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1
सीख रहे हैं। उसे मसखाने वाली िस्
ु तकों और स्कूलोँ की भरभार हो गई
हैं। बबना कागज-िेंमसल या कैपकूलेिर के मन ही मन दहसाब लगाने
का उससे सरल और ते तरीका शायि ही कोई हैं।
ये सत्र
ू सहज ही में समझ में आ जाते हैं। उनका अनप्र
ु योग
सरल है तर्ा सहज ही याि हो जाते हैं। सारी प्रकिया
मौणखक हो जाती है ।
कई िैडडयों की प्रकियावाले जदिल गणितीय प्रश्नों को हल
करने में प्रिमलत ववचियों की तुलना में वैदिक गणित
ववचियााँ काफी कम समय लेती हैं।
छोिी उम्र के बच्िे भी सत्र
ू ों की सहायता से प्रश्नों को
मौणखक हल कर उत्तर बता सकते हैं।
वैदिक गणित का संिि
ू थ िाठ्यिम प्रिमलत गणितीय
िाठ्यिम की तुलना में काफी कम समय में िि
ू थ ककया जा
सकता है।
2
5. शत
ू यं साम्यसमच्
ु ियें – समच्
ु िय समान होने िर शत
ू य होता हैं।
6. आनुररूप्ये शूतयमतयत ्– अनुरूिता होने िर िस
ू रा शूतय होता हैं।
7. संकलनव्यवकलनाभ्याम ् – जोडकर और घिाकर
8. िूरिािूरािाभ्याम ् – िूरा करने और वविरीत किया द्वारा
9. िलनकलनाभ्याम ् – िलन-कलन की कियाओं द्वारा
10. याविन
ू म ्– ल्जतना कम हैं।
11. व्यल्ष्िसममष्ि – एक से िूिथ और िूिथ को एक मानते हुए।
12. शेषाण्यड्केन िरमेि – अंततम अंक के सभी शेषों को।
13. सोिातत्यद्वयमतत्यम ् – अंततम और उिाल्ततम का िग
ु न
ु ा।
14. एकतयूनेन िूवेि – िहले से एक कम के द्वारा
15. गुणितसमुच्ियः - गुणितों का समुच्िय
16. गुिकसमुच्ियः – गुिकों का समुच्िय
उिसत्र
ू
3
7. याविन
ू म ् ताविन
ू ीकृत्य वगथ ि योजयेत ् - संख्या की आिार से ल्जतनी
भी तयन
ू ता हो उतनी तयन
ू ता और करके उसी तयन
ू ता का वगथ भी रखें।
8. अतत्ययोिथ शकेऽवि - अल्ततम अंकों का योग 10 वाली संख्याओं के
मलए।
9. अतत्ययोरे व - अल्ततम िि से ही।
10. समुच्ियगुणितः- गुिनफल की गुिन संख्याओं का योग।
11. लोिनस्र्ािनाभयाम ् - ववलोिन तर्ा स्र्ािना से।
12. ववलोकनम ्- िे खकर।
13. गुणितसमुच्ियः समुच्ियगुणितः - गुिनखण्डो की गि
ु न संख्याओं
के योग का गुिनफल गुिनफल की गुिन संख्याओं के योग के समान
होता हैं।
14. ध्वजांक् -ध्वज लगाकर।
सत्र
ू –1
एकाचिकेन िव
ू ि
े – िहले से एक अचिक के द्वारा
जैसे – 4 5 * 4 5
4
बाि (5*5)=25 मलखे।
= 4 * 5 /25
= 20/25
= 2025 उत्तर
= 11025 उत्तर
सूत्र – 2
1. 97 * 98
5
संख्या आिार 100 से कम हैं, अतः इन संख्याओं को आिार 100 से
घिाये –
100 – 97 = 3
100 – 98 = 2
जैसे 97 – 2 = 95
98 – 3 = 95
9506 उत्तर
2. 1007 * 1006
6
आिार 1000 में से िोनो संख्या को घिायें
1000 – 1007 = -7
-7*-6 = 42
1000 – 1006 = -6
1006 + 7 = 1013 या
1007 + 6 = 1013
1013042 उत्तर
3. 108 * 93
7
108 में 7 घिाने िर = 101
सूत्र – 3
8
उध्वाथततयथमभ्याम ्– ऊिर से नीिे एवं तीरछा
86 * 28
8 6
8 6
2 8 अब ततरछी गि
ु ा करें –
8 * 8 = 64
64 + 12 = 76
6 * 2 = 12
8 6
2 8 अब िहाई के अंको की गि
ु ा करें
8 * 2 = 16
9
सूत्र – 4
इस सत्र
ू का प्रयोग भाग करने में ककया जाता हैं, आि इस सत्र
ू की
सहायता से बडी से बडी संख्या को आसानी से भाग िे सकते हैं।
जैसे -
2112 / 97
97 – 100 = -3
10
5. 2 * 0 = 0 को अगली संख्या 1 में जोड िें
6. 2 * 3 = 6 को अगली संख्या 2112 की second last संख्या 1 में
जोड िें ।
7. 2 * 0 = 0 को अगली संख्या 2112 की third last संख्या 1 में जोड
िे ।
8. अब संख्या 2 1 1 2 का िस
ू रा अंक 1 की गि
ु ा करें 0 व 3 में और
अगली संख्या में जोड िे ।
9. 1 * 3 = 3 को आणखरी वाली संख्या 2 में जोड िे ।
10. 1 * 0 = 0 को second last संख्या 1 में जोड िे ।
11. अब सभी संख्या को जोड िें ।
97 2 1 1 2
03
x 0 6
0 3
2 2175
1 7 5
इसे ऐसे ही मलख िें ।
और 2 की गुिा 0 व 3
में करें ।
11
संख्या प्राप्त हुई
सत्र
ू –5
शत
ू यं साम्यसमच्
ु िये – समच्
ु िय समान होने िर शत
ू य होता हैं।
4x+4+7x-15 = 0
x = 1 उत्तर
12
सत्र
ू –6
आनरू
ु प्ये शत
ू यमतयत ् – यदि एक अनि
ु ाततक हैं तो िस
ू रा शत
ू य
होगा।
यदि ककसी एक िर के गि
ु ांकों का अनि
ु ात स्वतंत्र ििों के अनि
ु ात के
बराबर हो जाये तो िस
ू रे िर का मान शत
ू य हो जाता हैं।
23x + 14y = 46
x के गि
ु ांकों का अनि
ु ात x = 23/92
अर्वा x = 1:4
y के गुिाकों का अनि
ु ात y = 14/17
13
अर्वा y = 14:17
अर्वा 1:4
अतः y = 0
23x = 46
x = 2 उत्तर
सत्र
ू –7
14
यह सत्र
ू बीजगणितीय व्यंजकों का महत्तम समािवतथक तनकालने में
ककया जाता हैं।
ववचि –
िोनो िरों के गि
ु कों का मान ज्ञात करें
िोनो समीकरिों का योग तनकालें।
िोनो समीकरिों का अततर तनकालें।
प्राप्त सरल समीकरिों से उभय-िरों के मान तनकाल लें
15
x–y=3
x+y=1
x = 2 , y = -1 उत्तर
सत्र
ू –8
इस सत्र
ू का प्रयोग द्ववघातीय, बत्रघातीय एवं ित
ु र्थघातीय
समीकरिों को हल करने में ककया जाता हैं।
जैसे –
x2 + 4x – 5 =0
16
x2 के गुिक से भाग (x2 का गुिक 1 हैं।)
1 से भाग
अब x के गि
ु क का आिा , x का गि
ु क=4
4 का आिा = 2
अब 2 का वगथ = 4
x2 + 4x – 5 + 4 – 4 = 0
x2 + 4x + 4 = 9
(x+2)2 = +/- 9
x = 1 या x = -5 उत्तर
अिने अनम
ु ान से कुछ ऐसे बत्रघातीय समीकरि मलणखए
जो प्रित्त समीकरि के अचिक तनकि हो।
प्रित्त समीकरि को अनम
ु ातनत समीकरि से घिाये
17
प्राप्त अततर को समीकरि के िोनो ओर जोड कर
बत्रघातीय समीकरि को िरू ा करें ।
अनम
ु ान (x + 1)3 = x3 + 3x (x+1) + 1
= x3 + 3x2 + 3x + 1
(x+2)3 = x3 + 8 + 6x (x+2)
= x3 + 8 + 6x2 + 12x
तनकि अनम
ु ान = x3 + 6x2 +12x + 6 = 0
घिाना -
x + 2 + x3 + 6x2 + 11x + 6 = x + 2
x3 + 6x2 + 12x + 8 = x + 2
(x+2)3 = x + 2
18
माना (x+2) =y
y3 = y
y3 – y = 0
y.(y2-1) = 0
y = 0, 1 या – 1 उत्तर
सूत्र – 9
इस सत्र
ू का प्रयोग द्ववघातीय समीकरिों को हल करने में ककया
जाता हैं।
िहले x2 एवं x के गि
ु क तनकालें और उतहें िमशः a और b से
सम्बोचित करें
19
सत्र
ू -
जैसे – 7x2 + 5x – 2 = 0
a = 7 , b = - 5, c = - 2
सत्र
ू – 10
याविन
ू म ्– ल्जतना कम हैं।
इस सत्र
ू का उियोग 10 के तनकि ववमभतन घातो की संख्याओं को
जोडने में ककया जाता हैं।
20
(100000 – 999997 = 3)
743456 - 3 = 743453
999997 + 3 = 100000
अब 100000 + 743453
= 1743453 उत्तर
सूत्र – 11
व्यल्ष्िसमल्ष्ि – एक से िि
ू थ और िि
ू थ को एक मानते हुए।
(ववमशष्ि एवं सािारि)
यह सत्र
ू िो अंको संख्याओं में गि
ु नफल तनकालने के मलए
प्रयोग ककया जाता हैं।
21
जैसे – 76 * 92
तो अब इन िोनो संख्याओं का औसत तनकाले –
76 + 92 = 168 = 84
2 2
औसत में से ककसी एक संख्या का अततर
= 84 – 76 = 8
औसत के वगथ में से अततर के वगथ को घिाये
= 842 - 82
= 7056 – 64
= 6992 उत्तर
सत्र
ू – 12
22
3/8
अंश 3 व हर 8 से कम हैं, तो अंश के अतत में शूतय लगाकर भाग िें –
सूत्र – 13
23
इस सत्र
ू का उियोग भाजकता का िता लगाने, गुिा करने में, और
िररमेय व्यजनों के सरलीकरि में ककया जाता हैं।
इस सत्र
ू का उियोग केवल 12 से गि
ु ा करने एवं 4 से भाजकता
ज्ञात करने में ककया जाता हैं
जैसे –
457 * 12
संख्या के िोनो ओर शत
ू य लगाये।
04570 * 12
0 4 570
अन्तिम अंक
उपान्त्य अंक
प्राप्त संख्या = 4
24
अब ईकाई का अंक काि िे
04570
प्राप्त संख्या = 8
04570
प्राप्त संख्या = 4
0 4 5 7 0
4 + 0 * 2 = 4 + 1 (हामसल जोड िे )
प्राप्त संख्या = 5
25
अब प्राप्त संख्या ऊिर से नीिे मलखे
4 5 7 * 12 = 5 4 8 4 उत्तर
4 से भाजकता
26
सूत्र – 14
एकतयन
ू ेन िव
ू ेि – िहले से एक कम के द्वारा
िो गि
ु न संख्याओं में जब एक संख्या के सभी अंक 9 हो तो
एकतयन
ू ेन िव
ू ेि ववचि द्वारा गि
ु ा ककया जाता हैं। ल्जस संख्या के
सभी अंक 9 हो उसे गि
ु क तर्ा िस
ू री संख्या को गुण्य कहते हैं।
जैसे –
738 * 999
गण्
ु य गुिक
738 – 1 = 737
अब गि
ु क में 1 जोडे
999 + 1 = 1000
अब इसमें से गण्
ु य को घिाये
27
1000 – 738 = 262
अब प्रर्म भाग (737) को मलखे, उसके बाि प्राप्त संख्या (262) को मलखें
–
737262 उत्तर
उिसूत्र
अनरू
ु प्येि - अनि
ु ातों से
इस सत्र
ू के उियोग से आनि
ु ाततक गि
ु न या भाग ककया जाता हैं।
जब संख्याऐं सैद्िाल्ततक आिार 100 से काफी िरू हो तो
कियात्मक आिार उियोग में लाया जाता हैं।
जैसे –
1. 39 * 49
कायथकारी आिार = 50
50 – 39 = 11 विचलनों को गु णा करें –
28
अब संख्या को आिस में ततरछा घिाये
वविलन का अततर -
39 – 1 = 38
38/2 = 19
िहला दहस्सा = 19
अल्ततम दहस्सा = 11
2. 346 * 307
कायथकारी आिार = 300
कायथकारी आिार से संख्या को घिाये
300 – 346 = - 46 विचलनों को गु णा करें –
29
अब संख्या को आिस में ततरछा घिाये
वविलन का अततर -
30
उिसूत्र
याविन
ू म ् ताविन
ू ीकृत्य वगथ ि योजयेत ्
1. 872
31
अंततम दहस्सा = 132 = 169
87 – 13 = 74 (याविन
ू ताविन
ू म ्)
74
+169
7 5 6 9 उत्तर
2. 10202
आिार से अचिकता = 20
32
1020 + 20 = 1040 (प्रर्म दहस्सा)
1 0 4 0 / 400
1040400 उत्तर
3. 1093
आिार = 100
आिार से अचिकता = 9
= 9 * 2 + 109
33
आरल्म्भक अचिकता x आिार से 127 की अचिकता
= 9 * 127
127/243/729
आिार में 2 शत
ू य हैं, अतः एक अंक अगली संख्या के
नीिे जायेगा।
127
243
+ 729
1 2 9 5 0 2 9 उत्तर
4. 923
34
आिार = 100
92 – 8 * 2 = 76 (प्रर्म दहस्सा)
= 8 * 24
अल्ततम दहस्सा = - 8* -8 * -8
= - 512
अभीष्ि संख्याएं
35
36
उिसत्र
ू
इस सत्र
ू का उियोग उन संख्याओं के मलए ककया जाता हैं,
ल्जनका िहला खण्ड समान एवं अल्ततम खण्ड का योग 10
हो।
अतः गि
ु नफल का अल्ततम भाग = 4 * 6 = 24
(गि
ु नफल के प्रर्म भाग में समान संख्या में 1 जोडकर गुिा कर
िे गे।)
गि
ु नफल का प्रर्म भाग = 13 * 13 +1 = 182
37
उिसत्र
ू
अतत्ययोरे व - अल्ततम िि से ही
यह सत्र
ू उन समीकरिों को सरल करने में प्रयत
ु त होता हैं, ल्जनके
बायें िि में अल्ततम ििों ( स्वतंत्र ििों) को छोडकर अंश तर्ा हर का
अनि
ु ात वही होता है, जो िायें िि के िरू े अंश तर्ा हर का होता हैं।
इसे अतत्ययोरे व अर्ाथत ्अल्ततम ििों के अनि
ु ात द्वारा आसानी से
हल ककया जा सकता हैं।
जैसे -
1.
38
उत्तर
सबसे िहले िोनो तरफ की समीकरि को समान बनाया कफर उसे
स्वतंत्र िि के बराबर रख दिया। ल्जससे x का मान तनकल गया।
39
2.
उिसूत्र
ववलोकनम ्- िे खकर
40
1. जैसे : - x + (1/x) = 10/3
का योग हैं।
41
3. जैसे :- 5x - y = 7 और xy = 6
x
y = 6 दद मतलब ददद दद दद दद
xy
x = 6, y = 1
=
दद
x = 1, y = 6
6
दद
द 42
x = 2, y = 3
या
x = 3, y = 2
x = 6, y = 1 रखने िर -
5*6–1 = 7
29 ≠ 7 (समीकरि सततष्ु ि नही हुई)
अब x = 1, y = 6 रखने िर –
5*1–6=7
अब x = 2, y = 3 रखने िर –
5*2–3= 7
10 – 3 = 7
अतः x = 2, y = 3 उत्तर
43
उिसत्र
ू
गुणितसमुच्ियः समुच्ियगुणितः
जैसे –
(2 + 1)(3 + 5) = (6 + 13 + 5)
= 24 उत्तर
44
गिनाएं करने की कुछ शािथ दितस
वगथमल
ू व घनमल
ू
1² = 1 13 = 1
2² = 4 23 = 8
3² = 9 33= 27
4² = 16 43 = 64
5² = 25 53 = 125
6² = 36 63 = 216
7² = 49 73 = 343
8² = 64 83 = 512
9² = 81 93 = 729
45
17² = 289 173 = 4913
1. 8836 का वगथमूल
8836
8836
जैसे 42 = 16 व 62 = 36
8 8 3 6 िि
ू थ वगथ 902 एवं 1002 के मध्य हैं।
46
तयोंकक 902 = 8100 व 1002 = 10000
वगथमल
ू या तो 94 होगा या तो 96 होगा।
तयोकक वगथमल
ू के इकाई का अंक 4 या 6 हैं।
अब िे खे की ल्जसका वगथमल
ू तनकालना हैं वो संख्या (8836), संख्या
8100 के नजिीक हैं, या 10000 के।
2. 20449 का वगथमल
ू –
47
इकाई का अंक 3 या 7 होगा। तयोंकक इतहीं सख्याओं के वगथ में ही
इकाई का अंक 9 आता हैं, जैसे – 3² = 9 व 7² = 4 9
इसमलए वगथमल
ू या तो 143 होगा या 147
िस
ू रा तरीका
3. 392
48
3 को a मान लो और 9 को b मान लो
अब सत्र
ू लगाये
a² / 2ab / b²
9 / 54 / 81
1521 उत्तर
घनमूल तनकालें –
1.
49
73 = 3 4 3 (7 के घन में इकाई का अंक 3 है, इसमलए उिरोतत संख्या के
घनमल
ू के इकाई का अंक 7 होगा।)
अब 658 को िे खो..
उत्तर
2.
3112 / 136
63 = 216 (घनमल
ू के इकाई का अंक 6 होगा।)
50
3112 िि
ू थ घन संख्या 143 = 2744 व 153 =3375 के मध्य हैं।
146 उत्तर
िस
ू रा तरीका
3. 193
1 को a मान लो और 9 को b
अब सत्र
ू लगाये
a3 / 3a2b /3ab2 / b3
13 / 3*9*1² / 3 * 1 * 9² / 93
1 / 3 * 9 / 3 * 81 / 729
1 / 27 / 243 / 729
5 से गि
ु ा–
51
संख्या का आिा करे व 10 से गि
ु ा करे –
तयोंकक 5, 10 की ½ हैं।
जैसे – 18 * 5
18/2 * 10 = 90
25 से गुिा –
236 * 25
125 से गुिा –
64 * 125
10 से लेकर 20 तक की संख्याओं से गि
ु ा–
जैसे 4267 * 17
52
4267*17
17 का 1 भल
ू जाओं
7 से गि
ु ा करे –
10 से 19 के बीि गि
ु ा–
53
जैसे -
14 * 17
1 4 (िहली संख्या को िस
ू रे संख्या के इकाई अंक के सार् जोड ले)
1 7
14 + 7 = 21 (प्रर्म भाग)
4 * 7 = 28 (अल्ततम भाग)
गि
ु ा करने का तरीका
िहला तरीका -
28*32
54
= (30-2) * 32
= 960 – 64
= 896 उत्तर
िस
ू रा तरीका
62*68
(65 – 3) (65 + 3)
(a-b)(a+b) = a²-b²
65² - 3²
4225 – 9
4216 उत्तर
55
द्ववघातीय समीकरि के मलए
x² + 5x + 6 = 0
6 का गुिनखण्ड 2 * 3 आयेगा।
अब सत्र
ू लगाये
56
1 से 100 तक िहाडा याि करने की सरल ववचि
अब 8 की गि
ु ा संख्या िहले अंक के सार् करे 8 * 2 = 16
अब इसके आगे शत
ू य लगा ले (160)
अब 8 की गि
ु ा संख्या की िस
ू रे अंक के सार् गि
ु ा करें 7 * 8 = 56
160
56
2 1 6 उत्तर
27*7
7 * 2 = 14 (7 की गि
ु ा िहाई अंक से)
57
शत
ू य लगाकर मलखे 140
अब 7 की गि
ु ा इकाई के अंक से
7 * 7 = 49
140
49
1 8 9 उत्तर
34*4
4 * 3 = 12 0
4 * 4 = 16
120
16
1 3 6 उत्तर
***
58
वैदिक गणित के 17 सूत्र हैं, इन सूत्रों को जो सीख लेगा वो गणित का इतना बडा
िल्ण्डत हो जायेगा की कैलकूिर से ज्यािा तेज कैलकुलेशन कर िायेगा। कुछ
भारवासी िूरी ितु नया में अिना िमत्कार दिखाते रहते हैं गणित का। एक माता
जी है , वो िूरी ितु नया में प्रवास करती है, बडे- बडे शो करती हैं, लाखों- लाखों रूिये
वे इस शो के लेती हैं।
मैं कहता हूाँ कक ऐसी तो प्रत्येक माता जी हो सकती हैं, सभी भाई हो सकते हैं,
बस वैदिक गणित के 17 सूत्र सीखने की िे री हैं।
मेरी आिसे ववनम्र प्रार्थना है कक आिके घर में छोिे -छोिे बच्िे हैं तो उतहें
आि वे सूत्र सीखा िील्जए। गणित उनको रोिक हो जायेगा। हमारे िे श के बच्िो
को गणित में ही सबसे ज्यािा बोररयत आती हैं। तयोंकक आज जो हम गणित
सीखते व सीखाते हैं, तो वो अंग्रेजों के तरीके से हैं, उसमें रस बबपकुल नही है ,
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लेककन ये जो वैदिक गणित मलखा गया है , इसको सीखने में इतना रस है , कक आि
90 साल के भी हो जाये तो आि ऐसे ही सीखेगे जैसे 15- 16 साल के हो। हमारे िे श
की मशिा में महत्विि
ू थ बात है कक मशिा को रसिि
ू थ बनाकर सीखाना, हाँ सते-
हाँसते सीखाना, खेलते खेलते सीखाना, गीत गाते गाते सीखाना, ितु नया में कही
नही हैं ये।
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