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पररयोजना कायय

सुनीता गुसाॊई के वि सॊ आॊचलऱक लिऺा एिॊ


प्रलिऺण सॊस्थान चॊडीगढ़
पररयोजना कायय क्रम

1. मख ु पष्ृ ठ
२. विद्याथी का घोषणा पत्र
3. प्रमाणपत्र
3.1विषय सच ू ी
4. आभारोक्तत
5. विषय पररचय
6. उद्दे श्य
7. सीमाॊकन
8. विषय विस्तार
9. सॊदभय सच ू ी
सन
ु ीता गस
ु ाॊई के वि सॊ आॊचलऱक लिऺा एिॊ
प्रलिऺण सॊस्थान चॊडीगढ़
मख
ु पष्ृ ठ

पररयोजना कायय
िीषयक
प्रस्तत
ु कताय
विद्याथी का नाम
अनुक्रमाॊक
विद्याऱय का नाम
हस्ताऺर ननदे िक
ननदे िक का नाम

सन
ु ीता गस
ु ाॊई के वि सॊ आॊचलऱक लिऺा एिॊ
प्रलिऺण सॊस्थान चॊडीगढ़
विद्यार्थी की घोषणा पत्र

मैं -------------------------------------------------
-------------------------------------------------कऺा
कऺा ----------------------
-----------------------------------------विद्याऱय
----------------------------------------- विद्याऱय,, एतद द्िारा यह घोषणा

करता हू ॉ कक मेरे द्िारा,


द्िारा, -----------------
-----------------कके मागयदियन में ---------------

भेजा गया पररयोजना कायय, मेरा मौलऱक कायय है |

हस्ताऺर
विद्याथी का नाम
अनक्र
ु माॊक
विद्याऱय का नाम
ददनाॊक

सन
ु ीता गस
ु ाॊई के वि सॊ आॊचलऱक लिऺा एिॊ
प्रलिऺण सॊस्थान चॊडीगढ़
प्रमाण पत्र
प्रमाणणत ककया जाता है कक ----------------------------------- नामक पररयोजना
ररपोर्य .............................(
.............................(नाम
नाम)) ....................(कऺा
....................(कऺा)...........................(
)...........................(विद्याऱय
विद्याऱय))
.......................................द्िारा
....................................... द्िारा प्रस्तत
ु की गई है , जो कक केंद्रीय माध्यलमक बोडय ,
कऺा बारह दहन्दी केंदद्रक की िावषयक परीऺा का अॊि है | यह इनका मौलऱक कायय है |

ददनाॊक

प्राचायय

आतॊररक परीऺक
बाहरी परीऺक

सन
ु ीता गस
ु ाॊई के वि सॊ आॊचलऱक लिऺा एिॊ
प्रलिऺण सॊस्थान चॊडीगढ़
आभारोक्ति
 मैं श्री / श्रीमती .......................................... प्राचायय ,
केंद्रीय विद्याऱय .........................
.........................कके प्रनत आभार
व्यतत करता हूॉ क्जनके मागयदियन में यह पररयोजना
कायय सफऱतापि ू क
य सॊपन्न हो पाया |
 मैं श्री/
श्री/श्रीमती ..............................
..............................,,स्नातकोत्तर लिऺक
(दहन्दी
दहन्दी)) केंद्रीय विद्याऱय .................................. के
प्रनत ह्रदय से आभार व्यतत करता हूॉ क्जन्होंने विषय
को समझाने और और उसे विस्तार दे ने में मेरी कदम- कदम-
कदम पर सहायता की |
 मैं हर उस व्यक्तत के प्रनत आभार व्यतत करता हूॉ जो
प्रत्यऺ /अप्रत्यऺ रूप से इस पररयोजना कायय को परू ा
करने में सहायक रहा है |

सन
ु ीता गस
ु ाॊई के वि सॊ आॊचलऱक लिऺा एिॊ
प्रलिऺण सॊस्थान चॊडीगढ़

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