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20/01/2019 Hindi Travel Blog India: श न क साढ़ेसाती ा होती है और उपाय

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SATURDAY, JUNE 2, 2018
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श न क  साढ़साती  ा होती ह और उपाय
श न क  साढ़ साती BLOG ARCHIVE

इस पो  का उ  अंध ा को बढ़ावा दने का  बलकु ल भी नह  ह। अगर हम ई र के  अ  को मानते ह तो साढ़ ►  2019 (2)

साती जैस े ू सर त  पर भी  व ास करना होगा। ो तषशा  नुसार सभी के  जीवन म एक बार श न क  साढ़ साती ▼  2018 (28)

लगती ही ह। जब लोगो को पता चलता ह उनके  रा श म श न क  साढसाती चल रही ह। यह सुनते ही लोग भयभीत हो ►  December (1)

उठते ह और मान सक तनाव म आ जाते ह। साढ़ साती से डरने क  आव कता नह  ह। सभी को साढ़ साती का फल ►  November (3)

बुरा नह   मलता। पौरा णक कथा अनुसार दो   का उदाहरण लेत े ह। राजा ह रच  और रावण दोन  ही साढ़ साती


►  October (2)

के  दौर से गुजर थे ,राजा ह रचं  को अपना राजपाट खोना पड़ा था और अ धक क  का सामना करना पड़ा था अंत ►  September (2)

म उनके  अ े  कम के  कारन उनको राजपाट  फरसे  ा   वा था और उनका तीनो लोगो म नाम  वा। इसके   वपरीत ►  August (1)

रावण  ु म  था इस लए उसका सवनाश  वा।   ►  July (1)


▼  June (4)
 
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श न क  साढ़ साती  ा होती ह  Shani Shinganapur Travel Guide in hin
ो तषशा  के  अनुसार नव ह  म से एक  ह श न क  साढ़ सात वष चलने वाली एक  कार क   ह दशा होती ह। श न क  साढ़साती  ा होती ह और उपाय
ो तष शा  के   नयमा नुसार सभी  ह एक रा श से  ू सरी रा श म  वेश करते रहते ह। इस तरह जब श न  ह ल  से
बारहव  रा श म  वेश करता ह तो उस  वशेष रा श से अगली दो रा श म गुजरते  ए अपना समय च  पूरा करता ह। ►  May (5)

श न क  मंद ग त से चलने के  कारण ये  ह एक रा श म लगभग ढाई वष तक रहता ह, इस  कार एक वतमान के  पहले ►  April (2)

एक  पछले तथा एक अगले  ह पर  भाव डालते  ए ये तीन गुणा, अथात साढ़ सात वष क  अव ध का काल साढ़ सात ►  March (3)

वष का होता ह। इसे ही साढ़ साती के  नाम से जाना जाता ह।  ►  February (3)


►  January (1)
 
साढ़साती का  भाव  ►  2017 (11)
साढ़ साती के  समय   को क ठनाईय  एवं परशा नय  का सामना करना पड़ता ह।परंतु इसम घबराने क
आव कता नह  ह।साढ़ साती के  समय क ठनाई और मु ल हालत ज र आते ह परंत ु इस दौरान   को LABELS
कामयाबी भी  मलती ह।साढ़ साती के   भाव से   को सफलता क  उं चाईय  पर प च
ं  जाता ह। साढ़ साती  भारत या ा (35)
को कमशील बनाती ह और उसे कम क  ओर ले जाती ह।   ,पापी , ुराचारी, अ भमानी  य  से यह काफ आरो  (4)
मेहनत करवाता ह।अलग अलग रा शय  के   य  पर श न का  भाव अलग अलग होता ह।श न के   भाव से बु अ  (2)
भा वत होती ह और हम अपनी सोच व बु  पर  नयं ण नह  रख पाते ह  जसके  कारण ग़लत फै सले लेत े ह और हम
क  व परशानी का सामना करना पड़ता ह।साढ़ साती के  दौरान मन और बु   के  सभी दरवाजे ़ व  खड़ कयां खोल दनी FOLLOWERS

चा हए।  दमाख को शांत रखकर कोई भी  नणय लेना चा हए।   Followers (123) Next

 
श न का  भाव कै से पहचाने
जस   पर श न का  भाव रहता ह।शु वाती  दन  म उसके  पास कु छ भी नह  होता ह।जीवन म कोई भी चीज
आसानी से उसे नह   मलती।कड़ संघष के  बाद उसे मं जल हा सल होती ह। उसका प रवार बड़ा होता ह। उसके
बावजूद वह खुद को अके ला महसूस करता ह। श न के   भाव के    कमवादी होते ह। एक तरफ सघष करना Unfollow
पड़ता ह और  ू सरी तरफ एक एक सफलता उसे  मलती जाती ह। उसके  साथ कोई  ुघटन घटी तो उसे अंद नी चोट
लगेगी जैसा पैर म मौच आ जाना ,ह या टट जाना ,कमर म दद होना ,घुटनो म दद होना। श न का अ धक  भाव हो SUBSCRIBE TO
तो उस   का संसार म मन नह  लगता और एक  दन वह स ासी बन जाता ह। अगर श न कुं डली म शुभ ह तो उस
 का 35 साल के  आयु म भा  खुल जाता ह।कड़ी मेहनत का फल उसे  मलने लगता ह। वह धनवान बन जाता
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ह। श न के   भाव वाले   अ र कम बोलते ह। जब बोलते ह तो स  बोलते ह।चाह सामने वाले   को  Comments

अ ा लगे या बुरा। श न  भाव वाले   क  बुराइया सामने लाता ह। जो   मजबूर और लाचार लोग ,म हला


, अपंग के  साथ अ ाय करते ह उ  श न के   कोप का सामना करना पड़ता ह। श न स  के  पालन करने वालो को POPULAR POSTS

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काले रंग के  व  अपण कर। श न दव क  मू त के  एकदम सामने न जाये थोड़ हटकर ही पूजा कर।   अ   ाचीन शहर ह। जो  ा नदी के   कनार बसा ह
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20/01/2019 Hindi Travel Blog India: श न क साढ़ेसाती ा होती है और उपाय
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ॐ नीलांजन समाभासम्। र वपु म् यमा जम्।।  Rameswaram क ाकु मारी यात...
छाया मातड स ूतम। तम् नमा म शनै रम्।। 
जस रा श के    को साढ़साथी लगती उस   को श न महामं  के  साढ़ सात वष के  काल म 23000 जाप पुर
करने से श न के  साढ़साती का  भाव कम होता ह। 
हनुमनजी क  आराधना  
हनुमानजी  ने  श न  दव  को  संकटो  से  मु   कराया  था।  उनक   र ा  क   थी  इस  लए  श न  दव  ने  हनुमानजी  को  वचन
दया था उनके  भ ो को वो कभी क  नह  दगे।
कै से कर हनुमानजी क  भ  
मंगलवार  और  श नवार  के   दन  ी  हनुमते  नमः  म   का  जप  कर। दन  म  तीन  बार  हनुमान  चालीसा  पढ़।मंगलवार  और
श नवार को हनुमानजी को  स ू र अ पत  कर।
मृतुंजय मं  और महा मृतुंजय मं  का जाप  
मृतुंजय मं   
ॐ  कं  यजामह सुग  पु वधनम् 
उवा क मव ब नान् मृ ोमु ीय मामृतात् ॥ 
महामृ ुंजय मं   
ॐ ह  जूं सः ॐ भूभुवः  ः ॐ   बकं  यजामह सुग  पु वधनम् 
उवा क मव ब  धनान् मृ  योमु ीय मामृतात् ॐ  ः भुवः भूः ॐ सः जू ं ह  ॐ  
मृ ुंजय  मं   और  महा  मृ ुंजय  मं   दोन   ही  म   के   जप  शवमं दर  म  शव लग  के   सामने  बैठकर  करने  चा हए।
शव लग पर  ू ध,जल और फल ,फू ल आ द अपण कर  शव लग के  सम  बैठ जाये और दीपक और धुप,एव अगरब ी
जलाकर मं  जप शु  कर।सोमवार के   दन से इस मं  के  जप शु   कये जाने चा हए। इसके  अलावा  शवरा  के   दन
से या सावन मास म  कसी भी  दन से मं  जप शु  करने के   लए अ त शुभ होते ह। शा  के  मा ता अनुसार इस मं
के  सवा लाख जप करने से भयंकर से भयंकर बीमारी या पीड़ा से मु   मल जाती ह। भगवान  शवजी का यह मृतुंजय
मं  श न क  महा दशा और सम  गृह दोष  को भी शांत करता ह। 
महा  मृतुंजय  मं   के   जाप  करने  से  असा   रोग  से  पी ड़त    को  रोग  से  मु   मल  जाती  ह।  कोई 
असहनीय  पीड़ा  झेल  रहा  ह  और  उसने  इस  मं   का  जाप  कया  तो  उसे  उस  पीड़ा  से  मु   मल  जाती  ह।  इस  मं   के
नय मत  जाप  करने  से    को  सभी  कार  से  डर ,  बीमारी ,  दोष  और  पाप  से  मु   मलती  ह।  वह    सभी
सांसा रक सुख  का ध न बनता ह और अंत म मो  को  ा  होता ह। 
 
श न  शगणापुर या ा क  स ूण जानकारी 
श न  शगनापुर या ा का youtube video 
 

 
Posted by JeevanJallosh at Saturday, June 02, 2018 

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