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Archive for May, 2015

२१ दन तक कर गुड़-चने का उपाय
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कहते ह हनुमानजी क कृपा जस पर भी होती है, उसक हर मनोकामना पूरी हो


जाती है। गीता ेस गोरखपुर ारा का शत हनुमान अंक म उ ले खत २१ दन
तक कये जाने वाला गुड-चने का एक अचूक उपाय अनुभव स है यानी इसका
लाभ कई लोग ले चुके ह। इस उपाय को करते समय कई बात का वशेष यान
रखना चा हए। जैसे-

यह उपाय कसी भी महीने के शु ल प के मंगलवार से शु कर सकते ह परंतु


इस बात का वशेष यान रख क उस दन चतुथ , नवमी व चतुदशी त थ नह
होना चा हए।
म◌ृ यु सूतक या ज म सूतक के दौरान भी यह उपाय शु नह करना चा हए। य द
उपाय के दौरान ऐसा कोई संयोग आ जाए तो कसी व ान ा ण के ारा ये
उपाय पूण करवाना चा हए, बीच म नह छोड़ना चा हए।

प◌ु ष के अलावा वो म हलाएं भी यह उपाय कर सकती ह जनका ौढ़ाव था के


बाद ाकृ तक प से मा सक धम सदा के लए बंद हो चुका हो।

उपाय के दौरान ौर कम (दाढ़ बनवाना, नाखून काटना आ द) नह करना


चा हए। चय का पालन करते ए सा वक आहार ही हण करना चा हए। एक
ही समय भोजन कर तो अ त उ म रहेगा।

इस कार कर उपाय

उपाय ारंभ करने के लए जस मंगलवार का चयन कर, उसके पहले दन


सोमवार को सवा पाव अ छा गुड़, थोड़े से भूने चने और सवा पाव गाय के शु घी
का बंध कर ल। गुड़ के छोटे -छोटे २१ टु कड़े कर ल। साफ ई लेकर इसक २२
फूल ब यां बनाकर घी म भगो द। इन सभी व तु को अलग-अलग साफ
बतन म लेकर कसी व छ थान पर रख द। साथ ही मा चस और एक छोटा
बतन जसम रोज ये व तुएं आसानी से लेजाई जा सक भी रख द।

यह उपाय करने के लए अब हनुमानजी के कसी ऐसे मं दर का चयन कर जहां


अ धक भीड़ न आती हो और जो एकांत म हो।
जि◌स मंगलवार से उपाय शु करना हो, उस दन मु त से पहले उठ जाएं
और नान आ द कर व छ व पहन ल। माथे पर रोली या चंदन का तलक
लगाएं। इसके बाद एक साफ बतन म एक गुड़ क डली, ११ चने, एक घी क ब ी
और मा चस लेकर साफ कपड़े से इस ढं क ल। अब नंगे पैर ही हनुमानजी के मं दर
क ओर जाएं। घर से नकलने से लेकर रा ते म या मं दर म कसी से कोई बात न
कर और न ही पीछे पलटकर या इधर-उधर दे ख।

म◌ं दर प ंचने के बाद हनुमानजी क मू त के सामने मौन धारण कए ए ही


सबसे पहले घी क ब ी जलाएं। इसके बाद ११ चने और एक गुड़ क डली
हनुमानजी के सामने रखकर सा ांग णाम कर अपनी मनोकामना क पू त के
लए मन ही मन ा व व ास से ाथना कर फर ी हनुमान चालीसा का पाठ
भी मौन रहकर ही कर।

अब मं दर से जाने से लेकर घर प ंचने तक न तो पीछे पलटकर या इधर-उधर दे ख


और न ही कसी से बात कर। घर प ंचने के बाद यह पूरी साम ी उ चत थान
रखकर ७ बार राम-राम बोलकर ही अपना मौन भंग कर। रात म सोने से पहले ११
बार ी हनुमान चालीसा का पाठ कर व अपनी मनोकामना स के लए ाथना
कर।

यह या लगातार २१ दन तक कर।

२२वे दन मंगलवार को सुबह नान आ द करने के बाद सवा कलो आटे का एक


रोट बनाकर गाय के गोबर से बने उपले म इसे पका ल। अब इसम
आव यकतानुसार गाय का शु घी और गुड़ मलाकर उसका चूरमा बना ल। २१
ड लय के बाद जो गुड़ बचा हो उसे भी चूरमे म मला द।
इस चूरमे को थाली म रखकर बचे ए सारे चने व २२व अं तम ब ी लेकर
त दन क तरह ही मौन धारण कर बना आगे-पीछे दे खे मं दर जाएं। फर
हनुमानजी क मू त के सामने ब ी जलाकर चने एवं चूरमे का भोग लगाएं। अब
एक छोटे से बतन म थोड़ा से चूरमा लेकर हनुमानजी के सामने रख द और शेष
अपने साथ ले आएं। घर प ंचने के बाद ही मौन भंग कर।

ज◌ो भी यह योग करे वह उस दन दोन समय सफ उसी चूरमे का भोजन हण


करे। शेष चूरमे को साद के प म बांट द। यह उपाय व ध पूवक करने से
ीहनुमानजी क कृपा से साधक क हर मनोकामना पूरी होने के योग बनने लगते
ह।

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