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ह तरेखा से जान धन नौकरी से अथवा वसाय से  

अ ैल 2017

अ मत कुमार राम

Jeevansathi.com
इं टॉल

वतमान समय त पधा का समय है, नौकरी व वसाय दोन ही आजी वका के मा यम ह। धन जीवन का एक मु य उ े य है। धन नौकरी
या वसाय ारा हम कमाते ह। कसी का वसाय सहज ही फ लत हो जाता है तो कसी का काफ संघषरत रहने के बाद, कसी को
पहले ही चांस म नौकरी मल जाती है, तो कसी को कई बार यास करने के बाद नौकरी मलती है। यह सब भा य ारा ही शा सत होता
है। जस कार सैकड़ गाय के झुंड म भटका आ बछड़ा भी भूख लगने पर ठ क अपनी माता को ढूँ ढ़ लेता है, ठ क ऐसे ही हमारा भा य
हम ढूँ ढ़ लेता है और लखे के अनुसार ही कम करने पड़ते ह। ह तरेखा ारा भी भा य का यही कोण दे खा जाता है क कौन से काय
ारा जीवन कटे गा। ऐसे ही न न कार के योग हं◌-ै - य द अना मका का ऊपरी सरा वगाकार हो तथा साथ ही बुध पवत वक सत हो या
बुध रेखा प हो तो ऐसे योग वाला सफल वसायी होता है, उसका ापार काफ फलता-फूलता है। - य द म णबंध से नकलकर
भा य रेखा सूय पवत क ओर झुक जाये तो को हमेशा बड़े पद, स ा त होती रहती है।

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- य द म णबंध से आती ई भा य रेखा दय रेखा पर क जाती है तो ऐसे लोग भाई-बहन, ब धु-बा धव एवं प रजन म ब त स मान
पाते हं◌ै। ऐसे प रवार म खच अ धक करते ह ले कन ज रत पड़ने पर यह वयं तंगहाल हो जाते ह, इनको भलाई कभी नह
मलती। अपन से ब त ठे स प ँचती है। - च े से नकली ई भा य रेखा य द दय रेखा पर समा त हो जाती है तो ऐसे योग वाला
मनु य मोह म पड़कर अपना भ व य खराब कर लेता है। ऐसा लालच म आकर शी नणय लेता है और ज दबाजी म नणय ही
उसक बबाद का कारण बनता है। - य द हथेली म सूय और बुध पवत आपस म मल जाए अथवा हाथ म म त क रेखा पर बुध व सूय
रेखा मल गई हो तो ऐसे योग वाला स ापारी होता है। कूटनी त के दम पर ये राजनी त म भी सफल होते ह। - य द हथेली म शु
पवत वक सत और पु हो व उस पर कसी भी कार क कोई बाधक रेखाएँ या अशुभ च नह हो या पु प तथा ला लमायु शु पवत
पर वग या च हो तथा बुध पवत भी पूण वक सत हो तो ऐसे योग वाला सफल व स यो तष◌ी होता है और अपने यो तष
ान के कारण स व धन पाता है। - य द हथेली म म त क रेखा के साथ-साथ बुध पवत पर ेत ब हो और भा य रेखा पूण
वक सत हो अथवा पूणतया लु त हो तो ऐसे योग वाला मनु य को जीवन भर कभी पैसे क तंगी नह रहती और करोड़ कमाता है। - य द
हथेली म चं पवत पूण वक सत हो तथा उससे एक सीधी व सरल रेखा बुध पवत क ओर जाती हो अथवा उससे कोई सहायक रेखा
नकलकर श न, गु , शु , मंगल अथवा सूय पवत क ओर जाती हो तो ऐसे योग वाले ारा वदे श मं◌े सफल वसाय कया जाता
है। - य द कसी मनु य के दोन ही हाथ म पु व वक सत भा य रेखा म णबंध से ार भ होकर श न पवत तक सीधी जाती हो तथा सूय
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पवत भी पूण वक सत और पु हो व सूय रेखा ल बी, पतली और र म ला लमा लए ए हो, इसके साथ जीवन रेखा पु और ल बी व
पूण वक सत हो,तो ऐसे योग वाला साध् ◌ाारण प रवार म ज म लेकर 36 व वष क आयु तक ब त मानी व धनी बन जाता है।
स व यश उसके अंग-संग रहता है, यहाँ तक क मृ यु के प ात भी उसक क त बनी रहती है। - य द हथेली म भा य रेखा, सूय रेखा
तथा बुध रेखा तीन ही म णबंध से नकलती हो तथा सीधी, सरल और प हो, तो ऐसे योग वाला अतुल संप का मा लक होता
है। ऐसे जीवन के ारं भक समय म अ धक प र म करते ह क तु बाद म सुख, ऐ य का आनंद लेते ह। ऐसा स व सर
क ेरणा का ोत होते हं◌ै। - जब भा य रेखा जीवन रेखा से नकलकर, श न रेखा पर प ँचे और अ य पवत भी कमजोर हो तब
नौकरी से ही जीवन-यापन करता है और उसी म स रहता है। - य द हाथ म मंगल पवत अपने वाभा वक प म वक सत हो तथा
म त क रेखा तथा भा य रेखा पूण ल बाई लए ए सीधी और प हो, तो ऐसे योग वाला म ल म या पु लस म उ च पद ा त
करता है। ऐसे को 28व वष क आयु के बाद वशेष सफलता ा त होती है। - य द हथेली म भा य रेखा म णबंध से ारंभ होकर
सीधी श न पवत तक प ँचती हो तथा यह रेखा पतली,गहरी प तथा बना कट -फट हो और अपने उ म थान पर मछली का आकार
बनाती हो तो ऐसे योग वाला अपने भा य को वयं ही बनाता है, उसके अपने उसका साथ नह दे ते ले कन ऐसा वयं ही
अपनी सफलता स करता है। - य द श न पवत पर च का च दखाई दे तो ऐसे योग वाला उ च अ धकारी होता है। - य द
हथेली के बीच का ह सा गहरा हो और सूय, गु पवत उभरे ए ह तो ऐसे योग वाले के एक से अ धक आय के ोत होते ह।
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कुबेर यं - उपयोग
व ध, लाभ और धारण
वध
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ह त रेखा ारा
भ व यकथन
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ववाह रेखा ही बता


दे ती है ववाह सुख
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अंग पश ारा
व ेषण
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ल न कुंडली दे ख या
च लत कुंडली
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