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महारा क आधु नक राजनी त म शरद राव पवार मु य हीरो क भू मका म ह। इ ह ने उ व ठाकरे को वादा कया क वे उ ह महारा
का मु यमं ी बनाने मे सहयोग करगे। यह बेहद ज टल काय था ले कन इ ह ने अपनी सूझ-बूझ का प रचय दे कर अपने मनसूब को
अ जाम तक प ंचाया और महारा क राजनी त म उस ठाकरे प रवार को शीष पर प ंचाया जसके पास महारा क सरकार का
रमोट कं ोल आ करता था। शवसेना के सं थापक बाला साहेब ठाकरे महारा के (नदबतवूदमक ◌ापदह कहे जाते थे। आज बाला
साहेब ठाकरे के पु को कग बनाकर ये महारा क राजनी त के चाण य के प मे उभरे ह। आधु नक महारा सरकार का रमोट
कं ोल इ ह के हाथ म रहेगा।
महारा क राजनी त म 23 नवंबर 2019 क सुबह एक ऐसा सयासी भूचाल आया जसे आने वाले कई दशक तक याद रखा
जायेगा। 23 नवंबर को अ जत पवार ने अपने चाचा शरद पवार का दामन छोड़ अपने वधायक सा थय के साथ बी. जे. पी. वाइन कर
ली और तुरंत ही उपमु यमं ी क शपथ भी ले ली। अबसे लगभग 41 साल पहले 1978 म कुछ-कुछ इसी प र थ त म एन. सी. पी.
के वतमान मुख शरद पावर भी पहली बार मु यमं ी बने थे।
जुलाई 1978 म शरद पवार ने कां ेस यू पाट को तोड़कर जनता पाट के साथ मलकर गठबंधन सरकार बनाई थी और 37 साल क
उ म वे सबसे युवा मु यमं ी बन गये थे। अब उनके भतीजे अ जत पवार ने उनसे अलग राह पकड़ कर उप मु यमं ी पद क शपथ
ली। हालां क वे अपनी पो ट का लु फ केवल 2 दन ही उठा पाए और उ ह ने 25 तारीख को ही इ तीफा दे दया और वा पस पवार
खेम म लौट गये और शरद पवार के साथ हाथ मला लया।
शरद पवार राजनी त के मझे ए खलाड़ी ह वे तीन अलग-अलग समय पर महारा रा य के मु यमं ी रह चुके ह।
एक भावशाली नेता के प म अपनी पहचान बनाने वाले शरद पवार क सरकार म भी र ा और कृ ष मं ी रह चुके ह। पहले वे
कां ेस पाट म थे पर सन 1999 म उ ह ने अपने राजनी तक दल नेशन ल ट कां ेस पाट (एन. सी. पी.) क थापना क रा ीय
राजनी त और महारा के े ीय राजनी त म उनक गहरी पकड़ है।
राजनी त के साथ-साथ वे केट शासन से भी जुड़े ए ह। सन् 2005 से 2008 तक भारतीय केट क ोल बोड के अ य और
सन् 2010 से 2012 तक अंतरा ीय केट क सल के भी अ य थे। जून 2015 म मुंबई केट ऐसो सयेशन के बारा सेे अ य
बनाए गए।
राजनी त के दाव-पच शरद पवार जी ने महारा के पूव मु यमं ी यशवंत राव चैहान से सीखे। सन् 1967 मे शरद पवार कां ेस पाट
के टकट पर बारामती वधान सभा े से चुनकर पहली बार महारा वधान सभा प ंचे।
1978 म कां ेस छोड़कर जनता पाट के साथ मलकर सरकार बनाई और महारा के मु यमं ी बन।
1987 म फर से कां ेस पाट म वा पस आ गये 1989 के लोक सभा चुनाव के बाद जब भारतीय जनता पाट गठबंधन ने कां ेस को
कड़ी ट कर द तो शरद पवार ने 12 नदलीय वधायक से समथन लेकर सरकार बनायी और फर से मु यमं ी बन।
1993 म एक बार फर वे महारा के मु यमं ी बने पर उन पर ाचार और अपरा धय से मेल-जोल के आरोप लगे जससे इनक
राजनी तक साख भी गरी और 1995 वधान सभा चुनाव के बाद उ ह इ तीफा दे ना पड़ा। और 1996 के लोक सभा चुनाव तक वे
वप के नेता रहे।
1999 म उ ह ने अपनी नयी पाट एन. सी. पी. बनाई। 2004 के लोक सभा चुनाव के बाद शरद पवार यू. पी. ए. गठबंधन सरकार म
शा मल ये और कृ ष मं ी बनाये गये। सन् 2012 म उ ह ने 2014 का चुनाव न लड़ने का ऐलान कया ता क युवा चेहरो को मौका
मल सके ले कन एन सी. पी. के अ य के नाते राजनी त म अपनी पकड़ को मजबूत रखा।
राजनी त व खेल दोन म दाव पच लगाने व बगड़ती बाजी को अपने प म करने क कला म वे मा हर ह। आइये जाने यो तष के
आइने से क कौन से ह शरद पवार को पावर दे ने का काय कर रहे ह। यो तषीय व पवार का ज म 12 दसंबर 1940
ेषण: शरद
को सुबह 7 बजे बारामती (महारा ) म आ था।
इनक ज मकुंडली म वृ क ल न म दशमेश सूय अ मेश से संयु है जसके फल व प ये सफल कूटनी त व सफल राजनी त ह।
चं कुंडली म गु , श न व चं क यु त भी इ ह कूटनी त व सफल शासक बनाती है। चं कुंडली का पंचमेश, दशमेश होकर ज म
लगन म बु के कारक बुध से संयु है तथा पंचम भाव थ केतु व पंचमेश का गजकेसरी योग से संप होना इ ह खर बु मान
बनाता है।
छठे घर (श ु भाव) पर पांच ह का भाव तथा छठे से छठे घर म रा क थ त श ुप पर भारी पड़ने तथा चुनावी दं गल म वजयी
होने के लए े योग है। यारहव भाव म रा क थ त के कारण इनके म क सं या अ य धक है और अपने राजनै तक
त ं दय को भी अपना म बना लेते ह। इनके म सभी राजनै तक दल म ह।
रा क े थ त राजनी त के े म उ च को ट क सफलता दलाती है। इनका एकादश भाव का रा शुभ होने के कारण 1978 म
रा क महादशा व शु क अंतदशा के समय उ च रा श के भा य भाव म तथा श न के दशम भाव म गोचर के समय इ ह मा 37 वष
क अव था म महारा का मु यमं ी बनने का गौरव ा त आ।
1984 म इ ह ने पहली बार लोक सभा चुनाव जीता था, उस समय गोचरीय श न उ चरा श थ थे तथा गु दशम भाव पर डाल रहे
थे।
माच 1985 म इनके परा म भाव पर गु व श न दोन का संयु गोचरीय भाव था जब क रा छठे भाव म गोचर कर रहा था। इस
जबरद त परा म योग के फल व प ये वधान सभा म वरोधी दल के नेता चुने गए।
फरवरी 1990 म धनेश क महादशा व अ मेश क अंतदशा म धन भाव व अ म भाव पर गु व श न के गोचरीय भाव तथा परा म
भाव पर रा के गोचर के समय ये पुनः महारा के मु यमं ी चुने गए।
1995 के चुनाव म य प मु यमं ी का पद इनके हाथ से नकल गया परंतु वरोधी दल के नेता चुने गए। इस समय गु क दशा म
ल न पर श न व गु का गोचरीय भाव था।
1998 म ये 12व लोकसभा म वरोधी दल के नेता बने। इस समय इनक साढ़े साती चल रही थी। साढ़े साती के समय राजनेता को बड़ी
ज मेदारी मलती है। इस समय दशम भाव म रा गोचर कर रहा था तथा गोचरीय गु क दशम भाव पर थी।
अभी वतमान समय म ल न थ अ मेश बुध क दशा चल रही है तथा धन भाव पर अनेक ह का गोचरीय भाव आ रहा है जो इनके
लए पद त ा ा त कारक है। इस लए उ व सरकार का रमोट कं ोल इनके हाथ म आ गया।
वष 2020 से 2023 के म य इनका राजनी तक तबा बढ़े गा परंतु वा य म यदा कदा परेशा नयां आती रहगी।
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