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शनि की साढ़ेसाती क्या होती है और उपाय
शनि की साढ़ेसाती क्या होती है और उपाय
SATURDAY, JUNE 2, 2018
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श न क साढ़साती ा होती ह और उपाय
श न क साढ़ साती BLOG ARCHIVE
इस पो का उ अंध ा को बढ़ावा दने का बलकु ल भी नह ह। अगर हम ई र के अ को मानते ह तो साढ़ ► 2019 (2)
साती जैस े ू सर त पर भी व ास करना होगा। ो तषशा नुसार सभी के जीवन म एक बार श न क साढ़ साती ▼ 2018 (28)
श न का भाव कै से पहचाने
जस पर श न का भाव रहता ह।शु वाती दन म उसके पास कु छ भी नह होता ह।जीवन म कोई भी चीज
आसानी से उसे नह मलती।कड़ संघष के बाद उसे मं जल हा सल होती ह। उसका प रवार बड़ा होता ह। उसके
बावजूद वह खुद को अके ला महसूस करता ह। श न के भाव के कमवादी होते ह। एक तरफ सघष करना Unfollow
पड़ता ह और ू सरी तरफ एक एक सफलता उसे मलती जाती ह। उसके साथ कोई ुघटन घटी तो उसे अंद नी चोट
लगेगी जैसा पैर म मौच आ जाना ,ह या टट जाना ,कमर म दद होना ,घुटनो म दद होना। श न का अ धक भाव हो SUBSCRIBE TO
तो उस का संसार म मन नह लगता और एक दन वह स ासी बन जाता ह। अगर श न कुं डली म शुभ ह तो उस
का 35 साल के आयु म भा खुल जाता ह।कड़ी मेहनत का फल उसे मलने लगता ह। वह धनवान बन जाता
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20/01/2019 Hindi Travel Blog India: श न क साढ़ेसाती ा होती है और उपाय
ॐ शं श न राय नमः मं का जाप 108 बार कर। Rameshwaram Complete travel guide
श न महामं रामे रम स ूण या ा Rameswaram Complete
Guide रामे रम कै से प ँ चे : How to Reach
ॐ नीलांजन समाभासम्। र वपु म् यमा जम्।। Rameswaram क ाकु मारी यात...
छाया मातड स ूतम। तम् नमा म शनै रम्।।
जस रा श के को साढ़साथी लगती उस को श न महामं के साढ़ सात वष के काल म 23000 जाप पुर
करने से श न के साढ़साती का भाव कम होता ह।
हनुमनजी क आराधना
हनुमानजी ने श न दव को संकटो से मु कराया था। उनक र ा क थी इस लए श न दव ने हनुमानजी को वचन
दया था उनके भ ो को वो कभी क नह दगे।
कै से कर हनुमानजी क भ
मंगलवार और श नवार के दन ी हनुमते नमः म का जप कर। दन म तीन बार हनुमान चालीसा पढ़।मंगलवार और
श नवार को हनुमानजी को स ू र अ पत कर।
मृतुंजय मं और महा मृतुंजय मं का जाप
मृतुंजय मं
ॐ कं यजामह सुग पु वधनम्
उवा क मव ब नान् मृ ोमु ीय मामृतात् ॥
महामृ ुंजय मं
ॐ ह जूं सः ॐ भूभुवः ः ॐ बकं यजामह सुग पु वधनम्
उवा क मव ब धनान् मृ योमु ीय मामृतात् ॐ ः भुवः भूः ॐ सः जू ं ह ॐ
मृ ुंजय मं और महा मृ ुंजय मं दोन ही म के जप शवमं दर म शव लग के सामने बैठकर करने चा हए।
शव लग पर ू ध,जल और फल ,फू ल आ द अपण कर शव लग के सम बैठ जाये और दीपक और धुप,एव अगरब ी
जलाकर मं जप शु कर।सोमवार के दन से इस मं के जप शु कये जाने चा हए। इसके अलावा शवरा के दन
से या सावन मास म कसी भी दन से मं जप शु करने के लए अ त शुभ होते ह। शा के मा ता अनुसार इस मं
के सवा लाख जप करने से भयंकर से भयंकर बीमारी या पीड़ा से मु मल जाती ह। भगवान शवजी का यह मृतुंजय
मं श न क महा दशा और सम गृह दोष को भी शांत करता ह।
महा मृतुंजय मं के जाप करने से असा रोग से पी ड़त को रोग से मु मल जाती ह। कोई
असहनीय पीड़ा झेल रहा ह और उसने इस मं का जाप कया तो उसे उस पीड़ा से मु मल जाती ह। इस मं के
नय मत जाप करने से को सभी कार से डर , बीमारी , दोष और पाप से मु मलती ह। वह सभी
सांसा रक सुख का ध न बनता ह और अंत म मो को ा होता ह।
श न शगणापुर या ा क स ूण जानकारी
श न शगनापुर या ा का youtube video
Posted by JeevanJallosh at Saturday, June 02, 2018
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