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पतृ ऋण का मह
1
मुRझसल बुध के हाल म दे ख
2. हालत
राहू केतु के बज़ात खुद मंद; हालत नीच हा लत (राहू 12-
12- केतु 6) या 3-
3-8
म कोई उeम
उeम या मददगार मह न हो तो ॠण पतृ क हालत म िसफ़d
दिु नयावी बना पर बोझ (मंदा असर) होगा। बाक कसी तरफ़ भी मंदा
असर न होगा।
( जब बुध जड़ म बैठा हो )
जQम कँु डली के मुताबक ऊपर Rज़कर क हुई हर दो हालतs म खाना न: 2-5-9-
पतृ हमेशा जQम कँु डली से दे खा जाएगा, वषdफल वाली कँु डली का इस म कोई
ता<लुक़ न होगा.
ऋण पतृ का उपाओ
कया तो था बज़ुगr ने, मगर इस का एवज़ भरना पड़ा मौजूदा पुँतs को. मह क
लड़क, पोती, बहू, बहन, दोहता, पोता, बाबा, परदादा, गज क जहाँ तक खून का
मददगार बR<क जर; होगा. औरत के माता पता (टे वे वाले के ससुर) क तरफ
औलाद (Oवाह नर Oवाह मादा), दोहता, दोहती, भांजा, भांजी, वगैरह का बतौर
हःसा शामल होना या करना ज़ायज़ बR<क ज़र; माना है . लेकन कसी वजह से
ऐसा न ह; हो सके तो कोई बहम क बात नह;| लेकन बेहतर होगा गर हःसेदार
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लाल कताब 1952 म से िलये गये अँश Ð
वषय: ऋण क कःम व उपाय ( Pitri Hrin )
कर ह; िलये जाव. लेकन अगर कसी वजह से कोई pरँतेदार बतौर काफर या
बाहर रह जाने वाले ूाणी के खानदान या Rजःम म बाक चलता रहे गा. लेकन
बहै िसयत खानदानी मेhबरान ऐसा उपाओ करने वाले का फज़d होगा क वह ऐसे
बाहर रह जाने वाले ूाRणयs के िलये भी अपनी खुद मज और हhमत से ऐसे
उसी तरह ह; हूबहू हर मह क मुe<लका कारवाइओ| और नीचे दये हुए मँदे असरs
जड़ को खोखला करने के िलये कभी कभी धोखा लगा कर यािन भूँचाल या ःयाह
नाम उपाओ
मह
बृहःपित कुल खानदान के हर एक मबर जहाँ तक क खून का असर हो हर एक
से एक एक पैसा वसूल करके धमd मRQदर म एक ह; दन दे ना.
या
उन के खानदानी घर से बाहर िनकलने के िलये दरवाजे पर अटक जाएँ
मुँह बाहर को और पीठ मकान के अँदर को है . अब Rजधर नजर जारह;
है या Rजधर बायाँ हाथ है दोनो तरफ़ म सोलह कदम के अंदर बृहःपित
क अँशइआँ धमd मँदर या पीपल का दरखत मौजूद होगा,इस क
पालना कर
सूरज कुल खानदान के हर एक मबर जहाँ तक क खून का असर हो,उन सब
का बराबर और मुँतकाd हःसा ले कर यग करना.
चँदर कुल खानदान के हर एक मबर जहाँ तक क खून का असर हो- उन सब
से बराबर बराबर हःसा क चाँद; ले कर दरया म एक ह; दन बहा द;
जाव.
शुकर 100 गऊओं को जो क अंगह;न न ह- कुल खानदान के बराबर
बराबर और मुँतरका खचd पर एक ह; दन म लज़ीज़ भोजन वगैरह
Rखलाया जावे .
मंगल बाहर से गांव म दाRखल होने पर दरhयानी दक
ु ान के मािलक जो सिनचर के
कारोबार से पैवःता मसलन: कोई कर;गर पेशावर हकम हाRज़क़ या
नालबंद वगैरह हो तमाम खानदान के ता<लुकदार से एक-एक पैसा
इकठा करके उपर Rज़कर कदाd शिन के मुe<लका कारोबार करने वाले