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ससखससागर / ससरदसास

वविनय तथसा भककत


ममंगलसाचरण

चरन-कमल बमंदद हरर-रसाइ ।


जसाकक ककपसा पमंगस गगरर लमंघघ, अअँधध कक सब कछस दरससाइ ।
बहहरर सन
स घ, गअँसग पसनन बबोलघ ,रमं क चलघ ससर छत धरसाइ ।
ससरदसास स्विसामम करुनसामय, बसार-बसार बमंदद नतहहमं पसाइ ॥1॥
सगसणबोपसासनसा
अबबगत-गनत कछस कहत न आविघ ।
ज्यद गअँग
स घ ममठध फल कर रस अमंतरगत हहमं भसाविघ ।
परम स्विसाद सबहह सस ननरमं तर असमत तबोष उपजसाविघ ।
मन-बसानम कद अगम अगबोचर, सबो जसानघ जबो पसाविघ ।
रूप-रध ख-गसन-जसानत जसगनत-बबनस ननरसालमंब ककत धसाविघ ।
सब वविगध अगम बबचसारहहमं तसातत सरस सगन
स -पद गसाविघ ॥1॥
भकत-वित्सलतसा
बसाससदधवि कक बडम बडसाई ।
जगत वपतसा, जगदहस, जगत-गसरु, ननज भकतनन-कक सहत हढिठसाई ।
भग
क स कर चरन रसाखख उर ऊपर, बबोलध बचन सकल-ससखदसाई ।
ससवि-बबरमं गच मसारन कद धसाए, यह गनत कसाहस दध वि न पसाई ।
बबनस-बदलत उपकसार करत हत, स्विसारथ बबनसा करत समतसाई ।
रसाविन अरर कर अनसज वविभमषन, तसाकद समलध भरत कक नसाई ।
बकक कपट करर मसारन आई, सर हरर जस बघकमंस ठ पठसाई ।
बबनस दहन्हत हह दध त ससर-प्रभस, ऐसध हत जदन
स साथ गसससाई ॥1॥
प्रभस कर दध खर एक ससभसाइ ।
अनत-गमंभमर-उदसार-उदगध हरर, जसान-ससरबोमनन रसाइ ।
नतनकसा सद अपनध जनकर गसन मसानत मधरु-समसान ।
सकसगच गनत अपरसाध-समद्र
स हहमं बअँसद-तल्
स य भगविसान ।
बदन-प्रसन्न कमल सनमसख ह्विघ दध खत हद हरर जघसस ।
बबमसख भए अककपसा न ननसमषहसअँ, कफरर गचतयद तर तघसस ।
भकत-बबरह-कसातर करुनसामय, डबोलत पसाछत लसागध ।
ससरदसास ऐसध स्विसामर कद दध हहमं पमहठ सबो अभसागध ॥2॥
रसामभकतवित्सल ननज बसानद ।
जसानत, गबोत कसल नसाम, गनत नहहमं, रमं क हबोइ कघ रसानद ।
ससवि-ब्रह्मसाहदक करन जसानत प्रभस, हद अजसान नहहमं जसानद ।
हमतसा जहसाअँ तहसाअँ प्रभस नसाहहमं, सबो हमतसा कयद मसानद ?
प्रगट खमंभ तत दए हदखसाई, जद्यवप कसल कर दसानर ।
रघसकसल रसाघवि ककष्न सदसा हह, गबोकसल ककन्हद थसानर ।
बरनन न जसाइ भकत कक महहमसा, बसारमं बसार बखसानद ।
धसवि रजपसत, बबदरस दसासम-ससत करन करन अरगसानर ।
जसग जसग बबरद यहघ चसल आयर, भकतनन हसाथ बबकसानर ।
रसाजससय मत चरन पखसारध स्यसाम सलए कर पसानर ।
रसनसा एक, अनधक स्यसाम-गसन, कहअँ लगग करद बखसानर !
ससरदसास-प्रभस कक महहमसा अनत, ससाखम बधद पसरसानम ॥3॥

कसाहस कध कसल तन न वविचसारत ।


अबबगत कक गनत कहह न परनत हघ , व्यसाध अजसासमल तसारत ।
करन जसानत अरु पसाअँनत बबदरस कक, तसाहह कत पग धसारत ।
भबोजन करत मसाअँगग घर उनकत , रसाज मसान-मद टसारत ।
ऐसध जनम-करम कध ओछनन हसअँ ब्यरहसारत ।
यहघ ससभसावि ससर कध प्रभस कर, भकत-बछल-पन पसारत ॥4॥
सरन गए कबो कबो न उबसारर‌यर ।
जब जब भमर परह समंतनन कद, चक ससदरसन तहसाअँ सअँभसारर‌यर ।
भयर प्रससाद जस अमंबरहष कद, दरस बसाससा कबो कबोध ननविसारर‌यर ।
ग्विसासलन हध त धरर‌यर गबोबधर्धन, प्रगट इमंद्र कर गबर्ध प्रहसारर‌यर ।
ककपसा करह प्रहलसाद भकत पर, खमंभ फसारर हहरनसाकसस मसारर‌यर ।
नरहरर रूप धरर‌यर करुनसाकर, नछनक मसाहहमं उर नखनन बबदसारर‌यर ।
गसाह गसत गज कद जल बसडत, नसाम लधत विसाकर दख
स टसारर‌यर ।
ससर स्यसाम बबनस और करघ कबो, रमं ग भससम मत कमंस पछसारर‌यर ॥5॥

स्यसाम गरहबनन हसअँ कध गसाहक ।


दहनसानसाथ हमसारध ठसाकसर , ससाअँचध प्रमनत-ननविसाहक ।
कहसा बबदरस कक जसानत-पसाअँनत, कसल, प्रधमम-प्रमनत कध लसाहक ।
कह पसामंडवि कत घर ठकसरसाई ? अरजसन कध रथ-बसाहक ।
कहसा ससदसामसा कत धन हर ? तर सत्य-प्रमनत कध चसाहक ।
ससरदसास सठ, तसातत हरर भकज आरत कध दख
स -दसाहक ॥6॥
जघसस तम
स गज कर पसाउअँ छसडसायर ।
अपनध जन कद दखस खत जसानन कघ पसाउअँ वपयसादध धसायर ।
जहअँ जहअँ गसाढ परह भकतनन कद, तहअँ तहअँ आपस जनसायर ।
भककत हध तस प्रहलसाद उबसारर‌यर, द्ररपहद-चमर बढसायर ।
प्रमनत जसानन हरर गए बबदरस कत, नसामदध वि-घर छसायर ।
ससरदसास द्वविज दहन ससदसामसा, नतहहमं दसाररद्र नससायर ॥7॥
बबनतम सन
स र दहन कक गचत्त दघ , कघसस तसवि गसन गसाविघ ?
मसाय नटह लकसटह कर लहन्हस कबोहटक नसाच नचसाविघ ।
दर-दर लबोभ लसागग सलयध डबोलनत, नसानसा स्विसाअँग बनसाविघ ।
तसम सद कपट करसाविनत प्रभस जस, मधरह बसगध भरमसाविघ ।
मन असभलसाश-तरमं गनन करर करर, समथ्यसा वविससा जगसाविघ ।
सबोवित सपनध मत ज्यद समंपनत, त्यर हदखसाइ बररसाविघ ।
महसा मबोहनम मबोहह आतमसा, अपमसारगहहमं लगसाविघ ।
ज्यद दत
स म पर-बधस भबोरर कघ, लघ पर-पसरुष हदखसाविघ ।
मधरध तबो तसम पनत , तसमहहमं गनत, तसम समसान कबो पसाविघ ?
ससरदसास प्रभस तसम्हरह ककपसा बबनस, कबो मबो दख
स बबसरसाविघ ॥1॥

हरर, तधरबो भजन ककयर न जसाइ ।


कह करद, तधरह प्रबल मसायसा दध नत मन भरमसाइ ।
जबघ आविद ससाधस-समंगनत, कछसक मन ठहरसाइ ।
ज्यद गयमंद अन्हसाइ सररतसा, बहसरर विहघ ससभसाइ ।
बधष धरर धरर हरर‌यर पर-धन, ससाध-स ससाधस कहसाइ ।
जघसध नटविसा लबोभ -कसारन करत स्विसाअँग बनसाइ ।
करद जतन, न भजद तसमकक, कछसक मन उपजसाई ।
ससर प्रभस कक सबल मसायसा. दध नत मबोहह भसलसाइ ॥2॥
गसरुमहहमसा
गरु
स बबनस ऐसम करन करघ ?
मसालसा-नतलक मनबोहर बसानसा, लघ ससर छत धरघ ।
भविससागर तत बसडत रसाखघ, दहपक हसाथ धरघ ।
सरस स्यसाम गरु
स ऐसर समरथ, नछन मत लध उधरघ ॥1॥
नसाम महहमसा
हमसारध ननधर्धन कध धन रसाम
चबोर न लधत, घटत नहहमं कबहसअँ, आवित गसाढत कसाम ।
जल नहहमं बसडत अगगनन न दसाहत, हघ ऐसर हरर नसाम ।
बघकअँस ठनसाथ सकल सख
स -दसातसा, सरस दसास-सख
स -धसाम ॥1॥

बडम हघ रसाम नसाम कक ओट ।


सरन गऐमं प्रभस कसाहढ दध त नहहमं, करत ककपसा कत कबोट ।
बघठत सबघ सभसा हरर जस कक, करन बडर कबो छबोट ?
सरस दसास पसारस कध परसत समटनत लबोह कक खबोट ॥2॥

जबो ससख हबोत गसपसालहहमं गसाऐऐ ।


सबो ससख हबोत न जप-तप ककन्हत, कबोहटक तमरथ न्हसाऐऐ ।
हदएअँ लधत नहहमं चसारर पदसारथ, चरन-कमल गचत लसाऐऐ ।
तमनन लबोक तन
क -सम करर लधखत, नमंद-नअँदन उर आऐमं ।
बमंसमबट, बमंद
क साविन, जमसनसा, तकज बघकसअँठ न जसाविघ ।
सरस दसास हरर कर ससस मरन करर, बहसरर न भवि-जल-आविघ ॥3॥

बमंदक चरन-सरबोज नतहसारध ।


ससमंदर स्यसाम कमल-दल-लबोचन, लसलत बतभमंगम प्रसान वपयसारध ।
जध पद-पदम
स सदसा ससवि कध धन, ससमंधस-ससतसा उर तत नहहमं टसारध ।
जध पद-पदम
स तसात-ररस-तसासत, मनबच-कम प्रहलसाद सअँभसारध ।
जध पद-पदम
स -परस-जल-पसाविन ससरसरर-दरस कटत अब भसारध ।
जध पद-पदम-परस ररवष-पनतनम बसल, नग
क , व्यसाध, पनतत बहस तसारध ।
जध पद-पदम
स रमत बमंद
क साविन अहह-ससर धरर, अगननत ररपस मसारध ।
जध पद-पदम
स परसस ब्रज-भसासमनन सरबस दघ , ससत-सदन बबससारध ।
जध पद-पदम
स रमत पसामंडवि-दल दत
स भए, सब कसाज सअँविसारध ।
ससरदसास तधई पद-पमंकज बतबबध-तसाप-दख
स -हरन हमसारध ॥4॥

अब कत रसाखख लधहस भगविसान ।


हद अनसाथ बघठ्यर द्रम
स -डररयसा, पसारगध ससाधध बसान ।
तसाकत डर मत भसाज्यर चसाहत, ऊपर ढिसकयर सचसान ।
दह
स स अँ भसाअँनत दख
स भयर आनन यह, करन उबसारध प्रसान ?
सससमरत हह अहह डस्यर पसारधम, कर छसट्यर समंधसान ।
सरस दसास सर लग्यर सचसानहहमं, जय जय ककपसाननधसान ॥5॥

आछर गसात अकसारथ गसारर‌यर ।


करहन प्रमनत कमल-लबोचन सद, जनम जवि
स सा ज्यद हसायर ।
ननसस हदन वविषय-बबलसाससन बबलसत, फसट गई तब चसारर‌यर ।
अब लसाग्यर पनछतसान पसाइ दख
स , दहन दई कर मसारर‌यर ।
कसामम, ककपन;कसचमल, कसडरसन, कबो न ककपसा करर तसारर‌यर ।
तसातत कहत दयसाल दध वि-मनन, कसाहत सरस बबससारर‌यर ॥6॥

तम
स बबनस भल
स बोइ भल
स र डबोलत ।
लसालच लसागगकबोहट दध विन कध, कफरत कपसाटनन खबोलत ।
जब लगग सरबस दहजघ उनकद, तबहहमं लगग यह प्रमनत ।
फलमसाअँगत कफरर जसात मसकर ह्विघ यह दध विन कक रहनत ।
एकनन कद कजय-बसल दघ पसज,घ पसजत नतकस न तसठध ।
तब पहहचसानन सबनन कद छसाअँडध नख-ससख लद सब झठ
स ध।
कमंचन मनन तकज कसाअँचहहमं सततत, यसा मसायसा कध लहन्हध !
तसम ककतज, करुनसामय, कधसवि, अखखल लबोक कध नसायक ।
सरस दसास हम दृढ करर पकरध , अब यध चरन सहसायक ॥7॥

आजस हद एक-एक करर टररहद ।


कघ तसमहहमं, कघ हमहहमं मसाधर, अपनध भरबोसत लररहद ।
हद पनतत ससात पमढनन कर, पनततघ ह्विघ ननस्तररहद ।
अब हद उघरर नच्यर चसाहत हद, तसम्हत बबरद बबन कररहद ।
कत अपनम परतमनत नससावित , मत पसायर हरर हहरसा ।
सरस पनतत तबहहमं उठहघ , प्रभस जब हअँसस दघ हर बमरसा ॥8॥
प्रभस हद सब पनततन कर टहकर ।
और पनतत सब हदविस चसारर कध, हद तर जनमत हह कर ।
बगधक अजसासमल गननकसा तसारह और पसतनसा हह कर ।
मबोहहमं छसाअँडड तसम और उधसारध , समटघ ससल कयद जम कर ।
कबोऊ न समरथ अघ कररबध कद, खतगच कहत हद लहकबो ।
मररयत लसाज ससर पनततन मस , मबोहसअँ तत कबो नमकर ! ॥9॥

अब मत नसाच्यर बहसत गसपसाल ।


कसाम-कबोध कर पहहरर चबोलनसा, कमंठ वविषय कक मसाल ॥
महसामबोह कध नसपरस बसाजत, ननमंदसा-सब्द-रससाल ।
भ्रम-भबोयर मन भयर पखसाविज, चलत असमंगत चसाल ।
तष्क नसा नसाद करनत घट भमतर, नसानसा बबगध दघ तसाल ।
मसायसा कबो कहट फधटसा बसाअँध्यर, लबोभ-नतलक हदयर भसाल ।
कबोहटक कलसा कसानछ हदखरसाई जल-थल ससगध नहहमं कसाल ।
ससरदसास कक सबघ अवविद्यसा दरस र करर नअँदलसाल ॥10॥
हमसारध प्रभ,स औगन
स गचत न धरर ।
समदरसम हघ नसाम तसम्हसारर, सबोई पसार करर ।
इक लबोहसा पसजसा मत रसाखत, इक घर बगधक परर ।
सबो दबस बधसा पसारस नहहमं जसानत, कमंचन करत खरर ।
इक नहदयसा इक नसार कहसावित, मघलर नमर भरर ।
जब समसल गए तब एक बरन ह्विघ. गमंगसा नसाम परर ।
तन मसायसा, ज्यद ब्रह्म कहसावित, ससर सस समसल बबगरर ॥
कघ इनकर ननरधसार कककजयघ, कघ प्रन जसात टरर ॥11॥
भगविदसाश्रम
मधरर मन अनत कहसाअँ ससख पसाविघ ।
जघसस उडड जहसाज कबो पच्छछ; कफरर जहसाज पर आविघ ।
कलम-नघन कर छसाअँडड महसातम, और दध वि कद ध्विसाविघ ॥
परम गमंग कद छसाअँडड वपयसासर, दरस मनत कसप खनसाविघ ।
कजहहमं मधसकर अमंबसज-रस चसाख्यर, कयद करहल-फल भसाविघ ।
ससरदसास-प्रभस कसामधधनस तकज, छध रह करन दह
स साविघ ॥1॥

हमत नअँदनमंदन मबोल सलयध ।


जम कध फमंद कसाहट मसकरसाए, अभय अजसाद ककयध ।
भसाल नतलक, स्रबननन तल
स समदल, मधटध अमंक बबयध ।
मअँसड्यर मअँड
स , कमंठ बनमसालसा, मसद्रसा चक हदयध ।
सब कबोउ कहत गसलसाम स्यसाम कर, ससनत ससरसात हहयध ।
ससरदसास कक और बडर ससख, जसठनन खसाइ कजयध ॥2॥

रसाखर पनत गगररविर गगरर-धसारह !


अब तर नसाथ, रह्यर कछस नसाहहन, उघरत मसाथ अनसाथ पसकसारह ।
बघठछ सभसा सकल भप
स नन कक, भमषम-द्रबोन-करन व्रतधसारह ।
कहह न सकत कबोउ बसात बदन पर, इन पनततनन मबो अपनत बबचसारह
पसाअँडस-कसमसार पविन सध डबोलत, भमम गदसा कर तत महह डसारह ।
रहह न पघज प्रबल पसारथ कक, जब तत धरम-सत
स धरनम हसारह ।
अब तर नसाथ न मधरर कबोई, बबनस श्रमनसाथ-मसकमंस द-मसरसारह ।
ससरदसास अविसर कध चसकत कफरर पनछतघहर दध खख उघसारह ॥2॥
भसाविम
करह गबोपसाल कक सब हबोइ ।
जबो अपनर पसरुषसारथ मसानत, अनत झसठर हघ सबोइ ।
ससाधन, ममंत, जमंत, उद्यम, बल, यध सब डसारर धबोइ ।
जबो कछस सलखख रसाखम नअँदनमंदन, मधहट सकघ नहहमं कबोइ ।
दख
स -ससख, लसाभ-अलसाभ समसखझ तसम, कतहहमं मरत हर रबोइ ।
सरस दसास स्विसामम करुनसामय, स्यसाम-चरन मन पबोइ ॥1॥

हबोत सबो जबो रघन


स साथ ठटघ ।
पगच-पगच रहत ससद, ससाधक, मसनन , तऊ न बढघ -घटघ ।
जबोगम जबोग धरत मन अपनत अपनत ससर पर रसाखख जटघ ।
ध्यसान धरत महसादध विऽरु ब्रह्मसा, नतनहसअँ पघ न छटघ ।
जतम, सतम, तसापस आरसाधत, चसारद बधद रटघ ।
सरस दसास भगविमंत-भजन बबनस, करम-फसाअँस न कटघ ॥2॥

भसाविम कसाहस सद न टरध ।


कहअँ विह रसाहस, कहसाअँ विघ रववि ससस, आनन सअँयबोग परघ ।
मसनन बससष्ट पमंडडत अनत जसानम, रगच-पगच लगन धरघ ।
तसात-मरन, ससय हरन, रसाम बन-बपसधरर बबपनत भरघ ।
रसाविन जमनत कबोहट तततमसर, बतभसविन रसाज करघ ।
मत्क यसहहमं बसाअँगध कसप मत रसाखघ, भसाविम-बस सबो मरघ ।
अरजसन कध हरर हसतध ससारथम, सबोऊ बन ननकरघ ।
द्रप
स द-ससतसा कर रसाजसभसा, दस्
स ससासन चमर हरघ ।
हरहचमंद सबो कबो जगदसातसा, सबो घर नमच भरघ ।
जर गह
क छसाअँडड दध स बहस धसाविघ, तउ सग कफरघ ।
भसाविम कत बस तमन लबोक हत, ससर नर दध ह धरघ ।
ससरदसास प्रभस रचम सस ह्विघ हघ , कबो करर सबोच मरघ ॥3॥

तसातत सधइयघ श्रम जदरस साइ ।


समंपनत बबपनत, बबपनततत समंपनत, दध ह कर यहघ ससभसाइ ।
तरुविर फसलघ, फरघ , पतझरघ , अपनध कसालहहमं पसाइ ।
सरविर नमर भरघ भरर, उमडघ ससखघ खधह उडसाइ ।
दनस तयसा चमंद बढत हह बसाढध , घटत-घटत घहट जसाइ ।
ससरदसास समंपदसा-आपदसा, कजनन कबोऊ पनतआइ ॥4॥
विघरसाग्य
ककतध हदन हरर-सससमरन बबनस खबोए ।
परननमंदसा रसनसा कध रस करर, कधनतक जनम बबगबोए ।
तधल लगसाइ ककयर रुगच मदर्ध न, बस्तर मसल-मसल धबोए ।
नतलक बनसाई चलध स्विसामम ह्विघ, वविषनयनन कध मसख जबोए ।
कसाल बलह तत सब जग कसाअँप्यर, ब्रह्मसाहदक हसअँ रबोए ।
ससर अधम कक कहर करन गनत, उदर भरध , परर सबोए ॥1॥

नर तत जनम पसाइ कह ककनबो ?


उदर भरयर कसकर ससकर लद, प्रभस कर नसाम न लहनर ।
श्रम भसागवित सन
स म नहहमं श्रविननन, गसरु गबोबबमंद नहहमं चमनर ।
भसावि-भककत कछस हृदय न उपजम, मन वविषयसा मत दहनर ।
झसठर ससभ अपनर करर जसान्यर, परस वप्रयसा कत भमनम ।
अघ कर मधरु बढसाइ अधम तस, अमंत भयर बलहहनर ।
लख चररसासम जबोनन भरसम कघ कफरर विसाहहमं मन दहनर ।
सरस दसास भगविमंत-भजन बबनस ज्यर अमंजसल-जल छछनर ॥2॥

इत-उत दध खत जनम गयर ।


यसा झसठछ मसायसा कत कसारन, दह
स स अँ दृग अमंध भयर ।
जनम-कष्ट तत मसातस दखस खत भई, अनत दख
स प्रसान सह्यबो ।
विघ बतभसविनपनत बबसरर गए तबोहहमं, सससमरत कयक न रह्यबो ।
श्रमभसागवित ससन्यर नहहमं कबहसअँ, बमचहहमं भटकक मरर‌यर ।
सरस दसास कहघ , सब जग बसड़्यर, जग
स -जग
स भकत तयर ॥3॥

सबघ हदन गए वविषय कध हध त ।


तमनद पन ऐसद हहमं खबोए, कधस भए ससर सधत ।
आअँखखनन अमंध, स्रविन नहहमं ससननयत, थसाकध चरन समधत ।
गमंगसा-जल तकज वपयत कसप-जल, हरर पसजत प्रधत ।
मन-बच-कम जर भजघ स्यसाम कद, चसारर पदसारथ दध त ।
ऐसम प्रभस छसाअँडड कयक भटकघ, अजहसअँ चधनत अचधत ।
रसामनसाम बबनस कयक छसटरगघ, कमंद गहत ज्यद कधत ।
ससरदसास कछस खरच न लसागत , रसाम नसाम मसख लधत ॥4॥

द्विघ मत एकर तर न भई ।
नसा हरर भज्यर, न गह
क ससख पसायर, बथ
क सा बबहसाइ गई ।
ठसानम हसतम और कछस मन मत, औरध आनन ठई ।
अबबगत-गनत कछस समखस झ परत नहहमं जबो कछस करत दई ।
ससत सनधहह-नतय सकल कसटसअँब समसल, ननसस-हदन हबोत खई ।
पद-नख-चमंद चकबोर बबमसख मन, खसात अअँगसार मई ।
वविषय-वविकसार-दसाविसानल उपजम, मबोह-बयसारर लई ।
भ्रमत-भ्रमत बहसतघ दख
स पसायर, अजहसअँ न टस वि गई ।
हबोत कहसा अबकध पनछतसाएअँ, बहसत बधर बबतई ।
ससरदसास सधयध न ककपसाननगध, जबो ससख सकल मई ॥5॥

अब मत जसानम दध ह बसढसानम ।
समस, पसाउअँ , कर कह्यर न मसानत, तन कक दससा ससरसानम ।
आन कहत, आनघ कहह आवित, नघन-नसाक बहघ पसानम ।
समहट गई चमक-दमक अअँग-अअँग कक, मनत अरु दृकष्ट हहरसानम ।
नसाहहमं रहह कछस ससगध तन-मन कक, भई जस बसात बबरसानम ।
सरस दसास अब हबोत बबगसचनन, भकज लघ ससारअँ गपसानम ॥6॥
मन प्रबबोध
सब तकज भकजऐ नमंद कसमसार ।
और भजघ तत कसाम सरघ नहहमं, समटघ न भवि जमंजसार ।
कजहहमं कजहहमं जबोनन जन्म धसारर‌यर, बहस जबोरर‌यर अघ कर भसार ।
कजहहमं कसाटन कद समरथ हरर कर तमछन नसाम-कसठसार ।
बधद, पसरसान, भसागवित, गमतसा, सब कर यह मत ससार ।
भवि समसद्र हरर-पद-नरकसा बबनस कबोउ न उतसारघ पसार ।
यह कजय जसानन, इहहमं नछन भकज, हदन बमतध जसात अससार ।
ससर पसाइ यह समर लसाहस लहह, दल
स भ
र्ध कफरर समंससार ॥1॥

जसा हदन मन पमंछछ उडड जघहघ ।


तसा हदन तधरध तन-तरुविर कध सबघ पसात झरर जघहत ।
यसा दध हह कर गरब न कररयघ, स्यसार-कसाग-गगध खघहत ।
तमननन मस तन ककसम, कघ वविष्टसा, कह्विघ खसाक उडघहघ ।
कहअँ विह नमर, कहसाअँ विह सबोभसा कहअँ रअँ ग-रूप हदखघहघ ।
कजन लबोगनन सद नधह करत हघ , तधई दध खख नघनघहत ।
घर कध कहत सबसारध कसाढर, भसत हबोइ धर खघहत ।
कजन पसतननहहमं बहसत प्रनतपसाल्यर, दध विम-दध वि मनघहत ।
तधई लघ खबोपरह बसाअँस दघ , समस फबोरर बबखरघ हत !
अजहसअँ मसढ करर सतसमंगनत, समंतनन मत कछस पघहघ ।
नर-बपस धसारर नसाहहमं जन हरर कद, जम कक मसार सबो खघहघ ।
ससरदसास भगविमंत-भजन बबनस बथ
क सा सस जनम गअँविघहघ ॥2॥

नतहसारर ककष्न कहत कह जसात क ?


बबछसरत समलन बहसरर कब ह्विघ हघ , ज्यक तरविर कध पसात ।
समत-बसात-कफ कमंठ बबररधघ, रसनसा टसटघ बसात ।
प्रसान लए जम जसात, मसढ-मनत दध खत जननम-तसात ।
छन इक मसाहहमं कबोहट जसग बमतत, नर कक कधनतक बसात ।
यह जग-प्रमनत ससविसा-सधमर ज्यक, चसाखत हह उडड जसात ।
जमकत फमंद परर‌यर नहहमं जब लगग, चरननन ककन लपटसात ?
कहत सरस बबरथसा यह दध हह, एतर कत इतरसात ॥3॥

मन, तबोसक ककतम कहह समझ


स साइ ।
नमंदनअँदन कध, चरन कमल भकज तकज पसाखअँड-चतसरसाइ ।
ससख-समंपनत, दसारसा-ससत, हय-गय, छसट सबघ समसदसाइ ।
छनभमंगसर यह सबघ स्यसाम बबनस, अमंत नसाहहमं सअँग जसाइ ।
जनम-मरत बहसत जसग बमतध, अजहसअँ लसाज न आइ ।
सरस दसास भगविमंत-भजन बबनस जघहघ जनम गअँविसाइ ॥4॥

धबोखत हह धबोखघ डहकसायर समखस झ न परह,


वविषय-रस गमध्यर; हरर-हहरसा घर मसाअँझ गअँविसायर ।
ज्यक कसरमं ग जल दध खख अविनन कर, प्यसास न गई चहसअँ हदसस धसायर ।
जनम-जनम बह करम ककए हत, नतनमत आपसन आपस बअँधसायबो ।
ज्यद ससक सधमर सधवि आस लगग, ननसस-बसासर हहठ गचत्त लगसायर ।
रहतर परर‌यर जबघ फल चसाख्यर,उडड गयर तसल, तसाअँविरर आयर ।
ज्यद कवप डबोर बसाअँगध बसाजमगर, कन-कन कद चरहटत नचसायर ।
ससरदसास भगविमंत-भजन बबनस, कसाल-व्यसाल पघ आपस डससायर ॥5॥

भककत कबन कररहर, जनम ससरसानर ।


बसालसापन खधलतहहमं खबोयबो, तरुनसाई गरबसानर ।
बहसत प्रपमंच ककए मसायसा कध, तऊ न अधम अघसानर ।
जतन जतन करर मसायसा जबोरह, लघ गयर रमं क न रसानर ।
सत
स -ववित-बननतसा-प्रमनत लगसाई, झठ
स ध भरम भल
स सानर ।
लबोभ-मबोह तस चधत्यर नसाहहमं, ससपनध ज्यद डहकसानर ।
बबरध भऐमं कफ कमंठ बबररध्यर, ससर धसनन-धसनन पनछतसानर ।
ससरदसास भगविमंत-भजन-बबनस, जम कत हसाथ बबकसानर ॥6॥
तजर मन हरर, बबमख
स नन कर समंग ।
कजनकत समंग कसमनत उपजनत हघ , परत भजन मस भमंग ।
कहसा हबोत पय पसान करसाऐऐ , वविष नहहमं तजत भसजमंग ।
कसागहहमं कहसा कपरस चग
स साऐमं, स्विसान न्हसाविसाऐमं गमंग ।
खर कद कहसा अरगजसा-लधपन, मरकट भसषन-अमंग ।
गज कद कहसा सररत अन्हविसाऐमं, बहसरर धरघ विह ढिमं ग ।
पसाहन पनतत बसान नहहमं बधधत, रहतर करत ननषमंग ।
ससरदसास कसारह कसामरर पघ, चढत न दज
स म रमं ग ॥7॥

रध मन मसरख जनम गअँविसायर ।


करर असभमसान विसषय-रस गमध्यर, स्यसाम-सरन नहहमं आयर ।
यह समंससार ससविसा-सधमर ज्यद, ससन्दर दध खख लसभसायर ।
चसाखन लसाग्यर रुई गई उडड हसाथ कहहमं आयर ।
कहसा हबोत अब कध पनछतसाऐऐ पहहलत पसाप कमसायर ।
कहत ससर भगविमंत-भजन बबनस, ससर धसनन-धसनन पनछतसायर ॥8॥
गचत र-बसवद-समंविसाद
चकई रह, चसल चरन-सरबोविर, जहसाअँ न प्रधम ववियबोग ।
जहअँ भ्रम-ननससा हबोनत नहहमं कबहसअँ, सबोइ ससायर ससख जबोग ।
जहसाअँ सनक-ससवि हमं स, ममन मनस न, नख रववि-प्रभसा प्रकसास ।
प्रफससलत कमल, ननसमष नहहमं ससस-डर, गसमंजत ननगम ससविसास ।
कजहहमं सर सभग-मसककत-मसकतसाफल, ससककत-अमत
क -रस पमजघ ।
सबो सर छसाअँडड कसबसवद बबहमं गम,इहसाअँ कहसाअँ रहह ककजध ॥
लक्षमम सहहत हबोनत ननत ककडसा, सबोसभत ससरजदसास ।
अब न सह
स सात वविषय-रस-छछलर,विसा समद्र
स कक आस ॥1॥

सवि
स सा, चसल तसा बन कर रस पमजघ ।
जसा बन रसाम-नसाम अम्रनत-रस, स्रविन पसात भरर लहजघ ।
कबो तधरर पसत, वपतसा तस कसाकर, धरनम, घर कबो तधरर ?
कसाग सग
क साल-स्विसान कर भबोजन, तस कहघ मधरर मधरर !
बन बसारसाननसस मसककत-क्षधत हघ , चसल तबोकर, हदखरसाऊअँ ।
ससरदसास ससाधसनन कक समंगनत, बडध भसाग्य जबो पसाऊअँ ॥2॥
हररवविमसख-ननन्दसा
अचमंभबो इन लबोगनन कर आविघ ।
छसाअँडध स्यसाम-नसाम-असम्रत फल, मसायसा-वविष-फल भसाविघ ।
ननमंदत मसढ मलय चमंदन कद रसाख अमंग लपटसाविघ ।
मसानसरबोविर छसाअँडड हमं स तट कसाग-सरबोविर न्हसाविघ ।
पगतर जरत न जसानघ मरस ख, घर तकज घरस बझ
स साविघ ।
चररसासम लख स्विसाअँग धरर, भ्रसम-भ्रसम जमहह हअँससाविघ ।
मग
क तष्क नसा आचसार-जगत जल, तसा सअँग मन ललचसाविघ ।
कहत जस ससरदसास समंतनन समसल हरर जस कसाहध न गसाविघ ॥1॥

भजन बबनस कसकर-ससकर जघसर ।


जघसघ घर बबलसावि कध मसससा, रहत वविषय-बस विघसर ।
बग-बगसलह अरु गमध-गमगधनम, आइ जनम सलयर तघसम ।
उनहसअँ कत गह
क , सत
स , दसारसा हत, उन्हत भधद कहस कघसर ।
जमवि मसारर कघ उदर भरत हत; नतनकर लधखम ऐसम ।
ससरदसास भगविमंत-भजन बबनस, मनबो ऊअँट-विष
क -भघसद ॥2॥
सत्समंग-महहमसा
जसा हदन समंत पसाहसनध आवित ।
तमरथ कबोहट सनसान करत फल जघसम दरसन पसावित ।
नयर नधह हदन-हदन प्रनत उनकघ चरन-कमल गचत-लसावित ।
मन बच कमर्ध और नहहमं जसानत, सससमरत और सससमरसावित ।
समथ्यसा बसाद उपसागध-रहहत ह्वित, बबमल-बबमल जस गसावित ।
बमंधन कमर्ध जध पहहलध, सबोऊ कसाहट बहसावित ।
सअँगनत रहत ससाधस कक अनसहदन, भवि-दख
स दरस र नससावित ।
ससरदसास समंगनत करर नतनकक, जध हरर-ससरनत कहसावित ॥1॥
कस्थतप्रज
हरर-रस तदऽब जसाई कहसअँ लहहयघ ।
गऐमं सबोच आऐऐ नहहमं आनअँद, ऐसर मसारग गहहयघ ।
कबोमल बचन, दहनतसा सब सद, सदसा आनअँहदत रहहयघ ।
बसाद बबविसाद हषर्ध-आतसरतसा, इतर द्विअँद कजय सहहयघ ।
ऐसम जबो आविघ यसा मन मत, तर ससख कहअँ लद कहहयघ ।
अष्ट ससहद;नविननगध, ससरज प्रभस, पहसअँचघ जबो कछस चहहयघ ॥1॥

जर लद मन-कसामनसा न छसटघ ।
तर कहसा जबोग-जज-व्रत ककन्हत, बबनस कन तसस कद कसटघ ।
कहसा सनसान ककयत तमरथ कध, अमंग भस्म जट जसटघ ?
कहसा परस सान जस पढत अठसारह, ऊध्विर्ध धम
स कध घट
सअँ ध ।
जग सबोभसा कक सकल बडसाई इनतत कछस न खसटघ ॥2॥

आत्मजसान
अपन
स पर आपसन हह बबसरर‌यर ।
जघसध स्विसान कसाअँच-ममंहदर मत, भ्रसम-भ्रसम भसकक परर‌यर ।
ज्यद सररभ मग
क -नसासभ बसत हघ , द्रम
स तन
क सअँगस ध कफरर‌यर ।
ज्यद सपनध मघ रमं क भसप भयर, तसकर अरर पकरर‌यर ।
ज्यद कधहरर प्रनतबबमंब दध खख कघ, आपन कसप परर‌यर ।
जघसस गज लखख फहटकससलसा मत, दसननन जसाइ अरर‌यर ।
मकर्धट मसहठ छसाअँडड नहहमं दहनम, घर-घर-द्विसार कफरर‌यर ।
ससरदसास नसलनम कर ससविटसा, कहह करनत पकरर‌यर ॥1॥

अपसनपर आपसन हह मत पसायर ।


सब्दहह सब्द भयर उकजयसारबो, सतगसरु भधद बतसायर ।
ज्यद कसरमं ग-नसाभम कस्तसरह, ढिसअँढत कफरत भसलसायर ।
कफरर गचतयर जब चधतन ह्विघ करर, अपनत हह तन छसायर ।
रसाज-कसमसारर कमंठ-मनन-भसषन भ्रम भयर कहसअँ गअँविसायर ।
हदयर बतसाइ और सखखयनन तब, तनस कर तसाप नससायर ।
सपनध मसाहहमं नसारर कद भ्रम भयर, बसालक कहसअँ हहरसायर ।
जसागग लख्यर, ज्यद कर त्यद हह हघ , नसा कहसअँ गयर न आयर ।
ससरदसास समसझध कबो यह गनत, मनहहमं मन मसससकसायर ।
कहह न जसाइ यसा ससख कक महहमसा, ज्यद गअँसगत गसर खसायर ॥2॥
गबोकसल लहलसा
ककष्ण-जन्म
आनमंदघ आनमंद बढ्यर अनत ।
दध विनन हदववि दमं द
स भ
स म बजसाई,ससनन मथसरसा प्रगटध जसादविपनत ।
वविद्यसाधर-ककन्नर कलबोल मन उपजसावित समसल कमंठ असमत गनत ।
गसावित गसन गमंधविर्ध पसलकक तन, नसाचनतमं सब ससर-नसारर रससक अनत ।
बरषत ससमन ससदधस ससर ससर, जय-जयकसार करत, मसानत रनत ।
ससवि-बबरकञच-इन्द्रसाहदअमर मसनन, फसलध ससखन समसात मसहदत मनत ॥1॥
दध विकक मन मन चककत भई ।
दध खहस आइ पसत-मख
स कसाहध न, ऐसम कहसअँ दध खम न दई ।
ससर पर मसकसट, पमत उपरघ नसा, भग
क स-पद-उर, भसज चसारर धरध ।
पसरब कथसा ससनसाइ कहह हरर, तसम मसाअँग्यर इहहमं भधष करध ।
छबोरध ननगड, सबोआए पहरू, द्विसारध कक कपसाट उधरर‌यर ।
तसरत मबोहह गबोकसल पहसअँचसाविहस, यह कहहकघ ककसस विधष धरर‌यर ।
तब बससदधवि उठध यह ससनतहहमं, नअँद-भविन गए ।
बसालक धरर, लघ ससरदध विम कद, आइ ससर मधसपसरह ठए ॥2॥
गबोकसल प्रगट भए हरर आइ
अमर-उधसारन, असरस -सअँहसारन, अमंतरजसामम बतभवि
स न रसाइ ।
मसाथघ धरर बससदधवि जस ल्यसाए, नमंद-महर-घर गए पहसअँचसाइ ।
जसागम महरर, पसत-मसख दध ख्यर, पसलकक अमंग उर मत न समसाइ ।
गदगद कमंठ, बबोल नहहमं आविघ, हरषविमंत ह्विघ नमंद बसलसाइ ।
आविहस कमंत, दध वि परसन भए, पसत भयर, मसख दध खर धसाइ ।
दररर नमंद गए, ससत-मसख दध ख्यर, सबो ससख मबोपघ बरनन न जसाइ
ससरदसास पहहलत हह मसाअँग्यर, दध
स वपयसावित जससमनत मसाइ ॥3॥
हद इक नई बसात ससनन आई ।
महरर जसरदसा ढिबोटसा जसायर, घर-घर हबोनत बधसाई ।
द्विसारत भमर गबोप-गबोवपन कक, महहमसा बररन न जसाई ।
अनत आनन्द हबोत गबोकसल मत, रतन भससम अब छसाई ।
नसाचत विद
क , तरुन अरु बसालक, गबोरस-ककच मचसाई ।
ससरदसास स्विसामम ससख-ससागर, ससन्दर स्यसाम कन्हसाई ॥4॥

आजस नन्द कध द्विसारस भमर ।


इक आवित, इक जसात बबदसा ह्विघ, इक ठसाडध मकन्दर कत तमर ।
कबोउ कधसरर कर नतलक बनसाविनत, कबोउ पहहरनत कमंचकक सरहर ।
एकनन कद गबो-दसान समपर्धत, एकनन कद पहहरसावित चमर ।
एकनन कद भष
स न पसाटमं बर; एकनन कद जस दध त नग हहर ।
एकनन कद पसहपनन कक मसालसा, एकनन कद चन्दन घसस नमर ।
एकनन मथत दध
स -रबोचनसा, एकनन कद बबोधनत दघ धमर ।
सरस दसास धनन स्यसाम सनधहह, धन्य जसबोदसा पसन्य-सरहर ॥5॥
सबोभसा-ससन्धस न अन्त रहह रह ।
नमंद-भविन भरर उमअँगग चसल, ब्रज कक बमगथन कफरनत बहह रह ।
दध खम जसाइ आजस गबोकसल मत, घर-घर बसचनत कफरनत दहह रह ।
कहअँ लगग कहद बनसाइ बहसत वविगध, कहत न मसख सहसहसअँ ननबहह रह ।
जसम
स नत-उदर-अगसाध-उदगध तत उपजम ऐसम सबनन कहह रह ।
ससरश्यसाम प्रभस इमंद्र-नमलमनन, ब्रज-बननतसा उर लसाइ गहह रह ॥6॥
शघशवि-चररत
जसबोदसा हरर पसालनत झल
स साविघ ।
हलरसाविघ, दल
स रसाइ मल्हसाविघ, जबोइ-सबोइ कछस गसाविघ ।
मधरध लसाल कबो आउ ननदअँ ररयसा, कसाहत न आनन ससविसाविघ ।
तस कसाहस नहहमं बधगहहमं आविघ, तबोकक कसान्ह बसलसाविघ ।
कबहसअँक पलक हरर मअँद
स लधत हत, कबहसअँ अधर फरकसाविघ ।
सबोवित जसानन मरन ह्विघ कघ रहह, करर-करर सघन बतसाविघ ।
इहहमं अन्तर अकसलसाइ उठध हरर, जससमनत मधसरघ गसाविघ ।
जबो ससख ससर अमर-मसनन दरस लभ, सबो नअँद भसासमनन पसाविघ ॥1॥

कपट करर ब्रजहहमं पसतनसा आई ।


अनत सरू
स प, वविष अस्तन लसाए, रसाजसा कमंस पठसाई ।
मसख चसमनत अरु नघन ननहसारनत, रसाखनत कमंठ लगसाई ।
भसाग बडध तसम्हरध नन्दरसानम, कजहहमं कध कसअँविर कन्हसाई ।
कर गहह छछर वपयसाविनत अपनम, जसानत कधसविरसाई ।
बसाहर ह्विघ कघ अससर पसकसारह अब बसल लहस छसडसाई ।
गइ मरस झसाइ, परह धरनम पर, मनम भवि
स मंगम खसाई ।
ससरदसास प्रभस तसम्हरह लहलसा, भकतनन गसाई सन
स साई ॥2॥
कसाग--रूप इक दनसज धरर‌यर ।
नप
क -आयसस लघ धरर मसाथध पर, हरषविमंत उर गरब भरर‌यर ।
ककनतक बसात प्रभस तसम आयससस तस , विह जसानम मबो जसात मरर‌यर ।
इतनम कहह गबोकसल उड आयर, आइ नन्द-घर-छसाज रह्यर ।
पलनसा पर परढघ हरर दध खध, तसरन्त आइ नघनननहहमं अरर‌यर ।
कमंठ चसावप बहस बसार कफरसायर, गहह पटकयर, नप
क पसास परर‌यर ।
तरस त कमंस पसछन नतहहमं लसाग्यर, कयद आयर नहहमं कसाज करर‌यर ।
बमतस जसाम बबोसल तब आयर, ससनहस कमंस, तब आइ सरर‌यर ।
धरर अवितसार महसाबल कबोऊ, एकहहमं कर मधरह गविर्ध हरर‌यर ।
सरस दसास प्रभस कमंस-ननकमंदन, भकत-हध त अवितसार धरर‌यर ॥3॥

कर पग गहह, अमंगसठसा मसख मधलत ।


प्रभस परढध पसालनत अकधलध, हरवष-हरवष अपनत रमं ग खधलत ।
ससवि सबोचत, बबगध बसवद वविचसारत, बट बसाढ्यर ससागर-जल झधलत ।
बबडरर चलध घन प्रलय जसानन कघ, हदगपनत हदग दमं तमनन सकधलत ।
मसनन मन भमत भए, भसवि कमंवपत सधष सकसगच सहसर फन पधलत ।
उन ब्रज-बसाससन बसात न जसानम, समझध ससर सकट पग ठध लत ॥4॥

महरर मसहदत उलटसाइ कघ मसख चसमन लसागम ।


गचरजमविर मधरर लसाडडलर , मत भई सभसागम ।
एक पसाख तय-मसास कर मधरह भयर कन्हसाई ।
पटकक रसान उलटर परर‌यर, मत, करद बधसाई ।
नन्द-धरनन आनन्द भरह, बबोलह ब्रजनसारह ।
यह ससख ससनन आई सबघ, ससरज बसलहसारह ॥5॥

जससमनत मन अखखलसाष करघ ।


कब मधरर लसाल घट
स स रुविनन रस गघ, कब धरनम पग द्विघक धरघ ।
कब द्विघ दसाअँत दध
स कध दध खममं, कब तबोतरत मसख बचन करघ ।
कब नमंदहह बसाबसा कहह बबोलघ, कब जननम कहह मबोहहमं ररघ ।
कब मधरह अअँचरसा गहह मबोहन, जबोइ-सबोइ कहह मबोसद झगरघ ।
कब धद तनक-तनक कछस खघहघ, अपनध कर सद मसखहहमं भरघ ।
कब हअँसस बसात कहघगबो मबोसद, जसा छबब तत दख
स दरस र हरघ ।
स्यसाम अकधलध आअँगन छसाअँड,ध आपस गई कछस कसाज घरघ ।
इहहमं अमंतर अअँधविसाह उठ्यबो इक, गरजत गगन सहहत घहरघ ।
सरस दसास ब्रज-लबोग सन
स त धनस न, जबो जहअँ-तहअँ सब अनतहहमं डरघ ॥6॥
ससत मसख दध खख जसरदसा फसलह ।
हरवषत दध खख दगस ध कक दअँ नतयसाअँ, प्रधममगन तन कक ससगध भसलह ।
बसाहहर तत तब नमंद बसलसाए, दध खर धद ससन्दर ससखदसाई ।
तनक-तनक सम दध
स दअँ तससलयसा, दध खर, नघन सफल करह आई ।
आनअँद सहहत महर तब आए , मख
स गचतवित दबोउ नघन अघसाई ।
ससर स्यसाम ककलकत द्वविज दध ख्यबो, मनर कमल पर बबज्जस जमसाई ॥7॥
हरर ककलकत जससमनत कक कननयसाअँ ।
मख
स मत तमनन लबोक हदखरसाए, चककत भई नद-रननयसाअँ ।
घर-घर हसाथ हदविसाविनत डबोलनत, बसाअँधनत गरत बघननयसाअँ ।
ससर स्यसाम कक अदत
स लहलसा नहहमं जसानत मसननजननयसाअँ ॥8॥
कसान्ह कअँस विर कक करहस पसासनम, कछस हदन घहट षट मसास गए ।
नमंद महर यह ससनन पसलककत कजय , हरर अनप्रसासन जबोग भए ।
बबप्र बसलसाई नसाम लघ बसझ्यर, रसासस सबोगध इक सहस दन धरर‌यर ।
आछर हदन ससनन महरर जसबोदसा, सखखनन बबोसल ससभ गसान करर‌यर ।
जसविनत महरर कद गसारह गसाविनत, और महर कर नसाम सलए !
ब्रज-घर-घर आनमंद बढ्यर अनत, प्रधम पसलक न समसान हहए ।
जसाकद नधनत-नधनत स्रसनत गसावित, ध्यसावित ससर-मसनन ध्यसान धरध ।
ससरदसास नतहहमं कद ब्रज-बननतसा, झकझबोरनत उर अमंक भरध ॥9॥
लसाल हत विसारह तधरध मसख पर ।
कसहटल अलक, मबोहनन-मन बबहअँसनन, भक
क स हट वविकट लसलत नघननन पर ।
दमकनत दध
स -दअँ तसस लयसा बबहअँसत, मनस समपज घर ककयर बसाररज पर ।
लघस-लघस लट ससर घसअँघरविसारह, लटकन लटकक रह्यर मसाथत पर ।
यह उपमसा कसापघ कहह आविघ, कछसक कहद सकसचनत हद कजय पर ।
नवि-तन-चमंद्र रध ख-मगध रसाजत, ससरगसरु-ससक-उदबोत परसपर ।
लबोचन लबोल कपबोल लसलत अनत, नसाससा कर मक
स तसा रदछद पर ।
ससर कहसा न्यरछसाविर कररयध अपनध लसाल लसलत लरखर पर ॥10॥
उमगगमं ब्रजनसारर ससभग, कसान्ह बरष गसाअँहठ उममंग, चहनतमं बरष बरषनन ।
गसाविहह ममंगल ससगसान, नमकध ससर नमकक तसान, आनअँद अनत हरषनत ।
कमंचन मनन-जहटत-थसार, रबोचन, दगध, फसल-डसार,समसलबध कक तरसनन ।
प्रभस बरष-गसाअँहठ जबोरनत, विसा छववि पर तन
क तबोरर, सरस अरस परसनन ॥11॥
बसालगबोपसाल
सबोसभत कर नविनमत सलए ।
घट
स स रुनन चलत रध नस तन-ममंडडत, मख
स दगध लधप ककयध ।
चसारू कपबोल , लबोल लबोचन, गबोरबोचन-नतलक हदयध ।
लट-लटकनन मनस मधसप-गन मसादक मधसहहमं वपए ।
कठसलसा-कमंठ, ब्रज कधहरर-नख, रसाजत रुगचर हहए ।
धन्य ससर एकर पल इहहमं ससख, कसा सत कल्प कजए ॥1॥

ककलकत कसान्ह घसटसरुविनन आवित ।


मननमय कनक नमंद कत आअँगन, बबमंब पकररबत धसावित ।
कबहसअँ ननरखख हरह आपस छसाअँह कद, कर पकरन चसाहत ।
ककलकक हअँसत रसाजत द्विघ दनतयसाअँ, पसनन-पसनन अविगसाहत ।
कनक-भसस म पर कर-पग-छसायसा, यह उपमसा इन रसाजनत ।
करर-करर प्रनतपद प्रनतमनन बससधसा, कमल बघठकक ससाजनत ।
बसाल दससा-ससख ननरखख जसबोदसा, पसनन-पसनन नन्द बसलसाविनत ।
अअँचरसा तर लघ ढसाअँकक, ससर कध प्रभस कद दध
स वपयसाविनत ॥2॥

ससखविनत चलन जसबोदसा मघयसा ।


अरबरसाइ कर पसानन गहसावित, डगमगसाइ धरनम धरध पघयसा ।
कबहसअँक समंद
स र बदन वविलबोकनत, उर आनमंद भरर लधत बलघयसा ।
कबहसअँक कसल दध वितसा मनसाविनत, गचरजमविहस मधरर कसअँविर कन्हघ यसा ।
कबहसअँक बल कद टध रर बसलसाविनत , इहहमं आअँगन खधलर दबोउ भघयसा ।
ससरदसास स्विसामम कक लहलसा, अनत प्रतसाप बबलसत नअँदरघ यसा ॥3॥
चलत दध खख जससमनत ससख पसाविघ ।
ठसमकक-ठसमकक पग धरनम रस गत, जननम दध खख हदखसाविघ ।
दध हरर लर चसल जसात, बहसरर कफरर-कफरर इतहहमं कद आविघ ।
गगरर-गगरर परत, बनत नहहमं नसाअँघत ससर-मसनन सबोच करसाविघ ।
कबोहट ब्रह्मसामंड करत नछन भमतर, हरत बबलमंब न लसाविघ ।
तसाकद सलए नमंद कक रसानम, नसानसा खधल खखलसाविघ ।
तब जससमनत कर टध कक स्यसाम कक, कम-कम करर उतरसाविघ ।
ससरदसास प्रभस दध खख दध खख, ससर-नर-मसनन-बसवद भसलसाविघ ।4॥

नमंद जस कध बसारध कसान्ह, छसाअँडड दघ मथननयसाअँ ।


बसार-बसार कहनत मसातस जससमनत नमंदरननयसाअँ ।
नतकस रहह मसाखन दध उअँ मधरध प्रसान-धननयसाअँ ।
आरर जनन करर, बसल जसाउअँ हद ननधननयसाअँ ।
जसाकर ध्यसान धरत सबघ, ससर-नर-मसनन जननयसाअँ ।
तसाकर नअँदरसानम मख
स चम
स घ सलए कननयसाअँ ।
सधष सहस आनन गसन गसावित नहहमं बननयसाअँ ।
ससर स्यसाम दध खख सबघ भसलहमं गबोप-धननयसाअँ ॥5॥
कहन लसागध मबोहन मघयसा-मघयसा ।
नमंद महर सद बसाबसा बसाबसा, अरु हलधर सद भघयसा ।
ऊअँचध चडम चढह कहनत जसबोदसा, लघ लघ नसाम कन्हघ यसा ।
दरस र खधलन जनन जसाहस ललसा रध , मसारघ गम कसाहस कक मघयसा ।
गबोपम ग्विसाल करत करतसहल, घर घर बजनत बधघयसा ।
सरस दसास प्रभस तम्
स हरस दरस कद, चरननन कक बसल जघयसा ॥6॥
गबोपसालरसाइ दगध मसाअँगत अरु रबोटह ।
मसाखन सहहत दध हह मधरह मघयसा,ससषक ससममंगल, मबोटह ।
कत हर आरर करत मधरध मबोहन तसम आअँगन मघ लबोटह ।
जर चसाहर सबो लधहस तसरतहहमं, छसाअँडम यह मनत खबोटह ।
करर मनसहसारर कलधऊ दहन्हर, मख
स चप
स रर‌यर अरु चबोटह ।
ससरदसास कबो ठसाकसर ठसाढर, हसाथ लकसहटयसा छबोटह ॥7॥

बरनद बसाल-बधष मसरसारर ।


थककत कजत-नतत अमर-मसनन-गन, नमंद-लसाल ननहसारह ।
कधस ससर बबन बपन कध चहसअँ हदससा नछटकध झसारर ।
समस पर धरर जटसा, मनस ननसस रूप ककयर बतपसरसारर ।
नतलक लसलत ललसाट कधसरबबमंद स सबोभसाकसारर ।
रबोष-अरुन तत
क मय लबोचन, रह्यर जनस ररपस जसारर ।
कमंठ कठसलसा नमल मनन, अमंभबोज-मसाल सअँविसारर ।
गरल गमवि, कपसाल डर इहहमं भसाइ भए मदनसारर ।
कसहटल हरर-नख हहऐऐ हरर कध हरवष ननरखनत नसारर ।
ईस जनस रजनमस रसाख्यर भसाल तत जस उतसारर ।
सदन-रज स्यसाम सबोसभत, सभ
स ग इहहमं अनसहसारर ।
मनहसअँ अमंग बबभसनत-रसाजनत समंभस सबो मधसहसारर ।
बतदस-पनत-पनत असन कद अनत जननन सद करघ आरर ।
ससरदसास वविरमं गच जसाकद जपत ननज मसख चसारर ॥8॥
मघयसा, कबहहमं बढघ गम चबोटह ?
ककतम बसार मबोहहमं दध
स वपयत भई, यह अजहसअँ हघ छबोटह ।
तस जबो कहनत बल कक बधनम ज्यद, ह्विघ हघ लसाअँबम-मबोटह ।
कसाढिअँ त-गसहत न्हविसावित जघहघ नसागगन सम भसइअँ लबोटह ।
कसाचर दध
स वपयसाविनत पगच-पगच, दध नत न मसाखन-रबोटह ।
ससरज गचरजमविम दबोउ भघयसा, हरर-हलधर कक जबोटह ॥9॥

हरर अपनत आअँगन कछस गसावित ।


तनक-तनक चरननन सद नसाचत , मनहहमं मनहहमं ररझसावित ।
बसाअँह उठसाइ कसाजरह-धररह, गघयनन टध रर बसलसावित ।
कबहसअँक बसाबसा नमंद पसकसारत, कबहसअँक घर मत आवित ।
मसाखन तनक आपनत कर लघ, तनक बदन मत नसावित ।
कबहसअँक गचतघ प्रनतबबमंब खमंभ मत, लरनम सलए खविसावित ।
दरस र दध खनत जससमनत यह लहलसा, हरष अनमंद बढसावित ।
ससर स्यसाम कध बसाल-चररत, ननत ननतहह दध खत भसावित ॥10॥

जससमनत जबहह कह्यर अन्हविसाविन, रबोइ गए हरर लबोटत रह ।


तधल उबटनर लघ आगघ धरर, लसालहहमं चबोटत पबोटत रह ।
मत बसल जसाउअँ न्हसाउ जनन मबोहन, कत रबोवित बबनस कसाजत रह ।
पसाछघ धरर रसाख्यर छपसाइ कघ, उबटन-तधल-समसाजत रह ।
महरर बहसत बबनतम करर रसाखनत, मसानत नहहमं कन्हघ यसा रह ।
ससर स्यसाम अनतहहमं बबरुझसानध, ससर-मसनन अमंत न पघयसा रह ॥11॥
ठसाढह अकजर जसबोदसा अपनत, हररहहमं सलए चमंद हदखरसावित ।
रबोवित कत बसल जसाउअँ तसम्हसारह, दध खद धर भरर नघन जसडसावित ।
गचतघ रहघ तब आपसन ससस-तन अपनध कर लघ-लघ जस बतसावित ।
ममठर लसागत ककधद यह खसाटर, दध खन अनत ससन्दर मन भसावित !
मनहहमं मन हरर बसवद करत हत मसातसा सद कहह तसाहहमं मअँगसावित ।
लसागम भख
स , चअँद मत खघहद, दध हह दध हह ररस करर बबरुझसावित ।
जससमनत कहनत कहसा मत ककनर, रबोवित मबोहन अनत दख
स पसावित ।
ससर स्यसाम कद जससमनत बबोधनत, गगन गचरघ यसा उडत हदखसावित ॥12॥

ससनन ससत, एक कथसा कहद प्यसारह ।


कमल-नघन मन आनअँद उपज्यर, चतसर ससरबोमनन दध त हसअँकसारह ।
दसरथ नप
क नत हसतर रघसबमंसम, तसाकघ प्रगट भए ससत चसारह ।
नतनमत मक
स य रसाम जबो कहहयत, जनक सत
स सा तसाकक बर नसारह ।
तसात-बचन लगग रसाज तज्यर नतन, अनसज धरनन सअँग गए बनचसारह ।
धसावित कनक मग
क सा कध पसाछत , रसाकजवि लबोचन परम उदसारह ।
रसाविन हरन ससयसा कर ककन्हर, सनस न नअँद-नमंदन नममंद ननमंविसारह
चसाप चसाप करर उठध ससर प्रभस, लनछमन दध हस, जननन भ्रम भसारह ॥13॥

जसागर, जसागर हबो गबोपसाल ।


नसाहहमंन इतर सबोइयत ससनन ससत ,प्रसात परम ससगच कसाल ।
कफर-कफर जसात ननरखख मसख नछन नछन, सब गबोपनन कध बसाल ।
बबन बबकसध कल कमल-कबोष तत मनस मधसपनन कक मसाल ।
जबो तम
स मबोहहमं न पत्यसाहस सरस प्रभस, सन्
स दर स्यसाम तमसाल ।
तर तसमहहमं दध खर आपसन तकज ननद्रसा नघन बबससाल ॥14॥

कमल-नघन हरर करर कलधविसा ।


मसाखन-रबोटह, सद्य जम्यर दगध, भसाअँनत-भसाअँनत कध मधविसा ।
खसाररक, दसाख, गचरदजम, ककससमस, उज्विल गरह बदसाम ।
सफरह, सधवि, छसहसारध , वपस्तसा, जध तरबसजसा नसाम ।
अरु मधविसा बहस बसाअँनत-भसाअँनत हत षटरस कध समष्ठसान्न ।
ससरदसास प्रभस करत कलधविसा, रहझध स्यसाम ससजसान ॥15॥
मघयसा मबोहहमं दसाऊ बहसत खखझसायर ।
मबोसद कहत मबोल कर लहन्हद, तस जससमनत कब जसायर ।
कहसा करद इहह ररस कध मसारत खधलन हद नहहमं जसात ।
पसनन-पसनन कहत करन हघ मसातसा, कबो हघ तधरर तसात ।
गबोरध नमंद, जसबोदसा गबोरह तस कत स्यसामल गसात ।
चसटकक दघ -दघ ग्विसाल नचसावित, हअँसत सबघ मससकसात
तस मबोहहमं कद मसारन समखम, दसाउहह कबहसअँ न खमझघ ।
मबोहन मसख ररस कक यध बसातत, जससमनत ससनन-ससनन रहझघ ।
सन
स हस कसान्ह, बलभद्र चबसाई,जनमत हह कर धत
स ।
ससर स्यसाम मबोहहमं गबोधन कक सद, हद मसातसा तस पसत ॥16॥
खधलन दरस र जसात कत कसान्हसा ।
आजस सन्
स यर मत हसाऊ आयर, तम
स नहहमं जसानत नसान्हसा ।
इक लररकसा अबहहमं भकज आयर, रबोवित दध ख्यर तसाहह ।
कसान तबोरर विह लधत सबनन कध, लररकसा जसानत जसाहह ।
चलर न, बधगग सबसारघ जघयध, भसाकज आपनस धसाम ।
ससर स्यसाम यह बसात ससनतहह बबोसल सलए बलरसाम ॥17॥
खधलत मत कबो कसाकर गससघयसाअँ ।
हरर हसारध जमतध श्रमदसामसा, बरबस हहमं कत करत ररसघयसा ।
जसानत-पसाअँनत हमतत बड नसाहहमं, बसत तसम्हसारह छघ यसाअँ ।
अनत अगधकसार जनसावित यसातघ जसातघ अगधक तम्
स हसारघ गघयसाअँ ।
रूहहठ करघ तसासद कबो खधलघ, रहध बघहठ जहअँ -तहअँ ग्विघयसाअँ ।
ससरदसास प्रभस खघल्यबोइ चसाहत, दसाउअँ हदयर करर नमंद-दह
स घ यसाअँ ॥18॥

हर कद टध रनत हघ नमंदरसानम ।
बहसत अबसार भई कहघ खधलत रहध मधरध ससारअँ ग पसानम ?
ससनतहहमं टध र, दररर तहअँ आए, कब कध ननकसध लसाल ।
जसवित नहहमं नमंद तम्
स हरघ बबनस, बधगग चलर, गबोपसाल ।
स्यसामहहमं ल्यसाई महरर जसबोदसा तसरतहहमं पसाइअँ पखसारध ।
ससरदसास प्रभस समंग नमंद कत बघठध हत दबोउ बसारध ॥19॥
जसवित कसान्ह नमंद इकठररध ।
कछसक खसात लपटसात दबोऊ कर बसालकधसल अनत भबोरध ।
बरसा करर मधलत मख
स भमतर, समररच दसन टकटररध ।
तमछन लगम नघन भरर आए, रबोवित बसाहर दररध ।
फअँस कनत बदन रबोहहनम ठसाढह, सलए लगसाइ अअँकबोरध ।
सरस स्यसाम ककमं मधरस करर दघ , ककन्हध तसात ननहबोरध ॥20॥
मबोहन कसाहस न उगगलर मसाटह ।
बसार-बसार अनरुगच उपजसाविनत, महरर हसाथ सलए ससाअँटह ।
महतसारह सद मसानत नसाहहमं, कपट-चतसरई ठसाटह ।
बदन उघसारर हदखसायर अपनर, नसाटक कक पररपसाटह ।
बडम बसार भई लबोचन उघरध , भरम-जविननकसा फसाटह ।
ससर ननरख नअँदरसानन भ्रसमत भई, कहनत न ममठछ-खसाटह ॥21॥
नमंद करत पसजसा, हरर दध खत ।
घमंट बजसाइ दध वि अन्हविसायर, दल चमंदन लघ भधटत ।
पट अमंतर दघ भबोग लगसायर, आरनत करह बनसाइ ।
कहत कसान्ह, बसाबसा तसम अरप्यर, दध वि नहहमं कछस खसाइ ।
गचतघ रहध तब नमंद महरर-मसख ससनहस कसान्ह कक बसात ।
ससर स्यसाम दध विनन कर जबोरहस, कससल रहघ कजहहमं गसात ॥22॥
कहत नमंद ,जससमनत सद बसात ।
कहसा जसाननए कह तघ दध ख्यद मधरत कसान्ह ररससात ।
पसाअँच बरष कबो मधरर कन्हघ यसा, अचरज तधरह बसात ।
बबनहहमं कसाज ससाअँहट लध धसाविनत, तसा पसाछघ बबललसात ।
कससल रहत बलरसाम स्यसाम दबोउ, खधलत-खसात--अन्हसात ।
ससर स्यसाम कद कहसा लगसाविनत, बसालक कबोमल गसात ॥23॥
मसाखन-चबोरह

मघयसा रह, मबोहहमं मसाखन भसाविघ ।


जबो मधविसा पकविसान कहनत तस, मबोहहमं नहहमं रुगच आविघ ।
ब्रज-जसवितम इक पसाछघ ठसाढह, ससनत श्यसाम कक बसात ।
मन-मन कहनत कबहसअँ अपनत घर, दध खद मसाखन खसात ।
बघठध जसाइ मथननयसाअँ कत हढिग, मत तब रहद छपसानम ।
ससरदसास प्रभस अमंतरजसामममं ग्विसासलनन मन कक जसानम ॥1॥

गए स्यसाम नतहहमं ग्विसलनन कत घर ।


दध ख्यर द्विसार नहहमं कबोउ, इत-उत गचतघ चलघ तब भमतर ।
हरर आवित गबोपम जब जसान्यर, आपसन रहह छपसाइ ।
सन
स स सदन मथननयसाअँ कत हढिग, बघहठ रहध अरगसाइ ।
मसाखन भरह कमबोरह दध खत लघ-लघ लसागध खसान ।
गचतघ रहध मनन-खमंभ-छसाअँह तन, तसासद करत सयसान ।
प्रथम आजस मत चबोरह आयर, भलर बन्यर हघ समंग ।
आपस खसात प्रनतबबमंब खविसावित, गगरत कहत, कसा रमं ग ?
जर चसाहर सब दध उअँ कमबोरह, अनत ममठबो कत डसारत ।
तसमहह दध नत मत अनत ससख पसायर, तसम कजय कहसा बबचसारत ।
ससनन-ससनन बसात स्यसाम कध मसख कक उमअँगग उठछ ब्रजनसारह ।
सरस दसास प्रभस ननरखख ग्विसासल मख
स तब भकज चलध मरस सारह ॥2॥

प्रथम करह हरर मसाखन-चबोरह ।


ग्विसासलनन मन इच्छसा करर पसरन, आपस भजध ब्रज खबोरह ।
मन मत यहघ वविचसार करत हरर, ब्रज घर-घर सब जसाऊअँ ।
गबोकसल जनम सलयर सख
स कसारन, सबकत मसाखन खसाऊअँ ।
बसाल-रूप जससमनत मबोहहमं जसानघ,गबोपनन समसल ससख भबोग ।
ससरदसास प्रभस कहत प्रधम सद, यध मधरध ब्रज-लबोग ॥3॥

गबोपसालहहमं मसाखन खसान दघ ।


ससनन रह सखम, मरन ह्विघ रहहए, बदन दहह लपटसान दघ ।
गहह बहहयसाअँ हद लघकध जघहत, नघननन तपनत बसझसान दघ ।
यसाकर जसाइ चरगसनम लघहद, मबोहहमं जससमनत लद जसान दघ ।
तस जसाननत हरर कछस न जसानत,सन
स त मनबोहर कसान दघ ।
ससर स्यसाम ग्विसासलनन बस ककन्हहमं, रसाखनतमं तन मन प्रसान दघ ॥4॥

जससदसा कहअँ लत ककजघ कसानम ।


हदन-प्रनत कघसस सहह परनत हघ , दध
स -दहह कक हसानन ।
अपनध यसा बसालक कक करनम, जर तसम दध खर आनन ।
गबोरस खसाइ, खविसाविघ लररककन, भजत भसाजन भसानन ।
मत अपनध ममंहदर कध कबोनघ, रसाख्यर मसाखन छसानन ।
सबोई जसाइ नतहसारत ढिरटसा, लहन्हर हघ पहहचसानन ।
बसखझ ग्विसासल ननज गह
क मत आयर, नत कस न समंकसा मसानन ।
सरस स्यसाम यह उतर बनसायर, चममंटह कसाढत पसानन ॥5॥
आपस गए हरुऐमं ससनत घर ।
सखसा सबघ बसाहहर हह छसाअँड,ध दध ख्यर दगध-मसाखन हरर भमतर ।
तसरत मथ्यर दगध-मसाखन पसायर, लघ लघ खसात, धरत अधरनन पर ।
सघन दध इ सब सखसा बसलसाए, नतनहहमं दध त भरर-भरर अपनत कर ।
नछटकक रहह दगध-बअँसहद हृदय पर, इत-उत गचतवित करर मन मत डर ।
उठत ओट लघ लखत सबनन कद , पसनन लघ खसात ग्विसालनन बर ।
अमंतर भई ग्विसासल यह दध खनत मगन भई, अनत उर आनमंद भरर ।
सरस स्यसाम मख
स ननरखख थककत भई, कहत न बनघ, रहह मन दघ हरर ॥6॥

जसान जस पसाए हद हरर नमकत ।


चबोरर-चबोरर दगध मसाखन मधरह, ननत प्रनत गमगध रहध हबो छछकत ।
रबोकयर भविन-द्विसार ब्रज-सन्
स दरर, नसपरस मअँहस द अचसानक हह कघ ।
अब कघसध, जघयतस अपनध बल, भसाजन भसाअँकज, दध
स दगध पम कघ ?
ससरदसास प्रभस भलत परध फमंद, दध उअँ न जसान भसावितध जम कत ।
भरर गमंडसष, नछरकक दघ नघननन, गगररधर भसाकज चलध दघ कककघ ॥7॥

अब यध झसठहस बबोलत लबोग ।


पसाअँच बरष अरु कछसक हदननन कर, कब भयर चबोरह जबोग ।
इहहमं समस दध खन आविनत ग्विसासलनन, मअँह
स फसाटध जस गअँविसारर ।
अनदबोषध कद दबोष लगसाविनतमं, दई दध इगर टसारर ।
कघसस करर यसाकक भसज पहसअँचम, खरन बधग ह्यसाअँ आयर ?
ऊखल ऊपर आनन, पमहठ दघ , तसापर सखसा चढसायर ।
जर न पत्यसाहस चलबो सअँग जससमनत, दध खर नघन ननहसारह ।
ससरदसास प्रभस नघकसअँ न बरजर, मन मघ महरर वविचसारह ॥8॥
इन अखखयन आगत तघ मबोहन, एकर पल जनन हबोहस ननयसारध ।
हद बसल गई, दरस दध खत बबनस तलफत हघ नघननन कध तसारध ।
औरक सखसा बसलसाइ आपनध इहहमं आअँगन खधलर मधरध बसारध ।
ननरखनत रहद फननग कक मनन ज्यद, ससन्दर बसाल-वविनबोद नतहसारध ।
मधस, मधविसा, पकविसान, समठसाई व्यमंजन खसाटध , ममठध खसारध ।
सरस स्यसाम जबोइ-जबोइ तम
स चसाहर. सबोइ-सबोइ मसाअँगग लधहस मधरध बसारध ॥9॥
चबोरह करत कसान्ह धरर पसाए ।
ननसस-बसासर मबोहहमं बहसत सतसायर अब हरर हसाथहहमं आए ।
मसाखन-दगध मधरर सब खसायर, बहसत अचगरह ककन्हह ।
अब तर घसात परध हर लसालन, तम्
स हत भलत मत चमन्हह ।
दबोउ भसज पकरर, कह्यर कहअँ जघहद, मसाखन लधउअँ मअँगसाइ ।
तधरह सद मत नघकसअँ न खसायर, सखसा गयध सब खसाइ ।
मसख तन गचतघ, बबहअँसस हरर दहन्हद, ररस तब गई बसझसाइ ।
सलयर स्यसाम उर लसाइ ग्विसासलनम, ससरदसास बसल जसाइ ॥10॥

कसान्हहहमं बरजनत ककन नअँदरसानम ।


एक गसाउअँ कत बसत कहसाअँ लद करत नमंद कक कसानम ।
तसम जबो कहनत हर, मधरबो कन्हघ यसा, गमंगसा कघसर पसानम ।
बसाहहर तरुन ककसबोर बयस बर, बसाट घसाट कर दसानम ।
बचन बबगचत, कमल-दल-लबोचन, कहत सरस बर बसानम ।
अचरज महरर तसम्हसारध आगत अबघ जमभ तसतरसानम ।
कहअँ मधरर कसान्ह, कहसाअँ तम
स ग्विसाररनन, यह बबपरहनतन जसानम ।
आविनत ससर उरहनध कत समस,दध खख कसअँविर मसससकसानम ॥11॥

मथसरसा जसानत हद बधचन दहहयर ।


मरघ घर कर द्विसार, सखम रह, तललद दध खनत रहहयर ।
दगध-मसाखन द्विघ मसाट अछसतध तबोहहमं सदपनत हद सहहयर ।
और नहहमं यसा ब्रज मत कबोऊ, नन्द-ससविन सखख लहहयर ।
तध सब बचन ससनध मन-मबोहन, विहघ रसाह मन गहहयर ।
ससर पररर लद गई न ग्विसासलन, कसद परध दघ धहहयर ॥12॥

गए स्यसाम ग्विसासलनन घर ससनत ।


मसाखन खसाइ, डसारर सब गबोरस, फबोरर ककए सब चसनध ।
बडर मसाट इक बहसत हदननन कर, तसाहह करर‌यर दस टसक ।
सबोवितत लररकनन नछरकक महहमं सद, हअँसत चलध दघ कसक ।
आई ग्विसासलनन नतहहमं औसर, ननकसत हरर धरर पसाए ।
दध खध घर बसासन सब फसटध , दध
स दहह ढिरकसाए ।
दबोउ भसज धरर गसाढत करर लहन्हध , गई महरर कघ आगघ ।
ससरदसास अब बसध करन ह्यसाअँ, पनत रहहहत ब्रज त्यसागत ॥13॥
करत कसान्ह ब्रज-घररन अचगरह ।
खमझनत महरर कसान्ह सद पसनन-पसनन, उरहन लघ आविनत हत सगरह ।
बडध बसाप कध पसत कहसावित, हम विघ विसास बसत इक बगरह ।
नन्दहस तत यध बडध कहघ हत फधरर बसघहत यह ब्रज नगरह ।
जननम कत खमझत हरर रबोए, झसठहहमं मबोहहमं लगसाविनत धगरह ।
सरस स्यसाम मख
स पकनछ जसबोदसा. कहनत सबघ जवि
स तम हत लअँ गरह ॥14॥

अपनर गसाउअँ लधउ नअँदरसानम ।


बडध बसाप कक बधटह, पसतहह भलह पढसाविनत बसानम ।
सखसा-भमर लघ पघठत घर मत आपस खसाइ तर सहहऐ ।
मत जब चलह ससामहत पकरन, तब कध गसन कहसा कहहऐ ।
भसाकज गए दरस र दध खत कतहसअँ, मत घर परढह आइ ।
हरत हरत बधनम गहह पसाछत , बसाअँधम पसाटह लसाइ ।
ससनस मघयसा, यसाकध गसन मबोसद, इन मबोहहमं लयर बसलसाई ।
दगध मत पडम ससत कक मबोपघ चमटह सबघ कढसाई ।
टहल करत मत यसाकध घर कक यह पनत सअँग समसल सबोई ।
सरस बचन सनस न हअँसम जसबोदसा, ग्विसाल रहह मख
स गबोई ॥15॥

महरर तस बडम ककपन हघ मसाई ।


दध
स -दहह बहस बबगध कर दहनर, ससत सद धरनत छपसाई ।
बसालक बहसत नहहमं रह तधरत एकघ कसअँविर कन्हसाई ।
सबोऊ तर घरहह घर डबोलतस, मसाखन खसात चबोरसाई ।
विद
क बयस, पसरध पसन्यनन तत, बहसतघ ननगध पसाई ।
तसाहसअँ कध खघबध-पमबध कद, कहसा करनत चतसरसाई ।
ससनहसअँ न विचन चतसर नसागरर कध जससमनत नन्द सन
स साई ।
ससर स्यसाम कद चबोरह कत समस दध खन हघ यह आई ॥16॥
अनत सत
स गबोरस कद कत जसात ?
घर ससरभम कसारह धररह कर मसाखन मसाअँगग न खसात ।
हदन प्रनत सबघ उरहनध कत समस, आविनत हघ उहठ प्रसात ।
अनलहतध अपरसाध लगसाविनत, बबकहट बनसाविनतमं बसात ।
ननपट ननसमंक बबबसादहहमं समंमसख, ससनन-ससनन नन्द ररससात ।
मबोसद कहनतमं ककपन तधरत घर ढिरटसाहस न अघसात ।
करर मनसहरर उठसाइ गबोद लघ, बरजनत ससत कद मसात ।
ससर स्यसाम ननत उरहनर, दख
स पसाविन तधरर तसात ॥17॥
हरर सब भसाजन फबोरर परसानध ।
हसाअँक दध त पघठध दघ पधलसा नतकस न मनहहमं डरसानध ।
सममंकध छबोरर, मसारर लरकनन कद, मसाखन-दगध सब खसाई ।
भविन मच्यर दगध कसाअँदर, लररकन रबोवित पसाए जसाई ।
ससनहस-ससनहस सबहहनन कध लररकसा, तघरर सर कहसअँ नसाहहमं ।
हसाटननमं-बसाटनन, गसलनन कहसअँ कबोउ चलत नहहमं डरपसाहहमं ।
ररतस आए कर खधल, कन्हघ यसा सब हदन खधलत फसाग ।
रबोकक रहत गहह गलह ससाअँकरह, टध ढह बसाअँधत पसाग ।
बसारध तत सत
स यध ढिमं ग लसाए, मनहहमं मनहहमं ससहसानत ।
ससनत ससर ग्विसासलनन कक बसातत, सकसगच महरर पनछतसानत ॥18॥
कन्हघ यसा तस नहहमं मबोहहमं डरसात ।
षटरस धरध छसाअँडड कत पर घर, चबोरह करर करर खसात ।
बकत-बकत तबोसद पगचहसारह, नतकसहसअँ लसाज न आई ।
ब्रज-परगन-ससगदसार महर, तस तसाकक करत नन्हसाई ।
पसत सपसत भयर कसल मधरत, अब मत जसानम बसात ।
ससर स्यसाम अब लद तसहहमं बकस्यर, तधरह जसानम घसात ॥19॥
मघयसा मत नहहमं मसाखन खसायर ।
ख्यसाल परत यध सखसा सबघ समसल, मधरघ मसख लपटसायर ।
दध खख तह
स ह सममंकध पर भसाजन, ऊअँचध धरर लटकसायर ।
हद जस कहत नसान्हध कर अपनत मत कघसस करर पसायर ।
मसख दगध पकनछ, बसवद एक ककन्हह, दबोनसा पमहठ दरस सायर ।
डसारर ससाअँहट मसससकसाइ जसबोदसा, स्यसामहहमं कमंठ लगसायर ।
बसालबबनबोद मबोद मन मबोह्यर, भककत प्रतसाप हदखसायर ।
सरस दसास जसम
स त कर यह सख
स , ससवि बबरकञच नहहमं पसायर ॥20॥
जससमनत तधरर बसारर कसान्ह अनतहह जस अचगरर ।
दध
स -दहह मसाखन लघ डसारर दध त सगरर ।
भबोरहहमं ननत प्रनतहह उहठ, मबोसद करत झगरर ।
ग्विसाल-बसाल समंग सलए घधरर रहघ डगरर ।
हम-तसम सब बघस एक, कसातत कबो अगरर ।
सलयर हदयर सबोई कछस, डसारर दध हस झगरर ।
ससर श्यसाम तधरर अनत, गसननन मसाहहमं अगरर ।
चबोलह अरु हसार तबोरर, छबोरर सलयर सगरर ॥21॥

ऐसम ररस मत जर धरर पसाऊअँ ।


कघसध हसाल करद धरर हरर कध, तसमकद प्रकट हदखसाऊअँ ।
सअँहटयसा सलए हसाथ नअँदरसानम, थरथरसात ररस गसात ।
मसारध बबनसा आजस जर छसाअँडद, लसागघ मस रत तसात ।
इहहमं अमंतर ग्विसाररनन इक औरघ , धरध बसाअँह हरर ल्यसाविनत।
भलह महरर ससधर ससत जसायर, चबोलह-हसार बतसाविनत ।
ररस मत ररस अनतहहमं उपजसाई, जसानन जननन असभलसाष ।
ससर स्यसाम भसज गहध जसबोदसा, अब बसाअँधर कहह मसाष ॥22॥

बसाअँधर आजस करन तबोहहमं छररस ।


बहसत लअँ गरई ककन्हद मबोसक, भज
स गहह रजस ऊखल सद जबोरघ ।
जननम अनत ररस लसानन बअँधसायर, ननरखख बदन, लबोचन जल ढिबोरघ ।
यह ससनन ब्रज-जसवितममं सब धसाई कहनतमं कसान्ह अब गयद नहहमं छररघ ।
ऊखल सद गहह बसाअँगध जसबोदसा, मसारन कद ससाअँटह कर तबोरघ ।
ससाअँटह दध खख ग्विसासल पनछतसानम, बबकल भई जहअँ-तहअँ मसख मबोरघ ।
सन
स हस महरर ऐसम न बसखझऐ सत
स बसाअँधनत मसाखन दगध थबोरत ।
ससर स्यसाम कद बहसत सतसायबो, चसक परह हम तत यह भररत ॥23॥

कहसा भयर जर घर कत लररकसा चबोरह मसाखन खसायर ।


अहबो जसबोदसा कत तसासनत हर यहघ कबोखख कबो जसायर ।
बसालक अजद अजसान न जसानघ कधनतक दह्यर लट
स सायर ।
तधरह कहसा गयर ? गबोरस कर गबोकसल अमंत न पसायर ।
हसा हसा लकसट तसास हदखरसाविनत आअँगन पसास बअँधसायर ।
रुदन करत दबोउ नघन रचध हत, मनहसअँ कमल-कन छसायर ।
पमहढ रहध धरनम पर नतरछत बबलखख बदन मसरझसायर ।
सरस दसास प्रभस रससक-ससरबोमनन , हअँसस करर कमंठ लगसायर ॥24॥
हलधर सद कहह ग्विसासल सन
स सायर ।
प्रसातहहमं तत तसम्हरर लघस भघयसा, जससमनत ऊखल बसाअँगध लगसायर ।
कसाहस कध लररकहहमं हरर मसाररयबो, भबोरहह आनन नतनहहमं गसहरसायर ।
तबहहमं तस बसाअँधध हरर बघठध, सबो हम तम
स कद आनन जनसायर ।
हम बरजम,बरज्यर नहहमं मसाननत; ससनतहहमं बल आतसर ह्विघ धसायर ।
ससर स्यसाम बघठध ऊखल लगग, मसातसा उर तनस अनतहह तससायर ॥25॥
यह ससनन कघ हलधर तहअँ धसाए ।
दध खख स्यसाम ऊखल सद बसाअँधध, तबहक दबोउ लबोचन भरर आए ।
मत बरज्यर कघ बसार कन्हघ यसा, भलह करह दबोउ हसाथ बअँधसाए ।
अजहसअँ छसाअँडरगध लअँ गरसाई, दबोउ कर जबोर जननन पघ आए ।
स्यसामहहमं छबोरर मबोहहमं बसाअँधध बरु, ननकसत सगसन मलध नहहमं पसाए ।
मधरध प्रसान-कजविन-धन कसान्हसा, नतनकध भज
स मबोहहमं बअँधध हदखसाए ।
मसातसा सद कह करद हढिठसाई, सबो सरूप कहह नसाम सन
स साए ।
ससरदसास तब कहनत जसबोदसा दबोउ भघयसा तसम इक मत पसाए ॥26॥
तबहहमं स्यसाम इक बसवद उपसाई ।
जसवितम गई घरनन सब अपनत, गह
क कसारज जननम अटकसाई ।
आपस गए जमलसाजसन
र्ध -तरु-तर, परसत पसात उठघ झहरसाई ।
हदए गगरसाइ धरनन दबोऊ तरु, ससत कसविधर कध प्रगटध आई ।
दबोउ कर जबोर करत दबोउ अस्तसनत, चसारर भसजसा नतन्ह प्रगट हदखसाई ।
सरस धन्य ब्रज जनम सलयर हरर, धरनम कक आपदसा नससाई ॥27॥

अब घर कसाहसअँ कतजनन जसाहस ।


तसम्हरत आजस कमम कसाहध कक,कत तसम अनतहहमं खसाहस ।
बरघ जसविरह कजहहमं तम
स बसाअँधघ, परघ हसाथ भहरसाह ।
नमंद मबोहहमं अनतहहमं तसासत हत, बसाअँधअँ कसअँविर कन्हसाइ ।
रबोग जसाउ हलधर कध, छबोरत हबो तब स्यसाम ।
सरस दसास प्रभस खसात कफरर जनन, मसाखन-दगध तवि
स धसाम॥28॥
भख
स र भयर आजस मधरह बसारर ।
भबोरहहमं ग्विसारर उरहनर ल्यसाई, उहहमं यह ककयर पससारर ।
पहहलधहहमं रबोहहनन सद कहह रसाख्यर, तसरत कर जधविनसार ।
ग्विसाल-बसाल सब बबोसल सलए, समसल बघठध नन्द-कसमसार ।
भबोजन बधगग ल्यसाउ कछस मघयसा, भसख लसागग मबोहह भसारह ।
आजस सबसारध कछस नहहमं खसायर, ससनत हअँ सम महतसारह ।
रबोहहनम गचतघ रहह जससमनत-तन, ससर धसनन-धसनन पनछतसानम ।
परसहस बधगग बधर कत लसाविनत, भसखध ससाअँरगपसानम ।
बहस ब्यमंजन बहस भसाअँनत रसबोई, षटरस कध परकसार ।
ससरस्यसाम हलधर दबोउ भघयसा, और सखसा सब ग्विसार ॥29॥
मबोहहमं कहनतमं जसवितम सब चबोर ।
खधलत कहसअँ रहद मत बसाहहर, गचतघ रहनतमं सब मधरह ओर ।
बबोसल लधनतमं भमतर घर अपनत, मसख चसमनतमं भरर लधनतमं अअँकबोर ।
मसाखन हध रर दध नतमं अपनत कर कछस कहह बबगध सद करनतमं ननहबोर ।
जहसाअँ मबोहहमं दध खनतमं, तहअँ टध रनतमं, मत नहहमं जसात दह
स साई तबोर ।
सरस स्यसाम हअँसस कमंठ लगसायर, विघ तरुनम कहअँ बसालक मबोर ॥30॥
जससमनत कहनत कसान्ह मधरध प्यसारध , अपनत हह आअँगन तम
स खधलर ।
बबोसल लधहस सब सखसा समंग कध, मधरह कह्यर कबहसअँ कजनन पधलर ।
ब्रज-बननतसा सब चबोर कहनतमं तबोहहमं, लसाजन सकसगच जसात मसख मधरर ।
आजस मबोहहमं बलरसाम कहत हध , झसठहहमं नसाम धरनत हत तधरह ।
जब मबोहहमं ररस लसागनत तब तसासनत, बसाअँधनत, मसारनत जघसस चधरह ।
ससर हअँसनत ग्विसासलन दध तसारह, चबोर नसाम कघसधहसअँ ससत फधरर ॥31॥

विमंद
क साविन लहलसा
विमंद
क साविन प्रस्थसान
महरर-महरर कत मन यह आई ।
गबोकसल हबोत उपद्रवि हदन प्रनत, बससऐ बमंद
क साविन मत जसाई ।
सब गबोपनन समसल सकटसा ससाजध, सबहहनन कध मन मत यह भसाई ।
ससर जमसन-तट डधरसा दहन्हध , बरष कध कसअँविर कन्हसाई ॥1॥
गबोदबोहन
मत दहस हहद मबोहहमं दह
स न ससखसाविहस ।
कघसस गहत दबोहनम घसटसविनन, कघसत बछरसा थन लघ लसाविहस ।
कघसत लघ नबोई पग बसाअँधत, कघसध लघ गघयसा अटकसाविहस ।
कघसत धसार दध
स कक बसाजनत, सबोई सबोइ वविगध तसम मबोहहमं बतसाविहस ।
ननपट भई अब ससाअँझ कन्हघ यसा, गघयनन पघ कहसअँ चबोट लगसाविहस ।
सरस श्यसाम सद कहत ग्विसाल सब,धधनस दह
स न प्रसातहह उहठ आविहस ॥2॥
गबो-चसारण
आजस मत गसाइ चरसाविन जघहद ।
बमंद
क साबन कध भसाअँनत भसाअँनत फल अपनध कर मत खघहद ।
ऐसम बसात कहर जनन बसारध , दध खर अपनम भसाअँनत ।
तनक तनक पग चसलहर कघसत, आवित ह्वित हघ अनत रसानत ।
प्रसात जसात गघयसा लघ चसारन, घर आवित हत ससाअँझ ।
तसम्हरर कमल बदन कसकम्हलघहघ, रस गत घसामहहमं मसाअँझ ।
तधरह सद मबोहहमं घसाम न लसागत, भख
स नहहमं कछस नधक ।
ससरदसास प्रभस कह्यर न मसानत , पररयर आपनबो टध क ॥1॥

बमंद
क साविन दध ख्यर नअँम-नमंदन, अनतहहमं परम ससख पसायर ।
जहअँ-जहअँ गसाइ चरनत ग्विसालनन सअँग, तहअँ-तहअँ आपसन धसायर ।
बलदसाऊ मबोकद जनन छसाअँडर समंग तसम्हसारत ऐहद ।
कघसधहसअँ आजस जसबोदसा छसाअँड़्यर, कसाकल्ह न आविन पघहद ।
सबोवित मबोकद टध रर लधहसगध, बसाबसा नमंद-दह
स साई ।
ससर स्यसाम बबनतम करर बल सक, सखनन समधत सन
स साई ॥2॥

बबहसारह लसाल, आविहस, आई छसाक ।


भई अबसार, गसाइ बहसरसाविहस, उलटसाविहस दघ हसाअँक ।
अजसन
र्ध , भबोज अरु ससबल, ससदसामसा, मधसममंगल इक तसाक ।
समसल बघठ सन जधविन लसागध, बहसत बनध कहह पसाक ।
अपनम पतसाविसल सब दध खत, जहअँ-तहअँ फधनन वपरसाक ।
ससरदसास प्रभस खसात ग्विसाल सअँग, ब्रह्मलबोक यह धसाक ॥3॥

ब्रज मत कबो उपज्यर यह भघयसा ।


समंग सखसा सब कहत परस्पर, इनकध गसन अगमघयसा ।
जब तत ब्रज अवितसार धररयर, इन, कबोउ नहहमं घसात करघ यसा ।
तन
क सावितर्ध पसतनसा पछसारह, तब अनत रहध नन्हघयसा ।
ककनतक बसात यह बकसा वविदसाररयर, धनन जसम
स नत कजन जघयसा
ससरदसास प्रभस कक यह लहलसा, हम कत कजय पनछतघयसा ॥4॥

आजस जसबोदसा जसाइ कन्हघ यसा महसा दष्स ट इक मसाअँर‌य


र र॥
पन्नग-रूप समलध सससस गबो-ससत इहहमं सब ससाथ उबसाररयर ।
गगरर -कमंदरसा समसान भयसानक जब अघ बदन पससाररयर ।
ननडर गबोपसाल पघहठ मसख भमतर, खमंड-खमंड करर डसाररयर ।
यसाकत बल हम बदत न कसाहसहहमं, सकल भसस म तन
क चसाररयर ।
जमतध सबघ अससर हम आगत, हरर कबहसअँ नहहमं हसाररयर ।
हरवष गए सब कहनन महरर सद अबहहमं अघसाससर मसाररयर ।
सरस दसास प्रभस कक यह लहलसा ब्रज कर कसाज सअँविसाररयर ॥5॥
ब्रह्मसा बसालक-बच्छ हरध ।
आहद अमंत प्रभस अमंतरजसामम, मनससा तत जस करध ।
सबोइ रूप विघ बसालक गर-ससत, गबोकसल जसाइ भरध ।
एक बरष ननसस बसासर रहह सअँग, कहस न जसानन परध ।
तसास भयर अपरसाध आपस लखख, अस्तनस त करत सरध ।
ससरदसास स्विसामम मनमबोहन, तसामघ मन न धरध ॥6॥

आजस कन्हघ यसा बहसत बच्यर रह ।


खधलत रह्यर घबोष कत बसाहर, कबोउ आयर सससस रूप रच्यर रह ।
समसल गयर आइ सखसा कक नसाई, लघ चढसाइ हरर कमंध सच्यर रह ।
गगन उडसाइ गयर लघ स्यसामहह, आनन धरनन पर आप दच्यर रह ।
धमर्ध सहसाइ हबोत हघ जहअँ-जहअँ स्रम करह पसरब पसन्य पच्यर रह ।
ससर स्यसाम अब कत बगच आए, ब्रज-घर-घर ससख-ससमंधस मच्यर रह ॥7॥

अब कत रसाखख लधहस गबोपसाल ।


दसहसअँ हदससा दस
स ह दसाविसागगनन उपजम हघ इहहमं कसाल ।
पटकत बसाअँस, कसाअँस कसल चटकत, लटकत तसाल तमसाल ।
उचटत अनत अमंगसार, फसटत फर, झपटत लपट करसाल ।
घसम धगसअँ ध बसाढह घर अमंबर, चमकत बबच-बबच ज्विसाल ।
हररन,बरसाह, मबोर, चसातक, वपक जरत जमवि बधहसाल ॥
जनन कजय डरहस, नघन मअँद
स हस सब, हअँसस बबोलध नअँदलसाल ।
ससर अगगनन सब बदन समसानम ,अभय ककयध ब्रज-बसाल ॥8॥
बन तत आवित धधनस चरसाए ।
समंध्यसा समय ससाअँविरध मसख पर, गबो-पद-रज लपटसाए ।
बरह मक
स स ट कत ननकट लसनत लट, मधप
स मनर रुगच पसाए ।
बबलसत ससधसा जलज-आनन पर, उडत न जसात उडसाए ।
बबगध बसाहन-भच्छन कक मसालसा, रसाजत उर पहहरसाए ।
एक बरन बपस नहहमं बड छबोटध , ग्विसाल बनध इक धसाए ।
ससरदसास बसल लहलसा प्रभस कक, जमवित जन जस गसाए ॥9॥

मघयसा बहसत बसरबो बलदसाऊ ।


कहन लग्यर मन बडबो तमसासम, सब मबोढसा समसल आऊ ।
मबोहसअँ कद चसचकसार गयबो लघ, जहसाअँ सघन बन झसाऊ ।
भसागग चलर कहह गयर उहसाअँ तघ, कसाहट खसाइ रध हसाऊ ।
हद डरपद अरु रबोविद, कबोउ नहहमं धमर धरसाऊ ।
थरसस गयद नहहमं भसागग सकद, विघ भसागध जसात अगसाऊ ।
मबोसद कहत मबोल कर लहनबो, आपस कहसावित ससाऊ ।
ससरदसास बल बडर चबसाई, तघसधहहमं समलध सखसाऊ ॥10॥

मघयसा हद न चरघ हद गसाइ ।


ससगरध ग्विसाल नघरसावित मबोसद, मधरध पसाइ वपरसाइ ।
जर न पत्यसाहह पसनछ बलदसाऊहहमं, अपनम सदह हदविसाइ ।
यह ससनन मसाइ जसबोदसा ग्विसालनन, गसारह दध नत ररससाइ ।
मत पठविनत अपनध लररकसा कद, आविघ मन बहरसाइ ।
ससर स्यसाम मधरर अनत बसालक, मसारत तसाहह ररमंगसाइ ॥11॥
धनन यह विमंद
क साविन कक रध नस ।
नमंद-ककसबोर चरसावित गघयसाअँ, मख
स हहमं बजसावित बधनस ।
मन-मबोहन कर ध्यसान धरघ कजय, अनत ससख पसावित चघन ।
चलत कहसाअँ मन और पसरह तन, जहअँ कछस लघन न दघ नस ।
इहसाअँ रहहस जहअँ जठ
स नन पसाविहस, ब्रजविसाससन कघ ऐनस ।
ससरदसास ह्यसाअँ कक सरविरर नहह, कल्पविच्
क छ ससर-धघनस ॥12॥

सबोवित नममंद आइ गई स्यसामहहमं ।


महरर उठछ परढसाइ दह
स स अँनन कद, आपस लगम गह
क कसामहहमं ।
बरजनत हघ घर कध लबोगनन कद, हरुऐमं लघ-लघ नसामहहमं ।
गसाढघ बबोसल न पसावित कबोऊ, डर मबोहन बलरसामहहमं ।
ससवि सनकसाहद अमंत नहहमं पसावित, ध्यसावित अह-ननसस जसामहहमं ।
ससरदसास-प्रभस ब्रह्म सनसातन, सबो सबोवित नअँद-धसामहहमं ॥13॥

दध खत नमंद कसान्ह अनत सबोवित ।


भसखध भए आजस बन-भमतर, यह कहह कहह मसख जबोवित ।
कह्यर नहहमं मसानत कसाहस कर, आपस हठछ दबोउ बमर ।
बसार-बसार तनस पकछत कर सक , अनतहहमं प्रधम कक पमर ।
सधज मअँगसाइ लई तहअँ अपनम, जहसाअँ स्यसाम-बलरसाम ।
ससरदसास प्रभस कघ हढिग सबोए, सअँग परढह नअँद-बसाम ॥14॥
जसागग उठध तब कअँस विर कन्हसाई ।
मघयसा कहसाअँ गई मबो हढिग तघ, समंग सबोविनत बल भसाई ।
जसागध नमंद, जसबोदसा जसागम, बबोसल सलए हरर पसास ।
सबोवित झझकक उठध कसाहध तघ; दहपक ककयर प्रकसास ।
सपनत कसहद पररयर जमन
स सा दह, कसाहसअँ हदयबो गगरसाइ ।
ससर स्यसाम सद कहनत जसबोदसा, जनन हबो लसाल डरसाइ ॥15॥

मत बरज्यर जमन
स सा-तट जसात ।
ससगध रहह गई न्हसात कक तधरघ, जनन डरपर मधरध तसात ।
नमंद उठसाइ सलयर कबोरसा करर, अपनध समंग परढसाइ ।
विमंद
क साविन मत कफरत जहसाअँ तहअँ , ककहहमं कसारन तस जसाइ ।
अब जनन जघहर गसाइ चरसाविन, कहअँ कबो रहनत बलसाइ ।
ससर स्यसाम दमं पनत बबच सबोए, नममंद गई तब आइ ॥16॥

कसालह-दमन
नसारद ऋवष नप
क तर यद भसाषत ।
विध हत कसाल तसम्हसारध प्रगटध कसाहत उनकद रसाखत ।
कसालह उरग रहघ जमन
स सा मत, तहघ तत कमल मअँगसाविहस ।
दत
स पठसाइ दध हस ब्रज ऊपर, नमंदहहमं अनत डरपसाविहस ।
यह ससनन कघ ब्रज लबोग डरतगघ, वित ससननहत यह बसात ।
पसहसप लघन जघहत नअँद-ढिरटसा, उरग करघ तहअँ घसात ।
यह सनस न कमंस बहसत पसायर, भलह कहह यह मबोहह ।
ससरदसास प्रभस कद मसनन जसानत, ध्यसान धरत मन जबोहह ॥1॥

कमंस बसलसाइ दत
स इक लहन्हर ।
कसालहदह कध फसल मअँगसाए, पत सलखसाइ तसाहह कर दहन्हर ।
यह कहहयर ब्रज जसाइ नमंद सद, कमंस रसाज अनत कसाज मअँगसायबो ।
तसरत पठसाइ हदऐमं हबो बनन हघ , भलह-भसाअँनत कहह-कहह समसझसायर ।
यधह अमंतरजसामम जसानम कजय ,आपस रहध बन ग्विसाल पठसाए ।
ससरस्यसाम, ब्रज-जन-ससखदसायक, कमंस-कसाल, कजय हरष बढसाए॥2॥

पसातम बसाअँचत नमंद डरसानध ।


कसालहदध ह कध फसल पठसाविहस,ससनन सबहह घबरसानध ।
जबो मरकद नहहमं फसल पठसाविहस, तर ब्रज दध हसअँ उजसारर ।
महर, गबोप, उपनमंद न रसाखद, सबहहनन डसारद मसारर ।
पसहसप दध हस तर बनघ तसम्हसारह, नसा तरु गए बबलसाइ ।
ससर स्यसाम बलरसामस नतहसारध , मसाअँगद उनहहमं धरसाइ ॥3॥
पसछर जसाइ तसात सद बसात ।
मत बसल जसाउअँ मख
स सारबबमंद कक, तह
स हमं कसाज कमंस अकसलसात ।
आए स्यसाम नमंद पघ धसाए जसान्यर मसातस-वपतसा बबलखसात ।
अबहहमं दरस करद दख
स इनकर, कमंसहहमं पठघ दध ऊअँ जलजसात ।
मबोसर कहह बसात बसाबसा यह, बहसत करत तम
स सबोच वविचसार ।
कहसा कहद तसमसद मत प्यसारध , कमंस करत तसमसद कछस झसार ।
जब तत जनम भयर हघ तसम्हरर, कधतध करबर टरध कन्हसाइ ।
सरस स्यसाम कसलदध विनन तम
स कद जहसाअँ तहसाअँ करर सलयर सहसाइ ॥4॥

खधलत स्यसाम, सखसा सलए समंग ।


इक मसारत, इक रबोकत गस दहहमं, इक भसागत करर नसानसा रमं ग ।
मसार परसपर करत आपस मत, अनत आनमंद भए मसाहहमं ।
खधलत हह मत स्यसाम सबनन कद, जमसनसा तट कद, लहन्हत जसाहहमं ।
मसारर भजत जबो जसाहह, तसाहह सबो मसारत, लधत आपनर दसाउ ।
सरस स्यसाम कध गसन कबो जसानघ कहत और कछस और उपसाउ ॥5॥

स्यसाम सखसा कर गस द चलसाई ।


श्रमदसामसा मसरर अमंग बचसायर, गस द परह कसालहदह जसाई ।
धसाइ गहह तब फसट स्यसाम कक, दध हस न मधरह गस द मअँगसाई ।
और सखसा जनन मरकक जसानर, मबोसद तसम जनन करर हढिठसाई ।
जसानन-बसखझ तसम गस द गगरसाई, अब दहन्हत हह बनघ कन्हसाई ।
सरस सखसा सब हअँसत परसपर, भलह करह हरर गस द गअँविसाई ॥6॥

फसट छसाअँडड मधरह दध हस श्रमदसामसा ।


कसाहध कद तसम रसारर बढसावित,तनक बसात कत कसामसा ।
मधरह गस द लधहस तसा बदलत, बसाअँह गहत हर धसाइ ।
छबोटर बडर न जसानत कसाहसअँ करत बरसाबरर आइ ।
हम कसाहध कद तसमहहमं बरसाबर बडध नमंद कध पसत ।
ससर स्यसाम दहन्हत हह बननहघ , बहसत कहसावित धसत ॥7॥

ररस करर लहन्हह फसट छसडसाई ।


सखसा सबघ दध खत हत ठसाढध , आपसन चढध कदम पर धसाइ ।
तसारह दघ दघ हअँसत सबघ समसल, स्यसाम गए तसम भसाकज डरसाइ ।
रबोवित चलध श्रमदसामसा घर कद, जसम
स नत आगत कहहहद जसाइ ।
सखसा-सखसा कहह स्यसाम पसकसाररयर, गस द आपनर लधहस न आइ ।
ससर-स्यसाम पमतसामंबर कसाछध , कसहद परध दह मस भहरसाइ ॥8॥

चदकक परह तन कक ससध आई ।


आजस कहसा ब्रज सबोर मचसायर, तब जसान्यर दह गगररयर कन्हसाई ।
पसत-पसत कहहकघ उहठ दररह, व्यसाकसल जमसनसा तमरहह धसाई ।
ब्रज-बननतसा सब समंगहह लसागममं आइ गए बल, अगज भसाई ।
जननम व्यसाकसल दध खख प्रबबोधत धमरज करर नमकत जदरस साई ।
ससर स्यसाम कद नत कसअँ नहहमं डर, जनन तस रबोविघ जससमनत मसाई ॥9॥
जसम
स नत टध रनत कसअँविर कन्हघ यसा ।
आगत दध खख कहत बलरसामहहमं, कहसाअँ रह्यर तसवि भघयसा ।
मधरर भघयसा आवित अबहहमं तरहह हदखसाऊअँ मघयसा ।
धमरज करहस, नघकस तम
स दध खहस, यह सनस न लधत बलघयसा
पसनन यह कहनत मबोहहमं परमबोधत, धरनन गगरह मसरझघयसा ।
ससर बबनसा ससत भई अनत व्यसाकसल, मधरर बसाल कन्हघ यसा ॥10॥

अनत कबोमल तनस धररयर कन्हसाई ।


गए तहसाअँ जहअँ कसालह सबोवित, उरग-नसारर दध खत अकसलसाई ।
कह्यर करन कर बसालक हघ तस, बसार-बसार कहह; भसागग न जसाई ।
छनकहह मत जरर भस्म हबोइगबो, जब दध खध उहठ जसाग जम्हसाई ।
उरग-नसारर कक बसानम ससनन कघ, आपस हअँसध मन मत मसससकसाई ।
मरकद कमंस पठसायर दध खन, तस यसाकद अब दध हह जगसाई ।
कहसा कमंस हदखरसावित इनकद, एक फअँस कहहमं मत जरर जसाई ।
पसनन-पसनन कहत ससर कध प्रभस कर, तस अब कसाहध न जसाई परसाई ॥11॥

खझरकक कघ नसारर, दघ गसारर धसारर तब, पअँसछ पर लसात दघ अहह जगसायर ।


उठ्यर अकसलसाइ, डर पसाइ खग-रसाइ कद, दध खख बसालक गरब अनत बढसायर ।
पअँसछ लहन्हह झटकक, धरनन सद गहह पटकक, फअँस कररयर लटकक करर कबोध फसलध ।
पअँसछ रसाखम चसाअँवप, ररसनन कसालह कसाअँवप, दध खख सब ससाअँवप-अविससान भसलध ।
करत फन घसात, वविष जसात उतरसात, अनत नमर जरर जसात नहहमं गसात परसघ ।
ससर कध स्यसाम प्रभस, लबोक असभरसाम, बबनस जसान अहहरसाज वविष ज्विसाल बरसघ ॥12॥

उरग सलयर हरर कद लपटसाइ ।


गविर्ध-विचन कहह-कहह मसख भसाषत, मरकर नहहमं जसानत अहहरसाइ ।
सलयर लपधहट चरन तत ससख लद, अनत इहहमं मबोसद करत हढिठसाइ ।
चसाअँपम पअँसछ लसकसावित अपनम, जसविनतनन कद नहहमं सकत हदखसाइ ।
प्रभस अमंतरजसामम सब जसानत, अब डसारद इहहमं सकसगच समटसाइ ।
ससरदसास प्रभस तन बबस्तसाररयर, कसालह बबकल भयर तब जसाइ ॥13॥
जबहहमं स्यसाम तन, अनत बबस्तसाररयर ।
पटपटसात टसटत अअँग जसान्यर, सरन-सरन सस पसकसाररयर ।
यह बसानम ससनतहहमं करुनसामय, तसरत गए सकसचसाइ ।
यहघ बचन ससनन द्रप
स द-ससतसा-मसख दहन्हद बसन बढसाइ ।
यहघ बचन गजरसाज सन
स सायर, गरुड छसाअँडड तहअँ धसाए ।
यहघ विचन ससनन लसाखसा गह
क मत, पसामंडवि जरत बचसाए ।
यह बसानम सहह जसात न प्रभस सद, ऐसध परम ककपसाल ।
ससरदसास प्रभस अमंग सकबोररयर, ब्यसाकसल दध ख्यर ब्यसाल ॥14॥

नसाथत ब्यसाल बबलमंब न ककन्हद।


पग सद चसाअँवप धममंच बल तबोररयर नसाकक फबोरर गहह लहन्हर ।
कसहद चढध तसाकध मसाथध पर, कसालह करत बबचसार ।
स्रविननन ससनम रहह यह बसानम, ब्रज ह्विघ हघ अवितसार ।
तधइ अवितरध आइ गबोकसल मत, मत जसानम यह बसात ।
अस्तनस त करन लग्यर सहसर मख
स , धन्य-धन्य जग-तसात ।
बसार-बसार कहह सरन पसकसाररयर, रसाखख-रसाखख गबोपसाल ।
ससरदसास प्रभस प्रगट भए जब, दध ख्यर ब्यसाल बबहसाल ॥15॥
आवित उरग नसाथध स्यसाम ।
नमंद जससदसा, गबोप गबोपम, कहत हत बलरसाम ।
मबोर-मसकसट, बबससाल लबोचन, स्रविन कमंस डल लबोल ।
कहट वपतमंबर, विधष नटविर, नत
स न फन प्रनत डबोल ।
दध वि हदववि दअँ द
स सस भ बजसावित, ससमन गन बरषसाइ ।
ससर स्यसाम बबलबोकक ब्रज-जन, मसातस, वपतस ससख पसाइ ॥16॥

गबोपसाल रइ ननरतत फन-प्रनत ऐसध ।


गगरर पर आए बसादर दध खत मबोर अनमंहदत जघसध ।
डबोलत मसकसट समस पर हरर कध, कमंस डल-ममंडडत-गमंड ।
पमत बसन, दसासमन मनस घन पर, तसापर सरस -कबोदमं ड ।
उरग-नसारर आगत सब ठसाढहमं, मसख मसख अस्तसनत गसावित ।
ससर स्यसाम अपरसाध छमहस अब, हम मसाअँगत पनत पसावित ॥17॥

गरुड-तसास तत जर ह्यसाअँ आयर ।


तर प्रभस चरन-कमल-फन-फन-प्रनत, अपनत समस धरसायर ।
धनन ररवष ससाप हदयर खगपनत कद, ह्यसाअँ तब रह्यर छपसाइ ।
प्रभस विसाहन-डर भसाकज बच्यर, नसातरु लधतर खसाइ ।
यह ससनन ककपसा करह नअँन-नमंदन, चरन गचह्न प्रगटसाए ।
ससरदसास प्रभस अभय तसाहह करर, उरग-द्विमप पहसअँचसाए ॥18॥

सहस सकट भरर कमल चलसाए ।


अपनम समसरर और गबोप जध, नतनकर ससाथ पठसाए ।
और बहसत कसाअँविरर दगध-मसाखन, अहहरनन कसाअँधघ जबोरर ।
नप
क कत हसाथ पत यह दहजर, बबनतम ककजर मबोरर ।
मधरबो नसाम नप
क नत सद लहजर, स्यसाम कमल लघ आए ।
कबोहट कमल आपसन नप
क मसाअँगध, तमनन कबोहट हत पसाए ।
नप
क नत हमहहमं अपनद करर जसानर, तम
स लसायक हम नसाहहमं ।
ससरदसास कहहयर नप
क आगत, तसमहहमं छसाअँडड कहअँ जसाहहमं ॥19॥

मरस लह
जब हरर मसरलह अधर धरत ।
गथर चर, चर गथर, पविन थककत रहत, जमसनसा जल न बहत ॥
खग मरहत मग
क -जथ
स भल
स साहहमं, ननरखख मदन-छबब छरत ।
पसस मबोहत ससरभम वविथककत, तन
क दमं तनन टध कक रहत ॥
ससक सनकसाहद सकल मसनन मबोहत ,ध्यसान न तनक गहत ।
ससरदसास भसाग हत नतनकध, जध यसा ससखहहमं लहत ॥1॥
(कहद कहसा) अमंगनन कक ससगध बबसरर गई ।
स्यसाम-अधर मद
क स सन
स त मरस सलकसा, चककत नसारर भई ॥
जर जघस त तबो तघसघ रहह गई, ससख-दख
स कह्यर न जसाइ ।
सलखम गचत सम ससर ह्विघ रहहमं, इकटक पल बबसरसाइ ॥2॥
मरस लह धनस न स्रविन सन
स त,भविन रहह न परघ ;
ऐसम कबो चतसर नसारर, धमरज मन धरघ ॥
ससर नर मसनन ससनत ससगध नम ससवि-समसागध टरघ ।
अपनम गनत तजत पविन, सररतसा नहहमं ढिरघ ॥
मबोहन-मसख-मसरलह, मन मबोहहनन बस करघ ।
ससरदसास ससनत स्रविन, ससधसा-ससमंधस भरघ ॥3॥
बसाअँससरह बजसाइ आछध , रमं ग सद मसरसारह ।
ससनन कघ धसनन छसहट गई, सअँकर कक तसारह ॥
विधद पढन भसस ल गए, ब्रह्मसा ब्रह्मचसारह ।
रसनसा गसन कहह न सकघ, ऐसम ससगध बबससारह !
इमंद्र-सभसा थककत भइ, लगबो जब करसारह ।
रमं भसा कर मसान समट्यर, भल
स ह नत
क कसारह ॥
जमन
स सा जस थककत भई, नहहमं ससगध सअँभसारह ।
ससरदसास मसरलह हघ , तमन-लबोक-प्यसारह ॥4॥

मरस लह तऊ गसपसालहहमं भसावित ।


ससनन रह सखम जदवप नअँदलसालहहमं, नसानसा भसाअँनत नचसाविनत ।
रसाखनत एक पसाइ ठसाढर करर, अनत अगधकसार जनसाविनत ।
कबोमल तन आजसा करविसाविनत, कहट टध ढर ह्विघ आविनत ॥
अनत आधमन ससजसान कनरडध, गगररधर नसार नविसाविनत ।
आपसन पदहढ अधर सज्जसा पर, कर पल्लवि पलसटसाविनत ।
झसकसटह कसहटल, नघन नसाससा-पसट, हम पर कबोप करसाविनत ।
ससर प्रसन्न जसानन एकर नछन , धर तत समस डसलसाविनत ॥5॥

अधर-रस मसरलह लसटन लसागम ।


जसा रस कद षटररतस तप ककन्हर, रस वपयनत सभसागम ॥
कहसाअँ रहह, कहअँ तत इह आई, करनत यसाहह बसलसाई ?
चककत भई कहनतमं ब्रजबसाससनन, यह तर भलह न आई ॥
ससाविधसान कयद हबोनतमं नहहमं तम
स , उपजम बसरह बलसाई ।

सरस दसास प्रभस हम पर तसाकद, ककन्हक सरनत बजसाई ॥6॥

अबहर तस हम सबनन बबससारह ।


ऐसध बस्य भयध हरर बसाकध, जसानत न दससा बबचसारह ॥
कबहसअँ कर पल्लवि पर रसाखत, कबहसअँ अधर लघ धसारह ।
कबहसअँ लगसाइ लधत हहरदघ सद, नतकहसअँ करत न न्यसारह
मसरलह स्यसाम ककए बस अपनत, जध कहहयत गगररधसारह ।
सरस दसास प्रभस कत तन-मन-धन , बसाअँस बअँसरस रयसा प्यसारह ॥7॥
मसरलह कक सरर करन करघ ।
नमंद-नमंदन बतभसविन-पनत नसागर सबो जबो बस्य करघ ॥
जबहहमं जब मन आवित तब तब अधरनन पसान करघ ।
रहत स्यसाम आधमन सदसाई आयसस नतनहहमं करघ ॥
ऐसम भई मबोहहनम मसाई मबोहन मबोह करघ ।
ससनहस ससर यसाकध गसन ऐसध ऐसम करनन करघ ॥8॥

कसाहघ न मसरलह सद हरर जररघ ।


कसाहत न अधरनन धरघ जस पसनन-पसनन समलह अचसानक भबोरत ॥
कसाहत नहहमं तसाहह कर धसारत, कयद नहहमं गमवि नविसावित ।
कसाहत न तनस बतभमंग करर रसाखत, तसाकध मनहहमं चरस सावित ॥
कसाहत न यर आधमन रहत ह्विघ, विघ अहहर विह बधनस ।
ससर स्यसाम कर तत नहहमं टसारत, बन-बन चसारत धधनस ॥9॥

मसरसलयसा कपट चतसरई ठसानम ।


कघसस समसल गई नमंद-नमंदन कद, उन नसाहहमं न पहहचसानम ॥
इक विह नसारर , बचन मसख ममठध , ससनत स्यसाम ललचसानध ।
जसाअँनत-पसाअँनत कक करन चलसाविघ, विसाकत रमं ग भसलसानध ॥
जसाकर मन मसानत हघ जसासद , सबो तहअँई ससख मसानघ ।
ससर स्यसाम विसाकध गसन गसावित, विह हरर कध गसन गसानघ ॥10॥

स्यसामहहमं दबोष कहसा कहह दहजघ ।


कहसा बसात सरस लह सद कहहयघ, सब अपनधहहमं ससर लहजघ ॥
हमहहमं कहनत बजसाविहस मबोहन, यह नसाहहमं तब जसानम ।
हम जसानम यह बसाअँस बअँससररयसा, कबो जसानघ पटरसानम ॥
बसारध तत मअँह
स लसागत लसागत, अब ह्विघ गई सयसानम ।
ससनहस ससर हम भररह-भसारह, यसाकक अकथ कहसानम ॥11॥

मसरलह कहघ सस स्यसाम करत रह ।


विसाहह कत बस भयध रहत हत, विसाकत रमं ग ढिरत रह ॥
घर बन, रघ न-हदनसा सअँग डबोलत, कर तत करत न न्यसारह ।
आई उन बलसाइ यह हमकद, कहसा दहकजयघ गसारह ।
अब लद रहस हमसारध मसाई, इहहमं अपनध अब ककन्हध ।
ससर स्यसाम नसागर यह नसागरर, दह
स स अँनन भलघ कर चमन्हध ॥12॥

मधरध दख
स कर ओर नहहमं ।
षट ररतस समत उष्न बरषसा मत, ठसाढध पसाइ रहह ॥
कसकक नहहमं नघकसहसअँ कसाटत, घसामत रसाखम डसारर ।
अगगनन ससलसाक दध त नहहमं मसरकक, बधह बनसावित जसारर ॥
तसम जसाननत मबोहहमं बसाअँस बअँससररयसा, अगगनन छसाप दघ आई ।
ससर स्यसाम ऐसत तसम लधहस न, खखझनत कहसाअँ हर मसाई ॥13॥

श्रम कररहर जब मधरह सर ।


तब तसम अधर-ससधसा-रस बबलसहस, मत ह्विघ रहहहद चधरह सम ।
बबनसा कष्ट यह फल न पसाइहद, जसाननत हर अविडधरह सम ।
षटररतस समत तपनन तन गसारर, बसाअँस बअँससररयसा कधरह सम ॥
कहसा मरन ह्विघ ह्विघ जस रहह हर, कहसा करत अविसधरह सम ।
सन
स हस सरस मत न्यसारह ह्विघ हद, जब दध खद तम
स मधरह सम ॥14॥
मसरलह स्यसाम बजसाविन दघ रह ।
स्रविननन ससधसा वपयनत कसाहत नहहमं, इहहमं तस जनन बरजघ रह ।
सन
स नत नहहमं विह कहनत कहसा हघ , रसाधसा रसाधसा नसाम ।
तस जसाननत हरर भसल गए मबोहहमं, तसम एकघ पनत बसाम ॥
विसाहह कत मसख नसाम धरसावित, हमहहमं समलसावित तसाहहमं ।
ससर स्यसाम हमकद नहह बबसरध , तसम डरपनत हर कसाहह ॥15॥

मसरसलयसा मबोकद लसागनत प्यसारह ।


समलह अचसानक आइ कहसअँ तत, ऐसम रहह कहसाअँ रह ॥
धनन यसाकध वपत-स मसात,स धन्य यह, धन्य-धन्य मद
क स बसालनन ।
धन स्यसाम गसन गसनन कघ ल्यसाए, नसागरर चतसर अमबोलनन ॥
यह ननरमबोल मबोल नहहमं यसाकर,भलह न यसातत कबोई ।
सरस दसास यसाकध पटतर कर, तर दहजघ जर हबोई ॥16॥
कमरह
धनन धनन यह कसामरह मबोहन स्यसाम कक ।
यहघ ओहढ जसात बन, यहघ सधज कर बसन, यहघ ननविसाररनन मधहबसअँद छसाअँह घसाम कक ।
यसाहह ओट सहत ससससर-समत, यसाहहमं गहनध हरत, लघ धरत ओट कबोहट बसाम कक ।
यहघ जसानत-पसाअँनत, पररपसाटह यह ससखवित, ससरज प्रभस कध यह सब बबसरसाम कक ॥1॥

यह कमरह कमरह करर जसाननत ।


जसाकध कजतनम बसवद हृदय मत, सर नततनर अनसमसाननत ॥
यसा कमरह कध एक रबोम पर, विसारह चमर पटमं बर ।
सबो कमरह तसम ननमंदनत गबोपम, जबो नतहसअँ लबोक अडमंबर ॥
कमरह कत बल असरस सअँहसारध , कमररहहमं तत सब भबोग ।
जसानत-पसाअँनत कमरह सब मधरह, ससर सबघ यह जबोग ॥2॥

चमर-हरन
भविन रविन सबहह बबसरसायर ।
नमंद-नअँदन जब तत मन हरर सलयर, बबरथसा जनम गअँविसायर ॥
जप, तप व्रत, समंजम, ससाधन तत, द्रववित हबोत पसाषसान ।
जघस त समलघ स्यसाम ससमंदर बर, सबोइ ककजघ, नहहमं आन ।
यहघ ममंत दृढ ककयर सबनन समसल, यसातत हबोइ सह
स बोइ ।
विथ
क सा जनम जग मत कजनन खरविहस, ह्यसाअँ अपनर नहहमं कबोइ ॥
तब प्रतमत सबहहनन कद आई, ककन्हद दृढ वविस्विसास ।
सरस स्यसामसमंद
स र पनत पसावित, यहघ हमसारह आस ॥1॥

जमन
स सा तट दध खध नअँद नमंदन ।
मबोर-मसकसट मकरसाककत-कमंस डल, पमत-विसन तन चमंदन ॥
लबोचन तप्क त भए दरसन तत, उर कक तपनत बसझसानम ।
प्रधम-मगन तब भई ससमंदरह, उर गदगद, मसख-बसानम ॥
कमल-नयन तट पर हत ठसाढध , सकसचहहमं समसल ब्रज-नसारह ।
सरस दसास-प्रभस अमंतरजसामम, ब्रत-पसरन पगधसारह ॥2॥
बनत नहहमं जमन
स सा कर ऐबर ।
ससमंदर स्यसामघसाट पर ठसाढध , कहर करन बबगध जघबम ॥
कघसस बसन उतसारर धरत हम, कघसत जलहहमं समघबर ।
नमंद-नअँदन हमकद दध खग
त ध, कघसघ करर जस अन्हघ बर ॥
चबोलह, चमर , हसार लघ भसाजत, सबो कघसत करर पघबम ।
अमंकन भरर-भरर लधत ससर प्रभस, कसाकल्ह न इहहमं पथ ऐबर ॥3॥
नमकत तप ककयर तनस गसारर ।
आपस दध खत कदम पर चढह, मसानन सलयर मरस सारर ॥
विषर्ध भर ब्रत-नधम-समंजम, स्रम ककयर मबोहहमं कसाज ।
कघसघ हसअँ मबोहहमं भजघ कबोऊ, मबोहहमं बबरद कक लसाज ॥
धन्य ब्रत इन ककयर पसरन, समत तपनत ननविसारर ।
कसाम-आतरस भजममं ,मबोकर, नवि तरुनन ब्रज-नसारर ॥
ककपसा-नसाथ ककपसाल भए तब, जसानन जन कक पमर ।
ससर प्रभस अनसमसान ककन्हर, हरद इनकध चमर ॥4॥

बसन हरध सब कदम चढए ।


सबोरह सहस गबोप-कन्यनन कध, अमंग अभसषन सहहत चरस साए ॥
नमलसामंबर, पसाटमं बर, ससारह, सधत पमत चसनरह, अरुनसाए ।
अनत बबस्तसार नबोप तरु तसामघ लघ लघ जहसाअँ-तहसाअँ लटकसाए ॥
मनन-आभरन डसार डसारनन प्रनत, दध खत छबब मनहहमं अअँटकसाए ॥
ससर,स्यसाम जस नतनन ब्रत पसरन, कर फल डसारनन कदम फरसाए ॥5॥

हमसारध अमंबर दध हस मसरसारह ।


लघ सब चबोर कदम चहढ बघठध, हम जल-मसाअँझ उघसारह ॥
तट पर बबनसा बसन कयद आवित ,लसाज लगनत हघ भसारह ।
चबोलह हसार तम
स हहमं कद दहन्हद, चमर हमहहमं द्यर डसारह ॥
चबोलह हसार तसमहहमं कद दहन्हद, चमर हमहहमं द्यर डसारह ॥
तसम यह बसात अचमंभर भसाषत,नसाअँगम आविहस नसारह ।
सरस स्यसाम कछस छबोह करर ज,स समत गई तनस मसारह ॥6॥

लसाज ओट यह दरस र करर ।


जबोइ मत कहद करर तसम सबोई, सकसच बसापसररहह कहसा करर ॥
जल तत तमर आइ कर जबोरहस, मत दध खद तसम बबनय करर ।
पसरन ब्रत अब भयर तसम्हसारर, गसरुजन समंकसा दरस र करर ।
अब अमंतर मबोसद जनन रसाखहसअँ , बसार बसार हठ विथ
क सा करर ।
सरस स्यसाम कहत चमर दध त हद, मर आगत ससमंगसार करर ॥7॥

ब्रत पसरन ककयर नमंदकसमसार । जवि


स नतनन कध मधटध जमंजसार ॥
जप तप करर तनस अब जनन गसारर । तसम घरनम मत कमंत तसम्हसारर ॥
अमंतर सबोच दरस र करर डसारर । मधरर कह्यर सत्य उर धसारर ॥
सरद-रसास तम
स आस पसरसाऊअँ । अमंकन भरर सबकद उर लसाऊअँ ॥
यह ससनन सब मन हरष बढसायर । मन-मन कह्यर ककष्न पनत पसायर ॥
जसाहस सबघ घर घबोष-कसमसारह । सरद-रसास दध हद ससख भसारह ॥
ससर स्यसाम प्रगटध गगररधसारह । आनअँद सहहत गई घर नसारह ॥8॥
गबोविदर्धनधसारण

बसाजनत नमंद-अविसास बधसाई ।


बघठध खधलत द्विसार आपनत, ससात बरस कध कसअँविर कन्हसाई ॥
बघठध नमंद सहहत विष
क भसानसहहमं, और गबोप बघठध सब आई ।
थसापत दध त घररन कध द्विसारत, गसाविनतमं ममंगल नसारर बधसाई ॥
पसजसा करत इमंद्र कक जसानम, आए स्यसाम तहसाअँ अतसरसाई ।
बसार-बसार हरर बझ
स त नमंदहहमं , करन दध वि कक करत पसजसाई ॥
इमंद्र बडध कसल-दध वि हमसारध , उनतत सब यह हबोनत बडसाई ।
ससर स्यसाम तसम्हरध हहत कसारन, यह पसजसा करत सदसाई ॥1॥

मधरर कह्यबो सत्य करर जसानर ॥


जर चसाहर ब्रज कक कससलसाई, तर गबोबधर्धन मसानर ॥
दध
स दहह तसम ककतनर लघहर, गबोससत बढत अनधक ।
कहसा पसकज सरस पनत सत पसायर, छसाअँडड दध हस यह टध क ॥
मअँसह मसाअँगध फल जर तसम पसाविहस, तबो तसम मसानहस मबोहहमं ।
ससरदसास प्रभस कहत ग्विसालसद, सत्य बचन करर दबोहह ॥2॥

बबप्र बसलसाइ सलए नअँदरसाइ ।


प्रथमसारमं भ जज कर ककन्हर, उठध बधद-धनस न गसाइ ॥
गबोबधर्धन ससर नतलक चढसायर, मधहट इमंद्र ठकसरसाइ ।
अन्नकसट ऐसर रगच रसाख्यर, गगरर कक उपमसा पसाइ ॥
भसाअँनत-भसाअँनत ब्यमंजन परससाए, कसाअँपघ बरन्यर जसाइ ।
ससर स्यसाम सद कहत ग्विसाल, गगरर जधविहहमं कहर बसझसाइ ॥3॥
गगररविर स्यसाम कक अनसहसारर ।
करत भबोजन अगधक रुगच यह, सहस भसजसा पससारर ॥
नमंद कर कर गहध ठसाढध , यहघ गगरर कर रूप ।
सखम लसलतसा रसागधकसा सद, कहनत दध खख स्विरूप ॥
यहघ कसअँडल, यहघ मसालसा, यहघ पमत वपछररर ।
ससखर सबोभसा स्यसाम कक छबब, स्यसाम-छबब गगरर जबोरर ॥
नसारर बदरबोलसा रहह, विष
क भसानस-घर रखविसारर ।
तहसाअँ तत उहहमं भबोग अरप्यर, सलयर भसजसा पससारर ॥
रसागधकसा-छववि भल
स ह, स्यसाम ननरखत तसाहह ।
ससर प्रभस-बस भई प्यसारह, कबोर-लबोचन चसाहह ॥4॥

ब्रज बसाससनन मबोकद बबसरसायर ।


भलह करह बसल जबो कछस, सबो सब लघ परबतहहमं चढसायर ॥
मबोसद पबर्ध ककयर लघस प्रसानम, नसा जसाननयघ कहसा मन आयर ।
ततनतस कबोहट ससरनन कर नसायक, जसानन-बसखझ इन मबोहहमं भसलसायर ॥
अब गबोपनन भसतल नहहमं रसाखद, मधरह बसल मबोहहमं नहहमं पहसअँचसायर ।
ससनहस ससर मधरघ मसारतत धद, परबत कघसस हबोत सहसायर ॥5॥
गगरर पर बरषन लसागध बसादर ॥
मधघवित्तर्ध, जलवितर्ध, सघन सकज, आए लघ लघ आदर ॥
ससलसल अखमंड धसार धर टसटत, ककयध इमंद्र मन ससादर ।
मधघ परस्पर यहघ कहत हत, धबोई करहस गगरर खसादर ॥
दध खख दध खख डरपत ब्रजविसासम , अनतहहमं भए मन कसादर ।
यहघ कहत ब्रज करन उबसारघ , ससरपनत ककयत ननरसादर ॥
ससर स्यसाम दध खत गगरर अपनत. मधघनन ककन्हर दसादर ।
दध वि आपनम नहहमं सम्हसारत, करत इन्द्र सर ठसादर ॥6॥

ब्रज कध लबोग कफरत बबततसानध ।


गघतनन लघ बन ग्विसाल गए, तध धसाए आवित ब्रजहहमं परसानध ॥
कबोउ गचतवित नभ-तन, चककत ह्विघ, कबोउ गगरर परत,धरनन अकसलसानध ।
कबोउ लघ रहत ओट विच्
क छनन कक, अमंध-अमंध हदसस -बबहदसस भसलसानध ॥
कबोउ पहसअँचध जघसस तघसस गह
क , ढिसमंढत गह
क नहहमं पहहचसानध ।
ससरदसास गबोबधर्धन-पसजसा, ककन्हध कर फल लधहस बबहसानध ॥7॥

रसाखख लधहस अब नमंदककसबोर ।


तम
स जबो इमंद्र कक मधटह पसजसा, बरसत हघ अनत जबोर ॥
ब्रजविसासम तसम तन गचतवित हत, ज्यद करर चमंद चकबोर ।
जनन कजय डरर, नघन जनन मअँद
स र, धररहद नख कक ओर ॥
करर असभमसान इमंद्र झरर लसायर, करत घटसा घन घबोर ।
ससर स्यसाम कह्यर तसम कद, रसाखद बसअँद न आविघ छबोर ॥8॥

स्यसाम सलयर गगरररसाज उठसाइ ।


धमर धरर हर कहत सबनन सद, गगरर गबोबधर्धन करत सहसाइ ॥
नमंद गबोप ग्विसालनन कध आगत, दध वि कह्यर यह प्रगट ससनसाइ ।
कसाहध कद व्यसाकसल भएअँ डबोलत, रच्छसा करघ दध वितसा आइ ॥
सत्य बचन गगरर-दध वि कहत हत, कसान्ह लधहह मबोहहमं कर उचकसाइ ।
ससरदसास नसारह-नर ब्रज कध, कहत धण्य तसम कसअँविर कन्हसाइ ॥9॥

गगरर जनन गगरघ स्यसाम कध कर तत ।


करत बबचसार ब्रजबसासम, भय उपजत अनत उर तत ॥
लघ-लघ लकसट सब धसाए करत सहसाय जस तरस तत ।
यह अनत प्रबल, स्यसाम अनत कबोमल, रबकक रबकक हरबर तत ॥
सप्त हदविस कर पर गगरर धसाररयर, बरसस थकयद अमंबर तत ।
गबोपम ग्विसाल नमंद-ससत रसाख्यर, मधघ-धसार जलधर तत ॥
जमलसाजसन
र्ध दबोउ ससत कसबधर कध, तधउ उखसारध जर तत ।
सरस दसास प्रभस इमंद्र-गबर्ध हरर, ब्रज रसाख्यर करबर तत ॥10॥

मधघनन जसाइ कहह पसकसारर ।


दहन ह्वित ससररसाज आगत, अस्त दहन्हध डसारर ॥
ससात हदन भरर बरसस ब्रज पर, गई नघकसअँ न झसारर ।
अखअँड धसारसा ससलत ननझररयर, समटह नसाहहमं लगसारर ॥
धरनन नघकसअँ न बसअँद पहसअँचम, हरषध ब्रज-नर-नसारर ।
ससर धन सब इमंद्र आगत, करत यहघ गसहसारर ॥11॥
घरनन घरनन ब्रज हबोनत बधसाई ।
ससात बरष कबो कसअँविर कन्हघ यसा, गगररविर धरर जमत्यर ससररसाई ॥
गविर्ध सहहत आयर ब्रज बबोरन, विह कहह मबोरह भककत घटसाई ।
ससात हदविस जल बरवष ससरसान्यर, तब आयर पसाइनन तर धसाई ॥
कहसाअँ कहसाअँ नहहमं समंकट मधटत, नर-नसारह सब करत बडसाई ।
सरस स्यसाम अब कत ब्रज रसाख्यर, ग्विसाल करत सब नमंद दबोहसाई ॥12॥

(तधरध) भज
स नन बहसत बल हबोइ कन्हघ यसा ।
बसार-बसार भसज दध खख तनक सघ, कहनत जसबोदसा मघयसा ॥
स्यसाम कहत नहहमं भसजसा वपरसानम, ग्विसालनन ककयर सहघ यसा ।
लकसहटनन टध कक सबनन समसल रसाख्यर, अरु बसाबसा नअँदरघ यसा ॥
मबोसद कयद रहतर गबोबरधन, अनतहहमं बडर विह भसारह ।
ससरस्यसाम यह कहह परबबोध्यर चककत दध खख महतसारह ॥13॥

मसातस वपतसा इनकध नहहमं कबोइ ।


आपहहमं करतसा, बतगसन रहहत हत सबोइ ॥
ककनतक बसार अवितसार सलयर ब्रज, यध हत ऐसध ओइ ।
जल-थल ककट-ब्रह्म कध व्यसापक, और न इन सरर हबोइ ॥
बससधसा-भसार-उतसारन-कसाजत, आपस रहत तनस गबोइ ।
ससर स्यसाम मसातसा-हहत-कसारन, भबोजन मसाअँगत रबोइ ॥14॥
ससरगन सहहत इमंद्र ब्रज आवित ।
धविल बरन ऐरसाविल दध ख्यर उतरर गगन तत धरनन धअँससावित ॥
अमरसा-ससवि-रबब-ससस चतरस सानन, हय-गय बसह हमं स-मग
क जसावित ।
धमर्धरसाज, बनरसाज, अनल, हदवि, ससारद, नसारद, ससवि-ससत भसावित ॥
मधढसा, महहष, मगर, गसदरसारर, मबोर, आखस, मनविसाह गनसावित गसावित ।
ब्रज कध लरग दध खख डरपध मन, हरर आगत कहह कहह जस सन
स सावित ॥
ससात हदविस जल बरवष ससरसान्यर, आवित चल्यर ब्रजहहमं अतसरसावित ।
घधरर करत जहसाअँ तहअँ ठसाढध , ब्रजबसाससन कद नसाहहमं बचसावित ॥
दरस हहमं तत बसाहन सर, उतररयर, दध विनन सहहत चल्यर ससर नसावित ।
आइ पररयर चरननन तर आतसर, ससरदसास-प्रभस समस उठसावित ॥15॥

रसास लहलसा
जबहहमं बन मसरलह स्रविन परह ।
चककत भई गबोप-कन्यसा सब, कसाम-धसाम बबसरहमं ॥
कसल मजसार्धद बधद कक आजसा, नतकहसअँ नहहमं डरहमं ।
स्यसाम-ससमंधस, सररतसा-ललनसा-गन, जल कक ढिरनन ढिरहमं ॥
अमंग-मरदन कररबध कद लसागद, उबटन तधल धरह ।
जबो कजहहमं भसाअँनत चलह सबो तघसधहहमं, ननसस बन कद जसखरह ॥
ससत पनत-नधह, भविन-जन-समंकसा, लज्जसा नसाहहमं करह ।
ससरदसास-प्रभस मन हरर लहन्हर, नसागर नविल हरह ॥1॥
चलह बन बधनस सन
स त जब धसाइ ।
मसातस वपतसा-बसाअँधवि अनत तसासत, जसानत कहसाअँ अकसलसाइ ॥
सकसच नहहमं, समंकसा कछस नसाहहमं, रघ नन कहसाअँ तसम जसानत ।
जननम कहनत दई कक घसालह, कसाहध कद इतरसानत ॥
मसाननत नहहमं और ररस पसाविनत, ननकसम नसातर तबोरर ।
जघस त जल-प्रविसाह भसादद कर, सबो कबो सकघ बहबोरर ॥
ज्यद कसचसरह भसअमंगम त्यसागत, मसात वपतसा यबो त्यसागध ।
ससर स्यसाम कत हसाथ बबकसानम, असल अमंबसज अनसरसागध ॥2॥
मसात-स वपतसा तम्
स हरध धद नसाहहमं ।
बसारमं बसार कमल-दल-लबोचन, यह कहह-कहह पनछतसाहहमं ॥
उनकत लसाज नहहमं, बन तसमकद आवित दहन्हहमं रसानत ।
सब समंद
स रह, सबघ नविजबोबन, ननठसर अहहर कक जसानत ।
कक तसम कहह आई, कक ऐसधहहमं ककन्हहमं कघसम रहनत ।
ससर तसमहहमं यह नहहमं बसखझयघ, करह बडम बबपरहनत ॥3॥

इहहमं बबगध बधद-मसारग सन


स र।
कपट तकज पनत करर, पसजसा कहसा तसम कजय गसनर ॥
कमंत मसानहस भवि तररगम, और नसाहहमं उपसाइ ।
तसाहह तकज कयद बबवपन आई, कहसा पसायर आइ ॥
बबरध अरु बबन भसागहसअँ कर, पनतत जर पनत हबोइ ।
जऊ मसरख हबोइ रबोगम, तजघ नसाहहमं जबोइ ॥
यहघ मत पसनन कहत तसम सद, जगत मत यह ससार ॥
ससर पनत-सधविसा बबनसा कयद, तररगम समंससार ॥4॥

तसम पसावित हम घबोष न जसाहहमं ।


कहसा जसाइ लघहत हम ब्रज, यह दरसन बतभवि
स न नसाहहमं ॥
तसमहसअँ तत ब्रज हहतस न कबोऊ, कबोहट कहद नहहमं मसानत ।
कसाकध वपतसा. मसातस हत कसाकक, कसाहसअँ हम नहहमं मसानत ॥
कसाकध पनत, सत
स -मबोह करन कर, घरहह कहसा पठसावित ।
कघसर धमर्ध, पसाप हघ कघसर, आप ननरसास करसावित ॥
हम जसानत कधविल तसमहहमं कद, और बथ
क सा समंससार ।
ससर स्यसाम ननठसरसाई तकजयघ, तकजयघ बचन-वविकसार ॥5॥

कहत स्यसाम श्रममसख यह बसानम ।


धन्य-धन्य दृढ नधम तसम्हसारर, बबनस दसामनन मबो हसाथ बबकसानम ॥
ननरदय बचन कपट कध भसाखध, तम
स अपनत कजय नतकस न आनम ।
भजममं ननसमंक आइ तसम मबोकद, गसरुजन कक समंकसा नहहमं मसानम ॥
ससमंह रहत जमंबसक सरनसागत, दध खम ससनम न अकथ कहसानम ।
सरस स्यसाम अमंकम भरर लहन्हहमं, बबरह अकग्न-झर तरस त बझ
स सानम ॥6॥

ककयर कजहहमं कसाज तसाप घबोष-नसारह ।


दध हस फल हद तसरत लधहस तसम अब घरह; हरष गचत करहस दख
स दध हस डसारह ॥
रसास रस रचद, समसल समंग बबलसर, सबघ बस्त हरर कहह जबो ननगम बसानम ।
हअँसत मसख मसख ननरखख, बचन अमत
क बरवष, ककपसा-रस-भरध ससारमं ग पसानम ॥
ब्रज-जवि
स नत चहसअँ पसास, मध्य सअँद
स र स्यसाम, रसागधकसा बसाम, अनत छबब बबरसाजघ ।
ससर नवि-जलद-तनस, ससभन स्यसामल कसामंनत, इमंद-स बहस-पसाअँनत-बबच अगधक छसाजघ ॥7॥

मसानबो मसाई घन घन अमंतर दसासमनन ।


घन दसासमनन दसासमनन घन अमंतर, सबोसभत हरर-ब्रज भसासमनन ॥
जमसन पससलन मकल्लकसा मनबोहर, सरद-ससहसाई-जसासमनन ।
ससन्दर ससस गसन रूप-रसाग-ननगध, अमंग-अमंग असभरसासमनन ॥
रच्यर रसास समसल रससक रसाइ सद, महस दत भई गन
स गसासमनन ।
रूप-ननधसान स्यसाम ससमंदर तन, आनअँद मन बबस्रसासमनन ॥
खमंजन-ममन-मयसर-हमं स-वपक, भसाइ-भधद गज-गसासमनन ।
कबो गनत गनघ सरस मबोहन सअँग, कसाम बबमबोह्यर कसासमनन ॥8॥

गरब भयर ब्रजनसारर कद, तबहहमं हरर जसानसा ।


रसाधसा प्यसारह सअँग सलयध, भए अमंतधसार्धनसा ॥
गबोवपनन हरर दध ख्यर नहहमं, तब सब अकसलसाई ।
चककत हबोइ पसछन लगममं, कहअँ गए कन्हसाई ॥
कबोउ ममर्ध जसानघ नहहमं, व्यसाकसल सब बसालसा ।
सरस स्यसाम ढिसढनत कफरत, कजत-कजत ब्रज-बसालसा ॥9॥

तम
स कहसअँ दध खध श्यसाम बबससासम ।
तनक बजसाइ बसाअँस कक मसरलह, लघ गए प्रसान ननकसासम ॥
कबहसअँक आगत, कबहसअँक पसाछत , पग-पग भरनत उससासस ।
ससर स्यसाम-दरसन कध कसारन, ननकसममं चमंद-कलसा सम ॥10॥

कहह धद रह बन बधसल कहसअँ तत दध खध हत नअँद-नमंदन ।


बसझहस धद मसालतम कहसअँ तत, पसाए हत तन-चमंदन ॥
कहहमं धद कमंस द कदमं ब बकसल, बट, चमंपक, तसाल तमसाल ।
कहहमं धद कमल कहसाअँ कमलसापनत, ससन्दर नघन बबससाल ॥
कहह धद रह कसमसहदन, कदलह, कछस कहह बदरह कर बमर ।
कहह तल
स सम तम
स सब जसाननत हर, कहअँघनस्यसाम सरहर ॥
कहहमं धद मग
क म मयसा करर हमसद, कहह धद मधसप मरसाल ।
ससरदसास-प्रभस कध तसम समंगम, हत कहअँ परम ककपसाल ॥11॥

स्यसाम सबनन कद दध खहह, विघ दध खनतमं नसाहहमं ।


जहसाअँ तहसाअँ व्यसाकसल कफरत, धमर न तनस मसाहहमं ॥
कबोउ बमंसमबट कद चलबो, कबोउ बन घन जसाहहमं ।
दध खख भसस म विह रसास कक, जहअँ-तहअँ पग-छसाहहमं ॥
सदसा हठछलह, लसाडडलह, कहह-कहह पनछतसाहहमं ।
नघन सजल जल ढिसारहहमं, ब्यसाकसल मन मसाहहमं ।
एक-एक ह्विघ ढिसअँढहहमं, तरुनम बबकलसाहहमं ।
ससरज प्रभस कहसअँ नहहमं समलध, ढिसअँढनत द्रम
स पसाहहमं ॥12॥
तम
स नसागरर कजय बढसायर ।
मबो समसान नतय और नहहमं कबोउ, गगरधर मत हहमं बस करर पसायर ॥
जबोइ-जबोइ कहनत करत वपय सबोइ सबोइ, मधरत हह हहत रसास उपसायर ।
समंद
स र, चतरस और नहहमं मबोसम, दध ह धरध कर भसावि जनसायर ॥
कबहसअँक बघहठ जसानत हरर कर धरर, कबहसअँ मत अनत स्रम पसायर ।
ससर स्यसाम गहह कमंठ रहह नतय, कमंध चढर यह बचन ससनसायर ॥13॥

कहघ भसासमनम कमंत सद,मरहहमं कमंध चढसाविहस ।


नत्क य करत अनत स्रम भयबो, तसा स्रमहहमं समटसाविहस ॥
धरनम धरत बनघ नहहमं, पट अनतहहमं वपरसानध ।
नतयसा-बचन सनस न गबर्ध कध, वपय मन मस
स क
स सानध ॥
मत अबबगत, अज, अकल हद, यह मरम न पसायर ।
भसावि बस्य सब पत रहद, ननगमनन यह गसायर ॥
एक प्रसान द्विघ दध ह हत, द्वविवविधसा नहहमं यसामत ॥
गबर्धककयर नरदध ह तत, मत रहद, न तसामत ॥
सरस ज-प्रभस अमंतर भए, समंग तत तकज प्यसारह ।
जहअँ कक तहअँ ठसाढह रहह, विह घबोष-कसमसारह ॥14॥

जर दध खत द्रम
स कध तरत, मसरझम ससकसमसारह ।
चककत भई सब ससमंदरह यह तर रसाधसा रह ॥
यसाहह कद खबोजनत सबघ, यह रहह कहसाअँ रह ॥
धसाइ परहमं सब ससमंदरह, जबो जहसाअँ-तहसाअँ रह ।
तन कक तनकहसअँ ससगध नहहमं, व्यसाकसल भई बसालसा ।
यह तर अनत बधहसाल हघ , कहसअँ गए गबोपसालसा ॥
बसार-बसार बसझनतमं सबघ,नहहमं बबोलनत बसानम ।
सरस स्यसाम कसाहत तजम, कहह सब पनछतसानम ॥15॥
कधहहमं मसारग मत जसाऊअँ सखम रह, मसारग मबोहहमं बबसररयर ।
नसा जसानद ककत ह्विघ गए मबोहन, जसात न जसानन पररयर ॥
अपनर वपय ढिसअँढनत कफरद, मरहहमं समसलबध कर चसावि ।
कसाअँटबो लसाग्यर प्रधम कर, वपय यह पसायर दसावि ॥
बन डकगर ढिसअँढत कफरह, घर-मसारग तकज गसाउअँ ।
बसझद द्रम
स , प्रनत बधसल कबोउ, कहघ न वपय कर नसाउअँ ॥
चककत भई, गचतविन कफरह, ब्यसाकसल अनतहहमं अनसाथ ।
अब कत जर कघसहसअँ समलद, पलक न त्यसागद ससाथ ॥
हृदय मसाअँझ वपय-घर करद, नघननन बघठक दध उअँ ।
ससरदसास प्रभस सअँग समलत, बहसरर रसास-रस लधउअँ ॥16॥

ककपसा ससमंधस हरर ककपसा करर हबो ।


अनजसानत मन गविर्ध बढसायर, सबो कजनन हृदय धरर हबो ।
सबोरह सहस पमर तनस एकघ, रसाधसा कजब, सब दध ह ।
ऐसम दससा दध खख करुनसामय, प्रगटर हृदय-सनधह ॥
गविर्ध-हत्यर तनस बबरह प्रकसास्यर, प्यसारह व्यसाकसल जसानन ।
ससनहस ससर अब दरसन दहजघ, चसक लई इनन मसानन ॥17॥

अमंतर तत हरर प्रगट भए ।


रहत प्रधम कध बस्य कन्हसाई, जवि
स नतनन कद समसल हषर्ध दए ॥
विधसबोइ ससख सबकर कफरर दहन्हद, विहघ भसावि सब मसानन सलयर ।
विघ जसाननत हरर समंग तबहहमं तघ, विहघ बसवद सब, विहघ हहयर ॥
विहघ रसास-ममंडल-रस जसाननतमं, बबच गबोपम, बबच स्यसाम धनम ।
ससर स्यसाम स्यसामसा मगध नसायक, विहघ परस्पर प्रमनत ॥18॥
आजस हरर अदत
स रसास उपसायर ।
एकहहमं ससर सब मबोहहत ककन्हध , मसरलह नसाद सन
स सायर ॥
अचल चलध, चल थककत भए, सब मसननजन ध्यसान भसलसायर ।
चमंचल पविन थकयर नहहमं डबोलत, जमन
स सा उलहट बहसायर ॥
थककत भयर चमंद्रमसा सहहत-मग
क , ससधसा-समसद्र बढसायर ।
ससर स्यसाम गबोवपनन ससखदसायक, लसायक दरस हदखसायर ॥19॥

बनसावित रसास ममंडल प्यसारह ।


मसकसट कक लटक, झलक कमंस डल कक, ननरतत नमंद दल
स सारर ।
उर बनमसालसा सबोह ससमंदर बर, गबोवपनन कत सअँग गसाविघ ।
लधत उपज नसागर नसागरर सअँग, बबच-बबच तसान सन
स साविघ ॥
बमंसमबट-तट रसास रच्यर हघ , सब गबोवपनन ससखकसारर ।
ससरदसास प्रभस तसम्हरध समलनध सद, भकतनन प्रसान अधसारर ॥20॥

रसास रस स्रसमत भई ब्रजबसालसा ।


ननसस ससख दघ यमसनसा-तट लघ गए, भबोर भयबो नतहहमं कसाल ॥
मनकसामनसा भई पररपसरन, रहह न एकर ससाध ।
षबोडस सहस नसारर सअँग मबोहन, ककन्हद सख
स अविगसागध ॥
जमन
स सा-जल बबहरत नअँद-नमंदन, समंग समलसा ससकसमसारर ।
ससर धन्य धरनम बन्क दसाविन, रबब तनयसा ससखकसारर ॥21॥
ललकत स्यसाम मन ललचसात ।
कहत हथमं घर जसाहस ससमंदरर, मसख न आविनत बसात ।
षट सहस दस गबोप कन्यसा, रघ नन भबोगममं रसास ।
एक नछन भई कबोउ न प्यसारह, सबनन पसजम आस ।
बबहअँसस सब घर-घर पठसाई ब्रज-बसाल ।
सरस -प्रभस नअँद-धसाम पहसअँचध, लख्यर कसाहस न ख्यसाल ॥22॥

ब्रजबसासम तब सबोवित पसाए ।


नमंद-ससविन मनत ऐसम ठसानम, उनन घर लबोग जगसाए ।
उठध प्रसात-गसाथसा मसख भसाषत, आतसर रघ नम बबहसानम ॥
एअँडत अअँग जम्हसात बदन भरर, कहत सबघ यह बसानम ॥
जबो जघसध सबो तघसध लसागध, अपनत-अपनघ कसाज ।
ससर स्यसाम कध चररत अगबोचर, रसाखम कसल कक लसाज ॥23॥
ब्रज-जवि
स तम रस-रसास पगममं ।
ककयर स्यसाम सब कबो मन भसायर ननसस रनत -रमं ग जगममं ॥
पसरन ब्रह्म, अकल, अबबनसासम, सबनन समंग ससख चमन्हर ।
कजतनम नसारर भधष भए नततनध, भधद न कसाहस ककन्हर ॥
विह ससख टरत न कसाहसअँ मन तत, पनत हहत-ससाध पसरसाई ।
ससर स्यसाम दल
स ह सब दल
स हहनन, ननसस भसाअँविरर दघ आई ॥24॥
रसास रस लहलसा गसाइ सन
स साऊअँ ।
यह जस जहघ , ससनघ मसख स्रविननन, नतहह चरननन ससर नसाऊअँ ॥
कहसा कहद विकतसा स्रबोतसा फल, इक रसनसा कयद गसाऊअँ ।
अष्ट ससवद नविननगध ससख-समंपनत, लघसतसा कर दरससाऊअँ ।
जर परतमनत हबोइ हहरदघ मत, जग-मसायसा गधक दध खघ ।
हरर-जन दरस हररहह सम बझ
स ध, अमंतर कपट न लधखघ ॥
धनन विकतसा, तधई धन श्रबोतसा, स्यसाम ननकट हत तसाकत ।
ससर धन्य नतहह कध वपतस मसातसा, भसावि भगनत हघ जसाकस ॥25॥
पनघट लहलसा
पनघट रबोकध रहत कन्हसाई ।
जमन
स सा-जल कबोउ भरन न पसाविघ, दध खत हहमं कफर जसाई ॥
तबहहमं स्यसाम इक बसवद उपसाई, आपसन रहध छपसाई ।
तट ठसाढध जध सखसा समंग कध, नतनकद सलयर बसलसाई ॥
बघठसाररयर ग्विसालनन कदद्रम
स तर, आपसन कफर-कफरर दध खत ।
बढह विसार भई कबोउ न आई, ससर स्यसाम मन लधखत ॥1॥

जसविनत इक आविनत दध खम स्यसाम ।


द्रम
स कत ओट रहघ हरर आपसन, जमन
स सा तट गई विसाम ॥
जल हलबोरर गसागरर भरर नसागरर, जबहहमं समस उठसायर ।
घर कद चलह जसाइ तसा पसाछत , ससर तस घट ढिरकसायर ॥
चतरस ग्विसासल कर गह्यर स्यसाम कर कनक लकसहटयसा पसाई ।
औरनन सद करर रहध अचगरह, मबोसद लगत कन्हसाई ॥
गसागरर लघ हअँसस दध त ग्विसारर-कर, रहतर घट नहहमं लघहद ।
ससर स्यसाम ह्यसाअँ आनन दध हस भरर तबहह लकसट कर दघ हद ॥2॥
घट भरर हदयर स्यसाम उठसाइ ।
नतकस तन कक सगस ध न तसाकद, चलर ब्रज-समह
स साइ ॥
स्यसाम ससमंदर नघन-भमतर, रहध आनन समसाइ ।
जहसाअँ जहअँ भरर दृकष्ट दध खघ, तहसाअँ-तहसाअँ कन्हसाइ ॥
उतहहमं तत इक सखम आई; कहनत कहसा भल
स साइ ।
ससर अबहहमं हअँसत आई, चलह कहसाअँ गविसाअँइ ॥3॥

नमकत दध हस न मधरह गगमंडसरह ।


लघ जघहत धरर जससमनत आगत, आविहस रह सब समसल झअँड
स रह ।
कसाहसअँ नहहमं डरसात कन्हसाई, बसाट घसाट तसम करत अचगरह ।
जमन स सा-दह गगमंडसरह फटकसारह, फररह सब मटसकक अरु गगरह ॥
भलह करह यह कसअँविर कन्हसाई, आजस मधटहघ तसम्हरह लअँ गरह ।
चलहमं ससर जससमनत कध आगत, उरहन लघ ब्रज-तरुनम सगरह ॥4॥

ससनहस महरर तधरर लसाडडलर, अनत करत अचकरह ।


जमन
स भरन जल हम गई, तहअँ रबोकत डगरह ॥
ससरतत नमर ढिरसाइ दघ , फबोरह सब गगरह ।
गधडसरर दई फटकसारर कघ, हरर करत जस लअँ गरह ॥
ननत प्रनत ऐसध ढिअँ ग करघ , हमसद कहघ धगरह ।
अब बस-बसास बनत, नहहमं इहहमं तसवि ब्रज-नगरह ॥
आपस गयर चहढ कदम पर, गचतवित रहहमं सगरह ।
ससर स्यसाम ऐसत हह सदसा, हम सद करघ झगरह ॥5॥

ब्रज-घर-घर यह बसात चलसावित ।


जससमनत कर ससत करत अचगरह जमन
स सा जल कबोउ भरन न पसावित ॥
स्यसाम विरन नटविर बपस कसाछध , मसरलह रसाग मलसार बजसावित ।
कमंस डल-छबब रबब ककरनहसअँ तत दनस त, मसकसट इमंद्र-धनसहसअँ तत भसावित ॥
मसानत कसाहस न करत अचगरह, गसागरर धरर जल मअँह
स ढिरकसावित ।
ससर स्यसाम कद मसात वपतसा दबोउ, ऐसध ढिअँ ग आपसनहहमं पढसावित ॥6॥

करत अचगरह नमंद महर कर ।


सखसा सलयध जमसनसा तट बघठ्यर, ननबह न लबोग डगर कबो ॥
कबोउ खमझबो, कबोउ ककन बरजर, जवि
स नतनन कत मन ध्यसान ।
मन-बच-कमर्ध स्यसाम ससन्दर तकज, और उ जसाननत आन ॥
यह लहलसा सब स्यसाम करत हत, ब र--रज-जसविनतनन कत हध त ।
ससर भजध कजहहमं भसावि ककष्न कद, तसाकद सबोइ फल दध त ॥7॥
दसान लहलसा
ऐसर दसान मसाअँगयघ नहहमं जर, हम पत हदयर न जसाइ ।
बन मत पसाइ अकधलह जसविनतनन, मसारग रबोकत धसाइ ॥
घसाट बसाट औघट जमन
स सा-तट, बसातत कहत बनसाइ ।
कबोऊ ऐसर दसान लधत हघ , करनत पठए ससखसाइ ॥
हम जसाननतमं तसम यद नहहमं रघ हर, रहहहर गसारह खसाइ ।
जबो रस चसाहर सबो रस नसाहहमं, गबोरस वपयर अघसाइ ॥
औरनन सद लघ लहजघ मबोहन, तब हम दध हहमं बसलसाइ ।
ससर स्यसाम कत करत अचगरह, हम सद कसअँविर कन्हसाइ ॥1॥

ऐसध जनन बबोलहस नअँद-लसालसा ।


छसाअँडड दध हस अअँचरसा मधरर नमकत , जसानत और सम बसालसा ॥
बसार-बसार मत तम
स हहमं कहत हद, पररहर बहसरर जअँ जसालसा ।
जबोबन, रूप दध खख ललचसानध, अबहहमं तत यध ख्यसालसा ॥
तरुनसाई तनस आविन दहजघ, कत कजय हबोत बबहसालसा ।
सरस स्यसाम उर तत कर टसारहस टसटघ मबोनतनन-मसालसा ॥2॥

तत कत तबोरर‌यर हसार नर सरर कर ।


मबोतम बगरर रहध सब-बन मत, गयर कसान कर तररकर ॥
यध अविगसन जस करत गबोकसल मत, नतलक हदयध कधसरर कर ।
ढिहठ गवि
स साल दहह कर मसातर, औढनहसार कमरर कर ॥
जसाइ पसकसारत जससमनत आगत, कहनत जस मबोहन लररकर ।
ससर स्यसाम जसानम चतसरसाई, कजहहमं अभ्यसास महसअरर कर ॥3॥

आपसन भई सबघ अब भबोरह ।


तम
स हरर कर पमतसामंबर झटकयर, उन तम्
स हरह मबोनतन लर तबोरह ।
मसाअँगत दसान ज्बसाब नहहमं दध तममं, ऐसम तसम जबोबन कक जबोरह ।
डर नहहहअँ मसाननतमं नमंद-नअँदन कर, करतममं आनन झकझबोरसा झबोरह ॥
इक तम
स नसारर गअँविसारर भलह हर, बतभवि
स न मत इनकक सरर कबो रह ।
ससर ससनहस लघहघ छअँ डसाइ सब, अबहहमं कफररगम दररह दररह ॥4॥

हअँसत सखनन यह कहत कन्हसाई ।


जसाइ चढर तसम सघन द्रम
स नन पर, जहअँ तहअँ रहर छपसाई ॥
तब लद बघहठ रहर मसख मअँद
स ध जब जसानहस सब आई ।
कसहद परर तब द्रम
स नन-द्रम
स नन तत, दघ दघ नमंद-दह
स साई ॥
चककत हबोहहमं जघसस जसवितम-गन, चरनन जसाहह अकसलसाई ।
बधनस-वविषसान-मरस सल-धन
स , ककजर समंख-सब्द घहनसाई ॥
ननत प्रनत जसानत हमसारत मसारग, यह कहहयर समसझसाई ।
ससर स्यसाम मसाखन दगध दसानम, यह ससगध नसाहहमं न पसाई ?॥5॥

ग्विसाररनन जब दध खध नअँद-नमंदन ।
मबोर मसकसट पमतसामंबर कसाछध , खररर ककए तन कमंदन ॥
तब यह कह्यर कहसाअँ अब जघहर, आगत कअँस विर कन्हसाई ।
यह ससनन मन आनन्द बढसायर, मसख कहत, बसात डरसाई ॥
कबोउ-कबोउ कहनत चलर रह जघयध, कबोउ कहघ घर कफर जघयघ ।
कबोउ-कबोउ कहनत कहसा कररहत हरर, इनसद कहसा परघ यघ ॥
कबोउ-कबोउ कहनत कसासलहहमं हमकद, लसहट लई नअँद लसाल ।
सरस स्यसाम कध ऐसध गसन हत, घरहह कफरह ब्रज-बसाल ॥6॥

कसान्ह कहत दगध-दसान न दघ हर ?


लघहद छछनन दध
स दगध मसाखन, दध खनत हह तसम रघ हर ॥
सब हदन कर भरर लधउअँ आजसहहमं, तब छसाडद मत तसमकर ।
उघटनत हर तम
स मसात-स वपतसा लद, नहहमं जसाननत हबो हमकर ॥
हम जसाननत हत तसमकर मबोहन, लघ-लघ गबोद खखलसाए ।
ससर स्यसाम अब भय जगसातम, विघ हदन सब बबसरसाए ॥7॥

जसाइ सबघ कमंसहह गसहरसाबहस ।


दगध मसाखन घत
क लधत छसडसाए, आजस हजसर बसलसाविहस ॥
ऐसध कद कहह मबोहहमं बतसाविनत, पल भमतर गहह मसारद ।
मथसरसापनतहहमं ससनरगम तसमहहमं, जब धरर कधस पछसारर ॥
बसार-बसार हदन हमहहमं बतसाविनत, अपनर हदन न वविचसाररयर ।
ससर इमंद्र ब्रज जबहहमं बहसावित, तब गगरर रसाखख उबसाररयर ॥8॥

मबोसद बसात ससनहस ब्रज-नसारह ।


इक उपखसान चलत बतभसविन मत, तसमसद कहद उघसारह ।
कबहसअँ बसालक मअँह
स न दहकजयघ, मअँहस न दहकजयघ नसारह ।
जबोइ उन करघ सबोइ करर डसारत, मअँसड चढत हत भसारह ।
बसात कहत अअँहठलसानत जसात सब, हअँसनत दध नत कर तसारह ।
ससर कहसा यध हमकक जसानघ, छसाअँछहहमं बसचनहसारह ॥9॥

यह जसाननत तसम नमंदमहर-ससत ।


धधनस दह
स त तसमकद हम दध खनतमं, जबहहमं जसानत खररकहहमं उत ॥
चसारह करत यहद पसनन जसाननत, घर-घर ढिसअँढत भसाअँडध ।
मसारग रबोकक गए अब दसानम, विध ढिअँ ग कब तत छसाअँडध ॥
और सन
स र जसम
स नत जब बसाअँधध, तब हम ककयर सहसाइ ।
ससरदसास-प्रभस यह जसाननत हम, तसम ब्रज रहत कन्हसाइ ॥10॥

कबो मसातसा कबो वपतसा हमसारत ।


कब जनमत हमकर तसम दध ख्यर, हअँससयत बचन तसम्हसारत ॥
कब मसाखन चबोरह करर खसायर, कब बसाअँधध महतसारह ।
दह
स त करन कक गघयसा चसारत, बसात कहर यह भसारह ॥
तसम जसानत मबोहह नमंद-ढिसटरनसा, नमंद कहसाअँ तत आए ।
मत पसरन अबबगत, अबबनसासम, मसायसा सबनन भसलसाए ।
यह ससनन ग्विसासल सबघ मसससकयसानम, ऐसध गसन हर जसानत ।
ससर स्यसाम जबो ननदररयर सबहहमं, मसात-वपतसा नहहमं मसानत ॥11॥
भकत हध त अवितसार धरद ।
कमर्ध-धमर्ध कत बस मत नसाहहमं, जबोग जज मन मत न करद ॥
दहन-गसहसारर सन
स द स्रविनहह भरर, गबर्ध-बचन ससनन हृदय जरद ।
भसावि-अगधन रहद सबहह कत, और न कसाहस नतकस डरद ।
ब्रह्मसा ककट आहद लद ब्यसापक, सबकर ससख दघ दख
स हहमं हरद ।
ससर स्यसाम तब कहह प्रगटहह, जहसाअँ भसावि तहअँ तत न टरद ॥12॥

जर तसमहहमं हर सबकध रसाजसा ।


तबो बघठर ससमंहसासन चहढ कघ, चअँविर, छत, ससर भ्रसाजसा ॥
मबोर-मसकसट, मसरलह पमतसामंबर, छसाडर नटविर-ससाजसा ।
बधनस, बबषसान, समंख कयद पसरत, बसाजघ नरबत बसाजसा ॥
यह जस सन
स त हमहसअँ सख
स पसावित समंग करत कछस कसाजसा ।
ससर स्यसाम ऐसम बसातत ससनन, हमकद आविनत लसाजसा ॥13॥
हमहहमं और सबो रबोकघ करन ।
रबोकनहसारर नमंदमहर ससत. कसान्ह नसाम जसाकर हघ तरन ॥
जसाकघ बल हघ कसाम नप
क नत कर, ठगत कफरत जसविनतनन कद जरन ।
टबोनसा डसारर दध त ससर ऊपर, आपसरहत ठसाढर ह्विघ मरन ॥
ससनहस स्यसाम ऐसम न बसखझयर, बसानन परह तसमकद यह करन ।
ससरदसास-प्रभस ककपसा करहस अब, कघससहस जसाहहमं आपनघ भरन ॥14॥

रसाधसा सद मसाखन हरर मसाअँगत ।


औरनन कक मटसकक कर खसायर; तम्
स हरर कघसर लसागत ॥
लघ आई विष
क भसानस-ससतसा, हअँसस, सद लविनम हघ मधरह ।
लघ दहन्हद अपनअँ कर हरर-मसख, खसात अल्प हअँसस हध रह ॥
सबहहनन तत ममठछ दगध हघ यह, मधरस त कह्यर सन
स साइ ।
ससरदसास-प्रभस ससख उपजसायर, ब्रज ललनसा मनभसाइ ॥15॥

मधरध दगध कबो हरर स्विसाद न पसायर ।


जसानत इन गसजररनन कर सर हघ , लयर नछडसाइ समसल ग्विसालनन खसायर ॥
धररह धधनस दह
स साइ छसानन पय, मधसर आअँगच मत आअँहट ससरसायर ।
नई दबोहनम पकनछ पखसारह, धरर ननरधसम खखरनन पघ तसायर ॥
तसामत समसल समसस्रत समससरह करर, दघ कपसर पसट जसाविन नसायर ।
सभ
स ग ढिकननयसाअँ ढिसाअँकक बसाअँगध पट, जतन रसाखख छछखत समद
स सायर ॥
हद तसम कसारनलघ आई गह
क , मसारग मत न कहसअँ दरससायर ।
ससरदसास-प्रभस रससक-ससरबोमनन, ककयर कसान्ह ग्विसासलनन मन भसायर ॥16॥

गबोपम कहनत धन्य हम नसारह ।


धन्य दध
स , धनन दगध, धनन मसाखन, हम परुसनत जसवित गगरधसारह ॥
धन्य घबोष, धनन हदन, धनन ननसस विह, धनन गबोकसल प्रगटध बनविसारह ।
धन्य ससककत पसाअँनछलर, धन्य धनन नअँद, धन्य जससमनत महतसारह ।
धन्य दसान, धनन कसान्ह मअँगघयसा, ससर बतन -द्रम
स बन-डसारह ॥17॥

गन गमंधविर्ध दध खख ससहसात ।
धन्य ब्रज-ललनसानन कर तत, ब्रह्म मसाखन खसात ॥
नहहमं रध ख, न रूप, नहहमं तनस बरन नहहमं अनसहसारह ।
मसातस-वपतस नहहमं दबोउ जसाकत , हरत-मरत न जसारर ॥
आपस कत्तसार्ध आपस हत्तसार्ध, आपस बतभवि
स न नसाथ ।
आपसहहमं सब घट कर ब्यसापम, ननगम गसावित गसाथ ॥
अमंग प्रनत-प्रनत रबोम जसाकघ, कबोहट-कबोहट ब्रह्ममंड ।
ककट ब्रह्म प्रजमंत जल-थल, इनहहमं तस नह ममंड ॥
यधइ वविस्विमंभरनन नसायक, ग्विसाल-समंग-बबलसास ।
सबोइ प्रभस दगध दसान मसाअँगत, धन्य ससरजदसास ॥18॥
ब्रह्म कजनहहमं यह आयसस दहन्हर ।
नतन नतन समंग जन्म सलयर परगट, सखम सखसा करर ककन्हर ॥
गबोपम ग्विसाल कसान्ह द्विघ नसाहहमं, यध कहसअँ नतकस न न्यसारध ।
जहसाअँ जहसाअँ अवितसार धरत हरर, यध नहहमं नतकस बबससारध ॥
एकघ दध ह बहसत करर रसाखध, गबोपम ग्विसाल मसरसारह ।
यह ससख दध खख ससर कध प्रभस कद, थककत अमर-सअँग-नसारह ॥19॥

यह महहमसा यधई पघ जसानत ।


जबोग-यज-तप ध्यसान न आवित, सबो दगध-दसान लधत सख
स मसानत ॥
खसात परस्पर ग्विसालनन समसल कघ, ममठर कहह कहह आपस बखसानत ।
बबस्विमंभर जगदहस कहसावित, तध दगध दबोनसा मसाअँझ अघसानध ॥
आपसहहमं करतसा, आपसहहमं हरतसा, आपस बनसावित आपसहहमं भसानघ ।
ऐसध ससरदसास कध स्विसामम, तध गबोवपन कघ हसाथ बबकसानध ॥20॥

सन
स हस बसात जवि
स तम इक मधरह ।
तसमतत दरस र हबोत नहहमं कबहसअँ, तसम रसाख्यर मबोहहमं घधरह ॥
तसम कसारन बघकमंस ठ तजत हद, जनम लधत ब्रज आइ ।
विमंद
क साविन रसाधसा-गबोपम समंग, यहह नहहमं बबसररयर जसाइ ॥
तसम अमंतर-अमंतर कह भसाषनत, एक प्रसान द्विघ दध ह ।
कयद रसाधसा ब्रज बसत बबससारद, ससस मरर परस सातन नधह ॥
अब घर जसाहस दसान मत पसायर, लधखसा ककयर न जसाइ ।
ससर स्यसाम हअँसस-हअँसस जसबनतनन सद ऐसम कहत बनसाइ ॥21॥

तसमहहमं बबनसा मन गधक अरु गधक घर ।


तम
स हहमं बबनसा गधक-गधक मसातसा वपत,स गधक कसल-कसानन, लसाज, डर ॥
गधक ससत पनत, गधक जमविन जग कर, गधक तसम बबनस समंससार ।
ससरदसास प्रभस तसम बबनस घर ज्यद, बन-भमतर कध कसप ॥22 ॥

रहतम मटसकक समस धरत ॥


बन कक घर कबो ससरनत न कसाहसअँ, लधहस दहह यसा कहनत कफरत ।
कबहसअँक जसानत कमंस ज भमतर कद, तहसाअँ स्यसाम कक ससरनत करत ।
चदकक परनतमं, कछस तन ससगध आविनत, जहसाअँ तहसाअँ सखख ससननत ररत ॥
तब यह कहतम कहसाअँ मत इनसद, भ्रसम भ्रसम बन मत बथ
क सा मरत ।
ससर स्यसाम कत रस पसनन छसाकनतमं, बघस त हहमं ढिअँ ग बहरर ढिरत ॥23॥

तरुनम स्यसाम-रस मतविसारर ।


प्रथम जबोबन-रस चढसायर, अनतहह भई खसमसारर ॥
दध
स नहहमं, दगध नहहमं, मसाखन नहहमं, रहतर मसाट ।
महसा-रस अमंग-अमंग पसरन, कहसाअँ घर, कहअँ बसाट ॥
मसातस-वपतस गसरुजन कहसाअँ कध, करन पनत, कबो नसारर ।
सरस प्रभस कत प्रधम परस न, छकक रहहमं ब्रजनसारर ॥24॥

कबोउ मसाई लघहघ रह गबोपसालहहमं ।


दगध कर नसाम स्यसामसमंद
स र-रस, बबसरर गयर ब्रज-बसालहहमं ॥
मटसकक समस, कफरनत ब्रज-बमगथनन, बबोलनत बचन रससालहहमं ।
उफनत तक चहसअँ हदसस गचतवित, गचत लसाग्यर नअँद-लसालहहमं ॥
हअँसनत, ररससानत, बसलसाविनत, बरजनत दध खहस इनकक चसालहहमं ।
ससरध स्यसाम बबनस और न भसाविघ, यसा बबरहनन बधहसालहहमं ॥25॥
गबोवपकसा अनरस साग
लबोक-सकसच कसल-कसानन तजर ।
जघस त नदह ससमंधस कद धसाविघ विघसहत ह स्यसाम भजम ॥
मसातस वपतसा बहस तसास हदखसायर, नघकअँस न डरह, लजम ।
हसारर मसानन बघठध, नहहमं लसागनत, बहसतघ बसवद सजम ॥
मसाननत नहहमं लबोक मरजसादसा, हरर कत रमं ग मजम ।
ससर स्यसाम कद समसल, चन
स र-हरदह ज्यद रमं ग रअँ जम ॥1॥

कहसा कहनत तस मबोहहमं ,रह मसाई ।


नमंद-नअँदन मन हरर सलयबो मधरर, तब तत मबोकद कछस न ससहसाई ॥
अब लद नहहमं जसाननत मत कबो हह, कब तत तस मधरत हढिग आई ।
कहसाअँ गधह, कहअँ मसातस वपतसा हत, कहसाअँ सजन, गसरुजन कहअँ भसाई ॥
कघसम लसाज, कसानन हघ कघसम, कहसा कहनत ह्विघ ह्विघ ररसहसाई ?।
अब तर सरस भजम नअँद-लसालहहमं, कक लघसतसा कक हबोइ बडसाई ॥2॥

मधरध कहध मत कबोउ नसाहहमं ।


कह कहद, कछस कहहन आविघ, नत कसहसअँ न डरसाहहमं ॥
नघन यध हरर-दरस-लबोभम, स्रविन सब्द-रससाल ।
प्रथमहहमं मन गयर तन तकज, तब भई बधहसाल ॥
इमंहद्रयनन पर भसप मन हघ , सबनन सलयर बसलसाइ ।
सरस प्रभस कद समलध सब यध, मबोहहमं करर गए बसाइ ॥3॥

अब तर प्रगट भई जग जसानम
विसा मबोहन सद प्रमनत ननरमं तर, कयदऽब रहघ गर छसानम ॥
कहसा करद ससमंदर मसरनत, इन नघननन मसाअँझ समसानम ।
ननकसनत नहहमं बहसत पगच हसारह, रबोम-रबोम अरुझसानम ॥
अब कघसत ननरविसारर जसानत हघ , समलह दध
स ज्यद पसानम ।
ससरदसास प्रभस अमंतरजसामम, उर अमंतर कक जसानम ॥4॥

सखख मबोहहमं हररदरस रस प्यसाइ ।


हद रअँगम अब स्यसाम-मसरनत, लसाख लबोग ररससाइ ॥
स्यसामससमंदर मदन मबोहन, रमं ग-रूप ससभसाइ ।
ससर स्विसामम-प्रमनत-कसारन, समस रहर कक जसाइ ॥5॥

नमंदलसाल सद मधरर मन मसान्यर, कहसा करघ गर कबोउ ।


मत तर चरन-कमल लपटसानम, जबो भसाविघ सबो हबोउ ॥
बसाप ररससाइ, मसाइ घर मसारघ , हअँसघ बबरसानध लबोग ।
अब तर स्यसामहहमं सद रनत बसाढह, बबधनसा रच्यर सअँजबोग ॥
जसानत महनत पनत जसाइ न मधरह, अरु परलबोक नससाइ ।
गगरधर बर मत नतकस न छसाअँडर, समलह ननससान बजसाइ ॥
बहसरर कबहहमं यह तन धरर पघहद, कहअँ पसनन श्रम बनविसारर ।
ससरदसास स्विसामम कत ऊपर यह तन डसारद विसारर ॥6॥

करन दघ लबोगनन कद उपहसास ।


मन कम बचन नमंद-नमंदन कर, नघकस न छसाडद पसास ॥
सब यसा ब्रज कध लबोग गचकननयसाअँ, मधरध भसाऐमं घसास ।
अब तर यहघ बसम रह मसाई, नहहमं मसानद गसरु तसास ॥
कघसत रह्यर परघ रह सजनम,एक गसाअँवि कघ बसास ।
स्यसाम समलन कक प्रमनत सखम रह, जसानत ससरजदसास ॥7॥

एक गसाउअँ कघ बसास सखम हद, कघसघ धमर धरद ।


लबोचन-मधसप अटक नहहमं मसानत, जद्यवप जतन करद ॥
विघ इहहमं मग ननत प्रनत आवित हघ , हद दगध लघ ननकरद ।
पसलककत रबोम रबोम, गद-गद सरस , आनअँद उमअँग भरद ॥
पर अमंतर चसल जसात, कलप बर बबरहसा अनल जरद ।
ससर सकसच कसल-कसानन कहसाअँ लगग, आरज-पथहहमं डरद ॥8॥
हद सअँग ससाअँविरध कध जघहर ।
हबोनम हबोइ हबोइ सबो अबहहमं, जस अपजस कसाहसअँ न डरघ हद ॥
कहसा ररससाइ करध कबोउ मधरद, कछस जबो कहघ प्रसान नतहहमं दघ हद ।
दध हर त्यसागग रसाखखहद यह ब्रत, हरर-रनत बमज बहसरर कब बघहद ॥
कसा यह ससर अगचर अविनम, तनस तकज अकसास वपय-भविन समघहद ।
कसा यह ब्रज-बसापम ककडसा जल, भकज नअँद-नअँद सख
स लघहद ॥9॥
नधत अनसरसाग
नघन न मधरध हसाथ रहघ ।
दध खत दरस स्यसाम समंद
स र कर, जल कक ढिरनन बहध ॥
विह नमचध कद धसावित आतसर , विघसधहह नघन भए ।
विह तर जसाइ समसात उदगध मत, यध प्रनत अमंग रए ॥
यह अगसाध कहसअँ विसार पसार नहहमं, यधउ सबोभसा नहहमं पसार ॥
लबोचन समलध बतबधनम ह्विघकघ, ससर समसद्र अपसार ॥1॥

इन नघननन मबोहहमं बहसत सतसायर ।


अब लद कसानन करह मत सजनम, बहसतघ मअँड
स चढसायर ॥
ननदरध रहत गहध ररस मबोसद, मबोहहमं दबोष लगसायर ।
लसटत आपसन श्रम-अमंग सबोभसा, ज्यद ननधनम धन पसायर ॥
ननससहसअँ हदन यध करत अचकरह, ससनहहमं कहसा धद आयर ।
सन
स हस सरस इनकद प्रनतपसालत, आलस नतकस न लसायर ॥2॥

नघन करत सख
स , हम दख
स पसाविघ ।
ऐसर कबो पर-बधदन जसानघ, जसासद कहह जस सन
स सावित ॥
तसातत मरन भलर सबहह तत, कहह कघ मसान गअँविसावित।
लबोचन, मन, इमंद्रह हरर कद भनत, तकज हमकद ससख पसावित ॥
विघ तर गए आपनध कर तत, विथ
क सा जमवि भरमसावित ।
सरस स्यसाम हत चतरस ससरबोमनन , नतनसद भधद जनसावित ॥3॥

ऐसध आपसस्विसारथम नघन ।


अपनबोइ पधट भरत हत ननसस-हदन, और न लघन न दघ न ॥
बस्तस अपसार परह ओछत कर, यध जसानत घहट जघहत ।
कबो इनसत समसझसाइ कहघ यह, दहन्हत हक अगधकघहत ॥
सदसा नहहमं रघ हत अगधकसारह, नसाउ रसाखख जर लधतध ।
सरस स्यसाम सख
स लट
स त आपसन, औरनन हसअँ कद दध तध ॥4॥

नघन भए बस मबोहन तत ।
ज्यद कसरमं ग बस हबोत नसाद कध, टरत नहहमं तसा गबोहन तत ॥
ज्यद मधसकर बस कमल-कबोस कध, ज्यद बस चमंद चकबोर ।
तघससहह यध बस भए स्यसाम कध, गड
स म-बस्य ज्यद डबोर ॥
ज्यद बस स्विसानत-बसअँद कध चसातक, ज्यद बस जल कध ममन ।
ससरज-प्रभस कध बस्य भए यध , नछनस-नछनस प्रमनत नविमन ॥5॥
तब तत नघन रहध इकटकहहमं ।
जब तत दृकष्ट परध नअँद-नमंदन, नतकसन अमंत मटकहहमं ।
मरस लह घरध अरुन अधरनन पर, कमंस डल झलक कपबोल ।
ननरखत इकटक पलक भसलसानध, मनर बबकसानध मबोल ॥
हमकद विघ कसाहघ न बबससारत, अपनम ससगध उन नसाहहमं ।
सरस स्यसाम-छबब-ससमंधस समसानध, बथ
क सा तरुनन पनछतसाहहमं ॥6॥

नघननन सद झगरह कररहद रह ।


कहसा भयर जर स्यसाम-समंग हत, बसाअँह पकरर सम्मसख लररहघ रह ॥
जन्महहमं तत प्रनतपसासल बडध ककयध, हदन-हदन कर लधखर कररहद रह ।
रूप-लसट ककन्हह तसम कसाहघ , अपनध बसाअँटघ कद धररहद रह ॥
एक मसातस वपतस भविन एक रहध , मत कसाहत उनकद डररहद रह ।
सरस अमंस जबो नहहमं दध हहगध, उनकस रमं ग मत हसअँ ढिररहद रह ॥7॥

कपटह नघननन तत कबोउ नसाहहमं ।


घर कर और कध आगत, कयद कहहबध कद जसाहहमं ॥
आपस गए ननरधक ह्विघ हमतस , बरकज-बरकज पगचहसारह ।
मदकसामनसा भई पररपसरन, ढिरर रहझध गगररधसारह ।
इनहहमं बबनसा बध, उनहहमं बबनसा यध, अमंत र नसाहहमं भसावित
ससरदसास यह जसग कक महहमसा, कसहटल तसरत फल पसावित ॥8॥

नघनसा घसअँघट मत न समसात ।


ससमंदर बदन नमंद-नमंदन कर, ननरखख-ननरखख न अघसात ॥
अनत रस-लब्स ध महसा लमंपट, जसानत एक न बसात ।
कहसा कहद दरसन-ससख मसातध, ओट भएअँ अकसलसात ॥
बसार-बसार बरजत हद हसारह तऊ टध वि नहहमं जसात ।
ससर तनक गगररधर बबनस दध खघ, पलक कलप सम जसात ॥9॥

विध नघनसा मधरध ढिहठ भए रह ।


घसअँघट-ओट रहत नहहमं ररकत , हरर-मसख दध खत लबोसभ गए रह ॥
जउ मत कबोहट जतन करर रसाखध, पलक-कपसाटनन मअँहस द लए रह ।
तउ तध उमअँगग चलध दबोउ हठ करर, करद कहसा मत जसान दए रह ॥
अनतहहमं चपल, बरज्यर नहहमं मसानत, दध खख बदन तन फधरर नए रह ।
ससर स्यसामससमंदर-रस अटकध, मसानहसअँ लबोभम उहअँइ चए रह ॥10॥

अअँखखयसाअँ हरर कत हसाथ बबकसानममं ।


मद
क स मसससकसानन मबोल इनन लहन्हह, यह ससनन ससनन पनछतसानम ।
कघसत रहनत रहहमं मधरत बस, अब कछस औरघ भसाअँनत ।
अब विघ लसाज मरनतमं मबोहहमं दध खत, बघठछमं समसल हरर-पसाअँनत ॥

सपनध कक सस समलनन करनत हत, कब आविनतमं कब जसानतमं ।


ससरसमलह ढिरर नअँद-नमंदन कद, अनत नहहमं पनतयसानतमं ॥11॥

अअँखखयनन तब तस बघर धररयर ।


जब हम हटकक हरर-दरसन कद, सबो ररस नहहमं बबसररयर ॥
तबहह तघ उनन हमहहमं भसलसायर, गई उतहहमं कद धसाइ ।
अब तद तरकक तरकक ऐमंठनत हघ ; लधनम लधनतमं बनसाइ ॥
भई जसाइ विघ स्यसाम-ससहसागगनन, बडभसागगनन कहविसावित ।
ससरदसास विघसम प्रभसतसा तकज, हम पघ कब विघ आवित ॥12॥
रसाधसा-ककष्ण

प्रथम समलन

खधलत हरर ननकसघ ब्रज-खबोरह


कहट कछनम पमतसामंबर बसाअँधध, हसाथ सलयध भदरसा,चक, डबोरह ॥
मबोर-मसकसट, कमंस डल स्रविननन बर, बसन-दमक दसासमनन-छबब छबोरह ।
गए स्यसाम रबब-तनयसा कत तट, अमंग लसनत चमंदन कक खबोरह ॥
औचक हह दध खम तहअँ रसाधसा, नघन बबससाल भसाल हदयध रबोरह ।
नमल बसन फररयसा कहट पहहरध , बधनम पमहठ रुलनत झकझबोरह ।
समंग लररककनम चसल इत आविनत, हदन-थबोरह, अनत छबब तन-गबोरह ।
सरस स्यसाम दध खत हहमं रहझध, नघन-नघन समसल परह ठगबोरह ॥1॥
बझ
स त स्यसाम करन तस गररह ।
कहसाअँ रहनत,कसाकक हघ बधटह, दध खम नहहमं कहसअँ ब्रज खबोरह ॥
कसाहध कद हम ब्रज-तन आविनतमं, खधलनत रहनतमं आपनम पररह ।
सन
स त रहनतमं स्रविन नअँद-ढिबोटसा, करत कफरत मसाखन-दगध-चबोरह ॥
तसम्हरर कहसा चबोरर हम लघहत, लधखन चलर समंग समसल जबोरह ।
ससरदसास प्रभस रससक-ससरबोमनन, बसातनन भसरइ रसागधकसा भबोरह ॥2॥

प्रथम सनधह दहस स अँ नन मन जसान्यर ।


नघन नघन ककन्हह सब बसातस , गसप्त प्रमनत प्रगटसान्यर ॥
खधलन कबहसअँ हमरघ आविहस,नमंद-सदन, ब्रज गसाउअँ ॥
द्विसारत आइ टध रर मबोहहमं लहजर, कसान्ह हमसारर नसाउअँ ॥
जर कहहयघ घर दरस र तसम्हसारर, बबोलत ससननयघ टध रर ।
तम
स हहमं सदह बष
क भसानस बबसा कक, प्रसात-ससाअँझ इक फधरर ॥
सध
स म ननपट दध खखयत तसमकद, तसातत कररयत ससाथ ।
सरस स्यसाम नसागर-उत नसागरर, रसाधसा दबोउ समसल गसाथ ॥3॥

गई वितषभसानस-ससतसा अपनत घर ।

समंग सखम सद कहनत चलह यह, लकबो जघहत इनकस दर ।


बडम बघर भई जमसनसा आए , खमझनत ह्वित हघ मघयसा ।
बचन कहनत मख
स , हृदय-प्रधम-दख
स , मन हरर सलयर कन्हघ यसा ॥
मसातसा कहनत कहसाअँ हह प्यसारह, कहसाअँ अबधर लगसाई ।
ससरदसास तब कहनत रसागधकसा, खररक दध खख हद आई ॥4॥

नमंद गए खररकहहमं हरर लहन्हस ॥


दध खम तहसाअँ रसागधकसा ठसाढह, बबोलह सलए नतहहमं चमन्हध ॥
महर कह्यर खधलर तसम दबोऊ, दरस र कहसअँ कजनन जघहर ।
गनतम करत ग्विसाल गघयनन कक, मबोहहमं ननयरत तसम रघ हबो ॥
ससनन बधटह विष
क भसानस महर कक, कसान्हहहमं लधइ खखलसाइ ।
ससर स्यसाम कद दध खध रहहहबो, मसारघ जनन कबोउ गसाइ ॥5॥

नमंद बबसा कक बसात ससनर हरर ।


मबोहहमं छसाअँडड जर कहसअँ जसाहसगध, ल्यसाउअँ गम तसमकद धरर ॥
भलह भई तसम्हत सदवप गए मबोहहमं, जसान न दध हद तसमकद ।
बसाअँह तसम्हरह नतकस न छसाअँडर, महर खमखझहत हमकद ॥
मधरह बसाअँह छसाअँडम दघ रसाधसा , करत उपरफट बसातत ।
ससर स्यसाम नसागरर सद, करत प्रधम कक घसातत ॥6॥
खधलन कत समस कअँस विरर रसागधकसा, नमंद-महरर कघ आई (हबो) ।
सकसच सहहत मधसरध करर बबोलह, घर हबो कअँस विर कन्हसाई (हबो) ॥
सन
स त स्यसाम कबोककल सम बसानम, ननकसध अनत अतसरसाई (हबो) ।
मसातसा सद कछस करत कलह हध , ररस डसारह बबसरसाई (हबो) ॥
मघयसा रह तस इनकद चमन्हनत, बसारमं बसार बतसाई (हबो) ।
जमसनसा-तमर कसाकल्ह मत भसल्यर, बसाअँह पकरर लघ आई (हबो) ॥
आविनत इहसाअँ तबोहहमं सकसचनत हघ , मत दघ सदह बसलसाई (हबो) ।
ससर स्यसाम ऐसध गसन-आगर, नसागरर बहसत ररझसाई (हबो) ॥7॥

नसाम कहसा तधरबो रह प्यसारह ।


बधटह करन महर कक हघ तस, कबो तधरह महतसारह ॥
धन्य कबोख कजहहमं रसाख्यर, घनन धरर कजहहमं अवितसारह ।
धन्य वपतसा मसातसा तधरध, छववि ननरखनत हरर-महतसारह ॥
मत बधटह बष
क भसानस महर कक, मघयसा तसमकद जसाननत ।
जमसनसा-तट बहस बसार समलन भयर, तसम नसाहहमंन पहहचसाननतमं ॥
ऐसम कहह, विसाकद मत जसाननत, विह तबो बडम नछनसारर ।
महर बडर लमंगर सब हदन कर, हअँ सनत दध नत मसख गसारर ॥
रसाधसा बबोल उठछ, बसाबसा कछस तसमसद ढिहठछ ककन्हर ।
ऐसध समरथ कब मत दध खध, हअँसस प्यसाररहह उर लहन्हह ॥
महरर कअँस विरर सद यह भसारनत आउ करद तधरह चबोटह ।
ससरदसास हरवषत नअँदरसानम, कहनत महरर हम जबोटह ॥8॥

जससमनत रसाधसा कअँस विरर सअँविसारनत ।


बडध बसार समममंत समस कध, प्रधम सहहत ननरुविसारनत ।
मसाअँग पसारर बधनम जस सअँविसारनत गअँसथम ससमंदर भसाअँनत ।
गबोरत भसाल बबमंद स बदन, मनस इमंद स प्रसात-रववि कसाअँनत ॥
ससारह चमरर नई फररयसा लघ, अपनध हसाथ बनसाइ ।
अमंचल सद मसख पकनछ अमंग सब, आपसहह लघ पहहरसाइ ॥
नतल चसाअँविरह, बतसासध, मधविसा, हदयर कअँस विरर कक गबोद ।
ससर स्यसाम-रसाधसा तनस गचतवित, जससमनत मन-मन मबोद ॥9॥

बसझनत जननन कहसाअँ हसतम प्यसारह ।


ककन तधरध भसाल नतलक रगच ककनम, ककहहमं कच गअँहस द मसाअँग ससर पसारह ।
खधलनत रहह नमंद कत आअँगन जससमनत कहह कअँस विरर ह्यसाअँ आ रह ।
मधरर नसाउअँ बसखझ बसाबसा कर, तधरर बखस झ दई हअँसस गसारह ॥
नतल चसाविरह गबोद करर दहनम, फररयसा दई फसारर नवि ससारह ।
मबो तन गचतघ, गचतघ ढिरटसा-तन कछस सबबतसा सक गबोद पससारह ॥
यह सनस न कघ विष
क भसानस महस दत गचत, हअँ सस-हअँ सस बझ
स त बसात दल
स सारह ।
सरस सन
स त रस-ससमंधस बढ्यर अनत , दमं पनत एकघ बसात बबचसारह ॥10॥

गसारुडम ककष्ण
सखखयनन समसल रसाधसा घर लसाई ।
दध खहस महरर ससतसा अपनम कद, कहसअँ इहहमं कसारत खसाई ॥
हम आगत आविनत, यह पसाछत धरनन परह भहरसाई ।
ससर तत गई दबोहनम ढिररकघ, आपस रहह मसरझसाई ॥
स्यसाम-भसअमंग डस्यर हम दध खत, ल्यसाविहस गसनम बसलसाई ।
रबोविनत जननन कमंठ लपटसानम, सरस स्यसाम गसन रसाई ॥1॥

नमंद-ससविन गसारुडम बसलसाविहस ।


कह्यर हमसारर सवि
स त न कबोऊ, तरस त जसाहस, लघ आविहस ॥
ऐसम गसनम नहहमं बतभसविन कहसअँ, हम जसाननतमं हत नमकत ।
आइ जसाइ तर तसरत कजयसाविहह, नतकस छसवित उठघ जम कघ ॥
दध खर धद यह बसात हमसारह, एकहह ममंत कजविसाविघ ।
नमंद महर कर ससत ससरज जर, कघसधहसअँ ह्यसाअँ लद आविघ ॥2॥

महरर, गसारुडम कसअँविर कन्हसाई ।


एक बबहटननयसाअँ कसारत खसाई, तसाकद स्यसाम तरस तहहमं ज्यसाई ॥
बबोसल लधहस अपनध ढिरटसा कद, तसम कहह कघ दध उ नतकस पठसाई ।
कसअँविरर रसागधकसा प्रसाप्त खररक गई , तहसाअँ कहसअँ-धद कसारत खसाई ॥
यह सनस न महरर मनहहमं मस
स क
स यसानम, अबहहमं रहह मधरत गह
क आई ।
ससर स्यसाम रसाधहहमं कछस कसारन, जससमनत समसखझ रहह अरगसाई ॥3॥

तब हरर कद टध रनत नअँदरसानम ।


भलह भई ससत भयर गसारुडम, आजस ससनम यह बसानम ॥
जननम-टध र ससनत हरर आए, कहसा कहनत रह मघयसा ?
ककरनत महरर बसलसाविन आई, जसाहस न कसअँविर कन्हघ यसा ॥
कहसअँ रसागधकसा कसारत खसायर, जसाहस न आविर झसारर ।
जमंत-ममंत कछस जसानत हर तम
स , सरस स्यसाम बनविसारर ॥4॥

हरर गसारुडम तहसाअँ तब आए ।


यह बसानन विष
क भसानससत
स सा सनस न मन-मन हरष बढसाए ॥
धन्य-धन्य आपसन कद ककन्हद अनतहहमं गई मसरझसाइ ।
तनस पसलककत रबोमसामंच प्रगट भए आनअँद-अस्रस बहसाइ ॥
वविह्विल दध खख जननन भई व्यसाकसल अमंग वविष गयर समसाइ ।
ससर स्यसाम-प्यसारह दबोउ जसानत अमंतरगत कर भसाइ ॥5॥

रबोविनत महरर कफरनत बबततसानम ।


बसार-बसार लघ कमंठ लगसाविनत, अनतहहमं ससगथल भई पसानम ।
नमंद ससविन कत पसाइ परह लघ, दररर महरर तब आइ ।
व्यसाकसल भई लसाडडलह मधरह, मबोहन दध हस कजविसाइ ॥
कछस पहढ पहढ कर, अमंग परस करर, बबष अपनर सलयर झसारर ।
ससरदसास-प्रभस बडध गसारुडम, ससर पर गसाडस डसारर ॥6॥

लबोचन दए कसअँविरर उधसारर ।


कसअँविर दध ख्यर नमंद कर तब सकसचम अमंग सम्हसारर ॥
बसात बसझनत जननन सद रह कहसा हघ यह आज ।
मरत तत तस बचबो प्यसारह करनत हघ कह लसाज ॥
तब कहनत तबोहहमं कसारत खसाई कछस न रहह सगस ध गसात ।
ससर प्रभस तबोहहमं ज्यसाइ लहन्हहमं कहर कसअँविरर सद मसात ॥7॥
बडद ममंत ककयर कसअँविर कन्हसाई ।
बसार-बसार लघ कमंठ लगसायर; मसख चसम्यर हदयर घरहहमं पठसाई ॥
धन्य कबोवष विह महरर जसबोमनत, जहसाअँ अवितररयर यह ससत आई ।
ऐसर चररत तरस तहहमं ककन्हद, कसअँविरर हमसारह मरह कजविसाई ॥
मनहहमं मन अनसमसान ककयद यह, बबगधनसा जबोरह भलह बणसाई ।
ससरदसास प्रभस बडध गसारुडम, ब्रज घर-घर यह घघरु चलसाई ॥8॥
समंबमंध रहस्य
तसम सद कहसा कहद ससमंदर घन ।
यसा ब्रज मत उपहसास चलत हघ , ससनन ससनन स्रविन रहनत मनहहमं मन ॥
जसा हदन सविनन पछसारर, नबोइ करर, मबोहह दहस ह नई धधनस बमंसमबन ।
तसम गहह बसाहअँ ससभसाइ आपनत हद गचतई हअँसस नघकस बदन-तन ।
तसा हदन तत घर मसारग कजत नतत, करत चविसावि सकल गबोपमजन ।
ससर-स्यसाम अब ससाअँच पसाररहद, यह पनतब्रत तसमसद नअँद-नमंदन ॥1॥

स्यसाम यह तम
स सद कयद न कहद ।
जहसाअँ तहसाअँ घर घर कर घघरसा, करनम भसाअँनत सहद ॥
वपतसा कबोवप करविसाल गहत कर, बमंधस बधन कद धसाविघ ।
मसातस कहघ कन्यसा कर दख
स , जनन बमगथनन जनन आविहस ।
जर आविहस तर मसरसल-मधसर-धसनन, मबो जनन कसान ससनसाविहस ॥
मन कम बचन कहनत हद ससाअँचम, मत मन तसमहहमं लगसायर ।
ससरदसास प्रभस अमंतरजसामम, कयर न करर मन भसायर ॥2॥

हअँसस बबोलध गगररधर रस-बसानम ।


गसरजन खखजत कतहहमं ररस पसाविनत, कसाहध कद पछतसानम ॥
दध ह धरध कबो धमर्ध यहघ , स्विजन कसटसमंब गह
क -प्रसानम ।
कहन दध हस, कहह कहसा करतगध, अपनम ससरत हहरसानम ?॥
लबोक लसाज कसाहघ कर छसाअँडनत, ब्रजहहमं बसत भसलसानम ।
सरस दसास घट द्विघ हत, मन इक, भधद नहहमं कछस जसानम ॥3॥

ब्रज बसस कसाकध बबोल सहद ।


तसम बबनसस्यसाम और नहहमं जसानर, सकसगच न तसमहहमं कहद ॥
कसल कक कसानन कहसा लघ कररहद तसमकद कहसाअँ लहद ।
गधक मसातसा, गधक वपतसा बबमख
स तवि
स भसाविघ तहसाअँ बहर ॥
कबोउ कछस करघ , कहघ कछस कबोऊ, हरष न सबोक गहद ।
ससर स्यसाम तसमकद बबनस दध ख,त तनस मन जमवि दहद ॥4॥

ब्रजहहमं बसत आपसहहमं बबसरसायद ।


प्रककनत पसरुष एकहह करर जसानहस, बसातनन भधद करसायद ॥
जल थल जहसाअँ रहद तसम बबनस नहहमं, बधद उपननषद गसायर ।
द्विघ-तन जमवि-एक हम दबोऊ, सख
स -कसारन उपजसायर ॥
ब्रह्म-रूप द्ववितमयसा नहहमं कबोऊ, तब मन नतयसा जनसायर ।
ससर स्यसाम-मसख दध खख अलप हअँसस, आनअँद-पअँसज बढसायर ॥5॥
तब नसागरर मन हरष भई ।
नधह पसरसातन जसानन स्यसाम कर अनत आनमंद-भई ॥
प्रककनत पसरुष, नसारह मत विघ पनत, कहत भससल गई ।
कबो मसातसा, कबो वपतसा,बमंधस कबो, यह तबो भस ट नई ॥
जन्म जन्म, जसग-जसग यह लहलसा, प्यसारह जसानन लई ।
सरस दसास प्रभस कक यह महहमसा, यसातत बबबस भई ॥6॥

दध ह धरध कर कसारन सबोई ।


लबोक-लसाज कसल-कसानन न तकजयघ, जसातत भलर कहघ सब कबोई ॥
मसातस वपतसा कध डर कद मसानघ, मसानघ सजन कसटसअँब सब सबोई ।
तसात मसातस मबोहसअँ कद भसावित, तन धरर कघ मसायसा-बस हबोई ॥
ससनन बष
क भसानस-ससतसा मधरह बसानम, प्रमनत पसरसातन रसाकहस गबोई ।
सरस स्यसाम नसागररहहमं सन
स सावित, मत तम
स एक नसाहह हत दबोई ॥7॥
रसाधसा-सखम समंविसाद
घरहहमं जसानत मन हरष बढसायर ।
दख
स डसाररयर, सख
स अमंग भसार भरर, चलह लट
स सर पसायर ॥
भदह सकबोरनत चलनत ममंद गनत, नघकस बदन मसससकसायर ।
तहअँ इक सखम समलह रसाधसा कद, कहनत भयर मन भसायर ।
कअँस ज-भविन हरर-सअँग बबलसस रस, मन कर ससफल करसायर ॥
ससर ससगमंध चसरसाविनहसारर, कघसत दरस त दरस सायर ॥1॥

मबोसद कहसा दरस साविनत रसाधसा ।


कहसाअँ समलह नअँद-नमंदन कद, कजनन पसरई मन कक ससाधसा ॥
ब्यसाकसल भई कफरनत हह अबहहमं, कसाम-बबथसा तनस बसाधसा ।
पसलककत रबोम रबोम गद-गद, अब अअँग अअँग रूप अगसाधसा ॥
नहहमं पसावित जबो रस जबोगम जन, जप तप करतसा समसाधसा ।
सन
स हसअँ सरस नतहहमं रस पररपसरन, दरस र ककयर तनस दसाधसा ॥2॥

स्यसाम करन कसारध कक गबोरध ।


कहसाअँ रहत कसाकघ पघ ढिबोटसा, विद
क , तरुन कक धद हत भबोरध ॥
इहअँई रहत कक और गसाउअँ कहसअँ, मत दध खध नसाहहमं न कहस उनकबो ।
कहघ नहहमं समसझसाइ बसात यह मबोहहमं लगसाविनत हर तसम कजनकद ॥
कहसाअँ रहद मत, विघ धद कहअँकघ, तम
स समलविनत हबो कसाहत ऐसम ।
ससनहस ससर मबोसम भबोरह कद, जबोरर जबोरर लसाविनत हर कघसम ॥3॥

ससनहस सखम रसाधसा कक बसातत ।


मरसर कहनत स्यसाम हत कघसध, ऐसम समलई घसातत ॥
कक गबोरध , कक कसारध -रअँग हरर, कक जबोबन, कक भबोरध ।
कक इहहमं गसाउअँ बसत, कक अनतहहमं, हदननन बहसत कक थबोरध ॥
कक तस कहनत बसात हअँसस मबोसद, कक बसझनत सनत -भसाउ ।
सपनत हसअँ उनकद नहहमं दध खध, बसाकध सन
स हस उपसाउ ॥
मबोसर कहह करन तबोसम वप्रय, तबोसद बसात दरस घ हद ।
ससर कहह रसाधसा मबो आगत, कघसस मसख दरसघहद ॥4॥

रसाधसा तधरर बदन बबरसाजत नमकर ।


जब तस इत-उत बमंक बबलबोकनत, हबोत ननससा-पनत फककर ॥
भक
क स टह धनसष, नघन सर, ससाअँधध, ससर कधसरर कर टहकर ।
मन घसअँघट-पट मत दरस र बघठ्यर, पसारगध रनत-पनतहह कर ॥
गनत मघममंत नसाग ज्यद नसागरर, करध कहनत हद लहकर !
ससरदसास-प्रभस बबबबध भसाअँनत करर, मन ररझसायर हरर पम कर ॥5॥

कसाकर कसाकर मख
स मसाई बसातनन कद गहहयघ ॥
पसाअँत कक ससात लगसायर, झसठछ झसठछ कघ बनसायर, ससाअँचम जर तनक हबोइ, तरलद सब सहहयघ ॥
बसातनन गह्यर अकसास, ससनत न आविघ ससाअँस, बबोसल तर कछस न आविघ,तसातत मरन गहहयघ ।
ऐसत कहत नर नसारर, बबनसा भमनत गचतकसारर, कसाहध कक दध खध मत कसान्ह कहसा कहर कहहयघ ॥
घर घर यहघ घघर, बथ
क सा मबोसद करघ बघर यह ससनन स्ररन, हहरदय दहहए ।
ससरदसास बरु उपहसास हबोइ ससर मघरत, नअँद कक ससविन समलघ तर पघ कहसा चहहयघ ॥6॥

कघसघ हत नअँद-ससविन कन्हसाई ।


दध खध नहहमं नघन भरर कबहसअँ, ब्रज मत रहत सदसाई ॥
सकसचनत हद इक बसात कहनत तबोहहमं, सबो नहहमं जसानत ससनसाई ॥
कघसघहसअँ मबोहहमं हदखसाविहस उनकद, यह मधरत मन आई ॥
अनतहहमं समंद
स र कहहयत हत विघ, मबोकद दध हस बतसाई ।
ससरदसास रसाधसा कक बसानम, ससनत सखम भरमसाई ॥7॥
ससनहस सखम रसाधसा कक बसानम ।
ब्रज बसस हरर दध खध नहहमं कबहसअँ, लबोग कहत कछस अकथ कहसानम ॥
यह अब कहनत हदखसाविहस हरर कद , दध खहस रह यह अगचरज मसानम ।
जबो हम ससननत रहह सबो नसाहहमं, ऐसघ हह यह विसायस बहसानम ॥
ज्विसाब न दध त बनघ कसाहस सद, मन मत यह कसाहस नहहमं मसानम ।
ससर सबघ तरुनम मसख चसाहनतमं, चतसर चतसर सद चतसरई ठसानम ॥8॥
ससनन रसाधध तबोहहमं स्यसाम हदखघहत ।
जहसाअँ तहसाअँ ब्रज-गसलनन कफरत हत, जब इहहमं मसारग ऐहत ॥
जबहहमं हम उनकर दध खग
त म तबहहमं तबोहहमं बसलघहत ।
उनहसअँ कघ लसालससा बहसत यह, तबोहहमं दध खख ससख पघहत ॥
दरसन तत धमरज जब रघ हघ, तब हम तबोहह पत्यघहत
तसमकद दध खख स्यसाम ससमंदर घन, मसरलह मधसर बजघहत ॥
तनस बतभमंग करर अमंग-अमंग सद, नसानसा भसावि जनतहत ।
ससरदसास-प्रभस नविल कसान्ह बर, पमतसामंबर फहरघ हत ॥9॥
मसातसा कक समख
कसाहघ कद पर-घर नछनस-नछनस जसानत ।
घर मत डसाअँहट दध नत ससख जननम, नसाहहमं न नतकस डरसानत ॥
रसाधसा-कसान्ह कसान्ह रसाधसा ब्रज, ह्विघ रह्यर अनतहह लजसानत ।
अब गबोकसल कबो जघबर छसाअँडर, अपजस हस न अघसानत ॥
तस बष
क भसानस बडध कक बधटह, उनकत जसानत न पसाअँनत ।
सरस सत
स सा समझ
स साविनत जननम, सकसचनत नहहमं मस
स क
स सानत ॥1॥

खधलन कद मत जसाउअँ नहहमं ?


और लररककनम घर घर खघलहहमं,मबोहहमं कद पघ कहत तसहहमं ॥
उनकत मसातस वपतसा नहहमं कबोई, खधलत डबोलनतमं जहहमं तहहमं ।
तबोसम महतसारह बहह जसाइ न, मत रघ हद तम
स हहमं बबनसहहमं ॥
कबहसअँ मबोकद कछस लगसाविनत , कबहसअँ कहनत जनन जसाहस कहह ।
ससरदसास बसातत अनखरहहमं, नसाहहमं न मर पघ जसानतमं सहह ॥2॥

मनहहमं मन रहझनत महतसारह ।


कहसा भई जर बसाहढ तनक गई, अबहक तर मधरह हघ बसारह ॥
झसठस हहमं यह बसात उडम हघ , रसाधसा-कसान्ह कहत नर-नसारह ।
ररस कक बसात ससतसा कध मसख कक, ससनत हअँसनत मनहहमं मन भसारह ॥
अब लद नहहमं कछस इहहमं जसान्यर, खधलत दध खख लगसाविस गसारह ।
ससरदसास जननम उर लसाविनत, मसख चसमनत पकछनत ररस टसारह ॥3॥

सत
स सा लए जननम समझ
स साविनत ।
समंग बबहटननअनन कत समसल खधलर, स्यसाम-ससाथ ससनस-ससनन ररस पसाविनत ।
जसातस ननमंदसा हबोइ आपनम,जसातत कसल कद गसारबो आविनत ।
सनस न लसाडलबो कहनत यह तबोसत, तबोकक यसातत ररस करर धसाविनत ॥
अब समसझम मत बसात सबनन कक, झसठत हह यह बसात उडसाविनत ।
ससरदसास ससनन ससनन यध बसातस , रसाधसा मन अनत हरष बढसाविनत ॥4॥

रसाधसा बबनय करत मनहहमं मन, ससनहस स्यसाम अमंतर कध जसामम ।


मसातस-वपतसा कसल-कसाननहहमं मसानत, तसमहहमं न जसानत हत जग स्विसामम ॥
तसम्हरर नसाउ लधत सकसचत हत, ऐसध ठरर रहह हद आनम ।
गसरु पररजन कबो कसानन मसानयक, बसारमं बसार कहह मसख बसानम ॥
कघसध सअँग रहद बबमख
स नन कत, यह कहह-कहह नसागरर पनछतसानम ।
ससरदसास -प्रभस कद हहरदघ धरर, गह
क -जन दध खख-दध खख मसससकसानम ॥5॥

ककष्ण दशर्धन
रसाधसा जल बबहरनत सखखयनन सअँग ।
गमवि-प्रजमंत नमर मघ ठसाढह, नछरकनत जल अपनत अपनत रमं ग ॥
मसख भरर नमर परसपर डसारनतमं, सबोभसा अनतहहमं अनसप बढह तब ।
मनहस चमंद-मन ससधसा गअँडसषनन, डसारनत हत आनमंद भरध सब ॥
आई ननकसस जसानस कहट लद सब, अअँजरस रनन तत लघ लघ जल डसारनतमं ।
मसानहस ससर कनक-बल्लह जसरर अमत
क -बसअँद पविन-समस झसारनतमं ॥1॥

जमन
स सा-जल बबहरनत ब्रज-नसारह ।
तट ठसाढध दध खत नअँद-नमंदन, मधसरर मसरसल कर धसारह ॥
मबोर मसकसट, स्रविननन मनन कमंस डल, जलज-मसाल उर भ्रसाजत ।
ससमंदर ससभग स्यसाम तन नवि घन, बबच बग पसाअँनत बबरसाजत ॥
उर विनमसाल सम
स न बहस भसाअँनतनन, सधत, लसाल, ससत,पमत ।
मनहस ससरसरह तट बघठध ससक, बरन बरन तकज भमत ॥
पमतसामंबर कहट तट छसद्रसाविसल, बसाजनत परम रससाल ।
सरस दसास मनस कनकभसस म हढिग, बबोलत रुगचर मरसाल ॥2॥

गचतविनन रबोकघ हसअँ न रहह ।


स्यसाम ससमंदर ससमंधस-सनमसख, सररत उममंगग बहह ॥
प्रधम-ससलल-प्रविसाह भअँविरनन, समसल न कबहसअँ लहह ।
लबोभ लहर कटसाच्छ, घसअँघट-पट-करसार ढिहह ॥
थकध पल पथ, नसावि धमरज परनत नहहमंन गहह ।
समलह सरस सभ
स सावि स्यसामहहमं, फधरहस न चहह ॥3॥

हमहहमं कह्यर हर स्यसाम हदखसाविहस ।


दध खहस दरस नघन भरर नमकत , पसनन-पसनन दरस न पसाविहस ॥
बहसत लसालससा करनत रहह तसम, विध तसम कसारन आए ।
परस ह ससाध समलह तम
स उनकद, यसातत हमहहमं भल
स साए ॥
नमकत सगसन आजस ह्यसाअँ आई, भयर तसम्हसारह कसाज ।
ससनहस ससर हमकद कछस दध हर, तसमहहमं समलध ब्रजरसाज ॥4॥

रसाधसा चलहस भविनहहमं जसाहह ।


कबहहमं कक हम जमसन आई, कहहहमं अरु पनछतसाहहमं ॥
ककयर दरसन स्यसाम कर तसम, चलरगम कक नसाहहमं ।
बहसरर समसलहर चमकन्ह रसाखहस, कहत, सब मस स क
स साहहमं ॥
हम चलहमं घर तसमहसअँ आविहस, सबोच भयर मन मसाहहमं
ससर रसाधसा सहहत गबोपम, चलहमं ब्रज-समसहसाहहमं ॥5॥
कहह रसाधसा हरर कघसध हत ।
तधरघ मन भसाए कक नसाहहमं, कक ससमंदर, कक नघसध हस ॥
कक पसनन हमहहमं दरस सावि कररगम, कक कघहर विघ जघसध हत ।
कक हम तम
स सर कहनत रहहमं ज्यद, ससाअँच कहर कक तघसध हघ ॥
नटविर-विधष कसाछनम कसाछध , अमंगनन रनत-पनत-सघ सध हत ।
ससर स्यसाम तसम नमकत दध खध, हम जसानत हरर ऐसध हत ॥6॥

स्यसाम सखख नमकत दध खध नसाहहमं ।


गचतविन हह लबोचन भरर आए, बसार-बसार पनछतसाहहमं ॥
कघसधहसअँ करर इकटक मत रसाखनत, नतकहहमं मत अकसलसाहहमं ।
ननसमष मनर छबब पर रखविसारध , तसातत अनतहहमं डरसाहहमं ॥
कहसा करघ इनकर कह दष
स न,इन अपनम सम ककन्हह ।
ससर स्यसाम-छबब पर मन अटकयर, उन सबोभसा लहन्हह ॥7॥
रसाधसा कसा अनसरसाग
पसनन पसनन कहनत हत ब्रज नसारर ।
धन्य बड भसागगनम रसाधसा, तधरत बस गगररधसारर ॥
धन्य नमंद-कसमसार धनन तसम, धन्य तधरह प्रमनत ।
धन्य दबोउ तसम नविल जबोरह, कबोक कलसानन जमनत ॥
हम वविमख
स , तम
स ककष्न-समंगगनन, प्रसान इक, द्विघ दध ह ।
एक मन, इक बसवद, इक गचत, दह
स स अँनन एक सनधह ॥
एक नछनस बबनस तसमहहमं दध खघ, स्यसाम धरत न धमर ।
मसरसल मत तसवि नसाम पसनन, पसनन कहत हत बलबमर ।
स्यसाम मनन तत परखख लहन्हर, महसा चतसर ससजसान ।
सरस कध प्रभस प्रधमहहमं बस, करन तबो सरर आन ॥1॥

रसाधसा परम ननमर्धल नसारर ।


कहनत हद मन कमर्धनसा करर, हृदय-दवस विधसा टसारर ॥
स्यसाम कद इक तसहहमं जसान्यर, दरस साचसाररनन और ।
जघसस घटपसरन न डबोलघ, अघ भरर डगडरर ॥
धनम धन कबहसअँ न प्रगटघ , धरघ तसाहह छपसाइ ।
तत महसानग स्यसाम पसायर, प्रगहट कघसस जसाइ ॥
कहनत हद यह बसात तबोसद, प्रगट कररहर नसाहहमं ।
ससर सखम ससजसान रसाधसा, परसपर मसससकसाहहमं ॥2॥

तत हह स्यसाम भलध पहहचसानध ।


ससाअँचम प्रमनत जसानन मनमबोहत, तधरधहहमं हसाथ बबकसानध ॥
हम अपरसाध ककयर कहह तसमसद, हमहहमं कसलटसा नसारर ।
तसमसद उनसद बमच नहहमं कछस, तसम दबोऊ बर-नसारर ॥
धन्य सह
स साग भसाग हघ तधरर, धनन बडभसागम स्यसाम ।
ससरदसास-प्रभस सध पनत जसाकत , तबोसम जसाकत बसाम ॥3॥

रसाधसा स्यसाम कक प्यसारह ।


ककष्न पनत सविर्धदसा तधरध, तस सदसा नसारह ॥
ससनत बनम सखम-मसख कक, कजय भयर अनसरसाग ।
प्रधम-गदगद, रबोम पसलककत,समखस झ अपनर भसाग ॥
प्रमनत परगट ककयर चसाहघ , बचन बबोसल न जसाइ ।
नमंद-नमंदन कसाम-नसायक रहध , नघननन छसाइ ॥
हृदय तत कहसअँ टरत नसाहहमं, ककयर ननहचल बसास ।
ससर प्रभस-रस भरह रसाधसा, दरस त नहहमं प्रकसास ॥4॥

जर बबधनसा अपबस करर पसाऊअँ ।


तबो सखख कह्यर हबोइ कछस तधरर, अपनम ससाध परस साऊअँ ॥
लबोचन रबोम-रबोम-प्रनत मसाअँगद, पसनन-पसनन तसास हदखसाऊअँ ।
इकटक रहत पलक नहहमं लसागत , पदनत नई चलसाऊअँ ॥
कहसा करद छबब-रसासस स्यसामधन, लबोचन द्विघ नहहमं ठसाऊअँ ।
एतध पर यध ननसमष ससर ससनन , यह दख
स कसाहह सन
स साऊअँ ॥5॥

कहह रसागधकसा बसात अब ससाअँचम ।


तम
स अब प्रगट कहह मबो आगत, स्यसाम-प्रधम-रस मसाअँचम ॥
तसमकद कहसाअँ समलध, नअँद-नमंदन, जब उनकत रअँग रसाअँचम ।
खररक समलध, कक गबोरस बसचत, कक जब बबषहर बसाअँचम ॥
कहत बनध छसाअँडर चतरस साई, बसात नहहमं यह कसाअँचम ।
ससरदसास रसागधकसा सयसानम, रूप-रसासस-रस-खसाअँचम ॥6॥

कब रह समलध स्यसाम नहहमं जसानद ।


तधरह सद करर कहनत सखम रह, अजहसअँ नहहमं पहहचसानद ॥
खररक समलध, कक गबोरस बसचत, कक अबहहमं, कक कसासल ।
नघननन अमंतर हबोत न कबहसअँ, कहनत कहसा रह आसल ॥
एकर पल हरर हबोत न न्यसारध , नमकत दध खध नसाहहमं ।
ससरदसास-प्रभस टरत न टसारत, नघननन सदसा बससाहह ॥7॥

स्यसाम समलध मबोहहमं ऐसत मसाई ।


मत जल कद जमसनसा तट आई ।

औचक आए तहसाअँ कन्हसाई ।


दध खत हह मबोहहनम लगसाई ।

तबहहमं तत तन-सरस नत गअँविसाई ।


ससध त मसारग गई भसलसाई ।

बबनस दध खत कल परघ न मसाई ।


ससर स्यसाम मबोहहनम लगसाई ॥8॥

तबहहमं तत हरर हसाथ बबकसानम ।


दध ह-गधह-ससगध सबघ भसलसानम ।
अमंग ससगथल भए जघसस पसानम ।
ज्यद-ज्यद करर गह
क पहसअँचम आनम ।

बबोलध तहसा अचसानक बसानम ।


द्विसारत दध खध स्यसाम बबनसानम ।

कहसा कहद ससनन सखम सयसानम ।


ससर स्यसाम ऐसम मनत ठसानम ॥9॥

जसा हदन तत हरर दृकष्ट परध रह ।


जसा हदन तत मधरध इन नघननन, दख
स ससख सब बबसरध रह ।
मबोहन अमंग गप
स साल लसाल कध, प्रधम-वपयसष भरध रह ।
बसध उहसाअँ मसससकनन-बसाअँह लघ, रगच रुगच भविन करध रह ॥
पठविनत हद मन नतनहहमं मनसाविन, ननसहदन रहत अरध रहह ।
ज्यद ज्यद जतन करनत उलटसाविनत, त्यद त्यद उठत खरध रह ॥
पगचहसारह समसझसाई ऊअँच-ननच, पसनन-पसनन पसाइ परध रह ।
सबो ससख ससर कहसाअँ लद बरनद, इक टक तत न टरध रह ॥10॥
जब तद प्रमनत स्यसाम सद ककन्हहमं ।
तसा हदन तत मधरत इन नघननन, नघकसहसअँ न लहन्हहमं ॥
सदसा रहघ मन चसाक चढ़्यर, और न कछस सह
स साई ।
करत उपसाइ बहसत समसलबध कद, यहघ बबचसारत जसाई ॥
ससर सकल लसागनत ऐसमयघ,सबो दख
स कसासद कहहयघ ।
ज्यद अचधत बसालक कक बधदन, अपनध हह तन सहहयघ ॥11॥

नसा जसानद तबहहमं तत मबोकद, स्यसाम कहसा धद ककन्हर रह ।


मधरह दृकष्ट परध जसा हदन तत, जसान ध्यसान हरर लहन्हर रह ॥
द्विसारध आइ गए औचक हहमं, मत आअँगन हह ठसाढह रह ।
मनमबोहन-मसख दध खख रहह तब, कसाम-बबथसा तनस बसाढह रह ॥
नघन-सघन दघ दघ हरर मबो तन, कछस इक भसावि बतसायर रह ।
पमतसामंबर उपरघ नसा कर गहह ,अपनत समस कफरसायर रह ॥
लबोक-लसाज, गसरुजन कक समंकसा, कहत न आविघ बसानम रह ।
ससर स्यसाम मधरत आअँगन आए, जसात बहसत पनछतसानम रह ॥12॥

मत अपनम मन हरत न जसान्यर ।


ककधद गयबो समंग हरर कत विह, ककधद पमंथ भल
स सान्यर ॥
ककधद स्यसाम हटकक हघ रसाख्यर, ककधद आपस रतसान्यर ।
कसाहध तत ससगध करह न मधरह. मबोपघ कहसा ररससान्यर ॥
जबहहमं तत हरर ह्यसाअँ ह्विघ ननकसध, बघरु तबहहमं तत ठसान्यर ।
ससर स्यसाम सअँग चलन कह्यर मबोहहमं, कह्यर नहहमं तब मसान्यर ॥13॥

स्यसाम करत हत मन कक चबोरह ।


कघसत समलत आनन पहहलत हह, कहह-कहह बनतयसाअँ भबोरह ॥
लबोक-लसाज कक कसानन गअँविसाई, कफरनत गसडम बस डबोरह ।
ऐसध ढिमं ग स्यसाम अब समख्यर, चबोर भयर गचत कर रह ॥
मसाखन कक चबोरह सहह लहन्हह, बसात रहह विह थबोरह ।
सरस स्यसाम भयर ननडर तबहहमं तत, गबोरस लधत अअँजबोरह ॥14॥

मसाई ककष्न-नसाम जब तत स्रविन सन्


स यर हघ रह , तब तस भल
स ह रह मरन बसाविरह सम भई रह ।
भरर भरर आवित नघन, गचत न रहत चघन, बघन नहहमं ससधर दससा औरहह ह्विघ गई रह ॥
करन मसातसा,करन वपतसा, करन भघनम, करन भ्रसातसा, करन जसान , करन ध्यसान, मनमथ हई रह ।
ससर स्यसाम जब तत परत परघ रह मधरह डमहठ, बसाम, कसाम, धसाम, लबोक-लसाज कसल कसानन नई रह ॥15।

रसाधसा तत हरर कत रमं ग रसाअँचम ।


तबो तत चतसर और नहहमं कबोऊ, बसात कहद मत ससाअँचम ॥
तत उनकर मन नहहमं चरस सायर, ऐसम हघ तस कसाअँचम ।
हरर तधरर मन अबहह चसरसायर, प्रथम तसहहमं हघ नसाअँचम ।
तसम अरु स्यसाम एक हर दबोऊ, बसाकक नसाहहमं बसाअँचम ।
ससर स्यसाम तधरत बस, रसाधसा, कहनत लहक मत खसाअँचम ॥16॥

तसम जसाननत रसाधसा हघ छबोटह ।


चतसरसाई अअँग-अअँग भरह हघ , पसरन-जसान , न बसगध कक मबोटह ॥
हमसद सदसा दरस सावि ककयद इहहमं, बसात कहघ मख
स चबोटह-पबोटह ।
कबहसअँ स्यसाम तत नतकस न बबछसरनत, ककयध रहनत हमसद हठ ओटह ॥
नअँद-नमंदन यसाहह कत बस हत, बबबस दध खख बसदह छबब-चबोटह ।
सरस दसास-प्रभस विघ अनत खबोटध , यह उनहसअँ तत अनतहहमं खबोटह ॥17॥

सन
स हस सखम रसाधसा सररकबो हघ ।
जबो हरर हघ रनतपनत मनमबोहन, यसाकर मसख सबो जबोहघ ॥
जघसर स्यसाम नसारर यह तघसम, ससमंदर जबोरह सबोहघ ॥
यह द्विसादस बहऊ दस द्विघ कर, ब्रज-जसचनतनन मन मबोहघ ॥
मत इनकद घहट बहढ नहहमं जसाननत, भधद करघ सबो कबो हघ ॥
सरस स्यसाम नसागर, यह नसागरर, एक प्रसान तन दबो हघ ॥18॥

रसाधसा नअँद-नमंदन अनरस सागम ।


भय गचमंतसा हहरदघ नहहमं एकद, स्यसाम रमं ग-रस पसागम ॥
हृदय चसन रअँग, पय पसानम ज्यद, दवस विधसा दह
स स अँ कक भसागम ।
तन-मन-प्रसान समपर्धन ककन्हर, अमंग-अमंग रनत खसागम ॥
ब्रज-बननतसा अविलबोकन करर-करर, प्रधम-बबबस तनस त्यसागम ॥
ससरदसास प्रभस सद गचत्त लसाग्यर सबोवित तत मनस जसागम ॥19॥

आअँखखनन मत बसघ, कजय मत बसघ,हहय मत बसत ननसस हदविस प्यसारह ।


तन मत बसघ, मन मत बसघ, रसनसा हसअँ मत बसघ नअँदविसारर ॥
ससगध मत बसघ, बसगधहस मत बसघ, अमंग-अमंग बसघ मसकसटविसारर ।
सरस बन बसघ, घरहस मत बसघ, समंग ज्यर तरमं ग जल न न्यसारर ॥20॥
उपहसास
यह करनम उनहहमं कद छसाजघ, उनकत समंग न जघहर ॥
रसाध-कसान्ह-कथसा ब्रज-घर-घर, ऐसस जनन कहविघहर ।
यह करनम उन नई चलसाई, तसम जनन हमहहमं हअँसघहर ॥
तम
स हर बडध महर कक बधटह, कसल जनन नसाउअँ धरघ हर ।
ससर स्यसाम रसाधसा कक महहमसा, यहघ जसानन सरमघहर ॥1॥

यह ससनन कघ हअँसस मरन रहहमं रह ।


ब्रज उपहसास कसान्ह-रसाधसा कर, यह महहमसा जसानम उनहहमं रह ॥
जघसम बसवद हृदय हघ इनकत , तघसमयघ मख
स बसात कहह रह ।
रबब कर तधज उलसक न जसानघ, तरनन सदसा पसरन नभहहमं रह ॥
वविष कर ककट बबरहहमं रुगच मसानघ, कहसा ससधसा रसहहमं रह ।
सरस दसास नतल-तधल-सविसादह , स्विसाद कहसा जसानघ घत
क हहमं रह ॥2॥
सहससा भस ट
इततस रसाधसा जसानत जमसन-तट, उततत हरर आवित घर कद ।
कहट कसाछनम, विधष नटविर कर, बमच समलह मसरलहधर कद ॥
गचतघ रहह मसख-इमंद स मनबोहर, विसा छबब पर विसारनत तन कद ।
दरस हस तघ दध खत हह जसानध, प्रसाननसाथ समंद
स र घन कद ॥
रबोम पसलक, गदगद बसानम कहह, कहसाअँ जसात चबोरध मन कद ।
ससरदसास-प्रभस चबोरन समखध, मसाखन तत गचत-बबत-धन कद ॥1॥

भसजसा पकरर ठसाढध हरर ककन्हध ।


बसाअँह मरबोरर जसाहसगध कघसघ, मघ, तम
स नमकत चमन्हघ ॥
मसाखन-चबोरह करत रहध तसम, अब भए मन कध चबोर ।
ससनत रहह मन चबोरत हत हरर, प्रगट सलयर मन मबोर ॥
ऐसध ढिहठ भए तसम डबोलत, ननदरध ब्रज कक नसारर ।
ससर स्यसाम मबोहसअँ ननदररगध, दध हसअँ प्रधम कक गसारर ॥2॥

यह बल कधनतक जसादर रसाइ ।


तसम जस तमकक कघ मबो अबलसा सद, चलध बसाअँह छसटकसाइ ॥
कहहयत हबो अनत चतरस सकल अमंग, आवित बहसत उपसाइ ।
तर जसानद जर अब एकर छन, सकर हृदय तत जसाइ ॥

ससरदसास स्विसामम श्रमपनत कद, भसाविनत अमंतर भसाइ ।


सहह न सकध रनत-बचन, उलहट हअँसस लहन्हह कमंठ लगसाइ ॥3॥

कसल कक लसाज अकसाज ककयर ।


तसम बबन स्यसाम ससहसात नहहमं कछस, कहसा करद अनत जरत हहयर ॥
आपस गप्स त करर रसाखम मबोकद, मत आयसस ससर मसानन सलयर ।
दध ह-गधह-ससगध रहनत बबससारध , तसम तत हहतस नहहमं और बबयर ॥
अब मबोकद चरननन तर रसाखर, हअँसस नअँदनमंदन अमंग नछयर ।
ससर स्यसाम श्रममसख कक बसानम, तसम पत प्यसारह बसत कजयर ॥4॥
मसातस वपतसा अनत तसास हदखसावित।
भ्रसातसा मबोहहमं मसारन कद नघरविघ, दध खत मबोहहमं न भसावित ।
जननम कहनत बडध कक बधटह, तबोकद लसाज न आविनत ॥
वपतसा कहध कघसम कसल उपजम, मनहहमं मन ररस पसाविनत ॥
भगगनम दध ख दध नत मबोहहमं गसारह, कसाहत कसलहहमं लजसाविनत ।
ससरदसास-प्रभस सद यह कहह-कहह, अपनम बबपनत जनसाविनत ॥5॥

ससमंदर स्यसाम कमल-दल-लबोचन ।


वविमसख जननन कक समंगनत कर दख
स , कब धद कररहर मबोचन ॥
भविन मबोहहमं भसाठछ सर लसागत, मरनत सबोचहहमं सबोचन ।
ऐसम गनत मधरह तसम आगत, करत कहसा कजय दबोचन ॥
गधक विघ मसातस-वपतसा, गधक भ्रसातसा, दध त रहत मबोहहमं खकचन ॥
सरस स्यसाम मन तम
स हहमं लगसान्यर, हरद-चन
स -रअँ ग-रबोचन ॥6॥

कसल कक कसानन कहसा लगग कररहद ।


तसम आगत मत कहद जस ससाअँचम, अब कसाहस नहहमं डररहद ॥
लबोग कसटसमंब जग कध जध कहहयत, पधलसा सबहहमं ननदररहद ।
अब यह दख
स सहह जसात न मबोपत, बबमसख बचन ससनन मररहद ॥
आप ससखम तर सब नमकध हत, उनकध ससख कह सररहद ।
सरस दसास प्रभस चतरस ससरबोमनन , अबकघ हद कछस लररहद ॥7॥

प्रसाननसाथ हबो मधरह सरस नत ककन करर ।


मत जस दख
स पसाविनत हद, दहनदयसाल, ककपसा करर, मधरर कसामदमं द-दख
स औ बबरह हरर ॥
तसम बहस रमनम रमन सबो तबो जसाननत हद, यसाहह कध जस धरखत हर मरसद कहत लरबो ।
ससरदसास-स्विसामम तसम हर अमंतरजसामम ससनम मनससा बसाचसा मत ध्यसान तसम्हररई धरद ॥8॥

हद यसा मसायसा हह लसागम तसम कत तबोरत ।


मधरर तर कजय नतहसारध चरनन हह मत लसाग्यर, धमरज कयद रहघ रसाविरध मसख मबोरत ॥
कबोऊ लघ बनसाइ बसातत, समलविनत तम
स आगत, सबोई ककन आइ मबोसद अब हघ जबोरत ।
ससरदसास-वपय, मधरध तर तसमहहमं हबो जस कजय, तसम बबनस दध खत मधरर हहयर ककबोरत ॥9॥

बबहअँसस रसाधसा ककष्न अमंक लहन्हह ॥


अधर सद अधर जसरर, नघन सद नघन समसल हृदय सद हृदय लगग, हरष ककन्हह ॥
कमंठ भसज-भसज जबोरर, उछमं ग लहन्हह नसारर, भसविन-दख
स टसारर, ससख हदयर भसारह ।
हरवष बबोलध स्यसाम, कसञज-बन-घन-घसाम, तहसाअँ हम तम
स समंग समलत प्यसारह ।
जसाहस गह
क परम धन, हमहसअँ जघहत सदन, आइ कहसअँ पसास मबोहहमं सघन दघ हह ।
ससर यह भसावि दघ , तसरतहहमं गविन करर, कमंस ज-गह
क सदन तसम जसाइ रघ हर ॥10॥
व्यसाज समलन
ससनन रह मघयसा कसाकल्हहहमं, मबोनतसरह गअँविसाई ।
सखखनन समलघ जमन
स सा गई, धद उनहह चरस साई ॥
ककधद जलहह मत गई, यह ससगध नहहमं मधरत !
तब तत मत पनछतसानत हद, कहनत न डर तधरत ॥
पलक नहहमं ननसस कहसअँ लगम, मबोहहमं सपथ नतहसारह ।
इहह डर तत मत आजसहहमं,अनत उठछ सबसारह ॥
महरर ससनत चककत भई, मसख ज्विसाब न आविघ ।
सरस रसागधकसा गन
स भरह, कबोउ पसार न पसाविघ ॥1॥

सनस न रसाधसा अब तबोहहमं न पत्यघहद ।


और हसार चरकक हमधल अब, तधरत कमंठ न नघहद ॥
लसाख टकसा कक हसानन करह तत, सबो जब तबोसद लघहद ।
हसार बबनसा ल्यसाऐमं लडबररह, घर नहहमं पघठन दघ हद ॥
जब दध खदगम विहघ मबोनतसरर, तबहहण तर सचस पघहद ।
नसातरू सरस जन्म भरर तधरबो, नसाउअँ नहहमं मख
स लघहद ॥2॥

जघहघ कहसाअँ मबोनतसरर मबोरर ।


अब ससगध भई लई विसाहह नत, हअँसनत चलह बष
क भसानस-ककसबोरह ॥
अबहहमं मत लहन्हध आविनत हद , मधरघ समंग आविघ जनन कबो रह ।
दध खर धद कह कररहद विसाकर, बडध लबोग समखत हत चबोरह ।
मरकद आजस अबधर लसागग हघ , ढिसढदगबो घर-घर ब्रज खबोरह ।
सरस चलह ननधरक ह्विघ सब सद, चतरस रसागधकसा बसातनन भबोरह ॥3॥

नमंद-महर-घर कध वपछविसारत, रसाधसा आइ बतसानम ॥


मनर अमंब-दल-मरर दध खख कध, कसहसकक कबोककल बसानम ॥
झसठधहहमं नसाम लधनत लसलतसा कर, कसाहघ जसाहस परसानम ।
विन्क दसाबन-मग जसानत अकधलह, ससर लघ दहह-मथसानम ॥
मत बघठछ परखनत ह्विसाअँ रघ हद, स्यसाम तबहहमं नतहहमं जसानम ।
कबोक-कलसा-गसन आगरर नसागरर, ससर चतसरई ठसानम ॥4॥

सघन दघ नसागरह गई बन कद ।
तबहहमं कर-करर हदयर डसारर, रहह सकघ, ग्विसाल जसवित तजध, मबोह्यर उनकद ॥
चलध अकसलसाइ बन धसाइ, ब्यसाई गसाइ दध खखहद जसाइ, मन हरष ककन्हर ।
वप्रयसा ननरखनत पमंथ, समलत कब हरर कमंत, गए इहहमं अमंत हअँसस अमंक लहन्हर ।
अनतहहमं ससख पसाइ, अतरस साइ समलध धसाइ दबोउ, मनर अनत रमं क नविननगधहहमं पसाई ।
ससर प्रभस कक वप्रयसा रसागधकसा अनत नविल, नविल नअँदलसाल कध मनहहमं भसाई ॥5॥

दहजघ कसान्ह कसाअँधध कर कमंबर ।


नसान्हह नसान्हह बसअँदनन बरषन लसाग्यर, भमजत कससअँभम अमंबर ॥
बसार-बसार अकसलसाई रसागधकसा, दध खख, मधघ-आडमंबर ।
हअँसस हअँसस रहखझ बघहट रहध दबोऊ, ओहढ ससभउ पमतमंबर ॥
ससवि सनकसाहदक नसारद-ससारद, अमंत न पसाविघ तसमंबर ।
ससरस्यसाम-गनत लखख न परनत कछस, खसात ग्विसाल सअँग समंबर ॥6॥

कसान्ह कह्यर बन रघ नन न ककजघ, ससनहस रसागधकसा प्यसारह ।


अनत हहत सद उर लसाइ कह्यर, अब भविन आपनत जसा रह ॥
मसात-स वपतसा कजय जसानघ न कबोऊ, गप्स त-प्रमनत रस भसारह ।
कर तत करर डसारर मत आयर, दध खत दबोउ महतसारह ॥
तसम जघसम मबोहहमं प्यसारह लसागनत, चमंद चकबोर कहसा रह ।
ससरदसास स्विसामम इन बसातनन, नसागरर ररझई भसारह ॥7॥

मघ बसल जसाऊअँ कन्हघ यसा कक ।


करतत करर डसारर उहठ धसायर, बसात सन
स म बन गघयसा कक ॥
धररह गसाइ आपनम जसानम, उपजम प्रमनत लविघयसा कक ।
तसातत जल समबोइ पग धबोविनत, स्यसाम दध खख हहत मघयसा कक ॥
जबो अनसरसाग जसबोद कघ उर, मख
स कक कहनन कन्हघ यसा कक ।
यह ससख ससर और कहसअँ नसाहहमं, सदह करत बल भघयसा कक ॥8॥

रसाधसा अनतहहमं चतरस प्रविमन ।


ककष्न कर ससख दघ चल हअँसस, हमं स-गनत कहट छछन ॥
हसार कत समस इहसाअँ आई, स्यसाम मनन -कत कसाज ।
भयर सब परस न मनबोरथ, समलध श्रमब्रजरसाज ॥
गसाअँहठ-आअँचर छबोरर कघ, मबोनतसरह लहन्हह हसाथ ।
सखम आविनत दध ख रसाधसा, लई तसाकद ससाथ ॥
जसबनत बसझनत कहसाअँ नसागरर, ननसस गई इक जसाम ।
ससर ब्यररबो कहह ससनसायर, मत गई नतहहमं कसाम ॥9॥

करनत अविसधर बष
क भसानस-नसारह ।
प्रसात तघ गई, बसासर गयर बमनत सब , जसाम ननसस गई, धद कहसा बसारबो ॥
हसार कत तसास मत, कअँस विरर तसासम बहसत, नतहहमं डरनन अजहसअँ नसाहह सदन आई ।
कहसाअँ मत जसाऊअँ, कह धद रहह रूसस कत, सखखनन सद कहनत कहसअँ समलह मसाई ॥
हसार बहह जसाइ , अनत गई अकसलसाइ कत, ससतसा कघ नसाउअँ इक विहघ मधरत ।
सरस यह बसात जर सन
स त अबहहमं महर, कहत मबोहहमं यघ ढिमं ग तधरध ॥10॥
रसाधसा डर डरसानत घर आई ।
दध खत हहमं ककरनत महतसारह, हरवष, कसअँविरर उर लसाई ॥
धमरज भयर ससतसा-मसातसा कजय, दरस र गयर तनस-सबोच ।
मधरह कद मत कसाहत तसासम, कहसा ककयर यह पबोच ॥
लघ रह मघयसा हसार मबोनतसरह, जसा कसारन मबोहहमं तसासम ।
ससर रसागधकसा कध गसन ऐसध, समसल आई अबबनसासम ॥11॥

परम चतरस विष


क भसानस-दल
स सारह ।
यह मनत रचम ककष्न समसलबध कक, परम पसनमत महसा रह ॥
उत ससख हदयर नमंद-नमंदन कद, इतहहमं हरष महतसारह ।
हसार इतर उपकसार करसायर, कबहसअँ न उर तत टसारह ॥
जध ससवि-सनक-सनसातन दल
स भ
र्ध , तध बस ककयध कसमसारह ।
ससरदसास-प्रभस-ककपसा अगबोचर, ननगमनन हस तत न्यसारह ॥12॥

प्रमनत कध बस्य कध हत मरस सारह ।


प्रमनत कध बस्य नटविर ससभधषहहमं धरर‌यर, प्रमनत बस करज गगरररसाज धसारह ।
प्रमनत कध बस्य ब्रज भए-मसाखन चबोर, प्रमनत बस्य दसाअँविरर बअँधसाई ।
प्रमनत कध बस्य गबोपम-रमन नसाम वप्रय, प्रमनत बस जमल तरु मबोच्छदसाई ।
प्रमनतबस नमंद-बमंधन बरुन गह
क गए, प्रमनत कध बस्य-बन-धसाम कसामम ।
प्रमनत कध बस्य प्रभस ससर बतभसविन बबहदत, प्रमनत बस सदसा रसागधकसा स्विसामम ॥13॥
भ्रम
आजस सखम अरुनबोदय मधरध, नघननन कद धबोख भयर ।
कक हरर आजस पमंथ इहहमं गविनध, स्यसाम जलद कक उनयर ॥
कक बग पसाअँनत भसाअँनत, उर पर कक मक
स स ट-मसाल बहस मबोल ।
ककधद मबोर मसहदत नसाचत, कक बरह-मसकसट कक डबोल ॥
कक घनघबोर गमंभमर प्रसात उटह, कक ग्विसालनन कक टध रनन ।
कक दसासमनम कदधनत चहसअँ हदसस, कक सभ
स ग पमत पट फधरनन ॥
कक बनमसाल लसाल-उर रसाजनत, कक ससरपनत-धनस चसारू ।
ससरदसास-प्रभस-रस भरर उमअँगम, रसाधसा कहनत बबचसारु ॥1॥

रसागधकसा हृदय तत धबोख टसारर ।


नमंद कध लसा दध खध प्रसात-कसाल तत, मधघ नहहमं स्यसाम तनस-छबब बबचसारर ।
इमंद्र-धनस नहहमं बन दसाम बहस ससमन कध, नहहमं बग पसाअँनत बर मबोनत-मसालसा ।
ससखम विह नहहमं ससर मसकसट समखमंड पछ, तडडत नहहमं पमत पट-छववि रससालसा ॥
ममंद गरजन नहहमं चरन नसपरस -सबद, भबोरहह आजस हरर गविन ककन्हर ॥
ससर प्रभस भसासमनम भविन करर गविन, मन रविन दख
स कध दविन जसानन लहन्हर ॥2॥
एकननष्टसा
धन्य धन्य बष
क भसानस-कसमसारह ।
धनन मसातसा, धनन वपतसा नतहसारध , तबोसम जसाई बसारह ॥
धन्य हदविस, धनन ननससा तबहहमं, धन्य घरह, धनन जसाम ।
धन्य कसान्ह तधरत बस जध हत, धनन ककन्हध बस स्यसाम ॥
धनन मनत, धनन रनत, धनन तधरर हहत, धन्य भककत, धनन भसाउ ।
ससर स्यसाम पनत धन्य नसारर तस, धनन-धनन एक ससभसाउ ॥1॥

तबोहहमं स्यसाम हम कहसा हदखसावित ।


तम
स तघ न्यसारध रहत कहसअँ न विघ, नघकस नहहमं बबसरसावित ॥
एक जमवि दध हबो द्विघ रसाचम, यह कहह कहह जस सन
स साविघ ।
उनकक पटतर तसमकद दहजत, तसम पटतर विघ पसावित ॥
अमत
क कहसा अमत
क -गसन प्रगटघ , सबो हम कहसा बतसावित ॥
ससरदसास गअँसगध कर गसर ज्यद, बसझनत कहसा बसझसावित ॥2॥
ससनन रसाधसा यह कहसा बबचसारघ ।
विघ तघरत तस उनकध रअँग, अपनर मसख कयद न ननहसारघ ॥
जर दध खघ तर छसाअँह आपनम, स्यसाम-हृदघ ह्यसाअँ छसायसा ।
ऐसम दससा नमंद-नमंदन कक, तम
स दबोउ ननमर्धल कसायसा ॥
नमलसामंबर स्यसामल तनस, ककमं छववि पमत ससबसास ।
घन-भमतर दसासमनन प्रकसाससत, दसासमनन घन-चहसअँ पसास ॥
ससन रह सखम बबलछ कहद तरसद, चसाहनत हरर कर रूप ।
दरस ससनहस तसम दबोउ सम जबोरह, एक स्विरूप अनसप ॥3॥
वपय तधरत बस यद रह मसाई ।
ज्यद समंगहह सअँग छसाअँह दध ह-बस, प्रधम कह्यर नहहमं जसाई ॥
ज्यद चकबोर बस सरद चमंद्र कत चकविसाक बस भसान ।
जघसस मधसकर कमल-कबोस-बस, त्यद बस स्यसाम ससजसान ॥
ज्यद चसातक बस स्विसानत बसअँद कघ, तन कत बस ज्यद जमय
सरस दसास-प्रभस अनत बस तधरत, समझ
स दध खख धद हहय ॥4॥
लघसमसान लहलसा
मत अपनत कजय गविर्ध ककयर ।
विघ अमंतरजसामम सब जसानत दध खत हह उन चरगच सलयर ॥
कसासद कहर समलसाविघ कबो अब,नघकस न धमरज धरत कजयर ।
विघतर ननठसर भए यसा बसगध सद, अहमं कसार फल यहघ हदयर ॥
तब आपसन कद ननठसर करसाविनत, प्रमनत सससमरर भरर लधनत हहयर ।
ससर स्यसाम प्रभस विघ बहस नसायक , मबोसम उनकत कबोहट ससयर ॥1॥
महसा बबरह-बन मसाअँझ परह ।
चककत भई ज्यर गचत-पसतरह, हरर मसारग बबसरह ॥
सअँग बटपसार-गबर्ध जब दध ख्यर, ससाथम छबोडड परसानध ।
स्यसाम -सहर-अअँग -अमंग-मसाधरस बो, तहअँ विघ जसाइ लक
स सानध ।
यह बन मसाअँझ अकधलह ब्यसाकसल, समंपनत गबर्ध छअँ डसायद ।
ससर स्यसाम-ससगध टरनत न उर तत यह मनस जमवि बचसायर ॥2॥

रसाधसा-भविन सखम समसल आई ।


अनत व्यसाकसल ससगध-बसगध कछस नसाहहमं , दध ह दससा बबसरसाई ॥
बसाअँह गहह नतहह बसझन लसागममं, कहसा भयर रह मसाई ।
ऐसम बबबस भई तस कसाहत, कहर न हमहहमं सन
स साई ॥
कसासलहहमं और बरन तबोहहमं दध खम, आजस गई मसरझसाई ।
ससर स्यसाम दध खध कक बहसरर, उनहहमं ठगररह लसाई ॥3॥
अब मत तबोसर कहसा दरस साऊअँ ।
अपनम कथसा, स्यसाम कक करनम, तबो आगघ कहह प्रगट सन
स साऊअँ ॥
मत बघठछ हह भविन आपनत, आपसन द्विसार हदयर दरससाऊअँ ।
जसानन लई मधरध कजय कक उन, गबर्ध-प्रहसारन उनकद नसाऊअँ ॥
तबहहमं तत ब्यसाकसल भई डबोलनत, गचत न रहघ ककतनर समसझसाऊअँ ।
सन
स हस सरस गह
क बन बयर मबोकद, अब कघसत हरर-दरसन पसाऊअँ ॥4॥

हमरह सरस नत बबससारह बनविसारह, हम सरबस दघ हसारह ।


पघ न भइ अपनध सनधह बस, सपनधहस गगरधसारह ॥
विघ मबोहन मधसकर समसान सखख, अनगन बधलह-चसारह ।
ब्यसाकसल बबरह व्यसापम हदन-हदन हम, नमर जस नघननन ढिसारह ॥
हम तन मन दघ हसाथ बबकसानम, विघ अनत ननठसर मसरसारह ।
सरस स्यसाम बहस रमनन रमन , हम इक ब्रत, मदन-प्रजसारह ॥5॥

मत अपनम सम बहसत करह रह ।


मबोसद कहसा कहनत तस मसाई, मन कत सअँग मत बहसत लरह रह ॥
रसाखद हटकक ,उतहहमं कर धसावित, बसाकक ऐससयघ परनन परह रह ।
मबोसद बघर करघ रनत उनसर, मबोकर रसाख्यर द्विसार खरह रह ॥
अजहसअँ मसान करद, मन पसाऊअँ, यह कहह इत-उत गचतघ डरह रह ।
ससनहस ससर पसाअँचगनन मत एकघ, मत हह मबोहह रहह परह रह ॥6॥
भससल नहहमं, अब मसान करद रह ।
जसातत हबोइ अकसाज आपनर, कसाहत बथ
क सा मरद रह ॥
ऐसध तन मत गबर्ध न रसाखद ।
गचमंतसामनन बबसरद रह ।
ऐसम बसात कहघ जबो कबोऊ, तसाकत समंग लरद रह ।
आरजपमंथ चलत कह सररहघ , स्यसामहहमं समंग कफरद रह ।
ससर स्यसाम जउ आपस स्विसारथम, दरसन नघन भरद रह ॥7॥

मसाई मधरर मन वपय सक यद लसाग्यर, ज्यद सअँग लसागम छसाअँहह ।


मधरर मन वपय जमवि बसत हघ , वपय कजय मबो मत नसाहह ॥
ज्यद चकबोर चमंदसा कद ननरखत, इत-उत दृकष्ट न जसाइ ।
ससर स्यसाम बबनस नछन-नछन जसग सम, कयद करर रघ न बबहसाइ ॥8॥

अदत
स एक अनसपम बसाग ।
जग
स ल कमल पर गज बर ककडत, तसापर ससमंह करत अनरस साग ।
हरर पर सरबर, सर पर गगररविर , गगर पर फसलध कमंज-परसाग ।
रुगचर कपबोत बसत तसा ऊपर, तसा ऊपर अमत
क फल लसाग ।
फल पर पसहसप, पसहसप पर पल्लवि, तसा पर ससक, वपक, मग
क मद कसाग ।
खमंजन, धनसष, चमंद्रमसा ऊपर, तसा ऊपर एक मननधर नसाग ।
अमंग-अमंग प्रनत और-और छबब, उपमसा तसाकद करत न त्यसाग ।
ससरदसास प्रभस वपयर ससधसा-रस, मसानर अधरनन कध बड भसाग ॥9॥
भसज भरर लई हहरदय लसाइ ।
बबरह ब्यसाकसल दध खख बसालसा, नघन दबोउ भरर आइ ॥
रघ नन बसासर बमचहह मत, दबोउ गए मसरझसाइ ।
मनर बच्
क छ तमसाल बधलह, कनक ससधसा ससमंचसाइ ॥
हरष डहडह मसससकक फसलध, प्रधम फलनन लगसाइ ।
कसाम मसरझनन बधलह तरु कक, तसरत हह बबसरसाइ॥
दध खख लसलतसा समलन विह, आनमंद उर न समसाइ ।
ससर कध प्रभस स्यसाम स्यसामसा, बतबबध तसाप नससाइ ॥10॥

लसलतसा प्रधम-बबबस भई भसारह ।


विह गचतबनन, विह समलनन परस्पर , अनत सबोभसा विर नसारह ॥
इकटक अमंग-अमंग अविलबोकनत, उत बस भए बबहसारह ।
विह आतसर छबब लधत दध त विघ, इक तत इक अगधकसारह ॥
लसलतसा समंग सखखनन सद भसाषनत , दध खर छबब वपय-प्यसारह ।
ससनहस ससर ज्यद हबोम अगगनन घत
क , तसाहसअँ तत यह न्यसारह ॥11॥

रसाधधहहमं समलधहसअँ प्रतमनत न आविनत ।


जदवप नसाथ बबधस बदन बबलबोकत, दरसन कर ससख पसाविनत ॥
भरर भरर लबोचन रूप-परम-ननगध, उरमत आनन दरस साविनत ।
बबरह-वविकल मनत दृकष्ट दह
स स अँ हदसस, समंगच सरघसा ज्यद धसाविनत ॥
गचतवित चककत रहनत गचत अमंतर, नघन ननमधष न लसाविनत ।
सपनर आहह कक सत्य ईस यह, बसवद बबतकर्ध बनसाविनत ॥
कबहसअँक करनत बबचसार करन हद, कबो हरर कत हहय भसाविनत ।
ससर प्रधम कक बसात अटपटह, मन तरमं ग उपजसाविनत ॥12॥

स्यसाम भए रसाधसा बस ऐसत ।


चसातक स्विसानत, चकबोर चमंद ज्यद, चकविसाक रबब जघसस ॥
नसाद कसरमं ग, ममन जल कक गनत, ज्यद तनस कत बस छसायसा ।
इकटक नघन अमंग-छबब मबोहध , थककत भए पनत जसायसा ॥
उठत उठत, बघठत बघठत हत, चलत चलत सगस ध नसाहहमं ।
ससरदसास बडभसागगनन रसाधसा, समसखझ मनहहमं मसससकसाहहमं ॥13॥

ननरखख वपय-रूप नतय चककत भसारह ।


ककधद विघ पसरुष मत नसारर, कक विघ नसारर मत हह हद तन सगस ध बबससारह ॥
आपस तन गचतघ ससर मसकसट, कमंस डल स्रविन, अधर मसरलह, मसाल बन बबरसाजघ ॥
उतहहमं वपय-रूप ससर मसाअँग बधनम ससभग, भसाल बसदह-बबमंद स महसा छसाजघ ॥
नसागरह हठ तजर, ककपसा करर मबोहहमं भजर , परह कह चक
स सबो कहर प्यसारह ।
ससर नसागरह प्रभस-बबरह-रस मगन भई, दध खख छबब हअँसत गगरररसाजधसारह ॥14॥
ककष्ण गबोवपकसा
नमंद-नमंदन नतय-छबब तनस कसाछध ।
मनस गबोरह ससाअँविरह नसारर दबोउ, जसानत सहज मघ आछध ॥
स्यसाम अमंग कससम
स म नई ससारह, फल-गअँज
स सा कक भसाअँनत ।
इत नसागरर नमलसामंबर पहहरध , जनस दसासमनन घन कसाअँनत ॥
आतसर चलध जसात बन धसामहहमं, मन अनत हरष बढसाए ।
सरस स्यसाम विसा छबब कद नसागरर, ननरखनत नघन चरस साए ॥1॥

स्यसामसा स्यसाम कमंस ज बन आवित ।


भसज भसज-कमंठ परस्पर दहन्हघ , यह छबब उनहहमं पसावित ॥
इततत चमंद्रसाविलह-जसानत ब्रज, उततत यध दरउ आए ।
दरस हह तत गचतविनत उनहहमं तन, इक टक नघन लगसाए ॥
एक रसागधकसा दस
स रर कबो हघ , यसाकद नहह पहहचसानत ।
ब्रज-बष
क भसानस-पसरसा-जवि
स नतनन कद, इक-इक करर मत जसानर ॥
यह आई कहसअँ और गसाअँवि तत, छबब ससाअँविरर सलबोनम ।
ससर आजस यह नई बतसानम, एकर अअँग न बबलबोनम ॥2॥

यह भष
क भसानस-ससतसा विह कबो हघ ।
यसाकक सरर जवि
स तम कबोउ नसाहहमं, यह बतभवि
स न-मन मबोहघ ॥
अनत आतसर दध खन कद आविनत, ननकट जसाइ पहहचसानद ।
ब्रज मत रहनत ककधद कहसअँ ओरघ , बसझध तत तब जसानद ॥
यह मबोहहनम कहसाअँ तत आई, परम सलबोनम नसारह ।
ससर स्यसाम दध खत मसससकयसानम, करह चतसरई भसारह॥3॥

कहह रसाधसा यध कबो हत रह ।


अनत ससमंदरह ससाअँविरह सलबोनम, बतभसविन-जन-जन मबोहत रह ।
और नसारर इनकक सरर नसाहहमं, कहर न हम-तन जबोहत ।
कसाकक ससतसा, बधस हत कसाकक, जसवितम धद हत रह ॥
जघसम तसम तघसम हत यधऊ, भलह बनम तसमसद हघ रह ।
ससनहस ससर अनत चतसर रसागधकसा, यधइ चतसरनन कक गर हतरह ॥4॥

मथसरसा तत यध आई हत ।
कछस समंबमंध हमसारह इनसद, तसातत इनहहमं बसलसाई हत ॥
लसलतसा समंग गई दगध बसचन, उनहहमं इनहहमं गचन्हसाई हत ।
उहघ सनधह जसानन रह सजनम, आजस समलन हम आई हत ॥
तब हह कक पहहचसानन हमसारह,ऐसम सहज ससभसाई हत ।
ससरदसास मबोहहमं आवित दध खम, आपस समंग उहठ धसाई हत ॥5॥
इनकद ब्रजहहमं कयद न बसलसाविहस ।
कक विष
क भसान पसरसा, कक गबोकसल, ननकटहहमं आनन बससाविहस ॥
यधऊ नविल नविल तसमहसअँ हर, मबोहन कद दबोउ भसाविहस ।
मबोकद दध खख ककयर अनत घसअँघट, बसाहत न लसाज छसडसाविहस ।
यह अचरज दध ख्यर नहहमं कबहसअँ, जवि
स नतहहमं जवि
स नत दरस साविहस ।
ससर सखम रसाधसा सद पसनन पसनन, कहनत जस हमहहमं समलसाविहस ॥6॥

मथसरसा मत बस बसास तसम्हसारर ?


रसाधसा तत उपकसार भयर विह, दल
स भ
र्ध दरसन भयबो तसम्हसारह ॥
बसार-बसार कर गहह ननरखनत, घसअँघट-ओट करर ककन न्यसारर ।
कबहसअँक कर परसनत कपरल छसइ, चसटकक लधनत ह्यसाअँ हमहहमं ननहसारह ॥
कछस मत हसअँ पहहचसाननत तम
स कद, तम
स हह समलसाऊअँ नमंद-दल
स सारर ।
कसाहस कद तसम सकसचनत हर जस, कहर कसाह हघ नसाम तसम्हसारर ॥
ऐसर सखम समलह तबोहह रसाधसा, तर हमकद कसाहघ न बबससारर ।
सरस दसास दमं पनत मन जसान्यर, यसातत कघसत हबोत उबसारर ॥7॥

ऐसम कसअँविरर कहसाअँ तसम पसाई ।


रसाधसा हसअँ तत नख-ससख समंद
स रर, अब लद कहसाअँ दरस साई ॥
कसाकक नसारर करन कक बधटह, करन गसाउअँ तत आई ।
दध खम ससनन न ब्रज, विमंद
क साविन, ससगध-बसगध हरनत परसाई ॥
धन्य ससहसाग भसाग यसाकर, यह जसविनतनन कक मनभसाई ।
ससरदसास-प्रभस हररवष समलध हअँसस, लघ उर कमंठ लगसाई ॥8॥

नमंद-नमंदन हअँसध नसागरह-मसख गचतघ, हररवष चमंद्रसाविलह कमंठ लसाई ।


बसाम भसज रविनन, दकच्छन भसजसा सखम पर, चलध बन धसाम ससख कहह न जसाई ।
मनर बबबब दसासमनम बमच नवि घन सभ
स ग, दध खख छबब कसाम रनत सहहत लसाजघ ॥
ककधद कमंचन लतसा बमच सस तमसाल तरु, भसासमनननन बमच गगरधर बबरसाजघ ।
गए गह
क कमंस ज, असलगसमंज, ससमननन पसमंज, दध खख आनमंद भरध ससर स्विसामम ।
रसागधकसा-रविन, जसवितम-रविन, मन-रविन ननरखख छववि हबोत मनकसाम कसामम ॥9॥
मसान लहलसा
मरहहमं छसविर जनन दरस रहर जस ।
जसाकद हृदय लगसाइ लयर हघ , तसाकक विसाहअँ गहर जस ॥
तसम सविर्धज और सब मसरख, सबो रसानम अरु दसासम ।
मत दध खत हहरदय विह बघठछ, हम तसमकर भइअँ हसाअँसम ॥
बसाअँह गहत कछस सरम न आविनत, सख
स पसाविनत मन मसाहहमं ।
ससनहस ससर मबो तन यह इकटक,गचतविनत ,डरपनत नसाहहमं ॥1॥

कहसा भई घनन बसाविरह, कहह तसमहहमं ससनसाऊअँ ॥


तसम तत कबो हघ भसावितम, कजहहमं हृदय बससाऊअँ ॥
तम
स हहमं स्रविन, तम
स नघन हर, तम
स प्रसान-अधसारसा ।
विथ
क सा कबोध नतय कयद करर, कहह बसारमं बसारसा ॥
भसज गहह तसाहह बससाविहस, जधहह हृदय बतसाविनत ।
ससरज प्रभस कहत नसागरह, तसम तत कबो भसाविनत ॥2॥

वपयहहमं ननरखख प्यसारह हअँसस दहन्हहमं ।


रहझध स्यसाम अमंग अअँग ननरखत, हअँसस नसागरर उर लहन्हर ॥
आसलमंगनदघ अधर दसत खअँडड, कर गहह गचबसक उठसावित ।
नसाससा सद नसाससा लघ जबोरत, नघन नघन परससावित ॥
इहहमं अअँतर प्यसारह उर ननरख्यर, झझकक भई तब न्यसारह ।
ससर स्यसाम मरकद हदखरसावित, उर ल्यसाए धरर प्यसारह ॥3॥

मसान करर तसम और सविसाई ।


कबोहट कर एकघ पसनन ह्विघ हर, तसम अरु मबोहन मसाई ॥
मबोहन सबो सनस न नसाम स्रविनहहमं, मगन भई सक
स स मसारह ।
मसान गयर, ररस गई तसरतहहमं, लकज्जत भई मन भसारह ॥
धसाइ समलर दनस तकसा कमंठ सर, धन्य-धन्य कहह बसानम ।
सरस स्यसाम बन धसाम जसाननकघ, दरसन कद अतरस सानम ॥4॥

चलर ककन मसानननन कमंस ज-कसटहर ।


तसब बबनस कसअँविर कबोहट बननतसा तकज, सहत मदन कक पमर ॥
गदगद स्विर समंभ्रम अनत आतसर, स्रवित ससलबोचन नमर ।
विविसासस कविसासस बष
क भसानस नमंहदनम, बबलपत बबवपन अधमर ॥
बसम बबससष, मसाल ब्यसालसाविहह, पमंचसानन वपक ककर ।
मलयज गरल, हसतसासन मसारुत, ससाखसामग
क ररपस चमर ॥
हहय मत हरवष प्रधम अनत आतसर, चतसर चलह वपय तमर ।
ससनन भयभमत बज कध वपमंजर ,ससर ससरनत-रनधमर ॥5॥
श्यसाम नसारर कत बबरह भरध ।
कबहसअँक बघठत कसअँज द्रम
स नन तर, कबहसअँक रहत खरध ॥
कबहसअँक तनस कक ससरनत बबससारत, कबहसअँक तनस ससगध आवित ।
तब नसागरर कध गसनहह बबचसारत, तधइ गसन गनन गसावित ॥
कहसअँ मसकसट, कहसअँ मसरसल रहह गगरर, कहसअँ कहट पमत वपछररह ।
ससर स्यसाम ऐसम गनत भमतर, आइ दनस तकसा दररह ॥6॥

धनन बष
क भसानस-ससतसा बड भसागगनन ।
कहसा ननहसारनत अमंग-अमंग छबब, धण्य स्यसाम-अनसरसागगनन ॥
और बतयसा नख सशख ससमंगसार सकज, तधरघ सहज न पसरत ।
रनत, रमं भसा, उरबसम, रमसा सम, तबोहहमं ननरखख मन झसरघ ॥
यध सब कमंत ससहसागगनन नसाहहमं, तस हघ कमंत-वपयसारह ।
ससर धन्य तधरह ससमंदरतसा, तबोसम और न नसारह ॥7॥

सअँग रसाकजत बष
क भसानस कसमसारह ।
कमंस ज-सदन कससम
स नन सधज्यसा पर दमं पनत सबोभसा भसारह ॥
आलम भरध मगन रस दबोउ, अमंग-अमंग प्रनत जबोहत ।
मनहसअँ गरर स्यसामल ससस नवि तन, बघठध सन्मसख सबोहत ॥
कमंस ज भविन रसाधसा-मनमबोहन, चहसअँ पसास ब्रजनसारह ।
ससर रहहमं लबोचन इकटक करर, डसारनतमं तन मन विसारह ॥8॥
खमंडडतसा प्रकरण
कसाहध कद कहह गए आइहत, कसाहत झसठछ सर हत खसाए ।
ऐसध मत नहहमं जसानध तसमकद, जध गसन करर तसम प्रगट हदखसाए ।
भलह करह यह दरसन दहन्हध , जनम जनम कध तसाप नससाए ।
तब गचतए हरर नतकस नतयसा-तन, इतनघहह सब अपरसाध समसाए ॥
ससरदसास ससमंदरह सयसानम, हअँसस लहन्हस वपय अमंकम लसाए ॥1॥

धमर धरहस फल पसाविहसगध ।


अपनधहहमं ससख कध वपय चसाअँडध, कबहसअँ तर बस आविहसगध ॥
हम सद कहत और कक औरघ , इन बसातनन मन भसाविहसगध ।
कबहसअँ रसागधकसा मसान करघ गम, अमंतर बबरह जनसाविहसगध ॥
तब चररत हमहहमं दध खग
त म, जघसस नसाच नचसाविहसगध ।
ससर स्यसाम अनत चतसर कहसावित, चतसरसाई बबसरसाविहसगध ॥2॥

मत हरर सद हबो मसान ककयर रह ।


आवित दध खख आन बननतसा-रत, द्विसार कपसाट हदयर रह ॥
अपनत हहमं कर ससाअँकर ससारह, समंगधहहमं समंगध ससयर रह ॥
जर दध खद तर सधज ससमसरनत, कसाअँप्यर ररसनन हहयर रह ॥
जब झसकक चलह भविन तत बसाहरर, तवि हहठ लरहट सलयर रह ।
कहसा कहद कछस कहत न आविध, तहअँ गबोवविमंद बबयर रह ।
बबसरर गई सब रबोष, हरष मन, पसनन करर मदन कजयर रह ॥
ससरदसास प्रभस अनत रनत नसागर, छल मसख अमत
क वपयर रह ॥3॥

नमंद-नअँदन ससखदसायक हत ।
नघन सघन दघ हरत नसारर मन, कसाम कसाम-तनस दसायक हत ॥
कबहसअँ रघ नन बसत कसाहस कत, कबहसअँ भबोर उहठ आवित हत ।
कसाहस कर मन आपस चसरसावित, कसाहस कत मन भसावित हत ॥
कसाहस कत जसागत सगरह ननसस, कसाहसअँ वविरह जगसावित हत ।
ससनहस ससर जबोइ जबोइ मन भसाविघ, सबोइ सबोइ रअँ ग उपजसावित हत ॥4॥

नसानसा रअँग उपजसावित स्यसाम । कबोउ रहझनत, कबोउ खमझनत बसाम ।


कसाहस कक ननसस बसत बनसाइ । कसाहस मख
स छसविघ आवित जसाइ ।
बहस नसायक ह्विघ बबलसत आपस । जसाकर ससवि पसावित नसाहहमं जसापस ।
तसाकद ब्रजनसारह पनत जसानत । कबोउ आदरत, कबोउ अपमसानत ।
कसाहस सद कहह आविन ससाअँझ । रहत और नसागरर घर मसाअँझ ।
कबहसअँ रघ न सब समंग बबहसात । ससनहस ससर ऐसध नअँद-तसात ॥5॥

अब जसविनतनन सद प्रगटध स्यसाम ।


अरस-परस सबहहनन यह जसानम, हरर लब्स धध सबहहनन कत धसाम ॥
जसा हदन जसाकत भविन न आवित, सबो मन मत यह करनत बबचसार ।
आजस गए औरहहमं कसाहस कघ, ररस पसाविनत, कहह बडध लबसार ॥
यह लहलसा हरर कत मन भसावित, खमंडडत बचन कहत ससख हबोत ।
ससाअँझ बबोल दघ जसात ससर-प्रभस, तसाकत आवित हबोत उदबोत ॥6॥

रसागधकसा गधह हरर-दध ह-बसासम । और नतय धरनन धर तनस-प्रकसासम ॥


ब्रह्म परस न द्ववितमय नहहमं कबोऊ । रसागधकसा सबघ हरर सबघ विबोऊ ।
दहप सद दहप जघस त उजसारह । तघसस हह ब्रह्म घर-घर बबहसारह ॥
खमंडडत बचन हहत यह उपसाई । कबहसअँ कहसअँ जसात, कहस नहहमं कन्हसाई ।
जन्म कर सफ
स ल हरर यहघ पसावित । नसारर रस-विचन स्रविननन सन
स सावित ॥
ससर-प्रभस अनतहहमं गमन ककन्हद । तहसाअँ नहहमं गए जहअँ बचन दहन्हर ॥7॥
मध्यम मसान
स्यसाम हदयसा सन्मसख नहहमं जबोवित ।
कबहसअँ नघन कक कबोर ननहसारत, कबहसअँ बदन पसनन गबोवित ।
मन मन हअँसत तसत तनस परगट, सन
स त भसावितम बसात ।
खमंडडत बचन ससनत प्यसारह कध पसलक हबोत सब गसात ।
यह ससख ससरदसास कछस जसानघ, प्रभस अपनध कर भसावि ।
श्रमरसाधसा ररस करनत, ननरखख मख
स नतहहमं छववि पर ललचसावि ॥1॥

नघन चपलतसा कहसाअँ गअँविसाई ।


मबोसद कहसा दरस सावित नसागर, नसागरर रघ नन जगसाई ॥
तसाहर कत रअँग अरुन भए हघ , धनन यह ससमंदरतसाई ।
मनर अरुन असमबसज पर बघठघ , मत्त भमंग
क रस पसाई ॥
उडड न सकत ऐसध मतविसारध . लसागत पलक जम्हसाई ।
सन
स हस सरस यह अमंग मसाधरस ह, आलस भरध कन्हसाई ॥2॥

यह कहह कघ नतय धसाम गई ।


ररसनन भरह नख-ससख लद प्यसारह, जबोबन-गबर्ध-मई ॥
सखम चलहमं गह
क दध खख दससा यह, हठ करर बघठछ जसाइ ।
बबोलनत नहहमं मसान करर हरर सद, हरर अमंतर रहध आइ ।
इहहमं अमंतर जसवितबो सब आई जहसाअँ स्यसाम घर-द्विसारत ।
वप्रयसा मसान करर बघहठ रहह हघ , ररस करर कबोध तसम्हसारत ॥
तसम आवित अनतहहमं झहरसानम, कहसा करह चतसरसाई ।
सन
स त सरस यह बसात चककत वपय, अनतहहमं गए मरस झसाई ॥3॥

नतकस ननकमंस ज ककपसा कर आइयघ ॥


अनत ररस ककस ह्वित रहह ककसबोरह, करर मनसहसारह मनसाइयघ ॥
कर कपबोल अमंतर नहहमं पसावित, अनत उससास तन तसाइयघ ।
छसटध गचहसर बदन कसकम्हलसानर, ससहथ सअँविसारर बनसाइयघ ।
इतनर कहसा गसाअँहठ कर लसागत, जर बसातनन ससख पसाइयघ ।
रूठध हहमं आदर दध त सयसानध, यहघ सरस जस गसाइयघ ॥4॥

बघठछ मसानननम गहह मरन ।


मनर ससद समसागध सधवित ससरनन ससाधध परन ॥
अचल आसन, पलक तसारह, गसफसा घसअँघट-भरन ।
रबोषहह कर ध्यसान धसारघ , टध क टसारघ करन ॥
अबहहमं जसाइ मनसाइ लहजघ, अबसस ककजघ गरन ।
सरस कध प्रभस जसाइ दध खर, गचत्त चदधम जरन ॥5॥

स्यसामसा तस अनत स्यसामहहमं भसाविघ ।


बघठत-उठत, चलत ,गर चसारत , तधरह लहलसा गसाविघ ॥
पमत बरन लखख पमत बसन उर, पमत धसातस अअँग लसाविघ ।
चमंद्रसाननन सनस न, मबोर चमंहद्रकसा, मसाथत मक
स स ट बनसाविघ ॥
अनत अनसरसाग सघन समंभ्रम समसल, समंग परम ससख पसाविघ ।
बबछसरत तबोहहमं कविसासस रसाधसा कहह, कमंस ज-कमंस ज प्रनत धसाविघ ॥
तधरर गचत सलखघ, अरु ननरखघ, बसासर-बबरह नससाविघ ।
ससरदसास रस-रसासस-रससक सद, अमंतर कयद करर आविघ ॥6॥

रसाधध हरर तधरर नसाम बबचसारत ।


तम्
स हरध इ गन
स गमंगथत करर मसालसा, रसनसाकर सद टसारघ ।
लबोचन मअँहस द ध्यसान धरर, दृढ करर, पलक न नतक उघसारत ॥
अमंग अमंग प्रनत रूप मसाधरस ह, उत तत नहहमं बबससारत ॥
ऐसर नधम तम्
स हसारह वपय कत, कह कजय ननठसर नतहसारत ।
ससर स्यसाम मनकसाम पसरसाविहस, उहठ चसल कहत हमसारत ॥7॥

कहसा तसम इतनतहह कद गरबसानम ॥


जमविन रूप हदविस दसहह कर, जल अअँचसरह कर जसानम ।
तन
क कक अगगनन ,धसप कक ममंहदर, ज्यद तसषसार-कन-पसानम ।
ररसहहमं जरनत पतमंग ज्यबोनत ज्यद, जसाननत लसाभ न हसानम ॥
कर कछस जसानऽसभमसान जसान दघ , हघ ऽब करन मनत ठसानम ।
तन धन जसानन जसाम जसग छसायसा, भसलनत कहसा अयसानम ॥
नविसघ नदह चलनत मरजसादसा, ससगधयघ ससमंधस समसानम ।
सरस इतर ऊसर कध बरषत, थररत हह जल इतरसानम ॥8॥
रहहत रह मसानननम कसान न ककजघ ।
यह जबोबन अअँजसरह कर जल हघ , ज्यद गसपसाल मसाअँगघ त्यद दहजघ ॥
नछनसछछनस घटनत, बढनत नहहमं रजनम, ज्यद ज्यद कलसाचमंद्र कक छछजघ ।
पसरब पसन्य ससककत फल तधरर, कसाहत न रूप नघन भरर पमजघ ॥
सदह करनत तधरध पसाइनन कक, ऐसम कजयनमदसर ननत जमजघ ।
ससर सस जमविन सफल जगत कर,बधरह बसाअँगध बबबस करर लहजघ ॥9॥

रसाधसा सखम दध खम हरषसानम ।


आतसर स्यसाम पठसाई यसाकद, अमंतरगत कक जसानम ॥
विह सबोभसा ननरखत अअँग-अअँग कक,रहह ननहसारर ननहसारर ।
चककतदध खख नसागरर मसख विसाकर, तसरत ससगसारनन ससारर ।
तसाहह कह्यर ससख दघ चसल हरर कद, मत आविनत हद पसाछत ॥10॥

हरवष स्यसाम नतय बसाअँह गहह ।


अपनत कर ससारह अअँग ससाजत , यह इक ससाध गहह ॥
सकसगचत नसारर बदन मसससकसानन, उतकद गचतघ रहह ।
कबोक-कलसा पररपरस न दबोऊ, बतभवि
स न और नहहमं ॥
कमंस ज-भविन सअँग समसल दबोउ बघठघ, सबोभसा एक चहह ।
ससर स्यसाम स्यसामसा ससर बधनम, अपनत करनन गसहह ॥11॥

अनतसय चसारू वविमल, चमंचल यध,पल वपमंजरसा न समसातध ।


बसध कहसअँ सबोइ बसातसखम, कहह रहध इहसाअँ ककहहमं नसातघ ?
सबोइ समंजसा दघ खनत औरसासम, वविकल उदसास कलसा तत ॥
चसल चसल जसात ननकट स्रविनन कध, सकक नसाटमं क फअँदसातध ।
ससरदसास अमंजन गसन अटकध, नतरु कबघ उडड जसातध ॥12॥

धन्य धन्य विष


क भसानस -कसमसारह, गगररविरधर बस ककन्हध (रह) ।
जबोइ जबोइ ससाथ करह वपय कक, सबो सब उनकद दहन्हध (रह) ॥
तबोसम नतयसा और बतभवि
स न मत, पसरुष स्यसाम सध नसाहहमं (रह ) ।
कबोक-कलसा पसरन तसम दबोऊ, अब न कहसअँ हरर जसाहहमं ।(रह) ॥
ऐसध बस तसम भए परस्पर , मरसद प्रधम दरस साविघ (रह) ।
सरस सखम आनमंद न सम्हसारनत, नसागरर कमंठ लगसाविघ (रह) ॥13॥
बडम मसान लहलसा
रसाधधहहमं स्यसाम दध खम आइ ।
महसा मसान दृढसाइ बघठछ, गचतघ कसाअँपत जसाइ ॥
ररसहहमं ररस भई मगन ससमंदरर, स्यसाम अनत अकसलसात ।
चककत ह्विघ जकक रहध ठसाढध , कहह न आविघ बसात ॥
दध खख व्यसाकसल नमंद-नमंदन, रूखम करनत वविचसार ।
ससर दबोउ समलत, जघस,त करर सबोइ उपचसार ॥1॥

यह ऋतस रूससबध कक नसाहहमं ।


बरषत मधघ मधहदनम कत हहत, प्रमतम हरवष समलसाहहमं ॥
जधतम बधसल गमष्म ऋतस डसाहहमं, तध तरविर लपटसाहहमं ।
जध जल बबनस सररतसा तध पसरन, समलन समसद्रहहमं जसाहह ॥
जबोबन धन हघ हदविस चसारर कर, ज्यद बदरह कक छसाहहमं ।
मत, दमं पनत-रस-रहनत कहह हघ , समखस झ चतरस मन मसाहहमं ॥
यह गचत धरर रह सखम रसागधकसा, दघ दत
स म कर बसाहहमं ।
ससरदसास उहठ चलह रह प्यसारह, मधरत सअँग वपय पसाहहमं ॥2॥

तबोहह ककन रूठन ससखई प्यसारह ।


नविल बघस नवि नसागरर स्यसामसा, विध नसागर गगररधसारह ॥
ससगरह रघ नन मनसाविनत बमतम, हसा हसा करर हद हसारह ।
एतध पर हठ छसाअँडनत नसाहहमं, तस विष
क भसानस दल
स सारह ॥
सरद-समय-ससस-दरस समरसर, लसागघ उन तन भसारह ।
मधटहस तसास हदखसाइ बदन-बबधस, ससर स्यसाम हहतकसारह ॥3॥

हर-मसख रसाधसा-रसाधसा बसानम ।


धररनम परध अचधत नहहमं ससगध, सखम दध खख अकसलसानम ॥
बसासर गयर, रघ न इक बमतम, बबनस भबोहन बबनस पसानम ।
बसाहअँ पकरर तब सखखनन जगसायर, धनन-धनन ससारअँ गपसानम ॥
ह्यसाअँ तसम बबबस भए हर ऐसध, ह्विसाअँ तर विध बबबससानम ।
ससर बनध दबोउ नसारर पसरुष तसम, दह
स स अँ कक अकथ कहसानर ॥4॥

ससनन रह सयसानम नतय रूससबध कर नधम सलयर, पसाविस हदननन कबोऊ ऐसर हघ करत रह ।
हदसस हदसस घटसा उठछ समलह रह वपयसा सद रूठछ, ननडर हहयर हघ तधरद नतकस न सरत रह ॥
चसलए रह मधरह प्यसारह, मरकद मसान दध न हसारह, प्रसानहसअँ तत प्यसारध पनत धमर न धरत रह ।
ससरदसास प्रभस तबोहहमं हदयर चसाहघ हहत-बबत, हअँसस कयद न समलघ तधरर नधम हघ टरत रह ॥5॥
बधरस ककजघ नसाहहमं भसासमनम, मत ररस कक बसात ।
हद पठई तबोहहमं लधन ससाअँविरत, तबोहहमं बबनस कछस न ससहसात ॥
हसा हसा करर तधरध पसाइअँ परनत हद, नछनस नछनस ननसस घहट जसात ।
ससर स्यसाम तधरर मग जबोवित, अनत आतसर अकसलसात ॥6॥

मसाधर, तहसाअँ बसलसाई रसाधध, जमसनसा ननकट सससमतल छहहयसाअँ ।


आछछ नमकक कससअँभ
स म ससारह गबोरत तन, चसल हरर वपय पहहयसाअँ ॥
दत
स म एक गई मबोहहनन पघ, जसाइ कह्यर यह प्यसारह कहहयसाअँ ।
ससरदसास ससनन चतसर रसागधकसा,स्यसाम रघ नन बमंद
क साबन महहयसाअँ ॥7॥

झअँसमक ससारह तन गबोरत हबो ।


जगमग रह्यर जरसाइ कर टहकर, छबब कक उठनत झकबोरत हबो ॥
रत्न जहटत कध ससभग तररयरनसा, मनहसअँ जसानत रबब भबोरत हबो ।
दल
स रह खमंठ ननरखख वपय इक टक, दृग भए रहत चकबोरत हबो ।
सरस दसास-प्रभस तम्
स हरध समलन खद, रहखझ=रहखझ तन
क तबोरत हबो ॥8॥

रसागधकसा बस्य करर स्यसाम पसाए ।


बबरह गयबो दरस र, कजय हरष हरर कध भयर, सहस मसख ननगम कजहहमं नधनत गसायर ॥
मसान तकज मसानननम मघन कर बल हररयर, करत तनस कमंत जबो तसास भसारह ।
कबोक बबद्यसा ननपन
स , स्यसाम स्यसामसा बबपसल. कमंस ज-गह
क द्विसार ठसाढध मरस सारह ॥
भकत-हहत-हध त अवितसार लहलसा करत, रहत प्रभस तहसाअँ ननजस ध्यसान जसाकत ।
प्रगट प्रभस ससर ब्रजनसारर कत हहत बअँधध, तधत मन-कसाम-फल समंग तसाकत ॥9॥
विसमंतबोत्सवि
झसलत स्यसाम स्यसामसा समंग ।
ननरखख दमं पनत अमंग सबोभसा, लजत कबोहट अनमंग ।
ममंद बतवविध सममर समतल, अमंग अमंग ससगमंध ।
मचत उडत ससबसास सअँग, मन रहध मधसकर बमंध ॥
तघससयध जमन
स सा सभ
स ग जहअँ, रच्यर रमं ग हहमंडबोल ।
तघससयघ बज
क -बद स बनन, हरर गचतघ लबोचन कबोर ॥
तघसबोई बमंद
क सा-बबवपन-घन-कसअँज द्विसार-बबहसार ।
बबपसल गबोपम बबपसल बन गह
क , रविन नमंदकसमसार ॥
ननत्य लहलसा, ननत्य आनअँद, ननत्य ममंगल गसान ।
ससर ससर-मसनन मसखनन अस्तसनत, धन्य गबोपम कसान्ह ॥1॥

ननत्य धसाम बमंद


क साबन स्यसाम। ननत्य रूप रसाधसा ब्रज-बसाम ॥
ननत्य रसास, जल ननत्य बबहसार । ननत्य मसान, खमंडडतसाऽसभससार ॥
ब्रह्म-रूप यधई करतसार । करन हरन बतभसविन यधइ ससार ॥
ननत्य कमंस ज-सख
स ननत्य हहमंडबोर । ननत्यहहमं बतबबध-सममर-झकबोर ॥
सदसा बसमंत रहत जहअँ बसास । सदसा हषर्ध,जहअँ नहहमं उदसास ॥
कबोककल ककर सदसा तहअँ रबोर । सदसा रूप मन्मथ गचतचबोर ॥
बबबबध सम
स न बन फसलध डसार । उन्मत मधक
स र भ्रमत अपसार ॥
नवि पल्लवि बन सबोभसा एक । बबहरत हरर सअँग सखम अनधक ॥
कसहस कसहस कबोककलसा सन
स साई । ससनन ससनन नसारर परम हरषसाई ॥
बसार बसार सबो हररहहमं सन
स साविनत । ऋतस बसमंत आयर समसझसाविनतमं ॥
फसागस-चररत-रस ससाध हमसारत । खधलहहमं सब समसल समंग तसम्हसारत ॥
सनस न सनस न सरस स्यसाम मस
स क
स सानध । ऋतस बसमंत आयर हरषसानध ॥2॥

वपय प्यसारह कधलत जमन


स तमर । भरर कधसरर कसमकसम अरु अबमर ॥
घसस मग
क मद चमंदन अरु गसलसाल । रअँ ग भमनध अरगज विस्त मसाल ॥
कसजत कबोककल कल हअँस मबोर । लसलतसाहदक स्यसामसा एक ओर ॥
बअँद
क साहदक मबोहन लई जबोर । बसाजघ तसाल मद
क मं ग रबसाब घबोर ॥
प्रभस हअँसस कघ गस दक
स दई चलसाइ । मसख पट दघ रसाधसा गई बचसाइ ॥
लसलतसा पट-मबोहन गह्यर धसाइ । पमतसामंबर मरस लह लई नछमं डसाइ ॥
हद सपथ करद छसाअँडर न तबोहह । स्यसामसा जस आजसा दई मबोहहमं ॥
इक ननज सहचरर आई बसमहठ । सन
स म रह लसलतसा तस भई ढिहहठ ॥
पट छसाअँडड हदयर तब नवि ककसबोर । छबब रहखझ सरस तन
क हदयद तबोर ॥3॥

तधरत आवितगध आजस सखम हरर, खधलन कद फसागस रह ।


सगसन सअँदधसर हद ससन्यद, तधरघ आअँगन बबोलघ कसाग रह ॥
मदनमबोहन तधरत बस मसाई, ससनन रसाधध बडभसाग रह ।
बसाजत तसाल मद
क मं ग तसाल मद
क मं ग झसाअँझ डफ, कसा सबोविघ, उहठ जसाग रह ॥
चबोविसा चमंदन लघ कसमकसम अरु, कधसरर पघयसाअँ लसाग रह ।
सरस दसास-प्रभस तम्
स हरध दरस कद, रसाधसा अचल सह
स साग रह ॥4॥
हरर सअँग खधलनत हत सब फसाग ।
इहहमं समस करनत प्रगट गबोपम,,उर-अमंतर कर अनसरसाग ॥
ससारह पहहरर ससरअँग, कसस कमंचसकक, कसाजर दघ दघ नघन ।
बनन बनन ननकसस-ननकसस भई ठसाढह, सनस न मसाधर कघ बघन ॥
डफ बसाअँससरह रुमं ज अरु महसअरर, बसाजत तसाल मद
क मं ग ।
अनत आनमंद मनबोहर बसानम, गसावित उठनत तरमं ग ॥
एक कबोध गबोवविमंद ग्विसाल सब, एक कबोध ब्रज-नसारर ।
छसाअँडड सकसच सब दध नतमं परस्पर, अपनम भसाई गसारर ॥
समसल दस पसाअँच अलह चलह ककष्नहहमं, गहह लसाविनतमं अचकसाइ ।
भरर अरगजसा अबमर कनक-घट, दध नतमं समस तत नसाइ ॥
नछरकनतमं सखम कसमकसमसा कधसरर, भसरकनतमं बमंदन धसरर ।
सबोसभत हत तनस ससाअँझ-समघ-घन , आए हत मनस पसरर ॥
दसहसअँ हदससा भयर पररपसरन, ससर ससरमंग प्रमबोद ।
ससर-बबमसान करतसहल भसलध,ननरखत स्यसाम-बनबोद ॥5॥

नमंद नअँदन बष
क भसानस ककसबोरह, मबोहन रसाधसा खधलत हबोरह ।
श्रमबमंद
क साविन अनतहहमं उजसागर, बरन बरन नवि दमं पनत भबोरह ॥
एकनन कर हघ अगरु कसमकसमसा , एकनन कर कधसरर लघ घबोरह ।
एक अथर्ध सद भसावि हदखसाविनत, नसाचनत तरुनन बसाल बध
क भबोरह ॥
स्यसामसा उतहहमं सकल ब्रज-बननतसा, इतहहमं स्यसाम रस रूप लहबो रह ।
कमंचन कक वपचकसारह छसटनत, नछरकत ज्यद सचसपसावित गबोरह ॥
अनतहहमं ग्विसाल दगध गबोरस मसातध, गसारह दध त कहर न करर रह ।
करत दह
स साइ नमंदरसाइ कक, लघ जस गयर कल बल छल जबोरह ॥
झमंड
स नन जबोरर रहह चमंद्रसाविसल, गबोकसल मत कछस खधल मच्यर रह ।
ससरदसास -प्रभस फगसआ दहजघ, गचरजमविर रसाधसा बर जबोरह ॥6॥

गबोकसलनसाथ बबरसाजत डबोल ।


समंग सलयध बष
क भसानस-नमंहदनम, पहहरध नमल ननचबोल ॥
कमंचन खगचत लसाल मनन मबोतम, हहरसा जहटत अमबोल ।
झसलविहहमं जसथ समलघ ब्रजसअँद
स रर, हरवषत करनतमं कलबोल ॥
खधलनतमं, हअँसनतमं, परस्पर गसाविनतमं, बबोलनत ममठध बबोल ।
ससरदसास-स्विसामम, वपय-प्यसारह, झसलत हत झकझबोल ॥7॥
मथसरसा गमन
अकसर ब्रज आगमन
कमंस नप
क नत अकसर बसलसायध ।
बघहठ इकमंत ममंत दृढ ककन्हर, दबोऊ बमंधस मअँगसायध ॥
कहसअँ मल्ल, कहसअँ गज दघ रसाखध, कहसअँ धनसष, कहसअँ विमर ।
नमंद महर कध बसालक मधरत करषत रहत सरहर ॥
उनहहमं बसलसाइ बमच हह मसारर, नगर न आविन पसावित ।
ससर ससनत अकसर कहत, नप
क मन-मन मरज बढसाविघ ॥1॥
उत नमंदहहमं सपनर भयर, हरर कहसअँ हहरसानध ।
बल-मबोहन कबोउ लघ गयर, सनस न कघ बबलखसानध ॥
ग्विसाल सखसा रबोवित कहत, हरर तर कहसअँ नसाहहमं ।
समंगहह सअँग खधलत रहध , यह कहह पनछतसाहहमं ॥
दत
स एक समंग लघ गयर, बलरसाम कन्हसाई ।
कहसा ठगबोरह सम करह, मबोहहनम लगसाई ॥
विसाहह कध दबोउ ह्विघ गए, हम दध खत ठसाढध ।
ससरज प्रभस विघ ननठसर ह्विघ, अनतहहमं गए गसाढघ ॥2॥
ससफलक-ससत हरर दरसन पसायर ।
रहह न सकयर रथ पर सख
स -व्यसाकसल , भयर विहघ मन भसायर ॥
भस पर दररर ननकट हरर आयर, चरननन गचत्त लगसायर ।
पसलक अमंग, लबोचन जल-धसारसा, श्रमपद ससर परससायर ॥
ककपसाससमंधस करर ककपसा समलध हअँसस, सलयर भकत उर लसाइ ।
ससरदसास यह ससख सबोइ जसानघ, कहद कहसा मत गसाइ ॥3॥
चलन चलन स्यसाम कहत, लघन कबोउ आयर ।
नमंद-भविन भनक ससनम, कमंस कहह पठसायर ॥
ब्रज कक नसारर गह
क बबससारर , ब्यसाकसल उहठ धसाई ।
समसाचसार बसझन कद, आतरस ह्विघ आई ॥
प्रमनत जसानन , हध त मसानन, बबलखख बदन ठसाढहमं ।
मसानहस विघ अनत वविगचत , गचत सलखम कसाढह ॥
ऐसम गनत ठरर-ठरर, कहत न बनन आविघ ।
ससर स्यसाम बबछसरत , दख
स -बबरह कसाहह भसाविघ ॥4॥
चलत जसानन गचतविनतमं ब्रज-जसबतम, मसानहस सलखममं गचतधरत ।
जहसाअँ सस तहसाअँ एकटक रहह गई, कफरत न लबोचन फधरत ॥
बबसरर गई गनत भसाअँनत दध ह कक, ससननत न स्रविननन टध रत ।
समसल जस गई मसानर पघ पसानम , ननबरनतमं नहहमं ननबधरत ॥
लसागममं समंग मतमंग मत्त ज्यद, नघरनत न कघसतहसअँ घधरत ।
ससर प्रधम-आससा अमंकसस कजय, विघ नहहमं इत-उत हध रस ॥5॥
(मधरध) कमलनघन प्रसाननन तत प्यसारध ।
इन्हघ कहसा मधसपसरह पठसाऊअँ, रसाम ककष्न दबोऊ जन बसारध ॥
जससदसा कहघ सन
स र ससफलक-ससत, मत इन बहसत दष
स नन सद पसारध ।
यध कहसा जसानघ रसाज सभसा कद, यध गसरुजन बबप्रहसअँ न जसहसारध ॥
मथसरसा अससर समसह बसत हघ , कर-ककपसान, जबोधसा हत्यसारध ।
सरस दसास यध लररकसा दबोऊ, इन कब दध खध मल्ल-अखसारध ॥6॥
जसमनत अनत हहमं भई बबहसाल ।
ससफलक ससत यह तसमहहमं बसखझयत, हरत हमसारध बसाल ॥
यध दबोऊ भघयसा जमविन हमरध , कहनत रबोहहनम रबोइ ।
धरनन गगरत उठनत अनत ब्यसाकसल, कहह रसाखत नहहमं कबोइ ॥
ननठसर भए जब तत यह आयर, घरहस आवित नसाहहमं ।
ससर कहसा नप
क पसास तसम्हसारर, हम तसम बबनस मरर जसाहहमं ॥7॥
ससनघ हत स्यसाम मधसपसरह जसात ।
सकसचनन कहह न सकनत कसाहस सद, गप्स त हृदय कक बसात ॥
समंककत बचन अनसागत कबोऊ, कहह जस गयर अधरसात ।
नममंद न परघ , घटघ नहहमं रजनम, कब उहठ दध खद प्रसात ॥
नमंद नअँदन तर ऐसर लसागध, ज्यर जल पसरइनन पसात ।
ससर स्यसाम सअँग तत बबछसरत हत, कब ऐहत कससलसात ॥8॥
मथरस सा प्रयसाण
अब नअँद गसाइ लधहस सअँभसारर ।
जबो तसम्हसारत आनन बबलमध, हदन चरसाई चसारर ॥
दध
स दहह खविसाइ ककन्हध म बड अनत प्रनतपसारर ।
दध
स दहह खविसाइ ककन्हध , बड अनत प्रनतपसारर ।
यध तम्
स हसारध गसन हृदय तत; डसाररहद न बबससारर ॥
मसातस जससदसा द्विसार ठसाढह, चलघ आअँसस ढिसारर ।
कह्यर रहहयर ससगचत सद, यह जसान गसर उर धसारर ॥
करन सत
स , कबो वपतसा-मसातसा दध खख हृदघ बबचसारर ।
ससर कध प्रभस गविन ककन्हद, कपट कसागद फसारर ॥1॥
जबहहमं रथ अकसर चढध ।
तब रसनसा हरर नसाम भसावष कघ, लबोचन नमर बढध ॥
महरर पसत कहह सबोर लगसायर, तरु ज्यद धरनन लसटसाइ ।
दध खनतमं नसारर गचत सम ठसाढह, गचतयध कअँस विर कन्हसाइ ॥
इतनत हह मत ससख हदयर सबनन कद, दहन्हह अविगध बतसाइ ।
तनक हअँसध, हरर मन जसविनतन कद ननठसर ठगररह लसाइ ॥
बबोलनतमं नहहमं रहहमं सब ठसाढह, स्यसाम-ठगममं ब्रज नसारर ।
ससर तसरत मधसबन पग धसारध , धरनम कध हहतकसारर ॥2॥
रहहमं जहसाअँ सबो तहसाअँ सब ठसाढहमं ।
हरर कध चलत दध खखयत ऐसम, मनहस गचत सलखख कसाढह ॥
ससखध बदन, स्रविनन नघननन तत, जल-धसारसा उर बसाढह ।
कमंधनन बसाअँह धरध गचतविनतमं मनस, द्रम
स नन बधसल दवि दसाढह ॥
नमरस करर छसाअँडम ससफलक ससत, जघसस दध
स बबनस ससाढह ।
ससरदसास अकसर ककपसा तत, सहह वविपनत तन गसाढह ॥3॥
बबछसरत श्रम ब्रजरसाज आज,स इनन नघननन कक परतमनत गई ।
उडड न गए हरर समंग तबहहमं तत, ह्विघ न गए सखख स्यसाममई ॥
रूप रससक लसालचम कहसावित , सबो करनम कछसविघ न भई ।
ससाअँचध कसर कसहटल यघ लबोचन, विथ
क सा ममन-छववि छछन लई ॥
अक कसाहत जल-मबोचत, सबोचत, सभर गए तत ससल नई ।
सरस दसास यसाहह तत जड भए, पलकननहसअँ हहठ दगसा दई ॥4॥
आजस रघ नन नहहमं नममंद परह ।
जसागत गगनत गगनकध तसारध , रसनसा हटत गबोवविमंद हरह ॥
विह गचतविनन, विह रथ कक बघठनन, जब अकसर कक बसाहअँ गहह ।
गचतविनत रहह ठगमसम ठसाढह, कहह न सकनत कछस कसाम दहह ॥
इतध मसान व्यसाकसल भइ सजनम, आरज पमंथहसअँ तत बबडरह ।
ससरदसास-प्रभस जहसाअँ ससधसारध , ककनतक दरस मथसरसा नगरह ॥5॥
रह मबोहहमं भविन भयसानक लसागघ, मसाई स्यसाम बबनसा ।
कहह जसाइ दध खद भरर लबोचन, जसम
स नत कत अअँगनसा ॥
कबो समंकट सहसाइ कररबध कद, मधटघ बबघन घनसा ।
लघ गयर कसर अकसर ससाअँविरह, ब्रज कर प्रसानधनसा ॥
कसाहह उठसाइ गबोद करर लहजघ, करर करर मन मगनसा ।
सरस दसास मबोहन दरसन बबनस, सख
स समंपनत सपनसा ॥6॥
कहसा हद ऐसघ हह मरर जघहद ।
इहहमं आअँगन गबोपसाल लसाल कर, कबहसअँ कक कननयसा लघहद ॥
कब विह मसख बहसरर दध खदगम, कह विघसबो सचसपघहद ।
कब मबोपघ मसाखन मसाअँगघगध, कब रबोटह धरर दध हद ॥
समलन आस तन-प्रसान रहत हत, हदन दस मसारग ज्विघहद ।
जर न ससर अइहत इतध र, जसाइ जमसन धसस लघहद ॥7॥
मथसरसा प्रविधश तथसा कमंस बध
बझ
स त हत अकसरहहमं स्यसाम ।
तरनन ककरनन महलनन पर झसाई, इहघ मधसपसरह नसाम ॥
स्रविननन ससनत रहत हध जसाकद, सबो दरसन भए नघन ।
कमंचन कबोट कअँगसरनन कक छबब , मसानर बघठध मघन ॥
उपविन बन्यर चहसअँधसा पसर कध, अनतहहमं मबोकद भसावित ।
सरस स्यसाम बलरसामहहमं पसनन पसनन, कर पल्लविनन हदखसावित ॥1॥
मथसरसा हरवषत आजस भई ।
ज्यद जसवितम पनत आवित ससनन कघ, पसलककत अमंग मई ॥
नविसत ससाकज ससमंगसार समंद
स रह, आतरस पमंथ ननहसारनत ।
उडनत धसजसा तनस ससरनत बबससारध , अमंचल नहहमं सअँभसारनत ॥
उरज प्रगट महलनन पर कलससा, लसनत पसास बन ससारह ।
ऊअँचध अटनन छसाज कक सबोभसा, समस उचसाइ ननहसारह ॥
जसालरमं ध इकटक मग जबोविनत, ककमं ककन कमंचन दग
स र्ध ।
बधनम लसनत कहसाअँ छबब ऐसम , महलनन गचतध उगर्ध ॥
बसाजत नगर बसाजनध जहअँ तहअँ, और बजत घररयसार ।
ससर स्यसाम बननतसा ज्यद चमंचल, पग नसपसर झनकसार ॥
मथरस सा बननतसा ज्यद चमंचल, पग नसपरस झनकसार ॥2॥
मथसरसा पसर मत सबोर पररयर ।
गरजत कमंस बमंस सब ससाजध, मसख कर नमर हररयर ॥
पमरर भयर, फधफरह अधरनन, हहरदघ अनतहहमं डररयर ॥
नमंद महर कध ससत दबोउ ससनन कघ, नसाररनन हषर्ध सररयर ॥
कबोउ महलनन पर कबोउ छजनन पर, कसल लज्जसा न करर‌यर ।
कबोउ धसाई पसर गसलन गसलन ह्विघ, कसाम-धसाम बबसररयर ॥
इमंद स बदन नवि जलद ससभग तनस, दबोउ खग नयन कररयर ।
सरस स्यसाम दध खत पसर-नसारह, उर-उर प्रधम भररयर ॥3॥
ढिरटसा नमंद कर यह रह ।
नसाहह जसाननत बसत ब्रज मत, प्रगट गबोकसल रह ॥
धररयर गगररविर यसाम कर कजहहमं, सबोइ हघ यह रह ।
दघ त्य सब इनहहमं सअँहसारध , आपस-भसज-बल रह ॥
ब्रज-घरनन जबो करत चबोरह, खसात मसाखन रह ।
नमंद-घरनम जसाहहमं बसान्यर, अकजर ऊखल रह ॥
ससरसभ-ठसान सलयध बन तत आवित , सबहहमं गसन इन रह ।
ससर-प्रभस यध सबहहमं लसायक, कमंस डरघ कजन रह ॥4॥
भए सखख नघन सनसाथ हमसारध ।
मदनगबोपसाल दध खतहहमं सजनम, सब दख
स सबोक बबससारध ॥
पठयध हध ससफलक-ससत गबोकसल, लघन सबो इहसाअँ ससधसारध !
मल्ल जसद प्रनत कमंस कसहटल मनत, छल करर इहसाअँ हअँकसारध ॥
मसकष्टक अरु चसानसर सघल सम, ससननयत हत अनत भसारध ।
कबोमल कमल समसान दध खखयत, यध जसम
स नत कध बसारध ॥
हबोविध जमनत वविधसातसा इनकक, करहस सहसाइ सबसारध ।
ससरदसास गचर कजयहस दष्स ट दसल, दबोऊ नमंद-दल
स सारध ॥5॥
धनसषससालसा चलध नअँदलसालसा ।
सखसा सलए समंग प्रभस रमं ग नसानसा करत, दध वि नर कबोउ न लखख सकत ख्यसालसा ॥
नप
क नत कध रजक सद भस ट मग मत भई, कह्यर दघ बसन हम पहहरर जसाहहमं ।
बसन यध नप
क नत कध जसासस प्रजसा तसम, यध बचन कहत मन डरत नसाहहमं ॥
एक हह मसकष्टकसा प्रसान तसाकध गए, लए सब बसन कछस सखनन दहन्हध ।
आइ दरजम गयर बबोसल तसाकद लयर, सभ
स ग अअँग ससाकज उन वविनय ककन्हध ॥
पसनन ससदसामसा कह्यर गधह मम अनत ननकट, ककपसा करर तहसाअँ हरर चरन धसारध ।
धबोइ पद-कमल पसनन हसार आगत धरध , भककत दघ , तसासस सब कसाज ससारध ॥
सलए चमंदन बहसरर आनन कसबबजसा समलह, स्यसाम अअँग लधप ककन्हर बनसाई ॥
रहखझ नतहहमं रूप हदयर, अमंग ससधर ककयर, बचन ससभ भसावष ननज गह
क पठसाई ।
पसनन गए तहसाअँ जहअँ धनसष, बबोलध ससभट हदस, जनन मन करर बन-बबहसारह ।
ससर प्रभस छसवित धनस टसहट धरनम पररयर, सबोर ससनन कमंस भयर भ्रसमत भसारह ॥6॥
ससननहह महसावित बसात हमसारह ।
बसार-बसार समंकषर्धन भसाषत, लधत नसाहहमं ह्यसाअँ तद गज टसारह ॥
मधरर कह्यर मसानन रध मसरख, गज समधत तबोहहमं डसारद मसारह ।
द्विसारघ खरध रहध हत कबकध, जसानन रध गविर्ध करहह कजय भसारह ॥
न्यसारर करर गयमंद तस अजहसअँ, जसान दध हह कघ आपस सअँभसारह ।
ससरदसास प्रभस दष्स ट ननकमंदन, धरनम भसार उतसारनकसारह ॥7॥
तब ररस ककयर महसावित भसारर ।
जर नहहमं आज मसाररहद इनकद, कमंस डसाररहघ मसारर ॥
आअँकसस रसाखख कमंस भ पर करष्यर, हलधर उठध हअँकसारर ।
तब हरर पअँसछ गह्यर दकच्छन कर, कअँबसक फधरर ससर विसारर ।
पटकयर भससम, फधरर नहहमं मटकयर, सलन्हहमं दमं त उपसारर ॥
दह
स स अँ कर दरस द दसन इक इक छबब, सबो ननरखनतमं पसरनसारर ।
सरस दसास प्रभस सरस सख
स दसायक, मसाररयर नसाग पछसारर ॥8॥
एई ससत नअँद अहहर कध ।
मसाररयर रजक बसन सब लसटध, समंग सखसा बल विमर कध ॥
कसाअँधध धरर दबोऊ जन आए , दमं त कसबलयसापमर कध ।
पससपनत ममंडल मध्य मनर, मनन छछरगध नमरगध नमर कध ॥
उडड आए तकज हमं स मसात मनस, मसानसरबोविर तमर कध ।
ससरदसास प्रभस तसाप ननबसारन, हरन समंत दख
स पमर कध ॥9॥
सन
स र हबो बमर मसकष्टक चसानसर सबघ, हमहहमं नप
क पसास नसाहहमं जसान दघ हर ।
घधरर रसाखध हमत, नहहमं बसझघ तसम्हत, जगत मस कहसा उपहसास लघहर ॥
सबघ यहघ कघहघ भलह मत तम
स पघ हघ , नमंद कध कअँस विर दबोउ मल्ल मसारध ।
यहघ जस लधहसगध, जसान नहहमं दध हसगध, खरजहहमं परध अब तसम हमसारध ॥
हम नहहमं कहत तसम मनहहमं जर यह बसम, कहत हर कहसा तर करर तघसम ।
ससर हम तन ननरखख दध खखयघ आपसकद, बसात तसम मनहहमं यह बसम नघसम ॥10॥
गह्यर कर स्यसाम भसज मल्ल अपनध धसाइ , झटकक लहन्हर तसरत पटकक धरनम ।
भटकक अनत सब्द भयर, खटक नप
क कध हहयत, अटकक प्रसाननन पररयर चटक करनम ॥
लटकक ननरखन लग्यर, मटक सब भससल गइ, हटक करर दध उअँ इहघ लसागम।
झटकक कसअँडल ननरखख, अटल ह्विघ कघ गयर, गटकक ससल सद रह्यर ममच जसागम ॥
मल्ल जध जध रहध सबघ मसारध तरस त, असरस जबोधसा सबघ तधउ सअँहसारध ।
धसाइ दत
स न कह्यर, कबोउ न रह्यर, ससर बलरसाम हरर सब पछसारध ॥11॥
नविल नमंदनमंदन रमं गभससम रसाजत ।
स्यसाम तन, पमत पट मनर घन मस तडडत, मबोर कध पमंख मसाथत बबरसाजत ॥
स्रविन कमंस डल झलक मनर चपलसा चमक, दृग अरुन कमल दल सध बबससालसा ।
भदह समंद
स र धनसष, बसान सम ससर नतलक, कधस कमंस गचत सबोह भमंग
क मसालसा ॥
हृदय बनमसाल, नसपसर चरन लसाल, चलत गज चसाल, अनत बसगध बबरसाजत ।
हमं स मसानर मसानसर अरुन अमंबसज ससभर, ननरखख आनमंद करर हरवष गसाजत ।
कसबलयसा मसारर चसानसर मकस ष्टक पटकक, बमर दबोउ कमंध जग-दमं त धसारध ।
जसाइ पहसअँचध तहसाअँ कमंस बघठ्यर जहसाअँ, गए अविससान प्रभस कध ननहसारध ॥
ढिसाल तरविसारर आगत धरह रहह गई , महल कर पमंथ खबोजत न पसावित ।
लसात कत लगत ससर तत गयर मसकसट गगरर, कधस गहह लघ चलध हरर खससावित ।
चसारर भसज धसारर तधहहमं चसारु दरसन हदयर, चसारर आयसध चहसअँ हसाथ लहन्हध ।
असरस तकज प्रसान ननरविसान पद कद गयर, बबमल मनत भई प्रभस रूप चमन्हध ॥
दध खख यह पसहसप विषसार्ध करर ससरनन समसल, ससद गमंदविर्ध जय धसनन ससनसाई ।
ससर प्रभस अगम महहमसा न कछस कहह परनत, ससरनन कक गनत तसरत अससर पसाई ॥12॥
उगसधन कद हदयर हरर रसाज ।
आनअँद मगन सकल पसरविसासम, चअँविर डसलसावित श्रम ब्रजरसाज ॥
जहसाअँ तहसाअँ तत जसादवि आए, कमंस डरनन जध गए परसाइ ।
मसागध ससत करत सब अस्तसनत, जघ जघ श्रम जसादविरसाइ ॥
जसग जसग बबरद यहघ चसल आयर, भए बसल कध द्विसारत प्रनतहसार ।
सरस दसास प्रभस अज अबबनसासम, भकतनन हध त लधत अवितसार ।13॥
तब बससदधवि हरवषत गसात ।
स्यसाम रसामहहमं कमंठ लसाए,हरवष दध विघ मसात ।
अमर हदववि दमं द
स भ
स म दहन्हह, भयर जघजघकसार ।
दष्स ट दसल ससख हदयर समंतनन, यध बससदधवि कसमसार ॥
दख
स गयर बहह हषर्ध पसरन, नगर कध नर-नसारर ।
भयर पसरब फल सअँपसरन, लह्यर ससत दघ त्यसारर ॥
तसरत बबप्रनन बबोसल पठयध, धधनस कबोहट मअँगसाइ ।
सरस कध प्रभस ब्रह्मपसरन, पसाइ हरषघ रसाइ ॥14॥
बससद्यर कसल-ब्यरहसार बबचसारर ।
हरर हलधर कद हदयर जनधऊ, करर षटरस ज्यरनसारर ।
जसाकध स्विसास-उससाअँस लधत मत, प्रगट भयध श्रसनत चसार ।
नतन गसायतम ससनम गगर्ध सद, प्रभस गनत अगम अपसार ॥
वविगध सद धधनस दई बहस बबप्रनन,सहहत सविर्धऽलमंकसार ।
जदकसल भयर परम करतसहल जहअँ तहअँ गसाविनतमं नसार ॥
मसातस दध विकक परम मसहदत ह्विघ, दध नत ननछसाविरर विसारर ।
ससरदसास कक यहघ आससषसा, गचर जयर नमंदकसमसार ॥15॥
कसबरह पसरब तप करर रसाख्यर ।
आए स्यसाम भविन तसाहहमं कघ, नप
क नत महल सब रसाख्यर ॥
प्रथमहहमं धनसष तबोरर आवित हध , बमच समलह यह धसाइ ।
नतहहमं अनसरसाग बस्य भए तसाकत , सबो हहत कह्यर न जसाइ ॥
दध वि-कसाज करर आविन कहह गए, दहन्हर रूप अपसार ।
ककपसा दृकष्ट गचतवितहहमं श्रम भइ, ननगम न पसावित पसार ॥
हम तत दरस र दहन कध पसाछत , ऐसध दहनदयसाल ।
ससर ससरनन करर कसाज तसरतहहमं, आवित तहसाअँ गबोपसाल ॥16॥
ककयर ससर-कसाज गह
क चलध तसाकत ।
पसरुष औ नसारर कर भधद भधदसा नहहमं, कससलन अकसलहन अवितररयर कसाकत ॥
दसास दसासम करन, प्रभस ननप्रभस करन हघ , अखखल ब्रह्मसामंड इक रबोम जसाकत ।
भसावि ससाअँचर हृदय जहसाअँ, हरर तहसाअँ हत, ककपसा प्रभस कक मसाथ भसाग विसाकत ॥
दसास दसासम स्यसाम भजनहस तत कजयध, रमसा सम भई सबो ककष्नदसासम ।
समलह विह ससर प्रभस प्रधम चमंदन चरगच, ककयर जप कबोहट, तप कबोहट कसासम ॥17॥
मथसरसा हदन-हदन अगधक बबरसाजघ ।
तधज प्रतसाप रसाइ कघसर कत, तमनन लबोक पर गसाजघ ॥
पग पग तमरथ कबोहटक रसाजत, मगध वविश्रसामंनत बबरसाजघ ।
करर अस्नसान प्रसात जमन
स सा कर, जनम मरन भय भसाजघ ॥
बबट्ठल बबपसल बबनबोद बबहसारन, ब्रज कर बससबर छसाजघ ।
ससरदसास सधविक उनहहमं कर, ककपसा सस गगरधर रसाजघ ॥18॥
नमंद कसा ब्रज प्रत्यसागमन
बधगग ब्रज कद कफररए नअँदरसाइ ।
हमहहमं तसमहहमं ससत तसात कर नसातद, और पररयर हत आइ ॥
बहसत ककयर प्रनतपसाल हमसारर, सबो नहहमं जम तत जसाइ ।
जहसाअँ रहत तहअँ तहसाअँ तसम्हसारध , डसाररयर जनन बबसरसाइ ॥
जननन जसबोदसा भस हट सखसा सब, समसलयर कमंठ लगसाइ ।
ससाधस समसाज ननगम कजनकध गसन, मधरत गनन न ससरसाइ ।
मसायसा मबोह समलन अरु बबछसरन, ऐसघ हह जग जसाइ ।
सरस स्यसाम कध ननठसर बचन सनस न, रहध नघन जल छसाइ ॥1॥
नमंद बबदसा हबोइ घबोष ससधसारर ।
बबछसरन समलन रच्यर बबगध ऐसर; यह समंकबोच ननविसारर ॥
कहहयर जसाइ जसबोदसा आगत, नतन नमर जनन ढिसारर ।
सधविसा करह जसानन ससत अपनर, ककयर प्रनतपसाल हमसारर ॥
हमत तम्
स हत अमंतर कछस नसाहहमं , तम
स कजय जसान बबचसारर ।
ससरदसास प्रभस यह बबनतम हघ , उर जनन प्रमनत बबससारर ॥2॥
गबोपसालरसाइ हद न चरन तकज जघहद ।
तसमहह छसाअँडड मधसबन मधरध मबोहन, कहसा जसाइ ब्रज लघहद ॥
कघहद कहसा जसाइ जसम
स त सद, जब सन्मख
स उहठ ऐहघ ।
प्रसात समय दगध मथत छसाअँडड कघ, कसाहह कलधऊ दघ हघ ॥
बसारह बरस हदयर हम ढिहठर, यह प्रतसाप बबनस जसानध ।
अब तसम प्रगट भए बससद्यर-ससत गगर्ध बचन परमसानध ॥
ररपस हनत कसाज सबघ कत ककन्हर, कत आपदसा बबनसासम ।
डसारर न हदयर कमल कर तत गगरर, दबब मरतध ब्रजविसासम ॥
बसासर समंग सखसा सब लहन्हध , टध रर न धधनस चरघ हर ।
कयर रहहहत मधरध प्रसान दरस बबनस, जब समंध्यसा नहहमं ऐहद ॥
ऊरध स्विसाअँस चरन गनत थसाकक, नघन नमर मरहसाइ ।
ससर नमंद बबछसरत कक विधदनन, मबो पघ कहह न जसाइ ॥3॥

(मधरध) मबोहन तसमहहमं बबनसा नहहमं जघहद ।


महरर दररर आगध जब ऐहघ , कहसा तसाहह मत कघहद ॥
मसाखन मगथ रसाख्यर ह्विघ हघ तसम हध त, चलर मधरध बसारध ।
ननठसर भए मधसपसरह आइ कघ , कसाहत अससरनन मसारध ॥
सख
स पसायर बसद
स ध वि दध विकक, अरु सख
स सरस नन हदयर ।
यहघ कहत नअँद गबोप सखसा सब, बबदरन चहत हहयर ॥
तब मसायसा जडतसा उपजसाई, ननठसर भए जदरस साइ ।
सरस नमंद परमबोगध पठसाए, ननठसर ठगबोरह लसाइ ॥4॥
उठध कहह मसाधर इतनर बसात ।
कजतध मसान सधविसा तसम ककन्हह, बदलर दयर न जसात ॥
पसत हध त प्रनतपसार ककयर तसम, जघस त जननम तसात ॥
गबोकसल बसत हअँसत खधलत मबोहहमं द्यरस न जसान्यर जसात ॥
हबोहस बबदसा घर जसाहस गस
स साई, मसानध रहहयर नसात ।
ठसाढर थकयर उतर नहह आविघ, ज्यद बयसारर बस पसात ।
धकधकसात हहय बहसत ससर उहठ, चलध नमंद पनछतसात ॥5॥
बसार-बसार मग जबोविनत मसातसा ब्यसाकनस मबोहन बल-भ्रसातसा ॥
आवित दध खख गबोप नअँद ससाथसा । बबववि बसालक बबनस भई अनसाथसा ॥
धसाई धधनस बच्छ ज्यद ऐसत । मसाखन बबनसा रहध धद कघसत ॥
ब्रज-नसारह हरवषत सब धसाई । महरर जहसाअँ-तहअँ आतसर आई ॥
हरवषत मसातस रबोहहनम आई । उर भरर जलधर लधउअँ कन्हसाई ॥
दध खध नमंद गबोप सब दध खध । बल मबोहन कद तहसाअँ न पधखध ॥
आतसर समलन-कसाज ब्रज नसारह । ससर मधसपसरह रहध मसरसारह ॥6॥
उलहट पग कघसत दहन्हर नमंद ।
छसाअँडध कहसाअँ उभघ सत
स मबोहन, गधक जमविन मनतममंद ॥
कघ तसम धन-जबोबन-मद मसातध, कघ तसम छसटध बमंद ।
ससफलक-ससत बघरह भयर हमकद, लघ गयर आनअँदकमंद ॥
रसाम ककष्न बबनस कघसत जमजघ, कहठन प्रमनत कत फमंद ।
ससरदसास मत भई अभसागगन, तसम बबनस गबोकसलचमंद ॥7॥
दबोउ ढिबोटसा गबोकसल-नसायक मधरध ।
कसाहत नमंद छसाअँडड तसम आए, प्रसान-कजविन सब कधरध ॥
(मधरध) मबोहन तम
स हहमं बबनसा नहहमं जघहद ।
महरर दररर आगध जब ऐहघ , कहसा तसाहह मत कघहद ॥
मसाखन मगथ रसाख्यर ह्विघ हघ तसम हध त, चलर मधरध बसारध ।
ननठसर भए मधसपसरह आइ कघ , कसाहत अससरनन मसारध ॥
ससख पसायर बससदधवि दध विकक, अरु ससख ससरनन हदयर ।
यहघ कहत नअँद गबोप सखसा सब, बबदरन चहत हहयर ॥
तब मसायसा जडतसा उपजसाई, ननठसर भए जदरस साइ ।
ससर नमंद परमबोगध पठसाए, ननठसर ठगबोरह लसाइ ॥8॥
उठध कहह मसाधर इतनर बसात ।
कजतध मसान सधविसा तसम ककन्हह, बदलर दयर न जसात ॥
पसत हध त प्रनतपसार ककयर तसम, जघस त जननम तसात ॥
गबोकसल बसत हअँसत खधलत मबोहहमं द्यरस न जसान्यर जसात ॥
हबोहस बबदसा घर जसाहस गसससाई, मसानध रहहयर नसात ।
ठसाढर थकयर उतर नहह आविघ, ज्यद बयसारर बस पसात ।
धकधकसात हहय बहसत ससर उहठ, चलध नमंद पनछतसात ॥9॥
बसार-बसार मग जबोविनत मसातसा ब्यसाकनस मबोहन बल-भ्रसातसा ॥
आवित दध खख गबोप नअँद ससाथसा । बबववि बसालक बबनस भई अनसाथसा ॥
धसाई धधनस बच्छ ज्यद ऐसत । मसाखन बबनसा रहध धद कघसत ॥
ब्रज-नसारह हरवषत सब धसाई । महरर जहसाअँ-तहअँ आतसर आई ॥
हरवषत मसातस रबोहहनम आई । उर भरर जलधर लधउअँ कन्हसाई ॥
दध खध नमंद गबोप सब दध खध । बल मबोहन कद तहसाअँ न पधखध ॥
आतरस समलन-कसाज ब्रज नसारह । सरस मधप
स सरह रहध मरस सारह ॥10॥
उलहट पग कघसत दहन्हर नमंद ।
छसाअँडध कहसाअँ उभघ ससत मबोहन, गधक जमविन मनतममंद ॥
कघ तम
स धन-जबोबन-मद मसातध, कघ तम
स छसटध बमंद ।
ससफलक-ससत बघरह भयर हमकद, लघ गयर आनअँदकमंद ॥
रसाम ककष्न बबनस कघसत जमजघ, कहठन प्रमनत कत फमंद ।
ससरदसास मत भई अभसागगन, तसम बबनस गबोकसलचमंद ॥11॥
दबोउ ढिबोटसा गबोकसल-नसायक मधरध ।
कसाहत नमंद छसाअँडड तम
स आए, प्रसान-कजविन सब कधरध ॥
नतनकत जसात बहसत दख
स पसायर, रबोर परह इहहमं खधरध ।
गबोससत गसाइ कफरत हत दहसअँ हदसस, विघ न चरत तन
क घधरध ॥
प्रमनत न करह रसाम दसरथ कक, प्रसान तजध बबनस हध रत ।
ससर नमंद सद कहनत जसबोदसा, प्रबल पसाप सब मधरत ॥12॥
नमंद कहर हबो कहअँ छसाअँडध हरर ।
लघ जस गए जघस त तसम ह्यसाअँत,त ल्यसाए ककन विघसहहमं आगत धरर ॥
पसासल पबोवष मत ककए सयसानध, कजन मसारध जग मल्ल कमंस अरर ।
अब भए तसात दध विकक बसद्
स यर, बसाअँह पकरर ल्यसायध न न्यसावि करर ।
दध खर दध
स दहह घत
क मसाखन, मत रसाखध सब विघसस हह धरर ।
अब कबो खसाइ नमंदनमंदन बबनस, गबोकसल मनन मथसरसा जस गए हरर ॥
श्रममसख दध खन कद ब्रजविसासम, रहध तध घर आअँगन मधरत भरर ।
ससरदसास प्रभस कध जस सअँदधसध, कहध महर आअँसस गदगद करर ॥13॥
जसद
स सा कसान्ह कसान्ह कघ बसझघ ।
फसहट न गई तसम्हसारह चसारर, कघसत मसारग ससझघ ॥
इक तर जरह जसात बबनस दध ख,त अब तसम दहन्हद फअँस कक ।
यह छनतयसा मधरध कसान्ह कसअँविर बबनस, फहट न भई द्विध टसक ॥
गधक तसम गधक यध चरन अहर पनत, अध बबोलत उहठ धसाए ।
सरस स्यसाम बबछसरन कक हम पघ, दघ न बधसाई आए ॥14॥
नर हरर तसमसद कहसा कह्यर ।
ससनन ससनन ननठसर बचन कध कघसत हृदय रह्यर ॥
छसाअँडड सनधह चलध ममंहदर कत, दररर न चरन गह्यर ।
दरकक न गई बज कक छसातम, कत यह ससल सह्यर ॥
ससरनत करत मबोहन कक बसातत, नघननन नमर बह्यर ।
ससगध न रहह अनत गसलत गसात भयर, मनस डसस गयर अह्यर ॥
उन्हत छसाअँडड गबोकसल कत आए, चसाखन दध
स दह्यर ।
तजध न प्रसान सरस दसरथ लद, हसतर जन्म ननबह्यर ॥15॥
कहसाअँ रह्यर मधरर मनमबोहन ।
विह मसरनत कजय तत नहहमं बबसरनत, अमंग अमंग सब सबोहन ॥
कसान्ह बबनसा गबोवित सब व्यसाकसल, कबो ल्यसाविघ भरर दबोहन ।
मसाखन खसात खविसावित ग्विसालनन, सखसा सलए सब गबोहन ॥
जब विघ लहलसा ससरनत करनत हद, गचत चसाहत उहठ जबोहन ।
ससरदसास-प्रभस कध बबछसरध तत, मररयत हघ अनत छबोहन ॥16॥
गबोपम बचन तथसा ब्रजदशसा
ग्विसारनन कहह ऐसम जसाइ ।
भए हरर मधसपसरह रसाजसा, बडध बमंस कहसाइ ॥
ससत मसागध बदत बबरदनन, बरनन बससद्यर तसात ।
रसाज-भष
स न अमंग भ्रसाजत, अहहर कहत लजसात ॥
मसातस वपतस बससदधवि दघ विघ, नमंद जससमनत नसाहहमं ।
यह ससनत जल नघन ढिसारत, मममंकज कर पनछतसाहहमं ॥
समलह कसबबजसा मलघ लघ कघ, सबो भई अरधमंग ।
ससरप्रभस बस भए तसाकत , करत नसानसा रमं ग ॥1॥
कघसघ रह यह हरर कररहत ।
रसाधसा कद तकजहघ मनमबोहन, कहसा कमंस दसासम धररहत ॥
कहसा कहनत विह भइ पटरसानम, विघ रसाजसा भए जसाइ उहसाअँ ।
मथरस सा बसत लखत नहहमं कबोऊ, कबो आयर, कबो रहत कहसाअँ ॥
लसाज बसगच कसबरह बबससाहबो, समंग न छसाअँडनत एक घरह ।
ससर जसाहह परतमनत न कसाहस, मन ससहसात यह करनन करह ॥2॥
कसबबजसा नहहमं तसम दध खम हघ ।
दधम बधचन जब जसानत मधसपसरह, मत नमकत करर पधषम हघ ॥
महल ननकट मसालह कक बधटह, दध खत कजहहमं नर-नसारर हअँसघ ।
कबोहट बसार पमतरर जर दसाहर, कबोहट बसार जबो कहसा कसत ॥
ससननयत तसाहह ससमंदरह ककन्हह, आपस भए तसाकद रसाजम ।
ससर मलघ मन जसाहह जसाहह सद, तसाकर कहसा करघ कसाजम ॥3॥
कबोहट करर तनस प्रककनत न जसाइ ।
ए अहहर विह दसासम पसर कक, बबगधनसा जबोरह भलह समलसाइ ॥
ऐसधन कद मसख नसाउअँ न लहजघ, कहसा करद कहह आवित मबोहहमं ।
स्यसामहहमं दबोष ककधद कसबबजसा कर, यहघ कहबो मत बसझनत तबोहह ।
स्यसामहहमं दबोष कहसा कसबबजसा कर, चधरह चपल नगर उपहसास ।
टध ढह टध कक चलनत पग धरनम, यह जसानघ दख
स सरस जदसास ॥4॥
कमंस बध्यर कसबबजसा कत कसाज ।
और नसारर हरर कद न समलह कहसअँ, कहसा गअँविसाई लसाज ॥
जघस त कसाग हअँस कक समंगनत, लहसन
स समंग कपसर ।
जघस त कमंचन कसाअँच बरसाबरर, गधरू कसाम ससमंदरस ॥
भबोजन ससाथ ससद्र बसाम्हन कध, तघसर उनकर ससाथ ।
ससनहस ससर हरर गसाइ चरघ यसा, अब भए कसबबजसानसाथ ॥5॥
विघ कह जसानत पमर परसाई ।
समंद
स र स्यसाम कमल-दल लबोचन, हरर हलधर कध भसाई ॥
मसख मसरलह ससर मबोर पखरविसा, बन बन धधनस चरसाई ।
जध जमसनसा जल, रमं ग रअँगध हत, अजहसअँ न तजत करसाई ॥
विहई दध खख कसबरह भल
स ध, हम सब गई बबसरसाई ।
ससरज चसातक बसअँद भई हघ , हध रत रहध हहरसाई ॥6॥
तब तत समटध सब आनमंद ।
यसा ब्रज कध सब भसाग समंपदसा, लघ जस गए नअँदनमंद ॥
बबह्विल भई जसबोदसा डबोलनत, दखस खत नमंद उपनमंद ।
धधनस नहहमं पय स्रविनतमं रुगचर मख
स , चरनतमं नहहमं तण
क कमंध ॥
बबषम बबयबोग दहत उर सजनम, बसाहढ रहध दख
स दमं द ।
समतल करन करघ रह मसाई, नसाहह इहसाअँ ब्रजचमंद ॥
रथ चहढ चलध गहध नहहमं कसाहस, चसाहह रहहमं मनतममंद ।
ससरदसास अब करन छसडसाविघ, परध बबरह कत फमंद ॥7॥
इक हदन नमंद चलसाई बसात ।
कहत ससनत गसन रसामककष्ण कघ, ह्विघ आयर परभसात ॥
विघसहत ह भबोर भयर जससमनत कर, लबोचन जल न समसात ।
ससस मरर सनधह बबहरर उर अमंतर, ढिरर आवित ढिरर जसात ।
जद्यवप विघ बससदधवि दध विकक, हत ननज जननम तसात ।
बसार एक समसल जसाहस ससर प्रभस, धसाई हस कत नसात ॥8॥
चक
स परह हरर कक सधविकसाई ।
यह अपरसाध कहसाअँ लद बरनद,कहह कहह नमंद महर पनछतसाई ॥
कबोमल चरन-कमल कमंटक कसस, हम उन पघ बन गसाइ चरसाई ।
रमं चक दगध कध कसाज जसबोदसा, बसाअँधध कसान्ह उलसषल लसाई ॥
इमंद्र-प्रकबोप जसानन ब्रज रसाखध, बरुन फसामंस तत मबोहहमं मसकरसाई ।
अपनध तन-धन-लबोभ, कमंस-डर, आगत कघ दहन्हध दबोउ भसाई ॥
ननकट बसत कबहसअँ न समसल आयर, इतध मसान मधरह ननठसरसाई ।
ससर अजहसअँ नसातर मसानत हत, प्रधम सहहत करत नमंद-दह
स साई ॥9॥
लघ आविहस गबोकसल गबोपसालहहमं ।
पसाइअँनन परर कयद हसअँ बबनतम करर, छल बल बसाहस बबससालहहमं ॥
अब कक बसार नतकस हदखरसाविहस, नमंद आपनध लसालहहमं ।
गसाइनन गनत ग्विसार गबोससत सअँग, ससखवित बघन रससालहहमं ॥
जद्यवप महसारसाज ससख समंपनत, करन गनघ मनन लसालहहमं ।
तदवप ससर विघ नछन न तजत हत, विसा घसअँघचम कक मसालहहमं ॥10॥
हद तर मसाई मथसरसा हह पघ जघहद ।
दसासम ह्विघ बसद
स ध वि रसाइ कक, दरसन दध खत रघ हद ॥
रसाखख एतध हदविसनन मबोहहमं, कहसा ककयर तसम नमकर ।
सबोऊ तर अकसर गए लघ, तनक खखलरनसा जम कर ।
मबोहह दध खख कघ लबोग हसतगध, अरु ककन कसान्ह हअँसघ ।
ससर असमस जसाइ दध हद, जनन न्हसातहस बसार खसघ ॥11॥
पमंथम इतनम कहहयर बसात ।
तसम बबनस इहसाअँ कसअँविर विर मधरध, हबोत कजतध उतपसात ॥
बकक अघसाशसर टरत न टसारध , बसालक बनहहमं न जसात ।
ब्रज वपमंजरह रुगध मसानर रसाखध, ननकसन कद अकसलसात ॥
गबोपम गसाइ सकल लघस दहरघ, पमत बरन ककस गसात ।
परम अनसाथ दध खखयत तसम बबनस, कधहहमं अविलमंबत तसात ॥
कसान्ह कसान्ह कघ टध रत तब धद, अब कघसत कजय मसानत ।
यह व्यविहसार आजस लद हत ब्रज, कपट नसाट छल ठसानत ॥
दसहसअँ हदसस तत उहदत हबोत हत, दसाविसानल कध कबोट ।
आअँखनन मअँहस द रहत सनमसख ह्विघ, नसाम-कविच दघ ओट ।
ए सब दष्स ट हतध हरर जधतध, भए एकहहमं पधट ।
सत्विर सरस सहसाइ करर अब, समखस झ परस सातन हध ट ॥12॥
सअँदधसर दध विकक सद कहहयर ।
हद तर धसाइ नतहसारध ससत कक, मयसा करत हह रहहयर ॥
जदवप टध वि तम
स जसाननतमं उनकक, तऊ मबोहहमं कहह आविघ ।
प्रसात हबोत मधरध लसाल लडघतस, मसाखन रबोटह भसाविघ ॥
तधल उबटनर अरु तसातर जल, तसाहह दध खख भकज जसातध ।
जबोइ जबोइ मसाअँगत सबोइ सबोइ दध तम, कम-कम करर कघ न्हसातध ॥
ससर पगथक ससनन मबोहहमं रघ नन हदन बढयर रहत उर सबोच ।
मधरबो अलक लडघतबो मबोहन; ह्विघ हघ करत सअँकबोच ॥13॥
मधरध कसअँविर कसान्ह बबनस सब कसछ विघसधहहमं धररयर रहध ।
कबो उहठ प्रसात हबोत लध मसाखन, कबो कर नधनत गहघ ॥
सन
स ध भविन जसबोदसा सत
स कध, गसन गसनन सल
स सहघ ।
हदन उहठ घर घधरत हह ग्विसाररनन, उरहन कबोउ न कहघ ॥
जबो ब्रजमत आनमंद हसतर, मसनन मनससा हस न गहघ ।
ससरदसास स्विसामम बबनस गबोकसल, करडम हस न लहघ ॥14॥
गबोपम वविरह
चलत गप
स साल कध सब चलध ।
यह प्रमतम सद प्रमनत ननरमं तर, रहध न अधर्ध पलध ।
धमरज पहहल करह चसलबत कक, जघसम करत भलध ।
धमर चलत मधरध नघननन दध खध, नतहहमं नछनन आअँसस हलध ॥
आअँसस चलत मधरह बलयनन दध खध, भए अमंग ससगथलध ।
मन चसल रह्यर हसतर पहहलत हह,चलध सबघ बबमलध ।
एक न चलघ प्रसान ससरज प्रभस, असलधहस ससाल सलध ॥1॥
करर गए थबोरध हदन कक प्रमनत ।
कहअँ विह प्रमनत कहसाअँ यह बबछसरनन, कहअँ मधसबन कक रहनत ॥
अब कक बधर समलर मनमबोहन, बहसत भई बबपरहत ।
कघसत प्रसान रहत दरसन बबनस, मनहस गए जग
स बमनत ॥
ककपसा करहस गगररधर हम ऊपर, प्रधम रह्यर तन जमनत ।
ससरदसास प्रभस तसम्हरध समलन बबनस, भई भसस पर कक भमनत ॥2॥
प्रमनत करर दहन्हह गरत छसरह ।
जघस त बगधक चसगसाइ कपट-कन, पसाछत करत बसरह ॥
मसरलह मधसर चधप कसाअँपसा करर , मबोर चमंद्र फअँदविसारर ।
बमंक बबलबोकनन लगम, लबोभ बस, सकक न पमंख पससारर ॥
तरफत गए मधसबन कद , बहसरर न ककन्हह ससार ।
सरस दसास प्रभस समंग कल्पतरु, उलहट न बघठछ डसार ॥3॥
नसाथ अनसागथन कक ससगध लहजघ ।
गबोपम, ग्विसाल, गसाइ, गबोससत सब, दहन मलहन हदनहहमं हदन छछजत ॥
नघननन जलधसारसा बसाढह अनत, बसडत ब्रज ककन कर गहह लहजघ ॥
इतनम बबनतम ससनहस हमसारह, बसारक हसअँ पनतयसा सलखख दहजघ ॥
चरन कमल दरसन नवि नविकसा, करुनसाससमंधस जगत जस लहजघ ।
ससरदसास प्रभस आस समलन कक, एक बसार आविन ब्रज लहजघ ॥4॥
दध खखयत कसासलमंदह अनत कसारह ।
अहर पगथक कहहयर उन हरर सद, भयर बबरह जरस जसारह ॥
गगरर-प्रजमंक तत गगरनत धरनन धसस, तरमं ग तरफ तन भसारह ।
तट बसारू उपचसार चसर, जल-पसर प्रस्विधद पनसारह ॥
बबगसलत कच कसस कसाअँस कसल पर पमंक जस कसाजल ससारह ।
भदर भ्रमत अनत कफरनत भ्रसमत गनत, ननसस हदन दहन दख
स सारह ॥
ननसस हदन चकई वपय जस रटनत हघ , भई मनर अनसहसारह ।
ससरदसास-प्रभस जबो जमन
स सा गनत, सबो गनत भई हमसारह ॥5॥
परध खर करन बबोल कर ककजघ ।
नसा हरर जसानत न पसाअँनत हमसारह, कहसा मसानन दख
स लहजघ ॥
नसाहह न मबोर-चमंहद्रकसा मसाथत, नसाहह न उर बनमसाल ।
नहहमं सबोसभत पसहसपनन कध भसषन, ससमंदर स्यसाम तमसाल ॥
नमंद-नअँदन गबोपम-जन-विल्लभ, अब नहहमं कसान्ह कहसावित ।
बसाससदधवि, जसादविकसल-दहपक, बमंदह जन बरनसावित ॥
बबसररयर ससख नसातर गबोकसल कबो, और हमसारध अमंग ।
ससर स्यसाम विह गई सगसाई , विसा मसरलह कत समंग ॥6॥
अब विघ बसातत उलहट गई ।
कजन बसातनन लसागत सख
स आलह, तधऊ दस
स ह भई ॥
रजनम स्यसाम ससमंदर सअँग, अरु पसाविस कक गरजनन ।
ससख समसह कक अविगध मसाधरस ह, वपय रस बस कक तरजनन ॥
मबोर पसकसार गसहसार कबोककलसा , असल गसमंजसार ससहसाई ।
अब लसागनत पसकसार दसादरस सम, बबनहह कसअँविर कन्हसाई ।
चमंदन चमंद सममर अगगन सम, तनहहमं दध त दवि लसाई ।
कसासलमंदह अरु कमल कसससम सब, दरसन हह दख
स दसाई ॥
सरद बसमंत ससससर अरु गमषम, हहम-ररतस कक अगधकसाई ।
पसाविस जरत ससर कध प्रभस बबनस, तरफत रघ नन बबहसाई ॥7॥
समसल बबछसरन कक बधदन न्यसारह ।
जसाहह लगघ सबोई पघ जसानघ, बबरह-पमर अनत भसारह ॥
जब यह रचनसा रचम बबधसातसा, तबहहमं कयद न सअँभसारह ।
ससरदसास प्रभस कसाहत, कजविसाई, जनमत हह ककन मसारह ॥8॥
मधब
स न तम
स कयद रहत हरध ।
बबरह बबयबोग स्यसाम ससमंदर कध ठसाढध कयद न जरध ॥
मबोहन बधनस बनसावित तसम तर, ससाखसा टध कक खरध ।
मबोहध थसाविर अरु जड जमंगम, मनन जन ध्यसान टरध ॥
विह गचतविनन तस मन न धरत हघ , कफरर कफरर पसहसप धरध ।
सरस दसास प्रभस बबरह दविसानल, नख ससख लद न जरध ॥9॥
बहसरर दध खखबर इहह भसाअँनत ।
असन बसाअँटत खसात बघठध, बसालकन कक पसाअँनत ॥
एक हदन नविनमत चबोरत, हद रहह दरस र जसाइ ।
ननरखख मम छसायसा भजध, मत दररर पकरध धसाइ ॥
पकनछ कर मसख लई कननयसाअँ, तब गई ररस भसागग ।
विह ससरनत कजय जसानत नसाहहमं, रहध छसातम लसागग ॥
कजन घरनन विह ससख बबलबोकयर, तध लगत अब खसान ।
सरस बबनस ब्रजनसाथ दध खध, रहत पसापम प्रसान ॥10॥
कब दध खद इहहमं भसाअँनत कन्हसाई ।
मबोरनन कध चअँदविसा मसाथध पर, कसाअँध कसामरह लकसट ससहसाई ॥
बसासर कध बमतत सरस सभन सअँग, आवित एक महसाछबब पसाई ।
कसान अअँगसररयसा घसासल ननकट पसर, मबोहन रसाग अहहरह गसाई ॥
कयद हसअँ न रहत प्रसान दरसन बबनस, अब ककत जतन करघ रह मसाई ।
ससरदसास स्विसामम नहहमं आए, बहद जस गए अविध्यरऽब भरसाई ॥11॥
गबोपसालहहमं पसाविद धद ककहह दध स ।
ससमंगम मद्र
स सा कर खप्पर लघ, कररहद जबोगगनन भधस ।
कमंथसा पहहरर बबभसतम लगसाऊअँ, जटसा बअँधसाऊअँ कधस ।
हरर कसारन गबोरखहहमं जगसाऊअँ, जघस त स्विसाअँग महध स ॥
तन मन जसारद भस्म चढसाऊअँ, बबरहसाकध उपदध स ।
ससर स्यसाम बबनस हम हत ऐसम, जघसस मनन बबनस सधस ॥12॥
कफरर ब्रज बसर गबोकसलनसाथ ।
अब न तसमहहमं जगसाइ पठवित, गबोधननन कध ससाथ ॥
बरजत न मसाखन खसात कबहसअँ, दह्यर दध त लसठसाइ ।
अब न दध हहमं उरसाहनर, नअँद-घरनन आगत जसाइ ॥
दररर दसाविरर दध हहमं नहहमं, लकसटह जसबोदसा पसानन ।
चबोरर न दध हहमं उघसारर कघ, औगसन न कहहहत आनन ॥
कहहहत न चरननन दध न जसाविक, गहन बधनम फसल ।
कहहहत न करन ससमंगसार कबहसअँ, बसन जमसनसा कसल ॥
कररहत न कबहसअँ मसान हम, हहठहत न मसाअँगत दसान ।
कहहहत न मद
क स मसरलह बजसाविन, करन तसमसद गसान ॥
दध हस दरसन नमंद-नमंदन, समलन कक जय आस ।
ससर हरर कध रूप कसारन, मरत लबोचन प्यसास ॥13॥
कसाहत पमहठ दई हरर मबोसद ।
तम
स हह पमहठ भसावितध दहन्हर, और कहसा कहह कबोसद ॥
मसल बबछसरघ कक पमर सखम रह, रसाम ससयसा पहहचसानध ।
समसल बबछसरध कक पमर सखम रह, पय पसानन उर आनध ॥
समसल बबछसरध कक पमर कहठन हघ , कहत न कबोऊ मसानघ ।
समसल बबछसरध कक पमर सखम रह, बबछसररयर हबोइ सबो जसानघ ॥
बबछसरध रसामचमंद्र औ दसरथ, प्रसान तजध नछन मसाहहमं ।
बबछसररयर पसात गगररयर तरुविर तत, कफर न लगध उहह ठसाहहमं ॥
बबछसररयर हअँस कसाय घटहसअँ तत, कफरर न आवि घट मसाहहमं ।
मत अपरसागधनन जमवित बबछसरह, बबछसररयर जमवित नसाहहमं ॥
नसाद कसरमं ग ममन जल बबछसरध , हबोइ ककट जरर खधहसा ।
स्यसाम बबयबोगगनन अनतहहमं सखम रह, भई ससाअँविरह दध हसा ॥
गरकज गरकज बसादर उनयध हत, बअँसदनन बरषत मधहसा ।
ससरदसास कहस कघसस ननबहघ , एक ओर कर नधहसा ॥14॥
बसारक जसाइयर समसल मसाधर ।
कबो जसानघ तन छसहट जसाइगर, ससल रहघ कजय ससाधर ॥
पहसनह
त स नमंदबबसा कध आबहस, दध खख लधउअँ पल आधर ।
समलत हह मत वविपरहत करह बबगध, हबोत दरस कर बसाधर ॥
सबो ससख ससवि सनकसाहद न पसावित, जबो ससख गबोवपन लसाधर ।
ससरदसास रसाधसा बबलपनत हघ , हरर कर रूप अगसाधर ॥15॥
सखम इन नघननन तत घन हसारध ।
बबनहहमं ररतस बरषत ननसस बसासर, सदसा मसलन दबोउ तसारध ॥
ऊरध स्विसास सममर तधज अनत, ससख अनधक द्रम
स डसारध ।
बदन सदन करर बसध बचन खग, दख
स पसाविस कध मसारध ॥
दरस र दरस र बसअँद परत कमंचसकक पर, समसल अमंजन सद कसारध ।
मसानर परनकसटह ससवि ककन्हह, बबबब मरस नत धरर न्यसारध ॥
घसमरर घसमरर बरषत जल छसाअँडत, डर लसागत अअँगधयसारध ।
बसडत ब्रहह ससर कबो रसाखघ, बबनस गगररविर धर प्यसारध ॥16॥
ननसस हदन बरषत नघन हमसारध ।
सदसा रहनत बरषसा ररतस हम पर, जब तत स्यसाम ससधसारध ।
दृग अमंजन न रहत ननसस बसासर, कर कपबोल भए कसारध ।
कमंचसकक-पट ससखत नहहमं कबहसअँ, उर बबच बहत पनसारध ॥
आअँसस ससलल सबघ भइ कसायसा, पल न जसात ररस टसारध ।
सरस दसास प्रभस हघ परध खर, गबोकसल कसाहत बबससारध ॥17॥
हर दरसन कबो तरसनत अअँखखयसाअँ ।
झसाअँकनत झखनतमं झरबोखसा बघठछ, कर ममडनतमं ज्यद मखखयसाअँ ॥
बबछसरहमं बदन-ससधसाननगध-रस तत, लगनतमं नहहमं पल पअँखखयसाअँ ।
इकटक गचतविनतमं उडड न सकनतमं जनस, थककत भई लखख सखखयसाअँ ॥
बसार-बसार ससर धन
स नतमं बबसरस नतमं, बबरह गसाह जनस भखखयसाअँ ।
ससर ससरूप समलघ तत जमविहहमं, जमविहहमं, कसाट ककनसारध नखखयसाअँ ॥18॥
(मधरध) नघनसा बबरह कक बधसल बई ।
सममंचत नघन-नमर कध सजनम, मसल पतसाल गई ।
बबगससत लतसा ससभसाइ आपनत, छसायसा सघन भई ।
अब कघसत ननरविसारद सजनम , सब तन पसरर छई ॥
कबो जसानघ कसाहस कध कजय कक, नछन नछन हबोत नई ।
ससरदसास स्विसामम कध बबछसरत, लसागम प्रधम जई ॥19॥
ब्रज बसस कसाकध बबोल सहद ॥
इन लबोभम नघननन कध कसाजत, परबस भइ जबो रहद ॥
बबसरर लसाज गइ ससगध नहहमं तन कक, अबधद कहसा कहद ।
मधरध कजय मत ऐसम आविनत, जमसनसा जसाइ बहद ॥
इक बन ढिसअँहढ सकल बन ढिसअँढद, कहसअँ न स्यसाम लहद।
सरस दसास-प्रभस तम्
स हरध दरस कद, इहहमं दख
स अगधक दहद ॥20॥
हबो, तसा हदन कजरसा मत दध हद ।
जसा हदन नमंदनमंदन कध नघननन, अपनध नघन समलघहद ॥
सनस न रह सखम यहघ कजय मधरत, भसस ल न और गचतघहद ।
अब हठ ससर यहघ ब्रत मधरर, करककर खघ मरर जघहद ॥21॥
दध खख सखम उत हघ विह गसाउअँ ।
जहसाअँ बसत नअँदलसाल हमसारध , मबोहन मथसरसा नसाउअँ ॥
कसासलमंदह कत कसल रहत हत, परम मनबोहध ठसाउअँ ।
जर तब पमंख हबोइअँ सनस न सजनम, अबहह उहसाअँ उडड जसाउअँ ॥
हबोनम हबोइ हबोइ सबो अबहहमं, इहहमं ब्रज अन्न न खसाउअँ ॥
ससर नमंदनमंदन सद हहत करर, लबोगनन कहसा डरसाउअँ ॥22॥
सलखख नहहमं पठवित हत द्विघ बबोल ।
द्विघ करडम कध कसागद मसस कर, लसागत हघ बहस मबोल ?
हम इहह पसार, स्यसाम पघलध तट, बमच बबरह कर जबोर ।
ससरदसास प्रभस हमरध समलन कद, हहरदघ ककयर कठबोर ॥23॥
ससपनत हरर आए हद ककलकक ।
नममंद जस सरनत भई ररपस हमकद, सहह न सकक रनत नतल कबो ।
जर जसागद तर कबोऊ नसाहहमं, रबोकध रहनत न हहलकक ।
तन कफरर जरनन भई नख ससख तत, हदयसा बसानत जनस समलकक ॥
पहहलह दससा पलहट लहन्हह हघ , त्विचसा तचकक तनस वपलकबो ।
अब कघसत सहह जसानत हमसारह, भई ससर गनत ससल कक ॥24॥
वपय बबनस नसागगनन कसारह रसात ।
जर कहसअँ जसासमनन उविनत जसन्हघ यसा, डसस उलहट ह्विघ जसात ॥
जमंत न पसरत ममंत नहहमं लसागत, प्रमनत ससरसानम जसात ।
सरस स्यसाम बबनस बबकल बबरहनम, मरस र मरस र लहरत खसात ॥25॥
मरकद मसाई जमसनसा जम ह्विघ रहह ।
कघसत समलहमं स्यसामससमंदर कद, बघररनन बमच बहह ॥
ककनतक बमच मथसरसा अरु गबोकसल, आवित हरर जस नहहमं ।
हम अबलसा कछस मरम न जसान्यर, चलत न फसट गहह ॥
अब पनछतसानत प्रसान दख
स पसावित, जसानत न बसात कहह ।
ससरदसास प्रभस सससमरर-सससमरर गसन, हदन हदन ससल सहह ॥26॥
नघन सलबोनध स्यसाम, बहसरर कब आविहहमंगध ।
विघ जर दध खत रसातध रसातध, फसलनन फसलह डसार ।
हरर बबनस फसलझरह सम लसागत, झरर झरर परत अअँगसार ॥
फसल बबनन नहहमं जसाउअँ सखम रह, हरर बबनस कघसध फसल ।
ससनन रह सखख मबोहहमं रसाम दह
स साई, लसागत फसल बतससल ।
जब मत पनघट जसाउअँ सखख रह, विसा जमसनसा कघ तमर ।
भरर भरर जमन
स सा उमडड चलनत हघ , इन नघननन कत नमर ॥
इन नघननन कत नमर सखम रह, सधज भई घरनसाउ ।
चसाहनत हद तसाहह पघ चहढ कघ, हरर जस कत हढिग जसाउअँ ॥
लसाल वपयसारध प्रसान हमसारध , रहध अधर पर आइ ।
ससरदसास प्रभस कमंस ज-बबहसारह, समलत नहहमं कयद धसाइ ॥27॥
प्रमनत करर कसाहस सख
स न लह्यर ।
प्रमनत पतमंग करह पसाविक सद, आप प्रसान दह्यर ॥
असल-ससत प्रमनत करह जल-ससत सद, समंपसट मसामंझ गह्यर ।
ससारमं ग प्रमनत करह जस नसाद सद, सन्मख
स बसान सह्यर ॥
हम जर प्रमनत करह मसाधवि सद, चलत न कछस कह्यर ॥
ससरदसास प्रभस बबनस दख
स पसावित, नघननन नमर बह्यर ॥28॥
प्रमनत तर मररबरऊ न बबचसारघ ।
ननरखख पतमंग ज्यबोनत-पसाविक ज्यद, जरत न आपस सअँभसारघ ॥
प्रमनत कसरमं ग नसाद मन मबोहहत, बगधक ननकट ह्विघ मसारघ ।
प्रमनत परध विसा उडत गगन तत, गगरत न आपस सअँभसारघ ।
ससाविन मसास पपमहसा बबोलत, वपय वपय करर जस पसकसारघ ।
सरस दसास-प्रभस दरसन कसारन, ऐसम भसाअँनत बबचसारघ ॥29॥
जनन कबोउ कसाहस कत बस हबोहह ।
ज्यर चकई हदनकर बस डबोलत, मबोहहमं कफरसावित मबोहह ॥
हम तर रहखझ लटस भई लसालन, महसा प्रधम नतय जसानन ।
बमंधन अविगध भ्रसमत ननसस-बसासर, कबो ससरझसावित आनन ॥
उरझध समंग अमंग अमंगनन प्रनत, बबरह बधसल कक नसाई ।
मसकससलत कसससम नघन ननद्रसा तकज, रूप ससधसा ससयरसाई ॥
अनत आधमन हहन-मनत व्यसाकसल, कहअँ लद कहद बनसाई ।
ऐसम प्रमनत-रहनत रचनसा पर, सरस दसास बसल जसाई ॥30॥
हरर परदध स बहसत हदन लसाए ।
कसारह घटसा दध खख बसादर कक, नघन नमर भरर आए ॥
बमर बटअऊ पमंथम हर तसम, करन दध स तत आए ।
यह पसातम हमरर लघ दहजर, जहसाअँ ससाअँविरघ छसाए ॥
दसादरस मबोर पपमहसा बबोलत, सबोवित मदन जगसाए ।
ससर स्यसाम गबोकसल तत बबछरध , आपसन भए परसाए ॥31॥
यध हदन रूससबध कध नसाहहमं ।
कसारह घटसा परन झकझबोरघ , लतसा तरुन लपटसाहहमं ॥
दसादरस मबोर चकबोर मधप
स वपक, बबोलत अमत
क बसानम ।
ससरदसास प्रभस तसम्हरध दरस बबनस, बघररन ररतस ननयरसानम ॥32॥
अब बरषसा कर आगम आयबो ।
ऐसध ननठसर भए नअँदनमंदन, समंदघसर न पठसायर ।
बसादर घधरर उठध चहसअँ हदसस तत, जलधर गरकज सन
स सायर ।
अकघ सल
स रहह मधरत कजय, बहरर नहहमं ब्रज छसायर ॥
दसादरस मबोर पपमहसा बबोलत, कबोककल सब्द सन
स सायर ।
ससरदसास कध प्रभस सद कहहयर, नघननन हघ झर लसायर ॥33॥
सअँदधसनन मधब
स न कसप भरध ।
अपनध तर पठवित नहहमं मबोहन, हमरध कफरर न कफरध ॥
कजतध पगथक पठए मधसविन कक, बहसरर न सबोध करध ।
कघ विघ स्यसाम ससखसाइ प्रमबोधध, कघ कहसअँ बमच मरध ॥
कसागद गरध मधघ, मसस खसटह, सर दवि लसागग जरध ।
सधविक सरस सलखन कर आअँधर, पलक कपसाट अरध ॥34॥
ब्रज पर बदरसा आए गसाजन ।
मधसबन कबो पठए ससनन सजनम, फरज मदन लसाग्यर ससाजन ॥
गमविसा रमं ध नघन चसातक जल, वपक मख
स बसाजध बसाजन ।
चहसअँहदसस तत तन बबरहसा घधरयर,
र कघसत पसाविनत भसाजन ॥
कहहयत हसतध स्यसाम पर पमरक, आए समंकट कसाजन ।
ससरदसास श्रमपनत कक महहमसा, मथसरसा लसागध रसाजन ॥35॥
बहसरर हरर आविहहमंगध ककहह कसाम ।
ररतस बसमंत अरु गमषम बमतध, बसादर आए स्यसाम ॥
नछन ममंहदर नछन द्विसारत ठसाढह, यद ससखनत हत घसाम ।
तसारध गनत गगन कध सजनम, बमतत चसारर जसाम ॥
औरर कथसा सबघ बबसरसाई, लधत तम्
स हसारर नसाम ।
ससर स्यसाम तसा हदन तत बबछसरध , अकस्थ रहघ कघ चसाम ॥36॥
ककधद घन गरजत नहहमं उन दध सनन।
ककधद हरर हरवष इमंद्र हहठ बरजध, दसादरस खसाए सधषनन ॥
ककधद उहहमं दध स बगनन मग छसाअँड,ध घरनन न बसअँद प्रविधसनन ।
चसातक मबोर कबोककलसा उहहमं बन, बगधकनन बधध बबसधषनन ॥
ककधद उहहमं दध स बसाल नहहमं झसलनतमं, गसाविनतमं सखख न ससदधसनन ।
ससरदसास प्रभस पगथक न चलहहमं, कसासद, कहद सअँदधसनन ॥37॥
आजस घन स्यसाम कक अनसहसारर ।
आए उनइ ससाअँविरध सजनम, दध खख रूप कक आरर ॥
इमंद्र धनसष मनस पमत बसन छबब, दसासमनन दसन बबचसारर ।
जनस बगपसाअँनत मसाल मबोनतनन कक, गचतवित गचत्त ननहसारर ॥
गरजत गगन गगरसा गबोवविमंद मनस, ससनत नयन भरध विसारर ।
सरस दसास गसन ससस मरर स्यसाम कध, बबकल भई ब्रजनसारर ॥38॥
हमसारध मसाई मबोरविसा बघर परध ।
घन गरजत बरज्यर नहहमं मसानत, त्यद त्यद रटत खरध ॥
करर करर प्रगट पमंख हरर इनकध, लघ लघ समस धरध ।
यसाहह तत न बदत बबरहनन कद, मबोहन ठछठ करध ॥
कबो जसानध कसाहध तत सजनम, हमसद रहत अरध ।
ससरदसास परदध स बसध हरर, यध बन तत न टरध ॥39॥
बहसरर पपमहसा बरल्यर मसाई ।
नममंद गई गचमंतसा गचत बसाढह, ससरनतस्यसाम कक आई ॥
ससाविन मसास मधघ कक बररषसा, हद उहठ आअँगन आई ।
चहसअँहदसस गगन दसासमनम कदधनत, नतहहमं कजय अगधक डरसाई ॥
कसाहसअँ रसाग मलसार अलसाप्यर, मसरसल मधसर ससर गसाई ।
ससरदसास बबरहहनन भइ ब्यसाकसल, धरनन परह मसरझसाई ॥40॥

सखम रह चसातक मबोहहमं कजयसावित ।


जघससहह रघ नन रटनत हद वपय वपय, तघसहत ह विह पसनन गसावित ॥
अनतहहमं ससकमंठ, दसाह प्रमतम कत, तसारू जमभ न लसावित ।
आपसन वपयत ससधसा-रस अमत
क , बबोसल बबरहहनम प्यसावित ॥
यह पमंछछ जस सहसाइ न हबोतर, प्रसान महसा दख
स पसावित ।
जमविन ससफल ससर तसाहह कर, कसाज परसाए आवित ॥41॥
कबोककल हरर कर बबोल सन
स साउ।
मधसबन तत उपटसारर स्यसाम कद, इहहमं ब्रज कद लघ आउ ॥
जसा जस कसारन दध त सयसानध, तन मन धन सब ससाज ।
सज
स स बबकसात बचन कध बदलत, कयद न बबससाहतस आज ॥
ककजघ कछस उपकसार परसायर, इहघ सयसानर कसाज ।
ससरदसास पसनन कहअँ यह अविसर, बबनस बसमंत ररतरस साज ॥42॥
अब यह बरषर बमनत गई ।
जनन सबोचहह, ससख मसानन सयसानम, भलह ररतस सरद भई ॥
फसल्ल सरबोज सरबोविर समंद
स र, नवि बबगध नसलनन नई ।
उहदत चसारु चमंहद्रकसा ककरन, उर अमंतर अमत
क मई ॥
घटह घटसा असभमसान मबोह मद, तसमतसा तधज हई ।
सररतसा समंजम स्विच्छ ससलल सब, फसाटह कसाम कई ॥
यहघ सरद समंदधस ससर ससनन, करुनसा कहह पठई ।
यह ससनन सखम सयसानम आई, हरर-रनत अविगध हई ॥43॥
सरद समघ हस स्यसाम न आए ।
कबो जसानघ कसाहध तत सजनम, ककहहमं बघररनन बबरमसाए ॥
अमल अकसास कसास कससम
स नत नछनत, लच्छन स्विच्छ जनसाए ।
सर सररतसा ससागर जल-उज्ज्विल, अनत कसल कमल ससहसाए ॥
अहह मयमंक, मकरमं द कमंज असल, दसाहक गरज कजबसाए ।
प्रमतम रअँ ग समंग समसल समंद
स रर, रगच सगच सममंच ससरसाए ॥
सन
स म सधज तसषसार जमत गचर, बबरह ससमंधस उपजसाए ।
अब गई आस ससर समसलबध कक, भए ब्रजनसाथ परसाए ॥44॥
दरस र करहह बमनसा कर धररबर ।
रथ थसाकयर, मसानर मग
क मबोहध , नसाहहमंन हबोत चमंद्र कबो ढिररबर ॥
बमतघ जसाहह सबोइ पघ जसानघ, कहठन सस प्रधम पसास कर पररबर ।
प्रसाननसाथ समंगहहमं तत बबछसरध , रहत न नघन नमर कर झररबर ॥
समतल चमंद अगगन सम लसागत, कहहए धमर करन बबगध धररबर ।
सरस सस कमलनयन कध बबछरत, झठ
स र सब जतननन कर कररबर ॥45॥
कबोउ मसाई बरजघ रह यसा चमंदहहमं ।
अनत हहमं कबोध करत हघ हम पर, कसमसहदनन कसल आनमंदहहमं ॥
कहसाअँ कहर बरषसा रबब तमचसर, कमल बकसाहक कसारध ।
चलत न चपल रहत गथर कघ रथ, बबरहहनन कध तन जसारध ॥
ननमंदनतमं सघल उदगध पन्नग कद, स्रमपनत कमठ कठबोरहहमं ।
दध नतमं असमस जरसा दध विम कर, रसाहस कधतस ककन जबोरहहमं ॥
ज्यद जल-हहन ममन तन तलफनतमं, ऐसम गनत ब्रजबसालहहमं ।
सरस दसास अब आनन समलसाविहस, मबोहन मदन गप
स सालहहमं ॥46॥
मसाई मबोकद चमंद लग्यर दख
स दघ न ।
कहअँ विघ स्यसाम कहसाअँ विघ बनतयसाअँ, कहअँ विघ ससख कक रघ न ॥
तसारध गनत गनत हद हसारह, टपकत लसागध नघन ।
ससरदसास प्रभस तसम्हरध दरस बबनस, बबरहहनन कद नहहमं चघन ॥47॥
अब यसा तनहहमं रसाखख कह ककजघ ।
ससनन रह सखम स्यसाम ससमंदर बबनस, बसाअँहट बबषम बबष पमजघ ॥
कघ गगररऐ गगरर चहढ ससनन सजनम, समस समंकरहह दहजघ ।
कघ दहहऐ दसारून दसाविसानल, जसाइ जमन
स धअँसस लहजघ ॥
दस
स ह बबयबोग बबरह मसाधर कध , कर हदन हह हदन छछजघ ।
ससर स्यसाम प्रमतम बबनस रसाधध, सबोगच सबोगच कर मममंजघ ॥48॥
कसाहध कद वपय वपयहहमं रटनत हर, वपय कर प्रधम तधरबो प्रसान हरघ गर ।
कसाहध कद लधनत नयन जल भरर भरर, नघन भरघ कघसत ससल टरघ गर ॥
कसाहध कद स्विसास उससास लधनत हर बबरह कर दबसा बरघ गर ।
छसार ससगमंध सधज पसहपसाविसल, हसार छसविघ, हहय हसार जरघ गबो ॥
बदन दरस साइ बघहठ ममंहदर मत, बहसरर ननससापनत उदय करघ गर ।
सरस सखम अपनध इन नघननन, चमंद गचतघ जनन चमंद जरघ गर ॥49॥
बबछसरध रह मधरध बसाल-सअँघसातम ।
ननकसस न जसात प्रसान यध पसापम, फसाटनन नसाहहमंन छसातम ॥
हद अपरसागधनन दहह मथनत हह, भरह जबोबन मदमसातम ।
जर हद जसाननत हरर कर चसलबर, लसाज छसाअँडड सअँग जसातम ॥
ढिरकत नमर नघन भरर समंद
स रर, कछस न सबोह हदन-रसातम ।
ससरदसास प्रभस दरसन कसारन , सखखयनन समसल सलखम पसातम ॥50॥
एक द्यरस कमंस जनन मत मसाई ।
नसानसा कससम
स लधइ अपनत कर, हदए मबोहहमं सबो सरस नत न जसाई ॥
इतनध मत घन गरकज विकक ष्ट करह, तनस भमज्यर मबो भई जसडसाई ।
कमंपत दध खख उढसाइ पमत पट, लघ करुनसामय कमंठ लगसाई ॥
कहअँ विह प्रमनत रहनत मबोहन कक, कहअँ अब धद एतम ननठसरसाई ।
अब बलविमर ससर प्रभस सखख रह, मधसबन बसस सब रनत बबसरसाई ॥51॥
मधरध मन इतनम सल
स रहह ।
विध बनतयसाअँ छनतयसाअँ सलखख रसाखममं, जध नअँदलसाल कहह ॥
एक द्यरस मधरत गह
क आए, हद हह मथत दहह ।
रनत मसाअँगत मत मसान ककयर सखख, सबो हरर गसससा गहह ॥
सबोचनत अनत पनछतसानत रसागधकसा, मसरनछत धरनन ढिहह ।
सरस दसास प्रभस कध बबछसरध तत, बबथसा न जसानत सहह ॥52॥
हरर कर मसारग हदन प्रनत जबोविनत ।
गचतवित रहत चकबोर चमंद ज्यद, सससमरर-सससमरर गसन रबोविनत ॥
पनतयसाअँ पठविनत मसस नहहमं खसअँटनत, सलखख सलखख मसानहस धबोविनत ।
भसख न हदन ननसस नममंद हहरसानम, एकर पल नहहमं सबोविनत ॥
जध जध बसन स्यसाम सअँग पहहरध , तध अजहसअँ नहहमं धबोविनत ।
ससरदसास प्रभस तसम्हरध दरस बबनस, बथ
क सा जनम ससख खबोविनत ॥53॥
इहहमं दख
स तन तरफत मरर जघहत ।
कबहसअँ न सखम स्यसाम-समंदस र घन, समसलहत आइ अमंक भरर लघहघ ?
कबहसअँ न बहसरर सखसा सअँग ललनसा, लसलत बतभमंगम छबबहहमं हदखघ हत ?
कबहसअँ न बधनस अधर धरर मबोहन, यह मनत लघ लघ नसाम बसलघहत ।
कबहसअँ न कमंस ज भविन सअँग जघहत, कबहसअँ न दत
स म लघन पठघ हत ?
कबहसअँ न पकरर भसजसा रस बस ह्विघ, कबहसअँन पग परर मसान समटघ हत ?
यसाहह तघ घट प्रसान रहत हत, कबहसअँक कफरर दरसन हरर दध हत ?
ससरदसास पररहरत न यसातत, प्रसान तजत नहहमं वपय ब्रज ऐहत ॥54॥
सबत ससख लध जस गए ब्रजनसाथ ।
बबलखख बदन गचतविनतमं मधब
स न तन, इस न गई उहठ ससाथ ॥
विह मसरनत गचत तत बबसरनत नहहमं, दध खख ससाअँविरध गसात । मदन गबोपसाल ठगररह मधलह , कहत न आविघ बसात ।
नमंद-नअँदन जस बबदध स गबन ककयर, बघसम मममंजनतमं हसाथ ।
ससदसास प्रभस तसम्हरस बबछसरध , हम सब भई अनसाथ ॥55॥
कररहर मबोहन कहसअँ सअँभसारर, गबोकसल-जन ससखहसारध ।
खग, मग
क ,तन
क , बधलह विमंद
क साविन, गघयसा ग्विसाल बबससारध ॥
नमंद जसबोदसा मसारग जबोवित, ननसस हदन दहन दख
स सारध ।
नछन नछन ससरनत करत चरननन कक, बसाल बबनबोद तसम्हसारध ॥
दहन दख
स म ब्रज रह्यर न परर हघ , समंद
स र स्यसाम ललसारध ।
दहनसानसाथ ककपसा कध ससागर, ससरदसास-प्रभस प्यसारध ॥56॥
उनकर ब्रज बससबर नहहमं भसाविघ ।
ह्विसाअँ विघ भसप भए बतभविन कध, ह्यसाअँ कत ग्विसाल कहसावित ॥
ह्विसाअँ विघ छत ससमंहसासन रसाजत, कक बछरनन सअँग धसाविघ ।
ह्विसा तर बबबबधअँ विस्त पसाटमं बर, कबो कमरह सचस पसाविघ ॥
नमंद जसबोदसा हसअँ कर बबसररयर, हमरह करन चलसाविघ ॥
ससरदसास प्रभस ननठसर भए रह, पसानतहस सलखख न पठसाविघ ॥57॥
उदवि समंदधश
उदवि कबो ब्रज भधजनसा
अमंतरजसामम कमंस विर कन्हसाई ।
गसरु गह
क पढत हसतध जहअँ वविद्यसा, तहअँ ब्रज-बसाससनन कक ससगध आई ॥
गसरु सद कह्यर जबोरर कर दबोऊ, दनछनसा कहर सबो दध उअँ मअँगसाई ।
गरु
स -पतनम कह्यर पसत हमसारध , मत
क क भयध सबो दध हस कजविसाई ॥
आनन हदए गसरु-ससत जमपसर तत, तब गसरुदध वि असमस सन
स साई ।
ससरदसास प्रभस आइ मधसपसरह, ऊधर कद ब्रज हदयर पठसाई ॥1॥
जदप
स नत जसानन उदवि रहनत ।
कजहहमं प्रगट ननज सखसा कहहयत, करत भसावि अनमनत ॥
बबरह दख
स जहअँ नसाहहमं-नघकहसअँ, तहअँ न उपजघ प्रधम ।
रध ख, रूप न बरन जसाकत , इहहमं धयर विह नधम ॥
बतगसन तन करर लखत हमकद, ब्रह्म मसानत और ।
बबनसा गसनसा कयद पसहससम उघरघ , यह करत मन डरर ॥
बबरस रस कध ममंत कहसऐ, कयर, चलघ समंससार ।
कछस कहत यह एक प्रगटत, अनत भयर अहमं कसार ॥
प्रधम भजन न नतकस यसाकद, जसाइ कयद समसझसाइ ।
ससर प्रभस मन यहघ आनम, ब्रजहहमं दध उअँ पठसाइ ॥2॥
समंग समसल कहद कसासद बसात ।
यह तर कहत जबोग कक बसातत, जसामघ रस जरर जसात ॥
कहत कहसा वपतस मसातस करन कध, पसरुष नसारर कह नसात ।
कहसाअँ जसबोदसा सम हघ मघयसा, कहसाअँ नमंद सम तसात ॥
कहअँ बष
क भसान-ससतसा सअँग कर ससख, विह बसासर विह प्रसात ।
सखम सखसा सख
स नहहमं बतभवि
स न मत, नहहमं बघकमंस ठ सह
स सात ॥
विघ बसातस कहहयघ ककहहमं आगघ, यह गसनन हरर पनछतसात ।
दरस दसास प्रभस ब्रज महहमसा कहह, सलकक बदत बल ब्रसात ॥3॥
तबहहमं उपमंग-सत
स आइ गए ।
सखसा सखसा कछस अमंतर नसाहहमं, भरर भरर अमंक लए ॥
अनत ससन्दर तन स्यसाम सरहखबो, दध खत हरर पनछतसानध ।
ऐसध कत विघसम बसगध हबोतम, ब्रज पठऊअँ मन आनध ॥
यसा आगत रस-कथसा प्रकसासद, जबोग-कथसा प्रगटसाऊअँ ।
सरस जसान यसाकर दृढ कररकघ, जवि
स नतन्ह पसास पठसाऊअँ ॥4॥
हरर गबोकसल कक प्रमनत चलसाई ।
ससनहस उपअँग-ससत मबोहह न बबसरत, ब्रज बसासम ससखदसाई ॥
यह गचत हबोत जसाऊअँ मत अबहहमं, इहसाअँ नहहमं मन लसागत ।
गबोपम ग्विसाल गसाइ बन चसारन, अनत दख
स पसायर त्यसागत ॥
कहअँ मसाखन-रबोटह, कहअँ जहअँ जससमनत, जसविहस कहह-कहह प्रधम ।
ससर स्यसाम कध बचन हअँसत ससनन, थसापत अपनर नधम ॥5॥
जदप
स नत लख्यर नतहहमं मसससकसात ।
कहत हम मन रहह जबोई, भई सबोई बसात ॥
बचन परगट करन कसारन, प्रधम कथसा चलसाई ।
ससनहस ऊधर मबोहहमं ब्रज कक, ससगध नहहमं बबसरसाइ ॥
रघ नन सबोवित हदविस जसागत, नसाहहमं नघ मन आन ।
नमंद-जससमनत, नसारर-नर-ब्रज तहसाअँ मधरर प्रसान ॥
कहत हरर ससनन उपअँग ससत यह, कहत हरम रस रहनत ।
ससर गचत तत टरनत नसाहहमं, रसागधकसा कक प्रमनत ॥6॥
सखसा ससनन एक मधरह बसात ।
विह लतसा गह
क समंग गबोपनन, सगस ध करत पनछतसात ॥
बबगध सलखम नहहमं टरत कयद हसअँ, यह कहत अकसलसात ।
हअँसस उपअँग-ससत बचन बबोलध, कहसा करर पनछतसात ॥
सदसा हहत यह रहत नसाहहमं, सकल समथ्यसा जसात ।
ससरप्रभस एक यह सन
स बो मबोसद, एक हह सद नसात ॥7॥
जब ऊधर यह बसात कहह ।
तब जदप
स नत अनत हह ससख पसायर, मसानम प्रगट सहह ।
श्रम मसख कह्यर जसाहस तसम ब्रज कद, समलहस जसाइ ब्रज-लबोग ।
मबो बबनस, बबरह भरहमं ब्रजबसालसा, जसाउ सन
स साविहस जबोग ॥
प्रधम समटसाइ जसान परबबोधहस, तसम हर पसरन जसानम ।
सरस उपमंग-सत
स मन हरषसानध, यह महहमसा इन जसानम ॥8॥
ऊधर तसम यह ननश्चय जसानर ।
मन, बच, कम, मत तसमहहमं पठसावित, ब्रज कद तसरत पलसानर ॥
परस न ब्रह्म अकल अवविनसासम, तसाकध तम
स हर जसातसा ।
रध ख न रूप जसानत कसल नसाहहमं, जसाकध नहहमं वपतस मसातसा ॥
यह मत दघ गबोवपनन कद आविहस, बबरह नदह मत भसासत ।
ससर तसरत तसम जसाइ कहर यह, ब्रह्म बबनसा नहहमं आसत ॥9॥
ऊधर मन असभमसान बढसायबो ।
जदप
स नत जबोग जसानन कजय ससाअँचर, नघन अकसास चढसायर ॥
नसाररनन पघ मबोकद पठवित हत, कहत ससखसाविन जबोग ।
मन हह मन अप करत प्रसमंससा, यह समथ्यसा ससख-भबोग ॥
आयसस मसानन सलयर ससर ऊपर, प्रभस आजसा परमसान ।
ससरदसास प्रभस गबोकसल पठवित, मत कयद हद कक आन ॥10॥
तसम पठवित गबोकसल कघ जघहद ।
जर मसाननहत ब्रह्म कक बसातस , तबो उनसद मघ कघहद ॥
गदगद बचन कहत मन प्रपससलत, बसार-बसार समझघहद ।
आजस नहहमं जबो करद कसाज तवि
स , करन कसाज फसनन लघहद ॥
यह समथ्यसा समंससार सदसाई, यह कहहकघ उहठ ऐहद ।
ससर हदनसा द्विघ ब्रज-जन ससख दघ , आइ चरन पसनन गघहद ॥11॥
तरस त ब्रज जसाहस उपअँग-सत
स आजस ।
जसान बसझसाइ खबरर दघ आविहस , एक पमंथ द्विघ कसाज ॥
जब तत मधसबन कद हम आए , फधरर गयर नहहमं कबोइ ।
जसविनतनन पघ तसाहह कद पठवित, जबो तसम लसायक हबोइ ॥
इक प्रविमन अरु सखसा हमसारध , जसानम तसम सरर करन ।
सबोइ ककजर जसातत ब्रज-बसालसा, ससाधन समखत परन ॥
श्रममसख स्यसाम कहत यह बसानम, ऊधर ससनत ससहसात ।
आयसस मसानन ससर प्रभस जघहद, नसारर मसाननहत बसात ॥12॥
हलधर कहत प्रमनत जसम
स नत कक ।
कहसा रबोहहनम इतनम पसाविघ, विह बबोलनन अनत हहत कक ॥
एक हदविस हरर खधलत मबो सअँग, झगरर ककन्हर पधसल ।
मरकद दररर गबोद करर लहन्हर, इनहहमं हदयर कर ठध सल ॥
नमंद बबसा तब कसान्ह गबोद करर, खमजन लसागध मबोकद ।
सरस स्यसाम नसान्हद तधरर भघयसा, छबोह न आवित तबोकद ॥13॥
जससमनत करनत मबोकद हध त ।
सन
स र ऊधर कहत बनत न, नघन भरर-भरर लधत ॥
दह
स स अँनन कर कससलसात कहहयर, तसमहहमं भसलत नसाहहमं ।
स्यसाम हलधर ससत तसम्हसारध , और कध न कहसाहहमं ॥
आइ तम
स कद धसाइ समसलहत, कछसक कसारज और ।
ससर हमकर तसम बबनसा ससख, कर नहहमं कहसअँ ठरर ॥14॥
तमन पसातम तथसा समंदधश
स्यसाम कर पतम सलखम बनसाइ ।
नमंद बसाबसा सद बबनघ, कर जबोरर जससदसा मसाइ ॥
गबोप ग्विसाल सखसान कद हहसल-समलन कमंठ लगसाइ ।
और ब्रज-नर-नसारर जध हत, नतनहहमं प्रमनत जनसाइ ॥
गबोवपकनन सलखख जबोग पठयबो, भसावि जसानन न जसाइ ।
सरस प्रभस मन और यह कहह, प्रधम लधत हदढसाइ ॥15॥
ऊधर जसात ब्रजहहमं ससनध ।
दध विकक बससदधवि ससनन कघ, हृदध हध त गसनध ॥
आप सद पसातम सलखम, कहह धन्य जससमनत नमंद ।
ससत हमसारध पसासल पठए, अनत हदयर आनमंद ॥
आइकघ समसल जसात कबहसअँ न , स्यसाम अरु बलरसाम ।
इहर कहत पठसाइहद अब, तबहहमं तन बबस्रसाम ॥
बसाल-ससख सब तसमहहमं लसट्यर, मबोहहमं समलध कसमसार ।
सरस यह उपकसार तम
स तत, कहत बसारमं बसार ॥16॥
हम पर कसाहत झसकनतमं ब्रजनसारह ।
ससाझध भसाग नहहमं कसाहस कर, हरर कक ककपसा नननसारह ॥
कसबबजसा सलख्यर सअँदधस सबनन कर, अरु ककन्हहमं मनसहसारह ।
हद तर दसासम कमंसरसाइ कक, दध खर मनहहमं बबचसारह ॥
फलनन मसाअँझ ज्यद करुइ तबोमरह, रहत घरस ध पर डसारह ।
अब तर हसाथ परह जमंतम कध,, बसाजत रसाग दल
स सारह ॥
तनसतत टध ढह सब कबोउ जसानत, परसस भई अगधकसारह ॥
सरस दसास स्विसामम करुनसामय, अपनध हसाथ सअँविसारह ॥17॥
ससननयत ऊधर लए सअँदधसर, तसम गबोकसल कद जसात ।
पसाछत करर गबोवपनन सद कहहयर, एक हमसारह बसात ॥
मसातस वपतसा कबो नधह समसखझ कघ, स्यसाम मधसपसरह आए ।
नसाहहमं न कसान्ह तसम्हसारध प्रमतम, नसा जससदसा कध जसाए ॥
दध खर बसखझ आपनध कजय मत, तम
स धद करन सख
स दहन्हध ।
यध बसालक तसम मत्त ग्विसासलनम, सबध मसड करर लहन्हध ॥
तनक दहह मसाखन कध कसारन, जससदसा तसास हदखसाविघ ।
तम
स हअँसस सब बसाअँधन कद दररहमं, कसाहस दयसा न आविघ ॥
जबो बष
क भसान-ससतसा उत ककन्हह, सबो सब तसम कजय जसानर ॥
तसाहहमं जसाल तज्यर ब्रज मबोहन, अब कसाहत दख
स मसानर ॥
ससरदसास प्रभस ससनन-ससनन बसातत, रहध भससम ससर नसाए ।
इत कसबबजसा उत प्रधम गबोवपकनन, कहत न कछस बनन आए ॥18॥
तब ऊधर हरर ननकट बसलसायर ।
सलखख पसातम दबोउ हसाथ दई नतहहमं, औ मसख बचन सन
स सायर ॥
ब्रजविसासम जसावित नसारह नर, जल थल द्रम
स बन पसात ।
जबो कजहहमं बबगध तसासद तघसहत ह, समसल कहहयर कससलसात ॥ जबो ससख स्यसाम तसमहहमं तत पसावित, सबो बतभसविन कहसअँ नसाहहमं ।
ससरज प्रभस दई सदह आपसनम, समसझत हर मन मसाहहमं ॥19॥
पहहलत प्रनसाम नअँदरसाइ सद ।
तसा पसाछत मधरर पसालसागन, कहहयर जससमनत मसाइ सद ॥
बसार एक तसम बरससानध लद, जसाइ सबघ ससगध लहजर ।
कहह बष
क भसानस महर सद मधरर, समसाचसार सब दहजर ॥
श्रमदसामसाऽहद सकल ग्विसालनन कद, मधरर कबोतर भस टयर ।
सख
स समंदधस सन
स साइ सबनन कद, हदन हदन कर दख
स मधट्यर ॥
समत एक मन बसत हमसारत, तसाहह समलघ ससख पसाइहर ।
करर समसाधसान नमकक बबगध, मबोकर मसाथर नसाइहर ॥
डरपहस जनन तम स सघन कमंस ज मघ, हत तहअँ कध तरु भसारह ॥
बमंद
क साबन मनत रहनत ननरमं तर, कबहसअँ न हबोनत नननसारह ॥
ऊधर सद समसझसाइ प्रगट करर, अपनध मन कक बमतम ।
ससरदसास स्विसामम सर छल सद, कहह सकल ब्रज-प्रमतम ॥20॥
ऊधर इतनर कहहयर जसाइ ।
हम आवितगध दबोऊ भघयसा, मघयसा जनन अकसलसाइ ॥
यसाकर बबलग बहसत हम मसान्यर, जबो कहह पठयर धसाइ ।
विह गसन हमकद कहसा बबसररहघ , बडध ककए पय प्यसाइ ॥
अरु जब समल्यर नमंद बसाबसा सद, तब कहहयर समझ
स साइ ।
तर लर दख
स म हबोन नहहमं पसावित, धररह धसमरर गसाइ ॥
जद्यवप इहसाअँ अनधक भसाअँनत ससख, तदवप रह्यर नहहमं जसाइ ।
ससरदसास दध खद ब्रजबसाससनन, तबहहमं हहयर ससरसाइ ॥21॥
नमकत रहहयर जससमनत मघयसा ।
आवितगध हदन चसारर पसाअँच मत, हम हलधर दबोउ भघयसा ॥
नबोई, बसत,बबषसान, बसाअँसरस ह द्विसार अबधर सबधरत ।
लघ जनन जसाइ चसरसाइ रसागधकसा, कछसक खखलरनसा मधरत ॥
जसा हदन तत हम तम
स तघ बबछसरघ , कबोउ न कहत कन्हघ यसा ।
उहठ न सबधरध ककयर कलधऊ, ससाअँझ न चमषम धघयसा ॥
कहहयध कहसा नमंद बसाबसा सद, कजतर ननठसर मन ककन्हर ।
ससरदसास पहसअँचसाइ मधसपसरह, फधरर न सबोधर लरन्हर ॥22॥
गहरु जनन लसाविहस गबोकसल जसाइ ।
तम
स हहमं बबनसा ब्यसाकसल हम ह्विघ हत, जदप
स नत करह चतरस साइ ॥
अपनर हह रथ तसरत मअँगसायर, हदयर पसरत पलनसाइ ।
अपनध अमंग अभसषन करर-करर, आपसन हह पहहरसाइ ॥
अपणर सक
स स ट वपतमंबर अपनर, दध त सबघ सख
स पसाइ ।
ससर स्यसाम तदरूप उपमंगससत, भग
क सपद एक बचसाइ ॥23॥
उदवि ब्रज आगमन
जबहहमं चलध ऊधर मधसबन तत, गबोवपनन मनहहमं जनसाइ गई ।
बसार-बसार असल लसागध स्रविननन, कछस दख
स कछस हहय हषर्ध भई ॥
जहअँ तहअँ कसाग उडसाविन लसागम, हरर आवित उडड जसाहहमं नहहमं ।
समसाचसार कहह जबहहमं मनसाविनतमं, उडड बघठत ससनन औचकहहमं ॥
सखम परस्पर यह कहह बसातत, आजस स्यसाम कघ आवित हत ।
ककधर ससर कबोऊ ब्रज पठयर, आजस खबरर कघ पसावित हत ॥1॥
आजस कबोऊ नमकक बसात सन
स साविघ ।
कघ मधसबन तत नमंद लसाडलर, कघऽब दत
स कबोउ आविघ ॥
भदर एक चहसअँहदसस तत उडड-उडड, कसानन लगग-लगग गसाविघ ।
उत्तम भसाषसा ऊअँचध चहढ-चहढ, अमंग-अमंग सगसनसाविघ ॥
भसासमनन एक सखम सद बबनविघ, नघन नमर भरर आविघ ।
सरस दसास कबोऊ ब्रज ऐसर, जबो ब्रजनसाथ समलसाविघ ॥2॥
तर तस उडड न जसाइ रध कसाग ।
जर गसपसाल गबोकसल कद आवित, तबो ह्विघ हघ बडभसाग ॥
दगध ओदन भरर दबोनद दघ हद, अरु अमंचल कर पसाग ।
समसल हद हृदय ससरसाइ स्रविन ससनन, मधहट बबरह कध दसाग ॥
जघसस मसातस वपतसा नहहमं जसानत, अमंतर कर अनसरसाग ।
ससरदसास प्रभस करत ककपसा जब, तब तत दध ह ससहसाग ॥3॥
हघ कबोउ विघसम हह अनसहसारर ।
मधब
स न तन तत आवित सखख रह, दध खर नघन ननहसारर ॥
विघसबोइ मसकसट मनबोहर कसअँडल, पमत बसन रुगचकसारर ।
विघसहहमं बसात कहत ससारगथ सद,ब्रज तन बसाअँह पससारर ॥
कधनतक बमच ककयर हरर अमंतर, मनस बमतध जग
स चसारर ।
ससर सकल आतसर अकसलसानम, जघसस ममन बबनस बसारर ॥4॥
घर घर इहघ सब्द परर‌यर ।
ससनत जससमनत धसाइ ननकसम, हरष हहयर भरर‌यर ॥
नमंद हरवषत चलध आगत, सखसा हरससत अमंग ।
झमंड
स झमंड
स नन नसारर हरवषत, चलहमं उदगध तरमं ग ॥
गसाइ हरवषत तध स्रविनतमं थन, चरकरत गर बसाल ।
उमअँगग अमंग न मसात कबोऊ, बबरध तरुनऽरु बसाल ॥
कबोउ कहत बलरसाम नसाहहमं, स्यसाम रथ पर एक ।
कबोउ कहत प्रभस ससर दबोऊ, रगचत बसात अनधक ॥5॥
कबोउ मसाई आवित हघ तनस स्यसाम ।
विघसध पट बघससय रथ विघठनन, विघसमयघ उर दसाम ॥
जबो जघस त तघस त उहठ धसाई, छसाअँडड सकल गह
क कसाम ॥
पसलक रबोम गदगद तधहहमं छन, सबोसभत अअँग असभरसाम ॥
इतनध बमच आइ गए ऊधर, रहहमं ठगम सब बसाम ।
ससरदसास प्रभस ह्यसाअँ कत आवित, बअँधध कसबबजसा रस-दसाम ॥6॥
जबहहमं कह्यर यध स्यसाम नहहमं ।
परहमं मसरनछ धरनम ब्रजबसालसा, जबो जहअँ रहह सस तहहमं ॥
सपनध कक रजधसानम ह्विघ गइ, जबो जसागममं कछस नसाहहमं ।
बसार बसार रथ ओर ननहसारहहमं, स्यसाम बबनसा अकसलसाहहमं ॥
कहसा आइ कररहत ब्रज मबोहन, समलह कसबरह नसारह ।
सरस कहत सब उधर आए , गई कसाम -सर मसारह ॥7॥
भलह भई हरर ससरनत करह ।
उठर महरर कससलसात बसखझऐ, आनअँद उमअँग भरह ॥
भसजसा गहध गबोपम परबबोधनत, मसानहस ससफल घरह ।
पसातम सलखख कछस स्यसाम पठसायर, यह ससनन मनहहमं ढिरह ॥
ननकट उपअँगसत
स आइ तल
स सानध, मसानर रूप हरह ।
ससर स्यसाम कर सखसा यहघ रह, स्रविननन सन
स म परह ॥8॥
ननरखत ऊधर कद ससख पसायर ।
ससमंदर ससलज ससबमंस दध खखयत, यसातत स्यसाम पठसायर ॥
नमकत हरर-समंदधस कहघ गर, स्रविन ससनन ससख पघहघ ।
यह जसाननत हरर तरस त आइहत, यह कहह हृदघ ससरघ हघ ॥
घधरर सलए रथ पसास चहसअँधसा, नमंद गबोप ब्रजनसारह ।
महर सलविसाइ गए ननज ममंहदर , हरवषत सलयर उतसारह ॥
अरघ दध त भमतर नतहहमं लहन्हर, धनन धनन हदन कहह आज ।
धनन धनन ससर उपअँगससत आए , मसहदत कहत ब्रजरसाज ॥9॥
कबहसअँ ससगध करत गसपसाल हमसारह ।
पसछत वपतसा नमंद ऊधर सद, अरु जससदसा महतसारह ॥
बहसतघ चसक परह अनजसानत, कहसा अबकत पनछतसानध ।
बसासद
स ध वि घर भमतर आए , मत अहहर करर जसानध ॥
पहहलत गगर्ध कह्यर हसतर हमसर, समंग ददुःस ख गयर भसल ।
ससरदसास स्विसामम कध बबछसरघ , रसानत हदविस भयर ससल ॥10॥
कह्यर कसान्ह सनस न जसद
स सा मघयसा ।
आविहहमंगध हदन चसारर पसाअँच मत, हम हलधर दबोउ भघयसा ।
मसरलह बसत बबषसान हमसारर, कहसअँ अबधर सबधरर ।
मनत लघ जसाइ चसरसाइ रसागधकसा, कछसक खखलरनसा मधरर ॥
जसा हदन तत हम तसम सद बबछरघ , कसाहस न कह्यर कन्हघ यसा ।
प्रसात न ककयर कलधऊ कबहसअँ, ससाअँझ न पय वपयर घघयसा ॥
कहसा कहद कछस कहत न आविघ, जननम जबो दख
स पसायर ।
अब हमसद बससदधवि दध विकक, कहत आपनर जसायर ॥
कहहऐ कहसा नमंद बसाबसा सद, बहसत ननठसर मन ककन्हर ।
ससर हमहहमं पहसअँचसाइ मधसपसरह, बहसरर न सबोधर लहन्हर ॥11॥
हमतत कछस सधविसा न भई ।
धबोखत हह धबोखत जस रहध हम, जसानध नसाहहमं बतलबोकमई ॥
चरन पकरर कर बबनतम कररबर, सब अपरसाध क्षमसा ककबघ ।
ऐसर भसाग हबोउगर कबहसअँ, स्यसाम गबोद पसनन मत लहबघ ॥
कहघ नमंद आगत ऊधर कध, एक बधर दरसन दहबध ।
ससरदसास स्विसामम समसल अबकत , सबघ दबोष ननज मन ककबध ॥12॥
ऊधर कहर ससाअँचम बसात ।
दगध, मह्यर नविनमत मसाधवि, करन कध घर खसात ॥
ककन सखसा सअँग समंग लहन्हध , गहध लकसटह हसाथ ।
करन कक गघयसाअँ चरसावित, जसात कबो धद ससाथ ॥
करन गबोपम कसल-जमसनसा, रहत गहह गहह घसाट ।
दसान हट कघ लधत कसापघ, रबोक ककनकक बसाट ॥
करन ग्विसासलनन ससाथ भबोजन, करत ककनतत बसात ॥
करन कत मसाखन चरस साविन, जसानत उहठकघ प्रसात ॥
इतर बसझत मसाइ जससमनत, परह मसरनछत गसात ।
ससरदसास ककसबोर समलबहस, महट हहय कक तसात ॥13॥
उदवि कसा गबोवपयक कबो पसातम दध नसा
ब्रज घर-घर सब हबोनत बधसाइ ।
कअँचन कलस दब
स दगध रबोचन ,लघ विअँद
क साबन आइ ॥
समलह ब्रजनसारर नतलक ससर ककनर, करर प्रदकच्छनसा तसासस ।
पसछत कससल नसारर-नर हरषत, आए सब ब्रज-बसासस ॥
सकसकसात तनधकधकसात उर, अकबकसात सब ठसाढध ।
ससर उपअँग-ससत बबोलत नसाहहमं, अनत हहरदघ ह्विघ गसाढध ॥1॥
ऊधर कहर हरर कससलसात ।
कह्यर आविन ककधद नसाहहमं, बबोसलऐ मख
स बसात ॥
एक नछन जसग जसात हमकद, बबनस ससनध हरर प्रमनत ।
आपस आए ककपसा ककन्हहमं , अब कहर कछस नमनत ॥
तब उपअँग-ससत सबनन बबोलध, ससनर श्रममसख जबोग ।
ससर ससनन सब दररर आई, हटकक दहन्हर लबोग ॥2॥
गबोपम सन
स हस हरर समंदधस ।
गए समंग अकसर मधसबन, हत्यर कमंस नरध स ॥
रजक मसारर‌यर बसन पहहरध , धनसष तबोरर‌यर जसाइ ।
कसबलयसा, चसानसर मकस ष्टक, हदए धरनन गगरसाइ ॥
मसातस वपतस कध बमंद छबोरध , बसाससदधवि कसमसार ।
रसाज दहन्हर उगसधनहहमं, चदर ननज कर ढिसार ॥
कह्यर तसमकद ब्रह्म ध्यसाविन, छसाअँडड बबषय बबकसार ।
ससर पसातम दई सलखख मकहहमं, पढर गबोप-कसमसारर ॥3॥
पसातम मधब
स न हह तत आई ।
ससमंदर स्यसाम आपस सलखख पठई, आइ ससनर रह मसाई ॥
अपनध गह
क तत दररहमं, लघ पसातम उर लसाई ।
नघननन ननरखख ननमधष न खमंडडत, प्रधम-तष
क सा न बसझसाई ॥
कहसा करद ससनर गह गबोकसल, हरर बबनस कछस न ससहसाई ।
ससरदसास ब्रज चसक तत, स्यसाम ससरनत बबसरसाई ॥4॥
ननरखनत अमंक स्यसाम ससमंदर कध बसार बसार लसाविनतमं लघ छसातम ।
लबोचन जल कसागद मसस समसल कघ, ह्विघ गइ स्यसाम स्यसाम जस कक पसातम ॥
गबोकसल बसत नमंदनमंदन कध, कबहसअँक बयसारर न लसागम तसातम ।
अरु हम उतम कहसा कहत ऊधर, जब ससनन बधनस नसाद सअँग जसातम ॥
उनकत लसाड बननत नहहमं कसाहसअँ, ननसस हदन रससक-रसास-रस रसातम ।
प्रसान-नसाथ तम
स कबहह समलरगध, सरस दसास प्रभस बसाल-सअँघसातम ॥5॥
पसातम मधसबन तत आई ।
ऊधर हरर कध परम सनधहह, तसाकत हसाथ पठसाई ॥
कबोलध पढनत, कबोउ धरनत नघन पर, कसाहसअँ हृदघ लगसाई ।
कबोउ पसछनत कफरर कफर ऊधर कद, आपसन सलखम कन्हसाई ?
बहसरर दई फधरर ऊधर कद, तब उन बसाअँगच सन स साई ।
मन मत ध्यसान हमसारर रसाख्यर, ससर सदसा ससखदसाई ॥6॥
सलखख आई ब्रजनसाथ कक छसाप ।
ऊधर बसाअँधध कफरत समस पर, बसाचत आविघ तसाप ॥
उलहट रहनत नमंदनमंदन कक, घर-घर भयर समंतसाप ।
कहहयर जसाइ जबोग आरसाधत, अवविगत अकथ अमसाप ॥
हरर आगत कसबबजसा अगधकसाररनन, कबो जमविघ इहहमं दसाप ।
ससर सअँदधस सन
स सावित लसागध, कहर करन यह पसाप ॥7॥
कबोउ ब्रज बसाअँचत नसाहहमंन पसातम ।
कत सलखख-सलखख पठवित नमंद-नमंदन, कहठन बबरह कक कसाअँतम ॥
नघन स्रजल कसागद अनत कबोमल , कर अअँगसरह अनत तसातम ।
परसत जरत, बबलरकत भमजघ, दह
स स अँ भसाअँनत दख
स छसातम ॥
कबो बसाअँचघ यध अमंक सरस प्रभस कहठन मदन-सर-घसातम ।
सब ससख लघ गए स्यसाम मनरहर, हमकद दख
स दघ थसातम ॥8॥
ऊधर कहसा करत लघ पसातम ।
जर लद मदनगसपसाल न दध ख,त बबरह जरसावित छसातम ॥
ननसमष ननसमष मबोहह बबरसत नसाहहमं, सरद जसहसाई रसातम ।
पमर हमसारह जसानत नसाहहमं, तम
स हर स्यसाम सअँघसातम ॥
यह पसातम लघ जसाहस मधसपसरह, जहअँ विघ बसत ससजसातम ।
मन जस हमसारध उहसाअँ लघ गए, कसाम कहठन सर घसातम ॥
सरस दसास प्रभस कहसा चहत हत, कबोहटक बसात सह
स सातम ।
एक बधर मसख बहसरर हदखसाविहस, रहत चरन रज-रसातम ॥9॥
भ्रमर गमत
ऊधर मन नसा भयध दस-बमस
एक हसतबो सबो गयर स्यसाम समंग, कर आरसाधध ईस॥1॥
भमर्धर गमत मस सरस दसास नध उन पदक कबो समसाहहत ककयसा हघ कजनमस मथरस सा सध ककष्ण द्विसारसा उदवि कबो बजर्ध समंदधस लधकर भधजसा जसातसा हघ आघर उदवि
जबो हत यबोग आघर बह्मर्ध कध जसातसा हत उनकसा प्रधम सध दरस दरस कसा कबोई सरबोकसार नहहमं हघ । जब गबोवपयसाअँ व्यसाकसल हबोकर उदवि सध ककष्ण कध बसारध मस बसात
करतम हत आघर उनकध बसारध मस जसाननध कबो उत्ससक हबोतम हत तबो विध ननरसाकसार बह्मर्ध आघर यबोग कक बसातस करनध लगतध हत तबो खमजम हसई गबोवपयसाअँ उन्हस
कसालध भअँविरध कक उपमसा दध तम हत। बस इन्हहमं करहब १०० सध अगधक पदक कसा समंकलन भमर्धरगमत यसा उदवि-समंदधश कहलसायसा जसातसा हघ ।

ककष्ण जब गरु
स समंदहपन कध यहसाअँ जसानसाजनर्ध कध सलयध गए थध तब उन्हस बजर्ध कक यसाद सतसातम थम। विहसाअँ उनकसा एक हह समत थसा उदवि, विह सदघ वि
रहत-किनमनत कक, ननगसणरर बह्मर्ध आघर यबोग कक बसातस करतसा थसा। तबो उन्हस गचन्तसा हसई कक यह समंससार मसात वविररकतयसकत ननगसणरर बह्मर्ध सध तबो
चलधगसा नहहमं, इसकध सलयध वविरह आघर प्रधम कक भम आविश्यकतसा हघ । आघर अपनध इस समत सध विध उकतसानध लगध थध कक यह सदघ वि कहतसा हघ , करन
मसातसा, करन वपतसा, करन सखसा, करन बमंधस। विध सबोचतध इसकसा सत्य ककतनसा अपसणरर आघर भिररसामक हघ । भलसा कहसाअँ यशबोदसा आघर नमंद जघसध
मसातसा-वपतसा हबोनध कसा ससख आघर रसाधसा कध ससाथ बमतध पलक कसा आनमंद। आघर तमनक लबोकक मस बजर्ध कध गबोप-गबोवपयक कध ससाथ समलकर खधलनध जघससा
सख
स कहसाअँ? ऐससा नहहमं हघ कक द्विसारसा उदवि कबो बजर्ध समंदधस लधकर भधजतध समय ककष्ण समंशय मस न थध, विध स्व्यमं सबोच रहध थध यह कघसध समंदधस लध
जसाएगसा जबो कक प्रधम कसा ममरर हह नहहमं समझतसा, कबोरसा बह्मर्धजसार्धन झसाडतसा हघ ।
तबहह उपमंगससत आई गए।
सखसा सखसा कछस अमंतर नसाहहमं, भरर भरर अमंक लए।।
अनत ससन्दर तन स्यसाम सरहखबो, दध खत हहर पछतसानध ।
ऐसध कत विघसम बसधम हबोतम, बजर्ध पठऊमं मन आनध।।
यसा आगत रस कथसा प्रकसासद, जबोग कथसा प्रकटसाऊमं।
ससर जसान यसाकर दृढ ककरकध, जसविनतन्ह पसास पठसाऊमं॥2॥
तभम उपमंग कध पसत उदवि आ जसातध हत। ककष्ण उन्हस गलध लगसातध हत।
दबोनक सखसाआस मस खसास अन्तर नहहमं। उदवि कसा रमं ग-रूप ककष्ण कध समसान हह हघ । पर ककष्ण उन्हस दध ख कर पछतसातध हत कक इस मधरध समसान
रूपविसान यसविक कध पसास कसाश, प्रधमपसणरर बसवद भम हबोतम। तब ककष्ण मन बनसातध हत कक कयक न उदवि कबो बजर्ध समंदधस लधकर भधजसा जसाए, समंदधस भम
पहसअँच जसाएगसा आघर इसध प्रधम कसा पसाठ गबोवपयसाअँ भलह भसाअँकित पढसा दस गम। तब यह जसान सकधगसा प्रधम कसा ममरर।
उधर उदवि सबोचतध हत कक विध वविरह मस जल रहह गबोवपयक कबो ननगसणरर बह्मर्ध कध प्रधम कक सशक्षसा दध कर उन्हस इस ससामंससाररक प्रधम सध कक पमडसा
मसककत सध मसककत हदलसा दस गध। ककष्ण मन हह मन मसस्कसा कर उन्हस अपनसा पत थमसातध हत कक दध खतध हत कक करन ककसध कयसा ससखसा कर आतसा हघ ।
उदवि पत गबोवपयक कबो दध दध तध हत आघर कहतध हत कक ककष्ण नध कहसा हघ कक -
सन
स र गबोपम हहर कर समंदधस।
ककर समसागध अमंतर गनत ध्यसाविहस, यह उनकबो उपदध स।।
विघ अवविगत अवविनसासम पसरन, सब घट रहध समसाई।
तत्विजसान बबनस मसककत नहहमं, विधद पसरसाननन गसाई।।
सगन
स रूप नतज ननरगन
स ध्यसाविहस, इक गचत्त एक मन लसाई।
विह उपसाई ककर बबरह तरर तसम, समलध बह्मर्ध तब आई।।
दस
स ह समंदधस ससन मसाधर कबो, गबोवप जन बबलखसानम।
ससर बबरह कक करन चलसाविघ, बसडडतमं मनस बबन पसानम॥3॥
हध गबोवपयक, हहर कसा समंदधस ससनबो। उनकसा यहह उपदध स हघ कक समसागध लगसा कर अपनध मन मस ननगसणरर ननरसाकसार बह्मर्ध कसा ध्यसान करबो। यह
अजधय, अवविनसाशम पसणरर सबकध मन मस बससा हघ । विधद पसरसाण भम यहह कहतध हत कक तत्विजसान कध बबनसा मकस कत समंभवि नहहमं। इसम उपसाय सध तम

वविरह कक पमडसा सध छसटकसारसा पसा सकबोगम। अपनध ककष्ण कध सगसण रूप कबो छबोड उनकध बह्मर्ध ननरसाकसार रूप कक अरसाधनसा करबो। उदवि कध मसख सध
अपनध वप्रय कसा उपदध श ससन प्रधममसागमरर गबोवपयसाअँ व्यगथत हबो जसातम हत। अब वविरह कक कयसा बसात विध तबो बबन पसानम पमडसा कध अथसाह ससागर डसब
गई।
तभम एक भमर्धर विहसाअँ आतसा हघ तबो बस जलह-भन
स म गबोवपयक कबो मरकसा समल जसातसा हघ आघर विह उदवि पर कसालसा भमर्धर कह कर खसब कटसाक्ष करतम
हत।
रहस रध मधसकर मधस मतविसारध ।
करन कसाज यसा ननरगसन सद, गचरजमविहस कसान्ह हमसारध ।।
लबोटत पमत परसाग ककच मस , बमच न अमंग सम्हसारघ ।
भसारम्बसार सरक महदरसा कक, अपरस रटत उघसारध ।।
तसम जसानत हबो विघसम ग्विसाररनम, जघसध कसससम नतहसारध ।
घरह पहर सबहहनम बबरनसावित, जघसध आवित कसारध ।।
ससमंदर बदन, कमल-दल लबोचन, जससमनत नमंद दल
स सारध ।
तन-मन ससर अररप रहहमं स्यसामह,कि कसा पघ लधहहमं उधसारघ ॥4॥
गबोवपयसाअँ भमर्धर कध बहसानध उदवि कबो ससनसा-ससनसा कर कहतम हतर र हध भमंविरध । तसम अपनध मधस पमनध मस व्यस्त रहबो, हमस भम मस्त रहनध दबो। तसम्हसारध
इस ननरगसण सध हमसारसा कयसा लधनसा-दध नसा। हमसारध तबो सगसण ससाकसार कसान्हसा गचरमं जमविम रहस । तसम स्वियमं तबो परसाग मस लबोट लबोट कर ऐसध बधससध हबो
जसातध हबो कक अपनध शरहर कक सध
स नहहमं रहतम आघर इतनसा मधरस स पम लधतध हबो कक सनक कर रस कध वविरुद हह बसातस करनध लगतध हबो। हम
तसम्हसारध जघसम नहहमं हत कक तसम्हसारह तरह फसल-फसल पर बहकस, हमसारसा तबो एक हह हघ कसान्हसा जबो ससन्दर मसख विसालसा, नमलकमल सध नयन विसालसा
यशबोदसा कसा दल
स सारसा हघ । हमनध तबो उन्हहमं पर तन-मन विसार हदयसा हघ अब ककसम ननरगसण पर विसारनध कध सलयध तन-मन ककससध उधसार लस ?
उधर जबोग ससखसाविनन आए।
सग
मं क म भस्म अथसारह मसदिररसा, दघ बजर्धनसाथ पठसाए।।
जबो पघ जबोग सलख्यर गबोवपन कर, कत रस रसास खखलसाए।
तब हह कयक न जसान उपदध स्यर, अधर ससधसारस लसाए।।
मसरलह शब्द ससनत बन गविननमं, ससत वपतगह
क बबसरसाए।
सरस दसास समंग छसामंकिड स्यसाम कर, हमहहमं भयध पछतसाए॥5॥
गबोवपयसाअँ कहतम हतर र हध सखख! आआध, दध खबो यध श्यसाम ससन्दर कध सखसा उदवि हमस यबोग ससखसानध आए हत। स्वियमं बजर्धनसाथ नध इन्हस श्रमंग
क म, भस्म,
अथसारह आघर मसदिररसा दध कर भधजसा हघ । हमस तबो खधद हघ कक जब श्यसाम कबो इन्हस भधजनसा हह थसा तबो, हमस अदभसत रसास कसा रसमय आनमंद कयक हदयसा
थसा? जब विध हमस अपनध अथरक कसा रस वपलसा रहध थध तब यध जसान आघर यबोग कक बसातस कहसाअँ गई थममं? तब हम श्रम ककष्ण कक मसरलह कध स्विरक मस
ससधबसध खबो कर अपनध बच्चक आघर वपत कध घर कबो भसलसा हदयसा करतम थममं। श्यसाम कसा ससाथ छबोडनसा हमसारध भसाग्य मस थसा हह तबो हमनध उनसध प्रधम
हह कयक ककयसा अब हम पछतसातम हत।
मधसबनम लबोगग कबो वपतयसाई।
मसख आघरघ अमंतरगनत आघरघ, वपतयसाअँ सलख पठवित जस बनसाई।।
ज्यद कबोयल ससत कसाग कजयसाविघ, भसावि भगनत भबोजन जस खविसाई।
कसहसकक कसहसकक आएमं बसमंत ररतस, अमंत समलघ अपनध कसल जसाई।।
ज्यद मधक
स र अम्बसजरस चसाख्यर, बहसरर न बसझध बसातस आई।
ससर जहसाअँ लगग स्यसाम गसात हत, नतनसद ककजघ कहसा सगसाई॥6॥
कबोई गबोपम उदवि पर व्यमंग्य करतम हघ ।मथसरसा कध लबोगक कसा करन वविश्विसास करध ? उनकध तबो मसख मस कसछ आघर मन मस कसछ आघर हघ । तभम तबो एक
आधर हमस स्नधहहल पत सलख कर बनसा रहध हत दस
स रह आधर उदवि कबो जबोग कध समंदधस लधकध भधज रहध हत। कजस तरह सध कबोयल कध बच्चध कबो करआ
प्रधमभसावि सध भबोजन करसा कध पसालतसा हघ आघर बसमंत ररतस आनध पर जब कबोयलस कसकतम हत तब विह भम अपनम बबरसादरह मस जसा समलतसा हघ आघर
कसकनध लगतसा हघ । कजस प्रकसार भमंविरसा कमल कध परसाग कबो चखनध कध बसाद उसध पसछतसा तक नहहमं। यध ससारध कसालध शरहर विसालध एक सध हत, इनसध
सम्बमंध बनसानध सध कयसा लसाभ?
ननरगसन करन दध स कबो विसासम।
मधक
स र ककह समझ
स साई सदह दघ , बसझनतमं ससामंकिच न हसामंसम।।
कबो हघ जनक, करन हघ जननन, करन नसारर करन दसासम।
कघसध बरन भधष हघ कघसबो, ककहमं रस मत असभलसाषम।।
पसाविघगबो पसनन ककयर आपनबो, जबो रध करध गर गसामंसम।
ससनत मरन हविघ रहयर बसाविरबो, ससर सबघ मनत नसासम॥6॥
अब गबोवपयक नध तकरर ककयसारर हसाअँ तबो उदवि यह बतसाआध कक तसम्हसारसा यह ननगसणर्ध ककस दध श कसा रहनध विसालसा हघ ? सच सरगमंध दध कर पसछतध हत, हमं सम
कक बसात नहहमं हघ । इसकध मसातसा-वपतसा, नसारह-दसासम आखखर करन हत? कघससा हघ इस ननरगसण कसा रमं ग-रूप आघर भधष? ककस रस मस उसकक ररुच हघ ?
यहद तसमनध हमसध छल ककयसा तबो तसम पसाप आघर दमं ड कध भसागम हबोगध। ससरदसास कहतध हत कक गबोवपयक कध इस तकरर कध आगध उदवि कक बसवद कमंस द हबो
गई। आघर विध चप
स हबो गए। लधककन गबोवपयक कध व्यमंग्य खत्म न हसए विध कहतम रहहमं -
जबोग ठगररह बजर्ध न बबकघहध ।
मसरर कध पसानतन कध बदलघ, कर मसकतसाहल दध हघ।।
यह ब्यरपसार तम्
स हसारबो उधर, ऐसध हह धरयर रध हघ।
कजन पस तत लघ आए उधर, नतनहहमं कध पधट समतहघ।।
दसाख छसामंकिड कध कटसक ननम्बररह, कर अपनध मसख दध हघ।
गसन ककर मबोहह ससर ससाअँविरध , कर ननरगसन ननरविधहघ॥8॥
हध उदवि यध तसम्हसारह जबोग कक ठगवविद्यसा, यहसाअँ बजर्ध मस नहहमं बबकनध कक। भलसा मसलह कध पत्तक कध बदलध मसाणक मबोतम तसम्हस करन दध गसा? यह
तम्
स हसारसा व्यसापसार ऐसध हह धरसा रह जसाएगसा। जहसाअँ सध यध जबोग कक वविद्यसा लसाए हबो उन्हस हह विसापस ससखसा दबो, यह उन्हहमं कध सलयध कउचत हघ । यहसाअँ
तबो कबोई ऐससा बधविकसफ नहहमं कक ककशसमश छबोड कर कडविम ननमंबरलह खसाए! हमनध तबो ककष्ण पर मबोहहत हबोकर प्रधम ककयसा हघ अब तसम्हसारध इस
ननरगसण कसा ननविसाहर्ध हमसारध बस कसा नहहमं।
कसाहध कबो रबोकत मसारग सध
स बो।
ससनहस मधसप ननरगसन कमंटक तघ, रसाजपमंथ कयद रूमंथर।।
कघ तसम ससखख पठए हबो कसब्जसा, कहयबो स्यसामघनहसमं धद।
विधद-पसरसान ससमनक त सब ढिसमंढिक, जसविनतनम जबोग कहसअँ धद।।
तसाकबो कहसामं परतखक कक जध, जसानध छसाछ न दध
स र।
सरस मरस अकसर गयर लघ, ब्यसाज ननविघरत उधर॥9॥
गबोवपयसामं गचढ कर पसछतम हत कक कहहमं तसम्हस कसबजसा नध तबो नहहमं भधजसा? जबो तसम स्नधह कसा समधसा ससाधसा रसास्तसा रबोक रहध हबो। आघर रसाजमसागरर कबो
ननगसणरर कध कसामंटध सध अविरुद कर रहध हबो! विधद-पसरसान, स्मनक त आहद गररमं थ सब छसान मसारबो कयसा कहहमं भम यसविनतयक कध जबोग लधनध कक बसात कहह
गई हघ ? तसम जरूर कसब्जसा कध भधजध हसए हबो। अब उसध कयसा कहस कजसध दध
स आघर छसाछ मस हह अमंतर न पतसा हबो। ससरदसास कहतध हत कक मसल तबो अकसर
जम लध गए अब कयसा गबोवपयक सध ब्यसाज लधनध उदवि आए हत?
उधर मन नसा भए दस बमस।
एक हसतर सर गयर स्यसाम समंग, कबो आरसाधध ईस।।
इमंदिररम ससगथल भई कधसवि बबनस, ज्यद दध हह बबनस समस।
आससा लसागग रहहत तन स्विसाससा, जमविहहमं कबोहट बरहस।
तसम तर सखसा स्यसाम ससमंदर कध, सकल जबोग कध ईस।
सरस हमसारघ नमंद-नमंदन बबनस, आघर नहहमं जगदहस॥10॥
अब थक हसार कर गबोवपयसाअँ व्यमंग्य करनसा बमंद कर उदवि कबो अपनध तन मन कक दशसा कहतम हत। उदवि हतप्रभ हत, भककत कध इस अदभसत
स्विरूप सध। हध उदवि हमसारध मन दस बमस तबो हत नहहमं, एक थसा विह भम श्यसाम कध ससाथ चलसा गयसा। अब ककस मन सध ईश्विर कक अरसाधनसा करस ?
उनकध बबनसा हमसारह इमंकिदयसार सशगथल हत, शरहर मसानबो बबनसा ससर कसा हबो गयसा हघ , बस उनकध दरशन कक क्षमण सम आशसा हमस करबोडक विषरर
जमववित रखधगम। तसम तबो कसान्ह कध सखसा हबो, यबोग कध पसणरर जसातसा हबो। तसम ककष्ण कध बबनसा भम यबोग कध सहसारध अपनसा उदसार कर लबोगध। हमसारसा
तबो नमंद कसमसार ककष्ण कध ससविसा कबोई ईश्विर नहहमं हघ ।
गबोपम उदवि समंविसाद कध ऐसध कई कई पद हत जबो कटसाक्षक, वविरह दशसाआस, रसाधसा कध वविरह आघर ननरगसण कसा वपरहसास आघर तकरर-कसतकरर व्यकत
करतध हत। सभम एक सध एक उत्तम हत पर यहसाअँ सममसा हघ लधख कक।
अमंततदुः गबोवपयसाअँ रसाधसा कध वविरह कक दशसा बतसातम हत, बजर्ध कध हसाल बतसातम हत। अमंततदुः उदवि कसा ननरगसण गबोवपयक कध प्रधममय सगसण पर हसाविम हबो
जसातसा हघ आघर उदवि कहतध हत -
अब अनत चककतविमंत मन मधरर।
आयर हबो ननरगसण उपदध सन, भयर सगन
स कबो चघरर।।
जबो मत जसान गहयर गमत कबो, तसमहहमं न परस्यद नधरर।
अनत अजसान कछस कहत न आविघ, दत
स भयर हहर कघरर।।
ननज जन जसानन-मसानन जतननन तसम, ककन्हबो नधह घनधरर।
ससर मधसप कउठ चलध मधसपसरह, बबोरर जग कबो बधरर॥11॥
ककष्ण कध प्रनत गबोवपयक कध अनन्य प्रधम कबो दध ख कर उदवि भसावि वविभबोर हबोकर कहतध हतर र मधरसा मन आश्चयचर्धककत हघ कक मत आयसा तबो ननगसणर्ध
बह्मर्ध कसा उपदध श लधकर थसा आघर प्रधममय सगसण कसा उपसासक बन कर जसा रहसा हसअँ। मत तसम्हस गमतसा कसा उपदध श दध तसा रहसा, जबो तसम्हस छस तक न
गयसा। अपनम अजसानतसा पर लकज्जत हसअँ कक ककसध उपदध श दध तसा रहसा जबो स्वियमं लहलसामय हत। अब समझसा कक हहर नध मसझध यहसाअँ मधरह अजसानतसा
कसा अमंत करनध भधजसा थसा। तम
स लबोगक नध मझ
स ध जबो स्नधह हदयसा उसकसा आभसारह हसअँ। सरस दसास कहतध हत कक उदवि अपनध यबोग कध बधडध कबो गबोवपयक कध
प्रधम ससागर मस डसबबो कध, स्वियमं प्रधममसागरर अपनसा मथसरसा लरट गए।

इहहमं अमंतर मधसकर इक आयर ।


ननज स्विभसावि अनसससार ननकट ह्विघ,ससमंदर सब्द सन
स सायर ॥
पसछन लसागममं तसाहह गबोवपकसा, कसबबजसा तबोहहमं पठसायर ।
ककधद ससर स्यसाम ससमंदर कद, हमघ समंदधसर लसायर ॥12॥
(मधप
स तम
स ) कहर कहसाअँ तत आए हर ।
जसाननत हद अनसमसान आपनघ, तसम जदन
स साथ पठसाए हर ॥
विघसधइ बसन, बरन तन ससमंदर, विधइ भसषन सकज ल्यसाए हर ।
लघ सरबसस सअँग स्यसाम ससधसारध , अब कसा पर पहहरसाए हर ।
अहबो मधसप एकघ मन सबकर, सस तर उहसाअँ लघ छसाए हर ।
अब यह करन सयसान बहसरर ब्रज, तसा कसारन उहठ धसाए हर ॥
मधसबन कक मसानननम मनबोहर, तहहमं जसात जहअँ भसायध हर ।
ससर जहसाअँ लद स्यसाम गसात हत , जसानन भलध करर पसाए हर ॥13॥
रहस रध मधसकर मधस मतविसारध ।
करन कसाज यसा ननरगसन सद, गचर जमविहस कसान्ह हमसारध ॥
लबोटत पमत परसाग ककच मघ, बमच न अमंग समंम्हसारध ।
बसारमं बसार सरक महदरसा कक, अपरस रटत उघसारध ॥
तसम जसानत हर विघसम ग्विसाररनन, जघसध कसससम नतहसारध ।
घरह पहर सबहहनन बबरमसावित, जधतध आवित कसारध ॥
ससमंदर बदन कमल-दल लबोचन, जससमनत नमंददल
स सारध ।
तन मन सरस अरवप रहहमं स्यसामहहमं, कसा पघ लधहहमं उघसारध ॥14॥
मधसकर हम न हबोहहमं विघ बधसल ।
कजन भकज तकज तसम कफरत और रअँ ग, करन कसससम-रस कधसल ॥
बसारध तत बर बसारर बनम हत, अरु पबोषम वपय पसानन ।
बबनस वपय परस प्रसात उहठ फसलत, हबोनत सदसा हहत हसानन ॥
यध बधलह बबरहहमं बमंद
क साविन; उरझम स्यसाम तमसाल ।
प्रधम-पसहसप-रस-बसास हमसारध , बबलसत मधसप गबोपसाल ॥
जबोग सममर धमर नहहमं डबोलनतमं,रूप डसार दृढ लसागममं ।
सरस परसाग न तजहहमं हहए तस , श्रम गसपसाल अनसरसागममं ॥15॥
उदवि-गबोपम समंविसाद भसाग १
सन
स र गबोपम हरर कर समंदधस
करर समसागध अमंतर गनत ध्यसाविहस, यह उनकर उपदध स ॥
विघ अवविगत अवविनसासम पसरन, सब-घट रहध समसाइ ।
तत्वि जसान बबनस मसककत नहहमं हघ , बधद पसरसाननन गसाइ ॥
सगसन रूप तकज ननरगसन ध्यसाविहस, इस गचत इक मन लसाइ ।
विह उपसाइ करर बबरह तरर तसम, समलघ ब्रह्म तब आइ ॥
दस
स ह सअँदधस सन
स त मसाधर कबो, गबोपम जन बबलखसानम ।
ससर बबरह कक करन चलसाविघ, बसडनतमं मनस बबनस पसानम ॥1॥
परह पसकसार द्विसार गह
क -गह
क तत, सन
स म सखम इक जबोगम आयर ।
पविन सधसाविन, भविन छसडविन, रविन-रससाल, गबोपसाल पठसायर ॥
आसन बसाअँगध, परम ऊरध गचत, बनत न नतनहहमं कहसा हहत ल्यसायर ।
कनक बधसल , कसासमनन ब्रजबसालसा, जबोग अगगनन दहहबध कद धसायर ॥
भवि-भय हरन, अससर मसारन हहत, कसारन कसान्ह मधसपसरह छसायर ।
ब्रज मघ जसादवि एकर नसाहहमं, कसाहत उलटर जस बबथरसायर ॥
सथ
स ल जस स्यसाम धसाम मत बघठर, अबलनन प्रनत अगधकसार जनसायर ॥
ससर बबससारह प्रमनत ससाअँविरघ , भलह चतसरतसा जगत हअँससायर ॥2॥
दध न आए ऊधर मत नमकर ।
आविहस रह समसल सन
स हस सयसानम, लधहस सज
स स कर टहकर ॥
तजन कहत अमंबर आभसषन, गधह नधह ससत हह कर ।
अमंग भस्म करर समस जटसा धरर,ससखवित ननरगसन फककर ॥
मधरध जसान यहघ जसविनतनन कर, दध त कफरत दख
स पम कर ।
तसा सरसाप तस भयर स्यसाम तन, तउ न गहत डर जम कर ॥
जसाकक प्रककनत परह कजय जधसम, सबोच न भलह बरस ह कर ।
जघस त ससर ब्यसाल रस चसाखत, मसख नहहमं हबोत अमम कर ॥3॥
प्रककनत जबो जसाकत अमंग परह ।
स्विसान पअँसछ कबोउ कबोहटक लसागघ, ससधम कहसअँ न करह ॥
जघसस कसाग भच्छ नहहमं छसाअँड,घ जनमत जरन घरह ।
धरए रमं ग जसात नहहमं कघसधहसअँ, ज्यद कसारह कमरह ॥
ज्यद अहह डसत उदर नहहमं पसरत, ऐसम धरनन धरह ।
ससर हबोइ सबो हबोइ सबोच नहहमं, तघसधइ एऊ रह ॥4॥
समसखझ न परनत नतहसारबो ऊधर ।
ज्यद बतदबोष उपजत जक लसागत, बबोलत बचन न सध
स र॥
आपसन कर उपचसार करबो अनत, तब औरनन ससख दध हस ।
बडर रबोग उपयर हघ तसमकद भविन सबसारत लधहस ।
ह्विसाअँ भधषज नसानसा बसाअँनतन कध, अरु मधस-ररपस सध बघद ।
हम कसातर डरपनतमं अपनघ ससर, यह कलमंक हघ खधद ॥
ससाअँचम बसात छसाअँडड असल तधरह, झसठछ कबो अब ससननहघ ।
ससरदसास मसकतसाहल भबोगम, हमं स ज्विसारर कयद चसननहघ ॥5॥
ऊधर हम आजस भई बड भसागम ।
कजन अअँखखयन तम
स स्यसाम बबलबोकध, तध अअँखखयसाअँ हम लसागममं ॥
जघसध ससमन बसास लघ आवित, पविन मधसप अनसरसागम ।
अनत आनमंद हबोत हघ तघसस, अमंग-अमंग ससख रसागम ॥
ज्यद दरपन मत दरस दध खखयत, दृकष्ट परम रुगच लसागम ।
तघस त ससर समलध हरर हमकद, बबरह-बबथसा तन त्यसागम ॥6॥
(असल हद) कघसत कहद हरर कध रूप रसहहमं ।
अपनध तन मत भधद बहसत बबगध, रसनसा जसानघ न नघन दसहहमं ॥
कजन दध खध तध आहहमं बचन बबनस, कजनहहमं बचन दरसन न नतसहहमं ।
बबनस बसानम यध उमअँगग प्रधम जल, ससस मरर-ससस मरर विसा रूप जसहहमं ॥
बसार-बसार पनछतसात यहघ कहह, कहसा करद जबो बबगध न बसहहमं ।
ससर सकल अअँगनन कक गनत, कयद समसझसावित छपद पससहहमं ॥7॥
हम तर सब बसातनन सचस पसायर ।
गबोद खखलसाइ वपविसाइ दध ह पय, पसनन पसालनघ झसलसायर ॥
दध खनत रहह फननग कक मनन ज्यद, गसरुजन ज्यद न भसलसायर ।
अब नहहमं समसजनत करन पसाप तघ, बबधनसा सबो उलटसायर ॥
बबनस दध खत पल-पल नहहमं छन-छन, यध हह गचत हह चसायर ।
अबहहमं कठबोर भए ब्रजपनत-सत
स , रबोवित मअँह
स न धवि
स सायर ॥
तब हम दध
स दहह कध कसारन, घर घर बहसत खखझसायर ।
सबो सब ससर प्रगट हह लसाग्यर , यबोगऽरु जसान पठसायर ॥8॥
मधक
स र कहहऐ कसाहह सन
स साइ ।
हरर बबछसरत हम कजतध सहध दख
स , कजतध बबरह कध धसाइ ॥
बरु मसाधर मधसबन हह रहतध, कत जससदसा कत आए ।
कत प्रभस गबोप-बधष ब्रज धरर कघ, कत यध ससख उपजसाए ॥
कत गगरर धरर‌यर, इन्द्र मद मधट्यर, कत बन रसास बनसाए ।
अब कहसा ननठसर भए अबलनन कद, सलखख सलखख जबोग पठसाए ॥
तसम परबमन सबध जसानत हर, तसातत यह कहह आई ।
अपनम कबो चसालघ ससनन ससरज, वपतसा जननन बबसरसाई ॥9॥
उदवि-गबोपम समंविसाद भसाग २
जसानन करर बसाविरह जनन हबोहस ।
तत्वि भजघ विघसम ह्विघ जघहर, पसारस परसत लबोहस ॥
मधरर बचन सत्य करर मसानर, छसाअँडर सबकर मबोहस ।
तर लगग सब पसानम कक चसपरह, जर लगग अकस्थत दबोहस ॥
अरध मधसप ! बसातत यध ऐसम, कयद कहह आविनतमं तबोह ।
ससर ससबस्तम छसाडड परम ससख, हमत बतसावित खरह ॥1॥

ऊधर हरर गसन हम चकडबोर ।


गन
स सद ज्यद भसाविघ त्यद फधरर, यहध बसात कर ओर ॥
पघड पतड चसलयघ तबो चसलयघ, ऊबट रपटघ पसाइअँ ।
चकडबोरह कक रहनत यहघ कफरर, गसन हहमं सद लपटसाइ ॥
सरस सहज गसन गमंगथ हमसारत, दई स्यसाम उर मसाहहमं ।
हरर कध हसाथ परघ तर छसटघ , और जतन कछस नसाहहमं ॥2॥
उलटह रहनत नतहसारह ऊधर, ससनघ सबो ऐसम कबो हघ ।
अलप बयस अबलसा अहहरर सठ, नतनहहमं जबोग कत सबोहध ॥
बसगच खसभम, आअँधरह कसाजर, नकटह पहहरघ बधसरर ।
मड
स लह पहटयसा पसारर चसाहघ , कबोढह लसाविघ कधसरर ॥
बहहरह पनत सर मतर करघ तर, तघसबोइ उत्तर पसाविघ ।
सबो गनत हबोइ सबघ तसाकक जबो ,ग्विसाररनन जबोग ससखसाविघ ॥
ससखई कहत स्यसाम कक बनतयसाअँ, तम
स कद नसाहहमं दबोष ।
रसाज कसाज तसम तत न सरघ गबो, कसायसा अपनम पबोष ॥
जसातध भससल सबघ मसारग मत, इहसाअँ आनन कसा कहतध ।
भलह भई ससगध रहह ससर, नतस मबोह धसार मत बहतध ॥3॥
अअँखखयसाअँ हरर दरसन कक प्यसासम ।
दध ख्यर चसाहनतमं कमलनघन कद, ननसस-हदन रहनतमं उदसासम ॥
आए ऊधर कफरर गए आअँगन, डसारर गए गर फसाअँसम ।
कधसरर नतलक मबोनतनन कक मसालसा, बमंद
क साविन कध बसासम ॥
कसाहस कध मन कक कबोउ जसानत, लबोगनन कध मन हसाअँसम ।
ससरदसास-प्रभस तसम्हरध दरस कद, करविट लधहद कसासम ॥4॥
जब तत ससमंदर बदन ननहसारर‌यर ।
तसा हदनतत मधसकर मन अटकयर, बहसत करह ननकरघ न ननकसारर‌यर ॥
मसातस, वपतसा, पनत, बमंधस, ससजन नहहमं, नतनहसअँ कर कहहबर ससर धसारर‌यबो ।
रहह न लबोक लसाज ननरखत, दस
स ह कबोध फककर करर डसारर‌यर ॥
ह्विघबर हबोइ सस हबोइ सस हबोइ कमर्धबस, अब जम कर सब सबोच ननविसारर‌यर ।
दसासम भई जस ससरदसास प्रभस, भलर पबोच अपनर न वविचसारर‌यर ॥5॥
और सकल अअँगनन तत ऊधर, अअँखखयसाअँ अगधक दख
स सारह ।
अनतहहमं वपरसानतमं ससरसानतमं, न कबहसअँ, बहसत जतन करर हसारह ॥
मग जबोवित पलकक नहहमं लसाविनतमं, बबरह बबकल भइअँ भसारह ।
भरर गइ बबरह बयसारर दरस बबनस, ननसस हदन रहनतमं उघसारह ॥
तध असल अब यध जसान सलसाकत , कयद सहह सकनतमं नतहसारह ।
सरस सस अमंजन आअँकज रूप रस, आरनत हरहस हमसारह ॥6॥
उपमसा नघन न एक रहह ।
कववि जन कहत कहत सब आए, ससगध कर नसाहहमं कहह ॥
कहह चकबोर बबधस मख
स बबनस जमवित , भ्रमर नहहमं उडड जसात ।
हरर-मसख कमल कबोष बबछसरध तत, ठसालध कत ठहरसात ॥
ऊधर बगधक ब्यसाध ह्विघ आए, मग
क सम कयद न पलसात ।
भसागग जसाहहमं बन सघन स्यसाम मत , जहसाअँ न कबोऊ घसात ॥
खमंजन मन-रमं जन न हबोहहमं यध, कबहसअँ नहहमं अकसलसात ।
पमंख पससारर न हबोत चपल गनत, हरर सममप मक
स स लसात ॥
प्रधम न हबोइ करन बबगध कहहयघ, झसठत हहमं तन आडत ।
ससरदसास ममनतसा कछस इक, जल भरर कबहसअँ न छसाअँडत ॥7॥
ऊधर अअँखखयसाअँ अनत अनरस सागम ।
इकटक मग जबोविनतमं अरु रबोविनतमं, भसलधहसअँ पलक न लसागम ॥
बबनस पसाविस पसाविस करर रसाखम, दध खत हर बबदमसान ।
अब धद कहसा ककयर चसाहत हर, छसाअँडर ननरगसगन जसान ॥
तसम हर सखसा स्यसाम ससमंदर कध, जसानत सकल ससभसाइ ।
जघस त समलघ सरस कध स्विसामम, सबोई करहस उपसाइ ॥8॥
सब खरटध मधसबन कध लबोग ।
कजनकध समंग स्यसाम ससमंदर सखख, समखध हत अपजबोग ॥
आए हत ब्रज कध हहत ऊधर, जवि
स नतनन कर लघ जबोग ।
आसन, ध्यसान नघन मअँद
स ध सखख, कघसत कढघ ववियबोग ॥
हम अहहरर इतनम कसा जसानत, कसबबजसा सद समंजबोग ।
ससर ससविघद कहसा लघ ककजघ, कहत न जसानघ रबोग ॥9॥
मधसबन लबोगनन कबो पनतयसाइ ।
मख
स औरध अमंतरगत औरध , पनतयसाअँ सलखख पठवित जस बनसाइ ॥
ज्यद कबोइल ससत-कसाग कजविसाविघ, भसावि भगनत जस खविसाइ ।
कसहसकक कसहसकक आऐमं बसमंत ररतस, अमंत समलघ अपनध कसल जसाइ ॥
ज्यद मधक
स र अमंबसज-रस चसाख्यर, बहसरर न बझ
स ध बसातत आइ ।
ससर जहसाअँ लगग स्यसाम गसात हत, नतनसद ककजघ कहसा सगसाइ ॥10॥
आए जबोग ससखसाविन पसाअँडध ।
परमसारथम पसरसाननन लसादध , ज्यद बनजसारध टसाअँडध ॥
हमरध गनत-पनत कमल-नयन कक, जबोग ससखस तध रसाअँडध ।
कहर मधप
स कघसध समसाहहमंगध, एक म्यसान दबो खसाअँडध ॥
कहस षट्पद कघसस खघयतस हघ , हसागथनन कत सअँग गसाअँडध ॥
कसाकक भसख गई बयसारर भवष, बबनसा दध स घत क मसाअँडध ।
कसाहध कद झसालसा लघ समलवित, करन चबोर तम
स डसाअँडध ॥
ससरदसास तमनर तहहमं उपजत, धननयसा, धसान कसम्हसाडध ॥11॥
उदवि-गबोपम समंविसाद भसाग ३
जसान बबनसा कहसअँविघ ससख नसाहहमं ।
घट घट व्यसापक दसारु अगगनन ज्यद, सदसा बसघ उर मसाहहमं ॥
ननरगसन छसाअँडम सगसन कद दररनतमं, सध
स द कहर ककहहमं पसाहहमं ।
तत्वि भजर जबो ननकट न छसटघ , ज्यद तनस तत परछसाहहमं ॥
नतहह तस कहर करन ससख पसायर, कजहहमं अब लद अविगसाहहमं ।
ससरदसास ऐसत करर लसागत, ज्यद ककवष ककन्हस पसाहह ॥1॥
ऊधबो कहह सस फधरर न कहहऐ ।
जर तसम हमत कजविसायर चसाहत, अनबबोलध ह्विघ रहहए ॥
प्रसान हमसारध घसात हबोत हघ , तसम्हसारध भसाऐमं हसाअँसम ।
यसा जमविन तत मरन भलर हघ , करविट लघहत कसासम ॥
पसरब प्रमनत सअँभसारर हमसारह, तसमकद कहन पठसायर ।
हम तर जरर बरर भस्म भई तम
स आनन मससान जगसायर ॥
कघ हरर हमकद आनन समलसाविहस, कघ लघ चसलयध ससाथघ ।
ससर स्यसाम बबनस प्रसान तजनत हत, दबोष तसम्हसारध मसाथत ॥2॥
घर हह कध बसाढध रसाविरध ।
नसाहहन ममत-ववियबोग बस परध , अनब्यरगध असल बसाविरध ॥
बरु मरर जसाइ चरत नसाहहमं नतनसकसा, ससमंह कबो यहघ स्विभसावि रध ।
स्रविन ससधसा-मसरलह कध पबोषध, जबोग जहर न खविसाब रध ॥
ऊधर हमहहमं समख कह दघ हर, हरर बबनस अनत न ठसाअँवि रध ।
सरस दसास कहसा लघ ककजघ, थसाहह नहदयसा नसावि रध ॥3॥
हमकद हरर कर कथसा सन
स साउ ।
यध आपनम जसान गसाथसा असल, मथसरसा हह लघ जसाउ ॥
नसागरर नसारर भलत समझतगम, तधरर बचन बनसाउ ।
पसा लसागद ऐसम इन बसातनन, उनहह जसाइ ररझसाउ ॥
जर ससगच सखसा स्यसाम ससमंदर कर, अरु कजय मत सनत भसाउ ।
तर बसारक आतसर इन नघननन, हरर मसख आनन दघ खसाउ ॥
जर कबोउ कबोहट करघ , कघससहसअँ बबगध, बल वविद्यसा व्यविससाउ ।
तउ सनस न सरस ममन कद जल बबनस, नसाहहमं न और उपसाउ ॥4॥
ऊधर बसानम करन ढिरघ गर, तबोसत उत्तर करन करध गर ।
यसा पसातम कध दध खत हहमं अब, जल ससाविन कर नघन ढिरघ गर ।
बबरह-अगगनन तन जरत ननससा-हदन, करहहमं छसवित तवि
स जबोग जरघ गर ।
नघन हमसारध सजल हत तसारध , ननखत हह तधरर जसान गरघ गर ॥
हमहहमं ववियबोगऽरु सबोग स्यसाम कर, जबोग रबोग सद करन अरघ गर ।
हदन दस रहर जस गबोकसल महहयसाअँ, तब तधरर सब जसान मरघ गर ॥
ससमंगम सधल्हह भसमऽरु कमंथसा, कहह असल कसाकध गरत परघ गर ।
जध यध लट हरर सम
स ननन गअँध
स ममं, समस जटसा अब करन धरघ गर ॥
जबोग सगसन लघ जसाहस मधसपसरह, ऐसध ननरगसन करन तरघ गबो ।
हमहहमं ध्यसान पल नछन मबोहन कद, बबन दरसन कछसविघ न सरघ गर ॥
ननसस हदन ससस मरन रहत स्यसाम कर, जबोग अगगनन मत करन जरघ गर ।
कघसतहस प्रधम नधम मबोहन कद, हहत गचत तत हमरत न टरघ गर ।
ननत उहठ आवित जबोग ससखसाविन, ऐसम बसातनन करन भरघ गर ।
कथसा तसम्हसारह ससनत न कबोऊ, ठसाढध हह अब आप ररघ गर ॥
बसाहदहहमं रटत उठत अपनध कजय, कबो तबोसद बधकसाज लरघ गर ।
हम अअँग अअँग स्यसाम रअँ ग भमनम, कबो इन बसातनन सरस डरघ गर ॥5॥
ऊधर तसम ब्रज कक दससा बबचसारर
तसा पसाछत यह ससद आपनम, जबोग कथसा बबस्तसारर ॥
जसा कसारन तसम पठए मसाधर सबो सबोचर कजय मसाहहमं ।
कधनतक बमच बबरह परमसारथ, जसानत हर ककधद नसाहहमं ॥
तम
स परविमन चतरस कहहयत हर, समंतत ननकट रहत हर ।
जल बसडत अविलमंब फधन कर, कफरर कफरर कहसा सकत हर ॥
विह मससकसान मनबोहर गचतविनन, कघसत उर तत टसारद ।
जबोग जसककत अरु मसककत परम ननगध, विसा मसरलह पर विसारद ॥
कजहहमं उर कमल-नयन जस बसत हत, नतहहमं ननरगसन कयद आविघ ।
सरस दसास सबो भजन बहसाऊअँ, जसाहह दस
स रर भसाविघ ॥6॥
ऊधर हरर कसाहध कध अमंतरजसामम ।
अजहसअँ न आइ समलत इहअँ अविसर, अविगध बतसावित लसामम ॥
अपनम चबोप आइ उडड बघठत, असल ज्यद रस कध कसामम ।
नतनकर करन परध खर ककजर, जध हत गरुड कध गसामम ॥
आई उघरर प्रमनत कलई सम, जघसम खसाटह आमम ।
ससर इतध पर अनखनन मररयत, ऊधर पमवित मसामम ॥7॥
ननरगसन करन दध स कर बसासम ?
मधक
स र कहह समझ
स साइ सदह दघ , बसझनतमं ससाअँगच न हसाअँसम ॥
कर हघ जनक करन हघ जननम, करन नसारर कबो दसासम ?
कघसध बरन, भधष हघ कघसर, ककहहमं रस मत असभलसाषम ?
पसाविघगर पसनन ककयर आपनर, जबो रध करघ गर गसाअँसम ।
ससनत मरन ह्विघ रह्यर बसाविरर, ससर सबघ मनत नसासम ॥8॥
कहहयर ठकसरसाइनत हम जसानम ।
अब हदन चसारर चलहस गबोकसल मत, सधविहस आइ बहसरर रजधसानम ॥
हमकद हदस बहसत दध खन कक, समंग सलयत कसबबजसा पटरसानम ।
पहसनसाई ब्रज कर दगध मसाखन, बडर पलअँ ग, अरु तसातर पसानम ॥
तसम जनन डरर उखल तर तबोरर‌यर, दसाअँविररहस अब भई पसरसानम ।
विह बल कहसाअँ जसबोमनत कत कर , दध ह रसाविरत सबोच बसढसानम ॥
सरस भम बसाअँहट दई ग्विसालनन कद, मबोर-चमंद्रकसा सबघ उडसानम ।
ससर नमंद जस कध पसालसागद, दध खहस आइ रसागधकसा स्यसानम ।9॥
ससनन ससनन ऊधर आविनत हसाअँसम ।
कहअँ विघ ब्रह्मसाहदक कध ठसाकसर, कहसाअँ कमंस कक दसासम ॥
इमंद्रसाहदक कक करन चलसाविघ; समंकर करत खविसासम ।
ननगम आहद बमंदहजन जसाकध, सधष समस कध बसासम ॥
जसाकत रमसा रहनत चरननन तर, करन गनघ कसवविजसा सम ।
ससरदसास-प्रभस दृढ करर बसाअँधध, प्रधम-पसमंज कक पसासम ॥10॥
कसाहध कद गबोवपनसाथ कहसावित ।
जर मधसकर विघ स्यसाम हमसारध , कयद न इहसाअँ लद आवित ॥
सपनध कक पहहचसानन मसानन कजय, हमहहमं कलमंक लगसावित ।
जबो पघ ककष्न कसबरह रहझध, सबोइ ककन बबरद बसलसावित ।
ज्यद गजरसाज कसाज कध औरघ , औरध दसन हदखसावित ।
ऐसत हम कहहबध सनस नबध कद , सरस अनत बबरमसावित ॥11॥
ससाअँविरर ससाअँविरह रघ नन कर जसायर ।
आधम रसानत कमंस कध तसासनन, बससद्यर गबोकसल ल्यसायर ॥
नमंद वपतसा अरु मसातस जसबोदसा, मसाखन महह खविसायर ।
हसाथ लकसट कसामरर कसाअँधध पर,बछरुन ससाथ डसलसायर ॥
कहसा भयर मधप
स सरह अवितरध , गबोपमनसाथ कहसायर ।
ब्रज बधसअनन समसल ससाअँट कटहलह, कवप ज्यद नसाच नचसायर ॥
अब लद कहसाअँ रहध हबो ऊधर, सलखख-सलख जबोग पठसायर ।
ससरदसास हम यहघ परध खर, कसबरह हसाथ बबकसायर ॥12॥

जबोग ठगररह ब्रज न बबकघहघ ।


मरस ह कध पसातनन कध बदलत, कर मसकतसाहल दध हघ ॥
यह व्यरपसार तम्
स हसारबो ऊधर, ऐसत हह धरर‌यर रघ हघ ।
कजन पघ तत लघ आए ऊधर, नतनहहमं कध पधट समघहघ ॥
दसाख छसाअँडड कध कटसक ननबररह, कबो अपनध मसख खघहघ ।
गन
स करर मबोहह सरस ससाविरत, कबो ननरगन
स ननरबघहघ ॥13॥
ममठछ बसातनन मत कहसा लहजघ ।
जर पघ विघ हरर हबोहहमं हमसारध , करन कहत सबोइ ककजघ ॥
कजन मबोहन अपनत कर कसाननन, करनफसल पहहरसाए ।
नतन मबोहन मसाटह कध मसद्रसा, मधसकर हसाथ पठसाए ॥
एक हदविस बधनम बमंद
क साविन, रगच पगच बबबबध बनसाइ ।
तध अब कहत जटसा मसाथध पर, बदलर नसाम कन्हसाइ ॥
लसाइ ससगमंध बनसाइ अभसषन, अरु ककन्हह अरधमंग ।
सबो विघ अब कहह-कहह पठवित हत, भसम चढसाविन अमंग ॥
हम कहसा करत दरस र नअँद-नमंदन, तसम जस मधसप मधसपसातम ।
ससर न हबोहहमं स्यसाम कध मसख कबो, जसाहस न जसारहस छसातम ॥14॥
ऊधर तसम हर ननकट कध बसासम ।
यह ननरगसन लघ नतनहहमं ससनसाविहस, जध मसडडयसा बसत कसासम ॥
मरस लहधरन सकल अअँग समंद
स र, रूप ससमंधस कक रसासम ।
जबोग बटबोरध सलए कफरत हर, ब्रजविसाससन कक फसाअँसम ॥
रसाजकसमसार भलत हम जसानध, घर मत कमंस कक दसासम ।
सरस दसास जदक
स स लहहमं लजसावित, ब्रज मत हबोनत हघ हसाअँसम ॥15॥
जसा हदन तत गबोपसाल चलध ।
तसा हदन तत ऊधर यसा ब्रज कध,सब स्विभसावि बदलध ॥
घटध अहसार वविहसार हरष हहत, ससख सबोभसा गसन गसान ।
ओज तधज सब रहहत सकल बबगध, आरनत असम समसान ॥
बसाढह ननससा, बलय आभष
स न, उन-कमंचक
स क उससास ।
नघननन जल अमंजन अमंचल प्रनत,आविन अविगध कक आस ॥
अब यह दससा प्रगट यसा तन कक, कहहयर जसाइ सन
स साइ ।
सरस दसास प्रभस सबो ककजर कजहहमं, बधगग समलहहमं अब आइ ॥16॥
हम तर कसान्ह कधसल कक भसखम ।
कहसा करत लघ ननगसन
र्ध तसम्हरर, बबरहहन वविरह बबदष
स म॥
कहहयघ कहसा यहघ नहहमं जसानत, कहर जबोग ककहह जबोग ।
पसालसागद तसमहहमं सध विसा पसर, बसत बसाविरध लबोग ॥
चमंदन अभरन, चमर चसारू बर, नधकस आपस तन ककजघ ।
दमं ड, कममंडल, भसम, अधसारह, तब जसविनतनन कद दहजघ ॥
सरस दध खख दृढतसा गबोवपन कक, ऊधर दृढ ब्रत पसायर ।
करह ककपसा जदन
स साथ मधसप कद, प्रधमहहमं पढन पठसायर ॥17॥
उदवि-गबोपम समंविसाद भसाग ४
गबोपम ससनहस हरर समंदधस ।
कह्यर पसरन ब्रह्म ध्यसाविहस, बतगसन समथ्यसा भधष ॥
मत कहद सबो सत्य मसानहस, सगसन डसारहस नसाखख ।
पमंच तय-गसन सकल दध हह, जगत ऐसर भसावष ॥
जसान बबनस नर-मसककत नसाहहमं, यह वविषय समंससार ।
रूप-रध ख, न नसाम जल थल, बरन अबरन ससार ॥
मसातस वपतस कबोउ नसाहहमं नसारह, जगत समथ्यसा लसाइ ।
ससर ससख-दख
स नहहमं जसाकत , भजर तसाकद जसाइ ॥1॥
ऐसम बसात कहर जनन ऊधर ।
कमलनघन कक कसानन करनत हत, आवित बचन न ससधर ॥
बसातनन हह उडड जसाहहमं और ज्यद, त्यद नसाहहमं हम कसाअँचम ।
मन, बच, कमर्ध सबोगध एकघ मत, नमंद-नमंदन रअँग रसाअँचम ॥
सबो कछस जतन करर पसालसागर, समटघ हहयघ कक ससल ।
मरस लहधरहहमं आनन हदखरसाविहस, ओढध पमत दक
स सल॥
इनहहमं बसातनन भए स्यसाम तनस , समलवित हर गहढ छबोसल ।
ससर बचन ससनन रह्यर ठगरसर, बहसरर न आयर बबोसल ॥2॥
कफरर कफरर कहसा बनसावित बसात ।
प्रसात कसाल उहठ खधलत ऊधर, घर घर मसाखन खसात ॥
कजनकक बसात कहत तम
स हमसद, सबो हघ हमसद दरस र ।
ह्यसाअँ हत ननकट जसबोदसा-नमंदन, प्रसान सजमविन मसरर ॥
बसालक समंग सलऐऐ दगध चबोरत, खसात खविसावित डबोलत ।
सरस समस नमचर कत नसावित, अब कसाहत नहहमं बबोलत ॥3॥
कफरर-कफरर कहसा ससखसावित मरन ॥
बचन दस
स ह लसागत असल तधरध, ज्यद पजरध पर लरन ॥
सग
मं क म, मसद्रसा, भस्म, त्विचसा-मग
क , अरु अविरसाधन परन ।
हम अबलसा अहहरर सठ मधसकर,धरर जसानहहमं कहह करन ॥
यह मत जसाइ नतनहहमं तम
स ससखविहस, कजनहहमं आजस सब सबोहत ।
ससरदसास कहसअँ ससनम न दध खम, पबोत ससतरह पबोहत ॥4॥
ऊधर हमहहमं न जबोग ससखघयघ ।
कजहह उपदध श समलघ हरर हमकद, सबो ब्रत नधम बतघयघ ॥
मसककत रहर घर बघहठ आपनध,,ननगसन
र्ध ससनन दख
स पघयघ ।
कजहहमं ससर कधस कसससम भरर गअँसदध, कघसत भस्म चढघ यघ ॥
जसानन जसानन सब मगन भई हत, आपसन आपस लखघयघ ।
ससरदसास-प्रभस सनहस नविर ननगध, बहसरर कक इहहमं ब्रज अइयघ ॥5॥
मधक
स र स्यसाम हमसारध ईस ।
नतनकर ध्यसान धरत ननसस बसासर, औरहहमं नविघ न समस ॥
जबोगगनन जसाइ जबोग उपदध सहस, कजनकध मन दस-बमस ।
एकघ गचत एकघ विह मसरनत, नतन गचतविनतमं हदन तमस ॥
कसाहस ननरगसन ग्यसान आपनर, कजत ककत डसारत खमस ।
सरस दसास प्रभस नमंदनमंदन बबनस, हमरध कबो जगदहश ॥6॥
सतगसरु चरन भजध बबनस वविद्यसा, कहस, कघसत कबोउ पसाविघ ।
उपदध सक हरर दरस र रहध तत, कयद हमरध मन आविघ ॥
जबो हहत ककयर तर अगधक करहह ककन, आपसन आनन ससखसावित ।
जबोग बबोझ तत चसल न सकत तर, हमहहमं कयद न बसलसावित ॥
जबोग जसान मनस न नगर तजध बरु, सघन गहन बन धसावित ।
आसन मरन नधम मन समंजम, बबवपन मध्य बनन आवित ॥
आपसन कहत करत कछस औरघ , हम सबहहनन डहकसावित ।
सरस दसास ऊधर सद स्यसामसा, अनत समंकधत जनसावित ॥7॥
ऊधर मन नहहमं हसाथ हमसारत ।
रथ चढइ हरर समंग गए लघ, मथसरसा जबहहमं ससधसारध ॥
नसातरु कहसा जबोग हम छसाअँडहह, अनत रुगच कघ तसम ल्यसाए ।
हम तर झअँ खनतमं स्यसाम कक करनम मन लघ जबोग पठसाए ॥
अजहसअँ मन अपनर हम पसावित, तम
स तत हबोइ तर हबोइ ।
ससर सपथ हमत कबोहट नतहसारह, कहह करतगम सबोइ ॥8॥
ऊधर मन न भए दस बमस ।
एक हसतर सबो गयर स्यसाम सअँग, कबो आरसाधघ ईस ॥
इन्द्रह ससगथल भई कधसवि बबनस, ज्यद दध हह बबनस समस ।
आससा लसागग रहनत तन स्विसाससा, जमविहहमं कबोहट बरहस ॥
तसम तर सखसा स्यसाम ससमंदर कध, सकल जबोग कध ईस ।
ससर हमसारघ नमंद-नमंदन बबनस, और नहहमं जगदहस ॥9॥
इहहमं उर मसाखन चबोर गडध ।
अब कघसत ननकसत ससनन ऊधर, नतरछध ह्विघ जस अडध ॥
जदवप अहहर जसबोदसा-नमंदन, कघसत जसात छअँ डध ।
ह्विसाअँ जसादरपनत प्रभस कहहयत हत, हमत न लगत बडध ॥
कबो बससदधवि दध विकक नमंदन, कबो जसानघ कबो बसझघ ।
ससर नमंदनमंदन कध दध खत, और न कबोऊ ससझघ ॥10॥
मन मत रह्यर नसाहहमं न ठरर ।
नमंदनमंदन अछत कघसत, आननयघ उर और ॥
चलत गचतवित हदविस जसागत, स्विप्न सबोवित रसानत ।
हृदय तत विह मदन मसरनत, नछन न इत उत जसानत ॥
कहत कथसा अनधक ऊधर, लबोग लरभ हदखसाइ ।
कह करद मन प्रधम पसरन, घट न ससमंधस समसाइ ॥
स्यसाम गसात सरबोज आनन, लसलत मद स मसख हसास ।
ससर इनकत दरस कसारन, मरत लबोचन प्यसास ॥11॥
मधसकर स्यसाम हमसारध चबोर ।
मन हरर सलयर तनक गचतविनन मत, चपल नघन कक कबोर ॥
पकरध हसतध हृदय उर अमंतर, प्रधम प्रमनत कत जबोर ।
गए छअँ डसाइ तबोरर सब बमंधन , दघ गए हअँसनन अअँकबोर ॥
चरकक परहमं जसागत ननसस बमतम, दरस समल्यर इक भदर ।
दरस दसास प्रभस सरबस लसट्यर, नसागर नविल-ककसबोर ॥12॥
सब हदन एकहहमं सध नहहमं हबोतध ।
तब असल ससस समरर अब तसातर, बयर बबरह जरर मबो तत ।
तब षट मसास रसास-रस-अमंतर, एकहस ननसमष न जसानध ।
अब औरघ गनत भई कसान्ह बबनस पल पसरन जसग मसानध ।
कहसा मनत जबोग जसान ससाखसा स्रसनत, तध ककन कहध घनधरध ।
अब कछस और सह
स साइ सरस नहहमं, ससस मरर स्यसाम गसनन कधरध ॥13॥
सखम रह स्यसाम सबघ इक ससार ।
ममठध बचन ससहसाए बबोलत, अमंतर जसारनहसार ।
भमंविर कसरमं ग कसाक अरु कबोककल, कपटनन कक चटससार ।
कमलनघन मधसपसरह ससधसारध , समहट गयबो ममंगलचसार ।
ससनहस सखम रह दबोष न कसाहस, जबो बबगध सलख्यर सललसार ।
यह करतसनत उनहहमं कक नसाहहमं, पसरब बबबबध बबचसार ॥
कसारह घटसा दध खख बसादर कक, सबोभसा दध नत अपसार ।
सरस दसास सररतसा सर पबोषत, चसातक करत पसकसार ॥14॥
बबलग जनन मसानर ऊधर कसारध ।
विह मथसरसा कसाजर कक ओबरह, जध आवित तध कसारध ॥
तम
स कसारध सफ
स लक सत
स कसारध , कसारध कसहटल सअँविसारध ॥
कमलनघन कक करन चलसाविघ, सबहहनन मत मननयसारध ॥
मसानर नमल मसाट तत कसाढध , जमसनसा आइ पखसारध ।
तसातत स्यसाम भई कसासलमंदह, ससर स्यसाम गसन न्यसारध ॥15॥
ऊधर भलह भई ब्रज आए ।
बबगध कसलसाल ककन्हध कसाअँचध घट, तध तम
स आनन पकसाए ॥
रमं ग दहन्हद हबो कसान्ह ससाअँविरत, अअँग-अअँग गचत बनसाए ।
यसातत गरध न नघन नधह तत, अविगध अटसा पर छसाए ॥
ब्रज करर अअँविसा जबोग ईधन करर, सरस नत आनन सल
स गसाए ।
फअँस क उससास बबरह प्रजरनन सअँग, ध्यसान दरस ससयरसाए ॥
भरध सअँपसरन सकल प्रधम-जल, छसविन न कसाहस पसाए ।
रसाज-कसाज तत गए ससर प्रभस , नअँद-नमंदन कर लसाए ॥16॥
जर पघ हहरदघ मसाअँझ हरह ।
तर कहह इतम अविजसा उनपघ, कघसत सहह परह ॥
तब दसाविसानल दहन न पसायर, अब इहहमं बबरह जरह ।
उर तत ननकसस नमंद नमंदन हम, समतल कयद न करह ॥
हदन प्रनत नघन इमंद्र जल बरषत, घटत न एक घरह ।
अनत हह समत भमत तन भममंजत, गगरर अमंचल न धरह ॥
कर-कमंकन दरपन लघ दध खर, इहहमं अनत अनख मरह ।
कयद अब कजयहहमं जबोग ससनन ससरज, बबरहनन बबरह भरह ॥17॥
ऐसर जबोग न हम पघ हबोइ ।
आअँखख मअँहस द कह पसावित ढिसअँढध, अअँधरध ज्यद टकरसाइ ॥
भसम लगसाविन कहत जस हमकर, अमंग कमंस कमसा घबोइ ।
ससनन कघ बचन तसम्हसारध ऊधर, नघनसा रसावित रबोइ ॥
कमंस तल कसहटल मसकसट कमंस डल छबब, रहह जस गचत मत पबोइ ।
ससरज प्रभस बबनस प्रसान रहघ नहहमं, कबोहट करर ककन कबोइ ॥18॥
हमसद उनसद करन सगसाई ।
हम अहहर अबलसा ब्रजविसासम , विघ जदप
स नत जदरस साई ॥
कहसा भयर जस भए जदन
स मंनदन, अब यह पदविम पसाई ।
कसच न आवित घबोष बसत कक, तकज ब्रज गए परसाई ॥
ऐसध भए उहसाअँ जसादरपनत, गए गबोप बबसरसाई ।
सरस दसास यह ब्रज कर नसातर, भसस ल गए बलभसाई ॥19॥
तर हम मसानघ बसात तसम्हसारह ।
अपनर ब्रह्म हदखसाविहस ऊधर, मसकसट वपतसामंबर धसारह ॥
भननहत तब तसाकर सब गबोपम, सहह रहहहत बरु गसारह ।
भसत समसान बतसावित हमकत , डसारहस स्यसाम बबससारह ॥
जध मसख सदसा ससधसा अअँचवित हत, तध वविष कयद अगधकसारह ।
ससरदसास -प्रभस एक अअँग पर, रहखझ रहहमं ब्रजनसारह ॥20॥
ऊधर जबोग बबसरर जनन जसाहस ।
बसाअँधर गसाअँहठ छसहट पररहघ कहसअँ, कफरर पसाछत पनछतसाहस ॥
ऐसर बहसत अनसपम मधसकर, मरम न जसानघ और ।
ब्रज बननतनन कध नहहमं कसाम कक, तसम्हरध ई ठरर ॥
जबो हहत करर पठयर मनमबोहन, सबो हम तम
स कर दहनद ॥21॥
ऊधर कसाहध कर भकत कहसावित ।
जस पघ जबोग सलखख पठ्यर हमकर, तसमहसअँ भस्म चढसावित ॥
श्रमंग
क म मसद्रसा भस्म अधसारह, हमहहमं कहसा ससखसावित ।
कसबबजसा अगधक स्यसाम कक प्यसारह, तसाहहमं नहहमं पहहरसावित ॥
यह तर हमकद तबहहमं न ससखयर, जब तत गसाइ चरसावित ।
ससरदसास प्रभस कद कहहयर अब, सलखख-सलखख पठसावित ॥22॥
(ऊधर) नसा हम बबरहहनन नसा तसम दसास
कहत सन
स त घट प्रसान रहत हत, हरर तकज भजहस अकसास ॥
बबरहह ममन मरघ जल बबछसरत , छसाअँडड कजयन कक आस ।
दसास भसावि नहहमं तजत पपमहसा, बरषत मरत वपयसास ॥
पमंकज परम कमल मत बबहरत, बबगध ककयर नमर ननरसास ।
रसाकजवि रववि कर दबोष न मसानत, ससस सर सहज उदसास ॥
प्रगट प्रमनत दसरथ प्रनतपसालह, प्रमतम कत बनविसास ।
ससर स्यसाम सद दृढ ब्रत रसाख्यर, मधहट जगत उपहसास ॥23॥
ऊधर लघ चल लघ चल ।
जहअँ विघ समंद
स र स्यसाम बबहसारह, हमकर तहअँ लघ चल ॥
आविन-आविन कहह गए ऊधर, करर गए हमसद छल ।
हृदय कक प्रमनत स्यसाम जस जसानत ,ककनतक दरस र गबोकसल ॥
आपसन जसाइ मधसपसरह छसाए, उहसाअँ रहध हहसल समल ।
ससरदसास स्विसामम कध बबछसरत , नघनन नमर प्रबल ॥24॥
गप्स त मतध कक बसात कहद, जबो कहर न कसाहस आगत।
कघ हम जसानघ कघ हरर तसमहसअँ, इतनम पसाविहहमं मसाअँगस ॥
एक बधर खधलत बमंद
क साविन, कमंटक चससभ गयर पसाइअँ ।
कमंटक सद कमंटक लघ कसाढ़्यर, अपनस हसाथ ससभसाइ ॥
एक हदविस बबहरत बन भमतर, मत जस सन
स साई भसख ।
पसाकध फल विघ दध खख मनबोहर, चढध ककपसा करर रूख ॥
ऐसम प्रमनत हमसारह उनकक, बसतस गबोकसल बसास ।
ससरदसास प्रभस सब बबसरसाई, मधसबन ककयर ननविसास ॥25॥
ऊधर जर हरर हहतस तसम्हसारध ।
तर तसम कहहयर जसाइ ककपसा करर, ए दख
स सबघ हमसारध ॥
तन तररविर उर स्विसास पविन मत, बबरग दविसा अनत जसारध ।
नहहमं ससरसात नहहमं जसात छसार ह्विघ, ससलगग-ससलगग भए कसारध ॥
जद्यवप प्रधम उमअँगग जल सममंचध, बरवष-बरवष घन हसारध ।
जबो सममंचध इहहमं भसाअँनत जतन करर, तर एतत प्रनतपसारध ॥
ककर कपबोत कबोककलसा चसातक, बगधक बबयबोग बबडसारध ।
कयर जमवित इहहमं भसाअँनत ससर-प्रभस, ब्रज कध लबोग बबचसारध ॥26॥
बबलग हम मसानत ऊधर कसाकर ।
तरसत रहध बससदधवि दध विकक, नहहमं हहत मसातस वपतसा कर ॥
कसाकध मसातस वपतसा कर कसाकर, दध
स वपयर हरर जसाकर ।
नमंद जसबोदसा लसाड लडसायर, नसाहहमं भयर हरर तसाकर ॥
कहहयर जसाइ बनसाइ बसात यह, कबो हहत हघ अबलसा कर ।
सरस दसास प्रभस प्रमनत हघ कसासद, कसहटल ममत कसबबजसा कर ॥27॥
जमविन मसख दध खध कर नमकर ।
दरस, परस हदन रसानत पसाइयत, स्यसाम वपयसारध पम कर ॥
सन
स र जबोग कहसा लघ ककजघ, जहसाअँ ज्यसान हघ जम कर ।
नघननन मअँहस द मअँहस द कह दध खर, बअँधर जसान पबोथम कर ॥
आछध समंद
स र स्यसाम हमसारध , और जगत सब फककर ।
खसाटह महह कहसा रुगच मसानघ, ससर खविघयसा घम कर ॥28॥
अपनध सगसन गबोपसालहहमं मसाई, इहहमं बबगध कसाहत दध नत ।
ऊधर कक इन ममठछ बसातनन, ननगसन
र्ध कघसस लधनत ॥
धमर्ध, अथर्ध कसामनसा ससनसावित, सब ससख मसककत समधनत ।
कसाकक भसख गई मन लसाडस, सबो दध खहस गचत चधनत ॥
जसाकर मबोक्ष बबचसारत बरनत, ननगम कहत हत नधनत ।
ससर स्यसाम तकज कबो भसस फटकघ, मधसप तसम्हसारध हध नत ॥29॥
उदवि-गबोपम समंविसाद भसाग ५
विध हरर सकल ठरर कध बसासम ।
पसरन ब्रह्म अखमंडडत ममंडडत, पमंडडत मसनननन बबलसासम ॥
सप्त पतसाल ऊरध अध पथ्
क विम, तल नभ बरुन बयसारह ।
अभ्यमंतर दृष्टह दध खन कर, कसारन रूप मरस सारह ॥
मन बसगध गचत्त अहमं कसार दससहद्रय, प्रधरक थमंभनकसारह ।
तसाकत कसाज ववियबोग बबचसारत, यध अबलसा-ब्रजनसारह ॥
जसाकर जघसबो रूप मन रुचघ, सर अपबस करर लहजघ ।
आसन बधसन ध्यसान धसारनसा, मन आरबोहन ककजघ ॥
षट दल अठ द्विसादस दल ननरमल, अजपसा जसाप जपसालह ।
बतकसटह समंगम ब्रह्म द्विसार सभहद, यद समसलहत बनमसालह ॥
एकसादस गमतसा श्रसनत ससाखम, कजहह बबगध मसनन समसझसाए ॥
तध सअँदधस श्रममसख गबोवपनन कर, ससर सस मधसप सन
स साए ॥1॥
ऊधर हमरह सद तम
स जसाहस ।
यह गबोकसल पसनर कर चमंदसा, तसम ह्विघ आए रसाहस ॥
गह कध गसध गसससा परगसास्यर, अब लद करर ननरबसाहस ।
सब रस लघ नअँदलसाल ससधसारध , तसम पठए बड ससाहस ॥
जबोग बधगच कघ तमंदल
स लहजघ, बमच बसधरध खसाहस ।
सरस दसास जबहहमं उठछ जघहर, समहटहघ मन कर दसाहस ॥2॥
ऊधर मरन ससागध रहध ।
जबोग कहह पनछतसात मन-मन, बहसरर कछस न कहध ॥
स्यसाम कद यह नहहमं बसझघ, अनतहह रहध खखससाइ ।
कहसा मत कहह-कहह लजसानम, नसार रह्यर नविसाइ ॥
प्रथम हह कहह बचन एकघ, रह्यर गसरु करर मसानन ।
ससर प्रभस मबोकर पठसायर, यहघ कसारन जसानन ॥3॥
मधसकर भलह करह तसम आए ।
विघ बसातत कहह कहह यसा दख
स मत, ब्रज कध लबोग हअँससाए ।
मबोर मसकसट मसरलह पमतसामंबर, पठविहस सदज हमसारह ।
आपसन जटसाजसट, मसद्रसा धरर, लहजघ भस्म अधसारह ॥
करन कसाज बमंद
क साविन कर, सख
स दहह भसात कक छसाक ।
अब विघ स्यसाम कसबरह दबोऊ, बनध एक हह तसाक ॥
विघ प्रभस बडध सखसा तसम उनकध, कजनकघ ससगम अनमनत।
यसा जमसनसा जल कर ससभसावि यह, ससर बबरह कक प्रमनत ॥4॥
कसाहध कद रबोकत मसारग ससधर ।
सन
स हस मधप
स ननरगन
स कमंटक तत, रसाजपमंथ कयद रूधद ॥
कघ तसम ससखख पठए हर कसबबजसा, कह्यर स्यसामघनहसअँ धद ।
विधद पसरसान ससमनक त सब ढिसअँढर, जसविनतनन जबोग कहसअँ धद ॥
तसाकर कहसा परध खर ककजघ, जसानघ छसाअँछ न दध
स र।
ससर ससर अकसर गयर लघ ब्यसाज ननबधरत ऊधर ॥5॥
ऊधर कबोउ नसाहहमं न अगधकसारह ।
लघ न जसाहस यह जबोग आपनर, कत तसम हबोत दख
स सारह ॥
यह तर बधद उपननषद मत हघ , महसा पसरुष ब्रतधसारह ।
कम अबलसा अहहरर ब्रज-बसाससनन, नसाहहमं परत सअँभसारह ॥
कबो हघ ससनत कहत हर कसासद, करन कथसा बबस्तसारह ।
ससर स्यसाम कत समंग गयर मन, अहह कसाअँचसलह उतसारह ॥6॥
विघ बसातत जमन
स सा-तमर कक ।
कबहसअँक ससरनत करत हत मधसकर, हरन हमसारध चमर कक ॥
लहन्हध बसन दध खख ऊअँचध द्रम
स , रबकक चढिअँ न बलबमर कक ।
दध खख-दध खख सब सखम पसकसारनतमं, अगधक जसडसाई नमर कक ॥
दबोउ हसाथ जबोरर करर मसाअँगत, ध्विसाई नमंद अहहर कक ।
सरस दसास प्रभस सब सख
स दसातसा, जसानत हत पर पमर कक ॥7॥
प्रधम न रुकत हमसारध बसतत ।
ककहहमं गयमंद बसाअँध्यर ससनन मधसकर, पदम
स नसाल कध कसाअँचध ससतत ?
सबोवित मनससज आनन जगसायर, पठघ सअँदधस स्यसाम कध दत
स त।
बबरह-समसद्र ससखसाइ करन बबगध, रमं चक जबोग अगगनन कध लसतत ॥
सफ
स लक सत
स अरु तम
स दबोऊ समसल, लहजघ मक
स स नत हमसारध हसतत ।
चसाहनतमं समलन ससर कध प्रभस कद, कयद पनतयसाहहमं तसम्हसारध धसतत ॥8॥
ऊधर ससनहस नघकस जबो बसात ।
अबलनन कद तसम जबोग ससखसावित, कहत नहहमं पनछतसात ॥
ज्यद ससस बबनसा मलहन कसमसदनम, रबब बबनसहहमं जलजसात ।
त्यद हम कमलनतन बबनस दध खध, तलकफ-तलकफ मरस झसात ॥
कजन स्रविननन मसरलह ससर अअँचयद, मसद्रसा ससनत डरसात ।
कजन अधरनन अमत
क फल चसाख्यर, तध कयद कटस फल खसात ॥
कमंस कसम चमंदन घसस तन लसावितमं, नतहहमं न बबभनस त सह
स सात ।
ससरदसास प्रभस बबनस हम यक हत, ज्यद तरु जमरन पसात ॥9॥
ऊधर जबोग हम नसाहहमं ।
अबलसा ससार-जसान कह जसानत, कघसत ध्यसान धरसाहहमं ॥
तधई मअँद
स न नघन कहत हर, हरर मसरनत कजन मसाहहमं ।
ऐसम कथसा कपट कक मधक
स र, हमतत सन
स म न जसाहहमं ॥
स्रविन चमरर ससर जटसा बअँधसाबहस, यध दख
स करन समसाहहमं ।
चमंदन तकज अमंग भस्म बतसावित, बबरह-अनल अनत दसाहहमं ॥
जबोगम भ्रमत जसाहह लगग भल
स ध, सबो तबो हघ अप मसाहहमं ।
ससरस्यसाम तत न्यसारह न पल-नछन , ज्यद घट तघ परछसाहहमं ॥10॥
हम तर नमंद-घबोष कध बसासम ।
नसाम गसपसाल जसानत कसल गबोपक, गबोप गसपसाल उपसासम ॥
गगरविर धसारह गबोधन चसारह, बमंद
क साविन असभलसाषम ।
रसाजसा नमंद जसबोदसा रसानम, सजल नदह जमन
स सा सम ॥
ममत हमसारध परम मनबोहर, कमलनघन ससख रसासम ।
ससरदसास-प्रभस कहद कहसाअँ लद, अष्ट महसा-ससगध दसासम ॥11॥
यह गबोकसल गबोपसाल उपसासम ।
जध गसाहक ननगसन
र्ध कध ऊधर, तध सब बसत ईस-पसर कसासम ॥
जद्यवप हरर हम तजम अनसाथ करर , तदवप रहनतमं चरननन रस
अपनम समतलतसा नहहमं छसाअँडत, जद्यवप बबधस भयर रसाहस-गरसासम ॥
ककहहमं अपरसाध जबोग सलखख पठवित, प्रधम भगनत तत करत उदसासम ।
सरस दसास ऐसम कबो बबरहनन, मसाअँगग मकस कत छसाअँडघ गसन रसासम ॥12॥
ऐसर ससननयत द्विघ बघससाख ।
दध खनत नहहमं ब्यदत जमविध कर, जतन करर कबोउ लसाख ॥
मग
क मद मलय कपरस कसमकसमसा, कधसर मसलयघ ससाख ।
जरत अगगनन मत ज्यद घत
क नसायर, तन जरर ह्विघ हघ रसाख ॥
तसा ऊपर सलखख जबोग पठसावित, खसाहस नमम तकज दसाख ।
ससरदसास ऊधर कक बनतयसाअँ, सब उडड बघठछमं तसाख ॥13॥
इहहमं बबगध पसाविस सदसा हमसारत ।
परस ब पविन स्विसास उर ऊरध, आनन समलध इकठसारत ॥
बसादर स्यसाम सधत नघननन मत, बरसस आअँसस जल ढसारत ।
अरुन प्रकसास पलक दनस त दसासमनन, गरजनन नसाम वपयसारत ॥
जसातक दसादरस मबोर प्रगट ब्रज, बसत ननरमं तर धसारत ।
ऊधवि यध तब तत अटकध ब्रज, स्यसाम रहध हहत टसारत ॥
कहहऐ कसाहह सन
स घ कत कबोऊ, यसा ब्रज कध ब्यरहसारत ।
तसमहह सद कहह-कहह पनछतसानम, ससर बबरह कध धसारत ॥ 14॥
ऊधर कबोककल कसजत कसानन ।
तसम हमकद उपदध स करत हर, भस्म लगसाविन आनन ॥
औरर ससखम सखसा सअँग लघ लघ, टध रत चढध पखसानन ।
बहसरर आइ पपमहसा कत समस, मदन हनत ननज बसानन ॥
हमतर ननपट अहहरर बसाविरह, जबोग दहकजऐ जसानन ।
कहसा कथत मसासम कध आगत, जसानत नसानम नसानन ॥
तम
स तर हमत ससखसाविन आए, जबोग हबोइ ननरविसानन ।
ससर मसककत कघसत पसजनत हघ , विसा मसरलह कध तसानन ॥15॥
हमतत हरर कबहसअँ न उदसास ।
रसास खखलसाइ वपलसाइ अधर रस, कयद बबसरत ब्रज बसास ॥
तसमसद प्रधम कथसा कर कहहबर, मनर कसाहटबर घसास ।
बहहरर तसान-स्विसाद कह जसानघ, गअँग
स र बसात समठसास ॥
ससनन रह सखम बहसरर हरर ऐहत, विह ससख विहघ बबलसास ।
ससरदसास ऊधर अब हमकद, भसाए तधरहद मसास ॥16॥
आयर घबोष बडर ब्यरपसारह ।
खधप लसाहद गसरु जसान जबोग कक, ब्रज मत आनन उतसारह ॥
फसाटक दघ कघ हसाटक मसाअँगत, भबोरर ननपट ससधसारह ।
धसरहह तत खरटर खसायर हघ , सलयध कफरत ससर भसारह ॥
इनकत कहध करन डहकसाविध, ऐसम करन अनसारह ।
अपनद दध
स छसाअँडड कबो पमविघ, खसारध कसप कर बसारह ॥
ऊधर जसाहस सबसारत ह्यसाअँ तघ, बधगग गहरु जनन लसाविहस ।
मसख मसागर पघहर ससरज प्रभस, ससाहसहहमं आनन हदखसाविहस ॥17॥
ऊधर जबोग कहसा हघ ककजतस ।
ओहढयत हघ कक बबछघ यत हघ , ककधद खघयत हघ ककधद पमजतस ॥
ककधद कछस खखलरनसा ससमंदर, कक कछस भसषन नमकर ।
हमरध नमंद-नमंदन जबो चहहयतस, मबोहन जमविन जम कर ॥
तसम जस कहत हरर ननगसन ननरमं तर, ननगम नधनत हघ रहनत ।
प्रगट रूप कक रसासस मनबोहर, कयद छसाअँडध परतमनत ॥
गसाइ चरसाविन गए घबोष तत, अबहहमं हत कफरर आवित ।
सबोई ससर सहसाइ हमसारध , बधनस रससाल बजसावित ॥18॥
अपनध स्विसारथ कध सब कबोऊ ।
चसप करर रहर मधसप रस-लमंपट, तसम दध खध अरु ओऊ ॥
जबो कछस कह्यर कह्यर चसाहत हर, कहह ननरविसारर सबोऊ ।
अब मधरत मन ऐससयघ, षटपद, हबोनम हबोउ सस हबोऊ ॥
तब कत रसास रच्यर विमंद
क साविन, जर पघ जसान हसतबोऊ ।
लहन्हध जबोग कफरत जवि
स नतनन मत, बडध सप
स त तम
स दबोऊ ॥
छसहट गयर मसान परध खर रध असल, हृदघ हसतर विह जबोऊ ।
ससरदसास प्रभस गबोकसल बबसरर‌यर, गचत गचमंतसामनन खरऊ ॥19॥
मधसकर प्रमनत ककयध पनछतसानम ।
हम जसानम ऐसतहह ननबहघ गम, उन कछस औरध ठसानम ॥
विसा मबोहन कद करन पतमजघ, बबोलत मधरस ह बसानम ।
हमकद सलखख जबोग पठसावित, आपस करत रजधसानम ॥
सन
स म सधज ससहसाइ न हरर बबनस, जसागनत रघ नन बबहसानम ।
जब तत गविन ककयर मधसबन कद, नघननन बरषत पसानम ॥
कहहयर जसाइ स्यसाम ससमंदर कद, अमंतरगत कक जसानम ।
सरस दसास प्रभस समसल कघ बबछसरध , तसातस भई हदविसानम ॥20॥
हमसारत हरर हसाररल कक लकरह ।
मनकम विचन नमंद-नमंदन उर, यह दृड करर पकरह ॥
जसागत सबोवित स्विप्न हदविस-ननसस, कसान्ह-कसान्ह जक रह ।
ससनत जबोग लसागत हघ ऐसर, ज्यद करुई ककरह ।
ससतर व्यसागध हमकद लघ आए, दध खम ससनम न करह ।
यह तर ससर ननतहहमं लध सदपर, कजनकध मन चकरह ॥21॥
कहसा हबोत जबो हरर हहत गचत धरर, एक बसार ब्रज आवितध ।
तरसत ब्रज कध लबोग दरस कद, ननरखख ननरखख सख
स पसावितध ॥
मसरलह सब्द ससनसावित सबहहनन, हरतध तन कक पमर ।
मधसरध बचन बबोसल अमत
क मसख, बबरहहननमं दध तध धमर ॥
सब समसल जग गसावित उनकर, हरष मसानन उर आनत ।
नसासत गचन्तसा ब्रज बननतनन कक, जनम ससफल करर जसानत ।
दरस ह दरस सा कर खधल न कबोऊ, खधलत हघ ब्रज महहयसाअँ ।
बसाल दससा लपटसाइ गहत हध , हअँस-हअँसस हमरह बहहमंयसाअँ ॥
हम दसासम बबनस मबोल कक उनकक, हमहहमं जस गचत्त बबससारह ।
इत तस उन हरर रहध अब तर, कसबबजसा भई वपयसारह ॥
हहय मत बसातत समसखझ-समसखझ कघ, लबोचन भरर-भरर आए ।
ससर सनधहह स्यसाम प्रमनत कध, तध अब भए परसाए ॥22॥
मधक
स र आपसन हबोहहमं बबरसानध ।
बसाहर हध त हहतस कहविसावित, भमतर कसाज सयसानध ॥
ज्यद ससक वपमंजर मसाहहमं उचसारत, ज्यद ज्यद कहत बखसानध ।
छसटत हहमं उडड समलघ अपसन कसल, प्रमनत न पल ठहरसानध ॥
जद्यवप मन नहहमं तजत मनबोहर, तद्यवप कपटह जसानध ।
सरस दसास प्रभस करन कसाज कद, मसाखम मधस लपटसानध ॥23॥
हरर तत भलर ससपनत समतसा कर ।
जसाकघ बबरह जतन ए ककन्हध , ससमंधस ककयर बमतसा कर ॥
जसाकघ बबरह जतन ए ककन्हध , ससमंधस ककयर बमतसा कर ॥
लमंकसा जसारर सकल ररपस मसारध , दध ख्यर मसख पसनन तसाकर ।
दत
स हसाथ उन सलखख जस पठसायर, जसान कह्यर गमतसा कर ॥
नतनकर कहसा परध खर ककजघ, कसबबजसा कध ममतसा कर ।
चढघ सधज ससातद ससगध बबसरह, ज्यद पमतसा चमतसा कर ॥
करर अनत ककपसा जबोग सलखख पठयर, दध खख डरसाई तसाकर ।
ससरजदसास प्रमनत कह जसानत, लबोभम नविनमतसा कर ॥24॥
ऊधर कयद बबसरत विह नधह ।
हमरत हृदय आनन नअँदनमंदन, रगच-रगच ककन्हध गधह ॥
एक हदविस गई गसाइ दह
स साविन, विहसाअँ जस बरष्यर मधह ।
सलए उढसाइ कसामरह मबोहन, ननज करर मसानम दध ह ॥
अब हमकद सलखख-सलखख पठवित हत जबोग जसगसनत तसम लधह ।
ससरदसास बबरहहनन कयद जमवित करन सयसानप एहस ॥25॥
ऊधर मन मसानध कक बसात ।
दसाख छसहसारसा छसाअँडड अमत
क -फल, वविषककरसा वविष खसात ॥
ज्यद चकबोर कद दध इ कपसर कबोउ, तकज अमंगसार अघसात ।
मधसप करत घर कबोरर कसाठ मत, बअँधत कमल कध पसात ॥
ज्यद पतमंग हहत जसानन आपनर, दहपक सद लपटसात ।
ससरदसास जसाकर मन जसासद, सबोई तसाहह ससहसात ॥26॥
इहहमं डर बहसरर न गबोकसल आए ।
ससनन रह सखम हमसारह करनम, समसखझ मधसपसरह छसाए ॥
अधरसातक तत उहठ सब बसालक, मबोहहमं टध रतगध आइ ।
मसातस वपतसा मरकद पठवितगध, बनहहमं चरसाविन गसाइ ॥
ससनध भविन आइ ररकसगम, दगध-चबोरत नविनमत ।
पकरर जसबोदसा पघ लघ जघहत, नसाचहस गसाविहस गमत ॥
ग्विसाररनन मबोहहमं बहसरर बसाअँधघगम, कघतवि बचन सन
स साइ ।
विघ दख
स ससर सससमरर मन हह मन, बहसरर सहघ कबो जसाइ ॥27॥
जर कबोउ बबरहहनन कर दख
स जसानघ ।
तर तकज सगसन ससाअँविरह मसरनत, कत उपदध सघ जसानघ ॥
कसमसद चकबोर मसहदत बबधस ननरखत, कहसा करघ लघ भसानघ ।
चसातक सदसा स्विसानत कर सधविक, दखस खत हबोत बबनस पसानघ ॥
भदर, कसरमं ग कसाग कबोइल कद, कवविजन कपट बखसानत ।
ससरदसास जर सरबस दहजघ, कसारघ ककतहह न मसानत ॥28॥
ऊधर सगस ध नसाहहमं यसा तन कक ।
जसाइ कहर तसम ककत हर भसलध, हमऽब भई बन-बन कक ॥
इन बन ढअँस हढ सकल बन ढिसअँढध, बन बधलह मधसबन कक ।
हसारह परहमं बमंद
क साविन ढिसअँढत, ससगध न समलह मबोहन कक ॥
ककए बबचसार उपचसार न लसागत, कहठन बबथसा भइ मन कक ।
सरस दसास कबोउ कहघ स्यसाम सद, सरस नत करत गबोवपनन कक ॥29॥
लररकसाई कक प्रधम कहर असल कघसत छसटत ।
कहसा कहद ब्रजनसाथ चररत, अमंतरगनत लसटत ॥
विह गचतविनन विह चसाल मनबोहर विह मस
स कसानन ममंद-धनस न गसाविनन ।
नटविर-भधष नमंद-नमंदन कर विह वविनबोद, विह बन तत आविनन ॥
चरन कमल कक सदह करनत हद, यह समंदधस मबोहहमं वविष लसागत ।
ससरदसास पल मबोहहमं न बबसरनत, मबोहन मसरनत सबोवित जसागत ॥30॥
उदवि हृदय पररवितर्धन तथसा गबोपम सन्दध श
मत ब्रजबसाससन कक बसलहसारह ।
कजनकध समंग सदसा ककडत हत, श्रम गबोबरधन-धसारह ॥
ककनहसअँ कत घर मसाखन चबोरत, ककनहसअँ कत समंग दसानम ।
ककनहसअँ कत सअँग धधनस चरसावित, हरर कक अकथ कहसानम ॥
ककनहसअँ कत सअँग जमसनसा कघ तट, बशम टध रर सन
स सावित ।
सरस दसास बसल-बसल चरननन कक, यह सख
स मबोहहमं ननत भसावित ॥1॥
हद इन मबोरनन कक बसलहसारह ।
कजनकक ससभग चमंहद्रकसा मसाथत, धरत गबोबरधनधसारह ॥
बसलहसारह विसा बसाअँस-बमंस कक, बमंसम सम ससकसमसारह ।
सदसा रहनत हघ कर जस स्यसाम कत, नघकहसअँ हबोनत न न्यसारह ॥
बसलहसारह विसा गमंसज-जसानत कक, उपजम जगत उज्यसारह ।
ससन्दर हृदय रहत मबोहन कत, कबहसअँ टरत न टसारह ॥
बसलहसारह कसल सघल सरनत कजहहमं, कहत कसलमंद-दल
स सारह ।
ननसस-हदन कसान्ह अमंग आसलमंगन आपसनहसअँ भई कसारह ॥
बसलहसारह विमंद
क साविन भससमहहमं, ससतर भसाग कक ससारह ।
ससरदसास प्रभसन नसाअँगध पसाइनन, हदन प्रनत गघयसा चसारह ॥2॥
हम पर हध त ककयध रहहबर ।
यसा ब्रज कर ब्यरहसार सखसा तसम, हरर सद सब कहहबर ॥
दध खध जसात आपनम अअँखखयन, यसा तन कबो दहहबर ।
तन कक बबथसा कहसा कहद तसमसद, यह हमकद सहहबर ॥
तब न ककयर प्रहसार प्रसाननन कर, कफरर कफरर कयद चहहबर ।
अब न दध ह जरर जसाइ सरस इनन नघननन कर बहहबर ॥3॥
स्विसामम पहहलर प्रधम सअँभसारर ।
ऊधर जसाइ चरन गहह कहहयघ, जम तत हहत न उतसारर ॥
जबो तसम मधसबन रसाज कसाज भए, गबोकसल हम न अधसारर ॥
कमल नयन सबो चघन न दध खर, ननत उहठ गबोधन चसारर ॥
यध ब्रज लबोग मयसा कध सधविक, नतनसद कयद न बबहसारर ।
ससरदसास प्रभस एक बसार समसल, सकल बबरह दख
स टसारर ॥4॥
इतनम बसात असल कहहयर हरर सद, कब लगग यह मन दख
स मत गसारत ।
पथ जबोहत तन कबोककल बरन भइअँ, ननसस न नममंद वपय वपयहहमं पसकसारत ॥
जसा हदन तत बबछसरध नअँद-नमंदन, अनत दख
स दसारुन कयद ननरबसारत ।
ससरदसास प्रभस बबनस यह बबपदसा, कसाकर दरसन दध खख बबससारत ॥5॥
ऊधर जस, कहहयर तसम हरर सद जसाइ, हमसारध हहय कक दरद ।
हदन नहहमं चघन, रघ न नहहमं सबोविनत, पसाविक भई जसन्हसाई सरद ॥
जबतत लघ अकसर गए हत, भई बबरह तन बसाइ छरद ।
कसाम प्रबल जसाकध अनत ऊधर, सबोचत भइ जस पमत हरद ॥
सखसा प्रविमन ननरमं तर हरर कध, तसातत कहनत हत खबोसल परद ।
ध्यसाविनतमं रूप दरस तकज हरर कर, सरस मरस र बबनस हबोनतमं मरस द ॥6॥
ऊधर इक पनतयसा हमरह लहजघ ।
चरन लसागग गबोवविमंद सद कहहयर, सलखर हमसारर दहजघ ॥
हम तर करन रूप गसन आगरर, कजहहमं गसपसाल जस रहझत ।
ननरखत नघन-नमर भरर आए, अरु कमंचसकक पट भमजत ॥
तलफत रहनत ममन चसातक ज्यद,जल बबनस तष
क सा न छछजघ ।
अनत ब्यसाकसल अकसलसानतमं बबरहहनम, ससरनत हमसारह ककजघ ॥
अअँखखयसाअँ खरह ननहसारनतमं मधसबन, हरर-बबनस बबष पमजघ ।
ससरदसास-प्रभस कबहहमं समलतगध, दध खख दध खख मसख जमजघ ॥7॥
हम मनत हहन कहसा कछस जसानत, ब्रजबसाससनम अहहर ।
विघ जस ककसबोर नविल नसागर तन, बहसत भसप कक भमर ॥
बचन कक लसाज ससरनत करर रसाखद, तसम असल इतनर कहहयर ।
भलह भई जबो दत
स पठसायर, इतनर बबोल ननबहहयर ॥
एक बसार तर समलर ककपसा करर, जर अपनर ब्रज जसानर ।
यहघ रहनत समंससार सबनन कक, कहसा रमं क कह रसानर ॥
हम अनसाथ तसम नसाथ गसससाई, कयद, नहहमं सबोई ।
षट ररतस ब्रज पघ आनन पसकसारत, ससरदसास अब कबोई ॥8॥
नमंदनअँदन सद इतनम कहहयर ।
जद्यवप ब्रज अनसाथ करर डसारर‌यर, तद्यवप ससरनत ककयध गचत रहहयर ।
नतनकसा तबोर करहस जनन हम सद, एक बसास कक लसाज ननबहहयर ।
गसन आअँगसननन दबोष नहहमं ककजतस, हम दसाससनन कक इतनम सहहयर ॥
तसम बबनस प्रसान कहसा हम कररहत, यह अविलमंब न ससपनधहस लहहयर ।
सरस दसास पसातम सलखख पठई, जहसाअँ प्रमनत तहअँ ओर ननबहहयर ॥9॥
बबनस गसपसाल बघररनन भई कमंस जघ ।
तब विघ लतसा लगनत तन समतल, अब भई बबषम ज्विसाल कक पसमंज त ॥
विथ
क सा बहनत जमन
स सा, खग बबोलत विथ
क सा कमल-फसलनन असल गमंसज त ।
पविन, पसान, घनससार, सजमविन, दगध-ससत ककरनन भसानस भई भसमंज त ॥
यह ऊधर कहहयर मसाधर सद,मदन मसारर ककन्हहमं हम लसमंज त ।
ससरदसास प्रभस तसम्हरध दरस कद, मग-जबोवित अअँखखयसाअँ भई छसमंजघ ॥10॥
ऊधर इतनम कहहयर बसात ।
मदन गप
स साल बबनसा यसा ब्रज मत, हबोन लगध उतपसात ॥
तन
क सावितर्ध , बक, बकक, अघसाससर , धधनसक कफरर कफरर जसात ।
ब्यबोम, प्रलमंब, कमंस कधसम इत, करत कजअनन कक घसात ॥
कसालह कसाल-रूप हदखखयत हघ , जमन
स सा जलहहमं अन्हसात ।
बरुन फसाअँस फसाअँस्यर चसाहत हघ , ससननयत अनत मसरझसात ॥
इमंद्र आपनध पररहअँस कसारन, बसार-बसार अनखसात ।
गबोपम,गसाइ, गबोप, गबोससत सब, थर थर कसाअँपत गसात ।
अमंचल फसारनत जननन जसबोदसा, पसाग सलयध कर तसात ।
लसागर बधगग गसहसारर सरस प्रभ,स गबोकसल बघररनन घसात ॥11॥
ऊधर इतनम कहहयर जसाइ ।
अनत ककस गसात भई यध तसम बबनस, परम दख
स सारह गसाइ ॥
जल समह
स बरषनतमं दबोउ अअँखखयसाअँ, हसअँकनत लरन्हघ नसाउअँ ।
जहसाअँ जहसाअँ गबो दबोहन ककन्हर, सअँघ
स नत सबोई ठसाउअँ ।
परनत पछसार खसाइ नछन हह नछन, अनत आतसर ह्विघ दहन ।
मसानहस ससर कसाहढ डसारह हत, बसारर मध्य तत ममन ॥12॥
अनत मलहन बष क भसानसकसमसारह ।
हरर स्रम -जल भममंज्यर उर-अमंचल, नतहहमं लसालच न धवि
स साविनत ससारह ॥
अध मसख रहनत अनत नहहमं गचतविनत, ज्यद गथ हसारध थककत जवि
स सारह ।
छसटध गचकसर बदन कसकम्हलसानध, ज्यर नसलनम हहमकर कक मसारह ॥
हरर सअँदधस ससनन सहज मत
क क भइ, इक बबरहहनन , दज
स ध असल जसारह ।
ससरदसास कघसस करर जमवित, ब्रज बननतसा बबन स्यसाम दख
स सारह ॥13॥
ऊधर नतहसारध पसा लसागनत हद , बहसररहसअँ इहहमं ब्रज करबम भसाअँविरह ।
ननसस न नममंद भबोजन नहहमं भसाविघ; गचतवित मग भइ दृकष्ट झसाअँविरह ॥
विहघ विमंद
क साविन, बहघ कसअँज-धन, विहघ जमन
स सा विहघ ससभग ससाअँविरह ।
एक स्यसाम बबनस कछस न भसाविघ, रटनत कफरनतमं ज्यद बकनत बसाविरह ॥
चसल न सकनत मग डसलत धरत -पग, आविनत बघठत उठत तसाअँविरह ।
सरस दसास-प्रभस आनन समलसाविहस,जग मत ककरनत हबोइ रसाविरह ॥14॥
पसणर्ध पररवितर्धन तथसा यशबोदसा समंदधश
अब अनत चककतविमंत मन मधरर ।
आयर हबो ननरगन
स , उपदध सन भयर सगसन कर चधरर ॥
जबो मत जसान कह्यरगमतसा कर, तसमहहमं न परस्यर नघरबो ।
अनत अजसान कछस कहत न आविघ, दत
स भयर हरर कधरर ॥
ननज जन जसानन मसानन जतननन तसम, ककन्हबो नधह घनधरर ।
ससर मधसप उहठ चलध मधसपसरह, बबोरर जबोग कर बधरर ॥1॥
ऊधर पसा लसागनत हद कहहयर, स्यसामहहमं इतनम बसात ।
इतनम दरस बसत कयद बबसरध , अपनध जननम-जसात ॥
जसा हदन तत मधसपसरह ससधसारध , स्यसाम मनबोहर गसात ।
तसा हदन तत मधरध नघन पपमहसा, दरस प्यसास अकसलसात ॥
जहअँ खधलन कध ठरर तसम्हसारध , नमंद दध खख मसरझसात ।
जर कबहसअँ इहठ जसात खररक लद, गसाइ दह
स साविन प्रसात ॥
दह
स त दध खख औरनन कध लररकसा, प्रसान ननकसस नहहमं जसात ।
ससरदसास बहसरर कब दध खद, कबोमल कर दगध-खसात ॥2॥
तब तम
स मधरत कसाहध कद आए ।
मथसरसा कयद न रहध जदन
स मंदन, जर पघ कसान्ह दध विकक जसाए ॥
दध
स , दहह कसाहध कद चबोरर‌यर, कसाहध कद बन बच्छ चरसाए ।
अध अररष्ट, कसालह फनन कसाढ्यर, वविष जलतत सब सखसा कजविसाए ॥
पय पमवित हरध प्रसान पसतनसा, सदसा ककए जससमनत कध भसाए ।
ससरदसास लबोगनन कध भसरए, कसाहत कसान्ह अब हबोत परसाए ॥3॥
मबोहन) अपनम गघयसाअँ घधरर लघ ।
बबडरह जसानतमं कसाहस नहहमं मसाननतमं, नतकस मसरसल कक टध र दघ ॥
धररह, घम
स रर, पमरह, कसाजरर, बन-बन कफरतम पमय ।
अपनम जसानन कघ आनन सअँभसारहसअँ, धरह चधत अब जमय ॥
तसम हर जग जमविनन प्रनतपसालक , ननठसरसाई नहहमं ककजघ ।
ग्विसालऽरु बसाल बच्छ गबो बबलखत, सरस सस दरसन दहजघ ॥4॥
तब तत छछन सरहर ससबसाहस ।
आधर भबोजन ससबल करत हघ , सब ग्विसालनन उर दसाहस ॥
नमंद गबोप वपछविसारध डबोलत, नघननन नमर प्रविसाहस ।
आनअँद समट्यर समटह सब लहलसा, कसाहस मन न उछसाहस ॥
एक बधर बहसरर बज आविहस, दध
स पतख
स म खसाहस ।
ससर सपथ गबोकसल जर पघठहस, उलहट मधसपसरह जसाहस ॥5॥
कहहयर जससमनत कक अअसमस ।
जहसाअँ रहर तहअँ लसाडडलर, जमविर कबोहट बरहस ।
मरस लह दई दबोहनम घत
क भरर , ऊधर धरर लई समस ।
यह तर घत
क उनहह ससरसभनन कर, जध प्यसारह जगदहस ॥
ऊधर चलत सखसा समसल आए , ग्विसाल बसाल दस -दहस ।
अबकत यह ब्रज फधरर बससाविहस, ससरदसास कध ईस ॥6॥
उदवि मथसरसा प्रत्यसागमन तथसा ककष्ण उदवि समंविसाद
ऊधर जब ब्रज पहसअँचध जसाइ ।
तबकक कथसा ककपसा करर कहहयघ, हम ससननहत मन लसाइ ॥
बसाबसा नमंद जसबोदसा मघयसा, समलध करन हहत आइ ?
कबहसअँ सरस सनत करत मसाखन कक, ककधद रहध बबसरसाइ ॥
गबोप सखसा दगध-भसात खसात बन, अरु चसाखतध चखसाइ ।
गऊ बच्च मसरलह ससनन उमडत , अब जस रहत ककहअँ भसाइ ॥
गबोवपन गह
क ब्यविहसार बबससारध , मसख सन्मसख ससख पसाइ ।
पलक ओट ननसम पर अनखसातममं, यह दख
स कहसाअँ समसाइ ॥
एक सखम उनमत जबो रसाधसा, लधनत मनहहमं जस चरस साइ ।
ससर स्यसाम यह बसार-बसार कहह, मनहहमं मन पनछतसाइ ॥1॥
जब मत इहसाअँ तघ जस गयर ।
तब ब्रजरसाज सकल गबोपम जन, आगत हबोइ लयर ॥
उतरध जसाइ नमंद बसाबसा कत, सबहह सबोध लह्यर ।
मधरह सद मबोसद ससाअँचम कहह, मघयसा कहसा कह्यर ?
बसारमं बसार कससल पसछछ मबोहहमं, लघ लघ तसम्हरर नसाम ।
ज्यद जल तष
क सा बढह चसातक गचत, ककष्न-ककष्न बलरसाम ॥
समंद
स र परम बबगचत मनबोहर, यह मरस लह दघ घसालह ।
लई उठसाइ ससख मसानन ससर प्रभस, प्रमनत आनन उर ससालह ॥2॥
ससननयघ ब्रज कक दससा गसससाई ।
रथ कक धज
स सा पमत-पट भष
स न , दध खत हह उहठ धसाई ॥
जबो तसम कहह जबोग कक बसातत, सबो हम सबघ बतसाई ।
श्रविन मअँहस द गसन-कमर्ध तसम्हसारध , प्रधम मगन मन गसाई ॥
औरर कछस सअँदधस सखम इक, कहत दरस र लद आई ।
हसतर कछस हमहसअँ सद नसातर, ननपट कहसा बबसरसाई ॥
सरस दसास प्रभस बन वविनबोद करर, जध तम
स गसाइ चरसाई ।
तध गसाइ अब ग्विसाल न घधरत , मसानर भई परसाई ॥3॥
ब्रज कध बबरहह लबोग दख
स सारध ।
बबन गबोपसाल ठगध सध ठसाढघ , अनत दब
स ल
र्ध तन कसारध ॥
नमंद, जसबोदसा मसारग जबोविनत , ननसस-हदन ससाअँझ, सकसारध ।
चहसअँ-हदसस कसान्ह-कसान्ह कहह टध रत, अअँससविन बहत पनसारध ।
गबोपम, ग्विसाल, गसाइ, गबो ससत सब, अनतहहमं दहन बबचसारध ।
ससरदसास-प्रभस बबनस यद दध खखयत, चमंद बबनसा ज्यद तसारध ॥4॥
सन
स हस स्यसाम विघ सब ब्रज-बननतसा बबरह तम्
स हसारत भई बसाविरह ।
नसाहहमं बसात और कहह आविनत , छसाअँडड जहसाअँ लगग कथसा रसाविरह ।
कबहसअँ कहनतमं हरर मसाखन खसायर, करन बसघ यसा कहठन गसाअँवि रह ।
कबहसअँ कहनतमं हरर ऊखल बसाअँधध, घर-घर तध लघ चलर दसाअँविरह ॥
कबहसअँ कहनतमं ब्रजनसाथ बन गए, जबोवित-मग भई दृकष्ट झसाअँविरह ।
कबहसअँ कहनतमं विसा मरस लह महहयसाअँ लघ-लघ बबोलत हमरर नसावि रह ॥
कबहसअँ कहनतमं ब्रजनसाथ ससाथ तत, चमंद उयर हघ इहघ ठसाअँवि रह ।
ससरदसास प्रभस तसम्हरध दरस बबनस, बविह मसरनत भई ससाअँविरह ॥5॥
कफरर ब्रज बसर नमंदकसमसार ।
हरर नतहसारध बबरह रसाधसा,भई तन जरर छसार ॥
बबन अभष
स न मत जस दध खम, परह हघ बबकरसार ।
एकई रट रटत भसासमनन, पमवि पमवि पसकसार ॥
सजल लबोचन चसअत उनकध, बहनत जमन
स सा धसार ।
बबरह अगगनन प्रचमंड उनकघ, जरध हसाथ लह
स सार ॥
दस
स रह गनत और नसाहहमं, रटनत बसारमं बसार ।
ससर प्रभस कर नसाम उनकत , लकसट अमंध अधसार ॥6॥
ब्रज तत द्विघ ररतस पघ न गई ।
गमषम अरु पसाविस प्रविमन हरर, तसम बबनस अगधक भई ॥
ऊधर्ध उससास सममर नघन घन, सब जल जबोग जरस ध ।
बरवष प्रगट-ककन्हध दख
स दसादरस , हसतध जबो दरस र दरस ध ॥
वविषम ववियबोग जस विष
क हदनकर सम, हहय अनत उदर करघ ।
हरर-पद बबमख
स भए सनस न सरस ज, कबो तन तसाप हरघ ॥7॥
हदन दस घरष चलहस गबोपसाल ।
गसाइनन कक अविसधरर समटसाविहस, समलहस आपनध ग्विसाल ॥
नसाचत नहहमं मबोर तसा हदन तत, रटत न बरषसा-कसाल ।
मग
क दब
स रध दरसन बबनस, ससनत न बधनस रससाल ॥
बमंद
क साविन हरर‌यर हबोत न भसावित , दध ख्यर स्यसाम तमसाल ।
ससरदसास मघयसा अनसाथ हघ , घर चसलयघ नअँदलसाल ॥8॥
ऊधर भलबो जसान समसझसायर ।
तम
स मबोसद अब कहसा कहत हद, मत कहह कहसा पठसायर ॥
कहविसावित हर बडध चतसर पघ, उहसाअँ न कछस कहह आयर ।
ससरदसास ब्रजविसाससन कर हहत, हरर हहय मसाअँह दरस सायर ॥9॥
मघ समसझसाई अनत अपनर सर ।
तदवप उन्हत परतमनत न उपजम, सबघ लख्यर सपनर सर ॥
कहह तम्
स हसारह सबघ कहह मत, और कहह कछस अपनम ।
स्रविननन बचन ससनत भइ उनकत , ज्यद घत
क नसाऐऐ अगनम ॥
कबोऊ कहर बनसाइ पचसासक, उनकक बसात जस एक ।
धन्य-धन्य ब्रजनसारर बसापसरह, कजनकर और न टध क ॥
दध खत उमग्यर प्रधम इहसाअँ कर, धरघ रहध सब ऊलर ।
ससर स्यसाम हद रह्यर थकयर सर, ज्यद मग
क चरकसा भसलर ॥10॥
बसातस ससनहस तर स्यसाम सन
स साऊअँ ।
जसबनतनन सद कहह कथसा जबोग कक, कयद न इतर दख
स पसाऊअँ ॥
हद पगच एक कहद ननरगसन कक, तसाहस मत अटकसाऊअँ ।
विघ उमडत बसाररगध कध जल ज्यद, कयद हसअँ थसाह न पसाऊअँ ॥
करन करन कर उत्तर दहजघ, तसातध भज्यर अगसाऊअँ ।
विघ मधरध ससर पहटयसा पसारत, कथसा कसाहह उढसाऊअँ ॥
एक आअँधरर, हहय कक फसटह, दररत पहहरर खरसाऊअँ ।
सरस सकल षट दरसन विघ, हद बसारइखरह पढसाऊअँ ॥11॥
कहहबध मत न कछस सक रसाखम ।
बसवद बबबधक अनसमसान आपनत, मसख आई सबो भसाषम ॥
हद मरर एक कहद पहरक मत, विघ पल मसाहहमं अनधक ।
हसारर मसानन उहठ चल्यर दहन ह्विघ, छसाअँडड आपनम टध क ॥
हद पठयबो कतहहमं बधकसाजघ सठ मरस ख जस अयसानर ।
तसमहहमं बसझ बहसतघ बसातनन कक, उहसाअँ जसाहस तर जसानद ॥
श्रम मसख कध ससखसाए गमंथसाहदक, तध सब भए कहसानम ।
एक हबोइ तर उत्तर दहजघ, सरस सस मठछ उफसानम ॥12॥
कबोऊ ससनत न बसात हमसारह ।
मसानत कहसा जबोग जसादविपनत, प्रगट प्रधम ब्रजनसारह ॥
कबोऊ कहनतमं हरर गए कमंस ज बन, सघन धसाम विघ दध त ।
कबोऊ कहनतमं हरर गए कमंस ज बन, सघन धसाम विघ दध त ।
कबोऊ कहनतमं इमंद्र बरषसा तकक, गगरर गबोबधर्धन लधत ॥
कबोउ कहनतमं नसाग कसालह ससनन, हरर गए जमन
स सा तमर ।
कबोऊ कहनतमं अघसाससर मसारन, गए समंग बलबमर ॥
कबोऊ कहत ग्विसाल बसालनन सअँग, खधलत बनहहमं सलकसानध ।
ससर सससमरर गसन णसाथ तसम्हसारध , कबोऊ कह्यबो न मसानध ॥13॥
मसाधर जस कहसा कहद उनकक गनत ।
दध खत बनघ कहत नहहमं आविघ, अनत प्रतमनत तसम तत रनत ॥
जद्यवप हद षट मसास रह्यर हढिग, लहह नहहमं उनकक मनत ।
तसासद कहद सबघ एकघ बसगध, परमबोघर नहहमं मसाननत ॥
तसम ककपसाल करुनसामय कहहयत, तसातत समलत कहसा छनत ।
ससरदसास प्रभस सबोई ककजघ जसातत तसम पसाविहस पनत ॥14॥
ब्रज मघ एकघ धरम रह्यर ।
स्रसनत ससमनक त और बधद पसरसाननन, सबघ गबोवविन्द कह्यर ।
बसालक बद
क तरुन अबलनन कर, एक प्रधम ननबह्यर ।
ससरदसास प्रभस छसाडड जमसन जल, हरर कक सरन गह्यर ॥15॥
तब तत इन सबहहनन सचस पसायर ॥
जब तत हरर सअँदधस तम्
स हसारर, सन
स त तसाअँविरर आयर ॥
फसलध ब्यसाल दरस ध तध प्रगटध , पविन पधट भरर खसायर ॥
खबोलध मग
क नन चरक चरननन कध, हसतर जस कजय बबसरसायर ॥
ऊअँचध बघहठ बबहग सभसा मत, सक
स बनरसाइ कहसायर ॥
ककलकक-ककलकक कसल सहहत आपनत, कबोककल ममंगल गसायर ॥
ननकसस कमंदरसाहस तत कधहरर, पअँसछ मसड पर ल्यसायर ॥
गहविर तत गजरसाज आइकघ, अअँगहहमं गविर्ध बढसायर ॥
अब जनन गहरु करहस हबो मबोहन, जबो चसाहत हर ज्यसायर ।
सरस बहसरर ह्विघ हघ रसाधसा कद, सब बघररनन कर भसायर ॥16॥
मसाधबो जस मत अनतहह सचस पसायर ।
अपनबो जसानत सअँदधस ब्यसाज करर, ब्रज जन समलन पठसायर ॥
छमसाकरर तर करद बमनतम, उनहहमं दध खख जर आयर ।
श्रममसख ग्यसान पथ जर उचरर‌यर, सबो पघ कछस न ससहसायर ॥
सकल ननगम ससदसामंत जन्म कम, स्यसामसा सहज सन
स सायर ।
नहहमं स्रसनत, सधष, महध स प्रजसापनत, जबो रस गबोवपन गसायबो ॥
कटसक कथसा लसागम मबोहहमं मधरह, विह रस ससमंधस उम्हसायर ।
उत तसम दध खध और भसाअँनत मत, सकल तष
क सा जस बसझसायर ॥
तसम)हरर अकत कथसा तसम जसानर, हम जन नसाहहमं बससायबो ।
सरस स्यसाम समंद
स र यह सनस न कघ, नघननन नमर बहसायर ॥17॥
ब्रज मत समंभ्रम मबोहहमं भयर ।
तसम्हरर जसान समंदधसर प्रभस जस, सब जस भससल गयर ॥
तम
स हहमं सद बसालक ककसबोर बपस, मत घर-घर प्रनत दध ख्यर ।
मसरलहधर घन स्यसाम मनबोहर, अदत
स नटविर पधख्यर ॥
करतसक रूप ग्विसाल बमंद
क नन सअँग, गसाइ चरसाविन जसात ।
ससाअँझ प्रभसातहहमं गर दबोहन समस, चबोरह मसाखन खसात ॥
नअँद-नमंदन अनधक लहलसा करर, गबोवपनन गचत्त चसरसावित ।
विह सख
स दध खख जस नघन हमसारध , ब्रह्म न दध ख्यर भसावित ॥
करर करुनसा उन दरसन दहन्हद, मत पगच जबोग बह्यर ।
छन मसानहस षट्मसास ससर प्रभस, दध खत भससल रह्यर ॥18॥
ब्रज मत एक अचमंभर दध ख्यर ।
मबोर मसकसट पमतसामंबर धसारध , तसम गसाइनन सअँग पधख्यर ॥
गबोप बसाल सअँग धसावित तसम्हसारस , तसम घर घर प्रनत जसात ।
दध
स दहहऽरु महहमं लघ ढरत, चबोरह मसाखन खसात ॥
गबोपम सब समसल पकरनतमं तसमकर, तसम छसडसाइ कर भसागत ।
सरस स्यसाम ननत प्रनत यह लहलसा, दध खख दध खख मन लसागत ॥19॥
श्रमककष्ण विचन
ससनन ऊधर मबोहहमं नघकस न बबसरत विघ ब्रजविसासम लबोग ।
तम
स उनकर कछस भलह न ककन्हह, ननसस हदनहदयर ववियबोग ॥
जउ विससदधवि-दध विकक मथसरसा, सकल रसाज-ससख भबोग ।
तदवप मनहहमं बसत बमंसम बट, बन जमसनसा समंजबोग ॥
विघ उत रहत प्रधम अविलमंबन, इत तत पठयर जबोग ।
ससर उससाअँस छसाअँडम भरर लबोचन, बढ्यर बबरह ज्विर सबोग ॥1॥
ऊधर मदहह ब्रज बबसरत नसाहहमं ।
बमंद
क साविन गबोकसल बन उपविन, सघन कमंस ज कक छसाहहमं ॥
प्रसात समय मसातसा जससमनत अरु, नमंद दध खख ससख पसावित ।
मसाखन रबोटह दह्यर सजसायर, अनत हहत ससाथ खससावित ॥
गबोपम ग्विसाल बसाल सअँग खधलत, सब हदन हअँसत ससरसात ।
ससरदसास धनन-धनन ब्रजबसासम, कजनसद हहत जद-स तसात ॥2॥
ऊधर मबोहहमं ब्रज बबसरत नसाहहमं ।
हमं स ससतसा कक ससमंदर कगरह, अरु कमंस जनन कक छसाअँहह ॥
विघ सरस भम विघ बच्छ दबोहनम, खररक दह
स साविन जसाहहमं ।
ग्विसाल-बसाल समसल करत कसलसाहल, नसाचत गहह गहह बसाहहमं ॥
यह मथसरसा कमंचन कक नगरह, मनन-मसकतसाहल जसाहहमं ।
जबहहमं ससरनत आविनत विसा ससख कक, कजय उमगत तन नसाहहमं ॥
अनगन भसाअँनत करह बहस लहलसा, जससदसा नमंद ननबसाहहमं ।
सरस दसास प्रभस रहध मरन ह्विघ, यह कहह कहह पनछतसाहह ॥3॥
जबो जन ऊधर मबोहहमं न बबससारत, नतहहमं न बबससारद एक घरह ।
मधटद जनम जनम कध समंकट, रसाखद ससख आनमंद भरह ॥
जबो मबोहहमं भजघ भजद मत तसाकर, यह पररसमनत मधरध पसाइअँ परह ।
सदसा सहसाइ करत विसा जन कक, गसप्त हसतम सबो प्रगट करह ॥
ज्यर भसारत भरुहह कध अमंडसा, रसाखध गज कध घमंट तरह ।
ससरदसास तसाहह डर कसाकर, ननसस बसासर जर जपत हरह ॥4॥
द्विसाररकसा चररत
द्विसाररकसा प्रमसाण
बसार सत्तरह जरसासमंध, मथसरसा चहढ आयर ।
गयबो सबो सब हदन हसारर, जसात घर बहसत लजसायर ॥
तब खखस्यसाइ कघ कसालजविन, अपनत सअँग ल्यसायर ।
हरर जस ककयर बबचसार, ससमंधस तट नगर बससायर ॥
उगसधन सब लघ कसटसमंब, तसा ठरर ससधसायर ।
अमर पसरह तत अगधक, तहसाअँ ससख लबोगनन पसायर ॥
कसालजविन मसचसकमंस दहहमं सद, हरर भसम करसायर ।
बहसरर आइ भरमसाइ, अचल ररपस तसाहह जरसायर ॥
जरसाससमंधस हस ह्विसाअँ तत पसनन, ननज दध स ससधसायर ।
गए द्विसाररकसा स्यसाम रसाम, जस ससरज गसायर ॥1॥
रुककमणम पररणय
हरर हरर हरर सससमरन करर । हरर चरनसारबबमंद उर धरर ॥
हरर ससस मरन जब रुकसमनन कयर । हरर करर ककपसा तसाहह तब बयर ॥
कहद सबो कथसा सन
स र गचत लसाइ । कहघ ससनघ सबो रहघ ससख पसाइ ॥
कमंस डडनपसर कबो भमषम रसाइ । बबश्नस भककत कर नतहहमं गचत्त चसाइ ॥
रुकम आहद तसाकध सत
स पसाअँच, रुकसमनन पसतम हरर रअँ ग रसाअँच ॥
नप
क नत रुकम सक कह्यर बनसाइ । कसअँविरर जबोग बर श्रम जदरस साइ ।
।रुकम ररससाइ वपतसा सद कह्यर । जदप
स नत ब्रज जबो गचरत मह्यर ॥
रुकमनन कद ससससपसालहह दहजघ । करर वविविसाह जग मत जस लहजघ ॥
यह ससनन नप
क नसारह सद कह्यर । ससनन तसाकद अमंतरगत दह्यर ॥
रुकम चअँदधरह बबप्र पठसायर । ब्यसाह कसाज सससप
स साल बसलसायर ॥
सबो बसारसात जबोरर तहअँ आयर । श्रम रुकसमनन कध मन नहहमं भसायर
कह्यर मधरध पनत श्रम भगविसान । उनहहमं बरद कघ तजर परसान ॥
यह ननहचघ करर पतम सलखम । बबोल्यर बबप्र सहज इक सखम ॥
पसातम दघ कह्यर बचन बसाम । ससर जपनत ननसस हदन तसवि नसाम ॥
भमषण ससतसा रुकसमनम बसाम । ससर जपनत ननसस हदन तसवि नसाम ॥1॥
द्वविज पसातम दघ कहहयर स्यसामहहमं ।
कमंस डडनपसर कक कसअँविरर रुकमनन, जपनत तसम्हसारध नसामहहमं ॥
पसालसागद तम
स जसाहस द्विसाररकसा, नमंद-नमंदनकध धसामहहमं ।
कमंचन, चमर-पटमं बर दध हद, कर कमंकन जस इनसामहहमं ॥
यह ससससपसाल अससगच अजसानम, हरत परसाई बसामहहमं ।
ससर स्यसाम प्रभस तसम्हरर भरबोसर, लसाज करर ककन नसामहहमं ॥2॥
द्वविज कहहयर जदप
स नत सद बसात बधद बबरुद हबोत
कमंस डडनपसर, हमं स कध अमंस कसाग ननयरसात ॥
जनन हमरध अपरसाध बबचसारहस, कन्यसा सलख्यर मधहट गसरु तसात ।
तन आत्मसा समरप्यर तसमकद, उपकज परह तसातत यह बसात ॥
ककपसा करहस उहठ बधगग चढहस रथ, लगध समघ आविहस परभसात ।
ककष्न ससमंह बसल धरह तम्
स हसारह, लघबघ कद जमंबसक अकसलसात ॥
तसातत मत द्वविज बधगग पठसायर, नधम धरम मरजसादसा जसात ।
ससरदसास ससससपसाल पसानन गहघ , पसाविक रचद करद आघसात ॥3॥
सन
स त हरर रुकसमनन कर समंदधस ।
चहढ रथ चलघ बबप्र कद सअँग लघ, ककयर न गधह प्रविधस ॥
बसारमं बसार बबप्र कक पसछत, कसअँविरर बचन सबो ससनसावित ।
दहनबमंधस करुनसा ननधसान ससनन, नघन नमर भरर आवित ॥
कह्यर हलधर सद आविहस दल लघ, मत पहसअँचत हद धसाइ ।
सरस ज प्रभस कमंस डडनपसर आए, बबप्र सबो जसाइ सन
स साइ ॥4॥
रुककमनन दध विम-ममंहदर आई ।
धसप दहप पसजसा-ससामगम, अलह समंग सब ल्यसाई ॥
रखविसारह कद बहसत महसाभट, दहन्हध रुकम पठसाई ।
तध सब ससाविधसान भए चहसअँ हदसस, पमंछछ तहसाअँ न जसाई ॥
कसअँविरर पसकज गररह बबनतम करह, विर दध उ जसादविरसाई ।
मत पसजसा ककन्हह इहहमं कसारन, गररह ससनन मससकसाई ॥
पसाइ प्रससाद अमंबबकसा-ममंहदर, रुकसमनन बसाहर आई ।
सभ
स ट दध खख समंद
स रतसा मबोहध , धरनन गगरध मरस झसाई ॥
इहहमं अमंतर जसादरपनत आए, रुकसमनन रथ बघठसाई ।
ससरज प्रभस पहसअँचध दल अपनत, तब ससभटनन ससगध पसाई ॥5॥
आविहस रह समसल ममंगल गसाविहस ।
हरर रुकसमनम सलए आवित हत, यह आनअँद जदक
स स लहहमं ससनसाविहस ॥
बसाअँधहस बमंदनविसार मनबोहर, कनक कलस भरर नमर धरसाविहस ।
दगध अच्छत फल फसल परम रुगच, आअँगन चमंदन चरक पसरविसाहस ॥
कदलह जसथ अनसप ककसल दल, ससरअँग ससमन लघ ममंडल छसाविहस ।
हरद दब
स कधसर मग नछरकहस; भधरह मद
क मं ग ननससान बजसाविहस ॥
जरसासमंध ससससपसाल नप
क नत तत , जमतध हत उहठ अरघ चढसाविहस ।
बल समधत तन कससल ससर प्रभस, आए हत आरतम बनसाविहस ॥6॥
बलभद्र ब्रज यसातसा
श्यसाम रसाम कध गसन ननत गसाऊअँ । स्यसाम रसाम हह सद गचत लसाऊअँ ॥
एक बसार हरर ननज पसर छसाए । हलधर जम विमंद
क साबन गए
रथ दध खत लबोगनन ससख पसाए । जसान्यर स्यसाम रसाम दबोउ आए ।
नमंद जसबोमनत जब ससगध पसाई । दध ह गधह कक ससरनत भसलसाई ॥
आगत ह्विघ लघबघ कर धसाए । हलधर दररर चरन लपटसाए ॥
बल कर हहत करर करस लगसाए । दघ असमस बबोलध यसा भसाए ॥
तसम तर बलह करह बलरसाम । कहसाअँ रहध मन मबोहन स्यसाम ॥
दध खर कसान्हर कक ननठसरसाई । कबहसअँ पसातम हस न पठसाई ॥
आपस जसाइ ह्विसाअँ रसाजसा भए । हमकद बबछसरर बहसत दख
स दए ॥
कहर कबहसअँ हमरह सगस ध करत । हम तर उन बबनस कहस दख
स भरत ॥
कहसा करत ह्विसाअँ कबोउ न जसात । उन बबनस पल पल जसग सम जसात ।
इहहमं अमंतर आए सब ग्विसार । भस टध सबनन जथसा ब्यरहसार ॥
नमस्कसार कसाहसअँ कर ककयर । कसाहस कद अमंकम भरर सलयर ॥
पसनन गरपम जसरर समसल सब आई । नतन हहत ससाथ असमस ससनसाई ॥
हरर सगस ध करर बसगध बबसरसाई । नतनकर प्रधम कह्यर नहहमं जसाई ॥
कबोउ कहघ हरर ब्यसाहहमं बहस नसार । नतनकर बड्यर बहसत पररविसार ॥
उनकद यह हम दस नत असमस । ससख सद जमवित कबोहट बरहस ॥
करउ कहघ हरर नसाहहमं हम चमन्हह । बबनस चमन्हत उनकद मन दहन्हर ॥
ननसस हदन रबोवित हमत बबछबोइ । कहर करत अब कहसा उपसाइ ॥
कबोउ कहघ इहसाअँ चरसावित गसाइ । रसाजसा भए द्विसाररकसा जसाइ ॥
कसाहध कद विघ आवित इहसाअँ । भबोग बबलसास करत ननत उहसाअँ ॥
कबोऊ कहघ हरर ररपस छघ ककए । अरु समतनन कक बहस ससख हदए ॥
बबरह हमसारर कहअँ रहह गयर । कजन हमकर अनत हहमं दख
स दयर ॥
कबोउ कहघ जध हरर कक रसानम । करन भसाअँनत हरर कद पनतयसानम ॥
कबोऊ चतसर नसारर जबो हबोइ । करघ नहहमं पनतआरर सबोइ ॥
कबोउ कहध हम तम
स कत पनतयसाई । उनकस हहत कसल लसाज गविसाई ॥
हरर कछस ऐसर टबोनसा जसानत । सबकद मन अपनत बस आनत ॥
कबोउ कहघ हरर हम बबसरसाई । कहसाअँ कहत कछस कह्यर न जसाई ॥
हररकद सससमरर नयन जल ढिसारत । नतकस नहहमं मन धमरज धसारत ॥
यह ससनन हलधर धमरज धसारर । कह्यर आइहत हरर ननरधसारर ॥
जब बल यह समंदधस सन
स सायर । तब कछस इक मन धमरज आयर ॥
बल तहअँ बहसरर रहध द्विघ मसास । ब्रज बसाससनन सद करत बबलसास ॥
सब सद समसल पसनन ननजपसर आए । ससरदसास हरर कध गसन गसाए ॥1॥
सद
स सामसा चररत
कमंत ससधसारह मधसससदन पघ ससननयत हत विध ममत तसम्हसारध ।
बसाल सखसा अरु बबपनत बबभमंजन, समंकट हरन मसकमंस द मरस सारध ॥
और जस अतससय प्रमनत दध खखयघ, ननज तन मन कक प्रमनत बबससारध ।
सरबस रहखझ दध त भकतनन खद, रमं क नप
क नत कसाहसअँ न बबचसारध ॥
जद्यवप तम
स समंतबोष भजत हर, दरसन सख
स तत हबोत जस न्यसारध ।
ससरदसास प्रभस समलध ससदसामसा, सब ससख दघ पसनन अटल न टसारध ॥1॥
ससदसामसा सबोचत पमंथ चलध ।
कघसध करर समसलहत मबोहहमं श्रमपनत, भए तब सगसन भलध ॥
पहसअँच्यर जसाइ रसाजद्विसारध पर, कसाहसअँ नहहमं अटकसायर ।
इत उत गचतघ धस्यर ममंहदर मत, हरर कर दरसन पसायर ।
मन मत अनत आनमंद ककयर हरर, बसाल-ममत पहहचसान ।
धसाए समलन नगन पग आतसर, ससरजप्रभस भगविसान ॥2॥
दरस रहहमं तत दध ख्यर बलविमर ।
अपनध बसालसखसा जस ससदसामसा, मसलन बसन अरु छछन सरहर ॥
परढध हध परजमंक परम रुगच ,रुकसमनन चघरर डसलसाविनत तमर ।
उहठ अकसलसाइ अगमनध लहन्हस , समलत नघन भरर आए नमर ॥
ननज आसन बघठसारर स्यसाम-धन, पसछछ कससल कह्यर मनत धमर ।
ल्यसाए हर सस दध हस ककन हमकद, कहसा दरस साविन लसागघ चमर ॥
दरस परस हम भए सभसाग, रहह न मन मत एकहस पमर ।
ससर ससमनत तमंदल
स चसाबत हह, कर पकयर कमलसा भई धमर ॥3॥
ऐसम प्रमनत कक बसल जसाउअँ ॥
ससमंहसासन तकज चलध समलन कद, ससनत ससदसामसा नसाउअँ ॥
कर जबोरध हरर बबप्र जसानन कघ, हहत करर चरन पखसारध ।
अमंकमसाल दघ समलध ससदसामसा , अधसार्धसन बघठसारध ॥
अधरगम पसछनत मबोहन सद, कघसध हहतस तसम्हसारध ।
तन अनत छछन मलहन दध खखयत, पसाउअँ कहसाअँ तत धसारध ॥
समंदहपन कत हमऽरु ससदसामसा, पढध एक चटससार ।
ससर स्यसाम कक करन चलसाविघ, भकतनन ककपसा अपसार ॥4॥
गसरु-गह
क हम जब बन कद जसात ।
जबोरत हमरध बदलत लकरह, सहह सब दख
स ननज गसात ॥
एक हदविस बरषसा भई बन मत, रहह गए तसाहहमं ठरर ।
इनकक ककपसा भयर नहहमं मबोहहमं श्रम, गसरु आए भऐमं भबोर ॥
सबो हदन मबोहहमं बबसरत न ससदसामसा, जबो ककन्हर उपकसार ।
प्रनत उपकसार कहसा करद सरस ज, भसाषत आप मरस सार ॥5॥
ससदसामसा गह
क कद गमन ककयर ।
प्रगट बबप्र कद कछस न जनसायर, मन मत बहसत हदयर ॥
विधई चमर कसचमल विहघ बबगध, मबोकद कहसा भयर ।
धररहद कहसा जसाय नतय आगत, भरर भरर लधत हहयर ॥
सबो समंतबोष मसानन मन हहमं मन, आदर बहसत सलयर ।
ससरदसास ककन्हध करनम बबनस, कबो पनतयसाइ बबयर ॥6॥
ससदसामसा ममंहदर दध खख डयर ।
इहसाअँ हसतम मधरह तनक मडघयसा, कबो नप
क आनन छयर ॥
समस धसनघ दबोऊ कर मममंड,घ अमंतर सबोच पयर ।
ठसाढह नतयसा जस मसारग जबोविघ, ऊअँचत चरन धयर ॥
तबोहहमं आदयर बतभसविन कर नसायक, अब कयक जसात कफयर ।
ससरदसास प्रभस कक यह लहलसा, दसाररद ददुःस ख हयर ॥7॥
हद कफरर बहसरर द्विसाररकसा आयर ।
समसखझ न परह मबोहहमं मसारग कक, कबोउ बसझर न बतसायबो ।
कहहहत स्यसाम सत इन छसाअँडयर, उतर रसाअँक ललचसायर ।
तन
क कक छसाअँह समटह ननगध मसाअँगत , करन दख
स नन सद छसायर ॥
ससागर नहहमं सममप कसमनत कत, बबगध कह अमंत भ्रमसायर ।
गचतवित गचत्त बबचसारत मधरह, मन सपनत डर छसायर ॥
ससरतरु, दसासम,दसास, अस्वि, गज, बबभर बबनबोद बनसायर ।
ससरज प्रभस नअँद-ससविन समत ह्विघ, भकतनन लसाड लडसायर ॥8॥
कहसा भयर मधरबो गह
क मसाटह कर ।
हद तबो गयर गसपसालहहमं भस टन, और खरच तमंदल
स गसाअँठछ कर ॥
बबनस गमविसा कल ससभग न आन्यर, हसतर कममंडल दृढ कसाठछ कर ।
घसनर बसाअँस जसत बसनबो खटबोलसा, कसाहस कर पलअँ ग कनक पसाटह कर ॥
नसतन छछरबोदक जसवितम पघ, भसषन हसतर न लबोहह मसाटह कर ।
सरस दसास प्रभस कहसा ननहबोरर, मसानत रमं क तसास टसाटह कर ॥9॥
भसलर द्वविज दध खत अपनर घर ।
औरहहमं भसाअँनत रचर रचनसा रुगच , दध खतहह उपज्यर हहरदघ डर ॥
कघ विह ठरर छसडसाइ सलयर ककहसअँ, कबोऊ आइ बस्यर समरथ नर ।
कघ हद भससल अनतहहमं आयर, यह कघलसास जहसाअँ ससननयत हर ॥
बसध-जन कहत द्रब
स ल घसातक वविगध, सबो हम आजस लहह यसा पटतर
। ज्यद ननसलनम बन छसाअँडड बसघ जल, दसाहघ हध म जहसाअँ पसानम-सर ॥
पसाछघ तत नतय उतरर कह्यर पनत, चसलए द्विसार गह्यर कर सद कर ।
सरस दसास यह सब हहत हरर कबो, द्विसारत, आइ भयर जस कलपतर ॥10॥
कघसत समलध वपय स्यसाम सअँघसातम ।
कहहयघ कत करन बबगध परसध, बसन कसचमल छछन अनत गसातम ॥
उहठकघ दररर अमंक भरर लहन्हर, समसल पसछछ इत-उत कससलसातम ।
पटतत छबोरर सलए कर तमंदल
स , हरर सममप रुकसमनम जहसाअँ तम ॥
दध खख सकल नतय स्यसाम-समंद
स र गन
स , पट दघ ओट सबघ मस
स कयसातममं ।
ससरदसास प्रभस नविननगध दहन्हह, दध तध और जबो नतय न ररससातममं ॥11॥
हरर बबनस करन दररद्र हरघ ।
कहत सद
स सामसा सनस न समंद
स रर, हरर समलन न मन बबसरघ ॥
और समत ऐसम गनत दध खत, कबो पहहचसान करघ ।
पनत परत कससलसात न बसझघ, बसात नहहमं बबचरघ ॥
उहठ भस टध हरर तमंदल
स लहन्हस मबोहहमं न बचन फसरघ
ससरदसास लनछ दई ककपसा करर, टसारह ननगध न टरघ ॥12॥
ब्रजनसारह पगथक समंविसाद
तब तत बहसरर न कबोऊ आयर ।
विहघ जस एक बधर ऊधर सद, कछस समंदधसर पसायर ॥
नछन नछन सरस नत करत जदप
स नत कक, परत न मन समझ
स सायर ।
गबोकसलनसाथ हमसारत हहत लगग, सलखख हस कयद न पठसायर ॥
यहघ वविचसार करद धद सजनम, इतम गहरु कयद लसायर ।
ससर स्यसाम अब बधगग न समलहस, मधघनन अमंबर छसायर ॥1॥
बहसरर हबो ब्रज बसात न चसालह ।
विहघ सस एक बधर ऊधर कर, कमल नयन पसातम दघ घसालह ॥
पगथक नतहसारध पसा लसागनत हद, मथसरसा जसाहस जहसाअँ बनमसालह ।
कहहयर प्रगट पसकसारर द्विसार ह्विघ, कसासलमंदह कफरर आयर कसालह ॥
तब विह ककपसा हसतम नअँदनमंदन , रुगच रुगच रससक प्रमनत प्रनतपसालह ।
मसाअँगत कसससम दध खख ऊअँचध द्रम
स , लधत उछमं ग गबोद करर आलह ॥
जब विह ससरनत हबोनत उर अमंतर, लसागनत कसाम बसान कक भसालह ।
ससरदसास प्रभस प्रमनत पसरसातन , सससमरत दस
स ह, ससल उर ससालह ॥2॥
तसम्हरध दध स कसागद मसस खसटह ।
भख
स प्यसास अरु नममंद गई सब, बबरह लयर तन लट
स ह॥
दसादरस मबोर पपमहसा बबोलध, अविगध भई सब झसठछ ।
पसाछत आइ तसम कहसा कररगध, जब तन जघहघ छसटह ॥
रसाधसा कहनत सअँदधस स्यसाम सद, भई प्रमनत कक टसहट ।
ससरदसास प्रभस तसम्हरध समलन बबनस, सखम करनत हत कसहट ॥3॥
पगथक कह्यर ब्रज जसाइ, सन
स ध हरर जसात ससमंधस तट ।
ससनन सब अमंग भए ससगथल, गयर नहहमं बज हहयर फट ॥
नर नसारह घर-घरनन सबघ यह करनतमं बबचसारसा ।
समसलहत कघसम भसाअँनत हमत अब नमंद कसमसारसा ॥
ननकट बसत हसतम आस ककयर अब दरस र पयसानसा ।
बबनसा ककपसा भगविसान उपसाइ न सरस ज आनसा ॥4॥
नघनसा भए अनसाथ हमसारध ।
मदनगसपसाल उहसाअँ तत सजनम, ससननयत दरस र ससधसारध ॥
विघ समद्र
स हम ममन बसापसरह, कघसध जमवित न्यसारध ।
हम चसातक विध जलद स्यसाम-घन, वपयनतमं ससधसा-रस प्यसारध ॥
मथसरसा बसत आस दरसन कक, जबोइ नघन मग हसारध ।
ससरदसास हमकर उलटह बबगध, मत
क कहसअँ तत पसनन मसारध ॥5॥
उतम दरस तत कबो आविघ रह ।
जसासद कहह समंदधस पठसाऊअँ, सबो कहह कहन कहसा पसाविघ रह ॥
ससमंधस कसल इक दध स बसत हघ , दध ख्यबो ससन्यर न मन धसाविघ रह ।
तहअँ नवि-नगर जस रच्यर नमंद-ससत , द्विसारसाविनत पसरह कहसाविघ रह ॥
कमंचन कध बहस भविन मनबोहर, रमं क तहसाअँ नहहमं तन छसाविघ रह ।
ह्विसाअँ कध बसासम लबोगनन कद कयद, ब्रज कर बससबद मन भसाविघ रह ॥
बहस बबगध करनतमं बबलसाप बबरहनम, बहसत उपसायनन गचत लसावित रह ।
कहसा करद करनतमं बबलसाप बबरहनम, बहसत उपसायनन गचत लसावित रह ।
कहसा करद कहअँ जसाउअँ ससर प्रभस, कबो हरर वपय पघ पहसअँचसाविघ रह ॥6॥
हद कघसद कघ दरसन पसाऊअँ ।
ससनहस पगथक उहहमं दध स द्विसाररकसा जर तसम्हरत सअँग जसाऊअँ ॥
बसाहर भमर बहसत भसपनन कक, बसझत बदन दरस साऊअँ ।
भमतर भमर भबोग भसासमनन कक, नतहह ठसाअँ कसाहह पठसाऊअँ ॥
बसगध बल जसककत जतन करर उहहमं पसर, हरर वपय पघ पहसअँचसाऊअँ ।
अब बन बसस ननसस कमंस ज रससक बबनस, करनत दससा ससनसाऊअँ ॥
श्रम कघ ससर जसाउअँ प्रभस पसासहहमं, मन सत भलत मनसाऊअँ ।
नवि-ननकबोर मसख मसरसल बबनसा इन, नघननन कहसा हदखसाऊअँ ॥7॥
तसातस अनत मररयत अपसबोसनन ।
मथसरसा हस तत गए सखम रह, अब हरर कसारध कबोसनन ॥
यह अचरज सस बडर मधरत कजय, यह छसाडनन विह पबोषनन ।
ननपट ननकसाम जसानत हम छसाअँडम, ज्यद कमसान बबन गबोसनन ॥
इक हरर कध दरसन बबनस मररयत, अरु कसबबजसा कध ठबोसनन ।
ससर सस जरनन उपजम जबो, दरस र हबोनत करर ओसनन ॥8॥
मसाई रह कघसत बनघ हरर कर ब्रज आविन ।
कहहयत हघ मधसविन तत सजनम, ककयर स्यसाम कहसअँ अनत गबन ।
अगम जस पमंथ दरस र दकच्छन हदसस, तहअँ सनस नयत सखख ससमंधस लविन ।
अब हरर ह्विसाअँ पररविसार सहहत गए, मग मत मसायर कसालजविन ॥
ननकट बसत मनतहहन भई हम, समसलहसअँ न आई ससत्यसागग भविन ।
ससरदसास तरसत मन ननसस-हदन, जदप
स नत लद लघ जसाइ कविन ॥9॥
सनस नयत कहसअँ द्विसाररकसा बससाई
दकच्छन हदशसा तमर ससागर कत, कमंचन कबोहट गबोमतम खसाई ॥
पमंथ न चलघ सअँदधस न आविघ, इतनम दरस नर कबोऊ नसा जसाई ।
सत जबोजन मथसरसा तत कहहयत, यह ससगध एक पगथक पघ पसाई ॥
सब ब्रज दख
स म नमंद जससदसा हस, एक टक स्यसाम रसाम लवि लसाई ।
सरस दसास प्रभस कध दरसन बबनस, भई बबहदत ब्रज कसाम दह
स साई ॥10॥
बमर बटसाऊ पसातम लहजर ।
जब तसम जसाहस द्विसाररकसा नगरह, हमरध गसपसालहहमं दहजर ॥
रमं गभसस म रमनमक मधप
स सरह, रजधसानम ब्रज कक सगस ध ककजर ।
छसार समसद्र छसाअँडड ककन आवित, ननमर्धल जल जमन
स सा कर पमजर ॥
यसा गबोकसल कक सकल ग्विसासलनम, दध नतमं असमस बहसत जसग जमजर ।
ससरदसास प्रभस हमरध कबोतत, नमंद नमंदन कध पसा इअँ परहजर ॥ 11॥
रुककमनम ककष्ण समंविसाद
रुकसमनन बझ
स नत हत गबोपसालहहमं ।
कहर बसात अपनध गबोकसल कक ककनतक प्रमनत ब्रजबसालहहमं ॥
तब तसम गसाइ चरसाविन जसातध, उर धरतध बनमसालहहमं ।
कहसा दध खख रहझध रसाधसा सद, समंद
स र नघन बबससालहहमं ॥
इतनम ससनत नघन भरर आए, प्रधम बबबस नअँदलसालहहमं ।
ससरदसास प्रभस रहध मरन ह्विघ, घबोष बसात जनन चसालहहमं ॥1॥
रुकसमनम मबोहहमं ननमधष न बबसरत, विध ब्रजबसासम लबोग ।
हम उनसद कछस भलह न ककन्हह, ननसस-हदन मरत बबयबोग ॥
जदवप कनक मनन रचम द्विसाररकसा, वविषय सकल समंभबोग ।
तद्यवप मन जस हरत बमंसम-बट, लसलतसा कत समंजबोग ॥
मत ऊधर पठयर गबोवपनन पघ, दघ न समंदधसर जबोग ।
सरस दसास दध खत उनकक गनत, ककहहमं उपदध सघ सबोग ॥2॥
रुकसमनन ब्रज बबसरत नसाहहमं ।
विह ककडसा विह कधसल जमसन तट, सघन कदम कक छसाहहमं ॥
गबोप बधसनन कक भसजसा कमंध धरर, बबहरत कमंस जनन मसाहहमं ।
और बबनबोद कहसाअँ लगग बरनद, बरनत बरनन न जसाहहमं ॥
जद्यवप ननधसान द्विसारविनत,गबोकसल कध सम नसाहहमं ।
ससरदसास घनस्यसाम मनबोहर, सससमर-सससमरर पनछतसाहहमं ॥3॥
रुककमनन चलर जन्म भससम जसाहहमं ।
जद्यवप तम्
स हरर बबभवि द्विसाररकसा, मथरस सा कत सम नसाहहमं ॥
जमन
स सा कत तट गसाइ चरसावित, अमत
क जल अअँचविसाहहमं ।
कमंस ज कधसल अरु भसजसा कमंध धरर, समतल द्रम
स कक छसाअँहह ॥
सरस ससगमंध ममंद मलयसाननल, बबहरत कमंस जन मसाहहमं ।
जबो ककडसा श्रम बमंद
क साविन मत, नतहसअँ लबोक मत नसाहहमं ॥
सरस भम ग्विसाल नमंद अरु जससमनत, मन गचत तत न टरसाहहमं ।
ससरदसास प्रभस चतसर ससरबोमनन, नतनकक सधवि करसाहहमं ॥4॥
कसरुक्षधत मस ककष्ण-ब्रजविसासम भस ट
ब्रज बसाससन कर हध तस, हृदय मत रसाखख मरस सारह ।
सब जसादवि सद कह्यर, बघहठ कघ सभसा मझसारह ॥
बडर परब रववि-गहन, कहसा कहद तसासस बडसाई ।
चलर सकल कसरुखधत, तहसाअँ समसल न्हघ यघ जसाई ॥
तसात, मसात ननज नसारर सलए, हरर जस सब समंगसा ।
चलध नगर कध लबोग, ससाकज रथ तरल तसरमंगसा ॥
कसरुच्छध त मत आइ, हदयर इक दत
स पठसाई ।
नमंद जसबोमनत गबोवप ग्विसाल सब सरस बसलसाई ॥1॥
हद उहसाअँ तधरधहह कसारन आयर ।
तधरह सद ससनन जननन जसबोदसा, मबोहहमं गबोपसाल पठसायर ॥
कहसा भयर जबो लबोग कहत हत, दध विकक मसातसा जसायर ।
खसान-पसान पररधसान सबघ ससख, ततहह लसाड लडसायर ॥
इतर हमसारर रसाज द्विसाररकसा, मक जम कछस न भसायर ।
जब जब ससरनत हबोनत उहहमं हहत कक, बबछसरर बच्छ ज्यद धसायर ॥
अब हरर कसरुछध त मत आए , सबो मत तसम्हत सन
स सायर ।
सब कसल सहहत नमंद सरस ज प्रभस, हहत करर उहसाअँ बसलसायर ॥2॥
विसायस गहगहसात ससनन ससमंदरर, बसानम बबमल पसबर्ध हदसस बबोलह ।
आजस समलसाविसा हबोइम कर, तस ससनन सखम रसागधकसा भबोलह ॥
कसच भज
स नघन अधर फरकत हत, बबनहहमं बसात अमंचल ध्विज डबोलह ।
सबोच ननविसारर करर मन आनअँद, मसानर भसाग दससा बबगध खबोलह ॥
ससनत बसात सजनम कध मसख कक, पसलककत प्रधम तरकक गई चबोलह ।
ससरदसास असभलसाष नमंदससत, हरषम ससभग नसारर अनमबोलह ॥3॥
रसाधसा नघन नमर भरर आए ।
कब धद समलत स्यसाम समंद
स र सखख, जदवप ननकट हत आए ॥
कहसा करद ककहहमं भसाअँनत जसाहसअँ अब, पमंख नहहमं तन पसाए ।
ससर स्यसाम सअँद
स र घन दरसत तन कध तसाप नससाए ॥4॥
अब हरर आइहत जनन सबोचघ ।
ससनस बबधसमसखम बसारर नघननन तत, अब तस कसाहत मबोचध ॥
लघ लधखनन मसस सलखख अपनध, समंदधसहहमं छसाअँडड सअँकबोचध ।
ससर सस बबरह जनसाउ करत कत, प्रबल मदन ररपस पबोचघ ॥5॥
पगथक, कहहयर हरर सद यह बसात ।
भकत बछल बबरद तम्
स हसारर, हम सब ककए सनसाथ ॥
प्रसान हमसारध समंग ननहसारत, हमहसअँ हत अब आवित ।
ससर स्यसाम सद कहत सअँदधसर, नघनन नमर बहसावित ॥6॥
नमंद जसबोदसा सब ब्रजबसासम ।
अपनध-अपनध सकट ससाकजकध, समलन चलध अवविनसासम ॥
कबोउ गसावित कबोउ बधनस बजसावित, कबोउ उतसाविल धसावित ।
हरर दरसन कक आससा कसारन, बबबबध मसहदत सब आवित ॥
दरसन ककयर आइ हरर जस कर, कहत स्विप्न कघ ससाअँचम ।
प्रधम मगन कछस सगस ध न रहह अअँग, रहध स्यसाम रअँग रसाअँचम ॥
जसासद जघसम भसाअँनत चसाहहयघ, तसाहह समलघ त्यद धसाइ ।
दध स-दध स कध नप
क नत दध खख यह, प्रमनत रहध अरगसाइ ।
उमअँग्यर प्रधम समसद्र दह
स स अँ हदसस, पररसमनत कहह न जसाइ ।
सरस दसास यह सख
स सबो जसानघ, जसाकत हृदय समसाई ॥7॥
तधरध जमविन मसरर समलहह ककन मसाई ।
महसारसाज जदन
स साथ कहसावित, तबहहमं हसतध सससस कसअँविर कन्हसाई ॥
पसानन परध भसज धरध कमल मसख, पधखत पसरब कथसा चलसाई ।
परम उदसार पसानन अविलबोकत, हहन जसानन कछस कहत न जसाई ॥
कफर-कफरर अब सनमख
स हह गचतविनत, प्रमनत सकसच जसानम जदरस साई ।
अब हअँसस भस टहस कहह मबोहह ननज-जन, बसाल नतहसारर नमंद दह
स साई ॥
रबोम पसलक गदगद तन तमछन, जलधसारसा नघननन बरषसाई ॥
समलध सस तसात, मसात, बसाअँधवि सब, कससल-कससल करर प्रस्न चलसाई ।
आसन दध इ बहसत करह बबनतम, ससत धबोखघ तब बसवद हहरसाई ॥
ससरदसास प्रभस ककपसा करह अब, गचतहहमं धरघ पसनन करह बडसाई ॥8॥
मसाधवि यसा लगग हघ जग जमतत ।
जसातत हरर सद प्रधम पसरसातन, बहसरर नयर करर लहजत ॥
कहअँ ह्विसाअँ तम
स जदन
स साथ ससमंधस तट, कहअँ हम गबोकसल बसासम ।
विह बबयबोग, यह समलन कहसाअँ अब, कसाल चसाल औरसासम ॥
कहअँ रबब रसाहस कहसाअँ यह अविसर, वविगध समंजबोग बनसायर ।
उहहमं उपकसार आजस इन नघननन, हरर दरसन सचप
स सायर ॥
तब अरु अब यह कहठन परम अनत ननसमष पमर न जसानम ।
ससरदसास प्रभस जसानन आपनध, सबहहनन सद रुगच मसानम ।
ससरदसास प्रभस जसानन आपनध, सबहहनन सद रुगच मसानम ॥9॥
ब्रजबसाससनन सर कह्यर सबनन तत ब्रज-हहत मधरत ।
तम
स सद नसाहह दरस र रहत हद ननपटहहमं नधरत ॥
भजघ मबोहहमं जबो कबोइ, भजद मत तधहहमं तसा भसाई ।
मसकसर मसाहहमं ज्यर रूप, आपनत सम दरससाई ॥
यह कहह कध समदध सकल, नघन रहध जल छसाइ ।
ससर स्यसाम कर प्रधम लछस, मबो पघ कह्यर न जसाइ ॥10॥
सबहहनन तत हहत हघ जन मधरद ।
जनम जनम ससनन ससबल ससदसामसा, ननबहद यह प्रन बधरर ॥
ब्रह्मसाहदक इमंद्रसाहदक तधऊ, जसानत बल सब कधरर ।
एकहहमं ससाअँस उससास तसास उडड, चलतध तकज ननज खधरर ॥
कहसा भयर जबो दध स द्विसाररकसा, ककन्हर दरस बसधरर ।
आपसन हह यसा ब्रज कध कसारन, कररहद कफरर कफरर फधरर ॥
इहसाअँ उहसाअँ हम कफरत ससाधस हहत, करत अससाधस अहध रर ।
ससर हृदय तत टरत न गबोकसल, अमंग छसअत हद तधरर ॥11॥
हम तर इतनघ हर सचस पसायर ।
ससमंदर स्यसाम कमल-दल-लबोचन, बहसरर दरस हदखसायर ॥
कहसा भयर जबो लबोग कहत हत, कसान्ह द्विसाररकसा छसायर ।
सनस नकघ बबरह दशसा गबोकसल कक, अनत आतरस ह्विघ धसायर ॥
रजक धधनस गज कमंस मसारर कघ, ककन्हर जन कबो भसायर ।
महसारसाज ह्विघ मसातस वपतसा समसल, तऊ न ब्रज बबसरसायर ॥
गवप गबोपऽरु नमंद चलध समसल, समसद्र बढसायर ।
अपनध बसाल गसपसाल ननरखख मसख, नघननन नमर बहसायर ॥
जद्यवप हम सकसचध कजय अपनत, हरर हहत अगधक जनसायर ।
विघसधइ ससर बहसरर नमंदनमंदन, घर-घर मसाखन खसायर ॥12॥
रसाधसा ककष्ण समलन
हरर सद बसझनत रुकसमनन इनमत कबो बष
क भसानस ककसबोरह ।
बसारक हमघ हदखसाविहस अपनध, बसालसापन कक जबोरह ॥
जसाकर हध त ननरमं तर लहन्हध , डबोलत ब्रज कक खबोरह ।
अनत आतसर ह्विघ गसाइ दह
स साविन, जसातध पर-घर चबोरह ॥
रचतध सधज स्विकर ससमननन कक, नवि-पल्लवि पसट तबोरह ।
बबन दध खत तसाकध मन तरसघ, नछन बमतघ जग
स कबोरह ॥
ससर सबोच ससख करर भरर लबोचन, अमंतर प्रमनत न थबोरह ।
ससगथल गसात मसख बचन नहहमं, ह्विघ , जस गई मनत भबोरह ॥1॥
बसजनत हघ रुकमनन हहय इनमत कबो बष
क भसानस ककसबोरह ।
नतकस हमत हदखरसाविहस अपनम बसालसापन कक जबोरह ॥
परम चतरस कजन ककन्हध मबोहन, अल्प बघस हह थबोरह ।
बसारध तघ कजहहमं यहघ पढयर, बसगध बल कल बबगध चबोरह ।
जसाकध गसन गनन गमंगथत मसालसा, कबहसअँ न उर तत छबोरह ।
मनससा ससस मरन, रूप ध्यसान उर, दृकष्ट न इत उत मबोरह ।
विह लखख-जसविनत विमंद
क सा मत ठसाढह, नमल बसन तन गबोरह ।
ससरदसास मधरर मन विसाकक, गचतविनन बमंक हयर रह ॥2॥
रुकसमनन रसाधसा ऐसत भस टह ।
जघस त बहसत हदननन कक बबछसरह, एक बसाप कक बधटह ॥
एक सभ
स सावि एक विय दबोऊ दबोऊ हरर कद प्यसारह ।
एक प्रसान मन एक दह
स स नन कर, तन करर दहसनत न्यसारह ॥
ननज ममंहदर लघ गई रुकसमनम, पहनसाई बबगध ठसानम ।
सरस दसास प्रभस तहअँ पग धसारध , जहअँ दबोऊ ठकसरसानम ॥3॥
हरर जस इतध हदन कहसाअँ लगसाए ।
तबहह अविगध मत कहत न समसझम, गनत अचसानक आए ॥
भलह करह जस बहसरर इन नघननन, ससमंदर दरस हदखसाए ।
जसानम ककपसा रसाज कसाजहस हम, ननसमष नहहमं बबसरसाए ॥
बबरहहनन बबकल बबलबोकक सरस , प्रभ,स धसाइ हृदघ करर लसाए ।
कछस इक ससारगथ सद कहह पठयर, रथ कध तसरअँग छसडसाए ॥4॥
हरर जस विघ ससख बहसरर कहसाअँ ।
जदवप नघन ननरखत विह मरस नत, कफरर मन जसात तहसाअँ ?
मसख मसरलह ससर मरर पखरविसा, गर घसअँघगचनन कर।
आगत धधनस तन ममंडडत, नतरछछ गचतविनन चसार ॥
रसानत हदविस सब सखसा सलए सअँग, हअँसस समसल खधलत खसात ।
ससरदसास प्रभस इत उत गचतवित, कहह न सकत कछस बसात ।5॥
रसाधसा मसाधवि भस ट भई ।
रसाधसा मसाधवि, मसाधवि रसाधसा,ककट भमंग
क गनत ह्वित जस गई ॥
मसाधवि रसाधसा कध रअँ ग रसाअँचध, रसाधसा मसाधवि रमं ग रई ।
मसाधवि रसाधसा प्रमनत ननरमं तर, रसनसा करर सबो कहह न गई ।
बबहअँसस कह्यर हम तसम नहहमं अमंतर, यह कहहकघ उन ब्रज पठई ॥
सरस दसास प्रभस रसाधसा मसाधवि, ब्रज-बबहसार ननत नई नई ॥6॥

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