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श्री बजरंग बाण

!दोहा!

िनश्चय प्रेम प्रतीित ते, िबनय करै सनमान।

https://hindi.astroyogi.com/spirituality/chalisa/bajrang-baan.aspx 12/08/17, 11:23 PM


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तेिह के कारज सकल शुभ, िसद्ध करै हनुमान!

जो भी राम भक्त श्री बजरंग बिल हनुमान के सामने संकल्प लेकर पूरी श्रद्धा व प्रेम से उनसे प्राथर्ना करता है श्री हनुमान उनके सभी कायोर्ं को शुभ करते हैं।

!चौपाई!

जय हनुमन्त सन्त िहतकारी। सुिन लीजै प्रभु अरज हमारी!

जन के काज िवलम्ब न कीजै। आतुर दौिर महा सुख दीजै!

हे संतों का कल्याण करने वाले श्री हनुमान आपकी जय हो, हे प्रभु हमारी प्राथर्ना सुन िलिजए। हे बजरंग बली वीर हनुमान अब भक्तों के कायोर्ं को संवारने में देरी न करें व सुख प्रदान
करने के िलए जल्दी से आइये।

जैसे कूिद िसन्धु विह पारा। सुरसा बदन पैिठ िबस्तारा!

आगे जाय लंिकनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका!

जाय िवभीषण को सुख दीन्हा। सीता िनरिख परम पद लीन्हा!

बाग उजािर िसन्धु महं बोरा। अित आतुर यम कातर तोरा!

अक्षय कुमार मािर संहारा। लूम लपेिट लंक को जारा!

लाह समान लंक जिर गई। जय जय धुिन सुर पुर महं भई!

हे बजरंग बिल जैसे आपने कूद कर सागर को पार कर िलया था। सुरसा जैसी राक्षसी ने अपने िवशालकाय शरीर से आपको लंका जाने से रोकना भी चाहा, लेिकन िजस तरह आपने उसे
लात मार कर देवलोक पंहुचा िदया था। िजस तरह लंका जाकर आपने िविभषण को सुख िदया। माता सीता को ढू ंडकर परम पद की प्रािप्त की। आपने रावण की लंका के बाग उजाड़े
और आप रावण के भेजे सैिनकों के िलए यम के दू त बने। िजतनी तेजी से आपने अक्षय कुमार का संहार िकया, जैसे आपने अपनी पूंछ से लंका को लाख के महल के समान जला िदया
िजससे आपकी जय जयकार सुर पुर यािन स्वगर् में होने लगी।

अब िवलम्ब केिह कारण स्वामी। कृपा करहुं उर अन्तयार्मी!

जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होइ दु :ख करहुं िनपाता!

जय िगिरधर जय जय सुख सागर। सुर समूह समरथ भटनागर!

ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले। बैिरिहं मारू बज्र की कीले!

गदा बज्र लै बैिरिहं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो!

हे स्वामी अब िकस कारण आप देरी कर रहे हैं, हे अंतयार्मी कृपा कीिजये। भगवान राम के भ्राता लक्ष्मण के प्राण बचाने वाले हे बजरंग बिल हनुमान आपकी जय हो। मैं बहुत आतुर हूं,
आप मेरे कष्टों का िनवारण करें। हे िगिरधर (पहाड़ को धारण करने वाला) सुख के सागर बजरंग बिल आपकी जय हो। सभी देवताओं सिहत स्वयं भगवान िवष्णु िजतना सामथ्यर् रखने
वाले पवन पुत्र हनुमान आपकी जय हो। हे परमेश्वर रुपी हठीले हनुमान बज्र की कीलों से शत्रुओ ं पर प्रहार करो। अपनी बज्र की गदा लेकर बैिरयों का िवनाश करो। हे बजरंग बिल
महाराज प्रभु इस दास को छु टकारा िदलाओ।

ॐकार हुंकार महाप्रभु धावो। बज्र गदा हनु िवलम्ब न लावो!

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमन्त कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अिर उर शीशा!

सत्य होउ हिर शपथ पायके। रामदू त धरु मारु धाय के!

जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दु :ख पावत जन केिह अपराधा!

हे वीर हनुमान ओंकार की हुंकार भरकर अब कष्टों पर धावा बोलो व अपनी गदा से प्रहार करने में िवलंब न करें। हे शिक्तमान परमेश्वर कपीश्वर बजरंग बिल हनुमान। हे परमेश्वर हनुमान
दुश्मनों के शीश धड़ से अलग कर दो। भगवान श्री हिर खुद कहते हैं िक उनके शत्रुओ ं का िवनाश रामदू त बजरंग बिल हनुमान तुरत
ं आकर करते हैं। हे बजरंग बिल मैं आपकी िदल की
अथाह गहराइयों से जय जयकार करता हूं लेिकन प्रभु आपके होते हुए लोग िकन अपराधों के कारण दुखी हैं।

https://hindi.astroyogi.com/spirituality/chalisa/bajrang-baan.aspx 12/08/17, 11:23 PM


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पूजा जप तप नेम अचारा। निहं जानत कछु दास तुम्हारा!

वन उपवन मग िगिर गृह माहीं। तुमरे बल हम डरपत नाहीं!

पाय परौं कर जोिर मनावों। यह अवसर अब केिह गोहरावों!

जय अंजिन कुमार बलवन्ता। शंकर सुवन धीर हनुमन्ता!

हे महावीर आपका ये दास पूजा, जप, तप, िनयम, आचार कुछ भी नहीं जानता, जंगलों में, उपवन में, रास्ते में, पहाड़ों में या िफर घर पर कहीं भी आपकी कृपा से हमें डर नहीं लगता। हे
प्रभु मैं आपके चरणों में पड़कर अथार्त दंडवत होकर या िफर हाथ जोड़कर आपको मनाऊं। इस समय मैं िकस तरह आपकी पुकार लगाऊं हे अंजनी पुत्र, हे भगवान शंकर के अंश वीर
हनुमान आपकी जय हो।

बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रितपालक!

भूत प्रेत िपशाच िनशाचर। अिग्न बैताल काल मारीमर!

इन्हें मारु तोिह शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की!

जनकसुता हिर दास कहावो। ताकी शपथ िवलम्ब न लावो!

जय जय जय धुिन होत अकाशा। सुिमरत होत दु सह दु :ख नाशा!

चरण शरण किर जोिर मनावों। यिह अवसर अब केिह गोहरावों!

हे वीर हनुमान आपका शरीर काल के समान िवकराल है। आप सदा भगवान श्री राम के सहायक बने सदा उनके वचन की पालना की है। भूत, प्रेत, िपशाच व राित्र में घूमने वाली दुष्ट
आत्माओं को आप अपनी अिग्न से भस्म कर देते हैं। आपको भगवान राम की शपथ है इन्हें मारकर भगवान राम व अपने नाम की मयार्दा रखो स्वामी। आप माता सीता के भी दास कहलाते
हैं आपको उनकी भी कसम हैं इस कायर् में देरी न करें। आकाश में भी आपकी जय जयकार की ध्वनी सुनाई दे रही है। आपके स्मरण से दुष्कर कष्टों का भी नाश हो जाता है। आपके
चरणों की शरण लेकर हाथ जोड़कर आपसे िवनती है प्रभु, आपको िकस तरह पुकारुं , मेरा पथ-प्रदशर्न करें, मुझे राह सुझाएं मैं क्या करुं ।

उठु उठु चलु तोिहं राम दु हाई। पांय परौं कर जोिर मनाई!

ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता!

ॐ हं हं हांक दे त किप चञ्चल। ॐ सं सं सहम पराने खल दल!

हे वीर हनुमान आपको भगवान श्री राम की दुहाई है उठकर चलो आपके पांव िगरते हैं आपके सामने हाथ जोड़ते हैं। हे सदा चलते रहने वाले हनुमान ऊँ चं चं चं चं चले आओ। ऊँ हनु हनु
हनु हनु श्री हनुमान चले आओ। ऊँ हं हं हे वानर राज आपकी हुंकार से राक्षसों के दल सहम गए हैं, भयभीत हो गए हैं ऊँ सं सं।

अपने जन को तुरत उबारो। सुिमरत होय आनन्द हमारो!

यिह बजरंग बाण जेिह मारो। तािह कहो िफर कौन उबारो!

पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की!

यह बजरंग बाण जो जापै। तेिह ते भूत प्रेत सब कांपे!

धूप दे य अरु जपै हमेशा। ताके तन निहं रहे कलेशा!

हे बजरंग बिल श्री हनुमान अपने भक्तजनों का तुरत


ं कल्याण करो। आपके सुिमरन से हमें आनंद िमले। िजसको यह बजरंग बाण लगेगा िफर उसका उद्धार कौन कर सकता है। जो इस
बजरंग बाण का पाठ करता है श्री हनुमान स्वयं उसके प्राणों की रक्षा करते हैं। जो भी इस बजरंग बाण का जाप करता है, उससे भूत-प्रेत सब डरकर कांपने लगते हैं। जो बजरंग बिल
महावीर हनुमान को धूप आिद देकर बजरंग बाण का जाप करता है उसे िकसी प्रकार कष्ट नहीं सताता।

!दोहा!

प्रेम प्रतीितिहं किप भजै, सदा धरै उर ध्यान।

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तेिह के कारज सकल शुभ, िसद्ध करै हनुमान!

जो प्रेम से महावीर श्री हनुमान का भजन करता है अपने हृद्य में सदा उनको धारण िकये रहता है उनके सारे कायोर्ं को स्वयं हनुमान िसद्ध करते हैं।

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Sirisha Junjur
Bajrang Baan lyrics in english and mp3 file is available at:
https://www.swamirara.com/bajrang-baan/
Like · Reply · Mark as spam · Jul 3, 2017 4:59am

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