें जिदानदे सदे सदणगु आतदे हमैं। जिमो जिल चन्दनदाचद सदे तहीथर्थङरयों ककी पभूजिदा करदे वह नरक सदे छभू ट स्वगर्थ
कमो जिदाय। चववदेकसदार पकष्ठि 55-चजिनमचन्दर ममें ऋषभददेवदाचद ककी मभूचत्तर्थययों कदे पभूजिनदे सदे धमर्थ, अथर्थ, कदाम और ममोक
ककी चसचद्ध हमोतही हहै। चववदेकसदार पकष्ठि 61-चजिनमभूचत्तर्थययों ककी पभूजिदा करमें तमो सब जिगतम् कदे क्लदेश छभूट जिदायमें।
(समहीकक) अब ददेखमो इन ककी अचवददायक्त गु असम्भव बदातमें! जिमो इस प्रकदार सदे पदापदाचद बगुरदे कमर्थ छभू ट
जिदायमें; ममोह न आवदे, भवसदागर सदे पदार उतर जिदायमें; सदणगु आ जिदायमें; नरक कमो छमोड़ स्वगर्थ ममें जिदायमें; धमर्थ, अथर्थ,
कदाम, ममोक कमो प्रदाप्त हमोवमें और सब क्लदेश छभूट जिदायमें तमो सब जिहैनही लमोग सगुखही और सब पददाथर्यों ककी चसचद्ध कमो प्रदाप्त
क्ययों नहह हमोतदे?
इसही चववदेकसदार कदे 3 पकष्ठि ममें चलखदा हहै चक चजिन्हयोंनदे चजिन मभूचत्तर्थ कदा स्थदापन चकयदा हहै उन्हयोंनदे अपनही और
अपनदे कगु टगु म्ब ककी जिहीचवकदा खड़ही ककी हहै।
चववदेकसदार पकष्ठि 225-चशव, चवष्णगु आचद ककी मभूचत्तर्थययों ककी पभूजिदा करनही बहह त बगुरही हहै अथदार्थतम् नरक कदा
सदाधन हहै।
(समहीकक) भलदा जिब चशवदाचद ककी मभूचत्तर्थयदासं नरक कदे सदाधन हमैं तमो जिहैचनययों ककी मभूचत्तर्थयदासं क्यदा वहैसही नहह?
जिमो कहमें चक हमदारही मभूचत्तर्थयदासं त्यदागही, शदान्त और शगुभमगुद्रदायक्त गु हमैं इसचलयदे अच्छही और चशवदाचद ककी मभूचत्तर्थ वहैसही नहह
इसचलयदे बगुरही हमैं तमो इन सदे कहनदा चदाचहए चक तगुम्हदारही मभूचत्तर्थयदासं तमो लदाखयों रुपययों कदे मचन्दर ममें रहतही हमैं और चन्दन
कदे शरदाचद चढ़तदा हहै पगुनमः त्यदागही कहै सही? और चशवदाचद ककी मभूचत्तर्थयदासं तमो चवनदा छदायदा कदे भही रहतही हमैं वदे त्यदागही क्ययों
नहह? और जिमो शदान्त कहमो तमो जिड़ पददाथर्थ सब चनश्चल हमोनदे सदे शदान्त हमैं। सब मतयों ककी मभूचत्तर्थपभूजिदा व्यथर्थ हहै।
(प्रश्न) हमदारही मभूचत्तर्थयदासं वस आभभूषणदाचद धदारण नहह करतह इसचलयदे अच्छही हमैं।
(उत्तर) सब कदे सदामनदे नसंगही मभूचत्तर्थययों कदा रहनदा और रखनदा पशगुवतम् लहीलदा हहै।
(प्रश्न) जिहैसदे सही कदा चचत्र यदा मभूचत्तर्थ ददेखनदे सदे कदाममोत्पचत्त हमोतही हहै वहैसदे सदाधगु और यमोचगययों ककी मभूचत्तर्थ कमो
ददेखनदे सदे शगुभ गगुण प्रदाप्त हमोतदे हमैं।
(उत्तर) जिमो पदाषदाणमभूचत्तर्थययों कमो ददेखनदे सदे शगुभ पररणदाम मदानतदे हमो तमो उस कदे जिड़त्वदाचद गगुण भही तगुम्हदारदे ममें
आ जिदायमेंगदे। जिब जिड़बगुचद्ध हयोंगदे तमो सवर्थथदा नष्ट हमो जिदाओगदे। दस भू रदे जिमो उत्तम चवद्विदानम् हमैं उन कदे ससंग सदेवदा सदे छभूटनदे सदे
मभूढ़तदा भही अचधक हमोगही। और जिमो-जिमो दमोष ग्यदारहवमें समगुलदास ममें चलखदे हमैं वदे सब पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थपभूजिदा करनदे वदालयों
कमो लगतदे हमैं। इसचलयदे जिहैसदा जिहैचनययों नदे मभूचत्तर्थपभूजिदा कदा झभूठदा कमोलदाहल चलदायदा हहै वहैसदे इन कदे मन्त्रयों ममें भही बहह त सही
असम्भव बदातमें चलखही हमैं।
यह इन कदा मन्त्र हहै। रत्नसदार भदाग 1 पकष्ठि 1 ममें—

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नममो अररहन्तदाणसं नममो चसद्धदाणसं नममो आयररयदाणसं नममो उबज्झदायदाणसं नममो लमोए
सब्बसदाहह ण ।सं एसमो पसंच नमगुक दारमो सव्व पदावप्पणदासणमो मसंग लदाचरणसं च सव्वदेच स पढमसं हवइ
मसंग लमम्॥ 1॥
इस मन्त्र कदा बड़दा मदाहदात्म्य चलखदा हहै और सब जिहैचनययों कदा यह गगुरुमन्त्र हहै। इस कदा ऐसदा मदाहदात्म्य धरदा हहै
चक तन्त्र, पगुरदाण, भदाटयों ककी भही कथदा कमो परदाजिय कर चदयदा हहै।
—श्रदाद्धचदनकक त्य पकष्ठि 3।
नमगुक दारसं तउ पढ़दे॥ 9॥
जिउ कब्बसं। मसंत दाणमसंत मो परममो इमगुच त्त। धदेय दाणधदेय सं परमसं इमगुच त्त। तत्तदाणतत्तसं परमसं
पचवत्तसं। ससंस दारसत्तदाण द गुह दाइयदाणसं॥ 10॥
तदाणसं अन्नसं तगु नमो अचत्थ जिहीवदाणसं भवसदायरदे। बगुडह सं तदाणसं इमसं मगुत्त गुसं। नमगुक दारसं सगुप मोययमम्॥
11॥
कब्बसं अणदेग जिम्मसं तरससंच चआणसं। द गुह दाणसं सदारहीररअमदाणगुस दाणसं। कत्तमोय
भव्वदाणभचवज्जनदासमो। न जिदावपत्तमो नवकदारमन्तमो॥12॥
जिमो यह मन्त्र हहै पचवत्र और परम मन्त्र हहै। यह ध्यदान कदे यमोग्य ममें परम ध्यदेय हहै। तत्त्वयों ममें परम तत्त्व हहै।
दमःगु खयों सदे पहीचड़त ससंसदारही जिहीवयों कमो नवकदार मन्त्र ऐसदा हहै चक जिहैसही समगुद्र कदे पदार उतदारनदे ककी नचौकदा हमोतही हहै॥ 10॥
जिमो यह नवकदार मन्त्र हहै वह नचौकदा कदे समदान हहै। जिमो इस कमो छमोड़ ददेतदे हमैं वदे भवसदागर ममें डभू बतदे हमैं और जिमो इस कदा
ग्रहण करतदे हमैं वदे दमःगु खयों सदे तर जिदातदे हमैं। जिहीवयों कमो दमःगु खयों सदे पकथकम् रखनदे वदालदा, सब पदापयों कदा नदाशक मगुचक्तकदारक
इस मन्त्र कदे चवनदा दस भू रदा कमोई नहह॥11॥अनदेक भवदान्तर ममें उत्पन्न हह आ शरहीर सम्बन्धही दमःगु ख सदे भव्य जिहीवयों कमो
भवसदागर सदे तदारनदे वदालदा यहही हहै। जिब तक नवकदार मन्त्र नहह पदायदा तब तक भवसदागर सदे जिहीव नहह तर सकतदा॥
12॥यह अथर्थ सभूत्र ममें कहदा हहै। और जिमो अचग्निप्रमगुख अष्ट महदाभययों ममें सहदायक एक नवकदार मन्त्र कमो छमोड़कर द स भू रदा
कमोई नहह। जिहैसदे महदारत्न वहैडभूयर्थ नदामक मचण ग्रहण करनदे ममें आवदे अथवदा शत्रगु कदे भय ममें अममोघ शस ग्रछहण करनदे ममें
आवदे वहैसदे श्रगुत कदे वलही कदा ग्रहण करदे और सब द्विदाद्विशदासंगही कदा नवकदार मन्त्र रहस्य हहै।
इस मन्त्र कदा अथर्थ यह हहै—(नममो अररहन्तदाणसं) सब तहीथर्थङरयों कमो नमस्कदार (नममो चसद्धदाणसं) जिहैन मत कदे
सब चसद्धयों कमो नमस्कदार। (नममो आयररयदाणसं) जिहैनमत कदे सब आचदायर्यों कमो नमस्कदार। (नममो उवज्झदायदाणसं)

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जिहैनमत कदे सब उपदाध्यदाययों कमो नमस्कदार। (नममो लमोए सब्ब सदाहहणसं) चजितनदे जिहैन मत कदे सदाधगु इस लमोक ममें हमैं उन
सब कमो नमस्कदार हहै। यदचप मन्त्र ममें जिहैन पद नहह हहै तथदाचप जिहैचनययों कदे अनदेक ग्रन्थयों ममें चसवदाय जिहैनमत कदे अन्य
चकसही कमो नमस्कदार भही न करनदा चलखदा हहै , इसचलए यहही अथर्थ ठहीक हहै। तत्त्वचववदेक पकष्ठि 169—जिमो मनगुष्य
लकड़ही, पत्थर कमो ददेवबगुचद्ध कर पभूजितदा हहै वह अच्छदे फलयों कमो प्रदाप्त हमोतदा हहै।
(समहीकक) जिमो ऐसदा हमो तमो सब कमोई दशर्थन करकदे सगुखरूप फलयों कमो प्रदाप्त क्ययों नहह हमोतदे?
रत्नसदारभदाग 1 पकष्ठि 10—पदाश्वर्थनदाथ ककी मभूचत्तर्थ कदे दशर्थन सदे पदाप नष्ट हमो जिदातदे हमैं। कल्पभदाष्य पकष्ठि 51
ममें चलखदा हहै चक सवदा लदाख मचन्दरयों कदा जिहीणर्वोद्धदार चकयदा इत्यदाचद। मभूचत्तर्थपभूजिदा चवषय ममें इन कदा बहह त सदा लदेख हहै।
इसही सदे समझदा जिदातदा हहै चक मभूचत्तर्थपभूजिदा कदा मभूल कदारण जिहैनमत हहै।
अब इन जिहैचनययों कदे सदाधगुओसं ककी लहीलदा ददेचखयदे—(चववदेकसदार पकष्ठि 228) एक जिहैनमत कदा सदाधगु कमोशदा
वदेश्यदा सदे भमोग करकदे पश्चदातम् त्यदागही हमोकर स्वगर्थ लमोक कमो गयदा। (चववदेकसदार पकष्ठि 101) अणर्थकमगुचन चदाररत्र सदे
चभूककर कई वषर्थ पयर्थन्त दत्त सदेठ कदे घर ममें चवषयभमोग करकदे पश्चदातम् ददेवलमोक कमो गयदा। श्रहीककष्ण कदे पगुत्र ढसंढण मगुचन
कमो स्यदाचलयदा उठदा लदे गयदा पश्चदातम् ददेवतदा हह आ। (चववदेकसदार पकष्ठि 156) जिहैनमत कदा सदाधगु चलङधदारही अथदार्थतम्
वदेशधदारही मदात्र हमो तमो भही उस कदा सत्कदार श्रदावक लमोग करमें। चदाहमैं सदाधगु शगुद्धचररत्र हयों चदाहमैं अशगुद्धचररत्र सब पभूजिनहीय
हमैं। (चववदेकसदार पकष्ठि 168) जिहैनमत कदा सदाधगु चररत्रहहीन हमो तमो भही अन्य मत कदे सदाधगुओसं सदे श्रदेष्ठि हहै। (चववदेकसदार
पकष्ठि 171) श्रदावक लमोग जिहैनमत कदे सदाधगुओसं कमो चररत्ररचहत भ्रष्टदाचदारही ददेखमें तमो भही उन ककी सदेवदा करनही चचहयदे।
(चववदेकसदार पकष्ठि 216) एक चमोर नदे पदासंच मभूठही लयोंच कर चदाररत्र ग्रहण चकयदा। बड़दा कष्ट और पश्चदात्तदाप चकयदा।
छठदे महहीनदे ममें कदे वल जदान पदाकदे चसद्ध हमो गयदा।
(समहीकक) अब ददेचखयदे इन कदे सदाधगु और गकहस्थयों ककी लहीलदा। इन कदे मत ममें बहह त कगु कमर्थ करनदे वदालदा
सदाधगु भही सदचत कमो गयदा। और—
चववकदे सदार पकष्ठि 106 ममें चलखदा हहै चक श्रहीककष्ण तहीसरदे नरक ममें गयदा। (चववदेकसदार पकष्ठि 145) ममें चलखदा
हहै चक धन्वन्तरर वहैद नरक ममें गयदा। चववदेकसदार पकष्ठि 48 ममें जिमोगही, जिसंगम, कदाजिही, मगुलदा चकतनदे हही अजदान सदे तप
कष्ट करकदे भही कगु गचत कमो पदातदे हमैं। रत्नसदार भदा॰ 1 पकष्ठि 171 ममें चलखदा हहै चक नव वदासगुददेव अथदार्थतम् चत्रपकष्ठि
वदासगुददेव, चद्विपकष्ठि वदासगुदवदे , स्वयम्भभू, पगुरुषमोत्तम वदासगुददेव, चससंहपगुरुष वदासदगु देव, पगुरुषपगुण्डरहीक वदासगुदवदे ,
दत्तवदासगुदवदे , लक्ष्मण वदासगुददेव और 9 श्रहीककष्ण वदासगुदवदे , यदे सब ग्यदारहवमें, बदारहवमें, चचौदहवमें, पन्द्रहवमें,
अठदारहवमें, बहीसवमें और बदाईसवमें तहीथर्थङरयों कदे समय ममें नरक कमो गयदे और नव प्रचतवदासगुददेव अथदार्थतम् अश्वग्रहीव
प्रचतवदासगुददेव, तदारक प्रचतवदासगुददेव, ममोरक प्रचतवदासगुददेव, मधगु प्रचतवदासगुददेव, चनशगुम्भ प्रचतवदासगुददेव, बलही
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प्रचतवदासगुददेव, प्रहदाद प्रचतवदासगुददेव, रदावण प्रचतवदासगुददेव और जिरदासन्ध प्रचतवदासगुददेव यदे भही सब नरक कमो गयदे। और
कल्पभदाष्य ममें चलखदा हहै चक ऋषभददेव सदे लदेकदे महदावहीर पयर्थन्त 24 तहीथर्थङर सब ममोक कमो प्रदाप्त हह ए।
(समहीकक) भलदा! कमोई बगुचद्धमदानम् पगुरुष चवचदारदे चक इन कदे सदाधगु गकहस्थ और तहीथर्थङर चजिन ममें बहह त सदे
वदेश्यदागदामही, परसहीगदामही, चमोर आचद सब जिहैनमतस्थ स्वगर्थ और मगुचक्त कमो गयदे और श्रहीककष्णदाचद महदाधदाचमर्थक
महदात्मदा सब नरक कमो गयदे। यह चकतनही बड़ही बगुरही बदात हहै ? प्रत्यगुत चवचदार कदे ददेखमें तमो अच्छदे पगुरु ष कमो जिहैच नययों
कदा ससंग करनदा वदा उनकमो ददेख नदा भही बगुर दा हहै। क्ययोंचक जिमो इन कदा ससंग करदे तमो ऐसही हही झभूठही-झभूठही बदातमें उन कदे
भही हृदय ममें चस्थत हमो जिदायमेंगही, क्ययोंचक इन महदाहठही, दरगु दाग्रहही मनगुष्ययों कदे ससंग सदे चसवदाय बगुरदाइययों कदे अन्य कगु छ भही
पलदे न पड़देगदा। हदासं! जिमो जिहैचनययों ममें उत्तमजिन1 हमैं उन सदे सत्ससंगदाचद करनदे ममें कगु छ भही दमोष नहह।
चववदेकसदार पकष्ठि 55 ममें चलखदा हहै चक गङदाचद तहीथर्थ और कदाशही आचद कदेत्रयों कदे सदेवनदे सदे कगु छ भही परमदाथर्थ
चसद्ध नहह हमोतदा और अपनदे चगरनदार, पदालहीटदाणदा और आबभू आचद तहीथर्थ, कदेत्र मगुचक्तपयर्थन्त कदे ददेनदे वदालदे चलखदे हमैं।
(समहीकक) यहदासं चवचदारनदा चदाचहयदे चक जिहैसदे शहैव वहैष्णवदाचद कदे तहीथर्थ और कदेत्र, जिल, स्थल जिड़स्वरूप
हमैं वहैसदे जिहैचनययों कदे भही हमैं। इन ममें सदे एक ककी चनन्ददा और दस
भू रदे ककी स्तगुचत करनदा मभूखर्थतदा कदा कदाम हहै।
जिहैन यों ककी मगुच क्त कदा वणर्थन
रत्नसदार भदा॰ 1। पकष्ठि 23—महदावहीर तहीथर्थङर गचौतम जिही सदे कहतदे हमैं चक ऊध्वर्थलमोक ममें एक चसद्धचशलदा
स्थदान हहै। स्वगर्थपगुरही कदे ऊपर पमैंतदालहीस लदाख यमोजिन लम्बही और उतनही हही पमोलही हहै तथदा 8 यमोजिन ममोटही हहै। जिहैसदे
ममोतही कदा श्वदेत हदार वदा गमोदग्गु ध हहै उस सदे भही उजिलही हहै। समोनदे कदे समदान प्रकदाशमदान और स्फचटक सदे भही चनमर्थल हहै।
वह चसद्धचशलदा चचौदहवमें लमोक ककी चशखदा पर हहै और उस चसद्धचशलदा कदे ऊपर चशवपगुर धदाम, उस ममें भही मगुक्त पगुरुष
अधर रहतदे हमैं। वहदासं जिन्म मरणदाचद कमोई दमोष नहह और आनन्द करतदे रहतदे हमैं। पगुनमः जिन्म मरण ममें नहह आतदे। सब
कमर्यों सदे छभूट जिदातदे हमैं। यह जिहैचनययों ककी मगुचक्त हहै।
(समहीकक) चवचदारनदा चदाचहयदे चक जिहैसदे अन्य मत ममें वहैकगुण्ठ, कहै लदाश, गमोलमोक, श्रहीपगुर आचद पगुरदाणही,
चचौथदे आसमदान ममें ईसदाई, सदातवमें आसमदान ममें मगुसलमदानयों कदे मत ममें मगुचक्त कदे स्थदान चलखदे हमैं, वहैसदे जिहैचनययों ककी
चसद्धचशलदा और चशवपगुर भही हहै। क्ययोंचक चजिस कमो जिहैनही लमोग ऊसंचदा मदानतदे हमैं वहही नहीचदे वदालयों ककी जिमो चक हम सदे
भभूगमोल कदे नहीचदे रहतदे हमैं उन ककी अपदेकदा सदे नहीचदा हहै। ऊसंचदा, नहीचदा व्यवचस्थत पददाथर्थ नहह हहै। जिमो आयदार्थवत्तर्थवदासही
जिहैनही लमोग ऊसंचदा मदानतदे हमैं उसही कमो अमदेररकदा वदालदे नहीचदा मदानतदे हमैं और आयदार्थवत्तर्थवदासही चजिस कमो नहीचदा मदानतदे हमैं

1
जिमो उत्तमजिन हमोगदा वह इस असदार जिहैनमत ममें कभही न रहदेगदा।
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उसही कमो अमदेररकदा वदालदे ऊहचदा मदानतदे हमैं। चदाहदे वह चशलदा पमैंतदालहीस लदाख सदे द नभू ही नव्वदे लदाख कमोश ककी हमोतही तमो भही
वदे मगुक्त बन्धन ममें हमैं क्ययोंचक उस चशलदा वदा चशवपगुर कदे बदाहर चनकलनदे सदे उन ककी मगुचक्त छभू ट जिदातही हमोगही। और सददा
उस ममें रहनदे ककी प्रहीचत और उस सदे बदाहर जिदानदे ममें अप्रहीचत भही रहतही हमोगही। जिहदासं अटकदाव प्रहीचत और अप्रहीचत हहै उस
कमो मगुचक्त क्ययोंकर कह सकतदे हमैं? मगुचक्त तमो जिहैसही नवमदे समगुलदास ममें वणर्थन कर आयदे हमैं वहैसही मदाननही ठहीक हहै। और
जिहैचनययों ककी मगुचक्त भही एक प्रकदार कदा बन्धन हहै। यदे जिहैनही भही मगुचक्त चवषय ममें भ्रम ममें फसं सदे हमैं। यह सच हहै चक चवनदा वदेदयों
कदे यथदाथर्थ अथर्थबमोध कदे मगुचक्त कदे स्वरूप कमो कभही नहह जिदान सकतदे।
अब और थमोड़ही सही असम्भव बदातमें इन ककी सगुनमो—(चववदेकसदार पकष्ठि 78) एक करमोड़ सदाठ लदाख कलशयों
सदे महदावहीर कमो जिन्म समय ममें स्नदान चकयदा। (चववदेक॰ पकष्ठि 136) दशदाणर्थ रदाजिदा महदावहीर कदे दशर्थन कमो गयदा। वहदासं
कगु छ अचभमदान चकयदा। उस कदे चनवदारण कदे चलए 16,77,72,16000 इतनदे इन्द्र कदे स्वरूप और
13,37,05,72,80,00,00,000 इतनही इन्द्रदाणही वहदासं आई सं थह। ददेख कर रदाजिदा आश्चयर्थ ममें हमो
गयदा।
(समहीकक) अब चवचदारनदा चदाचहयदे चक इन्द्र और इन्द्रदाचणययों कदे खड़दे रहनदे कदे चलयदे ऐसदे -ऐसदे चकतनदे हही
भभूगमोल चदाचहयदे। श्रदाद्धचदनकक त्य आत्मचनन्ददा भदावनदा पकष्ठि 31 ममें चलखदा हहै चक बदावड़ही, कगु आ और तदालदाब न
बनवदानदा चदाचहयदे।
(समहीकक) भलदा जिमो सब मनगुष्य जिहैनमत ममें हमो जिदायमें और कगु आ, तदालदाब, बदावड़ही आचद कमोई न
बनवदावमें तमो सब लमोग जिल कहदासं सदे पहीयमें?
(प्रश्न) तदालदाब आचद बनवदानदे सदे जिहीव पड़तदे हमैं। उस सदे बनवदानदे वदालदे कमो पदाप लगतदा हहै। इसचलयदे हम
जिहैनही लमोग इस कदाम कमो नहह करतदे।
(उत्तर) तगुम्हदारही बगुचद्ध नष्ट क्ययों हमो गई? क्ययोंचक जिहैसदे कगुद्र-कगुद्र जिहीवयों कदे मरनदे सदे पदाप चगनतदे हमो बड़दे-
बड़दे गदाय आचद पशगु और मनगुष्यदाचद प्रदाचणययों कदे जिल पहीनदे आचद सदे महदापगुण्य हमोगदा उस कमो क्ययों नहह चगनतदे?
(तत्त्वचववदेक पकष्ठि 196) इस नगरही ममें एक नन्दमचणकदार सदेठ नदे बदावड़ही बनवदाई। उस सदे धमर्थ भ्रष्ट हमोकर
समोलह महदारमोग हह ए। मर कदे उसही बदावड़ही ममें मदेडगुकदा हह आ। महदावहीर कदे दशर्थन सदे उस कमो जिदाचतस्मरण हमो गयदा।
महदावहीर कहतदे हमैं चक मदेरदा आनदा सगुन कर वह पभूवर्थ जिन्म कदे धमदार्थचदायर्थ जिदान वन्दनदा कमो आनदे लगदा। मदागर्थ ममें श्रदेचणक कदे
घमोड़दे ककी टदाप सदे मर कर शगुभ ध्यदान कदे यमोग सदे ददर्थरदासंक नदामक महचद्धर्थक ददेवतदा हह आ। अवचधजदान सदे मगुझ कमो यहदासं
आयदा जिदान वन्दनदापभूवर्थक ऋचद्ध चदखदाकदे गयदा।

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(समहीकक) इत्यदाचद चवददाचवरुद्ध असम्भव चमथ्यदा बदात कदे कहनदे वदालदे महदावहीर कमो सवर्वोत्तम मदाननदा
महदाभ्रदाचन्त ककी बदात हहै।
श्रदाद्धचदनकक त्य॰ पकष्ठि 36 ममें चलखदा हहै चक मकतकवस सदाधगु लदे लदेवमें।
(समहीकक) ददेचखयदे! इन कदे सदाधगु भही महदाब्रदाह्मण कदे समदान हमो गयदे। वस तमो सदाधगु लदेवमें परन्तगु मकतक कदे
आभभूषण कचौन लदेवदे? बहह मभूल्य हमोनदे सदे घर ममें रख लदेतदे हयोंगदे तमो आप कचौन हह ए?
(रत्नसदार पकष्ठि 105) भभूसंजिनदे, कभू टनदे, पहीसनदे, अन्न पकदानदे आचद ममें पदाप हमोतदा हहै।
(समहीकक) अब ददेचखयदे इन ककी चवददाहहीनतदा! भलदा यदे कमर्थ न चकयदे जिदायमें तमो मनगुष्यदाचद प्रदाणही कहै सदे जिही
सकमें ? और जिहैनही लमोग भही पहीचड़त हमोकर मर जिदायमें।
(रत्नसदार पकष्ठि 104) बगहीचदा लगदानदे सदे एक लक पदाप मदालही कमो लगतदा हहै।
(समहीकक) जिमो मदालही कमो लक पदाप लगतदा हहै तमो अनदेक जिहीव पत्र, फल, फभू ल और छदायदा सदे आनचन्दत
हमोतदे हमैं तमो करमोड़यों गगुणदा पगुण्य भही हमोतदा हही हहै इस पर कगु छ ध्यदान भही न चदयदा यह चकतनदा अन्धदेर हहै?
(तत्त्वचववदेक पकष्ठि 202) एक चदन लचब्ध सदाधगु भभूल सदे वदेश्यदा कदे घर ममें चलदा गयदा और धमर्थ सदे चभकदा
मदासंगही। वदेश्यदा बमोलही चक यहदासं धमर्थ कदा कदाम नहह चकन्तगु अथर्थ कदा कदाम हहै तमो उस लचब्ध सदाधगु नदे सदाढ़दे बदारह लदाख
अशफकीर्थ वषदार्थ उस कदे घर ममें कर दही।
(समहीकक) इस बदात कमो सत्य चवनदा नष्टबगुचद्ध पगुरुष कदे कचौन मदानदेगदा?
रत्नसदार भदाग 1, पकष्ठि 67 ममें चलखदा हहै चक एक पदाषदाण ककी मभूचत्तर्थ घमोड़दे पर चढ़ही हह ई उस कदा जिहदासं स्मरण
करदे वहदासं उपचस्थत हमोकर रकदा करतही हहै।
(समहीकक) कहमो जिहैनही जिही! आजिकल तगुम्हदारदे यहदासं चमोरही, डदाकदा आचद और शत्रगु सदे भय हमोतदा हही हहै तमो
तगुम उस कदा स्मरण करकदे अपनही रकदा क्ययों नहह करदा लदेतदे हमो? क्ययों जिहदासं तहदासं पगुचलस आचद रदाजिस्थदानयों ममें मदारदे -
मदारदे चफरतदे हमो? अब इन कदे सदाधगुओसं कदे लकण—
सरजिमोहरणदा भहैक्ष् यभगुजि मो लगुच ञ्चतमभूद्ध जि
र्थ दामः।
श्वदेत दाम्बरदामः कमदाशहीलदा चनमःसङदा जिहैन सदाधवमः॥1॥
लगुच ञ्चतदामः चपचच्छकदाहस्तदा पदाचणपदात्रदा चदगम्बरदामः।

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ऊध्वदार्थच शनमो गकह दे ददातगुच द्विर्थत हीयदामः स्य गुच जिर्थन षर्थय मः॥2॥
भगुङ क् तदे न कदे वलही न सही ममोकमदेच त चदगम्बरमः।
प्रदाहह र षदे दामयसं भदेद मो महदानम् श्वदेत दाम्बरहैमः सह॥3॥
जिहैन कदे सदाधगुओसं कदे लकणदाथर्थ चजिनदत्तसभूरही नदे यदे श्लमोकयों सदे कहदे हमैं—
सरजिमोहरण—चमरही रखनदा और चभकदा मदासंग कदे खदानदा, चशर कदे बदाल लगुचञ्चत कर ददेनदा, श्वदेत वस धदारण
गु रहनदा, चकसही कदा ससंग न करनदा, ऐसदे लकणयगुक्त जिहैचनययों कदे श्वदेतदाम्बर चजिन कमो जितही कहतदे हमैं॥
करनदा, कमदायक्त
1॥
दस
भू रदे चदगम्बर अथदार्थतम् वस धदारण न करनदा, चशर कदे बदाल उखदाड़ डदालनदा, चपचच्छकदा एक ऊन कदे सभूतयों
कदा भदाडभू लगदानदे कदा सदाधन बगल ममें रखनदा, जिमो कमोई चभकदा ददे तमो हदाथ ममें लदेकर खदा लदेनदा, यदे चदगम्बर दस भू रदे प्रकदार
कदे सदाधगु हमोतदे हमैं और चभकदा ददेनदे वदालदा गकहस्थ जिब भमोजिन कर चगुकदे उस कदे पश्चदातम् भमोजिन करमें वदे चजिनचषर्थ अथदार्थतम्
तहीसरदे प्रकदार कदे सदाधगु हमोतदे हमैं॥2॥
चदगम्बरयों कदा श्वदेतदाम्बरयों कदे सदाथ इतनदा हही भदेद हहै चक चदगम्बर लमोग सही कदा ससंसगर्थ नहह करतदे और
श्वदेतदाम्बर करतदे हमैं, इत्यदाचद बदातयों सदे ममोक कमो प्रदाप्त हमोतदे हमैं। यह इन कदे सदाधगुओसं कदा भदेद हहै॥3॥इस सदे जिहैन लमोगयों
कदा कदे शलगुञ्चन सवर्थत्र प्रचसद्ध हहै और पदासंच मगुचष्ट लगुञ्चन करनदा इत्यदाचद भही चलखदा हहै।
चववदेकसदार भदा॰ पकष्ठि 216 ममें चलखदा हहै चक पदासंच मगुचष्ट लगुञ्चन कर चदाररत्र ग्रहण चकयदा अथदार्थतम् पदासंच मभूठही
चसर कदे बदाल उखदाड़ कदे सदाधगु हह आ। (कल्पसभूत्र भदाष्य पकष्ठि 108) कदे शलगुञ्चन करदे, गचौ कदे बदालयों कदे तगुल्य रक्खदे।
(समहीकक) अब कचहयदे जिहैन लमोगमो! तगुम्हदारदा दयदा धमर्थ कहदासं रहदा? क्यदा यह चहसंसदा अथदार्थतम् चदाहमें अपनदे
हदाथ सदे लगुञ्चन करदे चदाहमें उस कदा गगुरु करदे वदा अन्य कमोई परन्तगु चकतनदा बड़दा कष्ट उस जिहीव कमो हमोतदा हमोगदा ? जिहीव
कमो कष्ट ददेनदा हही चहसंसदा कहदातही हहै।
(चववदेकसदार पकष्ठि 7-8) ससंवतम् 1633 कदे सदाल ममें श्वदेतदाम्बरयों ममें सदे ढभू संचढयदा और ढभू संचढ़ययों ममें सदे
तदेरहपन्थही आचद ढयोंगही चनकलदे हमैं। ढभू संचढ़यदे लमोग पदाषदाणदाचद मभूचत्तर्थ कमो नहह मदानतदे और वदे भमोजिन स्नदान कमो छमोड़ सवर्थददा
मगुख पर पटही बदासंधदे रहतदे हमैं और जितही आचद भही जिब पगुस्तक बदासंचतदे हमैं तभही मगुख पर पटही बदासंधतदे हमैं अन्य समय नहह।

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(प्रश्न) मगुख पर पटही अवश्य बदासंधनही चदाचहयदे क्ययोंचक ‘वदायक गु दाय’ अथदार्थतम् जिमो वदायगु ममें सभूक्ष्म शरहीर वदालदे
जिहीव रहतदे हमैं वदे मगुख कदे भदाफ ककी उष्णतदा सदे मरतदे हमैं और उस कदा पदाप मगुख पर पटही न बदासंधनदे वदालदे पर हमोतदा हहै
इसहीचलयदे हम लमोग मगुख पर पटही बदासंधनदा अच्छदा समझतदे हमैं।
(उत्तर) यह बदात चवददा और प्रत्यकदाचद प्रमदाणदाचद ककी रहीचत सदे अयगुक्त हहै। क्ययोंचक जिहीव अजिर, अमर हमैं
चफर वदे मगुख ककी भदाफ सदे कभही नहह मर सकतदे। इन कमो तगुम भही अजिर, अमर मदानतदे हमो।
(प्रश्न) जिहीव तमो नहह मरतदा परन्तगु जिमो मगुख कदे उष्ण वदायगु सदे उन कमो पहीड़दा पहह हचतही हहै उस पहीड़दा पहह हचदानदे
वदालदे कमो पदाप हमोतदा हहै इसहीचलयदे मगुख पर पटही बदासंधनदा अच्छदा हहै।
(उत्तर) यह भही तगुम्हदारही बदात सवर्थथदा असम्भव हहै, क्ययोंचक पहीड़दा चदयदे चवनदा चकसही जिहीव कदा
चकचञ्चतम् भही चनवदार्थह नहह हमो सकतदा। जिब मगुख कदे वदायगु सदे तगुम्हदारदे मत ममें जिहीवयों कमो पहीड़दा पहह हचतही हहै तमो चलनदे ,
चफरनदे, बहैठनदे, हदाथ उठदानदे और नदेत्रदाचद कदे चलदानदे ममें भही पहीड़दा अवश्य पहह हचतही हमोगही। इसचलयदे तगुम भही जिहीवयों कमो
पहीड़दा पहह हचदानदे सदे पकथकम् नहह रह सकतदे।
(प्रश्न) हदासं! जिब तक बन सकदे वहदासं तक जिहीवयों ककी रकदा करनही चदाचहयदे और जिहदासं हम नहह बचदा सकतदे
वहदासं अशक्त हमैं, क्ययोंचक सब वदायगु आचद पददाथर्यों ममें जिहीव भरदे हह ए हमैं। जिमो हम मगुख पर कपड़दा न बदासंधमें तमो बहह त जिहीव
मरमें; कपड़दा बदासंधनदे सदे न्यभून मरतदे हमैं।
(उत्तर) यह भही तगुम्हदारदा कथन यगुचक्तशभून्य हहै क्ययोंचक कपड़दा बदासंधनदे सदे जिहीवयों कमो अचधक दमःगु ख पहह संचतदा
हहै। जिब कमोई मगुख पर कपड़दा बदासंधदे तमो उस कदा मगुख कदा वदाय गु रुक कदे नहीचदे वदा पदाश्वर्थ और मचौन समय ममें नदाचसकदा
द्विदारदा इकटदा हमोकर वदेग सदे चनकलतदा हहै, उस सदे उष्णतदा अचधक हमोकर जिहीवयों कमो चवशदेष पहीड़दा तगुम्हदारदे मतदानगुसदार
पहह हचतही हमोगही। ददेखमो! जिहैसदे घर वदा कमोठरही कदे सब दरवदाजिदे बसंध चकयदे वदा पड़ददे डदालदे जिदायमें तमो उस ममें उष्णतदा चवशदेष
हमोतही हहै। खगुलदा रखनदे सदे उतनही नहह हमोतही। वहैसदे मगुख पर कपड़दा बदासंधनदे सदे उष्णतदा अचधक हमोतही हहै और खगुलदा रखनदे
सदे न्यभून। वहैसदे तगुम अपनदे मतदानगुसदार जिहीवयों कमो अचधक दमःगु खददायक हमो। और जिब मगुख बन्ध चकयदा जिदातदा हहै तब
नदाचसकदा कदे चछद्रयों सदे वदायगु रुक इकटदा हमोकर वदेग सदे चनकलतदा हह आ जिहीवयों कमो अचधक धकदा और पहीड़दा करतदा हमोगदा।
ददेखमो! जिहैसदे कमोई मनगुष्य अचग्नि कमो मगुख सदे फभूसं कतदा और कमोई नलही सदे तमो मगुख कदा वदाय गु फहै लनदे सदे कम बल
और नलही कदा वदायगु इकटदा हमोनदे सदे अचधक बल सदे अचग्नि ममें लगतदा हहै। वहैसदे हही मगुख पर पटही बदासंध कर वदाय गु कमो रमोकनदे
सदे नदाचसकदा द्विदारदा अचत वदेग सदे चनकल कर जिहीवयों कमो अचधक दमःगु ख ददेतदा हहै। इस सदे मगुख पर पटही बदासंधनदे वदालयों सदे
नहह बदासंधनदे वदालदे धमदार्थत्मदा हमैं। और मगुख पर पटही बदासंधनदे सदे अकरयों कदा यथदायमोग्य स्थदान , प्रयत्न कदे सदाथ उच्चिदारण भही
नहह हमोतदा। चनरनगुनदाचसक अकरयों कमो सदानगुनदाचसक बमोलनदे सदे तगुम कमो दमोष लगतदा हहै।
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तथदा मगुख पर पटही बदासंधनदे सदे दगगु र्थन्ध भही अचधक बढ़तदा हहै क्ययोंचक शरहीर कदे भहीतर दगगु र्थन्ध भरदा हहै। शरहीर सदे
चजितनदा वदायगु चनकलतदा हहै वह दगगु र्थन्धयगुक्त प्रत्यक हहै, जिमो वह रमोकदा जिदायदे तमो दगगु र्थन्ध भही अचधक बढ़ जिदाय जिहैसदा चक
बसंध ‘जिदाजिरूर’ अचधक दगगु र्थन्धयगुक्त और खगुलदा हह आ न्यभून दगगु र्थन्धयगुक्त हमोतदा हहै, वहैसदे हही मगुखपटही बदासंधनदे,
दन्तधदावन, मगुखप्रकदालन और स्नदान न करनदे तथदा वस न धमोनदे सदे तगुम्हदारदे शरहीरयों सदे अचधक दगगु र्थन्ध उत्पन्न हमोकर
ससंसदार ममें बहह त रमोग करकदे जिहीवयों कमो चजितनही पहीड़दा पहह संचदातदे हमैं उतनदा पदाप तगुम कमो अचधक हमोतदा हहै। जिहैसदे मदेलदे आचद
ममें अचधक दगगु र्थन्ध हमोनदे सदे ‘चवसभूचचकदा’ अथदार्थतम् हहैजिदा आचद बहह त प्रकदार कदे रमोग उत्पन्न हमोकर जिहीवयों कमो दमःगु खददायक
हमोतदे हमैं और न्यभून दगगु र्थन्ध हमोनदे सदे रमोग भही न्यभून हमोकर जिहीवयों कमो बहह त दमःगु ख नहह पहह संचतदा। इस सदे तगुम अचधक
दगगु र्थन्ध बढ़दानदे ममें अचधक अपरदाधही और जिमो मगुख पटही नहह बदासंधतदे ; दन्तधदावन, मगुखप्रकदालन, स्नदान करकदे स्थदान,
वसयों कमो शगुद्ध रखतदे हमैं वदे तगुम सदे बहह त अच्छदे हमैं।
जिहैसदे अन्त्यजियों ककी दगगु र्थन्ध कदे सहवदास सदे पकथकम् रहनदे वदालदे बहह त अच्छदे हमैं। जिहैसदे अन्त्यजियों ककी दगगु र्थन्ध कदे
सहवदास सदे चनमर्थल बगुचद्ध नहह हमोतही वहैसदे तगुम और तगुम्हदारदे ससंचगययों ककी भही बगुचद्ध नहह बढ़तही। जिहैसदे रमोग ककी अचधकतदा
और बगुचद्ध कदे स्वल्प हमोनदे सदे धमदार्थनगुष्ठिदान ककी बदाधदा हमोतही हहै वहैसदे हही दगगु र्थन्धयगुक्त तगुम्हदारदा और तगुम्हदारदे ससंचगययों कदा भही
वत्तर्थमदान हमोतदा हमोगदा।
(प्रश्न) जिहैसदे बन्ध मकदान ममें जिलदायदे हह ए अचग्नि ककी ज्वदालदा बदाहर चनकल कदे बदाहर कदे जिहीवयों कमो दमःगु ख नहह
पहह संचदा सकतही वहैसदे हम मगुखपटही बदासंध कदे वदायगु कमो रमोक कर बदाहर कदे जिहीवयों कमो न्यभून दमःगु ख पहह चदानदे वदालदे हमैं। मगुखपटही
बदासंधनदे सदे बदाहर कदे वदायगु कदे जिहीवयों कमो पहीड़दा नहह पहह संचतही, और जिहैसदे सदामनदे अचग्नि जिलदातदा हहै उसकमो आड़दा हदाथ ददेनदे
सदे कम लगतही हहै और वदायगु कदे जिहीव शरहीर वदालदे हमोनदे सदे उनकमो पहीड़दा अवश्य पहह संचतही हहै।
(उत्तर) यह तगुम्हदारही बदात लड़कपन ककी हहै। प्रथम तमो ददेखमो जिहदासं चछद्र और भहीतर कदे वदायगु कदा यमोग बदाहर
कदे वदायगु कदे सदाथ न हमो तमो वहदाह अचग्नि जिल हही नहह सकतदा। जिमो इस कमो प्रत्यक ददेखनदा चदाहमो तमो चकसही फदानभूस ममें
दहीप जिलदाकर सब चछद्र बन्ध करकदे ददेखमो तमो दहीप उसही समय बगुझ जिदायदेगदा। जिहैसदे पकचथवही पर रहनदे वदालदे मनगुष्यदाचद
प्रदाणही बदाहर कदे वदायगु कदे यमोग कदे चवनदा नहह जिही सकतदे, वहैसदे अचग्नि भही नहह जिल सकतदा। जिब एक ओर सदे अचग्नि कदा
वदेग रमोकदा जिदाय तमो दस भू रही ओर अचधक वदेग सदे चनकलदेगदा। और हदाथ ककी आड़ करनदे सदे मगुख पर आसंच न्यभून लगतही हहै
परन्तगु वह आसंच हदाथ पर अचधक लग रहही हहै इसचलयदे तगुम्हदारही बदात ठहीक नहह।
(प्रश्न) इस कमो सब कमोई जिदानतदा हहै चक जिब चकसही बड़दे मनगुष्य सदे छमोटदा मनगुष्य कदान ममें वदा चनकट हमोकर
बदात कहतदा हहै तब मगुख पर पलदा वदा हदाथ लगदातदा हहै। इसचलयदे चक मगुख सदे थभूक उड़ कर वदा द गगु र्थन्ध उस कमो न लगदे

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और जिब पगुस्तक बदासंचतदा हहै तब अवश्य थभूक उड़ कर उस पर चगरनदे सदे उचच्छष्ट हमोकर चबगड़ जिदातदा हहै इसचलयदे
मगुख पर पटही कदा बदासंधनदा अच्छदा हहै।
(उत्तर) इस सदे यह चसद्ध हह आ चक जिहीवरकदाथर्थ मगुखपटही बदासंधनदा व्यथर्थ हहै। और जिब कमोई बड़दे मनगुष्य सदे
बदात करतदा हहै तब मगुख पर हदाथ वदा पलदा इसचलयदे रखतदा हहै चक उस गगुप्त बदात कमो द स भू रदा कमोई न सगुन लदेवदे। क्ययोंचक
जिब कमोई प्रचसद्ध बदात करतदा हहै तब कमोई भही मगुख पर हदाथ वदा पलदा नहह धरतदा। इस सदे क्यदा चवचदत हमोतदा हहै चक
गगुप्त बदात कदे चलयदे यह बदात हहै। दन्तधदावनदाचद न करनदे सदे तगुम्हदारदे मगुखदाचद अवयवयों सदे अत्यन्त द गगु र्थन्ध चनकलतदा हहै
और जिब तगुम चकसही कदे पदास वदा कमोई तगुम्हदारदे पदास बहैठतदा हमोगदा तमो चवनदा दगगु र्थन्ध कदे अन्य क्यदा आतदा हमोगदा?
इत्यदाचद मगुख कदे आड़दा हदाथ वदा पलदा ददेनदे कदे प्रयमोजिन अन्य बहह त हमैं। जिहैसदे बहह त मनगुष्ययों कदे सदामनदे गगुप्त बदात करनदे ममें
जिमो हदाथ वदा पलदा न लगदायदा जिदाय तमो दस भू रयों ककी ओर वदायगु कदे फहै लनदे सदे बदात भही फहै ल जिदाय। जिब वदे दमोनयों एकदान्त ममें
बदात करतदे हमैं तब मगुख पर हदाथ वदा पलदा इसचलयदे नहह लगदातदे चक यहदासं तहीसरदा कमोई सगुननदे वदालदा नहह। जिमो बड़यों हही
कदे ऊपर थभूक न चगरदे इस सदे क्यदा छमोटयों कदे ऊपर थभूक चगरदानदा चदाचहयदे? और उस थभूक सदे बच भही नहह सकतदा
क्ययोंचक हम दरभू स्थ बदात करमें और वदायगु हमदारही ओर सदे दस भू रदे ककी ओर जिदातदा हमो तमो सभूक्ष्म हमोकर उस कदे शरहीर पर
वदायगु कदे सदाथ त्रसरदेणगु अवश्य चगरमेंगदे, उस कदा दमोष चगननदा अचवददा ककी बदात हहै। क्ययोंचक जिमो मगुख ककी उष्णतदा सदे जिहीव
मरतदे वदा उन कमो पहीड़दा पहह संचतही हमो तमो वहैशदाख वदा ज्यदेष्ठि महहीनदे ममें सभूयर्थ ककी महदा उष्णतदा सदे वदाय क गु दाय कदे जिहीवयों ममें सदे
मरदे चवनदा एक भही न बच सकदे । समो उस उष्णतदा सदे भही वदे जिहीव नहह मर सकतदे। इसचलयदे यह तगुम्हदारदा चसद्धदान्त झभूठदा
हहै, क्ययोंचक जिमो तगुम्हदारदे तहीथर्थङर भही पभूणर्थ चवद्विदानम् हमोतदे तमो ऐसही व्यथर्थ बदातमें क्ययों करतदे ? ददेखमो! पहीड़दा उसही जिहीव कमो
पहह संचतही हहै चजिस ककी वकचत्त सब अवयवयों कदे सदाथ चवदमदान हमो। इस ममें प्रमदाण—
पञ्चदावयवयमोगदातम् सगुख ससंच वचत्तमः॥
—यह सदासंख्यशदास कदा सभूत्र हहै।
जिब पदासंच यों इचन्द्रययों कदा पदासंच चवषययों कदे सदाथ सम्बन्ध हमोतदा हहै तभही सगुख वदा द गुमः ख ककी प्रदाचप्त
जिहीव कमो हमोतही हहै। जिहैसदे बचधर कमो गदालही प्रददान, अन्धदे कमो रूप वदा आगदे सदे सपर्थ व्यदाघ्रदाचद भयददायक जिहीवयों कदा
चलदा जिदानदा, शभून्य बचहरही वदालयों कमो स्पशर्थ, चपन्नस रमोग वदालदे कमो गन्ध और शभून्य चजिहदा वदालदे कमो रस प्रदाप्त नहह हमो
सकतदा, इसही प्रकदार उन जिहीवयों ककी भही व्यवस्थदा हहै।
ददेखमो! जिब मनगुष्य कदा जिहीव सगुषचप्त दशदा ममें रहतदा हहै तब उस ककी सगुख वदा द मःगु ख ककी प्रदाचप्त कगु छ भही नहह
हमोतही, क्ययोंचक वह शरहीर कदे भहीतर तमो हहै परन्तगु उस कदा बदाहर कदे अवयवयों कदे सदाथ उस समय सम्बन्ध न रहनदे सदे
सगुख दमःगु ख ककी प्रदाचप्त नहह कर सकतदा। और जिहैसदे वहैद वदा आजिकल कदे डडॉक्टर लमोग नशदे ककी वस्तगु चखलदा वदा सगुसंघदा
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कदे रमोगही पगुरुष कदे शरहीर कदे अवयवयों कमो कदाटतदे वदा चहीरतदे हमैं उस कमो उस समय कगु छ भही दमःगु ख चवचदत नहह हमोतदा।
वहैस दे वदायगु क दाय अथवदा अन्य स्थदावर शरहीर वदालदे जिहीवयों कमो सगुख वदा द गुमः ख प्रदाप्त कभही नहह हमो सकतदा।
जिहैस दे मभूच छर्थत प्रदाणही सगुख द गुमः ख कमो प्रदाप्त कभही नहह हमो सकतदा वहैस दे वदे वदायगुक दायदाचद कदे जिहीव भही अत्यन्त
मभूच छर्थत हमोनदे सदे सगुख द गुमः ख कमो प्रदाप्त नहह हमो सकतदे। चफर इन कमो पहीड़दा सदे बचदानदे ककी बदात चसद्ध कहै सदे हमो
सकतही हहै? जिब उन कमो सगुख, दमःगु ख ककी प्रदाचप्त प्रत्यक नहह हमोतही तमो अनगुमदानदाचद यहदासं कहै सदे यगुक्त हमो सकतदे हमैं।
(प्रश्न) जिब वदे जिहीव हमैं तमो उन कमो सगुख, दमःगु ख क्ययों नहह हमोतदा हमोगदा?
(उत्तर) सगुनमो भमोलदे भदाइयमो! जिब तगुम सगुषगुचप्त ममें हमोतदे हमो तब तगुम कमो सगुख , दमःगु ख प्रदाप्त क्ययों नहह हमोतदे?
सगुख, दमःगु ख ककी प्रदाचप्त कदा हदेतगु प्रचसद्ध सम्बन्ध हहै। अभही हम इस कदा उत्तर ददे आयदे हमैं चक नशदा सगुसंघदा कदे डडॉक्टर
लमोग असंगयों कमो चहीरतदे, फदाड़तदे और कदाटतदे हमैं। जिहैसदे उन कमो दमःगु ख चवचदत नहह हमोतदा इसही प्रकदार अचतमभूचछर्थत जिहीवयों
कमो सगुख, दमःगु ख क्ययोंकर प्रदाप्त हमोवमें? क्ययोंचक वहदासं प्रदाचप्त हमोनदे कदा सदाधन कमोई भही नहह।
(प्रश्न) ददेखमो! चनलमोचत अथदार्थतम् चजितनदे हरदे शदाक, पदात और कन्दमभूल हमैं उन कमो हम लमोग नहह खदातदे
क्ययोंचक चनलमोचत ममें बहह त और कन्दमभूल ममें अनन्त जिहीव हमैं। जिमो हम इन कमो खदावमें तमो उन जिहीवयों कमो मदारनदे और
पहीड़दा पहह संचदानदे सदे हम लमोग पदापही हमो जिदावमें।
(उत्तर) यह तगुम्हदारही बड़ही अचवददा ककी बदात हहै क्ययोंचक हररत शदाक कदे खदानदे ममें जिहीव कदा मरनदा उन
कमो पहीड़दा पहह संच नही क्ययोंकर मदानतदे हमो? भलदा जिब तगुम कमो पहीड़दा प्रदाप्त हमोतही प्रत्यक नहह दहीखतही और जिमो
दहीखतही हहै तमो हम कमो भही चदखलदाओ। तगुम कभही न प्रत्यक ददेख वदा हम कमो चदखदा सकमोगदे। जिब प्रत्यक नहह तमो
अनगुमदान, उपमदान और शब्दप्रमदाण भही कभही नहह घट सकतदा। चफर जिमो हम ऊपर उत्तर ददे आयदे हमैं वह इस बदात
कदा भही उत्तर हहै क्ययों च क जिमो अत्यन्त अन्धकदार महदासगुष चगु प्त और महदा नशदा ममें जिहीव हमैं इन कमो सगुख द गुमः ख
ककी प्रदाचप्त मदाननदा तगुम् हदारदे तहीथर्थङ रयों ककी भही भभूल चवचदत हमोतही हहै ; चजिन्हयोंनदे तगुम कमो ऐसही यगुचक्त और
चवददाचवरुद्ध उपददेश चकयदा हहै। भलदा! जिब घर कदा अन्त हहै तमो उस ममें रहनदे वदालदे अनन्त क्ययोंकर हमो सकतदे हमैं ?
जिब कन्द कदा अन्त हम ददेखतदे हमैं तमो उस ममें रहनदे वदालदे जिहीवयों कदा अन्त क्ययों नहह? इस सदे यह तगुम्हदारही बदात बड़ही
भभूल ककी हहै।
(प्रश्न) ददेखमो! तगुम लमोग चवनदा उष्ण चकयदे कच्चिदा पदानही पहीतदे हमो वह बड़दा पदाप करतदे हमो। जिहैसदे हम उष्ण
पदानही पहीतदे हमैं वहैसदे तगुम लमोग भही चपयदा करमो।
(उत्तर) यह भही तगुम्हदारही बदात भ्रमजिदाल ककी हहै क्ययोंचक जिब तगुम पदानही कमो उष्ण करतदे हमो तब पदानही कदे
जिहीव सब मरतदे हयोंगदे और उन कदा शरहीर भही जिल ममें रसंधकर वह पदानही सयोंफ कदे अकर्थ कदे तगुल्य हमोनदे सदे जिदानमो तगुम उन
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कदे शरहीरयों कदा ‘तदेजिदाब’ पहीतदे हमो, इस ममें तगुम बड़दे पदापही हमो। और जिमो ठण्डदा जिल पहीतदे हमैं वदे नहह क्ययोंचक जिब ठण्डदा
पदानही चपयमेंगदे तब उदर ममें जिदानदे सदे चकचञ्चतम् उष्णतदा पदाकर श्वदास कदे सदाथ वदे जिहीव बदाहर चनकल जिदायमेंगदे। जिलकदाय
जिहीवयों कमो सगुख, दमःगु ख प्रदाप्त पभूवर्वोक्त रहीचत सदे नहह हमो सकतदा पगुनमः इस ममें पदाप चकसही कमो नहह हमोगदा।
(प्रश्न) जिहैसदे जिदाठरदाचग्नि सदे वहैसदे उष्णतदा पदाकदे जिल सदे बदाहर जिहीव क्ययों न चनकल जिदायमेंगदे?
(उत्तर) हदासं! चनकल तमो जिदातदे परन्तगु जिब तगुम मगुख कदे वदायगु ककी उष्णतदा सदे जिहीव कदा मरनदा मदानतदे हमो तमो
जिल उष्ण करनदे सदे तगुम्हदारदे मतदानगुसदार जिहीव मर जिदावमेंगदे वदा अचधक पहीड़दा पदाकर चनकलमेंगदे और उन कदे शरहीर उस
जिल ममें रसंध जिदायमेंगदे इस सदे तगुम अचधक पदापही हमोगदे वदा नहह?
(प्रश्न) हम अपनदे हदाथ सदे उष्ण जिल नहह करतदे और न चकसही गकहस्थ कमो उष्ण जिल करनदे ककी आजदा
ददेतदे हमैं, इसचलए हम कमो पदाप नहह।
(उत्तर) जिमो तगुम उष्ण जिल न लदेतदे, न पहीतदे तमो गकहस्थ उष्ण क्ययों करतदे ? इसचलयदे उस पदाप कदे भदागही
तगुम हही हमो; प्रत्यगुत अचधक पदापही हमो क्ययोंचक जिमो तगुम चकसही एक गकहस्थ कमो उष्ण करनदे कमो कहतदे तमो एक हही
चठकदानदे उष्ण हमोतदा हहै।
जिब वदे गकहस्थ इस भ्रम ममें रहतदे हमैं चक न जिदानदे सदाधगु जिही चकस कदे घर कमो आवमेंगदे इसचलयदे प्रत्यदेक गकहस्थ
अपनदे-अपनदे घर ममें उष्ण जिल कर रखतदे हमैं। इस कदे पदाप कदे भदागही मगुख्य तगुम हही हमो।
दस भू रदा अचधक कदाष्ठि और अचग्नि कदे जिलनदे जिलदानदे सदे भही ऊपर चलखदे प्रमदाणदे रसमोई, खदेतही और व्यदापदारदाचद
ममें अचधक पदापही और नरकगदामही हमोतदे हमो। चफर जिब तगुम उष्ण जिल करदानदे कदे मगुख्य चनचमत्त और तगुम उष्ण जिल कदे
पहीनदे और ठण्डदे कदे न पहीनदे कदे उपददेश करनदे सदे तगुम हही मगुख्य पदाप कदे भदागही हमो और जिमो तगुम्हदारदा उपददेश मदान कर
ऐसही बदातमें करतदे हमैं वदे भही पदापही हमैं।
अब ददेखमो! चक तगुम बड़ही अचवददा ममें हमोतदे हमो वदा नहह चक छमोटदे -छमोटदे जिहीवयों पर दयदा करनही और अन्य मत
वदालयों ककी चनन्ददा, अनगुपकदार करनदा क्यदा थमोड़दा पदाप हहै? जिमो तगुम्हदारदे तहीथर्थङरयों कदा मत सच्चिदा हमोतदा तमो सकचष्ट ममें इतनही
वषदार्थ, नचदययों कदा चलनदा और इतनदा जिल क्ययों उत्पन्न ईश्वर नदे चकयदा? और सभूयर्थ कमो भही उत्पन्न न करतदा क्ययोंचक
इन ममें क्रमोड़दानम् क्रमोड़ जिहीव तगुम्हदारदे मतदानगुसदार मरतदे हही हयोंगदे। जिब वदे चवदमदान थदे और तगुम चजिन कमो ईश्वर मदानतदे हमो
उन्हयोंनदे दयदाकर सभूयर्थ कदा तदाप और मदेघ कमो बन्ध क्ययों नहह चकयदा?
और पभूवर्वोक्त प्रकदार सदे चवनदा चवदमदान प्रदाचणययों कदे दगुमः ख, सगुख ककी प्रदाचप्त कन्दमभूल दाचद पददाथर्यों ममें
रहनदे वदालदे जिहीवयों कमो नहह हमोतही। सवर्थथदा सब जिहीवयों पर दयदा करनदा भही दमःगु ख कदा कदारण हमोतदा हहै क्ययोंचक जिमो

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तगुम्हदारदे मतदानगुसदार सब मनगुष्य हमो जिदावमें। चमोर डदाकगुओसं कमो कमोई भही दण्ड न ददेवदे तमो चकतनदा बड़दा पदाप खड़दा हमो
जिदायदे? इसचलए दष्टगु यों कमो यथदावतम् दण्ड ददेनदे और श्रदेष्ठियों कदे पदालन करनदे ममें दयदा और इस सदे चवपरहीत करनदे ममें दयदा
कमदारूप धमर्थ कदा नदाश हहै। चकतनदे जिहैनही लमोग दक गु दान करतदे, उन व्यवहदारयों ममें झभूठ बमोलतदे , परदायदा धन मदारतदे और
दहीनयों कमो छलनदे आचद कगु कमर्थ करतदे हमैं उन कदे चनवदारण ममें चवशदेष उपददेश क्ययों नहह करतदे ? और मगुखपटही बदासंधनदे
आचद ढयोंग ममें क्ययों रहतदे हमो?
जिब तगुम चदेलदा, चदेलही करतदे हमो तब कदे शलगुञ्चन और बहह त चदवस भभूखदे रहनदे ममें परदायदे वदा अपनदे आत्मदा कमो
पहीड़दा ददे और पहीड़दा कमो प्रदाप्त हमोकदे दस
भू रयों कमो दमःगु ख ददेतदे और आत्महत्यदा अथदार्थतम् आत्मदा कमो दमःगु ख ददेनदे वदालदे हमोकर
चहसंसक क्ययों बनतदे हमो? जिब हदाथही, घमोड़दे, बहैल, ऊहट पर चढ़नदे और मनगुष्ययों कमो मजिभूरही करदानदे ममें पदाप जिहैनही लमोग
क्ययों नहह चगनतदे? जिब तगुम्हदारदे चदेलदे ऊटपटदासंग बदातयों कमो सत्य नहह कर सकतदे तमो तगुम्हदारदे तहीथर्थङर भही सत्य नहह
कर सकतदे। जिब तगुम कथदा बदासंचतदे हमो तमो मदागर्थ ममें श्रमोतदाओसं कदे और तगुम्हदारदे मतदानगुसदार जिहीव मरतदे हही हयोंगदे इसचलयदे
तगुम इस पदाप कदे मगुख्य कदारण क्ययों हमोतदे हमो? इस थमोड़दे कथन सदे बहह त समझ लदेनदा चक उन जिल, स्थल, वदायगु कदे
स्थदावर शरहीर वदालदे अत्यन्त मभूचछर्थत जिहीवयों कमो दमःगु ख वदा सगुख कभही नहह पहह संच सकतदा।
अब जिहैचनययों ककी और भही थमोड़ही सही असम्भव कथदा चलखतदे हमैं, सगुननदा चदाचहयदे और यह भही ध्यदान ममें
रखनदा चक अपनदे हदाथ सदे सदाढ़दे तहीन हदाथ कदा धनगुष हमोतदा हहै और कदाल ककी ससंख्यदा जिहैसही पभूवर्थ चलख आयदे हमैं वहैसही हही
समझनदा। रत्नसदार भदाग 1। पकष्ठि 166-167 तक ममें चलखदा हहै—
(1) ऋषभददेव कदा शरहीर 500 पदासंच सचौ धनगुषम् लम्बदा और 8400000 (चचौरदासही लदाख) पभूवर्थ
कदा आयगु।
(2) अचजितनदाथ कदा 450 धनगुषम् पररमदाण कदा शरहीर और 7200000 (बहत्तर लदाख) पभूवर्थ वषर्थ
कदा आयगु।
(3) सम्भवनदाथ कदा शरहीर 400 चदार सचौ धनगुषम् पररमदाण शरहीर और 6000000 (सदाठ लदाख)
पभूवर्थ वषर्थ कदा आयगु।
(4) अचभनन्दन कदा 350 सदाढ़दे तहीन सचौ धनगुषम् कदा शरहीर और 5000000 (पचदास लदाख) पभूवर्थ
वषर्थ कदा आयगु।
(5) सगुमचतनदाथ कदा 300 धनगुषम् पररमदाण कदा शरहीर और 4000000 (चदालहीस लदाख) पभूवर्थ वषर्थ
कदा आयगु।

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(6) पद्मिप्रभ कदा 140 धनगुषम् कदा शरहीर और पररमदाण 3000000 (तहीस लदाख) पभूवर्थ वषर्थ कदा
आयगु।
(7) पदाश्वर्थनदाथ कदा 200 धनगुषम् कदा शरहीर और 2000000 (बहीस लदाख) पभूवर्थ वषर्थ कदा आयगु।
(8) चन्द्रप्रभ कदा 150 धनगुषम् पररमदाण कदा शरहीर और 1000000 (दस लदाख) पभूवर्थ वषर्थ कदा
आयगु।
(9) सगुचवचधनदाथ कदा 100 सचौ धनगुषम् कदा शरहीर और 200000 (दमो लदाख) पभूवर्थ वषर्थ कदा आयगु।
(10) शहीतलनदाथ कदा 90 नब्बदे धनगुषम् कदा शरहीर और 100000 (एक लदाख) पभूवर्थ वषर्थ कदा
आयगु।
(11) श्रदेयदासंसनदाथ कदा 80 धनगुषम् कदा शरहीर और 8400000 (चचौरदासही लदाख) वषर्थ कदा आयगु।
(12) वदासगुपभूज्य स्वदामही कदा 70 धनगुषम् कदा शरहीर और 7200000 (बहत्तर लदाख) वषर्थ कदा
आयगु।
(13) चवमलनदाथ कदा 60 धनगुषम् कदा शरहीर और 6000000 (सदाठ लदाख) वषर्यों कदा आयगु।
(14) अनन्तनदाथ कदा 50 धनगुषम् कदा शरहीर और 3000000 (तहीस लदाख) वषर्यों कदा आयगु।
(15) धमर्थनदाथ कदा 45 धनगुषम् कदा शरहीर और 1000000 (दस लदाख) वषर्यों कदा आयगु।
(16) शदाचन्तनदाथ कदा 40 धनगुषयों कदा शरहीर और 100000 (एक लदाख) वषर्थ कदा आयगु।
(17) कगु न्थगुनदाथ कदा 35 धनगुषम् कदा शरहीर और 95000 (पचदानवमें सहस्र) वषर्यों कदा आयगु।
(18) अमरनदाथ कदा 30 धनगुषयों कदा शरहीर और 84000 (चचौरदासही सहस्र) वषर्यों कदा आयगु।
(19) मलहीनदाथ कदा 25 धनगुषयों कदा शरहीर और 55000 (पचपन सहस्र) वषर्यों कदा आयगु।
(20) मगुचन सगुरत कदा 20 धनगुषयों कदा शरहीर और 30000 (तहीस सहस्र) वषर्यों कदा आयगु।
(21) नचमनदाथ कदा 14 धनगुषयों कदा शरहीर और 10000 (दश सहस्र) वषर्यों कदा आयगु।
(22) नदेचमनदाथ कदा 10 धनगुषयों कदा शरहीर और 10000 (दश सहस्र) वषर्थ कदा आयगु।
(23) पदाश्वर्थनदाथ 9 हदाथ कदा शरहीर और 100 (सचौ) वषर्थ कदा आयगु।
(24) महदावहीर स्वदामही कदा 7 हदाथ कदा शरहीर और 72 वषर्यों ककी आयगु।
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—यदे चचौबहीस तहीथर्थङर जिहैचनययों कदे मत चलदानदे वदालदे आचदायर्थ और गगुरु हमैं। इन्हह कमो जिहैनही लमोग परमदेश्वर
मदानतदे हमैं और यदे सब ममोक कमो गयदे हमैं। इसममें बगुचद्धमदानम् लमोग चवचदार लदेवमें चक इतनदे बड़दे शरहीर और इतनदा आयगु मनगुष्य
ददेह कदा हमोनदा कभही सम्भव हहै? इस भभूगमोल ममें बहह त हही थमोड़दे मनगुष्य वस सकतदे हमैं। इन्हह जिहैचनययों कदे गपमोड़दे लदेकर
जिमो पगुरदाचणययों नदे एक लदाख, दश सहस्र और एक सहस्र वषर्थ कदा आयगु चलखदा समो भही सम्भव नहह हमो सकतदा तमो
जिहैचनययों कदा कथन सम्भव कहै सदे हमो सकतदा हहै?
अब और भही सगुनमो—
कल्पभदाष्य पकष्ठि 4—नदागकदे त नदे ग्रदाम ककी बरदाबर एक चशलदा असंगगुलही पर धर लही!
कल्पभदाष्य पकष्ठि 35—महदावहीर नदे असंगभूठदे सदे पकचथवही कमो दबदाई उस सदे शदेषनदाग कसंप गयदा!
कल्पभदाष्य पकष्ठि 46—महदावहीर कमो सपर्थ नदे कदाटदा, रुचधर कदे बदलदे दधभू चनकलदा। और वह सपर्थ 8 वमें
स्वगर्थ कमो गयदा!।
कल्पभदाष्य पकष्ठि 47—महदावहीर कदे पग पर खहीर पकदाई और पग न जिलदे!।
कल्पभदाष्य पकष्ठि 16—छमोटदे सदे पदात्र ममें ऊसंट बगुलदायदा!
रत्नसदार भदाग 1। प्रथम पकष्ठि 14—शरहीर कदे महैल कमो न उतदारदे और न खगुजिलदावमें।
चववदेकसदार पकष्ठि 215—जिहैचनययों कदे एक दमसदार सदाधगु नदे क्रमोचधत हमोकर उद्विदेगजिनक सभूत्र पढ़ कर एक
शहर ममें आग लगदा दही और महदावहीर तहीथर्थङर कदा अचत चप्रय थदा।
चववदेक पकष्ठि 227—रदाजिदा ककी आजदा अवश्य मदाननही चदाचहयदे।
चववदेक पकष्ठि 227—एक कमोशदा वदेश्यदा नदे थदालही ममें सरसयों ककी ढदेरही लगदा उस कदे ऊपर फभू लयों सदे ढककी हह ई
सगुई खड़ही कर उस पर अच्छदे प्रकदार नदाच चकयदा परन्तगु सगुई पग ममें गड़नदे न पदाई और सरसयों ककी ढदेरही चबखरही
नहह!!!
तत्त्वचववदेक पकष्ठि 228—इसही कमोशदा वदेश्यदा कदे सदाथ एक स्थभूलमगुचन नदे 12 वषर्थ तक भमोग चकयदा और
पश्चदातम् दहीकदा लदेकर सदचत कमो गयदा और कमोशदा वदेश्यदा भही जिहैन धमर्थ कमो पदालतही हह ई सदचत कमो गई।
चववदेकसदार पकष्ठि 195—एक चसद्ध ककी कन्थदा जिमो गलदे ममें पचहनही जिदातही हहै वह 500 अशफकीर्थ एक वहैश्य
कमो चनत्य ददेतही रहही।

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चववदेकसदार पकष्ठि 228—बलवदानम् पगुरुष ककी आजदा, ददेव ककी आजदा, घमोर वन ममें कष्ट सदे चनवदार्थह, गगुरु कदे
रमोकनदे, मदातदा, चपतदा, कगु लदाचदायर्थ, जदातहीय लमोग और धमर्वोपददेष्टदा इन छमः कदे रमोकनदे सदे धमर्थ ममें न्यभूनतदा हमोनदे सदे धमर्थ
ककी हदाचन नहह हमोतही।
(समहीकक) अब ददेचखयदे इन ककी चमथ्यदा बदातमें! एक मनगुष्य ग्रदाम कदे बरदाबर पदाषदाण ककी चशलदा कमो असंगगुलही
पर कभही धर सकतदा हहै? और पकचथवही कदे ऊपर असंगभूठदे सदे दबदानदे सदे पकचथवही कभही दब सकतही हहै? और जिब शदेषनदाग
हही नहह तमो कसंपदेगदा कचौन?॥2॥भलदा शरहीर कदे कदाटनदे सदे दधभू चनकलनदा चकसही नदे नहह ददेखदा। चसवदाय इन्द्रजिदाल कदे
दस
भू रही बदात नहह। उस कमो कदाटनदे वदालदा सपर्थ तमो स्वगर्थ ममें गयदा और महदात्मदा श्रहीकक ष्ण आचद तहीसरदे नरक कमो गयदे यह
चकतनही चमथ्यदा बदात हहै?॥3। 4॥जिब महदावहीर क पग पर खहीर पकदाई तब उसकदे पग जिल क्ययों न गयदे?॥5॥भलदा
छमोटदे सदे पदात्र ममें कभही ऊसंट आ सकतदा हहै॥6॥जिमो शरहीर कदा महैल नहह उतदारतदे और न खगुजिलदातदे हयोंगदे वदे दगगु र्थन्धरूप
महदा नरक भमोगतदे हयोंगदे॥7॥चजिस सदाधगु नदे नगर जिलदायदा उस ककी दयदा और कमदा कहदासं गई? जिब महदावहीर कदे ससंग सदे
भही उस कदा पचवत्र आत्मदा न हह आ तमो अब महदावहीर कदे मरदे पहीछदे उस कदे आश्रय सदे जिहैन लमोग कभही पचवत्र न हयोंगदे॥
8॥रदाजिदा ककी आजदा मदाननही चदाचहयदे परन्तगु जिहैन लमोग बचनयदे हमैं इसचलयदे रदाजिदा सदे डर कर यह बदात चलख दही हमोगही॥
9॥कमोशदा वदेश्यदा चदाहदे उस कदा शरहीर चकतनदा हही हल्कदा हमो तमो भही सरसयों ककी ढदेरही पर सगुई खड़ही करकदे उसकदे ऊपर
नदाचनदा, सभूई कदा न चछदनदा और सरसयों कदा न चबखरनदा अतहीव झभूठ नहह तमो क्यदा हहै?॥10॥ धमर्थ चकसही कमो चकसही
अवस्थदा ममें भही न छमोड़नदा चदाचहयदे; चदाहदे कगु छ भही हमो जिदाय॥11॥ भलदा कन्थदा वस कदा हमोतदा हहै वह चनत्यप्रचत
500 अशफकीर्थ चकस प्रकदार ददे सकतदा हहै?॥12॥
अब ऐसही-ऐसही असम्भव कहदानही इनककी चलखमें तमो जिहैचनययों कदे थमोथदे पमोथयों कदे सदृश बढ़ जिदाय इसचलयदे
अचधक नहह चलखतदे। अथदार्थतम् थमोड़ही सही इन जिहैचनययों ककी बदातमें छमोड़ कदे शदेष सब चमथ्यदा जिदाल भरदा हहै। ददेचखयदे—
दमो सचस दमो रचव पढमदे। द गुग णगु दा लवणसंच म धदायई ससंड दे।
बदारस सचस बदारस रचव। तप्पचम इसं चनचदठ सचस रचवणमो॥
चतगगुण दा पगुच ब्बलजियदा। अणसंत रदाणसंत रसं चमचखत्तचम।
कदालमो ए बयदालदा। चबसत्तरही पगुर कर द्विसंच म॥
—प्रकरण भदाग 4। ससंग्रहणहीसभूत्र 77, 78॥
जिमो जिम्बभूद्विहीप लदाख यमोजिन अथदार्थतम् 4 लदाख कमोश कदा चलखदा हहै उन ममें यह पहलदा द्विहीप कहदातदा हहै। इस ममें
दमो चन्द्र और सभूयर्थ हमैं और वहैसदे हही लवण समगुद्र ममें उससदे दगगु गुणदे अथदार्थतम् 4 चन्द्रमदा और चदार सभूयर्थ हमैं तथदा
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धदातककीखण्ड ममें बदारह चन्द्रमदा और बदारह सभूयर्थ हमैं॥77॥और इन कमो चतगगुणदा करनदे सदे छत्तहीस हमोतदे हमैं, उनकदे सदाथ
दमो जिम्बभूद्विहीप कदे और चदार लवण समगुद्र कदे चमलकर ब्यदालहीस चन्द्रमदा और ब्यदालहीस सभूयर्थ कदालमोदचध समगुद्र ममें हमैं।
इसही प्रकदार अगलदे-अगलदे द्विहीप और समगुद्रयों ममें पभूवर्वोक्त ब्यदालहीस कमो चतगगुणदा करमें तमो एक सचौ छब्बहीस हमोतदे हमैं। उन ममें
धदातककीखण्ड कदे बदारह, लवण समगुद्र कदे 4 चदार और जिम्बभूद्विहीप कदे जिमो दमो-दमो इसही रहीचत सदे चनकदाल कर 144
एक सचौ चवदालहीस चन्द्र और 144 सभूयर्थ पगुष्करद्विहीप ममें हमैं। यह भही आधदे मनगुष्यकदेत्र ककी गणनदा हहै। परन्तगु जिहदासं तक
मनगुष्य नहह रहतदे हमैं वहदासं बहह त सदे सभूयर्थ और बहह त सदे चन्द्र हमैं और जिमो चपछलदे अधर्थ पगुष्करद्विहीप ममें बहह त चन्द्र और
सभूयर्थ हमैं वदे चस्थर हमैं। पभूवर्वोक्त एक सचौ चवदालहीस कमो चतगगुणदा करनदे सदे 432 और उन ममें पभूवर्वोक्त जिम्बभूद्विहीप कदे दमो
चन्द्रमदा, दमो सभूयर्थ, चदार-चदार लवण समगुद्र कदे और बदारह-बदारह धदातककीखण्ड कदे और ब्यदालहीस कदालमोदचध कदे
चमलदानदे सदे 492 चन्द्रमदा तथदा 492 सभूयर्थ पगुष्कर समगुद्र ममें हमैं। यदे सब बदातमें श्रहीचजिनभद्रगणहीकमदाश्रमण नदे
बड़ही ‘ससंघ यणही’ ममें तथदा ‘यमोतहीसकरण्डक पयन्नदा’ मध्यदे और ‘चन्द्रपन्नचत’ तथदा ‘सभूर पन्नचत’ प्रमगुख
चसद्धदान्तग्रन्थयों ममें इसही प्रकदार कहदा हहै॥78॥
(समहीकक) अब सगुचनयदे भभूगमोल खगमोल कदे जिदाननदे वदालमो! इस एक भभूगमोल ममें एक प्रकदार 492 चदार सचौ
बदानवदे और दस भू रही प्रकदार अससंख्य चन्द्र और सभूयर्थ जिहैनही लमोग मदानतदे हमैं। आप लमोगयों कदा बड़दा भदाग्य हहै चक
वदेदमतदानगुयदायही सभूय र्थच सद्धदान्तदाचद ज्यमोचतष ग्रन्थयों कदे अध्ययन सदे ठहीक-ठहीक भभूगमोल खगमोल चवचदत हह ए। जिमो कहह
जिहैन कदे महदा अन्धदेर मत ममें हमोतदे तमो जिन्मभर अन्धदेर ममें रहतदे जिहैसदे चक जिहैनही लमोग आजिकल हमैं। इन अचवद्विदानयों कमो
यह शसंकदा हह ई चक जिम्बभूद्विहीप ममें एक सभूयर्थ और एक चन्द्र सदे कदाम नहह चलतदा क्ययोंचक इतनही बड़ही पकचथवही कमो तहीस
घड़ही ममें चन्द्र, सभूयर्थ कहै सदे आ सकमें ? क्ययोंचक पकचथवही कमो यदे लमोग सभूयदार्थचद सदे भही बड़ही और चस्थर मदानतदे हमैं यहही इन
ककी बड़ही भभूल हहै।
दमो सचस दमो रचव पसंत ही एगसंत ररयदा छसचठ ससंख दायदा।
मदेरुसं पयदाचहणसंत दा। मदाणगुस चखत्तदे पररअडसंच त॥
—प्रकरण॰भदाग 4। ससंग्रहणही सभू॰ 79॥
मनगुष्यलमोक ममें चन्द्रमदा और सभूयर्थ ककी पसंचक्त ककी ससंख्यदा कहतदे हमैं। दमो चन्द्रमदा और दमो सभूयर्थ ककी पसंचक्त (श्रदेणही)
हमैं, वदे एक-एक लदाख यमोजिन अथदार्थतम् चदार लदाख कमोश कदे आसंतरदे सदे चलतदे हमैं। जिहैसदे सभूयर्थ ककी पसंचक्त कदे आसंतरदे एक
पसंचक्त चन्द्र ककी हहै इसही प्रकदार चन्द्रमदा ककी पसंचक्त कदे आसंतरदे सभूयर्थ ककी पसंचक्त हहै। इसही रहीचत सदे चदार पसंचक्त हहै वदे एक-एक
चन्द्र पसंचक्त ममें 66 चन्द्रमदा और एक-एक सभूयर्थ पसंचक्त ममें 66 सभूयर्थ हमैं। वदे चदारयों पसंचक्त जिम्बभूद्विहीप कदे मदेरु पवर्थत ककी
प्रदचकणदा करतही हह ई मनगुष्य कदेत्र ममें पररभ्रमण करतही हमैं अथदार्थतम् चजिस समय जिम्बभूद्विहीप कदे मदेरु सदे एक सभूयर्थ दचकण
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चदशदा ममें चवहरतदा उस समय दस भू रदा सभूयर्थ उत्तर चदशदा ममें चफरतदा हहै। वहैसदे हही लवण समगुद्र ककी एक-एक चदशदा ममें दमो-दमो
चलतदे चफरतदे। धदातककीखण्ड कदे 6, कदालमोदचध कदे 21, पगुष्करदाद्धर्थ कदे 36, इस प्रकदार सब चमलकर 66 सभूयर्थ
दचकण चदशदा और 66 सभूयर्थ उत्तर चदशदा ममें अपनदे-अपनदे क्रम सदे चफरतदे हमैं। और जिब इन दमोनयों चदशदा कदे सब सभूयर्थ
चमलदायदे जिदायमें तमो 132 सभूयर्थ और ऐसदे हही छदासठ-छदासठ चन्द्रमदा ककी दमोनयों चदशदाओसं ककी पसंचक्तयदासं चमलदाई जिदायमें तमो
132 चन्द्रमदा मनगुष्यलमोक ममें चदाल चलतदे हमैं। इसही प्रकदार चन्द्रमदा कदे सदाथ नकत्रदाचद ककी भही पसंचक्तयदासं बहह त सही
जिदाननही॥79॥
(समहीकक) अब ददेखमो भदाई! इस भभूगमोल ममें 132 सभूयर्थ और 132 चन्द्रमदा जिहैचनययों कदे घर पर तपतदे
हयोंगदे! भलदा जिमो तपतदे हयोंगदे तमो वदे जिहीतदे कहै सदे हमैं? और रदाचत्र ममें भही शहीत कदे मदारदे जिहैनही लमोग जिकड़ जिदातदे हयोंगदे ? ऐसही
असम्भव बदात ममें भभूगमोल, खगमोल कदे न जिदाननदे वदालदे फसंसतदे हमैं; अन्य नहह। जिब एक सभूयर्थ इस भभूगमोल कदे सदृश
अन्य अनदेक भभूगमोलयों कमो प्रकदाशतदा हहै तब इस छमोटदे सदे भभूगमोल ककी क्यदा कथदा कहनही। और जिमो पकचथवही न घभूमदे और
सभूयर्थ पकचथवही कदे चदारयों और घभूमदे तमो कई एक वषर्यों कदा चदन और रदात हमोवदे। और सगुमदेरु चवनदा चहमदालय कदे दस भू रदा कमोई
नहह। यह सभूयर्थ कदे सदामनदे ऐसदा हहै चक जिहैसदे घड़दे कदे सदामनदे रदाई कदा ददानदा भही नहह। इन बदातयों कमो जिहैनही लमोग जिब तक
उसही मत ममें रहमेंगदे तब तक नहह जिदान सकतदे चकन्तगु सददा अन्धदेरदे ममें रहमेंगदे।
सम्मत्तचरण सचहयदा सव्वसं लमोगसं फगु सदे चनरवसदेस ।सं
सत्तय चउदस भदाए पसंच य सगुय ददेश चवरईए॥
—प्रकरण॰भदा॰ 4। ससंग्रहणही सभू॰ 135॥
सम्यकम् चदाररत्र सचहत जिमो कदे वलही वदे कदे वल समगुददात अवस्थदा सदे सवर्थ चचौदह रदाज्यलमोक अपनदे आत्मप्रददेश
करकदे चफरमेंगदे॥135॥
(समहीकक) जिहैनही लमोग 14 चचौदह रदाज्य मदानतदे हमैं। उन ममें सदे चचौदहवमें ककी चशखदा पर सवदार्थथर्थचसचद्ध
चवमदान ककी ध्वजिदा सदे ऊपर थमोड़दे दरभू पर चसद्धचशलदा तथदा चदव्य आकदाश कमो चशवपगुर कहतदे हमैं। उस ममें कदे वलही
अथदार्थतम् चजिन कमो कदे वलजदान सवर्थजतदा और पभूणर्थ पचवत्रतदा प्रदाप्त हहई हहै वदे उस लमोक ममें जिदातदे हमैं और अपनदे आत्मप्रददेश
ममें सवर्थज रहतदे हमैं। चजिस कदा प्रददेश हमोतदा हहै वह चवभगु नहह, जिमो चवभगु नहह वह सवर्थज कदे वलजदानही कभही नहह हमो
सकतदा। क्ययोंचक चजिस कदा आत्मदा एकददेशही हहै वहही जिदातदा आतदा हहै और बद्ध, मगुक्त, जदानही, अजदानही हमोतदा हहै।
सवर्थव्यदापही सवर्थज वहैसदा कभही नहह हमो सकतदा। जिमो जिहैचनययों कदे तहीथर्थङर जिहीवरूप अल्प, अल्पज हमोकर चस्थत थदे, वदे

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सवर्थव्यदापक, सवर्थज कभही नहह हमो सकतदे। चकन्तगु जिमो परमदात्मदा अनदादनन्त, सवर्थव्यदापक, सवर्थज, पचवत्र,
जदानस्वरूप हहै उस कमो जिहैनही लमोग मदानतदे नहह चक चजिस ममें सवर्थजदाचद गगुण यदाथदातथ्य घटतदे हमैं।
गब्भनर चतपचलयदाऊ। चतगदाऊ उकमोस तदे जिहन्नदेण ।सं
मगुच च्छम द गुह दाचव अन्तमगुहह । असंग गुल अससंख भदागतणभू ॥
—ससंग्रहणही॰241॥
यहदासं मनगुष्य दमो प्रकदार कदे हमैं। एक गभर्थजि, दस
भू रदे जिमो गभर्थ कदे चवनदा उत्पन्न हह ए। उन ममें गभर्थजि मनगुष्य कदा
उत्कक ष्ट तहीन पल्यमोपम कदा आयगु जिदाननदा और तहीन कमोश कदा शरहीर॥241॥
(समहीकक) भलदा तहीन पल्यमोपम कदा आयगु और तहीन कमोश कदे शरहीर वदालदे मनगुष्य इस भभूगमोल ममें बहह त
थमोड़दे समदा सकमें और चफर तहीन पल्यमोपम ककी आयगु जिहैसदा चक पभूवर्थ चलख आयदे हमैं उतनदे समय तक जिहीवमें तमो वहैसदे हही
उन कदे सन्तदान भही तहीन-तहीन कमोश कदे शरहीर वदालदे हमोनदे चदाचहयदे। इन जिहैसदे ‘मगुम्बई’ सदे शहर ममें दमो और ‘कलकत्तदा’
ऐसदे शहर ममें तहीन वदा चदार मनगुष्य चनवदास कर सकतदे हमैं। जिमो ऐसदा हहै तमो जिहैचनययों नदे एक नगर ममें लदाखयों मनगुष्य चलखदे
हमैं तमो उनकदे रहनदे कदा नगर भही लदाखयों कमोशयों कदा हमोनदा चदाचहयदे तमो सब भभूगमोल ममें वहैसदा एक नगर भही न बस सकदे ।
पणयदाल लरकजिमोयण चवरकसं भदा चसचद्धचसल फचलह चवमलदा।
तदगुव रर गजिमोयणसंत दे लमोगसंत मो तच्छ चसद्धचठई॥258॥
जिमो सवदार्थथर्थचसचद्ध चधदान ककी ध्वजिदा सदे ऊपर 12 यमोजिन चसद्धचशलदा हहै वह वदाटलदा और लम्बदेपन और
पमोलपन ममें 45 पमैंतदालहीस लदाख यमोजिन प्रमदाण हहै वह सब धवलदा अजिगुर्थन सगुवणर्थमय स्फचटक कदे समदान चनमर्थल
चसद्धचशलदा ककी चसद्धभभूचम हहै। इस कमो कमोई ‘ईषतम्’ ‘प्रदाग्भरदा’ ऐसदा नदाम कहतदे हमैं। यह सवदार्थथर्थचसद्धचशलदा चवमदान सदे
12 यमोजिन अलमोक भही हहै। यह परमदाथर्थ कदे वलही बहह श्रगुत जिदानतदा हहै। यह चसद्धचशलदा सवदार्थथर्थ, मध्य भदाग ममें 8
यमोजिन स्थभूल हहै। वहदासं सदे 4 चदशदा और 4 उपचदशदा ममें घटतही-घटतही मक्खही कदे पदासंख कदे सदृश पतलही उत्तदानछत्र
और आकदार करकदे चसद्धचशलदा ककी स्थदापनदा हहै। उस चशलदा सदे ऊपर 1 एक यमोजिन कदे आसंतरदे लमोकदान्त हहै। वहदासं
चसद्धयों ककी चस्थचत हहै॥258॥
(समहीकक) अब चवचदारनदा चदाचहयदे चक जिहैचनययों कदे मगुचक्त कदा स्थदान सवदार्थथर्थचसचद्ध चधदान ककी ध्वजिदा कदे ऊपर
45 पमैंतदालहीस लदाख यमोजिन ककी चशलदा अथदार्थतम् चदाहमैं ऐसही अच्छही और चनमर्थल हमो तथदाचप उसममें रहनदे वदालदे मगुक्त
जिहीव एक प्रकदार कदे बद्ध हमैं क्ययोंचक उस चशलदा सदे बदाहर चनकलनदे ममें मगुचक्त कदे सगुख सदे छभूट जिदातदे हयोंगदे। और जिमो भहीतर
रहतदे हयोंगदे तमो उन कमो वदायगु भही न लगतदा हमोगदा। यह कदे वल कल्पनदामदात्र अचवद्विदानयों कमो फसंसदानदे कदे चलयदे भ्रमजिदाल हहै।
चव चत चउररसंच दस सरहीरसं। बदारस जिमोयणसं चतकमोस चउकमोससं।
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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः द्विदादशमः समगुल दासमः
819

जिमोयण सहसपचणसंच दय। उहदे वगुच् छसंत चवसदेस तसं गु॥


—प्रकरण॰भदा॰ 4। ससंग्रह॰ सभू॰ 267॥
सदामदान्यपन सदे एकदे चन्द्रय कदा शरहीर 1 सहस्र यमोजिन कदे शरहीर वदालदा उत्कक ष्ट जिदाननदा और दमो इचन्द्रय वदालदे
जिमो शङदाचद उन कदा शरहीर 12 यमोजिन कदा जिदाननदा। वहैसदे हही ककीड़ही मकमोड़दाचद तहीन इचन्द्रय वदालयों कदा शरहीर 3
कमोश कदा जिदाननदा। और चतगुररचन्द्रय भ्रमरदाचद कदा शरहीर 4 कमोश कदा और पञ्चदेचन्द्रय कदा एक सहस्र यमोजिन अथदार्थतम्
4 सहस्र कमोश कदे शरहीर वदालदे जिदाननदा॥267॥
(समहीकक) चदार-चदार सहस्र कमोश कदे प्रमदाण वदालदे शरहीर वदालदे हयों तमो भभूगमोल ममें तमो बहह त थमोड़दे मनगुष्य
अथदार्थतम् सहैकड़यों मनगुष्ययों सदे भभूगमोल ठस भर जिदाय। चकसही ककी चलनदे ककी जिगह भही न रहहै चफर वदे जिहैचनययों सदे रहनदे कदा
चठकदानदा और मदागर्थ पभूछमें जिमो इन्हयोंनदे चलखदा हहै तमो अपनदे घर ममें रख लमें। परन्तगु चदार सहस्र कमोश कदे शरहीर वदालदे कमो
चनवदासदाथर्थ कमोई एक कदे चलए 32 बत्तहीस सहस्र कमोश कदा घर तमो चदाचहयदे। ऐसदे एक घर कदे बनवदानदे ममें जिहैचनययों कदा
सब धन चगुक जिदाय तमो भही घर न बन सकदे । इतनदे बड़दे आठ सहस्र कमोश ककी छत बनवदानदे कदे चलयदे लटदे कहदासं सदे
लदावमेंगदे? और जिमो उसममें खम्भदा लगदावमें तमो वह भहीतर प्रवदेश भही नहह कर सकतदा। इसचलयदे ऐसही बदातमें चमथ्यदा हह आ
करतही हमैं।
तदे थभूल दा पलदे चवहह ससंच खज्जदाचदे बहह चसं त सव्वदेच व।
तदे इचकक् क अससंखदे । सगुहह म दे खम्भदे पकप्पदेह ॥
—प्रकरण॰भदा॰ 4। लघगुकदेत्रसमदासप्रकरण सभूत्र 4॥
पभूवर्वोक्त एक असंगगुल लमोम कदे खण्डयों सदे 4 कमोश कदा चचौरस और उतनदा हही गचहरदा कगु आ हमो। असंगगुल प्रमदाण
लमोम कदा खण्ड सब चमल कदे बहीस लदाख सत्तदावन सहस्र एक सचौ बदावन हमोतदे हमैं और अचधक सदे अचधक (330,
762104, 2465625, 4219960, 9753600, 0000000) तमैंतहीस
क्रमोड़दाक्रमोड़ही, सदात लदाख बदासठ हजिदार एक सचौ चदार क्रमोड़दाक्रमोड़ही; चचौबहीस लदाख पमैंसठ हजिदार छमः सचौ पच्चिहीस इतनदे
क्रमोड़दाक्रमोड़ही तथदा ब्यदालहीस लदाख उन्नहीस हजिदार नचौ सचौ सदाठ इतनही क्रमोड़दाक्रमोड़ही तथदा सत्तदानवदे लदाख त्रदेपन हजिदार
और छमः सचौ क्रमोड़दाक्रमोड़ही, इतनही वदाटलदा घन यमोजिन पल्यमोपम ममें सवर्थ स्थभूल रमोम खण्ड ककी ससंख्यदा हमोवदे यह भही
ससंख्यदातकदाल हमोतदा हहै। पभूवर्वोक्त एक लमोम खण्ड कदे अससंख्यदात खण्ड मन सदे कल्पदे तब अससंख्यदात सभूक्ष्म रमोमदाणगु
हमोवमें।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः द्विदादशमः समगुल दासमः
819

(समहीकक) अब ददेचखयदे इन ककी चगनतही ककी रहीचत! एक असंगगुल प्रमदाण लमोम कदे चकतनदे खण्ड चकयदे यह
कभही चकसही ककी चगनतही ममें आ सकतदे हमैं ? और उस कदे उपरदान्त मन सदे अससंख्य खण्ड कल्पतदे हमैं इससदे यह भही
चसद्ध हमोतदा हहै चक पभूवर्वोक्त खण्ड हदाथ सदे चकयदे हयोंगदे। जिब हदाथ सदे न हमो सकदे तब मन सदे चकयदे। भलदा! यह बदात कभही
सम्भव हमो सकतही हहै चक एक असंगगुल रमोम कदे अससंख्य खण्ड हमो सकमें ?
जिम्बभूद्वि हीपपमदाणसं गगुल जिमोयणलरक वटचवरकसं भही।
लवणदाई यदासदेस दा। बलयदाभदा द गुग गुण दगुग गुण दाय॥
—प्रकरण॰भदा॰ 4। लघगुकदेत्रसमदा॰ सभू॰ 12॥
प्रथम जिम्बभूद्विहीप कदा लदाख यमोजिन कदा प्रमदाण और पमोलदा हहै और बदाककी लवणदाचद सदात समगुद्र , सदात द्विहीप,
जिम्बभूद्विहीप कदे प्रमदाण सदे दगगु णदे-दगगु णदे हमैं। इस एक पकचथवही ममें जिम्बभूद्विहीपदाचद सदात द्विहीप और सदात समगुद्र हमैं जिहैसदे पभूवर्थ चलख
आयदे हमैं॥12॥
(समहीकक) अब जिम्बभूद्विहीप सदे दस भू रदा द्विहीप दमो लदाख यमोजिन, तहीसरदा चदार लदाख यमोजिन, चचौथदा आठ
लदाख यमोजिन, पदासंचवदासं समोलह लदाख यमोजिन, छठदा बत्तहीस लदाख यमोजिन और सदातवदाह चचौसठ लदाख यमोजिन और
उतनदे प्रमदाण वदा उन सदे अचधक समगुद्र कदे प्रमदाण सदे इस पन्द्रह सहस्र पररचध वदालदे भभूगमोल ममें क्ययोंकर समदा सकतदे हमैं।
इससदे यह बदात कदे वल चमथ्यदा हहै।
कगु रु नइ चगुल सही सहसदा। छच्चिदेव न्तरनईउ पइ चवजियसं।
दमो दमो महदा नईउ। चउदस सहसदाउ पत्तदेय ॥सं
—प्रकरणरत्नदा॰भदा॰ 4। लघगुकदेत्रसमदा॰ सभू॰ 63॥
कगु रुकदेत्र ममें 84 चचौरदासही सहस्र नदही हमैं॥63॥
(समहीकक) भलदा कगु रुकदेत्र बहह त छमोटदा ददेश हहै, उस कमो न ददेख कर एक चमथ्यदा बदात चलखनदे ममें इन कमो
लज्जदा भही न आई।
जिदामगुत्त रदाउ तदाउ। इगदेग चससंह दासणदाउ अइपगुब् बसं।
चउसगुच व तदासगु चनयदासण, चदचस भवचजिण मज्जणसं हमोई॥
—प्रकरणरत्नदाकर भदा॰ 4। लघगुकदेत्रसमदा॰ सभू॰ 119॥
उस चशलदा कदे चवशदेष दचकण और उत्तर चदशदा ममें एक-एक चससंहदासन जिदाननदा चदाचहयदे। उन चशलदाओसं कदे नदाम
दचकण चदशदा ममें अचत पदाण्डगु कम्बलदा, उत्तर चदशदा ममें अचत रक्त कम्बलदा चशलदा हहै। उन चसहदासनयों पर तहीथर्थङर बहैठतदे
हमैं॥119॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः द्विदादशमः समगुल दासमः
819

(समहीकक) ददेचखयदे इन कदे तहीथर्थङर कदे जिन्ममोत्सवदाचद करनदे ककी चशलदा कमो! ऐसही हही मगुचक्त ककी
चसद्धचशलदा हहै। ऐसही इन ककी बहह त सही बदातमें गमोलमदाल हमैं; कहदासं तक चलखमें? चकन्तगु जिल छदान कदे पहीनदा और सभूक्ष्म
जिहीवयों पर नदाम मदात्र दयदा करनदा; रदाचत्र कमो भमोजिन न करनदा यदे तहीन बदातमें अच्छही हमैं। बदाककी चजितनदा इन कदा कथन हहै
सब असम्भवग्रस्त हहै।
इतनदे हही लदेख सदे बगुचद्धमदानम् लमोग बहह त सदा जिदान लमेंगदे, थमोड़दा सदा यह दृष्टदान्तमदात्र चलखदा हहै। जिमो इनककी
असम्भव बदातमें सब चलखमें तमो इतनदे पगुस्तक हमो जिदायमें चक एक पगुरुष आयगु भर ममें पढ़ भही न सकदे । इसचलयदे जिहैसदे एक
हण्डदे ममें चगुड़तदे चदावलयों ममें सदे एक चदावल ककी परहीकदा करनदे सदे कच्चिदे वदा पकदे हमैं सब चदावल चवचदत हमो जिदातदे हमैं। ऐसदे हही
इस थमोड़दे सदे लदेख सदे सज्जन लमोग बहह त सही बदातमें समझ लमेंगदे। बगुचद्धमदानयों कदे सदामनदे बहह त चलखनदा आवश्यक नहह।
क्ययोंचक चदग्दशर्थनवतम् सम्पभूणर्थ आशय कमो बगुचद्धमदानम् लमोग जिदान हही लदेतदे हमैं।
इसकदे आगदे ईसदाइययों कदे मत कदे चवषय ममें चलखदा जिदायदेगदा।
इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमचनचमर्थत दे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे
नदाचस्तकमतदान्तगर्थत चदावदार्थक बचौद्धजिहैन मतखण्डनमण्डनचवषयदे
द्विदादशमः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥12॥

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अनगुभ भूच मकदा (3)
जिमो यह बदाइबल कदा मत हहै चक वह कदे वल ईसदाइययों कदा हहै समो नहह चकन्तगु इससदे यहह दही आचद भही गकहहीत
हमोतदे हमैं। जिमो यहदासं तदेरहवमें समगुलदास ममें ईसदाई मत कदे चवषय ममें चलखदा हहै इसकदा यहही अचभप्रदाय हहै चक आजिकल
बदाइबल कदे मत ममें ईसदाई मगुख्य हमो रहदे हमैं और यहहदही आचद गचौण हमैं। मगुख्य कदे ग्रहण सदे गचौण कदा ग्रहण हमो जिदातदा हहै ,
इससदे यहह चदययों कदा भही ग्रहण समझ लहीचजियदे। इनकदा जिमो चवषय यहदासं चलखदा हहै समो कदे वल बदाइबल ममें सदे चक चजिसकमो
ईसदाई और यहह दही आचद सब मदानतदे हमैं और इसही पगुस्तक कमो अपनदे धमर्थ कदा मभूल कदारण समझतदे हमैं।
इस पगुस्तक कदे भदाषदान्तर बहह त सदे हह ए हमैं जिमो चक इनकदे मत ममें बड़दे -बडदेडे़ पदादरही हमैं उन्हह नदे चकयदे हमैं। उनममें सदे
ददेवनदागरही व ससंस्कक त भदाषदान्तर ददेख कर मगुझकमो बदाइबल ममें बहह त सही शसंकदा हह ई हमैं। उनममें सदे कगु छ थमोड़ही सही इस
13 तदेरहवमें समगुलदास ममें सब कदे चवचदारदाथर्थ चलखही हमैं। यह लदेख कदे वल सत्य ककी वकचद्ध औदेर असत्य कदे ह्रदास हमोनदे कदे
चलयदे हहै न चक चकसही कमो दमःगु ख ददेनदे वदा हदाचन करनदे अथवदा चमथ्यदा दमोष लगदानदे कदे अथर्थ हही। इसकदा अचभप्रदाय उत्तर
लदेख ममें सब कमोई समझ लमेंगदे चक यह पगुस्तक कहै सदा हहै और इनकदा मत भही कहै सदा हहै ? इस लदेख सदे यहही प्रयमोजिन हहै
चक सब मनगुष्यमदात्र कमो ददेखनदा, सगुननदा, चलखनदा आचद करनदा सहजि हमोगदा और पकही, प्रचतपकही हमोकदे चवचदार कर
ईसदाई मत कदा आन्दमोलन सब कमोई कर सकमें गदे। इससदे एक यह प्रयमोजिन चसद्ध हमोगदा चक मनगुष्ययों कमो धमर्थचवषयक
जदान बढ़ कर यथदायमोग्य सत्यदाऽसत्य मत और कत्तर्थव्यदाकत्तर्थव्य कमर्थ सम्बन्धही चवषय चवचदत हमोकर सत्य और
कत्तर्थव्य कमर्थ कदा स्वहीकदार, असत्य और अकत्तर्थव्य कमर्थ कदा पररत्यदाग करनदा सहजितदा सदे हमो सकदे गदा।
सब मनगुष्ययों कमो उचचत हहै चक सब कदे मतचवषयक पगुस्तकयों कमो ददेख समझ कर कगु छ सम्मचत वदा असम्मचत
ददेवमें वदा चलखमें; नहह तमो सगुनदा करमें। क्ययोंचक जिहैसदे पढ़नदे सदे पचण्डत हमोतदा हहै वहैसदे सगुननदे सदे बहह श्रगुत हमोतदा हहै। यचद श्रमोतदा
दस भू रदे कमो नहह समझदा सकदे तथदाचप आप स्वयसं तमो समझ हही जिदातदा हहै। जिमो कमोई पकपदातरूप यदानदारूढ़ हमोकदे ददेखतदे हमैं
उनकमो न अपनदे और न परदायदे गगुण, दमोष चवचदत हमो सकतदे हमैं। मनगुष्य कदा आत्मदा यथदायमोग्य सत्यदाऽसत्य कदे चनणर्थय
करनदे कदा सदामथ्यर्थ रखतदा हहै। चजितनदा अपनदा पचठत वदा श्रगुत हहै उतनदा चनश्चय कर सकतदा हहै। यचद एक मत वदालदे
दस भू रदे मतवदालदे कदे चवषययों कमो जिदानमें और अन्य न जिदानमें तमो यथदावतम् ससंवदाद नहह हमो सकतदा, चकन्तगु अजदानही चकसही
भ्रमरूप बदाड़दे ममें चगर जिदातदे हमैं। ऐसदा न हमो इसचलयदे इस ग्रन्थ ममें, प्रचररत सब मतयों कदा चवषय थमोड़दा-थमोड़दा चलखदा हहै।
इतनदे हही सदे शदेष चवषययों ममें अनगुमदान कर सकतदा हहै चक वदे सच्चिदे हमैं वदा झभूठदे ? जिमो-जिमो सवर्थमदान्य सत्य चवषय हमैं वदे तमो
सब ममें एक सदे हमैं। झगड़दा झभूठदे चवषययों ममें हमोतदा हहै। अथवदा एक सच्चिदा और द स भू रदा झभूठदा हमो तमो भही कगु छ थमोड़दा सदा
चववदाद चलतदा हहै। यचद वदादही प्रचतवदादही सत्यदाऽसत्य चनश्चय कदे चलयदे वदाद प्रचतवदाद करमें तमो अवश्य चनश्चय हमो जिदायदे।
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः अनगुभ चभू मकदा (3)
855

अब ममैं इस 13 वमें समगुलदास ममें ईसदाई मत चवषयक थमोड़दा सदा चलख कर सब कदे सम्मगुख स्थदाचपत करतदा
हह सं; चवचदाररयदे चक कहै सदा हहै।
अलमचतलदेखदे न चवचकणवरदेष गु।

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अथ त्रयमोदशसमगुल दासदारम्भमः
अथ कक श्चहीनमतचवषयसं व्यदाख्यदास्यदाममः
अब इसकदे आगदे ईसदाइययों कदे मत चवषय ममें चलखतदे हमैं चजिससदे सब कमो चवचदत हमो जिदाय चक इनकदा मत
चनदर्वोष और इनककी बदाइबल पगुस्तक ईश्वरकक त हहै वदा नहह? प्रथम बदाइबल कदे तचौरदेत कदा चवषय चलखदा जिदातदा हहै—
1—आरम्भ ममें ईश्वर नदे आकदाश और पकचथवही कमो सकजिदा॥और पकचथवही बदेडचौल और सभूनही थही और गचहरदाव
पर अचन्धयदारदा थदा और ईश्वर कदा आत्मदा जिल कदे ऊपर डमोलतदा थदा॥
—तचौरदेत उत्पचत्त पगुस्तक पवर्थ 1। आय॰ 1।2॥
(समहीकक) आरम्भ चकसकमो कहतदे हमो?
(ईसदाई) सकचष्ट कदे प्रथममोत्पचत्त कमो।
(समहीकक) क्यदा यहही सकचष्ट प्रथम हह ई; इसकदे पभूवर्थ कभही नहह हह ई थही?
(ईसदाई) हम नहह जिदानतदे हहई थही वदा नहह; ईश्वर जिदानदे।
(समहीकक) जिब नहह जिदानतदे तमो इस पगुस्तक पर चवश्वदास क्ययों चकयदा चक चजिससदे सन्ददेह कदा चनवदारण
नहह हमो सकतदा और इसही कदे भरमोसदे लमोगयों कमो उपददेश कर इस सन्ददेह कदे भरदे हह ए मत ममें क्ययों फसंसदातदे हमो? और
चनमःसन्ददेह सवर्थशङदाचनवदारक वदेदमत कमो स्वहीकदार क्ययों नहह करतदे ? जिब तगुम ईश्वर ककी सकचष्ट कदा हदाल नहह जिदानतदे
तमो ईश्वर कमो कहै सदे जिदानतदे हमोगदे?
आकदाश चकसकमो मदानतदे हमो?
(ईसदाई) पमोल और ऊपर कमो।
(समहीकक) पमोल ककी उत्पचत्त चकस प्रकदार हहई क्ययोंचक यह चवभगु पददाथर्थ और अचत सभूक्ष्म हहै और ऊपर
नहीचदे एक सदा हहै। जिब आकदाश नहह सकजिदा थदा तब पमोल और अवकदाश थदा वदा नहह? जिमो नहह थदा तमो ईश्वर, जिगतम्
कदा कदारण और जिहीव कहदासं रहतदे थदे? चवनदा अवकदाश कदे कमोई पददाथर्थ चस्थत नहह हमो सकतदा इसचलयदे तगुम्हदारही
बदाइबल कदा कथन यगुक्त नहह। ईश्वर बदेडचौल, उसकदा जदान कमर्थ बदेडचौल हमोतदा हहै वदा सब डचौल वदालदा?
(ईसदाई) डचौल वदालदा हमोतदा हहै।
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
957

(समहीकक) तमो यहदासं ईश्वर ककी बनदाई पकचथवही बदेडचौल थही ऐसदा क्ययों चलखदा?
(ईसदाई) बदेडचौल कदा अथर्थ यह हहै चक ऊसंचही नहीचही थही; बरदाबर नहह थही।
(समहीकक) चफर बरदाबर चकसनदे ककी? और क्यदा अब भही ऊसंचही नहीचही नहह हहै? इसचलयदे ईश्वर कदा कदाम
बदेडचौल नहह हमो सकतदा क्ययोंचक वह सवर्थज हहै, उसकदे कदाम ममें न भभूल, न चभूक कभही हमो सकतही हहै। और बदाइबल ममें
ईश्वर ककी सकचष्ट बदेडचौल चलखही इसचलयदे यह पगुस्तक ईश्वरकक त नहह हमो सकतदा। प्रथम ईश्वर कदा आत्मदा क्यदा पददाथर्थ
हहै?
(ईसदाई) चदेतन।
(समहीकक) वह सदाकदार हहै वदा चनरदाकदार तथदा व्यदापक हहै वदा एकददेशही।
(ईसदाई) चनरदाकदार, चदेतन और व्यदापक हहै परन्तगु चकसही एक सनदाई पवर्थत , चचौथदा आसमदान आचद
स्थदानयों ममें चवशदेष करकदे रहतदा हहै।
(समहीकक) जिमो चनरदाकदार हहै तमो उसकमो चकसनदे ददेखदा? और व्यदापक कदा जिल पर डमोलनदा कभही नहह हमो
सकतदा। भलदा! जिब ईश्वर कदा आत्मदा जिल पर डमोलतदा थदा तब ईश्वर कहदासं थदा? इससदे यहही चसद्ध हमोतदा हहै चक
ईश्वर कदा शरहीर कहह अन्यत्र चस्थत हमोगदा अथवदा अपनदे कगु छ आत्मदा कदे एक टगु कड़दे कमो जिल पर डगु लदायदा हमोगदा। जिमो
ऐसदा हहै तमो चवभगु और सवर्थज कभही नहह हमो सकतदा। जिमो चवभगु नहह तमो जिगतम् ककी रचनदा, धदारण, पदालन और जिहीवयों
कदे कमर्यों ककी व्यवस्थदा वदा प्रलय कभही नहह कर सकतदा क्ययोंचक चजिस पददाथर्थ कदा स्वरूप एकददेशही हहै उसकदे गगुण,
कमर्थ, स्वभदाव भही एकददेशही हमोतदे हमैं, जिमो ऐसदा हहै तमो वह ईश्वर नहह हमो सकतदा क्ययोंचक ईश्वर सवर्थव्यदापक, अनन्त
गगुण, कमर्थ, स्वभदावयगुक्त सचच्चिददानन्दस्वरूप, चनत्य, शगुद्ध, बगुद्ध, मगुक्तस्वभदाव, अनदाचद, अनन्तदाचद लकणयगुक्त
वदेदयों ममें कहदा हहै। उसही कमो मदानमो तभही तगुम्हदारदा कल्यदाण हमोगदा, अन्यथदा नहह॥1॥
2—और ईश्वर नदे कहदा चक उचजियदालदा हमोवदे और उचजियदालदा हमो गयदा॥और ईश्वर नदे उचजियदालदे कमो ददेखदा
चक अच्छदा हहै॥
—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 1। आ॰ 3। 4॥
(समहीकक) क्यदा ईश्वर ककी बदात जिड़रूप उचजियदालदे नदे सगुन लही? जिमो सगुनही हमो तमो इस समय भही सभूयर्थ
और दहीप अचग्नि कदा प्रकदाश हमदारही तगुम्हदारही बदात क्ययों नहह सगुनतदा? प्रकदाश जिड़ हमोतदा हहै वह कभही चकसही ककी बदात
नहह सगुन सकतदा। क्यदा जिब ईश्वर नदे उचजियदालदे कमो ददेखदा तभही जिदानदा चक उचजियदालदा अच्छदा हहै ? पहलदे नहह जिदानतदा

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
957

थदा? जिमो जिदानतदा हमोतदा तमो ददेख कर अच्छदा क्ययों कहतदा? जिमो नहह जिदानतदा थदा तमो वह ईश्वर हही नहह। इसहीचलए
तगुम्हदारही बदाइबल ईश्वरमोक्त और उसममें कहदा हह आ ईश्वर सवर्थज नहह हहै॥2॥
3—और ईश्वर नदे कहदा चक पदाचनययों कदे मध्य ममें आकदाश हमोवदे और पदाचनययों कमो पदाचनययों सदे चवभदाग करदे॥
तब ईश्वर नदे आकदाश कमो बनदायदा और आकदाश वदे नहीचदे कदे पदाचनययों कमो आकदाश कदे ऊपर कदे पदाचनययों सदे चवभदाग
चकयदा और ऐसदा हमो गयदा॥और ईश्वर नदे आकदाश कमो स्वगर्थ कहदा और सदासंभ और चबहदान दसभू रदा चदन हह आ॥
—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 1। आ॰ 6। 7। 8॥
(समहीकक) क्यदा आकदाश और जिल नदे भही ईश्वर ककी बदात सगुन लही? और जिमो जिल कदे बहीच ममें आकदाश
न हमोतदा तमो जिल रहतदा हही कहदासं? प्रथम आयत ममें आकदाश कमो सकजिदा थदा पगुनमः आकदाश कदा बनदानदा व्यथर्थ हह आ। जिमो
आकदाश कमो स्वगर्थ कहदा तमो वह सवर्थव्यदापक हहै इसचलयदे सवर्थत्र स्वगर्थ हह आ चफर ऊपर कमो स्वगर्थ हहै यह कहनदा व्यथर्थ हहै।
जिब सभूयर्थ उत्पन्न हही नहह हह आ थदा तमो पगुनमः चदन और रदात कहदासं सदे हमो गई? ऐसही हही असम्भव बदातमें आगदे ककी
आयतयों ममें भरही हमैं॥3॥
4—तब ईश्वर नदे कहदा चक हम आदम कमो अपनदे स्वरूप ममें अपनदे समदान बनदावमें॥तब ईश्वर नदे आदम कमो
अपनदे स्वरूप ममें उत्पन्न चकयदा, उसनदे उसदे ईश्वर कदे स्वरूप ममें उत्पन्न चकयदा, उसनदे उन्हमें नर और नदारही बनदायदा॥
और ईश्वर नदे उन्हमें आशहीष चदयदा॥
—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 1। आ॰ 26। 27। 28॥
(समहीकक) यचद आदम कमो ईश्वर नदे अपनदे स्वरूप ममें बनदायदा तमो ईश्वर कदा स्वरूप पचवत्र जदानस्वरूप,
आनन्दमय आचद लकणयगुक्त हहै उसकदे सदृश आदम क्ययों नहह हह आ? जिमो नहह हह आ तमो उसकदे स्वरूप ममें नहह बनदा
और आदम कमो उत्पन्न चकयदा तमो ईश्वर नदे अपनदे स्वरूप हही ककी उत्पचत्त वदालदा चकयदा पगुनमः वह अचनत्य क्ययों नहह ?
और आदम कमो उत्पन्न कहदासं सदे चकयदा?
(ईसदाई) मटही सदे बनदायदा।
(समहीकक) मटही कहदासं सदे बनदाई?
(ईसदाई) अपनही कगु दरत अथदार्थतम् सदामथ्यर्थ सदे।
(समहीकक) ईश्वर कदा सदामथ्यर्थ अनदाचद हहै वदा नवहीन?
(ईसदाई) अनदाचद हहै।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
957

(समहीकक) जिब अनदाचद हहै तमो जिगतम् कदा कदारण सनदातन हह आ। चफर अभदाव सदे भदाव क्ययों मदानतदे हमो?
(ईसदाई) सकचष्ट कदे पभूवर्थ ईश्वर कदे चवनदा कमोई वस्तगु नहह थदा।
(समहीकक) जिमो नहह थदा तमो यह जिगतम् कहदासं सदे बनदा? और ईश्वर कदा सदामथ्यर्थ द्रव्य हहै वदा गगुण ? जिमो
द्रव्य हहै तमो ईश्वर सदे चभन्न दस
भू रदा पददाथर्थ थदा और जिमो गगुण हहै तमो गगुण सदे द्रव्य कभही नहह बन सकतदा जिहैसदे रूप सदे
अचग्नि और रस सदे जिल नहह बन सकतदा। और जिमो ईश्वर सदे जिगतम् बनदा हमोतदा तमो ईश्वर कदे सदृश गगुण , कमर्थ,
स्वभदाव वदालदा हमोतदा। उसकदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदे सदृश न हमोनदे सदे यहही चनश्चय हहै चक ईश्वर सदे नहह बनदा चकन्तगु
जिगतम् कदे कदारण अथदार्थतम् परमदाणगु आचद नदाम वदालदे जिड़ सदे बनदा हहै। जिहैसही चक जिगतम् ककी उत्पचत्त वदेददाचद शदासयों ममें
चलखही हहै वहैसही हही मदान लमो चजिससदे ईश्वर जिगतम् कमो बनदातदा हहै। जिमो आदम कदे भहीतर कदा स्वरूप जिहीव और बदाहर कदा
मनगुष्य कदे सदृश हहै तमो वहैसदा ईश्वर कदा स्वरूप क्ययों नहह? क्ययोंचक जिब आदम ईश्वर कदे सदृश बनदा तमो ईश्वर
आदम कदे सदृश अवश्य हमोनदा चदाचहयदे॥4॥
5—तब परमदेश्वर ईश्वर नदे भभूचम ककी धभूल सदे आदम कमो बनदायदा और उसकदे नथगुनयों ममें जिहीवन कदा श्वदास
फभूसं कदा और आदम जिहीवतदा प्रदाण हहआ॥और परमदेश्वर ईश्वर नदे अदन ममें पभूवर्थ ककी ओर एक बदारही लगदाई और उस
आदम कमो चजिसदे उसनदे बनदायदा थदा उसममें रक्खदा॥और उस बदारही कदे मध्य ममें जिहीवन कदा पदेड़ और भलदे बगुरदे कदे जदान
कदा पदेड़ भभूचम सदे उगदायदा॥
—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 2। आ॰ 7। 8। 9॥
(समहीकक) जिब ईश्वर नदे अदन ममें बदाड़ही बनदाकर उसममें आदम कमो रक्खदा तब ईश्वर नहह जिदानतदा थदा
चक इसकमो पगुनमः यहदाह सदे चनकदालनदा पड़देगदा? और जिब ईश्वर नदे आदम कमो धभूलही सदे बनदायदा तमो ईश्वर कदा स्वरूप
नहह हह आ, और जिमो हहै तमो ईश्वर भही धभूलही सदे बनदा हमोगदा? जिब उसकदे नथगुनयों ममें ईश्वर नदे श्वदास फभूसं कदा तमो वह श्वदास
ईश्वर कदा स्वरूप थदा वदा चभन्न? जिमो चभन्न थदा तमो आदम ईश्वर कदे स्वरूप ममें नहह बनदा। जिमो एक हहै तमो आदम और
ईश्वर एक सदे हह ए। और जिमो एक सदे हमैं तमो आदम कदे सदृश जिन्म, मरण, वकचद्ध, कय, कगुधदा, तकषदा आचद दमोष ईश्वर
ममें आयदे, चफर वह ईश्वर क्ययोंकर हमो सकतदा हहै? इसचलए यह तचौरदेत ककी बदात ठहीक नहह चवचदत हमोतही और यह
पगुस्तक भही ईश्वरकक त नहह हहै॥5॥
6—और परमदेश्वर ईश्वर नदे आदम कमो बड़ही नहद ममें डदालदा और वह समो गयदा। तब उसनदे उसककी
पसचलययों ममें सदे एक पसलही चनकदालही और ससंचत मदासंस भर चदयदा॥और परमदेश्वर ईश्वर नदे आदम ककी उस पसलही सदे
एक नदारही बनदाई और उसदे आदम कदे पदास लदायदा।

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—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 2॥आ॰ 21। 22॥


(समहीकक) जिमो ईश्वर नदे आदम कमो धभूलही सदे बनदायदा तमो उसककी सही कमो धभूलही सदे क्ययों नहह बनदायदा?
और जिमो नदारही कमो हडही सदे बनदायदा तमो आदम कमो हडही सदे क्ययों नहह बनदायदा? और जिहैसदे नर सदे चनकलनदे सदे नदारही
नदाम हह आ तमो नदारही सदे नर नदाम भही हमोनदा चदाचहए। और उनममें परस्पर प्रदेम भही रहहै , जिहैसदे सही कदे सदाथ पगुरुष प्रदेम करहै
वहैसदे पगुरुष कदे सदाथ सही भही प्रदेम करदे। ददेखमो चवद्विदानम् लमोगमो! ईश्वर ककी कहै सही पददाथर्थचवददा अथदार्थतम् ‘चफलदासफकी’
चलकतही हहै! जिमो आदम ककी एक पसलही चनकदाल कर नदारही बनदाई तमो सब मनगुष्ययों ककी एक पसलही कम क्ययों नहह
हमोतही? और सही कदे शरहीर ममें एक पसलही हमोनही चदाचहयदे क्ययोंचक वह एक पसलही सदे बनही हहै। क्यदा चजिस सदामग्रही सदे
सब जिगतम् बनदायदा उस सदामग्रही सदे सही कदा शरहीर नहह बन सकतदा थदा? इसचलए यह बदाइबल कदा सकचष्टक्रम
सकचष्टचवददा सदे चवरुद्ध हहै॥6॥
7—अब सपर्थ भभूचम कदे हर एक पशगु सदे चजिसदे परमदेश्वर ईश्वर नदे बनदायदा थदा; धभूतर्थ थदा। और उसनदे सही सदे
कहदा, क्यदा चनश्चय ईश्वर नदे कहदा हहै चक तगुम इस बदारही कदे हर एक पदेड़ सदे फल न खदानदा॥और सही नदे सपर्थ सदे कहदा
चक हम तमो इस बदारही कदे पदेड़यों कदा फल खदातदे हमैं॥परन्तगु उस पदेड़ कदा फल जिमो बदारही कदे बहीच ममें हहै ईश्वर नदे कहदा हहै चक
तगुम उससदे न खदानदा और न छभू नदा; न हमो चक मर जिदाओ॥ तब सपर्थ नदे सही सदे कहदा चक तगुम चनश्चय न मरमोगदे॥क्ययोंचक
ईश्वर जिदानतदा हहै चक चजिस चदन तगुम उस्सदे खदाओगदे तगुम्हदारही आहखमें खगुल जिदायमेंगही और तगुम भलदे और बगुरदे ककी पचहचदान
ममें ईश्वर कदे समदान हमो जिदाओगदे॥और जिब सही नदे ददेखदा वह पदेड़ खदानदे ममें सगुस्वदाद और दृचष्ट ममें सगुन्दर और बगुचद्ध ददेनदे
कदे यमोग्य हहै तमो उसकदे फल ममें सदे चलयदा और खदायदा और अपनदे पचत कमो भही चदयदा और उसनदे खदायदा॥तब उन दमोनयों
ककी आखमें खगुल गई सं और वदे जिदान गयदे चक हम नसंगदे हमैं समो उन्हयोंनदे गभूलर कदे पत्तयों कमो चमलदा कदे चसयदा और अपनदे चलयदे
ओढ़नदा बनदायदा।
तब परमदेश्वर ईश्वर नदे सपर्थ सदे कहदा चक जिमो तभू नदे यह चकयदा हहै इस कदारण तभू सदारदे ढमोर और हर एक वन कदे
पशगु सदे अचधक स्रदाचपत हमोगदा। तभू अपनदे पदेट कदे बल चलदेगदा और अपनदे जिहीवन भर धभूल खदायदा करदेगदा॥और ममैं तगुझ ममें
और सही ममें और तदेरदे वसंश और उसकदे वसंश ममें वहैर डदालभूसंगदा॥वह तदेरदे चसर कमो कगु चलदेगदा और तभू उसककी एड़ही कमो
कदाटदेगदा॥और उसनदे सही कमो कहदा चक ममैं तदेरही पहीड़दा और गभर्थ-धदारण कमो बहह त बढ़दाऊसंगदा। तभू पहीड़दा सदे बदालक जिनदेगही
और तदेरही इच्छदा तदेरदे पचत पर हमोगही और वह तगुझ पर प्रभगुतदा करदेगदा॥और उसनदे आदम सदे कहदा चक तभूनदे जिमो अपनही
पत्नही कदा शब्द मदानदा हहै और चजिस पदेड़ कदा फल ममैंनदे तगुझदे खदानदे सदे वजिदार्थ थदा तभूनदे खदायदा हहै। इस कदारण भभूचम तदेरदे चलयदे
स्रदाचपत हहै। अपनदे जिहीवन भर तभू उस्सदे पहीड़दा कदे सदाथ खदायदेगदा॥और वह कदासंटदे और ऊसंटकटदारदे तदेरदे चलयदे उगदायदेगही
और तभू खदेत कदा सदागपदात खदायदेगदा॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
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—तचौरदेत उत्पचत्त॰ पवर्थ॰ 3। आ॰ 1। 2। 3। 4। 5। 6। 7। 14। 15। 16। 17। 18॥


(समहीकक) जिमो ईसदाइययों कदा ईश्वर सवर्थज हमोतदा तमो इस धभूतर्थ सपर्थ अथदार्थतम् शहैतदान कमो क्ययों बनदातदा? और
जिमो बनदायदा तमो वहही ईश्वर अपरदाध कदा भदागही हहै क्ययोंचक जिमो वह उसकमो द ष्टगु न बनदातदा तमो वह दष्टगु तदा क्ययों करतदा?
और वह पभूवर्थ जिन्म नहह मदानतदा तमो चवनदा अपरदाध उसकमो पदापही क्ययों बनदायदा? और सच पभूछमो तमो वह सपर्थ नहह थदा
चकन्तगु मनगुष्य थदा। क्ययोंचक जिमो मनगुष्य न हमोतदा तमो मनगुष्य ककी भदाषदा क्ययोंकर बमोल सकतदा? और जिमो आप झभूठदा और
दस भू रदे कमो झभूठ ममें चलदावदे उसकमो शहैतदान कहनदा चदाचहयदे समो यहदासं शहैतदान सत्यवदादही और इससदे उसनदे उस सही कमो
नहह बहकदायदा चकन्तगु सच कहदा और ईश्वर नदे आदम और हव्वदा सदे झभूठ कहदा चक इसकदे खदानदे सदे तगुम मर जिदाओगदे।
जिब वह पदेड़ जदानददातदा और अमर करनदे वदालदा थदा तमो उसकदे फल खदानदे सदे क्ययों वजिदार्थ ? और जिमो वजिदार्थ तमो वह
ईश्वर झभूठदा और बहकदानदे वदालदा ठहरदा। क्ययोंचक उस वकक कदे फल मनगुष्ययों कमो जदान और सगुखकदारक थदे ; अजदान
और मकत्यगुकदारक नहह। जिब ईश्वर नदे फल खदानदे सदे वजिदार्थ तमो उस वकक ककी उत्पचत्त चकसचलयदे ककी थही? जिमो अपनदे
चलए ककी तमो क्यदा आप अजदानही और मकत्यगुधमर्थवदालदा थदा? और दस भू रयों कदे चलयदे बनदायदा तमो फल खदानदे ममें अपरदाध
कगु छ भही न हह आ। और आजिकल कमोई भही वकक जदानकदारक और मकत्यगुचनवदारक ददेखनदे ममें नहह आतदा। क्यदा ईश्वर नदे
उसकदा बहीजि भही नष्ट कर चदयदा? ऐसही बदातयों सदे मनगुष्य छलही कपटही हमोतदा हहै तमो ईश्वर वहैसदा क्ययों नहह हहआ ?
क्ययोंचक जिमो कमोई दस भू रदे सदे छल कपट करदेगदा वह छलही कपटही क्ययों न हमोगदा? और जिमो इन तहीनयों कमो शदाप चदयदा वह
चवनदा अपरदाध सदे हहै। पगुनमः वह ईश्वर अन्यदायकदारही भही हहआ और यह शदाप ईश्वर कमो हमोनदा चदाचहयदे क्ययोंचक वह झभूठ
बमोलदा और उनकमो बहकदायदा। यह ‘चफलदासफकी’ ददेखमो! क्यदा चवनदा पहीड़दा कदे गभर्थधदारण और बदालक कदा जिन्म हमो
सकतदा थदा? और चवनदा श्रम कदे कमोई अपनही जिहीचवकदा कर सकतदा हहै? क्यदा प्रथम कदासंटदे आचद कदे वकक न थदे? और
जिब शदाक पदात खदानदा सब मनगुष्ययों कमो ईश्वर कदे कहनदे सदे उचचत हह आ तमो जिमो उत्तर ममें मदासंस खदानदा बदाइबल ममें चलखदा
वह झभूठदा क्ययों नहह? और जिमो वह सच्चिदा हमो तमो यह झभूठदा हहै। जिब आदम कदा कगु छ भही अपरदाध चसद्ध नहह हमोतदा तमो
ईसदाई लमोग सब मनगुष्ययों कमो आदम कदे अपरदाध सदे सन्तदान हमोनदे पर अपरदाधही क्ययों कहतदे हमैं? भलदा ऐसदा पगुस्तक
और ऐसदा ईश्वर कभही बगुचद्धमदानयों कदे मदाननदे यमोग्य हमो सकतदा हहै?॥7॥
8—और परमदेश्वर ईश्वर नदे कहदा चक ददेखमो! आदम भलदे बगुरदे कदे जिदाननदे ममें हम ममें सदे एक ककी नदाई सं हह आ
और अब ऐसदा न हमोवदे चक वह अपनदा हदाथ डदालदे और जिहीवन कदे पदेड़ ममें सदे भही लदेकर खदावदे और अमर हमो जिदाय॥समो
उसनदे आदम कमो चनकदाल चदयदा और अदन ककी बदारही ककी पभूवर्थ ओर करमोबहीम ठहरदायदे और चमकतदे हह ए खड्ग कमो जिमो
चदारयों ओर घभूमतदा थदा; चजिसतदे जिहीवन कदे पदेड़ कदे मदागर्थ ककी रखवदालही करमें॥
—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 3। आ॰ 22। 24॥

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(समहीकक) भलदा! ईश्वर कमो ऐसही ईष्यदार्थ और भ्रम क्ययों हह आ चक जदान ममें हमदारदे तगुल्य हह आ? क्यदा यह
बगुरही बदात हह ई? यह शसंकदा हही क्ययों पड़ही? क्ययोंचक ईश्वर कदे तगुल्य कभही कमोई नहह हमो सकतदा। परन्तगु इस लदेख सदे
यह भही चसद्ध हमो सकतदा हहै चक वह ईश्वर नहह थदा चकन्तगु मनगुष्य चवशदेष थदा। बदाइबल ममें जिहदासं कहह ईश्वर ककी बदात
आतही हहै वहदासं मनगुष्य कदे तगुल्य हही चलखही आतही हहै। अब ददेखमो! आदम कदे जदान ककी बढ़तही ममें ईश्वर चकतनदा दमःगु खही
हह आ और चफर अमर वकक कदे फल खदानदे ममें चकतनही ईष्यदार्थ ककी। और प्रथम जिब उसकमो बदारही ममें रक्खदा तब उसकमो
भचवष्यतम् कदा जदान नहह थदा चक इसकमो पगुनमः चनकदालनदा पड़देगदा, इसचलयदे ईसदाइययों कदा ईश्वर सवर्थज नहह थदा। और
चमकतदे खड्ग कदा पचहरदा रक्खदा यह भही मनगुष्य कदा कदाम हहै; ईश्वर कदा नहह॥8॥
9—और चकतनदे चदनयों कदे पहीछदे ययों हह आ चक कदाइन भभूचम कदे फलयों ममें सदे परमदेश्वर कदे चलयदे भमेंट लदायदा॥
और हदाचबल भही अपनही झगुसंड ममें सदे पचहलचौठही और ममोटही-ममोटही भदेड़ लदायदा और परमदेश्वर नदे हदाबहील कदा और उसककी
भमेंट कदा आदर चकयदा॥परन्तगु कदाचबल कदा और उसककी भमेंट कदा आदर न चकयदा इसचलयदे कदाचबल अचत कगु चपत हह आ
और अपनदा मगुहसं फगु लदायदा॥तब परमदेश्वर नदे कदाचबल सदे कहदा चक तभू क्ययों क्रगुद्ध हहै और तदेरदा मगुसंह क्ययों फभू ल गयदा॥
—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 4। आ॰ 3। 4। 5। 6॥
(समहीकक) यचद ईश्वर मदासंसदाहदारही न हमोतदा तमो भदेड़ ककी भमेंट और हदाबहील कदा सत्कदार और कदाइन कदा
तथदा उसककी भमेंट कदा चतरस्कदार क्ययों करतदा? और ऐसदा झगड़दा लगदानदे और हदाबहील कदे मकत्यगु कदा कदारण भही ईश्वर
हही हह आ और जिहैसदे आपस ममें मनगुष्य लमोग एक दस भू रदे सदे बदातमें करतदे हमैं वहैसही हही ईसदाइययों कदे ईश्वर ककी बदातमें हमैं। बगहीचदे
ममें आनदा जिदानदा उसकदा बनदानदा भही मनगुष्ययों कदा कमर्थ हहै। इससदे चवचदत हमोतदा हहै चक यह बदाइबल मनगुष्ययों ककी बनदाई हहै ;
ईश्वर ककी नहह॥9॥
10—जिब परमदेश्वर नदे कदाचबल सदे कहदा तदेरदा भदाई हदाचबल कहदासं हहै और वह बमोलदा ममैं नहह जिदानतदा। क्यदा
ममैं अपनदे भदाई कदा रखवदालदा हह ह। तब उसनदे कहदा तभूनदे क्यदा चकयदा? तदेरदे भदाई कदे लमोहह कदा शब्द भभूचम सदे मगुझदे पगुकदारतदा
हहै॥और अब तभू पकचथवही सदे स्रदाचपत हहै।
—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 4। आ॰ 9। 10। 11॥
(समहीकक) क्यदा ईश्वर कदाइन सदे पभूछदे चवनदा हदाचबल कदा हदाल नहह जिदानतदा थदा और लमोहह कदा शब्द भभूचम
सदे कभही चकसही कमो पगुकदार सकतदा हहै? यदे सब बदातमें अचवद्विदानयों ककी हमैं, इसहीचलयदे यह पगुस्तक न ईश्वर और न चवद्विदानम्
कदा बनदायदा हमो सकतदा हहै॥10॥
11—और हनभूक मतभूचसलह ककी उत्पचत्त कदे पहीछदे तहीन सचौ वषर्थ लयों ईश्वर कदे सदाथ-सदाथ चलतदा थदा॥

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—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 5। आ॰ 22॥


(समहीकक) भलदा! ईसदाइययों कदा ईश्वर मनगुष्य न हमोतदा तमो हनभूक कदे सदाथ-सदाथ क्ययों चलतदा? इससदे
जिमो वदेदमोक्त चनरदाकदार व्यदापक ईश्वर हहै उसही कमो ईसदाई लमोग मदानमें तमो उनकदा कल्यदाण हमोवदे॥11॥
12—और ययों हह आ चक जिब आदमही पकचथवही पर बढ़नदे लगदे और उनसदे बदेचटयदासं उत्पन्न हह ई॥सं तमो ईश्वर कदे
पगुत्रयों नदे आदम ककी पगुचत्रययों कमो ददेखदा चक वदे सगुन्दरही हमैं और उनममें सदे चजिन्हमें उन्हयोंनदे चदाहदा उन्हमें व्यदाहदा॥और उन चदनयों
ममें पकचथवही पर ददानव थदे और उसकदे पहीछदे भही जिब ईश्वर कदे पगुत्र आदम ककी पगुचत्रययों सदे चमलदे तमो उनसदे बदालक उत्पन्न
हह ए जिमो बलवदानम् हह ए जिमो आगदे सदे नदामही थदे॥और ईश्वर नदे ददेखदा चक आदम ककी द ष्टगु तदा पकचथवही पर बहह त हहई और
उनकदे मन ककी चचन्तदा और भदावनदा प्रचतचदन कदे वल बगुरही हमोतही हहै॥तब आदमही कमो पकचथवही पर उत्पन्न करनदे सदे
परमदेश्वर पछतदायदा और उसदे अचत शमोक हह आ॥तब परमदेश्वर नदे कहदा चक आदमही कमो चजिसदे ममैंनदे उत्पन्न चकयदा;
आदमही सदे लदेकदे पशगुन लयों और रमेंगवहैययों कमो और आकदाश कदे पचकययों कमो पकचथवही पर सदे नष्ट करूसंगदा क्ययोंचक उन्हमें
बनदानदे सदे ममैं पछतदातदा हह ह॥
—तचौ॰ पवर्थ॰ 6। आ॰ 1। 2। 3। 4। 5। 6॥
(समहीकक) ईसदाइययों सदे पभूछनदा चदाचहयदे चक ईश्वर कदे बदेटदे कचौन हमैं? और ईश्वर ककी सही, सदास, श्वसगुर,
सदालदा, और सम्बन्धही कचौन हमैं? क्ययोंचक अब तमो आदम ककी बदेचटययों कदे सदाथ चववदाह हमोनदे सदे ईश्वर उनकदा सम्बन्धही
हह आ और जिमो उनसदे उत्पन्न हमोतदे हमैं वदे पगुत्र और प्रपचौत्र हह ए। क्यदा ऐसही बदात ईश्वर और ईश्वर कदे पगुस्तक ककी हमो
सकतही हहै? चकन्तगु यह चसद्ध हमोतदा हहै चक उन जिसंगलही मनगुष्ययों नदे यह पगुस्तक बनदायदा हहै। वह ईश्वर हही नहह जिमो सवर्थज
न हमो; न भचवष्यतम् ककी बदात जिदानदे; वह जिहीव हहै। क्यदा जिब सकचष्ट ककी थही तब आगदे मनगुष्य दष्टगु हयोंगदे ऐसदा नहह जिदानतदा
थदा? और पछतदानदा अचत शमोकदाचद हमोनदा भभूल सदे कदाम करकदे पहीछदे पश्चदात्तदाप करनदा आचद ईसदाइययों कदे ईश्वर ममें
घट सकतदा हहै; वदेदमोक्त ईश्वर ममें नहह। और इससदे यह भही चसद्ध हमो सकतदा हहै चक ईसदाइययों कदा ईश्वर पभूणर्थ चवद्विदानम्
यमोगही भही नहह थदा, नहह तमो शदाचन्त और चवजदान सदे अचत शमोकदाचद सदे पकथकम् हमो सकतदा थदा। भलदा पशगु पकही भही दष्टगु
हमो गयदे! यचद वह ईश्वर सवर्थज हमोतदा तमो ऐसदा चवषदादही क्ययों हमोतदा? इसचलयदे न यह ईश्वर और न यह ईश्वरकक त
पगुस्तक हमो सकतदा हहै। जिहैसदे वदेदमोक्त परमदेश्वर सब पदाप , क्लदेश, दमःगु ख, शमोकदाचद सदे रचहत ‘सचच्चिददानन्दस्वरूप’ हहै
उसकमो ईसदाई लमोग मदानतदे वदा अब भही मदानमें तमो अपनदे मनगुष्यजिन्म कमो सफल कर सकमें ॥12॥
13—उस नदाव ककी लम्बदाई तहीन सचौ हदाथ और चचौड़दाई पचदास हदाथ और ऊहचदाई तहीस हदाथ ककी हमोवदे॥तभू
नदाव ममें जिदानदा तभू और तदेरदे बदेटदे और तदेरही पत्नही और तदेरदे बदेटयों ककी पचत्नयदासं तदेरदे सदाथ॥और सदारदे शरहीरयों ममें सदे जिहीवतदा
जिन्तगु दमो-दमो अपनदे सदाथ नदाव ममें लदेनदा चजिसतमें वदे तदेरदे सदाथ जिहीतदे रहमें वदे नर और नदारही हमोवमें॥पसंछही ममें सदे उसकदे भदासंचत-
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भदासंचत कदे और ढमोर ममें सदे उसकदे भदासंचत-भदासंचत कदे और पकचथवही कदे हर एक रमेंगवहैयदे ममें सदे भदाहचत-भदाहचत कदे हर एक ममें सदे
दमो-दमो तगुझ पदास आवमें चजिसतदे जिहीतदे रहमें॥और तभू अपनदे चलयदे खदानदे कमो सब सदामग्रही अपनदे पदास इकटदा कर वह
तगुम्हदारदे और उनकदे चलयदे भमोजिन हमोगदा॥समो ईश्वर ककी सदारही आजदा कदे समदान नभूह नदे चकयदा॥
—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 6। आ॰ 15। 18। 19। 20। 21। 22॥
(समहीकक) भलदा कमोई भही चवद्विदानम् ऐसही चवददा सदे चवरुद्ध असम्भव बदात कदे वक्तदा कमो ईश्वर मदान सकतदा
हहै? क्ययोंचक इतनही बड़ही चचौड़ही ऊसंचही नदाव ममें हदाथही, हथनही, ऊसंट, ऊसंटनही आचद क्रमोड़यों जिन्तगु और उनकदे खदानदे
पहीनदे ककी चहीजिमें वदे सब कगु टगु म्ब कदे भही समदा सकतदे हमैं? यह इसहीचलयदे मनगुष्यकक त पगुस्तक हहै। चजिसनदे यह लदेख चकयदा हहै
वह चवद्विदानम् भही नहह थदा॥13॥
14—और नभूह नदे परमदेश्वर कदे चलए एक वदेदही बनदाई और सदारदे पचवत्र पशगु और हर एक पचवत्र पसंचछययों ममें
सदे चलयदे और हमोम ककी भमेंट उस वदेदही पर चढ़दाई॥ और परमदेश्वर नदे सगुगन्ध सभूसंघदा और परमदेश्वर नदे अपनदे मन ममें कहदा
चक आदमही कदे चलयदे ममैं पकचथवही कमो चफर कभही स्रदाप न दगहभू दा इस कदारण चक आदमही कदे मन ककी भदावनदा उसककी
लड़कदाई सदे बगुरही हहै और चजिस रहीचत सदे ममैंनदे सदारदे जिहीवधदाररययों कमो मदारदा चफर कभही न मदारूसंगदा॥
—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 8। आ॰ 20। 21॥
(समहीकक) वदेदही कदे बनदानदे, हमोम करनदे कदे लदेख सदे यहही चसद्ध हमोतदा हहै चक यदे बदातमें वदेदयों सदे बदाइबल ममें गई
हमैं। क्यदा परमदेश्वर कदे नदाक भही हहै चक चजिससदे सगुगन्ध सभूहघदा? क्यदा यह ईसदाइययों कदा ईश्वर मनगुष्यवतम् अल्पज नहह हहै
चक कभही स्रदाप ददेतदा हहै और कभही पछतदातदा हहै। कभही कहतदा हहै स्रदाप न द संगभू दा। पचहलदे चदयदा थदा और चफर भही ददेगदा।
प्रथम सब कमो मदार डदालदा और अब कहतदा हहै चक कभही न मदारूसंगदा!!! यदे बदातमें सब लड़कदे पन ककी हमैं, ईश्वर ककी
नहह, और न चकसही चवद्विदानम् ककी क्ययोंचक चवद्विदानम् ककी भही बदात और प्रचतजदा चस्थर हमोतही हहै॥14॥
15—और ईश्वर नदे नभूह कमो और उसकदे बदेटयों कमो आशहीष चदयदा और उन्हमें कहदा चक हर एक जिहीतदा
चलतदा जिन्तगु तगुम्हदारदे भमोजिन कदे चलयदे हमोगदा॥ममैंनदे हरही तरकदारही कदे समदान सदारही वस्तगु तगुम्हमें चदई सं कदे वल मदासंस उनकदे
जिहीव अथदार्थतम् उसकदे लमोहह समदेत मत खदानदा॥
—तचौरदेत उत्पचत्त पवर्थ॰ 9। आ॰ 1। 2। 3। 4॥
(समहीकक) क्यदा एक कमो प्रदाणकष्ट ददेकर दस भू रयों कमो आनन्द करदानदे सदे दयदाहहीन ईसदाइययों कदा ईश्वर नहह
हहै? जिमो मदातदा चपतदा एक लड़कदे कमो मरवदा कर दसभू रदे कमो चखलदावमें तमो महदापदापही नहह हयों? इसही प्रकदार यह बदात हहै

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
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क्ययोंचक ईश्वर कदे चलयदे सब प्रदाणही पगुत्रदावतम् हमैं। ऐसदा न हमोनदे सदे इनकदा ईश्वर कसदाईवतम् कदाम करतदा हहै और सब
मनगुष्ययों कमो चहसंसक भही इसही नदे बनदायदे हमैं। इसचलयदे ईसदाइययों कदा ईश्वर चनदर्थय हमोनदे सदे पदापही क्ययों नहह॥15॥
16—और सदारही पकचथवही पर एक हही बमोलही और एक हही भदाषदा थही॥चफर उन्हयोंनदे कहदा चक आओ हम एक
नगर और एक गगुम्मट चजिसककी चमोटही स्वगर्थ लयों पहह संचदे अपनदे चलए बनदावमें और अपनदा नदाम करमें। न हमो चक हम सदारही
पकचथवही पर चछन्न-चभन्न हमो जिदायमें॥तब परमदेश्वर उस नगर और उस गगुम्मट कमो चजिसदे आदम कदे सन्तदान बनदातदे थदे ;
ददेखनदे कमो उतरदा॥तब परमदेश्वर नदे कहदा चक ददेखमो! यदे लमोग एक हही हमैं और उन सब ककी एक हही बमोलही हहै। अब वदे
ऐसदा-ऐसदा कगु छ करनदे लगदे समो वदे चजिस पर मन लगदावमेंगदे उससदे अलग न चकयदे जिदायमेंगदे॥आओ हम उतरमें और वहदासं
उनककी भदाषदा कमो गड़बड़दावमें चजिसतदे एक दस भू रदे ककी बमोलही न समझमें॥तब परमदेश्वर नदे उन्हमें वहदासं सदे सदारही पकचथवही पर
चछन्न-चभन्न चकयदा और वदे उस नगर कदे बनदानदे सदे अलग रहदे॥
—तचौ॰ उ॰ पवर्थ॰ 11। आ॰ 1। 4। 5। 6। 7। 8॥
(समहीकक) जिब सदारही पकचथवही पर एक भदाषदा और बमोलही हमोगही उस समय सब मनगुष्ययों कमो परस्पर
अत्यन्त आनन्द प्रदाप्त हहआ हमोगदा परन्तगु क्यदा चकयदा जिदाय, यह ईसदाइययों कदे ईष्यर्थक ईश्वर नदे सबककी भदाषदा गड़बड़दा
कदे सब कदा सत्यदानदाश चकयदा। उसनदे यह बड़दा अपरदाध चकयदा। क्यदा यह शहैतदान कदे कदाम सदे भही बगुरदा कदाम नहह हहै?
और इससदे यह भही चवचदत हमोतदा हहै चक ईसदाइययों कदा ईश्वर सनदाई पहदाड़ आचद पर रहतदा थदा और जिहीवयों ककी उन्नचत
भही नहह चदाहतदा थदा। यह चवनदा एक अचवद्विदानम् कदे ईश्वर ककी बदात और यह ईश्वरमोक्त पगुस्तक क्ययों कर हमो सकतदा
हहै?॥16॥
17—तब उसनदे अपनही पत्नही सरही सदे कहदा चक ददेख ममैं जिदानतदा हह सं तभू ददेखनदे ममें सगुन्दर सही हहै॥इसचलयदे ययों
हमोगदा चक जिब चमस्रही तगुझदे ददेखमें तब वदे कहमेंगदे चक यह उसककी पत्नही हहै और मगुझदे मदार डदालमेंगदे परन्तगु तगुझदे जिहीतही रखमेंगदे॥
तभू कचहयमो चक ममैं उसककी बचहन हह सं चजिसतदे तदेरदे कदारण मदेरदा भलदा हमोय और मदेरदा प्रदाण तदेरदे हदेतगु सदे जिहीतदा रहहै॥
—तचौ॰ उ॰ पवर्थ॰ 12। आ॰ 11। 12। 13॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! जिमो अचबरहदाम बड़दा पहैगम्बर ईसदाई और मगुसलमदानयों कदा बजितदा हहै और उसकदे
कमर्थ चमथ्यदाभदाषणदाचद बगुरदे हमैं भलदा! चजिनकदे ऐसदे पहैगम्बर हयों उनकमो चवददा वदा कल्यदाण कदा मदागर्थ कहै सदे चमल सकदे ?॥
17॥
18—और ईश्वर नदे अब्रदाहम सदे कहदा तभू और तदेरदे पहीछदे तदेरदा वसंश उनककी पहीचढ़ययों ममें मदेरदे चनयम कमो मदानदे॥
तगुम मदेरदा चनयम जिमो मगुझ सदे और तगुम सदे और तदेरदे पहीछदे तदेरदे वसंश सदे हहै चजिसदे तगुम मदानमोगदे समो यह हहै चक तगुम ममें सदे हर

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एक पगुरुष कदा खतन चकयदा जिदाय॥और तगुम अपनदे शरहीर ककी खलड़ही कदाटमो और वह मदेरदे और तगुम्हदारदे मध्य ममें चनयम
कदा चचह हमोगदा। और तगुम्हदारही पहीचढ़ययों ममें हर एक आठ चदन कदे पगुरुष कदा खतनमः चकयदा जिदाय। जिमो घर ममें उत्पन्न हमोय
अथवदा जिमो चकसही परददेशही सदे; जिमो तदेरदे वसंश कदा न हमो; रूपदे सदे ममोल चलयदा जिदाय॥जिमो तदेरदे घर ममें उत्पन्न हहआ हमो और
तदेरदे रूपदे सदे ममोल चलयदा गयदा हमो; अवश्य उसकदा खतनमः चकयदा जिदाय और मदेरदा चनयम तगुम्हदारदे मदासंस ममें सवर्थददा चनयम
कदे चलयदे हमोगदा॥और जिमो अखतनमः बदालक चजिसककी खलड़ही कदा खतनमः न हह आ हमो समो प्रदाणही अपनदे लमोग सदे कट जिदाय
चक उसनदे मदेरदा चनयम तमोड़दा हहै॥
—तचौ॰ उ॰ पवर्थ॰ 17। आ॰ 9। 10। 11। 12। 13। 14॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे ईश्वर ककी अन्यथदा आजदा। चक जिमो यह खतनमः करनदा ईश्वर कमो इष्ट हमोतदा तमो
उस चमडदेडे़ कमो आचद सकचष्ट ममें बनदातदा हही नहह और जिमो यह बनदायदा गयदा हहै वह रकदाथर्थ हहै ; जिहैसदा आसंख कदे ऊपर कदा
चमड़दा। क्ययोंचक वह गगुप्तस्थदान अचत कमोमल हहै। जिमो उस पर चमड़दा न हमो तमो एक ककीड़ही कदे भही कदाटनदे और थमोड़ही सही
चमोट लगनदे सदे बहह त सदा दमःगु ख हमोवदे और यह लघगुशसंकदा कदे पश्चदातम् कगु छ मभूत्रदासंश कपड़यों ममें न लगदे इत्यदाचद बदातयों कदे
चलयदे हहै। इसकदा कदाटनदा बगुरदा हहै और अब ईसदाई लमोग इस आजदा कमो क्ययों नहह करतदे ? यह आजदा सददा कदे चलयदे हहै।
इसकदे न करनदे सदे ईसदा ककी गवदाहही जिमो चक व्यवस्थदा कदे पगुस्तक कदा एक चबन्दगु भही झभूठदा नहह हहै ; चमथ्यदा हमो गई।
इसकदा समोच चवचदार ईसदाई कगु छ भही नहह करतदे॥18॥
19—तब उस सदे बदात करनदे सदे रह गयदा और अचबरहदाम कदे पदास सदे ईश्वर ऊपर जिदातदा रहदा॥
—तचौ॰ उ॰ पवर्थ॰ 17। आ॰ 22॥
(समहीकक) इससदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक ईश्वर मनगुष्य वदा पचकवतम् थदा जिमो ऊपर सदे नहीचदे और नहीचदे सदे
ऊपर आतदा जिदातदा रहतदा थदा। यह कमोई इन्द्रजिदालही पगुरुषवतम् चवचदत हमोतदा हहै॥19॥
20—चफर ईश्वर उसदे ममरदे कदे बलभूतयों ममें चदखदाई चदयदा और वह चदन कमो घदाम कदे समय ममें अपनदे तम्बभू
कदे द्विदार पर बहैठदा थदा॥और उसनदे अपनही आसंखमें उठदाई सं और क्यदा ददेखदा चक तहीन मनगुष्य उसकदे पदास खड़दे हमैं और उन्हमें
ददेख कदे वह तम्बभू कदे द्विदार पर सदे उनककी भमेंट कमो दचौड़दा और भभूचम लयों दण्डवतम् चकई॥और कहदा हदे मदेरदे स्वदामही! यचद
ममैंनदे अब आप ककी दृचष्ट ममें अनगुग्रह पदायदा हहै तमो ममैं आपककी चवनतही करतदा हह सं चक अपनदे ददास कदे पदास सदे चलदे न
जिदाइयदे॥इच्छदा हमोय तमो थमोड़दा जिल लदायदा जिदाय और अपनदे चरण धमोइयदे और पदेड़ तलदे चवश्रदाम ककीचजियदे॥और ममैं एक
कचौर रमोटही लदाऊसं और आप तकप्त हह चजियदे। उसकदे पहीछदे आगदे बचढ़यदे। क्ययोंचक आप इसहीचलयदे ददास कदे पदास आयदे हमैं॥तब
वदे बमोलदे चक जिहैसदा तभू नदे कहदा तहैसदा कर॥और अचबरहदाम तम्बभू ममें सरमः पदास उतदावलही सदे गयदा और उसदे कहदा चक
फगु रतही कर और तहीन नपगुआ चमोखदा चपसदान लदे कदे गभूधह और उसकदे फगु लकदे पकदा॥और अचबरहदाम भगुसंड ककी ओर दचौड़दा
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गयदा और एक अच्छदा कमोमल बछड़दा लदे कदे ददास कमो चदयदा। उसनदे भही उसदे चसद्ध करनदे ममें चटक चकयदा॥और उसनदे
मक्खन और दधभू और वह बछड़दा जिमो पकदायदा थदा; चलयदा और उनकदे आगदे धरदा और आप उनकदे पदास पदेड़ तलदे
खड़दा रहदा और उन्हयोंनदे खदायदा॥
—तचौ॰ पवर्थ॰ 18। आ॰ 1। 2। 3। 4। 5। 6। 7। 8॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे सज्जन लमोगमो! चजिनकदा ईश्वर बछड़दे कदा मदासंस खदावदे उसकदे उपदासक गदाय, बछड़दे
आचद पशगुओसं कमो क्ययों छमोड़में? चजिसकमो कगु छ दयदा नहह और मदासंस कदे खदानदे ममें आतगुर रहदे वह चवनदा चहसंसक मनगुष्य कदे
ईश्वर कभही हमो सकतदा हहै? और ईश्वर कदे सदाथ दमो मनगुष्य न जिदानदे कचौन थदे ? इससदे चवचदत हमोतदा हहै चक जिसंगलही
मनगुष्ययों ककी एक मण्डलही थही। उनकदा जिमो प्रधदान मनगुष्य थदा। उसकदा नदाम बदाइबल ममें ईश्वर रक्खदा हमोगदा। इन्हह बदातयों
सदे बगुचद्धमदानम् लमोग इनकदे पगुस्तक कमो ईश्वरकक त नहह मदान सकतदे और न ऐसदे कमो ईश्वर समझतदे हमैं॥20॥
21—और परमदेश्वर नदे अचबहरदाम सदे कहदा चक सरमः क्ययों यह कहकदे मगुसकगु रदाई चक जिमो ममैं बगुचढ़यदा हह सं
सचमगुच बदालक जिनभूहगही॥क्यदा परमदेश्वर कदे चलयदे कमोई बदात असदाध्य हहै॥
—तचौ॰ पवर्थ॰ 18। आ॰ 13। 14॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे चक क्यदा-क्यदा ईसदाइययों कदे ईश्वर ककी लहीलदा! चक जिमो लड़कदे वदा चसययों कदे
समदान चचढ़तदा और तदानदा मदारतदा हहै!!!॥21॥
22—तब परमदेश्वर नदे समभूद और अमभूरमः पर गन्धक और आग परमदेश्वर ककी ओर सदे स्वगर्थ सदे वषदार्थयदा॥
और उन नगरयों कमो और सदारदे चचौगदान कमो और नगरयों कदे सदारदे चनवदाचसययों कमो और जिमो कगु छ भभूचम पर उगतदा थदा;
उलट चदयदा॥
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 19। आ॰ 24। 25॥
(समहीकक) अब यह भही लहीलदा बदाइबल कदे ईश्वर ककी ददेचखयदे चक चजिसकमो बदालक आचद पर भही कगु छ दयदा
न आई! क्यदा वदे सब हही अपरदाधही थदे जिमो सब कमो भभूचम उलटदा कदे दबदा मदारदा? यह बदात न्यदाय, दयदा और चववदेक सदे
चवरुद्ध हहै। चजिनकदा ईश्वर ऐसदा कदाम करदे उनकदे उपदासक क्ययों न करमें?॥22॥
23—आओ हम अपनदे चपतदा कमो ददाख रस चपलदावमें और हम उसकदे सदाथ शयन करमें चक हम अपनदे चपतदा
सदे वसंश जिगुगदावमें॥तब उन्हयोंनदे उस रदात अपनदे चपतदा कमो ददाख रस चपलदायदा और पचहलमोठही गई और अपनदे चपतदा कदे
सदाथ शयन चकयदा॥ हम उसदे आजि रदात भही ददाख रस चपलदावमें तभू जिदाकदे शयन कर॥समो लभूत ककी दमोनयों बदेचटयदासं अपनदे
चपतदा सदे गचभर्थणही हह ई॥सं
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—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 19। आ॰ 32। 33। 34। 36॥


(समहीकक) ददेचखयदे चपतदा पगुत्रही भही चजिस मदपदान कदे नशदे ममें कगु कमर्थ करनदे सदे न बच सकदे ऐसदे दष्टगु मद कमो
जिमो ईसदाई आचद पहीतदे हमैं उनककी बगुरदाई कदा क्यदा पदारदावदार हहै? इसचलयदे सज्जन लमोगयों कमो मद कदे पहीनदे कदा नदाम भही न
लदेनदा चदाचहयदे॥23॥
24—और अपनदे कहनदे कदे समदान परमदेश्वर नदे सरमः सदे भमेंट चकयदा और अपनदे वचन कदे समदान परमदेश्वर
नदे सरमः कदे चवषय ममें चकयदा॥और सरमः गचभर्थणही हहई॥
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 21। आ॰ 1। 2॥
(समहीकक) अब चवचदाररयदे चक सरमः सदे भमेंट कर गभर्थवतही ककी यह कदाम कहै सदे हह आ! क्यदा चवनदा परमदेश्वर
और सरमः कदे तहीसरदा कमोई गभर्थस्थदापन कदा कदारण दहीखतदा हहै? ऐसदा चवचदत हमोतदा हहै चक सरमः परमदेश्वर ककी कक पदा सदे
गभर्थवतही हह ई!!!॥24॥
25—तब अचबहरदाम नदे बड़दे तड़कदे उठ कदे रमोटही और एक पखदाल ममें जिल चलयदा और हदाचजिरमः कदे कन्धदे
पर धर चदयदा और लड़कदे कमो भही उसदे सचौंप कदे उसदे चवददा चकयदा॥उसनदे उस लड़कदे कमो एक भदाड़ही कदे तलदे डदाल
चदयदा॥और वह उसकदे सम्मगुख बहैठ कदे चचलदा-चचलदा रमोई॥तब ईश्वर नदे उस बदालक कदा शब्द सगुनदा॥
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 21। आ॰ 14। 15। 16। 17॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! ईसदाइययों कदे ईश्वर ककी लहीलदा चक प्रथम तमो सरमः कदा पकपदात करकदे हदाचजिरमः
कमो वहदासं सदे चनकलवदा दही और चचलदा-चचलदा रमोई हदाचजिरमः और शब्द सगुनदा लड़कदे कदा। यह कहै सही अदतगु बदात हहै? यह
ऐसदा हह आ हमोगदा चक ईश्वर कमो भ्रम हहआ हमोगदा चक यह बदालक हही रमोतदा हहै। भलदा यह ईश्वर और ईश्वर ककी पगुस्तक
ककी बदात कभही हमो सकतही हहै? चवनदा सदाधदारण मनगुष्य कदे वचन कदे इस पगुस्तक ममें थमोड़ही सही बदात सत्य कदे सब असदार
भरदा हहै॥25॥
26—और इन बदातयों कदे पहीछदे ययों हह आ चक ईश्वर नदे अचबरहदाम ककी परहीकदा चकई, और उसदे कहदा हदे
अचबरहदाम! तभू अपनदे बदेटदे कदा अपनदे इकलचौतदे इजिहदाक कमो चजिसदे तभू प्यदार करतदा हहै। लदे। उसदे हमोम ककी भमेंट कदे चलए
चढ़दा॥और अपनदे बदेटदे इजिहदाक कमो बदासंध कदे उस वदेदही ममें लकचड़ययों पर धरदा॥और अचबरहदाम नदे छगु रही लदेकदे अपनदे बदेटदे
कदा घदात करनदे कदे चलयदे हदाथ बढ़दायदा॥तब परमदेश्वर कदे दतभू नदे स्वगर्थ पर सदे उसदे पगुकदारदा चक अचबरहदाम अचबरहदाम॥
अपनदा हदाथ लड़कदे पर मत बढ़दा, उसदे कगु छ मत कर, क्ययोंचक अब ममैं जिदानतदा हह सं चक तभू ईश्वर सदे डरतदा हहै॥
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 22। आ॰ 1। 2। 9। 10। 11। 12॥
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(समहीकक) अब स्पष्ट हमो गयदा चक यह बदाइबल कदा ईश्वर अल्पज हहै सवर्थज नहह। और अचबरहदाम भही एक
भमोलदा मनगुष्य थदा, नहह तमो ऐसही चदेष्टदा क्ययों करतदा? और जिमो बदाइबल कदा ईश्वर सवर्थज हमोतदा तमो उसककी भचवष्यतम्
श्रद्धदा कमो भही सवर्थजतदा सदे जिदान लदेतदा। इससदे चनचश्चत हमोतदा हहै चक ईसदाइययों कदा ईश्वर सवर्थज नहह॥26॥
27—समो आप हमदारही समदाचधन ममें सदे चगुन कदे एक ममें अपनदे मकतक कमो गदाचड़यदे चजिस तमें आप अपनदे मकतक
कमो गदाड़में।
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 23। आ॰ 6॥
(समहीकक) मगुदर्यों कदे गदाड़नदे सदे ससंसदार कमो बड़ही हदाचन हमोतही हहै क्ययोंचक वह सड़ कदे वदायगु कमो दगगु र्थन्धमय कर
रमोग फहै लदा ददेतदा हहै।
(प्रश्न) ददेखमो! चजिससदे प्रहीचत हमो उसकमो जिलदानदा अच्छही बदात नहह और गदाड़नदा जिहैसदा चक उसकमो सगुलदा
ददेनदा हहै इसचलए गदाड़नदा अच्छदा हहै।
(उत्तर) जिमो मकतक सदे प्रहीचत करतदे हमो तमो अपनदे घर ममें क्ययों नहह रखतदे ? और गदाड़तदे भही क्ययों हमो? चजिस
जिहीवदात्मदा सदे प्रहीचत थही वह चनकल गयदा, अब दगगु र्थन्धमय मटही सदे क्यदा प्रहीचत? और जिमो प्रहीचत करतदे हमो तमो उसकमो
पकचथवही ममें क्ययों गदाड़तदे हमो क्ययोंचक चकसही सदे कमोई कहदे चक तगुझ कमो भभूचम ममें गदाड़ ददेवमें तमो वह सगुन कर प्रसन्न कभही
नहह हमोतदा। उसकदे मगुख आसंख और शरहीर पर धभूल , पत्थर, ईटसं , चभूनदा डदालनदा, छदातही पर पत्थर रखनदा कचौन सदा
प्रहीचत कदा कदाम हहै? और सन्दक भू ममें डदाल कदे गदाड़नदे सदे बहह त दगगु र्थन्ध हमोकर पकचथवही सदे चनकल वदायगु कमो चबगदाड़ कर
ददारुण रमोगमोत्पचत्त करतदा हहै। दस भू रदा एक मगुदर्वे कदे चलए कम सदे कम 6 हदाथ लम्बही और 4 हदाथ चचौड़ही भभूचम चदाचहए।
इसही चहसदाब सदे सचौ, हजिदार वदा लदाख अथवदा क्रमोड़यों मनगुष्ययों कदे चलए चकतनही भभूचम व्यथर्थ रुक जिदातही हहै। न वह खदेत ,
न बगहीचदा, और न वसनदे कदे कदाम ककी रहतही हहै। इसचलयदे सब सदे बगुरदा गदाड़नदा हहै , उससदे कगु छ थमोड़दा बगुरदा जिल ममें
डदालनदा, क्ययोंचक उसकमो जिलजिन्तगु उसही समय चहीर फदाड़ कदे खदा लदेतदे हमैं परन्तगु जिमो कगु छ हदाड़ वदा मल जिल ममें रहदेगदा
वह सड़ कर जिगतम् कमो दमःगु खददायक हमोगदा। उससदे कगु छ एक थमोड़दा बगुरदा जिसंगल ममें छमोड़नदा हहै क्ययोंचक उसकमो मदासंसदाहदारही
पशगु पकही लभूसंच खदायमेंगदे तथदाचप जिमो उसकदे हदाड़, हदाड़ ककी मज्जदा और मल सड़ कर चजितनदा दगगु र्थन्ध करदेगदा उतनदा जिगतम्
कदा अनगुपकदार हमोगदा; और जिमो जिलदानदा हहै वह सवर्वोत्तम हहै क्ययोंचक उसकदे सब पददाथर्थ अणगु हमोकर वदायगु ममें उड़ जिदायमेंगदे।
(प्रश्न) जिलदानदे सदे भही दगगु र्थन्ध हमोतदा हहै।
(उत्तर) जिमो अचवचध सदे जिलदावदे तमो थमोड़दा सदा हमोतदा हहै परन्तगु गदाड़नदे आचद सदे बहह त कम हमोतदा हहै। और जिमो
चवचधपभूवर्थक जिहैसदा चक वदेद ममें चलखदा हहै—वदेदही मगुदर्वे कदे तहीन हदाथ गचहरही, सदाढ़दे तहीन हदाथ चचौड़ही, पदासंच हदाथ लम्बही,

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
957

तलदे ममें डदेढ़ हदाथ बहीतदा अथदार्थतम् चढ़दा उतदार खमोद कर शरहीर कदे बरदाबर घही उसममें एक सदेर ममें रत्तही भर कस्तभूरही, मदासदा
भर कदे शर डदाल न्यभून सदे न्यभून आध मन चन्दन अचधक चदाहमें चजितनदा लदे , अगर-तगर कपभूर आचद और पलदाश
आचद ककी लकचड़ययों कमो वदेदही ममें जिमदा, उस पर मगुददार्थ रख कदे पगुनमः चदारयों ओर ऊपर वदेदही कदे मगुख सदे एक-एक बहीतदा
तक भर कदे उस घही ककी आहह चत ददेकर जिलदानदा चलखदा हहै। उस प्रकदार सदे ददाह करमें तमो कगु छ भही दगगु र्थन्ध न हमो चकन्तगु
इसही कदा नदाम अन्त्यदेचष्ट, नरमदेध, पगुरुषमदेध यज हहै। और जिमो दररद्र हमो तमो बहीस सदेर सदे कम घही चचतदा ममें न डदालमें ,
चदाहदे वह भहीख मदासंगनदे वदा जिदाचत वदालदे कदे ददेनदे अथवदा रदाजि सदे चमलनदे सदे प्रदाप्त हमो परन्तगु उसही प्रकदार ददाह करदे। और
जिमो घकतदाचद चकसही प्रकदार न चमल सकदे तथदाचप गदाड़नदे आचद सदे कदे वल लकड़ही सदे भही मकतक कदा जिलदानदा उत्तम हहै
क्ययोंचक एक चवश्वदा भर भभूचम ममें अथवदा एक वदेदही ममें लदाखयों क्रमोड़यों मकतक जिल सकतदे हमैं। भभूचम भही गदाड़नदे कदे समदान
अचधक नहह चबगड़तही और कबर कदे ददेखनदे सदे भय भही हमोतदा हहै। इससदे गदाड़नदा आचद सवर्थथदा चनचषद्ध हहै॥27॥
28—परमदेश्वर मदेरदे स्वदामही अचबरहदाम कदा ईश्वर धन्य हहै चजिसनदे मदेरदे स्वदामही कमो अपनही दयदा और अपनही
सच्चिदाई चवनदा न छमोड़दा। मदागर्थ ममें परमदेश्वर नदे मदेरदे स्वदामही कदे भदाइययों कदे घर ककी ओर मदेरही अगगुआई चकई॥
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 24। आ॰ 27॥
(समहीकक) क्यदा वह अचबरहदाम हही कदा ईश्वर थदा? और जिहैसदे आजिकल चबगदारही वदा अगवदे लमोग अगगुआई
अथदार्थतम् आगदे-आगदे चलकर मदागर्थ चदखलदातदे हमैं तथदा ईश्वर नदे भही चकयदा तमो आजिकल मदागर्थ क्ययों नहह चदखलदातदा?
और मनगुष्ययों सदे बदातमें क्ययों नहह करतदा? इसचलए ऐसही बदातमें ईश्वर वदा ईश्वर कदे पगुस्तक ककी कभही नहह हमो सकतह
चकन्तगु जिसंगलही मनगुष्य ककी हमैं॥28॥
29—इसमअऐल कदे बदेटयों कदे नदाम यदे हमैं—इसमअऐल कदा पचहलचौठदा नबहीत और ककीददार और अदचबएल
और चमबसदाम॥और चमसमदाअ और दमभू मः और मस्सदा॥हदर और तहैमदा इतभूर, नफकीस और चकचदममः॥
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 25। आ॰ 13। 14। 15॥
(समहीकक) यह इसमअऐल अचबरहदाम सदे उसककी हदाचजिरमः ददासही कदा पगुत्र हह आ थदा॥29॥
30—ममैं तदेरदे चपतदा ककी रुचच कदे समदान स्वदाचदत भमोजिन बनदाऊसंगही॥और तभू अपनदे चपतदा कदे पदास लदे जिदाइयमो
चजिसतमें वह खदाय और अपनदे मरनदे सदे आगदे तगुझदे आशहीष ददेवदे॥और ररबकमः नदे घर ममें सदे अपनदे जिदेठदे बदेटदे एसचौ कदा
अच्छदा पचहरदावदा चलयदा॥और बकरही कदे मदेम्नयों कदा चमड़दा उसकदे हदाथयों और गलदे ककी चचकनदाई पर लपदेटदा॥तब यअकभू ब
अपनदे चपतदा सदे बमोलदा चक ममैं आपकदा पचहलचौठदा एसचौ हह सं। आपकदे कहनदे कदे समदान ममैंनदे चकयदा हहै, उठ बहैचठयदे और मदेरदे
अहदेर कदे मदासंस ममें सदे खदाइयदे चजिसतमें आप कदा प्रदाण मगुझदे आशहीष ददे॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
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—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 27। आ॰ 9। 10। 15। 16। 19॥


(समहीकक) ददेचखयदे! ऐसदे झभूठ कपट सदे आशहीवदार्थद लदे कदे पश्चदातम् चसद्ध और पहैगम्बर बनतदे हमैं क्यदा यह
आश्चयर्थ ककी बदात नहह हहै? और ऐसदे ईसदाइययों कदे अगगुआ हह ए हमैं पगुनमः इनकदे मत ककी गड़बड़ ममें क्यदा न्यभूनतदा हमो?॥
30॥
31—और यअकभू ब चबहदान कमो तड़कदे उठदा और उस पत्थर कमो चजिसदे उसनदे अपनदा तचकयदा चकयदा थदा
खम्भदा खड़दा चकयदा और उस पर तदेल डदालदा॥और उस स्थदान कदा नदाम बहैतएल रक्खदा॥और यह पत्थर जिमो ममैंनदे
खम्भदा खड़दा चकयदा ईश्वर कदा घर हमोगदा॥
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 28। आ॰ 18। 19। 22॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे जिसंगचलययों कदे कदाम। इन्हयोंनदे पत्थर पभूजिदे और पगुजिवदायदे और इसकमो मगुसलमदान
लमोग ‘बहैतएलमगुकद्दस’ कहतदे हमैं। क्यदा यहही पत्थर ईश्वर कदा घर और उसही पत्थरमदात्र ममें ईश्वर रहतदा थदा? वदाह-
वदाह जिही! क्यदा कहनदा हहै ईसदाई लमोगमो! महदाबगुत्परस्त तमो तगुम्हह हमो॥31॥
32—और ईश्वर नदे रदाहदेल कमो स्मरण चकयदा और ईश्वर नदे उसककी सगुनही और उसककी कमोख कमो खमोलदा॥
और वह गचभर्थणही हह ई और बदेटदा जिनही और बमोलही चक ईश्वर नदे मदेरही चनन्ददा दरभू चकई॥
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 30। आ॰ 22। 23॥
(समहीकक) वदाह ईसदाइययों कदे ईश्वर! क्यदा बड़दा डदाक्तर हहै! चसययों ककी कमोख खमोलनदे कमो कचौन सदे शस
वदा औषध थदे चजिनसदे खमोलही, यदे सब बदातमें अन्धदाधगुन्ध ककी हमैं॥32॥
33—परन्तगु ईश्वर अरदामही लदावन कनदे स्वप्न ममें रदात कमो आयदा और उसदे कहदा चक चचौकस रह तभू
यअकभू ब कमो भलदा बगुरदा मत कहनदा॥क्ययोंचक तभू अपनदे चपतदा कदे घर कदा चनपट अचभलदाषही हहै तभूनदे चकसचलयदे मदेरदे ददेवयों
कमो चगुरदायदा हहै॥
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 31। आ॰ 24। 30॥
(समहीकक) यह हम नमभूनदा चलखतदे हमैं, हजिदारयों मनगुष्ययों कमो स्वप्न ममें आयदा, बदातमें चकई,सं जिदागकत सदाकदातम्
चमलदा, खदायदा, चपयदा, आयदा, गयदा आचद बदाइबल ममें चलखदा हहै परन्तगु अब न जिदानदे वह हहै वदा नहह? क्ययोंचक अब
चकसही कमो स्वप्न वदा जिदागकत ममें भही ईश्वर नहह चमलतदा और यह भही चवचदत हह आ चक यदे जिसंगलही लमोग पदाषदाणदाचद
मभूचतर्थययों कमो ददेव मदानकर पभूजितदे थदे परन्तगु ईसदाइययों कदा ईश्वर भही पत्थर हही कमो ददेव मदानतदा हहै , नहह तमो ददेवयों कदा
चगुरदानदा कहै सदे घटदे?॥33॥
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34—और यअकभू ब अपनदे मदागर्थ चलदा गयदा और ईश्वर कदे दतभू उसदे आ चमलदे॥ और यअकभू ब नदे उन्हमें ददेख
कदे कहदा चक यह ईश्वर ककी सदेनदा हहै॥
—तचौ॰उत्प॰ पवर्थ॰ 32। आ॰ 1। 2॥
(समहीकक) अब ईसदाइययों कदा ईश्वर मनगुष्य हमोनदे ममें कगु छ भही सचन्दग्ध नहह रहदा, क्ययोंचक सदेनदा भही रखतदा
हहै। जिब सदेनदा हह ई तब शस भही हयोंगदे और जिहदाह तहदाह चढ़दाई करकदे लड़दाई भही करतदा हमोगदा, नहह तमो सदेनदा रखनदे कदा
क्यदा प्रयमोजिन हहै?॥34॥
35—और यअकभू ब अकदे लदा रह गयदा और वहदासं पचौ फटदे लयों एक जिन उससदे मलयगुद्ध करतदा रहदा। और
जिब उसनदे ददेदेखदा चक वह उस पर प्रबल न हह आ तमो उसककी जिदासंघ कमो भहीतर सदे छभू आ। तब यअकभू ब कदे जिदासंघ ककी नस
उसकदे ससंग मलयगुद्ध करनदे ममें चढ़ गई॥तब वह बमोलदा चक मगुझदे जिदानदे ददे क्ययोंचक पचौ फटतही हहै और वह बमोलदा ममैं तगुझदे
जिदानदे न ददेऊसंगदा जिब लयों तभू मगुझदे आशहीष न ददेवदे॥तब उसनदे उससदे कहदा चक तदेरदा नदाम क्यदा? और वह बमोलदा चक
यअकभू ब॥तब उसनदे कहदा चक तदेरदा नदाम आगदे कमो यअकभू ब न हमोगदा परन्तगु इसरदाएल, क्ययोंचक तभूनदे ईश्वर कदे आगदे
और मनगुष्ययों कदे आगदे रदाजिदा ककी नदाई सं मलयगुद्ध चकयदा और जिहीतदा॥तब यअकभू ब नदे यह कचहकदे उससदे पभूछदा चक अपनदा
नदाम बतदाइयदे और वह बमोलदा चक तभू मदेरदा नदाम क्ययों पभूछतदा हहै और उसनदे उसदे वहदासं आशहीष चदयदा॥और यअकभू ब नदे
उस स्थदान कदा नदाम फनभूएल रक्खदा क्ययोंचक ममैंनदे ईश्वर कमो प्रत्यक ददेखदा और मदेरदा प्रदाण बचदा हहै॥और जिब वह
फनभूएल सदे पदार चलदा तमो सभूयर्थ ककी ज्यमोचत उस पर पड़ही और वह अपनही जिदाहघ सदे लहगड़दातदा थदा॥इसचलयदे इसरदायल
कदे वसंश उस जिदासंघ ककी नस कमो जिमो चढ़ गई थही आजि लयों नहह खदातदे क्ययोंचक उसनदे यअकभू ब कदे जिदासंघ ककी नस कमो जिमो
चढ़ गई थही। छभूआ थदा॥
—तचौ॰ उत्प॰ पवर्थ॰ 32। आ॰ 24। 25। 26। 27। 28। 29। 30। 31। 32॥
(समहीकक) जिब ईसदाइययों कदा ईश्वर अखदाड़मल हहै तभही तमो सरमः और रदाखल पर पगुत्र हमोनदे ककी कक पदा ककी।
भलदा यह कभही ईश्वर हमो सकतदा हहै? अब ददेखमो लहीलदा! चक एक जिनदा नदाम पभूछदे तमो दस भू रदा अपनदा नदाम हही न
बतदावदे? और ईश्वर नदे उसककी नदाड़ही कमो चढ़दा तमो दही और जिहीत गयदा परन्तगु जिमो डदाक्टर हमोतदा तमो जिदासंघ ककी नदाड़ही कमो
अच्छही भही करतदा। और ऐसदे ईश्वर ककी भचक्त सदे जिहैसदा चक यअकभू ब लसंगड़दातदा रहदा तमो अन्य भक्त भही लसंगड़दातदे हयोंगदे।
जिब ईश्वर कमो प्रत्यक ददेखदा और मलयगुद्ध चकयदा यह बदात चवनदा शरहीर वदालदे कदे कहै सदे हमो सकतही हहै? यह कदे वल
लड़कपन ककी लहीलदा हहै॥35॥
36—ईश्वर कदा मगुहसं ददेखदा॥

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—तचौ॰उत्प॰ पवर्थ॰ 33। आ॰ 10॥


(समहीकक) जिब ईश्वर कदे मगुसंह हहै और भही सब अवयव हयोंगदे और वह जिन्म मरण वदालदा भही हमोगदा॥36॥

37—और यहह ददाह कदा पचहलचौठदा एर परमदेश्वर ककी दृचष्ट ममें दष्टगु थदा समो परमदेश्वर नदे उसदे मदार डदालदा। तब
यहह ददाह नदे ओनदान कमो कहदा चक अपनदे भदाई ककी पत्नही पदास जिदा और उससदे ब्यदाह कर अपनदे भदाई कदे चलए वसंश
चलदा॥और ओनदान नदे जिदानदा चक यह वसंश मदेरदा न हमोगदा और ययों हह आ चक जिब वह अपनदे भदाई ककी पत्नही पदास गयदा तमो
वहीयर्थ कमो भभूचम पर चगरदा चदयदा॥और उसकदा वह कदायर्थ परमदेश्वर ककी दृचष्ट ममें बगुरदा थदा इसचलयदे उसनदे उसदे भही मदार
डदालदा॥

—तचौ॰उत्प॰ पवर्थ॰ 38। आ॰ 7। 8। 9। 10॥

(समहीकक) अब ददेख लहीचजियदे! यदे मनगुष्ययों कदे कदाम हमैं चक ईश्वर कदे ? जिब उसकदे सदाथ चनयमोग हह आ तमो
उसकमो क्ययों मदार डदालदा? उसककी बगुचद्ध शगुद्ध क्ययों न कर दही? और वदेदमोक्त चनयमोग भही प्रथम सवर्थत्र चलतदा थदा। यह
चनश्चय हह आ चक चनयमोग ककी बदातमें सब ददेशयों ममें चलतही थह॥37॥

तचौरदेत यदात्रदा ककी पगुस् तक


38—जिब मभूसदा सयदानदा हह आ और अपनदे भदाइययों ममें सदे एक इबरदानही कमो ददेखदा चक चमस्रही उसदे मदार रहदा
हहै॥तब उसनदे इधर-उधर दृचष्ट चकई ददेखदा चक कमोई नहह तब उसनदे उस चमस्रही कमो मदार डदालदा और बदालभू ममें उसदे
चछपदा चदयदा॥जिब वह दस भू रदे चदन बदाहर गयदा तमो ददेखदा, दमो इबरदानही आपस ममें झगड़ रहदे हमैं तब उसनदे उस असंधदेरही कमो
कहदा चक तभू अपनदे परमोसही कमो क्ययों मदारतदा हहै॥तब उसनदे कहदा चक चकसनदे तगुझदे हम पर अध्यक अथवदा न्यदायही
ठहरदायदा, क्यदा तभू चदाहतदा हहै चक चजिस रहीचत सदे चमस्रही कमो मदार डदालदा मगुझदे भही मदार डदालदे॥तब मभूसदा डरदा औदेर भदाग
चनकलदा॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 2। आ॰ 11। 12। 13। 14। 15॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! जिमो बदाइबल कदा मगुख्य चसद्धकत्तदार्थ मत कदा आचदायर्थ मभूसदा चक चजिसकदा चररत्र
क्रमोधदाचद दगगु गुर्थणयों सदे यगुक्त, मनगुष्य ककी हत्यदा करनदे वदालदा और चमोरवतम् रदाजिदण्ड सदे बचनदेहदारदा अथदार्थतम् जिब बदात कमो
चछपदातदा थदा तमो झभूठ बमोलनदे वदालदा भही अवश्य हमोगदा, ऐसदे कमो भही जिमो ईश्वर चमलदा वह पहैगम्बर बनदा उसनदे यहह दही
आचद कदा मत चलदायदा वह भही मभूसदा हही कदे सदृश हह आ। इसचलयदे ईसदाइययों कदे जिमो मभूल पगुरुषदा हह ए हमैं वदे सब मभूसदा सदे
आचद लदेकर कदे जिसंगलही अवस्थदा ममें थदे, चवददावस्थदा ममें नहह, इत्यदाचद॥38॥
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39—जिब परमदेश्वर नदे ददेखदा चक वह ददेखनदे कमो एक अलसंग चफरदा तमो ईश्वर नदे भदाड़ही कदे मध्य ममें सदे उसदे
पगुकदार कदे कहदा चक हदे मभूसदा हदे मभूसदा! तब वह बमोलदा ममैं यहदासं हह सं॥तब उसनदे कहदा चक इधर पदास मत आ, अपनदे पदाओसं
सदे जिभूतदा उतदार, क्ययोंचक यह स्थदान चजिस पर तभू खड़दा हहै; पचवत्र भभूचम हहै।
—तचौ॰ यदा॰ पगु॰ प॰ 3। आ॰ 4। 5॥
(समहीकक) ददेचखयदे! ऐसदे मनगुष्य जिमो चक मनगुष्य कमो मदार कदे बदालभू ममें गदाड़नदे वदालदे सदे इनकदे ईश्वर ककी
चमत्रतदा और उसकमो पहैगम्बर मदानतदे हमैं। और ददेखमो जिब तगुम्हदारदे ईश्वर नदे मभूसदा सदे कहदा चक पचवत्र स्थदान ममें जिभूतही न लदे
जिदानही चदाचहए। तगुम ईसदाई इस आजदा कदे चवरुद्ध क्ययों चलतदे हमो?॥
(प्रश्न) हम जिभूतही कदे स्थदान ममें टमोपही उतदार लदेतदे हमैं।
(उत्तर) यह दस भू रदा अपरदाध तगुमनदे चकयदा क्ययोंचक टमोपही उतदारनदा न ईश्वर नदे कहदा न तगुम्हदारदे पगुस्तक ममें
चलखदा हहै। और उतदारनदे यमोग्य कमो नहह उतदारतदे , जिमो नहह उतदारनदा चदाचहयदे उसकमो उतदारतदे हमो, दमोनयों प्रकदार तगुम्हदारदे
पगुस्तक सदे चवरुद्ध हमैं।
(प्रश्न) हमदारदे यभूरमोप ददेश ममें शहीत अचधक हहै इसचलयदे हम लमोग जिभूतही नहह उतदारतदे।
(उत्तर) क्यदा चशर ममें शहीत नहह लगतदा? जिमो यहही हहै तमो यभूरमोप ददेश ममें जिदाओ तब ऐसदा हही करनदा। परन्तगु
जिब हमदारदे घर ममें वदा चबछचौनदे ममें आयदा करमो तब तमो जिभूतही उतदार चदयदा करमो और जिमो न उतदारमोगदे तमो तगुम अपनदे
बदाइबल पगुस्तक कदे चवरुद्ध चलतदे हमो; ऐसदा तगुम कमो न करनदा चदाचहयदे॥39॥
40—तब ईश्वर नदे उसदे कहदा चक तदेरदे हदाथ ममें यह क्यदा हहै और वह बमोलदा चक छड़ही॥तब उसनदे कहदा चक
उसदे भभूचम पर डदाल ददे और उसनदे भभूचम पर डदाल चदयदा और वह सपर्थ बन गई और मभूसदा उसकदे आगदे सदे भदागदा॥तब
परमदेश्वर नदे मभूसदा सदे कहदा चक अपनदा हदाथ बढ़दा और उसककी पभूसंछ पकड़ लदे , तब उसनदे अपनदा हदाथ बढ़दायदा और
उसदे पकड़ चलयदा और वह उसकदे हदाथ ममें छड़ही हमो गई॥तब परमदेश्वर नदे उसदे कहदा चक चफर तभू अपनदा हदाथ अपनही
गमोद ममें कर और उसनदे अपनदा हदाथ अपनही गमोद ममें चकयदा जिब उसनदे उसदे चनकदालदा तमो ददेखदा चक उसकदा हदाथ चहम
कदे समदान कमोढ़ही थदा॥और उसनदे कहदा चक अपनदा हदाथ चफर अपनही गमोद ममें कर। उसनदे चफर अपनदे हदाथ कमो अपनही
गमोद ममें चकयदा और अपनही गमोद सदे उसदे चनकदालदा तमो ददेखदा चक जिहैसही उसककी सदारही ददेह थही वह वहैसदा चफर हमो गयदा॥तभू
नहील नदही कदा जिल लदेकदे सभूखही पर ढदाचलयमो और वह जिल जिमो तभू नदही सदे चनकदालदेगदा समो सभूखही पर लमोहह हमो जिदायदेगदा॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 4। आ॰ 2। 3। 4। 6। 7। 9॥

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(समहीकक) अब ददेचखयदे! कहै सदे बदाजिहीगर कदा खदेल, चखलदाड़ही ईश्वर, उसकदा सदेवक मभूसदा और इन बदातयों
कमो मदाननदे हदारदे कहै सदे हमैं? क्यदा आजिकल बदाजिहीगर लमोग इससदे कम करदामदात करतदे हमैं? यह ईश्वर क्यदा, यह तमो
बड़दा चखलदाड़ही हहै! इन बदातयों कमो चवद्विदानम् क्ययों कर मदानमेंगदे ? और हर एक बदार ममैं परमदेश्वर हह सं और अचबरहदाम,
इजिहदाक और यदाकभूब कदा ईश्वर हह सं इत्यदाचद हर एक सदे अपनदे मगुख सदे प्रशसंसदा करतदा चफरतदा हहै , यह बदात उत्तम जिन
ककी नहह हमो सकतही चकन्तगु दम्भही मनगुष्य ककी हमो सकतही हहै॥40॥
41—और फसह मदेम्नदा मदारमो॥और एक मभूठही जिभूफदा लदेओ और उसदे उस लमोहह ममें जिमो बदासन ममें हहै बमोर
कदे , ऊपर ककी चचौखट कदे और द्विदार ककी दमोनयों ओर उससदे छदापमो और तगुम ममें सदे कमोई चबहदान लयों अपनदे घर कदे द्विदार
सदे बदाहर न जिदावदे॥
क्ययोंचक परमदेश्वर चमस्र कदे मदारनदे कदे चलयदे आर-पदार जिदायदेगदा और जिब वह ऊपर ककी चचौखट पर और द्विदार
ककी दमोनयों ओर लमोहह कमो ददेखदे तब परमदेश्वर द्विदार सदे बहीत जिदायदेगदा और नदाशक तगुम्हदारदे घरयों ममें जिदानदे न ददेगदा चक मदारदे॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 12। आ॰ 21। 22। 23॥
(समहीकक) भलदा यह जिमो टमोनदे टदामन करनदे वदालदे कदे समदान हहै वह ईश्वर सवर्थज कभही हमो सकतदा हहै ?
जिब लमोहह कदा छदापदा ददेखदे तभही इसरदायल कगु ल कदा घर जिदानदे, अन्यथदा नहह। यह कदाम कगुद्र बगुचद्ध वदालदे मनगुष्य कदे
सदृश हहै। इससदे यह चवचदत हमोतदा हहै चक यदे बदातमें चकसही जिसंगलही मनगुष्य ककी चलखही हमैं॥41॥
42—और ययों हह आ चक परमदेश्वर नदे आधही रदात कमो चमस्र कदे ददेश ममें सदारदे पचहलचौठदे जिमो चफरऊन कदे
पचहलचौठदे सदे लदेकदे जिमो अपनदे चससंहदासन पर बहैठतदा थदा उस बन्धगुआ कदे पचहलचौठदे लयों जिमो बन्दहीगकह ममें थदा पशगुन कदे
पचहलचौठयों समदेत नदाश चकयदे। और रदात कमो चफरऊन उठदा, वह और उसकदे सब सदेवक और सदारदे चमस्रही उठदे और
चमस्र ममें बड़दा चवलदाप थदा क्ययोंचक कमोई घर न रहदा चजिस ममें एक न मरदा॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 12। आ॰ 29। 30॥
(समहीकक) वदाह! अच्छदा आधही रदात कमो डदाकभू कदे समदान चनदर्थयही हमोकर ईसदाइययों कदे ईश्वर नदे लड़कदे
बदालदे, वकद्ध और पशगु तक भही चवनदा अपरदाध मदार चदयदे और कगु छ भही दयदा न आई और चमस्र ममें बड़दा चवलदाप हमोतदा
रहदा तमो भही ईसदाइययों कदे ईश्वर कदे चचत्त सदे चनष्ठिहरतदा नष्ट न हहई! ऐसदा कदाम ईश्वर कदा तमो क्यदा चकन्तगु चकसही
सदाधदारण मनगुष्य कदे भही करनदे कदा नहह हहै। यह आश्चयर्थ नहह, क्ययोंचक चलखदा हहै ‘मदासंस दाहदाररणमः कगु तमो दयदा’ जिब
ईसदाइययों कदा ईश्वर मदासंसदाहदारही हहै तमो उसकमो दयदा करनदे सदे क्यदा कदाम हहै?॥42॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
957

43—परमदेश्वर तगुम्हदारदे चलयदे यगुद्ध करदेगदा॥इसरदाएल कदे सन्तदान सदे कह चक वदे आगदे बढ़में॥परन्तगु तभू अपनही
छड़ही उठदा और समगुद्र पर अपनदा हदाथ बढ़दा और उसदे दमो भदाग कर और इसरदाएल कदे सन्तदान समगुद्र कदे बहीचयों बहीच
सदे सभूखही भभूचम ममें हमोकर चलदे जिदायमेंगदे॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 14। आ॰ 14। 15। 16॥
(समहीकक) क्ययों जिही! आगदे तमो ईश्वर भदेड़यों कदे पहीछदे गड़ररयदे कदे समदान इस्रदायदेल कगु ल कदे पहीछदे-पहीछदे
डमोलदा करतदा थदा। अब न जिदानदे कहदासं अन्तधदार्थन हमो गयदा? नहह तमो समगुद्र कदे बहीच ममें सदे चदारयों ओर ककी रदेलगदाचड़ययों ककी
सड़क बनवदा लदेतदे चजिससदे सब ससंसदार कदा उपकदार हमोतदा और नदाव आचद बनदानदे कदा श्रम छभू ट जिदातदा। परन्तगु क्यदा
चकयदा जिदाय, ईसदाइययों कदा ईश्वर न जिदानदे कहदाह चछप रहदा हहै ? इत्यदाचद बहह त सही मभूसदा कदे सदाथ असम्भव लहीलदा
बदाइबल कदे ईश्वर नदे ककी हमैं परन्तगु यह चवचदत हह आ चक जिहैसदा ईसदाइययों कदा ईश्वर हहै वहैसदे हही उसकदे सदेवक और ऐसही
हही उसककी बनदाई पगुस्तक हहै। ऐसही पगुस्तक और ऐसदा ईश्वर हम लमोगयों सदे दरभू रहहै तभही अच्छदा हहै॥43॥
44—क्ययोंचक ममैं परमदेश्वर तदेरदा ईश्वर ज्वचलत सवर्थशचक्तमदानम् हह।सं चपतरयों कदे अपरदाध कदा दण्ड उनकदे पगुत्रयों
कमो जिमो मदेरदा वहैर रखतदे हमैं उनककी तहीसरही और चचौथही पहीढ़ही लयों ददेवहैयदा हह सं॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 20। आ॰ 5॥
(समहीकक) भलदा यह चकस घर कदा न्यदाय हहै चक जिमो चपतदा कदे अपरदाध सदे चदार पहीढ़ही तक दण्ड ददेनदा
अच्छदा समझनदा। क्यदा अच्छदे चपतदा कदे दष्टगु और दष्टगु कदे अच्छदे सन्तदान नहह हमोतदे? जिमो ऐसदा हहै तमो चचौथही पहीढ़ही तक
दण्ड कहै सदे ददे सकदे गदा? और जिमो पदासंचवह पहीढ़ही सदे आगदे दष्टगु हमोगदा उसकमो दण्ड न ददे सकदे गदा। चवनदा अपरदाध चकसही कमो
दण्ड ददेनदा अन्यदायकदारही ककी बदात हहै॥44॥
45—चवश्रदाम कदे चदन कमो उसदे पचवत्र रखनदे कदे चलयदे स्मरण कर॥छमः चदन लयों तभू पररश्रम कर॥परन्तगु
सदातवदासं चदन परमदेश्वर तदेरदे ईश्वर कदा चवश्रदाम हहै॥परमदेश्वर नदे चवश्रदाम चदन कमो आशहीष चदई॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 20। आ॰ 8। 9। 10। 11॥
(समहीकक) क्यदा रचववदार एक हही पचवत्र और छमः चदन अपचवत्र हमैं? और क्यदा परमदेश्वर नदे छमः चदन तक
कड़दा पररश्रम चकयदा थदा चक चजिससदे थक कदे सदातवमें चदन समो गयदा? और जिमो रचववदार कमो आशहीवदार्थद चदयदा तमो
समोमवदार आचद छमः चदन कमो क्यदा चदयदा? अथदार्थतम् शदाप चदयदा हमोगदा। ऐसदा कदाम चवद्विदानम् कदा भही नहह तमो ईश्वर कदा
क्ययों कर हमो सकतदा हहै? भलदा रचववदार ममें क्यदा गगुण और समोमवदार आचद नदे क्यदा दमोष चकयदा थदा चक चजिससदे एक कमो
पचवत्र तथदा वर चदयदा और अन्ययों कमो ऐसदे हही अपचवत्र कर चदयदे॥45॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
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46—अपनदे परमोसही पर झभूठही सदाकही मत ददे॥अपनदे परमोसही ककी सही और उसकदे ददास उसककी ददासही और
उसकदे बहैल और उसकदे गदहदे और चकसही वस्तगु कदा जिमो तदेरदे परमोसही ककी हहै; लदालच मत कर॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 20। आ॰ 16। 17॥
(समहीकक) वदाह! तभही तमो ईसदाई लमोग परददेचशययों कदे मदाल पर ऐसदे झगुकतदे हमैं चक जिदानमो प्यदासदा जिल पर,
भभूखदा अन्न पर। जिहैसही यह कदे वल मतलब चसन्धगु और पकपदात ककी बदात हहै ऐसदा हही ईसदाइययों कदा ईश्वर अवश्य हमोगदा।
यचद कमोई कहदे चक हम सब मनगुष्य मदात्र कमो परमोसही मदानतदे हमैं तमो चसवदाय मनगुष्य कदे अन्य कचौन सही और ददासही आचद
वदालदे हमैं चक चजिनकमो अपरमोसही चगनमें? इसचलयदे यदे बदातमें स्वदाथर्त्ती मनगुष्ययों ककी हमैं; ईश्वर ककी नहह॥46॥
47—जिमो कमोई चकसही मनगुष्य कमो मदारदे और वह मर जिदायदे वह चनश्चय घदात चकयदा जिदाय॥और वह मनगुष्य
घदात ममें न लगदा हमो परन्तगु ईश्वर नदे उसकदे हदाथ ममें सचौंप चदयदा हमो तब ममैं तगुझदे भदागनदे कदा स्थदान बतदा दगहभू दा॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 21। आ॰ 12। 13॥
(समहीकक) जिमो यह ईश्वर कदा न्यदाय सच्चिदा हहै तमो मभूसदा एक आदमही कमो मदार गदाड़ कर भदाग गयदा थदा
उसकमो यह दण्ड क्ययों न हह आ? जिमो कहमो ईश्वर नदे मभूसदा कमो मदारनदे कदे चनचमत्त सचौंपदा थदा तमो ईश्वर पकपदातही हह आ
क्ययोंचक उस मभूसदा कदा रदाजिदा सदे न्यदाय क्ययों न हमोनदे चदयदा?॥47॥
48—और कगु शल कदा बचलददान बहैलयों सदे परमदेश्वर कदे चलए चढ़दायदा॥और मभूसदा नदे आधदा लमोहह लदेकदे पदात्रयों
ममें रक्खदा और आधदा लमोहह वदेदही पर चछड़कदा॥और मभूसदा नदे उस लमोहह कमो लदेकदे लमोगयों पर चछड़कदा और कहदा चक यह
लमोहह उस चनयम कदा हहै चजिसदे परमदेश्वर नदे इन बदातयों कदे कदारण तगुम्हदारदे सदाथ चकयदा हहै॥और परमदेश्वर नदे मभूसदा सदे कहदा
चक पहदाड़ पर मगुझ पदास आ और वहदासं रह और ममैं तगुझदे पत्थर ककी पचटयदासं और व्यवस्थदा और आजदा महैनदे चलखही हहै ;
दसंगभू दा॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 22। आ॰ 5। 6। 8। 12॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! यदे सब जिसंगलही लमोगयों ककी बदातमें हमैं वदा नहह? और परमदेश्वर बहैलयों कदा बचलददान
लदेतदा और वदेदही पर लमोहह चछड़कनदा यह कहै सही जिसंगलहीपन और असभ्यतदा ककी बदात हहै? जिब ईसदाइययों कदा खगुददा भही
बहैलयों कदा बचलददान लदेवदे तमो उसदे भक्त बहैल गदाय कदे बचलददान ककी प्रसदादही सदे पदेट क्ययों न भरमें ? और जिगतम् ककी हदाचन
क्ययों न करमें? ऐसही-ऐसही बगुरही बदातमें बदाइबल ममें भरही हमैं। इसही कदे कगु ससंस्कदारयों सदे वदेदयों ममें भही ऐसदा झभूठदा दमोष लगदानदा
चदाहतदे हमैं परन्तगु वदेदयों ममें ऐसही बदातयों कदा नदाम भही नहह। और यह भही चनश्चय हह आ चक ईसदाइययों कदा ईश्वर एक पहदाड़ही
मनगुष्य थदा, पहदाड़ पर रहतदा थदा। जिब वह खगुददा स्यदाहही, लदेखनही, कदागजि, नहह बनदा जिदानतदा और न उसकमो प्रदाप्त
थदा इसहीचलयदे पत्थर ककी पचटययों पर चलख-चलख ददेतदा थदा और इन्हह जिसंगचलययों कदे सदामनदे ईश्वर भही बन बहैठदा थदा॥
48॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
957

49—और बमोलदा चक तभू मदेरदा रूप नहह ददेख सकतदा क्ययोंचक मगुझदे ददेख कदे कमोई मनगुष्य न जिहीयदेगदा॥और
परमदेश्वर नदे कहदा चक ददेख एक स्थदान मदेरदे पदास हहै और तभू उस टहीलदे पर खड़दा रह॥और ययों हमोगदा चक जिब मदेरदा चवभव
चल चनकलदेगदा तमो ममैं तगुझदे पहदाड़ कदे दरदार ममें रक्खभूहगदा और जिब लयों जिदा चनकलभूसं तगुझदे अपनदे हदाथ सदे ढदासंपभूसंगदा॥और
अपनदा हदाथ उठदा लभूसंगदा और तभू मदेरदा पहीछदा ददेखदेगदा परन्तगु मदेरदा रूप चदखदाई न ददेगदा॥
—तचौ॰ यदा॰ प॰ 33। आ॰ 20। 21। 22। 23॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! ईसदाइययों कदा ईश्वर कदे वल मनगुष्यवतम् शरहीर-धदारही और मभूसदा सदे कहै सदा प्रपञ्च
रच कदे आप स्वयमम् ईश्वर बन गयदा। जिमो पहीछदा ददेखदेगदा, रूप न ददेखदेगदा तमो हदाथ सदे उसकमो ढदासंप चदयदा भही न हमोगदा।
जिब खगुददा नदे अपनदे हदाथ सदे मभूसदा कमो ढदासंपदा हमोगदा तब क्यदा उसकदे हदाथ कदा रूप उसनदे न ददेखदा हमोगदा?॥49॥
लहैव् य व्यवस्थदा ककी पगुस् तक तचौ॰
50—और परमदेश्वर नदे मभूसदा कमो बगुलदायदा और मण्डलही कदे तम्बभू ममें सदे यह वचन उसदे कहदा॥चक इसरदाएल
कदे सन्तदानयों सदे बमोल और उन्हमें कह यचद कमोई तगुम्ममें सदे परमदेश्वर कदे चलयदे भमेंट लदावदे तमो तगुम ढमोर ममें सदे अथदार्थतम् गदाय
बहैल और भदेड़ बकरही ममें सदे अपनही भमेंट लदाओ॥
—तचौ॰ लहैव्य व्यवस्थदा ककी पगुस्तक, प॰ 1। आ॰ 1। 2॥
(समहीकक) अब चवचदाररयदे! ईसदाइययों कदा परमदेश्वर गदाय बहैल आचद ककी भमेंट लदेनदे वदालदा जिमो चक अपनदे
चलयदे बचलददान करदानदे कदे चलयदे उपददेश करतदा हहै वह बहैल गदाय आचद पशगुओसं कदे लमोहह मदासंस कदा प्यदासदा भभूखदा हहै वदा
नहह? इसही सदे वह अचहसंसक और ईश्वर कमोचट ममें चगनदा कभही नहह जिदा सकतदा चकन्तगु मदासंसदाहदारही प्रपञ्चही मनगुष्य कदे
सदृश हहै॥50॥
51—और वह उस बहैल कमो परमदेश्वर कदे आगदे बचल करदे और हदारून कदे बदेटदे यदाजिक लमोहह कमो चनकट
लदावमें और लमोहह कमो यजवदेदही कदे चदारयों ओर जिमो मण्डलही कदे तम्बभू कदे द्विदार पर हहै; चछड़कमें ॥तब वह उस भमेंट कदे
बचलददान ककी खदाल चनकदालदे और उसदे टगु कड़दा-टगु कड़दा करदे॥और हदारून कदे बदेटदे यदाजिक यजवदेदही पर आग रक्खमें और
उस पर लकड़ही चगुनमें॥और हदारून कदे बदेटदे यदाजिक उसकदे टगु कड़यों कमो और चसर और चचकनदाई कमो उन लकचड़ययों पर
जिमो यजवदेदही ककी आग पर हमैं; चवचध सदे धरमें॥चजिसतमें बचलददान ककी भमेंट हमोवदे जिमो आग सदे परमदेश्वर कदे सगुगन्ध कदे चलयदे
भमेंट चकयदा गयदा॥
—तचौ॰ लहै॰ व्यवस्थदा ककी पगुस्तक, प॰ 1। आ॰ 5। 6। 7। 8। 9॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
957

(समहीकक) तचनक चवचदाररयदे! चक बहैल कमो परमदेश्वर कदे आगदे उसकदे भक्त मदारमें और वह मरवदावदे और
लमोहह कमो चदारयों ओर चछड़कमें , अचग्नि ममें हमोम करमें, ईश्वर सगुगन्ध लदेवदे, भलदा यह कसदाई कदे घर सदे कगु छ कमतही लहीलदा
हहै? इसही सदे न बदाइबल ईश्वरकक त और न वह जिसंगलही मनगुष्य कदे सदृश लहीलदाधदारही ईश्वर हमो सकतदा हहै॥51॥
52—चफर परमदेश्वर मभूसदा सदे यह कह कदे बमोलदा॥यचद वह अचभषदेक चकयदा हह आ यदाजिक लमोगयों कदे पदाप कदे
समदान पदाप करदे तमो वह अपनदे पदाप कदे कदारण जिमो उसनदे चकयदा हहै अपनदे पदाप ककी भमेंट कदे चलए चनसखमोट एक बचछयदा
कमो परमदेश्वर कदे चलयदे लदावदे॥और बचछयदा कदे चशर पर अपनदा हदाथ रक्खदे और बचछयदा कमो परमदेश्वर कदे आगदे बचल
करदे॥
—तचौ॰ लहै॰ व्य॰ प॰ 4। आ॰ 1। 3। 4॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे पदापयों कदे छगु ड़दानदे कदे प्रदायचश्चत्त! स्वयसं पदाप करमें, गदाय आचद उत्तम पशगुओसं ककी
हत्यदा करमें और परमदेश्वर करवदावदे। धन्य हमैं ईसदाई लमोग चक ऐसही बदातयों कदे करनदे करदानदेहदारदे कमो भही ईश्वर मदान कर
अपनही मगुचक्त आचद ककी आशदा करतदे हमैं!!!॥52॥
53—जिब कमोई अध्यक पदाप करदे। तब वह बकरही कदा चनसखमोट नर मदेम्नदा अपनही भमेंट कदे चलयदे लदावदे॥
और उसदे परमदेश्वर कदे आगदे बचल करदे यह पदाप ककी भमेंट हहै॥
—तचौ॰ लहै॰ प॰ 4। आ॰ 22। 23। 24॥
(समहीकक) वदाह जिही? वदाह? यचद ऐसदा हहै तमो इनकदे अध्यक अथदार्थतम् न्यदायदाधहीश तथदा सदेनदापचत आचद
पदाप करनदे सदे क्ययों डरतदे हयोंगदे? आप तमो यथदेष्ट पदाप करमें और प्रदायचश्चत्त कदे बदलदे ममें गदाय, बचछयदा, बकरदे आचद कदे
प्रदाण लदेवमें। तभही तमो ईसदाई लमोग चकसही पशगु वदा पकही कदे प्रदाण लदेनदे ममें शसंचकत नहह हमोतदे। सगुनमो ईसदाई लमोगमो! अब तमो
इस जिसंगलही मत कमो छमोड़ कदे सगुसभ्य धमर्थमय वदेदमत कमो स्वहीकदार करमो चक चजिससदे तगुम्हदारदा कल्यदाण हमो॥53॥
54—और यचद उसदे भदेड़ लदानदे ककी पभूसंजिही न हमो तमो वह अपनदे चकयदे हह ए अपरदाध कदे चलए दमो चपसंडगुचकयदाह
और कपमोत कदे दमो बच्चिदे परमदेश्वर कदे चलयदे लदावदे॥और उसकदा चसर उसकदे गलदे कदे पदास सदे मरमोड़ डदालदे परन्तगु अलग
न करदे॥उसकदे चकयदे हह ए पदाप कदा प्रदायचश्चत्त करदे और उसकदे चलयदे कमदा चकयदा जिदायगदा॥पर यचद उसदे दमो चपसंडगुचकयदाह
और कपमोत कदे दमो बच्चिदे लदानदे ककी पभूसंजिही न हमो तमो सदेर भर चमोखदा चपसदान कदा दशवदाह चहस्सदा पदाप ककी भमेंट कदे चलयदे
लदावदे1 उस पर तदेल न डदालदे॥और वह कमदा चकयदा जिदायदेगदा॥
1
इस ईश्वर कमो धन्य हहै चक चजिसनदे बछड़दा, भदेड़ही और बकरही कदा बच्चिदा, कपमोत और चपसदान (आटदे) तक लदेनदे कदा चनयम चकयदा।
अद्भगुत बदात तमो यह हहै चक कपमोत कदे बच्चिदे “गरदन मरमोड़वदा कदे ” लदेतदा थदा अथदार्थतम् गदर्थन तमोड़नदे कदा पररश्रम न करनदा पड़दे। इन सब
बदातयों कदे ददेखनदे सदे चवचदत हमोतदा हहै चक जिसंगचलययों ममें कमोई चतगुर पगुरुष थदा वह पहदाड़ पर जिदा बहैठदा और अपनदे कमो ईश्वर प्रचसद्ध चकयदा।
जिसंगलही अजदानही थदे, उन्हयोंनदे उसही कमो ईश्वर स्वहीकदार कर चलयदा। अपनही यगुचक्तययों सदे वह पहदाड़ पर हही खदानदे कदे चलए पशगु, पकही
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—तचौ॰ लहै॰ प॰ 5। आ॰ 7। 8। 10। 11। 13॥
(समहीकक) अब सगुचनयदे! ईसदाइययों ममें पदाप करनदे सदे कमोई धनदाढ्य न डरतदा हमोगदा और न दररद्र भही,
क्ययोंचक इनकदे ईश्वर नदे पदापयों कदा प्रदायचश्चत्त करनदा सहजि कर रक्खदा हहै। एक यह बदात ईसदाइययों ककी बदाइबल ममें बड़ही
अदतगु हहै चक चवनदा कष्ट चकयदे पदाप सदे छभू ट जिदाय। क्ययोंचक एक तमो पदाप चकयदा और दस भू रदे जिहीवयों ककी चहसंसदा ककी और
खभूब आनन्द सदे मदासंस खदायदा और पदाप भही छभू ट गयदा। भलदा! कपमोत कदे बच्चिदे कदा गलदा मरमोड़नदे सदे वह बहह त ददेर तक
तड़फतदा हमोगदा तब भही ईसदाइययों कमो दयदा नहह आतही। दयदा क्ययोंकर आवदे ! इनकदे ईश्वर कदा उपददेश हही चहसंसदा करनदे
कदा हहै। और जिब सब पदापयों कदा ऐसदा प्रदायचश्चत्त हहै तमो ईसदा कदे चवश्वदास सदे पदाप छभूट जिदातदा हहै यह बड़दा आडम्बर क्ययों
करतदे हमैं॥54॥
55—समो उसही बचलददान ककी खदाल उसही यदाजिक ककी हमोगही चजिसनदे उसदे चढ़दायदा॥ और समस्त भमोजिन ककी
भमेंट जिमो तन्दरभू ममें पकदाई जिदावमें और सब जिमो कड़दाहही ममें अथवदा तवदे पर समो उसही यदाजिक ककी हमोगही॥
—तचौ॰ लहै॰ प॰ 7। आ॰ 8। 9॥
(समहीकक) हम जिदानतदे थदे चक यहदाह ददेवही कदे भमोपदे और मचन्दरयों कदे पगुजिदाररययों ककी पमोपलहीलदा चवचचत्र हहै
परन्तगु ईसदाइययों कदे ईश्वर और उनकदे पगुजिदाररययों ककी पमोपलहीलदा इससदे सहस्रगगुणही बढ़कर हहै। क्ययोंचक चदाम कदे ददाम
और भमोजिन कदे पददाथर्थ खदानदे कमो आवमें चफर ईसदाइययों कदे यदाजिकयों नदे खभूब मचौजि उड़दाई हमोगही? और अब भही उड़दातदे
हयोंगदे। भलदा कमोई मनगुष्य एक लड़कदे कमो मरवदावदे और दस भू रदे लड़कदे कमो उसकदा मदासंस चखलदावदे ऐसदा कभही हमो सकतदा
हहै? वहैसदे हही ईश्वर कदे सब मनगुष्य और पशगु, पकही आचद सब जिहीव पगुत्रदावतम् हमैं। परमदेश्वर ऐसदा कदाम कभही नहह कर
सकतदा। इसही सदे यह बदाइबल ईश्वरकक त और इसममें चलखदा ईश्वर और इसकदे मदाननदे वदालदे धमर्थज कभही नहह हमो
सकतदे। ऐसदे हही सब बदातमें लहैव्य व्यवस्थदा आचद पगुस्तकयों ममें भरही हमैं; कहदाह तक चगनदावमें॥55॥
चगनतही ककी पगुस् तक
56—समो गदहही नदे परमदेश्वर कदे दतभू कमो अपनदे हदाथ ममें तलवदार खहचदे हह ए मदागर्थ ममें खड़दा ददेखदा तब गदहही
मदागर्थ सदे अलग खदेत ममें चफर गई, उसदे मदागर्थ ममें चफरनदे कदे चलयदे बलआम नदे गदहही कमो लदाठही सदे मदारदा। तब परमदेश्वर नदे
गदहही कदा मगुसंह खमोलदा और उसनदे बलआम सदे कहदा चक ममैंनदे तदेरदा क्यदा चकयदा हहै चक तभूनदे मगुझदे अब तहीन बदार मदारदा॥
—तचौ॰ चग॰ प॰ 22। आ॰ 23। 28॥
(समहीकक) प्रथम तमो गदहदे तक ईश्वर कदे दतभू यों कमो ददेखतदे थदे और आजि कल चबशप पदादरही आचद श्रदेष्ठि
वदा अश्रदेष्ठि मनगुष्ययों कमो भही खगुददा वदा उसकदे दतभू नहह दहीखतदे हमैं। क्यदा आजिकल परमदेश्वर और उसकदे दतभू हमैं वदा नहह?

और अन्नदाचद मसंगदा चलयदा करतदा थदा और मचौजि करतदा थदा। उसकदे दतभू फररश्तदे कदाम चकयदा करतदे थदे। सज्जन लमोग चवचदारमें चक कहदासं तमो
बदाइबल ममें बछड़दा, भदेड़ही, बकरही कदा बच्चिदा, कपमोत और “अच्छदे” चपसदान कदा खदानदे वदालदा ईश्वर और कहदासं सवर्थव्यदापक, सवर्थज,
अजिन्मदा, चनरदाकदार, सवर्थशचक्तमदानम् और न्यदायकदारही इत्यदाचद उत्तम गगुणयगुक्त वदेदमोक्त ईश्वर?
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
957

यचद हमैं तमो क्यदा बड़ही नहद ममें समोतदे हमैं ? वदा रमोगही अथवदा अन्य भभूगमोल ममें चलदे गयदे ? वदा चकसही अन्य धन्धदे ममें लग
गयदे? वदा अब ईसदाइययों सदे रुष्ट हमो गयदे? अथवदा मर गयदे? चवचदत नहह हमोतदा चक क्यदा हह आ? अनगुमदान तमो ऐसदा
हमोतदा हहै चक जिमो अब नहह हमैं, नहह दहीखतदे तमो तब भही नहह थदे और न दहीखतदे हयोंगदे। चकन्तगु यदे कदे वल मनमदानदे गपमोड़दे
उड़दायदे हमैं॥56॥
57—समो अब लड़कयों ममें सदे हर एक बदेटदे कमो और हर एक सही कमो जिमो पगुरुष सदे ससंय क्त गु हह ई हमो प्रदाण सदे
मदारमो॥परन्तगु वदे बदेचटयदासं जिमो पगुरुष सदे ससंयक्त
गु नहह हह ई हमैं उन्हमें अपनदे चलयदे जिहीतही रक्खमो॥
—तचौ॰ चगनतही प॰ 31। आ॰ 17। 18॥
(समहीकक) वदाह जिही! मभूसदा पहैगम्बर और तगुम्हदारदा ईश्वर धन्य हहै चक जिमो सही, बदालक, वकद्ध और पशगु
ककी हत्यदा करनदे सदे भही अलग न रहदे और इससदे स्पष्ट चनचश्चत हमोतदा हहै चक मभूसदा चवषयही थदा। क्ययोंचक जिमो चवषयही न
हमोतदा तमो अकतयमोचन अथदार्थतम् पगुरुषयों सदे समदागम न ककी हह ई कन्यदाओसं कमो अपनदे चलयदे क्ययों मसंगवदातदा वदा उनकमो ऐसही
चनदर्थयही वदा चवषयहीपन ककी आजदा क्ययों ददेतदा?॥57॥
समगुए ल ककी दभू स रही पगुस् तक
58—और उसही रदात ऐसदा हह आ चक परमदेश्वर कदा वचन यह कह कदे नदातन कमो पहह संचदा॥चक जिदा और मदेरदे
सदेवक ददाऊद सदे कह चक परमदेश्वर ययों कहतदा हहै चक क्यदा मदेरदे चनवदास कदे चलए तभू एक घर बनवदायदेगदा॥क्ययोंचक जिब सदे
इसरदाएल कदे सन्तदान कमो चमस्र सदे चनकदाल लदायदा ममैंनदे तमो आजि कदे चदन लयों घर ममें वदास न चकयदा परन्तगु तम्बभू ममें और
डदेरदे ममें चफरदा चकयदा॥
—तचौ॰ समगुएल ककी दस
भू रही पगु॰ प॰ 7। आ॰ 4। 5। 6॥
(समहीकक) अब कगु छ सन्ददेह न रहदा चक ईसदाइययों कदा ईश्वर मनगुष्यवतम् ददेहधदारही नहह हहै और उलहनदा
ददेतदा हहै चक ममैंनदे बहह त पररश्रम चकयदा, इधर उधर डमोलतदा चफरदा, अब ददाऊद घर बनदाददे तमो उसममें आरदाम करूसं।
क्ययों ईसदाइययों कमो ऐसदे ईश्वर और ऐसदे पगुस्तक कमो मदाननदे ममें लज्जदा नहह आतही? परन्तगु क्यदा करमें चबचदारदे फसंस हही
गयदे। अब चनकलनदे कदे चलए बड़दा पगुरुषदाथर्थ करनदा उचचत हहै॥58॥
रदाजिदाओसं ककी पगुस् तक
59—और बदाबदेल कदे रदाजिदा नबगुखगुदनजिर कदे रदाज्य कदे उन्नहीसवमें बरस कदे पदासंचवमें मदास सदातवह चतचथ ममें
बदाबगुल कदे रदाजिदा कदा एक सदेवक नबभूसर अद्ददान जिमो चनजि सदेनदा कदा प्रधदान अध्यक थदा, यरूसलम ममें आयदा॥और

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उसनदे परमदेश्वर कदा मचन्दर और रदाजिदा कदा भवन और यरूसलम कदे सदारदे घर और हर एक बड़दे घर कमो जिलदा चदयदा॥
और कसचदययों ककी सदारही सदेनदा नदे जिमो उस चनजि सदेनदा कदे अध्यक कदे सदाथ थही यरूसलम ककी भहीतयों कमो चदारयों ओर सदे
ढदा चदयदा॥
—तचौ॰ रदा॰ पगु॰ 2। प॰ 25। आ॰ 8। 9। 10॥
(समहीकक) क्यदा चकयदा जिदाय? ईसदाइययों कदे ईश्वर नदे तमो अपनदे आरदाम कदे चलयदे ददाऊद आचद सदे घर
बनवदायदा थदा। उसममें आरदाम करतदा हमोगदा, परन्तगु नबभूसर अद्ददान नदे ईश्वर कदे घर कमो नष्ट-भ्रष्ट कर चदयदा और ईश्वर
वदा उसकदे दतभू यों ककी सदेनदा कगु छ भही न कर सककी। प्रथम तमो इनकदा ईश्वर बड़ही-बड़ही लड़दाइयदासं मदारतदा थदा और चवजियही
हमोतदा थदा परन्तगु अब अपनदा घर जिलदा तगुड़वदा बहैठदा। न जिदानदे चगुपचदाप क्ययों बहैठदा रहदा? और न जिदानदे उसकदे दतभू चकधर
भदाग गयदे? ऐसदे समय पर कमोई भही कदाम न आयदा और ईश्वर कदा परदाक्रम भही न जिदानदे कहदाह उड़ गयदा? यचद यह
बदात सच्चिही हमो तमो जिमो जिमो चवजिय ककी बदातमें प्रथम चलखह समो-समो सब व्यथर्थ हमो गई।सं क्यदा चमस्र कदे लड़कदे लड़चकययों कदे
मदारनदे ममें हही शभूरवहीर बनदा थदा? अब शभूरवहीरयों कदे सदामनदे चगुपचदाप हमो बहैठदा? यह तमो ईसदाइययों कदे ईश्वर नदे अपनही
चनन्ददा और अप्रचतष्ठिदा करदा लही। ऐसही हही हजिदारयों इस पगुस्तक ममें चनकम्मही कहदाचनयदासं भरही हमैं॥59॥
जिबभूर कदा दभू स रदा भदाग
कदाल कदे समदाचदार ककी पहलही पगुस् तक
60—समो परमदेश्वर नदे इसरदाएल पर मरही भदेजिही और इसरदाएल ममें सदे सत्तर सहस्र पगुरुष चगर गयदे॥
—जिबभूर 2। कदाल॰ पगु॰ प॰ 21। आ॰ 14॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे इसरदाएल कदे ईसदाइययों कदे ईश्वर ककी लहीलदा! चजिस इसरदाएल कगु ल कमो बहह त सदे
वर चदयदे थदे और रदात चदन चजिनकदे पदालन ममें डमोलतदा थदा अब झट क्रमोचधत हमोकर मरही डदाल कदे सत्तर सहस्र मनगुष्ययों
कमो मदार डदालदा। जिमो यह चकसही कचव नदे चलखदा हहै सत्य हहै चक—
कणदे रुष्टमः कणदे तगुष्ट मो रुष्टस्तगुष्ट मः कणदे कणदे।
अव्यवचस्थतचचत्तस्य प्रसदादमोऽचप भयङरमः॥
जिहैसदे कमोई मनगुष्य कण ममें प्रसन्न, कण ममें अप्रसन्न हमोतदा हहै, अथदार्थतम् कण-कण ममें प्रसन्न अप्रसन्न हमोवदे
उसककी प्रसन्नतदा भही भयददायक हमोतही हहै वहैसही लहीलदा ईसदाइययों कदे ईश्वर ककी हहै॥60॥
ऐयभू ब ककी पगुस् तक
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61—और एक चदन ऐसदा हह आ चक परमदेश्वर कदे आगदे ईश्वर कदे पगुत्र आ खड़दे हह ए और शहैतदान भही उनकदे
मध्य ममें परमदेश्वर कदे आगदे आ खड़दा हह आ॥और परमदेश्वर नदे शहैतदान सदे कहदा चक तभू कहदासं सदे आतदा हहै ? तब शहैतदान नदे
उत्तर ददे कदे परमदेश्वर सदे कहदा चक पकचथवही पर घभूमतदे और इधर उधर सदे चफरतदे चलदा आतदा हह॥सं तब परमदेश्वर नदे
शहैतदान सदे पभूछदा चक तभूनदे मदेरदे ददास ऐयभूब कमो जिदासंचदा हहै चक उसकदे समदान पकचथवही ममें कमोई नहह हहै वह चसद्ध और खरदा
जिन ईश्वर सदे डरतदा और पदाप सदे अलग रहतदा हहै और अब लयों अपनही सच्चिदाई कमो धर रक्खदा हहै और तभूनदे मगुझदे उसदे
अकदारण नदाश करनदे कमो उभदारदा हहै॥तब शहैतदान नदे उत्तर ददे कदे परमदेश्वर सदे कहदा चक चदाम कदे चलयदे चदाम हदासं जिमो मनगुष्य
कदा हहै समो अपनदे प्रदाण कदे चलयदे ददेगदा॥परन्तगु अब अपनदा हदाथ बढ़दा और उसकदे हदाड़ मदासंस कमो छभू तब वह चनमःसन्ददेह
तगुझदे तदेरदे सदामनदे त्यदागदेगदा॥तब परमदेश्वर नदे शहैतदान सदे कहदा चक ददेख वह तदेरदे हदाथ ममें हहै , कदे वल उसकदे प्रदाण कमो बचदा॥
तब शहैतदान परमदेश्वर कदे आगदे सदे चलदा गयदा और ऐयभूब कमो चसर सदे तलवदे लयों बगुरदे फमोड़यों सदे मदारदा॥
—जिबभूर ऐयभू॰ प॰ 2। आ॰ 1। 2। 3। 4। 5। 6। 7॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे ईसदाइययों कदे ईश्वर कदा सदामथ्यर्थ! चक शहैतदान उसकदे सदामनदे उसकदे भक्तयों कमो
दमःगु ख ददेतदा हहै। न शहैतदान कमो दण्ड, न अपनदे भक्तयों कमो बचदा सकतदा हहै और न दतभू यों ममें सदे कमोई उसकदा सदामनदा कर
सकतदा हहै। एक शहैतदान नदे सब कमो भयभहीत कर रक्खदा हहै। और ईसदाइययों कदा ईश्वर भही सवर्थज नहह हहै। जिमो सवर्थज
हमोतदा तमो ऐयभूब ककी परहीकदा शहैतदान सदे क्ययों करदातदा?॥61॥
उपददेश ककी पगुस् तक
62—हदासं! अन्तमःकरण नदे बगुचद्ध और जदान बहह त ददेखदा हहै॥और ममैंनदे बगुचद्ध और बचौड़दाहपन और मभूढ़तदा
जिदान्नदे कमो मन लगदायदा। ममैंनदे जिदान चलयदा चक यह भही मन कदा झसंझट हहै॥क्ययोंचक अचधक बगुचद्ध ममें बड़दा शमोक हहै और जिमो
जदान ममें बढ़तदा हहै समो दमःगु ख ममें बढ़तदा हहै॥
—जि॰ उ॰ प॰ 1। आ॰ 16। 17। 18॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! जिमो बगुचद्ध और जदान पयदार्थयवदाचही हमैं उनकमो दमो मदानतदे हमैं। और बगुचद्ध वकचद्ध ममें
शमोक और दमःगु ख मदाननदा चवनदा अचवद्विदानयों कदे ऐसदा लदेख कचौन कर सकतदा हहै ? इसचलयदे यह बदाइबल ईश्वर ककी बनदाई
तमो क्यदा चकसही चवद्विदानम् ककी भही बनदाई नहह हहै॥62॥
यह थमोड़दा सदा तचौरदेत जिबभूर कदे चवषय ममें चलखदा। इसकदे आगदे कगु छ मत्तहीरचचत आचद इञ्जहील कदे चवषय ममें
चलखदा जिदातदा हहै चक चजिसकमो ईसदाई लमोग बहह त प्रमदाणभभूत मदानतदे हमैं। चजिसकदा नदाम इञ्जहील रक्खदा हहै उसककी परहीकदा
थमोड़ही सही चलखतदे हमैं चक यह कहै सही हहै।
मत्तही रचचत इञ्जहील
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63—यहीशगु खहीष्ट कदा जिन्म इस रहीचत सदे हह आ—उसककी मदातदा मररयम ककी यभूसफ सदे मसंगनही हह ई थही पर
उनकदे इकटदे हमोनदे कदे पचहलदे हही वह ददेख पड़ही चक पचवत्र आत्मदा सदे गभर्थवतही हहै॥ददेखमो परमदेश्वर कदे एक दतभू नदे स्वप्न
ममें उसदे दशर्थन ददे कहदा, हदे ददाऊद कदे सन्तदान यभूसफ! तभू अपनही सही मररयम कमो यहदासं लदानदे सदे मत डर क्ययोंचक
उसकमो जिमो गभर्थ रहदा हहै समो पचवत्र आत्मदा सदे हहै॥
—इसं॰ प॰ 1। आ॰ 18। 20॥
(समहीकक) इन बदातयों कमो कमोई चवद्विदानम् नहह मदान सकतदा चक जिमो प्रत्यकदाचद प्रमदाण और सकचष्टक्रम सदे
चवरुद्ध हमैं। इन बदातयों कदा मदाननदा मभूखर्थ मनगुष्य जिसंगचलययों कदा कदाम हहै; सभ्य चवद्विदानयों कदा नहह। भलदा! जिमो परमदेश्वर
कदा चनयम हहै उसकमो कमोई तमोड़ सकतदा हहै? जिमो परमदेश्वर भही चनयम कमो उलटदा पलटदा करदे तमो उसककी आजदा कमो
कमोई न मदानदे और वह भही सवर्थज और चनभ्रर्थम न रहहै। ऐसदे तमो चजिस-चजिस कगु मदाररकदा कदे गभर्थ रह जिदाय तब सब कमोई
ऐसदे कह सकतदे हमैं चक इसममें गभर्थ कदा रहनदा ईश्वर ककी ओर सदे हहै और झभूठ मभूठ कह ददे चक परमदेश्वर कदे दतभू नदे मगुझ
कमो स्वप्न ममें कह चदयदा हहै चक यह गभर्थ परमदात्मदा ककी ओर सदे हहै। जिहैसदा यह असम्भव प्रपञ्च रचदा हहै वहैसदा हही सभूयर्थ सदे
कगु न्तही कदा गभर्थवतही हमोनदा भही पगुरदाणयों ममें असम्भव चलखदा हहै।
ऐसही-ऐसही बदातयों कमो आसंख कदे अन्धदे और गदासंठ कदे पभूरदे लमोग मदान कर भ्रमजिदाल ममें चगरतदे हमैं। यह ऐसही बदात
हह ई हमोगही चक चकसही पगुरुष कदे सदाथ समदागम हमोनदे सदे गभर्थवतही मररयम हह ई हमोगही। उसनदे वदा चकसही दस भू रदे नदे ऐसही
असम्भव बदात उड़दा दही हमोगही चक इस ममें गभर्थ ईश्वर ककी ओर सदे हहै॥63॥
64—तब आत्मदा यहीशगु कमो जिसंगल ममें लदे गयदा चक शहैतदान सदे उसककी परहीकदा ककी जिदाय॥वह चदालहीस चदन
और चदालहीस रदात उपवदास करकदे पहीछदे भभूखदा हह आ॥ तब परहीकदा करनदेहदारदे नदे कहदा चक जिमो तभू ईश्वर कदा पगुत्र हहै तमो
कह ददे चक यदे पत्थर रमोचटयदासं बन जिदावमें॥
—इसं॰ मत्तही प॰ 4। आ॰ 1। 2। 3॥
(समहीकक) इससदे स्पष्ट चसद्ध हमोतदा हहै चक ईसदाइययों कदा ईश्वर सवर्थज नहह। क्ययोंचक जिमो सवर्थज हमोतदा तमो
उसककी परहीकदा शहैतदान सदे क्ययों करदातदा? स्वयसं जिदान लदेतदा। भलदा! चकसही ईसदाई कमो आजि कल चदालहीस रदात चदालहीस
चदन भभूखदा रक्खमें तमो कभही बच सकदे गदा? और इससदे यह भही चसद्ध हह आ चक न वह ईश्वर कदा बदेटदा और न कगु छ
उसममें करदामदात अथदार्थतम् चसचद्ध थही। नहह तमो शहैतदान कदे सदामनदे पत्थर ककी रमोचटयदासं क्ययों न बनदा ददेतदा? और आप भभूखदा
क्ययों रहतदा? और चसद्धदान्त यह हहै चक जिमो परमदेश्वर नदे पत्थर बनदायदे हमैं उनकमो रमोटही कमोई भही नहह बनदा सकतदा और
ईश्वर भही पभूवर्थककत चनयम कमो उलटदा नहह कर सकतदा क्ययोंचक वह सवर्थज और उसकदे सब कदाम चबनदा भभूल चभूक कदे
हमैं॥64॥
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65—उसनदे उनसदे कहदा मदेरदे पहीछदे आओ ममैं तगुमकमो मनगुष्ययों कदे मछगु वदे बनदाऊसंगदा॥ वदे तगुरन्त जिदालयों कमो
छमोड़ कदे उसकदे पहीछदे हमो चलयदे।
—इसं॰ मत्तही प॰ 4। आ॰ 19। 20॥
(समहीकक) चवचदत हमोतदा हहै चक इसही पदाप अथदार्थतम् जिमो तचौरदेत ममें दश आजदाओसं ममें चलखदा हहै चक ‘सन्तदान
लमोग अपनदे मदातदा चपतदा ककी सदेव दा और मदान्य करमें चजिससदे उनककी उमर बढ़दे ’ समो ईसदा नदे न अपनदे मदातदा
चपतदा ककी सदेवदा ककी और दस भू रयों कमो भही मदातदा चपतदा ककी सदेवदा सदे छगु ड़दायदे, इसही अपरदाध सदे चचरसंजिहीवही न रहदा। और यह
भही चवचदत हह आ चक ईसदा नदे मनगुष्ययों कदे फसंसदानदे कदे चलयदे एक मत चलदायदा हहै चक जिदाल ममें मच्छही कदे समदान मनगुष्ययों
कमो स्धत जिदाल ममें फसंसदाकर अपनदा प्रयमोजिन सदाधमें। जिब ईसदा हही ऐसदा थदा तमो आजि कल कदे पदादरही लमोग अपनदे जिदाल
ममें मनगुष्ययों कमो फसंसदावमें तमो क्यदा आश्चयर्थ हहै? क्ययोंचक जिहैसदे बड़ही-बड़ही और बहह त मचच्छययों कमो जिदाल ममें फसंसदानदे वदालदे
ककी प्रचतष्ठिदा और जिहीचवकदा अच्छही हमोतही हहै, ऐसदे हही जिमो बहह तयों कमो अपनदे मत ममें फसंसदा लदे उसककी अचधक प्रचतष्ठिदा और
जिहीचवकदा हमोतही हहै। इसही सदे यदे लमोग चजिन्हयोंनदे वदेद और शदासयों कमो न पढ़दा न सगुनदा उन चबचदारदे भमोलदे मनगुष्ययों कमो अपनदे
जिदाल ममें फसंसदा कदे उस कदे मदासं बदाप कगु टगु म्ब आचद सदे पकथकम् कर ददेतदे हमैं। इससदे सब चवद्विदानम् आयर्यों कमो उचचत हहै चक
स्वयमम् इनकदे भ्रमजिदाल सदे बच कर अन्य अपनदे भमोलदे भदाइययों कमो बचदानदे ममें तत्पर रहमैं॥65॥
66—तब यहीशगु सदारदे गदालहील ददेश ममें उनककी सभदाओसं ममें उपददेश करतदा हह आ और रदाज्य कदा सगुसमदाचदार
प्रचदार करतदा हह आ और लमोगयों ममें हर एक रमोग और हर एक व्यदाचध कमो चङदा करतदा हह आ चफरदा चकयदा॥सब रमोचगययों
कमो जिमो नदानदा प्रकदार कदे रमोगयों और पहीड़दाओसं सदे दमःगु खही थदे और भभूतग्रस्तयों और मकगही वदालदे अद्धदार्थरङययों कमो उसकदे पदास
लदायदे और उसनदे उन्हमें चङदा चकयदा॥
—इसं॰ मत्तही प॰ 4। आ॰ 23। 24॥
(समहीकक) जिहैसदे आजिकल पमोपलहीलदा चनकदालनदे मन्त्र पगुरश्चरण आशहीवदार्थद तदाबहीजि और भस्म ककी चगुटगुककी
ददेनदे सदे भभूतयों कमो चनकदालनदा रमोगयों कमो छगु ड़दानदा सच्चिदा हमो तमो वह इञ्जहील ककी बदात भही सच्चिही हमोवदे। इस कदारण भमोलदे
मनगुष्ययों कदे भ्रम ममें फसंसदानदे कदे चलयदे यदे बदातमें हमैं। जिमो ईसदाई लमोग ईसदा ककी बदातयों कमो मदानतदे हमैं तमो यहदासं कदे ददेवही भमोपयों ककी
बदातमें क्ययों नहह मदानतदे? क्ययोंचक वदे बदातमें इन्हह कदे सदृश हमैं॥66॥
67—धन्य वदे जिमो मन ममें दहीन हमैं क्ययोंचक स्वगर्थ कदा रदाज्य उन्हह कदा हहै॥क्ययोंचक ममैं तगुमसदे सच कहतदा हह ह
चक जिब लयों आकदाश और पकचथवही टल न जिदायमें तब लयों व्यवस्थदा सदे एक मदात्र अथवदा एक चबन्द गु चबनदा पभूरदा हह ए नहह
टलदेगदा॥इसचलयदे इन अचत छमोटही आजदाओसं ममें सदे एक कमो लमोप करदे और लमोगयों कमो वहैसदे हही चसखदावदे वह स्वगर्थ कदे
रदाज्य ममें सब सदे छमोटदा कहदावदेगदा॥
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—इसं॰ मत्तही प॰ 5। आ॰ 3। 18। 19॥


(समहीकक) जिमो स्वगर्थ एक हहै तमो रदाजिदा भही एक हमोनदा चदाचहयदे। इसचलयदे चजितनदे दहीन हमैं वदे सब स्वगर्थ कमो
जिदावमेंगदे तमो स्वगर्थ ममें रदाज्य कदा अचधकदार चकसकमो हमोगदा। अथदार्थतम् परस्पर लड़दाई -चभड़दाई करमेंगदे और रदाज्यव्यवस्थदा
खण्ड-बण्ड हमो जिदायदेगही। और दहीन कदे कहनदे सदे जिमो कसंगलदे लमोगदे, तब तमो ठहीक नहह। जिमो चनरचभमदानही लमोगदे तमो भही
ठहीक नहह; क्ययोंचक दहीन और चनरम् अचभमदान कदा एकदाथर्थ नहह। चकन्तगु जिमो मन ममें दहीन हमोतदा हहै उसकमो सन्तमोष कभही
नहह हमोतदा इसचलयदे यह बदात ठहीक नहह। जिब आकदाश पकचथवही टल जिदायमें तब व्यवस्थदा भही टल जिदायदेगही ऐसही अचनत्य
व्यवस्थदा मनगुष्ययों ककी हमोतही हहै; सवर्थज ईश्वर ककी नहह। और यह एक प्रलमोभन और भयमदात्र चदयदा हहै चक जिमो इन
आजदाओसं कमो न मदानदेगदा वह स्वगर्थ ममें सब सदे छमोटदा चगनदा जिदायदेगदा॥67॥
68—हमदारही चदन भर ककी रमोटही आजि हममें ददे॥अपनदे चलए पकचथवही पर धन कदा ससंचय मत करमो॥
—इसं॰ म॰ प॰ 6। आ॰ 11। 19॥
(समहीकक) इससदे चवचदत हमोतदा हहै चक चजिस समय ईसदा कदा जिन्म हह आ हहै उस समय लमोग जिसंगलही और
दररद्र थदे तथदा ईसदा भही वहैसदा हही दररद्र थदा। इसही सदे तमो चदन भर ककी रमोटही ककी प्रदाचप्त कदे चलयदे ईश्वर ककी प्रदाथर्थनदा करतदा
और चसखलदातदा हहै। जिब ऐसदा हहै तमो ईसदाई लमोग धन ससंचय क्ययों करतदे हमैं ? उनकमो चदाचहयदे चक ईसदा कदे वचन सदे
चवरुद्ध न चल कर सब ददान पगुण्य करकदे दहीन हमो जिदायमें॥68॥
69—हर एक जिमो मगुझ सदे हदे प्रभगु हदे प्रभगु कहतदा हहै स्वगर्थ कदे रदाज्य ममें प्रवदेश नहह करदेगदा॥
—इसं॰ म॰ प॰ 7। आ॰ 21॥
(समहीकक) अब चवचदाररयदे! बडदेडे़-बड़दे पदादरही चबशप सदाहदेब और कक श्चहीन लमोग जिमो यह ईसदा कदा वचन
सत्य हहै ऐसदा समझमें तमो ईसदा कमो प्रभगु अथदार्थतम् ईश्वर कभही न कहमें। यचद इस बदात कमो न मदानगमें दे तमो पदाप सदे कभही नहह
बच सकमें गदे॥69॥
70—उस चदन ममें बहह तदेरदे मगुझ सदे कहमेंगदे॥तब ममैं उनसदे खमोल कदे कहह हगदा ममैंनदे तगुम कमो कभही नहह जिदानदा। हदे
कगु कमर्थ करनदेहदारमो! मगुझ सदे दरभू हमोओ॥
—इसं॰ म॰ प॰ 7। आ॰ 22। 23॥
(समहीकक) ददेचखयदे! ईसदा जिसंगलही मनगुष्ययों कमो चवश्वदास करदानदे कदे चलए स्वगर्थ ममें न्यदायदाधहीश बननदा चदाहतदा
थदा। यह कदे वल भमोलदे मनगुष्ययों कमो प्रलमोभन ददेनदे ककी बदात हहै॥70॥

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71—और ददेखमो एक कमोढ़ही नदे आ उसकमो प्रणदाम कर कहदा हदे प्रभगु ! जिमो आप चदाहमें तमो मगुझदे शगुद्ध कर
सकतदे हमैं॥यहीशगु नदे हदाथ बढ़दा उसदे छभूकदे कहदा ममैं तमो चदाहतदा हह ह शगुद्ध हमो जिदा और उसकदा कमोढ़ तगुरन्त शगुद्ध हमो गयदा॥
—इसं॰ म॰ प॰ 8। आ॰ 2। 3॥
(समहीकक) यदे सब बदातमें भमोलदे मनगुष्ययों कदे फसंसदानदे ककी हमैं। क्ययोंचक जिब ईसदाई लमोग इन चवददा
सकचष्टक्रमचवरुद्ध बदातयों कमो सत्य मदानतदे हमैं तमो शगुक्रदाचदायर्थ , धन्वन्तरर, कश्यप आचद ककी बदातमें जिमो पगुरदाण और भदारत ममें
अनदेक दहैत्ययों ककी मरही हह ई सदेनदा कमो चजिलदा दही। बकहस्पचत कदे पगुत्र कच कमो टगु कड़दा-टगु कड़दा कर जिदानवर मचच्छययों कमो
चखलदा चदयदा, चफर भही शगुक्रदाचदायर्थ नदे जिहीतदा कर चदयदा। पश्चदातम् कच कमो मदार कर शगुक्रदाचदायर्थ कमो चखलदा चदयदा चफर
उसकमो पदेट ममें जिहीतदा कर बदाहर चनकदालदा। आप मर गयदा उसकमो कच नदे जिहीतदा चकयदा। कश्यप ऋचष नदे मनगुष्यसचहत
वकक कमो तकक सदे भस्म हहए पहीछदे पगुनमः वकक और मनगुष्य कमो चजिलदा चदयदा। धन्वन्तरर नदे लदाखयों मगुदर्वे चजिलदायदे। लदाखयों
कमोढ़ही आचद रमोचगययों कमो चसंगदा चकयदा। लदाखयों अन्धदे और बचहरयों कमो आसंख और कदान चदयदे इत्यदाचद कथदा कमो चमथ्यदा
क्ययों कहतदे हमैं? जिमो उक्त बदातमें चमथ्यदा हमैं तमो ईसदा ककी बदातमें चमथ्यदा क्ययों नहह? जिमो दस
भू रदे ककी बदातयों कमो चमथ्यदा और
अपनही झभूठही कमो सच्चिही कहतदे हमैं तमो हठही क्ययों नहह। इसचलयदे ईसदाइययों ककी बदातमें कदे वल हठ और लड़कयों कदे समदान हमैं॥
71॥
72—तब दमो भभूतग्रस्त मनगुष्य कबरस्थदान ममें सदे चनकलतदे हहए उससदे आ चमलदे। जिमो यहदासं लयों अचतप्रचण्ड
थदे चक उस मदागर्थ सदे कमोई नहह जिदा सकतदा थदा॥और ददेखमो उन्हयोंनदे चचलदा कदे कहदा हदे यहीशगु ईश्वर पगुत्र ! आपकमो हम सदे
क्यदा कदाम, क्यदा आप समय कदे आगदे हममें पहीड़दा ददेनदे कमो यहदासं आयदे हमैं॥समो भभूतयों नदे उससदे चवनतही कर कहदा जिमो आप
हममें चनकदालतदे हमैं तमो सभूअरयों कदे भगुण्ड ममें पहैठनदे दहीचजियदे॥उसनदे उनसदे कहदा जिदाओ और वदे चनकल कदे सभूअरयों कदे भगुण्ड
ममें पहैठदे॥और ददेखमो सभूअरयों कदा सदारदा झगुण्ड कड़दाड़दे पर सदे समगुद्र ममें दचौड़ गयदा और पदानही ममें डभू ब मरदा॥

—इसं॰ म॰ प॰ 8। आ॰ 28। 29। 31। 32॥

(समहीकक) भलदा! यहदासं तचनक चवचदार करमें तमो यदे बदातमें सब झभूठही हमैं, क्ययोंचक मरदा हह आ मनगुष्य
कबरस्थदान सदे कभही नहह चनकल सकतदा। वदे चकसही पर न जिदातदे न ससंवदाद करतदे हमैं। यदे सब बदातमें अजदानही लमोगयों ककी हमैं।
जिमो चक महदा जिसंगलही हमैं वदे ऐसही बदातयों पर चवश्वदास लदातदे हमैं। और उन सभूअरयों ककी हत्यदा करदाई। सभूअरवदालयों ककी हदाचन
करनदे कदा पदाप ईसदा कमो हह आ हमोगदा। और ईसदाई लमोग ईसदा कमो पदाप कमदा और पचवत्र करनदे वदालदा मदानतदे हमैं तमो उन
भभूतयों कमो पचवत्र क्ययों न कर सकदा? और सभूअर वदालयों ककी हदाचन क्ययों न भर दही? क्यदा आजिकल कदे सगुचशचकत
ईसदाई असंग्रदेजि लमोग इन गपमोड़यों कमो भही मदानतदे हयोंगदे? यचद मदानतदे हमैं तमो भ्रछमजिदाल ममें पड़दे हमैं॥72॥
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73—ददेखमो! लमोग एक अधदार्थङही कमो जिमो खटमोलदे पर पड़दा थदा उस पदास लदायदे और यहीशगु नदे उनकदा
चवश्वदास ददेख कदे उस अधदार्थङही सदे कहदा हदे पगुत्र ! ढदाढस कर, तदेरदे पदाप कमदा चकयदे गयदे हमैं॥ममैं धचमर्थययों कमो नहह परन्तगु
पदाचपययों कमो पश्चदात्तदाप कदे चलयदे बगुलदानदे आयदा हह ह॥

—इसं॰ म॰ प॰ 9। आ॰ 2। 13॥

(समहीकक) यह भही बदात वहैसही हही असम्भव हहै जिहैसही पभूवर्थ चलख आयदे हमैं और जिमो पदाप कमदा करनदे ककी बदात
हहै वह कदे वल भमोलदे लमोगयों कमो प्रलमोभन ददेकर फसंसदानदा हहै। जिहैसदे दस
भू रदे कदे चपयदे मद, भदासंग अफकीम खदायदे कदा नशदा दस भू रदे
कमो नहह प्रदाप्त हमो सकतदा वहैसदे हही चकसही कदा चकयदा हह आ पदाप चकसही कदे पदास नहह जिदातदा चकन्तगु जिमो करतदा हहै वहही
भमोगतदा हहै, यहही ईश्वर कदा न्यदाय हहै। यचद दस भू रदे कदा चकयदा पदाप-पगुण्य दस भू रदे कमो प्रदाप्त हमोवदे अथवदा न्यदायदाधहीश स्वयसं
लदे लदेवमें वदा कत्तदार्थओसं हही कमो यथदायमोग्य फल ईश्वर न ददेवदे तमो वह अन्यदायकदारही हमो जिदावदे। ददेखमो! धमर्थ हही
कल्यदाणकदारक हहै; ईसदा वदा अन्य कमोई नहह। और धमदार्थत्मदाओसं कदे चलयदे ईसदा ककी कगु छ आवश्यकतदा भही नहह और न
पदाचपययों कदे चलयदे क्ययोंचक पदाप चकसही कदा नहह छभू ट सकतदा॥73॥

74—यहीशगु नदे अपनदे बदारह चशष्ययों कमो अपनदे पदास बगुलदा कदे उन्हमें अशगुद्ध भभूतयों पर अचधकदार चदयदा चक
उन्हमें चनकदालमें और हर एक रमोग और हर एक व्यदाचध कमो चङदा करमें॥बमोलनदेहदारदे तमो तगुम नहह हमो परन्तगु तगुम्हदारदे चपतदा
कदा आत्मदा तगुम ममें बमोलतदा हहै॥मत समझमो चक ममैं पकचथवही पर चमलदाप करवदानदे कमो नहह परन्तगु खड्ग चलवदानदे आयदा
हह ह॥ममैं मनगुष्य कमो उसकदे चपतदा सदे और बदेटही कमो उसककी मदासं सदे और पतमोहह कमो उसककी सदास सदे अलग करनदे आयदा हह ह॥
मनगुष्य कदे घर हही कदे लमोग उसकदे वहैरही हयोंगदे॥

—इसं॰ म॰ प॰ 10। आ॰ 1। 20। 34। 35। 36॥


(समहीकक) यदे वदे हही चशष्य हमैं चजिन ममें सदे एक 30) रुपयदे कदे लमोभ पर ईसदा कमो पकड़दावदेगदा और अन्य
बदल कर अलग-अलग भदागमेंगदे। भलदा! यदे बदातमें जिब चवददा हही सदे चवरुद्ध हमैं चक भभूतयों कदा आनदा वदा चनकदालनदा, चवनदा
ओषचध वदा पथ्य कदे व्यदाचधययों कदा छभूटनदा सकचष्टक्रम सदे असम्भव हहै। इसचलए ऐसही-ऐसही बदातयों कदा मदाननदा अजदाचनययों
कदा कदाम हहै। यचद जिहीव बमोलनदेहदारदे नहह, ईश्वर बमोलनदेहदारदा हहै तमो जिहीव क्यदा कदाम करतदे हमैं? और सत्य वदा
चमथ्यदाभदाषण कदा फल सगुख वदा दमःगु ख कमो ईश्वर हही भमोगतदा हमोगदा, यह भही एक चमथ्यदा बदात हहै। और जिहैसदा ईसदा फभू ट
करदानदे और लड़दानदे कमो आयदा थदा वहही आजि कल कलह लमोगयों ममें चल रहदा हहै। यह कहै सही बड़ही बगुरही बदात हहै चक फभू ट
करदानदे सदे सवर्थथदा मनगुष्ययों कमो दमःगु ख हमोतदा हहै और ईसदाइययों नदे इसही कमो गगुरुमन्त्र समझ चलयदा हमोगदा। क्ययोंचक एक दस
भू रदे
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ककी फभू ट ईसदा हही अच्छही मदानतदा थदा तमो यदे क्ययों नहह मदानतदे हयोंगदे ? यह ईसदा हही कदा कदाम हमोगदा चक घर कदे लमोगयों कदे
शत्रगु घर कदे लमोगयों कमो बनदानदा, यह श्रदेष्ठि पगुरुष कदा कदाम नहह॥74॥
75—तब यहीशगु नदे उनसदे कहदा तगुम्हदारदे पदास चकतनही रमोचटयदासं हमैं। उन्हयोंनदे कहदा सदात और छमोटही मछचलयदासं॥
तब उसनदे लमोगयों कमो भभूचम पर बहैठनदे ककी आजदा दही॥ और उसनदे उन सदात रमोचटययों कमो और मछचलययों कमो धन्य मदान
कदे तमोड़दा और अपनदे चशष्ययों कमो चदयदा और चशष्ययों नदे लमोगयों कमो चदयदा॥समो सब खदा कदे तकप्त हह ए और जिमो टगु कड़दे बच
रहदे उनकदे सदात टमोकरदे भरदे उठदायदे॥चजिन्हयोंनदे खदायदा समो चसययों और बदालकयों कमो छमोड़ चदार सहस्र पगुरुष थदे॥
—इसं॰ म॰ प॰ 15। आ॰ 34। 35। 36। 37। 38॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! क्यदा यह आजिकल कदे झभूठदे चसद्धयों इन्द्रजिदालही आचद कदे समदान छल ककी बदात
नहह हहै? उन रमोचटययों ममें अन्य रमोचटयदासं कहदासं सदे आ गई? सं यचद ईसदा ममें ऐसही चसचद्धयदासं हमोतह तमो आप भभूखदा हह आ
गभूलर कदे फल खदानदे कमो क्ययों भटकदा करतदा थदा? अपनदे चलयदे चमटही पदानही और पत्थर आचद सदे ममोहनभमोग , रमोचटयदासं
क्ययों न बनदा लह? यदे सब बदातमें लड़कयों कदे खदेलपन ककी हमैं। जिहैसदे चकतनदे हही सदाधगु वहैरदागही ऐसदे छल ककी बदातमें करकदे
भमोलदे मनगुष्ययों कमो ठगतदे हमैं वहैसदे हही यदे भही हमैं॥75॥
76—और तब वह हर एक मनगुष्य कमो उसकदे कदायर्थ कदे अनगुसदार फल ददेगदा॥
—इसं॰ म॰ प॰ 16। आ॰ 27॥
(समहीकक) जिब कमदार्थनगुसदार फल चदयदा जिदायदेगदा तमो ईसदाइययों कदा पदाप कमदा हमोनदे कदा उपददेश करनदा व्यथर्थ
हहै और वह सच्चिदा हमो तमो यह झभूठदा हमोवदे। यचद कमोई कहदे चक कमदा करनदे कदे यमोग्य कमदा चकयदे जिदातदे और कमदा न करनदे
कदे यमोग्य कमदा नहह चकयदे जिदातदे हमैं यह भही ठहीक नहह। क्ययोंचक सब कमर्यों कदे फल यथदायमोग्य ददेनदे हही सदे न्यदाय और पभूरही
दयदा हमोतही हहै॥76॥
77—हदे अचवश्वदासही और हठहीलदे लमोगमो॥ममैं तगुमसदे सत्य कहतदा हह ह यचद तगुमकमो रदाई कदे एक ददानदे कदे तगुल्य
चवश्वदास हमोय तमो तगुम इस पहदाड़ सदे जिमो कहमोगदे चक यहदाह सदे वहदासं चलदा जिदा, वह जिदायदेगदा और कमोई कदाम तगुम सदे
असदाध्य नहह हमोगदा॥
—इसं॰ म॰ प॰ 17। आ॰ 17। 20॥
(समहीकक) अब जिमो ईसदाई लमोग उपददेश करतदे चफरतदे हमैं चक ‘आओ हमदारदे मत ममें कमदा करदाओ मगुचक्त
पदाओ’ आचद, वह सब चमथ्यदा हहै। क्ययोंचक जिमो ईसदा ममें पदाप छगु ड़दानदे चवश्वदास जिमदानदे और पचवत्र करनदे कदा सदामथ्यर्थ
हमोतदा तमो अपनदे चशष्ययों कदे आत्मदाओसं कमो चनष्पदाप, चवश्वदासही, पचवत्र क्ययों न कर ददेतदा? जिमो ईसदा कदे सदाथ-सदाथ
घभूमतदे थदे जिब उन्हह कमो शगुद्ध, चवश्वदासही और कल्यदाण न कर सकदा तमो वह मरदे पर न जिदानदे कहदासं हहै ? इस समय

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चकसही कमो पचवत्र नहह कर सकदे गदा। जिब ईसदा कदे चदेलदे रदाई भर चवश्वदास सदे रचहत थदे और उन्हह नदे यह इञ्जहील पगुस्तक
बनदाई हहै तब इसकदा प्रमदाण नहह हमो सकतदा। क्ययोंचक जिमो अचवश्वदासही, अपचवत्रदात्मदा, अधमर्त्ती मनगुष्ययों कदा लदेख हमोतदा
हहै उस पर चवश्वदास करनदा कल्यदाण ककी इच्छदा करनदे वदालदे मनगुष्य कदा कदाम नहह। और इसही सदे यह भही चसद्ध हमो
सकतदा हहै चक जिमो ईसदा कदा यह वचन सच्चिदा हहै तमो चकसही ईसदाई ममें एक रदाई कदे ददानदे कदे समदान चवश्वदास अथदार्थतम् ईमदान
नहह हहै जिमो कमोई कहदे चक हम ममें पभूरदा वदा थमोड़दा चवश्वदास हहै तमो उससदे कहनदा चक आप इस पहदाड़ कमो मदागर्थ ममें सदे हटदा
ददेवमें। यचद उनकदे हटदानदे सदे हट जिदायदे तमो भही पभूरदा चवश्वदास नहह चकन्तगु एक रदाई कदे ददानदे कदे बरदाबर हहै और जिमो न हटदा
सकदे तमो समझमो एक छहटदा भही चवश्वदास, ईमदान अथदार्थतम् धमर्थ कदा ईसदाइययों ममें नहह हहै। यचद कमोई कहदे चक यहदासं
अचभमदान आचद दमोषयों कदा नदाम पहदाड़ हहै तमो भही ठहीक नहह, क्ययोंचक जिमो ऐसदा हमो तमो मगुदर्वे, अन्धदे, कमोढ़ही, भभूतग्रस्तयों
कमो चसंगदा करनदा भही आलसही, अजदानही, चवषयही और भ्रदान्तयों कमो बमोध करकदे सचदेत कगु शल चकयदा हमोगदा। जिमो ऐसदा मदानमें
तमो भही ठहीक नहह, क्ययोंचक जिमो ऐसदा हमोतदा तमो स्वचशष्ययों कमो ऐसदा क्ययों न कर सकतदा? इसचलए असम्भव बदात
कहनदा ईसदा ककी अजदानतदा कदा प्रकदाश करतदा हहै। भलदा! जिमो कगु छ भही ईसदा ममें चवददा हमोतही तमो ऐसही अटदाटभूट
जिसंगलहीपन ककी बदात क्ययों कह ददेतदा? तथदाचप ‘यत्र ददेश दे द्रगुम मो नदाचस्त तत्रहैर ण्डमोऽचप द्रगुम दायतदे ’ चजिस ददेश ममें कमोई
भही वकक न हमो तमो उस ददेश ममें एरण्ड कदा वकक हही सब सदे बड़दा और अच्छदा चगनदा जिदातदा हहै वहैसदे महदाजिसंगलही ददेश ममें ईसदा
कदा भही हमोनदा ठहीक थदा। पर आजिकल ईसदा ककी क्यदा गणनदा हमो सकतही हहै॥77॥
78—ममैं तगुम्हमें सच कहतदा हह ह जिमो तगुम मन न चफरदाओ और बदालकयों कदे समदान न हमो जिदाओ तमो स्वगर्थ कदे
रदाज्य ममें प्रवदेश करनदे न पदाओगदे॥
—इसं॰ म॰ प॰ 18। आ॰ 3॥
(समहीकक) जिब अपनही हही इच्छदा सदे मन कदा चफरदानदा स्वगर्थ कदा कदारण और न चफरदानदा नरक कदा कदारण
हहै तमो कमोई चकसही कदा पदाप पगुण्य कभही नहह लदे सकतदा ऐसदा चसद्ध हमोतदा हहै। और बदालक कदे समदान हमोनदे कदे लदेख सदे
चवचदत हमोतदा हहै चक ईसदा ककी बदातमें चवददा और सकचष्टक्रम सदे बहह त सही चवरुद्ध थह और यह भही उसकदे मन ममें थदा चक
लमोग मदेरही बदातयों कमो बदालक कदे समदान मदान लमें, पभूछदे गदाछदे कगु छ भही नहह, आसंख महीच कदे मदान लदेवमें। बहह त सदे ईसदाइययों
ककी बदालबगुचद्धवतम् चदेष्टदा हहै। नहह तमो ऐसही यगुचक्त, चवददा सदे चवरुद्ध बदातमें क्ययों मदानतदे? और यह भही चसद्ध हह आ जिमो ईसदा
आप चवददाहहीन बदालबगुचद्ध न हमोतदा तमो अन्य कमो बदालवतम् बननदे कदा उपददेश क्ययों करतदा? क्ययोंचक जिमो जिहैसदा हमोतदा हहै
वह दस भू रदे कमो भही अपनदे सदृश बनदानदा चदाहतदा हही हहै॥78॥
79—ममैं तगुम सदे सच कहतदा हह ह, धनवदानम् कमो स्वगर्थ कदे रदाज्य ममें प्रवदेश करनदा कचठन हमोगदा॥चफर भही ममैं तगुम
सदे कहतदा हह सं चक ईश्वर कदे रदाज्य ममें धनवदानम् कदे प्रवदेश करनदे सदे ऊहट कदा सभूई कदे नदाकदे ममें सदे जिदानदा सहजि हहै॥

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—इसं॰ म॰ प॰ 19। आ॰ 23। 24॥


(समहीकक) इससदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक ईसदा दररद्र थदा। धनवदानम् लमोग उस ककी प्रचतष्ठिदा नहह करतदे हयोंगदे ,
इसचलयदे यह चलखदा हमोगदा। परन्तगु यह बदात सच नहह क्ययोंचक धनदाढ्ययों और दररद्रयों ममें अच्छदे बगुरदे हमोतदे हमैं। जिमो कमोई
अच्छदा कदाम करदे वह अच्छदा और बगुरदा करदे वह बगुरदा फल पदातदा हहै। और इससदे यह भही चसद्ध हमोतदा हहै चक ईसदा ईश्वर
कदा रदाज्य चकसही एक ददेश ममें मदानतदा थदा; सवर्थत्र नहह। जिब ऐसदा हमो तमो वह ईश्वर हही नहह, जिमो ईश्वर हहै उसकदा
रदाज्य सवर्थत्र हहै। पगुनमः उसममें प्रवदेश करदेगदा वदा न करदेगदा यह कहनदा कदे वल अचवददा ककी बदात हहै। और इससदे यह भही
आयदा चक चजितनदे ईसदाई धनदाढ्य हमैं क्यदा वदे सब नरक हही ममें जिदायमेंगदे ? और दररद्र सब स्वगर्थ ममें जिदायमेंगदे? भलदा तचनक
सदा चवचदार तमो ईसदामसहीह करतदे चक चजितनही सदामग्रही धनदाढ्ययों कदे पदास हमोतही हहै उतनही दररद्रयों कदे पदास नहह। यचद
धनदाढ्य लमोग चववदेक सदे धमर्थमदागर्थ ममें व्यय करमें तमो दररद्र नहीच गचत ममें पड़दे रहमें और धनदाढ्य उत्तम गचत कमो प्रदाप्त हमो
सकतदे हमैं॥79॥
80—यहीशगु नदे उनसदे कहदा ममैं तगुम सदे सच कहतदा हह ह चक नई सकचष्ट ममें जिब मनगुष्य कदा पगुत्र अपनदे ऐश्वयर्थ कदे
चससंहदासन पर बहैठदेगदा तब तगुम भही जिमो मदेरदे पहीछदे हमो चलयदे हमो; बदारह चसहदासनयों पर बहैठ कदे इस्रदाएल कदे बदारह कगु लयों कदा
न्यदाय करमोगदे॥चजिस चकसही नदे मदेरदे नदाम कदे चलयदे घरयों वदा भदाइययों वदा बचहनयों वदा चपतदा वदा मदातदा वदा सही वदा लड़कयों वदा
भभूचम कमो त्यदागदा हहै समो सचौ गगुणदा पदावदेगदा और अनन्त जिहीवन कदा अचधकदारही हमोगदा॥
—इसं॰ म॰ प॰ 19। आ॰ 28। 29॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे ईसदा कदे भहीतर ककी लहीलदा! मदेरदे जिदाल सदे मरदे पहीछदे भही लमोग न चनकल जिदायमें और
चजिसनदे 30) रुपयदे कदे लमोभ सदे अपनदे गगुरु कमो पकड़दा, मरवदायदा वहैसदे पदापही भही इसकदे पदास चससंहदासन पर बहैठमेंगदे और
इस्रदाएल कदे कगु ल कदा पकपदात सदे न्यदाय हही न चकयदा जिदायदेगदा चकन्तगु उनकदे सब गगुनदाह मदाफ और अन्य कगु लयों कदा
न्यदाय करमेंगदे। अनगुमदान हमोतदा हहै इसही सदे ईसदाई लमोग ईसदाइययों कदा बहह त पकपदात कर चकसही गमोरदे नदे कदालदे कमो मदार
चदयदा हमो तमो भही बहह धदा पकपदात सदे चनरपरदाधही कर छमोड़ ददेतदे हमैं। ऐसदा हही ईसदा कदे स्वगर्थ कदा भही न्यदाय हमोगदा और इससदे
बड़दा दमोष आतदा हहै क्ययोंचक एक सकचष्ट ककी आचद ममें मरदा और एक ‘कयदामत’ ककी रदात कदे चनकट मरदा। एक तमो आचद
सदे अन्त तक आशदा हही ममें पड़दा रहदा चक कब न्यदाय हमोगदा? और दस भू रदे कदा उसही समय न्यदाय हमो गयदा। यह चकतनदा
बड़दा अन्यदाय हहै और जिमो नरक ममें जिदायगदा समो अनन्त कदाल तक नरक भमोगदे और जिमो स्वगर्थ ममें जिदायदेगदा वह सददा स्वगर्थ
भमोगदेगदा यह भही बड़दा अन्यदाय हहै। क्ययोंचक अन्त वदालदे सदाधन और कमर्यों कदा फल भही अन्त वदालदा हमोनदा चदाचहयदे। और
तगुल्य पदाप व पगुण्य दमो जिहीवयों कदा भही नहह हमो सकतदा। इसहीचलयदे तदारतम्य सदे अचधक न्यभून सगुख दमःगु ख वदालदे अनदेक
स्वगर्थ और नरक हयों तभही सगुख दमःगु ख भमोग सकतदे हमैं। समो ईसदाइययों कदे पगुस्तक ममें कहह व्यवस्थदा नहह। इसचलयदे यह

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पगुस्तक ईश्वरकक त वदा ईसदा ईश्वर कदा बदेटदा कभही नहह हमो सकतदा। यह बड़दे अनथर्थ ककी बदात हहै चक कददाचप चकसही कदे
मदासं बदाप सचौ सचौ नहह हमो सकतदे चकन्तगु एक ककी एक मदासं और एक हही बदाप हमोतदा हहै। अनगुमदान हहै चक मगुसलमदानयों नदे एक
कमो 72 चसयदाह बचहश्त ममें चमलतही हमैं; चलखदा हहै॥80॥
81—भमोर कमो जिब वह नगर कमो चफर जिदातदा थदा तब उसकमो भभूख लगही॥और मदागर्थ ममें एक गभूलर कदा वकक
ददेख कदे वह उस कदे पदास आयदा परन्तगु उस ममें और कगु छ न पदायदा कदे वल पत्तदे। और उसकमो कहदा तगुझ ममें चफर कभही
फल न लगमेंगदे। इस पर गभूलर कदा पदेड़ तगुरन्त सभूख गयदा॥
—इसं॰ म॰ प॰ 21। आ॰ 18। 19॥
(समहीकक) सब पदादरही लमोग ईसदाई कहतदे हमैं चक वह बड़दा शदान्त कमदाचन्वत और क्रमोधदाचद दमोषरचहत थदा।
परन्तगु इस बदात कमो ददेख क्रमोधही, ऋतगु कदा जदानरचहत ईसदा थदा और वह जिसंगलही मनगुष्यपन कदे स्वभदावयगुक्त वत्तर्थतदा
थदा। भलदा! जिमो वकक जिड़ पददाथर्थ हहै। उसकदा क्यदा अपरदाध थदा चक उसकमो शदाप चदयदा और वह सभूख गयदा। उसकदे
शदाप सदे तमो न सभूखदा हमोगदा चकन्तगु कमोई ऐसही औषचध डदालनदे सदे सभूख गयदा हमो तमो आश्चयर्थ नहह॥81॥
82—उन चदनयों कदे क्लदेश कदे पहीछदे तगुरन्त सभूयर्थ अचन्धयदारदा हमो जिदायगदा और चदादसं अपनही ज्यमोचत न ददेगदा!
तदारदे आकदाश सदे चगर पड़मेंगदे और आकदाश ककी सदेनदा चडग जिदायदेगही॥
—इसं॰ म॰ प॰ 24। आ॰ 29॥
(समहीकक) वदाह जिही ईसदा! तदारयों कमो चकस चवददा सदे चगर पड़नदा आपनदे जिदानदा और आकदाश ककी सदेनदा
कचौन सही हहै जिमो चडग जिदायदेगही? जिमो कभही ईसदा थमोड़ही भही चवददा पढ़तदा तमो अवश्य जिदान लदेतदा चक यदे तदारदे सब भभूगमोल
हमैं क्ययोंकर चगरमेंगदे। इससदे चवचदत हमोतदा हहै चक ईसदा बढ़ई कदे कगु ल ममें उत्पन्न हह आ थदा। सददा लकड़दे चहीरनदा, छहीलनदा,
कदाटनदा और जिमोड़नदा करतदा रहदा हमोगदा। जिब तरसंग उठही चक ममैं भही इस जिसंगलही ददेश ममें पहैगम्बर हमो सकभूसं गदा; बदातमें करनदे
लगदा। चकतनही बदातमें उस कदे मगुख सदे अच्छही भही चनकलह और बहह त सही बगुरही। वहदासं कदे लमोग जिसंगलही थदे; मदान बहैठदे। जिहैसदा
आजि कल यभूरमोप ददेश उन्नचत यगुक्त हहै वहैसदा पभूवर्थ हमोतदा तमो ईसदा ककी चसद्धदाई कगु छ भही न चलतही। अब कगु छ चवददा हह ए
पश्चदातम् भही व्यवहदार कदे पदेच और हठ सदे इस पमोल मत कमो न छमोड़ कर सवर्थथदा सत्य वदेदमदागर्थ ककी ओर नहह झगुकतदे ;
यहही इनममें न्यभूनतदा हहै॥82॥
83—आकदाश और पकचथवही टल जिदायमेंगदे परन्तगु मदेरही बदातमें कभही न टलमेंगही॥
—इसं॰ म॰ प॰ 24। आ॰ 35॥

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(समहीकक) यह भही बदात अचवददा और मभूखर्थतदा ककी हहै। भलदा! आकदाश चहल कर कहदाह जिदायगदा? जिब
आकदाश अचत सभूक्ष्म हमोनदे सदे नदेत्र सदे दहीखतदा हही नहह तमो इसकदा चहलनदा कचौन ददेख सकतदा हहै ? और अपनदे मगुख सदे
अपनही बड़दाई करनदा अच्छदे मनगुष्ययों कदा कदाम नहह॥83॥
84—तब वह उनसदे जिमो बदाई सं ओर हमैं कहदेगदा हदे स्रदाचपत लमोगमो! मदेरदे पदास सदे उस अनन्त आग ममें जिदाओ
जिमो शहैतदान और उसकदे दतभू यों कदे चलयदे तहैयदार ककी गई हहै॥
—इसं॰ म॰ प॰ 25। आ॰ 41॥
(समहीकक) भलदा यह चकतनही बड़ही पकपदात ककी बदात हहै! जिमो अपनदे चशष्य हमैं उनकमो स्वगर्थ और जिमो दस भू रदे
हमैं उनकमो अनन्त आग ममें चगरदानदा। परन्तगु जिब आकदाश हही न रहदेगदा चलखदा तमो अनन्त आग नरक बचहश्त कहदाह
रहदेगही? जिमो शहैतदान और उसकदे दतभू यों कमो ईश्वर न बनदातदा तमो इतनही नरक ककी तहैयदारही क्ययों करनही पड़तही? और एक
शहैतदान हही ईश्वर कदे भय सदे न डरदा तमो वह ईश्वर हही क्यदा हहै ? क्ययोंचक उसही कदा दतभू हमोकर बदागही हमो गयदा और
ईश्वर उसकमो प्रथम हही पकड़ कर बन्दहीगकह ममें न डदाल सकदा, न मदार सकदा, पगुनमः उसककी ईश्वरतदा क्यदा? चजिसनदे
ईसदा कमो भही चदालहीस चदन दमःगु ख चदयदा। ईसदा भही उसकदा कगु छ न कर सकदा तमो ईश्वर कदा बदेटदा हमोनदा व्यथर्थ हह आ।
इसचलयदे ईसदा ईश्वर कदा न बदेटदा और न बदाइबल कदा ईश्वर, ईश्वर हमो सकतदा हहै॥84॥
85—तब बदारह चशष्ययों ममें सदे एक चयहहददा इस्कररयमोतही नदाम एक चशष्य प्रधदान यदाजिकयों कदे पदास गयदा॥
और कहदा जिमो ममैं यहीशगु कमो आप लमोगयों कदे हदाथ पकड़वदाऊसं तमो आप लमोग मगुझदे क्यदा दमेंगदे ? उन्हयोंनदे उसदे तहीस रुपयदे
ददेनदे कमो ठहरदायदा॥
—इसं॰ म॰ प॰ 26॥आ॰ 14। 15॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! ईसदा ककी सब करदामदात और ईश्वरतदा यहदासं खगुल गई। क्ययोंचक जिमो उसकदा
प्रधदान चशष्य थदा वह भही उसकदे सदाकदातम् ससंग सदे पचवत्रदात्मदा न हह आ तमो औरयों कमो वह मरदे पहीछदे पचवत्रदात्मदा क्यदा कर
सकदे गदा? और उसकदे चवश्वदासही लमोग उसकदे भरमोसदे ममें चकतनदे ठगदायदे जिदातदे हमैं क्ययोंचक चजिसनदे सदाकदातम् सम्बन्ध ममें
चशष्य कदा कगु छ कल्यदाण न चकयदा वह मरदे पहीछदे चकसही कदा कल्यदाण क्यदा कर सकदे गदा॥85॥
86—जिब वदे खदातदे थदे तब यहीशगु नदे रमोटही लदेकदे धन्यवदाद चकयदा और उसदे तमोड़ कदे चशष्ययों कमो चदयदा और
कहदा लदेओ खदाओ यह मदेरदा ददेह हहै॥और उसनदे कटमोरदा लदे कदे धन्य मदानदा और उनकमो ददेकदे कहदा तगुम इससदे पहीओ॥
क्ययोंचक यह मदेरदा लमोहह अथदार्थतम् नयदे चनयम कदा लमोहह हहै॥
—इसं॰ म॰ प॰ 26। आ॰ 26। 27। 28॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
957

(समहीकक) भलदा यह ऐसही बदात कमोई भही सभ्य करदेगदा? चवनदा अचवद्विदानम् जिसंगलही मनगुष्य कदे , चशष्ययों सदे
खदानदे ककी चहीजि कमो अपनदे मदासंस और पहीनदे ककी चहीजियों कमो लमोहह नहह कह सकतदा। और इसही बदात कमो आजिकल कदे
ईसदाई लमोग प्रभगु भमोजिन कहतदे हमैं अथदार्थतम् खदानदे पहीनदे ककी चहीजियों ममें ईसदा कदे मदासंस और लमोहह ककी भदावनदा कर खदातदे पहीतदे
हमैं। यह चकतनही बगुरही बदात हहै? चजिन्हयोंनदे अपनदे गगुरु कदे मदासंस लमोहह कमो भही खदानदे पहीनदे ककी भदावनदा सदे न छमोड़दा तमो और
कमो कहै सदे छमोड़ सकतदे हमैं?॥86॥
87—और वह चपतर कमो और जिबदही कदे दमोनयों पगुत्रयों कमो अपनदे ससंग लदे गयदा और शमोक करनदे और बहह त
उददास हमोनदे लगदा॥तब उसनदे उनसदे कहदा, मदेरदा मन यहदासं लयों अचत उददास हहै चक ममैं मरनदे पर हह ह॥और थमोड़दा आगदे बढ़
कदे वह मगुसंह कदे बल चगरदा और प्रदाथर्थनदा ककी, हदे मदेरदे चपतदा! जिमो हमो सकदे तमो यह कटमोरदा मदेरदे पदास सदे टल जिदाय॥
—इसं॰ म॰ प॰ 26। आ॰ 37। 38। 39॥
(समहीकक) ददेखमो! जिमो वह कदे वल मनगुष्य न हमोतदा, ईश्वर कदा बदेटदा और चत्रकदालदशर्त्ती और चवद्विदानम् हमोतदा
तमो ऐसही अयमोग्य चदेष्टदा न करतदा। इससदे स्पष्ट चवचदत हमोतदा हहै चक यह प्रपञ्च ईसदा नदे अथवदा उसकदे चदेलयों नदे झभूठमभूठ
बनदायदा हहै चक ईश्वर कदा बदेटदा भभूत भचवष्यतम् कदा वदेत्तदा और पदाप कमदा कदा कत्तदार्थ हहै। इससदे समझनदा चदाचहयदे यह कदे वल
सदाधदारण सभूधदा सच्चिदा अचवद्विदानम् थदा, न चवद्विदानम्, न यमोगही, न चसद्ध थदा॥87॥
88—वह बमोलतदा हही थदा चक ददेखमो चयहह ददा जिमो बदाहर चशष्ययों ममें सदे एक थदा; आ पहह संचदा। और लमोगयों कदे
प्रधदान यदाजिकयों और प्रदाचहीनयों ककी ओर सदे बहह त लमोग खड्ग और लदाचठयदासं चलयदे उसकदे ससंग॥यहीशगु कदे पकड़वदानदेहदारदे नदे
उन्हमें यह पतदा चदयदा थदा चजिसकमो ममैं चभूमभूसं उसकमो पकड़मो॥और वह तगुरन्त यहीशगु पदास आ बमोलदा, हदे गगुरु! प्रणदाम और
उसकमो चभूमदा॥तब उन्हयोंनदे यहीशगु पर हदाथ डदाल कदे उसदे पकड़दा॥तब सब चशष्य उसदे छमोड़ कदे भदागदे॥अन्त ममें दमो झभूठ
सदाकही आकदे बमोलदे, इसनदे कहदा चक ममैं ईश्वर कदा मचन्दर ढहदा सकतदा हह ह और तहीन चदन ममें चफर बनदा सकतदा हह सं॥ तब
महदायदाजिक नदे खड़दा हमो यहीशगु सदे कहदा तभू कगु छ उत्तर नहह ददेतदा हहै यदे लमोग तदेरदे चवरुद्ध क्यदा सदाकही ददेतदे हमैं॥ परन्तगु यहीशगु
चगुप रहदा इस पर महदायदाजिक नदे उससदे कहदा ममैं तगुझदे जिहीवतदे ईश्वर ककी चक्रयदा ददेतदा हह ह। हम सदे कह तभू ईश्वर कदा पगुत्र
खहीष्ट हहै चक नहह॥यहीशगु उससदे बमोलदा तभू तमो कह चगुकदा॥तब महदायदाजिक नदे अपनदे वस फदाड़ कदे कहदा यह ईश्वर ककी
चनन्ददा कर चगुकदा हहै अब हममें सदाचकययों कदा और क्यदा प्रयमोजिन? ददेखमो तगुमनदे अभही उसकदे मगुख सदे ईश्वर ककी चनन्ददा
सगुनही हहै॥तगुम क्यदा चवचदार करतदे हमो? तब उन्हयोंनदे उत्तर चदयदा वह वध कदे यमोग्य हहै॥तब उन्हयोंनदे उसकदे मगुसंह पर थभूसंकदा
और उसदे घभूस सं दे मदारदे। औरयों नदे थपदेड़दे मदार कदे कहदा, हदे खहीष्ट! हमसदे भचवष्यद्विदाणही बमोल चकसनदे तगुझदे मदारदा॥चपतर बदाहर
असंगनदे ममें बहैठदा थदा और एक ददासही उसकदे पदास आकदे बमोलही तभू भही यहीशगु गदालहीलही कदे ससंग थदा॥उसनदे सबयों कदे सदामनदे
मगुकर कदे कहदा ममैं नहह जिदानतदा तभू क्यदा कहतही हहै॥जिब वह बदाहर डदेवढ़ही ममें गयदा तमो द स भू रही ददासही नदे उसदे ददेख कदे जिमो

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लमोग वहदासं थदे उनसदे कहदा यह भही यहीशगु नदासरही कदे ससंग थदा॥उसनदे चक्रयदा खदाकदे चफर मगुकरदा चक ममैं उस मनगुष्य कमो नहह
जिदानतदा हह ह॥तब वह चधकदार ददेनदे और चक्रयदा खदानदे लगदा चक ममैं उस मनगुष्य कमो नहह जिदानतदा हह ह॥
—इसं॰ म॰ प॰ 26। आ॰ 47। 48। 49। 50। 61। 62। 63। 64। 65। 66। 67।
68। 69। 70। 71। 72। 74॥
(समहीकक) अब ददेख लहीचजियदे चक चजिसकदा इतनदा भही सदामथ्यर्थ वदा प्रतदाप नहह थदा चक अपनदे चदेलदे कदा भही
दृढ़ चवश्वदास करदा सकदे । और वदे चदेलदे चदाहदे प्रदाण भही क्ययों न जिदातदे तमो भही अपनदे गगुरु कमो लमोभ सदे न पकड़दातदे , न
मगुकरतदे, न चमथ्यदाभदाषण करतदे, न झभूठही चक्रयदा खदातदे। और ईसदा भही कगु छ करदामदातही नहह थदा, जिहैसदा तचौरदेत ममें
चलखदा हहै चक—लभूत कदे घर पर पदाहहनयों कमो बहह त सदे मदारनदे कमो चढ़ आयदे थदे। वहदासं ईश्वर कदे दमो दतभू थदे उन्हयोंनदे उन्हह
कमो अन्धदा कर चदयदा। यदचप वह भही बदात असम्भव हहै तथदाचप ईसदा ममें तमो इतनदा भही सदामथ्यर्थ न थदा और आजि कल
चकतनदा भड़वदा उसकदे नदाम पर ईसदाइययों नदे बढ़दा रक्खदा हहै। भलदा! ऐसही ददगु र्थशदा सदे मरनदे सदे आप स्वयसं जिभूझ वदा
समदाचध चढ़दा अथवदा चकसही प्रकदार सदे प्रदाण छमोड़तदा तमो अच्छदा थदा परन्तगु वह बगुचद्ध चवनदा चवददा कदे कहदासं सदे उपचस्थत
हमो? वह ईसदा यह भही कहतदा हहै चक—॥88॥
89—ममैं अभही अपनदे चपतदा सदे चवनतही नहह करतदा हह ह और वह मदेरदे पदास स्वगर्थदतभू यों ककी बदारह सदेनदाओसं सदे
अचधक पहह हचदा न ददेगदा?
—इसं॰ म॰ प॰ 26। आ॰ 53॥
(समहीकक) धमकदातदा जिदातदा, अपनही और अपनदे चपतदा ककी बड़दाई भही करतदा जिदातदा पर कगु छ भही नहह कर
सकतदा। ददेखमो आश्चयर्थ ककी बदात! जिब महदायदाजिक नदे पभूछदा थदा चक यदे लमोग तदेरदे चवरुद्ध सदाकही ददेतदे हमैं इसकदा उत्तर ददे
तमो ईसदा चगुप रहदा। यह भही ईसदा नदे अच्छदा न चकयदा क्ययोंचक जिमो सच थदा वह वहदासं अवश्य कह ददेतदा तमो भही अच्छदा
हमोतदा। ऐसही बहह त सही अपनदे घमण्ड ककी बदातमें करनही उचचत न थह और चजिन्हयोंनदे ईसदा पर झभूठदा दमोष लगदाकर मदारदा
उनकमो भही उचचत न थदा। क्ययोंचक ईसदा कदा उस प्रकदार कदा अपरदाध नहह थदा जिहैसदा उसकदे चवषय ममें उन्हयोंनदे चकयदा।
परन्तगु वदे भही तमो जिसंगलही थदे। न्यदाय ककी बदातयों कमो क्यदा समझमें ? यचद ईसदा झभूठ-मभूठ ईश्वर कदा बदेटदा न बनतदा और वदे
उसकदे सदाथ ऐसही बगुरदाई न वत्तर्थतदे तमो दमोनयों कदे चलयदे उत्तम कदाम थदा। परन्तगु इतनही चवददा, धमदार्थत्मतदा और
न्यदायशहीलतदा कहदासं सदे लदावमें?॥89॥
90—यहीशगु अध्यक कदे आगदे खड़दा हह आ और अध्यक नदे उससदे पभूछदा क्यदा तभू यहहचदययों कदा रदाजिदा हहै ?
यहीशगु नदे उनसदे कहदा आप हही तमो कहतदे हमैं॥जिब प्रधदान यदाजिक और प्रदाचहीन लमोग उस पर दमोष लगदातदे थदे तब उसनदे
कगु छ उत्तर नहह चदयदा॥तब चपलदात नदे उससदे कहदा क्यदा तभू नहह सगुनतदा चक यदे लमोग तदेरदे चवरुद्ध चकतनही सदाकही ददेतदे हमैं॥
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परन्तगु उसनदे एक बदात कदा भही उसकमो उत्तर न चदयदा। यहदासं लयों चक अध्यक नदे बहह त अचम्भदा चकयदा॥चपलदात नदे उनसदे
कहदा तमो ममैं यहीशगु सदे जिमो खहीष्ट कहदावतदा हहै क्यदा करूसं॥सभयों नदे उससदे कहदा वह क्रभूश पर चढ़दायदा जिदावदे॥और यहीशगु कमो
कमोड़दे मदार कदे क्रभूश पर चढ़दायदा जिदानदे कमो सचौंप चदयदा॥तब अध्यक कदे यमोद्धदाओसं नदे यहीशगु कमो भवन ममें लदे जिदा कदे सदारही
पलटन उस पदास इकटही ककी॥और उन्हयोंनदे उसकदा वस उतदार कदे उसदे लदाल बदानदा पचहरदायदा॥और कदासंटयों कदा मगुकगुट
गभूहथ कदे उसकदे चशर पर रक्खदा और उसकदे ददाचहनदे हदाथ ममें नकर्थट चदयदा॥और उसकदे आगदे घगुटनदे टदेक कदे यह कह कदे
उससदे ठटदा चकयदा हदे यहह चदययों कदे रदाजिदा प्रणदाम॥और उन्हयोंनदे उस पर थभूकदा और उस नकर्थ ट कमो लदे उसकदे चशर पर
मदारदा॥जिब वदे उससदे ठटदा कर चगुकदे तब उससदे वह बदागदा उतदार कदे उसही कदा वस पचहरदा कदे उसदे क्रभूश पर चढ़दानदे कमो
लदे गयदे॥जिब वदे एक स्थदान पर जिमो गलगथदा थदा अथदार्थतम् खमोपड़ही कदा स्थदान कहदातदा हहै ; पहह हचदे॥तब उन्हयोंनदे चसरकदे ममें
चपत्त चमलदा कदे उसदे पहीनदे कमो चदयदा परन्तगु उसनदे चहीख कदे पहीनदा न चदाहदा॥तब उन्हयोंनदे उसकमो क्रभूश पर चढ़दायदा॥और
उन्हयोंनदे उसकदा दमोषपत्र उसकदे चशर कदे ऊपर लगदायदा॥तब दमो डदाकभू एक ददाचहनही ओर और दस भू रदा बदाई सं ओर उसकदे
ससंग क्रभूशयों पर चढ़दायदे गयदे॥जिमो लमोग उधर सदे आतदे जिदातदे थदे उन्हयोंनदे अपनदे चशर चहलदा कदे और यह कह कदे उसककी
चनन्ददा ककी॥हदे मचन्दर कदे ढहदानदेहदारदे अपनदे कमो बचदा, जिमो तभू ईश्वर कदा पगुत्र हहै तमो क्रभूश पर सदे उतर आ॥इसही रहीचत सदे
प्रधदान यदाजिकयों नदे भही अध्यदापकयों और प्रदाचहीनयों कदे ससंचगययों नदे ठटदा कर कहदा॥उसनदे औरयों कमो बचदायदा अपनदे कमो बचदा
नहह सकतदा हहै, जिमो वह इस्रदाएल कदा रदाजिदा हहै तमो क्रभूश पर सदे अब उतर आवदे और हम उसकदा चवश्वदास करमेंगदे॥वह
ईश्वर पर भरमोसदा रखतदा हहै, यचद ईश्वर उसदे चदाहतदा हहै तमो उसकमो बचदावदे क्ययोंचक उसनदे कहदा ममैं ईश्वर कदा पगुत्र हह ह॥
जिमो डदाकभू उसकदे ससंग चढ़दायदे गयदे उन्हयोंनदे भही इसही रहीचत सदे उसककी चनन्ददा ककी॥दमो प्रहर सदे तहीसरदे प्रहर लयों सदारदे ददेश
ममें अन्धकदार हमो गयदा॥तहीसरदे प्रहर कदे चनकट यहीशगु नदे बड़दे शब्द सदे पगुकदार कदे कहदा ‘एलही एलही लदामदा सबक्तनही’
अथदार्थतम् हदे मदेरदे ईश्वर! हदे मदेरदे ईश्वर! तभूनदे क्ययों मगुझदे त्यदागदा हहै॥जिमो लमोग वहदासं खडदेडे़ थदे उनममें सदे चकतनयों नदे यह सगुनकदे
कहदा, वह एलहीयदाह कमो बगुलदातदा हहै॥उनममें सदे एक नदे तगुरन्त दचौड़ कदे इस्पसंजि लदेकदे चसरकदे ममें चभगमोयदा और नल पर रख
कदे उसदे पहीनदे कमो चदयदा॥तब यहीशगु नदे चफर बडदेडे़ शब्द सदे पगुकदार कदे प्रदाण त्यदागदा॥
—इसं॰ म॰ प॰ 27। आ॰ 11। 12। 13। 14। 22। 23। 24। 26। 27। 28।29।
30। 31। 33। 34। 35। 37। 38। 38। 39। 40। 41। 42। 43। 44। 45। 46। 47।
48। 50॥
(समहीकक) सवर्थथदा यहीशगु कदे सदाथ उन दष्टगु यों नदे बगुरदा कदाम चकयदा। परन्तगु यहीशगु कदा भही दमोष हहै। क्ययोंचक
ईश्वर कदा न कमोई पगुत्र न वह चकसही कदा बदाप हहै। क्ययोंचक वह चकसही कदा बदाप हमोवदे तमो चकसही कदा श्वसगुर , श्यदालदा
सम्बन्धही आचद भही हमोवदे। और जिब अध्यक नदे पभूछदा थदा तब जिहैसदा सच थदा; उत्तर ददेनदा थदा। और यह ठहीक हहै चक
जिमो-जिमो आश्चयर्थ-कमर्थ प्रथम चकयदे हह ए सच्चिदे हमोतदे तमो अब भही क्रभूश पर सदे उतर कर सब कमो अपनदे चशष्य बनदा लदेतदा।
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और जिमो वह ईश्वर कदा पगुत्र हमोतदा तमो ईश्वर भही उसकमो बचदा लदेतदा। जिमो वह चत्रकदालदशर्त्ती हमोतदा तमो चसकर्वे ममें चपत्त चमलदे
हह ए कमो चहीख कदे क्ययों छमोड़तदा। वह पहलदे हही सदे जिदानतदा हमोतदा। और जिमो वह करदामदातही हमोतदा तमो पगुकदार -पगुकदार कदे
प्रदाण क्ययों त्यदागतदा? इससदे जिदाननदा चदाचहयदे चक चदाहदे कमोई चकतनही भही चतगुरदाई करदे परन्तगु अन्त ममें सच-सच और
झभूठ-झभूठ हमो जिदातदा हहै। इससदे यह भही चसद्ध हह आ चक यहीशगु एक उस समय कदे जिसंगलही मनगुष्ययों ममें सदे कगु छ अच्छदा थदा।
न वह करदामदातही, न वह ईश्वर कदा पगुत्र और न चवद्विदानम् थदा। क्ययोंचक जिमो ऐसदा हमोतदा तमो ऐसदा वह द मःगु ख क्ययों
भमोगतदा?॥90॥
91—और ददेखमो, बड़दा भगुईडसं मोल हह आ चक परमदेश्वर कदा एक दतभू उतरदा और आ कदे कबर कदे द्विदार पर सदे
पत्थर लगुढ़कदा कदे उस पर बहैठदा॥वह यहदासं नहह हहै, जिहैसदे उसनदे कहदा वहैसदे जिही उठदा हहै॥जिब वदे उसकदे चशष्ययों कमो सन्ददेश
ददेनदे कमो जिदातही थह, ददेखमो यहीशगु उनसदे आ चमलदा, कहदा कल्यदाण हमो और उन्हयोंनदे चनकट आ, उसकदे पदासंव पकड़ कदे
उसकमो प्रणदाम चकयदा॥तब यहीशगु नदे कहदा मत डरमो, जिदाकदे मदेरदे भदाइययों सदे कह दमो वदे गदालहील कमो जिदावमें और वहदासं वदे मगुझदे
ददेखगमें दे॥ग्यदारह चशष्य गदालहील ममें उस पवर्थत पर गयदे जिमो यहीशगु नदे उन्हमें बतदायदा थदा॥और उन्हयोंनदे उसदे ददेख कदे उसकमो
प्रणदाम चकयदा पर चकतनयों कदा सन्ददेह हहआ॥यहीशगु नदे उनकदे पदास आ उनसदे कहदा, स्वगर्थ ममें और पकचथवही पर समस्त
अचधकदार मगुझकमो चदयदा गयदा हहै॥और ददेखमो ममैं जिगतम् कदे अन्त लयों सब चदन तगुम्हदारदे ससंग हह ह॥
—इसं॰ म॰ प॰ 28। आ॰ 2। 6। 9। 10। 16। 17। 18। 20॥
(समहीकक) यह बदात भही मदाननदे यमोग्य नहह, क्ययोंचक सकचष्टक्रम और चवददाचवरुद्ध हहै। प्रथम ईश्वर कदे पदास
दतभू यों कदा हमोनदा, उनकमो जिहदासं-तहदासं भदेजिनदा, ऊपर सदे उतरनदा, क्यदा तहसहीलददारही, कलदेक्टरही कदे समदान ईश्वर कमो
बनदा चदयदा? क्यदा उसही शरहीर सदे स्वगर्थ कमो गयदा और जिही उठदा? क्ययोंचक उन चसययों नदे उसकदे पग पकड़ कदे प्रणदाम
चकयदा तमो क्यदा वहही शरहीर थदा? और वह तहीन चदन लयों सड़ क्ययों न गयदा? और अपनदे मगुख सदे सब कदा अचधकदारही
बननदा कदे वल दम्भ ककी बदात हहै। चशष्ययों सदे चमलनदा और उनसदे सब बदातमें करनही असम्भव हमैं। क्ययोंचक जिमो यदे बदातमें सच
हयों तमो आजिकल भही कमोई क्ययों नहह जिही उठतदे? और उसही शरहीर सदे स्वगर्थ कमो क्ययों नहह जिदातदे?
यह मत्तहीरचचत्त इञ्जहील कदा चवषय हमो चगुकदा। अब मदाकर्थरचचत इञ्जहील कदे चवषय ममें चलखदा जिदातदा हहै॥91॥
मदाकर्थ रचचत इञ्जहील
92—यह क्यदा बढ़ई नहह हहै।
—इसं॰मदाकर्थ प॰ 6। आ॰ 3॥

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(समहीकक) असल ममें यभूसफ बढ़ई थदा, इसचलयदे ईसदा भही बढ़ई थदा। चकतनदे हही वषर्थ तक बढ़ई कदा कदाम
करतदा थदा। पश्चदातम् पहैगम्बर बनतदा-बनतदा ईश्वर कदा बदेटदा हही बन गयदा और जिसंगलही लमोगयों नदे बनदा चलयदा तभही बड़ही
कदारहीगरही चलदाई। कदाट कभू ट फभू ट फदाट करनदा उसकदा कदाम हहै॥92॥
लभूक दा रचचत इञ्जहील
93—यहीशगु नदे उससदे कहदा तभू मगुझदे उत्तम क्ययों कहतदा हहै, कमोई उत्तम नहह हहै, कदे वल एक अथदार्थतम्
ईश्वर॥
—इसं॰ लभू॰ प॰ 18। आ॰ 19॥
(समहीकक) जिब ईसदा हही एक अचद्वितहीय ईश्वर कहदातदा हहै तमो ईसदाइययों नदे पचवत्रदात्मदा चपतदा और पगुत्र तहीन
कहदासं सदे बनदा चलयदे?॥93॥
94—तब उसदे हदेरमोद कदे पदास भदेजिदा॥हदेरमोद यहीशगु कमो ददेख कदे अचत आनचन्दत हह आ क्ययोंचक वह उसकमो
बहह त चदनयों सदे ददेखनदे चदाहतदा थदा इसचलयदे चक उसकदे चवषय ममें बहह त सही बदातमें सगुनही थह और उसकदा कगु छ आश्चयर्थ
कमर्थ ददेखनदे ककी उसकमो आशदा हह ई॥उसनदे उससदे बहह त बदातमें पभूछह परन्तगु उसनदे उसदे कगु छ उत्तर न चदयदा॥
—इसं॰ लभू॰ प॰ 23। आ॰ 7। 8। 9॥
(समहीकक) यह बदात मत्तहीरचचत ममें नहह हहै इसचलए यदे सदाकही चबगड़ गयदे। क्ययोंचक सदाकही एक सदे हमोनदे
चदाचहयमें और जिमो ईसदा चतगुर और करदामदातही हमोतदा तमो उत्तर ददेतदा और करदामदात भही चदखलदातदा। इससदे चवचदत हमोतदा हहै
चक ईसदा ममें चवददा और करदामदात कगु छ भही न थही॥94॥
यमोहन रचचत सगुस मदाचदार
95—आचद ममें वचन थदा और वचन ईश्वर कदे ससंग थदा और वचन ईश्वर थदा॥वह आचद ममें ईश्वर कदे ससंग
थदा॥सब कगु छ उसकदे द्विदारदा सकजिदा गयदा और जिमो सकजिदा गयदा हहै कगु छ भही उस चबनदा नहह सकजिदा गयदा। उसममें जिहीवन थदा
और वह जिहीवन मनगुष्ययों कदा उचजियदालदा थदा॥
—यमो॰प॰ 1। आ॰ 1। 2। 3। 4॥
(समहीकक) आचद ममें वचन चवनदा वक्तदा कदे नहह हमो सकतदा और जिमो वचन ईश्वर कदे ससंग थदा तमो यह
कहनदा व्यथर्थ हह आ। और वचन ईश्वर कभही नहह हमो सकतदा क्ययोंचक जिब वह आचद ममें ईश्वर कदे ससंग थदा तमो पभूवर्थ वचन
वदा ईश्वर थदा; यह नहह घट सकतदा। वचन कदे द्विदारदा सकचष्ट कभही नहह हमो सकतही जिब तक उसकदा कदारण न हमो। और
वचन कदे चवनदा भही चगुपचदाप रह कर कत्तदार्थ सकचष्ट कर सकतदा हहै। जिहीवन चकस ममें वदा क्यदा थदा, इस वचन सदे जिहीव
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
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अनदाचद मदानमोगदे, जिमो अनदाचद हहै तमो आदम कदे नथगुनयों ममें श्वदास फभूसं कनदा झभूठदा हह आ और क्यदा जिहीवन मनगुष्ययों हही कदा
उचजियदालदा हहै; पश्वदाचद कदा नहह?॥95॥
96—और चबयदारही कदे समय ममें जिब शहैतदान चशममोन कदे पगुत्र चयहह ददा इस्कररयमोतही कदे मन ममें उसदे पकड़वदानदे
कदा मत डदाल चगुकदा थदा॥
—यमो॰ प॰ 13। आ॰ 2॥
(समहीकक) यह बदात सच नहह। क्ययोंचक जिब कमोई ईसदाइययों सदे पभूछदेगदा चक शहैतदान सब कमो बहकदातदा हहै तमो
शहैतदान कमो कचौन बहकदातदा हहै? जिमो कहमो शहैतदान आप सदे आप बहकतदा हहै तमो मनगुष्य भही आप सदे आप बहक सकतदे
हमैं पगुनमः शहैतदान कदा क्यदा कदाम? और यचद शहैतदान कदा बनदानदे और बहकदानदे वदालदा परमदेश्वर हहै तमो वहही शहैतदान कदा
शहैतदान ईसदाइययों कदा ईश्वर ठहरदा। परमदेश्वर हही नदे सब कमो उसकदे द्विदारदा बहकदायदा। भलदा ऐसदे कदाम ईश्वर कदे हमो सकतदे
हमैं? सच तमो यहही हहै चक यह पगुस्तक ईसदाइययों कदा और ईसदा ईश्वर कदा बदेटदा चजिन्हयोंनदे बनदायदे वदे शहैतदान हयों तमो हयों
चकन्तगु न यह ईश्वरकक त पगुस्तक, न इसममें कहदा ईश्वर और न ईसदा ईश्वर कदा बदेटदा हमो सकतदा हहै॥96॥
97—तगुम्हदारदा मन व्यदाकगुल न हमोवदे। ईश्वर पर चवश्वदास करमो और मगुझ पर चवश्वदास करमो॥मदेरदे चपतदा कदे
घर ममें बहह त सदे रहनदे कदे स्थदान हमैं। नहह तमो ममैं तगुम सदे कहतदा ममैं तगुम्हदारदे चलयदे स्थदान तहैयदार करनदे जिदातदा हह ह॥और जिमो ममैं
जिदाकदे तगुम्हदारदे चलयदे स्थदान तहैयदार करूसं तमो चफर आकदे तगुम्हमें अपनदे यहदासं लदे जिदाऊसंगदा चक जिहदासं ममैं रहह सं तहदासं तगुम भही रहमो॥
यहीशगु नदे उससदे कहदा ममैं हही मदागर्थ और सत्य और जिहीवन हह ह। चवनदा मदेरदे द्विदारदा सदे कमोई चपतदा कदे पदास नहह पहहचह तदा हहै॥जिमो
तगुम मगुझदे जिदानतदे तमो मदेरदे चपतदा कमो भही जिदानतदे॥
—यमो॰ प॰ 14। आ॰ 1। 2। 3। 6। 7॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! यदे ईसदा कदे वचन क्यदा पमोपलहीलदा सदे कमतही हमैं ? जिमो ऐसदा प्रपसंच न रचतदा तमो
उसकदे मत ममें कचौन फसंसतदा? क्यदा ईसदा नदे अपनदे चपतदा कमो ठदेकदे ममें लदे चलयदा हहै? और जिमो वह ईसदा कदे वश्य हहै तमो
परदाधहीन हमोनदे सदे वह ईश्वर हही नहह। क्ययोंचक ईश्वर चकसही ककी चसफदाररश नहह सगुनतदा। क्यदा ईसदा कदे पहलदे कमोई भही
ईश्वर कमो नहह प्रदाप्त हह आ हमोगदा? ऐसदा स्थदान आचद कदा प्रलमोभन ददेतदा और जिमो अपनदे मगुख सदे आप मदागर्थ , सत्य
और जिहीवन बनतदा हहै वह सब प्रकदार सदे दम्भही कहदातदा हहै। इससदे यह बदात सत्य कभही नहह हमो सकतही॥97॥
98-ममैं तगुमसदे सच-सच कहतदा हह ह जिमो मगुझ पर चवश्वदास करदे। जिमो कदाम ममैं करतदा हह ह उन्हमें वह भही करदेगदा
और इनसदे बड़दे कदाम करदेगदा॥
—यमो॰ प॰ 14। आ॰ 12॥

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(समहीकक) अब ददेचखयदे! जिमो ईसदाई लमोग ईसदा पर पभूरदा चवश्वदास रखतदे हमैं वहैसदे हही मगुदर्वे चजिलदानदे आचद कदा
कदाम क्ययों नहह कर सकतदे ? और जिमो चवश्वदास सदे भही आश्चयर्थ कदाम नहह कर सकतदे तमो ईसदा नदे भही आश्चयर्थ कमर्थ
नहह चकयदे थदे ऐसदा चनचश्चत जिदाननदा चदाचहयदे। क्ययोंचक स्वयमम् ईसदा हही कहतदा हहै चक तगुम भही आश्चयर्थ कदाम करमोगदे तमो
भही इस समय ईसदाई एक भही नहह कर सकतदा तमो चकसककी चहयदे ककी आसंख फभू ट गई हहै वह ईसदा कमो मगुदर्वे चजिलदानदे
आचद कदा कदाम कत्तदार्थ मदान लदेवदे॥98॥
99—जिमो अद्विहैत सत्य ईश्वर हहै॥
—यमो॰प॰ 17। आ॰ 3॥
(समहीकक) जिब अद्विहैत एक ईश्वर हहै तमो ईसदाइययों कदा तहीन कहनदा सवर्थथदा चमथ्यदा हहै॥99॥
इसही प्रकदार बहह त चठकदानदे इञ्जहील ममें अन्यथदा बदातमें भरही हमैं।
यमोहन कदे प्रकदाचशत वदाक्य
अब यमोहन ककी अदतगु बदातमें सगुनमो—
100—और अपनदे-अपनदे चशर पर समोनदे कदे मगुकगुट चदयदे हह ए थदे॥और सदात अचग्निदहीपक चससंहदासन कदे आगदे
जिलतदे थदे जिमो ईश्वर कदे सदातयों आत्मदा हमैं। और चससंहदासन कदे आगदे कदासंच कदा समगुद्र हहै और चससंहदासन कदे आस-पदास
चदार प्रदाणही हमैं जिमो आगदे और पहीछदे नदेत्रयों सदे भरदे हमैं॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 4। आ॰ 4। 5। 6॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! एक नगर कदे तगुल्य ईसदाइययों कदा स्वगर्थ हहै। और इनकदा ईश्वर भही दहीपक कदे
समदान अचग्नि हहै और समोनदे कदा मगुकगुटदाचद आभभूषण धदारण करनदा और आगदे पहीछदे नदेत्रयों कदा हमोनदा असम्भदाचवत हहै। इन
बदातयों कमो कचौन मदान सकतदा हहै? और वहदासं चसहदाचद चदार पशगु भही चलखदे हमैं॥100॥
101—और ममैंनदे चससंहदासन पर बहैठनदे हदारदे कदे ददाचहनदे हदाथ ममें एक पगुस्तक ददेखदा जिमो भहीतर और पहीठ पर
चलखदा हह आ थदा और सदात छदापयों सदे उस पर छदाप दही हह ई थही॥यह पगुस्तक खमोलनदे और उसककी छदापमें तमोड़नदे यमोग्य
कचौन हहै॥और न स्वगर्थ ममें और न पकचथवही पर न पकचथवही कदे नहीचदे कमोई वह पगुस्तक खमोल अथवदा उसदे ददेख सकतदा थदा॥
और ममैं बहह त रमोनदे लगदा इसचलए चक पगुस्तक खमोलनदे और पढ़नदे अथवदा उसदे ददेखनदे यमोग्य कमोई नहह चमलदा॥
—यमो॰ प्र॰ पवर्थ॰ 5। आ॰ 1। 2। 3। 4॥

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(समहीकक) अब ददेचखयदे! ईसदाइययों कदे स्वगर्थ ममें चसहदासनयों और मनगुष्ययों कदा ठदाठ और पगुस्तक कई छदापयों
सदे बसंध चकयदा हह आ चजिसकमो खमोलनदे आचद कमर्थ करनदे वदालदा स्वगर्थ और पकचथवही पर कमोई नहह चमलदा। यमोहन कदा रमोनदा
और पश्चदातम् एक प्रदाचहीन नदे कहदा चक वहही ईसदा खमोलनदे वदालदा हहै। प्रयमोजिन यह हहै चक चजिसकदा चववदाह उसकदा गहीत !
ददेखमो! ईसदा हही कदे ऊपर सब मदाहदात्म्य झगुकदायदे जिदातदे हमैं परन्तगु यदे बदातमें कदे वल कथनमदात्र हमैं॥101॥
102—और ममैंनदे दृचष्ट ककी और ददेखमो चससंहदासन कदे चदारयों प्रदाचणययों कदे बहीच ममें और प्रदाचहीनयों कदे बहीच ममें
एक मदेम्नदा जिहैसदा बसंध चकयदा हह आ खड़दा हहै चजिसकदे सदात सहग और सदात नदेत्र हमैं जिमो सदारही पकचथवही ममें भदेजिदे हह ए ईश्वर कदे
सदातयों आत्मदा हमैं॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 5। आ॰ 6॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे इस यमोहन कदे स्वप्न कदा मनमोव्यदापदार! उस स्वगर्थ कदे बहीच ममें सब ईसदाई और
चदार पशगु तथदा ईसदा भही हहै और कमोई नहह! यह बड़ही अदतगु बदात हह ई चक यहदासं तमो ईसदा कदे दमो नदेत्र थदे और सहग कदा
नदाम भही न थदा और स्वगर्थ ममें जिदाकदे सदात सहग और सदात नदेत्र वदालदा हह आ ! और वदे सदातयों ईश्वर कदे आत्मदा ईसदा कदे
सहग और नदेत्र बन गए थदे! हदाय! ऐसही बदातयों कमो ईसदाइययों नदे क्ययों मदान चलयदा? भलदा कगु छ तमो बगुचद्ध कदाम ममें लदातदे॥
102॥
103—और जिब उसनदे पगुस्तक चलयदा तब चदारयों प्रदाणही और चचौबहीसयों प्रदाचहीन मदेम्नदे कदे आगदे चगर पड़दे
और हर एक कदे पदास वहीणदा थही और धभूप सदे भरदे हह ए समोनदे कदे चपयदालदे जिमो पचवत्र लमोगयों ककी प्रदाथर्थनदाएसं हमैं॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 5। आ॰ 8॥
(समहीकक) भलदा जिब ईसदा स्वगर्थ ममें न हमोगदा तब यदे चबचदारदे धभूप , दहीप, नहैवदेद, आचतर्थ आचद पभूजिदा
चकसककी करतदे हयोंगदे? और यहदासं प्रमोटदेस्टमेंट ईसदाई लमोग बगुत्परस्तही (मभूचतर्थपभूजिदा) कदा खण्डन करतदे हमैं और इनकदा
स्वगर्थ बगुत्परस्तही कदा घर बन रहदा हहै॥103॥
104—और जिब मदेम्नदे नदे छदापयों ममें सदे एक कमो खमोलदा तब ममैंनदे दृचष्ट ककी चदारयों प्रदाचणययों ममें सदे एक कमो जिहैसदे
मदेघ गजिर्थनदे कदे शब्द कमो यह कहतदे हह ए सगुनदा चक आ और ददेख॥और ममैंनदे दृचष्ट ककी और ददेखमो एक श्वदेत घमोड़दा हहै और
जिमो उस पर बहैठदा हहै उस पदास धनगुषम् हहै और उसदे मगुकगुट चदयदा गयदा और वह जिय करतदा हह आ और जिय करनदे कमो
चनकलदा॥और जिब उसनदे दस भू रही छदाप खमोलही॥दसभू रदा घमोड़दा जिमो लदाल थदा चनकलदा उसकमो चदयदा गयदा चक पकचथवही पर सदे
मदेल उठदा ददेवदे॥और जिब उसनदे तहीसरही छदाप खमोलही; ददेखमो एक कदालदा घमोड़दा हहै॥और जिब उसनदे चचौथही छदाप खमोलही॥
और ददेखमो एक पहीलदा सदा घमोड़दा हहै और जिमो उस पर बहैठदा हहै उसकदा नदाम मकत्यगु हहै; इत्यदाचद॥

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—यमो॰ प्र॰ प॰ 6। आ॰ 1। 2। 3। 4। 5। 7। 8॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे यह पगुरदाणयों सदे भही अचधक चमथ्यदा लहीलदा वदा नहह? भलदा! पगुस्तकयों कदे बन्धनयों
कदे छदापदे कदे भहीतर घमोड़दा सवदार क्ययोंकर रह सकदे हयोंगदे? यह स्वप्नदे कदा बरड़दानदा चजिन्हयोंनदे इसकमो भही सत्य मदानदा हहै।
उनममें अचवददा चजितनही कहमें उतनही हही थमोड़ही हहै॥104॥
105—और वदे बड़दे शब्द सदे पगुकदारतदे थदे चक हदे स्वदामही पचवत्र और सत्य! कब लयों तभू न्यदाय नहह करतदा
हहै और पकचथवही कदे चनवदाचसययों सदे हमदारदे लमोहह कदा पलटदा नहह लदेतदा हहै॥और हर एक कमो उजिलदा वस चदयदा गयदा और
उनसदे कहदा गयदा चक जिब लयों तगुम्हदारदे ससंगही ददास भही और तगुम्हदारदे भदाई जिमो तगुम्हदारही नदाई सं बसंध चकयदे जिदानदे पर हमैं न पभूरदे
हयों तब लयों और थमोड़ही बदेर चवश्रदाम करमो॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 6। आ॰ 10। 11॥
(समहीकक) जिमो कमोई ईसदाई हयोंगदे वदे दचौड़दे सगुपगुदर्थ हमोकर ऐसदे न्यदाय करदानदे कदे चलयदे रमोयदा करमेंगदे। जिमो वदेदमदागर्थ
कदा स्वहीकदार करदेगदा उसकदे न्यदाय हमोनदे ममें कगु छ भही ददेर न हमोगही। ईसदाइययों सदे पभूछनदा चदाचहयदे क्यदा ईश्वर ककी कचहरही
आजिकल बन्द हहै? और न्यदाय कदा कदाम भही नहह हमोतदा? न्यदायदाधहीश चनकम्मदे बहैठदे हमैं? तमो कगु छ भही ठहीक-ठहीक
उत्तर न ददे सकमें गदे। और ईश्वर कमो भही बहकदा कर और इनकदा ईश्वर बहक भही जिदातदा हहै क्ययोंचक इनकदे कहनदे सदे झट
इनकदे शत्रगु सदे पलटदा लदेनदे लगतदा हहै। और दसंचशलदे स्वभदाव वदालदे हमैं चक मरदे पहीछदे स्ववहैर चलयदा करतदे हमैं , शदाचन्त कगु छ
भही नहह। और जिहदासं शदाचन्त नहह वहदासं दमःगु ख कदा क्यदा पदारदावदार हमोगदा॥105॥
106—और जिहैसदे बड़ही बयदार सदे चहलदाए जिदानदे पर गभूलर कदे वकक सदे उसकदे कच्चिदे गभूलर झड़तदे हमैं, तहैसदे
आकदाश कदे तदारदे पकचथवही पर चगर पड़दे॥और आकदाश पत्र ककी नदाई सं जिमो लपदेटदा जिदातदा हहै अलग हमो गयदा॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 6। आ॰ 13। 14॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! यमोहन भचवष्यद्विक्तदा नदे जिब चवददा नहह हहै तभही तमो ऐसही अण्ड बण्ड कथदा गदाई।
भलदा! तदारदे सब भभूगमोल हमैं एक पकचथवही पर कहै सदे चगर सकतदे हमैं ? और सभूयदार्थचद कदा आकषर्थण उनकमो इधर-उधर क्ययों
आनदे जिदानदे ददेगदा? और क्यदा आकदाश कमो चटदाई कदे समदान समझतदा हहै? यह आकदाश सदाकदार पददाथर्थ नहह हहै चजिस
कमो कमोई लपदेटदे वदा इकटदा कर सकदे । इसचलयदे यमोहन आचद सब जिसंगलही मनगुष्य थदे। उनकमो इन बदातयों ककी क्यदा
खबर?॥106॥
107—ममैंनदे उनककी ससंख्यदा सगुनही, इस्रदाएल कदे सन्तदानयों कदे समस्त कगु ल ममें सदे एक लदाख चवदालहीस
सहस्र पर छदाप दही गई॥चयहह ददा कदे कगु ल ममें सदे बदारह सहस्र पर छदाप दही गई॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 7। आ॰ 4। 5॥

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(समहीकक) क्यदा जिमो बदाइबल ममें ईश्वर चलखदा हहै वह इस्रदाएल आचद कगु लयों कदा स्वदामही हहै वदा सब ससंसदार
कदा? ऐसदा न हमोतदा तमो उन्हह जिसंगचलययों कदा सदाथ क्ययों ददेतदा? और उन्हह कदा सहदाय करतदा थदा। दस भू रदे कदा नदाम
चनशदान भही नहह लदेतदा। इससदे वह ईश्वर नहह। और इस्रदाएल कगु लदाचद कदे मनगुष्ययों पर छदाप लगदानदा अल्पजतदा अथवदा
यमोहन ककी चमथ्यदा कल्पनदा हहै॥107॥
108—इस कदारण वदे ईश्वर कदे चससंहदासन कदे आगदे हमैं और उसकदे मचन्दर ममें रदात और चदन उसककी सदेवदा
करतदे हमैं॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 7। आ॰ 15॥
(समहीकक) क्यदा यह महदाबगुत्परस्तही नहह हहै? अथवदा उनकदा ईश्वर ददेहधदारही मनगुष्य तगुल्य एकददेशही नहह
हहै? और ईसदाइययों कदा ईश्वर रदात ममें समोतदा भही नहह हहै। यचद समोतदा हहै तमो रदात ममें पभूजिदा क्ययोंकर करतदे हयोंगदे ? तथदा
उसककी नहद भही उड़ जिदातही हमोगही और जिमो रदात चदन जिदागतदा हमोगदा तमो चवचकप्त वदा अचत रमोगही हमोगदा॥108॥
109—और दस भू रदा दतभू आकदे वदेदही कदे चनकट खड़दा हह आ चजिस पदास समोनदे ककी धभूपददानही थही और उसकमो
बहह त धभूप चदयदा गयदा॥और धभूप कदा धगुसंआ पचवत्र लमोगयों ककी प्रदाथर्थनदाओसं कदे ससंग दतभू कदे हदाथ ममें सदे ईश्वर कदे आगदे चढ़
गयदा॥और दतभू नदे वह धभूपददानही लदेकदे उसममें वदेदही ककी आग भर कदे उसदे पकचथवही पर डदालदा और शब्द और गजिर्थन और
चबजिचलयदाह और भगुई सं डमोल हह ए॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 8। आ॰ 3। 4। 5॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! स्वगर्थ तक वदेदही, धभूप, दहीप, नहैवदेद, तगुरहही कदे शब्द हमोतदे हमैं, क्यदा वहैरदाचगययों कदे
मचन्दर सदे ईसदाइययों कदा स्वगर्थ कम हहै? कगु छ धभूमधदाम अचधक हही हहै॥109॥
110—पचहलदे दतभू नदे तगुरहही फभूसं ककी और लमोहह सदे चमलदे हह ए ओलदे और आग हह ए और वदे पकचथवही पर डदालदे
गयदे और पकचथवही ककी एक चतहदाई जिल गई॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 8। आ॰ 7॥
(समहीकक) वदाह रदे ईसदाइययों कदे भचवष्यद्विक्तदा! ईश्वर, ईश्वर कदे दतभू , तगुरहही कदा शब्द और प्रलय ककी
लहीलदा कदे वल लड़कयों हही कदा खदेल दहीखतदा हहै॥110॥
111—और पदासंचवमें दतभू नदे तगुरहही फभूसं ककी और ममैंनदे एक तदारदे कमो ददेखदा जिमो स्वगर्थ ममें सदे पकचथवही पर चगरदा
हह आ थदा और अथदाह कगु ण्ड कदे कभू प ककी कगुसं जिही उसकमो दही गई॥और उसनदे अथदाह कगु ण्ड कदा कभू प खमोलदा और कभू प ममें
सदे बड़ही भटही कदे धगुसंए ककी नदाई सं धगुसंआ उठदा॥और उस धगुसंए ममें सदे चटरडयदासं पकचथवही पर चनकल गई सं और जिहैसदा पकचथवही कदे

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बहीछगुओसं कमो अचधकदार हमोतदा हहै तहैसदा उन्हमें अचधकदार चदयदा गयदा॥और उनसदे कहदा गयदा चक उन मनगुष्ययों कमो चजिनकदे
मदाथदे पर ईश्वर ककी छदाप नहह हहै॥पदासंच मदास उन्हमें पहीड़दा दही जिदाय॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 9। आ॰ 1। 2। 3। 4। 5॥
(समहीकक) क्यदा तगुरहही कदा शब्द सगुनकर तदारदे उन्हह दतभू यों पर और उसही स्वगर्थ ममें चगरदे हयोंगदे ? यहदासं तमो नहह
चगरदे। भलदा वह कभू प वदा चटरडयदासं भही प्रलय कदे चलयदे ईश्वर नदे पदालही हयोंगही और छदाप कमो ददेख बदासंच भही लदेतही हयोंगही चक
छदाप वदालयों कमो मत कदाटमो? यह कदे वल भमोलदे मनगुष्ययों कमो डरदा कदे ईसदाई बनदा लदेनदे कदा धमोखदा ददेनदा हहै चक जिमो तगुम
ईसदाई न हमोगदे तमो तगुमकमो चटरडयदासं कदाटमेंगही परन्तगु ऐसही बदातमें चवददाहहीन ददेश ममें चल सकतही हमैं आयदार्थवत्तर्थ ममें नहह। क्यदा
वह प्रलय ककी बदात हमो सकतही हहै॥111॥
112—और घगुड़चढ़यों ककी सदेनदाओसं ककी ससंख्यदा बहीस करमोड़ थही॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 9। आ॰ 16॥
(समहीकक) भलदा! इतनदे घमोड़दे स्वगर्थ ममें कहदासं ठहरतदे , कहदासं चरतदे और कहदासं रहतदे और चकतनही लहीद
करतदे थदे? और उसकदा दगगु र्थन्ध भही स्वगर्थ ममें चकतनदा हह आ हमोगदा? बस ऐसदे स्वगर्थ, ऐसदे ईश्वर और ऐसदे मत कदे चलयदे
हम सब आय्यर्यों नदे चतलदाञ्जचल ददे दही हहै। ऐसदा बखदेड़दा ईसदाइययों कदे चशर पर सदे भही सवर्थशचक्तमदानम् ककी कक पदा सदे दरभू हमो
जिदाय तमो बहह त अच्छदा हमो॥112॥
113—और ममैंनदे दस भू रदे परदाक्रमही दतभू कमो स्वगर्थ सदे उतरतदे ददेखदा जिमो मदेघ कमो ओढ़दे थदा और उसकदे चसर
पर मदेघधनगुषम् थदा और उसकदा मगुसंह सभूयर्थ ककी नदाई सं और उसकदे पदासंव आग कदे खम्भयों कदे ऐसदे थदे॥और उसनदे अपनदा
ददाचहनदा पदासंव समगुद्र पर और बदायदासं पकचथवही पर रक्खदा॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 10। आ॰ 1। 2॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे इन दतभू यों ककी कथदा! जिमो पगुरदाणयों वदा भदाटयों ककी
कथदाओसं सदे भही बढ़ कर हहै॥113॥
114—और लमोगयों कदे समदान एक नकर्थट मगुझदे चदयदा गयदा और कहदा गयदा चक उठ! ईश्वर कदे मचन्दर कमो
और वदेदही कमो और उसममें कदे भजिन करनदेहदारयों कमो नदाप॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 11। आ॰ 1॥

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(समहीकक) यहदासं तमो क्यदा परन्तगु ईसदाइययों कदे तमो स्वगर्थ ममें भही मचन्दर बनदायदे और नदापदे जिदातदे हमैं। अच्छदा हहै ,
उनकदा जिहैसदा स्वगर्थ वहैसही हही बदातमें हमैं। इसहीचलए यहदासं प्रभगुभमोजिन ममें ईसदा कदे शरहीरदावयव मदासंस लमोहह ककी भदावनदा करकदे
खदातदे पहीतदे हमैं और चगजिदार्थ ममें भही क्रभूश आचद कदा आकदार बनदानदा आचद भही बगुतपरस्तही हहै॥114॥
115—और स्वगर्थ ममें ईश्वर कदा मचन्दर खमोलदा गयदा और उसकदे चनयम कदा सन्दक
भू उसकदे मचन्दर ममें
चदखदाई चदयदा॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 11। आ॰ 19॥
(समहीकक) स्वगर्थ ममें जिमो मचन्दर हहै समो हर समय बन्द रहतदा हमोगदा। कभही-कभही खमोलदा जिदातदा हमोगदा। क्यदा
परमदेश्वर कदा भही कमोई मचन्दर हमो सकतदा हहै ? जिमो वदेदमोक्त परमदात्मदा सवर्थव्यदापक हहै उसकदा कमोई भही मचन्दर नहह हमो
सकतदा। हदासं! ईसदाइययों कदा जिमो परमदेश्वर आकदारवदालदा हहै उसकदा चदाहदे स्वगर्थ ममें हमो चदाहदे भभूचम ममें। और जिहैसही लहीलदा टसं
टनम् पभूसं पभूसं ककी यहदासं हमोतही हहै वहैसही हही ईसदाइययों कदे स्वगर्थ ममें भही। और चनयम कदा सन्दक
भू भही कभही-कभही ईसदाई लमोग
ददेखतदे हयोंगदे। उससदे न जिदानदे क्यदा प्रयमोजिन चसद्ध करतदे हयोंगदे ? सच तमो यह हहै चक यदे सब बदातमें मनगुष्ययों कमो लगुभदानदे ककी
हमैं॥115॥
116—और एक बड़दा आश्चयर्थ स्वगर्थ ममें चदखदाई चदयदा अथदार्थतम् एक सही जिमो सभूयर्थ पचहनदे हहै और चदासंद
उसकदे पदासंवयों तलदे हहै और उसकदे चसर पर बदारह तदारयों कदा मगुकगुट हहै॥और वह गभर्थवतही हमोकदे चचलदातही हहै क्ययोंचक प्रसव
ककी पहीड़दा उसदे लगही और वह जिननदे कमो पहीचड़त हहै॥और द स भू रदा आश्चयर्थ स्वगर्थ ममें चदखदाई चदयदा और ददेखमो एक बड़दा
लदाल अजिगर हहै चजिसकदे सदात चसर और दस सहग हमैं और उसकदे चसरयों पर सदात रदाजिमगुकगुट हमैं॥और उसककी पभूसंछ नदे
आकदाश कदे तदारयों ककी एक चतहदाई कमो खहच कदे उन्हमें पकचथवही पर डदालदा॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 12। आ॰ 1। 2। 3। 4॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे लम्बदे चचौड़दे गपमोड़दे! इनकदे स्वगर्थ ममें भही चवचदारही सही चचलदातही हहै। उसकदा दमःगु ख
कमोई नहह सगुनतदा, न चमटदा सकतदा हहै। और उस अजिगर ककी पभूसंछ चकतनही बड़ही थही चजिसनदे एक चतहदाई तदारयों कमो
पकचथवही पर डदालदा? भलदा! पकचथवही तमो छमोटही हहै और तदारदे भही बडदेडे़-बड़दे लमोक हमैं। इस पकचथवही पर एक भही नहह समदा
सकतदा। चकन्तगु यहदासं यहही अनगुमदान करनदा चदाचहयदे चक यदे तदारयों ककी चतहदाई इस बदात कदे चलखनदे वदालदे कदे घर पर चगरदे
हयोंगदे और चजिस अजिगर ककी पभूसंछ इतनही बड़ही थही चजिससदे सब तदारयों ककी चतहदाई लपदेट कर भभूचम पर चगरदा दही वह
अजिगर भही उसही कदे घर ममें रहतदा हमोगदा॥116॥

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117—और स्वगर्थ ममें यगुद्ध हह आ महीखदायदेल और उसकदे दतभू अजिगर सदे लडदेडे़ और अजिगर और उसकदे
दतभू लड़दे॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 12। आ॰ 7॥
(समहीकक) जिमो कमोई ईसदाइययों कदे स्वगर्थ ममें जिदातदा हमोगदा वह भही लड़दाई ममें दमःगु ख पदातदा हमोगदा। ऐसदे स्वगर्थ ककी
यहह सदे आशदा छमोड़ हदाथ जिमोड़ बहैठ रहमो। जिहदासं शदाचन्तभसंग और उपद्रव मचदा रहदे वह ईसदाइययों कदे यमोग्य हहै॥117॥
118—और वह बड़दा अजिगर चगरदायदा गयदा। हदासं ! वह प्रदाचहीन सदासंप जिमो चदयदाबल और शहैतदान कहदावतदा
हहै जिमो सदारदे ससंसदार कदा भरमदानदेहदारदा हहै॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 12। आ॰ 9॥
(समहीकक) क्यदा जिब वह शहैतदान स्वगर्थ ममें थदा तब लमोगयों कमो नहह भरमदातदा थदा? और उसकमो जिन्म भर
बन्दहीगकह ममें चघरदा अथवदा मदार क्ययों न डदालदा? उसकमो पकचथवही पर क्ययों डदाल चदयदा? जिमो सब ससंसदार कदा भरमदानदे
वदालदा शहैतदान हहै तमो शहैतदान कमो भरमदानदे वदालदा कचौन हहै? यचद शहैतदान स्वयसं भमदार्थ हहै तमो शहैतदान कदे चवनदा भरमनदेहदारदे
भमर्त्तेंगदे और जिमो भरमदानदेहदारदा परमदेश्वर हहै तमो वह ईश्वर हही नहह ठहरदा। चवचदत तमो यह हमोतदा हहै चक ईसदाइययों कदा ईश्वर
भही शहैतदान सदे डरतदा हमोगदा क्ययोंचक जिमो शहैतदान सदे प्रबल हहै तमो ईश्वर नदे उसकमो अपरदाध करतदे समय हही दण्ड क्ययों न
चदयदा? जिगतम् ममें शहैतदान कदा चजितनदा रदाजि हहै उसकदे सदामनदे सहस्रदासंश भही ईसदाइययों कदे ईश्वर कदा रदाजि नहह। इसहीचलयदे
ईसदाइययों कदा ईश्वर उसदे हटदा नहह सकतदा हमोगदा। इससदे यह चसद्ध हह आ चक जिहैसदा इस समय कदे रदाज्यदाचधकदारही ईसदाई
डदाकभू चमोर आचद कमो शहीघ्र दण्ड ददेतदे हमैं वहैसदा भही ईसदाइययों कदा ईश्वर नहह। पगुनमः कचौन ऐसदा चनबगुर्थचद्ध मनगुष्य हहै जिमो
वहैचदक मत कमो छमोड़ पमोकल ईसदाई मत स्वहीकदार करदे?॥118॥
119—हदाय पकचथवही और समगुद्र कदे चनवदाचसयमो! क्ययोंचक शहैतदान तगुम पदास उतरदा हहै॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 12। आ॰ 12॥
(समहीकक) क्यदा वह ईश्वर वहह कदा रकक और स्वदामही हहै ? पकचथवही कदे मनगुष्यदाचद प्रदाचणययों कदा रकक
और स्वदामही नहह हहै? यचद भभूचम कदा भही रदाजिदा हहै तमो शहैतदान कमो क्ययों न मदार सकदा? ईश्वर ददेखतदा रहतदा हहै और
शहैतदान बहकदातदा चफरतदा हहै तमो भही उसकमो वजिर्थतदा नहह॥चवचदत तमो यह हमोतदा हहै चक एक अच्छदा ईश्वर और एक
भू रदा ईश्वर हमो रहदा हहै॥119॥
समथर्थ दष्टगु दस

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120—और बयदालहीस मदास लयों यगुद्ध करनदे कदा अचधकदार उसदे चदयदा गयदा॥और उसनदे ईश्वर कदे चवरुद्ध
चनन्ददा करनदे कमो अपनदा मगुहसं खमोलदा चक उसकदे नदाम ककी और उसकदे तम्बभू ककी और स्वगर्थ ममें वदास करनदेहदारयों ककी
चनन्ददा करदे॥और उसकमो यह चदयदा गयदा चक पचवत्र लमोगयों सदे यगुद्ध करदे और उन पर जिय करदे और हर एक कगु ल और
भदाषदा और ददेश पर उसकमो अचधकदार चदयदा गयदा॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 13। आ॰ 5। 6। 7॥
(समहीकक) भलदा! जिमो पकचथवही कदे लमोगयों कमो बहकदानदे कदे चलयदे शहैतदान और पशगु आचद कमो भदेजिदे और
पचवत्र मनगुष्ययों सदे यगुद्ध करदावदे वह कदाम डदाकगुओसं कदे सरददार कदे समदान हहै वदा नहह। ऐसदा कदाम ईश्वर वदा ईश्वर कदे भक्तयों
कदा नहह हमो सकतदा॥120॥
121—और ममैंनदे दृचष्ट ककी और ददेखमो मदेम्नदा चसयमोन पवर्थत पर खड़दा हहै और उसकदे ससंग एक लदाख
चवदालहीस सहस्र जिन थदे चजिनकदे मदाथदे पर उसकदा नदाम और उसकदे चपतदा कदा नदाम चलखदा हहै॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 14। आ॰ 1॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! जिहदासं ईसदा कदा बदाप रहतदा थदा वहह उसही चसयमोन पहदाड़ पर उसकदा लड़कदा भही
रहतदा थदा। परन्तगु एक लदाख चवदालहीस सहस्र मनगुष्ययों ककी गणनदा कर ककी? एक लदाख चवदालहीस सहस्र हही स्वगर्थ कदे
वदासही हह ए। शदेष करमोड़यों ईसदाइययों कदे चशर पर न ममोहर लगही? क्यदा यदे सब नरक ममें गयदे? ईसदाइययों कमो चदाचहयदे चक
चसयमोन पवर्थत पर जिदाकदे ददेखमें चक ईसदा कदा उक्त बदाप और उनककी सदेनदा वहदासं हहै वदा नहह? जिमो हयों तमो यह लदेख ठहीक
हहै; नहह तमो चमथ्यदा। यचद कहह सदे वहदासं आयदा हहै तमो कहदासं सदे आयदा? जिमो कहमो स्वगर्थ सदे; तमो क्यदा वदे पकही हमैं चक
इतनही बड़ही सदेनदा और आप ऊपर नहीचदे उड़ कर आयदा जिदायदा करमें ? यचद वह आयदा जिदायदा करतदा हहै तमो एक चजिलदे
कदे न्यदायदाधहीश कदे समदान हह आ। और वह एक दमो यदा तहीन हमो तमो नहह बन सकदे गदा चकन्तगु न्यभून एक-एक भभूगमोल ममें
एक-एक ईश्वर चदाचहए। क्ययोंचक एक दमो तहीन अनदेक ब्रह्मदाण्डयों कदा न्यदाय करनदे और सवर्थत्र यगुगपतम् घभूमनदे ममें समथर्थ
कभही नहह हमो सकतदे॥121॥
122—आत्मदा कहतदा हहै हदासं चक वदे अपनदे पररश्रम सदे चवश्रदाम करमेंगदे परन्तगु उनकदे कदायर्थ उनकदे ससंग हमो
लदेतदे हमैं॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 14। आ॰ 13॥

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(समहीकक) ददेचखयदे! ईसदाइययों कदा ईश्वर तमो कहतदा हहै उनकदे कमर्थ उन कदे ससंग रहमेंगदे अथदार्थतम् कमदार्थनगुसदार
फल सब कमो चदयदे जिदायमेंगदे और यदे लमोग कहतदे हमैं चक ईसदा पदापयों कमो लदे लदेगदा और कमदा भही चकयदे जिदायमेंगदे। यहदासं
बगुचद्धमदानम् चवचदारमें चक ईश्वर कदा वचन सच्चिदा वदा ईसदाइययों कदा? एक बदात ममें दमोनयों तमो सच्चिदे हमो हही नहह सकतदे। इनममें सदे
एक झभूठदा अवश्य हमोगदा। हम कमो क्यदा! चदाहदे ईसदाइययों कदा ईश्वर झभूठदा हमो वदा ईसदाई लमोग॥122॥
123—और उसदे ईश्वर कदे कमोप कदे बडदेडे़ रस कदे कगु ण्ड ममें डदालदा। और रस कदे कगु ण्ड कदा रचौंदन नगर कदे
बदाहर चकयदा गयदा और रस कदे कगु ण्ड ममें सदे घमोड़यों कदे लगदाम तक लमोहह एक सचौ कमोश तक बह चनकलदा॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 14। आ॰ 19। 20॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! इनकदे गपमोड़दे पगुरदाणयों सदे भही बढ़कर हमैं वदा नहह?
ईसदाइययों कदा ईश्वर कमोप करतदे समय बहह त दमःगु चखत हमो जिदातदा हमोगदा और उसकदे कमोप कदे कगु ण्ड भरदे हमैं क्यदा
उसकदा कमोप जिल हहै? वदा अन्य द्रचवत पददाथर्थ हहै चक चजिससदेदे कगु ण्ड भरदे हमैं? और सचौ कमोश तक रुचधर कदा बहनदा
असम्भव हहै क्ययोंचक रुचधर वदायगु लगनदे सदे झट जिम जिदातदा हहै पगुनमः क्ययों कर बह सकतदा हहै ? इसचलयदे ऐसही बदातमें
चमथ्यदा हमोतही हमैं॥123॥
124—और ददेखमो स्वगर्थ ममें सदाकही कदे तम्बभू कदा मचन्दर खमोलदा गयदा॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 15। आ॰ 5॥
(समहीकक) जिमो ईसदाइययों कदा ईश्वर सवर्थज हमोतदा तमो सदाचकययों कदा क्यदा कदाम? क्ययोंचक वह स्वयसं सब कगु छ
जिदानतदा हमोतदा। इससदे सवर्थथदा यहही चनश्चय हमोतदा हहै चक इनकदा ईश्वर सवर्थज नहह चकन्तगु मनगुष्यवतम् अल्पज हहै। वह
ईश्वरतदा कदा क्यदा कदाम कर सकतदा हहै ? नचहसं नचहसं नचहसं, और इसही प्रकरण ममें दतभू यों ककी बड़ही-बड़ही असम्भव बदातमें
चलखही हमैं उनकमो सत्य कमोई नहह मदान सकतदा। कहदासं तक चलखमें इस प्रकरण ममें सवर्थथदा ऐसही हही बदातमें भरही हमैं॥
124॥
125—और ईश्वर नदे उसकदे कगु कमर्यों कमो स्मरण चकयदा हहै॥जिहैसदा उसनदे तगुम्हमें चदयदा हहै तहैसदा उसकमो भर
ददेओ और उसकदे कमर्यों कदे अनगुसदार दनभू दा उसदे ददे ददेओ॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 18। आ॰ 5। 6॥

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(समहीकक) ददेखमो! प्रत्यक ईसदाइययों कदा ईश्वर अन्यदायकदारही हहै। क्ययोंचक न्यदाय उसही कमो कहतदे हमैं चक
चजिसनदे जिहैसदा वदा चजितनदा कमर्थ चकयदा उसकमो वहैसदा और उतनदा हही फल ददेनदा। उससदे अचधक न्यभून ददेनदा अन्यदाय हहै।
जिमो अन्यदायकदारही ककी उपदासनदा करतदे हमैं वदे अन्यदायकदारही क्ययों न हयों॥125॥
126—क्ययोंचक मदेम्नदे कदा चववदाह आ पहह संचदा हहै और उसककी सही नदे अपनदे कमो तहैयदार चकयदा हहै॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 19। आ॰ 7॥
(समहीकक) अब सगुचनयदे! ईसदाइययों कदे स्वगर्थ ममें चववदाह भही हमोतदे हमैं! क्ययोंचक ईसदा कदा चववदाह ईश्वर नदे वहह
चकयदा। पभूछनदा चदाचहयदे चक उसकदे श्वसगुर, सदासभू, शदालदाचद कचौन थदे और लड़कदे बदालदे चकतनदे हह ए? और वहीयर्थ कदे
नदाश हमोनदे सदे बल, बगुचद्ध, परदाक्रम आयगु आचद कदे भही न्यभून हमोनदे सदे अब तक ईसदा नदे वहदासं शरहीर त्यदाग चकयदा हमोगदा
क्ययोंचक ससंयमोगजिन्य पददाथर्थ कमो चवयमोग अवश्य हमोतदा हहै। अब तक ईसदाइययों नदे उसकदे चवश्वदास ममें धमोखदा खदायदा और न
जिदानदे कब तक धमोखदे ममें रहमेंगदे॥126॥
127—और उसनदे अजिगर कमो अथदार्थतम् प्रदाचहीन सदासंप कमो जिमो चदयदाबल और शहैतदान हहै पकड़ कदे उसदे
सहस्र वषर्थ लयों बदासंध रक्खदा॥और उसकमो अथदाह कगु ण्ड ममें डदालदा और बन्द करकदे उसदे छदाप दही चजिसतमें वह जिब लयों
सहस्र वषर्थ पभूरदे न हयों तब लयों चफर ददेशयों कदे लमोगयों कमो न भरमदावदे॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 20। आ॰ 2। 3॥
(समहीकक) ददेखमो! मरूसं मरूसं करकदे शहैतदान कमो पकड़दा और सहस्र वषर्थ तक बन्ध चकयदा; चफर भही
छभूटदेगदा। क्यदा चफर न भरमदावदेगदा? ऐसदे दष्टगु कमो तमो बन्दहीगकह ममें हही रखनदा वदा मदारदे चवनदा छमोड़नदा हही नहह। परन्तगु यह
शहैतदान कदा हमोनदा ईसदाइययों कदा भ्रममदात्र हहै वदास्तव ममें कगु छ भही नहह। कदे वल लमोगयों कमो डरदा कदे अपनदे जिदाल ममें लदानदे कदा
उपदाय रचदा हहै। जिहैसदे चकसही धभूत्तर्थ नदे चकन्हह भमोलदे मनगुष्य सदे कहदा चक चलमो! तगुमकमो ददेवतदा कदा दशर्थन करदाऊसं। चकसही
एकदान्त ददेश ममें लदे जिदाकदे एक मनगुष्य कमो चतगुभगुर्थजि बनदा कर रक्खदा। भदाड़ही ममें खड़दा करकदे कहदा चक आसंख महीच लमो।
जिब ममैं कहह सं तब खमोलनदा और चफर जिब कहह ह तभही महीच लमो। जिमो न महीचदेगदा वह अन्धदा हमो जिदायदेगदा। वहैसही इन मत
वदालयों ककी बदातमें हमैं चक जिमो हमदारदा मजिहब न मदानदेगदा वह शहैतदान कदा बहकदायदा हह आ हहै। जिब वह सदामनदे आयदा तब कहदा
ददेखमो! और पगुनमः शहीघ्र कहदा चक महीच लमो। जिब चफर भदाड़ही ममें चछप गयदा तब कहदा खमोलमो! ददेखदा नदारदायण कमो, सब
नदे दशर्थन चकयदा! वहैसही लहीलदा मजिहचबययों ककी हहै। इसचलयदे इनककी मदायदा ममें चकसही कमो न फसंसनदा चदाचहयदे॥127॥
128—चजिसकदे सम्मगुख सदे पकचथवही और आकदाश भदाग गयदे और उनकदे चलयदे जिगह न चमलही॥और ममैंनदे
क्यदा छमोटदे क्यदा बड़दे सब मकतकयों कमो ईश्वर कदे आगदे खड़दे ददेखदा और पगुस्तक खमोलदे गयदे और द सभू रदा पगुस्तक अथदार्थतम्
जिहीवन कदा पगुस्तक खमोलदा गयदा और पगुस्तकयों ममें चलखही हह ई बदातयों सदे मकतकयों कदा चवचदार उनकदे कमर्यों कदे अनगुसदार
चकयदा गयदा॥
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—यमो॰ प्र॰ प॰ 20। आ॰ 11। 12॥


(समहीकक) यह ददेखमो लड़कपन ककी बदात! भलदा पकचथवही और आकदाश कहै सदे भदाग सकमें गदे? और वदे चकस
पर ठहरमेंगदे? चजिनकदे सदामनदे सदे भगदे। और उसकदा चससंहदासन और वह कहदाह ठहरदा? और मगुदर्वे परमदेश्वर कदे सदामनदे
खड़दे चकयदे गयदे तमो परमदेश्वर भही बहैठदा वदा खड़दा हमोगदा? क्यदा यहदासं ककी कचहरही और दक भू दान कदे समदान ईश्वर कदा
व्यवहदार हहै जिमो चक पगुस्तक लदेखदानगुसदार हमोतदा हहै? और सब जिहीवयों कदा हदाल ईश्वर नदे चलखदा वदा उसकदे गगुमदाश्तयों नदे?
ऐसही-ऐसही बदातयों सदे अनहीश्वर कमो ईश्वर और ईश्वर कमो अनहीश्वर ईसदाई आचद मत वदालयों नदे बनदा चदयदा॥128॥
129—उनममें सदे एक मदेरदे पदास आयदा और मदेरदे ससंग बमोलदा चक आ ममैं द ल
गु चहन कमो अथदार्थतम् मदेम्नदे ककी सही
कमो तगुझदे चदखदाऊसंगदा॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 21। आ॰ 9॥
(समहीकक) भलदा! ईसदा नदे स्वगर्थ ममें दल गु चहन अथदार्थतम् सही अच्छही पदाई, मचौजि करतदा हमोगदा। जिमो जिमो ईसदाई
वहदासं जिदातदे हयोंगदे उनकमो भही चसयदासं चमलतही हयोंगही और लड़कदे बदालदे हमोतदे हयोंगदे औदेर बहह त भहीड़ कदे हमो जिदानदे कदे कदारण
रमोगमोत्पचत्त हमोकर मरतदे भही हयोंगदे। ऐसदे स्वगर्थ कमो दरभू सदे हदाथ हही जिमोड़नदा अच्छदा हहै॥129॥
130—और उसनदे उस नल सदे नगर कमो नदापदा चक सदाढ़दे सदात सचौ कमोश कदा हहै। उसककी लम्बदाई और
चचौड़दाई और ऊहचदाई एक समदान हहै॥और उसनदे उसककी भहीत कमो मनगुष्य कदे अथदार्थतम् दतभू कदे नदाप सदे नदापदा चक एक सचौ
चवदालहीस हदाथ ककी हहै॥और उसककी भहीत ककी जिगुड़दाई सभूयर्थकदान्त ककी थही और नगर चनमर्थल समोनदे कदा थदा जिमो चनमर्थल
कदासंच कदे समदान थदा॥और नगर ककी भहीत ककी नदेवमें हर एक बहह मभूल्य पत्थर सदे सहवदारही हह ई थह। पचहलही नदेव सभूयर्थकदान्त
ककी थही; दस भू रही नहीलमचण ककी; तहीसरही लदालड़ही ककी, चचौथही मरकत ककी॥पदासंचवह गमोमददे क ककी, छठवह मदाचणक्य ककी,
सदातवह पहीतमचण ककी, आठवह पदेरमोजि ककी, नवह पगुखरदाजि ककी, दशवह लहसचनयदे ककी, ग्यदारहवह धभूमकदान्त ककी,
बदारहवह मटर्त्तीष ककी॥और बदारह फदाटक बदारह ममोतही थदे , एक-एक ममोतही सदे एक-एक फदाटक बनदा थदा और नगर ककी
सड़क स्वच्छ कदासंच कदे ऐसदे चनमर्थल समोनदे ककी थही॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 21। आ॰ 16। 17। 18। 19। 20। 21॥
(समहीकक) सगुनमो ईसदाइययों कदे स्वगर्थ कदा वणर्थन! यचद ईसदाई मरतदे जिदातदे और जिन्मतदे जिदातदे हमैं तमो इतनदे बड़दे
शहर ममें कहै सदे समदा सकमें गदे? क्ययोंचक उसममें मनगुष्ययों कदा आगम हमोतदा हहै और उससदे चनकलतदे नहह और जिमो यह
बहह मभूल्य रत्नयों ककी बनही हहई नगरही मदानही हहै और सवर्थ समोनदे ककी हहै इत्यदाचद लदेख कदे वल भमोलदे-भमोलदे मनगुष्ययों कमो बहकदा

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कर फसंसदानदे ककी लहीलदा हहै। भलदा लम्बदाई चचौड़दाई तमो उस नगर ककी चलखही समो हमो सकतही परन्तगु ऊहचदाई सदाढ़दे सदात सचौ
कमोश क्ययोंकर हमो सकतही हहै? यह सवर्थथदा चमथ्यदा कपमोलकल्पनदा ककी बदात हहै और इतनदे बड़दे ममोतही कहदासं सदे आयदे
हयोंगदे। इस लदेख कदे चलखनदे वदालदे कदे घर कदे घड़दे ममें सदे। यह गपमोड़दा पगुरदाण कदा भही बदाप हहै॥130॥
131—और कमोई अपचवत्र वस्तगु अथवदा चघचनत कमर्थ करनदेहदारदा अथवदा झभूठ पर चलनदे हदारदा उसममें
चकसही रहीचत सदे प्रवदेश न करदेगदा॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 21। आ॰ 27॥
(समहीकक) जिमो ऐसही बदात हहै तमो ईसदाई लमोग क्ययों कहतदे हमैं चक पदापही लमोग भही स्वगर्थ ममें ईसदाई हमोनदे सदे जिदा
सकतदे हमैं। यह बदात ठहीक नहह हहै। यचद ऐसदा हहै तमो यमोहन्नदा स्वप्नदे ककी चमथ्यदा बदातयों कदा करनदेहदारदा स्वगर्थ ममें प्रवदेश कभही
न कर सकदा हमोगदा और ईसदा भही स्वगर्थ ममें न गयदा हमोगदा क्ययोंचक जिब अकदे लदा पदापही स्वगर्थ कमो प्रदाप्त नहह हमो सकतदा तमो
जिमो अनदेक पदाचपययों कदे पदाप कदे भदार सदे यगुक्त हहै वह क्ययोंकर स्वगर्थवदासही हमो सकतदा हहै॥131॥
132—और अब कमोई श्रदाप न हमोगदा और ईश्वर कदा और मदेम्नदे कदा चससंहदासन उसममें हमोगदा और उसकदे
ददास उसककी सदेवदा करमेंगदे॥और ईश्वर उसकदा मगुसंह ददेखगमें दे और उसकदा नदाम उनकदे मदाथदे पर हमोगदा॥और वहदासं रदात न
हमोगही और उन्हमें दहीपक कदा अथवदा सभूयर्थ ककी ज्यमोचत कदा प्रयमोजिन नहह क्ययोंचक परमदेश्वर ईश्वर उन्हमें ज्यमोचत ददेगदा, वदे
सवर्थददा रदाज्य करमेंगदे॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 22। आ॰ 3। 4। 5॥
(समहीकक) ददेचखयदे यहही ईसदाइययों कदा स्वगर्थवदास! क्यदा ईश्वर और ईसदा चससंहदासन पर चनरन्तर बहैठदे
रहमेंगदे? और उनकदे ददास उनकदे सदामनदे सददा मगुसंह ददेखदा करमेंगदे। अब यह तमो कचहयदे तगुम्हदारदे ईश्वर कदा मगुसंह यभूरमोचपयन कदे
सदृश गमोरदा वदा अफकीकदा वदालयों कदे सदृश कदालदा अथवदा अन्य ददेश वदालयों कदे समदान हहै? यह तगुम्हदारदा स्वगर्थ भही बन्धन
हहै क्ययोंचक जिहदासं छमोटदाई बड़दाई हहै और उसही एक नगर ममें रहनदा अवश्य हहै तमो वहदासं द मःगु ख क्ययों न हमोतदा हमोगदा जिमो मगुख
वदालदा हहै वह ईश्वर सवर्थज सवर्वेश्वर कभही नहह हमो सकतदा॥132॥
133—ददेख! ममैं शहीघ्र आतदा हह ह और मदेरदा प्रचतफल मदेरदे सदाथ हहै चजिसतमें हर एक कमो जिहैसदा उसकदा कदायर्थ
ठहरदेगदा वहैसदा फल ददेऊसंगदा॥
—यमो॰ प्र॰ प॰ 22। आ॰ 12॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः त्रयमोदशमः समगुल दासमः
957

(समहीकक) जिब यहही बदात हहै चक कमदार्थनगुसदार फल पदातदे हमैं तमो पदापयों ककी कमदा कभही नहह हमोतही और जिमो
कमदा हमोतही हहै तमो इञ्जहील ककी बदातमें झभूठही। यचद कमोई कहदे चक कमदा करनदा भही इञ्जहील ममें चलखदा हहै तमो पभूवदार्थपर चवरुद्ध
अथदार्थतम् ‘हल्फदरमोगही’ हह ई तमो झभूठ हहै। इसकदा मदाननदा छमोड़ ददेओ। अब कहदासं तक चलखमें इनककी बदाइबल ममें लदाखयों बदातमें
खण्डनहीय हमैं। यह तमो थमोड़दा सदा चचह मदात्र ईसदाइययों ककी बदाइबल पगुस्तक कदा चदखलदायदा हहै। इतनदे हही सदे बगुचद्धमदानम्
लमोग बहह त समझ लमेंगदे। थमोड़ही सही बदातयों कमो छमोड़ शदेष सब झभूठ भरदा हहै। जिहैसदे झभूठ कदे ससंग सदे सत्य भही शगुद्ध नहह
रहतदा वहैसदा हही बदाइबल पगुस्तक भही मदाननहीय नहह हमो सकतदा चकन्तगु वह सत्य तमो वदेदयों कदे स्वहीकदार ममें गकहहीत हमोतदा हही
हहै॥133॥

इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमचनचमर्थत दे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे


कक श्चहीनमतचवषयदे
त्रयमोदशमः समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥13॥

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144004
अनगुभ भूच मकदा (4)

जिमो यह 14 चचौदहवदासं समगुलदास मगुसलमदानयों कदे मतचवषय ममें चलखदा हहै समो कदे वल कगु रदान कदे अचभप्रदाय सदे।
अन्य ग्रन्थ कदे मत सदे नहह क्ययोंचक मगुसलमदान कगु रदान पर हही पभूरदा-पभूरदा चवश्वदास रखतदे हमैं यदचप चफरकदे हमोनदे कदे
कदारण चकसही शब्द अथर्थ आचद चवषय ममें चवरुद्ध बदात हहै तथदाचप कगु रदान पर सब ऐकमत्य हमैं।
जिमो कगु रदान अबर्त्ती भदाषदा ममें हहै उस पर मचौलचवययों नदे उदर्थभू ममें अथर्थ चलखदा हहै, उस अथर्थ कदा ददेवनदागरही अकर
और आयर्थभदाषदान्तर करदा कदे पश्चदातम् अबर्त्ती कदे बड़दे-बड़दे चवद्विदानयों सदे शगुद्ध करवदा कदे चलखदा गयदा हहै। यचद कमोई कहदे चक
यह अथर्थ ठहीक नहह हहै तमो उस कमो उचचत हहै चक मचौलवही सदाहबयों कदे तजिगुर्थमयों कदा पहलदे खण्डन करदे पश्चदातम् इस चवषय
पर चलखदे। क्ययोंचक यह लदेख कदे वल मनगुष्ययों ककी उन्नचत और सत्यदासत्य कदे चनणर्थय कदे चलयदे हहै। सब मतयों कदे चवषययों
कदा थमोड़दा-थमोड़दा जदान हमोवदे इससदे मनगुष्ययों कमो परस्पर चवचदार करनदे कदा समय चमलदे और एक द स भू रदे कदे दमोषयों कदा
खण्डन कर गगुणयों कदा ग्रहण करमें।
न चकसही अन्य मत पर न इस मत पर झभूठ मभूठ बगुरदाई यदा भलदाई लगदानदे कदा प्रयमोजिन हहै चकन्तगु जिमो-जिमो
भलदाई हहै वहही भलदाई और जिमो बगुरदाई हहै वहही बगुरदाई सब कमो चवचदत हमोवदे। न कमोई चकसही पर झभूठ चलदा सकदे और न
सत्य कमो रमोक सकदे और सत्यदासत्य चवषय प्रकदाचशत चकयदे पर भही चजिस ककी इच्छदा हमो वह न मदानदे वदा मदानदे। चकसही
पर बलदात्कदार नहह चकयदा जिदातदा।
और यहही सज्जनयों ककी रहीचत हहै चक अपनदे वदा परदायदे दमोषयों कमो दमोष और गगुणयों कमो गगुण जिदानकर गगुणयों कदा ग्रहण
और दमोषयों कदा त्यदाग करमें। और हचठययों कदा हठ दरगु दागह न्यभून करमें करदावमें, क्ययोंचक पकपदात सदे क्यदा-क्यदा अनथर्थ जिगतम्
ममें न हह ए और न हमोतदे हमैं। सच तमो यह हहै चक इस अचनचश्चत कणभसंग जिहीवन ममें परदाई हदाचन करकदे लदाभ सदे स्वयसं ररक्त
रहनदा और अन्य कमो रखनदा मनगुष्यपन सदे बचहमः हहै।
इसममें जिमो कगु छ चवरुद्ध चलखदा गयदा हमो उस कमो सज्जन लमोग चवचदत कर दमेंगदे तत्पश्चदातम् जिमो उचचत हमोगदा तमो
मदानदा जिदायदेगदा क्ययोंचक यह लदेख हठ, दरगु दाग्रह, ईष्यदार्थ, द्विदेष, वदाद-चववदाद और चवरमोध घटदानदे कदे चलयदे चकयदा गयदा हहै
न चक इन कमो बढ़दानदे कदे अथर्थ। क्ययोंचक एक दस भू रदे ककी हदाचन करनदे सदे पकथकम् रह परस्पर कमो लदाभ पहह हचदानदा हमदारदा
मगुख्य कमर्थ हहै। अब यह 14 चचौदहवमें समगुलदास ममें मगुसलमदानयों कदा मतचवषय सब सज्जनयों कदे सदामनदे चनवदेदन करतदा
हह ह। चवचदार कर इष्ट कदा ग्रहण अचनष्ट कदा पररत्यदाग ककीचजियदे।
अलमचतचवस्तरदेण बगुच द्धमद्विय्यर्वेष गु।
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः अनगुभ चभू मकदा (4)
959

इत्यनगुभ चभू मकदा॥

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144004
अथ चतगुद र्थश समगुल दासदारम्भमः
अथ यवनमतचवषयसं व्यदाख्यदास्यदाममः

इसकदे आगदे मगुसलमदानयों कदे मतचवषय ममें चलखमेंगदे—


1—आरम्भ सदाथ नदाम अलदाह कदे कमदा करनदे वदालदा दयदालगु॥
—मसंचजिल 1। चसपदारदा 1। सभूरत 1॥
(समहीकक) मगुसलमदान लमोग ऐसदा कहतदे हमैं चक यह कगु रदान खगुददा कदा कहदा हहै परन्तगु इस वचन सदे चवचदत
हमोतदा हहै चक इस कमो बनदानदे वदालदा कमोई दसभू रदा हहै क्ययोंचक जिमो परमदेश्वर कदा बनदायदा हमोतदा तमो “आरम्भ सदाथ नदाम
अलदाह कदे ” ऐसदा न कहतदा चकन्तगु “आरम्भ वदास्तदे उपददेश मनगुष्ययों कदे ” ऐसदा कहतदा। यचद मनगुष्ययों कमो चशकदा करतदा
हहै चक तगुम ऐसदा कहमो तमो भही ठहीक नहह। क्ययोंचक इस सदे पदाप कदा आरम्भ भही खगुददा कदे नदाम सदे हमोकर उसकदा नदाम भही
दचभू षत हमो जिदाएगदा।
जिमो वह कमदा और दयदा करनदेहदारदा हहै तमो उसनदे अपनही सकचष्ट ममें मनगुष्ययों कदे सगुखदाथर्थ अन्य प्रदाचणययों कमो मदार ,
ददारुण पहीड़दा चदलदा कर, मरवदा कदे मदासंस खदानदे ककी आजदा क्ययों दही? क्यदा वदे प्रदाणही अनपरदाधही और परमदेश्वर कदे
बनदायदे हह ए नहह हमैं? और यह भही कहनदा थदा चक “परमदेश्वर कदे नदाम पर अच्छही बदातयों कदा आरम्भ” बगुरही बदातयों कदा
नहह। इस कथन ममें गमोलमदाल हहै। क्यदा चमोरही, जिदारही, चमथ्यदाभदाषणदाचद अधमर्थ कदा भही आरम्भ परमदेश्वर कदे नदाम पर
चकयदा जिदाय? इसही सदे ददेख लमो कसदाई आचद मगुसलमदान, गदाय आचद कदे गलदे कदाटनदे ममें भही ‘चबचस्मलदाह’ इस वचन
कमो पढ़तदे हमैं। जिमो यहही इसकदा पभूवर्वोक्त अथर्थ हहै तमो बगुरदाइययों कदा आरम्भ भही परमदेश्वर कदे नदाम पर मगुसलमदान करतदे हमैं
और मगुसलमदानयों कदा ‘खगुददा’ दयदालगु भही न रहदेगदा क्ययोंचक उस ककी दयदा उन पशगुओसं पर न रहही। और जिमो मगुसलमदान
लमोग इस कदा अथर्थ नहह जिदानतदे तमो इस वचन कदा प्रकट हमोनदा व्यथर्थ हहै। यचद मगुसलमदान लमोग इस कदा अथर्थ और करतदे
हमैं तमो सभूधदा अथर्थ क्यदा हहै? इत्यदाचद॥1॥
2—सब स्तगुचत परमदेश्वर कदे वदास्तदे हमैं जिमो परवरचदगदार अथदार्थतम् पदालन करनदेहदारदा हहै सब ससंसदार कदा॥कमदा
करनदे वदालदा दयदालगु हहै॥
—मसं॰ 1। —चस॰ 1। सभूरतगुल्फदाचतहदा आयत 1। 2॥
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

(समहीकक) जिमो कगु रदान कदा खगुददा ससंसदार कदा पदालन करनदे हदारदा हमोतदा और सब पर कमदा और दयदा करतदा
हमोतदा तमो अन्य मत वदालदे और पशगु आचद कमो भही मगुसलमदानयों कदे हदाथ सदे मरवदानदे कदा हहक्म न ददेतदा। जिमो कमदा
करनदेहदारदा हहै तमो क्यदा पदाचपययों पर भही कमदा करदेगदा? और जिमो वहैसदा हहै तमो आगदे चलखमेंगदे चक “कदाचफरयों कमो कतल
करमो” अथदार्थतम् जिमो कगु रदान और पहैगम्बर कमो न मदानमें वदे कदाचफर हमैं ऐसदा क्ययों कहतदा? इसचलयदे कगु रदान ईश्वरकक त नहह
दहीखतदा॥2॥
3—मदाचलक चदन न्यदाय कदा॥तगुझ हही कमो हम भचक्त करतदे हमैं और तगुझ हही सदे सहदाय चदाहतदे हमैं॥चदखदा हम
कमो सहीधदा रदास्तदा॥
—मसं॰1। चस॰ 1। सभू॰ 1। आ॰ 3। 4। 5॥
(समहीकक) क्यदा खगुददा चनत्य न्यदाय नहह करतदा? चकसही एक चदन न्यदाय करतदा हहै? इस सदे तमो अन्धदेर
चवचदत हमोतदा हहै! उसही ककी भचक्त करनदा और उसही सदे सहदाय चदाहनदा तमो ठहीक परन्तगु क्यदा बगुरही बदात कदा भही सहदाय
चदाहनदा? और सभूधदा मदागर्थ एक मगुसलमदानयों हही कदा हहै वदा दस भू रदे कदा भही? सभूधदे मदागर्थ कमो मगुसलमदान क्ययों नहह ग्रहण
करतदे? क्यदा सभूधदा रदास्तदा बगुरदाई ककी ओर कदा तमो नहह चदाहतदे ? यचद भलदाई सब ककी एक हहै तमो चफर मगुसलमदानयों हही
ममें चवशदेष कगु छ न रहदा और जिमो दस भू रयों ककी भलदाई नहह मदानतदे तमो पकपदातही हमैं॥3॥
4—चदखदा उन लमोगयों कदा रदास्तदा चक चजिन पर तभूनदे चनआमत ककी॥और उनकदा मदागर्थ मत चदखदा चक चजिन कदे
ऊपर तभू नदे गजिब अथदार्थतम् अत्यन्त क्रमोध ककी दृचष्ट ककी और न गगुमरदाहयों कदा मदागर्थ हमकमो चदखदा॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 1। आ॰ 6। 7॥
(समहीकक) जिब मगुसलमदान लमोग पभूवर्थजिन्म और पभूवर्थककत पदाप पगुण्य नहह मदानतदे तमो चकन्हह पर चनआमत
अथदार्थतम् फजिल वदा दयदा करनदे और चकन्हह पर न करनदे सदे खगुददा पकपदातही हमो जिदायगदा। क्ययोंचक चवनदा पदाप -पगुण्य सगुख-
दमःगु ख ददेनदा कदे वल अन्यदाय ककी बदात हहै। और चबनदा कदारण चकसही पर दयदा और चकसही पर क्रमोधदृचष्ट करनदा भही
स्वभदाव सदे बचहमः हहै क्ययोंचक चवनदा भलदाई बगुरदाई कदे वह दयदा अथवदा क्रमोध नहह कर सकतदा और जिब उनकदे पभूवर्थ
ससंचचत पगुण्य पदाप हही नहह तमो चकसही पर दयदा और चकसही पर क्रमोध करनदा नहह हमो सकतदा। और इस सभूरत ककी
चटप्पन पर यह “सभूर मः अलदाह सदाहदेब नदे मनगुष् ययों कदे मगुख सदे कहलदाई चक सददा इस प्रकदार सदे कहदा करमें” जिमो
यह बदात हहै तमो ‘अचलफ बदे’ आचद अकर भही खगुददा हही नदे पढ़दायदे हयोंगदे, जिमो कहमो चक नहह तमो चवनदा अकर जदान कदे
इस सभूरमः कमो कहै सदे पढ़ सकदे ? क्यदा कण्ठ हही सदे बगुलदायदे और बमोलतदे गयदे ? जिमो ऐसदा हहै तमो सब कगु रदान हही कण्ठ सदे
पढ़दायदा हमोगदा। इस सदे ऐसदा समझनदा चदाचहयदे चक चजिस पगुस्तक ममें पकपदात ककी बदातमें पदाई जिदायमें वह पगुस्तक ईश्वरकक त
नहह हमो सकतदा। जिहैसदा चक अरबही भदाषदा ममें उतदारनदे सदे अरब वदालयों कमो इस कदा पढ़नदा सगुगम, अन्य भदाषदा बमोलनदे
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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

वदालयों कमो कचठन हमोतदा हहै। इसही सदे खगुददा ममें पकपदात आतदा हहै। और जिहैसदे परमदेश्वर नदे सकचष्टस्थ सब ददेशस्थ मनगुष्ययों
पर न्यदायदृचष्ट सदे सब ददेशभदाषदाओसं सदे चवलकण ससंस्कक त भदाषदा चक जिमो सब ददेशवदालयों कदे चलयदे एक सदे पररश्रम सदे
चवचदत हमोतही हहै उसही ममें वदेदयों कदा प्रकदाश चकयदा हहै, यह करतदा तमो कगु छ भही दमोष नहह हमोतदा॥4॥
5—यह पगुस्तक चक चजिस ममें सन्ददेह नहह; परहदेजिगदारयों कमो मदागर्थ चदखलदातही हहै॥जिमो चक ईमदान लदातदे हमैं
सदाथ गहैब (परमोक) कदे , नम डे़दाजि पढ़तदे, और उस वस्तगु सदे जिमो हम नदे दही खचर्थ करतदे हमैं॥और वदे लमोग जिमो उस चकतदाब
पर ईमदान लदातदे हमैं जिमो रखतदे हमैं तदेरही ओर वदा तगुझ सदे पचहलदे उतदारही गई, और चवश्वदास कयदामत पर रखतदे हमैं॥यदे लमोग
अपनदे मदाचलक ककी चशकदा पर हमैं और यदे हही छगु टकदारदा पदानदे वदालदे हमैं॥चनश्चय जिमो कदाचफर हह ए उन पर तदेरदा डरदानदा न
डरदानदा समदान हहै। वदे ईमदान न लदावमेंगदे॥अलदाह नदे उन कदे चदलयों, कदानयों पर ममोहर कर दही और उन ककी आसंखयों पर पददार्थ
हहै और उन कदे वदास्तदे बड़दा अज़दाब हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰1। सभूरत 2। आ॰ 1। 2। 3। 4। 5। 6। 7॥
(समहीकक) क्यदा अपनदे हही मगुख सदे अपनही चकतदाब ककी प्रशसंसदा करनदा खगुददा ककी दम्भ ककी बदात नहह? जिब
‘परहदेज़गदार’ अथदार्थतम् धदाचमर्थक लमोग हमैं वदे तमो स्वतमः सच्चिदे मदागर्थ पर हमैं और जिमो झभूठदे मदागर्थ पर हमैं उन कमो यह कगु रदान मदागर्थ
हही नहह चदखलदा सकतदा, चफर चकस कदाम कदा रहदा?॥1॥क्यदा पदाप पगुण्य और पगुरुषदाथर्थ कदे चवनदा खगुददा अपनदे हही
खजिदानदे सदे खचर्थ करनदे कमो ददेतदा हहै? जिमो ददेतदा हहै तमो सब कमो क्ययों नहह ददेतदा? और मगुसलमदान लमोग पररश्रम क्ययों
करतदे हमैं?॥2॥और जिमो बदाइबल इञ्जहील आचद पर चवश्वदास करनदा यमोग्य हहै तमो मगुसलमदान इञ्जहील आचद पर ईमदान
जिहैसदा कगु रदान पर हहै वहैसदा क्ययों नहह लदातदे? और जिमो लदातदे हमैं तमो कगु रदान1 कदा हमोनदा चकसचलयदे? जिमो कहमें चक कगु रदान ममें
अचधक बदातमें हमैं तमो पचहलही चकतदाब ममें चलखनदा खगुददा भभूल गयदा हमोगदा! और जिमो नहह भभूलदा तमो कगु रदान कदा बनदानदा
चनष्प्रयमोजिन हहै। और हम ददेखतदे हमैं तमो बदाइबल और कगु रदान ककी बदातमें कमोई -कमोई न चमलतही हयोंगही नहह तमो सब चमलतही
हमैं। एक हही पगुस्तक जिहैसदा चक वदेद हहै क्ययों न बनदायदा? क़यदामत पर हही चवश्वदास रखनदा चदाचहयदे; अन्य पर नहह?॥
3॥क्यदा जिमो ईसदाई और मगुसलमदान हही खगुददा ककी चशकदा पर हमैं उन ममें कमोई भही पदापही नहह हहै ? क्यदा ईसदाई और
मगुसलमदान अधमर्त्ती हमैं वदे भही छगु टकदारदा पदावमें और दस
भू रदे धमदार्थत्मदा भही न पदावमें तमो बड़दे अन्यदाय और अन्धदेर ककी बदात नहह
हहै॥4॥और क्यदा जिमो लमोग मगुसलमदानही मत कमो न मदानमें उन्हह कमो कदाचफर कहनदा वह एकतफकीर्थ चडगरही नहह हहै ?॥5॥
जिमो परमदेश्वर हही नदे उनकदे अन्तमःकरण और कदानयों पर ममोहर लगदाई और उसही सदे वदे पदाप करतदे हमैं तमो उन कदा कगु छ
भही दमोष नहह। यह दमोष खगुददा हही कदा हहै चफर उन पर सगुख -दमःगु ख वदा पदाप-पगुण्य नहह हमो सकतदा पगुनमः उन कमो सज़दा
जिज़दा क्ययों करतदा हहै? क्ययोंचक उन्हयोंनदे पदाप वदा पगुण्य स्वतन्त्रतदा सदे नहह चकयदा॥5॥

1
वदास्तव ममें यह शब्द “क़गु रआन” हहै परन्तगु भदाषदा ममें लमोगयों कदे बमोलनदे ममें क़गु रदान आतदा हहै इसचलयदे ऐसदा हही चलखदा हहै।
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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

6—उनकदे चदलयों ममें रमोग हहै, अलदाह नदे उन कदा रमोग बढ़दा चदयदा॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 10॥
(समहीकक) भलदा चवनदा अपरदाध खगुददा नदे उन कदा रमोग बढ़दायदा, दयदा न आई, उन चबचदारयों कमो बड़दा दमःगु ख
हह आ हमोगदा! क्यदा यह शहैतदान सदे बढ़कर शहैतदानपन कदा कदाम नहह हहै ? चकसही कदे मन पर ममोहर लगदानदा, चकसही कदा
रमोग बढ़दानदा, यह खगुददा कदा कदाम नहह हमो सकतदा क्ययोंचक रमोग कदा बढ़नदा अपनदे पदापयों सदे हहै॥6॥
7—चजिस नदे तगुम्हदारदे वदास्तदे पकचथवही चबछचौनदा और आसमदान ककी छत कमो बनदायदा॥
—मसं॰1। चस॰1। सभू॰2। आ॰ 22॥
(समहीकक) भलदा आसमदान छत चकसही ककी हमो सकतही हहै? यह अचवददा ककी बदात हहै। आकदाश कमो छत कदे
समदान मदाननदा हसंसही ककी बदात हहै। यचद चकसही प्रकदार ककी पकचथवही कमो आसमदान मदानतदे हयों तमो उनककी घर ककी बदात हहै॥
7॥
8—जिमो तगुम उस वस्तगु सदे सन्ददेह ममें हमो जिमो हम नदे अपनदे पहैगम्बर कदे ऊपर उतदारही तमो उस कहै सही एक
सभूरत लदे आओ और अपनदे सदाकही अपनदे लमोगयों कमो पगुकदारमो अलदाह कदे चवनदा जिमो तगुम सच्चिदे हमो॥जिमो तगुम और कभही न
करमोगदे तमो उस आग सदे डरमो चक चजिस कदा इन्धन मनगुष्य हहै, और कदाचफरयों कदे वदास्तदे पत्थर तहैयदार चकयदे गयदे हमैं॥
—मसं॰1। चस॰1। सभू॰2। आ॰23। 24॥
(समहीकक) भलदा यह कमोई बदात हहै चक उस कदे सदृश कमोई सभूरत न बनदे? क्यदा अकबर बदादशदाह कदे
समय ममें मचौलवही फहै जिही नदे चबनदा नगुकतदे कदा कगु रदान नहह बनदा चलयदा थदा? वह कचौन सही दमोज़ख ककी आग हहै? क्यदा इस
आग सदे न डरनदा चदाचहयदे? इस कदा॥ खही इन्धन जिमो कगु छ पड़दे सब हहै। जिहैसदे कगु रदान ममें चलखदा हहै चक कदाचफरयों कदे वदास्तदे
दमोजिख ककी आग तहैयदार ककी गई हहै तमो वहैसदे पगुरदाणयों ममें चलखदा हहै चक म्लदेच्छयों कदे चलयदे घमोर नरक बनदा हहै! अब कचहयदे
चकस ककी बदात सच्चिही मदानही जिदाय? अपनदे-अपनदे वचन सदे दमोनयों स्वगर्थगदामही और दस भू रदे कदे मत सदे दमोनयों नरकगदामही हमोतदे
हमैं। इसचलए इन सब कदा झगड़दा झभूठदा हहै चकन्तगु जिमो धदाचमर्थक हमैं वदे सगुख और जिमो पदापही हमैं वदे सब मतयों ममें द मःगु ख पदावमेंगदे॥
8॥
9—और आनन्द कदा सन्ददेशदा ददे उन लमोगयों कमो चक ईमदान लदाए और कदाम चकए अच्छदे। यह चक उन कदे
वदास्तदे बचहश्तमें हमैं चजिन कदे नहीचदे सदे चलतही हमैं नहरमें। जिब उन ममें सदे मदेवयों कदे भमोजिन चदयदे जिदावमेंगदे तब कहमेंगदे चक यह वमो
वस्तगु हमैं जिमो हम पचहलदे इस सदे चदयदे गयदे थदे ..... और उन कदे चलयदे पचवत्र बहीचवयदाह सदहैव वहदाह रहनदे वदालही हमैं॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 25॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

(समहीकक) भलदा! यह कगु रदान कदा बचहश्त ससंसदार सदे कचौन सही उत्तम बदात वदालदा हहै? क्ययोंचक जिमो पददाथर्थ
ससंसदार ममें हमैं वदे हही मगुसलमदानयों कदे स्वगर्थ ममें हमैं और इतनदा चवशदेष हहै चक यहदाह जिहैसदे पगुरुष जिन्मतदे मरतदे और आतदे जिदातदे
हमैं उसही प्रकदार स्वगर्थ ममें नहह। चकन्तगु यहदाह ककी चसयदाह सददा नहह रहतह और वहदाह बहीचवयदाह अथदार्थतम् उत्तम चसयदाह सददा
कदाल रहतही हमैं तमो जिब तक कयदामत ककी रदात न आवदेगही तब तक उन चबचदाररययों कदे चदन कहै सदे कटतदे हयोंगदे? हदासं जिमो
खगुददा ककी उन पर कक पदा हमोतही हमोगही! और खगुददा हही कदे आश्रय समय कदाटतही हयोंगही तमो ठहीक हहै। क्ययोंचक यह
मगुसलमदानयों कदा स्वगर्थ गमोकगुचलयदे गगुसदाहइययों कदे गमोलमोक और मचन्दर कदे सदृश दहीखतदा हहै क्ययोंचक वहदाह चसययों कदा मदान्य
बहह त, पगुरुषयों कदा नहह। वहैसदे हही खगुददा कदे घर ममें चसययों कदा मदान्य अचधक और उन पर खगुददा कदा प्रदेम भही बहह त हहै उन
पगुरुषयों पर नहह। क्ययोंचक बहीचवययों कमो खगुददा नदे बचहश्त ममें सददा रक्खदा और पगुरुषयों कमो नहह। वदे बहीचवयदासं चवनदा खगुददा ककी
मजिर्त्ती स्वगर्थ ममें कहै सदे ठहर सकतह? जिमो यह बदात ऐसही हही हमो तमो खगुददा चसययों ममें फसंस जिदाय!॥9॥
10—आदम कमो सदारदे नदाम चसखदायदे। चफर फररश्तयों कदे सदामनदे करकदे कहदा जिमो तगुम सच्चिदे हमो मगुझदे उन कदे
नदाम बतदाओ॥कहदा हदे आदम! उन कमो उन कदे नदाम बतदा ददे। तब उस नदे बतदा चदयदे तमो खगुददा नदे फररश्तयों सदे कहदा चक
क्यदा ममैंनदे तगुम सदे नहह कहदा थदा चक चनश्चय ममैं पकचथवही और आसमदान ककी चछपही वस्तगुओसं कमो और प्रकट चछपदे कमर्यों
कमो जिदानतदा हह ह॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 30। 31॥
(समहीकक) भलदा ऐसदे फररश्तयों कमो धमोखदा ददेकर अपनही बड़दाई करनदा खगुददा कदा कदाम हमो सकतदा हहै ? यह
तमो एक दम्भ ककी बदात हहै। इस कमो कमोई चवद्विदानम् नहह मदान सकतदा और न ऐसदा अचभमदान करतदा। क्यदा ऐसही बदातयों सदे
हही खगुददा अपनही चसद्धदाई जिमदानदा चदाहतदा हहै? हदाह! जिसंगलही लमोगयों ममें कमोई कहै सदा हही पदाखण्ड चलदा लदेवदे चल सकतदा हहै;
सभ्य जिनयों ममें नहह॥10॥
11—जिब हमनदे फररश्तयों सदे कहदा चक बदाबदा आदम कमो दण्डवतम् करमो, ददेखदा सभयों नदे दण्डवतम् चकयदा
परन्तगु शहैतदान नदे न मदानदा और अचभमदान चकयदा क्ययोंचक वमो भही एक कदाचफर थदा॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 34॥
(समहीकक) इस सदे खगुददा सवर्थज नहह अथदार्थतम् भभूत, भचवष्यतम् और वत्तर्थमदान ककी पभूरही बदातमें नहह जिदानतदा।
जिमो जिदानतदा हमो तमो शहैतदान कमो पहैददा हही क्ययों चकयदा? और खगुददा ममें कगु छ तदेजि भही नहह हहै क्ययोंचक शहैतदान नदे खगुददा कदा
हह क्म हही न मदानदा और खगुददा उस कदा कगु छ भही न कर सकदा। और ददेचखयदे! एक शहैतदान कदाचफर नदे खगुददा कदा भही छकदा
छगु ड़दा चदयदा तमो मगुसलमदानयों कदे कथनदानगुसदार चभन्न जिहदाह क्रमोड़यों कदाचफर हमैं वहदाह मगुसलमदानयों कदे खगुददा और मगुसलमदानयों
ककी क्यदा चल सकतही हहै? कभही—कभही खगुददा भही चकसही कदा रमोग बढ़दा ददेतदा, चकसही कमो गगुमरदाह कर ददेतदा हहै। खगुददा
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नदे यदे बदातमें शहैतदान सदे सहीखही हयोंगही और शहैतदान नदे खगुददा सदे। क्ययोंचक चवनदा खगुददा कदे शहैतदान कदा उस्तदाद और कमोई नहह
हमो सकतदा॥11॥
12—हमनदे कहदा चक ओ आदम! तभू और तदेरही जिमोरू बचहश्त ममें रह कर आनन्द ममें जिहदाह चदाहमो खदाओ
परन्तगु मत समहीप जिदाओ उस वकक कदे चक पदापही हमो जिदाओगदे॥ शहैतदान नदे उन कमो चडगदायदा और उन कमो बचहश्त कदे
आनन्द सदे खमो चदयदा। तब हम नदे कहदा चक उतरमो तगुम्हदारदे ममें कमोई परस्पर शत्रगु हहै। तगुम्हदारदा चठकदानदा पकचथवही हहै और
एक समय तक लदाभ हहै॥आदम अपनदे मदाचलक ककी कगु छ बदातमें सहीखकर पकचथवही पर आ गयदा॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 35। 36। 37॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे खगुददा ककी अल्पजतदा! अभही तमो स्वगर्थ ममें रहनदे कदा आशहीवदार्थद चदयदा और पगुनमः
थमोड़ही ददेर ममें कहदा चक चनकलमो। जिमो भचवष्यतम् बदातयों कमो जिदानतदा हमोतदा तमो वर हही क्ययों ददेतदा? और बहकदानदे वदालदे
शहैतदान कमो दण्ड ददेनदे सदे असमथर्थ भही दहीख पड़तदा हहै। और वह वकक चकस कदे चलयदे उत्पन्न चकयदा थदा? क्यदा अपनदे
चलयदे वदा दसभू रदे कदे चलयदे? जिमो अपनदे चलयदे चकयदा तमो उस कमो क्यदा जिरूरत थही? और जिमो दस भू रदे कदे चलयदे तमो क्ययों
रमोकदा? इसचलयदे ऐसही बदातमें न खगुददा ककी और न उसकदे बनदायदे पगुस्तक ममें हमो सकतही हमैं। आदम सदाहदेब खगुददा सदे
चकतनही बदातमें सहीख आयदे? और जिब पकचथवही पर आदम सदाहदेब आयदे तब चकस प्रकदार आयदे? क्यदा वह बचहश्त
पहदाड़ पर हहै वदा आकदाश पर? उस सदे कहै सदे उतर आयदे? अथवदा पकही कदे तगुल्य आयदे अथवदा जिहैसदे ऊपर सदे पत्थर
चगर पड़दे?
इस ममें यह चवचदत हमोतदा हहै चक जिब आदम सदाहदेब मटही सदे बनदायदे गयदे तमो इन कदे स्वगर्थ ममें भही मटही हमोगही। और
चजितनदे वहदाह और हमैं वदे भही वहैसदे हही फररश्तदे आचद हयोंगदे , क्ययोंचक मटही कदे शरहीर चवनदा इचन्द्रय भमोग नहह हमो सकतदा।
जिब पदाचथर्थव शरहीर हहै तमो मकत्यगु भही अवश्य हमोनदा चदाचहयदे। यचद मकत्यगु हमोतदा हहै तमो वदे वहदाह सदे कहदासं जिदातदे हमैं? और मकत्यगु
नहह हमोतदा तमो उन कदा जिन्म भही नहह हह आ। जिब जिन्म हहै तमो मकत्यगु अवश्य हही हहै। यचद ऐसदा हहै तमो कगु रदान ममें चलखदा हहै
चक बहीचबयदासं सदहैव बचहश्त ममें रहतही हमैं समो झभूठदा हमो जिदायगदा क्ययोंचक उन कदा भही मकत्यगु अवश्य हमोगदा। जिब ऐसदा हहै तमो
बचहश्त ममें जिदानदे वदालयों कदा भही मकत्यगु अवश्य हही हमोगदा॥12॥
13—उस चदन सदे डरमो जिब कमोई जिहीव चकसही जिहीव सदे कगु छ भरमोसदा न रक्खदेगदा। न उस ककी चसफदाररश
स्वहीकदार ककी जिदावदेगही, न उस सदे बदलदा चलयदा जिदावदेगदा और न वदे सहदाय पदावमेंगदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 48॥

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(समहीकक॰) क्यदा वत्तर्थमदान चदनयों ममें न डरमें? बगुरदाई करनदे ममें सब चदन डरनदा चदाचहयदे। जिब चसफदाररश न
मदानही जिदावदेगही तमो चफर पहैग़म्बर ककी गवदाहही वदा चसफदाररश सदे खगुददा स्वगर्थ ददेगदा यह बदात क्ययोंकर सच हमो सकदे गही? क्यदा
खगुददा बचहश्त वदालयों हही कदा सहदायक हहै; दमोज़खवदालयों कदा नहह? यचद ऐसदा हहै तमो खगुददा पकपदातही हहै॥13॥
14—हमनदे मभूसदा कमो चकतदाब और मचौचज़जिदे चदयदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 53॥
(समहीकक) जिमो मभूसदा कमो चकतदाब दही तमो कगु रदान कदा हमोनदा चनरथर्थक हहै। और उस कमो आश्चयर्थशचक्त दही यह
बदाइबल और कगु रदान ममें भही चलखदा हहै परन्तगु यह बदात मदाननदे यमोग्य नहह। क्ययोंचक जिमो ऐसदा हमोतदा तमो अब भही हमोतदा,
जिमो अब नहह तमो पचहलदे भही न थदा। जिहैसदे स्वदाथर्त्ती लमोग आजि कल भही अचवद्विदानयों कदे सदामनदे चवद्विदानम् बन जिदातदे हमैं वहैसदे
उस समय भही कपट चकयदा हमोगदा। क्ययोंचक खगुददा और उस कदे सदेवक अब भही चवदमदान हमैं पगुनमः इस समय खगुददा
आश्चयर्थशचक्त क्ययों नहह ददेतदा? और नहह कर सकतदे? जिमो मभूसदा कमो चकतदाब दही थही तमो पगुनमः कगु रदान कदा ददेनदा क्यदा
आवश्यक थदा? क्ययोंचक जिमो भलदाई बगुरदाई करनदे न करनदे कदा उपददेश सवर्थत्र एक सदा हमो तमो पगुनमः चभन्न-चभन्न पगुस्तक
करनदे सदे पगुनरुक्त दमोष हमोतदा हहै। क्यदा मभूसदा जिही आचद कमो दही हहई पगुस्तकयों ममें खगुददा भभूल गयदा थदा?॥14॥
15—और कहमो चक कमदा मदासंगतदे हमैं हम कमदा करमेंगदे तगुम्हदारदे पदाप और अचधक भलदाई करनदे वदालयों कदे ॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 52॥(समहीकक) भलदा यह खगुददा कदा उपददेश सब कमो पदापही बनदानदे वदालदा हहै
वदा नहह? क्ययोंचक जिब पदाप कमदा हमोनदे कदा आश्रय मनगुष्ययों कमो चमलतदा हहै तब पदापयों सदे कमोई भही नहह डरतदा। इसचलयदे
ऐसदा कहनदे वदालदा खगुददा और यह खगुददा कदा बनदायदा हह आ पगुस्तक नहह हमो सकतदा क्ययोंचक वह न्यदायकदारही हहै , अन्यदाय
कभही नहह करतदा और पदाप कमदा करनदे ममें अन्यदायकदारही हमो जिदातदा हहै चकन्तगु यथदापरदाध दण्ड हही ददेनदे ममें न्यदायकदारही हमो
सकतदा हहै॥15॥
16—जिब मभूसदा नदे अपनही कचौम कदे चलयदे पदानही मदासंगदा, हम नदे कहदा चक अपनदा असदा (दण्ड) पत्थर पर
मदार; उस ममें सदे बदारह चश्मदे बह चनकलदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 60॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! इन असम्भव बदातयों कदे तगुल्य दस भू रदा कमोई कहदेगदा? एक पत्थर ककी चशलदा ममें
डण्डदा मदारनदे सदे बदारह भरनयों कदा चनकलनदा सवर्थथदा असम्भव हहै। हदासं ! उस पत्थर कमो भहीतर सदे पमोलदाकर उस ममें
पदानही भर बदाहर चछद्र करनदे सदे सम्भव हहै। अन्यथदा नहह॥16॥

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17—हम नदे उन कमो कहदा चक तगुम चनचन्दत बन्दर हमो जिदाओ यह एक भय चदयदा जिमो उन कदे सदामनदे और
पहीछदे थदे उन कमो और चशकदा ईमदानददारयों कमो॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 65। 66॥
(समहीकक) जिमो खगुददा नदे चनचन्दत बन्दर हमो जिदानदा कदे वल भय ददेनदे कदे चलए कहदा थदा तमो उस कदा कहनदा
चमथ्यदा हहआ वदा छल चकयदा। जिमो ऐसही बदातमें करतदा और चजिस ममें ऐसही बदातमें हमैं वह न खगुददा और न यह पगुस्तक खगुददा
कदा बनदायदा हमो सकतदा हहै॥17॥
18—इस तरह खगुददा मगुदर्यों कमो चजिलदातदा हहै और तगुम कमो अपनही चनशदाचनयदाह चदखलदातदा हहै चक तगुम
समझमो॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 73॥
(समहीकक) क्यदा मगुदर्यों कमो खगुददा चजिलदातदा थदा तमो अब क्ययों नहह चजिलदातदा? क्यदा कयदामत ककी रदात तक
कबरयों ममें पड़दे रहमेंगदे? आजिकल दचौड़दा सगुपदगु र्थ हमैं? क्यदा इतनही हही ईश्वर ककी चनशदाचनयदासं हमैं ? पकचथवही, सभूयर्थ, चन्द्रदाचद
चनशदाचनयदासं नहह हमैं? क्यदा ससंसदार ममें जिमो चवचवध रचनदा चवशदेष प्रत्यक दहीखतही हमैं यदे चनशदाचनयदासं कम हमैं?॥18॥
19—वदे सदहैव कदाल बचहश्त अथदार्थतम् वहैकगुण्ठ ममें वदास करनदे वदालदे हमैं॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 82॥
(समहीकक) कमोई भही जिहीव अनन्त पदाप पगुण्य करनदे कदा सदामथ्यर्थ नहह रखतदा इसचलयदे सदहैव स्वगर्थ नरक ममें
नहह रह सकतदे। और जिमो खगुददा ऐसदा करदे तमो वह अन्यदायकदारही और अचवद्विदानम् हमो जिदावदे। कयदामत ककी रदात न्यदाय हमोगदा
तमो मनगुष्ययों कदे पदाप पगुण्य बरदाबर हमोनदा उचचत हहै। जिमो अनन्त नहह हहै उस कदा फल अनन्त कहै सदे हमो सकतदा हहै ? और
सकचष्ट हह ए सदात आठ हजिदार वषर्यों सदे इधर हही बतलदातदे हमैं। क्यदा इस कदे पभूवर्थ खगुददा चनकम्मदा बहैठदा थदा? और कयदामत कदे
पहीछदे भही चनकम्मदा रहदेगदा? यदे बदातमें सब लड़कयों कदे समदान हमैं क्ययोंचक परमदेश्वर कदे कदाम सदहैव वत्तर्थमदान रहतदे हमैं और
चजितनदे चजिस कदे पदाप पगुण्य हमैं उतनदा हही उसकमो फल ददेतदा हहै इसचलयदे कगु रदान ककी यह बदात सच्चिही नहह॥19॥
20—जिब हम नदे तगुम सदे प्रचतजदा करदाई न बहदानदा लमोहह अपनदे आपस कदे और चकसही अपनदे आपस कमो
घरयों सदे न चनकदालनदा, चफर प्रचतजदा ककी तगुम नदे, इस कदे तगुम हही सदाकही हमो॥चफर तगुम वदे लमोग हमो चक अपनदे आपस
कमो मदार डदालतदे हमो, एक चफरकदे कमो आप ममें सदे घरयों उन कदे सदे चनकदाल ददेतदे हमो।
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 84। 85॥

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(समहीकक) भलदा! प्रचतजदा करदानही और करनही अल्पजयों ककी बदात हहै वदा परमदात्मदा ककी जिब परमदेश्वर
सवर्थज हहै तमो ऐसही कड़दाकभूट ससंसदारही मनगुष्य कदे समदान क्ययों करदेगदा? भलदा यह कचौन सही भलही बदात हहै चक आपस कदा
लमोहह न बहदानदा, अपनदे मत वदालयों कमो घर सदे न चनकदालनदा, अथदार्थतम् दस भू रदे मत वदालयों कदा लमोहह बहदानदा, और घर सदे
चनकदाल ददेनदा? यह चमथ्यदा मभूखर्थतदा और पकपदात ककी बदात हहै। क्यदा परमदेश्वर प्रथम हही सदे नहह जिदानतदा थदा चक यदे
प्रचतजदा सदे चवरुद्ध करमेंगदे? इस सदे चवचदत हमोतदा हहै चक मगुस लमदानयों कदा खगु द दा भही ईसदाइययों ककी बहह त सही
उपमदा रखतदा हहै और यह कगु रदान स्वतन्त्र नहह बन सकतदा क्ययोंचक इसममें सदे थमोड़ही सही बदातयों कमो
छमोड़कर बदाककी सब बदातमें बदायचबल ककी हमैं॥20॥
21—यदे वदे लमोग हमैं चक चजिन्हयोंनदे आखरत कदे बदलदे चजिन्दगही यहदाह ककी ममोल लदे लही। उन सदे पदाप कभही
हलकदा न चकयदा जिदावदेगदा और न उन कमो सहदायतदा दही जिदावदेगही॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 86॥
(समहीकक) भलदा ऐसही ईष्यदार्थ द्विदेष ककी बदातमें कभही ईश्वर ककी ओर सदे हमो सकतही हमैं ? चजिन लमोगयों कदे पदाप
हलकदे चकयदे जिदायमेंगदे वदा चजिन कमो सहदायतदा दही जिदावदेगही वदे कचौन हमैं ? यचद वदे पदापही हमैं और पदापयों कदा दण्ड चदयदे चवनदा
हलकदे चकयदे जिदावमेंगदे तमो अन्यदाय हमोगदा। जिमो सजिदा ददेकर हलकदे चकयदे जिदावमेंगदे तमो चजिन कदा बयदान इस आयत ममें हहै यदे भही
सजिदा पदाकदे हलकदे हमो सकतदे हमैं। और दण्ड ददेकर भही हलकदे न चकयदे जिदावमेंगदे तमो भही अन्यदाय हमोगदा। जिमो पदापयों सदे हलकदे
चकयदे जिदानदे वदालयों सदे प्रयमोजिन धमदार्थत्मदाओसं कदा हहै तमो उन कदे पदाप तमो आप हही हलकदे हमैं; खगुददा क्यदा करदेगदा? इस सदे
यह लदेख चवद्विदानम् कदा नहह। और वदास्तव ममें धमदार्थत्मदाओसं कमो सगुख और अधचमर्थययों कमो द मःगु ख उन कदे कम्मर्यों कदे अनगुसदार
सदहैव ददेनदा चदाचहयदे॥21॥
22—चनश्चय हम नदे मभूस दा कमो चकतदाब दही और उस कदे पहीछदे हम पहैग़ म्बर कमो लदायदे और
मररयम कदे पगुत्र ईसदा कमो प्रकट मचौचज़जिदे अथदार्थत म् दहैव हीशचक्त और सदामथ्यर्थ चदयदे उस कमो सदाथ रूहलम्कगु द्स 1
कदे । जिब तगुम् हदारदे पदास उस वस्तगु सचहत पहैग़ म्बर आयदा चक चजिस कमो तगुम् हदारदा जिही चदाहतदा नहह ; चफर तगुम
नदे अचभमदान चकयदा। एक मत कमो झगुठ लदायदा और एक कमो मदार डदालतदे हमो॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 87॥
(समहीकक) जिब कगु रदान ममें सदाकही हहै चक मभूसदा कमो चकतदाब दही तमो उस कदा मदाननदा मगुसलमदानयों कमो
आवश्यक हह आ और जिमो-जिमो उस पगुस्तक ममें दमोष हमैं वदे भही मगुसलमदानयों कदे मत ममें आ चगरदे और ‘मचौचज़जिदे’ अथदार्थतम्
दहैवही शचक्त ककी बदातमें सब अन्यथदा हमैं भमोलदे भदालदे मनगुष्ययों कमो बहकदानदे कदे चलयदे झभूठसं मभूसंठ चलदा लही हमैं क्ययोंचक सकचष्टक्रम
1
रूहलम्कगु द्स कहतदे हमैं जिबरईल कमो जिमो चक हरदम मसहीह कदे सदाथ रहतदा थदा।
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और चवददा सदे चवरुद्ध सब बदातमें झभूसंठही हही हमोतही हमैं जिमो उस समय “मचौचजिजिदे” थदे तमो इस समय क्ययों नहह। जिमो इस
समय भही नहह तमो उस समय भही न थदे इस ममें कगु छ भही सन्ददेह नहह॥22॥
23—और इस सदे पचहलदे कदाचफरयों पर चवजिय चदाहतदे थदे जिमो कगु छ पचहचदानदा थदा जिब उन कदे पदास वह
आयदा झट कदाचफर हमो गयदे। कदाचफरयों पर लदानत हहै अलदाह ककी॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 89॥
(समहीकक) क्यदा जिहैसदे तगुम अन्य मत वदालयों कमो कदाचफर कहतदे हमो वहैसदे वदे तगुम कमो कदाचफर नहह कहतदे हमैं ?
और उन कदे मत कदे ईश्वर ककी ओर सदे चधकदार ददेतदे हमैं चफर कहमो कचौन सच्चिदा और कचौन झभूठदा? जिमो चवचदार कर
ददेखतदे हमैं तमो सब मत वदालयों ममें झभूठ पदायदा जिदातदा हहै जिमो सच हहै समो सब ममें एक सदा हहै , यदे सब लड़दाइयदासं मभूखर्थतदा ककी हमैं॥
23॥
24—आनन्द कदा सन्ददेशदा ईमदानददारयों कमो॥अलदाह , फररश्तयों, पहैगम्बरयों चज़बरईल और महीकदाईल कदा जिमो
शत्रगु हहै अलदाह भही ऐसदे कदाचफरयों कदा शत्रगु हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 97।98॥
(समहीकक) जिब मगुसलमदान कहतदे हमैं चक ‘खगुददा लदाशरहीक’ हहै चफर यह फचौजि ककी फचौजि ‘शरहीक’ कहदासं
सदे कर दही? क्यदा जिमो औरयों कदा शत्रगु वह खगुददा कदा भही शत्रगु हहै। यचद ऐसदा हहै तमो ठहीक नहह क्ययोंचक ईश्वर चकसही कदा
शत्रगु नहह हमो सकतदा॥24॥
25—और अलदाह खदास करतदा हहै चजिस कमो चदाहतदा हहै सदाथ दयदा अपनही कदे ॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 103॥
(समहीकक) क्यदा जिमो मगुख्य और दयदा करनदे कदे यमोग्य न हमो उस कमो भही प्रधदान बनदातदा और उस पर दयदा
करतदा हहै? जिमो ऐसदा हहै तमो खगुददा बड़दा गड़बचड़यदा हहै क्ययोंचक चफर अच्छदा कदाम कचौन करदेगदा? और बगुरदे कमर्थ कमो कचौन
छमोड़देगदा? क्ययोंचक खगुददा ककी प्रसन्नतदा पर चनभर्थर करतदे हमैं, कमर्थफल पर नहह, इस सदे सब कमो अनदास्थदा हमोकर
कमर्वोच्छदेदप्रससंग हमोगदा॥25॥
26—ऐसदा न हमो चक कदाचफर लमोग ईष्यदार्थ करकदे तगुम कमो ईमदान सदे फदे र ददेवमें क्ययोंचक उन ममें सदे ईमदान वदालयों
कदे बहह त सदे दमोस्त हमैं॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 101॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

(समहीकक) अब ददेचखयदे! खगुददा हही उन कमो चचतदातदा हहै चक तगुम्हदारदे ईमदान कमो कदाचफर लमोग न चडगदा ददेवमें।
क्यदा वह सवर्थज नहह हहै? ऐसही बदातमें खगुददा ककी नहह हमो सकतही हमैं॥26॥
27—तगुम चजिधर मगुसंह करमो उधर हही मगुसंह अलदाह कदा हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 115॥
(समहीकक) जिमो यह बदात सच्चिही हहै तमो मगुसलमदान ‘चकबलदे’ ककी ओर मगुसंह क्ययों करतदे हमैं? जिमो कहमें चक हम
कमो चकबलदे ककी ओर मगुसंह करनदे कदा हहक्म हहै तमो यह भही हह क्म हहै चक चदाहमें चजिधर ककी ओर मगुख करमो। क्यदा एक बदात
सच्चिही और दस
भू रही बदात झभूठही हमोगही? और जिमो अलदाह कदा मगुख हहै तमो वह सब ओर हमो हही नहह सकतदा। क्ययोंचक एक
मगुख एक ओर रहदेगदा, सब ओर क्ययोंकर रह सकदे गदा? इसचलए यह ससंगत नहह॥27॥
28—जिमो आसमदान और भभूचम कदा उत्पन्न करनदे वदालदा हहै। जिब वमो कगु छ करनदा चदाहतदा हहै यह नहह चक
उस कमो करनदा पड़तदा हहै चकन्तगु उसदे कहतदा हहै चक हमो जिदा! बस हमो जिदातदा हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 117॥
(समहीकक) भलदा खगुददा नदे हहक्म चदयदा चक हमो जिदा तमो हह क्म चकस नदे सगुनदा? और चकस कमो सगुनदायदा?
और कचौन बन गयदा? चकस कदारण सदे बनदायदा? जिब यह चलखतदे हमैं चक सकचष्ट कदे पभूवर्थ चसवदाय खगुददा कदे कमोई भही
दस
भू रदा वस्तगु न थदा तमो यह ससंसदार कहदासं सदे आयदा? चवनदा कदारण कदे कमोई भही कदायर्थ नहह हमोतदा तमो इतनदा बड़दा जिगतम्
कदारण कदे चवनदा कहदासं सदे हह आ? यह बदात कदे वल लड़कपन ककी हहै।
(पभूव र्थप कही) नहह नहह, खगुददा ककी इच्छदा सदे।
(उत्तरपकही) क्यदा तगुम्हदारही इच्छदा सदे एक मक्खही ककी टदासंग भही बन जिदा सकतही हहै ? जिमो कहतदे हमो चक खगुददा
ककी इच्छदा सदे यह सब कगु छ जिगतम् बन गयदा।
(पभूव र्थप कही) खगुददा सवर्थशचक्तमदानम् हहै इसचलयदे जिमो चदाहदे समो कर लदेतदा हहै।
(उत्तरपकही) सवर्थशचक्तमदानम् कदा क्यदा अथर्थ हहै?
(पभूव र्थप कही) जिमो चदाहदे समो कर सकदे ।
(उत्तरपकही) क्यदा खगुददा दस
भू रदा खगुददा भही बनदा सकतदा हहै? अपनदे आप मर सकतदा हहै? मभूखर्थ रमोगही और
अजदानही भही बन सकतदा हहै?
(पभूव र्थप कही) ऐसदा कभही नहह बन सकतदा।
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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(उत्तरपकही) इसचलयदे परमदेश्वर अपनदे और दस भू रयों कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदे चवरुद्ध कगु छ भही नहह कर
सकतदा। जिहैसदे ससंसदार ममें चकसही वस्तगु कदे बननदे बनदानदे ममें तहीन पददाथर्थ प्रथम अवश्य हमोतदे हमैं—एक बनदानदेवदालदा जिहैसदे
कगु म्हदार, दस
भू रही घड़दा बननदे वदालही चमटही और तहीसरदा उस कदा सदाधन चजिस सदे घड़दा बनदायदा जिदातदा हहै। जिहैसदे कगु म्हदार,
चमटही और सदाधन सदे घड़दा बनतदा हहै और बननदे वदालदे घड़दे कदे पभूवर्थ कगु म्हदार, चमटही और सदाधन हमोतदे हमैं वहैसदे हही जिगतम्
कदे बननदे सदे पभूवर्थ परमदेश्वर जिगतम् कदा कदारण प्रकक चत और उन कदे गगुण , कमर्थ, स्वभदाव अनदाचद हमैं। इसचलयदे यह कगु रदान
ककी बदात सवर्थथदा असम्भव हहै॥28॥
29—जिब हमनदे लमोगयों कदे चलयदे कदाबदे कमो पचवत्र स्थदान सगुख ददेनदे वदालदा बनदायदा तगुम नमदाज़ कदे चलयदे
इबरदाहहीम कदे स्थदान कमो पकड़मो॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 125॥
(समहीकक) क्यदा कदाबदे कदे पचहलदे पचवत्र स्थदान खगुददा नदे कमोई भही न बनदायदा थदा? जिमो बनदायदा थदा तमो कदाबदे
कदे बनदानदे ककी कगु छ आवश्यकतदा न थही जिमो नहह बनदायदा थदा तमो चवचदारदे पभूवर्वोत्पन्नयों कमो पचवत्र स्थदान कदे चवनदा हही रक्खदा
थदा? पचहलदे ईश्वर कमो पचवत्र स्थदान बनदानदे कदा स्मरण न हह आ हमोगदा॥29॥
30—वमो कचौन मनगुष्य हमैं जिमो इबरदाहहीम कदे दहीन सदे चफर जिदावमें परन्तगु चजिस नदे अपनही जिदान कमो मभूखर्थ बनदायदा
और चनश्चय हम नदे दचगु नयदा ममें उसही कमो पसन्द चकयदा और चनश्चय आखरत ममें वमो हही नदेक हमैं॥
—मसं॰ 1। चस॰ 1। सभू॰ 2। आ॰ 130॥
(समहीकक) यह कहै सदे सम्भव हहै चक जिमो इबरदाहहीम कदे दहीन कमो नहह मदानतदे वदे सब मभूखर्थ हमैं। इबरदाहहीम कमो
हही खगुददा नदे पसन्द चकयदा इस कदा क्यदा कदारण हहै? यचद धमदार्थत्मदा हमोनदे कदे कदारण सदे चकयदा तमो धमदार्थत्मदा और भही
बहह त हमो सकतदे हमैं। यचद चवनदा धमदार्थत्मदा हमोनदे कदे हही पसन्द चकयदा तमो अन्यदाय हह आ। हदाह! यह तमो ठहीक हहै चक जिमो
धमदार्थत्मदा हहै वहही ईश्वर कमो चप्रय हमोतदा हहै; अधमर्त्ती नहह॥30॥
31—चनश्चय हम तदेरदे मगुख कमो आसमदान ममें चफरतदा ददेखतदे हमैं अवश्य हम तगुझदे उस चकबलदे कमो फदे रमेंगदे चक
पसन्द करदे उस कमो बस अपनदा मगुख मचस्जिदल्गु हरदाम ककी ओर फदे र, जिहदाह कहह तगुम हमो अपनदा मगुख उस ककी ओर
फदे र लमो॥
—मसं॰ 1। चस॰ 2। सभू॰ 2। आ॰ 144॥
(समहीकक) क्यदा यह छमोटही बगुत्परस्तही हहै? नहह बड़ही।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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(पभूव र्थप कही) हम मगुसलमदान लमोग बगुत्परस्त नहह हमैं चकन्तगु बगुचत्शकन अथदार्थतम् मभूत्तर्यों कमो तमोड़नदेहदारदे हमैं क्ययोंचक
हम चकबलदे कमो खगुददा नहह समझतदे।
(उत्तरपकही) चजिन कमो तगुम बगुत्परस्त समझतदे हमो वदे भही उन-उन मभूत्तर्यों कमो ईश्वर नहह समझतदे चकन्तगु उन
कदे सदामनदे परमदेश्वर ककी भचक्त करतदे हमैं। यचद बगुतयों कदे तमोड़नदेहदारदे हमो तमो उस मचस्जिद चकबलदे बड़दे बगुतम् कमो क्ययों न
तमोड़दा?
(पभूव र्थप कही) वदाह जिही! हमदारदे तमो चकबलदे ककी ओर मगुख फदे रनदे कदा कगु रदान ममें हहक्म हहै और इन कमो वदेद ममें
नहह हहै चफर वदे बगुत्परस्त क्ययों नहह? और हम क्ययों? क्ययोंचक हम कमो खगुददा कदा हहक्म बजिदा लदानदा अवश्य हहै।
(उत्तरपकही) जिहैसदे तगुम्हदारदे चलयदे कगु रदान ममें हह क्म हहै वहैसदे उन कदे चलयदे पगुरदाण ममें आजदा हहै। जिहैसदे तगुम कगु रदान
कमो खगुददा कदा कलदाम समझतदे हमो वहैसदे पगुरदाणही भही पगुरदाणयों कमो खगुददा कदे अवतदार व्यदास जिही कदा वचन समझतदे हमैं। तगुम ममें
और इन ममें बगुत्परस्तही कदा कगु छ चभन्नभदाव नहह हहै प्रत्यगुत तगुम बड़दे बगुत्परस्त और यदे छमोटदे हमैं। क्ययोंचक जिब तक कमोई
मनगुष्य अपनदे घर ममें सदे प्रचवष्ट हह ई चबलही कमो चनकदालनदे लगदे तब तक उस कदे घर ममें ऊसंट प्रचवष्ट हमो जिदाय वहैसदे हही
मगुहम्मद सदाहदेब नदे छमोटदे बगुतम् कमो मगुसलमदानयों कदे मत सदे चनकदालदा परन्तगु बड़दा बगुतम् जिमो चक पहदाड़ सदृश मकदे ककी
मचस्जिद हहै वह सब मगुसलमदानयों कदे मत ममें प्रचवष्ट करदा दही; क्यदा यह छमोटही बगुत्परस्तही हहै? हदासं! जिमो हम वहैचदक हमैं
वहैसदे हही तगुम लमोग भही वहैचदक हमो जिदाओ तमो बगुत्परस्तही आचद बगुरदाइययों सदे बच सकमो; अन्यथदा नहह। तगुम कमो जिब तक
अपनही बड़ही बगुत्परस्तही कमो न चनकदाल दमो तब तक दस भू रदे छमोटदे बगुत्परस्तयों कदे खण्डन सदे लचज्जत हमोकदे चनवकत्त रहनदा
चदाचहयदे और अपनदे कमो बगुत्परस्तही सदे पकथकम् करकदे पचवत्र करनदा चदाचहयदे॥31॥
32—जिमो लमोग अलदाह कदे मदागर्थ ममें मदारदे जिदातदे हमैं उन कदे चलयदे यह मत कहमो चक यदे मकतक हमैं चकन्तगु वदे
जिहीचवत हमैं॥
—मसं॰ 1। चस॰ 2। सभू॰ 2। आ॰ 154॥
(समहीकक) भलदा ईश्वर कदे मदागर्थ ममें मरनदे मदारनदे ककी क्यदा आवश्यकतदा हहै ? यह क्ययों नहह कहतदे हमो चक
यह बदात अपनदे मतलब चसद्ध करनदे कदे चलयदे हहै चक यह लमोभ दमेंगदे तमो लमोग खभूब लड़मेंगदे , अपनदा चवजिय हमोगदा, मदारनदे
सदे न डरमेंगदे, लभूट मदार करदानदे सदे ऐश्वयर्थ प्रदाप्त हमोगदा; पश्चदातम् चवषयदानन्द करमेंगदे इत्यदाचद स्वप्रयमोजिन कदे चलयदे यह
चवपरहीत व्यवहदार चकयदा हहै॥32॥

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33—और यह चक अलदाह कठमोर दमःगु ख ददेनदे वदालदा हहै॥शहैतदान कदे पहीछदे मत चलमो चनश्चय वमो तगुम्हदारदा
प्रत्यक शत्रगु हहै॥उसकदे चवनदा और कगु छ नहह चक बगुरदाई और चनलर्थज्जतदा ककी आजदा ददे और यह चक तगुम कहमो अलदाह पर
जिमो नहह जिदानतदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 2। सभू॰ 2। आ॰ 168। 169। 170॥
(समहीकक) क्यदा कठमोर दमःगु ख ददेनदे वदालदा दयदालगु खगुददा पदाचपययों पगुण्यदात्मदाओसं पर हहै अथवदा मगुसलमदानयों पर
दयदालगु और अन्य पर दयदाहहीन हहै? जिमो ऐसदा हहै तमो वह ईश्वर हही नहह हमो सकतदा। और पकपदातही नहह हहै तमो जिमो
मनगुष्य कहह धमर्थ करदेगदा उस पर ईश्वर दयदालगु और जिमो अधमर्थ करदेगदा उस पर दण्डददातदा हमोगदा तमो चफर बहीच ममें
मगुहम्मद सदाहदेब और कगु रदान कमो मदाननदा आवश्यक न रहदा। और जिमो सब कमो बगुरदाई करदानदे वदालदा मनगुष्यमदात्र कदा शत्रगु
शहैतदान हहै उस कमो खगुददा नदे उत्पन्न हही क्ययों चकयदा? क्यदा वह भचवष्यतम् ककी बदात नहह जिदानतदा थदा? जिमो कहमो चक
जिदानतदा थदा परन्तगु परहीकदा कदे चलयदे बनदायदा तमो भही नहह बन सकतदा क्ययोंचक परहीकदा करनदा अल्पज कदा कदाम हहै ;
सवर्थज तमो सब जिहीवयों कदे अच्छदे बगुरदे कमर्यों कमो सददा सदे ठहीक -ठहीक जिदानतदा हहै। और शहैतदान सब कमो बहकदातदा हहै तमो
शहैतदान कमो चकसनदे बहकदायदा? जिमो कहमो चक शहैतदान आप सदे आप बहकतदा हहै तमो अन्य भही आप सदे आप बहक
सकतदे हमैं; बहीच ममें शहैतदान कदा क्यदा कदाम? और जिमो खगुददा हही नदे शहैतदान कमो बहकदायदा तमो खगुददा शहैतदान कदा भही शहैतदान
ठहरदेगदा। ऐसही बदात ईश्वर ककी नहह हमो सकतही। और जिमो कमोई बहकदातदा हहै वह कगु ससंग तथदा अचवददा सदे भ्रदान्त हमोतदा हहै॥
33॥
34—तगुम पर मगुददार्थर, लमोहह और गमोश्त सभूअर कदा हरदाम हहै और अलदाह कदे चवनदा चजिस पर कगु छ पगुकदारदा
जिदावदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 2। सभू॰ 2। आ॰ 173॥
(समहीकक) यहदासं चवचदारनदा चदाचहयदे चक मगुददार्थ चदाहदे आप सदे आप मरदे वदा चकसही कदे मदारनदे सदे दमोनयों बरदाबर हमैं।
हदासं! इन ममें कगु छ भदेद भही हहै तथदाचप मकतकपन ममें कगु छ भदेद नहह। और जिब एक सभूअर कदा चनषदेध चकयदा तमो क्यदा
मनगुष्य कदा मदासंस खदानदा उचचत हहै? क्यदा यह बदात अच्छही हमो सकतही हहै चक परमदेश्वर कदे नदाम पर शत्रगु आचद कमो
अत्यन्त दमःगु ख ददेकदे प्रदाणहत्यदा करनही? इस सदे ईश्वर कदा नदाम कलसंचकत हमो जिदातदा हहै। हदासं! ईश्वर नदे चवनदा पभूवर्थजिन्म
कदे अपरदाध कदे मगुसलमदानयों कदे हदाथ सदे ददारुण दमःगु ख क्ययों चदलदायदा? क्यदा उन पर दयदालगु नहह हहै? उन कमो पगुत्रदावतम्
नहह मदानतदा? चजिस वस्तगु सदे अचधक उपकदार हमोवदे उन गदाय आचद कदे मदारनदे कदा चनषदेध न करनदा जिदानमो
हत्यदा करदा कर खगु द दा जिगतम् कदा हदाचनकदारक हहै। चहसंसदारूप पदाप सदे कलसंचकत भही हमो जिदातदा हहै। ऐसही बदातमें खगुददा
और खगुददा कदे पगुस्तक ककी कभही नहह हमो सकतह॥34॥
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35—रमोजिदे ककी रदात तगुम्हदारदे चलयदे हलदाल ककी गई चक मदनमोत्सव करनदा अपनही बहीचबययों सदे। वदे तगुम्हदारदे
वदास्तदे पददार्थ हमैं और तगुम उन कदे चलयदे पददार्थ हमो। अलदाह नदे जिदानदा चक तगुम चमोरही करतदे हमो अथदार्थतम् व्यचभचदार , बस चफर
अलदाह नदे कमदा चकयदा तगुम कमो बस उन सदे चमलमो और ढभू संढमो जिमो अलदाह नदे तगुम्हदारदे चलयदे चलख चदयदा हहै अथदार्थतम्
सन्तदान, खदाओ पहीयमो यहदासं तक चक प्रकट हमो तगुम्हदारदे चलयदे कदालदे तदागदे सदे सगुपददे तदागदा वदा रदात सदे जिब चदन चनकलदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 2। सभू॰ 2। आ॰ 187॥
(समहीकक) यहदासं यह चनचश्चत हमोतदा हहै चक जिब मगुसलमदानयों कदा मत चलदा वदा उसकदे पचहलदे चकसही नदे
चकसही पचौरदाचणक कमो पभूछदा हमोगदा चक चदान्द्रदायण रत जिमो एक महहीनदे भर कदा हमोतदा हहै उस ककी चवचध क्यदा हहै ? वह
शदासचवचध जिमो चक मध्यदाह ममें—चन्द्र ककी कलदा घटनदे बढ़नदे कदे अनगुसदार ग्रदासयों कमो घटदानदा बढ़दानदा और मध्यदाह चदन
ममें खदानदा चलखदा हहै उस कमो न जिदानकर कहदा हमोगदा चक चन्द्रमदा कदा दशर्थन करकदे खदानदा, उस कमो इन मगुसलमदान
लमोगयों नदे इस प्रकदार कदा कर चलयदा। परन्तगु रत ममें सही समदागम कदा त्यदाग हहै वह एक बदात खगुददा नदे बढ़कर कह दही चक
तगुम चसययों कदा भही समदागम भलदे हही चकयदा करमो और रदात ममें चदाहदे अनदेक बदार खदाओ। भलदा यह रत क्यदा हह आ?
चदन कमो न खदायदा रदात कमो खदातदे रहदे। यह सकचष्टक्रम सदे चवपरहीत हहै चक चदन ममें न खदानदा रदात ममें खदानदा॥ 35॥
36—अलदाह कदे मदागर्थ ममें लड़मो उन सदे जिमो तगुम सदे लड़तदे हमैं॥मदार डदालमो तगुम उन कमो जिहदाह पदाओ , कतल
सदे कगु फ बगुरदा हहै॥यहदासं तक उन सदे लड़मो चक कगु फ न रहदे और हमोवदे दहीन अलदाह कदा॥उन्हयोंनदे चजितनही चजियदादतही करही
तगुम पर उतनही हही तगुम उन कदे सदाथ करमो॥
—मसं॰ 1। चस॰ 2। सभू॰ 2। आ॰ 190। 191। 192। 193॥
(समहीकक) जिमो कगु रदान ममें ऐसही बदातमें न हमोतह तमो मगुसलमदान लमोग इतनदा बड़दा अपरदाध जिमो चक अन्य मत
वदालयों पर चकयदा हहै; न करतदे। और चवनदा अपरदाचधययों कमो मदारनदा उन पर बड़दा पदाप हहै। जिमो मगुसलमदान कदे मत कदा
ग्रहण न करनदा हहै उस कमो कगु फ कहतदे हमैं अथदार्थतम् कगु फ सदे कतल कमो मगुसलमदान लमोग अच्छदा मदानतदे हमैं। अथदार्थतम् जिमो
हमदारदे दहीन कमो न मदानदेगदा उस कमो हम कतल करमेंगदे समो करतदे हही आयदे। मज़हब पर लड़तदे -लड़तदे आप हही रदाज्य
आचद सदे नष्ट हमो गयदे। और उन कदा मन अन्य मत वदालयों पर अचत कठमोर रहतदा हहै। क्यदा चमोरही कदा बदलदा चमोरही हहै ?
चक चजितनदा अपरदाध हमदारदा चमोर आचद चमोरही करमें क्यदा हम भही चमोरही करमें ? यह सवर्थथदा अन्यदाय ककी बदात हहै। क्यदा
कमोई अजदानही हम कमो गदाचलयदासं ददे क्यदा हम भही उस कमो गदालही ददेवमें ? यह बदात न ईश्वर ककी और न ईश्वर कदे भक्त
चवद्विदानम् ककी और न ईश्वरमोक्त पगुस्तक ककी हमो सकतही हहै। यह तमो कदे वल स्वदाथर्त्ती जदानरचहत मनगुष्य ककी हहै॥36॥
37—अलदाह झगड़दा करनदे वदालदे कमो चमत्र नहह रखतदा॥ऐ लमोगमो जिमो ईमदान लदायदे हमो इस्लदाम ममें प्रवदेश
करमो॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

—मसं॰ 1। चस॰ 2। सभू॰ 2। आ॰ 205। 208॥


(समहीकक) जिमो झगड़दा करनदे वदालदे कमो खगुददा चमत्र नहह समझतदा तमो क्ययों आप हही मगुसलमदानयों कमो झगड़दा
करनदे ममें प्रदेरणदा करतदा? और झगड़दालभू मगुसलमदानयों सदे चमत्रतदा क्ययों करतदा हहै? क्यदा मगुसलमदानयों कदे मत ममें चमलनदे हही
सदे खगुददा रदाजिही हहै तमो वह मगुसलमदानयों हही कदा पकपदातही हहै; सब ससंसदार कदा ईश्वर नहह। इस सदे यहदासं यह चवचदत हमोतदा
हहै चक न कगु रदान ईश्वरकक त और न इस ममें कहदा हह आ ईश्वर हमो सकतदा हहै॥37॥
38—खगुददा चजिसकमो चदाहदे अनन्त ररज़क ददेवदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 2। सभू॰ 2। आ॰ 212॥
(समहीकक) क्यदा चवनदा पदाप पगुण्य कदे खगुददा ऐसदे हही ररज़क ददेतदा हहै? चफर भलदाई बगुरदाई कदा करनदा एक सदा
हही हह आ। क्ययोंचक सगुख दमःगु ख प्रदाप्त हमोनदा उस ककी इच्छदा पर हहै। इस सदे धमर्थ सदे चवमगुख हमोकर मगुसलमदान लमोग
यथदेष्टदाचदार करतदे हमैं और कमोई कमोई इस कगु रदानमोक्त पर चवश्वदास न करकदे धमदार्थत्मदा भही हमोतदे हमैं॥38॥
39—प्रश्न करतदे हमैं तगुझ सदे रजिस्वलदा कमो कह वमो अपचवत्र हमैं। पकथकम् रहमो ऋतगु समय ममें उन कदे समहीप
मत जिदाओ जिब तक चक वदे पचवत्र न हयों। जिब नहदा लदेवमें उन कदे पदास उस स्थदान सदे जिदाओ खगुददा नदे आजदा दही॥तगुम्हदारही
बहीचवयदासं तगुम्हदारदे चलयदे खदेचतयदासं हमैं बस जिदाओ चजिस तरह चदाहमो अपनदे खदेत ममें॥तगुम कमो अलदाह लग़ब (बदेकदार, व्यथर्थ)
शपथ ममें नहह पकड़तदा॥
—मसं॰ 1। चस॰ 2। सभू॰ 2। आ॰ 222। 223। 224॥
(समहीकक) जिमो यह रजिस्वलदा कदा स्पशर्थ ससंग न करनदा चलखदा हहै वह अच्छही बदात हहै। परन्तगु जिमो यह चसययों
कमो खदेतही कदे तगुल्य चलखदा और जिहैसदा चजिस तरह सदे चदाहमो जिदाओ यह मनगुष्ययों कमो चवषयही करनदे कदा कदारण हहै। जिमो
खगुददा बदेकदार शपथ पर नहह पकड़तदा तमो सब झभूठ बमोलमेंगदे शपथ तमोड़मेंगदे। इस सदे खगुददा झभूठ कदा प्रवत्तर्थक हमोगदा॥39॥
40—वमो कचौन मनगुष्य हहै जिमो अलदाह कमो उधदार ददेवदे। अच्छदा बस अलदाह चद्विगगुण करदे उस कमो उस कदे
वदास्तदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 2। सभू॰ 2। आ॰ 245॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

(समहीकक) भलदा खगुददा कमो कज़र्थ उधदार1 लदेनदे सदे क्यदा प्रयमोजिन? चजिस नदे सदारदे ससंसदार कमो बनदायदा वह
मनगुष्य सदे कज़र्थ लदेतदा हहै? कददाचप नहह। ऐसदा तमो चवनदा समझदे कहदा जिदा सकतदा हहै। क्यदा उस कदा ख़जिदानदा खदालही हमो
गयदा थदा? क्यदा वह हह ण्डही पगुचड़यदा व्यदापदारदाचद ममें मग्नि हमोनदे सदे टमोटदे ममें फसंस गयदा थदा जिमो उधदार लदेनदे लगदा? और एक
कदा दमो-दमो ददेनदा स्वहीकदार करतदा हहै, क्यदा यह सदाहहकदारयों कदा कदाम हहै? चकन्तगु ऐसदा कदाम तमो चदवदाचलययों वदा खचर्थ
अचधक करनदे वदालदे और आय न्यभून हमोनदे वदालयों कमो करनदा पड़तदा हहै। ईश्वर कमो नहह॥40॥
41—उनममें सदे कमोई ईमदान न लदायदा और कमोई कदाचफर हह आ, जिमो अलदाह चदाहतदा न लड़तदे, जिमो चदाहतदा
हहै अलदाह करतदा हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 2। आ॰ 249॥
(समहीकक) क्यदा चजितनही लड़दाई हमोतही हहै वह ईश्वर हही ककी इच्छदा सदे। क्यदा वह अधमर्थ करनदा चदाहदे तमो कर
सकतदा हहै? जिमो ऐसही बदात हहै तमो वह खगुददा हही नहह, क्ययोंचक भलदे मनगुष्ययों कदा यह कमर्थ नहह चक शदाचन्तभसंग करकदे
लड़दाई करदावमें। इस सदे चवचदत हमोतदा हहै चक यह कगु रदान न ईश्वर कदा बनदायदा और न चकसही धदाचमर्थक चवद्विदानम् कदा रचचत
हहै॥41॥
42—जिमो कगु छ आसमदान और पकचथवही पर हहै सब उसही कदे चलयदे हहै? चदाहदे उस ककी कगु रसही नदे आसमदान
और पकचथवही कमो समदा चलयदा हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 2। आ॰ 255॥
(समहीकक) जिमो आकदाश भभूचम ममें पददाथर्थ हमैं वदे सब जिहीवयों कदे चलयदे परमदात्मदा नदे उत्पन्न चकयदे हमैं, अपनदे
चलयदे नहह क्ययोंचक वह पभूणर्थकदाम हहै, उस कमो चकसही पददाथर्थ ककी अपदेकदा नहह। जिब उस ककी कगु सर्त्ती हहै तमो वह एकददेशही
हहै। जिमो एकददेशही हमोतदा हहै वह ईश्वर नहह कहदातदा क्ययोंचक ईश्वर तमो व्यदापक हहै॥42॥
43—अलदाह सभूयर्थ कमो पभूवर्थ सदे लदातदा हहै बस तभू पचश्चम सदे लदे आ, बस जिमो कदाचफर थदा हहैरदान हह आ थदा,
चनश्चय अलदाह पदाचपययों कमो मदागर्थ नहह चदखलदातदा॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 2। आ॰ 258॥
(समहीकक) ददेचखयदे यह अचवददा ककी बदात! सभूयर्थ न पभूवर्थ सदे पचश्चम और न पचश्चम सदे पभूवर्थ कभही आतदा
जिदातदा हहै, वह तमो अपनही पररचध ममें घभूमतदा रहतदा हहै। इस सदे चनचश्चत जिदानदा जिदातदा हहै चक कगु रदान कदे कतदार्थ कमो खगमोल

1
इसही आयत कदे भदाष्य ममें तफसहीरहहसहैनही ममें चलखदा हहै चक एक मनगुष्य मगुहम्मद सदाहब कदे पदास आयदा। उसनदे कहदा चक ऐ रसभूललदाह
खगुददा कजिर्थ क्ययों मदासंगतदा हहै? उन्हयोंनदे उत्तर चदयदा चक तगुम कमो बचहश्त ममें लदे जिदानदे कदे चलयदे। उस नदे कहदा जिमो आप जिमदानत लमें तमो ममैं
दसं।भू मगुहम्मद सदाहब नदे उसककी जिमदानत लदे लही। खगुददा कदा भरमोसदा न हहआ, उस कदे दतभू कदा हहआ।
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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

और न भभूगमोल चवददा आतही थही। जिमो पदाचपययों कमो मदागर्थ नहह बतलदातदा तमो पगुण्यदात्मदाओसं कदे चलयदे भही मगुसलमदानयों कदे
खगुददा ककी आवश्यकतदा नहह। क्ययोंचक धमदार्थत्मदा तमो धमर्थमदागर्थ ममें हही हमोतदे हमैं। मदागर्थ तमो धमर्थ सदे भभूलदे हह ए मनगुष्ययों कमो
बतलदानदा हमोतदा हहै। समो कत्तर्थव्य कदे न करनदे सदे कगु रदान कदे कत्तदार्थ ककी बड़ही भभूल हहै॥43॥
44—कहदा चदार जिदानवरयों सदे लदे उन ककी सभूरत पचहचदान रख। चफर हर पहदाड़ पर उन ममें सदे एक-एक
टगु कड़दा रख ददे। चफर उन कमो बगुलदा, दचौड़तदे तदेरदे पदास चलदे आवमेंगदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 2। आ॰ 260॥
(समहीकक) वदाह-वदाह ददेखमो जिही! मगुसलमदानयों कदा खगुददा भदानमतही कदे समदान खदेल कर रहदा हहै! क्यदा ऐसही
हही बदातयों सदे खगुददा ककी खगुददाई हहै। बगुचद्धमदानम् लमोग ऐसदे खगुददा कमो चतलदाञ्जचल ददेकर दरभू रहमेंगदे और मभूखर्थ लमोग फसमेंगदे?
इस सदे खगुददा ककी बड़दाई कदे बदलदे बगुरदाई उस कदे पलदे पड़देगही॥44॥
45—चजिस कमो चदाहदे नहीचत ददेतदा हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 2। आ॰ 261॥
(समहीकक) जिब चजिस कमो चदाहतदा हहै उस कमो नहीचत ददेतदा हहै तमो चजिस कमो नहह चदाहतदा हहै उस कमो अनहीचत
ददेतदा हमोगदा। यह बदात ईश्वरतदा ककी नहह चकन्तगु जिमो पकपदात छमोड़ सब कमो नहीचत कदा उपददेश करतदा हहै वहही ईश्वर और
आप्त हमो सकतदा हहै। अन्य नहह॥45॥
46—जिमो लमोग ब्यदाजि खदातदे हमैं वदे कबरयों सदे नहह खड़दे हयोंगदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 2। आ॰ 275॥
(समहीकक) क्यदा वदे कबरयों ममें हही पड़दे रहमेंगदे और जिमो पड़दे रहमेंगदे तमो कब तक? ऐसही असम्भव बदात ईश्वर
कदे पगुस्तक ककी तमो नहह हमो सकतही चकन्तगु बदालबगुचद्धययों ककी तमो हमो सकतही हहै॥46॥
47—वह चक चजिस कमो चदाहदेगदा कमदा करदेगदा चजिस कमो चदाहदे दण्ड ददेगदा क्ययोंचक वह सब वस्तगु पर बलवदानम्
हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 2। आ॰ 269॥
(समहीकक) क्यदा कमदा कदे यमोग्य पर कमदा न करनदा, अयमोग्य पर कमदा करनदा गवरगण्ड रदाजिदा कदे तगुल्य यह
कमर्थ नहह हहै? यचद ईश्वर चजिस कमो चदाहतदा पदापही वदा पगुण्यदात्मदा बनदातदा हहै तमो जिहीव कमो पदाप -पगुण्य न लगनदा चदाचहयदे

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और जिब ईश्वर नदे उस कमो वहैसदा हही चकयदा तमो जिहीव कमो दमःगु ख-सगुख भही हमोनदा न चदाचहयदे। जिहैसदे सदेनदापचत ककी आजदा सदे
चकसही भकत्य नदे चकसही कमो मदारदा वदा रकदा ककी उस कदा फलभदागही वह नहह हमोतदा वहैसदे वदे भही नहह॥47॥
48—कह इस सदे अच्छही और क्यदा परहदेजिगदारयों कमो खबर दसंभू चक अलदाह ककी ओर सदे बचहश्तमें हमैं चजिन ममें
नहरमें चलतही हमैं उन्हह ममें सदहैव रहनदे वदालही शगुद्ध बहीचबयदासं हमैं अलदाह ककी प्रसन्नतदा सदे। अलदाह उन कमो ददेखनदे वदालदा हहै
सदाथ बन्दयों कदे ॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 3। आ॰ 15॥
(समहीकक) भलदा यह स्वगर्थ हहै चकसंवदा वदेश्यदावन? इस कमो ईश्वर कहनदा वदा सहैण? कमोई भही बगुचद्धमदानम्
ऐसही बदातमें चजिस ममें हयों उस कमो परमदेश्वर कदा चकयदा पगुस्तक मदान सकतदा हहै ? यह पकपदात क्ययों करतदा हहै। जिमो बहीचबयदासं
बचहश्त ममें सददा रहतही हमैं वदे यहदासं जिन्म पदाकदे वहदाह गई हमैं वदा वहह उत्पन्न हह ई हमैं। यचद यहदासं जिन्म पदाकर वहदाह गई हमैं और
जिमो कयदामत ककी रदात सदे पचहलदे हही वहदाह बहीचबययों कमो बगुलदा चलयदा तमो उन कदे खदाचवन्दयों कमो क्ययों न बगुलदा चलयदा। और
कयदामत ककी रदात ममें सब कदा न्यदाय हमोगदा इस चनयम कमो क्ययों तमोड़दा। यचद वहह जिन्मही हमैं तमो कयदामत तक वदे क्ययोंकर
चनवदार्थह करतही हमैं। जिमो उन कदे चलयदे पगुरुष भही हमैं तमो यहदासं सदे बचहश्त ममें जिदानदे वदालदे मगुसलमदानयों कमो खगुददा बहीचबयदासं कहदासं
सदे ददेगदा? और जिहैसदे बहीचबयदासं बचहश्त ममें सददा रहनदे वदालही बनदाई सं वहैसदे पगुरुषयों कमो वहदाह सददा रहनदे वदालदे क्ययों नहह
बनदायदा। इसचलयदे मगुसलमदानयों कदा खगुददा अन्यदायकदारही, बदे समझ हहै॥48॥
49—चनश्चय अलदाह ककी ओर सदे दहीन इसलदाम हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 3। आ॰ 19॥
(समहीकक) क्यदा अलदाह मगुसलमदानयों हही कदा हहै औरयों कदा नहह? क्यदा तदेरह सचौ वषर्यों कदे पभूवर्थ ईश्वरहीय मत
थदा हही नहह? इसही सदे यह कगु रदान ईश्वर कदा बनदायदा तमो नहह चकन्तगु चकसही पकपदातही कदा बनदायदा हहै॥49॥
50—प्रत्यदेक जिहीव कमो पभूरदा चदयदा जिदावदेगदा जिमो कगु छ उस नदे कमदायदा और वदे न अन्यदाय चकयदे जिदावमेंगदे॥कह
यदा अलदाह तभू हही मगुल्क कदा मदाचलक हहै चजिस कमो चदाहदे ददेतदा हहै, चजिस सदे चदाहदे छहीनतदा हहै, चजिस कमो चदाहदे प्रचतष्ठिदा ददेतदा
हहै, चजिस कमो चदाहदे अप्रचतष्ठिदा ददेतदा हहै, सब कगु छ तदेरदे हही हदाथ ममें हहै, प्रत्यदेक वस्तगु पर तभू हही बलवदानम् हहै॥रदात कमो चदन
ममें और चदन कमो रदात ममें पहैठदातदा हहै और मकतक कमो जिहीचवत सदे जिहीचवत कमो मकतक सदे चनकदालतदा हहै और चजिस कमो चदाहदे
अनन्त अन्न ददेतदा हहै॥मगुसलमदानयों कमो उचचत हहै चक कदाचफरयों कमो चमत्र न बनदावमें चसवदाय मगुसलमदानयों कदे जिमो कमोई यह
करदे बस वह अलदाह ककी ओर सदे नहह॥कह जिमो तगुम चदाहतदे हमो अलदाह कमो तमो पक करमो मदेरदा। अलदाह चदाहदेगदा तगुम कमो
और तगुम्हदारदे पदाप कमदा करदेगदा; चनश्चय हही करुणदामय हहै॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 3। आ॰ 25। 26। 27। 28। 29॥


(समहीकक) जिब प्रत्यदेक जिहीव कमो कमर्यों कदा पभूरदा-पभूरदा फल चदयदा जिदावदेगदा तमो कमदा नहह चकयदा जिदायगदा।
और जिमो कमदा चकयदा जिदायगदा तमो पभूरदा फल नहह चदयदा जिदायगदा और अन्यदाय हमोगदा जिब चवनदा उत्तम कमर्यों कदे रदाज्य
प्रचतष्ठिदा ददेगदा तमो भही अन्यदायही हमो जिदायगदा और चवनदा पदाप कदे रदाज्य और प्रचतष्ठिदा छहीन लदेगदा तमो भही अन्यदायकदारही हमो
जिदायगदा। भलदा! जिहीचवत सदे मकतक और मकतक सदे जिहीचवत कभही हमो सकतदा हहै? क्ययोंचक ईश्वर ककी व्यवस्थदा अछदेद-
अभदेद हहै। कभही अदल-बदल नहह हमो सकतही। अब ददेचखयदे पकपदात ककी बदातमें चक जिमो मगुसलमदान कदे मज़हब ममें नहह हमैं
उन कमो कदाचफर ठहरदानदा। उन ममें श्रदेष्ठियों सदे भही चमत्रतदा न रखनदे और मगुसलमदानयों ममें द ष्टगु यों सदे भही चमत्रतदा रखनदे कदे चलयदे
उपददेश करनदा ईश्वर कमो ईश्वरतदा सदे बचहमः कर ददेतदा हहै। इस सदे यह कगु रदान, कगु रदान कदा खगुददा और मगुसलमदान लमोग
कदे वल पकपदात अचवददा कदे भरदे हह ए हमैं। इसहीचलयदे मगुसलमदान लमोग अन्धदेरदे ममें हमैं। और ददेचखयदे मगुहम्मद सदाहदेब ककी लहीलदा
चक जिमो तगुम मदेरदा पक करमोगदे तमो खगुददा तगुम्हदारदा पक करदेगदा और जिमो तगुम पकपदातरूप पदाप करमोगदे उस ककी कमदा भही
करदेगदा। इस सदे चसद्ध हमोतदा हहै चक मगुहम्मद सदाहदेब कदा अन्तमःकरण शगुद्ध नहह थदा। इसहीचलयदे अपनदे मतलब चसद्ध करनदे
कदे चलयदे मगुहम्मद सदाहदेब नदे कगु रदान बनदायदा वदा बनवदायदा ऐसदा चवचदत हमोतदा हहै॥50॥
51—चजिस समय कहदा फररश्तयों नदे चक ऐ मयर्थम तगुझ कमो अलदाह नदे पसन्द चकयदा और पचवत्र चकयदा
ऊपर जिगतम् ककी चसययों कदे ॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 3। आ॰ 45॥
(समहीकक) भलदा जिब आजि कल खगुददा कदे फररश्तदे और खगुददा चकसही सदे बदातमें करनदे कमो नहह आतदे तमो
प्रथम कहै सदे आयदे हयोंगदे? जिमो कहमो चक पचहलदे कदे मनगुष्य पगुण्यदात्मदा थदे अब कदे नहह तमो यह बदात चमथ्यदा हहै। चकन्तगु चजिस
समय ईसदाई और मगुसलमदानयों कदा मत चलदा थदा उस समय उन ददेशयों ममें जिग्लही और चवददाहहीन मनगुष्य अचधक थदे
इसही चलयदे ऐसदे चवददा-चवरुद्ध मत चल गयदे। अब चवद्विदानम् अचधक हमैं इसचलयदे नहह चल सकतदा। चकन्तगु जिमो-जिमो ऐसदे
पमोकल मज़हब हमैं वदे भही अस्त हमोतदे जिदातदे हमैं; वकचद्ध ककी तमो कथदा हही क्यदा हहै॥51॥
52—उस कमो कहतदा हहै चक हमो बस हमो जिदातदा हहै॥कदाचफरयों नदे धमोखदा चदयदा, ईश्वर नदे धमोखदा चदयदा, ईश्वर
बहह त मकर करनदे वदालदा हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 3। सभू॰ 3। आ॰ 53। 54॥
(समहीकक) जिब मगुसलमदान लमोग खगुददा कदे चसवदाय दस भू रही चहीज़ नहह मदानतदे तमो खगुददा नदे चकस सदे कहदा?
और उस कदे कहनदे सदे कचौन हमो गयदा? इस कदा उत्तर मगुसलमदान सदात जिन्म ममें भही नहह ददे सकमें गदे। क्ययोंचक चवनदा

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उपदाददान कदारण कदे कदायर्थ कभही नहह हमो सकतदा। चवनदा कदारण कदे कदायर्थ कहनदा जिदानमो अपनदे मदाह बदाप कदे चवनदा मदेरदा
शरहीर हमो गयदा ऐसही बदात हहै। जिमो धमोखदा ददेतदा और मकर अथदार्थतम् छल और दम्भ करतदा हहै वह ईश्वर तमो कभही नहह हमो
सकतदा चकन्तगु उत्तम मनगुष्य भही ऐसदा कदाम नहह करतदा॥52॥
53—क्यदा तगुम कमो यह बहह त न हमोगदा चक अलदाह तगुम कमो तहीन हजिदार फररश्तयों कदे सदाथ सहदाय ददेवदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 4। सभू॰ 3। आ॰ 124॥
(समहीकक) जिमो मगुसलमदानयों कमो तहीन हजिदार फररश्तयों कदे सदाथ सहदाय ददेतदा थदा तमो अब मगुसलमदानयों ककी
बदादशदाहही बहह त सही नष्ट हमो गई और हमोतही जिदातही हहै क्ययों सहदाय नहह ददेतदा? इसचलयदे यह बदात कदे वल लमोभ ददेकदे
मभूखर्यों कमो फसंसदानदे कदे चलयदे महदा अन्यदाय ककी हहै॥53॥
54—और कदाचफरयों पर हम कमो सहदाय कर॥अलदाह तगुम्हदारदा उत्तम सहदायक और कदारसदाजि हहै॥जिमो तगुम
अलदाह कदे मदागर्थ ममें मदारदे जिदाओ वदा मर जिदाओ, अलदाह ककी दयदा बहह त अच्छही हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 4। सभू॰ 3। आ॰ 147। 150। 158॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे मगुसलमदानयों ककी भभूल चक जिमो अपनदे मत सदे चभन्न हमैं उन कदे मदारनदे कदे चलयदे खगुददा
ककी प्रदाथर्थनदा करतदे हमैं। क्यदा परमदेश्वर भमोलदा हहै जिमो इन ककी बदात मदान लदेवदे ? यचद मगुसलमदानयों कदा कदारसदाजि अलदाह हही
हहै तमो चफर मगुसलमदानयों कदे कदायर्थ नष्ट क्ययों हमोतदे हमैं? और खगुददा भही मगुसलमदानयों कदे सदाथ ममोह सदे फसंसदा हह आ दहीख
पड़तदा हहै, जिमो ऐसदा पकपदातही खगुददा हहै तमो धमदार्थत्मदा पगुरुषयों कदा उपदासनहीय कभही नहह हमो सकतदा॥54॥
55—और अलदाह तगुम कमो परमोकज नहह करतदा परन्तगु अपनदे पहैग़म्बरयों सदे चजिस कमो चदाहदे पसन्द करदे। बस
अलदाह और उस कदे रसभूल कदे सदाथ ईमदान लदाओ॥
—मसं॰ 1। चस॰ 4। सभू॰ 3। आ॰ 179॥
(समहीकक) जिब मगुसलमदान लमोग चसवदाय खगुददा कदे चकसही कदे सदाथ ईमदान नहह लदातदे और न चकसही कमो
खगुददा कदा सदाभही मदानतदे हमैं तमो पहैग़म्बर सदाहदेब कमो क्ययों ईमदान ममें खगुददा कदे सदाथ शरहीक चकयदा? अलदाह नदे पहैग़म्बर कदे
सदाथ ईमदान लदानदा चलखदा, इसही सदे पहैग़म्बर भही शरहीक हमो गयदा, पगुनमः लदाशरहीक कदा कहनदा ठहीक न हह आ। यचद इस
कदा अथर्थ यह समझदा जिदाय चक मगुहम्मद सदाहदेब कदे पहैग़म्बर हमोनदे पर चवश्वदास लदानदा चदाचहयदे तमो यह प्रश्न हमोतदा हहै चक
मगुहम्मद सदाहब कदे हमोनदे ककी क्यदा आवश्यकतदा हहै? यचद खगुददा उन कमो पहैग़म्बर चकयदे चवनदा अपनदा अभहीष्ट कदायर्थ नहह
कर सकतदा तमो अवश्य असमथर्थ हह आ॥55॥

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56—ऐ ईमदानवदालमो! सन्तमोष करमो परस्पर थदामदे रक्खमो और लड़दाई ममें लगदे रहमो। अलदाह सदे डरमो चक
तगुम छगु टकदारदा पदाओ॥
—मसं॰ 1। चस॰ 4। सभू॰ 3। आ॰ 186॥
(समहीकक) यह कगु रदान कदा खगुददा और पहैग़म्बर दमोनयों लड़दाईबदाजि थदे। जिमो लड़दाई ककी आजदा ददेतदा हहै वह
शदाचन्तभसंग करनदे वदालदा हमोतदा हहै। क्यदा नदाम मदात्र खगुददा सदे डरनदे सदे छगु टकदारदा पदायदा जिदातदा हहै ? वदा अधमर्थयक्त
गु लड़दाई
आचद सदे डरनदे सदे? जिमो प्रथम पक हहै तमो डरनदा न डरनदा बरदाबर और जिमो चद्वितहीय पक हहै तमो ठहीक हहै॥56॥
57—यदे अलदाह ककी हदमें हमैं जिमो अलदाह और उनकदे रसभूल कदा कहदा मदानदेगदा वह बचहश्त ममें पहह हचदेगदा चजिन ममें
नहरमें चलतही हमैं और यहही बड़दा प्रयमोजिन हहै॥जिमो अलदाह ककी और उस कदे रसभूल ककी आजदा भसंग करदेगदा और उस ककी
हदयों सदे बदाहर हमो जिदायगदा वमो सदहैव रहनदे वदालही आग ममें जिलदायदा जिदावदेगदा और उस कदे चलयदे खरदाब करनदे वदा दमःगु ख हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 4। सभू॰ 4। आ॰ 13। 14॥
(समहीकक) खगुददा हही नदे मगुहम्मद सदाहदेब पहैग़म्बर कमो अपनदा शरहीक कर चलयदा हहै और खगुद कगु रदान हही ममें
चलखदा हहै। और ददेखमो! खगुददा पहैग़म्बर सदाहदेब कदे सदाथ कहै सदा फसंसदा हहै चक चजिस नदे बचहश्त ममें रसभूल कदा सदाभदा कर
चदयदा हहै। चकसही एक बदात ममें भही मगुसलमदानयों कदा खगुददा स्वतन्त्र नहह तमो लदाशरहीक कहनदा व्यथर्थ हहै। ऐसही-ऐसही बदातमें
ईश्वरमोक्त पगुस्तक ममें नहह हमो सकतह॥57॥
58—और एक त्रसरदेणगु ककी बरदाबर भही अलदाह अन्यदाय नहह करतदा। और जिमो भलदाई हमोवदे उस कदा दगगु गुण
करदेगदा उस कमो॥
—मसं॰ 1। चस॰ 5। सभू॰ 4। आ॰ 40॥
(समहीकक) जिमो एक त्रसरदेणगु कदे बरदाबर भही खगुददा अन्यदाय नहह करतदा तमो पगुण्य कमो चद्विगगुण क्ययों ददेतदा?
और मगुसलमदानयों कदा पकपदात क्ययों करतदा हहै ? वदास्तव ममें चद्विगगुण वदा न्यभून फल कमर्यों कदा ददेवदे तमो खगुददा अन्यदायही हमो
जिदावदे॥58॥
59—जिब तदेरदे पदास सदे बदाहर चनकलतदे हमैं तमो तदेरदे कहनदे कदे चसवदाय (चवपरहीत) शमोचतदे हमैं। अलदाह उन ककी
सलदाह कमो चलखतदा हहै॥अलदाह नदे उन ककी कमदाई वस्तगु कदे कदारण सदे उन कमो उलटदा चकयदा। क्यदा तगुम चदाहतदे हमो चक
अलदाह कदे गगुमरदाह चकयदे हह ए कमो मदागर्थ पर लदाओ? बस चजिस कमो अलदाह गगुमरदाह करदे उसकमो कददाचप मदागर्थ न पदावदेगदा॥
—मसं॰ 1। चस॰ 5। सभू॰ 4। आ॰ 81-88॥

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(समहीकक) जिमो अलदाह बदातयों कमो चलख बहहीखदातदा बनदातदा जिदातदा हहै तमो सवर्थज नहह। जिमो सवर्थज हहै तमो
चलखनदे कदा क्यदा कदाम? और जिमो मगुसलमदान कहतदे हमैं चक शहैतदान हही सब कमो बहकदानदे सदे दष्टगु हह आ हहै तमो जिब खगुददा
हही जिहीवयों कमो गगुमरदाह करतदा हहै तमो खगुददा और शहैतदान ममें क्यदा भदेद रहदा? हदासं! इतनदा भदेद कह सकतदे हमैं चक खगुददा बड़दा
शहैतदान, वह छमोटदा शहैतदान। क्ययोंचक मगुसलमदानयों हही कदा कचौल हहै चक जिमो बहकदातदा हहै वहही शहैतदान हहै तमो इस प्रचतजदा सदे
खगुददा कमो भही शहैतदान बनदा चदयदा॥59॥
60—और अपनदे हदाथयों कमो न रमोकमें तमो उन कमो पकड़ लमो और जिहदाह पदाओ मदार डदालमो॥मगुसलमदान कमो
मगुसलमदान कदा मदारनदा यमोग्य नहह। जिमो कमोई अनजिदानदे सदे मदार डदालदे बस एक गदर्थन मगुसलमदान कदा छमोड़नदा हहै और खभून
बहदा उन लमोगयों ककी ओर सचौंपही हह ई जिमो उस कचौम सदे हमोवमें , और तगुम्हदारदे चलयदे ददान कर ददेवमें , जिमो दश्गु मन ककी कचौम
सदे॥और जिमो कमोई मगुसलमदान कमो जिदान कर मदार डदालदे वह सदहैव कदाल दमोज़ख ममें रहदेगदा, उस पर अलदाह कदा क्रमोध
और लदानत हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 5। सभू॰ 4। आ॰ 91। 92। 93॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे महदा पकपदात ककी बदात चक जिमो मगुसलमदान न हमो उस कमो जिहदाह पदाओ मदार डदालमो
और मगुसलमदानयों कमो न मदारनदा। भभूल सदे मगुसलमदानयों कदे मदारनदे ममें प्रदायचश्चत्त और अन्य कमो मदारनदे सदे बचहश्त चमलदेगदा
ऐसदे उपददेश कमो कगु ए ममें डदालनदा चदाचहयदे। ऐसदे-ऐसदे पगुस्तक ऐसदे-ऐसदे पहैग़म्बर ऐसदे-ऐसदे खगुददा और ऐसदे-ऐसदे मत सदे
चसवदाय हदाचन कदे लदाभ कगु छ भही नहह। ऐसयों कदा न हमोनदा अच्छदा और ऐसदे प्रदामदाचदक मतयों सदे बगुचद्धमदानयों कमो अलग रह
कर वदेदमोक्त सब बदातयों कमो मदाननदा चदाचहयदे क्ययोंचक उस ममें असत्य चकचञ्चन्मदात्र भही नहह हहै। और जिमो मगुसलमदान कमो
मदारदे उस कमो दमोज़ख चमलदे और दस भू रदे मत वदालदे कहतदे हमैं चक मगुसलमदान कमो मदारदे तमो स्वगर्थ चमलदे। अब कहमो इन दमोनयों
मतयों ममें सदे चकस कमो मदानमें चकस कमो छमोड़में? चकन्तगु ऐसदे मभूढ़ प्रकचल्पत मतयों कमो छमोड़ कर वदेदमोक्त मत स्वहीकदार करनदे
यमोग्य सब मनगुष्ययों कदे चलयदे हहै चक चजिस ममें आयर्थ मदागर्थ अथदार्थतम् श्रदेष्ठि पगुरुषयों कदे मदागर्थ ममें चलनदा और दस्यगु अथदार्थतम् दष्टगु यों कदे
मदागर्थ सदे अलग रहनदा चलखदा हहै; सवर्वोत्तम हहै॥60॥
61—और चशकदा प्रकट हमोनदे कदे पहीछदे चजिस नदे रसभूल सदे चवरमोध चकयदा और मगुसलमदानयों सदे चवरुद्ध पक
चकयदा; अवश्य हम उनकमो दमोज़ख ममें भदेजिमेंगदे॥
—मसं॰ 1। चस॰ 5। सभू॰ 4। आ॰ 115॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे खगुददा और रसभूल ककी पकपदात ककी बदातमें ! मगुहम्मद सदाहदेब आचद समझतदे थदे चक
जिमो खगुददा कदे नदाम सदे ऐसही हम न चलखमेंगदे तमो अपनदा मज़हब न बढ़देगदा और पददाथर्थ न चमलमेंगदे , आनन्द भमोग न हमोगदा।

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

इसही सदे चवचदत हमोतदा हहै चक वदे अपनदे मतलब करनदे ममें पभूरदे थदे और अन्य कदे प्रयमोजिन चबगदाड़नदे ममें। इस सदे यदे अनदाप्त
थदे। इन ककी बदात कदा प्रमदाण आप्त चवद्विदानयों कदे सदामनदे कभही नहह हमो सकतदा॥61॥
62—जिमो अलदाह फररश्तयों चकतदाबयों रसभूलयों और कयदामत कदे सदाथ कगु फ करदे चनश्चय वह गगुमरदाह हहै॥
चनश्चय जिमो लमोग ईमदान लदायदे चफर कदाचफर हह ए चफर-चफर ईमदान लदायदे पगुनमः चफर गयदे और कगु फ ममें अचधक बढ़दे।
अलदाह उन कमो कभही कमदा न करदेगदा और न मदागर्थ चदखलदावदेगदा॥
—मसं॰ 1। चस॰ 5। सभू॰ 4। आ॰ 136। 137॥
(समहीकक) क्यदा अब भही खगुददा लदाशरहीक रह सकतदा हहै? क्यदा लदाशरहीक कहतदे जिदानदा और उस कदे सदाथ
बहह त सदे शरहीक भही मदानतदे जिदानदा यह परस्पर चवरुद्ध बदात नहह हहै? क्यदा तहीन बदार कमदा कदे पश्चदातम् खगुददा कमदा नहह
करतदा? और तहीन वदार कगु फ करनदे पर रदास्तदा चदखलदातदा हहै? वदा चचौथही बदार सदे आगदे नहह चदखलदातदा? यचद चदार-
चदार बदार भही कगु फ सब लमोग करमें तमो कगु फ बहह त हही बढ़ जिदायदे॥62॥
63—चनश्चय अलदाह बगुरदे लमोगयों और कदाचफरयों कमो जिमदा करदेगदा दमोज़ख ममें॥ चनश्चय बगुरदे लमोग धमोखदा ददेतदे
हमैं अलदाह कमो और उन कमो वह धमोखदा ददेतदा हहै॥ऐ ईमदान वदालमो! मगुसलमदानयों कमो छमोड़ कदाचफरयों कमो चमत्र मत बनदाओ॥
—मसं॰ 1। चस॰ 5। सभू॰ 4। आ॰ 140। 142। 144॥
(समहीकक) मगुसलमदानयों कदे बचहश्त और अन्य लमोगयों कदे दमोज़ख ममें जिदानदे कदा क्यदा प्रमदाण ? वदाह जिही वदाह!
जिमो बगुरदे लमोगयों कदे धमोखदे ममें आतदा और अन्य कमो धमोखदा ददेतदा हहै ऐसदा खगुददा हम सदे अलग रहदे चकन्तगु जिमो धमोखदेबदाज़ हमैं
उन सदे जिदाकर मदेल करदे और वदे उस सदे मदेल करमें। क्ययोंचक—
“यदादृशही शहीतलदाददेव ही तदादृशमः खरवदाहनमः।”
जिहैसदे कमो तहैसदा चमलदे तभही चनवदार्थह हमोतदा हहै। चजिस कदा खगुददा धमोखदेबदाज़ हहै उस कदे उपदासक लमोग धमोखदेबदाज़
क्ययों न हयों? क्यदा दष्टगु मगुसलमदान हमो उस सदे चमत्रतदा और अन्य श्रदेष्ठि मगुसलमदान चभन्न सदे शत्रगुतदा करनदा चकसही कमो
उचचत हमो सकतही हहै?॥63॥
64—ऐ लमोगमो! चनश्चय तगुम्हदारदे पदास सत्य कदे सदाथ खगुददा ककी ओर सदे पहैगम्बर आयदा। बस तगुम उन पर
ईमदान लदाओ॥अलदाह मदाबभूद अकदे लदा हहै॥
—मसं॰ 1। चस॰ 6। सभू॰ 4। आ॰ 170। 171॥

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(समहीकक) क्यदा जिब पहैग़म्बरयों पर ईमदान लदानदा चलखदा तमो ईमदान ममें पहैग़म्बर खगुददा कदा शरहीक अथदार्थतम्
सदाभही हह आ वदा नहह। जिब अलदाह एकददेशही हहै, व्यदापक नहह, तभही तमो उस कदे पदास सदे पहैग़म्बर आतदे जिदातदे हमैं तमो वह
ईश्वर भही नहह हमो सकतदा। कहह सवर्थददेशही चलखतदे हमैं , कहह एकददेशही। इस सदे चवचदत हमोतदा हहै चक कगु रदान एक कदा
बनदायदा नहह चकन्तगु बहह तयों नदे बनदायदा हहै॥64॥
65—तगुम पर हरदाम चकयदा गयदा मगुददार्थर, लमोहह, सभूअर कदा मदासंस चजिस पर अलदाह कदे चवनदा कगु छ और पढ़दा
जिदावदे, गलदा घमोटदे, लदाठही मदारदे, ऊपर सदे चगर पड़दे, सहग मदारदे और दरन्ददे कदा खदायदा हह आ॥
—मसं॰ 2। चस॰ 6। सभू॰ 5। आ॰ 3॥
(समहीकक) क्यदा इतनदे हही पददाथर्थ हरदाम हमैं? अन्य बहह त सदे पशगु तथदा चतयर्थवम् जिहीव ककीड़ही आचद
मगुसलमदानयों कमो हलदाल हयोंगदे? इस वदास्तदे यह मनगुष्ययों ककी कल्पनदा हहै; ईश्वर ककी नहह। इस सदे इस कदा प्रमदाण भही
नहह॥65॥
66—और अलदाह कमो अच्छदा उधदार दमो अवश्य ममैं तगुम्हदारही बगुरदाई दरभू करूसंगदा और तगुम्हमें बचहश्तयों ममें
भदेजिभूसंगदा॥
—मसं॰ 2। चस॰ 6। सभू॰ 5। आ॰ 12॥
(समहीकक) वदाह जिही! मगुसलमदानयों कदे खगुददा कदे घर ममें कगु छ भही धन चवशदेष नहह रहदा हमोगदा। जिमो चवशदेष
हमोतदा तमो उधदार क्ययों मदासंगतदा? और उन कमो क्ययों बहकदातदा चक तगुम्हदारही बगुरदाई छगु ड़दा कदे तगुम कमो स्वगर्थ ममें भदेजिभूसंगदा?
यहदासं चवचदत हमोतदा हहै चक खगुददा कदे नदाम सदे मगुहम्मद सदाहदेब नदे अपनदा मतलब सदाधदा हहै॥66॥
67—चजिस कमो चदाहतदा हहै कमदा करतदा हहै चजिस कमो चदाहदे दमःगु ख ददेतदा हहै॥जिमो कगु छ चकसही कमो भही न चदयदा
वह तगुम्हमें चदयदा॥
—मसं॰ 2। चस॰ 6। सभू॰ 5। आ॰ 18। 20॥
(समहीकक) जिहैसदे शहैतदान चजिस कमो चदाहतदा पदापही बनदातदा वहैसदे हही मगुसलमदानयों कदा खगुददा भही शहैतदान कदा कदाम
करतदा हहै! जिमो ऐसदा हहै तमो चफर बचहश्त और दमोज़ख ममें खगुददा जिदावदे क्ययोंचक वह पदाप पगुण्य करनदे वदालदा हह आ , जिहीव
परदाधहीन हहै। जिहैसही सदेनदा सदेनदापचत कदे आधहीन रकदा करतही और चकसही कमो मदारतही हहै, उस ककी भलदाई बगुरदाई सदेनदापचत
कमो हमोतही हहै; सदेनदा पर नहह॥67॥
68—आजदा मदानमो अलदाह ककी और आजदा मदानमो रसभूल ककी॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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—मसं॰ 2। चस॰ 7। सभू॰ 5। आ॰ 92॥


(समहीकक) ददेचखयदे! यह बदात खगुददा कदे शरहीक हमोनदे ककी हहै। चफर खगुददा कमो ‘लदाशरहीक’ मदाननदा व्यथर्थ हहै॥
68॥
69—अलदाह नदे मदाफ चकयदा जिमो हमो चगुकदा और जिमो कमोई चफर करदेगदा अलदाह उस सदे बदलदा लदेगदा॥
—मसं॰ 2। चस॰ 7। सभू॰ 5। आ॰ 95॥
(समहीकक) चकयदे हह ए पदापयों कदा कमदा करनदा जिदानमो पदापयों कमो करनदे ककी आजदा ददेकदे बढ़दानदा हहै। पदाप कमदा
करनदे ककी बदात चजिस पगुस्तक ममें हमो वह न ईश्वर और न चकसही चवद्विदानम् कदा बनदायदा हहै चकन्तगु पदापवद्धर्थक हहै। हदासं !
आगदामही पदाप छगु ड़वदानदे कदे चलयदे चकसही सदे प्रदाथर्थनदा और स्वयसं छमोड़नदे कदे चलयदे पगुरुषदाथर्थ पश्चदात्तदाप करनदा उचचत हहै
परन्तगु कदे वल पश्चदात्तदाप करतदा रहदे, छमोड़दे नहह, तमो भही कगु छ नहह हमो सकतदा॥69॥
70—और उस मनगुष्य सदे अचधक पदापही कचौन हहै जिमो अलदाह पर झभूठ बदासंध लदेतदा हहै और कहतदा हहै चक
मदेरही ओर वहही ककी गई परन्तगु वहही उस ककी ओर नहह ककी गई और जिमो कहतदा हहै चक ममैं भही उतदारूहगदा चक जिहैसदे अलदाह
उतदारतदा हहै॥
—मसं॰ 2। चस॰ 7। सभू॰ 6। आ॰ 93॥
(समहीकक) इस बदात सदे चसद्ध हमोतदा हहै चक जिब मगुहम्मद सदाहदेब कहतदे थदे चक मदेरदे पदास खगुददा ककी ओर सदे
आयतमें आतही हमैं तब चकसही दस भू रदे नदे भही मगुहम्मद सदाहदेब कदे तगुल्य लहीलदा रचही हमोगही चक मदेरदे पदास भही आयतमें उतरतही
हमैं, मगुझ कमो भही पहैग़म्बर मदानमो। इस कमो हटदानदे औदार अपनही प्रचतष्ठिदा बढ़दानदे कदे चलयदे मगुहम्मद सदाहदेब नदे यह उपदाय
चकयदा हमोगदा॥70॥
71—अवश्य हम नदे तगुम कमो उत्पन्न चकयदा, चफर तगुम्हदारही सभूरतमें बनदाई।सं चफर हम नदे फररश्तयों सदे कहदा चक
आदम कमो चसजिददा करमो, बस उन्हयोंनदे चसजिददा चकयदा परन्तगु शहैतदान चसजिददा करनदे वदालयों ममें सदे न हह आ॥कहदा जिब ममैंनदे
तगुझदे आजदा दही चफर चकस नदे रमोकदा चक तभूनदे चसजिददा न चकयदा, कहदा ममैं उस सदे अच्छदा हह ह, तभूनदे मगुझ कमो आग सदे और
उस कमो चमटही सदे उत्पन्न चकयदा॥कहदा बस उस ममें सदे उतर, यह तदेरदे यमोग्य नहह हहै चक तभू उस ममें अचभमदान करदे॥कहदा
उस चदन तक ढहील ददे चक कबरयों ममें सदे उठदायदे जिदावमें॥कहदा चनश्चय तभू ढहील चदयदे गययों सदे हहै॥कहदा बस इस ककी कसम
हहै चक तभूनदे मगुझ कमो गगुमरदाह चकयदा, अवश्य ममैं उन कदे चलयदे तदेरदे सहीधदे मदागर्थ पर बहैठभूसंगदा॥और प्रदायमः तभू उन कमो धन्यवदाद
करनदे वदालदा न पदावदेगदा॥कहदा उस सदे ददगु र्थशदा कदे सदाथ चनकल, अवश्य जिमो कमोई उन ममें सदे तदेरदा पक करदेगदा तगुम सब सदे
दमोज़ख कमो भरूसंगदा॥

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—मसं॰ 2। चस॰ 8। सभू॰ 7। आ॰ 11। 12। 13। 14। 15। 16। 17॥
(समहीकक) अब ध्यदान ददेकर सगुनमो खगुददा और शहैतदान कदे झगड़दे कमो। एक फररश्तदा, जिहैसदा चक चपरदासही
हमो, थदा। वह भही खगुददा सदे न दबदा और खगुददा उस कदे आत्मदा कमो पचवत्र भही न कर सकदा। चफर ऐसदे बदागही कमो जिमो पदापही
बनदा कर ग़दर करनदे वदालदा थदा उस कमो खगुददा नदे छमोड़ चदयदा। खगुददा ककी यह बड़ही भभूल हहै। शहैतदान तमो सब कमो बहकदानदे
वदालदा और खगुददा शहैतदान कमो बहकदानदे वदालदा हमोनदे सदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक शहैतदान कदा भही शहैतदान खगुददा हहै। क्ययोंचक
शहैतदान प्रत्यक कहतदा हहै चक तभूनदे मगुझदे गगुमरदाह चकयदा। इस सदे खगुददा ममें पचवत्रतदा भही नहह पदाई जिदातही और सब बगुरदाइययों
कदा चलदानदे वदालदा मभूल कदारण खगुददा हहआ। ऐसदा खगुददा मगुसलमदानयों हही कदा हमो सकतदा हहै , अन्य श्रदेष्ठि चवद्विदानयों कदा नहह।
और फररश्तयों सदे मनगुष्यवतम् वदातदार्थलदाप करनदे सदे ददेहधदारही, अल्पज, न्यदायरचहत मगुसलमदानयों कदा खगुददा हहै। इसही सदे
चवद्विदानम् लमोग इसलदाम कदे मज़हब कमो पसन्द नहह करतदे॥71॥
72—चनश्चय तगुम्हदारदा मदाचलक अलदाह हहै चजिस नदे आसमदानयों और पकचथवही कमो छमः चदन ममें उत्पन्न चकयदा।
चफर करदार पकड़दा अशर्थ पर॥दहीनतदा सदे अपनदे मदाचलक कमो पगुकदारमो॥
—मसं॰ 2। चस॰ 8। सभू॰ 7। आ॰ 54। 56॥
(समहीकक) भलदा! जिमो छमः चदन ममें जिगतम् कमो बनदावदे, (अशर्थ) अथदार्थतम् ऊपर कदे आकदाश ममें चससंहदासन पर
आरदाम करदे वह ईश्वर सवर्थशचक्तमदानम् और व्यदापक कभही हमो सकतदा हहै ? इस कदे न हमोनदे सदे वह खगुददा भही नहह कहदा
सकतदा। क्यदा तगुम्हदारदा खगुददा बचधर हहै जिमो पगुकदारनदे सदे सगुनतदा हहै? यदे सब बदातमें अनहीश्वरकक त हमैं। इस सदे कगु रदान
ईश्वरकक त नहह हमो सकतदा। यचद छमः चदनयों ममें जिगतम् बनदायदा, सदातवमें चदन अशर्थ पर आरदाम चकयदा तमो थक भही गयदा
हमोगदा और अब तक समोतदा हहै वदा जिदागदा हहै ? यचद जिदागतदा हहै तमो अब कगु छ कदाम करतदा हहै वदा चनकम्मदा सहैल सपटदा
और ऐश करतदा चफरतदा हहै॥72॥
73—मत चफरमो पकचथवही पर झगड़दा करतदे॥
—मसं॰ 2। चस॰ 8। सभू॰ 7। आ॰ 74॥
(समहीकक) यह बदात तमो अच्छही हहै परन्तगु इस सदे चवपरहीत दस भू रदे स्थदानयों ममें चजिहदाद करनदा कदाचफरयों कमो
मदारनदा भही चलखदा हहै। अब कहमो यह पभूवदार्थपर चवरुद्ध नहह हहै ? इस सदे यह चवचदत हमोतदा हहै चक जिब मगुहम्मद सदाहदेब
चनबर्थल हह ए हयोंगदे तब उन्हयोंनदे यह उपदाय रचदा हमोगदा और जिब सबल हहए हयोंगदे तब झगड़दा मचदायदा हमोगदा। इसही सदे यदे बदातमें
परस्पर चवरुद्ध हमोनदे सदे दमोनयों सत्य नहह हमैं॥73॥
74—बस एक हही बदार अपनदा असदा डदाल चदयदा और वह अजिगर थदा प्रत्यक॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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—मसं॰ 2। चस॰ 9। सभू॰ 7। आ॰ 107॥


(समहीकक) अब इस कदे चलखनदे सदे चवचदत हमोतदा हहै चक ऐसही झभूठही बदातयों कमो खगुददा और मगुहम्मद सदाहदेब
भही मदानतदे थदे। जिमो ऐसदा हहै तमो यदे दमोनयों चवद्विदानम् नहह थदे क्ययोंचक जिहैसदे आसंख सदे ददेखनदे कमो और कदान सदे सगुननदे कमो
अन्यथदा कमोई नहह कर सकतदा। इसही सदे यदे इन्द्रजिदाल ककी बदातमें हमैं॥74॥
75—बस हम नदे उन पर मदेह कदा तभूफदान भदेजिदा! टहीढ़ही, चचचड़ही और ममैंढक और लमोहह॥बस उन सदे हम
नदे बदलदा चलयदा और उन कमो डगु बमो चदयदा दररयदाव ममें॥ और हम नदे बनही इसरदाईल कमो दररयदाव सदे पदार उतदार चदयदा॥
चनश्चय वह दहीन झभूठदा हहै चक चजिस ममें वदे हमैं और उन कदा कदायर्थ भही झभूठदा हहै॥
—मसं॰ 2। चस॰ 9। सभू॰ 7। आ॰ 133। 136। 137। 139॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! जिहैसदा कमोई पदाखण्डही चकसही कमो डरदावदे चक हम तगुझ पर सपर्यों कमो कदाटनदे कदे
चलयदे भदेजिमेंगदे। ऐसही हही यह भही बदात हहै। भलदा! जिमो ऐसदा पकपदातही चक एक जिदाचत कमो डगु बदा ददे और दस भू रही कमो पदार
उतदारदे वह अधमर्त्ती खगुददा क्ययों नहह! जिमो दस भू रदे मतयों कमो चक चजिन ममें हज़दारयों क्रमोड़यों मनगुष्य हयों झभूठदा बतलदावदे और
अपनदे कमो सच्चिदा, उस सदे परदे झभूठदा दसभू रदा मत कचौन हमो सकतदा हहै ? क्ययोंचक चकसही मत ममें सब मनगुष्य बगुरदे और भलदे
नहह हमो सकतदे। यह इकतफकीर्थ चडगरही करनदा महदामभूखर्यों कदा मत हहै। क्यदा तचौरदेत ज़बभूर कदा दहीन , जिमो चक उन कदा थदा;
झभूठदा हमो गयदा? वदा उन कदा कमोई अन्य मज़हब थदा चक चजिस कमो झभूठदा कहदा और जिमो वह अन्य मज़हब थदा तमो कचौन
सदा थदा कहमो चक चजिस कदा नदाम कगु रदान ममें हमो॥75॥
76—बस तभू मगुझ कमो अलबत्तदा ददेख सकदे गदा, जिब प्रकदाश चकयदा उस कदे मदाचलक नदे पहदाड़ ककी ओर उस
कमो परमदाण-गु परमदाणगु चकयदा। चगर पड़दा मभूसदा बदेहमोश॥
—मसं॰ 2। चस॰ 9। सभू॰ 7। आ॰ 143॥
(समहीकक) जिमो ददेखनदे ममें आतदा हहै वह व्यदापक नहह हमो सकतदा। और ऐसदे चमत्कदार करतदा चफरतदा थदा तमो
खगुददा इस समय ऐसदा चमत्कदार चकसही कमो क्ययों नहह चदखलदातदा? सवर्थथदा चवददा चवरुद्ध हमोनदे सदे यह बदात मदाननदे
यमोग्य नहह॥76॥
77—और अपनदे मदाचलक कमो दहीनतदा डर सदे मन ममें यदाद कर, धहीमही आवदाज़ सदे सगुबह कमो और शदाम
कमो॥
—मसं॰ 2। चस॰ 9। सभू॰ 7। आ॰ 205॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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(समहीकक) कहह-कहह कगु रदान ममें चलखदा हहै चक बड़ही आवदाज़ सदे अपनदे मदाचलक कमो पगुकदार और कहह-कहह
धहीरदे-धहीरदे मन ममें ईश्वर कदा स्मरण कर। अब कचहयदे ! कचौन सही बदात सच्चिही? और कचौन सही झभूठही? जिमो एक दस भू रही
बदात सदे चवरमोध करतही हहै वह बदात प्रमत्त गहीत कदे समदान हमोतही हहै। यचद कमोई बदात भ्रम सदे चवरुद्ध चनकल जिदाय उस
कमो मदान लदे तमो कगु छ चचन्तदा नहह॥77॥
78—प्रश्न करतदे हमैं तगुझ कमो लभूटयों सदे कह लभूटमें वदास्तदे अलदाह कदे और रसभूल कदे और डरमो अलदाह सदे॥
—मसं॰ 2। चस॰ 9। सभू॰ 8। आ॰ 1॥
(समहीकक) जिमो लभूट मचदावमें, डदाकभू कदे कमर्थ करमें करदावमें और खगुददा तथदा पहैग़म्बर और ईमदानददार भही बनमें ,
यह बड़दे आश्चयर्थ ककी बदात हहै और अलदाह कदा डर बतलदातदे और डदाकदाचद बगुरदे कदाम भही करतदे जिदायमें और ‘उत्तम मत
हमदारदा हहै’ कहतदे लज्जदा भही नहह। हठ छमोड़ कदे सत्य वदेदमत कदा ग्रहण न करमें इस सदे अचधक कमोई बगुरदाई दस भू रही
हमोगही?॥78॥
79—और कदाटदे जिड़ कदाचफरयों ककी॥ममैं तगुम कमो सहदाय दगसंभू दा। सदाथ सहस्र फररश्तयों कदे पहीछदे पहीछदे आनदे
वदालदे॥अवश्य ममैं कदाचफरयों कदे चदलयों ममें भय डदालभूसंगदा। बस मदारमो ऊपर गदर्थनयों कदे मदारमो उन ममें सदे प्रत्यदेक पमोरही (सचन्ध)
पर॥
—मसं॰ 2। चस॰ 9। सभू॰ 8। आ॰ 7। 9। 12॥
(समहीकक) वदाह जिही वदाह! कहै सदा खगुददा और कहै सदे पहैग़म्बर दयदाहहीन। जिमो मगुसलमदानही मत सदे चभन्न कदाचफरयों
ककी जिड़ कटवदावदे। और खगुददा आजदा ददेवदे उन ककी गदर्थन पर मदारमो और हदाथ पग कदे जिमोड़यों कमो कदाटनदे कदा सहदाय और
सम्मचत ददेवदे ऐसदा खगुददा लसंकदेश सदे क्यदा कगु छ कम हहै? यह सब प्रपञ्च कगु रदान कदे कत्तदार्थ कदा हहै, खगुददा कदा नहह। यचद
खगुददा कदा हमो तमो ऐसदा खगुददा हम सदे दरभू और हम उस सदे दरभू रहमें॥79॥
80—अलदाह मगुसलमदानयों कदे सदाथ हहै॥ऐ लमोगमो जिमो ईमदान लदायदे हमो पगुकदारनदा स्वहीकदार करमो वदास्तदे अलदाह
कदे और वदास्तदे रसभूल कदे ॥ऐ लमोगमो जिमो ईमदान लदायदे हमो मत चमोरही करमो अलदाह ककी रसभूल ककी और मत चमोरही करमो
अमदानत अपनही ककी॥ और मकर करतदा थदा अलदाह और अलदाह भलदा मकर करनदे वदालयों कदा हहै॥
—मसं॰ 2। चस॰ 9। सभू॰ 8। आ॰ 19। 20। 29। 30॥
(समहीकक) क्यदा अलदाह मगुसलमदानयों कदा पकपदातही हहै, जिमो ऐसदा हहै तमो अधमर्थ करतदा हहै। नहह तमो ईश्वर
सब सकचष्ट भर कदा हहै। क्यदा खगुददा चबनदा पगुकदारदे नहह सगुन सकतदा। बचधर हहै ? और उस कदे सदाथ रसभूल कमो शरहीक
करनदा बहह त बगुरही बदात नहह हहै? अलदाह कदा कचौन सदा ख़जिदानदा भरदा हहै जिमो चमोरही करदेगदा? क्यदा रसभूल और अपनदे
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अमदानत ककी चमोरही छमोड़कर अन्य सब ककी चमोरही चकयदा करदे? ऐसदा उपददेश अचवद्विदानम् और अधचमर्थययों कदा हमो सकतदा
हहै? भलदा! जिमो मकर करतदा और जिमो मकर करनदे वदालयों कदा ससंगही हहै वह खगुददा कपटही, छलही और अधमर्त्ती क्ययों
नहह? इसचलयदे यह कगु रदान खगुददा कदा बनदायदा हह आ नहह हहै। चकसही कपटही छलही कदा बनदायदा हमोगदा। नहह तमो ऐसही
अन्यथदा बदातमें चलचखत क्ययों हमोतह?॥80॥
81—और लड़मो उन सदे यहदासं तक चक न रहदे चफतनदा अथदार्थतम् बल कदाचफरयों कदा और हमोवदे दहीन तमदाम
वदास्तदे अलदाह कदे ॥और जिदानमो तगुम यह चक जिमो कगु छ तगुम लभूटमो चकसही वस्तगु सदे चनश्चय वदास्तदे अलदाह कदे हहै पदाहचवदाह
चहस्सदा उस कदा और वदास्तदे रसभूल कदे ॥
—मसं॰ 2। चस॰ 9। सभू॰ 8। आ॰ 39। 41॥
(समहीकक) ऐसदे अन्यदाय सदे लड़नदे लड़दानदे वदालदा मगुसलमदानयों कदे खगुददा सदे चभन्न शदाचन्तभङकतदार्थ दस भू रदा
कचौन हमोगदा? अब ददेचखयदे यह मज़हब चक अलदाह और रसभूल कदे वदास्तदे सब जिगतम् कमो लभूटनदा लगुटवदानदा लगुटदेरयों कदा
कदाम नहह हहै? और लभूट कदे मदाल ममें खगुददा कदा चहस्सदेददार बननदा जिदानमो डदाकभू बननदा हहै और ऐसदे लगुटदेरयों कदा पकपदातही
बननदा खगुददा अपनही खगुददाई ममें बटदा लगदातदा हहै। बड़दे आश्चयर्थ ककी बदात हहै चक ऐसदा पगुस्तक, ऐसदा खगुददा और ऐसदा
पहैगम्बर ससंसदार ममें ऐसही उपदाचध और शदाचन्तभङ करकदे मनगुष्ययों कमो दमःगु ख ददेनदे कदे चलयदे कहदासं सदे आयदा? जिमो ऐसदे-ऐसदे
मत जिगतम् ममें प्रचचलत न हमोतदे तमो सब जिगतम् आनन्द ममें बनदा रहतदा॥81॥
82—और कभही ददेखदे तभू जिब कदाचफरयों कमो फररश्तदे कब्जि करतदे हमैं, मदारतदे हमैं, मगुख उन कदे और पहीठमें
उन ककी और कहतदे चखमो अज़दाब जिलनदे कदा॥हम नदे उन कदे पदाप सदे उन कमो मदारदा और हम नदे चफरदाओन ककी कचौम
कमो डगु बदा चदयदा॥और तहैयदारही करमो वदास्तदे उन कदे जिमो कगु छ तगुम कर सकमो॥
—मसं॰ 2। चस॰ 9। सभू॰ 8। आ॰ 50। 54। 60॥
(समहीकक) क्ययों जिही! आजिकल रूस नदे रूम आचद और इसंग्लहैण्ड नदे चमश्र ककी ददगु र्थशदा कर डदालही;
फररश्तदे कहदासं समो गयदे? और अपनदे सदेवकयों कदे शत्रगुओसं कमो खगुददा पभूवर्थ मदारतदा डगु बदातदा थदा यह बदात सच्चिही हमो तमो
आजिकल भही ऐसदा करदे चजिस सदे ऐसदा नहह हमोतदा इसचलयदे यह बदात मदाननदे यमोग्य नहह? अब ददेचखयदे! यह कहै सही बगुरही
आजदा हहै चक जिमो कगु छ तगुम कर सकमो वह चभन्न मत वदालयों कदे चलयदे दमःगु खददायक कमर्थ करमो। ऐसही आजदा चवद्विदानम् और
धदाचमर्थक दयदालगु ककी नहह हमो सकतही। चफर चलखतदे हमैं चक खगुददा दयदालगु और न्यदायकदारही हहै। ऐसही बदातयों सदे मगुसलमदानयों
कदे खगुददा सदे न्यदाय और दयदाचद सदणगु दरभू बसतदे हमैं॥82॥

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83—ऐ नबही चकफदायत हहै तगुझ कमो अलदाह और उन कमो चजिन्हयोंनदे मगुसलमदानयों सदे तदेरदा पक चकयदा॥ऐ नबही
रग़बत अथदार्थतम् चदाह चस्कदा ददे मगुसलमदानयों कमो ऊपर लड़दाई कदे , जिमो हयों तगुम ममें सदे 20 आदमही सन्तमोष करनदे वदालदे
तमो परदाजिय करमें दमो सचौ कदा॥बस खदाओ उस वस्तगु सदे चक लभूटदा हहै तगुमनदे हलदाल पचवत्र और डरमो अलदाह सदे वह कमदा
करनदे वदालदा दयदालगु हहै॥
—मसं॰ 2। चस॰ 10। सभू॰ 8। आ॰ 64। 65। 69॥
(समहीकक) भलदा यह कचौन सही न्यदाय, चवद्वित्तदा और धमर्थ ककी बदात हहै चक जिमो अपनदा पक करदे और चदाहमें
अन्यदाय भही करदे उसही कदा पक और लदाभ पहह हचदावदे? और जिमो प्रजिदा ममें शदाचन्तभङ करकदे लड़दाई करदे करदावदे और लभूट
मदार कदे पददाथर्यों कमो हलदाल बतलदावदे और चफर उसही कदा नदाम कमदावदानम् दयदालगु चलखदे यह बदात खगुददा ककी तमो क्यदा
चकन्तगु चकसही भलदे आदमही ककी भही नहह हमो सकतही। ऐसही-ऐसही बदातयों सदे कगु रदान ईश्वरवदाक्य कभही नहह हमो सकतदा॥
83॥
84—सददा रहमेंगदे बहीच उस कदे , अलदाह समहीप हहै उस कदे पगुण्य बड़दा॥ऐ लमोगमो! जिमो ईमदान लदायदे हमो मत
पकड़मो बदापयों अपनदे कमो और भदाइययों अपनदे कमो चमत्र जिमो दमोस्त रखमें कगु फ कमो ऊपर ईमदान कदे ॥चफर उतदारही अलदाह नदे
तसलही अपनही ऊपर रसभूल अपनदे कदे और ऊपर मगुसलमदानयों कदे और उतदारदे लश्कर नहह ददेखदा तगुम नदे उन कमो और
अज़दाब चकयदा उन लमोगयों कमो और यहही सज़दा हहै कदाचफरयों कमो॥चफर-चफर आवदेगदा अलदाह पहीछदे उस कदे ऊपर॥और
लड़दाई करमो उन लमोगयों सदे जिमो ईमदान नहह लदातदे॥
—मसं॰ 2। चस॰ 10। सभू॰ 9। आ॰ 22। 23। 26। 27॥
(समहीकक) भलदा जिमो बचहश्तवदालयों कदे समहीप अलदाह रहतदा हहै तमो सवर्थव्यदापक क्ययोंकर हमो सकतदा हहै ? जिमो
सवर्थव्यदापक नहह तमो सकचष्टकत्तदार्थ और न्यदायदाधहीश नहह हमो सकतदा। और अपनदे मदाह, बदाप, भदाई और चमत्र कमो छगु ड़वदानदा
कदे वल अन्यदाय ककी बदात हहै। हदासं! जिमो वदे बगुरदा उपददेश करमें; न मदाननदा परन्तगु उन ककी सदेवदा सददा करनही चदाचहयदे। जिमो
पचहलदे खगुददा मगुसलमदानयों पर बड़दा सन्तमोषही थदा। और उनकदे सहदाय कदे चलए लश्कर उतदारतदा थदा सच हमो तमो अब
ऐसदा क्ययों नहह करतदा? और जिमो प्रथम कदाचफरयों कमो दण्ड ददेतदा और पगुनमः उसकदे ऊपर आतदा थदा तमो अब कहदाह
गयदा? क्यदा चवनदा लड़दाई कदे ईमदान खगुददा नहह बनदा सकतदा? ऐसदे खगुददा कमो हमदारही ओर सदे सददा चतलदाञ्जचल हहै ,
खगुददा क्यदा हहै एक चखलदाड़ही हहै?॥84॥
85—और हम बदाट ददेखनदे वदालदे हमैं वदास्तदे तगुम्हदारदे यह चक पहह हचदावमें तगुम कमो अलदाह अज़दाब अपनदे पदास सदे
वदा हमदारदे हदाथयों सदे॥

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—मसं॰ 2। चस॰ 10। सभू॰ 9। आ॰ 52॥


(समहीकक) क्यदा मगुसलमदान हही ईश्वर ककी पगुचलस बन गयदे हमैं चक अपनदे हदाथ वदा मगुसलमदानयों कदे हदाथ सदे
अन्य चकसही मत वदालयों कमो पकड़दा ददेतदा हहै ? क्यदा दस भू रदे क्रमोड़यों मनगुष्य ईश्वर कमो अचप्रय हमैं? मगुसलमदानयों ममें पदापही भही
चप्रय हमैं? यचद ऐसदा हहै तमो अन्धदेर नगरही गवरगण्ड रदाजिदा ककी सही व्यवस्थदा दहीखतही हहै। आश्चयर्थ हहै चक जिमो बगुचद्धमदानम्
मगुसलमदान हमैं वदे भही इस चनमभूर्थल अयगुक्त मत कमो मदानतदे हमैं॥85॥
86—प्रचतजदा ककी हहै अलदाह नदे ईमदान वदालयों सदे और ईमदानवदाचलययों सदे बचहश्तमें चलतही हमैं नहीचदे उन कदे सदे
नहरमें सदहैव रहनदे वदालही बहीच उस कदे और घर पचवत्र बहीच बचहश्तयों अदन कदे और प्रसन्नतदा अलदाह ककी ओर बड़ही हहै
और यह चक वह हहै मगुरदाद पदानदा बड़दा॥बस ठटदा करतदे हमैं उन सदे, ठटदा चकयदा अलदाह नदे उन सदे॥
—मसं॰ 2। चस॰ 10। सभू॰ 9। आ॰ 73। 80॥
(समहीकक) यह खगुददा कदे नदाम सदे सही पगुरुषयों कमो अपनदे मतलब कदे चलयदे लमोभ ददेनदा हहै। क्ययोंचक जिमो ऐसदा
प्रलमोभन न ददेतदे तमो कमोई मगुहम्मद सदाहदेब कदे जिदाल ममें न फसंसतदा। ऐसदे हही अन्य मत वदालदे भही चकयदा करतदे हमैं। मनगुष्य
लमोग तमो आपस ममें ठटदा चकयदा हही करतदे हमैं परन्तगु खगुददा कमो चकसही सदे ठटदा करनदा उचचत नहह हहै। यह कगु रदान क्यदा हहै
बड़दा खदेल हहै॥86॥
87—परन्तगु रसभूल और जिमो लमोग चक सदाथ उसकदे ईमदान लदायदे चजिहदाद चकयदा उन्हयोंनदे सदाथ धन अपनदे कदे
तथदा जिदानयों अपनही कदे और इन्हह लमोगयों कदे चलयदे भलदाई हहै॥और ममोहर रक्खही अलदाह नदे ऊपर चदलयों उन कदे , बस वदे
नहह जिदानतदे॥
—मसं॰ 2। चस॰ 10। सभू॰ 9। आ॰ 88। 93॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे मतलबचसन्धगु ककी बदात! चक वदे हही भलदे हमैं जिमो मगुहम्मद सदाहदेब कदे सदाथ ईमदान
लदायदे और जिमो नहह लदायदे वदे बगुरदे हमैं! क्यदा यह बदात पकपदात और अचवददा सदे भरही हह ई नहह हहै? जिब खगुददा नदे ममोहर हही
लगदा दही तमो उन कदा अपरदाध पदाप करनदे ममें कमोई भही नहह चकन्तगु खगुददा हही कदा अपरदाध हहै क्ययोंचक उन चबचदारयों कमो
भलदाई सदे चदलयों पर ममोहर लगदा कदे रमोक चदयदे; यह चकतनदा बड़दा अन्यदाय हहै!!!॥87॥
88—लदे मदाल उनकदे सदे खहैरदात चक पचवत्र करदे तभू उन कमो अथदार्थतम् बदाहरही और शगुद्ध करदे तभू उन कमो सदाथ
उन कदे अथदार्थतम् गगुप्त ममें॥चनश्चय अलदाह नदे ममोल लही हमैं मगुसलमदानयों सदे जिदानमें उन ककी और मदाल उन कदे बदलदे, चक
वदास्तदे उन कदे बचहश्त हहै। लड़मेंगदे बहीच मदागर्थ अलदाह कदे बस मदारमेंगदे और मर जिदावमेंगदे॥
—मसं॰ 2। चस॰ 11। सभू॰ 9। आ॰ 103। 111॥
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(समहीकक) वदाह जिही वदाह मगुहम्मद सदाहदेब! आपनदे तमो गमोकगुचलयदे गगुसदासंइययों ककी बरदाबरही कर लही क्ययोंचक
उन कदा मदाल लदेनदा और उन कमो पचवत्र करनदा यहही बदात तमो गगुसदासंइययों ककी हहै। वदाह खगुददा जिही! आपनदे अच्छही
सचौददागरही लगदाई चक मगुसलमदानयों कदे हदाथ सदे अन्य गरहीबयों कदे प्रदाण लदेनदा हही लदाभ समझदा और उन अनदाथयों कमो मरवदा
कर उन चनदर्थयही मनगुष्ययों कमो स्वगर्थ ददेनदे सदे दयदा और न्यदाय सदे मगुसलमदानयों कदा खगुददा हदाथ धमो बहैठदा और अपनही खगुददाई
ममें बटदा लगदा कदे बगुचद्धमदानम् धदाचमर्थकयों ममें घकचणत हमो गयदा॥88॥
89—ऐ लमोगमो जिमो ईमदान लदायदे हमो लड़मो उन लमोगयों सदे चक पदास तगुम्हदारदे हमैं कदाचफरयों सदे और चदाचहयदे चक
पदावमें बहीच तगुम्हदारदे दृढ़तदा॥क्यदा नहह ददेखतदे यह चक वदे बलदाओसं ममें डदालदे जिदातदे हमैं बहीच हर वषर्थ कदे एक बदार वदा दमो बदार।
चफर वदे नहह तमोबदा करतदे और न वदे चशकदा पकड़तदे हमैं॥
—मसं॰ 2। चस॰ 11। सभू॰ 9। आ॰ 123। 126॥
(समहीकक) ददेचखयदे! यदे भही एक चवश्वदासघदात ककी बदातमें खगुददा मगुसलमदानयों कमो चसखलदातदा हहै चक चदाहमें
पड़मोसही हमो वदा चकसही कदे नचौकर हयों जिब अवसर पदावमें तभही लड़दाई वदा घदात करमें। ऐसही बदातमें मगुसलमदानयों सदे बहह त बन
गई हमैं इसही कगु रदान कदे लदेख सदे। अब तमो मगुसलमदान समझ कदे इन कगु रदानमोक्त बगुरदाइययों कमो छमोड़ दमें तमो बहह त अच्छदा हहै॥
89॥
90—चनश्चय परवरचदगदार तगुम्हदारदा अलदाह हहै चजिस नदे पहैददा चकयदा आसमदानयों और पकचथवही कमो बहीच छमः
चदन कदे । चफर करदार पकड़दा ऊपर अशर्थ कदे , तदबहीर करतदा हहै कदाम ककी॥
—मसं॰ 3। चस॰ 11। सभू॰ 10। आ॰ 3॥
(समहीकक) आसमदान आकदाश एक और चबनदा बनदा अनदाचद हहै। उस कदा बनदानदा चलखनदे सदे चनश्चय हह आ
चक वह कगु रदानकत्तदार्थ पददाथर्थचवददा कमो नहह जिदानतदा थदा? क्यदा परमदेश्वर कदे सदामनदे छमः चदन तक बनदानदा पड़तदा हहै ?
तमो जिमो ‘हमो मदेरदे हह क्म सदे और हमो गयदा’ जिब कगु रदान ममें ऐसदा चलखदा हहै चफर छमः चदन कभही नहह लग सकतदे॥इससदे छमः
चदन लगनदा झभूठ हहै। जिमो वह व्यदापक हमोतदा तमो ऊपर अशर्थ कदे क्ययों ठहरतदा? और जिब कदाम ककी तदबहीर करतदा हहै तमो
ठहीक तगुम्हदारदा खगुददा मनगुष्य कदे समदान हहै क्ययोंचक जिमो सवर्थज हहै वह बहैठदा-बहैठदा क्यदा तदबहीर करदेगदा? इस सदे चवचदत
हमोतदा हहै चक ईश्वर कमो न जिदाननदे वदालदे जिसंगलही लमोगयों नदे यह पगुस्तक बनदायदा हमोगदा॥90॥
91—चशकदा और दयदा वदास्तदे मगुसलमदानयों कदे ॥
—मसं॰ 3। चस॰ 11। सभू॰ 10। आ॰ 57॥

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(समहीकक) क्यदा यह खगुददा मगुसलमदानयों हही कदा हहै? दस भू रयों कदा नहह? और पकपदातही हहै जिमो मगुसलमदानयों हही
पर दयदा करदे अन्य मनगुष्ययों पर नहह। यचद मगुसलमदान ईमदानददारयों कमो कहतदे हमैं तमो उन कदे चलयदे चशकदा ककी
आवश्यकतदा हही नहह और मगुसलमदानयों सदे चभन्नयों कमो उपददेश नहह करतदा तमो खगुददा ककी चवददा हही व्यथर्थ हहै॥91॥
92—परहीकदा लदेवदे तगुम कमो, कचौन तगुम ममें सदे अच्छदा हहै कमर्यों ममें। जिमो कहदे तभू ! अवश्य उठदायदे जिदाओगदे तगुम
पहीछदे मकत्यगु कदे ॥
—मसं॰ 3। चस॰ 12। सभू॰ 11। आ॰ 7॥
(समहीकक) जिब कमर्यों ककी परहीकदा करतदा हहै तमो सवर्थज हही नहह। और जिमो मकत्यगु पहीछदे उठदातदा हहै तमो दचौड़दा
सगुपगुदर्थ रखतदा हहै और अपनदे चनयम जिमो चक मरदे हहए न जिहीवमें उस कमो तमोड़तदा हहै। यह खगुददा कमो बटदा लगतदा हहै॥92॥
93—और कहदा गयदा ऐ पकचथवही अपनदा पदानही चनगल जिदा और ऐ आसमदान बस कर और पदानही सभूख
गयदा॥और ऐ कचौम यह हहै चक चनशदानही ऊसंटनही अलदाह ककी वदास्तदे तगुम्हदारदे, बस छमोड़ दमो उस कमो बहीच पकचथवही अलदाह
कदे खदातही चफरदे॥
—मसं॰ 3। चस॰ 12। सभू॰ 11। आ॰ 44। 64॥
(समहीकक) क्यदा लड़कदे पन ककी बदात हहै! पकचथवही और आकदाश कभही बदात सगुन सकतदे हमैं? वदाह जिही वदाह!
खगुददा कदे ऊसंटनही भही हहै तमो ऊसंट भही हमोगदा? तमो हदाथही घमोडदेडे़, गधदे आचद भही हयोंगदे? और खगुददा कदा ऊसंटनही सदे खदेत
चखलदानदा क्यदा अच्छही बदात हहै? क्यदा ऊसंटनही पर चढ़तदा भही हहै? जिमो ऐसही बदातमें हमैं तमो नवदाबही ककी सही घसड़पसड़
खगुददा कदे घर ममें भही हह ई॥93॥
94—और सदहैव रहनदे वदालदे बहीच उस कदे जिब तक चक रहमें आसमदान और पकचथवही॥और जिमो लमोग सगुभदागही
हह ए बस बचहश्त कदे सददा रहनदे वदालदे हमैं; जिब तक रहमें आसमदान और पकचथवही॥
—मसं॰ 3। चस॰ 12। सभू॰ 11। आ॰ 107। 108॥
(समहीकक) जिब दमोज़ख और बचहश्त ममें कयदामत कदे पश्चदातम् सब लमोग जिदायमेंगदे चफर आसमदान और
पकचथवही चकस चलए रहदेगही? और जिब दमोज़ख और बचहश्त कदे रहनदे ककी आसमदान पकचथवही कदे रहनदे तक अवचध हह ई
तमो सददा रहमेंगदे बचहश्त वदा दमोज़ख ममें, यह बदात झभूठही हह ई। ऐसदा कथन अचवद्विदानयों कदा हमोतदा हहै ; ईश्वर वदा चवद्विदानयों कदा
नहह॥94॥
95—जिब यभूसगुफ नदे अपनदे बदाप सदे कहदा चक ऐ बदाप मदेरदे ममैंनदे एक स्वप्न ममें ददेखदा॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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—मसं॰ 3। चस॰ 12। सभू॰ 12। आ॰ 4 सदे 59 तक॥


(समहीकक) इस प्रकरण ममें चपतदा पगुत्र कदा ससंवदादरूप चकस्सदा कहदानही भरही हहै इसचलयदे कगु रदान ईश्वर कदा
बनदायदा नहह। चकसही मनगुष्य नदे मनगुष्ययों कदा इचतहदास चलख चदयदा हहै॥95॥
96—अलदाह वह हहै चक चजिस नदे खड़दा चकयदा आसमदानयों कमो चवनदा खम्भदे कदे ददेखतदे हमो तगुम उस कमो। चफर
ठहरदा ऊपर अशर्थ कदे । आजदा वतर्थनदे वदालदा चकयदा सभूरजि और चदासंद कमो॥और वहही हहै चजिस नदे चबछदायदा पकचथवही कमो॥
उतदारदा आसमदान सदे पदानही बस बहदे नदालदे सदाथ अन्ददाजिदे अपनदे कदे ॥अलदाह खमोलतदा हहै भमोजिन कमो वदास्तदे चजिस कमो
चदाहदे और तसंग करतदा हहै॥
—मसं॰ 3। चस॰ 13। सभू॰ 13। आ॰ 2। 3। 17। 26॥
(समहीकक) मगुसलमदानयों कदा खगुददा पददाथर्थचवददा कगु छ भही नहह जिदानतदा थदा। जिमो जिदानतदा तमो गगुरुत्व न हमोनदे सदे
आसमदान कमो खम्भदे लगदानदे ककी कथदा कहदानही कगु छ भही न चलखतदा। यचद खगुददा अशर्थरूप एक स्थदान ममें रहतदा हहै तमो वह
सवर्थशचक्तमदानम् और सवर्थव्यदापक नहह हमो सकतदा। और जिमो खगुददा मदेघचवददा जिदानतदा तमो आकदाश सदे पदानही उतदारदा चलखदा
पगुनमः यह क्ययों न चलखदा चक पकचथवही सदे पदानही ऊपर चढ़दायदा। इससदे चनश्चय हह आ चक कगु रदान कदा बनदानदे वदालदा मदेघ ककी
चवददा कमो भही नहह जिदानतदा थदा। और जिमो चवनदा अच्छदे बगुरदे कदामयों कदे सगुख दमःगु ख ददेतदा हहै तमो पकपदातही अन्यदायकदारही
चनरकर भऋ हहै॥96॥
97—कह चनश्चय अलदाह गगुमरदाह करतदा हहै चजिस कमो चदाहतदा हहै और मदागर्थ चदखलदातदा हहै तफर्थ अपनही उस
मनगुष्य कमो रुजिभू करतदा हहै॥
—मसं॰ 3। चस॰ 13। सभू॰ 13। आ॰ 27॥
(समहीकक) जिब अलदाह गगुमरदाह करतदा हहै तमो खगुददा और शहैतदान ममें क्यदा भदेद हह आ? जिब चक शहैतदान
दस
भू रयों कमो गगुमरदाह अथदार्थतम् बहकदानदे सदे बगुरदा कहदातदा हहै तमो खगुददा भही वहैसदा हही कदाम करनदे सदे बगुरदा शहैतदान क्ययों नहह?
और बहकदानदे कदे पदाप सदे दमोज़खही क्ययों नहह हमोनदा चदाचहयदे?॥97॥
98—इसही प्रकदार उतदारदा हम नदे इस कगु रदान कमो अबर्त्ती ममें, जिमो पक करदेगदा तभू उन ककी इच्छदा कदा पहीछदे इस
कदे आई तदेरदे पदास चवददा सदे॥बस चसवदाय इस कदे नहह चक ऊपर तदेरदे पहैग़दाम पहह हचदानदा हहै और ऊपर हमदारदे हहै चहसदाब
लदेनदा॥
—मसं॰ 3। चस॰ 13। सभू॰ 13। आ॰ 37। 40॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

(समहीकक) कगु रदान चकधर ककी ओर सदे उतदारदा? क्यदा खगुददा ऊपर रहतदा हहै? जिमो यह बदात सच्चि हहै तमो वह
एकददेशही हमोनदे सदे ईश्वर हही नहह हमो सकतदा क्ययोंचक ईश्वर सब चठकदानदे एकरस व्यदापक हहै। पहैगदाम पहह हचदानदा हल्कदारदे
कदा कदाम हहै और हल्कदारदे ककी आवश्यकतदा उसही कमो हमोतही हहै जिमो मनगुष्यवतम् एकददेशही हमो। और चहसदाब लदेनदा ददेनदा भही
मनगुष्य कदा कदाम हहै; ईश्वर कदा नहह क्ययोंचक वह सवर्थज हहै। यह चनश्चय हमोतदा हहै चक चकसही अल्पज मनगुष्य कदा बनदायदा
कगु रदान हहै॥98॥
99—और चकयदा सभूयर्थ चन्द्र कमो सदहैव चफरनदे वदालदा॥चनश्चय आदमही अवश्य अन्यदाय और पदाप करनदे
वदालदा हहै॥
—मसं॰ 3। चस॰ 13। सभू॰ 14। आ॰ 33। 34॥
(समहीकक) क्यदा चन्द्र, सभूयर्थ सददा चफरतदे और पकचथवही नहह चफरतही? जिमो पकचथवही नहह चफरदे तमो कई वषर्यों
कदा चदन रदात हमोवदे। और जिमो मनगुष्य चनश्चय अन्यदाय और पदाप करनदे वदालदा हहै तमो कगु रदान सदे चशकदा करनदा व्यथर्थ हहै।
क्ययोंचक चजिन कदा स्वभदाव पदाप हही करनदे कदा हहै तमो उन ममें पगुण्यदात्मतदा कभही न हमोगही और ससंसदार ममें पगुण्यदात्मदा और
पदापदात्मदा सददा दहीखतदे हमैं। इसचलयदे ऐसही बदात ईश्वरकक त पगुस्तक ककी नहह हमो सकतही॥99॥
100—बस जिब ठहीक करूह ममैं उस कमो और फभूसं क दसंभू बहीच उसकदे रूह अपनही सदे। बस चगर पड़मो वदास्तदे
उस कदे चसजिददा करतदे हह ए॥कहदा ऐ रब मदेरदे, इस कदारण चक गगुमरदाह चकयदा तभू नदे मगुझ कमो अवश्य जिहीनत दगसंभू दा ममैं वदास्तदे
उन कदे बहीच पकचथवही कदे और गगुमरदाह करूसंगदा॥
—मसं॰ 3। चस॰ 14। सभू॰ 15। आ॰ 29। सदे 39। तक॥
(समहीकक) जिमो खगुददा नदे अपनही रूह आदम सदाहदेब ममें डदालही तमो वह भही खगुददा हह आ और जिमो वह खगुददा न
थदा तमो चसजिददा अथदार्थतम् नमस्कदारदाचद भचक्त करनदे ममें अपनदा शरहीक क्ययों चकयदा? जिब शहैतदान कमो गगुमरदाह करनदे वदालदा
खगुददा हही हहै तमो वह शहैतदान कदा भही शहैतदान बड़दा भदाई गगुरु क्ययों नहह? क्ययोंचक तगुम लमोग बहकदानदे वदालदे कमो शहैतदान
मदानतदे हमो तमो खगुददा नदे भही शहैतदान कमो बहकदायदा और प्रत्यक शहैतदान नदे कहदा चक ममैं बहकदाऊसंगदा। चफर भही उस कमो दण्ड
ददेकर कहै द क्ययों न चकयदा? और मदार क्ययों न डदालदा?॥100॥
101—और चनश्चय भदेजिदे हम नदे बहीच हर उम्मत कदे पहैग़म्बर॥जिब चदाहतदे हमैं हम उस कमो, यह कहतदे हमैं
हम उस कमो हमो! बस हमो जिदातही हहै॥
—मसं॰ 3। चस॰ 14। सभू॰ 16। आ॰ 35।40॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

(समहीकक) जिमो सब कचौमयों पर पहैग़म्बर भदेजिदे हमैं तमो सब लमोग जिमो चक पहैग़म्बर ककी रदाय पर चलतदे हमैं वदे
कदाचफर क्ययों? क्यदा दस भू रदे पहैग़म्बर कदा मदान्य नहह चसवदाय तगुम्हदारदे पहैग़म्बर कदे ? यह सवर्थथदा पकपदात ककी बदात हहै। जिमो
सब ददेश ममें पहैग़म्बर भदेजिदे तमो आयदार्थवतर्थ ममें कचौन सदा भदेजिदा? इसचलयदे यह बदात मदाननदे यमोग्य नहह। जिब खगुददा चदाहतदा हहै
और कहतदा हहै चक पकचथवही हमो जिदा, वह जिड़ कभही नहह सगुन सकतही। खगुददा कदा हहक्म क्ययोंकर बजिदा सकदे गदा? और
चसवदाय खगुददा कदे दस भू रही चहीजि नहह मदानतदे तमो सगुनदा चकस नदे? और हमो कचौन गयदा? यदे सब अचवददा ककी बदातमें हमैं। ऐसही
बदातयों कमो अनजिदान लमोग मदानतदे हमैं॥101॥
102—और चनयत करतदे हमैं वदास्तदे अलदाह कदे बदेचटयदासं-पचवत्रतदा हहै उस कमो— और वदास्तदे उनकदे हमैं जिमो
कगु छ चदाहमें॥कसम अलदाह ककी अवश्य भदेजिदे हम नदे पहैग़म्बर॥
—मसं॰ 3। चस॰ 14। सभू॰ 16। आ॰ 57। 63॥
(समहीकक) अलदाह बदेचटययों सदे क्यदा करदेगदा? बदेचटयदासं तमो चकसही मनगुष्य कमो चदाचहयदे, क्ययों बदेटदे चनयत नहह
चकयदे जिदातदे और बदेचटयदासं चनयत ककी जिदातही हमैं? इस कदा क्यदा कदारण हहै? बतदाइयदे? कसम खदानदा भभूठयों कदा कदाम हहै,
खगुददा ककी बदात नहह। क्ययोंचक बहह धदा ससंसदार ममें ऐसदा ददेखनदे ममें आतदा हहै चक जिमो झभूठदा हमोतदा हहै वहही कसम खदातदा हहै।
सच्चिदा सचौगन्ध क्ययों खदावदे?॥102॥
103—यदे लमोग वदे हमैं चक ममोहर रक्खही अलदाह नदे ऊपर चदलयों उन कदे और कदानयों उन कदे और आसंखयों
उन ककी कदे और यदे लमोग वदे हमैं बदेखबर॥और पभूरदा चदयदा जिदावदेगदा हर जिहीव कमो जिमो कगु छ चकयदा हहै और वदे अन्यदाय न
चकयदे जिदावमेंगदे॥
—मसं॰ 3। चस॰ 14। सभू॰ 16। आ॰ 108-111॥
(समहीकक)—जिब खगुददा हही नदे ममोहर लगदा दही तमो वदे चबचदारदे चवनदा अपरदाध मदारदे गयदे क्ययोंचक उन कमो
परदाधहीन कर चदयदा। यह चकतनदा बड़दा अपरदाध हहै ? और चफर कहतदे हमैं चक चजिस नदे चजितनदा चकयदा हहै उतनदा हही उस
कमो चदयदा जिदायगदा; न्यभूनदाचधक नहह। भलदा! उन्हयोंनदे स्वतन्त्रतदा सदे पदाप चकयदे हही नहह चकन्तगु खगुददा कदे करदानदे सदे चकयदे।
पगुनमः उन कदा अपरदाध हही न हह आ। उन कमो फल न चमलनदा चदाचहयदे। इस कदा फल खगुददा कमो चमलनदा उचचत हहै। और
जिमो पभूरदा चदयदा जिदातदा हहै तमो कमदा चकस बदात ककी जिदातही हहै? जिमो कमदा ककी जिदातही हहै तमो न्यदाय उड़ जिदातदा हहै। ऐसदा
गड़बड़दाध्यदाय ईश्वर कदा कभही नहह हमो सकतदा चकन्तगु चनबगुर्थचद्ध छमोकरयों कदा हमोतदा हहै॥103॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

104—और चकयदा हमनदे दमोज़ख कमो वदास्तदे कदाचफरयों कदे घदेरनदे वदालदा स्थदान॥ और हर आदमही कमो लगदा
चदयदा हम नदे उस कमो अमलनदामदा उस कदा बहीच गदर्थन उस ककी कदे और चनकदालमेंगदे हम वदास्तदे उस कदे चदन कयदामत कदे
एक चकतदाब चक ददेखदेगदा उस कमो खगुलदा हह आ॥और बहह त मदारदे हम नदे कगु रनभून सदे पहीछदे नभूह कदे ॥
—मसं॰ 4। चस॰ 15। सभू॰ 17। आ॰ 8-13। 17॥
(समहीकक) यचद कदाचफर वदे हही हमैं चक जिमो कगु रदान, पहैग़म्बर और कगु रदान कदे कहदे खगुददा, सदातवमें आसमदान
और नमदाज़ आचद कमो न मदानमें और उन्हह कदे चलयदे दमोज़ख हमोवदे तमो यह बदात कदे वल पकपदात ककी ठहरदे क्ययोंचक कगु रदान
हही कदे मदाननदे वदालदे सब अच्छदे और अन्य कदे मदाननदे वदालदे सब बगुरदे कभही हमो सकतदे हमैं ? यह बड़ही लड़कपन ककी बदात
हहै चक प्रत्यदेक ककी गदर्थन ममें कमर्थपगुस्तक! हम तमो चकसही एक ककी भही गदर्थन ममें नहह ददेखतदे। यचद इस कदा प्रयमोजिन कमर्यों
कदा फल ददेनदा हहै तमो चफर मनगुष्ययों कदे चदलयों, नदेत्रयों आचद पर ममोहर रखनदा और पदापयों कदा कमदा करनदा क्यदा खदेल
मचदायदा हहै? कयदामत ककी रदात कमो चकतदाब चनकदालदेगदा खगुददा तमो आजि कल वह चकतदाब कहदासं हहै ? क्यदा सदाहहकदार ककी
बहही समदान चलखतदा रहतदा हहै? यहदासं यह चवचदारनदा चदाचहयदे चक जिमो पभूवर्थजिन्म नहह तमो जिहीवयों कदे कमर्थ हही नहह हमो सकतदे
चफर कमर्थ ककी रदेखदा क्यदा चलखही? जिमो चवनदा कमर्थ कदे चलखदा तमो उन पर अन्यदाय चकयदा क्ययोंचक चवनदा अच्छदे बगुरदे कम्मर्यों
कदे उन कमो दमःगु ख-सगुख क्ययों चदयदा? जिमो कहमो चक खगुददा ककी मरजिही, तमो भही उसनदे अन्यदाय चकयदा। अन्यदाय उस कमो
कहतदे हमैं चक चवनदा बगुरदे भलदे कमर्थ चकयदे दमःगु ख सगुखरूप फल न्यभूनदाचधक ददेनदा और उस समय खगुददा हही चकतदाब बदासंचदेगदा
वदा कमोई सररश्तदेददार सगुनदावदेगदा? जिमो खगुददा हही नदे दहीघर्थकदाल सम्बन्धही जिहीवयों कमो चवनदा अपरदाध मदारदा तमो वह
अन्यदायकदारही हमो गयदा। जिमो अन्यदायकदारही हमोतदा हहै वह खगुददा हही नहह हमो सकतदा॥104॥
105—और चदयदा हमनदे समभूद कमो ऊसंटनही प्रमदाण॥और बहकदा चजिस कमो बहकदा सकदे ॥चजिस चदन
बगुलदावमेंगदे हम सब लमोगयों कमो सदाथ पदेशवदाओसं उन कदे बस जिमो कमोई चदयदा गयदा अमलनदामदा उस कदा बहीच दचहनदे हदाथ
उस कदे ॥
—मसं॰ 4। चस॰ 15। सभू॰ 17। आ॰ 59। 64। 71॥
(समहीकक) वदाह जिही! चजितनही खगुददा ककी सदाश्चयर्थ चनशदानही हमैं उन ममें सदे एक ऊसंटनही भही खगुददा कदे हमोनदे ममें
प्रमदाण अथवदा परहीकदा ममें सदाधक हहै। यचद खगुददा नदे शहैतदान कमो बहकदानदे कदा हहक्म चदयदा तमो खगुददा हही शहैतदान कदा सरददार
और सब पदाप करदानदे वदालदा ठहरदा। ऐसदे कमो खगुददा कहनदा कदे वल कम समझ ककी बदात हहै। जिब कयदामत ककी रदात
अथदार्थतम् प्रलय हही ममें न्यदाय करनदे करदानदे कदे चलयदे पहैग़म्बर और उन कदे उपददेश मदाननदे वदालयों कमो खगुददा बगुलदावदेगदा तमो
जिब तक प्रलय न हमोगदा तब तक सब दचौरदा सगुपगुदर्थ रहदे और दचौरदा सगुपदर्थ सब कमो द मःगु खददायक हहै जिब तक न्यदाय न
चकयदा जिदाय। इसचलयदे शहीघ्र न्यदाय करनदा न्यदायदाधहीश कदा उत्तम कदाम हहै। यह तमो पमोपदासंबदाई कदा न्यदाय ठहरदा। जिहैसदे कमोई
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न्यदायदाधहीश कहदे चक जिब तक पचदास वषर्थ तक कदे चमोर और सदाहहकदार इकटदे न हयों तब तक उन कमो दण्ड वदा प्रचतष्ठिदा
न करनही चदाचहयदे। वहैसदा हही यह हह आ चक एक तमो पचदास वषर्थ तक दचौरदा सगुपदगु र्थ रहदा और एक आजि हही पकड़दा गयदा।
ऐसदा न्यदाय कदा कदाम नहह हमो सकतदा। न्यदाय तमो वदेद और मनगुस्मकचत कदा ददेखमो चजिस ममें कण मदात्र चवलम्ब नहह हमोतदा
और अपनदे-अपनदे कमदार्थनगुसदार दण्ड वदा प्रचतष्ठिदा सददा पदातदे रहतदे हमैं। दस
भू रदा पहैग़म्बरयों कमो गवदाहही कदे तगुल्य रखनदे सदे
ईश्वर ककी सवर्थजतदा ककी हदाचन हहै। भलदा! ऐसदा पगुस्तक ईश्वरकक त और ऐसदे पगुस्तक कदा उपददेश करनदे वदालदा ईश्वर
कभही हमो सकतदा हहै? कभही नहह॥105॥
106—यदे लमोग वदास्तदे उन कदे हमैं बदाग़ हमदेशह रहनदे कदे , चलतही हमैं नहीचदे उन कदे सदे नहरमें, गहनदा पचहरदायदे
जिदावमेंगदे बहीच उस कदे कसंगन समोनदे कदे सदे और पमोशदाक पचहनमेंगदे वस हररत लदाचह ककी सदे और तदाफतदे ककी सदे तचकयदे
चकयदे हह ए बहीच उस कदे ऊपर तख़तयों कदे । अच्छदा हहै पगुण्य और अच्छही हहै बचहश्त लदाभ उठदानदे ककी॥
—मसं॰ 4। चस॰ 15। सभू॰ 18। आ॰ 31॥
(समहीकक) वदाह जिही वदाह! क्यदा कगु रदान कदा स्वगर्थ हहै चजिस ममें बदाग़, गहनदे, कपड़दे, गद्दही, तचकयदे आनन्द
कदे चलयदे हमैं। भलदा! कमोई बगुचद्धमदानम् यहदासं चवचदार करदे तमो यहदासं सदे वहदाह मगुसलमदानयों कदे बचहश्त ममें अचधक कगु छ भही नहह
हहै चसवदा अन्यदाय कदे , वह यह चक कमर्थ उन कदे अन्त वदालदे और फल उन कदा अनन्त। और जिमो महीठदा चनत्य खदावदे तमो
थमोड़दे चदन ममें चवष कदे समदान प्रतहीत हमोतदा हहै। जिब सददा वदे सगुख भमोगमेंगदे तमो उन कमो सगुख हही द मःगु खरूप हमो जिदायगदा।
इसचलयदे महदाकल्प पयर्थन्त मगुचक्तसगुख भमोग कदे पगुनजिर्थन्म पदानदा हही सत्य चसद्धदान्त हहै॥106॥
107—और यह बचस्तयदासं हमैं चक मदारदा हम नदे उन कमो जिब अन्यदाय चकयदा उन्हयोंनदे और हम नदे उन कदे
मदारनदे ककी प्रचतजदा स्थदापन ककी॥
—मसं॰ 4। चस॰ 15। सभू॰ 18। आ॰ 59॥
(समहीकक) भलदा! सब बस्तही भर पदापही कभही हमो सकतही हहै? और पहीछदे सदे प्रचतजदा करनदे सदे ईश्वर
सवर्थज नहह रहदा क्ययोंचक जिब उन कदा अन्यदाय ददेखदा तमो प्रचतजदा ककी, पचहलदे नहह जिदानतदा थदा। इस सदे दयदाहहीन भही
ठहरदा॥107॥
108—और वह जिमो लड़कदा, बस थदे मदाह बदाप उस कदे ईमदान वदालदे, बस डरदे हम यह चक पकड़दे उन कमो
सरकशही ममें और कगु फ ममें॥यहदासं तक चक पहह हचदा जिगह डभू बनदे सभूयर्थ ककी, पदायदा उसकमो डभू बतदा थदा बहीच चश्मदे ककीचड़ कदे ॥
कहदा उन नदे ऐज़गुलकरनहैन! चनश्चय यदाजिभूजि मदाजिभूजि चफसदाद करनदे वदालदे हमैं बहीच पकचथवही कदे ॥
—मसं॰ 4। चस॰ 16। सभू॰ 18। आ॰ 80। 86। 94॥

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(समहीकक) भलदा! यह खगुददा ककी चकतनही बदेसमझ हहै! शङदा सदे डरदा चक लड़कदे कदे मदाह बदाप कहह मदेरदे मदागर्थ
सदे बहकदा कर उलटदे न कर चदयदे जिदावमें। यह कभही ईश्वर ककी बदात नहह हमो सकतही। अब आगदे ककी अचवददा ककी बदात
ददेचखयदे चक इस चकतदाब कदा बनदानदे वदालदा सभूयर्थ कमो एक भहील ममें रदाचत्र कमो डभू बदा जिदानतदा हहै, चफर प्रदातमःकदाल चनकलतदा
हहै। भलदा! सभूयर्थ तमो पकचथवही सदे बहह त बड़दा हहै। वह नदही वदा भहील वदा समगुद्र ममें कहै सदे डभू ब सकदे गदा? इस सदे यह चवचदत
हह आ चक कगु रदान कदे बनदानदे वदालदे कमो भभूगमोल खगमोल ककी चवददा नहह थही। जिमो हमोतही तमो ऐसही चवददाचवरुद्ध बदात क्ययों
चलख ददेतदा। और इस पगुस्तक कमो मदाननदे वदालयों कमो भही चवददा नहह हहै। जिमो हमोतही तमो ऐसही चमथ्यदा बदातयों सदे यगुक्त पगुस्तक
कमो क्ययों मदानतदे? अब ददेचखयदे खगुददा कदा अन्यदाय! आप हही पकचथवही कमो बनदानदे वदालदा रदाजिदा न्यदायदाधहीश हहै और
यदाजिभूजि मदाजिभूजि कमो पकचथवही ममें फसदाद भही करनदे ददेतदा हहै। यह ईश्वरतदा ककी बदात सदे चवरुद्ध हहै। इस सदे ऐसही पगुस्तक कमो
जिग्लही लमोग मदानदा करतदे हमैं; चवद्विदानम् नहह॥108॥
109—और यदाद करमो बहीच चकतदाब कदे मयर्थम कमो, जिब जिदा पड़ही लमोगयों अपनदे सदे मकदान पभूवर्त्ती ममें॥बस
पड़दा उन सदे इधर पददार्थ, बस भदेजिदा हम नदे रूह अपनही कमो अथदार्थतम् फररश्तदा, बस सभूरत पकड़ही वदास्तदे उस कदे आदमही
पगुष्ट ककी॥कहनदे लगही चनश्चय ममैं शरण पकड़तही हह ह रहमदान ककी तगुझ सदे, जिमो हहै तभू परहदेज़गदार॥कहनदे लगदा चसवदाय इस
कदे नहह चक ममैं भदेजिदा हह आ हह सं मदाचलक तदेरदे कदे सदे, तदाचक ददे जिदाऊसं ममैं तगुझ कमो लड़कदा पचवत्र॥कहदा कहै सदे हमोगदा वदास्तदे
मदेरदे लड़कदा नहह हदाथ लगदायदा मगुझ कमो आदमही नदे , नहह ममैं बगुरदा कदाम करनदे वदालही॥बस गचभर्थत हमो गई सदाथ उस कदे
और जिदा पड़ही सदाथ उस कदे मकदान दरभू अथदार्थतम् जिसंगल ममें॥
—मसं॰ 4। चस॰ 16। सभू॰ 19। आ॰ 16। 17। 18। 19। 20-23॥
(समहीकक) अब बगुचद्धमदानम् चवचदार लमें चक फररश्तदे सब खगुददा ककी रूह हमैं तमो खगुददा सदे अलग पददाथर्थ नहह हमो
सकतदे। दस भू रदा यह अन्यदाय चक वह मयर्थम कगु मदारही कदे लड़कदा हमोनदा। चकसही कदा ससंग करनदा नहह चदाहतही थही परन्तगु
खगुददा कदे हह क्म सदे फररश्तदे नदे उस कमो गभर्थवतही चकयदा। यह न्यदाय सदे चवरुद्ध बदात हहै। यहदासं अन्य भही असभ्यतदा ककी
बदातमें बहह त चलखही हमैं उन कमो चलखनदा उचचत नहह समझदा॥109॥
110—क्यदा नहह ददेखदा तभू नदे यह चक भदेजिदा हम नदे शहैतदानयों कमो ऊपर कदाचफरयों कदे बहकदातदे हमैं उन कमो
बहकदानदे कर॥
—मसं॰ 4। चस॰ 16। सभू॰ 19। आ॰ 83॥
(समहीकक) जिब खगुददा हही शहैतदानयों कमो बहकदानदे कदे चलयदे भदेजितदा हहै तमो बहकनदे वदालयों कदा कगु छ दमोष नहह हमो
सकतदा और न उन कमो दण्ड हमो सकतदा और न शहैतदानयों कमो। क्ययोंचक यह खगुददा कदे हह क्म सदे सब हमोतदा हहै। इस कदा

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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फल खगुददा कमो हमोनदा चदाचहयदे। जिमो सच्चिदा न्यदायकदारही हहै तमो उस कदा फल दमोज़ख आप हही भमोगदे और जिमो न्यदाय कमो छमोड़
कदे अन्यदाय कमो करदे तमो अन्यदायकदारही हह आ। अन्यदायकदारही हही पदापही कहदातदा हहै॥110॥
111—और चनश्चय कमदा करनदे वदालदा हह ह वदास्तदे उस मनगुष्य कदे तमोबदामः ककी और ईमदान लदायदा और कमर्थ
चकयदे अच्छदे, चफर मदागर्थ पदायदा॥
—मसं॰ 4। चस॰ 16। सभू॰ 20। आ॰ 82॥
(समहीकक) जिमो तमोबदामः सदे पदाप कमदा करनदे ककी बदात कगु रदान ममें हहै यह सब कमो पदापही करदानदे वदालही हहै क्ययोंचक
पदाचपययों कमो इस सदे पदाप करनदे कदा सदाहस बहह त बढ़ जिदातदा हहै। इस सदे यह पगुस्तक और इस कदा बनदानदे वदालदा पदाचपययों
कमो पदाप करनदे ममें हचौसलदा बढ़दानदे वदालदे हमैं। इस सदे यह पगुस्तक परमदेश्वरकक त और इस ममें कहदा हह आ परमदेश्वर भही नहह
हमो सकतदा॥111॥
112—और चकयदे हम नदे बहीच पकचथवही कदे पहदाड़ ऐसदा न हमो चक चहल जिदावदे॥
—मसं॰ 4। चस॰ 17। सभू॰ 21। आ॰ 30॥
(समहीकक) यचद कगु रदान कदा बनदानदे वदालदा पकचथवही कदा घभूमनदा आचद जिदानतदा तमो यह बदात कभही नहह कहतदा
चक पहदाड़यों कदे धरनदे सदे पकचथवही नहह चहलतही। शसंकदा हह ई चक जिमो पहदाड़ नहह धरतदा तमो चहल जिदातही! इतनदे कहनदे पर
भही भभूकम्प ममें क्ययों चडग जिदातही हहै?॥112॥
113—और चशकदा दही हम नदे उस औरत कमो और रकदा ककी उस नदे अपनदे गगुह्य अङयों ककी। बस फभूसं क
चदयदा हम नदे बहीच उस कदे रूह अपनही कमो॥
—मसं॰ 4। चस॰ 17। सभू॰ 21। आ॰ 91॥
(समहीकक) ऐसही अश्लहील बदातमें खगुददा ककी पगुस्तक ममें खगुददा ककी क्यदा और सभ्य मनगुष्य ककी भही नहह हमोतह।
जिब चक मनगुष्ययों ममें ऐसही बदातयों कदा चलखनदा अच्छदा नहह तमो परमदेश्वर कदे सदामनदे क्ययोंकर अच्छदा हमो सकतदा हहै?
ऐसही-ऐसही बदातयों सदे कगु रदान दचभू षत हमोतदा हहै। यचद अच्छही बदात हमोतही तमो अचत प्रशसंसदा हमोतही; जिहैसदे वदेदयों ककी॥113॥
114—क्यदा नहह ददेखदा तभूनदे चक अलदाह कमो चसजिददा करतदे हमैं जिमो कमोई बहीच आसमदानयों और पकचथवही कदे
हमैं, सभूयर्थ और चन्द्र तदारदे और पहदाड़, वकक और जिदानवर॥पचहनदायदे जिदावमेंगदे बहीच उस कदे कसंगन समोनदे और ममोतही कदे
और पचहनदावदा उन कदा बहीच उसकदे रदेशमही हहै॥और पचवत्र रख घर मदेरदे कमो वदास्तदे चगदर्थ चफरनदे वदालयों कदे और खड़दे
रहनदे वदालयों कदे ॥चफर चदाचहयदे चक दरभू करमें महैल अपनदे और पभूरही करमें भमेंटमें अपनही और चदारयों ओर चफरमें घर कदहीम कदे ॥
तदाचक नदाम अलदाह कदा यदाद करमें॥
—मसं॰ 4। चस॰ 17। सभू॰ 22। आ॰ 18। 23। 26। 28। 33॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

(समहीकक) भलदा! जिमो जिड़ वस्तगु हमैं, परमदेश्वर कमो जिदान हही नहह सकतदे, चफर वदे उस ककी भचक्त क्ययोंकर
कर सकतदे हमैं? इस सदे यह पगुस्तक ईश्वरकक त तमो कभही नहह हमो सकतदा चकन्तगु चकसही भ्रदान्त कदा बनदायदा हह आ
दहीखतदा हहै। वदाह! बड़दा अच्छदा स्वगर्थ हहै जिहदाह समोनदे ममोतही कदे गहनदे और रदेशमही कपड़दे पचहरनदे कमो चमलमें। यह बचहश्त
यहदासं कदे रदाजिदाओसं कदे घर सदे अचधक नहह दहीख पड़तदा। और जिब परमदेश्वर कदा घर हहै तमो वह उसही घर ममें रहतदा भही
हमोगदा चफर बगुत्परस्तही क्ययों न हह ई? और दस भू रदे बगुत्परस्तयों कदा खण्डन क्ययों करतदे हमैं ? जिब खगुददा भमेंट लदेतदा, अपनदे
घर ककी पररक्रमदा करनदे ककी आजदा ददेतदा हहै और पशगुओसं कमो मरवदा कदे चखलदातदा हहै तमो यह खगुददा मचन्दर वदालदे और
भहैरव, दगगु दार्थ कदे सदृश हह आ और महदाबगुत्परस्तही कदा चलदानदे वदालदा हह आ क्ययोंचक मभूचतर्थययों सदे मचस्जिद बड़दा बगुतम् हहै। इस
सदे खगुददा और मगुसलमदान बड़दे बगुत्परस्त और पगुरदाणही तथदा जिहैनही छमोटदे बगुत्परस्त हमैं॥114॥
115—चफर चनश्चय तगुम चदन कयदामत कदे उठदायदे जिदाओगदे॥
—मसं॰ 4। चस॰ 18। सभू॰ 23। आ॰ 16॥
(समहीकक) कयदामत तक मगुदर्वे कबरयों ममें रहमेंगदे वदा चकसही अन्य जिगह? जिमो उन्हह ममें रहमेंगदे तमो सड़दे हह ए
दगगु र्थन्धरूप शरहीर ममें रहकर पगुण्यदात्मदा भही दमःगु ख भमोग करमेंगदे? यह न्यदाय अन्यदाय हहै। और दगगु र्थन्ध अचधक हमोकर
रमोगमोत्पचत्त करनदे सदे खगुददा और मगुसलमदान पदापभदागही हयोंगदे॥115॥
116—उस चदन ककी गवदाहही ददेवगमें दे ऊपर उन कदे $ज़बदानमें उन ककी और हदाथ उन कदे और पदासंव उन कदे
सदाथ उस वस्तगु कदे चक थदे करतदे॥अलदाह नभूर हहै आसमदानयों कदा और पकचथवही कदा, नभूर उस कदे चक मदाचनन्द तदा$∑§
ककी हहै बहीच उस कदे दहीप हमो और दहीप बहीच कसंदहील शहीशयों कदे हमैं, वह कसंदहील मदानमो चक तदारदा हहै चमकतदा, रमोशन
चकयदा जिदातदा हहै दहीपक वकक मगुबदाररक जिहैतभून कदे सदे, न पभूवर्थ ककी ओर हहै न पचश्चम ककी, समहीप हहै तदेल उस कदा रमोशन
हमो जिदावदे जिमो न लगदे ऊपर रमोशनही कदे मदागर्थ चदखदातदा हहै अलदाह नभूर अपनदे कदे चजिस कमो चदाहतदा हहै॥
—मसं॰ 4। चस॰ 18। सभू॰ 24। आ॰ 24। 35॥
(समहीकक) हदाथ पग आचद जिड़ हमोनदे सदे गवदाहही कभही नहह ददे सकतदे यह बदात सकचष्टक्रम सदे चवरुद्ध हमोनदे सदे
चमथ्यदा हहै। क्यदा खगुददा आगही चबजिगुलही हहै? जिहैसदा चक दृष्टदान्त ददेतदे हमैं ऐसदा दृष्टदान्त ईश्वर ममें नहह घट सकतदा। हदासं !
चकसही सदाकदार वस्तगु ममें घट सकतदा हहै॥116॥
117—और अलदाह नदे उत्पन्न चकयदा हर जिदानवर कमो पदानही सदे बस कमोई उन ममें सदे वह हहै चक जिमो चलतदा
हहै पदेट अपनदे कदे ॥और जिमो कमोई आजदा पदालन करदे अलदाह ककी रसभूल उस कदे ककी॥कह आजदा पदालन करदे खगुददा ककी
रसभूल उस कदे ककी और आजदा पदालन करमो रसभूल ककी तदाचक दयदा चकयदे जिदाअमो॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

—मसं॰ 4। चस॰ 18। सभू॰ 24। आ॰ 45। 52। 56॥


(समहीकक) यह कचौन सही चफलदासफकी हहै चक चजिन जिदानवरयों कदे शरहीर ममें सब तत्त्व दहीखतदे हमैं और कहनदा
चक कदे वल पदानही सदे उत्पन्न चकयदे। यह कदे वल अचवददा ककी बदात हहै। जिब अलदाह कदे सदाथ पहैग़म्बर ककी आजदा पदालन
करनदा हमोतदा हहै तमो खगुददा कदा शरहीक हमो गयदा वदा नहह? यचद ऐसदा हहै तमो क्ययों खगुददा कमो लदाशरहीक कगु रदान ममें चलखदा
और कहतदे हमो?॥117॥
118—और चजिस चदन चक फट जिदावदेगदा आसमदान सदाथ बदलही कदे और उतदारदे जिदावमेंगदे फररश्तदे॥बस मत
कहदा मदान कदाचफरयों कदा और झगड़दा कर उन सदे सदाथ झगड़दा बढ़दा॥और बदल डदालतदा हहै अलदाह बगुरदाइययों उन ककी
कमो भलदाइययों सदे॥ और जिमो कमोई तमोबदामः करदे और कमर्थ करदे अच्छदे बस चनश्चय आतदा हहै तरफ अलदाह ककी॥
—मसं॰ 4। चस॰ 19। सभू॰ 25। आ॰ 25-52। 70। 71॥
(समहीकक) यह बदात कभही सच नहह हमो सकतही हहै चक आकदाश बद्दलयों कदे सदाथ फट जिदावदे। यचद आकदाश
कमोई मभूत्तचर्थ ःमदानम् पददाथर्थ हमो तमो फट सकतदा हहै। यह मगुसलमदानयों कदा कगु रदान शदाचन्त भङ कर गदर झगड़दा मचदानदे वदालदा
हहै। इसहीचलयदे धदाचमर्थक चवद्विदानम् लमोग इस कमो नहह मदानतदे। यह भही अच्छदा न्यदाय हहै चक जिमो पदाप और पगुण्य कदा अदलदा
बदलदा हमो जिदाय। क्यदा यह चतल और उड़द ककी सही बदात हहै जिमो पलटदा हमो जिदावदे ? जिमो तमोबदा करनदे सदे पदाप छभू टदे और
ईश्वर चमलदे तमो कमोई भही पदाप करनदे सदे न डरदे। इसचलयदे यदे सब बदातमें चवददा सदे चवरुद्ध हमैं॥118॥
119—वहही ककी हम नदे तरफ मभूसदा ककी यह चक लदे चल रदात कमो बन्दयों मदेरदे कमो, चनश्चय तगुम पहीछदा
चकयदे जिदाओगदे॥बस भदेजिदे लमोग चफरमोन नदे बहीच नगरयों कदे जिमदा करनदे वदालदे॥और वह पगुरुष चक चजिसनदे पहैददा चकयदा मगुझ
कमो हहै, बस वहही मदागर्थ चदखलदातदा हहै॥और वह जिमो चखलदातदा हहै मगुझ कमो चपलदातदा हहै मगुझ कमो॥और उस पगुरुष ककी
आशदा रखतदा हह ह ममैं यह चक कमदा करदे वदास्तदे मदेरदे अपरदाध मदेरदा चदन कयदामत कदे ॥
—मसं॰ 5। चस॰ 19। सभू॰ 26। आ॰ 52। 53। 78। 79। 82॥
(समहीकक) जिब खगुददा नदे मभूसदा ककी ओर बहही भदेजिही पगुनमः ददाऊद, ईसदा और मगुहम्मद सदाहदेब ककी ओर
चकतदाब क्ययों भदेजिही? क्ययोंचक परमदेश्वर ककी बदात सददा एक सही और बदेभभूल हमोतही हहै और उस कदे पहीछदे कगु रदान तक
पगुस्तकयों कदा भदेजिनदा पचहलही पगुस्तक कमो अपभूणर्थ भभूलयगुक्त मदानदा जिदायगदा। यचद यदे तहीन पगुस्तक सच्चिदे हमैं तमो यह कगु रदान
झभूठदा हमोगदा। चदारयों कदा जिमो चक परस्पर प्रदायमः चवरमोध रखतदे हमैं उन कदा सवर्थथदा सत्य हमोनदा नहह हमो सकतदा। यचद खगुददा
नदे रूह अथदार्थतम् जिहीव पहैददा चकयदे हमैं तमो वदे मर भही जिदायमेंगदे अथदार्थतम् उन कदा कभही नदाश कभही अभदाव भही हमोगदा? जिमो
परमदेश्वर हही मनगुष्यदाचद प्रदाचणययों कमो चखलदातदा चपलदातदा हहै तमो चकसही कमो रमोग हमोनदा न चदाचहयदे और सब कमो तगुल्य

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

भमोजिन ददेनदा चदाचहयदे। पकपदात सदे एक कमो उत्तम और दस भू रदे कमो चनकक ष्ट जिहैसदा चक रदाजिदा और कसंगलदे कमो श्रदेष्ठि चनकक ष्ट
भमोजिन चमलतदा हहै; न हमोनदा चदाचहयदे। जिब परमदेश्वर हही चखलदानदे चपलदानदे और पथ्य करदानदे वदालदा हहै तमो रमोग हही न हमोनदे
चदाचहयदे परन्तगु मगुसलमदान आचद कमो भही रमोग हमोतदे हमैं। यचद खगुददा हही रमोग छगु ड़दा कर आरदाम करनदे वदालदा हहै तमो
मगुसलमदानयों कदे शरहीरयों ममें रमोग न रहनदा चदाचहयदे। यचद रहतदा हहै तमो खगुददा पभूरदा वहैद नहह हहै यचद पभूरदा वहैद हहै तमो
मगुसलमदानयों कदे शरहीरयों ममें रमोग क्ययों रहतदे हमैं? यचद वहही मदारतदा और चजिलदातदा हहै तमो उसही खगुददा कमो पदाप पगुण्य लगतदा
हमोगदा। यचद जिन्म जिन्मदान्तर कदे कमदार्थनगुसदार व्यवस्थदा करतदा हहै तमो उस कमो कगु छ भही अपरदाध नहह। यचद वह पदाप कमदा
और न्यदाय कयदामत ककी रदात ममें करतदा हहै तमो खगुददा पदाप बढ़दानदे वदालदा हमोकर पदापयगुक्त हमोगदा। यचद कमदा नहह करतदा तमो
यह कगु रदान ककी बदात झभूठही हमोनदे सदे बच नहह सकतही हहै॥119॥
120—नहह तभू परन्तगु आदमही मदाचनन्द हमदारही बस लदे आ कगु छ चनशदानही जिमो हहै तभू सच्चियों सदे॥कहदा यह
ऊसंटनही हहै वदास्तदे उस कदे पदानही पहीनदा हहै एक बदार॥
—मसं॰ 5। चस॰ 19। सभू॰ 26। आ॰ 154। 155॥
(समहीकक) भलदा! इस बदात कमो कमोई मदान सकतदा हहै चक पत्थर सदे ऊसंटनही चनकलदे! वदे लमोग जिग्लही थदे
चक चजिन्हयोंनदे इस बदात कमो मदान चलयदा। और ऊसंटनही ककी चनशदानही ददेनही कदे वल जिग्लही व्यवहदार हहै; ईश्वरकक त नहह।
यचद यह चकतदाब ईश्वरकक त हमोतही तमो ऐसही व्यथर्थ बदातमें इस ममें न हमोतह॥120॥
121—ऐ मभूसदा बदात यह हहै चक चनश्चय ममैं अलदाह हह ह ग़दाचलब॥और डदाल ददे असदा अपनदा, बस जिब चक
ददेखदा उस कमो चहलतदा थदा मदानमो चक वह सदासंप हहै—ऐ मभूसदा मत डर, चनश्चय नहह डरतदे समहीप मदेरदे पहैग़म्बर॥अलदाह
नहह कमोई मदाबभूद परन्तगु वह मदाचलक अशर्थ बड़दे कदा॥यह चक मत सरकशही करमो ऊपर मदेरदे और चलदे आओ मदेरदे पदास
मगुसलमदान हमोकर॥
—मसं॰ 5। चस॰ 19। सभू॰ 27। आ॰ 9। 10। 26। 31॥
(समहीकक) और भही ददेचखयदे अपनदे मगुख आप अलदाह बड़दा ज़बरदस्त बनतदा हहै। अपनदे मगुख सदे अपनही
प्रशसंसदा करनदा श्रदेष्ठि पगुरुष कदा भही कदाम नहह। खगुददा कदा क्ययोंकर हमो सकतदा हहै? तभही तमो इन्द्रजिदाल कदा लटकदा
चदखलदा जिग्लही मनगुष्ययों कमो वश कर आप जिसंगलस्थ खगुददा बन बहैठदा। ऐसही बदात ईश्वर कदे पगुस्तक ममें कभही नहह हमो
सकतही। यचद वह बड़दे अशर्थ अथदार्थतम् सदातवमें आसमदान कदा मदाचलक हहै तमो वह एकददेशही हमोनदे सदे ईश्वर हही नहह हमो
सकतदा हहै। यचद सरकशही करनदा बगुरदा हहै तमो खगुददा और मगुहम्मद सदाहदेब नदे अपनही स्तगुचत सदे पगुस्तक क्ययों भर चदयदे ?
मगुहम्मद सदाहदेब नदे अनदेकयों कमो मदारदे इस सदे सरकशही हह ई वदा नहह? यह कगु रदान पगुनरुक्त और पभूवदार्थपर चवरुद्ध बदातयों सदे
भरदा हह आ हहै॥121॥
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

122—और ददेखदेगदा तभू पहदाड़यों कमो अनगुमदान करतदा हहै तभू उन कमो जिमदे हह ए और वदे चलदे जिदातदे हमैं मदाचनन्द
चलनदे बदादलयों ककी, कदारहीगरही अलदाह ककी चजिसनदे दृढ़ चकयदा हर वस्तगु कमो, चनश्चय वह खबरददार हहै उस वस्तगु कदे चक
करतदे हमो॥
—मसं॰ 5। चस॰ 20। सभू॰ 27। आ॰ 87। 88॥
(समहीकक) बद्दलयों कदे समदान पहदाड़ कदा चलनदा कगु रदान बनदानदे वदालयों कदे ददेश ममें हमोतदा हमोगदा; अन्यत्र नहह।
और खगुददा ककी ख़बरददारही तमो शहैतदान बदाग़ही कमो न पकड़नदे और न दण्ड ददेनदे सदे हही चवचदत हमोतही हहै चक चजिस नदे एक
बदाग़ही कमो भही अब तक न पकड़ पदायदा; न दण्ड चदयदा। इस सदे अचधक असदावधदानही क्यदा हमोगही॥122॥
123—बस मगुष्ट मदारदा उस कमो मभूसदा नदे, बस पभूरही ककी आयगु उस ककी॥कहदा ऐ रब मदेरदे, चनश्चय ममैंनदे
अन्यदाय चकयदा जिदान अपनही कमो, बस कमदा कर मगुझ कमो, बस कमदा कर चदयदा उस कमो, चनश्चय वह कमदा करनदे
वदालदा दयदालगु हहै॥और मदाचलक तदेरदा उत्पन्न करतदा हहै, जिमो कगु छ चदाहतदा हहै और पसन्द करतदा हहै॥
—मसं॰ 5। चस॰ 20। सभू॰ 28। आ॰ 15। 16। 68॥
(समहीकक) अब अन्य भही ददेचखयदे मगुसलमदान और ईसदाइययों कदे पहैग़म्बर और खगुददा चक मभूसदा पहैग़म्बर
मनगुष्य ककी हत्यदा चकयदा करदे और खगुददा कमदा चकयदा करदे। यदे दमोनयों अन्यदायकदारही हमैं वदा नहह? क्यदा अपनही इच्छदा हही सदे
जिहैसदा चदाहतदा हहै वहैसही उत्पचत्त करतदा हहै? क्यदा उस नदे अपनही इच्छदा हही सदे एक कमो रदाजिदा दस
भू रदे कमो कङदाल और एक
भू रदे कमो मभूखदार्थचद चकयदा हहै? यचद ऐसदा हहै तमो न कगु रदान सत्य और न अन्यदायकदारही हमोनदे सदे यह खगुददा हही
कमो चवद्विदानम् दस
हमो सकतदा हहै॥123॥
124—और आजदा दही हम नदे मनगुष्य कमो सदाथ मदा बदाप कदे भलदाई करनदा और जिमो झगड़दा करमें तगुझ सदे
दमोनयों यह चक शरहीक लदावदे तभू सदाथ मदेरदे उस वस्तगु कमो, चक नहह वदास्तदे तदेरदे सदाथ उस कदे जदान, बस मत कहदा मदान
उन दमोनयों कदा, तफर्थ मदेरही हहै॥और अवश्य भदेजिदा हम नदे नभूह कमो तफर्थ कचौम उस कदे चक बस रहदा बहीच उन कदे हज़दार
वषर्थ परन्तगु पचदास वषर्थ कम॥
—मसं॰ 5। चस॰ 20। सभू॰ 29। आ॰ 8। 14॥
(समहीकक) मदातदा-चपतदा ककी सदेवदा करनदा अच्छदा हही हहै जिमो खगुददा कदे सदाथ शरहीक करनदे कदे चलयदे कहदे तमो
उन कदा कहनदा न मदाननदा यह भही ठहीक हहै परन्तगु यचद मदातदा चपतदा चमथ्यदाभदाषणदाचद करनदे ककी आजदा ददेवमें तमो क्यदा
मदान लदेनदा चदाचहयदे? इसचलयदे यह बदात आधही अच्छही और आधही बगुरही हहै। क्यदा नभूह आचद पहैग़म्बरयों हही कमो खगुददा
ससंसदार ममें भदेजितदा हहै तमो अन्य जिहीवयों कमो कचौन भदेजितदा हहै ? यचद सब कमो वहही भदेजितदा हहै तमो सभही पहैग़म्बर क्ययों नहह?

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और जिमो प्रथम मनगुष्ययों ककी हज़दार वषर्थ ककी आयगु हमोतही थही तमो अब क्ययों नहह हमोतही? इसचलयदे यह बदात ठहीक नहह॥
124॥
125—अलदाह पचहलही बदार करतदा हहै उत्पचत्त, चफर दस भू रही बदार करदेगदा उस कमो, चफर उसही ककी ओर
फदे रदे जिदाओगदे॥और चजिस चदन वषदार्थ अथदार्थतम् खड़ही हमोगही कयदामत चनरदाश हयोंगदे पदापही॥बस जिमो लमोग चक ईमदान लदायदे और
कदाम चकयदे अच्छदे बस वदे बहीच बदाग़ कदे चससंगदार चकयदे जिदावमेंगदे॥और जिमो भदेजि दमें हम एक बदाव, बस ददेखमें उसही खदेतही कमो
पहीलही हह ई॥इसही प्रकदार ममोहर रखतदा हहै अलदाह ऊपर चदलयों उन लमोगयों कदे चक नहह जिदानतदे॥
—मसं॰ 5। चस॰ 21। सभू॰ 30। आ॰ 11। 12। 15। 51। 59॥
(समहीकक) यचद अलदाह दमो बदार उत्पचत्त करतदा हहै तहीसरही बदार नहह तमो उत्पचत्त ककी आचद और द स भू रही
बदार कदे अन्त ममें चनकम्मदा बहैठदा रहतदा हमोगदा? और एक तथदा दमो बदार उत्पचत्त कदे पश्चदातम् उस कदा सदामथ्यर्थ चनकम्मदा
और व्यथर्थ हमो जिदायगदा। यचद न्यदाय करनदे कदे चदन पदापही लमोग चनरदाश हयों तमो अच्छही बदात हहै परन्तगु इस कदा प्रयमोजिन
यह तमो कहह नहह हहै चक मगुसलमदानयों कदे चसवदाय सब पदापही समझ कर चनरदाश चकयदे जिदायमें ? क्ययोंचक कगु रदान ममें कई
स्थदानयों ममें पदाचपययों सदे औरयों कदा हही प्रयमोजिन हहै। यचद बगहीचदे ममें रखनदा और शकसंगदार पचहरदानदा हही मगुसलमदानयों कदा स्वगर्थ हहै
तमो इस ससंसदार कदे तगुल्य हह आ और वहदाह मदालही और सगुनदार भही हयोंगदे अथवदा खगुददा हही मदालही और सगुनदार आचद कदा
कदाम करतदा हमोगदा। यचद चकसही कमो कम गहनदा चमलतदा हमोगदा तमो चमोरही भही हमोतही हमोगही और बचहश्त सदे चमोरही करनदे
वदालयों कमो दमोज़ख ममें भही डदालतदा हमोगदा। यचद ऐसदा हमोतदा हमोगदा तमो सददा बचहश्त ममें रहमेंगदे यह बदात झभूठ हमो जिदायगही। जिमो
चकसदानयों ककी खदेतही पर भही खगुददा ककी दृचष्ट हहै समो यह चवददा खदेतही करनदे कदे अनगुभव हही सदे हमोतही हहै। और यचद मदानदा
जिदाय चक खगुददा नदे अपनही चवददा सदे सब बदात जिदान लही हहै तमो ऐसदा भय ददेनदा अपनदा घमण्ड प्रचसद्ध करनदा हहै। यचद
अलदाह नदे जिहीवयों कदे चदलयों पर ममोहर लगदा पदाप करदायदा तमो उस पदाप कदा भदागही वहही हमोवदे जिहीव नहह हमो सकतदे। जिहैसदे
जिय परदाजिय सदेनदाधहीश कदा हमोतदा हहै वहैसदे यह सब पदाप खगुददा हही कमो प्रदाप्त हमोवदे॥125॥
126—यदे आयतमें हमैं चकतदाब चहक्मत वदालदे ककी॥उत्पन्न चकयदा आसमदानयों कमो चबनदा सगुतभून अथदार्थतम् खम्भदे
कदे ददेखतदे हमो तगुम उस कमो और डदालदे बहीच पकचथवही कदे पहदाड़ ऐसदा न हमो चक चहल जिदावदे॥क्यदा नहह ददेखदा तभूनदे यह चक
अलदाह प्रवदेश करदातदा हहै चदन कमो बहीच रदात कदे ॥क्यदा नहह ददेखदा चक चकचश्तयदासं चलतही हमैं बहीच दयदार्थ कदे सदाथ चनआमतयों
अलदाह कदे , तदाचक चदखलदावदे तगुम कमो चनशदाचनयदासं अपनही॥
—मसं॰ 5। चस॰ 21। सभू॰ 31। आ॰ 2। 10। 29। 31॥
(समहीकक) वदाह जिही वदाह! चहक्मतवदालही चकतदाब! चक चजिस ममें सवर्थथदा चवददा सदे चवरुद्ध आकदाश ककी
उत्पचत्त और उस ममें खम्भदे लगदानदे ककी शसंकदा और पकचथवही कमो चस्थर रखनदे कदे चलयदे पहदाड़ रखनदा। थमोड़ही सही चवददा
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

वदालदा भही ऐसदा लदेख कभही नहह करतदा और न मदानतदा और चहक्मत ददेखमो चक जिहदाह चदन हहै वहदाह रदात नहह और जिहदाह
रदात हहै वहदाह चदन नहह। उस कमो एक दस भू रदे ममें प्रवदेश करदानदा चलखतदा हहै यह बड़दे अचवद्विदानयों ककी बदात हहै। इसचलयदे यह
कगु रदान चवददा ककी पगुस्तक नहह हमो सकतही। क्यदा यह चवददाचवरुद्ध बदात नहह हहै चक नचौकदा मनगुष्य और चक्रयदा कचौशलदाचद
सदे चलतही हमैं वदा खगुददा ककी कक पदा सदे? यचद लमोहदे वदा पत्थरयों ककी नचौकदा बनदा कर समगुद्र ममें चलदावमें तमो खगुददा ककी चनशदानही
डभू ब जिदाय वदा नहह? इसचलयदे यह पगुस्तक न चवद्विदानम् और न ईश्वर कदा बनदायदा हह आ हमो सकतदा हहै॥126॥
127—तदबहीर करतदा हहै कदाम ककी आसमदान सदे तफर्थ पकचथवही ककी चफर चढ़ जिदातदा हहै तफर्थ उस ककी बहीच
एक चदन कदे चक हहै अवचध उसककी सहस्र वषर्थ उन वषर्यों सदे चक चगनतदे हमो तगुम॥यह हहै जिदाननदे वदालदा गहैब कदा और
प्रत्यक कदा ग़दाचलब दयदालगु॥चफर पगुष्ट चकयदा उस कमो और फभूसं कदा बहीच रूह अपनही सदे॥कह कब्जि करदेगदा तगुम कमो
फररश्तदा मचौत कदा वह जिमो चनयत चकयदा गयदा हहै सदाथ तगुम्हदारदे॥और जिमो चदाहतदे हम अवश्य ददेतदे हम हर एक जिहीव कमो
चशकदा उस ककी, परन्तगु चसद्ध हह ई बदात मदेरही ओर सदे चक अवश्य भरूहगदा ममैं दमोज़ख कमो चजिनयों सदे और आदचमययों सदे
इकटदे॥
—मसं॰ 5। चस॰ 21। सभू॰ 32। आ॰ 5। 6। 9। 11। 13॥
(समहीकक) अब ठहीक चसद्ध हमो गयदा चक मगुसलमदानयों कदा खगुददा मनगुष्यवतम् एकददेशही हहै। क्ययोंचक जिमो व्यदापक
हमोतदा तमो एकददेश सदे प्रबन्ध करनदा और उतरनदा चढ़नदा नहह हमो सकतदा। यचद खगुददा फररश्तदे कमो भदेजितदा हहै तमो भही
आप एकददेशही हमो गयदा। आप आसमदान पर टसंगदा बहैठदा हहै और फररशतयों कमो दचौड़दातदा हहै। यचद फररश्तदे ररश्वत लदेकर
कमोई मदामलदा चबगदाड़ दमें वदा चकसही मगुदर्वे कमो छमोड़ जिदायमें तमो खगुददा कमो क्यदा मदालभूम हमो सकतदा हहै? मदालभूम तमो उस कमो
हमो चक जिमो सवर्थज तथदा सवर्थव्यदापक हमो, समो तमो हहै हही नहह। हमोतदा तमो फररश्तयों कदे भदेजिनदे तथदा कई लमोगयों ककी कई
प्रकदार सदे परहीकदा लदेनदे कदा क्यदा कदाम थदा? और एक हजिदार वषर्यों ममें तथदा आनदे जिदानदे प्रबन्ध करनदे सदे सवर्थशचक्तमदानम्
भही नहह। यचद मचौत कदा फररश्तदा हहै तमो उस फररश्तदे कदा मदारनदे वदालदा कचौन सदा मकत्यगु हहै ? यचद वह चनत्य हहै तमो
अमरपन ममें खगुददा कदे बरदाबर शरहीक हह आ। एक फररश्तदा एक समय ममें दमोज़ख भरनदे कदे चलयदे जिहीवयों कमो चशकदा नहह
कर सकतदा और उन कमो चवनदा पदाप चकयदे अपनही मजिर्त्ती सदे दमोज़ख भर कदे उन कमो दमःगु ख ददेकर तमदाशदा ददेखतदा हहै तमो
वह खगुददा पदापही अन्यदायकदारही और दयदाहहीन हहै ! ऐसही बदातमें चजिस पगुस्तक ममें हयों न वह चवद्विदानम् और ईश्वरकक त और
जिमो दयदा न्यदायहहीन हहै वह ईश्वर भही कभही नहह हमो सकतदा॥127॥
128—कह चक कभही न लदाभ ददेगदा भदागनदा तगुम कमो जिमो भदागमो तगुम मकत्यगु वदा कत्ल सदे॥ऐ बहीचबयमो नबही
ककी! जिमो कमोई आवदे तगुम ममें सदे चनलर्थज्जतदा प्रत्यक कदे , दगगु गुणदा चकयदा जिदायदेगदा वदास्तदे उसकदे अज़दाब और हहै यह ऊपर
अलदाह कदे सहल॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

—मसं॰ 5। चस॰ 21। सभू॰ 33। आ॰ 15। 30॥


(समहीकक) यह मगुहम्मद सदाहदेब नदे इसचलयदे चलखदा चलखवदायदा हमोगदा चक लड़दाई ममें कमोई न भदागदे , हमदारदा
चवजिय हमोवदे, मरनदे सदे भही न डरदे, ऐश्वयर्थ बढ़दे, मज़हब बढ़दा लदेवमें? और यचद बहीबही चनलर्थज्जतदा सदे न आवदे तमो क्यदा
पहैग़म्बर सदाहदेब चनलर्थज्ज हमो कर आवमें? बहीचबययों पर अज़दाब हमो और पहैग़म्बर सदाहदेब पर अज़दाब न हमोवदे। यह चकस घर
कदा न्यदाय हहै?॥128॥
129—और अटककी रहमो बहीच घरयों अपनदे कदे , आजदा पदालन करमो अलदाह और रसभूल ककी; चसवदाय
इसकदे नहह॥बस जिब अददा कर लही ज़हैद नदे हदाचज़त उस सदे , ब्यदाह चदयदा हम नदे तगुझ सदे उस कमो तदाचक न हमोवदे ऊपर
ईमदान वदालयों कदे तसंगही बहीच बहीचबययों सदे लदे पदालकयों उन कदे कदे , जिब अददा कर लमें उन सदे हदाचज़त और हहै आजदा खगुददा
ककी ककी गई॥नहह हहै ऊपर नबही कदे कगु छ तसंगही बहीच उस वस्तगु कदे ॥ नहह हहै मगुहम्मद बदाप चकसही मदर्थ कदा॥और हलदाल
ककी सही ईमदानवदालही जिमो ददेवदे चबनदा महर कदे जिदान अपनही वदास्तदे नबही कदे ॥ढहील ददेवदे तभू चजिस कमो चदाहदे उन ममें सदे और
जिगह ददेवदे तफर्थ अपनही चजिस कमो चदाहदे, नहह पदाप ऊपर तदेरदे॥ऐ लमोगमो! जिमो ईमदान लदायदे हमो मत प्रवदेश करमो घरयों ममें
पहैग़म्बर कदे ॥
—मसं॰ 5। चस॰ 22। सभू॰ 33। आ॰ 33। 36। 37। 40। 50। 51। 52॥
(समहीकक) यह बड़दे अन्यदाय ककी बदात हहै चक सही घर ममें कहै द कदे समदान रहदे और पगुरुष खगुलदे रहमें। क्यदा
चसययों कदा चचत्त शगुद्ध वदाय,गु शगुद्ध ददेश ममें भ्रमण करनदा, सकचष्ट कदे अनदेक पददाथर्थ ददेखनदा नहह चदाहतदा हमोगदा? इसही
अपरदाध सदे मगुसलमदानयों कदे लड़कदे चवशदेषकर सयलदानही और चवषयही हमोतदे हमैं। अलदाह और रसभूल ककी एक अचवरुद्ध
आजदा हहै वदा चभन्न-चभन्न चवरुद्ध? यचद एक हहै तमो दमोनयों ककी आजदा पदालन करमो कहनदा व्यथर्थ हहै और जिमो चभन्न-चभन्न
चवरुद्ध हहै तमो एक सच्चिही और दस भू रही झभूठही? एक खगुददा दस भू रदा शहैतदान हमो जिदायगदा? और शरहीक भही हमोगदा? वदाह
कगु रदान कदा खगुददा और पहैग़म्बर तथदा कगु रदान कमो! चजिस कमो दस भू रदे कदा मतलब नष्ट कर अपनदा मतलब चसद्ध करनदा इष्ट
हमो ऐसही लहीलदा अवश्य रचतदा हहै। इस सदे यह भही चसद्ध हह आ चक मगुहम्मद सदाहदेब बड़दे चवषयही थदे। यचद न हमोतदे तमो
(लदेपदालक) बदेटदे ककी सही कमो जिमो पगुत्र ककी सही थही; अपनही सही क्ययों कर लदेतदे? और चफर ऐसही बदातमें करनदे वदालदे कदा
खगुददा भही पकपदातही बनदा और अन्यदाय कमो न्यदाय ठहरदायदा। मनगुष्ययों ममें जिमो जिग्लही भही हमोगदा वह भही बदेटदे ककी सही कमो
छमोड़तदा हहै और यह चकतनही बड़ही अन्यदाय ककी बदात हहै चक नबही कमो चवषयदासचक्त ककी लहीलदा करनदे ममें कगु छ भही अटकदाव
नहह हमोनदा! यचद नबही चकसही कदा बदाप न थदा तमो जिहैद (लदेपदालक) बदेटदा चकस कदा थदा? और क्ययों चलखदा? यह उसही
मतलब ककी बदात हहै चक चजिस सदे बदेटदे ककी सही कमो भही घर ममें डदालनदे सदे पहैग़म्बर सदाहदेब न बचदे , अन्य सदे क्ययोंकर बचदे
हयोंगदे? ऐसही चतगुरदाई सदे भही बगुरही बदात ममें चनन्ददा हमोनदा कभही नहह छभू ट सकतदा। क्यदा जिमो कमोई परदाई सही भही नबही सदे

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

प्रसन्न हमोकर चनकदाह करनदा चदाहदे तमो भही हलदाल हहै? और यह महदा अधमर्थ ककी बदात हहै चक नबही तमो चजिस सही कमो
चदाहदे छमोड़ ददेवदे और मगुहम्मद सदाहदेब ककी सही लमोग यचद पहैग़म्बर अपरदाधही भही हमो तमो कभही न छमोड़ सकमें ! जिहैसदे पहैग़म्बर
कदे घरयों ममें अन्य कमोई व्यचभचदार दृचष्ट सदे प्रवदेश न करमें तमो वहैसदे पहैग़म्बर सदाहदेब भही चकसही कदे घर ममें प्रवदेश न करमें। क्यदा
नबही चजिस चकसही कदे घर ममें चदाहमें चनशट प्रवदेश करमें और मदाननहीय भही रहमें ? भलदा! कचौन ऐसदा हृदय कदा अन्धदा हहै चक
जिमो इस कगु रदान कमो ईश्वरकक त और मगुहम्मद सदाहदेब कमो पहैग़म्बर और कगु रदानमोक्त ईश्वर कमो परमदेश्वर मदान सकदे । बड़दे
आश्चयर्थ ककी बदात हहै चक ऐसदे यगुचक्तशभून्य धमर्थचवरुद्ध बदातयों सदे यगुक्त इस मत कमो अबर्थ ददेशचनवदासही आचद मनगुष्ययों नदे मदान
चलयदा!॥129॥
130—नहह यमोग्य वदास्तदे तगुम्हदारदे यह चक दमःगु ख दमो रसभूल कमो, यह चक चनकदाह करमो बहीचबययों उस ककी
कमो पहीछदे उस कदे कभही, चनश्चय यह हहै समहीप अलदाह कदे बड़दा पदाप॥चनश्चय जिमो लमोग चक दमःगु ख ददेतदे हमैं अलदाह कमो
और रसभूल उस कदे कमो, लदानत ककी हहै उन कमो अलदाह नदे॥और वदे लमोग चक द मःगु ख ददेतदे हमैं मगुसलमदानयों कमो और
मगुसलमदान औरतयों कमो चवनदा इस कदे , बगुरदा चकयदा हहै उन्हयोंनदे बस चनश्चय उठदायदा उन्हयोंनदे बमोहतदान अथदार्थतम् झभूठ और
प्रत्यक पदाप॥लदानत मदारदे, जिहदाह पदायदे जिदावमें पकड़दे जिदावमें कतल चकयदे जिदावमें खभूब मदारदा जिदानदा॥ऐ रब हमदारदे, ददे उन कमो
चद्विगगुणदा अज़दाब सदे और लदानत सदे बड़ही लदानत कर॥
—मसं॰ 5। चस॰ 22। सभू॰ 33। आ॰ 53। 54। 55। 61। 68॥
(समहीकक) वदाह! क्यदा खगुददा अपनही खगुददाई कमो धमर्थ कदे सदाथ चदखलदा रहदा हहै? जिहैसदे रसभूल कमो दमःगु ख ददेनदे
कदा चनषदेध करनदा तमो ठहीक हहै परन्तगु दस भू रदे कमो दमःगु ख ददेनदे ममें रसभूल कमो भही रमोकनदा यमोग्य थदा सयों क्ययों न रमोकदा? क्यदा
चकसही कदे दमःगु ख ददेनदे सदे अलदाह भही दमःगु खही हमो जिदातदा हहै? यचद ऐसदा हहै तमो वह ईश्वर हही नहह हमो सकतदा। क्यदा अलदाह
और रसभूल कमो दमःगु ख ददेनदे कदा चनषदेध करनदे सदे यह नहह चसद्ध हमोतदा चक अलदाह और रसभूल चजिस कमो चदाहमें द मःगु ख
ददेवमें? अन्य सब कमो दमःगु ख ददेनदा चदाचहयदे? जिहैसदे मगुसलमदानयों और मगुसलमदानयों ककी चसययों कमो दमःगु ख ददेनदा बगुरदा हहै तमो इन
सदे अन्य मनगुष्ययों कमो दमःगु ख ददेनदा भही अवश्य बगुरदा हहै॥जिमो ऐसदा न मदानदे तमो उस ककी यह बदात भही पकपदात ककी हहै। वदाह
ग़दर मचदानदे वदालदे खगुददा और नबही! जिहैसदे यदे चनदर्थयही ससंसदार ममें हमैं वहैसदे और बहह त थमोड़दे हयोंगदे। जिहैसदा यह चक अन्य लमोग
जिहदाह पदायदे जिदावमें, मदारदे जिदावमें पकड़दे जिदावमें, चलखदा हहै वहैसही हही मगुसलमदानयों पर कमोई आजदा ददेवदे तमो मगुसलमदानयों कमो यह
बदात बगुरही लगदेगही वदा नहह? वदाह क्यदा चहसंसक पहैग़म्बर आचद हमैं चक जिमो परमदेश्वर सदे प्रदाथर्थनदा करकदे अपनदे सदे दस भू रयों कमो
दगगु णगु दमःगु ख ददेनदे कदे चलयदे प्रदाथर्थनदा करनदा चलखदा हहै। यह भही पकपदात मतलबचसन्धगुपन और महदा अधमर्थ ककी बदात हहै।
इसही सदे अब तक भही मगुसलमदान लमोगयों ममें सदे बहह त सदे शठ लमोग ऐसदा हही कमर्थ करनदे ममें नहह डरतदे। यह ठहीक हहै चक
सगुचशकदा कदे चवनदा मनगुष्य पशगु कदे समदान रहतदा हहै॥130॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

131—और अलदाह वह पगुरुष हहै चक भदेजितदा हहै हवदाओसं कमो बस उठदातही हमैं बदादलयों कमो, बस हदासंक लदेतदे
हमैं तफर्थ शहर मगुदर्वे ककी, बस जिहीचवत चकयदा हम नदे सदाथ उस कदे पकचथवही कमो पहीछदे मकत्यगु उस ककी कदे , इसही प्रकदार
कबरयों ममें सदे चनकदालनदा हहै॥चजिस नदे उतदारदा बहीच घर सददा रहनदे कदे दयदा अपनही सदे , नहह लगतही हम कमो बहीच उस कदे
मदेहनत और नहह लगतही बहीच उस कदे मदादह गही॥
—मसं॰ 5। चस॰ 22। सभू॰ 35। आ॰ 9। 35॥
(समहीकक) वदाह क्यदा चफलदासफकी खगुददा ककी हहै। भदेजितदा हहै वदायगु कमो, वह उठदातदा चफरतदा हहै बद्दलयों कमो!
और खगुददा उस सदे मगुदर्यों कमो चजिलदातदा चफरतदा हहै! यह बदात ईश्वर सम्बन्धही कभही नहह हमो सकतही, क्ययोंचक ईश्वर कदा
कदाम चनरन्तर एक सदा हमोतदा रहतदा हहै। जिमो घर हयोंगदे वदे चवनदा बनदावट कदे नहह हमो सकतदे और जिमो बनदावट कदा हहै वह
सददा नहह रह सकतदा। चजिस कदे शरहीर हहै वह पररश्रम कदे चवनदा दमःगु खही हमोतदा और शरहीर वदालदा रमोगही हहए चवनदा कभही
नहह बचतदा। जिमो एक सही सदे समदागम करतदा हहै वह चवनदा रमोग कदे नहह बचतदा तमो जिमो बहह त चसययों सदे चवषयभमोग करतदा
हहै उस ककी क्यदा हही ददगु र्थशदा हमोतही हमोगही? इसचलयदे मगुसलमदानयों कदा रहनदा बचहश्त ममें भही सगुखददायक सददा नहह हमो
सकतदा॥131॥
132—कसम हहै कगु रदान दृढ़ ककी॥चनश्चय तभू भदेजिदे हह ओसं सदे हहै॥ऊपर मदागर्थ सहीधदे कदे ॥उतदारदा हहै ग़दाचलब
दयदावदानम् नदे॥
—मसं॰ 5। चस॰ 23। सभू॰ 36। आ॰ 2। 3। 4। 5॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे! यह कगु रदान खगुददा कदा बनदायदा हमोतदा तमो वह इस ककी सचौगन्द क्ययों खदातदा? यचद
नबही खगुददा कदा भदेजिदा हमोतदा तमो (लदेपदालक) बदेटदे ककी सही पर ममोचहत क्ययों हमोतदा? यह कथनमदात्र हहै चक कगु रदान कदे
मदाननदे वदालदे सहीधदे मदागर्थ पर हमैं। क्ययोंचक सहीधदा मदागर्थ वहही हमोतदा हहै चजिस ममें सत्य मदाननदा, सत्य बमोलनदा, सत्य करनदा,
पकपदात रचहत न्यदाय धमर्थ कदा आचरण करनदा आचद हमैं और इन सदे चवपरहीत कदा त्यदाग करनदा। समो न कगु रदान ममें न
मगुसलमदानयों ममें और न इन कदे खगुददा ममें ऐसदा स्वभदाव हहै। यचद सब पर प्रबल पहैग़म्बर मगुहम्मद सदाहदेब हमोतदे तमो सब सदे
अचधक चवददावदानम् और शगुभगगुणयगुक्त क्ययों न हमोतदे? इसचलयदे जिहैसदे कभूसं जिड़ही अपनदे बदेरयों कमो खटदा नहह बतलदातही वहैसही
यह बदात भही हहै॥132॥
133—और फभूसं कदा जिदावदेगदा बहीच सभूर कदे बस नदागहदासं व कबरयों ममें सदे तफर्थ मदाचलक अपनदे ककी दचौड़मेंगदे॥और
गवदाहही दमेंगदे पदासंव उन कदे सदाथ उस वस्तगु कदे थदे कमदातदे॥चसवदाय इसकदे नहह चक आजदा उस ककी जिब चदाहदे उत्पन्न
करनदा चकसही वस्तगु कमो यह चक कहतदा वदास्तदे उस कदे चक ‘हमो जिदा’, बस हमो जिदातदा हहै॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

—मसं॰ 5। चस॰ 23। सभू॰ 36। आ॰ 51। 66। 82॥


(समहीकक) अब सगुचनयदे ऊटपटदासंग बदातमें! पग कभही गवदाहही ददे सकतदे हमैं? खगुददा कदे चसवदाय उस समय
कचौन थदा चजिस कमो आजदा दही? चकस नदे सगुनही? और कचौन बन गयदा? यचद न थही तमो यह बदात झभूठही और जिमो थही तमो
वह बदात—जिमो चसवदाय खगुददा कदे कगु छ चहीजि नहह थही और खगुददा नदे सब कगु छ बनदा चदयदा—वह झभूठही॥133॥
134—चफरदायदा जिदावदेगदा उनकदे ऊपर चपयदालदा शरदाब शगुद्ध कदा॥सफदे द मज़दा ददेनदे वदालही वदास्तदे पहीनदे वदालयों
कदे ॥समहीप उन कदे बहैठही हयोंगही नहीचदे आसंख रखनदे वदाचलयदाह , सगुन्दर आसंखयों वदाचलयदासं॥मदानमो चक वदे अण्डदे हमैं चछपदायदे हहए॥
क्यदा बस हम नहह मरमेंगदे॥और अवश्य लभूत चनश्चय पहैग़म्बरयों सदे थदा॥जिब चक मगुचक्त दही हम नदे उस कमो और लमोगयों उस
कदे कमो सब कमो॥परन्तगु एक बगुचढ़यदा पहीछदे रहनदे वदालयों ममें हहै॥चफर मदारदा हम नदे औरयों कमो॥
—मसं॰ 6। चस॰ 23। सभू॰ 37। आ॰ 45। 46। 48। 49। 56। 127। 128। 129॥
(समहीकक) क्ययों जिही! यहदासं तमो मगुसलमदान लमोग शरदाब कमो बगुरदा बतलदातदे हमैं परन्तगु इन कदे स्वगर्थ ममें तमो
नचदयदासं ककी नचदयदासं बहतही हमैं। इतनदा अच्छदा हहै चक यहदासं तमो चकसही प्रकदार मद पहीनदा छगु ड़दायदा परन्तगु यहदासं कदे बदलदे वहदाह
उन कदे स्वगर्थ ममें बड़ही खरदाबही हहै! मदारदे चसययों कदे वहदाह चकसही कदा चचत्त चस्थर नहह रहतदा हमोगदा! और बड़दे-बड़दे रमोग
भही हमोतदे हयोंगदे! यचद शरहीर वदालदे हयोंगदे तमो अवश्य मरमेंगदे और जिमो शरहीर वदालदे न हयोंगदे तमो भमोग चवलदास हही न कर सकमें गदे।
चफर उन कदे स्वगर्थ ममें जिदानदा व्यथर्थ हहै। यचद लभूत कमो पहैग़म्बर मदानतदे हमो तमो जिमो बदाइबल ममें चलखदा हहै चक उस सदे उस ककी
लड़चकययों नदे समदागम करकदे दमो लड़कदे पहैददा चकयदे इस बदात कमो भही मदानतदे हमो वदा नहह? जिमो मदानतदे हमो तमो ऐसदे कमो
पहैग़म्बर मदाननदा व्यथर्थ हहै। और जिमो ऐसदे और ऐसदे कदे सरङययों कमो खगुददा मगुचक्त ददेतदा हहै तमो वह खगुददा भही वहैसदा हही हहै।
क्ययोंचक बगुचढ़यदा ककी कहदानही कहनदे वदालदा और पकपदात सदे दस भू रयों कमो मदारनदे वदालदा खगुददा कभही नहह हमो सकतदा।
ऐसदा खगुददा मगुसलमदानयों हही कदे घर ममें रह सकतदा हहै; अन्यत्र नहह॥134॥
135—बचहश्तमें हमैं सददा रहनदे ककी खगुलदे हह ए हमैं दर उन कदे वदास्तदे उन कदे ॥तचकयदे चकयदे हह ए बहीच उन कदे
मसंगदावमेंगदे बहीच इस कदे मदेवदे और पहीनदे ककी वस्तगु॥और समहीप हयोंगही उनकदे , नहीचदे रखनदे वदाचलयदासं दृचष्ट और दस भू रयों सदे
समदाय॥गु बस चसज़ददा चकयदा फररश्तयों नदे सब नदे॥परन्तगु शहैतदान नदे न मदानदा अचभमदान चकयदा और थदा कदाचफरयों सदे॥ऐ
शहैतदान चकस वस्तगु नदे रमोकदा तगुझ कमो यह चक चसज़ददा करदे वदास्तदे उस वस्तगु कदे चक बनदायदा ममैंनदे सदाथ दमोनयों हदाथ अपनदे
कदे , क्यदा अचभमदान चकयदा तभूनदे वदा थदा तभू बड़दे अचधकदार वदालयों सदे॥कहदा चक ममैं अच्छदा हह ह उस वस्तगु सदे, उत्पन्न चकयदा
तभूनदे मगुझ कमो आग सदे, उस कमो मटही सदे॥कहदा बस चनकल इन आसमदानयों ममें सदे , बस चनश्चय तभू चलदायदा गयदा हहै॥
चनश्चय ऊपर तदेरदे लदानत हहै मदेरही चदन जिज़दा तक॥कहदा ऐ मदाचलक मदेरदे , ढहील ददे उस चदन तक चक उठदायदे जिदावमेंगदे

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

मगुदर्वे॥कहदा चक बस चनश्चय तभू ढहील चदयदे गययों सदे हहै॥उस चदन समय जदात तक॥कहदा चक बस कसम हहै प्रचतष्ठिदा तदेरही
ककी, अवश्य गगुमरदाह करूसंगदा उन कमो ममैं इकटदे॥
—मसं॰ 6। चस॰ 23। सभू॰ 38। आ॰ 49। 50। 51। 52। 70। 71। 73। 75। 76।
78। 80। 81॥
(समहीकक) यचद वहदाह जिहैसदे चक कगु रदान ममें बदाग़ बगहीचदे नहरमें मकदानदाचद चलखदे हमैं वहैसदे हमैं तमो वदे न सददा सदे थदे
न सददा रह सकतदे हमैं। क्ययोंचक जिमो ससंयमोग सदे पददाथर्थ हमोतदा हहै वह ससंयमोग कदे पभूवर्थ न थदा, अवश्यभदावही चवयमोग कदे अन्त
ममें न रहदेगदा। जिब वह बचहश्त हही न रहदेगदा तमो उस ममें रहनदे वदालदे सददा क्ययोंकर रह सकतदे हमैं ? क्ययोंचक चलखदा हहै चक
गद्दही, तचकयदे, मदेवदे और पहीनदे कदे पददाथर्थ वहदाह चमलमेंगदे। इससदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक चजिस समय मगुसलमदानयों कदा
मजिहब चलदा उस समय अबर्थ ददेश चवशदेष धनदाढय न थदा। इसहीचलयदे मगुहम्मद सदाहदेब नदे तचकयदे आचद ककी कथदा सगुनदा
कर गरहीबयों कमो अपनदे मत ममें फसंसदा चलयदा। और जिहदाह चसयदासं हमैं। वहदाह चनरन्तर सगुख कहदासं ? वदे चसयदासं वहदाह कहदासं सदे
आई हमैं? अथवदा बचहश्त ककी रहनदे वदालही हमैं? यचद आई हमैं तमो जिदावमेंगही और जिमो वहह ककी रहनदे वदालही हमैं तमो कयदामत
कदे पभूवर्थ क्यदा करतही थह? क्यदा चनकम्मही अपनही उमर कमो बहदा रहही थह?
अब ददेचखयदे खगुददा कदा तदेजि चक चजिस कदा हहक्म अन्य सब फररश्तयों नदे मदानदा और आदम सदाहदेब कमो
नमस्कदार चकयदा और शहैतदान नदे न मदानदा! खगुददा नदे शहैतदान सदे पभूछदा कहदा चक ममैंनदे उस कमो अपनदे दमोनयों हदाथयों सदे
बनदायदा, तभू अचभमदान मत कर। इस सदे चसद्ध हमोतदा हहै चक कगु रदान कदा खगुददा दमो हदाथ वदालदा मनगुष्य थदा। इसचलए वह
व्यदापक वदा सवर्थशचक्तमदानम् कभही नहह हमो सकतदा। और शहैतदान नदे सत्य कहदा चक ममैं आदम सदे उत्तम हह ह , इस पर खगुददा
नदे गगुस्सदा क्ययों चकयदा? क्यदा आसमदान हही ममें खगुददा कदा घर हहै; पकचथवही ममें नहह? तमो कदाबदे कमो खगुददा कदा घर प्रथम
क्ययों चलखदा?
भलदा! परमदेश्वर अपनदे ममें सदे वदा सकचष्ट ममें सदे अलग कहै सदे चनकदाल सकतदा हहै ? और वह सकचष्ट सब परमदेश्वर
ककी हहै। इस सदे स्पष्ट चवचदत हह आ चक कगु रदान कदा खगुददा बचहश्त कदा चजिम्मदेददार थदा। खगुददा नदे उस कमो लदानत चधकदार
चदयदा और कहै द कर चलयदा और शहैतदान नदे कहदा चक हदे मदाचलक! मगुझ कमो कयदामत तक छमोड़ ददे। खगुददा नदे खगुशदामद सदे
कयदामत कदे चदन तक छमोड़ चदयदा। जिब शहैतदान छभू टदा तमो खगुददा सदे कहतदा हहै चक अब ममैं खभूब बहकदाऊसंगदा और गदर
मचदाऊसंगदा। तब खगुददा नदे कहदा चक चजितनयों कमो तभू बहकदावदेगदा ममैं उन कमो दमोज़ख ममें डदाल दसंगभू दा और तगुझ कमो भही।
अब सज्जन लमोगमो चवचदाररयदे! चक शहैतदान कमो बहकदानदे वदालदा खगुददा हहै वदा आप सदे वह बहकदा? यचद खगुददा नदे
बहकदायदा तमो वह शहैतदान कदा शहैतदान ठहरदा। यचद शहैतदान स्वयसं बहकदा तमो अन्य जिहीव भही स्वयसं बहकमें गदे; शहैतदान ककी
जिरूरत नहह। और चजिस सदे इस शहैतदान बदाग़ही कमो खगुददा नदे खगुलदा छमोड़ चदयदा, इस सदे चवचदत हह आ चक वह भही शहैतदान
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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कदा शरहीक अधमर्थ करदानदे ममें हह आ। यचद स्वयसं चमोरही करदा कदे दण्ड ददेवदे तमो उस कदे अन्यदाय कदा कगु छ भही पदारदावदार नहह॥
135॥
136—अलदाह कमदा करतदा हहै पदाप सदारदे, चनश्चय वह हहै कमदा करनदे वदालदा दयदालगु॥और पकचथवही सदारही
मभूठही ममें हहै उस ककी चदन कयदामत कदे और आसमदान लपदेटदे हह ए हमैं बहीच ददाचहनदे हदाथ उसकदे कदे ॥और चमक जिदावदेगही
पकचथवही सदाथ प्रकदाश मदाचलक अपनदे कदे और रक्खदे जिदावमेंगदे कमर्थपत्र और लदायदा जिदावदेगदा पहैग़म्बरयों कमो और गवदाहयों कमो
और फहै सलदा चकयदा जिदावदेगदा॥
—मसं॰ 6। चस॰ 24। सभू॰ 39। आ॰ 53। 67। 69॥
(समहीकक) यचद समग्र पदापयों कमो खगुददा कमदा करतदा हहै तमो जिदानमो सब ससंसदार कमो पदापही बनदातदा हहै और
दयदाहहीन हहै क्ययोंचक एक दष्टगु पर दयदा और कमदा करनदे सदे वह अचधक दष्टगु तदा करदेगदा और अन्य बहह त धमदार्थत्मदाओसं कमो
दमःगु ख पहह हचदावदेगदा। यचद चकचञ्चतम् भही अपरदाध कमदा चकयदा जिदावदे तमो अपरदाध हही अपरदाध जिगतम् ममें छदा जिदावदे। क्यदा
परमदेश्वर अचग्निवतम् प्रकदाश वदालदा हहै? और कमर्थपत्र कहदासं जिमदा रहतदे हमैं? और कचौन चलखतदा हहै? यचद पहैग़म्बरयों और
गवदाहयों कदे भरमोसदे खगुददा न्यदाय करतदा हहै तमो वह असवर्थज और असमथर्थ हहै। यचद वह अन्यदाय नहह करतदा न्यदाय हही
करतदा हहै तमो कमर्यों कदे अनगुसदार करतदा हमोगदा। वदे कमर्थ पभूवदार्थपर वत्तर्थमदान जिन्मयों कदे हमो सकतदे हमैं तमो चफर कमदा करनदा,
चदलयों पर तदालदा लगदानदा और चशकदा न करनदा, शहैतदान सदे बहकवदानदा, दचौरदा सगुपगुदर्थ रखनदा कदे वल अन्यदाय हहै॥
136॥

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137—उतदारनदा चकतदाब कदा अलदाह ग़दाचलब जिदाननदे वदालदे ककी ओर सदे हहै॥ कमदा करनदे वदालदा पदापयों कदा
और स्वहीकदार करनदे वदालदा तमोबदामः कदा॥
—मसं॰ 6। चस॰ 24। सभू॰ 40। आ॰ 1। 2। 3॥
(समहीकक) यह बदात इसचलयदे हहै चक भमोलदे लमोग अलदाह कदे नदाम सदे इस पगुस्तक कमो मदान लदेवमें चक चजिस ममें
थमोड़दा सदा सत्य छमोड़ असत्य भरदा हहै और वह सत्य भही असत्य कदे सदाथ चमलकर चबगड़दा सदा हहै। इसहीचलयदे कगु रदान
और कगु रदान कदा खगुददा और इस कमो मदाननदे वदालदे पदाप बढ़दानदे हदारदे और पदाप करनदे करदानदे वदालदे हमैं। क्ययोंचक पदाप कदा
कमदा करनदा अत्यन्त अधमर्थ हहै। चकन्तगु इसही सदे मगुसलमदान लमोग पदाप और उपद्रव करनदे ममें कम डरतदे हमैं॥ 137॥
138—बस चनयत चकयदा उस कमो सदात आसमदान बहीच दमो चदन कदे , और डदाल चदयदा बहीच हम नदे उस
कदे कदाम उस कदा॥यहदासं तक चक जिब जिदावमेंगदे उस कदे पदास सदाकही दमेंगदे ऊपर उन कदे कदान उन कदे और आसंखमें उन ककी
और चमड़दे उन कदे कमर्थ सदे॥और कहमेंगदे वदास्तदे चमड़दे अपनदे कदे क्ययों सदाकही दही तभू नदे ऊपर हमदारदे, कहमेंगदे चक बगुलदायदा हहै
हम कमो अलदाह नदे चजिस नदे बगुलदायदा हर वस्तगु कमो॥अवश्य चजिलदानदे वदालदा हहै मगुदर्यों कमो॥
—मसं॰ 6। चस॰ 24। सभू॰ 41। आ॰ 12। 20। 21। 39॥
(समहीकक) वदाह जिही वदाह मगुसलमदानमो! तगुम्हदारदा खगुददा चजिस कमो तगुम सवर्थशचक्तमदानम् मदानतदे हमो वह सदात
आसमदानयों कमो दमो चदन ममें बनदा सकदा? और जिमो सवर्थशचक्तमदानम् हहै वह कणमदात्र ममें सब कमो बनदा सकतदा हहै। भलदा
कदान, आसंख और चमड़दे कमो ईश्वर नदे जिड़ बनदायदा हहै वदे सदाकही कहै सदे ददे सकमें गदे? यचद सदाकही चदलदावदे तमो उस नदे प्रथम
जिड़ क्ययों बनदायदे? और अपनदा पभूवदार्थपर कदाम चनयमचवरुद्ध क्ययों चकयदा? एक इस सदे भही बढ़ कर चमथ्यदा बदात यह
चक जिब जिहीवयों पर सदाकही दही तब वदे जिहीव अपनदे-अपनदे चमड़दे सदे पभूछनदे लगदे चक तभूनदे हमदारदे पर सदाकही क्ययों दही?
चमड़दा बमोलदेगदा खगुददा नदे चदलदायही ममैं क्यदा करूसं! भलदा यह बदात कभही हमो सकतही हहै? जिहैसदे कमोई कहदे चक बन्ध्यदा कदे
पगुत्र कदा मगुख ममैंनदे ददेखदा, यचद पगुत्र हहै तमो बन्ध्यदा क्ययों? जिमो बन्ध्यदा हहै तमो उस कदे पगुत्र हही हमोनदा असम्भव हहै। इसही
प्रकदार ककी यह भही चमथ्यदा बदात हहै। यचद वह मगुदर्यों कमो चजिलदातदा हहै तमो प्रथम मदारदा हही क्ययों? क्यदा आप भही मगुददार्थ हमो
सकतदा हहै वदा नहह? यचद नहह हमो सकतदा तमो मगुदर्वेपन कमो बगुरदा क्ययों समझतदा हहै ? और कयदामत ककी रदात तक मकतक
जिहीव चकस मगुसलमदान कदे घर ममें रहमेंगदे? और दचौरदासगुपगुदर्थ खगुददा नदे चवनदा अपरदाध क्ययों रक्खदा? शहीघ्र न्यदाय क्ययों न
चकयदा? ऐसही-ऐसही बदातयों सदे ईश्वरतदा ममें बटदा लगतदा हहै॥138॥
139—वदास्तदे उस कदे कगुसं चजियदासं हमैं आसमदानयों ककी और पकचथवही ककी, खमोलतदा हहै भमोजिन चजिस कदे वदास्तदे
चदाहतदा हहै और तसंग करतदा हहै॥उत्पन्न करतदा हहै जिमो कगु छ चदाहतदा हहै और ददेतदा हहै चजिस कमो चदाहदे बदेचटयदासं और ददेतदा हहै
चजिस कमो चदाहदे बदेटदे॥वदा चमलदा ददेतदे दा हहै उन कमो बदेटदे और बदेचटयदाह और कर ददेतदा हहै चजिस कमो चदाहदे बदाहझ॥और नहह हहै

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शचक्त चकसही आदमही कमो चक बदात करदे उस सदे अलदाह परन्तगु जिही ममें डदालनदे कर वदा पहीछदे परददे1 कदे सदे वदा भदेजिदे फररश्तदे
पहैग़दाम लदानदे वदालदा॥
—मसं॰ 6। चस॰ 25। सभू॰ 42। आ॰ 10। 12।47। 48। 49॥
(समहीकक) खगुददा कदे पदास कगु चञ्जययों कदा भण्डदार भरदा हमोगदा। क्ययोंचक सब चठकदानदे कदे तदालदे खमोलनदे हमोतदे
हयोंगदे! यह लड़कपन ककी बदात हहै। क्यदा चजिस कमो चदाहतदा हहै उस कमो चवनदा पगुण्य कमर्थ कदे ऐश्वयर्थ ददेतदा हहै? और चवनदा
पदाप कदे तसंग करतदा हहै? यचद ऐसदा हहै तमो वह बड़दा अन्यदायकदारही हहै। अब ददेचखयदे कगु रदान बनदानदे वदालदे ककी चतगुरदाई ! चक
चजिस सदे सहीजिन भही ममोचहत हमो कदे फसमें। यचद जिमो कगु छ चदाहतदा हहै उत्पन्न करतदा हहै तमो दस भू रदे खगुददा कमो भही उत्पन्न कर
सकतदा हहै वदा नहह? यचद नहह कर सकतदा तमो सवर्थशचक्तमत्तदा यहदासं पर अटक गई। भलदा मनगुष्ययों कमो तमो चजिस कमो
चदाहदे बदेटदे बदेचटयदासं खगुददा ददेतदा हहै परन्तगु मगुरगदे, मच्छही, सभूअर आचद चजिन कदे बहह त बदेटदा बदेचटयदासं हमोतही हमैं कचौन ददेतदा हहै?
और सही पगुरुष कदे समदागम चवनदा क्ययों नहह ददेतदा? चकसही कमो अपनही इच्छदा सदे बदासंझ रख कदे दमःगु ख क्ययों ददेतदा हहै?
वदाह! क्यदा खगुददा तदेजिस्वही हहै चक उस कदे सदामनदे कमोई बदात हही नहह कर सकतदा! परन्तगु उसनदे पचहलदे कहदा हहै चक
पददार्थ डदाल कदे बदात कर सकतदा हहै वदा फररश्तदे लमोग खगुददा सदे बदात करतदे हमैं अथवदा पहैग़म्बर। जिमो ऐसही बदात हहै तमो
फररश्तदे और पहैग़म्बर खभूब अपनदा मतलब करतदे हयोंगदे ! यचद कमोई कहदे खगुददा सवर्थज सवर्थव्यदापक हहै तमो परददे सदे बदात
करनदा अथवदा डदाक कदे तगुल्य खबर मसंगदा कदे जिदाननदा चलखनदा व्यथर्थ हहै। और जिमो ऐसदा हही हहै तमो वह खगुददा हही नहह
चकन्तगु कमोई चदालदाक मनगुष्य हमोगदा। इसचलयदे यह कगु रदान ईश्वरकक त कभही नहह हमो सकतदा॥139॥
140—और जिब आयदा ईसदा सदाथ प्रमदाण प्रत्यक कदे ॥
—मसं॰ 6। चस॰ 25। सभू॰ 43। आ॰ 63॥
(समहीकक) यचद ईसदा भही भदेजिदा हह आ खगुददा कदा हहै तमो उस कदे उपददेश सदे चवरुद्ध कगु रदान खगुददा नदे क्ययों
बनदायदा? और कगु रदान सदे चवरुद्ध इञ्जहील क्ययों ककी? इसहीचलयदे यदे चकतदाबमें ईश्वरकक त नहह हमैं॥140॥
141—पकड़मो उस कमो बस घसहीटमो उस कमो बहीचयों बहीच दमोज़ख कदे ॥इसही प्रकदार रहमेंगदे और व्यदाह दमेंगदे
उन कमो सदाथ गमोररययों अच्छही आसंखयों वदाचलययों कदे ॥
—मसं॰ 6। चस॰ 25। सभू॰ 44। आ॰ 47। 54॥

1
इस आयत कदे भदाष्य ‘तफसहीरहहसहैनही’ ममें चलखदा हहै चक मगुहम्मद सदाहदेब दमो परदयों ममें थदे और खगुददा ककी आवदाजि सगुनही। एक पददार्थ जिरही
कदा थदा दसभू रदा श्वदेत ममोचतययों कदा और दमोनयों परदयों कदे बहीच ममें सत्तर वषर्थ चलनदे यमोग्य मदागर्थ थदा ? बगुचद्धमदानम् लमोग इस बदात कमो चवचदारमें
चक यह खगुददा हहै वदा परददे ककी ओट बदात करनदे वदालही सही ? इन लमोगयों नदे तमो ईश्वर हही ककी ददगु र्थशदा कर डदालही। कहदासं वदेद तथदा
उपचनषददाचद सद्ग्रन्थयों ममें प्रचतपचदत शगुद्ध परमदात्मदा और कहदासं कगु रदानमोक्त परददे ककी ओट सदे बदात करनदे वदालदा खगुददा! सच तमो यह हहै
चक अरब कदे अचवद्विदानम् लमोग थदे, उत्तम बदात लदातदे चकस कदे घर सदे।
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(समहीकक) वदाह! क्यदा खगुददा न्यदायकदारही हमोकर प्रदाचणययों कमो पकड़दातदा और घसहीटवदातदा हहै ? जिब
मगुसलमदानयों कदा खगुददा हही ऐसदा हहै तमो उस कदे उपदासक मगुसलमदान अनदाथ चनबर्थलयों कमो पकड़में घसहीटमें तमो इस ममें क्यदा
आश्चयर्थ हहै? और वह ससंसदारही मनगुष्ययों कदे समदान चववदाह भही करदातदा हहै, जिदानमो चक मगुसलमदानयों कदा पगुरमोचहत हही हहै॥
141॥
142—बस जिब तगुम चमलमो उन लमोगयों सदे चक कदाचफर हह ए बस मदारमो गदर्थनमें उन ककी यहदासं तक चक जिब चभूर
कर दमो उन कमो बस दृढ़ करमो कहै द करनदा॥और बहह त बचस्तयदासं हमैं चक वदे बहह त कचठन थह शचक्त ममें बस्तही तदेरही सदे ,
चजिस नदे चनकदाल चदयदा तगुझ कमो मदारदा हम नदे उन कमो, बस न कमोई हह आ सहदाय ददेनदे वदालदा उन कदा॥ तदारहीफ उस
बचहश्त ककी चक प्रचतजदा चकयदे गयदे हमैं परहदेज़गदार, बहीच उस कदे नहरमें हमैं चबन चबगड़दे पदानही ककी, और नहरमें हमैं दधभू ककी
चक नहह बदलदा मज़दा उन कदा, और नहरमें हमैं शरदाब ककी मजिदा ददेनदे वदालही वदास्तदे पहीनदे वदालयों कदे और नहरमें हमैं शहद
सदाफ चकयदे गयदे ककी और वदास्तदे उन कदे बहीच उस कदे मदेवदे हमैं प्रत्यदेक प्रकदार सदे ददान मदाचलक उन कदे सदे॥
—मसं॰ 6। चस॰ 26। सभू॰ 47। आ॰ 4। 13। 15॥
(समहीकक) इसही सदे यह कगु रदान खगुददा और मगुसलमदान गदर मचदानदे, सब कमो दमःगु ख ददेनदे और अपनदा
मतलब सदाधनदे वदालदे दयदाहहीन हमैं। जिहैसदा यहदासं चलखदा हहै वहैसदा हही दस भू रदा कमोई दस
भू रदे मत वदालदा मगुसलमदानयों पर करदे तमो
मगुसलमदानयों कमो वहैसदा हही दमःगु ख जिहैसदा चक अन्य कमो ददेतदे हमैं हमो वदा नहह? और खगुददा बड़दा पकपदातही हहै चक चजिन्हयोंनदे
मगुहम्मद सदाहदेब कमो चनकदाल चदयदा उनकमो खगुददा नदे मदारदा। भलदा! चजिसममें शगुद्ध पदानही, दधभू , मद और शहद ककी नहरमें
हमैं वह ससंसदार सदे अचधक हमो सकतदा हहै? और दधभू ककी नहरमें कभही हमो सकतही हमैं? क्ययोंचक वह थमोड़दे समय ममें चबगड़
जिदातदा हहै! इसहीचलयदे बगुचद्धमदानम् लमोग कगु रदान कदे मत कमो नहह मदानतदे॥142॥
143—जिब चक चहलदाई जिदावदेगही पकचथवही चहलदायदे जिदानदे कर॥और उड़दायदे जिदावमेंगदे पहदाड़ उड़दायदे जिदानदे कर॥
बस हमो जिदावमेंगदे भगुनगदे टगु कड़दे-टगु कड़दे॥बस सदाहब ददाहनही ओर वदालदे क्यदा हमैं सदाहब ददाहनही ओर कदे ॥और बदाई सं ओर वदालदे
क्यदा हमैं बदाई सं ओर कदे ॥ऊपर पलगम् समोनदे कदे तदारयों सदे बगुनदे हहए हमैं॥तचकयदे चकयदे हह ए हमैं ऊपर उनकदे आमनदे-सदामनदे॥और
चफरमेंगदे ऊपर उनकदे लड़कदे सददा रहनदे वदालदे॥सदाथ आबखमोरयों कदे और आफतदाबयों कदे और प्यदालयों कदे शरदाब सदाफ सदे॥
नहह मदाथदा दख गु दायदे जिदावमेंगदे उस सदे और न चवरुद्ध बमोलमेंगदे॥और मदेवदे उस चकस्म सदे चक पसन्द करमें॥और गमोश्त जिदानवर
पचकययों कदे उस चकस्म सदे चक पसन्द करमें॥और वदास्तदे उन कदे औरतमें हमैं अच्छही आसंखयों वदालही॥मदाचनन्द ममोचतययों
चछपदायदे हह ओसं ककी॥और चबछचौनदे बड़दे॥चनश्चय हम नदे उत्पन्न चकयदा हहै औरतयों कमो एक प्रकदार कदा उत्पन्न करनदा हहै॥बस
चकयदा हहै हम नदे उन कमो कगु मदारही॥सगुहदागवदाचलयदासं बरदाबर अवस्थदा वदाचलयदासं॥बस भरनदे वदालदे हमो उस सदे पदेटयों कमो॥बस
कसम खदातदा हह ह ममैं सदाथ चगरनदे तदारयों कदे ॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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—मसं॰ 7। चस॰ 27। सभू॰ 56। आ॰ 4। 5। 6। 8। 9। 15। 16। 17। 18। 19। 20।
21। 22। 23। 33। 34। 35। 36। 37। 38। 53॥
(समहीकक) अब ददेचखयदे कगु रदान बनदानदे वदालदे ककी लहीलदा कमो! भलदा पकचथवही तमो चहलतही हही रहतही हहै उस
समय भही चहलतही रहदेगही। इस सदे यह चसद्ध हमोतदा हहै चक कगु रदान बनदानदे वदालदा पकचथवही कमो चस्थर जिदानतदा थदा! भलदा
पहदाड़यों कमो क्यदा पकहीवतम् उड़दा ददेगदा? यचद भगुनगदे हमो जिदावमेंगदे तमो भही सभूक्ष्म शरहीरधदारही रहमेंगदे तमो चफर उन कदा द स भू रदा
जिन्म क्ययों नहह? वदाह जिही! जिमो खगुददा शरहीरधदारही न हमोतदा तमो उस कदे ददाचहनही ओर और बदाई सं ओर कहै सदे खड़दे हमो
सकतदे? जिब वहदाह पलगम् समोनदे कदे तदारयों सदे बगुनदे हहए हमैं तमो बढ़ई सगुनदार भही वहदाह रहतदे हयोंगदे और खटमल कदाटतदे हयोंगदे
जिमो उन कमो रदाचत्र ममें समोनदे भही नहह ददेतदे हयोंगदे। क्यदा वदे तचकयदे लगदाकर चनकम्मदे बचहश्त ममें बहैठदे हही रहतदे हमैं वदा कगु छ कदाम
चकयदा करतदे हमैं? यचद बहैठदे हही रहतदे हयोंगदे तमो उन कमो अन्न पचन न हमोनदे सदे वदे रमोगही हमोकर शहीघ्र मर भही जिदातदे हयोंगदे ?
और जिमो कदाम चकयदा करतदे हयोंगदे तमो जिहैसदे मदेहनत मज़दरभू ही यहदासं करतदे हमैं वहैसदे हही वहदाह पररश्रम करकदे चनवदार्थह करतदेदे हयोंगदे
चफर यहदासं सदे वहदाह बचहश्त ममें चवशदेष क्यदा हहै ? कगु छ भही नहह। यचद वहदाह लड़कदे सददा रहतदे हमैं तमो उन कदे मदाह बदाप भही
रहतदे हयोंगदे और सदासभू श्वसगुर भही रहतदे हयोंगदे तब तमो बड़दा भदारही शहर बसतदा हमोगदा चफर मल मभूत्रदाचद कदे बढ़नदे सदे रमोग
भही बहह त सदे हमोतदे हयोंगदे क्ययोंचक जिब मदेवदे खदावगमें दे, चगलदासयों ममें पदानही पहीवमेंगदे और प्यदालयों सदे मद पहीवमेंगदे न उन कदा चसर
दख भू देगदा और न कमोई चवरुद्ध बमोलदेगदा यथदेष्ट मदेवदा खदावगमें दे और जिदानवरयों तथदा पचकययों कदे मदासंस भही खदावमेंगदे तमो अनदेक
प्रकदार कदे दमःगु ख, पकही, जिदानवर वहदाह हयोंगदे, हत्यदा हमोगही और हदाड़ जिहदाह तहदासं चबखरदे रहमेंगदे और कसदाइययों ककी दक गु दानमें
भही हयोंगही। वदाह क्यदा कहनदा इनकदे बचहश्त ककी प्रशसंसदा चक वह अरब ददेश सदे भही बढ़ कर दहीखतही हहै !!! और जिमो मद
मदासंस पही खदा कदे उन्मत्त हमोतदे हमैं इसही चलयदे अच्छही-अच्छही चसयदासं और लचौंडदे भही वहदाह अवश्य रहनदे चदाचहयदे नहह तमो
ऐसदे नशदेबदाजियों कदे चशर ममें गरमही चढ़ कदे प्रमत्त हमो जिदावमें। अवश्य बहह त सही पगुरुषयों कदे बहैठनदे समोनदे कदे चलयदे चबछचौनदे बड़दे -
बड़दे चदाचहयदे। जिब खगुददा कगु मदाररययों कमो बचहश्त ममें उत्पन्न करतदा हहै तभही तमो कगु मदारदे लड़कयों कमो भही उत्पन्न करतदा हहै।
भलदा! कगु मदाररययों कदा तमो चववदाह जिमो यहदासं सदे उम्महीदवदार हमो कर गयदे हमैं उन कदे सदाथ खगुददा नदे चलखदा पर उन सददा
रहनदे वदालदे लड़कयों कदा भही चकन्हह कगु मदाररययों कदे सदाथ चववदाह न चलखदा तमो क्यदा वदे भही उन्हह उम्महीदवदारयों कदे सदाथ
कगु मदारहीवतम् ददे चदयदे जिदावमेंगदे? इस ककी व्यवस्थदा कगु छ भही न चलखही। यह खगुददा ममें बड़ही भभूल क्ययों हह ई? यचद बरदाबर
अवस्थदा वदालही सगुहदाचगन चसयदाह पचतययों कमो पदा कदे बचहश्त ममें रहतही हमैं तमो ठहीक नहह हह आ क्ययोंचक चसययों सदे पगुरुष कदा
आयगु दनभू दा ढदाई गगुनदा चदाचहयदे, यह तमो मगुसलमदानयों कदे बचहश्त ककी कथदा हहै। और नरक वदालदे चसहमोड़ अथदार्थतम् थमोर कदे
वककयों कमो खदा कदे पदेट भरमेंगदे तमो कण्टक वकक भही दमोज़ख ममें हयोंगदे तमो कदासंटदे भही लगतदे हयोंगदे और गमर्थ पदानही पहीयमेंगदे इत्यदाचद
दमःगु ख दमोज़ख ममें पदावमेंगदे॥कसम कदा खदानदा प्रदायमः भभूठयों कदा कदाम हहै ; सच्चियों कदा नहह। यचद खगुददा हही कसम खदातदा हहै तमो
वह भही झभूठ सदे अलग नहह हमो सकतदा॥143॥
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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

144—चनश्चय अलदाह चमत्र रखतदा हहै उन लमोगयों कमो चक लड़तदे हमैं बहीच मदागर्थ उसकदे कदे ॥
—मसं॰ 7। चस॰ 28। सभू॰ 61। आ॰ 4॥
(समहीकक) वदाह ठहीक हहै! ऐसही-ऐसही बदातयों कदा उपददेश करकदे चवचदारदे अबर्थ ददेशवदाचसययों कमो सब सदे लड़दा
कदे शत्रगु बनदाकर परस्पर दमःगु ख चदलदायदा और मज़हब कदा भण्डदा खड़दा करकदे लड़दाई फहै लदावदे ऐसदे ककी कमोई बगुचद्धमदानम्
ईश्वर कभही नहह मदान सकतदे॥जिमो मनगुष्य जिदाचत ममें चवरमोध बढ़दावदे वहही सब कमो दमःगु खददातदा हमोतदा हहै॥144॥
145—ऐ नबही क्ययों हरदाम करतदा हहै उस वस्तगु कमो चक हलदाल चकयदा हहै खगुददा नदे तदेरदे चलयदे , चदाहतदा हहै तभू
प्रसन्नतदा बहीचबययों अपनही ककी, और अलदाह कमदा करनदे वदालदा दयदालगु हहै॥जिल्दही हहै मदाचलक उस कदा जिमो वह तगुम कमो
छमोड़ ददे तमो यह हहै चक उस कमो तगुम सदे अच्छही मगुसलमदान और ईमदान वदाचलयदासं बहीचबयदासं बदल ददे सदेवदा करनदे वदाचलयदासं
तमोबदामः करनदे वदाचलयदासं भचक्त करनदे वदाचलयदासं रमोज़दा रखनदे वदाचलयदासं पगुरुष ददेखही हह ई और चबन ददेखही हह ई॥
—मसं॰ 7। चस॰ 28। सभू॰ 66। आ॰ 1। 5॥
(समहीकक) ध्यदान ददेकर ददेखनदा चदाचहयदे चक खगुददा क्यदा हह आ मगुहम्मद सदाहदेब कदे घर कदा भहीतरही और
बदाहरही प्रबन्ध करनदे वदालदा भकत्य ठहरदा!! प्रथम आयत पर दमो कहदाचनयदासं हमैं एक तमो यह चक मगुहम्मद सदाहदेब कमो
शहद कदा शबर्थत चप्रय थदा। उन ककी कई बहीचबयदासं थह उन ममें सदे एक कदे घर पहीनदे ममें ददेर लगही तमो दस भू ररययों कमो असह्य
प्रतहीत हह आ उन कदे कहनदे सगुननदे कदे पहीछदे मगुहम्मद सदाहदेब सचौगन्ध खदा गयदे चक हम न पहीवमेंगदे। द स भू रही यह चक उनककी
कई बहीचबययों ममें सदे एक ककी बदारही थही। उसकदे यहदासं रदात्रही कमो गयदे तमो वह न थही; अपनदे बदाप कदे यहदासं गई थही। मगुहम्मद
सदाहदेब नदे एक लचौंडही अथदार्थतम् ददासही कमो बगुलदा कर पचवत्र चकयदा। जिब बहीबही कमो इस ककी खबर चमलही तमो अप्रसन्न हमो
गई। तब मगुहम्मद सदाहदेब नदे सचौगन्ध खदाई चक ममैं ऐसदा न करूहगदा। और बहीबही सदे भही कह चदयदा तगुम चकसही सदे यह बदात
मत कहनदा। बहीबही नदे स्वहीकदार चकयदा चक न कहह हगही। चफर उन्हयोंनदे दस भू रही बहीबही सदे जिदा कहदा। इस पर यह आयत खगुददा
नदे उतदारही चजिस वस्तगु कमो हम नदे तदेरदे पर हलदाल चकयदा उस कमो तभू हरदाम क्ययों करतदा हहै ?’ बगुचद्धमदानम् लमोग चवचदारमें चक
भलदा कहह खगुददा भही चकसही कदे घर कदा चनमटदेरदा करतदा चफरतदा हहै ? और मगुहम्मद सदाहदेब कदे तमो आचरण इन बदातयों सदे
प्रकट हही हमैं क्ययोंचक जिमो अनदेक चसययों कमो रक्खदे वह ईश्वर कदा भक्त वदा पहैग़म्बर कहै सदे हमो सकदे ? और जिमो एक सही
कदा पकपदात सदे अपमदान करदे और दस भू रही कदा मदान्य करदे वह पकपदातही हमोकर अधमर्त्ती क्ययों नहह और जिमो बहह त सही
चसययों सदे भही सन्तगुष्ट न हमोकर बदाहचदययों कदे सदाथ फसंसदे उस ककी लज्जदा, भय और धमर्थ कहदासं सदे रहदे? चकसही नदे कहदा हहै
चक—
‘कदामदातगुर दाणदासं न भयसं न लज्जदा’॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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जिमो कदामही मनगुष्य हमैं उन कमो अधमर्थ सदे भय वदा लज्जदा नहह हमोतही। और इन कदा खगुददा भही मगुहम्मद सदाहदेब ककी
चसययों और पहैग़म्बर कदे झगड़दे कदा फहै सलदा करनदे ममें जिदानमो सरपसंच बनदा हहै। अब बगुचद्धमदानम् लमोग चवचदार लमें चक यह
कगु रदान चवद्विदानम् वदा ईश्वरकक त हहै वदा चकसही अचवद्विदानम् मतलबचसन्धगु कदा बनदायदा? स्पष्ट चवचदत हमो जिदाएगदा और दस भू रही
आयत सदे प्रतहीत हमोतदा हहै चक मगुहम्मद सदाहदेब सदे उन ककी कमोई बहीबही अप्रसन्न हमो गई हमोगही, उस पर खगुददा नदे यह
आयत उतदार कर उस कमो धमकदायदा हमोदेगदा चक यचद तभू गड़बड़ करदेगही और मगुहम्मद सदाहदेब तगुझदे छमोड़ दमेंगदे तमो उन कमो
उन कदा खगुददा तगुझ सदे अच्छही बहीचबयदासं ददेगदा चक जिमो पगुरुष सदे न चमलही हयों। चजिस मनगुष्य कमो तचनक सही बगुचद्ध हहै वह
चवचदार लदे सकतदा हहै चक यदे खगुददा वगुददा कदे कदाम हमैं वदा अपनदा प्रयमोजिन चसचद्ध कदे ! ऐसही-ऐसही बदातयों सदे ठहीक चसद्ध हहै
चक खगुददा कमोई नहह कहतदा थदा कदे वल ददेशकदाल ददेखकर अपनदे प्रयमोजिन चसद्ध हमोनदे कदे चलए खगुददा ककी तफर्थ सदे
मगुहम्मद सदाहदेब कह ददेतदे थदे। जिमो लमोग खगुददा हही ककी तफर्थ लगदातदे हमैं उन कमो हम सब क्यदा, सब बगुचद्धमदानम् यहही कहमेंगदे
चक खगुददा क्यदा ठहरदा मदानमो मगुहम्मद सदाहदेब कदे चलयदे बहीचबयदासं लदानदे वदालदा नदाई ठहरदा!!!॥145॥
146—ऐ नबही झगड़दा कर कदाचफरयों और गगुप्त शत्रगुओसं सदे और सख्तही कर ऊपर उन कदे ॥
—मसं॰ 7। चस॰ 28। सभू॰ 66। आ॰ 9॥
(समहीकक) ददेचखयदे मगुसलमदानयों कदे खगुददा ककी लहीलदा! अन्य मत वदालयों सदे लड़नदे कदे चलयदे पहैग़म्बर और
मगुसलमदानयों कमो उचकदातदा हहै इसहीचलयदे मगुसलमदान लमोग उपद्रव करनदे ममें प्रवकत्त रहतदे हमैं। परमदात्मदा मगुसलमदानयों पर
कक पदादृचष्ट करदे चजिस सदे यदे लमोग उपद्रव करनदा छमोड़ कदे सब सदे चमत्रतदा सदे वत्तर्त्तें॥146॥
147—फट जिदावदेगदा आसमदान, बस वह उस चदन सगुस्त हमोगदा॥और फररश्तदे हयोंगदे ऊपर चकनदारयों उस
कदे कदे ; और उठदावमेंगदे तख्त मदाचलक तदेरदे कदा ऊपर अपनदे उस चदन आठ जिन॥उस चदन सदामनदे लदायदे जिदाओगदे तगुम ,
न चछपही रहदेगही कमोई बदात चछपही हह ई॥बस जिमो कमोई चदयदा गयदा कमर्थपत्र अपनदा बहीच ददाचहनदे हदाथ अपनदे कदे , बस कहदेगदा
लमो पढ़मो कमर्थपत्र मदेरदा॥और जिमो कमोई चदयदा गयदा कमर्थपत्र बहीच बदासंयदे हदाथ अपनदे कदे , बस कहदेगदा हदाथ न चदयदा गयदा
हमोतदा ममैं कमर्थपत्र अपनदा॥
—मसं॰ 7। चस॰ 29। सभू॰ 69। आ॰ 16। 17। 18। 19। 25॥
(समहीकक) वदाह क्यदा चफलदासफकी और न्यदाय ककी बदात हहै! भलदा आकदाश भही कभही फट सकतदा हहै?
क्यदा वह वस कदे समदान हहै जिमो फट जिदावदे? यचद ऊपर कदे लमोक कमो आसमदान कहतदे हमैं तमो यह बदात चवददा सदे चवरुद्ध
हहै। अब कगु रदान कदा खगुददा शरहीरधदारही हमोनदे ममें कगु छ ससंचदग्ध न रहदा। क्ययोंचक तख्त पर बहैठनदा, आठ कहदारयों सदे उठवदानदा
चवनदा मभूचतर्थमदानम् कदे कगु छ भही नहह हमो सकतदा? और सदामनदे वदा पहीछदे भही आनदा-जिदानदा मभूचतर्थमदानम् हही कदा हमो सकतदा हहै।
जिब वह मभूचतर्थमदानम् हहै तमो एकददेशही हमोनदे सदे सवर्थज, सवर्थव्यदापक, सवर्थशचक्तमदानम् नहह हमो सकतदा और सब जिहीवयों कदे सब
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1033

कमर्यों कमो कभही नहह जिदान सकतदा। यह बडदेडे़ आश्चयर्थ ककी बदात हहै चक पगुण्यदात्मदाओसं कदे ददाचहनदे हदाथ ममें पत्र ददेनदा,
बचवदानदा, बचहश्त ममें भदेजिनदा और पदापदात्मदाओसं कदे बदायमें हदाथ ममें कमर्थपत्र कदा ददेनदा, नरक ममें भदेजिनदा, कमर्थपत्र बदासंच कदे
न्यदाय करनदा! भलदा यह व्यवहदार सवर्थज कदा हमो सकतदा हहै? कददाचप नहह। यह सब लहीलदा लड़कदे पन ककी हहै॥147॥
148—चढ़तदे हमैं फररश्तदे और रूह तफर्थ उस ककी वह अज़दाब हमोगदा बहीच उस चदन कदे चक हहै पररमदाण
उस कदा पचदास हजिदार वषर्थ॥जिब चक चनकलमेंगदे कबरयों ममें सदे दचौड़तदे हह ए मदानमो चक वह बगुतयों कदे स्थदानयों ककी ओर दचौड़तदे
हमैं।
—मसं॰ 7। चस॰ 29। सभू॰ 70। आ॰ 4। 43॥
(समहीकक) यचद पचदास हज़दार वषर्थ चदन कदा पररमदाण हहै तमो पचदास हज़दार वषर्थ ककी रदाचत्र क्ययों नहह? यचद
उतनही बड़ही रदाचत्र नहह हहै तमो उतनदा बड़दा चदन कभही नहह हमो सकतदा। क्यदा पचदास हज़दार वषर्यों तक खगुददा फररश्तदे और
कमर्थपत्र वदालदे खड़दे वदा बहैठदे अथवदा जिदागतदे हही रहमेंगदे ? यचद ऐसदा हहै तमो सब रमोगही हमो कर पगुनमः मर हही जिदायमेंगदे। क्यदा
कबरयों सदे चनकल कर खगुददा ककी कचहरही ककी ओर दचौड़मेंगदे? उन कदे पदास सम्मन कबरयों ममें क्ययोंकर पहह हचगमें दे? और उन
चबचदारयों कमो जिमो चक पगुण्यदात्मदा वदा पदापदात्मदा हमैं। इतनदे समय तक सभही कमो कबरयों ममें दचौरदेसगुपगुदर्थ कहै द क्ययों रक्खदा? और
आजिकल खगुददा ककी कचहरही बन्ध हमोगही और खगुददा तथदा फररश्तदे चनकम्मदे बहैठदे हयोंगदे? अथवदा क्यदा कदाम करतदे हयोंगदे।
अपनदे-अपनदे स्थदानयों ममें बहैठदे इधर-उधर घभूमतदे, समोतदे, नदाच तमदाशदा ददेखतदे व ऐश आरदाम करतदे हयोंगदे। ऐसदा अन्धदेर
चकसही कदे रदाज्य ममें न हमोगदा। ऐसही-ऐसही बदातयों कमो चसवदाय जिङचलययों कदे दस भू रदा कचौन मदानदेगदा?॥148॥
149—चनश्चय उत्पन्न चकयदा तगुम कमो कई प्रकदार सदे॥क्यदा नहह ददेखदा तगुम नदे कहै सदे उत्पन्न चकयदा अलदाह
नदे सदात आसमदानयों कमो ऊपर तलदे॥और चकयदा चदासंद कमो बहीच उन कदे प्रकदाशक और चकयदा सभूयर्थ कमो दहीपक॥
—मसं॰ 7। चस॰ 29। सभू॰ 71। आ॰ 14। 15। 16॥
(समहीकक) यचद जिहीवयों कमो खगुददा नदे उत्पन्न चकयदा हहै तमो वदे चनत्य अमर कभही नहह रह सकतदे ? चफर
बचहश्त ममें सददा क्ययोंकर रह सकमें गदे? जिमो उत्पन्न हमोतदा हहै वह वस्तगु अवश्य नष्ट हमो जिदातदा हहै। आसमदान कमो ऊपर
तलदे कहै सदे बनदा सकतदा हहै? क्ययोंचक वह चनरदाकदार और चवभगु पददाथर्थ हहै। यचद दसभू रही चहीजि कदा नदाम आकदाश रखतदे हमो
तमो भही उस कदा आकदाश नदाम रखनदा व्यथर्थ हहै। यचद ऊपर तलदे आसमदानयों कमो बनदायदा हहै तमो उन सब कदे बहीच ममें चदासंद
सभूयर्थ कभही नहह रह सकतदे। जिमो बहीच ममें रक्खदा जिदाय तमो एक ऊपर और एक नहीचदे कदा पददाथर्थ प्रकदाचशत हमो द स भू रदे सदे
लदेकर सब ममें अन्धकदार रहनदा चदाचहयदे। ऐसदा नहह दहीखतदा, इस चलयदे यह बदात सवर्थथदा चमथ्यदा हहै॥149॥
150—यह चक मसचजिदमें वदास्तदे अलदाह कदे हमैं, बस मत पगुकदारमो सदाथ अलदाह कदे चकसही कमो॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
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—मसं॰ 7। चस॰ 29। सभू॰ 72। आ॰ 18॥


(समहीकक) यचद यह बदात सत्य हहै तमो मगुसलमदान लमोग ‘लदाइलदाह इचललदामः मगुहम्मदरर्थसभूललदामः’ इस
कलमदे ममें खगुददा कदे सदाथ मगुहम्मद सदाहदेब कमो क्ययों पगुकदारतदे हमैं? यह बदात कगु रदान सदे चवरुद्ध हहै और जिमो चवरुद्ध नहह
करतदे तमो इस कगु रदान ककी बदात कमो झभूठ करतदे हमैं। जिब मसचजिदमें खगुददा कदे घर हमैं तमो मगुसलमदान महदाबगुत्परस्त हह ए।
क्ययोंचक जिहैसदे पगुरदाणही, जिहैनही छमोटही सही मभूचत्तर्थ कमो ईश्वर कदा घर मदाननदे सदे बगुत्परस्त ठहरतदे हमैं ; यदे लमोग क्ययों नहह?॥
150॥
151—इकटदा चकयदा जिदावदेगदा सभूयर्थ और चदासंद॥
—मसं॰ 7। चस॰ 29। सभू॰ 75। आ॰ 9॥
(समहीकक) भलदा सभूयर्थ चदादसं कभही इकटदे हमो सकतदे हमैं? ददेचखयदे! यह चकतनही बदेसमझ ककी बदात हहै। और
सभूयर्थ चन्द्र हही कदे इकटदे करनदे ममें क्यदा प्रयमोजिन थदा? अन्य सब लमोकयों कमो इकटदे न करनदे ममें क्यदा यगुचक्त हहै? ऐसही-
ऐसही असम्भव बदातमें परमदेश्वरकक त कभही हमो सकतही हमैं? चबनदा अचवद्विदानयों कदे अन्य चकसही ककी भही नहह हमोतह॥149॥
152—और चफरमेंगदे ऊपर उनकदे लड़कदे सददा रहनदे वदालदे, जिब ददेखदेगदा तभू उन कमो, अनगुमदान करदेगदा तभू
उन कमो ममोतही चबखरदे हह ए॥और पहनदायदे जिदावमेंगदे कसंगन चदाहदही कदे और चपलदावदेगदा उन कमो रब उन कदा शरदाब पचवत्र॥
—मसं॰ 7। चस॰ 29। सभू॰ 76। आ॰ 19। 21॥
(समहीकक) क्ययों जिही ममोतही कदे वणर्थ सदे लड़कदे चकस चलयदे वहदाह रक्खदे जिदातदे हमैं? क्यदा जिवदान लमोग सदेवदा वदा
सही जिन उनकमो तकप्त नहह कर सकतह? क्यदा आश्चयर्थ हहै चक जिमो यह महदा बगुरदा कमर्थ लड़कयों कदे सदाथ दष्टगु जिन करतदे
हमैं उस कदा मभूल यहही कगु रदान कदा वचन हमो! और बचहश्त ममें स्वदामही सदेवकभदाव हमोनदे सदे स्वदामही कमो आनन्द और
सदेवक कमो पररश्रम हमोनदे सदे दमःगु ख तथदा पकपदात क्ययों हहै? और जिब खगुददा हही उनकमो मद चपलदावदेगदा तमो वह भही उन
कदा सदेवकवतम् ठहरदेगदा, चफर खगुददा ककी बड़दाई क्ययोंकर रह सकदे गही? और वहदाह बचहश्त ममें सही पगुरुष कदा समदागम और
गभर्थचस्थचत और लड़कदे बदालदे भही हमोतदे हमैं वदा नहह? यचद नहह हमोतदे तमो उन कदा चवषयसदेवन करनदा व्यथर्थ हह आ और जिमो
हमोतदे हमैं तमो वदे जिहीव कहदासं सदे आयदे? और चवनदा खगुददा ककी सदेवदा कदे बचहश्त ममें क्ययों जिन्मदे? यचद जिन्मदे तमो उन कमो
चबनदा ईमदान लदानदे और खगुददा ककी भचक्त करनदे सदे बचहश्त मगुफ़्त चमल गयदा। चकन्हह चबचदारयों कमो ईमदान लदानदे और
चकन्हह कमो चवनदा धमर्थ कदे सगुख चमल जिदाय इस सदे दस भू रदा बड़दा अन्यदाय कचौन सदा हमोगदा?॥152॥
153—बदलदा चदयदे जिदावमेंगदे कमदार्थनगुसदार॥और प्यदालदे हमैं भरदे हह ए॥चजिस चदन खड़दे हयोंगदे रूह और फररश्तदे
सफ बदासंध कर॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

—मसं॰ 7। चस॰ 30। सभू॰ 78। आ॰ 26। 34। 38॥


(समहीकक) यचद कमदार्थनगुसदार फल चदयदा जिदातदा तमो सददा बचहश्त ममें रहनदे वदालदे हह रमें फररश्तदे और ममोतही कदे
सदृश लड़कयों कमो कचौन कमर्थ कदे अनगुसदार सददा कदे चलयदे बचहश्त चमलदा? जिब प्यदालदे भर-भर शरदाब पहीयमेंगदे तमो मस्त
हमो कर क्ययों न लड़मेंगदे रूह नदाम यहदासं एक फररश्तदे कदा हहै जिमो सब फररश्तयों सदे बड़दा हहै ! क्यदा खगुददा रूह तथदा अन्य
फररश्तयों कमो पसंचक्तबद्ध खड़दे कर कदे पलटन बदासंधदेगदा? क्यदा पलटन सदे सब जिहीवयों कमो सजिदा चदलदावदेगदा? और खगुददा
उस समय खड़दा हमोगदा वदा बहैठदा? यचद कयदामत तक खगुददा अपनही सब पलटन एकत्र करकदे शहैतदान कमो पकड़ लदे तमो
उस कदा रदाज्य चनष्कण्टक हमो जिदाय। इस कदा नदाम खगुददाई हहै॥153॥
154—जिब चक सभूयर्थ लपदेटदा जिदावदे॥और जिब चक तदारदे गदलदे हमो जिदावमें॥और जिब चक पहदाड़ चलदायदे जिदावमें॥
और जिब आसमदान ककी खदाल उतदारही जिदावदे॥
—मसं॰ 7। चस॰ 30। सभू॰ 81। आ॰ 1। 2। 3। 11॥
(समहीकक) यह बड़ही बदेसमझ ककी बदात हहै चक गमोल सभूयर्थलमोक लपदेटदा जिदावदेगदा? और तदारदे गदलदे क्ययोंकर
हमो सकमें गदे? और पहदाड़ जिड़ हमोनदे सदे कहै सदे चलमेंगदे? और आकदाश कमो क्यदा पशगु समझदा चक उस ककी खदाल चनकदालही
जिदावदेगही? यह बड़ही बदेसमझ और जिसंगलहीपन ककी बदात हहै॥154॥
155—और जिब चक आसमदान फट जिदावदे॥और जिब तदारदे भड़ जिदावमें॥और जिब दयदार्थ चहीरदे जिदावमें॥और जिब
कबरमें चजिलदा कर उठदाई जिदावमें॥
—मसं॰ 7। चस॰ 30। सभू॰ 82। आ॰ 1। 2। 3। 4॥
(समहीकक) वदाह जिही कगु रदान कदे बनदानदे वदालदे चफलदासफर! आकदाश कमो क्ययोंकर फदाड़ सकदे गदा? और तदारयों
कमो कहै सदे भदाड़ सकदे गदा? और दयदार्थ क्यदा लकड़ही हहै जिमो चहीर डदालदेगदा? और कबरमें क्यदा मगुरददे हमैं जिमो चजिलदा सकदे गदा?
यदे सब बदातमें लड़कयों कदे सदृश हमैं॥155॥
156—कसम हहै आसमदान बगुजिर्यों वदालदे ककी॥चकन्तगु वह कगु रदान हहै बड़दा॥बहीच लचौह महफभू जि कदे (अथदार्थतम्
सगुरचकत तख्तही पर चलखदा हह आ)॥
—मसं॰ 7। चस॰ 30। सभू॰ 85। आ॰ 1। 21। 22॥
(समहीकक) इस कगु रदान कदे बनदानदे वदालदे नदे भभूगमोल खगमोल कगु छ भही नहह पढ़दा थदा नहह तमो आकदाश कमो
चकलदे कदे समदान बगुजिर्यों वदालदा क्ययों कहतदा? यचद मदेषदाचद रदाचशययों कमो बगुजिर्थ कहतदा हहै तमो अन्य बगुजिर्थ क्ययों नहह?

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

इसचलयदे यदे बगुजिर्थ नहह हमैं चकन्तगु सब तदारदे लमोक हमैं। क्यदा वह कगु रदान खगुददा कदे पदास हहै? यचद यह कगु रदान उस कदा चकयदा
हहै तमो वह भही चवददा और यगुचक्त सदे चवरुद्ध अचवददा सदे अचधक भरदा हमोगदा॥156॥
157—चनश्चय वदे मकर करतदे हमैं एक मकर॥और ममैं भही मकर करतदा हह ह एक मकर॥
—मसं॰ 7। चस॰ 30। सभू॰ 86। आ॰ 16।17॥
(समहीकक) मकर कहतदे हमैं ठगपन कमो, क्यदा खगुददा भही ठग हहै? और क्यदा चमोरही कदा जिवदाब चमोरही और
झभूठ कदा जिवदाब झभूठ हहै? क्यदा कमोई चमोर भलदे आदमही कदे घर ममें चमोरही करदे तमो क्यदा भलदे आदमही कमो चदाचहए चक उस
कदे घर ममें जिदा कदे चमोरही करदे! वदाह! वदाह जिही!! कगु रदान कदे बनदानदे वदालदे॥157॥
158—और जिब आवदेगदा मदाचलक तदेरदा और फररश्तदे पसंचक्त बदासंध कदे ॥और लदायदा जिदावदेगदा उस चदन दमोज़ख
कमो॥
—मसं॰ 7। चस॰ 30। सभू॰ 89। आ॰ 21। 22॥
(समहीकक) कहमो जिही! जिहैसदे कमोटवदाल वदा सदेनदाध्यक अपनही सदेनदा कमो लदेकर पसंचक्त बदासंध चफरदा करदे वहैसदा हही
इन कदा खगुददा हहै? क्यदा दमोज़ख कमो घड़दा सदा समझदा हहै चक चजिस कमो उठदा कदे जिहदाह चदाहदे वहदाह लदे जिदावदे ! यचद इतनदा
छमोटदा सदा हहै तमो अससंख्य कहै दही उस ममें कहै सदे समदा सकमें गदे?॥158॥
159—बस कहदा थदा वदास्तदे उन कदे पहैग़म्बर खगुददा कदे नदे, रकदा करमो ऊसंटनही खगुददा ककी कमो, और पदानही
चपलदानदा उस कदे कमो॥बस झगुठलदायदा उस कमो, बस पदासंव कदाटदे उस कदे , बस मरही डदालही ऊपर उन कदे , रब उन कदे
नदे॥
—मसं॰ 7। चस॰ 30। सभू॰ 91। आ॰ 13। 14॥
(समहीकक) क्यदा खगुददा भही ऊसंटनही पर चढ़ कदे सहैल चकयदा करतदा हहै? नहह तमो चकस चलयदे रक्खही? और
चवनदा कयदामत कदे अपनदा चनयम तमोड़ उन पर मरही रमोग क्ययों डदालदा? यचद डदालदा तमो उन कमो दण्ड चकयदा, चफर
कयदामत ककी रदात ममें न्यदाय और उस रदात कदा हमोनदा झभूठ समझदा जिदायगदा? चफर इस ऊसंटनही कदे लदेख सदे यह अनगुमदान
हमोतदा हहै चक अरब ददेश ममें ऊसंट, ऊसंटनही कदे चसवदाय दस
भू रही सवदारही कम हमोतही हहै। इस सदे चसद्ध हमोतदा हहै चक चकसही
अरब ददेशही नदे कगु रदान बनदायदा हहै॥159॥
160—ययों जिमो न रुकदे गदा अवश्य घसहीटमेंगदे उस कमो हम सदाथ बदालयों मदाथदे कदे ॥वह मदाथदा चक झभूठदा हहै और
अपरदाधही॥हम बगुलदावमेंगदे फररश्तदे दमोज़ख कदे कमो॥

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144004
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

—मसं॰ 7। चस॰ 30। सभू॰ 96। आ॰ 15। 16। 18॥


(समहीकक) इस नहीच चपरदाचसययों कदे कदाम घसहीटनदे सदे भही खगुददा न बचदा। भलदा मदाथदा भही कभही झभूठदा और
अपरदाधही हमो सकतदा हहै? चसवदाय जिहीव कदे , भलदा यह कभही खगुददा हमो सकतदा हहै चक जिहैसदे जिदेलखदानदे कदे दरमोगदा कमो
बगुलदावदा भदेजिदे॥160॥
161—चनश्चय उतदारदा हम नदे कगु रदान कमो बहीच रदात क़दर कदे ॥और क्यदा जिदानदे तभू क्यदा हहै रदात क़दर
ककी?॥उतरतदे हमैं फररश्तदे और पचवत्रदात्मदा बहीच उस कदे , सदाथ आजदा मदाचलक अपनदे कदे वदास्तदे हर कदाम कदे ॥
—मसं॰ 7। चस॰ 30। सभू॰ 97। आ॰ 1। 2। 4॥
(समहीकक) यचद एक हही रदात ममें कगु रदान उतदारदा तमो वह आयत अथदार्थतम् उस समय ममें उतरही और धहीरदे -धहीरदे
उतदारदा यह बदात सत्य क्ययोंकर हमो सकदे गही? और रदात्रही अन्धदेरही हहै इस ममें क्यदा पभूछनदा हहै? हम चलख आयदे हमैं ऊपर
नहीचदे कगु छ भही नहह हमो सकतदा और यहदासं चलखतदे हमैं चक फररश्तदे और पचवत्रदात्मदा खगुददा कदे हहक्म सदे ससंसदार कदा प्रबन्ध
करनदे कदे चलयदे आतदे हमैं। इस सदे स्पष्ट हह आ चक खगुददा मनगुष्यवतम् एकददेशही हहै। अब तक ददेखदा थदा चक खगुददा फररश्तदे
और पहैग़म्बर तहीन ककी कथदा हहै। अब एक पचवत्रदात्मदा चचौथदा चनकल पड़दा! अब न जिदानदे यह चचौथदा पचवत्रदात्मदा क्यदा
हहै? यह तमो ईसदाइययों कदे मत अथदार्थतम् चपतदा पगुत्र और पचवत्रदात्मदा तहीन कदे मदाननदे सदे चचौथदा भही बढ़ गयदा। यचद कहमो चक
हम इन तहीनयों कमो खगुददा नहह मदानतदे, ऐसदा भही हमो, परन्तगु जिब पचवत्रदात्मदा पकथकम् हहै तमो खगुददा फररश्तदे और पहैग़म्बर
कमो पचवत्रदात्मदा कहनदा चदाचहयदे वदा नहह? यचद पचवत्रदात्मदा हहै तमो एक हही कदा नदाम पचवत्रदात्मदा क्ययों? और घमोड़दे आचद
जिदानवर, रदात चदन और कगु रदान आचद ककी खगुददा कसममें खदातदा हहै। कसममें खदानदा भलदे लमोगयों कदा कदाम नहह॥161॥
अब इस कगु रदान कदे चवषय कमो चलख कदे बगुचद्धमदानयों कदे सम्मगुख स्थदाचपत करतदा हह ह चक यह पगुस्तक कहै सदा हहै ?
मगुझ सदे पभूछमो तमो यह चकतदाब न ईश्वर, न चवद्विदानम् ककी बनदाई और न चवददा ककी हमो सकतही हहै। यह तमो बहह त थमोड़दा सदा
दमोष प्रकट चकयदा इसचलयदे चक लमोग धमोखदे ममें पड़कर अपनदा जिन्म व्यथर्थ न गमदावमें। जिमो कगु छ इस ममें थमोड़दा सदा सत्य हहै
वह वदेददाचद चवददा पगुस्तकयों कदे अनगुकभूल हमोनदे सदे जिहैसदे मगुझ कमो ग्रदाह्य हहै वहैसदे अन्य भही मज़हब कदे हठ और
पकपदातरचहत चवद्विदानयों और बगुचद्धमदानयों कमो ग्रदाह्य हहै। इस कदे चबनदा जिमो कगु छ इस ममें हहै सब अचवददा भ्रमजिदाल और
मनगुष्य कदे आत्मदा कमो पशगुवतम् बनदाकर शदाचन्तभङ करदा कदे उपद्रव मचदा मनगुष्ययों ममें चवद्रमोह फहै लदा परस्पर दमःगु खमोन्नचत
करनदे वदालदा चवषय हहै। और पगुनरुक्त दमोष कदा तमो कगु रदान जिदानमो भण्डदार हही हहै। परमदात्मदा सब मनगुष्ययों पर कक पदा करदे चक
सब सदे सब प्रहीचत परस्पर मदेल और एक दस भू रदे कदे सगुख ककी उन्नचत करनदे ममें प्रवकत्त हयों। जिहैसदे ममैं अपनदा वदा दस
भू रदे
मतमतदान्तरयों कदा दमोष पकपदात रचहत हमोकर प्रकदाचशत करतदा हह।ह इसही प्रकदार यचद सब चवद्विदानम् लमोग करमें तमो क्यदा
कचठनतदा हहै चक परस्पर कदा चवरमोध छभू ट, मदेल हमोकर आनन्द ममें एकमत हमोकदे सत्य ककी प्रदाचप्त चसद्ध हमो। यह थमोड़दा
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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

सदा कगु रदान कदे चवषय ममें चलखदा। इस कमो बगुचद्धमदानम् धदाचमर्थक लमोग ग्रन्थकदार कदे अचभप्रदाय कमो समझ, लदाभ लदेवमें। यचद
कहह भ्रम सदे अन्यथदा चलखदा गयदा हमो तमो उस कमो शगुद्ध कर लदेवमें।
अब एक बदात यह शदेष हहै चक बहह त सदे मगुसलमदान ऐसदा कहदा करतदे और चलखदा वदा छपवदायदा करतदे हमैं चक
हमदारदे मज़हब ककी बदात अथवर्थवददे ममें चलखही हहै। इस कदा यह उत्तर हहै चक अथवर्थवदेद ममें इस बदात कदा नदाम चनशदान भही
नहह हहै।
(प्रश्न) क्यदा तगुम नदे सब अथवर्थवदेद ददेखदा हहै ? यचद ददेखदा हहै तमो अलमोपचनषदम् ददेखमो। यह सदाकदातम् उसममें
चलखही हहै। चफर क्ययों कहतदे हमो चक अथवर्थवददे ममें मगुसलमदानयों कदा नदाम चनशदान भही नहह हहै।

अथदालमोपचनषदसं व्यदाख्यदास्यदाममः
अस्मदालदासं इलदे चमत्रदावरुणदा चदव्यदाचन धत्तदे।
इललदे वरुणमो रदाजिदा पगुन द्दर्थद गुमः ।
ह यदा चमत्रमो इलदासं इललदे इलदासं वरुणमो चमत्रस्तदेजि स्कदाममः॥1॥
हमोतदारचमन्द्रमो हमोतदारचमन्द्र महदासगुर रन्द्रदामः।
अलमो ज्यदेष्ठि सं श्रदेष्ठि सं परमसं पभूण र्वं ब्रह्मदाणसं अलदामम्॥ 2॥
अलमोरसभूल महदामदरकबरस्य अलमो अलदामम्॥ 3॥
आदलदाबभूक मदेक कमम्॥ अलदाबभूक चनखदातकमम्॥ 4॥
अलमो यजदेन हह त हह त् वदा। अलदा सभूय चर्थ न्द्रसवर्थन कत्रदामः॥5॥
अलदा ऋषहीणदासं सवर्थच दव्यदाह इन्द्रदाय पभूव र्वं मदायदा परममन्तररकदामः॥6॥
अलमः पकच थव्यदा अन्तररकसं चवश्वरूपमम्॥ 7॥
इलदासं कबर इलदासं कबर इलदाह इललदेच त इललदामः॥8॥
ओमम् अलदा इललदा अनदाचदस्वरूपदाय अथवर्थण दाश्यदामदा हह सं ह्रह जिनदानपशभून चसद्धदानम्
जिलचरदानम् अदृष्टसं कगु रु कगु रु फटम् ॥9॥

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

असगुर ससंह दाररणही हह सं ह्रह अलमोरसभूल महमदरकबरस्य अलमो अलदामम् इललदेच त इललदामः॥
10॥
इत्यलमोपचनषतम् समदाप्तदा॥

जिमो इस ममें प्रत्यक मगुहम्मद सदाहब रसभूल चलखदा हहै इस सदे चसद्ध हमोतदा हहै चक मगुसलमदानयों कदा मत वदेदमभूलक
हहै।
(उत्तर) यचद तगुम नदे अथवर्थवदेद न ददेखदा हमो तमो हमदारदे पदास आओ आचद सदे पभूचत्तर्थ तक ददेखमो अथवदा चजिस
चकसही अथवर्थवदेदही कदे पदास बहीस कदाण्डयगुक्त मन्त्रससंचहतदा अथवर्थवदेद कमो ददेख लमो। कहह तगुम्हदारदे पहैग़म्बर सदाहब कदा नदाम
वदा मत कदा चनशदान न ददेखमोगदे। और जिमो यह अलमोपचनषद म् हहै वह न अथवर्थवदेद ममें , न उस कदे गमोपथ ब्रदाह्मण वदा चकसही
शदाखदा ममें हहै। यह तमो अकबरशदाह कदे समय ममें अनगुमदान हहै चक चकसही नदे बनदाई हहै। इस कदा बनदानदे वदालदा कगु छ अबर्त्ती
और कगु छ ससंस्कक त भही पढ़दा हहआ दहीखतदा हहै क्ययोंचक इस ममें अरबही और ससंस्कक त कदे पद चलखदे हह ए दहीखतदे हमैं। ददेखमो!
(अस्मदालदासं इलदे चमत्रदावरुणदा चदव्यदाचन धत्तदे ) इत्यदाचद ममें जिमो चक दश अट ममें चलखदा हहै , जिहैसदे—इस ममें
(अस्मदालदासं और इलदे) अबर्त्ती और (चमत्रदावरुणदा चदव्यदाचन धत्तदे) यह ससंस्कक त पद चलखदे हमैं वहैसदे हही सवर्थत्र ददेखनदे
ममें आनदे सदे चकसही ससंस्कक त और अबर्त्ती कदे पढ़दे हह ए नदे बनदाई हहै। यचद इस कदा अथर्थ ददेखदा जिदातदा हहै तमो यह कक चत्रम अयगुक्त
वदेद और व्यदाकरण रहीचत सदे चवरुद्ध हहै। जिहैसही यह उपचनषद म् बनदाई हहै, वहैसही बहह त सही उपचनषदमें मतमतदान्तर वदालदे
पकपदाचतययों नदे बनदा लही हमैं। जिहैसही चक स्वरमोपचनषद,म् नकचससंहतदापनही, रदामतदापनही, गमोपदालतदापनही बहह त सही बनदा लही हमैं।
(प्रश्न) आजि तक चकसही नदे ऐसदा नहह कहदा अब तगुम कहतदे हमो। हम तगुम्हदारही बदात कहै सदे मदानमें?
(उत्तर) तगुम्हदारदे मदाननदे वदा न मदाननदे सदे हमदारही बदात झभूठ नहह हमो सकतही हहै। चजिस प्रकदार सदे ममैंनदे इस कमो
अयगुक्त ठहरदाई हहै उसही प्रकदार सदे जिब तगुम अथवर्थवदेद, गमोपथ वदा इस ककी शदाखदाओसं सदे प्रदाचहीन चलचखत पगुस्तकयों ममें
जिहैसदे कदा तहैसदा लदेख चदखलदाओ और अथर्थससंगचत सदे भही शगुद्ध करमो तब तमो सप्रमदाण हमो सकतदा हहै।
(प्रश्न) ददेखमो! हमदारदा मत कहै सदा अच्छदा हहै चक चजिस ममें सब प्रकदार कदा सगुख और अन्त ममें मगुचक्त हमोतही हहै।
(उत्तर)—ऐसदे हही अपनदे-अपनदे मत वदालदे सब कहतदे हमैं चक हमदारदा हही मत अच्छदा हहै , बदाककी सब बगुरदे।
चबनदा हमदारदे मत कदे दस
भू रदे मत ममें मगुचक्त नहह हमो सकतही। अब हम तगुम्हदारही बदात कमो सच्चिही मदानमें वदा उन ककी? हम तमो
यहही मदानतदे हमैं चक सत्यभदाषण, अचहसंसदा, दयदा आचद शगुभ गगुण सब मतयों ममें अच्छदे हमैं और बदाककी वदाद , चववदाद,

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः चतगुद शर्थ मः समगुल दासमः
1033

ईष्यदार्थ, द्विदेष, चमथ्यदाभदाषणदाचद कमर्थ सब मतयों ममें बगुरदे हमैं। यचद तगुम कमो सत्य मत ग्रहण ककी इच्छदा हमो तमो वहैचदक मत कमो
ग्रहण करमो।
इसकदे आगदे स्वन्तव्यदामन्तव्य कदा प्रकदाश ससंकदेप सदे चलखदा जिदायगदा।

इचत श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमकक तदे सत्यदाथर्थप्र कदाशदे


सगुभ दाषदाचवभभूच षतदे यवनमतचवषयदे
चतगुद र्थश समगुल दासमः सम्पभूण र्थमः ॥14॥

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॥ओ३मम्॥

स्वन्तव्यदामन्तव्यप्रकदाशमः
सवर्थतन्त्र चसद्धदान्त अथदार्थतम् सदामदाज्य सदावर्थजिचनक धमर्थ चजिस कमो सददा सदे सब मदानतदे आयदे , मदानतदे हमैं और
मदानमेंगदे भही। इसहीचलयदे उस कमो सनदातन चनत्य धमर्थ कहतदे हमैं चक चजिस कदा चवरमोधही कमोई भही न हमो सकदे । यचद
अचवददायक्त गु जिन अथवदा चकसही मत वदालदे कदे भ्रमदायदे हह ए जिन चजिस कमो अन्यथदा जिदानमें वदा मदानमें उस कदा स्वहीकदार कमोई
भही बगुचद्धमदानम् नहह करतदे चकन्तगु चजिस कमो आप्त अथदार्थतम् सत्यमदानही, सत्यवदादही, सत्यकदारही, परमोपकदारही,
परमोपकदारक; पकपदातरचहत चवद्विदानम् मदानतदे हमैं वहही सब कमो मन्तव्य और चजिस कमो नहह मदानतदे वह अमन्तव्य हमोनदे सदे
प्रमदाण कदे यमोग्य नहह हमोतदा। अब जिमो वदेद दाचद सत्यशदास और ब्रह्मदा सदे लदे कर जिहैच मचनमगुच न पयर्थन् तयों कदे मदानदे
हह ए ईश्वरदाचद पददाथर्थ हमैं चजिन कमो ममैं भही मदानतदा हह ;ह सब सज्जन महदाशययों कदे सदामनदे प्रकदाचशत करतदा हह ह।

ममैं अपनदा मन्तव्य उसही कमो जिदानतदा हह ह चक जिमो तहीन कदाल ममें सब कमो एक सदा मदाननदे यमोग्य हहै। मदेरदा कमोई
नवहीन कल्पनदा वदा मतमतदान्तर चलदानदे कदा लदेशमदात्र भही अचभप्रदाय नहह हहै चकन्तगु जिमो सत्य हहै उस कमो मदाननदा,
मनवदानदा और जिमो असत्य हहै उस कमो छमोड़नदा और छगु ड़वदानदा मगुझ कमो अभहीष्ट हहै। यचद ममैं पकपदात करतदा तमो
आयदार्थवत्तर्थ ममें प्रचररत मतयों ममें सदे चकसही एक मत कदा आग्रहही हमोतदा चकन्तगु जिमो-जिमो आयदार्थवत्तर्थ वदा अन्य ददेशयों ममें
अधमर्थयक्त
गु चदाल चलन हहै उस कदा स्वहीकदार और जिमो धमर्थयक्त गु बदातमें हमैं उन कदा त्यदाग नहह करतदा, न करनदा चदाहतदा हह ह
क्ययोंचक ऐसदा करनदा मनगुष्यधमर्थ सदे बचहमः हहै।

मनगुष् य उसही कमो कहनदा चक—मननशहील हमो कर स्वदात्मवतम् अन्ययों कदे सगुख -दगुमः ख और हदाचन-
लदाभ कमो समझदे। अन्यदायकदारही बलवदानम् सदे भही न डरदे और धमदार्थत् मदा चनबर्थल सदे भही डरतदा रहदे। इतनदा हही
नहह चकन्तगु अपनदे सवर्थ सदामथ्यर्थ सदे धमदार्थत् मदाओसं— चक चदाहदे वदे महदा अनदाथ , चनबर्थल और गगुण रचहत क्ययों
न हयों—उन ककी रकदा, उन्नचत, चप्रयदाचरण और अधमर्त्ती चदाहदे चक्रवत्तर्त्ती सनदाथ, महदाबलवदानम् और
गगुण वदानम् भही हमो तथदाचप उस कदा नदाश, अवनचत और अचप्रयदाचरण सददा चकयदा करदे अथदार्थत म् जिहदाह तक हमो
सकदे वहदाह तक अन्यदायकदाररययों कदे बल ककी हदाचन और न्यदायकदाररययों कदे बल ककी उन्नचत सवर्थथ दा चकयदा
करदे। इस कदाम ममें चदाहदे उस कमो चकतनदा हही ददारुण द गुमः ख प्रदाप्त हमो, चदाहदे प्रदाण भही भलदे हही जिदावमें परन्तगु
इस मनगुष् यपनरूप धमर्थ सदे पकथ कम् कभही न हमोवदे। इस ममें श्रहीमदानम् महदारदाजिदा भतकर्थहरर जिही आचद नदे श्लमोक कहदे हमैं
उन कदा चलखनदा उपयगुक्त समझ कर चलखतदा हह ह—
चनन्दन्तगु नहीचतचनपगुण दा यचद वदा स्तगुव न्तगु ,
लक्ष्महीमः समदाचवशतगु गच्छतगु वदा यथदेष्ट मम्।
अदहैव वदा मरणमम् अस्तगु यगुग दान्तरदे वदा,
न्यदाय्यदातम् पथमः प्रचवचलचन्त पदसं न धहीरदामः॥1॥
—भतकर्थहररमः॥
न जिदातगु कदामदान्न भयदान्न लमोभदाद म्
धमर्वं त्यजिदेज्ज हीचवतस्यदाचप हदेत मोमः।
धमर्वो चनत्यमः सगुख द गुमः खदे त्वचनत्यदे
जिहीवमो चनत्यमो हदेत रगु स्य त्वचनत्यमः॥2॥
—महदाभदारतदे श्लमो॰ 11,12॥
एक एव सगुहृ द्धमर्वो चनधनदेऽ प्यनगुय दाचत यमः।
शरहीरदेण समसं नदाशसं सवर्थम न्यचद्ध गच्छचत॥3॥ मनगु॰॥
सत्यमदेव जियतदे नदानकत सं
सत्यदेन पन्थदा चवततमो ददेव यदानमः।
यदेन दाऽऽक्रमन्त्यक ष यमो ह्यदाप्तकदामदा
यत्र तत्सत्यस्य परमसं चनधदानमम्॥ 4॥
न चह सत्यदात्परमो धमर्वो नदानकत दातम् पदातकसं परमम्।
न चह सत्यदातम् परसं जदानसं तस्मदातम् सत्यसं समदाचरदेत म्॥ 5॥
—उपचनषचद॥
इन्हह महदाशययों कदे श्लमोकयों कदे अचभप्रदाय कदे अनगुकभूल सब कमो चनश्चय रखनदा यमोग्य हहै। अब ममैं चजिन-चजिन
पददाथर्यों कमो जिहैसदा—जिहैसदा मदानतदा हह ह उन-उन कदा वणर्थन ससंकदेप सदे यहदाह करतदा हह ह चक चजिन कदा चवशदेष व्यदाख्यदान इस
ग्रन्थ ममें अपनदे-अपनदे प्रकरण ममें कर चदयदा हहै। इन ममें सदे—
सत्यदाथर्थप्र कदाशमः स्वन्तव्यदामन्तव्यप्रकदाशमः
1092

1—प्रथम ‘ईश्वर’ चक चजिस कदे ब्रह्म परमदात्मदाचद नदाम हमैं, जिमो सचच्चिददानन्ददाचद लकणयगुक्त हहै, चजिस कदे
गगुण, कमर्थ, स्वदाभदाव पचवत्र हमैं। जिमो सवर्थज चनरदाकदार, सवर्थव्यदापक, अजिन्मदा, अनन्त, सवर्थशचक्तमदानम्, दयदालगु,
न्यदायकदारही, सब सकचष्ट कदा कत्तदार्थ, धत्तदा,र्थ हत्तदार्थ, सब जिहीवयों कमो कमदार्थनगुसदार सत्य न्यदाय सदे फलददातदा आचद
लकणयगुक्त हहै; उसही कमो परमदेश्वर मदानतदा हह ह।

2—चदारयों ‘वदेद यों’ (चवददा धमर्थयक्त गु ईश्वरप्रणहीत ससंचहतदा मन्त्रभदाग) कमो चनभ्रदार्थन्त स्वतमःप्रमदाण मदानतदा हह।ह
वदे स्वयसं प्रमदाणरूप हमैं चक चजिन कदे प्रमदाण हमोनदे ममें चकसही अन्य ग्रन्थ ककी अपदेकदा नहह। जिहैसदे सभूयर्थ वदा प्रदहीप अपनदे
स्वरूप कदे स्वतमःप्रकदाशक और पकचथव्यदाचद कदे भही प्रकदाशक हमोतदे हमैं वहैसदे चदारयों वदेद हमैं। और चदारयों वदेदयों कदे ब्रदाह्मण, छमः
अङ, छमः उपदाङ, चदार उपवदेद और 1127 (ग्यदारह सचौ सत्तदाईस) वदेदयों ककी शदाखदा जिमो चक वदेदयों कदे व्यदाख्यदान
रूप ब्रह्मदाचद महचषर्थययों कदे बनदायदे ग्रन्थ हमैं उन कमो परतमःप्रमदाण अथदार्थतम् वदेदयों कदे अनगुकभूल हमोनदे सदे प्रमदाण और जिमो इन ममें
वदेदचवरुद्ध वचन हमैं उनकदा अप्रमदाण करतदा हह ह।

3—जिमो पकपदातरचहत, न्यदायदाचरण सत्यभदाषणदाचद यगुक्त ईश्वरदाजदा, वदेदयों सदे अचवरुद्ध हहै उस कमो ‘धमर्थ’
और जिमो पकपदातसचहत अन्यदायदाचरण चमथ्यदाभदाषणदाचद ईश्वरदाजदाभङ, वदेदचवरुद्ध हहै उस कमो ‘अधमर्थ’ मदानतदा हह ह।

4—जिमो इच्छदा, द्विदेष, सगुख, दमःगु ख और जदानदाचद गगुणयगुक्त अल्पज चनत्य हहै उसही कमो ‘जिहीव’ मदानतदा हह ह।

5—जिहीव और ईश्वर स्वरूप और वहैधम्यर्थ सदे चभन्न और व्यदाप्यव्यदापक और सदाधम्यर्थ सदे अचभन्न हहै अथदार्थतम्
जिहैसदे आकदाश सदे मभूचत्तर्थमदानम् द्रव्य कभही चभन्न न थदा, न हहै, न हमोगदा और न कभही एक थदा, न हहै, न हमोगदा इसही
प्रकदार परमदेश्वर और जिहीव कमो व्यदाप्य—व्यदापक, उपदास्य-उपदासक और चपतदा-पगुत्र आचद सम्बन्धयगुक्त मदानतदा हह ह।

6—‘अनदाचद पददाथर्थ’ तहीन हमैं। एक ईश्वर, चद्वितहीय जिहीव, तहीसरदा प्रकक चत अथदार्थतम् जिगतम् कदा कदारण,
इन्हह कमो चनत्य भही कहतदे हमैं। जिमो चनत्य पददाथर्थ हमैं उन कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव भही चनत्य हमैं।

7—‘प्रवदाह सदे अनदाचद’ जिमो ससंयमोग सदे द्रव्य, गगुण, कमर्थ उत्पन्न हमोतदे हमैं वदे चवयमोग कदे पश्चदातम् नहह रहतदे
परन्तगु चजिस सदे प्रथम ससंयमोग हमोतदा हहै वह सदामथ्यर्थ उन ममें अनदाचद हहै और उस सदे पगुनरचप ससंयमोग हमोगदा तथदा चवयमोग
भही, इन तहीनयों कमो प्रवदाह सदे अनदाचद मदानतदा हह ह।

8—‘सकच ष्ट’ उस कमो कहतदे हमैं जिमो पकथकम् द्रव्ययों कदा जदान यगुचक्तपभूवर्थक मदेल हमोकर नदानदा रूप बननदा।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः स्वन्तव्यदामन्तव्यप्रकदाशमः
1092

9—‘सकच ष्ट कदा प्रयमोजिन’ यहही हहै चक चजिस ममें ईश्वर कदे सकचष्टचनचमत्त गगुण, कमर्थ, स्वभदाव कदा सदाफल्य
हमोनदा। जिहैसदे चकसही नदे चकसही सदे पभूछदा चक नदेत्र चकस चलयदे हमैं ? उस नदे कहदा ददेखनदे कदे चलयदे। वहैसदे हही सकचष्ट करनदे कदे
ईश्वर कदे सदामथ्यर्थ ककी सफलतदा सकचष्ट करनदे ममें हहै और जिहीवयों कदे कमर्यों कदा यथदावतम् भमोग करदानदा आचद भही।

10—‘सकच ष्ट सकतकर्थक ’ हहै। इस कदा कत्तदार्थ पभूवर्वोक्त ईश्वर हहै। क्ययोंचक सकचष्ट ककी रचनदा ददेखनदे और जिड़
पददाथर्थ ममें अपनदे आप यथदायमोग्य बहीजिदाचद स्वरूप बननदे कदा सदामथ्यर्थ न हमोनदे सदे सकचष्ट कदा ‘कत्तदार्थ’ अवश्य हहै।

11—‘बन्ध’ सचनचमत्तक अथदार्थतम् अचवददा चनचमत्त सदे हहै। जिमो-जिमो पदाप कमर्थ ईश्वरचभन्नमोपदासनदा
अजदानदाचद सब दमःगु ख फल करनदे वदालदे हमैं इसही चलयदे यह ‘बन्ध’ हहै चक चजिस ककी इच्छदा नहह और भमोगनदा पड़तदा हहै।

12—‘मगुच क्त’ अथदार्थतम् सवर्थ दमःगु खयों सदे छभूटकर बन्धरचहत सवर्थव्यदापक ईश्वर और उस ककी सकचष्ट ममें
स्वदेच्छदा सदे चवचरनदा, चनयत समय पयर्थन्त मगुचक्त कदे आनन्द कमो भमोग कदे पगुनमः ससंसदार ममें आनदा।

13—‘मगुच क्त कदे सदाधन’ ईश्वरमोपदासनदा अथदार्थतम् यमोगदाभ्यदास, धमदार्थनगुष्ठिदान, ब्रह्मचयर्थ सदे चवददा प्रदाचप्त,
आप्त चवद्विदानयों कदा ससंग, सत्यचवददा, सगुचवचदार और पगुरुषदाथर्थ आचद हमैं।

14—‘अथर्थ’ वह हहै चक जिमो धमर्थ हही सदे प्रदाप्त चकयदा जिदाय और जिमो अधमर्थ सदे चसद्ध हमोतदा हहै उस कमो
‘अनथर्थ’ कहतदे हमैं।

15—‘कदाम’ वह हहै जिमो धमर्थ और अथर्थ सदे प्रदाप्त चकयदा जिदाय।

16—‘वणदार्थश्र म’ गगुण कमर्यों ककी यमोग्यतदा सदे मदानतदा हह ह।

17—‘रदाजिदा’ उसही कमो कहतदे हमैं जिमो शगुभ गगुण, कमर्थ, स्वभदाव सदे प्रकदाशमदान, पकपदातरचहत न्यदायधमर्थ
कदा सदेवही, प्रजिदाओसं ममें चपतकवतम् वत्तर्वे और उन कमो पगुत्रदावतम् मदान कदे उन ककी उन्नचत और सगुख बढ़दानदे ममें सददा यत्न
चकयदा करदे।

18—‘प्रजिदा’ उस कमो कहतदे हमैं चक जिमो पचवत्र गगुण , कमर्थ, स्वभदाव कमो धदारण कर कदे पकपदातरचहत
न्यदाय धमर्थ कदे सदेवन सदे रदाजिदा और प्रजिदा ककी उन्नचत चदाहतही हह ई रदाजिचवद्रमोहरचहत रदाजिदा कदे सदाथ पगुत्रदावतम् वत्तर्वे।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः स्वन्तव्यदामन्तव्यप्रकदाशमः
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19—जिमो सददा चवचदार कर असत्य कमो छमोड़ सत्य कदा ग्रहण करदे , अन्यदायकदाररययों कमो हठदावदे और
न्यदायकदाररययों कमो बढ़दावदे, अपनदे आत्मदा कदे समदान सब कदा सगुख चदाहदे समो ‘न्यदायकदारही’ हहै; उस कमो ममैं भही ठहीक
मदानतदा हह ह।

20—‘ददेव ’ चवद्विदानयों कमो और अचवद्विदानयों कमो ‘असगुर ’ पदाचपययों कमो ‘रदाकस’ अनदाचदाररययों कमो
‘चपशदाच’ मदानतदा हह ह।

21—उन्हह चवद्विदानयों, मदातदा, चपतदा, आचदायर्थ, अचतचथ, न्यदायकदारही रदाजिदा और धमदार्थत्मदा जिन, पचतरतदा
सही और सहीरत पचत कदा सत्कदार करनदा ‘ददेव पभूजि दा’ कहदातही हहै। इस सदे चवपरहीत अददेवपभूजिदा, इन ककी मभूचतर्थययों कमो
पभूज्य और इतर पदाषदाणदाचद जिड़ मभूचतर्थययों कमो सवर्थथदा अपभूज्य समझतदा हह ह।

22—‘चशकदा’ चजिस सदे चवददा, सभ्यतदा, धमदार्थत्मतदा, चजितदेचन्द्रयतदाचद ककी बढ़तही हमोवदे और अचवददाचद
दमोष छभूटमें उस कमो चशकदा कहतदे हमैं।

23—‘पगुर दाण’ जिमो ब्रह्मदाचद कदे बनदायदे ऐतरदेयदाचद ब्रदाह्मण पगुस्तक हमैं उन्हह कमो पगुरदाण , इचतहदास, कल्प,
गदाथदा और नदारदाशसंसही नदाम सदे मदानतदा हह ह; अन्य भदागवतदाचद कमो नहह।

24—‘तहीथर्थ’ चजिस सदे दमःगु खसदागर सदे पदार उतरमें चक जिमो सत्यभदाषण, चवददा, सत्ससंग, यमदाचद,
यमोगदाभ्यदास, पगुरुषदाथर्थ, चवददाददानदाचद शगुभ कमर्थ हहै उसही कमो तहीथर्थ समझतदा हह ह; इतर जिलस्थलदाचद कमो नहह।

25—‘पगुरु षदाथर्थ प्रदारब्ध सदे बड़दा’ इसचलयदे हहै चक चजिस सदे सचञ्चत प्रदारब्ध बनतदे चजिस कदे सगुधरनदे सदे
सब सगुधरतदे और चजिस कदे चबगड़नदे सदे सब चबगड़तदे हमैं इसही सदे प्रदारब्ध ककी अपदेकदा पगुरुषदाथर्थ बड़दा हहै।

26—‘मनगुष् य’ कमो सब सदे यथदायमोग्य स्वदात्मवतम् सगुख, दमःगु ख, हदाचन, लदाभ ममें वत्तर्थनदा श्रदेष्ठि; अन्यथदा
वत्तर्थनदा बगुरदा समझतदा हह ह।

27—‘ससंस् कदार’ उनकमो कहतदे हमैं चक चजिस सदे शरहीर, मन और आत्मदा उत्तम हमोवदे। वह चनषदेकदाचद
श्मशदानदान्त समोलह प्रकदार कदा हहै। इस कमो कत्तर्थव्य समझतदा हह ह और ददाह कदे पश्चदातम् मकतक कदे चलयदे कगु छ भही न
करनदा चदाचहयदे।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः स्वन्तव्यदामन्तव्यप्रकदाशमः
1092

28—‘यज’ उस कमो कहतदे हमैं चक चजिस ममें चवद्विदानयों कदा सत्कदार यथदायमोग्य चशल्प अथदार्थतम् रसदायन जिमो
चक पददाथर्थचवददा उस सदे उपयमोग और चवददाचद शगुभ गगुण यों कदा ददान, अचग्निहमोत्रदाचद चजिन सदे वदाय,गु वकचष्ट, जिल,
ओषचध ककी पचवत्रतदा करकदे सब जिहीवयों कमो सगुख पहह हचदानदा हहै; उस कमो उत्तम समझतदा हह ह।

29—जिहैसदे ‘आयर्थ’ श्रदेष्ठि और ‘दस्यगु ’ दष्टगु मनगुष्ययों कमो कहतदे हमैं वहैसदे हही ममैं भही मदानतदा हह ह।

30—‘आयदार्थव त्तर्थ’ ददेश इस भभूचम कदा नदाम इसचलयदे हहै चक इस ममें आचद सकचष्ट सदे आयर्थ लमोग चनवदास
करतदे हमैं परन्तगु इस ककी अवचध उत्तर ममें चहमदालय, दचकण ममें चवन्ध्यदाचल, पचश्चम ममें अटक और पभूवर्थ ममें ब्रह्मपगुत्र
नदही हहै। इन चदारयों कदे बहीच ममें चजितनदा प्रददेश हहै उस कमो ‘आयदार्थव त्तर्थ’ कहतदे और जिमो इस ममें सददा रहतदे हमैं उन कमो
भही आयर्थ कहतदे हमैं।

31—जिमो सदाङमोपदाङ वदेदचवददाओसं कदा अध्यदापक सत्यदाचदार कदा ग्रहण और चमथ्यदाचदार कदा त्यदाग करदावदे
वह ‘आचदायर्थ’ कहदातदा हहै।

32—‘चशष्य’ उस कमो कहतदे हमैं चक जिमो सत्य चशकदा और चवददा कमो ग्रहण करनदे यमोग्य धमदार्थत्मदा,
चवददाग्रहण ककी इच्छदा और आचदायर्थ कदा चप्रय करनदे वदालदा हहै।

33—‘गगुरु ’ मदातदा चपतदा और जिमो सत्य कदा ग्रहण करदावदे और असत्य कमो छगु ड़दावदे वह भही ‘गगुरु ’
कहदातदा हहै।

34—‘पगुर मोचहत’ जिमो यजिमदान कदा चहतकदारही सत्यमोपददेष्टदा हमोवदे।

35—‘उपदाध्यदाय’ जिमो वदेदयों कदा एकददेश वदा अङयों कमो पढ़दातदा हमो।

36—‘चशष्टदाचदार’ जिमो धमदार्थचरणपभूवर्थक ब्रह्मचयर्थ सदे चवददाग्रहण कर प्रत्यकदाचद प्रमदाणयों सदे सत्यदासत्य कदा
चनणर्थय करकदे सत्य कदा ग्रहण असत्य कदा पररत्यदाग करनदा हहै यहही चशष्टदाचदार और जिमो इस कमो करतदा हहै वह ‘चशष्ट’
कहदातदा हहै।

37—प्रत्यकदाचद आठ ‘प्रमदाणयों’ कमो भही मदानतदा हह ह।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः स्वन्तव्यदामन्तव्यप्रकदाशमः
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38—‘आप्त’ जिमो यथदाथर्थवक्तदा, धमदार्थत्मदा, सब कदे सगुख कदे चलयदे प्रयत्न करतदा हहै उसही कमो आप्त कहतदा
हह ह।

39—‘परहीकदा’ पदासंच प्रकदार ककी हहै। इस ममें सदे प्रथम जिमो ईश्वर उस कदे गगुण , कमर्थ, स्वभदाव
और वदेद चवददा, दभू स रही प्रत्यकदाचद आठ प्रमदाण, तहीसरही सकच ष्ट- क्रम, चचौथही आप्तयों कदा व्यवहदार और
पदासंच वह अपनदे आत्मदा ककी पचवत्रतदा, चवददा, इन पदासंच परहीकदाओसं सदे सत्यदाऽसत्य कदा चनणर्थय कर कदे सत्य
कदा ग्रहण असत्य कदा पररत्यदाग करनदा चदाचहयदे।

40—‘परमोपकदार’ चजिस सदे सब मनगुष्ययों कदे दरगु दाचदार दमःगु ख छभूटमें, श्रदेष्ठिदाचदार और सगुख बढ़दे उस कदे करनदे
कमो परमोपकदार कहतदा हह ह।

41—‘स्वतन्त्र’ ‘परतन्त्र’ जिहीव अपनदे कदामयों ममें स्वतन्त्र और कमर्थफल भमोगनदे ममें ईश्वर ककी
व्यवस्थदा सदे परतन्त्र वहैसदे हही ईश्वर अपनदे सत्यदाचदार आचद कदाम करनदे ममें स्वतन्त्र हहै।

42—‘स्वगर्थ’ नदाम सगुख चवशदेष भमोग और उस ककी सदामग्रही ककी प्रदाचप्त कदा हहै।

43—‘नरक’ जिमो दमःगु ख चवशदेष भमोग और उस ककी सदामगही कमो प्रदाप्त हमोनदा हहै।

44—‘जिन्म’ जिमो शरहीर धदारण कर प्रकट हमोनदा समो पभूवर्थ, पर और मध्य भदेद सदे तहीनयों प्रकदार कदा
मदानतदा हह ह।

45—शरहीर कदे ससंयमोग कदा नदाम ‘जिन्म’ और चवयमोग मदात्र कमो ‘मकत् यगु ’ कहतदे हमैं।

46—‘चववदाह’ जिमो चनयमपभूवर्थक प्रचसचद्ध सदे अपनही इच्छदा कर कदे पदाचणग्रहण करनदा वह ‘चववदाह’
कहदातदा हहै।

47—‘चनयमोग’ चववदाह कदे पश्चदातम् पचत वदा पत्नही कदे मर जिदानदे आचद चवयमोग ममें अथवदा नपगुसंसकत्वदाचद
चस्थर रमोगयों ममें सही वदा पगुरुष आपत्कदाल ममें स्ववणर्थ वदा अपनदे सदे उत्तम वणर्थस्थ सही वदा पगुरुष कदे सदाथ सन्तदानमोत्पचत्त
करनदा।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः स्वन्तव्यदामन्तव्यप्रकदाशमः
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48—‘स्तगुच त’ गगुणककीत्तर्थन श्रवण और जदान हमोनदा, इस कदा फल प्रहीचत आचद हमोतदे हमैं।

49—‘प्रदाथर्थन दा’ अपनदे सदामथ्यर्थ कदे उपरदान्त ईश्वर कदे सम्बन्ध सदे जिमो चवजदान आचद प्रदाप्त हमोतदे हमैं उन
कदे चलयदे ईश्वर सदे यदाचनदा करनदा और इस कदा फल चनरचभमदान आचद हमोतदा हहै।

50—‘उपदासनदा’ जिहैसदे ईश्वर कदे गगुण, कमर्थ, स्वभदाव पचवत्र हमैं वहैसदे अपनदे करनदा, ईश्वर कमो
सवर्थव्यदापक, अपनदे कमो व्यदाप्य जिदान कदे ईश्वर कदे समहीप हम और हमदारदे समहीप ईश्वर हहै ऐसदा चनश्चय यमोगदाभ्यदास
सदे सदाकदातम् करनदा उपदासनदा कहदातही हहै, इस कदा फल जदान ककी उन्नचत आचद हहै।

51—‘सगगुण चनगगुर्थण स्तगुच तप्रदाथर्थन मोपदासनदा’ जिमो-जिमो गगुण परमदेश्वर ममें हमैं उन सदे यगुक्त और जिमो जिमो गगुण
नहह हमैं उन सदे पकथकम् मदान कर प्रशसंसदा करनदा सगगुणचनगगुर्थण स्तगुचत, शगुभ गगुणयों कदे ग्रहण ककी ईश्वर सदे इच्छदा और दमोष
छगु ड़दानदे कदे चलयदे परमदात्मदा कदा सहदाय चदाहनदा सगगुणचनगगुणर्थ प्रदाथर्थनदा और सब गगुणयों सदे सचहत सब दमोषयों सदे रचहत
परमदेश्वर कमो मदान कर अपनदे आत्मदा कमो उस कदे और उस ककी आजदा कदे अपर्थण कर ददेनदा सगगुणचनगगुर्थणमोपदासनदा
कहदातही हहै।

यदे ससंकदेप सदे स्वचसद्धदान्त चदखलदा चदयदे हमैं। इनककी चवशदेष व्यदाख्यदा इसही ‘सत्यदाथर्थप्र कदाश’ कदे प्रकरण-
प्रकरण ममें हहै तथदा ऋग्वदेद दाचदभदाष्यभभूच मकदा आचद ग्रन्थयों ममें भही चलखही हहै अथदार्थतम् जिमो-जिमो बदात सब कदे सदामनदे
मदाननहीय हहै उस कमो मदानतदा अथदार्थतम् जिहैसदे सत्य बमोलनदा सब कदे सदामनदे अच्छदा और चमथ्यदा बमोलनदा बगुरदा हहै ऐसदे
चसद्धदान्तयों कमो स्वहीकदार करतदा हह ह।

और जिमो मतमतदान्तर कदे परस्पर चवरुद्ध झगड़दे हमैं उन कमो ममैं प्रसन्न नहह करतदा क्ययोंचक इन्हह मत वदालयों नदे
अपनदे मतयों कदा प्रचदार कर मनगुष्ययों कमो फसंसदा कदे परस्पर शत्रगु बनदा चदयदे हमैं। इस बदात कमो कदाट सवर्थ सत्य कदा प्रचदार
कर सब कमो ऐक्यमत ममें करदा द्विदेष छगु ड़दा परस्पर ममें दृढ़ प्रहीचतयगुक्त करदा कदे सब सदे सब कमो सगुख लदाभ पहह हचदानदे कदे
चलयदे मदेरदा प्रयत्न और अचभप्रदाय हहै। सवर्थशचक्तमदानम् परमदात्मदा ककी कक पदा सहदाय और आप्तजिनयों ककी सहदानगुभभूचत सदे ‘यह
चसद्धदान्त सवर्थत्र भभूग मोल ममें शहीघ्र प्रवकत्त हमो जिदावदे ’ चजिस सदे सब लमोग सहजि सदे धमदार्थथर्थ कदाम , ममोक ककी चसचद्ध
करकदे सददा उन्नत और आनचन्दत हमोतदे रहमें। यहही मदेरदा मगुख्य प्रयमोजिन हहै॥

अलमचतचवस्तरदेण बगुच द्धमद्विय्यर्वेष गु।

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सत्यदाथर्थप्र कदाशमः स्वन्तव्यदामन्तव्यप्रकदाशमः
1092

ओमम् शन्नमो चमत्रमः शसं वरुणमः शन्नमो भवत्वयर्थम दा।


शन्न इन्द्रमो बकह स्पचतमः शन्नमो चवष्णगु रु रुक्रममः॥
नममो ब्रह्मणदे नमस्तदे वदायमो त्वमदेव प्रत्यकसं ब्रह्मदाचस।
त्वदामदेव प्रत्यकसं ब्रह्मदावदाचदषमम्। ऋतमवदाचदषमम्। सत्यमवदाचदषमम्।
तन्मदामवहीतम् तद्विक्तदारमदावहीतम्। आवहीन्मदामम्। आवहीद्विक्तदारमम्।
ओ३मम् शदाचन्तमः शदाचन्तमः शदाचन्तमः॥

इचत श्रहीमत्परमहसंस परररदाजिकदाचदायदार्थण दासं परमचवद गुष दासं श्रहीचवरजिदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमनदासं चशष्यदेण


श्रहीमद्दयदानन्दसरस्वतहीस्वदाचमनदा चवरचचतमः स्वमन्तव्यदामन्तव्यचसद्धदान्तसमचन्वतमः
सगुप्र मदाणयगुक्त मः सगुभ दाषदाचवभभूच षतमः सत्यदाथर्थप्र कदाशमोऽयसं ग्रन्थमः सम्पभूच तर्थम गमतम्॥
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