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यं
वग य या म त
Aghori.it
2
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3
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Aghori.it
यं
वग य या म त
य और अनुवाद
गो वदा दास अघोरी
4
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आठ एक छह
चार नौ दो
कू मा डा स दा ी चा रणी
नव गा यं - नौ गा का मं
5
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सूची
े
गणेश यं 91
सर वती यं 95
अ पूणा यं 97
सट -कुंडा ई हसौह यं 98
भैरवी ई तारा यं 99
नव योनी यं 100
छ म ता यं 101
क क यं 102
6
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परशुराम यं 103
कृ ण यं 104
संतन गोपाल यं 105
कौमार यं 106
बीसा यं 107
सवमनोकामना य 108
भूत ेत यं 109
वशीकरण यं 110
अ य यं 114
कर स यं 120
वा तु यं 121
काल सप योग यं 123
गाय ी यं 124
अ ांग यं 125
द ा ेय यं 126
नवनाथ यं 130
बटु क भैरव यं 131
व तक 132
जीवन का फूल 133
पव या म त 134
सौ दय लहरी (खुशी क लहर) 136
सौ दय लहरी भाग II 178
7
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यं
वग य या म त
8
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NUMBERS के MEANING
1. नरपे , या
2. ं , यग यांग (+ / -), मदाना और म हला
3. 2 + 1 पूणता
4. धरती
5. यार
6. साम ी अ त र
7. आदमी वषय पर हावी है
8. अंतहीन
9. अ या म
0. च , भगवान
1 9 पदाथ का वकास, आ मा का वकास
सबल का उपयोग
नाडा ब
ब -
एक थै तक ारा ग ठत
का त न ध व कर रहा है
ब और ए
सु ीम
ग तशील व न
चेतना
( नाडा )
अंत र क
पृ वी थर, पृ वी
9
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पु लंग, अ न अभ
सृ ,
द णावत
ी, जल
आंदोलन
वघटन,
संतुलन वामावत
आंदोलन
संर ण, व तक - तीक
के बीच संतुलन ओम् और का
थर और दै हक गणेश
फेमेले यंतरा
10
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तेन दकपाल
( दशा के संर क)
11
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डायरे ट अ भभावक ह ( ह)
नाम पर मं ह थयार बातचीत करना Matrika
ओम शम बु
Kuberaya गदा Kuberaja (बुध)
कुबेर उ र नमः कुमारी
(गदा) फर
ओम मैम मंगला
Yamaya (मंगल)
डंडा
यम द ण नमः यामी Varahi
( टाफ)
ओम लम
सूय
Indraya व
(सूय)
पूव नमः ( बजली Shaci Aindri
इं
बो ट)
ओम वम शन
Varunaya (श न ह)
पाशा
नमः
व ण प म (फंदा) Nalani Varuni
ओम हाम
बृह प त
Ishanaya
नमः शुला (बृह प त)
उ र
( शूल) पावती Maheshvari
Ishana पूव
ओम राम
Agnaye शु ा
नमः श (शु )
द ण (भाला) मेशा
अ न पूव Svaha
ओम यम वा हनी
Vayuve चं ा
नमः Ankusha (चांद)
उ र
(अंकुश)
वायु प म ओम ेम भारती Mrigavahini
Rakshasaya रा (उ र चं
नमः खड् गा नोड)
द ण Khadaga
(तलवार)
प म ओम लीम Khadgi
Nirriti Dharini
Vishnave लन
नमः (आरोह)
च
पतन ओम ( ड कस)
ल मी वै णवी
व णु Brahmane केतु (द ण चं
नमः प नोड)
शीष ब (कमल)
ा ण ा णी
सर वती
मा
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शर य
शरीर के य , जैसे क च के।
धारणा यं
गु ारा नधा रत अनु ान के अनुसार, शरीर के व भ ह स म पहना जाने वाला य ।
Āसं य
य यान के लए आसन या चटाई के नीचे रखा जाता है, ले कन मं दर , घर या
दे वता के नीचे भी।
मंडल यं
इनम 8 भाग म येक म 9 भाग लेने वाले य बैठे ह और एक म य म पूजा कर रहा है
और मु य मं का पाठ कर रहा है जब क अ य मं का पाठ करते ह जो क दशा के
दे वता से मेल खाता है।
पूजा यं
पूजा करते समय घर या मं दर म सभी यं था पत कए जाते ह। वे व भ साम य
से बने हो सकते ह और व भ तरीक से कसी क अपनी परंपरा के अनुसार या उस
दे वता के अनुसार था पत कए जाते ह जसे यं सम पत कया जाता है।
छ यं
ज ह टोपी या पगड़ी या जेब म रखा जाता था।
धम य
ये वे साधनाएँ ह जो सुबह उनके आ या मक क याण के लए या सभी के क याण के
लए मं दर म था पत क जाती ह।
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य के जा ई और ावहा रक उपयोग:
शां तकरण यं
बीमा रय को ठ क करने के लए बुरी आ मा या ह के भाव को शांत करता था।
त भन यं
त भन का अथ है त भ ले कन इसका अथ है कठोर, कना, फर भी। इन य का उपयोग
कसी घटना को रोकने, मन को पंगु बनाने या कसी हमले को रोकने के लए कया जाता
है।
वशीकरण यं
कसी न कसी को नयं त करता था। उदाहरण के लए, एक मन, एक ेमी, ले कन एक
आ मा या दे वता भी।
वधन य
लोग के बीच ववाद को वभा जत करने और बनाने के लए उपयोग कया जाता है।
उचतन यं
घर से र कसी मन को वच लत करने और बनाए रखने के लए उपयोग कया जाता है।
मारन यं
कसी मन को मौत के घाट उतारने के लए इ तेमाल कया।
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MATRIKA YANTRA
16
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7 चकोर
मूलाधार
मं
17
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वा ध ान
मं
VAM
18
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म णपुर
मं
राम
ḍaṃ ḍhaṃ ṇaḍ taṃ thaṃ daṃ dhaṃ naṃ paṃ phaṃ
19
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अनाहत
मं
रतालू
ka k khaṃ gaṃ ghaṃ ṃaṃ caṃ chaṃ jaṃ jhaṃ ñaṃ ṭaṃ ṭhaṃ
20
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वशु
मं
जांघ
अजन
मं
ओम
हा kṣaṃ
22
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सह ार
मं
ओम
23
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SHRI YANTRA
दे वी खड् गमाला तो म्
24
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दे वी खड् गमाला तो म्
26
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ी दे वी ाणनाथ
ओम asya ी śuddhaśaktimālāmahāmantrasya,
upasthendriyādhiṣṭhāyī varuṇāditya ṛṣayaḥ दे वी गाय ी
chandaḥ सा वक kakārabhaṭṭārakapīṭhasthita
kāmeśvarāṅkanilayā mahākāmeśvarī ी ल लता bhaṭṭārikā
दे वता, उ े य bījaṃ Klim śaktiḥ, sauḥ kīlakaṃ माँ
khaḍgasiddhyarthe sarvābhīṣṭasiddhyarthe
हंसी viniyogaḥ ।
दे वी श क ाथना क शु माला के लए, जसे सभी भावना अंग ारा पूजा जाना
चा हए, ऋ ष उगता आ सूय है, मीटर गाय ी (24 श दांश) है और अ य ता करने
वाली दे वी महाकामे र ह, जो शांत कामे र म वराजमान ह। ककारा भ ारक क सीट
पर, जड़ एआईएम है, श लेम है, सोह धुरी है, और दे वी को खुश करने और उसक
तलवार ा त करने के लए जप कया जा रहा है।
कारा nāāsaṃ
हाथ से अनु ान
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ai a aṃguṣṭhabhyam namal
klīhar tharjanībhyam
namaḥ sauab म यमा याम
नामाḥ sauḥ anāmikābhyam
namaḥ klīṅ
kaniṣṭhākabhyam namaḥ
ai a कार थला कर पाहाभम नमः
अंगठ
ू े से नम कार कर
सरी उंगली से केली को नम कार, म यमा उंगली से
सौह को नम कार
हथेली और हथेली के पीछे के भाग को नम कार कर
aāga nyāsaṃ
दल से सलाम
सर से कलम को णाम
बाल ारा सौह को नम कार
कवच को सौलह सलाम
तीन आँख को सलाम
तीर को सलाम
सभी दशा को सलाम।
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dhyānam
( यान)
āraktābhāntriṇetrāmaruṇimavasanāṃ
ratnatāṭaṅkaramyām
hastāmbhojaissapāśāṅkuśamadanadhanussāyakairvisphurantīm
। āpīnottuṅgavakṣoruhakalaśaluṭhattārahārojjvalāṅgīṃ
dhyāyedambhoruhasthāmaruṇimavasanāmīśvarīmīśvarāṇām
।
पांच कार क पूजा लैम आ द से कर। अपनी मता के अनुसार मूल मं का जाप कर।
la - pīthivītattvātmikāyai īrī
lalitātripurasundarī parābhaṭṭārikāyai
gandhaṃ parikalpayāmi - namaṛ
ha - āṃāśatattvātmikāyai lrī
lalitātripurasundarī parābhaṭṭārikāyai
puṣpaṃ parikalpayāmi - nadḥ
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nāāsāygadevatāā (6)
हयदे वदे व, devirodevī, devikhādevī, kavacadevī, netradevī, astradevī,
1. दय दे वी - दय क दे वी
2. शरो दे वी - सर क दे वी
3. शखा दे वी - बाल क दे वी
4. कवचा दे वी - दे वी जो हमारे लए कवच ह
5. ने दे वी - दे वी जो हम दशन दे ती ह
6. ए ा दे वी - दे वी, जो एक तीर क तरह हम अपने उ े य पर ले जाती ह
ट थ नट दे वदे व (16)
कामेवा◌इ, भगमा लनी, न यक लन, भे , वाह नवा सनी, महावरा ेवरी, शवद ,
ट वीरवाईट, कुलेसुंद र, न त, नलपटै के, वजये, सवमामलेघमलेगम्।
1. कामे री - जुनन ू क दे वी
2. भगमा लनी - जो दे वी सूय को माला पहनाती ह
3. न यक लन - दे वी जो हमेशा दया से गीली रहती है
4. भे ं डे - दे वी जनका भयकारी प है
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5. वा हनीवा सनी - अ न म रहने वाली दे वी
6. महा व े री - दे वी जो हीरे के समान है
7. शव धोती - दे वी ज ह ने शव को त के प म भेजा था
8. तवती - दे वी जो ज द म ह
9. कुला सुंदरी - दे वी जो अपने कबीले का सबसे सुंदर है
10. न य - दे वी जो शा त है
11. नीलापटक - दे वी जसके पास एक नीला झंडा है
12. वजयी- वजयी होने वाली दे वी
13. सवमंगले - दे वी जो पूरी तरह से शुभ है
14. वाला मा लनी - दे वी जनक माला वाला क तरह चमकती है
15. च े - दे वी जो उ वल है
16. महा न य - दे वी जो हमेशा से और हमेशा महान ह
द गुहावुरव (7)
परमेवपरमेśव र, araśīīayamayi, म śे मायै, uayī ,amayī,
caryānāthamayī, लोपामु ामा य, अगममयी,
स योगगुरव (4)
कलाप मयी, धमकायमयी, मु केś ववरमयी, दपालकनाथमयी
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2. धमाचायमयी - धम के आचाय म ा त दे वी
3. मु के रमराय - दे वी जनके बाल नीचे गरते ह
4. द पाकलनाथमयी - दे वी जो द पक क लौ के समान है
मनवागुहागुरवा (8)
व दे वमयी, भाकरदे वमयी, तेजोदे वमयी, मनोजादे वमयी,
क यदे वदे वमयी, वासुदेवमयी, र ना म वमयी, ीरामनंदमयी,
न न ल खत ी च के नौ बाड़ क दे वी ह:
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akrīcakra prathamāvaravadevatāak
aṇimāsiddhe, laghimāsiddhe, garimāsiddhe,
mahimāsiddhe, īśitvasiddhe, vaśitvasiddhe,
prākāmyasiddhe, bhuktisiddhe, icchāsiddhe, prāptisiddhe,
sarvakāmasiddhe, ा ी, māheśvarī, kaumāri, vaiṣṇavī,
Varahi, māhendrī, cāmuṇḍe, mahālakṣmī,
sarvasaṅkṣobhiṇī, sarvavidrāviṇī, sarvākarṣiṇī,
sarvavaśaṅkarī, sarvonmādinī, sarvamahāṅkuśe,
sarvakhecarī, sarvabīje, sarvayone, sarvatrikhaṇḍe,
trailokyamohana cakrasvāminī, prakaṭayoginī,
पहला प र े ।
vrīcakra DVitīyāvaravadevatāak
kāmākarṣiṇī, buddhyākarṣiṇī, ahaṅkārākarṣiṇī,
śabdākarṣiṇī, sparśākarṣiṇī, rūpākarṣiṇī, rasākarṣiṇī,
gandhākarṣiṇī, cittākarṣiṇī, dhairyākarṣiṇī, smṛtyākarṣiṇī,
nāmākarṣiṇī, bījākarṣiṇī, ātmākarṣiṇī, amṛtākarṣiṇī,
śarīrākarṣiṇī, sarvāśāparipūraka cakrasvāminī, guptayoginī,
37
Aghori.it
सरा बाड़े।
38
Aghori.it
akrīcakra tṛtīyāvaravadevatāak
anahalegakusume, anaṅgamekhale, anaadgamadane,
anṅṅgamadanāure, anaturegarekhe, anaṅgaveginī,
anaṅgāṅkuśe, anaṅgamālinī,
sarvasaṅkṣobhaṇacakrasvāminī, गु ता,
तीसरा बाड़े।
1. अनंगकुसुम - ेम का फूल
2. अनंगमखेले - ेम का करधनी
3. अनंगमदाने - ेम क दे वी
4. अंगमादान व - ेम के गला घ टने वाला
5. अनंगरखे - ेम क रेखा
6. अनंगवे गनी - ेम क ग त
7. अनंगांकुशी - ेम का बकरा
8. अंगामा लनी - वह जो ेम क माला पहनती है, सवसम ोभनच वा मनी - च
क दे वी जो सभी को उ े जत करती है, गु तरायो गनी - वह जो गु त योग का
अ यास करती है
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Aghori.it
ṇrīcakra caturthāvaravadevatāak
sarvasaṅkṣobhiṇī, sarvavidrāvinī, sarvākarṣiṇī, sarvahlādinī,
sarvasammohinī, sarvastambhinī, sarvajṛmbhiṇī,
sarvavaśaṅkarī, sarvarañjanī, sarvonmādinī,
sarvārthasādhike, sarvasampattipūriṇī, sarvamantramayī,
sarvadvandvakṣayaṅkarī, sarvasaubhāgyadāyaka
cakrasvāminī, sampradāyayoginī,
चौथा घेरा।
41
Aghori.it
ṇrīcakra pañcamāvaravadevatāak
sarvasiddhiprade, sarvasampatprade, sarvapriyaīkarī,
sarvamaṇgalakāriṅī, sarkvakāmaprade,
sarvaduḥkhavimocanī, sarvamṛtyupraśamani,
sarvavighnannanivāriradear .arvāvādaradar.ar/
पाँचवाँ प र े ।
1. सव स दे - वह जो सभी गु त श य को अनुदान दे ती है
2. सव वम प पाद - वह जो सभी कार के धन दे ता है
3. सव यांकरी - वह जो सभी को य हो
4. सवमंगलका रणी - वह जो सभी शुभ काय करती है
5. सवकाम द - वह जो सभी इ छा को पूरा करता है
6. सव ःख वमोचनी - वह जो सभी ख से छु टकारा पाने म मदद करती है
7. सवमृ यु साम ण - वह जो मृ यु से बचती है
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Aghori.it
akrīcakra ṣṭaṣṭāvaravadevatāak
सवजन, सव री, सवय दा य न, सवजनमनाय, सव ा ध वना शनी,
सर वती र व प, सवपापहारे, वणमहारा त, सव री, सपकावरी।
छठा घेरा।
akrīcakra saptamāvaravadevatāak
वै ननी, कामेवरी, मो दनी, वमले, अ नी, जायनी, सरवेरी, कौ लनी,
सरवारोहराका वा सनी, रह यायो गनी,
सातवाँ घेरा।
akrīcakra aāāāvaravadevatāak
बाही न, कापीनी, पा णनी, अ कू न, महाकमेवरी, महावाजरेवरी, महागामा लनी,
सर वती ध क वा म न, अ रहारासययो गनी
आठवाँ घेरा।
ṇrīcakra navamāvaravadevatāak
śr īrī mahābhariārike,
sarvānandamayacakrasvāmini,
parāpararahasyayoginī,
नौवाँ बाड़ा।
1. ी ी महाभ ा रक - सव च रानी
2. सवानंदमयच वा मनी - सभी कार के सुख के च क दे वी
3. परापरहसहाययो गनी - वह जो पूण रह य म योग करती है
न या
50
Aghori.it
Bhagamalini
Nityaklinna
51
Aghori.it
Bherunda
Vahnivasini
52
Aghori.it
Mahavajreshwari
Shivadooti
53
Aghori.it
Tvarita
Kulasundari
54
Aghori.it
न या
Nilapataka
55
Aghori.it
वजया
Sarvamangala
56
Aghori.it
Jvalamalini
च ा
57
Aghori.it
हनुमान यं
मं
हनुमते नमः,
59
Aghori.it
MARUTI YANTRA
60
Aghori.it
मं
RAMA YANTRA
9
16 5
4
7 2 11 14
12
13 8
1
6
3 10
15
GARAPAL YANTRA
61
Aghori.it
नव ह यं
नौ ह का मं
रा और केतु चं गांठ ह।
62
Aghori.it
सुय य
६ ३२ ३ ३४ ३५ १
7 11 27 28 8 30 19 14 15 15 23
24 18 18 22 21 17 13 25 29 10
9 26 12 36 5 33 4 2 31
चं ा यं
37 78 29 70 21 62 13 54 5 6 38 79 30
71 22 63 14 46
47 7 39 80 31 72 23 55 15 16 48 8 40
81 32 64 24 56 57 17 49 9 41 73 33 65
25 26 58 18 50 1 42 74 34 66 67 27 59
10 51 2 43 75 35 36 68 19 60 11 52 3
44 76 77 28 59 20 61 12 53 4 45
63
Aghori.it
मंगल यं
११ २४ 3 २० ३
4 12 25 8 16 17 5
13 21 9 10 18 1 14
22 23 6 19 2 15
बुधा य
8 58 59 5 4 62 63 1 49 15 14 52
53 11 10 56 41 23 22 44 45 19 18
48 32 34 35 29 28 38 39 25 40 26
27 37 36 30 31 33 17 47 46 20 21
43 42 24
9 55 54 12 13 51 50 16 64 2 3
61 60 6 7 57
BRIHASPATI य
४ १४ १५ १
9 7 6 12
५ ११ १० 2 १६ २ २ ३
१३
64
Aghori.it
सुकरा यं
22 47 16 41 10 35 4 5 23 48 17
42 11 29
30 6 24 49 18 36 12 13 31 7 25
43 19 37 38 14 32 1 26 44 20 21
39 8 33 2 27 45 46 15 40 40 9
34 3 28
नव ह बसा यंतरा
65
Aghori.it
22 3 9 15 16 14 20
21 2 8
1 7 13 19 25 18 24
5 6 12 10 11 17 23 4
ल मी यं
मं
o ḥr mahālakṣmi namaḥ
वदालकामी, वैभवल मी, अमलता मी, कमलाकामी, स यल मी, भागल मी, योगल मी,
halhalakakṣmi
67
Aghori.it
DHANDA YANTRA
ॐ प ॐ
अ सउ टा
ॐ रा ॐ
कुबेर यं
27 20 25
२२ २४ २६
२३ २ 21 २१
कुबेर को लम
२३ २ 21 २१
२२ २४ २६
27 20 25
68
Aghori.it
कुबेर यं
मं
o ṁr kuberāya namaī
य ाय कुबेराय वैवृताय धनं धा य दपतये धन धनाय समा ध मेh हता दतापाय svāhā
69
Aghori.it
का ल य
70
Aghori.it
मं
Klim
71
Aghori.it
महा व ा
दै वी माता क पूजा दस ांडीय व, दासा-महा व ा के प म क जाती है। महा व ा
को कृ त म तां क माना जाता है और आमतौर पर इनक पहचान इस कार क जाती है:
72
Aghori.it
74
Aghori.it
76
Aghori.it
6. छ म ता : वयंभू दे वी।
77
Aghori.it
78
Aghori.it
80
Aghori.it
गा यं
82
Aghori.it
मं
83
Aghori.it
मं
śrīṃ
मं
गा धारण यं
मं
86
Aghori.it
64 यो ग नयाँ य
मं
88
Aghori.it
MRITYUNJAYA YANTRA
89
Aghori.it
मं
o नामा ś शव
ṁr śaṁkarāya namaail
kailāspataye ī नमः
ओम ś वृ व नहत नमः
girijāpataye namaḥ
90
Aghori.it
गणेश यं
91
Aghori.it
मं
ओम
vakratuṇḍāya ṁ
o gaṇapataye namaḥ
93
Aghori.it
गणेश धारण यं
मं
ओम
94
Aghori.it
सर वती य
76 19 2 8
7 3 78 76
10 74 1 9
4 1 85 71
ॐ ◌ंही ॐ सव व यनम :
95
Aghori.it
मं
वरा नामा, वैयाकरण नमो, वामाय नमः, महामायरा नमो, ा े नमः, महकमय नमः, कामुमाय
नमः, इं ये नमः
96
Aghori.it
अ पूणा यं
मं
97
Aghori.it
CIT-KUNDA YANTRA
HSAUH YANTRA
98
Aghori.it
भैरवी यं
तारा यं
99
Aghori.it
च माता य
101
Aghori.it
क क यं
मं
Klim
102
Aghori.it
परशुराम यं
103
Aghori.it
कृ ण य
मं
संतन गोपाल यं
मं
o klīṃ namaḥ
105
Aghori.it
कौमार यं
मं
बसा यंतरा
107
Aghori.it
सरवमनोकामना यं
108
Aghori.it
109
Aghori.it
वशीकरण यं
वशीकरण का अथ है आक षत करना, वश म करना, नयं ण करना, मं दे ना। वशीकरण यं
का उपयोग यो त षय और जा गर ारा कसी म हला या पु ष को वश म करने के लए
कया जाता है। कई वशीकरण यं और व भ कार के ह, यहाँ हम कुछ उदाहरण दे ते ह।
110
Aghori.it
111
Aghori.it
112
Aghori.it
113
Aghori.it
अ य यान स
स द पुरापद य
114
Aghori.it
व तू य
अ न त भन यं
115
Aghori.it
स दा बसा यंतरा
द त भन यं
117
Aghori.it
पडो ती य
तीथ या ा य
118
Aghori.it
ISHVAR KRIPA य
म दर नरामन य
119
Aghori.it
कराय स य
तीक ह
नाग : बु और वा य
संगीत वा यं : संगीत, खुशी, आ म व ास
वृ : प रवार क याण
गहना : सुर ा, समृ , धन
सूय : श , सफलता
तीर : बुराई से सुर ा
जहाज : साहस, सफलता
120
Aghori.it
व तू य
वा तु शा एक ाचीन स ांत है जसम कृ त के नयम से मानव आवास को भा वत
करने वाले पारंप रक कोण से पैदा होने वाले उपदे श शा मल ह। डजाइन दशा मक
संरेखण पर आधा रत ह। यह ह वा तुकला म लागू कया जाता था, वशेष प से मं दर के
लए, और वाहन , नाव , फन चर, मू तकला, प टग, आ द स हत अ य े तक फैली ई थी।
121
Aghori.it
वा तुपु ष मंडला
वा तु दोष नाशक यं
122
Aghori.it
GAYATRI YANTRA
मं
124
Aghori.it
असंधना यं
125
Aghori.it
द ा ेय यं
मं
घूंट
o oṁ oṁ
126
Aghori.it
हरन का हरन
दा द ा ेय नमः
śrīṃ ṃrīṃ ṃrīś ṃrīṃ ṃrīṃ śrīṃ ṃrīṃ ṃrīṃ ṃrīṃ ṃrīṃ ṃrīṃ ṃrīṃ śrīṃ
o aiṃ klāṃ klīṃ klaṃ hrāṃ hrīūṃ hūṃ sauḥ dattātreyāya īrī viṣṇave
svāhā
la laṃ laṃ laṃ laṃ laṃ laṃ laṃ लाṃ लाṃ लाṃ लाṃ लाṃ लाṃ लाṃ लाṃ
लाṃ लाṃ लाṃ लाṃ लाṃ
ka k khaṃ Gaṃ ghaṃ ṃaṃ caṃ chaṃ jaṃ jhaṃ ñaṃ ṃaṃ ṭaṃ ṃ◌ਾṃ
ḍ◌ਾṃ ḍ◌ਾṃ ṃ◌ਾṃ ṃ◌ਾṃ ṃ◌ਾṃṃṃṃṃṃṃṃṃṃ ṃṃṃṃ ṃ
द ा ेय यं
मं
dattātreyāya
129
Aghori.it
नवनाथ य
नाथ (नौ नाथ) द ा ेय का य श य ह।
मं
नवनाथ याan
hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ
hūṃ
hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ hūṃ
hūṃ
130
Aghori.it
बटु क भैरव यं
मं
131
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व तक
जीवन का फूल
133
Aghori.it
पव या म त
प व या म त का उपयोग मं दर , म जद , मेगा लथ, मारक , चच और प व थान जैसे
वे दय , प व आग, साथ ही प व कला या व तु के नमाण म प व इमारत के नमाण
और संरचना म कया जाता है। यहाँ कुछ उदाहरण ह:
134
Aghori.it
135
Aghori.it
व न लहरी
(आ द शंकराचाय)
136
Aghori.it
137
Aghori.it
मं : hr hr hr
मं : ल
3 (सभी ान क ा त)
139
Aghori.it
140
Aghori.it
141
Aghori.it
मं : ल ल ल ल ल ल
6 (संतान के प म पु ा त करना)
142
Aghori.it
kva katkāñcī-dām kari kal kalabha kumbha-stananatā parik
madī parā madhye pariṇata acaraccandra-vadanā |
dhanurbāṛṇān pāśaṃ sapimapi dadhānā karatalaiḥ purastā
dāstā d nast puramathitu rāho-puruṣikā || 7 ||
मं : ल
गो डन बे ट के साथ,
छोटे झुनझुनी घंट से सजाया,
एक हाथी के दो ललाट लोब जैसे तन ारा थोड़ा मुड़ा आ,
पतले सुंदर प के साथ,
और पतझड़ क तरह चेहरे के साथ, उसके हाथ म
पकड़े,
ग े का एक धनुष, फूल से बना तीर, और नोज और बकरा,
वह जसके पास अ त प है,
तीन शहर को जलाने वाले भगवान के अहंकार म से, कृपया हमारे
सामने आएं और कट ह ।
143
Aghori.it
8 (ज म और मृ यु से बचना)
144
Aghori.it
मं : यं यं यं स ं एव ौ
हे दे वी मेरी,
आप अपने संघ के साथ एकांत म रहते ह, हजार
पंखु ड़य वाले कमल म,
मूलाधार म पृ वी क श के सू म तरीक से टू टने के बाद प ंची,
म णपुर के पानी क श
वा ध ान क अ न श क , दय म वायु क अ न
क,
और पलक के बीच म ईथर क श ।
145
Aghori.it
मं : ल ल, ल ल ṃ
146
Aghori.it
147
Aghori.it
मं : सौ ḥ सौ
मं : ल ल ल ल ल ल
13 ( ेम के मामल म वजय)
149
Aghori.it
150
Aghori.it
16 (वेद क महारत)
152
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17 (श द पर महारत। व ान का ान)
153
Aghori.it
मं : ल ल ल , कामदे वै नमः
18 ( ेम म वजय)
154
Aghori.it
मं : ṃ ल ल ṃ
19 ( ेम म वजय)
155
Aghori.it
kirantī-maṅgebhyaant kira -a-nikurumbamītarasaṃ h mdi tvā
mādhatte himakaraśilā-mūrtimiva yaḥ | सा सवपापं दा णं ati
वामाय त adकुंता धपं शवं जवरपुलुणं ं सुखय त स धरा सरै || 20 ||
मं : o। Kṣipa svāhā
156
Aghori.it
उन आ मा को महान,
ज ह ने मन से सारी गंदगी नकाल द है,
और तुम उनके मन के भीतर यान करो,
सूय और चं मा के प म कौन है,
और कमल के जंगल म रहते ह,
और कमल के छह प हय के ऊपर भी,
लहर के बाद लहर का आनंद ल,
खुशी के सव च।
157
Aghori.it
22 (सभी श य का ा त होना)
158
Aghori.it
मं : ै
23 (सभी धन क ा त)
मेरे मन म तु हारा प,
उगते सूरज के लाल का रंग है,
तीन आंख से सुशो भत है,
दो भारी हलचल है,
थोड़ा मुड़ा आ है,
और अधचं के साथ एक मुकुट पहनता है,
और इस लए मुझ म एक संदेह पैदा होता है,
क आप संतु नह थे,
शंभू के आधे शरीर को, जो उसने दया था,
और उसके सारे शरीर पर क जा कर लया।
159
Aghori.it
jagatsravte dhātā hariravati rudraṣ kayapayate
tiraskurva-nnetat svamapi vapu-rīśa-हलचलायती | sadā padrvaḥ
sarvaṃ tadida manugṇhtiāti ca -iva- stavājñā malambya
kṣaṇacalitayo rbhrūlatikayoḥ || 24 ||
मं : ḥ नमः शवाय
160
Aghori.it
25 (उ च पद और श ा त करना)
शव का संघ,
आपके चरण के आधार पर क गई पूजा,
या पूजा प व मू त के लए क जाती है,
आपके ाइन गुण के आधार पर ज मे।
यह सच है, ओह माँ,
य क मू त नह है,
हमेशा मुड़े ए हाथ के साथ खड़े रह,
उनके मुकुट पर रखा
जौहरी त त के पास,
जो अपने पैर को तराशता है।
161
Aghori.it
मं : ल ल
26 ( मन का वनाश)
162
Aghori.it
मं : hr hr hr
27 (आ म और परम स य का बोध)
163
Aghori.it
सुधा यप वा द त-भाव-जरामु त-ह रतो व ते वदवे
व - व पमा द द ददा | karālaab yat kṣvelaā
kabalitavataā kālakalanā
ना janमबहोतनमūलाṃ तव जानानी तṅका mah म ह मा || 28 ||
164
Aghori.it
165
Aghori.it
svadehodbhadetābbhi-rghhiibhi-raāimādyābhi-rabhito
niityevye nitye tvā महा म त ःख भवय त यḥ | kimāincaryaṃ
tasya trinayana -samṃddhiṛṇ tśayato
mahāsagnvartāgni-rviracayati nīrājanavidhim || 30 ||
मं : oṁ
166
Aghori.it
167
Aghori.it
śivaḥ ḥaktiḥ kāmaṣ k -iti- ratha raviś tītakiraaroaṃ smaro
haḥsaḥ raakra-stadanu ca parā-māra-harayaḥ | अमी
हलेलखबी- टसleभी-रावसनेउ गा हतां भज ते वर t ते तव जाना न
नामाववताम् || 32 ||
मं : oṁ yaṁ oṁ
168
Aghori.it
33 (सभी लाभ)
169
Aghori.it
मं : hr hr hr
हे दे वी सव च,
म हमेशा अपने मन क आंख म दे खता ं, क सूय
और चं मा के साथ आपका शरीर, जैसे क शव का
शरीर है,
और उसके आस-पास के नौ शरीर जसके पास है, वह है, तु हारा शरीर,
मेरी दे वी।
और इस लए, "जो है" का संबंध,
और "उसके पास",
खुशी का एक सही र ता बन जाता है,
और आप म से येक म समान हो जाता है।
170
Aghori.it
35 (तपे दक का इलाज)
171
Aghori.it
172
Aghori.it
मं : राṃ
म शव के सामने झुकता ं,
शु फ टक प म शु टल प म कौन
है
और ईथर का स ांत कौन बनाता है, और तुम मेरी माँ,
जसके पास वचार क एक ही धारा है। म तुम दोन के
सामने झुकता ँ,
जसका चं मा काश क तरह है,
हमेशा के लए अ ानता के अंधकार को र करता है मन से
हमेशा के लए,
और जो चकोरा प ी (पौरा णक प ी) क तरह चमकता है, पूण चं मा क
रोशनी म खेल रहा है।
173
Aghori.it
samunmīlat saṃvitkamala-makarandaika-rasikaī
भजे हस दवṃ कम प महाताṃ मनासकराम |
yadālāpā-daṣṭādaśa-Gunita-vidyāpariṇatiḥ
yadādatte doṣād guāa-makhila-madbhyad paya iva || 38 ||
मं : काṃ
174
Aghori.it
tava svādhiṣṭhāne hutavaha-madhiāhāya nirataṃ tamīṃe
saṃvartaṃ जानानी महा तṃ tā sam ca samayām | यदलोके लोचन
दे हाती महाशी ोध-क लत दै व ा य द ḥś ṛṣṭiṛṣṭira-mupacāraṃ
राजायती || 39 ||
175
Aghori.it
176
Aghori.it
मं : यं
43 (सभी पर वजय)
179
Aghori.it
मं : ल
ॉ े े ौ ई े
* ( स र - एक पारंप रक लाल रंग का कॉ मे टक पाउडर, जसे आमतौर पर शाद शुदा म हला ारा बाल क बदाई के
साथ पहना जाता है)
180
Aghori.it
181
Aghori.it
lalāutiaal lāvaṇya dyuti vimala-mābāti ताव यात dvitīyae
tanmanye makuṭaghaṭitaṃ candraśakalam |
viparyāsa-nyās dubhayamapi sambh caya ca mithaḥ
sudhālepasyātip pariṇamati rākā-himakaraḥ || 46 ||
मं : hr hr hr
४६ (पु ा त का आशीवाद)
182
Aghori.it
हे दे वी उमा,
वह नया से डर को र करती है, तु हारी थोड़ी भ ह तन
जाती ह,
एक मधुम खी के छ े से बंधे तार से बांधकर, मुझे लगता है क उसके
बाएं हाथ से ेम के दे वता का धनुष जैसा दखता है।
और छपा आ म य भाग (नाक भ ह के बीच क नाक म झनझनाहट),
कलाई से छपाया, और उंग लय को मोड़ दया।
183
Aghori.it
मं : बू cau ca gu ra ku rā .a ke
185
Aghori.it
दो ल बी आँख, हे दे वी,
या दो छोट म खयाँ जो शहद पीना चाहती ह, और छोर तक फैली ह,
साइड लस के बहाने, दो कान को जोड़ने के
लए,
जो शहद पीने पर आमादा ह, क वता के फूल के गु छा
से, आपके भ ारा तुत,
और ई या और ई या के साथ, आपक तीसरी आंख
को ह का बगनी बनाएं।
186
Aghori.it
मं : ल ल ल
मं : राṃ
188
Aghori.it
हे भगवान शव के य,
वे तीन आँख,
तीन रंग म रंगीन,
आपके ारा पहने जाने वाले आई शेड्स ारा,
सुंदरता बढ़ाने के लए,
तीन गुण को पहन,
सतवम, राजस और थमस
जैसे क प व मू त को फर से बनाना,
व णु, ा और के,
वे तु हारे साथ एक हो जाने के बाद,
अं तम लय के दौरान।
189
Aghori.it
मं : sāra sāṃ
190
Aghori.it
मं : blūṃ blūṃ
191
Aghori.it
tavāparanae karṇe japanayana paiyaunya cakitā
nilīyante toye niyata manimeṣāḥ hariapharikāḥ | iya i ca
īrī-rbaddhacchadapuavakavāṃaṃ kuvalayati jahāti
pratyūṣe niśi ca vighatayya praviśati || 56 ||
मं : याṃ यra यṃ
192
Aghori.it
193
Aghori.it
arālā ते pālīyugala-magarājanyatanaye
न क -मदा े कुसुमा ṇḍ करोडा-कुतुकम् | tira tcīno या ा
śravaatapatha-mullyayya vilasan
अपाy◌्ग सगोś ो त andसरस धं धीमहम् || 58 ||
59 (हर एक को आक षत करना)
195
Aghori.it
60 (बोलने क श दे ना
हे दे वी, जो भगवान शव क प नी ह,
आपक मधुर आवाज जो स श है,
अमृत क नरंतर लहर,
सर वती के कान के बतन भरते ह,
बना वराम के,
और वह उसके सर को हलाती है और यहाँ,
और उसके कान से आवाज नकलती है,
कट कर जैसे क वे आपके श द क सराहना करते ह।
196
Aghori.it
मं : hr hr hr
61 (मन पर वजय। धन क ा त)
197
Aghori.it
62 (अ छ न द)
198
Aghori.it
मता यो सनाजालव तव वदनचं य पबत ṃ काकोरा
ā-म स-द तरस यै cacu-jaḍimā | ataste
alaītāṃśo-ramśtalaharī māmlarucayaś
pibantī svacchandaṃ nianti ni bi bhṃaā kājiji kadhiyā || 63 ||
मं : hr hr hr
199
Aghori.it
64 (सभी ान ा त करना)
माँ मेरी,
तु हारी जानी-पहचानी ज़बान,
जो बना मं और दोहराए आराम करता है,
आपके कॉ सट, शव के कई सामान,
ह ब कस फूल क तरह लाल है।
सर वती व ा क दे वी,
अपनी जीभ क नोक पर बैठे,
हालां क एक टल क तरह सफेद और पाक लग,
मा णक क तरह लाल हो जाता है,
अपनी जीभ के रंग क वजह से।
200
Aghori.it
मं :
klīṃ, ṃrīṃ ṃrīś ṃrīś ṃrīṃ hrrīṃ, hrīṃ hrīṃ hrīṃ hrīṃ hrīś
65 ( वजय। श द पर नयं ण)
हे व क माता,
द लॉड् स सु य, व णु और इं , असुर के साथ यु के बाद वापस
लौटना और आराम करना। उनके सर गयर हटा दया है,
और लोहे क जैकेट पहने,
या शव के पूजन के बाद, जो क चं डके र से
संबं धत है, क पूजा म दलच पी नह है, और
जोश के साथ नगल रहे ह, आधा चबाया आ
सुपारी,
आपके प व मुख से,
जसम चं मा के समान सफेद रंग का कपूर है।
201
Aghori.it
ओह सब क माँ,
जब आप अपना सर हलाते ह,
मीठा बोलना, "अ छा, अ छा",
दे वी सर वती को,
जब वह आपसे महान कहा नयाँ गाती है,
पशुप त हमारे वामी के,
अपनी वीणा क संगत के साथ,
वह कपड़े को ढँ क कर वीना को बुलाती है,
ता क तार मधुर संगीत फक,
शम नह आती,
मधुरता से भरी अपनी वाणी से।
202
Aghori.it
karagreaga spṛṣṭaṃ tuhinagiri vā vatsalatayā giriśeno-dastaur
muhuradharapānākulatayā | karagrāhyaṃ
hambhormukhamukuravṃntair girisute kathaṃkaraṅ brṅma-stava
cubukamopamyarahitam || 67 ||
मं : ल ल ल
67 (दे वी के म उप थ त)
ओह पहाड़ क बेट ,
हम आपक ठोड़ी क सुंदरता का वणन कैसे कर सकते ह, जो
नेह के साथ था,
अपने पता हमवान ारा उनक उंग लय क नोक से:
पहाड़ के भगवान शव ारा उठाया गया था, जो आपके होठ से गहराई से पीने
क ज द म था;
जो उसक उंग लय से छु आ जाने के लए इतना फट था; जसके
पास कुछ भी तुलनीय नह था,
और जो आपके चेहरे के दपण का हडल है।
203
Aghori.it
68 (राजा को आक षत करना)
204
Aghori.it
मं : kṣaṃ mūṃ
69 (संगीत पर महारत)
205
Aghori.it
मं : klīṃ śrī:
70 (भगवान शव से क गई गल तय के लए मुआवजा)
206
Aghori.it
नखना-म ोतै-र नवलीनारगौ वहसतां कराहं ते क तṃ कथय कथयम्
कथमुम | kayācidvā sāmyaā bhajatu kalayā hanta kamalaṃ
yadi krīṣallakḍmī-caraṇatala-lākṣārasa-caṇam || 71 ||
मं : klīṃ, :rīś ṃrīś ṃrī k ṃrīṃ rīl, klīṃ klīṃ klīṃ klīṃ klīṃ
71 (धन क ा त)
207
Aghori.it
हमारी दे वी दे वी,
अपने दो शांत तन को, जनके चेहरे
हमेशा ह , उ ह ध पलाएं,
और एक साथ गहरे नशे म ह।
कंद और हाथी ने गणेश का सामना कया, हमारे सभी ख को
न कर दया।
उ ह दे खकर और मत होकर,
हेरा बा (गणेश) अपने दो ललाट लोब के लए महसूस करते ह, यह दे खने के
लए क या वे वहां ह,
तुम दोन को हँसा रहा ँ।
208
Aghori.it
am ते वाकोāज-वामोतरसा-मा ण य कुटु पौ
न सदे हहपांडो नगप त पटके मानसी न। | पबंटौ तौ य माद ै दता वाधसुगा
र सकौ कुमाव प ा ा दाना- ु अनकदलानु || 73 ||
मं : hr hr hr
73 ( ध का उ पादन। मोचन)
74 (अ छ स )
210
Aghori.it
211
Aghori.it
harakrodha-jvālāvalibhi-ravalīenahena vapuṣā
gabhīre ते न भसारसी kṛtasaṅo manasijaḥ | स यत तु
त माद्-द लायनये माला मकं ान तथं जन त तव जान न
रोमावरी त || 76 ||
मं : ल
ओह पहाड़ क बेट ,
ेम के दे वता, जो मन के राजा ह, शव के ोध क वाला से व लत
होकर, अपने आप को उनके ना भ के गहरे तालाब म वस जत कर दे ते
ह। वहाँ से नकलने वाले धुएँ क तरह, और माँ, लोग सोचते ह,
क यह बाल क लाइन है,
जो आपक ना भ से ऊपर क ओर चढ़ता है।
212
Aghori.it
मं : ल
213
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ओह पहाड़ क बेट ,
या आपक ना भ गंगा नद म एक भँवर कुंड है, जो ब त
थर दखता है!
या यह पवतारोही क जड़ है, अपने बाल
लाइन क धारा,
जो क लय के प म आप के दो तन ह, या यह होमा
अ न है,
जहां आग कामदे व से काश है,
या यह ेम के दे वता क प नी राठ का नाटक घर है, या यह गुफा का उ ाटन है,
जसम शव का तप पूरा हो जाता है,
म अपना मन नह बना पा रहा ँ!
214
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मं : ल सवजनमोहनम्
ओह पहाड़ क बेट ,
आप म हला म सबसे बड़ी ह,
लंबे समय तक अपने सुंदर कू ह ,
जो नाजुक दखते ह,
जो वभाव से छोटे ह,
जो आपके भारी तन से दबे ए ह,
और इस लए थोड़ा झुका,
और जो पेड़ क तरह दखते ह,
भागती ई नद के कनारे म।
215
Aghori.it
हे दे वी मेरी,
अपने कंध के ठ क नीचे, कामदे व, ेम के
भगवान,
अपने लाउज को फाड़ना, जो पसीने से आपके शरीर से
जुड़ा है,
जब आप अपने भगवान क महानता के बारे म सोचते ह, और सोने
के बतन जैसा दखता है,
आपके तन उसके ारा बंधे ए तीत होते ह, सुर त
प से तीन बार,
तीन लता क तरह सलवट (पेट पर तीन तह)।
216
Aghori.it
गु तव व ौ कृता प त v ु त नजत नता ब-दै च ा ट वीयै पेṇ नदधे | ataste
vistīrṇo gururayamaṣeṃāas vasumatīṃ नत बा-prāgbhāragb
sthagayati saghutvaṃ नय त सीए || 81 ||
मं : hr hr hr
81 (आग रोकना)
217
Aghori.it
karīndrāṇāṃ īu -ān-kanakakadalī-kāṇḍapaṃalīā
ubhābbhyāmūrubhyā-mubhayamapi nirjitya Ghavati | suv
suttābhyāṃ patyuṛ praṭatikaāhinābhyāṛ girisute vidhijñe
jānubhyāṃ vibudha karikumbha dvayamasi || 82 ||
मं : ora hrīṃ, duṃ laṃ maṃ yaṃ saṃ haṃ
218
Aghori.it
मं : oṁ suṃ oṁ
83 (सेना को रोकना)
ओह पहाड़ क बेट ,
पाँच तीर का काम,
जीतने के लए, अपने वामी,
अपने पैर बना लए ह,
एक तीर मामले म,
दस बाण वाला।
मामले के अंत म,
या आपके दो पैर ह,
अपने तथाक थत नाखून म से दस के साथ,
दस ट ल के इ ला दे द तीर,
दे व के मुकुट पर तेज कया।
219
Aghori.it
220
Aghori.it
85 (भूत के डर को र करना)
221
Aghori.it
मं : याṃ यra यṃ
222
Aghori.it
मं : ṃ सरपा सव मा
87 (नाग का आकषण)
223
Aghori.it
pada p ते kīrtīnāṃ prapadamapadai दे वी vipadāṃ kathaṃ
nītaṃ sadbhiḥ kaṭhina-kamaṭhī-karpara-tulm | कथं वा
बभूय-मुपयमानमकल पुर भदं यदा न सता day दा द दनमानना मानसा ||
88 ||
मं : ṃ ṃ
हे दे वी, दे वी
क वय ने कैसे तुलना क ,
आपके दयालु पैर के तलवे,
जो आपके भ के लए स का ोत ह, और जो उनके लए
खतरे का ोत नह ह, कछु आ के क ठन खोल के लए,
मुझे समझ नह आता।
कैसे उसने तीन शहर को न कर दया, उ ह अपने हाथ म ले
लो,
और उ ह हाड रॉक पर रख
अ मारोहणम) ,
अपनी शाद के दौरान?
(ह ववाह म एक सं कार कहा जाता है
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90 (खराब मं क काट)
91 (भू म क ा त)
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93 (इ छा क पू त)
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94 (सभी इ छा को ा त करना)
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मं : ora hrīṃ
95 (सभी इ छा क ा त)
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kalatraik vaidhātraṃ katikati bhajante na kavayaṃ yoriyo devyāā
ko vā na bhavati patiḥ kairapi dhanaiḥ | महादे व हटवा तव सती
सतना-मकारे कुमा य-मासा ur गा ṅ कुरावका-तारो-र यसुलाभाऊ || 96 ||
मं : ल ल ल
96 ( ान और धन क ा त)
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97 (आ मा क मु )
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मं : hr hr hr
98 (श द पर महारत)
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मं : hr hr hr
99 (परम आनंद क ा त)
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द प जपला भ-ऋ दवसकरा- नरजन व द त सुदसते-śचं ोपला-जलालवै-रा यरचना
| स व यैर भो भः स लला- न ध-सौह यकार ṇ अṃ ट वी भ-आर भ- तव जाना न
वाक्ṃतु तु तयम् || 100 ||
मं : ora hrīṃ
100 (सभी गु त श य क ा त)
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