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न के अव था अनुसार श न ह का वशेषफल  

अ मत कुमार राम ूस : 1734 | फ़रवरी 2017

श न ह का उपरो बारह अव था म थत होने का फल न न कार होता है:


1). शयनाव था म श न ह हो तो: सदा असंतोषी, असंतु रहता है। युवाव था तक कुछ न कुछ रोग रहता है तथा युवाव था के
बाद सफल व भा य का साथ पाने वाला होता है।

2) उपवेशनाव था म श न हो तोः मोटे सूजे या वायु वकार से यु पैर वाला, चमरोग से पी ड़त, रा य से धन हा न, पता के
लए हा नकारक व न य पी ड़त होता है।

3) ने पा ण म श न हो तो: जातक कम पढ़ा लखा होने के बावजूद व ान होता है। वह मूख होकर भी ानी व धा मक होता है। उसे
प रोग होता है। ोध, अ न व जल से भय वाला होता है। उसे गुदा व जोड़ म पीड़ा रहती है। य द श न कुंडली के ल न या दशम भाव
म थत हो तो ी व धन क कमी होती है ले कन वा य ब त अ छा रहता है।

4) काशनाव था म श न हो तो ◌ः जातक रा य से कृपा ा त कर यश पाता है। वह अनेक गुण से यु होता है। उसका दय प व व
सा वक होता है। ले कन य द ल न या स तम भाव म श न थत हो तो वह पाकर भी सब खो दे ता है व वनाश को ा त होता है।

5) गमनाव था म श न हो तो: जातक ब त बड़ा धनवान होता है। वह गुणी, स , दानी, अनेक पु वाला व सव े होता है।

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6) आगमनाव था म श न हो तो ◌ः जातक कंजूस, लोभी, दांत दबाकर ोध करने वाला, सर क न य नदा करने वाला, पैर म
सूजन वाला होता है। य द श न पांचव या सातव भाव म थत हो तो जातक के पु व ी का नाश होता है और य द श न नौव, दशव
या बारहव म थत हो तो जातक को सभी कार के सुख ा त होते ह। वह धनी व मानी होता है।

7) सभावास म श न हो तो: जातक धनवान, पु वान, हर समय कताब म खोया रहने वाला, हर समय व ा अ जत करने वाला होता
है। ले कन श न ष भाव म थत हो और श ु ह ारा दे खा जाता हो तो जातक का सब कुछ बबाद हो जाता है।

8) आगमाव था म श न हो तो ◌ः जातक बात-बात पर ोध करने वाला व रोगी होता है। नवम भाव म श न हो तो नरंतर भा य हा न,
संघषरत व यशहीन होता है।

9) भोजनाव था म श न हो तो: जातक को अपच, मंदा न, कम भूख लगना, बवासीर रोगी, शूल व ने रोगी होता है ले कन श न य द
उ च या वरा श म थत हो तो सभी कार से सुख दान करता है।

10). नृ य ल साव था म श न हो तो: जातक धनवान, धा मक, व भ कार क स प य से यु सभी सुख पाने वाला, रा य से लाभ
ा त करने वाला, रणवीर व शूरवीर होता है ले कन श न पंचम भाव म थत हो तो उसके सभी पु का नाश हो जाता है।

11). कौतुकाव था म श न हो तो ◌ः जातक अपने व र अ धका रय का व ासपा , महाधनी, दानी, भोगी व काय द , धा मक व
व ान होता है। ले कन य द श न पंचम, स तम, नवम और दशम भाव म थत हो तो जातक के सभी काय बगड़ जाते हं◌ै और व भ
रोग से वह पी ड़त रहता है।

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12.) न ाव था म श न हो तो ◌ः जातक धनवान, व ान, ने व प रोगी होता है। जातक दो प नी वाला व कई पु वाला होता है।
य द दशम भाव म श न हो तो सभी धम-कम न हो जाते है। इस तरह उपरो अव था के अनुसार सभी ह का फल जांचा जा
सकता है और मूल बा धत ह क भी जानकारी मल जाती है। इस लेख म एक बात और बता द क इन अव था का फल भी चे ा,
वचे ा व के आधार पर कम या अ धक मलता है।
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